मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-मार्च
2017 सत्र
बुधवार, दिनांक 08 मार्च 2017
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
ग्रामीण
विद्युतीकरण
एवं एक बत्ती
कनेक्शन कार्य
की जाँच
[आदिम जाति कल्याण]
1. ( *क्र. 3143 ) कुमारी निर्मला भूरिया : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ जिले में वर्ष 2011-12, 2012-13 एवं 2013-14 में ग्रामीण विद्युतीकरण मद अंतर्गत किन-किन ग्रामों/मजरे/टोलों में विद्युतीकरण तथा एक बत्ती कनेक्शन कार्य कितनी-कितनी लागत के किये गये? कार्यवार विकासखण्डवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत कार्य किन-किन ठेकेदारों द्वारा किया गया तथा वर्तमान में कार्य की क्या स्थिति है? उक्त कार्य का निरीक्षण किस-किस के द्वारा किया गया? (ग) क्या मजरे टोलों में विद्युतीकरण अथवा एक बत्ती कनेक्शन के कार्य में उपयोग की गई सामग्री की गुणवत्ता सही नहीं है और न ही शासन द्वारा निर्धारित मापदण्ड अनुसार सामग्री का उपयोग किया है? (घ) क्या शासन द्वारा उक्त कार्यों का निरीक्षण संभाग स्तर के किसी अधिकारी द्वारा करवाया गया है? यदि नहीं, तो क्यों और कब तक करवाया जावेगा?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) जी नहीं। संभाग स्तर के अधिकारी से कार्यों का निरीक्षण कराने के निर्देश न होने तथा कार्यों की गुणवत्ता के संबंध में कोई तथ्य/शिकायत प्राप्त न होने से निरीक्षण कराने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भोपाल संभाग अंतर्गत विद्युतीकरण
[आदिम जाति कल्याण]
2. ( *क्र. 4419 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति कल्याण योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युतीकरण कार्य कराए जाते हैं? यदि हाँ, तो किस योजना के तहत कौन-कौन से कार्य कराए जाते हैं। (ख) क्या शासन द्वारा प्रश्नांश (क) अनुसार योजना में किसी प्रकार का परिवर्तन किया है? यदि हाँ, तो परिवर्तित योजना का ब्यौरा दें। (ग) क्या शासन द्वारा प्रश्न दिनांक से 2 वर्ष पूर्व की अवधि में उक्त योजना के तहत कार्य कराए गए हैं? यदि हाँ, तो भोपाल संभाग में कराए गए कार्यों का ब्लॉकवार वर्षवार ब्यौरा दें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार विगत 2 वर्ष में व्यय की गई राशि का ब्यौरा दें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। अनुसूचित जनजाति बस्तियों में विद्युतीकरण, अनुसूचित जनजाति के कृषकों को सिंचाई सुविधा हेतु विद्युत लाइन का विस्तार (पंपों का ऊर्जीकरण) योजना नियम 2016 के तहत अविद्युतीकृत आदिवासी मजरे/टोलों में विद्युतीकरण एवं आदिवासी कृषकों के कुओं तक विद्युत लाइन विस्तार का कार्य किया जाता है। (ख) पूर्व में जारी निर्देश के स्थान पर जारी नवीन निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश अंतर्गत वर्णित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
श्योपुर जिला चिकित्सालय में रिक्त पदों की पूर्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
3. ( *क्र. 1032 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन/विभाग द्वारा आई.सी.यू. वेन्टीलेटर का क्रय आदेश क्रमांक 4020, दिनांक 27.07.2016 द्वारा जारी कर दिया है? क्या संबंधित एजेंसी ने वेन्टीलेटर प्रदाय कर दिया है? यदि हाँ, तो कब तक चिकित्सालय में आई.सी.यू. की स्थापना कर दी जावेगी? (ख) क्या चिकित्सालय में दो प्रथम श्रेणी सर्जीकल विशेषज्ञों सहित सभी रोगों के विशेषज्ञों के स्वीकृत 17 पदों में से वर्तमान में 14 पद रिक्त हैं, इन्हें भरने में विलंब के कारण गंभीर मरीजों के ऑपरेशन की सुविधा का अभाव है, नतीजतन जनवरी 2014 से वर्तमान तक 12104 गम्भीर मरीज भर्ती हुए, उसमें से 168 मरीजों को अन्यत्र रेफर किया केवल 24 रोड एक्सीडेंट एवं फ्रेक्चर वाले मरीजों के ऑपरेशन ही संभव हो सके तथा 11912 मरीजों को मजबूरी में ऑपरेशन हेतु स्वेच्छा से अन्यत्र जाना पड़ा? (ग) क्या उक्त स्थिति चिकित्सालय में सर्जीकल तथा अन्य विशेषज्ञ चिकित्सकों के रिक्त पदों सहित आई.सी.यू. के अभाव के कारण निर्मित हुई? (घ) क्या शासन जिले के गंभीर मरीजों को बेहतर उपचार ऑपरेशन की सुविधा की उपलब्धता के मद्देनजर सर्जीकल विशेषज्ञों के दोनों रिक्त पदों को अविलंब भरेगा व आई.सी.यू. की स्थापना शीघ्र करवाएगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) हाँ यह सही है, कि आई.सी.यू. वेन्टीलेटर के क्रय हेतु कार्यालीन आदेश क्रमांक 4020 श्योपुर दिनांक 29.07.2016 के द्वारा कोवेडियन हेल्थ केयर को क्रय आदेश जारी किया गया है। संबंधित फर्म के द्वारा अभी तक आई.सी.यू. वेन्टीलेटर प्रदाय नहीं किया इस हेतु कार्यालीन पत्र क्र./क्रय/2017/380 श्योपुर, दिनांक 24.01.2017 एवं पत्र क्र./क्रय/2017/735 श्योपुर, दिनांक 13.02.2017 के द्वारा भी संबंधित फर्म को वेन्टीलेटर प्रदाय हेतु पत्र भेजा गया है। आई.सी.यू वेन्टीलेटर प्राप्त होते ही शीघ्र आई.सी.यू. की स्थापना की जावेगी। (ख) जिला चिकित्सालय, श्योपुर में प्रथम श्रेणी 23 पद स्वीकृत हैं, जिसके विरूद्ध वर्तमान में 09 पद भरे हुये हैं एवं 14 पद रिक्त हैं। जो संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। रिक्त विशेषज्ञों की विधा में द्वितीय श्रेणी चिकित्सा अधिकारियों के द्वारा अपनी सेवायें प्रदान की जा रही हैं। जी हाँ। यह सही है कि जनवरी 2014 से 30.11.2016 की स्थिति में गंभीर भर्ती मरीजों की संख्या 12107 एवं रेफर किये मरीजों की संख्या 168 एवं ऑपरेशन किये गये मरीजों की संख्या 24 थी, शेष 11936 गंभीर मरीजों को मजबूरी में ऑपरेशन हेतु अन्यत्र नहीं जाना पड़ा, अपितु इनका उपचार जिला चिकित्सालय, श्योपुर में पदस्थ विशेषज्ञ एवं चिकित्सकों के द्वारा ही किया गया है। लेकिन सभी बीमारियों के अधिकांश मरीजों को अन्यत्र रेफर नहीं किया जाता है। कुछ बीमारियों से संबंधित गंभीर मरीजों को जैसे हेडइन्जूरी, गंभीर हृदय रोग वाले मरीजों को सुपर स्पेशलिस्ट के अभाव में आगामी उपचार हेतु हायर सेन्टर के लिए रेफर किया जाता है। (ग) जिला चिकित्सालय, श्योपुर में विशेषज्ञ चिकित्सकों के रिक्त पदों के विरूद्ध वर्तमान में कार्यरत उक्त विधा के द्वितीय श्रेणी चिकित्सकों के द्वारा मरीजों का उपचार किया जा रहा है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रदेश में विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी के कारण तथा विशेषज्ञ का पद शत-प्रतिशत पदोन्नति से भरने का प्रावधान होने के कारण, प्रथम श्रेणी विशेषज्ञ के रिक्त पद भरने में कठिनाई हो रही है। जिला चिकित्सालय, श्योपुर में एम.एस. सर्जरी योग्यता के एक द्वितीय श्रेणी चिकित्सक कार्यरत हैं। विभाग रिक्त पदों की पूर्ति हेतु निरंतर प्रयास कर रहा है, चिकित्सा अधिकारी के 1896 पदों हेतु मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग में साक्षात्कार की कार्यवाही प्रचलन में है। चयन सूची प्राप्त होने पर उपलब्धता अनुसार सर्जरी योग्यता के चिकित्सक की पदस्थापना संबंधी कार्यवाही की जावेगी। पद पूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं हैं।
रीवा मेडिकल कॉलेज में अनियमितताओं की जाँच
[चिकित्सा शिक्षा]
4. ( *क्र. 4374 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा गांधी मेडिकल कॉलेज में निश्चेतना मशीन कब कितनी कीमत की क्रय की गई, जो वर्तमान में लगी है और क्या चालू हालत में है तथा वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक क्या सामग्री कितनी कीमत की क्रय की गई? क्या उक्त क्रय में क्रय नियमों का पालन हुआ या नहीं? (ख) क्या दिनांक 01.02.2017 को निश्चेतना जाँच केन्द्र में सुबह 10 से 12 बजे के बीच में ताला लगे होने से मरीज बाहर स्ट्रेचर में पड़े रहे, जिसकी शिकायत अमहिया निवासी सौरभ सौंधिया द्वारा सी.एम. हेल्पलाइन में एवं डीन को भी की थी, परन्तु डॉ. द्विवेदी डीन अपनी कॉलोनी में मरीजों को देखने में व्यस्त रहे। इस आशय का समाचार दैनिक भास्कर में दिनांक 26.01.2017 को प्रकाशित हुआ है। (ग) कॉलेज के मेंटेनेंस के लिए वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि किस-किस कार्य हेतु स्वीकृत हुई? कितनी व्यय हुई? पृथक-पृथक विवरण दें। (घ) रीवा की सुपर स्पेशलिटी अस्पताल निर्माण स्थल पर बने पुराने पुलिस वर्कशॉप के डिस्मेन्टल मटेरियल की नीलामी कब कितनी कीमत पर हुई? नीलामी पूर्व शासकीय सामग्री का मूल्यांकन किससे कराया गया? मूल्यांकन रिपोर्ट की प्रति दें। (ड.) क्या प्रश्नांश (क) से (घ) के संबंध में हुई अनियमितताओं की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जाँच डीन को हटाकर कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( एडवोकेट शरद जैन ) : (क) चिकित्सा महाविद्यालय रीवा में वर्ष 2000 में रूपये 50,000/- प्रति मशीन की दर से कुल 12 मशीनें रूपये 6,00,000/- की खरीदी गईं जो कि वर्तमान में कार्यरत हैं। रूपये 1,44,777/- प्रति निश्चेतना मशीन की दर से कुल 04 मशीनें मध्यप्रदेश मेडिकल कॉर्पोरेशन से नियमों का पालन करते हुये क्रय की गईं। जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1, 2, 3 एवं 4 अनुसार है। (घ) कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग द्वारा रूपये 7,77,413/- का अपसेट प्राइज निर्धारित किया गया तथा ध्वस्तीकरण समिति द्वारा जिसमें अनुविभागीय अधिकारी लोक निर्माण विभाग भी सदस्य के रूप में सम्मिलित थे, निर्धारित अपसेट प्राइज रूपये 7,77,413/- पर सहमति दी गई। तत्पश्चात् निविदा हेतु न्यूनतम राशि रूपये 8,00,000/- निर्धारित कर स्थानीय समाचार पत्रों में विज्ञापन प्रसारित करवाया गया है। मूल्यांकन स्थिति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 5 अनुसार है। दिनांक 28 मई, 2016 को निविदा खोली गई, जिसमें मो. इस्तियाक जॉजम, ताज ट्रेडर्स की निविदा अन्य की अपेक्षा अधिक पाई गई और उन्हें निविदा राशि रूपये 8,11,786/- जमा कर डिस्मेन्टल सामग्री उठाने हेतु आदेश जारी किया गया जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 6 अनुसार है। (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
छात्रावासों के वार्डन/सहायक वार्डनों का स्थानांतरण
[स्कूल शिक्षा]
5. ( *क्र. 452 ) श्री सतीश मालवीय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला परियोजना समन्वयक उज्जैन द्वारा छात्रावासों के वार्डन और सहायक वार्डनों को हटाने के संबंध में कोई कार्यवाही विगत तीन वर्षों में की गई है? यदि हाँ, तो किन-किन छात्रावासों के वार्डन और सहायक वार्डनों को हटाया गया है? कारण स्पष्ट करें। (ख) छात्रावासों में शासन के नियमानुसार वार्डन को प्रतिनियुक्ति पर रखने पर कितने वर्ष तक का कार्यकाल अधिकतम होना चाहिये? क्या नियमों का पालन किया गया? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) छात्रावासों में सहायक वार्डनों की अस्थाई नियुक्ति को किस समिति में अनुमोदन कराकर उनकी नियुक्ति आगे बढ़ाई गई है? समिति के अनुमोदन की जानकारी देवें, कब और किस-किस वर्ष अनुमोदन लेकर नियुक्ति अवधि बढ़ाई गई? यदि नहीं, तो इसके लिये कौन जिम्मेदार है? (घ) क्या छात्रावासों में नियुक्त अस्थायी सहायक वार्डनों के नियुक्ति आदेश पत्र जारी किये गए हैं तथा किस आधार पर उनकी नियुक्ति की गई?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। के.जी.बी.वी नागदा, के.जी.बी.वी पानबिहार, के.जी.बी.वी. महिदपुर, बालिका छात्रावास चांपाखेडा, बालिका छात्रावास खाचरोद, बालिका छात्रावास महिदपुर, बालिका छात्रावास उज्जैन की वार्डनों को हटाया गया है। सहायक वार्डनों को हटाने के संबंध में विगत तीन वर्षों में जिले से कोई कार्यवाही नहीं हुई है। छात्रावासों के वार्डन का प्रशासनिक प्रक्रिया अनुसार प्रभार हटाया गया है। (ख) वार्डन को प्रतिनियुक्ति पर रखने का प्रावधान नहीं है, अपितु छात्रावास का प्रभार दिया जाता है। प्रभार हेतु वर्तमान में समय-सीमा निर्धारित नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) सहायक वार्डनों की नियुक्ति नियम एवं निर्देशों के अनुसार जिला जेण्डर कोर ग्रुप के अनुमोदन से बढ़ाई जाती है। सहायक वार्डनों की सेवा वृद्धि 4 जनवरी 2011 को की गई है। इस संबंध में जाँच कराई जा रही है। (घ) जी हाँ। सहायक वार्डनों की नियुक्ति राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा जारी निर्देश के अनुरूप निर्धारित मापदण्ड के आधार पर जिला जेण्डर कोर ग्रुप के अनुशंसा से कलेक्टर सहमिशन संचालक के अनुमोदन उपरांत की जाती है।
अमानक दवाइयों की खरीदी की जाँच
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
6. ( *क्र. 4506 ) श्री मधु भगत : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अतारांकित प्रश्न (क्रमांक 3224) दिनांक 24.07.2015 के उत्तर में यह स्वीकार किया गया है कि वर्ष 2013-14 में अमानक दवाइयां खरीदी गईं? यदि हाँ, तो वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक ऐसे कितने प्रकरण विभाग की जानकारी में हैं, जिनमें कि अमानक दवाइयां क्रय में अनियमिततायें, भंडार क्रय नियमों का उल्लंघन, निविदा पद्धति का उल्लंघन किया हो? तिथिवार बतायें तथा यह बतायें कि संबंधित अधिकारी/कर्मचारी/एजेंसी या अन्य जिम्मेदारों पर कब-कब क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्न क्रमांक 3224, दिनांक 24.07.2015 के उत्तर अनुसार अमानक दवाइयों के दोषियों पर पुलिस में एफ.आई.आर. की गई? यदि हाँ, तो बतायें कि संबंधित अधिकारी/कर्मचारी/एजेंसी या अन्य जिम्मेदारों पर कब-कब क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या अमानक दवाइयों के क्रय के अलावा ऑक्सीजन गैस सिलेण्डर, पट्टी गॉज बैंडेज कपास खरीदने में भी अनियमिततायें पाई गईं हैं? उक्त अवधि में यह बतायें कि प्रश्नांश (ग) में अंकित सामानों की खरीदी कब-कब किस-किस फर्म से कितनी-कितनी राशि की, की गयी? तिथिवार, वर्षवार, निविदावार, संस्थावार बिल एवं जमा रसीद की प्रति बतायें।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) विभाग द्वारा अमानक दवाइयों की खरीदी नहीं की जाती है। क्रय करने के पश्चात् राज्य स्तरीय प्रयोगशाला में जाँच उपरांत कतिपय कारणों से दवाइयां अमानक पाई जाती हैं। वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक अमानक पाई गई दवाइयों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। दवाइयों के क्रय में अनियमितता अथवा भंडार क्रय नियमों का उल्लघंन नहीं किया जाता है। परीक्षण पश्चात् अमानक पाई जाने वाली दवाइयों के सप्लायर/फर्म पर निविदा शर्तों अनुसार कार्यवाही की जाती है। अधिकारियों/कर्मचारी/एजेंसी की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) निविदा की शर्तों में दवा क्रय के उपरांत लेब टेस्टिंग में दवा अमानक पाए जाने पर दवा के बदलने/सप्लायर्स के विरूद्ध कार्यवाही का प्रावधान है, इन प्रकरणों में निविदा की शर्तों के अनुसार कार्यवाही की जा चुकी है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) अमानक क्रय की गई दवाइयों के अलावा गैस सिलेण्डर, पट्टी गॉज बैंडेज, कपास के क्रय में महालेखाकार/आंतरिक लेखा परीक्षण में पाई गई अनियमितताओं पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। शेष जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अनाधिकृत लोगों को अधिग्रहित भूमि का मुआवज़ा
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
7. ( *क्र. 4439 ) श्री आरिफ अकील : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश के मण्डला जिला मण्डला के सक्षम प्राधिकारी भू-अर्जन राष्ट्रीय राजमार्ग 12-ए एवं अनुविभागीय अधिकारी राजस्व मण्डला द्वारा वक्फ सम्पत्ति खसरा 80 रकबा 0.110 हेक्टेयर, खसरा नम्बर 102/2 रकबा 0.020 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित करने के फलस्वरूप जिला प्रशासन द्वारा मुआवज़े की राशि वक्फ अंजुमन कमेटी तिदनी और जिला वक्फ कमेटी मण्डला को रूपये 56,84,661/- (छप्पन लाख चौरासी हजार छ: सौ इकसठ) भुगतान किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अधिग्रहित भूमि के मुआवज़े की राशि किस स्वामित्वता के तहत अंजुम कमेटी तिदनी व जिला वक्फ कमेटी मण्डला को भुगतान की गयी तथा अंजुम कमेटी व जिला वक्फ कमेटी द्वारा बिना बोर्ड स्वीकृति के किस अधिकारिता के तहत राशि प्राप्त की? संबंधितों का यह कृत्य भ्रष्टाचार की श्रेणी में नहीं है? यदि है तो शासन द्वारा किन-किन के विरूद्ध क्या-क्या तथा कब तक कार्यवाही करेंगे? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या जिला वक्फ कमेटी मण्डला का कार्यकाल 16 मई, 2016 को समाप्त हो चुका था? यदि हाँ, तो क्या अधिनियम में किसी भी जिला व प्रबंध कमेटी के गठन का अधिकार मात्र बोर्ड को होता है? यदि हाँ, तो जिला वक्फ कमेटी मण्डला ने तिदनी अंजुमन कमेटी का गठन किस आधार पर किया? इस नियम विपरीत कार्यवाही में क्या मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड के वर्तमान अध्यक्ष की अप्रत्यक्ष रूप से सहभागिता है? यदि नहीं, तो लगभग 1 (एक) वर्ष व्यतीत हो जाने के पश्चात् भी मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड अध्यक्ष द्वारा प्रश्नांश (क) (ख) में जो राशि का लेनदेन हुआ उसके विरूद्ध कार्यवाही नहीं करने के क्या कारण हैं?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) कलेक्टर मण्डला से प्राप्त जानकारी अनुसार जिला प्रशासन द्वारा मुआवजे की राशि वक्फ अंजुमन कमेटी तिदनी और जिला वक्फ कमेटी मण्डला को रू. 51,83,541/- (इक्यावन लाख त्रियासी हजार पाँच सौ इकतालीस) का भुगतान किया गया। इसका विवरण निम्नानुसार है :- खसरा नं. 80 रकबा 0.020 हेक्टेयर जो अंजुमन कमेटी तिदनी के नाम पर भूमि स्वामी हक में दर्ज है, जिसमें से 0.110 हेक्टेयर भूमि अर्जित कर मुआवजा रूपये 665236/- स्वीकृत हुआ जिसका भुगतान अंजुमन कमेटी तिदनी की ओर से मो. आकिद एवं मो. आविद द्वारा प्राप्त किया गया है। इसी प्रकार खसरा नं. 102/2 रकबा 0.020 हेक्टेयर तिदनी मस्जिद कमेटी तिदनी के द्वारा मुतवल्ली सैय्यद वरकतुल्ला पिता सैय्यद अब्दुल्ला के नाम पर दर्ज है, जिसका 0.220 हेक्टेयर भूमि एवं उस पर निर्मित पक्का मकान का मुआवजा का भुगतान रूपये 4518305/- सचिव मस्जिद कमेटी श्री मंसूरी अहमद द्वारा प्राप्त किया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड एवं कलेक्टर मण्डला द्वारा जाँच की जा रही है। (ग) जी हाँ। प्रकरण का परीक्षण कराया जा रहा है।
सी.टी. एवं एम.आर.आई. जाँच हेतु आधुनिक मशीनों की स्थापना
[चिकित्सा शिक्षा]
8. ( *क्र. 4458 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के किन-किन मेडिकल कॉलेजों में सी.टी., एम.आर.आई. जाँच हेतु विभागीय आधुनिक मशीनें उपलब्ध हैं एवं किन-किन मेडिकल कॉलेजों में पब्लिक प्रायवेट पार्टनरशिप के अंतर्गत मशीनें लगाई गयीं हैं? जबलपुर मेडिकल कॉलेज में संचालित P.P. पार्टनरशिप की मशीनों को विगत 5 वर्षों में जाँचों हेतु शासन द्वारा कितना भुगतान विभिन्न योजनाओं से किया गया? (ख) क्या शासन द्वारा प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में C.T. एवं MRI जाँच हेतु शासकीय आधुनिक तकनीक की मशीनें लगाई जावेंगी? ताकि प्रदेश के गरीब मरीजों को जाँच की सुविधा एवं पी.जी. (रेडियोलॉजी) छात्रों को प्रायोगिक ज्ञान मिल सकेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( एडवोकेट शरद जैन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जबलपुर मेडिकल कॉलेज में संचालित पी.पी.पी. पार्टनरशिप की मशीनों के संबंध में विगत 05 वर्षों में जाँच हेतु किये गये भुगतान की जानकारी निम्नानुसार है :-
अवधि |
किया गया भुगतान |
2012-13 |
1,36,80,492.00 |
2013-14 |
1,20,86,170.00 |
2014-15 |
72,95,192.00 |
2015-16 |
55,51,685.00 |
2016-17 |
1,48,95,625.00 |
(ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
वित्तीय अपराध के दोषी चिकित्सक के विरूद्ध कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
9. ( *क्र. 4888 ) पं. रमेश दुबे : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के परि.अता. प्रश्न (क्र. 1331), दिनांक 26.02.2016 के उत्तर में यह बताया गया है कि डॉ. प्रमोद वाचक बी.एम.ओ. को वित्तीय अनियमितता का प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया है? प्रक्रियात्मक अनियमिततायें एवं समुचित अभिलेखों का संधारण न करना पाया गया? (ख) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 5618, दिनांक 14.03.2016 के उत्तर में बताया गया है कि डॉ. वाचक खण्ड चिकित्साधिकारी वित्तीय अनियमितता के दोषी हैं? प्रश्न क्र. 1586 दिनांक 26.07.2016 के उत्तर में डॉ. प्रमोद वाचक को वित्तीय अनियमितता का दोषी पाये जाने के फलस्वरूप उन्हें स्पष्टीकरण जारी किया जाना और प्रश्न क्र. 1804, दिनांक 09.12.2016 के उत्तर में राशि रूपये 258861.00 वसूली योग्य पायी जाने से वसूली जारी होना बताया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) के अनुसार जब डॉ. वाचक को वित्तीय अनियमितता का दोषी पाया गया है तो उनके विरूद्ध थाने में वित्तीय अपराध की प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं कराई गयी? उन्हें अभी तक निलंबित क्यों नहीं किया गया? क्या यह माना जाय कि स्वास्थ्य विभाग वित्तीय अपराधियों को प्रश्रय दे रहा है? (घ) क्या शासन वित्तीय अपराध के दोषी डॉ. प्रमोद वाचक, तत्कालीन बी.एम.ओ. के विरूद्ध थाने में प्राथमिक दर्ज कराने का आदेश देगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ। (ग) प्रकरण में संबंधित चिकित्सक के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की प्रक्रिया नियमानुसार जारी है। गुण-दोष के आधार पर निर्णय लिया जावेगा। जी नहीं। (घ) अनुशासनात्मक कार्यवाही की प्रक्रिया पूर्ण होने पर गुण-दोष के आधार पर निर्णय लिया जावेगा।
खातेगांव विधान सभा क्षेत्रांतर्गत निर्मित/निर्माणाधीन शालाएं
[स्कूल शिक्षा]
10. ( *क्र. 806 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के अंतर्गत वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक शासन/विभाग द्वारा कौन-कौन से नगर/ग्रामों में हायर सेकेण्ड्री, हाईस्कूल, मा.वि. एवं प्रा.वि. के भवन निर्माण संबंधी स्वीकृति दी गई है? ग्राम/नगर एवं शाला का नाम बतावें। (ख) खातेगांव विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत जो हायर सेकेण्ड्री, हाईस्कूल, मा. वि., प्रा. वि. के भवन स्वीकृत किये गये थे, वे बनकर तैयार हैं एवं क्या भवन निर्माण के पश्चात् छात्र-छात्राओं को उन नवीन भवनों में ही पढ़ाया जा रहा है? (ग) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र खातेगांव के ऐसे कौन-कौन से नगर/ग्राम हैं, जहां पर भवन तो बना है, किन्तु छात्र-छात्राओं को उन नवीन शाला भवनों में न पढ़ाया जाकर पुराने भवनों में ही प्रश्न दिनांक तक पढ़ाया जा रहा है, क्यों? ऐसी शालाओं के नाम बतावें। (घ) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र खातेगांव के अंतर्गत कौन-कौन से नगर/ग्राम की शालाओं के भवन बनकर तो तैयार हैं, किन्तु भवन की एन.ओ.सी. जारी नहीं की गई है तो क्यों नहीं की गई? कारण बतावें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) शासकीय हाईस्कूल कैलोद एवं शासकीय उ.मा.वि. पटाड़ी तथा 09 माध्यमिक एवं 02 प्राथमिक शाला भवनों के निर्माण की स्वीकृति दी गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जिन हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों के भवन निर्माण पूर्ण होकर निर्माण एजेंसी द्वारा सी.सी. जारी कर दी गई है, उन समस्त भवनों में विद्यालय संचालित हैं। 01 माध्यमिक शाला भवन निर्माण स्वीकृत किया गया था जिसका निर्माण कार्य प्रगतिरत है। (ग) ऐसी कोई शाला नहीं है, जहाँ नव निर्मित भवन पर पुराने भवनों में छात्र-छात्राओं को पढ़ाया जा रहा है। (घ) जानकारी निरंक है।
मूल विषय के प्रोफेसर पद पर नियम विरूद्ध पदोन्नति
[आयुष]
11. ( *क्र. 4157 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आयुष विभाग के कुछ व्याख्याताओं एवं रीडरों को उनके मूल विषय से हटकर अन्य विषय में बिना सहमति पदोन्नतियां दी गई हैं? यदि हाँ, तो कब-कब किसे? महाविद्यालयवार, विषयवार सूची दें। इसके लिए कौन दोषी हैं? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (ख) क्या इन लोगों को विषय विभाग में तत्समय रिक्त प्रोफेसर के पद के विरूद्ध पदोन्नति दी जाना (अन्यों की भांति) अपराधिक था? यदि नहीं, तो इन्हें भी मूल विषय में कब तक पदस्थ कर दिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ, पदोन्नति में सहमति का प्रावधान न होने से। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। कोई नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अनुसूचित जाति छात्रावास की स्वीकृति
[अनुसूचित जाति कल्याण]
12. ( *क्र. 796 ) श्री के.पी. सिंह : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में विगत तीन वर्षों में किस-किस विधानसभा क्षेत्र में कितने अनुसूचित जाति छात्रावास खोले गए हैं? विधानसभा क्षेत्रवार, ग्राम के नाम सहित जानकारी दें। (ख) क्या इन छात्रावासों को स्वीकृत करने में पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाया गया है? जहाँ अत्यधिक जरूरत थी, ऐसे क्षेत्रों की उपेक्षा की गई है? यदि हाँ, तो इसके क्या कारण हैं?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय चिकित्सालय भवन का निजी भूमि में निर्माण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
13. ( *क्र. 4058 ) श्री संजय उइके : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले की बैहर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम गढ़ी में शासकीय चिकित्सालय भवन का निर्माण शासकीय भूमि पर न कर किसी व्यक्ति की निजी भूमि पर बिना मुआवजा दिये और न ही भूमि अधिग्रहण कर किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो किस व्यक्ति की कितनी भूमि पर चिकित्सालय का कब्जा है? क्या पीड़ित व्यक्ति एवं उसके परिवार द्वारा एक एकड़ से ज्यादा भूमि में कब्जे से सोलह डिस्मिल भूमि वापस करने का आवेदन विभागीय अधिकारियों को बार-बार दिया गया है? (ग) विभाग एक एकड़ से ज्यादा कब्जा की हुई भूमि को पीड़ित परिवार को वापस करेगा या नहीं? (घ) अतिरिक्त भूमि वापस नहीं करने की स्थिति में विभाग सम्पूर्ण भूमि का मुआवजा देना चाहेगा या पीड़ित व्यक्ति द्वारा एक एकड़ से ऊपर भूमि वापस करने की स्थिति में मुआवजा नहीं लेना चाहेगा, तब विभाग क्या निर्णय लेना चाहेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अनु.जाति, जनजाति बाहुल्य क्षेत्रों के लिये पर्याप्त बजट की व्यवस्था
[आदिम जाति कल्याण]
14. (*क्र. 116 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा अनु.जाति एवं जनजाति बाहुल्य क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार के निर्माण कार्य एवं हितग्राही मूलक कार्य कराये जाते हैं? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2015-16 एवं चालू वर्ष 2016-17 में विभिन्न कार्यों हेतु जबलपुर संभाग को कितना बजट प्राप्त हुआ? कितना व्यय हुआ? जिलेवार बतावें। (ग) क्या शासन अनु.जाति, जनजाति बाहुल्य क्षेत्रों के लिये पर्याप्त बजट की व्यवस्था करने हेतु विचार करेगा?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) राज्य आयोजना मदों में एवं भारत सरकार से प्राप्त अनुमोदित राशि की सीमा में, विशेष केन्द्रीय सहायता एवं संविधान के अनुच्छेद 275 (1) अंतर्गत पर्याप्त बजट प्रावधान किया जाता है।
महिलाओं का स्वास्थ्य परीक्षण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
15. ( *क्र. 3891 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम, मंदसौर, नीमच जिले से गुजरने वाले मुख्य सड़क मार्ग पर तथा आसपास के गाँवो में जाति विशेष की बालिग, नाबालिग बालिकाएं तथा महिलाएं जिस्मफरोशी (देह व्यापार) में संलग्न हैं? यदि हाँ, तो कितने वर्षों से? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित देह व्यापार से जुड़ी ऐसी महिलाओं की संख्या कितनी है? क्या इनका रिकॉर्ड प्रशासन के पास उपलब्ध है? यदि नहीं, तो क्यों? क्या समय-समय पर ऐसी महिलाओं का रक्त परीक्षण स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया जाता है? यदि हाँ, तो कब-कब, 1 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक की जानकारी देते हुये बतायें की कितनी-कितनी महिलाओं में एड्स संबंधी पॉजेटिव, नेगेटिव परिणाम आये? पॉजेटिव महिलाओं के उपचार हेतु क्या सुविधाएं विभाग द्वारा प्रदान की जा रही हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) संबंधी महिलाओं के लिए कोई ठोस कारगर योजना विभाग द्वारा बनाई गई है? यदि हाँ, तो उन पर कितना अमल हो पाया है, कितना नहीं? (घ) उक्त जिलों में उक्त महिलाओं के उत्थान के लिए कितने शा., अर्धशासकीय संगठन (NGO) कहाँ-कहाँ कार्य कर रहे हैं, उन्हें 1 जनवरी 2014 के पश्चात् कितनी राशि शासन द्वारा दी गई? राशि की उपयोगिता एवं सार्थकता का आंकलन किस अधिकारी ने कब किया, इसमें क्या अनियमितताएं पाई गईं?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण समिति के द्वारा किसी भी जाति अथवा समुदाय आधारित महिला यौनकर्मियों की जानकारी संधारित नहीं की जाती है, अपितु राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन, नई दिल्ली द्वारा वर्ष 2008 में इन जिलों में देह व्यापार करने वाली महिलाओं की अनुमानित संख्या ज्ञात करने हेतु मैपिंग की गई है। (ख) वर्ष 2008 में राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन, नई दिल्ली के द्वारा करायी गयी, मैपिंग के अनुसार इन जिलों में देह व्यापार से जुड़ी महिलाओं की संख्या की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। राज्य एड्स नियंत्रण समिति द्वारा चलायी जा रही लक्ष्यगत हस्तक्षेप परियोजना एवं लिंक वर्कर स्कीम के अन्तर्गत पंजीकृत महिला यौनकर्मियों का नियमित रक्त परीक्षण आई.सी.टी.सी. केन्द्रों में कराया जाता है। 1 जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक तक उक्त महिलाओं में एड्स संबंधी पॉजेटिव नेगेटिव परिणाम की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। रक्त परीक्षण में पॉजेटिव महिलाओं को संबंधित जिलों के ए.आर.टी. केन्द्रों में पंजीकृत करते हुए उपचार किया जाता है। (ग) राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन, नई दिल्ली के निर्देशानुसार प्रदेश के विभिन्न जिलों में उच्च जोखिम समूहों यथा महिला यौनकर्मी के लिए एन.जी.ओ. के माध्यम से परियोजनाएं संचालित की जाती हैं, जिसके अन्तर्गत उच्च जोखिम व्यक्तियों में एच.आई.व्ही. की रोकथाम हेतु व्यवहार परिवर्तन, नियमित रक्त परीक्षण एवं एच.आई.व्ही. पॉजीटिव व्यक्तियों को चिकित्सीय सेवा की उपलब्धता कराना है। इन जिलों में संचालित एन.जी.ओ. के कार्य मूल्यांकन के आधार पर योजना का अमल संतोषजनक पाया गया है। (घ) उक्त जिलों में कार्यरत एन.जी.ओ. एवं उनके कार्य क्षेत्र तथा 01 जनवरी, 2014 से उन्हें दी गई राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। राज्य एड्स नियंत्रण समिति द्वारा आवंटित राशि का ऑडिटर नियुक्त करते हुए ऑडिट कराया जाता है। 1 जनवरी, 2014 के पश्चात् आवंटित राशि का ऑडिट मेसर्स एस.बी.ए. एण्ड कम्पनी, इन्दौर के द्वारा कराया गया है, जिसमें कोई अनियमितता नहीं पायी गयी है।
बड़नगर विधानसभा क्षेत्र को बजट आवंटन
[स्कूल शिक्षा]
16. ( *क्र. 4731 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के अंतर्गत उज्जैन जिले में सत्र 2015-16 में बाउण्ड्रीवाल के लिये कितने माध्यमिक हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी में लोकशिक्षण संचालनालय से कितना बजट आवंटित हुआ था। यह बजट किन विद्यालय के नाम हुआ था और कितनी राशि आवंटित हुई? (ख) उस सत्र में बड़नगर विधानसभा में राशि का उपयोग कौन कौन से विद्यालय में किया गया और नहीं किया गया तो किस कारण नहीं किया गया। क्या आवंटित राशि लैप्स (रद्द) हुई है? रद्द होने का कारण बतायें। उक्त आवंटित राशि किन किन अधिकारियों की लापरवाही के कारण लैप्स हुई है व राशि पुन: आवंटित होने के लिये क्या कार्यवाही की गई? (ग) संबंधित अधिकारियों जिनकी वजह से राशि लैप्स हुई, उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई अथवा की जायेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के अंतर्गत बाउन्ड्रीवाल का प्रावधान नहीं है। परन्तु लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा राज्य बजट से बाउन्ड्रीवाल स्वीकृत किए हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन राशि का उपयोग भुगतान की व्यवस्था परिवर्तित होने तथा वित्तीय वर्ष समाप्ति के कारण नहीं किया जा सका। जी हाँ! उत्तरांश के प्रकाश में शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। वित्तीय वर्ष 2016-17 में इस मद में मांग के अनुरूप आवंटन प्राप्त नहीं होने के कारण उज्जैन जिले को राशि की स्वीकृति जारी नहीं की जा सकी है। आगामी वित्तीय वर्ष 2017-18 में प्रावधान होने पर राशि प्रदाय की जा सकेगी। (ग) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नरसिंहगढ़ नगर में कन्या हायर सेकण्डरी विद्यालय की स्थापना
[स्कूल शिक्षा]
17. ( *क्र. 4618 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कन्या हायर सेकण्डरी विद्यालय खोलने के लिए क्या नियम हैं एवं नगर की कितनी आबादी पर दूसरा कन्या हायर सेकण्डरी विद्यालय खोला जा सकता है? नियम की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) नरसिंहगढ़ नगर में कितने कन्या हायर सेकण्डरी स्कूल संचालित हैं व उसमें कितनी छात्राएं किस-किस कक्षा में अध्यनरत हैं? (ग) प्रश्न की कंडिका (क) व (ख) की उपलब्ध जानकारी अनुसार नरसिंहगढ़ नगर में शासन एक और कन्या हायर सेकण्डरी स्कूल स्वीकृत करेगा? यदि हाँ, तो? कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) पृथक से कन्या शाला खोलने का कोई मापदण्ड निर्धारित नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्िथत नहीं होता। (ख) 01 शासकीय कन्या उ.मा.वि. संचालित है। उक्त संस्था में कक्षा 9वीं में 287, कक्षा 10वीं में 111, कक्षा 11वीं में 291 एवं कक्षा 12वीं में 237 कुल 926 छात्राएं अध्यनरत हैं। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रश्न उपस्िथत नहीं होता।
अनु. जनजाति बस्तियों में किये गये निर्माण कार्य
[आदिम जाति कल्याण]
18. ( *क्र. 3372 ) श्री वेलसिंह भूरिया : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले के अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास योजना के अंतर्गत वर्ष 2014-15 से 2015-16 तक कितनी राशि प्राप्त हुई? मदवार जानकारी दें। (ख) इस योजना के अंतर्गत किन-किन ग्रामों/मजरे टोलों में खरंजा निर्माण एवं विद्युतीकरण के कार्य स्वीकृत हुए हैं? मदवार जानकारी एवं कार्य एजेंसी सहित जानकारी दें। (ग) उक्त स्वीकृत कार्यों के विरूद्ध कितने पूर्ण हो गये हैं एवं कितने शेष हैं? शेष कार्य कब तक पूर्ण किये जायेंगे?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) प्रश्नांश अन्तर्गत वर्ष 2014-15 में रूपये 352.04 लाख एवं वर्ष 2015-16 में रूपये 424.80 लाख इस प्रकार कुल राशि रूपये 776.84 लाख की राशि प्राप्त हुई। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
नसबंदी ऑपरेशन की जाँच
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
19. ( *क्र. 1980 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या हटा सिविल अस्पताल में 25 नवम्बर 2016 में नसबंदी ऑपरेशन कैंप लगाया गया था? कितनी महिलाओं के नसबंदी ऑपरेशन किये गये? नाम, पतावार सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत क्या गंगा झिरिया हटा निवासी श्रीमती वंदना पाण्डे पत्नी श्री गणेश पाण्डे का भी ऑपरेशन कैंप में हुआ? जबकि वह गर्भवती थी, लेकिन फिर भी ऑपरेशन किया गया? क्या इस हेतु महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती लता वानखेड़े एवं प्रश्नकर्ता द्वारा संज्ञान में लाने के बाद प्रशासन की इस लापरवाही पर आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं हुई? क्या कार्यवाही सुनिश्चित कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। 19 महिलाओं के ऑपरेशन किये गये। सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। दिनांक 25.11.2016 को सिविल अस्पताल, हटा में आयोजित नसबंदी कैंप में श्रीमती वंदना पाण्डेय पत्नी श्री धर्मेन्द्र पाण्डेय का नसबंदी ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन के पूर्व नियमानुसार सभी आवश्यक चिकित्सकीय एवं पैथालॉजी जाँच कराई गई, जिसमें गर्भवती जाँच निगेटिव पाई गई थी। इस ऑपरेशन से संबंधित प्रकरण की जाँच बी.एम.ओ., हटा से कराई जाकर प्रतिवेदन अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) दंडाधिकारी, हटा जिला दमोह को प्रस्तुत किया गया, जिसमें किसी भी स्टाफ व चिकित्सक की लापरवाही नहीं पाई गई। अतः कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अन्तर्जातीय विवाह हेतु प्रोत्साहन राशि का प्रदाय
[अनुसूचित जाति कल्याण]
20. ( *क्र. 1800 ) श्री अनिल फिरोजिया : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अन्तर्जातीय विवाह को प्रोत्साहन देने हेतु शासन की क्या योजना है? क्या प्रोत्साहन स्वरूप कोई राशि हितग्राही को दी जाती है? यदि हाँ, तो कितनी? (ख) उज्जैन जिले में विगत तीन वर्षों में अन्तर्जातीय विवाह प्रोत्साहन राशि प्राप्त करने हेतु कितने आवेदन प्राप्त हुए? कितने स्वीकृत/पात्र पाये गये? (ग) कितने पात्र आवेदकों को प्रोत्साहन राशि का भुगतान कर दिया गया? कितने आवेदकों के भुगतान लंबित हैं? लंबित रहने का क्या कारण है? (घ) उक्त प्रोत्साहन राशि एवं प्रमाण-पत्र वितरण किनकी उपस्थिति में वितरण किये गये? प्रमाणित ब्यौरा देवें।
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) अन्तर्जातीय विवाह प्रोत्साहन योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) समस्त 72 पात्र आवेदकों को भुगतान किया गया। (घ) प्रोत्साहन राशि का भुगतान कोषालय के माध्यम से सीधे हितग्राही के संयुक्त बैंक खाते में किया जाता है। प्रतिवर्ष 26 जनवरी को सार्वजनिक कार्यक्रम में प्रमाण-पत्र मुख्य अतिथि के द्वारा वितरित किये जाते हैं।
स्वास्थ्य केन्द्रों में डॉक्टरों की पदस्थापना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
21. ( *क्र. 670 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिहोरा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत सिविल अस्पताल सिहोरा, मझगवां एवं कुण्डम में कितने-कितने विशेषज्ञ डॉक्टर एवं स्टॉफ के पद स्वीकृत हैं? अस्पतालवार सूची उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) स्वीकृत पदों के अनुरूप कितने पद भरे हुये हैं। कितने रिक्त हैं, रिक्त पदों की पूर्ति अभी तक क्यों नहीं की गई। कब तक स्वीकृत पदों की पूर्ति कर दी जायेगी? यह भी बतायें कि इन अस्पतालों में किन-किन विशेषज्ञ चिकित्सकों के पद मरीजों की संख्या को देखते हुये स्वीकृत किया जाना प्रस्तावित है?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। विशेषज्ञ/चिकित्सकों/स्टॉफ की कमी के कारण शत-प्रतिशत पदपूर्ति की जाना संभव नहीं हो सका है। वर्ष 2011 में पदों के पुनर्वितरण अनुसार सिहोरा, मझगवां एवं कुण्डम में निर्धारित मापदण्ड अनुसार पर्याप्त पद स्वीकृत हैं।
स्थानांतरित प्राचार्य को भारमुक्त किया जाना
[स्कूल शिक्षा]
22. ( *क्र. 3739 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले के विकासखण्ड अमरपाटन अंतर्गत शा.उत्कृष्ट उच्च.मा.वि. अमरपाटन में पदस्थ प्राचार्य श्री श्रवण कुमार सिंह तिवारी का स्थानान्तरण लोक शिक्षण संचालनालय म.प्र. भोपाल के आदेश क्र. 367, दिनांक 10/06/2015 द्वारा बालाघाट जिले के विकासखण्ड खैरलांजी के शा.उच्च.मा.वि. कटोरी के लिए किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो क्या संबंधित प्राचार्य द्वारा स्थानान्तरण के विरुद्ध माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में अपील की गई थी, जिस अपील के विरुद्ध माननीय न्यायालय द्वारा पारित निर्णय दिनांक 11/04/2016 द्वारा रोक हटाते हुए संबंधित जिले के लिए भार मुक्त करने हेतु शासन को निर्देश दिए गए हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हाँ, तो क्या शासन द्वारा माननीय न्यायालय द्वारा दिए गए निर्देश के अनुसार संबंधित प्राचार्य को भारमुक्त किया गया? यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बताएँ? (घ) क्या संबंधित प्राचार्य द्वारा विगत कई वर्षों से शासन द्वारा प्राप्त राशि का दुरूपयोग करते हुए भ्रष्टाचार किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या इसकी भी जाँच कराकर राशि की वसूली की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? क्या इनकी फर्जी नियुक्ति के संबंध में प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है? यदि हाँ, तो किस न्यायालय में? अद्यतन स्थिति सहित जानकारी देवें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। संबंधित प्राचार्य द्वारा मान. मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय, जबलपुर में याचिका क्रमांक 621/2015 दायर की गई थी। जिस पर मान. न्यायालय द्वारा संबंधित अपील खारिज करते हुए अभ्यावेदन सक्षम अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करने एवं विधि सम्मत निराकरण करने के निर्देश दिए गये। (ग) प्रकरण परीक्षणाधीन है परीक्षणोपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (घ) प्रकरण की जाँच की जा रही है, जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर गुण-दोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राजपत्रित अधिकारियों की पदस्थापना
[स्कूल शिक्षा]
23. ( *क्र. 1675 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में लोक शिक्षण संचालनालय, प्रौढ़ शिक्षा संचालनालय, राज्य शिक्षा केन्द्र, पाठ्य पुस्तक निगम, संस्कृत बोर्ड, माध्यमिक शिक्षा मण्डल एवं संयुक्त संचालक लोक शिक्षण, भोपाल के अन्तर्गत कहाँ-कहाँ और कितने प्रथम श्रेणी के राजपत्रित अधिकारी पदस्थ हैं? नाम, पद, कार्यरत संस्था एवं अवधि सहित जानकारी दें। (ख) क्या परियोजना अधिकारी ग्रामीण क्रियात्मक साक्षरता परियोजना के पद से पदोन्नति उपरान्त जिला प्रौढ़ शिक्षा अधिकारी के पद पर पदस्थ किया गया था? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) के अधिकारी जो भोपाल में 03 वर्ष से अधिक समय से पदस्थ हैं, उन्हें फील्ड का अनुभव लेने के लिए भोपाल से बाहर अन्य संभागों में पदस्थ किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक जानकारी दें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। जिला प्रौढ़ शिक्षा अधिकारी का पद पदोन्नति का पद नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रशासनिक व्यवस्था एवं आवश्यकतानुसार विभागीय अधिकारियों की अन्यत्र पदस्थापना की जाती है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
क्रय किये गये कम्प्यूटर की राशि का भुगतान
[आदिम जाति कल्याण]
24. ( *क्र. 410 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सहायक आयुक्त आदिवासी विकास अनूपपुर जिला अनूपपुर द्वारा वित्तीय वर्ष 2016-17 में क्रय किये गये कम्प्यूटर की राशि भुगतान हेतु जिला कोषालय अनूपपुर में राशि आहरण हेतु देयक प्रस्तुत किया गया है? यदि हाँ, तो क्रय किये किये गये कम्प्यूटर की संख्या एवं देयक की राशि बतायें। (ख) क्या जिला कोषालय द्वारा राशि आहरित कर दी गई? यदि हाँ, तो किस दिनांक को? यदि नहीं, तो राशि आहरित न करने का क्या कारण रहा है? (ग) क्या सहायक आयुक्त द्वारा कोषालय में देयक प्रस्तुत करने के पूर्व कम्प्यूटर प्राप्त कर स्टॉक पंजी में एंट्री की गई है? यदि हाँ, तो स्टॉक पंजी का पृष्ठ क्र. व दिनांक बतायें? यदि नहीं, तो सामग्री प्राप्त किये बिना राशि आहरण हेतु किस आधार पर देयक कोषालय में प्रस्तुत किये गये?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) वित्तीय वर्ष 2016-17 में सहायक आयुक्त अनूपपुर द्वारा कोई कम्प्यूटर क्रय नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निर्माणाधीन एम.सी.एच. भवन की क्षमता में वृद्धि
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
25. ( *क्र. 4362 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम में निर्माणाधीन 125 बिस्तरीय एम.सी.एच. भवन की क्षमताओं में अतिरिक्त प्रावधान कर इसे 181 बिस्तरीय करने की कार्यवाही करेंगे? (ख) क्षमता वृद्धि का प्रस्ताव संभागीय परियोजना यंत्री लोक निर्माण विभाग (पी.आई.यू.) द्वारा आयुक्त संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं भोपाल को अनुशंसा के साथ भेजा गया है। इस पर अब तक क्या कार्यवाही की गई है? (ग) इस हेतु आवश्यक अतिरिक्त राशि की स्वीकृति कब तक प्राप्त होगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। संभागीय परियोजना यंत्री लोक निर्माण विभाग (पी.आई.यू.), रतलाम के प्रस्ताव को विभाग द्वारा अनुमोदित कर दिया गया है। (ग) आवश्यक अतिरिक्त राशि, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की वर्ष 2017-18 की कार्ययोजना में प्रस्तावित की गई है, जिसकी प्राप्ति भारत सरकार की स्वीकृति उपरांत होगी।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
चिकित्सा
दवाइयों व
उपकरणों की
उपलब्धता
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
1. ( क्र. 71 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में सरदार वल्लभ भाई पटेल निःशुल्क औषधि वितरण योजना के तहत सरकारी अस्पतालों में कितने प्रकार की कौन-कौन सी उच्च स्तरीय जेनेरिक दवाइयां मरीजों को मुफ्त दी जा रही है? विवरण दें। (ख) क्या उपरोक्त सभी दवाइयां रतलाम जिले सहित उज्जैन संभाग के सभी चिकित्सालयों (शासकीय) में उपलब्ध हैं? (ग) मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधायें प्रदान करने की दिशा में उज्जैन-रतलाम-मंदसौर जिलों में किन-किन चिकित्सालयों में किस-किस जाँच चिकित्सा उपकरणों की कमी है? तहसीलवार ब्यौरा दें? उक्त कमी कब तक पूर्ण होगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) प्रदेश में सरदार वल्लभ भाई पटेल निःशुल्क औषधि वितरण योजना के तहत सरकारी अस्पतालों में उच्च स्तरीय जेनेरिक दवाइयां न्यूनतम आवश्यक दवा सूची अनुसार एवं आवश्यक दवा सूची अनुसार मरीजों को मुफ्त दी जा रही है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) रतलाम जिले सहित उज्जैन संभाग के शासकीय चिकित्सालयों में उपलब्ध दवाइयों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधायें प्रदान करने की दशा में उज्जैन-रतलाम-मंदसौर जिलों में चिकित्सालयों में जाँच चिकित्सा उपकरणों में कमी की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। चिकित्सालयों की आवश्यकता आवंटन एवं सुविधा के अनुसार उपकरण क्रय किये जाते है। स्वास्थ्य संस्थाओं द्वारा जाँच उपकरण की मांग प्राप्त होते ही तुरंत उपलब्ध कराने हेतु आवश्यक कार्यवाही की जाती है।
स्वीकृत सेटअप अनुसार चिकित्सकों की पदस्थापना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
2. ( क्र. 115 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्वास्थ्य केन्द्र पनागर एवं बरेला में स्वीकृत सेटअप अनुसार चिकित्सकों के पदस्थ न होने के कारण मरीजों को जबलपुर रिफर किया जाता हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या प्रश्नांश (क) के अधीन ये स्वास्थ्य केन्द्र केवल रिफर सेंटर का कार्य कर रहे हैं? (ग) यदि नहीं, तो क्या स्वीकृति अनुसार अमले की पदस्थापना की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, पनागर एवं बरेला में विशेषज्ञों के 03-03 तथा चिकित्सा अधिकारी के 02-02 पद स्वीकृत हैं। पनागर में 04 चिकित्सक एवं बरेला में 02 चिकित्सक पदस्थ होकर आम जन का स्वास्थ्य सुविधाऍ प्रदान कर रहे हैं। केवल गंभीर मरीजों को ही जबलपुर रेफर किया जाता है। विशेषज्ञों के शत्-प्रतिशत पद पदोन्नति से भरे जाने का प्रावधान है एवं वर्तमान में विशेषज्ञों के कुल स्वीकृत 3273 पदों के विरूद्ध मात्र 1126 विशेषज्ञ कार्यरत हैं, अतः सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर की संस्थाओं में विशेषज्ञों की पदस्थापना में कठिनाई हो रही है। पदस्थ चिकित्सकों द्वारा आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जा रही है। (ख) जी नहीं। (ग) बरेला में 02 एवं पनागर में 04 चिकित्सा अधिकारी कार्यरत हैं, विशेषज्ञों की पदपूर्ति हेतु उत्तरांश (क) के संदर्भ में, निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
अ.जा./अ.ज.जा. कृषकों के यहां ट्रांसफार्मर लगाये जाना
[आदिम जाति कल्याण]
3. ( क्र. 162 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कृषकों के यहां ट्रांसफार्मर (डी.पी.) लगाने के क्या प्रावधान है? विधान सभा क्षेत्र बड़वाहा में आदिम जाति कल्याण विभाग में माह अप्रैल 2014 से आज तक डी.पी. हेतु कितने आवेदन पत्र प्राप्त हुए हैं और प्राप्त आवेदन पत्र में से कितने अस्वीकृत हुए हैं? (ख) कितने प्रकरण विभाग के पास लंबित हैं, लंबित रहने के क्या कारण हैं? प्राप्त आवेदनों को किस आधार पर वरीयता क्रम दिया जाता है वर्षवार सूची उपलब्ध करावें एवं निर्देशों की कॉपी उपलब्ध करावें? जनप्रतिनिधियों द्वारा प्रश्नांश (क) अवधि में कितने पत्र लिखे गये, क्या विभाग द्वारा उत्तर दिया गया और कितने पत्रों पर कार्यवाही की गई?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) अनुसूचित जनजाति वर्ग के कृषकों के यहां ट्रांसफार्मर (डी.पी.) लगाने संबंधी आदिम जाति कल्याण विभाग की अलग से कोई योजना नहीं है। आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा विद्युतीकरण से संबंधित जारी निर्देशों की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। विधानसभा क्षेत्र बड़वाह में, अनुसूचित जनजाति मोहल्ले में ट्रांसफार्मर लगाने हेतु एक आवेदन पत्र सहायक आयुक्त आदिवासी विकास जिला खरगोन को प्राप्त हुआ था। विभाग की ट्रांसफार्मर लगाने की कोई योजना तत्समय नहीं होने से, उक्त आवेदन उनके द्वारा अस्वीकृत किया गया। (ख) उत्तरांश 'क’ के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आदिवासी बाहुल्य ग्रामों में विकास कार्य
[आदिम जाति कल्याण]
4. ( क्र. 190 ) श्री कैलाश चावला : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मंत्री, आदिम जाति कल्याण विभाग एवं आयुक्त आदिम जाति कल्याण विभाग को पत्र लिखकर मनासा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाले आदिवासी बाहुल्य ग्रामों में विकास कराए जाने हेतु कुछ प्रस्ताव पत्र के साथ दिनांक 28-06-2015 को भेजे गये थे जिस पर ग्राम बिलवाज, आदिवासी बस्ती में सी.सी. रोड निर्माण हेतु 2.695 लाख एवं ग्राम बंजारी, आदिवासी बस्ती में सी.सी.रोड हेतु 2.72 लाख की राशि स्वीकृति की जानकारी दी है, तो उक्त कार्यों की वर्तमान में अद्यतन स्थिति क्या है? (ख) 28.6.2015 के संलग्न प्राक्कलन में शेष प्रस्तावों के संबंध में सीमित वित्तीय संसाधन के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा निर्धारित न करने का उत्तर प्रश्नांश (ख) में दिया था क्या आगामी बजट उपलब्धता के आधार पर इन प्रस्तावों पर विचार किया जाएगा?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) उक्त दोनों कार्य पूर्ण हो चुके हैं। (ख) विभागीय मापदण्ड अनुसार परीक्षण कर आगामी वर्ष की कार्ययोजना में सम्मिलित किया जावेगा।
अध्यापक संवर्ग के लिये गंभीर बीमारी के उपचार हेतु योजना
[स्कूल शिक्षा]
5. ( क्र. 242 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के स्थानीय निकायों में कितने वरिष्ठ अध्यापक, अध्यापक सहायक अध्यापक कार्यरत है, संख्या बतायें? (ख) क्या अध्यापकों एवं उनके परिवार के सदस्यों जो कि गंभीर बीमारी (कैंसर, ह्दय, किडनी, न्यूरों, डायलीसिस, हेड इन्ज्यूरी, घुटना बदलना, कूल्हे का ऑपरेशन, स्पाइनल सर्जरी, पैस मैकर, जटिल प्रसूति, आदि अन्य रोग) से पीड़ित है, के उपचार हेतु कोई योजना है, हाँ तो बतावें? यदि नहीं, तो क्या योजना बनाने पर शासन विचार करेगा? समय-सीमा बतावें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) विदिशा जिले के शहरी स्थानीय निकाय एवं जिला पंचायत में कार्यरत वरिष्ठ अध्यापक, अध्यापक, सहायक अध्यापक की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक एवं दो अनुसार है। (ख) अध्यापक संवर्ग में कार्यरत सेवकों को चिकित्सा प्रतिपूर्ति का कोई प्रावधान नहीं है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कार्तिक मेला प्रदर्शनी में वित्तीय अनियमितता
[स्कूल शिक्षा]
6. ( क्र. 454 ) श्री सतीश मालवीय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिला परियोजना समन्वयक द्वारा कार्तिक मेला में लगाई गई प्रदर्शनी में विकासखण्ड स्रोत समन्वयक उज्जैन शहर के बजाए उज्जैन ग्रामीण को निर्देश दिये गये। यदि हाँ, तो शहरी क्षेत्र में विकासखण्ड स्रोत समन्वयक शहर को स्वीकृति न दी जाकर विकासखण्ड स्रोत समन्वयक ग्रामीण को किस आधार पर दी गई? (ख) लगाई गई कार्तिक मेला प्रदर्शनी में हुये खर्च का कितना बजट था, समिति द्वारा कितने बजट का अनुमोदन किस कार्य हेतु कितना-कितना किया गया था? इस संबंध में भ्रष्टाचार की क्या कोई शिकायत प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या सम्बंधित ठेकेदार को भुगतान करने हेतु विकासखंड स्रोत समन्वयक ग्रामीण में पदस्थ किसी कर्मचारी पर दबाव डाला गया? क्या कर्मचारी को भुगतान न करने पर प्रतिनियुक्ति समाप्त करने की कार्यवाही की गई है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। जिला शिक्षा केन्द्र, उज्जैन के आदेश क्रमांक सशिअ/मोबि/2016/2610 उज्जैन दिनांक 05.11.2016 द्वारा विकासखंड स्त्रोत केन्द्र समन्वयक, जनपद शिक्षा केन्द्र, उज्जैन दिनांक 05.11.2016 द्वारा विकासखंड स्त्रोत केन्द्र समन्वयक, जनपद शिक्षा केन्द्र, उज्जैन ग्रामीण एवं उज्जैन शहर को अधिकृत किया गया। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) रूपये 42,600/-। स्वीकृत राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट पर है। जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जिला आयुर्वेद अधिकारी द्वारा दवाई वितरण में अनियमितता
[आयुष]
7. ( क्र. 567 ) श्री तरूण भनोत : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015-16 में आयुर्वेदिक अधिकारी कार्यालय जबलपुर को दवाइयां वितरण हेतु कितना आवंटन प्राप्त हुआ था एवं कितनी दवाइयां क्रय की गई व वितरित की गई? (ख) क्या जिला आयुर्वेद अधिकारी जबलपुर को आयुर्वेद दवाइयों के नाम पर अनियमितता के प्रकरण में विभागीय जाँच हेतु शासन द्वारा नोटिस जारी किया गया है? (ग) क्या वर्णित (ख) के अधिकारी पर गरीब पीड़ितों को नकली दवाइयां वितरण करवाने के आरोप भी लगाये गये हैं? (घ) यदि वर्णित (ख) (ग) सत्य तो वर्णित (ख) के अधिकारी पर शासन क्या दण्डात्मक कार्यवाही रहेगा? यदि नहीं, की गई तो कब तक कार्यवाही की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) राशि रूपये 50000/- का आवंटन एवं 49993/- रूपये की दवाइयां क्रय कर वितरित की गई। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ। जाँच में आरोप निराधार पाये गये। (घ) उत्तरांश एवं ''ख'' एवं ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
न्यूरो सर्जरी विभाग के भवन निर्माण हेतु आवंटन, व्यय एवं पूर्ण अवधि की जानकारी
[चिकित्सा शिक्षा]
8. ( क्र. 577 ) श्री तरूण भनोत : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय नेताजी सुभाष चंद्र बोस चिकित्सालय जबलपुर में न्यूरो सर्जरी विभाग की स्थापना कब हुई थी? क्या विभाग का स्वयं का भवन पूर्ण न होने के कारण न्यूरो से संबंधी गंभीर मरीजों का ऑपरेशन का क्रम दो माह में आता है जिससे अनेक रोगियों की असमय मृत्यु हो जाती है? (ख) प्रश्नांश (क) की संस्था में न्यूरो सर्जरी विभाग का भवन निर्माण हेतु शासन द्वारा कितना आवंटन प्राप्त हुआ, कितना व्यय हुआ एवं भवन निर्माण की पूर्ण अवधि तिथि क्या थी वर्तमान में भवन निर्माण की क्या स्थिति है? (ग) क्या उक्त न्यूरो सर्जरी विभाग में बिस्तरों की संख्या 16 है एवं न्यूरो से पीड़ित मरीजों के आधार पर बिस्तरों की संख्या 60% होना आवश्यक है? (घ) अब कब तक प्रश्नांश (क) की संस्था में न्यूरो सर्जरी विभाग का भवन निर्माण पूर्ण कर लिया जावेगा?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( एडवोकेट शरद जैन ) : (क) चिकित्सा महाविद्यालय में न्यूरो सर्जरी विभाग की स्थापना दिनांक 07 जनवरी, 2012 को हुई है। जी नहीं। (ख) न्यूरो सर्जरी विभाग के भवन निर्माण के लिए वर्ष 2012 में शासन द्वारा रूपये 3 करोड़ 12 लाख आवंटित किया गया था। उक्त आवंटित राशि से अभी तक लगभग 50 प्रतिशत निर्माण पूर्ण हुआ है तथा निर्माण प्रक्रिया सतत् जारी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते। (ग) जी हाँ। मरीजों की औसत संख्या 70-80 प्रतिदिन है। (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेष 50 प्रतिशत निर्माण शीघ्र पूर्ण किया जाना लक्षित है।
हाई स्कूल निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
9. ( क्र. 631 ) श्री गिरीश गौतम : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के रायपुर कर्चुलियान विकास खण्ड अंतर्गत शासकीय हाई स्कूल तिवरिगवां का नया भवन कब बनकर तैयार हुआ? भवन निर्माण की एजेंसी का नाम बतावें। (ख) क्या हाई स्कूल का संचालन नये भवन में हो रहा है? यदि नहीं, तो क्यों इस के लिए कौन जिम्मेवार है उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी तथा स्कूल का संचालन नये भवन में कब तक कर दिया जायेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) रीवा जिले के रायपुर कर्चुलियान विकासखंड अंतर्गत शासकीय हार्इस्कूल तिवरिगवां के भवन निर्माण एजेंसी संभागीय परियोजना यंत्री, लोक निर्माण विभाग (पी.आई.यू) द्वारा दिनांक 02.07.2016 को कार्य पूर्ण किया गया। (ख) जी हाँ, शासकीय हाईस्कूल तिवरिगवां (कक्षा 9,10) का संचालन नवीन भवन में दिनांक 25.07.2016 से किया जा रहा है। अत: शेषांश का प्रश्न ही नहीं उठता।
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मझगवां का उन्नयन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
10. ( क्र. 671 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिहोरा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मझगवां को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन करने हेतु प्रश्नकर्ता के द्वारा दिनांक 01/01/2016 से प्रश्नांश दिनांक तक कब-कब ज्ञापन दिये गये? ज्ञापन की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) मांग के अनुरूप अभी तक मझगवां प्रा. केन्द्र को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन क्यों नहीं किया गया, जबकि मझगवां ग्रामीण अंचल का केन्द्र बिन्दु है और 30 बिस्तर का एक भी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र नहीं है? कब तक उन्नयन करते हुये सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के नाम से चिकित्सकों एवं अन्य स्टाप की पदस्थापना दी जावेगी।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 07.12.2016 को पत्र/ज्ञापन दिया गया। पत्र की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्तमान में 10 बिस्तरीय बीमॉक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, मझगवां का पूरा उपयोग नहीं होने से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन किया जाना संभव नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
11. ( क्र. 797 ) श्री के.पी. सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में विगत तीन वर्षों में किस-किस विधानसभा क्षेत्र में कितने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोले गये हैं? विधानसभा क्षेत्रवार, ग्राम के नाम सहित जानकारी दें। (ख) क्या इन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को स्वीकृत करने में पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाया गया है? जहां अत्याधिक जरूरत थी, ऐसे क्षेत्रों की उपेक्षा की गई हैं? यदि हाँ, तो इसके कारण क्या हैं?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) प्रदेश में विगत तीन वर्षों में 16 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोले गये है, इसकी विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आसंजित (अटैच) कर्मचारियों की मूल संस्था में पदस्थी
[स्कूल शिक्षा]
12. ( क्र. 807 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले अंतर्गत शिक्षा विभाग के ऐसे कितने कर्मचारी हैं जो अपने मूल कार्यालय/संस्था में पदस्थ न होकर अन्य कार्यालय एवं संस्था में पदस्थ है? पदस्थापना संस्था एवं वर्तमान में कार्यरत संस्था व कर्मचारी का नाम बतावें? (ख) शासन/विभाग के आदेश हैं कि शिक्षा विभाग में कार्यरत कर्मचारी अपनी सेवाएं मूल संस्था में ही देंगे, फिर अन्य संस्थाओं/कार्यालयों में उक्त कर्मचारी अपनी सेवाएं किस अधिकारी के आदेशानुसार दे रहे हैं एवं क्यों कारण बतावें? (ग) देवास जिले अंतर्गत शिक्षा विभाग के जो कर्मचारी मूल संस्था के अलावा अन्य संस्था में कार्यरत है तो किस दिनांक व वर्ष से कार्यरत हैं? (घ) देवास जिले के किसी भी अधिकारी द्वारा अटेचमेंट (असंजन) संबंधी आदेश क्या निश्चित अवधि के लिए दिया गया था? अगर हाँ, तो क्या अवधि समाप्त होने के पश्चात् आसंजित कर्मचारी को पुन: मूल संस्था में कार्य करने हेतु आदेशित किया गया? अगर हाँ तो ओदश की छायाप्रति बतावें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रकरणों की जांच कराई जा रही है।
शबरी कुंभ के लिए उपलब्ध राशि
[आदिम जाति कल्याण]
13. ( क्र. 858 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 24 फरवरी 2016 को जिला मुख्यालय अनूपपुर में शबरी कुंभ आयोजन हेतु कुल कितनी राशि उपलब्ध करायी गयी थी? उपलब्ध राशि में से कुल कितनी राशि किस प्रायोजन हेतु भुगतान की गयी है प्राप्तकर्ता एजेन्सी का नाम, राशि, भुगतान दिनांक का उल्लेख करें? (ख) क्या कुछ लोगों एवं एजेंसी की देनदारी शेष है? यदि हाँ, तो किस एजेन्सी की कितनी राशि शेष है? शेष होने का कारण क्या है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित राशि उपलब्ध कराते हुए विभाग ने भार-साधक अधिकारी को किन शर्तों के आधार पर राशि उपलब्ध करायी थी? आदेश का पालन न होने पर उक्त अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, की गई तो कारण बतावें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) 24, फरवरी 2016 को जिला मुख्यालय अनूपपुर में शबरी कुंभ आयोजन हेतु क्रमश: 30.00 लाख एवं 20.00 लाख कुल 50.00 लाख राशि उपलब्ध करायी गई थी। उपलब्ध राशि में से कुल राशि रू. 27.66 लाख व्यय की गई है। कार्य का प्रयोजन एवं प्रयोजन अनुसार भुगतान की गई राशि एवं प्राप्तकर्ता एजेन्सी का नाम भुगतान दिनांक का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। एजेन्सीवार लंबित देयक के भु्गतान का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित राशि उपलब्ध कराते हुये विभाग ने भार-साधक अधिकारी को म.प्र. कोष संहिता का भाग-1 के उपनियम 284 का पालन किये जाने तथा समय-समय पर जारी मितव्ययता संबंधी शासन आदेशों का पालन किये जाने के निर्देश दिये गये थे। शासन आदेशानुसार सक्षम अधिकारी द्वारा प्रमाणित देयकों का भुगतान कलेक्टर के अनुमोदन पश्चात् संबंधित कार्य एजेन्सी को किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पिपलरांवा के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का उन्नयन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
14. ( क्र. 896 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा प्रदेश वासियों के बेहतर स्वास्थ्य एवं सुखमय जीवन के लिए प्राथमिक, सामुदायिक व जिला स्तर पर किन-किन जन कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से क्या-क्या सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है? (ख) क्या सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र के नगर पिपलरांवा जो कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित होकर आस-पास के लगभग 20-25 ग्रामों के नागरिक यहां से जुड़े हुए हैं इनके उचित ईलाज हेतु नगर के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नत किये जाने की योजना है या नहीं? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ग) क्या विभाग द्वारा क्षेत्र के सैकड़ों हजारों रहवासियों के बेहतर ईलाज वा शीघ्र स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की दृष्टि से नगर को सामुदायिक केन्द्र की सौगात दी जावेगी या नहीं?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। जनसंख्या के निर्धारित मापदंड अनुसार उन्नयन की पात्रता नहीं होने से। (ग) जी नहीं।
टोंककला के अधूरे स्कूल भवन का निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
15. ( क्र. 897 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत में हायर सेकेण्ड्री स्कूल के छात्र-छात्राओं के उज्जवल भविष्य के लिए स्कूल भवन स्वीकृत किया गया था? हाँ या नहीं? यदि हाँ, तो जानकारी देवें? (ख) क्या ग्राम टोककलॉ में स्कूल भवन स्वीकृत होकर निर्माण कार्य प्रांरभ हुआ था, जिसका कार्य अधूरा ही छोड़ दिया गया जिसके कारण छात्र-छात्राओं को पढ़ाई करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है? (ग) क्या शासन छात्र-छात्राओं के भविष्य को ध्यान में रखते हुए उक्त अधूरे स्कूल भवन को पूरा करने हेतु राशि स्वीकृत करेगा या नहीं, यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। सोनकच्छ विधान सभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत टोप कलॉ में हायर सेकेण्डरी स्कूल का भवन 15.01.2007 को स्वीकृत किया गया था। (ख) जी हाँ। निर्माण कार्य अपूर्ण है। शासकीय उ.मा.वि. टोककलॉ जिला देवास का संचालन माध्यमिक विद्यालय के भवन पर किया जा रहा है। (ग) सक्षम समिति के अनुमोदन पश्चात कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बस्ती विकास योजनांतर्गत राशि का दुरूपयोग
[अनुसूचित जाति कल्याण]
16. ( क्र. 1251 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय कलेक्टर जिला भिण्ड के द्वारा अनुसूचित जाति बस्ती विकास के अंतर्गत निर्माण कार्यों के लिए क्या मापदण्ड निर्धारित किए गए हैं? छायाप्रति सहित जानकारी दें। (ख) जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण विभाग भिण्ड ने अक्टूबर से दिसम्बर 2016 त्रैमासिक के अंतर्गत कौन से प्रकरण में कितनी राशि का तकनीकी प्रतिवेदन बनाया गया कितनी राशि स्वीकृत की गई? राशि स्वीकृत करने का क्या आधार हैं? किस जनप्रतिनिधि की अनुशंसा पर स्वीकृत हुआ? (ग) प्रश्नांश (ख) के अंतर्गत स्वीकृत प्रकरण की ग्राम पंचायत में अनुसूचित जाति की कितनी जनसंख्या निवासरत है? क्या कम जनसंख्या वाली ग्राम पंचायतों में निर्माण करवाया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों? (घ) क्या प्रश्नांश (ख) में भिण्ड विधानसभा के अंतर्गत एक भी प्रकरण स्वीकृत नहीं किया गया? इसके क्या कारण हैं? इसके लिए कौन दोषी हैं? क्या कार्यवाही की जायेगी?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ’ अनुसार है। (ख) जिला संयोजक द्वारा तकनीकी प्रतिवेदन नहीं बनाया गया है। स्वीकृत राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब’ अनुसार है। राशि स्वीकृत करने का आधार अनुसूचित जाति बस्ती विकास नियम, 2014 है जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स’ अनुसार है। नियम में जनप्रतिनिधियों की अनुशंसा का प्रावधान नहीं है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द’ अनुसार है। जी नहीं। (घ) जी नहीं। भिण्ड विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कुल 03 निर्माण स्वीकृत किये गये हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जनजाति बस्ती विकास के अतंर्गत कार्यों की स्वीकृति
[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जाति कल्याण]
17. ( क्र. 1318 ) श्री राजकुमार मेव : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जनजाति बस्ती विकास योजनान्तर्गत (बंजारा समाज) प्रश्नकर्ता द्वारा वर्ष 2015-16 से वर्तमान तक तहसील महेश्वर के लिए कितने कार्यों की स्वीकृति हेतु प्रस्ताव दिये गये? कार्यवार जानकारी उपलब्ध कराई जावे? (ख) क्या प्रश्नकर्ता के प्रस्तावों पर सहायक आयुक्त आदिवासी विकास खरगोन द्वारा नियमानुसार दस्तावेजों की पूर्णता कर शासन को भेजे गये है? यदि हाँ, तो किस दिनांक को? शासन स्तर पर दस्तावेजों में कोई कमी पाई गई तो किस पत्र क्रमांक से पुन: सहायक आयुक्त खरगोन को लिखा गया है? उसकी छायाप्रति उपलब्ध कराई जावे? (ग) क्या विभाग विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जाति विकास भोपाल द्वारा दस्तावेजों में पूर्णता होने के उपरांत भी प्रश्नकर्ता के परि.अता.प्रश्न संख्या 37 (क्र. 598) दिनांक 09.12.2016 के उत्तर में जवाब प्रस्तुत किया कि दस्तावेजों की पूर्णता हेतु सहायक आयुक्त को पत्र लिखा गया है? यदि हाँ, तो छायाप्रति उपलब्ध कराई जावे? (घ) प्रश्नकर्ता विधानसभा क्षेत्र महेश्वर की जनपद पंचायत महेश्वर के प्रस्तावित कार्यों में आवश्यक पूर्णताएं कब तक शासन स्तर से करा ली जावेगी एवं उनमें स्वीकृति की कार्यवाही कब तक कर ली जावेगी? ताकि बस्तियों का विकास किया जा सके?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्रश्नकर्ता के प्रश्नांश (क) के उत्तर में उल्लेखित 03 प्रस्तावों की तकनीकी स्वीकृति हेतु सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास, खरगोन के पत्र क्रमांक-372/आदिम/निर्माण/16 खरगोन दिनांक 12.01.2016 पत्र क्रमांक 7119/आदिम/निर्माण/16 दिनांक 16.08.2016 एवं पत्र क्र./884/आदिम/निर्माण/17 खरगोन, दिनांक 25.01.2017 द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत महेश्वर को लिखा गया है। (ग) जानकारी संकलित की जा रही है। (घ) वित्तीय वर्ष 2016-17 में खरगोन जिले को विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ बस्ती विकास योजना में रूपये 49.00 लाख का आवंटन अन्य कार्यों हेतु जारी किया गया है। बजट प्रावधान की उपलब्धता अनुसार कार्यवाही की जाती है। कार्यों की स्वीकृति हेतु निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
18. ( क्र. 1319 ) श्री राजकुमार मेव : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण वर्ग के लिए कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही हैं? योजना की नियमावली उपलब्ध कराई जावे। (ख) पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक वर्ग के कल्याण हेतु वर्ष 2016-17 में कितना बजट प्रावधान किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) के संबंध में खरगोन जिले में विकासखण्ड वार पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक वर्ग के कल्याण हेतु वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में कौन-कौन सी योजनाएं कितनी-कितनी राशि की स्वीकृत की गई एवं वर्तमान में उनकी क्या स्थिति है? (घ) महेश्वर विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण के लिए कौन-कौन सी योजनाएं एवं कितनी-कितनी राशि की स्वीकृत की गई तथा वर्ष 2017-18 के बजट प्रावधान में कौन-कौन सी योजनाएं प्रस्तावित की गई?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) एवं (घ) विकासखण्डवार राशि स्वीकृत करने का प्रावधान नहीं है। खरगोन जिले को स्वीकृत राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है।
विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ बस्तियों का विकास
[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जाति कल्याण]
19. ( क्र. 1325 ) श्री अरूण भीमावद : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) म.प्र. शासन की विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्क्ड़ बस्तियों के विकास हेतु कोई कार्ययोजना प्रभावशील है? कार्ययोजना में पर्याप्त बजट उपलब्ध है? (ख) क्या शाजापुर विधानसभा क्षेत्र में विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ बस्तियों के विकास हेतु राज्य शासन को प्रस्तावित कार्ययोजना प्रस्तुत की गई है? (ग) यदि हाँ, की गई है तो शाजापुर विधानसभा क्षेत्र में निवासरत विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ की बस्तियों में विकास कार्य एवं मूलभूत सुविधाएं कब तक उपलब्ध होगी? (घ) उक्त बस्तियों में विकास कार्य हेतु शासन गंभीर है? यदि है तो प्रश्नांश (ग) कार्यों हेतु समयावधि बतलावें?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) जी हाँ। म.प्र. शासन विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जनजाति कल्याण विभाग, द्वारा विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ बस्ती विकास योजना नियम 2013 प्रभावशाली है। वित्तीय वर्ष 2016-17 में योजना में बजट शेष नहीं है। (ख) जी हाँ। (ग) आगामी वित्तीय वर्ष 2017-18 में स्वीकृत बजट प्रावधान अनुसार जिलेवार वित्तीय लक्ष्य निर्धारित कर जिले को अनुपातिक राशि उपलब्ध करायी जायेगी। (घ) जी हाँ। जिले को प्रश्नांश (ग) भाग में वर्णित अनुसार राशि उपलब्ध कराई जायेगी। इस हेतु समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
तत्कालीन ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर लहार जिला भिण्ड द्वारा की गई अनियमितता की जाँच
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
20. ( क्र. 1350 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तत्कालीन ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर लहार द्वारा की गई आर्थिक अनियमितताओं के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 27.08.2016 को कलेक्टर भिण्ड को पत्र लिखकर जाँच कराने हेतु अनुरोध किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो क्या उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में जनपद पंचायत अध्यक्ष लहार के जाँच प्रतिवेदन दिनांक 27/09/2016 को प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 2016-17/268, दिनांक 27 अगस्त 2016 के साथ संलग्न कर कलेक्टर भिण्ड से जाँच प्रतिवेदन में वर्णित बिन्दुओं की जाँच कराकर समुचित कार्यवाही करने हेतु लेख किया जाकर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को भी सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित किया गया था? (ग) यदि हाँ, तो कलेक्टर भिण्ड ने शासन के निर्देश एवं आदेशानुसार प्रश्नकर्ता को पत्र प्राप्ति की सूचना एवं की गई कार्यवाही से कब अवगत कराया? दिनांक सहित बतावें? (घ) प्रश्नकर्ता के पत्रों की जाँच कब और किस अधिकारी द्वारा कराई गई जाँच प्रतिवेदन दें? (ड.) म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग के आदेशानुसार विधायक के पत्रों की प्राप्ति की सूचना एवं की गई कार्यवाही से अवगत न कराने वाले दोषी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं, जनपद पंचायत अध्यक्ष, लहार के जाँच प्रतिवेदन दिनांक 27.09.2016 की प्रति माननीय विधायक महोदय ने उनके पत्र क्रमांक.2016-2017/268 दिनांक 27 अगस्त 2016 के साथ नहीं बल्कि पत्र क्रमांक.2016-2017/268/दिनांक 01.10.2016 के साथ कलेक्टर, भिण्ड़ की ओर संलग्न प्रेषित की गई। जनपद पंचायत अध्यक्ष द्वारा कलेक्टर, भिण्ड़ को संबोधित पत्र दिनांक 27.09.2016 की प्रति जिसमें जिला मेडि़कल आफिसर जिला भिण्ड़ को सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित की गई है। पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ग) कलेक्टर, भिण्ड ने उनके पत्र दिनांक 31.08.2016 एवं पत्र दिनांक 20.10.2016 के माध्यम से निज सचिव, माननीय विधायक महोदय को सूचनार्थ पत्र प्रेषित करते हुये अवगत करवाया गया। (घ) जाँच दल संबंधी आदेश एवं जाँच प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ड.) जी नहीं, प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
झौंतेश्वर स्थित 100 बिस्तर अस्पताल को प्रारंभ किया जाना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
21. ( क्र. 1564 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत ग्राम झौंतेश्वर में 100 बिस्तर का अस्पताल भवन निर्मित किया गया है? यदि हाँ, तो इसका निर्माण कब किया गया? इसकी लागत क्या थी एवं किस ठेकेदार द्वारा उक्त भवन निर्माण किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त भवन का निर्माण किन उद्देश्यों को लेकर किया गया था? क्या जिस उद्देश्य को लेकर भवन निर्माण किया गया था वे पूर्ण हुए? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में यदि नहीं, तो क्या उक्त भवन के प्रारंभ किये जाने की शासन की कोई मंशा है? यदि हाँ, तो उसे कब तक प्रारंभ कर दिया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। 16.10.2001 को निर्माण कार्य पूर्ण किया गया। राशि रुपये 353.69 लाख। ठेकेदार जे.व्ही.बिल्डर्स 16, जबलपुर क्लव कॉम्पलेक्स, नौदरा ब्रिज मढाताल, जबलपुर द्वारा निर्माण किया गया। (ख) आम जनता को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से निर्माण किया गया। जी नहीं, चिकित्सक एवं अन्य पैरामेडिकल स्टाफ की स्वीकृति प्राप्त नहीं होने के कारण अस्पताल का संचालन नहीं हो पाया है। (ग) जी हाँ। चिकित्सक एवं अन्य पैरामेडिकल स्टाफ, मशीनरी एवं अन्य उपकरण के प्रस्ताव प्राप्त होने पर स्वीकृति उपरांत उक्त भवन में संस्था संचालन प्रारंभ करने की कार्यवाही की जाना संभव होगा।
माझी प्रमाणपत्र धारकों संबंधी दिये गये अभिमत पर संशोधन
[आदिम जाति कल्याण]
22. ( क्र. 1591 ) श्री मोती कश्यप : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के मा. मुख्यंमंत्री को प्रस्तुत पत्र दिनांक 20-1-2017 के साथ संलग्न किसी समिति के निमित्त दिये गये विभागीय अभिमत में ढीमर, केवट आदि किन्हीं जातियों को माझी, मझवार जनजाति के भाग होने एवं उन्हें अनुसूचित जनजाति की अनुसूची में माझी, मझवार जनजातियों के साथ सम्मिलित किये जाने तथा पिछड़ावर्ग की सूची से विलोपित किये जाने में विधिक बाधा नहीं होने का लेख किया है? (ख) क्या प्रश्नांश-क पत्र के साथ संलग्न नस्ती में किसी महाधिवक्ता के किसी अभिमत पर जारी किसी विभागीय परिपत्र के बाद पुन: महाधिवक्ता के किसी अभिमत पर मा. मुख्यमंत्री ने अपनी कोई सहमति एवं अनुमोदन दिया है? (ग) क्या विभाग ने हल्बा, हल्बी, कोष्टा, कोष्टी व कीर, मीना, पारधी एवं माझी प्रमाणपत्रधारकों, जिनके शासकीय सेवाओं में नियोजन अंतिम हो चुके, उनकी सेवायें प्रभावित नहीं होंगी से संबंधित कोई प्रकारान्तर के अभिमत दिये हैं? (घ) प्रश्नांश-क, ख के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश-ग का विभागीय अभिमत विरोधाभाषी और महाधिवक्ताओं के अभिमत, शासन के परिपत्र एवं मा. मुख्यमंत्री की सहमति के विरूद्ध नहीं है? (ड.) क्या विभाग प्रश्नांश-क, ख, ग के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश-ग अभिमत में संशोधन कर सहमति प्रदान करेगा।
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्र दिनांक 20/01/2017 विभाग में अप्राप्त। (ख) उपरोक्त के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश (ख) की जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। (घ) जी नहीं। (ड.) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जामा मस्जिद प्रबंध कमेटी के सदर पद पर नियुक्त
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
23. ( क्र. 1601 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बालाघाट जिले की वारासिवनी तहसील की जामा मस्जिद के सदर पद पर बशीर पिता इसहाक खान वार्ड नं.१० वारासिवनी एवं प्रश्नकर्ता द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी वक्फ बोर्ड भोपाल को कब-कब पत्र प्रेषित किये गये? (ख) उक्त पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? उक्त पत्र पर कार्यवाही नहीं करने वाले अधिकारी के खिलाफ विभाग क्या कार्यवाही करेगा और कब तक? (ग) जामा मस्जिद वारासिवनी के कमेटी का पंजीयन कब तक करा लिया जावेगा?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) प्रश्नकर्ता के दिनांक 10.04.2015, 28.04.2015, 19.05.2015 के पत्र के साथ श्री बशीर खान का आवेदन दिनांक 08.04.2015 मुख्य कार्यपालन अधिकारी, म.प्र. वक्फ बोर्ड, भोपाल को प्राप्त हुआ। (ख) दिनांक 01.09.2016 को वक्फ बोर्ड की बैठक में कमेटी गठन का प्रकरण प्रस्तुत किया गया परन्तु वक्फ पर राशि रूपये 72069/- चंदा निगरानी बकाया होने तथा जमा न करने के कारण कमेटी का गठन नहीं किया जा सका। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
एन.एच.आर.एम. अंतर्गत प्राप्त राशि
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
24. ( क्र. 1603 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष २०१४-१५ से प्रश्न दिनांक तक बालाघाट जिले को एन.एच.आर.एम. के अंतर्गत कितनी राशि प्राप्त हुई है तथा कितनी व्यय की गई है? व्यय राशि का मदवार एवं गतिविधिवार ब्यौरा देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में व्यय की गई राशि के संबंध में क्या भण्डार क्रय नियमों का पालन वित्तीय सीमा में किया गया है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में दर्शाई गई व्यय राशि के संबंध में जनप्रतिनिधियों की बैठक आयोजित कर अनुमोदन लिया गया है? यदि हाँ, तो तत्संबंधी ब्यौरा देवें? (घ) व्यय राशि के संबंध में क्या सक्षम अधिकारी द्वारा सत्यापन किया गया है? यदि हाँ, तो विवरण उपलब्ध कराया जावे?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
शासकीय शालाओं का प्रबंधन एवं शिक्षा व्यवस्था में सुधार
[स्कूल शिक्षा]
25. ( क्र. 1611 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आर.टी.ई. एक्ट लागू होने से पूर्व उज्जैन संभाग में कुल कितने शासकीय माध्यमिक विद्यालय एवं शासकीय प्राथमिक विद्यालय संचालित थे एवं इनमें कितने बच्चे अध्ययनरत थे? (ख) आर.टी.ई. एक्ट लागू होने के पश्चात् कितने नवीन शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक विद्यालय खोले गये हैं एवं कितने नवीन अशासकीय प्राथमिक/माध्यमिक विद्यालयों को मान्यता प्रदान की गई हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित नवीन विद्यालयों में वर्तमान स्थिति में कितने बच्चे अध्ययनरत हैं? जिलेवार शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयो की पृथक-पृथक जानकारी देवें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) उज्जैन संभाग में आर.टी.आई. एक्ट लागू होने से पूर्व कुल 8384 शासकीय प्राथमिक एवं कुल 3435 माध्यमिक विद्यालय संचालित थे एवं इनमें अध्ययनरत् बच्चों की संख्या 885451 थी। (ख) उज्जैन संभाग में आर.टी.ई. एक्ट लागू होने के पश्चात् 64 नवीन शासकीय प्राथमिक विद्यालय एवं 147 नवीन शासकीय माध्यमिक विद्यालय खोले गये है। उज्जैन संभाग में 977 अशासकीय प्राथमिक विद्यालय एवं 2980 अशासकीय माध्यमिक विद्यालय को मान्यता प्रदान की गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) में उललेखित नवीन शासकीय विद्यालयों में वर्तमान में अध्ययनरत् बच्चों की संख्या 9410 हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। अशासकीय स्कूलों में अध्ययनरत बच्चों की संख्या 657001 हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र- 'अ' अनुसार है।
दीनदयाल उपचार योजना कार्ड का वितरण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
26. ( क्र. 1633 ) श्री अंचल सोनकर : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला चिकित्सालय जबलपुर द्वारा वर्ष 2013-14 से वर्ष 2015-16 तक कितने गरीबी रेखा कार्डधारकों को दीनदयाल उपचार योजना का कार्ड तैयार कर प्रदाय किया गया है? विधान सभा क्षेत्रवार सूची देवें। (ख) क्या बी.पी.एल. कार्ड धारकों को दीनदयाल उपचार योजना का कार्ड विभाग में उपलब्ध न होने के कारण प्रदाय नहीं किया जा रहा है? प्रश्नकर्ता द्वारा कार्ड मंगाये जाने पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा शासन से कार्ड प्राप्त न होने का कारण बताया जा रहा है। यदि हाँ, तो क्या शासन ने दीनदयाल उपचार योजना के कार्डों की छपाई करवाना बंद कर दिया गया अथवा जबलपुर जिले को कार्ड उपलब्ध नहीं कराये जाने का निर्णय लिया गया? (ग) प्रश्नकर्ता को विधान सभा क्षेत्र जबलपुर पूर्व के अंतर्गत अनेकों गरीबी रेखा कार्डधारियों को दीनदयाल उपचार योजना का कार्ड उपलब्ध न होने के कारण शासन द्वारा प्रदाय नि:शुल्क उपचार योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है एवं गरीब परिवार कर्ज से पैसा लेकर अपना इलाज मंहगे निजी अस्पतालों में करवाने को मजबूर है। क्या शासन गरीबों को हित में उचित निर्णय लेकर जबलपुर जिले को दीनदयाल उपचार योजना के कार्ड उपलब्ध कराकर उन्हें चिकित्सा लाभ पहुंचायेगी तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जिला चिकित्सालय जबलपुर में वर्ष 2013-14 में 1930 वर्ष 2014-15 में 827 वर्ष 2015-16 में 629 गरीबी रेखा के कार्ड धारकों को दीनदयाल अन्त्योदय उपचार योजना का कार्ड तैयार कर प्रदाय किया गया। विधानसभा क्षेत्रावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शासकीय अस्पतालों में निशुल्क औषधी, निशुल्क जाँच, निशुल्क भोजन व निशुल्क उपचार की सुविधा सभी को उपलब्ध कराये जाने के कारण इस कार्ड की आवश्यकता नहीं है। जी हाँ। जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आदिवासी बालक/बालिका छात्रावास निर्माण
[आदिम जाति कल्याण]
27. ( क्र. 1634 ) श्री अंचल सोनकर : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता को विधान सभा क्षेत्र जबलपुर पूर्व के अंतर्गत आदिवासी बालक एवं बालिका छात्रावास निर्माण की स्वीकृति शासन द्वारा प्रदान की गई थी? यदि हाँ, तो कब कितनी-कितनी राशि की? (ख) प्रश्नांश (क) में निर्मित होने वाले छात्रवास हेतु क्या संबंधित विभाग द्वारा शासकीय भूमि का चयन कर लिया गया? यदि हाँ, तो किस स्थान पर कितनी भूमि? क्या छात्रवास निर्माण पूर्व विभाग द्वारा भूमि से संबंधित समस्त कार्यवाही पूर्ण कर निविदा का आमंत्रण कर लिया है? यदि हाँ, तो कब? दिनांक से अवगत करावें। (ग) क्या संबंधित विभाग द्वारा बिना शासकीय भूमि के चयन किये एवं संबंधित विभाग को हस्तांतरित किये बगैर ही निविदा आमंत्रण कर दी गई एवं निविदा प्राप्त करने वाली फर्म को निर्माण कार्य हेतु कार्य आदेश प्रदाय कर दिया गया? (घ) यदि हाँ, तो क्या संपूर्ण कार्यवाही नियमानुसार हुई अथवा विभागीय अधिकारियों द्वारा मात्र कागजी कार्यवाही कर गरीब आदिवासी बच्चों को प्राप्त होने वाली सुविधा से खिलवाड़ कर योजना को ठंडे बस्ते में डलवा दिया गया है? ऐसे महत्वपूर्ण योजनाओं में लापरवाही बरतने वाले अधिकारी पर शासन क्या कार्यवाही करेगा एवं उक्त निर्माण कार्य हेतु कब तक कार्यवाही शुरू की जावेगी?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश शासन, आदिमजाति कल्याण विभाग मंत्रालय भोपाल के पत्र क्रमांक एफ-3-7/2014/25-2 दिनांक 23.6.2014 के द्वारा पोस्ट मैट्रिक बालक छात्रावास, रामनगर अधारताल हेतु राशि रूपये 104.00 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। (ख) निर्मित होने वाले छात्रावास हेतु संबंधित विभाग कार्यालय कलेक्टर आदिवासी विकास जबलपुर के पृ. क्रमांक 571/आवि/निर्माण/भूमि आवंटन/15 जबलपुर दिनांक 03.06.2015 द्वारा ग्राम बेतला प.ह.नं.1 हल्का अधारताल रा.नि.म.जबलपुर 1 तहसील जबलपुर जिला जबलपुर खसरा नं. 11/3=89.820, 191/4=2.023=91.843 भूमि प्रदान की गई। भूमि से संबंधित समस्त कार्यवाहियाँ पूर्ण कर दिनांक 19.05.2015 को निविदा आमंत्रित की गई। चूंकि उक्त भूमि पहाड़ी पर एवं सामग्री परिवहन में असुविधा होने के कारण छात्रावास निर्माण कार्य हेतु कार्यालय कलेक्टर आदिवासी विकास जबलपुर के पत्र क्रमांक 4339/आवि/निर्माण/भूमि आवंटन/15 जबलपुर दिनांक 15.03.2016 द्वारा ग्राम नयागांव में न्यायालय कलेक्टर जिला जबलपुर के आदेश क्रमांक 1908/आर.डी.एम/09/प्र.क/07/अ/19/2008-09 दिनांक 02.03.2009 द्वारा ग्राम नयागांव नं.ब.729/प.ह.नं 28/32 खसरा नं. 33/1 रकबा/6.588 हे. में से 1.200 हेक्टेयर अर्थात 3 एकड़ रिक्त भूमि में से छात्रावास निर्माण हेतु भूमि प्रदान की गई। (ग) जी नहीं। निविदा आमंत्रण भूमि के हस्तांतरण पश्चात् की गई एवं फर्म को निर्माण कार्य हेतु कार्यादेश प्रदाय किया गया। (घ) निविदा आमंत्रण भूमि हस्तांतरण के पश्चात् की गई एवं फर्म को निर्माण कार्य हेतु कार्यादेश प्रदाय किया गया। अतः किसी भी अधिकारी पर कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता। निर्माण कार्य प्रगति पर है।
सतना जिले में गणित, अंग्रेजी विषयों में गिरता शिक्षा का स्तर
[स्कूल शिक्षा]
28. ( क्र. 1676 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले में प्राथमिक, माध्यमिक शालाओं में गणित, अंगेजी विषय की दक्षता का आंकलन करने पर कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों में से 59 प्रतिशत बच्चे जोड़ना नहीं जानते, 79 प्रतिशत बच्चे घटाना नहीं जानते, 75 प्रतिशत बच्चे गुणा नहीं जानते, 80 प्रतिशत बच्चे भाग देना नहीं जानते, 83 प्रतिशत बच्चों को अंग्रेजी का प्राथमिक ज्ञान नहीं है, 81 प्रतिशत बच्चे शब्द नहीं पढ़ सकते, 89 प्रतिशत बच्चे वाक्य नहीं पढ़ सकते, ऐसी स्थिति पायी गयी है? (ख) क्या सतना में आर.टी.ई. के तहत माध्यमिक शालाओं के लिए प्राप्त पदों में आर.टी.ई. की धारा 19-क का उल्लंघन करते हुय गणित के पद जीव विज्ञान एवं अंग्रेजी का पद हिन्दी से भर देने एवं माध्यमिक शाला के स्थान पर पदोन्नति उपरांत अध्यापक/शिक्षक की पदस्थापना हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों में कर देने के कारण यह स्थिति निर्मित हुई है? (ग) यदि प्रश्नांश (क) एवं (ख) सही है तो पदोन्नत शिक्षक/अध्यापक की माध्यमिक शाला में पदस्थापना करते हुए दोषियों को नियम विरूद्ध पदस्थापना का दोषी मानते हुए कब तक निलंबित कर विभागीय जाँच करायी जायेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) सतना जिले में जाँच मूल्यांकन (माह अगस्त 2016) के परिणाम के आधार पर कक्षा-1 से 8 तक के बच्चों का प्राप्त दक्षता रिपोर्ट कार्ड अनुसार-41 प्रतिशत बच्चे जोड़ना, 31 प्रतिशत बच्चे घटाना, 25 प्रतिशत बच्चे गुणा, 20 प्रतिशत बच्चे भाग, 17 प्रतिशत बच्चे अंग्रेजी का प्राथमिक ज्ञान, 19 प्रतिशत बच्चे अंग्रेजी का शब्द ज्ञान, 11 प्रतिशत बच्चे अंग्रेजी के सरल वाक्य पढ़ने में दक्ष हैं। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्नांश ''ख' के प्रकाश में शेषांश का प्रश्न उपस्थित ही नहीं होता है।
ए.एच.एम. के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों पर कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
29. ( क्र. 1729 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोक नगर जिले के मदऊखेड़ी उप स्वास्थ्य केंद्र में महिला ए.एच.एम. क्या पिछले कई वर्षों से नियमित न आकर कभी-कभी आती है? विगत 3 वर्षों में इनकी कितनी शिकायतें शासन को एवं अशोक नगर जिले के अधिकारियों को कब-कब किस व्यक्ति ने की तथा प्रश्नकर्ता द्वारा की गई शिकायतों पर क्या कार्यवाही हुई? (ख) जिलाधीश अशोकनगर द्वारा पंचनामें व सभी शिकायतें जिला स्वास्थ्य अधिकारी को देने के बाद भी वे इस प्रकरण में गलत संरक्षण क्यों कर रहे है? (ग) उक्त ए.एच.एम. के विरूद्ध शिकायतों पर आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या? नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। श्री नरेन्द्र सिंह भदौरिया, ग्राम मदऊखेड़ी तहसील मुंगावली जिला अशोकनगर द्वारा जन सुनवाई कार्यक्रम में दिनांक 18.08.2015, 15.09.2015 एवं 22.09.2015 को तथा प्रश्नकर्ता माननीय विधायक महोदय द्वारा दिनांक 21.12.2016 को कलेक्टर, अशोकनगर एवं दिनांक 26.07.2016 को प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य को श्रीमती ममता यादव, ए.एन.एम., मदऊखेड़ी के विरूद्ध शिकायत की गई। प्रश्नकर्ता द्वारा की गई शिकायत पर जाँच उपरांत मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, अशोकनगर के पत्र दिनांक 31.12.2016 द्वारा श्रीमती यादव का वेतन रोक दिया गया, तत्पश्चात आदेश दिनांक 21.02.2017 द्वारा इन्हें उप स्वास्थ्य केन्द्र, मदऊखेड़ी से उप स्वास्थ्य केन्द्र, डुंगासरा विकासखण्ड, ईसागढ़ पदस्थ किया गया। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार।
मुरैना जिला चिकित्सालय के ट्रामा सेंटर का स्थानांतरण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
30. ( क्र. 1769 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर भवन के निर्माण में कितनी राशि व्यय की गई? भवन कब बनकर तैयार हुआ वर्ष 2014 से जनवरी 2017 तक की जानकारी वर्ष सहित दी जावें। (ख) क्या मा. मंत्री महोदय द्वारा सदन में ट्रामा सेन्टर के शुभारंभ/उद्घाटन करने की घोषणा की गई थी? विभाग द्वारा निर्माण पूर्ण होने पर उद्घाटन क्यों नहीं कराया? (ग) क्या उक्त ट्रामा सेन्टर के भवन को अन्य शाखा में स्थानांतरित किया जा चुका है? क्यों? ट्रामा सेंटर को अन्य शाखा में बदलने की कार्यवाही किस अधिकारी के आदेश से की गई? अधिकारी का नाम, बदलने की दिनांक आदेश सहित पूर्ण जानकारी देवें। (घ) वर्तमान में ट्रामा सेन्टर का कार्य कहा किया जा रहा है तथा कौन-कौन चिकित्सक पदस्थ है? क्या इनमें सर्जन व अस्थिरोग विशेषज्ञ हैं? उनके नाम सहित पूर्ण जानकारी दी जावें?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) मुरैना जिला चिकितसालय, में संकलित कार्य जिसमें मेटरनिटी विंग/आकस्मिक चिकितसा इकाई/न्यूनेंटल/माइक्रोबॉयोलॉजी लैबोरेटरी के साथ ही ट्रामा सेंटर का कार्य शामिल था, इस संपूर्ण कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति राशि रूपये 378.759 लाख की जारी हुई थी जिसके विरूद्ध राशि रूपये 378.00 लाख व्यय हुआ (ख) जी हाँ। प्रश्नांश (क) के अनुसार निर्मित भवनों का लोकार्पण माननीय सांसद मुरैना-श्योपुर क्षेत्र द्वारा दिनांक 11/04/2016 को किया गया। (ग) (क) भाग के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) वर्तमान में ट्रामा सेंटर की सेवायें जिला अस्पताल मुरैना में ही दी जा रही है। ट्रामा यूनिट के एवं जिला अस्पताल के विशेषज्ञ चिकित्सकों के द्वारा ट्रामा यूनिट के कार्यों का संपादन किया जा रहा है, जिसमें सर्जन व अस्थि रोग विशेषज्ञ भी हैं। इसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
रिक्त पदों की पूर्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
31. ( क्र. 1782 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत जिला सिंगरौली में चिकित्सकों एवं अन्य स्टॉफ की कमी है? इनकी पद पूर्ति के लिए सरकार क्या प्रयास कर रही है तथा कब तक पद पूर्ति की जावेगी? (ख) चिकित्सकों, ए.एन.एम., वार्ड बॉय एवं स्टॉफ नर्सों के पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ, शत्-प्रतिशत पदपूर्ति नहीं है। विभाग रिक्त पदों की पूर्ति हेतु निरंतर प्रयास कर रहा है, चिकित्सा अधिकारी के 1896 पदों हेतु मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग में साक्षात्कार की कार्यवाही प्रचलन में है तथा पैरामेडिकल संवर्ग के 910 पदों की पूर्ति हेतु प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड को मांग पत्र प्रेषित किया गया है। स्टॉफ नर्स के रिक्त पदों हेतु बी.एस.सी. नर्सिंग एवं जी.एन.एम. नर्सिंग प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरांत शासकीय नर्सिंग कालेज एवं प्रशिक्षण केन्द्र से उत्तीर्ण छात्रों की प्राप्त सूची, जो सामान्यतः प्रतिवर्ष अप्रैल-मई में प्राप्त होती है, अनुसार नर्सों की पदस्थापना की कार्यवाही प्रतिवर्ष की जा रही है। उपरोक्तानुसार प्राप्त सूचीयों में से उपलब्धता अनुसार पदस्थापना संबंधी कार्यवाही की जावेगी, निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार, पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
अनु. जाति वर्ग के हितग्राहियों को लाभ
[आदिम जाति कल्याण]
32. ( क्र. 1801 ) श्री अनिल फिरोजिया : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग में अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के छोटे कृषकों को सिंचाई हेतु विद्युत ट्रांसफार्मर देने संबंधी कोई योजना है? यदि हाँ, तो क्या? (ख) उक्त योजना हेतु वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में उज्जैन जिले में कितनी राशि का आवंटन प्राप्त हुआ वर्षवार एवं विकासखण्डवार ब्यौरा देवें? (ग) उक्त योजना अंतर्गत विगत तीन वर्षों में तराना विकासखण्ड के कितने हितग्राहियों को योजना का लाभ मिला?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) अनुसूचित जनजाति वर्ग के कृषकों को सिंचाई हेतु विद्युत ट्रान्सफार्मर देने संबंधी विभाग की पृथक से कोई योजना नहीं है। विभाग द्वारा ''अनुसूचित जनजाति मजरे टोलों का विद्युतीकरण तथा अनुसूचित जनजाति के कृषकों को सिंचाई सुविधा हेतु विद्युत लाईन का विस्तार योजना नियम 2016'' अन्तर्गत आदिवासी कृषकों के कुओं तक विद्युत लाईन विस्तार तथा आदिवासी मजरे/टोलो में विद्युतीकरण, कार्य किया जाता हैं। (ख) अनुसूचित जनजाति विद्युतीकरण योजना मद अन्तर्गत जिलेवार आवंटन जारी किया जाता है, विकासखंडवार नहीं। उज्जैन जिले को प्रश्नाधीन वर्षों में प्राप्त आवंटन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ग) विगत तीन वर्षों में तराना विकासखण्ड अंतर्गत लाभांवित हितग्राहियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है।
अतिशेष शिक्षकों का पदांकन
[स्कूल शिक्षा]
33. ( क्र. 1867 ) श्री मोती कश्यप : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला शिक्षा अधिकारी कटनी द्वारा सत्र 2015-16 में वि.खं. ढीमरखेड़ा के शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण के तहत अतिशेष पदांकन किया गया है और क्या कितने शिक्षकों-अध्यापकों को किन विद्यालयों में पदस्थ किया गया है? उनमें से किन्होंने पदभार ग्रहण कर लिया है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अधिकारी द्वारा चालू शिक्षा सत्र हेतु किन तिथियों में किसी विधि छात्र-शिक्षक अनुपात में शिक्षकों-अध्यापकों की अतिशेष की कार्यवाही कर कम शिक्षकों वाले विद्यालयों में पदस्थ किया है और उनमें से किनके द्वारा पदभार ग्रहण नहीं किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) शिक्षा सत्र में कितने शिक्षकों-अध्यापकों की नियुक्तियां की गई है और किन विद्यालयों से किनका स्थानांतरण किया गया है तथा उनमें से किन्होंने कब पदभार ग्रहण कर लिया है? (घ) युक्तियुक्तकरण में विभाग की नीति क्या है और क्या प्रश्नांश (क), (ख) में उसका परिपालन हुआ है? यदि नहीं, तो किस दोषी पर क्या कोई कार्यवाही की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार। (ग) शिक्षकों/अध्यापकों की नियुक्ति नहीं की गई है और न ही कोई स्थानांतरण किया गया है। अत: शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार।
स्वास्थ्य शिवरों का आयोजन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
34. ( क्र. 1894 ) श्री संजय शर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 27 जनवरी 2017 को जिला नरसिंहपुर में जिला स्तरीय स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया था? यदि हाँ, तो कृपया बताये कि कौन-कौन सी चिन्हित बीमारियों के कितने-कितने हितग्राहियों का परीक्षण किया गया? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी प्रदान करें? (ख) क्या शिविर के आयोजन का व्यापक प्रचार प्रसार किया गया है? (ग) शिविर के आयोजन हेतु कितनी राशि शासन द्वारा आंवटित की गई? कितनी राशि प्रचार-प्रसार में खर्च की गई? (घ) क्या चिन्हित हितग्राहियों को उपचार हेतु अन्य चिकित्सालयों में पहुँचाया जायेगा।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) शिविर के आयोजन हेतु कुल राशि रू. 2.16 लाख का आवंटन दिया गया था जिसमें से शिविर के प्रचार-प्रसार हेतु राशि रू. 20000/- व्यय की गई। (घ) जी हाँ।
शासकीय उत्कृष्ट विद्यालयों को आवंटित राशि
[स्कूल शिक्षा]
35. ( क्र. 1895 ) श्री संजय शर्मा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले में कितने शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय कहाँ-कहाँ संचालित हैं? (ख) 2012-2013 से वर्ष 2016-2017 तक शासन द्वारा उक्त उत्कृष्ट विद्यालयों के संचालन हेतु कितनी-कितनी राशि किस मद में आंवटित की गई वर्षवार जानकारी प्रदान करें? (ग) आवंटित राशि का उपयोग किस कार्य में किया गया? कार्यों की सूची प्रदान करें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) नरसिंहपुर जिले में कुल 06 शास. उत्कृष्ट विद्यालय निम्नानुसार संचालित है- 01 शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय नरसिंहपुर। 02 शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय करेली। 03 शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय चावरपाठा। 04 शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय चीचली। 05 शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय गोटेगांव। 06 शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय सांईखेड़ा। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम क्र. 05 में सम्मिलित है।
जिला चिकित्सालय परिसर में दवाइयों का निष्पादन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
36. ( क्र. 1942 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला चिकित्सालय भिण्ड में दिसम्बर 2016 व जनवरी 2017 में किन-किन अधिकारियों द्वारा कब निरीक्षण किया गया? क्या कमियां पाई गई? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अंतर्गत निरीक्षण के समय जिला चिकित्सालय में एक्सपायर दिनांक की दवाइयां पाई गई? जिला चिकित्सालय परिसर में कुआ में से दवाइयां निकालकर एक्सपायर डेट की पाई गई? यदि हाँ, तो क्यों? इसके लिए कौन दोषी है? प्रश्नांश दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) के अंतर्गत विगत पाँच वर्षों में दवाइयों का स्टॉक रजिस्टर का निरीक्षण किस अधिकारी ने कब किया? क्या निरीक्षण के समय निष्पादन की कार्यवाही सुनिश्चित नहीं की गई? जिला चिकित्सालय में दवाइयों का निष्पादन कैसे और किस प्रकार कहाँ पर किया जाता है? निष्पादन के अभाव में क्या कार्यवाही की जाती है? (घ) क्या जिला चिकित्सालय भिण्ड में दवाइयों के क्रय व आवंटन वितरण में गंभीर अनियमितताएं हैं? प्रश्न दिनांक तक किस स्तर पर क्या कार्यवाही की गई? प्रदूषण निवारण एक्ट के अंतर्गत अधिकारियों द्वारा कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जिला चिकित्सालय भिण्ड में दिसम्बर 2016 में श्रीमान जिलाधीश महोदय, भिण्ड एवं म.प्र. पब्लिक हेल्थ कारर्पोरेशन लिमिटेड, भोपाल के क्वालिटी इन्शोरेन्स कन्सलटेन्ट श्री सोमनाथ द्वारा तथा जनवरी 2017 में म.प्र. पब्लिक हेल्थ कारर्पोरेशन लिमिटेड भोपाल के श्री हिमांशु, श्री सोमनाथ एवं श्रीमान जिलाधीश महोदय द्वारा विस्तृत निरीक्षण किया गया था। निरीक्षण रिपोर्ट संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जिला चिकित्सालय में जो दवाइयां एक्सपायर दिनांक की पायी गई उनकी सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। जी नहीं। परंतु निरीक्षण के दौरान जिला चिकित्सालय में पाई गई अनियमितता के लिये संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारियों के विरूद्ध कारण बताओ नोटिस जारी किये गये। (ग) विगत पाँच वर्षों में निम्न अधिकारी द्वारा निरीक्षण किया गयाः- 1. वर्ष 2012 डॉ. डी. सी. शुक्ला (जिला कुष्ठ अधिकारी) 2. वर्ष 2013 डॉ. यू. पी. एस. कुशवाह (ऑथोपेडिक विशेषज्ञ) 3. वर्ष 2014 डॉ. यू. पी. एस. कुशवाह (ऑथोपेडिक विशेषज्ञ) 4. वर्ष 2015 डॉ. एस. के. व्यास (डेन्टल सर्जन) 5. वर्ष 2015 डॉ. एस. के. व्यास (जिला मलेरिया अधिकारी) जिला चिकित्सालय, भिण्ड में दवाइयों के निस्पादन हेतु कमेटी बनायी गई है। उसके द्वारा एक्सपायरी दिनांक की दवाइयों का नियमानुसार निस्पादन किया जाता हैं (घ) जिला चिकित्सालय, भिण्ड का प्रति वर्ष महालेखाकार, ग्वालियर की टीम द्वारा क्रय एवं आवंटन का निरीक्षण किया जाता है एवं निरीक्षण रिपोर्ट के परिपालन में कार्यवाही की जाती है। प्रदूषण निवारण एक्ट के संबंध में जिलों को दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं जिसके अंतर्गत कार्यवाही की जाती है।
छात्रावास/आश्रमों में अधीक्षकों के नियुक्ति
[आदिम जाति कल्याण]
37. ( क्र. 2073 ) श्री कुंवर सिंह टेकाम : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी एवं सिंगरौली जिले में कितने छात्रावास/आश्रम/कन्या शिक्षा परिसर संचालित हैं? सूची उपलब्ध करायें। छात्रावास/आश्रमों में अधीक्षक नियुक्त करने के क्या नियम/निर्देश हैं? नियम एवं निर्देशों की छायाप्रति उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में संचालित छात्रावास/आश्रम/कन्या शिक्षा परिसर में कौन-कौन अधीक्षक/अधीक्षिका पदस्थ हैं? उनके नाम, पदनाम, मूल विभाग, पदस्थ शैक्षणिक संस्था का नाम एवं अधीक्षक/अधीक्षिका के रूप में कार्यरत संस्था का नाम सहित सूची उपलब्ध करायें? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में अधीक्षक/अधीक्षिकाओं के पदस्थापना करते समय आदिम जाति कल्याण विभाग म.प्र. शासन भोपाल के आदेश क्र. एफ 12-1/2006/25-2/507 भोपाल दिनांक 16.3.15 का पालन किया गया है? यदि नहीं, तो कौन-कौन से छात्रावास/आश्रमों से सामान्य वर्ग के कर्मचारियों को अधीक्षक/अधीक्षिका के पद पर पदस्थ किया गया है? नाम सहित जानकारी उपलब्ध करायें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जिला सीधी में 53 आदिवासी बालक-बालिका छात्रावास/28 आश्रम/02 कन्या शिक्षा परिसर संचालित हैं, सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है एवं जिला सिंगरौली में 28 आदिवासी बालक-बालिका छात्रावास/23 आदिवासी बालक-बालिका आश्रम/01 आदिवासी कन्या शिक्षा परिसर संचालित हैं, सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ-1'' अनुसार है। अधीक्षक नियुक्त करने के नियम एवं निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के सन्दर्भ में जिला सीधी एवं जिला सिंगरौली में संचालित छात्रावास/आश्रम/कन्या शिक्षा परिसर में पदस्थ अधीक्षक/अधीक्षिका की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। सीधी जिले में 25 सामान्य व 10 पिछड़ा वर्ग के व 01 अल्प संख्यक वर्ग से पदस्थ हैं एवं सिंगरौली जिले में 07 सामान्य व 07 पिछड़ा वर्ग के कर्मचारियों को छात्रावासों में अधीक्षक/अधीक्षिकाओं के पद पर पदस्थ किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
विभिन्न मदों में प्राप्त आंवटन एवं व्यय राशि
[आदिम जाति कल्याण]
38. ( क्र. 2078 ) श्रीमती प्रमिला सिंह : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिले के अंतर्गत आदिवासी विकास विभाग में खेलकूद सामग्री क्रय, छात्रावासों/आश्रमों में सामग्री आपूर्ति, विभिन्न निर्माण कार्य एवं बस्ती विकास हेतु वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक मदवार कितनी-कितनी राशि शासन से प्राप्त हुई? (ख) प्राप्त आवंटन में से कितनी राशि खेलकूद, निर्माण कार्यों व सामग्री क्रय में व्यय की गई? निर्माण कार्यों की सूची, सामग्री आपूर्ति की छात्रावास/आश्रमवार सूची, व्यय राशि सहित विवरण दें? (ग) क्या उक्त अवधि में घटिया सामग्री क्रय किये जाने की शिकायत प्राप्त हुई है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संबंध में यदि शिकायत प्राप्त हुई है तो जाँच उपरांत दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) प्राप्त आवंटन में से व्यय की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। निर्माण कार्यों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। सामग्री आपूर्ति की छात्रावास/आश्रमवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) जाँच उपरान्त शिकायत निराधार पाई गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जाँच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की मांगे
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
39. ( क्र. 2110 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में पिछले दो वर्षों में संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने कितनी बार एवं कब-कब तथा किन-किन मांगों/समस्याओं को लेकर हड़ताल की? (ख) सरकार द्वारा उक्त हड़ताल से संबंधित समस्याओं एवं मांगों पर अब तक क्या कार्यवाही की?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) प्रदेश में पिछले दो वर्षों में संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने चार बार, दिनांक 29/01/2016 से 17/02/2016 तक (नौ सूत्रीय मांगों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है), दिनांक 24.01.2017 (पाँच सूत्रीय मांगों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है), दिनांक 01.02.2017 व दिनांक 13.02.2017 से 21.02.2017 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है, को हड़ताल की है। (ख) नौ सूत्रीय मांगों के संबंध में ई.पी.एफ. का लाभ, वार्षिक मानदेय वृद्धि, संशोधित मानव संसाधन मैनुअल का निर्धारण, संविदा महिला कर्मचारी को 180 दिवस के प्रसूति अवकाश का लाभ दिया गया है एवं शेष मांगों के निराकरण हेतु प्रस्ताव शासन की ओर भेजा गया। पाँच सूत्रीय मांगों के संबंध में वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ, कार्य आधारित मूल्यांकन में संविदा कर्मचारियों को सेवा से नहीं हटाना, कार्यरत कर्मचारियों के पदों की समाप्ति के प्रस्ताव पी.आ.ई.पी. में नहीं भेजे जाना आदि मांगे मान्य की गई है।
आदिम जाति कल्याण एवं आदिवासी विकास परियोजनान्तर्गत स्वीकृत बजट
[आदिम जाति कल्याण]
40. ( क्र. 2124 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले में वर्ष 2015-16 में विशेष केन्द्रीय सहायता राजस्व मद पूंजीगत मद एवं परियोजना क्षेत्र के बाहर निवासरत बिखरे हुये आदिवासियों हेतु आंवटन मद में बजट राशि स्वीकृत नहीं किये जाने का क्या कारण है? (ख) प्रश्नांश (क) में अंकित मदों में हरदा जिले को वर्ष 2014-15 में आंवटित की गई बजट राशि से कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये गये अथवा कितने हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया व कौन-कौन से कार्य पूर्ण हो गये हैं एवं अपूर्ण कार्यों के लिये कौन जिम्मेदार है व उन पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) हरदा जिले में विभाग को वर्ष 2015-16 में विद्युतीकरण योजना मद में प्राप्त आवंटन से कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये गये? (घ) क्या हरदा जिले को वर्ष 2014-15 में प्राप्त आंवटन व्यय नहीं किये जाने के फलस्वरूप आगामी वर्ष में बजट स्वीकृत नहीं किया गया? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन अधिकारी दोषी है व उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) प्रश्नांश अन्तर्गत विशेष केन्द्रीय सहायता राजस्व मद अन्तर्गत कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम हेतु राशि रूपये 47.10 लाख स्वीकृत की गई है। पूँजीगत मद एवं परियोजना क्षेत्र के बाहर निवासरत बिखरे हुये आदिवासियों के प्रस्तावों पर भारत सरकार से अनुमोदन अपेक्षित है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
साफ-सफाई व सुरक्षा ठेका कार्य
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
41. ( क्र. 2133 ) श्री शान्तिलाल बिलवाल : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ जिले में वर्ष 2014-15, 2015-16 में मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं जिला चिकित्सालय झाबुआ में साफ-सफाई एवं सिक्युरिटी (सुरक्षा) का कार्य किस कंपनी/फर्म को दिया गया? (ख) झाबुआ जिले में इसकी निविदा में किन-किन कंपनियों/फर्मों ने भाग लिया? नाम सहित जानकारी बतावें। उक्त कार्य के टेण्डर निविदा में शासन के कोई मापदण्ड निर्धारित हैं? हैं, तो विवरण सहित बतावें। (ग) क्या साफ-सफाई एवं सिक्युरिटी (सुरक्षा) में कार्यरत कर्मचारियों को नियमित मानदेय का भुगतान किया जाता है? अगर किया जाता है तो इनके मानदेय से पी.एफ. काटा जा रहा है? यदि नहीं, तो बतावें।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) वर्ष 2014-15, 2015-16 में साफ-सफाई का कार्य मुख्य चिकित्सा अधिकारी झाबुआ द्वारा मेसर्स कामथेन सिक्यूरिटी सर्विस इन्दौर को दिया गया, सुरक्षा हेतु निविदा नहीं की गई। वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में जिला चिकित्सालय की साफ-सफाई एवं सुरक्षा व्यवस्था का कार्य न्यू बुन्देलखण्ड सिक्यूरिटी सर्विस इन्दौर को दिया गया। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी हाँ। जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बी.एम.सी. सागर के भवन एवं पी.जी. कोर्स के संबंध में
[चिकित्सा शिक्षा]
42. ( क्र. 2224 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बुन्देलखण्ड मेडीकल कॉलेज सागर में निर्माण संबंधी समस्त कार्य पूर्ण कर लिये गये हैं एवं संबंधित निर्माण एजेंसी को पूर्ण भुगतान कर दिया गया है अथवा नहीं? (ख) क्या निर्माण कार्य विगत कई माहों से बंद है एवं संबंधित ठेकेदार द्वारा भुगतान प्राप्त न होने के कारण निर्मित भवनों का हस्तांतरण भी नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो क्या शासन लंबित राशि के भुगतान हेतु राशि उपलब्ध करायेगा एवं शेष निर्माण कार्य अविलंब पूर्ण कराये जाना सुनिश्चित करेगा तथा कब तक?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( एडवोकेट शरद जैन ) : (क) जी नहीं। जी नहीं। (ख) निर्माण एजेन्सी को भुगतान प्राप्त न होने के कारण कार्य प्रभावित हुआ है। जी हाँ। समय-सीमा में बनाया जाना संभव नहीं है।
अतिथि शिक्षकों का विभागीय पात्रता परीक्षा देकर नियमितीकरण
[स्कूल शिक्षा]
43. ( क्र. 2253 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में वर्ष 2016-17 में कार्यरत अतिथि शिक्षकों को विभागीय पात्रता परीक्षा लेकर गुरूजी के समान नियमितीकरण कराये जाने हेतु सरकार की क्या योजना है? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में शासन अतिथि शिक्षकों के हितों के लिए क्या योजना बना रहा है तथा इसे कब तक में लागू किया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) ऐसी कोई योजना नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नदियों के जल का शुद्धीकरण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
44. ( क्र. 2254 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सिंगरौली के अंतर्गत एन.सी.एल. की विभिन्न परियोजनाएं से बीमारियों की रोकथाम के लिये क्या कोई उपाय किया जा रहा है? (ख) खदान से प्रदूषित जल नदियों में बहने से प्रदूषित जल हो गया है, इसके लिये शुद्ध पेयजल निवासियों को कब तक मिल सकेगा? नदियों के शुद्धीकरण के लिये शासन प्रशासन द्वारा क्या कोई कार्यवाही की जा रही है?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जिला सिंगरौली के अंतर्गत एन.सी.एल. की विभिन्न परियोजना से बीमारियों की रोकथाम के लिये एन.सी.एल. द्वारा परियोजनाओं तथा मुख्य चिकित्सालय के चिकित्सा अधिकारियों के द्वारा समय-समय पर निकटवर्ती ग्रामीणों का परीक्षण निशुल्क किया जाता है तथा ग्रामीणों को निशुल्क दवा उपलब्ध कराई जाती है। (ख) खदानों के निकटवर्ती नदियों एवं नालो में बहाव शून्य है तथापि ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने हेतु एन.सी.एल. द्वारा कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी के तहत 5 किलो लीटर से 10 किलो लीटर प्रतिदिन क्षमता के 38 आर.ओ. प्लाण्ट स्थापित किये गये है, जिससे अनुमानित 28,000 ग्रामीण को लाभ पहुँच रहा है। इसके अलावा खदानों के आस-पास गाँवों में अब तक 887 हैंडपम्प स्थापित किये जा चुके हैं एवं आगामी एक वर्ष में और 800 हैंडपम्प लगाये जाने का कार्य प्रगति पर है। जिसमें से 110 हैंडपम्प लगाये जा चुके है और शेष 690 वित्तीय वर्ष 2017-18 में पूर्ण हो जाने की संभावना है। अभी तक लगाये गये 997 हैंडपम्पों से प्रतिदिन 40,600 ग्रामीण लाभान्वित हो रहे है। एन.सी.एल. के द्वारा ग्रामीणों का पेयजल आपूर्ति के लिए 5000 लीटर प्रति घंटा क्षमता का एक अन्य जल उपचार संयत्र लगाये जाने की योजना है। जिसके आगामी एक वर्ष में क्रियाशील होने की संभावना है। जिससे ब्लॉक-बी परियोजना के नजदीक 6 गाँव के 6050 ग्रामीण लाभान्वित होंगे।
बन्द संस्कृत विद्यालयों को पुन: चालू करना
[स्कूल शिक्षा]
45. ( क्र. 2279 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले में हनुमना, दुबिया, तिलया, पटपरा, गुढ़, परिहारिनपुरवा, चाकघाट, इटमा, हिनौती, सिरमौर ग्रामों में शासकीय संस्कृत विद्यालय हैं, जहां प्रथमा और मध्यमा कक्षाओं की मान्यता है? इनमें कितने ऐसे विद्यालय है, जिनमें शास्त्री, आचार्य, योग्यता के शिक्षक कब से नहीं है? यदि है, तो विद्यालयवार शिक्षकों की योग्यता सहित नाम की जानकारी देवें एवं उक्त विद्यालयों में से कितने ऐसे विद्यालय हैं, जो संस्कृत शिक्षकों के अभाव से बन्द है और कब से? (ख) संस्कृत विद्यालयों में संस्कृत योग्यताधारी (मध्यमा, शास्त्री, आचार्य) शिक्षकों की नियुक्तियां कब तक की जावेगी? विगत 05 वर्षों में प्रदेश में संस्कृत योग्यताधारी (शिक्षकों/शिक्षाकर्मी एवं अतिथि आदि पदों पर) वर्ष 2016 तक कितनी नियुक्तियां की गई है? (ग) प्रदेश में कितने हायर सेकेण्ड्री एवं हाईस्कूल है, जहां योग्यताधारी शिक्षक नहीं है? क्या म.प्र. शासन आगामी शिक्षण सत्र से कक्षा 9वीं एवं 10वीं में संस्कृत की अनिवार्यता को समाप्त करने जा रहा है? यदि हाँ, तो ऐसा क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) रीवा जिलान्तर्गत एकमात्र शास. उ.मा.वि. संस्कृत इटमा विद्यालय संचालित है, जिसमें प्रथमा, मध्यमा, कक्षायें संचालित है। शेष विद्यालय छात्र शून्य होने के कारण वर्ष 1998 से 2016 के मध्य बंद हो चुके है। उक्त विद्यालय में व्याख्याता के एक पद दिनांक 29.6.2014 से तथा शिक्षकों के दो पद दिनांक 29.11.2014/13.12.2014 से रिक्त है तथा विद्यालय में कार्यरत शिक्षकों के नाम एवं योग्यता निम्नानुसार हैः-
स.क्र.
शिक्षक
का नाम पदनाम
योग्यता
1 श्री
जयकृष्ण
उपाध्याय व्याख्याता
एम.एस.सी.
(गणित)
2 श्री
देवेन्द्र
कुमार शर्मा सहायक
शिक्षक हायर
सेकेण्डरी
3 श्री
देवेन्द्र
कुमार
पाण्डेय सहायक
शिक्षक बी.ए.
4 श्री
राजाबाबू कोल सहायक
शिक्षक एम.ए.
5 श्री
राजेन्द्र
प्रसाद
पाण्डेय अतिथि
शिक्षक बी.ए.
सहित्याचार्य
6 श्रीमती
सरोज देवी
पाण्डेय अतिथि
शिक्षक बी.ए.
संस्कृत
साहित्य
(ख) रिक्त पदों पर संविदा शिक्षक भर्ती के समय नियुक्ति की जाती है। कोई नियुक्ति नहीं हुई। अतिथि शिक्षक से शिक्षण व्यवस्था की गई है। (ग) प्रदेश में संचालित हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूलों में योग्यताधारी शिक्षक कार्यरत है। जिन शालाओं में शिक्षकों की कमी है, उन शालाओं में योग्यताधारी अतिथि शिक्षकों से शिक्षण कार्य सम्पादित कराया जा रहा है। संस्कृत की अनिवार्यतः समाप्त करने के संबंध में कोई निर्देश नहीं है।
निजी शालाओं में गणवेश, पुस्तकें पाठ्यक्रम में बदलाव की अनुमति
[स्कूल शिक्षा]
46. ( क्र. 2303 ) श्री हरवंश राठौर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्राइवेट शालाओं में प्रतिवर्ष छात्रों के गणवेश, पुस्तकें और पाठ्यक्रम में बदलाव तथा शिक्षण शुल्क में वृद्धि करने के आदेश एवं निर्देश म.प्र. के शिक्षा विभाग द्वारा दिए जाते हैं? (ख) उत्तर यदि हाँ, तो उन परिपत्रों की छायाप्रतियां उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो हो रहे बदलाव के विरूद्ध विभाग द्वारा अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई हैं? (ग) प्राइवेट शालाओं में प्रतिवर्ष हो रहे उपर्युक्तानुसार बदलाव के लिए क्या जिला स्तर पर पदस्थ सक्षम अधिकारियों से अनुमति प्राप्त की गई है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। (ख) भाग ''क'' के संदर्भ में परिपत्रों का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। अशासकीय विद्यालयों हेतु मार्गदर्शी सिद्धांत दिनांक 30.04.2015 को जारी किये गये है। जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। छात्र के पालक द्वारा शिकायत/आवेदन करने पर सुनवाई हेतु मध्यप्रदेश शासन, स्कूल शिक्षा विभाग के परिपत्र दिनांक 30.04.2015 की कंडिका-8 अनुसार समिति का गठन किया गया है।
छात्रावासों में अतिरिक्त प्रभार
[आदिम जाति कल्याण]
47. ( क्र. 2307 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में वर्ष 15-16 से प्रश्न दिनांक तक छात्रावासों का अतिरिक्त प्रभार किन-किन व्यक्तियों को शासन प्रावधानों के अनुसार दिया गया? उनके नाम, पद सहित जानकारी दें? (ख) क्या एक कर्मचारी को 2-3 जगहों का अतिरिक्त प्रभार दिया गया? उसके क्या कारण हैं? (ग) वर्ष 15-16 से प्रश्न दिनांक तक छात्रावासों में कितनी-कितनी राशि का व्यय किया गया वर्षवार पृथक-पृथक मदवार जानकारी दें? (घ) क्या विगत वर्षों में छात्रावासों में गंभीर अनियमितताओं की शिकायतें प्राप्त हुई? जिसकी जाँच कब हुई तथा क्या परिणाम प्राप्त हुए?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) छतरपुर जिले में वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक अनुसूचित जनजाति छात्रावासों का अतिरिक्त प्रभार श्री रणधीर सिंह सहायक अध्यापक/अधीक्षक, आदिवासी प्री मैट्रिक बालक छात्रावास किशनगढ़ को आदिवासी बालक आश्रम ककरा का एवं श्री ए.के. नामदेव, उ.श्रे.शि./अधीक्षक अनुसूचित जाति पोस्ट मैट्रिक बालक छात्रावास छतरपुर को आदिवासी पोस्ट मैट्रिक बालक छात्रावास छतरपुर का अतिरिक्त प्रभार दिया गया। (ख) जी हाँ। आदिवासी बालक आश्रम ककरा में पदस्थ अधीक्षक के निलंबित होने के कारण प्रश्नांश (क) के उत्तरांश में दर्शित श्री रणधीर सिंह को अतिरिक्त प्रभार दिया गया एवं दिनांक 15/12/2016 को नवीन आदिवासी पोस्ट मैट्रिक बालक छात्रावास स्वीकृत होने से श्री ए.के. नामदेव को स्थानीय स्तर पर अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ। कलेक्टर, छतरपुर द्वारा शिकायत की जाँच की जाकर आदिवासी बालक छात्रावास किशनगढ़ के अधीक्षक एवं आदिवासी कन्या छात्रावास किशनगढ़ के अधीक्षक की एक-एक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभार से रोकी गई है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना का क्रियान्वयन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
48. ( क्र. 2379 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना सन् 2008 में प्रारंभ की गयी थी जिसमें गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन करने वाले सभी वर्गों के हितग्राहियों को लाभ प्रदाय किया जाना था जिस योजना में 333 रू. प्रीमियम राशि जमा की जानी थी जिसमें 210 रू. हितग्राही तथा शेष राशि शासन के द्वारा दी जानी प्रस्तावित थी? जिसके उपरांत डेबिट कार्ड प्रदाय किया जाना था तथा उक्त डेबिट कार्ड से तीस हजार रूपये का एक मुश्त भुगतान अथवा साठ हजार रूपये का वर्ष भर में उपचार हेतु भुगतान किया जा सकता है। (ख) यदि हाँ, तो उक्त योजना म.प्र. के किन-किन जिलों में विभाग द्वारा लागू की गयी है? क्या अन्य राज्यों की भांति म.प्र. के समस्त जिलों में भी इस योजना का क्रियान्वयन प्रभावी रूप से विभाग द्वारा कराया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ, भारत शासन द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना 2008 में प्रारम्भ करने के निर्देश थे। पारदर्शी प्रक्रिया पूर्ण करने के उपरांत प्रदेश के चिन्हित जिलों में राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना 4 जून 2011 से प्रारम्भ की गयी। जी हाँ, चिन्हित जिलो के गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के लाभ प्रदाय किये गये तथा हितग्राही से पंजीयन/नवीनीकरण शुल्क मात्र 30/- रूपये प्रति परिवार प्रतिवर्ष लिये गये। प्रीमियम राशि रू. 309/-प्रतिवर्ष प्रति परिवार का भुगतान शासन द्वारा किया गया। स्मार्ट कार्ड के माध्यम से परिवार के मुखिया एवं अधिकतम 4 सदस्यों को एक वर्ष में चिन्हित चिकित्सालयों में अधिकतम राशि रू. 30,000/- का स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध करवाया गया। (ख) योजना प्रदेश के भोपाल एवं ग्वालियर संभाग के 10 जिलों (भोपाल, विदिशा, रायसेन, राजगढ़, सीहोर, ग्वालियर, शिवपुरी, दतिया, अशोकनगर, गुना) में प्रांरभ की गयी थी। दिनांक 1 फरवरी 2015 से योजना प्रदेश में प्रभावशील नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उप स्वास्थ्य केन्द्र का उन्नयन करना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
49. ( क्र. 2419 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उप स्वास्थ्य केन्द्र को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन करने हेतु क्या नियम एवं शर्तें है? (ख) क्या सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र का उप स्वास्थ्य केन्द्र संडावता उन्नयन की पात्रता में नहीं आता है जबकि ग्राम संडावता की आबादी लगभग 5000 हजार होने के उपरान्त भी ग्रामवासियों को आम बीमारी हेतु इलाज करवाने के लिए 15-20 कि.मी. की दूरी पर जाना पडता है। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में दर्शित उप स्वास्थ्य केन्द्र संडावता का भवन बहुत बड़ा होकर दो मंजिला बना है? यदि हाँ, तो भवन उपलब्ध होने के उपरान्त भी उन्नयन किये जाने में क्या कठिनाई है एवं कब तक उन्नयन कर दिया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) सामान्य एवं विशेष घटक क्षेत्रों में उप-स्वास्थ्य केन्द्र क्षेत्र की जनसंख्या 30 हजार एवं आदिवासी क्षेत्र में 20 हजार की जनसंख्या पर उप स्वास्थ्य केन्द्र का प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन करने का प्रावधान है। (ख) जी हाँ, ग्राम संडावता के उप स्वास्थ्य केन्द्र को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन की पात्रता नहीं आती है। (ग) जी हाँ। जनसंख्या के मान से पात्रता नहीं होने के कारण उन्नयन किया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पिछड़ा वर्ग के छात्रों को कोचिंग की सुविधा
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
50. ( क्र. 2505 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में वर्तमान में पिछड़ा वर्ग के छात्रों को अध्ययन एवं कोचिंग हेतु क्या-क्या सुविधाएं शासन द्वारा दी जा रही है? (ख) वर्ष 2014 में 01 जनवरी 2017 तक प्रदेश में कितने छात्रों को कोचिंग एवं अध्ययन की सुविधा दी गई है? उक्तावधि में कितने छात्रों को लाभ मिला। वर्षवार बतायें तथा इन पर शासन की कितनी राशि खर्च हुई? (ग) कितने छात्रों को आई.ए.एस. एवं आई.पी.एस. की कोचिंग दी गई तथा कितने छात्रों को अध्ययन हेतु विदेश भेजा गया वर्षवार बतायें? (घ) छात्रा हेतु कहाँ-कहाँ छात्रावास है उनमें प्रवेश की क्या प्रकिया है?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) प्रदेश में वर्तमान में पिछड़ा वर्ग के छात्रों को अध्ययन एवं कोचिंग हेतु राज्य स्तरीय रोजगार एवं प्रशिक्षण केन्द्र भोपाल में संचालित है, जिसमें पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को नि:शुल्क कोचिंग, छात्रावास, शिष्यावृत्ति एवं पुस्तकालय सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ग) पिछड़ा वर्ग के किसी भी छात्र को विभाग द्वारा आई.ए.एस. एवं आई.पी.एस. की कोचिंग नहीं दी गई है। विभाग के राज्य स्तरीय रोजगार एवं प्रशिक्षण केन्द्र, भोपाल में केवल मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। प्रश्नाधीन अवधि में विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति योजना अंतर्गत विदेश अध्ययन हेतु भेजे गये पिछड़े वर्ग छात्र-छात्राओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (घ) छात्रावासों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। प्रवेश प्रक्रिया की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है।
रायफल शूटिंग व ताइक्वांडो प्रतियोगिता हेतु स्वीकृत बजट
[स्कूल शिक्षा]
51. ( क्र. 2694 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 61 वीं राष्ट्रीय प्रतियोगिता वर्ष 2015-2016 में रायफल शूटिंग व ताइक्वांडो प्रतियोगिता के दल प्रबंधक इन्दौर जिले से बनाये गये थें? यदि हाँ, तो उक्त प्रतियोगिताओं के लिये दल प्रबंधक किस-किस को नियुक्त किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या उक्त प्रतियोगिताओं हेतु शासन स्तर से स्वीकृत बजट राशि में से दल प्रबंधकों को अग्रिम के रूप में राशि प्रदान की गई थी? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या दल प्रबंधकों द्वारा क्या स्वयं की राशि से उक्त प्रतियोगिताएं सम्पन्न कराई गई हैं? यदि हाँ, तो क्या संबंधित दल प्रबंधकों द्वारा व्यय की गई राशि का समायोजन किया जाना शेष है? यदि हाँ, तो कब तक संबंधित दल प्रबंधकों द्वारा व्यय राशि उपलब्ध करा कर समायोजन किया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। श्री सुनील अवस्थी एवं श्री घनश्याम करोले। (ख) जी नहीं। लोक शिक्षण संचालनालय, म.प्र. भोपाल के द्वारा पत्र क्रमांक 1056 दिनांक 17.12.2015, 1065 दिनांक 18.12.2015 एवं पत्र क्र. 18-19 दिनांक 08.01.2016 द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी को इस बाबत् निर्देशित किया गया था कि दल प्रबंधक को स्थानीय निधि से आवश्यकतानुसार राशि उपलब्ध कराएं। (ग) जी नहीं। श्री घनश्याम करोले को जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा राशि 1,50,000/- रूपये उपलब्ध कराई गई थी एवं श्री सुनील अवस्थी को राशि उपलब्ध नहीं कराई गई। जी हाँ। जिला शिक्षा अधिकारी इंदौर हेतु बजट स्वीकृत किया है, जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा राशि का समायोजन किया जाना शेष है।
एकीकृत आदिवासी परियोजनाओं को तकनीकी रूप से सुदृढ़ बनाया जाना
[आदिम जाति कल्याण]
52. ( क्र. 2816 ) श्री वेलसिंह भूरिया, श्री शान्तिलाल बिलवाल : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन, आदिम जाति कल्याण विभाग, मंत्रालय भोपाल के पत्र क्रमांक एफ-23-8/2014/3-25 दिनांक 15-09-2014 द्वारा उल्लेख किया गया है कि अनुच्छेद 275 (1) एवं विशेष केन्द्रीय सहायता अंतर्गत प्रतिवर्ष परियोजना को 03 करोड़ से 10 करोड़ की राशि अधोसंरचना कार्यों हेतु प्रदाय की जाती है, परियोजनाओं में तकनीकी अमला उपलब्ध नहीं होने से कार्यों की तकनीकी मॉनीटरिंग नहीं हो पाती है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार भारत सरकार जनजातीय कार्य मंत्रालय नई दिल्ली को एकीकृत आदिवासी विकास परियोजनाओं को तकनीकी रूप से सुदृढ़ बनाये जाने हेतु अधीक्षण यंत्री, कार्यपालन यंत्री, सहायक यंत्री, उपयंत्री आदि पदों की स्वीकृति हेतु क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा कार्ययोजना/प्रस्ताव प्रेषित किये गये है? (ग) यदि प्रस्ताव प्रेषित किये गये हैं तो क्या एकीकृत आदिवासी विकास परियोजनाओं को तकनीकी रूप से सुदृढ़ बनाये जाने हेतु भारत सरकार, जनजाति कार्य मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा दिनांक 26.09.2014 द्वारा राशि रू. 25.00 करोड़ की स्वीकृति दी गई है? (घ) यदि स्वीकृति दी गई हो तो प्रस्ताव अनुसार मध्यप्रदेश शासन कब तक तकनीकी अमले की पदस्थापना/भर्ती कर एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना, धार एवं कुक्षी तथा प्रदेश की अन्य परियोजनाओं को तकनीकी रूप से सुदृढ़ बनायेगा।
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ, योजना के अनुश्रवण एवं मूल्यांकन की राशि सहित रू. 25.00 करोड़ की स्वीकृति दी गई है। (घ) नवीन परियोजनाओं के गठन तथा परियोजनाओं के पुनर्गठन संबंधी भारत सरकार, जनजातीय कार्य मंत्रालय से स्वीकृति (नोटीफिकेशन) प्राप्त नहीं हुई। भारत सरकार से स्वीकृति प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विस्थापितों के नवीन पुनर्बसाहट स्थल पर शा.प्राथ. शाला का संचालन
[स्कूल शिक्षा]
53. ( क्र. 2840 ) श्री विष्णु खत्री : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बैरसिया अंतर्गत कालापीपल बांध से विस्थापितों के नवीन पुनर्बसाहट स्थल पर क्या कोई शासकीय प्राथमिक शाला संचालित हो रही है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या विभाग प्रश्नांश (क) में दर्शित पुनर्बसाहट स्थल पर नवीन प्राथमिक शाला संचालित करने पर विचार कर रहा है अथवा नहीं? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) हाँ है तो इस नवीन पुनर्बसाहट स्थल पर कब तक शासकीय प्राथमिक शाला का संचालन प्रारंभ हो जावेगा एवं यदि नहीं, तो इसके क्या कारण है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। पुनर्बसाहट स्थल के पास 01 किमी की परिधि में शासकीय प्राथमिक शाला कालूखेडी संचालित है। (ख) जी नहीं। पुनर्बसाहट स्थल के पास 01 किमी की परिधि में शासकीय प्राथमिक शाला कालूखेडी संचालित है। (ग) शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
धीवर केवर आदि जातियों को माझी जनजाति के समक्ष रखा जाना
[आदिम जाति कल्याण]
54. ( क्र. 2907 ) श्री मोती कश्यप : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माझी जनजाति के समक्ष धीवर, केवट आदि जातियों को संविधान अनुसूची में सम्मिलित किये जाने हेतु विभाग द्वारा किन्हीं समितियों की अनुशंसायें और मंत्रिपरिषद् आदेश आदि भारत सरकार को प्रस्तुत किये हैं? (ख) क्या भारत के महापंजीयक ने पत्र दिनांक 27-1-2012, 1-1-2013, 17-6-2016 में उल्लेखित किन्हीं पूर्व पत्रों में किन्हीं टिप्पणियों सहित अपनी असहमति देते हुये विभाग को अपनी टिप्पणी व पक्ष प्रस्तुत करने हेतु कोई लेख किया है? विवरण संलग्न करें। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) टिप्पणी व असहमति का प्रश्नकर्त्ता- ने दिनांक 7-7-2013, 1-9-2013, 8-12-2014, 1-12-2015 द्वारा किन्हीं संदर्भ साहित्यों, जनगणनाओं आदि पर की गई समीक्षा एवं खण्डनयुक्त प्रतिवेदन मा. मुख्यमंत्री को सौंपे जाने पर विभाग द्वारा अपनी टिप्पणी और पक्ष किन-किन तिथियों को भारत सरकार को प्रस्तु्त किये है? (घ) प्रश्नांश (क) दस्तावेजों के रहते प्रश्नांश (ख) पत्र दिनांक 16-4-07 एवं 4-1-11 द्वारा मागी गई टिप्पणी व पक्ष प्रस्तुत न किये जाने पर क्या विभाग जिम्मेदार है? नहीं तो, क्यों? (ड.) क्या विभाग प्रश्नांश (ग) दस्तावेजों के तथ्यों पर भारत सरकार को अपनी अनुकूल टिप्पणी और पक्ष प्रस्तुत करेगा?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी, हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विभाग द्वारा अपनी टिप्पणी/पक्ष पत्र क्रमांक 979/548/2014/25-2 दिनांक 27-6-2015 द्वारा भारत सरकार को प्रेषित किया गया। माझी अनुसूचित जनजाति के समान अन्य जातियों जैसे कहार, ढीमर, भोई, केवट, आदि को अनुसूचित जनजाति अधिसूचित करने विषयांतर्गत मध्यप्रदेश विधान सभा सत्र फरवरी-अप्रैल,2016 के दौरान पारित अशासकीय संकल्प के परिप्रेक्ष्य में विभाग के पत्र क्रमांक एफ 7-4/2004/25-5 (2) दिनांक 30-04-2016 द्वारा प्रकरण निर्णय हेतु भारत सरकार को भेजा गया। (घ) जी नहीं। (ड.) प्रश्नांश (ग) दस्तावेजों का समुचित परीक्षण किया गया। जिसमें स्पष्ट किया गया है कि अनुसूचित जनजाति में मान्य माझी जनजाति एवं धीवर, केवट, आदि दोनों अलग-अलग है। जिनमें कोई साम्यता नहीं है।
शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की भूमि के अतिक्रमण को हटाया जाना
[स्कूल शिक्षा]
55. ( क्र. 2995 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विकासखण्ड जवा अंतर्गत शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गहिलवार संकुल डभौरा को नवीन भवन के निर्माण हेतु शासन द्वारा कुल कितनी भूमि आवंटित की गई थी? (ख) शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गहिलवार की भूमि पर अतिक्रमण हो जाने के क्या कारण हैं? विभाग द्वारा अतिक्रमण को हटाने के संबंध में क्या कार्यवाही की गई है? (ग) उक्त अतिक्रमण को कब तक हटाया जाकर सीमांकन कराया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) रीवा जिले के विकासखण्ड जवा अंतर्गत शासकीय उ.मा.वि. गहिलवार संकुल डभौरा को नवीन भवन के निर्माण हेतु कुल 2.023 हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई थी। (ख) शा.उ.मा.वि. गहिलवार की भूमि में आंशिक रूप से आवंटन के पूर्व से ही अतिक्रमण किया गया था। कलेक्टर, रीवा द्वारा पत्र क्र./भवन/बी/850, दि. 24.08.2015 एवं विद्यालयीन पत्र क्र./88 दि. 28.10.2014 एवं पत्र क्र. 108 दि.10.10.2014 के द्वारा नायब तहसीलदार वृत्त डभौरा एवं तहसीलदार जवा को अतिक्रमण हटवाने हेतु पत्र भेजा गया है। पुन: कार्यालय कलेक्टर, रीवा के पत्र क्रमांक-आरएमएसए/2017/1426/रीवा, दिनांक 21.02.17 तथा अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) डभौरा व अन्य अनुविभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) उक्त विद्यालय की भूमि का सीमांकन दिनांक 16.05.2013 को कराया जा चुका है, अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही प्रचलित है।
नवीन आदिवासी परिवारों के अन्त्योदय कार्ड जारी करना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
56. ( क्र. 3021 ) श्री के.पी. सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले के विधान सभा क्षेत्र पिछोर में नवीन आदिवासी परिवारों के दीन दयाल अन्त्योदय कार्ड नहीं बनाये जा रहे हैं? (ख) यदि प्रश्नांश (क) का उत्तर हाँ है तो क्या दीनदयाल अन्त्योदय कार्ड नहीं बनाने के संबंध कोई शासन आदेश/निर्देश हैं? शासन आदेश/निर्देशों की छाया प्रति उपलब्ध करावें? (ग) यदि नहीं, तो जिम्मेदार अधिकारियों को क्या शासन इस संबंध में कोई निर्देश जारी करेंगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी नहीं। विधानसभा पिछोर अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, खनियाधाना पर पात्र बी.पी.एल. परिवार के हितग्राही का दीनदयाल कार्ड उक्त संख्या पर वांछित दस्तावेजों के साथ उपस्थित होने पर प्रतिदिन कार्ड बनाये जाने की सुविधा उपलब्ध है। (ख) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उपरोक्त के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
चिकित्सा अधिकारियों के स्वीकृत पद
[चिकित्सा शिक्षा]
57. ( क्र. 3070 ) श्री राजेश सोनकर : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न संख्या 109 (क्र. 2266) दिनांक 25 जुलाई 2016 के संदर्भ में बतायें कि प्रथम श्रेणी अधिकारियों के लिए 01 ही पद स्वीकृत होने के उपरान्त एम.वाय. चिकित्सालय में 04 अतिरिक्त प्रथम श्रेणी अधिकारीयों को किस आधार पर पदस्थ किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में बतायें कि इन अतिरिक्त प्रथम श्रेणी अधिकारियों को क्या-क्या दायित्व दिया गया है? इनके द्वारा क्या-क्या कार्य सम्पादित किया जा रहा है एवं अतिरिक्त प्रथम श्रेणी अधिकारी कितने वर्षों से एम.वाय.चिकित्सालय में कार्यरत हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में इन अतिरिक्त अधिकारियों का वेतन चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा स्वीकृत पद के अतिरिक्त 04 प्रथम श्रेणी अधिकारीयों का वेतन किन नियमों के तहत दिया जा रहा है?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( एडवोकेट शरद जैन ) : (क) एम.वाय. चिकित्सालय में चिकित्सकों की आवश्यकता होने के कारण पदस्थ किया गया है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) एवं ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में वेतन स्वीकृत पदों के विरूद्ध आहरित किया जा रहा है।
जिला चिकित्सालय झाबुआ में मेडिसिन क्रय में अनियमितता
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
58. ( क्र. 3144 ) कुमारी निर्मला भूरिया : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला चिकित्सालय झाबुआ में विगत वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में कितनी-कितनी मेडिसिन क्रय के आर्डर वर्षवार दिये गये? (ख) वर्षवार मेडिसिन क्रय हेतु कितने-कितने बिलों का भुगतान किया गया है तथा वर्तमान में कितने बिल भुगतान हेतु लंबित रहे है? (ग) क्या मेडिसिन पर्याप्त मात्रा में होने एवं बजट न होने के बावजूद भी जिला चिकित्सालय झाबुआ द्वारा मेडिसिन क्रय आर्डर जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो क्या कारण है? (घ) क्या जिला चिकित्सालय झाबुआ में प्रश्न दिनांक तक लाखों रूपये के बिल भुगतान हेतु लंबित है? यदि हाँ, तो कितनी राशि के बिल लंबित हैं तथा इनके लिए कौन जिम्मेदार है?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जिला चिकित्सालय झाबुआ द्वारा विगत वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में क्रय की गई औषधि के क्रय आदेश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) वर्षवार मेडिसिन क्रय के देयकों का भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है एवं वर्तमान में औषधि के देयक भुगतान हेतु लंबित नहीं है। (ग) जी नहीं। मेडिसिन का पर्याप्त मात्रा में एवं बजट न होने पर जिला चिकित्सालय झाबुआ द्वारा क्रय आदेश जारी नहीं किये जाते है। (घ) जी नहीं। जिला चिकित्सालय, झाबुआ में प्रश्न दिनांक तक मेडिसिन के देयक भुगतान हेतु लंबित नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कर्मचारियों का स्थानांतरण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
59. ( क्र. 3169 ) श्री के.पी. सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 09/12/2016 की प्रश्नोत्तरी में अता.प्रश्न संख्या 167 (क्रमांक 1986) के प्रश्नांश (क) का उत्तर जी हाँ व (ख) के उत्तर अनुसार संलग्न परिशिष्ट 32 में क्रमांक 02 अवज्ञिप्त शाखा के सरल क्रमांक 02 में उल्लेखित धर्मेन्द सिंह कुशवाह जो वर्ष 2008 से कार्यरत हैं को नहीं हटाये जाने के कारण सहित बतावें? (ख) शासनादेशों के विरूद्ध उक्त शाखा में कार्यरत श्री कुशवाह को कब तक हटाया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) अविज्ञप्त शाखा में कार्यरत श्री धर्मेन्द्र सिंह द्वारा कर्मचारियों के स्थानांतरण संबंधी कार्य संपादित नहीं किये जा रहे है। उक्त शाखा में श्री धर्मेन्द्र सिंह द्वारा संलग्न परिशिष्ट अनुसार कार्यालयीन आदेश द्वारा आवंटित कार्य संपादित किया जा रहा है। शासन नीति अनुसार स्थापना शाखा में स्थानांतरण संबंधी कार्य करने वाले लिपिक को निर्धारित समयावधि पूर्ण होने पर उसके दायित्वों में परिवर्तन किये जाते है। (ख) उत्तरांश (क) के अनुक्रम में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। संचालनालय में कर्मचारियों की कमी होने एवं संबंधित कर्मचारी द्वारा संपादित कार्यों के दृष्टिगत वर्तमान में अविज्ञप्त शाखा में निरंतर रखा गया है।
स्कूलों में हरित क्रांति भूमि की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
60. ( क्र. 3235 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल संभाग के किस-किस जिले/विधान सभा क्षेत्र के किस-किस शासकीय स्कूलों के पास हरित क्रांति की कितनी भूमि दर्ज है? विद्यालयवार जानकारी देवें? (ख) उक्त भूमि से कितनी आय उक्त विद्यालयों को वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16 में हुई? यदि नहीं, तो आय न होने के लिए कौन दोषी है? (ग) विदिशा जिले के शासकीय स्कूलों में प्रश्न दिनांक को कितनी राशि, किस-किस विद्यालय में कितनी जमा है? उक्त राशि को व्यय किये जाने के क्या निर्देश है? विधान सभा क्षेत्रवार जानकारी देवें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। उक्त जमा राशि को व्यय करने संबंधी निर्देश वर्तमान में नहीं है।
अध्यापक संवर्ग को अनुकंपा नियुक्ति में सरलीकरण
[स्कूल शिक्षा]
61. ( क्र. 3238 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. नगरीय/पंचायत निकाय संविदा शाला शिक्षक नियम-2005 के उपनियम-8 अनुकम्पा नियुक्ति (एक) के अनुसार संविदा शाला शिक्षक के पद पर अनुकंपा नियुक्ति हेतु नियम-8 के अधीन पात्रता परीक्षा की आवश्यकता नहीं होगी? (ख) क्या आयुक्त, लोक शिक्षण म.प्र. भोपाल का पत्र क्रमांक/स्था. 4/सी/अनु.नियु्./109/2014/2295, दिनांक 09.12.2014 द्वारा संविदा शाला शिक्षक पद पर अनुकंपा नियुक्ति हेतु पात्रता परीक्षा अनिवार्य की गई है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा वर्ष 2014 से प्रश्नांश दिनांक तक पात्रता परीक्षा आयोजित की गई है? नहीं तो कारण देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) का उत्तर यदि हाँ, है तो क्या शासन द्वारा म.प्र. नगरीय/पंचायत निकाय संविदा शाला शिक्षक नियम 2005 के उपनियम-8 में संशोधन किया है? यदि हाँ, तो बतावें। नहीं, तो नियमों के विरूद्ध आदेश जारी करने वाले अधिकारी पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी? जारी आदेश कब तक निरस्त किया जावेगा? (घ) विदिशा जिले में दिवंगत अध्यापक संवर्ग के आश्रित परिवार सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति प्रदाय किये जाने हेतु कितने प्रकरण, पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण न होने के अभाव में लंबित हैं? संख्यात्मक जानकारी देवें? क्या शासन इन प्रकरणों के निराकरण हेतु सरलीकरण की योजना बना रहा है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। टी.ई.टी. (शिक्षक पात्रता परीक्षा) की आवश्यकता है। (ख) जी हाँ। वर्ष 2011-12 में टी.ई.टी.परीक्षा आयोजित की गई थी, जिसकी वैद्यता दिनांक 06.08.2014 तक थी। नियमों में संशोधन एवं पदों की स्वीकृति के पश्चात पात्रता परीक्षा के आयोजन की कार्यवाही पुनः प्रचलन में है। (ग) जी नहीं। (घ) विदिशा जिले में दिवंगत अध्यापक संवर्ग के आश्रित परिवार के सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति प्रदाय किय जाने हेतु कुल 06 प्रकरण पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण न होने के कारण लंबित है। मृतक शासकीय सेवक के आश्रितों को संविदा शाला शिक्षक वर्ग-2 एवं वर्ग-3 के पद पर अनुकंपा नियुक्ति के लिए निर्धारित मापदण्डों में शिथिलीकरण करने हेतु मध्यप्रदेश शासन, स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार को पत्र दिनांक 27.01.2015 एवं पत्र दिनांक 03.02.2017 को प्रेषित किया गया है। भारत सरकार से निर्धारित मापदण्डों में शिथिलीकरण के लिए मार्गदर्शन अपेक्षित है।
स्कूल शिक्षा विभाग में कार्यरत सहायक शिक्षकों की पदोन्नति बावत्
[स्कूल शिक्षा]
62. ( क्र. 3301 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सहायक शिक्षक संवर्ग अंतर्गत सागर जिले में बहुत बड़ी संख्या में ऐसे सहायक शिक्षक कार्यरत है, जिन्हें प्रथम एवं द्वितीय क्रमोन्नति का लाभ मिल चुका है, किन्तु इन सहायक शिक्षकों की पदोन्नति योग्यता होने के बाद भी, विषय मान से पद उपलब्ध न होने के कारण उच्च श्रेणी शिक्षक के पद पर नहीं हो सकी है? पदोन्नति से वंचित ऐसे योग्यताधारी सहायक शिक्षकों की जिलेवार संख्या बताएं। (ख) क्या गणित, विज्ञान समूह एवं भाषा समूह में पदोन्नति के पद उपलब्ध होने के कारण कंडिका (क) में वर्णित सहायक शिक्षकों से कनिष्ठ सहायक शिक्षकों को उच्च श्रेणी शिक्षक के पद पर पदोन्नत किया जा चुका है? (ग) क्या सहायक शिक्षक संवर्ग में प्रथम क्रमोन्नति प्राप्त सहायक शिक्षक का वेतनमान उच्च श्रेणी शिक्षक के वेतनमान के बराबर होता है? यदि हाँ, तो कंडिका (क) में वर्णित योग्यताधारी सहायक शिक्षकों को उच्च श्रेणी शिक्षक के पद पर पदोन्नत करने पर शासन के ऊपर कोई अतिरिक्त व्ययभार नहीं आयेगा, ऐसी परिस्थिति में पदोन्नति से वंचित योग्यताधारी सहायक शिक्षकों को उच्च श्रेणी शिक्षक के पद पर पदोन्नति/पद अपग्रेड करने बावत् शासन स्तर पर कोई प्रस्ताव विचारधीन है? यदि हाँ, तो उक्त पदोन्नति/पद अपग्रेड कब तक कर दिये जायेंगे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) सागर जिले में कुल 1145 सहायक शिक्षक कार्यरत है, जिनमें से 998 सहायक शिक्षक स्नातक/स्नातकोत्तर योग्यताधारी है। शिक्षक पद पर पदोन्नति हेतु 1066 स्वीकृत पदों के विरूद्ध 636 शिक्षक कार्यरत है। शेष 430 पदों पर भर्ती एवं पदोन्नति नियम 1973 में संशोधन नियम 04 अगस्त 2012 अनुसार उपलब्ध पदों पर पदोन्नति की कार्यवाही प्रचलन में है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के अनुसार। (ग) जी हाँ। प्रस्ताव परीक्षणाधीन है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सागर जिले में डेंगू/चिकनगुनिया के उपचार एवं पर्याप्त सुविधाएं
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
63. ( क्र. 3302 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के आतारांकित प्रश्न क्रमांक 1691 दिनांक 09/12/2016 के प्रश्नांश (क) के उत्तर में अवगत कराया गया है कि सागर जिले में डेंगू से पीड़ित मरीजों की संख्या 326 एवं चिकनगुनिया मरीजों की संख्या 02 है तथा उक्त रोग से 15 पीड़ितों को इलाज हेतु बाहर भेजा गया है एवं जिले में डेंगू से 2015 से एक एवं 2016 में पाँच मौतें होने का लेख किया है तथा प्रश्नांश (ख) के उत्तर में बताया गया है कि डेंगू के इलाज में उपयोग होने वाले प्लेटलेट्स की उपलब्धता ब्लड सेपरेटर यूनिट के माध्यम से हो सकती है तथा सागर में ब्लड कम्पोनेंट सेपरेशन यूनिट वर्तमान में संचालित नहीं है? (ख) क्या शासन प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में डेंगू एवं चिकनगुनिया जैसी घातक बीमारियों के बचाव हेतु कोई योजना तैयार की गई है? समुचित इलाज संबंधी सुविधाओं की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी हाँ। जिला चिकित्सालय, सागर एवं बुन्देलखंड मेडिकल कॉलेज, सागर में उपचार की व्यवस्था है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
संविदा छात्रावास अधीक्षकों को अध्यापक संवर्ग में संविलियन
[आदिम जाति कल्याण]
64. ( क्र. 3306 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिम जाति कल्याण विभाग मंत्रालय, भोपाल के आदेश क्रमांक एफ 11-12/2006/25-2/1913 दिनांक 22/08/2013 के अनुसार विभाग अंतर्गत पदस्थ समस्त (756) संविदा छात्रावास अधीक्षकों को संविदा वर्ग 02 में समायोजित किया जाना था तथा अन्य आदेश एफ 11-12/2006/25-2/1155 दिनांक 07/08/2014 के अनुसार योग्यता पूर्ण करने के दिनांक से अध्यापक संवर्ग में सम्मिलित किया जाना है? (ख) यदि हाँ, तो सागर जिले में पदस्थ संविदा छात्रावास अधीक्षकों को आवश्यक शैक्षणिक योग्यता पूर्ण करने के बाद भी उक्त आदेश अनुसार अध्यापक संवर्ग में सम्मिलित क्यों नहीं किया गया? कारण स्पष्ट करें। (ग) क्या प्रदेश के अन्य जिला दमोह, बालाघाट, सिवनी, जबलपुर, धार, मण्डल, बडवानी, अलीराजपुर आदि में संविदा अधीक्षकों को अध्यापक संवर्ग का लाभ दिया गया है? (घ) यदि हाँ, तो सागर जिले में शासन के आदेश के तीन वर्ष बाद भी संविदा अधीक्षकों को अध्यापक संवर्ग में संविलियन की कार्यवाही क्यों नहीं की गई? इसके लिए कौन जिम्मेदार है तथा अध्यापक संवर्ग में संविलियन की कार्यवाही कब तक की जायेगी?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जिला सागर में शासनादेश अनुसार समिति गठित कर अध्यापक संवर्ग में संविलियन करने की कार्यवाही प्रचलन में है। पात्र संविदा शाला वर्ग-2 को अतिशीघ्र अध्यापक संवर्ग में संविलियन किया जावेगा। (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) संविदा अधीक्षक/संविदा शिक्षक वर्ग-2 को अध्यापक संवर्ग में नियमानुसार संविलियन करने की कार्यवाही प्रचलन में है।
नवीन उपस्वास्थ्य केन्द्र की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
65. ( क्र. 3311 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में विगत माह मध्यप्रदेश शासन द्वारा कितने नवीन उपस्वास्थ्य केन्द्रों की स्वीकृति प्रदान की गई थी? (ख) यदि स्वीकृति प्रदान की गई थी तो नवीन स्वीकृत उपस्वास्थ्य केन्द्र कब तक शुरू किये जावेंगे? (ग) नरयावली विधानसभा क्षेत्र में स्वीकृत नवीन उपस्वास्थ्य केन्द्र स्वीकृति हेतु विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? (घ) नवीन स्वीकृत उपस्वास्थ केन्द्र नरयावली विधानसभा क्षेत्र के कब तक शुरू किये जावेंगे?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) सागर जिले में दिनांक 21.06.2016 को 42 नवीन उप स्वास्थ्य केन्द्रों की स्वीकृति प्रदान की गई। (ख) यथाशीघ्र, निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं। (ग) उप स्वास्थ्य केन्द्रों को क्रियाशील करने हेतु राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मध्य प्रदेश कार्यालय से दिनांक 03.02.2017 को समस्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश दिये गये है। (घ) यथाशीघ्र, निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं।
दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
[स्कूल शिक्षा]
66. ( क्र. 3349 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले अंतर्गत अध्यापक संवर्ग के कितने पद किस-किस वर्ग के स्वीकृत हैं? उनमें से कितने पद किस-किस विषय के पदवार रिक्त है? जानकारी देंवें? इनमें से कितने विद्यालयों में अतिथि शिक्षकों की भर्ती कर पठन-पाठन का कार्य कराया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल दिनांक 11 सितम्बर,2008 के राजपत्र में उल्लेख है कि 50 प्रतिशत पद संविदा शाला शिक्षक के श्रेणी ग्रेड 01 तथा ग्रेड 02 की सीधी भर्ती द्वारा भर्ती किये जायेंगे? शेष 50 प्रतिशत पद वरिष्ठ अध्यापक तथा अध्यापक की पदोन्नति द्वारा भरे जावेंगे ? (ग) प्रश्नांश (ख) के तारतम्य में रीवा जिला अन्तर्गत कुल कितने संविदा शाला शिक्षक 01 तथा 02 के पद रिक्त हैं? रिक्त पदों में से वरिष्ठ अध्यापक तथा अध्यापकों की पदोन्नति विगत 1 वर्ष में की गई जानकारी देवें? (घ) प्रश्नांश (ख) के आदेश के पालन में अध्यापक संवर्ग में पदोन्नति की कार्यवाही रिक्त पदों पर संबंधितों की कब तक की जावेगी, अगर शासन के आदेशानुसार पद रिक्त नहीं हैं तो इसके लिए दोषियों पर क्या कार्यवाही करेंगे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) रीवा जिलान्तर्गत अध्यापक संवर्ग में वरिष्ठ अध्यापक के 661, अध्यापक 1090 तथा सहायक अध्यापक के 8716 पद स्वीकृत है। जानकारी परिशिष्ट अनुसार है। 122 हायर सेकेण्डरी, 119 हाई स्कूल, 180 मध्यमिक शालाओं एवं 290 प्राथमिक शालाओं में अतिथि शिक्षक से अध्यापन का कार्य कराया जा रहा है। (ख) जी हाँ। (ग) रीवा जिलान्तर्गत संविदा शाला शिक्षक श्रेणी-1 के 397, संविदा शाला शिक्षक श्रेणी-2 के 562 पद रिक्त है। विगत एक वर्ष में वरिष्ठ अध्यापक की पदोन्नति नहीं की गई है तथा अध्यापक से वरिष्ठ अध्यापक में नगर पंचायत हनुमना में 02 तथा नगर पंचायत सेमरिया में 04 की पदोन्नति की गई है। नगर पंचायत बैकुण्ठपुर के लिये 03 पद वरिष्ठ अध्यापक के लिये दिये गये थे, नगर पंचायत बैकुण्ठपुर द्वारा पदोन्नति की कार्यवाही नहीं की है। जिले के शेष 08 नगर पंचायतों में पद स्वीकृत नहीं होने से पदोन्नति नहीं की गई है। ग्रामीण निकाय अंतर्गत रीवा जिले में विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त के प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण पदोन्नति की कार्यवाही नहीं की गई है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर अनुसार न्यायालयीन प्रकरण के निराकरण उपरांत पदोन्नति की जाना संभव होगी। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
67. ( क्र. 3350 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा प्रश्नोत्तरी दिनांक 09/12/2016 में मुद्रित प्रश्न क्रमांक 2014 तारांकित के तारतम्य में संजय गांधी अस्पताल में 01 वर्ष पहले कितने प्रसूताओं के बच्चे ऑपरेशन से हुए? यह भी बतावें कि पिछले 10 माहों में कितनी प्रसूताओं एवं शिशुओं की मौतें हुई? प्रायवेट नर्सिंग होमों द्वारा ऑपरेशन से हुए प्रसव के मरीज/परिजनों से कितनी फीस/शुल्क प्रति मरीज लिया गया? (ख) क्या प्रायवेट नर्सिंग होमों में मरीजों के ऑपरेशन, जाँच व एक्स-रे सहित अन्य जांचों की फीस निर्धारित कर संबंधितों द्वारा सूचना पटल पर चस्पा करने का निर्देश दिया गया है? निर्धारित फीस से ज्यादा फीस वसूली पर किन-किन नर्सिंग होमों पर कार्यवाही की गई? अगर शासन द्वारा शुल्क निर्धारण नहीं किया गया तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के प्रायवेट नरसिंह होमों द्वारा मरीजों से मनमानी फीस वसूली पर संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा अगर अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रोक नहीं लगायी गई तो इसके लिए संबंधितों पर क्या कार्यवाही करेंगे तथा शासकीय अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं की समुचित देख-भाल एवं डॉक्टरों की कमी एवं उपस्थिति न होने के कारण मरीजों को प्राइवेट नरसिंह होमों में जाना पड़ता है, इस पर शासन प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी? प्रावेट नरसिंह होमों में ऑपरेशन कर बच्चा पैदा करने का प्रतिशत ज्यादा है तो इस पर रोंक लगाने बाबत् शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी बतावें? अगर नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में संजय गांधी स्मारक चिकित्सालय, रीवा में एक वर्ष पहले 1759 प्रसूताओं के बच्चे ऑपरेशन से हुये। पिछले 10 माहों में 52 प्रसूताओं एवं 56 शिशुओं की मौत हुई है। प्रायवेट नर्सिंग होम में आपॅरेशन से हुए प्रसव के मरीज/परिजन से लगभग 25 हजार फीस/शुल्क प्रति मरीज लिया जाता है। (ख) प्रश्नभाग में उल्लेखित कार्यों हेतु दरों के निर्धारण का प्रावधान नहीं है, लेकिन दरों को प्रदर्शित करने हेतु निर्देश दिये गये है। प्रावधान नहीं होने के कारण किसी के भी विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गयी। नियम में प्रावधान नहीं होने के कारण। (ग) नियम में दरों का निर्धारण का प्रावधान नहीं है अतः अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जी नहीं, शासकीय अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं की देखभाल की जाती है एवं चिकित्सकों की कमी की पूर्ति हेतु प्रक्रिया निरन्तर जारी है। जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मेडिकल कॉलेज रिनोवेशन में घटिया निर्माण
[चिकित्सा शिक्षा]
68. ( क्र. 3383 ) श्री गिरीश गौतम : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या एस.एस. मेडिकल कॉलेज एण्ड एस.जी.एम. हास्पिटल रीवा के पीडियाट्रिक एवं गायनिक विभाग में, रिनोवेशन का कार्य कराया गया है? यदि हाँ, तो कितनी राशि खर्च की गयी और किस विभाग द्वारा कार्य कराया गया? क्या कार्य के लिए कोई निविदा आमंत्रित की गयी यदि नहीं, तो क्या? कार्य कब शुरू किया गया था उसे पूर्ण कब किया गया? (ख) क्या रिनोवेशन का कार्य पूर्ण होते ही घटिया निर्माण के कारण छत टूट कर गिर गयी? क्या सभी निर्माण कार्यों की उच्च स्तरीय जाँच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करेंगे?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( एडवोकेट शरद जैन ) : (क) जी हाँ। इस कार्य पर कुल राशि रूपये 79,14,526/- व्यय हुई है। एस.एस. मेडिकल कॉलेज एण्ड एस.जी.एम. हास्पिटल रीवा के पीडियाट्रिक एवं गायनिक विभाग में एन.एच.एम. भोपाल द्वारा कार्य कराया गया है। जी हाँ। वर्ष 2010 से प्रारंभ होकर वर्ष 2012 में पूर्ण हुए। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मापदंड अनुसार हायर सेकेण्डरी स्कूल में उन्नयन
[स्कूल शिक्षा]
69. ( क्र. 3423 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक शिक्षण संचालनालय मध्यप्रदेश द्वारा वर्ष 2016-17 में हाई स्कूल से हायर सेकेण्डरी स्कूलों में उन्नयन हेतु जिला शिक्षा अधिकारियों से निर्धारित प्रपत्र में प्रस्ताव मंगवाये गये थे? डीईओ सागर के द्वारा डी.पी.आई. कार्यालय को भेजे गये प्रस्ताव की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या डी.ई.ओ. सागर के द्वारा वि.सभा क्षेत्र सुरखी के अंतर्गत निर्धारित मापदंड, कक्षा 10वीं के लिये उपलब्ध छात्र संख्या एवं दूरी आदि के आधार पर शासकीय हाई स्कूल मीरखेड़ी के लिये उपयुक्तता के आधार पर हायर सेकेण्डरी का प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया था और क्या डी.ई.ओ. से प्राप्त प्रस्ताव को दरकिनार करते हुये निकटतम हायर सेकेण्डरी से 12 किलोमीटर दूर, पोषक ग्रामों की 7000 जनसंख्या एवं कक्षा 10वीं के लिये 160 बच्चों की उपलब्धता के बावजूद हाई स्कूल मीरखेड़ी का हायर सेकेण्डरी में उन्नयन का प्रस्ताव अमान्य किया गया है? (ग) यदि हाँ, तो डी.ई.ओ. से प्रस्ताव मंगाने का औचित्य क्या है? निर्धारित प्रपत्र में मापदंड अनुसार शिक्षा के लोक व्यापीकरण के तहत प्रस्तुत प्रस्ताव को नियमों के परे मनमानी के चलते स्वविवेक से निर्णय लेने वाले संबंधित दोषी अधिकारी के विरूद्ध क्या कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक और क्या तथा मीरखेड़ी हाई स्कूल का हायर सेकेण्डरी में कब तक उन्नयन कर दिया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी नहीं, प्राप्त प्रस्तावों का परीक्षण किया जा रहा है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) ''ख'' के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। शालाओं का उन्नयन बजट प्रावधान पर निर्भर करता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पद स्वीकृत न किया जाना
[स्कूल शिक्षा]
70. ( क्र. 3424 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत विगत वर्षों में उन्नयन हुई अनेक हाई स्कूलों एवं हायर सेकेण्ड्री स्कूलों में पद स्वीकृत न किये जाने के कारण अध्यापन कार्य प्रभावित हुआ जिसका प्रभाव बोर्ड परीक्षाफल पर निश्चित रूप से पड़ेगा? (ख) यदि हाँ, तो उन हाई स्कूलों एवं हायर सेकेण्ड्री स्कूलों की सूची प्रदान की जाये जिनमे उन्नयन पश्चात् पद स्वीकृत नहीं किये गये है? पद स्वीकृत न किया जाना क्या किसी नीति के अंतर्गत है? (ग) यदि नहीं, तो पद स्वीकृत न किये जाने का कारण बताते हुये यह भी बतावे कि प्रश्नांश (ख) अनुसार हाई स्कूलों एवं हायर सेकेण्ड्री स्कूलों में कब तक पद स्वीकृत कर दिये जावेंगे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान अंतर्गत 200 एवं 230 माध्यमिक शाला का हाईस्कूल में उन्नयन किया गया है जिनमें पद स्वीकृति की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है। उक्त शालाओं में अध्यापन कार्य उपलब्ध शिक्षकों से करवाया जा रहा है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) पद स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, शीघ्र ही पद स्वीकृत किये जाएगें।
अपराधिक मुकदमा दर्ज किया जाना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
71. ( क्र. 3466 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ता. प्रश्न क्रमांक 8 (क्र 5163) दिनांक 14 मार्च 2016 के तहत क्या किसी भी व्यक्ति/संस्था का विभाग की बिना अनुमति के शासकीय धन को अपने खाते में हस्तांरित करना अपराध की श्रेणी में नहीं आता है? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत क्या कोई भी व्यक्ति/संस्था शासकीय धन को बिना अनुमति निकालकर/हस्तांरित कर उपयोग कर सकता है? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत यदि अपराध की श्रेणी में आता है और उपयोग नहींकर सकता है तो 108 सेवा प्रदाता संस्था पर प्रश्न दिनांक तक आपराधिक मुकदमा क्यों नहीं दर्ज किया गया कारण दें? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) व (ग) के तहत क्या अब मुकदमा दर्ज किया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों कारण दें?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) संस्था द्वारा राशि, अपनी ही संस्था के खाते में मध्यप्रदेश 108 एम्बुलेंस के संचालन हेतु जमा की गयी थी तथा उक्त राशि का उपयोग मध्यप्रदेश की 108 एम्बुलेंस के संचालन हेतु किया गया। (घ) जी नहीं। प्रश्न (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अस्पताल परिसर में मेडिकल वेस्ट में आग लगाने के दोषी के विरूद्ध कार्यवाही
[चिकित्सा शिक्षा]
72. ( क्र. 3485 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा अंतर्गत श्यामशाह मेडिकल कॉलेज के गांधी स्मारक चिकित्सालय के खुले परिसर में रोजाना सुबह 9-12 बजे के बीच मेडिकल वेस्ट एकत्रित किया जाता है मेडिकल वेस्ट में इस लान की खाली बोतले सिंरिज खून से सनी पट्टी पुराने गद्दे रूई सहित अन्य वेस्ट होता है इसे दोपहर डेढ़ बजे के बाद खुले में वेस्ट में आग लगा दी जाती है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में क्या इससे निकला जहरीला धुंआ गायनी वार्ड में 60-70 प्रसूताएं एवं इतने ही बच्चों को जहरीला धुआं वहां प्रवेश करता है और उन्हें प्रभावित करता है? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के प्रकाश में बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण के लिये अस्पताल परिसर में मेडिकल वेस्ट को जलाने का प्रतिबंध है यदि हाँ, तो इसका पालन नहीं करने पर कार्यवाही का प्रावधान है क्या उपरोक्त वेस्ट निस्तारण के लिये इंसीनेटर की व्यवस्था है किन्तु इसका प्रयोग नहीं हो रहा है इस कार्य की एजेंसी निर्धारित है जिस पर लाखों रूपये खर्चे हो रहा है मेडिकल वेस्ट के धुंए से कार्बन मोनो आक्साईड एवं सल्फर डाई आक्साईड गैस का उत्सर्जन होता है जिससे फेफड़े का संक्रमण संभव है? क्या पहले भी ठेका एजेंसी को ऐस कृत्य के लिये दण्डित किया गया था? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) (ग) के प्रकाश में यदि हाँ, तो दण्डित करना या पेनाल्टी लगाना इस कृत्य के दण्ड की श्रेणी में आता है या इससे ज्यादा गंभीर कार्यवाही की श्रेणी में आता है तो जिम्मेदार के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज करायी जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक समय-सीमा बतावें? यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट करें? अभी तक ऐसी कार्यवाही क्यों नहीं हुई? देरी के लिये कौन जिम्मेदार है? जिम्मेदार को चिन्हित कर कार्यवाही की जावेगी? हाँ तो क्या? नहीं तो क्यों?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( एडवोकेट शरद जैन ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। जी हाँ। जी नहीं ''मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के गाईड लाईन के अनुसार चिकित्सालय में स्थापित इन्सीनरेटर का उपयोग प्रतिदिन किया जा रहा है। '' ठेका एजेन्सी को वर्ष 2016 में क्युनिस्पिल वेस्ट का सही डिस्पोजल नहीं करने व कुछ देर के लिये अज्ञात कारण से आग लगने के कारण से कार्य में लापरवाही के लिए जुर्माने की राशि क्रमशः रूपये 10,000/- (रूपये दस हजार मात्र) एवं रूपये 5,000/- (रूपये पाँच हजार मात्र) से दंडित किया गया था। (घ) बायोमेडिकल वेस्ट के निष्पादन में गम्भीर लापरवाही नहीं पाये जाने के कारण किसी भी प्रकार की दण्डात्मक/एफ.आई.आर. दर्ज कराने की कार्यवाही नहीं की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते है।
मांझी फर्जी जाति प्रमाण पत्र की कार्यवाही
[आदिम जाति कल्याण]
73. ( क्र. 3556 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिम जाति कल्याण विभाग से दिनांक 02/12/2016 के परि.अता. प्रश्न संख्या 15 (क्र. 247) में उच्च स्तरीय छानबीन जाँच समिति के द्वारा प्रश्नांश के (ग) भाग में जवाब आया है कि कार्यवाही कलेक्टर एवं पुलिस अधिक्षक स्तर पर प्रचलित है तो कितने जिले में कितने प्रकरण प्रचलित एवं पूर्ण हुए है, जिलेवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश ''क'' के संदर्भ में रीवा, शहडोल, जबलपुर, सागर एवं भोपाल संभाग की फर्जी प्रमाण पत्र के दोषी सिद्ध व्यक्तियों के प्रचलित कार्यवाही प्रकरणों की जानकारी देवें। (ग) प्रश्नाश ''क'' एवं ''ख'' के संदर्भ में कार्यवाही पूर्ण न कर विलंब के लिए कौन जिम्मेदार है, क्या कलेक्टर एवं एस.पी. जिम्मेदार है, सम्बन्धित कलेक्टर एवं एस.पी. के विरूद्ध कौन सी दण्डात्मक कार्यवाही करेंगे?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) परिवर्तित अतारांकित प्रश्न संख्या 15 (क्रमांक 247) के परिप्रेक्ष्य में रीवा जिले के मांझी जाति के 06 प्रकरणों में उच्च स्तरीय छानबीन समिति ने जाति प्रमाण पत्र निरस्त किये जाने हेतु अनुशंसा की है। संबंधित जिले के कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक को निर्णय की प्रति कार्यवाही हेतु भेजी गई है। (ख) रीवा, शहडोल, जबलपुर, सागर एवं भोपाल संभाग के फर्जी जाति प्रमाण पत्र में उच्च स्तरीय छानबीन समिति ने 186 जाति प्रमाण पत्र निरस्त करने की अनुशंसा की है, जिस पर नियमानुसार कार्यवाही हेतु नियोक्ता कार्यालय एवं संबंधित कलेक्टरों को लिखा गया है। (ग) कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
छात्रावासों में खाद्यान्न सामग्री वितरण
[आदिम जाति कल्याण]
74. ( क्र. 3575 ) श्री राजेश सोनकर : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/पिछड़ा वर्ग के छात्रावासों में निवासरत् छात्र-छात्राओं को सरकार द्वारा क्या-क्या सामग्री आवंटित की जाती है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में खाद्यान्न आवंटन हेतु राज्य शासन द्वारा खाद्य आपूर्ति विभाग के माध्यम से जिलों में खाद्यान्न सामग्री उपलब्ध कराई जाती हैं? सरकारी राशन दुकान से वितरण की जाने वाली सामग्री कितनी-कितनी मात्रा में एवं कितने-कितने माह हेतु आवंटित की जाती है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में इन्दौर जिला अन्तर्गत पिछले 02 वर्षों में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/पिछड़ा वर्ग के छात्रावासों में कितनी-कितनी खाद्यान्न सामग्री दी गई एवं कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में इन्दौर जिले के छात्रावासों में कितने छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं? प्रति छात्र-छात्रा के हिसाब से कितनी खाद्य सामग्री प्राप्त होती है? छात्रावास सहित जानकारी देवें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) अनुसूचित जनजाति छात्र-छात्राओं को नि:शुल्क आवास व्यवस्था बिस्तर सामग्री, फर्नीचर एवं भोजन सामग्री आवंटित की जाती है। (ख) जी हाँ। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के छात्रावासों में खाद्य विभाग द्वारा गेहूँ एवं चावल उपलब्ध कराया जाता है। छात्रावासों में दर्ज छात्र-छात्राओं की संख्या के मान से निर्धारित डाइट चार्ट के अनुरूप गेहूँ एवं चावल 6-6 माह का कोटा अनुसार आवंटित किया जाता है। पिछड़ा वर्ग विभाग द्वारा मेस संचालन का प्रावधान न होने से खाद्य सामग्री उपलब्ध नहीं कराई जाती है। (ग) इन्दौर जिला अन्तर्गत पिछले 02 वर्षों में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति वर्ग हेतु निम्नानुसार खाद्यान सामग्री प्रदाय की गई :-
क्र |
वर्ग |
सामग्री |
वर्ष 2014-15 |
वर्ष 2015-16 |
कुल |
1 |
अनुसूचित जाति |
गेहूँ |
1388 क्विंटल |
1988 क्विंटल |
3376 क्विंटल |
चावल |
520 क्विंटल |
745 क्विंटल |
1265 क्विंटल |
||
2 |
अनुसूचित जनजाति |
गेहूँ |
920 क्विंटल |
920 क्विंटल |
1840 क्विंटल |
चावल |
345 क्विंटल |
345 क्विंटल |
690 क्विंटल |
व्यय का विवरण निम्नानुसार है :-
क्र |
वर्ग |
वर्ष |
व्यय राशि |
1 |
अनुसूचित जाति |
वर्ष 2014-15 |
5.20 लाख |
वर्ष 2015-16 |
2.73 लाख |
||
2 |
अनुसूचित जनजाति वर्ग |
वर्ष 2014-15 |
1.38 लाख |
वर्ष 2015-16 |
1.26 लाख |
(घ) इन्दौर जिलें में अनुसूचित जाति के 61 छात्रावास में 2860 एवं अनुसूचित जनजाति के 26 छात्रावासों में 1600 एवं पिछड़ा वर्ग के 50 छात्राएं एवं 65 छात्र निवासरत हैं। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के छात्रावासों में प्रतिछात्र के मान से 08 किलो गेहूँ एवं 03 किलो चावल प्रदाय किया जाता है। छात्रावासों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
नियम विरुद्ध अटैचमेंट
[स्कूल शिक्षा]
75. ( क्र. 3588 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शैक्षणिक सत्र 2016-17 में स्थानान्तरण नीति जारी नहीं होने के कारण शिक्षक संवर्ग में उनकी मूल पदस्थापना स्थल से अन्यत्र अटैचमेंट करने के आदेश दिये गये हैं? यदि हाँ, तो आदेश प्रति उपलब्ध कराई जावे। (ख) क्या शिक्षकों को अन्यत्र अटैच करने के कारण उनकी मूल पाठशाला का शैक्षणिक कार्य प्रभावित होता है? यदि हाँ, तो उज्जैन संभाग में जिला शिक्षा अधिकारियों द्वारा किन-किन शिक्षकों के अटैचमेंट किये गये हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) में दर्शाये गये समस्त अटैचमेंट क्या नियम विरुद्ध हैं? यदि हाँ, तो क्या शासन संबंधित दोषी अधिकारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। (ख) उज्जैन संभाग अंतर्गत नीमच जिले में प्रशासकीय आवश्यक्तानुसार शैक्षणिक व्यवस्था के सुचारू संचालन हेतु छात्र हित में शिक्षकों की व्यवस्था की गई हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
परियोजना अंतर्गत निर्माण कार्य
[आदिम जाति कल्याण]
76. ( क्र. 3643 ) श्री रामपाल सिंह : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिला अंतर्गत आदिवासी विकास परियोजना का कार्यालय जयसिंहनगर में संचालित है जिसमें जयसिंहनगर तथा ब्यौहारी जनपद पंचायतें सम्मिलित हैं और उक्त परियोजना को निर्माण कार्य सहित अन्य कार्य संचालित करने हेतु शासन से राशि आवंटित की जाती है। (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो परियोजना द्वारा वर्ष 2014-15 से परियोजना क्षेत्रांतर्गत कितने निर्माण कार्य कितनी-कितनी लागत के किस-किस वर्ष, किन-किन स्थानों में स्वीकृत किये गये। पूर्ण/अपूर्ण कार्यों का सत्यापन किसके द्वारा किया गया। प्रत्येक जनपद पंचायतों की वर्षवार, कार्यवार जानकारी उपलब्ध करायी जावे।
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
चिकित्सालयों का रख-रखाव व्यय
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
77. ( क्र. 3644 ) श्री रामपाल सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के जिला चिकित्सालय में वाहन की सुविधा सहित अन्य परिसंपत्तियों के रख-रखाव या मेंटेनेंस किये जाने के लिये राशि व्यय की जाती है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो विगत ०५ वर्षों से उक्त चिकित्सालय में किस-किस मद की राशि से किन-किन कार्यों के लिये प्रश्न दिनांक तक व्यय किया गया है? व्यय राशि मदवार, कार्यवार भुगतान सहित व्यय प्रक्रिया की जानकारी उपलब्ध करायी जावे।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख)
वर्ष |
स्थायी संपत्तियों का अनुरक्षण 33-001 |
मशीन एवं उपकरण अनुरक्षण 33-002 |
वाहन अनुरक्षण 33-003 |
योग |
2012-13 |
Nil |
276250.00 |
1013800.00 |
1290050.00 |
2013-14 |
200000.00 |
Nil |
1273960.00 |
1473960.00 |
2014-15 |
Nil |
77006.00 |
1449048.00 |
1526054.00 |
2015-16 |
Nil |
Nil |
1397873.00 |
1397873.00 |
2016-17 |
Nil |
Nil |
457639.00 |
457639.00 |
Total |
200000.00 |
353256.00 |
5592320.00 |
6145576.00 |
हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल भवन निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
78. ( क्र. 3667 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में ऐसे कितने स्कूल हैं, जिन्हें हाई स्कूल से हायर सेकेण्डरी स्कूल में उन्नयन किया गया है? उन्नयन के वर्ष की जानकारी देवें। (ख) हायर सेकेण्डरी स्कूल उन्नयन के बाद किन-किन स्कूलों के भवन निर्माण कर स्कू्ल संचालित किये जा रहे हैं? (ग) वंचित हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल भवनों के निर्माण हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या प्रयास किये जा रहे हैं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी संलग्न परशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) हाई एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल भवनों का निर्माण बजट उपलब्धता पर निर्भर करेगा।
विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जाति वर्ग हेतु संचालित योजनाएं
[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जाति कल्याण]
79. ( क्र. 3668 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जाति कल्याण विभाग हेतु प्रदेश में क्या-क्या योजनाएं संचालित की जा रही हैं? (ख) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में विगत 3 वर्षों में विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जाति वर्ग के व्यक्तियों को क्या-क्या लाभ दिया गया है? नाम, स्थान एवं राशि सहित जानकारी देवें। (ग) विगत 3 वर्षों में उपरोक्त वर्गों से सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में कितने आवेदन प्राप्त हुए तथा इनका क्या कल्याण किया गया है? प्राप्त आवेदनों में से कितने लोगों को लाभ प्राप्त नहीं हुआ है, लाभ नहीं मिलने के कारण बतावें। (घ) विगत दिनों विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जाति वर्ग का सम्मेलन देवास में आयोजित किया गया था, उसमें मन्दसौर जिले के विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जाति के कितने व्यक्तियों ने भाग लिया तथा उनमें से कितने व्याक्तियों को क्या-क्या लाभ दिया गया? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी देवें।
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) विभाग द्वारा विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जनजातियों के लिये संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में विगत 03 वर्षों में विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जनजाति वर्ग के छात्रावासी बालक/बालिकाओं को शिष्यावृत्ति योजनांतर्गत राशि स्वीकृत कर जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जनजाति स्वरोजगार योजना में बजट प्रावधान स्वीकृत न होने के कारण उक्त योजना का लाभ हितग्राहियों को नहीं दिया जा सका। (घ) विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जनजाति योजनाओं का प्रशिक्षण एवं सम्मेलन दिनांक 23.12.2016 को जिला-देवास में आयोजित किया गया, जिले से सम्मेलन में 2000 व्यक्तियों ने भाग लिया, सम्मेलन में उक्त वर्ग के व्यक्तियों को क्रियान्वित योजनाओं एवं आगामी कार्ययोजनाओं से संबंधित जानकारी प्रदाय की गई। सम्मेलन में व्यक्तिगत लाभ किसी व्यक्ति को नहीं दिया गया।
उत्कृष्ट पंचायत पुरस्कार
[अनुसूचित जाति कल्याण]
80. ( क्र. 3684 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही हैं कि विभाग द्वारा छुआछुत मुक्ति एवं अन्य पूरक आधारों पर उत्कृष्ट पंचायत पुरस्कार के रूप में 1 लाख रू. की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती हैं? यदि हाँ, तो नवगठित आगर जिले में जिला गठन से वर्तमान तक किन-किन पंचायतों को पुरस्कार प्रदान किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पुरस्कार के लिये वरीयता किस प्रकार निर्धारित की जाती हैं? पंचायत चयन के मापदण्ड क्या हैं? (ग) वित्तीय वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में आगर जिला अंतर्गत किन-किन पंचायतों को पुरस्कृत किया गया? तद्संबंधी जिला कलेक्टर से प्राप्त अनुमोदन, की गई बैठक का कार्यवाही विवरण एवं पंचायत चयन संबंधी अन्य विवरण प्रस्तुत करें? (घ) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित कार्यवाही/प्रावधान अनुसार पंचायत का चयन किया गया? यदि नहीं, तो नियम विरूद्ध चयन के लिये जवाबदारी तय कर दोषियों पर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या व कब तक?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2013-14 में आगर विकासखण्ड के नरवल ग्राम पंचायत को वर्ष 2014-15 में सुसनेर विकासखण्ड के पिपल्या बालाजी ग्राम पंचायत को तथा वर्ष 2015-16 में आगर विकासखण्ड के पालखेडी ग्राम पंचायत को उत्कृष्ट पुरस्कार प्रदान किया गया है। (ख) अस्पृश्यता निवारणार्थ उत्कृष्ट ग्राम पंचायत पुरस्कार योजना हेतु निर्धारित मापदण्ड की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ’ अनुसार है। (ग) वर्ष 2015-16 में आगर विकासखण्ड के पालखेडी ग्राम पंचायत को एवं वर्ष 2016-17 में आगर विकासखण्ड के ग्राम पंचायत सूतडा का चयन किया गया है। पंचायतों के चयन संबंधी बैठक के कार्यवाही विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब’ एवं 'स’ अनुसार है। (घ) जी हाँ। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वास्थ्य परीक्षण उपचार शिविर
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
81. ( क्र. 3685 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत विगत 03 वर्षों में विभाग द्वारा कितने स्वास्थ्य परीक्षण/उपचार शिविर आयोजित किये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्वास्थ्य परीक्षण/उपचार शिविरों के आयोजन हेतु कितनी राशि आवंटित की गई थी? आवंटित राशि के विरूद्ध व्यय राशि का मदवार विवरण देवें? (ग) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र नलखेड़ा में विगत 03 वर्षों में ब्लॉक मेडिकल आफिसर द्वारा कब-कब ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा किया एवं अधीनस्थ उपस्वास्थ्य केन्द्र/प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का निरीक्षण किया? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित निरीक्षणों के दौरान कोई कमी पाई गई? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत विगत 03 वर्षों में विभाग द्वारा 16 स्वास्थ्य शिविर आयोजित किये गये हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। (ग) प्रश्नावधि में नलखेडा ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर द्वारा किये गये भ्रमण व निरीक्षण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है। (घ) जी हाँ। की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है।
प्रदेश में कुपोषित एवं अतिकुपोषित बच्चे
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
82. ( क्र. 3695 ) श्री रामनिवास रावत : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भारत सरकार द्वारा वर्ष 2002 में बनाई गई स्वास्थ्य नीति अंतर्गत प्रदेश में स्वास्थ्य नीति बनाई गयी है? यदि हाँ, तो कब और क्या नीति बनाई गयी है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) एन.एफ.एच.एस. के ताजा सर्वे अनुसार प्रदेश में कितने प्रतिशत बच्चे कुपोषित एवं कितने प्रतिशत अतिकुपोषित हैं? इनके कुपोषित होने के क्या क्या कारण है? (ग) जिलेवार कितनी कितनी संख्या में कुपोषित एवं अतिकुपोषित बच्चे एन.एफ.एच.एस. सर्वे के अनुसार पाए गए है? जिलेवार कुपोषित एवं अतिकुपोषित बच्चों की संख्या प्रतिशत सहित बतावें? (घ) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में विगत 5 वर्षों में कितने कितने कुपोषित एवं अतिकुपोषित बच्चों की मृत्यु हुई है? (ड.) विगत पाँच वर्षों में प्रदेश में कुपोषण दूर करने पर कुल कितनी राशि व्यय की गई है वर्षवार बतावें?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2003 में राज्य की स्वास्थ्य नीति का प्रारूप तैयार किया गया था, जिसे विभागीय वेबसाईट पर प्रकाशित भी किया गया था, प्रारूप पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। वर्ष 2005 में भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन प्रारंभ किया गया जिसमें सभी राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों को समाहित कर प्रदेश में क्रियान्वित किया गया, इस कारण प्रदेश की स्वास्थ्य नीति पृथक से जारी नहीं की गई। (ख) एन.एफ.एच.एस.-4 के ताजा सर्वे अनुसार प्रदेश में 42.8 प्रतिशत बच्चे कम वजन (कुपोषित) तथा 9.2 प्रतिशत बच्चे गंभीर कुपोषित है। कुपोषण के संभावित कारण संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) एन.एफ.एच.एस. सर्वे में जिलेवार कुपोषित एवं अतिकुपोषित बच्चों की संख्या प्रतिवेदित नहीं है। जिलेवार कुपोषित एवं गंभीर कुपोषित बच्चों के प्रतिशत संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) विगत 5 वर्षों में विभागीय एच.एम.आई.एस. में प्रतिवेदित जानकारी अनुसार कुपोषण से हुई मृत्यु निरंक है। (ड.) विगत 5 वर्षों में प्रदेश में कुपोषण दूर करने के लिये व्यय राशि की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
छात्रावास अधीक्षिका के पति द्वारा छात्राओं से दुष्कर्म, छेड़छाड़
[आदिम जाति कल्याण]
83. ( क्र. 3749 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले में आदमि जाति विभाग की अधीक्षिका अंजना मेसी दयाल जिले में कब से पदस्थ है, इस दौरान कौन-कौन से छात्रावासों में कब कब पदस्थ रही है, इनके कार्यकाल में विभिन्न छात्रावासों में कितनी घटनायें छात्र-छात्राओं के साथ दुष्कर्म एवं छेड़छाड़ की हुई है, छात्रावासवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांकित (क) अनुसार अधीक्षिका अंजना मेसी दयाल व उसके पति प्रेम मेसी दयाल विगत 10 वर्षों से छात्राओं के साथ उन्हें डरा धमकाकर उनका शारीरिक, मानसिक, शौषण करते आ रहे है? क्या विभाग ने उन्हें इस तरह के कृत्य हेतु मौन स्वीकृति प्रदान की है? अगर नहीं तो इस तरह की आरोपित अधीक्षिका को विभाग द्वारा अलग-अलग कन्या छात्रावासों में क्यों अधीक्षिका बनाया गया है? (ग) प्रश्नांकित (क) एवं (ख) के अनुसार उक्त आरोपित महिला को कन्या छात्रावासों में किन-किन अधिकारियों ने अधीक्षिका बनाया है? नाम पद सहित जानकारी देवें? (घ) क्या प्रश्नांकित प्रकरण की अधीक्षका ने अपने पति के साथ मिलकर उत्कृष्ट अनु.जा.क. छात्रावास बागली में अध्ययनत् बालिकाओं को डरा-धमकाकर दुष्कर्म किया है? अगर हाँ तो क्या विभाग उन अधिकारियों को भी आरोपी बनायेगा जिनके कारण इस तरह की घटनायें हो रही है? अगर हाँ तो कब तक कार्यवाही होगी?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) देवास जिले में आदिम जाति कल्याण विभाग की अधीक्षिका श्रीमती अंजना मेसीदयाल दिनांक 14/07/1993 से पदस्थ हैं, इस दौरान कौन-कौन से छात्रावासों में कब-कब पदस्थ रही हैं, की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। जूनियर अनुसूचित जाति कन्या छात्रावास एवं अनुसूचित जाति कन्या उत्कृष्ट छात्रावास बागली अधीक्षिका के प्रभार में रहने के दौरान दिनांक 20/01/2017 को इनके पति श्री प्रेम मेसीदयाल के विरूद्ध कु.खुशबू चौहान पिता श्री विक्रम चौहान ग्राम भमौरी ने छेड़छाड़ का प्रकरण थाना बागली में भा.द.स 1860/354 (A) 509, लैंगिक अपराधों से बालको का सरंक्षण अधिनियम 2012/7,8 एवं अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (नृशंसता निवारण) अधिनियम, 1989/3 (2) (5) के अन्तर्गत तथा दिनांक 30/01/2017 को थाना बागली में इनके पति श्री प्रेम मेसीदयाल के विरूद्ध कु. कौशल्या पिता श्री धन्नालाल निवासी ग्राम अवराजसानी जाति बलाई, कु. अंजली पिता सुभाष निवासी ग्राम खजुरिया बीना जाति बलाई एवं कु. रुकमणी पिता श्री नरबत सिंह निवासी खेरिया साहू जाति बलाई के द्वारा बलात्कार करने का प्रकरण भा.द.स. 1860/376 (2) (i), 376 (2) (n) लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012/3 (a), 4 के विरूद्ध 03 प्रथम सूचना रिपोर्ट इस प्रकार कुल 04 प्रकरण पंजीबद्ध किये जाकर विवेचना में प्रचलित है। पुलिस थाना बागली द्वारा दिनांक 31/01/2017 को इन प्रकरणों में 120 (b) धारा बढ़ाई जाकर श्रीमती अंजना मेसीदयाल को भी सह आरोपी बनाया गया है। वर्तमान में श्रीमती अंजना मेसीदयाल एवं उनके पति श्री प्रेम मेसीदयाल जेल में निरूद्ध हैं। (ख) जी नहीं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -''ब'' अनुसार है। (घ) जी हाँ। मान. न्यायालय के निर्णय अनुसार, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
शिक्षा विभाग अंतर्गत विशेष परिस्थितियों में स्थानांतरण से संबंधित
[स्कूल शिक्षा]
84. ( क्र. 3786 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा पदस्थ अध्यापकगण (पुरूष/महिला) के विशेष परिस्थितियों में (अर्थात उनके जान-मान की सुरक्षा की दृष्टि से) स्थानांतरण हेतु विभाग द्वारा क्या मापदंड/प्रक्रिया निर्धारित है की प्रति सहित जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में 2014,2015 एवं 2016 में मुरैना जिले में कितने स्थानान्तरण किये गये की जानकारी संख्या, नाम, पता पद नियुक्ति दिनांक स्थानानतरण दिनांक सहित दी जावें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) अध्यापक संवर्ग में स्थानान्तरण का कोई प्रावधान नहीं है, अपितु अन्तर्निकाय ऑनलाईन संविलियन नीति का प्रावधान है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में स्थानान्तरण का प्रावधान नहीं होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वास्थ्य केन्द्र भवन की मरम्मत
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
85. ( क्र. 3787 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न स.क्र. (80) (क्र0 1185) के उत्तर भाग (क) खडि़याहार तहसील अम्बाह जिला मुरैना में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के भवन में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन संचालित है जो लोक निर्माण विभाग के निरीक्षण अनुसार मरम्मत योग्य है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के नवीन भवन हेतु प्रस्ताव प्रचलन में है। एवं भाग (ख) जी हाँ। विभागीय पत्र क्रमांक मेडि-3 भोपाल दिनांक 15.09.2008 द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खडि़याहार के नवीन भवन निर्माण हेतु राशि रूपये 164.86 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई थी। परन्तु स्थान नहीं होने के कारण बताकर प्रकरण निरस्त कर दिया गया है। (ख) यदि हाँ, तो उपरोक्त वर्णित कार्यवाही केवल मात्र औपचारिकता थी व राशि को सी.एस.सी. कैलारस जिला मुरैना को देने की मंशा थी। यदि हाँ, तो इस प्रकरण में निरस्त करने के आदेश किन-किन अधिकारियों द्वारा दिये गये थे।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी नहीं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की पी.आई.पी वर्ष 2013-14 में खडियाहार के नवीन भवन निर्माण हेतु राशि 260.00 लाख का प्रावधान उपलब्ध था परंतु निर्माण हेतु स्थान उपलब्ध न होने के कारण खडियाहार को परिवर्तित करते हुये कैलारस, जिला मुरैना के भवन निर्माण हेतु प्रशासकीय स्वीकृति मिशन संचालक, एन.एच.एम के आदेश क्रमांक/5/एन.एच.एम/भवन/2016-17/3316, दिनांक 6/4/2016 के द्वारा जारी की गई।
शाढौरा स्थित हायर सेकेण्डरी स्कूल परिसर की बाउण्ड्रीवॉल निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
86. ( क्र. 3794 ) श्री गोपीलाल जाटव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र अशोकनगर के शाठौरा में स्थित शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूल परिसर के चारों ओर बाउण्ड्रीवॉल है? (ख) यदि नहीं, तो क्यों नहीं है कारण बतावें? (ग) क्या विभाग द्वारा इसके लिये कार्यवाही हेतु प्रस्ताव शासन को भेजा गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूल परिसर की बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण कब तक कर दिया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। (ख) सीमित वित्तीय संसाधनों के कारण। (ग) जिले से प्रस्ताव प्राप्त है जो परीक्षणाधीन है। (घ) बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण बजट उपलब्धता पर निर्भर करेगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
शालाओं का उन्नयन
[स्कूल शिक्षा]
87. ( क्र. 3841 ) श्री सुदेश राय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सीहोर के अन्तर्गत विधानसभा क्षेत्र 159 सीहोर अन्तर्गत वर्ष 2013-14 से आज दिनांक तक विभाग को प्रा.शा. को मा.शाला, मा.शाला को हाईस्कूल को हायर सेकेण्डरी स्कूल में उन्नयन किये जाने हेतु कितनी अनुशंसा प्राप्त हुई वर्ष एवं श्रेणीवार अनुशंसा की जानकारी शाला के स्थान सहित बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितनी शालाओं के उन्नयन के प्रस्ताव तैयार कर शासन को प्रेषित किये गये थे जिसमें से कितने प्रस्ताव स्वीकृत किये जाकर शालाओं का उन्नयन किया गया है तथा कितने प्रस्ताव अस्वीकृत किये गये यदि अस्वीकृत किये गये है तो किस कारण से पृथक-पृथक शाला का कारण सहित विवरण देवें। (ग) शालाओं के उन्नयन हेतु शासन के क्या मापदण्ड है, प्रा. शाला से हायर सेकेण्डरी स्कूल तक उन्नयन के पृथक-पृथक नियम बतावें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) एवं (ख) प्राथमिक शाला से माध्यमिक शाला की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- एक पर एवं हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो पर है। हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी के उन्नयन संबंधी प्रस्ताव शासन को भेजे गए। सीमित वित्तीय संसाधनों के कारण सीमित संख्या में ही शालाओं का उन्नयन हो पाता है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) शासकीय प्राथमिक विद्यालय से माध्यमिक विद्यालय के संबंध में उन्नयन हेतु निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 अंतर्गत निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार नियम 26 मार्च 2011 की धारा-4 में पड़ोस के तहत-'' (1) क्षेत्र या पड़ोस की सीमाएं जिनके भीतर राज्य सरकार द्वारा स्कूल स्थापित किया जाना है नियम 2 के उपनियम (1) के खण्ड (ट) में यथा परिभाषित क्षेत्र या सीमा होगी, परंतु यदि क्षेत्र के भीतर किसी बसाहट या पड़ोस की सीमा में एक किमी. की परिधि के भीतर प्रायमरी स्कूल की सुविधा नहीं है और 6 से 11 वर्ष की आयु के कम से कम 40 बच्चे उपलब्ध है तो राज्य सरकार ऐसी बसाहट में प्रायमरी स्कूल की सुविधा उपबंध करेगी, परंतु यह और कि यदि क्षेत्र के भीतर बसाहट या पड़ोस की सीमा के भीतर तीन कि.मी. की परिधि में कोई मिडिल स्कूल की सुविधा उपलब्ध नहीं है और 11 से 14 वर्ष की आयु के कम से कम 12 बच्चे उपलब्ध है, तो राज्य सरकार ऐसी बसाहट में मिडिल स्कूल की सुविधा उपबंध करेगी।'' शासकीय माध्यमिक विद्यालय से हाईस्कूल, हाईस्कूल से हायर सेकेण्डरी स्कूल उन्नयन हेतु निर्धारित मापदण्ड पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन पर है।
नवीन उपस्वास्थ्य केन्द्र की स्वीकृति एवं उन्नयन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
88. ( क्र. 3842 ) श्री सुदेश राय : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सीहोर के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र 159 सीहोर अंतर्गत वर्ष 2013-14 से आज दिनांक तक विभाग को नवीन उपस्वास्थ्य केन्द्र की स्थापना एवं स्वास्थ्य केन्द्र के उन्नयन की कितनी अनुशंसा प्राप्त हुई है वर्षवार अनुशंसा की श्रेणीवार जानकारी बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने नवीन उपस्वास्थ्य केन्द्र की स्वीकृति उपरांत किन-किन स्थानों पर स्वास्थ्य केन्द्र प्रारंभ कर दिये गये? यदि नहीं, तो क्यों नहीं तथा कब तक प्रारंभ करा दिये जावेंगे? (ग) क्या सेमरादांगी में नवीन उपस्वास्थ्य केन्द्र तथा प्रा. स्वास्थ्य केन्द्र अहमदपुर को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन हेतु प्रस्ताव शासन को प्रेषित किये है, यदि हाँ, तो इसमें विलंब का क्या कारण तथा स्वीकृति कब तक प्राप्त हो जावेगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) प्रश्नावधी में सीहोर जिले के विधानसभा क्षेत्र 159 सीहोर अंतर्गत 18 ग्रामों में उप स्वास्थ्य केन्द्र की अनुशंसा प्राप्त हुई। वर्ष 2015-16 में 16 एवं वर्ष 2016-17 में 2 उप स्वास्थ्य केन्द्रों की। (ख) 16 उप स्वास्थ्य केन्द्रों की स्वीकृति की गयी एवं वर्तमान में सभी अप्रारंभ है। उप स्वास्थ्य केन्द्रों को क्रियाशील करने हेतु राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मध्य प्रदेश कार्यालय से दिनांक 03.02.2017 को समस्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश दिये गये है। निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उच्च.मा.वि. अस्तौन में पदस्थ प्राचार्य द्वारा बाबा साहेब का अपमान किये जाने की घटना
[स्कूल शिक्षा]
89. ( क्र. 3893 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले के अंतर्गत शासकीय उच्च.मा.वि. अस्तौन में पदस्थ प्राचार्य द्वारा 26 जनवरी 2016 को गणतंत्रदिवस के अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान महापुरुषों क्रमशः महात्मा गांधी, चंद्रशेखर आजाद, डॉ. भीमराव अम्बेडकर तथा सरस्वती जी के छायाचित्र मंच पर रखे गए थे? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो क्या उक्त विद्यालय में पदस्थ प्राचार्य मनजीत सिंह द्वारा डॉ. अम्बेडकर जी के छायाचित्र में फूल/मालाएं न चढा कर अन्य तीन छायाचित्रों में फूल/मालाएँ चढ़ाकर संविधान निर्माता का घोर अपमान किया गया था? (ग) क्या यह सही है कि उक्त घटना की शिकायत घटना दिनांक से लेकर वर्तमान समय तक क्रमशः ब.स.पा. के जिलाध्यक्ष, अजाक्स के अध्यक्ष एवं दलित आदिवासी पिछड़ा वर्ग संघ कलेक्टर टीकमगढ़ से, अहिरवार समाज संघ द्वारा नगर निरीक्षक कोतवाली टीकमगढ़ से तथा पुलिस चौकी प्रभारी अस्तौन से विद्यालय में पढ़ रहे छात्रों द्वारा भी शिकायत करते हुए एफ.आई.आर. दर्ज कराने एवं अनुशासनात्मक तथा दंडात्मक कार्यवाही करने की मांग लगातार की जा रही है? (घ) प्रश्नांश (ग) का उत्तर यदि हाँ, तो आज दिनांक तक दोषी प्राचार्य के विरुद्ध कार्यवाही करते हुए दंडात्मक कार्यवाही क्यों नहीं की गई, कारण सहित बताएँ कि कब तक कार्यवाही की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ। प्रकरण की जाँच कलेक्टर जिला टीकमगढ़ से कराई जा रही है, जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर गुण-दोष के आधार पर निर्णय लिया जावेगा। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार।
निवास विधानसभा क्षेत्रांतर्गत नवीन हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल भवन का निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
90. ( क्र. 3917 ) श्री रामप्यारे कुलस्ते : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मण्डला जिले के निवास विधानसभा क्षेत्रांतर्गत हाई स्कूल, पौनिया, खरी, चुभावल, कन्या हाई स्कूल बरबटी एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल अमगवां तथा निवास स्कूल भवन विहीन स्कूल हैं तथा यहॉ पर पढ़ने वाले बच्चे भवन के अभाव में पढाई बाधित हो रही है? (ख) यदि हाँ, तो इन शालाओं के भवन निर्माण की स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जावेगी तथा यह भवन कब तक बना लिये जावेंगे? (ग) क्या इन शाला भवनों को अगले शैक्षणिक सत्र के पूर्व स्वीकृति दी जाकर पूर्ण करा लिये जावेंगे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। पढ़ाई बाधित नहीं हो रही है। (ख) वित्तीय संसाधनों पर निर्भर करेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) उत्तरांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
बेरोजगारों को रोजगार का प्रदाय
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
91. ( क्र. 4015 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) खंडवा जिले में विगत तीन वर्षों में विभाग द्वारा बेजरोजगारों को रोजगार देने के क्या प्रयास किये? खंडवा जनपद में कब-कब शिविरों का आयोजन किया गया? (ख) क्या विभाग की शिथिल कार्यप्रणाली के कारण विभाग की योजनाओं का लाभ हितग्राहियों को नहीं मिल पा रहा है? (ग) विभाग द्वारा प्रश्नांश (क) जिले में विगत तीन वर्षों में कुल कितनी राशि के कितने प्रकरणों में रोजगार के प्रकरण स्वीकृत किये गये है? (घ) विभाग द्वारा आगामी वर्ष में विभिन्न हितग्राहीमूलक योजनाओं के लक्ष्य को प्राप्त करने की क्या कार्ययोजना है? क्या जनपदवार शिविरों का आयोजन किये जायेंगे?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) खंडवा जिले में प्रश्नाधीन अवधि में विभाग द्वारा पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक वर्ग के शिक्षित बेरोजगार युवक-युवतियों को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से एकीकृत कौशल विकास योजना एवं मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना संचालित की गई हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (घ) विभाग द्वारा आगामी वर्ष में विभिन्न हितग्राहीमूलक योजनाओं के लक्ष्य निर्धारित कर जिलों को दिये जायेंगे।
स्कूलों में रिक्त पदों की पूर्ति बाबत्
[स्कूल शिक्षा]
92. ( क्र. 4016 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खंडवा जिले की शासकीय माध्यमिक, हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों में स्वीकृत पदस्थापना अनुसार शिक्षकों के पद भरे हुए है? (ख) यदि नहीं, तो शास. माध्यमिक, हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी में कुल कितने पद रिक्त है वर्गवार केवल संख्यात्मक जानकारी दी जाए? (ग) विभाग द्वारा इन शास. शालाओं में बच्चों के भविष्य को देखते हुए इन रिक्त पदों पर नियुक्ति हेतु क्या कार्यवाही की जा रहा है? (घ) क्या आगामी शिक्षण सत्र आरंभ होने के पूर्व इन रिक्त पदों की पूर्ति कर ली जायेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) एवं (घ) रिक्त पदों की पूर्ति पदोन्नति/सीधी भर्ती से किए जाने का प्रावधान है, जो एक सतत् प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कन्या आवासीय छात्रावास जम्बाड़ा में पलंग उपलब्ध कराने हेतु
[स्कूल शिक्षा]
93. ( क्र. 4041 ) श्री चेतराम मानेकर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिलान्तर्गत ग्राम जम्बाड़ा में कन्या आवासीय छात्रावास कब प्रारंभ किया गया। (ख) छात्रावास में छात्राओं के लिए कितने पलंग उपलब्ध कराये गये। (ग) यदि नहीं, तो क्यों एवं छात्रावास में पलंग कब तक उपलब्ध करा दिये जायेंगे।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) बैतूल जिलांतर्गत ग्राम जम्बाड़ा में कन्या आवासीय छात्रावास दिनांक 27 जुलाई 2006 से प्रारंभ किया गया है। (ख) ग्राम जम्बाड़ा में बालिका आवासीय छात्रावास में पलंग उपलब्ध नहीं कराये गये है। (ग) वर्ष 2011 में राज्य शिक्षा केन्द्र के पत्र क्रमांक राशिके/एस.जी.यू./2011/2364 भोपाल दिनांक 31.03.2011 के अनुसार पलंग उन्हीं छात्रावासों में क्रय किए जाए जिनके भवन निर्मित हो चुके है अथवा पूर्णता की ओर है। तत्कालीन वर्ष में जम्बाड़ा का भवन पूर्ण नहीं हुआ था, छात्रावास भवन दिनांक 03.07.2013 को हस्तांतरित हुआ इसलिए पलंग क्रय नहीं किये गये। वार्षिक कार्ययोजना 2017-18 में छात्रावासों में पलंग हेतु राशि की मांग भारत शासन से की गई है। स्वीकृति प्राप्त होते ही राशि उपलब्ध करायी जाएगी।
पाटन विधान सभा अंतर्गत चिकित्सकों की कमी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
94. ( क्र. 4080 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पाटन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कौन-कौन से स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सकों के कितने पद स्वीकृत है, इनके विरूद्ध कहाँ-कहाँ पर कौन-कौन से चिकित्सक कब से पदस्थ है एवं कौन-कौन से पद कब से रिक्त हैं सूची देवें? (ख) क्या उपस्वास्थ्य केन्द्र इन्द्राना तहसील मझौली जिला जबलपुर का शासकीय भवन पूर्ण रूप से बनकर तैयार है तथा इसे स्वास्थ्य विभाग को स्थानांतरित कर दिया गया है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक नवीन भवन में उप स्वास्थ्य केन्द्र संचालित न होने के कारण बतलावें एवं उप स्वास्थ्य केन्द्र इन्द्राना का संचालन नवीन भवन से कब तक प्रारंभ कर दिया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उप स्वास्थ्य केन्द्र, इंद्राना को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन किया जा चुका है। जी हाँ, भवन हस्तांतरित किया जा चुका है तथा दिनांक 2.2.2017 से ओ.पी.डी. प्रारंभ की जा चुकी है। उपरोक्त के संदर्भ में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला राज्य बीमारी सहायता निधि
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
95. ( क्र. 4081 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश शासन द्वारा जिला/राज्य बीमारी सहायता निधि के अंतर्गत गरीबी रेखा के कार्डधारी मरीजों को मान्यता प्राप्त अस्पतालों से इलाज कराने पर किन-किन रोगों हेतु किस प्रकार से कितनी सहायता राशि प्रदान करने का प्रावधान है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सहायता राशि से जबलपुर जिले के किन-किन अस्पतालों को किस-किस रोग के इलाज हेतु चिन्हित किया गया है एवं वित्त वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक उल्लेखित सहायता राशि हेतु किस-किस ने कब-कब किस रोग के उपचार हेतु कितनी राशि से कहाँ पर उपचार कराने हेतु आवेदन किया? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित आवेदनकर्ताओं को किन-किन अस्पतालों में किस रोग के इलाज हेतु कितनी राशि वित्त वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक कब स्वीकृत की गई बतलावें वर्षवार, अस्पतालवार विवरण देवें? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) में राज्य बीमारी निधि से सहायता प्राप्त हितग्राहियों को सहायता राशि के अलावा अतिरिक्त भारी भरकम राशि इलाज कराने में व्यय करनी पड़ी? क्या शासन प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सहायता राशि के अंदर ही रोगों का इलाज करने एवं हितग्राही से अलग से उसी इलाज हेतु कोई राशि संबंधित अस्पतालों द्वारा न लिये जाने का कोई प्रावधान करेगा? उत्तर में यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) राज्य बीमारी सहायता निधि अन्तर्गत चिन्हित बीमारियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। चिन्हित बीमारियों हेतु शासन द्वारा निर्धारित दरों पर अधिकतम 2 लाख रूपये तक की स्वीकृत की जा सकती हैं। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (घ) जी नहीं। उल्लेखित योजनान्तर्गत निर्धारित पैकेज के अंदर ही चिन्हित बीमारियों का इलाज करने का प्रावधान है। अलग से मरीज से उपचार हेतु राशि लेने का कोई प्रावधान नहीं है।
शिकायतों पर कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
96. ( क्र. 4111 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अतारांकित प्रश्न 125 (क्रं. 1766) दिनांक 9/12/16 के संदर्भ में शासन ने कब क्या कार्यवाही की है। इन्हें अभी तक जिला जबलपुर से अन्यत्र स्थानांतरित न करने का क्या कारण है। इनका कब तक अयंत्र स्थानांतरण कर दिया जावेगा? बतलावें। प्रश्न 125 (क्रं. 1766) के उत्तर में जानकारी एकत्रित की जाना बताया है। जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) परि.अता. प्रश्न क्र. 2850 दिनांक 26/3/12 के संदर्भ में जिला जबलपुर में पदस्थ किस खाद्य सुरक्षा अधिकारी के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों के संबंध में कब स्पष्टीकरण मांगा गया। किन-किन शिकायतों के संबंध में शिकायतकर्ताओं के कथन कब लिये गये। जाँच रिपोर्ट कब प्रस्तुत की गई? शिकायतों, स्पष्टीकरण कथन व जाँच रिपोर्ट का विवरण दें। (ग) प्रश्नांश (ख) में जाँच रिपोर्ट का परीक्षण कब किसने किया है। कौन-कौन सी शिकायतें प्रमाणित पाई गई और तत्संबध में दोषी खाद्य सुरक्षा अधिकारी के विरूद्ध कब किसने क्या कार्यवाही की है?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) से (ग) उप संचालक, खाद्य एवं औषधि प्रशासन, जिला-जबलपुर द्वारा प्राप्त शिकायतों में दोषी न पाये जाने से नस्तीबद्ध करने की अनुशंसा की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
बर्न यूनिट की स्थापना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
97. ( क्र. 4112 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर संभाग में आग/एसिड से झुलसने/जलने से कितनी महिलाओं/पुरूषों व बच्चों की मृत्यु हुई है? इलाज के दौरान कितनी मृत्यु हुई है वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक की जिलावार जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) के किन-किन जिला चिकित्सालयों में आग व एसिड से जले मरीजों के आधुनिक इलाज हेतु आइसोलेटेड कक्ष एयर कंडीशनर कक्ष व अलग ऑपरेशन थियेटर है? (ग) प्रदेश शासन की जिला जबलपुर में आग व एसिड से जले/झुलसे मरीजों के बेहतर इलाज हेतु बर्न यूनिट/प्लास्टिक सर्जरी खोलने की क्या योजना है? शासन जबलपुर में कब तक बर्न यूनिट/प्लास्टिक सर्जरी की स्थापना कराना सुनिश्चित करेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) आग व एसिड से जले मरीज़ों के आधुनिक इलाज हेतु आइसोलेटेड एयर कंडीशनर कक्ष जिला चिकित्सालय छिन्दवाड़ा, कटनी, जबलपुर, सिवनी, बालाघाट में है। आइसोलेटेड एयर कंडीशनर कक्ष मण्डला, डिण्डौरी, नरसिंहपुर में नहीं है। अलग से ऑपरेशन थियेटर नहीं है, आवश्यकता होने पर उपलब्ध ऑपरेशन थियेटर में ही उपचार किया जाता है। (ग) वर्तमान में ऐसी कोई योजना विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शिक्षकों के रिक्त पद
[स्कूल शिक्षा]
98. ( क्र. 4135 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले की गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र में कितने प्राथमिक शालाएं माध्यमिक/हाई स्कूल/हायरसेकेण्ड्री स्कूल संचालित है? अलग-अलग स्कूलों के नामवार एवं पदवार जानकारी देवें? (ख) स्कूलों में कितने शिक्षकों के पद रिक्त है कितने भरे है संचालित स्कूलों के खाली पद कब तक भर दिये जावेंगे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) एवं (ख) प्राथमिक विद्यालयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक पर, माध्यमिक विद्यालयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो पर एवं हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन पर है। खाली पर सीधी भर्ती/पदोन्नति से भरे जाने का प्रावधान है, जो एक सतत् प्रक्रिया है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
स्वास्थ्य केन्द्र में रिक्त/भरे हुए पद
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
99. ( क्र. 4136 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गाडरवारा विधानसभा में कितनी सिविल अस्पताल सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं कितने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र संचालित है नाम सहित जानकारी देवें? (ख) संचालित इनमें प्रत्येक स्वास्थ्य केन्द्र में चिकित्सकों के एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों के पद स्वीकृत है जिनमें कितने भरे है एवं कितने खाली है अस्पतालवार जानकारी देवें खाली पद कब तक भर दिये जावेगें?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) गाडरवारा विधानसभा में सिविल अस्पताल, गाडरवारा, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, सालीचैका, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, सांईखेड़ा, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, बारहाबड़ा, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, चीचली संचालित हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। विभाग रिक्त पदों की पूर्ति हेतु निरंतर प्रयास कर रहा है, चिकित्सा अधिकारी के 1896 पदों हेतु साक्षात्कार की कार्यवाही प्रचलन में है तथा पैरामेडिकल संवर्ग के 910 पदों की पूर्ति हेतु प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड को मांग पत्र प्रेषित किया गया है। विशेषज्ञों के अत्यधिक कमी के कारण पदपूर्ति में कठिनाई हो रही है वर्तमान में 02 सर्जरी विशेषज्ञ एवं स्त्रीरोग, शिशुरोग, निश्चेतना, अस्थिरोग, रेडियोलॉजी स्नातकोत्तर योग्यता के चिकित्सक पदस्थ होकर सेवायें दे रहे हैं। पद पूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
स्थानांतरण नीति 2016-17
[स्कूल शिक्षा]
100. ( क्र. 4148 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा वर्तमान में अध्यापक संवर्ग में पुरूष अध्यापकों के लिये भी ऑनलाईन संविलियन (स्थानांतरण) नीति लागू करने का प्रस्ताव विचाराधीन है यदि हाँ, तो उक्त स्थानांतरण नीति को प्रश्न दिनांक तक लागू नहीं किये जाने के क्या कारण है? (ख) क्या माननीय मुख्यमंत्री एवं स्कूल शिक्षा मंत्रीजी द्वारा वर्तमान वर्ष में अनेक बार स्थानांतरण नीति यथाशीघ्र जारी करने की बात सार्वजनिक कार्यक्रमों अथवा प्रेस वार्ता में कहीं गई है यदि हाँ, तो विभाग को नीति घोषित करने में क्या कठिनाइयां उत्पन्न हो रही है? (ग) क्या उक्त नीति घोषित नहीं की जाने से अध्यापक संवर्ग की महिला शिक्षकों को वर्ष 2016-17 में स्थानांतरण के लाभ से वंचित होना पड़ा है जबकि शासकीय विभागों में इस नीति के तहत शासकीय सेवकों को स्थानांतरण का लाभ प्राप्त हुआ है? (घ) विभाग के पास महिला अध्यापक कर्मियों की पूर्व से ही स्थानांतरण नीति होने के बावजूद उनके स्थानांतरण नहीं किये जाने से उन्हें हुई मानसिक क्षति की जिम्मेदारी किसकी है? क्या उन पर कोई कार्यवाही की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। अन्तर्निकाय संविलियन के निर्देश जारी होने की कार्यवाही प्रचलन में है। अत: शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ख) शेषांश प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार निर्देश जारी होने पर सभी को लाभ प्राप्त होगा। (घ) महिला अध्यापकों का स्थानांतरण का प्रावधान नहीं है। अंतर्निकाय संविलियन व्यवस्था है। शेषांश प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय कन्या हायर सेकेण्डरी विद्यालय का संचालन
[स्कूल शिक्षा]
101. ( क्र. 4166 ) श्री अनिल जैन : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी में स्थित शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय निवाड़ी में विगत पाँच शैक्षणिक सत्रों सहित वर्तमान में कितनी छात्रायें अध्ययनरत रही हैं, इन छात्राओं की संख्या सत्रवार, कक्षावार एवं सेक्शनवार बतायी जावे? (ख) प्रश्नांश (क) में अध्ययनरत् छात्राओं की औसत संख्या के लिए विभागीय मानक अनुसार विभिन्न कक्षाओं के लिये कितने कमरों की आवश्यकता होती है एवं प्रश्नगत विद्यालय में प्रश्न दिनांक को कितने कमरे उपलब्ध हैं तथा मानक अनुसार कितने वर्गफीट के कितने कमरों की कमी है, कक्षावार जानकारी दी जावे? (ग) प्रश्न दिनांक में उपलब्ध कमरों के अलावा कितने कमरे निर्माणाधीन हैं, इन कमरों के अपूर्ण रहने के कारण सहित बताया जाये कि निर्माणाधीन कमरे कब तक निर्मित कराये जा सकेंगे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में अध्ययनरत छात्राओं की औसत संख्याओं के आधार पर 19 कक्षों की आवश्यकता है। वर्तमान में शासकीय कन्या माध्यमिक शाला भवन में संचालित है, जिसमें कुल 09 कक्ष है कुल 10 कक्षों की कमी है। स्कूल में उपस्थिति को दृष्टिगत रखते हुए 08 कमरे आवश्यक है। (ग) कोई कमरा निमार्णाधीन नहीं है। अत: शेषांश का प्रश्न ही नहीं उठता है।
माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा मान्यता हेतु अक्षय निधि का उपयोग
[स्कूल शिक्षा]
102. ( क्र. 4195 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल द्वारा हाईस्कूल, हायर सेकेण्डरी स्कूल की मान्यता हेतु पूर्व में अक्षय निधि ली जाती थी? यदि हाँ, तो किस-किस स्कूल की कितनी-कितनी जमा है प्रश्न दिनाक तक की उज्जैन संभाग के स्कूल की जानकारी देवे? (ख) क्या वर्तमान में अक्षय निधि मंडल की बजाय लोकशिक्षण कार्यालय द्वारा विद्यालयों से नये नियमों के तहत ली गई है? यदि हाँ, तो क्या पूर्व में मंडल द्वारा ली गई अक्षय निधि को लोकशिक्षण कार्यालय में समायोजित की गई है यदि हाँ, तो उज्जैन संभाग के कितने कितने विद्यालयों की कितनी-कितनी राशि जानकारी देवे? (ग) प्रश्नाश "क" अन्तर्गत ऐसे कितने विद्यालय है जिन्होंने पूर्व में अक्षय निधि बोर्ड को जमा कराई तथा बाद में लोकशिक्षण कार्यालय को ऐसी परिस्थिति में क्या माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा विद्यालय को पूर्व में ली गई निधि ब्याज सहित लोटाई जायेगी, यदि "हाँ" तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) म.प्र. माध्यमिक शिक्षा मण्डल मान्यता विनियम 2010 के बिन्दू क्रमांक 5.14.1 के अनुसार माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा विद्यालयों से सुरक्षा निधि (अक्षय निधि) के रूप में हाई स्कूल रूपये 25000/- एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल से रूपये 40000/- चालान द्वारा ली जाती रही है। शेषांश जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) जी नहीं। नये नियमों के तहत् प्रक्रिया शुल्क संचालनालय द्वारा लिये जाने की व्यवस्था है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा आयोजित हाई स्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूल परीक्षा की संबंद्धता हेतु दिशा निर्देश क्रमांक-81, दिनांक 18.06.2014 की कण्डिका 4.6 अनुसार जिन संस्थाओं द्वारा पूर्व में मण्डल में चालान के माध्यम से सुरक्षा निधि राशि हाई स्कूल हेतु रूपये 25000/- एवं हायर सेकेण्डरी हेतु रूपये 40000/- जमा की है। उक्त राशि मण्डल द्वारा आगामी वर्षों के लिये संबंद्धता शुल्क में समायोजित किया जाने का प्रावधान है।
घनगर जाति के प्रमाण पत्र बनाया जाना
[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जाति कल्याण]
103. ( क्र. 4197 ) श्री नाना भाऊ मोहोड़ : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश में घोषित जनजातियों को विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जातियों के प्रमाण पत्र बनाने के लिये क्या मापदण्ड है? (ख) छिन्दवाड़ा जिले के सौंसर एवं पाढुर्णा, अमरवाड़ा तहसील में उक्त प्रमाण पत्र बनाने हेतु विगत दो वर्षों में कितने आवेदन प्राप्त हुए एवं उनमें से कितने प्रमाण पत्र बनाये गये? (ग) प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में क्या धनगर जाति के पूर्व में प्रमाण पत्र बनाये गये है किन्तु वर्तमान में इनके प्रमाण पत्र नहीं बनाये जा रहे है? (घ) क्या इन जातियों के प्रमाण पत्र में अनावश्यक देरी न हो इसके लिये शासन संबंधितों को निर्देश प्रदान करेगा?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 7-42/2012/आ.प्र./1, दिनांक 13 जनवरी 2014 द्वारा निर्देश जारी किये गये है। निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '’अ'' अनुसार है। (ख) छिन्दावाड़ा जिले के सौंसर एवं पांढुर्णा एवं अमरवाडा़ में विगत दो वर्षों में प्रश्नांकित प्रमाणपत्र बनाने संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '’ब'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। धनगर जाति के प्रमाणपत्र पूर्व से भी बनाये जा रहे थे तथा वर्तमान में भी धनगर जाति के प्रमाणपत्र बनाये जा रहे है। (घ) मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 7-42/2012/आ.प्र./1, दिनांक 13 जनवरी 2014 में दिये गये निर्देशानुसार जाति प्रमाण-पत्र बनाये जाने के विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये जा चुके है तथा निर्देशानुसार ही प्रमाण-पत्र एस.डी.एम. कार्यालय (अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व) द्वारा जारी किये जा रहे है।
शालाओं में साइकिल वितरण
[स्कूल शिक्षा]
104. ( क्र. 4202 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बिजावर विधानसभा क्षेत्र में कितने माध्यमिक, उच्चतर/उच्चतर माध्यमिक विद्यालय ऐसे है जहाँ साइकिल प्राप्त करने के पात्र छात्र– छात्रायों की संख्या है? विद्यालय की छात्र संख्यावार जानकारी से अवगत कराये। (ख) प्रश्नांश ''क” में सूचीबद्ध संस्थाओ में से ऐसी कितनी संस्थायें है जहाँ पर पूर्णतः साइकिल वितरण नहीं हुआ है! इसके क्या कारण है? इन विद्यालयों में कब तक साइकिल वितरित कर दी जायगी। (ग) बिजावर विधानसभा क्षेत्र में कुछ माध्यमिक व उससे बड़े विद्यालय जिस ग्राम पंचायत में है, उस पंचायत के मजरे–टोले या अन्य अधीनस्थ गाँव जो 1.5 कि.मी. या उससे भी दूर है, तो क्या विभाग ऐसे छात्र– छात्राओं को साइकिल दे रहा है, जिनकों विद्यालय आने में 1.5 कि.मी. या इससे ज्यादा दूरी से आना होता है? (घ) प्रश्नांश ''ग” का उत्तर नहीं है तो क्या शासन इस पर पुनर्विचार करेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) माध्यमिक शालाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर है एवं हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर है। सायकिलों की पूर्ति/वितरण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) जी नहीं। निर्देश के प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 पर है। (घ) योजना में संशोधन विचाराधीन है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ईशानगर के भवन निर्माण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
105. ( क्र. 4204 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बिजावर विधानसभा क्षेत्र के ईशानगर में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भवन का निर्माण होना है, इसके लिए क्या 09 दिसम्बर 2016 को विधानसभा को अवगत कराया गया था की कार्यवाही प्रचलन में है? (ख) प्रश्नांश ''क” के अनुक्रम में अवगत करावें कि भवन निर्माण कब प्रारंभ करेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रस्ताव पर स्थाई वित्त समिति के अनुमोदन उपरांत कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति जारी हो सकेगी, तदोपरांत निविदा उपरांत कार्य प्रारंभ हो सकेगा, अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
परियोजना सलाहकार मण्डल में पदेन अध्यक्ष/सदस्य की नियुक्ति
[आदिम जाति कल्याण]
106. ( क्र. 4209 ) श्री संजय उइके : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या परियोजना सलाहकार मण्डल में सदस्य एवं अध्यक्ष की नियुक्ति शासन द्वारा की जाती है? (ख) यदि हाँ, तो विधायक पदेन सदस्य के रूप सदस्य होते है या इनकी भी सलाहकार मण्डल के सदस्य के रूप में नियुक्ति शासन द्वारा की जाती है? (ग) क्या परियोजना सलाहकार मण्डल के गठन नहीं होने की दशा में कलेक्टर प्रशासक होते है? प्रशासक द्वारा बुलाई जाने वाली बैठकों में विधायक को पदेन सदस्य होने के कारण बुलाया जाना चाहिये या नहीं? जानकारी देवें।
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) से (ग) जी हाँ।
सीधी जिले में खोले गये स्वास्थ्य केन्द्र चिकित्सकों की पदस्थापना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
107. ( क्र. 4213 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्रामीण क्षेत्रों में कितनी दूरी के अतंराल पर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोलने के नियम है? उक्त नियमानुसार सीधी जिले में कितने सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोले गये है और कितने खोले जाना शेष है बहरी एवं देवसर में कब तक सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोले जायेंगे? (ख) क्या ग्रामीण क्षेत्रों में अनुभवहीन डॉक्टरों की पदस्थापना की जाती है यदि हाँ, तो क्यों? ग्रामीण क्षेत्रों में जिले अतंर्गत विकासखण्डवार डॉक्टरों के कितने पद, विशेषज्ञों के कितने पद विभागवार पैरामेडिकल स्टॉफ के कितने पद आयुर्वेद चिकित्सकों व स्टॉफ के कितने पद रिक्त है? रिक्त पदों की पूर्ति क्यों नहीं की जा रही है? कब तक की जावेगी? (ग) प्रदेश में आयुर्वेदिक चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टॉफ के कितने पद रिक्त है जिलेवार जानकारी देवें? (घ) ग्रामीण क्षेत्रों में आवश्यक आयुर्वेदिक औषधियां उपलब्ध नहीं है? क्या औषधियों की व्यवस्था भवन विहीन औषाधालयों का निर्माण वर्ष 2017 में पूर्ण हो जायेगा? प्रश्नांश (क) जिलों में कितने औषधालयों का निर्माण कराया जा रहा है और कितनों का कराया जाना शेष है?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) ग्रामीण सामान्य क्षेत्र में 30 हजार की जनसंख्या पर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं 1.20 लाख की जनसंख्या पर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खोलने का प्रावधान है एवं दो चिकित्सकीय संस्थाओं के बीच लगभग 15-20 किमी की दूरी होने का प्रावधान है। सीधी जिले में 06 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र व 25 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोले गये है और बहरी एवं देवसर की संस्थाओं का उन्नयन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं। (ख) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब’ अनुसार है। (घ) बजट आवंटन सीमा में औषधियां उपलब्ध कराई जाती है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। प्रदेश में 2017 में 29 औषधालयों के भवन निर्माण की कार्यवाही प्रचलन में है एवं 205 शेष रहेंगे।
संविदा शाला शिक्षकों की पदों के विरूद्ध की गई नियुक्तियां
[स्कूल शिक्षा]
108. ( क्र. 4214 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16 में संविदा शाला शिक्षक के कितने पदों के विरूद्ध नियुक्तियां की गई है एवं कितने पद रिक्त है? रिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी? (ख) नियुक्त किये गये शिक्षकों को क्या निर्धारित समय उपरांत पदोन्नति का लाभ दिया जा चुका है? यदि नहीं, तो कारण देवें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) वर्ष 2013-2014 में 42088 पदों पर सीधी भर्ती अंतर्गत संविदा शाला शिक्षकों की नियुक्ति की गई। वर्ष 2014-15 एवं 15-16 में कोई नियुक्ति नहीं की गई। 31,645 रिक्त पदों पर सीधी भर्ती अंतर्गत नियुक्ति के लिये संविदा शाला शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित करने की कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) वर्ष 2013-14 में नियुक्त संविदा शाला शिक्षकों को अध्यापक संवर्ग में संविलियन उपरांत 7 वर्ष का अनुभव होने पर पदोन्नति की पात्रता आती है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बदरवास में 30 बिस्तरीय अस्पताल भवन की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
109. ( क्र. 4237 ) श्री रामसिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले के राष्ट्रीय राजमार्ग-03 पर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बदरवास में 30 बिस्तरीय अस्पताल भवन स्वीकृत किया गया है? यदि हाँ, तो उक्त भवन कब स्वीकृत किया गया है? यदि नहीं, तो कब तक स्वीकृत कर दिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) बदरवास सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में वर्तमान में कितने पलंग स्वीकृत है वर्ष 2015 एवं वर्ष 2016 में बदरवास सी.एच.सी. में मासिक कितने बाह्य एवं आंतरिक रोगी आए? स्वीकृत पलंग से अधिक आंतरिक रोगी आने की दशा में उनकी कहाँ पर क्या व्यवस्था की गई? (ग) क्या पूर्व में बदरवास में 30 बिस्तरीय अस्पताल भवन स्वीकृत हुआ था? यदि हाँ, तो उक्त भवन क्यों नहीं बनाया गया वर्तमान सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र परिसर में स्थान की वांछित व्यवस्था होने के बावजूद उक्त भवन निर्माण क्यों नहीं कराया गया? (घ) बदरवास में 30 बिस्तरीय अस्पताल भवन बनाने के लिए वर्तमान में क्या कार्यवाही प्रचलित है तथा विगत 05 वर्षों में इस संबंध में क्या-क्या पत्राचार किया गया? पत्रों पर शासन द्वारा गंभीरता पूर्वक विचार कर त्वरित कार्यवाही क्यों नहीं की गई?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। दिनांक 06.04.2016। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) 30 बिस्तर स्वीकृत है। वर्ष 2015 में बाह्य रोगी- 35127 व आंतरिक रोगी-3298 वर्ष 2016 में बाह्य रोगी-35247 व आंतरिक रोगी- 1669 है। आंतरिक रोगियों की संख्या के मान से 30 बिस्तर संख्या का पूरा उपयोग नहीं हो रहा है। यदाकदा आकस्मिकता से अधिक रोगियों के आने पर अस्पताल में अस्थायी व्यवस्था की जाती है। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। सीमित वित्तीय संशाधनों के कारण। (घ) निविदा प्राप्त कर ली गई है, जो स्वीकृति हेतु विचाराधीन है। प्रश्नावधि से पत्राचार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। सीमित वित्तीय संशाधनों से भवन निर्माण की स्वीकृती नहीं की जा सकी।
भवनविहीन, शौचालय विहीन एवं हैण्डपंप विहीन स्कूलों में उक्त व्यवस्था करना
[स्कूल शिक्षा]
110. ( क्र. 4238 ) श्री रामसिंह यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोलारस विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत जनवरी 2017 की स्थिति में कौन-कौन से स्कूल कहाँ-कहाँ पर संचालित है? इनमें से कौन-कौन से स्कूल भवन विहीन है? कब तक बनाए जावेंगे? भवन विहीन शालाएं वर्तमान में कहाँ-कहाँ पर संचालित है? (ख) उक्त में से किन-किन स्कूलों में हैण्डपंप उपलब्ध नहीं है? जिन शालाओं में हैण्डपंप उपलब्ध नहीं है उनमें हैण्डपंप कब तक खनन कराए जावेंगे? (ग) क्या यह सही है कि प्रश्नांश (क) में वर्णित स्कूलों में शौचालय की व्यवस्था नहीं है? यदि हाँ, तो किन-किन में शौचालय की व्यवस्था नहीं है? जिन स्कूलों में शौचालय नहीं है उनमें शौचालय कब तक बनाए जावेंगे।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) कोलारस विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत जनवरी 2017 की स्थिति में कुल 658 प्राथमिक/माध्यमिक शालायें संचालित है। जिसमें 11 शालायें भवन विहीन है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' पर है। वर्ष 2017-18 की वार्षिक कार्य योजना में प्रस्ताव सम्मिलित किये गये है, भारत शासन से स्वीकृति प्राप्त होने पर निर्माण किये जा सकेंगे। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'दो' पर है। भवन निर्माण बजट स्वीकृति पर निर्भर करेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) कोलारस विधानसभा क्षेत्र में कुल 658 प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं में से 92 प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं में हैण्डपंप उपलब्ध नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'तीन' पर है। उक्त शालाओं में हैण्डपंप खनन हेतु लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को लिखा गया है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' पर है। (ग) 11 भवनविहीन शालाओं में शौचालय हेतु वैकल्पिक व्यवस्था है। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
शासकीय चिकित्सालय नागदा में महिला चिकित्सक की पूर्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
111. ( क्र. 4337 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय चिकित्सालय नागदा जो कि जिले का दूसरा सबसे बड़ा चिकित्सालय है, यहां की आबादी ग्रामीण क्षेत्र को मिलाकर करीब 2.50 लाख है, यहां पर प्रसिद्ध औद्योगिक क्षेत्र भी स्थापित है, इसके बावजूद भी यहां के चिकित्सालय में महिला चिकित्सक का पद रिक्त है? (ख) यदि हाँ, तो क्या इस कारण कारण स्थानीय महिलाओं को प्रसूती के समय जिला चिकित्सालय उज्जैन या निजी चिकित्सालयों में जाना पढ़ता है एवं महिलाओं के पी.एम. में भी कठिनाई आती है। यहां कब तक महिला चिकित्सक की पूर्ति कर दी जावेगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ, दिनांक 29.09.2016 से नागदा में महिला चिकित्सक उपलब्ध नहीं है। (ख) जी नहीं, हाई रिस्क एवं ऑपरेशन वाली प्रसूताओं को ही जिला चिकित्सालय रेफर किया जाता है। महिलाओं के पी.एम. हेतु एन.यु.एच.एम. में पदस्थ महिला चिकित्सक की सेवाएँ ली जाती है। सिविल अस्पताल, नागदा में स्त्रीरोग योग्यताधारी चिकित्सक की पदस्थापना हेतु विभाग निरंतर प्रयास कर रहा है, संचालनालय के आदेश दिनांक 30.09.2016 के द्वारा डी.जी.ओ. योग्यता की बंधपत्र चिकित्सक की पदस्थापना सिविल अस्पताल, नागदा की गई थी परंतु उक्त चिकित्सक द्वारा कार्यग्रहण नहीं किया गया। मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग में चिकित्सा अधिकारियों के 1896 पदों हेतु साक्षात्कार की कार्यवाही प्रचलन में है, चयन सूची प्राप्त होने पर उपलब्धता अनुसार पदस्थापना संबंधी कार्यवाही की जावेगी। पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
औषधि क्रय में अनियमितता
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
112. ( क्र. 4345 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल संभाग के विभिन्न जिला अंतर्गत औषधि/औजार क्रय हेतु वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनाँक तक कितनी-कितनी राशि किस-किस जिले को आवंटित की गई? जिलावार, मदवार आवंटित राशि से अवगत करावें? (ख) प्रश्नांश ''क” अन्तर्गत क्या जिला मुख्यालय राजगढ़ पर क्रय की गई औषधि की दर, औषधि में प्रयुक्त कम्पोनेन्ट की मात्रा, औषधि का प्रकार, एक्सपाईरी की अवधि, दर एवं क्रय की जाने वाली फर्म/एजेन्सी राज्य शासन द्वारा निर्धारित है? यदि हाँ, तो जिला स्तर पर कब-कब, कितनी-कितनी मात्रा की कौन-कौन सी औषधि कब तक एक्सपाईर होने वाली दिनांक की क्रय की गई? (ग) क्या जिला स्तर पर क्रय की गई औषधि की गुणवत्ता की जाँच प्रमाणित प्रयोगशालाओं में जिला अधिकारियों द्वारा कराई गई? यदि नहीं, तो क्या फर्म/कम्पनी द्वारा नकली दवाई पर निर्धारित कम्पोनेन्ट अंकित किये जाकर नकली औषधि प्रदाय की गई? (घ) क्या जिला अधिकारियों द्वारा शासन स्तर से स्वीकृत एक्सपाईरी अवधि को नजर अंदाज कर नजदीकी एक्सपाईरी अवधि की औषधि क्रय की गई है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) भोपाल संभाग के विभिन्न जिला अंतर्गत औषधि/औजार क्रय हेतु वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक आवंटित राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। डब्ल्यू.एच.ओ/ जी.एम.पी. गुणवत्ता की औषधियों का क्रय किया जाना एवं राज्य स्तर की निर्धारित अनिवार्य दवा सूची अनुसार जैनरिक दवाइयां का क्रय किया जाना निर्धारित किया गया है। आवंटित बजट की 80 प्रतिशत दवाइयां राज्य स्तर पर निर्धारित दरों से क्रय की जाती है। एवं बजट की 20 प्रतिशत दवाइयां जिला स्तर पर दर निर्धारण कर स्थानीय स्तर से क्रय की जाती है। जिला राजगढ़ द्वारा क्रय की गई औषधियां उनकी मात्रा एवं एक्सपायरी दिनांक की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी हाँ। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
जिला/राज्य बीमारी सहायता निधि अंतर्गत भुगतान
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
113. ( क्र. 4355 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला/राज्य बीमारी सहायता निधि के अंतर्गत गरीबी रेखा के मरीजों को मान्यता प्राप्त अस्पतालों में ईलाज कराने पर सहायता राशि का भुगतान संबंधित अस्पताल को किया जाता है? (ख) यदि हाँ, तो छतरपुर जिले में वर्ष 2015 एवं 2016 से प्रश्न दिनांक तक कितने ऐसे मरीजों को सहायता राशि भुगतान की गई है? नामवार व अस्पतालवार विवरण देवें। (ग) क्या सहायता राशि के प्रकरण प्राप्त होने से लेकर स्वीकृत करने तक की कोई समय-सीमा निर्धारित है? (घ) प्रश्नांश (ख) अवधि में ऐसे कितने प्रकरण है, जिन्हें सहायता राशि अभी तक उपलब्ध नहीं कराई गई है?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) छतरपुर जिले में वर्ष 2015-16 में 170 हितग्राही एवं वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक 102 हितग्राहीयों को राज्य बीमारी सहायता निधि योजनान्तर्गत उपचार हेतु सहायता राशि संबंधित अस्पताल को भुगतान की गई है। शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ 10 कार्य दिवस। (घ) 76 प्रकरण ऐसे है जिन्हे राशि स्वीकृत कर दी गयी है, लेकिन बजट के अभाव में संबंधित अस्पतालों को भुगतान नहीं हुआ हैं यद्यपि राशि आवंटन के अभाव में किसी भी मरीज का उपचार नहीं रोका गया है एवं प्रकरणों की स्वीकृति प्रदाय कर उन्हें योजना अन्तर्गत लाभ दिया गया है।
जर्जर चिकित्सालय भवन का जीर्णोद्धार
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
114. ( क्र. 4363 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिला चिकित्सालय भवन की हालत जर्जर है? उसका जीर्णोद्धार कब तक कर दिया जायेगा? (ख) रतलाम में कितने प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र हैं? उनके भवन कब तक बनेंगे? (ग) अस्पताल में सिटी स्केन मशीन और अन्य आवश्यक उपकरण कब तक उपलब्ध करा दिये जायेंगे?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ, भवन अत्यधिक पुराना होने से। कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग, संभाग रतलाम के निरीक्षण में ऐसा प्रतिवेदन दिया गया है। वर्तमान में संचालित अस्पताल को निर्माणाधीन भवन के पूर्ण होने पर उसमें पुराने अस्पताल को खाली कराकर स्थानांतरित कर उपलब्ध वित्तीय संसाधनों के अनुरुप जीणोद्धार का कार्य चरणों में कराया जाना संभव होगा। (ख) रतलाम में 04 प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र है। 4 में से 1 का भवन ठीक स्थिति में है, 1 भवन जीर्णशीर्ण है जिसके स्थान पर नये भवन बनाये जाने का प्रस्ताव तथा 2 किराये के भवनों में संचालित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रस्ताव प्राप्त होने पर परीक्षण उपरांत उपलब्ध वित्तीय संसाधनों के अनूरूप स्वीकृति प्राप्त कर भवन निर्माण कराया जाना संभव होगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (ग) रतलाम जिले में सीटी स्केन मशीन एवं अन्य आवश्यक उपकरण जिले की मांग, बजट आवंटन एवं अधोसंरचना की उपलब्धता अनुसार उपलब्ध कराए जाते हैं। अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
सहायक परियोजना अधिकारी को प्रतिनियुक्ति से वापस करना
[स्कूल शिक्षा]
115. ( क्र. 4367 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शिक्षा केन्द्र में सहायक परियोजना अधिकारी के पद पर प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ किए जाने हेतु शासन ने क्या प्रावधान किए हैं। प्रावधान की प्रति उपलब्ध कराते हुए बताएं कि सिंगरौली जिले के शिक्षा केन्द्रों में नियमों के विपरीत संजय मिश्रा को सहायक परियोजना अधिकारी सिंगरौली को कितने वर्षों के लिए किस आदेश से प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ किया गया है। आदेश की प्रति उपलब्ध करावे। क्या उक्त पद को भरने के लिए विज्ञापन दिए गए थे या नहीं बताएं। (ख) क्या उक्त पद हेतु महिला को प्राथमिकता देना था क्योंकि कस्तूरबा गांधी बालिका एवं बालिका छात्रावास का निरीक्षण संजय मिश्रा द्वारा शराब के नशे में रात्रि के समय किया जाता है, जिससे वार्डन एवं बालिकाएं असहज महसूस करती है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में उक्त सहायक परियोजना अधिकारी को उनके मूल विभाग में प्रतिनियुक्ति से वापस कर उनके मूल विभाग में कब-तक पदस्थ कर दिया जाएगा? यदि नहीं, तो कारण बताएं।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जिला शिक्षा केन्द्र में सहायक परियोजना समन्वयक के पद पर प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ किये जाने हेतु प्रावधान एवं निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। जी नहीं, श्री संजय मिश्रा के आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। जी हाँ, सहायक परियोजना समन्वयक के पद हेतु राज्य स्तर से विज्ञापन जारी किया गया था। (ख) जी हाँ। सहायक परियोजना समन्वयक के पद हेतु आयोजित परीक्षा में न्यूनतम 25 अंक प्राप्त होने की स्थिति में ही अभ्यर्थी पात्र है। वरीयता सूची में न्यूनतम 25 अंक प्राप्त करने वाले अभ्यथियों में से मात्र एक महिला सुश्री संध्या पाण्डेय थी, जिनके द्वारा दिनांक 30.04.2012 को आवेदन के माध्यम से उक्त पद पर असमर्थता व्यक्त किये जाने के कारण श्री संजय मिश्रा की पदस्थापना उक्त पद पर की गई। श्री संजय मिश्रा के विरूद्ध लगाया गया आरोप असत्य होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश 'क' व 'ख' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अधीनस्त लेखा सम्परीक्षा वर्ग-2 आयोजित करना
[स्कूल शिक्षा]
116. ( क्र. 4375 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के जिला शिक्षा अधिकारियों के कार्यालयों में पदस्थ जूनियर ऑडिटरों की अधीनस्त लेखा परीक्षा भाग-2 के सामान्य वर्ग की परीक्षा किस वर्ष से आयोजित नहीं की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त जूनियर ऑडिटरों की अधीनस्थ लेखा परीक्षा पार्ट-01 के पास ऑडिटरों की अधीनस्थ लेखा परीक्षा भाग-2 सामान्य वर्ग की कब आयोजित की जायेगी और अब तक क्यों आयोजित नहीं की गई, कारण बताएं और कब तक आयोजित की जायेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) एवं (ख) विभाग द्वारा जिला शिक्षा अधिकारियों के कार्यालयों में पदस्थ जूनियर ऑडिटरों के लिये पृथक से अधिनस्थ लेखापरीक्षा आयोजित नहीं की जाती है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय एवं छात्रावासों
[स्कूल शिक्षा]
117. ( क्र. 4383 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र.राज्य महिला आयोग द्वारा दिनांक 03.04.2013 को सम्पन्न नीतिगत बैठक में आदिम जाति, स्कूली शिक्षा अंतर्गत संचालित छात्रावासों में पदस्थ शिक्षक एवं प्रभारी अधीक्षकों की प्रत्येक तीन वर्ष में पदस्थापना परिवर्तित किये जाने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो बहोरीबंद विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत संचालित किन-किन छात्रावासों में कार्यरत प्रभारी अधीक्षकों/वार्डन की निर्धारित समयावधि में पदस्थापना परिवर्तित की गई? विकासखण्डवार, छात्रावासवार वर्ष 2013 से पृथक-पृथक विवरण दें? (ग) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा कलेक्टर कटनी को लिखे गये पत्र क्रमांक 702 दिनांक 23.07.16 के संबंध में क्या कार्यवाही की गई? क्या राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल के पत्र क्रमांक 7849 दिनांक 18.08.2013 का पालन कटनी जिले द्वारा किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) मध्यप्रदेश राज्य महिला आयोग द्वारा दिनांक 03.04.2013 को संपन्न नीतिगत बैठक के कार्यवाही विवरण में आदिम जाति स्कूली शिक्षा अंतर्गत संचालित छात्रावासों में पदस्थ शिक्षक एवं प्रभारी अधीक्षिकों की प्रत्येक तीन वर्ष में पदस्थापना परिवर्तित किये जाने का लेख है। (ख) सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत संचालित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय एवं बालिका छात्रावासों के प्रभारी वार्डनों की तीन वर्ष की अवधि की पदस्थापना का कोई प्रावधान नहीं है। अपितु प्रभार देने का प्रावधान है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) बहोरीबंद विधान सभा के अंतर्गत कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय स्लीमनाबाद की वार्डन के विरूद्ध शिकायत प्राप्त हुई थी जिसकी जाँच कराई गई तथा जाँच में दोषी पाये जाने पर वार्डन को अतिरिक्त प्रभार से पृथक कर दिया गया है। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
अतिथि शिक्षकों के संबंध में
[स्कूल शिक्षा]
118. ( क्र. 4384 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला कटनी में शिक्षा विभाग अन्तर्गत शासकीय प्राथमिक, माध्यमिक, हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों में किस-किस संवर्ग के कितने अतिथि शिक्षक कार्यरत हैं? जानकारी दें? (ख) क्या स्कूल शिक्षा विभाग में सभी स्तर के स्कूलों में रिक्त वर्ग 1,2,3 के पदों पर संविदा आधार पर शिक्षकों की भर्ती की जायेगी? यदि हाँ, तो भर्ती होने वाले शिक्षकों के पदों की संख्या बतावें? (ग) क्या संविदा आधार पर शिक्षकों की भर्ती में अतिथि शिक्षकों को बोनस अंक प्रदान कर प्राथमिकता दी जाना है? तो कितने-कितने बोनस अंक दिया जाना है? (घ) माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में दायर याचिका क्रमांक डब्ल्यू.पी.नं. 7461/16/के निर्णय में यह निर्देश शासन को दिये है कि अतिथि शिक्षकों को संविदा वर्ग-03 के पद पर नियमित किया जावे? उक्त निर्णय पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- एक पर है। (ख) जी हाँ। सीधी भर्ती अंतर्गत संविदा शाला शिक्षक श्रेणी-1, श्रेणी-2 एवं श्रेणी-3 जिनकी कुल संख्या 31645 हैं, की भर्ती की प्रक्रिया प्रचलन में है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- दो पर है। (घ) जी नहीं। समरूप प्रकरण डब्ल्यू.पी. 16/2016 में मान. न्यायालय द्वारा दिनांक 6.1.2016 को पारित निर्णय के पालन में दिनांक 19.5.16 को स्पीकिंग आदेश जारी कर प्रकरण का निराकरण किया गया है। पत्र दिनांक 16.9.16 द्वारा आदेश के प्रकाश में जिला स्तर पर प्रकरण निराकरण हेतु सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।
सीहोर जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
119. ( क्र. 4420 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीहोर जिलान्तर्गत कितने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कहाँ-कहाँ स्थापित है? यह अस्पताल कितने-कितने बैंडेड हैं? स्वास्थ्य केन्द्रवार जानकारी देवें। (ख) सीहोर जिले के स्वास्थ्य केन्द्रों की अस्पताल बार पिछले तीन वर्षों की OPD/IPD एवं प्रसव संख्या की जानकारी उपलब्ध करावायें? (ग) क्या इछावर अस्पताल का भवन एवं प्रसव संख्या के मान से छोटा नहीं है? क्या इसके उन्नयन हेतु कोई प्रस्ताव लंबित है? यदि हाँ, तो कब तक इस अस्पताल का उन्नयन कर दिया जाएगा? (घ) क्या इछावर अस्पताल को शासन द्वारा कोई पुरस्कार दिया गया है? यदि हाँ, तो पुरस्कार का नाम एवं दिनांक की जानकारी उपलब्ध करवायें?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) सीहोर जिलान्तर्गत 09 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, श्यामपुर-इछावर, बुधनी, नसरूल्लागंज, बिलकिसगंज, दौराहा, लाडकुई, जावर व रेहटी में स्थापित है एवं सभी 30-30 बिस्तर के है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। जी हाँ। प्रस्ताव परीक्षणाधीन है, निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अल्पसंख्यक कल्याण विभागान्तर्गत आयोग बोर्ड एवं अन्य कमेटियों का गठन
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
120. ( क्र. 4440 ) श्री आरिफ अकील : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या अल्पसंख्यक कल्याण विभागान्तर्गत आयोग, बोर्ड और अन्य किन-किन कमेटियों का किन-किन कारणों से गठन नहीं किया गया है और कब तक किया जावेगा तथा वर्तमान में किन-किनकी अध्यक्षता में आयोग, बोर्ड व कमेटियां कार्यरत है? (ख) वित्तीय वर्ष 2014-15 से 2016-17 की स्थिति में मध्यप्रदेश अल्पसंख्यक आयोग, मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड, मध्यप्रदेश स्टेट हज कमेटी, मसाजिद कमेटी, मुतावल्ली कमेटी आदि को किस-किस वित्तीय वर्ष में कितनी-कितनी राशि का शासन द्वारा बजट में प्रावधान कर अनुदान दिया गया वर्षवार बतावें? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में यह अवगत करावें कि उपरोक्त के द्वारा कब-कब शासन के समक्ष अनुदान का उपयोगिता प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया गया और शासन द्वारा कब-कब ऑडिट कराया गया? ऑडिट आपत्तियों से अवगत करावें?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र एक अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र दो अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र तीन अनुसार है।
सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशों का पालन
[आयुष]
121. ( क्र. 4447 ) डॉ. मोहन यादव : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आयुष विभाग में शासन के अन्य विभागों की ही तरह सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश लागू होते हैं? यदि हाँ, तो क्या प्रशासनीक सुव्यवस्था बनाये रखने हेतु रिक्त उच्च पदों का प्रभार समकक्ष अथवा वरिष्ठतम अधिकारियों को सौंपने संबंधी स्थाई निर्देश, सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा आयुष विभाग को भी प्रदान किये गये हैं? यदि हाँ, तो क्या उक्त निर्देशों का पालन किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या आयुष संचालनालय में प्रशासकीय व्यवस्था के नाम पर उप संचालक होम्योपैथी के फीडिंग कैडर के प्रथम श्रेणी सेवा के वरष्ठितम अधिकारी, प्रभारी उप संचालक को संचालनालय से स्थानान्तरित कर हटाया गया है? (ग) यदि हाँ, तो क्या प्रशासकीय व्यवस्था के नाम पर ही द्वितीय श्रेणी सेवा के 60 वें क्रम के जूनियर अधिकारी को उप संचालक पद के विरूद्ध ओ.एस.डी. के रूप में पदस्थ रखा गया है? यदि हाँ, तो सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशों के विपरीत व्यवस्था को प्रशासकीय व्यवस्था कैसे कहा जा सकता है? सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशों के उल्लंघन के लिए कौन जिम्मेदार है? क्या कार्यवाही की जायेगी।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ। (ख) प्रशासकीय व्यवस्था के अंतर्गत स्थानीय स्तर पर पदस्थ किया गया। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
योजनाओं हेतु आवंटित राशि का उपयोग
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
122. ( क्र. 4448 ) डॉ. मोहन यादव : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला चिकित्सालय (चरक) सहित उज्जैन में भर्ती सभी मरीजों के लिए शासन की कौन-कौन सी योजनाओं का लाभ दिया गया? इसके लिए वित्तीय वर्ष 2015-16, 2016-17 में शासन द्वारा कितनी राशि आवंटित हुई? आवंटित राशि का किस प्रकार से उपयोग किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार आवंटित राशि का नियम विरूद्ध उपयोग करने के लिये कौन अधिकारी दोषी है? दोषी के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) भर्ती मरीजों के लिये जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम, जननी सुरक्षा, निःशुल्क दवा वितरण, निःशुल्क जाँच सुविधा, परिवार कल्याण नसबंदी कार्यक्रम अंतर्गत क्षतिपूर्ति, प्रसूति सहायता योजना, राज्य बीमारी सहायता निधि, बाल शक्ति योजना, दीनदयाल अंत्योदय उपचार योजना, शिशु स्वास्थ्य, किशोर स्वास्थ्य, निःशुल्क भोजन एवं डी.एफ.आई.डी. आदि योजनाओं का लाभ दिया गया। वित्तीय वर्ष 2015-16, 2016-17 में आवंटित एवं नियमानुसार उपयोग की गई राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) आवंटित राशि का उपयोग नियमानुसार किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्वालियर नगर निगम क्षेत्र में संचालित नर्सिंग होम
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
123. ( क्र. 4484 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर नगर निगम क्षेत्र में कितने नर्सिंग होम संचालित हो रहे हैं? सूची उपलब्ध करावें। (ख) नर्सिंग होम की अनुमति किन-किन विभाग द्वारा दी जाती है, उसके क्या नियम और शर्त रहते हैं? ग्वालियर नगर निगम क्षेत्र के कितने नर्सिंग होम नियमानुसार संचालित हो रहे हैं एवं कितने नर्सिंग होम नियम विरूद्ध संचालित हो रहे हैं? सूची उपलब्ध करावें। (ग) नर्सिंग होम में मरीजों को दी जाने वाली सुविधाओं व जाँच हेतु राशि के निर्धारण के क्या मापदण्ड निर्धारित किये गये हैं? क्या ग्वालियर नगर निगम क्षेत्र के नर्सिंग होम द्वारा दी जाने वाली सुविधा व जाँच हेतु राशि निर्धारित मापदण्ड अनुसार ली जा रही है? यदि हाँ, तो सुविधा एवं जाँच के संबंध में जिले के किन-किन अधिकारियों द्वारा नर्सिंग होम का निरीक्षण दिनांक 01 जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक किया गया और क्या-क्या कमियां पाई गईं एवं संबंधित अधिकारी द्वारा किस-किस नर्सिंग होम पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) 1 जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस नर्सिंग होम में डॉक्टरों की लापरवाही से किस-किस मरीज की अकाल मौतें हुई हैं? उनके नाम, पता स्पष्ट करें। इस लापरवाही के लिये कौन-कौन डॉक्टर/कर्मचारी दोषी थे? उन दोषियों के प्रति क्या कोई दण्डात्मक कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) कुल 189 नर्सिंग होम संचालित हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - ''अ'' अनुसार है। (ख) लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा म.प्र. उपचर्यागृह तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनायें (रजिस्ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन) अधिनियम 1973 के अनुसार अनुमति प्रदान की जाती है, इसके पूर्व स्थानीय निकाय से अनुमति एवं प्रदूषण नियंत्रण मण्डल से प्राधिकार प्रमाण-पत्र प्राप्त करना आवश्यक होता है। सभी नर्सिंग होम नियमानुसार संचालित हैं, कोई भी नर्सिंग होम नियम विरूद्ध संचालित नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - ''अ'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) डॉक्टर्स की लापरवाही से मौत के संबंध में 04 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - ''ब'' अनुसार है। प्राप्त शिकायतों की जाँच प्रचलन में है। जाँच उपरान्त निष्कर्षों के आधार पर कार्यवाही की जावेगी।
विधान सभा भिवरवार में शाला भवनों का मरम्मतीकरण
[स्कूल शिक्षा]
124. ( क्र. 4485 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र भितरवार अंतर्गत वर्तमान में ऐसे कितने प्राथ./माध्य./हाई स्कूल/ हायर सेकेण्डरी विद्यालय हैं जो भवनहीन हैं एवं कितने विद्यालयों के भवन जर्जर अवस्था में हैं? सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त भवन विहिन/जर्जर भवन वाले विद्यालयों के नवीन भवन निर्माण हेतु शासन की कोई मंशा है, तो अवगत करावें। इन भवनों का कब तक नवीन निर्माण करा लिया जावेगा? (ग) विधान सभा क्षेत्र भितरवार अंतर्गत ऐसे कितने शाला भवन हैं जिनकी भूमि का सीमांकन कर अतिक्रमण मुक्त कराया गया हैं? अतिक्रमण मुक्त भूमि पर कितने विद्यालयों की बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण कराया गया है? सूची उपलब्ध करावें। जिन विद्यालयों में बाउण्ड्रीवॉल नहीं है उन विद्यालयों में बाउण्ड्रीवॉल निर्माण की शासन की कोई योजना है? यदि हाँ, तो अवगत करावें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) हाई/हायर सेकेण्डरी स्कूल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'एक' अनुसार है। शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक विद्यालय भवन विहीन नहीं है। 5 शासकीय प्राथमिक विद्यालय भवन जर्जर है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'एक' अनुसार है। (ख) हाई/हायर सेकेण्डरी स्कूल भवनों का निर्माण बजट उपलबधता पर निर्भर करेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जीर्ण-शीर्ण शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक विद्यालय भवन के स्थान पर नवीन भवनों का निर्माण वार्षिक कार्ययोजना 2017-18 में भारत शासन को प्रस्तावित किया गया है। भारत शासन से स्वीकृति प्राप्त होने पर भवन निर्माण किया जा सकेगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) हाई/हायर सेकेण्डरी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक में उल्लेखित अनुसार है, किसी भी विद्यालय में अतिक्रमण नहीं है। अत: अतिक्रमण मुक्त भूमि पर बाउण्ड्रीवॉल निर्माण का प्रश्न उपस्थित नहीं होता बाउण्ड्रीवॉल निर्माण बजट उपलब्धता पर निर्भर करेगा। शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक विद्यालय की भूमि पर अतिक्रमण नहीं है। विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2012-13 में स्वीकृत 14 प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण कराया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार। जी हाँ, जिन शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक विद्यालय में बाउण्ड्रीवॉल नहीं है, उनमें विधान सभा क्षेत्र भितरवार अंतर्गत विकासखण्ड भितरवार के 145 विद्यालयों एवं विकासखण्ड घाटीगाँव के 180 विद्यालयों के लिए बाउण्ड्रीवॉल निर्माण के प्रस्ताव वार्षिक कार्ययोजना 2017-18 में भारत शासन से स्वीकृती प्राप्त करने हेतु शामिल किया गया है।
आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित छात्रावास
[अनुसूचित जाति कल्याण]
125. ( क्र. 4530 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले में कितने छात्रावास आदिम जाति कल्याण एवं अनुसुचित जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित किए जा रहे हैं? अगर छात्रावास संचालित है, तो इसमें भोजन एवं अन्य सुविधाएं किस प्रकार प्रदान की जाती है? (ख) क्या छात्रावासों में वार्डन, केयर-टेकर छात्रावासों में रहना चाहिए? ऐसा नियम है, अगर कोई वार्डन नहीं रहता तो क्या कार्यवाही का प्रावधान है जानकारी देवें? (ग) छात्रावास में रहने के लिए छात्रों का चयन किस प्रक्रिया द्वारा किया जाता है? जिले में छात्रावासी छात्र-छात्राओं की कितनी संख्या है? (घ) कितने छात्रावास प्रायवेट भवनों एवं सरकारी भवनों में संचालित हो रहे हैं? स्थानवार जानकारी प्रदान करें। प्रायवेट छात्रावासों का चयन किस प्रक्रिया द्वारा कितने समय के लिए कितने-कितने किराये (रेटो) पर लिया गया है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) नरसिंहपुर जिला अंतर्गत अनुसूचित जनजाति के 20, अनुसूचित जाति के 35, कुल 55 छात्रावास संचालित हैं। छात्रावास में प्रवेशित विद्यार्थियों को शिष्यवृत्ति की राशि प्रदाय की जाती है, जिसकी 90 प्रतिशत राशि भोजन एवं नाश्ते पर तथा शेष 10 प्रतिशत राशि विद्यार्थी के व्यक्तिगत खर्चे हेतु उसके खाते में जमा की जाती है। अन्य सुविधाएं यथा बिस्तर सामग्री, खेलकूद सामग्री, पुस्तकालय, कम्प्यूटर, टी.वी., समाचार पत्र, उत्कृष्ट छात्रावासों में स्टेशनरी एवं कोचिंग आदि हेतु विभाग द्वारा कलेक्टर को उपलब्ध कराये गये आवंटन से भण्डार क्रय नियम अनुसार जिला स्तरीय क्रय समिति के माध्यम से क्रय कर सुविधाएं छात्रावासों में प्रदाय की जाती है। (ख) जी हाँ। विभागीय छात्रावास भवनों में अधीक्षक आवास गृह हैं, उन छात्रावासों में अधीक्षक निवासरत् हैं। जो छात्रावास किराये के भवनों में संचालित हैं, वहाँ के अधीक्षक को मुख्यालय में निवास करने का प्रावधान है। जी हाँ। अनुशासनात्मक कार्यवाही का प्रावधान है। (ग) छात्रावासों में रहने के लिए विद्यार्थी का चयन प्रस्तुत आवेदन, मैरिट एवं दूरी के आधार पर शासन द्वारा निर्धारित प्रवेश समिति के माध्यम से किया जाता है। वर्ष 2016-17 में अनुसूचित जाति के 1771 एवं अनुसूचित जनजाति के 1006, कुल 2777 विद्यार्थी निवासरत हैं। (घ) जिला अंतर्गत संचालित छात्रावासों में अनुसूचित जनजाति के 16 एवं अनुसूचित जाति के 29 छात्रावास शासकीय भवन में संचालित हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'क’ अनुसार है। अनुसूचित जनजाति के 04 एवं अनुसूचित जाति के 06 छात्रावास किराये के भवन में संचालित हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ख’ अनुसार है। निजी भवनों का चयन स्थानीय स्तर पर छात्रावास भवन हेतु विभागीय अधिकारियों के निरीक्षण प्रतिवेदन एवं भवन मालिक की सहमति के आधार पर कलेक्टर द्वारा किया जाता है। छात्रावासों हेतु लिये गये भवन की समय-सीमा निर्धारित नहीं है। किराये पर लिये गये निजी भवनों का किराया निर्धारण कलेक्टर द्वारा निर्धारित मापदण्ड अनुसार किया जाता है।
शासकीय स्कूल के भवन निर्माण की स्वीकृति
[स्कूल शिक्षा]
126. ( क्र. 4531 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत शासकीय उ.मा. विद्यालय उमरिया (चिनकी) एवं शासकीय हाई स्कूल समनापुर को भवन स्वीकृति कब तक प्रदान की जावेगी? जबकि इन विद्यालय में जमीन की उपलब्धता होने के बाद भी भवन स्वीकृत नहीं किए गये है? (ख) शासकीय उ.मा. विद्यालय उमरिया (चिनकी) में कला संकाय, वाणिज्य संकाय, जीव विज्ञान एवं गणित के 450 विद्यार्थी अध्यनरत् हैं, भवन की उपलब्धता न होने के कारण हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल दो पारी में लगाये जा रहे हैं? शासकीय उ.मा. विद्यालय उमरिया (चिनकी) भवन न होने पर किस आधार पर आर.एम.एस.ए. द्वारा अतिरिक्त कक्षों के निर्माण हेतु स्वीकृति जारी की गई है? (ग) शासकीय हाई स्कूल समनापुर में भवन न होने पर किस आधार पर आर.एम.एस.ए. द्वारा अतिरिक्त कक्षों के निर्माण हेतु स्वीकृति जारी की गई है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) भवन की स्वीकृति उपलब्ध बजट के आधार पर की जा सकेगी। (ख) एवं (ग) संकायवार अध्ययनरत् विद्यार्थियों की जानकारी इस प्रकार है :- कलॉ संकाय कक्षा 11वीं-40, कक्षा 12वीं-27 योग-67, विज्ञान संकाय कक्षा 11वीं-23, कक्षा 12वीं-10 योग-33, गणित संकाय कक्षा 11वीं-04, कक्षा 12वीं-02 योग-06, वाणिज्य संकाय कक्षा 11वीं-37, कक्षा 12वीं-32 योग-69, इस प्रकार कुल योग कक्षा 11वीं-104, कक्षा 12वीं-71 योग-175. कक्षा 9वीं में 117 तथा कक्षा 10वीं में 94 दर्ज संख्या हैं। इस तरह कक्षा 9वीं से 12 में कुल दर्ज सांख्या 386 है। हाँ, शाला दो पारी में संचालित है। शासकीय हाई स्कूल समनापुर माध्यमिक शाला में संचालित था। भूमि उपलब्ध होने के कारण के आर.एम.एस.ए के अंतर्गत अतिरिक्त कक्षों के निर्माण की स्वीकृति जारी हो गई है।
शासकीय विद्यालयों तक पहुँच मार्ग
[स्कूल शिक्षा]
127. ( क्र. 4543 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अपर परियोजना संचालक रमसा मध्यप्रदेश के पत्र क्रमांक/आरएमएसए/ भोपाल/2013-14/2019 दिनांक-22/04/2013 से शासकीय स्कूल भवन तक पहुँच मार्ग के निर्देश दिये गये हैं? यदि हाँ, तो कटनी जिले के विद्यालयों के संबंध में क्या कार्यवाही किस-किस शासकीय कार्यालय/शासकीय सेवक द्वारा की गई? विद्यालयवार बतायें। (ख) मुडवारा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम झुरही (कैलवारा खुर्द) के शासकीय प्राथमिक विद्यालय तक पहुँच मार्ग नहीं है एवं किन-किन अन्य शासकीय विद्यालयों में सुगम पहुँच मार्ग निर्मित नहीं है? पहुँच मार्ग निर्मित किये जाने हेतु क्या-क्या कार्यवाही, कब-कब की गई एवं पहुँच मार्ग निर्माण का कार्य, किस प्रकार एवं कब तक किया जायेगा? विद्यालयवार बतायें। (ग) कटनी जिले में वर्तमान में किन-किन शासकीय विद्यालयों का निर्माण, कहाँ-कहाँ प्रगतिरत् है? क्या इन विद्यालयों में पहुँच मार्ग निर्माण का प्रावधान किया गया? मार्ग का निर्माण किया गया? यदि हाँ, तो विवरण देवें? यदि नहीं, तो क्यों? कारण बतायें। (घ) प्रश्नांश (ग) क्या शासन द्वारा विद्यालयों के पहुँच मार्गों का निर्माण, भवन निर्माण के दौरान ही किये जाने के स्पष्ट आदेश एवं प्रावधान किये जायेंगे? यदि हाँ, तो किस प्रकार एवं कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। कार्यालय कलेक्टर (शिक्षा) जिला कटनी के पत्र दिनांक 23.12.2013 द्वारा आयुक्त, नगर निगम, कटनी को शासकीय हाई स्कूल पुरवार (नगरीय निकाय) में पहुँच मार्ग निर्माण एवं कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी के पत्र दिनांक 24.04.2013 के द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को पहुँच मार्ग विहीन मार्गों की सूची सौंपते हुए पहुँच मार्ग की व्यवस्था करने संबंधी अनुरोध किया गया था। (ख) शासकीय प्राथमिक शाला झुरही गाँव की मुख्य सड़क से लगभग 50 मीटर पगडंडी पथरीला रास्ता है। शेषांश हाई/हायर सेकेण्डरी विद्यालयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। इसके अलावा माध्यमिक शाला भनपुरा न. 1 तथा माध्यमिक शाला चनेहटा में सुगम पहुँच मार्ग नहीं है। विभाग अंतर्गत शालाओं के पहुँच मार्ग निर्माण का प्रावधान नहीं है। अत: शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) हाई स्कूल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार। इन निर्माणाधीन विद्यालयों में पहुँच मार्ग उपलब्ध है। शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक शाला भवनों के प्रगतिरत् निर्माण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। विभाग अंतर्गत शालाओं में पहुँच मार्ग निर्माण प्रावधान नहीं होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) ऐसा कोई प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है। सीमित वित्तीय संसाधनों के प्रकाश में जिला स्तर पर संचालित विभिन्न योजनाओं के माध्यम से पहुँच मार्ग निर्माण हेतु प्रश्नांश (क) द्वारा समस्त कलेक्टर को लिखा गया है।
शासकीय अस्पतालों में साफ-सफाई व्यवस्था
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
128. ( क्र. 4545 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में वर्तमान में शासकीय अस्पतालों में साफ-सफाई व्यवस्था का कार्य एवं सुरक्षा के कार्य हेतु किस-किस एजेन्सी को किस दिनांक से किस दिनांक तक किस मान से किस प्रक्रिया के तहत कार्य आवंटित किया गया है? सिवनी जिले में स्थित अस्पतालवार जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ख) कंडिका (क) में वर्णित एजेन्सी जिन्हें सफाई एवं सुरक्षा का कार्य दिया गया है, उनके साथ क्या अनुबंध किया गया? अनुबंध का विवरण उपलब्ध कराया जावे? उक्त एजेन्सियों को मासिक अथवा वार्षिक कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया जा रहा है? अस्पतालवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) क्या अस्पताल प्रबंधन द्वारा जिले से बाहर व्यक्ति को सुरक्षा एवं सफाई कार्य आवंटित किये, परिणाम स्वरूप अस्पतालों में ठेकेदार की देख-रेख के अभाव के कारण सफाई नहीं हो रही है? इनके द्वारा इस्तेमाल में लाई जाने वाली फिनायल बहुत घटिया किस्म की है, सुरक्षाकर्मी होने के बावजूद आये दिन अस्पतालों में तोड़फोड़ एवं डाक्टरों के साथ मारपीट होती रहती है? (घ) यदि हाँ, तो इसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार है? उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी? क्या शासन द्वारा स्थानीय लोगों को सफाई एवं सुरक्षा व्यवस्था के कार्य आवंटित करने बाबत् पृथक से कोई दिशा-निर्देश दिये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जिला चिकित्सालय सिवनी में साफ-सफाई एवं सुरक्षा व्यवस्था का कार्य मेसर्स कामथेन सिक्युरिटी सर्विसेस इन्दौर को दिनांक 01/09/2016 से 31/08/2017 तक की अवधि के लिये राशि रूपये 8962 प्रति कर्मचारी प्रति माह के मान से साफ-सफाई हेतु एवं राशि रूपये 7765 प्रति कर्मचारी प्रति माह के मान से सुरक्षा हेतु एवं जिले की अन्य स्वास्थ्य संस्थाओं हेतु साफ-सफाई का कार्य जय अम्बे सिक्युरिटी सर्विस सिवनी को दिनांक 01/10/2016 से 30/09/2017 तक राशि रूपये 8165 प्रति कर्मचारी प्रतिमाह के मान से दिया गया है। एजेन्सी का चयन खुली निविदा प्रक्रिया के माध्यम से किया गया है। सिविल अस्पताल लखनादोन में सुरक्षा का कार्य जय अम्बे सिक्युरिटी सर्विसेस सिवनी द्वारा किया जा रहा है। इस हेतु कोई अनुबंध नहीं किया गया है एवं सिविल सर्जन द्वारा की गई निविदा की दर के आधार पर उक्त कार्य संपादित किया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के अनुरूप, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ग) निविदा की शर्तों के अनुरूप कार्य आवंटित किया गया है, जी नहीं। जी हाँ। जिला अस्पताल में फिनाईल गुणवत्तापूर्ण नहीं पाई गई। जी हाँ, कभी-कभी अप्रिय घटनाएं घटित हुईं हैं। (घ) इस संबंध में क्षेत्रीय संचालक, जबलपुर संभाग को जाँच हेतु निर्देशित किया गया है। जाँच प्रतिवेदन के आधार पर आवश्यक कार्यवाही की जायेगी। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
छात्र संख्यानुपात में शिक्षकों की नियुक्ति
[स्कूल शिक्षा]
129. ( क्र. 4547 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र सिवनी के अंतर्गत छात्र संख्यानुपात में शिक्षकों की कमी है? यदि हाँ, तो शासन के आदेशानुसार अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति न करने का क्या कारण है? यदि नहीं, तो स्कूलवार छात्र संख्या तथा पदस्थ शिक्षकों की जानकारी उपलब्ध कराई जावें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समस्याग्रस्त स्कूलों की सूची उपलब्ध कराई जावे और उसमें अतिथि शिक्षक पदस्थ न करने के क्या कारण रहे? (ग) क्या प्रश्नांश (क), (ख) में उल्लेखित समस्या से छात्रों की पढ़ाई पर विपरीत असर पड़ रहा है, इस हेतु जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही कर छात्रानुपात में अतिथि शिक्षक नियुक्त किये जावेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। निर्धारित योग्यताधारी अतिथि शिक्षक के आवेदन प्राप्त न होने से। (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत जिन शालाओं में शिक्षकों की कमी है उनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - ''1 (ए)'' एवं ''1 (बी)'' अनुसार है। अतिथि शिक्षक न रखे जाने का कारण प्रश्नांश (क) में उल्लेखित है। (ग) जी नहीं, उपलब्ध शिक्षकों से यथा संभव अतिरिक्त शिक्षण कार्य कराया जा रहा है। प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अ.जा./अ.ज.जा. परिवारों के अत्याचार प्रकरणों पर कार्यवाही
[अनुसूचित जाति कल्याण]
130. ( क्र. 4553 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में विगत पाँच वर्षों के दौरान अ.जा. अ.ज.जा. वर्ग के कितने व्यक्तियों के साथ अत्याचार किये जाने के प्रकरण दर्ज गिये? (ख) दर्ज प्रकरणों में जाँच उपरांत कितने प्रकरणों में अत्याचार की घटना सही पाये जाने पर कितने पीडि़त परिवारों को कितनी आर्थिक सहायता राशि स्वीकृत की गई? (ग) दर्ज प्रकरणों में कितने दोषियों को कितनी-कितनी सजा से दण्डित किया गया?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) अनुसूचित जाति के 109 एवं अनुसूचित जनजाति के 222 प्रकरण दर्ज हुये हैं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) 86 प्रकरणों में कुल 160 दोषियों को भा.द.वि. एवं अत्याचार निवारण अधिनियम की धाराओं में न्यायालय उठने से आजीवन कारावास तक तथा अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है।
स्कूल भवनों का निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
131. ( क्र. 4578 ) श्री सचिन यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कसरावद विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत कौन-कौन से शासकीय विद्यालय भवनविहीन हैं? किराये के भवनों एवं जर्जर भवनों में संचालित हैं? सभी विद्यालयवार तत्संबंधी ब्यौरा क्या है? (ख) उक्त भवनों में से कितने-कितने भवनों का निर्माण प्रश्नांकित दिनांक तक पूर्ण कर लिया गया? कितने शेष हैं और क्यों? प्रश्नांकित दिनांक तक प्रश्नांश (क) अनुसार भवनों की स्थिति अनुसार तत्संबंधी ब्यौरा क्या है? (ग) जनवरी, 2014 से प्रश्नांकित दिनांक तक में प्रश्नकर्ता द्वारा प्रश्नांकित विद्यालयों के भवनों के कार्यों को पूर्ण करने से संबंधित अन्य व्यवस्था उपलब्ध कराये जाने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग एवं संबंधित जिला खरगोन स्तर पर प्राप्त पत्रों पर की गई कार्यवाही से अवगत नहीं कराये जाने के तत्संबंधी ब्यौरा क्या है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) हाई/हायर सेकेण्डरी स्कूल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। कोई भी हाई स्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूल किराये के भवन एवं जर्जर भवन में संचालित नहीं है। प्राथमिक/माध्यमिक भवन विहीन जर्जर शाला भवन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। समस्त शालाएं स्वयं या उसी परिसर की प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं या अन्य शासकीय भवन में संचालित है। किराये एवं जर्जर भवन में कोई शाला का संचालन नहीं किया जा रहा है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शाला भवनों के निर्माण की स्वीकृति बजट उपलब्धता पर निर्भर करेगा। प्राथमिक/माध्यमिक भवनों में से 01 जीर्ण-शीर्ण प्रा.वि., रोडिया भवन वार्षिक कार्ययोजना 2016-17 में स्वीकृत होकर कार्यवाही प्रचलन में है, शेष जीर्ण-शीर्ण एवं भवन विहीन शाला भवनों के प्रस्ताव स्वीकृति हेतु वार्षिक कार्ययोजना 2017-18 में प्रेषित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
हाई स्कूल एवं हायर सेकण्डरी भवन निर्माण हेतु स्वीकृत बजट
[स्कूल शिक्षा]
132. ( क्र. 4579 ) श्री सचिन यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा अतारांकित प्रश्न संख्या 71 (क्रमांक 1021) दिनांक 09 दिसम्बर, 2016 के विभागीय उत्तरों के परिप्रेक्ष्य में क्या ग्राम बलखडिया (भीकनगाँव) व ग्राम भोइंदा में हाई स्कूल एवं रेगवां में हायर सेकण्डरी स्कूल के भवन निर्माण हेतु बजट की स्वीकृति प्रदान कर दी गई है? यदि हाँ, तो कब नहीं तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है? (ख) उक्त प्रश्न के विभागीय उत्तर (क) एवं (ख) अनुसार समय पर बजट उपलब्ध नहीं होने में विलंब के क्या कारण हैं? तत्संबंधी ब्यौरा दें। (ग) उक्त स्थानों पर स्थित भवनविहिन विद्यालयों के संबंधित छात्र/छात्राओं को कब तक भवनों से वंचित रखा जायेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) स्वीकृति बजट उपलब्धता पर निर्भर करेगा। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जन्म तिथि में परिवर्तन
[स्कूल शिक्षा]
133. ( क्र. 4619 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जन्म तिथि में परिवर्तन किये जाने के क्या नियम है? क्या जिला शिक्षा अधिकारी/प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी को जन्म तिथि में परिवर्तन करने अनुमति है? (ख) क्या दिनांक 16 जनवरी 2017 को जिला शिक्षा अधिकारी सतना द्वारा आकस्मिक कार्य संपादन हेतु प्रभारी नियुक्त किया गया था? यदि हाँ, तो प्रभारी नियुक्त किये जाने संबंधी आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। उक्त तिथि को जिला शिक्षा अधिकारी किस कार्य से कहाँ गये थे? जानकारी देवें। प्रभारी को क्या अधिकार है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार उक्त दिनांक को प्रभारी द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी सतना की पदमुद्रा पर छात्र अमरनाथ मिश्रा पिता उमेश कुमार मिश्रा की जन्म तिथि 01/01/96 के स्थान पर 07/02/1991 सुधार की अनुमति दी गई थी? यदि हाँ, तो किन नियमों के तहत? क्या उक्त प्रभारी को जन्म तिथि में सुधार करने की स्वीकृति प्रदान करने का अधिकार है? यदि नहीं, तो कक्षा 01 से लेकर उच्च शिक्षा तक अध्ययन उपरांत जन्म तिथि में लगभग 27 वर्ष बाद 01 वर्ष का सुधार किया जाने का कृत्य अपराध श्रेणी में आता है या नहीं? (घ) प्रश्नांश की कंडिका (ख), (ग) अगर पद का दुरूपयोग हुआ है, तो संबंधित अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी? कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक पर है। मध्यप्रदेश जन्म तिथि (पाठशाला के रजिस्टर में प्रविष्टि) नियम, 1973 नियम 2 (ग) एवं 8 (4) अनुसार उस प्राथमिक या पूर्व माध्यमिक पाठशाला के मामले में जो उच्चतर माध्यमिक पाठशाला से संलग्न न हों, जिला शिक्षा अधिकारी तथा अन्य मामलों में संभागीय शिक्षा अधीक्षक को सक्षम प्राधिकारी बनाया गया है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो पर है। श्री गिरीश अग्निहोत्री, ए.डी.पी.सी. राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान कार्यालयीन को प्रश्नांश दिनांक को प्रवास के दौरान कार्य संपादन हेतु प्रभारी नियुक्त किया गया था। उक्त तिथि को जिला शिक्षा अधिकारी, सतना स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत अमरपाटन विकासखण्ड के प्रवास में थे। प्रभारी को सामान्य कार्य संपादन हेतु अधिकृत किया गया था। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो पर है। (ग) एवं (घ) जी हाँ। नियमों के प्रकाश में परीक्षण कर जिला शिक्षा अधिकारी, सतना के पत्र क्रमांक/764/विद्या/सामान्य/2017, दिनांक 30.1.2017 द्वारा जन्म तिथि में सुधार संबंधी कार्यालयीन टीप दिनांक 16.01.2017 निरस्त की गई है। जन्म तिथि में सुधार संबंधी टीप दिये जाने जाने के कारण संबंधित श्री गिरीश अग्निहोत्री, ए.डी.पी.सी. राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान, प्रभारी अधिकारी को संचालनालय के पत्र दिनांक 25.02.2017 द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। साथ ही संबंधित श्री कमल सिंह कुशवाह, जिला शिक्षा अधिकारी, जिला सतना से भी स्पष्टीकरण चाहा गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पिछड़ा वर्ग अल्पसंख्यक कल्याण बोर्ड द्वारा लाभान्वित हितगाहीयों की जानकारी
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
134. ( क्र. 4692 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि विभाग द्वारा विगत पाँच वर्षों में धार जिले के कितने हितग्राहियों को वर्षवार किन-किन योजनांतर्गत लाभान्वित किया गया है?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
बायोमेडिकल इंजीनियर के पद की स्वीकृति
[चिकित्सा शिक्षा]
135. ( क्र. 4711 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अतारांकित प्रश्न क्र.-5978 दिनांक 14-03-2016 के प्रश्नांश (ख) में मशीनों के रख-रखाव व मरम्मत में व्यय राशि की जानकारी चाही गई थी, जिसके जवाब में लगभग 2 करोड़ व्यय राशि की जानकारी दी गई है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त व्यय राशि के परिप्रेक्ष्य में बायोमेडिकल इंजीनियरों के पदांकन व पद स्वीकृति की जानकारी में पदों का स्वीकृत न होना बताया गया है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में भारी-भरकम व्यय राशि के स्थान पर बायोमेडिकल इंजीनियरों के पद स्वीकृत किये जायेंगे, यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों? समय-सीमा बतायें।
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( एडवोकेट शरद जैन ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) बायोमेडिकल इंजीनियरों के पद हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
माध्यमिक शिक्षा मण्डल के स्कूलों में प्राचार्य की नियुक्ति
[स्कूल शिक्षा]
136. ( क्र. 4712 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा संचालित आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रीवा/भोपाल/जावरा (रतलाम) में प्राचार्य की नियुक्ति कैसे की जाती है? नियमावली की प्रति देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रीवा में पदस्थ प्रभारी प्राचार्य श्री यशपाल सिंह चौहान का मूल पद क्या है और कहाँ-कहाँ पदस्थ रहे? क्या श्री चौहान को पूर्व में निलंबित किया गया था? यदि हाँ, तो कब और किस कारण? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में श्री यशपाल सिंह चौहान का व्याख्याता पद का विद्यालय में वरिष्ठता क्रम क्या है। विद्यालय में पदस्थ व्याख्याताओं की वरिष्ठता सूची पदांकन दिनांक के साथ उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में श्री चौहान से वरिष्ठ व्याख्याता को प्रभारी प्राचार्य का दायित्व क्यों नहीं सौंपा गया। श्री चौहान को नियम विरूद्ध दिये गये प्रभार को कब तक वापस लेकर नियमानुसार वरिष्ठ व्याख्याता को प्रभार दिया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा संचालित आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रीवा/भोपाल/जावरा (रतलाम) में प्राचार्य की नियुक्ति माध्यमिक शिक्षा मण्डल सेवा भर्ती/पदोन्नति नियम 1997 में पदोन्नति से किये जाने का प्रावधान है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रीवा में पदस्थ प्रभारी प्राचार्य श्री यशपाल सिंह चौहान का मूल पद व्याख्याता है। श्री चौहान आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भोपाल/जावरा एवं आंचलिक कार्यालय इंदौर में पदस्थ रहे हैं। श्री चौहान को पूर्व में कार्यालयीन आदेश क्र./प्रशा./स्था./ए-2/412/2016 भोपाल दिनांक 16.05.2016 द्वारा प्राचार्य, आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जावरा जिला रतलाम के विरूद्ध प्राप्त शिकायत के संबंध में मण्डल द्वारा गठित समिति के जाँच प्रतिवेदन में पाई गई अनियमितता के आधार पर निलंबित किया गया था। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) श्री यशपाल सिंह चौहान का व्याख्याता पद का माध्यमिक शिक्षा मण्डल व्याख्याता पद की पदक्रम सूची (दिनांक 01 अप्रेल 2016 की स्थिति के अनुसार) में वरिष्ठता क्र. 4 है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। (घ) माध्यमिक शिक्षा मण्डल के आदेश क्र./प्रशा./स्था./ए-2/2609/2016, भोपाल, दिनांक 10.11.2016 द्वारा श्री रामनरेश पटेल की प्रतिनियुक्ति अवधि समाप्त हो जाने के कारण उनकी सेवाएं मूल विभाग, आयुक्त, लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल को वापिस की जाकर उन्हें जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय रीवा कार्यमुक्त किये जाने के कारण श्री यशपाल सिंह चौहान को अपने कार्य के साथ-साथ आगामी आदेश तक अस्थाई रूप से प्राचार्य, आदर्श उ.मा.वि. रीवा का प्रभार सौंपा गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''द'' अनुसार है।
शाला का उन्न्यन
[स्कूल शिक्षा]
137. ( क्र. 4719 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की विधान सभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत शासकीय कन्या हाई स्कूल सुठालिया का हाई स्कूल में उन्नयन किस वर्ष में हुआ? (ख) क्या सुठालिया नगर में कन्या हायर सेकेण्डरी स्कूल नहीं होने से छात्राओं को हायर सेकेण्डरी शिक्षा के लाभ से वंचित होना पड़ रहा है एवं प्रतिवर्ष लगभग 400-500 छात्राएं हाई स्कूल उत्तीर्ण करती है? शासन की बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ नीति का भी पालन नहीं हो रहा है। (ग) क्या माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा दिनांक 31 जनवरी 2017 को ब्यावरा प्रवास के दौरान सुठालिया में नवीन महाविद्यालय खोलने की घोषणा की गई तथा ऐसी स्थिति में कन्या हायर सेकेण्डरी की अत्यंत आवश्यकता है? यदि हाँ, तो क्या इसी सत्र में उक्त कन्या हाई स्कूल का उन्नयन कर बेटियों को लाभ दिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) राजगढ़ जिले की विधान सभा क्षेत्र ब्यावरा के शासकीय कन्या माध्यमिक विद्यालय सुठालिया का शासकीय कन्या हाई स्कूल सुठालिया में उन्नयन वर्ष 1991 में हुआ है। (ख) जी नहीं। नगर में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सुठालिया भी संचालित है। (ग) पृथक से नवीन कन्या हायर सेकेण्डरी स्कूल खोलने का प्रावधान नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हाई स्कूल शालाओं हेतु भवन निर्माण की स्वीकृति
[स्कूल शिक्षा]
138. ( क्र. 4720 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत शासकीय हाई स्कूल सेमलापार, मऊ, नापानेरा, गिन्दौरहाट, सीलखेड़ा, पीपलहेला, जरकडि़याखेड़ी एवं संवासी ग्राम में हाई स्कूल शाला तो संचालित है लेकिन हाई स्कूल शाला भवन स्वीकृत नहीं है? यदि हाँ, तो उक्त शालाओं के हाई स्कूल शाला में उन्नयन दिनांक से प्रश्न दिनांक तक भवन निर्माण स्वीकृति हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या उक्त हाई स्कूल शालाओं में अध्ययनरत् छात्र-छात्राओं को माध्यमिक शालाओं के भवन में अध्ययन कार्य करवाया जा रहा है, जिसमें पर्याप्त बैठक व्यवस्था नहीं होने से छात्र-छात्राओं का अध्ययन कार्य प्रभावित हो रहा है? यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त हाई स्कूल शालाओं हेतु भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ, राजगढ़ जिले की विधान सभा क्षेत्र ब्यावरा में हाई स्कूल सेमलापार, मऊ, नापानेरा, गिन्दोरहाट, सीलखेड़ा पीपलहेला, जरकडि़याखेड़ी एवं संवासी ग्राम में हाई स्कूल शाला संचालित है। इन हाई स्कूलों में भवन स्वीकृत नहीं है। भवन निर्माण बजट उपलब्धता पर निर्भर करेगा। (ख) उक्त भवन विहीन शालाओं के छात्र/छात्राओं को प्राथमिक/ प्राध्यमिक विद्यालय के भवन एवं अतिरिक्त कक्षों में अध्यापन कार्य कराया जा रहा है, जिससे छात्र/छात्राओं का अध्यापन कार्य प्रभावित नहीं हो रहा है। भवन निर्माण बजट की उपलब्धता पर निर्भर करेगा। अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
योजनाओं का क्रियान्वयन, बजट एवं व्यय
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
139. ( क्र. 4727 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम जिले में केंद्र/राज्य प्रवर्तित योजनाओं का क्रियान्वयन एवं निर्माण विकास के कार्य विगत वर्षों से लगातार किये जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2012-13 से लेकर प्रश्न दिनांक तक एन.एच.एम. (राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन) एवं अन्य योजनाओं के माध्यम से कुल कितना-कितना बजट प्राप्त होकर कितना-कितना, किन-किन स्थानों पर व्यय किया गया? बतायें l (ग) एन.एच.एम. एवं अन्य योजनाओं के माध्यम से जिले भर में किन-किन स्थानों के लिए किस-किस प्रकार के उपकरण इत्यादि सामग्री किन नियमों के अंतर्गत कुल कितनी क्रय की गयी? (घ) उपरोक्त वर्षों में प्रश्न दिनांक तक क्रय की गयी सामग्री, निर्माण कार्यों तथा किये गए अन्य कार्यों हेतु प्राप्त बजट द्वारा किये गए? व्यय की स्थितियों से अवगत कराएं।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) उपकरण/सामग्री का क्रय भण्डार क्रय नियम अनुसार किये जाकर जिले की समस्त संस्थाओं को वितरित किये गये हैं। क्रय की गई उपकरण एवं सामग्री का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब एवं 'स' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'द' अनुसार है।
केंद्र/राज्य प्रवर्तित योजनाओं का क्रियान्वयन
[अनुसूचित जाति कल्याण]
140. ( क्र. 4728 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केंद्र/राज्य प्रवर्तित योजनाओं का क्रियान्वयन शासन/विभाग द्वारा रतलाम जिले में लगातार किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2012-13 से लेकर प्रश्न दिनांक तक विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन एवं निर्माण विकास कार्यों हेतु कुल कितना-कितना बजट प्राप्त होकर कितना-कितना व्यय हुआ? कितने कार्य पूर्ण रहें? कितने अपूर्ण रहे? (ग) क्या विभागीय योजनाओं के माध्यम से पेय-जल मूलक कार्य, विद्युतीकरण के कार्यों के साथ ही मांगलिक भवनों का निर्माण कार्य इत्यादि प्रकार के अलावा भी अनेक महत्वपूर्ण निर्माण विकास के कार्य किये गए? (घ) यदि हाँ, तो उपरोक्त वर्षों में प्रश्न दिनांक तक प्राप्त बजट से योजनाओं के क्रियान्वयन पर हुए व्यय एवं निर्माण विकास कार्यों पर किये गए व्यय को योजनाओं एवं कार्यों सहित नामवार बताएं?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ’ एवं 'ब’ अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स’ एवं 'द’ अनुसार है।
भवन विहीन शालाएं
[स्कूल शिक्षा]
141. ( क्र. 4752 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के विधान सभा क्षेत्र राजगढ़ में ऐसे कितने प्राथमिक/माध्यमिक/हाई स्कूल/ हायर सेकेण्डरी विद्यालय हैं, जो भवन विहीन हैं? (ख) उक्त भवन विहीन प्राथमिक/माध्यमिक/हाई स्कूल/हायर सेकेण्डरी विद्यालयों की कक्षाएं वर्तमान में कहाँ पर संचालित की जा रही हैं? (ग) बिना भवन के क्या उक्त कक्षाओं के संचालन करने में परेशानी नहीं आ रही हैं? (घ) राजगढ़ जिले की विधान सभा क्षेत्र राजगढ़ में भवन विहीन प्राथमिक/माध्यमिक/हाई स्कूल/हायर सेकेण्डरी विद्यालय में भवन कब तक स्वीकृत किये जावेंगे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) शासकीय हाई स्कूल, बग्गा, कीलखेड़ा, कोडि़या, जरगर, धनबास कलॉ, झनझाड़पुर, संवासड़ा, सेमलीकलां, भूमरिया, सरेड़ी, सडि़याकुंआ, ओढ़पुर एवं उ.मा.वि. संस्कृत खुजनेर भवन विहीन शालाएं हैं। कोई भी शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक विद्यालय भवन विहीन नहीं है। (ख) शासकीय हाई व हायर सेकेण्डरी कक्षाएं वर्तमान में प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं के कक्षों में संचालित की जा रही हैं। (ग) जी नहीं। (घ) हाई व हायर सेकेण्डरी स्कूल भवनों का निर्माण बजट की उपलब्धता पर निर्भर करेगा।
उप-स्वास्थ्य केन्द्र की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
142. ( क्र. 4753 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले के विधान सभा क्षेत्र राजगढ़ में वर्ष 2015 अथवा 2016 में उप-स्वास्थ्य केन्द्र अथवा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्वीकृत किये गये थे? (ख) यदि हाँ, तो कहाँ पर और कब? (ग) क्या उक्त उप-स्वास्थ्य केन्द्र अथवा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र हेतु भवन भी स्वीकृत किये जाकर उनके टेण्डर भी स्वीकृत हो चुके थे? (घ) यदि हाँ, तो उक्त भवन आज दिनांक तक क्यों नहीं बन पाये हैं? क्या कारण है बतावें तथा कब तक उप-स्वास्थ्य केन्द्र अथवा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के भवन बन पावेंगे?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2016 में राजगढ़ जिले के विधान सभा क्षेत्र राजगढ़ में 12 नवीन उप-स्वास्थ्य केन्द्र स्वीकृत किये गये। (ख) ग्राम कचनारिया, कालीतलाई, टांडीकला, खजूरी, खानपुरा, बलबहादुरपुरा, टूनी, बांकपुरा, खरना, बरखेड़ा, हिरणखेड़ी एवं देहरीबामन में दिनांक 21.06.2016 को। (ग) जी नहीं, (घ) विभागीय निर्णय अनुसार त्वरित क्रियान्वयन के उद्देश्य से नवीन उप-स्वास्थ्य केन्द्रों का संचालन किराये के भवनों में किया जावेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जातिगत आधार पर निलंबन
[स्कूल शिक्षा]
143. ( क्र. 4789 ) श्री
राजेन्द्र
मेश्राम :
क्या स्कूल
शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
प्रश्नकर्ता
द्वारा
दिनांक 30/03/2016 को
मुख्य सचिव
को स्कूल
शिक्षा विभाग
के श्री
के.के. द्विवेदी
एवं श्री
प्रमोद सिंह, पदेन उप
सचिव द्वारा
श्रीमती उषा
वासनिक,
सहायक
सचिव, माध्यमिक
शिक्षा मण्डल
को मान. उच्च
न्यायालय के
आदेशों का
पालन नहीं कर
जातिगत आधार
पर भेदभाव कर
निलंबन से
बहाल नहीं
करने के संबंध
में पत्र दिया
गया था। (ख) यदि
प्रश्नांश (क) सही
है, तो
मान. उच्च न्यायालय
के आदेश एवं
अवमानना, मुख्य
सचिव की टीप
अध्यक्ष के आदेश
सामान्य
प्रशासन
विभाग एवं
विधि विभाग के
अभिमत को नहीं
मानते हुये
नियमों के
विरूद्ध
जातिगत भेदभाव
रखकर अभ्यावेदन
अमान्य किये
जाने की प्रश्नकर्ता
की शिकायत पर
स्कूल
शिक्षा विभाग
के इन दोनों
अधिकारियों
पर विभाग
द्वारा क्या
कार्रवाई की
गयी और यदि
नहीं, तो
क्यों नहीं? तथ्यात्मक
जानकारी
देवें। (ग) यदि
प्रश्नांश (क) से
(ख) सही है, तो
विभाग इन
दोनों
अधिकारियों
की
प्रतिनियुक्ति
अवधि को समाप्त
कर सेवाएं मूल
विभाग को
लौटाते हुए कड़ी
अनुशासनात्मक
कार्रवाई
करेगा? यदि
हाँ, तो
क्या? यदि
नहीं, तो
क्यों नहीं? कब तक
करेंगे?
स्कूल
शिक्षा
मंत्री (
कुँवर विजय
शाह ) : (क) जी
हाँ। (ख) श्रीमती
उषा वासनिक के
अभ्यावेदन
को सामान्य
प्रशासन
विभाग द्वारा
दिए गए अभिमत
के आधार पर
नियमानुसार
आगामी
कार्यवाही
किये जाने
हेतु सचिव, माध्यमिक
शिक्षा मण्डल, भोपाल
को लिखा गया। प्रकरण
में
नियमानुसार
कार्यवाही की
गई है। अत:
शेषांश
उपस्थित नहीं
होता। (ग) उत्तरांश
(ख) के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
शालाओं को समायोजित किया जाना
[स्कूल शिक्षा]
144. ( क्र. 4792 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में कितनी प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाएं कम छात्र संख्या होने के कारण किस नियम के तहत बंद की गई है। नियम की प्रति उपलब्ध करवाएं। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शालाओं में से शाजापुर जिले की बंद शालाओं को किन-किन शालाओं में समायोजित किया गया है? बंद की गई शालाओं की समायोजित की गई शालाओं से दूरी कितनी-कितनी है? शालावार दूरी बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शालाओं को बंद करने से शिक्षा के अधिकार नियम का कैसे पालन होगा? क्या बंद शालाओं के बच्चों को समायोजित शाला तक पहुँचाने के लिए वाहन सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी संकलित की जा रही है। नियम की प्रति की पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' पर है। (ख) जिला शाजापुर द्वारा समायोजित की गई शालाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' पर है एवं समायोजित की गई शालावार दूरी की जानकारी कॉलम क्रमांक-10 में दर्शित की गई है। (ग) उत्तरांश (क) अनुसार शालाओं के युक्ति-युक्तकरण की कार्यवाही की गई है। जी नहीं।
आयुष चिकित्सकों की नियुक्ति
[आयुष]
145. ( क्र. 4793 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर जिले में आयुष औषधालय कहाँ-कहाँ पर है? किस-किस आयुष औषधालय में कब-कब से चिकित्सक के पद रिक्त हैं? (ख) शाजापुर जिले के आयुष औषधालयों में चिकित्सकों के रिक्त पदों पर कब तक चिकित्सकों को नियुक्त किया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
वन निवासियों को वन अधिकार पत्र का प्रदाय
[आदिम जाति कल्याण]
146. ( क्र. 4802 ) श्री दीवानसिंह विट्ठल पटेल : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले में वन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत कितने अन्य परम्परागत वन निवासियों के द्वारा वन अधिकार पत्र प्राप्त करने हेतु आवेदन प्रस्तुत किये गए हैं? जनपदवार संख्या बतावें। (ख) प्राप्त आवेदनों में से कितने आवेदनों का निराकरण कर उन्हें वन अधिकार पत्र दिए गए हैं तथा कितने शेष हैं? शेष रहने का कारण क्या हैं? (ग) क्या अन्य परम्परागत वन निवासियों के आवेदन पूर्ण होने के पश्चात भी उन्हें वन अधिकार पत्र नहीं दिए जा रहे हैं, जिससे वह शासन से मिलने वाली सुविधाओं से वंचित हैं, ऐसे हितग्राहियों के आवेदनों का निराकरण कब तक कर उन्हें वन अधिकार पत्र प्रदान किये जावेंगे?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश अन्तर्गत 475 व्यक्तियों को वन अधिकार पत्र दिये गये है। निराकरण हेतु कोई प्रकरण शेष नहीं है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। प्राप्त सभी आवेदनों का निराकरण किया जा चुका है।
प्राचार्य की अनियमित पदस्थापना
[आदिम जाति कल्याण]
147. ( क्र. 4808 ) श्रीमती ममता मीना : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा परि. अतारांकित प्रश्न 153 (क्रमांक 1983) दिनांक 09.12.2016 में प्रस्तुत उत्तर के अनुसार श्री पी.आर. दोहरे प्राचार्य के विरूद्ध आयुक्त, आदिवासी विकास के आदेश दिनांक 03.01.2013 द्वारा विभागीय जाँच संस्थित हुई हैं? यदि हाँ, तो विभागीय जाँच संस्थित होने को लगभग 04 वर्ष का समय हो चुका है, विभागीय जाँच किस स्तर पर है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जनवरी 2013 में संस्थित विभागीय जाँच अधिकारी द्वारा जाँच कार्यवाही प्रश्न दिनांक तक पूर्ण क्यों नहीं की गई हैं? क्या विभागीय जाँच हेतु समय-सीमा का निर्धारण शासन द्वारा किया गया है? तो पी.आर. दोहरे के विरूद्ध विभागीय जाँच क्यों लंबित रखी गई है? (ग) क्या विभागीय जाँच संस्थित होने के उपरांत भी पी.आर. दोहरे को प्राचार्य आवासीय विद्यालय ढेंगदा का नियम विरूद्ध तरीके से क्यों प्रभार नहीं हटाया जा रहा है? आवासीय विद्यालय के प्राचार्य का प्रभार श्री दोहरे से कब तक हटाया जावेगा? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार विभागीय जाँच लंबित रख पी.आर. दोहरे को लाभ पहुँचाने वाले दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? स्पष्ट समय-सीमा बतावें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। विभागीय जाँच अधिकारी द्वारा विभागीय जाँच की कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है। (ख) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जाँच प्रतिवेदन की प्रति अपचारी कर्मचारी को भेजकर प्रतिवाद उत्तर चाहा गया है। जबाव प्राप्त होने पर, गुण-दोष के आधार पर निर्णय लिया जावेगा। (घ) जाँच पूर्ण। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
श्रेणीवार पदों की जानकारी
[चिकित्सा शिक्षा]
148. ( क्र. 4852 ) श्री अजय सिंह : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. नर्सिंग कौंसिल में प्रश्नतिथि तक कितने-कितने, किस-किस पदनाम के पद प्रथम/द्वितीय/तृतीय/चतुर्थ श्रेणी में है? इनमें किन-किन श्रेणी के पद पर निम्न श्रेणी के कौन-कौन लोग कब से पदस्थ है? जानकारी दें। (ख) म.प्र. नर्सिंग कौंसिल में रजिस्टार के पद पर प्रश्नतिथि तक किस श्रेणी का व्यक्ति किस दिनांक से पदस्थ है? क्या प्रमुख सचिव उक्त पदस्थापना को वैध मानते हैं या अवैध? (ग) क्या म.प्र. नर्सिंग कौंसिल में गत 7-8 वर्षों से रजिस्टार के पद पर नियमों के विपरीत जाकर प्रथम श्रेणी के अधिकारी के बजाय उससे निम्न श्रेणी के पद पर पदस्थ व्यक्ति को स्थायी/अस्थायी रूप से पदस्थ किया गया है? अगर नहीं तो कब से रजिस्टार के पद पर प्रथम श्रेणी का अधिकारी पदस्थ नहीं है? (घ) उक्त रजिस्टार के पद पर पदस्थ रहे किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कब से किस-किस प्रकरणों की जाँच लंबित है नामवार/प्रकरणवार दें? जाँच कब तक पूरी होगी?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( एडवोकेट शरद जैन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में दर्शाय गये रजिस्ट्रार के पद पर शासकीय नर्सिंग महाविद्यालय, इन्दौर के सिस्टर ट्यूटर पद पर कार्यरत तृतीय श्रेणी कर्मचारी की प्रतिनियुक्ति द्वारा पदस्थापना की गई हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। मार्च, 2005 से। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है।
मेडिकल कॉलेज की स्थापना
[चिकित्सा शिक्षा]
149. ( क्र. 4853 ) श्री अजय सिंह : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में मेडिकल कालेज खोलने के लिये क्या वर्ष 2013 में घोषणा की गयी थी? अगर हाँ, तो किसके द्वारा? (ख) वर्ष 2014/2015/2016 एवं 2017 में प्रदेश के किन जिलों में नये मेडिकल कॉलेज खोले जाने के लिये प्रदेश सरकार द्वारा प्रस्ताव भेजा गया? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित वर्षों में जिन स्थानों पर मेडिकल कॉलेज खोले जाने के प्रस्ताव दिल्ली में सक्षम कार्यालयों को भेजे उन स्थानों पर राज्य शासन/जिला प्रशासन के द्वारा भूमि प्रश्नतिथि तक आवंटित की है? (घ) राज्य शासन/जिला प्रशासन के द्वारा सतना जिले में मेडिकल कालेज की स्थापना के लिये किस स्थान पर किस आराजी क्रमांकों की कितने रकबे की भूमि प्रश्नतिथि तक आवंटित की है?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( एडवोकेट शरद जैन ) : (क) जी हाँ। माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा घोषणा की गई थी। (ख) दतिया, रतलाम, शहडोल, खण्डवा, छिन्दवाड़ा, शिवपुरी, विदिशा जिलों में मेडिकल कॉलेज खोले जाने के प्रस्ताव प्रदेश सरकार द्वारा भारत सरकार को भेजे गये। (ग) जी हाँ। (घ) सतना जिले में मेडिकल कॉलेज की स्थापना हेतु भूमि का आवंटन नहीं हुआ है।
रोगी कल्याण समिति के प्रावधान
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
150. ( क्र. 4860 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्वास्थ्य एवं उप-स्वास्थ्य केन्द्रों में रोगी कल्याण समिति के गठन के क्या प्रावधान है? प्रावधानों की प्रति उपलब्ध कराये। (ख) अनूपपुर जिला अंतर्गत पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन स्वाथ्य केन्द्रों एवं उप-स्वास्थ्य केन्द्रों में रोगी कल्याण समिति का गठन किया गया है? वर्तमान में संचालित समितियों की जानकारी स्वास्थ्य केन्द्र एवं उप केन्द्रवार, समिति के सदस्यों के नामवार समिति गठन के दिनांक सहित सूची उपलब्ध करायें। (ग) स्वास्थ्य केन्द्रों एवं उप-स्वास्थ्य केन्द्रों में रोगी कल्याण समिति की बैठकों के क्या प्रावधान हैं? प्रावधानों के अनुसार किस रोगी कल्याण समिति की कितनी बैठकें आयोजित की गई और किस-किस बैठक में कौन-कौन उपस्थित रहे एवं क्या-क्या प्रस्ताव रखे गये तथा क्या कार्यवाही की गई .
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) स्वास्थ्य केन्द्रों में रोगी कल्याण समितियों का गठन रोगी कल्याण समिति नियमावली 2010 के तहत किया जाता है, प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। उप-स्वास्थ्य केन्द्रों में रोगी कल्याण समिति के गठन का प्रावधान नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जिला चिकित्साल व स्वास्थ्य केन्द्रों की रोगी कल्याण समितियों की साधारण सभा की बैठक वर्ष में कम से कम एक बार व कार्यकारणी समिति की बैठक दो माह में एक बार आयोजित करने का प्रावधान है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
शासन स्तर पर लंबित उन्नयन के प्रस्ताव
[स्कूल शिक्षा]
151. ( क्र. 4861 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में जिला अनूपपुर के कौन-कौन से शासकीय प्राथमिक विद्यालय/माध्यमिक विद्यालय/शासकीय हाई स्कूल/शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूल में उन्नयन किये गये? (ख) शासन स्तर पर विधान सभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ के कितने विद्यालयों के प्रस्ताव उन्नयन हेतु शासन स्तर पर लंबित है। सूची उपलब्ध करायें? (ग) विधान सभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ के लंबित प्रस्तावों में से कितने प्रस्ताव उन्नयन की श्रेणी में आते है तथा कितने प्रस्ताव उन्नयन की श्रेणी में नहीं आते है। कारण सहित सूची उपलब्ध कराई जाये? (घ) शासन स्तर पर लंबित उन्नयन के प्रस्तावों को कब तक स्वीकृत किया जाकर अमल में लाया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जिला अनूपपुर अंतर्गत वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में किसी भी प्राथमिक विद्यालय का माध्यमिक विद्यालय में एवं वर्ष 2014-15 में माध्यमिक विद्यालय का हाई स्कूल में उन्नत शालाओं की जानकारी निरंक है। वर्ष 2014-15 में शासकीय उ.मा.वि. खाडा, शासकीय उ.मा.वि. लेढरा, शासकीय कन्या उ.मा.वि. चोलना उन्नत किये गये हैं। वर्ष 2015-16 में शासकीय हाई स्कूल कासां, करनपठार, सरफा, निगवानी, टिटही, तुम्मीबडी वकेठी, जरही, अमीलिहा, गुट्टीपारा, क्योटार, देवरी, माहिरी एवं शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय ठोढीपानी एवं खमरौद का उन्नयन किया गया है। (ख) से (घ) उपलब्ध वित्तीय प्रावधान के परिप्रेक्ष्य में वित्तीय वर्ष के प्रावधान के अनुरूप कार्यवाही पूर्ण होने से वर्तमान में कोई प्रस्ताव लंबित नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमककड़ जाति कल्याण विभाग का गठन
[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जाति कल्याण]
152. ( क्र. 4866 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमककड़ जाति कल्याण विभाग का गठन करने का उल्लेख क्या था? क्या उद्देश्य के अनुरूप विभाग कार्य कर रहा है? यदि हाँ, तो उद्देश्य अनुसार इन जातियों के उत्थान/विकास हेतु क्या–क्या कार्य किये गये हैं? बतायें। (ख) विभाग के गठन के बाद किस-किस वित्तीय वर्ष में कितनी–कितनी राशि का बजट का प्रावधान किया गया था? उक्त आवंटित बजट में से कितनी–कितनी राशि किस-किस वित्तीय वर्ष में व्यय की गई? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य क्या उक्त जातियों के परिवार की जनसंख्या के आंकड़े उपलब्ध नहीं होने से विभाग को आवंटित बजट का शत्–प्रतिशत उपयोग नहीं किया जा रहा है, जिससे सरकार के उद्देश्य की पूर्ति नहीं हो रही है? यदि जनसंख्या के आंकड़े है, तो प्रदेश में इनकी जनसंख्या कितनी है? बतायें। (घ) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में भिण्ड जिले की लहार विधान सभा क्षेत्र के लहार, मिहौना, दबोह एवं आलमपुर सहित किन-किन ग्रामों में उक्त जातियों के चिन्हित परिवार कब-कब से निवासरत् है? क्या उक्त परिवारों को व्यवस्थित बसाने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा अनुविभागीय अधिकारी, लहार (राजस्व) कलेक्टर, भिण्ड को पत्र लिखा गया था? यदि हाँ, तो उक्त परिवारों को क्या–क्या सुविधाएं प्रदान की गई है? बतायें।
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) विभाग का गठन का उद्देश्य विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमककड़ जातियों का सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक विकास का है। जी हाँ। इन जातियों के विकास हेतु प्राथमिक शिक्षा छात्रवृत्ति, कन्याओं को शिक्षण हेतु प्रोत्साहन, विभिन्न छात्रवृत्तियां, पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्तियां, विमुक्त जाति छात्रावास योजना, विमुक्त जाति बस्तियों का विकास, विमुक्त जाति आवास योजना संचालित की जा रही हैं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) विमुक्त घुमक्कड़/अर्द्धघुमककड़ जनजाति के परिवारों की अधिकृत जनगणना नहीं है। किन्तु राज्य शासन द्वारा इनके विकास कार्यों को रोका नहीं गया है। माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा अनुसार विमुक्त घुमक्कड़/अर्द्धघुमककड़ जनजाति के लोगों के सर्वे का कार्य शीघ्र प्रारंभ कराया जा रहा है। (घ) जी हाँ। लहार विधान सभा क्षेत्र में लोहपीटा घुमक्कड़ जाति पाई जाती है। इस जनजाति के व्यक्तियों को आवास सुविधा उपलब्ध कराये जाने हेतु चिन्हांकन किया गया है। जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। उक्त जातियों के चिन्हित परिवार कब से निवास कर रहे हैं, इस संबंध में अधिकृत जानकारी उपलब्ध नहीं है। माननीय प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा अनुविभागीय अधिकारी लहार एवं कलेक्टर भिण्ड को दिये गये पत्र के संदर्भ में विधान सभा क्षेत्र के लहार, मिहोना, डबोह एवं आलम्पुर में उक्त जातियों के चिन्हित परिवारों को व्यवस्थित बसाने हेतु आवास सुविधाएं उपलब्ध कराये जाने हेतु कार्य योजना तैयार की जा रही है।
स्कूलों में फीस का निर्धारण एवं अनावश्यक फीस वृद्धि
[स्कूल शिक्षा]
153. ( क्र. 4875 ) श्री जितू पटवारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में निजी स्कूलों की फीस निर्धारण व नियंत्रण अनावश्यक फीस वृद्धि को लेकर प्रदेश सरकार क्या कोई नियामक कमेटी बना रही है। यदि हाँ, तो कब तक बना ली जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ख) वर्तमान में स्कूलों की बेतहाशा फीस वृद्धि व अन्य छात्रों की सामग्री क्रय में कमीशनखोरी से रोकने हेतु क्या गाईड-लाईन सरकार ने जारी कर रखी है, इस गाईड-लाईन के पालन में विगत 01/01/2014 से 01/01/2017 तक इन्दौर व उज्जैन संभागों में किन-किन स्कूलों की शिकायत प्राप्त हुई व उन पर क्या कार्यवाही हुई जानकारी देवे? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में शासन क्या कोई अध्यादेश या कानून स्कूलों की फीस निर्धारण व नियंत्रण हेतु ला रही है? यदि हाँ, तो वह लागू हो जायेगी? (घ) वर्तमान में निजी स्कूलों के द्वारा स्कूलों की विभिन्न कक्षाओं में फीस तय करने के क्या-क्या नियम है व प्रतिवर्ष वे कितनी फीस में वृद्धि कर सकते है और उसका क्या आधार है, की छायाप्रति उपलब्ध कराये? (ड.) इन्दौर व उज्जैन जिलों में ऐसे कितने स्कूल है, जिनकी कक्षा प्रथम की समस्त फीस मिलाकर 50,000 रूपये प्रतिवर्ष से अधिक है नाम बतायें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। वर्तमान में अशासकीय विद्यालयों द्वारा छात्रों से लिए जाने वाले शिक्षण एवं अन्य प्रभार के समस्त शुल्क निर्धारण एवं वृद्धि करने के संबंध में मार्गदर्शी सिद्धांत दिनांक 30.04.2015 जारी किए गए। (ख) जी हाँ। शेषांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार। (ग) प्रस्ताव विचाराधीन है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार।
ट्रस्ट/संस्था के अधीन संचालित सी.बी.एस.ई मान्यता प्राप्त स्कूल
[स्कूल शिक्षा]
154. ( क्र. 4876 ) श्री जितू पटवारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर, जिले में कितने सी.बी.एस.ई मान्यता प्राप्त स्कूल संचालित हो रहे हैं? वे किन-किन ट्रस्ट/संस्था के अधीन कार्यरत हैं? ट्रस्टियों के नाम सहित जानकारी देंवे। (ख) क्या अनिवार्य नि:शुल्क शिक्षा से बचने के लिए निजी स्कूल एक ही परिसर में दो ट्रस्टों के अधीन प्री-प्रायमरी व कक्षा 2 से कक्षा 12 तक के स्कूल चला रहे हैं? यदि हाँ, तो उन स्कूलों का नाम, पता बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार अनिवार्य शिक्षा कानून में 25 प्रतिशत गरीब बच्चों को किन-किन स्कूलों में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है? ऐसे स्कूलों की सूची उपलब्ध करायें व शासन इन स्कूलों पर क्या कार्यवाही कर रहा है? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार जिलों में सबसे ज्यादा शिक्षण एवं अन्य शुल्क (कुल वार्षिक शुल्क) लेने वाले 10-10 निजी विद्यालयों के नाम, शहर का नाम, कक्षा नर्सरी से उच्चतर माध्यमिक का शुल्क सहित सूची देवें एवं बतायें। इस बेतहाशा शुल्क के विरूद्ध शासन ने क्या कदम उठाये हैं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार। प्रवेश न देने का कारण परिशिष्ट के रिमार्क के कॉलम में अंकित किया गया है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार। विद्यालयों द्वारा दी गई सुविधाओं के आधार पर शुल्क तय किया जाता है। अशासकीय संस्थाओं द्वारा छात्रों से लिए जाने वाले शिक्षण एवं अन्य प्रकार के समस्त शुल्क निर्धारण एवं वृद्धि करने के संबंध में विभाग द्वारा 30.04.2015 को मार्गदर्शी सिद्धांत जारी किए गए हैं।
अवैध क्लीनिक व अपात्र डॉक्टर पर कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
155. ( क्र. 4881 ) श्रीमती प्रमिला सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनूपपुर जिले के जैतहरी नगर में अंतरा क्लीनिक के अवैध संचालन व संबंधित संचालनकर्ता डॉक्टर के वैध डिग्री के अभाव में अनूपपुर जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने 19 दिसम्बर 2016 को क्लीनिक का निरीक्षण कर सामग्री जप्त कर क्लीनिक सील किया है? यदि हाँ, तो पूर्ण विवरण देते हुए संबंधित डॉक्टर के डिग्री व अन्य समस्त दस्तावेज पर म.प्र. शासन स्वास्थ्य विभाग से मान्यता व अनुमति पर स्पष्ट जानकारी देवें? (ख) क्या अवैध क्लीनिक व फर्जी डॉक्टर पर अभियोजन की कार्यवाही की गई है? हाँ तो पूर्ण विवरण देवें? (ग) क्या पुलिस अधीक्षक अनूपपुर या नगर निरीक्षक पुलिस थाना-जैतहरी ने प्रश्नांश (क) व (ख) पर किन-किन धारा के तहत कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो अवैध क्लीनिक व फर्जी डॉक्टर को स्वास्थ्य विभाग तथा पुलिस विभाग का संरक्षण है? (घ) क्या स्वास्थ्य विभाग जन-जीवन की सुरक्षा के लिए प्रश्नांश (क) प्रकरण में कानूनी कार्यवाही व अपराध पंजीबद्ध कराएगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। अंतरा क्लीनिक के संचालक डॉ. समीर विश्वास के द्वारा बेचलर ऑच अल्टरनेटिव मेडिकल साईंसेस की डिग्री अल्टरनेटिव मेडिकल आउंसिल कलकत्ता से प्राप्त की गयी है, जो म.प्र. उपचर्यागृह तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनायें (रजिस्ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन) अधिनियम 1973 एवं नियम 1997 विधान अनुसार स्थापित चिकित्सा पद्धति नहीं है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) थाना प्रभारी, जैतहरी द्वारा अपराध क्रमांक-12/17 धारा 420 आई.पी.सी. एवं औषधि प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 की धारा 18 सी के तहत अपराध दर्ज कर विवेचना की जा रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। अपराध पंजीबद्ध कर दिया गया है।
शाला भवन का गुणवत्ताहीन निर्माण करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही
[आदिम जाति कल्याण]
156. ( क्र. 4889 ) पं. रमेश दुबे : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न क्र. 5376 दिनांक 09.03.2016 के उत्तर में यह बताया गया कि शा.उ.मा.वि. बड़ोसा जिला– छिन्दवाड़ा का गुणवत्ताहीन निर्माण के लिए तत्कालीन अमला श्री जी.पी. सोनी उपयंत्री एवं सहायक यंत्री आदिवासी विकास के विरूद्ध अनुशासनिक कार्यवाही की जा रही है और भवन में हुई तकनीकि त्रुटि के कारण आवश्यक मरम्मत और सुधार कार्य कराये जाने की कार्यवाही जारी है तथा मौखिक चर्चा के दौरान माननीय मंत्री महोदय ने यह जबाव भी दिया था कि संबंधित तकनीकी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही तो होगी ही, उनसे राशि की वसूली भी की जावेगी, तो यह बतावें कि उक्त भवन में किस प्रकार की कौन–कौन सी तकनीकी त्रुटि होना पाया गया? भवन में क्या–क्या मरम्मत में कुल कितनी राशि खर्च हुई? मरम्मत का प्राक्कलन, मरम्मत में भुगतान राशि की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में बतावें कि संबंधित तकनीकी अमले के विरूद्ध अभी तक कौन सी अनुशासनिक कार्यवाही की गयी है? नहीं की गयी है, तो क्यों? कितनी राशि उनसे वसूल होना है? क्या राशि वसूल की गयी? नहीं की गयी तो क्यों? क्या शासन गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य के लिए तकनीकी अधिकारियों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कराये जाने का आदेश देगा? नहीं तो क्यों?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) ''जी हाँ''। कार्यालय सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास छिन्दवाड़ा में पदस्थ विभागीय उपयंत्री के निरीक्षण प्रतिवेदन अनुसार उक्त शाला भवन की छत में हल्के क्रेक्स, प्रापर स्लोप नहीं होना बीम की क्रांक्रीट निकलने से छत में पानी सीपेज होने के कारण प्लास्टर खराब होना पाया गया था। जिसके आधार पर छत में आवश्यक मरम्मत एवं सुधार कार्य हेतु तैयार किये गये प्राक्कलन पर तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति के अनुसार राशि रूपये 7.12 लाख की राशि का भुगतान किया गया है। आयुक्त आदिवासी विकास के अर्द्धशासकीय पत्र दिनांक 04.02.2017 द्वारा श्री निलेश रघुवंशी तत्कालीन सहायक आयुक्त, श्री प्रशांत श्रीवास्तव, तत्कालीन सहायक यंत्री एवं श्री एम.के. विश्वकर्मा, तत्कालीन उपयंत्री के विरूद्ध आरोप पत्र कलेक्टर जिला छिन्दवाड़ा से चाहे गये हैं। (ख) अनुशासनात्मक कार्यवाही करने हेतु सिविल सेवा नियमों के तहत कार्यवाही की जा रही है।
अध्यापक संवर्ग की अनुकंपा नियुक्ति
[स्कूल शिक्षा]
157. ( क्र. 4896 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर संभाग अंतर्गत अध्यापक संवर्ग के लंबित अनुकम्पा नियुक्ति की जानकारी जिले अनुसार मृतक अध्यापक (तीनो संवर्ग) के नाम सहित उपलब्ध करावें। (ख) 1 लाख रूपये की मुआवजा राशि लेकर अनुकंपा नियुक्ति के आवेदन वापस लेने वाले मृतक अध्यापकों के परिवारों की जानकारी जिले अनुसार दें। (ग) अनुकंपा नियुक्ति में हो रही दिक्कतों के चलते क्या विभाग वैकल्पिक प्रावधानों पर विचार करेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) मृतक शासकीय सेवक के आश्रितों को संविदा शाला शिक्षक वर्ग-2 एवं वर्ग-3 के पद पर अनुकंपा नियुक्ति के लिये निधारित मापदण्डों में शिथिलीकरण करने हेतु मध्यप्रदेश शासन, स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत संरकार को पत्र दिनांक 27.01.2015 एवं पत्र दिनांक 03.02.2017 को प्रेषित किया गया है। भारत सरकार से निधारित मापदण्डों में शिथिलीकरण के लिए मार्गदर्शन अपेक्षित है।
अतिथि शिक्षकों का नियोजन
[स्कूल शिक्षा]
158. ( क्र. 4905 ) श्री बाला बच्चन : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन के आदेश क्रमांक एफ-44-6/2014/20-2 दिनांक 10/02/2014 के पालन में अब तक कितने गुरूजी एवं पर्यवेक्षक बिना परीक्षा दिए संविदा शाला शिक्षक वर्ग-3 पर नियोजित किए जा चुके हैं? जिलेवार संख्या बतावें। (ख) क्या कारण है कि अतिथि शिक्षकों के नियोजन के लिए शासन ने उपरोक्तानुसार कोई आदेश नहीं निकाला? विभागीय मंत्रियों द्वारा इनके मामले में की गई घोषणाओं पर विगत 3 वर्ष में क्या कार्यवाही की गई? वर्षवार विवरण सहित बतावें। (ग) क्या आगामी संविदा भर्ती में इन्हें अनुभव के आधार पर बोनस अंक देने के लिए शासन ने कोई आदेश निकाला या प्रावधान किया है/करने वाला है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें। (घ) यदि इन्हें प्रश्नांश (ख) अनुसार नियोजन कराने व (ग) अनुसार बोनस अंक देने की शासन की कोई योजना नहीं है, तो इस भेदभाव का कारण बतावें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार। (ख) एवं (ग) शासन द्वारा अतिथि शिक्षकों को संविदा शाला शिक्षकों के नियोजन में अतिरिक्त अंकों का अधिभार दिये जाने बाबत् दिनांक 17.03.2015 को आदेश जारी किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के उत्तर अनुसार। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनियमितताओं की जाँच
[चिकित्सा शिक्षा]
159. ( क्र. 4906 ) श्री बाला बच्चन : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मा. राज्यमंत्री चिकित्सा शिक्षा द्वारा दि. 19-12-2016 को गांधी चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल के स्थापना शाखा प्रभारी द्वारा की गई अनियमितताओं की जाँच करने हेतु आयुक्त चिकित्सा को निर्देश दिये गये थे? यदि हाँ, तो क्या जाँच पूर्ण कर ली गई है? (ख) क्या शिकायत के साथ संलग्न दस्तावेज असत्य पाए गए? इनके असत्य पाये जाने का आधार क्या है जबकि सभी दस्तावेजों पर कार्यालय का नाम एवं जारी करने वाले अधिकारी के हस्ताक्षर है? (ग) क्या शासन उपरोक्त गंभीर शिकायत की उचित जाँच न करने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही कर पुन: निष्पक्ष जाँच करवाएगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( एडवोकेट शरद जैन ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी हाँ। दस्तावेज असत्य पाये जाने संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता।
कन्या शिक्षा परिसर का स्थानांतरण निरस्त करना
[आदिम जाति कल्याण]
160. ( क्र. 4911 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किस कारण से विभाग के पत्र क्रमांक एफ-3-3/2013/25-2/11 भोपाल दि. 04.01.2017 के अनुसार कुक्षी वि.स. क्षेत्र के निसरपुर स्थित कन्या शिक्षा परिसर को शिवपुरी स्थानांतरित किया जा रहा है? इस संबंध में की गई संपूर्ण प्रक्रिया का विवरण देवें। (ख) नर्मदा तटीय एवं आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होने के अलावा यहाँ विस्थापित बसाहट होने के बावजूद कन्या शिक्षा परिसर स्थानांतरित करने की योजना शासन ने क्यों व किस आदेश के तहत बनाई/स्वीकार की? (ग) इस स्थानांतरण को कब तक निरस्त कर दिया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) आदिवासी बाहुल्य एवं विस्थापित बसाहट की कन्याओं के साथ भेदभाव करने वाली ऐसी योजना बनाने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) अनुसूचित जनजाति वर्ग की बालिकाओं को ही जिला मुख्यालयों, संभाग मुख्यालयों में अध्ययन का अवसर, शैक्षणिक गुणवत्ता एवं कैरियर के विभिन्न अवसरों तक पहुंच, प्रदर्शन की सुविधा मिल सके, इस कारण धार जिले में संचालित 10 कन्या शिक्षा परिसरों में से एक कन्या शिक्षा परिसर को जिला मुख्यालय शिवपुरी स्थानांतरित किया गया है। प्रशासनिक स्वीकृति निर्धारित प्रक्रिया अनुसार शासन आदेश क्रमांक एफ-3-3/2013/ 25-2/11 भोपाल, दिनांक 04.01.2017 अनुसार जारी किया गया है। (ख) कन्या शिक्षा परिसर योजना को आदिवासी जिला/विकासखण्ड से विस्तार कर संभाग मुख्यालय एवं एक लाख से अधिक आदिवासी जनसंख्या वाले जिलों में शिक्षा के समस्त संसाधनों की उपलब्धता, पहुंच एवं प्रदर्शन के कारण विस्तार किया गया है। स्थानांतरित आदेश संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) शिवपुरी जिले में आदिवासी बालिकाओं को भी योजना का लाभ मिल सके, इसलिये स्थानांतरण निरस्त किया जाना प्रक्रियाधीन नहीं है। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शिक्षकों को समयमान वेतनमान का भुगतान
[स्कूल शिक्षा]
161. ( क्र. 4927 ) श्री हर्ष यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में किस संवर्ग के शिक्षकों को समयमान वेतनमान मिलने का क्या प्रावधान है? समयमान वेतनमान प्राप्त करने की पात्रता वाले संवर्ग में सागर जिले में कितने शिक्षक हैं? (ख) देवरी विधान सभा क्षेत्र में प्रथम, द्वितीय व तृतीय समयमान वेतनमान की पात्रता वाले कितने शिक्षक है? (ग) देवरी विधान सभा क्षेत्र में प्रथम, द्वितीय व तृतीय समयमान वेतनमान की पात्रता वाले शिक्षकों को प्रश्न दिनांक तक भुगतान नहीं किया गया है? क्यों? कितनों को किया गया कितनों को नहीं? कब तक किया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) शिक्षकों को समयमान वेतनमान दिए जाने का प्रावधान नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
प्रदेश में
आदिवासी
उपयोजना में
व्यय राशि
[आदिम जाति कल्याण]
1. ( क्र. 117 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिवासी उपयोजना अंतर्गत विकास कार्यों हेतु प्रतिवर्ष पर्याप्त राशि का आवंटन किया जाता हैं? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक जबलपुर एवं अन्य जिलों में किन-किन मद में कितनी राशि आवंटित की गई? (ग) क्या विधानसभा क्षेत्र पनागर के ग्राम खैरी, निपनिया, कालाडूमर, बल्हवारा एवं अन्य 21 ग्रामों के अनुसूचित जनजाति बाहुल्य क्षेत्रों में विकास कार्यों के प्रेषित प्रस्ताव 04 जुलाई 2015 एवं 15 सितम्बर 2015 की स्वीकृति अभी तक नहीं हुई हैं? (घ) क्या शासन के पास इस मद में बजट नहीं हैं?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) भारत सरकार जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा स्वीकृत राशि अनुसार प्रतिवर्ष आवंटन दिया जाता हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश अन्तर्गत दिनांक 04 जुलाई 2015 के प्राप्त प्रस्ताव में से ग्राम इमलिया, टिकारी, झुरझुरू टोला एवं निरंदपुर में निर्माण कार्य स्वीकृत किये जाकर पूर्ण कराये जा चुके हैं तथा लंबित प्रस्ताव पर दिनांक 27.04.2016 द्वारा कार्य एजेंसी परिवर्तन किया गया है। कार्य एजेंसी से अपेक्षित जानकारी अप्राप्त है। एक अन्य पत्र 15 सितम्बर 2015 द्वारा प्राप्त प्रस्ताव को जिले की कार्ययोजना में शामिल किया गया है। (घ) जनजाति बस्ती विकास मद में बजट प्रावधान है।
म.प्र. सह चिकित्सा परिषद के समिति सदस्यों के चयन की प्रक्रिया
[चिकित्सा शिक्षा]
2. ( क्र. 118 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. सह चिकित्सा परिषद के समिति सदस्यों को अन्य मेडीकल/आयुर्वेद/ होम्योपैथिक जैसी परिषद के सदस्यों की तरह ही चयनित किया जाता हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत समिति सदस्यों की चयन प्रक्रिया अंतिम बार कब की गई? (ग) क्या चिकित्सा परिषद द्वारा भौतिक चिकित्सक शिक्षकों एवं पाठ्यक्रम के संदर्भ में नवीन कार्य किये गये हैं? यदि हाँ, तो कौन से नवीन कार्य किये गये हैं? (घ) क्या भारत के अन्य प्रदेशों में भौतिक चिकित्सा पद्धति (फीजियोथेरेपी पद्धति) को सह चिकित्सा परिषद में सम्मलित किया गया हैं?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( एडवोकेट शरद जैन ) : (क) जी नहीं। (ख) परिषद के समिति सदस्यों का अंतिम बार चयन जून, 2008 में हुआ था। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ।
नसबंदी ऑपरेशन असफल होने पर सहायता
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
3. ( क्र. 250 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नसबंदी, ऑपरेशन असफल होने पर पीडि़त पक्ष के लिये क्षतिपूर्ति का कोई नियम शासन स्तर पर है? यदि हाँ, तो नियमों निर्देशों की प्रति देवें। (ख) क्षतिपूर्ति की भरपाई पीडि़त पक्ष को कितनी समयावधि के अंदर हो जानी चाहिये? (ग) विदिशा जिले में विगत पाँच वर्षों में ऐसे कौन-कौन से प्रकरण कब से लंबित हैं, जिनमें पीडि़त पक्ष को प्रश्न दिनांक तक क्षतिपूर्ति का लाभ नहीं मिला है? सूची उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र बासौदा अंतर्गत ऐसे कितने प्रकरण हैं जिन्हें इस आधार पर अमान्य किया गया है कि 90 दिवस की समय-सीमा के भीतर आवेदन प्रस्तुत नहीं किये हैं? क्या नसबंदी कराते समय इस आशय की जानकारी आवेदक को दी गई थी या नहीं? यदि नहीं, तो ऐसे प्रकरणों पर पुनर्विचार किया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) भारत शासन द्वारा निर्धारित दिशा निर्देशानुसार क्षतिपूर्ति का भुगतान समस्त दस्तावेजी प्रक्रिया पूर्ण होने पर 30 दिवस के अंदर किये जाने का प्रावधान है। (ग) सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) सुप्रीम कोर्ट के निर्देश तथा भारत सरकार के गाईड लाईन अनुसार 26 प्रकरण निर्धारित 90 दिवस की समय-सीमा में प्रस्तुत नहीं किये जाने के कारण अमान्य किये गये। नसबंदी पूर्व हितग्राही (आवेदक) को पूर्ण जानकारी दिये जाने के उपरांत संबंधित हितग्राही द्वारा सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये जाते है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दीनदयाल चलित अस्पताल
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
4. ( क्र. 325 ) श्री जतन उईके : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिंदवाड़ा जिले के पांढुर्णा विधानसभा अंतर्गत दीनदयाल चलित अस्पताल के कितने वाहन नियमित रूप से संचालित हैं? क्या दीनदयाल चलित अस्पताल वाहन ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिदिन नियमित रूप से चलाये जाने का प्रावधान है अथवा नहीं? (ख) छिंदवाड़ा जिले के पांढुर्णा विधानसभा क्षेत्र प्रश्नांश (क) योजनान्तर्गत संचालित वाहनों को शासन द्वारा स्वयं चलाये जा रहे हैं अथवा निविदा प्रक्रिया के अंतर्गत किसी प्रायवेट संस्था एजेंसी/फर्म के माध्यम से चलाये जा रहा हैं? यदि निजी संस्था से चलाये जा रहे हैं तो एक वाहन का प्रतिमाह कितना भुगतान किया जा रहा है? योजना प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक की माहवार जानकारी देवें। (ग) योजनान्तर्गत चलित चिकित्सालय द्वारा प्रतिदिन कितने मरीजों का उपचार किये जाने का प्रावधान निहित किया गया है? पांढुर्णा विधानसभा में योजना प्रारंभ तिथि से प्रश्न दिनांक तक किस-किस ग्राम में कितने-कितने महिला एवं पुरूष मरीजों का उपचार किया गया?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) कोई भी वाहन संचालित नहीं है। जी नहीं। (ख) प्रश्न भाग (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रतिदिन 60 मरीजों का उपचार किए जाने का प्रावधान है। प्रश्न भाग (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कर्मचारियों के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों की जाँच
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
5. ( क्र. 365 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2012 से 2016 तक खरगोन जिले में विभाग अंतर्गत कितने अधिकारियों या कर्मचारियों के विरूद्ध कितनी जांचे हुई, कितनी पूर्ण हुई, कितनी जाँच किन कारणों से लंबित है? प्रकरणवार विषय सहित सूची देवें? (ख) वर्ष 2012 से 2016 तक खरगोन जिले में कितने विभागीय अधिकारी या कर्मचारी किन कारणों से सस्पेंड किये गये/हुए, कितने बहाल हुए, कितने बहाली हेतु लंबित हैं। प्रकरणवार नाम, पद सहित सूची देवें। यदि कोई कर्मचारी उसी स्थान पर बहाल हुआ है जहां से सस्पेंड हुआ था तो वहीं बहाली का कारण बतायें। (ग) उक्त सस्पेंड कर्मचारी/अधिकारी की बहाली हेतु किन-किन जनप्रतिनिधियों या अन्य व्यक्तियों के अनुशंसा पत्र विभाग को किसी भी स्तर पर प्राप्त हुए हैं तो प्रकरणवार अनुशंसाकर्ता के नाम व पद सहित सूची देवें। (4) वर्ष 2012 से 2016 तक खरगोन जिले में कितने विभागीय अधिकारियों या कर्मचारियों को शिकायत या कार्य में लापरवाही के आधार पर अन्यत्र स्थानांतरित/अस्थाई तौर पर अन्य स्थान पर कार्यभार दिया गया है। प्रकरणवार नाम, पद सहित सूची देवें।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब’ अनुसार है। (ग) निलंबित कर्मचारी/अधिकारी की बहाली हेतु किसी भी जनप्रतिनिधियों या अन्य व्यक्तियों के अनुशंसा पत्र संचालनालय स्तर पर प्राप्त नहीं होने के परिणामस्वरूप शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स’ अनुसार है।
सी.टी. स्केन एवं सोनाग्राफी मशीन की उपलब्धता
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
6. ( क्र. 396 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिला चिकित्सालय में सी.टी.स्केन और सोनाग्राफी की मशीन कब से मरीजों की सेवा में उपलब्ध है? तिथि सहित बतायें? (ख) विगत एक वर्ष में मण्डला जिला चिकित्सालय में सी.टी.स्केन व सोनोग्राफी मशीन का लाभ अब तक कितने मरीजों को दिया गया? (ग) क्या सी.टी.स्केन एवं सोनोग्राफी मशीन का लाभ मरीजों को नहीं मिल रहा है? चिकित्सक मरीजों से उक्त जांचें प्रायवेट सेन्टरों से कराने के लिए बाध्य करते हैं?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) सी.टी. स्केन मशीन दिनांक 29/03/2008 एवं सोनोग्राफी मशीन दिनांक 22/03/2005 सेवा में उपलब्ध है। (ख) विगत 01 वर्ष में सोनोग्राफी मशीन के द्वारा 2734 मरीजों की जाँच की गई तथा सी.टी. स्केन मशीन बंद होने के कारण जाँच नहीं की गई। (ग) सोनोग्राफी मशीन का लाभ मरीजों को मिल रहा है। सी.टी. स्केन बंद होने के कारण जाँच हेतु मरीजों को आवश्यकतानुसार चिकित्सा महाविद्यालय, जबलपुर रेफर किया जाता है। जी नहीं।
आरोप सिद्ध व्यक्ति को A.P.C. का दायित्व देना
[स्कूल शिक्षा]
7. ( क्र. 453 ) श्री सतीश मालवीय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शिक्षा केंद्र में A.P.C./B.R.C.C./जनशिक्षक के पद पर संपूर्ण सेवाकाल में कितनी अवधि तक के लिये प्रतिनियुक्ति पर लिया जा सकता है? क्या प्रतिनियुक्ति के लिये यह आवश्यक है कि किसी प्रकार की जाँच में दोषी पाए गये अथवा आरोप सिद्ध पाये जाने पर नियुक्ति नहीं की जा सकतीं है? (ख) क्या श्री गिरिश शर्मा वर्तमान A.P.C. जिला केंद्र उज्जैन के पास पूर्व में B.R.C.C. महिदपुर का प्रभार रहा है तथा उनके विरूद्ध भ्रष्टाचार संबंधित शिकायत की जाँच हेतु समिति का गठन किया गया था? यदि हाँ, तो शिकायत, जाँच समिति कि रिपोर्ट व गठित समिति का विवरण उपलब्ध करावें। श्री गिरिश शर्मा की प्रश्न दिनांक तक कितने वर्ष की प्रतिनियुक्ति की सेवा हो चुकी है? (ग) क्या जाँच में भ्रष्टाचार की शिकायत सही होने पर जिला केंद्र द्वारा श्री गिरिश शर्मा को प्रभारी B.R.C.C. महिदपुर के पद से हटाया गया था? यदि हाँ, तो पद से हटाने वाले आदेश की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। (घ) श्री गिरिश शर्मा को भ्रष्टाचार के दोषी होने पर भी A.P.C के पद पर नियम विरुद्ध प्रतिनियुक्ति पर क्यों रखा गया? इस नियम विरुद्ध नियुक्ति हेतु दोषी अधिकारी पर शासन क्या कार्यवाही करेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) प्रतिनियुक्ति पद पर अवधि 04 वर्ष के लिए होती है। जी हाँ। (ख) श्री गिरीश कुमार शर्मा 31.10.2014 से दिनांक 18.9.2015 तक प्रभारी के रूप में विकासखण्ड स्रोत समन्वयक, महिदपुर के पद पर पदस्थ रहे। जी नहीं। प्रश्न दिनांक 01.03.2017 की स्थिति में श्री गिरीश शर्मा की प्रतिनियुक्ति अवधि 07 माह 07 दिवस हो चुकी है। (ग) जी नहीं। प्रभार से मुक्त करने संबंधी आदेश की प्रति जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उत्त्रांश 'ख' एवं 'ग' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
संलग्नीकरण समाप्त किया जाना
[स्कूल शिक्षा]
8. ( क्र. 588 ) श्री तरूण भनोत : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला शिक्षा अधि. कार्यालय जबलपुर में व्याख्याता/गणित जो मझौली (इंद्राना) में पदस्थ है उन्हें कार्या. में संलग्न किया गया है एवं इनके स्थान पर इन्द्रानों में अतिथि शिक्षक से अध्यापन कार्य करवाया जा रहा है? (ख) वर्णित (क) के अनुसार संलग्न किये जाने पर क्या शालाओं का अध्यापन कार्य प्रभावित हो रहा है? इसके लिए दोषी अधिकारियों, कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? कार्या. जिला शिक्षा अधि. जबलपुर में योजना अधि. पद के विरूद्ध व्याख्याता (जीव विज्ञान) को क्यों पदस्थ किया है? इन्हें कब तक पृथक कर नियमित योजना अधि. को पदस्थ किया जावेगा? (ग) संचालक लोक शिक्षण जबलपुर संभाग जबलपुर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय जबलपुर, जिला शिक्षा केन्द्र जबलपुर में कौन-कौन लिपिक शिक्षक संवर्ग भृत्य संवर्ग संलग्न है, इसकी सूची दी जावें। क्या इनके संलग्नीकरण किये जाने से इनके मूल शाखा/ कार्यालयों में कार्य प्रभावित नहीं होता? यदि हाँ, तो इसके लिये दोषी अधिकारी कर्मचारियों के विरूद्ध शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। उतरांश ''क'' परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। संचालनालय के आदेश दिनाँक 10.7.05 द्वारा व्याख्याता जीवविज्ञान को योजना अधिकारी के पद विरूद्ध कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी, जबलपुर में स्थानांतरण किया गया है। स्थानान्तरण पर प्रतिबंध हटने पर संबंधित का पदांकन अन्यत्र करते हुए नियमानुसार योजना अधिकारी के रिक्त पद की पूर्ति की जावेगी। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय माध्यमिक शाला भवन निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
9. ( क्र. 589 ) श्री तरूण भनोत : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर स्थित शा.माध्य. शाला अन्ना नगर भवनविहिन होने के कारण शा.प्राथ. शाला अन्ना नगर में संचालित की जा रही है? क्या उक्त शाला के स्वयं के भवन हेतु समीप ही सामुदायिक भवन के बाजू से शाला भवन निर्माण का भूमि पूजन भी किया जा चुका है? (ख) क्या जहां वर्णित (क) की शाला भवन निर्माण किया जाना है वह भूमि शासकीय है एवं निकट भविष्य में उक्त शाला का उन्नयन हाई स्कूल में किया जाना है? (ग) यदि वर्णित (क), (ख) हाँ तो कब तक शाला के भवन निर्माण की संपूर्ण कार्यवाही कर ली जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। माध्यमिक शाला के अतिरिक्त कक्षों के निर्माण हेतु शाला भवन से लगी भूमि पर भूमि पूजन किया गया था। (ख) जी हाँ। शाला का हाईस्कूल में उन्नयन निर्धारित मापदण्डों की पूर्ति, वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करेगा। (ग) राजस्व विभाग से भूमि उपलब्धता के निराकरण होने पर निर्माण कार्य किया जा सकेगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
शालाओं का उन्नयन
[स्कूल शिक्षा]
10. ( क्र. 680 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिहोरा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत विकासखण्ड सिहोरा एवं कुण्डम के अधीन 01/01/2009 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी प्राथमिक/माध्यमिक/हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल का उन्नयन किया गया वर्षवार, शालावार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) वर्ष 16-17 में कौन-कौन सी शालाओं का उन्नयन किया जाना प्रस्तावित हैं।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर है। (ख) वर्ष 2016-17 में हाईस्कूल/हायरसेकेन्डरी स्कूल में उन्नयन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। किसी भी प्राथमिक शाला को माध्यमिक शाला में उन्नयन किया जाना प्रस्तावित नहीं है।
स्कूल भवन निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
11. ( क्र. 681 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिहोरा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत विकासखण्ड सिहोरा एवं कुण्डम के अधीन 1-1-2012 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी प्राथ./माध्य./हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी के भवनों का निर्माण कराया गया वर्षवार, शालावार जानकारी स्वीकृति का दिनांक, कार्य की लागत, एजेन्सी का नाम, कार्य की स्थिति सहित संपूर्ण विवरण उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) वर्ष 2016-2017 में कौन-कौन सी शालाओं के भवन निर्माण किया जाना प्रस्तावित हैं? विवरण देवें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) हाई एवं हायर सेकेण्डरी भवनों के निर्माण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) हाई एवं हायर सेकेण्डरी का भवन निर्माण बजट उपलब्धता पर निर्भर करेगा। प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयों का निर्माण प्रस्तावित नहीं है।
आदिवासी उपयोजना अंतर्गत विद्युत पोल एवं ट्रान्सफार्मर लगाये जाना
[आदिम जाति कल्याण]
12. ( क्र. 821 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले अंतर्गत आदिवासी उपयोजना में आदिमजाति कल्याण विभाग के अंतर्गत देवास जिले की कौन-कौन सी विधान सभा में उक्त योजना के अंतर्गत कितने-कितने विद्युत ट्रान्सफार्मर स्वीकृत किये गये है? विधान सभा क्षेत्र का नाम बतावें। (ख) खातेगॉव विधान सभा क्षेत्र से आदिवासी उपयोजना के अंतर्गत आदिमजाति कल्याण विभाग विद्युत पोल एवं ट्रान्सफार्मर हेतु कितने प्रकरण भेजे गये हैं एवं किन-किन ग्रामों के हैं नाम बतावें। (ग) प्रशनांश (क) के संबंध में खातेगॉव विधान सभा क्षेत्र से भेजे गये अनु. जाति/आदिवासी उपयोजना के अंतर्गत विद्युत पोल एवं ट्रान्सफार्मर लगाये जाने हेतु किन-किन ग्रामों के कृषकों को लाभान्वित किया गया है? (घ) प्रश्नांश (क) के संबंध में खातेगॉव विधानसभा के अनु. जाति/आदिवासी कृषकों के खेतों पर आदिवासी उपयोजना के अंतर्गत विद्युत पोल एवं ट्रान्सफार्मर कब तक लगाये जावेंगे?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) म.प्र. शासन, आदिम जाति कल्याण विभाग के पत्र क्रमांक एफ. 23-17/2014/3-25, दिनांक 12.05.2016 द्वारा ग्रामीण विद्युतीकरण तथा आदिवासी कृषकों के पंपों के उर्जीकरण के कार्य ऊर्जा विभाग के माध्यम से कराये जाने के निर्देश होने से विभाग द्वारा देवास जिले में वर्ष 2016-17 में विद्युतीकरण के कोई कार्य स्वीकृत नहीं किये गये है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में जानकारी निरंक। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में आदिवासी उपयोजना विद्युतीकरण कार्यों की जानकारी निरंक। (घ) जिला कार्यालय, देवास के पत्र क्रमांक 69-70, दिनांक 07.01.2017 द्वारा अधीक्षण यंत्री म.प्र.प.क्षे.वि.वि.कं.लि. जिला देवास एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत देवास, सोनकच्छ, टोंकखुर्द, बागली, कन्नौद, खातेगॉव तथा कार्यपालन यंत्री म.प्र.प.क्षे.वि.वि.कं.लि. देवास, सोनकच्छ, टोंकखुर्द, बागली, कन्नौद, खातेगॉव से, मध्यप्रदेश शासन, आदिम जाति कल्याण विभाग के ज्ञापन क्रमांक एफ-23 -17/2014/3-पच्चीस दिनांक 23 दिसम्बर 2016 (मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) में प्रकाशित) द्वारा ''अनुसूचित जनजाति बस्तियों में विद्युतीकरण, अनुसूचित जनजाति के कृषकों को सिंचाई सुविधा हेतु विद्युत लाईन का विस्तार (पंपो का ऊर्जीकरण) योजना'' नियम 2016 अन्तर्गत मजरे टोलों के विद्युतीकरण तथा कृषकों के खेतों में सिंचाई सुविधा हेतु विद्युत लाईन का विस्तार/पंपों के उर्जीकरण के कार्य कराये जाने हेतु प्रस्ताव चाहे गये हैं, जिन पर नियमानुसार आगामी कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
होम्योपैथिक चिकित्सकों को एलोपैथिक चिकित्सा सेवा में योगदान
[आयुष]
13. ( क्र. 824 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या होम्योपैथिक चिकित्सकों आयुर्वेदिक/यूनानी व प्राकृतिक चिकित्सकों के द्वारा प्रशिक्षण उपरांत ऐलोपैथिक चिकित्सा किये जाने हेतु मांग की गई हैं? (ख) क्या होम्योपैथिक चिकित्सकों को प्रशिक्षण उपरांत ऐलोपैथिक चिकित्सा सेवा की अनुमति देने हेतु विभाग द्वारा कोई प्रस्ताव तैयार किया गया है? (ग) क्या विभाग/शासन आने वाले समय में होम्योपैथिक चिकित्सा को ऐलोपैथिक चिकित्सा में योगदान देने हेतु विचाराधीन है यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) जी नहीं।
जिला चिकित्सालय भवन का निर्माण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
14. ( क्र. 859 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर में जिला चिकित्सालय के नवीन भवन हेतु किसी प्रकार की कोई राशि स्वीकृत की गई थी यदि हाँ, तो कब और कितनी राशि विवरण देवें? (ख) नवीन भवन निर्माण हेतु उपलब्ध राशि का उपयोग किया गया है? यदि नहीं, तो कारण बतावें? क्या शासन ने 200 बिस्तर की स्वीकृत प्रदान की है? यदि हाँ, तो क्या पूर्व में संचालित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन में 200 बिस्तर की व्यवस्था की जा सकती है? यदि नहीं, तो भवन हेतु अधिग्रहीत भूमि पर जिला चिकित्सालय भवन का निर्माण किया जाएगा? यदि हाँ, तो कब?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ, म.प्र. शासन के आदेश क्रमांक/एफ/16-12/2007/17/मेडि-3 भोपाल दिनांक 12.09.2007 के द्वारा राशि रुपये 409.44 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई थी। (ख) जी नहीं, नवीन भवन निर्माण हेतु भूमि अर्जित की गई जिसके अंश भाग में विवाद होने के कारण प्राप्त राशि का उपयोग नहीं किया गया। जी हाँ। जी नहीं। पी.आई.यू. लोक निर्माण विभाग को इस कार्य के विस्तृत प्राक्कलन बनाने हेतु अनुरोध किया गया है, पी.आई.यू. परीक्षण कर भवन निर्माण के प्रस्ताव एवं डी.पी.आर प्रस्तुत करेगी तदानुसार स्वीकृति जारी कर भवन निर्माण हेतु कार्यवाही किया जाना संभव हो सकेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कन्या हायर सेकेण्ड्री स्कूल भवन निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
15. ( क्र. 898 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सोनकच्छ का भवन स्वीकृत है? यदि हाँ, तो कब से स्वीकृत होकर निर्माणाधीन है? (ख) शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सोनकच्छ का भवन निर्माण कहाँ पर कराया जा रहा है? निर्माण कार्य किस दिनांक से शुरू हुआ था तथा आज दिनांक तक निर्माण कार्य पूर्ण क्यों नहीं हुआ? (ग) भवन आज दिनांक तक अपूर्ण होने का क्या कारण है? निर्माण कार्य अपूर्ण होने पर दोषियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। शासकीय कन्या उ.मा.वि. सोनकच्छ का भवन दि. 15.1.2007 से स्वीकृत होकर वर्ष 2010 से निर्माणाधीन है। (ख) एवं (ग) शासकीय कन्या उ.मा.वि. सोनकच्छ का भवन बायपास रोड रिलायंस पेट्रोल पंप के सामने निर्माण कराया जा रहा है। निर्माण कार्य मई 2010 से प्रारंभ हुआ। लागत वृद्धि के कारण निर्माण एजेन्सी द्वारा समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं किया गया है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मानवशास्त्रीय अध्ययनों के अपात्र शोधकर्ता अधिकारियों की जाँच
[आदिम जाति कल्याण]
16. ( क्र. 934 ) श्री मोती कश्यप : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिमजाति अनुसंधान संस्था के द्वारा राज्य की किन-किन अनुसूचित जनजातियों का सीमित मानवशास्त्रीय अध्ययन और किन्हीं जिलों की किन्हीं जनजातियों के सांस्कृतिक प्रलेख तैयार कर प्रकाशित किये है? संलग्न करें। (ख) प्रश्नांश (क) मानवशास्त्रीय अध्ययन और सांस्कृतिक प्रलेख किन-किनके द्वारा तैयार किये गये हैं और उनकी समाजशास्त्र एवं मानवशास्त्र विषय पर शैक्षणिक योग्यता की स्थिति, एम.फिल और पी.एच.डी. का विषय क्या रहा है? (ग) क्या अनुसंधान अधिकारी, सहायक अनुसंधान अधिकारी एवं सीमित मानवशास्त्रीय अध्ययनों और सांस्कृतिक प्रलेखों के शोधकर्ता अधिकारी की कोई शैक्षणिक योग्यता निर्धारित है और प्रश्नांश (ख) अनुसार कौन पात्र और अपात्र बन गये हैं? विवरण देवें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) की किन अनुसूचित जनजातियों के सीमित मानवशास्त्रीय अध्ययनों और सांस्कृतिक प्रलेखों को प्रमाणिक माना जावेगा? (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) के अध्ययनों और प्रलेखों पर अपात्रों से शोध कराने, उन्हें कोई पारिश्रमिक प्रदान करने एवं प्रकाशित कराने में कौन-कौन अधिकारी दोषी पाये गये हैं और उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जा रही है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। आदिम जाति अनुसंधान एवं विकास संस्था द्वारा तैयार किये गये प्रतिवेदनों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है, जिसमें सीमित मानवशास्त्रीय अध्ययन एवं जनजातियों के सांस्कृतिक प्रलेख भी सम्मिलित है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार सूची में मानवशास्त्रीय अध्ययन और सांस्कृतिक प्रलेख संस्था में शासन द्वारा पदस्थ संयुक्त संचालक, अनुसंधान अधिकारियों एवं सहायक अनुसंधान अधिकारियों द्वारा तैयार किये गये है। संस्था में स्वीकृत सहायक अनुसंधान अधिकारी पद के लिये शैक्षणिक योग्यता स्नातकोत्तर उपाधि है। एम.फिल एवं Phd अनिवार्य नहीं है। (ग) सहायक अनुसंधान अधिकारी के लिये मानव विज्ञान/समाज शास्त्र/सामाजिक कार्य/मनोविज्ञान/अर्थशास्त्र/कार्टोग्राफी/भाषाशास्त्र/नागरिक शिक्षा आदि में स्नातकोत्तर उपाधि निर्धारित है। अनुसंधान अधिकारी का पद सहायक अनुसंधान अधिकारी से पदोन्नति का पद है। प्रश्नांश ''ख'' अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उपरोक्त के परिप्रेक्ष्य में संस्था द्वारा किये गये समस्त सीमित मानवशास्त्रीय अध्ययन और सांस्कृतिक प्रलेख प्रमाणिक मान्य है। (ड.) आदिम जाति अनुसंधान एवं विकास संस्था द्वारा किये गये अध्ययनों हेतु पृथक से कोई पारिश्रमिक प्रदान नहीं किया गया है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
माझी व मझवार जनजाति के अपूर्ण अध्ययन को मान्यता
[आदिम जाति कल्याण]
17. ( क्र. 935 ) श्री मोती कश्यप : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या किन्हीं अवधियों में आदिमजाति अनुसंधान संस्था ने माझी व मझवार अनुसूचित जनजाति तथा धीमर, कहार, भोई, केवट, मल्लाह, निषाद आदि जातियों में साम्यता विषयक बिलासपुर क्षेत्र पूर्ववर्ती विन्ध्यप्रदेश तथा राज्य के शेष संभागों का कोई सीमित मानवशास्त्रीय अध्ययन और केसस्टडी विभाग को प्रस्तुत की है? (ख) क्या मझवार जनजाति का किन्हीं भी जिलों का कोई अध्ययन नहीं किये जाने और माझी जनजाति का केवल बिलासपुर जिला का मानवशास्त्रीय अध्ययन और व्यक्तिगत अध्ययन दर्शाये जाने पर उसे किस आधार पर सम्पूर्ण राज्य के लिये मान्य किया जावेगा?
आदिम जाति
कल्याण
मंत्री ( श्री
ज्ञान सिंह ) : (क) जी
हाँ। (ख) माझी
जनजाति का
सीमित
मानवशास्त्रीय
अध्ययन
बिलासपुर एवं
रायगढ़ जिलों
में किया गया
है। बिलासपुर
रायगढ़ जिलों
में किये गये
मानवशास्त्रीय
अध्ययन का
उद्देश्य
प्रदेश की कई
जातियां
आरक्षण का लाभ
पाने हेतु
आदिवासी सूची
में शामिल होने
का प्रयास कर
रही है तथा
आदिवासी के
नाम से मिलती
जुलती कई
जातियां
फर्जी
प्रमाण-पत्र बनवाकर
लाभ उठा रही
है। इसी
प्रकार
पिछड़ा वर्ग
सूची में
क्रमांक-12 पर
दर्शाई गई
केवट,
ढीमर, भोई, कहार, नवड़ा, तुरहा, मल्लाह
आदि जातियां
माझी जनजाति
में शामिल होने
का प्रयास कर
रही है। इस
प्रकरण पर
निर्णय हेतु
तत्कालीन उप
मुख्यमंत्री
की अध्यक्षता
में उच्च स्तरीय
मंत्रि मण्डल
समिति गठित की
गई। इस प्रकरण
पर विचार हेतु
समिति द्वारा
संचालक आदिम
जाति
अनुसंधान एवं
विकास संस्था
भोपाल को
निर्देशित
किया गया कि
वास्तविक
माझी जनजाति, बिलासपुर
जिले के
पहाड़ी
क्षेत्रों
में निवास
करती है, का अध्ययन
किया जाय।
इसके
अतिरिक्त रायगढ़
की माझी
जनजाति का
अध्ययन किया
जाय।
उपरोक्त
निर्देशों को
ध्यान में
रखकर माझी जनजाति
का सीमित
मानवशास्त्रीय
अध्ययन बिलासपुर
एवं रायगढ़
जिले में किया
गया। किये अध्ययन
उद्देश्य
केवल
वास्तविक
अनुसूचित
जनजाति माझी
को ज्ञात करना
है।
अल्प संख्यक कल्याण आयोग
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
18. ( क्र. 941 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष २०१३ से आज दिनांक तक राज्य अल्प संख्यक आयोग के क्रियाकलापों, आयोग पदाधिकारियों के भ्रमण व्ययों व आवंटित बजट राशि व्यय का ब्यौरा क्या है? (ख) उपरोक्त ''क” अवधि में आयोग के पास कितने मामले निराकरण अथवा हस्तक्षेप हेतु प्राप्त हुए? आयोग द्वारा उन पर क्या कार्यवाही की गई वर्षवार ब्यौरा दें? (ग) राज्य अल्पसंख्यक आयोग द्वारा अल्पसंख्यक कल्याणकारी कार्यक्रमों व संचालित योजनाओं की समीक्षा उज्जैन, संभाग में विगत दो वर्षों में कब-कब एवं कहाँ-कहाँ की गई? तत्संबंधी समीक्षा ब्यौरा क्या है?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) आयोग मध्यप्रदेश राज्य अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम 1996 के प्रावधान अनुसार कार्य करता है। आयोग पदाधिकारियों के भ्रमण व्यय एवं आवंटन राशि, 21 यात्रा व्यय का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश राज्य अल्पसंख्यक आयोग को संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार मामले प्राप्त हुये है जिन्हें निराकरण के लिए विभिन्न विभागों को प्रेषित कर संबंधित आवेदक को अवगत कराया गया। (ग) विगत दो वर्षों में मध्यप्रदेश राज्य अल्पसंख्यक आयोग के मान. सदस्य श्री कमाल भाई के द्वारा प्रदेश में चल रहे अल्पसंख्यक कल्याण कार्यक्रमों, योजनाओं उनके समग्र विकास के लिये उज्जैन संभाग के उज्जैन जिले में दिनांक 15.06.2014, 05.07.2014, 10.09.2014, 23.11.2014, 10.12.2014, 02.03.2015, 11.05.2015 एवं 07.06.2015 देवास जिले में दिनांक 02.07.2014 और माननीय सदस्य डाँ. तुकडि़या दास वैद्य को देवास जिले में दिनांक 01.01.2016 और 02.01.2016 को दौरा कर वहां चल रहे अल्पसंख्यक कार्यक्रमों की जानकारी ली गई और अल्पसंख्यक समुदायों के लिये संचालित योजनाओं/कार्यक्रमों से अल्पसंख्यक समुदायों को अवगत कराया गया।
आहरण अधिकार के नियम
[स्कूल शिक्षा]
19. ( क्र. 1000 ) डॉ. मोहन यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिक्षा विभाग के कर्मचारियों के आहरण के अधिकार के संबंध में विभाग के क्या नियम हैं? नियमों की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उज्जैन जिले में विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी का दायित्व उत्कृष्ट विद्यालय के प्राचार्यों को दिया गया है? यदि हाँ, तो उज्जैन जिले में कितने विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी पदस्थ हैं एवं कितने पद रिक्त हैं? क्या पदों के रिक्त होने से आहरण संबंधी कार्य प्रभावित हो रहा है रिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी? (ग) उज्जैन जिले के अन्तर्गत उत्कृष्ट विद्यालय के प्रचार्य को वि.ख.शि.अ.का प्रभार दिये जाने से क्या उत्कृष्ट विद्यालय का कार्य प्रभावित नहीं हो रहा है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार। (ख) जी हाँ। वर्तमान में उज्जैन जिले में 01 विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी पदस्थ है एवं 05 पद रिक्त हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार वैकल्पिक व्यवस्था होने से कार्य प्रभावित नहीं हो रहा है। रिक्त पदों की पूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है, निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं।
कन्या माध्यमिक शाला का उन्नयन
[स्कूल शिक्षा]
20. ( क्र. 1057 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत बड़ौदा तहसील मुख्यालय पर वर्तमान में एक भी कन्या हाई स्कूल संचालित नहीं है? इसके क्या कारण हैं? कब तक स्वीकृत कर संचालित कराया जावेगा? (ख) क्या उक्त हाई स्कूल के आभाव में बड़ौदा नगर व इसके आसपास बसे लगभग 4 दर्जन से अधिक ग्रामों की बेटियाँ मिडिल पास आउट होने उपरांत आगे की पढ़ाई से वंचित हो रही हैं? बड़ौदा नगर व क्षेत्र में वर्तमान में संचालित हाई स्कूलों में सहशिक्षा से सहमत न होने के कारण परिवारजन उन्हें एडमिशन नहीं दिलाते हैं? (ग) उक्त कारणों से बड़ौदा नगर व क्षेत्र में छात्राएं शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़ती जा रही हैं इस पिछड़ेपन को दूर करने हेतु क्या बड़ौदा तहसील मुख्यालय पर यथाशीघ्र कन्या हाई स्कूल स्वीकृत कर प्रारंभ कराने की आवश्यकता हैं? (घ) यदि हाँ, तो क्या शासन छात्राओं के हित में बड़ौदा में संचालित कन्या माध्यमिक शाला को हाई स्कूल में उन्नयन कर शीघ्र स्वीकृति प्रदान करेगा व इसे आगामी शिक्षा सत्र से प्रारंभ करवाएगा, यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। तहसील मुख्यालय पर शा.उ.मा.वि. संचालित है। पृथक से कन्या शाला खोलने के मापदण्ड नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) से (घ) जी नहीं। 'क' के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आयुष डिस्पेंसरियों में रिक्त पदों की पूर्ति
[आयुष]
21. ( क्र. 1058 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्तमान में कितने आयुर्वेदिक, यूनानी एवं होम्योपैथिक डिस्पेंसरियां कहाँ-कहाँ संचालित हैं इनमें चिकित्सकों/अन्य संवर्ग के कौन-कौन से पद स्वीकृत/भरे एवं कब से व किन कारणों से रिक्त पड़े हैं? इन्हें भरने हेतु क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या क्षेत्रान्तर्गत ग्राम पाण्डौला, सौईकला एवं बगवाज को छोड़कर उक्त सभी डिस्पेंसरियां तथा आयुषविंग श्योपुर में आयुर्वेदिक तथा यूनानी होम्योपैथिक चिकित्सकों के पद कई वर्षों से रिक्त पड़े हैं, ये डिस्पेंसरियां दवासाज, कम्पाउण्डर व दायियों के भरोसे संचालित हो रही हैं आयुषविंग श्योपुर में भी पदस्थ चिकित्सक जिला मलेरिया अधिकारी के प्रभार में है, वे भी मरीजों को नहीं देख पाते? (ग) क्या उक्त कारणों से सभी डिस्पेंसरियां व आयुषविंग में चिकित्सा सेवाएं चरमरा रही हैं नतीजन उक्त विधाओं के जरिये उपचार कराने के इच्छुक मरीजों को कठिनाई हो रही है वे उपचार हेतु अन्यत्र जाने को विवश हो रहे है? (घ) यदि हाँ, तो क्या शासन क्षेत्रीय मरीजों के हित में सभी डिस्पेंसरियों/आयुषविंग श्योपुर में सभी रिक्त पदों को शीघ्र भरेगा व कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। पदपूर्ति सतत् प्रक्रिया है। (ख) जी नहीं। जी नहीं। जी नहीं। (ग) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) पदपूर्ति सतत् प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
नव निर्मित/निर्माणाधीन शालाओं में मूलभूत व्यवस्था
[स्कूल शिक्षा]
22. ( क्र. 1425 ) श्री हरवंश राठौर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विगत तीन वर्षों में नव निर्मित/निर्माणाधीन शालाओं में विद्युत, पेयजल व्यवस्था, किचिन शेड एवं शौचालय का प्रावधान रखा जाता है? (ख) बण्डा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ऐसी कितनी शालाएं हैं जिसमें उक्त सुविधाएं उपलब्ध नहीं है? (ग) यदि नहीं, तो उन शालाओं में कब तक सुविधाएं प्रारंभ की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ, नवनिर्मित/निर्माणाधीन शालाओं में आंतरिक विद्युतीकरण, पेयजल एवं शौचालय का प्रावधान रखा जाता है। सर्व शिक्षा अभियान के तहत प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं में किचन शेड निर्माण हेतु राशि आवंटित करने का प्रवधान नहीं है। (ख) हाई/हायर सेकेण्डरी विद्यालयों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। 66 प्राथमिक व माध्यमिक शालाएं बाह्य विद्युत विहीन, 15 स्थाई पेयजल स्त्रोत विहीन, 09 किचन शेड विहीन हैं। शौचालय विहीन कोई भी शाला नहीं है। (ग) हाई व हायर सेकेण्डरी स्कूलों में निर्माण बजट उपलब्धता पर निर्भर करेगा सर्व शिक्षा अभियान की वार्षिक कार्ययोजना वर्ष 2017-2018 में स्थायी पेयजल व्यवस्था हेतु हैण्डपंप स्थापना का कार्य प्रस्तावित है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। सर्व शिक्षा अभियान में बाह्य विद्युतीकरण एवं किचन शेड हेतु वित्तीय प्रावधान नहीं है।
अध्यापक संवर्ग की पदोन्नति नीति
[स्कूल शिक्षा]
23. ( क्र. 1481 ) श्री प्रताप सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अध्यापक संवर्ग में अध्यापकों की पदोन्नति की नीति है? यदि हाँ, तो कितनी अवधि के बाद उन्हें पदोन्नत किया जाता है? आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या वरिष्ठ अध्यापकों, सहायक अध्यापक और अध्यापक पद हेतु पदोन्नति नीति निर्धारित की गई है? यदि हाँ, तो बतलावें यदि नहीं, तो क्यों? (ग) यदि वरिष्ठ अध्यापकों को पदोन्नत किया जाता है तो कितनी अवधि बाद और किस पद पर किया जावेगा? इस संबंध में शासन की क्या नीति है? (घ) मध्यप्रदेश में कितने हाई स्कूल और हायर सेकेन्डरी विद्यालय प्राचार्य विहीन है? क्या वरिष्ठ अध्यापकों को पदोन्नत कर प्राचार्य के पद पर पदोन्नत कर पदस्थ किया जावेगा यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। अध्यापक संवर्ग में पदोन्नति हेतु धारित पद पर न्यूनतम सात वर्ष का अनुभव होने का प्रवधान है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार। (ख) वरिष्ठ अध्यापक की पदोन्नति का प्रावधान नहीं है। सहायक अध्यापक से अध्यापक एवं अध्यापक से वरिष्ठ अध्यापक के पदोन्नति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) दिनांक 12 जुलाई, 2016 की अनुसूची-दो (नियम 6) की टिप्पणी अनुसार प्राचार्य हाई स्कूल के 25 प्रतिशत पद स्थानीय निकायों के वरिष्ठ अध्यापक संवर्ग में सीमित परीक्षा के द्वारा भरे जाने का प्रावधान है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
दमोह जिले में छात्रों की असामयिक मृत्यु
[स्कूल शिक्षा]
24. ( क्र. 1482 ) श्री प्रताप सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अध्ययनरत छात्र/छात्राओं की अचानक मृत्यु हो जाने पर उनके परिवारजनों को क्या-क्या सहायता अथवा राहत दिये जाने की शासन की क्या योजना है? (ख) दमोह जिले में वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक कक्षा 1 से 12 तक कितने छात्र/छात्राओं की असामयिक मृत्यु हो गई है? छात्र/ छात्राओं के नाम, कक्षा विद्यालय एवं विकासखंड का नाम तथा मृत्यु के कारण सहित जानकारी देवें? (ग) क्या असामयिक मृतक छात्र/छात्राओं के परिजनों को कोई सहायता राशि शासन/प्रशासन स्तर पर प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो सूची उपलब्ध करावें? यदि मृतक के परिजनों को सहायता नहीं उपलब्ध करायी गई है तो उसका क्या कारण रहा है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) वर्तमान में कोई योजना संचालित नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। विभाग की कोई योजना नहीं होने से सहायता राशि दी जाना संभव नहीं हुआ।
विद्यालयों में पुस्तकालय का विधिवत संचालन
[स्कूल शिक्षा]
25. ( क्र. 1567 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उच्चतर माध्यमिक/हाईस्कूल/माध्यमिक स्कूलों में शासन से पुस्तकालय संचालित किये जा रहे है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो उक्त पुस्तकालय को संचालित किये जाने हेतु शासन से कितनी राशि माध्यमिक/हाईस्कूल/उच्चतर माध्यमिक शालाओं में दी जाती है? क्या समस्त विद्यालयों में पुस्तकालय का विधिवत संचालन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो पुस्तकालय संचालन के नियमों से अवगत करावें। यदि नहीं, तो क्या इसकी जाँच करवायेंगे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) राजाराम मोहन राय प्रतिष्ठान द्वारा मेचिंग स्कीम अंतर्गत वर्ष 2000 से 2012 तक माध्यमिक शालाओं को पुस्तकें प्रदान की गई। हाईस्कूल एवं हायर सेकेन्डरी स्कूलों में पुस्तकालय संचालित है। (ख) हाई स्कूल एवं उच्चतर माध्यमिक शालाओं में पुस्तकालयों को संचालित करने हेतु पृथक से कोई राशि नहीं दी जाती अपितु राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के अंतर्गत समस्त हाईस्कूल एवं उच्चतर माध्यमिक विघालयों को राशि रूपये 50 हजार वार्षिक अनुदान के रूप में दी जाती है। इस राशि में से पुस्तके एवं पत्र-पत्रिकाएं तथा समाचार पत्र क्रय किये जा सकते है। पत्र दिनांक 01.09.2015, पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर है। विद्यालयों में राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के द्वारा जारी निर्देश दिनांक 13.11.2015 के अनुसार पुस्तकालयों की व्यवस्था/सुदृढ़ीकरण एवं नियमित संचालन किया जा रहा है। पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर है।
विद्यालयों में विषयवार रिक्त पदों की पूर्ति
[स्कूल शिक्षा]
26. ( क्र. 1568 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत हायरसेकेण्डरी/हाईस्कूल में शिक्षकों के कितने पद स्वीकृत हैं स्कूलवार, विषयवार, भरे एवं रिक्त पदों सहित सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार रिक्त पदों के विरूद्ध शासन की पदपूर्ति हेतु क्या मंशा है? क्या शासन इन्हें जल्द से जल्द भरने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) रिक्त पदों की पूर्ति पदोन्नति/सीधी भरती से किए जाने का प्रावधान है, जो एक सतत् प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अध्यापक संवर्ग के स्थानांतरण
[स्कूल शिक्षा]
27. ( क्र. 1571 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अध्यापक संवर्ग में कार्यरत बहुत से कर्मचारी अपने मूल निवास से दूर कार्यरत है? यदि हाँ, तो उक्त कर्मचारियों के स्थानांतरण करवाये जाने हेतु शासन की क्या मंशा है? प्रश्नांश (क) अनुसार यदि अध्यापक संवर्ग के स्थानांतरण संबंधी शासन की ओर से कोई कार्यवाही की जा रही है तो अवगत करावें? यह नीति कब तक लागू हो जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। अध्यापक संवर्ग में स्थानांतरण का कोई प्रावधान नहीं है। अपितु अन्तर्निकाय ऑनलाईन संविलियन का प्रावधान है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दिगम्बर जैन मंदिर का जीर्णोद्धार
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
28. ( क्र. 1602 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बालाघाट जिले के वारासिवनी नगर में दिगम्बर जैन मंदिर के जीर्णोद्धार के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा कब-कब, किस-किस दिनांक को प्रमुख सचिव, आयुक्त अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को पत्र प्रेषित किया गया? (ख) उक्त पत्र पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) दिगम्बर जैन मंदिर वारासिवनी के जीर्णोद्धार हेतु कब तक राशि मुहैया करा दी जायेगी?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) प्रश्न में उल्लेखित पत्र दिनांक 23.05.2015 एवं दिनांक 23.08.2016 प्राप्त हुआ है। (ख) प्राप्त पत्रों के संदर्भ में कलेक्टर बालाघाट से अधिकृत एजेन्सी का प्राक्कलन राशि रूपये 25.00 लाख का प्राप्त किया गया। वर्ष 2016-17 में योजना में राशि शेष नहीं होने से प्रस्ताव स्वीकृत नहीं हुआ। (ग) आगामी वित्तीय वर्ष 2017-18 में योजना में बजट प्रावधान स्वीकृत होने पर प्रस्ताव पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। इस हेतु निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शालाओं के अतिक्रमण मुक्त कराना
[स्कूल शिक्षा]
29. ( क्र. 1647 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अता.प्रश्न संख्या 101 (क्र. 1477) दि. 9/12/2016 के उत्तर (ख) में कलेक्टर जबलपुर द्वारा पत्र क्र. 7080 दि. 24/7/2015 उक्त शाला से अतिक्रमण मुक्त करने हेतु लिखे जाने एवं शाला परिसर में बाउण्ड्रीवॉल के अंदर निवास कर रहे परिवार की जाँच कर अतिक्रमण मुक्त करने की कार्यवाही की जावेगी, उत्तर दिया गया था, तो उक्त शाला से अतिक्रमण/अवैध निर्माण हटाने अब तक क्या-क्या कार्यवाही कब-कब की गयी? (ख) क्या अतिक्रमणधारी के पास किसी वैध राजस्व अधि. द्वारा नियमानुसार शाला परिसर में आवंटन के दस्तावेज पाये गये हैं या नहीं? विभाग द्वारा नगर निगम की अतिक्रमण हटाने कब-कब पत्र लिखा गया? अतिक्रमण मुक्त करने की कार्यवाही एवं जाँच कब तक की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जाँच कर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी, उत्तर दिया गया था, जिला परियोजना समन्वयक जबलपुर द्वारा अनुविभागीय अधिकारी गोहलपुर को पत्र क्र./13017 दिनांक 03.01.2017, तहसीलदार गोहलपुर को पत्र क्र.15033 दिनांक 24.01.2017 द्वारा अनुरोध किया गया तथा कलेक्टर द्वारा पत्र क्र.17005 दिनांक 08.02.2017 के माध्यम से अनुविभागीय अधिकारी गोहलपुर को निर्देशित किया गया हैं। अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही प्रचलन में है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। नगर निगम जबलपुर को दिनांक 24.07.2015 एवं दिनांक 03.01.2017 को नियमानुसार अतिक्रमण हटाने हेतु पत्र जारी किया गया, कार्यवाही नगर निगम एवं राजस्व विभाग द्वारा की जाना है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है।
नट विमुक्त घुमक्कड़ समाज के लोगों को आवासीय पट्टे प्रदान करना
[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जाति कल्याण]
30. ( क्र. 1717 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या ग्राम जसमिया तहसील टोंकखुर्द जिला देवास में नट विमुक्त घुमक्कड़ समाज के लोग निवास करते हैं? यदि हाँ, तो कितने वर्षों से। (ख) क्या उक्त समाज के लोगों को आवासीय पट्टे प्रदान करने का नियम है? यदि हाँ, तो आज तक ग्राम जसमिया में उक्त समाज के कितने लोगों को आवासीय पट्टे प्रदान किये गये है? (ग) क्या भविष्य में ग्राम जसमिया के विमुक्त घुमक्कड़ समाज के लोगों को आवासीय पट्टे प्रदान किये जायेंगे यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) जी हाँ। लगभग 40 वर्षों से निवास करते हैं। (ख) विमुक्त घुमक्कड़ जाति के लोगों के लिए पट्टे देने हेतु पृथक से कोई नियम नहीं है। ग्राम जसमिया में उक्त समाज के लोगों को पट्टे प्रदान नहीं किये गये। (ग) ग्राम जसमियां के विमुक्त घुमक्कड़ समाज के लोग शासकीय भूमि सर्वे नंबर 390 रकबा 2.09 हेक्टेयर जो रास्ता मद हेतु आवंटित है पर निवास करते हैं इसलिए उक्त भूमि पर पट्टे नहीं दिए गए।
उपस्वास्थ्य केन्द्रों के भवन निर्माण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
31. ( क्र. 1748 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री महोदय के पत्र क्रमांक 626, दिनांक 16/06/2016 को खरगापुर विधान सभा में ग्राम-बड़ेरा, करमासन हटा, कैलपुरा, जिनागढ़ खास, सूरजपुर लमेरा, चन्दपुरा, हीरापुर, दोहचक्र-1, पचेर खास, फुटेर चक्र-2, चौबारा, नयागॉव, मगरई में उपस्वास्थ्य केन्द्र स्वीकृत किये गये है। इन सभी स्वास्थ्य केन्द्रों हेतु भवन निर्माण कब तक करा दिये जायेंगे तथा कितनी राशि इन भवनों हेतु आवंटित की जावेगी। (ख) क्या जब तक भवन नहीं बना है तब तक उक्त उपकेन्द्रों पर स्टॉफ की तैनाती कर किसी शासकीय भवन में अस्थाई रूप से संचालित करा देंगे? यदि हाँ, तो कब से संचालित हो जायेंगे? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (ग) क्या उक्त उपकेन्द्र प्रारंभ होने से स्टॉफ की तैनाती होने से आम जनता को प्राथमिक उपचार कर लाभ मिलना प्रारंभ हो जायेगा। यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। विभागीय निर्णय अनुसार त्वरित क्रियान्वयन के उद्देश्य से नवीन उपस्वास्थ्य केन्द्रों का संचालन किराये के भवनों में किया जावेगा, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्नांश का उत्तर प्रश्न (क) भाग के उत्तर में उल्लेखित है। (ग) जी हाँ। यथाशीघ्र, निश्चित समयावधी बताना संभव नहीं है।
खरगापुर विधानसभा में हाई स्कूल भवनों का निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
32. ( क्र. 1749 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगापुर विधानसभा के ग्राम कुड़ीला, लारौन, फुटेर चक्र-2 में शासकीय हाई स्कूल संचालित है? मगर इन स्कूलों में भवनों का अभाव है। (ख) क्या प्रश्न में वर्णित स्कूलों में भवन बनाये जाने की शासन के द्वारा क्या योजना चलाई जा रही है तथा इन स्कूलों को प्रश्न दिनांक तक भवन क्यों उपलब्ध नहीं कराये गये है? कारण सहित जानकारी से अवगत करायें। (ग) क्या इन भवनों के निर्माण हेतु बजट नहीं है? क्या ये पुराने भवनों या प्राथमिक शालाओं में ही संचालित रहेंगे? मार्च के बजट सत्र में क्या इन संस्थाओं के निर्माण किये जाने हेतु बजट का प्रावधान रहेगा? जानकारी संस्थावार एवं छात्र संख्या तथा कमरों की संख्या सहित अवगत करायें। ग्राम कुडीला, लारौन, फुटेर चक्र-2 में शासकीय हाई स्कूलों के भवन कब तक निर्माण करा दिये जावेंगे। समयावधि बतायें यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। खरगापुर विधान सभा क्षेत्र के ग्राम कुडीला, लारौन, फुटेर में शासकीय हाईस्कूल संचालित है। उक्त स्कूलों का निर्माण बजट की उपलब्धता पर निर्भर करेगा। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) इन भवनों के निर्माण हेतु पृथक से बजट प्रावधान नहीं है। इनका निर्माण बजट उपलब्धता पर निर्भर करेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सर्व शिक्षा अभियान तहत संचालित छात्रावास
[स्कूल शिक्षा]
33. ( क्र. 1750 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत कितने छात्रावास कब से संचालित हैं और इन छात्रावासों के अधीक्षकों को कितने वर्ष के लिये रखा जाता है और किन-किन छात्रावासों में कौन-कौन अधीक्षक/वार्डन के पद पर कार्यरत है? छात्रावासवार एवं पदस्थापना के वर्षवार अधीक्षकों के नामवार जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) क्या छात्रावास के अधीक्षकों या वार्डनों को तीन वर्ष की अवधि या दो वर्ष की अवधि के लिये रखा जाता है तो किन-किन छात्रावासों के वार्डनों अधीक्षकों को शासन के नियम से अधिक समय हो गया है? इन्हें आज दिनांक तक क्यों नहीं हटाया गया? कारण सहित स्पष्ट जानकारी देवें? (ग) क्या उक्त वार्डन या अधीक्षक सुविधा शुल्क देकर डी.पी.सी. से सांठ-गांठ किये हुये हैं तथा अधिक समय हो जाने के कारण डी.पी.सी. टीकगमढ़ द्वारा जानबूझकर शासन के नियमों के विपरीत कार्य किया जा रहा है? क्या डी.पी.सी. टीकमगढ़ के विरूद्ध जाँच करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक समयावधि बतायें। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) टीकमगढ़ जिले में सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत 6 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, 6 बालिका छात्रावास एवं 1 नि:शक्तजन छात्रावास संचालित है। राज्य शिक्षा केन्द्र के पत्र क्र./2013/7849/भोपाल दिनांक 13.08.2013 द्वारा सर्व शिक्षा अभियान मिशन के अंतर्गत संचालित कस्तूरबा गांधी बालिका वि़द्यालय एवं बालिका छात्रावास में शिक्षा विभाग के अधीनस्थ प्रधानाध्यापक/शिक्षकों को प्रभार दिया जाता है। छात्रावासवार एवं पदस्थापना के वर्षवार वार्डन के नामवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। नि:शक्तजन छात्रावास अशासकीय स्वयं सेवी संस्था द्वारा वर्ष 2016-17 से संचालित है। वार्डन की नियुक्ति स्वयं सेवी संस्था द्वारा 10 माह तक के लिए की जाती है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जिले में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों एवं बालिका छात्रावासों में वार्डन के प्रभार हेतु नियमानुसार कार्यवाही की गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अनुसूचित जाति मजरा टोलों में विकास कार्य
[अनुसूचित जाति कल्याण]
34. ( क्र. 1774 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुमावली विधान सभा क्षेत्र (मुरैना) में वर्ष 2015, 2016 में कितने अनुसूचित जाति बस्ती, मजरा टोलों में सी.सी. खरंजा, विद्युत कार्य हेतु राशि आंवटित की गई? (ख) उक्त कार्य किस एजेन्सी से कराने की जिम्मेदारी दी गई क्या उक्त कार्य समय-सीमा में कराये गये, विलंब के क्या कारण रहै? (ग) क्या अनुसूचित जाति कल्याण के विकास कार्यों में अधिकारी, कर्मचारियों की उदासीनता के कारण उक्त बस्तियों विकास कार्य गुणवत्ता के ना होकर खानापूर्ति की जाती है? क्यों? क्या शासन द्वारा इसकी मॉनीटरिंग प्रतिवर्ष कराई जावेगी?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) 23 कार्य स्वीकृत कर रूपये 58.80 लाख राशि आवंटित की गयी। विद्युतिकरण के 05 कार्य स्वीकृत कर रूपये 14.10 की राशि आवंटित की गयी। (ख) अनुसूचित जाति बस्तियों में सी.सी. खरंजा के कार्य ग्राम पंचायत को कार्य एजेन्सी निर्धारित करते हुए कराये जा रहे हैं। वर्ष 2015-16 में स्वीकृत कार्य समय-सीमा में पूर्ण हो चुके हैं। विद्युतिकरण के कार्य जिला स्तर पर गठित चयन समिति से अनुमोदन पश्चात् स्वीकृत ठेकेदार को कार्य एजेन्सी निर्धारित कर समय-सीमा में कराये गये हैं। (ग) जी नहीं। मानिटरिंग करायी जाती है।
खाद्य सामग्री नमूनों का परीक्षण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
35. ( क्र. 1845 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खाद्य विभाग द्वारा विगत 2 वर्षों से विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत नगर सारंगपुर एवं नगर पचोर में संचालित कितनी होटलों/रेस्टोरेन्ट एवं दुकानों से खाद्य सामग्री के सेंपल लिये गये एवं कितने सेंपल खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला, भोपाल को परीक्षण हेतु भेजे गये? (ख) खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला, भोपाल द्वारा कितने खाद्य नमूने मानक एवं अमानक पाये गये? रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) क्या, खाद्य नमूनों के अमानक पाये जाने के उपरान्त कितने होटलों/रेस्टोरेन्ट एवं दुकानों के संचालकों के विरुद्ध कार्यवाही की गयी है? तो की गई कार्यवाही से अवगत करावें यदि कार्यवाही नहीं की गयी तो क्यों? क्या कार्यवाही नहीं करने वाले अधिकारियों पर विभाग गंभीरता से विचार करेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है एवं रिपोर्टों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मॉडल स्कूल जावरा जिला रतलाम स्वीकृत पद
[स्कूल शिक्षा]
36. ( क्र. 1875 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 31 जुलाई 2016 अतारांकित प्रश्न संख्या 86 ( क्रमांक 2404) के उत्तर (ख) में बताया गया कि मॉडल स्कूल जावरा में सिंह इन्टरनेशनल सिक्यूरिटी के श्री राजेश राठौर 2 मई 15 से कार्य पर उपस्थित नहीं हैं किन्तु क्या माह मई एवं जून 15 के दोनों की उपस्थिति के एक साथ भुगतान आदेश में उपस्थिति बताकर भुगतान किया गया? कैसे? क्या गलत उपस्थिति को प्रमाणित करने वाले पर कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न संख्या 1 (क्रमांक 8) दिनांक 18.7.16 के उत्तर में बताया कि मॉडल स्कूल जावरा में संगीत एवं पुस्तकालय सहायक का पद स्वीकृत नहीं है, तो फिर माध्यमिक शिक्षा मण्डल भोपाल के पत्र क्रमांक/1789/15 दिनांक 4.6.15 द्वारा संगीत एवं पुस्तकालय सहायक की अंशकालिक नियुक्ति करने के आदेश किस आधार पर किस अधिकारी द्वारा दिया गया? क्या उक्त अधिकारी पर कोई कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या अंशकालिक शिक्षकों को कालखण्ड के आधार पर वेतन दिया जाता है? यदि हाँ, तो जावरा मॉडल स्कूल में वर्ष 2015 में गौरव वर्मा व पंकज सोनी को बिना कालखण्ड के किस आधार पर वेतन भुगतान किया गया? उक्त समस्त प्रकरणों में की गई शिकायतों का विवरण देते हुए बताएं कि उन पर क्या कार्यवाही की गई?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। गलत उपस्थिति को प्रमाणित करने पर तत्कालीन प्रभारी प्राचार्य श्री यशपाल सिंह चौहान को माध्यमिक शिक्षा मण्डल म.प्र. भोपाल के आदेश दिनांक 16.05.2016 द्वारा निलंबित किया गया तथा श्री चौहान के विरूद्ध विभागीय जाँच प्रचलन में है। (ख) जी हाँ। पद स्वीकृत नहीं है। मॉडल स्कूल जावरा, रीवा एवं भोपाल को कार्यालयीन आदेश दिनांक 04.06.15 द्वारा मॉडल स्कूल जावरा, रीवा एवं भोपाल को नियमानुसार अंशकालीन शिक्षक नियुक्त करने हेतु स्वीकृति प्रदान की गई थी। माध्यमिक शिक्षा मण्डल कार्यपालिका समिति में उक्त विषय का अनुमोदन किया गया था। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। कालखण्ड के आधार पर मानदेय का भुगतान किया जाता है, किंतु पुस्तकालय सहायक श्री पंकज सोनी तथा संगीत शिक्षक श्री गौरव वर्मा को प्रति कार्य दिवस न्यूनतम निर्धारित मानदेय का भुगतान किया गया। श्री गौरव वर्मा को नवम्बर 2015 से कालखण्ड के आधार पर मानदेय का भुगतान किया गया। उक्त प्रकरण में की गई शिकायत के संबंध में मण्डल द्वारा गठित समिति के जाँच प्रतिवेदन में पाई गई अनियमितता के आधार पर श्री यशपाल सिंह चैहान, तत्कालीन प्रभारी, प्राचार्य को निलंबित किया गया था। प्रकरण में विभागीय जाँच प्रचलन में है।
शास. प्राथमिक स्कूल खोले जाना
[स्कूल शिक्षा]
37. ( क्र. 1938 ) श्री दिनेश कुमार अहिरवार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन द्वारा स्कूली शिक्षा को बढ़ावा देने की कई घोषणाएं की जा रही है लेकिन क्या जिला टीकमगढ़ के जनपद पंचायत जतारा एवं पलेरा में कई मजरे-टोले ऐसे हैं जो स्कूल शिक्षा से वंचित हैं, छात्र-छात्राओं को पढ़ाई नहीं मिल रही? (ख) क्या ऐसे मजरा-टोलों में नवीन प्राथमिक शालाएं खोली जाएगी जिसमें इन मजरा टोलों में निवासरत बालक-बालिकाओं को प्राथमिक शिक्षा मिल सके उन्हें 2 कि.मी. दूर न जाना पड़े? (ग) क्या शासन जनपद पंचायत जतारा में चंदेरा पंचायत का सूरजपुर खिरक, जतारा का देवीपुरा खिरक, जनपद पंचायत-पलेरा में टोरिया पंचायत का काशीपुरा, जरूवा पंचायत का अनुसूचित जाति चौपराखिरक, इन मजरा-टोलों में नवीन प्राथमिक शालाएं खोलेंगी, जिससे शासन की नीति का पालन हो सके एवं बालक-बालिकाएं शिक्षा से वंचित न रहै?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) प्राथमिक स्तर की शैक्षिक सुविधा उपलब्ध कराने हेतु नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 अन्तर्गत नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार नियम 26 मार्च 2011 की धारा-4 के प्रावधानुसार ऐसे कोई मजरे-टोले जनपद पंचायत जतारा एवं पलेरा में नहीं है, जो कि प्राथमिक शिक्षा से वंचित है। (ख) प्राथमिक शैक्षिक सुविधा उपलब्ध कराने हेतु, विभागीय पत्र क्रमांक एफ-44/4/2013/20-2/8566 भोपाल, दिनांक 12.09.2013 द्वारा मापदण्ड निर्धारित है। मापदण्ड पूर्ण कर रहे समस्त मजरा-टोलों में प्राथमिक शैक्षिक सुविधा उपलब्ध है। (ग) उक्त ग्राम/बसाहटें नवीन प्राथमिक शालाएं खोलने के मापदण्ड में पात्रता नहीं रखती है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
म.प्र. वक्फ अधिनियम १९९५ अंतर्गत प्रतिनिधियों का चयन
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
38. ( क्र. 1955 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या म.प्र. वक्फ बोर्ड का गठन वक्फ अधिनियिम १९९५ की धारा १४ (१) (क) से (ड.) तक प्रतिनिधियों का चयन कर किया गया है? यदि हाँ, तो किस कैटेगिरी से किस सदस्य का चयन अथवा नाम निर्देशित किया गया? ब्यौरा दें. (ख) मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड अध्यक्ष का चयन नियमानुसार कितने सदस्यों में से किया जाना अनिवार्य है? क्या वर्तमान चयन नियमानुसार है? यदि हाँ, तो किस प्रकार एवं नहीं तो किस कारण से? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के चयन अथवा नियुक्ति के दिनांकों एवं उनकी कार्यकाल अवधि का ब्यौरा दें.
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड का गठन चयन न किया जा कर वक्फ अधिनियम 1995 की धारा 14 के अंतर्गत निर्वाचन एवं नामांकन द्वारा किया गया है। ब्यौरा संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष का चयन न किया जाकर वक्फ अधिनियम 1995 की धारा 14 के प्रावधानों के अंतर्गत निर्वाचन किया गया है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ग) मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष एवं सदस्यों के निर्वाचन एवं नामांकन का दिनांक निम्नानुसार है :-
क्र. |
नाम |
निर्वाचन एवं नामांकन दिनांक |
रिमार्क |
1 |
श्री शौकत मोहम्मद खान |
27.06.2014 |
|
2 |
डॉ. नजमा हेपतुल्ला |
04.12.2013 |
दिनांक 27.05.2014 को त्याग पत्र दिया गया। |
3 |
श्री आरिफ अकील |
04.12.2013 |
|
4 |
श्री आरिफ बेग |
03.10.2013 |
दिनांक 06.11.2013
को त्याग
पत्र दिया
गया। |
5 |
श्री मेहबूब अंसारी |
06.06.2014 |
|
वक्फ अधिनियम के अनुसार कार्यकाल की अवधि पांच वर्ष है।
जिला चिकित्सालय शहडोल में चिकित्सकों की पदस्थापना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
39. ( क्र. 2083 ) श्रीमती प्रमिला सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला चिकित्सालय शहडोल में चिकित्सकों के कितने पद स्वीकृत हैं? पदवार जानकारी दें? (ख) स्वीकृत पदों के विरूद्ध कितने चिकित्सक पदस्थ हैं तथा कितने पद रिक्त हैं? (ग) क्या शासन के द्वारा चिकित्सकों के रिक्त पदों की पूर्ति की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक, नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रदेश में विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी है, जिला चिकित्सालय, शहडोल में लगभग समस्त विशेषज्ञता के द्वितीय श्रेणी चिकित्सक कार्यरत हैं। विभाग रिक्त पदों की पूर्ति हेतु निरंतर प्रयास कर रहा है, चिकित्सा अधिकारी के 1896 पदों हेतु साक्षात्कार की कार्यवाही प्रचलन में है। उपलब्धता अनुसार स्नातकोत्तर चिकित्सकों की पदस्थापना संबंधी कार्यवाही की जावेगी। पद पूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
नवीन छात्रावास की स्थापना
[आदिम जाति कल्याण]
40. ( क्र. 2107 ) श्री संजय शर्मा : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनुसूचित जाति/जनजाति बाहुल्य क्षेत्र में प्री-मेट्रिक बालक/बालिका छात्रावास खोलने की शासन की योजना है? (ख) यदि हाँ, तो तेन्दूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र खड़ई में आज दिनांक तक बालक/बालिका छात्रावास क्यों नहीं खोला गया? (ग) क्या प्रश्नकर्ता के निवेदन पर खड़ई में प्री-मेट्रिक आदिवासी बालक/बालिका छात्रवास खोला जायेगा?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) कलेक्टर, नरसिंहपुर से छात्रावास खोलने के प्रस्ताव दिनांक 18.12.2016, दिनांक 17.01.2017 एवं दिनांक 28.01.2017 को पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार प्राप्त हुये है। प्राप्त प्रस्तावों का विभागीय मापदण्डों के तहत परीक्षण किया जावेगा। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार।
जिला चिकित्सालय हरदा द्वारा सामग्री का क्रय
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
41. ( क्र. 2118 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले में विभाग अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2014-15, 15-16 एवं वर्ष 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी हरदा को औषधि एवं सामग्री, स्टेशनरी, प्रचार-प्रसार, दीनदयाल अन्त्योदय उपचार योजना, जननी सुरक्षा योजना, एड्स नियंत्रण, कुष्टरोग नियंत्रण एवं अन्य मदों में कितनी-कितनी राशि का आवंटन प्राप्त हुआ व कितना-कितना व्यय किस-किस मद में किया गया। योजनावार व मदवार बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) में अंकित वित्तीय वर्षों में कौन-कौन सी सामग्री किस-किस फर्म से कितनी-कितनी मात्रा में किस-किस दर से किस आदेश क्रमांक व दिनांक से क्रय की गई।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है।
विद्यालय में सामग्री क्रय हेतु प्राप्त आवंटन
[आदिम जाति कल्याण]
42. ( क्र. 2138 ) श्री शान्तिलाल बिलवाल : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिम जाति कल्याण विभाग अंतर्गत वर्ष 2016-17 प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय त्रैमास में झाबुआ जिले को उ.मा.वि./हाई स्कूल में सामग्री पूर्ति हेतु कितना-कितना आवंटन प्रदाय किया गया? (ख) उक्त प्रदाय आवंटन से उ.मा.वि./हाई स्कूल में टी.सी.पी.सी. झाबुआ को किस-किस कार्य हेतु कितनी राशि प्रदाय होकर क्या-क्या कार्य करवाये गये? कार्यवार सूची उपलब्ध करावें। (ग) टी.सी.पी.सी. झाबुआ द्वारा उ.मा.वि./हाई स्कूल में किसके माध्यम से कार्य करवाया गया या संस्था द्वारा ही उ.मा.वि./हाई स्कूल में कार्य किया गया? (घ) टी.सी.पी.सी. संस्था द्वारा कार्य करवाया गया तो संस्था द्वारा उपयोग की गई कच्चा सामान कहाँ से क्रय किया गया? संस्था में उपयोग की गई विद्युत इलेक्ट्रिकल बिल देयक प्रति यूनिट के मान से भुगतान किया गया तो देयक के विवरण सहित बतावें।
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) झाबुआ जिले को वर्ष 2016-17 में सामग्री पूर्ति मद अंतर्गत मांग संख्या 41 में त्रैमासवार निम्नानुसार राशि आवंटित की गई है :-
त्रैमास |
उ.मा.वि. |
हाईस्कूल |
प्रथम |
- |
- |
द्वितीय |
99,00,000 |
50,68,845 |
तृतीय |
96,87,015 |
49,19,244 |
मांग संख्या- 33- उ.मा.वि. योजना अंतर्गत त्रैमासिक बंधन से मुक्त सामग्री पूर्ति मद में 76,070/- राशि आवंटित की गई। (ख) प्रश्नांश (क) में प्राप्त राशि से प्रश्नांश (ख) अंतर्गत व्यय नहीं किया गया। (ग) उपरोक्तानुसार। (घ) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
प्राचार्यों एवं व्याख्याताओं के रिक्त पदों की पूर्ति
[आदिम जाति कल्याण]
43. ( क्र. 2149 ) श्री शान्तिलाल बिलवाल : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ जिले में शासकीय हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों में प्राचार्यों के एवं व्याख्याताओं के किस-किस श्रेणी के कितने पद स्वीकृत हैं वर्तमान स्थिति में जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में स्वीकृत पदों में से कितने पद भरे हैं एवं कितने रिक्त हैं? पद रिक्त रहने का कारण सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) के क्रम में रिक्त पदों की पूर्ति हेतु शासन की क्या योजना है एवं रिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जायेगी?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) झाबुआ जिले में द्वितीय श्रेणी के निम्नानुसार पद स्वीकृत है :-
1. हाईस्कूल प्राचार्य, 64 पद,
2. हायर सेकेण्डरी प्राचार्य 46 पद,
3. व्याख्याताओं के 262 पद
(ख) झाबुआ जिले में भरे एवं रिक्त पद निम्नानुसार है :-
क्र. |
संवर्ग का नाम |
भरे पद |
रिक्त पद |
1 |
हाईस्कूल प्राचार्य |
26 |
38 |
2 |
हायर सेकेण्डरी प्राचार्य |
08 |
38 |
3 |
व्याख्याता |
38 |
224 |
उपरोक्त पद पदोन्नति के है, पदोन्नति में आरक्षण के संबंध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन है। (ग) पदों की पूर्ति पदोन्नति से की जाना है। पदोन्नति में आरक्षण के संबंध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन है। अत: समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं हैं।
दतिया जिले में संचालित विद्यालय
[स्कूल शिक्षा]
44. ( क्र. 2191 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले में कुल कितने और कौन-कौन से उत्कृष्ठ उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कहाँ-कहाँ स्थित हैं, इनमें कौन-कौन से पद स्वीकृत होकर कौन-कौन से पद भरे एवं कौन-कौन से रिक्त हैं? यहां कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी कब से पदस्थ हैं? स्कूलवार जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) कंडिका (क) में वर्णित शासकीय उत्कृष्ठ उच्च माध्यमिक विद्यालयों में वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में शासन से किस-किस कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि का आवंटन प्राप्त हुआ है, प्राप्त राशि से क्या-क्या कार्य किन-किन एजेंसियों के माध्यम से कितनी-कितनी लागत से, किस-किस दिनांक को स्वीकृत कर किस-किस दिनांक को पूर्ण कराये गये कार्य की स्वीकृति किस अधिकारी द्वारा दी गई, उनका नाम एवं पद सहित स्वीकृति आदेश का विवरण उपलब्ध करायें? (ग) क्या उक्त विद्यालयों में लाखों के कार्यों को स्वीकृतकर्ता अधिकारी द्वारा अपने निजी फायदे को देखते हुये कार्यों को टुकड़ों में विभाजित कर शासन द्वारा निर्धारित टेन्डर प्रक्रिया से हटकर अपने व्यवहारियों से मनचाही एजेंसियों के माध्यम से कार्य कराये गये? यदि नहीं, तो इन स्कूलों द्वारा कराये गये कार्यों की गहन जाँच कराई जावे? दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जाये? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन-कौन दोषी हैं उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) दतिया जिले में जिला स्तरीय शास. उत्कृष्ट उ.मा.वि. दतिया एवं विकासखंड स्तरीय शास. उत्कृष्ट उ.मा.वि. भाण्डेर तथा शास. उत्कृष्ट उ.मा.वि. सेंवढ़ा इस प्रकार कुल 03 उत्कृष्ट विघालय संचालित है। शेषांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 02 अनुसार है। (ग) प्रश्नांकित अवधि में नियमानुसार कार्यवाही करने से कोई जाँच प्रचलित नहीं है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दतिया जिले के अस्पतालों में सफाई व्यवस्था
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
45. ( क्र. 2192 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले के अंतर्गत आने वाले जिला चिकित्सालय, सिटी अस्पताल, इंदरगढ़ अस्पताल, सेवढ़ा अस्पताल, भाण्डेर अस्पताल, बड़ौनी अस्पताल, उनाव अस्पताल, बसई अस्पताल में सफाई व्यवस्था बाबत् किन-किन एजेंसियों को अधिकृत, किस दर पर किया गया है? ये ठेकेदार कहाँ के निवासी है? अस्पतालवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) उक्त ठेकेदारों द्वारा इन कार्यालयों में कितने वर्षों से कितनी-कितनी राशि में सफाई का ठेका लेकर कब-कब, कितनी-कितनी राशि का भुगतान विभाग से लिया गया? साथ ही ठेकेदार द्वारा कितने-कितने सफाईकर्मी किस-किस संस्था में सफाई बाबत् लगाये गये है? इन्हें विभाग द्वारा सफाई के संबंध में क्या-क्या निर्देश दिये गये हैं? (ग) क्या विगत कई वर्षों से बाहरी व्यक्ति या एजेंसी को इन कार्यालयों की सफाई का ठेका लगातार दिया जा रहा है? इनके स्थानीय न होने के कारण ये कभी कार्यालयों में देख-रेख नहीं कर पाते हैं, फलस्वरूप अस्पतालों में गंदगी रहती है? विगत एक वर्ष में सफाई कार्य का निरीक्षण कब-कब, कौन-कौन से अधिकारियों द्वारा किया गया? उनके निरीक्षण प्रतिवेदन का विवरण उपलब्ध कराया जावें। इसके लिये कौन-कौन दोषी हैं? उसके लिए कौन दोषी है, उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) साफ-सफाई की निविदा में कोई भी एजेन्सी द्वारा भाग लिया जा सकता है। जी नहीं। विगत एक वर्ष में सफाई कार्य का निरीक्षण मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, डी.एच.ओ. एवं बी.एम.ओ. द्वारा किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
औषधी निरीक्षक द्वारा निरीक्षण कार्य
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
46. ( क्र. 2227 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि खरगोन जिले में ड्रग इंस्पेक्टर/औषधी निरीक्षण द्वारा विगत 3 वर्षों में कब-कब कितनी मेडिकल दुकान नवीन मेडिकल दुकान, थोक दुकान तथा नवीनीकरण हेतु मेडिकल दुकानों का निरीक्षण कार्य किया गया, निरीक्षण दिनांक सहित सूची देवें। इन निरीक्षणों में क्या पाया गया तथा -क्या कार्यवाही की गई संस्थावार/दुकानवार सूची देवें।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : खरगोन जिले में ड्रग इंस्पेक्टर/औषधि निरीक्षक द्वारा विगत 3 वर्षों में मेडिकल दुकान/नवीन मेडिकल दुकान, थोक दुकान तथा नवीनीकरण हेतु मेडिकल दुकानों के कुल 276 निरीक्षण किये गये। निरीक्षण दिनांक तथा पाये गये तथ्यों सहित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। कमियाँ पाये जाने के कारण जिन दवा दुकानों पर कार्यवाही की गई उनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
सिंगरौली जिले में चिकित्सा महाविद्यालय संचालित करना
[चिकित्सा शिक्षा]
47. ( क्र. 2257 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगरौली जिला प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों में स्थित हैं, यहां पर चिकित्सा शिक्षा के अध्ययन हेतु छात्र/छात्राओं को रीवा आना जाना पड़ता है, जो सिंगरौली जिले से लगभग 200 किलोमीटर दूरी पर स्थित है, इसके अलावा चिकित्सा महाविद्यालय की सुविधा प्राप्त नहीं है, तो क्या चिकित्सा महाविद्यालय सिंगरौली में संचालित कर महाविद्यालयीन शिक्षा के लिये विद्यार्थियों को यह सुविधा प्राप्त हो सकेगी? यदि हाँ, तो कब तक में? (ख) क्या जिला सिंगरौली में औद्योगिक क्षेत्र होने से काफी दुर्घटनाएं एवं गंभीर बीमारी से लोग पीडि़त होते हैं? सिंगरौली में NCL/NTPC एवं रिलायन्स पावर, एस्सार पावर, हिण्डाककों, जे.पी. एवं छोटे कई परियोजनाएं स्थापित है, श्रमिकों के साथ-साथ आम नागरिकों के लिये क्या मेडिकल कॉलेज खोलने की मांग के मुताबिक 2017-18 में खोला जायेगा?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( एडवोकेट शरद जैन ) : (क) सिंगरौली जिले में चिकित्सा महाविद्यालय खोले जाने की योजना नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्कूल शिक्षा विभाग के ग्रंथपालों की वेतन विसंगति का निराकरण
[स्कूल शिक्षा]
48. ( क्र. 2374 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शालेय शिक्षा के ग्रंथपालों के वेतन विसंगति 1981 से निरंतर चली आ रही है जिस पर आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय ने निरंतर अपने पत्र क्रमांक ग्रंथा./अ/83/169, दिनांक 25.02.83 पत्र क्र./ग्रंथा/डी 2/18/96-97/72, दिनांक 26.02.98 पत्र क्र./ग्रंथा/99/8, दिनांक 28.01.2000 पत्र क्र./ग्रंथा/एकलनस्ती क्र./स्था-3/107, दिनांक 07.08.2007 एकलनस्ती क्र./स्था-3/154, दिनांक 26.08.2008 एवं एकल नस्ती क्र./स्था-3/166/, दिनांक 27.09.2008 के द्वारा भी ग्रंथपालों की वेतन विसंगति दूर करने हेतु पत्र लिखा गया था? यदि हाँ, तो आज दिनांक तक ग्रंथपालों की वेतन विसंगति दूर क्यों नहीं की गयी है? (ख) क्या शासन की मंशा शालेय शिक्षा के ग्रंथपालों की वेतन विसंगति दूर करने की नहीं है? यदि वेतन विसंगति दूर किया जाना प्रस्तावित है तो समय-सीमा क्या होगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रकरण वेतन आयोग से संबंधित होने के कारण परीक्षणाधीन है। समया-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में स्वीकृत पदों की पूर्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
49. ( क्र. 2420 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले के नगर पचोर में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पचोर को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पचोर में उन्नयन किया गया है? यदि हाँ, तो क्या चिकित्सा विशेषज्ञ एवं अन्य कर्मचारियों के पद स्वीकृत कर दिये गये हैं? स्वीकृत पदों की जानकारी एवं आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी के अनुसार स्वीकृत पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ, जी हाँ। शेष प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पद पूर्ति की कार्यवाही निरन्तर जारी है, निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं।
आदिवासी बाहुल्य ग्रामों को मिलाकर माडा बनाए जाना
[आदिम जाति कल्याण]
50. ( क्र. 2708 ) श्री कैलाश चावला : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आयुक्त आदिमजाति कल्याण विभाग द्वारा मनासा विधानसभा क्षेत्र एवं जावद विधानसभा क्षेत्र के आदिवासी बाहुल्य ग्रामों को मिलाकर माडा बनाए जाने हेतु प्रस्ताव एवं नक्शा भेजने के निर्देश संयोजक आदिवासी कल्याण विभाग नीमच को किस दिनांक को दिए गए थे? (ख) उक्त आदेश के प्रकाश में संयोजक आदिमजाति नीमच द्वारा किस दिनांक को जानकारी प्रेषित की गई? (ग) यदि जिला संयोजक आदिमजाति कल्याण जिला नीमच द्वारा जानकारी नहीं भेजी गई है तो उसके क्या कारण हैं। लम्बी समयावधि में जानकारी न भेजने के कारण दोषी अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी।
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) आदिम जाति क्षेत्रीय विकास योजनाऐं द्वारा मनासा विधानसभा क्षेत्र के आदिवासी बाहुल्य ग्रामों को मिलाकर माडा बनाये जाने हेतु प्रस्ताव एवं नक्शें भेजने के निर्देश दिनांक 16/09/2016 एवं 10/10/2016 को दिये गये। (ख) जिला संयोजक द्वारा दिनांक 28/10/2016 को प्रेषित की गई। (ग) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुसूचित जनजाति गांवों का विकास
[आदिम जाति कल्याण]
51. ( क्र. 2709 ) श्री कैलाश चावला : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रमुख सचिव आदिमजाति कल्याण विभाग को प्रश्नकर्ता द्वारा मनासा विधानसभा क्षेत्र के अनुसूचित जनजाति गांवों के विकास हेतु पूर्व में भेजे गए प्रस्तावों को स्वीकृत करने हेतु 2016-17 में कितने पत्र लिखे गए हैं। (ख) उन पत्रों पर प्रमुख सचिव आदिमजाति कल्याण विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) कार्यवाही प्रचलन में है।
ट्रामा सेन्टर की स्थापना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
52. ( क्र. 2744 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 329 दिनांक 9 दिसम्बर 2016 के उत्तर की कंडिका (ख) में बताया गया था कि भारत सरकार को राष्ट्रीय राजमार्गों पर स्थित सिविल अस्पतालों में ट्रामा सेन्टरों की स्थापना हेतु प्रस्ताव संचालनालय के पत्र क्रमांक-/एच.ए./ सेल-3/2016/2116 दिनांक 01/12/2016 के द्वारा प्रेषित किया गया है। इसमें सिविल अस्पताल ब्यावरा भी सम्मिलित है? यदि हाँ, तो पत्र की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) उपरोक्तानुसार क्या भारत सरकार को प्रेषित उक्त प्रस्तावों में स्वीकृति प्राप्त हो गई है अथवा नहीं?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं।
आयुष विभाग अंतर्गत संचालित औषधालय
[आयुष]
53. ( क्र. 2804 ) श्री अरूण भीमावद : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आयुष विभाग के अंतर्गत कितने औषधालय शाजापुर जिले में संचालित हो रहे हैं? इनमें कितने चिकित्सक एवं कर्मचारी कार्यरत हैं? (ख) संचालित औषधालयों में प्रमुख रूप से कौन-कौन सी दवाओं का वितरण किया जा रहा है? (ग) इन औषधालयों से कितने ग्रामों को लाभ हो रहा है?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) 27 औषधालय, 12 चिकित्सक एवं 91 कर्मचारी। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) लगभग 115 ग्रामों को।
प्रेरक चयन प्रक्रिया की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
54. ( क्र. 3007 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रौढ़ शिक्षा अंतर्गत विगत 5 वर्षों में खरगोन जिले में कार्यरत समस्त प्रेरकों के नाम उनके कार्य स्थल, दर्ज प्रौढ़ छात्र संख्या, उत्तीर्ण संख्या सहित सूची देवें। प्रेरकों को देय मानदेय की जानकारी देवें। (ख) खरगोन ब्लाक में सत्र 2016-17 में दर्ज प्रौढ़ छात्रों की संख्या, परीक्षा दिनांक व परीक्षा परिणाम सहित सूची देवें। (ग) प्रेरक चयन प्रक्रिया की जानकारी देवें। (घ) विगत 2 वर्षों में जिला स्तर तथा प्रेरकों को देय समस्त मदों की सूची प्राप्त राशि एवं व्यय राशि सहित मदवार जानकारी देवें। जिला स्तर पर हुए व्यय का विवरण देवें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- '1' पर है एवं प्रेरकों को देय मानदेय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- '2' पर है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- '3' पर है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- '4' पर है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- '5' पर है।
जिले में आंतरिक स्थानांतरण या अटैचमेंट
[आदिम जाति कल्याण]
55. ( क्र. 3008 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2009 से 2013 तक आयुक्त कार्यालय आदिवासी विकास विभाग भोपाल या उपायुक्त कार्यालय इंदौर का सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग खरगोन के मध्य स्थानांतरण, अटैचमेंट तथा खरगोन जिले से बाहर स्थानांतरण या अटैचमेंट, अन्य जिले से खरगोन जिले में स्थानांतरण या अटैचमेंट के संबंध में खरगोन जिले से कोई शिकायत प्राप्त हुई है? (ख) इस शिकायत पर की गई कार्यवाही तथा जाँच प्रतिवेदन पर लिए गए निर्णय का विवरण देवें। यदि निर्णय नहीं लिया गया है तो कारण बतायें। (ग) उक्त स्थानांतरण या अटैचमेंट में कितने प्रकरण गृह जिला खरगोन के हैं तथा कितने प्रकरणों में पदस्थापित का गृह ब्लाक है। नाम, पद, स्थान सहित सूची देवें। (घ) उक्त प्रकरणों में संलग्न अनुशंसा पत्रों में से कितने पत्रों के सत्यापन कार्य कराये गये हैं तथा कितने प्रकरणों में सत्यापन नहीं कराया गया है। इस संबंध में यदि कोई शिकायत विभाग को प्राप्त हुई है तो विवरण देवें।
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) शिकायत पर संभागीय उपायुक्त, इन्दौर के आदेश दिनांक 07.10.2016 द्वारा श्री गोविन्द गोयल सहायक आयुक्त आदिवासी तथा अनुसूचित जाति विकास इन्दौर के नेत़ृत्व में जाँच दल गठित किया गया है। श्री गोविन्द गोयल सहायक आयुक्त इन्दौर दिनांक 30.11.2016 को सेवानिवृत्त होने के कारण संभागीय उपायुक्त, इन्दौर के आदेश दि. 09.12.2016 द्वारा श्री पदम कुमार जैन, सहायक अनुसंधान अधिकारी को जाँच अधिकारी नियुक्त किया गया है। वर्तमान में जाँच प्रचलन में है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार।
निजी स्कूलों/कॉलेजों में केंटीन/मेस का संचालन
[स्कूल शिक्षा]
56. ( क्र. 3071 ) श्री राजेश सोनकर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर जिला अंतर्गत किन-किन निजी स्कूलों में केंटीन/मेस का संचालन किया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में स्कूलों को फूड सेफ्टी एण्ड स्टेण्डर्ड ऑफ इंडिया का लायसेंस लेना अनिवार्य है? (ग) वर्ष 2015-16 में किन-किन निजी स्कूलों को एफ.एस.एस.आई. के तहत लायसेंस प्रदान किया गया तथा किन-किन संस्थानों द्वारा फूड सेफ्टी एण्ड स्टेण्डर्ड ऑफ इडिया (एफ.एस.एस.आई.) लायसेंस नहीं लिया हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में क्या निजी कॉलेज/स्कूलों में केंटीन/मेस का संचालन संधारण केटरिंग वालों को कब से दिया व अनुबंध में क्या-क्या शर्तों की अनिवार्यता है क्या केटरिंग व्यवसाइयों द्वारा फूड सेफ्टी एण्ड स्टेण्डर्ड ऑफ इंडिया (एफ.एस.एस.आई.) लायसेंस की शर्तों का ठीक से पालन किया जा रहा है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-’अ’ अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) लायसेन्स लेने वाले विद्यालय पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-’ब’ अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स’ अनुसार है। शर्तें खाद्य संरक्षा और मानक अधिनियम 2006 के अधीन हैं। पालन संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स’ में निहित है।
प्रदेश में बांझपन से पीडि़त महिलाओं के उपचार हेतु
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
57. ( क्र. 3076 ) श्री जितू पटवारी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत 2 वर्षों में इन्दौर, उज्जैन संभाग में कितनी महिलाएं बांझपन से पीडि़त पाई गई है, जिलेवार जानकारी उपलब्ध कराएं? (ख) प्रश्नांश (क) के अन्तर्गत बांझपन के इलाज हेतु प्रश्नांश (क) संभागों में किस-किस जिला अस्पताल में व शासकीय मेडिकल कॉलेजों में पूर्ण सुविधा उपलब्ध है व कितने विशेषज्ञ डॉक्टर उपलब्ध है? (ग) क्या यह सही है कि शासकीय अस्पतालों में इलाज के अभाव में विशेषज्ञों एवं यंत्रों की कमी के कारण मरीजों को निजी अस्पतालों में भेजकर इलाज करवाया जा रहा है? क्या शासकीय क्षेत्र में इन विट्रो फर्टिलिटी ट्रीटमेंट की सुविधा नहीं है, तो शासकीय मेडिकल कॉलेजों में शुरू करने के लिये शासन क्या प्रयास कर रहा है?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) विगत 2 वर्षां में इंदौर एवं उज्जैन संभाग में 4593 बांझपन पीडित महिलाएं पाई गई। जिलावार जानकारी निम्नानुसार है-
इंदौर संभाग |
उज्जैन संभाग |
||
जिले का नाम |
महिलाओं की संख्या |
जिले का नाम |
महिलाओं की संख्या |
इंदौर |
319 |
उज्जैन |
798 |
धार |
246 |
देवास |
342 |
बुरहानपुर |
54 |
शाजापुर |
201 |
बडवानी |
245 |
रतलाम |
475 |
खरगौन |
260 |
मंदसौर |
222 |
खंडवा |
1020 |
नीमच |
29 |
अलीराजपुर |
65 |
आगर |
54 |
झाबुआ |
263 |
|
|
(ख) संभाग के समस्त जिला चिकित्सालयों में तथा शासकीय मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में बांझपन के उपचार हेतु पूर्ण सुविधाएं उपलब्ध नहीं है व 71 स्त्रीरोग विशेषज्ञ उपलब्ध है। (ग) जी नहीं, जो जाँच-उपचार सुविधाएं शासकीय अस्पतालों में उपलब्ध नहीं है केवल उन सुविधाओं हेतु मरीजों को निजि अस्पताल में भेजा जाता है। जी हाँ, शासकीय अस्पतालों में इन विट्रो फर्टिलिटी की सुविधा नहीं है। जी हाँ, शासन प्रयासरत है।
प्रदेश में 108 एम्बुलेंस जननी एक्सप्रेस का क्रियान्वयन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
58. ( क्र. 3077 ) श्री जितू पटवारी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर एवं उज्जैन संभाग में 108 एम्बुलेन्स, जननी एक्सप्रेस और दीन दयाल चलित अस्पताल (M.M.U.) के संचालन का जिम्मा किस कम्पनी के पास है? कम्पनी के रजिस्टर्ड ऑफिस का पता, डॉयरेक्टरों के नाम व नम्बर उपलब्ध कराये। (ख) प्रश्नांश (क) अन्तर्गत सेवा प्रदाता कम्पनी को सेवा देने से पहले क्या प्रक्रिया अपनाई गई व क्या शर्तें रखी गयी थी की प्रति उपलब्ध कराये। (ग) 108 एम्बुलेंस को क्या-क्या कार्य शासन द्वारा दिया गया है, कि जानकारी देवें और 108 एम्बुलेंस की जिलेवार उपलब्धता, संख्या व उसमें कार्य करने वाले कर्मचारियों की सम्पूर्ण सूची उपलब्ध करावे? (घ) नियम शर्तों अनुसार काल आने के बाद कितने समय में एम्बुलेंस तक सूचना पहुंच जाती है साथ ही ऐसी कितनी शिकायत प्राप्त हुईं जिसमें एम्बुलेंस लेट हुई या स्थान पर पहुंची ही नहीं। (ड.) प्रश्नांश (क) अन्तर्गत समस्त सेवाओं के लिए विगत एक वर्ष में कम्पनी को कितना-कितना भुगतान किया गया व क्या और सुविधाएं दी गई की जानकारी देवें।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जिगित्सा हेल्थकेयर लिमिटेड, मुम्बई के पास है। रजिस्टर्ड ऑफिस- 401-बी, निरंजन बिल्डिंग, जी-99, मरीन ड्राईव, मुम्बई, पिनकोड-400002। कंपनी के डायेक्टरों के नाम व नम्बर निम्नानुसार हैः- 1. श्री प्रहलाद अमीरचंद ककड़, 2. श्री नरेश धनराज जैन, 3. श्री रवि कृष्णा, 4. श्री बिजॉय क्रुरियन, 5. स्वेतामंगल, 6. श्री एडवर्ड बर्ट वेन हार्न। दूरभाष नम्बर- 022-61785002, 022-61785006 (ख) खुली निविदा प्रक्रिया अपनाई गयी। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'एक' अनुसार है। (ग) आपातकालीन स्थिति में पीडि़त व्यक्तियों तथा गर्भवती महिलाओं को चिकित्सालय में त्वरित परिवहन सुविधा। अंतर-चिकित्सालय परिवहन सुविधा एवं परिवहन के दौरान आवश्यकता पड़ने पर प्राथमिक उपचार प्रदाय करना। जानकारी क्रमश: पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'दो' व 'तीन' अनुसार है। (घ) कॉल आने के पश्चात् लगभग 210 सेकेण्ड में नजदीकी उपलब्ध एम्बुलेंस को सूचना पहुंचायी जाती है। इस वर्ष प्रश्न दिनांक तक 76 शिकायतें लेट होने अथवा स्थान पर नहीं पहुंचने की प्राप्त हुई हैं। (ड.) प्रश्नांश (क) अंतर्गत जिगित्सा हेल्थ केयर लिमिटेड कंपनी को इस वर्ष कुल राशि रू. 8,22,42,657.00 का भुगतान किया गया। कोई नहीं।
जी.एम.सी. भोपाल में नियम विरूद्ध नियुक्तियां
[चिकित्सा शिक्षा]
59. ( क्र. 3172 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य शासन में किसी भी पद पर नियुक्ति हेतु शासन से अनुमति ली जाना आवश्यक है अन्यथा उक्त नियुक्तियां अवैध मानी जाती है? (ख) यदि हाँ, तो गांधी मेडिकल कॉलेज स्वशासी समिति भोपाल के अधीन विगत दो वर्षों में किस-किस श्रेणी के किस-किस संवर्ग के अधिकारी/कर्मचारियों की नियुक्तियां की गई एवं क्या इन नियुक्तियों के लिए राज्य शासन से अनुमति ली गई है यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या यह भी सत्य है कि चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल में स्वीकृत पद के विरूद्ध ही कलेक्टर रेट पर/संविदा नियुक्ति/आउटसोर्स इत्यादि के अधिकारी-कर्मचारी रखने का प्रावधान है? उक्त नियमों के विरूद्ध चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल में हॉस्पिटल को-आर्डिनेटर/कम्प्यूटर आपरेटर इत्यादि की नियुक्ति किन नियमों के अंतर्गत की गई? क्या इस संवर्ग के पद स्वीकृत हैं? (घ) क्या शासन प्रचलित/प्रतिपादित नियमों का पालन सुनिश्चित कराने हेतु उपरोक्त अवैध नियुक्तियों को तत्काल निरस्त किया जाकर क्या पारदर्शी जाँच कराई जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( एडवोकेट शरद जैन ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) स्वीकृत पदों के स्वरूप के आधार पर संविदा नियुक्ति/आउटसोर्स से व्यक्ति रखे जा सकते है। गांधी चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल की कार्यकारिणी की 30वीं बैठक दिनांक 25 अक्टूबर, 2011 में लिये गये निर्णय के आधार पर स्वशासी निधि से भरती कर संविदा नियुक्ति प्रदान की गई थी। पद स्वीकृत नहीं है। (घ) उत्तरांश (क), ''ख'' एवं ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होते।
अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
60. ( क्र. 3191 ) श्री रमेश पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं म.प्र. द्वारा अपने पत्र क्रमांक 4/शिका/ सेल-5/एस.सी.एन/2017/62 दिनांक 13.01.2017 द्वारा कार्यालय सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक भोपाल में पदस्थ एक फार्मासिस्ट के विरूद्ध अनुशासनात्क कार्यवाही हेतु कारण बताओ नोटिस जारी कर पन्द्रह दिवस के अंदर प्रतिवाद उत्तर देने हेतु निर्देशित किया गया है? (ख) क्या उपरोक्त प्रकरण में जाँच उपरांत जाँच प्रतिवेदन अनुसार जाँच अधिकारी द्वारा उक्त फार्मासिस्ट द्वारा शासकीय सेवा के साथ-साथ बी.फार्मा की उपाधि हेतु नियमित रूप में अध्ययन करना सही पाया गया है? (ग) उपरोक्त अनुसार उक्त फार्मासिस्ट द्वारा अवैध रूप से प्राप्त बी.फार्मा डिग्री को निरस्त कर रजिस्ट्रार बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय भोपाल को प्रश्न दिनांक तक सूचित क्यों नहीं किया गया? (घ) क्या शासन/विभाग उपरोक्त प्रकरण में कदाचरण के लिए दोषी फार्मासिस्ट श्री अम्बाराम को तत्काल निलंबित करते हुए उक्त अवधि में इनको किये गये वेतन भुगतान की वसूली की कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो किस विधि संगत कारणों से?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार जाँचकर्ता अधिकारी से प्राप्त जाँच प्रतिवेदन के आधार पर श्री अंबाराम चैहान फार्मासिस्ट को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुये प्रतिवाद उत्तर चाहा गया जिसका प्रतिवाद उत्तर अपचारी कर्मचारी से संचालनालय को अप्राप्त है। प्रतिवाद उत्तर प्राप्त होने पर प्रकरण का परीक्षण किये जाने के पश्चात्, उक्त प्रकरण में संबंधित के विरूद्ध नियमानुसार आगामी आवश्यक कार्यवाही शीघ्र की जावेगी। (घ) प्रश्नांश '' ग '' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय अस्पतालों में निःशुल्क दवाई वितरण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
61. ( क्र. 3205 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्वास्थ्य विभाग अन्तर्गत शासकीय अस्पतालों में निःशुल्क दवाई प्रदान की जाती है? यदि हाँ, तो इन्दौर में किन-किन अस्पतालों में निःशुल्क दवाई प्रदान की जा रही है व कौन-कौन सी दवाइयाँ निःशुल्क प्रदान की जाती है? सूची उपलब्ध करावें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार विभाग द्वारा वितरित की जाने वाले निःशुल्क दवाइयां केवल चुनिन्दा शासकीय अस्पतालों में ही वितरित की जाती है? यदि हाँ, तो समस्त शासकीय अस्पतालों से निःशुल्क दवाई वितरण हेतु शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? स्पष्ट करें।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। इंदौर में जिले की अधीनस्थ समस्त चिकित्सालय संस्थाओं जैसे सिविल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, उप स्वास्थ्य केन्द्र, शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र चिकित्सा संस्था एवं सिविल डिस्पेंसरी में निःशुल्क दवाई प्रदान की जाती है। शासकीय अस्पतालों में निःशुल्क प्रदाय की जाने वाली न्यूनतम आवश्यक दवा सूची एवं आवश्यक दवा सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा वितरित की जाने वाले निःशुल्क दवाइयां सभी शासकीय अस्पतालों में वितरित जाती हैं शासन द्वारा इस संबंध में सरदार वल्लभ भाई पटेल निःशुल्क दवा वितरण योजना प्रारंभ की गई है। जिसके अंतर्गत शासकीय अस्पताल में दवा वितरण केन्द्रों से निःशुल्क दवा वितरण किया जाता है।
अनुमति जारी करना
[स्कूल शिक्षा]
62. ( क्र. 3241 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अपर मुख्य सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा,सचिव म.प्र. लोक सेवा आयोग, इन्दौर को प्रेषित अर्द्धशासकीय पत्र क्रमांक/610/एफ 13/7/2013/20-1, भोपाल दिनांक 03.04.2014 एवं स्मरण पत्र दिनांक 08.05.2014 म.प्र. लोक सेवा आयोग कार्यालय को किस दिनांक को प्राप्त हुआ पत्र की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि हाँ, उक्त पत्र के क्रम में चाही गई अनुमति जारी कर दी गई है या नहीं? यदि हाँ, तो अनुमति पत्र की प्रति उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो कारण देवें? कब तक अनुमति जारी कर दी जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार। (ख) जी नहीं। म.प्र. लोक सेवा आयोग से अनुमति प्राप्त नहीं हुई पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो पर है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन भूमि पर शासकीय परियोजनाओं हेतु अनुमति
[आदिम जाति कल्याण]
63. ( क्र. 3247 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2008 से लागू वन अधिकार कानून 2006 के अनुसार वन भूमि पर शासकीय अर्द्धशासकीय एवं निजी परियोजनाओं के लिए अनुमति दिए जाने के पूर्व किन-किन कार्यवाहियों के क्या प्रावधान, आदेश एवं निर्देश हैं, प्रति सहित बतावे? (ख) ग्राम सभा के कितने सदस्यों में से कितने सदस्यों की उपस्थिति में प्रस्ताव किए जाने पर प्रमाण पत्र दिए जाने का प्रावधान है? यदि ग्राम सभा में न्यूनतम गणपूर्ति नहीं हुई हो तो उस ग्रामसभा के प्रस्ताव के आधार पर अनुमति या प्रमाण पत्र दिए जाने का किसे अधिकार दिया गया है? (ग) वन अधिकार कानून के अनुसार प्रश्नांकित दिनांक तक बासौदा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कितनी वन भूमि के लिए शासकीय, अर्द्धशासकीय एवं निजी परियोजनाओं के लिए प्रमाण पत्र जारी किए हैं? (घ) इनमें से कितनी अनुमति या प्रमाण पत्र ग्रामसभा को न्यूनतम गणपूर्ति के बिना ही लिए गए प्रस्तावों के आधार पर दी गई है? ऐसा किन प्रावधानों के तहत किया गया है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) प्रश्नांश अंतर्गत विकासशील परियोजनाओं के लिये वन भूमि के व्यपवर्तन संबंधी अधिनियम की धारा 3 (2) के प्रावधान एवं व्यपवर्तन की प्रक्रिया संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक एवं दो अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -दो में वर्णित अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) तथा (घ) प्रश्नांश अन्तर्गत कोई प्रमाण-पत्र जारी नहीं किया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वनग्रामों का राजस्व बनाया जाना
[आदिम जाति कल्याण]
64. ( क्र. 3248 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2008 से लागू वन अधिकार कानून 2006 में वन ग्रामों के संबंध में क्या प्रावधान दिया है, राज्य के 925 वनग्रामों में से किस वन ग्राम को प्रश्नांकित दिनांक तक राजस्व ग्राम बना दिया गया है? (ख) 925 वन ग्रामों में से किस वन ग्राम के पटवारी मानचित्र, खसरा पंजी एवं निस्तार पत्रक वन विभाग के पास उपलब्ध है, किस वनग्राम का पटवारी मानचित्र, खसरा पंजी एवं निस्तार पत्रक राजस्व विभाग के पास उपलब्ध है इनमें से किस-किस की प्रति प्रश्नांकित दिनांक तक भी जिला स्तरीय वनाधिकार समिति को उपलब्ध नहीं करवाई जा सकी है? (ग) किस वनग्राम में कितने पट्टेधारियों को कितनी भूमि एवं कितने अतिक्रमणकारियों को कितनी भूमि के वन अधिकार पत्र मान्य किए एवं अमान्य किए? आदिवासी एवं गैर आदिवासी की पृथक-पृथक जानकारी दें। (घ) वन विभाग से पटवारी मानचित्र, निस्तार पत्रक एवं खसरा पंजी की प्रति प्राप्त कर राजस्व विभाग एवं संबंधित सचिव, सरपंच को उपलब्ध करवाए जाने के संबंध में क्या कार्यवाही की जा रही है कब तक की जावेगी?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) प्रश्नांश अंतर्गत अधिनियम की धारा 2 (च) एवं 3 (ज) के प्रावधान पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। प्रदेश के किसी वनग्राम को राजस्व ग्राम नहीं बनाया गया है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। (घ) प्रदेश में वनग्रामों को राजस्व ग्रामों में परिवर्तन की कार्यवाही नहीं होने से राजस्व विभाग को अभिलेख उपलब्ध कराने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। वन अधिकारों के दावों की मान्यता के लिये वन ग्राम से संबंधित अभिलेखों की प्रतियां संबंधित ग्राम पंचायत/ग्राम सभाओं द्वारा मांगे जाने पर उपलब्ध कराई जाती है।
नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
65. ( क्र. 3262 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र टिमरनी के तहसील रहटगांव एवं सिराली अन्तर्गत कौन-कौन से वनग्रामों में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र है? की विस्तृत जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वनग्रामों से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की दूरी कितनी कि.मी. पर है? क्या महिलाओं की एवं शिशुओं की प्रसव हेतु प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तक जाते समय मृत्यु हुई है? यदि हाँ, तो जानकारी उपल्बध करावें? (ग) प्रश्नांश (ख) संदर्भ में समस्या समाधान हेतु नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोलने के लिये शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (ग) संदर्भ में विगत 5 वर्षों से प्रश्न दिनांक तक कितने प्रसूती महिलाओं एवं शिशुओं की मृत्यु हुई है नामवार, ग्रामवार सूची उपलब्ध करायें?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) विधानसभा क्षेत्र टिमरनी के तहसील रहटगांव एवं सिराली अंतर्गत वनग्रामों में कोई प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) वनग्रामों से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र रेहटगांव की दूरी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी हरदा से वनग्रामों के क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोलने हेतु प्रस्ताव मंगाकर परीक्षण उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (घ) गत पाँच वर्षों में वनग्रामों अंतर्गत प्रसूता महिलाओं व शिशुओं की मृत्यु की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
स्वीकृत/रिक्त पदों की जानकारी
[आदिम जाति कल्याण]
66. ( क्र. 3291 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में आ.जा. कल्याण विभाग अंतर्गत संचालित कार्यालयों एवं शैक्षणिक संस्थाओं में लिपिक वर्ग एवं शिक्षकों के रिक्त पदों की जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) सिवनी जिले में आ.जा. कल्याण विभाग में अनुकंपा नियुक्ति के कितने प्रकरण लंबित है? सूची उपलब्ध करावें। (ग) लंबित अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों पर कब तक पदों की पूर्ति की जावेगी?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरणों पर रिक्त पदों की उपलब्धता के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। यह एक निरन्तर प्रक्रिया है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
स्वीकृत उप स्वास्थ्य केन्द्र भवन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
67. ( क्र. 3312 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में कितने स्वास्थ्य केन्द्रों के भवन विभाग द्वारा स्वीकृत किये गये थे? (ख) नरयावली विधानसभा क्षेत्र में स्थित उप स्वास्थ्य केन्द्रों के भवन वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में स्वीकृति उपरांत किस कार्य एजेंसी द्वारा निर्मित किये जाने/निर्माण किये जा चुके है कि लागत कार्य एजेंसी का नाम एवं कार्य की समयावधि सहित जानकारी देवें? (ग) यदि उक्त उप स्वास्थ्य केन्द्र भवन कार्य एजेंसियों द्वारा निर्माण किये जा चुके हैं/निर्माण नहीं किये गये हैं तो विभाग द्वारा उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जा रही है? (घ) उप स्वास्थ्य केन्द्र भवन निर्माण उपरांत यदि विभाग ने अपने स्वामित्व में/पजेशन में नहीं लिये है तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है? उप स्वास्थ्य केन्द्र भवन में स्वास्थ्य केन्द्र संचालित होंगे?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) प्रश्नावधि में 17 स्वास्थ्य केन्द्रों के भवन विभाग द्वारा स्वीकृत किये गये। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित जानकारी अनुसार उपस्वास्थ्य केन्द्र पडरिया के भवन का निर्माण कार्य पूर्ण किया जा चुका है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) पडरिया उपस्वास्थ्य केन्द्र भवन का हस्तांतरण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। जी हाँ।
समयमान वेतनमान एवं क्रमोन्नति का लाभ देना
[स्कूल शिक्षा]
68. ( क्र. 3359 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिला अंतर्गत स्कूल शिक्षा विभाग में कितने मीनियलों की नियुक्ति की गई थी? स्कूल शिक्षा विभाग में नियमित वेतनमान 2550-3200 एवं परिवर्तित वेतन 4440-7440 में कार्यरत सभी मीनियलों को चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी का दर्जा जिला शिक्षा अधिकारी जिला रीवा के आदेश क्रमांक/स्था.3/च.श्रेणी/2012/189 दिनांक 10/12/2012 के आदेश द्वारा माना गया? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो संबंधित कर्मचारियों के संबंध में उपसंचालक शिक्षा शहडोल द्वारा मध्यप्रदेश शासन कार्मिक, प्रशासनिक, सुधार एवं प्रशिक्षण विभाग वेतन आयोग प्रकोष्ठ के क्रमांक/6/188/1/के अप्रा./89 भोपाल दिनांक 09/01/1990 के अनुक्रम में आकस्मिक वेतन पाने वाले कर्मचारियों (मीनियलों) को नियमित स्थापना में वेतनमान 750-945 के साथ नियमित किये जाने का आदेश क्रमांक 1778, दिनांक 20/12/1994 के माध्यम से दिया गया? (ग) प्रश्नांश (क) के विद्यालय में कार्यरत मिनियलों को जिला शिक्षा अधिकारी रीवा एवं प्रश्नांश (ख) के आदेशानुसार नियमित वेतनमान का लाभ संबंधित मिनियलों को प्रदान किया जा रहा है? किया जा रहा है तो कब से? सेवानिवृत्त हो चुके मिनियलों के रिक्त पद पर नियमित वेतनमान पर कर्मचारियों की नियुक्ति उपरान्त नियमित वेतन दिया जा रहा है, यदि हाँ, तो क्यों? (घ) यदि प्रश्नांश (क) के मिनियलों को शासन से मिलने वाली नियमित कर्मचारियों की तरह सुविधाएं, पदोन्नति, क्रमोन्नति के लाभ से लाभान्वित किया गया, जबकि नियमित चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की भांति इनको भी क्रमोन्नति का लाभ मिलना चाहिये? (ड.) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के अनुक्रम में मिनियलों को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की भांति मिलने वाली सुविधाएं पदोन्नति एवं क्रमोन्नति का लाभ समय-समय पर जारी आदेशों के बाद भी न देने के लिए दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगे, बतावें? साथ ही मिलने वाला लाभ कब से संबंधितों को दिलावेंगे, तो कब से?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) रीवा जिलातंर्गत स्कूल शिक्षा विभाग में 258 मीनियलों की नियुक्ति की गई थी। जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। दिनांक 01.01.1991 से 750-945 में नियमित किया जाकर नियमित वेतनमान का लाभ उक्त दिनांक से दिया जा रहा है। जी हाँ, सेवानिवृत्त उपरान्त उपरोक्त रिक्त पदों पर विशेष भर्ती अभियान वर्ष 2003 के नियुक्त मीनियलों की नियुक्ति उपरांत नियुक्ति दिनांक से नियमित वेतनमान दिया जा रहा है। तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी जिला रीवा द्वारा आदेश क्र./स्था./3/4 /भृत्य/मी./नियु./वि.भ.अभि./03/450-451 दिनांक 24.07.2003 के द्वारा नियमित मीनियल/भृत्य के पद पर नियुक्ति की गई थी। (घ) मीनियलों को पदोन्नति दिए जाने का कोई प्रावधान नहीं है। मध्यप्रदेश शासन वित्त विभाग के परिपत्र दिनांक 21.09.2016 द्वारा समयमान के निर्देश जारी किए गए है। (ड.) प्रकरण की जाँच कराकर गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जाएगी।
अनुकम्पा नियुक्ति एवं अनुग्रह राशि
[स्कूल शिक्षा]
69. ( क्र. 3360 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा प्रश्नोत्तरी दिनांक 09 दिसम्बर 2016 में मुद्रित अता.प्रश्न संख्या 182 (क्र.2017) के परिप्रेक्ष्य में संभागीय संयुक्त संचालक रीवा द्वारा प्रदत्त जाँच प्रतिवेदन में अधिकारियों को दोषी नहीं बताया गया, जाँच प्रतिवेदन अस्पष्ट एवं दोषपूर्ण देने के लिए जाँच अधिकारी पर क्या-क्या कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे? संयुक्त संचालक लोक शिक्षण संभाग रीवा से हटकर किस वरिष्ठ अधिकारी द्वारा प्रकरण की जाँच करायी जा रही है? जाँच अधिकारी द्वारा जाँच पूर्ण कर ली गई हो तो जाँच की प्रति देते हुए बतावें कि कौन-कौन दोषी है? अगर जाँच पूरी नहीं की गई, तो संबंधित जाँच अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे, बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जाँच प्रतिवेदन के आधार पर दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगे? मृतक के परिवार के सदस्य/परिजनों को अनुकम्पा नियुक्ति तथा अनुग्रह राशि ब्याज सहित संबंधितों को दिलावेंगे? यदि हाँ, तो कब तक, अगर नहीं तो क्यों? बतावें कि अनुकम्पा नियुक्ति समय पर संबंधितों के परिजनों को न देने से हुए आर्थिक क्षति की पूर्ति किस तरह करायेंगे? जाँच प्रतिवेदन के आधार पर दोषियों पर क्या कार्यवाही प्रस्तावित की गई?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जाँच पूर्ण होने पर नियमानुसार कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी। प्रकरण की जाँच संभागीय संयुक्त संचालक लोक शिक्षण जबलपुर द्वारा कराई जा रही है। संचालनालय के पत्र क्रमांक 343 दिनांक 22.02.17 द्वारा जाँच प्रतिवेदन शीघ्र उपलब्ध करने के निर्देश दिये गये है। गुण-दोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (ख) जाँच प्रतिवेदन के प्राप्त होने के उपरांत गुण-दोष के आधार पर दोषियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी।
अल्पसंख्यक वर्ग के उत्थान हेतु योजना
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
70. ( क्र. 3366 ) श्री आरिफ अकील : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शासन अल्पसंख्यक क्षेत्रों के लिये, अल्पसंख्यकों की शिक्षा, आर्थिक एवं सामाजिक विकास के लिये सच्चर कमेटी की सिफारिशें लागू करेगा, जिससे अल्पसंख्यकों की शिक्षा, आर्थिक एवं सामाजिक विकास में जो कमी आई है उन्हें पूरा करने के प्रयास किये जा सकें। (ख) यदि नहीं, तो क्या अन्य कोई घोषणा करेंगे जिससे अल्पसंख्यकों की शिक्षा, आर्थिक पुनर्वास एवं सामाजिक विकास में आयी कमी को दूर किया जा सके।
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) सच्चर कमेटी का गठन भारत सरकार द्वारा किया गया था तथा सच्चर कमेटी की अनुशंसाओं के संबंध में भारत सरकार द्वारा स्वीकृत की गई योजनाओं/कार्यक्रमों का संचालन राज्य शासन द्वारा किया जा रहा है। (ख) प्रश्नांश (क) भाग के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
एक्स-रे मशीन तथा एनेस्थीसिया मशीन की स्थापना
[चिकित्सा शिक्षा]
71. ( क्र. 3384 ) श्री गिरीश गौतम : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या एस.एस. मेडिकल कालेज एण्ड एस.जी.एम. हॉस्पिटल रीवा में एक्स-रे मशीन 7.00 M.A. 2002 खरीदी गयी जो अस्पताल में रखी है? क्या एक्स-रे मशीन की स्थापना जान बूझकर नहीं की जा रही है एवं मरीजों को प्रायवेट पैथोलाजी में एक्स-रे के लिए कहा जाता है? (ख) क्या एस.एस. मेडिकल कालेज एण्ड एस.जी.एम. हॉस्पिटल रीवा में एनेस्थीसिया मशीन को भी अभी तक नहीं लगाया है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में वर्णित दोनों मशीनें कब खरीदी गयी एवं स्थापित क्यों नहीं की गयी? इसके लिए कौन जिम्मेवार है? जिम्मेवार कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी तथा एक्स-रे मशीन कब तक स्थापित कर मरीजों का एक्स-रे अस्पताल में शुरू कर दिया जायेगा?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( एडवोकेट शरद जैन ) : (क) जी हाँ। एक्स-रे मशीन 2002 में नहीं वर्ष 2000 में क्रय की गई थी। जी नहीं। एक्स-रे मशीन स्थापित की गई थी, परन्तु वर्तमान में खराब है। अन्य उपलब्ध एक्स-रे मशीन से प्रतिदिन लगभग 200 मरीजों के एक्स-रे किये जाते है। किसी भी मरीज को एक्स-रे के लिये प्रायवेट में नहीं भेजा जाता है। (ख) जी नहीं। (ग) उत्तरांश (क) एवं ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शैक्षणिक स्तर में गिरावट
[स्कूल शिक्षा]
72. ( क्र. 3437 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत शैक्षणिक स्तर गिरता ही जा रहा है और स्तर को बनाये रखने के लिए बोर्ड परीक्षाओं का रिजल्ट अच्छा दिखे इसलिये ऐसे विद्यार्थी जो बोर्ड परीक्षा में पास नहीं हो सकते हैं या रिजल्ट को प्रभावित कर सकते हैं, उन्हें स्कूल में उपस्थिति के प्रतिशत के आधार पर प्रायवेट कर दिया जाता है? (ख) यदि नहीं, तो बतावें कि सागर जिले में वर्ष 2017 की हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी बोर्ड परीक्षा में हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों में जनवरी 2016 की स्थिति में कुल कितने-कितने विद्यार्थी दर्ज थे? इनमें से कितने-कितने विद्यार्थी हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी बोर्ड परीक्षा में सम्मिलित हुये तथा कितने नियमित विद्यार्थियों को कम उपस्थिति के कारण नियमित छात्र के स्थापन पर प्रायवेट तौर से सम्मिलित होने वाले विद्यार्थियों की हैसियत से परीक्षा फार्म भरवाया गया था? क्या इस वर्ष 2017 की बोर्ड परीक्षाओं में भी यही नियम लागू है? (ग) हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी बोर्ड परीक्षा 2016 का शालावार रिजल्ट बताते हुये जिले से सम्मिलित हुये स्वाध्यायी विद्यार्थियों का बोर्ड परीक्षाओं का परीक्षाफल भी बतावें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। मण्डल विनियम अनुसार मण्डल की परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए नियमित छात्र की न्यूनतम उपस्थिति 75 प्रतिशत अनिवार्य है। छात्र की 75 प्रतिशत से कम उपस्थिति होने पर मण्डल विनियम अनुसार विभिन्न प्राधिकारी द्वारा 10 प्रतिशत की छूट दिए जाने का प्रावधान है। इसके अतिरिक्त मध्यप्रदेश में राज्य/राष्ट्रीय/ अंतर्राष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिताओं में महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करने वाले छात्र/छात्राओं को बोर्ड परीक्षाओं में 60 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य है। (ख) जनवरी 2016 में सागर जिला अंतर्गत हाई स्कूल में 27898 छात्र एवं हायर सेकेण्डरी में 14767 छात्र दर्ज थे। 27597 छात्र हाईस्कूल एवं 14390 छात्र हायर सेकेण्डरी की परीक्षा में सम्मिलित हुए जिसमें से विद्यार्थियों की 75 प्रतिशत से कम उपस्थिति के कारण हाई स्कूल के 7566 एवं हायर सेकेण्डरी के 1139 छात्रों के द्वारा स्वाध्यायी परीक्षार्थी के रूप में फार्म भरे गये। जी हाँ। (ग) हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी बोर्ड परीक्षा 2016 का रिजल्ट शालावार एवं उन छात्रों को परीक्षा परिणाम जो स्वाध्यायी रूप से परीक्षा में सम्मिलित हुये थे उसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
अध्यापन कार्य से मुक्त शिक्षक
[स्कूल शिक्षा]
73. ( क्र. 3438 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर संभाग अंतर्गत अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग संवर्ग के बच्चों के स्थायी जाति प्रमाण पत्र बनवाये जाने हेतु कितने और किस-किस विद्यालय के शिक्षक अध्यापन कार्य से मुक्त होकर लम्बे समय से यथा जनपद, तहसील एवं अनुभाग स्तर पर उक्त कार्य में सलग्न हैं और क्या चुनाव संबंधी कार्य को लेकर भी बहुत से शिक्षक चुनाव कार्यालयों में, कलेक्टर कार्यालयों में भी आसंजित हैं? (ख) यदि हाँ, तो शिक्षकों के उक्त कार्यालयों में आसंजित रहने से कहाँ-कहाँ किस विद्यालय का अध्यापन कार्य प्रभावित हो रहा हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार जहाँ-जहाँ अध्यापन कार्य प्रभावित हो रहा है उसकी प्रतिपूर्ति के लिये संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग सागर के द्वारा क्या व्यवस्था की गयी है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश ’क’ के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश ’क’ के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
अधिकारियों/कर्मचारियों का तबादला
[आयुष]
74. ( क्र. 3448 ) श्री रामनिवास रावत : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संचालनालय आयुष द्वारा दिसम्बर 2015 एवं जनवरी 2016 में तबादलों में प्रतिबंध के दौरान अधिकारियों, कर्मचारियों के तबादले किए गए थे? यदि हाँ, तो क्या इन तबादलों के लिए सक्षम स्तर से अनुमोदन प्राप्त किया गया था? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या अनाधिकृत किए गए तबादलों की जानकारी तत्कालीन प्रमुख सचिव, आयुष विभाग के संज्ञान में आई थी? यदि हाँ, तो कब और उक्त अनियमितताओं के संबंधित दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या शासकीय कर्मियों के स्वैच्छिक तबादले उनकी मांग के आधार पर ही किए जाते हैं? यदि हाँ, तो क्या संचालनालय की स्थापना शाखा के ओ.एस.डी. द्वारा अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए अपने स्वयं के हस्ताक्षर से ऐसे कर्मचारियों के भी स्वैच्छिक तबादले कर दिए गए जिन्होंने तबादले मांगे ही नहीं थे? क्या इस तरह के नियम विरूद्ध किए गए तबादलों के विरूद्ध कतिपय कर्मचारियों के द्वारा हाईकोर्ट में याचिकायें भी दायर की गई है? (घ) यदि हाँ, तो नियम विरूद्ध किए गए स्वैच्छिक तबादले करने वाले अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। उत्तरांश (क) के संदर्भ में जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
छात्राओं को साइकिल मेंटनेंस के लिए दी गई राशि
[आदिम जाति कल्याण]
75. ( क्र. 3473 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छात्राओं को साइकिल मेंटनेंस के लिए किस-किस जिले को वर्ष 2013-14, 2014-15 व 2015-16 में कितनी-कितनी राशि आवंटित की वर्षवार, जिलावार व आंवटित राशिवार बताएं? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत कितनी-कितनी छात्राओं के खाते में राशि ट्रांसफर की गई? कितनी छात्राओं को प्रश्न दिनांक तक ट्रांसफर नहीं की गई है वर्षवार, जिलावार आवंटित राशिवार जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत शतप्रतिशत राशि ट्रांसफर न होने के लिए कौन जिम्मेदार है? क्या उन पर कोई कार्यवाही होगी? यदि हाँ, तो क्या और कब?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) आवंटित राशि का वर्षवार जिलेवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) छात्राओं के खाते में हस्तांतरित राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। पात्रता अनुसार शतप्रतिशत राशि ट्रांसफर की गई। (ग) प्रश्नांश (क) में आवंटित राशि अनुमानित आवंटन जारी किया जाता है। प्रश्नांश (ख) में वास्तविक संख्या/पात्रता स्वीकृति उपरान्त राशि ट्रांसफर की जाती है। अत: ''क'' एवं ''ख'' के संदर्भ में कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पी.टी.आई. की नियुक्ति के संबंध में
[स्कूल शिक्षा]
76. ( क्र. 3498 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के अधिकांश प्राथमिक हाई स्कूल, हायर सेकेण्ड्री एवं मॉडल विद्यालयों में व्यायाम शिक्षकों (पी.टी.आई.) के पद रिक्त होने के बावजूद भी इन रिक्त पदों पर नियमित भर्ती शासन द्वारा नहीं की गई और न ही वर्तमान में की जा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में यदि हाँ, तो सम्पूर्ण प्रदेश में खेल शिक्षकों की कमी के कारण छात्र एवं छात्राएं खेल प्रशिक्षण से वंचित है व खेलों का स्तर दिन-प्रतिदिन गिरता जा रहा है? जिस कारण प्रदेश के छात्र राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में उचित स्थान प्राप्त नहीं कर पा रहे है? क्या शीघ्र पी.टी.आई. की नियुक्ति करेंगे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) व्यायाम शिक्षक के पद केवल हायर सेकेण्डरी स्कूल के लिए स्वीकृत है। संविदा शाला शिक्षक श्रेणी-3 (व्यायाम शिक्षक) के सीधी भर्ती अनुसार रिक्त पदों की पूर्ति के लिए संविदा शाला शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित करने की कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) जी नहीं। जी नहीं। शेषांश प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार।
बिना पद के पदस्थापना
[आयुष]
77. ( क्र. 3499 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 04.03.2015 को शासन द्वारा 17 आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारियों को पदोन्नति उपरांत विशेषज्ञ आयुर्वेद के पद पर जनकल्याण के लिये शासकीय आयुर्वेदिक जिला चिकित्सालयों में की गई थी? (ख) क्या आयुर्वेद विशेषज्ञ के पद पर पदस्थ अधिकारियों को प्रशासकीय पदों पर पदस्थ किया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? क्या नियम विरूद्ध पदस्थापना शासन द्वारा समाप्त की जावेगी? इसके लिये कौन उत्तरदायी है? उत्तरदायी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या संभागीय आयुष अधिकारी कार्यालय रीवा में मुख्य लिपिक का पद स्वीकृत है? यदि नहीं, तो किसके ओदश से उक्त कार्यालय में मुख्य लिपिक कार्य कर रहे है? (घ) प्रश्नांश (ग) के प्रकाश में संभागीय अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी एवं संबंधित लिपिकों को वहां से हटाया जावेगा? इन सब के लिए कौन जिम्मेदार है?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) समस्त विशेषज्ञों की नहीं। (ख) जी हाँ। प्रशासकीय कार्य व्यवस्था की दृष्टि से। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। संचालनालय आयुष के। (घ) उत्तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। स्थानान्तरण एवं पदस्थापना एक सतत् प्रशासकीय व्यवस्था है।
थम्ब इम्प्रेशन मशीन से उपस्थिति दर्ज करना
[चिकित्सा शिक्षा]
78. ( क्र. 3570 ) श्री राजेश सोनकर : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर में स्थित महाराजा यशवंत राव होल्कर अस्पताल में चिकित्सकों/ कर्मचारियों की उपस्थिति दर्ज करने के लिए थम्ब इम्प्रेशन मशीन की स्थापना की जा चुकी है एवं क्या उपस्थिति थम्ब इम्प्रेशन मशीन द्वारा ही दर्ज कराई जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो थम्ब इम्प्रेशन मशीन किस दिनांक से स्थापित की गई है एवं किस-किस श्रेणी तक के कर्मचारियों की उपस्थिति थम्ब इम्प्रेशन मशीन द्वारा दर्ज कराई जा रही है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या प्रथम श्रेणी एवं द्वितीय श्रेणी के चिकित्सकों की उपस्थिति भी थम्ब इम्प्रेशन मशीन से दर्ज की जा रही है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में यदि नहीं, तो क्या प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी के चिकित्सकों की भी उपस्थिति थम्ब इम्प्रेशन मशीन से दर्ज करने की योजना है? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( एडवोकेट शरद जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) थम्ब इम्प्रेशन मशीन दिनांक 08 जुलाई, 2016 से स्थापित की गई हैं एवं सभी श्रेणी के कर्मचारियों की उपस्थिति थम्ब इम्प्रेशन मशीन द्वारा दर्ज करवाई जा रही हैं। (ग) जी हाँ। (घ) उत्तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मेडिकल कॉलेजों द्वारा प्रेक्टिकल परीक्षा के परिणाम समय पर घोषित न करना
[चिकित्सा शिक्षा]
79. ( क्र. 3576 ) श्री राजेश सोनकर : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर जिला अन्तर्गत मेडिकल कॉलेजों द्वारा प्रैक्टिकल परीक्षा आयोजित करने एवं परिणाम घोषित करने हेतु समय निर्धारित/तय किया जाता है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि हाँ, तो निर्धारित/तय समय अनुसार प्रैक्टिकल परीक्षा आयोजित न करने अथवा परिणाम घोषित न करने की कोई शिकायत प्राप्त हुई है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में मेडिकल कॉलेजों द्वारा निर्धारित समय पर प्रैक्टिकल परीक्षा के परीक्षा समय पर घोषित नहीं किये जाने के कारण कितने छात्र-छात्राएं प्रभावित हुये? परीक्षा परिणाम समय पर घोषित नहीं करने के क्या कारण हैं एवं इस प्रकार की देरी के लिये कौन-कौन जिम्मेदार है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में यूनिवर्सिटी द्वारा छात्र हित में क्या कार्यवाही की गई? क्या यूनिवर्सिटी द्वारा कॉलेज प्रबंधन एवं जिम्मेदारों पर कोई दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( एडवोकेट शरद जैन ) : (क) इन्दौर जिला के अन्तर्गत मेडिकल कॉलेजों में प्रैक्टिकल परीक्षा का आयोजन करने हेतु समय निर्धारण विश्वविद्यालय से सामंजस स्थापित कर तय किया जाता है। प्रैक्टिकल परीक्षा का परिणाम कॉलेज द्वारा विश्वविद्यालय को भेजा जाता है। परिणाम घोषित करने का कार्य विश्वविद्यालय द्वारा किया जाता है। (ख) जी नहीं। (ग) इण्डेक्स मेडिकल कॉलेज द्वारा प्रैक्टिकल के प्राप्तांक विश्वविद्यालय को समय पर नहीं प्रस्तुत करने के कारण उक्त संस्था का परीक्षा परिणाम विलम्ब से घोषित किया गया है। इस सम्बन्ध में इण्डेक्स मेडिकल कॉलेज, इन्दौर जिम्मेदार है। (घ) विश्वविद्यालय स्तर से इण्डेक्स मेडिकल कॉलेज, इन्दौर के प्रबंधन को नोटिस दिया गया है। नोटिस का जवाब प्राप्त होने पर नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जावेगी।
नर्सिंग होम्स का नवीनीकरण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
80. ( क्र. 3582 ) श्री राजेश सोनकर : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर जिला अन्तर्गत नर्सिंग होम्स का नवीनीकरण करने के संबंध में नवीनीकरण प्रमाण पत्र किन-किन नियमों/शर्तों के अन्तर्गत दिया जाता है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में इन्दौर जिला अन्तर्गत पिछले 03 वर्षों में कितने नर्सिंग होम्स को नवीनीकरण प्रमाण पत्र प्रदाय किया गया है व किस विभाग/अधिकारी द्वारा कब-कब प्रदाय किये गये? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में नवीनीकरण प्रमाण पत्र जारी करने के पूर्व किन-किन नर्सिंग होम्स की जाँच की गई एवं किन-किन अधिकारियों द्वारा की गई? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में क्या किसी नर्सिंग होम में अनियमितता पाई गई थी? यदि हाँ, तो अनियमितता करने वाले नर्सिंग होम पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) म.प्र. उपचर्यागृह तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनायें (रजिस्ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन) अधिनियम 1973 के अनुसार नवीनीकरण प्रमाण-पत्र जारी किये जाते है। (ख) विगत तीन वर्षों में नवीनीकरण पंजीयन निम्नानुसार है- वर्ष 2014-15 में 66 वर्ष 2015-16 में 57 एवं वर्ष 2016 से 15/02/2015 तक 35 नर्सिंग होम का नवीनीकरण किया गया। नर्सिंग होम नवीनीकरण का पंजीकरण स्वास्थ्य विभाग के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला इन्दौर द्वारा जारी किये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
एम.वाय. चिकित्सालय इंदौर का लेखा संपरीक्षा (आडिट)
[चिकित्सा शिक्षा]
81. ( क्र. 3583 ) श्री राजेश सोनकर : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या एम.वाय. चिकित्सालय इंदौर में वित्त वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक लेखा संपरीक्षा किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वर्षवार संपरीक्षा प्रतिवेदनों से अवगत करावें? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में संपरीक्षा अधिकारियों द्वारा कोई आपत्ति ली गई थी किन-किन वर्षों में आपत्ति ली गई वर्षवार क्या-क्या आपत्ति ली गयी?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( एडवोकेट शरद जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
वाहनों पर व्यय राशि
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
82. ( क्र. 3645 ) श्री रामपाल सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के जिला चिकित्सालय में विभिन्न कार्यों हेतु वाहन की व्यवस्था है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो कितने वाहन किन-किन कार्यों हेतु लगाये गये हैं? कितने शासकीय वाहन तथा कितने किराये के वाहन चिकित्सालय में उपलब्ध हैं? (ग) वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक उक्त वाहनों का उपयोग कहाँ-कहाँ किया गया तथा उक्त अवधि में वाहनों में होने वाले व्यय की जानकारी उपलब्ध करायी जावे।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) कुल 9 वाहन हैं, इनमें से 04 एंबुलेंस रोगियों के परिवहन हेतु, 03 जननी एक्सप्रेस गर्भवती महिलाओं के परिवहन के लिये एवं 02 दीनदयाल 108 एंबुलेंस आपातकाल में गंभीर पीडि़त मरीजों के परिवहन हेतु। इनमें से 06 वाहन शासकीय एवं 03 वाहन किराये के हैं। (ग) एंबुलेंस वाहनों का उपयोग गंभीर मरीजों को मेडीकल कॉलेज रेफर करने व इमरजेंसी चिकित्सकों को निवास से लाने-छोड़ने में, दीनदयाल 108 एंबुलेंस द्वारा मरीजों को शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों से जिला चिकित्सालय तक लाने तथा गंभीर मरीजों को मेडीकल कॉलेज जबलपुर/रीवा तक छोड़ने एवं जननी एक्सप्रेस द्वारा गर्भवती महिलाओं एवं शिशुओं को शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों से जिला चिकित्सालय तक लाने-छोड़ने हेतु उपयोग में लाई गई तथा वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में जनवरी माह तक लगभग रूपये 113.63 लाख का व्यय किया गया।
छात्रावासों में व्यय राशि
[आदिम जाति कल्याण]
83. ( क्र. 3646 ) श्री रामपाल सिंह : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले में विभाग द्वारा बालक एवं बालिका छात्रावास संचालित हैं? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो उक्त जिले में कितनें छात्रावास संचालित हैं प्रत्येक छात्रावास में कितने-कितने छात्र/छात्राएं रह रहे हैं? (ग) उक्त छात्रावासों में वर्ष २०१६ से प्रश्न दिनांक तक किस-किस कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि व्यय की गई। छात्रावासवार संपूर्ण व्यय राशि की व्ययवार जानकारी उपलब्ध करायी जावे।
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ख'' अनुसार है।
स्कूलों का उन्नयन
[स्कूल शिक्षा]
84. ( क्र. 3669 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में ऐसे कितने प्रायमरी स्कूल हैं, जिनकी एक स्कूल से दूसरे स्कूल की दूरी 1 कि.मी. है एवं बच्चों की संख्या 40 है? (ख) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में ऐसे कितने मिडिल स्कूल हैं, जिनकी एक स्कूल से दूसरे स्कूल की सीमा 3 कि.मी. से अधिक होकर 11 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों की संख्या 15 से अधिक हैं? नाम बतावें। (ग) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में ऐसे कितने हाई स्कूल हैं, जिनकी एक स्कूल से दूसरे स्कूल की सीमा 5 कि.मी. से अधिक है? (घ) बोरखेडी, आगर, खेताखेडा, रहिमगढ, लदूना, रावटी, बेटीखेडी, टकरावद, मुण्डला फौजी, ढाबला देवल, कोटडा माता, गोवर्धनपुरा, जगदी स्कूलों का कब तक नियम के तहत उन्नयन किया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में 34 प्रायमरी स्कूल है, जिनकी एक स्कूल से दूसरे स्कूल की दूरी 1 कि.मी. है एवं बच्चों की संख्या 40 है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (घ) उन्नयन निर्धारित मापदण्ड की पूर्ति बजट उपलब्धता पर निर्भर करता है।
पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक जाति वर्ग हेतु संचालित योजनाएं
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
85. ( क्र. 3670 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग हेतु प्रदेश में क्या-क्या योजनाएं संचालित की जा रही हैं? (ख) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में विगत 3 वर्षों में अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग के व्यक्तियों को क्या-क्या लाभ दिया गया है? स्थान/राशि सहित जानकारी देवें। (ग) विगत 3 वर्षों में उपरोक्त वर्गों से सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में कितने आवेदन प्राप्त हुए तथा इनका क्या कल्याण किया गया है? (घ) प्राप्त आवेदनों में से जिन्हें लाभ प्राप्त नहीं हुआ है, उनकी संख्या एवं लाभ नहीं मिलने के कारण भी बतावें।
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) विभाग अंतर्गत प्रदेश में पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण की संचालित योजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में विगत 3 वर्षों में अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग के लाभांवित हितग्राहियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) विगत 3 वर्षों में सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में प्राप्त आवेदन एवं लाभांवितों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (घ) प्राप्त आवेदनों में से जिन्हें लाभ प्राप्त नहीं हुआ, उनकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजनाओं में नियमानुसार प्रकरणों को बैंकों में स्वीकृति हेतु भेजा जाता है, बैंकों द्वारा उक्त प्रकरणों को स्वीकृत/अस्वीकृत कर विभाग के कार्यालय को सूचित किया जाता है।
अतिथि शिक्षकों के मानदेय में वृद्धि
[स्कूल शिक्षा]
86. ( क्र. 3686 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अता.प्रश्न संख्या 22 (क्रमांक 1096) दिनांक 18.12.2015 के उत्तरांश (ख) अनुसार प्रदेश में कुल 61257 अतिथि शिक्षक कार्यरत थे वर्तमान में कुल कितने अतिथि शिक्षक कार्यरत हैं एवं इन्हें कितना मानदेय दिया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अनुसार अतिथि शिक्षकों को प्रदाय मानदेय पर्याप्त हैं? यदि हाँ, तो क्या अतिथि शिक्षकों की शैक्षणिक योग्यता संविदा शाला शिक्षकों के लगभग समकक्ष नहीं है? (ग) अतिथि शिक्षकों को प्रदाय मानदेय वृद्धि हेतु एवं स्थायीकरण हेतु कोई प्रक्रिया चल रही हैं? यदि हाँ, तो क्या व कब तक मानदेय वृद्धि की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (ग) का उत्तर यदि नहीं, हैं तो क्या अतिथि शिक्षकों द्वारा समय-समय पर की जा रही मांगों एवं छात्रहित को दृष्टिगत रखते हुए स्व-प्रेरणा से मानदेय बढ़ाया जावेगा एवं अतिथि शिक्षकों को संविदा शाला शिक्षक के पदों पर नियुक्ति देने हेतु प्रभावी नीति तय की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या व कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। प्रदेश में वर्तमान में कुल 53444 अतिथि शिक्षक कार्यरत है। अतिथि शिक्षक वर्ग-1 को रूपये 180/- वर्ग-2 को रूपये 150/- वर्ग-3 को रूपये 100/- प्रति उपस्थिति दिवस मानदेय दिया जा रहा है। (ख) नियमानुसार मानदेय दिया जा रहा है। जी नहीं। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) वर्तमान में विचाराधीन नहीं है। शेषांश अतिथि शिक्षकों को संविदा शाला शिक्षक की पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने पर शिक्षण अनुभव के आधार पर अंकों के अधिभार की व्यवस्था की गई है।
जैन समाज के नागरिकों को विभाग द्वारा प्रदत्त सुविधाएं
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
87. ( क्र. 3687 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जैन धर्म/समाज को अल्पसंख्यक घोषित किया गया है? यदि हाँ, तो तद्संबंधी आदेश/निर्देश की सत्यापित प्रति प्रस्तुत करें? (ख) विभाग द्वारा अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों के लिये कौन-कौन सी योजनायें संचालित हैं या सुविधायें प्रदत्त की जाना प्रावधानित हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित योजनाओं से आगर जिला अंतर्गत आज दिनांक तक कितने हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया हैं? अल्पसंख्यक जैन समुदाय के हितग्राहियों की पृथक से सूची उपलब्ध करावें? (ग) आगर जिला अंतर्गत अल्पसंख्यक वर्ग के लिये संचालित योजनाओं/प्रदत्त सुविधाओं के प्रचार- प्रसार हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई एवं इसके संदर्भ में कितने हितग्राहियों ने आवेदन किये हैं या योजनाओं के प्रति रूचि दिखाई हैं? विगत 03 वर्ष का पूर्ण विवरण देवें?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) जी हाँ। आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा अल्पसंख्यक वर्ग हेतु मुख्यमंत्री स्वरोजगार/आर्थिक कल्याण योजना भारत सरकार की प्री-मैट्रिक, पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति एवं एम.एस.डी.पी. आदि योजनाएं संचालित है। (ग) वर्ष 2016-17 में जिले में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में 06 तथा मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना में 02 हितग्राहियों को लाभांवित किया गया है। अल्पसंख्यक जैन समुदाय के हितग्राहियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (घ) जिला स्तर पर आयोजित अंत्योदय मेला, जिला स्तरीय लोक कल्याण शिविर में स्टॉल लगाकर विभागीय योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया जाता है। जिसके संदर्भ में 10 हितग्राहियों ने आवेदन किये है। मुख्यमंत्री स्वरोजगार/आर्थिक कल्याण योजना के प्रति रूचि दिखाई गई है। विगत 03 वर्ष की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है।
प्रदेश में संचालित पोषण पुनर्वास केंद्र
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
88. ( क्र. 3696 ) श्री रामनिवास रावत : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के कुपोषित बच्चों में कुपोषण दूर करने के लिये किन-किन जिलों में कहाँ-कहाँ पर पोषण पुनर्वास केंद्र संचालित हैं? उक्त केंद्र किन-किन संस्था/व्यक्ति द्वारा संचालित किये जा रहे हैं? संस्था का नाम/संस्था के संचालकों के नाम एवं पते सहित जानकारी दें? (ख) विगत दो वर्षों में इन पोषण पुनर्वास केंन्द्रों के संचालन हेतु कितनी राशि प्रदाय की गई? प्रदाय राशि के विरुद्ध कितनी राशि व्यय की गई वर्षवार जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में उक्त अवधि में कितने बच्चों का कुपोषण दूर किया गया? साथ ही बतावें की इन पोषण पुनर्वास केन्द्रों में भर्ती बच्चों में से कितने बच्चों की मृत्यु हुई वर्षवार, कुपोषण केंद्रवार जानकारी दें? (घ) श्योपुर जिले की वीरपुर तहसील मुख्यालय पर पोषण पुनर्वास केन्द्र खोलने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा मान. मुख्यमंत्री, प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य एवं आयुक्त, स्वास्थ्य, म.प्र. शासन को लिखे गए पत्र पर क्या कार्यवाही की गई? क्या वीरपुर में पोषण पुनर्वास केंद्र खोला जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''1'' अनुसार है। (ख) पोषण पुनर्वास केन्द्रों के संचालन हेतु वर्ष 2014-15 में रूपये 18,08,20,206/- एवं वर्ष 2015-16 में रूपये 19,04,86,120/- राशि प्रदाय की गई। (ग) प्रश्नावधि में 84301 गंभीर कुपोषित बच्चों को स्वस्थ्य किया गया तथा 111 बच्चों की मृत्यु विभिन्न चिकित्सकीय जटिलताओं के कारण प्रतिवेदित हुई है। वर्षवार एवं केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''2'' अनुसार है। (घ) श्योपुर जिले की वीरपुर तहसील मुख्यालय पर पोषण पुनर्वास केन्द्र खोलने हेतु माननीय प्रश्नकर्ता द्वारा किये गये पत्राचार पर विभागीय विचार किया गया है। जी नहीं। भारत सरकार के दिशा-निर्देश अनुसार गंभीर कुपोषित बच्चों का एन.आर.सी. के माध्यम से संस्थागत प्रबंधन मेडीकल कॉलेज, जिला चिकित्सालय अथवा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर ही किया जाना है। चूंकि वीरपुर में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र संचालित है, अतएव वर्तमान स्थिति में वीरपुर में पोषण पुनर्वास केन्द्र की स्थापना संभव नहीं है परंतु वीरपुर क्षेत्र में गंभीर कुपोषित बच्चों की अधिकता को दृष्टिगत रखते हुये वर्ष 2017-18 की राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत राज्य की कार्ययोजना में 20 बिस्तरीय पोषण पुनर्वास केन्द्र, विजयपुर में अतिरिक्त 10 बिस्तरों की स्वीकृति हेतु नियोजन किया गया है।
अंबेडकर भवन निर्माण
[अनुसूचित जाति कल्याण]
89. ( क्र. 3703 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा वर्ष 2015 में ग्राम पंचायत कदवाया में अंबेडकर भवन स्वीकृत किया गया था? स्वीकृत आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) स्वीकृत अंबेडकर भवन निर्माण हेतु शासन द्वारा भूमि एवं राशि उपलब्ध कराने के बाद भी यदि उसका निर्माण प्रारंभ नहीं हुआ है तो उसका कारण बतावें एवं निर्माण एजेंसी किसे नियुक्ति किया गया है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश 'क’ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अशोकनगर जिले में सर्व शिक्षा अभियान के अंर्तगत रिक्त पदों की पूर्ति
[स्कूल शिक्षा]
90. ( क्र. 3704 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोकनगर जिले में सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत ए.पी.सी. एवं वी.आर.सी. के कितने-कितने पद स्वीकृत है और इन पदों को भरने हेतु शासन के क्या निर्देश हैं? जानकारी उपलब्ध करावे? (ख) प्रशनांश (क) अनुसार स्वीकृत पदों को प्रतिनियुक्ति से भरने के प्रावधान है? उक्त पद अशोकनगर जिले में विगत कई वर्षों से रिक्त पड़े हुये हैं। इन पदों को कब तक भरा जावेगा? (ग) जिले अशोकनगर में सर्व शिक्षा अभियान के तहत डाटा एंट्री आपरेटर के कहाँ कहाँ व कितने पद स्वीकृत है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) अशोकनगर जिले में 04 पद सहायक परियोजना समन्वयक (कम्यूनिटी मोबीलाईजेशन/ई एंड आर/बालिका शिक्षा/अकादमिक) 01 पद सहायक परियोजना समन्वयक (आई.ई.डी.) एवं 01 पद सहायक परियोजना समन्वयक, वित्त का पद स्वीकृत है। वर्तमान में सहायक परियोजना समन्वयक (कम्यूनिटी मोबीलाईजेशन/एईआर/बालिका शिक्षा) का पद रिक्त है, इनके भरने के निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। बी.आर.सी.सी. के पदों का समायोजन एरिया एजूकेशन आफिसर के स्वीकृत पदों में किया गया है। एरिया एजूकेशन आफिसर के पद की पूर्ति के लिये पुन: सीमित परीक्षा आयोजित करने की कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) जी हाँ। सहायक परियोजना समन्वयक के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। बी.आर.सी.सी. के स्थान पर ए.ई.ओ. की नियुक्ति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) जिला शिक्षा केन्द्र कार्यालय अशोकनगर में 02 पद एवं बी.आर.सी.सी. है कार्यालय अशोकनगर, मुंगावली, चन्देरी एवं ईसागढ़ में 01-01 पद डाटा एंट्री आपरेटर का पद स्वीकृत है।
छात्रावासों में अधीक्षकों को नियुक्त किये जाने के प्रावधान
[आदिम जाति कल्याण]
91. ( क्र. 3750 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले में अ.जा./अ.जा. वर्ग के कुल कितने आश्रम शालाएं छात्रावास संचालित किये जा रहे हैं छात्रावासों में अधीक्षकों को नियुक्त किये जाने के क्या प्रावधान है? नियमावली बताये। (ख) प्रश्नांकित (क) के अनुसार 2012 से जिले में पदस्थ छात्रावासों के अधीक्षकों को कब-कब, कहाँ-कहाँ पर नियुक्त किया गया है और कब-कब इन्हें हटाया गया है। हटाने के कारण क्या रहे हैं? प्रश्नांकित दिनांक तक छात्रावासवार अधीक्षकवार जानकारी देवें? (ग) जिले के छात्रावासों में मई 2014 के पश्चात् जिला संयोजक नोडल अधिकारी और विभाग के किन-किन अधिकारियों ने कब-कब निरीक्षण किया? निरीक्षण दिनांकवार बतावें। (घ) क्या जिले में ऐसे कई अधीक्षक है, जिनके खिलाफ दुष्कर्म, छेड़छाड़, आर्थिक, लापरवाही के कारणों से बच्चों की मृत्यु तक हो गई है? उन्हें जिले के अधिकारियों द्वारा अनाधिकृत रूप से अधीक्षक बनाया गया है? जिससे छात्रों के साथ-साथ आम लोगों में जन आक्रोश फैल रहा है अगर हाँ तो विभाग कब तक ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करेगा?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) देवास जिले में अनुसूचित जाति वर्ग में 06 आश्रम एवं 37 छात्रावास तथा अनुसूचित जनजाति वर्ग के 09 आश्रम एवं 15 छात्रावास संचालित किये जा रहे है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रशन उपस्थित नहीं होता।
स्वास्थ्य केन्द्र खडि़याहार के भवन का निर्माण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
92. ( क्र. 3788 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि परि.अता. प्रश्न स. 80 (क्र. 1185) दिनांक 9.12.2016 के उत्तर भाग (ख) के उत्तर में बताया गया था कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की कार्ययोजना वर्ष 2013-14 में राशि रूपये 260.00 लाख की स्वीकृति भारत शासन से प्राप्त हुई थी, परंतु निर्माण हेतु स्थान उपलब्ध न होने के कारण प्राप्त स्वीकृति का स्थान परिवर्तन किया गया वर्तमान में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खडि़याहार में नवीन भवन निर्माण हेतु प्रस्ताव प्रचलन में है तो कार्यवाही किस स्तर पर है व कब तक स्वीकृत होकर कार्य प्रारंभ कर दिया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : जी हाँ, जी हाँ। प्रस्ताव पर सक्षम समिति से अनुमोदन उपरांत प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर निविदा के माध्यम से एजेन्सी निर्धारित होने पर कार्य प्रारंभ किया जाना संभव हो सकेगा, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अध्यापक संवर्ग के अटैचमेंट
[स्कूल शिक्षा]
93. ( क्र. 3793 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा कार्यरत अध्यापक संवर्ग के अटैचमेंट हेतु शासन की क्या प्रक्रिया है प्रति उपलब्ध कराते हुए किन-किन अधिकारियों को अटैचमेंट करने के अधिकार है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जिला शिक्षाधिकारी जिला मुरैना द्वारा दिनांक 01 जनवरी 2015 से प्रश्न प्रस्तुत दिनांक तक कितने अध्यापक संवर्ग के अटैचमेंट (संलग्न) किये गये की जानकारी, नाम, पता, पद, विभाग का नाम (अटैचमेंट), अटैचमेंट आदेश दिनांक आदि सहित दी जावें। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में किये गये अटैचमेंट नियम विपरीत अथवा नियमों के अनुकूल है।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) अध्यापक संवर्ग में अटैचमेंट का नियमों में कोई प्रावधान नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के सन्दर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शिक्षा विभाग में विधि प्रभारी की नियुक्त
[स्कूल शिक्षा]
94. ( क्र. 3803 ) श्री गोपीलाल जाटव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय एवं डी.पी.सी. कार्यालय में विधि प्रभारी अधिकारी नियुक्त करने का क्या प्रावधान है? नियम तथा शासन निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या अशोकनगर जिले में शासन द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार विधि प्रकोष्ठ अधिकारी की नियुक्ति की गई है। विधि अधिकारी के पद पर पदस्थ अधिकारी का नाम, मूलपद, संस्था, शैक्षणिक योग्यता आदि की जानकारी उपलब्ध करावे? (ग) क्या अशोकनगर जिले में जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय एवं डी.पी.सी. कार्यालय में नियम विरूद्ध अपनी इच्छानुसार विधि प्रभारी अधिकारी के पद पर शासन निर्देशों की अवहेलना कर नियुक्ति की गई है? यदि हाँ, तो क्यों? (घ) क्या शासन निर्देशों के अनुसार विधि अधिकारी की नियुक्ति की जायेगी? यदि नहीं, तो क्यो नहीं? क्या शासन निर्देशों की अवहेलना करने वाले दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) प्रश्न में उल्लेखित कार्यालयों में विधि प्रभारी अधिकारी का कोई पद स्वीकृत न होने से उन्हें नियुक्त करने का कोई प्रावधान नहीं है, अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) उत्तर अनुसार पद स्वीकृत न होने से कार्य आवश्यकता को देखते हुए जिला कार्यालयों में पदस्थ अधिकारियों अथवा अन्य अधिकारी को समय-समय पर उनके मूल दायित्व के साथ-साथ कार्य सौंपा जाता है, अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) उत्तरांश 'क' एवं 'ख' के प्रकाश में जी नहीं अत: शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगरीय निकाय के अध्यापक संवर्ग की पदोन्नति में अनियमितता
[स्कूल शिक्षा]
95. ( क्र. 3804 ) श्री गोपीलाल जाटव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी, 2014 से प्रश्नांश अवधि तक अशोक नगर के नगरीय निकायों में कुल कितने अध्यापकों की पदोन्नति वरिष्ठ अध्यापक के पद पर की गई है? अशोक नगर के पदोन्नति हेतु शासन द्वारा कब-कब कितने पद स्वीकृत किये गये हैं? क्या अशोकनगर जिले में जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा पदोन्नति हेतु पद स्वीकृत किये गये हैं? क्या स्वीकृति का अधिकार जिला शिक्षा अधिकारी को हैं? (ख) 1 जनवरी, 2014 से प्रश्नांश अवधि तक पद विरूद्ध संविलियन किये गये अध्यापकों की जानकारी उपलब्ध करावें एवं उनमें से पदोन्नत किये गये अध्यापकों की जानकारी उपलब्ध करावें? क्या पद विरूद्ध संविलियन किये गये अध्यापकों को उनके मूल निकाय में पदस्थ किया जावेगा? क्या उनकी पदोन्नति निरस्त की जावेगी बतायें? (ग) क्या अशोक नगर जिले में नगरीय निकाय अंतर्गत व्याख्याता संवर्ग के पदोन्नति कोटे के रिक्त पदों को अध्यापक संवर्ग की पदोन्नति से कर दिया गया है? क्या नगरीय निकायों में बिना वरिष्ठता सूची जारी किये ही नियम विरूद्ध पद स्वीकृत कर पदोन्नति की गई है? क्या उक्त पदोन्नति की जाँच कर पदोन्नति निरस्त की जावेगी? (घ) क्या जिले के नगरीय निकायों में 06 माह में एक से अधिक बार पदोन्नति समिति की बैठक आयोजित कर नियम विरूद्ध पदोन्नति की गई है? कब-कब बैठक आयोजित की गई है? क्या पदोन्नति की इस प्रक्रिया की जाँच कराकर दोषी अधिकारी कर्मचारियों पर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जिलान्तर्गत 05 नगरीय निकायों में अध्यापक से वरिष्ठ अध्यापक के पद पर कुल 38 अध्यापकों की पदोन्नति की गई है। जानकारी एकत्रित की जा रही है। जी नहीं। जिला स्तर पर गठित समिति के माध्यम से नियमानुसार पदोन्नति हेतु पद आवंटित किये गये है। जी नहीं, स्वीकृत पदों का विषयवार आवंटन जिला स्तर से किया जाता है। (ख) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विद्यालयों के भवन निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
96. ( क्र. 3807 ) श्री गोपीलाल जाटव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अशोक नगर विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कितने शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक हायर सेकेण्डरी विद्यालयों के भवन जीर्ण-शीर्ण स्थिति में है? संख्या सहित बताये। (ख) यदि उक्त विद्यालयों के भवन जीर्ण-शीर्ण स्थिति में है तो विद्यालयों की कक्षायें वर्तमान में कहाँ लगाई जा रही हैं? (ग) क्या ग्राम खैराई के शासकीय प्राथमिक विद्यालय का भवन जर्जर स्थिति में है? यदि हाँ, तो उक्त विद्यालय के नवीन भवन निर्माण हेतु प्रश्न दिनांक तक कोई कार्यवाही की गई बतावें? (घ) यदि कोई कार्यवाही नहीं की गई तो इसका कारण एवं इसके लिये कौन अधिकारी जिम्मेदार है और उस पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) अशोकनगर में कोई भी हाई/हायर सेकेण्डरी स्कूल का भवन जीर्ण-शीर्ण स्थिति में नहीं है। कुल 06 प्राथमिक विद्यालय एवं 02 माध्यमिक विद्यालय के भवन जीर्ण-शीर्ण स्थिति में है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश 'क' के अनुसार 08 शालाओं में सर्व शिक्षा अभियान मद से छात्र संख्या अनुसार दो अतिरिक्त कक्ष स्वीकृत किये गए है। उक्त निर्मित अतिरिक्त कक्षों में ही वर्तमान में कक्षाएं संचालित की जा रही हैं। (ग) ग्राम खैराई के प्राथमिक शाला भवन की मरम्मत की गई है। शाला में कुल 48 छात्र दर्ज है जिनके शिक्षण हेतु उक्त विद्यालय में सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत एक कक्ष वर्ष 2005-06 में स्वीकृत किया गया था, जिसका निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है एवं उसमें कक्षा संचालित है। वर्ष 2009-10 एक और अतिरिक्त कक्ष सर्व शिक्षा अभियान द्वारा स्वीकृत किया गया था किन्तु तत्कालीन निर्माण एजेंसी सरपंच एवं सचिव द्वारा कार्य नहीं कराया गया एवं निर्माण एजेंसी के विरूद्ध प्रकरण अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) न्यायालय में दिनांक 25.1.2016 को पंजीबद्ध कराया गया है। वर्तमान में नवीन सरपंच एवं सचिव द्वारा कार्य कराया जा रहा है जो कि प्लिंथ स्तर पर है। (घ) उत्तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अध्यापक संवर्ग के वेतनमान में विसंगति
[स्कूल शिक्षा]
97. ( क्र. 3824 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन द्वारा अध्यापकों, स.अ.वरि. अध्यापकों को छठवें वेतनमान का जो आदेश पारित किया गया है वह पूर्ण विसंगतियुक्त है? यदि नहीं, है तो बतावें कि मुरैना जिले की पोरसा तहसील में वर्ष 2001 में नियुक्त अध्यापक को रूपये 34178/- तथा वर्ष 2004 में नियुक्त अध्यापक को सारिणी अनुसार रूपये 40996/- किस नियम के तहत दिया जा रहा है? (ख) क्या शासन इस विसंगति पूर्ण वेतनमान को संशोधित कर सम्पूर्ण म.प्र. में एक जैसा वेतनमान प्राप्त हो सके तत्संबंधी आदेश पारित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक नहीं, तो क्यों नहीं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) वेतन निर्धारण में वरिष्ठता, सेवा अवधि की गणना, वेतनवृद्धि की गणना में अन्तर की स्थिति निर्मित हुई है। इसके समाधान के लिए उदाहरण सहित स्पष्टीकरण जारी करने की कार्रवाई प्रचलित है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश (क) उत्तर अनुसार। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अनुसूचित जाति बस्ती में विकास कार्य कराया जाना
[अनुसूचित जाति कल्याण]
98. ( क्र. 3845 ) श्री सुदेश राय : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र 159 सीहोर के अंतर्गत वर्ष 2013-14 से आज दिनांक तक ग्रामीण एवं शहरी अंचलों के अनुसूचित जाति बाहुल्य मोहल्ले एवं बस्ती में नाली एवं सी.सी.रोड निर्माण तथा अन्य विकास कार्य की कितनी अनुशंसा विभाग को प्राप्त हुई है, उक्त प्राप्त अनुशंसा के विरूद्ध विभाग द्वारा कितने प्रस्ताव शासन को स्वीकृति हेतु प्रेषित किये गये, इनमें से कितने स्वीकृत हुये तथा कितने अस्वीकृत हुये, यदि हाँ, तो क्यों? (ख) शासन द्वारा अनुसूचित जाति बस्ती एवं मोहल्ले में विकास कार्य कराये जाने हेतु कुल आबादी की 40 प्रतिशत आबादी अनुसूचित जाति एवं कम से कम 25 परिवार निवासरत् हो उक्त शर्तों की पूर्ति के उपरान्त यदि प्रस्ताव विभाग द्वारा शासन को नहीं भेजे गये है तो उसके लिये कौन-कौन उत्तरदायी है तथा सर्वे उपरान्त प्रस्ताव शासन को कब तक प्रेषित किये जावेंगे?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) 20 अनुशंसाएं प्राप्त हुईं। 01 प्रस्ताव विभागाध्यक्ष द्वारा शासन को प्रेषित किया गया है। स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलित है। (ख) नियमानुसार 40 प्रतिशत से अधिक अनुसूचित जाति की आबादी की बस्ती के प्रस्ताव विभागाध्यक्ष द्वारा शासन को प्रेषित किये गये हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विद्यालयों के उन्नयन के संबंध में
[स्कूल शिक्षा]
99. ( क्र. 3867 ) श्री मुकेश नायक : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा पन्ना जिले के दस विद्यालयों के उन्नयन आदेश के साथ शासन ने 2014 में कुंवरपुर विद्यालय का हायर सेकेण्ड्री स्तर तक उन्नयन करने का मान्यता आदेश जारी किया था, लेकिन क्या कारण है कि इस विद्यालय का अभी तक उन्नयन नहीं हो पाया है। (ख) इस विद्यालय का उन्नयन कब तक व्यवहार रूप में हो जायेगा? (ग) वर्तमान में कुंवरपुर के शासकीय विद्यालय में कुल कितने छात्र और शिक्षक है तथा शिक्षकों के कितने पद रिक्त है और इन्हें कब तक भर लिया जायेगा।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) शालाओं का उन्नयन बजट प्रावधान, मापदण्डों की पूर्ति पर निर्भर करता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) वर्तमान में कक्षा 9 से 10 तक कुल 304 छात्र अध्ययनरत है एवं कुल 03 शिक्षक कार्यरत है। 01 पद प्राचार्य एवं 04 पद शिक्षकों के रिक्त है। रिक्त पदों के विरूद्ध अतिथि शिक्षकों से अध्यापन कार्य कराया जा रहा है। पद पूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक एवं अन्य जाँच एजेंसी
[आदिम जाति कल्याण]
100. ( क्र. 3868 ) श्री मुकेश नायक : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक और अन्य जाँच एजेंसियों ने वर्ष 2010 से 2016 के बीच राज्य के अनुसूचित जनजाति संवर्ग के छात्रों को पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति का भुगतान करने के मामले में अनियमिततायें, गलतिया भूल और भ्रष्टाचार की ओर शासन का ध्यान आकर्षित किया है यदि हाँ, तो उन पर शासन ने क्या कार्यवाही की। (ख) क्या हजारों प्रकरणों में एक छात्र को एक शिक्षा सत्र में एक से अधिक छात्रवृत्ति स्वीकृत हुई और बिना सत्यापन किये उसका भुगतान भी किया गया। ऐसे मामले में किन अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या वर्ष 2010 से 2015 तक लगभग 26 हजार आदिम जनजाति के छात्रों को लगभग 2 करोड़ रूपये की छात्रवृत्ति के भुगतान में एक से तीन वर्ष का विलम्ब हुआ है। इसके लिये विभाग ने किन अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। उल्लेखित रिपोर्ट्स के अनुसार संबंधित जिलों में वसूली की कार्यवाही की गई है। (ख) जी हाँ। वर्ष 2014-15 तक ऑनलाईन वेरीफिकेशन का सिस्टम नहीं था, संस्था स्तर पर अभिलेख सत्यापन की कार्यवाही की गई है। संबंधित अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किये गये। (ग) यह सही नहीं है कि 26 हजार विद्यार्थियों को भुगतान नहीं हुआ है। नियंत्रक महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट में लम्बित छात्रवृत्ति का जिलों में परीक्षण किया गया, विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। विलम्ब से आवेदन आने एवं परीक्षण होने के कारण कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अपूर्ण निर्माण कार्य के लिये जिम्मेदार के विरूद्ध कार्यवाही
[स्कूल शिक्षा]
101. ( क्र. 3869 ) श्री मुकेश नायक : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले में सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत निर्माण कार्य हेतु कब-कब कितनी राशि कौन-कौन से कार्यों के लिये प्रश्न दिनांक तक राजीव गांधी शिक्षा मिशन के समय दी गई? इसमें से कौन-कौन से कार्य अपूर्ण है? ग्राम का नाम, शाला का नाम, निर्माण एजेंसी, स्वीकृत वर्ष, स्वीकृत राशि, राशि प्रदान किये जाने का दिनांक, कार्य प्रारंभ होने का दिनांक, कार्य की वर्तमान स्थिति, कार्य का प्रकार, कार्य अपूर्ण होने के कारण, विभाग द्वारा कार्य पूर्ण ना होने के कारण जिस जिम्मेदार विरूद्ध कार्यवाही की गई है? उसका नाम पद तिथि सहित बतायें। (ख) क्या कुछ निर्माण कार्य हेतु अधिक राशि का आहरण किया है यदि हाँ, तो कितनी राशि? संस्था का नाम बताते हुये उसके विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई तिथि सहित बतायें। (ग) यदि निर्माण कार्यों में निर्माण करने वाली एजेंसी उदासीन पाई जाती है तो उसके विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही किस नियम के तहत किस प्राधिकारी को करने का अधिकार किस सीमा तक है? नियम, निर्देश की प्रति सहित बतायें। (घ) स्वीकृत राशि से अधिक राशि का भुगतान होने की स्थिति में राज्य शिक्षा केन्द्र/सर्व शिक्षा अभियान प्रदेश मुख्यालय भोपाल के वित्तीय कार्यों को देखने वाले अधिकारी जिम्मेदार क्यों नहीं है? इनके उत्तरदायित्व तथा कर्तव्य क्या-क्या हैं प्रति सहित बतायें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) कार्य में स्वीकृत राशि से अधिक राशि का आहरण नहीं किया गया है। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) यदि निर्माण कार्यों में निर्माण करने वाली एजेंसी उदासीन पाई जाती है तो पंचायतीराज अधिनियम 1993 की धारा 40 एवं धारा 92 के तहत कार्यवाही करने का अधिकार अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को है। छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'ब' अनुसार है। (घ) सर्व शिक्षा अभियान अन्तर्गत समस्त कार्यों के वित्तीय एवं भौतिक संपादन के लिये जिला निर्माण समिति को अधिकृत किया गया है। विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। अनियमितता की स्थिति में पंचायतीराज अधिनियम 1993 की धारा 40 के तहत सरपंच एवं धारा 92 के तहत सचिव पर कार्यवाही करने का अधिकार अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को है।
शा.म.ल.क.उ.मा.वि. शाजापुर के भवन का निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
102. ( क्र. 3905 ) श्री अरूण भीमावद : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या न्यायालय कलेक्टर जिला शाजापुर द्वारा पारित आदेश क्र. 7/अ-19 (3)/2015-16 दि. 26.2.2016 के अनुसार शा.म.ल.क.उ.मा.वि. शाजापुर को मान. मुख्यमंत्री महो. की घोषणानुसार सर्वे क्र. 417 रकबा 0.376 हेक्टेयर स्वास्थ्य विभाग का परिसर हस्तांतरित किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) के परिपालन में परिसर में शाला भवन का निर्माण कार्य प्रारंभ होने की संपूर्ण प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है? (ग) यदि हाँ, तो शाला भवन निर्माण कार्य कब से प्रारंभ होगा? (घ) यदि नहीं, तो क्या कारण है कि निर्माण एजेंसी को शाला भवन निर्माण हेतु परिसर हस्तांतरित नहीं किया गया? कारण सहित समयावधि बतलावे।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी, हाँ। न्यायालय के आदेश से कलेक्टर जिला शाजापुर द्वारा भूमि विद्यालय को हस्तांतरित की गई है। (ख) लोक निर्माण विभाग पी.आई.यू. भोपाल ने संभागीय परियोजना यंत्री लो.नि.वि. शाजापुर को भवन निर्माण के आदेश सितम्बर 2016 में जारी किये है। (ग) परिसर के कक्षों में पूर्व से संचालित कार्यालयों तथा निवासरत कर्मचारियों का अधिपत्य होने से इस भवन की डिस्मेंटल प्रक्रिया पूर्ण नहीं हो पायी है। (घ) परिसर में जीर्ण-शीर्ण भवन कार्यालय स्वास्थ्य विभाग, वाणिज्यकर अधिकारी एवं आयुष विभाग का है तथा स्वास्थ विभाग के कर्मचारी भी क्वॉटर में निवासरत है इस कारण निर्माण एजेन्सी को रिक्त भूखण्ड उपलब्ध नहीं कराया जा सका है। उक्त कार्यवाही पश्चात् ही कार्य प्रारंभ हो सकेगा, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अध्यापकों को छठा वेतनमान दिये जाने विषयक
[स्कूल शिक्षा]
103. ( क्र. 3906 ) श्री अरूण भीमावद : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अध्यापक संवर्ग को शासन द्वारा छठा वेतनमान कब स्वीकृत हुआ है? आदेशों की प्रतियां उपलब्ध करावें। (ख) क्या प्रदेश के सभी जिलों में अध्यापक संवर्ग के छठे वेतनमान की स्वीकृति समान गणना पत्रक के अनुसार प्रदाय किया जा रहा है? (ग) यदि हाँ, तो शाजापुर जिले के कौन-कौन से विकासखण्डों में छठा वेतन शासन के आदेशानुसार अध्यापक संवर्ग को दिया गया है? क्या शाजापुर एवं शुजालपुर विकासखण्ड में इसका लाभ दिया गया है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) म.प्र. शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के आदेश दिनांक 15 अक्टूबर, 2016 के अनुसार दिनांक 01.01.2016 से अध्यापक संवर्ग को छठवें वेतनमान का लाभ प्रदेश में दिया गया है। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) संदर्भित आदेश में निहित निर्देशों के अनुक्रम में वेतन निर्धारण की कार्यवाही प्रचलित है संवर्ग में वरिष्ठता निर्धारण सेवावधि की गणना वेतनवृद्धि की गणना में विसंगति/त्रुटि के कारण अंतर की स्थिति निर्मित हुई है इसके समाधान के लिए उदाहरण सहित स्पष्टीकरण जारी करने की कार्यवाही प्रचलित है। (ग) जिला शाजापुर अंतर्गत चारो विकासखण्डों में छठवें वेतनमान में अध्यापक संवर्ग का वेतन नियमन कर भुगतान किया जा रहा है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला चिकित्सालय सागर में सुविधाओं
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
104. ( क्र. 3935 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला चिकित्सालय सागर में जल प्रदाय हेतु ओवर हेड टेंक का निर्माण कराये जाने का प्रस्ताव शासन के समक्ष विचाराधीन है? यदि हाँ, तो इसकी स्वीकृति कब तक हो पायेगी? (ख) क्या जिला चिकित्सालय परिसर में बने आवासीय भवन जर्जर अवस्था में हो गये है? यदि हाँ, तो क्या शासन नये आवासीय भवन बनाये जाने पर विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या जिला चिकित्सालय सागर में सीवर लाइन की कोई योजना प्रस्तावित है? यदि नहीं, तो क्या शासन चिकित्सलाय से निकलने वाले गंदगी के निष्पादन पर विचार करेगा? (घ) जिला चिकित्सालय सागर में चिकित्सकों एवं पैरा मेडीकल स्टॉफ के कितने पद स्वीकृत हैं कितने भरे हैं तथा कितने पद रिक्त हैं? रिक्त पदों को कब तक भर लिया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। प्राप्त प्रस्ताव पर सक्षम समिति से अनुमोदन प्राप्त होने पर स्वीकृति आदेश शासन द्वारा जारी किया जायेगा, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। आवासीय भवनों में समुचित मरम्मत कर इन्हें निवास योग्य कराया जायेगा। नये आवासीय भवन के प्रस्ताव अप्राप्त होने से शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जिला स्तर पर रोगी कल्याण समिति जिला चिकित्सालय सागर द्वारा कार्यवाही प्रचलन में है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। विभाग के अधीन चिकित्सकों के रिक्त पदों की प्रतिपूर्ति के लिये लोक सेवा आयोग एवं पैरामडिकल स्टॉफ के रिक्त पदों की प्रतिपूर्ति की प्रक्रिया प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड के माध्यम से निरंतर जारी है। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
शासकीय हाई स्कूलों का हायर सेकेण्डरी स्कूल में उन्नयन
[स्कूल शिक्षा]
105. ( क्र. 3936 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कितने शासकीय हायर सेकेण्डरी एवं हाई स्कूल संचालित हैं? विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न शासकीय एवं अशासकीय हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों में कक्षा 9 से 12 तक अध्ययनरत छात्रों की संख्या विद्यालयवार एवं कक्षावार देवें? (ख) क्या विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत शासकीय हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल की संख्या कम होने से अभिभावक अपने पुत्र-पुत्रियों को अशासकीय शालाओं में अधिक शुल्क देकर अध्यापन करा रहे हैं? (ग) छात्र-छात्राओं की सुविधा एवं शिक्षा के लोक व्यापीकरण को दृष्टिगत रखते हुये क्या शासन माध्यमिक शाला पुलिस लाइन, माध्यमिक शाला धर्मश्री को हाई स्कूल में एवं शासकीय हाई स्कूल गोपालगंज एवं शासकीय कन्या हाईस्कूल सुभाषनगर को हायर सेकेण्डरी विद्यालय के रूप में उन्न्यन करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) सागर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत 07 हायर सेकेण्डरी एवं 06 हाई स्कूल संचालित हैं! अशासकीय, अनुदान प्राप्त, केन्द्रीय विद्यालय तथा स्थानीय निकाय की कुल 42 हायर सेकेण्डरी एवं हाईस्कूल संचालित है। अध्ययनरत कक्षा 9 से 12 तक छात्रों की संख्या विद्यालयवार एवं कक्षावार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' पर है। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्नांश में अंकित शालाएं शासन द्वारा निर्धारित मापदण्ड की पूर्ति नहीं करती है। अत: उन्नयन में कठिनाई है।
बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता की डी.पी.सी.
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
106. ( क्र. 3959 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा संभाग अंतर्गत क्षेत्रीय स्वास्थ्य संचालक रीवा द्वारा बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता की डी.पी.सी. की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो दिनांक 12/04/2013 को क्षेत्रीय स्वास्थ्य संचालक रीवा द्वारा की गई डी.पी.सी. (पदोन्नति) में व्यापक गड़बड़ी की गई थी? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हाँ, तो जाँच उपरान्त कितने स्वास्थ्य कार्यकर्ता पदोन्नत किये गए थे एवं जिनका चयन नहीं हो पाया था क्या उन्हें मूल पदस्थापना में भेजा गया यदि नहीं, तो क्यों, जबकि शासन द्वारा अनुसंलग्नीकरण पूर्णतः समाप्त किया जा चुका है लेकिन इसके बावजूद भी इन्हें मूल पदस्थापना में कार्य न लेकर अन्यत्र संलग्न किया गया है, यदि हाँ, तो क्यों? (घ) क्या मलेरिया/फायलेरिया विभाग में भागवत शुक्ला द्वारा लैब टेक्निशियन के पद पर लगभग बीस वर्षों से एक ही स्थान पर पदस्थ रहकर व्यापक गड़बड़ियां करते हुए शासन की राशि का दुरूपयोग किया जा रहा है यदि हाँ, तो क्या इन्हें अविलम्ब उक्त विभाग से अन्यत्र पदस्थापना की जावेगी यदि हाँ, तो कब-तक?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) रिव्यू डी.पी.सी में 57 कार्यकर्ता पदोन्नत किये गये। जो कार्यकर्ता पदोन्नति हेतु चयनित नहीं हुये उनके द्वारा माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर से स्थगन प्राप्त कर लिये जाने के कारण उन्हें मूल पदस्थापना स्थल पर नहीं भेजा गया। प्रकरण माननीय न्यायालय में विचाराधीन है। इसके अतिरिक्त किसी भी कार्यकर्ता को अन्यत्र संलग्न नहीं किया गया। (घ) जी नहीं। श्री भागवत शुक्ला, दिनांक 10.07.2006 से जिला मलेरिया कार्यालय, सतना में लैब टेक्निशियन के पद पर पदस्थ है। इनके विरूद्ध शासकीय राशि के दुरूपयोग या गड़बडि़यां करने की कोई शिकायत प्राप्त नहीं है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्कूलों में बाउण्ड्रीवॉल एवं अतिरिक्त कक्ष का निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
107. ( क्र. 3973 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले की बरेली, उदयपुरा एवं बाड़ी तहसील वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा कहाँ-कहाँ पर कितनी राशि की शाला भवन अतिरिक्त कक्ष एवं बाउण्ड्रीवॉल स्वीकृत की गई? (ख) कहाँ-कहाँ कार्य पूर्ण कर लिये गये हैं व कहाँ-कहाँ अपूर्ण हैं व क्यों? क्या बाउण्ड्रीवॉल का कार्य प्रारंभ करने से पूर्व स्कूलों की भूमि का सीमांकन करवाया गया था? (ग) क्या बिना सीमांकन किये बाउण्ड्रीवॉल निर्माण करने वाली निर्माण एजेंसियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? (घ) कितनी जगह शौचालय व हैण्डपंप नहीं है व कब तक बन जायेंगे तथा हैण्डपंप यदि है व बिगड़ गये हैं तो कब तक ठीक हो जायेंगे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) रायसेन जिले की बरेली, उदयपुरा एवं बाड़ी तहसील में वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में कोई भी अतिरिक्त कक्ष, शाला भवन एवं बाउण्ड्रीवॉल की स्वीकृति भारत शासन द्वारा वार्षिक योजना में नहीं दी गई है। वर्ष 2016-17 में तहसील बरेली में 01 एवं उदयपुरा में 01 प्राथमिक शाला भवनों की स्वीकृति जारी की गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार वर्ष 2016-17 में स्वीकृत 02 शाला भवन अपूर्ण है। वर्ष 2013-14 से 2016-17 तक बाउण्ड्रीवॉल की स्वीकृति नहीं होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (क) के अनुसार प्रश्न ही नहीं उठता है। (घ) बरेली, बाड़ी एवं उदयपुरा तहसील अन्तर्गत प्राथमिक/माध्यमिक विद्यालयों में शौचालय है। जिले की 20 शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं में हैण्डपंप नहीं है, हैण्डपंप स्थापना वार्षिक कार्ययोजना 2017-18 में प्रस्तावित है। भारत शासन से स्वीकृति उपरांत कार्य कराया जा सकेगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। वर्तमान में जो हैण्डपंप शाला परिसर में है वो चालू अवस्था में है।
विद्यालय की भूमि पर अतिक्रमण
[स्कूल शिक्षा]
108. ( क्र. 3991 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2013 के पश्चात उज्जैन संभाग में कितने प्राथमिक, माध्यमिक, हाईस्कूल, हायर सेकेण्डरी स्कूल के खिलाफ किस-किस जिलों में कहाँ-कहाँ किसके द्वारा अतिक्रमण है इसकी जांच हेतु विभाग ने कब-कब किस-किस दिनांक को पत्र लिखकर अतिक्रमण दूर करने एवं सीमांकन हेतु राजस्व विभाग को अवगत कराया? (ख) क्या उक्त संभाग के समस्त विद्यालय की भूमि राजस्व रिकार्ड में दर्ज की जा चुकी है यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ की, यदि नहीं, तो कहाँ-कहाँ की, विद्यालय की जमीन को लेकर कितने प्रकरण न्यायालय में चल रहे कितने प्रकरणों में न्यायालय ने विद्यालय के पक्ष में निर्णय दिया, क्या न्यायालयीन का पालन करते हुए ऐसे प्रकरणों में अतिक्रमण हटा दिया गया यदि नहीं, तो विद्यालय द्वारा कब-कब अतिक्रमण हटाने हेतु राजस्व विभाग को न्यायालय के निर्णय से अवगत कराया गया? (ग) उक्त संभाग में ऐसे कितने प्रकरण हैं जिन पर स्थानीय निकाय/पंचायत द्वारा विद्यालय की भूमि पर अतिक्रमण कर या विद्यालय के पास शासकीय भूमि पर दुकानें निकाल कर या विद्यालय के फ्रंट को दबा कर गैर कानूनी दुकानें बना कर दुकानों की नीलामी कर दी, क्या इन अतिक्रमित दुकानों का किराया संग्रहण राशि विद्यालय के पास है या स्थानीय निकाय के पास, यदि स्थानीय निकाय राशि लेता है तो क्या यह राशि शाला विकास में उक्त संभाग में लगाई जायेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) उज्जैन संभागांतर्गत 149 प्रा.वि./मा.वि., 30 हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूलों में अतिक्रमण है। इसकी जाँच हेतु संबंधित जिलों द्वारा अतिक्रमण दूर करने एवं सीमांकन हेतु समय-समय पर जिला प्रशासन को पत्रों द्वारा अवगत कराया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) उज्जैन संभागान्तर्गत जिलों में 4221 प्रा.वि.एवं 292 हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूलों की भूमि राजस्व रिकार्ड में दर्ज है। 407 प्रा.वि./मा.वि. एवं 188 हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी विद्यालयों की भूमि राजस्व रिकार्ड में दर्ज होना शेष है। रतलाम जिले में 03 एवं मंदसौर जिले में 02 प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (ग) रतलाम जिला अंतर्गत 01 एवं नीमच जिला अंतर्गत 02 एवं मंदसौर जिला अंतर्गत 01 विद्यालय की भूमि पर अतिक्रमण कर दुकानों का निर्माण किया जाकर नीलामी की गई है। इनका किराया संग्रहण राशि विद्यालय को प्राप्त न होकर नगरीय निकाय एवं पंचायत द्वारा प्राप्त की जा रही है। उक्त राशि शाला विकास में लगाई जाने हेतु संबंधित निकायों को लिखा जाएगा।
अनुसूचित जाति विकास योजना अंतर्गत प्रदाय राशि
[अनुसूचित जाति कल्याण]
109. ( क्र. 3998 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुसूचित जाति विकास योजना अंतर्गत मकरोनिया नगर पालिका के गठन से जनवरी 2017 तक नगर पालिका मकरोनिया को कितनी राशि प्रदाय की गई है वर्षवार, कार्यवार जानकारी देवें। (ख) क्या उपरोक्त राशि का कार्यपूर्णता एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र एवं कार्य की छायाप्रति विभाग को उपलब्ध करायी गयी है? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) की जानकारी प्रश्न दिनांक तक विभाग को प्राप्त नहीं हुई है तो विभाग द्वारा इस संबंध में क्या कार्यवाही की गई है? (घ) अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना के अंतर्गत प्रदाय राशि से विकास कार्य किये जाने की कोई अवधि/समय विभाग द्वारा निश्चित समय-सीमा तय की गई है? यदि हाँ, तो नगर पालिका मकरोनिया द्वारा उपरोक्त कार्य सम्पन्न कराने हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति जारी करते समय कार्य आदेश में दो माह की अवधि निर्धारित की जाती है। अपूर्ण कार्यों को समय-सीमा में पूर्ण किये जाने हेतु पत्र जारी किये गये हैं।
आदिवासी किसानों के खेतों में पम्प उर्जीकरण
[आदिम जाति कल्याण]
110. ( क्र. 4030 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में अनुसूचित जनजाति के गरीब आदिवासी किसानों के खेतों में सिंचाई हेतु पम्प उर्जीकरण के नाम पर में किये जाने वाले कार्यों की योजना को बंद कर दिया गया है? (ख) यदि नहीं, तो यह किस विभाग द्वारा संचालित की जा रही है? अादिवासी किसानों के लिए वरदान सिद्ध होने वाली इस योजना में जिला अधिकारियों की लापरवाही एवं मनमानी से जिले के सैकड़ों किसान इस योजना से वंचित है क्यों? (ग) आदिवासी विकास विभाग खण्डवा को विगत तीन वर्षों में इस योजनान्तर्गत कितना आवंटन प्राप्त हुआ? जनपदवार कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत किये गये? (घ) शासन की इस योजना का लाभ प्रत्येक क्षेत्र के आदिवासियों को मिले इस हेतु शासन स्तर पर कोई गाईडलाईन बनाई जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) योजना आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा ही संचालित की जा रही है। प्रश्नांश अंतर्गत शिकायत प्राप्त नहीं होना पाया गया है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) विभाग द्वारा मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) में प्रकाशित अनुसार ''अनुसूचित जनजाति बस्तियों में विद्युतीकरण, अनुसूचित जनजाति के कृषकों को सिंचाई सुविधा हेतु विद्युत लाईन का विस्तार (पंपो का ऊर्जीकरण) योजना'' नियम 2016 जारी किया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विमुक्त, घुमक्कड़ जाति के कल्याण बाबत्
[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जाति कल्याण]
111. ( क्र. 4031 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जाति के कल्याण के लिए कौन-कौन सी योजनाएं शासन द्वारा संचालित है? जमीनी तौर पर इनके विकास के क्या प्रयास किये जा रहे हैं? (ख) क्या इन जातियों को अनुसूचित जाति अथवा अनुसूचित जनजाति में शामिल किया गया है? यदि हाँ, तो राजपत्र की प्रतिलिपि प्रदान करें? (ग) क्या आजादी के बाद से इनका शोषण हो रहा है? यदि नहीं, तो इनके उत्थान के क्या कदम सरकार द्वारा उठाये जा रहे है? (घ) क्या सरकार द्वारा इस जाति के कल्याणार्थ जनपद स्तर पर शिविरों के आयोजन किये जायेगें? यदि हाँ, तो कृपया समय-सीमा या कार्ययोजना बतायें?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जनजाति वर्ग के कल्याण के लिये मुख्य रूप से छात्रवृत्ति योजना, कन्या साक्षरता प्रोत्साहन योजना, विमुक्त जाति छात्रावास योजना, विमुक्त आवास योजना एवं विमुक्त जाति बस्ती विकास योजना अादि योजनायें संचालित है। इन वर्गों के विकास के लिये जमीनी तौर पर इस वर्ग के विद्यार्थियों को स्कूल शिक्षा विभाग के माध्यम से छात्रवृत्ति का वितरण किया जा रहा है। प्रदेश में 140 विमुक्त जाति छात्रावास/आश्रम संचालित किये जा रहे है साथ ही इस वर्ग की विमुक्त जाति बस्तियों के विकास एवं विमुक्त जाति आवास योजनांतर्गत अनुदान सहायता राशि उपलब्ध करायी जा रही है। (ख) इन जातियों में से अनुसूचित जनजातियों की सूची में कोई भी जाति शामिल नहीं है। अनुसूचित जाति में शामिल जातियों की जानकारी संबंधी राजपत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। इनके उत्थान के लिये पृथक से विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जनजाति विभाग का गठन किया जाकर प्रश्नांश (क) भाग के उत्तर में अंकित योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। (घ) वर्तमान में इस जनजाति के कल्याणार्थ हेतु जनपद स्तर पर शिविरों का आयोजन कराना विभाग के विचाराधीन न होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शाला भवन और बाऊण्ड्रीवाल का निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
112. ( क्र. 4045 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भिण्ड जिले में सभी प्राथमिक शाला भवन एवं माध्यमिक शाला भवन उपयुक्त हैं? अगर नहीं है? तो कौन-कौन से शाला भवन उपयुक्त नहीं हैं? उनका नाम तथा भवन निर्माण वर्ष मद राशि बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जो भवन उपयुक्त नहीं है उन्हें उपयुक्त बनाने हेतु क्या प्रयास किए जा रहे हैं किस मद से किस कार्य के लिए किस एजेंसी से कार्य करवाये जायेंगे? (ग) क्या भारत शासन से सर्व शिक्षा अभियान योजना अंतर्गत तथा मध्यप्रदेश शासन की राज्य मद अंतर्गत बाऊण्ड्रीवॉल निर्माण योजना संचालित हैं? यदि हाँ, तो कब से किस विद्यालय में किस एजेंसी द्वारा भिण्ड विधानसभा में कार्य करवाया गया? (घ) क्या भिण्ड विधानसभा क्षेत्र में नवीन प्राथमिक शाला भवन एवं माध्यमिक शाला भवन निर्माण प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ पर निर्माण प्रस्तावित है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं, भिण्ड जिले में 39 भवन उपयोग हेतु उपयुक्त नहीं पाये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जो भवन उपयुक्त नहीं हैं ऐसे कार्यों को वार्षिक कार्य योजना वर्ष 2016-17 में भारत शासन को प्रस्तावित किया गया था, परन्तु स्वीकृति प्राप्त नहीं हुई। वर्ष 2017-18 की वार्षिक कार्य योजना में स्वीकृति हेतु भारत शासन को पुनः प्रस्तुत किया गया है। भारत शासन से स्वीकृति उपरांत निर्माण कार्य ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम पंचायत एजेंसी के माध्यम से कराए जा सकेंगे। (ग) जी हाँ। जिला भिण्ड में कोई भी बाउण्ड्रीवॉल वार्षिक कार्य योजना वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में स्वीकृत नहीं की गई है। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। वार्षिक कार्ययोजना वर्ष 2017-18 में भारत शासन को स्वीकृति हेतु प्रस्तावित किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'ब' अनुसार है।
सहायक शिक्षक/शिक्षकों को समयमान वेतन का भुगतान
[स्कूल शिक्षा]
113. ( क्र. 4046 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में कितने सहायक शिक्षक/शिक्षकों को पहला समयमान वेतनमान स्वीकृत कर भुगतान किया गया कितने सहायक शिक्षक/शिक्षकों को किस कारण से पहला समयमान वेतन स्वीकृत नहीं किया गया? विकासखण्ड/संकुल/श्रेणीवार संख्या बतायें? (ख) कितने सहायक शिक्षकों/ शिक्षकों को द्वितीय समयमान वेतनमान स्वीकृत किया गया कितने पात्र थे कितने किस कारण अपात्र थे? विकासखण्ड/ संकुल/श्रेणीवार संख्या बतायें? (ग) कितने सहायक शिक्षक/शिक्षक प्रश्न दिनांक तक समयमान वेतनमान की द्वितीय एवं तृतीय समयमान वेतन की परिधि में आ गये हैं कितने शिक्षक जिनको तृतीय समयमान वेतनमान मिलना था किन्तु द्वितीय समयमान वेतन अभी तक स्वीकृत नहीं किया गया इसके लिए कौन उत्तरदायी हैं जानकारी दें? (घ) तृतीय समयमान वेतनमान के पात्र शिक्षकों को द्वितीय एवं तृतीय समयमान वेतन कब तक स्वीकृत कर भुगतान किया जावेगा? जानकारी दें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) सहायक शिक्षक/शिक्षकों को समयमान वेतनमान देने का प्रावधान नहीं है। (ख) से (घ) प्रश्नांश 'क' के उत्तर के प्रकाश में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
दीनदयाल चलित अस्पताल
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
114. ( क्र. 4085 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में दीनदयाल चलित अस्पताल कितने वाहन नियमित रूप से संचालित है इन वाहनों द्वारा वित्त वर्ष 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक पाटन विधानसभा अंतर्गत कब-कब, किस-किस ग्राम में किस-किस तिथि को कितने-कितने महिला-पुरूष मरीजों का उपचार किया गया। (ख) योजनान्तर्गत संचालित वाहन क्या शासकीय है या प्रायवेट संस्था/एजेंसी फर्म के माध्यम से चलाये जा रहे है? यदि निजी संस्था से चलाये जा रहे है तो यह बतलायें की योजना प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक माहवार किसको किस दर से कितना भुगतान किया गया? (ग) दीनदयाल चलित अस्पताल के संचालन हेतु जबलपुर जिले में कितने वाहन, कब, किस प्रक्रिया के तहत अनुबंधित किये गये तथा योजनान्तर्गत अनुबंधित वाहनों के नाम, मालिक/फर्म का नाम, पता एवं वाहनों के फिटनेश सर्टिफिकेट के विवरण सहित जानकारी देवें? उक्त योजना अंतर्गत किस-किस वाहन ने भ्रमण किया एवं इन भ्रमणों का सत्यापन कब किसने किया गया? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित वाहनों में किस प्रकार की कौन-कौन सी सुविधायें उपलब्ध है? कौन-कौन सा कितना प्रशिक्षित मैदानी अमला पदस्थ है इनके द्वारा किस प्रकार से कौन-कौन सी सुविधायें हितग्राहियों को उपलब्ध कराई जाती है? क्या शासन इन चलित अस्पतालों के ग्रामीण क्षेत्रों में भ्रमण की अग्रिम सूचना देता है तथा ग्रामीण क्षेत्रों में भ्रमण का सत्यापन किसी से कराया जाता है? उत्तर में यदि हाँ, तो किस प्रकार से यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) प्रश्नावधि में कोई भी वाहन संचालित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) एक वाहन, विकासखण्ड कुण्डम में वर्ष 2006-07 से वर्ष 2010-11 तक, निविदा प्रक्रिया के तहत। डॉ. जैन वीडियो आन व्हील्स लि. जैन स्टूडियो कैम्पस, सिंधिया विला सरोजनी नगर, रिंग रोड, नई दिल्ली-110023। वर्ष 2011 से उक्त अनुबंध सेवा समाप्त होकर संचालन बंद है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
तम्बाकू युक्त गुटका पर प्रतिबंध
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
115. ( क्र. 4116 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश शासन द्वारा दिनांक 31/05/2012 से तम्बाकू युक्त गुटका का निर्माण संग्रहण, वितरण व विक्रय पर प्रतिबंध के पश्चात् इसका किन-किन निर्माता कंपनियों द्वारा अवैध रूप से निर्माण/उत्पादन/संग्रहण वितरण व विक्रय करने पर शासन ने कब-कब, किस-किस पर क्या-क्या कार्यवाही की है वर्ष 2012-13 से 2016-17 तक की जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) में किन-किन खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने कब-कब, कहाँ-कहाँ से किन-किन निर्माता कंपनियों के किस-किस ब्राण्ड के तम्बाकू युक्त गुटका के नमूने जाँच हेतु लिये है एवं कहाँ-कहाँ से कब-कब, कितनी-कितनी मात्रा में कितनी-कितनी राशि का जब्त किया है? नमूनों को जाँच हेतु कब भेजा गया? जाँच में कौन-कौन से नमूने मिलावटी असुरक्षित व मानव स्वास्थ्य के लिये हानिकारक पाये गये है? जिलावार व खाद्य सुरक्षा अधिकारीवार पृथक-पृथक जानकारी दें? (ग) प्रश्नांकित (ख) में नमूनों के किन-किन प्रकरणों में न्यायालयीन कार्यवाही कब की गई? खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम की धारा 66 के तहत किन-किन निर्माता कंपनियों को अभियुक्त बनाया गया है?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
समयमान वेतमान का लाभ
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
116. ( क्र. 4117 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आयुक्त/नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन मध्यप्रदेश भोपाल के तहत पदस्थ खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को समयमान वेतनमान स्वीकृत करने का अधिकार किस-किस स्तर के किन-किन अधिकारियों को है? (ख) प्रदेश में पदस्थ किन-किन खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने अधिकार विहीन अधिकारी से अनाधिकृत रूप से आदेश कराकर समयमान वेतन मान लिया है वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक की जिलावार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (ख) में किन-किन जिलों के किन-किन खाद्य सुरक्षा अधिकारियों द्वारा अधिकार विहीन अधिकारी से अनाधिकृत रूप से आदेश कराकर समयमान वेतनमान प्राप्त करने की शिकायतों पर शासन व आयुक्त/नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन मध्यप्रदेश भोपाल ने कब किस पर क्या कार्यवाही की है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ख) में अनाधिकृत रूप से समयमान वेतनमान प्राप्त करने वाले किन-किन खाद्य सुरक्षा अधिकारियों से कब से कब तक की कितनी-कितनी राशि की वसूली कब की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक राशि की वसूली कर ली जावेगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) नियंत्रक, खाद्य एवं औषधि प्रशासन, मध्य प्रदेश भोपाल। (ख) उपसंचालक, खाद्य एवं औषधि प्रशासन होशंगाबाद एवं विदिशा द्वारा क्रमशः श्री शिवराज पावक एवं श्रीमती एडलिन एलीजाबेथ पन्ना खाद्य सुरक्षा अधिकारी को समयमान वेतनमान का लाभ दिया गया है। (ग) समयमान वेतनमान स्वीकृत करने के संबंध में एक शिकायत प्राप्त हुई है। (घ) उपसंचालक, खाद्य एवं औषधि प्रशासन, होशंगाबाद द्वारा श्री शिवराज पावक, खाद्य सुरक्षा अधिकारी को समयमान वेतनमान स्वीकृत किया गया था। उपसंचालक, होशंगाबाद द्वारा स्वतः संज्ञान लेते हुये श्री पावक को स्वीकृत समयमान वेतनमान का आदेश निरस्त कर, किए गए भुगतान की वसूली माह मार्च/अप्रैल/मई, 2016 के वेतन से कुल राशि 26196/- रूपए वसूल की गई है। श्री पावक से वसूली शेष नहीं है। श्रीमती एडलिन एलीजाबेथ पन्ना से वसूली संबंधी कार्यवाही की जाना शेष है।
100 बिस्तरों के अस्पताल की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
117. ( क्र. 4126 ) श्री नथनशाह कवरेती : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र छिन्दवाड़ा के अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जामई में 30 बिस्तरों वाला अस्पताल कब से संचालित किया जा रहा है तथा कितने डाक्टरों के पद कब से किस-किस विशेषज्ञों के रिक्त पड़े हुये है? (ख) क्या स्त्री रोग, शिशु रोग विशेषज्ञों के पद लगभग 10 वर्षों से रिक्त है? इनकों भरने की कार्यवाही नहीं की गई है? यदि हाँ, तो कब तक भर लिये जायेंगे? (ग) क्या इस अस्पताल में हजारों की संख्या में ग्रामीण इलाज कराने आते है, किन्तु 30 बिस्तरों वाले अस्पताल व्यवस्था नहीं होने के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ता है? इस हेतु जनप्रतिनिधियों एवं प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा 30 बिस्तरों से 100 बिस्तरों वाला अस्पताल स्वीकृत करने हेतु कई बार आवेदन दिया गया है? (घ) यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों और कब तक कार्यवाही की जायेगी तथा 30 बिस्तरों से उन्नयन कर 100 बिस्तरों वाला अस्पताल कर दिया जायेगा? (ड.) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जामई की जिस बिल्डिंग पर अस्पताल संचालित है वह जर्जर हो गई है? इसे कब तक दुरूस्त कर दिया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) विधानसभा क्षेत्र छिन्दवाड़ा के अंतर्गत 30 बिस्तरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, जामई दिनांक 05 जनवरी 1983 से उन्नयन उपरांत संचालित है। विशेषज्ञों/चिकित्सकों के पदों के पुनर्वितरण 08.04.2011 के द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, जामई में मेडिसिन, सर्जरी एवं स्त्रीरोग विशेषज्ञ के 01-01 पद स्वीकृत किए गए हैं एवं चिकित्सा अधिकारी के 02 पद स्वीकृत किए गए हैं। वर्तमान में एक मेडिसिन विशेषज्ञ व एक स्त्रीरोग योग्यताधारी चिकित्सा अधिकारी के अतिरिक्त 03 एम.बी.बी.एस. योग्यता के चिकित्सक कार्यरत हैं, सर्जरी विशेषज्ञ का 01 पद रिक्त है। प्रदेश में विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी के कारण सर्जरी विशेषज्ञ की पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं, एक स्त्रीरोग योग्यता की चिकित्सक कार्यरत है तथा शिशुरोग विशेषज्ञ का पद जामई में स्वीकृत नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं, जामई में पर्याप्त चिकित्सक उपलब्ध हैं। माननीय सदस्य द्वारा जामई को 100 बिस्तरीय अस्पताल में उन्नयन हेतु पत्र प्राप्त हुआ था जिस पर विचारोपरांत संचालनालय के पत्र क्रमांक 5/विकास/सेल-4/2015/32 दिनांक 07.02.2015 के द्वारा वस्तुस्थिति से अवगत कराते हुए जामई को 100 बिस्तरीय अस्पताल में उन्नयन किए जाने में कठिनाई के संबंध में लेख किया गया है। पत्र की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उत्तरांश ''ग'' अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, जामई के भवन की मरम्मत का कार्य जारी है। यथाशीघ्र।
मॉडल हाई स्कूल तामिया जिला छिंदवाड़ा भवन निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
118. ( क्र. 4127 ) श्री नथनशाह कवरेती : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र जुन्नारदेव जिला छिंदवाड़ा के अंतर्गत शासकीय मॉडल हाई स्कूल भवन तामिया का निर्माण कब और किस एजेंसी द्वारा कराया गया है? (ख) शासकीय मॉडल हाई स्कूल भवन तामिया का निर्माण राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियांतर्गत लागत राशि रूपये 298.23 लाख की लागत से निर्मित हुआ था? यदि हाँ, तो पूर्णत: जर्जर हो चुके इस भवन की मरम्मत न कराये जाने के लिए कौन जिम्मेदार है? इसके मरम्मत का कार्य कब तक किया जायेगा? (ग) क्या प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा प्रश्नांश (ख) के संबंध में कोई शिकायत की गई है, यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई यदि नहीं, की गई तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) विधानसभा क्षेत्र जुन्नारदेव जिला छिन्दवाड़ा के अंतर्गत शासकीय मॉंडल हाईस्कूल भवन तामिया का निर्माण वर्ष 2011-12 में कार्यालय संभागीय परियोजना यंत्री लोक निर्माण विभाग पी.आई.यू. छिन्दवाड़ा द्वारा कराया गया है। (ख) जी नहीं, मॉडल स्कूल योजना अंतर्गत निर्मित हुआ था। यह कहना उचित नहीं है कि भवन जर्जर हो चुका है, बल्कि दीवारों में दरारें आयी है। उक्त कार्य की मरम्मत हेतु ठेकेदार जिम्मेदार हैं। मरम्मत कार्य प्रारंभ है, शीघ्र पूर्ण करवा दिया जावेगा। (ग) जी हाँ, मरम्मत का कार्य प्रगति पर है।
आदिम जाति कल्याण एवं अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के छात्रावास
[अनुसूचित जाति कल्याण]
119. ( क्र. 4139 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले की गाडरवारा विधानसभा में आदिम जाति कल्याण एवं अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के कितने छात्रावास संचालित है? (ख) कितनों में पूर्ण कालिक अधीक्षक है एवं कितनों में शिक्षकों के प्रभारी अधीक्षक बनाया गया है? (ग) शिक्षकों को अधीक्षक बनाने के कारण संबंधित शालाओं का शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है अतएव कब तक इन छात्रावासों में पूर्ण कालिक अधीक्षक नियुक्त कर दिये जायेंगे?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) नरसिंहपुर जिले की गाडरवारा विधान सभा में आदिम जाति कल्याण विभाग के 5 एवं अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के 10, कुल 15 छात्रावास/ आश्रम संचालित हैं। (ख) आदिम जाति कल्याण विभाग के 3 एवं अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के 5, कुल 8 पूर्णकालिक अधीक्षक एवं आदिम जाति कल्याण विभाग के छात्रावासों में 2 एवं अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के छात्रावासों में 5, कुल 7 शिक्षकों को प्रभारी अधीक्षक बनाया गया है। (ग) जी नहीं। शिक्षण कार्य प्रभावित नहीं हो रहा है। स्कूल शिक्षा विभाग के अधीक्षकों को शैक्षणिक कार्य के अतिरिक्त छात्रावास का प्रभार सौंपा गया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
भवन विहीन शालाओं को भवन उपलब्ध कराई जाना
[स्कूल शिक्षा]
120. ( क्र. 4140 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले की गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र में प्राथमिक माध्यमिक हाईस्कूल एवं हायरसेकेण्डरी स्कूल की कितनी शालाएं है जो कि भवन विहीन है? (ख) विभिन्न वर्ग की भवन विहीन शालाओं को भवन उपलब्ध कराने हेतु विभाग की क्या योजना है इन भवन विहीन शालाओं को कब तक भवन उपलब्ध करा दिये जायेंगे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) हाई एवं हायर सेकेण्डरी विद्यालयों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। नरसिंहपुर जिले की गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कोई भी प्राथमिक, माध्यमिक शाला, भवन विहीन नहीं हैं। (ख) भवन निर्माण बजट की उपलब्धता पर निर्भर करेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जूनियर अधिकारी की उच्च प्रशासकीय पद पर पदस्थापना
[आयुष]
121. ( क्र. 4142 ) श्री सुरेन्द्रनाथ सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संचालनालय में ओ.एस.डी. के कितने पद स्वीकृत है? क्या पदोन्नति कोटे के प्रथम श्रेणी के प्रशासकीय उच्च पद उप संचालक के विरूद्ध द्वितीय श्रेणी के 60 वें क्रम का होम्योपैथी का अति जूनियर अधिकारी ओ.एस.डी. के रूप में पदस्थ है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में यदि हाँ, तो क्या उसकी स्वयं की मांग एवं स्वयं के व्यय पर पदस्थ किया गया है? यदि नहीं, तो क्या विभाग में उप संचालक पद के प्रभार हेतु फीडिंग कैडर में प्रथम श्रेणी के वरिष्ठ एवं योग्य अधिकारी उपलब्ध नहीं हैं? इन पदों के समकक्ष पदासीन अधिकारियों की सूचीवार पदस्थापना सहित जानकारी देवें? (ग) क्या रिक्त उच्च पदों का प्रभार समकक्ष अथवा वरिष्ठतम अधिकारियों को ही सौंपने के सामन्य प्रशासन विभाग के स्थाई निर्देश है? यदि हाँ, तो क्या सामान्य प्रशासन के इन नियमों का आयुष विभाग में पालन किया जा रहा हैं या उक्ताशय में सा.प्र.वि. से आयुष विभाग को अलग से निर्देश या आदेश जारी हुए है? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिपालन में यदि हाँ, तो संचालनालय में सा.प्र.वि.के आदेशों के विपरित प्रशासकीय पद के विरूद्ध पदस्थ द्वितीय श्रेणी के जूनियर होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी (ओ.एस.डी.) को हटाया जायेगा? नहीं तो क्यों और हाँ तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) कोई पद नहीं। जी नहीं। (ख) उत्तरांश (क) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी हाँ। जी हाँ। जी नहीं। (घ) पदस्थापना एक सतत् प्रशासकीय व्यवस्था है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अतिशेष शिक्षकों का स्थानांतरण एवं संशोधन
[स्कूल शिक्षा]
122. ( क्र. 4151 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2015-16 में प्रदेश के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में स्कूलों में पदस्थ अतिशेष सहायक शिक्षकों/शिक्षकों को स्थानांतरित कर अन्य शालाओं में रिक्त पड़े पदों पर पदस्थ करने के आदेश जारी किये गये थे? यदि हाँ, तो स्थानांतरित सहायक शिक्षकों/शिक्षकों की जिलेवार संख्यात्मक जानकारी दें। (ख) उक्त स्थानांतरित अतिशेष सहायक शिक्षकों/शिक्षकों में से क्या उनके स्थानांतरण आदेश निरस्त या संशोधित किये गये है? यदि हाँ, तो इस प्रकार से निरस्त या संशोधित शिक्षकों की जिलेवार संख्यात्मक जानकारी दें। (ग) अतिशेष सहायक शिक्षकों/शिक्षकों को शैक्षणिक व्यवस्था के लिये अन्यत्र स्थानांतरित कर पुन: निरस्त या संशोधित करना क्या शासन की मंशा के प्रतिकूल नहीं हैं। (घ) यदि हाँ, तो इस प्रकार अतिशेष के नाम पर स्थानांतरण करना तथा निरस्त या संशोधन करने में हुये भ्रष्टाचार की जानकारी क्या शासन को है? यदि हाँ, तो क्या शासन द्वारा इसकी उच्च स्तरीय जाँच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार। (ग) स्थानांतरण संशोधन/निरस्त की कार्यवाही सक्षम आदेश के अनुसार की गई हैं। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश ( ग) के प्रकाश में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
पदोन्नतियों में विरोधाभाष
[आयुष]
123. ( क्र. 4158 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश आयुष विभाग के अंतर्गत संचालित शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालयों में प्रारंभिक स्थिति में नियुक्त किये गये प्रदर्शक एवं व्याख्याताओं के पदों के सृजित किए जाने की अवधारणा क्या थी तथा दोनों पदों में कौन सा पद श्रेष्ठ माना गया था? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित महाविद्यालयों की जनवरी 2009 की स्थिति में विषयवार, स्वीकृत, भरे एवं रिक्त शिक्षकीय पदों (प्रदर्शक, व्याख्याता, रीडर, प्रोफेसर एवं प्राचार्य) की सूची दें? (ग) क्या विभाग में कुछ व्याख्याताओं की रीडर पद पर पदोन्नति विषय विभागों में रिक्त प्रोफेसर पद के विरूद्ध की गई है? इन की वर्ष 2008 से आज तक की महाविद्यालय एवं विषयवार सूची दें? (घ) क्या कुछ व्याख्याताओं की पदोन्नति उनके मूल विषय विभाग में प्रोफेसर के अनेक पद रिक्त होते हुए भी अन्य विषयों में दी गई है? यदि हाँ, तो ऐसा विरोधाभास क्यों किया गया है? महाविद्यालय व विषयवार सूची दें?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) केन्द्र सरकार के निर्देश व सी.सी.आई.एम. नई दिल्ली के मापदण्ड। व्याख्याता पद का वेतनमान अधिक था। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (घ) जी हाँ। सी.सी.आई.एम. मान्यता के दृष्टिगत। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार।
स्थानान्तरण नीति का पालन
[स्कूल शिक्षा]
124. ( क्र. 4179 ) श्री अनिल जैन : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत वर्षों में विभाग द्वारा पृथक से अपनी स्थानांतरण नीति लागू की गई थी जिसमें अध्यापक संवर्ग के महिला एवं विकलांग श्रेणी के अध्यापकों को निकाय के बाहर एवं जिले के बाहर स्थानांतरित किए जाने का प्रावधान किया गया था? यदि हाँ, तो किन-किन वर्षों में ऐसा प्रावधान लागू किया गया? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्थानांतरण नीति में महिला एवं विकलांग श्रेणी के अतिरिक्त पुरूष श्रेणी के अध्यापकों को निकाय अथवा जिले के बाहर स्थानांतरित किए जाने से पृथक रखा गया था। यदि हाँ, तो इसका कारण बताया जावें? (ग) क्या चालू वर्ष 2017 में भी विभाग के द्वारा पृथक से कोई स्थानांतरण नीति तैयार की जा रही है? यदि हाँ, तो चालू वर्ष की स्थानांतरण नीति में क्या-क्या नये प्रावधान शामिल किए जा रहे हैं। क्या अध्यापक संवर्ग के पुरूष श्रेणी के अध्यापकों को निकाय अथवा जिले से बाहर स्वयं के व्यय पर अथवा प्रशासनिक तौर पर स्थानांतरित किए जाने का प्रावधान किया जा रहा है यदि नहीं, तो कारण बताया जाये।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) अध्यापक संवर्ग में स्थानांतरण का कोई प्रावधान नहीं है। अपितु ऑनलाईन अन्तर्निकाय संविलियन नीति लागू है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश के अनुसार अन्तर्निकाय संविलियन नि:शक्त एवं पारस्परिक को छोड़कर पुरूष अध्यापक के संविलियन का प्रावधान नहीं था। (ग) जी नहीं, अपितु अध्यापक संवर्ग अन्तर्निकाय ऑनलाईन संविलियन नीति जारी की जा रही है। आदेश जारी करने की कार्यवाही प्रचलन में है। अध्यापक संवर्ग में कार्यरत अध्यापक स्थानीय निकाय के कर्मचारी होते है, इनका अन्तर्निकाय संविलियन स्वैच्छिक आधार पर उनके द्वारा ऑनलाईन आवेदन करने पर अन्तर्निकाय किया जाता है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय हाई स्कूल का निर्माण कार्य लंबित होना
[स्कूल शिक्षा]
125. ( क्र. 4180 ) श्री अनिल जैन : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र निवाड़ी अंतर्गत शासकीय हाई स्कूल बीजौर के लिए शासन द्वारा राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान अंतर्गत वर्ष 2011 में किन-किन कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई थी और स्वीकृत कार्य कब तक पूर्ण किए जाने थे? (ख) प्रश्नगत उक्त कार्यों का निर्माण प्रश्न दिनांक तक पूरा क्यों नहीं किया गया? कारण बतावें एवं विलम्ब के लिए दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ग) शासकीय हाई स्कूल बीजौर के इन कक्षों एवं अतिरिक्त कक्षों का निर्माण कब तक कर लिया जावेगा? समयावधि बताई जावें। (घ) विधान सभा क्षेत्र निवाड़ी में स्वीकृत एवं निर्माणाधीन हाई स्कूल भवन पुछीकरगुवां एवं टेहरका के अधूरे कार्य अब तक किन कारणों से पूरे नहीं हुये हैं, इनके समाधान हेतु विभाग द्वारा अब तक क्या-क्या प्रयास किये गये? यह दोनों भवन कब तक निर्मित किये जा सकेंगे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) शासकीय हाई स्कूल बीजौर के लिए शासन द्वारा राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान अंतर्गत वर्ष 2011 में 2 अतिरिक्त कक्ष, 01 लैब, 01 पुस्तकालय भवन एवं 01 आर्ट क्राफ्ट कक्ष, कुल 06 कक्षों की स्वीकृति दी गई थी। जिनके लिए कुल राशि 23.96 लाख स्वीकृत हुई थी। उक्त निर्माण कार्य दिसम्बर 2013 तक पूर्ण कराये जाने थे। (ख) फाउंडेशन आरंभ होने के बाद भूमि विवाद के कारण कार्य नहीं हो सका। कार्य लघु उद्योग निगम ग्वालियर द्वारा अनुबंधित ठेकेदार ने नहीं किया गया। अतः लघु उद्योग निगम ग्वालियर द्वारा अनुबंध निरस्त किया गया, इसके लिए अधिकारी कर्मचारी दोषी नहीं है। नवीन निविदा के आधार पर कार्य हेतु लघु उद्योग निगम द्वारा अनुबंध किया गया है। (ग) एजेंसी द्वारा 31.05.2017 तक कार्य पूर्ण कराने हेतु अनुबंध किया गया है। (घ) हाई स्कूल पुछीकरगुवां एवं टेहरका का कार्य स्कूल शिक्षा विभाग से स्वीकृत नहीं है। ये भवन बी.आर.जी.एफ. योजना के तहत जिला पंचायत टीकमगढ़ द्वारा पी.डब्ल्यू.डी. के माध्यम से बनाये जा रहे हैं। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत से प्राप्त जानकारी अनुसार लागत वृद्धि होने एवं एजेंसी द्वारा कार्य न करने के कारण कार्य पूर्ण नहीं हो सके। कार्य पूर्ण कराने के लिए मांग-पत्र मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत द्वारा पत्र क्रमांक 2163 दिनांक 13.05.16 से आयुक्त पंचायत राज संचालनालय भोपाल को भेजा गया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
छठवें वेतनमान के निर्धारण में विसंगतियां
[स्कूल शिक्षा]
126. ( क्र. 4181 ) श्री अनिल जैन : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में अध्यापक संवर्ग को छठवें वेतनमान का लाभ किस दिनांक से दिए जाने के आदेश जारी किए गए हैं? (ख) क्या प्रदेश के विभिन्न जिलों में छठवें वेतनमान का निर्धारण अलग-अलग तरीके से किया जा रहा है? यदि नहीं, तो समान शासकीय सेवा अवधि वाले अध्यापकों को अलग-अलग जिलों में अलग-अलग वेतनमान क्यों दिए जा रहे हैं? क्या यह विसंगति शासन द्वारा दिए गए अपर्याप्त एवं अस्पष्ट निर्देशों के कारण निर्मित हुई हैं? यदि हाँ, तो विसंगति को दूर करने के लिए अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ग) अध्यापक संवर्ग को छठवें वेतनमान के निर्धारण में हुई विसंगति को कब तक शासन द्वारा दूर किया जायेगा? समयावधि सहित बताई जावे। साथ ही किस स्तर के किन अधिकारियों की लापरवाही के कारण अध्यापकों को छठवें वेतनमान का समुचित लाभ समय से नहीं मिल सका है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) म.प्र. शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के आदेश दिनांक 15 अक्टूबर 2016 के अनुसार दिनांक 01.01.2016 से अध्यापक संवर्ग को छठवें वेतनमान का लाभ प्रदेश में दिया गया है। (ख) एवं (ग) संदर्भित आदेश में निहित निर्देशों के अनुक्रम में वेतन निर्धारण की कार्यवाही प्रचलित है। संवर्ग में वरिष्ठता निर्धारण, सेवा अवधि की गणना, वेतन वृद्धि गणना में विसंगति/त्रुटि के कारण अंतर की स्थिति निर्मित हुई है। इसके समाधन के लिये उदाहरण सहित स्पष्टीकरण जारी करने की कार्यवाही प्रचलित है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निजी भवनों में संचालित छात्रावास
[अनुसूचित जाति कल्याण]
127. ( क्र. 4203 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के कितने छात्रावास शासकीय भवनों में नहीं है। उनके नाम, स्थान एवं उनमे रह रहे छात्र–छात्राओं की संख्या सहित सूची प्रदाय करें। (ख) निजी भवनों में संचालित छात्रावासों की अलग–अलग जानकारी देवें की कब से छात्रावास निजी भवन में है? निजी भवन का भवन स्वामी कौन है? भवन स्वामी एवं विभाग के बीच क्या सहमति या एग्रीमेंट है? (ग) निजी भवनों में संचालित छात्रावासों का किराये के दिन अधिग्रहण से दिसम्बर 2016 तक कितना किराया एवं अन्य व्यय मासिक एवं वार्षिक व्यय किया गया है? (घ) क्या शासन की योजना निजी भवनों में संचालित छात्रावासों को शासकीय भवनों में चलाने की कोई योजना है, तो क्या है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) छतरपुर जिले में अनुसूचित जाति के 25 एवं अनुसूचित जनजाति के 03 छात्रावास शासकीय भवनों में नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स’ अनुसार है। (घ) जी हाँ। विभाग द्वारा नवीन छात्रावास की आवश्यकता के आधार पर निर्माण की योजना है।
वक्फ कमेटियों की आय
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
128. ( क्र. 4205 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बिजावर एवं महाराजपुर विधान सभा क्षेत्र में कितनी वक्फ कमेटियाँ कार्यरत हैं? इनमें से प्रत्येक के पास क्या-क्या चल–अचल सम्पत्तियां हैं? इनकी मासिक और वार्षिक आय कितनी है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार कौन–कौन सी कमेटियों में नवगठन हुआ है? कौन–कौन सी लंबित हैं? (ग) लंबित कमेटियों के गठन की क्या प्रक्रिया है? सदस्य या पदाधिकारी होने के लिए क्या पात्रता आवश्यक होती है? (घ) यदि वक्फ की सम्पति पर व्यक्तिगत कब्ज़ा या अवैध अधिग्रहण की जानकारी मिलती है, तो नियमानुसार क्या कार्यवाही होती है।
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) बिजावर एवं महाराजपुर विधानसभा क्षेत्र में कोई प्रबंध कमेटी वक्फ बोर्ड द्वारा स्वीकृत नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। वक्फ बोर्ड में वक्फ कब्रस्तान मय मजार बिजावर, छतरपुर की प्रबंध कमेटी का प्रस्ताव लंबित है। (ग) गठन की प्रक्रिया हेतु नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) वक्फ संपत्ति पर अतिक्रमण के संबंध में वक्फ अधिनियम की धारा 54 के अंतर्गत कार्यवाही की जाती है।
होम्योपैथी महाविद्यालय को एम.डी (स्नातकोत्तर) की मान्यता
[आयुष]
129. ( क्र. 4208 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आयुष विभाग द्वारा प्रदेश के एकमात्र होम्योपैथी महाविद्यालय को एम.डी (स्नातकोत्तर) की मान्यता प्रदान की गई है व बी.एच.एम.एस. (स्नातक) की सीटों की संख्या 70 से बढ़ा कर 100 कर दी गई है? यदि हाँ, तो क्या इन सीटों को बढ़ाने की आवश्यकता थी? स्पष्ट करें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार सीटे बढ़ाने के पश्चात् भी महाविद्यालय में वर्तमान में सीटे रिक्त हैं? यदि हाँ, तो कारण स्पष्ट करें व इन सीटों को भरने के लिये कौन सी भर्ती प्रक्रिया का पालन किया गया? स्पष्ट करें।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। आयुष मंत्रालय भारत शासन द्वारा। जी हाँ, मांग के आधार पर। (ख) जी नहीं। स्नातक पाठ्यक्रम में प्रवेश हेतु पाहुन्ट प्रवेश परीक्षा-2016 की मैरिट के आधार पर एम.पी. ऑन-लाईन व केन्द्रीयकृत ऑफ-लाईन काउंसिलिंग के माध्यम से।
केन्द्रीय योजनाओं में प्राप्त राशि
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
130. ( क्र. 4210 ) श्री संजय उइके : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विभाग को केन्द्र/राज्य सरकार की योजनाओं में राशि प्राप्त होती है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक बालाघाट जिले को कितनी-कितनी राशि जारी की गई एवं कितना-कितना, कहाँ-कहाँ व्यय किया गया? योजनावार/मदवार जानकारी उपलब्ध करावें (ग) क्या मुस्लिम बाहुल्य जिले का चयन केन्द्रीय योजनाओं में किया गया है? हाँ तो प्रदेश में कौन-कौन से मुस्लिम बाहुल्य जिले है? क्रमवार बतावें एवं किन-किन जिलों का चयन योजना में किया गया बतावें?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुआवजा राशि का भुगतान
[आदिम जाति कल्याण]
131. ( क्र. 4212 ) श्री संजय उइके : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले की बैहर तहसील अन्तर्गत ग्राम जत्ता में प्री-मैट्रिक बालक छात्रावास का निर्माण श्री मेहतरलाल वाघाड़े वल्द नन्दराम की निजी भूमि पर निर्मित किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या विभाग ने पीडि़त व्यक्ति को शासन के नियमानुसार मुआवजा राशि प्रदान कर दी है? यदि हाँ, तो कब कितनी?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) विभाग में पीडि़त व्यक्ति को शासन नियमानुसार मुआवजा राशि प्रदान करने हेतु कार्यवाही गतिशील है। कार्यवाही पूर्ण होते ही मुआवजा राशि का भुगतान कर दिया जावेगा।
प्राप्त आवंटन से किए गए कार्यों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
132. ( क्र. 4249 ) श्री रामसिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला-शिवपुरी को वर्ष 2015-16 एवं वर्ष 2016-17 में कितना आवंटन प्राप्त हुआ? उक्त आवंटन किन-किन कार्यों पर कितना-कितना, कब-कब व्यय किया गया? (ख) क्या उक्त अवधि में प्राप्त आवंटन से डीजल क्रय किया गया? यदि हाँ, तो जिले में किन-किन वाहनों में कितना-कितना डीजल लिया गया? (ग) मुख्य चिकित्सा अधिकारी जिला शिवपुरी के स्टोर में जनवरी 2017 की स्थिति में कौन-कौन सी दवाइयां कितनी मात्रा में एवं कौन-कौन से चिकित्सा उपकरण कितनी मात्रा में उपलब्ध है? स्टोर प्रभारी कौन है एवं कब से है? इनका पदनाम क्या है? इनकी मूल पदस्थापना कहाँ एवं किस पद पर है? (घ) क्या वर्णित अवधि में प्राप्त आवंटन से गैर चिकित्सीय सामग्री भी क्रय की गई है? यदि हाँ, तो आमंत्रित कोटेशन अथवा निविदा आमंत्रित की गई हो तो उसका विवरण दें। क्या सामग्री क्रय करने में क्या भण्डार क्रय नियमों का पालन किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) मुख्य चिकित्सा अधिकारी जिला शिवपुरी को जारी आवंटन एवं व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ’ अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स’ अनुसार है। डॉ. एन.एस. चौहान, चिकित्सा अधिकारी, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, करैरा को प्रभारी जिला स्वास्थ्य अधिकारी शिवपुरी का प्रभार दिया गया है। डॉ. एन.एस. चौहान को अपने कार्य के साथ-साथ दिनांक 24.11.2016 से प्रभारी स्टोर का कार्य सौंपा गया। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थिति नहीं होता।
स्वास्थ्य कर्मचारियों की मुख्यालय पर उपस्थिति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
133. ( क्र. 4250 ) श्री रामसिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोलारस विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत उप-स्वास्थ्य केन्द्र कहाँ-कहाँ पर है? वर्ष 2015-16 एवं वर्ष 2016-17 में किन-किन उप-स्वास्थ्य केन्द्रों के कहाँ-कहाँ पर कब-कब कितनी लागत से भवन बनाए गए हैं? (ख) कोलारस विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत किन-किन उप-स्वास्थ्य केन्द्रों में कौन-कौन पुरूष एवं महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता, ए.एन.एम., सुपरवाईजर आदि कब से कहाँ-कहाँ पर पदस्थ हैं? इनके मुख्यालय कहाँ हैं? इनके अंतर्गत कौन-कौन से ग्राम आते हैं? क्या उक्त कर्मचारी उनके मुख्यालय पर निवास करते हैं? यदि निवास नहीं करते हैं, तो कौन-कौन क्यों निवास नहीं करते हैं? (ग) क्या बदरवास विकासखण्ड के अंतर्गत ग्राम अगर के उप-स्वास्थ्य केन्द्र पर ताला लटका रहता है और पदस्थ स्वास्थ्य अमला अनुपस्थित रहता है? जिससे कारण ग्रामों के मरीज परेशान होते रहते हैं? यदि हाँ, तो इसकी शिकायत ग्राम अगरा आयोजित जिला स्तरीय लोक कल्याण शिविर दिनांक 25/01/2017 में की गई थी? इस पर क्या कार्यवाही की गई? जानकारी दें। (घ) क्या ग्राम अगरा उप-स्वास्थ्य केन्द्र में काफी लंबे अरसे से पदस्थ स्वास्थ्य कर्मचारियों को वहां से स्थानांतरण किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। कोलारस विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2015-16 एवं वर्ष 2016-17 में कोई भी उप-स्वास्थ्य केन्द्र भवन का निर्माण कार्य नहीं हुआ है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी नहीं। मुख्यालय पर निवास न करने वाले कर्मचारियों के विरूद्ध खण्ड चिकित्सा अधिकारी द्वारा दिनांक 20.01.2017 को नोटिस जारी किया गये है। महिलाओं एवं बच्चों को नियत दिवस में सेवाऐं दी जाती हैं। ऐसा कोई शिकायती पत्र कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी शिवपुरी में प्राप्त नहीं हुआ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जारी नोटिस का जबाब प्राप्त होने पर गुण दोष के आधार पर कार्यवाही की जायेगी।
चिकित्सकों की परिवीक्षा अवधि
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
134. ( क्र. 4271 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में ऐसे कितने चिकित्सक हैं, जो पी.एस.सी. से चयनित होने के बाद नियमति नहीं किये गये हैं? (ख) क्या प्रदेश में ऐसे चिकित्सक भी हैं जो पी.एस.सी. से चयनित होने के बाद भी 5-6 वर्ष से नियमित नहीं किये गये हैं? कारण बतायें। (ग) ऐसे चिकित्सकों को कब तक नियमित कर दिया जावेगा।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) दो वर्ष की परिवीक्षा अवधि पूर्ण कर, परिवीक्षा अवधि समाप्त किए जाने के कुल 217 प्रकरण शेष हैं, जिनके परिवीक्षा अवधि समाप्त करने की कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) जी हाँ। परिवीक्षा अवधि समाप्त किए जाना एक निरंतर प्रक्रिया है, हाल ही में 169 चिकित्सकों की परिवीक्षा समाप्ति के आदेश जारी किए गए हैं। परिवीक्षा अवधि समाप्त किए जाने हेतु पात्र चिकित्सकों के अभिलेख यथा गोपनीय चरित्रावली उपलब्ध न कराना, नियंत्रणकर्ता अधिकारी की वर्क रिपोर्ट एवं अनुशंसा में प्रतिकूल टिप्पणी तथा चिकित्सक के विरूद्ध कार्यवाही एवं अनाधिकृत अनुपस्थिति की स्थिति भी लंबित रहने का कारण है। (ग) उत्तरांश (ख) में दर्शित स्थिति के नियमन उपरांत परिवीक्षा अवधि समाप्ति की कार्यवाही शीघ्र की जावेगी।
जिला चिकित्सालय में चिकित्सक की पदस्थापना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
135. ( क्र. 4275 ) श्री गोपाल परमार : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवगठित आगर जिले बनने के बाद जिला चिकित्सालय में आज दिनांक तक कितने चिकित्सक के पद स्वीकृत हैं और कितने पद रिक्त हैं? पदवार सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार जिला बनने के बाद चिकित्सक व इलाज के आभाव में कितनी महिलाओं को प्रसव के दौरान उनके बच्चों की मौत हुई? सूची देवें। (ग) चिकित्सकों की पदपूर्ति न होने से कितने मरीजों को जनहानि हुई व समय पर इलाज के आभाव में रेफर मरीजों को जनहानी हुई पर क्या शासन सतर्कता से पदपूर्ति करेगा तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी निरंक है। (ग) मरीजों की जनहानि की स्थिति निरंक है। चिकित्सकों की पदपूर्ति की कार्यवाही निरंतर जारी है। पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
सहायक ग्रेड-3 को नियुक्ति दिनांक से नियमित वेतनमान दिया जाना
[स्कूल शिक्षा]
136. ( क्र. 4276 ) श्री गोपाल परमार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन के अंतर्गत वर्ष 1992 से प्रश्न दिनांक तक सहायक ग्रेड-3 जो अनुकम्पा नियुक्ति के अंतर्गत नियुक्त किये गए हैं? क्या इनकी नियुक्ति के समय नियमित वेतन वृद्धि प्राप्त करने हेतु शर्तें लागू की गई हैं? यदि हाँ, तो सहायक शिक्षक को भी शर्तें रखी गई हैं जो अनुकम्पा नियुक्ति से नियुक्त हुए हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार अनुकम्पा नियुक्ति से नियुक्त सहायक शिक्षकों को एवं अन्य कर्मचारियों को नियुक्ति दिनांक से नियमित वेतन वृद्धि का लाभ दिया जा रहा है, तो सहायक ग्रेड-3 को शर्तों के अधीन क्यों रखा गया है? क्या इन्हें शासन शर्तों से छूट प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार इनकी विसंगति पूर्ण नियमों के लिए क्या कार्यवाही की जाएगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) सहायक ग्रेड-3 पद पर अनुकंपा नियुक्ति की गई है। इनकी नियुक्ति में नियमित वेतन वृद्धि हेतु टंकण/कम्प्यूटर दक्षता परीक्षा उत्तीर्ण होने की शर्त है। शेषांश जी नहीं। (ख) एवं (ग) सहायक शिक्षक/भृत्य को नियमित वेतन वृद्धि का लाभ दिया जा रहा है। सहायक ग्रेड-3 को सामान्य प्रशासन विभाग के नियमों के अनुसार शर्त के अधीन रखा गया है। उत्तरांश के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
होम्योपैथिक चिकित्सकों को ऐलोपैथिक उपचार की अनुमति
[आयुष]
137. ( क्र. 4339 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. सरकार द्वारा म.प्र. आयुर्वेदिक, यूनानी तथा प्राकृतिक चिकित्सा व्यवसाय संशोधन विधेयक 2016 पारित किया गया था, जिसमें उक्त चिकित्सकों को एलोपैथिक चिकित्सा की अनुमति प्रशिक्षण के बाद निश्चित की गयी थी। इस संशोधन विधेयक में होम्योपैथिक चिकित्सकों को छोड़ दिया गया है, जबकि प्रदेश में होम्योपैथिक चिकित्सकों की संख्या लगभग 18000 है। (ख) क्या शासन इन होम्योपैथिक चिकित्सकों को भी 3 माह के प्रशिक्षण उपरान्त ऐलोपैथिक उपचार की अनुमति देने पर विचार कर रहा है? (ग) यदि हाँ, तो कब तक इन्हें भी योजना का लाभ मिलने लगेगा? यदि योजना नहीं बनाई गई, तो कब तक बना ली जावेगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) उत्तरांश (ख) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
छठवें वेतनमान में विसंगति
[स्कूल शिक्षा]
138. ( क्र. 4340 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अध्यापक संवर्ग हेतु दिनांक 15.10.2016 को जारी किये गये आदेश में क्या-क्या विसंगती है? क्या इस आदेश का संकुल, ब्लॉक एवं जिला स्तर पर अलग-अलग व्याख्या कर वेतन का निर्धारण किया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? (ख) वेतन निर्धारण गणना का आधार वरिष्ठताक्रम के वर्षों को मानकर या 01.12.2015 को मूल वेतन को आधार मानकर 01.01.2016 को वेतन निर्धारण किया गया है? सही आधार क्या है? क्रमोन्नति और पदोन्नति प्राप्त अध्यापक संवर्ग का वेतन छठवें वेतनमान में कनिष्ठ अध्यापको से भी कम हो गया है, क्यों? (ग) उक्त आदेश के परिशिष्ट-1 में तीनों सारणी के आधार अलग-अलग है, यदि हाँ, तो क्यों? उक्त आदेश में हुई वेतन विसंगति को कब तक दूर कर लिया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) अध्यापक संवर्ग हेतु स्वीकृत किये गये छठवें वेतनमान के संबंध में जारी आदेश दिनांक 15.10.2016 में संलग्न वेतन निर्धारण तालिकाओं में वेतन नियमन में भिन्नता के कारण विभिन्न कार्यालयों में अध्यापक संवर्ग में सेवा अवधि की गणना वरिष्ठता का निर्धारण, पदोन्नति/क्रमोन्नति के उपरांत वेतन नियमन/वेतन वृद्धि में पृथक-पृथक आधार लिये जाने से विसंगति निर्मित हुई है। (ख) दिनांक 31.12.2015 की स्थिति में विद्यमान वेतनमान में प्राप्त कर रहे मूल वेतन के आधार पर ही छठवें वेतनमान का निर्धारण किये जाने का प्रावधान है। शासन द्वारा वेतन निर्धारण के संबंध में समय-समय पर जारी किए गए नियम एवं निर्देशों के अनुरूप वेतन नियमन करने पर वरिष्ठ अध्यापक का वेतन कनिष्ठ अध्यापक से कम होने की स्थिति निर्मित नहीं हो सकती। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। अध्यापक संवर्ग को स्वीकृत छठवें वेतनमान के मूल आदेश दिनांक 31.05.2016 में सहायक अध्यापक तथा वरिष्ठ अध्यापक वर्ग को शासकीय कर्मचारियों के समान न्यूनतम वेतन स्वीकृत करने के फलस्वरूप तालिकाओं के आधार में भिन्नता के कारण। वेतन निर्धारण से संबंधित विभिन्न बिन्दुओं पर स्पष्टीकरण जारी किये जाने की कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों का उन्नयन
[स्कूल शिक्षा]
139. ( क्र. 4359 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितने मिडिल से हाई स्कूल एवं हाई स्कूल से हायर सेकेण्डरी स्कूल का उन्नयन किया गया है एवं कितने हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल का उन्नयन किया जाना शेष है? (ख) छतरपुर जिले के उन्नयन किये गये हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों में कितने भवन स्वीकृत किये गये हैं, कितने भवन स्वीकृत नहीं हो पाये हैं? कितने भवन पूर्ण हैं, कितने भवन अपूर्ण है? अपूर्ण भवन कब तक पूर्ण कर लिये जावेंगे? कितने नवीन भवनों में स्कूलों का संचालन प्रारंभ किया जा चुका है? स्कूलवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) छतरपुर जिले में उन्नयन किये गये हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों में स्कूलवार स्टॉफ की क्या स्थिति है? क्या स्कूलवार स्टॉफ पर्याप्त संख्या में है? अगर नहीं तो विभाग द्वारा क्या प्रयास किये जा रहे हैं? कब तक स्कूलों में स्टॉफ की पूर्ति कर ली जावेगी एवं वर्तमान में हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल स्टॉफ की जानकारी उपलब्ध करावें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) छतरपुर जिले में जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक मिडिल से हाई स्कूल में कुल 33 एवं कुल 08 हाई स्कूल से हायर सेकेण्डरी में शालाओं का उन्नयन किया गया है। शालाओं का उन्नयन एक सतत् प्रक्रिया है। बजट उपलब्धता के आधार पर शालाओं का उन्नयन किया जाता है। (ख) विद्यालयवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। (ग) उन्नत किए गए हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी में स्कूलवार स्टॉफ की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है। शालाओं में अध्यापन कार्य हेतु रिक्त पदों के विरूद्ध अतिथि शिक्षकों की व्यवस्था की गई है। रिक्त पदों की पूर्ति आगामी संविदा शाला शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के दौरान एवं पदोन्नति द्वारा की जाना संभव होगी। पदों की भर्ती एक सतत् प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों हेतु भवन की स्वीकृति
[स्कूल शिक्षा]
140. ( क्र. 4393 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले की बहोरीबंद विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2011 से वर्तमान तक कितने मा.शा. से हाई स्कूल एवं कितनी शालाओं का हाई स्कूल से हायर सेकेण्डरी में उन्नयन हुआ है? विकासखण्डवार, संकुलवार वर्षवार बताएं। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार किन-किन शालाओं में भवन स्वीकृत किये गये? कितनी शालाएं भवनविहीन है? विकासखण्डवार, संकुलवार वर्षवार बताएं? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार भवनविहीन शालाओं हेतु कब तक भवन स्वीकृत किये जावेंगे? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में जनप्रतिनिधियों द्वारा प्रेषित पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? शिकायतवार कार्यवाहीवार विवरण दें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक पर है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो एवं तीन पर है। (ग) बजट उपलब्धता पर निर्भर करेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन पर है।
प्रौढ़ शिक्षा केन्द्रों का संचालन
[स्कूल शिक्षा]
141. ( क्र. 4394 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्तमान में अशिक्षित प्रौढ़ हेतु प्रौढ़ शिक्षा केन्द्र संचालित है? यदि हाँ, तो कटनी जिले में कितने प्रौढ़ शिक्षा केन्द्र संचालित है? विकासखण्डवार वर्ष 2013 से पृथक-पृथक प्रौढ़ शिक्षा केन्द्रवार विवरण दें? (ख) प्रश्नांश (क) के संचालन हेतु कब-कब कितनी-कितनी राशि एवं सामग्री किस-किस केन्द्र हेतु आवंटित की गई? आवंटित राशि का व्यय किस-किस कार्य में कब-कब किया गया? (ग) प्रश्नाधीन अवधि में प्रौढ़ शिक्षा केन्द्रों का किस-किस अधिकारी द्वारा कब-कब निरीक्षण/सत्यापन किया गया? केन्द्रवार तिथिवार सत्यापनकर्ता अधिकारी का नाम, पदनाम सहित विवरण दें। (घ) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी कटनी को लिखे गये पत्र क्रमांक 742 दिनांक 30.07.16 के संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? तिथिवार, कार्यवाहीवार, विवरण दें। यदि नहीं, तो इसके लिये कौन दोषी है? षियों पर क्या कार्यवाही जावेगी एवं कब तक की जायेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। कटनी जिले में वर्तमान में 386 प्रौढ़ शिक्षा केन्द्र संचालित हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'1' पर है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'2' पर है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'3' पर है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'4' पर है।
अध्यापक संवर्ग के कर्मचारियों के क्रमोन्नति एवं वेतन वृद्धि
[स्कूल शिक्षा]
142. ( क्र. 4397 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना के अध्यापक संवर्ग के कर्मचारियों को शासन द्वारा 12 वर्ष बाद भी क्रमोन्नति का लाभ नहीं मिल रहा है क्यों? जनवरी 2017 की स्थिति के अनुसार जानकारी दें। (ख) वेतन वृद्धि एक वर्ष बाद लगाई जाने के नियम के अनुसार अध्यापक वर्ग को वेतन वृद्धि क्यों नहीं दी जा रही है। (ग) क्या सात वर्ष बाद पदोन्नति का प्रावधान होने के बावजूद छठवें वेतन का लाभ नहीं दिया जा रहा है, क्यों? (घ) लोक शिक्षण संचालनालय के पत्र क्र./शिक्षा कर्मी/8/444/16/2859 दिनांक 30.11.2016 के निर्देशों से हटकर क्या जिला शिक्षा अधिकारी मुरैना द्वारा वेतनमान निर्धारित किये है? क्या शासन प्रदेश में एकरूपता लाने के लिये निर्देश जारी करेगा। हाँ तो कब तक? एक समान वेतन निर्धारण कब तक किया जायेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) अध्यापक संवर्ग को समय-समय पर स्वीकृत किए गए वेतनमान के अंतर्गत क्रमोन्नत वेतनमान के आदेश जारी किए गए हैं। छठवें वेतनमान के अंतर्गत क्रमोन्नत वेतनमान के आदेश जारी किए जाने की कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) अध्यापक संवर्ग को वेतन वृद्धि की स्वीकृति नियमानुसार की जा रही है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) छठवें वेतनमान का लाभ अध्यापक संवर्ग के अंतर्गत तीनों वर्गों के लिए किया गया है यथा, सहायक अध्यापक, अध्यापक एवं वरिष्ठ अध्यापक। (घ) जी हाँ। वेतन निर्धारण से संबंधित विभिन्न बिन्दुओं पर स्पष्टीकरण जारी किये जाने की कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अध्यापकों के वेतनमान में विसंगति
[स्कूल शिक्षा]
143. ( क्र. 4400 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले में अध्यापक संवर्ग के अध्यापकों के छठवां वेतनमान का निर्धारण अलग-अलग विकासखण्डों में समान नहीं दिये जाने के क्या कारण है? जनवरी 2017 की स्थिति में पूर्ण जानकारी दी जावें। (ख) क्या यह सही है कि सबलगढ़ विकासखण्ड में 1998 में नियुक्त सहायक अध्यापकों को चौंतीस हजार वेतन 2001 एवं 2003 के सहायक अध्यापकों को बत्तीस हजार वेतन जबकि मुरैना विकासखण्ड में चौबीस हजार वेतन दिया जा रहा है, यह विसंगति क्यों? (ग) क्या लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल के पत्र क्र./शिक्षाकर्मी/8/444/16/2859 दिनांक 30.11.2016 के निर्देशों का सही पालन नहीं किया जा रहा है, क्यों? इन निर्देशों का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) म.प्र. शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के आदेश दिनांक 15 अक्टूबर 2016 के अनुसार दिनांक 01.01.2016 से अध्यापक संवर्ग को छठवें वेतनमान का लाभ प्रदेश में दिया गया है। जारी आदेश की सारणी अनुसार जिले में आहरण संवितरण अधिकारियों द्वारा वेतन निर्धारण किया गया है। (ख) संवर्ग में वरिष्ठता निर्धारण, सेवा अवधि की गणना, वेतन वृद्धि की गणना में विसंगति/त्रुटि के कारण अंतर निर्मित हुए हैं। इसके समाधान के लिये उदाहरण सहित स्पष्टीकरण जारी करने की कार्रवाई प्रचलित है। (ग) संचालनालय द्वारा निर्देश जारी किये गये हैं, प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार स्पष्टीकरण जारी होने पर निराकरण हो जावेगा। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आदिवासी सहरिया जाति हेतु आवास स्वीकृति
[आदिम जाति कल्याण]
144. ( क्र. 4413 ) श्री मेहरबान सिंह रावत : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले के घाटीगाँव किस खण्ड की ग्राम पंचायत पाटई में आदिवासी सहरिया जनजाति के आवास निर्माण किये जाने हेतु मुख्यमंत्री कार्यालय एवं कन्द्रीय पंचायत मंत्री द्वारा लिखे गये पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई है। (ख) कब तक आवास प्रदाय किये जाकर आदिवासी सहरिया जाति को लाभांवित किया जायेगा।
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : प्रश्नांश अन्तर्गत पत्र सहरिया विकास अभिकरण जिला ग्वालियर को प्राप्त नहीं हुआ है, परन्तु वर्ष 2013-14 में ग्राम पंचायत पाटई के 10 सहरिया आदिवासियों को आवास स्वीकृत किये गये हैं। वर्ष 2015-16 में आवास निर्माण मद अन्तर्गत स्वीकृत नहीं किये गये। (ख) भारत सरकार की योजना है, अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अंग प्रत्यारोपण अधिनियम
[चिकित्सा शिक्षा]
145. ( क्र. 4433 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संचालक, चिकित्सा शिक्षा को मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत प्रदेश में विहित अधिकारी नामांकित किया गया है? यदि हाँ, तो विहित अधिकारी को इस अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत कौन-कौन से अधिकार एवं शक्तियां प्रदत्त हैं? क्या अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत विहित अधिकारी को प्रदेश में आई बैंक, किडनी, लीवर एवं हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए शासकीय एवं निजी चिकित्सा महाविद्यालयों एवं सम्बद्ध चिकित्सालयों को पंजीयन प्रमाण-पत्र जारी करने हेतु अधिकार प्रदत्त किये गये हैं? (ख) शिक्षा विभाग द्वारा विहित अधिकारी को प्रदेश में आई बैंक, किडनी, लीवर एवं हार्ट ट्रांसप्लांट हेतु शासकीय एवं निजी चिकित्सा महाविद्यालयों एवं संबंध चिकित्सालयों को पंजीयन हेतु कोई शुल्क निर्धारण किया गया है? जिन संस्थाओं को पंजीकृत किया गया है, उनसे पंजीयन एवं नवीनीकरण की राशि किन नियमों के तहत निर्धारित कर वसूल की गई है तथा वसूल की गई राशि विगत तीन वर्ष में वर्षवार राशि शासकीय कोष में कब-कब जमा की गई? यदि शासकीय कोष में राशि जमा नहीं की गई हो, तो इसके लिए कौन दोषी है? दोषियों पर कोई कार्यवाही हुई अथवा नहीं? यदि हाँ, तो कार्यवाही का ब्यौरा दें। यदि नहीं, तो क्यों? (ग) विगत तीन वर्षों में विहित अधिकारी द्वारा प्रदेश में कितने शासकीय एवं निजी चिकित्सा महाविद्यालयों एवं संबंधित चिकित्सालयों को पंजीकृत किया जाकर पंजीयन प्रमाण-पत्र जारी किये गये हैं? क्या जारी प्रमाण-पत्र वैधानिक रूप से मान्य करने योग्य हैं? यदि नहीं, तो इसके लिए कौन-कौन अधिकारी-कर्मचारी दोषी हैं? दोषियों पर क्या कार्यवाही हुई? ब्यौरा दें। यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या विभाग इस सम्पूर्ण अनियमित कार्यवाही की जाँच कर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( एडवोकेट शरद जैन ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) पंजीकृत संस्थाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। जी हाँ। (घ) उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) के सन्दर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
तृतीय समयमान वेतनमान का लाभ
[स्कूल शिक्षा]
146. ( क्र. 4434 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के शासकीय कर्मचारियों व शिक्षा विभाग के प्रशिक्षण संस्थाओं में कार्यरत व्याख्याताओं को 30 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर तृतीय समयमान वेतनमान का लाभ दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या प्रदेश के शिक्षा विभाग में कार्यरत व्याख्याताओं को भी तृतीय समयमान वेतनमान का लाभ दिया जा रहा है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? कारण स्पष्ट करें। (ख) क्या प्रदेश के शिक्षा विभाग में कार्यरत सहायक शिक्षक व शिक्षकों को भी तृतीय समयमान वेतनमान का लाभ दिया जावेगा यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? कारण स्पष्ट करें। (ग) प्रदेश के शिक्षा विभाग के प्रशिक्षण संस्थानों में कार्यरत व्याख्याताओं एवं शिक्षा विभाग के उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत व्याख्याताओं की नियुक्ति एवं सेवा शर्तें समान होने पर भी विभाग के समान पदों एवं विभिन्न पदों पर कार्यरत शिक्षकों को तृतीय समयमान वेतनमान का लाभ देने में एक ही विभाग के कर्मचारियों के साथ असमानता क्यों है? इसका निराकरण कब तक कर लिया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) प्रदेश के तृतीय श्रेणी संवर्ग के कर्मचारियों को 30 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर तृतीय समयमान वेतनमान दिये जाने का प्रावधान है। जी नहीं। शिक्षा विभाग के प्रशिक्षण संस्थाओं में व्याख्याताओं को तृतीय समयमान वेतनमान के संबंध में आवश्यक आदेश वित्त विभाग से अद्यतन जारी नहीं किया गया। (ख) सहायक शिक्षकों एवं शिक्षकों को तृतीय समयमान वेतनमान का लाभ दिये जाने का प्रावधान नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत व्याख्याताओं को तृतीय समयमान वेतनामन का लाभ नहीं दिया जा रहा है। अतः शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
वक्फ न्यायाधिकरण में नियुक्ति
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
147. ( क्र. 4445 ) श्री आरिफ अकील : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या कि वक्फ अधिनियम 1995 में संशोधित धारा 83 (4) ग के प्रावधान अनुसार राज्य वक्फ अधिकरण के गठनों में एक मुस्लिम व्यक्ति जिसे मुस्लिम कार्यशास्त्र का ज्ञान होगा, सदस्य के रूप में नियुक्त किया जाएगा? (ख) यदि हाँ, तो राज्य शासन द्वारा बिना पारदर्शी प्रक्रिया अपनाए नवनियुक्त सदस्य के सगे दामाद वक्फ बोर्ड की विधि शाखा में व सदस्य स्वयं वक्फ बोर्ड में गत 25 वर्षों में वकालत कर रहे 65 वर्षीय व्यक्ति को आमरण सदस्य नियुक्ति आदेश में कार्यकाल निर्धारित नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो इस प्रक्रिया से न्यायिक निष्पक्षता और पारदर्शिता प्रभावित नहीं होगी तथा यह भी अवगत करावें कि क्या नवनियुक्त सदस्य के द्वारा भेदभाव, पक्षपात, गोपनीयता भंग करने जैसी शिकायत शासन के समक्ष तथा शपथ-पत्र माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत की गई थी? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक की स्थिति में क्या कार्यवाही की गई और सदस्य की नियुक्त के पूर्व उक्त गंभीर शिकायतों को दृष्टिगत क्यों नहीं रखा गया? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में अवगत करावें कि प्रावधान के विपरीत अदूरदर्शितापूर्वक की गई नियुक्ति के लिए कौन-कौन जिम्मेदार है? उनके विरूद्ध शासन द्वारा क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित बतावें।
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) जी नहीं। (ख) वक्फ अधिनियम 1995 संशोधित की धारा 83 (4) (ग) के प्रावधानुसार ''एक व्यक्ति जिसे मुस्लिम विधि एवं मुस्लिम धर्मशास्त्र का ज्ञान होगा'' सदस्य की नियुक्ति वैधानिक प्रक्रियानुसार की गई है। प्राप्त शिकायत पर नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। (ग) प्रश्नागत सदस्य की नियुक्ति वक्फ अधिनियम 1995 संशोधित की धारा 83 (4) (ग) के प्रावधानुसार ''एक व्यक्ति जिसे मुस्लिम विधि एवं मुस्लिम धर्मशास्त्र का ज्ञान होगा'' अनुसार की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासन की राशि का दुरूपयोग
[चिकित्सा शिक्षा]
148. ( क्र. 4446 ) श्री आरिफ अकील : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा जवाहर लाल नेहरू कैंसर चिकित्सालय एवं अनुसंधान केन्द्र ईदगाह भोपाल एवं जन विकास न्यास कैंसर चिकित्सालय ग्वालियर को वित्तीय वर्ष 2012-13, 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में कितनी अनुदान राशि स्वीकृत की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त वर्षों में शासन की अनुदान राशि से व मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान तथा बीमारी सहायता निधि से कितनी राशि से कितने पीडि़तों (बीमार) व्यक्तियों का इलाज कराया गया उपचार किया गया? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में यह अवगत करावें कि क्या उपरोक्त अस्पतालों द्वारा उपयोगिता प्रमाण-पत्र एवं लाभान्वितों का ऑडिट शासन द्वारा कराया गया तथा क्या ऑडिट रिपोर्ट में आपत्तियां आईं? यदि हाँ, तो दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( एडवोकेट शरद जैन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 में उल्लेखित अवधि में जारी अनुदान राशि, मुख्यमंत्री स्वेच्छा अनुदान पीडि़त मरीजों के इलाज की संख्या (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 में उल्लेखित अवधि में जारी अनुदान राशि, मुख्यमंत्री स्वेच्छा अनुदान पीडि़त मरीजों के इलाज की संख्या एवं बीमारी सहायता निधि से पीडि़तों के उपचार पर व्यय की गई राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी हाँ। प्रश्नांश (क) में उल्लेखित संस्थाओं द्वारा प्रतिवर्ष जारी की गई अनुदान राशि का उपयोगिता प्रमाण-पत्र प्रस्तुत किया गया है। मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान एवं बीमारी सहायता निधि की मद में राशि का आवंटन चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा नहीं किया जाता है। अतः इन मदों का उपयोगिता प्रमाण-पत्र विभाग द्वारा नहीं मंगाया जाता है। इन संस्थाओं का ऑडिट विभाग द्वारा नहीं किया जाता है। राज्य बीमारी सहायता निधि योजना के अन्तर्गत प्रदाय राशि का ऑडिट जिला स्तर पर किया जाता है। हितग्राहियों का सत्यापन जिला स्तर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा किया जाता है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
30 बिस्तरीय चिकित्सालय का अधिग्रहण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
149. ( क्र. 4470 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि प्रश्नकर्ता के परि.अता. प्रश्न संख्या 85 (क्र. 2020), दिनांक 25.07.2016 के उत्तर (क), (ख) में बताया था कि न.ध.वि.प्रा. के पत्र दिनांक 31.12.2008 के द्वारा बरगी नगर स्थित प्राधि. के 30 बिस्तरीय चिकित्सालय की स्वास्थ्य विभाग को हस्तां. करने प्रस्ताव प्राप्त हुआ है एवं परीक्षण उपरांत कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो उपरोक्त चिकित्सालय का अधिग्रहण स्वास्थ्य विभाग कब तक करेगा? ताकि इस क्षेत्र के 30-35 गाँवों के आदिवासियों को स्वास्थ्य सुविधायें प्राप्त हो सके।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : जी हाँ। स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिनांक 22.02.2017 को खण्ड चिकित्सा अधिकारी, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, बरेला द्वारा रानी अवंती बाई लोधी सागर परियोजना बायी तट नगर, जबलपुर के अंतर्गत बरगी बांध स्थल बरगी नगर स्थित चिकित्सालय के भवन का अधिग्रहण कर लिया गया है।
आदिवासी जनता हेतु 108 एम्बुलेंस की सुविधा
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
150. ( क्र. 4471 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में वर्तमान में 108 एम्बुलेंस कहाँ तैनात है? बरगी विधान क्षेत्र के आदिवासी बहुल्य क्षेत्र के प्रमुख स्थल ग्राम-चरगंवा एवं बेलखेड़ा में 108 एम्बूलेंस तैनात है? (ख) यदि नहीं, तो आदिवासी जनता के हित में उक्त दोनों स्थानों पर 108 एम्बुलेंस कब तक तैनात की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जबलपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में 108 एम्बुलेंस बरगी, कटंगी, बरेला, कुण्डम, शाहपुरा, मझौली, पाटन, सिहोरा, पनागर, भेड़ाघाट एवं मझगवां में तैनात हैं। जी नहीं। (ख) जी नहीं, शाहपुरा, पाटन एवं बरगी में तैनात 108 एम्बुलेंस वाहनों द्वारा क्षेत्र की आदिवासी जनता को आवश्यकता पड़ने पर सेवाएं प्रदाय की जा रही है।
स्कूल शिक्षा विभाग के गिरते स्तर में सुधार
[स्कूल शिक्षा]
151. ( क्र. 4494 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भितरवार विधान सभा क्षेत्र में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा कहाँ-कहाँ प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल एवं इन्टर विद्यालय संचालित हैं? इन विद्यालयों में कितने-कितने पद किस-किस अधिकारियों/कर्मचारियों के स्वीकृत हैं? उनमें से कितने पद रिक्त हैं? इन रिक्त पदों को कब तक भर लिया जावेगा? जो पद भरे हुये हैं, उन पर कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ हैं। (ख) स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में गिरते स्तर में सुधार हेतु क्या-क्या उपाय किये जा रहे हैं? विभाग द्वारा छात्रों के कल्याण के लिये क्या-क्या योजनायें चलाई जा रही हैं? 1 जुलाई 2016 से प्रश्न दिनांक तक इन योजनाओं से भितरवार विधान सभा क्षेत्र में कितने छात्रों को या अभिभावकों को लाभ मिला है। (ग) भितरवार विधान सभा क्षेत्र में 1 जुलाई 2016 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस विद्यालय में वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा कब-कब निरीक्षण किया? उनके निरीक्षण के समय कौन-कौन शिक्षक (कर्मचारी) अनुपस्थित पाये गये? उन शिक्षकों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक पर है। रिक्त पदों को सीधी भर्ती/पदोन्नति/स्थानांतरण आदि से भरने का प्रावधान है। यह एक सतत् प्रक्रिया है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। पदस्थ अधिकारी/कर्मचारी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक पर है। (ख) शैक्षणिक गुणवत्ता हेतु विभागीय अधिकारियों द्वारा अकादमिक पर्यवेक्षण, रेमिडियल टीचिंग, प्रतिभा पर्व का आयोजन, प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं में दक्षता संवर्धन, शाला सिद्धि के तहत शालाओं का मूल्यांकन इत्यादि कार्य किए जा रहे है। विभाग द्वारा छात्र-छात्राओं को कक्षा 1 से 12 तक निःशुल्क पुस्तकें, कक्षा 1 से 8 तक के छात्र-छात्राओं को गणवेश की राशि एवं कक्षा 6 एवं कक्षा 9 में दूसरे राजस्व ग्राम से आने वाले छात्र-छात्राओं को निःशुल्क साईकिल वितरण, राज्य छात्रवृत्ति, प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में मध्यान्ह भोजन की योजनायें चलाई जाती हैं। इसके अतिरिक्त माध्यमिक शिक्षा मण्डल की कक्षा 12 वीं में सामान्य संवर्ग के 85 प्रतिशत या उससे अधिक अंक प्राप्त करने वाले तथा अनुसूचित जाति एवं जनजाति संवर्ग के 75 प्रतिशत या उससे अधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को लैपटॉप के रूप में राशि रूपये 25000/- प्रदाय की जाती है। लाभान्वित छात्र-छात्राओं की जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो पर है।
जिला शिक्षा केन्द्र ग्वालियर द्वारा कराये गये निर्माण कार्य
[स्कूल शिक्षा]
152. ( क्र. 4495 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 अप्रैल, 2014 से प्रश्न दिनांक तक कार्यालय जिला शिक्षा केन्द्र ग्वालियर के द्वारा भितरवार एवं घाटीगाँव (वरई) विकासखण्डों में क्या-क्या निर्माण कार्य, किस-किस स्थान पर कितनी-कितनी लागत से किस-किस यंत्री/सहायक यंत्री तथा किस-किस ठेकेदार/एजेंसी के द्वारा कराये गये हैं तथा कराये जा रहे हैं? वर्तमान में उक्त निर्माण कार्यों की भौतिक तथा वित्तीय स्थिति क्या है? उक्त अवधि में निर्मित कार्यों की गुणवत्ता सम्बंधी शिकायतें किन शिकायतकर्ताओं द्वारा की गई है? शिकायत की जाँच किस कर्मचारी/अधिकारी द्वारा की गई, जाँच के उपरान्त दोषियों के प्रति क्या कार्यवाही की गई। (ख) कार्यालय जिला शिक्षा केन्द्र ग्वालियर के अन्तर्गत ग्वालियर जिले में कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ हैं? उनका नाम, पद, पदस्थापना दिनांक एवं मुख्यालय स्पष्ट करें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। इस अवधि में गुणवत्ता संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई। अत: शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
स्कूलों की वार्षिक कार्ययोजना
[स्कूल शिक्षा]
153. ( क्र. 4512 ) श्री मधु भगत : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश शासन ने 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक जिला शिक्षा केन्द्र बालाघाट में किस-किस योजना मद में कितनी-कितनी राशि आवंटित की है एवं कितनी-कितनी राशि व्यय हुई है? किस-किस मद की कितनी-कितनी राशि का उपयोग नहीं हुआ है, क्यों? योजनाओं की लक्ष्य की पूर्ति बतायें। (ख) प्रश्नांश में सिविल वर्क के तहत कितने-कितने प्राथमिक, माध्यमिक शालाओं की दशा बदलने हेतु नवीन शाला भवनों का निर्माण, अतिरिक्त कक्ष, बाउण्ड्रीवॉल, छात्र-छात्राओं के लिये शौचालयों निर्माण, शाला भवनों के मरम्मत व शुद्ध पेय-जल की व्यवस्था की गई है? विकासखण्डवार जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्ष 2015-16 वर्ष 2016-17 की वार्षिक कार्ययोजनाओं में विधान सभा क्षेत्र परसवाड़ा के कितने प्राथमिक, माध्यमिक शालाओं में कितनी-कितनी राशि के सिविल कार्य कराना, स्वीकृत/प्रस्तावित है? कितनी शालाएं भवनविहिन है? कितनी शालाएं भवन क्षतिग्रस्त हैं? कितने शालाओं में शुद्ध पेय-जल व छात्र-छात्राओं के लिये शौचालय की व्यवस्था नहीं है एवं क्यों? इसके लिये क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या मोतेगाँव, मोरया, तीनटोला (सकरी) समस्त शाला भवन विकासखण्ड बालाघाट सहित अन्य शालाओं के भवन अत्यन्त जीर्ण-क्षीर्ण हो चुके हैं? यदि हाँ, तो कब तक नवीन भवन निर्माण की स्वीकृति कब तक प्रदान की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक जिला शिक्षा केन्द्र बालाघाट को मदवार आवंटित एवं व्यय राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) विकासखण्डवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 की वार्षिक कार्ययोजना में विधान सभा क्षेत्र परसवाड़ा में प्रस्तावित एवं स्वीकृत कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। 38 प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं के क्षतिग्रस्त/भवनविहीन भवनों के नवीन निर्माण, 07 प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं में पेय-जल स्त्रोत, 203 प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं में शौचालय, 17 प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं के मरम्मत कार्यों के प्रस्ताव वार्षिक कार्य योजना 2015-16 एवं 2016-17 में में शामिल थे परंतु भारत शासन से स्वीकृति प्राप्त नहीं हुई। वर्ष 2017-18 की वार्षिक कार्ययोजना में भी यह कार्य प्रस्तावित किये गये है। शेषांश का प्रश्न ही नहीं उठता। (घ) प्राथमिक शाला मोतेगाँव एवं तीनगढ़ी का भवन क्षतिग्रस्त होने से जर्जर के विरूद्ध नवीन शाला भवन हेतु वार्षिक कार्ययोजना 2017-18 में प्रस्तावित है। मोरया प्राथमिक शाला भवन की स्थिति ठीक होने से मरम्मत/नवीन भवन प्रस्तावित नहीं किया गया है। भारत शासन से नवीन भवन की स्वीकृति के उपरांत निर्माण कराया जावेगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
सामान्य जानकारी एवं अनियमितताओं पर कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
154. ( क्र. 4513 ) श्री मधु भगत : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा ड्रग एवं कास्मेटिक एक्ट 1940, खाद सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 के संदर्भ में कौन-कौन से नियम परिपत्र निर्देश जारी किये गए एवं लागू हैं? वर्तमान में लागू नियम निर्देश की प्रति बतायें। इनके पालन में बालाघाट जिले में 1 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही अर्थात निरीक्षण, छापे, नमूने, जाँच सेम्पल इत्यादि प्राप्त किये? (ख) उपरोक्त नियम, अधिनियम तथा विभाग द्वारा जारी परिपत्रों के प्रावधान अनुसार बालाघाट जिले में वर्ष 2014 से प्रश्नांश अवधि तक किस-किस फार्म के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) बालाघाट जिले में कुल कितने औषधि केन्द्र/मेडिकल स्टोर्स हैं?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क ) ड्रग एंड कास्मेटिक एक्ट 1940 ( औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 के अंतर्गत औषधि एवं प्रसाधन सामग्री नियमावली,1945 तथा खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम ) 2006 तद्धीन बने नियम, 2011 एवं विनियम, 2011 लागू है जो कि खाद्य एवं औषधि प्रशासन, मध्यप्रदेश द्वारा जारी न की जाकर केन्द्र सरकार द्वारा जारी की गई है तथा वर्तमान में लागू है। विभाग द्वारा जारी किये गये परिपत्र निर्देश जो कि वर्तमान में लागू है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ’ अनुसार है। इन नियमों निर्देशों के पालन में बालाघाट जिले में 01 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक कुल 1028 निरीक्षण, 02 छापों तथा 135 नमूना संकलन की कार्यवाही की गई। बालाघाट जिले में खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के अंतर्गत वर्ष 1 जनवरी, 2014 से प्रश्न दिनांक तक 2715 निरीक्षण, 503 नमूना संग्रहण की गई कार्यवाही की गई। (ख) औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940, नियमावली, 1945 तथा प्रशासन द्वारा जारी परिपत्रों के प्रावधान अनुसार बालाघाट जिले में वर्ष 2014 से प्रश्नांश अवधि तक जिन जिन फर्मों के विरूद्ध अनुज्ञप्ति निलंबन एवं निरस्तीकरण की कार्यवाही की गई उनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब’ अनुसार है। खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के अंतर्गत वर्ष 1 जनवरी, 2014 से प्रश्न दिनांक तक परिशिष्ट-स अनुसार जाँच हेतु नमूना लेने की कार्यवाही की गई है। (ग) बालाघाट जिले में कुल 686 मेडिकल स्टोर्स हैं।
जिला चिकित्सालय में स्वीकृत एवं रिक्त पद
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
155. ( क्र. 4532 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत जिला चिकित्सालय नरसिंहपुर में कितने पद स्वीकृत हैं, कितने पद भरे हैं, कितने पद रिक्त हैं? बिंदुवार जानकारी देवें। (ख) स्वास्थ्य केन्द्रों उप-स्वास्थ्य केन्द्रों में कितने पद स्वीकृत हैं, कितने पद भरें हैं, कितने पद रिक्त हैं, की बिन्दुवार जानकारी देवें? (ग) रिक्त पद कब तक भरे जावेंगे?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) लोक सेवा आयोग एवं व्यापम के माध्यम से चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल कर्मचारियों की पूर्ति हेतु कार्यवाही निरंतर जारी है। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
विभागीय अभियानों का आयोजन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
156. ( क्र. 4542 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में वर्ष 2014-15 से स्वास्थ्य सेवाओं एवं स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता के कौन-कौन से अभियान/कार्यक्रम/शिविर कब-कब, कहाँ-कहाँ संचालित/आयोजित किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) अभियान के तहत क्या-क्या कार्य एवं कार्यक्रम किये गये? अभियानों में किन जनप्रतिनिधियों की सहभागिता रही? सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 19-76/2007/1/4 भोपाल दिनांक 22/03/2011 के पालन में क्या इन कार्यक्रमों की जानकारी जनप्रतिनिधियों को प्रदाय की जाती है? यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता को अभियानों/कार्यक्रमों की सूचना/जानकारी कब, किस प्रकार, किसके द्वारा दी गई? कार्यक्रमवार बतायें। यदि नहीं, तो क्या कार्यवाही की जायेगी? (ग) प्रश्नांश (क) अभियानों/कार्यक्रमों हेतु कितनी-कितनी राशि का आवंटन, किस योजना के तहत क्या-क्या/कार्यों हेतु प्राप्त हुआ? अभियानवार, योजनावार वर्षवार बतायें। (घ) प्रश्नांश (ग) प्राप्त आवंटन राशि का, किस-किस कार्य में, क्या सामग्री क्रय करने में, कितना-कितना व्यय किया गया? वर्षवार बतायें एवं भंडार क्रय नियमों के तहत सक्षम प्राधिकारियों द्वारा किये गये सत्यापन के अभिलेख उपलब्ध करायें। (ड.) क्या सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय के आदेश क्रमांक-एफ-II-03/2016/1/9 दिनांक-04/02/2016 के पालन में कटनी जिले में संचालित विभागीय योजनाओं/कार्यक्रमों का बाहरी मूल्यांकन कराया गया है? यदि हाँ, तो विवरण देवें? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। भण्डार क्रय नियमों के तहत सक्षम प्राधिकारियों के द्वारा सत्यापित अभिलेख पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (ड.) जी हाँ। चार्टड अकाउन्टेंट के ऑडिट दल द्वारा प्रत्येक वित्तीय वर्ष का मूल्याकंन किया गया है एवं महालेखाकार कार्यालय द्वारा भी समय-समय पर ऑडिट किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
क्रीड़ा शुल्क
[स्कूल शिक्षा]
157. ( क्र. 4546 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा शासकीय, अशासकीय अनुदान प्राप्त एवं मान्यता प्राप्त स्कूलों से अंशदान के रूप में क्रीडा़ शुल्क लिया जाता है? (ख) यदि हाँ, तो विभाग द्वारा आयोजित जिला क्रीड़ा प्रतियोगिता पर एवं संभाग स्तरीय क्रीड़ा प्रतियोगिता के लिये चयन हो जाने पर चयनित प्रतियोगियों के प्रतियोगिता स्थल तक आने-जाने, यूनिफार्म भोजन आदि का व्यय कहाँ से किया जाता है? (ग) सिवनी जिले में स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में कुल कितनी राशि जिला स्तरीय/संभाग स्तरीय प्रतियोगिता में व्यय की गई?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) संबंधित जिले के क्रीड़ा मद से। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
सहायक शिक्षकों को पदोन्नति/समयमान वेतनमान दिया जाना
[स्कूल शिक्षा]
158. ( क्र. 4548 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी एवं छिन्दवाड़ा जिलों में प्रश्न दिनांक तक कितने सहायक शिक्षकों को पदोन्नति दी जानी है? पदोन्नति से वंचित सहायक शिक्षकों को कब तक पदोन्नति दे दी जायेगी? (ख) प्रश्नांश (क) दर्शित जिलों के सहायक शिक्षकों को समयमान वेतनमान कब तक दे दिया जायेगा? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित जिलों के सहायक शिक्षकों को पदोन्नति एवं समयमान वेतनमान का लाभ आज दिनांक तक न देने का क्या कारण है? (घ) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जिलों के योग्यताधारी सहायक शिक्षक विगत 30 से 35 वर्षों से एक ही पद पर कार्य करते हुये सेवानिवृत्त हो रहे हैं, जिन्हें आज दिनांक तक पदोन्नति प्राप्त नहीं हुई हैं? इसके विपरीत अध्यापकों को शासन द्वारा 07 वर्ष की सेवावधि पूर्ण करने के पश्चात् पदोन्नति प्रदान की जा रही है? उक्त विसंगति का कारण स्पष्ट करें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) सिवनी जिले के 683 एवं छिंदवाड़ा जिले के 925 सहायक शिक्षकों को पदोन्नति पात्रतानुसार दी जाना है। भर्ती एवं पदोन्नति नियम 1973 में संशोधन दिनांक 04 अगस्त 2012 के अनुसार उच्च श्रेणी शिक्षकों के रिक्त पद उपलब्ध होने पर पात्रतानुसार सहायक शिक्षकों की पदोन्नति की कार्यवाही की जाती है। वर्तमान में मान. सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली में प्रस्तुत विशेष अनुमति याचिका (सिविल) क्र. 13954/2016 म.प्र. शासन एवं अन्य विरूद्ध आर.बी. राय एवं अन्य में अतरिम पारित आदेश दिनांक 12.05.2016 द्वारा पदोन्नति के संबंध में यथास्थिति के निर्देश प्रदान किए गए है। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) सहायक शिक्षकों को समयमान वेतनमान देने का प्रावधान नहीं है। (ग) पदोन्नति की कार्यवाही एक सतत् प्रक्रिया है एवं समयमान वेतनमान देने का प्रावधान नहीं है। (घ) प्रश्नांश ’क’ के उत्तर के प्रकाश में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। अध्यापक संवर्ग को नियम में दिये गये प्रावधान अनुसार पदोन्नति की जाती है। पदोन्नति हेतु अन्य पात्रता एवं अर्हता होने पर वरिष्ठता के आधार पर सात वर्ष के कार्य अनुभव होने पर पदोन्नति का प्रावधान है। विसंगति का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
स्कूल भवनों का निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
159. ( क्र. 4580 ) श्री सचिन यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला खण्डवा में कौन-कौन से शासकीय विद्यालय भवन विहिन हैं तथा किराये के भवनों एवं जर्जर भवनों में संचालित है? विधान सभा क्षेत्रवार तत्संबंधी ब्यौरा दें। (ख) उक्त भवनों में से कितने भवनों का निर्माण वर्ष 2014 से प्रश्नांकित दिनांक तक पूर्ण कर लिया गया? कितने शेष हैं और क्यों? प्रश्नांकित दिनांक तक प्रश्नांश (क) अनुसार भवनों की स्थिति में तत्संबंधी ब्यौरा क्या है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) हाई व हायर सेकेण्डरी विद्यालयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। कोई भी विद्यालय किराये के भवन व जर्जर भवन में संचालित नहीं है। प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) किसी भी हाई स्कूल का भवन स्वीकृत नहीं किया गया। अत: अपूर्ण होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। हाई स्कूलों के शाला भवनों का निर्माण बजट उपलब्धता पर निर्भर करेगा। प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण आयोग को भ्रमण आदि के माध्यम से प्राप्त सुझाव
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
160. ( क्र. 4595 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण आयोग को उनके भ्रमण के दौरान एवं जाति समुदाय द्वारा पिछड़ा वर्ग को क्या-क्या सुविधाऐं आदि देने हेतु सुझाव प्राप्त हुये, की जानकारी विगत तीन वर्ष की दी जावे? (ख) प्रश्नांश (क) में प्राप्त सुझावों पर क्या-क्या निर्णय उनके निराकरण हेतु दिये गये अथवा नहीं तो क्यों? कितने शेष हैं? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सुझावों के निर्णय की प्रतिलिपि भी उपलब्ध कराई जावे?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) कोई सुझाव प्राप्त नहीं हुये हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की देयक सुविधाएं
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
161. ( क्र. 4596 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा जनहित में कौन-कौन सी लाभकारी योजनाएं दी जा रही हैं व उनके क्रियान्वयन हेतु क्या नीति निर्देश हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में मध्यप्रदेश शासन द्वारा विगत तीन वर्ष में कितना बजट आवंटित किया? जिलावार बताया जावे? (ग) प्रश्नांश (ख) में आवंटित राशि में से कितनी राशि जिला शिवपुरी को आवंटित की गई? उपरोक्त अवधि अनुसार दी जावे? (घ) जिला शिवपुरी को प्राप्त राशि में से विधान सभा क्षेत्र 23 करैरा में कितने हितग्राहियों को किन-किन कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि दी गई? जानकारी उपरोक्त अवधि अनुसार दी जावे।
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है।
शासकीय स्कूलों में बाउण्ड्रीवॉल निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
162. ( क्र. 4631 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहगढ़ विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत 01 अप्रैल 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितने प्राथमिक/माध्यमिक/हाई स्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूलों का उन्नयन किया गया? ग्राम नगर का नाम/वर्ष सहित पूर्ण जानकारी देवें। (ख) नरसिंहगढ़ विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत ऐसे शासकीय प्राथमिक, माध्यमिक एवं हाई स्कूल, हायर सेकेण्डरी स्कूल कितने हैं, जहां बाउण्ड्रीवॉल बनाये जाने की आवश्यकता है? स्कूल का नाम/ग्राम का नाम/नगर का नाम सहित सूची उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्न की कंडिका (ख) की उपलब्ध जानकारी अनुसार बाउण्ड्रीवॉल विहिन स्कूलों में बाउण्ड्रीवॉल निर्माण की क्या कार्यवाही प्रचलित है? कब तक सभी स्कूलों में बाउण्ड्रीवॉल निर्माण करा दिया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) राजगढ़ जिलांतर्गत नरसिंहगढ विधान सभा क्षेत्र के किसी भी प्राथमिक शाला से माध्यमिक शाला में उन्नयन नहीं हुआ है। वर्ष 2016 में हाई स्कूल पीपलखेड़ा का उन्नयन हुआ है। (ख) प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर एवं हाई स्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। (ग) वार्षिक कार्ययोजना 2017-18 में प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं की बाउण्ड्रीवॉल निर्माण प्रस्तावित है। भारत शासन से स्वीकृति प्राप्त होने पर निर्माण कराया जा सकेगा। हाई स्कूल/हायर सेकेण्डरी में बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण बजट की उपलब्धता पर निर्भर करेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
फर्जी प्लेसमेंट के भुगतान पर रोक
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
163. ( क्र. 4662 ) श्री बाला बच्चन : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के अता.प्रश्न संख्या 182 (क्रमांक 2995) दिनांक 25/07/2016 के अनुसार जिन 03 सिक्योरिटी एजेंसियों ने वर्ष 2015-16 एवं जिन 05 सिक्योरिटी एजेंसियों में 2016-17 में प्रशिक्षणार्थियों का प्लेसमेंट जिन संस्थानों में कराया उनके नाम, प्रशिक्षाणार्थी नाम, प्रशिक्षणार्थी पता, सहित प्रत्येक प्लेसमेंट संस्था का पृथक-पृथक वर्षवार बतावें। (ख) वर्ष 2015-16 में उपरोक्तानुसार वर्णित सिक्योरिटी एजेंसियों में जिन संस्थाओं में प्रशिक्षणार्थियों का प्लेसमेंट दर्शाया उनकी जानकारी श्रम विभाग के पत्र क्रमांक 1912 दिनांक 07/12/2016 से लेने पर डी.पी.एफ. सिक्योरिटी ग्वालियर कार्यालय में तथा भारत पैट्रो महू, ए.डब्लू.एफ. महू, आयशर मोटर्स महू, आशापुरी सिक्योरिटी उज्जैन, गजानंद सिक्योरिटी इंदौर, जी.आर.एस. इंदौर भविष्य निधि कार्यालय इंदौर तथा उपक्षेत्रीय कार्यालय उज्जैन में पंजीकृत नहीं पाई गई फिर प्लेसमेंट पर निगरानी रखने वाले अधिकारियों ने इनका भुगतान क्यों होने दिया? (ग) ऐसे फर्जी प्लेसमेंट के जिम्मेदार अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही कर इन फर्मों से रिकवरी करेगा? (घ) वर्ष 2016-17 में इसकी पुनरावृत्ति न हो इसके लिए शासन क्या उचित प्लेसमेंट होने तक भुगतान पर रोक लगाएगा?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। प्रशिक्षण योजना वर्ष 2016-17 अंतर्गत पाँच संस्थाओं को सिक्योरिटी सेक्टर के प्रशिक्षण कार्यक्रम स्वीकृत किये गये थे। प्रशिक्षण उपरान्त प्रशिक्षण संस्थाओं द्वारा प्रशिक्षणार्थियों को प्लेसमेंट उपलब्ध कराने की कार्यवाही वर्तमान में प्रचलन में है। (ख) विभागीय योजना नियम एवं तत्संबंध में अनुबंध की शर्तों में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यार्थियों का प्लेसमेंट केवल श्रम विभाग के निर्देशों के अंतर्गत भविष्य निधि में पंजीकृत संस्थानों में ही कराया जाये। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्लेसमेंट की कार्यवाही योजना नियम प्रावधान एवं विभागीय अधिकारियों के द्वारा प्लेसमेंट की पुष्टि के आधार पर की गई है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उपरोक्त प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सर्वशिक्षा विभाग अंतर्गत विषय विशेषज्ञ की नियुक्ति
[स्कूल शिक्षा]
164. ( क्र. 4675 ) श्री कल सिंह भाबर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन के सर्वशिक्षा योजना के अंतर्गत झाबुआ जिले में स्वीकृत नवीन माध्यमिक शालाओं/हाई स्कूलों के भवनों के निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये और संबंधित निर्माण एजेंसी द्वारा स्वीकृत राशि आहरण कर ली गई है? क्या एजेंसी के द्वारा निर्माण कार्य पूर्ण नहीं किया गया है? विभाग द्वारा ऐसे अपूर्ण कार्यों को समय-सीमा में पूर्ण करवाने हेतु क्या कार्यवाही की गई है। (ख) क्या झाबुआ जिले में समस्त बी.आर.सी. कार्यालयों में सी.ए.सी./बी.ए.सी./ए.पी.सी. के पद पर विषय विशेषज्ञ की नियुक्ति की जा रही है जबकि शासन के स्पष्ट निर्देश हैं कि विषय विशेषज्ञ को गैर शैक्षणिक कार्यों में नहीं लगाया जावे जिससे कारण संस्था में इन विषयों में शिक्षा का स्तर निम्न हो रहा है? क्या विषय विशेषज्ञ के अतिरिक्त अन्य शिक्षक उक्त कार्य करने हेतु योग्य नहीं है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) सर्वशिक्षा अभियान के अंतर्गत हाई स्कूल के भवनों के निर्माण कार्य स्वीकृत नहीं किये जाते हैं। झाबुआ जिले में 322 शासकीय माध्यमिक शाला भवनों के निर्माण स्वीकृत किये गये हैं, जिसमें से 306 माध्यमिक शाला भवन के निर्माण पूर्ण हो गये हैं। शेष 16 माध्यमिक शाला भवनों का कार्य अपूर्ण/प्रगतिरत् है। इन कार्यों में से 09 कार्य अपूर्ण होने से निर्माण एजेंसी के विरूद्ध अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) में प्रकरण दर्ज किये गये हैं। विवरण संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत कार्यरत कर्मचारी
[स्कूल शिक्षा]
165. ( क्र. 4691 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में व धरमपुरी विधान सभा क्षेत्र में स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत कितने कर्मचारी कार्यरत हैं? (ख) क्या शासन नियमानुसार प्रत्येक शासकीय कर्मचारी को एक स्थान पर कार्य करते हुए तीन वर्ष अथवा अधिकतम पाँच वर्ष की अवधि पूर्ण कर लेने पर उन्हें अन्यत्र स्थानांतरित किये जाने के नियम हैं? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा उक्त नियमों का कितना पालन किया गया है व किन-किन संस्थाओं से कितने कर्मचारियों का उक्त नियम के तहत स्थानांतरण किया गया है? यदि नहीं, तो उसका कारण बतावें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) स्कूल शिक्षा विभाग की स्थानांतरण नीति वर्ष 2015-16 अनुसार कार्यपालिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों का एक ही स्थान पर सामान्यतः 03 वर्ष तक की अवधि पूर्ण कर लेने के कारण स्थानांतरण किया जा सकेगा। यह अनिवार्य नहीं है कि 03 वर्ष पूर्ण होने पर ही स्थानांतरण किया ही जाए। शिक्षक संवर्ग के लिए स्थानांतरण नीति में कोई अवधि उल्लेखित नहीं है। स्थानांतरण नीति के इस बिन्दु के परिप्रेक्ष्य में धार जिले में कोई स्थानांतरण नहीं किए गए। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा कराये गये कार्य
[अनुसूचित जाति कल्याण]
166. ( क्र. 4713 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा एवं सतना जिले में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक अनुसूचित जाति बस्ती विकास, मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण, छात्रावास सुदृढ़ीकरण एवं अन्य कितने निर्माण कार्य किये गये। कार्यों की सूची योजनावार, विकासखण्डवार देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कार्यों की स्वीकृत किसके प्रस्ताव, अनुमोदन एवं मापदण्ड के द्वारा किये गये हैं। कार्यवार प्रस्तावों, अनुमोदनों एवं मापदण्डों का विवरण विकासखण्डवार देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के कार्यों को किये जाने में नियम का पालन न करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कौन-सी दण्डात्मक कार्यवाही करेंगे?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'ब' एवं 'स' अनुसार है। (ग) कार्यों को किये जाने में नियम/आदेशों का पालन किया गया है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मीनियल पद की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
167. ( क्र. 4714 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिला के शिक्षा विभाग में कितने मीनियल स्वीकृत हैं? स्वीकृत पदों में पदांकन की स्थिति बताते हुये रिक्त पदों की सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में मीनियल को क्या नियमित स्थापना से वेतन का भुगतान किया जाता है? (ग) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ यदि मीनियल को नियमित स्थापना का पद मान कर अन्य चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भॉति क्रमोन्नति, पदोन्नति व अन्य भत्तों का लाभ दिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) रीवा जिलान्तर्गत स्कूल शिक्षा विभाग में मीनियल के 258 पद स्वीकृत हैं। जिनमें से 226 मीनियल कार्यरत हैं तथा 32 पद रिक्त हैं। रिक्त पदों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) जी हाँ। (ग) वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आयुष औषधालयों में रिक्त पदों की पूर्ति
[आयुष]
168. ( क्र. 4721 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 7313 दिनांक 28 मार्च 2016 के उत्तर में बताया गया था कि आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारियों के 710 पदों हेतु चयन की कार्यवाही पूर्ण हो चुकी है, शीघ्र ही रिक्त पदों को भरने की कार्यवाही की जा रही है तथा आयुष औषधालयों के चिकित्सकों के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु 114 होम्योपैथी चिकित्सा अधिकारी एवं 25 यूनानी चिकित्सा अधिकारियों की नियुक्तियां की गई हैं, तो क्या विधान सभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत आयुष औषधालयों में उक्त प्रक्रिया के तहत चिकित्सकों की नियुक्तियां की गई है? (ख) यदि हाँ, तो कब और किन-किन आयुष औषधालयों पर? यदि नहीं, तो कब तक रिक्त चिकित्सकों व पैरामेडीकल स्टॉफ के पदों की पूर्ति की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। चिकित्सक की पदस्थापना नहीं की गई। (ख) जी नहीं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
उप-स्वास्थ्य केन्द्र भवनों की प्रशासकीय स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
169. ( क्र. 4722 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के परि. अता. प्रश्न क्रमांक 7311 दिनांक 28 मार्च 2016 के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में क्या प्रश्न दिनांक तक भवन निर्माण हेतु एजेन्सी का निर्धारण कर प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी गई है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो उक्त संबंध में क्या कार्यवाही किन कारणों से लंबित है? (ख) उपरोक्तानुसार क्या शासन उपरोक्त स्वास्थ्य केन्द्रों के भवन निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी नहीं। विभागीय निर्णय त्वरित क्रियान्वयन के उद्देश्य से नवीन उप-स्वास्थ्य केन्द्रों का संचालन किराये के भवनों में किया जावेगा। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शिक्षकों, अध्यापकों तथा गुरुजियों की पदोन्नति
[स्कूल शिक्षा]
170. ( क्र. 4729 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग ने मान. मुख्यमंत्री जी के निर्देशों पर लगातार कार्यवाही कर शिक्षकों, अध्यापकों एवं गुरुजियों की कठिनाईयों का निराकरण करते हुए उन्हें अनेकों सौगातें प्रदान की हैं? (ख) क्या अध्यापक संवर्ग को शिक्षा विभाग में संविलियन किये जाने, सहायक शिक्षकों को पदोन्नति अथवा पदनाम दिए जाने तथा प्रदेश के कर्मचारियों की भॉति शिक्षकों, अध्यापकों को वेतनमान दिए जाने के साथ ही अध्यापकों को नए वेतनमान में व्याप्त विसंगतियों का निराकरण किया जा रहा है? (ग) यदि हाँ, तो क्या प्रदेश में अधिकांशतः माध्यमिक विद्यालय प्रधानाध्यापक विहीन है, तो क्या शिक्षकीय अनुभव 5 वर्ष के स्थान पर 3 वर्ष किया जाएगा तथा क्या गुरुजियों को नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता प्रदान की जायेगी तथा साथ ही वरिष्ठ अध्यापकों की पदोन्नति भी की जायेगी? (घ) यदि हाँ, तो अवगत कराए कि क्या अंशदायी पेंशन योजना के स्थान पर जी.पी.एफ. व्यवस्था, महिला अध्यापकों को मातृत्व अवकाश 365 दिन, अध्यापक संवर्ग को अनुकम्पा नियुक्ति हेतु नियमो में शिथिलता, माध्यमिक विद्यालय प्रधानाध्यापक को हाई स्कूल प्राचार्य पद पर पदोन्नति एवं अध्यापक संवर्ग की स्थानान्तरण नीति बनाई जाएगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) अध्यापक संवर्ग स्थानीय निकाय के कर्मचारी हैं। इन्हें शिक्षा विभाग में संविलियन करने की नीति नहीं है। सहायक शिक्षकों को पदोन्नत अथवा पदनाम दिये जाने की कार्यवाही परीक्षणाधीन है। अध्यापक को दिनांक 01.01.2016 से छठवां वेतनमान दिया गया है। संवर्ग में वरिष्ठता निर्धारण, सेवावधि की गणना, वेतन वृद्धि की गणना में विसंगति/त्रुटि के कारण अंतर की स्थिति निर्मित हुई है, जिनके लिए उदाहरण सहित स्पष्टीकरण जारी करने की कार्यवाही प्रचलित है। (ग) माध्यमिक विद्यालय के प्रधान अध्यापक हेतु प्रचलित भरती एवं पदोन्नति नियम, 12 जुलाई 2016 के अनुसार शिक्षकीय अनुभव 05 वर्ष प्रावधानित है। गुरूजियों को नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता प्रदान करने एवं वरिष्ठ अध्यापक को पदोन्नति दिये जाने का प्रावधान नहीं है। (घ) अंशदायी योजना के स्थान पर जी.पी.एफ, अध्यापकों को मातृत्व अवकाश 365 दिन, अध्यापक संवर्ग को अनुकम्पा नियुक्ति हेतु नियमों में शिथिलता का कोई प्रावधान नहीं है। मध्यप्रदेश राज्य एवं अधीनस्त शिक्षा सेवा (शाला शाखा) भरती तथा पदोन्नति नियम, 2016 की अनुसूची-4 के अनुसार प्रधानाध्यपक (मा.वि.) से हाई स्कूल प्राचार्य के पद पर पदोन्नति का कोई प्रावधान नहीं है। अध्यापक संवर्ग की स्थानान्तरण नीति नहीं है, अपितु अन्तर निकाय संविलियन का प्रावधान है।
जन स्वास्थ्य रक्षकों को प्रोत्साहन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
171. ( क्र. 4730 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा जन स्वास्थ्य रक्षकों के प्रोत्साहन हेतु दिनांक 22/08/2003 को निर्देश जारी कर योजना प्रारम्भ की थी? जो अब तक अप्रारम्भ है? (ख) बताएं कि क्या प्रशिक्षित जन स्वास्थ्य रक्षकों को निश्चित मानदेय पर नियुक्ति देने पर स्वास्थ्य विभाग के पैरामेडिकल, एम.पी.डब्लू. डॉट प्रोवाईडर, एच.आई.वी. परामर्शदाता, ए.एन.एम. आदि पदों की नियुक्ति एवं प्रशिक्षण में प्राथमिकता पर विचार किया जा रहा है? (ग) यदि हाँ, तो क्या ड्रग्स एवं कास्मेटिक अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत गैर अनुसूचित दवाइयों के विक्रय हेतु अनुमति तथा स्वास्थ्य विभाग से इनका रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है? (घ) यदि हाँ, तो वर्तमान में जन स्वास्थ्य रक्षक सभी राष्ट्रीय कार्यक्रमों जैसे डॉट, अंधत्व निवारण, परिवार नियोजन, पोलियो, एड्स, टीकाकरण इत्यादि में नि:शुल्क सेवाएं दे रहे हैं, तो क्या इलाहबाद उच्च न्यायालय खंडपीठ लखनऊ द्वारा दिए गए निर्णय के परिपालन मानदेय, नियुक्ति एवं शासकीय सेवाओं में प्राथमिकता दिए जाने पर विचार किया जा रहा है?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। वित्तीय संसाधनों की सीमित उपलब्धता के कारण यह योजना क्रियान्वित नहीं की जा सकी। वर्तमान में भारत सरकार की स्कीम में आशा कार्यकर्ता प्रत्येक गाँव में उपलब्ध कराई गई है। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उप-स्वास्थ्य केन्द्र की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
172. ( क्र. 4732 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में कुल कितने स्वास्थ्य केन्द्र स्वीकृत हैं। वर्तमान में कितने स्वास्थ्य केन्द्रों का संचालन हो रहा है तथा कितने स्वास्थ्य केन्द्र प्रस्तावित होकर कार्य प्रारंभ होने की स्थिति में है? (ख) उक्त विधान सभा क्षेत्र में स्वीकृत स्वास्थ्य केन्द्र में कितना कितना स्टॉफ कार्यरत है। कितने स्वास्थ्य केन्द्र स्वयं के भवन में संचालित है तथा कितने भवन विहिन हैं? (ग) भवन विहिन स्वास्थ्य केन्द्रों के भवन निर्माण के लिये शासन की क्या योजना है तथा बड़नगर विधान सभा में और कितने स्वास्थ्य केन्द्रों की स्वीकृति के लिये प्रस्ताव प्राप्त हुए है?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में 49 स्वास्थ्य केन्द्र स्वीकृत हैं। वर्तमान में 36 स्वास्थ्य केन्द्रों का संचालन हो रहा है तथा 13 उप-स्वास्थ्य केन्द्र प्रारंभ किये जाने है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है, 08 स्वास्थ्य केन्द्र शासकीय भवन में संचालित है तथा 28 स्वास्थ्य केन्द्र भवन विहीन है। (ग) सीमित वित्तीय संसाधन के कारण भवन विहिन स्वास्थ्य संस्थाओं के निर्माण की वर्तमान में कोई योजना नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पंजीकृत निजी चिकित्सालय की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
173. ( क्र. 4733 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में कितने निजी चिकित्सालय पंजीकृत हैं? (ख) इन चिकित्सालयों को कितने-कितने बिस्तर के चिकित्सालय संचालित करने की अनुमति प्रदान की गई है? (ग) इन चिकित्सालयों में मरीजों के लिये पानी, शौचालय एवं पार्किंग की तथा एम्बुलेंस रेंक की क्या व्यवस्था है? (घ) कितने चिकित्सालयों में यह व्यवस्था नहीं है? निजी क्षेत्र में कार्य कर रहे चिकित्सालयों में विगत 3 वर्षों में कब-कब जाँच निरीक्षण हुआ? क्या कार्यवाही की गई? विधान सभा क्षेत्रवार अवगत करवाएं?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) उज्जैन जिले में कुल 49 निजी चिकित्सालय पंजीकृत है। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है।
आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित छात्रावास
[आदिम जाति कल्याण]
174. ( क्र. 4734 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा बड़नगर विधान सभा में कितने छात्रावास संचालित किये जा रहे हैं? (ख) इन छात्रावासों में कितने स्वयं के भवन में लग रहे हैं तथा कितने किराये के भवन में लग रहे हैं? (ग) इन छात्रावासों में कितने छात्र-छात्राएं रह रहे/रही हैं? क्या उपलब्ध छात्रावास छात्रों के मान से पर्याप्त है? क्या किराये के भवन में संचालित होने वाले छात्रावास में स्थान पर्याप्त है? यदि नहीं, तो शासन नवीन भवन निर्माण के संदर्भ में क्या कार्यवाही कर रहा है? (ध) छात्रावासों में अधिकारी/कर्मचारियों के कितने-कितने पद स्वीकृत हैं तथा वर्तमान में कितने पद भरे हैं तथा कितने रिक्त हैं?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा बड़नगर विधान सभा में 01 आदिवासी प्री-मैट्रिक बालक छात्रावास संचालित किया जा रहा है। (ख) उक्त छात्रावास विभागीय शासकीय भवन में लग रहा है। (ग) उक्त छात्रावास में स्वीकृत 50 सीट के अनुसार 50 छात्र निवासरत् हैं, स्वीकृत 50 सीट के मान से शासकीय भवन पर्याप्त है। विभागीय शासकीय भवन में लग रहा है। (घ) उक्त छात्रावास में अधीक्षक का 01 पद एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के 03 पद स्वीकृत हैं, जो भरे हुए हैं। कोई पद रिक्त नहीं है।
शासकीय स्वास्थ्य केन्द्रों में संसाधनों की पूर्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
175. ( क्र. 4742 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर जिले की चन्दला विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं उपचार के लिये मात्र लवकुशनगर, गौरिहार एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र चन्दला सरबई बारीगढ़ मुडेरी है तथा जनता उपचार हेतु इन्हीं स्वास्थ्य क्रेन्द्रों पर निर्भर है? (ख) क्या वर्तमान में संचालित प्रश्नांश (क) अनुसार स्वास्थ्य केन्द्रों में स्टॉफ व संसाधनों की कमी होने के कारण गंभीर मरीज जिला अस्पताल में रेफर किये जाते हैं? यदि हाँ, तो उक्त कमी कब तक पूरी की जावेगी? (ग) उक्त स्वास्थ्य केन्द्रों में डाक्टर व महिला डाक्टर व डिजिटल एक्स-रे मशीन व अन्य आधुनिक उपकरण आज दिनांक तक क्यों प्रदान नहीं किये गये हैं? (घ) क्या चन्दला में स्थित पोस्टमार्टम कक्ष जर्जर हालत में होने के कारण कभी भी अप्रिय घटना घटित हो सकती है? यदि हाँ, तो यहाँ नवीन पोस्टमार्ट्रृम कक्ष कब तक बनाया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। उपरोक्त स्वास्थ्य संस्थाओं में आम जनता को उपचार दिया जाता है। (ख) जी नहीं, संचालित स्वास्थ्य संस्थाओं में सभी मरीजों का उपचार किया जाता है, मरीज की अति गंभीर बीमारी होने पर जिला चिकित्सालय, छतरपुर को रिफर किया जाता है। विभाग के अधीन रिक्त पदों की पूर्ती की कार्यवाही निरंतर जारी है। (ग) स्वास्थ्य संस्थाओं में स्वीकृति अनुसार उपकरण उपलब्ध है। लोक सेवा आयोग एवं व्यापम के माध्यम से चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल कर्मचारियों की पूर्ति हेतु कार्यवाही निरंतर जारी है। (घ) चन्दला में स्थित पोस्टमार्टम कक्ष का पोस्टमार्टम हेतु उपयोग किया जा रहा है। सांसद निधि, विधायक निधि/जन भागीदारी से पोस्टमार्टम भवनों के पुनर्निर्माण हेतु आवश्यक बजट आवंटन हेतु मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, छतरपुर द्वारा उनके कार्यालयीन पत्र दिनांक 9.9.2016 द्वारा कार्यपालन अधिकारी छतरपुर को पत्र प्रेषित किया गया है। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम का पालन
[स्कूल शिक्षा]
176. ( क्र. 4743 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में शिक्षा का अधिकार अधिनियम जिसके अन्तर्गत अनुसूचित जाति व जनजाति एवं बी.पी.एल. के परिवारों को 25 प्रतिशत नि:शुल्क प्रवेश किये जाते हैं, के तहत वर्ष 2015 - 16 में कितने आवेदन प्राप्त हुये? (ख) योजना प्रारम्भ होने से प्रश्न दिनांक तक कितने स्कूलों में इस योजना में गड़बड़ी की व योजना संचालन में लापरवाही बरतने की शिकायतें प्राप्त हुईं? (ग) शासकीय उत्कृष्ट उच्च माध्यमिक विद्यालय क्रमांक 01 एवं दिल्ली पब्लिक स्कूल छतरपुर में वर्ष 2015 - 16 व 16 - 17 में प्रवेश के आवेदन कितने प्राप्त हुये। (घ) क्या प्रश्नांश (ग) में दर्शित विद्यालयों में व छतरपुर जिले में शिक्षा का अधिकार अधिनियम का विधिवत् पालन कराने हेतु कोई जाँच कमेटी गठित की गयी है? यदि हाँ, तो कमेटी व जाँचकर्ताओं की सूची प्रदान करें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय विद्यालयों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं बी.पी.एल. परिवार के बच्चों के नि:शुल्क प्रवेश हेतु सत्र 2015-16 में 4178 आवेदन प्राप्त हुए। (ख) प्रश्नांकित दिनांक तक कुल 9 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। (ग) शासकीय उत्कृष्ट उ.मा.वि. क्र.-1 छतरपुर में अधिनियम का यह प्रावधान लागू नहीं है। दिल्ली पब्लिक स्कूल में वर्ष 2015-16 में 4 एवं वर्ष 2016-17 में 2 आवेदन नि:शुल्क प्रवेश हेतु प्राप्त हुए हैं। (घ) नि:शुल्क शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत नियमानुसार प्रवेश सुनिश्चित करने हेतु एवं शाला में उपस्थिति की समय-समय पर मॉनिटरिंग हेतु नोडल अधिकारी नियुक्त किये गये हैं। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
खुजनेर में आयुर्वेदिक अस्पताल की स्थापना
[आयुष]
177. ( क्र. 4754 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले में कहाँ-कहाँ पर आयुर्वेदिक अस्पताल हैं? (ख) उनमें कितने पद स्वीकृत हैं, कितने रिक्त हैं तथा कौन-कौन कार्यरत हैं? (ग) उनमें पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी? (घ) क्या खुजनेर में आयुर्वेदिक अस्पताल खोला जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) वर्तमान में प्रस्ताव नहीं है।
नियम विरूद्ध पदोन्नतियां
[स्कूल शिक्षा]
178. ( क्र. 4790 ) श्री राजेन्द्र मेश्राम : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माध्यमिक शिक्षा मण्डल ने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को ग्रेड-3 के पद पर मण्डल के आदेश दिनांक 07/06/2010 को हुई पदोन्नति आदेश में फर्जी अंकसूचियां लगाये जाने एवं 01/04/2010 की पदक्रम सूची में नाम नहीं होने वाले चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को नियम विरूद्ध मण्डल द्वारा पदोन्नतियां दी गयी? (ख) यदि प्रश्नांश (क) सही है, तो जाँच अधिकारी/अपर संचालक (वित्त) के जाँच प्रतिवेदन दिनांक 15/10/2014 के आधार पर तत्का. सचिव के पत्र दिनांक 02/07/2015 में मण्डल के चतुर्थ श्रेणी के 62 कर्मचारियों को सहायक ग्रेड-3 के पद पर पदोन्नति आदेश निरस्त करने के लिये शासन से मार्गदर्शन मांगा गया था? यदि हाँ, तो तथ्यात्मक जानकारी देवें। (ग) क्या उपरोक्त नियम विरूद्ध की गयी पदोन्नति के आदेश पर सामान्य प्रशासन विभाग के अभिमत एवं स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश क्रमांक एफ 50-3/2016/20-3 दिनांक 28/10/2016 पर मण्डल द्वारा नियमों के विरूद्ध की गयी पदोन्नति के आदेश को निरस्त नहीं किया गया? तथ्यात्मक जानकारी देवें। (घ) यदि प्रश्नांश (क) से (ग) सही है, तो स्कूल शिक्षा विभाग के दिनांक 28/10/2016 के आदेश का पालन नहीं करने वाले मण्डल के अधिकारियों पर क्या कार्रवाई करेगा और नियम विरूद्ध की गयी पदोन्नति के आदेश मण्डल कब तक निरस्त करेगा? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? कब तक करेंगे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) माध्यमिक शिक्षा मण्डल ने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को ग्रेड-3 के पद पर मण्डल के आदेश दिनांक 07/06/2010 को हुई पदोन्नति आदेश में फर्जी अंकसूचियां लगाये जाने के प्रकरण में श्री बालाराम लोधी को कार्यालयीन आदेश क्र./प्रशा./स्था./ ए-10/4065/2015 भोपाल दिनांक 26.12.2015 तथा श्री रामचन्द्र सविता कार्यालयीन आदेश क्र./प्रशा./स्था./ए-10/4059/2015 भोपाल दिनांक 26.12.2015 द्वारा मण्डल सेवा से पृथक किया गया था। दिनांक 01/04/2010 की पदक्रम सूची में नाम नहीं होने वाले चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के संबंध में कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) हाँ, जाँच अधिकारी/अपर संचालक (वित्त) के जाँच प्रतिवेदन दिनांक 15/10/2014 के आधार पर तत्का. सचिव के पत्र दिनांक 02/07/2015 में मण्डल के चतुर्थ श्रेणी के 62 कर्मचारियों को सहायक ग्रेड-3 के पद पर पदोन्नति आदेश विभाग स्तर से निरस्त किया गया। (ग) हाँ। कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) नियम विरूद्ध की गयी पदोन्नति के आदेश निरस्त करने के संबंध में कार्यवाही प्रचलन में है, जिसका शीघ्र निराकरण किया जावेगा।
सेवाकाल की गणना
[स्कूल शिक्षा]
179. ( क्र. 4794 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 1998, 2001 एवं 2006 में नियुक्त किये गए शिक्षाकर्मी एवं संविदा शिक्षकों को अध्यापक संवर्ग के पद पर संविलियन किया गया है? यदि हाँ, तो उनकी नियुक्ति दिनांक क्या होगी? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कर्मचारियों की सेवाकाल की गणना संविलियन दिनांक से की जावेगी, तो क्या पूर्व के सेवाकाल को शून्य माना जावेगा? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत? नियम की प्रति देवें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) वर्ष 1998 एवं 2001 के पूर्व नियुक्त शिक्षाकर्मियों को दिनांक 01.04.2007 से अध्यापक संवर्ग में नियमानुसार संविलियन किया गया है। वर्ष 2001 के बाद नियुक्त संविदा शाला शिक्षकों द्वारा 03 वर्ष की सेवा पूर्ण करने तथा छानबीन समिति द्वारा उपयुक्त पाये जाने पर अध्यापक संवर्ग में नियुक्त किया गया है। शिक्षाकर्मी एवं संविदा शाला शिक्षक के रूप में की गई सेवा वरिष्ठता/पदोन्नति/क्रमोन्नति पर मान्य करने का प्रावधान है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
अस्पतालों में सफाई व्यवस्था
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
180. ( क्र. 4795 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर जिले में जिला चिकित्सालय, सिविल अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में सफाई व्यवस्था ठेकेदार द्वारा की जाती है? यदि हाँ, तो वर्ष 2016-17 में किस ठेकेदार कों सफाई व्यवस्था का कार्य दिया हुआ था? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अस्पतालों में कितने सफाईकर्मी लगाये गए थे? अस्पतालवार सूची देवें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अस्पतालों में सफाई व्यवस्था नहीं होने की शिकायतें क्या लगातार आ रही हैं? क्या इसके लिए ठेकेदार को जिम्मेदार मानकर ठेकेदार के खिलाफ कार्यवाही की गई? (घ) सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कालापीपल में सफाई व्यवस्था में सफाईकर्मियों द्वारा कार्य नहीं करने पर भी ठेकेदार को भुगतान कैसे किया गया?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। मेसर्स कामथेन सिक्युरिटी सर्विसेस इन्दौर को। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। जी हाँ। (घ) जी नहीं, सफाई कर्मियों की उपस्थिति प्रमाणीकरण के उपरान्त ही भुगतान किया गया।
प्रतिनियुक्ति पर रखे जाने की अधिकतम अवधि
[स्कूल शिक्षा]
181. ( क्र. 4818 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला परियोजना कार्यालय (जिला शिक्षा केंद्र) एवं जनपद शिक्षा केंद्र (सर्व शिक्षा अभियान) में ए.पी.सी./बी.ए.सी. पदों पर अधिकारियों/कर्मचारियों के प्रतिनियुक्ति पर रखे जाने की अधिकतम अवधि क्या निर्धारित है? प्रक्रिया के नियम सहित जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) जिला शिक्षा केंद्र सतना में ए.पी.सी. के पद पर अजय तिवारी (वरिष्ठ अध्यापक) कब से कार्य कर रहे हैं तथा इनकी नियुक्ति/प्रतिनियुक्ति किसके द्वारा कब तक के लिए की गई है? क्या ये जनपद शिक्षा केंद्र सोहावल में भी बी.ए.सी. के पद पर तक कार्यरत रहे हैं? यदि हाँ, तो कब से कब तक? बताएँ। (ग) क्या यह सही है कि अजय तिवारी की बी.ए.सी. पद पर प्रतिनियुक्ति की अवधि चार वर्ष से आधिक होने पर भी ए.पी.सी. बनाते समय दो वर्ष की अवधि कूलिंग ऑफ पीरियड का ध्यान नहीं दिया गया, क्यों? कारण सहित बताएँ। (घ) क्या जिला शिक्षा केंद्र सतना में ए.पी.सी. के वर्तमान में पद रिक्त हैं? यदि हाँ, तो कितने इन पदों को कब तक पूर्णकालिक अधिकारियों/कर्मचारियों को प्रतिनियुक्ति पद पर लेकर भर दिया जावेगा? क्या अस्थाई व्यवस्था के तहत ए.पी.सी. पद पर कार्य कर रहे अजय तिवारी वरिष्ठ अध्यापक को लोक हित में उनके मूल पदांकित शाला में शिक्षण कार्य किये जाने हेतु कब तक मुक्त कर दिया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) प्रतिनियुक्ति पद पर अवधि 04 वर्ष के लिए होती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) श्री अजय तिवारी (वरिष्ठ अध्यापक) जिला शिक्षा केन्द्र में दिनांक 20.04.2016 से सहायक परियोजना समन्वयक के पद पर कार्यरत हैं। श्री तिवारी की नियुक्ति तत्कालीन कलेक्टर के हस्ताक्षर से आगामी आदेश तक अस्थाई रूप से की गई है। जी हाँ। श्री तिवारी जनपद शिक्षा केन्द्र, सोहावल में बी.ए.सी. के पद पर दिनांक 10.8.2011 से दिनांक 7.11.2015 तक कार्यरत रहे। (ग) सहायक परियोजना समन्वयक का पद रिक्त होने से सर्वशिक्षा अभियान मिशन की गतिविधियां समय-सीमा में पूर्ण करने में व्यवहारिक कठिनाईयों को देखते हुए प्रश्नांश (ख) अनुसार श्री तिवारी की नियुक्ति की गई। (घ) वर्तमान में 01 सहायक परियोजना समन्वयक (ई.एण्ड.आर.) का पद रिक्त है। रिक्त पदों की पूर्ति हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। जिला शिक्षा केन्द्र, जिला सतना के आदेश क्रमांक/जि.शि.के./स्था./2017/290, दिनांक 28.02.2017 द्वारा श्री अजय तिवारी की सेवायें तत्काल प्रभाव से मूल विभाग को वापस करते हुए पदांकित संस्थ शास.उ.मा.वि. भुमकहर विकासखण्ड सोहावल के लिए दिनांक 28.02.2017 को अपरान्ह से भारमुक्त कर दिया गया है।
व्याप्त भ्रष्टाचार की जाँच एवं कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
182. ( क्र. 4822 ) श्री के.पी. सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला चिकित्सालय शिवपुरी में सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक के पद पर विगत 09 वर्षों से एक ही अधिकारी पदस्थ हैं तथा इनके द्वारा विगत 07-08 वर्षों से सिक्यूरिटी गार्ड का ठेका, साफ-सफाई का ठेका, साईकिल स्टैण्ड का ठेका, मरीजों के पर्चे बनाने का ठेका लगातार एक ही ठेकेदार को सांठ-गांठ कर पारदर्शिता न बरतते हुए दिया जा रहा है एवं हजारों लाखों रूपये का कमीशन प्रतिमाह प्राप्त किया जा रहा है? यदि हाँ, तो एक ही ठेकेदार की लगातार निविदा स्वीकृत करते रहने का कारण क्या है? (ख) क्या उक्त ठेकों की विज्ञप्ति सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक, शिवपुरी द्वारा प्रमुख दैनिक समाचार पत्रों में न देकर ऐसे समाचार पत्रों में दी गई है जिनका कोई अस्तित्व ही नहीं है? विगत 8 वर्षों में जारी की गई विज्ञप्तियों की प्रतियां एवं ठेका स्वीकृत किये जाने संबंधी समितियों के निर्णयों की छायाप्रतियां उपलब्ध करावें। (ग) क्या सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक, जिला शिवपुरी द्वारा की गई उपरोक्त कार्यवाही म.प्र. भण्डार क्रय एवं सेवा उपार्जन नियमों के अंतर्गत है? (घ) यदि नहीं, है, तो इसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार हैं? नाम, पदनाम सहित जानकारी दें। क्या शासन दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? समय-सीमा सहित बतावें।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी नहीं वर्तमान में सिविल सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक दिनांक 01 जुलाई 2009 से आज दिनांक तक पदस्थ है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। वर्तमान सिविल सर्जन शिवपुरी द्वारा अपने कार्य काल के दौरान दिये गये ठेकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला चिकित्सालय में व्याप्त अव्यवस्थाएं
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
183. ( क्र. 4823 ) श्री के.पी. सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला चिकित्सालय, शिवपुरी की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई हुई है? आई.सी.यू. में विगत एक माह से, डायलिसिस यूनिट में 02 माह से ताला लगा हुआ है, डायलिसिस हेतु ग्वालियर एवं झांसी रेफर कर दिया जाता है? एक्स-रे बाहर से कराना पड़ता है, रोगियों के उपचार के अभाव में कई मरीजों की मृत्यु हो चुकी है? एम.एल.सी. के मरीज परेशान हो रहे हैं? (ख) क्या जिला चिकित्सालय, शिवपुरी के परिसर में असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहा है? आये दिन मरीजों का सामान, मोबाईल आदि चोरी चले जाते हैं? चोरी गये सामान की कोई सुनवाई नहीं की जाती है तथा शिकायत करने पर मरीज की छु्ट्टी कर दी जाती है? असामाजिक तत्व एवं डॉक्टर रात्रि 8 बजे से देर रात्रि तक शराब पीते रहते हैं तथा शराब के नशे में रात्रि में नर्सों से अभद्र व्यवहार करते हैं? (ग) इसकी शिकायत दैनिक समाचार पत्रों में प्रकाशित हुई है किन्तु कोई कार्यवाही नहीं की गई है? इस अव्यवस्था के लिए कौन-कौन दोषी है? क्या शासन इस संबंध में दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी नहीं। जी नहीं, आई.सी.यू. पूर्णतः क्रियाशील है, जिसमें विगत 01 जनवरी 2017 से आज दिनांक तक 476 रोगियों को उपचार प्रदान किया गया है। किसी भी मरीज को डायलिसिस हेतु झांसी रेफर नहीं किया गया। डायलिसिस यूनिट पूर्णतः क्रियाशील है, दिनांक 21 जनवरी 2017 से 03 फरवरी 2017 तक मेडिकल विशेषज्ञ उपलब्ध न होने के कारण डायलिसिस नहीं किया जा सका। जी नहीं। जी नहीं। (ख) जी नहीं। जिला चिकित्सालय परिसर में पुलिस चौकी स्थापित तथा सी.सी.टी.वी. कैमरे भी लगे हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ, संज्ञान में आने पर आवश्यक कार्यवाही की गई है। कोई अधिकारी दोषी नहीं है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सुपर स्पेशलिटी अस्पताल
[चिकित्सा शिक्षा]
184. ( क्र. 4827 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री ने 24 जुलाई 2013 को रतलाम की जन आर्शीवाद यात्रा में मेडिकल कॉलेज के साथ सुपर स्पेशलिटी अस्पताल बनाने की भी घोषणा की थी, परंतु निर्माणाधीन 750 बिस्तर वाले अस्पताल में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के लिये कोई प्रावधान नहीं किये गये हैं? मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप इसमें सुपर स्पेशलिटी के प्रावधान कब तक कर दिये जायेंगे? (ख) मेडिकल कॉलेज के निर्माण की क्या स्थिति है? इसमें अध्ययन अध्यापन का कार्य कब से प्रारंभ हो जायेगा? (ग) मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के लिये क्या आवश्यक नियुक्तियां कर ली गई हैं? यदि नहीं, तो कब तक कर ली जाएगी?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( एडवोकेट शरद जैन ) : (क) वर्तमान में ऐसी कोई परियोजना प्रचलन में नहीं है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) 150 सीटेड मेडिकल कॉलेज एवं 750 बेडेड अस्पताल रतलाम के निर्माण की सिविल कार्य की प्रगति 47 प्रतिशत है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बजट व्यय राशि की जानकारी
[चिकित्सा शिक्षा]
185. ( क्र. 4854 ) श्री अजय सिंह : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रजिस्ट्रार नर्सिंग कौंसिल ऑफ म.प्र. भोपाल में 01.04.2013 से प्रश्नतिथि तक कितनी-कितनी राशि, किस-किस मद में व्यय करने सामान्य बजट से स्वीकृत हुईं? वर्षवार/बजटवार/ पदवार/राशिवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समयानुसार उक्त स्वीकृत पदवार राशि के विरूद्ध कितनी ज्यादा राशि उस मद से व्यय की गयी? एक मद की राशि को दूसरे मद में कब, कितनी, किस कारण से व्यय किया गया? माहवार/वर्षवार/राशिवार/मदवार प्रकरणवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समयानुसार एक मद की राशि को दूसरे मद में व्यय करने हेतु किस-किस पदनाम के सक्षम कार्यालय से अनुमति लेना आवश्यक था? ली गई अनुमतियों के आदेशों की एक प्रति उपलब्ध करायें? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समयानुसार आवंटित बजट राशि के किस-किस प्रकरणों में राशि के दुरूपयोग सामने आये? प्रमुख सचिव कार्यालय के द्वारा उन पर कब-कब से क्या-क्या कार्यवाही प्रकरण/मदवार/राशिवार की गयी? बिन्दुवार जानकारी दें।
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( एडवोकेट शरद जैन ) : (क) रजिस्ट्रार, नर्सिंग कौंसिल की सामान्य बजट से 01 अप्रैल, 2013 से प्रश्न तिथि तक कोई राशि आवंटित नहीं हुई है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नर्सिंग कौंसिल ऑफ म.प्र. में स्वीकृत पदों की जानकारी
[चिकित्सा शिक्षा]
186. ( क्र. 4855 ) श्री अजय सिंह : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्सिंग कौंसिल ऑफ म.प्र. के कार्यालय में किस-किस पदनाम के स्थायी/अस्थायी/ कांट्रेक्ट/डेलीवेज के कितने पद स्वीकृत हैं? इनके विरूद्ध प्रश्नतिथि तक किस नाम के व्यक्ति किस पद नाम पर किस दिनांक से प्रश्नतिथि तक कार्यरत हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित संविदा के कुल स्वीकृत कितने पदों के विरूद्ध कितने कर्मचारी किस वेतनमान (रूपये में दे) में कब से पदस्थ हैं? इनके वेतनमान की स्वीकृति क्या प्रमुख सचिव कार्यालय/वित्त विभाग से स्वीकृत है? अगर हाँ, तो जारी आदेशों की जानकारी प्रति दें? अगर नहीं तो किस आदेश के जरिये वेतन प्रदाय नियमानुसार हो रहा है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित रजिस्ट्रार कार्यालय के वित्तीय लेखों का प्रति वर्ष ऑडिट होता है? अगर हाँ, तो 01.04.2013 से 31.03.2016 तक हुई ऑडिट रिपोर्टों का विवरण उपलब्ध करायें? (घ) क्या 01.04.2013 से प्रश्नतिथि तक उक्त कार्यालय में वित्तीय अनियमितताओं की शिकायतें राज्य शासन के समक्ष आई? प्रकरणवार विवरण देते हुए बतायें कि उन पर किस आदेश क्रमांकों एवं दिनांकों से प्रश्नतिथि तक कब व क्या कार्यवाही लंबित हुई/की गई?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( एडवोकेट शरद जैन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) संविदा का कोई पद स्वीकृत नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते। (ग) जी हाँ। 01 अप्रैल, 2013 से 31 मार्च, 2014 तक ऑडिट रिपोर्ट का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। वर्ष 2014-15 व 2015-16 का ऑडिट चार्टेड अकाउण्टेंड द्वारा किया जा रहा है। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है।
राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान अंतर्गत जिला कार्यालय को आवंटित राशि
[स्कूल शिक्षा]
187. ( क्र. 4862 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले के वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत जिला कार्यालय को कितनी राशि आवंटित की गई है? उक्त राशि को व्यय करने हेतु क्या नियम बनाये गये हैं? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या शासन द्वारा निर्धारित नियमों का पालन करते हुये व्यय किया जा रहा है? यदि हाँ, तो प्राप्त राशि से कितनी राशि किस मद में व्यय की गई? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त राशि एवं प्रश्नांश (ख) अनुसार व्यय राशि हेतु क्या क्रय समिति एवं सामग्री, भौतिक सत्यापन समिति बनाई गई है? यदि हाँ, तो जानकारी दें? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या क्रय की गई कार्यालय की सामग्री का भौतिक सत्यापन कराया गया है? यदि हाँ, तो भौतिक सत्यापन की प्रश्नांकित अवधि की जानकारी उपलब्ध करायें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर है एवं व्यय नियम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 ''अ'' एवं 3 ''ब'' अनुसार है। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। सामग्री का भौतिक सत्यापन समिति द्वारा अप्रैल 2015 एवं अप्रैल 2016 में किया गया है। सत्यापन प्रमाण-पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 पर है।
उप-स्वास्थ्य केन्द्र में निर्माण कार्य
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
188. ( क्र. 4863 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर की पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र के लिये वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक उप-स्वास्थ्य केन्द्र स्वीकृत किये गये हैं? यदि हाँ, तो कितने और कब स्वीकृत किये गये हैं? (ख) स्वीकृत उप-स्वास्थ्य केन्द्रों का निर्माण किस विभाग/एजेंसी के माध्यम से किया जावेगा? क्या संबंधित कार्य एजेंसी द्वारा अभी तक प्रशासकीय/तकनीकी स्वीकृति प्राप्त कर ली गई है? यदि नहीं, तो कब तक स्वीकृतियां का कार्य हो जावेगा? (ग) यदि निर्माण कार्य एजेंसियों द्वारा स्वीकृति प्राप्त कर ली गई है, तो क्या इसी वर्ष निर्माण कार्य प्रारंभ हो जावेगा? (घ) स्वीकृत उप-स्वास्थ्य केन्द्रों के लिये आवश्यक सामग्री/उपकरण तथा अमला कब तक स्थल पर नियुक्त हो सकेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। आदेश क्रमांक/5/भवन/एन.आर.एच.एम/आर.सी.एच/2013-14/4325 भोपाल दिनांक 30.05.2014 द्वारा कुल 6 उप-स्वास्थ्य स्वीकृत किये गये हैं। (ख) स्वीकृत 6 उप-स्वास्थ्य केन्द्रों का भवन निर्माण कार्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा पूर्ण किया जा चुका है, शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उक्त उप-स्वास्थ्य कन्द्रों में सामग्री/उपकरण उपलब्ध है तथा 2 स्थानों पर एक-एक संविदा ए.एन.एम पदस्थ हैं। शेष 4 उप-स्वास्थ्य केन्द्रों पर ए.एन.एम संविदा नियुक्तियां यथाशीघ्र की जावेगी।
संविदा सहायक होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी का नियमितिकरण
[आयुष]
189. ( क्र. 4869 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आयुष विभाग की संस्थाओं में जिला पंचायतों के द्वारा नियुक्त संविदा आयुष कर्मियों के नियमितीकरण विषयक नीति परिपत्र क्रमांक एफ 2-10/2009/1 दिनांक 28/01/2009 आयुष विभाग द्वारा जारी किया गया हैं? यदि हाँ, तो संचालनालय आदेश दिनांक 23/12/2016 के द्वारा झाबुआ जिले के 26 संविदा आयुष कर्मियों को उक्त नीति के तहत ही दिनांक 28/01/2009 से नियमित किया गया है? (ख) क्या सीधी जिले में कार्यरत संविदा सहायक होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी को आयुष विभाग के नियमितीकरण विषयक शासन नीति परिपत्र दिनांक 28/01/2009 के अनुक्रम में दिनांक 10/07/2009 से नियमित किया गया था किन्तु उक्त चिकित्सक को अनुचित लाभ पहुँचाने के लिए संचालनालय के अधिकारियों के द्वारा बाद में संशोधित आदेश दिनांक 12/01/2016 जारी कर बैक डेट दिनांक 10/02/1999 से नियमित कर दिया गया? यदि हाँ, तो शासन नीति के विरूद्ध बैक डेट से नियम विरूद्ध नियमितीकरण के लिए जवाबदेही तय कर संबंधितों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? कब तक?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। (ख) जी हाँ। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आगजनी की घटना की जाँच/कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
190. ( क्र. 4870 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के भोपाल स्थित मुख्यालय में दिनांक 05 एवं 06 नवम्बर 2015 की रात्रि में आगजनी की घटना के संबंध में प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न (क्रमांक 699) दिनांक 18 जुलाई 2016 में यह जानकारी दी गई थी कि आगजनी क्रमांक 04/15 पर दर्ज करायी है एवं पुलिस द्वारा जाँच की जा रही है? (ख) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 699 की कंडिका (ग) की क्या जानकारी एकत्रित कर ली गई है? यदि हाँ, तो प्राप्त शिकायतों में उल्लेखित बिन्दुओं की जाँच में किन-किन दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में फरवरी-अप्रैल 2016 सत्र में प्रश्नकर्ता की ध्यानाकर्षण सूचना क्रमांक 789 में उल्लेखित विषय वस्तु पर शासन द्वारा अब तक क्या–क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
घटना/दुर्घटनाओं में मृत अनु.जाति/अनु. जनजाति व्यक्ति को मुआवजा
[अनुसूचित जाति कल्याण]
191. ( क्र. 4879 ) श्री जितू पटवारी : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुजाति/जनजाति के व्यक्ति की हत्या दुर्घटना में मृत्यु प्राकृतिक आपदा से मृत्यु इत्यादि में एक्ट की किस धारा में कितना मुआवजा दिये जाने का प्रावधान है? (ख) इंदौर-उज्जैन संभाग में वर्ष 2015 तथा 2016 में घटना/दुर्घटनाओं में मृत अनु.जाति/जनजाति के किस-किस व्यक्ति को किस-किस मद में कितना मुआवजा दिया गया? उन्हें जनजाति/जाति एक्ट के तहत मुआवजा क्यों नहीं दिया गया? (ग) क्या गृह विभाग हत्या घटना/दुर्घटना में अनु. जाति/जनजाति के व्यक्ति की मृत्यु की सूचना आदिम जाति/अनुसूचित जाति कल्याण विभाग को भेजता है? यदि हाँ, तो 2016 की प्राप्त सूची की प्रतियां देवें। यदि नहीं, तो बतावें कि विभाग को किस प्रकार से सूचना प्राप्त होती है तथा वह मुआवजे की कार्यवाही कैसे सम्पन्न करता है? (घ) विभाग को वर्ष 2015 तथा 2016 में मुआवजे के लिये कितने आवेदन प्राप्त हुये? उस पर क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही में विलंब हुआ, तो इसके कारण क्या है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) अनुसूचित जाति/जनजाति के व्यक्ति की गैर अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति व्यक्ति द्वारा हत्या किये जाने पर अत्याचार निवारण अधिनियम की धारा 3 (2) 5 के अंतर्गत मृतक के आश्रित को 1 अगस्त 2016 से रूपये 8.25 लाख की राहत राशि दिये जाने का प्रावधान है। दुर्घटना, प्राकृतिक आपदा में मृत्यु होने पर अत्याचार निवारण अधिनियम में राहत राशि दिये जाने का प्रावधान नहीं है। (ख) अनुसूचित जाति/जनजाति आकस्मिकता योजना नियमों के तहत वितरित की गयी राहत की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ’ अनुसार है। (ग) अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के सदस्य की हत्या गैर अनुसूचित जाति/जनजाति के व्यक्ति के द्वारा करने पर संबंधित जिले की पुलिस (अजाक) के माध्यम से आदिम जाति/अनुसूचित जाति कल्याण विभाग को प्रकरण प्रेषित किये जाते हैं। वर्ष 2016 की प्राप्त सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब’ अनुसार है। म.प्र. अनुसूचित जाति और जनजाति (आकस्मिकता योजना) नियम के प्रावधानों के अनुरूप राहत राशि की स्वीकृति जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति के माध्यम से की जाती है। (घ) वर्ष 2015 एवं 2016 में मुआवजे के प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स’ अनुसार है।
अध्यापक संवर्ग के संबंध में
[अनुसूचित जाति कल्याण]
192. ( क्र. 4880 ) श्री जितू पटवारी : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्या. आयुक्त अनु. जाति विकास म.प्र. क्र. शिक्षा-3/410/11/2006-7 के आदेशानुसार अ.जा. छात्र छात्राओं हेतु आवासीय विद्यालयों में (सन् 2003 में सृजित पदों को निरस्त करते हुये) नवीन पद संरचना के अनुसार अध्यापक संवर्ग की पदस्थापना की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) के आदेशानुसार सन् 2006 में नियुक्त अध्यापकों का संविलियन सन् 2009 में किया जाकर इन्हें वरिष्ठ अध्यापक एवं अध्यापक बनाया गया है एवं ये अध्यापक वर्तमान तक पदस्थ होकर कार्यरत हैं? (ग) क्या कार्यालय आयुक्त अनु. जाति विकास म.प्र. भोपाल के द्वारा म.प्र. अनु. जाति कल्याण विभाग भोपाल के पत्र क्रमांक एफ 23-7/2014/25-5 दिनांक 26.09.2014 बारहवीं पंच योजना का हवाला देते हुवे आ.क्र.2016-17/11695/ज्ञा.वि./दिनांक 22.12.16 जारी किया गया है, जिसमें ज्ञानोदय विद्यालयों में सन् 2006 से कार्यरत अध्यापकों वरिष्ठ अध्यापकों को हटाकर नियमित व्याख्याताओं, उ.श्रे.शिक्षकों की पदस्थापना की गई हैं? (घ) यदि प्रश्नांश (ख), (ग) का उत्तर हाँ, तो क्या म.प्र. अनु. जाति कल्याण विभाग भोपाल के पत्र क्रमांक एफ 23-7/2014/ 25-5 दिनांक 26.09.2014 में सन् 2006 के सृजित पदों को निरस्त किये जाने एवं नियमित पदस्थापना किये जाने का उल्लेख किया गया है? (ड.) क्या 2006 में पदस्थ अध्यापकों द्वारा विगत 2006 से वर्तमान तक ज्ञानोदय विद्यालयों का परीक्षा परिणाम अच्छा नहीं दिया है? (च) यदि प्रश्नांश (घ), (ड.) का उत्तर नहीं है, तो सन् 2006 से पदस्थ अध्यापकों को हटाकर नवीन पदस्थापना किये जाने का कार्य क्यों किया गया? कारण स्पष्ट करें एवं क्या पूर्व से पदस्थ अध्यापक संवर्ग को पुन: इन्हीं विद्यालयों में पदांकित किया जावेगा। हाँ तो कब तक एवं नहीं तो क्यों नहीं?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) संविदा शाला शिक्षकों को अध्यापक संवर्ग में संविलियन की कार्यवाही उनके नियोक्ता (संबंधित निकाय) द्वारा किया जाता है। (ग) जी हाँ। (घ) नियमित पदों के सृजन की स्वीकृति दी गयी है। (ड.) जी हाँ। (च) प्रश्नांश (घ) में उल्लेखित आदेश अनुसार कार्यवाही की गयी है।
न्यू पेंशन स्कीम में अध्यापक संवर्ग तथा शासन का अंश जमा करना
[स्कूल शिक्षा]
193. ( क्र. 4897 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) न्यू पेंशन स्कीम में अध्यापक संवर्ग का अंश तथा शासन का अंश कब से नहीं डाला गया है? (ख) विषयांकित स्कीम में अध्यापक संवर्ग का अंश प्रतिमाह वेतन से काटने के बावजूद स्कीम में जमा नहीं करने के क्या कारण हैं? (ग) क्या शासन ऐसा कोई साफ्टवेयर बनवायेगी जिससे अध्यापक संवर्ग तथा शासन दोनों का अंश एक साथ एन.पी.एस. में जमा हो जाये?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) माह मार्च, 2016 से। (ख) अध्यापक अंशदान की कटोत्री आहरण संवितरण अधिकारी स्तर पर होने के फलस्वरूप मुख्यालय स्तर पर संवर्ग के कुल कटोत्रे की गणना के आधार पर नियोक्ता अंशदान की राशि आंकलित कर संयुक्त अंशदान की राशि स्वीकृत की जाती है। आहरित की जाने वाली राशि वित्त विभाग द्वारा नियत की गई सीमा से अधिक होने के कारण वित्त विभाग की अनुमति उपरांत ही राशि जमा की जाती है। सितम्बर, 2016 तक के अंशदान के आहरण की स्वीकृति वित्त विभाग से प्राप्त हो गई है। राशि का अंतरण प्रक्रियाधीन है। (ग) दोनों अंशदान एक साथ जमा करने की कार्यवाही साफ्टवेयर के माध्यम से ही संपादित की जाती है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
चिन्हित विमुक्त, घुमक्कड़ तथा अर्द्ध घुमक्कड़ जातियों का चिन्हांकन
[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जाति कल्याण]
194. ( क्र. 4898 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बालाघाट जिले में विमुक्त घुमक्कड़ तथा अर्द्ध घुमक्कड़ जातियां कहाँ-कहाँ चिन्हित की गयी हैं? (ख) बालाघाट जिले में विषयांकित जातियों को शासन की कौन-कौन सी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है? (ग) विधान सभा क्षेत्र लांजी अंतर्गत विकासखण्ड किरनापुर की ग्राम पंचायत कीन्ही में क्या ये जातियां पायी जाती हैं? (घ) यदि नहीं, तो क्या उक्त पंचायत में इस हेतु सर्वे कराया जायेगा?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) बालाघाट जिले में विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जातियां विकासखण्ड बैहर, बिरसा, तिरोड़ी एवं किरनापुर में चिन्हित की गई है। (ख) बालाघाट जिले में पात्रता अनुसार शासन की सभी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। (ग) जी हाँ। (घ) विभाग द्वारा सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में इन जनजातियों का सर्वेक्षण कराये जाने की कार्यवाही की जा रही है।
जाँच प्रतिवेदन का विवरण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
195. ( क्र. 4899 ) श्री रमेश पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डॉ. सुधीर जैतानी निलंबित C.M.H.O. रीवा अब तक कितने जिलों में प्रभारी C.M.H.O. रह चुके है? (ख) इस पद पर पदस्थी के दौरान इन पर कितनी जांचे लंबित है? कितनी पूर्ण हो चुकी हैं? पृथक-पृथक बतावें। (ग) जो जाँच पूर्ण हो चुकी हैं उनके जाँच प्रतिवेदन का विवरण देवें। इन पर अब तक की गई कार्यवाही भी देवें? यदि कार्यवाही नहीं की गई है, तो कब तक की जावेगी? (घ) यदि जाँच पूर्ण नहीं हुई तो कब तक पूर्ण होगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) डॉ. सधीर जैसानी, निलंबित मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकरी, रीवा, पूर्व में जिला होशंगाबाद, विदिशा एवं रायसेन जिलों में प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के रूप में कार्यरत रहे हैं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। । (ग) जाँच अपूर्ण होकर प्रचलन में है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जाँच की कार्यवाही प्रचलन में है, निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
अपूर्ण कार्यों को पूर्ण करने हेतु जारी आवंटन
[आदिम जाति कल्याण]
196. ( क्र. 4902 ) श्री रमेश पटेल : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016-17 में विद्युतीकरण योजना के लिए 31 जुलाई 2016 की स्थिति में वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 के अपूर्ण कार्यों को पूर्ण करने के लिए कुल कितने जिलों द्वारा आवंटन की मांग की गई थी? जिलेवार मांग राशि का विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) में जिलेवार की गई मांग राशि में से प्रश्नांश दिनांक तक किन-किन जिलों को इन वर्षों के अपूर्ण कार्यों को पूर्ण करने के लिए आवंटन जारी किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) में आवंटन की मांग करने वाले जिलों में से प्रश्नांश (ख) में आवंटन जारी किये गये जिलो के लिए आवंटन जारी करने के क्या मापदण्ड रखे गये थे? क्या इसके लिए आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा दिनांक 12 मई 2016 को जारी निर्देशों का पालन किया गया है? यदि हाँ, तो नियमों की जानकारी दें। (घ) यदि नहीं, तो आवंटन जारी करने वाले अधिकारियों तथा अवैधानिक तरीके से जिलों द्वारा भुगतान राशियां दोषी अधिकारी/ठेकेदारों से कब तक वसूल की जाएगी?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) वर्ष 2016-17 में विद्युतीकरण योजना अन्तर्गत, जिलों द्वारा वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 के अपूर्ण कार्यों को पूर्ण करने के लिये आवंटन की मांग नहीं की गई थी। अतः प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में जानकारी निरंक हैं। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में जानकारी निरंक हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अवैधानिक पदस्थी
[आयुष]
197. ( क्र. 4908 ) श्री बाला बच्चन : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अक्टूबर 2010 में तृतीय श्रेणी से द्वितीय श्रेणी के पद पर पदोन्नत जूनियर होम्योपैथिक डॉक्टर को मात्र 09 माह 27 दिन बाद ही बिना किसी प्रशासनिक कार्यानुभव के ही विभागीय मुख्यालय, संचालनालय आयुष में ओ.एस.डी. के रूप में प्रशासनिक पद पर पदस्थ कर दिया गया था? (ख) यदि हाँ, तो किस की अनुशंसा पर? क्या उक्त अधिकारी की विवादास्पद कार्य प्रणाली के कारण जुलाई 2012 में उसे संचालनालय से हटाया गया था? यदि हाँ, तो फिर उसी अधिकारी को कब, किसकी अनुशंसा पर संचालनालय में पुन: ओ.एस.डी. पद पर पदस्थ किया गया है? क्यों? (ग) क्या उपरोक्त संदर्भित द्वितीय श्रेणी का जूनियर अधिकारी पदोन्नति कोटे के प्रथम श्रेणी के उच्च प्रशासकीय पद के विरूद्ध पदस्थ है? यदि हाँ, तो क्या प्रथम श्रेणी सेवा के अधिकारी उपलब्ध नहीं हैं? (घ) यदि उपलब्ध है, तो जूनियर अधिकारी को हटाकर इनकी पदस्थापना कब तक कर दी जायेगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रशासकीय प्रस्ताव पर। प्रशासकीय व्यवस्था के दृष्टिगत संचालनालय से अन्यत्र स्थानांतरित। दिनांक 19/05/2015 को संचालनालय में पुन: पदस्थ। (ग) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रशासकीय कार्य सुविधा की दृष्टि से पदस्थापना की जाती है।
पी.पी.पी. मॉडल के तहत छात्रावासों का संचालन
[आदिम जाति कल्याण]
198. ( क्र. 4915 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. के भोपाल, रायसेन, इंदौर एवं अन्य जिलों के आदिवासी छात्रावासों को निजी हॉथों में सौंपने या P.P.P. मॉडल पर देने का प्रस्ताव शासन के पास लंबित है? (ख) इसका कारण बतावें कि ऐसा क्यों किया जा रहा है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी नहीं (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में दिये गये उत्तर अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
साफ-सफाई ठेके में अनियमितता
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
199. ( क्र. 4916 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में साफ-सफाई व सुरक्षा ठेका विगत 3 वर्षों से किस-किस फर्म के पास है? (ख) फर्मों में कार्यरत श्रमिकों/कर्मचारियों की सूची, उनके P.F. नबंर, P.F. कटौत्रा राशि, कर्मचारी/श्रमिक अंशदान, नियोक्ता अंशदान सहित देवें। (ग) फर्मों द्वारा P.F. चालान की छायाप्रति देवें। यदि फर्म द्वारा P.F. नहीं जमा कराया गया तो कब तक कर्मचारियों के P.F. खातों में यह राशि जमा कर दी जावेगी? (घ) इस ओर ध्यान न देने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के अन्तर्गत स्वास्थ्य संस्थाओं साफ-सफाई का ठेका दिनांक 20/10/2014 से दिनांक 28/11/2016 तक आई.पी.एस. गार्ड लिमिटेड भोपाल एवं दिनांक 29/11/2016 से न्यू बुन्देलखण्ड सिक्यूरिटी सर्विसेस, इन्दौर को दिया गया था। सुरक्षा व्यवस्था का ठेका विगत तीन वर्ष से रतन एम्पोरियम धार को दिया गया था। जिला चिकित्सालय में साफ-सफाई का ठेका विगत तीन वर्षों से न्यू बुन्देलखण्ड सिक्यूरिटी सर्विसेस इन्दौर एवं सुरक्षा का ठेका वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में रतन एम्पोरियम धार तथा वर्ष 2016-17 न्यू बुन्देलखण्ड सिक्यूरिटी सर्विसेस इन्दौर को दिया गया था। (ख) एवं (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) क्षेत्रीय संचालक इन्दौर से जाँच कराई जा रही है।
फर्जी जाति प्रमाण-पत्र पर कार्यवाही
[चिकित्सा शिक्षा]
200. ( क्र. 4919 ) श्री कमलेश शाह : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जन शिकायत क्रमांक 10096904 दि. 05.12.2016 द्वारा प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा विभाग को गांधी मेडिकल कालेज में स्टेटीशियन के पद पर पदस्थ कर्मचारी द्वारा फर्जी जाति प्रमाण-पत्र के आधार पर प्राप्त की गई नौकरी एवं पदोन्नति पर आपराधिक मुकदमा दर्ज करने बाबत् पत्र प्राप्त हुआ? (ख) उपरोक्तानुसार विभागीय प्रमुख सचिव द्वारा प्रश्न दिनांक तक कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) विगत 2 वर्षों में स्टेटीशियन के विरूद्ध विभाग में कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं? शिकायतों का स्तर क्या है एवं इनका निराकरण प्रश्न दिनांक तक क्यों नहीं किया गया? (घ) क्या उक्त स्टेटीशियन श्रीमती मीना कर्वे को तत्काल निलंबित करते हुए इनके जाति प्रमाण-पत्र एवं प्राप्त नौकरी/पदोन्नति की पारदर्शी जाँच करेगा? यदि नहीं, तो किन-किन विधियुक्त व नियमयुक्त कारणों से?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( एडवोकेट शरद जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) शिकायत की जाँच प्रक्रियाधीन है। (ग) विगत दो वर्षों में 03 शिकायतें प्राप्त हुई थीं, जो जाति प्रमाण-पत्र एवं कर्तव्यों में अनियमितता की है। दो शिकायतें जाँच में सही नहीं पाए जाने के कारण नस्तीबद्ध कर शिकायतकर्ता को अवगत कराया गया उत्तरांश (ख) के अनुसार शिकायत की जाँच प्रक्रियाधीन है। (घ) जाँच प्रतिवेदन के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही की जावेगी।
नियम विरूद्ध नियुक्तियां
[चिकित्सा शिक्षा]
201. ( क्र. 4920 ) श्री कमलेश शाह : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उप सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा प्रमुख सचिव, चिकित्सा शिक्षा को माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा भोपाल जिले में की गई घोषणाओं के संबंध में घोषणा क्रमांक ए-1882 में मेडिकल कॉलेजों की पद संरचना का पुनरीक्षण करने के दिय गये निर्देशों के परिपालन में चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या कार्यकारिणी समिति की बैठक दिनांक 25/10/2011 में संविदा आधार पर स्वशासी निधि से 06 माह के लिए ही उपरोक्त नियुक्तियों के लिए विज्ञप्ति निकालने के निर्देश थे? (ग) क्या आयुक्त चिकित्सा शिक्षा के पत्र क्रमांक 536 दिनांक 22/4/2016 द्वारा अधिष्ठाता चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल को हॉस्पिटल को अार्डिनेटर एडमिनिस्ट्रेशन/फायनेंस का पद निर्माण एवं संविदा नियुक्ति की अनुमति विषयपत्र लिखकर उपरोक्त नियुक्तियों पर आपत्ति दर्ज कराते हुए इनकी जिम्मेदारी निर्धारित करने के निर्देश दिए हैं? (घ) इन नियम विरूद्ध नियुक्तियों के जिम्मेदार अधिकारियों के नाम, पदनाम बतावें तथा कब तक इन नियुक्तियों को निरस्त कर इन पर कार्यवाही की जावेगी?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( एडवोकेट शरद जैन ) : (क) चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल एवं सम्बद्ध चिकित्सालय को सुचारू रूप से कार्य करने हेतु अधिष्ठाता कार्यालय एम.बी.ए. (वित्त) एवं अधीक्षक कार्यालय में 01 एम.एच.ए. की संविदा नियुक्ति कार्यकारिणी समिति के निर्णय दिनांक 25 अक्टूबर, 2011 के परिपालन में की गई। (ख) जी नहीं। कार्यकारिणी की बैठक दिनांक 25 अक्टूबर, 2011 में संविदा आधार पर 01 वर्ष के लिये नियुक्ति प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। (ग) जी हाँ। (घ) संविदा नियुक्ति चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल की कार्यकारिणी समिति एवं सामान्य सभा द्वारा की गई अनुशंसा के आधार पर तत्कालीन अधिष्ठाता, भोपाल द्वारा की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पिछड़ा वर्ग छात्रावास प्रारंभ करना
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
202. ( क्र. 4922 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिदपुर वि.स. क्षेत्र में पिछड़ा वर्ग छात्रावास प्रारंभ करने के संबंध में अब तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) कब तक इसकी स्वीकृति प्रदान कर दी जायेगी? (ग) इस ओर ध्यान न देने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) वर्तमान में विभाग अंतर्गत विधान सभा क्षेत्र स्तर पर छात्रावास संचालित करने की कोई योजना नहीं है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आर.टी.ई. को भुगतान
[स्कूल शिक्षा]
203. ( क्र. 4925 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल जिले के कोटरा सुल्तानाबाद स्थित जयहिन्द कान्वेंट स्कूल के आर.टी.ई. भुगतान हेतु नोडल अधिकारी प्रीती रघुवंशी द्वारा 10.11.2016 को जाँच कर प्रतिवेदन बी.आर.सी. को प्रस्तुत किया गया? यदि हाँ, तो क्या भुगतान कर दिया गया है? यदि नहीं, तो क्या जाँच प्रतिवेदन भुगतान योग्य नहीं पाया गया? यदि हाँ, तो क्यों? (ख) क्या भोपाल डी.पी.सी. द्वारा दिनांक 27.11.2016 को राज एक्सप्रेस समाचार पत्र में विज्ञप्ति जारी कर मीडिया को बताया गया कि उक्त संस्था संचालक द्वारा नोडल अधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर कर आर.टी.ई. के भुगतान हेतु प्रकरण प्रस्तुत किया गया? (ग) क्या भोपाल डी.पी.सी. ने हस्ताक्षर की सत्यता संबंधी जाँच कराई? क्या विभागीय अनुमति से अखबारों व मीडिया में बयान जारी किया? यदि हाँ, तो किस एजेंसी ने हस्ताक्षर फर्जी होना प्रमाणित किया? (घ) क्या उक्त स्कूल संचालक द्वारा भी इस प्रकरण संबंधी अभ्यावेदन कलेक्टर, सी.ई.ओ. जिला पंचायत व जिला शिक्षा अधिकारी भोपाल को दिये? यदि हाँ, तो उन पर अब तक आवेदनवार क्या-क्या कार्यवाही की गई?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। स्कूल संचालक, जयहिंद कान्वेंट स्कूल द्वारा दिनांक 10.11.2016 को नोडल अधिकारी के हस्ताक्षरयुक्त दस्तावेज/फाईल फीस प्रतिपूर्ति हेतु बी.आर.सी.सी. कार्यालय में जमा किये गये थे। जी नहीं। भुगतान नहीं किया गया है। अशासकीय स्कूल संचालक द्वारा तैयार फीस प्रतिपूर्ति का प्रस्ताव अपूर्ण है। अत: प्रकरण परीक्षण/जाँच की प्रक्रिया में है। (ख) जी नहीं। (ग) जी नहीं। समाचार पत्र ने प्रकरण की वस्तुस्थिति जानने हेतु जिला परियोजना समन्वयक, जिला शिक्षा केन्द्र, भोपाल से दूरभाष पर संपर्क किया और तद्नुसार जिला परियोजना समन्वयक द्वारा उन्हें वस्तुस्थिति से अवगत कराया गया। प्रकरण जाँच में है। (घ) जी हाँ। जाँच की कार्यवाही प्रचलन में है।
पत्रों के उत्तर की स्थिति
[स्कूल शिक्षा]
204. ( क्र. 4929 ) श्री हर्ष यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन, स्कूल शिक्षा विभाग की फाइल नंबर एफ 37-2/2015/20-3 की विषयवस्तु की जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) उक्त शासन नस्ती एफ 37-2/2015/20-3 द्वारा दिनांक 16/10/2015 से 15/06/2016 के बीच किस विभागाध्यक्ष कार्यालय को कितने पत्र किस बाबत् लिखे गये? पत्रों की प्रतियां उपलब्ध करावें? (ग) विभागाध्यक्ष कार्यालय द्वारा शासन को उत्तर नहीं देने के पत्रवार कारण बतावें? उत्तर न देने के उत्तरदायी के विरूद्ध कब तक क्या कार्यवाही की जाएगी? दोषियों के नाम, पद बतावें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) अशासकीय माध्यमिक एवं उच्च्तर माध्यमिक शाला मान्यता नियम 2015 से संबंधित। (ख) 08 पत्र आयुक्त लोक शिक्षण को लिखे गये। पत्रों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) शासन पत्र दिनांक 16.10.2015, 03.11.2015, 18.11.2015 के संबंध में मान्यता नियम 2015 की 25 प्रतियां लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा पत्र दिनांक 24.11.2015 द्वारा अवर सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग को भेजी गई। दिनांक 21.12.2015, 29.01.2016, 12.04.2016, 24.05.2016 एवं 15.06.2016 द्वारा मान्यता विनिमय के संबंध में संचालनालय द्वारा पूर्व में प्रेषित जानकारी अपूर्ण मानकर स्मरण पत्र भेजे गये। दिनांक 23.09.2016 को उपसचिव, स्कूल शिक्षा को लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा पत्र प्रेषित किया गया कि जानकारी मंत्रालय स्तर से भेजना चाहेंगे। उप सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग के पत्र क्रमांक एफ 37-2/2015/20-3 भोपाल दिनांक 28.09.2016 द्वारा जानकारी प्रमुख सचिव, मध्यप्रदेश विधान सभा सचिवालय भोपाल को प्रेषित की गई है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुलताई वि.स. क्षेत्र में संचालित स्कूलों की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
205. ( क्र. 4933 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुलताई वि.स. क्षेत्र में कितने स्कूल संचालित हैं? नाम एवं स्तर के साथ सूची दें। (ख) उपरोक्तानुसार प्रत्येक स्कूल में विद्यार्थियों की दर्ज संख्या कितनी है? स्कूल एवं कक्षावार जानकारी दें। (ग) मुलताई विधान सभा क्षेत्र में शासकीय स्कूलों में कुल कितने पद स्वीकृत हैं? कितने रिक्त हैं? विषयवार जानकारी दें। (घ) बिन्दु (ग) अनुसार रिक्त पदों की पूर्ति शासन द्वारा कब तक कर ली जायेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) एवं (ख) शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक पर एवं हाई स्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो पर है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन पर है। पदों की पूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लायसेंस एवं पंजीयन की स्थिति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
206. ( क्र. 5178 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. सरकार द्वारा खाद्य पदार्थों में मिलावट को रोकने के लिए खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम 2006 प्रदेश में 2013 में लागू किया? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो रीवा जिले में 12 लाख से कम व्यवसाय करने वाले कितने व्यापारियों का पंजीयन तथा इससे ऊपर का व्यवसाय करने वाले कितने लोगों को लायसेंस जारी किए गए, का विवरण प्रश्नांश दिनांक तक का देवें? पंजीयन एवं लायसेंस हेतु शासन द्वारा कितना शुल्क तय किया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में जिले में संचालित देशी एवं विदेशी शराब दुकानों में से कितनी दुकानों द्वारा खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत पंजीयन एवं लायसेंस बाबत् आवेदन किया तथा किन-किन को कब-कब लायसेंस जारी किया गया तथा कब पंजीयन किया गया एवं शासन का शुल्क किन-किन माध्यमों से कुल कितना प्राप्त किया गया? (घ) प्रश्नांश (क) के अधिनियम का पालन न कराकर खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लायसेंस एवं पंजीयन न करने एवं न करवाने वालों के ऊपर क्या कार्यवाही करेंगे? शासन के राजस्व के हुए नुकसान की वसूली संबंधितों से करायेंगे? दोषी शराब ठेकेदारों के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगे? क्या संबंधितों के लायसेंस निरस्त करते हुए वैधानिक कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे? करेंगे, तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी नहीं, प्रदेश में खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006, 05 अगस्त 2011 से लागू है। (ख) खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के तहत 12 लाख से कम व्यवसाय करने वाले कुल 5097 खाद्य कारोबारकर्ताओं को पंजीयन जारी किये गये एवं 12 लाख से उपर व्यवसाय करने वाले कुल 681 खाद्य कारोबारकर्ताओं को लायसेंस जारी किये गये। पंजीयन हेतु 100 रूपये वार्षिक एवं लायसेंस हेतु 2000 रूपये से 7500 रूपये तक वार्षिक शुल्क निर्धारित किया गया है। (ग) जिला रीवा में संचालित देशी एवं विदेशी शराब दुकानों में से 02 देशी एवं 01 विदेशी शराब दुकानों द्वारा खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के तहत लायसेंस हेतु आवेदन किया गया, जिन्हें दिनांक 26.09.16 को लायसेंस प्रदान कर दिया गया है। इन दुकानों से कुल 6000 रूपये एम.पी. ऑन-लाईन के माध्यम से शुल्क प्राप्त किया गया है। (घ) खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के अनुसार समय समय पर जिले में स्थित खाद्य प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया जाता है। निरीक्षण के दौरान पंजीयन/लायसेंस नहीं पाये जाने पर खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के अंतर्गत नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।