मध्यप्रदेश विधान सभा


प्रश्‍नोत्तर-सूची
जुलाई, 2024 सत्र


शुक्रवार, दिनांक 05 जुलाई, 2024


भाग-1
तारांकित प्रश्‍नोत्तर



मत्स्य पालन हेतु आवंटित जलाशय

[मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास]

1. ( *क्र. 1740 ) श्री प्रणय प्रभात पांडे : क्या राज्‍य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), मछुआ कल्‍याण एवं मत्‍स्‍य विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बहोरीबंद विधानसभा-क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2020-21 से प्रश्‍न-दिनांक तक कितने जलाशयों एवं ग्रामीण-तालाबों का पट्टा मत्स्य-पालन हेतु किन-किन मछुआ-सहकारी-समिति/स्व-सहायता समूहों को प्रदाय किया गया, कितनों में पट्टा अवधि-पूर्ण होने पर पट्टे की कार्यवाही किस स्तर पर लंबित हैं? सूची देवें। (ख) मछुआ-सहकारी-समिति का गठन किस आधार पर किन नियमों के तहत किया जाता है? नियमों की छायाप्रति देवें। वित्त वर्ष 2020-21 से प्रश्‍न-दिनांक तक बहोरीबंद-विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कहां-कहां पर नवीन-समितियां गठित की गईं? जलाशयों के क्षेत्रफल, सदस्यों के नाम-पता सहित-सूची देवें। (ग) शासकीय-जलाशय/ग्रामीण तालाबों को मत्स्य-पालन हेतु मछुआ-सहकारी समितियों/स्व-सहायता-समूहों को प्रति-सदस्य न्यूनतम कितने हेक्टेयर जल ग्रहण-क्षेत्र आवंटित किए जाने के शासन के स्थाई दिशा-निर्देश हैं एवं यह भी बतलावें कि क्या इनका पालन प्रश्‍नांश '' में आवंटित बहोरीबंद-विकासखंड के छपरी और मसंधा-जलाशय के आवंटन में किया गया है? यदि हाँ, तो कार्यवाही की छायाप्रति देवें? यदि नहीं, तो इसका दोषी कौन है? (घ) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित बहोरीबंद-विधानसभा क्षेत्र के छपरी और मसंधा-जलाशय के आवंटन में स्वामित्व की ग्राम पंचायतों/जनपद-पंचायतों/कृषि स्थाई समिति से अनुशंसा प्राप्त की गई है? यदि हाँ, तो अनुशंसा की छायाप्रति देवें? यदि नहीं, ली गई तो इसका दोषी कौन है? (ड.) प्रश्‍नांश (क) एवं (घ) के संदर्भ में क्या शासन कटनी जिले में पदस्थ               सहायक-संचालक मत्‍स्‍योद्योग को अन्‍यत्र स्थानांतरित कर जलाशयों के आवंटन में की गई अनियमितता की जांच करायेगा? उत्तर में यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो             क्यों नहीं?

राज्‍य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), मछुआ कल्‍याण एवं मत्‍स्‍य विकास ( श्री नारायण सिंह पंवार ) :                       (क) बहोरीबंध विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत प्रश्‍नांश अवधि से प्रश्‍न दिनांक तक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) मछुआ सहकारी समिति का गठन मछुआ नीति 2008 के भाग 2 के निर्देशानुसार किया जाता है। वर्ष 2020-21 से प्रश्‍न दिनांक तक बहोरीबंध विकासखंड क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत किवलहरा चरगंवा, छपरी, गुजिकला कुल 04 मछुआ सहकारी समिति का गठन किया गया। विस्‍तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) शासकीय जलाशय/तालाबों को मत्‍स्‍य पालन हेतु समितयों/स्‍व-सहायता समूहों को प्रति सदस्‍य जलग्रहण क्षेत्र मछुआ नीति 2008 के भाग-2 की कंडिका 2.1 अनुसार किया जाता है। वर्तमान में छपरी ओर मसंधा जलाशय किसी भी समिति को आवंटित नहीं है। आवंटन की कार्यवाही जनपद पंचायत बहोरीबंध की कृषि स्‍थायी समिति स्‍तर पर लंबित है। (घ) बहोरीबंध विधान सभा के जनपद पंचायत बहोरीबंध स्‍वामि‍त्‍व के छपरी और मसंधा जलाशय आवंटित नहीं है। कार्यवाही जनपद पंचायत बहोरीबंध की कृषि स्‍थायी समिति में विचाराधीन है। (ड.) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित जलाशयों का आवंटन मछुआ नीति 2008 के निर्देशानुसार ही कार्यवाही की गई है। अत: जांच कराने की स्थिति नहीं है।

पट्टे की भूमि से वन विभाग द्वारा बेदखली

[वन]

2. ( *क्र. 831 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                         (क) क्या ग्वालियर जिले में जिन किसानों की भूमि राजस्व रिकॉर्ड में उनके नाम से भूमि स्वामी अंकित है एवं जिन्हें वन अधिकार पत्र दिये गए हैं, को वन विभाग बेदखल कर रहा है? ऐसा क्यों? (ख) सन 2006 के बाद किसानों की भूमि विगत तीस वर्षों से किसानों के नाम अंकित थी, इनकी के.सी.सी. भी बन चुकी है, ऐसी भूमियों पर अहस्तांतरणीय उल्लेखित किया गया है, यह किस आदेश से? कृपया आदेश की प्रति उपलब्ध करायें एवं अहस्तांतरणीय शब्द कब हटाया जायेगा? अवगत करावें। (ग) तहसील घाटीगांव, आंतरी, चीनौर एवं भितरवार के अंतर्गत प्रश्‍नांश (क) अनुसार कितने-कितने पट्टेदारों को वन विभाग द्वारा बेदखल किया गया है/किया जा रहा है? जानकारी तहसीलवार, नामवार उपलब्ध कराई जावे।

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं, शेष प्रश्‍नांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) कार्यालय कलेक्टर जिला ग्वालियर के आदेश क्रमांक/1828, दिनांक 30.07.2012 के द्वारा अहस्तांतरणीय अंकित किया गया। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। ''अहस्तांतरणीय शब्द कब हटाया जायेगा'' के संबंध में निर्णय शासन के निर्देशों के अधीन रहेगा। (ग) उत्तरांश '' अनुसार प्रश्‍नाधीन तहसील में पट्टेदारों को बेदखल नहीं किया गया है।

परिशिष्ट - "एक"

नर्मदा-गंभीर समूह जल प्रदाय परियोजना

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

3. ( *क्र. 1788 ) श्री सतीश मालवीय : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नर्मदा-गंभीर समूह जल प्रदाय परियोजनान्तर्गत उज्जैन जिले के कितने ग्रामों को जोड़ा गया है एवं इस संपूर्ण परियोजना पर किस-किस कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि का व्यय किया जाना है? डी.पी.आर. के अनुसार संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार घट्टिया विधानसभा के उक्त परियोजना से कितने ग्राम जुड़ रहे हैं और कितने ग्राम परियोजना से छूटे हुए हैं? छूटे हुए ग्रामों को कब तक जोड़ा जावेगा? ग्रामवार संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें।                    (ग) उक्त परियोजना निर्माण एजेन्सी के कार्यादेश से कार्य कब तक पूर्ण होना है? कार्यों के पूर्ण होने की समय-सीमा क्या है? संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) क्या उक्त परियोजना में कार्य करने वाली निर्माण एजेन्सी द्वारा ग्रामों के अन्दर पेयजल पाइप लाइन डालने में सीमेन्ट कांक्रीट रोड एवं अन्य सड़कों को खोदकर जीर्ण-शीर्ण कर दिया गया है, जिससे ग्रामीणों को आवागमन में काफी असुविधा होती है? उक्त ग्रामों की सड़कों को कब तक सुधारा जावेगा?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) नर्मदा-गंभीर परियोजना अंतर्गत उज्जैन जिले के 830 ग्रामों को जोड़ा गया है एवं अनुबंधानुसार संपूर्ण परियोजना कार्य हेतु राशि के प्रावधानित व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 अनुसार है। डी.पी.आर. की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 02 अनुसार है। (ख) नर्मदा-गंभीर परियोजना अंतर्गत घट्टिया विधानसभा के समस्त 254 ग्रामों को जोड़ा गया है, कोई भी ग्राम छोड़ा नहीं गया है। उक्‍त परियोजना में सम्मिलित ग्रामों की ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 03 अनुसार है। (ग) उक्त परियोजना निर्माण एजेंसी के कार्यादेश से दो वर्ष, सितम्बर 2025 तक पूर्ण होना है। कार्यों के पूर्ण होने की समय-सीमा की संपूर्ण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 अनुसार है। (घ) जी नहीं, निर्माण एजेंसी द्वारा पेयजल पाइप-लाइन डालते समय सीमेंट कांक्रीट रोड एवं अन्य सड़कों को आवश्यकतानुसार खोदा जाता है तथा पाइप लाइन टेस्टिंग के उपरांत खोदी गई सड़कों को अनुबंधानुसार पुनः यथावत कर दिया जाता है।

जल समूह योजना के तहत जल जीवन मिशन की जानकारी

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

4. ( *क्र. 1800 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जल समूह योजना के तहत जल जीवन मिशन से सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में कितने ग्राम खेड़े, मजरे, टोले, आबादी में पाइप लाइन पहुँचाने का कार्य नहीं हो पाया है? जानकारी देवें। (ख) लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी द्वारा नवीन पेयजल योजना एवं रेट्रोफिटिंग योजना जो वर्ष 2020 से 2023 तक दी गई है, उसे क्‍या जल समूह के अंतर्गत समाहित कर पेयजल उस ही नियम के तहत उपलब्ध कराया जावेगा? (ग) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के नवीन एवं रेट्रोफिटिंग कितने ग्रामों एवं पंचायतों में संचालित हो रही है एवं जल समूह का कार्य कितने ग्राम एवं पंचायत में कार्य किया जा रहा है? जानकारी देवें। (घ) जल समूह योजना के तहत जल जीवन मिशन कार्य योजना में कितने ग्राम एवं पंचायत में कनेक्शन हेतु पाइप डालकर रोड मरम्मत का कार्य कर दिया गया है? ग्राम एवं पंचायत के नाम सहित जानकारी देवें।

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) गांधीसागर-1 समूह जलप्रदाय योजना के तहत् जल जीवन मिशन अंतर्गत सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में 208 ग्रामों एवं इन ग्रामों के सभी खेडे, मजरे, टोले, आबादी में पाइप-लाइन बिछाने संबंधित कार्य प्रगतिरत है। ग्रामों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है, शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। बल्क वॉटर सप्लाई ग्रामों में गांधीसागर-1 समूह जल प्रदाय योजना से एक निश्चित स्थान पर बल्क मात्रा में पेयजल प्रदाय किया जावेगा। (ग) नवीन एवं रैट्रोफिटिंग नल-जल प्रदाय योजनाएं 71 ग्राम पंचायतों के 84 ग्रामों में क्रियान्वित हो रही है। जल निगम द्वारा गांधीसागर-1 समूह जलप्रदाय योजना अंतर्गत सुवासरा विधानसभा क्षेत्र की 111 ग्राम पंचायतों के 208 ग्रामों में कार्य किया जा रहा है, शेष 84 ग्रामों में बल्क सप्लाई द्वारा एक निश्चित स्थान पर बल्क मात्रा में पेयजल प्रदाय किया जायेगा। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

प्रधानमंत्री जल जीवन मिशन

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

5. ( *क्र. 1681 ) डॉ. प्रभुराम चौधरी : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र सांची में प्रधानमंत्री जल जीवन मिशन के अंतर्गत कुल कितने ग्राम स्वीकृत हैं? सूची उपलब्ध करायें। (ख) सांची विधानसभा क्षेत्र में उक्त योजनांतर्गत स्वीकृत ग्रामों में से कितने ग्रामों का कार्य पूर्ण हो चुका है? यदि हाँ, तो सूची उपलब्ध करायें? यदि नहीं, तो कार्य अपूर्ण होने की स्थिति में कारण सहित ग्रामवार, पंचायतवार, विकासखण्डवार जानकारी देवें।                     (ग) क्या सांची विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आगामी वित्तीय वर्षों में नल-जल योजना स्वीकृत की जावेगी? उन ग्रामों की सूची उपलब्ध करावें।

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) एकल ग्राम नल-जल योजनाओं के अंतर्गत 226 ग्रामों के लिए योजनाएं स्वीकृत हैं एवं जल निगम द्वारा क्रियान्‍वयन हेतु विभिन्न स्वीकृत समूह जल प्रदाय योजनाओं में 369 ग्राम सम्मिलित हैं। 226 ग्रामों के लिए स्‍वीकृत एकल ग्राम नल-जल योजनाओं के अंतर्गत 222 ग्रामों में स्‍वीकृत समूह जल प्रदाय योजनाओं से बल्‍क वॉटर प्रदाय किया जाना प्रावधानित है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 एवं 02 अनुसार है। (ख) एकल ग्राम नल-जल योजनाओं के अंतर्गत 96 ग्रामों एवं जल निगम द्वारा क्रियान्वित बैगमगंज-गैरतगंज समूह जल प्रदाय योजना अंतर्गत 49 ग्रामों में कार्य पूर्ण हो गया हैसूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 03 एवं 04 अनुसार है। अपूर्ण योजनाओं की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 02 एवं 03 अनुसार है। (ग) सभी ग्रामों के लिए नल-जल योजनाएं स्वीकृत हैं। अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

जिला चिकित्‍सालय खोला जाना

[पशुपालन एवं डेयरी]

6. ( *क्र. 1776 ) श्री श्रीकान्त चतुर्वेदी : क्या राज्‍य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवगठित जिला मैहर के समुचित विकास की दृष्टि से किसानों के व्यावसायिक अंग पशुपालन के स्‍वास्‍थ्‍य उपचार एवं संवर्धन हेतु क्या निकट भविष्य में पशु जिला चिकित्‍सालय खुलवाये जाने की योजना शासन द्वारा बनायी गयी है? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो कब तक पशु जिला चिकित्सालय मैहर में खोला जावेगा? समयावधि बतायी जावे। यदि नहीं, तो क्यों?

राज्‍य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जी नहीं। पूर्व से ही मैहर में पशु चिकित्‍सालय संचालित है। (ख) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।  

जानकारी उपलब्‍ध करायी जाना

[वन]

7. ( *क्र. 1747 ) श्री संजय उइके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) क्या बालाघाट जिले के लिए भा.व.अ. 1927 की धारा 29 के तहत राजपत्र में दिनांक 30 मई, 1958 एवं धारा 34 अ के तहत दिनांक 15.9.1972, दिनांक 3.11.1972 को प्रकाशित अधिसूचनाओं का ब्यौरा तथा प्रविष्टि‍ प्रश्‍नांकित दिनांक तक भी वर्किंग प्लान में दर्ज नहीं की गई? (ख) राजपत्र में दिनांक 30 मई, 1958 को किस ग्राम की कितनी भूमि को संरक्षित वन अधिसूचित किया, उसमें से किस ग्राम की कितनी भूमि को दिनांक 3.11.1972 एवं किस ग्राम की समस्त भूमि को दिनांक 15.9.1972 को राजपत्र में धारा 34 अ के तहत डीनोटीफाईड किया गया? (ग) धारा 29 एवं धारा 34 अ में अधिसूचित भूमि म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा 237 (1) में किस-किस प्रयोजन के लिए आरक्षित कर निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख में                 किन-किन मद में दर्ज भूमि है? (घ) धारा 29 एवं धारा 34 अ में प्रकाशित अधिसूचनाओं से संबंधित कौन-कौन से ब्यौरा या कौन-कौन सी प्रविष्टि‍ वर्किंग प्लान में दर्ज की गई? कौन सी प्रविष्टि‍ किन कारणों से दर्ज नहीं की गई?

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) बालाघाट जिले के अंतर्गत उत्तर सामान्य वनमंडल बालाघाट के क्षेत्रांतर्गत भा.व.अ. 1927 की धारा 29 के तहत राजपत्र में दिनांक 30 मई, 1958 को प्रकाशित अधिसूचनाओं का ब्यौरा वर्किंग प्लान तथा प्रविष्टियां वर्किंग प्लान की पुस्तिका वन               भू-अभिलेख में दर्ज की गई है तथा धारा 34 अ के तहत दिनांक 15.09.1972, दिनांक 03.11.1972 को प्रकाशित अधिसूचनाओं का ब्यौरा तथा प्रविष्टि राजस्व विभाग को हस्तांतरित होने के कारण वर्किंग प्लान में दर्ज नहीं की गई है। दक्षिण सामान्य वनमंडल बालाघाट के क्षेत्रांतर्गत भा.व.अ 1927 की धारा 29 के तहत राजपत्र में दिनांक 30 मई, 1958 एवं धारा 34 अ के तहत दिनांक 15.09.1972, दिनांक 03.11.1972 को प्रकाशित अधिसूचनाओं का ब्यौरा तथा प्रविष्टि वर्किंग प्लान की पुस्तिका ''वन भू-अभिलेख'' में दर्ज की गई है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्‍नांकित जानकारी वनमण्डलों में प्रतिवेदित नहीं है। सामान्यतः भूमियां      पहाड़-चट्टान, छोटे-बड़े झाड़ के जंगल, जंगल जलों, जंगल करात एवं चरनोई इत्यादि मदों में दर्ज है। (घ) उत्तर सामान्य वनमंडल बालाघाट अंतर्गत धारा 29 में प्रकाशित अधिसूचना से संबंधित अधिसूचना क्रमांक दिनांक वनखंड का नाम अधिसूचित रकबा की प्रविष्टि वर्किंग प्लान में दर्ज की गई है। धारा 34 अ में प्रकाशित अधिसूचित रकबे की प्रविष्टि डीनोटिफाइड होने के कारण वर्किंग प्लान में दर्ज नहीं की गई। दक्षिण सामान्य वनमंडल बालाघाट अंतर्गत धारा 29 एवं धारा 34 अ में प्रकाशित अधिसूचनाओं की प्रतियां वर्किंग प्लान की पुस्तिका ''वन भू-अभिलेख'' में दर्ज की         गई है।

स्‍वीकृत पेयजल योजनाओं की जानकारी

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

8. ( *क्र. 1512 ) श्री महेन्‍द्र केशरसिंह चौहान : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या बैतूल जिले के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र भैंसदेही में विगत 5 वर्षों में पेयजल योजना स्वीकृत की गई है? यदि हाँ, तो किस-किस ग्राम में कौन-कौन सी योजनायें स्वीकृत की गई हैं? ग्रामवार, योजनावार सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या स्वीकृत योजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं? यदि नहीं, तो किस-किस ग्राम की योजना अपूर्ण हैं? अपूर्ण रहने का कारण बतावें तथा कब तक पूर्ण कर ली जावेगी? (ग) क्या जलस्त्रोत के बिना ग्रामों में पाइप-लाइन बिछाने का कार्य किया गया है? यदि हाँ, तो किन-किन ग्रामों में? सूची उपलब्ध करावें।                           (घ) जल स्त्रोत के बिना ग्रामों में पाइप-लाइन बिछाने के क्या कारण हैं?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ। स्‍वीकृत 259 एकल ग्राम नल-जल योजनाओं एवं 01 समूह जल प्रदाय योजना (मेढ़ा समूह जल प्रदाय योजना) में सम्मिलित ग्रामों की जानकारी क्रमश: पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 एवं 02 अनुसार है। (ख) एकल ग्राम नल-जल योजनाओं के संदर्भ में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 अनुसार है तथा स्‍वीकृत मेढ़ा समूह जल प्रदाय योजना का कार्य प्रगतिरत है, जिसे दिनांक 19.03.2025 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है, योजना के पूर्ण होने की निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं है।                      (ग) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (ग) के अनुसार प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

स्‍कूल एवं आंगनवाड़ियों में पेयजल व्‍यवस्‍था

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

9. ( *क्र. 1321 ) श्री रमेश प्रसाद खटीक : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या शिवपुरी जिले के करैरा विधान सभा क्षेत्र 23 के अंतर्गत जल जीवन मिशन के तहत करैरा-नरवर की तहसीलों से स्‍कूल, आंगनवाड़ी में पेयजल व्‍यवस्‍था हेतु विभाग द्वारा टेण्‍डर स्‍वीकृत होकर उक्‍त फर्म के द्वारा किये गये कार्यों की जानकारी प्रश्‍नकर्ता के पत्र क्र. MLA/211, 20.05.2024 को किये गये कार्यों की संपूर्ण जानकारी कार्यपालन यंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रि‍की विभाग, संभाग शिवपुरी से 7 दिवस में मांगी थी, परन्‍तु आज दिनांक तक उक्‍त जानकारी नहीं दी गई? क्‍यों नहीं दी गई? (ख) आंगनवाड़ी व स्‍कूलों में स्‍वीकृत टेंडर की कुल लागत व किस फर्म का टेण्‍डर स्‍वीकृत हुआ था एवं फर्म द्वारा कुल कितने स्‍कूलों एवं आंगनवाड़ियों में क्‍या-क्‍या कार्य किये गये थे? उक्‍त कार्यों का नाम व स्‍थान सहित जानकारी उपलब्‍ध करायें। (ग) टेण्‍डर अनुसार इले‍क्ट्रिक मोटर पम्‍प, जी.आई पाइप, एच.डी.पी. पाइप की टी.पी.आई. रिपोर्ट व टेण्‍डर अनुसार पाइप-मोटर डाले गये? उसकी लम्‍बाई तथा कितने नवीन बोर उत्‍खनन किये गये? कहां-कहां संपूर्ण जानकारी उपलब्‍ध करायें।

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) कार्यपालन यंत्री, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, खण्ड शिवपुरी के पत्र क्रमांक 1732, दिनांक 13.06.2024 से जानकारी उपलब्ध कराई गई है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी उपखंड करैरा क्षेत्रांतर्गत आंगनवाड़ी व स्कूलों में पेयजल व्‍यवस्‍था हेतु स्वीकृत टेण्डर की कुल लागत रुपये 954.00 लाख है, टेण्‍डर मेसर्स जैन एण्ड सन्स करैरा का स्वीकृत हुआ था। इस टेंडर के अंतर्गत उक्‍त फर्म द्वारा करैरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 432 स्कूलों व 250 आंगनवाड़ियों में कार्य किये गये हैं। किये गये कार्यों का नाम व स्थान सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

जल जीवन मिशन

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

10. ( *क्र. 1388 ) श्री कालु सिंह ठाकुर : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र धरमपुरी में जल जीवन मिशन अंतर्गत किन-किन ग्रामों में प्रश्‍न दिनांक तक किस फर्म/कम्पनी/ठेकेदार द्वारा कार्य किये गए हैं? प्राक्कलन लागत सहित जानकारी देवें। (ख) क्या जिन ग्रामों में पानी की टंकि‍या बनाई हैं, पाइप लाइन बिछाई गई हैं, वहां सी.सी. रोड को खोदा गया है और खोदने के पश्चात उन्हें सही तरीके से रिपेयर नहीं किया गया है? (ग) क्‍या लाखों रुपए की लागत से बने ग्रामीण क्षेत्रों में सी.सी. रोड का भारी नुकसान ठेकेदारों की लापरवाही से हुआ है? संचालित कार्यों का निरीक्षण किन-किन स्थानीय और उच्च अधिकारियों द्वारा किस पैमाने के आधार पर किया गया है? यदि सी.सी. रोड नहीं सुधरे तो क्या निर्देश नोटिस दिए गए हैं? (घ) जिन ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य पूर्ण होकर पेयजल उपलब्ध हो रहा है, वहां की पंचायत की सहमति, हैंडओवर करने संबंधी जानकारी देवें और संचालित योजनाओं के मेंटेनेंस का कार्य कब तक किस के द्वारा किया जायेगा?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 एवं 02 अनुसार है। (ख) जी हाँ, पाइप लाइन कार्य पूर्ण होने के उपरांत काटी गई सड़क की ट्रेंच को भरकर मार्ग को समतल/आवागमन योग्य बनाया जाता है एवं पाइप लाइन टेस्टिंग के उपरांत काटी गई सी.सी. रोड को पुनर्निर्माण/सुधार कर यथावत किया जाता है, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। संचालित कार्यों का निरीक्षण तृतीय पक्ष संस्था (टी.पी.आई.) के सदस्यों, विभागीय उपयंत्री, सहायक यंत्री के द्वारा समय-समय पर किया जाता है एवं उच्च अधिकारियों द्वारा निरीक्षण के समय मैदानी अधिकारियों को मापदंडानुसार गुणवत्तापूर्ण कार्य करने हेतु मौखिक रूप से स्थल पर निर्देश भी दिए जाते हैं। सी.सी. रोड का सुधार कार्य अनुबंध के प्रावधानों के अनुसार संबंधित कार्य एजेंसियों द्वारा किया जा रहा है, अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) एकल ग्राम नल-जल योजनाओं के कार्य पूर्ण कर तीन माह तक योजना का ट्रायल रन संबंधित निर्माण एजेंसी द्वारा किये जाने के पश्‍चात संबंधित ग्राम पंचायत की सहमति अनुसार संधारण-संचालन के लिए हस्तांतरण किए जाने का प्रावधान है। समूह जल प्रदाय योजनाओं के अनुबंध में योजना पूर्ण होने के उपरांत 10 वर्ष तक योजना का संचालन-संधारण ठेकेदार द्वारा किए जाने का प्रावधान है।

 

वनक्षेत्रों का डूब में आना

[वन]

11. ( *क्र. 757 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) क्‍या होशंगाबाद जिले के तवा बांध, रायसेन जिले के बारना बांध, सीहोर जिले के कोलार बांध की 1980 के पहले से डूब में आई वन भूमि का विधिवत आवंटन किए जाने, राजपत्र में डीनोटीफाईड किए जाने की कार्यवाही प्रश्‍नांकित दिनांक तक प्रारंभ भी नहीं की गई? (ख) किस जलाशय की डूब में किस-किस आर.एफ., पी.एफ. वनकक्ष का कितना रकबा किस अवधि से डूब में आया है, इस डूब की भूमि को लेकर वर्किंग प्‍लान, एरिया रजिस्‍टर, वनकक्ष इतिहास में क्‍या-क्‍या प्रविष्‍टि‍ वर्तमान में दर्ज है? (ग) जलाशय की डूब में आई वन भूमि को वर्किंग प्‍लान, एरिया रजिस्‍टर, वनकक्ष इतिहास से पृथक नहीं किए जाने का क्‍या-क्‍या कारण है, डूब की प्रविष्‍टी वर्किंग प्‍लान, एरिया रजिस्‍टर एवं वनकक्ष इतिहास में दर्ज नहीं करने का क्‍या-क्‍या कारण है? पृथक-पृथक बतावें।

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जिला नर्मदापुरम अंतर्गत तवा बांध हेतु 4485.58 एकड़ आरक्षित एवं 113.40 एकड़ संरक्षित वन भूमि डूब में आई है, वन भूमि का कक्षवार विवरण उपलब्‍ध नहीं है। जिला सीहोर अंतर्गत कोलार जलाशय निर्माणार्थ भारत सरकार की स्वीकृति अनुसार आरक्षित वन कक्ष क्रमांक 295, 296, 300, 308, 309, 310, 312, 313, 314, 315, 318, 319, 320, 321, 322, 323, 324, 325, 326, 327, 328, 329, 330, 331, 332, 338, 339, 529, 530, 531, 532, 533, 265, 264, 261, 260, 262, 273, 272, 270, 271, 485, 484, 582 की 2135.926 हेक्टेयर एवं संरक्षित वन कक्ष क्रमांक 506, 505, 340, 341, 342, 349, 348, 343, 509, 486, 491, 492, 345 की 734.324 हेक्टेयर कुल 2870.250 हेक्टेयर वन भूमि वर्ष 1985 में सिंचाई विभाग को उपयोग हेतु दी गई है। जिला रायसेन अंतर्गत स्थित बारना जलाशय का निर्माण वर्ष 1975 में 7700 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई विभाग द्वारा किया गया था। इसमें 3080 हेक्टेयर वनभूमि वर्ष 1975 से ही डूब में आई है। डूब में आई वनभूमि का आर.एफ.पी.एफ. वन कक्षवार विवरण उपलब्ध नहीं है। कोलार जलाशय में प्रभावित वनभूमि का उल्‍लेख एरिया रजिस्‍टर एवं वर्किंग प्‍लान में उल्‍लेखित है। तवा बांध व बारना जलाशय में प्रभावित वनभूमि की वनकक्ष इतिहास, एरिया रजिस्‍टर व वर्किंग प्‍लान में प्रविष्‍ट‍ि नहीं की गई है। (ग) जलाशय की डूब में आई वनभूमि को वर्किंग प्‍लान, एरिया रजिस्‍टर, वनकक्ष इतिहास से पृथक न किए जाने का कारण वनभूमि का निर्वनिकृत नहीं होना है व डूब की प्रविष्‍ट‍ि नहीं किए जाने का कारण अज्ञात है।

प्रदूषण नियंत्रण हेतु मापदण्‍डों का पालन

[पर्यावरण]

12. ( *क्र. 665 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) रतलाम जिला अंतर्गत प्रदूषण नियंत्रण हेतु किस-किस प्रकार की फेक्ट्री, इकाइयों खनिज उत्खनन, शासकीय, अशासकीय चिकित्सालय, नर्सिंग होम, नगरीय निकाय की कचरा संग्रहण स्थल (ट्रेचिंग ग्राउंड) इत्यादि प्रकार की क्या कोई और भी वातावरण प्रदूषित करने वाले संस्थान             किस-किस प्रकार के चिन्हित किए गए हैं? (ख) किन-किन वर्षों में उपरोक्तानुसार वातावरण को प्रदूषित करने वाली इकाइयां अथवा स्थल चिन्हित किए जा कर, इन्हें वातावरण को प्रदूषण से मुक्त किए जाने हेतु आदेशित/निर्देशित किस-किस दिनांक को किया जाता रहा है? (ग) जिले में वर्ष 2019-20 से लेकर प्रश्‍न दिनांक तक वातावरण को प्रदूषण मुक्त रखे जाने हेतु उपरोक्तानुसार प्रश्‍नों में उल्लेखित आने वाली इकाइयों अथवा कोई अन्य भी जो इस परिधि में आते हैं, ऐसे प्रदूषण फैलाने वाले स्थलों का निरीक्षण कब-कब किस के द्वारा किया जाकर क्या कार्यवाही की गई?                     (घ) रतलाम जिला अंतर्गत आने वाले समस्त विकासखंडों के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में प्रदूषण निर्धारित मानक क्या रहा तथा प्रदूषण फैलाने वाले उल्लेखित स्थलों पर प्रदूषण नियंत्रण किए जाने हेतु केंद्र/राज्य के मानक अनुसार जो मापदंड निर्धारित हैं, इस निर्धारित मापदंड के अनुसार     किस-किस ने समुचित प्रबंधन किए? किस-किस ने समुचित प्रबंधन नहीं किए? उनके विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई?

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट कॉलम 2, 3, 4, 5, 6 एवं 7 अनुसार है। (घ) वर्ष 2023-24 में रतलाम जिला अंतर्गत जिला मुख्‍यालय पर परिवेशीय वायु गुणवत्‍ता का मानक 'औसत' (मोडरेट) स्‍तर का रहा तथा जिले में प्रवाहित 05 नदियों के 07 बिन्‍दुओं पर मापी गई जल की गुणवत्‍ता '' 'बी' श्रेणी की पाई गई। पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के कॉलम-2 में उल्‍लेखित उद्योगों/संस्‍थाओं में से जिनके द्वारा उपरोक्‍त मानकों का पालन नहीं किया गया, उनके विरूद्ध की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के कॉलम-8 अनुसार है।

जल-जीवन मिशन में पुनर्निर्माण व अपूर्ण कार्य

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

13. ( *क्र. 1476 ) श्री बाला बच्चन : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्र.क्र. 920, दिनांक 11.07.2023 के (ग) उत्‍तर अनुसार जो पुनर्निर्माण प्रगतिरत होना बताया गया दिनांक 10.05.2024 में उसकी अद्यतन स्थिति कार्यवार, लंबित लंबाई (मीटर में) सहित देवें। निर्माणकर्ता फर्म का नाम, जी.एस.टी. नंबर सहित देवें। (ख) उपरोक्‍तानुसार कार्य कब तक पूर्ण होंगे? जानकारी कार्यवार देवें। प्रश्‍न क्र. 1536, दिनांक 14.02.2024 के (ख) उत्‍तर में बताया गया जो फर्में कार्य नहीं कर रही उन्‍हें वर्ष 2022 के बाद भुगतान नहीं किया गया तो इनसे हुए समस्‍त पत्राचार की प्रमाणित प्रति देवें। (ग) योजना प्रारंभ होने से प्रश्‍न दिनांक तक कलेक्‍टर बड़वानी द्वारा इस संबंधित कितनी समीक्षा बैठक ली गई? प्रश्‍नांश (ख) से संबंधित कार्य नहीं करने वाली फर्मों के बारे में इन बैठकों में लिए गए निर्णय की जानकारी भी बैठकवार देवें। पुनर्निर्माण संबंधी जानकारी भी देवें। (घ) कार्य लंबित रहने, प्रश्‍नांश (क) अनुसार पुनर्निर्माण में विलंब होने के जिम्‍मेदार फर्मों व इसके उत्‍तरदायी अधिकारियों के नाम, पदनाम देकर बतावें कि इसके लिए विभाग उन पर कब तक कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो इन्‍हें संरक्षण देने का कारण बतावें।

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है(ख) 19 ग्रामों के शेष रोड रेस्टोरेशन के कार्य प्रगतिरत हैं, पूर्णता की निश्चित समयावाधि बताया जाना संभव नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 के अनुसार है। प्रश्‍न क्रमांक 1536, दिनांक 14.02.2024 के प्रश्‍नांश (ख) के अनुसार 13 अनुबंधों में से 05 अनुबंधों में कार्य पूर्ण कर लिये गये हैं तथा शेष 08 अनुबंधों में 05 फर्मों से किए गए पत्राचार की प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ग) 20 समीक्षा बैठक आयोजित की गई हैं। दिनांक 19.10.2022 एवं दिनांक 20.02.2023 में कार्य नहीं करने वाली फर्मों के विरुद्ध कार्यवाही का निर्णय लिया गया, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (घ) कार्य में विलंब करने वाली 03 एजेंसियों क्रमशः 1. मेसर्स के.सी. देवकॉन, इन्दौर, 2. मेसर्स जय खोडियार इन्टरप्राईजेस, अहमदाबाद एवं 3. मेसर्स नीलकंठ कॉर्पोरेशन, अहमदाबाद को ब्लैक लिस्टेड किया गया है, समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं करने वाली एजेंसियों को अनुबंध में दिये गये प्रावधानों के अनुसार शास्ति अधिरोपित की जाकर अंतिम देयकों से समायोजन किया जाता है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

नल-जल योजना के कार्यों की जानकारी

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

14. ( *क्र. 1811 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जल जीवन मिशन अंतर्गत लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं मध्यप्रदेश जल निगम द्वारा विधानसभा क्षेत्र विजयराघवगढ़ के किन-किन ग्रामों में जल जीवन मिशन की योजना स्वीकृत करा कर कार्य कराये गये? जानकारी ग्रामवार देवें एवं यह भी बताएं कि जो कार्य योजना बनायी गयी थी, उस योजना से पूरे गांव के लोग लाभान्वित हुये? यदि नहीं, तो कितनी अतिरिक्त योजनाएं ग्रामवार स्वीकृत करायी गयी? जानकारी देवें। प्रश्‍न दिनांक तक कितनी पूर्ण हुई एवं कितनी योजनाएं अपूर्ण हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) यदि हाँ, तो क्या ठेकेदार एवं विभाग द्वारा कार्य पूर्ण नहीं हुआ फिर भी अपूर्ण योजनाएं सरपंचों को स्थानांतरित (हैण्ड ओवर) की गई? जैसे विकासखण्ड विजयराघवगढ़ की ग्राम पंचायत खलवारा और परसवारा की अपूर्ण योजनाएं सरपंचों को प्रदान की गयी है? यदि हाँ, तो अन्य कितनी ग्राम पंचायतों को अपूर्ण योजनाएं स्थानांतरित की गयी हैं तथा यह भी बताएं कि क्या स्थानांतरित योजना से उस गांव के प्रत्येक घर को पानी मिल रहा है? यदि नहीं, तो कौन दोषी है?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी विभाग अंतर्गत स्‍वीकृत एकल ग्राम नल-जल योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 अनुसार है तथा मध्‍यप्रदेश जल निगम अंतर्गत प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र के लिए स्‍वीकृत समूह जल प्रदाय योजनाओं एवं इन योजनाओं में सम्मिलित ग्रामों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 02 अनुसार हैसमूह योजनाओं के कार्य प्रगतिरत है। (ख) विभाग अथवा ठेकेदार द्वारा अपूर्ण योजना का हस्तांतरण ग्राम पंचायतों को नहीं किया गया है। ग्राम खलवारा एवं परसवारा की नल-जल प्रदाय योजना प्रस्ताव एवं डी.पी.आर. के अनुरूप कार्य पूर्ण होने के उपरांत ही संबंधित पंचायत को हस्तांतरित की गई है। जिन योजनाओं से ग्राम के समस्त घरों को पानी नहीं मिल रहा है, उन्हें पुनरीक्षित किया गया है, उक्त दोनों योजनाओं को पुनरीक्षित कर स्वीकृति के लिए कार्यवाही की जा रही है, अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

अवैध लकड़‍ियों का व्‍यापार

[वन]

15. ( *क्र. 1875 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह हनी बघेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कुक्षी विधान सभा क्षेत्र के डही नगर पंचायत के वार्ड 8 के निवासियों द्वारा आरा मशीन से सागौन की लकड़ी काटकर सागवान की लकड़ियों का व्यापार किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो इनके नाम और क्‍या इन्हें आरा मशीन लगाने की अनुमति दी गई है? (ग) क्या इनके द्वारा तस्करी करके लाई गई सागवान की लकड़ी का अवैध व्यापार करने की शिकायत प्राप्त हुई है? (घ) यदि हाँ, तो अवैध कारोबार करने वाले एवं संरक्षण देने वाले अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की जाएगी/गई और कब तक समय-सीमा बताने का कष्ट करें।

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। ऐसी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

जल जीवन मिशन योजना

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

16. ( *क्र. 878 ) श्री अम्बरीष शर्मा : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भिंड जिले के अंतर्गत विधान सभा क्षेत्र लहार में क्या जल जीवन मिशन योजना संचालित की जा रही है? यदि हाँ, तो योजना की स्वीकृत राशि कितनी है एवं आज दिनांक तक ठेकेदार को कितना भुगतान किया गया है तथा क्षेत्र के कितने ग्राम योजना से लाभान्वित होंगे? कृपया गाँवों के नाम बतावें। (ख) विधानसभा क्षेत्र लहार में संचालित जल जीवन मिशन योजना में की गई अनियमितता के संबंध में विभाग को क्या कोई शिकायत प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो क्या उसकी जांच कराई गई, जांच में क्या पाया गया? (ग) क्या योजना के अंतर्गत पाइप लाइन निर्धारित गहराई में न बिछाई जाकर प्रावधान से कम गहराई में बिछाई गई है? बिछाई गई लाइन की गहराई किस अधिकारी के द्वारा जांच की गई? उसका नाम एवं पद बतावें। (घ) क्या घरों में घरेलू नल कनेक्शन में स्टैंड पोस्ट का निर्माण किया गया है? यदि हाँ, तो कितने घरों में कनेक्शन दिए गए तथा कितने घरों में स्टैंड पोस्ट बनाए गए? (ड.) क्या उच्च घनत्व पॉलि‍थीन पाइप/मध्यम घनत्व पॉलि‍थीन पाइप की जांच केंद्रीय पेट्रो रसायन अभियांत्रिकी एवं प्रोद्योगिकी संस्थान द्वारा कराई गई है? यदि हाँ, तो रिपोर्ट उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो क्यों?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 अनुसार है। (ख) ग्राम असवार के संबंध में शिकायत प्राप्त हुईं, जांच कराई गई, कार्य स्‍वीकृत ड्रॉइंग डिजाइन के अनुसार गुणवत्‍तापूर्वक कराए गए हैं, पाइप-लाइन लीकेज का सुधार कर दिया गया है। (ग) जी नहीं, पाइप-लाइन के कार्य विभागीय मापदंडानुसार कराये गये हैं। कार्य का मापांकन एवं सत्यापन करने वाले विभाग के उपयंत्री एवं सहायक यंत्रियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 अनुसार है। (घ) 19,236 नल कनेक्शन दिये गये, जिनमें से 14801 में स्टैंड पोस्ट बनाये गये हैं। (ड.) पाइप की जांच केन्द्रीय पेट्रो रसायन अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान से कराई गई है, संदर्भ हेतु रिपोर्ट की एक प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 02 अनुसार है, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

मौसम आधारित उद्यानिकी फसलों का बीमा

[उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण]

17. ( *क्र. 691 ) श्रीमती अर्चना चिटनीस : क्या सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य में उद्यानिकी फसलों के अंतर्गत फसलवार रकबा कितना है तथा कितने कृषकों द्वारा उद्यानिकी फसलें ली जाती है? (ख) मौसम आधारित उद्यानिकी फसल बीमा के अंर्तगत वर्ष 2014-2019 तक वर्षवार उद्यानिकी फसलों अंतर्गत कितने क्षेत्र का बीमा किया गया तथा वर्षवार कितने प्रीमियम का भुगतान किया गया? प्रीमियम के विरूद्ध कितनी बीमा राशि का वर्षवार भुगतान कृषकों को किया गया? (ग) क्या मौसम आधारित फसल बीमा के अंतर्गत वर्ष 2019-20 से वर्ष 2023-24 तक फसलों का फसल-बीमा का कृषकों के प्रदाय नहीं किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) अन्य राज्य जैसे महाराष्ट्र आदि के कृषकों को उद्यानिकी फसलों के बीमा कवरेज के लिए कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो राज्य शासन द्वारा म.प्र. में ऐसी कार्यवाही क्यों नहीं की गई? उद्यानिकी फसलों के बीमा कवरेज के लिए शासन समय-सीमा निश्चित करेगा? यदि हाँ, समय-सीमा क्या होगी? (ड.) राज्य में मान. प्रधानमंत्री जी की महत्वाकांक्षी उद्यानिकी फसलों पर मौसम आधारित बीमा योजना लागू नहीं किये जाने के लिए अधिकारियों पर उत्तरदायित्व सुनिश्चित किया जायेगा? दोषी अधिकारियों को दंडित किया जायेगा?

सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) वर्ष 2019-20 में योजना के क्रियान्‍वयन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। आगामी वर्षों की स्थिति निम्‍नानुसार है :- खरीफ वर्ष 2020 से रबी 2022-23 के लिए 6 बार टेण्‍डर जारी किए गये, परन्‍तु दरें अधिक आने के कारण योजना का क्रियान्‍वयन नहीं किया जा सका। रबी 2022-23 से रबी 2023-24 के लिए निविदा आमंत्रित की गई परन्‍तु एक ही निविदा प्राप्‍त होने के कारण निविदा नहीं खोली गई। खरीफ 2023-24 से रबी     2025-26 के लिए निविदा आमंत्रित की गई परन्‍तु विभाग द्वारा भारत सरकार के नवीन निर्देश दिनांक 30.06.2023 अनुसार कार्यवाही करने का निर्णय लिया गया। (घ) भारत सरकार के नवीन दिशा निर्देशानुसार कार्यवाही प्रक्रियाधीन हैनवीन दिशा-निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ड.) भारत सरकार के नवीन दिशा निर्देशानुसार कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। नवीन दिशा-निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- के प्रपत्र '''' अनुसार है। शेष प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

जल जीवन मिशन के निर्माण कार्यों की जानकारी

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

18. ( *क्र. 108 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या जल जीवन मिशन के अंतर्गत ग्राम पंचायतों, शालाओं, आंगनवाड़ि‍यों और आश्रय शालाओं में 100 दिवस में शुद्ध जल आपूर्ति हेतु कोई योजना संचालित है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में वर्ष 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र 08 अम्‍बाह के विकासखण्‍ड अम्‍बाह/पोरसा में कितनी ग्राम पंचायतों, शालाओं, आंगनवाड़ी एवं आश्रय शालाएं स्‍वीकृत हैं? सूची उपलब्‍ध करावें। कार्य एंजेसी संबंधित ठेकेदार का नाम प्राक्‍कलित राशि, शीर्ष एवं वर्ष सहित बतावें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के प्रकाश में स्‍वीकृत योजनाएं कितनी संख्‍या में पूर्ण होकर संचालित हैं। कितनी प्रगतिरत हैं और कितनों पर प्रश्‍न दिनांक तक कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है? पृथक-पृथक सूची उपलब्‍ध करावें। (घ) क्‍या संबंधित कार्य एजेंसी द्वारा उक्‍त योजना में प्राक्‍कलन के अनुसार कार्य न कर घटिया एवं गुणवत्‍ता विहीन सामग्री का उपयोग किया जा रहा है, जिससे पानी की टंकी, प्‍लेटफॉर्म क्षतिग्रस्‍त होकर आये दिन टूट रहे हैं? जैसे विकासखण्‍ड सबलगढ़ के ग्राम खिरका जनपद पंचायत सबलगढ़ के माध्‍यमिक विद्यालय में उक्‍त सिस्‍टम के भरभरा कर गिर जाने से एक छात्र की मृत्‍यु हो गई? यदि हाँ, तो ऐसे संबंधित कार्य एजेंसी ठेकेदार मॉनिटरिंग अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कार्यवाही कब तक            की जावेगी?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जल जीवन मिशन के अंतर्गत 100 दिवस में शुद्ध जल आपूर्ति हेतु कोई योजना वर्तमान में संचालित नहीं है। (ख) वर्ष-2022 से प्रश्‍न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र 08 अम्बाह के विकासखण्ड अम्बाह/पोरसा में शालाओं, आँगनवाड़ी में कोई योजना स्वीकृत नहीं है, तथापि विधानसभा क्षेत्र 8 अम्बाह के विकासखण्ड अम्बाह की ग्राम पंचायत चांद का पुरा के ग्राम इनानकी में जल जीवन मिशन के अंतर्गत एकल ग्राम योजना लागत रु. 90.27 लाख की स्वीकृति दिनांक 27.07.2022 को जारी हुई है, जिसका कार्य मैसर्स महेन्द्र एण्ड सन्स द्वारा किया जा रहा है, वर्तमान में योजना का कार्य प्रगतिरत है, इस योजना का कार्य जल जीवन मिशन योजना के शीर्ष के अंतर्गत किया जा रहा है। (ग) जानकारी उत्तरांश (ख) अनुसार है। (घ) कार्य एजेन्सी द्वारा योजनाओं के कार्य विभागीय मापदण्ड के अनुसार किये जाते हैं, प्रचलित प्रक्रिया के अनुसार गुणवत्ता की जांच की जाती है, अतः घटिया/गुणवत्ताविहीन सामग्री के उपयोग एवं आये दिन टंकी/प्लेटफार्म टूटने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। विकासखण्ड सबलगढ़ के ग्राम खिरका में माध्यमिक शाला की पेयजल संरचना दुर्घटनावश क्षतिग्रस्त होने के प्रकरण में प्रथम दृष्ट्या उत्तरदायी मानते हुए संबंधित उपयंत्री को कलेक्टर मुरैना के आदेश क्रमांक 500, दिनांक 14.10.2022 द्वारा निलंबित किया गया एवं पुलिस थाना टेंटरा में संबंधित उपयंत्री, तत्कालीन सहायक यंत्री तथा कार्य एजेन्सी के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज की गई तथा मुख्य अभियंता, ग्वालियर परिक्षेत्र, ग्वालियर के आदेश क्रमांक-381, दिनांक 14.12.2022 द्वारा संबंधित कार्य एजेन्सी को ब्लैक लिस्टेड करने की कार्यवाही की गई। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

वन विभाग में कार्य कराए जाने हेतु जारी टेंडर

[वन]

19. ( *क्र. 579 ) श्री सुनील उईके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                              (क) क्या मंत्रालय वन विभाग द्वारा आदेश क्रमांक 2544/2019/10/2 और 27.5.2023 एवं 153/2024 से वन विभाग के कार्यों को ठेकेदारी प्रथा से निविदा के द्वारा कराए जाने का निर्णय लिया गया है? (ख) वन विभाग ने आज दिनांक तक वनमंडल वार कब-कब कितने टेंडर जारी किये हैं? यदि हाँ, तो जानकारी से अवगत कराने का कष्‍ट करें? यदि नहीं, तो क्यों? वित्त विभाग आदेश का पालन कब तक करायेंगे? आज तक आदेश का पालन नहीं करने पर वित्त विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही                की जायेगी?

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। रूपये 2.00 लाख से ऊपर के निर्माण/मरम्‍मत कार्य तथा निविदा के माध्‍यम से तथा राज्‍य शासन के पत्र क्रमांक-एफ-2544/2019/10-2, दिनांक 27.03.2024 से निविदा के माध्‍यम से एवं विभागीय स्‍तर पर कार्य कराये जाने के निर्देश हैं।               (ख) उत्‍तरांश '''' के अनुक्रम में अभी तक कोई टेंडर जारी नहीं किये गये हैं। निर्वाचन आचार संहिता, उपयुक्‍त मदों में वित्‍तीय आवंटन प्राप्‍त न होने तथा वृक्षारोपण सीजन को ध्‍यान में रखते हुए दिनांक 31.07.2024 तक विभागीय प्रचलित प्रक्रिया अनुसार कार्य करना अनुमत किया गया है। वित्‍त विभाग से कोई निर्देश जारी नहीं हुये हैं, अत: उनका पालन कराये जाने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

अमानक खाद्यान्न का भंडारण एवं वितरण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

20. ( *क्र. 1737 ) श्री धीरेन्द्र बहादुर सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा प्रश्‍न क्रमांक 1168, दिनांक 14.02.2024 का प्रश्‍नांश '''' क्या था और क्या प्रश्‍न का उत्तर ''समाचार पत्रों के माध्यम से अमानक/गुणवत्ताविहीन राशन सामग्री वितरण की 03 शिकायतें प्राप्त होना'' था? यदि हाँ, तो कैसे जबकि प्रश्‍नाधीन अवधि में विभाग के प्रमुख सचिव, आयुक्त, कलेक्टर महोदय एवं जिला आपूर्ति अधिकारी कटनी को ई-मेल के माध्यम से दिनांक 20.10.2022 को निकाय के जनप्रतिनिधि ने शिकायत की थी? (ख) प्रश्‍नांश '''' क्या ई-मेल से प्रेषित शिकायतों पर प्रश्‍न दिनांक तक कार्यवाही की गयी? यदि हाँ, तो कार्यालयवार की गयी कार्यवाही से अवगत कराइए? यदि नहीं, तो क्यों और उत्तरानुसार स्टेक चयन के लिए उत्तरदायी शासकीय सेवकों पर समुचित कार्यवाही न करने का कारण बताइये। (ग) अनुबंधित भंडारग्रहों के निरीक्षण और भंडारित सामग्री की गुणवत्ता की जांच और सत्यापन का दायित्व किन-किन शासकीय सेवकों का होता है? क्या इन कार्यों की ज़िम्मेदारी नियत करने के नियम/निर्देश हैं? यदि हाँ, तो क्या और नियमों/निर्देशों के उल्लंघन पर क्या-क्या दंडात्मक/अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाती है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) कटनी जिले में विगत-03 वर्षों में अनुबंधित भंडारग्रहों एवं भंडारित सामग्री का किस नाम/पदनाम के किन-किन शासकीय सेवकों द्वारा कब-कब निरीक्षण सत्यापन एवं गुणवत्ता का परीक्षण किया गया? क्या प्रतिवेदन दिये गये और कटनी जिले सहित प्रदेश में खाद्यान्न के भंडारण/वितरण में अनियमितताओं को रोकने और कार्यवाही की शासन/विभाग की योजना      क्या है?

खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा प्रश्‍न क्रमांक 1168, दिनांक 14.02.2024 का प्रश्‍नांश '' में उल्‍लेखित था कि प्रश्‍नांश '' क्‍या उपभोक्‍ताओं/जनप्रतिनिधियों द्वारा अमानक/गुणवत्‍ताविहीन राशन सामग्री वितरण की भी शिकायतें शासन/विभाग को की गई हैं? हाँ तो जब जांच उपरांत राशन सामग्री वितरण हेतु प्रदाय एवं वितरित की जाती है तो यह शिकायतें होने का कारण बताइये, शिकायतों पर की गई कार्यवाही से अवगत कराइये। जी हाँ, प्रश्‍न का उत्‍तर समाचार पत्रों के माध्‍यम से अमानक/गुणवत्‍ताविहीन राशन सामग्री वितरण की 03 शिकायतें प्राप्‍त होना था। उक्‍त 03 शिकायतों में जिला आपूर्ति अधिकारी कटनी को ई-मेल के माध्‍यम से दिनांक 20.10.2022 को निकाय के जनप्रतिनिधि के द्वारा की गयी शिकायत सम्मिलित थी। जनप्रतिनिधि के द्वारा की गयी उक्‍त शिकायत समाचार पत्र में भी प्रकाशित हुई थी। (ख) जी हाँ, तत्‍समय नागरिक आपूर्ति निगम कटनी के द्वारा खाद्यान्‍न बदलकर मानक खाद्यान्‍न दुकान में उपलब्‍ध करा दिया गया। शेष प्रश्‍नांश उत्‍पन्‍न नहीं होता। (ग) अनुबंधित भण्‍डारगृहों के निरीक्षण और भंडारित सामग्री की गुणवत्‍ता की जांच और सत्‍यापन जिले में सहायक आपूर्ति अधिकारी, शाखा प्रबंधक, मध्‍यप्रदेश वेयरहाउसिंग एण्‍ड लॉजिस्टिक्‍स कॉर्पोरेशन एवं प्रदाय केन्‍द्र प्रभारी, मध्‍यप्रदेश स्‍टेट सिविल सप्‍लाईज कॉर्पोरेशन के संयुक्‍त जांच दल द्वारा की जाती है। उक्‍त गुणवत्‍ता जांच, मध्‍यप्रदेश स्‍टेट सिविल सप्‍लाईज कॉर्पोरेशन लिमिटेड के पत्र क्र./गु.नि./53/16-17/192 भोपाल दिनांक 04.10.2016 को प्रबंध संचालक, मध्‍यप्रदेश स्‍टेट सिविल सप्‍लाईज कॉर्पोरेशन, आयुक्‍त खाद्य, प्रबंध संचालक, मध्‍यप्रदेश वेयरहाउसिंग एण्‍ड लॉजिस्टिक्‍स कॉर्पोरेशन के संयुक्‍त हस्‍ताक्षर से जारी निर्देशानुसार की जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अनुसार है। (घ) कटनी जिले में विगम 3 वर्षों में अनुबंधित भण्‍डारगृहों एवं भण्‍डारित सामग्री का जिन शासकीय सेवकों द्वारा निरीक्षण किया गया है कि सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अनुसार है। शासकीय सेवकों द्वारा किये गये निरीक्षण, सत्‍यापन एवं गुणवत्‍ता का परीक्षण संबंधी प्रतिवेदन पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अनुसार है। समर्थन मूल्‍य पर खाद्यान्‍न के उपार्जन, भण्‍डारण एवं लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत प्रदाय के स्‍तर पर खाद्यान्‍न की गुणवत्‍ता परीक्षण की वर्तमान व्‍यवस्‍था को और अधिक सुदृढ़ कर निर्धारित एफ.ए.क्‍यू. के खाद्यान्‍न का उपार्जन एवं वितरण सुनिश्चित किया गया है।

वन भूमि पर अतिक्रमण

[वन]

21. ( *क्र. 1852 ) श्री घनश्याम चन्द्रवंशी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) शाजापुर जिले में कुल कितनी भूमि वन विभाग के पास है? विगत तीन वर्षों में उक्त भूमि पर कब- कब, कहाँ-कहाँ वृक्षारोपण किया गया तथा उक्त वृक्षारोपण में कितनी धनराशि व्यय की गयी है? वर्तमान में उक्त वृक्षारोपण की जाँच कब-कब की गयी? उक्त वृक्षारोपण में कितने प्रतिशत वृक्ष जीवित हैं तथा कितने मृत हुए हैं? (ख) कालापीपल विधानसभा क्षेत्र में वन विभाग की कितनी भूमि है? क्या उक्त भूमि का सीमांकन किया गया है? यदि हाँ, तो कब किया गया है? यदि नहीं, तो सीमांकन कब तक किया जावेगा? (ग) कालापीपल विधानसभा क्षेत्र में वन विभाग की कितनी भूमि पर अतिक्रमण किया गया है? अतिक्रमण हटाने को लेकर कितनी शिकायतें विगत 03 वर्षों में प्राप्त हुई हैं तथा विभाग द्वारा उक्त शिकायतों पर कार्यवाही करते हुए कितनी वन भूमि को अतिक्रमण मुक्त किया गया है?  

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) शाजापुर जिले में वन विभाग के पास 582.07 हेक्टेयर भूमि है। प्रश्‍नांश के शेष भाग की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कालापीपल विधान सभा क्षेत्र में वन विभाग की भूमि की जानकारी निरंक है। अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।             (ग) उत्तरांश '' के तारतम्य में प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "दो"

जल बोर्ड द्वारा विकासखण्‍ड आमला के ग्रामों में पेयजल आपूर्ति

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

22. ( *क्र. 1259 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बैतूल जिले के अंतर्गत कितने जलाशयों से जल बोर्ड हेतु कितना पानी आरक्षित कर जिले के कितने ग्रामों में समूह जल योजना के माध्‍यम से पेयजल आपूर्ति प्रस्‍तावित है? कृपया विकासखण्‍ड वार जानकारी देवें। (ख) जिले में ताप्‍ती नदी पर निर्माणाधीन घोघरी जलाशय परियोजना से विकासखण्‍ड आमला के कितने ग्रामों को आपूर्ति हेतु सर्वे आदि किये गये हैं तथा कितने ग्रामों को इस योजना में सम्मिलित किये जाने हेतु जनप्रतिनिधियों द्वारा अनुशंसा की गई है? (ग) विकासखण्‍ड आमला के अंतर्गत ससुन्‍द्रा, अम्‍बाड़ा, बेलमण्‍डई, पंखा, अंधारिया, ससाबड़, नएगांव, बोथियाब्राह्मणवाड़ा, झीटापाटी, नांदपुर, रमली, मोरण्‍डढाना, बल्‍लाचाल आदि बसाहटों के लिये प्रश्‍नकर्ता के पत्र पर बोर्ड द्वारा आज दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्‍नांश (ग) में उल्‍लेखित बसाहटों को समूह जल योजना में शामिल किए जाने में विलम्‍ब के क्‍या कारण रहे हैं, इन ग्रामों को कब तक समूह जल योजना में सम्मिलित किया जायेगा?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) बैतूल जिले अंतर्गत प्रश्‍न दिनांक तक जल निगम हेतु गढ़ा जलाशय से 2.00 मि.घन.मी., मेढ़ा जलाशय से 8.48 मि.घन.मी. घोघरी जलाशय से 4.67 मि.घन.मी. एवं वर्धा जलाशय से 2.85 मि.घन मी पानी आरक्षित कर, कुल 545 ग्रामों को समूह जल प्रदाय योजना के माध्यम पेयजल आपूर्ति प्रस्तावित है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) बैतूल जिले में ताप्ती नदी पर निर्माणाधीन घोघरी जलाशय परियोजना से विकासखण्ड आमला के 03 ग्राम क्रमशः ससुन्द्रा, नांदपुर एवं देवठान को घोघरी समूह जल प्रदाय योजना से पेयजल आपूर्ति हेतु सर्वे किया गया है तथा विकासखण्ड आमला के कुल 13 ग्रामों को घोघरी समूह जल प्रदाय योजना में सम्मिलित किये जाने हेतु जनप्रतिनिधियों द्वारा अनुशंसा की गई हैं। (ग) प्रश्‍नांश में उल्लेखित ग्राम, मेढ़ा समूह जल प्रदाय योजना में सम्मिलित है। शेष प्रश्‍नाश उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्‍नांश (ग) में उल्लेखित ग्राम, मेढ़ा समूह जल प्रदाय योजना में सम्मिलित है, शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "तीन"

मनोरंजन एवं वन्‍यप्राणी अनुभव क्षेत्र से राजस्‍व प्राप्ति

[वन]

23. ( *क्र. 1501 ) श्री अजय अर्जुन सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) क्या म.प्र. शासन वन विभाग द्वारा गत 05 वर्षों में वन मंडलों के कई क्षेत्रों को इको पर्यटन की दृष्टि से मनोरंजन क्षेत्र अधिसूचित किया है? (ख) यदि हाँ, तो किस-किस वनमंडल के कौन-कौन से क्षेत्र को कब-कब मनोरंजन क्षेत्र घोषित किया गया? प्रश्‍नांश (ख) के मनोरंजन क्षेत्रों के प्रत्येक साइट पर कौन-कौन से कार्य कराए गए और उन पर कितना खर्च किया गया? (ग) प्रश्‍नांश (ख) में उत्तर के परिप्रेक्ष्य में किस-किस मनोरंजन क्षेत्र से विभाग को अब तक कितना राजस्व प्राप्त हुआ?

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। प्रश्‍नाधीन अवधि में मध्‍यप्रदेश में 28 मनोरंजन क्षेत्र एवं 01 वन्‍यप्राणी अनुभव क्षेत्र अधिसूचित किये गये हैं। (ख) वनमंडलवार घोषित मनोरंजन एवं वन्‍यप्राणी अनुभव क्षेत्र व कार्यों पर व्‍यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) वनमंडलवार मनोरंजन एवं वन्‍यप्राणी अनुभव क्षेत्र से राजस्‍व प्राप्ति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।

अनुसूचित जाति/जनजाति बस्तियों में करायें गये निर्माण कार्य

[अनुसूचित जाति कल्याण]

24. ( *क्र. 1078 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                    (क) शिवपुरी जिले में वर्ष 2019-20 से 2023-24 तक अनुसूचित जाति बस्ती विकास एवं अनुसूचित जनजाति विकास योजना के अंतर्गत सी.सी. रोड, खरंजा, रपटा, पुलिया, सामुदायिक भवन, हैण्डपंप, टयूबवेल मोटर सहित के कार्य किन-किन ग्रामों की कौन-कौन सी बस्तियों में क्या-क्या कार्य                कब-कब कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत किये गये? कार्यों की निर्माण एजेंसी का नाम बताते हुए विधानसभा क्षेत्रवार एवं विकासखण्ड वार जानकारी दें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित कार्यों में से कौन-कौन से कार्य कब-कब पूर्ण हुए? कौन-कौन से कार्य प्रश्‍न दिनांक तक अपूर्ण एवं अप्रारंभ हैं? अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण होंगे? उक्त बस्तियों में निर्माण कार्य स्वीकृत करने के मानदंड क्या हैं? प्रतिलिपि संलग्न कर जानकारी दें। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) में वर्णित कौन-कौन से कार्यों का किन-किन के द्वारा कब-कब कितनी राशि का मूल्यांकन एवं भौतिक सत्‍यापन किया गया? मूल्यांकनकर्ता एवं सत्‍यापनकर्ता अधिकारी का नाम एवं पद सहित बतायें। (घ) क्या प्रश्‍नाधीन वर्णित अवधि में निर्मित कुछ निर्माण कार्य प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में अस्तित्‍व में नहीं है? यदि हाँ, तो वह निर्माण कार्य कौन-कौन से हैं? क्या प्रश्‍नकर्ता यदि अस्तित्व वि‍हीन कार्यों की सूची उपलब्ध करायें तो शासन/प्रशासन राशि वसूली आदि की कोई कार्यवाही करेगा?

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' एवं '''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' एवं '''' अनुसार है। नियम की छायाप्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।                          (ग) पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' एवं '''' अनुसार है। (घ) जी नहीं, शेष प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

औद्योगिक इकाइयों के गंदे पानी से जल प्रदूषण

[पर्यावरण]

25. ( *क्र. 717 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) क्या सौंसर विधानसभा क्षेत्र में संचालित औद्योगिक इकाइयों से गंदा दूषित पानी कन्हान नदी तथा छोटे बड़े सभी नाले में छोड़ा जा रहा है, जिसके कारण आसपास के गांवों में पानी दूषित हो चुका है और अब पीने योग्य नहीं रह गया है? (ख) इसके साथ ही इन नदी नालों में बहते पानी को पशु मवेशी पी रहे हैं, जिससे बीमारियों का प्रकोप बढ़ रहा है? (ग) क्या सरकार सौंसर क्षेत्र में संचालित औद्योगिक इकाइयों से गंदा दूषित पानी कन्हान नदी तथा छोटे बड़े सभी नाले में छोड़े जाने से होने वाले जल प्रदूषण की उच्चस्तरीय समिति से जांच करवाकर इसे तत्काल रोकने के लिए कार्यवाही करेगी?

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

 

 

 



भाग-2

नियम 46 (2) के अंतर्गत अतारांकित प्रश्‍नोत्तर के रुप में परिवर्तित तारांकित प्रश्‍नोत्तर


टीकमगढ़ जिले में वन विभाग की उदासीनता

[वन]

1. ( क्र. 19 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वनमंडल टीकमगढ़ में विगत वर्षों से नियमित वनमंडलाधिकारी की पदस्थापना क्‍यों नहीं की जा रही है(ख) क्या नियमित वनमण्डलाधिकारी न होने से वन अपराधों पर कोई नियंत्रण नहीं है? मोर एवं नीलगाय के शिकार पर भी बीट बरेठी, सब रेज-दिगौड़ा में कोई कार्यवाही नहीं हुई? (ग) क्‍या सब रेंज मोहनगढ़, दिगौड़ा एवं सम्पूर्ण निवाड़ी जिला की वन भूमि अतिक्रमण की चपेट में है? जो अधिकारी जिम्मेदारी से कार्य नहीं कर अपराध में संलिप्त हैं, उनकी जानकारी दें। (घ) कब तक टीकमगढ़ को नियमित अधिकारी देकर वन अपराधों को रोका जायेगा?

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) अधिकारियों की कमी होने से नियमित वनमण्डलाधिकारी की पदस्थापना नहीं की जा सकी है। (ख) जी नहीं। अतिरिक्त प्रभार के वनमण्डलाधिकारी का अपराधों पर नियंत्रण नियमित वनण्मडलाधिकारी की भांति रहता है। बीट बरेठी के अन्तर्गत मोर के शिकार से संबंधित 2 प्रकरण घटित हुए हैं जिनका पोस्टमार्टम पशु चिकित्सा अधिकारी जतारा एवं दिगौडा द्वारा कराया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मोर की मृत्यु का कारण हृदय संबंधी विफलता (cardiovascular failure) एवं बिजली के तारों से करंट लगने के कारण होना बताया गया है। बीट बरेठी अन्तर्गत नीलगाय की मृत्यु के प्रकरण में उसका पोस्टमार्टम सहायक पशुचिकित्सक दिगौडा द्वारा कराया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उक्त नीलगाय की मृत्यु किसी भारी चीज से मारने से होना दर्शाया गया है। इस प्रकरण में वन अपराध प्रकरण क्र. 219/16 दिनांक 17/02/2023 जारी किया जाकर प्रकरण में विधि अनुरूप कार्यवाही की गई है। (ग) जी नहीं। सभी अधिकारी/कर्मचारी अपने पदीय कर्तव्यों पर पूर्ण निष्ठा से कार्य कर रहे हैं। उनके अपराध में संलिप्त होने का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) नियमित वनण्मडलाधिकारी की पदस्थापना प्रक्रियाधीन है। क्षेत्रीय वनमण्डल टीकमगढ़ अन्तर्गत स्थित वनक्षेत्रों में वन अपराधों की रोकथाम हेतु वन स्टाफ द्वारा नियमित व सतत् गस्ती किये जाने से वर्तमान में वन अपराधों पर नियंत्रण बना हुआ है।

पी.डी.एस. का कम आवंटन

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

2. ( क्र. 20 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन द्वारा कोरोना काल में सम्पूर्ण म.प्र. में बिना पॉस मशीन के ऑफ लाईन खाद्यान्न आवंटन के निर्देश मौखिक देकर आवंटन दिया था? (ख) क्या कोरोना काल में दिया गया आवंटन मशीनों में तो दर्ज कर किया गया किंतु विक्रेताओं के स्टॉक से कम नहीं किया? (ग) प्रश्‍नांश "ख" में वर्णित स्टॉक कम न होने से सम्पूर्ण म.प्र. में खाद्यान्न कम दिया जा रहा है इसका उपयोग कलेक्टर एवं खाद्य अधिकारी की लॉगिन से किया जाता है। (घ) टीकमगढ़ कलेक्टर द्वारा सामान्य रूप से भी ऐसी व्यवस्थाओं पर ध्यान न देकर शासन की योजना का दुरूपयोग क्‍यों किया जा रहा है?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) कोरोना काल में पात्र परिवारों को खाद्यान्‍न वितरण हेतु दुकानवार ऑनलाईन आवंटन जारी कर पीओएस मशीन के माध्‍यम से ऑनलाईन खाद्यान्‍न वितरण की व्‍यवस्‍था थी। प्रदेश में पात्र परिवारों को बगैर पीओएस मशीन के खाद्यान्‍न वितरण की कोई मौखिक निर्देश नहीं दिए गए। (ख) खाद्यान्‍न सामग्री के उचित मूल्‍य दुकानों पर प्राप्ति उपरांत पीओएस मशीन में आवक दर्ज कर ऑनलाईन पावती जारी की जाती है एवं पीओएस मशीन से पात्र परिवारों को वितरित खाद्यान्‍न मात्रानुसार पीओएस मशीन के स्‍टॉक से मात्रा स्‍वत: कम हो जाती है। उचित मूल्‍य दुकान पर प्राप्‍त खाद्यान्‍न मात्रा में से विक्रेता द्वारा बगैर पीओएस मशीन के वितरित की गई खाद्यान्‍न मात्रा कम होने का प्रावधान नहीं है। (ग) उचित मूल्‍य दुकान से खाद्यान्‍न वितरण होने के पश्‍चात् पीओएस मशीन में शेष बचत मात्रा का समायोजन कर मासिक आवंटन जारी किया जाता है किन्‍तु, पीओएस मशीन के स्‍टॉक में भिन्‍नता होने की दशा में उचित मूल्‍य दुकान से संलग्‍न पात्र परिवारों की खाद्यान्‍न मासिक हकदारी अनुसार आवंटन उपलब्‍ध कराने की दृष्टि से जिले द्वारा डीएसओ/जेएसओ लॉगिन से पोर्टल पर अतिरिक्‍त खाद्यान्‍न आवंटन दर्ज करने की व्‍यवस्‍था की गई है ताकि पात्र परिवारों को उनकी हकदारी अनुसार खाद्यान्‍न मात्रा का वितरण किया जा सके। पात्र परिवारों की हकदारी से कम खाद्यान्‍न आवंटन जारी नहीं किया जा रहा है। (घ) कलेक्‍टर, टीकमगढ़ द्वारा लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत खाद्यान्‍न आवंटन एवं वितरण व्‍यवस्‍था का दुरूपयोग करने का प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

वृक्षारोपण एवं अन्य कार्यों की जानकारी

[वन]

3. ( क्र. 43 ) श्री वीरेन्द्र सिंह लोधी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन विभाग द्वारा वर्ष 2019 से वर्तमान तक की अवधि में बंडा विधान सभा क्षेत्र में जिन-जिन स्थानों पर नर्सरी बनाई गई है, उन स्थानों की वर्षवार सूची प्रदान करें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार स्थानों पर जितनी-जितनी संख्या में वृक्षारोपण किया गया उसकी सूची उपलब्ध करवाने की कृपा करें।  (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) अंतर्गत सभी कार्यों पर प्रत्येक वर्ष कितना व्यय किया गया पृथक-पृथक कार्य पर व्यय की जानकारी उपलब्ध करवाने की कृपा करें। (घ) उक्त अवधि में प्रत्येक स्थान पर किये गये वृक्षारोपणों की वर्तमान भौतिक स्थिति क्या है? वर्तमान में कितने पेड़ जीवित अवस्था में है। (ड.) वन विभाग द्वारा विगत 5 वर्षों में बंडा विधान सभा क्षेत्र में प्रत्येक वर्ष जलसंरक्षण एवं संवर्धन हेतु किये गये कार्यों एवं मार्गों के निर्माण कार्य का वर्षवार ब्‍यौरा एवं उन पर व्यय का ब्‍यौरा उपलब्ध करवाने की कृपा करें। (च) उक्त अवधि में आस्थामूलक कार्यों के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र के वन परिक्षेत्रों में किये गये कार्यों एवं उन पर व्यय का सम्पूर्ण ब्‍यौरा उपलब्ध करवाने की कृपा करें।

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) वर्ष 2019 से वर्तमान तक बंडा विधान सभा क्षेत्र में नर्सरी नहीं बनाई गयी है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्‍नांश '''' में उल्‍लेखित बंडा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2019 से वर्तमान तक किये गये वृक्षारोपण की जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी उत्‍तरांश '''' के  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्‍ट-1 अनुसार है। (ड.) वन विभाग द्वारा विगत 5 वर्षों में बंडा विधान सभा क्षेत्र में प्रत्‍येक वर्ष जल संरक्षण एवं संवर्धन हेतु किये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय  में रखे  परिशिष्ट-2 अनुसार है। उक्‍त अवधि में मांर्गों का निर्माण कार्य नहीं कराया गया है। (च) जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है।

बढ़ते तापमान को नियंत्रित करने हेतु सरकारी योजना

[पर्यावरण]

4. ( क्र. 72 ) श्री राजेश कुमार शुक्‍ला : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में लगातर बढ़ती गर्मी और ऊर्जा खपत को कम करने के लिए शहरी इको सिस्टम में सुधार करने एवं शहरों और कस्बों को ठंडा रखने के लिए ऐसी वास्तुकला और भवन संहिता विकसित की जाए जिसमे कार्य स्थल और घरों को अंदर से प्राकृतिक रूप से ठंडा किया जा सके। इस हेतु सरकार की क्या योजना है। यदि नहीं तो बनाने पर विचार करेगी? नहीं तो क्यों?

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) मध्‍यप्रदेश भूमि विकास नियम 2012 के स्‍थान पर लाये जाने वाले मध्‍यप्रदेश एकीकृत भूमि और भवन विकास नियम, 2022 (प्रारूप) के नियम 5 एवं उप नियम (6) में हरित भवन में वैकल्पिक सामग्री, डिजाईन तथा निर्माण कार्य की पद्धति और परीक्षण हेतु प्रावधानों को अनुशंसित किया गया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

पाली हाउस में अनियमितता की जानकारी

[उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण]

5. ( क्र. 197 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में 1 जुलाई 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक विभिन्न जिलों में कितने पॉली हाउस किन-किन किसानों के यहा विभाग द्वारा लगाये गये तथा इनमें विभाग ने कितने किसानों को कितनी-कितनी सब्सिडी दी गई तथा कितने किसानों को सब्सिडी नहीं मिली? जिलेवार सूची देवें। (ख) क्या विभाग द्वारा वर्तमान में सब्सिडी देकर पाली हाउस लगाने की योजना प्रचलन में है? यदि हाँ तो जानकारी की प्रतिलिपी देवें। यदि नहीं तो योजना को बंद करने के क्या कारण रहे? (ग) उक्त अवधि में उज्‍जैन संभाग में घटिया पाली हाउस तथा सब्सिडी नहीं मिलने की किन-किन कृषकों ने किन-किन जिलों में निर्माणकर्ता फर्म एवं अधिकारियों के खिलाफ किस प्रकार की शिकायत की गई? शिकायत पर विभाग द्वारा क्या-क्‍या कार्यवाही की गई?

सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जिलेवार  जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-अनुसार है। (ख) जी हाँ। योजना की  जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार  है। शेषांश का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) कोई शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई है। शेषांश का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

अनुसूचित जाति/जन‍जाति वर्ग पर अत्‍याचार के प्रकरण

[अनुसूचित जाति कल्याण]

6. ( क्र. 332 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) जिला जबलपुर में अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग पर हुये अत्याचार संबंधी कितने-कितने प्रकरण अत्याचार निवारण अधिनियम 1995 की किन-किन धाराओं में पंजीकृत किये गये।      कितने-कितने प्रकरणों में कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई? कितने प्रकरण लम्बित/विवेचना में हैं। कितने प्रकरणों में कितने पीड़ितों को कितनी राशि की आर्थिक सहायता दी गई। कितने प्रकरणों में कितनी राशि वितरित नहीं की है एवं क्योंवर्ष 2020-21 से 2023-24 तक की जानकारी दें।  (ख) प्रश्‍नांश (क) में हत्या, आगजनी, जातिगत अपमान, दुष्कर्म सामूहिक दुष्कर्म, अपहरण व हत्या से सम्बंधित पंजीकृत कितने-कितने प्रकरणों में कितने-कितने पीड़ित परिवारों, पीड़ितों, पीड़ितों के आश्रितों को किस मान से स्वीकृत कितनी-कितनी राशि वितरित की गई। कितनी राशि वितरित नहीं की गई एवं क्यों? (ग) प्रश्‍नांश (क) में दुष्कर्म, सामूहिक दुष्कर्म, दुष्कर्म व हत्या से सम्बंधित पंजीकृत कितने प्रकरणों में कितनी-कितनी महिलाओं, लड़कियों व नाबालिग कन्याओं को         कितनी-कितनी राशि की सहायता दी गई। कितने प्रकरणों में एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई। कितने प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत किये गये

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट '''' एवं '''' अनुसार  है। (ख) जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट '''' एवं '''' अनुसार  है। (ग) जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट '''' में उल्‍लेखित है।

ग्रामीण पेयजल आपूर्ति की स्थिति

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

7. ( क्र. 396 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जल जीवन मिशन अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर नल से जल पहुंचाने की व्यवस्था किये जाने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ तो धार विधानसभा के कितने ग्रामों को इस योजना में सम्मिलित किया गया है तथा उनमें से कितने ग्रामों में नल योजना का कार्य पूर्ण हो चुका है कितने में प्रचलित है तथा कितनें में कार्य किया जाना शेष है? सूची सहित बताने का कष्ट करें। (ग) जिन ग्रामों में स्पॉट स्त्रोत जल की उपलब्धता नहीं है, वहां पेयजल पहुंचाने हेतु जिले में क्या किन्हीं परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है? यदि हाँ तो धार विधानसभा के इन ग्रामों को  किन-किन योजना में सम्मिलित किया गया है तथा उक्त परियोजना की अद्यतन प्रगति व परियोजना पूर्णता की संभावित तिथि से अवगत कराने का कष्ट करें। (घ) जिन ग्रामों में नल-जल योजनाएं पूर्ण हो चुकी है, उसके रख-रखाव व रख-रखाव हेतु किस प्रकार की व्यवस्था सुनिश्‍िचत की गई है? क्या ग्राम पंचायतों को पृथक से बजट आवंटन किया जावेगा? (ङ) इन ग्रामीण नल-जल योजनाओं के मानिटरिंग हेतु जिला स्तर पर या अन्य वरिष्ठ स्तर पर क्या कोई व्यवस्था निर्धारित की गई है तथा तकनीकी समस्याओं का निराकरण किस प्रकार होगा?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ (ख) विधानसभा क्षेत्र धार के कुल 128 ग्रामों में से 02 ग्राम मुख्यमंत्री नलजल योजनाओं से आच्छादित हैं, शेष 126 ग्रामों को जल-जीवन मिशन के अंतर्गत नल-जल योजनाओं द्वारा आच्छादित किया जाना प्रस्तावित है। इनमें से 117 ग्रामों के लिए एकल/समूह जल प्रदाय योजनाओं के अंतर्गत कार्य स्वीकृत हैं, जिनमें से वर्तमान में 73 ग्रामों में कार्य पूर्ण, 44 ग्रामों में प्रगतिरत हैं एवं 09 ग्रामों में कार्य शेष हैजानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है(ग) जल जीवन मिशन अंतर्गत भूगर्भीय जल की उपलब्धता के अनुसार धार विधानसभा क्षेत्र में भू-जल आधारित नल जल योजनाएं (एकल ग्राम नल जल योजनाएं) सतही जल स्त्रोत आधारित समूह जल प्रदाय योजनाएं स्वीकृत की गई हैं। उपरोक्तनुसार स्वीकृत योजनाओं की अद्यतन प्रगति  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है। प्रगतिरत एकल ग्राम नल जल योजनाओं एवं समूह जल प्रदाय योजनाओं को पूर्ण करने की निश्‍िचत तिथि बताई जाना संभव नहीं है। (घ) पूर्ण की गई एकल नल-जल योजनाओं के हस्तांतरण पश्‍चात उनके रख-रखाव का उत्तरदायित्व संबंधित ग्राम पंचायतों का प्रावधानित है, समूह जल प्रदाय योजनाओं का संचालन एवं रख-रखाव म.प्र. जल निगम की निर्माण एजेंसी द्वारा किया जाता है। जी नहीं, ग्राम पंचायतों को स्वयं के साधनों से नल-जल योजना का संचालन-संधारण किया जाना प्रावधानित है। (ड.) जल जीवन मिशन अंतर्गत जिला स्तर पर "जिला जल एवं स्वच्छता मिशन" गठित है, योजनाओं के संचालन संधारण में समस्या उत्पन्न होने पर विभागीय अधिकारियों द्वारा तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान किया जाता है।

छात्रावासों में अग्निशमन की व्यवस्था

[जनजातीय कार्य]

8. ( क्र. 397 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन के अग्निशमन मापदण्डों के अनुरूप शासकीय छात्रावास भवनों में आगजनी की घटनाओं की रोकथाम हेतु स्वचलित अग्निशमन प्रणाली व ऑटोमेटिक फायर डिटेक्शन सिस्टम आदि को स्थापित किये जाने की व्यवस्था होती है  तथा क्या यह व्यवस्था नव निर्मित भवनों में भवन निर्माण करने वाली एजेन्सी द्वारा स्थापित की जाती है? (ख) यदि नहीं तो क्या विभाग द्वारा अपने स्तर पर अग्निशमन की व्यवस्था छात्रावासों में करता है? (ग) यदि हाँ तो धार जिले के कुल छात्रावासों में कितने छात्रावासों में अग्निशमन की व्यवस्था पूर्व से है तथा कितनों में यह व्यवस्था की जाना शेष है? (घ) क्या विभाग छात्रावासों में पढ़ाई कर रहे है विद्यार्थियों की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए, समस्त छात्रावासों में अग्निशमन स्थापित किये जाने हेतु दिशा-निर्देश जारी करेगा?

जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  अनुसार है। नेशनल बिल्डिंग कोड ऑफ इण्डिया पार्ट-4 फायर एण्‍ड लाइफ सेफ्टी की कण्डिका 5.1.2 में टेबल-23 के अंतर्गत आवासीय एवं स्‍कूल भवन में 15 मीटर से अधिक ऊंचाई होने पर आवश्‍यक है। जी हाँ। (ख) प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर अनुसार विभाग द्वारा संचालित छात्रावासों में विभाग स्‍तर पर अग्निशमन स्‍थापित किये जाने की व्‍यवस्‍था की जाती है। (ग) धार जिले अंतर्गत संचालित 268 छात्रावासों में से 111 में सामान्‍य अग्निशमन यंत्र स्‍थापित है, शेष 157 में व्‍यवस्‍था की जाना है। (घ) निर्माण एजेन्‍सी द्वारा नेशनल बिल्डिंग कोड ऑफ इण्डिया में दिये गये प्रावधान अनुसार कार्य पूर्ण कराये जाते है।

जल जीवन मिशन योजना

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

9. ( क्र. 434 ) श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जल जीवन मिशन योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर पेयजल उपलब्ध कराये जाने 376.14 करोड़ रुपये की राशि टीकमगढ़ में स्वीकृत की गई परन्‍तु खरगापुर वि‍धान सभा के स्थानों पर पेयजल का संकट है और रहा भी है। इस राशि का उपयोग करके  किन-किन ग्रामों में पेयजल उपलब्ध कराया गया सम्पूर्ण जानकारी ग्रामवार उपलब्ध करायें। (ख) क्या जल जीवन मिशन के तहत मेसर्स इन्वायरो इन्फ्रा इंजीनियर्स प्रायवेट लिमिटेड कम्पनी को किस वर्ष में टेंडर दिया किस विभाग द्वारा विज्ञप्ति जारी की गई इसका कब अनुबंध हुआ, इस कम्पनी द्वारा अभी तक कहाँ-कहाँ पेयजल की व्यवस्था की, कितनी ग्राम पंचायतें लाभान्वित हुई? सम्पूर्ण जानकारी सहित सत्यापित प्रतिया उपलब्ध करायें। (ग) क्या विगत फरवरी के विधान सभा सत्र में अधिकांश मान. विधायकों द्वारा अपने-अपने जिलों की समस्या जल-जीवन मिशन के प्रश्‍न लगाये गये थे, जिसमें मान. संसदीय कार्यमंत्री महोदय द्वारा आश्‍वासन दिया गया था कि जिन मान. विधायकों के प्रश्‍न जल-जीवन मिशन के सबंध में लगाये गये है वह सभी अपने-अपने क्षेत्रों की समस्‍याओं के पत्र मान.मंत्री महोदया को दे दें। प्रश्‍नकर्ता द्वारा सदन में ही मान मंत्री महोदया जी को पत्र दिया गया था परन्तु आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं की गई। (घ) क्या मेसर्स इन्वायरो इन्फ्रा. इंजीनियर्स प्रायवेट लिमिटेड कम्पनी द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल मुहैया नहीं कराया गया है तो कम्पनी का अनुबंध निरस्त करेंगे? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? रूपये 376.14 करोड़ की राशि की भ्रष्टाचार की रोक थाम के क्या उपाय करके ग्रामीण क्षेत्र की आम जनता को पेयजल कब तक मुहैया करा देंगे?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ, बानसुजारा समूह जल प्रदाय योजना लागत रू. 376.14 करोड़ की स्वीकृत की गई, जिसमें 201 ग्राम सम्मिलित हैं, योजना प्रगतिरत है तथा दिसम्बर 2024 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) वर्ष 2022 में मध्यप्रदेश जल निगम द्वारा विज्ञप्ति जारी की गई, अनुबंध दिनांक 21.03.2022 को हुआ, योजना के कार्य प्रगतिरत हैं, योजना से वर्तमान में जल प्रदाय प्रारंभ नहीं हुआ है, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ, ग्राम पंचायत चंद्रपुरा जनपद पंचायत बलदेवगढ़ की नल जल प्रदाय योजना की शिकायत के संबंध में जिला स्तर पर गठित दल द्वारा जाँच की जाकर प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है, जांच में उक्त योजना से पेयजल प्रदाय चालू होना पाया गया। (घ) वर्तमान में योजना के कार्य प्रगतिरत है एवं कार्य दिसम्बर 2024 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है, शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है।

शासकीय उचित मूल्‍य की दुकानों की जानकारी

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

10. ( क्र. 442 ) श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय उचित मूल्य की दुकान ग्राम पाली एवं फूलपुर के विक्रेता की जाँच किये जाने कार्यालय कलेक्टर खाद्य का पत्र क्रमांक - 12/सात/खाद्य/2021/540 दिनांक 15/7/2021 को कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी पलेरा द्वारा जाँच में पाया गया कि विक्रेता द्वारा प्रस्तुत स्टाक पंजी एवं भौतिक सत्यापन में भारी अंतर है जिस कारण म.प्र. सार्वज‌निक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश 2015 की कंडिका 13 (2) एवं 18 का स्पष्ट उल्लंघन किया गया है जिसके तहत विक्रेता के विरुद्ध एफ.आई.आर. प्रश्‍न दिनांक तक क्यों नहीं की गई? (ख) क्या ऐसे विक्रेताओं के विरुद्ध कार्यवाही नहीं करने से क्षेत्र में अन्य विक्रेता मनमानी करके गरीबों के खाद्यान्न की कालाबाजारी करते रहते है और आम जनता शिकायतें करती रहती है इसलिये ऐसे भ्रष्‍ट विक्रेता फूलपुर, पाली के विरुद्ध कब तक एफ.आई.आर. दर्ज करा देंगे कृपया समयावधि बतायें? यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या यह भी सच है कि फूलपुर, पाली के खाद्यान्न विक्रेता द्वारा राजनैतिक दबाव से अनुविभागीय अधिकारी जतारा से सांठ-गांठ कर ली है क्‍या? ऐसे भ्रष्ट विक्रेता पर एफ.आई.आर. अतिशीघ्र कराकर राशि वसूली तथा वैधानिक कार्यवाही अतिशीघ्र कराये? यदि हाँ तो कब तक यदि नहीं तो क्यों?

खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (‍क) जी हाँ उल्‍लेखित पत्र के संबंध में तत्‍कालीन कनिष्‍ठ आपूर्ति अधिकारी पलेरा द्वारा जांच की एवं जांच में पाया कि विक्रेता के स्‍टाक में कुछ खाद्यान्‍न कम पाया गया था। जिसके संबंध में जारी कारण बताओं सूचना पत्र का जवाब समाधान कारक नहीं होने पर शासकीय उचित मूल्‍य दुकान पाली (0305091) को निलंबित की जाकर निकट स्थि‍त शासकीय उचित मूल्‍य दुकान पर संलग्‍न किया गया है। शासकीय उचित मूल्‍य दुकान फूलपुर को पूर्व में ही दोषी समिति से पृथक किया जा चुका है। संबंधित शासकीय उचित मूल्‍य दुकान के विक्रेता के विरूद्ध मध्‍यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश 2015 के तहत प्रकरण के तथ्‍यों के आधार पर कार्यवाही की जा रही है, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) संबंधित विक्रेता के विरूद्ध मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश 2015 के अनुसार कार्यवाही की जा रही है, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) संबंधित विक्रेता के विरूद्ध मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश 2015 के अनुसार कार्यवाही की जा रही है, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

दिव्‍यांग हितग्राहियों को ट्राई साईकिल का प्रदाय

[सामाजिक न्याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण]

11. ( क्र. 529 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या दिव्‍यांग हितग्राही को प्रदत्‍त की गई मोटराइज्‍ड ट्राई साईकिल 5 साल एवं सामान्‍य ट्राई साईकिल 3 साल में बदलने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ तो विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत विगत 5 सालों में कितने हितग्राहियों को बदलकर पुन: मोटराइज्‍ड/ट्राई साईकिल दी गई है? हितग्राहीवार सूची देवें? (ग) क्‍या निर्धारित समय के पूर्व ट्राई साइकिल कंडम हो जाने पर बदली जा सकती है? (घ) यदि नहीं तो क्‍या समय पूर्व बदलने का प्रावधान किया जा सकता है?

सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जी हाँजानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार(ख) जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार(ग) उत्‍तरांश (क) के  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट–'''' अनुसार भारत सरकार की एडिप योजना की गाइड-लाइन अनुसार ही कार्यवाही की जाती है, इस संबंध में संशोधन भारत सरकार, सामाजिक न्‍याय और अधिकारिता मंत्रालय दिव्‍यांगजन सशक्तिकरण विभाग का क्षेत्राधिकार है।  (घ) जानकारी उत्‍तरांश  (ग) अनुसार।

खाद्यान्‍न वितरण में मनमानी

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

12. ( क्र. 602 ) श्री सुरेन्द्र सिंह गहरवार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) सतना जिले के चित्रकूट विधानसभा में शासकीय उचित मूल्य की दुकानें कहाँ-कहाँ संचालित हैं. दुकानों का संचालन किनके-किनके द्वारा किया जा रहा है? दुकानवार सेल्समैन, प्रबंधक के नाम एवं मोबाइल नम्बर सहित देने का कष्ट करें? (ख) प्रश्‍नांश (क) की दुकानों से क्या-क्या सामाग्री और कितनी मात्रा में कितनी हितग्राहियों किन कीमतों पर वितरित करने के निर्देश है, शासनादेशों सहित देवें? क्या उक्त दुकानें नियमित रूप से संचालित न होकर मनमाने तरीके से संचालित होती है, खाद्यान्न एवं अन्य सामग्री की बिक्री शासन नियमानुसार नहीं की जाती है, अनियमित एवं मनमाने रूप से दुकानों के संचालन से गरीब जनता को अत्यंत परेशानी होती है इसके लिये क्या कार्यवाही की जावेगी स्पष्‍ट करें? (ग) क्या प्रश्‍नांश (क) की दुकानों से सामाग्री की बिक्री/प्रदाय हितग्राहियों/गरीब जनता के थम्ब इम्प्रेशन के माध्यम से किया जाता है अथवा ऑफलाइन से? वित्तीय वर्ष 2022-23 एवं 2023 से प्रश्‍न दिनांक तक उक्त दुकानों द्वारा कितना माल प्राप्त कर कितना ऑनलाइन एवं कितना ऑफलाइन वितरण/बिक्री किया, जानकारी दुकानवार माहवार देवें? जनवरी 2024 से अभी तक किस-किस माह का खाद्यान्न वितरित नहीं किया गया, अप्रैल 2024 का खाद्यान्न वितरित नहीं किया गया क्यों? जबकि खाद्यान्न उठाया गया है? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के प्रकाश में संचालित दुकानों में से कितनी दुकानों के विरूद्ध शिकायतें वित्तीय वर्ष 2022-23 एवं 2023 से प्रश्‍न दिनांक तक प्राप्त हुई हैं. इस अवधि में मशीनों के होने के बावजूद ऑफलाइन पद्धति से फर्जी रूप से खाद्यान्न वितरण दर्शाकर दुकानों के सेल्समैनों/प्रबंधकों द्वारा की गई अनियमितता एवं राशन वितरण में अनियमितता संबंधी प्राप्त शिकायतों के जाँच प्रतिवेदन की प्रतियाँ देवें एवं स्पष्‍ट करें कि जाँच में गड़बड़ी पाये जाने पर क्या कार्यवाही की गई? (ड.) क्या अगूठा पहले लगवा लिया जाता है फिर हितग्राही खाद्यान्‍न के लिये महीनों भटकते रहते हैं पीडीएस की सारी अव्यवस्था कब तक ठीक करेंगे?

खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट 'अनुसार है। (ख) उचित मूल्‍य दुकानों से वितरित की जाने वाली सामग्री का नाम, वितरण मात्रा, हितग्राही परिवार एवं वितरण की कीमत की  जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट 'अनुसार है। जी नहीं। दुकानों से नियमानुसार खाद्यान्‍न एवं राशन सामग्री का वितरण किया जाता है। (ग) प्रश्‍नांकित दुकानों से सामग्री का प्रदाय/विक्रय हितग्राहियों के अंगूठे से किया जाता है। प्रश्‍नांकित अवधि में दुकानवार आवंटन एवं ऑनलाईन वितरण की  जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट 'अनुसार है। जनवरी, 2024 से अभी तक प्रत्‍येक माह में वितरण किया गया है। अप्रैल 2024 की खाद्यान्‍न सामग्री का वितरण 30 मई 2024 तक किया गया है। (घ) प्रश्‍नांकित अवधि में उचित मूल्‍य दुकानों में से किसी भी दुकान के विरुद्ध ऑफलाईन पद्धति से फर्जी वितरण दर्शाकर अनियमितता करने की कोई भी शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई है। शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थि‍त नहीं होता। (ड.) जी नहीं, पात्र हितग्राहियों के बॉयोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन से, हितग्राही के आधार से लिंक मोबाईल नंबर पर आये ओटीपी के माध्‍यम से एवं विशेष परिस्थिति में बने नॉमिनी के ऑथेंटिकेशन से राशन सामग्री का वितरण किया जाता है। तत्‍समय ही पीओएस मशीन से पावती प्रदाय की जाती है। शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

आम जनता को पेयजल सुविधा का लाभ

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

13. ( क्र. 603 ) श्री सुरेन्द्र सिंह गहरवार : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) चित्रकूट विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत पीने के पानी की सुविधा आम जनता को उपलब्ध कराये जाने के संबंध में कितनें नलकूप है, कहाँ-कहाँ नल-जल योजना प्रारंभ है? जानकारी पंचायतवार देवें? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार कितने नलकूप वर्तमान में चालू अथवा बिगड़े हैं, पंचायतवार जानकारी देवें? किन-किन ग्रामों में नल-जल योजनाएं प्रारंभ है उनसे कितने परिवार लाभान्वित हो रहे हैं? कहाँ-कहाँ की नल-जल योजनाएं बिगड़ी पड़ी है उन्हे कब तक चालू कराया जायेगा? क्या नल-जल योजनाओं के लिये बनाई गई टंकियां जीर्ण-शीर्ण हो गयी हैं तथा उनमें पानी पूरी तरह नहीं भरता है जिसके कारण आम जनता को पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिल पा रहा, यदि हाँ तो इसके समाधान की क्या योजना है स्पष्‍ट करें? (ग) क्या यह सत्य नहीं है कि चित्रकूट विधानसभा में 1 एस.डी.ओ. एवं 1 ए.ई. मात्र द्वारा पूरे विधानसभा के ग्रामीणों को पेयजल उपलब्ध कराने एवं नलकूपों की निगरानी एवं नल-जल योजना की जिम्मेवारी है कर्मचारियों की कमी से विधानसभा के ग्रामीणों को पेयजल के लिये दर-बदर भटकना पड़ रहा है? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में कर्मचारियों की पूर्ति कब तक की जायेगी साथ ही बंद पड़ी नल-जल योजना को कब तक चालू करा दिया जायेगा?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट के  प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है(ग) चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र में उपखंड मझगवां द्वारा कार्य किए जाते हैं, उक्त उपखंड के कार्यक्षेत्र में विकासखंड मझगवां एवं सोहावल सम्मिलित हैं। उपखंड में 2 उपयंत्री पदस्थ हैं, जिनमें से वरिष्ठ उपयंत्री को सहायक यंत्री का चालू प्रभार दिया गया है, जिनके द्वारा नलकूप/हैंडपंप तथा नलजल योजना कार्यों का क्रियान्वयन एवं निगरानी की जाती है। विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्रामों में 6 संविदा तकनीशियन हैंडपंप एवं 07 अन्य कर्मचारियों को हैंडपंप संधारण कार्य आवंटित है, विभाग द्वारा हैंडपंप संधारण आदि कार्य सुचारू रूप से कराये जा रहे हैं, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) नलजल योजनाओं का संधारण कार्य संबंधित ग्राम पंचायतों द्वारा किया जाता है, हैंडपंप संधारण कार्यों के लिए स्थापित हैंडपंपों की संख्या के अनुपात में कर्मचारियों की कम उपलब्धता की स्थिति में आवश्यकतानुसार आउटसोर्स एजेंसी के माध्यम से हैंडपंप संधारण कार्य कराए जाने का प्रावधान है। शेष जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-02 अनुसार है।

लेखा शीर्षों में व्‍यय राशि

[वन]

14. ( क्र. 639 ) सुश्री रामश्री (बहिन रामसिया भारती) राजपूत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश शासन से छतरपुर जिले में कर्मचारियों के वेतन भत्तो के अलावा           किन-किन लेखा शीर्षो में कितनी-कितनी राशि का आवंटन वर्ष 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक प्राप्त हुआ तथा किन-किन कार्यों पर व्यय किया गया? (ख) विधानसभा क्षेत्र बड़ामलहरा में विभाग द्वारा किन-किन अवधियों में कौन-कौन से निर्माण कार्य/जंगलों की सुरक्षा हेतु कितनी-कितनी राशि का व्यय किया गया क्‍या उस राशि का शासन नियमों के विरुद्ध दुरुपयोग किया गया एवं जंगलों की स्थिति चिन्ताजनक है? (ग) क्या वन समितियों का गठन शासन प्रावधानों के अन्तर्गत किया गया यदि हाँ, तो शासन की गाइड-लाइन सहित जानकारी दें? विभाग द्वारा वर्ष 2023 से प्रश्‍न दिनांक तक बड़ा मलहरा/वकस्वाहा क्षेत्र के जंगलों में पेड़ लगाये जाने हेतु शासन की जो राशि व्यय की गई उनमें कितने वृक्ष जीवित है कितने मृत हो चुके उनका सम्पूर्ण विवरण है?

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-1 में है।          (ख) निर्माण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-2 में है। प्रश्‍नाधीन अवधि में जंगलों की सुरक्षा पर राशि रूपये 370.00 लाख का व्‍यय हुआ है। यह सही नहीं है कि उक्‍त राशि का शासन के नियमों के विरूद्ध दुरूपयोग किया गया और न ही जंगलों की स्थिति चिंताजनक है।           (ग) वन समितियों का गठन शासन के संकल्‍प दिनांक 22.10.2001 के अनुसार किया गया है। शासन के संकल्‍प की प्रति  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-3 में है। बड़ामलहरा/बकस्‍वाहा क्षेत्र के जंगलों में विभाग द्वारा वर्ष 2023 से प्रश्‍न दिनांक तक 172000 पौधे रोपित किये गये, जिसमें से 171350 पौधे जीवित हैं एवं 750 पौधे मृत हो चुके हैं।

विधायकों के पत्रों पर जानकारी का प्रदाय

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

15. ( क्र. 640 ) सुश्री रामश्री (बहिन रामसिया भारती) राजपूत : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) छतरपुर जिले से वर्ष 2023 से प्रश्‍न दिनांक तक  किन-किन लेखा शीर्षो में आवंटन प्राप्त हुआ और कब-कब व्यय किया गया विकास खण्डवार जानकारी दें? (ख) प्रश्‍नकर्ता के पत्र दिनांक 23/1/2024 को कार्यपालन यंत्री PHE छतरपुर को बड़ामलहरा विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्यों के संबंध में जानकारी चाही गई थी? प्रश्‍नकर्ता के पत्र क्र. लो.स्वा.यां/24 दिनांक 12/02/24 को प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी को पत्र दिया गया था? (ग) यदि हाँ तो जानकारी न देने वाले अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों? (घ) क्या विभागीय अधिकारियों द्वारा निर्माण कार्यों की नल-जल योजना से संबंधित छतरपुर जिले में टैगिंग की गई जिसमें हजारों रूपयों का व्‍यय किया गया समस्त विवरण दें? जी.ओ. टैगिंग हेतु किस प्रावधान अन्तर्गत कमेटी गठित की गई प्रावधानों सहित विवरण दें?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट अनुसार है(ख) प्रश्‍नांश में उल्लेखित पत्र दिनांक 23.01.2024 प्राप्त हुआ है परन्तु पत्र              दिनांक 12.02.2024 प्राप्‍त नहीं है। (ग) माननीया सदस्य के पत्र दिनांक 23.01.2024 के संदर्भ में कार्यपालन यंत्री, खंड छतरपुर के निर्देश पर सहायक यंत्री, उपखण्ड बड़ा मलहरा द्वारा माननीया सदस्य को जानकारी उपलब्ध कराई गई है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जल जीवन मिशन अंतर्गत निर्मित स्रोतों एवं योजनाओं में लगाए गए सूचना पटलों के साक्ष्य संकलित कर भारत सरकार के पोर्टल पर अपलोड किए गए हैं, जियो टैगिंग का कार्य करने के लिए कमेटी गठित नहीं की गई है तथा जियो टैगिंग के कार्य का पृथक से कोई भुगतान नहीं किया गया है, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

 

क्षेत्रीय पेयजल योजनाओं की जानकारी

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

16. ( क्र. 666 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत शुद्ध पेयजल उपलब्धता हेतु/राज्य प्रवर्तित योजनाओं के माध्यम से जावरा तहसील एवं पिपलौदा तहसील अंतर्गत कितनी पेयजल योजनाएं संचालित होकर कार्यरत है? (ख) वर्ष 2015- 16 से लेकर प्रश्‍न दिनांक तक जल-जीवन मिशन अन्‍तर्गत स्वीकृत योजनाएं कितने-कितने बजट की होकर किन-किन वर्षों में कार्य प्रारंभ किया गया और कितना व्यय हुआ? साथ ही कितनी योजनाएं पूर्ण हुई, कितनी अपूर्ण रही, कितनी किन कारणों से अप्रारंभ रही? (ग) नल-जल योजनाओं के निर्माण कार्यों की स्थिति में ग्रामीण क्षेत्र के गांव की सीसी सड़कों को तोड़ा जाता है तो तोड़ी गई समस्त ग्रामों की समस्त सड़कों का पुनर्निर्माण किया गया है अथवा शेष है? ग्रामवार जानकारी दें। (घ) योजना अंतर्गत विद्युतीकरण, ट्रांसफार्मर, विद्युत लाइन एवं विद्युत कनेक्शन लिया जाना जैसे कार्य किन-किन स्थानों की पूर्ण हुए? कितने अपूर्ण रहे? साथ ही पेयजल योजना की पाइप की गुणवत्ता, वाल, नल टोटियों की गुणवत्ता, इत्यादि सामग्रियों की गुणवत्ता किस प्रकार रखी गई। खराब एवं गुणवत्ताविहीन सामग्रियाँ जहाँ लाई गई ,इनके विरुद्ध कब-कब, क्या क्या कार्यवाहियां की गई?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) 103 एकल ग्राम नल-जल योजनाएं, 1785 हैंडपंप आधारित पेयजल योजनाएं तथा 272 सिंगल फेज़ मोटर पंप आधारित पेयजल योजनाएं संचालित होकर कार्यरत हैं। (ख) जल जीवन मिशन अंतर्गत स्वीकृत योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (घ) एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं के संदर्भ में जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। माही समूह  जल प्रदाय योजनांतर्गत विद्युतीकरण, ट्रांसफार्मर, विद्युत लाइन एवं विद्युत कनेक्शन के कार्य वर्तमान में नहीं हुए हैं। योजना में प्रयुक्त होने वाली सामग्री तकनीकी समिति द्वारा निर्धारित मापदण्ड जैसे बी.आई.एस. कोड इत्यादि के अनुरूप एवं पाईप, सीपेट के परीक्षण उपरांत सूचीबद्ध कम्पनियों से लिया जाना प्रावधानित है। विभागीय मापदंड अनुसार उपयुक्त गुणवत्ता की सामग्री उपयोग में लाई गई, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

सांची दुग्ध संघ द्वारा किसानों को भुगतान

[पशुपालन एवं डेयरी]

17. ( क्र. 720 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या राज्‍य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सौंसर विधान सभा क्षेत्र में दुग्ध उत्पादक किसानों को सांची दुग्ध संघ द्वारा उनसे लिए दूध का माह जनवरी से भुगतान नहीं किया है? (ख) यदि हाँ तो किसानों को सांची दुग्ध संघ द्वारा भुगतान न किये जाने का क्या कारण है? (ग) क्या सरकार इन दुग्ध उत्पादन किसानों को सांची दुग्ध संघ से उनके बकाया का तत्काल भुगतान कराने की व्यवस्था करेगी?

राज्‍य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं             (ग) उत्‍तरांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

जल निगम द्वारा संचालित समूह योजना

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

18. ( क्र. 723 ) श्री मनोज नारायण सिंह चौधरी : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि जल निगम के द्वारा जो समूह योजना संचालित की जा रही है यह योजना जुलाई-अगस्त 2022 में पूर्ण होना थी, किन्तु अभी तक अपूर्ण है। कई गांवों में सड़कों की खुदाई कर पाईप डाल दिए गए हैं उन जगह पर आर.सी.सी. नहीं होने की वजह से एवं गड्ढे होने से लोग परेशान हो रहे है एवं दुर्घटनाएं होती रहती है। पीने के पानी की समस्या की दृष्टि से यह योजना सरकार की बहुत बड़ी योजना है। किन्तु अभी तक वह अधूरी क्यों है? यह कार्य कब तक पूर्ण होगा?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : जल निगम द्वारा क्रियान्वित की जा रही विभिन्न समूह योजनाओं की पूर्णता तिथि प्रत्येक योजना की स्वीकृत निविदा/अनुबंध अनुसार है। जल जीवन मिशन के तहत योजनाओं को वर्ष 2024-25 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। जी नहीं, पाईप लाइनों की टेस्टिंग कमीशनिंग होने के उपरान्त सड़कों को सुधार कर पूर्ववत किया जा रहा है। कोविड-19 महामारी के कारण एवं नेशनल हाइवे, वन विभाग व अन्य विभागों से स्वीकृतियां विलंब से प्राप्त होने के कारण विभिन्‍न योजनाओं के क्रियान्वयन में विलंब हुआ है, योजनाओं के पूर्ण होने की निश्‍िचत समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।

प्रधानमंत्री आदिवासी आदर्श ग्राम योजना

[जनजातीय कार्य]

19. ( क्र. 724 ) श्रीमती अर्चना चिटनीस : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री आदिवासी आदर्श ग्राम योजनांर्तगत योजना प्रारम्भ से विधानसभा क्षेत्र बुरहानपुर के लिए कितने ग्राम को चयन किया गया है? वर्ष 2011 की जनगणनानुसार विधानसभा क्षेत्र बुरहानपुर के 50% आदिवासी जनसंख्या वाले अधिक कितने ग्राम इस योजना से वंचित रह गए है? वंचित ग्राम आगामी कार्ययोजना में शामिल किए जाएंगे? यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें।            (ख) विधानसभा क्षेत्र बुरहानपुर के 50% आदिवासी जनसंख्या वाले अधिक जो ग्राम इस योजना से वंचित रह गए है उन्हें इस योजना में शामिल करने हेतु केन्द्र शासन से आगामी कार्ययोजना में शामिल कर अधोसंचना विकास के कार्यों को शामिल करने हेतु पत्र व्यवहार करेगा? यदि हाँ तो इस कार्य के लिए विभाग समय-सीमा निश्‍िचत करेगा?

जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना अंतर्गत प्रारंभ से विधान सभा क्षेत्र बुरहानपुर के लिए 08 ग्रामों का चयन किया गया है। भारत सरकार जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा जारी योजना के दिशा निर्देश अनुसार ऐसे ग्राम, जिनमें वर्ष 2011 की जनगणना अनुसार अनुसूचित जनजाति की जनसंख्‍या कम से कम 500 तथा 50 प्रतिशत है, का चयन भारत सरकार द्वारा किया गया है। विधान सभा क्षेत्र बुरहानपुर में उक्‍त दिशा निर्देशों अनुसार 01 ग्राम ''करोली'' भारत सरकार द्वारा चयनित सूची में नहीं है। योजना में ग्रामों का चयन भारत सरकार जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा किया जाता है, अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। भारत सरकार द्वारा ग्रामों का चयन किये जाने से समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।

पाइप-लाइन बिछाने हेतु काटे गए वृक्षों की जानकारी

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

20. ( क्र. 725 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या जल-जीवन मिशन अंतर्गत नीमच जिले में पाइप-लाइन बिछाने का कार्य चल रहा है? क्‍या पी.डब्ल्यू.डी सड़क व ग्रामीण मार्गों के साइड में लाइन डाली जा रही है? उसमें क्‍या हजारों हरे वृक्ष काट दिए गए? क्या इन वृक्षों को काटे जाने की अनुमति प्राप्त की गई थी? यदि हाँ तो कितने वृक्षों की अनुमति थी? (ख) क्या काटे जाने वाले वृक्षों को चिन्हित किया गया था? (ग) यदि अनुमति नहीं ली गई तो किसके संज्ञान में उक्त वृक्षों को काटा गया और वृक्ष जो शासकीय संपत्ति है कहां स्टॉक किए गए विस्तृत जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) क्या सरकार अवैध रूप से काटे गए इन वृक्षों के लिए दोषी अधिकारियों व निर्माण एजेंसी के विरुद्ध कार्रवाई करेगी एवं इन वृक्षों की भरपाई के लिए समुचित उपाय करेगी। कृपया समयावधि का उल्लेख किया जावे।

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जी नहीं, वृक्ष नहीं काटें गये। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश "क" अनुसार कुल 157 वृक्षों को चिन्हित किया गया है जिसमें से 27 वृक्षों की कटाई की अनुमति प्राप्त हो गयी तथा 130 वृक्षों की कटाई का प्रकरण प्रक्रियाधीन है, वर्तमान में इन 157 वृक्षों की कटाई नहीं की गयी है। (ग) उत्‍तरांश (ख) अनुसार प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश "ग" के परिप्रेक्ष्य में उपस्थित नहीं होता है। 27 वृक्षों की कटाई की क्षतिपूर्ति 10 गुना वृक्षों के रोपण हेतु राशि रू. 19,33,663/- कैम्पा मद में जमा की गयी, 130 वृक्षों की क्षतिपूर्ति अनुमति प्राप्त होने पर राशि जमा की जाएगी।

राज्‍यों में प्रदेश की शासकीय सम्‍पत्तियों का विक्रय

[लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन]

21. ( क्र. 743 ) श्री हेमंत कटारे : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वित्त विभाग द्वारा प्रदेश के समस्त विभागों से दूसरे राज्यों में स्थित शासकीय सम्पत्तियों की जानकारी प्राप्त कर उसका आंकलन कराया जा रहा है? (ख) यदि हाँ तो प्रदेश सरकार की अन्य राज्यों में कौन-कौन सी सम्पत्तियां हैं तथा उनका पृथक-पृथक कितना-कितना मूल्य होने का अनुमान है? स्थान/राज्य सहित सभी सम्पत्तियों की जानकारी उपलब्ध करायी जावे। (ग) क्या सरकार अन्य राज्यों में उपलब्ध शासकीय सम्पत्तियों को बेचने का विशेष प्रयास कर रही है? यदि हाँ तो किस उद्देश्य से? (घ) क्या प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2024 से प्रश्‍न दिनांक तक अन्य राज्यों में स्थित कुछ शासकीय सम्पत्तियों को बेचा गया, यदि हाँ तो किस उद्देश्य से तथा किसको, कब व कितने मूल्य में बेची?

जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन विभाग द्वारा प्रदेश सरकार की अन्य राज्यों में स्थित परिसम्पत्तियों का रिकार्ड नहीं रखा जाता है। अन्य विभागों द्वारा प्रबंधन/निर्वर्तन हेतु लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन पोर्टल पर इंद्राज प्रदेश सरकार की अन्य राज्यों में स्थित परिसम्पत्तियों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट  अनुसार है। (ग) जी नहीं। वित्तीय वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में अब तक अन्य राज्यों में स्थित परिसम्पत्तियों की निविदा आमंत्रित नहीं की गई है। (घ) जी नहीं। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "चार"

संरक्षित वन की अधिसूचना

[वन]

22. ( क्र. 758 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) मध्‍य प्रदेश राजपत्र में दिनांक 1 अगस्‍त 1958 को भा.व.अ. 1927 की धारा 29 के तहत प्रकाशित अधिसूचना में किस कानून के तहत अर्जित सार्वजनिक एवं निस्‍तारी प्रयोजनों की जमीनों को संरक्षित वन अधिसूचित किया, किन-किन मदों में दर्ज जमीनों को संरक्षित वन अधिसूचित किया पृथक-पृथक बतावें। (ख) दिनांक 1 अगस्‍त 1958 की अधिसूचना के अनुसार किस-किस जिले की संरक्षित वन अधिसूचित भूमियों का किस भू-प्रबंध ईकाई ने किस-किस अवधि में संरक्षित वन सर्वे डिमारकेशन किए जाने की जानकारी वन भवन तुलसी नगर भोपाल में उपलब्‍ध है? (ग) रीवा, सतना एवं छतरपुर जिले में किस भू-प्रबंध ईकाई ने किस अवधि में संरक्षित वन सर्वे डिमारकेशन की कार्यवाही की है इन जिलों की भूमियों को राजपत्र में भा.व.अ. 1927 की धारा 29 के अनुसार प्रश्‍नांकित दिनांक तक भी संरक्षित वन अधिसूचित नहीं किए जाने का क्‍या कारण रहा है? (घ) वन मुख्‍यालय वन भवन भोपाल में किस जिले के कितने राजस्‍व ग्रामों की कितनी भूमियों को          किस-किस दिनांक को संरक्षित वन अधिसूचित करने की अधिसूचना वर्तमान में उपलब्‍ध है।

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 29 (3) के विशिष्ट प्रावधान का उपयोग करते हुये संरक्षित वन की अधिसूचना क्रमांक 9-x-58 दिनांक 9-x-58 को जारी की गई जिसमें भूमियों का विस्तृत विवरण न देकर उनके अर्हता का उल्लेख था। इस अधिसूचना की अनुसूची में किसी क्षेत्र को संरक्षित वन के रूप में मान्य करने हेतु निम्न विवरण उल्लेखित है– 1. मध्यप्रदेश जागीदारी उन्मूलन एक्ट 1950 (M.P. Abolition of Proprietary Right (Estate, Mahala & Alienated Lands) Act-1950) के तहत वनभूमि राज्य शासन से निहित हो। 2. प्रबंधन हेतु राजस्व विभाग से वन विभाग को हस्तांतरित की गई हो। 3. यह पूर्व से अधिसूचित संरक्षित/आरक्षित वन न हो। उक्त अर्हता वाली भूमियों को संरक्षित वनखण्डों में शामिल किया गया। प्रश्‍नांकित जानकारी वनमण्डलों में प्रतिवेदित नहीं है सामान्य भूमियां पहाड़-चट्टान, छोटे-बड़े झाड़ के जंगल, जंगल जलॉ, जंगल करात एवं चरनोई इत्यादि मदों में दर्ज है। (ख) से (घ) जानकारी वृहद स्वरूप की होने के कारण एकत्रित की रही है।

विभागीय योजनाओं में किए गए व्यय की जानकारी

[वन]

23. ( क्र. 939 ) श्री जगन्‍नाथ सिंह रघुवंशी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन मंडल अशोक नगर अंतर्गत वर्ष 2021 से लेकर प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में लगाए गए पौधों के स्थान का नाम, पौधों की संख्या एवं उनमें जीवित पौधों की संख्या तथा पौधारोपण कार्यक्रम में कितनी राशि व्यय की गई वर्षवार एजेंसीवार जानकारी देवें? (ख) वन मंडल अशोक नगर अंतर्गत वर्ष 2021 से प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में डीएफओ कार्यालय, ग्राम वन समितियां के माध्यम से जेम पोर्टल से खरीदी गई समस्त सामग्री के प्रस्ताव ठहराव, बिल, वाउचर एवं जारी की गई बीड, निविदा के प्रति देवें? (ग) वन मंडल अशोक नगर को वर्ष 2021 से लेकर प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में विभाग के द्वारा विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए कुल कितने राशि जारी की गई है? जारी राशि की गई राशि का वन मंडल द्वारा दिया गया उपयोगिता प्रमाण पत्र योजनावार, वर्षवार देवें? (घ) वन मंडल अशोक नगर में अधिग्रहित वाहनों के संबंध में प्रचलित नस्ती की प्रति देवे एवं अनुबंध के नियमों को देखकर बताओ कि कितने वाहन नियमानुसार अनुबंधित नहीं है? उन्हें कब तक हटा दिया जाएगा?

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है।  (ख) वनमंडल अशोकनगर के अंतर्गत वर्ष 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक ग्राम वन समितियों के माध्‍यम से जेम पोर्टल से कोई सामग्री क्रय नहीं की गई है। डीएफओ कार्यालय द्वारा वर्ष 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक निविदा के माध्‍यम से खरीदी गई सामग्री से संबंधित जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-2 में है। (ग) जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-3 में है। (घ) वन मंडल अशोक नगर के अंतर्गत कोई भी अधिग्रहित वाहन नहीं है। वनमंडल में बिना अनुबंध के कोई भी वाहन नहीं लगाये गये हैं। अतएव शेष का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

मछुआरों को मत्स्याखेट करने की अनुमति

[मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास]

24. ( क्र. 953 ) श्री जगन्‍नाथ सिंह रघुवंशी : क्या राज्‍य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), मछुआ कल्‍याण एवं मत्‍स्‍य विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश मछुआ नीति अनुसार खुली नदि‍यों और नालों में मछुआरों को स्वतंत्र रूप से मत्स्याखेट करने की अनुमति है यदि हाँ तो राजघाट बांध के डाउन स्ट्रीम में अधिशासी अभियन्ता विद्युत गृह सि. एवं भंडार प्रखण्ड राजघाट द्वारा मत्स्याखेट का ठेका दिया जाना नियम विरूद्ध है अथवा नहीं? (ख) क्या बेतवा नदी अधिशासी अभियन्ता विद्युत गृह सि. एवं भंडार प्रखण्ड राजघाट के अधीन है अथवा नहीं? (ग) प्रश्‍नांश (क) में अधिशासी अभियन्ता विद्युत गृह सि. एवं भंडार प्रखण्ड राजघाट द्वारा अध्यक्ष बेतवा नदी परिषद की ओर से टेंडर विज्ञप्ति में जारी की गई है। क्या अध्यक्ष बेतवा नदी परिषद द्वारा मत्स्याखेट का ठेका देने हेतु आदेश जारी किया गया था यदि हाँ तो आदेश एवं निर्देशों की प्रतिलिपि देवें। (घ) यदि राजघाट बांध के डाउन स्ट्रीम में मत्स्याखेट का ठेका अधिशासी अभियन्ता विद्युत गृह सि. एवं भंडार प्रखण्ड राजघाट अवैध रूप से दिया गया है तो अधिशासी अभियन्ता पर क्या कार्यवाही की जाएगी? और कब तक?

राज्‍य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), मछुआ कल्‍याण एवं मत्‍स्‍य विकास ( श्री नारायण सिंह पंवार ) :             (क) से (घ) मत्‍स्‍य नीति 2008 के अनुसार खुले नदी नालों में मत्‍स्‍याखेट का अधिकार है। अधिसाशी अभियंता के द्वारा टेंडर जारी किया गया था वो नीति विरूद्ध होने के कारण आदेश क्रमांक 354 दिनांक 15.2.2022 द्वारा सचिव बेतवा नदी परिषद झांसी द्वारा जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार अनुमति निरस्‍त कर दी गई है। वर्तमान में यह जलाशय उत्‍तर प्रदेश सरकार के पास है। संचालन संबंधी कोई भी अधिकार विभाग के पास नहीं है।

परिशिष्ट - "पांच"

अनूपपुर जिले में संचालित गौ-शालाएं

[पशुपालन एवं डेयरी]

25. ( क्र. 1004 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या राज्‍य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर में कितने गौशालायें संचालित है तथा कहां-कहां गौशाला खोले गये है और उनमें वर्तमान में कितने-कितने गाय है तथा उनके रख-रखाव का कार्य किन्हें सौंपा गया है? गायों के भोजन व्यवस्था, चारा इत्यादि के लिए कितनी-कितनी राशि आंवटित की जाती है? शासन के द्वारा गौशाला संचालन हेतु क्या मापदण्ड निर्धारित किये? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार किन-किन गौशालाओं का संचालन का कार्य महिला स्व सहायता समूहों को आवंटित की गई है? क्या समूह के द्वारा गायों को समय-समय पर चारा पानी एवं दाना शासन के निर्धारित मापदण्ड अनुसार दी जाती है? यदि हाँ तो किन-किन गौशालाओं में संचालन अच्छा होता है और किन-किन गौशालाओं का संचालन संतोषप्रद नहीं है? (ग) प्रश्‍नांश (क) अनुसार विधानसभा क्षेत्र अनूपपुर में संचालित गौशालाओं में कितनी-कितनी गाय है और वर्ष 2020-21 से प्रश्‍न दिनांक तक उनके आहार के लिए कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई तथा उस अवधि में गौशाला में कितनी गाय मौजूद रही? वहा उनके देख-रेख करने वाले कर्मचारियों को किस आधार पर पारिश्रमिक भुगतान किया जाता है? उन्हें कब तक भुगतान किया जा चुका है और कितना शेष है? शेष है तो क्यो जानकारी उपलब्ध कराये? (घ) क्या जिला प्रशासन द्वारा समय-समय पर गौशालाओं का निरीक्षण किये जाने हेतु दल गठित की गई है? यदि हाँ तो निरीक्षण दल में किन-किन अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों को सम्मिलित किया गया है तथा उनके द्वारा कितनी बार गौशालाओं में जाकर निरीक्षण किया गया है? निरीक्षण पंजी में लिखे टीप व निरीक्षण करते समय का गौशाला एवं गायों का छायाचित्र सहित जानकारी उपलब्ध कराये?

राज्‍य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जिला अनूपपुर में मुख्‍यमंत्री गौसेवा योजना अंतर्गत 12 गौशालाएं संचालित है। गौशालावार  जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट- '''' अनुसार। चारे दाने की राशि एवं गौशाला संचालन के मापदण्‍ड की  जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट- '''' अनुसार। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार 10 गौशालाओं का संचालन का कार्य महिला स्‍व-सहायता समूह को दिया गया हैजानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार। जी हाँ, सभी गौशालाओं का संचालन अच्‍छा है। (ग) जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार। गौशालाओं में गौवंश की देख-रेख करने वाले कर्मचारियों की व्‍यवस्‍था गौशाला प्रबंधन द्वारा की जाती है। शेष प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) जिले में गौशालाओं के निरीक्षण हेतु नोडल अधिकारी नियुक्‍त किए गए है। जिनके द्वारा गौशालाओं में जाकर समय-समय पर किए गए निरीक्षण/भेंट संबंधी टीप एवं छायाचित्र  की जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट - '''' अनुसार  है।

मध्‍यप्रदेश भण्‍डार क्रय एवं सेवा उपार्जन नियम 2015

[जनजातीय कार्य]

26. ( क्र. 1005 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश भण्डार क्रय एवं सेवा उपार्जन नियम 2015 (यथा संशोधित) 2022 क्या है? संपूर्ण जानकारी नियमावली सहित उपलब्ध करावे। क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा जारी मध्यप्रदेश क्रय भंडार 2015 (यथा संशोधित) 2022 में लम्ड पोर्टल से सामग्री क्रय करने हेतु सक्षम अधिकारी से शासकीय वित्तीय स्वीकृति प्राप्त करना अनिवार्य है? यदि हाँ तो जनजातीय कार्य विभाग अंतर्गत सक्षम अधिकारी कौन है? (ख) क्या अनूपपुर जिले के अंतर्गत जनजातीय कार्य विभाग से संचालित छात्रावासों एवं आश्रमों के अधीक्षकों के द्वारा वित्तीय वर्ष 2022-23, 2023-24 एवं 2024-25 में जेम्स पोर्टल के माध्यम से सामग्री खरीदी के आदेश जारी किये गये है। यदि हाँ तो क्या उनके द्वारा सक्षम अधिकारी से सामग्री क्रय करने हेतु प्रशासकीय व वित्तीय स्वीकृतियां प्राप्त की गई है। वर्षवार छात्रावास/आश्रमवार जानकारी आदेश सहित उपलब्ध करावें। (ग) वित्तीय वर्ष 2024-25 में अनूपपुर जिला अंतर्गत किन-किन छात्रावासों आश्रम शालाओं के अधीक्षकों के द्वारा लोकसभा अचार संहिता कि दौरान जेम्‍स पोर्टल के माध्यम से क्रय आदेश किसी एक फर्म विशेष को आदेश जारी किये गये है। यदि हाँ तो कौन-कौन से छात्रावास अधीक्षकों द्वारा आदेश जारी किये गये है? (घ) क्या प्रश्‍नांश (ग) अनुसार आदर्श अचार संहिता के दौरान क्रय आदेश जारी किये जा सकते है? यदि हाँ तो आदर्श अचार सहिता उल्लंघन करने वाले दोषियों के विरुद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी। यदि हाँ तो कब तक यदि नहीं तो क्यों?

जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (‍क) मध्‍यप्रदेश भण्‍डार क्रय एवं सेवा उपार्जन नियम 2015 एवं जनजातीय कार्य विभाग अंतर्गत सक्षम वित्‍तीय स्‍वीकृति अधिकारी की जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। (ख) जी हाँ। कार्यालय कलेक्‍टर (आदिवासी विकास) जिला अनूपपुर का आ‍देश क्र./आ.वि./2015-16/4223, 4225 दि. 03.09.2015, 4345 दि. 08.09.2015, 3835, 3837 दि. 09.09.2016 एवं क्र. 4142, 4144 दि. 26.09.2016, क्र. 5537, 5539 दि. 7.12.2016 क्र 5827 दि. 28.12.2016 क्र. 1184, 1186 दि. 17.03.2017 क्र. 3749, 3751, 3753 दि. 01.09.2017 के 3965 दि. 14.09.2017 क्र. 4240 दि. 28.09.2017 क्र. 208 दि. 17.01.2018 द्वारा प्रशासकीय एवं वित्‍तीय स्‍वीकृति प्रदाय की गई है। उक्‍त आदेशों के विरूद्ध वित्‍तीय वर्ष 2022-23, 2023-24 एवं 2024-25 में छात्रावास एवं आश्रमों में सामग्री क्रय की गई है। आदेश की जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। (घ) जी नहीं। संबंधितों को कारण बताओं नोटिस जारी कर प्रतिवेदन चाहा गया है।

निवाड़ी जिले में वन सम्‍पदा नष्‍ट होना

[वन]

27. ( क्र. 1032 ) श्री नितेन्‍द्र बृजेन्‍द्र सिंह राठौर : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या निवाड़ी जिला पूर्व से ही वन सम्‍पदा एवं सागौन से परिपूर्ण सुरक्षित वन क्षेत्र है?  (ख) क्‍या प्रश्‍नांश (क) में वर्णित सागौन के जंगल की कटाई एवं रिजर्व फारेस्‍ट की जमीन पर अवैध कब्‍जा किया जा रहा है? (ग) क्‍या प्रश्‍नांश (ख) में वर्णित सागौन की अवैध कटाई एवं रिजर्व वन क्षेत्र में अवैध खेती करने वालों के विरूद्ध यथोचित कार्यवाही एवं जमीनी फसलों को कुर्क किया जायेगा? (घ) उक्‍त कटाई क्‍यों हो रही है? (ड.) खाली जमीन अथवा वन कटाई के क्षेत्र में पुन: पौधारोपण हेतु शासन की कोई योजना है? यदि हाँ तो कब तक एवं कब-कब उक्‍त क्षेत्र में पौधारोपण किया गया अथवा किया जायेगा?

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) उत्तरांश () के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश () के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ड.) उत्तरांश '' '' एवं '' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

तेन्दूपत्ता संग्राहकों को सुविधाएं

[वन]

28. ( क्र. 1042 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) तेन्दूपत्ता संग्राहकों को विभाग द्वारा क्या-क्या सुविधायें प्रदाय की जाती हैं? तेन्दूपत्ता संग्राहकों के कल्याणार्थ योजनाओं के संबंध में शासन/विभाग के क्या-क्या निर्देश हैं? उनकी प्रति दें।             (ख) सिवनी जिले में 01 जनवरी 2018 से 01 अप्रैल 2024 तक की अवधि में कितने व कौन-कौन से तेन्दूपत्ता संग्राहकों की मृत्यु हुई है? किन-किन के प्रकरण बीमा कंपनी को भेजे गए? किन-किन के नहीं? प्रकरणवार कारण सहित बतावें। (ग) बीमा कंपनी तथा विभाग के पास ऐसे कितने प्रकरण कब से लंबित हैं? इन प्रकरणों का निराकरण कब तक होगा? (घ) जिले में उल्लेखित अवधि में कहाँ-कहाँ तेन्दूपत्ता बोनस का वितरण नहीं हुआ है तथा क्यों? कब तक कर दिया जावेगा?

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) वर्तमान में तेन्दूपत्ता संग्राहकों के लिए प्रोत्साहन पारिश्रमिक (बोनस), एकलव्य शिक्षा योजना, मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल-2.0) योजना 2022, मुख्यमंत्री चरण पादुका योजना के अनुसार सुविधाएं प्रदान की जाती है। दिनांक 26 मार्च 2018 से तेन्दूपत्ता संग्राहकों के कल्याण के लिए ''मुख्यमंत्री तेन्दूपत्ता संग्राहक कल्याण सहायता योजना'' लागू थी। यह योजना दिनांक 16.09.2021 से संबल योजना में सम्मिलित की गई है। योजनाओं के संबंध में शासन/विभाग के निर्देशों की प्रति पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। (ख) सिवनी जिले के वनोपज सहकारी यूनियन मर्यादित, दक्षिण सिवनी में 01 जनवरी 2018 से 01 अप्रैल 2024 की अवधि में 928 तेन्दूपत्ता संग्राहकों की मृत्यु हुई है एवं इसी अवधि में जिला वनोपज सहकारी यूनियन मर्यादित, उत्तर सिवनी में 449 तेन्दूपत्ता संग्राहकों की मृत्यु हुई है। दिनांक 01 जनवरी 2018 से दिनांक 16 सितम्बर 2021 तक की अवधि में जिला यूनियन दक्षिण सिवनी में 708 मृत तेन्दूपत्ता संग्राहकों एवं जिला यूनियन उत्तर सिवनी से 109 मृत तेन्दूपत्ता संग्राहकों के प्रकरण बीमा कंपनी को भेजे गए थे। जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-दो एवं तीन अनुसार है। दिनांक 19 सितम्बर 2021 से दिनांक 01 अप्रैल 2024 तक की अवधि में जिला यूनियन दक्षिण सिवनी में 218 मृत तेन्दूपत्ता संग्राहकों का एवं जिला यूनियन उत्तर सिवनी में 340 मृत तेन्दूपत्ता संग्राहकों का पंजीयन संबल योजना के अंतर्गत किया गया है। जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-चार एवं पांच अनुसार है। (ग) बीमा कंपनी के पास कोई प्रकरण लंबित नहीं है। संबल योजना के अंतर्गत जिला यूनियन दक्षिण सिवनी के 61 प्रकरण एवं जिला यूनियन उत्तर सिवनी के 133 प्रकरण  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-छः एवं सात अनुसार विभिन्न दिनांकों से लंबित है। प्रकरणों का निराकरण किया जा रहा है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जिला लघु वनोपज सहकारी यूनियन मर्यादित, दक्षिण सिवनी एवं उत्तर सिवनी में  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-आठ अनुसार तेन्दूपत्ता बोनस का वितरण नहीं हुआ है। तेन्दूपत्त्ता क्रेताओं के क्रय मूल्य की चारों किश्तें जमा नहीं होने के कारण बोनस का वितरण नहीं हुआ है। चारों किश्तों की राशि जमा होने पर बोनस का वितरण किया जाता है। संग्रहण वर्ष 2023 के लाभ की गणना की जा रही है। लाभ की गणना के उपरांत ही बोनस वितरण किया जाता है।

पशुपालकों से दूध क्रय का भाव

[पशुपालन एवं डेयरी]

29. ( क्र. 1136 ) डॉ. चिंतामणि मालवीय : क्या राज्‍य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पशुपालकों से दूध क्रय करने के भाव सहकारी समिति‍यों द्वारा कितने समय से नहीं बढ़ाए गए हैं? (ख) वर्तमान में पशुपालकों से सहकारी समिति‍यों द्वारा किस दर से दूध क्रय किया जा रहा है? (ग) वर्तमान में दूध का बाजार भाव क्या है? (घ) सहकारी समिति‍यों को पशुपालकों को उचित दर दिलाने की कब तक योजना है?

राज्‍य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) पशुपालकों से दूध क्रय करने के भाव दुग्‍ध संघों द्वारा समय-समय पर बढ़ाये जाते है। भोपाल तथा इन्‍दौर दुग्‍ध संघ द्वारा  1 अप्रैल 2024, उज्‍जैन तथा तथा बुंदेलखंड दुग्‍ध संघ द्वारा 11 जून 2024 तथा जबलपुर दुग्‍ध संघ द्वारा 1 जनवरी 2024 से पशुपालकों से दूध क्रय करने के भाव बढ़ाए गए हैं। ग्‍वालियर दुग्‍ध संघ द्वारा 21 अक्‍टूबर 2023 को दुग्‍ध क्रय दर निर्धारित की गई। (ख) दुग्‍ध संघवार जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट  पर है। (ग) वर्तमान में समस्‍त दुग्‍ध संघों की दुग्‍ध विक्रय दर निम्‍नानुसार है:- फुल क्रीम दूध रू. 64/- प्रति लीटर, स्‍टेण्‍डर्ड दूध रू. 58/- प्रति लीटर, टोण्‍ड दूध रू. 52/- प्रति लीटर, डबल टोण्‍ड दूध रू. 48/- प्रति लीटर (घ) दुग्‍ध संघों में दूध की क्रय दरों का निर्धारण दुग्‍धांचल में दूध की उपलब्‍धता, प्रतिस्‍पर्धी संस्‍थाओं को प्रभावशील दुग्‍ध दरों तथा दुग्‍ध संघ की लाभात्‍मकता को देखते हुए किया जाता है जो कि पशुपालकों हेतु दूध की उचित दर के अनुरूप है।

परिशिष्ट - "छ:"

फर्जी भुगतान का भौतिक सत्यापन

[वन]

30. ( क्र. 1139 ) डॉ. चिंतामणि मालवीय : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) उज्जैन, आगर मालवा, शाजापुर एवं ऐसे कई अन्य जिलों में जिनमें शून्य प्रतिशत वन क्षेत्र है उनके वन क्षेत्र की वृद्धि हेतु किसी प्रकार की कोई योजना या रोडमेप हैं? (ख) हरित राजमार्ग नीति अनुसार, मध्य प्रदेश में निकलने वाले समस्त राष्ट्रीय एवं राजकीय हाइवे में लाखों स्थनीय पारंपरिक पेड़-पौधों अंतराष्ट्रीय एवं बहुराष्ट्रीय निर्माण एजेंसी पेड़ काट कर निर्माण कार्य करती है (ग) हरित राजमार्ग नीति अनुसार छोटे, बड़े, मध्यम आकार के पेड़ जो स्थानीय हो उन्हें नहीं लगा कर कनेर, बोगन वेलिया लगती हैं और कुछ मार्ग जैसे देवास से ब्यावरा, शिवपुरी, तक कोई पेड़ नहीं है।             (घ) उज्जैन से देवास हाइवे तक पेड़ विहीन हाइवे है। योजना, प्रस्ताव एवं टेंडर की शर्तों में कार्य पूर्ण उपरांत पेड़ लगाना अनिवार्य है लेकिन बगैर पेड़ लगाए भी कंपनियों को करोड़ों का भुगतान भी पेड़ों के नाम पर हो गया है। (ड.) फर्जी भुगतान का भौतिक सत्यापन कर क्या दांडिक कार्यवाही की जाएगी।

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) वन वृत्त उज्जैन के उज्जैन, आगर-मालवा एवं शाजापुर जिलों में भौगोलिक क्षेत्रफल के विरूद्ध क्रमशः 0.69, 2.94 एवं 0.17 प्रतिशत वन क्षेत्र है। उपरोक्त जिलों में वन क्षेत्र की वृद्धि हेतु वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के अन्तर्गत स्वीकृत होने वाली परियोजनाओं से संबंधित प्रकरणों हेतु आवश्यक गैर वन भूमि प्राप्त की जाकर इन भूमियों पर क्षतिपूरक वनीकरण किया जाकर भूमियों को वन क्षेत्र के रूप में अधिसूचित किये जाने की कार्यवाही की गई है। (ख) वन वृत्त उज्जैन के रतलाम एवं मन्दसौर वन मण्डल अन्तर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग दिल्ली-बडोदरा-मुंबई 8 लाईन मार्ग निर्माण में प्रभावित वन भूमि पर स्थित क्रमशः 1787 एवं 523 एवं देवास वनमण्डल अन्तर्गत 02 प्रकरणों में 461 वृक्षों की कटाई, भारत सरकार एवं प्रदत्त अधिकारों के तहत जारी स्वीकृति अनुसार की गई है। (ग) वन वृत्त उज्जैन के वनमण्डलों के अन्तर्गत राष्ट्रीय एवं राजकीय राजमार्ग के मध्य अथवा किनारे किसी भी प्रकार का रोपण वन विभाग द्वारा नहीं किया गया है। (घ) एवं (ड.) उत्तरांश "ग" के तारतम्‍य में प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है।

स्‍वीकृत नल-जल योजना की जानकारी

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

31. ( क्र. 1178 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत जल जीवन मिशन योजना प्रारंभ से प्रश्‍न दिनांक तक कितनी नल-जल योजनायें स्‍वीकृत हुई? सूची देवें? (ख) प्रश्‍नांश (क) के अंतर्गत कौन कौन सी योजनायें पूर्ण हो गई हैं जिनमे हर घर में पानी पहुंचाया जा रहा है? ग्राम के नाम एवं कनेक्‍शन संख्‍या की जानकारी देवें? (ग) क्‍या महगवां परियट, बम्‍हनौदा, बम्‍हनौदी, बिहरिया, नरगवां, मोहास, इमलई, मोहनिया, घाना, सिहोरा, पडरिया, पिपरियाखुर्द, सहित अन्‍य 59 ग्रामों का काम अधूरा पड़ा है? यदि हाँ तो कब तक कार्य पूर्ण होगा एवं वाटर सप्‍लाई प्रारंभ होगी? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के अंतर्गत योजनावार निविदा समाप्ति की दिनांक के साथ ही की गई कार्यवाही की जानकारी देवें?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) 113 एकल ग्राम नल जल योजनाएं एवं 02 समूह जल प्रदाय योजनाएं क्रमश: पडवार-पडरिया समूह योजना एवं जबलपुर समूह योजना स्‍वीकृत हुईं हैं, जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है। (ख) एकल ग्राम नल-जल योजनाओं के अंतर्गत 63 योजनाएं पूर्ण हो गईं हैं, जिनसे हर घर में पेयजल प्रदाय किया जा रहा है, जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। समूह जल प्रदाय योजनाओं के अंतर्गत कोई भी योजना पूर्ण नहीं हुई है। (ग) प्रश्‍नांश में उल्लेखित ग्रामों में से 10 ग्रामों के कार्य पूर्ण एवं जल प्रदाय प्रारंभ किया जा चुका है, 48 ग्रामों के कार्य प्रगतिरत है तथा 01 योजना डिफेंस एरिया नो कंस्ट्रक्शन्स जोन होने के कारण कार्य नहीं किया जा सका है। प्रगतिरत 48 योजनांतर्गत 27 ग्रामों में जल प्रदाय प्रारंभ कर दिया गया है जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है(घ) प्रश्‍नांश (ग) के अंतर्गत योजनावार निविदा समाप्ति की दिनांक के साथ की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है।

पोस्‍ट मैट्रिक आदिवासी छात्रावास भवन का निर्माण

[अनुसूचित जाति कल्याण]

32. ( क्र. 1235 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) पोस्ट मैट्रिक आदिवासी छात्रावास अधारताल जबलपुर की वर्तमान में क्या स्थिति हैं? इसमें कितने छात्र निवासरत हैं? प्रदेश शासन ने नये छात्रावास भवन का निर्माण कराने हेतु कब कितनी राशि आवंटित की है? इस राशि का क्या उपयोग किया गया? यदि नहीं तो क्यों? (ख) प्रश्‍नांकित पोस्ट मैट्रिक आदिवासी छात्रावास भवन के निर्माण हेतु शासन ने कब कितनी राशि की प्रशासकीय स्वीकृति दी हैं? प्रस्तावित सर्व सुविधायुक्त छात्रावास भवन की मूल रूपरेखा क्या है? इसकी कुल लागत व अवधि क्या है? (ग) प्रश्‍नांकित आदिवासी छात्रावास भवन निर्माण का भूमि पूजन कब किसने किया था? इसका अभी तक निर्माण न कराने का क्या कारण है? क्या शासन इसकी जांच करवाकर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही कर इसका निर्माण कार्य कराना सुनिश्‍िचत करेगा?

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) पोस्‍ट मैट्रिक आदिवासी छात्रावास आधारताल जबलपुर वर्तमान में संचालित है। उक्‍त छात्रावास में 44 छात्र निवासरत है। नवीन भवन के निर्माण हेतु कोई राशि आवंटित नहीं की गई है, अत: राशि के उपयोग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्‍नांकित छात्रावास निर्माण हेतु मध्‍यप्रदेश शासन, जनजातीय कार्य विभाग का आदेश क्रमांक/एफ-3-3/2017/25-2/259 दिनांक 05-08-2020 द्वारा नवीन महाविद्यालय छात्रावास भवन निर्माण की स्‍वीकृति राशि रूपये 206.50 लाख प्रदाय की गई। आधारताल में पूर्व से 02 बालक छात्रावास जिनके भवन जर्जर स्थित में है को नवीन स्‍वीकृत भवन निर्माण सहित G+3 अनुसार एक ही स्‍थान पर निर्माण किया जाना प्रस्‍तावित किया गया है। उक्‍त भवन की लागत राशि रूपये 1191.23 लाख निर्धारित की गई, जिसकी संशोधित प्रशासकीय स्‍वीकृति प्रक्रियाधीन है। (ग) प्रश्‍नांकित पोस्‍ट मैट्रिक आदिवासी छात्रावास आधारताल का भूमि पूजन दिनांक 18.09.2022 को माननीय उप-राष्‍ट्रपति द्वारा किया गया है। कार्य की संशोधित प्रशासकीय स्‍वीकृति प्राप्‍त नहीं होने के कारण वर्तमान में कार्य अप्रारम्‍भ है। प्रश्‍नांश का शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

नवीन हैण्‍डपंप उत्‍खनन एवं नल-जल योजना

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

33. ( क्र. 1247 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला सिवनी अन्‍तर्गत विधान सभा केवलारी में विभाग द्वारा वर्ष 2019 से वर्ष 2023 तक कितने नवीन हैण्‍डपंप उत्‍खनन हेतु वित्तिय एवं भौतिक लक्ष्‍य कितना था और कितने नवीन हैण्‍डपंप उत्‍खनन किये गए?विकासखण्‍ड़वार जानकारी देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार दिये गये वित्‍तीय वर्ष में हैण्‍डपंप उत्‍खनन हेतु दिये गए भौतिक लक्ष्‍यों के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल हेतु व्‍यवस्‍था पूर्ण की जा सकेगी? यदि नहीं तो शासन द्वारा हैण्‍डपंप उत्‍खनन के लक्ष्‍यों को बढ़ाने की क्‍या कार्यवाही की जा रही है? (ग) क्‍या केवलारी विधानसभा क्षेत्र में स्‍थापित/स्‍वीकृत नलजल की भौतिक स्थिति क्‍या है? पूर्व में बंद नलजल योजनाओं को पुन: चालू करने के लिए विभाग द्वारा क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई है? (घ) क्‍या विधानसभा क्षेत्र केवलारी के अंतर्गत पूर्व में स्‍वीक्रत नल जल योजना दिनांक तक विभाग द्वारा कार्य पूर्ण न होने के कारण संबंधित ग्राम पंचायत को हस्‍तांतरित नहीं की गई है, उन्‍हें कब तक पूर्ण कर संबंधित ग्राम पंचायतों को हस्‍तांतरित कर दी जावेगी?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) नवीन हैण्डपंपों के लिए भौतिक लक्ष्य विधानसभावार नहीं, अपितु जिलेवार दिए जाते हैं, कार्यों के लिए वित्तीय लक्ष्य नहीं दिए जाते हैं। प्रश्‍नांकित अवधि में विधानसभा क्षेत्र केवलारी के अंतर्गत नवीन हैंडपंप उत्खनन की  जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है(ख) पेयजल व्यवस्था मात्र हैंडपंपों द्वारा उपलब्ध नहीं कराई जाती है, अपितु ग्रामीण क्षेत्रों में प्रचलित नीति के अंतर्गत नल-जल योजनाओं के क्रियान्वयन द्वारा भी पेयजल व्यवस्था किया जाना प्रावधानित है, जिले को जारी भौतिक लक्ष्य के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में आवश्यकतानुसार हैंडपंपों के कार्य किए जाते हैं, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) एकल ग्राम नल जल योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है, मध्यप्रदेश जल निगम द्वारा क्रियान्वित की जा रही समूह जल प्रदाय योजनाओं से संबंधित जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है(घ) स्वीकृत एकल ग्राम नलजल योजनाओं को पूर्ण कर ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित किए जाने की प्रक्रिया सतत् रूप से जारी है। क्रियान्वित की जा रही एकल ग्राम नलजल योजनाओं को पूर्ण किए जाने एवं संबंधित ग्राम पंचायत को हस्तांतरण किए जाने की निश्‍िचत तिथि बताया जाना संभव नहीं है, शेष  जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-04 अनुसार है।

जनजातीय कार्य विभाग की जानकारी

[जनजातीय कार्य]

34. ( क्र. 1264 ) श्री मधु भाऊ भगत : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संपूर्ण बालाघाट में कुल कितने छात्रावास है? विकासखंडवार, छात्र-छात्राओं की संख्या बताये? उक्त छात्रावासों में कौन-कौन से अधीक्षक/अधीक्षिका कार्यरत है? (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित छात्रावासों में कौन-कौन से छात्रावास भवन विहीन है? कौन से छात्रावास भवन क्षतिग्रस्त है तथा कितने छात्रावास अच्छी स्थिति में है? (ग) क्या जर्जर स्थिति वाले छात्रावास भवनों में कभी भी अनचाही दुर्घटना होने का भय है? उक्त भवनों को कब तक मरम्मत किया जावेगा एवं भवन विहिन छात्रावासों का भवन कब तक स्वीकृत कर निर्माण किया जावेगा? (घ) क्या अधीक्षकों के रिक्त पदों के अनुसार स्वीकृत पद कम है एवं अन्यत्र कर्मचारियों की सेवाएं अधीक्षक के रूप में ली जा रही है? यदि हाँ तो अधीक्षकों के पदों की भर्ती कब तक की जावेगी?

जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जिले में कुल 80 छात्रावास संचालित है। जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है(ख) जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है(ग) जी नहीं। जर्जर स्थिति वाले छात्रावास भवन नहीं है। भवनविहीन संस्‍थाओं के भवन निर्माण की स्‍वीकृति नियमानुसार उपलब्‍ध आवंटन की सीमा में प्राथमिकता अनुसार विभाग द्वारा की जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

जल-जीवन मिशन के कार्य

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

35. ( क्र. 1272 ) श्री प्रहलाद लोधी : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्तमान में पन्ना जिले में जल जीवन मिशन द्वारा कितनी योजनायें संचालित की जा रही हैं और कितनी योजनायें प्रस्‍तावित हैं? (ख) क्या पन्ना जिले की पवई विधान सभा अन्तर्गत तेंदुघाट पेयजल परियोजना जिसका उद्देश्‍य 158 ग्रामों में स्वच्छ पेयजल पहुँचाना था, का कार्य वर्ष 2022 तक पूर्ण होना था? यदि हाँ तो प्रश्‍न दिनांक तक अधिकतर ग्रामों में पेयजल सप्लाई का कार्य शुरू क्यों नहीं हो पाया है? समयावधि में कार्य पूर्ण न कर पाने पर ठेकेदार के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में क्षेत्र भ्रमण के दौरान मुझे जनता द्वारा उपयुक्त कार्य गुणवत्ता विहीन होने की शिकायतें प्राप्त हुई हैं। कई ग्रामों की टंकियों में रिसाव हो रहा है। यदि हाँ तो इसका दोषी कौन है? उपयुक्त कार्य का भौतिक सत्यापन किन अधिकारी द्वारा किया गया एवं गुणवत्ता विहीन कार्य के लिये अब तक किस-किस के विरूद्ध            क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में योजना का सर्वे कार्य ठीक से न होने के कारण कई गाँवों में पानी चढ़ नहीं पा रहा है? यदि हाँ तो सर्वे कार्य किन अधिकारियों के द्वारा किया गया है और गलत सर्वे के लिये उन अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाहियों की जा रही है?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) वर्तमान में पन्‍ना जिले में जल जीवन मिशन अंतर्गत 144 एकल ग्राम नल जल योजनाएं स्‍वीकृत कर क्रियान्वित/संचालित हैं, अन्‍य कोई एकल ग्राम नल जल योजना वर्तमान में प्रस्‍तावित नहीं है। इसके अतिरिक्‍त समूह जल प्रदाय योजनाओं के अंतर्गत 04 योजनाएं क्रमश: पवई बांध समूह जल प्रदाय योजना, मंझगाय बांध समूह जल प्रदाय योजना, पवई ब्‍यारमा समूह जल प्रदाय योजना एवं सिंघौरा-02 समूह जल प्रदाय योजना संचालित है, वर्तमान में नवीन कोई भी समूह योजना प्रस्‍तावित नहीं है। (ख) जी हाँ, जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) योजनांतर्गत कार्य के निरीक्षण हेतु एस.क्यू.सी. एवं टी.पी.आई. कंसलटेंसी नियुक्त है। कार्य गुणवत्ता युक्त किया गया है। टंकियों के रिसाव का सुधार कार्य कर दिया गया है। उपयुक्त कार्य का भौतिक सत्यापन एस.क्यू.सी. एवं टी.पी.आई. एवं जल निगम के अधिकारियों द्वारा किया गया। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है।

प्राथमिक वनोपज समितियां एवं उनके कार्य

[वन]

36. ( क्र. 1273 ) श्री प्रहलाद लोधी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले में कितनी प्राथमिक वनोपज समितियां संचालित है? इनके द्वारा विगत 5 वर्षों से प्रश्‍न दिनांक तक कितने-कितने कार्य कब-कब कितनी-कितनी लागत से कराये गये? यह राशियाँ किन-किन मदों से कब-कब प्राप्त हुई? मदवार समितिवार कार्यवार बताये? कार्य की भौतिक स्थितियाँ क्या है इसकी जानकारी भी उपलब्ध कराये। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में विगत 5 वर्षों में कराये गये कार्यों का भुगतान कब-कब, किन-किन के द्वारा कितनी राशि के किये गये विवरण समितिवार एवं समयवार देवें। इन कार्यों का सत्यपन कब-कब, किन-किन जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा किया गया?               (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में वन समितियों के द्वारा तेंदूपत्ता खरीदी के कार्य प्रश्‍नांश (क) की अवधि‍ अनुसार की गई का विवरण समितिवार देवें। तेंदूपत्ता खरीदी मद से प्राप्त बोनस राशि का उपयोग कब-कब कहाँ-कहाँ किया गया? समितिवार विस्तृत जानकारी बताये।

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) :(क) पन्ना जिले में जिला यूनियन दक्षिण पन्ना अंतर्गत 14 एवं जिला यूनियन उत्तर पन्ना अंतर्गत 21 कुल 35 प्राथमिक वनोपज समितियां संचालित हैं। इनके द्वारा विगत पांच वर्षों से प्रश्‍न दिनांक तक कराये गये कार्यों का विवरण जिला यूनियनवार जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-1 एवं 2 अनुसार है। (ग) जिला यूनियन दक्षिण पन्ना एवं उत्तर पन्ना में प्रश्‍नांश '' एवं '' के संदर्भ में प्राथमिक वनोपज समितियों के द्वारा तेन्दूपत्ता खरीदी के कार्य की जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-3 एवं 4 अनुसार है एवं तेन्दूपत्ता खरीदी मद से प्राप्त बोनस राशि का भुगतान तेन्दूपत्ता संग्राहकों को किया गया। जिसकी जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार है।

पाड्ल्‍या तालाब नागदा के जल व मिट्टी का प्रदूषित होना

[पर्यावरण]

37. ( क्र. 1298 ) डॉ. तेजबहादुर सिंह चौहान : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा नगर में केमिकल ट्रांसपोर्ट कम्‍पनी एवं केमिकल टेंकर्स घुलाई करने वालो के कारण रसायन युक्‍त पानी पाड्ल्‍या तलाब में जाकर मिलता है तो तलाब के पानी व मिट्टी को प्रदूषित करता है, नगर में यह कार्य अन्‍य स्‍थानों पर भी होता है जिससे उस क्षेत्र की मिट्टी व पानी के स्‍त्रोत प्रदूषित होते हैं। क्‍या इनके खिलाफ आज दिनांक तक कोई कार्यवाही की गई? जिससे पानी व मिट्टी को प्रदूषित होने से बचाया जा सके? (ख) क्‍या टेंकर्स घुलाई करने वाले लायसेंस शुदा है व निश्‍िचत मापदण्‍डों का पालन करते हैं? (ग) यदि नहीं तो इनके खिलाफ आज दिनांक तक कार्यवाही क्‍यों नहीं की गई? जबकि एकाध अवसर पर एक कर्मचारी की कार्य करते हुये मृत्‍यु भी हो गई(घ) भविष्‍य में शासन ऐसे लोगों के खिलाफ क्‍या कार्यवाही करेगा व कब तक कार्यवाही होगी?

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) मध्‍यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा नागदा नगर में केमिकल ट्रांसपोर्ट कम्‍पनी एवं केमिकल टेंकर्स धुलाई करने वाले संस्‍थानों के विरूद्ध जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1974 एवं वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के अंतर्गत मुख्‍य न्‍यायिक दंडाधिकारी, उज्‍जैन के न्‍यायालय में वाद दायर किये गये हैं। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। खण्‍ड चिकित्‍सा अधिकारी खचरौद से प्राप्‍त जानकारी के अनुसार विगत दो वर्षों में किसी व्‍यक्ति की केमिकल के द्वारा मृत्‍यु नहीं हुई है। (घ) उत्‍तरांश (क) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "सात"

अधूरी योजनाओं को पूर्ण किये जाने की कार्यवाही

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

38. ( क्र. 1301 ) डॉ. तेजबहादुर सिंह चौहान : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्र में जल जीवन मिशन के अन्तर्गत ग्रामों में पाइप-लाइन डालते समय क्षतिग्रस्त हुई सीमेन्ट कांक्रीट, सड़कों व नालियों को पूर्ववत रिपेयरिंग का काम ठेकेदारों को करना था, जो नहीं किया गया है। (ख) क्या इन ठेकेदारों के खिलाफ विभाग कार्यवाही करेगा एवं कब तक इन ग्रामों की सड़कों व नालियों को पूर्ववत मरम्मत करवाकर ठीक करवा दिया जावेगा? (ग) कई ग्रामों में योजना अधूरी पड़ी हैं। ठेकेदार काम छोड़कर चले गये हैं। कहीं पाइप-लाइन डालना, नल लगाना, बोर खनन कर मोटर डालने जैसे कार्य शेष हैं। शासन योजना पूर्ण करने की दिशा में क्या कार्यवाही करने वाला है?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) प्रश्‍नांकित क्षेत्र में जल-जीवन मिशन के अंतर्गत ग्रामों में पाइप-लाइन बिछाने/डालने के दौरान तोड़ी गई सीमेन्ट कांक्रीट सड़कों को पाइप-लाइन बिछाने के उपरांत समतल कर आवागमन योग्य किया जाता है, पाइप-लाइन की टेस्टिंग के पश्‍चात उक्त कार्य हेतु काटी कई कांक्रीट सड़क व नालियों को अनुबंध की शर्तों के प्रावधान अनुसार संबंधित ठेकेदार द्वारा मरम्मत/सुधार करके ठीक कराया जाता है, क्रियान्वित योजनाओं में यह एक सतत् प्रक्रिया है। योजना के कार्य पूर्ण किए जाने के दौरान उक्त सुधार कार्य कराए जा रहे हैं, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) पाइप-लाइन टेस्टिंग के उपरांत रोड रेस्टोरेशन का कार्य किया जा सकेगा। निश्‍िचत समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (ग) योजनाओं के कार्य प्रगतिरत हैं। जिन ठेकेदारों के द्वारा कार्य में लापरवाही की जा रही है, उनके विरुद्ध अनुबंध में निहित प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही की जाकर कार्यों को यथाशीघ्र पूर्ण करवाने के प्रयास किए जा रहे हैं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

पौधारोपण की जानकारी

[वन]

39. ( क्र. 1359 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक विधान सभा अम्‍बाह के वन परिक्षेत्र में पौधारोपण हेतु शासन से कोई बजट प्राप्‍त हुआ है? यदि हाँ तो कितनी राशि का बजट प्राप्‍त हुआ है?                    (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में विभागीय अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा कितने पौधे लगाये उनकी संख्‍या, स्‍थान का फोटो और उन पर व्‍यय की गई राशि की सम्‍पूर्ण जानकारी देवें। (ग) प्रश्‍नांश (क) व (ख) के संदर्भ में लगाये गये कितने पौधे जीवित हैं और कितने सूख गये पौधों के सूखने के दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई?

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक विधान सभा अम्‍बाह के वन परिक्षेत्र में पौधारोपण हेतु बजट प्राप्‍त नहीं हुआ है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

सहायक आयुक्त से वसूली

[जनजातीय कार्य]

40. ( क्र. 1380 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले में कार्यरत सहायक आयुक्त पर 50 लाख के घोटाले में मंत्रालय आदेश दिनांक 17.10.23 से 47.22 लाख वसूली के आदेश दिए गए थे यदि‍ हाँ, तो यह वसूली किस दिनांक को की गई यदि नहीं की गई तो क्यों क्या वसूली ब्याज सहित की जायेगी यदि‍ नहीं तो क्यों? (ख) क्या सहायक आयुक्त धार पर भ्रष्टाचार में अपराध क्र.4/17 धारा 409,420,34 में 09.05.2017 को गिरफ्तार कर न्यायि‍क अभिरक्षा में भेजा गया था यदि हाँ तो उक्त प्रकरण की अद्यतन स्थिति‍ से अवगत करावें तथा इनका निलंबन किस दिनांक को किसके आदेश से समाप्त हुआ तथा मंत्रालय के आदेश दिनांक 17.10.2023 के पूर्व से ये विभाग में सहायक आयुक्त के पद पर कार्य मध्यप्रदेश सिविल सेवा नियम 1966 के किस नियम से कर रहे है? (ग) जनजातीय बस्ती विकास योजना के तहत धार जिले की समस्‍त विधानसभाओं में 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक कुल कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई, उस राशि से क्या-क्या कार्य स्वीकृत कराए गए। कार्य का नाम,लागत राशि, पूर्णता एवं अपूर्णता की स्थिति के साथ विधानसभावार जानकारी देवें। धार जिले में वर्ष 2022-23 तथा 2023-24 में किस-किस मद में क्या-क्या खरीदी एक लाख से ज्यादा की गई उसके बिल की प्रतियां देवें। (घ) धार जिले में वर्ष 2023-24 में आवंटित राशि से कार्य स्वीकृत करने हेतु किन-किन जनप्रतिनिधि‍यों से प्रस्ताव लिए गए। जनप्रतिनिधि‍यों द्वारा दिए गए प्रस्तावों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। क्या जनप्रतिनिधि‍ से अनुमोदन होने के बाद भी उक्त वर्ष की राशि आवंटित नहीं की गई।

जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ, विभागीय आदेश दिनांक 17.10.2023 से रूपये 47,21,881/- मात्र वसूली का आदेश जारी किया गया है। जिसके विरूद्ध माह फरवरी 2024 तक राशि रूपये 40 हजार वसूल कर ली गयी है। उक्‍त वसूली आदेश के विरूद्ध अपचारी अधिकारी श्री बृजकांत शुक्‍ला ने माननीय उच्‍च न्‍यायालय में याचिका क्रमांक 5213/2024 दायर की गयी। जिस पर माननीय उच्‍च न्‍यायालय के आदेश दिनांक 15.03.2024 से राशि वसूली पर स्‍थगन दिया गया है। इस कारण से वसूली रूकी हुई है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ, थाना खालवा, जिला खण्‍डवा में अपराध क्रमांक 4/17 धारा 409, 420, 34 भादवि का पंजीबद्व होकर दिनांक 09.05.2017 को आरोपी श्री बृजकांत शुक्‍ला पिता रामेश्‍वर दयाल शुक्‍ला उम्र-52 निवासी बृजेश्‍वरी एन एयंस बंगाली चौराहा के पास विजय नगर इंदौर को गिरफ्तार कर माननीय न्‍यायालय के समक्ष प्रस्‍तुत किया गया। जिसमें न्‍यायालय द्वारा न्‍यायिक अभिरक्षा में भेजा गया। प्रकरण की विवेचना पूर्ण कर चालानकर्ता किया गया। श्री शुक्‍ला के विरूद्ध विभाग में अभियोजन स्‍वीकृति का प्रस्‍ताव प्राप्‍त होने पर आग्रिम कार्यवाही की जावेगी। श्री बृजकांत शुक्‍ला को विभागीय आदेश दिनांक 07.03.2020 द्वारा निलंबन से बहाल कर कार्यालय सहायक आयुक्‍त इंदौर में क्षेत्र संयोजक के रिक्‍त पद पद पदस्‍थ करते हुए लेख किया गया कि निलंबन अ‍वधि का निराकरण माननीय न्‍यायालय द्वारा पारित आदेश के उपरांत पृथक से किया जायेगा। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय  में रखे  परिशिष्‍ट '''' एवं '''' अनुसार  है। (घ) धार जिला अंतर्गत वर्ष 2023-24 में प्राप्‍त आवंटन से स्‍वीकृत कराये जाने वाले कार्यों के प्रस्‍ताव जिले के समस्‍त प्रतिनिधियों से चाहे गये थे। प्रस्‍तावों की छायाप्रति  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है जनप्रतिनिधियों से प्राप्‍त प्रस्‍तावों की स्‍वीकृति संबंधी कार्यवाही की गई थी किन्‍तु विधानसभा चुनाव 2023 की आचार संहिता लागू हो जाने से जनप्रतिनिधियों द्वारा दिये गये प्रस्‍तावों से कार्यों का चयन नहीं कराया जा सका। विधानसभा चुनाव 2023 की आचार संहिता समाप्ति उपरांत पुन: जिला स्‍तरीय नवीन समिति का गठन किया गया, किन्‍तु जिले के प्रभारी मंत्री नामित नहीं होने से कार्यों की स्‍वीकृति जारी नहीं हो सकी और कार्यों की राशि आवंटित नहीं की गई।

ग्रामों में स्वीकृत ग्रामीण नल-जल प्रदाय योजना

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

41. ( क्र. 1385 ) श्री इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या विधानसभा क्षेत्र नरयावली के सागर एवं राहतगढ़ विकासखंड में विभाग द्वारा 75 ग्राम व ग्राम पंचायतों में ग्रामीण नल-जल योजना से प्रशासकीय स्वीकृति प्रदाय की गई थी? यदि हाँ तो विस्तृत जानकारी देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में स्वीकृत ग्रामीण नल-जल प्रदाय योजना में प्रश्‍न दिनांक तक विभाग ने योजना के क्रियान्वयन के संबंध में क्या-क्या और कब-कब कार्यवाही की। प्रत्येक ग्राम की वास्तविक/अद्यतन स्थिति से अवगत करायें। (ग) प्रश्‍नांश (क) में स्वीकृत किन-किन ग्रामों में ग्रामीण नल-जल प्रदाय योजना संचालित/ग्रामवासियों को पेयजल उपलब्ध हो रहा ह? (घ) यदि प्रश्‍नांश (क) में स्वीकृत योजनाओं की स्वीकृति वर्ष-2021 में की गई थी एवं 75 स्वीकृत ग्रामीण नलजल प्रदाय योजना से अधिकांश योजनाएं/बंद है/कार्यपूर्ण नहीं हुआ है/स्त्रोत स्थापित नहीं हुए/पाइप-लाइन विस्तार का कार्य नहीं हुआ है आदि कारणों से नलजल योजनाएं अपूर्ण पड़ी हैं? तो कौन जिम्मेदार है? क्या विभाग दोषी अधिकारियों/ कर्मचारियों/कार्य एजेन्सी के विरूद्ध कार्यवाही करेगा, तो कब तक?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी नहीं, अपितु जल जीवन मिशन अंतर्गत 80 ग्रामों के लिए एकल ग्राम नल जल योजनाएं स्‍वीकृत की गईं हैं तथा इसके अतिरिक्‍त 04 समूह जल प्रदाय योजनाएं जिनमें प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र के 156 ग्राम भी सम्मिलित हैं, स्‍वीकृत की गई हैंविस्‍तृत जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01, 02 एवं 03 अनुसार है(ख) जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01, 02 एवं 03 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 03 अनुसार है। (घ) प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 80 एकल ग्राम नल-जल योजनाएं स्वीकृत की गई, जिनमें से वर्तमान में 46 पूर्ण, 32 प्रगतिरत एवं 02 अप्रारम्भ हैं तथा 04 समूह जल प्रदाय योजनाओं के कार्य प्रगतिरत हैं। प्रगतिरत योजनाओं को विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों/निर्माण एजेंसियों द्वारा शीघ्र पूर्ण कराये जाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं, कार्य पूर्ण होने के उपरांत विलंब के लिए अनुबंध की शर्तों के अंतर्गत कार्यवाही की जाएगी, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

घोड़ारोज और जंगली सूअर द्वारा किसानों की फसलों को नुकसान

[वन]

42. ( क्र. 1389 ) श्री कालु सिंह ठाकुर : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) क्या धार जिले में धरमपुरी विधानसभा और अन्य क्षेत्र में विगत कई वर्षों से अत्यधिक संख्या में घोड़ारोज और जंगली सूअर द्वारा किसानों की फसलों का प्रतिवर्ष भारी मात्रा में नुकसान किया जाता है? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार यदि हाँ तो सरकार द्वारा उक्त समस्या के निराकरण हेतु क्या प्रयास किये जा रहे है? (ग) क्या किसानों और जनप्रतिनिधि द्वारा घोड़ारोज को बेहोश कर वन्य अभयारण्य में छोड़ने और नर घोड़ारोज की नसबंदी हेतु शासन को अवगत कराया गया था?                 (घ) यदि हाँ तो क्‍या विभाग द्वारा कार्यवाही की गई है? यदि हाँ तो क्या कार्यवाही की गई है और यदि नहीं तो कार्यवाही कब तक की जावेगी?

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) वनमंडल धार अंतर्गत धरमपुरी विधान सभा एवं अन्‍य क्षेत्रों में विगत वर्षों में घोड़ारोज द्वारा किसानों की फसलों के नुकसान करने संबंधी सी.एम. हेल्‍पलाईन शिकायतें प्राप्‍त हुई हैं। (ख) मध्‍यप्रदेश शासन, वन विभाग की अधिसूचना क्रमांक-22/ 285/99/10/2, दिनांक 31.05.2000 से फसल हानि करने वाली नीलगायों एवं वन विभाग की अधिसूचना क्रमांक-एफ/22/285/99/10-2, दिनांक 29.10.2003 से जंगली सूअरों के आखेट की अनुमति जारी करने हेतु समस्‍त जिलों के उपखंडाधिकारी राजस्‍व को प्राधिकृत अधिकारी घोषित किया गया है। वन्यप्राणी द्वारा किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाये जाने पर सहायता राशि का भुगतान यथा संशोधित राजस्‍व पुस्‍तक परिपत्र खण्‍ड छ: क्रमांक-4 के प्रावधानों के तहत किया जाता है। वन्‍यप्राणियों द्वारा जनहानि/जनघायल/पशुहानि/पशुघायल करने पर शासन द्वारा निर्धारित क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान प्रभावित लोगों को किया जाता है। प्रावधानों की जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। वनमंडल धार अंतर्गत किसान संगठन कुक्षी एवं किसान कांग्रेस कमेटी मध्‍यप्रदेश द्वारा नीलगाय को पकड़कर अन्‍यत्र स्‍थान पर छोड़ने हेतु आवेदन दिया गया है। (घ) पायलट आधार पर प्रायोगिक तौर पर शाजापुर जिले में 100 नीलगाय को पकड़कर अन्‍यत्र स्‍थानांतरित करने हेतु अनुमति जारी हुई है। कार्यवाही आगामी शीतऋतु में प्रस्‍तावित है। उक्‍त प्रयोग से परिणाम के गुण-दोष के आधार पर ही कार्यवाही संभव होगी।

पक्‍की सड़क का निर्माण

[वन]

43. ( क्र. 1404 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) प्रदेश में जनवरी 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक कब-कब, कौन-कौन से वन ग्रामों को विभाग द्वारा राजस्‍व ग्राम घोषित किए गए हैं? कृपया उन ग्रामों के नाम, तहसील एवं जिला सहित जानकारी प्रदाय करें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के आधार पर ऐसे टीकमगढ़ जिले के राजस्‍व ग्रामों के नाम बताएं जिन ग्रामों में जाने हेतु वन के रास्‍ते से होकर जाना पड़ता है और प्रश्‍न दिनांक तक उन ग्रामों में पहुंचने हेतु लोक निर्माण विभाग द्वारा पक्‍की सड़क बनाए जाने हेतु ग्रामीणों द्वारा पुरजोर मांग की जा रही है? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के आधार पर टीकमगढ़ जिले के जतारा मऊरानीपुर मार्ग से ग्राम आलपुर तक का जो मार्ग कच्‍चा है, लोक निर्माण विभाग द्वारा पक्‍की सड़क बनाए जाने हेतु शासन की क‍ितनी राशि व्‍यय होगी और कब तक? प्राक्‍कलन एवं तकनीकी स्‍वीकृति विभाग करके कब तक विभाग शासन से राशि स्‍वीकृत करवाने का प्रस्‍ताव भेजकर राशि स्‍वीकृत करने मांग पत्र भेजेगा? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर निश्‍िचत समय सीमा सहित बताएं कि कब तक वन विभाग उपरोक्‍त सड़क आलपुर तक बनाएं जाने हेतु स्‍वीकृति देगा एवं ग्राम आलपुर तक पक्‍की सड़क निर्माण कार्य प्रारंभ लोक निर्माण विभाग टीकमगढ़ द्वारा करवा दिया जावेगा?

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) प्रश्‍नांकित अवधि में वनग्रामों को राजस्‍व ग्राम घोषित नहीं किया गया है, अपितु अनुसूचित जनजाति और अन्‍य परम्‍परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्‍यता) अधिनियम, 2006 की धारा 3- (1) (ज) के तहत वनग्रामों को राजस्‍व ग्रामों में सम्‍परिवर्तन की कार्यवाही नोडल जनजातीय कार्य विभाग से जारी दिशा-निर्देशों के तहत प्रदेश स्‍तर पर जिला कलेक्‍टर द्वारा 790 ग्रामों की आदेश/अधिसूचना जारी की गई है। विवरण  पुस्‍तकालय  में रखें परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) उत्‍तरांश '''' के आधार पर टीकमगढ़ जिले में पनियाराखेरा ग्राम है, इस ग्राम में जाने हेतु वन के रास्‍ते जाना पड़ता है। लोक निर्माण विभाग को पक्‍की सड़क बनाने हेतु कोई मांग पत्र प्राप्‍त नहीं है। (ग) प्रश्‍नाधीन मार्ग को पक्‍का करने हेतु वर्तमान में लोक निर्माण विभाग की किसी योजना में न तो प्रस्‍तावित है और न ही स्‍वीकृत है, अत: प्रश्‍नांश के शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्‍तरांश '''' एवं '''' के तारतम्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

अनुसूचित जनजाति के छात्रों को लंबित स्कालरशि‍‍प का प्रदाय

[जनजातीय कार्य]

44. ( क्र. 1406 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी [श्री प्रताप ग्रेवाल] : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश के अनुसूचित जाति और जनजाति के 80 प्रतिशत में अधिक विद्यार्थियों को विगत दो वर्षों से स्कॉलरशिप नहीं मिली है? क्या अनुसूचित जाति जनजाति विभाग द्वारा एमपीटॉस पोर्टल के माध्यम से एससी एसटी की स्कॉलरशिप मंजूर करने की प्रक्रिया में काफी जटिलता होने के कारण इन विद्यार्थियों के स्कॉलरशिप के प्रकरण लंबित है? क्या सरकार स्कॉलरशिप की प्रक्रिया में जटिलताओं को सरल करेगी ताकि इन विद्यार्थियों को समय पर स्कॉलरशिप मिल सके और उनकी पढाई में बाधा न आये  तथा लंबित स्कॉलरशिप का भुगतान कब तक होगा?

जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। छात्रवृत्ति स्‍वीकृति/भुगतान की प्रक्रिया निरंतर जारी है।

विभागीय संरचना एवं किये गये कार्यों की जानकारी

[वन]

45. ( क्र. 1442 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. वन विभाग अंतर्गत म.प्र. राज्य वन विकास निगम की विभागीय संरचना क्या है? वन विभाग के अंतर्गत कौन-कौन सी अर्द्धशासकीय एवं अशासकीय संस्थाऐं सम्मिलित हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में वर्ष 2022 से प्रश्‍नांकित अवधि तक प्रदेश सरकार द्वारा म.प्र. राज्य वन विकास निगम को वर्षवार कितनी-कितनी राशि, किस-किस कार्य हेतु आवंटित की गई है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में विदिशा जिला अन्तर्गत आने वाले वनमण्डलों के उपवन मण्डल क्षेत्रों हेतु कितनी-कितनी राशि किन-किन कार्यों एवं पौध रोपण/वृक्षारोपण एवं अन्य विकास कार्य तथा योजनाओं हेतु कब-कब राशि उपलब्ध करवाई गई है? (घ) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में उक्त आवंटित राशि में से कौन-कौन से कार्य कराये गए है? कितनी-कितनी हेक्टेयर भूमि में प्लांटेशन/पौध रोपण/वृक्षारोपण एवं हितग्राही मूलक कार्य कराये गए है? क्या कराये गए कार्यों का वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया गया है? यदि हाँ, तो किन तिथियों में एवं किन-किन अधिकारियों द्वारा किया गया? वर्षवार जानकारी दें। क्या निरीक्षण के उपरांत कमियां पाई? कौन दोषी पाये गये? दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं की गई, तो कब-तक की जावेगी? (ङ) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में प्रश्‍नकर्ता द्वारा विगत दो वर्षों में प्रेषित कौन-कौन से पत्र जो म.प्र. राज्‍य वन विकास निगम के किन-किन अधिकारियों को प्राप्त हुए? उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? कृत कार्यवाही से प्रश्‍नकर्ता को कब-कब अवगत कराया गया? यदि कार्यवाही नहीं की गई, तो इसके लिए दोषी कौन है? दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई? कब-तक पत्रों पर कार्यवाही करके समस्या तथा शिकायतों का निराकरण कब-तक किया जावेगा?

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) म.प्र. राज्‍य वन विकास निगम की विभागीय संरचना  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-1 में है। वन विभाग के अंतर्गत अर्द्धशासकीय एवं अशासकीय संस्‍थाओं की जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-2 में है। (ख) म.प्र. राज्‍य वन विकास निगम को प्रदेश सरकार से कैम्‍पा मद में राशि प्राप्‍त हुई है। कार्यों की जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-3 में है। (ग) प्रदेश सरकार से विदिशा-रायसेन परियोजना मंडल भोपाल को कैम्‍पा मद में प्राप्‍त राशि से विदिशा रायसेन परियोजना मंडल द्वारा विदिशा जिले में वर्ष 2022 से कराये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-3 में है। (घ) प्रदेश सरकार से विदिशा-रायसेन परियोजना मंडल भोपाल द्वारा कैम्‍पा मद अंतर्गत विदिशा जिले में वर्ष 2022 से कराये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-4 में है तथा अधिकारियों द्वारा किये गये निरीक्षण की जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-5 में है। निरीक्षण के उपरांत कोई कमी नहीं पाई गई। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थि‍त नहीं होता। (ड.) प्रश्‍नकर्ता द्वारा इस कार्यालय को किसी भी प्रकार का पत्र प्राप्‍त नहीं हुआ है। अत: कार्यवाही किये जाने का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

जल-जीवन मिशन अंतर्गत नल-जल योजनाओं की जानकारी

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

46. ( क्र. 1445 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2020 से प्रश्‍नांकित अवधि तक विदिशा जिले अंतर्गत लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, समूह नल-जल योजना एवं जल-जीवन मिशन अंतर्गत कौन-कौन सी योजना एवं परियोजनाएं संचालित हैं तथा स्वीकृत हैं? ग्राम का नाम, लागत, निविदा, तकनीकी स्वीकृति, प्रशासकीय स्वीकृति, कार्य आदेश दिनांक, कार्य पूर्ण दिनांक, कार्य एजेन्सी का नाम सहित विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में जल-जीवन मिशन से  नल-जल योजना विदिशा जिले में कौन-कौन से ग्रामों में स्वीकृत है? ग्राम का नाम, कार्य की लागत, कार्य आदेश दिनांक, कार्य पूर्णतः दिनांक सहित विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करावें। समूह नल-जल योजना से विदिशा जिले के कौन-कौन से ग्राम वंचित है? इन ग्रामों की योजना कब-तक बना ली जावेगी तथा पात्र होने के बाद भी ग्राम के वंचित रहने के लिए दोषी कौन हैं? दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो कब-तक की जावेगी? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में उक्त योजनाओं का निरीक्षण किन-किन अधिकारियों ने कब-कब किया? क्या कमियां पाई गई? ठेकेदारों, अधिकारी/कर्मचारी पर क्या कार्यवाही की गई एवं ठेकेदारों को कितना-कितना, कब-कब राशि का भुगतान किया गया बतावें। (घ) जल जीवन मिशन से स्वीकृत नल-जल योजनाओं की गुणवत्ता की जांच टीम (समिति) गठित कर कब तक करवाई जावेगी? समय-सीमा बतावें यदि नहीं तो क्यों? (ङ) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में नल-जल योजना से संबंधित गुणवत्ताविहीन कार्य, अवैध भुगतान, मूल्यांकन से अधिक भुगतान की शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ तो उन पर क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो इसके लिए दोषी कौन है? दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी? बतावें तथा शिकायतों का निराकरण कब तक कर दिया जावेगा?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) एकल ग्राम नल-जल योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01  एवं समूह जल प्रदाय योजनाओं एवं ग्रामों की जानकारी  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02  एवं 03 अनुसार है(ख) एकल ग्राम नल-जल योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं समूह जल प्रदाय योजनाओं एवं ग्रामों की जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 एवं 03 अनुसार है। समूह नल-जल योजनाओं से विदिशा जिले का कोई भी ग्राम वंचित नहीं है, अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) एकल ग्राम नल-जल योजनाओं के निरीक्षण की जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-04  एवं समूह जल प्रदाय योजनाओं के निरीक्षण की जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-05 अनुसार है। एकल ग्राम नल-जल योजनाओं वाले ठेकेदारों पर की गई कार्यवाही की  जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-06  अनुसार है। एकल ग्राम नल-जल योजनाओं वाले ठेकेदारों को किये गये भुगतान की जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-07 अनुसार एवं समूह जल प्रदाय योजना वाले ठेकेदारों को किये गये भुगतान की जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-08 अनुसार है(घ) एकल एवं समूह जल प्रदाय योजनाओं में गुणवत्ता का पर्यवेक्षण मैदानी अधिकारियों तथा तृतीय पक्ष निरीक्षण संस्थाओं की सहायता से सतत् रूप से किया जाता है, अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) जी हाँ। नल-जल प्रदाय योजनाओं की गुणवत्ता की जांच कार्यपालन यंत्री द्वारा समय-समय पर की गई है इसके अतिरिक्त थर्ड पार्टी (टी.पी.आई.) द्वारा भी गुणवत्ता की जांच लगातार की जाती है। सामग्री की गुणवत्ता की जांच शासन द्वारा निर्धारित एजेन्सियों के माध्यम से कराई गई है। कोई भी कार्य गुणवत्ताविहीन नहीं कराया गया है, किसी भी ठेकेदार को अवैध भुगतान नहीं किया गया, किसी कार्य का मूल्यांकन अधिक नहीं किया गया। अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

खाद्यान्‍न वितरण में अनियमितता

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

47. ( क्र. 1470 ) श्री नीरज सिंह ठाकुर : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) बरगी विधानसभा क्षेत्र में उचित मूल्य की कितनी राशन दुकानें ग्रामवार संचालित हैं? इन राशन दुकानों से दुकानवार कितने-कितने बी.पी.एल., ए.पी.एल. राशन कार्ड संलग्न हैं? समिति/सेल्समैन की जानकारी दुकानवार दें? (ख) विधानसभा क्षेत्र की कितनी एवं कौन-कौन सी दुकानों से अन्य ग्राम के उपभोक्ता जुडे हैं? अन्य ग्राम की राशन दुकानों पर उपभोक्ताओं को अधिक दूरी तय कर राशन लेने आना पड़ता है? राशन दुकान वार जानकारी दें? (ग) खाद्यान वितरण में अनियमितता, निर्धारित समय/दिन पर राशन दुकान नहीं खुलने की शिकायतें कितने दुकानों के विरूद्ध लम्बित हैं? दुकानवार बताएं?

खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र में उचित मूल्‍य की दुकानें ग्रामवार संचालित नहीं है। मध्‍यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश, 2015 के प्रावधान अनुसार प्रत्‍येक ग्राम पंचायत में उचित मूल्‍य दुकान संचालित करने के प्रावधान है। प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र की दुकानों के विक्रेता एवं संलग्‍न कार्डों परिवारों की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अनुसार है। राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 लागू होने के पश्‍चात एपीएल राशन कार्डों का प्रावधान नहीं है। (ख) अन्‍य ग्रामों के उपभोक्‍ताओं को राशन दुकान वाले ग्रामों में राशन लेने जाना होता है। जिसकी उचित मूल्‍य दुकानों से संलग्‍न ग्रामों एवं दूरी की  जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट 'अनुसार है। (ग) खाद्यान्‍न वितरण में अनियमितता एवं निर्धारित समय तथा दिन पर राशन दुकान नहीं खुलने संबंधी कोई शिकायत लंबित नहीं है। शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थि‍त नहीं होता है।

गृह जिले में पदस्थापना के नियम

[वन]

48. ( क्र. 1471 ) श्री नीरज सिंह ठाकुर : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) प्रदेश में रेंजर/डिप्टी रेंजर/एस.डी.ओ./फॉरेस्ट स्तर के अधिकारी/कर्मचारी के गृह जिले में पदस्थापना के क्या नियम हैं? (ख) जबलपुर जिले में रेंजर/डिप्टी रेंजर/एस.डी ओ./फॉरेस्ट स्तर के अधिकारी/कर्मचारी के पद पर गृह जिले में कौन-कौन से अधिकारी/कर्मचारी कब से पदस्थ हैं? पद स्थापना की स्थानवार जानकारी दें? (ग) जबलपुर जिले में विगत 3 वर्षों में किये गये वृक्षारोपण उस पर व्यय की जानकारी रेंजवार दें? जिले में जल संवर्धन हेतु कितने स्टॉप डैम, जल संरचनाओं का निर्माण कितनी-कितनी राशि से कराया गया? रोपण किये गये कितने प्रतिशत वृक्ष सूख गये हैं?

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) वर्तमान में प्रदेश में राज्‍य एवं जिला स्‍तर पर अधिकारियों/कर्मचारियों की स्‍थानांतरण नीति वर्ष 2021-2022 के प्रावधान लागू है। उक्‍त नीति की कण्डिका 29 में उल्‍लेखित है कि किन्‍हीं भी कार्यपालिक कर्मचारियों/अधिकारियों को उनके गृह जिले में स्‍थानांतरण के द्वारा अथवा पदोन्‍नति की स्थिति में सामान्‍यत: पदस्‍थ नहीं किया जाए, किन्‍तु अविवाहित, विधवा, तलाकशुदा, परित्‍यक्‍ता महिलाओं के प्रकरणों में उनके गृह जिले में स्‍थानांतरण किया जा सकेगा। (ख) जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-2 एवं 3 अनुसार है।

बड़वानी जिले में जल-जीवन मिशन कार्यों की जानकारी

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

49. ( क्र. 1477 ) श्री बाला बच्चन : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रकरण क्रमांक 920 दिनांक 11.07.2023 में वर्णित समस्‍त कार्यों की अद्यतन स्थिति देवें। कार्य नाम, स्‍थान नाम, कार्य प्रारंभ दिनांक, कार्य पूर्ण/अपूर्ण/प्रगतिरत देवें। भुगतान राशि, भुगतान दिनांक सहित देवें। वर्ष 2022 के बाद जिन्‍हें भुगतान नहीं किया है उनकी सूची कार्यवार देवें। (ख) उपरोक्‍त कार्यों में जो पूर्ण हो गये हैं उनसे कितने घरों में जल सप्‍लाय हो रही है कार्यवार, ग्राम नाम सहित संख्‍या देवें। प्रत्‍येक ग्राम के कुल घरों की संख्‍या भी साथ में देवें।            (ग) कार्यालय लोक स्‍वा.यांत्रिकी खण्‍ड बड़वानी का आदेश क्रमांक 23 बड़वानी दिनांक 15.07.2023 में गठित जांच दल के प्रतिवेदन की प्रमाणित प्रति देवें। इस पर की गई कार्यवाही से अवगत करावे। (घ) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित जो कार्य प्रगतिरत/अपूर्ण हैं वे कब तक पूर्ण होंगे? ऐसे कार्यों में विलंब के उत्‍तरदायी निर्माण एजेंसियों पर कब तक कार्यवाही होगी? इनसे संबंधित अधिकारियों को शासन कब तक दण्‍डित करेगा?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01, 02, 03 एवं 04 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-05 अनुसार है(ग) गठित जांच दल द्वारा जांच की कार्यवाही अभी पूर्ण नहीं हुई है, जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर गुणदोष के आधार पर कार्यवाही की जाती है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।               (घ) निश्‍िचत तिथि बताया जाना संभव नहीं है। कार्यों में विलम्ब के लिए उत्तरदायी निर्माण एजेंसियों पर अनुबंध के प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही की जाती है, जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-06 अनुसार है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

अनुसूचित जाति हितग्राहियों को आर्थिक सहायता की स्वीकृति

[अनुसूचित जाति कल्याण]

50. ( क्र. 1491 ) श्री इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनुसूचित जाति वर्ग के निर्धन परिवारों को इलाज हेतु/विवाह हेतु या अन्य कोई आवेदन पर विभाग द्वारा आर्थिक सहायता स्वीकृत की जाती है? यदि हाँ तो योजना की विस्तृत जानकारी देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित वर्ष-2020-21, 2021-22, 2022-23, 2023-24 से प्रश्‍न दिनांक तक सागर जिले को कितनी राशि शासन द्वारा प्रदान की गई? वर्षवार जानकारी देवें तथा किन-किन जनप्रतिनिधियों द्वारा हितग्रहियों को आर्थिक सहायता हेतु अनुशंसा की गई थी। विकासखण्डवार/विधानसभावार जानकारी देवें (ग) प्रश्‍नांश (ख) में उल्लेखित राशि हितग्राहियों को किन-किन विधानसभा क्षेत्रों में वितरित की गई? विकासखण्डवार/विधानसभावार जानकारी देवें तथा हितग्राहियों को वितरित करते समय किस मापदण्ड के तहत वितरित की गई? (घ) प्रश्‍नांश (ग) में हितग्राहियों को वितरित राशि नरयावली विधानसभा क्षेत्र के हितग्राहियों को वितरित क्यों नहीं की गई? यदि वितरित नहीं की गई है तो क्या कारण है एवं इसके लिए कौन उत्तरदायी है।

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। विवरण  जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार हैं(ख) विवरण  जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार  है।                  (ग) विवरण जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्‍ट '''' अनुसार। योजना नियम की कंडिका 1 (IV) में वर्णित मापदंडों के अनुरूप विवरण किया गया है। (घ) नरयावली विधानसभा क्षेत्र के हितग्राहियों को  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्‍ट '''' में उल्‍लेख अनुसार आर्थिक सहायता राशि प्रदाय की गई है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

पूर्ण/अपूर्ण नल-जल योजना की जानकारी

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

51. ( क्र. 1536 ) श्री सुरेश राजे : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला ग्वालियर की जनपद भितरवार/बरइ/मुरार/डबरा में जल जीवन मिशन के पूर्व संचालित नलजल योजनाओं तथा जल जीवन मिशन से स्‍वीकृत होकर पूर्ण/अपूर्ण तथा चालू एवं बंद हैं, के कारण सहित संख्या जनपदवार बताएं। (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार जनपद डबरा के अधीन ग्रामों में जल जीवन मिशन के अंतर्गत किस ग्राम में कितनी राशि की योजना किस वर्ष स्वीकृत हुई जिसमें नलकूप खनन/पानी की टंकी/टंकी निर्माण/पाइप-लाइन बिछाने तथा विद्युत व्यवस्था सहित कुल कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? ग्रामवार बतावें एवं किस फर्म/ठेकेदार द्वारा किस उपयंत्री की देख-रेख में कार्य पूर्ण हुआ? किस माह से जल प्रदाय किया जा रहा है? यदि अपूर्ण है तो क्यों? (ग) जनपद डबरा के ऐसे ग्राम जहाँ जल जीवन मिशन से पानी की टंकी/पाइप-लाइन बिछाई गई है तथा खनन कितने फुट करवाने पर भी असफल रही? बतावें, असफल नलकूप की कितनी राशि का भुगतान किस फर्म/ठेकेदार को कब किया गया? असफल नलकूप स्थान के पूर्व किस विभाग से जल स्त्रोत होने की जांच करवाई गई? यदि नहीं तो क्यों?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जिला ग्वालियर की जनपद भितरवार/बरई/मुरार/डबरा में जल जीवन मिशन के पूर्व 14 नलजल योजनायें संचालित हैं एवं जल जीवन मिशन अंतर्गत 502 ग्रामों के लिए एकल/समूह जल प्रदाय योजनाएं स्वीकृत हैं। पूर्ण, अपूर्ण, चालू एवं बंद के कारण सहित  जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है।

समर्थन मूल्य पर रबी की फसलों का क्रय

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

52. ( क्र. 1537 ) श्री सुरेश राजे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि ( क) क्या गेहूं, सरसों, मसूर, चना आदि की समर्थन मूल्य पर उपार्जन में भिंड द्वारा खाद एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के निर्देशों के विपरीत मनमाने तरीके से उपार्जन केंद्र बनवाने की शिकायतें माननीय मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव को जनप्रतिनिधियों द्वारा की गई थी? यदि हाँ तो उनकी जांच करवाई है? यदि हाँ तो जांच प्रतिवेदन देवें? यदि नहीं तो कारण बतावें l (ख) क्या पूर्व के वर्षों में खरीदी में मिलावट कर व्यापारियों का खाद्यान्‍न खरीदने में दोषी पायी गई सहकारी संस्थाओं एवं कर्मचारियों को उपार्जन केंद्र का प्रभारी बनाने के साथ ही सहकारी संस्थाओं के उपलब्ध गोदामों में गेहूं, सरसों न रखकर निजी गोदाम मालिकों से साँठ-गाँठ कर रखने की जांच करवाई जाएगी? यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या सहकारी विपणन संस्था लहार तथा सेवा सहकारी संस्था वेस्पुरा जिसमें प्रदेश में उत्कृष्ट होने तथा स्वयं का गोदाम होने के बाद भी कलेक्टर भिंड द्वारा शासन की नीति होने के बाद भी उपार्जन केंद्र न बनाने का कारण बताएं।

खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) हाँ। दिनांक 12 फरवरी 2024 को प्राप्त शिकायत पर प्रबंध संचालक मध्य प्रदेश स्टेट वेयर हाउसिंग कॉरपोरेशन लॉजिस्टिक्स से वस्तु स्थिति की रिपोर्ट प्राप्त की गई। रिपोर्ट अनुसार जिला भिंड में उपार्जन केन्‍द्रों का निर्धारण उपार्जन नीति के प्रावधान एवं स्थानीय भौगोलिक परिस्थितियों के आधार पर जिला उपार्जन समिति की अनुशंसा के आधार पर किया गया। अतः जांच करवाने का प्रश्‍न उत्पन्न नहीं होता। भिण्ड जिले में यह गेहूं, चना, मसूर एवं सरसों उपार्जन के संबंध में दिनाक 04.05 2024 को जनप्रतिनिधि‍ से प्राप्त शिकायत की जांच कराई गई जांच प्रतिवेदन की प्रति  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पूर्व के वर्षों में मिलावट के संबध में दोषी पाई गई सहकारी संस्थाओं को रबी विपणन वर्ष 2024-25 में गेहूं, चना, मसूर एवं सरसों उपार्जन का कार्य नहीं दिया गया है एवं दोषी संस्थाओं के कर्मचारियों को उपार्जन का कार्य नहीं सौंपा गया है। समर्थन मूल्य पर उपार्जित स्कन्ध को उपार्जन नीति में निहित प्रावधानों के अनुरूप उपार्जित स्कन्ध का भण्डारण कराया गया है। निजी गोदाम मालिकों से किसी प्रकार की सांठ-गांठ नहीं की गई है। शासकीय गोदामों की पूर्ण क्षमता का उपयोग करने के उपंरात स्कंध के सुरक्षित भण्डारण हेतु जिले उपार्जन समिति के अनुशंसा के आधार पर आवश्यकतानुसार भंडारण कराया गया है। (ग) जिला उपार्जन समिति द्वारा जिले में पंजीकृत किसानों की संख्या एवं भौगोलिक दृष्टि से सभी विकासखण्ड में आवश्यकतानुसार गुण-दोष के आधार उपार्जन केन्द्र निर्धारित किए गए हैं।

छात्रावासों हेतु खरीदी गई सामग्री की जांच

[अनुसूचित जाति कल्याण]

53. ( क्र. 1543 ) श्री केशव देसाई : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) अनुसूचित जाति कल्याण विभाग भिण्ड में वर्ष 2023-24 में छात्रावासों आदि की आवश्यकता हेतु क्रय की गई सामग्री विभाग द्वारा किन-किन शर्तों के अनुसार खरीदी की जाती है? उन शर्तों में से सामग्री प्रदाय एजेन्सी द्वारा कौन-कौन से प्रमाण-पत्र निविदा के समय प्रस्तुत किये थे? उन सभी प्रमाण पत्रों की फोटो प्रतियां प्रस्तुत करें। (ख) क्या उपरोक्त नियम विरूद्ध मनमाने तरीके से खरीदी की गई सामग्री की शिकायतें किन-किन व्यक्तियों द्वारा कलेक्टर जिला भिण्ड, मुख्य सचिव म.प्र., प्रमुख सचिव अनुसूचित जाति म.प्र. तथा आयुक्त अनुसूचित जाति विभाग म.प्र. को की थी? यदि हाँ तो उन शिकायतों की जांच कब और किस अधिकारी से कराई गई? जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करें।    (ग) क्या जिला संयोजक अनुसूचित जाति विभाग भिण्ड ने सामग्री प्रदाय एजेन्सी से सांठ-गांठ कर निविदा के समय एजेन्सी द्वारा प्रदत्त प्रमाण पत्रों का बिना सत्यापन कराये फर्जी दस्तावेज लगाकर निविदा स्वीकृत की है। यदि हाँ तो उन पर कार्यवाही की जायेगी यदि नहीं तो क्यों? (घ) क्या छात्रावासों की बिना मांग व आवश्यकता के निम्न गुणवत्ता की सामग्री बाजार भाव से 3 से 4 गुना अधिक दामों में खरीदकर शासकीय धन राशि की क्षति पहुंचाने की उच्च स्तरीय जांच कराई जावेगी। यदि नहीं तो क्यों?

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जिला स्‍तर पर विभागीय छात्रावासों के लिये आवश्‍यक वस्‍तुओं एवं सामग्रियों का क्रय स्‍थानीय स्‍तर पर कलेक्‍टर की अध्‍यक्षता में गठित समिति के माध्‍यम से मध्‍यप्रदेश भण्‍डार क्रय नियम एवं सेवा उपार्जन नियम 2015 (यथा संशोधित 2022) के अनुरूप किया जाना प्रावधानित है। संगत नियम निर्देशों की  जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट - '' अनुसार है। जिला स्‍तर पर गठित क्रय समिति द्वारा की गई कार्यवाही का विवरण एवं जेम पोर्टल पर बिड दस्‍तावेज  जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट - '' अनुसार  है। जेम पोर्टल पर प्राप्‍त बिड के संबंध में जिला स्‍तर पर गठित क्रय समिति द्वारा प्राप्‍त निविदाओं का तकनीकी एवं वित्‍तीय मूल्‍यांकन  जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट- '' अनुसार  है। (ख) प्राप्‍त शिकायतों एवं उन पर की गई कार्यवाही का विवरण जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट - '' पर है। (ग) जिला स्‍तर पर कलेक्‍टर अध्‍यक्षता में गठित क्रय समिति द्वारा प्राप्‍त निविदाओं का तकनीकी एवं वित्‍तीय मूल्‍यांकन कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय  में रखे  परिशिष्‍ट - '' अनुसार है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्‍तर प्रश्‍नांश (ग) अनुसार है, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

 

रिक्‍त पदों पर कर्मचारियों की पदोन्‍नति

[जनजातीय कार्य]

54. ( क्र. 1544 ) श्री केशव देसाई : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) म.प्र. में अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा कितने प्रशिक्षण एवं उत्पादन केन्द्र संचालित है। इनमें विभिन्न स्तर (व्याख्याता प्रशिक्षक, अर्द्धकुशल कारीगर) के कितने पद स्वीकृत है। इनमें कितने पद रिक्त है। (ख) क्या शासन की नीति‍ अनुसार कर्मचारी की सेवानिवृत्ति उपरान्त उस पद को समाप्त करने के निर्देश है? यदि हाँ तो अब तक इस प्रकार के कितने पद समाप्त किये गये(ग) इन प्रशिक्षण केन्द्रों में ऐसे कितने कर्मचारी है, जिनकी सेवा 33 वर्ष, 36 वर्ष से ज्यादा हो गई है, किन्तु उन्हें एक भी पदोन्नति नहीं दी गई है, जबकि उनसे कनिष्ठ कर्मचारियों को पदोन्नति प्रदान कर दी गई है। क्या शासन इन कर्मचारियों को जूनियर कर्मचारी के पदोन्नति दिनांक से पदोन्नति देने पर विचार करेगा। इसके लिए कौन-कौन दोषी है? इनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी?

जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) वर्तमान में किसी भी प्रशिक्षण सह उत्पादन केन्द्र में कोई भी गतिविधि संचालित नहीं है। इन केन्द्रों में व्याख्याता के पद स्वीकृत नहीं है। प्रशिक्षक के कुल स्वीकृत 36 पदों में से 28 पद रिक्त एवं अर्द्धकुशल कारीगर के स्वीकृत 42 पदों में से 40 पद रिक्त है। (ख) जी नहीं। मेनेजर के 05, प्रशिक्षक के 15 एवं अर्द्धकुशल कारीगर के 08 पद को समर्पित कर मृत संवर्ग घोषित किया गया। (ग) 01 कर्मचारी। जी नहीं। वर्तमान में माननीय उच्‍च न्यायालय के व्दारा याचिका क्रमांक 1942/2011 में पारित आदेश दिनांक 30/06/2016 एवं मा. उच्‍चतम न्यायालय द्वारा अपील नं. 13954/2016 द्वारा पदोन्नति पर स्थगन है। मा. न्यायालय के निर्णय के उपरांत ही पात्रता अनुसार पदोन्नति पर विचार किया। जा सकेगा। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास योजना

[जनजातीय कार्य]

55. ( क्र. 1545 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास योजना की राशि से कार्य स्वीकृति के क्या नियम हैं? क्या नियम में इस हेतु एक समिति का उल्लेख है? यदि हाँ तो क्या उक्त समिति की सहमति व अनुमोदन से कार्यों की स्वीकृति दिए जाने का नियम है? यदि हाँ तो क्या मण्डला जिले में वर्ष 2023-24 हेतु आवंटित राशि से कार्य स्वीकृति के लिए समिति की सहमति व अनुमोदन लिया गया था? यदि नहीं तो क्यों? इसके लिए कौन-कौन दोषी हैं? (ख) क्या जिले के अनुसूचित जनजाति वर्ग के सभी विधायक उक्त समिति के सदस्य होते हैं? यदि हाँ तो क्या प्रश्‍नकर्ता मंडला जिले में उक्त समिति के सदस्य हैं? यदि हाँ तो क्या वर्ष 2023-24 में मंडला जिले में दी गई उक्त राशि से स्वीकृत कार्यों के लिए समिति के समक्ष विचारार्थ सदस्य के रूप में प्रश्‍नकर्ता से अनुमोदन/सहमति ली गई? यदि हाँ तो कब, संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराएं? यदि नहीं क्यों? इसके लिए कौन-कौन दोषी है उनके विरुद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी? (ग) क्या समिति के समक्ष विचारार्थ सदस्य की जानकारी व अनुमोदन के बिना कार्यों की स्वीकृति दिया जाना विधानसभा सदस्य के रूप में सदस्य का विशेषधिकार हनन नहीं है? क्या इस संदर्भ में कोई कार्यवाही की जाएगी?

जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

हालोन पेयजल परियोजना

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

56. ( क्र. 1553 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मंडला जिले में स्वीकृत हालोन पेयजल परियोजना कब स्वीकृत की गई? तकनीकी, प्रशासनिक, वित्तीय सहित समस्त स्वीकृति आदेशों एवं कार्य आदेश की प्रतियाँ उपलब्ध कराएं? इस पेयजल परियोजना से मंडला जिले के कितने ग्रामों में कार्य किया जाना प्रस्तावित है? ग्रामों का नाम एवं प्रत्येक ग्राम में कितनी लागत से कौन-कौन सा कार्य किया जा रहा है या कराया जायेगा, जानकारी देवें? (ख) उक्त कार्यों को पूर्ण करने के लिए क्या समय-सीमा निर्धारित की गई है? क्या वर्तमान में कार्यों की गति अत्यंत धीमी व संतोषजनक नहीं है? क्या निर्धारित         समय-सीमा में कार्य पूर्ण कर लिए जायेंगे? इस हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है या की जाएगी अवगत करावें? संबंधित निर्माण कम्पनी के विरुद्ध अब तक क्या कार्यवाही की गई है अवगत करावें? (ग) क्या मंडला जिले के 23 गाँव इस परियोजना में सम्मिलित नहीं हैं? क्या इन गाँवो में पेयजल व्यवस्था संबंधित कार्य की आवश्यकता नहीं है? क्या यहाँ कोई कार्य नहीं किया जायेगा? क्या इन ग्रामों को परियोजना में सम्मिलित किया जायेगा या फिर इनके लिए कोई दूसरी कार्ययोजना बनाई गई है या बनाई जाएगी? यदि हाँ तो कार्ययोजना की विस्तृत जानकारी प्रदान करें?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) हालोन समूह जल प्रदाय योजना दिनांक 18.07.2022 को स्वीकृत की गई। स्वीकृति आदेश एवं कार्यादेश  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। 445 ग्रामों में। ग्रामों की जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है, समूह जल प्रदाय योजनांतर्गत ग्रामवार लागत बताया जाना संभव नहीं है, किए जा रहे कार्यों की जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। (ख) दिनांक 29.12.2024 तक। जी नहीं। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। (ग) जी हाँ। उक्त 23 गांवों में एकल ग्राम नलजल योजनाओं के कार्य कराया जाना प्रस्तावित था, परन्तु पर्याप्त जल क्षमता के नलकूप स्रोत उपलब्ध कराने के प्रयास सफल नहीं हो पाने के कारण अन्य कोई कार्य नहीं कराये जा सके हैं, इन शेष ग्रामों में उपयुक्त स्रोतों से जल की उपलब्धता सुनिश्‍िचत होने पर इनमें नल से जल की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कार्ययोजना बनाए जाने के लिए कार्यवाही की जायेगी।

नल जल योजना के कार्यों की पूर्णता

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

57. ( क्र. 1564 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 136 सिवनी मालवा के अंतर्गत कितनी ग्राम पंचायत में नल जल योजना का निर्माण कार्य पूर्ण होकर ग्राम पंचायत को सौंप दिया गया है?            (ख) कितनी ग्राम पंचायतों में नल जल योजना का कार्य पूर्ण किया गया एवं कितनी ग्राम पंचायतों में शेष हैं? (ग) यदि नल जल योजना पूर्ण है तो विधानसभा के अनेक ग्रामों में जैसे नयागांव भरगदा बघवाड़ा सतवासा धर्मकुंडी सोमलवाडा हिरणखेड़ा दतवासा चौतलाय आदि ग्रामों में टंकी से पानी क्यों नहीं दिया जा रहा है? (घ) नल जल योजना के कार्य पूर्णता की समयावधि क्या है एवं कब सुचारू संचालन कर पंचायतों को सौंप दिया जावेगा?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) विधानसभा क्षेत्र की 33 ग्राम पंचायतों में 44 ग्रामों की नल जल योजनाओं को पूर्ण कर संबंधित ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित किया गया है। (ख) विधानसभा क्षेत्र की 187 ग्राम पंचायतों के अंतर्गत 312 ग्रामों की योजनाएं स्वीकृत की गई, इनमें से 105 ग्रामों की योजनाएं पूर्ण की गई हैं तथा 207 ग्रामों की योजनाओं को पूर्ण किया जाना शेष है। (ग) ग्राम सोमलवाडा में नल जल योजना पूर्ण होकर टंकी से पेयजल प्रदाय प्रारम्भ किया गया है, प्रश्‍नांकित शेष ग्रामों में योजना के कार्य प्रगतिरत हैं। अतः अभी टंकी से जल प्रदाय प्रारम्भ करने की स्थिति नहीं है। (घ) नल जल योजना के कार्यपूर्णता की समयावधि विभिन्न अनुबंधों में 03 माह से 09 माह तक निर्धारित की गई है, योजनाओं के कार्य पूर्ण हो जाने के पश्‍चात अनुबंध अनुसार ट्रायल रन उपरांत संबंधित ग्राम पंचायतों को योजना सौंपने के लिए कार्यवाही की जायेगी।

बाहरी व्‍यक्ति की परिभाषा

[वन]

58. ( क्र. 1586 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) क्या उच्चतम न्यायालय के आदेश अनुसार प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) म.प्र. शासन, भोपाल के आदेश क्र. पर्यटन/2024/1921 भोपाल दिनांक 04.03.2024 द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार वन विश्राम गृह का आरक्षण वन विभाग के अधिकारी के लिए किया जाए, अन्य किसी बाहरी व्यक्ति के लिए नहीं है? (ख) यदि हाँ तो उच्चतम न्यायालय के आदेश की प्रति उपलब्ध कराते हुए वन विभाग के आदेश में उल्लेखित 'बाहरी व्यक्ति' की परिभाषा से अवगत करायें।             (ग) क्या वन विभाग के आदेश के तारतम्य में मा. उच्चतम/उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों, प्रदेश सरकार के मंत्रियों, अन्य विभाग के अधिकारियों, सांसदों, विधायकों, जिला/जनपद पंचायत अध्यक्षों को वन विश्रामगृह में रूकने की पात्रता है या नहीं?

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट में है। माननीय उच्‍चतम न्‍यायालय के आदेश में बाहरी व्‍यक्ति परिभाषित नहीं है। (ग) वन विश्राम गृह के नियंत्रणकर्ता अधिकारी द्वारा विशेष परिस्थितियों में सीमित अवधि हेतु विशिष्‍ट उद्देश्‍यों हेतु आरक्षण किया जा सकता है।

बारिश में भीगे गेहूं की जानकारी

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

59. ( क्र. 1587 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) क्या प्रश्‍नकर्ता द्वारा मई एवं जून 2024 में नर्मदापुरम के जिला खाद्य अधिकारी/जिला आपूर्ति नियंत्रण को पत्र लिखकर किस-किस खरीदी केन्द्रों पर बारिश से भीगे गेहूँ की जानकारी चाही गयी थी। (ख) वर्ष 2024 में नर्मदापुरम जिले के किस-किस खरीदी केन्द्र पर कितना-कितना गेहूँ बारिश के कारण खराब हआ। प्रत्येक की जानकारी देते हुए यह भी बताएं कि खरीदी केन्द्रों पर गेहूँ खराब होने से कुल कितना नुकसान हुआ? (ग) नर्मदापुरम जिले में किस-किस कृषि उपज की               कितनी-कितनी खरीदी किस-किस केन्द्र से की जाकर किस-किस वेयर हाउस में रखा गया है?            (घ) क्या खरीदी गयी सभी कृषि उपज में से कितने कृषकों को किस उपज का कितनी राशि का भुगतान किया जाना शेष हैं?

खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्‍नकर्ता माननीय विधायक के पत्र क्रमांक 6507/2024 दिनांक 18.05.2024 द्वारा बारिश के कारण नर्मदापुरम जिले किस-किस अवधि में, किस खरीदी केन्‍द्र में कितना-कितना गेहूँ खराब हुआ है कि जानकारी जिला आपूर्ति नियंत्रक, नर्मदापुरम से चाही गई थी। (ख) रबी विपणन वर्ष 2024-25 में नर्मदापुरम जिले में समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित गेहूँ के वर्षा के कारण खराब हुए गेहूँ की मात्रा निरंक है। इस संबंध में जिला आपूर्ति नियंत्रक, नर्मदापुरम द्वारा पत्र क्रमांक 969/खाद्य/उपार्जन/2024 दिनांक 13.06.2024 द्वारा निज सहायक, माननीय विधायक विधानसभा क्षेत्र 137 नर्मदापुरम इटारसी को अवगत कराया गया, जिसकी प्रति  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-अ  पर अनुसार है। (ग) रबी विपणन वर्ष 2024-25 में केन्‍द्रवार उपार्जित एवं गोदामवार भण्‍डारित गेहूं की मात्रा की जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-ब एवं चना, मसूर एवं सरसों की जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) रबी विपणन वर्ष 2024-25 में समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित गेहूं, चना, मसूर एवं सरसों के भुगतान से शेष कृषक संख्‍या एवं शेष राशि की जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट  अनुसार है।

विभागीय योजनाओं में किए गए व्यय की जानकारी

[वन]

60. ( क्र. 1597 ) श्री महेश परमार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन मंडल उज्जैन अंतर्गत वर्ष 2021 से लेकर प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में लगाए गए स्थान का नाम, पौधों की संख्या एवं उनमें जीवित पौधों की संख्या तथा पौधारोपण कार्यक्रम में कितनी राशि व्यय की गई वर्षवार एजेंसीवार जानकारी देवें? (ख) वन मंडल उज्जैन अंतर्गत वर्ष 2021 से प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में डीएफओ कार्यालय, ग्राम वन समितियां के माध्यम से जेम पोर्टल से खरीदी गई समस्त सामग्री के प्रस्ताव ठहराव, बिल, वाउचर एवं जारी की गई बि‍ड, निविदा की प्रति देवें?             (ग) वन मंडल उज्जैन को वर्ष 2021 से लेकर प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में विभाग के द्वारा विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए कुल कितनी राशि जारी की गई है? जारी की गई राशि का वन मंडल द्वारा दिया गया उपयोगिता प्रमाण पत्र योजनावर, वर्षवार देवें? (घ) वन मंडल उज्जैन में अधिग्रहित वाहनों के संबंध में अनुबंध के नियमों के अंतर्गत जानकारी दे कि कितने वाहन नियमानुसार अनुबंधित नहीं है? उन्हें कब तक हटा दिया जाएगा?

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है।  (ख) वन मंडल उज्‍जैन अंतर्गत वर्ष 2021-22 में जेम पोर्टल अथवा निविदा के माध्‍यम से कोई सामग्री क्रय नहीं की गयी है। वर्ष 2022-23 से प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में जेम पोर्टल से क्रय की गयी सामग्री के बिल वाउचर पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (घ) वनमंडल उज्‍जैन में अधिग्रहित वाहनों के संबंध में अनुबंध के नियमों के अंतर्गत जानकारी निरंक है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

वन भूमि का राजस्व विभाग में हस्तांतरण

[वन]

61. ( क्र. 1606 ) श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) क्या पन्ना जिले में माइनिंग के लिए जंगल विभाग से भूमि लेकर राजस्व में भूमि हस्तांतरण के संबंध में कोई कार्यवाही वन विभाग में प्रचलन में है? (ख) यदि हाँ तो कार्यवाही कब तक में पूर्ण कर ली जावेगी? समय सीमा बतावे? यदि नहीं तो क्यों?

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है।

सिंघौरा-2 योजना अंतर्गत ग्रामों में जल प्रदाय

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

62. ( क्र. 1607 ) श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) समूह जल प्रदाय योजना सिंघौरा-2 अंतर्गत जिले के किन-किन ग्रामों में जल प्रदाय किया जावेगा? जानकारी देवें। इस योजना अंतर्गत वर्तमान में कितना कार्य पूर्ण कर लिया गया है? विवरणवार जानकारी देवें। (ख) क्या इस योजना के तहत जल प्रदाय करने हेतु जल मझगांय बांध से लिया जावेगा? यदि हाँ तो क्या मझगांय बांध का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है? यदि नहीं तो मझगांय बांध का निर्माण पूर्ण होने तक सिंघौरा-2 योजना से जल प्रदाय हेतु कोई वैकल्पिक व्यवस्था की गई है? यदि हाँ तो जानकारी देवें। यदि नहीं तो क्यों?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी नहीं। जी नहीं। प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। जल संसाधन विभाग द्वारा मझगांय बांध का निर्माण कार्य प्रगतिरत है।

आदिवासी उपयोजना की राशि का आवंटन

[जनजातीय कार्य]

63. ( क्र. 1612 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिवासी उपयोजना के तहत केंद्रीय मद से कितनी राशि राज्य शासन को प्राप्त हुई? राज्य शासन ने कुल कितनी राशि इस योजना के तहत आवंटित की? विगत पांच वर्षों का ब्यौरा देवें। (ख) विगत पांच वर्षों में किन-किन विभागों के माध्यम से आदिवासी उपयोजना की  कितनी-कितनी राशि खर्च की गई, कितनी राशि आवंटित की गई, कितनी राशि लेप्स होने पर अन्य मदों में ट्रांसफर की गई? वर्षवार ब्यौरा देवें। (ग) आदिवासी उपयोजना की राशि खर्च करने के लिए केंद्र सरकार और मध्यप्रदेश सरकार की क्या-क्या नियमावली बनी है? किस नियमावली के तहत राशि को खर्च किया गया? (घ) क्या आदिवासी उपयोजना की राशि सामान्य क्षेत्रों या सामान्य मदों में भी खर्च की जा रही है? यदि हाँ तो क्यों किया गया, किस नियम के तहत खर्च किया गया? जहां-जहां खर्च किया गया, उसकी विस्‍तृत जानकारी देवें। (ङ) आदिवासी उपयोजना की राशि का दुरुपयोग होता है और अन्य विभागों या अन्य मदों में ट्रांसफर किया जाता है, कार्यवाही के क्या प्रावधान हैं? (च) क्या आदिवासी उपयोजना की राशि खर्च करने में आदिवासी विधायकों से विचार-विमर्श इसलिए नहीं किया जाता कि राशि को लेप्स करके अन्य मदों में खर्च किया जा सकेयदि नहीं तो उपयोजना की राशि के लेप्स होने या अन्य मदों में ट्रांसफर होने से रोकने के लिए शासन क्या कार्यवाही कर रहा है?

जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) से (च) जानकारी संकलित की जा रही है।

जनजातीय मद से कराये गए विकास कार्य

[जनजातीय कार्य]

64. ( क्र. 1614 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनजातीय बस्ती विकास योजना के तहत इंदौर संभाग में वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक कुल कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई? उस राशि से क्या-क्या कार्य स्वीकृत कराए गए? कार्य का नाम, लागत राशि, पूर्णता एवं अपूर्णता की स्थिति के साथ विधानसभावार जानकारी देवें। धार जिले में वर्ष 2022-23 तथा 2023-24 में किस-किस मद में क्या-क्या खरीदी एक लाख से ज्यादा की गई? उसके बिल की प्रतियां देवें। (ख) धार जिले में वर्ष 2023-24 में आवंटित राशि से कार्य स्वीकृत करने हेतु किन-किन जनप्रतिनिधियों से प्रस्ताव लिए गए? जनप्रतिनिधियों द्वारा दिए गए प्रस्तावों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। क्या जनप्रतिनिधि से अनुमोदन होने के बाद भी उक्त वर्ष की राशि आवंटित नहीं की गई? यदि हाँ तो इसमें दोषी कौन है? दोषी अधिकारी पर क्या कार्यवाही की जाएगी? (ग) इंदौर संभाग में केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2018-19 से प्रश्‍न-दिनांक तक विभाग से एवं अन्य विभाग से कितनी-कितनी राशि प्रदान की गई? वर्षवार, विभागवार जानकारी देवें अंतरित की गई राशि के आदेश की छायाप्रति देवें।

जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

पर्यावरण संरक्षण की दिशा में पौधारोपण

[पर्यावरण]

65. ( क्र. 1618 ) श्री शैलेन्द्र कुमार जैन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) बढ़ रहे तापमान के दृष्टिगत सागर जिले में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में शासन द्वारा विगत 3 वर्षों में क्या-क्या कार्य किये गये हैं? (ख) सागर जिले में विकास कार्यों के दौरान विगत 3 वर्षों में अलग-अलग विभागों ने कितने वृ़क्षों को परमिशन के साथ काटा है? संख्यात्मक जानकारी देवें। साथ ही नियमानुसार काटे गये वृक्षों के एवज में दोगुने पौधों को लगाये जाने का प्रावधान है, तो विभागों ने कितने पौधों का रोपण किया है? संख्या एवं स्थानवार विवरण देवें। (ग) क्या शासन ने सागर जिले में विकास कार्यों के दौरान आने वाले वृक्षों को ट्रांसप्लांट करने की कोई योजना बनाई है? यदि हाँ तो कितने बड़ें वृक्षों का ट्रांसप्लांट किया गया है? संख्यात्मक विवरण सहित जानकारी उपलब्ध करायें।

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से सागर जिले की जिला पर्यावरण योजना वर्ष 2021 तथा पुनरीक्षित योजना वर्ष 2023 में कलेक्‍टर के माध्‍यम से तैयार की गयी है। आयुक्‍त, नगर पालिक निगम, सागर से प्राप्‍त जानकारी अनुसार सागर स्‍मार्ट सिटी के सहयोग से शहर में उपलब्‍ध खुले स्‍थानों पर एवं पुराने निर्मित पार्क स्‍थलों पर पार्कों का निर्माण कार्य किया गया है, सड़कों के किनारे एवं नवीन मुख्‍य मार्ग के मध्‍य निर्मित डिवाईडर में पौधारोपण किया गया है, इसके अतिरिक्‍त कुल 40 मल्‍टीपल पार्कों का निर्माण कार्य किया गया है तथा शहर के विभिन्‍न स्‍थानों पर प्‍लांटेशन का कार्य भी किया गया है। प्रश्‍नाधीन अवधि में काटे गये वृक्षों एवं किये गये वृक्षारोपण का विवरण संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-'' एवं '' अनुसार है।                    (ग) आयुक्‍त नगर पालिक निगम सागर से प्राप्‍त जानकारी अनुसार सागर स्‍मार्ट सिटी रोड के कार्य में ROW में आने वाले कुल 338 प्‍लांट को शिफ्ट कर राजघाट डैम के समीप रोपा गया।

परिशिष्ट - "आठ"

लोक परिसंपत्ति प्रबंधन के तहत शासन की भूमि का उपयोग

[लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन]

66. ( क्र. 1619 ) श्री शैलेन्द्र कुमार जैन : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक परिसंपत्ति प्रबंधन के तहत शासन की देश के अन्य राज्यों में कितनी भूमि है? क्या शासन द्वारा आय के स्त्रोत बढ़ाने के लिए इन भूमियों का व्यवसायिक उपयोग करने पर विचार विमर्श कर रही है? यदि हाँ तो इस संदर्भ में क्या कार्यवाही प्रचलन में है? (ख) क्या मध्यप्रदेश शासन की कोई भूमि महाराष्ट्र राज्य के नागपुर शहर में स्थित है? यदि हाँ तो वर्तमान में शासन द्वारा भूमि का क्या उपयोग किया जा रहा है? (ग) मध्यप्रदेश के बुन्देलखण्ड एवं महाकौशल क्षेत्र से बड़ी संख्या में प्रतिदिन मरीज इलाज कराने नागपुर शहर जाते हैं, उनको ठहरने की सुविधा उपलब्ध कराने की दृष्टि से क्या शासन उक्त भूमि पर आवास निर्मित कराने पर विचार करेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?

जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन विभाग द्वारा प्रदेश सरकार की अन्य राज्यों में स्थित परिसम्पत्तियों का रिकार्ड नहीं रखा जाता है एवं अन्य विभागों द्वारा प्रबंधन/निर्वर्तन हेतु लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन पोर्टल पर प्रदेश सरकार की अन्य राज्यों में स्थित परिसम्पत्तियां इंद्राज (Uploaded) नहीं है। शेष का प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। मध्यप्रदेश सड़क परिवहन निगम की नागपुर (महाराष्ट्र) में डिपो की भूमि है। वर्तमान में बस स्टैण्ड के माध्यम से अन्तर प्रान्तीय बसों का संचालन कराया जा रहा है एवं पार्किंग शुल्क के रूप में निगम को रूपये लगभग 4.00 लाख प्रतिमाह की आय प्राप्त हो रही हैं (ग) जी नहीं। जिला कलेक्टर नागपुर द्वारा उक्त भूमि को शासकीय विशेष प्रयोजन के लिए अधिग्रहीत किया गया है, जिसके विरुध्द मध्यप्रदेश सड़क परिवहन निगम ने माननीय उच्च न्यायालय नागपुर में याचिका दायर कर दिनांक 24/01/2019 को स्थगन प्राप्त किया गया।

शासन की योजनाओं से वंचित दिव्यांगजन

[सामाजिक न्याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण]

67. ( क्र. 1623 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिला अंतर्गत नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में विभाग द्वारा वर्ष 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक किन-किन योजनाओं के माध्‍यम से क्‍या-क्‍या सुविधा प्रदान की गई ? वर्षवार जानकारी दें। (ख) क्‍या सिवनी जिले के लखनादौन जनपद पंचायत क्षेत्र अंतर्गत कक्षा 11वीं कला संकाय शासकीय उच्‍चतर माध्‍यमिक विद्यालय गनेशगंज में अध्‍ययनरत छात्रा कु. चांदनी उइके पिता तुलसीराम उइके अस्थिबाधित दिव्‍यांगता से 100 प्रतिशत ग्रसित होने के बावजूद विभाग द्वारा प्रश्‍न दिनांक तक कोई सहायक उपकरण उपलब्‍ध नहीं कराये गये हैं? यदि हाँ, तो क्‍यों नहीं? कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? विभाग उनके विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा प्रश्‍नांश '''' में उल्‍लेखित छात्रा को सहायक उपकरण उपलब्‍ध कराने हेतु उपसंचालक सामाजिक न्‍याय सिवनी को लिखा गया है? यदि हाँ, तो पत्र की छायाप्रति उपलब्‍ध कराते हुए अवगत करावें कि छात्रा को योजना का लाभ क्‍यों नहीं दिया गया? (घ) 01 जनवरी 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में विभाग के अधिकारियों को प्रश्‍नकर्ता विधायक के पत्र कब तक प्राप्‍त हुये तथा उन पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? बतावें। प्रश्‍नकर्ता विधायक के पत्रों के जबाव कब-कब दिये तथा किन-किन पत्रों के जबाव क्‍यों नहीं दिये? कब तक जबाव देगें?

सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट-'''' अनुसार(ख) जी नहीं। सिवनी जिले के लखनादौन जनपद पंचायत क्षेत्र अंतर्गत कक्षा 11वीं कला संकाय शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गनेशगंज में अध्‍ययनरत छात्रा कु. चांदनी उइके पिता तुलसीराम उइके अस्थिबाधित दिव्यांग को जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र सिवनी के माध्यम से दिनांक 27.02.2024 को सहायक उपकरण (चाईल्ड ट्रायसायकल) उपलब्ध कराई गई है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। पत्र की छायाप्रति संलग्‍न परिशिष्ट-'''' अनुसार। छात्रा कुमारी चांदनी उइके को पात्रतानुसार सहायक उपकरण (चाईल्ड ट्रायसायकल) उपलब्ध कराई जा चुकी है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-'''' अनुसार। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "नौ"

वन भूमि पर हुए अवैध अतिक्रमणकर्ता कंपनी पर कार्यवाही

[वन]

68. ( क्र. 1624 ) डॉ. राजेन्‍द्र कुमार सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि   (क) मैहर जिले में स्थि‍त अल्‍ट्राटेक मैहर सीमेंट कंपनी के द्वारा लगभग 70 एकड़ वन भूमि पर अवैध कब्‍जे पर कंपनी द्वारा कॉलोनी, कॉलेज, आवासीय परिसर, हॉस्पिटल, बाजार एवं अन्‍य भवनों का निर्माण करने पर 24 फरवरी 2024 को या अन्‍य किसी दिनांक पर वन अपराध कायम किया है? वन अपराध प्रकरण की एक प्रति उपलब्‍ध कराते हुए बतायें कि प्रश्‍न तिथि तक किन-किन व्‍यक्तियों की गिरफ्तारी हुई? नाम/पदनाम दें। बतायें कि उक्‍त अवैध अतिक्रमणों को तोड़े जाने हेतु जिला प्रशासन/वन विभाग (भोपाल एवं सतना)/राज्य शासन ने क्‍या कार्यवाही, किस आदेश क्रमांकों एवं दिनांकों से प्रश्‍न तिथि तक की है? जारी सभी आदेशों की एक-एक प्रति दें। (ख) राज्‍य शासन ने गत 22 वर्षों से जब से वन भूमि पर अतिक्रमण है, तब से लेकर प्रश्‍न तिथि तक सतना जिले में पदस्‍थ रहे वन विभाग के वरिष्‍ठ किन-किन अधिकारियों को चिन्हित किया है, जिन्‍होंने उक्‍त अवैध अतिक्रमण को संरक्षण दिया एवं कार्यवाही नहीं की? नाम/पदनाम दें। बतायें उन पर कब व क्‍या कार्यवाही शासन करेगा? बिन्‍दुवार विवरण दें।

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) मैहर जिले में स्थित अल्ट्राटेक मैहर सीमेन्ट कंपनी के द्वारा लगभग 27.9 हेक्टयेर वन भूमि पर अवैध रूप से कॉलोनी, आवासीय परिसर, हॉस्पिटल, बाजार एवं अन्य भवनों का निर्माण करने पर उनके विरूद्ध वन अपराध प्रकरण क्रमांक 31/12 दिनांक 24.02.2024 दर्ज किया गया है। वन अपराध प्रकरण की प्रति संलग्‍न परिशिष्ट-1 अनुसार है। वर्तमान में वन अपराध प्रकरण की जांच की जा रही है, जिस कारण प्रकरण में आज दिनांक तक किसी भी व्यक्ति की गिरफ्तारी नहीं हुई है, अतः नाम/पदनाम दिये जाने का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। प्रकरण में मध्यप्रदेश शासन, वन विभाग के पत्र दिनांक 31.05.2024 द्वारा सम्‍पूर्ण मामले में वरिष्‍ठ अधिकारियों को भेजकर उल्‍लंघनकर्ताओं पर कार्यवाही सुनिश्चित करने तथा प्रस्‍ताव उपलब्‍ध कराने हेतु प्रधान मुख्‍य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख को लेख किया गया है। प्रधान मुख्‍य वन संरक्षक कार्यालय के पत्र दिनांक 11.06.2024 द्वारा वनमंडलाधिकारी, सतना/मुख्य वन संरक्षक, रीवा को जांच कर आवश्यक कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया है। उक्त पत्रों की प्रति संलग्‍न परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ख) उत्‍तरांश (क) अनुसार राज्‍य शासन के पत्र दिनांक 31.05.2024 के अनुक्रम में कार्यवाही की जा रही है कि वन भूमि पर अतिक्रमण की वास्तविक समय अवधि क्या है। जाँच उपरान्‍त दोषियों को चिन्हित करना संभव होगा, अतः शेष का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "दस"

खाद्यान्‍न परिवहन में अनियमितता

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

69. ( क्र. 1625 ) डॉ. राजेन्‍द्र कुमार सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                      (क) खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण संचालनालय म.प्र. के पत्र क्रमांक 2835/ स-3/वि.जां./स्‍थापना/2024 भोपाल दिनांक 22.05.2024 से जारी आदेश के बाद प्रभारी जिला आपूर्ति अधिकारी के विरूद्ध राज्‍य शासन एवं जिला प्रशासन के द्वारा थानों में एफ.आई.आर. प्रश्‍न तिथि तक क्‍यों नहीं पंजीबद्ध करवाई है? 93 लाख रूपयों की हेराफेरी/धोखाधड़ी के किन-किन आरोपियों पर एफ.आई.आर. शासन कब तक करवायेगा? बिन्‍दुवार विवरण दें। (ख) जिला प्रबंधक सतना स्‍टेट सिविल सप्‍लाई कॉर्पोरेशन पर भी प्रश्‍न तिथि तक एफ.आई.आर. नहीं करवाई गई है? कब तक करवाई जायेगी? बिन्‍दुवार विवरण दें। उक्‍त धोखाधड़ी/अमानत में खयानत के लगभग एक करोड़ रूपयों के प्रकरण में ट्रांसपोर्टर कौन था? उस पर प्रश्‍न तिथि तक एफ.आई.आर. क्‍यों नहीं हुई?               (ग) क्‍या वाहन क्रमांक एम पी-19-जी-1663 से एक बार में 102 क्विंटल खाद्यान्‍न का परिवहन हुआ? क्‍या उक्‍त वाहन क्रमांक मोटर सायकल का है? क्‍या एम.पी.-13 जेड.के.-4773 से एक बार में 80 क्विंटल, एम.पी. 19 जेड.डी.-7206 से मैहर में 75 क्विंटल एवं मात्र दस घंटों में 1257 क्विंटल खाद्यान्‍न का परिवहन किया गया, जो कि कागजातों में दर्ज है? सभी दस्‍तावेजों की एक-एक प्रति उपलब्‍ध करायें।   (घ) राज्‍य शासन ट्रांसपोर्टर, जिला आपूर्ति अधिकारी प्रबंधक स्‍टेट सिविल सप्‍लाई कॉर्पोरेशन सहित किन-किन पर अमानत में खयानत के प्रकरण पंजीबद्ध कर तत्‍काल गिरफ्तारी करवायेगा? 93 लाख की वसूली किस-किस से कब-‍तक होगी? बिन्‍दुवार विवरण दें।

खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण संचालनालय म.प्र. के पत्र क्रमांक 2835/स-3/वि.जां./स्‍थापना/2024 भोपाल दिनांक 22.05.2024 से जारी आदेश में प्रभारी जिला आपूर्ति अधिकारी को तत्‍काल प्रभाव से निलंबित कर मुख्‍यालय खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण संचालनालय मध्‍यप्रदेश भोपाल से संबद्ध किया गया है। उक्‍त मामले की विवेचना पुलिस विभाग द्वारा की जा रही है, विवेचना के दौरान दोषी पाये जाने पर अन्‍य आरोपियों का नाम एफ.आई.आर में जोड़ा जायेगा। कार्यवाही प्रचलन में है। 93 लाख रूपयों की हेराफेरी/धोखाधड़ी में गठित जांच दल द्वारा 9 आरोपियों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अनुसार है। (ख) 93 लाख रूपयों की हेराफेरी/धोखाधड़ी में गठित जांच दल द्वारा 9 आरोपियों के विरूद्ध प्रा‍थमिकी दर्ज करायी गयी है। उक्‍त मामले की विवेचना पुलिस विभाग द्वारा की जा रही है। विवेचना के दौरान दो‍षी पाये जाने पर अन्‍य आरोपियों का नाम एफ.आई.आर में जोड़ा जायेगा, कार्यवाही प्रचलन में है। उक्‍त धोखाधड़ी/अमानत में खयानत के लगभग एक करोड़ रूपयों के प्रकरण में ट्रांसपोर्टर श्री विशाल जायसवाल थे। ट्रांसपोर्टर के ऑपरेटर सम्राट सिंह के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है। शेष कार्यवाही प्रचलन में है।                          (ग) जी नहीं, वाहन क्रमांक एम.पी.-19 जी-1663 से एक बार में 102 क्विंटल खाद्यान्‍न का परिवहन नहीं हुआ। लिपिकीय त्रुटिवश एम.पी.-19 जेड.जी.-1663 के स्‍थान पर एम.पी.-19 जी-1663 अंकित हो गया था जिसे बाद में संशोधित आदेश जारी कर उठाव का कार्य कराया गया। जारी आदेश प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अनुसार है। जी हाँ, उठाव कार्य समय-सीमा में पूर्ण करने एवं पात्र हितग्राहियों को शासन द्वारा निर्धारित समय-सीमा में खाद्यान्‍न उपलब्‍ध हो सके, इस हेतु 'मुख्‍यमंत्री युवा अन्‍नदूत योजना' के वाहनों के अतिरिक्‍त भी अतिरिक्‍त वाहनों से भी उठाव का कार्य कराया गया इसी क्रम में एम.पी.-13 जेड.के.-4773 से 80 क्विंटल का परिवहन हुआ है। वाहन क्रमांक एम.पी.-19 जेड.डी.-7206 से एक दिवस 1200 क्विंटल उठाव के डी.ओ. जारी किये गये थे, तत्‍सम्बंध में लेख है कि उक्‍त सेक्‍टर का अधिकतम उठाव लंबित होने के कारण अतिरिक्‍त वाहन लगाकर जल्‍द से जल्‍द उठाव का कार्य पूर्ण किया गया जिसके डी.ओ. वाहन क्रमांक एम.पी.-19 जेड.डी.-7206 से जारी किये गये थे जिससे अधिकृत वाहन क्रमांक एम.पी. 19 जेड.डी.-7206 उठाव की मात्रा ज्‍यादा प्रदर्शित हो रही है। दस्तावेजों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अनुसार है। (घ) उतरांश '''' अनुसार 09 आरोपियों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है। मामले की विवेचना पुलिस विभाग द्वारा की जा रही है, विवेचना के दौरान दोषी पाये जाने पर अन्‍य आरोपियों का नाम एफ.आई.आर में जोड़ा जायेगा, कार्यवाही प्रचलन में है। दोष सिद्ध होने के उपरांत दोषियों से 93 लाख की वसूली की जावेगी।

सडक निर्माण में काटे गये वृक्ष

[वन]

70. ( क्र. 1646 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                           (क) सिवनी जिले में फोरलेन सड़क से सिवनी की अंतिम सीमा तक निर्माणधीन सड़क निर्माण से पूर्व उक्‍त मार्ग में जो वृक्ष काटे गये हैं, उक्‍त संबंध में क्‍या प्रक्रिया अपनाई गई है एवं मार्ग में आने वाले उन समस्‍त वृक्षों की प्रजातिवार सूची देवें, जिन्‍हें वन विभाग द्वारा चिन्हित किया गया? (ख) वृक्षों के चिन्‍हांकन के बाद वृक्ष कटाई के पश्‍चात उसकी नीलामी में कौन सी प्रक्रिया अपनाई गई अथवा अपनाई जावेगी एवं नीलामी से कितनी राशि विभाग को प्राप्‍त होगी एवं किस मद में राशि जमा कराई जावेगी? (ग) वृक्षों को किस एजेन्‍सी द्वारा काटा गया? वृक्षों के परिवहन के लिये वन विभाग द्वारा जो टी.पी. जारी की गई उसके लिये विभाग द्वारा किस अधिकारी को अधिकृत किया गया है? संबंधित द्वारा मूल्‍यांकन के पश्‍चात कितनी मात्रा में लकड़ी मौके पर पाई गई? स्‍थलवार मूल्‍यांकन रिपोर्ट एवं कुल कितनी टी.पी. जारी की गई? (घ) क्‍या यह सही है कि काटे गये छोटे वृक्षों को शमशान घाट या अन्‍य स्‍थल पर हस्‍तांरित किया जा सकता था परन्‍तु विभाग द्वारा उक्‍त प्रक्रिया का पालन नहीं किया? यदि हाँ, तो क्‍यों?

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) सिवनी जिले में फोरलेन सड़क से सिवनी की अंतिम सीमा मार्ग तक निर्माणाधीन सड़क निर्माण से पूर्व उक्त मार्ग में जो वृक्ष काटे गये हैं उन 308 वृक्षों को काटने की अनुमति न्यायालय अपर कलेक्टर, जिला सिवनी (म.प्र.) द्वारा आदेश दिनांक 03.05.2024 से दी गई है। वृक्ष कटाई का कार्य म.प्र. रोड डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड छिन्‍दवाड़ा के द्वारा कराया गया है। मार्ग में आने वाले समस्त वृक्षों की प्रजातिवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वन विभाग के द्वारा उपरोक्त वृक्षों का चिन्हांकन नहीं किया गया है।              (ख) वृक्षों के चिन्हांकन एवं वृक्ष कटाई के पश्‍चात प्राप्त वनोपज को वन विभाग के काष्ठागार डिपो परिवहन कराया जा रहा है, वनोपज की नीलामी विभागीय प्रक्रिया अनुसार की जावेगी। वनोपज नीलामी के उपरांत ही प्राप्त होने वाली राशि की जानकारी प्राप्त होगी। तहसीलदार सिवनी द्वारा नीलामी से प्राप्त राशि खजाना दाखिल किये जाने के संबंध में विविधत मद का विवरण दिये जाने पर वन विभाग के द्वारा उपरोक्त मद में राशि जमा करायी जायेगी। (ग) वृक्षों की कटाई म.प्र. रोड डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड छिन्‍दवाड़ा द्वारा करायी जा रही है, कटाई उपरांत प्राप्त वनोपज का वन विभाग द्वारा जो टी.पी./कर्टिंग चालान के माध्यम से काष्ठागार वनोपज परिवहन कराया जावेगा, जिसके लिये परिक्षेत्र अधिकारी सिवनी को अधिकृत किया गया है। वर्तमान में 109 वृक्षों की कटाई से प्राप्त काष्ठ 666 नग लठ्ठे = 74.666 घ.मी. प्राप्त हुई, शेष 199 वृक्षों की कटाई जारी है। अतः शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। अतः शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

वन भूमि पर अधिकार पत्र का वितरण

[जनजातीय कार्य]

71. ( क्र. 1649 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में विभाग द्वारा वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक वन अधिकार अधिनियम अन्तर्गत कितने वन अधिकार पत्र वितरित किये गये हैं? विकासखण्डवार जानकारी दें। (ख) क्या विधानसभा क्षेत्र भितरवार जिला ग्वालियर के विभिन्न ग्रामों, कस्बों, तहसील, विकासखण्ड, नगरीय क्षेत्रों में वन अधिकार पत्र वितरित किये गए हैं? यदि हाँ तो हितग्राहियों की ग्रामवार, कस्बावार, तहसीलवार सूची उपलब्ध करायें। (ग) क्या प्रश्‍नांश (ख) में वन अधिकार पत्र प्राप्त हितग्राहियों को मौके पर कब्जा प्रदाय नहीं कराया गया है? यदि नहीं तो क्यों? इसके लिए कौन दोषी है? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? हितग्राहियों को (वन अधिकार पत्र प्राप्त) कब तक मौके पर कब्जा दिलाया जायेगा? (घ) क्या प्रश्‍न दिनांक तक वनाधिकार दावों के प्रकरण अभी ग्राम पंचायत/जनपद पंचायत/जिला स्तर की कमेटी में लंबित है? उनके नाम एवं पता/ग्राम/ग्राम पंचायत, विकासखण्डवार जानकारी तीनों स्तर की प्रदाय की जावे। वन अधिकार दावों का निपटारा कब तक कर दिया जायेगा? समय-सीमा बाताएं।

जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) वन अधिकार अधिनियम 2006 के अंतर्गत ग्‍वालियर जिले में वर्ष 2020 से विकासखण्‍डवार वितरित किये गये वन अधिकार पत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। विधानसभा क्षेत्र भितरवार में वितरित किये गये वन अधिकार पत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार वन अधिकार पत्र धारक उनके द्वारा धारित भूमि पर काबिज है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) वन अधिकार के लंबित दावे की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। वन अधिकार अधिनियम 2006 के अंतर्गत दावों के निराकरण की प्रक्रिया अर्द्धन्‍यायिक स्‍वरूप की होने से समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में अनियमितता

[उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण]

72. ( क्र. 1654 ) श्री आरिफ मसूद : क्या सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संचालनालय उद्यानिकी विभाग द्वारा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में भ्रष्टाचार के संबंध में संचालनालय के पत्र क्रमांक/उ/राज/शिक/200/2022-23/38 दिनांक 09/05/2023 द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को जांच सौंपी गई है? यदि हाँ तो अब तक क्या कार्यवाही की गई? जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त शिकायत किन-किन अधिकारी एवं कर्मचारियों के विरुद्ध की गई है एवं वह वर्तमान में कहाँ पदस्थ हैं? पद सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या यह कहना सही है कि विभाग भ्रष्टाचार में शामिल अधिकारी एवं कर्मचारि‍यों को बचाने का प्रयास कर रहा है, इसीलिए लगभग 1 वर्ष बीत जाने के बाद भी शिकायत जांच पूर्ण नहीं की गई है? यदि नहीं तो जाँच कब तक पूर्ण कर संचालनालय को सौंपी जाएगी? समय-सीमा बतावें।

सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जी हाँ। जांचकर्ता अधिकारी, मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत भोपाल द्वारा शिकायत झूठी पाई गई है। शिकायत नस्‍तीबद्ध करने की अनुशंसा होने से उक्‍त शिकायत नस्‍तीबद्ध कर दी गई है।                            (ख) उक्‍त शिकायत श्री बी.एस. कुशवाह, पद वरिष्‍ठ उद्यान विकास अधिकारी, पदस्‍थापना प्रभारी सहायक संचालक, उद्यान भोपाल के नाम से की गई है, वे वर्तमान में सहायक संचालक उद्यान, जिला भोपाल में पदस्‍थ हैं। (ग) जी नहीं। प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में शेषांश का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

अनुसूचित जाति कल्‍याण विभाग अंतर्गत संचालित योजनाएं

[अनुसूचित जाति कल्याण]

73. ( क्र. 1682 ) डॉ. प्रभुराम चौधरी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) जिला रायसेन में अप्रैल 2019 से मार्च 2024 तक अनुसूचित जाति कल्याण विभाग से किन-किन योजनाओं में कितना-कितना बजट स्वीकृत किया गया एवं व्यय किया गया? विधानसभावार जानकारी देवें। (ख) विधानसभा क्षेत्र सांची में अप्रैल 2019 से मार्च 2024 तक सार्वजनिक कार्य एवं हितग्राही मूलक के कौन-कौन से कार्यों हेतु कितनी राशि सहायता स्वीकृत की गई? स्वीकृत सहायता से क्या कार्य कराये गये? (ग) सांची विधानसभा क्षेत्र में अनूसूचित जाति बस्ती विकास हेतु किन-किन ग्रामों, क्षेत्रों में उक्त योजना के विकास के कार्य स्वीकृत कराये जा सकते हैं? (घ) क्या सांची विधानसभा क्षेत्रांतर्गत विभाग के पास स्वीकृति हेतु कोई प्रस्ताव लंबित है? यदि हाँ तो   कौन-कौन से एवं कब तक स्वीकृत किये जायेंगे?

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार।   (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' एवं '''' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार। (घ) जी नहीं।

सहरिया जनजाति हेतु शासन की योजनाएं

[जनजातीय कार्य]

74. ( क्र. 1688 ) श्री राजेन्‍द्र भारती : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रधानमंत्री जनमत योजना के तहत विशेष सहरिया जनजाति के 100 प्रतिशत व्यक्तियों के जाति प्रमाण-पत्र एवं जन्म प्रमाण-पत्र तथा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि सभी पात्र व्यक्तियों को दिलाने के निर्देश हैं? यदि हाँ तो निर्देश की छायाप्रति दें। क्या उक्त सहायता दिलाने के लिए कोई शुल्क निर्धारित है? आदेश की छायाप्रति दें। दतिया जिले में विशेष पिछड़ी जनजातीय सहरिया जनजाति के कितने सदस्य हैं तथा उन्हें क्या-क्‍या लाभ प्राप्त हो रहा है? कृपया विस्तृत जानकारी दें। (ख) दतिया जिले में कितने सहरिया सदस्यों के जाति प्रमाण-पत्र बनाये गये हैं? जिलेवार जानकारी उपलब्ध करावें। कितनों के नहीं? सूची उपलब्ध करावें। लंबित रहने के लिए कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? उन पर क्या कार्यवाही की गई? कृपया अवगत करायें। (ग) दतिया जिले में कितने सहरिया सदस्यों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि दी जा रही है? सूची उपलब्ध करावें तथा कितने सहरिया सदस्यों को नहीं दी जा रही है? सूची उपलब्‍ध करावें। प्रधानमंत्री जनमन अभियान अवधि के आठ माह के बाद भी जाति प्रमाण-पत्र, किसान सम्मान निधि न दिलाने पर संबंधित कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं? दोषी अधिकारी के विरूद्ध क्या और कब तक कार्यवाही की जावेगी? अवगत करावें। (घ) क्या दतिया जिले को प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत आवंटन प्रदाय किया गया है? यदि हाँ तो आवंटन की राशि से अवगत करावें। जिले को प्राप्त आवंटन में किस-किस मद पर कितना-कितना व्यय किया गया है?

जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) प्रधानमंत्री जनमन योजना अन्‍तर्गत सहरिया जनजाति के 100 प्रतिशत व्‍यक्तियों के जाति प्रमाण-पत्र तथा प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि सभी पात्र व्‍यक्तियों को दिये जाने निर्देश हैं। निर्देश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट ''एक'' अनुसार है। निर्देश में जन्‍म प्रमाण-पत्र का उल्‍लेख नहीं है। म.प्र. लोक सेवा गारन्‍टी अधिनियम 2010 के तहत लोक सेवा केन्‍द्र में जाति प्रमाण-पत्र के लिये प्रोसेसिंग शुल्‍क 20/- रूपये निर्धारित है। आदेश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट ''दो'' अनुसार है। दतिया जिले में सहरिया जनजाति के 8505 हितग्राही चिन्हित हैं, जिन्‍हें पात्रतानुसार आयुष्‍मान कार्ड, आधार कार्ड, जनधन बैंक खाता, जाति प्रमाण-पत्र, पी.एम. किसान सम्‍मान निधि, किसान क्रेडिट कार्ड, राशन कार्ड, प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री उज्‍जवला योजना, मुख्‍यमंत्री किसान सम्‍मान निधि आदि शासन की योजनाओं का लाभ प्राप्‍त हो रहा है। (ख) दतिया जिले में जनमन योजना अन्‍तर्गत चिन्‍हित पात्र हितग्राहियों में से 1668 हितग्राहियों के जाति प्रमाण-पत्र बनाये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट ''तीन'' अनुसार है। जाति प्रमाण-पत्र बनाये जाने की कार्यवाही सतत जारी है, अत: शेष का प्रश्‍न उपस्थिति नहीं होता है। (ग) दतिया जिले में 879 पात्र हितग्राहियों को प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि एवं मुख्‍यमंत्री किसान सम्‍मान निधि का लाभ दिया जा रहा है। अत: शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट ''चार'' अनुसार है। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट ''पांच'' अनुसार है।

बुन्‍देलखण्‍ड पैकेज अंतर्गत प्राप्‍त राशि में अनियमितता

[पशुपालन एवं डेयरी]

75. ( क्र. 1689 ) श्री राजेन्‍द्र भारती : क्या राज्‍य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बुंदेलखण्‍ड पैकेज अंतर्गत दतिया जिला को विभागीय योजनाओं हेतु कब-कब, कितनी-कितनी राशि मदवार प्राप्‍त हुई है? कृपया आय-व्‍यय का विस्‍तृत ब्‍यौरा दें।         (ख) क्‍या उप संचालक दतिया द्वारा बहुउद्देशीय हाईब्रिड चारा नेपियर का लाभ हितग्राहियों को देने के लिए पत्र क्रमांक 3410/चारा AFDP/2016-17 भोपाल दिनांक 24.04.2016 द्वारा निर्देश जारी किये गये? यदि हाँ तो क्‍या संचालक द्वारा निर्देशानुसार P.G.I.V.A.S. AKOLA एवं IGFRI-jhansi (U.P.) से चारा खरीदना था? यदि हाँ तो क्‍या संबंधित हितग्राहियों द्वारा विभाग से प्राप्‍त राशि से चारा खरीद कर उत्‍पादन किया गया? यदि हाँ तो क्‍या भोपाल स्‍तर से संयुक्‍त जांच दल (कृषि, राजस्‍व एवं पशुपालन विभाग) से भौतिक सत्‍यापन कराया गया? यदि हाँ तो विस्‍तृत विवरण दें और यदि नहीं तो क्‍यों? कृपया कारण सहित बतायें तथा भौतिक सत्‍यापन कब तक कराया जायेगा? (ग) क्‍या विभाग द्वारा उक्‍त धारा उत्‍पादक किसानों को हस्‍तचलित चैफ कटर भी प्रदाय किये गये हैं? यदि हाँ तो क्‍यों? कृपया कारण सहित बतायें कि अधिकारियों द्वारा हितग्राहियों से नियमानुसार राशि पुन: विभाग के बैंक खाते में वापिस क्‍यों नहीं की गई? क्‍या विभाग जांच कराकर दोषियों के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही करेगा? यदि हाँ तो कब तक? (घ) क्‍या कार्यालय उप संचालक द्वारा दतिया जिले में कृषि उत्‍पादित हितग्राहियों को हाईब्रिड नेपियर चारा एवं चैफ कटर मशीनों का लाभ दिया गया? यदि हाँ तो हितग्राहियों के नाम/पता एवं मशीन और राशि का अलग-अलग विवरण (सूची) प्रदाय करें। क्‍या योजना में हुए व्‍याप्‍त भ्रष्‍टाचार एवं अनियमितताओं की जांच विभाग द्वारा कराई गई? यदि नहीं तो क्‍यों और यदि हाँ तो कृपया शिकायतकर्ता का नाम सहित की गई जांच का बिन्‍दुवार विवरण (प्रतिवेदन) प्रदाय करें।

राज्‍य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है(ख) जी नहीं, अपितु संचालनालय पशुपालन के पत्र क्रमांक 13409-10 दिनांक 24.11.2016 द्वारा गतिविधि अंर्तगत निर्देश जारी किए गए थे। जी हाँ। जी हाँ। जी नहीं। गतिविधि अंतर्गत भोपाल स्तर से संयुक्त जांच दल (कृषि, राजस्व, पशुपालन विभाग) से भौतिक सत्यापन कराया जाना प्रस्तावित नहीं था, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। गतिविधि अंतर्गत चारा कटाई हेतु हस्त चलित चैफ कटर प्रदाय किया जाना स्वीकृत था। गतिविधि अंतर्गत चारा उत्पादन कार्यक्रम शत्-प्रतिशत अनुदान पर हितग्राहियों द्वारा चारा उत्पादन किया गया था। अतः हितग्राहियों से राशि पुनः विभाग को वापिस लिए जाने का कोई प्रश्‍न उत्पन्न नहीं होता है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। हाईब्रिड नेपियर चारा उत्पादकों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार एवं चैफ कटर मशीन प्रदाय की जानकारी पुस्तकालय में रखे                         परिशिष्ट-'''' अनुसार है। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है।

वन क्षेत्र के रहवासियों को मिलने वाली सुविधाएं

[वन]

76. ( क्र. 1718 ) श्री राजेश कुमार शुक्‍ला : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) वन क्षेत्र में रहने वाले व्‍यक्तियों के लिये सामान्य जीवन यापन करने के लिए वन विभाग क्या सुविधा देता है? (ख) क्या इन क्षेत्रों में रहने वाले वनवासी अपने पशुओं को वन क्षेत्र में चराने एवं वनोपज का स्वयं के लिए उपयोग कर सकते हैं? (ग) प्रश्‍नांश "ख" के अनुक्रम में बिजावर विधानसभा अंतर्गत विगत 05 वर्षों में क्या ऐसे लोगों को वन विभाग द्वारा दंडित किया गया जिन्होंने अपने पशुओं को वन में चराने एवं वनोपज का व्यक्तिगत उपयोग किया है? यदि हाँ तो कितनों को और इन्हें दण्डित क्‍यों किया गया?

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) मध्यप्रदेश राजपत्र दिनांक 09 अक्टूबर, 2020 में प्रकाशित राज्य शासन की निस्तार नीति जो दिनांक 10.03.2019 से प्रभावशील है, में उल्लेख अनुसार सुविधा प्रदान की गई है। राजपत्र की प्रति संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) चराई हेतु निषिद्ध वनक्षेत्रों को छोड़कर पालतू पशुओं को चराने की सुविधा एवं वनों से प्राप्त होने वाली लघु वनोपज संग्रहण के उपयोग हेतु सुविधा दी गई है। (ग) जी नहीं। अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "ग्यारह"

बजट का उपयोग

[जनजातीय कार्य]

77. ( क्र. 1725 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ-अलीराजपुर में कितने नवीन सी.एम. राईज स्कूल बनाए जा रहे हैं तथा उनका बजट कितना है? निर्माण करने वाली फर्म की जानकारी दें तथा कितने स्कूल बन चुके हैं व कितने बनने बाकी हैं एवं कब तक बन जाएंगे? (ख) जनजातीय कार्य विभाग के तहत झाबुआ-अलीराजपुर जिले में कितने छात्रावास (बालक एवं बालिकाओं हेतु) संचालित हैं? वित्‍तीय वर्ष 2021-2022,          2022-2023, 2023-2024 में प्राप्त बजट का छात्रावास अधीक्षकों द्वारा क्या-क्या उपयोग किया गया है? कौन-कौन सी सामग्री खरीदी गयी है और कहाँ से खरीदी गयी? प्रत्येक छात्रावास की विस्तृत जानकारी प्रदान की जाये। (ग) झाबुआ-अलीराजपुर में संचालित महाविद्यालय एवं छात्रावास में पंजीकृत छात्रा-छात्राओं को 2021-2022, 2022-2023, 2023-2024 में दी गयी छात्रवृत्ति, शिष्यावृत्ति एवं आवास किराये की संपूर्ण जानकारी उपलब्‍ध कराएं। (घ) झाबुआ-अलीराजपुर में संचालित एकलव्य स्कूल के बजट की जानकारी मदवार वित्तीय वर्ष 2021-2022, 2022-2023, 2023-2024 के उपलब्ध कराएं तथा बजट के उपयोग एवं खर्च की जानकारी प्रदान की जाए। कर्मचारियों की जानकारी दी जाए कि कितने कर्मचारी संविदा पद पर कार्यरत हैं व कितने कर्मचारी नियमित पद पर कार्यरत हैं?

जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जिला झाबुआ में 07 एवं जिला अलीराजपुर में 06 सी.एम. राईज स्‍कूल बनाये जा रहे हैं, उक्‍त कार्यों का बजट राशि रूपये 41526.83 लाख स्‍वीकृत है। निर्माण करने वाली फर्म, स्‍कूल बन चुके हैं व कितने बनने बाकी है एवं कब तक बन जायेंगे की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश '''' के सम्‍बन्‍ध में जिला झाबुआ एवं अलीराजपुर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है।                        (ग) प्रश्‍नांश '''' के सम्‍बन्‍ध में जिला झाबुआ एवं अलीराजपुर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। (घ) प्रश्‍नांश '''' के सम्‍बन्‍ध में जिला झाबुआ एवं अलीराजपुर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है।

लघु वनोपज का क्रय-विक्रय

[वन]

78. ( क्र. 1727 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. राज्य लघु वनोपज द्वारा वर्ष 2022-23 और 2023-24 में म.प्र. के आदिवासी ब्लॉक/विकासखंड/ जिलों में स्थित वन क्षेत्रों से समस्त लघु वनोपज की खरीदी एवं बिक्री की जानकारी जिलेवार प्रदान की जाए। (ख) झाबुआ-अलीराजपुर स्थित वन क्षेत्र से जंगल से घास कटाई एवं लकड़ी कटाई के वर्ष 2021-22, 2022-23, 2023-24 में कौन सी फर्म कम्पनी/संगठन/समूह द्वारा ठेकेदार, किस दर/रेट पर करा गया? वन विभाग को प्राप्त राजस्व की जानकारी जानकारी दी जाए। (ग) अलीराजपुर जिले के कट्ठीवाडा, भाबरा/चन्द्रशेखर आजाद वन परिक्षेत्र झाबुआ-अलीराजपुर वन विभाग द्वारा वर्ष       2020-21, 2021-22, 2022-23, 2023-24 में वन क्षेत्र में वन विभाग द्वारा खनन हेतु कितनी NOC सर्टिफिकेट दिये गये और खनन हेतु कौन-कौन से व्यक्ति/फर्म/ठेकेदार को माइनिंग की परमिशन दी गई? वन विभाग को ऐसे खनन से प्राप्त राजस्व की जानकारी दी जाए। (घ) झाबुआ एवं अलीराजपुर जिले में वन विभाग/वन भूमि खनन हेतु दी गई NOC सर्टिफिकेट, प्राप्त राजस्व और कहाँ-कहाँ कौन से फर्म/व्यक्ति/निजी कंपनी/संगठन को दी गई? (ड.) झाबुआ-अलीराजपुर जिले में वर्ष 2020-21, 2021-22, 2022-2023 में वन क्षेत्र में कितना क्षेत्रफल बढ़ा और घटा है? जिला झाबुआ- अलीराजपुर के वन विभाग द्वारा वन क्षेत्र को बढ़ावा देने हेतु क्या-क्या कार्य किये गये तथा क्या कार्ययोजना है? बजट का कितना उपयोग कौन-कौन से कार्य हेतु किया गया?

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) झाबुआ-अलीराजपुर स्थित वनक्षेत्र में वर्ष 2021-22, 2022-23, 2023-24 में वन क्षेत्र अन्तर्गत घास कटाई, लकड़ी कटाई हेतु किसी भी फर्म/कम्पनी/संगठन/समूह को ठेका नहीं दिया गया है। शेष का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) वन क्षेत्र में वन विभाग द्वारा खनन हेतु NOC सर्टिफिकेट प्रदान नहीं किये जाते हैं अपितु यदि किसी व्यक्ति/संस्था को वनक्षेत्र में खनन करने की अनुमति चाहिए तो इस हेतु उसे वन (संरक्षण) अधिनियम 1980 के तहत प्रस्ताव प्रस्तुत करना होता है जिस पर भारत सरकार, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा स्वीकृति की कार्यवाही की जाती है। (घ) झाबुआ एवं अलीराजपुर जिले के वन क्षेत्रों में वन विभाग द्वारा खनन हेतु NOC सर्टिफिकेट प्रदान नहीं किये गये है। (ड.) झाबुआ वन मंडल में वर्ष 2020-21, 2021-22, 2022-23 में निम्नानुसार वनक्षेत्र की वृद्धि हुई हैः-

वर्ष

क्षेत्रफल बढ़ा (हेक्टे. में)

क्षेत्रफल घटा (हेक्टे. में)

2020-21

13.13

0

2021-22

0

0

2022-23

28.00

0

वनमण्डल, अलीराजपुर में वर्ष 2020-21 से वर्ष 2023-24 तक वन क्षेत्र में कोई वृद्धि नहीं हुई है। झाबुआ एवं अलीराजपुर के वनक्षेत्र में किये गये कार्यों एवं बजट उपयोग करने की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है।

योजनाओं का क्रियान्वन एवं संस्‍थाओं का संचालन

 [जनजातीय कार्य]

79. ( क्र. 1738 ) श्री धीरेन्द्र बहादुर सिंह : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वारा विधानसभा में हितग्राही मूलक एवं अन्य किन-किन योजनाओं का संचालन वर्तमान में किया जा रहा हैं? योजनाओं के क्रियान्वन के क्या नियम/निर्देश हैं और हितग्राही योजनाओं का किस प्रकार लाभ प्राप्त कर सकते हैं? (ख) प्रश्‍नांश '''' विगत-03 वर्षों में योजनाओं का लक्ष्य क्या था और विकासखंडवार कितने एवं किन-किन हितग्राहियों को किस चयन प्रक्रिया से किस नाम, पदनाम के सक्षम प्राधिकारी के आदेशों से किन-किन योजनाओं से लाभान्वित किया गया? (ग) बड़वारा विधानसभा में विभाग की कौन-कौन सी संस्था कहाँ-कहाँ एवं कब से संचालित हैं? संस्थावार क्या-क्या सुविधाएं वर्तमान में उपलब्ध हैं? विगत 05 वर्षों में कितनी-कितनी लागत से किस ठेकेदार कंपनी से एवं किस-किन शासकीय सेवकों के पर्यवेक्षण में निर्माण/विकास के                 क्या-क्या कार्य कब-कब कराये गए और क्या कार्य कराये जाने की आवश्यकता एवं योजना हैं?                        (घ) प्रश्‍नांश '''' अनुसार संस्‍थावार विगत-05 वर्षों में किस मांग एवं आवश्यकता से कितनी-कितनी लागत की क्या-क्या सामग्री किस आपूर्तिकर्ता फर्म/संस्था से किस प्रक्रिया से कब-कब क्रय की गयी और संस्थाओं में क्या सामग्री एवं सुविधाओं की आवश्यकता है?

जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

वृक्षारोपण का संरक्षण

[वन]

80. ( क्र. 1744 ) डॉ. अभिलाष पाण्डेय : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                       (क) विभाग द्वारा प्रत्येक वर्ष अनेक योजनान्तर्गत वृक्षारोपण कराए जाते हैं। पेड़ों के संरक्षण एवं पोषण हेतु क्या योजना है? (ख) अनेक पेड़ पानी की कमी के कारण सूख जाते हैं अथवा जानवरों द्वारा नष्ट कर दिए जाते हैं, तो क्या एन.जी.ओ. के माध्यम से पौधा रोपण एवं उनका संरक्षण का कार्य कराया जाएगा, जिससे कि पौधों के जीवन प्रतिशत में वृद्धि लाई जा सके? (ग) विभाग की ऐसी       कौन-कौन सी योजनाएं हैं जिनके अंतर्गत एन.जी.ओ. के माध्यम से वृक्षारोपण कराया जा रहा है?

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ, विभाग द्वारा प्रत्‍येक वर्ष विभिन्‍न योजनाओं के अंतर्गत वृक्षारोपण कराया जाता है। पौधों के संरक्षण एवं पोषण हेतु योजनाओं के अंतर्गत मृत पौधों को बदलने तथा 3 वर्ष से 8 वर्ष तक का रख-रखाव किया जाता है। (ख) वृक्षारोपण प्रोजेक्‍ट में नष्‍ट या मृत पौधों को बदलने का प्रावधान रहता है। एन.जी.ओ. के माध्‍यम से पौधा रोपण एवं उनके संरक्षण की वर्तमान में ऐसी कोई योजना नहीं है। (ग) विभाग में एन.जी.ओ. के माध्‍यम से वृक्षारोपण कराये जाने की कोई योजना नहीं है।

सी.एम. राईज स्कूलों में परिवहन व्‍यवस्‍था

[जनजातीय कार्य]

81. ( क्र. 1750 ) श्री संजय उइके : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि सी.एम. राईज स्कूल में 15 किलोमीटर की दूरी से छात्र/छात्राओं को स्कूल लाने ले जाने हेतु परिवहन सुविधा भी उपलब्ध कराने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ तो बालाघाट जिला के बैहर विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत सी.एम. राईज स्कूल में अभी तक बस प्रारम्भ नहीं करने के क्या‍ कारण है? परिवहन सुविधा छात्र/छात्राओं को कब तक उपलब्ध कर दी जावेगी?

जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (‍क) जी हाँ। (ख) सी.एम. राईज विद्यालयों में परिवहन सुविधा उपलब्‍ध कराया जाना प्रक्रियाधीन है।

राशि का आवंटन

[जनजातीय कार्य]

82. ( क्र. 1753 ) श्रीमती अनुभा मुंजारे : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) समस्त बालाघाट जिले में वित्तीय वर्ष 2020-21 से प्रश्‍न दिनांक तक किस-किस मद से कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य हेतु किस दिनांक को मध्यप्रदेश शासन या केंद्र शासन द्वारा आवंटित हुई? उक्त कार्यों में से कौन-कौन से कार्य हेतु किन-किन कार्य एजेंसी को कितनी राशि का भुगतान किस माध्यम से किया गया? निविदा प्रकाशन किये गए विज्ञापन तथा निविदकारों को दिए गए कार्यादेश की प्रति सहित समस्त बिल वाउचरों की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण किये गए, कितने अपूर्ण हैं? बगैर विज्ञापन निकाले कितने कार्य मेन्युअल आधार पर प्रदान किए गए? दिनांकवार सूची उपलब्ध करावें। (ग) क्या शासकीय कन्या शिक्षा परिसर बालाघाट में पूर्व में पदस्थ प्राचार्य जिन्हें सस्पेंड भी किया गया था के विरुद्ध गंभीर शिकायत विगत 5 वर्षों से प्राप्त हो रही थी? शिकायतों का निराकरण किस आधार पर किस अधिकारी के द्वारा किया गया? शिकायतों की प्रति एवं दस्तावेज उपलब्‍ध करायें। (घ) शासकीय कन्या शिक्षा परिसर बालाघाट में विगत 5 वर्षों में प्रश्‍न दिनांक तक आय-व्यय का ब्यौरा बिल वाउचर सहित उपलब्ध करावें। साथ ही छात्रावास अधीक्षक के विगत 3 वर्षों के               आय-व्यय के संपूर्ण दस्तावेज उपलब्ध करावें।

जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

 

निविदा में हुई अनियमितता की जांच

[जनजातीय कार्य]

83. ( क्र. 1754 ) श्रीमती अनुभा मुंजारे : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनजातीय कार्य विभाग जिला बालाघाट में विगत 6 माह में किस-किस जनप्रतिनिधि के कौन-कौन से पत्र प्राप्त हुए? समस्त पत्रों की प्रति बतावें एवं कौन-कौन सी जानकारी चाही गई थी? आपके विभाग के द्वारा कौन-कौन सी जानकारी समय-सीमा में जनप्रतिनिधियों को प्रदान की गई? कौन-कौन सी जानकारी प्रश्‍न दिनांक तक प्रदाय नहीं की गई? विस्तृत ब्यौरा प्रदान करें। (ख) क्या यह सही है कि ग्राम सुस्वा विकासखंड किरनापुर में नवनिर्मित छात्रावास भवन के निविदा (निविदा क्र. 2941/E TENDAR/JJKV/2023 दिनांक 11/08/2023) में अनियमितता की गई है? उक्त निर्माण कार्य के प्रथम दिनांक से की गई समस्त कार्यवाही निविदाकार का विज्ञापन और निविदाकार को दिये गए कार्यादेश साथ ही यह बताएं कि उसकी प्राक्कलन और तकनीकी स्वीकृति किस प्रकार थी? क्या मानक मापदंडों के अनुरूप निर्माण कार्य कराया गया है तथा साथ में यह बतावें कि उक्त निर्माण कार्य में किस-किस जनप्रतिनिधि या अन्य लोगों के द्वारा विभाग को क्या-क्या शिकायत प्रदाय की गई, जिसके जवाब में विभाग द्वारा पूर्ण शिकायतों का निराकरण किस रूप में किया गया? समस्त दस्तावेज उपलब्ध करावें। निविदा प्रक्रिया में उपस्थित अधिकारियों/कर्मचारियों पर कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?

जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जनजातीय कार्य विभाग जिला बालाघाट में विगत 6 माह में जिले के प्रतिनिधियों से प्राप्‍त पत्रों की प्रति तथा चाही गई विस्‍तृत ब्‍यौरा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। (ख) जी नहीं, जिले से प्राप्‍त जानकारी के अनुसार ग्राम सुसवा विकासखण्ड किरनापुर में नवनिर्मित छात्रावास भवन के निविदा (निविदा क्र. 2941/E TEANDAR/JJKV/2023 दिनांक 11/08/2023) में कोई अनियमितता नहीं की गई है। उक्त निर्माण कार्य के प्रथम दिनांक से की गई समस्त कार्यवाही निविदाकार का विज्ञापन और निविदाकार को दिया गया कार्यादेश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। उक्त भवन का निर्माण कार्य लोक निर्माण विभाग के एस.ओ.आर. पर स्वीकृत स्पेसिफिकेशन एवं तकनीकी मानक मापदण्डों के अनुरूप कार्य कराया जा रहा है। उक्त निर्माण कार्य में अग्रवाल कन्स्ट्रक्शन कम्पनी वार्ड नं. 29 बालाघाट द्वारा शिकायत प्राप्त हुई थी। शिकायती पत्र की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। उक्त्त शिकायती पत्र का निराकरण इस कार्यालय के पत्र कमांक/3901 दिनाँक 14-11-2023 द्वारा किया गया पत्र की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''''अनुसार है। शेष प्रश्‍नांश के संबंध में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

राशन दुकानदारों को समय पर खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाना

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

84. ( क्र. 1755 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) छिन्‍दवाड़ा जिले में प्रत्येक ब्लॉक में अन्नदूत योजनान्तर्गत खाद्यान्न उठाव हेतु चार वाहन प्रदान किये गये हैं जिन्हें निर्धारित समय पर खाद्यान्न का उठाव कर उचित मूल्य दुकानों में ले जाकर देना होता है, ताकि माह की निर्धारित समय-सीमा में राशन दुकानदारों द्वारा हितग्राहियों को खाद्यान्न का वितरण किया जा सके परन्तु परिवहनकर्ता द्वारा समय पर खाद्यान्न का उठाव नहीं किया जा रहा है और न ही राशन दुकानदारों को समय पर खाद्यान्न दिया जा रहा है जिसके कारण छिन्‍दवाड़ा जिले के कई दुकानदारों द्वारा माह अप्रैल का राशन हितग्राहियों को प्रदान नहीं किया गया है, क्योंकि एक निश्चित समय के बाद पी.ओ.एस. मशीन पर आवंटन दिखना बंद हो जाता है। परिवहनकर्ता द्वारा समय पर दुकानदारों को खाद्यान्न उपलब्ध नहीं किये जाने का क्या कारण है? आगामी समय में समय-सीमा अनुसार दुकानदारों को खाद्यान्न उपलब्ध कराया जायेगा(ख) परिवहनकर्ता द्वारा राशन दुकानों को आवंटन अनुसार खाद्यान्न नापकर देना होता है परन्तु परिवहनकर्ता नापतौल में कम खाद्यान्न उचित मूल्य दुकानों में दे रहे हैं और कम खाद्यान्न की भरपाई भी नहीं की जा रही है, जिसका क्या कारण है? उपरोक्त संबंध में जाँच कराकर आगामी माह से परिवहनकर्ता द्वारा दुकानदारों को आवंटन अनुसार खाद्यान्न उपलब्ध कराये जाने हेतु कार्यवाही की जायेगी? जो खाद्यान्न दुकानदारों को कम प्रदान किया गया है, वह खाद्यान्न कब तक उपलब्ध करा दिया जायेगा?

खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत प्रदाय केन्‍द्र से उचित मूल्‍य दुकान तक राशन सामग्री परिवहन की ठेकेदारी व्‍यवस्‍था को समाप्‍त कर मुख्‍यमंत्री युवा अन्‍नदूत योजना के तहत बेरोजगार युवकों को बैंक से ऋण स्‍वीकृत कराकर छिन्‍दवाड़ा जिले में 23 वाहन उपलब्‍ध कराए गए हैं। विकासखण्‍डवार उपलब्‍ध कराए गए वाहनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। छिन्‍दवाड़ा जिले में माह अप्रैल, 2024 हेतु आवंटन अनुसार चावल की पूर्ति अन्‍य जिले से परिवहन एवं मिलर्स से सीधे मिलिंग उपरांत प्रदाय करने में समय लगने के कारण उचित मूल्‍य दुकानों पर माह अप्रैल, 2024 की खाद्यान्‍न सामग्री प्रदाय करने में समय लगा है किन्‍तु, माह अप्रैल के आवंटन अनुसार खाद्यान्‍न सामग्री का प्रदाय दुकानों पर किया गया है। माह अप्रैल, 2024 में दुकानवार खाद्यान्‍न प्राप्‍त करने वाले परिवारों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। माह अप्रैल के खाद्यान्‍न का वितरण माह अप्रैल एवं दिनांक 30 मई, 2024 तक करने की सुविधा पी.ओ.एस. मशीन में उपलब्‍ध कराई गई थी। इस प्रकार, उपभोक्‍ताओं को माह अप्रैल की खाद्यान्‍न सामग्री प्राप्‍त करने हेतु लगभग 2 माह का समय दिया गया है। छिन्‍दवाड़ा जिले के विकासखंड बिछुआ-4, चौरई-1 उचित मूल्‍य दुकानों पर माह अप्रैल, 2024 की खाद्यान्‍न सामग्री उपलब्‍ध होने के उपरांत भी विक्रेता द्वारा वितरण न करने के कारण संबंधित उचित मूल्‍य दुकानदारों एवं कनिष्‍ठ आपूर्ति अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। छिन्‍दवाड़ा जिले में उचित मूल्‍य दुकानों पर आवंटन अनुसार खाद्यान्‍न का प्रदाय समय पर करने की कार्यवाही प्रचलित है। (ख) परिवहनकर्ताओं द्वारा उचित मूल्‍य दुकानों को आवंटन अनुसार खाद्यान्‍न तौलकर देने की व्‍यवस्‍था पूर्व से है। उचित मूल्‍य दुकानों को खाद्यान्‍न तौलकर देने का दायित्‍व परिवहनकर्ता का है। उचित मूल्‍य दुकानों पर कम मात्रा में खाद्यान्‍न प्रदाय करने के संबंध में कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

85. ( क्र. 1757 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) परासिया विधानसभा में जल जीवन मिशन योजनान्तर्गत विभिन्न ग्राम/ग्राम पंचायतों में लगभग 148 कार्यों की स्वीकृति प्रदान की गई थी। स्वीकृत कार्यों में संबंधित ठेकेदारों द्वारा बहुत सारी अनियमितता बरतते हुए लाखों रूपयों का भ्रष्टाचार किया गया है, जो भी सामग्री का उपयोग किया गया है, वह गुणवत्ताहीन है। कार्यों में निर्धारित मापदण्डों का पालन नहीं किया जा रहा है और कई कार्यों को ठेकेदारों द्वारा समय-सीमा में प्रारंभ व पूर्ण नहीं किया जा रहा है। कई कार्यों को अपूर्ण छोड़ दिया गया है परन्तु फिर भी विभाग द्वारा संबंधित ठेकेदारों के विरूद्ध किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई है और ठेकेदारों को बिलों का भुगतान कर दिया गया है, जिससे यह प्रतीत होता है कि संबंधित ठेकेदारों से विभागीय अधिकारियों की साँठ-गाँठ है, जिसके कारण ही स्वीकृत विभिन्न कार्यों में अनियमिततायें बरती गई हैं और भारी भ्रष्टाचार किया गया है। विभाग द्वारा उपरोक्त कार्यों की सूक्ष्मता से जाँच कराकर दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ख) जल जीवन मिशन योजनान्तर्गत स्वीकृत विभिन्न कार्यों में की गई अनियमितता एवं भ्रष्टाचार की जाँच कर कार्यवाही हेतु प्रश्‍नकर्ता द्वारा जिलाध्यक्ष महोदय छिन्‍दवाड़ा एवं कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी परासिया (खिरसाडोह) को ज्ञापन पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/ 2024/302 दिनांक 24.05.2024 को प्रेषित किया गया था, जिस पत्र पर अभी तक क्या कार्यवाही एवं जाँच कराई गई है?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) परासिया विधानसभा में जल जीवन मिशन योजनांतर्गत विभिन्न ग्राम पंचायतों में 148 कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई थी, जिसमें 153 ग्राम सम्मिलित हैं, इनमें से 34 ग्रामों में कार्य पूर्ण, 119 ग्रामों में कार्य प्रगतिरत हैं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। कार्यों में विभाग के तकनीकी मापदंडानुसार गुणवत्तापूर्ण सामग्री का उपयोग किया जा रहा है, सामग्री का तृतीय पक्ष संस्थाओं द्वारा परीक्षण किया जा रहा है, मैदानी अधिकारी/कर्मचारी तथा अनुबंधित तृतीय पक्ष एजेंसी द्वारा सामग्री एवं कार्य की गुणवत्ता का निरीक्षण किया जाता है, गुणवत्तापूर्ण कार्य स्वीकार्य होने पर मापांकन एवं संबंधित सहायक यंत्री द्वारा सत्यापन के पश्चात भुगतान की कार्यवाही की जाती है। ठेकेदारों द्वारा समय-सीमा में कार्य पूर्ण न करने, अपूर्ण छोडने पर अनुबंध में निहित प्रावधान के अनुसार संबंधित ठेकेदार के विरूद्ध कार्यवाही की जाती है। स्वीकृत कार्यों के संबंध में अनियमितता/भ्रष्टाचार परिलक्षित नहीं हुआ है, अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) मान. विधायक का पत्र दिनांक 24.05.2024 उनके द्वारा अपने एक अन्य पत्र क्रमांक 259, दिनांक 04.05.2024 के संदर्भ में जिलाध्यक्ष, छिन्‍दवाड़ा को लिखा गया है तथा प्रतिलिपि कार्यपालन यंत्री, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, खंड परासिया को दी गई। मान. विधायक के पत्र दिनांक 04.05.2024 के संदर्भ में सहायक यंत्री, उपखंड परासिया द्वारा पत्र दिनांक 08.05.2024 द्वारा जानकारी मान विधायक एवं अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) परासिया को प्रेषित की गई। मान. विधायक के पत्र दिनांक 24.05.2024 के संदर्भ में जिलाध्यक्ष छिन्दवाड़ा से कार्यपालन यंत्री, खंड परासिया को वर्तमान में कोई निर्देश नहीं है, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

स्‍वीकृत योजनाओं का क्रियान्‍वयन

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

86. ( क्र. 1759 ) श्री गोपाल सिंह इंजीनियर : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) तारांकित प्रश्‍न क्रं 1812 दिनांक 14 फरवरी 2024 के संदर्भ में आष्‍टा विधानसभा क्षेत्र में जल जीवन मिशन अंतर्गत स्‍वीकृत परियोजनाओं की अद्यतन स्थिति क्‍या है प्रगतिरत योजनाओं की पूर्णता दिनांक क्‍या है? योजनावार कम्‍पनी व ठेकेदार से किये अनुबंध की प्रति उपलब्‍ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार उक्‍त परियोजनाओं में ठेकेदार/एजेन्‍सी द्वारा कार्य में विलंब किये जाने के क्‍या कारण है? क्‍या समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं करने वाले ठेकेदारों पर विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की जायेगी? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) अनुसार उक्‍त योजनाओं के निरीक्षण/भौतिक सत्‍यापन किन-किन अधिकारियों द्वारा कब-कब किया? निरीक्षण प्रतिवेदन की सत्‍यापित प्रति देवें।                (घ) जल जीवन मिशन अंतर्गत स्‍कूल एवं आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में किस एजेन्‍सी एवं ठेकेदार द्वारा कार्य किया गया? क्‍या वर्तमान में योजना चालू है? यदि बंद है तो स्‍कूल एवं आंगनवाडी केन्‍द्रवार कारण बतायें। (ड.) विधानसभा क्षेत्र आष्‍टा में कितने हैण्‍डपंप स्‍थापित हैं, उसमें से कितने हैण्‍डपंप चालू हैं? चालू हैण्‍डपंपों की संख्‍या कितनी है तथा बंद हैण्‍डपंप कितनी संख्‍या में हैं?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) 130 एकल ग्राम नल-जल योजनाओं तथा 01 समूह (आष्‍ट-रानीपुरा) जल प्रदाय योजना की अद्यतन स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है। आष्‍ट-रानीपुरा समूह जल प्रदाय योजना के क्रियान्‍वयन हेतु किए गए अनुबंध की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं के क्रियान्‍वयन हेतु कंपनी व ठेकेदार से योजनावार अनुबंध नहीं किए गए है, अपितु योजनाओं के क्षेत्रवार समूह बनाकर निविदाएं आमंत्रित कर चयनित ठेकेदार/एजेंसियों से समूहवार अनुबंध किए गए हैं, संदर्भ हेतु अनुबंध की एक प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-04 अनुसार है। ख) उत्तरांश '''' अनुसार एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं के क्रियान्‍वयन में विलम्ब मुख्यतः एजेन्सी/ठेकेदार द्वारा धीमी गति से कार्य करना, विभिन्न विभागों जैसे - वन विभाग, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण, लोक निर्माण विभाग से कार्य हेतु समय पर आवश्यक अनुमतियां प्राप्त न होना, निर्माण हेतु स्थल विवाद एवं कोरोना महामारी के दौरान श्रमिक एवं सामग्री प्राप्ति में विलम्ब इत्यादि कारण हैं। समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं करने वाली एजेन्सियों/ठेकेदारों पर विभाग द्वारा अनुबंधानुसार विलम्ब हेतु उत्तरदायी पाए जाने पर कार्यवाही की जाती है। आष्‍ट-रानीपुरा समूह जल प्रदाय योजना का कार्य प्रगतिरत है, इस योजना का कार्य सितंबर 2025 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। (ग) एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं के क्रियान्‍वयन में संबंधित उपयंत्री एवं सहायक यंत्री द्वारा योजनाओं के कार्यों का सतत् निरीक्षण किया जाता है। उपयंत्री द्वारा किए गए कार्य के मापांकन का भौतिक सत्यापन संबंधित सहायक यंत्री द्वारा माप-पुस्तिका पर किया जाता है। आष्‍ट-रानीपुरा समूह जल प्रदाय योजना के संदर्भ में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-05 अनुसार है, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जल जीवन मिशन अन्तर्गत विधानसभा क्षेत्र आष्टा में स्कूल एवं आंगनवाड़ी केन्द्रों में अनुबंधित एजेन्सी मेसर्स रैने पावर बैरागढ़, भोपाल द्वारा कार्य किया गया है। पेयजल उपलब्ध कराने का कार्य पूर्ण कर के विभाग द्वारा उक्त पेयजल व्यवस्था संबंधित स्कूलों एवं आंगनवाड़ी केन्द्रों को संचालन एवं रख-रखाव हेतु हस्तांतरित कर दी गई है। उक्‍त पेयजल व्‍यवस्‍था का लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी विभाग द्वारा संचालन/रख-रखाव किए जाने का प्रावधान नहीं है, अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ङ) विधानसभा क्षेत्र आष्टा में कुल 2367 हैण्डपम्प स्थापित हैं, उसमें से 1911 हैण्डपम्प चालू एवं 456 हैण्डपम्प नलकूपों की जल आवक क्षमता वर्तमान में कम हो जाने/नलकूप का जल स्‍तर अत्‍यधिक नीचे चले जाने के कारण अस्‍थाई रूप से बन्द हैं।

 

दुग्‍ध शीत केन्‍द्र एवं डेयरी का संचालन

[पशुपालन एवं डेयरी]

87. ( क्र. 1763 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या राज्‍य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ विधानसभा में किन-किन स्‍थानों पर दुग्‍ध शीत केन्‍द्र एवं डेयरी किस-किस समिति के द्वारा कब से संचालित की जा रही है? (ख) राजगढ़ विधानसभा की उक्‍त दुग्‍ध शीत केन्‍द्र के प्रबंधक एवं डेयरी समितियों के अध्‍यक्ष एवं सदस्‍यों के नाम बतावें।              (ग) डेयरी समितियों के अध्‍यक्ष एवं सदस्‍यों के चयन प्रक्रिया की जानकारी दें। (घ) राजगढ़ विधानसभा की उक्‍त डेयरी पर प्रतिदिन कितना-कितना दूध संग्रह कर दुग्‍ध शीत केन्‍द्रों पर भेजा जा रहा है?

राज्‍य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) राजगढ़ विधानसभा अंतर्गत एक शीत केन्‍द्र राजगढ़ में संचालित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। (ख) शीतकेन्‍द्र प्रभारी का नाम श्रीमती जतिंदर कौर है। सदस्‍यों के नाम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है(ग) डेयरी समिति के अध्‍यक्ष का चयन निर्वाचन के माध्‍यम से होता है। समिति सदस्‍य हेतु चयन प्रक्रिया नहीं है। निर्धारित अर्हता रखने वाला दुग्‍ध उत्‍पादक समिति का सदस्‍य बन सकता है। अर्हता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''' अनुसार है(घ) 4294 लीटर दूध औसतन प्रतिदिन संकलित किया जा रहा है।

छात्रावासों की जानकारी

[अनुसूचित जाति कल्याण]

88. ( क्र. 1764 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) राजगढ़ विधानसभा में किन-किन स्‍थानों पर कौन-कौन से अनुसूचित जाति के छात्रावास कब से संचालित हैं? (ख) उक्‍त छात्रावासों में किस-किस कक्षा के कितने-कितने छात्र-छात्राएं रहते हैं? बतावें। (ग) उक्‍त छात्रावासों में रहने वाले छात्र-छात्राओं को शासन द्वारा क्‍या-क्‍या सुविधा कब-कब दी जाती है? जानकारी दें। (घ) क्‍या शासन द्वारा उक्‍त छात्रावासों में अधीक्षक नियुक्‍त किये जाते हैं? यदि हाँ तो उनके नियुक्‍त किये जाने की शासन के क्‍या नियम हैं? निर्देश की प्रति उपलब्‍ध करावें तथा राजगढ़ विधानसभा के उक्‍त छात्रावासों में कौन-कौन से अधीक्षक कब से कार्यरत हैं? उनके नाम, पदनाम एवं छात्रावास में पदस्‍थापना दिनांक सहित बतावें।

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' एवं शेष विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है।

समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित गेहूँ का परिवहन/भण्डारण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

89. ( क्र. 1777 ) श्री श्रीकान्त चतुर्वेदी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) सतना/मैहर जिलान्तर्गत समर्थन मूल्य पर वर्ष (2024-25) के लिए गेहूँ उपार्जन केन्द्र जिला प्रशासन द्वारा निर्धारित सभी उपार्जन केन्द्रों में किसानों से उपार्जित गेहूँ का परिवहन/भण्डारण कराए जाने की पॉलिसी क्‍या निर्धारित थी? जानकारी दी जावे। पॉलिसी अंतर्गत परिवहन/भण्‍डारण कराया गया? स्‍पष्‍ट किया जावे। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार दोनों जिलों में जिला प्रशासन द्वारा निर्धारित उपार्जन केन्द्रों में किस उपार्जन केन्‍द्र से निजी वेयर हाउसों एवं शासकीय वेयर हाउसों की दूरी कितने-कितने किलोमीटर थी? प्रत्येक केन्द्रवार जानकारी दी जावे। साथ ही यह भी स्पष्ट किया जावे कि जिला प्रबंधक एम.पी.एस.सी.एस. कार्पोरेशन सतना द्वारा मैपिंग कर किस उपार्जन केन्द्र का परिवहन किस वेयर हाउस में किस अनुपात में किस आधार पर कराया गया है? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में क्या यह सही है कि जिला प्रबंधक एम.पी.एस.सी.एस. कार्पोरेशन सतना द्वारा परिवहन/भण्डारण के लिए शासन से निर्धारित नियमों एवं मार्गदर्शी सिद्धांतों को दर किनार कर परिवहन/भण्‍डारण उपार्जन केन्‍द्रों के नजदीक पात्र वेयर हाउस होने के बावजूद भी अधिक दूरी वाले वेयर हाउसों में परिवहन/भण्डारण कराकर शासन की लोक राशि का अपव्‍यय परिवहन की मैपिंग कर किया गया है? यदि हाँ तो ऐसी राशि की भरपाई संबंधि‍त मैपिंगकर्ता से की जावेगी? यदि नहीं तो क्‍यों? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के संबंध में क्या यह सही है कि शासकीय गोदाम एवं वीओरी गोदाम खाली पड़े हैं जिनको किराया राशि का भुगतान शासन द्वारा किया जाना अनुबंधित है, क्या ऐसी भुगतान होने वाली राशि की वसूली डी.एम. सतना से की जावेगी? नहीं तो क्यों नहीं?

खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। सतना एवं मैहर जिले में रबी विपणन वर्ष 2024-25 में समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित गेहूँ के परिवहन एवं भंडारण हेतु नीति निर्धारित की गई थी, जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। नीति अनुसार उपार्जन केन्‍द्रों से निर्धारित प्राथमिकता क्रम के आधार पर उपार्जित गेहूँ का परिवहन एवं भंडारण कराया गया है। केवल पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार उल्‍लेखित स्थिति को छोड़कर। (ख) सतना एवं मैहर जिले में गेहूँ उपार्जन केन्‍द्रों से निजी एवं शासकीय गोदामों की दूरी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। जिला प्रबंधक, मध्‍यप्रदेश स्‍टेट सिविल सप्‍लाईज कार्पोरेशन, सतना द्वारा उपार्जन नीति के प्रावधान अनुसार अनुरूप मैपिंग कर उपार्जन केन्‍द्रों से परिवहन कर गोदामवार भण्‍डारित मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) सतना एवं मैहर जिले में 7, 108 मे.टन क्षमता मध्‍यप्रदेश वेयर हाउसिंग एण्‍ड लॉजिस्टिक कार्पोरेशन की स्‍वयं के गोदाम एवं 28, 996 मे.टन क्षमता बी.ओ.टी. अंतर्गत निर्मित क्षमता रिक्‍त रही है। बी.ओ.टी. अंतर्गत निर्मित गोदाम रिक्‍त रहने पर मध्‍यप्रदेश वेयर हाउसिंग एण्‍ड लॉजिस्टिक कार्पोरेशन को किराया भुगतान करना होगा।

अनुसूचित जाति‍ बाहुल्य क्षेत्र में प्रदत्‍त राशि‍

[अनुसूचित जाति कल्याण]

90. ( क्र. 1784 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जनजातीय कल्याण विभाग द्वारा अ.जा. बाहुल्य ग्रामों में निर्माण कार्यों के लिए कितनी-कितनी राशि प्रदान की गई है? पंचायतवार, ग्रामवार, कार्यवार सूची देवें। (ख) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कुल कितने ग्राम अ.जा. बाहुल्य क्षेत्र में आते हैं? विभाग द्वारा अ.जा. बाहुल्य क्षेत्र में कौन-कौन सी योजनायें क्रियान्वित की गई हैं? क्या इन सभी योजनाओं का लाभ विभाग द्वारा अनुसूचित जाति‍ वर्ग को दिया गया है? (ग) जनजातीय कल्याण विभाग द्वारा विद्युत पोल, ट्रांसफार्मर, सड़क निर्माण, मांगलिक भवन निर्माण के लिए क्या राशि पृथक-पृथक दी जाती है? क्या सभी योजनाओं की राशि‍ को एक साथ मर्ज कर दिया गया है?

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जनजातीय कार्य विभाग द्वारा अनुसूचित जाति बाहुल्‍य ग्रामों में निर्माण कार्य के लिये राशि प्रदाय किये जाने की योजना संचालित नहीं है। अनुसूचित जाति कल्‍याण विभाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' एवं '''' अनुसार। शेष जी हाँ। (ग) जी नहीं, जनजातीय कार्य विभाग द्वारा विघुत पोल ट्रान्‍सफार्मर एवं सड़क निर्माण हेतु योजनान्‍तर्गत निर्धारित कार्यों की एक मुश्‍त राशि प्रदाय की जाती है, मांगलिक भवन निर्माण हेतु जनजातीय कार्य विभाग में कोई योजना संचालित नहीं है। जी नहीं, योजनान्‍तर्गत स्‍वीकृत किये जाने वाले प्रावधान अनुसार कार्य स्‍वीकृत किये जाते हैं।

मत्स्य पालन हेतु टेंडर प्रक्रिया

[मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास]

91. ( क्र. 1786 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या राज्‍य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), मछुआ कल्‍याण एवं मत्‍स्‍य विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत मत्स्य विभाग द्वारा विगत 5 वर्षों में कितने डेमों/तालाबों पर मछली पालन के लिए टेंडर जारी किए गए हैं? क्या टेंडर प्रक्रिया शासन के नियमानुसार किए गए हैं। (ख) विभाग द्वारा मत्स्य पालन के लिए कब-कब टेंडर निकाले जाने की विज्ञप्ति जारी की गई है? यदि विज्ञप्ति निकाली गई है तो विज्ञप्ति की प्रमाणित प्रति देवें।

राज्‍य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), मछुआ कल्‍याण एवं मत्‍स्‍य विकास ( श्री नारायण सिंह पंवार ) :                            (क) जी हाँ। महिदपुर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत विभाग द्वारा विगत 05 वर्षों में 07 डेमों/तालाबों को मछली पालन पट्टे पर देने हेतु विज्ञप्ति शासन निर्देशानुसार जारी की गई है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट '''' अनुसार। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट '''' अनुसार।

परिशिष्ट - "बारह"

जल जीवन मिशन अन्तर्गत पेयजल टंकियों का निर्माण

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

92. ( क्र. 1790 ) श्री सतीश मालवीय : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्जैन जिले की घट्टिया विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत जल जीवन मिशन अन्तर्गत एकल ग्राम योजना के अन्तर्गत कितनी पेयजल टंकी का निर्माण किया गया है? कितनी टंकियों के कार्य पूर्ण है? कितने अपूर्ण हैं? कितनी टंकियों के कार्य प्रारंभ नहीं हुए हैं? कहाँ-कहाँ, किन-किन एजेन्सी के द्वारा कार्य किया जा रहा है? (ख) कितनी पेयजल टंकियों का कार्य पूर्ण हाने के बाद ग्राम पंचायत को हस्तांतरित की गई हैं? कितनी टंकियों का हस्तांतरण नहीं हुआ है? हस्तांतरण नहीं होने के क्या कारण हैं? सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) पेयजल टंकी के निर्माण की गुणवत्ता के संबंध में कब-कब किन-किन अधिकारियों के द्वारा निरीक्षण किया गया और क्या-क्या कमियां पाई गई? सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। पेयजल टंकी की गुणवत्ता के संबंध में प्रश्‍न दिनांक तक कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं और किस-किस माध्यम से प्राप्त हुई हैं? उन शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई? सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें।

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जल जीवन मिशन अंतर्गत एकल ग्राम नल-जल योजनाओं में 68 पेयजल टंकियां स्वीकृत हैं, जिनमें वर्तमान में 56 के कार्य पूर्ण, 10 के कार्य प्रगतिरत एवं 02 टंकियों का कार्य प्रारम्भ होना शेष है, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है(ख) टंकियों का कार्य पूर्ण होने के बाद टंकी का हस्तांतरण ग्राम पंचायत को नहीं किया जाता है, अपितु स्वीकृत योजना के कार्य पूर्ण होने पर ग्राम पंचायत को योजना हस्तांतरित की जाती है, प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में 39 योजनाओं के कार्य पूर्ण कर संबंधित ग्राम पंचायत को योजनाएं हस्तांतरित कर दी गई हैं, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।                (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

पेयजल योजना का क्रियान्‍वयन

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

93. ( क्र. 1798 ) श्री विपीन जैन : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्र. 1338 दिनांक 14.2.24 के परिशिष्ट दो अनुसार ग्राम पंचायत अमलावद, अर्निया निजामुद्दीन, रीछालालमुहा में कार्य अपूर्ण होने का कारण ठेकेदार की मृत्यु होना बताया गया था। जानकारी दें कि शेष कार्य किसके द्वारा, कब तक पूर्ण करा दिया जाएगा? शेष कार्य पूर्ण होने के संबंध में क्या कार्रवाई विभाग द्वारा की गई है? (ख) उक्त ग्राम पंचायतो में कितना और कौन सा कार्य अभी भी अपूर्ण है? (ग) कार्य अपूर्णता के कारण कुल लागत में से अत्यधिक राशि संबंधित को भुगतान क्यों कर दी गई है? क्या राशि का भुगतान अनुबंध की शर्तों के अनुसार हुआ है? (घ) प्रश्‍नांश (क) अनुसार परिशिष्ट तीन और चार में पेयजल की समस्या के निराकरण हेतु शालाओं और आंगनवाड़ि‍यों में जल जीवन मिशन अंतर्गत पेयजल की समस्या के निराकरण हेतु नलकूप खनन, टंकी, पेयजल स्टैण्‍ड निर्माण के कार्य किए गए हैं। क्या यह सही है कि 90 फ़ीसदी विद्यालयों, आंगनवाड़ि‍यों में पेयजल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है? यदि ऐसा नहीं है तो इस संबंध में विद्यालय प्रमुख, आंगनवाड़ि‍यों से पेयजल उपलब्धता प्रमाण-पत्रों की प्रमाणित प्रतिलिपियां देवें।                        (ड.) पेयजल उपलब्धता हेतु विद्यालयों में जिला शिक्षा अधिकारी और महिला बाल विकास विभाग के जिला अधिकारी मन्दसौर का प्रतिवेदन देवें कि क्या उनके अधीनस्थ विद्यालयों और आंगनवाड़ियों में पी.एच.ई से किए गए कार्य सुचारू रूप से संचालित है या नहीं?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ, प्रश्‍नांकित प्रश्‍न में उल्लेखित ग्रामों की स्वीकृत योजनाओं में अतिरिक्त कार्य को सम्मिलित कर योजनाओं की पुनरीक्षित शासकीय स्वीकृति प्राप्ति करने के लिए कार्यवाही की जा रही है, पुनरीक्षित स्वीकृति के उपरांत नियमानुसार एजेंसी का निर्धारण कर शेष कार्य कराये जा सकेंगे, निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01, 02 एवं 03 अनुसार है। (ग) जी नहीं। जी हाँ। (घ) जी हाँ। पेयजल उपलब्ध कराने का कार्य पूर्ण करके विभाग द्वारा उक्त पेयजल व्यवस्था संबंधित स्कूलों एवं आंगनवाड़ी केन्द्रों को संचालन/रख-रखाव हेतु हस्तांतरित कर दी गई है। उक्त पेयजल व्यवस्था का लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा संचालन/रख-रखाव किए जाने का प्रावधान नहीं है, अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) पेयजल उपलब्ध कराने का कार्य पूर्ण करके विभाग द्वारा उक्त पेयजल व्यवस्था संबंधित स्कूलों एवं आंगनवाड़ी केन्द्रों को संचालन/रख-रखाव हेतु हस्तांतरित कर दी गई है। उक्त पेयजल व्यवस्था का लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा संचालन/रख-रखाव किए जाने का प्रावधान नहीं है, अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

लोक परिसम्पति की जानकारी

[लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन]

94. ( क्र. 1801 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक परिसम्पत्ति नियम के तहत मंदसौर जिले में शासन द्वारा कौन-कौन सी भूमि/परिसम्पत्ति का विक्रय बोली लगाकर किया गया? जानकारी देवें। (ख) उपरोक्त लोक परिसम्पत्ति शासन की कौन-कौन सी परिसम्पत्तियों को शामिल किया जाता है? सुवासरा विधानसभा में प्रश्‍न दिनांक तक कौन-कौन सी भूमि/भवन तथा अन्य किस-किस परिसम्‍पत्ति का विक्रय किया जाता है और वर्तमान में ऐसे कितने स्थान चिन्हित है? (ग) शासन द्वारा परिसम्पत्तियों के विकास हेतु पी.पी. योजना के क्या नियम हैं? इसकी जानकारी देवें। (घ) सुवासरा विधानसभा में विक्रय की गई परिसम्पत्ति से प्राप्त राशि से विकास हेतु क्या नियम है? जानकारी देवें तथा विधानसभा क्षेत्र में कितनी राशि विकास हेतु दी गई है?

जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) मंदसौर जिले की विक्रय की गई शासकीय परिसम्‍पत्ति निम्‍नानुसार है :- सुवासरा बुकिंग ऑफिस, सुवासरा (रिजर्व मूल्‍य-0.44 करोड़), पुराना जिला पंचायत (रिजर्व मूल्‍य-6.68 करोड़) एवं भून्‍याखेड़ी (रिजर्व मूल्‍य-6.05 करोड़) (ख) लोक परिसम्‍पत्ति प्रबंधन विभाग द्वारा रिक्‍त/अनुपयोगी शासकीय परिसम्‍पत्तियों का युक्तियुक्‍त प्रबंधन/निर्वर्तन किया जाता है। सुवासरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत मात्र 1 परिसम्‍पत्ति सुवासरा बुकिंग ऑफिस का निर्वर्तन किया गया है। वर्तमान में सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में कोई भी परिसम्‍पत्ति चिन्हित नहीं है। (ग) विभाग द्वारा परिसम्पत्तियों के विकास हेतु पी.पी. योजना के नियम प्रचलित नहीं हैं। (घ) सुवासरा विधानसभा में विक्रय की गई परिसम्पत्ति से प्राप्त राशि से विकास हेतु कोई नियम नहीं है। विकास हेतु दी जाने वाली राशि बजट के माध्‍यम से शासन की योजनाओं हेतु दी जाती है। विभाग अंतर्गत जिला प्रोत्‍साहन योजना वित्‍तीय वर्ष 2022-23 में अवॉर्ड की गई निविदाओं हेतु लागू की गई।

वन क्षेत्रफल घटने की जांच

[वन]

95. ( क्र. 1804 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) शिवपुरी वन मंडल में वित्तीय वर्ष 2021-22 से 2023-24 तक वृक्षारोपण हेतु कुल कितनी राशि प्राप्त हुई और कितनी राशि वर्षवार कहाँ-कहाँ वृक्षारोपण पर व्यय की गई? (ख) शासन से प्राप्त राशि से विगत तीन वर्षों में शिवपुरी जिले के किन-किन स्थानों पर कितना वृक्षारोपण किया गया?                    (ग) भौतिक सत्यापन कर वर्तमान स्थिति में बतावें। क्या शिवपुरी जिले में विगत 3 वर्ष में किये गये वृक्षारोपण किन-किन स्थानों पर कितने वृक्ष जीवित हैं? (घ) यदि शिवपुरी जिले में वृक्षारोपण सफल हुआ है तो वन क्षेत्र में वृद्धि क्यों नहीं हुई? शिवपुरी जिले में वन क्षेत्रफल निरंतर घटने के क्‍या कारण है? (ङ) क्या शिवपुरी जिले के पोहरी विधानसभा में वर्ष 2018 से 2023 तक कुल 8810672 वृक्षों का रोपण किया गया था, जिसमें से 970891 मृत वृक्ष पाये गये तथा मात्र 7839791 जीवित वृक्ष बताये गये हैं। इस प्रकार विधानसभा क्षेत्र पोहरी में वृक्षारोपण पूरी तरह से विफल होकर शासन को आर्थिक हानि हुई है। इसके लिए उत्तरदायी वन अधिकारियों के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही कब-तक करेगा? कार्यवाही नहीं करेगा तो क्यों?

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) शिवपुरी वन मण्‍डल के अंतर्गत प्रश्‍नाधीन अवधि में वृक्षारोपण हेतु प्राप्‍त राशि का विवरण निम्‍नानुसार है :-

वर्ष

वृक्षारोपण हेतु प्राप्‍त राशि रूपये में

2021-22

24, 42, 99, 344

2022-23

25, 56, 15, 847

2023-24

36, 89, 30, 216

शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (घ) शिवपुरी जिले में इण्डिया स्‍टेट ऑफ फॉरेस्‍ट रिपोर्ट 2021 के अनुसार 2019 की रिपोर्ट की तुलना में 661 हेक्‍टेयर वनावरण में वृद्धि हुई है। इण्डिया स्‍टेट ऑफ फॉरेस्‍ट रिपोर्ट वर्ष 2021 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) जी हाँ। पौधों की जीवितता का प्रतिशत 88.98 है। इस प्रकार वृक्षारोपण विफलता की श्रेणी में नहीं होने से शासन को आर्थिक हानि नहीं हुई है। अत: वन अधिकारियों के विरूद्ध उत्‍तरदायित्‍व निर्धारण का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

नल-जल योजनाओं की जानकारी

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

96. ( क्र. 1808 ) श्री महेंद्र रामसिंह यादव : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कोलारस विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में जल जीवन मिशन की कौन-कौन सी योजनाएं कहाँ-कहाँ पर संचालित हैं, निर्माणाधीन हैं, स्वीकृत हैं तथा             कौन-कौन सी नल-जल योजनाएं, पानी की टंकी, ट्यूबबेल, हैंडपंप एवं पाइप-लाइन कहाँ-कहाँ पर बंद, खराब तथा अवरूद्ध हैं? पी.एच.ई. एवं जल जीवन मिशन सहित जानकारी देने का कष्ट करें।        (ख) कोलारस विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 31 जनवरी, 2024 की स्थिति में नल-जल योजनाएं /ट्यूबवेल/हैंडपंप कहाँ-कहाँ पर स्थापित/चालू थे? इनमें से कौन-कौन सी नल-जल योजनाएं ट्यूबवेल एवं हैंडपंप प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में कहाँ-कहाँ पर कब से बंद एवं खराब हैं? इन्हें कब तक किस प्रकार चालू करा दिया जायेगा? (ग) कोलारस विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत पी.एच.ई. एवं जल जीवन मिशन से प्रश्‍न दिनांक तक कौन-कौन से कार्य कहाँ-कहाँ पर कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत हैं? इन्हें कब तक पूर्ण कर इनसे पेयजल उपलब्ध करा लिया जायेगा? निश्चित समयावधि बताएं। (घ) कोलारस विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2024-25 में नवीन जल प्रदाय योजनाएं एवं हैंडपंप तथा ट्यूबवेल की किन-किन ग्रामों/स्थानों पर स्वीकृति‍ प्रक्रियाधीन है? इन्हें कब तक स्वीकृत करके जल प्रदाय योजनाओं एवं हैण्‍डपंप को कब तक चालू एवं खनन कराया जायेगा?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ग) एकल ग्राम नल-जल योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। इसके अतिरिक्‍त मध्‍यप्रदेश जल निगम अंतर्गत कोलारस विधानसभा क्षेत्र में मढीखेडा समूह जल प्रदाय योजना स्‍वीकृत लागत रू. 1096.96 करोड़ के क्रियान्‍वयन के कार्य किए जा रहे हैं, इस समूह योजना में कोलारस विधानसभा क्षेत्र के 329 ग्राम सम्मिलित हैं, ग्रामों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। समूह योजना का कार्य दिसम्‍बर 2024 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। (घ) वर्तमान में प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2024-25 में नवीन जल प्रदाय योजनाओं एवं हैण्डपंप तथा ट्यूबवेल की स्वीकृति का कोई प्रस्ताव नहीं है, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

पी.डी.एस. की दुकानों का संचालन

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

97. ( क्र. 1809 ) श्री महेंद्र रामसिंह यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोलारस विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत पी.डी.एस. की दुकानें कहाँ-कहाँ पर किन-किन संस्थाओं के द्वारा कब से संचालित है? इनके सेल्समैन कौन एवं कब से हैं? इनके नाम व पता सहित जानकारी देने का कष्ट करें। (ख) क्या यह सही है कि कोलारस विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत पी.डी.एस. की अनेक दुकानें विधान सभा क्षेत्र के बाहर की संस्थाओं द्वारा संचालित हैं? इसलिए क्या शासन पी.डी.एस. की दुकानें बाहरी संस्थाओं से लेकर स्थानीय महिला समूहों को देगा? यदि हाँ तो कब तक? (ग) कोलारस विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विगत 03 वर्षों में पी.डी.एस. दुकानों द्वारा संबंधित हितग्राहियों को पूरा एवं प्रतिमाह खाद्यान्न न दिये जाने की एस.डी.एम. कोलारस को विगत 5 वर्षों में कौन-कौन सी शिकायतें कहाँ-कहाँ की कब-कब किस माध्यम से प्राप्त हुई? उक्त शिकायतों की जाँच कब एवं किसके द्वारा की गयी? जाँच उपरांत क्या कार्यवाही की गयी है?

खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अनुसार है। (ख) जी नहीं। कोलारस विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 19 उचित मूल्‍य दुकानें ऐसी हैं जिनका संचालन करने वाली संस्‍थाएं विधानसभा क्षेत्र के बाहर की हैं, परन्‍तु उनका कार्यक्षेत्र संपूर्ण जिला है। अत: अपने-अपने कार्यक्षेत्र अंतर्गत दुकानों का संचालन करने के कारण उन्‍हें अन्‍य संस्‍थाओं को हस्‍तांतरित करना नियमानुकूल नहीं है। शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थि‍त नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अनुसार है।

जाति प्रमाण-पत्र शून्य पर होने पर कार्यवाही

[जनजातीय कार्य]

98. ( क्र. 1812 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2016 में नामदेव हेडाऊ एवं जानराव हेडाऊ के जाति प्रमाण-पत्र उच्च स्तरीय समिति द्वारा निरस्त किये गये? निर्णय के विरूद्ध में संबंधितों द्वारा याचिका क्रमांक 6090/2016 एवं 6092/2016 के द्वारा स्थगन लिया गया था? यदि हाँ तो शासन का पक्ष रखने हेतु प्रस्तुतकर्ता अधिकारी किसको नियुक्त किया गया? संबंधित अधिकारी द्वारा माननीय न्यायालय को क्या-क्या जवाब प्रस्तुत किये गये? इनके मूल पदस्थापना विभाग को सूचित किया गया है तो उसकी जानकारी देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) यदि हाँ तो प्रकरण प्रभारी द्वारा याचिका को स्थगन/रिक्त कराने हेतु माननीय उच्चतम न्यायालय ने अर्जेन्ट हियरिंग का किस दिनांक को आवेदन प्रस्तुत किया गया? उसकी प्रति उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रकरण प्रभारी कौन है? नाम एवं पद नाम बताएं। संबंधितों का स्थगन रिक्त न कराने के लिए प्रभावी कार्यवाही उच्चतम न्यायालय में न करने के लिए दोषी प्रकरण प्रभारी के विरूद्ध कब एवं क्या कार्यवाही करेंगे? बताएं। नहीं तो क्यों?

जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। शासन पक्ष रखने हेतु प्रभारी अधिकारी संभागीय उपायुक्‍त, जनजातीय कार्य तथा अनुसूचित जाति विकास भोपाल संभाग भोपाल को (प्रभारी अधिकारी) नियुक्‍त किया गया। दायर की गई याचिकाओं में प्रस्‍तुत किये गये जवाबदावा की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''' एवं '''' अनुसार है। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। (ख) प्रकरण उच्‍च न्‍यायालय में विचाराधीन है। स्‍थगन रिक्‍त कराने हेतु दिनांक 05.07.2016 को डब्‍ल्‍यू.पी.6090/2016 एवं 6092/2016 में माननीय उच्‍च न्‍यायालय में आवेदन प्रस्‍तुत किया गया, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' एवं '''' अनुसार है। (ग) प्रकरण में प्रभारी अधिकारी संभागीय उपायुक्‍त जनजातीय कार्य एवं अनुसूचित जाति विकास भोपाल संभाग है। प्रकरण माननीय उच्‍च न्‍यायालय में विचाराधीन है। प्रश्‍नांश '''' के उत्‍तर अनुसार शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी नोटिस

[पर्यावरण]

99. ( क्र. 1818 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                         (क) 1 जनवरी 2020 के पश्चात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने उज्जैन संभाग में किन इकाइयों, संस्थानों, व्यक्तियों को किन कारणों से नोटिस जारी किए? अंतिम निराकरण आदेश का विवरण देते हुए बतावें कि किस प्रकार के दंड से दंडित किया, अवसर दिया, नोटिस किस कारण से निरस्त किया, किन कारणों से लंबित है? अंतिम निराकरण आदेशों की प्रतियां देवें। जिन्हें नोटिस दिए गए वो संस्थान वर्तमान में किस स्थिति में संचालित हो रहे हैं? बतावें। (ख) प्रश्‍नांश '''' संदर्भित मैरिज गार्डन और आवासीय/व्यवसायिक कॉलोनी, भवन निर्माण, संचालित करने के लिए बोर्ड की एन.ओ.सी., अनुमति जारी करने के नियमों की प्रतियां देवें किन योजनाओं के संचालकों को नोटिस जारी किए गए, निराकरण क्या किया गया? विवरण देते हुए नोटिस और निराकरण आदेशों की प्रतियां देवें। (ग) 1 जनवरी 2020 के पश्चात बोर्ड में पदस्थ अधिकारियों, कर्मचारियों के विरुद्ध संस्थित जांच का विवरण देते हुए जारी नोटिस, आरोप पत्र की प्रतियां देवें जिन अधिकारियों, कर्मचारियों को दंडित किया गया है उसका विवरण देते हुए दंड आदेश की प्रतियां देवें वर्तमान में पदस्थापना का विवरण देवें।

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार है।                  (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'' एवं '' अनुसार है। नोटिस जारी करने की जानकारी निरंक है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार है।

सिंध जलावर्धन योजनांतर्गत पाइप-लाइन बदलवाया जाना

[वन]

100. ( क्र. 1823 ) श्री देवेन्‍द्र कुमार जैन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) क्या शिवपुरी नगरपालिका क्षेत्र में पेयजल प्रदाय हेतु सिंध पेय जलावर्धन परियोजना की पूर्व में बिछाई गई मुख्य (जी.आर.पी.) पाइप-लाइन को हटाकर उसी स्थान पर खुदाई कर समान व्यास में पूर्व ले-आउट अनुसार ही डी.आई. पाइप-लाइन बिछाए जाने हेतु माधव नेशनल पार्क एवं सामान्य वन क्षेत्र शिवपुरी से नगरपालिका परिषद् शिवपुरी ने अनुमति चाही है? यदि हाँ तो विभाग को किस दिनांक को अनुमति हेतु आवेदन प्राप्त हुआ? क्या विभाग द्वारा अब तक उक्त आवेदन के क्रम में कोई अनुमति प्रदाय की है? यदि हाँ तो अनुमति की छायाप्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो वर्तमान में अनुमति की फाईल किस स्तर पर व क्यों लंबित है? जानकारी प्रदाय करें।                (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार क्या यह सही है कि जहां पाइप-लाइन बिछाने की अनुमति चाही गई है, वहां उक्त परियोजना अंतर्गत ही वर्ष 2016 में जी.आर.जी. पाइप-लाइन बिछाने हेतु वन विभाग ने अनुमति प्रदाय की थी? क्या कार्यालय प्रधान मुख्य वन संरक्षक (भू-प्रबंधन) वन भवन भोपाल के पत्र दिनांक 25.4.2024 द्वारा पाइप-लाइन बदलने हेतु अनुमति प्रदाय की गई है, जिसे वन विभाग कार्यालय शिवपुरी के अधिकारियों द्वारा स्वीकार नहीं किया जा रहा व क्यों? क्या वन अधिकारियों के मनमाने रवैये से शहर की जनता को परेशानी हो रही है? विभाग कब तक उक्त पाइप-लाइन बिछाने हेतु स्पष्ट अनुमति जारी करेगा? निश्चित समयावधि बताएं।

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। परिवेश पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन दिनांक 17.05.2024 को प्राप्त हुआ। प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी), म.प्र. द्वारा पत्र क्रमांक/4865 दिनांक 19.06.2024 से अनुमति जारी की जा चुकी है। पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (भू-प्रबंध), मध्यप्रदेश, भोपाल द्वारा पत्र दिनांक 25.04.2024 से प्रकरण में सशर्त अनुमति जारी की गई है, जिसे पत्र दिनांक 02.05.2024 से संशोधित कर भारत सरकार द्वारा वर्ष 2023 में जारी वन (संरक्षण एवं संवर्धन) अधिनियम, 1980 के अनुसार गाइड-लाइन के चैप्टर-11 के बिन्दु क्रमांक-11.6 में उल्लेखित प्रावधानों का पालन कराये जाने हेतु माधव राष्ट्रीय उद्यान, शिवपुरी, वनमण्डलाधिकारी, शिवपुरी एवं नगर पालिका परिषद् शिवपुरी को लेख किया गया है। प्रकरण में वन्यप्राणी अनुमति जारी की जा चुकी है। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

पानी की समस्या का निराकरण

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

101. ( क्र. 1844 ) श्री मनोज नारायण सिंह चौधरी : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग देवास जिलांतर्गत विधानसभा क्षेत्र हाटपिपल्‍या में निर्मित टंकियों सें कई जगह पानी सप्लाई नहीं हो रहा है एवं कई जगह पर टूटे-फूटे पाइप लगाए गए हैं, जिससे वर्तमान में भीषण गर्मी की वजह से क्षेत्रवासियों को काफी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। (ख) शासन द्वारा इस समस्या का निराकरण कब तक किया जाएगा?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र में एकल ग्राम नल-जल योजनाओं के अंतर्गत 65 ग्रामों में निर्मित पानी की टंकियों से जल प्रदाय किया जा रहा है एवं 156 ग्रामों में कार्य प्रगतिरत है, किसी भी ग्राम में टूटे-फूटे पाइप नहीं लगाये गये हैं, निर्माणाधीन योजना में पाइप क्षतिग्रस्त होने पर संबंधित ठेकेदार द्वारा पाइप बदले जाते हैं। इसके अतिरिक्‍त प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र में जल निगम द्वारा नेमावर समूह जल प्रदाय योजना का कार्य प्रगतिरत है, जल वितरण प्रारंभ नहीं है, अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी उत्तरांश (क) अनुसार है, प्रगतिरत नल-जल योजनाओं के कार्य पूर्ण होने पर संबंधित ग्रामों में नल से जल की सुविधा उपलब्ध को सकेगी।

वन कर्मियों की वन अपराध में संलिप्‍तता

[वन]

102. ( क्र. 1849 ) श्री चन्‍द्रशेखर देशमुख : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) मुलताई विधानसभा के उपवन मंडल मुलताई के अधीन कितनी वन समितियां कार्यरत हैं? इन समितियों के चुनाव कब-कब हुए हैं? इनमें से कौन-कौन सी समितियां किस-किस परिक्षेत्र अधिकारी के नियंत्रण में कब-कब से हैं? विस्तृत विवरण उपलब्ध कराया जावे (ख) प्रश्‍नांश (क) में प्रत्येक वन समितियों को प्रश्‍न दिनांक से विगत पांच वर्षों के मध्य किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई है? प्राप्त राशि कौन-कौन से कार्य में व्यय की गई? अंकेक्षण रिपोर्ट सहित कार्यवार व्यय का विवरण देवें। (ग) कुमुद्रा बीट में हो रही सागौन की अवैध कटाई, क्या उपवन परिक्षेत्राधिकारी के संरक्षण में हो रही है? यदि नहीं तो कुमुद्रा बीट में लगातार बढ़ रहे वन अपराधों के प्रति क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं तो संबंधित उपवन परिक्षेत्राधिकारी के प्रति क्या कार्यवाही की जाएगी? (घ) उपवन मंडल मुलताई के अंतर्गत चौकी प्रभारी, परिक्षेत्र सहायक, सहायक परिक्षेत्राधिकारी एवं परिक्षेत्र रक्षक किस-किस स्थान पर कब-कब से पदस्थ हैं? क्या इन वन कर्मियों को एक ही स्थान पर लंबे समय तक पदस्थ रखने के नियम हैं? यदि नहीं तो इनका स्थानांतरण कब तक किया जाएगा?

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) मुलताई विधान सभा के उपवनमंडल, मुलताई के अधीन 103 वन समितियां कार्यरत हैं। संयुक्‍त वन प्रबंधन समितियों का चुनाव प्रत्‍येक 05 वर्ष पश्‍चात किया जाता है। विस्‍तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-क अनुसार है। (ख) उत्‍तरांश '''' में दर्शित वन समितियों को प्रश्‍न दिनांक से विगत 05 वर्षों के मध्‍य प्राप्‍त राशि एवं व्‍यय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ख(1) एवं ख(2) अनुसार है तथा अंकेक्षण रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ग अनुसार है। (ग) जी नहीं। कुमुद्रा बीट के वनक्षेत्रों में समय-समय पर परिक्षेत्र अधिकारी/उप वनमंडलाधिकारी द्वारा निरीक्षण दल गठित कर वन अपराधों को रोकने हेतु सघन गश्‍ती की जाती है। गश्‍ती के दौरान कोई अपराधी अवैध कटाई/परिवहन करते पाये जाने पर उनके विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। इसके अलावा वनमंडल स्‍तर पर कंट्रोल रूम में पोर्टल के माध्‍यम से वनक्षेत्रों में अवैध कटाई/परिवहन की मॉनिटरिंग की जाती है। सागौन की अवैध कटाई में कोई भी कर्मचारी लिप्‍त नहीं पाया गया है। अत: संबंधित उप वनपरिक्षेत्र अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) उप वनमंडल मुलताई के अंतर्गत पदस्‍थ वन कर्मियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-घ अनुसार है। पदस्‍थ वन कर्मियों का स्‍थानांतरण शासन से स्‍थानांतरण नीति के अनुसार समय-समय पर किया जाता है।

वृक्षारोपण के नाम पर भ्रष्‍टाचार

[वन]

103. ( क्र. 1863 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                    (क) तारांकित प्रश्‍न क्र. 1902 दिनांक 14/02/24 के तारतम्य में प्रश्‍नकर्ता के पत्र क्र. 347 दिनांक 14/02/2024 जो जनजातीय कार्य मंत्री को वन विभाग से संबंधित पत्र भेजा जाकर सा.प्र.वि. के आदेश क्रमांक एफ 19-76/2007/1/4 भोपाल दिनांक 22.03.2011 में उल्लेखित पांचों बिन्दुओं एवं परिशिष्टों (1, 2) का पालन सुनिश्चित किया गया है? कब-कब और क्या-क्‍या कार्यवाही सुनिश्चित की गई? (ख) क्या प्रश्‍नांश (क) वर्णित पत्र पर कृत कार्यवाही की जानकारी प्रश्‍नकर्ता को उपलब्ध करा दी गई है? यदि नहीं तो सा.प्र.वि. के आदेश के उल्लंघन पर क्‍या विभाग में जिम्मेदारी निर्धारित की गई? बतायें। यदि नहीं तो क्यों? कारण सहित स्पष्ट करें। (ग) वर्ष 2023-24 एवं 24-25 हेतु विभाग अन्तर्गत वृक्षारोपण के क्या लक्ष्य निर्धारित किये गये? कितने बजट की मांग की, कितना स्वीकृत, कितना प्राप्त हुआ, कितना व्यय किया और अद्यतन स्थिति क्या है, कितने पौधे लगाये गये, कितने सूख गये सहित संपूर्ण जानकारी का गौशवारा बनाकर उपयोगिता प्रमाण-पत्र सहित बतायें।

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) प्रश्‍नकर्ता का जनजातीय कार्य मंत्री को संबोधित पत्र वन विभाग को प्राप्‍त नहीं‍ हुआ है। अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) वित्तीय वर्ष 2023-24 में विभाग द्वारा समस्त योजनाओं अंतर्गत 2, 41, 73, 251 पौधों का रोपण किया गया। जिसके लिये वित्तीय वर्ष 2023-24 हेतु राशि रूपये 945.17 करोड़ की मांग की गई, इस मांग की गई राशि से 945.52 करोड़ स्वीकृत हुई जो सम्पूर्ण राशि विमुक्त हुई जिसके विरूद्ध राशि रूपये 930.36 करोड़ व्यय हुई है। जिनमें से कुल 23186818 पौधे जीवित हैं तथा 9, 86, 433 पौधे सूख गये हैं। वर्ष 2024-25 हेतु समस्त योजनाओं अंतर्गत 53972935 पौधों के रोपण का लक्ष्य है जिसके लिये राशि रूपये 1024.19 करोड़ की मांग की गई है। इस मांग की गई राशि से लेखा अनुदान 2024-25 हेतु 555.13 करोड़ स्वीकृत हुई है। इस स्वीकृत राशि में से रूपये 552.98 करोड़ विमुक्त हुई है तथा दिनांक 27.06.2024 तक रूपये 80.79 करोड़ व्यय हुई है। वर्ष 2024-25 का पौधा रोपण बरसात में किया जाएगा। जानकारी एवं गौशवारा संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "तेरह"

गैस राहत के अस्‍पतालों में रिक्‍त पदों की पूर्ति

[भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास]

104. ( क्र. 1867 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग द्वारा संचालित गैस राहत अस्पतालों में स्टाफ-सर्जन/डॉक्टर, वार्डबॉय, नर्सिंग स्टाफ की कमी है?                                    (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या यह भी सही है कि उक्त गैस राहत अस्पतालों में विभिन्न जाँचों जैसे सोनोग्राफी/एक्स-रे इत्यादि की मशीनें विगत कई वर्षों से खराब होकर जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हैं? यदि हाँ तो क्या यह भी सही है कि उक्त जांचों की मशीनों को ऑपरेट करने के लिये अस्पताल प्रबंधन के पास पर्याप्त स्टाफ भी नहीं है? यदि हाँ तो इसके क्या कारण हैं? बतावें।                 (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में गैस राहत अस्पतालों में स्टाफ-सर्जन/डॉक्टर, वार्डबॉय, नर्सिंग स्टाफ की कमी की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी तथा अस्पतालों में जांच उपकरणों को कब तक चालू कराकर अस्पतालों में जांचों की सुविधा कब तक प्रारंम्भ की जावेगी? स्टाफ की पूर्ति, उपकरणों को चालू करने की दिनांक सहित अवगत करावें।

जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं विभाग अंतर्गत संचालित चिकित्‍सालयों में स्टाफ-सर्जन/डॉक्टर, वार्डबॉय, नर्सिंग स्टाफ के स्‍वीकृत, कार्यरत एवं रिक्‍त पदों की सूची संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। रिक्‍त पदों की पूर्ति एक निरंतर प्रक्रिया है। (ख) जी नहीं, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) रिक्‍त पदों की पूर्ति निरंतर प्रक्रिया है। समय-सीमा बताना सम्‍भव नहीं हैं, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "चौदह"

दिव्‍यागजनों को शासन की योजनाओं का लाभ

[सामाजिक न्याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण]

105. ( क्र. 1871 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में दिव्यांगजनों के लिए कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हो रही हैं? जौरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत उन योजनाओं के तहत विगत 3 वर्षों में कितने दिव्यांगजनों को लाभान्वित किया गया? (ख) दिव्यांगजनों को ट्राई साइकिल प्रदान किये जाने हेतु क्या प्रक्रिया है एवं दिव्यांगजनों को ट्राई साइकिल प्रदान किए जाने हेतु शासन द्वारा क्या मापदंड निर्धारित किए गए हैं? जानकारी देवें। (ग) जौरा विधानसभा अंतर्गत विगत 5 वर्षों में कितने दिव्यांगों को रोजगार प्रदान किया गया एवं दिव्यांगजनों को पेंशन की पात्रता हेतु क्या प्रावधान है एवं कितने दिव्यांगजनों को पेंशन प्रदान दी जा रही है? जिन्हें पेंशन नहीं दी जा रही है उनको कब तक दी जायेगी? जानकारी देवें।

सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार। जौरा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत विगत 03 वर्षों में लाभान्वित दिव्‍यांग हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसारI                                            (ख) सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन सशक्तिकरण विभाग अंतर्गत दिव्‍यांगजनों को पात्रतानुसार मोटराईज्‍ड ट्राई साइकिल प्रदाय किये जाने हेतु मुख्‍यमंत्री नि:शक्‍त शिक्षा प्रोत्‍साहन योजना संचालित है, मापदण्‍ड/प्रक्रिया के संबंध में योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार। साथ ही भारत सरकार द्वारा संचालित एडिप योजनांतर्गत पात्रतानुसार दिव्‍यांगजनों को मोटराईज्‍ड ट्राई साइकिल प्रदाय किये जाने का प्रावधान है, मापदण्‍ड/प्रक्रिया के संबंध में गाइड-लाइन/दिशा/निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार(ग) जौरा विधान सभा अंतर्गत विगत 5 वर्षों में दिव्‍यांगजनों को रोजगार प्रदाय नहीं किया गया है, दिव्‍यांगजनों को पेंशन हेतु पात्रता/प्रावधान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार। जौरा विधान सभा अंतर्गत विगत 5 वर्षों में 2232 दिव्‍यांगजनों को पेंशन प्रदाय की गई है, वर्तमान में जिला मुरैना की जौरा विधान सभा क्षेत्र के किसी भी पात्र दिव्‍यांगजन का पेंशन स्‍वीकृति हेतु आवेदन लंबित नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

पेयजल योजना का क्रियान्‍वयन

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

106. ( क्र. 1872 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जल निगम द्वारा जौरा एवं कैलारस में पेयजल की क्या व्यवस्था की जा रही है। जो पेयजल लाइन बिछाई जा रही है उनके क्या मापदंड तय किए गए हैं? लाइन कितनी गहरी बिछाई जानी चाहिए और कितनी गहरी बिछाई जा रही है? (ख) क्‍या लाइनों का देखरेख एवं              रख-रखाव संबंधित कार्य कंपनी को ही करना होगा? कार्य पूर्ण करने की क्या समय-सीमा निर्धारित की गई है? (ग) जल जीवन मिशन के तहत जौरा विधानसभा के अन्तर्गत पगारा डैम से कितने गाँवों में पानी की आपूर्ति की जाना है? वर्तमान में कितने गावों में पाइप-लाइन बिछाये जाने का कार्य पूर्ण हो चुका है और आपूर्ति प्रारंभ हो गई है? कितने गाँवों में पाइप-लाइन बिछाये जाने का कार्य प्रगति पर है एवं कितने गावों में पाइप-लाइन बिछाने का कार्य प्रारंभ किया जाना शेष है?             (घ) कैलारस में अमृत योजना के तहत बिछाई जा रही पाइप-लाइन का परीक्षण किया गया है? अगर परीक्षण नहीं किया है तो भविष्य में अगर लाइन परीक्षण में कोई परेशानी हुई तो नगर परिषद् द्वारा निर्मित सी.सी. रोड को खोदे जाने पर हुई हानि की जिम्मेदारी किसकी होगी?                    (ड.) विधानसभा क्षेत्र जौरा के अंतर्गत विकासखंड कैलारस जौरा एवं पहाड़गढ़ में गत 3 वर्ष में कितने बोरवेल स्वीकृत की गए एवं खनन किए गए? उक्त विकासखण्डों हेतु कितनी मोटर प्रदाय की गई एवं कब, कहाँ, किस बोरवेल में डाली गई? जल योजना के तहत किस-किस ग्राम पंचायत या गांव में पानी की टंकी का निर्माण किया जाना है? कितने गांव में निर्माण पूर्ण हो चुका है एवं पानी की आपूर्ति प्रारंभ हो गई है? कितने गांव में निर्माण कार्य प्रगतिरत है एवं कितने गांव में अभी कार्य प्रारंभ किया जाना शेष है?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) मध्यप्रदेश जल निगम द्वारा जौरा नगर को 4.37 एम.एल.डी वॉटर नरेहला समूह जल प्रदाय योजना में प्रवाधानित है, वर्तमान में 1.80 एम.एल.डी. उपयोग किया जा रहा है। कैलारस नगर हेतु जल निगम की कोई योजना स्वीकृत नहीं है। म.प्र. जल निगम द्वारा जौरा विधानसभा क्षेत्र के 22 ग्रामों में नरेहला समूह जल प्रदाय योजना द्वारा पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है, 21 ग्रामों में बल्क वॉटर हेतु घाटीगांव-भितरवार समूह जल प्रदाय योजना का कार्य प्रगतिरत है। मापदण्डानुसार योजनांतर्गत पाइप-लाइन जमीन से 01 मीटर की गहराई पर बिछाने का प्रावधान है, परन्तु वर्तमान में जल निगम द्वारा पाइप-लाइन बिछाने का कोई भी कार्य जौरा एवं कैलारस क्षेत्र में नहीं किया गया। (ख) अनुबंधानुसार कार्य पूर्ण होने के बाद मुख्य अवयव जैसे कि जल शोधन संयंत्र, इंटेकवैल, राईजिंग मेन इत्यादि का रख-रखाव संबंधित फर्म द्वारा 10 वर्ष तक किया जायेगा। ग्राम के अन्दर बिछाई गई डिस्ट्रीब्यूशन लाइन का रख-रखाव ग्राम पेयजल उप समिति द्वारा किया जावेगा। नरेहला समूह योजना का कार्य पूर्ण है। घाटीगांव-भितरवार समूह योजना का कार्य पूर्ण करने की समय-सीमा (24 माह) सितम्बर 2025 तक है।         (ग) जल जीवन मिशन अंतर्गत पगारा डेम से कोई नवीन योजना स्वीकृत नहीं है। पगारा डेम आधारित नरेहला समूह जल प्रदाय योजना का कार्य जल जीवन मिशन के पूर्व पूर्ण कर योजनांतर्गत विधानसभा जौरा के सम्मिलित 22 ग्रामों में दिनांक 25.11.2019 से जल प्रदाय प्रारम्भ है। अतः शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) कैलारस नगर पालिका से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है (ड.) विधानसभा क्षेत्र जौरा के अंतर्गत विकासखण्ड कैलारस में 123, विकासखण्ड जौरा में 14 एवं विकासखण्ड पहाड़गढ़ में 274 बोरवेल स्वीकृत किये गये तथा विकासखण्ड कैलारस में 39, जौरा में 07 एवं पहाड़गढ़ में 80 बोरवेल खनन किए गए। विकासखण्ड कैलारस में 23, जौरा में 03 एवं पहाड़गढ़ में 39 मोटरपंप प्रदाय किए गए, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है।

जल जीवन मिशन अंतर्गत किये जा रहे कार्य

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

107. ( क्र. 1906 ) श्री हेमंत कटारे : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र अटेर, जिला भिण्ड अंतर्गत वर्ष 2020 से वर्तमान तक जल जीवन मिशन योजना में कौन-कौन से कार्यों के लिये कितनी-कितनी राशि स्वीकृति की गई? ठेकेदारों का नाम, निविदा स्वीकृति दिनांक, कार्यावधि सहित पूर्ण जानकारी वर्षवार उपलब्ध करायी जाये? (ख) प्रश्‍नांकित अवधि में स्वीकृत कार्यों की प्रगति से संबंधित वर्तमान में क्या स्थिति है? कौन-कौन से कार्य समय-सीमा में पूर्ण किये गये तथा समय पर कार्य पूर्ण नहीं होने के लिये कौन जिम्मेदार है? (ग) क्या प्रश्‍नांकित अवधि में स्वीकृत कार्यों हेतु ठेकेदारों द्वारा गुणवत्तापूर्ण मानदण्डों से कार्य नहीं करने, सड़कों व मार्गों की खुदाई कर छोड़ देने आदि की शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो किन कार्यों के संबंध में तथा उन पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? कार्य एवं वर्षवार एवं ग्रामवार जानकारी दी जाये। (घ) जल जीवन मिशन योजना में प्रत्येक ग्राम में कितनी                    पाइप-लाइन डाली गयी है और कितनी मंजूर थी? ग्रामवार जानकारी प्रदान करें।

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) राशि की स्वीकृति विधानसभा क्षेत्रवार किए जाने का प्रावधान नहीं है, तथापि विधानसभा क्षेत्र अटेर के अंतर्गत प्रश्‍नांकित अवधि में जल जीवन मिशन में नल-जल योजनाओं के 202 कार्यों के लिए कुल लागत रु. 17333.74 लाख, स्कूलों में 385 पेयजल योजनाओं की कुल लागत रू. 669.99 लाख एवं आंगनवाड़ियों में 181 पेयजल योजनाओं की कुल लागत रू. 259.47 लाख की स्वीकृति दी गई। उक्त स्वीकृत किए गए योजना कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है(ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। समयावधि में कार्य पूरा करने का उत्तरदायित्व संबंधित ठेकेदार/एजेंसियों का है। (ग) जी हाँ। वर्ष 2023-24 में ग्राम पंचायत के ग्राम सराया के ग्राम ज्ञानपुरा में नल-जल योजना के कार्य एवं पाइप-लाइन की गुणवत्ता संबंधी शिकायत प्राप्त हुई, विभाग द्वारा निरीक्षण-परीक्षण करने पर कार्य निर्धारित मापदण्ड के अनुसार पाया गया है एवं पाइप की गुणवत्ता की जांच सीपेट भोपाल से कराई गई, पाइप की गुणवत्ता उचित पाई गई है।               (घ) जल जीवन मिशन योजना में ग्रामवार मंजूर एवं बिछाई गई पाइप-लाइन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है।

 

अधिकारियों को वरिष्‍ठ पद का प्रभार

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

108. ( क्र. 1907 ) श्री हेमंत कटारे : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी विभाग अंतर्गत उप यंत्रियों को सहायक यंत्री का, सहायक यंत्री को कार्यपालन यंत्री का एवं कार्यपालन यंत्री को अधीक्षण यंत्री पद का प्रभार दिया गया है? यदि हाँ, तो प्रदेश में ऐसे प्रभार वाले तीनों स्‍तर के समस्‍त अधिकारियों की मूल पद के विवरण सहित वर्तमान प्रभार के पद पर पदस्‍थापना संबंधी सूची प्रदान की जाये। (ख) क्‍या अधिकारियों की प्रभार पर पदस्‍थापना संबंधित अधिकारी के गृह खण्‍ड, मंडल अथवा परिक्षेत्र में दी गई है? ऐसे अधिकारियों की सूची सहित जानकारी उपलब्‍ध कराएं। (ग) क्‍या विगत 03 वर्षों में विभाग में वरिष्‍ठ अधिकारी उपलब्‍ध होते हुये वरिष्‍ठता को नजर अंदाज कर कनिष्‍ठ को प्रभार देने के संबंध में विभाग को शिकायतें प्राप्‍त हुई हैं? यदि हाँ, तो उन पर क्‍या कार्यवाही हुई? शिकायत एवं उस पर हुई कार्यवाही का पूर्ण विवरण दें। (घ) उक्‍त अवधि में विभाग को कुल कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुई, उनमें से कितनी शिकायतों का निराकरण हुआ तथा कितनी लंबित हैं? पूर्ण जानकारी उपलब्‍ध करायी जाये।

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-2 अनुसार है। (ग) जी हाँ। एक शिकायत उपखण्‍ड केवलारी, जिला सिवनी में पदस्‍थ उपयंत्री ने अपने से कनिष्‍ठ उपयंत्रियों को सहायक यंत्री के पद का प्रभार दिए जाने पर दिनांक 05.10.2022 को राष्‍ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग को की थी। अधीक्षण यंत्री मण्‍डल छिन्‍दवाड़ा द्वारा उक्‍त शिकायत का निराकरण किया गया है। प्रतिवेदन में उल्‍लेख किया गया है कि शिकायतकर्ता ने स्‍वयं को 04 बार पैरा‍लाइसिस का अटैक का उल्‍लेख करते हुए आवेदन दिनांक 01.8.2022 द्वारा स्‍वयं के व्‍यय पर छिन्‍दवाड़ा जिले में स्‍थानांतरण की मांग की गई थी, उक्‍त परिस्थितियों में शिकायतकर्ता उपयंत्री को सहायक यंत्री का प्रभार न देकर वरियता में द्वितीय क्रम वाले उपयंत्री को उपखण्‍ड केवलारी में सहायक यंत्री का प्रभार दिया गया। (घ) जानकारी उतरांश (ग) अनुसार है।

वृक्षारोपण कार्यों की जानकारी

[वन]

109. ( क्र. 1915 ) श्री प्रीतम लोधी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पिछोर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत वन विभाग द्वारा ग्रीन इण्डिया मिशन व अन्‍य विभागीय योजनाओं से विगत पांच वर्षों में कब-कब, कहाँ-कहाँ वृक्षारोपण कार्य कराया गया है? वर्षवार, बीटवार रोपित पौधों की संख्‍या बतायें व यह भी बतावें कि रोपित पौधों में से वर्तमान में कितने प्रतिशत पौधे जीवित हैं? (ख) क्‍या उल्‍लेखित अवधि में वृक्षारोपण कार्यों में भारी भ्रष्‍टाचार व अनियमितता की गई है और वास्‍तविक रूप से कोई वृक्षारोपण न किया जाकर फर्जीवाड़ा किया गया है? क्‍या विभाग उल्‍लेखित योजनाओं में हुए वृक्षारोपण की उच्‍च स्‍तरीय जांच करायेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्‍यों? (ग) प्रश्‍नांश (क) उल्‍लेखित वृक्षारोपण कार्यों में विभाग द्वारा वर्षवार कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य में व्‍यय की गई है? सम्‍पूर्ण विवरण दें। क्‍या यह भी सही है कि श्रमिकों को भुगतान उनके बैंक खातों में किया गया है? यदि हाँ तो संपूर्ण कार्यों में नियोजित श्रमिकों के नाम, पता, खाते का विवरण व भुगतान की गई राशि की जानकारी दें।

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) पिछोर विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत वनमंडल शिवपुरी द्वारा ग्रीन इण्डिया मिशन व अन्‍य विभागीय योजनाओं से विगत पांच वर्ष में कराये गये वृक्षारोपण की वर्षवार, बीटवार रोपित किये गये पौधों की जानकारी एवं उनके जीवितता प्रतिशत सहित पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) उल्‍लेखित अवधि में वृक्षारोपण कार्यों में भारी भ्रष्‍टाचार व अनियमितता का कोई प्रकरण नहीं हुआ है। अत: जांच का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है।                (ग) प्रश्‍नांश '''' में उल्‍लेखित वृक्षारोपण कार्यों में विभाग द्वारा व्‍यय की वर्षवार, कार्यवार जानकारी उत्‍तरांश '''' के पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 अनुसार है। श्रमिकों को भुगतान उनके बैंक खातों में किया गया है। नियोजित श्रमिकों के खाता विवरण व भुगतान की गई राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है।

गुणवत्‍ताहीन कार्य की जांच एवं कार्यवाही

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

110. ( क्र. 1916 ) श्री उमंग सिंघार : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रश्‍नकर्ता को परि.अता. प्रश्‍न क्रमांक 1924 दिनांक 14 फरवरी 2024 के संदर्भ में धार जिले की गंधवानी विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत एकल ग्राम नल-जल योजनाओं में की गई अनियमितताओं की जांच के आदेश दिनांक 13.06.2023 को दिए गए थे एवं 15 दिवस में जांच कार्यवाही करने के निर्देश के बावजूद प्रश्‍न दिनांक तक जांच की कार्यवाही जानबूझकर दोषियों को बचाने की दृष्टि से लंबित की जा रही है? (ख) यदि नहीं तो जांच समय-सीमा में पूर्ण नहीं किये जाने के ऐसे कौन से कारण है कि जांच अभी तक पूर्ण नहीं हो पायी है? (ग) उपरोक्त आदेश के पालन में जांच दल द्वारा किस-किस दिनांक को स्थल का भौतिक सत्यापन/निरीक्षण किया गया था एवं क्या-क्या अनियमितताएं पायी गई? (घ) उपरोक्त योजनाओं के लिए कुल कितनी राशि स्वीकृत की गई थी एवं कार्यादेश किस-किस ठेकेदार/एजेंसी को दिया गया था? अनुबंध के अनुसार कार्यों की गुणवत्ताविहीन कार्य करने एवं समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं करने के लिए ठेकेदार सहित किस-किस दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। (ख) तीन जांच दल गठित होने के पश्चात् माननीय सदस्य की आपत्ति के संदर्भ में प्रमुख अभियंता, लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी विभाग, भोपाल के पत्र क्रमांक 13724/प्र.अ./दिनांक 10.10.2023 द्वारा दिये गये निर्देशों के परिपालन में मुख्य अभियंता, लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी विभाग, इंदौर परिक्षेत्र, इंदौर द्वारा दिनांक 05.12.2023 को संशोधन जारी कर 02 जांच दल गठित किये जाने की कार्यवाही की गई, जिससे जांच कार्य लम्बित हुआ। (ग) वर्तमान में प्रथम जांच दल के अध्यक्ष को नेत्र रोग होने से उनके द्वारा उपचार हेतु अवकाश लिया गया है। द्वितीय जांच दल के द्वारा मुख्य अभियंता, इंदौर के माध्यम से प्रमुख अभियंता भोपाल को जांच प्रतिवेदन प्रेषित किया है, जो परीक्षणाधीन है, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है(घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है।

निजी फर्म को अनुचित लाभ

[पर्यावरण]

111. ( क्र. 1917 ) श्री उमंग सिंघार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता ने प्रदेश के माननीय मुख्‍यमंत्री जी एवं मुख्‍य सचिव म.प्र. शासन को पन्‍ना जिले में रेत खदानों के खनन के लिए वर्ष 2020 में निजी फर्म रसमीत मल्‍होत्रा को ई.सी. अंतरित की थी, जिसमें सिया द्वारा आपराधिक लापरवाही कर फर्म को अनुचित लाभ पहुंचाने की जाँच एवं कार्यवाही करने हेतु पत्र संलग्‍न प्रपत्र तीन के साथ दिनांक 14/02/2024 एवं 12/03/2024 लिखा था? (ख) यदि हाँ तो उक्‍त पत्र उल्‍लेखित विषय वस्‍तु के अनुसार क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) उपरोक्‍त प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या शासन द्वारा सिया से जानकारी प्राप्‍त की गई? यदि हाँ, तो अवगत करायें। यदि नहीं तो क्‍यों? (घ) प्रश्‍नकर्ता के उपरोक्‍त विषयक पत्रों का जबाव मुख्‍यमंत्री, मुख्‍य सचिव कार्यालय द्वारा दिया गया है? यदि हाँ, तो कब-कब? नहीं तो क्‍यों?

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ, पत्र लिखा था। (ख) पन्‍ना जिले में रेत खदानों के खनन के लिए वर्ष 2020 में निजी फर्म रसमीत सिंह मल्‍होत्रा को प्रकरण क्रमांक 5875 में ई.सी. अं‍तरित की गई थी, जिनमें प्राप्‍त शिकायत के आधार पर प्रकरणों का पुन: परीक्षण किये जाने की विभागीय जाँच समिति द्वारा अनुशंसा की गई। विभागीय जाँच समिति की अनुशंसा को मध्‍यप्रदेश राज्‍य स्‍तरीय पर्यावरण समाघात निर्धारण प्राधिकरण द्वारा 672वीं बैठक दिनांक 03.04.2021 में अविलम्‍ब संज्ञान में लेकर प्रकरणों को निराकृत किया गया। (ग) जी हाँ। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) पर्यावरण विभाग के पत्र क्रमांक 607/2116317/2024/66-1 दिनांक 26 जून 2024 द्वारा उत्‍तर दिया गया। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

जिम्‍मेदारों पर कार्यवाही

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

112. ( क्र. 1929 ) श्री अभय कुमार मिश्रा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय उचित मूल्य दुकानों में वर्ष 2021 से प्रश्‍नांश दिनांक तक की अवधि में प्रति दुकान कितना खाद्यान्न पहुंचाया गया का विवरण दुकानवार, जनपदवार आवंटन की स्थिति की जानकारी प्रतिवर्ष व माह की क्या-क्या थी? माहवार रीवा जिले की बतायें। (ख) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के तारतम्य में प्रश्‍नकर्ता सदस्य द्वारा पत्र क्रमांक 320 दिनांक 11.05.2024 को मुख्य सचिव के माध्यम से मुख्य सचिव, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति उपभोक्ता एवं संरक्षण विभाग भोपाल, प्रबंधक संचालक एम.पी.डब्लू.एल.सी. भोपाल, प्रबंध संचालक एम.पी.एस.सी.एस.सी भोपाल, आयुक्त राजस्व रीवा संभाग रीवा एवं कलेक्टर रीवा को पत्र लिखकर उपार्जन कार्यों में किये जा रहे भ्रष्टाचार की जांच कराकर कार्यवाही का लेख किया गया था, जिस पर कार्यवाही की स्थिति क्या है? बतावें। किन-किन को जिम्मेदार मानकर कार्यवाही किस तरह की प्रस्तावित की गई? पदनाम सहित जानकारी देवें। (ग) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) में उल्‍लेखित तथ्यों अनुसार समय पर कार्यवाही न करने, जानकारी न देने के लिये किन-किन को दोषी मानकर कार्यवाही किस तरह की प्रस्तावित करेंगे? प्रश्‍नांश (ग) अनुसार पत्र पर की गई कार्यवाही की प्रति देते हुये जिम्मेदारों के पदनाम बतावें।

खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) रीवा जिले में वर्ष 2021 से प्रश्‍नांश दिनांक तक प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण अन्‍न योजना एवं राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 अंतर्गत दुकानवार, जनपदवार एवं वर्ष/माहवार आवंटन एवं प्रदाय खाद्यान्‍न मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। शिकायत की जांच कलेक्‍टर रीवा से कराई गई। प्रस्‍तुत जांच प्रतिवेदन में शिकायत में उल्‍लेखित तथ्‍यों की पुष्टि होना प्रतिवेदित नहीं किया गया है प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–'अनुसार है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।               (ग) जानकारी उत्‍तरांश (ख) अनुसार।

जांच कराकर जिम्‍मेदारों पर कार्यवाही

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

113. ( क्र. 1930 ) श्री अभय कुमार मिश्रा : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रीवा जिले में जल जीवन मिशन के अंतर्गत संचालित विभागीय योजनाओं के कार्यादेश किन-किन संविदाकारों को किन-किन शर्तों पर कितनी अवधि हेतु जारी किये गये थे की प्रति देते हुये बतावें कि कार्य की भौतिक स्थिति एवं योजनावार व्यय एवं भुगतान की स्थिति क्या है तथा किन पंचायतों में पेयजल उपलब्ध हो चुका है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में प्रश्‍नकर्ता द्वारा पत्र दिनांक 29.12.2023 एवं पत्र क्रमांक 171 दिनांक 10.02.2024, पत्र क्रमांक 299 दिनांक 13.03.2024 के माध्यम से आयुक्त राजस्व रीवा संभाग रीवा, मुख्य सचिव म.प्र. शासन भोपाल, प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग एवं कलेक्टर रीवा को पत्र लिखकर संविदाकार इण्डियन ह्यूम पाइप द्वारा नियम विरूद्ध प्राक्‍कलन एवं तकनीकी स्वीकृति से हटकर कार्य कराने व विधानसभा सेमरिया में कार्यरत कंपनी के.ई.सी. एम.पी.एन.एल द्वारा नियम विरूद्ध कराये गये कार्यों की जांच कराकर कार्यवाही बाबत् पत्र लिखा गया था। पत्र पर कार्यवाही की स्थिति क्या है? बतावें। इनमें किनको दोषी मानकर कार्यवाही किस तरह की प्रस्तावित की गई? बतावें। अगर नहीं तो क्यों?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 02 एवं 03 अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश में उल्लेखित पत्र की प्रति प्रबंध संचालक, मध्‍यप्रदेश जल निगम, भोपाल को प्रेषित कर प्रतिवेदन मांगा गया है। प्रतिवेदन प्राप्त होने पर गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जाएगी।

स्‍वीकृत कार्यों का भौतिक निरीक्षण

[वन]

114. ( क्र. 1943 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत दो वर्षों में सिलवानी विधानसभा क्षेत्र में वन विभाग की किस-किस योजना से कहाँ-कहाँ,                  कितनी-कितनी लागत से क्‍या कार्य कराये गये हैं? वर्षवार परिक्षेत्र/बीटवार स्‍वीकृत कार्यों की जानकारी, पूर्ण/अपूर्ण की जानकारी व लागत का विवरण दें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित स्‍वीकृत कार्यों का भौतिक निरीक्षण कब-कब, किन-किन वरिष्‍ठ अधिकारियों ने किया? विवरण दें। क्‍या यह सही है कि अधिकांश निर्माण व वृक्षारोपण कार्य फर्जी रूप से पूर्ण कर लिये गये है और वास्‍तविक रूप से धरातल में कोई कार्य ही नहीं कराया गया है? क्‍या वरिष्‍ठ व तकनीकी अधिकारियों का दल गठित कर उल्‍लेखित कार्यों का भौतिक सत्‍यापन कराया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्‍यों?

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।           (ख) स्‍वीकृत कार्यों के भौतिक निरीक्षण से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। यह सही नहीं है कि अधिकांश निर्माण व वृक्षारोपण कार्य फर्जी रूप से पूर्ण कर लिये गये हैं। दर्शित कार्य वास्‍तविक रूप से कराये गये हैं। अत: वरिष्‍ठ व तकनीकी अधिकारियों का दल गठित कर उल्‍लेखित कार्यों का भौतिक सत्‍यापन कराये जाने की आवश्‍यकता नहीं है।

जल जीवन मिशन के कार्यों की जानकारी

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

115. ( क्र. 1944 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) म.प्र. जल निगम, जल जीवन मिशन व अन्‍य पेयजल योजनाओं के अंतर्गत वर्ष 2020 से सिलवानी विधानसभा क्षेत्र में अब तक कौन-कौन सी योजनाएं तैयार की गई हैं? इनमें से कौन सी योजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं और किन-किन में निर्माण कार्य प्रचलित है व किन-किन योजनाओं का निर्माण कार्य अप्रांरभ है? इन योजनाओं की लागत, कार्य एजेंसी, कार्य प्रारंभ तिथि, पूर्णता अवधि व प्रत्‍येक से लाभान्वित होने वाले ग्रामों/बसाहटों की जानकारी दें व बतावें कि इन योजनाओं के पूर्ण हो जाने के बाद भी विधानसभा क्षेत्र की कौन-‍कौन सी बसाहटें व ग्राम पेयजल आपूर्ति से वंचित रह जायेंगे? (ख) क्‍या सिलवानी विधान सभा क्षेत्र में निर्माणाधीन समूह पेयजल योजनाओं के निर्माण कार्य में भारी अनियमितता की जा रही है व कार्य एजेंसियों द्वारा गुणवत्‍ताहीन कार्य किया जा रहा है? गुणवत्‍ता नियं‍त्रण हेतु विभाग द्वारा क्‍या ठोस कार्यवाही की जा रही है? बतावें। (ग) निर्मित हो चुकी पेयजल योजनाएं अपने रूपांकित क्षेत्र में पूर्ण क्षमता से जल प्रदाय क्‍यों नहीं कर पा रही हैं? इसके क्‍या कारण हैं? क्‍या विस्‍तृत समीक्षा/जांच की जाकर योजनाओं का सुचारू संचालन सुनिश्चित किया जायेगा?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) एकल ग्राम नल-जल योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं मध्‍यप्रदेश जल निगम अंतर्गत समूह जल प्रदाय योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 एवं 03 अनुसार है। उक्‍त सभी योजनाएं पूर्ण हो जाने के बाद विधानसभा क्षेत्र सिलवानी में कोई भी ग्राम पेयजल आपूर्ति से वंचित नहीं रहेंगे। (ख) जी नहीं। निर्माण कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु, विभागीय अधिकारियों के अतिरिक्‍त परियोजना क्रियान्वयन इकाई अंतर्गत सुपरविजन एवं क्वालिटी कंट्रोल कंसल्टेंसी (एस.क्यू.सी) तथा थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन एजेंसी (टी.पी. आई.) नियुक्त की गई है। उक्त एजेंसियों के इंजीनियर्स फील्ड पर उपस्थित होकर निर्माण कार्यों की निगरानी व गुणवत्ता सुनिश्चित कर रहे हैं। (ग) समूह जल प्रदाय योजनाओं के अंतर्गत कोई भी योजना पूर्ण निर्मित नहीं है। निर्मित हो चुकी एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं में अधिकांश योजनाएं अपने रूपांकित क्षेत्र में पूर्ण क्षमता से जल प्रदाय कर रहीं हैं। कुछ योजनाओं के स्‍त्रोतों की ग्रीष्‍मकाल में जल आवक क्षमता कम होने से आंशिक जल प्रदाय किया जा रहा है, यह स्थिति अस्‍थाई स्‍वरूप की है, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

पेयजल योजनाओं की जानकारी

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

116. ( क्र. 1950 ) श्री राजेश कुमार वर्मा : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पन्ना जिले में विधानसभा गुनौर के अंतर्गत जल जीवन मिशन में नल-जल योजनाओं के तहत किन-किन ग्रामों में किस योजना के तहत भारत सरकार की "हर घर नल से जल" योजना के तहत कार्य किस दिनांक से किस ठेकेदार को कितने समय में पूर्ण करने के अनुबंध पर स्वीकृत किये गये? (ख) क्या सभी कार्य निर्धारित समयावधि में निश्चित गुणवत्ता के अंतर्गत पूर्ण कर लिये गये हैं? यदि हाँ, तो इन कार्यों की सूची उपलब्ध करावें। कितने कार्य निर्धारित समयावधि एवं गुणवत्ता के साथ पूर्ण नहीं किये गये? उनके कारण सहित सूची उपलब्ध करावें।              (ग) क्या भारत के प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेन्द्र मोदी जी की मंशानुरूप वर्ष 2025 तक सभी घरों को नल से जल उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है? यदि हाँ, तो क्या इस लक्ष्य की पूर्ति विधानसभा गुनौर की स्वीकृत नल-जल योजनाओं में पूर्ण हो सकेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? (घ) ठेकेदारों द्वारा जो नल-जल योजनाएं बनाई भी गई हैं उनमें से अधिकांश में लीकेज होने के कारण पानी सप्लाई नहीं हो पा रहा है तथा ग्रामीण आंतरिक मार्गों को पाइप-लाइन बिछाने के लिए तोड़ा गया है तथा पुनः इनको यथावत नहीं बनाया गया है। क्या यह इस संबंध में प्रश्‍नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री के लिखे पत्र की प्रतिलिपि कलेक्टर पन्ना को प्रेषित की गई है? यदि हाँ तो इस पर क्या कार्यवाही की गई? विवरण सहित जानकारी दें।

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) स्‍वीकृत एकल ग्राम नल-जल योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। इसके अतिरिक्‍त प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र के 214 ग्रामों में सिंघौरा-02 समूह जल प्रदाय योजना का क्रियान्‍वयन किया जा रहा है, इस योजना में सम्मलित ग्रामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। उक्‍त समूह जल प्रदाय योजना का कार्य मेसर्स कल्‍पतरू इंटरनेशनल प्रा.लि. द्वारा किया जा रहा है। योजना के तहत दिनांक 09.03.2023 से 02 वर्षों के लिए अनुबंध पर स्‍वीकृत किए गए हैं। (ख) एकल ग्राम नल-जल योजनाओं के कार्यों की वर्तमान स्थिति (पूर्ण/प्रगतिरत्/अपूर्ण का कारण) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। सिंघौरा-02 समूह जल प्रदाय योजना का कार्य प्रगतिरत है, जिसे दिनांक 08.03.2025 तक पूर्ण किया जाना संभावित है। कार्यों को गुणवत्ता के साथ पूर्ण किया गया है। प्रगतिरत कार्यों में गुणवत्ता का ध्यान रखा जा रहा है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जल जीवन मिशन की गाइड-लाइन के प्रावधानों एवं पर्याप्त जल स्त्रोतों की उपलब्धता के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र में सभी घरों को नल से जल उपलब्ध कराया जाना लक्षित है। लक्ष्य की पूर्ति विधानसभा गुनौर की स्वीकृत योजनाओं से हो सकेगी। विधानसभा के सभी 214 ग्रामों (IMIS अनुसार) में सिंघौरा-02 समूह जल प्रदाय योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। ग्रामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। समूह जल प्रदाय योजना का अनुबन्ध दिनांक 09.03.2023 को 02 वर्ष के लिये किया गया है, कार्य दिनांक 08.03.2025 तक पूर्ण किया जाना संभावित है। विधानसभा के 93 ग्रामों में एकल ग्राम     नल-जल योजनाएं स्वीकृत हैं। एकल ग्राम योजनाएं वर्ष 2024 में पूर्ण होना सम्भावित है, इन ग्रामों में समूह जल प्रदाय योजना से आवश्यकतानुसार बल्क वॉटर प्रदाय किया जायेगा। (घ) जी नहीं। एकल ग्राम नल-जल योजनाएं पूर्ण होने के उपरान्त ग्राम पंचायत को संचालन-संधारण के लिए हस्तांतरित की जाती हैं, ग्राम पंचायतों द्वारा आवश्यकतानुसार लीकेज सुधार किए जाने का प्रावधान है। योजनाओं के चालू/बन्द की स्थिति तथा आंतरिक मार्गों को तोड़कर पुनः यथावत् बनाये जाने का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। समूह जल प्रदाय योजना वर्तमान में प्रगतिरत है, उनमें तोड़ी गई एवं पुनर्निर्मित की गई सड़क का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। मान. सदस्य द्वारा मान. मुख्यमंत्री जी को लिखे पत्र की प्रति कलेक्टर पन्ना द्वारा विभाग को प्राप्त नहीं है, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

रिक्‍त पदों की पूर्ति

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

117. ( क्र. 1952 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) क्या टीकमगढ़ जिले में डी.एस.ओ. का पद प्रश्‍न दिनांक तक रिक्त है? क्या जिले में 4 जे.एस.ओ. के पद सृजित होने के बावजूद जिले में 5 जे.एस.ओ. पदस्थ हैं, जिसमें मात्र 2 ही कार्यरत हैं, क्यों? सम्पूर्ण जानकारी नाम, पद सहित बताते हुए यह भी बताएं कि वह कब से जिले में कहाँ-कहाँ पदस्थ हैं व कहाँ-कहाँ के मूल निवासी हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) के आधार पर बताएं कि क्या जनपद पंचायत जतारा एवं पलेरा में पदस्थ जे.एस.ओ. की भारी भ्रष्टाचार की शिकायतें प्राप्त होने एवं उनके विरूद्ध जनता जनप्रतिनिधियों में भारी रोष होने से ऐसे जे.एस.ओ. को विभाग से हटाकर अन्यत्र जिले में पदस्‍थ या शासन द्वारा कब तक हटा दिया जावेगा? निश्चित समय-सीमा सहित बताएं। उनके स्थान पर किस की, कब तक पदस्थापना की जावेगी? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि जिले में जो पद रिक्त हैं, वह कब तक भर दिए जावेंगे? निश्चित              समय-सीमा सहित बताएं।

खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) हाँ। जिले में कनिष्‍ठ आपूर्ति अधिकारी के 05 स्‍वीकृत पद हैं, इनके विरूद्ध वर्तमान में 04 अधिकारी पदस्‍थ हैं। 01 अधिकारी श्री नरेश कुमार आर्य को लोकायुक्‍त प्रकरण में सजा होने से सेवा से पदच्‍युत कर दिया गया है, 01 अधिकारी               श्री धनीराम धुर्वे को लोकायुक्‍त प्रकरण में निलंबित किया गया है, 01 अधिकारी श्रीमती सपना सेन मातृत्‍व (संतान पालन) अवकाश पर है। अत: सभी 02 कनिष्‍ठ आपूर्ति अधिकारियों श्री ललित मेहरा तथा श्री पंकज करोरिया द्वारा कार्य किया जा रहा है। शेष जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कनिष्‍ठ आपूर्ति अधिकारी जतारा एवं पलेरा के विरूद्ध सरपंच ग्राम पंचायत एवं अन्‍य ग्रामवासी उदयपुरा विकासखण्‍ड पलेरा द्वारा आवंटन बढ़ाए जाने के शासकीय उचित मूल्‍य दुकान के विक्रताओं से पैसे मांगने की शिकायत प्राप्‍त हुई है। जिसकी जाँच संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) जतारा से कराई जा रही है। जाँच उपरांत गुण-दोष के आधार पर योग्‍य अग्रेतर कार्यवाही की जावेगी। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ग) जिला आपूर्ति अधिकारी का पद पदोन्‍नति का पद है। वर्तमान में पदोन्‍नति का मामला माननीय उच्‍चतम न्‍यायालय में विचाराधीन होने से जिला आपूर्ति अधिकारी के पद पर पदोन्‍नतियां नहीं हो पा रही हैं, उच्‍च पद प्रभार की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, पद पूर्ति की निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "पंद्रह"

निर्देशों के अनुसार कार्यवाही न करने वालों पर कार्यवाही

[पर्यावरण]

118. ( क्र. 2343 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                              (क) शहडोल एवं रीवा जिले में पर्यावरण की सुरक्षा एवं पर्यावरण के समुचित व्यवस्था बाबत् शासन द्वारा क्या कार्ययोजना तैयार की गई है? बतावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के तारतम्य में रीवा टेटका मार्ग के निर्माणाधीन के दौरान कुल कितने पेड़ काटे गये, उनकी संख्या कितनी थी, इन पेड़ों से कितना राजस्व शासन को प्राप्त हुआ का विवरण देवें। अगर राजस्व की प्राप्ति नहीं हुई तो इसके लिये जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही करेंगे? बतावें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के तारतम्य में काटे गये पेड़ों के अनुपात में कितने नये पेड़ों/वृक्षों के लगाये जाने की कार्यवाही की गई? पेड़ों की संख्या के साथ भौतिक स्थिति क्या है? रोड के निर्माण के समय अनुबंध में पेड़ काटने एवं नवीन पेड़ लगाये जाने बाबत् क्या शर्तें निहित की गई थीं? बतावें। शर्तों के पालन में पेड़ नहीं लगाये गये तो इनके लिये किन को दोषी मानकर कार्यवाही करेंगे?

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से शहडोल एवं रीवा जिले की जिला पर्यावरण योजना वर्ष 2021 में तथा पुनरीक्षित योजना वर्ष 2023 में कलेक्‍टरों के माध्‍यम से तैयार करायी गयी है। (ख) मध्‍यप्रदेश सड़क विकास निगम लिमिटेड शहडोल से प्राप्‍त जानकारी के अनुसार कुल 1194 वृक्ष काटे गये। काटे गये वृक्षों को काष्‍ठागार में जमा करने, तत्‍पश्‍चात इनकी नीलामी के उपरांत ही राजस्‍व शासन के मद में जमा किये जाने का प्रावधान है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) मध्‍यप्रदेश सड़क विकास निगम लिमिटेड शहडोल से प्राप्‍त जानकारी के अनुसार अनुबंध अनुसार 9720 वृक्षों को लगाये जाने की कार्यवाही इस वर्षा ऋतु में प्रचलन में है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "सोलह"

अनियमितता करने वालों से राशि की वसूली व कार्यवाही

[वन]

119. ( क्र. 2344 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                              (क) शहडोल जिले में स्थापित संजय दुबरी टाईगर रिजर्व में कुल कितने गेट हैं? टाईगर रिजर्व की स्थापना/निर्माण कितने वर्षों पूर्व किया गया था? कितने गेट वर्तमान के स्थापित हैं? टूरिज्म को बनाने हेतु संजय टाईगर रिजर्व को बढ़ाने के लिये कौन-कौन से कार्य कब-कब, कितनी-कितनी लागत से किन-किन माध्यमों से कराये गये की जानकारी देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) संदर्भ में संजय दुबरी टाईगर रिजर्व की स्थापना का कुल क्षेत्रफल कितना है? इनमें वर्तमान में कितने जीव-जन्तु टूरिज्मों/दर्शकों के देखने हेतु रखे गये हैं का विवरण देवें। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के तारतम्य में संजय दुबरी टाईगर रिजर्व के सौन्‍दर्यीकरण जीव-जन्तुओं की संख्या बढ़ाए जाने, उनकी भोजन व्यवस्था हेतु कितनी-कितनी राशि वर्ष 2020 से प्रश्‍नांश दिनांक के दौरान प्रदान की गई? बतावें। (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार संजय दुबरी टाईगर रिजर्व के विस्तार एवं रख-रखाव और सौन्‍दर्यीकरण बाबत् प्राप्त राशि का दुरुपयोग किया गया, इसके लिये जिम्मेदारों को पहचान कर क्या कार्यवाही करेंगे? बतावें। साथ ही टाईगर में रहने वाले जीव-जन्तु की सुरक्षा, देख-रेख, भोजन हेतु प्राप्त होने वाली राशियों अनुसार जीव-जन्तुओं को भोजन और सुरक्षा प्रदान नहीं की गई जिसके कारण उनकी मृत्यु हुई। इन सब के लिये कौन-कौन जिम्मेदार है? जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही करेंगे? बतावें।

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) संजय दुबरी टाईगर रिजर्व में शहडोल जिले में एक पर्यटन गेट कोईलारी गेट एवं सीधी जिला में एक गेट बडकाडोल है। संजय टाईगर रिजर्व की स्थापना कोर जोन की अधिसूचना म.प्र. शासन वन विभाग द्वारा 23 फरवरी 2011 को तथा बफर जोन की अधिसूचना 07 फरवरी 2011 को जारी कर दिया गया। संजय टाईगर रिजर्व में पर्यटन को बढ़ाने के उ‌द्देश्य से वर्ष 2020-21 से प्रश्‍न दिनांक तक किये गये कार्यों का विवरण संलग्‍न परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) संजय दुबरी टाईगर रिजर्व के अंतर्गत कोर क्षेत्र 812.581 एवं बफर क्षेत्र 861.931 कुल 1674.512 (वर्ग किलोमीटर) है। वर्तमान में टाईगर रिजर्व क्षेत्र में स्वतंत्र रूप से विचरण करने वाले मांसाहारी/शाकाहारी वन्य प्राणी टूरिज्म क्षेत्र में देखे जा सकते हैं।                 (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के तारतम्य में वर्ष 2020 से प्रश्‍नांश दिनांक तक संजय दुबरी टाईगर रिजर्व के सौन्दर्यीकरण तथा जीव जन्तुओं की संख्या बढ़ाई जाने, उनके भोजन व्यवस्था हेतु क्षेत्र में किये गये कार्यों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट-2 अनुसार है। (घ) संजय दुबरी टाईगर रिजर्व के विस्तार एवं रख-रखाव और सौन्दर्यीकरण बाबत् प्राप्त राशि के दुरूपयोग का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। अतः जिम्मेदारों को पहचान कर कार्यवाही करने का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है। भोजन के अभाव में जीव जन्तुओं की मृत्यु का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक कुल 11 शिकार के प्रकरण दर्ज किये गये हैं, जिनमें त्वरित कार्यवाही करते हुए कुल 38 आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की गई है, जिसका विवरण परिशिष्ट-3 अनुसार है।

परिशिष्ट - "सत्रह"

 

 


 

 


भाग-3

अतारांकित प्रश्‍नोत्तर


भीषण पेयजल संकट के संबंध में

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

1. ( क्र. 32 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले में 2024 में भारी भीषण पेयजल का सामना आमजन को सहना पड़ा है? (ख) प्रश्‍नकर्ता ने इस संकट के संबंध में विधानसभा सत्र फरवरी 2024 में तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 709 दिनांक 14.02.2024 द्वारा अवगत कराया था और विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार बावत अवगत कराया था? (ग) विभाग ने जिला टीकमगढ़ की जितनी भी नल-जल योजना और हैण्डपंप चालू बताये जा रहे, सब झूठे आंकड़े हैं? (घ) क्या प्रश्‍नांश योजना एवं हैण्डपंपों का रिकार्ड से सत्यापन कर दोषी आंकड़ें देने वालों के विरूद्ध कार्यवाही होगी? यदि हाँ तो कब तक क्या?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं, विधानसभा सत्र फरवरी 2024 के तारांकित प्रश्‍न क्रमांक-709 दिनांक 14.02.2024 में प्रश्‍न का विषय ''टीकमगढ़ जिलें में भीषण पेयजल संकट'' उल्‍लेखित नहीं है। (ग) जी नहीं। (घ) उत्‍तरांश (क), (ख) एवं (ग) के संदर्भ में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

दोषी कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही न होना

[वन]

2. ( क्र. 33 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ एवं निवाड़ी दोनों जिलों में एक ही वनमण्‍डलाधिकारी रहता है? यदि हाँ तो क्यों? (ख) क्‍या विगत 5 वर्षों से दोनों जिले वनमंडलाधिकारी विहीन हैं? छोटे-छोटे कर्मचारियों की मनमानी चल रही है? (ग) विभाग में लापरवाह कर्मचारियों की शिकायत के बाद भी कार्यवाही न होने में कौन दोषी है? उदाहरण के लिये रेंजर निवाड़ी एवं रेंजर टीकमगढ़ के विरूद्ध अनेकों शिकायतों के बाद कार्यवाही क्यों नहीं की गयी? (घ) क्या प्रश्‍नांश (ग) में वर्णित अधिकारी स्थानीय है, जो शासनादेशों के विरूद्ध है? कब तक हटाया जायेगा?

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। वनमण्डलाधिकारी निवाड़ी के पद का गठन दिनांक 28.03.22 से होने के पश्चात से जिला टीकमगढ़ एवं निवाड़ी में एक ही वनमण्डलाधिकारी पदस्थ है। अधिकारियों की कमी होने से नियमित वनमण्‍डलाधिकारी की पदस्‍थापना नहीं की जा सकी है। (ख) जी नहीं। वनमण्डलाधिकारी निवाड़ी के पद का गठन शासन की अधिसूचना दिनांक 28.03.22 से हुआ है। अतः निवाड़ी जिले का 5 वर्षों से वनमण्डलाधिकारी विहिन होने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। वनमण्डल टीकमगढ़ में दिनांक 14.08.19 से 24.02.21 एवं दिनांक 19.04.2021 से 19.04.2023 तक नियमित वनमण्‍डलाधिकारी की पदस्‍थापना रही है जबकि दिनांक 24.02.2021 से 18.04.2022, दिनांक 19.04.2023 से 26.06.2023, दिनांक 26.06.2023 से 07.06.2024 एवं 08.06.2024 से प्रश्‍न दिनांक तक वनमण्‍डलाधिकारी अतिरिक्‍त प्रभार में पदस्‍थ रहे हैं। चूंकि अतिरिक्त प्रभार में रहे वनमण्डलाधिकारियों का पूर्ण नियंत्रण सम्पूर्ण वनमण्डल में रहता है अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) क्षेत्रीय वनमण्डल टीकमगढ़ अन्तर्गत तैनात कार्यपालिक/ अकार्यपालिक कर्मचारियों की शिकायत प्राप्त होने पर उनकी पूर्ण गंभीरता एवं निष्पक्षता से जाँच कराई जाती है और शिकायत सत्यता की स्थिति में गुणदोष के आधार पर वैधानिक कार्यवाही की जाती है। श्री आमिर खान, परिक्षेत्राधिकारी निवाड़ी के अतिरिक्त प्रभार में दिनांक 18.01.24 से तथा श्री सौरभ जैन दिनांक 10.10.23 से परिक्षेत्र अधिकारी टीकमगढ़ पदस्थ हैं। पदस्थिति के उपरांत उपरोक्त अधिकारियों के विरूद्ध कोई शिकायत वनमण्डल कार्यालय में प्राप्त नहीं हुई है। अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। श्री आमिर खान परिक्षेत्र अधिकारी, निवाड़ी का गृह जिला टीकमगढ़ है एवं परिक्षेत्र अधिकारी टीकमगढ़ श्री सौरभ जैन का गृह जिला छतरपुर है। इस प्रकार दोनों अधिकारी अपने गृह जिले में पदस्थ नहीं है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

गौशाला के संचालन हेतु आर्थिक सहायता

[पशुपालन एवं डेयरी]

3. ( क्र. 89 ) श्रीमती प्रियंका पैंची : क्या राज्‍य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चाचौड़ा विधानसभा में सरकार द्वारा कितनी गौशालाएं खुलवाई गई थी? उनमें से कितनी गौशालाओं का संचालन धरातल पर चालू है? (ख) क्या शासन स्तर से गौशालाओं के संचालन हेतु कोई आर्थिक सहायता दी जाती है? यदि हाँ तो चाचौड़ा विधानसभा में कब और कितनी आर्थिक सहायता प्रदाय की गई? सूची उपलब्ध करावें। (ग) राष्ट्रीय राजमार्ग पर गायों की सुरक्षा के लिए शासन स्तर से क्या कोई प्रयास किए गए है यदि हाँ तो क्या और यदि नहीं तो क्‍या कारण है? (घ) शासन द्वारा नवीन गौशालाओं हेतु कोई योजना संचालित है क्या? यदि हाँ तो इसका लाभ कब तक क्षेत्र को मिल सकता है?

राज्‍य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) चांचौड़ा विधानसभा में कुल 12 शासकीय गौशाला खुलवाई गई थी, जिनमें से 10 गौशालाएं संचालित हैं तथा 2 गौशालाएं बंद हैं। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - '''' अनुसार। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - '''' अनुसार(घ) जी हाँ। मनरेगा योजना अंतर्गत गौशाला निर्माण का प्रावधान है।

योजनाओं की जानकारी

[उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण]

4. ( क्र. 119 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उद्यानिकी एवं प्रौद्योगिक विभाग से किसानों के लिए क्‍या-क्‍या योजनाएं है? उनकी पूर्ण जानकारी देवें। (ख) क्‍या विभाग द्वारा किसानों को खेतों की सुरक्षा हेतु तार फेंसिंग के लिये अनुदान/लोन का प्रावधान है? यदि हाँ तो उसकी क्‍या प्रक्रिया है?

सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) विभाग से PMFME, MIDH, RKVY, PDMC, राज्‍य योजना, खाद्य प्रसंस्‍करण, कृषक प्रशिक्षण एवं कृषक भ्रमण कार्यक्रम योजनाएं हैं, जिसकी  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

सामाजिक सुरक्षा पेंशन

[सामाजिक न्याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण]

5. ( क्र. 122 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शासन द्वारा सामाजिक सुरक्षा पेंशन बढ़ाने का प्रस्‍ताव प्रस्‍तावित है? (ख) यदि हाँ तो कितनी राशि और कब तक बढ़ाई जावेगी?

सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जी हाँ।                                     (ख) सामाजिक सुरक्षा पेंशन राशि 600 से बढ़ाकर 1500 रूपये करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। नीतिगत निर्णय होने से वर्तमान में समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।

दुग्ध ब्रांड साँची का विस्तार

[पशुपालन एवं डेयरी]

6. ( क्र. 168 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या राज्‍य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकार मध्यप्रदेश के दुग्ध ब्रांड साँची का विस्तार करने के स्थान पर उसे गुजरात की डेयरी कम्पनी अमूल को देने जा रही है? (ख) यदि प्रदेश की जनता में साँची दुग्ध के विश्वास और लोकप्रियता के बावजूद इसे बंद करने का क्या कारण है? (ग) साँची दुग्ध को अमूल कम्पनी को सौंपने का प्रस्ताव/परामर्श मूलत: किस अधिकारी द्वारा कब सरकार के विचारार्थ रखा गया था? (घ) क्या इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री जी की अमूल डेयरी के अधिकारियों से मीटिंग हुई है? यदि हाँ तो कब और किस स्थान पर मीटिंग हुई तथा उसके क्या निष्कर्ष हैं?

राज्‍य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जी नहीं। (ख) से                                            (घ) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

नल-जल योजनाओं का सुचारू संचालन

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

7. ( क्र. 184 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नर्मदापुरम जिले के विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 139 पिपरिया के ग्रामीण क्षेत्रों में वर्ष 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक कितनी जल जीवन मिशन की नल-जल योजनायें स्वीकृत हैं?                                                  (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार कितनी नल-जल योजनायें पूर्ण होकर संचालित हैं तथा कितनी पूर्ण होकर संचालित नहीं हैं तथा कितनी अपूर्ण हैं? (ग) क्या ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित नल-जल योजना के ट्यूबवेल्स के बोर में पानी की कमी तथा कहीं-कहीं निर्मित टंकियों में दरार आ जाने से घर-घर पेयजल की सप्लाई नहीं हो पा रही हैं यदि हाँ तो जहां पर ये स्थिति है उस ठेकेदार के विरूद्ध उत्तरदायित्व का निर्धारण किया जावेगा? यदि हाँ तो कब तक, नहीं तो क्यों।

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) 229 नल-जल योजनायें स्‍वीकृत हैं। (ख) 76 नल-जल योजनाएँ पूर्ण हैं, इनमें से वर्तमान में 74 संचालित एवं 02 संचालित नहीं हैं तथा 153 योजनाएं अभी अपूर्ण हैं। (ग) जी नहीं, शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है।

जनमन योजना की जानकारी

[जनजातीय कार्य]

8. ( क्र. 369 ) श्रीमती प्रियंका पैंची : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वंचित समूह वर्ग सहरिया समाज के लिए मध्य प्रदेश शासन ने जो जनमन योजना चलाई थी क्या उसका लाभ सहारिया समाज को मिल पा रहा है? यदि हाँ तो विधानसभा अंतर्गत लाभान्वित लोगों की सूची उपलब्ध करावें और यदि नहीं तो क्यों? (ख) इस योजना के क्रियान्वयन और प्रचार प्रसार हेतु शासन स्तर से क्या तैयारी है एवं पात्र लोगों को क्या इस योजना का लाभ मिल पाएगा? यदि हाँ तो कब तक?

जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। विधानसभा चाचौड़ा अन्‍तर्गत लाभान्वित हितग्राहियों की सूची  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) योजना के क्रियान्‍वयन एवं प्रचार-प्रसार हेतु शासन के निर्देशानुसार शिविरों का आयोजन किया गया है। पात्र हितग्राहियों को योजना का लाभ दिया जा रहा है एवं हितग्राहियों को लाभान्वित करने की प्रक्रिया सतत जारी है।

चाचौड़ा से ऊमरथाना रोड की प्रगति

[वन]

9. ( क्र. 370 ) श्रीमती प्रियंका पैंची : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                    (क) चाचौड़ा विधानसभा के अंतर्गत चाचौड़ा से उमरथाना रोड का कार्य प्रगति पर है जिसमें राजस्व विभाग के दल ने सीमांकन की रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है किंतु फिर भी वन विभाग की ओर से रोड का कार्य रुका हुआ है l क्या इस रोड का कार्य पूर्ण हो पाएगा? यदि हाँ तो कब तक और यदि नहीं तो क्यों? (ख) क्या रोड के कार्य प्रगति में बाधा डालने वालों के लिए सजा का प्रावधान है? यदि हाँ तो उचित कार्यवाही कब तक होगी? यदि नहीं तो क्यों?

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) चाचौड़ा से मनोहरथाना रोड के उन्नयन कार्य की अनुमति हेतु कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग संभाग गुना के पत्र दिनांक 12/04/2023 से विद्यमान चौड़ाई डामरीकृत 3 मीटर से बढ़ाकर 7 मीटर चौड़ाई में निर्माण कार्य किए जाने हेतु आवेदन दिया गया था। प्रस्तावित क्षेत्र, वनक्षेत्र होने के कारण विद्यमान चौड़ाई 3 मीटर से 7 मीटर चौड़ाई में मार्ग का निर्माण कार्य करने पर वन (संरक्षण एवं संवर्धन) अधिनियम 1980 के प्रावधान लागू होते हैं। लोक निर्माण विभाग द्वारा प्रभावित वनक्षेत्र के स्वीकृति हेतु परिवेश पोर्टल पर अभी तक आनलाईन आवेदन नहीं किया गया है। आनलाईन आवेदन प्राप्त होने पर भारत सरकार से स्वीकृति प्राप्त किए जाने की कार्यवाही सम्‍भव है। प्रश्‍नांश के शेष भाग का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है। (ख) मार्ग निर्माण में यदि वनक्षेत्र प्रभावित हो रहा है तो भारत सरकार/राज्य शासन की अनुमति प्राप्त किए बगैर वनक्षेत्र में कार्य नहीं किया जा सकता है। अत: रोड के कार्य में बाधा/ कार्यवाही किए जाने का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है।

प्रचलित प्रकरण को नस्तीबद्ध करना

[सामाजिक न्याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण]

10. ( क्र. 488 ) श्री योगेन्‍द्र सिंह (बाबा) : क्या सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय कन्या उ.मा.वि. सारंगपुर, जिला-राजगढ़ के द्वारा वेतन भुगतान करने के संबंध में आवेदन प्रदान किया गया था। उक्त आवेदन पर निःशक्त न्यायालय म.प्र. भोपाल में प्रचलित प्रकरण में किसी भी प्रोसीडिंग में हस्ताक्षर नहीं होने तथा समुचित कार्यवाही नहीं होने पर आवेदक द्वारा उच्च न्यायालय इन्दौर, प्रकरण क्रमांक डब्ल्यूपी 20837/2023 दिनांक 16.08.2023 को दायर करने पर तथा आयुक्त, निःशक्तजन म.प्र. भोपाल को आवेदक ने अपने अभ्यावेदन दिनांक 26.03.2024 तथा दिनांक 12.04.2024 के द्वारा प्रचलित प्रकरण को नस्तीबद्ध करने का अनुरोध किया गया था क्या प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया है(ख) उच्च न्यायालय इन्दौर में प्रकरण प्रचलित होने पर आयुक्त, निःशक्तजन द्वारा किसी भी प्रकार की सुनवाई नहीं की जा सकती है तथा उच्च न्यायालय की अवमानना की जा रही है। उच्च न्यायालय के प्रकरण क्रमांक डब्ल्यूपी 4590/2012 में पारित आदेश दिनांक 20.05.2024 के तहत निःशक्त प्रमाण पत्र की बार-बार जांच, अभिमत पर अभिमत नहीं लिया जा सकता है। क्या पारित आदेश का पालन किया जावेगा, स्पष्ट करें? (ग) जिला शिक्षा अधिकारी राजगढ़, आयुक्त, लोक शिक्षण संचालनालय एवं आयुक्त निःशक्तजन के आदेशानुसार नि:शक्त प्रमाण पत्र का सत्यापन तथा द्वितीय एवं तृतीय अभिमत लिये जा चुके है एवं पारित आदेश दिनांक 20.05.2024 के तहत अब किसी प्रकार की जांच तथा अभिमत नहीं लिये जा सकते है?

सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जी हाँ, श्री सुभाष चन्द शर्मा शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सारंगपुर जिला राजगढ़ द्वारा वेतन भुगतान करने के संबंध में आवेदन प्रस्तुत किया गया था। माननीय उच्च न्यायालय इंदौर में प्रकरण क्र. WP-20837/2024 को आवेदक के अभ्यावेदन दिनांक 26/03/2024 एवं 12/04/2024 के द्वारा अवगत कराये जाने पर दिनांक 31/05/2024 को प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट '''' अनुसार(ख) माननीय उच्च न्यायालय की किसी प्रकार की अवमानना नहीं की जा रही है। पारित आदेश का पालन किया गया है। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली की अधिसूचना दिनांक 12-3-2024 में टिप्पण-2 अनुसार मूल्यांकन प्रक्रिया के निर्वचन से संबंधित मामलों में विनिश्चय करने का प्राधिकार होगा किन्तु आयुक्त निःशक्तजन मध्यप्रदेश द्वारा दिव्यांग प्रमाण पत्र पर अभिमत नहीं लिया गया है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट '''' अनुसार(ग) उत्तरांश (ख) अनुसार प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "अठारह"



वन ग्रामों को राजस्‍व ग्राम का दर्जा देने के दिशा-निर्देश

[वन]

11. ( क्र. 530 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                     (क) वन ग्रामों को राजस्‍व ग्राम का दर्जा देने के क्‍या दिशा निर्देश है? (ख) विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत कौन-कौन से वन ग्राम है? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के अंतर्गत कौन-कौन से वन ग्रामों को राजस्‍व ग्राम का दर्जा दिया जा सकता है?

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) वन अधिकार अधिनियम, 2006 की धारा-3 (1) (ज) के प्रावधानों के तहत वन ग्रामों को राजस्व ग्रामों में संपरिवर्तन की कार्यवाही के संबंध में इस अधिनियम के क्रियान्वयन हेतु नोडल जनजातीय कार्य विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देश की प्रति  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार(ख) विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत कोई वन ग्राम नहीं है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

पारिस्थिति संवेदनशील क्षेत्र में गतिविधियों की अनुमति

[पर्यावरण]

12. ( क्र. 536 ) श्री अनिल जैन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या निवाड़ी जिले में स्थित ओरछा क्षेत्र को शासन द्वारा पारिस्थिति संवेदनशील क्षेत्र घोषित किया गया है, यदि हाँ तो कब? (ख) क्या ओरछा क्षेत्र के पारिस्थिति संवेदनशील क्षेत्र घोषित होने के बाद स्थानीय प्रशासन द्वारा ओरछा में पारिस्थिति संवेदनशील क्षेत्र में होने वाली सामाजिक एवं व्यावसायिक गतिविधियों हेतु अनुमति ली गई हैं यदि हाँ तो अनुमतियों की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में यदि नहीं तो इसके लिए कौन-कौन से अधिकारी जिम्मेदार हैं एवं जिम्मेदार अधिकारियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) भारत सरकार पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की अधिसूचना दिनांक 02 जनवरी 2018 द्वारा ओरछा क्षेत्र को नहीं वरन ओरछा वन्‍यजीव अभ्‍यारण को पारिस्थितिक संवेदी क्षेत्र घोषित किया गया है। (ख) एवं (ग) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

1998 के चयन सूची के संशोधन आदेश का पालन

[वन]

13. ( क्र. 580 ) श्री सुनील उईके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सामान्‍य प्रशासन विभाग द्वारा वन विभाग के अधिकारियों की वरीयता का निर्धारण लोक सेवा आयोग की 1998 की चयन सूची से संशोधित करने के आदेश दिये गये थे। (ख) इस आदेश का पालन क्‍या वन विभाग में वरीयता सूची में किया गया है? यदि हाँ तो अवगत कराएं, यदि नहीं तो क्‍यों? (ग) मध्‍यप्रदेश में वन विभाग में सीधी भर्ती के राज्‍य वनसेवा के वनक्षेत्रपालों की इस आदेश के पालन में क्‍या वरिष्‍ठता सूची बनाई जा रही है। यदि हाँ तो कब तक यदि नहीं तो क्‍या सामान्‍य प्रशासन विभाग के आदेशों की अवहेलना करने वालों पर कार्यवाही करेंगे। (घ) क्‍या मध्‍यप्रदेश में सीधी भर्ती के राज्‍य वनसेवा के वनक्षेत्रपाल कई बार आंदोलन भी कर चुके है। यदि हाँ तो क्‍या मुख्‍यमंत्री महोदय वरिष्‍ठता सूची में संशोधन करवाकर सामान्‍य प्रशासन विभाग के उक्‍त आदेश का पालन करायेंगे। यदि हाँ तो कब तक।

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। म.प्र. शासन के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा दिनांक 02.04.1998 में म.प्र. सिविल सेवा नियम 1961 के नियम-12 में संशोधन उपरांत प्रावधान किये गये है। (ख) ''म.प्र. सिविल सेवा (सेवा की सामान्य शर्तें) नियम 1961 के नियम-12 में दिनांक 02.04.1998 को किया गया संशोधन जारी होने के दिनांक से प्रभावशील है। इसे पुराने प्रकरणों में लागू नहीं किया जा सकता। ''अतः वर्ष 2008-09 एवं उसके पश्चात् चयनित सीधी भर्ती वनक्षेत्रपालों की पारस्‍परिक वरिष्ठता (Inter se Seniority) का निर्धारण उक्‍त संशोधन अनुसार किया जा रहा है। (ग) उत्‍तरांश (ख) अनुसार। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। सीधी भर्ती के राज्य वन सेवा के वनक्षेत्रपालों द्वारा वरीयता के संशोधन करने के संबंध में आन्दोलन करना संज्ञान में नहीं आया है। वरिष्ठता सूची सामान्य प्रशासन विभाग के नियम/निर्देशों एवं म.प्र. तृतीय श्रेणी (अलिपिकीय वर्गीय) वन सेवा भर्ती नियम 1967 के अंतर्गत प्रावधान के अनुपालन में संधारित है। अतः संशोधन किये जाने की आवश्यकता नहीं है।

आदिम जाति कल्‍याण विभाग द्वारा संचालित योजनायें

[अनुसूचित जाति कल्याण]

14. ( क्र. 620 ) श्री सुरेन्द्र सिंह गहरवार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                          (क) चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत अनु.जाति बस्ती विकास योजना, पंप ऊर्जीकरण, आदर्श ग्राम योजना अंतर्गत पिछले 5 वर्ष में विभाग द्वारा क्या-क्या कार्य कराये गये हैं कृपया जानकारी पंचायतवार प्रदान करने का कष्ट करें? विभाग में कौन-कौन सी योजनायें संचालित हैं एवं किन-किन योजनाओं का लाभ चित्रकूट विधानसभा को उक्त अवधि में प्रदान किया गया है पूर्ण जानकारी वर्षवार देवें? (ख) वर्ष 2009 से प्रश्‍न दिनांक तक अनु. जाति बस्ती विकास योजना में सतना जिले को कितनी राशि प्राप्त हुई, प्राप्त राशि में से किस-किस विधानसभा को कितनी-कितनी राशि के कार्य स्वीकृत किये गये? राशि वितरण का आधार क्या रहा है एवं राशि वितरण के संबंध में शासनादेश क्या हैं? क्या मनमाने रूप से अलग-अलग विधानसभा को अलग-अलग राशि का वितरण किया गया है? (ग) चित्रकूट विधानसभा में प्रश्‍नांश (ख) की अवधि में किन-किन ग्राम पंचायतों में कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये गये हैं? जानकारी वर्षवार पंचायतवार दें? उक्त कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं, क्या उनका भौतिक सत्यापन किया गया है, क्या गुणवत्ता परीक्षण कराया गया है हाँ/नहीं? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में योजनाओं में शासन द्वारा आवंटित राशि के अनियमित रूप से वितरण, स्वीकृत कार्यों के भौतिक सत्यापन, गुणवत्ता के नियमित परीक्षण के लिये उत्तरदायी कौन है? इस प्रकार से शासन योजनाओं की राशि के वितरण में अनियमितता एवं भेदभाव किये जाने पर उत्तरदायी पर क्या और कब तक कार्यवाही की जायेगी?

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' एवं '''' अनुसार(ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसारजानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट '''' अनुसार। शेष जी नहीं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार। शेष जी हाँ। (घ) जी नहीं शेष प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

गौशालाओं पर व्‍यय तथा पशुओं के उपचार पर व्‍यय की जानकारी

[पशुपालन एवं डेयरी]

15. ( क्र. 651 ) सुश्री रामश्री (बहिन रामसिया भारती) राजपूत : क्या राज्‍य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में वर्ष 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक विभाग द्वारा कितनी-कितनी गौशालाओं हेतु किन-किन अवधियों में कितनी-कितनी राशि दी गई? सम्‍पूर्ण विवरण दें तथा शासन की गाइड लाईन उपलब्‍ध करावें। (ख) विभाग द्वारा पशुओं के उपचार हेतु कितने उपकरण/दवाइयां क्रय की गई? छतरपुर जिले की समस्‍त विवरण सहित जिसमें व्‍यय राशि अंकित हो, जानकारी दें। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के निरीक्षण तथा भौतिक सत्‍यापनकर्ता अधिकारी कौन रहे? उनके पद सहित जानकारी उपलब्‍ध करावे।

राज्‍य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - '''' एवं '''' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - '''' अनुसार। (ग) डॉ. सीताराम दुबे, पशु चिकित्‍सा सहायक शल्‍यज्ञ है।

जिला अंतर्गत वेयर हाउस का संचालन

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

16. ( क्र. 667 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                      (क) रतलाम जिला अंतर्गत कितने, अशासकीय अर्धशासकीय, फर्म, एजेंसी, संस्थान, निजी अथवा अन्य किसी और आशय के भी कितने वेयरहाउस कितनी-कितनी क्षमता के किन-किन स्थानों पर किस-किस वर्ष में पंजीकृत होकर शासन/विभाग की जानकारी में होकर संचालित किए जा रहे हैं? विकासखंडवार जानकारी दें। (ख) उपरोक्तानुसार उल्लेखित विभिन्न प्रकार के वेयरहाउस होकर संचालित किए जा रहे हैं किंतु विशेषतः जिन-जिन वेयरहाउस में खाद्यान्न सामग्रियों का संग्रहण किया जाता है तो खाद्यान्न सामग्री संग्रहण खराब न होकर खाद्यान्न मानवीय रूप से हानिकारक न हो इसके नियंत्रण हेतु किस-किस प्रकार के मापदंड अनुसार संग्रहण किया जा सकता है? प्रक्रिया से अवगत कराएं। (ग) खाद्यान्न सामग्रियों को कितने समय तक संग्रहित कर रखा जा सकता है तथा खाद्यान्न सामग्री खराब न हो, इस हेतु केंद्र/राज्य के मानक अनुसार क्या-क्या सावधानियां रखी जाना आवश्यक होती है? (घ) जिला अंतर्गत वर्ष 2015-16 से लेकर प्रश्‍न दिनांक तक उपरोक्तानुसार उल्लेखित वेयर हाउस की कब-कब जांच की किस दिनांक को किसके द्वारा की जा कर उन्हें सही पाया गया, साथ ही खाद्यान्न को सुरक्षित नहीं रखे जाने की स्थिति में खराब होने पर किस-किस के विरुद्ध कार्यवाही की गई? शासन/विभाग द्वारा विभिन्न संग्रहणों हेतु किस-किस को कितना-कितना भुगतान किया गया?

खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) रतलाम जिला अंतर्गत MPWLC के स्‍वनिर्मित एवं संयुक्‍त भागीदारी योजना अंतर्गत अनुबंधित गोदमों की सूची  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट 'अनुसार है। (ख) MPWLC द्वारा संचालित गोदामों में सामयिक रूप से स्‍कंध का निरीक्षण कर समय-समय पर आवश्‍यकतानुसार कीटोपचार कर वैज्ञानिक ढंग से रख-रखाव कर भंडारण किया जाता है। उपार्जन के पूर्व सभी JVS के ऑफर वाले निजी गोदाम संचालकों को गोदामों में भण्‍डारित स्‍कंध के रख-रखाव एवं कीटोपचार के संबंध में प्रशिक्षण दिया जाता है। अनुबंधित निजी वेअरहाउस में निगम द्वारा जारी संयुक्‍त भागीदारी योजना 2024-25 के तहत निर्धारित मापदण्‍ड अनुसार भंडारण एवं कीटोपचार कर रखरखाव कराया गया है, जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट 'अनुसार है। (ग) WDRA की सूची संलग्‍न है। शेष प्रश्‍नांश के संबंध में निगम द्वारा जारी संयुक्‍त भागीदारी योजना 2024-25 की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट 'अनुसार है। (घ) गोदाम किराये के रूप में भुगतान की गई राशि का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट 'अनुसार है। संबंधितों के विरूद्ध की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अनुसार है।

जिला अंतर्गत मत्स्य पालन

[मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास]

17. ( क्र. 668 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या राज्‍य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), मछुआ कल्‍याण एवं मत्‍स्‍य विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन/विभाग के रतलाम जिला अंतर्गत मत्स्य पालन हेतु विकासखंडवार किन-किन तालाबों अथवा स्थलों को चिन्हित किया जा कर वहाँ पर मत्स्य पालन का कार्य किया जा रहा है? (ख) वर्ष 2015-16 से लेकर प्रश्‍न दिनांक तक उपरोक्तानुसार उल्लेखित चिन्हित किए गए स्थलों के रखरखाव अथवा अन्य कार्य हेतु भी कितना बजट होकर किन-किन कार्यों पर व्यय किया गया? वर्षवार जानकारी दें। (ग) जिला अंतर्गत मत्स्य पालन हेतु कितनी समितियां पंजीबद्ध होकर शासन/विभाग के निर्देशानुसार कार्य कर रही हैं? शासन को उक्त समितियों से कितनी आय होकर वर्षवार कितनी-कितनी राशि प्राप्त हो रही है? वर्षवार जानकारी दें। (घ) शासन/विभाग किस नियम प्रक्रिया के माध्यम से कार्यादेश जारी करता है तथा चिन्हित स्थलों एवं समितियों के नियंत्रण हेतु क्या कार्यवाही करता है? वर्षवार जानकारी दें।

राज्‍य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), मछुआ कल्‍याण एवं मत्‍स्‍य विकास ( श्री नारायण सिंह पंवार ) :                                             (क) विकासखण्‍डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश अवधि से प्रश्‍न दिनांक तक चिन्‍हित किये गये स्‍थलों के रखरखाव की जानकारी विभाग से संबंधित नहीं है। अन्‍य मदों में व्‍यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- अनुसार(ग) जिला अंतर्गत मत्‍स्‍य पालन हेतु कुल 16 मछुआ सहकारी समितियां पंजीकृत है, इन समितियों से प्रत्‍यक्ष रूप से विभाग को आय प्राप्‍त नहीं होती है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। (घ) मत्‍स्‍य पालन नीति 2008 के अनुसार तालाबों एवं जलाशयों का पट्टा आवंटन आदेश त्रिस्‍तरीय पंचायतों के प्राधिकृत अधिकारी के द्वारा जारी किया जाता है। सहकारिता विभाग के द्वारा जांच की जाती है। पट्टा राशि सीधे पंचायती राज संस्‍थाओं में जमा की जाती है। नियमानुसार माध्‍यम से कार्यवाही की जाती है वर्ष 2023-24 में 48 अपात्र सदस्‍यों का निष्‍कासन किया गया।

कोलार वनखण्‍ड की जांच

[वन]

18. ( क्र. 759 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सीहोर वनमंडल के कोलार वनखण्‍ड में भा.व.अ. 1927 की धारा 4 के तहत राजपत्र में दिनांक 12 अक्‍टूबर, 1962 को अधिसूचित राजस्‍व ग्रामों की 6952.20 हेक्‍टेयर भूमि की 1988 में संशोधित अधिसूचना प्रकाशन के बाद भी धारा 5 से 19 तक की जांच प्रश्‍नांकित दिनांक तक भी पूरी नहीं की गई? (ख) कोलार वनखण्‍ड में किस ग्राम की कितनी बड़े झाड़, छोटे झाड़ के जंगल मद की भूमि कितनी भूस्‍वामी हक में दर्ज भूमि किस-किस दिनांक को भा.व.अ. 1927 की धारा 29 एवं धारा 4 में अधिसूचित की गई धारा 5 से 19 तक की जांच का प्रकरण अनुविभागीय अधिकारी बुधनी के समक्ष किस दिनांक को प्रस्‍तुत किया गया। (ग) कोलार वनखण्‍ड में शामिल किस-किस राजस्‍व ग्राम को किस-किस दिनांक को वनग्राम अधिसूचित या आदेशित किया गया किस ग्राम की कितनी निजी भूमि को किस दिनांक को धारा 29 एवं धारा 20 में अधिसूचित किया दोनों ही अधिसूचनाओं की प्रति सहित बतावें। (घ) कोलार वनखण्‍ड में शामिल निजी भूमियों को वनमंडल किस प्रावधान के अनुसार वर्किंग प्‍लान,एरिया रजिस्‍टर वनकक्ष इतिहास एवं वनकक्ष मानचित्र में संरक्षित वन दर्ज कर रहा है।

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) वनमण्डल सीहोर के अंतर्गत भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 4 (1) के तहत अधिसूचना क्रमांक/6550-6254-10-62 दिनांक 24.07.1962 राजपत्र प्रकाशन दिनांक 12.10.1962 एवं अधिसूचना क्रमांक 5-38-87-10-3 (54) दिनांक 12.01.1988 राजपत्र प्रकाशन दिनांक 22.01.1988 कोलार वनखण्ड रकबा 17239.82 एकड़ (6976.707 हे.) अधिसूचित किया गया है जिनमें संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) पदेन वन व्यवस्थापन अधिकारी के समक्ष धारा 5 से 19 तक की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) उत्‍तरांश (क) के वनखण्‍ड की अधिसूचना में ग्रामवार मदवार भूमि का विवरण शामिल नहीं होने से जानकारी देना संभव नहीं है। (ग) कोलार वनखण्ड में राजस्व ग्राम को वनग्राम तथा निजी भूमि को धारा 29 एवं धारा 20 में अधिसूचित किये जाने संबंधी कोई अधिसूचना प्रकाशित नहीं की गई है। (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है।

राजपत्र में डीनोटीफाईड भूमि

[वन]

19. ( क्र. 760 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गत पांच वर्षों में मध्‍यप्रदेश राजपत्र में रायसेन जिले एवं नर्मदापुरम जिले के किस वनकक्ष क्रमांक में शामिल किस ग्राम की कितनी भूमियों को भा.व.अ. 1927 की धारा 34अ के तहत किस दिनांक को डि‍नोटीफाईड किया इस भूमि की धारा 4 के तहत राजपत्र में किस दिनांक को अधिसूचना का शासन ने प्रकाशन किया था, धारा 34अ एवं धारा 4 की अधिसूचना की प्रति सहित बतावें।                                                                 (ख) धारा 34अ में डि‍नोटीफाईड भूमियों से संबंधित धारा 5 से 19 तक की जांच एवं कार्यवाही किस अनुविभागीय अधिकारी के समक्ष लम्बित है, धारा 34अ में डीनोटीफाईड करने की अनुमति किस दिनांक को वन व्‍यवस्‍थापन अधिकारी ने दी है यदि अनुमति नहीं दी हो तो कारण बतावें।                                               (ग) धारा 34-अ में डि‍नोटीफाईड की गई भूमि मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा 237 (1) में किस-किस प्रयोजन के लिए दर्ज भूमि है यह भूमि राजस्‍व अभिलेख में किस-किस मद में दर्ज भूमि है? (घ) धारा 5 से 19 तक की जांच के लिए लम्बित भूमियों को आवास एवं कृषि के पट्टे पर दिए जाने का क्‍या प्रावधान, किस धारा में दिया गया है।

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) गत 05 वर्षों में जिला रायसेन वनमण्डल औबेदुल्लागंज के अंतर्गत वनखण्ड टीप के वनकक्ष क्रमांक पी.एफ. 776 में शामिल ग्राम दीप की 197.93 हे. संरक्षित वनभूमि को भारत सरकार पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा पत्र क्रं/8-53/2009-FC दिनांक 02.09.2021 में प्रदत्त निर्देशों के अनुपालन में भा.व.अ. 1927 की धारा 34अ के तहत मध्यप्रदेश राजपत्र अधिसूचना प्रकाशन दिनांक 15.04.2022 को डिनोटिफाईड किया। इस भूमि को धारा 4 के तहत मध्यप्रदेश राजपत्र में अधिसूचना प्रकाशन दिनांक 30.07.1965 को अधिसूचित किया गया था। जिला नर्मदापुरम अंतर्गत 2931.004 हे. वनभूमि को वनग्राम विस्थापन किये जाने के कारण भारत सरकार के पत्र क्र/12-12/2015-NTCA दिनांक 11.02.2019 में प्रदत्त निर्देशों के अनुपालन में भा.व.अ. 1927 की धारा 34 अ के तहत डिनोटिफाईड किया गया है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 34अ के तहत वनभूमियों के डिनोटिफाईड हो जाने के उपरांत धारा 5 से 19 तक की कार्यवाही अपेक्षित नहीं रहती है। शेष उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) प्रश्‍नांकित जानकारी वनमण्डलों में प्रतिवेदित नहीं है। सामान्यतः भूमियां पहाड-चट्टान, छोटे-झाड़ के जंगल, जंगल जलॉ, जंगल करात एवं चरनोई इत्यादि मदों में दर्ज है। (घ) भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 5 से 19 तक की वन व्यवस्थापन की कार्यवाही हेतु लंबित भूमियों पर धारा 4 (1) की अधिसूचना जारी होने के उपरांत नये अधिकार सृजन नहीं हो सकते। अतः अधिसूचना उपरांत आवास एवं कृषि के पट्टे पर दिये जाने का कोई प्रावधान उक्त अधिनियम में नहीं है परन्तु अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 एवं नियम 2008 अंतर्गत मान्य दावे पर अधिनियम की धारा 3 (1) (क) के तहत वन अधिकार पत्र देने का प्रावधान है।

शिक्षकों के रिक्त पदों की पदपूर्ति

[जनजातीय कार्य]

20. ( क्र. 788 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत प्राथमिक, माध्यमिक हाई स्कूल, हायर सेकेण्डरी स्कूल में कुल कितने शिक्षकों के पद रिक्त है? कृपया रिक्त शिक्षक वाली शालाओं की जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) रिक्त पदों पर शिक्षकों की पद पूर्ति हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जायेगी तथा कब तक शिक्षकों की नियुक्ति होगी तथा कितने शिक्षकों को उनकी मूल संख्या नियुक्ति‍ आदेशानुसार अन्यत्र अटेचमेन्ट किया गया है? हाँ तो कृपया शिक्षक का नाम, पदस्थ, स्थान एवं अटेचमेन्‍ट के स्थान के विवरण सहित जानकारी उपलब्ध कराये? (ग) क्या कारण है कि इन्हें अटेचमेन्ट किया गया है तथा किस वरिष्ठ अधिकारी के आदेशानुसार कार्यवाही की गई?

जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत प्राथमिक, माध्‍यमिक, हाईस्‍कूल, हायर सेकेण्‍डरी स्‍कूलों में 1082 पद रिक्‍त है। रिक्‍त पद वाली शालाओं की सूची  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट ''एक'' अनुसार है। (ख) शिक्षक संवर्गों के नियोजन की कार्यवाही वर्तमान में प्रचलन में है। शिक्षक वर्ग की नियुक्ति की जाकर एवं अतिथि शिक्षकों से रिक्‍त पदों की पूर्ति की जावेगी। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। वर्तमान में 05 शिक्षकों को अन्‍यंत्र अटेचमेंट किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''दो'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट ''दो'' अनुसार है।

बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नल-जल योजनाएं

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

21. ( क्र. 833 ) श्री प्रणय प्रभात पांडे : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कहां-कहां पर कितनी लागत से किस निविदाकार द्वारा प्रधानमंत्री नल-जल योजना के कार्य लिये गए हैं? ये योजनाएं कब स्वीकृत हुई? कब निर्माण प्रारंभ हुआ? कब पूर्ण हुई एवं कौन-कौन सी योजनाएं प्रश्‍न दिनांक तक अपूर्ण या अप्रारंभ है संपूर्ण सूची देवें? (ख) समय-सीमा पर निर्माण कार्य न करने वाले निविदाकारों के विरूद्ध किसके द्वारा कब क्या कार्यवाही हुई? ग्राम मवई विकासखण्‍ड बहोरीबंद में कितनी लागत की पेयजल टंकी का निर्माण कब स्वीकृत हुआ तथा निर्माण कब प्रारंभ हुआ तथा अभी तक कुल कितना निर्माण हुआ? प्रश्‍न दिनांक तक समय पर निर्माण कार्य पूर्ण न करने वाले निविदाकार के विरूद्ध कब किसके द्वारा क्या कार्यवाही की गई? की गई कार्यवाही की छायाप्रति देवें। (ग) ऐसी नल-जल योजनाएं जहां पर जलस्त्रोत प्राप्त नहीं हुए है? वहां पर पेयजल आपूर्ति हेतु विभाग क्या कोई अन्य विशेष कार्ययोजना बनाएगा उत्तर में यदि हाँ तो किस प्रकार की?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) एकल ग्राम नल-जल योजनाओं की  जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। इसके अतिरिक्‍त पवई-2 समूह जल प्रदाय योजना में प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र के विकासखण्ड रीठी के 109 ग्राम एवं मुड़वारा के 50 ग्राम सम्मिलित हैं, योजना की लागत रू.270.65 करोड़ है, निविदाकार का नाम मेसर्स जलाराम प्रोजेक्ट प्रा.लि.एण्ड मेसर्स जेटवर्क मेनुफेक्चरिंग बिजनेस प्रा.लि. (ज्वाइंट वेंचर), योजना स्वीकृति दिनांक 30.09.2022 है। उक्‍त समूह योजना का कार्य दिनांक 05.04.2023 को प्रारंभ किया गया था, वर्तमान में योजना का कार्य प्रगतिरत है। (ख) एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं के अंतर्गत निर्धारित समयावधि में कार्य पूर्ण न करने वाले संविदाकारों को समय-समय पर अनुबंध की शर्तों के अनुसार नोटिस जारी किए गए हैं, जिनका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। पवई 2 समूह जल प्रदाय योजना का कार्य दिनांक 04.04.2025 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। ग्राम मवई की नल-जल योजना लागत रू.122.17 लाख की स्वीकृति दिनांक 19.08.2021 को दी गई, जिसमें 150 कि.ली. क्षमता की 12 मीटर स्टेजिंग की उच्च स्तरीय टंकी लागत रू. 1818000/- सम्मिलित है, टंकी का कार्य जनवरी, 2023 से प्रारंभ हुआ तथा वर्तमान में यह लगभग 33 प्रतिशत पूर्ण है, संबंधित ठेकेदार फर्म को कार्य में हो रहे विलम्ब का उल्लेख करते हुए शीघ्र कार्य पूर्ण करने के लिए समय-समय पर निर्देश जारी किए गए, जिनकी प्रतियाँ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ग) प्रश्‍नाधीन क्षेत्र की ऐसी एकल ग्राम नल-जल योजनाएं जहां पर्याप्त जल-क्षमता के भूजल स्त्रोत प्राप्त नहीं हो पा रहे हैं, वहां सतही जल स्त्रोत आधारित समूह नल-जल प्रदाय योजना के क्रियान्वयन के लिए जल निगम द्वारा बरगी केनाल से 10 मिलियन घन मीटर वार्षिक जल आवंटन हेतु मांग की गई है, तथापि जल संसाधन विभाग ने अवगत कराया है कि मुख्य नहर में कटनी जिले को पानी प्रदाय किया जाना स्लीमनाबाद में निर्माणाधीन टनल का निर्माण पूर्ण हो जाने के उपरांत संभव हो सकेगा, संबंधित पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। वर्तमान में ऐसे ग्रामों में हैण्डपंपों एवं सिंगल फेस पम्पों के माध्यम से पेयजल की आपूर्ति की व्यवस्था है एवं आवश्यकतानुसार अतिरिक्त हैण्डपम्प लगाने का कार्य शासन द्वारा निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप प्रावधानित किया जाता है।

पवई फेस 2 समूह जल प्रदाय योजना

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

22. ( क्र. 834 ) श्री प्रणय प्रभात पांडे : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पवई फेस-2 समूह जल प्रदाय योजना अंतर्गत कहां-कहां पर कौन-कौन से निर्माण कार्य होने है तथा बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने एम.सी.एम. पानी दिया जावेगा तथा किन-किन ग्रामों में पेयजल प्रदान किया जाना है? (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित योजना का निर्माण किस निविदाकार द्वारा निविदा के किन शर्तों के अधीन कब प्रारंभ किया गया था अभी तक कौन-कौन से कार्य किए गये है? यह योजना कब तक पूर्ण होगी? (ग) इस योजनांतर्गत जल भंडारण हेतु कहां-कहां पर कितनी-कितनी भंडारण क्षमता की टंकियों का निर्माण किया जायेगा, क्या इस योजना में नल-जल योजना के निविदाकारों द्वारा अधूरे छोडे गये कार्यों को भी सम्मिलित किया जावेगा?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) पवई-2 समूह जल प्रदाय योजनांतर्गत किए जाने वाले निर्माण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र योजनांतर्गत 4.17 एम.सी.एम. पानी वार्षिक दिया जावेगा। कटनी जिले के विकासखण्ड रीठी के 109 ग्राम एवं मुड़वारा के 50 ग्राम में पेयजल प्रदाय किया जायेगा, ग्रामों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ख) योजना का निर्माण कार्य मैसर्स जलाराम प्रोजेक्ट प्रा.लि. एण्ड मैसर्स जेटवर्क मेनुफेक्‍चरिंग बिजनेस प्रा.लि. (ज्यांईट वेंचर) द्वारा अनुबंध 24/2023-24 दिनांक 16.05.2023 को किया गया एवं अनुबंध की शर्तों के अधीन उल्लेखित निर्माण कार्य किया जाएगा। योजना का कार्य दिनांक 05.04.2023 को प्रारंभ किया गया था। अभी तक किये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। योजना पूर्ण होने की लक्षित तिथि 04.04.2025 तक है। (ग) पवई-2 समूह जल प्रदाय योजनांतर्गत जल भंडारण टंकियों की क्षमता अनुसार सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। जी नहीं, निविदाकारों द्वारा अधूरे छोड़े गये कार्यों को सम्मिलित नहीं किया जावेगा।

अपात्र हितग्राही को दिये गये अनुदान की वसूली

[मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास]

23. ( क्र. 1013 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या राज्‍य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), मछुआ कल्‍याण एवं मत्‍स्‍य विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनूपपुर जिला अन्तर्गत प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना में वर्ष 2021-22 में नियम तथा शासकीय नीति के विरूद्ध तथा कथित कृषकों को प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना में एक ही पिता के 03 पुत्रों को राशि स्वीकृत करने की शिकायत किसी सामाजिक कार्यकर्ता ने किया है? यदि हाँ तो शिकायत की प्रति उपलब्ध कराते हुए उत्तर दिनांक तक अपात्र हितग्राहियों से जारी अनुदान वसूली एवं आपराधिक प्रकरण कायम कराया गया है? यदि नहीं तो क्यों? (ख) क्या प्रश्‍नांश (क) विधानसभा प्रश्‍न क्र. 1097 दिनांक 14 फरवरी 2024 में अवैधानिक रूप से प्रकरण स्वीकृत कर अनुदान राशि जारी करने के आरोप पर किसी सक्षम अधिकारी पर विभागीय जांच संस्थित की गई है? यदि हाँ तो विभागीय जांच संस्थित करने का वैधानिक कारण तथा क्‍या जांच पूर्ण हो चुकी है? जानकारी देवें। (ग) क्या म.प्र. में विगत 03 वर्षों में कितने शासकीय कर्मचारी/शिक्षक को मत्‍स्‍य संपदा योजना का लाभ देकर अनुदान दिया गया है विस्तृत जानकारी देवें। (घ) क्या किसी शासकीय कर्मचारी को प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना में लाभ देने का प्रावधान है? यदि हाँ तो शासन के आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? (ड.) क्या प्रश्‍नांश (क) में आरोपी शिकायत व जांच में कथित कृषकों के तालाब निर्माण की भौतिक जांच राजस्व, लोक निर्माण विभाग के संयुक्त जांच टीम से कराकर जांच प्रतिवेदन देवें तथा अवैध अनुदान की वसूली संबंधित अपात्र कृषकों से की जायेगी?

राज्‍य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), मछुआ कल्‍याण एवं मत्‍स्‍य विकास ( श्री नारायण सिंह पंवार ) : (क) जी नही। प्रश्‍नांश अवधि में नियमानुसार 03 हितग्राहियों को प्रधानमंत्री मत्‍स्‍य संपदा योजनांतर्गत अनुदान राशि स्‍वीकृत की गई है। तीनो हितग्राहियों का परिवार अलग-अलग इकाई है। प्राप्‍त शिकायत की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है चूंकि कोई अनियतिता नहीं हुई। अत: कार्यवाही का प्रश्‍न ही नही। (ख) जी हाँ शिकायत के आधार पर विभागीय जांच संस्थित की गई है जांच कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) प्रश्‍नांश अवधि में अनूपपुर जिले अंतर्गत 02 व्‍यक्ति‍यों को पी.एम.एम.एस.वाय. का लाभ दिया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशि‍ष्‍ट-ब अनुसार।                                                          (घ) प्रधानमंत्री मत्‍स्‍य संपदा योजनांतर्गत प्रस्‍तुत नियमावली में शासकीय/अशासकीय कर्मचारी को लाभ न दिये जाने का कोई उल्‍लेख नहीं है। नियमावली अनुसार भूमि धारक कृषक को योजना का लाभ दिया जावेगा। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है (ड.) कृषकों के तालाब निर्माण का भौतिक सत्‍यापन कराया गया जिसमें अलग-अलग स्‍थलों पर तालाब निर्माण पाए गये मत्‍स्‍य पालन का कार्य भी किया जा रहा है। प्रकरण में जांच उपरांत गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जाएगी।

अनूपपुर में विभाग द्वारा संचालित स्‍कूलों की जानकारी

[जनजातीय कार्य]

24. ( क्र. 1014 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला अनूपपुर एक अनुसूचित जाति जनजाति बाहुल्य जिला है तथा यहां पर कितने अनुसूचित जनजाति कार्य विभाग से संचालित शासकीय प्राथमिक, माध्यमिक विद्यालय व उच्च माध्यमिक विद्यालय एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालय संचालित है तथा क्या प्रत्येक विद्यालयों में शासन के द्वारा निर्धारित मापदण्ड अनुसार शिक्षकों एवं अन्य स्टॉफ की पदस्थापना पूर्ण है? यदि हाँ तो जानकारी उपलब्ध करावें। यदि नहीं तो किन-किन विद्यालयों में कितने शिक्षकों, भृत्यों एवं चौकीदारों की कमी है और उनकी प्रतिपूर्ति कब तक कर दी जाएगी? (ख) क्या वर्तमान में शासन द्वारा नवीन पदस्थापना के अनुसार प्राथमिक, माध्यमिक शालाओं में भृत्यों एवं चौकीदारों के पद समाप्त कर दिये गये हैं, जिससे विद्यालयों में प्राथमिक, माध्यमिक शाला में छात्र-छात्राओं को विद्यालय का साफ-सफाई, पेय-जल की व्यवस्था, घंटी बजाने एवं शौचालय में पानी भरने व साफ-सफाई का कार्य करना पड़ता है, जो कि विद्यार्थियों के शैक्षणिक व्यवस्था में प्रभाव पड़ता हैं? चौकीदारों के नहीं होने के कारण विद्यालयों में अक्सर चोरी होती है, जिसे रोकने के लिए शासन क्या व्यवस्था करेगी? (ग) क्या विद्यालय में छात्र-छात्राओं से विद्यालय की साफ-सफाई, पानी भरने व शौचालय की साफ-सफाई कराने पर अभिभावकों एवं पत्रकारों के द्वारा शिक्षकों के ऊपर शिकायत की जाती है, जिसके लिए शासन के द्वारा क्या विकल्प बनाया जाएगा? (घ) प्रश्‍नांश (ख) एवं (ग) अनुसार प्राथमिक, माध्यमिक विद्यालयों में भृत्य एवं चौकीदारों की नियुक्ति किये जाने के संबंध में शासन की क्या योजना है?

जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (‍क) जी हाँ। अनूपपुर जिले में कुल 1687 प्राथमिक, माध्यमिक विद्यालय व उच्‍च माध्यमिक विद्यालय एवं उच्‍चतर माध्यमिक विद्यालय संचालित है। विद्यालयवार रिक्‍त पदों के विवरण की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शिक्षकों के रिक्‍त पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया निरंतर है। रिक्‍त पदों की पूर्ति होने तक अतिथि शिक्षकों से अध्‍यापन कार्य कराया जाता है। चतुर्थ श्रेणी के नियमित रिक्‍त पद अनुकम्‍पा नियुक्ति के द्वारा भरे जाते है। (ख) वर्तमान में नवीन प्राथमिक एवं माध्‍यमिक शालाओं में भृत्‍य एवं चौकीदार के पद स्‍वीकृत नहीं है। विद्यार्थियों से साफ-सफाई आदि कार्य कराये जाने का प्रावधान नहीं है। इन शालाओं के प्रबंधन हेतु राज्‍य शिक्षा केन्‍द्र के द्वारा प्रति शाला दर्ज संख्‍या के मान से राशि रूपये 10000 से 100000 तक प्रतिवर्ष एकीकृत शाला निधि के अन्‍तर्गत प्रदाय किया जाता है। जिससे प्रश्‍नांकित व्‍यवस्‍था संपादित की जाती है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) साफ-सफाई, पानी भरने व शौचालय की साफ-सफाई हेतु प्रश्‍नांश (ख) के उत्‍तर अनुसार प्रावधान है। शिकायत प्राप्‍त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।                             (घ) प्राथमिक एवं माध्‍यमिक विद्यालयों में भृत्‍य एवं चौकीदार नियुक्‍त करने की वर्तमान में कोई योजना नहीं है।

छात्रावासों में क्रय की गई सामग्री

[जनजातीय कार्य]

25. ( क्र. 1113 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले में मार्च 2024 की स्थिति में अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जनजाति के छात्रावास कौन-कौन से कहां-कहां पर है? उक्त छात्रावासों में कितने-कितने छात्र-छात्राएं निवासरत/ अध्यनरत है? उक्त छात्रावासों के अधीक्षक एवं अन्य कर्मचारी कौन-कौन कब से पदस्थ है इनके नाम, पद एवं मूल विभाग सहित जानकारी दें? (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित छात्रावासों में वर्ष 2019-2020 से 2023-2024 तक छात्र-छात्राओं हेतु कौन-कौन सी ड्रेस कब-कब किस-किस एजेंसी से कितनी-कितनी मात्रा में खरीदी गई? खरीदी गई ड्रेसों की गुणवत्ता साइज आदि की क्याक्या शिकायतें किस-किस से कब-कब प्राप्त हुई? उक्त शिकायतों की जांच किस-किस के द्वारा की गई एवं जांच उपरांत क्या कार्यवाही की गई? शिकायतों एवं जांच की प्रति संलग्न कर जानकारी दें?                                           (ग) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित छात्रावासों में वर्ष 2019-2020 से वर्ष 2023-2024 तक कौन-कौन सी सामग्री कितनी-कितनी राशि की क्रय की गई? क्रय की गई सामग्री का सत्यापन कब एवं किसके द्वारा किया गया यदि सत्यापन नहीं किया गया तो क्यों? क्या क्रय की गई समस्त सामग्री संबंधित छात्रावासों में वर्तमान में उपलब्ध है यदि नहीं तो सामग्री क्यों उपलब्ध नहीं है?                                                      (घ) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित छात्रावासों में वर्णित अवधि में पुताई, बाउंड्रीवॉल, टूट-फूट, शुद्धीकरण, लेटबाथ मरम्मत अतिरिक्त कक्ष निर्माण आदि कार्य कराये गये है? यदि हाँ तो किन-किन छात्रवासों में क्या-क्या कार्य कितनी-कितनी राशि के कराये गये है?

जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : () जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार है। (ख) छात्रावासों में निवास करने वाले छात्र-छात्राओं हेतु ड्रेस प्रदाय करने की योजना संचालित नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार है। क्रय की गई सामग्री का सत्‍यापन संस्‍था में गठित पालक शिक्षक समिति द्वारा किया जाता है। क्रय की गई सामग्री संस्‍था में उपलब्‍ध है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार है।

सामाजिक पेंशन एवं दिव्यांगता पेंशन

[सामाजिक न्याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण]

26. ( क्र. 1123 ) श्रीमती प्रियंका पैंची : क्या सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र चाचौड़ा में दिव्यांगजनों को सामाजिक पेंशन के साथ-साथ दिव्यांगता पेंशन की पात्रता शासन के निर्देशानुसार है? यदि हाँ, तो विधानसभा क्षेत्र चाचौड़ा में कितने दिव्यांग हैं जिन्हें सामाजिक पेंशन के साथ दिव्यांग पेंशन का भी लाभ दिया जा रहा है? यदि हाँ तो चाचौड़ा विधानसभा क्षेत्र में कितने दिव्यांगजनों का सर्वे किया गया एवं सर्वे में पात्र पाये गये? सूची उपलब्ध करावें। (ख) यदि प्रश्‍नांश (क) हाँ तो चाचौड़ा विधानसभा में पात्र दिव्यांगजनों को प्रश्‍न दिनांक तक कितने लोगों को सामाजिक पेंशन के साथ दिव्यांग पेंशन दी जाती है? शेष बचे हुये दिव्यांगजनों को कब तक दी जायेगी? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में यदि दोनों प्रकार की पेंशन दिव्यांगजनों को नहीं दी जा रही है तो उनके लिए कौन दोषी है? दोषियों पर क्या कार्यवाही की जायेगी? नहीं तो क्यों?

सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जी हाँI विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र चाचौड़ा में दिव्‍यांगजनों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन के साथ-साथ शासन नियमानुसार पात्र मानसिक रूप से अविकसित दिव्‍यांग एवं बहुविकलांगों को भी आर्थिक सहायता दिए जाने का प्रावधान हैसूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार।                                 (ग) शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

जल जीवन मिशन के कार्यों की जांच

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

27. ( क्र. 1151 ) श्री मोंटू सोलंकी : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) माह फरवरी 2024 के सत्र में लगाये गये प्रश्‍न क्रमांक 2199 का उत्तर मिलने पर प्रश्‍नकर्ता द्वारा शालाओं का निरीक्षण करने पर एक भी स्कूलों में बच्चों को पीने का पानी स्टैंड के माध्यम से जल जीवन मिशन के द्वारा जल प्रदाय नहीं मिलना पाया गया है? जब की माह फरवरी 2024 के सत्र में लगाये गये प्रश्‍न क्रमांक 2199 के उत्तर में बच्चों को पीने का पानी स्टैंड के माध्यम से जल जीवन मिशन के द्वारा मिल रहा है बताया गया? (ख) क्या इन शालाओं का निरीक्षण किया गया अगर किया गया तो कौन सी दिनांक को किया गया उस दिनांक का निरीक्षण पंचनामा की छायाप्रति देवें? (ग) सेंधवा विधानसभा में 59 ग्राम पंचायतों के 119 स्कूल एवं आगंनवाड़ी में राशि आवंटित होने के बाद भी बच्चों को पीने का पानी स्टैंड के माध्यम से दि‍या जाना है परंतु आज तक भी कार्य प्रारम्भ नहीं हुआ है तो क्यों नहीं हुआ?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) फरवरी, 2024 सत्र का विधानसभा प्रश्‍न क्रमांक 2199 लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को प्राप्त नहीं हुआ है। (ख) उत्तरांश (क) के संदर्भ में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 74 शालाओं एवं 44 आंगनवाड़ी केन्द्रों में पेयजल योजना का कार्य प्रारम्भ नहीं किया गया है, शेष जानकारी संलग्न  परिशिष्ट अनुसार है

परिशिष्ट - "उन्नीस"

वृक्षारोपण की जानकारी

[वन]

28. ( क्र. 1155 ) श्री मोंटू सोलंकी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सेंधवा विधानसभा में वर्ष 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक वन विभाग द्वारा किन-किन ग्राम पंचायतों में कितने हेक्टेयर भूमि पर वृक्षारोपण किया गया है? राशि व भौतिक स्थिति सहित ग्राम पंचायतवार, वर्षवार, जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में किस-किस बीट के कितने रकबे में वृक्षारोपण कार्य कराये गये? फर्म का नाम, सामग्री का नाम, भुगतान राशि, खाता संख्या, दिनांक, भुगतानकर्ता अधिकारी का नाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में किये गये कार्यों/पौधारोपण में भ्रष्टाचार किया गया है? यदि हाँ, तो बतावें दोषी पर क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो कब तक की जावेगी? कितने पौधे जीवित हैं? रकबा, बीट एवं परिक्षेत्रवार जानकारी देवें। (घ) सेंधवा विधानसभा में वन विभाग के किन-किन अधिकारियों द्वारा कार्यों का निरीक्षण एक अप्रैल 2022 से प्रश्‍नांकित दिनांक तक कब-कब किया गया, निरीक्षण में क्या कमियां पाई गई? दोषी अधिकारियों, कर्मचारियों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) पौधों की जीवितता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। प्रश्‍नांकित अवधि में किये गये रोपण में कोई भ्रष्‍टाचार प्रकाश में नहीं आया है। अत: दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्‍न ही नहीं उठता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। निरीक्षण में कोई कमियां परिलक्षित नहीं हुई है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना अंतर्गत अधूरे कार्य

[अनुसूचित जाति कल्याण]

29. ( क्र. 1157 ) श्री विपीन जैन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अप्रैल 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना अंतर्गत मंदसौर जिले में कुल कितनी राशि का आवंटन विभाग द्वारा हुआ है वर्षवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित वर्षों में विभाग से प्राप्त आवंटन के आधार पर मंदसौर विधानसभा क्षेत्र के किन-किन स्थानों पर अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना अंतर्गत कौन-कौन से निर्माण कार्य किये गए है सूची उपलब्ध कराएं। (ग) प्रश्‍न अवधि मैं हुए निर्माण कार्यों में से कौन-कौन से निर्माण कार्य अधूरे हैं? अधूरे निर्माण कार्य को पूर्ण करने हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की हैं? विवरण देवें तथा पूर्ण निर्माण कार्यों के पूर्णता प्रमाण पत्र देवें। (घ) क्या प्रश्‍न उल्लेखित वर्ष में स्वीकृत कार्यों में से सभी कार्यों हेतु प्रथम एवं द्वितीय किस्तों का भुगतान संबंधित एजेंसी को विभाग द्वारा कर दिया गया है या भुगतान शेष है। अधूरे निर्माण कार्यों पर कितना भुगतान क्रियान्वन एजेंसियों को किया गया है?

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार।                                  (ख) जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट -'''' एवं ''''अनुसार। (घ) जी हाँ। जी नहीं। शेष विवरण  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट  '''' अनुसार है।

मुख्‍यमंत्री कन्‍यादान योजना

[सामाजिक न्याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण]

30. ( क्र. 1179 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्‍यमंत्री कन्‍यादान योजना के अंतर्गत विगत 4 वर्षों में जबलपुर जिले में कितने विवाह कब-कब कहां आयोजित किये गये एवं कितने जोड़े लाभान्वित हुये? (ख) क्‍या सभी को विवाह सहायता राशि का भुगतान किया जा चुका है? (ग) यदि नहीं तो उनके नाम सहित कारण बतायें? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के हितग्राहियों को कब तक भुगतान होगा?

सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है(ख) जी हाँ। (ग) एवं (घ) शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "बीस"

दिव्‍यांग पुनर्वास केन्‍द्र की जानकारी

[सामाजिक न्याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण]

31. ( क्र. 1236 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दिव्‍यांग पुनर्वास केन्‍द्र जबलपुर भवन का निर्माण दिव्‍यांगजनों की किस बुनियादी सुविधाओं आवश्‍यकताओं व किस उद्देश्‍य से कितनी राशि में कराया गया? यहां पर दिव्‍यांगजनों के जीवन को उज्‍जवल बनाने उनके कल्‍याण से संबंधित                                कौन-कौन सी बुनियादी सुविधाओं, संसाधनों आदि की क्‍या व्‍यवस्‍था है एवं कौन-कौन सी सुविधाएं संसाधन नहीं है एवं क्‍यों? (ख) प्रश्‍नांश (क) में स्‍वीकृत एवं पदस्‍थ स्‍टॉफ की क्‍या स्थिति हैं? कौन-कौन से स्‍वीकृत पद कब से रिक्‍त है एवं क्‍यों? रिक्‍त पदों की पूर्ति हेतु जिला प्रशासन एवं शासन ने क्‍या प्रयास किये हैं? इन रिक्‍त पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी? (ग) क्‍या दिव्‍यांगजनों के दिव्‍यांग प्रमाण पत्र बनवाने हेतु उन्‍हें जिला चिकित्‍सालय जबलपुर जाना पड़ता है? यदि हाँ तो क्‍यों? शासन पुनर्वास केन्‍द्र में ही दिव्‍यांग प्रमाण पत्र बनवाने, चिकित्‍सकों की पदस्‍थी की व्‍यवस्‍था कब तक करेगा? (घ) प्रश्‍नांश (क) में दिव्‍यांगजनों के लिये ट्राइसाइकिल व्‍हीलचेयर व बैसाखी, आर्टिफिशियल अंग प्रदान करने दिव्‍यांगों की फीजियोथेरेपी आदि की क्‍या व्‍यवस्‍था है? यदि नहीं तो क्‍यों? समुचित व्‍यवस्‍था कब तक कर दी जावेगी?

सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जिला दिव्‍यांग पुनर्वास केन्‍द्र जबलपुर के भवन निर्माण के उद्देश्‍य की  जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-''''अनुसार उक्‍त भवन राशि रूपये 292.29 लाख (दो सौ बयानवे लाख उनतीस हजार मात्र) की लागत से निर्मित हुआ है। जिला दिव्‍यांग पुनर्वास केन्‍द्र जबलपुर में उपलब्‍ध सुविधाओं की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''''अनुसार  है। समय-समय पर दिव्‍यांगजनों की आवश्‍यकतानुसार डी.डी.आर.सी. केन्‍द्र में सुविधा/संसाधन उपलब्‍ध कराये जाते है, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''''अनुसार, जिला दिव्‍यांग पुनर्वास केन्‍द्र जबलपुर में रिक्‍त पदों की पूर्ति के संबंध में जिला प्रशासन द्वारा विज्ञप्‍ति‍ जारी की गई है। पद की निर्धारित अर्हता अनुसार आवेदन प्राप्‍त होने पर कार्यवाही किये जाने का प्रावधान है। (ग) जी हाँमध्‍यप्रदेश शासन लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण विभाग के राजपत्र क्रमांक 334, दिनांक 27.07.2019 अनुसार जिला चिकित्‍सालय में ही पदस्‍थ चिकित्‍सकों द्वारा दिव्‍यांगजनों का दिव्‍यांगता प्रमाण-पत्र/यू.डी.आई.डी. बनाये जाने का प्रावधान है, विस्‍तृत  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''' अनुसार। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) जिला दिव्‍यांग पुनर्वास केन्‍द्र जबलपुर में दिव्‍यांगजनों को ट्रायसाइकिल, व्‍हीलचेयर व बैसाखी, आर्टिफिशियल अंग आदि भारत सरकार के उपक्रम एल्मिकों से समन्‍वय स्‍थापित कर एडिप योजना के तहत नियमानुसार प्रदाय किये जाते है साथ ही दिव्‍यांगजनों का परीक्षण शिविर आयोजित कर पात्रतानुसार कृत्रिम अंग/सहायक उपकरण वितरित किये जाते है एवं सीनियर फीजियोथेरेपिस्‍ट के माध्‍यम से दिव्‍यांगजनों को फीजियोथेरेपी की सुविधा प्रदाय की जाती है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

उद्यानिकी फसलों के बीजों का क्रय

[उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण]

32. ( क्र. 1237 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उपसंचालक उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग जिला जबलपुर ने संचालित किन-किन योजनान्तर्गत उद्यानिकी फसलों, फल, फूल के बीजों, पौधों का कितनी-कितनी मात्रा में किस दर पर कितनी-कितनी राशि का कब-कब, कहां-कहां से क्रय किया है एवं किस-किस को कब-कब बिल की कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया हैं? फर्म का नाम पता, बिल क्र., राशि, दिनांक जी.एस.टी नं. सहित वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक की जानकारी दें।                                             (ख) प्रश्‍नांकित किन-किन योजनान्तर्गत लाभांवित, कितने-कितने हितग्राही कृषकों को किस दर पर कितनी-कितनी मात्रा में कितनी-कितनी राशि के फसलों, फल, फूल के बीजों, पौधों का विक्रय किया है एवं कितनी-कितनी मात्रा में कितनी-कितनी राशि का निःशुल्क वितरण किया है? सब्सिडी की स्वीकृत कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया हैं? इसका सत्यापन किसने किया है? (ग) प्रश्‍नांश (क) में संचालित किन-किन नर्सरियों को कितनी-कितनी मात्रा में कितनी-कितनी राशि के फसलों, फल, फूल के बीजों व पौधों का प्रदाय किया है एवं कितने-कितने क्षेत्रफल में कितनी-कितनी मात्रा में रोपण कराया गया तथा कितना-कितना उत्पादित हुआ और कितने प्रतिशत बीज, पौधे नष्ट या सूख गये हैं। इनके परिवहन पर कितनी राशि व्यय हुई? क्या शासन बीज, पौधों का क्रय, वितरण में राशि का अपव्यय, भ्रष्टाचार की जांच कराकर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा?

सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) :                                                                                (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट- ''1'' एवं ''2'' अनुसार है। (ख) योजनांतर्गत हितग्राही कृषकों को फसल, फल, फूल के बीजों, पौधों का विक्रय नहीं किया गया है एवं हितग्राही कृषकों को फसल, फल, फूल के बीज, पौधे नि:शुल्‍क वितरण नहीं किये गये हैं। शेषांश का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।    (ग) प्रश्‍नांश '''' में संचालित नर्सरियों को फसलों, फल, फूल के बीज व पौधे प्रदाय नहीं किये गये हैं। शेषांश का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "इक्कीस"

नलकूप खनन की जानकारी

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

33. ( क्र. 1268 ) श्री कालु सिंह ठाकुर : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या धार जिले की धरमपुरी विधानसभा में नलकूप खनन कार्य स्वीकृत हुए हैं?                                                  (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार यदि हाँ तो धरमपुरी विधानसभा में धरमपुरी ब्लॉक व नालछा ब्लॉक में किन-किन ग्राम पंचायतों में नलकूप खनन किये गए हैं? सूची उपलब्ध करावें। (ग) उक्त नलकूप खनन कार्य में से कितने सफल रहे व कितने असफल रहे? उक्त नलकूप खनन कार्य कितनी-कितनी गहराई में खोदे गए हैं? सूची प्रदान करें। (घ) क्या धरमपुरी विधानसभा में सिंगल फेस मोटर पंप स्वीकृत किये गए हैं? यदि हाँ तो उक्त मोटर पंप किन-किन ग्रामों में प्रदान किये गए हैं? सूची उपलब्ध करावें।

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ। (ख) नलकूप का खनन ग्राम/ बसाहट में कराया जाता है, वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में प्रश्‍न दिनांक तक खनन किए गए नलकूपों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है(घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है।

जनजातीय विभाग के कार्य एवं छात्रावासों का संचालन

[जनजातीय कार्य]

34. ( क्र. 1274 ) श्री प्रहलाद लोधी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्‍ना जिले में जनजातीय कार्य विभाग द्वारा कितनी कन्‍या एवं बालक छात्रावास संचालित है? (ख) वर्ष 2020-21 से प्रश्‍न दिनांक तक उपरोक्‍त छात्रावास में शासन द्वारा दिये गये आवंटन से कितनी राशि किस-किस कार्य में व्‍यय हुई है? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में व्‍यय की गई राशि का परीक्षण/भौतिक सत्‍यापनकर्ता अधिकारी कौन-कौन रहे, उनके पद सहित नाम बतावें। (घ) क्‍या देयकों/वाउचरों का भण्‍डार क्रय नियमों के तहत आहरण अधिकारी द्वारा अवलोकन कर भुगतान की कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्‍यों नहीं? यदि हाँ तो जानकारी उपलब्‍ध करावें।

जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जनजातीय कार्य विभाग द्वारा 03 कन्‍या एवं 22 बालक कुल 25 छात्रावास संचालित है। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है।                                  (घ) जी हाँ। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "बाईस"

वनभूमि एवं उसका उपयोग

[वन]

35. ( क्र. 1275 ) श्री प्रहलाद लोधी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्‍ना जिले में वन विभाग के अधीन कितनी-कितनी और कहां-कहां भूमि है, भूमियों को वर्तमान में क्‍या उपयोग किया जा रहा है और क्‍या वन विभाग की किन्‍हीं भूमियों पर खनिज उत्‍खनन की अनुमति और खनिज के पट्टे वन विभाग द्वारा दिये गये है? यदि हाँ तो किस-किस स्‍थान पर किन-किन सक्षम आदेशों से किस खनिज पट्टे के बदले में वन विभाग को दी गई और किस पट्टे धारक द्वारा भूमि बदले में दी गई? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में जिले में वन भूमि में खनिज पट्टे के बदले दी गई भूमि का क्‍या उपयोग किया जा रहा है और क्‍या वर्तमान में भूमियों को अनुबंध अनुसार विकसित किया गया है? यदि हाँ तो विकास के किये गये कार्यों का विवरण बतायें, यदि नहीं तो क्‍या कार्यवाहियां की जावेगी? (ग) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में जिले में विगत 5 वर्षों में वन भूमि क्षेत्र में अवैध उत्‍खनन और वन भूमि में अवैधानिक तरीके से खनिजों के परिवहन के मामले/ प्रकरण विभाग को प्राप्‍त हुये है, यदि हाँ तो किस प्रकार और क्‍या कार्यवाही की गई? प्रकरणवार बताइये। (घ) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में जिले के जिन वन क्षेत्रों में अवैध उत्‍खनन पाया गया क्‍या उस क्षेत्र में नियुक्‍त शासकीय सेवकों की भूमिका की जांच कर कार्यवाही की गई? यदि हाँ तो कार्यवाही का विवरण बताइये? यदि नहीं तो क्‍यों नहीं? (ड.) प्रश्‍नांश (ग) के संदर्भ में वन क्षेत्र में अवैध उत्‍खनन तथा वन क्षेत्र से खनिजों का परिवहन बंद करने और रोकने के लिये विगत 5 वर्षों में क्‍या-क्‍या प्रयास और कार्यवाही की गई एवं इनके परिणाम क्‍या रहे? क्‍या अवैध परिवहन एवं उत्‍खनन बंद हो गया है? यदि नहीं तो क्‍यों नहीं?

 वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) पन्ना जिले में वन विभाग के अधीन वनभूमियों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। वन विभाग, वनभूमि का वर्तमान में संवर्धन एवं वन्यप्राणी संरक्षण एवं प्रबंधन में उपयोग किया जा रहा है। वन विभाग द्वारा खनिज उत्खनन की अनुमति और खनिज के पट्टे नहीं दिये जाते है। इसलिये किसी पट्टे धारक द्वारा भूमि बदले में नहीं ली गई है। पन्ना टाइगर रिजर्व के अन्तर्गत एन.एम.डी.सी लिमिटेड को हीरा खनन परियोजना मझगंवा जिला पन्ना में वन (संरक्षण) अधिनियम 1980 के अन्तर्गत रकबा 74.018 हेक्टेयर वनभूमि में हीरा उत्खनन की स्वीकृति भारत सरकार द्वारा सशर्त प्रदान की गई है। (ख) उत्तरांश (क) के संदर्भ में वन विभाग द्वारा पन्ना जिले में खनिज पट्टे के बदले कोई भूमि प्राप्त नहीं हुई है इसलिये शेष जानकारी का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) पन्‍ना जिले में विगत 05 वर्षों में वन भूमि में अवैध उत्‍खनन और वन भूमि में अवैधानिक तरीके से खनिजों से परिवहन के मामले/प्रकरण की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-2 अनुसार है। अवैध उत्‍खनन तथा अवैध परिवहन के मामलों में वैधानिक प्रक्रिया अनुसार वन अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना उपरांत प्रकरण को न्‍यायालय में प्रस्‍तुत करने तथा अपराध कारित करने में उपयोग किये गये वाहन/औजारों को राजसात अथवा अभिसंधानित करने की कार्यवाही की जाती है। (घ) जी हां। कर्मचारियों के विरूद्ध की गई कार्यवाही का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-3 अनुसार है। (ड.) वन क्षेत्रों में अवैध उत्‍खनन तथा वन क्षेत्र से खनिजों का परिवहन बंद करने और रोकने के लिए वन विभाग द्वारा मार्गों पर वन अवरोध नाका के माध्‍यम से परिवहन पर अंकुश लगाया जाता है। वन अधिकारियों के द्वारा नियमित बीट निरीक्षण किये जाते हैं। पैदल गश्‍ती, मानसून गश्‍ती, रात्रि गश्‍ती की जाती है। वन क्षेत्र में अवैध गतिविधि की शिकायत प्राप्‍त होने पर उड़नदस्‍ता दल द्वारा छापामार कार्यवाही की जाती है जिससे अवैध उत्‍खनन एवं अवैध परिवहन पर अंकुश लगाया जाता है। इसके अलावा यदि कोई अपराधिक प्रकरण प्रकाश में आते हैं तो विधि अनुरूप कार्यवाही की जाती है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता।

उच्च न्यायालय इन्दौर की अवमानना करना

[सामाजिक न्याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण]

36. ( क्र. 1288 ) श्री योगेन्‍द्र सिंह (बाबा) : क्या सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आयुक्त निःशक्तजन कार्यालय में शासकीय कन्या उ.मा.वि. सारंगपुर, जिला राजगढ़ के अध्यापक द्वारा प्रकरण नस्तीबद्ध करने के अभ्यावेदन दिनांक 26.03.2024 को प्रदान करने के पश्चात तथा माननीय उच्च न्यायालय इन्दौर में प्रकरण क्रमांक डब्ल्यू.पी. 20837/2023 दिनांक 16.08.2023 को दायर करने के पश्चात आयुक्त निःशक्तजन कार्यालय में प्रचलित प्रकरण नस्तीबद्ध क्यों नहीं किया गया है? स्पष्ट करें। (ख) आवेदक के अभ्यावेदन दिनांक 16.08.2023 के पश्चात तथा माननीय उच्च न्यायालय इन्दौर में प्रचलित प्रकरण क्रमांक डब्ल्यू.पी. 4590/2012 के संबंध में अवगत कराने के पश्चात द्वेष भावना तथा मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के उद्देश्य से सहायक संचालक द्वारा पत्र क्रमांक 300 दिनांक 08. 04.2024 को भेजने तथा माननीय उच्च न्यायालय इन्दौर में प्रचलित प्रकरण की अवमानना करने के लिये स्पष्ट दोषी होने पर कार्यवाही की जायेगी? (ग) प्रमुख सचिव, निःशक्तजन म.प्र. शासन भोपाल को प्रदान किये गये अभ्यावेदन दिनांक 12.04.2024 को दृष्टिगत रखते हुये एवं माननीय उच्च न्यायालय इन्दौर में प्रचलित प्रकरण एवं प्रकरण क्रमांक डब्ल्यू.पी. 4590/2012 में दिनांक 20.05.2024 को पारित आदेश का पालन किया जायेगा तथा निःशक्तजन कार्यालय में प्रचलित प्रकरण नस्तीबद्ध किया जायेगा? स्पष्ट करें।

सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) न्यायालय आयुक्त निःशक्तजन मध्यप्रदेश में आवेदक श्री सुभाष चन्द्र शर्मा द्वारा आवेदन पत्र प्रस्तुत किये जाने पर दिनांक 31-05-2024 को प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट '''' अनुसार। (ख) पत्र क्रमांक 300 दिनांक 08-04-2024 से आयुक्त निःशक्तजन मध्यप्रदेश द्वारा आवेदक को दिव्यांगता से संबंधित मूल दस्तावेजों सहित उपस्थित होने हेतु लेख किया गया, किसी प्रकार की द्वेष भावना एवं मानसिक प्रताड़ना दिया जाना एवं माननीय उच्च न्यायालय की अवमानना नहीं की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट '''' अनुसार।                                            (ग) न्यायालय आयुक्त, निःशक्तजन मध्यप्रदेश न्यायालय में प्रचलित प्रकरण नस्तीबद्ध किया जा चुका है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट '''' अनुसार।

प्रचलित प्रकरण नस्‍तीबद्ध करना

[सामाजिक न्याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण]

37. ( क्र. 1289 ) श्री योगेन्‍द्र सिंह (बाबा) : क्या सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय कन्या उ.मा.वि. सारंगपुर, जिला-राजगढ़, अध्यापक द्वारा वेतन भुगतान करने के संबंध में आवेदन प्रदान किया गया था। उक्त आवेदन पर निःशक्तजन न्यायालय म.प्र. में प्रचलित प्रकरण में किसी भी प्रोसीडिंग में हस्ताक्षर नहीं होने, समुचित कार्यवाही नहीं होने पर आवेदक द्वारा उच्च न्यायालय इन्दौर, प्रकरण क्रमांक डब्ल्यूपी 20837/2023 दिनांक 16.08.2023 को दायर करने पर तथा आयुक्त, निःशक्तजन म.प्र. भोपाल को आवेदक ने अपने अभ्यावेदन दिनांक 26.03.2024 तथा दिनांक 12.04.2024 के द्वारा प्रचलित प्रकरण को नस्तीबद्ध करने का अनुरोध किया गया था, स्पष्ट करें। (ख) उच्च न्यायालय इन्दौर में प्रकरण प्रचलित होने पर आयुक्त, निःशक्तजन द्वारा किसी भी प्रकार की सुनवाई नहीं की जा सकती है तथा उच्च न्यायालय की अवमानना की जा रही है। उच्च न्यायालय के प्रकरण क्रमांक डब्ल्यूपी 4590/2012 में पारित आदेश दिनांक 20.05.2024 के तहत निःशक्त प्रमाण पत्र की बार-बार जाँच, अभिमत पर अभिमत नहीं लिया जा सकता है? क्या पारित आदेश का पालन किया जावेगा, स्पष्ट करें। (ग) प्रमुख सचिव, निःशक्तजन द्वारा मा. उच्च न्यायालय इन्दौर के प्रकरण क्र. डब्ल्यू.पी. 4590/2012 में पारित आदेश दिनांक 20.05.2024 का पालन कराया जायेगा तथा उच्च न्यायालय इन्दौर में डब्ल्यूपी 20837/2023 प्रचलित होने पर तथा आवेदक के अभ्यावेदन के आधार पर आयुक्त निःशक्तजन के कार्यालय में प्रचलित प्रकरण नस्तीबद्ध किया जायेगा? स्पष्ट करें।

सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जी हाँ, श्री सुभाष चन्द्र शर्मा ने वेतन भुगतान कराये जाने का आवेदन प्रस्तुत किया था जिसके संबंध में न्यायालयीन पत्र क्र. 1017 दिनांक 01/11/2023 द्वारा प्रेषित कर प्राचार्य शा.कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सारंगपुर से प्रकरण के संबंध में प्रतिवेदन चाहा गया था। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट '''' अनुसार। प्राचार्य शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सारंगपुर के पत्र क्र./239 दिनांक 20/11/2023 प्रतिवेदन प्राप्त हुआ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट '''' अनुसार। आवेदक श्री सुभाष चन्द्र शर्मा द्वारा दिनांक 26/03/2024 एवं 12/04/2024 को आवेदन प्रस्तुत किया गया जिसमें उल्लेख किया गया कि उनके द्वारा माननीय उच्च न्यायालय इंदौर में WP क्र. 20837/2023 दर्ज की गई है। आयुक्त निःशक्तजन मध्यप्रदेश द्वारा दिनांक 31/05/2024 को माननीय उच्च न्यायालय में प्रकरण दर्ज होने से प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट '''' अनुसार। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता, आयुक्त निःशक्तजन मध्यप्रदेश द्वारा निःशक्तजन प्रमाण पत्र पर किसी प्रकार का अभिमत नहीं चाहा गया है। (ग) माननीय उच्च न्यायायलय इंदौर में प्रकरण विचाराधीन होने के कारण आयुक्त निःशक्तजन मध्यप्रदेश के द्वारा प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया है।

दिव्‍यांगजन परीक्षण एवं कृत्रिम अंग वितरण केम्‍प

[सामाजिक न्याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण]

38. ( क्र. 1303 ) डॉ. तेजबहादुर सिंह चौहान : क्या सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि नागदा खाचरौद विधानसभा क्षेत्र में ब्‍लॉक स्‍तरीय या नगर स्‍तरीय केम्‍प कब से नहीं लगाया गया? यदि विलम्‍ब हुआ है तो क्‍या भविष्‍य में केम्‍प नियमित रूप से आयोजित करवाकर दिव्‍यांगजनों को परीक्षण, चिकित्‍सा प्रमाण पत्र बनाये जाने एवं कृत्रिम अंग वितरण सुविधा का लाभ लगातार पात्र हितग्राहियों को प्रदान किया जावेगा?

सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : नागदा खाचरौद विधानसभा क्षेत्र में ब्लॉक स्तरीय/नगर स्तरीय अंतिम केम्प दिनांक 31.05.2023 को सिविल हॉस्पिटल नागदा में लगाया गया था। तत्‍पश्‍चात केम्प का आयोजन नहीं किया गया है। जी नहीं, केम्प के आयोजन में किसी प्रकार का विलंब नहीं हुआ है। आवश्यकतानुसार समयसमय पर दिव्यांगजनों को चयनित कर दिव्यांगता प्रमाण-पत्र एवं कृत्रिम अंग सहायक उपकरण शिविरों के माध्यम से पात्रतानुसार वितरण किये जाते है।

शासकीय आवासों का एक्‍सटेंशन (निर्माण/संधारण)

[उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण]

39. ( क्र. 1375 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विकासखण्ड पिपरिया अंतर्गत कार्यालय सहायक संचालक उद्यान सिलारी के शासकीय आवास के एक्‍सटेंशन (निर्माण/संधारण) हेतु विभाग द्वारा राशि आवंटित की गई है यदि हाँ तो इस आवंटित राशि का सम्पूर्ण विवरण दिशा-निर्देशों सहित प्रदान करें। (ख) क्या आवंटित राशि के उपयोग हेतु सक्षम अधिकारी से अनुमति ली गयी हैं यदि हाँ तो किस अधिकारी द्वारा अनुमति प्रदान की गई है, अनुमति की छायाप्रति प्रदान करें यदि नहीं तो किस नियम व किस अधिकारी की अनुमति से आवास का एक्सटेंशन कराया गया? क्या यह नियमानुसार हैं?

सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

संविधान एवं अन्य विधि अधीन दिया गया संरक्षण

[जनजातीय कार्य]

40. ( क्र. 1382 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनजाति आयोग जनजाति को संविधान एवं अन्य विधि अधीन दिये गये संरक्षण के लिये हितप्रहरी के रूप में कार्य करता है? (ख) क्या आयोग को यह संज्ञान में है कि आदिवासी की जमीन गैर आदिवासी को बेचने की अनुमति का अधिकार ए.डी.एम. को नहीं है तथा उसके द्वारा दिया गया आदेश अवैध है तथा अमान्य है? (ग) प्रश्‍नांश (क) तथा (ख) का उत्तर यदि हाँ तो क्या आयोग वर्ष 2004-05 से 2022-23 तक ए.डी.एम. द्वारा धारा 165 (1) में आदिवासी की जमीन गैर आदिवासी को बेचने की अनुमति देने के उज्जैन में 165 प्रकरण, राजगढ़ में 273 प्रकरण, इन्दौर में 112 प्रकरण, नर्मदापुरम में 32 प्रकरण, छतरपुर में 51 प्रकरण, मण्डला में 10 प्रकरण, हरदा में 10 प्रकरण, रतलाम में 176 प्रकरण आदि अन्य जिलों के प्रकरण में आदेश निरस्त करवाकर पुनः जमीन आदिवासी के नाम पर करवायेगा? (घ) क्या आयोग को यह संज्ञान में है कि 2004-05 से 2022-23 तक लगभग 5 हजार प्रकरणों में 6 हजार हेक्टेयर बहुमूल्य भूमि गैर आदिवासी से दूरभि संधिकर विक्रय करने की अनुमति अधिकांश प्रकरणों में नियम विरूद्ध तरीके से प्रदान कर भ्रष्टाचार एवं कदाचार किया गया। (ड.) प्रश्‍नांश (घ) का उत्तर यदि हाँ तो क्या आयोग इसकी उच्च स्तरीय जांच कराएगा?

जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, ए.डी.एम. द्वारा जिलों में न्यायालयीन प्रकरणों में भू-राजस्व संहिता के अनुसार कलेक्टर के अधिकारों का उपयोग किया जाता है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के उत्तर के अनुक्रम में आवश्यकता नहीं है। (घ) जी नहीं। (ड.) प्रश्‍नांश (घ) के अनुक्रम में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

स्कीम खनन/हैण्डपंप बोर खनन की जानकारी

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

41. ( क्र. 1386 ) श्री इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधान सभा क्षेत्र नरयावली के सागर एवं राहतगढ़ विकासखण्ड में किन-किन ग्रामों में नलकूप/स्कीम खनन बोर वर्ष 2023-24, 2024-25 से प्रश्‍न दिनांक तक किये गए हैं? जानकारी देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित कितने स्कीम बोर/हैण्डपंप बोर खनन कार्य उपरांत कितने बोरों में जल स्तर निकला एवं कितने बोर में जल स्तर प्राप्त नहीं हुआ/ड्राई हुए? जानकारी देवें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) में वर्णित हैण्डपंप बोर/स्कीम बोर में जल स्तर प्राप्त हुआ था, उनमें हैंण्डपंप संधारित एवं मोटर पंप स्थापित किए गए? जानकारी देवें। (घ) प्रश्‍नांश (ख) में वर्णित बोर/स्कीम बोर में जल स्तर होने के पश्चात भी हैण्‍डपंप संधारण एवं मोटर पंप स्थापित नहीं किए गए, तो क्यों? विलम्ब का कारण एवं कब तक स्थापित कर दिए जाएंगे?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) विधानसभा क्षेत्र नरयावली के सागर एवं राहतगढ़ विकासखण्डों के ग्रामों में प्रश्‍नांकित अवधि में हैंडपंपों के लिए 21 नलकूप तथा नल-जल योजना स्त्रोत हेतु 14 नलकूप खनन किए गए, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।                                                           (ख) हैंडपंपों के लिए खनित 21 नलकूपों में से 19 में जल स्तर प्राप्त हुआ तथा खनित किए गए 14 स्कीम बोर में से 05 में जल स्तर प्राप्त हुआ शेष असफल रहे जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार सफल नलकूपों में 17 पर हैंडपंप स्थापना तथा 07 पर मोटरपंप स्थापना का कार्य किया गया। (घ) सभी सफल नलकूपों में हैंडपंप/मोटरपंप स्थापित किये गये, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "तेईस"

 

निःशक्तजनों को प्रदाय सामग्री

[सामाजिक न्याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण]

42. ( क्र. 1387 ) श्री इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग द्वारा निःशक्तजनों को क्या-क्या सामग्री प्रदान किये जाने का प्रावधान है एवं अर्हताएं/शर्तें है/ नियम, निर्देश है? विस्तृत जानकारी देवें। (ख) क्या निःशक्तजनों को ट्राय मोटर साईकिल प्रदाय किये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ तो विस्तृत जानकारी देवें। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) में वर्णित जिला सागर अंतर्गत वर्ष 2022-23, 2023-24 से प्रश्‍न दिनांक तक विभाग को कितने आवेदन/प्रकरण प्राप्त हुए? विकासखंडवार/विधानसभावार जानकारी देवें। (घ) प्रश्‍नांश (ग) में प्राप्त आवेदनों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई अवगत करावें एवं कितने निःशक्तजनों को विभाग द्वारा 2022-23, 2023-24 से प्रश्‍न दिनांक तक ट्राय मोटर साईकिल प्रदाय की गई? विकासखंडवार/ विधानसभावार जानकारी देवें।

सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा दिव्‍यांगजनों को एडिप योजना अंतर्गत मोट्रेट ट्रायसाईकल, व्‍हीलचेयर, बैसाखी, श्रवण यंत्र, कैलीपर्स, कृत्रिम अंग सहायक उपकरण आदि प्रदान किये जाने का प्रावधान है। भारत सरकार द्वारा संचालित एडिप योजना की गाईडलाईन/दिशा/निर्देश की विस्‍तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार(ख) जी हाँ। सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा मुख्‍यमंत्री नि:शक्‍त शिक्षा प्रोत्‍साहन योजना अंतर्गत दिव्‍यांगजनों को पात्रतानुसार मोटराईज्‍ड ट्राइसाइकिल प्रदाय किये जाने का प्रावधान है, योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- '''' अनुसार है। साथ ही भारत सरकार द्वारा संचालित एडिप योजना अंतर्गत भी मोट्रेट ट्रायसाईकल प्रदाय किये जाने का प्रावधान है। एडिप योजना की गाईडलाईन दिशा/निर्देश की जानकारी उत्‍तरांश (क) के पुस्‍कालय में रखे परिशिष्ट –'अनुसार(ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - ''''अनुसार(घ) उत्‍तरांश (ग) अनुसार प्राप्‍त आवेदनों के निराकरण हेतु आवेदकों को सूचना प्रदाय की गई एवं स्‍थानीय समाचार पत्रों के माध्‍यम से शिविर की जानकारी का प्रचार-प्रसार किया जाकर भारत सरकार के उपक्रम एलिम्‍को क्षेत्रीय यूनिट जबलपुर के माध्‍यम से दिनांक 8 एवं 9 सितम्‍बर 2023 को परीक्षण शिविर का आयोजन कर कुल 258 हितग्राहियों को सहायक उपकरण/कृत्रिम अंग प्रदाय करने हेतु चयनित किया गया। जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट- ''''अनुसार। संयुक्‍त संचालक सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन सशक्तिकरण, सागर संभाग सागर के पत्र क्रमांक 789, दिनांक 20.06.2024 द्वारा चिन्हित दिव्‍यांगजनों को कृत्रिम अंग/सहायक उपकरण से लाभान्वित किये जाने हेतु वितरण शिविर का आयोजन दिनांक 28.06.2024 एवं 29.06.2024 को आयोजित करने का अनुरोध भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (एलिमको) क्षेत्रीय यूनिट जबलपुर से किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार। वितरण शिविर का आयोजन भारत सरकार के उपक्रम एलिम्‍को संस्‍था के क्षेत्राधिकार का विषय है।

 

उद्यानिकी विभाग की जानकारी

[उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण]

43. ( क्र. 1417 ) श्री मोंटू सोलंकी : क्या सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सेंधवा विधानसभा में वर्ष 2021-22 से प्रश्‍न दिनांक तक में उद्यानिकी विभाग में कौन-कौन सी योजना चल रही है? किन-किन योजनाओं के अंतर्गत कौन-कौन से मद में कितनी-कितनी राशि का बजट प्राप्त हुआ? यह राशि कितनी ग्राम पंचायतों में कौन-कौन से कार्यों में खर्च की गई? स्थान, कार्य एवं खर्च राशि की सूची उपलब्ध करावें। (ख) सेंधवा विधानसभा में कितने कृषकों को कौन-कौन सी योजना का लाभ दिया गया कृषकों के नाम सहि‍त ग्राम पंचायतवार सूची उपलब्ध करावें। (ग) कितने कृषकों को कितनी राशि का लाभ दिया गया? सूची उपलब्ध करावें। उपरोक्त सभी योजनाओं में कितना-कितना अनुदान किस योजना की राशि, कृषक के खाते में सीधे भेजी गई या नहीं?

सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है।

वन्य प्राणियों के हमले से मृतकों की जानकारी

[वन]

44. ( क्र. 1433 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                     (क) प्रश्‍नकर्ता केवलारी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2018 से 2023 तक वन्य प्राणियों द्वारा किये गए हमले से कितने लोगों की मृत्यु हुई व कितने केस दर्ज किए गए व कहां-कहां के केस दर्ज किए गए? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में वन्य प्राणियों के हमले से मृतकों के कितने परिवार को कितनी-कितनी सहायता राशि प्रदान की गई, वर्षवार जानकारी देवें? (ग) प्रश्‍नकर्ता केवलारी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने ऐसे केस है जो वन्य प्रणियों के हमले से पालतू पशुओं की मृत्यु के केस दर्ज किए गए व किन-किन पशु पालकों को सहायता राशि प्रदान की गई वर्षवार जानकारी देवें।
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 में है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 में है।

पशुपालन एवं डेयरी उद्योग से सृजित रोजगार

[पशुपालन एवं डेयरी]

45. ( क्र. 1444 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या राज्‍य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश पशुपालन विभाग की विभागीय संरचना क्या है? छायाप्रति उपलब्ध करावें। विभाग एवं विभाग के अंतर्गत पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम एवं अन्य कौन-कौन सी शासकीय, अर्द्धशासकीय, अशासकीय संस्थाएं, प्रशासनिक इकाइयां, आयोग, विश्वविद्यालय सम्मिलित हैं? सभी के नाम और उक्त सभी संस्थाओं, इकाइयों में पदस्थ अधिकारी प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी का नाम सेवाकाल सहित संस्थावार जानकारी उपलब्ध करावें साथ ही बतावें कि डेयरी और दुधारू पशु इकाई योजना में पशुधन वितरण के क्या नियम हैं? छायाप्रति उपलब्ध करावें।                              (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही है? क्या बेरोजगारों को पशुपालन एवं डेयरी उद्योग से किसी प्रकार का रोजगार का सृजन हो ऐसी भी कोई योजना है यदि है तो योजना की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में 01 जनवरी 2020 से प्रश्‍नांकित दिनांक तक जिला विदिशा के कितने पशुपाल को को पशु क्रय करने एवं डेयरी उद्योग स्थापित करने हेतु पशुपालन एवं डेयरी उद्योग से ऋण उपलब्ध कराने की अनुशंसा की गई? (घ) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में सिरोंज विधानसभा के कितने किसानों द्वारा पशुपालन एवं डेयरी उद्योग द्वारा रोजगार स्थापित करने हेतु आवेदन आमंत्रित किये गये हैं? आमंत्रित आवेदनों में से कितने आवेदन मान्य कर दिये एवं कितने आवेदनों को निरस्त कर दिया गया, निरस्त करने का क्या कारण रहा? (ङ) क्या सिरोंज जिला विदिशा में ठेकेदारों द्वारा बाहर से भैंसों, गायों आदि को मूल्य से अधिक दामों में बेचा जा रहा है? यदि हाँ तो इस पर क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई, तो कब-तक की जावेगी?

राज्‍य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार। पशु पालन एवं डेयरी विभाग/एम.पी.स्‍टेट को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन लि./ मध्‍यप्रदेश राज्‍य पशुधन एवं कुक्‍कुट विकास निगम/नानाजी देशमुख पशु चिकित्‍सा विज्ञान विश्‍वविद्यालय जबलपुर में सेवारत पदस्‍थ प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी अधिकारियों की जानकरी  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसारजानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशि‍ष्‍ट '''' में अंकित योजनाओं के माध्‍यम से बेरोजगार युवकों एवं पशुपालकों को रोजगार उपलब्‍ध कराया जा रहा है। (ग) 361 प्रकरण आचार्य विद्यासागर योजना अंतर्गत अनुशंसा सहित बैंक ऋण स्‍वीकृत हेतु प्रकरण प्रस्‍तुत किया गया है। (घ) 61 पशुपालकों को आचार्य विद्यासागर गौसंवर्धन योजना अंतर्गत डेयरी इकाई स्‍थापित करने हेतु आवेदन प्राप्‍त हुए है। जिसमें से 22 प्रकरण बैंक द्वारा स्‍वीकृत किये गये जिन्‍हें अनुदान राशि प्रदाय की गई। शेष 39 प्रकरण बैंक शाखाओं में विचाराधीन है। (ड.) डेयरी एवं दुधारू पशु इकाई योजना के अंतर्गत विभाग द्वारा चयनित हितग्राहियों से हितग्राही अंशदान की राशि प्राप्‍त होने के उपरांत निगम के पंजीकृत पशु प्रदायकर्ता के द्वारा गठित समिति के समक्ष तथा जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में निर्धारित मापदंड एवं हितग्राही की संतुष्टि उपरांत ही पशु प्रदाय किया जाता है तथा शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

हैण्‍डपंप खनन की जानकारी

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

46. ( क्र. 1459 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला रतलाम में कुल कितने ग्रामों में हैंडपंप खनन/ट्यूबवैल खनन की मांग स्थानीय जनप्रतिनिधियों, विधायकों, आम नागरिकों द्वारा विगत तीन वर्षों से की जा रही है? उक्त ग्राम का नाम, हैंडपंप/ट्यूबवैल खनन की मांग करने वाले व्यक्तियों/जनप्रतिनिधियों के नाम, पदनाम सहित संपूर्ण सूची उपलब्ध करावें एवं विगत तीन वर्षों में उक्त जिलों में विभाग द्वारा जिन-जिन स्थानों पर हैंडपंप/ट्यूबवैल खनन कराए गए हैं, इनमें से वर्तमान में कितनों में पीने योग्य जल है और कितने हैंडपंप किस-किस कारण से बंद पड़े हुए हैं? सम्पूर्ण ग्रामवार हैंडपंपवार सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित जिलों में कुल कितना बजट एवं राशि विगत तीन वर्षों में हैंडपंप/ट्यूबवैल उत्खनन एवं अन्य कार्य हेतु विभाग से संबंधित जिले को प्राप्त हुई है एवं उक्त सम्‍पूर्ण राशि के आय-व्यय की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या प्रश्‍नकर्ता विधायक द्वारा वर्ष 2024 में उक्त जिलों में पेयजल की गंभीर समस्या के निराकरण हेतु संबंधित जिला कलेक्टर एवं संबंधित जिले के विभागीय कार्यपालन यंत्री को हैंडपंप/ट्यूबवैल उत्खनन हेतु पत्र लिखे गए हैं? यदि हाँ तो प्रत्येक पत्र पर क्या कार्यवाही की गई एवं कुल कितने हैंडपंप/ट्यूबवैल खनन किए गए हैं एवं कितने हैंडपंप/ट्यूबवैल खनन किया जाना शेष है? पृथक-पृथक बतावें। (घ) क्या उक्त आदिवासी बाहुल्य प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित जिले में से भोपाल मुख्यालय स्तर से लगभग पांच-पांच सौ हैंडपंप/ट्यूबवैल के उत्खनन किए जाने के आदेश जारी करेंगे? यदि हाँ तो कब तक, यदि नहीं तो कब तक? यदि नहीं तो क्‍यों नहीं?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-04 अनुसार है। (घ) प्रत्येक वित्तीय वर्ष में नवीन हैंडपंप के कार्यों के लिए निर्धारित वार्षिक बजट प्रावधान के अधीन भोपाल मुख्यालय स्तर से सभी जिलों को प्रतिवर्ष नए हैंडपंप ट्यूबवेल के कार्यों के लिए लक्ष्य जारी किए जाते हैं, जिसके अंतर्गत प्रत्येक जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय आवश्यकतानुसार कार्य करवाये जाते हैं, वित्तीय वर्ष 2024-2025 के लिए सभी जिलों को नवीन हैंडपंप कार्यों के लिए भौतिक लक्ष्य जारी कर दिए गए हैं, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

छात्रावास में अधीक्षक/वॉर्डन की नियुक्ति

[जनजातीय कार्य]

47. ( क्र. 1462 ) श्री जगन्‍नाथ सिंह रघुवंशी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के बालक/बालिका छात्रावासों में अधीक्षक/ वॉर्डन नियुक्ति के क्या प्रावधान हैं? शासन के आदेश एवं दिशा निर्देशों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) अशोकनगर जिले में संचालित अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के छात्रावासों में विगत दस वर्षों में पदस्थ समस्त अधीक्षकों के नाम, पदनाम एवं नियुक्ति दिनांक बतावें तथा कितना बजट छात्रावासों को आवंटित हुआ है एवं कितना बजट व्यय किया गया है माहवार एवं छात्रावासवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) में देखकर बतावें कि प्रश्‍न दिनांक तक अधीक्षक/वार्डन नियम विरूद्ध अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के बालक/बालिका छात्रावासों में पदस्थ हैं। क्या शासन अधीक्षक/वार्डन हटाने की कार्यवाही करेगा यदि हाँ तो कब तक तथा समय-समय पर अधिकारियों द्वारा किये गये आकस्मिक निरीक्षणों के प्रतिवेदनों की छायाप्रति देवें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। (ख) जनजातीय कार्य विभाग की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' एवं '''' अनुसार है। (ग) शासन नियमानुसार अधीक्षक/वॉर्डन पदस्‍थ है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। निरीक्षण प्रतिवेदन की  जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है।

विभागीय योजनाओं की जानकारी

[जनजातीय कार्य]

48. ( क्र. 1463 ) श्री जगन्‍नाथ सिंह रघुवंशी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोकनगर जिले में विभागान्‍तर्गत वर्ष 2021-22 से लेकर प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में जनजाति कार्य विभाग को वर्षवार कुल कितना बजट आवंटित किया गया है? आवंटित बजट में से कितना बजट व्यय किया गया है, कितना समर्पित किया गया है? जानकारी टेबल बनाकर देवें? (ख) वर्ष 2021 से लेकर प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में स्वीकृत बजट संबंधी समस्त आदेश, उक्त अवधि की केशबुक, जारी समस्त निविदा, कार्य आदेश, उपयोगिता प्रमाण पत्र, प्रत्येक निर्माण कार्य की एम.बी., उपयोगिता प्रमाण पत्र, विभाग इंजीनियर द्वारा किए गए निरीक्षण, की समस्त छायाप्रति उपलब्ध करावे? (ग) प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना, प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना अंतर्गत वर्ष 2021 से लेकर प्रश्‍न दिनांक के अवधि में संपन्न कराए गए समस्त कार्यों की जानकारी, उनके उपयोगिता प्रमाण पत्र, जिला स्तरीय समिति की बैठकों का कार्रवाई विवरण, स्वीकृत कार्य योजना की प्रतियां उपलब्ध करावे एवं मुक्ति योजना में भ्रष्टाचार संबंधी कुल कितनी शिकायतें प्राप्त हुई है? उन शिकायतों पर विभाग के द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? कार्रवाई नहीं करने वाले अधिकारियों के नाम, पद नाम बताएं।

जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (‍क) वर्ष 2021-22 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में जनजातीय कार्य विभाग द्वारा अशोक नगर जिले को प्रदत्‍त बजट आवंटन, व्‍यय व समर्पण की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। (ख) वर्ष 2021 से लेकर प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में स्‍वीकृत बजट संबंधी समस्‍त आदेश एवं केशबुक की छायाप्रति  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। उक्‍त अवधि में निविदा से कोई निर्माण कार्य नहीं कराये गये है ग्राम पंचायत को निर्माण एजेंसी बनाकर कार्य कराये गये है। शेष का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना अंतर्गत वर्ष 2021 से लेकर प्रश्‍न दिनांक तक कार्य स्‍वीकृत न होने के कारण शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

राज्य वन अनुसंधान में किये अनुसंधान (रिसर्च) का लाभ

[वन]

49. ( क्र. 1469 ) श्री नीरज सिंह ठाकुर : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                              (क) राज्य वन अनुसंधान पोलीपाथर जबलपुर में वर्ष 1997 से वर्ष 2024 तक कौन-कौन से अनुसंधान (रिसर्च) किये गये एवं इसका म.प्र. शासन व भारत सरकार को क्या लाभ हुआ?                                          (ख) अनुसंधान पर कौन-कौन जूनियर रिसर्च फैलो कार्य पर रखे गये तथा उनकी शैक्षणिक योग्यता क्या थी एवं उन्हें कितना भुगतान किया गया विगत 05 वर्ष की जानाकरी दें।

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट- '''' अनुसार है।                                                   (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट- '' अनुसार है।

जिले में संचालित गौशालाओं की जानकारी

[पशुपालन एवं डेयरी]

50. ( क्र. 1472 ) श्री नीरज सिंह ठाकुर : क्या राज्‍य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में शासन के अनुदान/सहयोग से कितनी गौशालाएं कहां-कहां संचालित हो रही हैं? उन गौशालाओं का संचालन किन-किन संस्थाओं, ग्राम पंचायतों, समितियों द्वारा किया जा रहा है? संचालित गौशालाओं में कितनी-कितनी गायें वर्तमान में रखी गई हैं? उन गायों की देखभाल चारा आदि के लिये कितना-कितना अनुदान/भुगतान विगत 3 वर्षों में गौशालावार शासन द्वारा किया गया है? कितना-कितना अनुदान निजी संस्थाओं/व्यक्ति द्वारा दिया गया है? (ख) शासन द्वारा जबलपुर जिले में कितनी गौशालाओं का निर्माण विगत 5 वर्षों में स्वीकृत किया गया? उक्त में से कितनी गौशालाओं का कितना-कितना निर्माण हो चुका है? उन पर कितना भुगतान किया गया? कितना-कितना शेष है? गौशालावार जानकारी दें।

राज्‍य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जबलपुर जिले में, मध्‍यप्रदेश गौ संवर्धन बोर्ड में पंजीकृत 35 गौशालाएं संचालित हो रही है। मुख्‍यमंत्री गौ सेवा योजना अंतर्गत संचालित गौशालाओं की  जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट - '''' अनुसार  तथा अशासकीय स्‍वयं सेवी संस्‍थाओं द्वारा संचालित गौशालाओं की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- '''' अनुसार। निजी संस्‍थाओं/व्‍यक्ति द्वारा गौशालाओं को विभाग के माध्‍यम से अनुदान नहीं दिया गया है। (ख) शासन द्वारा जबलपुर जिले में मुख्‍यमंत्री गौसेवा योजना अंतर्गत कुल 67 एवं नर्मदा सेवा मिशन अंतर्गत कुल 1 गौशाला का निर्माण विगत 5 वर्षों में स्‍वीकृत किया गया। निर्माण एवं भुगतान संबंधी गौशालावार  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - '''' अनुसार।

शिक्षकों, विषय विशेषज्ञों एवं प्राचार्य की पदस्‍थापना

[जनजातीय कार्य]

51. ( क्र. 1485 ) श्री बाला बच्चन : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले में विभाग के अंतर्गत कुल कितने स्‍कूल संचालित किए जा रहे है? प्राथमिक से हायर सेकेण्‍डरी तक स्‍कूलों की संख्‍या, शिक्षकों की स्‍वीकृत पद, भरे पद/रिक्‍त पद की जानकारी स्‍कूलवार, विधानसभावार देवें। (ख) उपरोक्‍तानुसार स्कूलों में विषय विशेषज्ञों के कितने पद रिक्‍त है की जानकारी स्‍कूलवार, विधानसभावार देवें। प्रचार्यों के पद पर कितने प्रभारी प्राचार्य है कि जानकारी भी स्‍कूलवार, विधानसभावार देवें। (ग) शिक्षकों के रिक्‍त पद, विषय विशेषज्ञों के रिक्‍त पद, स्‍थायी प्राचार्य की पदस्‍थापना कब तक कर दी जाएगी? स्‍कूलवार, विधानसभावार समय-सीमा देवें।

जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (‍क) बड़वानी जिले में विभाग अंतर्गत 3187 शैक्षणिक शालाएं संचालित है। शेष प्रश्‍नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। (ग) शिक्षकों के रिक्‍त पदों पर भर्ती की प्रक्रिया एवं प्राचार्य के पद पर उच्‍च पद का प्रभार दिये जाने की प्रक्रिया निरंतर है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

 

बड़वानी जिले में पौध संरक्षण व पौध रोपण

[वन]

52. ( क्र. 1486 ) श्री बाला बच्चन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01-05-2020 से 10-05-2024 तक बड़‌वानी जिले में पूर्व में एवं इस अवधि में रोपे गए पौधों के संरक्षण पर कितनी राशि व्‍यय की गई? वन वृत्तवार, राशि सहित वर्षवार बतावें। (ख) यह राशि जिन फर्मों/व्यक्तियों को दी गई उनके नाम, फर्मों के GST नंबर, राशि, भुगतान दिनांक सहित वन वृत्‍तवार देवें। (ग) प्रश्‍नांश (क) अवधि में कितने पौधे कहां-कहां रोपित किए गए, की जानकारी वन वृत्तवार देवें। इसके लिए जिन फर्मों व्‍यक्तियों को भुगतान किया गया, उनके नाम, फर्मों के GST नंबर, फर्मों/ व्‍यक्तियों द्वारा प्रदाय सामग्री नाम, व्यक्तियों द्वारा किए श्रम का भुगतान, की जानकारी राशि, भुगतान दिनांक सहित वन वृत्तवार देवें। लंबित भुगतान की जानकारी भी देवें। (घ) प्रश्‍नांश (ख) (ग) में T.D.S. कटौत्रे की जानकारी भी साथ में भुगतानवार देवें।

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है।                               (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। व्‍यय की राशि श्रमिकों की है। अत: GST का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है।

वन मंडलों में राजस्‍व का लक्ष्‍य एवं राजस्‍व की प्राप्ति

[वन]

53. ( क्र. 1502 ) श्री अजय अर्जुन सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                               (क) क्‍या वन मुख्‍यालय द्वारा प्रति वर्ष क्षेत्रीय और उत्‍पादन वनमंडलों के लिए राजस्‍व लक्ष्‍य निर्धारित किया जाता है? (ख) यदि हाँ तो विगत 5 वर्षों में किस-किस वनमंडल के लिए कितना-कितना राजस्‍व लक्ष्‍य निर्धारित किया गया और उन वन मंडलों ने कितना राजस्‍व प्राप्‍त किया है? (ग) लक्ष्‍य से कम राजस्‍व हासिल करने वाले वनमंडल अधिकारियों पर क्‍या कार्यवाही की गई?

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) विगत 5 वर्षों की वनमंडलवार राजस्‍व लक्ष्‍य एवं राजस्‍व प्राप्ति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में है। (ग) काष्‍ठ विक्रय से राजस्‍व प्राप्ति कूपों से प्राप्‍त उत्‍पादन के अतिरिक्‍त, बाजार में उत्‍पादित काष्‍ठ की मांग तथा बाजार मूल्‍य पर निर्भर होता है, जिस पर वनाधिकारियों का कोई नियंत्रण नहीं होता है। अत: राजस्‍व लक्ष्‍य प्राप्‍त न होने के कारण किसी वनमंडलाधिकारी पर कार्यवाही किये जाने का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है।

वन विभाग द्वारा अवैध परिवहन पर कार्यवाही का अधिकार

[वन]

54. ( क्र. 1503 ) श्री अजय अर्जुन सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                             (क) क्‍या वन विभाग को अवैध परिवहन में लिप्‍त वाहनों को पकड़ने का अधिकार है? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या निजी भूमि की अराष्‍ट्रीयकृत काष्‍ठ, गैर वन भूमि से निकाले गए पत्‍थर अथवा बालू (रेत) के परिवहन के वाहन को भी पकड़ने का अधिकार है? (ग) यदि हाँ तो विगत तीन वर्ष में वन विभाग द्वारा वन्‍य प्राणी अपराध को छोड़कर किस-किस वन अपराध में किस-किस वन मंडल में कौन-कौन से वाहन पकड़े गए? (घ) पकड़े गए वाहनों पर क्‍या कार्रवाई की गई?

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 41, 42 एवं 76 के अंतर्गत मध्यप्रदेश अभिवहन (वनोपज) नियम, 2000 के तहत समस्‍त प्रकार की ईमारती निजी भूमि की अराष्ट्रीयकृत काष्ठ के परिवहन हेतु परिवहन अनुज्ञा पत्र की आवश्यकता है। मध्‍यप्रदेश राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना दिनांक 24.09.201511.04.2017 से किसी व्‍यक्ति के स्‍वामित्‍व की 62 प्रजातियों की वनोपज को अभिवहन पास से छूट दी गई है लेकिन माननीय उच्‍च न्‍यायालय द्वारा इन अधिसूचनाओं पर वर्तमान में स्‍थगन है। इसलिए बिना अभिवहन पास के समस्‍त प्रकार की ईमारती काष्‍ठ परिवहन किये जाने पर वन विभाग को वाहन पकड़ने का अधिकार है किन्तु गैर वन भूमि से निकाले गये पत्थर अथवा बालू (रेत) के परिवहन के वाहन को पकड़ने का अधिकार वन विभाग को नहीं है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

आदिवासी छात्रावासों में पदस्‍थ अधीक्षकों की जानकारी

[जनजातीय कार्य]

55. ( क्र. 1517 ) श्री महेन्‍द्र केशरसिंह चौहान : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले के विधानसभा क्षेत्र भैंसदेही के अंतर्गत आदिवासी छात्रावासों में कौन-कौन छात्रावास अधीक्षक के पद पर कितने-कितने वर्षों से कार्यरत है? सूची उपलब्ध करावें?                                                   (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या सामान्य प्रशासन विभाग के अनुसार एक कर्मचारी को एक स्थान पर 3 वर्ष से अधिक अवधि होने पर स्थानांतरित करने के नियम है? क्या इन नियमों का पालन छात्रावास अधीक्षकों के लिये भी किया जाता है? यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या 3 वर्ष से अधिक अवधि से छात्रावास में कार्यरत छात्रावास अधीक्षकों को मूल शाला में वापस भेजा जायेगा? यदि हां तो कब तक?

जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट  अनुसार है।                                       (ख) म.प्र.शासन, सामान्‍य प्रशासन विभाग मंत्रालय, वल्‍लभ भवन भोपाल के पत्र क्रमांक एफ-6-1/ 2021/एक/9 दिनांक 24.06.2021 द्वारा राज्‍य एवं जिला स्‍तर पर अधिकारियों/कर्मचारियों की स्‍थानांतरण नीति जारी की गई है। जिसके अनुसार तृतीय श्रेणी कार्यपालिक अधिकारियों/कर्मचारियों का भी एक स्‍थान पर सामान्‍यत: 3 वर्ष या उससे अधिक पदस्‍थापना की अवधि पूर्ण कर लेने के कारण स्‍थानांतरण किये जाने का प्रावधान है। अधीक्षकों के स्‍थानांतरण करते समय स्‍थानांतरण नीति का पालन ‍किया जाता है। (ग) स्‍थानांतरण से प्रतिबंध शिथिल होने पर स्‍थानांतण नीति अनुसार छात्रावास अधीक्षकों के पदों पर स्‍थानांतरण की कार्यवाही नियमानुसार की जावेगी।

परिशिष्ट - "चौबीस"

प्रधानमंत्री जनमन योजना में स्वीकृत कार्य

[जनजातीय कार्य]

56. ( क्र. 1538 ) श्री सुरेश राजे : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला ग्वालियर के शहर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में वर्ष 2023-24 में प्रधानमंत्री जनमन योजना के अंतर्गत कौन-कौन से कार्य कुल कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत किये गए हैं? कार्यवार संख्या बतावें तथा प्रधानमंत्री जनमन योजना अंतर्गत कौन-कौन से कार्य करवाए जा सकते हैं? शासन आदेश/ नियम की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार उक्त उल्लेखित अवधि में जिला ग्वालियर अंतर्गत जनपद पंचायत भितरवार/मुरार/बरई/डबरा तथा नगरीय क्षेत्रों में कौन-कौन से निर्माण कार्य कहां-कहां कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत किये एवं कार्य पूर्ण करने की अवधि तथा निर्माण एजेंसी का नाम एवं किस उपयंत्री द्वारा कितनी राशि का मूल्यांकन किया, कार्य प्रगति की पृथक-पृथक सूची देवें? (ग) वर्ष 2023-24 में प्रधानमंत्री जनमन योजनान्तर्गत जिला ग्वालियर में जनपद भितरवार/मुरार/बरई/डबरा तथा नगरीय क्षेत्रों में स्वीकृत आवास ग्राम/शहर का नाम/हितग्राही का नाम/पिता-पुत्र-पति का नाम/जाति/कुल स्वीकृत राशि/कुल प्रदाय राशि कार्य की प्रगति की पूर्ण सूची देवें।

जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-एक एवं दो अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-तीन अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-चार अनुसार है।

सहरिया जनजाति को योजनाओं का लाभ

[जनजातीय कार्य]

57. ( क्र. 1539 ) श्री सुरेश राजे : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डबरा शहर के वार्ड 23 स्थित आदिवासी दफाई शुगरमिल, छोले की दफाई, वार्ड 29 की बरोठा दफाई, महाराजपुर दफाई, बारोल दफाई, सिरोल दफाई, छीमक दफाई, में लगभग 100 वर्ष पूर्व से सहरिया जनजाति के परिवार निवासरत हैं कुछ परिवारों के आवास बने हैं तथा हैंडपंप व विद्युत पोल लगाकर विद्युत व्यवस्था है, किन्तु गत 05 वर्षों से इन्हें प्रधानमंत्री आवास एवं जनमन योजना का लाभ आवास पट्टा नहीं होने से आवास स्वीकृत नहीं किये जा रहे हैं यह झोपड़ियों में निवासरत हैं, जिन्हें आवास पट्टा देकर कब तक आवास दिए जायेंगे? बतावें (ख) क्या यह सत्य है की उक्त बस्तियों में निवासरत परिवारों के पूर्वज लगभग 100 वर्ष पूर्व शुगर मिल डबरा की स्थापना के समय शासन द्वारा गन्ना उत्पादन हेतु लीज पर दी गई कृषि भूमि में कार्य करने हेतु इन्हें बसाया गया तब से यह इन दफाइयों में निवासरत हैं? दस वर्ष पूर्व डबरा शुगर मिल बंद होकर सम्पूर्ण सामग्री विक्रय हो चुकी हैं गत 05 वर्ष पूर्व शुगर मिल डबरा को लीज पर दी गई भूमि की अवधि पूर्ण होने से लीज समाप्त हो गई है ऐसी स्थिति में कृषि फार्मों की दफाइयों पर निवासरत परिवारों को कब तक आवास पट्टा दिया जायेगा एवं आवास स्वीकृत किये जायेंगे? समयावधि बतावें।

जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) प्रश्‍नाधीन भूमि का विवाद माननीय उच्‍च न्‍यायालय में प्रचलित होने के कारण भूमि अधिकार पट्टा देने एवं आवास उपलब्‍ध कराने के संबंध में समय सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ख) उत्‍तरांश '''' अनुसार समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।

 

वन विकास निगम के कर्मियों की जानकारी

[वन]

58. ( क्र. 1546 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                   (क) क्या म.प्र. राज्य वन विकास निगम के संचालक मंडल बैठक दिनांक 21.1.23 के आयटम क्रमांक 7 में निर्णय लिया गया था कि वन विकास निगम के स्थायी कर्मियों  को 1 अप्रैल 2023 से चतुर्थ श्रेणी के पदों पर नियमितीकरण किया जायेगा? क्या तत्कालीन वन मंत्री द्वारा इस संबंध में घोषणा भी की थी? इसके अनुसार अभी तक कितने लोगों को नियुक्त किया गया है? यदि नहीं किया गया है तो क्यों और कब तक किया जाएगा? (ख) क्या वन विभाग की भांति वन विकास निगम में भी क्षेत्रीय कार्यपालिक कर्मचारियों को उच्चतर पद का कार्यवाहक प्रभार देने की कार्यवाही प्रचलित है? यदि हाँ तो अभी तक वन विकास निगम के कितने वनरक्षकों, डिप्टी रेंजरो, रेंजरों को उच्चतर पद का कार्यवाहक प्रभार दिया गया है? नाम पदनाम वर्तमान पदस्थापना सहित जानकारी देवें? यदि नहीं दिया गया है तो कब तक दिया जाएगा? (ग) वन विभाग के पत्र क्रमांक 3593 दिनांक 28/6/2023 के द्वारा स्थायी कर्मियों  के बच्चों को हॉस्टल सुविधा एवं पायलट आधार पर, आयुष्मान कार्ड एवं संबल योजना से जोड़ा जाना है एवं वर्ष में दो जोड़ी वर्दी दी जानी है जिसकी कार्यवाही चल रही है? क्या इस आदेश के तहत वन विकास निगम के स्थायी कर्मियों  को भी सुविधा प्रदान की जाएगी? यदि हाँ तो कब तक यदि नहीं तो क्यों?

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) दिनांक 21.01.2023 को संचालक मंडल की बैठक आयोजित नहीं की गयी थी। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। जी हाँ तत्‍कालीन माननीय वनमंत्री जी द्वारा घोषणा की गयी। अभी तक निगम में किसी को भी नियुक्ति नहीं दी गयी है। म.प्र. शासन वन विभाग के पत्र क्रमांक 2224/1265506/2023/10-1 दिनांक 12.10.2023 द्वारा लेख किया गया है कि सामान्‍य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 5-1/2013/1/3 दिनांक 07.10.2016 अनुसार निगम में स्थायी कर्मियों को नियुक्ति प्रदान नहीं की जा सकती। अत: कार्यवाही नहीं की गयी। (ख) जी हाँ। वर्तमान में 07 क्षेत्ररक्षकों को सहायक परियोजना क्षेत्रपाल का उच्‍चतर पद का कार्यवाहक प्रभार दिया गया है। सूची संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। अन्‍य पदों हेतु कार्यवाही प्रचलित है। (ग) उक्‍त पत्र वन विकास निगम से संबंधित नहीं है।

परिशिष्ट - "पच्चीस"

किताबों का प्रकाशन

[वन]

59. ( क्र. 1547 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि      (क) क्या वर्ष 2023 में लघु वनोपज संघ के तत्कालीन अतिरिक्त प्रबंध निदेशक द्वारा लिखी गई तीन किताबों के प्रकाशन का भुगतान लघु वनोपज प्रसंस्करण एवं अनुसंधान केन्‍द्र से किया गया था? यदि हाँ तो उपरोक्त किताबों का क्या नाम है तथा लघु वनोपज प्रसंस्करण एवं अनुसंधान केन्‍द्र द्वारा कितना भुगतान किया गया? (ख) उपरोक्त किताबों का कापीराइट किसके पास है? क्या लघु वनोपज प्रसंस्करण एवं अनुसंधान केन्‍द्र से भुगतान के लिए शासन ने अनुमति दी थी, यदि हाँ तो उसकी प्रति उपलब्ध कराएं? (ग) यदि अनुमति नहीं ली गई तो क्या यह शासन के पैसों का दुरूपयोग नहीं है? यदि हाँ तो शासन इसके लिए क्या कार्यवाही करेगा और कब तक?

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी हां, वर्ष 2023 में तत्कालीन अतिरिक्त प्रबंध संचालक द्वारा लिखित दो पुस्तकों का भुगतान लघु वनोपज प्रसंस्करण एवं अनुसंधान केन्द्र द्वारा किया गया। किताबों के नाम एवं पुस्तकवार व्यय की जानकारी निम्नानुसार है-

 (1) एंडेमिक स्पीशीज आफॅ इंडिया-वॉल्यूम-I

व्यय राशि रूपये 10,74,302/-

 (2) एंडेमिक स्पीशीज आफॅ इंडिया- वॉल्यूम-II

व्यय राशि रूपये 7,38,641/-

वर्ष 2022 में तत्कालीन अतिरिक्त प्रबंध संचालक द्वारा लिखित एक पुस्तक का भुगतान लघु वनोपज प्रसंस्करण एवं अनुसंधान केन्द्र द्वारा किया गया, जिसका नाम एवं व्यय की जानकारी निम्नानुसार है-

 (1) हर्ब्‍स एंड ट्राइब्स- व्यय राशि रूपये 3,88,500/-

लघु वनोपज प्रसंस्करण एवं अनुसंधान केन्द्र द्वारा कुल राशि रूपये 22,01,443/- का भुगतान किया गया। (ख) उपरोक्त तीनों किताबों का कॉपीराइट डॉ. दिलीप कुमार (भा.व.से.) तत्कालीन अपर प्रबंध संचालक के पास है। तीनों किताबों के कॉपीराइट की छायाप्रति संलग्न  परिशिष्ट अनुसार है। लघु वनोपज प्रसंस्करण केन्द्र एवं अनुसंधान केन्द्र द्वारा भुगतान के लिए शासन से अनुमति नहीं ली गई है। (ग) कार्यवाही परीक्षण में है।

परिशिष्ट - "छब्बीस"

अनुसूचित जाति छात्र/छात्राओं को छात्रवृत्ति की जानकारी

[अनुसूचित जाति कल्याण]

60. ( क्र. 1552 ) श्री फूलसिंह बरैया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) भोपाल जिले के अनुसूचित जाति के छात्र/छात्राओं की छात्रवृत्ति उपलब्ध कराने में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक किन-किन कॉलेजों के छात्र/छात्राओं की छात्रवृत्ति उपलब्ध करा दी गई है? जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांकित वर्ष से छात्र/छात्राओं की छात्रवृत्ति के लिये विभाग द्वारा क्या कदम उठाये गये है? छात्र/छात्राओं द्वारा कॉलेजों में छात्रवृत्ति न मिलने की कब-कब, क्या-क्या शिकायतें कॉलेजों/प्रशासन को प्राप्त हुई, उन पर प्रश्‍न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? (ग) भोपाल जिले के कॉलेजों में अनुसूचित जाति के छात्र/छात्राओं के छात्रवृत्ति के लंबित प्रकरण कब तक हल कर दिये जायेगें? अनुसूचित जाति के छात्र/छात्राओं को छात्रवृत्ति उपलब्ध कराये जाने के लिये कॉलेज/विभाग द्वारा क्या कदम उठाये गये है?

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) विभागीय निर्देश अनुसार एवं ऑनलाइन पोर्टल के माध्‍यम से कार्यवाही संचालित की जा रही है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। (ग) लंबित प्रकरणों का सतत निराकरण किया जा रहा है। शेष प्रश्‍नांश (क) अनुसार।

स्वीकृत राजस्व ग्रामों की जानकारी

[वन]

61. ( क्र. 1566 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी मालवा विधानसभा क्षेत्र में सिवनी मालवा एवं केसला विकासखंड में कितने-कितने ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित किया गया है? (ख) क्या स्वीकृत राजस्व ग्रामों के निवासियों को राजस्व ग्राम के अंतर्गत मिलने वाली सारी सुविधाएं मिल रही है? (ग) केसला विकासखंड के अंतर्गत तवानगर ग्राम किस श्रेणी में आता है?

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सिवनी-मालवा के विकासखण्ड सिवनी-मालवा एवं केसला में वर्तमान में किसी भी वनग्राम को राजस्व ग्राम घोषित नहीं किया गया है अपितु अनूसुचित जनजाति एवं अन्‍य परम्‍परागत वन निवासी ( वन अधिकारों की मान्‍यता) अधिनियम, 2006 की धारा-3 (1) (ज) के प्रावधानों के तहत जिला कलेक्टर नर्मदापुरम द्वारा वनग्रामों को राजस्व ग्रामों में संपरिवर्तन हेतु प्रस्तावित अधिसूचना जारी की गई है। उक्त अधिसूचना में विकासखण्ड सिवनी-मालवा के अंतर्गत वनग्राम पीपलगोटा, बारासेल, घोघरा, नापुपुरा, बेंट, जाटामाऊ, बांसपानी, नयागांव, ढेकना, पलासी, गीतखेड़ा एवं आमाकटारा शामिल है। विकासखण्ड केसला अंतर्गत वनग्राम नयाचीचा, रांझी, भातना, लालपानी, गोलनडोह, जालीखेड़ा हिरनचापड़ा, नयाझुकर, ओझापुरा एवं चाटुआ शामिल है। (ख) उत्तरांश (क) के अनुसार वन ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित नहीं किया गया है। अतः शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) मध्यप्रदेश शासन, वन विभाग के पत्र दिनांक 20.12.1967 द्वारा 4598.98 एकड़ वनभूमि तवा बॉध निर्माण हेतु सिंचाई विभाग को हस्तांतरित है। उक्त भूमि में से 367.56 एकड़ पर बसे तवानगर की भूमि के निर्वनीकरण का प्रस्ताव भारत सरकार के समक्ष प्रस्‍तुत है। वर्तमान में तवानगर वनभूमि पर एक बसाहट है।

दिव्‍यांगजनों को प्रदाय किये जाने वाले उपकरणों की जानकारी

[सामाजिक न्याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण]

62. ( क्र. 1575 ) श्री हेमन्‍त विजय खण्‍डेलवाल : क्या सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले के अन्‍तर्गत विधान सभा क्षेत्र बैतूल में किस-किस श्रेणी के कितने-कितने दिव्‍यांग हैं? (ख) क्‍या शासन द्वारा दिव्‍यांगों को उपकरण प्रदान किये जाने की योजना है? (ग) यदि हाँ तो दिव्‍यांगजनों को क्‍या-क्‍या उपकरण प्रदान किये जावेंगे?

सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। भारत सरकार की एडिप योजना के अंतर्गत दिव्‍यांगजनों को कृत्रिम अंग/सहायक उपकरण प्रदाय किये जाने का प्रावधान है। (ग) समय-समय पर आवश्‍यकतानुसार भारत सरकार के उपक्रम भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (ऐलिम्‍को) द्वारा दिव्‍यांगजनों का पात्रतानुसार परीक्षण शिविर एवं वितरण शिविर का आयोजन कर दिव्‍यांगजनों को कृत्रिम अंग/सहायक उपकरण से लाभान्वित किये जाने का प्रावधान है। यह एक निरंतर प्रक्रिया है।

परिशिष्ट - "सत्ताईस"

छात्रावासों में सीटों की वृद्धि

[जनजातीय कार्य]

63. ( क्र. 1577 ) श्री हेमन्‍त विजय खण्‍डेलवाल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में कितने छात्रावास है? इन छात्रावासों में प्रवेश हेतु कितनी सीटे निर्धारित है? छात्रावास वार जानकारी दी जावें। (ख) क्या छात्रावास में प्रवेश के लिये पात्र सभी बच्चों को प्रवेश दिया जा रहा है? यदि नहीं तो प्राप्त आवेदनों में कितने प्रतिशत बच्चों को प्रवेश दिया जाता है। (ग) क्या छात्रावासों में बच्चों को शत-प्रतिशत प्रवेश मिल सके, इसके लिये नये आदिवासी छात्रावासों की स्वीकृति एवं पुराने छात्रावासों में सीटों की संख्या बढ़ाये जाने की शासन की कोई योजना है? (घ) यदि हाँ तो कब तक नवीन स्वीकृति एवं सीट वृद्धि की जायेगी?

जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। (ख) जी हाँ। रिक्‍त सीट अनुसार प्राप्‍त आवेदनों के आधार पर पात्रता सूची तैयार कर विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जाता है। (ग) मध्‍यप्रदेश शासन, आदिम जाति कल्‍याण विभाग का आदेश क्रमांक-एफ-12-01/2017/25-2/691 दिनांक 24.03.2017 द्वारा नवीन छात्रावास की स्‍वीकृति के संबंध में नीति निर्धारित की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है।                                    (घ) नवीन स्‍वीकृति एवं सीट वृद्धि हेतु औचित्‍यपूर्ण प्रस्‍ताव जिले से प्राप्‍त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है।

जल जीवन मिशन अन्तर्गत हैंडवॉश यूनिट निर्माण/स्थापना की जानकारी

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

64. ( क्र. 1581 ) श्री भंवर सिंह शेखावत : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जल जीवन मिशन अन्तर्गत धार जिले में कहां-कहां पर हैंडवॉश यूनिट निर्मित की गई, निर्मित स्थान/केन्द्र, लागत मूल्‍य, कार्य पूर्णताः दिनांक तथा यूनिट की वर्तमान स्थिति क्या है। अवगत करावें। (ख) प्रश्‍ंनाश (क) के सन्दर्भ में क्‍या समस्त हैंडवॉश यूनिट का निर्माण निम्न स्तरीय किया गया जिससे योजना में भारी भ्रष्टाचार परिलक्षित होता है तथा क्‍या वर्तमान में जिले में एक भी यूनिट अच्छी स्थिति में नहीं है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के सन्दर्भ में क्या हैंडवॉश यूनिट का निर्माण ठेकेदार/फर्म द्वारा करवाया गया। यदि हाँ तो ठेकेदार/फर्म का नाम पंजीयन क्र. दिनांक तथा प्रश्‍न दिनांक तक ठेकेदार/फर्म को कितनी-कितनी राशि प्रदाय की गई कार्यवार स्वीकृत राशि, मूल्याकंन राशि यदि मूल्याकंन कम हुआ है तो वसूली योग्य राशि की जानकारी प्रदाय करें।         (घ) प्रश्‍नांश (ग) के सन्दर्भ में ठेकेदार/फर्म के द्वारा अत्यन्त निम्न स्तरीय किस्म के हैंडवॉश यूनिट का निर्माण किया गया। अत्यन्त निम्न स्तरीय/घटिया किस्म के हैंडवॉश यूनिट के निर्माण पर विभाग द्वारा ठेकेदार के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई। यदि नहीं की गई तो क्यों नहीं की गई। ठेकेदार के विरूद्ध कार्यवाही न करने की स्थिति में कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी है।

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है(ख) पूर्ण किए गए हैंडवॉश यूनिटों का निर्माण गुणवत्तापूर्वक कराया जाकर चालू स्थिति में विभाग द्वारा संबंधित संस्थाओं को संचालन एवं रख-रखाव हेतु हस्तांतरित किया गया है। उक्त पेयजल व्यवस्था का लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा संचालन एवं रख-रखाव किए जाने का प्रावधान नहीं है, अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ख) के संदर्भ में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

पेयजल टंकी का निर्माण

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

65. ( क्र. 1582 ) श्री भंवर सिंह शेखावत : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) धार जिला अन्तर्गत जल जीवन मिशन/नल-जल योजना के तहत कितने ग्रामों में पेयजल टंकि‍यां निर्मित की गई ग्रामवार, स्थान का नाम, लागत राशि, कार्य पूर्णता दिनांक तथा कार्य/टंकी की वर्तमान स्थिति से अवगत करावें? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में क्या पेयजल टंकि‍यों का निर्माण निर्धारित मापदंण्डों के अनुसार किया गया है? यदि नहीं तो क्यों? जानकारी अनुसार 90 प्रतिशत टंकि‍यों का निर्माण अत्यन्त निम्न स्तर का होकर योजना का उद्देश्य पूरा नहीं होता, निम्न स्तर का निर्माण होने से कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र कैसे जारी किया गया? निम्न स्तर के निर्माण पर कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी है, दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध विभाग/शासन स्तर पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं की गई तो क्यों नहीं की गई? कृपया अवगत करावें?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) एकल ग्राम नल-जल योजनांतर्गत स्वीकृत टंकियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। म.प्र. जल निगम द्वारा क्रियान्वित समूह जल प्रदाय योजनाओं के अंतर्गत टंकियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है(ख) जी हाँ, पेयजल टंकियों का निर्माण निर्धारित मापदंडानुसार एवं गुणवत्तापूर्वक किया जा रहा है, शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है।

नल-जल योजना अन्तर्गत आधे अधूरे कार्यों की जानकारी

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

66. ( क्र. 1583 ) श्री भंवर सिंह शेखावत : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जल जीवन मिशन/नल-जल योजना अन्तर्गत विधानसभा क्षेत्र बदनावर में पेयजल टंकि‍यों से पेयजल प्रदाय हेतु ग्रामों में विभाग द्वारा जो आधी अधूरी पाईप लाईन पूर्व निर्मित सीमेंट कांक्रीट रोड को उखाड़कर कर डाली गई है? न तो पेयजल लाईन ठीक से डली है सी.सी. रोड़ अलग खराब कर दिया गया और न ही लोगों को पेयजल उपलब्ध हो रहा है? योजना का उद्देश्य कब और कैसे पूरा होगा? (ख) प्रश्‍नांश (क) के सन्दर्भ में पेयजल टंकि‍यों एवं पाईप लाईन में (योजना) भारी भ्रष्टाचार किया जाना परिलक्षित होता है? योजना के उद्देश्य कब और कैसे पूरे होगें?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जल जीवन मिशन में नल-जल योजनाओं के अंतर्गत ग्रामों में पूर्व निर्मित सीमेंट कांक्रीट रोड को आवश्यकतानुसार काटकर ट्रेंच बनाकर पाइप लाइन बिछाने का कार्य विभागीय मापदण्ड अनुसार कराया जा रहा है, पाइप लाइन कार्य के लिये काटी गई सीमेंट कांक्रीट रोड को पाइप लाइन बिछाने एवं टेस्टिंग के उपरांत पूर्ववत स्थिति में पुनर्निर्माण/मरम्मत कर रिस्टोरेशन करने के लिये अनुबंध की शर्तों में प्रावधान किया गया है, तदनुसार पाइप लाइन कार्य पूर्ण किये जाने के उपरांत सीमेंट कांक्रीट रोड का आवश्यक पुनर्निर्माण/मरम्मत कार्य कराया जा रहा है। एकल योजनाओं के कार्य जैसे-जैसे पूरे होते जा रहे हैं उनसे ग्रामीणों को जल प्रदाय की सुविधा उपलब्ध होती जा रही है, राजौद समूह जल प्रदाय योजना का कार्य सितम्बर 2024 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।                   (ख) जल जीवन मिशन में नल-जल योजनाओं के कार्य को विधिवत निविदा आमंत्रित कर निर्माण एजेंसी निर्धारित करते हुये पेयजल टंकियों के निर्माण एवं पाइप लाइन बिछाने के कार्यों को विभागीय मापदण्ड अनुसार अनुबंध की शर्तों के अनुरूप क्रियान्वित किया जा रहा है, एकल योजनाओं के कार्य जैसे-जैसे पूरे होते जा रहे हैं, उनसे जल प्रदाय की सुविधा उपलब्ध होती जा रही है, राजौद समूह जल प्रदाय योजना का कार्य सितम्बर 2024 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

अनु. जाति/ज.जाति/पिछड़ा वर्ग जातियों के वर्ग की जानकारी

[जनजातीय कार्य]

67. ( क्र. 1588 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में अनुसूचित जाति/जनजाति/पिछड़ा वर्ग के अंतर्गत कौन-कौन सी जातियां कब-कब सम्मिलित की गई? (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित जातियों में से कौन-कौन सी जातियां किस धर्म से संबंधित हैं?

जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '',  '' एवं 'नुसार है। (ख) धर्म संबंधी अभिलेख संधारित नहीं है।

उज्जैन जिले के प्रत्येक गांव और शहर में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

68. ( क्र. 1598 ) श्री महेश परमार : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्जैन जिले में विगत पांच वर्षों में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में पर्याप्त जल क्षमता के कितने जल स्रोत की उपलब्धता विभाग द्वारा सुनिश्चित की गई है? गांव या शहर का नाम जल स्रोत का स्थल वर्तमान स्थिति एवं डीपीआर के अनुसार पूर्ण विवरण प्रदान करें। (ख) विगत 5 वर्षों में आपके विभाग द्वारा शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में कितनी डीपीआर तैयार की गई है? उन सभी की जानकारी स्‍थानवार देंl (ग) विगत पांच वर्षों में तैयार की गई डीपीआर में स्वीकृत राशि,निर्धारित प्रयोजन और कार्य की समय-सीमा का अभिलेख देते हुए कितने कार्य पूर्ण है, कितने अपूर्ण है, कितने प्रगतिरत हैं, की जानकारी दें। (घ) उज्जैन जिले के प्रत्येक गांव और शहर की सूची देवें जिसमें शुद्ध पेयजल व्यवस्था एवं आपूर्ति नवीन जल स्रोतों से की जा रही है। कितने जल स्रोतों का कार्य किया जाना प्रस्तावित है जिसकी डीपीआर स्वीकृत है? जिसकी डीपीआर 5 वर्षों में स्वीकृत हुई है, कितनी राशि कितने कार्य और कार्य की स्थिति स्पष्ट करें।

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) एकल ग्राम नल-जल योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है, म.प्र. जल निगम की समूह योजनाओं से संबंधित  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है, नगरीय क्षेत्र की जानकारी प्रमुख अभियंता, नगरीय प्रशासन एवं विकास भोपाल से प्राप्त की गई है, जो  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। (ख) से (घ) जानकारी उत्तरांश (क) अनुसार है।

सहायक आयुक्त पर प्रकरण

[जनजातीय कार्य]

69. ( क्र. 1613 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि धार जिले में कार्यरत सहायक आयुक्त पर 50 लाख के घोटाले में मंत्रालय आदेश दिनांक 17/10/2023 सं. 47.22 लाख रुपए वसूली करने को कहा था, यदि हाँ तो यह वसूली किस दिनांक को की गई, ब्यौरा देवें। यदि वसूली नहीं की गई तो क्यों, कब तक ब्याज सहित वसूली की जाएगी, समय-सीमा सहित बताएं। (ख) क्या यह सही है कि सहायक आयुक्त धार पर भ्रष्टाचार में अपराध क्र. 4/17 धारा 409, 420, 34 में 09/05/2017 को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया था, यदि हाँ तो उक्त प्रकरण की अद्यतन स्थिति से अवगत कराएं तथा बताएं कि इनका निलंबन किस दिनांक को किसके आदेश से समाप्त हुआ तथा मंत्रालय के आदेश दिनांक 17/10/2023 के पूर्व से ये विभाग में सहायक आयुक्त के पद पर कार्य मध्य प्रदेश सिविल सेवा नियम 1966 के किस नियम से कर रहे हैं।

जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ, विभागीय आदेश दिनांक 17.10.2023 से रूपये 47,21,881/- मात्र वसूली का आदेश जारी किया गया है। जिसके विरूद्ध माह फरवरी 2024 तक राशि रूपये 40 हजार वसूल कर ली गयी है। उक्‍त वसूली आदेश के विरूद्ध अपचारी अधिकारी श्री बृजकांत शुक्‍ला ने माननीय उच्‍च न्‍यायालय में याचिका क्रमांक 5213/2024 दायर की गयी। जिस पर माननीय उच्‍च न्‍यायालय के आदेश दिनांक 15.03.2024 से राशि वसूली पर स्‍थगन दिया गया है। इस कारण से वसूली रूकी हुई है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ, थाना खालवा, जिला खण्‍डवा में अपराध क्रमांक 4/17 धारा 409, 420, 34 भादवि का पंजीबद्ध होकर दिनांक 09.05.2017 को आरोपी श्री बृजकांत शुक्‍ला पिता रामेश्‍वर दयाल शुक्‍ला उम्र-52 निवासी बृजेश्‍वरी एन एयंस बंगाली चौराहा के पास विजय नगर इंदौर को गिरफ्तार कर माननीय न्‍यायालय के समक्ष प्रस्‍तुत किया गया। जिसमें न्‍यायालय द्वारा न्‍यायिक अभिरक्षा में भेजा गया। प्रकरण की विवेचना पूर्ण कर चालान कता किया गया। श्री शुक्‍ला के विरूद्ध विभाग में अभियोजन स्‍वीकृति का प्रस्‍ताव प्राप्‍त होने पर अग्रिम कार्यवाही की जावेगी। श्री बृजकांत शुक्‍ला को विभागीय आदेश दिनांक 07.03.2020 द्वारा निलंबन से बहाल कर कार्यालय सहायक आयुक्‍त इंदौर में क्षेत्र संयोजक के रिक्‍त पद पर पदस्‍थ करते हुए लेख किया गया कि निलंबन अ‍वधि का निराकरण माननीय न्‍यायालय द्वारा पारित आदेश के उपरांत पृथक से किया जायेगा। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

 

कट्ठीवाड़ा बी.ई.ओ. कार्यालय में अनियमितता

[जनजातीय कार्य]

70. ( क्र. 1615 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कट्ठीवाड़ा बीईओ कार्यालय में 20 करोड़ से अधिक शासकीय राशि गबन करने का मामला आया है? इस पर क्या कार्यवाही की गई, ब्यौरा देवें। (ख) उक्त 20 करोड़ रुपए राशि को किन-किन बैंक खातों में ट्रांसफर कर गबन किया गया? उक्त बैंक खाता धारकों के नाम, पता सहित बताएं। उक्त बैंक खाता धारकों पर क्या कार्यवाही की गई, ब्यौरा देवें। उक्त राशि को वसूलने बावत क्या कार्यवाही प्रचलित है, यदि नहीं है तो क्यों, कब तक राशि वसूली जाएगी, समय-सीमा बताएं। (ग) उक्त 20 करोड़ रुपए राशि गरीब आदिवासी बच्चों के विकास के लिए शासन द्वारा आवंटित की गई थी? यदि हाँ तो उक्त मामले में एट्रोसिटी एक्ट के तहत मामला क्यों दर्ज नहीं किया गया? (घ) क्‍या एक शिक्षक, शिक्षक से बाबू बनकर पद के विपरीत सेवा देकर अपने शासकीय पद का दुरूपयोग करता रहा, जिसमें वरिष्ठ अधिकारी तत्कालीन BEO के शामिल होने की आशंका है, इसकी जांच कब तक की जाएगी?

जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँजिला कोषालय अधिकारी जिला अलीराजपुर द्वारा पुलिस थाना कट्ठीवाड़ा में बी.ई.ओ कार्यालय कट्ठीवाड़ा में राशि रूपये 20,47,12,727/- गबन के संबंध में एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई है। एफ.आई.आर. की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। कार्यालय सहायक आयुक्‍त, जनजातीय कार्य विभाग अलीराजपुर के आदेश क्रमांक 8232, दिनांक 27.10.2023 द्वारा श्री कमल राठौर, प्रा.शिक्षक, तत्‍कालीन लेखा शाखा प्रभारी खण्‍ड शिक्षा कार्यालय कट्ठीवाड़ा को तत्‍काल प्रभाव से निलंबित किया गया था। अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) अनुभाग अलीराजपुर द्वारा की जा रही कार्यवाही की अद्यतन स्थिति पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। (ख) राशि रूपये 20 करोड़ जिन खातों में ट्रांसफर हुई है, बैंक खाता धारकों के नाम पता की जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट- '' अनुसार है। उपरोक्‍त गबन प्रकरण में एफ.आई.आर. प्रति  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '' एवं कार्यवाही की अद्यतन स्थिति पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। राशि वसूली की समय-सीमा बता पाना सम्‍भव नहीं है। (ग) उक्‍त राशि किस मद की है? इस तथ्‍य का खुलासा नहीं होने से एट्रोसिटी के तहत् अभी मामला दर्ज नहीं कराया गया है, प्रकरण में अभी विवेचना जारी है। विवेचना में प्राप्‍त तथ्‍यों के अनुरूप धारा बढ़ाये जाने के संबंध में कार्यवाही की जावेगी। (घ) खण्‍ड शिक्षा अधिकारी विकासखण्‍ड कट्ठीवाड़ा के आदेश क्रमांक 516, दिनांक 29.06.2016 द्वारा श्री कमल राठौर, प्राथमिक शिक्षक फूलमाल को जिला कोषालय में वेतन एवं अन्‍य देयक प्रस्‍तुत करने हेतु आदेशित किया गया था, श्री कमल राठौर द्वारा पद के दुरूपयोग की सूचना प्राप्‍त होते ही उन्‍हें तत्‍काल प्रभाव से निलंबित किया गया एवं पुलिस थाना कट्ठीवाड़ा में एफ.आई.आर. दर्ज करायी गयी, प्रकरण पुलिस अनुसंधान में है।

वन भूमि पर अतिक्रमणकर्ताओं की गिरफ्तारी न होना

[वन]

71. ( क्र. 1634 ) डॉ. राजेन्‍द्र कुमार सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                               (क) क्‍या मैहर सीमेंट के वन भूमि पर हुये अवैध अतिक्रमण के प्रकरण में राज्‍य शासन के द्वारा किस नाम/पदनाम को निलंबित किया है जारी आदेशों की एक प्रति उपलब्‍ध करायें। क्‍या शासन की नजर में पिछले अधिकारी दोषी है? अगर हाँ, तो कौन-कौन? सूची दें। (ख) क्‍या 193.1867 हेक्‍टेयर वन भूमि वर्ष 1975 को 99 वर्ष की लीज पर म.प्र. शासन ने औद्योगिक संस्‍था को स्‍वीकृत की थी? क्‍या 27.9 हेक्‍टेयर भूमि वन भूमि के वन कक्ष P-555 में अवैध रूप से संस्‍था द्वारा अतिक्रमित कर पक्‍के निर्माण कार्य करवा लिये? क्‍या-क्‍या निर्माण करवाया गया है? सूची दें।     (ग) क्‍या म.प्र. वन विभाग ने 22 वर्षों तक उक्‍त अवैध अतिक्रमण नहीं देखा? अगर देखा तो कब व क्‍या कार्यवाही किस-किस ने की? जारी सभी आदेशों की एक प्रति दें। (घ) वन विभाग ने वन अपराध प्रकरण कायम करने के बाद कम्‍पनी के किस-किस अधिकारी/कर्मचारी को प्रश्‍न तिथि तक गिरफ्तार किया है? नाम/पदनाम सूची सहित दें। अगर नहीं किया है तो क्‍यों? कारण दें। कब तक गिरफ्तारी एवं अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जायेगी।

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) प्रश्‍नाधीन अवैध अतिक्रमण के प्रकरण में राज्य शासन के द्वारा श्री यशपाल मेहरा, प्रभारी उप वनमंडलाधिकारी, मैहर एवं श्री सतीशचंद्र मिश्रा वनक्षेत्रपाल, वन परिक्षेत्राधिकारी, मैहर को निलंबित किया था। जारी आदेशों की प्रति  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट- 1 अनुसार  है। प्रकरण की जांच की जा रही है, इसलिये नाम की सूची दिये जाने का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। निर्माण कार्यों की सूची  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-अनुसार  है। (ग) जी हाँ। अतिक्रमण के संबंध में वनरक्षक, बीटगार्ड बम्हनी द्वारा वन अपराध प्रकरण क्रमांक 31/12 दिनांक 24.02.2024 से पंजीबद्ध किया गया है। इसके आधार पर वन परिक्षेत्राधिकारी, मैहर एवं परिक्षेत्र सहायक भदनपुर द्वारा प्रकरण में जांच की जा रही है। दर्ज किये गये वन अपराध प्रकरण की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (घ) वन अपराध प्रकरण दर्ज करने के बाद प्रकरण में साक्ष्य संकलन एवं विवेचना की जा रही है। अत: कंपनी के किसी अधिकारी को गिरफ्तार नहीं किया गया है इसलिये नाम/पदनाम की सूची दिये जाने का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। प्रकरण में जांच पूर्ण होने तथा भारतीय वन अधिनियम, 1927 के तहत वैधानिक कार्यवाही पूर्ण होने के पश्चात ही कार्यवाही सम्‍भव होगी।

खाद्यान्‍न घोटाले की जानकारी

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

72. ( क्र. 1635 ) डॉ. राजेन्‍द्र कुमार सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सतना जिले में हुये खाद्यान्‍न परिवहन एवं खाद्यान्‍न घोटाले में जयतमाल बाबा महिला स्‍व-सहायता समूह कारीगोही पर एवं अन्‍य किस-किस स्‍व-सहायता समूहों के द्वारा कराये गये फर्जी पंजीयन एवं फर्जी गिरदावरी के प्रकरण प्रश्‍नतिथि तक जांच में पकड़ में आये हैं? प्रकरणवार/तहसीलवार/समूहवार जानकारी उपलब्‍ध करायें? (ख) क्‍या फर्जी आई.डी. भी पकड़ में आई हैं सूची दें। जिला प्रशासन के आदेश के बाद कौन-कौन सी आई.डी. बंद करवा दी गई है? सूची दें। क्‍या 08 लाख के सरकारी वारदाने भी चोरी होने की जानकारी आई है? अगर हाँ तो कहां-कहां के? बिन्‍दुवार विवरण दें। क्‍या कारीगोठी के कम्‍प्‍यूटर ऑपरेटर ने बयान में (लिखित में) 13 ट्रक फर्जी घोटाले का मास्‍टर माईंड का नाम दिया है? फर्जी टी.सी. देने का कार्य नाम के अधिकारियों ने किया? क्‍या कम्‍प्‍यूटर ऑपरेटर के बयान के बाद तथाकथित मास्‍टर माईंड पर एफ.आई.आर. कायम करवाई गई? अगर नहीं तो क्‍यों? (ग) जिन 1 ट्रकों से फर्जी परिवहन दर्शाया गया वो ट्रक किस कम्‍पनी के थे एवं उनका मालिक का नाम क्‍या है? राज्‍य शासन कब तक परिवहन ठेकेदार सहित अन्‍य आरोपियों पर धारा 420, 419, 120 वी, 467, 468, 471 के तहत आपराधिक प्रकरण कायम करवायेगा? एफ.आई.आर. की गई हो तो उसकी एक-एक प्रति दें।

खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जयतमाल बाबा स्‍व-सहायता समूह, कारीगोही एवं अन्‍य महिला स्‍व-सहायता समूहों द्वारा किसान पंजीयन एवं गिरदावरी का कार्य नहीं किया गया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। जयतमाल बाबा स्‍व-सहायता समूह, कारीगोही द्वारा संचालित उपार्जन केन्‍द्र की जांच में पाई गई अनियमितता के आधार पर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई गई है, जिसमें 2 फर्जी आई.डी. का उल्‍लेख किया गया है, जिसकी सूची  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट- अ  अनुसार है। जिला प्रशासन द्वारा सीएसएमएस एवं ई-उपार्जन पोर्टल की समस्‍त आई.डी. बंद की गई है, जिसकी सूची  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट- ब अनुसार है। जयतमाल बाबा स्‍व-सहायता समूह, कारीगोही द्वारा संचालित उपार्जन केन्‍द्र को गेहूं उपार्जन हेतु प्रदाय, उपयोग एवं शेष बारदानों का सत्‍यापन में कमी पाई गई, जिसका मूल्‍य रू. 8 लाख है। जयतमाल बाबा        स्‍व-सहायता समूह, कारीगोही के कम्‍प्‍यूटर आपरेटर द्वारा जांच दल को अपने बयान में फर्जी घोटाले के मास्‍टर माइंड का नाम नहीं बताया गया है। प्रकरण में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई जा चुकी है। टी.सी. मध्‍यप्रदेश स्‍टेट सिविल सप्‍लाईज कॉर्पोरेशन के अधिकारियों द्वारा जारी न करते हुए उपार्जन केन्‍द्र प्रभारी द्वारा जारी की जाती है। (ग) जयतमाल बाबा स्‍व-सहायता समूह, कारीगोही उपार्जन केन्‍द्र से फर्जी परिवहन दर्शाने वाले ट्रक विशाल रोड लाईंस के थे, जिसके मालिक का नाम विशाल जायसवाल है। प्रकरण की जांच हेतु गठित जांच दल के प्रति‍वेदन के आधार पर 9 आरोपियों पर भारतीय दण्‍ड संहिता की धारा-406, 417, 420, 467, 468, 471, 120 बी के तहत एफआईआर दर्ज की गई है, जिसकी प्रति  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट- स अनुसार है।

कार्यों की जानकारी

[वन]

73. ( क्र. 1644 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                            (क) सिवनी जिले में विभाग ने वर्ष 2019-20 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने पौधों का वृक्षारोपण वन भूमि एवं राजस्‍व भूमि में किया गया तथा कितने संबंधित विभाग को हैण्‍डओवर किये गये, इसकी सूची उपलब्‍ध करावें? कितने पौधे जीवित है, कितने मृत हो गये है? (ख) वृक्षारोपण किये गये कार्यों की मूल्‍यांकन रिपोर्ट वर्ष 2019-20 से प्रश्‍न दिनांक तक तथा वन क्षेत्र में ग्राम पंचायत एवं आरईएस विभाग द्वारा कराये गये कार्यों तथा वर्तमान में चल रहे कार्यों की कार्यवार जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ग) प्रश्‍नांश (क) अवधि में वन क्षेत्र की कितनी भूमि पर अतिक्रमण था? कितना अतिक्रमण हटाया गया और वर्तमान में कितना अतिक्रमण हटाना शेष है, बीट रेंजरवार जानकारी दी जावें। (घ) ग्रामीणों द्वारा किये गये अवैध अतिक्रमण की जीपीएस रीडिंग सहित अतिक्रमण की सूची उपलब्‍ध करायें तथा वन क्षेत्र में वन भूमि पर आदिवासियों एवं कब्‍जाधारियों को कितने पट्टे दिये गये और वर्तमान में कितने पट्टे दिये जाने की कार्यवाही प्रचलित है, तो इसका विवरण दिया जावें।

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) सिवनी जिले में विभाग द्वारा वर्ष 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक वन भूमि एवं राजस्‍व भूमि में किये गये वृक्षारोपण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। सिवनी जिले में विभाग द्वारा राजस्‍व भूमि में किये गये वृक्षारोपण योजना अनुसार कार्य पूर्ण होने के उपरांत ग्राम पंचायत को सौंपना संभव होगा। (ख) सिवनी जिले में विभाग द्वारा वर्ष 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक किये गये वृक्षारोपण कार्यों की मूल्‍यांकन रिपोर्ट पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। वर्ष 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक सिवनी जिले के अंतर्गत वन क्षेत्र में ग्राम पंचायत एवं आरईएस विभाग द्वारा कराये गये कार्यों तथा वर्तमान में चल रहे कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। वर्ष 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक उत्‍तर सिवनी एवं दक्षिण सिवनी वनमंडल के अंतर्गत पट्टे/वन अधिकार पत्र दिये जाने की कार्यवाही प्रचलित नहीं है। पेंच टाईगर रिजर्व, सिवनी के अंतर्गत 14 व्‍यक्तिगत वन अधिकार पत्र वितरित किये गये हैं।

वन्‍यप्राणि‍यों से होने वाली दुर्घटनाएं एवं नुकसान

[वन]

74. ( क्र. 1645 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) सिवनी जिले के अंतर्गत पिछले 05 वर्षों में हिरण/जंगली सुअर/बाघों द्वारा पेंच नेशनल पार्क से लगे विभिन्‍न क्षेत्रों में होने वाले नुकसान के संबंध में किन-किन जनप्रतिनिधियों के पत्र विभाग/शासन को प्राप्‍त हुये है? सूची उपलब्‍ध करायें। बताएं कि इतने वृहद स्‍तर पर इनसे निजात पाने की मांग करने के बावजूद भी कोई ठोस कदम विभाग/सरकार द्वारा अभी तक क्‍यों नहीं उठाया गया? (ख) क्‍या इनके द्वारा ग्रामीण जनों व किसानों के खेतों में होने वाले जन-धन नुकसान के कारण मुआवजा प्रदान करने या इनसे होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के संबंध में शासन की कोई योजना है? भरपाई हेतु कोई प्रयास या कमेटी का गठन किया गया है? विस्‍तृत जानकारी देवें। (ग) विगत 05 वर्षों में सिवनी जिले में इनके द्वारा नुकसान/दुर्घटनाओं के संबंध में प्रश्‍न दिनांक तक पंजीबद्ध किये गये प्रकरणों, उन पर कार्यवाही एवं दिये गये मुआवजे की स्थिति से अवगत करायें। (घ) क्‍या किसानों को राहत प्रदान करने हेतु अधिक प्रभावित क्षेत्रों को किसानों के खेतों पर मेड/तार फैसिंग/जाली निर्माण आदि का प्रावधान विचारणीय है जिससे किसानों को लाभ प्राप्‍त हो सके या इन्‍हें वन्‍य अभ्‍यारण में भेजने की कोई योजना है? क्‍या समाधान के लिये वन्‍य जीव शोध संस्‍थान से राज्‍य सरकार द्वारा अभी तक कोई पत्राचार किया गया है? यदि हां, तो इसके प्रति देवें।

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) सिवनी जिले के सिवनी वन वृत्‍त के अंतर्गत विगत 05 वर्षों में हिरण/जंगली सुअर/बाघों द्वारा पेंच नेशनल पार्क से लगे विभिन्न क्षेत्रों में होने वाले नुकसान के संबंध में जनप्रतिनिधियों के पत्र प्राप्‍त नहीं हुए हैं। अत: सूची दिये जाने का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है। वन्यप्राणियों द्वारा मानव द्वंद की स्थिति में वन्यप्राणियों को पकड़कर अन्यत्र भेजा जाता है। फसलहानि/जनहानि/जनघायल/पशुहानि होने पर क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान किया जाता है। (ख) वन्यप्राणी द्वारा किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाये जाने पर सहायता राशि का भुगतान यथा संशोधित राजस्‍व पुस्‍तक परिपत्र खण्‍ड छ: क्रमांक-4 के संलग्‍न परिशिष्‍ट-1 के प्रावधानों के तहत किया जाता है। वन्‍यप्राणियों द्वारा जनहानि/जनघायल/पशुहानि/पशुघायल करने पर शासन द्वारा निर्धारित क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान प्रभावित लोगों को किया जाता है। इस हेतु कमेटी का गठन नहीं किया गया है। (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट-01 पर है। (घ) किसानों के खेत की मेढ़ पर फैंसिंग का प्रावधान नहीं है अपितु किसानों को राहत प्रदाय करने हेतु अधिक प्रभावित क्षेत्रों में चैनलिंक फैंसिंग, सोलर पावर फैंसिंग, जी.पी.डब्ल्यू. आदि कार्य पेंच टाइगर रिजर्व, सिवनी के परिक्षेत्र अंतर्गत लगायी गई है, जिसकी जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट-02 में है। वन्यप्राणियों को वन्य अभ्‍यारण में भेजने की कोई योजना नहीं है। फसलहानि के समाधान हेतु भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून से पत्राचार नहीं किया गया है।

परिशिष्ट - "अट्ठाईस"

अनुसूचित जाति कल्याण की योजनाओं की जानकारी

[अनुसूचित जाति कल्याण]

75. ( क्र. 1648 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                         (क) प्रदेश में अनुसूचित जाति कल्याण विभाग में कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही है? योजनाओं का नाम की सूची एवं पात्रता नियम उपलब्ध करायें। उक्त योजनाओं में से ग्वालियर जिले में कौन-कौन सी योजना संचालित है? सूची उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार ग्वालियर जिले की विधानसभा 18-भितरवार में किस-किस योजना में कौन-कौन से हितग्राही मूलक एवं सार्वजनिक कार्य, कितनी-कितनी राशि के, कहां-कहां वर्ष 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक स्वीकृत किये गये है, इन कार्यों की वर्तमान स्थिति क्या है? योजनावार हितग्राहियों एवं कार्योंवार जानकारी विकासखण्डवार उपलब्ध करायें। (ग) क्या विगत पांच वर्षों से ग्वालियर संभाग एवं संभाग के जिलो में नियमित संभागीय उपायुक्त, सहायक उपायुक्त, जिला संयोजकों की पदस्थापना न कर प्रभारी अधिकारियों से कार्य संपादित कराया जा रहा है, यदि हां तो क्यों? क्या इससे विभागीय योजना का कार्य अवरूद्ध नहीं हो रहा है? (घ) प्रश्‍नांश (ग) यदि हां में है तो फिर नियमित विभागीय अधिकारियों की आवश्‍यकता क्यों? क्या विभाग की मंशा नियमित, स्वीकृत पद अनुसार पदस्थापना करने की नहीं? यदि हां तो क्यों? यदि नहीं तो स्वीकृत पद अनुसार पदस्थापना कब तक की जायेगी?

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'''' में उल्‍लेखित योजनायें ग्‍वालियर जिले में भी संचालित है।                    (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। (ग) जी हाँ। पदोन्‍न्‍ति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। जी नहीं। (घ) शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है। समय सीमा बताई जाना संभव नहीं है।

शिकायत की जांच एवं निलंबन अवधि में जीवन निर्वाह भत्ता

[पशुपालन एवं डेयरी]

76. ( क्र. 1650 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या राज्‍य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नाना जी देशमुख, पशु चिकित्सा विज्ञान, विश्‍वविद्यालय, जबलपुर में पदस्थ किसी सहायक प्रध्यापक के विरूद्ध वर्ष 2021-22 एवं वर्ष 2022-23 में कितनी शिकायत प्राप्त हुई थी? शिकायतें किस सहायक प्राध्यापक के विरूद्ध एवं किस-किस माध्यम से प्राप्त हुई थी? (ख) प्रश्‍नांश (क) में प्राप्त शिकायत में कौन-कौन से शिकायती बिन्दु सम्मिलित थे? क्या सभी बिन्दुओं की बिन्दुवार जांच कराई गई थी? यदि हां तो जांच के बिन्दुवार निष्कर्ष क्या थे? क्या जांच में शिकायत सही पायी गई थी, यदि हां तो जांच रिपोर्ट कब प्राप्त हुई? (ग) क्या यह भी सही है कि कार्यालय कुल सचिव, नाना जी देशमुख, पशु चिकित्सा विज्ञान, विश्‍वविद्यालय जबलपुर के आदेश क्रमांक/2285/स्था. 1/2022 दिनांक 17.8.2022 द्वारा सहायक प्राध्यापक, पशु चिकित्सा विज्ञान एवं पशुपालन महाविद्यालय महू को निलंबित किया गया था? यदि हां तो किस प्रकरण में? क्या डॉ. वर्तमान में निलंबित हैं? (घ) डॉ. को निलंबन दिनांक 17.8.2022 से कितना जीवन निर्वाह भत्ता दिया जा रहा है? सितम्बर 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक की वेतन पर्ची उपलब्ध करायें।

राज्‍य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) विश्‍वविद्यालय में पदस्‍थ सह प्राध्‍यापक डॉ. राहुल सेहर के विरूद्ध राज भवन एवं माननीय मंत्री जी पशुपालन एवं डेयरी तथा सीधे एक शिकायत विभाग को प्राप्‍त हुई है। (ख) शिकायती पत्रों में डॉ. राहुल सेहर, सह प्राध्‍यापक के विरूद्ध घरेलू हिंसा, भर्ती प्रक्रिया में आपराधिक प्रकरणों की जानकारी छुपाना, अपनी माता जी की आयु अलग-अलग बताना तथा डॉ. राहुल सेहर, सह प्राध्‍यापक के द्वारा एक पत्‍नी के रहते हुए द्विविवाह करने, संबंधी शिकायती बिन्‍दु सम्मिलित थे। जिसकी सत्‍यता की प्रारंभिक जांच हेतु जांच समिति गठित की गई। डॉ. राहुल सेहर द्वारा एक पत्नि के जीवित रहते हुए द्विविवाह करने संबंधी शिकायती बिन्‍दु की सत्‍यता की जांच हेतु विभागीय जांच संस्थित की गई थी। विभागीय जांच में डॉ. राहुल सेहर, सह प्राध्‍यापक के द्वारा द्विविवाह किया जाना प्रथम दृष्‍टया सत्‍य पाया गया। जांच अधिकारी द्वारा जांच रिपोर्ट कुल सचिव कार्यालय में दिनांक 08.08.2023 को प्रेषित की गई। (ग) जी हाँ। त्रिस्‍तरीय समिति की जांच प्रतिवेदन के आधार पर। जी हाँ।                     (घ) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "उनतीस"

वन मंडल में शासकीय राशि में हेरा-फेरी

[वन]

77. ( क्र. 1655 ) श्री आरिफ मसूद : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या यह सही है कि जिला उमरिया वन मंडल में विगत वर्षों में साढ़े सात करोड़ से अधिक की शासकीय राशि की हेरा-फेरी कर हानि का प्रकरण विभाग अथवा शासन के प्रकाश में आया था? (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में यदि हाँ तो उक्‍त हानि के संबंध में प्रथम दोषी पाए गए प्रबंध संचालकों एवं डीएफओ के खिलाफ अब तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में दोषी पाए डीएफओ के नाम और उनके खिलाफ हुई कार्यवाई का विवरण दें। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या राजस्‍व हानि वसूली डीएफओ से की जाएगी या फिर शासन ने राजस्‍व हानि को अपलेखित की गई है?

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) वनमण्डलाधिकारी एवं पदेन प्रबंध संचालकों के विरूद्ध प्रचलित अनुशासनात्मक कार्यवाही के निष्कर्ष पर गुण दोष के आधार पर कार्यवाही संभव है। प्रकरण में पुलिस थाना उमरिया द्वारा एफ.आई.आर. क्रमांक 0358/2021 दर्ज की गई है।

परिशिष्ट - "तीस"

गैस पीड़‍ितों व उनके आश्रितों के आयुष्‍मान कार्ड

[भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास]

78. ( क्र. 1656 ) श्री आरिफ मसूद : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विभाग द्वारा भोपाल गैस पीड़ितों व उनके आश्रितों के आयुष्मान कार्ड बनाये जा रहे हैं? यदि हाँ तो कार्ड बनाये जाने के बाद उनके इलाज की क्या योजना एवं नीति निर्धारित की गई है? किस प्रकार इलाज सुनिश्चित किया जावेगा? सम्पूर्ण विवरण निर्धारित प्रक्रियाओं/नीतियों सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में आयुष्मान कार्ड बनाये जाने हेतु गैस पीड़ितों व उनके आश्रितों से क्या-क्या दस्तावेज/अभिलेख मांगे जा रहे हैं? पृथक-पृथक जानकारी देवें।                                         (ग) प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में आयुष्मान कार्ड बनाये जाने हेतु किन-किन चिकित्सालयों/कार्यालयों आदि को अधिकृत किया गया है? उनके नामों सहित आयुष्मान कार्ड बनाये जाने का समय एवं दिवस कब-कब तक बनाये जाने हेतु निर्धारित किया गया है? आयुष्मान कार्ड बनाये जाने हेतु संस्थावार प्रतिदिन क्या कोई संख्या निर्धारित की गई है? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न दिनांक तक गैस पीड़ितों व उनके आश्रितों को कितने आयुष्मान कार्ड बनाये गये हैं? पृथक-पृथक जानकारी देते हुये क्या शासन/विभाग गैस पीड़ितों व उनके आश्रितों के आयुष्मान कार्ड बनाये जाने हेतु प्रतिदिन निर्धारित की गई संख्या को समाप्त कर शीघ्र अतिशीघ्र आयुष्मान कार्ड बनाया जाना सुनिश्चित करेगा? यदि नहीं तो क्यों?

जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) विभाग द्वारा गैस पीड़ित और उनके बच्‍चों के आयुष्‍मान कार्ड बनाने का निर्णय लिया गया है। गैस पीड़ित कार्ड धारक को आयुष्‍मान भारत ''निरामयम'' मध्‍यप्रदेश की निर्धारित नीति अनुसार ईलाज दिया जा रहा है। आयुष्‍मान भारत योजना के क्रियान्‍वयन संबंधित निर्देश पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार हैं। (ख) गैस पीड़ित एवं उनके बच्‍चों के आयुष्‍मान कार्ड बनाये जाने हेतु निम्‍नांकित दस्‍तावेज लिये जा रहे हैं :- 1. अंतिम आदेश, 2. प्रोरेटा पेमेंट वाउचर, 3. समग्र आई डी, 4. आधार कार्ड, 5. आधार कार्ड से लिंक मोबाईल नम्‍बर, 6. बीएमएचआरसी कार्ड/कार्ड नम्‍बर। (ग) विभाग के अंतर्गत संचालित 06 चिकित्‍सालयों कमला नेहरू चिकित्‍सालय, जवाहर लाल नेहरू चिकित्‍सालय, इंदिरा गांधी महिला एवं बाल्‍य चिकित्‍सालय, खान शाकिर अली खान चिकित्‍सालय, मास्‍टर लाल सिंह चिकित्‍सालय, पल्‍मोनरी मेडिसीन सेंटर, गैस राहत, भोपाल एवं मॉ कर्मा देवी औषधालय तथा सी.एम.एच.ओ. कार्यालय एवं संचालनालय, गैस राहत एवं पुनर्वास में स्‍थापित आयुष्‍मान केन्‍द्र के अतिरिक्‍त अन्‍य आयुष्‍मान केन्‍द्रो में कार्यालयीन समय में आयुष्‍मान कार्ड बनाये जाते हैं। जी नहीं। (घ) गैस पीड़ित एवं उनके बच्‍चों के 14728 आयुष्‍मान कार्ड बनाये जा चुके हैं। पृथक से कोई संख्‍या निर्धारित नहीं है। केन्‍द्र में जो गैस पीड़ित आते हैं उन सभी के कार्ड बनाये जाते हैं, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

 

 

तेंदूपत्‍ता संग्रहकों को बोनस का प्रदाय

[वन]

79. ( क्र. 1683 ) डॉ. प्रभुराम चौधरी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सांची विधानसभा क्षेत्रांतर्गत विगत दो वर्षों में तेन्‍दूपत्‍ता बोनस कितनी-कितनी राशि, कितने संग्रहाकों को वितरण की गई है? परिक्षेत्रवार जानकारी देवें। (ख) क्‍या सांची विधानसभा अंतर्गत ऐसे कितने तेन्‍दूपत्‍ता संग्रहक है जिन्‍हें विगत दो वर्षों में आज दिनांक तक तेन्‍दूपत्‍ता बोनस की राशि वितरण नहीं की गई है? कारण सहित स्‍पष्‍ट करें। (ग) रायसेन जिला अंतर्गत वन मण्‍डल रायसेन एवं औबेदुल्‍लागंज में विगत तीन वर्षों में कितनी-कितनी राशि तेन्‍दूपत्‍ता बोनस का वितरण किया गया परिक्षेत्रवार जानकारी उपलब्‍ध करायें?

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-'एक' अनुसार है। (ख) सांची विधान सभा अंतर्गत जिला यूनियन रायसेन में तेन्दूपत्ता का विक्रय मूल्य लागत मूल्य से कम होने के कारण समनापुरकलां समिति के 515 संग्राहकों को संग्रहण वर्ष 2021 के तेन्दूपत्ता बोनस की राशि का वितरण नहीं हो पाया है। औबेदुल्लागंज जिला यूनियन की चिलवाहा समिति में वर्ष 2022 के तेन्दूपत्ता क्रेता से लॉट की चारों किश्तों की राशि प्राप्त नहीं होने के कारण सांची विधानसभा अंतर्गत आने वाले 1006 तेन्दूपत्ता संग्राहकों को बोनस का वितरण नहीं किया जा सका है।                                  (ग) जिला लघु वनोपज सहकारी यूनियन रायसेन में विगत तीन वर्षों में वितरित की गई बोनस राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट-'दो' पर है। जिला लघु वनोपज सहकारी यूनियन औबेदुल्लागंज में विगत तीन वर्षों में वितरित की गई बोनस राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट-'तीन' पर है।

परिशिष्ट - "इकतीस"

दिव्‍यांगजनों की जानकारी

[सामाजिक न्याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण]

80. ( क्र. 1684 ) डॉ. प्रभुराम चौधरी : क्या सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में दिव्यांगजनों की सुविधा हेतु उपकरण आदि वितरण किये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ तो वित्तीय वर्ष 2018-19 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने दिव्यांगजनों को कितने और कौन-कौन से उपकरण वितरित किये गये? हितग्राही का नाम, पता दिव्यांगता का प्रकार उपकरण का नाम की सूची उपलब्ध करायें। (ख) दिव्यांगजनों के लिये विगत पांच वर्षों में कितनी राशि के कौन-कौन से उपकरण का क्रय किस संस्था द्वारा किये गये उसका नाम एवं संस्था का चयन किस आधार पर किया गया स्पष्ट कीजिये? (ग) वित्तीय वर्ष 2023-24 में सांची विधानसभा अंतर्गत विभाग द्वारा कितने दिव्यांगजनों को उपकरण उपलब्ध कराने की योजना है हितग्राहीवार पता सहित जानकारी दे?

सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जी हां, दिव्‍यांगजनों को वितरित उपकरण एवं हिग्राहियों का नाम, पता, दिव्‍यांगता का प्रकार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''''अनुसार(ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''''अनुसार(ग) वित्‍तीय वर्ष 2023-24 में विधानसभा क्षेत्र सांची अंतर्गत कृत्रिम अंग/सहायक उपकरण वितरण हेतु चिन्‍हाकित दिव्‍यांजनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''''अनुसार

मध्‍य प्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली स्‍कीम के नियमों का उल्‍लं‍घन

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

81. ( क्र. 1686 ) श्रीमती ललिता यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                           (क) क्या मध्य प्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली स्कीम के नियम के तहत शासकीय उचित मूल्य की दुकानों में गड़बड़ी पाए जाने पर जांच अधिकारी द्वारा भौतिक सत्यापन, जप्ती, सुपुर्दी पत्रक में उपस्थित संचालक कर्मचारी के हस्ताक्षर एवं पंचनामा में उपस्थित संचालक कर्मचारी एवं अन्य उपस्थित गणों के हस्ताक्षर कराये जाते हैं? यदि नहीं तो क्यों? (ख) यदि हाँ तो क्या न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी छतरपुर जिला छतरपुर में प्रकरण क्रमांक 2530/ब-121/2022-23 में जांच अधिकारी द्वारा भौतिक सत्यापन, जप्ती, सपूर्दी एवं पंचनामा पत्रक में मौके पर उपस्थित संचालक कर्मचारियों की हस्ताक्षर कराए थे यदि नहीं तो क्यों कारण स्पष्ट करें? (ग) क्या उक्त प्रकरण के संबंध में कार्यालय कलेक्ट्रेट जिला छतरपुर एकल खिड़की में क्रमांक 4694 दिनांक 27/10/2023 एवं खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण संचनालय भोपाल दिनांक 15/02/2024 को शिकायत दर्ज कराई थी? (घ) यदि हाँ तो क्या उक्त शिकायत पर सक्षम अधिकारी द्वारा कार्रवाई की थी? यदि हाँ तो कार्रवाई से संबंधित संपूर्ण दस्तावेजों की प्रति उपलब्ध कराई जाए। यदि नहीं तो क्यों कारण स्पष्ट करें? क्या उक्त शिकायत में उल्लेखित समस्त बिंदुओं पर शासन या सक्षम अधिकारी के द्वारा जांच दल गठित कर कार्रवाई करने के आदेश जारी करेगा? यदि हाँ तो समय सीमा बताएं। यदि नहीं तो क्यों?

खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) अनुविभागीय अधिकारी छतरपुर के प्रकरण क्रमांक 2530/ब-121/2022-23 में संलग्‍न दस्‍तावेज अनुसार शासकीय उचित मूल्‍य दुकान की संयुक्‍त जांच के दौरान जप्‍ती एवं सुपुर्दगी की कोई कार्यवाही नहीं हुई है। प्रकरण में संलग्‍न पंचनामा में तहसीलदार, कनिष्‍ठ आपूर्ति अधिकारी, सरपंच ब्रजपुरा एवं अन्‍य गवाहों के हस्‍ताक्षर अंकित है। संचालक कर्मचारी के हस्‍ताक्षर नहीं है। जांच प्रतिवेदन प्रस्‍तुतकर्ता अधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया है कि दुकान की जांच दिनांक 22.01.2023 को दुकान संचालक प्रबंधक एवं उपभोक्‍ताओं के मध्‍य वितरण को लेकर विवाद होने के कारण दुकान संचालक प्रबंधक के मौके से भाग जाने के कारण पंचनामा पर हस्‍ताक्षर नहीं कराये जा सके। (ग) जी हाँ। (घ) जी नहीं, अभी शिकायत में उल्‍लेखित बिंदुओं की जांच प्रचलन में है। जांच के निष्‍कर्ष प्राप्‍त होने पर तदनुसार योग्‍य कार्यवाही की जायेगी, निश्चित समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है।

सार्वजनिक वितरण प्रणाली में नियमों का उल्‍लघंन होना

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

82. ( क्र. 1687 ) श्रीमती ललिता यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                      (क) क्या मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली स्कीम के तहत संचालित शासकीय उचित मूल्य दुकान की राशन कार्डों की संख्या कम से कम 200 एवं अधिकतम 800 होनी चाहिए? यदि हाँ तो क्या दुकान कोड 2301081 को दिनांक 12/10/2023 को निरस्त (विलोपित) कर दिया गया था? यदि हाँ तो क्या उक्त अधिकारी को दुकान विलोपित करने के अधिकार है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के प्रकाश में यदि हाँ तो नियम की प्रति उपलब्ध कराई जाए। क्या उक्त अधिकारी द्वारा जिला छतरपुर की नगर पालिका क्षेत्रांतर्गत छत्तरपुर की दुकान कोड द्वारा 200 से कम एवं 800 से अधिक समस्त राशन कार्डों की संख्या का संचालन करने वाली उक्त नियमों को पालन किया गया यदि नहीं तो क्यों कारण स्पष्ट करें? (ग) क्या दुकान कोड 2301081 की संचालित संस्था द्वारा कालाबाजारी किए जाने के कारण वसूली किए जाने के आदेश किए गए थे यदि हाँ तो क्या सक्षम अधिकारी द्वारा वसूली की गई यदि नहीं तो क्यों कारण स्पष्ट करें? (घ) उक्त संस्था द्वारा कालाबाजारी किए जाने की पुष्टि होने के उपरांत संस्था से दुकान को निलंबित क्यों नहीं किया गया है कारण स्पष्ट करे?

खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं, वर्तमान में प्रभावशील म.प्र. सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 के प्रावधान के तहत् नगरीय निकायों में अधिकतम दुकानों की संख्‍या ज्ञात करने के लिए 800 से भाग दिया जाता है। प्रश्‍नांकित दुकान के संचालन में अनियमितता पायी जाने के कारण निर्मित प्रकरण में दुकान आवंटन अधिकारी द्वारा दिनांक 12.10.2023 को दुकान का प्राधिकार पत्र निरस्‍त किया गया। जी हाँ, उक्‍त आदेश की कंडिका 16 (1) में दुकान आवंटन अधिकारी को प्राधिकार पत्र निलंबित या निरस्‍त करने का अधिकार है।                            (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होता। (ग) जी हाँ। वसूली की कार्यवाही नियमानुसार प्रचलन में है। (घ) प्रकरण के अंतिम आदेश में दिनांक 12.10.2023 से दुकान का प्राधिकार पत्र निरस्‍त किया गया है।

विभाग की योजनाएं

[सामाजिक न्याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण]

83. ( क्र. 1691 ) श्री राजेन्‍द्र भारती : क्या सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा जनकल्याण हेतु कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जाती है? कृपया जानकारी दें। क्या विभाग द्वारा मुख्यमंत्री कन्यादान योजना एवं दिव्यांगजनों को उपकरण आदि प्रदान किये जाते है? कृपया जानकारी दें। (ख) क्या मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में वर्ष 2022-2023, 2023-2024 एवं 2024-2025 में प्रश्‍न दिनांक तक कितने विवाह संपन्न किये गये है? कृपया वर्षवार जिलावार जानकारी दें। (ग) दिव्यांगजनों को वर्ष 2023-2024 एवं 2024-2025 में प्रश्‍न दिनांक तक कितने-कितने उपकरण दिये गये? कृपया दतिया जिले के हितग्राहियों के नाम/पता की जानकारी दें। (घ) विभाग की योजनाओं के अंतर्गत कौन-कौन सी पेंशन योजना संचालित है तथा इनके कौन-कौन नियम है? कृपया जानकारी देते हुये बतायें कि वर्ष 2022-2023, 2023-2024 एवं 2024-2025 में कितने पेंशनधारियों को राशि दी जा रही है तथा कितने प्रकरण वर्तमान में विचाराधीन/लंबित है। कृपया जिलावार, वर्षवार जानकारी दें।

सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अ अनुसार है। जी हाँ, मुख्‍यमंत्री कन्‍या विवाह योजनांतर्गत, कन्‍या को रूपये 49 हजार का चेक एवं रूपये 6 हजार प्रति कन्‍या, आयोजन हेतु आयोजनकर्ता को राशि दी जाती है साथ ही भारत सरकार की एडिप योजनांतर्गत समय-समय पर परीक्षण शिविर लगाए जाकर पात्र हितग्राहियों को कृत्रिम अंग/सहायक उपकरण प्रदाय किए जाते हैं। (ख) वर्ष 2022-23, 2023-24 में मुख्‍यमंत्री कन्‍या विवाह योजना अंतर्गत सम्‍पन्‍न विवाहों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-ब अनुसार है एवं वर्ष 2024 में लोकसभा निर्वाचन के कारण आदर्श आचरण संहिता प्रभावशील होने के फलस्‍वरूप वर्ष 2024-25 में अभी तक योजनांतर्गत कोई विवाह सम्‍पन्‍न नहीं हुए हैं। (ग) जिला दतिया में हितग्राहियों के नाम, पता की जानकारी, वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में दिव्‍यांगजनों को प्रदाय सहायक उपकरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-''स-1'' एवं ''स-2''अनुसार है। (घ) विभाग द्वारा संचालित पेशन योजनाएं तथा नियम पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'''' अनुसार है। वर्ष 2022-23, 2023-24 एवं 2024-25 में पेंशन योजनाओं में लाभांवित हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-''द-1'' एवं लंबित आवेदनों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-''द-2'' अनुसार है।

वन विभाग की योजनाओं का संचालन

[वन]

84. ( क्र. 1692 ) श्री राजेन्‍द्र भारती : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. में पेड़ों की कटाई से हाईवे रोड बनने के कारण भीषण गर्मी में पेड़ कटने से पर्यावण असंतुलन हो गया? यदि हाँ तो इस संबंध में शासन की क्या-क्‍या योजनाएं है? (ख) क्या वन विभाग द्वारा आम जनता एवं कृषकों को फलदार, छायादार, पेड़ मुफ्त देने की योजना है? यदि हाँ तो योजना का नाम बतायें कि उक्त योजना का लाभ जनता को कब से दिया जायेगा? (ग) वर्ष 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक दतिया में वन विभाग द्वारा पेड़ लगाये गये है तथा कितने पेड़ जिन्दा है तथा कितने पेड़ सूख गये है? सूख गये पेड़ों के लिये कौन-कौन कर्मचारी जिम्मेदार है? क्या इनके खिलाफ कार्यवाही होगी? कृपया लगाये गये एवं सूख गये पेड़ों की संख्या बतायें। (घ) दतिया जिले में वन समितियों को कितना बजट दिया गया? क्या दिये गये बजट राशि का भौतिक सत्यापन किया गया है? यदि हाँ तो कृपया जानकारी दें। दतिया जिले में क्या-क्या योजनाए संचालित है? कृपया जानकारी देते हुए वर्ष 2019 से 2024 प्रश्‍न दिनांक तक किये गये योजनाओं पर खर्च पर मदवार भौतिक सत्यापन के प्रमाण के साथ जानकारी प्रदाय करें।

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) पर्यावरण असंतुलन के संबंध में कोई प्रमाण उपलब्‍ध नहीं है। पर्यावरण संरक्षण के लिए वन विभाग द्वारा रोपण कार्य किया जाता है। (ख) वन विभाग में मुफ्त पौधे देने की कोई योजना नहीं है। प्रदेश में स्‍थापित सामाजिक वानिकी रोपणियों से निर्धारित शासकीय दर पर पौधे प्राप्‍त किये जा सकते हैं। (ग) वनमंडल दतिया के अंतर्गत वर्ष 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक 6,24,930 पौधे रोपित किये गये हैं, जिनमें से 5,36,217 पौधे जीवित हैं। शेष 88,713 पौधे भीषण गर्मी एवं प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण सूख गये हैं। शासन निर्देशानुसार वृक्षारोपण क्षेत्र में 75% पौधे जीवित होने से कोई भी अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं हैं। अत: कार्यवाही का प्रश्‍न निहित नहीं है। (घ) वनमंडल दतिया में संचालित ग्राम वन समितियों को आवंटित वन क्षेत्र में सुरक्षा कार्य की राशि, समितियों द्वारा सुरक्षा कार्य करने के एवज में प्रदाय की जाती है। वर्ष 2019 से वर्ष 2024 प्रश्‍न दिनांक तक वन अधिकारियों के भौतिक सत्‍यापन उपरांत राशि रूपये 2,30,68,800 ग्राम वन समितियों के खाते में जमा किये गये हैं। वर्ष 2019 से 2024 प्रश्‍न दिनांक तक योजनाएं एवं मदवार खर्च की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है।

नल जल योजना की अद्यतन स्थिति

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

85. ( क्र. 1719 ) श्री राजेश कुमार शुक्‍ला : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बिजावर विधानसभा के सभी गांव, पुरवा, मजरा, टोला आदि में प्रत्येक घर में नल से जल पहुंचाने हेतु कौन सी योजना है? योजना की विस्तृत जानकारी प्रदाय करें। योजना की प्रगति क्या है? पूर्ण होने की तिथि क्या है? (ख) इस योजना में विधानसभा बिजावर के कौन-कौन से गांव, मजरा, टोला आदि सम्मिलित है? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के अनुक्रम में कौन से गांव, मजरा, पुरवा, टोला आदि इस योजना में सम्मिलित नहीं है? इन स्थानों के घरों में नल जल पहुंचाने के लिए क्या योजना है? (घ) योजना अंतर्गत क्या-क्या कार्य होंगे? योजना के प्रत्येक घटक का बजट क्या है? योजना पूर्ण होने के बाद रख-रखाव आदि कैसे होगा? (ड.) योजना प्रारंभ होने से पूर्ण होने तक इसके क्रियान्वयन, निर्माण, निरीक्षण, गुणवत्ता जांच आदि की रूपरेखा क्या है? (च) सम्पूर्ण कार्य को करने हेतु किसे क्या जिम्मेदारी दी गई? इसका निर्वाहन करने किसे कैसे चुना गया?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जल जीवन मिशन के अंतर्गत मिशन की गाइड लाइन अनुसार ग्रामीण क्षेत्र में निवासरत परिवारों को घरों में नल से जल प्रदाय की योजना है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) जल जीवन मिशन अंतर्गत योजनाओं की स्वीकृति के लिए राजस्व ग्राम को इकाई माना गया है, तदानुसार जल जीवन मिशन की गाइड लाइन के प्रावधान अनुसार ग्राम की नलजल योजना में मजरा, टोला, पुरवा शामिल किये जाते हैं। (ग) जल जीवन मिशन की गाइडलाइन के अनुसार ग्राम, मजरा, पुरवा टोला सम्मिलित हैं, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) एकल ग्राम नल जल योजनान्तर्गत स्त्रोत, विद्युत कार्य, पावर पम्प, जल उपचार व्यवस्था, टंकी निर्माण, पाइप लाइन एवं घरेलू नल कनेक्शन कार्य, इत्यादि प्रावधानित किये जाते हैं। नल जल योजना को एक इकाई के रूप में स्वीकृत कर योजना लागत की स्वीकृति दी जाती है। घटकवार स्वीकृति अथवा बजट प्रावधानित नहीं किया जाता है। समूह जल प्रदाय योजना की घटकवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। एकल ग्राम नलजल योजना को पूर्ण किये जाने के उपरांत संबंधित ग्राम पंचायत को हस्तांतरित किया जाता है, जिनके द्वारा स्वयं के संसाधनों से संचानल-संधारण/रख-रखाव किये जाने का प्रावधान है। जल निगम द्वारा क्रियान्वित समूह योजना को पूर्ण होने के उपरांत 10 वर्ष तक संबंधित निर्माण एजेंसी द्वारा रख-रखाव करने का प्रावधान है। (ड.) स्‍वीकृत योजनाओं के क्रियान्‍वयन हेतु निविदा जारी कर निर्माण एजेंसी का चयन किया जाता है। चयनित निर्माण एजेंसी से अनुबंध कर कार्य कराए जाते हैं। योजना के निरीक्षण एवं गुणवत्ता जांच मैदानी अमले एवं अनुबंधित टी.पी.आई. संस्था द्वारा किया जाना प्रावधानित है। (च) योजना से संबंधित निर्माण कार्य करने की जिम्मेदारी संबंधित निर्माण एजेंसी की है। निर्माण एजेंसियों को खुली निविदा के माध्यम से प्रचलित प्रक्रिया अनुसार चुना गया है।

 

आदिवासी बाहुल्य गांव में पहुँच मार्ग एवं पेयजल व्यवस्था

[जनजातीय कार्य]

86. ( क्र. 1720 ) श्री राजेश कुमार शुक्‍ला : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिवासी बाहुल्य बस्तियों के अधोसंरचना विकास एवं आदिवासियों के रोजगार से संबंधित कौन-कौन सी योजना वर्तमान में लागू हैं, उस योजना के तहत कार्यों के चयन एवं राशि आवंटन की क्या प्रक्रिया है? (ख) बिजावर विधानसभा क्षेत्र में आदिवासी बाहुल्य कौन-कौन से ग्राम एवं पुरवा है तथा इन ग्राम एवं पुरवा में गत दस वर्षों में किस-किस कार्य पर कितनी-कितनी राशि खर्च की गई तथा कितनी राशि के कौन-कौन से कार्य लंबित है? विस्तृत जानकारी प्रदाय करें।                           (ग) बिजावर विधानसभा अंतर्गत कौन-कौन से आदिवासी बाहुल्य ग्राम एवं पुरवा आदि में आवागमन के लिए सड़क एवं पेयजल की समस्या है तथा किस ग्राम में नलकूप खनन में पानी नहीं निकला? (घ) बिजावर विधानसभा अंतर्गत आदिवासी बाहुल्य ग्राम एवं पुरवा आदि में मार्ग निर्माण एवं पेयजल की व्यवस्था हेतु शासन द्वारा क्‍या कदम उठाए गए है? विस्‍तृत जानकारी दें।

जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) आदिवासी बाहुल्य बस्तियों के अधोसंरचना विकास के लिये मध्‍यप्रदेश अनुसूचित जनजाति बस्‍ती विकास नियम 2018 लागू है, जिसके तहत कार्य के चयन एवं राशि आवंटन की प्रक्रिया विभाग द्वारा की जाती है, रोजगार मूलक योजना विभाग में संचालित नहीं है। (ख) आदिवासी बाहुल्‍य ग्राम एवं पुरवा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है तथा दस वर्षों में कार्यों पर व्‍यय की राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है, कोई भी कार्य लंबित नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) आदिवासी बाहुल्‍य ग्राम एवं पुरवा आदि में आवागमन के लिये सड़क एवं पेयजल की योजना की समस्‍या का सर्वे विभाग द्वारा नहीं किया जाता है। (घ) जनजातीय कार्य विभाग द्वारा अनुसूचित जनजाति बस्‍ती विकास एवं विद्युतीकरण योजना नियम 2018 के अंतर्गत कार्यवाही की जाती है।

जल निगम की योजनाओं का क्रियान्‍वयन

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

87. ( क्र. 1728 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जल जीवन मिशन कार्यक्रम के तहत झाबुआ जिले में वर्ष 2020-21, 2021-22, 2022-23, 2023-24 में कार्ययोजना हेतु लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग एवं जल निगम को प्राप्त कुल बजट की जानकारी, बजट के उपयोग एवं व्यय की संपूर्ण जानकारी दें? (ख) जल जीवन मिशन कार्यक्रम के तहत झाबुआ जिले में वर्ष 2020-21, 2021-22, 2022-23, 2023-24 में पूर्ण की गई योजनाओं एवं अपूर्ण योजनाओं तथा कार्यरत योजनाओं की विस्तृत जानकारी प्रत्येक ब्लॉक एवं ग्राम पंचायत के नाम सहित प्रदान की जाए। (ग) म.प्र. शासन द्वारा निर्धारित मापदंड अनुसार हैण्‍ड पंप योजनाओं से 55 लीटर प्रति व्यक्ति जलप्रदाय तथा नल जल योजना से 70 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन निर्धारित है, विभाग द्वारा झाबुआ जिले की जनसंख्या के अनुरूप प्रति व्यक्ति कितना जल प्रदाय वर्तमान में किया जा रहा है तथा भविष्य की कार्य योजना की जानकारी प्रदान करें। (घ) झाबुआ विधानसभा में वर्ष 2020 से 2024 तक कितने नवीन हैण्‍डपंप का खनन, कौन-कौन से गाँव में किया गया, कुल बजट की जानकारी प्रदान करें। वर्तमान में कुल कार्यरत हैण्‍ड पंप और बंद हैण्‍ड पंप की जानकारी प्रत्येक गांव अनुसार प्रदान करें। (ड.) झाबुआ जिले में अपशिष्ट जल का प्रबंधन हेतु बजट एवं कार्ययोजना की जानकारी दें?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है(ख) एकल ग्राम नलजल योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 एवं समूह जल प्रदाय योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। (ग) मापदण्‍डानुसार हैंडपंप योजनाओं के माध्यम से 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन औसतन जल प्रदाय तथा जल जीवन मिशन अंतर्गत नलजल योजना से घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन औसतन पेयजल की उपलब्धता निर्धारित है। झाबुआ जिले में वर्तमान में उक्त मापदण्‍डानुसार व्यवस्था उपलब्ध कराई गई है, तथापि ग्रीष्मकाल में कुछ भू-जल स्त्रोतों में अस्थायी रूप से जल आवक क्षमता में कमी की स्थिति निर्मित होती है। भविष्य में जल निगम द्वारा क्रियान्वित की जा रही समूह पेयजल प्रदाय योजनाओं के पूर्ण होने के उपरांत इन परियोजनाओं से आच्छादित होने वाले ग्रामों में पेयजल हेतु भू-जल स्त्रोतों पर निर्भरता में कमी लाई जा सकेगी। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-04, 05 एवं 06 अनुसार है। (ड.) वर्तमान में विभाग द्वारा अपशिष्ट जल के प्रबंधन के कार्य नहीं किए जा रहे हैं, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

जल जीवन मिशन के कार्य

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

88. ( क्र. 1735 ) श्री धीरेन्द्र बहादुर सिंह : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बड़वारा विधानसभा के ग्रामों के लिए कोई जल प्रदाय योजना बनाई गयी हैं? योजना से बड़वारा-विधानसभा में ग्रामवार कितनी-कितनी मात्रा में जल की किस प्रकार और कब तक आपूर्ति किए जाने का लक्ष्य हैं? योजना की डी.पी.आर. में कार्यों के प्रावधान से अवगत कराइए और बताइये कार्यों को कब से प्रारम्भ किया जायेंगा? (ख) पवई– 2 समूह जल प्रदाय योजना क्या हैं और योजना से कटनी जिले के किन-किन ग्रामों को कितनी-कितनी मात्रा में जल की किस प्रकार और कब तक आपूर्ति किए जाने का लक्ष्य रखा गया हैं? (ग) जल जीवन मिशन के तहत बड़वारा विधानसभा के किन-किन ग्रामों में विकासखण्‍डवार कितनी-कितनी लागत से क्या-क्या कार्य किया जाना स्वीकृत हैं कार्यों की किन-किन जनप्रतिनिधियों द्वारा कब-कब समीक्षा की गई? क्या निर्देश दिये गये? क्या पालन किया गया? यदि हाँ, तो कैसे? विवरण दीजिये, यदि नहीं तो क्यों? कारण बताईये? (घ) प्रश्‍नांश (ग) कार्यों को कब तक पूर्ण किया जाना निर्धारित हैं और प्रश्‍न दिनांक तक कितना कार्य पूर्ण हुआ? कितना और क्या-क्या कार्य किया जाना क्यों शेष हैं? शेष कार्यों को कब तक पूर्ण किया जायेंगा? कार्यों का निरीक्षण/पर्यवेक्षण एवं भौतिक-सत्यापन किस नाम/पदनाम के तकनीकी अधिकारियों द्वारा कब-कब किया गया और क्या प्रतिवेदन दिये गए? (ङ) प्रश्‍नांश (ग) से (घ) के परिप्रेक्ष्‍य में बताइये, कि किए गए कार्य स्वीकृत प्राक्कलन एवं नियत मानकों/मापदण्डों एवं समयावधि के अनुरूप हैं? यदि हाँ, तो विवरण दीजिये, यदि नहीं तो क्या दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ। विधानसभा क्षेत्र बडवारा में जल जीवन ‍मिशन अंतर्गत 55 लीटर प्रति व्‍यक्ति प्रतिदिन के मान से नल से जल उपलब्‍ध कराने के लिए जल जीवन मिशन की गाइड लाइन के प्रावधानों के अनुसार एवं पर्याप्‍त जल स्‍त्रोत की उपलब्‍धता के आधार पर 255 ग्रामों में एकल ग्राम नल जल योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैजानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। इसके अतिरिक्‍त जल निगम की 02 समूह जल प्रदाय योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं। इन समूह योजनाओं की डी.पी.आर. में इंटेकवेल से घरेलू नल कनेक्शन तक का प्रावधान हैजानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है(ख) पवई-2 समूह जल प्रदाय योजना में पवई बांध से कटनी जिले के 159 ग्रामों को जल प्रदाय किया जाना है। ग्रामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। योजना का कार्य अप्रैल-2025 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। (ग) एकल ग्राम नलजल योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। समूह योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। समूह योजना में कार्य की लागत ग्रामवार नहीं होती है। जिला जल एवं स्वच्छता मिशन की बैठक में अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा कार्यों की समीक्षा किया जाना प्रावधानित है। कटनी जिले की बैठकों में विभाग को गुणवत्तापूर्वक कार्य कराये जाने के निर्देश हुए हैं, विभाग द्वारा तद्नुसार गुणवत्तापूर्वक कार्य कराये जा रहे है, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) एकल योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है, दोनों समूह जल प्रदाय योजनाओं से जल प्रदाय प्रारंभ है, संभावित पूर्णता तिथि 30/09/2024 है। कार्यों का निरीक्षण/पर्यवेक्षण मैदानी अधिकारियों द्वारा सतत रूप से किया जाता है, नियमानुसार उपयंत्री द्वारा कार्य के मापांकन उपरांत भौतिक सत्यापन सहायक यंत्री/कार्यपालन यंत्री द्वारा माप-पुस्तिका पर दर्ज किया जाता है। (ङ) कार्य स्वीकृत प्राक्कलन एवं नियत मानकों, मापदण्डों इत्यादि के अनुरूप है। कुछ कार्यों में विलम्ब की स्थिति है, मैदानी अधिकारियों एवं ठेकेदारों द्वारा शीघ्र कार्य पूर्ण कराये जाने का प्रयास किया जा रहा है, समयवृद्धि के प्रकरणों में अनुबंध के प्रावधान अनुसार गुण दोष पर कार्यवाही की जाएगी। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

पेयजल की आपूर्ति एवं जल संरक्षण के कार्य

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

89. ( क्र. 1736 ) श्री धीरेन्द्र बहादुर सिंह : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) ग्रामों में पेयजल की आपूर्ति/उपलब्धता के शासन/विभाग के क्या निर्देश और क्या योजना वर्तमान में प्रचलित हैं? बड़वारा विधानसभा में ग्रामवार पेयजल की उपलब्धता/आपूर्ति के वर्तमान में क्या-क्या व्यवस्था/संसाधन हैं और किन-किन ग्रामों में निर्धारित मानक के अनुरूप पेयजल की उपलब्धता हैं, किन-किन ग्रामों में नहीं? (ख) प्रश्‍नांश (क) वर्ष 2020 से ग्रामवार पेयजल आपूर्ति/उपलब्धता हेतु किस-किस योजना के तहत कितनी-कितनी लागत के क्या-क्या कार्य कब-कब किए गये? क्या सभी कार्य पूर्ण हो गये? हाँ, तो कौन-कौन से? नहीं तो क्यों? शेष रहे कार्यों को किस प्रकार और कब तक पूर्ण किया जायेंगा? (ग) क्या बड़वारा विधानसभा के ग्रामों में पेयजल की सुचारु एवं नियत मानक के अनुरूप उपलब्धता की विभाग की कोई कार्ययोजना हैं, हाँ, तो क्या? नहीं तो क्यों? (घ) जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत क्या-क्या कार्य किस प्रकार किए जाने के शासनादेश/निर्देश हैं? अभियान में कटनी जिले में क्या-क्या कार्य किस प्रकार किए जाने की कार्ययोजना हैं? किस सक्षम स्वीकृति से क्या-क्या कार्य किस-किस स्थान पर प्रश्‍न दिनांक तक किए गये और क्या-क्या कार्य किया जाना शेष हैं? (ङ) जलसंवर्धन/संरक्षण के लिए और क्या-क्या निर्देश/कार्य हैं? कटनी जिले में विगत-03 वर्षों में किए गये कार्यों और परिलक्षित लाभों से अवगत कराइए और बताइये क्या विगत-05 वर्षों में निर्मित सभी शासकीय भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग यूनिट लगाई गयी? यदि हाँ, तो किन-किन भवनों में? यदि नहीं तो किन-किन भवनों में नहीं लगाई गई और क्‍यों?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) वर्तमान में पेयजल हेतु ग्रामों में हैंडपंप योजनाओं एवं नलजल योजनाओं के माध्यम से 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन के मान से पेयजल उपलब्ध कराये जाने का मापदंड प्रचलित है। वर्तमान में जल जीवन मिशन के अंतर्गत स्वीकृत एकल एवं 02 समूह नलजल योजनाओं का क्रियान्वयन प्रचलित है, प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में स्थापित हैंडपंपों एवं संचालित नलजल योजनाओं के माध्यम से पेयजल की व्यवस्था उपलब्ध है, जिन ग्रामों जल जीवन मिशन की नलजल योजनाएं स्वीकृत/प्रगतिरत् हैं, वहाँ कार्य पूर्ण होने पर नल से जल की उपलब्धता कराई जा सकेगी, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) करनपुरा-1 समूह जल प्रदाय योजना लागत रु. 116.38 करोड़ एवं इंदवार-1 समूह जल प्रदाय योजना लागत रु. 232.34 करोड़ से योजना के कार्य किये गये हैं। जी हाँ, इंटेकवेल निर्माण, जल शोधन संयंत्र, उच्च स्तरीय टंकियां एवं पाइप लाइन बिछाने के कार्य। एकल ग्रामों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। इसके अतिरिक्त म.प्र. जल निगम द्वारा प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र के 60 ग्रामों में समूह जल प्रदाय योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। (घ) जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत प्रदेश में जल स्रोतों तथा नदी, तालाबों, कुओं, बावड़ी तथा अन्य जल स्रोतों के संरक्षण एवं पुनर्जीवीकरण इत्यादि कार्य कराये जाने के निर्देश हैं, इस संदर्भ में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा कोई कार्ययोजना बनाया जाना निर्देशित नहीं है, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है (ङ) प्रश्‍नां‍श के संदर्भ में लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी विभाग की जिले में कोई कार्य-योजना प्रावधानित नहीं है, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

वनों में बढ़ रही आग की घटनांए

[वन]

90. ( क्र. 1745 ) डॉ. अभिलाष पाण्डेय : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                     (क) प्रदेश के वनों में गत तीन वित्तीय वर्षों में अग्नि की कितनी घटनाएं हुई है? जिलेवार संख्या बताएं। (ख) प्रदेश के वनों में विशेषत: गर्मियों के मौसम में आग की घटनाओं को रोके जाने हेतु क्या नीति एवं दिशा-निर्देश हैं? यदि कोई नीति है तो विस्तार से बताएं यदि नहीं तो विभाग द्वारा प्रदेश के वनों को आग से सुरक्षित रखने हेतु क्‍या शासन एक प्रभावी नीति तैयार कर उकसा क्रियान्‍वयन कब तक सुनिश्चित करवाएंगे?

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।                            (ख) प्रदेश के वनों में विशेषतः गर्मियों के मौसम में आग की घटनाओं को रोके जाने हेतु प्रत्येक वनमंडल की कार्य आयोजना जो भारत सरकार से स्वीकृत होती है में वन अग्नि घटनाओं की रोकथाम व नियंत्रण हेतु विस्तृत निर्देश रहते है। इसके अन्तर्गत अग्नि सीजन प्रारंभ होने से पूर्व वनक्षेत्रों में फायर लाईन कटाई-जलाई कार्य सम्पन्न किया जाता है, ताकि अग्नि घटनाओं पर निगरानी एवं नियंत्रण रखा जा सके व त्वरित कार्यवाही की जा सके। अग्नि घटना की सूचना हेतु त्वरित सूचना तंत्र फॉरेस्ट फायर अलर्ट सिस्टम (फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा विकसित) का किया जा रहा है। तकनीकी सूचना तंत्र के माध्यम से वनक्षेत्रों में अग्नि घटना की निगरानी की जाती है तथा तत्काल संबंधित परिक्षेत्र सहायक, बीटगार्ड को सूचित किया जाता है। अग्निरोधी उपकरण एवं आवश्यक सामग्री अग्नि घटना पर प्रभावी नियंत्रण हेतु क्षेत्रीय अमले को उपलब्ध कराये गये है। वनमंडल स्तर पर अग्नि सीजन में फायर कन्ट्रोल रूम की स्थापना की जाती है, जिसके द्वारा फॉरेस्ट फायर अलर्ट सिस्टम से प्राप्त मैसेज, टॉल फ्री नम्बर पर प्राप्त सूचना अथवा अन्य किसी माध्यम से प्राप्त सूचना तत्काल संबंधित परिक्षेत्राधिकारी को दी जाती है। अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

जल जीवन मिशन का क्रियान्‍वयन

[वन]

91. ( क्र. 1746 ) डॉ. अभिलाष पाण्डेय : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                    (क) प्रदेश के जंगलों एवं वनभूमि में जो वनवासी/आदिवासी निवासरत है उनके पेयजल हेतु जल जीवन मिशन अंतर्गत योजना के क्रियान्‍वयन में विभाग द्वारा अपनी सहमति/स्वीकृति अति शीघ्र क्यों नहीं दी जा रही है? (ख) जिला गुना अंतर्गत वम्होरी क्षेत्र में निवासरत वनवासी/आदिवासियों के कल्याण हेतु जल जीवन मिशन योजना के तहत लगाए जा रहे नल कनेक्शन हेतु विभाग कब तक अपनी सहमति करेगा?

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) यह कहना सही नहीं है कि प्रदेश के जंगलों में निवासरत वनवासी/आदिवासी के पेयजल हेतु जल जीवन मिशन योजना के क्रियान्वयन में स्वीकृति नहीं दी जा रही है। निर्माण एजेंसी से आवेदन प्राप्त होने पर भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार नियमानुसार स्वीकृति दी जा रही है। (ख) जिला गुना के अन्तर्गत वम्होरी में निवासरत वनवासी/आदिवासियों के कल्याण हेतु जल जीवन मिशन योजना के तहत वनक्षेत्र में महाप्रबंधक, मध्यप्रदेश जल निगम मर्यादित, परियोजना क्रियान्वयन इकाई, गुना को अनुमति/सहमति दी गई है। नल कनेक्शन दिए जाने का अधिकार संबंधित निर्माण एजेंसी को है।

विशेष केन्‍द्रीय सहायता राशि

[जनजातीय कार्य]

92. ( क्र. 1748 ) श्री संजय उइके : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि केन्द्र सरकार द्वारा अनु. 275 (1) एवं विशेष केन्द्रीय सहायता की राशि विभाग को प्राप्त होती है? (ख) यदि हाँ तो वित्तीय वर्ष 2003-2004 से वित्तीय वर्ष 2013-2014 तक कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई?

जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार

परिशिष्ट - "बत्तीस"

बांस का विदोहन एवं पौधारोपण

[वन]

93. ( क्र. 1749 ) श्री संजय उइके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले में बांस का विदोहन एवं पौधारोपण का कार्य प्रतिवर्ष किया जाता है? (ख) यदि हाँ तो वित्तीय वर्ष 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक वर्षवार किस-किस प्रजाति के कितने-कितने बांसों का किस-किस वन परिक्षेत्र के किस-किस कूप से विदोहन किया गया? प्रत्येक कूप का क्षेत्रफल कितना-कितना है? जानकारी देवें। (ग) बांस के पौधो का रोपण कार्य वित्तीय वर्ष 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक किस-किस वन परिक्षेत्र के किस-किस कूप में कितने-कितने पौधों का कितने-कितने क्षेत्रफल में रोपण किया गया? किये गये पौधारोपण के कितने-कितने पौधे किस-किस कूप में कितने-कितने जीवित रहे?

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) बांस के पौधों का रोपण वन कक्षों में किया जाता है। प्रश्‍नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 में है।

मानचित्रकारों का वेतनमान

[वन]

94. ( क्र. 1751 ) श्रीमती अनुभा मुंजारे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                             (क) वन विभाग में वर्ष 2016 के पूर्व एवं वर्ष 2016 से कार्यरत मानचित्रकार के प्रारंभिक वेतनमान क्या हैं? (ख) यदि वन विभाग में कार्यरत वर्ष 2016 के पूर्व एवं वर्ष 2016 से कार्यरत मानचित्रकार के प्रारंभिक वेतनमान में भिन्नता है तो इसका कारण क्या है? क्या इनके कार्यों एवं योग्यता में भिन्नता है? (ग) यदि मानचित्रकार के प्रारंभिक वेतनमान में परिवर्तन ब्रम्हस्वरूप समिति की अनुशंसा के आधार पर किया है तो भर्ती सहायक मानचित्रकार के पद पर क्यों नहीं की गई?                           (घ) वर्ष 2016 से भर्ती मानचित्रकारों को प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ समयमान/वेतनमान कब और क्या रहेगा?

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) वर्ष 2016 के पूर्व कार्यरत मानचित्रकारों का वेतनमान-9300-34800+3200 ग्रेड पे एवं वर्ष 2016 से कार्यरत मानचित्रकारों का वेतनमान 5200-20200+2400 ग्रेड पे है। (ख) मध्‍यप्रदेश शासन सामान्‍य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक एफ 2-6/1/वेआप्र/96, दिनांक 05.10.2006 से मानचित्रकार का वेतन 5000-8000 से संशोधित कर 4000-6000 किया गया। आदेश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-1 में है। उक्‍त संशोधन के पश्‍चात म.प्र. शासन वन विभाग की अधिसूचना क्रमांक 3-76/2008-दस-1, दिनांक 08 दिसम्‍बर, 2014 से भर्ती नियम जारी किया गया जिसमें छठवें वेतनमान में मानचित्रकारों का वेतनमान 5200-20200+2400 ग्रेड पे संशोधित किया गया जिसके कारण वेतनमान में भिन्‍नता है। कार्यों एवं योग्‍यता में कोई भिन्‍नता नहीं है। आदेश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-2 में है। (ग) म.प्र. तृतीय श्रेणी (लिपिक वर्गीय) वन सेवा नियम 2000 में सहायक मानचित्रकार का पद स्‍वीकृत नहीं है। इसलिए इनकी भर्ती सहायक मानचित्रकार के पद पर नहीं की गई। (घ) वर्ष 2016 में मानचित्रकारों की भर्ती वेतनमान 5200-20200+2400 ग्रेड पे पर नियुक्‍त मानचित्रकारों को समयमान वेतनमान प्रदाय किये जाने के संबंध में शासन द्वारा जारी निर्देश प्रकाश में नहीं आये हैं। म.प्र. शासन वित्‍त विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 11/1/2008/नियम/चार, दिनांक 30.09.2014 एवं परिपत्र क्रमांक एफ 8-1/2023/नियम/चार, दिनांक 14.08.2023 अनुसार वेतन बैड 5200-20200+2400 ग्रेड पे पर नियुक्‍त शासकीय सेवकों को निम्‍नानुसार समयमान वेतनमान स्‍वीकृत किया गया है:-

वर्ष 2016 से नियुक्‍त मानचित्रकार का प्रारंभिक वेतनमान

10 वर्ष की सेवा पूर्ण होने पर (प्रथम समयमान वेतनमान)

20 वर्ष की सेवा पूर्ण होने पर (द्वितीय समयमान वेतनमान)

30 वर्ष की सेवा पूर्ण होने पर (तृतीय समयमान वेतनमान)

35 वर्ष की सेवा पूर्ण होने पर (चतुर्थ समयमान वेतनमान)

5200-20200+2400 ग्रेड पे

5200-20200+2800         ग्रेड पे

9300-34800+3200 ग्रेड पे

9300-34800+4200         ग्रेड पे

15600-39100+5400


संचालित योजनाएं की जानकारी

[सामाजिक न्याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण]

95. ( क्र. 1752 ) श्रीमती अनुभा मुंजारे : क्या सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन/प्रशासन स्तर पर विभाग में विगत 05 वर्षों से कौन-कौन सी योजनाएं/उपयोजनाएं संचालित है? समस्त योजना/उपयोजनाओं का सम्पूर्ण विवरण उपलब्ध करावें। (ख) बालाघाट जिले में विभाग अंतर्गत विगत 5 वर्षों से प्रश्‍न दिनांक तक किस कार्य हेतु अथवा योजना/उपयोजना हेतु कितनी राशि आवंटित हुई? उक्त राशि को किस कार्य हेतु खर्च किया गया एवं किसे भुगतान किया गया? तिथिवार, विकासखण्डवार, वर्षवार कॉलमवार विवरण उपलब्ध करावें। (ग) बालाघाट जिले में विगत तीन वर्षों में कुल कितनी शिकायते विभाग को प्राप्त हुई तथा क्‍या शिकायतों का निराकरण किया गया? शिकायतों एवं निराकरण की जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) क्‍या विगत 03 वर्षों में हितग्राहियों को सामग्री/आर्थिक मदद प्रदाय की गई? यदि हाँ तो हितग्राहीवार सामग्री वितरण का ब्यौरा प्रदाय करें

सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अ अनुसार है(ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-स अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-द अनुसार हैI

जनजातीय कार्य विभाग को प्राप्त राशि व उसका उपयोग

[जनजातीय कार्य]

96. ( क्र. 1756 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनजातीय कार्य विभाग को प्रश्‍न दिनांक से पिछले 5 वित्तीय वर्षों में केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार से कितनी राशि प्राप्त हुई? प्रति वित्तीय वर्षवार जानकारी उपलब्ध करायें।                                   (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार पिछले 5 वित्तीय वर्षों में प्राप्त राशि का उपयोग विभाग द्वारा किन-किन कार्यों के लिये किया गया है? छिन्‍दवाड़ा जिले की प्रत्येक विधानसभा में कौन-कौन से कितनी राशि के कार्य किस-किस वित्तीय वर्ष में स्वीकृत किये गये? क्या समय-सीमा में कार्यों को प्रारम्भ एवं पूर्ण किया गया या किया जा रहा है? कार्यों की वर्तमान भौतिक स्थिति क्या है? पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) जनजातीय कार्य विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजनाओं के अन्तर्गत किन-किन कार्यों की स्वीकृति प्रदान की जाती है? योजनाओं की सम्पूर्ण जानकारी सहित दिशा-निर्देशों, नियमावली की छायाप्रति उपलब्ध करायें।

जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (‍क) जनजातीय कार्य विभाग को प्रश्‍न दिनांक से पिछले 5 वित्‍तीय वर्षों में केन्‍द्र सरकार एवं राज्‍य सरकार से प्राप्‍त राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक एवं '' अनुसार है। (ख) पिछले 5 वित्‍तीय वर्षों में प्राप्‍त राशि का उपयोग विभाग द्वारा विभागीय योजनाओं के संचालन में किया गया है। योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो एवं '' अनुसार है। छिन्‍दवाड़ा जिले में विधान सभावार कराये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-तीन एवं '' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो एवं '' अनुसार है।

अनुसूचित जाति कल्याण समिति की बैठक

[अनुसूचित जाति कल्याण]

97. ( क्र. 1758 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                       (क) क्या विभाग द्वारा छिंदवाड़ा जिले में अनुसूचित जाति कल्याण समिति का गठन किया गया है? अगर हाँ तो वर्तमान समय में अनुसूचित जाति कल्याण समिति में कौन-कौन जनप्रतिनिधि या व्यक्ति पदाधिकारी एवं सदस्य हैं और समिति की बैठक 1 वर्ष में कितने बार आयोजित किया जाना चाहिये? अवगत करायें। (ख) प्रश्‍न दिनांक से पिछलें 5 वर्षों में कितने बार अनुसूचित जाति कल्याण समिति की बैठक का आयोजन किया गया? कार्यवाही विवरण सहित जानकारी देवें और अगर बैठक का आयोजन नहीं किया गया तो इसका क्या कारण है? बैठक आयोजित नहीं किये जाने के लिये कौन-कौन जिम्मेदार है? अवगत करायें। (ग) शासन के नियमानुसार जिले में अनुसूचित जाति कल्याण समिति का गठन किये जाने के क्या दिशा-निर्देश हैं? नियमावली उपलब्ध करायें।

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी नही, शेष प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं                      (ग) प्रश्‍नांश (क) के अनुक्रम में प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है।

 

उद्यानिकी विभाग के माध्‍यम से संचालित योजनाएं

[उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण]

98. ( क्र. 1766 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा प्रदेश में उद्यानिकी विभाग के माध्‍यम से कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जाती है? (ख) राजगढ़ जिले में उक्‍त योजनाओं में से कौन-कौन सी योजनाओं का लाभ शासन द्वारा दिया जाता है? (ग) राजगढ़ जिले में वर्ष 1 अप्रैल, 2022 से आज दिनांक तक किन-किन योजना का लाभ किन-किन हितग्राहियों को दिया गया है? हितग्राही का नाम, पता तथा योजना का नाम सहित बतावें। (घ) राजगढ़ जिले में इस वर्ष में किन-किन योजना का लाभ दिया जाना प्रस्तावित है? किस-किस योजना का कितना-कितना टारगेट प्राप्‍त हुआ है?

सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है।

जल जीवन मिशन अंतर्गत प्रोजेक्‍ट मैनेजर यूनिट की स्‍थापना

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

99. ( क्र. 1779 ) श्री श्रीकान्त चतुर्वेदी : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी विभाग में जल जीवन मिशन अंतर्गत प्रोजेक्‍ट मैनेजर यूनिट स्‍थापित कर क्‍या कार्यरत की गई है? यदि हाँ तो इस यूनिट में कितने कर्मचारी रखे गये है? जिलेवार, चयन/भर्ती प्रक्रिया के विवरण सहित जानकारी निर्धारित प्रारूप पर दी जावें।                              (ख) प्रश्‍नांश (क) से संबंधित कर्मचारियों को कितना मानदेय विभाग द्वारा स्‍वीकृत है? पदवार जानकारी दी जावें। (ग) प्रश्‍नांश (क) के प्रकाश में क्‍या यह सही है कि जिन जिलों में प्रोजेक्‍ट मैनेजर यूनिट कार्यरत है, ऐसे जिले जल निगम अंतर्गत भी है? जल निगम वाले जिलों में प्रोजेक्‍ट मैनेजर यूनिट कार्यरत रखने का क्‍या औचित्‍य है और शासन से प्रतिवर्ष उन पर कितना व्‍यय किया जाता है? वर्षवार जानकारी ऐसे कार्यरत प्रोजेक्‍ट मैनेजर यूनिट के स्‍थापना वर्ष से अब तक दी जावें।

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में प्रोजेक्‍ट मैनेजमेंट यूनिट संस्था द्वारा राज्य स्तर एवं जिला स्तर पर दिनांक 20.06.2024 की स्थिति में 299 मानव संसाधन मुख्यालय एवं अधीनस्‍थ कार्यालयों/जिलों में रखे गए हैं तथा मध्यप्रदेश जल निगम में 15 मानव संसाधन मुख्‍यालय स्‍तर पर रखे गए हैं। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग एवं जल निगम में प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (पीएमयू) संस्था का चयन खुली निविदा (Request for Proposal) प्रक्रिया से मुख्यालय (राज्य स्तर) से ई-टेंडर पोर्टल के माध्यम से निविदा आमंत्रित कर किया गया, विभाग द्वारा भर्ती प्रक्रिया नहीं की गई। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 02 अनुसार है। (ग) जी हाँ। प्रोजेक्‍ट मैनेजमेंट यूनिट का प्रावधान जल जीवन मिशन की मार्गदर्शिका अनुसार किया गया है, प्रमुख अभियंता, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के संगठन एवं मध्यप्रदेश जल निगम मर्यादित, दोनों के द्वारा जल जीवन मिशन की परियोजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है, जिस हेतु संबंधित परियोजनाओं के क्रियान्वयन के संदर्भ में प्रोजेक्‍ट मैनेजमेंट यूनिट की व्यवस्था रखी गई है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के संगठन हेतु कार्यरत प्रोजेक्‍ट मैनेजमेंट यूनिट पर वार्षिक व्यय की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।

परिशिष्ट - "तैंतीस"

शासकीय दिव्‍यांगजन विद्यालय की स्‍थापना

[सामाजिक न्याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण]

100. ( क्र. 1780 ) श्री श्रीकान्त चतुर्वेदी : क्या सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवगठित जि‍ला मैहर में मूक बधिर एवं अन्य रूप में दिव्यांगजनों के शैक्षणिक स्तर को बढ़ाकर उनके जीवन को प्रकाशमय बनाये जाने की दृष्टि से क्या दिव्यांगजन विद्यालय खोले जाने की योजना शासन द्वारा निकट भविष्य में बनायी गयी है? यदि हाँ, तो कब तक मैहर में दिव्यांगजन विद्यालय खोला जावेगा? समयावधि स्पष्ट की जावें।                             (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार यदि नहीं तो क्यों? कारण सहित जानकारी दी जावे साथ ही यह भी स्पष्ट किया जावे, कि शासन द्वारा क्या इस विषय पर गम्भीरता से चिन्तन कर विद्यालय खुलवाये जाने की कार्यवाही की जावेगी?

सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 की धारा 16 एवं 17 समावेशी शिक्षा को सशक्त करता है। तदानुसार जिला मैहर में दिव्यांगजनों हेतु पृथक से विशेष विद्यालय खोला जाना नियमानुसार उचित प्रतीत नहीं होता। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी उत्तरांश (क) अनुसार। उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

नलकूप खनन एवं पेयजल टंकी

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

101. ( क्र. 1785 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी द्वारा कितने स्कूलों और आंगनवाड़ी भवन के परिसरों में नलकूप खनन, पेयजल टंकी और स्टैंड निर्माण का कार्य किया गया है? (ख) क्या स्कूलों और आंगनवाड़ी परिसरों में वर्तमान समय में स्टैंड और पेयजल टंकी सही स्थिति में होकर नियमित पेयजल मिल रहा है? यदि हाँ तो स्कूलों के सहमति‍ पत्र उपलब्ध करवाएं।

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) 348 स्‍कूलों एवं 175 आंगनवाड़ियों के भवनों के परिसरों में पेयजल टंकी एवं स्‍टैंड निर्माण का कार्य किया गया है, जिसमें से 69 स्‍कूलों एवं 50 आंगनवाड़ियों के परिसरों में नलकूप खनन के कार्य भी किए गए हैं। (ख) विभाग द्वारा स्‍वीकृति अनुसार पेयजल प्रदाय के लिए कार्य पूर्ण कर उक्‍त निर्मित की गई पेयजल व्‍यवस्‍था की टेंस्टिंग उपरांत संबंधित स्‍कूल और आंगनवाड़ी संस्‍थाओं को संचालन एवं रख-रखाव हेतु हस्‍तांतरित कर दिया गया है। उक्‍त पेयजल व्‍यवस्‍था का लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी विभाग द्वारा संचालन तथा रख-रखाव किए जाने का प्रावधान नहीं है, अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

पशुपालन विभाग द्वारा संचालित योजनाएं

[पशुपालन एवं डेयरी]

102. ( क्र. 1787 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या राज्‍य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि उज्जैन जिला अंतर्गत पशुपालन विभाग द्वारा शासन की कितनी योजनाएं संचालित की जा रही हैं? विगत 2 वर्षों में इन योजनाओं में कितने हितग्राहियों को लाभ दिया गया है?

राज्‍य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : जिला उज्‍जैन में पशुपालन एवं डेयरी विभाग की वर्तमान में 06 हितग्राही मूलक योजनाएं संचालित है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "चौंतीस"

दर्ज प्रकरणों की जानकारी

[अनुसूचित जाति कल्याण]

103. ( क्र. 1789 ) श्री सतीश मालवीय : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                             (क) उज्जैन जिले में विगत दो वर्षों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अत्याचार निवारण अधिनियम अन्तर्गत कुल कितने प्रकरण विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज किए गए? जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) इनमें से कुल कितने पीड़ितों को आज दिनांक तक राहत राशि का भुगतान नहीं किया गया? इसमे घट्टिया विधानसभा के कितने पीड़ित सम्मिलित हैं? सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें (ग) राहत राशि से वंचित पीड़‍ितों को कब तक भुगतान कर दिया जावेगा?

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट-'''' अनुसार(ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट-'''' अनुसार(ग) भुगतान की कार्यवाही निरंतर प्रक्रियाधीन है।

परिशिष्ट - "पैंतीस"

संचालित छात्रावासों की संख्‍या

[अनुसूचित जाति कल्याण]

104. ( क्र. 1791 ) श्री सतीश मालवीय : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                          (क) उज्जैन जिले की घट्टिया विधानसभा अन्तर्गत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग विभाग द्वारा संचालित छात्रावासों की संख्या उपलब्ध करावें। (ख) उक्त छात्रावास कहां-कहां संचालित हैं? इनमें पदस्थ अधीक्षकों के नाम एवं कब से पदस्थ हैं, की जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) उक्त छात्रावासों में विगत तीन वर्षों में किस-किस संस्था, को कब-कब, कितनी-कितनी राशि, किस-किस कार्य हेतु उपलब्ध कराई गई?

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट-'''' पर है।                              (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट-'''' एवं '''' पर है।

परिशिष्ट - "छत्‍तीस"

मसाला उद्योग अंतर्गत फूड प्रोसेसिंग यूनिट

[उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण]

105. ( क्र. 1797 ) श्री विपीन जैन : क्या सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर विधानसभा क्षेत्र में विभाग की कौन-कौन सी योजनाएं संचालित है? (ख) क्‍या मंदसौर जिला मसाला एवं अन्य औषधीय फसल हेतु अच्छी जलवायु वाला क्षेत्र होकर इन फसलों के लिए अनुकूल है? (ग) यदि हाँ तो बताएं कि मंदसौर में मसाला बोर्ड कार्यालय, क्वालिटी कंट्रोल लैब, टिशुकल्चर प्रयोगशाला की स्थापना संबंधी विभाग द्वारा और जिला प्रशासन द्वारा क्या-क्या कार्यवाहियां अभी तक की गई है? कब तक इनकी स्‍वीकृतियां कर स्थापना कर दी जाएगी? (घ) औद्योगिक निवेश अंतर्गत मंदसौर में मसाला उद्योग अंतर्गत फूड प्रोसेसिंग यूनिट हेतु कितने निवेशकर्ताओं द्वारा रुचि दिखाई गई है? इस संबंध में विभाग और जिला प्रशासन द्वारा क्या-क्या कार्यवाहियां की गई है? अवगत करायें।

सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) :                                                           (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) मन्‍दसौर जिले में मसाला बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय प्रारंभ करने हेतु कलेक्‍टर जिला मन्‍दसौर के अर्द्धशासकीय पत्र क्रमांक 3211 दिनांक 01.12.2020, क्रमांक 791 दिनांक 24.01.2018, क्रमांक 5398 दिनांक 11.06.2018, क्रमांक 3153 दिनांक 26.03.2018 द्वारा सचिव, मसाला बोर्ड, कोचिन, भारत सरकार को लेख किया गया है। क्‍वालिटी कंट्रोल लैब हेतु कार्यालय कलेक्‍टर जिला मंदसौर के अर्द्धशासकीय पत्र दिनांक 11.03.2016 द्वारा चेयरमैन, स्‍पाइस बोर्ड, कोचिन को लेख किया गया। स्‍पाइस बोर्ड, सुगन्‍ध भवन, भारत सरकार, पालारिवट्टम कोचिन द्वारा क्‍वालिटी कंट्रोल लैब में होने वाले आवश्‍यक व्‍यय संबंधी जानकारी से अवगत कराया गया। टिशू कल्‍चर प्रयोगशाला की स्‍थापना संबंधी कोई भी प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं है। उपरोक्‍त की स्‍वीकृतियां कर स्‍थापित करने की समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (घ) PMFME योजनांतर्गत 38 निवेशकर्ता द्वारा रूचि दिखाई है, जिसमें 15 उद्यमियों द्वारा इकाईयां स्‍थापित की गई है।

परिशिष्ट - "सैंतीस"

उद्योगों की स्‍थापना

[उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण]

106. ( क्र. 1799 ) श्री विपीन जैन : क्या सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्र. 1613 दिनांक 14.2.24 के प्रश्‍नांश (क) अंतर्गत कितने किसानों को लहसुन की पैदावार, गुणवत्ता बढ़ाने हेतु वित्तीय सहायता, उपकरण, अनुदान, बीज प्रदान किया गया है? पिछले तीन वित्तीय वर्ष में लाभान्वित किसानों की सूची देवें। (ख) विभाग द्वारा पिछले तीन वित्तीय वर्ष में कब-कब, कितने-कितने कृषकों, युवाओं एवं उद्यमियों को वैज्ञानिक प्रशिक्षण एवं तकनीकियों की जानकारियां शिविर, प्रदर्शनी और मेले लगाकर दी गई है? जानकारी दें। (ग) क्या नवाचार हेतु किसानों, युवाओं एवं उद्यमियों को राज्य एवं देश में भ्रमण कराया जाता है यदि हाँ तो बताएं कि विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने किसानों, युवाओं एवं उद्यमियों को विभाग अंतर्गत राज्य, अन्य राज्यों में नवीन तकनीक, अनुसंधान हेतु कहां-कहां, कब-कब भ्रमण करवाया गया है? (घ) क्या एक जिला एक उत्पाद योजना अंतर्गत प्रदेश के विभिन्न जिलों में औद्योगिक निवेश लाये जाने एवं उद्योगों की स्थापना किए जाने के संबंध में शासन विचार कर रहा है?

सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) प्रश्‍न क्रमांक 1613 दिनांक 14.02.2024 के प्रश्‍नांश (क) अंतर्गत मंदसौर जिले में पिछलें तीन वित्‍तीय वर्षों में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनांतर्गत लहसुन फसल में स्‍थापित संयंत्र के लाभांवित किसानों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वर्षवार हितग्राही संख्‍या निम्‍नानुसार है:-

क्र.

वर्ष

हितग्राही संख्‍या

1

2020-21

220

2

2021-22

214

3

2022-23

580

(ख) पिछले तीन वित्‍तीय वर्ष में कृषकों, युवाओं एवं उद्मियों को वैज्ञानिक दिये गए प्रशिक्षण एवं तकनीकों की जानकारी निम्‍नानुसार है:-

क्र.

वर्ष

हितग्राही संख्‍या

1

2021-22

471

2

2022-23

865

3

2023-24

1102

(ग) जी हाँ। विधानसभा क्षेत्र मंदसौर में किसानों, युवाओं एवं उद्मियों को विभाग अंतर्गत राज्‍य, अन्‍य राज्‍यों में नवीन तकनीक, अनुसंधान हेतु भ्रमण की जानकारी निम्‍नानुसार है:-

क्र.

वर्ष

राज्‍य के अंदर स्‍थान

हितग्राही संख्‍या

राज्‍य के बाहर स्‍थान

हितग्राही संख्‍या

1

2021-22

शाजापुरउज्‍जैन

3

आनंदनवसारीबेजलपुर

02

2

2022-23

रतलामउज्‍जैन

7

प्रतापगढ़, चित्‍तोढ़गढ़, भीलवाड़ा, अजमेर

02

3

2023-24

भोपाल

4

आनंदनवसारीबेजलपुर

05

(घ) जी हाँ।

गौशालाओं की जानकारी

[पशुपालन एवं डेयरी]

107. ( क्र. 1802 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या राज्‍य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन द्वारा सुवासरा विधानसभा में कितनी गौशालाएं संचालित की जा रही है? नगर तथा ग्राम एवं पंचायत के नाम एवं गौ संख्या सहित पृथक-पृथक जानकारी देवें। (ख) निजी तौर पर संचालित गौशालाएं जिन्हें शासन द्वारा अनुदान दिया जाता है ग्राम एवं पंचायत, नगरीय क्षेत्र की गौ संख्या सहित पृथक-पृथक जानकारी देवें। (ग) शासन द्वारा गौवंश विहार के नाम से कितनी गौशाला संचालित की जा रही है या स्वीकृति प्रदान की गई है? जानकारी देवें। (घ) विभाग द्वारा गौवंश विहार योजना को गति कब तक दी जावेगी? जानकारी देवें।

राज्‍य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) सुवासरा विधानसभा में म.प्र. गौसंवर्धन बोर्ड भोपाल में पंजीकृत होकर कुल 14 गौशालाएं ग्राम पंचायतों द्वारा संचालित की जा रही है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट-'''' अनुसार(ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट-'''' अनुसार(ग) गौवंश बिहार के नाम से कोई गौशाला संचालित नहीं है। सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2023-24 में 01 गौवंश वन्‍य विहार, ग्राम पंचायत मोरखेडा में स्‍वीकृति दी गई है। (घ) गौवंश वन्‍य विहार, ग्राम पंचायत मोरखेड़ा हेतु तार फेंसिंग के लिए राशि रू. 19.98 लाख रूपये गौपालन एवं पशुधन संवर्धन समिति मंदसौर को प्रदाय की गई है।

परिशिष्ट - "अड़तीस"

पी.डी.एस. दुकानों की जानकारी

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

108. ( क्र. 1803 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                            (क) मंदसौर जिले में पी.डी.एस. की कितनी दुकानें संचालित की जा रही है? विधानसभावार जानकारी देवें। (ख) मंदसौर जिले में पी.डी.एस. राशन पहुंचाने हेतु किस कम्पनी के ठेकादारों को ठेका देकर अनुबंध किया गया है एवं कितनी दुकानों पर राशन पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है? दुकान का नाम, स्थान एवं किस वाहन से पहुंचाया जा रहा है? वाहन नम्बर सहित विधानसभावार जानकारी देवें। (ग) क्या कोई एक पंचायत का व्यक्ति दूसरी पंचायत या अन्य स्थान से राशन ले सकता है तो जानकारी देवें? (घ) सुवासरा विधानसभा में कितने स्थान पर सेल्स मैन की नियुक्ति नहीं की गई है सोसायटी के नाम सहित जानकारी देवें।

खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांकित जिले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली का राशन पहुंचाने हेतु किसी भी कंपनी को अनुबंधित नहीं किया गया है, राशन पहुंचाने का कार्य मध्‍यप्रदेश शासन की 'मुख्‍यमंत्री युवा अन्‍न योजना' के लाभांवित हितग्राहियों के वाहनों से करवाया जा रहा है। शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अनुसार है। (ग) जी हाँ। वन नेशन वन राशन कार्ड अंतर्गत हितग्राही दूसरी पंचायत से भी सामग्री प्राप्‍त कर सकता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 'अनुसार है।

शासकीय विद्यालयों एवं आंगनवाड़ी केन्द्रों में पानी की टंकियां

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

109. ( क्र. 1805 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शिवपुरी जिला अंतर्गत विगत दो वर्षों में किन-किन शासकीय विद्यालयों एवं आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पानी की टंकियों का निर्माण कराया गया है? यदि हाँ तो कहां-कहां पर कितनी-कितनी लागत से कितनी क्षमता की टंकियों का निर्माण कराया गया? (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित पानी की टंकियों की वर्तमान स्थिति क्या है? क्या‍ टंकियों में क्षमता अनुसार पेयजल भरा जा रहा है क्या उक्त पानी की टंकियॉं गुणवत्ताविहीन बनाई गयी है? जिससे आंगनवाड़ी/स्कूल के बच्चों को पेयजल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है क्या शासन उक्त निर्मित समस्त पानी की टंकियों का भौतिक सत्यापन कराकर इनकी मरम्मत करायेंगा? (ग) शिवपुरी जिले में विगत दो वर्षों में आंगनवाड़ी/स्कूलों में (रैट्रों फिटिंग) पानी की टंकी बनाकर, किन-किन विद्यालयों/आंगनवाड़ी केन्द्रों में टंकी भरने के लिये कितनी मोटरें चालू व बंद है? तो इन्हें कब तक चालू करा दिया जाएंगा?                                     (घ) शिवपुरी जिला अंतर्गत स्कूलों एवं आंगनवाड़ी केन्द्रों में और पेयजल हेतु क्याक्या निर्माण कार्य कहां-कहां पर कितनी-कितनी राशि के कराये गये है? क्या‍-क्या सुविधाऐं दी गयी? संपूर्ण जानकारी दी जाएं (ङ) क्या प्रश्‍नकर्ता द्वारा उक्त संबंध में कार्यपालन यंत्री पीएचई शिवपुरी से पत्र क्रमांक/2024/223 दिनांक 23/04/2024 से जानकारी चाही गई थी उक्त जानकारी प्रश्‍नकर्ता को कब-कब एवं किस पत्र क्रमांक द्वारा उपलब्ध करायी गई? यदि जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गयी तो क्‍यों उक्त जानकारी कब तक उपलब्ध करा दी जाएंगी?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है(ख) शासकीय आंगनवाड़ियों/स्कूलों में जल जीवन मिशन अंतर्गत पेयजल व्यवस्था, पानी की टंकियों आदि का कार्य निर्धारित मापदण्ड एवं गुणवत्ता अनुसार पूर्ण किया जाकर संबंधित आंगनवाड़ी/स्कूल संस्थाओं को संचालन एवं रख-रखाव के लिए विभाग द्वारा हस्तांतरित किया गया है। उक्त पेयजल व्यवस्था का लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा संचालन, रख-रखाव एवं देख-रेख किए जाने का प्रावधान नहीं है। उक्त पेयजल व्यवस्था/टंकियों की मरम्मत आदि का उत्तरदायित्व उपरोक्तानुसार संबंधित आंगनवाड़ी/स्कूल संस्था का है, अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) विवरण उत्तरांश (ख) अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ड.) जी हाँ, कार्यपालन यंत्री, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग खण्ड शिवपुरी के पत्र कमांक 1764 दिनांक 14.06.2024 से माननीय प्रश्‍नकर्ता को जानकारी उपलब्ध कराई गई है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है।

दिव्यांगजनों को पेंशन का भुगतान

[सामाजिक न्याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण]

110. ( क्र. 1810 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में प्रश्‍न दिनांक तक विकासखण्डवार एवं विधानसभावार दिव्यांगजनों का सर्वे कराया गया? यदि हाँ तो जानकारी देवें की किस विकासखण्ड के किन-किन ग्रामों में कितने दिव्यांगजन पाये गये? जानकारी व्यक्तिवार देवें। यह भी बताएं कि इनमें से कितने दिव्यांगजन पेंशन हेतु पात्र पाये गये? पात्र हितग्राहियों को किस-किस दिनांक से पेंशन का भुगतान हो रहा है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में ऐसे पात्र कितने हितग्राही हैं जिन्हें दिव्यांग पेंशन अभी भी भुगतान नहीं हो रही है? जानकारी देवें एवं यह बताएं कि दिव्यांगजनों के पेंशन भुगतान अभी तक नहीं होने के लिए कौन-कौन अधिकारी-कर्मचारी दोषी है? दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी?

सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जी नहीं। दिव्‍यांगजनों के लिये राज्‍य एवं केंद्र सरकार द्वारा पेंशन योजनाएं क्रमश: सामाजिक सुरक्षा पेंशन, मानसिक/बहुविकलांगों को आर्थिक सहायता एवं इंदिरा गांधी राष्‍ट्रीय नि:शक्‍त पेंशन इत्‍यादि का लाभ दिया जाता है जिसके लिये हितग्राही आवेदन करते हैं एवं उनका आधार ई-केवायसी कराया जाकर योजना का लाभ प्रदान किया जाता है। (ख) उत्‍तरांश (क) अनुसार सभी पात्र हितग्राहियों को योजनाओं का लाभ प्रदाय किया जा रहा है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

अनुसूचित जाति के लिए लागू योजनाओं की जानकारी

[अनुसूचित जाति कल्याण]

111. ( क्र. 1816 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                      (क) 1 अप्रैल, 2018 के पश्चात अनुसूचित जाति के लिए लागू योजनाओं की जानकारी देते हुए, योजनाओं पर दी गयी राशि तथा खर्च की गई राशि का विवरण देवें, किन अनुसूचित जाति/व्यक्तियों का कितना उत्थान किस प्रकार से हुआ है बतावें, योजनाओं को लागू करने के आदेशों की प्रतियां देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित अवधि में नीमच जिले में कितनी अनुसूचित जाति के लोगो ने किन-किन योजनाओं के लाभ के लिये, कितने आवेदन किए, कितने आवेदनों पर किस प्रकार का निराकरण किया गया तथा उन्हें लाभ दिया गया, इनमें कितने आवेदन लंबित है? सम्पूर्ण ब्यौरा देवें। (ग) किस प्रकार की घटनाओं के घटित होने पर, किस प्रकार की कितनी राशि की सहायता देने का प्रावधान है, प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित अवधि में कितने व्यक्तियों को नीमच जिले में कितनी राशि की सहायता दी गई है? बतावें।

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) अनुसूचित जाति कल्‍याण विभाग द्वारा अनुसूचित जाति/व्‍यक्तियों के उत्‍थान हेतु संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार एवं राशि व खर्च की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। योजना नियमों की छायाप्रतियां जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' एवं '''' अनुसार है।

जनजातीय वर्ग के लिए लागू योजनाओं की जानकारी

[जनजातीय कार्य]

112. ( क्र. 1817 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 1 अप्रैल 2018 के पश्चात जिला नीमच में जनजातीय वर्ग के लिए संचालित योजनाओं की जानकारी देते हुए, योजनाओं पर आवंटित की गयी राशि तथा खर्च की गई राशि का विवरण देवें, किन जनजातियों/व्यक्तियों का उत्थान हुआ जानकारी दें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित अवधि में जनजातियों के लोगो ने किन-किन योजनाओं के लाभ के लिए, कितने आवेदन, नीमच जिले में किए है, कितने आवेदनों का निराकरण किया गया तथा उन्हें लाभ दिया गया, इनमें कितने आवेदन लंबित है? सम्पूर्ण ब्यौरा देवें। (ग) किस प्रकार की घटनाओं के घटित होने पर, किस प्रकार/कितनी राशि की सहायता देने का प्रावधान है, प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित अवधि में कितने व्यक्तियों को कितनी राशि की सहायता दी गई है? बतावें।

जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'एक' एवं (अ) अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'दो' अनुसार है।

सी.एम. राईज विद्यालयों में परिवहन सुविधा

[जनजातीय कार्य]

113. ( क्र. 1825 ) श्री मधु भाऊ भगत : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनजाति कार्य विभाग द्वारा विभागीय विद्यालयों का सी.एम.राईज विद्यालयों के अंतर्गत चयन किया गया है? यदि हाँ, तो प्रदेश में जनजाति कार्य विभाग द्वारा कितने सी.एम.राईज विद्यालयों का चयन किया गया है? (ख) क्या इन विद्यालयों में 15 कि.मी. के दायरे में आने वाले विद्यार्थियों को परिवहन सुविधा दिया जाना है? यदि हाँ, तो प्रदेश में किन-किन सी.एम. राईज विद्यालयों में परिवहन सुविधा उपलब्ध कराई गई है? यदि नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में जिन सी.एम. राईज विद्यालयों में परिवहन सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई है? उन संस्थाओं में कब तक उपलब्ध करा दी जायेगी?

जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ, प्रदेश में जनजाति कार्य विभाग द्वारा 94 सी.एम. राईज विद्यालयों का चयन किया गया है। (ख) एक कि.मी. से अधिक दूरी से आने वाले प्राथमिक कक्षाओं के तथा कक्षा 6 से 12 कक्षाओं में अधिक दूरी से आने वाले विद्यार्थियों के लिए परिवहन सुविधा उपलब्‍ध कराने की योजना है। सी.एम. राईज विद्यालयों में परिवहन सुविधा उपलब्‍ध कराया जाना प्रक्रियाधीन है। (ग) वर्तमान में किसी भी सी.एम. राईज विद्यालयों में परिवहन सुविधा उपलब्‍ध नहीं कराई गई है। सी.एम. राईज विद्यालयों में परिवहन सुविधा उपलब्‍ध कराया जाना प्रक्रियाधीन है।

छात्रावास भवन की स्‍वीकृति

[अनुसूचित जाति कल्याण]

114. ( क्र. 1826 ) श्री मधु भाऊ भगत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                           (क) विधानसभा क्षेत्र परसवाड़ा अंतर्गत संचालित अनुसूचित जाति सीनियर बालक छात्रावास परसवाड़ा का भवन कब तक स्वीकृत होगा? (ख) भवन स्वीकृति के लिए क्या प्रावधान हैं? नियम उपलब्ध करावें (ग) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित भवन निर्माण की स्वीकृति के पश्‍चात कितनी अवधि में निर्माण कार्य प्रारंभ होगा? (घ) क्या समस्त बालाघाट जिले में कई सारे छात्रावास भवन विहीन हैं? भवन विहीन छात्रावासों के भवन निर्माण की स्वीकृति कब तक प्रदान की जावेगी? किराए के छात्रावास का समस्त बालाघाट जिले में माहवार कितना किराया भुगतान किया जाता है? भवन मालिक सहित सूची उपलब्ध करावें।

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ख) योजना क्रमांक 49-4225-01-277-0103-4717-64 में बजट की उपलब्‍धता के आधार पर छात्रावास स्‍वीकृत किये जाते है। (ग) प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं, विवरण जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है, शेष लागू नहीं होता।

परिशिष्ट - "उनतालीस"

उद्यानिकी की योजना

[उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण]

115. ( क्र. 1832 ) श्री माधव सिंह (मधु गेहलोत) : क्या सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र आगर अंतर्गत उद्यानिकी विभाग द्वारा कृषि यंत्रों के आनलाईन आवेदन किये जाने हेतु वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक कितनी बार ऑनलाईन साईट खोली गयी? वर्षवार कितने लोगों द्वारा कृषि यंत्र हेतु आवेदन किया गया तथा आवेदन करने की अवधि से अवगत करावें? (ख) प्रश्‍नांश (क) में दर्शित अवधि में कितने आवेदनों के विरूद्ध कितने हितग्राहियों क्‍या-क्‍या सामाग्री प्रदाय की गई है? यदि हाँ तो विकासखण्‍ड आगर व बडौद में कितने हितग्राहियों को क्‍या-क्‍या सामाग्री प्रदान की गई है? वर्षवार, यंत्रवार, संख्‍यात्‍मक जानकारी से अवगत करावें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार अनुदान प्राप्‍त हितग्राहियों के खाते में राशि जमा कर दी गई है यदि हाँ तो वर्षवार अनुदान राशि की जानकारी से अवगत करावें।                                           (घ) उद्यानिकी विभाग द्वारा किसानों के हित में कौन सी योजना शासन द्वारा संचालित की जा रही है? योजना की जानकारी तथा प्रतिवर्ष जिले को प्राप्‍त लक्ष्‍य के बारे में जानकारी देवें।

सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-01 अनुसार है। कृषि यंत्र हेतु वर्षवार आवेदन करने वाले लोगों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-02 अनुसार है। (ख) प्रश्‍नाधीन अवधि में प्राप्‍त आवेदनों के विरूद्ध लाभांवित हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-03 अनुसार है। (ग) अनुदान प्राप्‍त हितग्राहियों की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-04 अनुसार है। (घ) विभाग द्वारा किसानों के हित में संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-05 अनुसार है। प्रश्‍नाधीन अवधि तक जिले को प्रदाय लक्ष्‍य की वर्षवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-06 अनुसार है।

भोज वेटलैंड की जानकारी

[वन]

116. ( क्र. 1835 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल स्थित भोज वेटलैंड में जो 17 लाख वृक्ष राजधानी परियोजना प्रशासन द्वारा पूर्व के वर्षों में लगाए गए थे। इस क्षेत्र को पर्यावरण वानिकी वनमण्डल को मध्यप्रदेश शासन का आदेश क्रo/एफ/1223524/2023/10-2 दिनांक 12/07/20230 से प्राप्त 22 गांव (1097.11 हेक्टेयर) भूमि की सूची ग्रामवार, खसरावार, रकबा सहित जानकारी देवें। (ख) क्या शासन के आदेश के बाद इस क्षेत्र का सीमांकन एवं हस्तांतरण वन विभाग को किया गया या नहीं यदि हाँ तो सीमांकन, खसरा, नक्शा उपलब्ध करवाएं। (ग) राजस्व रिकॉर्ड में वन विभाग का नाम कब इंद्राज हुआ? माननीय सर्वोच्च न्यायालय के गोधा वर्मन में वन की परिभाषा को लेकर दिए आदेश दिनांक 12/12/1996 अनुसार इस संपूर्ण क्षेत्र को वन घोषित किया गया है या नहीं हाँ तो कब नहीं तो क्यों नहीं और कब तक किया जाएगा? क्या उपरोक्त क्षेत्र में कोई अतिक्रमण है अगर हाँ तो अतिक्रमण एवं किनके द्वारा किया गया है? (घ) इस क्षेत्र की सुरक्षा एवं अतिक्रमण से बचाने हेतु विभाग द्वारा क्या बजट आवंटन किया गया है? क्या कोई कार्ययोजना बनाई गई है?

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' एवं '''' में है। (ख) शासन के आदेश के पूर्व लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी (पी.एच.ई.) विभाग द्वारा भोज वेट लैण्‍ड भूमि का सीमांकन किया गया है। मौके पर एफ.टी.एल. के मुनारे बने हैं। वन विभाग को क्षेत्र हस्‍तांतरण की प्रक्रिया प्रचलन में है। खसरा एवं नक्‍शा की छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-स में है।                       (ग) राजस्‍व रिकार्ड में वन विभाग का नाम इंद्राज नहीं हुआ है। वन विभाग में नाम इंद्राज नहीं होने से माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय के आदेश दिनांक 12.12.1996 अनुसार वर्तमान में क्षेत्र वन विभाग को हस्‍तांतरण करने की प्रक्रिया प्रचलन में है। क्षेत्र को वन घोषित करने के लिए कोई प्रक्रिया नहीं चल रही है। उपरोक्‍त क्षेत्र में कोई अतिक्रमण नहीं है। (घ) बजट आवंटन प्राप्‍त हुआ है। सुरक्षा एवं अतिक्रमण से बचाने हेतु फैंसिंग की कार्य योजना बनाई गई है।

जल जीवन मिशन योजना एवं अन्‍य योजनाओं की जानकारी

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

117. ( क्र. 1837 ) श्री पन्‍नालाल शाक्‍य : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) "जल जीवन मिशन" 2023-24 गुना विधानसभा में स्‍वीकृत व पूर्ण व अपूर्ण कार्य की स्थिति एवं अपूर्ण होने कारणों की स्‍थिति सूची सहित बताये? (ख) "जल जीवन मिशन" 2023-24 गुना विधानसभा में शासकीय स्‍कूलों में पेयजल की उपलब्‍धता की स्थिति सूची सहित दें। (ग) उक्‍त मिशन अन्‍तर्गत वर्ष 2023-24 में गुना विधानसभा अन्‍तर्गत ग्रामों में घरों के लिए किए गए नल कनेक्‍शनों की संख्‍या ग्रामवार सूची सहित बतावें? (घ) वर्ष 2023-24 में गुना विधानसभा में हैण्‍ड पम्‍प एवं बोरिंग की सफल व असफल की स्‍थान सहित सूची व असफलता के कारणों की स्थिति सूची सहित बतावें?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) "जल जीवन मिशन" 2023-24 गुना विधान सभा में कोई कार्य स्वीकृत नहीं किए गये हैं। शेष प्रश्‍नांश की जानकारी निरंक है।                   (ख) "जल जीवन मिशन" 2023-24 गुना विधान सभा में 193 शासकीय स्कूलों में पेयजल की उपलब्धता कराई जाकर उक्त पेयजल व्यवस्था संबंधित शालाओं को संचालन एवं रख-रखाव हेतु हस्तांतरित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ग) उक्त मिशन अंतर्गत वर्ष 2023-24 में गुना विधान सभा अंतर्गत 10 ग्रामों में घरों के लिए 190 नल कनेक्शन किये गये। कनेक्शनों की ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (घ) वर्ष 2023-24 में गुना विधानसभा में हैंडपंपों के लिए 52 नलकूप खनित किए गए, जिनमे से 50 सफल एवं 02 असफल हैं तथा 15 अन्‍य नलकूप (बोरिंग) खनन किए गए, जिनमे 13 सफल एवं 02 असफल है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है।

विभिन्न क्षेत्रों में होने वाले नुकसानों की जानकारी

[वन]

118. ( क्र. 1842 ) श्री कालु सिंह ठाकुर : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                        (क) क्या यह सही है की धार जिले की धरमपुरी विधानसभा में पिछले 03 वर्षों में घोड़ारोज/    नीलगाय/ रोजडा द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में होने वाले नुकसान के संबंध में किन-किन जनप्रतिनिधियों के पत्र विभाग/शासन को प्राप्त हुए हैं? सूची उपलब्ध कराएं। बताएं कि इतने वृहद स्तर पर इनसे निजात पाने की मांग करने के बावजूद भी कोई ठोस कदम विभाग/सरकार द्वारा अभी तक क्यों नहीं उठाया गया? (ख) क्या इनके द्वारा किसानों के खेतों में होने वाले नुकसान के कारण मुआवजा प्रदान करने या इनसे होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के संबंध में शासन की कोई योजना है? भरपाई हेतु कोई प्रयास या कमेटी का गठन किया गया है? विस्तृत जानकारी देवें। (ग) विगत 03 वर्षों में धार जिले में इनके द्वारा होने वाले नुकसान/दुर्घटनाओं के संबंध में प्रश्‍न दिनांक तक पंजीबद्ध किए गए प्रकरणों, उन पर कार्रवाई एवं दिए गए मुआवजे की स्थिति से अवगत कराएं। (घ) क्‍या किसानों को राहत प्रदान करने हेतु अधिक प्रभावित क्षेत्रों के किसानों के खेतों पर मेड/तार फेंसिंग/जाली निर्माण आदि का प्रावधान विचारणीय है जिससे किसानों को लाभ प्राप्त हो सके या इन्हें वन्य अभ्यारण में भेजने की कोई योजना है? (ड.) क्या समाधान के लिए वन्य जीव शोध संस्थान से राज्य सरकार द्वारा अभी तक कोई पत्राचार किया गया है? यदि हाँ, तो उसकी प्रति देवें।

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 में है। वन्‍यप्राणी द्वारा फसल हानि/जन हानि/जन घायल/पशु हानि/पशु घायल होने पर क्षतिपूर्ति राशि भुगतान का प्रावधान है, जो मध्‍यप्रदेश लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2010 के तहत है। राज्‍य सरकार द्वारा फसल हानि करने वाली नीलगाय को खेत में ही मारने की अनुमति हेतु समस्‍त जिलों के उप खण्‍ड अधिकारी राजस्‍व को अधिकृत किया है। अत: यह कहना सही नहीं है कि कोई ठोस कदम विभाग द्वारा नहीं उठाया गया है। (ख) जी हाँ। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 में है। नुकसान की भरपाई हेतु उक्‍त परिशिष्‍ट में उल्‍लेख अनुसार क्षतिपूर्ति राशि प्रदान की जाती है। इस हेतु कोई कमेटी का गठन नहीं किया गया है। (ग) जिला धार अंतर्गत नीलगाय द्वारा होने वाले नुकसान/ दुर्घटनाओं के संबंध में प्रश्‍न दिनांक तक कोई प्रकरण दर्ज नहीं किये गये हैं एवं प्रकरण संख्‍या निरंक होने से मुआवजा की स्थिति भी निरंक है। (घ) धार वनमंडल के अंतर्गत किसानों के खेतों में फसल हानि रोकने हेतु मेड़/तार फैंसिंग/जाली का निर्माण का कोई प्रावधान नहीं है। धार जिले से नील गाय को अन्‍यत्र अभयारण्‍य में भेजने की कोई योजना नहीं है। (ड.) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

समूह जल प्रदाय योजना को ओवरलैपिंग किया जाना

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

119. ( क्र. 1850 ) श्री चन्‍द्रशेखर देशमुख : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या मुलताई विधानसभा के 232 ग्रामों में जल जीवन मिशन अथवा समूह जल प्रदाय योजना के तहत योजना क्रियान्वित की जा रही है? यदि हाँ तो ग्रामवार दोनों योजना की लागत राशि एवं योजना प्रारंभ से प्रश्‍न दिनांक तक किए गए भुगतान का विवरण उपलब्‍ध कराया जावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में क्‍या 118 ग्राम ऐसे है जिनमें जल जीवन मिशन एवं जल निगम की समूह जल प्रदाय योजना के तहत दोहरा कार्य स्‍वीकृत है? यदि हाँ तो इन 118 ग्रामों में दोनों योजनाओं की लागत राशि कितनी-कितनी है एवं लागत राशि के विपरीत कितना-कितना भुगतान प्रश्‍न दिनांक तक किया जा चुका है? ग्रामवार व्‍यय का विवरण प्रदान किया जावे। (ग) प्रश्‍नांश (क) में यदि 118 ग्रामों में जल जीवन मिशन के तहत पूर्व से योजना क्रियान्‍वि‍त की जा रही थी तो फिर इन 118 ग्रामों में क्‍या समूह जल प्रदाय योजना से केवल पाइप लाइन के द्वारा पेयजल पहुंचाया जाना शेष था यदि हाँ तो क्‍या जल निगम के तकनीकी अधिकारियों द्वारा स्‍थल निरीक्षण उपरांत परियोजना प्रतिवेदन तैयार किया गया है, यदि हाँ तो ग्रामवार किए गए स्‍थल निरीक्षण प्रतिवेदन की प्रति उपलब्‍ध कराई जावे? (घ) क्‍या मध्‍यप्रदेश जल निगम द्वारा क्रियान्वित समूह जल प्रदाय योजना में स्‍थल पर कार्य की प्रगति के अनुपात में ठेकेदार को भुगतान किया जाना था, यदि हाँ तो क्‍या ठेकेदार को 90% तक भुगतान मात्र सामग्री की आपूर्ति के बदले किया गया है? यदि हाँ तो क्‍या यह एक बड़े घोटाले की मंशा से किया गया है? यदि हाँ तो दोषी अधिकारियों पर क्‍या कार्यवाही की जावेगी?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ, 232 नहीं अपितु 252 ग्रामों में। एकल नलजल योजनाओं की लागत एवं भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वर्धा समूह जल प्रदाय योजना की प्रशासकीय स्वीकृति लागत रु.134.59 करोड़ है, जिसमें से प्रश्‍न दिनांक तक 05 चलित देयकों के माध्‍यम से कुल राशि रू. 3.80 करोड का भुगतान किया जा चुका है एवं घोघरी समूह जल प्रदाय योजना की प्रशासकीय स्‍वीकृति लागत रू. 278.04 करोड है, जिसमें प्रश्‍न दिनांक तक 14 चलित देयकों के द्वारा कुल रू. 35.40 करोड का भुगतान किया जा चुका है। (ख) जी नहीं, शेष प्रश्‍नांश ही उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्‍नांश (क) में 118 नहीं बल्कि 167 ग्रामों में जल जीवन मिशन अन्तर्गत नलकूप आधारित एकल ग्राम नलजल योजना क्रियान्वित के जा रही है। म.प्र. जल निगम द्वारा वर्धा एवं घोघरी समूह जल प्रदाय योजनाओं में कुल 249 ग्रामों में पेयजल प्रदाय करने हेतु योजना क्रियान्वित की जा रही है। इनमें से 164 ग्रामों में जिनमें पूर्व से लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा स्वीकृत एकल योजनाओं के अन्तर्गत कार्य किया जा रहा है, उनमें केवल 'बल्क वॉटर' समूह योजना द्वारा पहुँचाया जायेगा जबकि 85 ग्रामों में संपूर्ण कार्य समूह योजना के अन्तर्गत कराया जा रहा है। बैतूल जिले की स्वीकृत समस्त समूह जल प्रदाय योजना का परियोजना प्रतिवेदन (डी.पी.आर.) निविदा अनुबंधित ऐजेंसी के माध्यम से विस्तृत सर्वेक्षण उपरांत तैयार की गई है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित ही नहीं होता। (घ) मध्यप्रदेश जल निगम द्वारा क्रियान्वित समूह जल प्रदाय योजना के स्थल पर कार्य की प्रगति के अनुपात में अनुबंध में निर्धारित स्‍टेज के आधार पर ही ठेकेदार को भुगतान किया जाना है। जी नहीं, किसी भी ठेकेदार को 90 प्रतिशत का भुगतान मात्र सामग्री की आपूर्ति के बदले नहीं किया गया है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है।

शासकीय सम्‍पत्तियों की जानकारी

[लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन]

120. ( क्र. 1862 ) डॉ. अभिलाष पाण्डेय : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर उत्‍तर विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत विभाग की कौन-कौन सी शासकीय सम्‍पत्तियां/भूमि है जो अभी बिना किसी उपयोग के अनुपयोगी पड़े हैं? (ख) उक्‍त शासकीय सम्‍पत्तियां में से कौन-कौन वर्तमान में अतिक्रमण मुक्‍त नहीं है? इन्‍हें अतिक्रमण मुक्‍त क्‍यों नहीं कराया जा रहा एवं कब तक अतिक्रमण मुक्‍त कराया जा सकेगा? (ग) इन शासकीय सम्‍पत्तियों के उपयोग हेतु विभाग की क्‍या योजना है? यदि कोई योजना नहीं है तो क्‍या विभाग इनके सद्उपयोग हेतु कोई योजना बनाने पर विचार करेगा?

जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जबलपुर उत्‍तर विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन विभाग के स्वामित्व की कोई भी शासकीय परिसम्पत्ति नहीं है, परन्‍तु कार्यालय कलेक्‍टर, भू-अभिलेख, जिला-जबलपुर के पत्र क्र. 1117 दिनांक 14.06.2024 के अनुसार BSNL की तहसील-आधारताल, जिला-जबलपुर ग्राम-हिनोतिया, ग्राम-सुनारवाड़ी, ग्राम-सुभाषनगर (पूर्व आमनपुर) में लगभग 71.59 एकड परिसंपत्ति है, जो कि BSNL द्वारा पूर्णत: उपयोग में नहीं ली जा रही है। इसमें से 25 एकड भूमि म.प्र. शासन ने वापस लेकर म.प्र. शासन के नाम दर्ज है। (ख) उक्‍त परिसम्‍पत्त्ति अतिक्रमण मुक्‍त है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उक्‍त परिसम्‍पत्ति वर्तमान में BSNL के कब्‍जे में है। अतएव वर्तमान में उक्‍त परिसम्‍पत्ति के उपयोग हेतु विभाग की कोई योजना नहीं है।

नियम विरूद्ध खातों का संचालन

[पर्यावरण]

121. ( क्र. 1865 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                         (क) मेरा पत्र क्र. 653 दिनांक 11.03.24 जो प्रमुख सचिव, पर्यावरण विभाग, मंत्रालय एवं 1. अध्यक्ष/सदस्य सचिव मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पर्यावरण परिसर, भोपाल को तारांकित प्रश्‍न क्र. 1903 उत्तर दिनांक 14/02/2024 के संदर्भ में प्राप्ति दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक क्या कार्यवाही सा.प्र.वि. के आदेश क्रमांक एफ 19-76/2007/1/4 भोपाल दिनांक 22.3.2011 में उल्लेखित पांचों बिन्दुओं एवं परिशिष्टों (1. 2) का पालन सुनिश्चित किया गया है? कब-कब और क्या-क्‍या कार्यवाही सुनिश्चित की गई? कार्यालयीन अभिलेखों/नोटशीटों/पत्रों/नियमों की प्रति सहित बताये। (ख) क्या पत्र पर कृत कार्यवाही से अद्योहस्ताक्षरकर्ता को संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करा दी गई है? यदि नहीं तो आदेश के उल्लंघन पर विभाग में जिम्मेदारी निर्धारित की गई? बताये। यदि नहीं तो क्यों कारण सहित स्पष्ट करें? (ग) क्या आरबीआई के पत्र दिनांक 06 जून, 2006 के अक्षरतः परिपालन में बचत खाते खोले गये है? पत्र की किस कण्डिका के तहत किस प्रयोजन से कब, किसकी अनुमोदन से बचत खाता खोला गया? विभाग को केन्द्रांश एवं राज्यांश की कितनी राशि कब और किस प्रयोजन से प्राप्त हुई? राशि का उपयोगिता प्रमाण-पत्र सहित केन्द्र एवं राज्य को कब प्रेषित किया गया? गौशवारा बनाकर दस्तावेजों सहित बताये। (घ) उपरोक्त खातों को खोलने के लिये कितनी बैंकों से किस ब्याज दर कब और किस प्रक्रिया से जानकारी विभाग को प्राप्त हुई? उक्त राशि पर प्राप्त ब्याज राशि का उपयोग विभाग ने किस प्रकार से कब और कितना उपयोग किस प्रयोजन से करने लक्ष्य निर्धारित किया गया, लक्ष्‍य प्राप्ति उपरांत अद्यतन स्थिति में विभाग के पास कुल कितनी जमा पूंजी है? पृथक-पृथक गौशवारा बनाकर बताये।

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) विभाग के पत्र क्रमांक एफ-5/1/1/0001/2024-sec-1-66-ENV दिनांक 27 जून, 2024 द्वारा माननीय सदस्‍य को कृत कार्यवाही से अवगत कराया जा चुका है। सामान्‍य प्रशासन विभाग के प्रपत्र दिनांक 22.03.2011 की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार है(ख) जी हाँ। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) आरबीआई का परिपत्र दिनांक 06.06.2006 को-ऑपरेटिव बैंको हेतु है। पर्यावरण विभाग अंतर्गत किसी संस्‍था का कोई खाता को-ऑपरेटिव बैंक में नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार है। (घ) पर्यावरण परिसर, भोपाल में मध्‍यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड तथा पर्यावरण नियोजन एवं समन्‍वय संगठन स्‍थापित है, इसी परिसर में राष्‍ट्रीयकृत पंजाब नेशनल बैंक में इन संस्‍थाओं के सक्षम स्‍वीकृति से खाते खोले गये है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से संबंधित जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'' के कॉलम-9 एवं कॉलम-11 अनुसार है। पर्यावरण नियोजन एवं समन्‍वय संगठन द्वारा पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'' में उल्‍लेखित योजनाओं के लक्ष्‍यों की प्राप्ति हेतु किया जाता है।

विभाग की राशि कियोस्क संचालक के खाते में हस्‍तांतरण

[वन]

122. ( क्र. 1866 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                         (क) क्या छतरपुर जिले में किशनगढ़ रेंज के तहत भौरखुवां बीट के कक्ष क्र. पी 523 में पौध रोपण प्रोजेक्ट स्वीकृत किया गया है? इसकी कार्ययोजना कितनी अवधि के लिये कितने क्षेत्रफल में कितनी लागत की कितना केन्द्रांश एवं कितना राज्यांश के साथ किया जा रहा है? क्या उक्त प्रोजेक्ट डूब क्षेत्र, पन्ना टाईगर रिजर्व क्षेत्र में आता है? इसके क्या नियम है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रत्येक वर्ष कितने पौध रोपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है? कितना वृक्षारोपण किन-किन मापदण्डों पर किया गया है? किस-किस प्रकार के वृक्षों को किस-किस मापदण्डों के तहत किस-किस दर पर कहां से कहां क्रय कर कितनी लागत में किस-किस स्थान पर कितना-कितना किस कार्य पर व्यय कर संपादित किया गया? संपूर्ण जानकारी का गौशवारा बनाकर बताये।             (ग) उपरोक्त के परिप्रेक्ष्य में नियमानुसार राशि का भुगतान किसे किये जाने का प्रावधान है? नियम, निर्देश की प्रति सहित बताये। क्या इस परियोजना में कियोस्क संचालक के खाते में ऑनलाईन राशि हस्तांतरित की गई है? यदि हाँ तो नियम विरुद्ध कार्यवाही के लिये किसकी जिम्मेदारी विभाग निर्धारित कर संपूर्ण राशि की वास्तविक हितग्राहियों को सौंपने के लिये क्या कार्यवाही कब तक करेगा? (घ) उपरोक्त के परिप्रेक्ष्य में उक्त कार्यों में जिला, रेंज, बीट स्तर पर कितने अधिकारी/कर्मचारियों को क्या जिम्मेदारी सौंपी गई है? संबंधितों के नाम, पदनाम, सौंपे गये कार्यों का विवरण एवं एक ही स्थान पर कब से पदस्थ है कि संपूर्ण जानकारी का गौशवारा बनाकर बताये।

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। छतरपुर जिले में पन्‍ना टाइगर रिजर्व, पन्‍ना अंतर्गत वन परिक्षेत्र किशनगढ़ (बफर) में कैम्‍पा मद से क्षतिपूर्ति वृक्षारोपण योजनान्‍तर्गत बीट भौरखुवां वन कक्ष क्रमांक-पी-523ए कुल रकबा 90 हेक्‍टेयर रोपण योग्‍य रकबा 40 हेक्‍टेयर प्रोजेक्‍ट स्‍वीकृत किया गया है जिसकी कार्य योजना वर्ष 2021-22 से 2031-32 तक कुल स्‍वीकृत राशि रूपये 1,88,86,560/- है। उक्‍त वृक्षारोपण योजना हेतु भारत सरकार द्वारा कैम्‍पा मद से राशि स्‍वीकृत की गई है। केन्‍द्रांश तथा राज्‍यांश की जानकारी निरंक है। उक्‍त वृक्षारोपण क्षेत्र केन वेतवा लिंक परियोजना के डूब क्षेत्र की सीमा से बाहर है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में वर्ष 2023 में 40,000 पौधों के रोपण का लक्ष्‍य निर्धारित किया जाकर विभिन्‍न प्रजातियों के पौधों का रोपण किया गया है। रोपण पश्‍चात वर्ष 2024 एवं 2025 में मृत पौधों के स्‍थान पर 10 प्रतिशत नवीन पौधा रोपण किये जाने का प्रावधान है। प्रजातिवार रोपण, पौधों की दर एवं व्‍यय की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट-'' में है। (ग) परिक्षेत्र अधिकारी द्वारा कार्य हेतु नियोजित श्रमिकों तथा वेंडर के बैंक खातों में कोषालय संहिता 2020 के सामान्‍य नियम 274, 275, 276 के अनुसार राशि का भुगतान ऑनलाईन कोषालय के माध्‍यम से किया जाता है। नियम की प्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट (ख) (2) अनुसार है तदानुसार ही भुगतान किया गया है। इस परियोजना में कियोस्‍क संचालक के खाते में भुगतान नहीं किया गया है। अत: नियम विरूद्ध भुगतान किये जाने का कोई प्रश्‍न नहीं है। (घ) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट-ख (1) में है।

परिशिष्ट - "चालीस"

दुधारू पशुओं और दूध उत्‍पादन की जानकारी

[पशुपालन एवं डेयरी]

123. ( क्र. 1870 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या राज्‍य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल संभाग अन्तर्गत में वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक दुधारू पशुओं (गाय/भैंस) की संख्या कहां-कहां तथा कितनी-कितनी है? जिलेवार, वर्षवार पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में दुधारू पशुओं से प्रतिदिन कितना-कितना दुग्ध उत्पादन किया जाता है तथा प्रदेश में प्रतिनिधि दुग्ध की खपत कितनी है? उत्पादन और खपत की पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्‍नांश (क) (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या यह भी सही है कि प्रतिदिन दूध उत्पादन से अधिक मात्रा में दूध की खपत की है? यदि हाँ तो क्या प्रदेश/शहर की जनता की सेहत से खिलवाड़ करने और दूध की पूर्ति के लिये मिलावटखोरी का गोरखधंधा किया जा रहा है? यदि हाँ ऐसे दोषियों के लिये प्रश्‍न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं तो क्यों?

राज्‍य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है(ख) मध्‍यप्रदेश में दुधारू पशुओं से प्रतिदिन दूध उत्‍पादन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। विभाग द्वारा दुग्‍ध खपत से संबंधित जानकारी संकलित नहीं की जाती है। (ग) शेष प्रश्‍न उदभूत नहीं होता है।

वनाधिकार के दावों का निराकरण

[जनजातीय कार्य]

124. ( क्र. 1873 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वनाधिकार मान्यता कानून 2006 के अनुपालन में 31 मार्च, 2024 तक व्यक्तिगत वनाधिकार के लिए मुरैना जिले के पहाडगढ़, सबलगढ़ और कैलारस के किन-किन गावों में कितने अनुसूचित जनजाति के परिवारों द्वारा कितनी हेक्टेयर वनभूमि पर ऑफलाइन और ऑनलाइन दावे दाखिल किये गये, दावेदारों की सूची गांववार प्रदान करें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में दाखिल किये गये दावों के अनुसरण में व्यक्तिगत वनाधिकार के कितने अधिकार पत्र कितनी हेक्टेयर भूमि पर स्वीकृत किया गया और वितरित किया गया और कितने दावों का खारिज किया गया है? दावेदारों की स्वीकृत सूची, निरस्त सूची और अपील दावों की सूची गांववार प्रदान करें। (ग) उपरोक्त कार्यवाही के बाद गांव वार अभी कितने दावें लम्बित है और उन पर कार्यवाही कब तक की जायेगी? ब्लाकवार तथा गांववार दावेदारों की लम्बित सूची प्रदान करें। वन मित्र पोर्टल पर दावे प्रस्तुत करने के लिए पंचायत स्तर पर क्या व्यवस्था है? (घ) वन मान्यता अधिनियम के अनुसार मुरैना जिले के पहाड़ गढ़, कैलारस और जौरा विकास खंड की कितनी पंचायतों में वनाधिकार समितियों का गठन किया गया है? उनकी सूची उपलब्ध कराने की कृपा करें। (ड.) मुरैना जिले में वनाधिकार मान्यता कानून 2006 के अनुपालन में पहाडगढ़, सबलगढ़ और कैलारस ब्लाक में गांव वार सामुदायिक वनाधिकार के कितने दावे 31 मार्च 2024 तक दाखिल किये गये? (च) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार दाखिल किये गये दावों के अनुसरण में गांव वार कितने हेक्टेयर भूमि पर सामुदायिक वनाधिकार स्वीकृत किया गया और वितरित किया गया और कितने दावों को खारिज किया गया है? उपरोक्‍त कार्यवाही के बाद अभी कितने दावे लंबित हैं और उन पर कार्यवाही कब तक की जायेगी?

जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ग) वन अधिकार के लंबित दावों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- अ अनुसार है। वन अधिकार अधिनियम 2006 के अंतर्गत दावों के निराकरण की प्रक्रिया अर्धन्यायिक स्वरुप की होने से समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। पंचायत स्तर पर दावा प्रस्तुत करने के लिये पृथक से कोई व्यवस्था नहीं है, अपितु वनमित्र पोर्टल में दावेदारों द्वारा कियोस्क के माध्यम से ऑनलाईन दर्ज की जाने वाली एन्ट्रियों एवं दस्तावेजों को अपलोड किये जाने हेतु जारी किये गये निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (घ) वन अधिकार की गठित समितियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। (ड.) एवं (च) सामुदायिक वन अधिकार के प्राप्त, स्वीकृत, वितरित एवं अमान्य किये गये दावों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार है। सामुदायिक वन अधिकार का दावा लंबित नहीं होने से शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

शासन द्वारा पशुपालकों को दी जा रही सहायता की जानकारी

[पशुपालन एवं डेयरी]

125. ( क्र. 1874 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या राज्‍य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र जोरा के अंतर्गत कितने पशु चिकित्सालय हैं? (ख) प्रत्येक चिकित्सालय में कितने-कितने पशु चिकित्सा के पद स्वीकृत हैं एवं वर्तमान में कितने-कितने पशु चिकित्सा पदस्थ हैं? यदि नहीं तो कब तक पद भर लिये जायेंगे? (ग) पशुपालकों को क्या-क्या सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है? मवेशी के मरने पर मुआवजा दिए जाने की क्या व्यवस्था है? आगामी योजना क्या है? (घ) क्या शासन द्वारा किसानों को आय के साधन के लिये पूर्व सरकार द्वारा की गई घोषणा के अनुसार पशु पालको को सस्ती दरो पर गाय, भैस उपलब्ध करायेगे या योजना बंद कर दी गई है?

राज्‍य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट-'' अनुसार(ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट-'' अनुसार। पदस्‍थापना एक निरंतर प्रक्रिया है, समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट-'' अनुसार(घ) शासन द्वारा किसानों/पशुपालकों को अनुदान पर गाय एवं भैंस आचार्य विद्यासागर गौसंवर्धन योजना, मुख्‍यमंत्री डेयरी प्‍लस तथा मुख्‍यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय योजना (विशेष पिछडी जनजाति बैगा, सहारिया एवं भारिया हेतु) के अंतर्गत उपलब्‍ध कराई जा रही है। योजना बंद नहीं की गई है।

परिशिष्ट - "इकतालीस"

नलकूप खनन की जानकारी

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

126. ( क्र. 1876 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह हनी बघेल : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कुक्षी विधानसभा के अंतर्गत किस-किस गांवों में नलकूप खनन का कार्य विभाग द्वारा किया गया? पिछले 5 वर्षों की सूची उपलब्‍ध करवाएं। (ख) क्‍या विधायक के द्वारा नलकूप खनन हेतु प्रस्‍ताव दिए गए यदि हाँ तो उनके अनुसार कहां-कहां नलकूप खनन का कार्य किया गया? जानकारी प्रदान करें। (ग) विभाग द्वारा किन-किन नलकूपों में पिछले 5 वर्षों में मोटर/ केबल/रस्‍सी/पाइप दिए या लगवाएं गए? उनकी सूची उपलब्‍ध करवाएं। (घ) क्‍या विधानसभा के गांव में खनन कार्य में खानापूर्ति कर ई.ई./एस.डी.ओ. द्वारा व्‍यापक भ्रष्‍टाचार किया गया है यदि नहीं तो पिछले 5 वर्ष का भौतिक सत्‍यापन किया जाए और संबंधित अधिकारियों पर कार्यवाही की जायें।

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (घ) जी नहीं, उपयंत्री, सहायक यंत्री एवं कार्यपालन यंत्री द्वारा कार्यों का नियमानुसार भौतिक सत्यापन किया जाता है, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

नल-जल योजना की जानकारी

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

127. ( क्र. 1877 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह हनी बघेल : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) धार जिले की कुक्षी विधानसभा क्षेत्र में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा घर-घर नल-जल योजना प्रारंभ करने के उद्देश्य से कुल कितने गांव में उक्त योजना का क्रियान्वयन किया गया है? सूची उपलब्ध करवाएं। (ख) क्या गांव में पानी की टंकी बनाकर 1 बोर के माध्यम से गांव में नल जल सप्लाई किया जा रहा है यदि हाँ तो ग्राम पंचायत कुतेड़ी के ग्राम अंजनिया मल्हार में नल जल योजना के तहत कुल कितनी राशि खर्च की गई साथ ही उसके बावजूद पानी का संकट उभर कर क्यों आ रहा है क्या इसकी जांच शासन करवाएगा हाँ या नहीं? (ग) वर्तमान में गांव के लोगों को पेयजल कहां से उपलब्ध हो रहा है  व कैसे उपलब्ध हो रहा है? इस गांव में कुल कितने नल कनेक्शन किए गए व कितने घरों में पेयजल सुविधा उपलब्ध हो रही है? (घ) क्या विभाग यह मानता है कि पूरे गांव को पर्याप्त पानी मिल सकता है यदि हाँ तो गांव में पेयजल की पूर्ति नहीं हो पा रही है और यदि नहीं तो क्या शासन के पास इस पर पुनः विचार कर पेयजल सप्लाई करवाई जाने संबंधी क्या योजना है? (ड.) ग्रामीणों को इस भीषण गर्मी में हो रहे जल संकट से हो रही असुविधा का जिम्मेदार कौन है उस पर क्या कार्रवाई होगी?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) 134 ग्रामों के लिए एकल ग्राम नल जल योजनाएं तथा 148 ग्रामों के लिए समूह जल प्रदाय योजनाओं का क्रियान्‍वयन किया जा रहा है। 134 एकल ग्राम नल जल योजनाओं के अंतर्गत 118 योजनाओं में प्रगतिरत समूह जल प्रदाय योजनाओं से बल्‍क वॉटर दिए जाने का प्रावधान है। सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है। (ख) ग्राम की जनसंख्‍या के आधार पर जल स्‍त्रोत (नलकूप) की संख्‍या एवं टंकी की आवश्‍यकता रूपांकित की जाती है। ग्राम अंजनिया मल्‍हार की नल जल योजना के तहत रु. 72.61 लाख व्यय किये गये हैं, उक्‍त योजना में ग्रीष्म ऋतु के दौरान नलकूपों में जल आवक क्षमता कम हो जाने के कारण जलप्रदाय बन्द हुआ है। विभाग द्वारा नवीन स्रोत विकसित किया ग्रया है, जिसे योजना से जोड़ने की कार्यवाही प्रचलित है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) 02 सिंगल फेज़ मोटर पंप के माध्यम से स्‍थल पर पेयजल उपलब्‍ध हो रहा है। योजनांतर्गत कुल 250 परिवारों को नल कनेक्शन प्रदाय किये गये हैं, वर्तमान में इन परिवारों को नल कनेक्‍शन के माध्‍यम से पेयजल उपलब्‍ध नहीं हो रहा है। (घ) योजनांतर्गत स्रोतों में ग्रीष्म ऋतु के दौरान जल आवक क्षमता कम हो जाने को दृष्टिगत रखते हुए उक्त ग्राम की स्थाई पेयजल व्यवस्था हेतु ग्राम को स्वीकृत सतही स्रोत आधारित समूह जलप्रदाय योजना (अपर नर्मदा समूह जल प्रदाय योजना) से बल्क वॉटर उपलब्ध कराया जाना प्रस्तावित है। (ङ) उत्तरांश (ग) एवं (घ) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

भवन का निर्माण

[अनुसूचित जाति कल्याण]

128. ( क्र. 1908 ) श्री हेमंत कटारे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                                                        (क) अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा भिण्ड जिले के अंतर्गत विगत दो वर्ष में विभागीय मद से कौन-कौन सी सड़क/भवन निर्माण संबंधी कार्य किये गये? कार्य का नाम, लागत राशि, भुगतान दिनांक, निर्माण एजेन्सी का नाम आदि सहित पूर्ण विवरण विधान सभावार उपलब्ध कराया जाये। (ख) विगत दो वर्षों में अनुसूचित जाति कल्याण विभाग भिण्ड द्वारा कौन-कौन सी सामग्रियों की खरीदी की गई? वित्त वर्षवार सामग्री व राशि सहित जिस फर्म से सामग्री क्रय की उसके विवरण आदि की पूर्ण जानकारी विधान सभावार उपलब्ध कराएं। (ग) क्या उक्त खरीदी नियमानुसार विज्ञप्ति जारी कर की गई? यदि हाँ तो यह विज्ञप्तियां किन-किन समाचार-पत्रों में किस दिनांक को प्रकाशित हुईं? यदि नहीं तो क्या इसके लिये कौन उत्तरदायी है व उसके विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जायेगी? समय-सीमा बताएं। (घ) जिले में विभाग द्वारा कहाँ-कहाँ छात्रावास संचालित किये जा रहे हैं? विगत दो वर्ष में छात्रावासों में निवासरत छात्रों/छात्राओं की वर्षवार संख्या सहित, छात्रावास के संचालन हेतु खरीदी गई सामग्री/राशि का वर्षवार विवरण सहित जानकारी दी जाये? क्या खरीदी प्रक्रिया में भण्डार क्रय नियम का पालन हुआ? छात्रावास संचालन में हुई अनियमितताओं के संबंध में उक्त अवधि में प्राप्त शिकायत व उस पर हुई कार्यवाही का भी विवरण दिया जाये।

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार।                                          (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार(ग) जिला स्‍तर पर कलेक्‍टर अध्‍यक्षता में गठित क्रय समिति द्वारा निविदाओं का तकनीकी एवं वित्‍तीय मूल्‍यांकन कार्यवाही विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।                        (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' एवं '''' में उल्‍लेखित है। प्रश्‍नांश के शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' में उल्‍लेखित है।

म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा शुल्‍क की जानकारी

[पर्यावरण]

129. ( क्र. 1909 ) श्री हेमंत कटारे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा कुल कितने प्रकार के प्रोजेक्टस् को प्रदेश में विगत 05 वर्षों में Consent to Establish and Consent to Operate प्रदान की गई? प्रोजेक्टस् से उक्त अनुमति प्रदान करने हेतु कितना शुल्क लिया जाता है तथा शुल्क निर्धारित करने का आधार क्या है? विस्तृत विवरण दें। (ख) प्रदेश में बोर्ड द्वारा विगत 05 वर्ष में प्रोजेक्टस् से Consent to Establish and Consent to Operate प्रदान करने के लिये कुल कितनी राशि प्राप्त की गई? (ग) क्या बोर्ड द्वारा प्रोजेक्टस् के रिन्यूअल हेतु भी शुल्क लिया जाता है? यदि हाँ तो कितना व शुल्क का आधार क्या है? विगत 05 वर्ष में इन्हीं प्रोजेक्टस् रिन्यूअल हेतु कुल कितनी शुल्क राशि प्राप्त की गई? शुल्क राशि का उपयोग किन कार्यों में किया गया? क्या राशि का उपयोग प्रोजेक्टस् में लगाई कंडीशन के पालन में किया जा रहा है अथवा नहीं? यदि किया गया तो कैसे-कैसे, किन-किन मदों में कितनी-कितनी धनराशि का उपयोग किया गया का पूर्ण ब्यौरा उपलब्ध कराएं? (घ) प्रदेश में संचालित कुल प्रोजेक्टस् में से कितनों को पर्यावरण नियमों का उल्लंघन करते पाया और कितने प्रोजेक्टस् के ऊपर पर्यावरणीय क्षति Environmental compensation शुल्क लगाया तथा कितने से इस शुल्क को वसूल किया गया? कुल वसूली गयी शुल्क राशि कितनी थी? इसे वसूल किये शुल्क का पर्यावरण की क्षतिपूर्ति हेतु किन-किन कार्यों में उपयोग किया गया? उक्त समस्त जानकारी जिलावार 05 वर्ष की प्रदान की जाये।

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जारी की गयी सम्‍मतियों का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-''अनुसार है। शुल्‍क निर्धारण संबंधी आदेश पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार है। विभिन्‍न प्रोजेक्‍टस् एवं खदानों से स्‍थापना/प्रथम उत्‍पादन सम्मति, नवीनीकरण शुल्‍क आदि के रूप में कुल राशि रूपये 6,48,49,95,928.49/- प्राप्‍त हुई। नवीनीकरण हेतु भी शुल्‍क लिया जाता हैजानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अनुसार है। राशि का उपयोग बोर्ड के कर्मचारियों के वेतन-भत्‍ते व संबंधित व्‍यय, कार्यालय, प्रयोगशाला संचालन, पर्यावरण पुरस्‍कार, जन जागरूकता, वर्कशॉप, सेमीनार, संगोष्‍टी, प्रयोगशाला उपकरण के क्रय व संधारण, जल-वायु गुणवत्‍ता मापन हेतु मॉनिटरिंग कार्य, जल-वायु गुणवत्‍ता हेतु संचालित प्रोजेक्‍टस् से संबंधित संस्‍थाओं को वित्‍तीय सहायता, बोर्ड की अधोसंरचना विकास (कार्यालय भवन के निर्माण एवं मॉनिटरिंग वाहन क्रय) इत्‍यादि हेतु आवश्‍यकता अनुसार व्‍यय किया जाता है। जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट– '' एवं '' अनुसार है।

राज्‍य की सम्‍पत्तियों को बेचा जाना

[लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन]

130. ( क्र. 1918 ) श्री उमंग सिंघार : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 1927 उत्तर दिनांक 14 फरवरी, 2024 के संदर्भ राज्य सरकार की लोक परिसपंत्तियां प्रदेश सहित देश के किन-किन राज्यों में कहां-कहां पर है और उनकी वर्तमान में बाजार मूल्य क्या है? कृपया सम्पत्तिवार ब्यौरा दें (ख) राज्य से बाहर की कौन-कौन सी सम्पत्तियों से कितनी-कितनी आय राज्य सरकार को प्रतिवर्ष हो रही है एवं कौन-कौन सी सम्पत्ति विवादित है और किन सम्पत्तियों के मामले न्यायालय में चल रहे? (ग) क्या राज्य सरकार द्वारा राज्य के अंदर एवं बाहर की सम्पत्तियों को विक्रय करने जा रही है? यदि हाँ तो क्यों?

जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन विभाग द्वारा राज्य सरकार की लोक परिसम्पत्तियों का रिकार्ड नहीं रखा जाता है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जानकारी विभाग द्वारा नहीं रखी जाती। (ग) वर्तमान में लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन पोर्टल पर कोई भी परिसम्पत्ति प्रबंधन/निर्वर्तन हेतु इंद्राज नहीं है।

जनजाति वर्ग के छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति

[जनजातीय कार्य]

131. ( क्र. 1919 ) श्री उमंग सिंघार : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में जनजाति कार्य विभाग द्वारा संचालित स्कूल, आश्रम, छात्रावासों, कन्या परिसर, एकलव्य विद्यालय आदि में अध्यनरत छात्र-छात्राओं को कौन-कौन सी छात्रवृत्ति भी दी जाती है? (ख) वर्ष 2023-24 में कितने-कितने छात्र-छात्राओं को कौन-कौन सी छात्रवृत्ति दी गई है एवं कितने छात्र-छात्राओं को कुल कितनी राशि की छात्रवृत्ति नहीं दिये जाने के क्या कारण है? (ग) उपरोक्त प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्य में केन्द्र सरकार से कौन-कौन सी छात्रवृत्ति के लिए कितनी-कितनी राशि वर्ष 2023-24 में जारी की गई है? यदि जारी नहीं की गई तो इसके क्या कारण है एवं केन्द्र से बकाया राशि प्राप्त करने के राज्य सरकार द्वारा क्या प्रयास किये जा रहे है? (घ) उपरोक्त प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्य में शेष छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति कब दी जायेगी?

जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) अनुसूचित जनजाति छात्रवृत्ति अंतर्गत छात्रवृत्ति कक्षा 1 से 8, राज्य छात्रवृत्ति कक्षा 9 से 10, केन्द्र प्रवर्तित प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति (कक्षा 9वी, 10वी) एवं पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति (कक्षा 11वी, 12वी एवं महाविद्यालयीन) का वितरण पात्रता अनुसार किया जाता है। (ख) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में वितरित छात्रवृत्ति की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है(ग) पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजनांतर्गत वर्ष 2023-24 में केन्द्र सरकार से राशि रु. 35000.00 लाख जारी की गई है। केन्द्र प्रवर्तित प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति कक्षा 9वी, 10वी में वर्ष 2023-24 में SNA खाते में राशि 13744.00 लाख उपलब्ध होने से राशि की आवश्यकता नहीं।                                     (घ) छात्रवृत्ति स्वीकृति एवं भुगतान की प्रक्रिया निरंतर जारी है।

परिशिष्ट - "बयालीस"

वन समितियों का गठन

[वन]

132. ( क्र. 1931 ) श्री अभय कुमार मिश्रा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) क्या मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल के पत्र क्रमांक एफ 16-04/1991/10-2 भोपाल दिनांक 22 अक्टूबर 2001 के द्वारा राष्ट्रीय वन नीति 1988 में वनों के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु आदिवासियों एवं अन्य ग्रामीणों का वन उत्पादों पर प्रथम अधिकार का पालन कर रीवा संभाग के किन-किन जिलों में किस-किस तरह की वन समि‍तियां गठित की गई समितियों के अध्यक्ष एवं सदस्यों का विवरण देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के तारतम्य में समितियों के गठन की विधि प्रक्रिया क्या है एवं सदस्यों/अध्यक्ष के चयन में ग्राम सभा की क्या भूमिका है बतावें इसका पालन कर क्या समितियों का गठन किया गया यदि किया गया तो संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करें अगर नहीं किया गया तो इसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार है उनके पदनाम एवं उन पर की जाने वाली कार्यवाहियों का विवरण देवें। (ग) प्रश्‍नांश (क) अनुसार गठित समितियों को कौन-कौन से अधिकार प्रदत्त किये गये है शासन के जारी निर्देशों की प्रति देते हुये बतायें कि शासन द्वारा कितनी-कितनी राशि वर्ष 2020 से प्रश्‍नांश दिनांक तक में किन-किन समितियों को प्रदान की गई इन राशियों का व्यय किन माध्यमों से किनके हस्ताक्षर व सत्यापन से किया गया मौके पर व्यय राशि अनुसार कार्यों की भौतिक स्थिति क्या है की जानकारी रीवा संभाग की देवें, प्राप्त राशि को अध्यक्ष द्वारा व्यय करने के अधिकार क्या स्वतंत्र रूप से प्रदान की गये है अगर नहीं किये गये तो क्यों इस पर क्या निर्देश जारी करेंगे बतावें। (घ) यदि प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार उल्लेखित तथ्यों अनुसार कार्यवाहियां नहीं की गई है एवं समितियों का गठन स्वेच्छाचारिता से किया गया है एवं प्राप्त राशि का अनियमित ढंग से व्यय कर गबन किया गया है एवं मौके पर कार्य नहीं हुए है, इन सबकी उच्च स्तरीय समिति बनाकर मेरी उपस्थिति में जांच करावेंगे तो कब तक? नहीं तो क्यों?

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 में है। (ख) समितियों के गठन की प्रक्रिया एवं सदस्‍यों/अध्‍यक्ष के चयन में ग्राम सभा की भूमिका राज्‍य शासन के संकल्‍प दिनांक 22 अक्‍टूबर, 2001 की कंडिका 5.1 के अनुसार है, जो पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-2 में है। कण्डिका 5.1 के अनुसार ही समितियों का गठन किया गया है। समितियों के गठन संबंधी दस्‍तावेज जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 में है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) राज्‍य शासन के संकल्‍प दिनांक 22 अक्‍टूबर, 2001 के कण्डिका 11.1 में समितियों को अधिकार दिया गया है, जो उत्‍तरांश '''' के पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-2 में है। वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक समितियों को प्रदाय की गई राशि, व्‍यय राशि व सत्‍यापनकर्ता का नाम एवं कार्य की स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 में है। संयुक्‍त वन प्रबंधन हेतु म.प्र. शासन, वन विभाग के पत्र क्रमांक-एफ-16-04/1991/10-2, दिनांक 01 मार्च, 2001 द्वारा जारी मार्गदर्शिका के कंडिका 7.6.2 के अनुसार समिति के कोष में विभिन्‍न कार्य हेतु प्राप्‍त राशि का पदेन सचिव के संयुक्‍त हस्‍ताक्षर से आहरण करने का अधिकार अध्‍यक्ष को दिया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 में है। (घ) समितियों का गठन शासन संकल्‍प अनुसार किया गया है तथा प्राप्‍त राशि का अनियमित ढंग से व्‍यय कर गबन नहीं किया गया है, मौके पर कार्य कराये गये हैं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

उच्‍च स्‍तरीय समिति बनाकर कार्यवाही

[पशुपालन एवं डेयरी]

133. ( क्र. 1932 ) श्री अभय कुमार मिश्रा : क्या राज्‍य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा प्रश्‍न संख्‍या 31 (क्रमांक 862) दिनांक 14.02.2024 के उत्तर में बसामन मामा गौवंश वन विहार जिला रीवा द्वारा वार्षिक ऑडिट की जानकारी माहवार दिया जाना संभव नहीं है का उत्तर दिया गया? जिससे प्रतीत होता है कि प्राप्त राशि का दुरुपयोग किया जा रहा है इसकी जांच बावत क्या निर्देश देंगे? अगर नहीं तो क्यों?                            (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में प्रश्‍नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 208 दिनांक 19.02.2024 के माध्यम से मुख्य सचिव म.प्र. शासन भोपाल को दिनांक 20.02.2024 एवं आयुक्त राजस्व रीवा संभाग रीवा को पत्र लिखकर भ्रामक एवं तथ्यहीन उत्तर देने की उच्च स्तरीय समिति बनाकर जांच उपरान्त राशि वसूली संबंधितों से किये जाने का लेख किया गया था? पत्र पर की गई कार्यवाही का विवरण देवें। अगर कार्यवाही समय पर नहीं की गई दोषियों को बचाया जा रहा है तो इसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार है, इन जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही करेंगे बतायें अगर नहीं तो क्यों? प्रश्‍नकर्ता सदस्य के अध्यक्षता/उपस्थिति में बसामन मामा गौवंश विहार की बैठक आज दिनांक तक आयोजित नहीं की गई क्यों इसके लिये दोषियों पर क्या कार्यवाही करेंगे बतायें? जब कि पत्र क्रमांक 244 दिनांक 27/2/2024 को बैठक बावत पत्र लिखा गया था। (ग) प्रश्‍नांश (क) के तारतम्य में रीवा एवं मऊगंज जिले में कितनी गौशाला संचालित है इनमें किन गौशालाओं में कितने गौवंश रखे गये है इनके अनुदान बावत शासन एवं अन्य एजेन्सियों द्वारा कितनी राशि प्रदान की गई है? प्रदान राशि अनुसार खर्च राशि का सत्यापन किन जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा कब-कब किया गया एवं कितने गौशालाएं अभी संचालित नहीं है तो क्यों इन गौशालाओं में गौवंशों की मृत्युएं में पिछले तीन वर्षों में कितनी गुना बढ़ी है? गौशालावार विवरण देवें। इनकी मृत्यु का कारण भी बतायें? उच्च स्तरीय समिति द्वारा प्रश्‍नकर्ता की उपस्थिति में कब तक जांच करा ली जावेगी, बतायें?

राज्‍य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जी हाँ। बसामन मामा गौशाला एक वृहद स्‍वरूप की गौशाला है, जिसमें वार्षिक ऑडिट करवाए जाने का प्रावधान है। समिति के खाते में आय व्‍यय का विवरण अनुसार वार्षिक मासिक आय व्‍यय की जानकारी दी गई है। प्राप्‍त राशि का दुरूपयोग नहीं हुआ है। अत: शेष प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। बसामन मामा गौशाला की जो जानकारी दी गई है, वह उपलब्‍ध अभिलेख के आधार पर दी गई है, जो सत्‍य है। माननीय प्रश्‍नकर्ता द्वारा लिखे गए पत्र क्रमांक 208, दिनांक 19.2.2024 के क्रम में मध्‍यप्रदेश शासन, संसदीय कार्य विभाग द्वारा पत्र क्रमांक 320 एफ (1) 7/2024/एक/अड़ता‍लीस, भोपाल दिनांक 28 मार्च 2024 के माध्‍यम से विधानसभा के प्रक्रिया तथा कार्य संचालन संबंधी नियमों के नियम ''234-घघ'' के अंतर्गत कार्यवाही की जा सकती है संबंधी निर्देश जारी किए हैं। इस क्रम में मध्‍यप्रदेश गौसंवर्धन बोर्ड के पत्र क्रमांक 690/2023-24, भोपाल दिनांक 5.4.2024 द्वारा उप संचालक, पशुपालन एवं डेयरी, जिला रीवा को उक्‍त पत्र पृष्‍ठांकित करते हुए जानकारी उपलब्‍ध करवाने हेतु लेख किया गया है। पत्र पर कार्यवाही प्रचलन में है। लोकसभा आचार संहिता लागू हो जाने के कारण बैठक आयोजित नहीं की गई। (ग) रीवा जिले एवं मउगंज जिले की संचालित गौशालाओं, उपलब्‍ध गौवंश और प्रदाय अनुदान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार। गौवंश की मृत्‍यु के संबंध में गौशालावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

 

 

वनभूमि पर अतिक्रमण होना

[वन]

134. ( क्र. 1945 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                    (क) रायसेन जिला अंतर्गत वन परिक्षेत्र गढ़ी के बीट गुफा, हेदरी, जमुनिया, मुढि़याखेड़ा व गोरपानी में हजारों बेशकीमती पेड़ों को काटकर विगत दस वर्षों में वनभूमि को कृषि योग्‍य बनाया जाकर वृहद रूप से अतिक्रमण कर हजारों एकड़ भूमि पर खेती का कार्य किया जा रहा है? इस मामले में विभाग द्वारा अतिक्रमणकारियों से वनभूमि को मुक्‍त कराने व यहां पुन: वृक्षारोपण करने हेतु अब तक क्‍या प्रयास किये गये है? (ख) प्रश्‍नांश (क) उल्‍लेखित क्षेत्रों का सीमांकन अंतिम बार कब किया गया था? वर्तमान में वनभूमि पर अतिक्रमण की वास्‍तविक स्थिति क्‍या है? (ग) लम्‍बे समय से उक्‍त क्षेत्रों में वनभूमि को खुर्दबुर्द करने पेड़ों को नष्‍ट करने व अतिक्रमण की अनदेखी करने के मामले में वन विभाग के किन-किन कर्मचारियों/अधिकारियों पर कार्यवाही की गई है? यदि नहीं तो क्‍यों?

वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं/अपितु वनमंडल रायसेन के अंतर्गत वन परिक्षेत्र गढी में विगत दस वर्षों में बीट गुफा, हैदरी, जमुनिया, मुड़ियाखेड़ा व बोरपानी में अवैध कटाई के कुल 611 प्रकरण दर्ज हुये हैं, जिसमें कुल 2308 ठूंठ जप्त कर कुल 3685 नग 114.75 घ.मी. वनोपज जप्त की गई है। वन विकास निगम को हस्तांतरित बीट गुफा एवं हैदरी में अवैध कटाई के 11 प्रकरण दर्ज हुये है, जिनमें 21 नग 0.449 घ.मी. वनोंपज जप्त की गई है। साथ ही वनभूमि में अतिक्रमण के संभावित प्रयास को विफल किये जाने हेतु लगातार क्षेत्रीय अमले द्वारा लगातार प्रयास किये जाते रहे है। अतिक्रमण मुक्त वनभूमि पर शासन निर्देशानुसार वृक्षारोपण कार्य किया गया है। (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित परिक्षेत्र गढ़ी की बीट गुफा, हैदरी, जमुनिया, मुड़ियाखेड़ा व बोरपानी के वनक्षेत्र से संबंधित वनखण्डों की सीमा पर मुनारे पूर्व से ही स्थापित हैं, अतः ऐसी स्थिति में उक्त क्षेत्रों का सीमांकन कार्य कराया जाना आवश्यक नहीं है। सामान्य वनमंडल रायसेन अंतर्गत नवीन कार्य आयोजना अनुसार वन परिक्षेत्र गढ़ी की बीट गुफा एवं जमुनियाकलां में कोई भी अतिक्रमण दर्ज नहीं है तथा बीट हैदरी में 1.261 हेक्टेयर, बीट मुड़ियाखेड़ा में 25.815 हेक्टेयर तथा बीट बोरपानी में 203.449 हेक्टेयर, कुल 230.525 हेक्टेयर वनभूमि पर अतिक्रमण दर्ज है। वनमंडल रायसेन के अंतर्गत वन विकास निगम को हस्तांतरित बीट गुफा एवं हैदरी में कोई अतिक्रमण दर्ज नहीं है। (ग) वन विभाग के कर्मचारियों/अधिकारियों द्वारा अवैध कटाई एवं अतिक्रमण के प्रयासों को समय-समय पर विफल किया जाकर प्रकरण दर्ज कर जप्ती की कार्यवाही की गई एवं यथा सम्‍भव अतिक्रमण बेदखल किया गया है, अतः वन विभाग के कर्मचारियों/ अधिकारियों पर कार्यवाही किये जाने का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

विभागीय योजनाओं के क्रियान्‍वयन की जानकारी

[जनजातीय कार्य]

135. ( क्र. 1951 ) श्री राजेश कुमार वर्मा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्‍ना जिले में जनजातीय कार्य विभाग की कौन-कौन सी योजनाएं वर्तमान में संचालित हैं? विगत पांच वर्षों में विभागीय योजनाओं से अधोसंरचना विकास, हितग्राही मूलक, रोजगार मूलक क्‍या-क्‍या कार्य विकासखण्‍डवार किये गये व इन कार्यों में वर्षवार कितनी-कितनी राशि व्‍यय की गई? विवरण दें। क्‍या उक्‍त अवधि में स्‍वीकृत सभी निर्माण कार्य पूर्ण कर लिये गये है? यदि नहीं तो कौन-कौन से निर्माण कार्य शेष है इन्‍हें कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा?                                      (ख) प्रश्‍नांश (क) उल्‍लेखित अवधि में गुन्‍नौर विधानसभा क्षेत्र में स्‍वीकृत कार्यों में स्‍वीकृति हेतु चयन के मापदण्‍ड क्‍या रहे? क्‍या इस हेतु स्‍थानीय विधायक की सहमती ली गई? नहीं तो क्‍यों?                                (ग) गुन्‍नौर विधानसभा क्षेत्र में विभाग द्वारा संचालित विद्यालयों/आवासीय विद्यालयों में स्‍वीकृत पदों के विरूद्ध कहां-कहां, कौन-कौन से पद रिक्‍त है? इनकी पूर्ति हेतु क्‍या प्रयास किये जा रहे हैं?

जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) पन्‍ना जिले में जनजातीय कार्य विभाग द्वारा वर्तमान में संचालित योजनाओं की सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार है। विगत 05 वर्षों में विभागीय योजनाओं से अद्योसंरचना विकास हितग्राही मूलक कार्यों की जानकारी एवं पूर्ण-अपूर्ण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार है। (ख) अनुसूचित जनजाति बस्तियों में कुल जनसंख्‍या 50 प्रतिशत से अधिक हो उन बस्तियों/मजरे टोलों में जिले के प्रभारी मंत्री की अध्‍यक्षता में 07 सदस्‍यीय समिति द्वारा कार्यों का चयन/कार्यों का अनुमोदन कराया जाता है, समिति में जिले के अनुसूचित जनजाति/जाति के विधायक सदस्‍य है। (ग) गुन्‍नौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विभाग के विद्यालय/आवासीय विद्यालय संचालित नहीं है।

नलजल योजनाओं के कार्य पूर्ण कराए जाना

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

136. ( क्र. 1954 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) टीकमगढ़ जिले की नल-जल योजनाओं के संबंध में प्रश्‍नकर्ता द्वारा कब-कब, विधानसभा में प्रश्‍न किए गए हैं और उसके बाद विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है? कृपया की गई सम्पूर्ण कार्यवाही के विवरण से अवगत कराएं। (ख) प्रश्‍नांश (क) के आधार पर बताएं कि ऐसे कौन-कौन से ठेकेदार हैं जिन्होंने कार्य प्रारंभ तो किया लेकिन फिर कार्य बंद करके लापता हो गए हैं? इन्हें विभाग कब तक ढूंढकर पुनः कार्य प्रारंभ करवाकर कब तक कार्य पाईलाइन का एवं टंकी निर्माण कार्य पूर्ण करवा लेगा? कृपया कार्य प्रारंभ करने की एवं पूर्ण करने की समयावधि बताएं। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि जिले के प्रत्येक ग्राम की नल-जल योजना का कार्य कितनी-कितनी लागत का कब-कब स्वीकृत शासन ने किया था और किस ठेकेदार की, किस दर पर कार्य कराने, कब-कब कार्य का अनुबंध करवाकर किस समयावधि में कार्य पूर्ण कराने कार्यादेश दिया गया था? संबंधित कार्यों की देखरेख किस अधिकारी एवं कर्मचारी द्वारा की जा रही है? कृपया उनके नाम, पद, पता सहित सम्पूर्ण मोबाईल नंबर सहित जानकारी दें एवं संबंधित ठेकेदारी के नाम, पिता/पति का पूरा नाम, पता सहित सम्पूर्ण जानकारी मोबाईल नंबर सहित विधानसभावार प्रदाय करें। (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएं कि प्रत्येक योजना में संबंधित ठेकेदार को किस उपयंत्री द्वारा मूल्यांकन करके कब-कब, कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत योजना में विधानसभावार कितना-कितना और प्रत्येक योजना का कुल कितना विधानसभावार प्रश्‍न दिनांक तक भुगतान किया जा चुका है? योजना के प्रत्येक कार्य कुल कितने प्रतिशत हुए हैं? सम्पूर्ण जानकारी दें एवं यह भी बताएं कि जिन ठेकेदारों ने गुणवत्ता विहीन कार्य एवं अनुबंध के आधार पर समयावधि में कार्य नहीं किया है उनको ब्लैक लिस्टेड किया जावेगा तो कब तक?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांकित जिले में ऐसा कोई ठेकेदार नहीं है, जो विभाग में कार्य प्रारम्भ करने के पश्चात् लापता हो गया है, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। ठेकेदारों द्वारा योजनाओं में किसी भी प्रकार का गुणवत्ता विहीन कार्य नहीं किया जा रहा है, जिन ठेकेदारों द्वारा अनुबंध के आधार पर समयावधि में कार्य नहीं किया जाता है, उनके विरूद्ध अनुबंध के प्रावधान अनुसार कार्यवाही की जाती है, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

तालाबों की लीज समाप्त

[मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास]

137. ( क्र. 1955 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या राज्‍य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), मछुआ कल्‍याण एवं मत्‍स्‍य विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जल संसाधन एवं पंचायतों द्वारा निर्मित तालाबों में मछली पालन कराने हेतु वर्तमान में क्या-क्या आदेश एवं नियम हैं? कृपया आदेशों एवं नियमों की छायाप्रतियां प्रदाय करें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के आधार पर बताएं कि टीकमगढ़ जिले के उपरोक्त वह तालाब कौन-कौन से हैं और उनका खसरा नं. एवं कितना-कितना रकबा है जिसमें मछुआरे मत्स्य पालन का कार्य करते हैं? कृपया अद्यतन सम्पूर्ण जानकारी से अवगत कराएं।                                    (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि वर्तमान में प्रश्‍न दिनांक तक मछुआ समिति कौन-कौन सी है, जिसके माध्यम से तालाब के मत्स्य पालन का कार्य किया जाता है? समिति का नाम, अध्यक्ष, समिति के सदस्य के नाम, पिता/पति का नाम, जाति, ग्राम/नगर सहित सम्पूर्ण जानकारी से अवगत कराएं और इनके पट्टे कलेक्टर, कमिश्नर, संचालनालय एवं शासन द्वारा कब और कितने वर्ष के लिए प‌ट्टा दिया गया है? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएं कि ऐसे कौन-कौन से चिन्हित तालाब हैं, जिनकी आय मछुआरे के साथ-साथ राज्य शासन को भी प्रतिवर्ष हो रही है? राज्य शासन क्या ऐसे मछुआरों को सम्मानित करेंगे, तो कब तक और नहीं तो क्यों? ऐसे कौन-कौन से तालाब हैं, जिनकी लीज़ समाप्त हो गई है? उनकी पुनः लीज़ पुनः जमा कराई जावेगी, तो कब तक? निश्चित समय-सीमा सहित बताएं।

राज्‍य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), मछुआ कल्‍याण एवं मत्‍स्‍य विकास ( श्री नारायण सिंह पंवार ) :                           (क) सिंचाई जलाशय एवं पंचायतों द्वारा निर्मित तालाबों में मत्‍स्‍य पालन नीति 2008 अनुसार मत्‍स्‍य पालन कराया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार(ग) वर्तमान में कुल 97 पंजीकृत मछुआ सहकारी समितियां प्रश्‍नांश की विस्‍तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार(घ) विभाग को कोई आय प्राप्‍त नहीं होती है पट्टे पर प्रदाय सभी तालाबों की लीज राशि संबंधित ग्राम पंचायत/जनपद/ पंचायत/जिला पंचायत/नगरीय निकाय में जमा की जाती है। जिन तालाबों की पट्टा अवधि समाप्‍त हो गई है उन्‍हे पुन: पट्टे पर देने का अधिकार त्रिस्‍तरीय पंचायतों/नगरीय निकाय को है। अत: कार्यवाही त्रिस्‍तरीय पंचायतों/नगरीय निकाय द्वारा की जाती है

जनजाति‍ वर्ग के उत्‍थान कार्य योजना

[जनजातीय कार्य]

138. ( क्र. 2345 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल एवं रीवा जिले अन्‍तर्गत जनजाति वर्ग के उत्‍थान हेतु क्‍या कार्य योजना शासन द्वारा तैयार की गई है की जानकारी देते हुये बतावें कि इस बावत कितनी राशि राज्‍य शासन द्वारा संबंधित जिलों को कब-कब, किन-किन माध्‍यमों से प्रदान की गई? (ख) प्रश्‍नांश (क) के तारतम्‍य में शहडोल एवं रीवा जिले में कितने लोगों को रोजगार मुहैया कराया गया एवं कितने आवेदन लंबित है, की जानकारी ग्राम पंचायत व जनपद पंचायतवार संबंधित जिलों की देवें।                             (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के तारतम्‍य में जनजाति‍ वर्ग के उत्‍थान हेतु शासन द्वारा प्राप्‍त राशि का उपयोग नहीं किया गया राशि का वित्तीय वर्ष में राशि का विभाग द्वारा वापसी की गई, इन सब अनियमितताओं के लिये कौन जिम्‍मेदार है? उन पर क्‍या कार्यवाही करेंगे साथ ही योजनाओं के संचालन कर लाभान्वित किये जाने बावत् क्‍या निर्देश देंगे?

जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है(ख) शहडोल जिला अन्‍तर्गत 20 हितग्राहियों को स्‍वरोजगार उपलब्‍ध कराया गया 107 हितग्राहियों के आवेदन बैंक स्‍तर पर लंबित है। जनपद पंचायतवार विवरण निम्‍नानुसार है। (1) सोहागपुर-24 (2) गोहपारू- 17 (3) बुढार-13 (4) जयसिंह नगर-32 (5) बयौहरी-21 रीवा जिले में स्‍वरोजगार योजनान्‍तर्गत 12 हितग्राहियों को स्‍वरोजगार उपलब्‍ध कराया गया। 138 हितग्राहियों के आवेदन बैक स्‍तर पर लंबित है। जनपद पंचायतवार विवरण निम्‍नानुसार :- (1) जावा-35 (2) त्‍योथर-29 (3) रीवा-16 (4) रायपुरकर्चु-14 (5) सिरमोर-17 (6) नईगढी-03 (7) मउगंज-08 (8) हनुमना-13 (9) गंगेव-15 (ग) शहडोल जिले में अनुसूचित जनजाति बस्‍ती विकास योजना अन्‍तर्गत निर्माण एजेंसी द्वारा समय-सीमा में व्‍यय नहीं करने व उपयोगीता प्रमाण प्रस्‍तुत नहीं किये जाने के कारण राशि रूपये 15.08 लाख एवं शासन विकल्‍प की 20 प्रतिशत राशि अन्‍तर्गत रूपये 38.45 लाख समर्पित की गई। रीवा जिले में वित्‍तीय वर्ष 2023-24 में प्रदाय राशि का उपयोग किया जा चुका है। शेष प्रश्‍न उपस्थिति नहीं होता।

जांच कराकर कार्यवाही की जाना

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

139. ( क्र. 2346 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा प्रश्‍न क्रमांक 1955 उत्तर दिनांक 14.02.2024 के प्रश्‍नांश (क) के उत्तर में सभी पात्र सहकारी समितियों को उपार्जन का कार्य दिया गया है उनके स्थान पर महिला स्व-सहायता समूह को आदेश जारी किये गये है? प्रश्‍नांश (ख) के उत्तर में उपार्जन केन्द्र से नजदीक के गोदाम में ही धान का भण्डारण कराया गया है का उत्तर दिया गया? (ख) यदि प्रश्‍नांश (क) हाँ तो ऐसी कितनी सहकारी समितियां थी जिनको महिला स्व-सहायता समूह को खरीदी बावत अधिकृत किया गया? उसका क्या मापदण्ड निर्धारित किया गया था? कार्यादेश की प्रति एवं जारी निर्देश के साथ देवें?                          (ग) प्रश्‍नांश (क) में दिये गये उत्तर अनुसार उपार्जन केन्द्र से नजदीकी केन्द्र में ही परिवहन व भण्डारण कराया जाना बताया गया जबकि खरीदी केन्द्र से दूरस्थ वेयर हाउसों पर धान का परिवहन कर भण्डारण किया गया जिसमें शासन को आर्थिक क्षति पहुंचायी गई व परिवहनकर्ता को कार्यादेश जारी कर लाभान्वित किया गया तो क्यों इसकी उच्च स्तरीय समिति बनाकर प्रश्‍नकर्ता की उपस्थिति में जांच बावत निर्देश देंगे तो बतावें कब तक? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार उल्लेखित तथ्यों का परिशीलन करते हुये संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही के निर्देश देंगे नियम विरूद्ध व्यय राशि की वसूली विधि संबंधितों से कराये जाने बावत निर्देश देंगे तो बतावें अगर नहीं तो क्यों?

खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) सहकारी समितियों के स्‍थान पर महिला स्‍व-सहायता समूहों को उपार्जन कार्य हेतु अधिकृत किए जाने की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। महिला स्‍व-सहायता समूह को धान उपार्जन कार्य हेतु जारी आदेश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। धान उपार्जन हेतु महिला स्‍व-सहायता समूह के चयन के संबंध में जारी निर्देश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) शहडोल जिले में उपार्जन केन्‍द्र के निकटतम भण्‍डारण केन्‍द्रों में प्राथमिकता के आधार पर धान का भण्‍डारण कराया गया है तथा निकटतम भण्‍डारण केन्‍द्रों की भण्‍डारण क्षमता पूर्ण होने के पश्‍चात् ही अन्‍य निकटतम दूरी में स्थित गोदाम/केप में उपलब्‍ध रिक्‍त भण्‍डारण क्षमता में धान का भण्‍डारण कराया जाता है, जिले में उपलब्‍ध भण्‍डारण क्षमता के आधार पर धान के परिवहन एवं भण्‍डारण हेतु गोदामों की मेपिंग खरीदी के पूर्व जिला उपार्जन समिति के द्वारा निर्धारित की जाती है और मेपिंग अनुसार भण्‍डारण कराया गया है। मेपिंग की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'अनुसार है। (घ) शहडोल जिले में धान उपार्जन, परिवहन एवं भण्‍डारण में किसी प्रकार की अनियमितता की स्थिति निर्मित नहीं हुई है। अतएव किसी के विरूद्ध राशि वसूली की कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।