मध्यप्रदेश
विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
दिसम्बर, 2025 सत्र
गुरुवार, दिनांक 04
दिसम्बर, 2025
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
अतिवृष्टि
मुआवजे का
भुगतान
[राजस्व]
1.
( *क्र. 258 ) डॉ. सतीश
सिकरवार : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
वर्ष 2025
में अतिवर्षा
के कारण
प्रदेश के कई
जिलों में
किसानों को
फसल का नुकसान
हुआ है? सरकार
द्वारा
किसानों को
फसल नुकसान का
मुआवजा दिये
जाने का फैसला
लिया गया है? यदि हाँ, तो आदेश की
प्रति उपलब्ध
करावें। (ख) प्रश्नांश
(क) के संबंध
में शासन
द्वारा
किसानों को
प्रति
हेक्टेयर
भूमि के मान
से कितनी राशि
का मुआवजा
दिया जावेगा? (ग) प्रश्नांश
(क) के संबंध
में यदि
मुआवजा दिया
जाना है, तो
किसानों को कब
तक मुआवजा
राशि का
भुगतान किया
जावेगा? (घ) प्रश्नांश
(क) के संबंध
में
ग्वालियर-चम्बल
संभाग के
कितने गांवों
का फसल नुकसान
हेतु सर्वे कराया
गया है? गांव का
नाम एवं
किसानों की
संख्या सहित
जानकारी दी
जावे।
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) जी हाँ। राजस्व
पुस्तक
परिपत्र 6-4 के
अंतर्गत
प्राकृतिक
आपदा से फसल
क्षति होने पर
प्रभावितों
को आर्थिक
सहायता दिये
जाने के स्थायी
निर्देश हैं। राजस्व
पुस्तक
परिपत्र 6-4 की
प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र ''अ''अनुसार है।
(ख) राजस्व
पुस्तक
परिपत्र 6-4 के
प्रावधानों
के अंतर्गत
निर्धारित
प्रति हेक्टेयर
भूमि के मान
से किसानों को
राहत राशि
दरों की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है।
(ग) राहत
राशि भुगतान
की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
(घ) प्रश्नांश
(क) के संबंध
में ग्वालियर-चम्बल
संभाग की
जिलेवार जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
नई
आबादी को
ग्राम पंचायत
की आबादी
क्षेत्र में
शामिल किया
जाना
[राजस्व]
2.
( *क्र. 358 ) डॉ.
तेजबहादुर
सिंह चौहान : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) मध्य
प्रदेश के कई
ग्रामों में
नई आबादियां
बन गई हैं, लेकिन
आबादी
क्षेत्र में
शामिल न होने
के कारण यहां
के रहवासी
शासन की
योजनाओं व
सुविधाओं से
वंचित हैं, नागदा-खाचरौद
विधानसभा में
अब तक ऐसी
कितनी ग्राम पंचायतों
के प्रस्ताव
कलेक्टर एवं
अनुविभागीय
अधिकारी के
पास
कार्यवाही हेतु
लंबित हैं? (ख) उपरोक्त
विषय में
लंबित
प्रकरणों का
निराकरण कब तक
कर दिया
जावेगा? (ग) क्या
इस विषय में
शासन द्वारा
कोई नई नीति
बनाई जा रही
है?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) नागदा-खाचरौद
विधान सभा
अंतर्गत
तहसील खाचरौद
में नई आबादी
के 4 ग्राम
मडावदा, बडागांव
सेकडी, सुल्तानपुर
व खामरिया में
आबादी स्वीकृत
करने हेतु
कलेक्टर
कार्यालय में
न्यायालय
में
विचाराधीन है।
तहसील नागदा
का 01 प्रकरण
ग्राम बेरछा
को ग्राम
आबादी घोषित
करने का प्रस्ताव
अनुविभागीय
अधिकारी
नागदा को जांच
हेतु भेजा गया
है। जांच
प्रक्रिया
प्रचलित है। (ख)
जांच
प्रक्रिया
पूर्ण होते ही
लंबित प्रकरणों
का निराकरण
किया जा सकेगा।
(ग) म.प्र. भू-राजस्व
संहिता 1959 (यथा
संशोधित 2018) की
धारा-237 एवं 243
में आबादी
भूमि के संबंध
में प्रावधान
है। कोई भी नई
नीति
विचाराधीन
नहीं है।
भूमि
का डायवर्सन
[राजस्व]
3.
( *क्र. 36 ) श्री
ठाकुर दास
नागवंशी : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) जिला
नर्मदापुरम
अन्तर्गत
वर्ष 2024-25
एवं 2025-26
में डायवर्सन
के कितने
प्रकरण
ऑनलाईन तहसील/अनुविभाग
स्तर पर
प्राप्त
हुये बतायें
तथा डायवर्सन
के क्या नियम
हैं? (ख) प्राप्त
प्रकरण में से
कितने प्रकरण
लंबित हैं, प्रकरणों
के लंबित रहने
का क्या कारण
है, निस्तारित
किये गये
प्रकरणों में
से कितने
प्रकरणों के
अनुभाग स्तर
से
अनुविभागीय
अधिकारियों
द्वारा आदेश जारी
किये गये हैं
तथा कितने
प्रकरणों में
आदेश जारी
किये जाना शेष
हैं, शेष
प्रकरणों में
आदेश जारी न
होने का क्या
कारण रहा है? (ग) डायवर्सन
के ऐसे कितने
प्रकरण हैं, जो
निर्धारित
समयावधि
पूर्ण होने के
उपरांत स्वत:
डायवर्टेड हो
गये हैं?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) जिला
नर्मदापुरम
अन्तर्गत
वर्ष 2024-25 में 1135
एवं वर्ष 2025-26
में 700 प्रकरण ऑनलाईन
प्राप्त हुए। वर्तमान
में भू-राजस्व
संहिता की
धारा-59 तथा भू-राजस्व
संहिता (भू-राजस्व
का निर्धारण
तथा पुनर्निर्धारण)
नियम 2018 के तहत
डायवर्सन की
कार्यवाही की
जाती है। नियम
की प्रति पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट अनुसार
है। (ख) वर्तमान
में जिला
नर्मदापुरम
अन्तर्गत कुल
17 डायवर्सन के
आवेदन जाँच
प्रक्रिया
में होने से
लंबित है तथा अनुविभाग
स्तर से
अनुविभागीय
अधिकारियों द्वारा
कुल 342 आदेश
जारी किये हैं।
कुल 17
डायवर्सन के
आवेदन में
आदेश जारी
किया जाना शेष
है। कार्यवाही
प्रक्रियाधीन
है। (ग) वर्तमान
में भू-राजस्व
पुनर्निर्धारण
के तहत
व्यपवर्तन की
समय-सीमा 15
दिवस निर्धारित
है,
जिसके तहत
जिला
नर्मदापुरम
अन्तर्गत कुल
544 आवेदन स्वत:
अनुमोदित
होने उपरान्त
डायवर्टेड
हुए हैं।
डी.पी.सी.
एवं ए.पी.सी. के
पद का प्रभार
[स्कूल
शिक्षा]
4. ( *क्र. 1117 ) श्री
नारायण सिंह
पट्टा : क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) मंडला
जिला अंतर्गत डी.पी.सी.
अरविन्द विश्वकर्मा
के कार्यकाल
में की गई
गड़बड़ियों की
जाँच कब एवं
किसके द्वारा
की गई है? प्रश्नकर्ता
द्वारा इस
संबंध में
माननीय
मंत्री जी को दिये
गये पत्र
क्रमांक/1762/विधा./2025/mdl एवं
पत्र क्रमांक/1763/विधा./2025/mdl दोनों
दिनांक 31.07.2025 एवं
जिला कलेक्टर
मंडला को दिये
गये पत्र
क्रमांक/1787/विधा./2025/mdl, दिनांक
03.09.2025 में अब तक
क्या-क्या
कार्यवाही की
गई है? संबंधित
पत्र/आदेश/प्रतिवेदन
की प्रतियाँ उपलब्ध
कराएं। क्या
पत्रों में
उल्लेखित
सामग्री का
भुगतान कर
दिया गया है? क्या
उक्त डी.पी.सी.
हाल ही में रिश्वत
लेते हुए ई.ओ.डब्ल्यू.
द्वारा पकडे़
गये हैं, विभाग
द्वारा इनके विरुद्ध
क्या
कार्यवाही की
गई? संबंधित
दस्तावेज
उपलब्ध कराएं। (ख) वर्तमान
में मंडला डी.पी.सी.
का प्रभार
किसे और किस नियम
के तहत दिया
गया है? क्या डी.पी.सी.
चयन परीक्षा
में चयनित हुए
अभ्यर्थियों
को डी.पी.सी. का
प्रभार दिया
जाना चाहिये? मंडला
जिले से इस
हेतु कौन-कौन
पात्र हैं, क्या
उन्हें
प्रभार दिया
जायेगा? (ग) वर्तमान
में ए.पी.सी. जेन्डर
(बालिका
शिक्षा) का
प्रभार किसे
और किस नियम
के तहत दिया
गया है? क्या
इनके द्वारा ए.पी.सी.
हेतु परीक्षा
पास की गई है? यदि
नहीं, तो प्रभार
देने के लिये कौन
दोषी है? (घ) नेताजी
सुभाषचंद्र
बोस बालिका
छात्रावास
अरौली के भवन
निर्माण हेतु
प्रस्ताव
कब-कब भेजे गये? वर्तमान
में वहां
कितनी
बालिकायें
कितने कमरों
में रह रही
हैं, कमरों का
माप कितना है, हॉस्टल
कमरे से
शौचालय की
दूरी कितनी है? क्या
ये बालिकायें
अत्यंत विषम
परिस्थितियों
में उक्त
छात्रावास
में रह रही
हैं? क्या प्रश्नकर्ता
द्वारा इस
संबंध में
माननीय
मंत्री को पत्र
क्रमांक/1757/विधा./2025/mdl, दिनांक
31.07.2025 के माध्यम
से भवन
निर्माण का
आग्रह किया
गया था? यदि
हाँ, तो
संबंधित पत्र
एवं की गई
कार्यवाही से
संबंधित
दस्तावेज
उपलब्ध कराएं?
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) मण्डला
जिला
अन्तर्गत
डी.पी.सी. के
कार्यकाल में
की गई गड़बड़ियों
जांच हेतु
कलेक्टर
मण्डला के
पत्र दिनांक
25.09.2025 के अनुक्रम
में मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी, सह जिला
परियोजना
संचालक
मण्डला
द्वारा आदेश
दिनांक 18.11.2025 को
जांच समिति
गठित की गई है।
संलग्न परिशिष्ट के
प्रपत्र "अ" अनुसार जांच की
कार्यवाही
प्रक्रियाधीन
है। समिति से
प्रतिवेदन
प्राप्त होने
के उपरांत
नियमानुसार कार्यवाही
की जायेगी। माननीय
विधायक
द्वारा
कलेक्टर
मण्डला को संबोधित
पत्र दिनांक 03.9.2025
में सर्व
शिक्षा अभियान
अन्तर्गत
छात्रावासों
में सामग्री
सप्लाई में
अनियमितता
इत्यादि का
उल्लेख किया
गया है, जिसके
अनुक्रम में
उल्लेखित
सामग्री का 5
प्रतिशत राशि
रोककर आंशिक
भुगतान
नियमानुसार कर
दिया गया है। जी
हाँ। कलेक्टर
मण्डला के
द्वारा आदेश
क्रमांक 1227, दिनांक 14.10.2025
से श्री
अरविन्द्र विश्वकर्मा
को डी.पी.सी. के
पद से पृथक
करते हुए
निर्वाचन
कार्यालय मण्डला
में संलग्न
किया गया है। जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
के प्रपत्र "ब" अनुसार
है। (ख) प्रशासनिक
कार्य सुविधा
के दृष्टि से
कलेक्टर सह
जिला मिशन
संचालक मंडला
द्वारा डी.पी.सी.
का प्रभार
श्री कुलदीप
कठल (बी.ई.ओ.
बिछिया) को
अस्थाई तौर पर
दिया गया है। जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र "ब" अनुसार
है। राज्य
शिक्षा
केंद्र भोपाल
में डी.पी.सी.
चयन प्रकिया
प्रचलन में है।
चयन
प्रक्रिया
उपरांत डी.पी.सी.
के रिक्त पद
पर पदस्थापना
की कार्यवाही
की जायेगी। शेषांश
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) वर्तमान
में जिला
शिक्षा
केंद्र
मण्डला में ए.पी.सी.
जेंडर (बालिका
शिक्षा) के
रिक्त पद का
प्रभार
श्रीमती
विनीता सोनी (उच्च
माध्यमिक
शिक्षक) को
प्रशासनिक
कार्य सुविधा
के दृष्टि से
अस्थाई तौर पर
दिया गया है। जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
के प्रपत्र "स" अनुसार है। जी
नहीं। शेषांश
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) नेताजी
सुभाषचंद्र
बोस बालिका
छात्रावास आरौली, वर्तमान
में भवन विहीन
हैं, जिसके
भवन निर्माण
हेतु
प्रस्ताव
वार्षिक कार्ययोजना
2024-25 तथा 2025-26 में
भेजे गये हैं।
वर्तमान में
उक्त
छात्रावास, 50 सीटर हैं, जो एकीकृत
माध्यमिक
शाला आरौली के
प्राथमिक
शाला भवन में
संचालित हैं, जिसमें
छात्रावास की
बालिकाएं 02
कमरों में रह
रही हैं, जिनमें
प्रत्येक की
माप 37.5 वर्ग
मीटर है। बालिकाओं
के लिये पृथक
से 04 शौचालय
तथा 04 स्नानघर
निर्मित हैं, जो की
बालिकाओं के
कक्ष से लगे
हुए हैं। जी
नहीं। उल्लेखित
पत्र राज्य
शिक्षा
केन्द्र के
संज्ञान में
नहीं है।
अतिवृष्टि/जल
भराव से नष्ट
फसलों का
मुआवजा
[राजस्व]
5.
( *क्र. 982 ) श्री बाबू
जन्डेल : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क)
श्योपुर
जिले में
कितने कृषकों
की किस-किस
ग्राम की
कौन-कौन सी
फसल कितने-कितने
रकबा, बीघा/हेक्टेयर
में
अतिवृष्टि
एवं जल भराव
से भारी
नुकसान/नष्ट
हुई? विस्तृत
जानकारी
गोशवारा
तैयार कर
कृषकवार उपलब्ध
करावें। (ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार
अतिवृष्टि
एवं जल भराव
से भारी नुकसान
एवं तबाह/नष्ट
हुई फसलों का
मुआवजा किस
आधार पर किस
मान से दिया
जावेगा? (ग) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) अनुसार
क्या म.प्र.
सरकार द्वारा फसल
पैदावार में
आने वाली
वर्तमान लागत
राशि को आधार
मानकर
मुआवजा/राहत
राशि दी
जावेगी? यदि हाँ, तो अवगत
करावें? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या
म.प्र. सरकार
प्रभावित
किसानों का के.सी.सी.
एवं अन्य
शासकीय कर्ज
तथा विद्युत
बिल माफ किये
जावेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) श्योपुर
जिले के
अंतर्गत
प्राकृतिक
आपदा (असमय
वृष्टि एवं
जलभराव) के
कारण
प्रभावित
फसलों की जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है।
|
तहसील
का नाम |
प्रभावित
ग्रामों की
संख्या |
प्रभावित
खातेदारों
की संख्या |
प्रभावित
रकबा |
|
श्योपुर |
178 |
55785 |
55018 |
|
बडौदा |
98 |
29985 |
28925 |
|
कराहल |
108 |
9712 |
12830 |
|
वीरपुर |
44 |
3129 |
2756 |
|
विजयपुर |
0 |
0 |
0 |
|
योग |
428 |
98611 |
99529 |
कृषकवार
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
(ख) राजस्व
पुस्तक
परिपत्र खण्ड
6-4 के
प्रावधान
अनुसार
प्राकृतिक
आपदा से फसल क्षति
होने पर
प्रभावित
कृषकों को
पात्रतानुसार
आर्थिक
अनुदान
सहायता राशि
प्रदाय की जाती
है। (ग) जी नहीं। उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उद्भूत नहीं
होता। (घ) प्रभावित
किसानों का के.सी.सी.
एवं अन्य
शासकीय कर्ज
माफी पर
निर्णय शीर्ष
बैंक स्तर से
अपेक्षित
नहीं है। जिले
में प्रभावित
कृषकों हेतु
विद्युत बिल माफी
का कोई प्रस्ताव
वर्तमान में
विचाराधीन
नहीं है।
उर्दू
शिक्षकों के
पदों पर
पदस्थापना
[स्कूल
शिक्षा]
6. ( *क्र. 1267 ) श्री
अमर सिंह यादव
: क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
प्रदेश के
सहायक शिक्षक
और प्राथमिक
शिक्षक को
प्राथमिक
विद्यालयों
में विषयवार पदस्थापना
किये जाने के
शासन के आदेश
हैं? यदि हाँ, तो
शासन के आदेश
की प्रति
उपलब्ध
करावें। (ख) राजगढ़
जिले के किन-किन
प्राथमिक
विद्यालयों
में उर्दू
शिक्षकों के
पद स्वीकृत हैं? उनमें
से कितने
रिक्त हैं? विद्यालयवार
बतावें। (ग) क्या
राजगढ़ जिले
के प्राथमिक
विद्यालयों में
उर्दू शिक्षक
पदस्थ हैं? यदि
हाँ, तो पदस्थ
उर्दू
शिक्षकों के
नाम, पदनाम, पदस्थापना
स्थल, जन्मतिथि, नियुक्ति
दिनांक तथा
वर्तमान शाला
में पदस्थापना
दिनांक सहित
जानकारी दें। (घ)
क्या राजगढ़
जिले के
प्राथमिक
विद्यालयों
में उर्दू
छात्र-छात्राएं
अध्ययनरत हैं? यदि
हाँ, तो किन-किन
प्राथमिक
विद्यालयों
में कितने-कितने
छात्र-छात्राएं
किस-किस कक्षा
में अध्ययनरत
हैं? उनके नाम, पिता, माता
का नाम, कक्षा
सहित
विद्यालयवार
एवं
विकासखंडवार
जानकारी दें।
(ड.) क्या
वर्ष 2025 में
राजगढ़ जिले
के किसी सहायक
अथवा
प्राथमिक
शिक्षक का अन्यत्र
शाला में
स्थानांतरण
होने पर
माननीय न्यायालय
द्वारा स्टे
ऑर्डर दिया
गया है? यदि
हाँ, तो आदेश की
प्रति उपलब्ध
करावें।
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) जी
नहीं। शेषांश
का प्रश्न
उपस्थित नहीं होता
है। (ख) जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जी
हाँ। जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) जी
हाँ। जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-3 अनुसार है। (ड.) जी
नहीं। शेषांश
का प्रश्न
उपस्थित नहीं होता।
गैस
राहत अस्पतालों
में रख-रखाव/दवाओं
पर व्यय राशि
[भोपाल गैस
त्रासदी राहत
एवं पुनर्वास]
7.
( *क्र. 204 ) श्री आतिफ
आरिफ अकील : क्या
भोपाल गैस
त्रासदी राहत
एवं पुनर्वास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) प्रदेश
सरकार द्वारा
भोपाल गैस
त्रासदी राहत
एवं पुनर्वास
विभाग द्वारा
वित्तीय
वर्ष 2024-25, 2025-26
कितनी-कितनी
राशि का
प्रावधान
किया गया था? (ख) वर्ष
2024-25 से स्थापना
व्यय छोड़कर
कितनी-कितनी
राशि अस्पतालों
के
रख-रखाव/दवाओं
आदि पर खर्च
की गई तथा
कौन-कौन सी
सामग्री
किस-किस कंपनी
से कब-कब क्रय
की गई है? जानकारी
दें। (ग) उपरोक्त
प्रश्नांश
के
परिप्रेक्ष्य
में क्या प्रश्नकर्ता
द्वारा
माननीय
मंत्री जी को
पत्र क्र. 801, दिनांक 05.08.2025 के द्वारा
जवाहर लाल
नेहरू अस्पताल, कमला
नेहरू अस्पताल
व अन्य में
स्वास्थ्य
सुविधाओं
संबंधी
शिकायतों से
अवगत कराया
गया था? यदि हाँ, तो पत्र
में उल्लेखित
बिन्दुओं पर
विभाग द्वारा प्रश्न
दिनांक की
स्थिति में क्या-क्या
कार्यवाही की
गई? यदि
नहीं, तो
क्यों? कब तक
कार्यवाही की
जावेगी?
भोपाल
गैस त्रासदी
राहत एवं
पुनर्वास
मंत्री ( डॉ.
कुंवर विजय
शाह ) : (क) विभाग
के लिये वित्तीय
वर्ष 2024-25
में राशि रू.1,58,75,25,000/-
तथा
वित्तीय
वर्ष 2025-26
में राशि रू. 1,84,59,77,000/-
का
प्रावधान
किया गया है। जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) विभाग
के अंतर्गत वर्ष
2024
-25 से स्थापना
व्यय छोड़कर
अस्पतालों
के रख-रखाव/दवाओं
आदि पर कुल
राशि रू. 60,54,23,656/- खर्च की गई।
क्रय की गयी
सामग्री एवं
कंपनियों की
विस्तृत जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नकर्ता
द्वारा जवाहर
लाल नेहरू अस्पताल, कमला
नेहरू अस्पताल
व अन्य में
स्वास्थ्य
सुविधाओं
संबंधी की गयी
शिकायतों पर
विभाग द्वारा
की गयी
कार्यवाही की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'स' अनुसार है।
अवधि
विधान की धारा
5
का दुरूपयोग
[राजस्व]
8.
( *क्र. 28 ) डॉ.
चिंतामणि
मालवीय : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) म.प्र.
के राजस्व
न्यायालय को
अवधि विधान की
धारा 5
में कितने समय
की समय-सीमा के
प्रकरण
विचारण का
अधिकार है? (ख) क्या
वादग्रस्त
भूमि का
पंजीकृत
विक्रय होने
अथवा विधि
पूर्वक
स्वत्व
परिवर्तन
होने के
पश्चात
वारिसों के
नाम जोड़ने के
विवाद अथवा
वारिसों के
भूमि के
हिस्सा कम
ज्यादा को
लेकर प्रकरण
विचारण पर
लिया जा सकता
है? (ग) रतलाम, उज्जैन
एवं इंदौर
जिले में
जनवरी 2024 से प्रश्न
दिनांक तक 20 वर्ष से
अधिक पुराने
कितने प्रकरण
अपीलीय राजस्व
न्यायालय
द्वारा
स्वीकृत किये।
अथवा स्थगन
जारी किया है? (घ) अवधि
विधान की धारा
5 का
दुरूपयोग
रोकने के लिये
सरकार क्या
कदम उठाएगी।
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) मध्य
प्रदेश के
राजस्व
न्यायालय को
अवधि विधान की
धारा 5 के
तहत, "पर्याप्त
कारण" होने पर
विलंब की माफी
देने का
अधिकार है, न कि किसी
विशिष्ट
समय-सीमा की
धारा 5 के
अनुसार, यदि कोई
पक्ष विलंब का
"पर्याप्त
कारण" बताता
है, तो
न्यायालय
विलंब को माफ
कर सकता है और फिर
विलंब की अवधि
अधिनियम
अंतर्गत नियत
किये गये
दिनों से अधिक
होने पर भी
माफ किया जा
सकता है। (ख) जी
हाँ, विधि
अनुरूप
कार्यवाही की
जा सकती है। (ग) जनवरी
2024
से प्रश्न
दिनांक तक
जिला रतलाम
में 03 प्रकरण
क्रमशः
सैलाना तथा
रतलाम शहर के
अनुविभागीय
अधिकारी, राजस्व के
न्यायालय में
प्रचलन में है।
जिला इंदौर
एवं उज्जैन
में कोई भी
प्रकरण लंबित
नहीं है। (घ) अवधि
विधान की धारा
5
के
अनुसार
राजस्व
न्यायालय
विधि अनुसार
कार्यवाही
संपादित की
जाती है। नियमों
के दुरुपयोग
की स्थिति में
म.प्र. सिविल
सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण
एवं अपील) 1966 के
अन्तर्गत के
अन्तर्गत
कार्यवाही की
जाती है।
सिविल
हॉस्पिटल
बैरसिया में पदस्थ
विशेषज्ञ
चिकित्सकों
के स्वीकृत
पद
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
9.
( *क्र. 940 ) श्री विष्णु
खत्री : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) सिविल
हॉस्पिटल
बैरसिया में विशेषज्ञ
चिकित्सक
एवं चिकित्सक
के कुल कितने
पद स्वीकृत
हैं एवं इन
पदों के
विरूद्ध
कितने विशेषज्ञ
चिकित्सक
एवं चिकित्सक
वर्तमान में
पदस्थ हैं? चिकित्सकों
के नाम एवं
पदनाम सहित
जानकारी
उपलब्ध
करायें। (ख) सिविल
हॉस्पिटल
बैरसिया में
पदस्थ
विशेषज्ञ
चिकित्सकों
एवं चिकित्सकों
में से कितने
अन्यत्र
संलग्न हैं? ऐसे
विशेषज्ञ
चिकित्सकों
एवं चिकित्सकों
के नाम एवं
संलग्न
कार्यालयों
की जानकारी
उपलब्ध
करायें।
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''अ'' अनुसार है।
(ख) सिविल
अस्पताल
बैरसिया में
पदस्थ एक
चिकित्सा
अधिकारी डॉ.
प्रांजल खरे
को कार्य
सुविधा की
दृष्टि से मुख्य
चिकित्सा एवं
स्वास्थ्य
अधिकारी जिला
भोपाल के आदेश
क्रमांक/शहरी
स्वा./2025/18485,
दिनांक 25.09.2025 के क्रम
में संजीवनी
क्लीनिक
सर्वधर्म
ए-सेक्टर
भोपाल/वृत्त
कोलार में
अनुविभागीय
चिकित्सा
अधिकारी के
प्रभारी के
रूप में कार्य
करने हेतु
आदेशित किया
गया है। जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
सी.एम.
राईज स्कूल के
निर्माण में
विलंब
[स्कूल
शिक्षा]
10.
( *क्र. 1282 ) श्री
महेंद्र
रामसिंह यादव
: क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) कोलारस
विधानसभा
क्षेत्र में
कौन-कौन से
सी.एम. राईज
विद्यालय व
भवन कब
स्वीकृति
किये गये? स्वीकृति
आदेश की प्रति
उपलब्ध
करावें। निर्माण
कार्य किस एजेंसी
द्वारा किया
जाना था? जानकारी
कार्यवार
पृथक-पृथक
उपलब्ध
करावें। (ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार
स्वीकृत भवन
हेतु निविदा
कब जारी की गयी? निर्माण
कार्यों की
लागत क्या थी
व निर्माण कार्य
हेतु क्या समय-सीमा
तय की गयी थी? कार्य
आदेश किस
ठेकेदार को
दिया गया? निविदा
प्रक्रिया व
ठेकेदार से
किये गये अनुबंध
की प्रति
उपलब्ध
करावें। (ग) प्रश्नांश
(ख) अनुसार
क्या निर्माण
कार्य समय-सीमा
में पूर्ण कर
लिया गया? यदि नहीं, तो कारण
स्पष्ट करें। समय-सीमा
में कार्य
पूर्ण न होने
पर ठेकेदार पर
क्या कोई दण्ड
अधिरोपित
किया गया? यदि हाँ, तो विवरण
दें। यदि नहीं, तो कारण
स्पष्ट करें व
कार्य की
अद्यतन स्थिति
से अवगत
करावें। (घ) प्रश्नांश
(क) से (ग) अनुसार
निर्माण
कार्य कब तक
पूर्ण कर नवीन
भवन में
विद्यालय कब
से प्रारंभ कर
दिया जावेगा?
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-1 अनुसार
है।
स्वीकृति
आदेश की प्रति पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-2 अनुसार
है।
(ख) जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-3 अनुसार
है।
ठेकेदार की जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-1 अनुसार
है।
अनुबंध की
प्रति पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-4 अनुसार
है।
(ग) जी नहीं। जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-5 अनुसार
है।
(घ) पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र "5" अनुसार भवन
पूर्ण होने के
उपरांत
विद्यालय
प्रारंभ किया
जावेगा।
कफ
सिरप से बच्चों
की मौत
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
11.
( *क्र. 1188 ) श्री उमंग
सिंघार : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या दिनांक
04 सितम्बर, 2025 से
लेकर आज तक
राज्य में कफ
सिरप के सेवन
से कुल कितने
बच्चों की
मृत्यु हुई है
तथा ये घटनाएं
किन-किन जिलों
में दर्ज की
गई है? (ख) क्या
राज्य सरकार
द्वारा उक्त
घटनाओं की जांच
के लिये कोई
विशेष जांच दल
या
चिकित्सकीय
समिति गठित की
गई है? यदि
हाँ, तो
समिति के
प्रमुख
निष्कर्ष
क्या है? (ग) क्या
राज्य सरकार
ने इस घटना के
बाद प्रदेश भर
में बिक रही
अन्य सिरप एवं
बाल औषधियों
की भी पुनः
जांच करायी है? यदि हाँ, तो उसके
परिणाम क्या
है और कितनी
दवाओं को पाया
गया? (घ) प्रश्नांश
(क) के प्रकाश
में जिन
बच्चों की
मृत्यु हुई
उनके परिजनों
पर तथा सरकार
द्वारा अब तक
इन सभी प्रभावित
परिवारों को
कुल कितनी
राशि मुआवजे
के रूप में
प्रदान की गई
है? (ड.)
बच्चों
की मौतों के
प्रकरण में
किन
अधिकारियों या
विभागों की
लापरवाही या
निगरानी विफलता
पायी गई है और
उनके विरूद्ध
क्या
कार्यवाही की
गई?
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) दिनांक 04 सितम्बर, 2025 से
लेकर आज तक
राज्य में COLDRIF कफ
सिरप के सेवन
से कुल 24 बच्चों की
मृत्यु दर्ज
हुई है तथा ये
घटनाएं जिले
छिंदवाड़ा, पांढुर्णा
एवं बैतूल में
दर्ज की गई है।
(ख) जी हाँ। जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र ''अ'' अनुसार है।
(ग) जी हाँ, राज्य में
स्थित ओरल
लिक्विड
निर्माता
फर्मों की
सी.डी.एस.सी.ओ.
एवं राज्य के
औषधि
निरीक्षकों
के साथ संयुक्त
रूप से जाँच
करवाई जा रही
है। विवरण की जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
दिनांक
04.09.2025 के बाद
प्रदेश भर में
बिक रही अन्य
सिरप एवं बाल
औषधियों की
जाँच भी करवाई
जा रही है। जाँच
परिणाम की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
(घ) जिला
छिंदवाड़ा, पांढुर्णा
एवं बैतूल के
प्रभावित
परिवारों को
मुआवजे के रूप
में प्रदाय की
गई राशि की जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
(ड.) बच्चों
की दुःखद
मृत्यु
संबंधी
प्रकरण में
मूलरूप से जवाबदारी
तमिलनाडु
राज्य स्थित
श्रीसन फार्मा
की है, जिसकी
निगरानी का
दायित्व
तमिलनाडु
सरकार के औषधि
विभाग का था। संबंधितों
के विरूद्ध
कार्यवाही
किये जाने हेतु
लिखे गये पत्र
की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र ''इ'' अनुसार है।
कार्बाइड
गन दुर्घटनाओं
से बच्चों की
दृष्टि हानि
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
12.
( *क्र. 476 ) श्री आरिफ
मसूद : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) दिनांक 15 अक्टूबर, 2025 से 25 अक्टूबर, 2025 की
अवधि में राज्य
में कार्बाइड
गन से हुई
दुर्घटनाओं
के कारण कुल
कितने बच्चों
की एक अथवा
दोनों आंखों
की दृष्टि
प्रभावित/समाप्त
हुई है? (ख) इन
प्रभावित बच्चों
में से कितनों
को राज्य
सरकार द्वारा
मुआवजा
प्रदान किया
गया है और प्रत्येक
प्रकरण में
मुआवजे की
राशि कितनी
निर्धारित की
गई है? (ग) क्या
राज्य सरकार
ने इन बच्चों
के लिये दीर्घकालिक
उपचार, कृत्रिम
दृष्टि उपकरण
के लिये कोई
विशेष योजना
तैयार की है? यदि हाँ, तो उसके
प्रमुख बिन्दु
क्या है? (घ) क्या
राज्य सरकार
द्वारा उक्त
घटनाओं की
जांच के लिये गठित
समिति ने अपनी
रिपोर्ट
प्रस्तुत की
है? यदि
हाँ, तो
उसके मुख्य
निष्कर्ष
एवं
अनुशंसाएं क्या
हैं?
उप
मुख्यमंत्री, लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) दिनांक
15
अक्टूबर, 2025 से 25
अक्टूबर, 2025 की
अवधि में राज्य
में कार्बाइड गन
से हुई
दुर्घटनाओं
में कुल 284 व्यक्ति
प्रभावित
हुये हैं, जिसमें
बच्चें भी
सम्मिलित हैं।
इनमें
प्रभावितों
में से किसी
भी बच्चें की
आँखों की
दृष्टि
प्रभावित/समाप्त
नहीं हुई है। (ख)
से (घ) जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
व्यावसायिक
परिसर सह बस
स्टैंड का
निर्माण
[परिवहन]
13.
( *क्र. 1253 ) श्री
सुनील उईके : क्या
परिवहन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
छिंदवाड़ा
शहर के बस
स्टैंड
क्षेत्र में
मध्य प्रदेश
सड़क परिवहन
निगम की लगभग 78484 वर्ग फीट
भूमि पर सरकार
की बी.ओ.टी. योजना
अंतर्गत राज
बिल्डर्स एंड
डेवलपर्स
भोपाल द्वारा व्यावसायिक
परिसर सह बस
स्टैंड का
निर्माण कार्य
किया गया था? (ख) म.प्र.
सड़क परिवहन
निगम द्वारा
किन नियम और शर्तों
पर राज
बिल्डर्स एंड
डेवलपर्स
भोपाल को
व्यावसायिक
परिसर सह बस
स्टैंड
निर्माण कार्य
हेतु भूमि दी
गई। नियम एवं
शर्तों की
प्रति उपलब्ध
कराएं। (ग) परिवहन
निगम और राज
बिल्डर्स के
बीच यदि कोई अनुबंध
हुआ है तो
अनुबंध की
प्रति प्रदान
करें। (घ) राज
बिल्डर्स एंड
डेवलपर्स
भोपाल ने
कितनी दुकानों
की लीज कम सेल
डीड संपादित
की, किस-किस
मूल्य पर संपादित
की? (ड.)
व्यावसायिक
परिसर सह बस
स्टैंड
निर्माण से म.प्र.
सड़क परिवहन
निगम को क्या
लाभ हुआ? (च) म.प्र.
शासन के आदेश
दिनांक F-7-1-93/8, दिनांक 22.1.2002 की प्रति
भी प्रदान
करें।
परिवहन
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) मध्यप्रदेश
सड़क परिवहन
निगम द्वारा
शासन से
अनुमति
उपरांत मध्यप्रदेश
के विभिन्न
स्थानों पर
स्थित संपत्तियों
पर बी.ओ.टी.
योजना
अंतर्गत बस
स्टेंड सह व्यवसायिक
कॉम्पलेक्स
निर्माण हेतु
दैनिक समाचार
पत्र में
दिनांक 12.04.2003 को निविदा
शर्तों के साथ
निविदा सूचना
(विज्ञप्ति) प्रकाशित
की गई थी। प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ
अनुसार है। (ग) संपादित
अनुबंध की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब
अनुसार है। (घ) बस
स्टैण्ड
छिंदवाड़ा
स्थित उक्त
भूमि पर बी.ओ.टी.
योजना
अंतर्गत राज
बिल्डर्स एवं
डेव्हलपर्स
भोपाल द्वारा कुल
173, जिसमें 159
व्यवसायिक
दुकानें/शोरूम/कार्यालय
एवं 14
आवासीय परिसर
का निर्माण
किया गया था। निविदा
दस्तावेज की Special
Condition क्र. 2 अनुसार, निर्मित
व्यवसायिक
दुकानें/शोरूम/कार्यालय
एवं आवासीय
परिसर को
विक्रय किये
जाने हेतु
निविदाकर्ता
को अधिकृत किया
गया था, जिसके तहत
निविदाकर्ता
द्वारा समस्त
दुकानों/अवासीय
परिसर को
विभिन्न दरों
(मूल्य) पर Allot किया जाकर
निगम के
माध्यम से लीज
कम सेल डीड संपादित
कराई गई। प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स
अनुसार है। (ड.) व्यावसायिक
परिसर सह बस
स्टैंड निर्माण
से म.प्र. सड़क
परिवहन निगम
को प्रीमियम
के रूप में
राशि रूपये 10,01,000/- प्राप्त
हुये तथा
निर्धारित
लीज रेंट के
रूप में
निर्मित
दुकानों/शोरूम/कार्यालय
से एक रूपये
प्रति
वर्गफुट
प्रतिमाह एवं
आवासीय परिसर
से एक रूपये
प्रति
वर्गफुट
प्रतिवर्ष के मान
से लीज रेंट
प्राप्त हो
रहा है। (च) आदेश
की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द
अनुसार है।
निर्धारित
किराये से
अधिक दर की
वसूली
[परिवहन]
14.
( *क्र. 930 ) श्री
दिनेश राय
मुनमुन : क्या
परिवहन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
सिवनी से नागपुर, सिवनी से
जबलपुर, सिवनी से
बालाघाट एवं
सिवनी से छिन्दवाड़ा
मार्गों पर
संचालित
परमिटधारी
बसों द्वारा
निर्धारित
किराया से
अधिक किराया
वसूला जा रहा
है? क्या
उपरोक्त
चारों
मार्गों के
लिये परिवहन
विभाग द्वारा
अधिकृत
किराया निर्धारित
किया गया है? यदि हाँ, तो चारों
मार्गों के
लिये वर्तमान
में प्रभावी
किराया सूची
उपलब्ध कराई
जाये। (ख) क्या
इन मार्गों पर
संचालित सभी
परमिटधारी
बसों में उक्त
किराया सूची
चस्पा की गई
है? यदि
नहीं, तो
कारण बताएं। (ग)
क्या उक्त
मार्गों पर
किराया एवं
अन्य मानकों
की जाँच हेतु
दिनांक 01 अप्रैल, 2024 से प्रश्न
दिनांक तक के
बीच कभी
चेकिंग की गई
है? यदि
हाँ, तो
कब-कब चेकिंग
की गई?
चेकिंग की
तिथि तथा
चेकिंग करने
वाले अधिकारियों
के नाम, पदनाम
मोबाईल नंबर
सहित विवरण
प्रदान करें। (घ)
क्या बस
संचालकों
द्वारा
मनमाने तरीके
से यात्रियों
से किराया
वसूल किया जा
रहा है तथा
उन्हें
टिकिट/रसीद भी
नहीं दी जा
रही है? सिवनी से
नागपुर के
लिये 275 रू., सिवनी से
जबलपुर 300 रू. सिवनी
से बालाघाट के
लिये 250 रू.
एवं सिवनी से
छिंदवाड़ा 150 रू. किराया
वसूल किया जा
रहा है? अवैध
किराया वसूली
पर विभाग
द्वारा क्या
कार्यवाही की
गई है? क्या
इस संबंध में
कभी कोई जाँच की
गई है? यदि
हाँ, तो
जानकारी
उपलब्ध
करायें।
परिवहन
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) जी नहीं। मध्यप्रदेश
शासन, परिवहन
विभाग
मंत्रालय की
अधिसूचना
क्रमांक एफ 22-142/2004/आठ, दिनांक 20 अप्रैल, 2021
द्वारा
मध्यप्रदेश
में प्रक्रम
यात्री बसों
में
यात्रियों के
लिये अधिकतम
यात्री
किराया
निर्धारित
किया गया है। प्रश्नांकित
मार्गों के
लिये प्रक्रम
यात्री बसों
में
यात्रियों के
लिये उक्त
अधिसूचना
अनुसार ही
किराया
निर्धारित है।
अधिसूचना की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-अ
अनुसार है। अखिल
भारतीय
पर्यटक वाहन (परमिट)
नियम, 2023
के अंतर्गत
जारी अखिल
भारतीय
पर्यटक परमिट
(ए.आई.टी.पी.) पर
अनुबंध वाहन
के रूप में
यात्रियों का
परिवहन करने
वाले यात्री
वाहनों के
लिये यात्री
किराया
निर्धारित
करने हेतु
राज्य सरकार
सक्षम नहीं
होने के कारण
उक्त निर्धारित
किराया उन
यात्री बसों
पर लागू नहीं
होता है। (ख) प्रश्नांकित
मार्गों पर
संचालित सभी
परमिट धारी
प्रक्रम बसों
में किराया
सूची चस्पा है, जिसके
परिप्रेक्ष्य
में शेष प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होता। (ग) जी
हाँ। वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब
अनुसार है। (घ) जी
नहीं। अवैध
किराया वसूली
न हो इस संबंध
में विभाग द्वारा
नियमित रूप से
वाहन चेकिंग
की कार्यवाही
की जाती है। संबंधित
कार्यालयों
द्वारा की गई
कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब
अनुसार है।
सिविल
अस्पताल के
भवन का
निर्माण
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
15.
( *क्र. 22 ) श्री
कुँवर सिंह
टेकाम : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
सीधी जिले के
अंतर्गत सामुदायिक
स्वास्थ्य
केन्द्र मझौली
को 50
बिस्तरीय
सिविल अस्पताल
में उन्नयन
किया गया था? यदि हाँ, तो
जानकारी
उपलब्ध
करायें। (ख) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में 50
बिस्तरीय
सिविल अस्पताल
भवन निर्माण
के लिये कितनी
राशि की प्रशासकीय
स्वीकृति
जारी की गई है? राशि सहित
जानकारी उपलब्ध
करायें। (ग) प्रश्नांश
(ख) के संदर्भ
में 50
बिस्तरीय
सिविल अस्पताल
का निर्माण
कार्य प्रश्न
दिनांक तक
प्रारंभ नहीं किये
जाने का कारण
बतायें। सिविल
अस्पताल भवन
का निर्माण कब
तक प्रारंभ
करा दिया
जावेगा? समय-सीमा बतायें।
(घ) प्रश्नांश
(ग) के संदर्भ
में सिविल अस्पताल
भवन निर्माण
कार्य प्रश्न
दिनांक तक प्रारंभ
नहीं किये
जाने के लिये कौन-कौन
से अधिकारी
उत्तरदायी
हैं? उनके
विरूद्ध क्या
कार्यवाही की
गई? जानकारी
उपलब्ध
करायें।
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) जी हाँ। जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
अनुसार है। (ख)
30 बिस्तरीय
सामुदायिक
स्वास्थ्य
केन्द्र मझौली
का 50
बिस्तरीय
सिविल
अस्पताल भवन
के
उन्नयन/निर्माण
कार्य हेतु
राशि रूपये 1134.86 लाख एवं
फर्नीचर हेतु
राशि रूपये 8.14 लाख की
प्रशासकीय
स्वीकृति
जारी की गई। भवन
निर्माण एवं
उपकरण
फर्नीचर सहित
कुल राशि रू. 1143.00 लाख की
प्रशासकीय
स्वीकृति
जारी की गई। (ग) भवन
का निर्माण
कार्य
वर्तमान
अस्पताल परिसर
में किया जाना
है। संचालित
अस्पताल को
अन्यत्र भवन
में स्थानांतरित
किया जा रहा
है तथा
वर्तमान
अस्पताल
परिसर के
विद्यमान
भवनों के
ध्वस्तीकरण की
अनुमति हेतु
कार्यवाही
प्रक्रियाधीन
है। निश्चित
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
(घ) उत्तरांश ''ग'' के
क्रम में कोई
उत्तरदायी
नहीं है। अतः
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
मरम्मत
एवं अन्य
कार्य के लिये
संस्था को
राशि प्रदाय
[जनजातीय
कार्य]
16.
( *क्र. 1442 ) श्री चैन
सिंह वरकड़े : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या प्रा.शा., मा.शा.
हाईस्कूल एवं
उ.मा.वि. को
मरम्मत कार्य
एवं अन्य
कार्य के लिये
संस्था को
राशि प्रदाय
की जाती है? (ख) यदि
हाँ, तो
मंडला जिले के
विकासखण्ड
निवास के
प्रत्येक
विद्यालय के
बैंक खाते में
राशि प्रदान
की गई है या किसी
अन्य संस्था
के बैंक खाते
में की गई है? (ग) यदि
हाँ, तो
मंडला जिले के
विकासखण्ड
निवास के
प्रत्येक
विद्यालय में
विगत 2021-22, 2022-23, 2023-24, 2024-25 एवं 2025-26 सत्र में
संस्थावार
वर्षवार बैंक
खाता नंबर सहित
कितनी-कितनी
राशि प्रदान
की गई है? (घ) यदि
हाँ, तो
राशि व्यय
करने की
प्रक्रिया का
पालन किया गया
कि नहीं? यदि नहीं, किया गया
तो राशि किस
संस्था के बैंक
खाते से व्यय
की गई है और
यदि नियम
विरुद्ध व्यय
की गई है तो
उनके खिलाफ
क्या
कार्यवाही की
गई है?
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी
हाँ। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (घ) जी
हाँ। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
जाल्यापानी
डेम में नहरों
की स्थिति व
गाद निराकरण
[जल संसाधन]
17.
( *क्र. 1339 ) श्री बाला
बच्चन : क्या जल
संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) पानसेमल
विधानसभा
क्षेत्र में
स्थित जाल्यापानी
डेम की नहरों
का निर्माण कब
व कहां से कहां
तक किया गया, की
संपूर्ण
जानकारी लागत, दूरी, स्थान
नाम, कार्य
प्रारंभ
दिनांक, कार्य
पूर्णता
दिनांक सहित
उपलब्ध
करावें? (ख) इन
नहरों की
अद्यतन
स्थिति भौतिक
सत्यापन की
प्रमाणित
फोटो सहित
पृथक-पृथक
उपलब्ध
कराएं। विगत 03 वर्ष में
सिंचाई हेतु
कितने
क्षेत्र में
जल उपलब्ध
हुआ? वर्षवार, सिंचाई
रकबा क्षेत्र, कृषक संख्या
(लाभान्वित) सहित
देवें। (ग) क्या
कारण है कि
नहरों की
स्थिति अत्यंत
खराब होने के
बाद भी इनका
मेंटेनेंस कई
वर्षों से
नहीं किया गया? इनका
मेंटेनेंस कब
तक कर के इन्हें
चालू किया जायेगा? समय-सीमा
देवें। (घ) विगत
05 वर्षों
में जाल्यापानी
डेम से गाद का
निराकरण कब-कब
किया गया? वर्तमान
में अत्यधिक
गाद होने के
बावजूद इसका
निराकरण क्यों
नहीं किया जा
रहा है? कब तक इसे
गाद मुक्त कर
दिया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
जल
संसाधन
मंत्री ( श्री
तुलसीराम
सिलावट ) : (क) पानसेमल
विधानसभा
क्षेत्र में
स्थित जाल्यापानी
डेम की नहरों
का निर्माण, लागत रु. 141.40 लाख, कुल
लम्बाई 13.37 कि.मी. (मुख्य
नहर 5.52
कि.मी., माईनर
01 नहर 2.45 कि.मी., माईनर 02 नहर 4.32 कि.मी. एवं
सब माईनर 1.08 कि.मी.) ग्राम
मल्फा, मलगांव, खेतिया
एवं भातकी में
सिंचाई हेतु
किया गया है। कार्य
प्रारंभ
दिनांक 26.09.2016 एवं कार्य
पूर्णता
दिनांक 30.06.2018 है। (ख) प्रमाणित
फोटोग्रॉफ्स पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-1 अनुसार है।
विगत 03 वर्ष में
सिंचाई हेतु 770 हेक्टेयर
क्षेत्र में
जल उपलब्ध
करवाया गया। वर्षवार
सिंचाई का विवरण
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-अ
अनुसार है। (ग) नहरों
का मेंटेनेंस
जल उपभोक्ता
संथा मद अंतर्गत
प्रतिवर्ष
किया जा रहा
है। शेष प्रश्न
लागू नहीं। (घ) विगत
05 वर्षों
में
जाल्यापानी
डेम से गाद का
निराकरण नहीं
किया गया है। गाद
निकासी कार्य, प्रमुख
अभियंता, जल संसाधन
विभाग भोपाल
के पत्र क्र.
नि.स./प्र.अ./3484001/पी.सी./10, भोपाल
दिनांक 01.07.2011 द्वारा, सिल्ट
हटाया जाना
पूर्णतः
अव्यवहारिक
माना गया है। छायाप्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-2 अनुसार है।
शेष प्रश्न
लागू नहीं।
शासकीय
पी.एम. श्री
विद्यालय
कमलापुर में
बाउण्ड्रीवाल
निर्माण
[स्कूल
शिक्षा]
18.
( *क्र. 14 ) श्री
मुरली भँवरा : क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
शासकीय पी.एम.
श्री
विद्यालय
कमलापुर, जिला
देवास के
परिसर में
बाउण्ड्रीवाल
निर्माण का
कार्य अब तक
नहीं किया गया
है, जिसके
कारण विद्यालय
में
छात्र-छात्राओं
एवं शैक्षणिक
परिसंपत्तियों
की सुरक्षा को
जोखिम बना हुआ
है। (ख) यदि
हाँ, तो
पी.एम. श्री
विद्यालय परिसर में
बाउण्ड्रीवाल
निर्माण हेतु
प्रस्ताव बजट
प्रावधान एवं
प्रशासनिक
स्वीकृति की
वर्तमान
स्थिति क्या
है। (ग) विद्यालयों
में बच्चों की
सुरक्षा को
ध्यान में
रखते हुए
बाउण्ड्रीवाल
निर्माण को
प्राथमिकता
में लेकर कब
तक कार्य
प्रारंभ किया
जाना
प्रस्तावित
है।
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) जी
हाँ। विद्यालय
में
छात्र-छात्राओं
एवं शैक्षणिक
परिसंपत्तियों
की सुरक्षा की
जोखिम जैसी
स्थिति नहीं
है। (ख) एवं (ग) बाउण्ड्रीवॉल
निर्माण की
स्वीकृति बजट
की उपलब्धता
एवं सक्षम
समिति की
स्वीकृति पर
निर्भर करता
है। निश्चित समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
बालाघाट
जिले में
बेमौसम बरसात
से फसलों में
क्षति
[राजस्व]
19.
( *क्र. 236 ) श्री मधु
भगत : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क)
बालाघाट
जिले में
बेमौसम बरसात
(आकस्मिक
अतिवृष्टि) कीट
व्याधि होने
से जिले में
लगी फसल धान
की खड़ी एवं
कटी फसलों को
अत्यधिक
क्षति हुई है? क्या शासन
द्वारा क्षति
हुई फसलों का
पूर्ण रूप से
सर्वे किया जा
रहा है? किसानों
की सूची सहित
जानकारी
उपलब्ध करावें।
(ख) सर्वे
दिनांक से प्रश्न
दिनांक तक
विधानसभा क्षेत्र
परसवाड़ा के
कितने
किसानों का
सर्वे किया
गया है? सर्वे
पूर्ण होने के
उपरान्त शासन
द्वारा
मुआवजे की
क्या योजना
बनाई जा रही
है एवं किसानों
को हुई क्षति
का मुआवजा किस
आधार पर कराया
जा रहा है? समस्त
दस्तावेजों
की जानकारी
उपलब्ध
करावें? (ग) विधानसभा
क्षेत्र 110 परसवाड़ा
के अंतर्गत आने
वाले समस्त
किसानों की
नुकसान हुई
धान फसल में
अचानक हुई
बेमौसम बारिश
से धान में
कालापन आने से
क्या शासन समर्थन
मूल्य पर धान
खरीदेगी या
उसे समर्थन
मूल्य से
कितने प्रतिशत
कम में खरीदी
जावेगी?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) जी हाँ। क्षति
हुई फसलों का
सर्वे
पूर्णरूप से
किया गया है। प्रभावित
किसानों की
सूची पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है।
(ख) विधानसभा
क्षेत्र
परसवाड़ा के 7881 किसानों
का सर्वे किया
गया है। सर्वे
पूर्ण होने के
उपरांत क्षति
होने पर राजस्व
पुस्तक
परिपत्र 6 (4) के
प्रावधान
अनुसार
आर्थिक
सहायता राशि
प्रदान की
जाती है। दस्तावेजों
की जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
(ग) भारत
सरकार द्वारा
धान उपार्जन
हेतु निर्धारित
एक समान
विनिर्दिष्टियां
(Uniforms
Specifications) अनुसार
ई-उपार्जन
पोर्टल पर
पंजीकृत
किसानों से
निर्धारित
समर्थन मूल्य
पर धान का
उपार्जन किया
जाता है। शेष प्रश्न
उद्भूत नहीं
होता।
योजनाओं
की NIT बारबार
निरस्त होना
[जल संसाधन]
20.
( *क्र. 1239 ) श्री
श्याम बरडे : क्या जल
संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) सुसरी
सिंचाई तालाब, काला अम्बा
सिंचाई तालाब, मोगरी
सिंचाई तालाब एवं
दोंदवाड़ा
बैराज
निर्माण आदि
सभी योजनाओं
की NIT किन-किन
तिथियों में जारी
की गई थी? (ख) प्रत्येक
बार निविदा
निरस्त किये
जाने के क्या
कारण रहे? (ग) इन
परियोजनाओं
की वर्तमान
स्थिति क्या
है एवं
निर्माण
कार्य
प्रारंभ करने
की संभावित तिथि
क्या
निर्धारित की
गई है?
जल
संसाधन
मंत्री ( श्री
तुलसीराम
सिलावट ) : (क) एवं (ख) जानकारी
संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) परियोजनाओं
की निविदाएं
आमंत्रित की
जा चुकी है। निविदा
स्वीकृति
उपरान्त
कार्य
प्रारंभ किया
जा सकेगा। निश्चित
समय-सीमा बताया
जाना संभव
नहीं है।
वर्ष
2019
की शेष राहत
राशि का वितरण
[राजस्व]
21.
( *क्र. 166 ) श्री
विपीन जैन : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क)
प्रश्नकर्ता
के अतारांकित प्रश्न
क्रमांक 767, दिनांक 24 मार्च, 2025
में दिये गये उत्तर
अनुसार 51179 किसानों
के लिये 80,08,46,518/- की राहत
राशि स्वीकृत
की गई थी? (ख) क्या
उक्त स्वीकृत
राशि में से 27,47,55,734/-
की
राशि का वितरण
शेष है? यह राशि
कितने
किसानों को
देना शेष है? सूची
देवें। (ग) इतने
वर्ष उपरांत
भी वंचित
किसानों को
उनके हक की
राशि प्रदाय
क्यों नहीं की
गई?
स्वीकृत राशि
कब तक प्रदाय
कर वंचित
किसानों को
लाभान्वित कर
दिया जायेगा?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) जी हाँ। (ख) जी
हाँ। जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
अनुसार है। (ग) वित्तीय
संसाधनों की
उपलब्धता की
सीमा में शासन
के निर्णय
अनुसार राहत
राशि का वितरण
किया गया है। अत:
शेष प्रश्न
उद्भूत नहीं
होता।
डी.पी.एम.
के विरूद्ध
कार्यवाही
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
22.
( *क्र. 376 ) श्री लखन
घनघोरिया : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) मिशन
संचालक, राष्ट्रीय
स्वास्थ्य
मिशन म.प्र.
भोपाल द्वारा
जारी दिशा-निर्देश
के विरूद्ध
मुख्य
चिकित्सा
एवं स्वास्थ्य
अधिकारी, जबलपुर
द्वारा
ग्रामीण स्वास्थ्य
केन्द्रों
में संविदा पर
पदस्थ 8
कर्मचारियों
के नियम
विरूद्ध
जबलपुर शहर
में माह जुलाई
2025 में किये
गये स्थानांतरण
के संबंध में
कलेक्टर सह
अध्यक्ष, जिला स्वास्थ्य
समिति जबलपुर
को प्राप्त
शिकायत के
संबंध में
कलेक्टर
जबलपुर
द्वारा तत्काल
प्रभाव से उक्त
स्थानांतरण
को निरस्त कर
तत्संबंध में
मुख्य
चिकित्सा
एवं स्वास्थ्य
अधिकारी
जबलपुर एवं
प्रभारी
डी.पी.एम.
जबलपुर व अन्य
कर्मचारियों
को जारी किये
गये शोकॉज
नोटिस के
संबंध में
दोषी
अधिकारियों
के विरूद्ध कब
क्या
कार्यवाही की
गई? यदि
नहीं, तो
क्यों? जानकारी
दें। स्थानांतरित
संविदा
कर्मचारियों
के आदेश
एवं शोकॉज
नोटिस की
छायाप्रति
दें। (ख) प्रश्नांश
(क) में पदस्थ
श्री विजय
पाण्डेय, प्रभारी
डी.पी.एम.
जबलपुर
द्वारा टेण्डर
में हेराफेरी
कर अनुचित लाभ
लेने के संबंध
में कलेक्टर
जबलपुर को कब
क्या शिकायत
मिली है एवं
तत्संबंध में
कलेक्टर
जबलपुर ने
आरोपी के विरूद्ध
कब क्या
कार्यवाही की
है? जानकारी
दें। शिकायत
एवं टेण्डर
की छायाप्रति
दें। (ग) प्रश्नांकित
पदस्थ
प्रभारी
डी.पी.एम.
जबलपुर के
विरूद्ध
आशा-ऊषा एकता
यूनियन म.प्र.
की महासचिव
पूजा कनौजिया, जबलपुर
द्वारा
दिनांक 12.07.2022 को कलेक्टर
एवं पदेन जिला
निर्वाचन (नगरीय)
अधिकारी
जबलपुर को
दिये गये
ज्ञापन पर कब
क्या
कार्यवाही की
गई है? यदि
नहीं, तो
क्यों? बतलायें? ज्ञापन की
छायाप्रति
दें।
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) प्रश्नांश
(क) के तारतम्य
में
कर्मचारियों
अधिकारियों
को कलेक्टर, जबलपुर
द्वारा कारण
बताओ नोटिस
जारी किये गये
हैं। जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''अ'' अनुसार है।
अपचारी
कर्मचारियों
द्वारा
प्रतिउत्तर
कलेक्टर, जबलपुर को
प्रेषित गये हैं।
स्थानांतरण
आदेश की छायाप्रति की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
जानकारी
प्रश्नांश
के प्रथम भाग
में समाहित है।
(ख) टेण्डर
के विरूद्ध
कलेक्टर
जबलपुर को
दिनांक 28.02.2025 को शिकायत
प्राप्त हुई।
कलेक्टर
जबलपुर
द्वारा 04 सदस्यीय
दल द्वारा
शिकायत की
जांच करवाई गई।
शिकायत व जांच
रिर्पोट में
श्री विजय
पाण्डेय, प्रभारी
डी.पी.एम.
जबलपुर का नाम
उल्लेखित
नहीं है। जांच
रिर्पोट की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
शिकायत
की छायाप्रति की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''द'' अनुसार है तथा टेण्डर
की छायाप्रति की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''इ'' अनुसार है।
(ग) प्रभारी
डी.पी.एम.
जबलपुर के
विरूद्ध आशा
ऊषा एकता
यूनियन म.प्र.
की महासचिव
पूजा कनौजिया, जबलपुर
द्वारा
दिनांक 12.07.2022 को
कलेक्टर एवं
पदेन जिला
निर्वाचन (नगरीय)
अधिकारी
जबलपुर को सौंपे
गये ज्ञापन की
जांच किये
जाने हेतु अनुविभागीय
अधिकारी, गोरखपुर/ओमती
को दिनांक 13.07.2022 को आदेशित
किया गया। जांच
रिर्पोट 30.07.2025 को सौंपी
गयी, शिकायतकर्ता
द्वारा
साक्ष्य
प्रस्तुत
नहीं किये
जाने पर
शिकायत की
पुष्टि नहीं पायी
गयी। अत: शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं होता।
ज्ञापन की
छायाप्रति की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''फ'' अनुसार है।
जाँच प्रतिवेदन
की छायाप्रति की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''ज'' अनुसार है।
उर
नहर परियोजना
[जल संसाधन]
23.
( *क्र. 1185 ) श्री
प्रीतम लोधी : क्या जल
संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) पिछोर
विधानसभा में
उर नहर
परियोजना कब
तक पूर्ण होगी? इसमें
कितने हेक्टेयर
जमीन की
सिंचाई होगी? इस
परियोजना का
स्वीकृत बजट
कितना है? मदवार
जानकारी दें। (ख)
किन-किन
एजेंसियों को
क्या-क्या
कार्य टेंडर
के माध्यम से
प्रदाय
करवाया गया? कितनी-कितनी
राशि का कार्य
दिया गया, क्या इन
एजेंसियों के
ऊपर भ्रष्टाचार
या अत्यधिक
राशि निकालने
की जांच हुई? इस जांच
में किसी
कंपनी में
एम.डी. पर कोई
पुलिस केस हुआ? कितनी एक्स्ट्रा
राशि का
भुगतान
करवाया गया? (ग) उर
नहर परियोजना
हेतु टेंडर के
समय स्वीकृत
राशि के
उपरांत नयी
राशि स्वीकृत
हुई? यदि
हाँ, तो
कितनी एवं
किस-किस
कार्यों हेतु
स्वीकृत की
गई?
जल
संसाधन
मंत्री ( श्री
तुलसीराम
सिलावट ) : (क) से (ग)
जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
मरीजों
की संख्या की
तुलना में
सुविधाओं एवं संसाधनों
का अभाव
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
24.
( *क्र. 658 ) श्री
राजेश कुमार
शुक्ला : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
सरकार ने
छतरपुर जिले
के विभिन्न
सरकारी
स्वास्थ्य
संस्थाओं/अस्पताल
में रोगियों
की संख्या की
तुलना में सुविधाओं
एवं संसाधनों
की कमी के
संबंध में कोई
अध्ययन कराया
है। (ख) यदि हाँ, तो, बताई गई
कमियों का
ब्यौरा क्या
है? (ग) इन
कमियों को दूर
करने के लिये उठाए
गये या उठाए
जाने वाली
गतिविधियों
का विवरण क्या
है? (घ) प्रश्नांश
'क" नहीं है
तो क्या ऐसा
अध्ययन
करवाने पर
विचार होगा?
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं
(ग) उत्तरांश
(क) के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित
नहीं होता। (घ) जी
नहीं, ऐसा
कोई प्रस्ताव
विचाराधीन
नहीं है।
खनिज
खदानों, पावर
प्लांट, अन्य निजी फैक्ट्री
के लिये भूमि
अधिग्रहण
[राजस्व]
25.
( *क्र. 765 ) डॉ.
विक्रांत
भूरिया : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क)
प्रदेश के
इंदौर संभाग
में खनिज
खदानों, पावर
प्लांट, बांध
निर्माण, निजी फैक्ट्री
और अन्य किसी
कार्य के लिये
वर्ष 2005 से 2025 तक कुल
कितनी भूमि का
अधिग्रहण
विभाग ने कौन-कौन
से खाता-खसरा, ग्राम
पंचायत, में करा
गया है और किस
कम्पनी, Firm, समूह आदि
के लिये किया
गया? विस्तृत
जानकारी दी
जाये। (ख) भूमि
अधिग्रहण के
लिये प्रति
वर्ष किस दर
से मुआवजा
दिया गया? (ग) वर्तमान
में कौन-कौन
से जिलों में भूमि
अधिग्रहण
प्रगतिरत है?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) जिला-इंदौर
एवं बड़वानी
जिले में खनिज
खदानों, पावर
प्लांट, बांध
निर्माण, निजी फैक्ट्री
और अन्य किसी
कार्य के लिये
वर्ष 2005 से 2025 तक किसी भी
कंपनी Firm, समूह के
लिये नहीं
किया गया शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। अलीराजपुर
जिले में खनिज
खदानों, पावर
प्लांट, बांध
निर्माण, निजी फैक्ट्री
और अन्य किसी
कार्य के लिये
वर्ष 2005 से 2025 तक
कोई भूमि का
अधिग्रहण
नहीं हुई है। जिला
बुरहानपुर
में वर्ष 2005 से 2025
तक कुल 25
बांधों/बैराजों
का निर्माण
किया गया है, जिसमें 441-76
हेक्टर भूमि
का अधिग्रहण
किया गया है। जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'एक' अनुसार है। धार जिले
अंतर्गत बांध
निर्माण, निजी फैक्ट्री
एवं अन्य
किसी कार्य के
लिये वर्ष 2005 से
2025 तक भूमि का
अधिग्रहण
किया गया है। (विभागवार, परियोजनावार
एवं ग्रामवार
अर्जित रकबा
की निजी भूमि
की जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र 'दो' अनुसार है। झाबुआ
जिले के
अनुभाग
पेटलावद के
ग्राम
कोटडाचारण के
कुल 08 सर्वे
नम्बर की कुल 1.63
हे. भूमि एवं
ग्राम झकनावदा
के कुल 27 सर्वे
नम्बर की कुल 6.27
हे. भूमि
अधिग्रहित की
गई। विस्तृत जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'तीन' अनुसार है। खंडवा
जिले के चार
अनुभाग एवं N.H.D.C. खंडवा
द्वारा
अधिग्रहित
भूमि की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'चार' अनुसार है। खरगोन
जिले में प्रश्नांकित
अवधि में खनिज
खदानों, निजी फैक्ट्री
के लिये भूमि
अधिग्रहण
नहीं की गई है।
शासन की ओर से
बांध निर्माण, नहर, सड़क, पुलिया
निर्माण, रेलवे
हेतु भूमि
अधिग्रहण की
गई है, जिसकी
विस्तृत जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
'पांच' अनुसार है। (ख) उत्तरांश ''क'' के
परिप्रेक्ष्य
में इंदौर, अलीराजपुर
एवं बड़वानी
जिले की
जानकारी निरंक
है। जिला-बुरहानपुर
भू-अर्जन
अधिनियम 1894 एवं
भूमि अर्जन
पुनर्वासन और
पुनर्व्यवस्थापन
में उचित
प्रतिकर और
पारदर्शिता
का अधिकार
अधिनियम 2013 तथा
आपसी सहमति
क्रय नीति 2014 के
अन्तर्गत
भूमि
अधिग्रहण
हेतु शासकीय
गाईड-लाईन के
अनुसार
मुआवजा दिया
गया है। जिला-धार
अधिनियमों
में उल्लेखित
नियमानुसार
मुआवजा राशि
दी गई। जिला-झाबुआ
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'छ:' अनुसार है। खण्डवा
जिले के 04
अनुविभाग में
जिस वर्ष में
भूमि
अधिग्रहण
किया गया है, उस वर्ष
में प्रचलित
गाईड-लाईन
अनुसार भूमि
का मुआवजा
प्रदान किया
गया है तथा N.H.D.C.
Limited खण्डवा
द्वारा
इंदिरा
ओंकारेश्वर
परियोजनाओं
में भू-अर्जन
अधिनियम 1894 के
अनुसार जिला
एवं संभागीय
स्तरीय समिति
द्वारा अनुमोदित
दरें जो कि
प्रचलित
बाजार मूल्य
के आधार पर नियत
की जाकर उनके
आधार पर
मुआवजा दिया
गया है। विभिन्न
वर्षों में
समय-समय पर
स्वीकृत दरों के
प्रतिवेदन की
छायाप्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'सात' अनुसार है। जिला-खरगोन
शासन द्वारा भूमि
की प्रतिवर्ष
निर्धारित
गाईड-लाईन
अनुसार
मुआवजा
निर्धारण किया
जाता है। (ग) वर्तमान
में जिला
इंदौर, अलीराजपुर, बुरहानपुर
एवं बड़वानी
में प्रश्नांश
'क' से
संबंधित किसी
भी योजना में
भूमि
अधिग्रहण प्रकरण
प्रगतिरत
नहीं है। जिला-धार
मनमाड़-इंदौर
नई रेलवे लाइन
परियोजना
हेतु
प्रारंभिक स्तर
पर भूमि
अधिग्रहण की
कार्यवाही
प्रगतिरत है। झाबुआ
जिले में
दाहोद-इंदौर रेलवे
लाइन एवं
बदनावर
थांदला
टिमरवानी
मार्ग को
नवीनीकरण/चौड़ीकरण
हेतु भूमि
अधिग्रहण का
कार्य
प्रगतिरत है। जिला-खंडवा
प्रश्नांश
अनुसार
खण्डवा जिले
के 04 अनुविभाग
एवं N.H.D.C. खण्डवा
द्वारा निम्नानुसार
भूमियों में
अधिग्रहण के
प्रकरण प्रचलित
हैं :- (1) अनुविभाग
(रा) खण्डवा
में भूमि
अधिग्रहण के
कुल 33
प्रकरण
प्रचलित हैं। (2) अनुविभाग (रा)
पंधाना में
भूमि
अधिग्रहण के
कुल 08
प्रकरण
प्रचलित हैं। (3) अनुविभाग (रा)
पुनासा में
भूमि
अधिग्रहण का
कुल 01
प्रकरण
प्रचलित है। (4) अनुविभाग (रा)
हरसूद खालवा
में भूमि
अधिग्रहण के
प्रकरण प्रचलित
नहीं हैं। (5) N.H.D.C.
खण्डवा
में भूमि
अधिग्रहण का
कुल 01
प्रकरण
प्रचलित है। खरगोन
जिले में
वर्तमान में
मनमाड़-इन्दौर
नई रेलवे लाइन
का भूमि
अधिग्रहण चल
रहा है एवं
राष्ट्रीय
राजमार्ग 347-बी जुलवानिया
से देशगांव
फोरलेन
निर्माण हेतु
भूमि अधिग्रहण
प्रगतिरत है।
भाग-2
नियम 46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित प्रश्नोत्तर
कैंट
विधानसभा
अंतर्गत
संजीवनी क्लीनिकों
का संचालन
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
1.
( क्र. 5 ) श्री अशोक
ईश्वरदास
रोहाणी : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) कैंट
विधानसभा
अंतर्गत कुल
कितने
संजीवनी क्लीनिक
स्वीकृत है? जानकारी
दें। (ख) कैंट
विधानसभा में
कितने
संजीवनी क्लीनिक
प्रारंभ हो
चुके हैं? जानकारी
दें। (ग) कैंट
विधानसभा
अंतर्गत
प्रारंभ किए
गए संजीवनी क्लीनिकों
में क्या सभी
डॉक्टर एवं
स्टॉफ उपलब्ध
है या नहीं, यदि नहीं
तो कब तक
नियुक्त किए
जावेंगे? जानकारी
दें।
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) कैंट
विधानसभा
अंतर्गत कुल 10 संजीवनी
क्लीनिक स्वीकृत
है, जानकारी
संलग्न परिशिष्ट के
प्रपत्र ''अ'' अनुसार
है। (ख) कैंट
विधानसभा
अंतर्गत कुल 09 संजीवनी
क्लीनिक
प्रारंभ हो
चुके है, जानकारी
संलग्न परिशिष्ट के
प्रपत्र ''ब'' अनुसार
है। (ग) जी
हाँ, पदस्थ
डॉक्टर एवं
स्टाफ की जानकारी
संलग्न परिशिष्ट के
प्रपत्र ''स'' अनुसार
है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
किसानों
को फसल क्षति
के मुआवजे का
प्रदाय
[राजस्व]
2. ( क्र. 11 ) श्री
कैलाश
कुशवाहा : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
शिवपुरी जिले
में चालू वर्ष
में अत्यधिक
वर्षा के कारण
किसानों की
फसलों को भारी
नुकसान हुआ है
क्या इसका
ग्रामवार
सर्वे कराया
गया है? अब तक
कितने
किसानों को
फसल नुकसान का
मुआवजा दिया
है, ग्रामवार
जानकारी/सूची
दें? (ख) क्या
इस संबंध में
कलेक्टर
शिवपुरी को
प्रश्नकर्ता
ने पत्र
क्रमांक 1174/2025
दिनांक 14/07/2025, पत्र
क्रमांक/2025/1290
दिनांक 16/09/2025 एवं
पत्र क्रमांक/2025/1323
दिनांक 08/10/2025
द्वारा फसल
एवं मकान
क्षति का
सर्वे करवाकर
मुआवजा
दिलवाये जाने, सर्वे
की जानकारी
चाही जाने
हेतु लेख किया
गया था? किंतु
अब तक न तो
समुचित सर्वे
हुआ है और न ही
सभी किसानों
को मुआवजा
प्राप्त हुआ
है और न ही सर्वे
की सूची, जानकारी
से अवगत कराया
गया और सभी
प्रभावित किसानों
को मुआवजा
वितरण क्यों
नहीं किया गया
तथा कब तक
मुआवजा दिया
जाएगा? सूची
सहित जानकारी
दें। (ग) क्या
जिला
शिवपुरी/विधानसभा
पोहरी के
ग्रामों में
जुलाई-अक्टूबर
2025 में हुई
वर्षा से फसल
एवं मकान
क्षति का
ग्रामवार
सर्वे शीघ्र
कराया जावेगा
तथा पात्र
किसानों को
शीघ्र मुआवजा
दिलवाया जायेगा? साथ
ही संबंधित
अधिकारियों
को सख्त
निर्देश दिये
जायें कि
सर्वे कार्य
में किसी भी
प्रकार की
लापरवाही न हो? (घ)
शिवपुरी
जिले एवं
विधानसभा
पोहरी में
किसानों को
चालू वर्ष में
समय पर खाद
क्यों नहीं
उपलब्ध हो पा
रहा है?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) जिला
शिवपुरी
अंतर्गत चालू
वर्ष में अत्यधिक
वर्षा से
किसानों की
फसलों के हुए
नुकसान का
ग्रामवार
सर्वे कराया
गया था। सर्वे
अनुसार 8087
किसानों को
फसलों के
नुकसान की राहत
राशि रूपये 6,62,62,402/- का
वितरण किया
गया है।
ग्रामवार जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट- ''अ'' अनुसार
है। (ख) जी हाँ, प्रश्नकर्ता
के उल्लेखित
पत्रों के
परिपालन में
फसल एवं मकान
क्षति का
सर्वे कराया
गया। सर्वे
उपरांत प्राप्त
हितग्राहियों
को राजस्व
पुस्तक
परिपत्र 6-4 के
प्रावधान
अनुसार राहत
राशि वितरित
की गई है। सूची
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-''ब''
अनुसार है। (ग) जिला
शिवपुरी/विधानसभा
पोहरी के
ग्रामों में
जुलाई-अक्टूबर
2025 में हुई
वर्षा से फसल
एवं मकान
क्षति का
सर्वे करवाया
जाकर
प्रभावितों
को आर्थिक
सहायता राशि
दी गई है। (घ) शिवपुरी
जिले एवं
विधानसभा
पोहरी में
किसानों को
चालू वर्ष में
समय पर डी.ए.पी., एन.पी.
एवं यूरिया
खाद किसानों
की मांग
अनुसार टोकन
के माध्यम से
उपलब्ध
कराया जा रहा
है। खाद की
मांग एवं
उपलब्धता की जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार
है।
तिलहन
संघ की भूमि
की जानकारी
[राजस्व]
3.
( क्र. 17 ) श्री
मुरली भँवरा : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
नगर बागली
जिला देवास
में तिलहन
संघ/तिलहन
सहकारी
संस्था पूर्व
में संचालित
थी? (ख) यदि हाँ, तो उक्त
तिलहन संघ का
पूर्व में
कार्यालय/परिसर
बागली में किस
स्थान पर
स्थित था एवं
उसके
स्वामित्व/प्रशासन
का स्वरूप
क्या था। (ग) वर्तमान
में तिलहन संघ
की जमीन/परिसर
की राजस्व
अभिलेखों में
स्थिति क्या
दर्ज है क्या
उक्त भूमि पर
किसी विभाग, संस्था या
निजी व्यक्ति
द्वारा उपयोग
किया जा रहा
हैं यदि हाँ, तो किस
विभाग/संस्था/व्यक्ति
द्वारा उपयोग
किया जा रहा
हैं किस उद्देश्य
से एवं किस
प्रावधान के
अंतर्गत? (घ) उक्त
भूमि का मूल उद्देश्य
कृषक हित एवं
तिलहन
प्रसंस्करण/सहकारिता
गतिविधि
समाप्त कर
व्यवहार
न्यायाधीश
बागली के
निर्णय
क्रमांक 18/अ-6 (2)/2017-18
दिनांक 21.12.2001 में डिग्री
पारित कर
उपयोग
परिवर्तित कर
दिया गया हैं
जबकि शासनहित
में 10 करोड़
की भूमि के
नामांतरण के पूर्व
शासन हित में
उच्च
न्यायालय में
संबंधित
अधिकारी द्वारा
अपील दायर
क्यों नहीं कि
गयी? (ड.)
उक्त प्रकरण
के संबंधित
अधिकारी के
विरूद्ध कोई कार्यवाही
की गयी, यदि नहीं तो
क्यों? उक्त भूमि
का नामांतरण
निरस्त कर
पुनः शासनहित
के उपयोग हेतु
क्यों नहीं की
गयी? उक्त
नामांतरण
निरस्त कब तक
किया जावेगा
एवं दोषी
अधिकारियों
पर कार्यवाही
कब तक की जावेगी?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) जी नहीं। (ख)
उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) वर्तमान
में तिलहन संघ
के नाम से
राजस्व अभिलेखों
में कोई भी
भूमि दर्ज
नहीं है, अतः शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) एवं
(ड.) प्रश्नांश
(ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
सिंचाई
बांधों का
निर्माण एवं
नहरों का मरम्मत
कार्य
[जल संसाधन]
4.
( क्र. 23 ) श्री
कुँवर सिंह
टेकाम : क्या जल
संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) सीधी
एवं सिंगरौली
जिले के
अंतर्गत
कितने सिंचाई
बांध, एनीकट, लिफ्ट इरिगेशन
संचालित हैं? नाम एवं
सिंचित रकबा
सहित जानकारी
उपलब्ध करायें।
(ख) प्रश्नांश
''क'' के
संदर्भ में
सिंचाई बांध, एनीकट, लिफ्ट इरिगेशन
के
क्षतिग्रस्त
सिंचाई नहरों
का मरम्मत एवं
सफाई का कार्य
कब तक करा
दिया जावेगा? समय-सीमा बतायें।
सिंचाई के
लिये किसानों
को पानी किस
दिनांक से
दिया जायेगा? जानकारी
उपलब्ध
करायें। बरचर
बांध के
सिंचाई नहरें
पूर्णतः
क्षतिग्रस्त
एवं जर्जर हो
चुके हैं, मरम्मत व
सफाई का कार्य
कब तक करा
दिया जायेगा? समय-सीमा बतायें।
बरचर सिंचाई
नहरों के
अतिक्रमण को
कब तक हटा
लिया जायेगा? समय-सीमा बतायें।
(ग) गौण
सिंचाई
परियोजना
सिंगरौली का
निर्माण कार्य
प्रश्न
दिनांक तक
प्रारम्भ
नहीं किया गया
है? कारण
बतायें। निर्माण
कार्य कब
प्रारम्भ
किया जावेगा? समय-सीमा बतायें।
गौण सिंचाई
परियोजना के
अंतर्गत
गोतरा भाग का
निर्माण
कार्य कब तक
प्रारम्भ कर
दिया जावेगा? समय-सीमा बतायें।
निर्माण
कार्य
प्रारम्भ
होने में
विलम्ब का कारण
क्या है? कारण
बतायें। (घ) सीधी
जिले के
अमहोरा
सिंचाई बांध
मड़वास का निर्माण
कार्य
अवरुद्ध
क्यों है? कारण
बतायें। निर्माण
कार्य कब तक
में प्रारम्भ
कराकर कब तक
में पूर्ण करा
दिया जावेगा? समय-सीमा बतायें।
जल
संसाधन
मंत्री ( श्री
तुलसीराम
सिलावट ) : (क) विवरण
संलग्न परिशिष्ट अनुसार
है। (ख) नहरों का
मरम्मत एवं
सफाई का कार्य
25 नवम्बर तक
करा दिया जाना
प्रतिवेदित
है। सिंचाई के
लिये किसानों
को पानी 25 नवम्बर से दिया
जाना
प्रस्तावित
है। बरचर बांध
की नहरों का
मरम्मत व सफाई
कार्य 25 नवम्बर तक
कराये जाने का
लक्ष्य है। परियोजना
की नहरों का
अतिक्रमण
हटाने की कार्यवाही
विभागीय स्तर
पर
प्रक्रियाधीन
होना प्रतिवेदित
है। (ग) जी हाँ।
वन एवं
पर्यावरण
विभाग भारत
सरकार से
पर्यावरण
स्वीकृति एवं
प्रथम एवं
द्वितीय चरण
की वन
स्वीकृति
अपेक्षित
होने में
कार्य प्रारंभ
नहीं किया जा
सका। समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
(घ) अमोहराडोल
सिंचाई बांध
का निर्माण
कार्य वन स्वीकृति
न मिलने से
अवरुद्ध है। निश्िचत
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
राजस्व
ग्रामों की
भूमि और
पंचायतों का
अधिकार
[राजस्व]
5.
( क्र. 42 ) डॉ.
रामकिशोर
दोगने : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
प्रश्न
क्रमांक 5815 दिनांक 17 मार्च 2016 में हरदा, नर्मदापुरम
एवं बैतुल
जिले के
निस्तार पत्रक
में दर्ज
जमीनों का
नियंत्रण, प्रबंधन
एवं अधिकार
पंचायती राज
संस्थाओं को
सौंपे जाने की
दी गई जानकारी
के बाद भी प्रश्न
दिनांक तक
खसरा पंजी, निस्तार
पत्रक में कोई
प्रविष्टि
दर्ज नहीं की
गई है? (ख) किस जिले
के कितने
राजस्व
ग्रामों में
से कितने
ग्रामों की
किस-किस मद
में किस-किस
प्रयोजन के
लिए दर्ज
कितनी-कितनी
भूमियों के
अधिकार, नियंत्रण
एवं पंचायती
राज व्यवस्था
को सौंपे जाने
की जानकारी
पटल पर दी गई
है व कितने ग्रामों
के निस्तार
पत्रक
पंचायतों को
सौंपे जाने की
जानकारी दी गई
है? विस्तृत
जानकारी देवें।
(ग) खसरा पंजी
में पंचायतों
को सौंपे
अधिकार, नियंत्रण
एवं प्रबंधन
की प्रविष्टि प्रश्न
दिनांक तक भी
दर्ज नहीं किए
जाने का क्या
कारण है? इनमें से
कितनी भूमि को
आरक्षित वन
बनाने की जाँच
किस
अनुविभागीय
अधिकारी (राजस्व)
के द्वारा
वर्तमान में
की जा रही है? जानकारी
उपलब्ध करावे।
(घ) पंचायतों
को सौंपे जमीन
को आरक्षित वन
बनाने की जाँच
एवं
कार्यवाही
करने वाले
अनुविभागीय
अधिकारियों
के विरूद्ध
आयुक्त
नर्मदापुरम
ने किन कारणों
से प्रश्न
दिनांक तक भी
कोई कार्य
नहीं की व
क्यों? कारण
स्पष्ट करें।
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) जी
हाँ जिला हरदा
जिला
नर्मदापुरम
जिला बैतूल
में प्रविष्टि
दर्ज नहीं की
गई है (ख) जिला
हरदा :- प्रश्न
क्रमांक 5815 दिनांक 17 मार्च
जिला हरदा अन्तर्गत
खाते की 196615 हे. गैर
खाते मद में
आबादी 1624 हे. अमराई 5 हे. बड़े
झाड़ का जंगल 25347 हे. झुडपी
जंगल घास 6246 हे. पानी के
नीचे में 14218 हे., पहाड़ चट्टान
3166 हे. इमारत
सड़क 5266 हे.
की जानकारी दी
गयी थी। निस्तार
पत्रक में
दर्ज भूमियों
पर नियंत्रण एवं
प्रबंधन
पंचायती राज्य
व्यवस्था
को सौंपा गया
था। 527
ग्रामों के
निस्तार
पत्रक उपलब्ध
हैं। जिला
नर्मदापुरम :-
प्रश्न
क्रमांक 5815 दिनांक 17 मार्च 2016 में जिला
नर्मदापुरम
अन्तर्गत
गैरखाते मद
में आबादी 5120 हे., अमराई व
अन्य
फलोद्यान 16 हे., बड़े झाड़
का जंगल 80801, हे. झुडपी
जंगल व घास 25295 हे., पानी के
नीचे 28613
हे., पहाड़
चट्टान 2369 हे., इमारत
सड़क वगैरह 10351 हे. दर्ज भूमि
की जानकारी दी
गई थी निस्तार
पत्रक में
दर्ज भूमियों
पर नियंत्रण
एवं प्रबंधन
पंचायती राज
व्यवस्था
को सौंपा गया
था। 935 ग्रामों
के निस्तार
पत्रक उपलब्ध
है। जिला
बैतूल :- प्रश्न
क्रमांक 5815 दिनांक 17 मार्च 2016 में जिला
बैतूल अन्तर्गत
गैरखाते मद
में आबादी 3395 हे., अमराई बाग 04 हे., बडे़ झाड़
के जंगल 114361 हे., छोटे झाड़
के जंगल 27827 हे., पानी के
नीचे 28847
हे., पहाड़-चट्टान
24262 हे., सड़क-इमारत
10722 हे. दर्ज
भूमि की
जानकारी दी गई
थी निस्तार
पत्रक में
दर्ज भूमियों
पर नियंत्रण
एवं प्रबंधन
पंचायती राज
व्यवस्था
को सौंपा गया
था। जिले में 1303 ग्रामों
के निस्तार
पत्रक उपलब्ध
है। (ग) जिला हरदा :-
अनुविभागीय
अधिकारी राजस्व
के द्वारा
आरक्षित वन
बनाने की जांच
नहीं की जा
रही है जिला
नर्मदापुरम :-
शासन के
निर्देश
संज्ञान में न
आने से
कार्यवाही
संपादित नहीं
हुई। अनुविभागीय
अधिकारी
राजस्व के
द्वारा
आरक्षित वन
बनाने की जांच
नहीं की जा
रही है। जिला
बैतूल :- जिला
बैतूल
अंतर्गत अनुविभागीय
अधिकारी (राजस्व)
के द्वारा
निम्नानुसार
भूमियों को
आरक्षित वन
बनाने की जाँच
कार्यवाही
वर्तमान में
की जा रही है।
|
क्र. |
कार्यालय
का नाम |
रकबा
(हे.में) |
|
1 |
अनुविभागीय
अधिकारी (राजस्व)
एवं पदेन वन
व्यवस्थापन
अधिकारी
बैतूल |
24797.940 |
|
2 |
अनुविभागीय
अधिकारी (राजस्व)
एवं पदेन वन
व्यवस्थापन
अधिकारी मूलताई |
10437.763 |
|
3 |
अनुविभागीय
अधिकारी (राजस्व)
एवं पदेन वन
व्यवस्थापन
अधिकारी
भैंसदेही |
16154.942 |
पंचायतों
को सौंपे
अधिकार, नियंत्रण
एवं प्रबंधन
प्रविष्टि
दर्ज करने के
संबंध में
निर्देश नहीं
होने के कारण
प्रविष्टि
खसरा पंजी में
दर्ज नहीं है।
(घ) वर्तमान
में आयुक्त
कार्यालय
नर्मदापुरम में
कोई
कार्यवाही
प्रचलन में
नहीं होने से
जानकारी
निरंक है l
माननीय
मुख्यमंत्री की
घोषणा का
क्रियान्वयन
[राजस्व]
6.
( क्र. 48 ) श्री
घनश्याम
चन्द्रवंशी : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) दिनांक
12/01/2025 को माननीय
मुख्यमंत्री
महोदय द्वारा
तहसील कार्यालय
कालापीपल को
अनुभाग का
दर्जा दिये जाने
की घोषणा की
गई थी? (ख) उक्त
संबंध में अब
तक क्या
कार्यवाही की
गई? (ग) तहसील
कार्यालय
कालापीपल को
अनुभाग का
दर्जा कब तक
दिया जायेगा?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) जी
हाँ। (ख) प्रश्नांश
(क) के संबंध
में कलेक्टर
शाजापुर का
विस्तृत
प्रतिवेदन
म.प्र.प्रशासनिक
इकाई
पुनर्गठन
आयोग को, प्रेषित
किया गया है। (ग) प्रकरण
म.प्र.
प्रशासनिक इकाई
पुनर्गठन
आयोग में विचाराधीन
है। समय-सीमा बताया
जाना संभव
नहीं।
जिला
चिकित्सालयों
में क्रय किये
गये
ऑटोक्लेवव
मशीन की
जानकारी
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
7.
( क्र. 63 ) डॉ. योगेश
पंडाग्रे : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) प्रदेश
के कितने जिला
चिकित्सालयों
की माइक्रोबायोलॉजी
लेब में बैक्टीरियल
जांच हेतु
ऑटोक्लेव व
मशीन गत दो
वर्षों में
किन-किन निजी
फर्मों से
क्रय की गईं
कृपया चिकित्सालय
का नाम एवं
फर्म का नाम, क्रय की गई
मशीनों की
संख्या सहित
बतावें। (ख) क्रय
की गई मशीनों
की आपूर्ति के
बाद कितनी मशीनें
आज दिनांक की
स्थिति में
उपयोग में लाई
जा रही हैं, कितनी
मशीनें
आपूर्ति के
बाद उपयोग में
नहीं लाई जा
सकी हैं। कृपया
चिकित्सालयवार
विवरण दें? (ग) इन
मशीनों के
उपयोग में
नहीं लाए जाने
के क्या कारण
रहे हैं। यदि
प्रदायकर्ता
फर्म द्वारा
खराब गुणवत्ता
की मशीनें
प्रदाय की गई
हैं अथवा मशीनों
के इंस्टॉलेशन
हेतु
पर्याप्त
तकनीकी
सपोर्ट नहीं
दिया गया है
तो ऐसी
प्रदायकर्ता
फर्म के
विरूद्ध क्या
कोई
कार्यवाही की
गई है? (घ) यदि हाँ, तो की गई
कार्यवाही का
ब्यौरा देवें, यदि नहीं
तो मशीनों के
क्रय हेतु उत्तरदायी
अधिकारी के
विरूद्ध क्या
कोई कार्यवाही
की जावेगी?
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) एवं (ख) जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट अनुसार।
(ग) मशीनों
के उपयोग में
नहीं लाये
जाने की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
कॉलम क्रमांक 08 एवं 09 अनुसार। विभाग
द्वारा
प्रदायित
खराब गुणवत्ता
वाली मशीनों
के जिलों में
निरीक्षण एवं
जांच करायी जा
रही है, जांच
परिणाम
अनुसार
संबंधित फर्म
के विरूद्ध
कार्यवाही की
जा सकेगी। (घ) उत्तरांश
''ग'' अनुसार।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
ग्राम
सोनासांवरी
में फर्जी
पट्टों की
जांच
[राजस्व]
8.
( क्र. 83 ) डॉ.
सीतासरन
शर्मा : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) ग्राम
पंचायत
सोनासांवरी
में वर्ष 2017 में पट्टा
आवंटन के
संबंध में प्रश्नकर्ता
द्वारा लिखे
गये पत्र मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी जिला
एवं जनपद
नर्मदापुरम
एवं
अनुविभागीय
अधिकारी, इटारसी को
सितम्बर/अक्टूबर
2025 में कब-कब
प्राप्त हुए
थे? (ख) क्या उक्त
सभी पत्रों
में उल्लेखित
बिन्दुओं की
जानकारी/जांच
व कार्यवाही
की जानकारी प्रश्नकर्ता
को दे दी गई है? (ग) प्रश्नांश
(क) में उल्लेखित
पत्रों के उत्तर/जांच
(जनपद एवं
राजस्व
विभाग की जांच)
अनुसार 2017 में ग्राम
सोनासांवरी
में आवंटित
पट्टों की सूची
अनुसार क्या
तत्कालीन
सरपंच प्रीति
पटेल द्वारा
अपने पति दिलीप
पटेल एवं
दिलीप पटेल के
भतीजों क्रमश:
ललित आत्मज
सेवाराम पटेल, हरिकरण
आत्मज संतोष
पटेल एवं मौसम
आत्मज
वीरेन्द्र
पटेल को पट्टे
का आवंटन किया
था? (ग) यदि हाँ, तो क्या
यह
नियमानुकूल
था?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) ग्राम
पंचायत
सोनासांवरी में
वर्ष 2017
में पट्टा
आवंटन के
संबंध में प्रश्नकर्ता
द्वारा लिखे
गये पत्र
मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी जनपद
नर्मदापुरम
द्वारा पत्र
क्रमांक 3422 दिनांक 13.11.2025 अनुसार
मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी जिला
एवं जनपद
नर्मदापुरम
को प्राप्त
पत्र निम्नानुसार
है -
|
क्रमांक |
पत्र
क्रमांक |
दिनांक |
जि/जनपद
को पत्र
प्राप्ति
का दिनांक |
|
1 |
8189 |
05.09.2025 |
08.09.2025 |
|
2 |
8189 |
05.09.2025 |
08.09.2025
(कार्यालय
जिला पंचायत
को पत्र की
प्रतिलिपि प्राप्त
) |
|
3 |
8233 |
22.09.2025 |
23.09.2025 |
|
4 |
8274 |
06.10.2025 |
08.10.2025 |
|
5 |
8321 |
23.10.205 |
28.10.2025 |
अनुविभागीय
अधिकारी
इटारसी
द्वारा पत्र
क्रमांक 1/620952/2025
दिनांक 20.11.205
अनुसार
अनुविभागीय
अधिकारी
इटारसी को
प्राप्त
पत्र निम्नानुसार
है -
|
क्रमांक |
अनुविभागीय
अधिकारी
इटारसी को
पत्र प्राप्ति
का दिनांक |
|
1 |
06.10.2025 |
|
2 |
04.09.2025 |
(ख) माननीय
विधायक महोदय
से प्राप्त
पत्रों में
उल्लेखित
बिन्दुओं की
जांच संबंधी
कार्यवाही
प्रचलन में है।
उक्त संबंध
में माननीय
विधायक महोदय
को पत्र दिनांक
19/11/2025 को अवगत
करा दिया गया
है। (ग) जी हाँ, तत्कालीन
सरपंच
श्रीमती
प्रीति पटेल
द्वारा अपने
पति श्री
दिलीप पटेल के
नाम से पट्टे
का आवंटन किया
था। (घ) विषयान्तर्गत
पट्टों की
वैधता के
संबंध में
वर्तमान में
न्यायालय अपर
कलेक्टर जिला
नर्मदापुरम
में निगरानी क्रमांक
0027/2025-26
प्रचलनशील है।
प्रश्नांकित
भूमि के आबादी
घोषित किए
जाने के
विरुद्ध माननीय
उच्च
न्यायालय में रिट
याचिका
क्रमांक
डब्ल्यू पी 30110/2023
विचाराधीन है।
सीएम
हेल्प लाइन की
शिकायत को
अकारण नस्तीबद्ध
किया जाना
[राजस्व]
9.
( क्र. 86 ) डॉ.
सीतासरन
शर्मा : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या प्रश्नकर्ता
के प्रश्न
क्र. 96
दिनांक 30.07.2025 के प्रश्नांश
(क) में दिये
उत्तर अनुसार
सीएम हेल्प
लाइन में तीन
बिन्दुओं में
शिकायत (1) पुराने
तहसील थाने के
पास दो मंजिला
दुकान निर्माण
एवं जीना
निर्माण। (2) नारायण
नगर स्थित
आवास के सामने
मार्ग पर ट्यूबवेल
खनन कर मार्ग
बंद करने (3) नारायण नगर
स्थित आवास के
पीछे
अतिक्रमण कर
अवैध निर्माण
की शिकायत को
कलेक्टर
महोदय के
न्यायालयीन
प्रकरण क्र. 45बी 121/15-15/एवं 46 बी121/15-15/अपर
कलेक्टर
द्वारा पारित
आदेश को मानकर
कोई कार्यवाही
नहीं की गयी। (ख)
यदि हाँ, तो अपर
कलेक्टर
द्वारा जारी
दोनों आदेशों
की प्रति
उपलब्ध कराते
हुए अवगत
करावें कि
इसमें प्रश्नांश
(क) में वर्णित
तीनों
बिन्दुओं के
संबंध में कहाँ
उल्लेखित
किया गया है। (ग)
क्या अपर
कलेक्टर के
न्यायालयीन
आदेश में प्रश्नांश
(क) में वर्णित
तीनों
बिन्दुओं पर कोई
टिप्पणी नहीं
की गयी है। (घ) यदि
हाँ, तो
शिकायत
नस्तीबद्ध
क्यों की गयी? (ड.) क्या
प्रश्नांश
(क) में
उल्लेखित
तीनों
अतिक्रमणों
का सीमांकन किया
गया यदि हाँ, तो
प्रतिवेदन की
प्रति उपलब्ध
करायें। यदि
नहीं तो कब तक
हो सकेगा?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) जी, हाँ। (ख) बिन्दु
क्रमांक- 1 के संबंध
में अपर कलेक्टर
के न्यायालय
प्रकरण
क्रमांक 45 बी-121/15-16 में दो
मंजिला दुकान
के संबंध में
उल्लेखित है।
बिन्दु
क्रमांक- 3 के संबंध
में अपर कलेक्टर
महोदय के न्यायालयीन
प्रकरण क्र. 46 बी-121/15-16 मकान के
संबंध में उल्लेख
है। बिन्दु
क्रमांक 2 के संबंध
में पृथक से
कोई टिप्पणी
का उल्लेख
नहीं है। (ग)
बिन्दु
क्रमांक 1 एवं बिन्दु
क्रमांक 3 के संबंध
में टिप्पणी
है। (घ) अपर कलेक्टर
न्यायालय के
आदेश के आधार
पर नस्तीबद्ध
की गई। (ड.) जी
नहीं, कार्यालय
तहसीलदार
नर्मदापुरम
नगर के आदेश क्रमांक
1896/प्रवा.1/तह./2025
नर्मदापुरम
दिनांक 17/11/2025 के द्वारा
सीमांकन का दल
गठित कर दिया
गया है, वर्तमान
में भारतीय
निर्वाचन
आयोग के
द्वारा SIR कार्य में
अधिकारी/कर्मचारी
प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष
रूप से अभियान
के रूप में कार्य
कर रहे है जो
समय-सीमा में किया
जाना है
निर्वाचन SIR के कार्य
समाप्ति पश्चात
सीमांकन किया
जाएगा। अभी SIR कार्य
प्रगति पर
होने से
सीमांकन
कार्य की दिनांक
निर्धारित
नहीं की जा
सकती।
अतिक्रमण
की शिकायतों
की जांच
[राजस्व]
10.
( क्र. 87 ) डॉ.
सीतासरन
शर्मा : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) नर्मदापुरम्
नगर में (1) पुराने
तहसील/थाने के
पास दो मंजिला
दुकान निर्माण
एवं जीना
निर्माण। (2) नारायण
नगर स्थित
आवास के सामने
मार्ग पर ट्यूबवेल
खनन कर मार्ग
बंद करने (3) नारायण
नगर स्थित
आवास के पीछे
अतिक्रमण की जाँच
के संबंध में
नर्मदापुरम्
तहसीलदार, अनुविभागीय
अधिकारी, नजूल
अधिकारी एवं
कलेक्टर को
जून 2023 से
अक्टूबर 2025 तक किन
लोगों की
शिकायतें किन
तारीखों में
किस अधिकारी
को प्राप्त
हुई। शिकायतकर्ता
का नाम एवं
दिनांक की
जानकारी दें। (ख)
अनुविभागीय
अधिकारी/नजूल
अधिकारी/कलेक्टर
द्वारा
तहसीलदार को
जॉच हेतु
कब-कब लिखा
गया। प्रति
उपलब्ध कराते
हुए बतावें कि
तहसीलदार द्वारा
सीमांकन हेतु
आदेश की प्रति
उपलब्ध करावें।
(ग) क्या प्रश्नांश
(क) में उल्लेखित
अतिक्रमण की
जाँच के संबध
में इसी अवधि
में मुख्य नगर
पालिका
अधिकारी, नर्मदापुरम्
द्वारा भी
तहसीलदार
नर्मदापुरम्
को लिखा गया। (घ)
क्या
सीमांकन हो
चुका है? यदि हाँ, तो
प्रतिवेदन
उपलब्ध
करायें।
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) नर्मदापुरम
नगर में निम्नलिखित
अधिकारियों
के समक्ष
प्राप्त
शिकायतें :-
|
कार्यालय
का नाम |
शिकायत
दिनांक |
शिकायतकर्ता
का नाम |
|
कार्यालय
कलेक्टर
नर्मदापुरम |
05-09-2023,
23-01-2024 20-02-2024 ,17-02-2024 12-03-2024, |
अविनाश
रैकवार, अविनाश
रैकवार, अविनाश
रैकवार, अविनाश
रैकवार, अविनाश
रैकवार |
|
कार्यालय
नजूल
अधिकारी
नर्मदापुरम |
05-09-2025 |
अविनाश
रैकवार |
|
कार्यालय
अनुविभागीय
अधिकारी (राजस्व)
नर्मदापुरम |
28-04-2025 |
अविनाश
रैकवार |
|
कार्यालय
तहसीलदार
नर्मदापुरम |
28-04-2025 |
अविनाश
रैकवार |
(ख) 1- उक्त
संबंध में
कार्यालय
नजूल अधिकारी, जिला
नर्मदापुरम
के द्वारा
पत्र क्रमांक 130/नजूल
अधिकारी/2025
नर्मदापुरम
दिनांक 28/02/2025 एवं 2- पत्र
क्रमांक 132/नजूल/न.क्र.2/2025
नर्मदापुरम
दिनांक 28.02.2025 तहसील नगर
नर्मदापुरम
को जांच हेतु
पत्र लिखे गये
है। 3 - कलेक्टर
महोदय का पत्र
क्र. 7/0693/2025/धर्मस्व/NDPM/DATE
21/07/2025 4 - कार्यालय
का पत्र क्रमांक
1773/प्रवा. 1/तह/2025
नर्मदापुरम
दिनांक 14/10/25 एवं आदेश
की प्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी
हाँ। (घ) जी
नहीं, शेष
प्रश्नांश
उद्भूत नहीं
होता है।
सीपेज
को बंद करने हेतु
बांध का
निर्माण
[जल संसाधन]
11. ( क्र.
126 ) श्री
अरविन्द
पटैरिया : क्या जल
संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
गिलौहा के पास
सिंहपुर डैम
जिसमें
किसानों की
लगभग 200-250 एकड़ जमीन
डूब क्षेत्र
से बाहर होने
बावजूद भी डेम
के सीपेज (लीकेज)
से पानी का
रिसाव हो रहा
है। जिससे
किसानों की
उपज प्रभावित
हो रही है?
(ख) क्या
इस सीपेज को
बंद करने के
लिये यहां एक
बांध बनाना
अति आवश्यक
है। (ग) क्या प्रश्नांश
(ख) वर्णित
समस्यां के
निराकरण के
लिये क्या
शासन स्तर पर
कोई
कार्यवाही चल
ही है? यदि हाँ,
तो क्या
और यदि नहीं
तो क्यों?
(घ) गिलौहा
के पास बांध निर्माण
कार्य कब तक
स्वीकृत कर
दिया जावेगा।
जल
संसाधन
मंत्री ( श्री
तुलसीराम
सिलावट ) : (क) जी
हाँ। (ख) जी
नहीं। सीपेज
ड्रेन की सफाई
के उपरान्त
सीपेज की समस्या
का निराकरण
संभावित है। (ग)
सीपेज ड्रेन
की सफाई का
कार्य
वर्तमान में
प्रगतिरत है। अत:
शेष प्रश्न
लागू नहीं। (घ) उत्तरांश
(ख) के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
लागू नहीं।
शालाओं
के भवनों का
संधारण
[स्कूल
शिक्षा]
12.
( क्र. 133 ) कुँवर
अभिजीत शाह : क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) विधानसभा
क्षेत्र
टिमरनी के
किन-किन
ग्रामों में
कितनी
प्राथमिक, माध्यमिक, उच्चतर
विद्यालय
शालाएं
संचालित की जा
रही हैं? (ख) प्रश्नांश
(क) वर्णित
कितनी
इमारतें
जर्जर अवस्था
में हैं? शासन से
कब-कब इन
इमारतों की
मरम्मत की
मांग की गई
अथवा
अतिरिक्त
कक्ष की मांग
की गई एवं किस
स्तर वर्तमान
में लंबित है
या इनकी
मरम्मत हेतु कोई
योजना शासन
द्वारा बनाई
जा रही है? (ग) प्रश्नांश
(क) वर्णित
कितने
विद्यालयों
को अतिरिक्त
कक्ष की
आवश्यकता है, कितने
विद्यालयों
में बाउंड्री
की आवश्यकता
है? इन्हें
कब तक बनवाया
जाना
प्रस्तावित
है एवं कितने
विद्यालय की
छत से पानी
रिसता है क्या
इसकी कोई सूची
शासन या विभाग
के पास उपलब्ध
है? यदि
हाँ, तो
उपलब्ध
कराएं। यदि
नहीं तो क्या
टीम गठित कर
जांच करवाई
जाकर
सत्यापित एवं फिटनेस
सर्टिफिकेट
की प्रति प्रश्नकर्ता
को उपलब्ध
कराई जायेगी?
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक
पर है।
(ख) प्रश्नाधीन
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत शासकीय
हाईस्कूल एवं
हायर
सेकेण्डरी
स्कूलों की
जानकारी
निरंक है। शासकीय
माध्यमिक
शाला ढेंगा, छीरपुरा
एवं नांदवा
जर्जर अवस्था
में है, जिन्हें
ध्वस्त करने
की कार्यवाही
प्रचलन में है।
अतः शेषांश
उद्भूत नहीं
होता। शाला
भवनों में
मरम्मत हेतु
योजना है। (ग) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'दो पर है। निर्माण
बजट की उपलब्धता
तथा सक्षम
समिति की स्वीकृति
पर निर्भर
करता हैं। अत:
निश्िचत
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
चिकित्सक
एवं गैर चिकित्सीय
स्टॉफ के
दस्तावेजों
की जाँच
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
13.
( क्र. 156 ) श्री दिव्यराज
सिंह : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
राज्य शासन के
द्वारा निजी
अस्पताल एवं
नर्सिंग होम
संचालन के
संबंध में
चिकित्सीय
एवं गैर
चिकित्सीय
स्टॉफ
नियुक्ति के
संबंध में दिशा
निर्देश
निर्धारित
किये गए हैं? यदि हाँ, तो
जानकारी दें। (ख)
क्या जिला
रीवा अंतर्गत
संचालित निजी
अस्पतालों
में नियुक्त
चिकित्सीय, नर्सिंग
स्टॉफ एवं गैर
चिकित्सीय
कर्मचारियों
का नियुक्ति
विवरण, शैक्षणिक
दस्तावेज एवं
वेतन पत्रक की
जानकारी जिला
मुख्य
चिकित्सा एवं
स्वास्थ्य
अधिकारी के
समक्ष
प्रत्येक
वित्तीय वर्ष
में भेजी जाती
है अथवा नहीं? यदि नहीं
तो क्या ऐसे
समस्त निजी
अस्पतालों एवं
नर्सिंग होम
में कार्यरत
कर्मचारियों
के पीएफ की
कटौती एवं
राज्य शासन के
नियमानुसार पीएफ
का संधारण
नहीं किया जा
रहा है तथा
बिना शासन को
सूचना दिये
स्टॉफ की
नियुक्ति में
परिवर्तन कर
दिया जाता है? यदि हाँ, तो विगत 05 वर्षों
में बदले गए
स्टॉफ का
विवरण एवं
कारण बताएं। (ग)
विगत 05 वर्षों
में जिला रीवा
अंतर्गत निजी
अस्पतालों
में कार्यरत
चिकित्सकों
एवं नर्सिंग
स्टॉफ एवं गैर
चिकित्सीय
कर्मचारियों
की पृथक-पृथक
जानकारी
उपलब्ध
करावें। क्या
रीवा जिले के
निजी अस्पताल
का भौतिक सत्यापन
विभागीय
समिति गठित कर
कराया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों? यदि कराया
जावेगा तो कब
तक?
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) निजी
अस्पताल एवं
नर्सिंग होम
के संचालन
हेतु स्टाफ
संबंधी
विनियामक
प्रावधान की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'अ' अनुसार। (ख) जी हाँ, गैर चिकित्सीय
कर्मचारियों
की नियुक्ति
विवरण, वेतन
पत्रक की
जानकारी भेजा
जाना
अपेक्षित नहीं
है। प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। विगत 05 वर्षों
में बदले गए
स्टाफ का
बदलाव के कारण
सहित विवरण जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'ब' अनुसार। (ग) जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'स' अनुसार। समय-समय पर
अस्पतालों
का भौतिक सत्यापन
पर्यवेक्षी
अधिकारी
द्वारा किया
जाता है। समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
सिंचाई
जलाशयों की
नहरों की मरम्मत
[जल संसाधन]
14.
( क्र. 158 ) डॉ. योगेश
पंडाग्रे : क्या जल
संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) बैतूल
जिले में
कितने सिंचाई
जलाशय हैं, ये जलाशय
किस-किस वर्ष
में बने हैं? इनमें से
कितने
जलाशयों में
कच्ची नहरें
हैं? (ख) इन
जलाशयों की
कच्ची नहरों
की नियमित
सफाई एवं
मरम्मत हेतु
शासन द्वारा
प्रतिवर्ष
कितनी राशि
उपलब्ध कराई
जाती हैं? कृपया
जलाशयवार
जानकारी
देवें। (ग) पुरानी
कच्ची नहरों
की मरम्मत
नहीं होने के
कारण पानी
व्यर्थ बह
जाने और
किसानों को
होने वाले
नुकसान के
लिये कौन
जिम्मेदार
हैं? (घ) रबी मौसम
के पूर्व ही
सभी नहरों की
मरम्मत और
सफाई
अनिवार्य रूप
से किये जाने
के निर्देश कब
तक जारी कर
दिये जावेंगे?
जल
संसाधन
मंत्री ( श्री
तुलसीराम
सिलावट ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय में रख परिशिष्ट
के प्रपत्र-''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है।
(ख) जलाशयवार जानकारी
पुस्तकालय में रख परिशिष्ट
के प्रपत्र-''स'' अनुसार है।
(ग) कच्ची
नहरों में
आवश्यकता
अनुसार मरम्मत
कार्य कराया
जाकर कृषकों
को लक्ष्य
अनुसार रबी
सिंचाई हेतु
पूर्ण जल
उपलब्ध
कराया जाता है।
नहरों के
संचालन में
कोई भी कृषक
के ऐसे नुकसान
होना
प्रतिवेदित
नहीं है। शेष प्रश्नांश
लागू नहीं। (घ) रबी
सिंचाई के
प्रारंभ में
सभी नहरों की
साफ-सफाई का
कार्य पूर्ण
करा लिए गए है।
शेष प्रश्नांश
लागू नहीं।
बैराज
के निविदा की
स्वीकृति
[जल संसाधन]
15.
( क्र. 179 ) श्रीमती
अर्चना
चिटनीस : क्या जल
संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
जिला
बुरहानपुर के
चिल्लारा
बैराज कम काजवे
व खामनी बैराज
की निविदा
केन्द्रीकृत
ईकाई जल
संसाधन विभाग
द्वारा
यू.सी.आर.15 प्रतिशत
से प्रचलित
दरों पर
आमंत्रित की
गई थी? क्या
निविदा
स्वीकृति की
प्रक्रिया
पूर्ण हो चुकी
है? यदि
हाँ, तो
किस कार्य
एजेंसी को यह
कार्य दिया
गया है? क्या
बैराजों के
विभागीय
कार्ययोजना (डी.पी.आर.)
के अनुसार
सीमेंट, सेंड व
स्टील
मटेरियल का
उपयोग कर उक्त
दोनों कार्य
लगभग एक ही
प्रकार के
होकर पक्के
कार्य है? (ख) क्या
उक्त बैराज
निविदा
यू.सी.आर.15 प्रतिशत
से प्रचलित
दरों से 46.50 प्रतिशत
कम दर पर राशि
रू.684.20
लाख में कार्य
आंवटित किया
गया? यदि
हाँ, तो
इतने कम दरों
पर निविदा
स्वीकृति के
क्या-क्या
कारण है? स्पष्ट
करें। (ग) उक्त
बैराज सीमेंट, सेण्ड व
स्टील
मटेरियल का
उपयोग कर
पक्के कार्य
है किए जाने
है तो क्या
निर्माण
कार्य की गुणवत्ता
निर्धारण
विभाग किस
प्रकार सुनिश्िचत
करेगा? (घ) क्या
विभाग जिला
बुरहानपुर के
केला/गन्ना उत्पादक
कृषकों की
सिंचाई की
महती योजनाओं
एवं पेजयल
उपयोगिता को
ध्यान में
रखते हुए उक्त
निविदा को
निरस्त कर
पुनः निविदा
आमंत्रित करेगा? यदि नहीं
तो कारण
स्पष्ट करें।
जल
संसाधन
मंत्री ( श्री
तुलसीराम
सिलावट ) : (क) जी नहीं। जी
हाँ। निविदा
स्वीकृति
प्रक्रिया
पूर्ण कर
मेसर्स स्वस्तिक
हेबिटेड (इंडिया)
प्रा.लि.
इंदौर एजेंसी
को कार्य
आवंटित हुआ हैं।
जी हाँ। (ख) जी
हाँ, (यू.सी.एस.आर.15.07.2024 पर)। निविदा
में न्यूनतम
निविदत्त दर 10 प्रतिशत
से अधिक कम
होने की
स्थिति में
निहित शर्तों
पर
नियमानुसार
शासन के हितों
को ध्यान में
रखते हुए स्वीकृत
की गई। (ग) निर्धारित
मापदण्ड
अनुसार
गुणवत्ता
पूर्वक कार्य
कराया जाना
प्रतिवेदित
है। (घ) जी
नहीं। कार्य
का अनुबंध
ठेकेदार
द्वारा
दिनांक 06.11.2025 को किया जा
चुका है।
चरनोई
की भूमि पर
अवैध कब्जा
[राजस्व]
16.
( क्र. 188 ) डॉ.
रामकिशोर
दोगने : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) हरदा
जिले के
प्रत्येक
ग्राम में
कितनी-कितनी
चरनोई की भूमि
छोड़ी गई है? ग्रामवार
जानकारी
उपलब्ध करावें।
(ख) हरदा जिले
के प्रत्येक
ग्राम में
चरनोई हेतु छोड़ी
गई भूमि की
वर्तमान
स्थिति क्या
है? जानकारी
उपलब्ध
करावें। (ग) क्या
हरदा जिले के
प्रत्येक
ग्राम में
चरनोई हेतु
छोड़ी गई
भूमियों पर
दबंग लोगों
द्वारा अवैध
कब्जा कर रखा
है? यदि
हाँ, तो
किस ग्राम की
भूमियों पर
अवैध कब्जा है? ग्राम के
नाम सहित सूची
उपलब्ध
करावें। (घ) हरदा
जिला प्रशासन
द्वारा चरनोई
की भूमियों पर
दबंग लोगों
द्वारा किए गए
अवैध कब्जे को
हटाने के लिए
क्या
कार्यवाही की
जा रही है? जानकारी
उपलब्ध
करावें। चरनोई
की भूमियों पर
किए गए अवैध
कब्जों को कब
तक हटा दिया
जावेगा? समय-सीमा
बतावें।
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) हरदा जिले
के अन्तर्गत
चरनोई की भूमि
छोड़ने
संबंधी जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट -'अ' अनुसार। (ख) चरनोई
की भूमि की
वर्तमान
स्थिति का विवरण
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट -'अ' अनुसार। (ग) अतिक्रमण
भूमिहीन या
सीमांत
किसानों
द्रारा किया
गया है। जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट -'अ' अनुसार। (घ) प्रतिवेदित
अतिक्रमण के विरुद्ध
म.प्र. भू-राजस्व
संहिता 1959 की धारा 248 के तहत
प्रकरण दर्ज
कर अर्थदण्ड
अधिरोपितकर बेदखली
की कार्यवाही
की गई है।
चरनोई
भूमियों पर
अवैध कब्जों
को भू-राजस्व
संहिता 1959 की धारा 248 के
अन्तर्गत
कार्यवाही की
जाकर
अतिक्रमण हटाने
की कार्यवाही
निरंतर की
जाती है। जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट -'ब' अनुसार।
बारिश
से प्रभावित
किसानों को
मुआवजा
[राजस्व]
17.
( क्र. 193 ) श्री साहब
सिंह गुर्जर : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) विधानसभा
क्षेत्र ग्वालियर
अंतर्गत माह
अक्टूबर 2025 में
बेमौसम बारिश
से समस्त
किसानों की
फसलों का भारी
नुकसान हुआ है
जिसका विभाग
द्वारा पर्याप्त
रूप से सर्वे
नहीं कराया
गया है, अतः सर्वे
दलों द्वारा
किन-किन
ग्रामों में कब-कब
सर्वे किया
गया है? सर्वे
रिपोर्ट
उपलब्ध
करावें। (ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार
बेमौसम बारिश
से प्रभावित
किसानों को
विभाग द्वारा
किस आधार पर
मुआवजा राशि
का प्रावधान
किया गया है? जानकारी/नियम
की प्रति
उपलब्ध
करावें। (ग) प्रभावित
किसानों को कब
तक मुआवजा
राशि प्रदाय
की जायेगी? समय-सीमा
बतावें।
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) विधानसभा
क्षेत्र ग्वालियर
अंतर्गत शहरी
एवं आवासीय
क्षेत्र है। ग्वालियर
ग्रामीण
विधानसभा
क्षेत्र अंतर्गत
माह अक्टूबर 2025 में
बेमौसम बारिश
से फसल क्षति
का 261
ग्रामों में
सर्वे कराया
गया। ग्रामवार
सर्वे
रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है।
(ख) प्रश्नांश
(क) के
परिप्रेक्ष्य
में बेमौसम
बारिश से
प्रभावित
किसानों को
विभाग द्वारा
राजस्व पुस्तक
परिपत्र 6-4 के तहत
राहत राशि
प्रदाय किए
जाने के
प्रावधान है। नियम
की प्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है।
(ग) प्रभावित
किसानों को
राहत राशि का
भुगतान किया
जा चुका है।
अस्पताल
अधीक्षक के
विरूद्ध
कार्यवाही
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
18. ( क्र. 198 ) श्रीमती
अर्चना
चिटनीस : क्या
उप मुख्यमंत्री, लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
प्रश्न क्र. 871
दिनांक 20.07.2025 के
परिशिष्ट (ख) के
पत्र द्वारा
पूर्व मुख्य
चिकित्सा, स्वास्थ्य
अधिकारी जिला
नर्मदापुरम
विरूद्ध
लोकायुक्त में
प्रकरण लंबित
होकर उन्हें
वर्तमान में
बुरहानपुर
में सिविल
सर्जन-अस्पताल
अधीक्षक पदस्थ
किया है? यदि
हाँ, तो
क्या उपरोक्त
पत्र बिन्दु
क्र.02
निर्देशानुसार
ऐसे
अधिकारी/कर्मचारियों
को
महत्वपूर्ण
एवं
संवेदनशील
दायित्वों से
पृथक रखा जाना
चाहिये? यदि
हाँ, तो क्या
उक्त अधिकारी
को संवेदनशील
दायित्वों के साथ
वित्तीय
प्रभार दिया
जाना उचित था? कारण
स्पष्ट करें।
क्या यदि ऐसे
अधिकारी को दायित्व
दिया गया तो
ऐसे दायित्व
देने वाले अधिकारियों
के विरूद्ध
क्या
कार्यवाही की
जा रही है? कार्यवाही
की समय-सीमा
बताएं। यदि
नहीं तो कारण
स्पष्ट करें? (ख)
क्या
उक्त प्रश्नांश
(ख) प्राप्त
उत्तर की
जानकारी
उपलब्ध हो गई
है? यदि
हाँ, तो
देवें? यदि
नहीं तो कारण
स्पष्ट करें।
किस वित्त विभाग
के निमयों के
तहत सिविल
सर्जन जिला
चिकित्सालय
बुरहानपुर का
वित्त पदभार
दिया गया? कारण
स्पष्ट करें? (ग)
लोकायुक्त
प्रकरण क्र.0090/22
दिनांक 02/05/2022 में
संलिप्त
लोगों के
विरूद्ध
विभाग द्वारा क्या
कार्यवाही की
गई? यदि
नहीं, तो
कारण स्पष्ट
करें। यदि हाँ, तो
समय-सीमा
बताए। (घ) मुख्य
चिकित्सा एवं
स्वास्थ्य
अधिकारी बुरहानपुर
के पत्र
क्रमांक/शिका/2025/5107
दिनांक 03/10/2025
द्वारा सिविल
सर्जन जिला
चिकित्सालय
बुरहानपुर के
विरूद्ध की गई
शिकायत पर
विभाग द्वारा
क्या
कार्यवाही की
गई? यदि
नहीं तो कारण
स्पष्ट करें।
यदि हाँ, तो
समय-सीमा बताएं।
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) जी हाँ। निर्देशानुसार
ऐसे
अधिकारी/कर्मचारियों
का अन्यत्र
स्थानान्तरण
किया जाना
विहित है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख) जी
हाँ। लोकायुक्त
द्वारा
विवेचना
उपरान्त
अभियोजन
स्वीकृति
हेतु
प्रस्ताव
प्रेषित किया
गया है, जिसकी
कार्यवाही
प्रचलन में है।
शेषांश उत्तरांश
(क) अनुसार। (ग) विभाग
द्वारा
सामान्य
प्रशासन
विभाग के परिपत्र
अनुसार
नियमित
अधिकारी के
विरूद्ध स्थानांतरण
की कार्यवाही
की गई है तथा
संविदा कर्मचारी
को सेवा से
बर्खास्त
किया गया है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) संबंधित
को मुख्य
चिकित्सा एवं
स्वास्थ्य अधिकारी
जिला
बुरहानपुर
द्वारा
प्रेषित प्रस्ताव
पर संचालनालय
के ज्ञाप
क्रमांक 1906/दिनांक 21.11.2025 द्वारा
कारण बताओ
सूचना पत्र
जारी किया गया
है। उक्त के
परिप्रेक्ष्य
में शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
अमानक
कफ सिरप पीने
से बच्चों की
मृत्यु
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
19.
( क्र. 205 ) श्री आतिफ
आरिफ अकील : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
ता.प्र.क्र. 3019 दिनांक 06/08/25 में शासन
द्वारा
प्रदत्त
जानकारी के
अनुसार
दिनांक 01.04.21 से 30.06.25 तक की अवधि
में प्रदेश
में की गई जांच
में सब स्टैण्डर्ड
अमानक दवाइयों
के नमूने पाए
गये थे? (ख) यदि
हाँ, तो
उक्त 229
दवाओं में से
किस-किस
कम्पनियों के
कफ सिरफ के
नमूने अमानक
पाये जाने पर
उनके विक्रय
वितरण करने पर
प्रतिबंध
लगाने की
कार्यवाही
किस-किस स्तर
से की गई? (ग) उपरोक्त
प्रश्नांश
के
परिप्रेक्ष्य
में क्या वर्ष
2017 से 2022 की अवधि
में भारत
सरकार के
स्वास्थ्य
एवं परिवार
कल्याण
मंत्रालय की
प्रतिबंधित
दवाओं की सूची
में शामिल 518 दवाओं की
खरीदी के लिए
अनुबंध तय
किया जाकर जिला
स्तर पर लोकल
टेण्डर के
जरिए 22.96
लाख रूपये की
दवाओं की
खरीदी की गई
थी? यदि
हाँ, तो
क्यों? (घ) उपरोक्त
प्रश्नांश
के परिप्रेक्ष्य
में विगत माह
में
छिंदवाड़ा
एवं बैतूल
जिले में किस
कफ सिरप को
बच्चों को
पिलाने से
कितने बच्चों
की मौते हुई
है एवं इस
संबंध में शासन
स्तर से
क्या-क्या
कार्यवाही की
गई?
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ग) जानकारी
एकत्रित की जा
रही है। (घ) अमानक/अपमिश्रित
कोल्ड्रिफ
सीरप पीने से
वच्चों की
दुखद मृत्यु
होने की घटना
घटित हुई है। इलाज
एवं दवाओं में
लगी राशि
रूपये 1,40,60,899 का भुगतान
कर दिया गया
है। कोल्ड्रिफ
सिरप के अमानक
होने की सूचना
प्राप्त होते
ही उसका
विक्रय
तत्काल
प्रभाव से रोका
गया। बच्चों
की दुःखद
मृत्यु की
जवाबदारी
तमिलनाडु
राज्य स्थित
श्रीसन
फार्मा की मूल
रूप से है।
जिसकी
निगरानी का
दायित्व
तमिलनाडु
सरकार के औषधि
विभाग का था। संबंधितों
के विरूद्ध
कार्यवाही
किये जाने हेतु
लिखे गए पत्र
की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''ब'' अनुसार। राज्य में
स्थित ओरल
लिक्विड औषधि
निर्माता फर्मों
की
सी.डी.एस.सी.ओ
एवं राज्य के
औषधि निरीक्षकों
के साथ
संयुक्त रूप
से जाँच करवाई
गई है। विवरण
की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''स'' अनुसार। दिनांक 04.09.2025 के बाद
प्रदेश भर में
बिक रही अन्य
सीरप एवं बाल
औषधियों की
सघन जाँच
करवाई गई है। जाँच
परिणाम जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''द'' अनुसार।
अतिवृष्टि
के कारण हुए
नुकसान का
मुआवजा वितरण
[राजस्व]
20.
( क्र. 221 ) श्री मोहन
सिंह राठौर : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) सरकार
की कौन-कौन सी
योजनाओं में
अतिवृष्टि से
हुए नुकसान पर
मुआवजा राशि
दी जाती है? फसलों के
हुए नुकसान पर
मुआवजा राशि
दिये जाने के
क्या नियम
निर्देष है? कौन-कौन सी
फसल के नुकसान
पर
कितनी-कितनी
राशि दिये
जाने का
प्रावधान है? फसलवार
जानकारी दें। (ख) क्या
विगत माह
भितरवार, जिला
ग्वालियर
अन्तर्गत भी
अतिवृष्टि
हुई है? यदि हाँ तो कौन-कौन
से ग्रामों
में
कितना-कितना
रकबा प्रभावित
हुआ है? ग्रामवार, तहसीलवार
जानकारी दें। क्या
अतिवृष्टि से
प्रभावित फसल
में कितना प्रतिशत
नुकसान हुआ है? कृषक को
मौके पर अवगत
कराया जाता है? यदि हाँ, तो कितने
किसानों को
सर्वेकर्ता
द्वारा अवगत
कराया गया है? यदि नहीं
तो क्यों? (ग) क्या
जिला
प्रशासन/विभाग
द्वारा
अतिवृष्टि से
हुए नुकसान का
आंकलन कर लिया
गया है? यदि हाँ, तो
ग्रामवार, तहसीलवार
विवरण दें। यदि
नहीं तो क्यों? इसके लिए
कौन
जिम्मेदार है? प्रभावित
किसानों को कब
तक मुआवजा
राशि उपलब्ध
करा दी जायेगी? समय-सीमा बतायें। (घ) भितरवार
विधानसभा
क्षेत्र में
कितने किसान फसल
बीमा योजना अन्तर्गत
फसल बीमा का
क्लेम किया
गया है? उन्हें कब
तक बीमा राशि
उपलब्ध कराई
जावेगी? समय-सीमा बतायें।
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) अतिवृष्टि
से हुए नुकसान
एवं फसल क्षति
हेतु राहत
राशि राजस्व
पुस्तक
परिपत्र 6-4 के
अंतर्गत
निर्धारित
मापदण्ड अनुसार
दिए जाने के
प्रावधान है। फसलवार
जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है।
(ख) विगत
माह भितरवार
जिला ग्वालियर
में
अतिवृष्टि
हुई है। ग्रामों
का प्रभावित
रकवा
ग्रामवार, तहसीलवार
फसल क्षति के
प्रतिशत सहित पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है।
सर्वे
दल द्वारा
समस्त
प्रभावित
किसानों को
मौके पर अवगत
कराया गया। शेष
प्रश्न
उद्भूत नहीं
होता। (ग) जिला
प्रशासन
द्वारा
पटवारी, सचिव, ग्रामीण
कृषि विस्तार
अधिकारी के
संयुक्त दल
द्वारा
भितरवार में
अतिवृष्टि से
हुए नुकसान का
आंकलन कर लिया
गया है। ग्राम
वार, तहसीलवार
विवरण पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है।
फसल
क्षति 25 प्रतिशत
से कम होने के
कारण RBC 6-4
के तहत राहत
राशि प्रदाय
किए जाने के
प्रावधान
नहीं है। अत:
शेष प्रश्न
उद्भूत नहीं
होता। (घ) प्रधानमंत्री
फसल बीमा
योजना के स्थानीय
आपदा
प्रावधान
अंतर्गत खरीफ 2025 में
कृषकों
द्वारा
प्राप्त
क्षति की
सूचना की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है।
प्राप्त
क्षति
सूचनाओं के
आधार पर दावा
गणना हेतु कार्यवाही
जारी है।
समय-सीमा बताया
जाना संभव
नहीं है।
राहत
राशि का वितरण
[राजस्व]
21.
( क्र. 247 ) श्री
दिनेश जैन बोस
: क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत
तहसील
महिदपुर, तहसील
झारड़ा, तहसील
नागदा में
अतिवृष्टि
एवं पीले
मोजेक रोग के
कारण नष्ट हुई
फसलों का RBC 6-4 के अंतर्गत
राहत राशि का
वितरण किया
गया है? उक्त
तहसीलों में
कौन-कौन से
ग्राम राहत
राशि में
वंचित है? कब तक छूटे
हुए ग्रामों
में राहत राशि
का वितरण कर
दिया जाएगा? वंचित
रहने का क्या
कारण है? (ख) अतिवृष्टि
से नष्ट हुई
फसलों जिनमें
राहत राशि
प्रदान की गई
क्या उन्हें प्रधानमंत्री
फसल बीमा
योजना की
श्रेणी में रखते
हुए बीमा
प्रदान किया
जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं
तो क्यों? (ग) उज्जैन
जिले अंतर्गत
वर्ष 2025-26
में इफको
टोक्यो बीमा
कंपनी द्वारा
कुल कितनी
राशि
प्रीमियम के
रूप में
अर्जित की गई
है? क्या
बीमा कंपनी
द्वारा
क्षेत्र में
नष्ट हुई
फसलों के खराब
होने पर कोई
सर्वे कराया
गया है? यदि हाँ, तो सर्वे
की रिपोर्ट
उपलब्ध कराई
जाए? बीमा
क्लेम हेतु
कंपनी एवं
शासन के क्या
नियम है? विस्तृत
विवरण देवें।
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) जी
हाँ, विधानसभा
क्षेत्र अंतर्गत
तहसील
महिदपुर, झारड़ा, नागदा में
अतिवृष्टि के
कारण नष्ट
हुई फसलों का RBC 6-4 के
अंतर्गत राहत
राशि का वितरण
किया गया है। उक्त
क्षेत्र में
पीला मोजेक
रोग के कारण
फसल क्षति
नहीं हुई है। कोई
भी ग्राम राहत
राशि के वितरण
से शेष नहीं है।
अत: शेष प्रश्न
उद्भूत नहीं
होता है। (ख) प्रधानमंत्री
फसल बीमा
योजना के
प्रावधान एवं
राहत राशि
वितरण के
प्रावधानों
में भिन्नता
होने से यह
नहीं कहा जा
सकता कि जहां
राहत राशि
वितरण की गई
है, वहां
आवश्यक रूप से
फसल बीमा का
भी दावा बनेगा
या जहां फसल
बीमा का दावा
बना है, वहां राहत
राशि का भी
वितरण होगा। अतः
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) वर्तमान
दिनांक तक
उज्जैन जिले
अंतर्गत वर्ष 2025-26 में इफको
टोक्यो बीमा
कंपनी को कृषक
अंश प्रीमियम, राज्यांश
प्रीमियम एवं
केन्द्रांश
प्रीमियम
मिलाकर कुल
राशि रूपये 97.08 करोड़ का
भुगतान किया गया
है। बीमा
कम्पनी से
प्राप्त
जानकारी
अनुसार कृषक
सूचनाओं के
आधार पर
स्थानीय आपदा
प्रावधान अंतर्गत
सर्वे अनुसार
दावा गणना एवं
भुगतान प्रक्रियाधीन
है। बीमा
कम्पनी से
प्राप्त
सर्वे की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 पर
है। प्रधानमंत्री
फसल बीमा योजना
का
क्रियान्वयन
एवं बीमा दावा
भुगतान भारत सरकार
द्वारा जारी
प्रचालन
मार्गदर्शिका
के अनुसार
किया जाता है।
प्रधानमंत्री
फसल बीमा
योजना की
प्रचालन मार्गदर्शिका
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है।
किसानों
को मुआवजा
राशि का
भुगतान
[राजस्व]
22.
( क्र. 259 ) डॉ. सतीश
सिकरवार : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) चम्बल
संभाग मुरैना
के जिलों में
अतिवृष्टि के
कारण पिछले 5 वर्षों
में कितने
किसानों
द्वारा
आत्महत्या की
गई है? ग्रामवार
एवं नामवार
जानकारी दी
जावे। (ख) प्रश्नांश
(क) में अंकित
कितने
किसानों के
परिवारों को
कितनी-कितनी
सहायता राशि
मुआवजे के रूप
में दी गई है
एवं कितनी
राशि दिये
जाने का
प्रावधान नियमों
में है? नियमों की
प्रति सहित
जानकारी दी
जावे। (ग) प्रश्नांश
(क) के कितने
किसानों को
मुआवजा राशि
का भुगतान नहीं
किया गया है? क्यों, कारण
स्पष्ट किया
जावें। (घ) प्रश्नांश
(क) में दी गई
जानकारी के
कितने
किसानों के
परिवारों को
राशि का
भुगतान नहीं
किये जाने के
लिये कौन दोषी
है? दोषी
अधिकारियों
के विरूद्ध
क्या
कार्यवाही की
गई। पदवार एवं
नामवार
जानकारी दी
जावे।
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) चम्बल
संभाग
अंतर्गत
अतिवृष्टि के
कारण पिछले 5 वर्षों में
किसी भी किसान
द्वारा आत्महत्या
नहीं की गई है।
अत: शेष प्रश्न
उद्भूत नहीं
होता।
(ख) से (घ) उत्तरांश
(क) के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उद्भूत नहीं
होता।
स्कूलों
का उन्नयन
[स्कूल
शिक्षा]
23.
( क्र. 266 ) श्री
ब्रजेन्द्र
प्रताप सिंह : क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
पन्ना
विधानसभा
अंतर्गत 4 स्कूल जो
कि निर्धारित
मापदंडों को
पूरा करते है
का उन्नयन
किये जाने
संबंधी पत्र
मुख्यमंत्री
कार्यालय से
पत्र क्रमांक 1195/CMS/SDK/2025 दिनांक 05.08.2025 के माध्यम
से सचिव स्कूल
शिक्षा विभाग
को प्रेषित
किया गया था? (ख) यदि
हाँ तो उक्त
संबंध में प्रश्न
दिनांक तक
क्या
कार्यवाही की
गई है? कब
तक स्कूलों का
उन्नयन किया
जावेगा? जानकारी
दें।
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) जी
हाँ। (ख) राष्ट्रीय
समग्र शिक्षा
अभियान योजना
अंतर्गत भारत
शासन द्वारा
वार्षिक
कार्य योजना
वर्ष 2025-26
में शासकीय
हाई स्कूल
रक्सेहा जिला
पन्ना का हायर
सेकेण्डरी
में उन्नयन
किया जा चुका
है, शासकीय
माध्यमिक शाला
कन्या खोरा
जिला पन्ना
दूरी के मान
से मापदण्ड की
पूर्ति नहीं
करती है, शासकीय
माध्यमिक
शाला
इटवाकलों
जिला पन्ना छात्र
संख्या के मान
से मापदण्ड की
पूर्ति नहीं
करती है। शासकीय
हाईस्कूल
चंदोरा जिला
पन्ना मापदण्ड
की पूर्ति
करती है। शालाओं
का उन्नयन बजट
उपलब्धता एवं
सक्षम स्वीकृति
पर निर्भर
करता है समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
बंगाली
विस्थापित
परिवारों को
पट्टे का प्रदाय
[राजस्व]
24.
( क्र. 283 ) श्री
ब्रजेन्द्र
प्रताप सिंह : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) पन्ना
विधानसभा
अन्तर्गत ऐसे
कितने बंगाली
विस्थापित
परिवार है
जिनको पट्टे
प्रदाय किये
गये है एवं
मौके पर काबिज
होकर कृषि
कार्य कर रहे
है एवं ऐसे
कितने परिवार
है जो मौके पर
लगभग 40-50
वर्षों से
काबिज तो है
किन्तु पट्टे
प्रदाय नहीं
किये गए है
एवं ऐसे कितने
परिवार है
जिनको पट्टे
प्रदाय किये
है एवं मौके
पर काबिज है
किन्तु अभिलेख
में दर्ज नहीं
है? ग्रामवार
जानकारी
देवें? (ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार जिन
बंगाली
विस्थापित
परिवारों को पट्टे
प्रदाय नहीं किये
गये उन्हे
पट्टे प्रदाय
करने हेतु अब
तक क्या
कार्यवाही की
गई एवं जिनके
अभिलेख अद्यतन
नहीं है उनको
अद्यतन किये
जाने हेतु
क्या कार्यवाही
की गई जानकारी
दे। उक्त
दोनों कार्य
किस स्तर पर
लंबित है? कब तक
कार्य पूर्ण
कर पट्टे
प्रदाय किये
जावेंगे?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) :(क) पन्ना
विधानसभा में
तहसील पन्ना
अन्तर्गत ग्राम
खरगुवां, उड़की, बिलखुरा, रक्सेहा, दमचुवा, बड़ेरा, हाटूपुर, बड़गड़ी
खर्द, अकला, बावूपुर, जमुनहाई, अहिरगुवांकेम्प, कुंजवन, जरूवापुर (कुल
14 ग्राम) में
कुल 651
बंगाली
विस्थापित
परिवारों को
कृषि भूमि के पट्टे
आवंटित किये
गये हैं एवं
मौके पर काबिज
हैं। ऐसे
परिवार जो
मौके पर 40-50 वर्ष से
काबिज हैं, परन्तु
पट्टे प्रदाय
नहीं किये गये
हैं ऐसे एक भी
पात्र परिवार
नहीं है। जिन
परिवारों को
पट्टे प्रदाय
किये गये हैं
एवं मौके पर
काबिज हैं
किन्तु
अभिलेख में
दर्ज नहीं हैं
ऐसे
पट्टेदारों
के द्वारा
आवेदन करने पर
विधिवत् जांच
उपरान्त म.प्र.
भू-राजस्व
संहिता 1959 की
धारा 115 के तहत
राजस्व अभिलेख
अद्यतन करने
की कार्यवाही
समय समय पर की
गई है। विस्थापित
बंगाली
परिवारों को
जारी पट्टों की
ग्रामवार जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट अनुसार
है। अतः
शेष प्रष्न
उद्भूत नहीं
होता है। (ख) तहसील
पन्ना
अन्तर्गत
बसाये गये 59 बंगाली
परिवारों को
वनभूमि होने, काबिल
कास्त भूमि न
होने तथा
विवादित भूमि
होने के कारण
तत्समय पट्टे
जारी नहीं
किये गये थे। उक्त
संबंध में
ग्राम
बावूपुर में
दल गठित कर सर्वेक्षण
कार्य कराया
गया, सर्वेक्षण
उपरांत पाया
गया कि ग्राम
बावूपुर के 14 ऐसे कृषक
जिनको पट्टे
जारी हुये हैं
मौके पर काबिज
भी हैं परन्तु
वन सीमा के
भीतर होने के
कारण अभिलेख
में दर्ज नहीं
है तथा 19 ऐसे
व्यक्ति पाये
गये जिनके पास
पट्टे नहीं हैं
परन्तु मौके
पर वन सीमा के
भीतर काबिज
होकर कृषि
कार्य कर रहे
है। उक्त
संबंध में
कार्यालयीन
पत्र क्रमांक/550/रीडर/2023 पन्ना
दिनांक 24 जुलाई, 2023 के द्वारा
वनमंडलाधिकारी
उत्तर वनमंडल
पन्ना को
उपरोक्त भूमि
का
निर्वनीकरण
किये जाने की
कार्यवाही
हेतु निर्देशित
किया जा चुका
है। जिन
पट्टेदारों
के अभिलेख
अद्यतन नहीं
है ऐसे
पट्टेदारों
के द्वारा
आवेदन करने पर
विधिवत जांच
उपरान्त
म.प्र.
भू-राजस्व
संहिता 1959 की धारा 115 के तहत
राजस्व
अभिलेख
अद्यतन करने
की कार्यवाही
समय-समय पर की
गई है।
जल
संसाधन विभाग
द्वारा बनाये
गये बांध
[जल संसाधन]
25.
( क्र. 370 ) श्री
प्रदीप पटेल : क्या जल
संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) जिला
मऊगंज
अन्तर्गत
विकासखण्ड
हनुमना, मऊगंज तथा
नईगढ़ी में
कुल कितने लघु
सिंचाई परियोजनाओं
बांधों/सरोवरों/डेमों
का निर्माण
कार्य वर्ष 2010 से लेकर अब
निर्मित
कराया गया है
उनका नाम, स्थान की
सूची जिसमें
से कितने
पूर्ण एवं अपूर्ण
है। (ख) प्रश्नांश
(क) में
वर्णित
बांधों की
तकनीकी, प्रशासकीय
स्वीकृति एवं
भुगतान आदेश
फर्मों/ठेकेदारों
से किया गया
अनुबंध की
जानकारी? यदि कार्य
अपूर्ण है तो
क्यों? सिंचित-असिंचित
क्षेत्र आदि
की जानकारी दी
जायेगी? भू-अर्जन
हेतु कुल
कितनी राशि का
भुगतान
योजनावार, हितग्राहीवार
किया गया की
जानकारी से
अवगत करायें। (ग)
प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार
यदि कोई बांध
शासन के
मापदण्डों के अनुरूप
नहीं बनाया गया
है तो उसके जिम्मेदार
दोषी
अधिकारियों/कर्मचारियों
के ऊपर अब तक
क्या
कार्यवाही की
गई है और कब तक कार्य
पूर्ण होकर
ग्रामवासियों, किसानों
को पानी
उपलब्ध हो
पाएगा? सिंचित
रकबे से शासन
को प्राप्त
होने वाली आय से
अवगत करायें।
जल
संसाधन
मंत्री ( श्री
तुलसीराम
सिलावट ) : (क) विवरण
संलग्न परिशिष्ट के
"प्रपत्र-1" अनुसार है।
(ख) जानकारी
संलग्न परिशिष्ट के
"प्रपत्र-1" अनुसार है।
एक
परियोजना
बमरहा बांध
अपूर्ण है
जिसे पूर्ण
कराये जाने की
कार्यवाही
प्रक्रियाधीन
है। सिंचित
क्षेत्र की जानकारी
संलग्न परिशिष्ट के
"प्रपत्र-1" अनुसार है।
भू-अर्जन
हेतु
योजनावार
पारित अवार्ड
राशि की जानकारी
संलग्न परिशिष्ट के "प्रपत्र-2" अनुसार है।
(ग) उत्तरांश
(क) एवं
(ख) में
उल्लेखित
बांध शासन के
मापदण्डों
के अनुरूप
किया जाना उल्लेखित
है। शेष प्रश्नांश
लागू नहीं। निर्मित
बांधों से
ग्रामवासियों/किसानों
को जल उपलब्ध
कराया जाना
प्रतिवेदित
है। वर्ष 2024-25 में सिंचित
रकवे से जलकर
के रुप में रु.4,23,549.00 की आय
प्राप्त होना
प्रतिवेदित
है।
संविदा
जिला डाटा
प्रबंधक की
नियुक्ति
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
26.
( क्र. 378 ) श्री लखन
घनघोरिया : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) तारांकित
प्रश्न 15 (क्र.91) दिनांक 12/02/2024 के उत्तर
में उल्लेखित
श्री विजय
पाण्डेय जिला
डाटा प्रबंधक
(टीकाकरण) प्रभारी
डी.पी.एम.
जबलपुर की
धारित कौन-कौन
सी शैक्षणिक
योग्यताएं
एवं अर्हताएं
क्या है? इन्होंने
कौन-कौन सी
शैक्षणिक
परीक्षाएं
कब-कब,
किस-किस
श्रेणी में
उत्तीर्ण की
हैं? बतलावें।
सूची दें। (ख) प्रश्नांकित
पदस्थ ने
शासकीय सेवा
में पदस्थ
रहते हुये
विभागीय किन
संविदा सेवा
भर्ती नियमों, शर्तों व
किस सक्षम
अधिकारी से कब
ली गई, पूर्व
स्वीकृति के
अधार पर किस विश्वविद्यालय
के संचालित
नियमित
पाठ्यक्रम बैचलर
ऑफ कम्प्यूटर
एप्लीकेशन (सिक्स
सेमेस्टर) स्नातक
डिग्री कोर्स
में वर्ष 2013 में कब
प्रवेश लेकर
वर्षवार एवं
सेमेस्टर वार
परीक्षा कब
किस श्रेणी
में उत्तीर्ण
की है? सेवा
भर्ती नियम, स्वीकृति
पत्र, सेमेस्टरवार
अंक सूची एवं
डिग्री की
छायाप्रति
दें। (ग) प्रश्नांकित
पदस्थ ने
मास्टर आफ
सोशल वर्क (दो
वर्षीय) स्नातकोत्तर
डिग्री कोर्स
में वर्ष 2019 में कब
प्रवेश लेकर
प्रथम वर्ष
एवं द्वितीय वर्ष
(फाइनल ईयर) की
वार्षिक
परीक्षा कब
किस श्रेणी
में उत्तीर्ण
की हैं? जानकारी
दें। अंकसूची
एवं डिग्री की
छायाप्रति
दें। (घ) प्रश्नांकित
पदस्थ ने
उपरोक्त
स्नातक एवं
स्नातकोत्तर
डिग्री
कोर्सेस के
अध्ययन एवं
परीक्षा हेतु
कब-कब से कब तक
कितने-कितने दिवस
माह का
वर्षवार
अवकाश लिया है? शासन ने
उक्त डिग्री
कोर्सेस को कब
किस आधार पर
मान्य कर इसकी
सेवा
पुस्तिका में
प्रविष्टि कब
किस सक्षम
अधिकारी के
आदेश से की गई
हैं? जानकारी
दें। स्वीकृत
अवकाश व आदेश
की छायाप्रति
दें।
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) तारांकित
प्रश्न 15 (क्र.91) दिनांक 12.02.2024 के उत्तर
में उल्लेखित
श्री विजय
पाण्डेय संविदा
जिला डाटा
प्रबंधक (टीकाकरण)
जबलपुर की
धारित
शैक्षणिक
योग्यताएं
एवं अर्हताएं
की जानकारी
संलग्न परिशिष्ट के
प्रपत्र 'अ' अनुसार। इनके
द्वारा
उत्तीर्ण
शैक्षणिक
परीक्षाओं की जानकारी
संलग्न परिशिष्ट के
प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
(ख) श्री
विजय पाण्डेय
संविदा जिला
डाटा प्रबंधक
(टीकाकरण) द्वारा
संविदा
शासकीय सेवा
में पदस्थ
रहते हुये
किसी भी
नियमित
पाठयक्रम/कोर्स
किये जाने की
पूर्व
स्वीकृति इस
कार्यालय से
नहीं ली गई। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं होता।
(ग) श्री विजय
पाण्डेय
संविदा जिला
डाटा प्रबंधक
(टीकाकरण) द्वारा
संविदा
शासकीय सेवा
में पदस्थ
रहते हुये
मास्टर ऑफ
सोशल
वर्क/स्नातकोत्तर
डिग्री कोर्स
किये जाने की
पूर्व
स्वीकृति इस
कार्यालय से
नहीं ली गई। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं होता।
(घ) श्री विजय
पाण्डेय
संविदा जिला
डाटा प्रबंधक
(टीकाकरण) द्वारा
संविदा
शासकीय सेवा
में पदस्थ
रहते हुये
स्नातक एवं स्नातकोत्तर
डिग्री
कोर्सेस के
अध्ययन एवं परीक्षा
हेतु कोई
अवकाश
स्वीकृति
नहीं ली गई। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं होता।
संविदा भर्ती
नियम के
प्रावधान
अनुसार संविदा
कर्मचारी की
सेवापुस्तिका
संधारित किये जाने
को प्रावधान
नहीं है।
वन
खण्डों की
जांच एवं
कार्यवाही
[राजस्व]
27.
( क्र. 399 ) श्री अजय
अर्जुन सिंह : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
यह सही है कि प्रश्न
क्रमांक 1330 दिनांक 13 मार्च, 2007 में बताए
गए वनखण्ड
एवं उनमें शामिल
भूमियों की
भा.व.अ. 1927 की धारा 5 से 19 तक की जांच
एवं
कार्यवाही
अनुविभागीय
अधिकारी (राजस्व)
प्रश्नांकित
दिनांक तक भी
पूरी नहीं कर
पाए? (ख) किस
वनमंडल के
वर्किंग प्लान, एरिया
रजिस्टर, वनकक्ष
इतिहास, वनकक्ष
मानचित्र में
दर्ज कर
संरक्षित कर
प्रतिवेदित
कितने
ग्रामों की
कितनी
भूमियों की धारा
5 से 19 तक की जांच
किस
अनुविभागीय
अधिकारी के
समक्ष लंबित
है, इनमें
कितनी भूस्वामी
हक की भूमि
हैं? (ग) धारा 4 में
अधिसूचित, आरक्षित
वन बनाने के
लिए प्रस्तावित, भूमियों को
वर्किंग प्लान
में दर्ज कर
संरक्षित वन
प्रतिवेदित
करने, कब्जा
कर नियंत्रण
प्रबंधन
वनोपज का
विदोहन करने
का अधिकार या
अनुमति किस व्यवस्थापन
अधिकारी ने
किस दिनांक को
दी हैं? (घ) यदि
कोई अनुमति
प्रदान नहीं
की गई आरक्षित
वन बनाने के
लिए प्रस्तावित
भूमियों को
संरक्षित वन
प्रतिवेदित
करने पर क्या-क्या
कार्यवाही वन
विभाग के
विरूद्ध की गई?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) से (घ) जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
आपराधिक
प्रकरण दर्ज
कराया जाना
[राजस्व]
28.
( क्र. 435 ) श्री अभय
मिश्रा : क्या
राजस्व मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) रीवा
जिले की
सेमरिया
तहसील में
हुये सिकमी/बटाईदार
पंजीयनों की
सूची/साक्ष्य
सहित
तहसीलदार
सेमरिया को प्रश्नकर्ता
के पत्र क्र./1162/शि./2025/रीवा दि. 16/10/25 पर की गई
कार्यवाही की
जानकारी
देवें। (ख) प्रश्नकर्ता
सदस्य
द्वारा
अधिकृत
प्रतिनिधि (खाद्य)
द्वारा दि. 20/10/25 को
तहसीलदार
सेमरिया को
आवेदन प्रस्तुत
कर ग्राम कोटा
निवासी संतोष
सिंह नामक व्यक्ति
के धान पंजीयन
में 40
वर्ष पूर्व
मृतक व्यक्ति
के नोटरी
द्वारा
प्रमाणित
सहमति/शपथ पत्र
दि. 01/10/2025
को सत्यापित/नोट्राइज
द्वारा फर्जी
धान पंजीयन
होने के संबंध
में साक्ष्य
सहित पंजीयन
को निरस्त/असत्यापित/अपराधिक
प्रकरण दर्ज
करने हेतु
शिकायत प्रस्तुत
की गई इसके
बाद भी
तहसीलदार
द्वारा मृत व्यक्ति
के पंजीयन का
सत्यापन क्यों
और किन आधारों
पर कर दिया
गया बतावें? (ग) प्रश्नांश
(ख) के संदर्भ में
क्या
तहसीलदार के
आदेश क्र.426/प्रवा./ तह./से.दि.24/10/25 के द्वारा
थाना प्रभारी
सेमरिया को
पत्र प्रेषित
कर मृतक व्यक्ति
का फर्जी
पंजीयन नोटरी
के सहमति/शपथ
पत्र के आधार
पर किये जाने
से नोटरी एवं
आवेदक के
विरूद्ध
अपराधिक प्रकरण
दर्ज करने
हेतु लेख किया, उक्त
आदेश पर क्या
कार्यवाही
हुई? (घ) प्रश्नांश
(ख) एवं (ग) के
अनुक्रम में प्रश्नकर्ता
के पत्र क्र.1195/शिकायत/25-26 दि.03.11.2025 एसडीएम को
पत्र लिखकर
तहसीलदार श्री
बेलवंशी
सेमरिया के
द्वारा
शिकायत उपरांत
भी मृत व्यक्ति
का पंजीयन का
सत्यापन एवं
फर्जी
गिरदावली के
सत्यापन
थनवरिया
ग्राम के 40 अधिक की
किये जाने की
जिसपर श्री
बेलबंशी के विरूद्ध
तत्संबंध
में
अनुविभागीय
अधिकारी
सिरमौर ने क्या
कार्यवाही की
बतावें? पत्र क्र.-1201/शि./2025 दिनांक 01/11/2025 पुलिस
महानिरीक्षक
रीवा एवं
पुलिस
अधीक्षक रीवा
को पत्र क्र.- 1200/शि./2025 दिनांक 01/11/2025 प्रेषित
कर नोटरी के
विरूद्ध
अपराधिक
प्रकरण दर्ज
किये जाने एवं
तहसीलदार के
आदेश क्र.- 426/प्रवा./तह./से.दि.24/10/25 के तत्संबंध
में क्या
कार्यवाही की
गई? जानकारी
दें।
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) रीवा
जिले की
सेमरिया
तहसील में
हुये सिकमी/बटाईदार
पंजीयनों की
सूची/साक्ष्य
सहित तहसीलदार
सेमरिया को
प्रश्नकर्ता
के प्रश्न के
संबंध में
तहसीलदार
तहसील
सेमरिया द्वारा
पत्र क्र. 425/प्रवा./से./2025 दि.
23/10/2025 द्वारा
जिला आपूर्ति
नियंत्रक
जिला रीवा
म.प्र. को एवं
पत्र क्र.426/प्रवा./तह./से./2025 दि.
24/10/2025 द्वारा
थाना प्रभारी
थाना सेमरिया
जिला रीवा
म.प्र. को
कार्यवाही
हेतु
पत्राचार
किया गया है। (ख) उत्तरांश
(क) अनुसार। (ग) तहसील
स्तर में
दोषियों के
विरुद्ध
सुसंगत धाराओं
में
नियमानुसार
कार्यवाही
हेतु थाना
प्रभारी सेमरिया
जिला रीवा को
पत्राचार
किया गया। (घ) अनुविभागीय
अधिकारी
सिरमौर के
पत्र क्र. 736/स्टेनो/2025 सिरमौर, दिनांक
10/11/2025 से
तहसीलदार
तहसील
सेमरिया को
कारण बताओ सूचना
पत्र जारी
किया गया है।
जिसके
तारतम्य में तहसीलदार
तहसील
सेमरिया
द्वारा लेख
किया गया कि
कार्या. पत्र
क्र. 563/आ.का./तह./से./2025 दि.
16/10/2025 द्वारा
समिति
प्रबंधक सेवा
सहकारी समिति
भमरा कुम्हरा
जुडवानी, बडागांव
एवं बम्हनी
गढीहा से
पोर्टल पर
दर्ज पंजीयन
हेतु
अनुबंध/दस्तावेजों
की जांच दो दिवस
के अंदर करने
का लेख किया
गया जिनके वैध
अनुबंध/दस्तावेज
(सहमत का शपथ
पत्र) उपलब्ध
करा दिये गये
उनका सत्यापन
कर दिया गया
जिनका
अनुबंध/दस्तावेज
उपलब्ध नहीं
कराये गये
उनका आवेदन
असत्यापित कर
दिया गया।
ग्राम कोटा के
मृतक
भूमिस्वामी
पंजीयन
शिकायत पर
हल्का पटवारी
से प्रतिवेदन
लिया गया कि
तिजिया, गठिया, एगसिया, तिलकधारी
का- नाम खसरे
में दर्ज
अभिलेख है किन्तु
भूमि स्वामी
मृतक होने से
पोर्टल पर
पंजीयन संदिग्ध
पाया गया
आपरेटर/वर्कलोड
पटवारी
द्वारा बताया
गया कि
शिकायतकर्ता
अमरीश
द्विवेदी द्वारा
शिकायत के
संबंध में
बार-बार कार्यालय
आकर शोर शराबा
करने एवं
ऑपरेटर पर
मानसिक दवाब
बनाने से
पोर्टल पर
जांच करने के
दौरान मृतक
सदिग्ध -
पंजीयन को
जिसे
असत्यापित
किया जाना
आपेक्षित था
गलती से
ओपरेटर
द्वारा सत्यापित
ऑप्शन क्लिक
हो गया, जिसके
सत्यापन
सुधार हेतु
कार्या. पत्र
क्र. 425/प्रया./से./2025 दि.
23/10/2025 द्वारा
जिला आपूर्ति
नियंत्रक
जिला रीवा म.प्र.
को लेख किया
गया।
प्रस्तुत शपथ
पत्र छायाप्रति
संतोष सिंह
द्वारा गलत
तरीके से पेश
करते हुये
पोर्टल पर
समिति का
पंजीयन कराया
गया था जिसके
संबंध में
कार्या. पत्र
क्र. 426/प्रवा./से./25 दिनांक
24/10/2025 द्वारा
संतोष सिंह
एवं नोटरी
गिरधर गोपाल
मिश्रा के
विरुद्ध
सुसंगत
धाराओं में
उचित कार्यावाही
हेतु थाना
प्रभारी थाना
सेमरिया को लेख
किया गया।
ग्राम
थनवरिया में
हुई गलत गिरदावरी
के संबंध में
शिकायत
प्राप्त होने
से हल्का
पटवारी
थनवरिया से
जांच प्रतिवेदन
मगाया गया
हल्का पटवारी
द्वारा
प्रतिवेदित
किया गया कि
सर्वेयर
द्वारा कतिपय
रिक्त भूमियों
में धान की
बोबाई दिखा कर
गिरदावरी कर
दी गई थी
जिसका
सत्यापन
त्रुटिवश कर
दिया गया था।
जिस पर
कार्या. पत्र
क्र. 455/प्र./से./25 दि. 06/11/2025 द्वारा
ग्राम
थनवरिया कि 09 किता
आराजियों के
त्रुटिपूर्वक
पंजीयन सुधार
हेतु जिला
आपूर्ति
नियंत्रक
अधिकारी जिला
रीवा की ओर
लेख किया गया।
नियमानुसार
कार्यवाही
प्रारंम्भ
है।
चिकित्सकों
की पदस्थापना
एवं नवीन भवन
का लोकार्पण
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
29.
( क्र. 436 ) श्री अभय
मिश्रा : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) रीवा
जिले के
सेमरिया में
संचालित
सिविल अस्पताल
में चिकित्सकों
एवं अन्य
कर्मचारियों
के कितने पद
स्वीकृत है
का विवरण
देवें इनमें
से कितने चिकित्सक
एवं कर्मचारी
कार्यरत है विवरण
आदेश की प्रति
के साथ देवें? (ख) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में प्रश्नकर्ता
सदस्य
द्वारा पत्र
क्रमांक 1069 दिनांक 09.07.2025 द्वारा
मुख्य सचिव
म.प्र. शासन
भोपाल को पत्र
लिखकर चिकित्सकों
एवं
कर्मचारियों
की पदस्थापना
बाबत् आग्रह
किया गया जिस
पर कार्यवाही
बावत पी.एस. प्रमुख
सचिव स्वास्थ्य
को कार्यवाही
के निर्देश
दिये गये पत्र
के पालन में
पदस्थ किये
गये चिकित्सकों
के पद, नाम
आदेश की प्रति
के साथ
जानकारी
देवें अगर पत्र
पर कार्यवाही
कर पदस्थापना
के निर्देश
नहीं दिये गये
तो इसके लिये
कौन उत्तरदायी
है उन पर
कार्यवाही के
साथ पदस्थापना
बावत क्या
निर्देश
देंगे बतावें
अगर नहीं तो
क्यों? (ग) प्रश्नांश
(क) के अस्पताल
का नवीन भवन
जो एक वर्ष
पूर्व बनकर
तैयार है का
लोकार्पण क्यों
नहीं किया जा
रहा लोकार्पण
बावत क्या
निर्देश देंगे, प्रश्नांश
(क),
(ख) अनुसार
उत्तरदायी
मानकार किन पर
कार्यवाही
प्रस्तावित
करेंगे
बतावें अगर
नहीं तो क्यों?
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''अ'' अनुसार है।
स्वीकृति
आदेश की प्रति जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
(ख) जी हाँ, पदपूर्ति
की कार्यवाही
की गई है, जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
नियुक्ति
आदेश की प्रति जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) मापदण्ड
अनुसार नवीन
भवन का कार्य
पूर्ण नहीं
होने के कारण
अस्पताल भवन
का लोकार्पण
नहीं हुआ है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
फीडर
कैनाल का
घटिया
निर्माण
कार्य
[जल संसाधन]
30.
( क्र. 454 ) श्री रमेश
प्रसाद खटीक : क्या जल
संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) मोहनी
पिक अप वियर
डीवीजन के
अंतर्गत
मोहनी डेम से
हरसी डेम तक
फीडर कैनाल का
चौड़ीकरण शहरीकरण
लाइनिंग तथा
सीमेंट कंक्रीट
का कार्य कब
स्वीकृत हुआ
था। उक्त कार्य
की प्रशा. स्वीकृति, राशि टेण्डर
की वर्क आर्डर
की छायाप्रति
सहित संपूर्ण जानकारी
उपलब्ध
करावें। (ख) मोहनी
पिक अप वियर
से फीटर कैनाल
हरसी डेम तक का
कार्य कब तक
पूर्ण करने के
लिये अनुबंध
किया गया था? (ग) यदि
उक्त कार्य
समय-सीमा में
नहीं किया गया
तो निर्माण एजेंसी
पर पेनाल्टी
लगाई गयी तथा
फीडर कैनाल पर
मिट्टी एवं
सीमेंट, कंक्रीट, लाइनिंग
का कार्य
गुणवत्ता
पूर्ण न होने
के कारण तथा
कॉम्पक्स
नहीं होने से
लाइनिंग
मिट्टी, सीमेंट कंक्रीट
उखड़ रही है
मौके पर
अधिकारी एवं
ठेकेदार की मिली भगत
से ठेकेदार का भुगतान
किया गया है? (घ) क्या
घटिया
निर्माण
कार्य की
संबंधित
अधिकारियों
के द्वारा
ठेकेदार को
किये गये
कार्य की उच्च
अधिकारियों
द्वारा जांच
कराकर इनके
खिलाफ कार्यवाही
की जावेगी कब
तक बताएं।
जल
संसाधन
मंत्री ( श्री
तुलसीराम
सिलावट ) : (क) मोहनी डेम
से हरसी डेम
फीडर कैनाल का
कार्य सिंध
परियोजना फेज 2 के
अंतर्गत
दिनांक 04.11.1991 को
स्वीकृत हुआ
था प्रशासकीय
स्वीकृति
दिनांक 04.11.1991 द्वारा
राशि रूपए 607.67 करोड़
प्रदान की गई
थी। उक्त कार्य
का वर्कऑर्डर
एस. ए. आर. नं. 04/ई.ई./आर.बी.सी./2004-05 दिनांक 09.07.2004 को राशि 311.45 लाख का
मेसर्स लखपत
सिंह
कॉन्ट्रेक्टर
ग्वालियर को
दिया गया था। अभिलेखों
की जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट-1 एवं
2
अनुसार
है। (ख) दिनांक
08.01.2006 तक। (ग) जी
नहीं। तत्कालीन
अधिकारियों
द्वारा कार्य
को गुणवत्ता
अनुरूप एवं
विभागीय स्पेसिफिकेशन
अनुसार कराए
जाने के
उपरांत ही पेनाल्टी
नहीं लगाते
हुए ठेकेदार
को भुगतान किया
जाना
प्रतिवेदित
है। अतः शेष प्रश्नांश
लागू नहीं। (घ) उत्तरांश
''ग'' के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
लागू नहीं।
हरसी
हाई लेविल
कैनाल को
जोड़ने के
कार्य की
स्थिति
[जल संसाधन]
31. ( क्र.
455 ) श्री
रमेश प्रसाद
खटीक : क्या
जल संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) शिवपुरी
जिले के
मडीखेडा
डीवीजन के
अंतर्गत मोहनी
पिक अप वियर
से फीडर कैनाल
से पाइप-लाइन
द्वारा हरसी
हाई लेविल
कैनाल को
जोड़ने का
एग्रीमेंट मे.
भारती बिल्डकॉन
के साथ वर्ष 2018 में
किया गया था। अनुबंध
से 02 वर्ष में
टर्न पद्धति
के अनुसार
कार्य पूर्ण करना
था। (ख)
क्या उक्त
कार्य अनुबंध
के अनुसार 5 वर्ष
बाद आज दिनांक
नवम्बर 2025 तक
कम्पलीट
नहीं हो पाया।
उसके लिये
ठेकेदार से
बार-बार बिना
पेनल्टी के
एक्सटेंशन
दिया जा रहा
है पहले यह
कार्य मड़ीखेड़ी
डीवीजन के
अंतर्गत था। ठेकेदार
की मिलीभगत से
RBC संभाग
नरवर में ट्रांसर्फर
कराया गया तथा
पुन:
मड़ीखेड़ा
डीविजन में
ट्रासंर्फर
कराया गया अव
मड़ीखेड़ी RBC
संभाग
करैरा डीविजन
में
ट्रांसर्फर
कराया गया। (ग) यदि
उक्त कार्य
कार्यपालन
यंत्री एवं
ठेकेदार की मिलीभगत
से
ट्रांसर्फर
कराया गया तो
क्या मड़ीखेड़ा
डीविजन में
पदस्त उक्त
कार्य को जो
कार्यपालन
यंत्री है वह
नहीं देख पा
रहे हैं क्या?
(घ) यदि
उक्त कार्य
में विभागीय
अधिकारी एवं
ठेकेदार की सांठ-गांठ
से एग्रीमेंट
अनुसार कार्य
पूर्ण नहीं
किया गया तथा
बिना पेनल्टी
के भुगतान
किया गया
संपूर्ण
जानकारी उपलब्ध
करावें एवं
दोषी
अधिकारियों
के खिलाफ
कार्यवाही
करें।
जल
संसाधन
मंत्री ( श्री
तुलसीराम
सिलावट ) : (क) जी
हाँ। (ख) जी
हाँ, उक्त
कार्य एक
विशिष्ट
तकनीकी प्रकार
का होने के
कारण मैदानी स्तर
पर विभिन्न
अपरिहार्य
कठिनाइयों का
सामना होने से
कम्पलीट
नहीं हो पाना
प्रतिवेदित
कार्यहित में
कार्य पूर्ण
करने हेतु
बिना पेनल्टी
एक्स्टेशन
स्वीकृत किया
गया एवं कार्य
प्रगतिरत है। उक्त
अनुबंधित
कार्य अन्तर्गत
संपादित हाने
वाले अधिकांश
कार्य
आर.बी.सी.
संभाग नरवर के
कार्यक्षेत्र
के समीप होने
के कारण कार्य
सुविधा को
दृष्टिगत
रखते हुये
दिनांक 05.03.2021 को
नरवर संभाग
हस्तांतरित
किया गया। म.प्र.
शासन के
आदेशानुसार
नरवर संभाग के
पुनर्विनियोजन
होने से उक्त
संभाग के सभी
कार्यों को
सिंध
परियोजना
पक्का बांध
संभाग मड़ीखेड़ा
में समायोजित
किया गया।
मड़ीखेड़ा
संभाग के
कार्यक्षेत्र
में मड़ीखेड़ा
एवं मोहनी
पिकअप वियर दो
बड़े बांध
होने से
कार्यबोझ की
अधिक्यता के
कारण कार्य की
सुगमता को
दृष्टिगत
रखते हुये
उक्त कार्य को
आर.बी.सी.
संभाग करैरा
को हस्तांतरण
किया गया। (ग) उक्त
कार्य को सिंध
परियोजना
पक्का बांध
संभाग मड़ीखेड़ा
के कार्यबोझ
को दृष्टिगत
रखते हुये करैरा
संभाग को
हस्तांतरण
किया गया है। कार्यपालन
यंत्री सिंध
परियोजना
पक्का बांध
संभाग मड़ीखेड़ा
भी कार्य
संपादित
कराने में
सक्षम है किन्तु
कार्यहित में कार्य
की सुगमता को
ध्यान में
रखते हुये
कार्य
हस्तांतरण
किया गया है। (घ)
कार्य को
टर्नकी
अनुबंध में निहित
प्रावधानों
के तहत ही
संपादित
कराया जा रहा
है। शेष प्रश्न
लागू नहीं।
अनधिकृत
रूप से संविदा
कर्मचारी की
उपस्थिति
[जल संसाधन]
32.
( क्र. 457 ) श्री रमेश
प्रसाद खटीक : क्या जल
संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) शिवपुरी
जिले के
कैरेरा विधान
सभा क्षेत्र के
नरवर में
दिनांक 27/09/2025 को मा.
मंत्री जी के
भ्रमण के
दौरान महिला
सम्मेलन एवं
सेवा पखवाड़ा
सम्मेलन
कार्यक्रम कलेक्टर
शिवपुरी के
द्वारा मंच व्यवस्था
एवं संचालन
तथा अन्य
दायित्वों
के निर्वहन के
लिये कौन-कौन
अधिकारी/कर्मचारी
की ड्यूटी
लगाई गई थी? उनका पद
एवं दायित्व
सहित सम्पूर्ण
जानकारी
उपलब्ध
करावें। (ख) यदि
कार्यालय
कलेक्टर
शिवपुरी के
पत्र क्रमांक/1348/RDM/ सी.एम./भ्रमण/2025 के क्रम
में सभा स्थल
एवं मंच पर vip/vvip अतिथिगणों
का मंच पर
स्वागत
सम्मान, उद्घोषक
एवं अन्य
व्यवस्था
हेतु जिन
अधिकारियों/कर्मचारियों
की ड्यूटी
लगाई गयी थी
वह न रहते हुए
उनके स्थान
पर संविदा
कर्मचारी चन्द्रकांत
भार्गव (PHE) नरवर अनधिकृत
रूप से मंच पर
मौजूद होकर
उद्घोषक एवं
अन्य कार्य
कर रहे थे। इनकी
ड्यूटी मंच पर
कार्य करने के
लिये किस अधिकारी
ने लगाई थी? (ग) क्या
यदि माननीय
मुख्यमंत्री
जी के सभा स्थल
मंच पर चन्द्रकांत
भार्गव (PHE) के द्वारा अनधिकृत
रूप से कार्य
कर रहे थे? यदि हाँ, तो क्या
यह सुरक्षा व्यवस्था
में बहुत बड़ी
चूक नहीं है, जिसकी
शिकायत प्रश्नकर्ता
द्वारा पत्र
क्रमांक
एमएलए करेरा
पत्र 1038
दिनांक 29.09.2025 द्वारा
कलेक्टर
शिवपुरी तथा
पुलिस
महानिरीक्षक
इंटेलिजेंस
भोपाल को मय
छायाचित्र
सहित की गई थी
परन्तु उक्त
संविदा
कर्मचारी पर
आज दिनांक तक
कोई
कार्यवाही
नहीं हुई, क्यों? (घ) यदि
अनधिकृत रूप
से बिना
ड्यूटी के
संविदा
कर्मचारी मंच
पर उपस्थित
रहकर कार्य कर
रहे थे तो
इनके खिलाफ आज
दिनांक तक कोई
कार्यवाही क्यों
नहीं की गई
बतायें। अगर
की जावेगी तो
कब तक?
जल
संसाधन
मंत्री ( श्री
तुलसीराम सिलावट
) : (क) कलेक्टर जिला
शिवपुरी के
आदेश क्रमांक 1348/RDM/सी.एम./भ्रमण/2025 दिनांक 23/09/2025 के द्वारा श्री
अनूप
श्रीवास्तव
एसडीएम-कोलारस
की ड्यूटी
मंचीय बैठक
व्यवस्था
हेतु नोडल
अधिकारी के
रूप में लगाई
गई थी। मंच
संचालन हेतु
माध्यम भोपाल
के द्वारा संचालन
व्यवस्था की
गई थी। कलेक्टर
कार्यालय
शिवपुरी का
उपरोक्त आदेश की
प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार
है। (ख) कार्यालय
कलेक्टर, जिला
शिवपुरी के
आदेश 1348/RDM/सी.एम./भ्रमण/2025 दिनांक 23/09/2025 के द्वारा
शुभम अग्रवाल, कार्यपालन
यंत्री, लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
विभाग, शिवपुरी
को कार्यक्रम
स्थल एवं मंच
पर पेयजल व्यवस्था
हेतु दायित्व
सौंपा गया था।
कार्यपालन
यंत्री लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
विभाग खण्ड
शिवपुरी के
पत्र क्रमांक/2800 दिनांक 25-09-2025 के द्वारा
मंच पर पेयजल
व्यवस्था
हेतु श्री चंद्रकांत
भार्गव, विकासखण्ड
समन्वयक की
ड्यूटी मंच पर
लगाई गई थी। (ग) जी
नहीं। शेष प्रश्नांश
लागू नहीं। (घ) उत्तरांश
''ख'' के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
लागू नहीं।
किसानों
के नक्शा
दुरस्तीकरण
[राजस्व]
33.
( क्र. 459 ) श्री
विजयपाल सिंह
: क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) जिला
नर्मदापुरम
के विधानसभा
क्षेत्र सोहागपुर
में ग्राम
गुढला, गोरा, शुक्करवाड़ा, शिवपुर
तहसील
माखननगर के
साथ-साथ
विधानसभा क्षेत्र
के अन्य
ग्रामों में
भी पूरे गांव
के किसानों के
जमीनों के
नक्शे तथा
खसरा नं. गलत रिकार्ड
में क्यों चढे
हैं? क्या
जहां किसान की
जमीन है वहां
रिकार्ड में किसी
दूसरे की जमीन
बताई जा रही
है? (ख) प्रश्नांश
(क) के संबंध
में यह कार्य
राजस्व की
चकबंदी बंदोबस्त
के तहत कब तक
किया जायेगा? क्या
इसमें शासन की
ओर से मिशल
नक्शा शीट
दुरूस्त कराई
जायेगी? यह कार्य
कब तक किया
जायेगा? (ग) क्या
उक्त विसंगति
होने के कारण
किसानों को शासन
की योजनाओं का
लाभ भी नहीं
मिल पा रहा है? इस समस्या
के कारण
किसानों के
सीमांकन तथा
बंटवारे के
प्रकरण जो
काफी समय से
लंबित हैं इनका
निराकरण कब तक
कर दिया
जायेगा?
राजस्व
मंत्री ( श्री करण
सिंह वर्मा ) : (क) जी
नहीं। जिला
नर्मदापुरम
के विधानसभा
क्षेत्र सोहागपुर
में ग्राम
गुढला, गोरा, शुक्करवाड़ा, शिवपुर
एवं अन्य
ग्रामों में
जमीन के नक़्शे
तथा खसरे गलत
रिकॉर्ड में
नहीं चढ़े हैं, अधिकांश
खसरे एवं
नक़्शे का मौक़ा
मिलान होता है, किसान के
आवेदनों पर या
संज्ञान में
आने पर गलत
नक़्शे को
म.प्र.भू
राजस्व
संहिता कि
धारा 115 के
तहत सुधार
किया जाता है, ग्राम
गुढला, गोरा, शिवपुर
एवं
शुक्करवाड़ा
कला सहित
तहसील माखननगर
के समस्त
ग्रामों में
राजस्व
महाअभियान के
तहत नक्शों, खसरों को
लिंकिंग का
कार्य किया
गया तत्पश्चात
लिंकिंग से
शेष नक्शों,खसरों के
लिंकिंग करने
की कार्यवाही
निरंतर की जा
रही है उक्त
ग्रामों के
खसरों एवं
नक्शों की
वर्तमान
स्थिति
निम्नानुसार
है-
|
ग्राम
का नाम |
कुल
खसरा |
कार्यपूर्ण |
शेष
लिंकिंग से
खसरा |
|
गुढला |
632 |
494 |
138 |
|
गोरा |
468 |
465 |
3 |
|
शुक्करवाड़ा
कला |
681 |
499 |
182 |
|
शिवपुर |
451 |
269 |
182 |
(ख) प्रश्नांश
(क) के
संबंध में प्रश्न
ही नहीं उठता
है। (ग) जी
हाँ। समस्त
किसानों को
पीएम एवं सीएम
किसान योजना सहित
सभी योजनाओं
का लाभ
प्राप्त हो
रहा है, आवेदन
प्राप्त होने
पर सीमांकन
एवं बंटवारा
का कार्य
नियमानुसार
किया जा रहा
है।
नवीन
भवन स्वीकृत
किया जाना
[स्कूल
शिक्षा]
34.
( क्र. 466 ) श्री
गोपाल भार्गव
: क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
दिनांक 28-02-2025 को माननीय
मुख्यमंत्री
जी द्वारा
गढाकोटा जिला
सागर के प्रवास
पर शासकीय उच्चतर
माध्यमिक
विद्यालय
शाहपुर जिला
सागर के लिए
नवीन भवन स्वीकृत
किये जाने की
घोषणा की गई
थी। यदि हाँ, तो अभी तक
विभाग द्वारा
इस संबंध में
की गई कार्यवाही
का विवरण देवें? (ख) क्या
प्रश्नांश (क)
से संबंधित
विद्यालय
वर्तमान में
पुराने सामुदायिक
भवन में संचालित
हो रहा है व
जीर्ण-शीर्ण
तथा
असुरक्षित होता
जा रहा है तथा
नवीन भवन
बनाया जाना
आवश्यक हो
गया है। (ग) शासकीय
उच्चतर माध्यमिक
विद्यालय
शाहपुर जिला
सागर के लिए
नवीन भवन की
स्वीकृति कब
तक जारी कर दी
जावेगी।
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) जी
हाँ। स्कूल
भवन निर्माण
के विस्तृत
परियोजना रिपोर्ट
बनाये जाने
हेतु मुख्य
अभियंता, म.प्र भवन
विकास निगम, भोपाल को
संचालनालय के
पत्र
क्रमांक/भवन/एफ/101/ए/SFC/2025/830-831
दिनांक 07.11.2025 द्वारा
लेख किया गया
है। (ख) जी
नहीं। शासकीय
उच्चतर
माध्यमिक विद्यालय
शाहपुर स्वयं
के पुराने भवन
में संचालित
हो रहा है। जी
हाँ। (ग) प्रश्नाधीन
स्कूल के नवीन
भवन की
स्वीकृति बजट
की उपलब्धता
एवं सक्षम
समिति की
स्वीकृति पर
निर्भर करता
है। अतः निश्िचत
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
स्कूल
भवनों का
निर्माण
[जनजातीय
कार्य]
35.
( क्र. 496 ) श्री
वीरसिंह
भूरिया : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
झाबुआ जिले के
थांदला
क्षेत्र के
अंतर्गत 97 स्कूल
भवन डिस्मेंटल
कर दिये गये
है? प्रश्न
दिनांक तक
कितने भवनों
का स्वीकृत
कर निर्माण
नहीं किया गया
है? छात्रों
को आंगनवाड़ी
भवनों या
किराये के भवन
में बैठाया जा
रहा है? क्या
छात्रों के
बैठने की व्यवस्था
नहीं हैं? (ख) कब
तक भवन स्वीकृत
कर ग्रामीण
छात्रों को
बैठने की व्यवस्था
की जायेगी?
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) :(क) जी
हाँ। जिला
शिक्षा केन्द्र
झाबुआ
अंतर्गत
संचालित 97
जीर्ण-शीर्ण
भवनों को विद्यार्थियों
की सुरक्षा को
ध्यान में
रखते हुये
डिस्मेन्टल
किया गया है। आवश्यकता
अनुसार 17 प्राथमिक
शाला/माध्यमिक
शालाओं में 19 नवीन
अतिरिक्त
कक्ष निर्माण
की स्वीकृति
दी गई है, जिसमें 02 कक्ष
पूर्ण एवं 17 अतिरिक्त
कक्ष निर्माण
कार्य
प्रगतिरत है। प्राथमिक/माध्यमिक
शालाओं को
आवश्यकता
अनुसार
सामुदायिक
भवन, पंचायत
भवन, आंगनवाड़ी
भवन एवं
किराये के
भवनों में
संचालित करने
की व्यवस्था
की गई है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख) उत्तरांश
(क) के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
अतारांकित
प्रश्न क्र. 1098 दिनांक 12.02.2024 पर
कार्यवाही
[राजस्व]
36.
( क्र. 517 ) श्री
बिसाहूलाल
सिंह : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) जैतहरी
तहसील के
चांदपुर ग्राम
में खसरा नम्बर
1294/1/1 रकबा 0.809 हेक्ट.
तथा खसरा नंबर
1303 रकवा 1.214 हेक्ट. के
फर्जी
भू-अधिकार
पट्टा बनाये
जाने की शिकायत
वर्ष 2023 पर
म.प्र.
विधानसभा
अतारांकित प्रश्न
क्र. 1098
उत्तर
दिनांक 12.02.2024 में राजस्व
मंत्री ने प्रश्नांश
''ख'', ''ग'' एवं ''घ'' में
जांच समिति
गठित की गई है
जांच
प्रतिवेदन के
आधार पर
कार्यवाही का
आश्वासन
दिया गया है? यदि हाँ, तो
संपूर्ण जांच
प्रतिवेदन की
छायाप्रति उपलब्ध
करावें। (ख) क्या
भू-अधिकार
प्राप्तकर्ता
ने स्टेट
बैंक जैतहरी
से उक्त भूमि
पर ऋण व
अनुदान प्राप्त
किया है, बैंक में
प्रस्तुत
समस्त दस्तावेज, परिचय
पत्र कितनी
राशि ऋण व
अनुदान किस
योजना से
प्राप्त
किया है तथा बैंक
में कितनी
राशि अभी
हितग्राही का
बकाया है। जानकारी
देवें? भूमि का
खसरा नंबर, ग्राम का
नाम, ऋण
प्राप्तकर्ता
का नाम, पति या
पिता नाम सहित
जानकारी
देवें? (ग) क्या
शासकीय भूमि
धारणकर्ता को
शासन के नीति
व विधि अनुसार
भूमि व्यवस्थापन
से भू-अधिकार
की वैधानिक
पात्रता है? यदि हाँ, तो कब तक
कार्यवाही की
जावेगी? समय-सीमा बतावें।
(घ) जिला
पंचायत उपाध्यक्ष
अनूपपुर
द्वारा की गई
शिकायत की
जानकारी उत्तर
दिनांक तक
प्रत्येक
बिन्दुवार
आरोप की
संपूर्ण जांच
व कार्यवाही
की जानकारी
तथा दस्तावेज
उपलब्ध
कराएं?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) जी हाँ। जांच
प्रतिवेदन पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट 'क' अनुसार है। (ख) जी
हाँ। स्टेट
बैंक जैतहरी
से किसान
क्रेडिट
कार्ड के तहत
ऋण प्राप्त किया
गया है। वर्तमान
में कुल देय
बकाया राशि 2,41,579/- रूपये (दो
लाख इकतालीस
हजार पाँच सौ
उन्यासी
रूपये) है। दस्तावेजों
की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट 'ख' अनुसार है। भूमि
का वर्तमान
खसरा नम्बर 1294/1/1,
1303/1/1 है। ऋण
प्राप्तकर्ता
का नाम
प्रतिमा सिंह
है। इनके पति
का नाम
भूपेन्द्र
सिंह तथा पिता
का नाम मनमोहन
सिंह है। (ग) उत्तरांश
(क) अनुसार
जांच
प्रतिवेदन पर
अपर कलेक्टर
न्यायालय में
प्रकरण
प्रचलित है। अत:
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) जांच
प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'क' अनुसार
है।
वित्तीय
नियमों की
अवहेलना
[जनजातीय
कार्य]
37.
( क्र. 518 ) श्री
बिसाहूलाल
सिंह : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश
शासन आदिम
जाति तथा
अनुसूचित
जाति कल्याण
विभाग के आदेश
क्रमांक एफ-4-285/97/1/25 दिनांक 07.01.1998 एवं 22.01.1998 के द्वारा
अनुसूचित
क्षेत्रों की 89 जनपद
पंचायतों में
अतिरिक्त
सहायक विकास
आयुक्त पदेन
मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी के 89 पद स्वीकृत
हैं? यदि
हाँ, तो
उक्त पद के
विभागाध्यक्ष
कौन है तथा
उक्त पदों पर
नियमानुसार
सीधे पदस्थापना
अधिकार किस
विभाग को है? (ख) क्या
पंचायत एवं
ग्रामीण
विकास विभाग
द्वारा आदेश
क्रमांक 460 दिनांक 21.04.2025 द्वारा 16 आदिवासी
विकासखण्डों
की जनपद
पंचायतों के
सीईओ के पदों
पर पंचायत
ग्रामीण
विकास विभाग
द्वारा अपने
विभागीय
अधिकारियों
की सीधे पदस्थापना
नियम विरूद्ध
तरीके से की
जा कर अपने अधिकारियों
का वेतन आहरण
जनजातीय
कार्य विभाग के
बजट से किया
जा रहा है जो
कि नियम
विरूद्ध है
तथा जनजातीय
कार्य विभाग
के अधिकारों
का उल्लंघन
हैं जो कि
गंभीर वित्तीय
अनियमितता की
श्रेणी में
आता हैं? (ग) क्या
उपरोक्त
नियम विरूद्ध
पदस्थापना
के संबंध में
सभी
अधिकारियों
के वेतन आहरण
एवं आहरण
संवितरण
अधिकार विभाग
द्वारा तत्काल
रोक लगाई
जायेगी तथा
उपरोक्त
नियम विरूद्ध
कार्यवाही
करने वाले
दोषी पंचायत
ग्रामीण
विकास विभाग
के
अधिकारियों
पर अपराधिक
मामला दर्ज
कराया जायेगा?
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) : (क) जी हाँ। अनुसूचित
क्षेत्रों की
जनपद
पंचायतों में
अतिरिक्त
सहायक विकास
आयुक्त पदेन
मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी जनपद
पंचायत के पद
जनजातीय
कार्य विभाग
के हैं एवं
जनजातीय
कार्य विभाग
अंतर्गत
आयुक्त
जनजातीय
कार्य मध्य
प्रदेश
विभागाध्यक्ष
हैं। माननीय
सर्वोच्च
न्यायालय
द्वारा विशेष
अनुमति
याचिका 6580/2016 में पारित
आदेश दिनांक 14.09.2016 के
अनुपालन में
पंचायत एवं
ग्रामीण
विकास विभाग
में अतिरिक्त
सहायक विकास
आयुक्त के यूनिफाईड
ग्रेडेशन
लिस्ट में
शामिल करने हेतु
सहमति साथ ही
आदिवासी
विकासखण्डों
की जनपद
पंचायतों में
मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी के
पदों एवं
विभाग में
अन्य रिक्त पदों
पर
प्रतिनियुक्ति
पर इनकी
सेवाएं उपलब्ध
कराये जाने की
सहमति मध्य
प्रदेश शासन
जनजातीय
कार्य विभाग
मंत्रालय भोपाल
के आदेश
क्रमांक एफ 4-27/2017/25/1 भोपाल
दिनांक 03.02.2018 द्वारा दी
गई है। (ख) एवं (ग)
उत्तरांश (क)
के
परिप्रेक्ष्य
में शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
राजस्व
ग्राम घोषित
किया जाना
[राजस्व]
38.
( क्र. 536 ) श्रीमती
नीना विक्रम
वर्मा : क्या
राजस्व मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
धार तहसील के
मजरे
शंकरपुरा, रानीपुरा, पातलिया, नयापुरा
तथा चंदपुरा
को राजस्व
ग्राम घोषित किये
जाने के संबंध
में विभाग में
कार्यवाही लम्बे
समय से
प्रचलित है? (ख) प्रश्नांश
(क) यदि हाँ, है तो क्या
यह मजरे
राजस्व ग्राम
घोषित होने की
पात्रता रखते
है? यदि
हाँ, तो
क्या इस विषयक
गजट
नोटिफिकेशन
जारी होकर इन्हें
राजस्व ग्राम
घोषित कर दिया
गया है? यदि हाँ, तो
जानकारी
उपलब्ध
करवाएं। (ग) यदि
प्रश्नांश (ख)
नहीं तो इतने
वर्षों के
लम्बे अंतराल
पश्चात भी
उक्त मजरे जो
की जनसंख्या व
घनी बसाहट
वाले हो चुके
है को राजस्व
ग्राम घोषित
करने में क्यों
विलम्ब हो रहा
है? जानकारी
दें। (घ) नल-जल
योजनाओं में
राजस्व
ग्रामों को ही
जल-जीवन मिशन
अंतर्गत जोड़ा
जाता है, उक्त मजरे
जो आकार में
ग्राम के
बराबर या अधिक
है ऐसी
योजनाओं से
वंचित हो रहे
है, क्या
विभाग इन मजरो
को राजस्व
ग्राम घोषित
कर, ग्रामीणों
को इस सहित
विभिन्न
शासकीय योजनाओं
का लाभ
दिलवाने में
तत्परता
दिखायेगा?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) जी हाँ। (ख) जी
हाँ, प्रश्नांश
(क) में
उल्लेखित
मजरे राजस्व
ग्राम घोषित
होने की पात्रता
रखते हैं और
उक्त मजरों को
राजस्व ग्राम
घोषित करने के
संबंध में
म.प्र.शासन
राजस्व विभाग
मंत्रालय
द्वारा
अधिसूचना
दिनांक 23.02.2018 को जारी की
गई है। अधिसूचना
की प्रति पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट
अनुसार है। (ग)
धार
विधानसभा
क्षेत्र की
तहसील
पीथमपुर के
मजरे
शंकरपुरा, पातलिया, चंदरपुरा
का तरमीम एवं
रिनंबरिंग
कार्य पूर्ण
हो गया है
शंकरपुरा, पातलिया, चंदरपुरा
के कुछ सर्वे
नंबरों में
मीसल का रकबा
और वर्तमान
रकबे में
विसंगति होने
पर दावा
आपत्तियां
प्राप्त की गई
है विधिवत
सुनवाई कर
राजस्व ग्राम
बनाने के
संबंध में
अंतिम
प्रकाशन कर
दिया जायेगा। जबकि
तहसील धार के
ग्राम देदला
के मजरे रानीपुरा
को राजस्व
ग्राम घोषित
करने के संबंध
में तरमीम एवं
रिनंबरिंग
कार्य
प्रचलित है। यथीशीघ्र
कार्य पूर्ण
कर राजस्व
ग्राम बनाने
का अंतिम रूप
दिया जायेगा। (घ)
शासन की
विभिन्न
योजनाओं का
लाभ
ग्रामवासियों
को मिल सके इस
हेतु यथाशीघ्र
उल्लेखित
मजरों को
राजस्व ग्राम
का अभिलेख बना
दिया जायेगा।
छात्रावासों
में अधीक्षक
की
नियुक्तियां/पदस्थापना
[जनजातीय
कार्य]
39.
( क्र. 538 ) सुश्री
मंजू राजेन्द्र
दादू : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह बताने
की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
जिला
बुरहानपुर
में जनजातीय
कार्य विभाग
अन्तर्गत
संचालित
छात्रावासों
में शासन के
पत्र क्र./एफ-12-11/2006/25-2/507 भोपाल दि. 16.03.2015 के तहत
अधीक्षकों की
नियुक्तियां/पदस्थापना
की गई है यदि
हाँ, तो
विभाग
अन्तर्गत
समस्त
छात्रावास
अधीक्षकों की
छात्रावास
में
पदस्थापना दिनांक, अधीक्षक
की प्रथम
नियुक्ति दि., जाति, उम्र, मूल पद आदि
विस्तृत
जानकारी
छात्रावासवार, आदेश सहित
देवें। (ख) प्रश्नकर्ता
के
कार्यालयीन
पत्र क्र./Nepa/632/2025 नेपानगर
दि. 21.08.2025
पर विभाग
द्वारा क्या
कार्यवाही की
गई अभिलेखों, नोटशीट की
प्रति सहित
विस्तृत
विवरण देवें। साथ
ही विगत 1 वर्ष में प्रश्नकर्ता
द्वारा विभाग
को किये गए
पत्राचार पर क्या
कार्यवाही की
गई अभिलेखों, नोटशीट की
प्रति सहित
जानकारी दें
एवं कार्यवाही
नहीं किये
जाने का कारण, उत्तरदायी
अधिकारी का नाम
एवं पदनाम
सहित विवरण
दें। (ग) प्रश्नांश
(ख) के संदर्भ
में विभाग
द्वारा प्रश्नकर्ता
के पत्रों पर
कार्यवाही
नहीं किये जाने
के संबंध में
उत्तरदायी
अधिकारी/कर्मचारी
पर राज्य स्तर
से क्या
कार्यवाही
एवं कब तक की
जावेगी। विस्तृत
विवरण देवें। (घ)
जिला
बुरहानपुर
में जनजातीय
कार्य विभाग
अन्तर्गत
अजजा/अजा
अधीक्षकों की
नियुक्ति न
करते हुए अन्य
वर्ग के
अधीक्षकों की
नियुक्ति
करने पर
उत्तरदायी
अधिकारी/कर्मचारी
पर राज्य स्तर
से क्या कार्यवाही
एवं कब तक की
जावेगी। विस्तृत
विवरण देवें।
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर विजय
शाह ) : (क) जी
हाँ। छात्रावासों
में पदस्थ
अधीक्षकों की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट ‘एक’ अनुसार है।
(ख) जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट ‘दो’ अनुसार है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं होता।
(ग) उत्तरांश
(ख) के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं होता।
(घ) उत्तरांश
(क) में
वर्णित
निर्देशों का
पालन किया
जाता है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं होता।
शिक्षकों
के
स्थानांतरण/प्रतिनियुक्ति
की जानकारी
[जनजातीय
कार्य]
40.
( क्र. 539 ) सुश्री
मंजू राजेन्द्र
दादू : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह बताने
की कृपा
करेंगे कि (क) जनजातीय
कार्य विभाग
बुरहानपुर
में कौन-कौन से
विकासखण्डों
में विद्यालय
संचालित हैं? दिनांक 1 अप्रैल 2020 से प्रश्नांकित
दिनांक तक
बुरहानपुर
जिले
अन्तर्गत जनजातीय
कार्य विभाग
में पदस्थ सभी
संवर्ग के शिक्षकों/कर्मचारियों
के स्थानांतरण
किन-किन
संस्थाओं में
हुए हैं? स्थानांतरण
आदेशों की
छायाप्रति
उपलब्ध करावें।
(ख) क्या प्रश्नांश
(क) में
वार्णित
स्थान
अन्तर्गत
दिनांक 1 अप्रैल 2020 से प्रश्नांकित
दिनांक तक सभी
संवर्गों के
शिक्षकों के शिक्षा
विभाग से
जनजातीय
कार्य विभाग
के विद्यालयों
में
स्थानांतरण/प्रतिनियुक्ति
हुए हैं ऐसे शिक्षकों
के नाम, पदनाम, पदस्थापना
संस्था, स्थानांतरण/प्रतिनियुक्त
संस्था सहित
विकासखण्डवार
जानकारी
देवें।
(ग) प्रश्नांश
(ख) के संदर्भ
में शिक्षा
विभाग से
किन-किन शिक्षकों
द्वारा
संविलियन
हेतु
अनापत्ति
प्रमाण-पत्र प्राप्त
किए हैं? छायाप्रति
उपलब्ध
करावें। यदि
शिक्षा विभाग
से अनापत्ति न
लेने पर भी स्थानांतरण
कर दिया गया
है तो इसके
लिए कौन-कौन अधिकारी
दोषी हैं? (घ) बुरहानपुर
जिले में
जनजातीय
विभाग के
कितने विद्यालय
एवं
छात्रावास
कहां संचालित
हैं? इनमें
कितने
शिक्षक/कर्मचारियों
की पदस्थापना
अधीक्षक के पद
पर की गई है? नाम पदनाम, पदस्थापना
दिनांक, नियुक्ति
दिनांक सहित
जानकारी
देवें।
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) : (क) जिला
बुरहानपुर
में जनजातीय
कार्य विभाग
अंतर्गत
खकनार
विकासखंड में
विद्यालय
संचालित है। स्थानांतरण
आदेशों की
छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट ‘एक’ अनुसार है। (ख) दिनांक
01 अप्रैल 2020 से शिक्षा
विभाग से
जनजातीय
कार्य विभाग
में स्थानांतरण/प्रतिनियुक्ति
नहीं हुई है। अत:
जानकारी
निरंक है। (ग) बुरहानपुर
जिला अंतर्गत
शिक्षा विभाग
के शिक्षकों
का जनजातीय
कार्य विभाग में
संविलियन
नहीं होने से
जानकारी
निरंक है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं होता।
(घ) जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट ‘दो’ अनुसार है।
बक्स्वाहा
में एस.डी.एम.
कार्यालय की
स्वीकृति
[राजस्व]
41.
( क्र. 541 ) सुश्री
रामश्री (बहिन
रामसिया
भारती) राजपूत
: क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
सरकार द्वारा
विधान सभा
क्षेत्र बड़ा
मलेहरा के
बक्स्वाहा
तहसील में
अनुविभागीय
अधिकारी
राजस्व कोर्ट
संचालित किये
जाने हेतु योजना
तैयार की गई
है? (ख) यदि नहीं, तो क्षेत्रफल
एवं दूरी की
दृष्टि को
देखते हुए क्या
सर्वे कराकर
अनुविभागीय
राजस्व
कार्यालय
संचालित
कराया जायेगा? (ग) जनहित
की दृष्टि से
तथा आम जनमानस
की मांग के आधार
पर सरकार कब
तक कार्यवाही
करेगी? कृपया
समय-सीमा
बतायें।
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) एवं (ख) जी
नहीं। (ग) जी
नहीं। शेष प्रश्न
उद्भूत नहीं होता।
श्योपुर
जिले को
आपदाग्रस्त
जिला घोषित
किया जाना
[राजस्व]
42.
( क्र. 593 ) श्री
मुकेश
मल्होत्रा : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
श्योपुर जिले
में दिनांक 26/10/2025 से दिनांक 29/10/2025 तक भारी
बारिश हुई, जिससे
किसानों की
संपूर्ण फसल
नष्ट हो चुकी
है। किसान
कर्ज में डूब
गए हैं आत्महत्याएं
करने को मजबूर
हैं, श्योपुर
में धान की
फसल नष्ट होने
से किसान कैलाश
मीणा ने कर्ज
के बोझ से
आत्महत्या कर
ली और ग्राम बरगवां
में भी गुड्डू
पटेलिया ने भी
फसल नष्ट होने
से आत्महत्या
कर ली जिसको
स्थानीय
प्रशासन एवं
सरकार द्वारा
कोई आर्थिक सहायता
नहीं दी गई? क्या
सरकार बिना
भेदभाव के सभी
किसानों को बिना
सर्वे धान, बाजरा, तिल्ली,मक्का,उड़द का
मुआवजा देगी? (ख) क्या
मध्यप्रदेश सरकार
द्वारा गरीब
किसानों को 20 हजार
रुपये प्रति
बीघा के मान
से मुआवजा
राशि स्वीकृत
की जाएगी यदि
नहीं तो क्यों
नहीं कारण
बताए? (ग) क्या मध्य
प्रदेश सरकार
गरीब किसानों
के बिजली बिल
के.सी.सी. ऋण और
सहकारिता
समिति द्वारा दिए
गए खाद बीज ऋण
को माफ करेगी? (घ) यदि
प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) सही
है तो क्या
सम्पूर्ण
श्योपुर जिले
को आपदाग्रस्त
जिला घोषित कर
मुआवजा दिया
जाएगा
समय-सीमा बताएं।
यदि नहीं तो
क्यों
जानकारी दें।
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : क) जी हाँ, जिला
श्योपुर में
दिनांक 26/10/2025 से दिनांक 29/10/2025 के मध्य
असमय वर्षा
एवं जल भराव
होने के कारण खरीफ
फसलों के
प्रभावित
होने के कारण
विधिवत
सर्वेक्षण दल
गठित किया
जाकर
प्रभावित
फसलों का
सर्वेक्षण
कराया गया हैं।
किसान कैलाश
मीणा ग्राम
सिरसौद तहसील
एवं जिला
श्योपुर की
आत्महत्या के
संबंध में
विधिवत जांच
कराई गई। जांच
प्रतिवेदन
अनुसार मृतक
कैलाश मीणा की
मृत्यु
पारिवारिक
कारणों (मृतक
कैलाश की
पुत्री को
उसके ससुराल
पक्ष वाले
नहीं रखने के
कारण परिवार
में हुए विवाद
होने के कारण) से
होना पाया गया
है। मृतक
कैलाश मीणा के
स्वामित्व
की भूमि सर्वे
नं. 364 एवं
366 कुल रकबा 1.560 है. भूमि
ग्राम सिरसौद
तहसील जिला
श्योपुर है। उक्त
भूमि पर बोई
गई धान की फसल
में से अंश
रकबा 0.418
है. की
फसल को असमय
वर्षा के
पूर्व ही
काटकर ट्राली
में ढ़ककर रखा
गया था तथा
मौके पर शेष
रकबा पर खड़ी
धान की फसल का
सर्वेक्षण
कराए जाने पर 10-15 प्रतिशत
क्षति पाई गई।
उल्लेखनीय है
कि राजस्व
पुस्तक
परिपत्र खण्ड
छः क्रमांक
चार में विहित
प्रावधानों
के अन्तर्गत 25 प्रतिशत
से कम क्षति
होने की दशा
में आर्थिक अनुदान
सहायता
प्रदाय करने
का प्रावधान
नहीं है। जिला
प्रशासन
द्वारा मृतक
कैलाश मीणा के
विधिक
वारिसानों को
जिला
रेडक्रास
सोसाईटी श्योपुर
के माध्यम से
तत्काल 2.00 लाख रुपए
आर्थिक
सहायता
प्रदाय की गई।
इसके
अतिरिक्त
मुख्यमंत्री
स्वेच्छानुदान
योजना
अन्तर्गत
मृतक कैलाश
मीणा के विधिक
वारिसानों को 2.00 लाख रुपए
की आर्थिक
सहायता
प्रदाय की गई।
ग्राम बरगंवा
तहसील कराहल
निवासी
गुड्डू पुत्र
बच्चू पटेलिया
के द्वारा की
गई आत्महत्या
की घटना के
संबंध में
विधिवत जांच
कराई जाकर
जांच
प्रतिवेदन
अनुसार मृतक गुड्डू
पटेलिया शराब
पीने का आदी
था। दीपावली
के दिन भी
मृतक गुड्डू
के द्वारा अत्यधिक
शराब पी गई थी।
मृतक गुड्डू की
मृत्यु की
घटना दिनांक 22/10/2025 को होना
पाई गई जबकि
जिला श्योपुर
में प्राकृतिक
आपदा (असमय
वर्षा) की
घटना दिनांक 26/10/2025 से दिनांक 29/10/2025 के मध्य
हुई है। इस
प्रकार मृतक
गुड्डू
पटेलिया की
आत्महत्या की
घटना
प्राकृतिक
आपदा (असमय
वर्षा) की
घटना के पूर्व
की है। मृतक
गुड्डू
पटेलिया के
पिता बच्चू
पटेलिया के
स्वामित्व की
भूमि सर्वे नं. 548/1/3 रकबा 2.017 है. स्थित
ग्राम बरगंवा
तहसील कराहल
जिला श्योपुर
है। प्राकृतिक
आपदा (असमय
वर्षा) से
प्रभावित
फसलों का
विधिवत
सर्वेक्षण
कार्य किया
गया है। प्राकृतिक
आपदा (असमय
वर्षा) से
प्रभावित
होने की दशा
में राजस्व
पुस्तक परिपत्र
खण्ड छः क्रमांक
चार के
प्रावधानों
के अन्तर्गत
नियमानुसार/पात्रता
अनुसार
आर्थिक
अनुदान
सहायता प्रदाय
किए जाने की
कार्यवाही की
जा रही है। (ख) प्राकृतिक
आपदा से
प्रभावित
कृषकों को
राजस्व पुस्तक
परिपत्र 6-4 के
प्रावधानों
के तहत आर्थिक
सहायता
प्रदाय की
जाती है। अत: प्रश्न
उद्भूत नहीं
होता। (ग) गरीब
किसानों के
बिजली बिल, केसीसी ऋण
और सहकारिता
समिति द्वारा
दिए गए खाद
बीज ऋण माफी
पर निर्णय
शीर्ष बैंक स्तर
से अपेक्षित
नहीं है। जिले
में प्रभावित
कृषकों हेतु
विद्युत बिल
माफी का कोई
प्रस्ताव
वर्तमान में
विचाराधीन
नहीं है। (घ) उत्तरांश
(क),
(ख) एवं
(ग) के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उद्भूत नहीं
होता।
लंबित
जांच के संबंध
में
कार्यवाही
[स्कूल
शिक्षा]
43.
( क्र. 603 ) सुश्री
रामश्री (बहिन
रामसिया
भारती) राजपूत
: क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) माननीय
किसान कल्याण
प्रभारी
मंत्री के
पत्र क्र. 979 दि. 19/06/25 मा. राज्य
मंत्री म.प्र.
वन पर्यावरण
के पत्र क्र. सीएचपी/277 दिनांक 29/01/25 का पत्र
कलेक्टर तथा
जिला शिक्षा
अधिकारी छतरपुर
को दिया गया? यदि हाँ, तो नस्ती
तैयार कर
कलेक्टर
छतरपुर को
किन-किन अवधियों
में भेजी गई
प्रमाणित
प्रतियां दें, यदि
नहीं भेजी गई तो दोषी
कौन है?
(ख) CM हेल्पलाइन
पर शिकायत
क्र. 31762939, 30874934, 9713008368, 9407290038, 7828882063,
8109239920, पर
मनमाने जवाब L1 अधिकारी बक्सवाहा
द्वारा दिए
गये और आयुक्त
लोक शिक्षण
भोपाल को
गुमराह किया
गया? (ग) प्रश्नांश
(क) के तहत जारी
किये गये
पत्रों के बाद
विभाग के BEO बक्सवाहा
ने एक जाँच कर
श्री N.B. AHIRWAR को
जिला शिक्षा
अधिकारी
संयुक्त
संचालक लोक शिक्षण
संचालनालय सागर
से प्रतिवेदन
के द्वारा
कमिश्नर
सागर से 26/06/2025 को
निलंबित करा
दिया जिससे
शैक्षणिक
कार्य प्रभावित
हुआ तथा उक्त
कर्मचारी को
डी.ए. एरियर्स
की राशि का
भुगतान BEO बक्सवाहा
द्वारा नहीं किया
गया जिससे BEO पूर्ण रूप
से दोषी है? (घ) प्रश्नकर्ता
तथा अन्य जन
प्रतिनिधियों
द्वारा शिकायत
प्रभारी
प्राचार्य
शासकीय
उच्चतर माध्यमिक
वि.
दरगुवा के
सम्बन्ध में
आयुक्त लोक
शिक्षण संचालनालय
को की गई
किन्तु
विकासखण्ड
शिक्षा अधिकारी
बक्सवाहा
द्वारा
जांचें लंबित
रखी और
अधिकारियों
को गुमराह
किया, दोषी
अधिकारी के
विरुद्ध क्या
कार्यवाही प्रश्न
दिनांक तक की
गई?
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) प्रश्नांश
में उल्लेखित
पत्र दिनांक 19.06.2025 कार्यालय
अभिलेख
अनुसार
प्राप्त होना
नहीं पाया जा
रहा हैं। कलेक्टर
एवं जिला
शिक्षा
अधिकारी- छतरपुर
को प्राप्त
नहीं हुआ। पत्र
दिनांक 29.01.2025 जिला
शिक्षा
अधिकारी को
प्राप्त हुआ। मध्यांश
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट अनुसार है। शेषांश
का प्रश्न
उपस्थित नहीं होता।
(ख) सी.एम.
हेल्पलाइन
पोर्टल पर
दर्ज शिकायत
क्रमांक 31762939 एवं 30874934 के संदर्भ
में पोर्टल पर
एल-1
अधिकारी स्तर
पर अभिलेखों
के परीक्षण
उपरान्त प्रविष्टि
की गई। प्रश्नांश
(ख) में
वर्णित अन्य 04
सी.एम.हेल्पलाइन
शिकायत क्र. 9713008368,
9407290038, 7828882063, 8109239920
पोर्टल पर
पुष्टि
उपरान्त
शिकायत
उपलब्ध ही नहीं
हैं। शेषांश प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) शैक्षणिक
कार्य हेतु
शार्ट टर्म
वेकेन्सी के
तहत अतिथि
शिक्षक वर्ग-1 (जीव
विज्ञान) श्रीमती
आकृति खरे को
चयनित किया
गया जिससे संस्था
का शैक्षणिक
कार्य
प्रभावित
नहीं हुआ। श्री
नन्हें भाई
अहिरवार को
उनके डी.ए.
एरियर राशि का
भुगतान
कोषालय के माध्यम
से दिनांक 17.11.2025 को किया जा
चुका हैं। शेषांश
का प्रश्न
उपस्थित नहीं होता।
(घ) प्रश्नांश
में उल्लेखित अनुसार
शिकायतों के
संदर्भ में
जांचकर्ता
अधिकारी, विकासखण्ड
शिक्षा
अधिकारी
बक्सवाहा
द्वारा
दिनांक 19.11.2025 को
प्रस्तुत
जाँच
प्रतिवेदन
में संबंधित
प्रभारी
प्राचार्य के
विरुद्ध किसी
भी प्रकार का
दोष सिद्ध
नहीं पाया गया।
अतः शेषांश का
प्रश्न उद्भूत
नहीं होता।
अवैध
निर्माण की
जांच
[राजस्व]
44.
( क्र. 606 ) श्री
मुकेश
मल्होत्रा : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क)
जिला श्योपुर
की तहसील
कराहल की
शासकीय भूमि सर्वे
क्रमांक 1406/2 मॉडल
स्कूल के पास
श्योपुर-शिवपुरी
हाईवे से लगी
हुई शासकीय
भूमि लगभग 3 बीघा पर
नीरज मंगल
पंकज मंगल
पुत्र कैलाश
नारायण मंगल
निवासी
लहरोनी अवैध
कब्जा कर भवन
निर्माण
कार्य कराया
जा रहा है।
इसकी जाँच कर
कानूनी
कार्रवाई
क्यों नहीं की
जा रही क्या
तहसील कराहल
के अधिकारियों
का और सरकार
का संरक्षण
प्राप्त है? (ख) क्या
नीरज मंगल
द्वारा कराये
जा रहे भवन
निर्माण की
जानकारी
अनुविभागीय
अधिकारी
राजस्व व तहसीलदार
कराहल को नहीं
है। क्या
अधिकारी
कर्मचारी
ध्यान नहीं दे
रहे है? (ग) क्या
नीरज मंगल
द्वारा कराये
जा रहे शासकीय
भूमि पर भवन
निर्माण
कार्य की
जानकारी
अनुविभागीय
अधिकारी व
तहसीलदार
कराहल को है, यदि हाँ, तो
संबंधित के
खिलाफ क्या
कार्यवाही कि
गई? (घ) प्रश्नांश
(क),
(ख) एवं
(ग) का उत्तर
सही है तो अभी
तक क्या
कार्यवाही की
गई और दोषी
कर्मचारी
अधिकारी के
विरुद्ध
विभाग द्वारा
कार्यवाही की
जाएगी? यदि नहीं
तो क्यों नहीं
कारण बतावे?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) तहसील
कराहल की
शासकीय भूमि
सर्वे
क्रमांक 1406/2 मॉडल
स्कूल के पास
श्योपुर-शिवपुरी
हाईवे से लगी
हुई शासकीय
भूमि लगभग 3 बीघा
पर नीरज मंगल,
पंकज
मंगल पुत्र
कैलाश नारायण
मंगल निवासी लहरोनी
द्वारा अवैध
कब्जा कर भवन
निर्माण कार्य
किया जा रहा
था जिसमें
अतिक्रमणकर्ता
के विरुद्ध
म.प्र. शासन भू-राजस्व
संहिता की
धारा 248 के तहत
प्रकरण दर्ज
कर वैधानिक
कार्यवाही की जाकर
शासकीय भूमि
को अतिक्रमण
मुक्त करवा लिया
गया है। (ख) से (घ)
उत्तरांश (क)
अनुसार।
किसानों
को मुआवजा
राशि का वितरण
[राजस्व]
45. ( क्र.
610 ) श्रीमती
छाया गोविन्द
मोरे : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
खण्डवा जिले
की तहसीलों
में किसानों
की खरीफ फसलों
को प्राकृतिक
आपदा (बारिश
की खैच, बेमौसम
वर्षा, कीट
प्रकोप आदि) से
गंभीर क्षति
पहुँची है?
(ख) क्या
प्रभावित
ग्रामों एवं
किसानों की
सर्वे
रिपोर्ट कब
एवं किस-किस
अधिकारी द्वारा
तैयार की गई?
सर्वे
रिपोर्ट में
कितने
हेक्टेयर
क्षेत्र को
प्रभावित
घोषित किया
गया? प्रत्येक
तहसीलवार
फसलवार क्षति
का प्रतिशत,
प्रभावित
किसानों की
संख्या एवं
क्षतिपूर्ति
हेतु
प्रस्तावित
राशि का विवरण
जानकारी दी
जावें। (ग) क्या
अब तक मुआवजा (राहत
राशि) के रूप
में किसानों
को कितनी राशि
जारी एवं वितरित
की गई है? प्रधानमंत्री
फसल बीमा
योजना के
अंतर्गत कितने
किसानों को
बीमा दावा
प्राप्त हुआ
एवं कितने
प्रकरण अभी
लंबित हैं?
बीमा
दावा राशि
जारी करने में
कौन-कौन सी
बीमा
कंपनियां
कार्यरत हैं
और अब तक कितनी
राशि किसानों
को दी गई है?
(घ) कृपया
संपूर्ण
तहसीलवार एवं
ग्रामवार
सर्वे
रिपोर्ट, मुआवज़ा
वितरण, बीमा
दावा भुगतान
की जानकारी
उपलब्ध
करायें।
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) खण्डवा
जिले की समस्त
तहसीलों में
अतिवर्षा/कीट
व्याधि पीला
मोजेक से
किसानों की
सोयाबीन की फसल
क्षति होने पर
राहत राशि का
भुगतान किया
गया है। (ख) जानकारी
पुस्तकालय
में
रखे परिशिष्ट
''अ''
अनुसार
है। (ग) खण्डवा
जिले की समस्त
तहसीलों में
वर्ष 2025-26 में फसल
क्षति होने पर
कुल 33080 प्रभावित
कृषकों को
राशि रूपये 20,29,53,708/-
वितरित
की गई है। एच.डी.एफ.सी.
एग्रो जनरल
इंश्योरेंस
कंपनी से
प्राप्त जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट-‘ब’
अनुसार है। (घ) तहसीलवार
एवं ग्रामवार
सर्वे
रिपोर्ट की जानकारी
पुस्तकालय
में
रखे अनुसार परिशिष्ट-''स''
है।
बीमा
दावा भुगतान
से संबंधित जानकारी
पुस्तकालय
में
रखे परिशिष्ट-‘ब’
अनुसार
है।
कम्प्यूटर/आई.टी.
उपकरणों की
खरीदी में
वित्तीय
अनियमितताएं
[स्कूल
शिक्षा]
46.
( क्र. 611 ) श्री महेश
परमार : क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
मध्यप्रदेश
स्कूल शिक्षा
विभाग के
अंतर्गत
माध्यमिक
शिक्षा मंडल
द्वारा वर्ष 2023 में
कंप्यूटर, प्रिंटर
एवं UPS की
खरीदी हेतु
भारत सरकार के
GeM
पोर्टल
पर निविदा
क्रमांक GEM/2023/B/3353674 दिनांक 13.04.2023 जारी की गई, जिसमें
गंभीर वित्तीय
अनियमितताएँ
पाई गईं? (ख) क्या
₹40 करोड़ के
प्रोजेक्ट के
स्थान पर ₹96.70 करोड़ का
आदेश जारी कर GeM पोर्टल पर
उपलब्ध दरों
से 200 से 250 प्रतिशत
अधिक दरों पर
कंप्यूटर, प्रिंटर
एवं UPS खरीदे
गए जिससे शासन
को भारी
वित्तीय हानि
हुई? (ग) क्या
निविदा की
तकनीकी
शर्तें इस
प्रकार बदली
गईं कि केवल NEXGEN
Business, कस्तूरबा
नगर, भोपाल
एवं उसके
सहयोगी
विक्रेताओं
को पात्र बनाया
जा सके, जबकि
चयनित
विक्रेता का
वार्षिक टर्न ओवर
मात्र ₹2.5 करोड़ था? क्या इस
निविदा में Acer Core i5 डेस्कटॉप ₹43,500 की
वास्तविक
कीमत के स्थान
पर ₹1,39,350, A3
प्रिंटर ₹50,000 के स्थान
पर ₹1,27,190
तथा 600VA UPS ₹2,000
के स्थान पर ₹9,745 में खरीदे
गए? (घ) क्या इस
समूचे प्रकरण
में भारत
सरकार की GeM गाइड-लाइन
एवं वित्तीय
नियमों का
उल्लंघन कर
राज्य को हानि
पहुँचाई गई
तथा शिकायत
प्रधानमंत्री
कार्यालय के
संज्ञान में
लेने के
बावजूद अब तक
कोई दंडात्मक
कार्यवाही
नहीं की गई?
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) जी नहीं। शासन
द्वारा
निर्धारित
नियम एवं
प्रक्रिया का
पालन करते हुए
जेम पोर्टल के
माध्यम से
निविदा (GEM/2023/B/3353674 दिनांक 13.04.2023) जारी की गई
है, जिसमें
किसी भी
प्रकार की
वित्तीय
अनियमिताएं
नहीं पाई गई। (ख) जी
नहीं। मण्डल
द्वारा जारी
निविदा में
जेम पोर्टल
द्वारा
निर्धारित न्यूनतम
दरधारी फर्म
एवं GEM पोर्टल
द्वारा
निर्धारित
दरों पर
सामग्री क्रय
की गई है, जिसमें
किसी भी प्रकार
की वित्तीय
हानि नहीं हुई
है। (ग) जी
नहीं। मण्डल
द्वारा शासन
के
नियमों/निर्देशों
को दृष्टिगत
रखते हुए
तकनीकी
विशेषज्ञों
द्वारा निविदा
तैयार की गई
एवं GEM पोर्टल
द्वारा
निर्धारित न्यून्तम
दरधारी (L1) को
कार्यादेश
जारी किया गया
है। निविदा
में टर्न ओवर
सभी के लिए एक
समान ही रखा
गया था। अत: यह
कहना गलत होगा
कि केवल NEXGEN के लिए
निविदा तैयार
की गई है। मण्डल
द्वारा विभाग
के कार्य की
प्रकृति एवं
आवश्यकता को
दृष्टिगत
रखते हुए
इलेक्ट्रॉनिक
उपकरण एवं
विभिन्न
नवीनतम
सॉफ्टवेयर
आदि क्रय किया
गया है। मण्डल
द्वारा क्रय
किये गये
उपकरणों के
तकनीकी स्पेसिफिकेशन
एवं
सॉफ्टवेयर का
मिलान किये बिना
दरों की तुलना
किया जाना
उचित नहीं है।
मण्डल
द्वारा नियत
प्रक्रिया के
तहत जेम पोर्टल
द्वारा
निर्धारित न्यूनतम
दरधारी L1 फर्म को
कार्यादेश
जारी किया गया
है। (घ) जी
नहीं। भारत
सरकार की GEM गाइड-लाइन
एवं वित्तीय
नियमों का
पालन करते हुए
ही कार्यवाही
की गई है, इसमें
राज्य को
किसी भी
प्रकार की
हानि नहीं पहुँचाई
गई है। मान.
प्रधानमंत्री
कार्यालय को
की गई शिकायत पर
मण्डल की कृत
कार्यवाही से
शिकायतकर्ता
संतुष्ट
होकर दिनांक 09.06.2024 को शिकायत
बंद करा दी गई
है। साथ ही इस
प्रकरण से
संबंधित मान.
लोकायुक्त
कार्यालय में
की गई शिकायत
पर भी मण्डल
की कृत
कार्यवाही के
अवलोकन
उपरांत प्रकरण
दिनांक 16.02.2024 को नस्तीबद्ध
किया गया है।
सामग्री
क्रय करने में
नियमों का
उल्लंघन
[स्कूल शिक्षा]
47.
( क्र. 612 ) श्री महेश
परमार : क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या वर्ष
2025 में
संचालित
स्मार्ट
क्लास
प्रोजेक्ट
में लगभग 3500 कक्षाओं
हेतु उन्हीं
विक्रेताओं
का चयन किया
गया
जिन्होंने MDM सॉफ्टवेयर
कंपनी के साथ
निविदा में
भाग लिया, ताकि
प्रतिस्पर्धा
सीमित हो? (ख) क्या
अन्य MDM सॉफ्टवेयर
कंपनियों के
अधिकृत
विक्रेताओं को
जिला शिक्षा
अधिकारियों
द्वारा ''तकनीकी
कारणों'' का हवाला
देते हुए
अयोग्य घोषित
किया गया, जिससे
निष्पक्ष
निविदा
प्रक्रिया
प्रभावित हुई? (ग) क्या
निविदा की
शर्तों के
अनुसार
निर्माता
कंपनी का सेवा
केंद्र
मध्यप्रदेश
में पाँच वर्ष
से कार्यरत
होना आवश्यक
था और इसके
बावजूद Acer कंपनी को
योग्य घोषित
कर ₹1.20
लाख प्रति
पैनल की दर से
ऑर्डर जारी
किए गए? (घ)
जब जेम पोर्टल
पर वही इंटरएक्टिव
पैनल ₹65
हज़ार से ₹85 हज़ार में
उपलब्ध थे ऐसे
में ₹50
हज़ार प्रति
यूनिट अधिक
भुगतान से
राज्य को हुई
हानि का
ज़िम्मेदार
कौन है? (ड.) यदि
Acer
कंपनी
अथवा उसके
अधिकृत
विक्रेताओं
द्वारा विभागीय
मिलीभगत से
राज्य को हानि
पहुंची हो, तो क्या
मध्यप्रदेश
भंडार क्रय
नियमों के अनुसार
उन्हें ब्लैक
लिस्ट में कब
डाला जाएगा
एवं इस विषय
में कोई जांच
जारी हो, उसकी
वर्तमान
स्थिति बताएं।
(च) शासन के
राजस्व को
हानि पहुँचाने
वाले दोषी
अधिकारियों
एवं
कर्मचारियों
तथा Acer कंपनी
अथवा उसके
अधिकृत
विक्रेताओं
पर
भ्रष्टाचार
अधिनियम के
तहत
दण्डात्मक
कार्यवाही एवं
शासन को हुई
राजस्व हानि
की वसूली की
कार्यवाही
कब-तक की जावेगी?
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) :(क) जी
नहीं। शैक्षणिक
कार्यों में
इंटरएक्टिव
पैनल के बेहतर
उपयोग एवं मॉनिटरिंग
के दृष्टिगत
इंटरएक्टिव
पैनल को MDM सॉफ्टवेयर
के साथ लिया
गया। जेम बिड
प्रक्रिया
में
प्रतिस्पर्धा
सीमित नहीं की
गई है। (ख) जी
नहीं। जेम बिड
में MDM सॉफ्टवेयर
के
विक्रेताओं
के द्वारा
सीधे भाग नहीं
लिया गया। इंटरएक्टिव
पैनल के
विक्रेताओं
के द्वारा पैनल
के साथ MDM सॉफ्टवेयर
का विवरण
प्रस्तुत
किया गया। निर्धारित
स्पेसिफिकेशन
एवं शर्तों के
अनुसार पैनल
एवं MDM सॉफ्टवेयर
के तकनीकी
परीक्षण
उपरांत संबंधित
जिलों द्वारा
क्रय संबंधी
कार्यवाही की
गई। जी नहीं। शेषांश
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) जी
हाँ। विक्रेता
कम्पनियों
द्वारा
संबंधित डॉक्यूमेन्ट
प्रस्तुत
करने के
उपरांत ही
क्रयादेश
जारी किए गए। निर्धारित
स्पेसिफिकेशन
एवं शर्तों के
अनुसार जिलों
में प्राप्त
प्रतिस्पर्धात्मक
दरों के आधार
पर क्रयादेश
जारी किए गए। शेषांश
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) उत्तरांश
"ग" के संदर्भ
में
निर्धारित
स्पेसिफिकेशन
एवं शर्तों के
अनुसार जिलों
के द्वारा जेम
पोर्टल पर
टेन्डर
उपरांत
प्राप्त
पृथक-पृथक
दरों पर क्रय
की कार्यवाही
की गई। अतः
शेषांश का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ङ) उत्तरांश
"घ" के संदर्भ
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (च)
समस्त कंपनी
के बिड डॉक्यूमेंट्स
के जिला स्तर
पर परीक्षण
उपरांत ही क्रय
संबंधी
कार्यवाही की
गई। अतः शेषांश
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
खुरई
विधानसभा
क्षेत्र
अन्तर्गत
अस्पतालों का
उन्नयन
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
48.
( क्र. 623 ) श्री
भूपेन्द्र
सिंह : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि विधानसभा
क्षेत्र खुरई
अन्तर्गत
सिविल अस्पताल
खुरई का
उन्नयन 100 बिस्तर से 150 बिस्तरीय
करने, सामुदायिक
स्वास्थ्य
केन्द्र
मालथौन का उन्नयन
सिविल
अस्पताल में
कर 30
बिस्तर से 100 बिस्तरीय
करने व बांदरी
प्राथमिक
स्वास्थ्य
केन्द्र का
उन्नयन
सामुदायिक
स्वास्थ्य
केन्द्र में
करने हेतु
विभाग की क्या
योजना है? इस संबंध
में विगत एक
वर्ष के दौरान
प्रश्नकर्ता
द्वारा एवं
रोगी कल्याण
समितियों द्वारा
कब-कब, क्या-क्या
मांग विभाग से
की गई तथा
विभाग द्वारा
क्या
कार्यवाही की
गई?
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : सिविल अस्पताल
खुरई एवं
सामुदायिक स्वास्थ्य
केन्द्र
मालथौन की बैड
आक्यूपेसी
रेट 80
प्रतिशत से कम
होने के कारण
इन संस्थाओं
को उन्नयन की
पात्रता नहीं है।
विकासखण्ड
मालथौन में
पूर्व से
सामुदायिक स्वास्थ्य
केन्द्र
संचालित होने
के कारण तथा
जनसंख्या
आधारित
मापदण्डानुसार
अतिरिक्त
सामुदायिक स्वास्थ्य
केन्द्र
खोलने की
पात्रता नहीं है।
अत: प्राथमिक
स्वास्थ्य
केन्द्र
बांदरी का उन्नयन
किये जाने की
पात्रता नहीं है।
रोगी कल्याण
समिति खुरई के
द्वारा सिविल
अस्पताल खुरई
के उन्नयन
करने का प्रस्ताव
दिनांक 13-05-2025 को प्राप्त
हुआ है। उपरोक्तानुसार
संस्थाओं के
उन्नयन की
पात्रता न
होने के कारण
उक्त संस्थाओं
के उन्नयन
करने पर विचार
नहीं किया गया।
सागर
अन्तर्गत
बीना नदी पर
उल्दन बांध निर्माण
[जल संसाधन]
49.
( क्र. 625 ) श्री
भूपेन्द्र
सिंह : क्या जल
संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) सागर
जिले में बीना
नदी परियोजना
अन्तर्गत हनौता
बांध व चकरपुर
बांध एवं
बण्डा
परियोजना अन्तर्गत
उल्दन बांध
निर्माण की
वर्तमान में क्या
स्थिति है? उक्त बांध
परियोजनाएं कब-कब तक
पूर्ण होना है? किन-किन
परियोजनाओं
में कब-कब समय
वृद्धि प्रदान
की गई? (ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार
क्या समय-सीमा
वृद्धि के बाद
भी निर्माण
कार्यों में
तेजी न आने के
क्या कारण हैं? क्या
कार्य समय-सीमा
में कार्य
पूर्ण करा
लिया जावेगा?
जल
संसाधन
मंत्री ( श्री
तुलसीराम
सिलावट ) : (क) जानकारी
संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है।
(ख) चकरपुर
बांध
परियोजना
पूर्ण की जा
चुकी है।
कार्यों के
विलम्ब का
मुख्य कारण
कोविड-19, भू-अर्जन
में विलम्ब
है। बण्डा
एवं हनौता
परियोजना
दिसंबर 2026 एवं जून 2026 तक पूर्ण
किया जाना
लक्षित है।
समय-सीमा बताया
जाना संभव
नहीं है।
स्वास्थ्य
केन्द्रों
में पदस्थ
आउटसोर्स
कर्मचारियों की नियुक्ति
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
50.
( क्र. 639 ) इंजीनियर
प्रदीप
लारिया : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
सागर जिला
अंतर्गत
शासकीय उप
स्वास्थ्य
केन्द्र/प्राथमिक
स्वास्थ्य
केन्द्र/सामुदायिक
स्वास्थ्य
केन्द्र/शहरी
सामुदायिक
स्वास्थ्य
केन्द्र/सिविल
अस्पताल में
कितने
आउटसोर्स
कर्मचारी
पदस्थ हैं? (ख) प्रश्नांश
(क) में वर्णित
आउटसोर्स
कर्मचारी
नरयावली विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत
कितने शासकीय
उप स्वास्थ्य
केन्द्र/प्राथमिक
स्वास्थ्य
केन्द्र/सामुदायिक
स्वास्थ्य
केन्द्र/शहरी
सामुदायिक
स्वास्थ्य
केन्द्र/सिविल
अस्पताल में
पदस्थ हैं? (ग) नरयावली
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत
कितने शासकीय
उप स्वास्थ्य
केन्द्र/प्राथमिक
स्वास्थ्य
केन्द्र/सामुदायिक
स्वास्थ्य
केन्द्र/शहरी
सामुदायिक
स्वास्थ्य
केन्द्र/सिविल
अस्पताल में
कितने
चिकित्सा
अधिकारी/अन्य
स्वीकृत पद कब
से रिक्त है? (घ) क्या
प्रश्नांश
(ग) में रिक्त
पदों पर
आउटसोर्स
कर्मचारियों
की नियुक्ति
विभाग द्वारा
कब तक की
जाएगी? यदि पद
अधिक समय से
रिक्त है तो
उन पदों पर
आउटसोर्स
कर्मचारियों
की नियुक्ति
क्यों नहीं की
गई?
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) जी हाँ, सागर जिला
अंतर्गत
शासकीय
प्राथमिक
स्वास्थ्य
केन्द्रों
में कुल 106, सामुदायिक
स्वास्थ्य
केन्द्रों
में कुल 70, शहरी
सामुदायिक स्वास्थ्य
केन्द्रों
में कुल 16 तथा सिविल
अस्पताल में
कुल 74
आउटसोर्स
कर्मचारी
कार्यरत है। (ख)
नरयावली
विधानसभा
अंतर्गत कुल 01
सामुदायिक स्वास्थ्य
केन्द्र, 05 प्राथमिक
स्वास्थ्य
केन्द्र, 01 शहरी
सामुदायिक स्वास्थ्य
केन्द्र तथा 01 शहरी
प्राथमिक स्वास्थ्य
केन्द्र में
आउटसोर्स
कर्मचारी
पदस्थ है। (ग) जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट अनुसार। (घ) आउटसोर्स
कर्मचारी की
नियुक्ति
जिला स्तर पर
की जाती है। प्रावधानित
संख्या
अनुसार
आउटसोर्स
कर्मियों की
कमी अनुसार
संबंधित मुख्य
चिकित्सा
एवं स्वास्थ्य
अधिकारी को
नियुक्ति की
कार्यवाही
हेतु निर्देशित
किया जाता है।
परिवहन
बस सेवा में
लगेज की
अनुमति
[परिवहन]
51.
( क्र. 640 ) इंजीनियर
प्रदीप
लारिया : क्या
परिवहन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) परिवहन
बस सेवा में
यात्रियों के
लगेज के
अतिरिक्त कितना
लगेज ले जाने
के लिए विभाग
द्वारा
अनुमति/परमिट
प्रदान किया
जाता है? यदि हाँ, तो
जानकारी
देवें। (ख) यदि
विभाग द्वारा
अनुमति
अतिरिक्त
लगेज ले जाने
के लिए विभाग
द्वारा परमिट
प्रदान किया जाता
है? तो
इसके लिए
विभाग की क्या
शर्तें/नियम/दर
निश्िचत की
गई हैं? (ग) विभाग
द्वारा प्रश्नांश
(ख) में वर्णित
शर्तों/नियम
के तहत नियम
का पालन के
लिए विभाग ने
वर्ष 2024-25, 2025-26
से प्रश्न
दिनांक तक
कितने बस या
परिवहन सेवा
के विरूद्ध
कार्यवाही की
है? (घ) क्या
विभाग परिवहन
सेवा बस में
निर्धारित
लगेज से अधिक
होने पर ऐसा
कोई नियम/शर्त
निर्धारित
करेगा? जिससे
निर्धारित
लगेज पर
यात्री/अन्य
की सूचना पर
तत्काल
कार्यवाही
एवं लगेज पर
रोक लग सके?
परिवहन
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश
में यात्री
परिवहन बस
सेवा में लगेज
ले जाने के
लिए
मध्यप्रदेश
मोटरयान नियम, 1994 के
नियम 78, 79, 80 एवं 81
में प्रावधान
विहित किए गए
हैं, जिनका
पालन करते हुए
यात्री बसों
में यात्रियों
के लगेज के
अतिरिक्त
लगेज ले जाया
जाता है।
नियमों की प्रतियाँ पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट के
पत्रक-अ
अनुसार है। (ख) यात्री
बसों में लगेज
ले जाने के
लिए उत्तरांश
(क) में
उल्लेखित
प्रावधानों
के अतिरिक्त
परिवहन विभाग
द्वारा पृथक
से कोई परमिट
प्रदान नहीं
किया जाता है।
(ग) प्रदेश के
विभिन्न
जिलों में इस
संबंध में आलोच्य
अवधि में की
गई कार्यवाही पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट के
पत्रक-ब
अनुसार है। (घ) परिवहन
सेवा बस में
निर्धारित
लगेज से अधिक
होने पर उक्त
वाहन के
विरुद्ध
चालानी
कार्यवाही
किए जाने के
प्रावधान हैं, जिसकी
सूचना
प्राप्त होने
पर सक्षम
अधिकारी द्वारा
उक्त वाहन के
विरुद्ध
नियमानुसार
चालानी
कार्यवाही की
जाती है।
जिसके
परिप्रेक्ष्य
में शेष प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होता।
सामुदायिक
स्वास्थ्य
केन्द्र
पनागर की
जानकारी
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
52.
( क्र. 645 ) श्री
सुशील कुमार
तिवारी : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या प्रश्नकर्ता
के तारांकित प्रश्न
क्र. 155
दिनांक 18 दिसम्बर 2024 के उत्तरांश
(क) में स्वीकार
किया गया है
कि सामुदायिक
स्वास्थ्य
केन्द्र
पनागर का भवन 30 वर्ष
पूर्व
निर्मित किया
गया है तथा
वर्तमान में
स्वास्थ्य
केन्द्र का
आंशिक भाग
जर्जर अवस्था
में है? (ख) क्या
पर्याप्त
कमरे न होने
के कारण महिला
एवं पुरूष
मरीजों की एक
ही ओपीडी है? जिसके
कारण महिला
मरीजों को अत्यंत
परेशानी होती
है? (ग) क्या
ह्रदय रोग, फिजियोथेरेपी, महिला
परीक्षण, नेत्र
परीक्षण, मानसिक
रोग एवं
आकस्मिक कक्ष
अलग-अलग नहीं
है? (घ) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में क्या स्वास्थ्य
केन्द्र के
लिये नया भवन
निर्मित किया
जायेगा?
उप
मुख्यमंत्री, लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) जी
हाँ। (ख) जी
नहीं। शेष
प्रश्न उपस्थित
नहीं होता। (ग) महिला
परीक्षण, नेत्र
परीक्षण, मानसिक
रोग एवं
आकस्मिक कक्ष
सुविधाओं
हेतु प़ृथक-पृथक
कक्ष उपलब्ध
हैं।
फिजियोथेरेपी
यूनिट के लिए
पृथक से कक्ष
उपलब्ध नहीं
है।
सामुदायिक स्वास्थ्य
केन्द्र स्तर
पर हृदय रोग
संबंधी
सुविधा नहीं
होती है। (घ) वर्तमान
में
सामुदायिक स्वास्थ्य
केन्द्र
पनागर के नये
भवन के
निर्माण हेतु
कोई प्रस्ताव
नहीं है।
आजीविका
मिशन पनागर को
भवन आवंटन
[राजस्व]
53.
( क्र. 646 ) श्री
सुशील कुमार
तिवारी : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
पनागर तहसील
कार्यालय का
पुराना भवन
रिक्त एवं
अनुपयोगी है? (ख) क्या
उक्त भवन
किसी
शासकीय/अर्धशासकीय
या अन्य संस्था
को आवंटित
करने से भवन
का रख-रखाव
बना रहेगा? (ग) यदि
हाँ, तो
क्या उक्त
भवन विकासखंड
प्रबंधक म.प्र.रा.ग्रा.आ.मि. विकासखण्ड
पनागर को
आवंटन किया जा
सकता है?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) पनागर
तहसील
कार्यालय का
पुराना भवन
जर्जर है। (ख) भवन
जर्जर होने के
कारण किसी अन्य
कार्यालय को
आवंटित किया
जाना संभव
नहीं है। (ग) उत्तरांश
(ख) के
अनुक्रम में प्रश्न
उपस्थित नहीं होता
है।
आउटसोर्स
कर्मचारियों
की भर्ती
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
54.
( क्र. 651 ) श्री
राजेश कुमार
वर्मा : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) जिला
चिकित्सालय
पन्ना में
वर्ष 2019 से प्रश्न
दिनांक तक सुरक्षाकर्मी, सफाईकर्मी, कंप्यूटर
ऑपरेटर एवं
सपोर्ट स्टॉफ
को भर्ती करने
के लिये
कौन-कौन सी
आउटसोर्स एजेंसियों
ने कार्य किया? वर्तमान
में आउटसोर्स
से कितने
कर्मचारी कार्यरत
है? नामवार
जानकारी
देवें। वर्तमान
में कार्यरत
एजेंसी का
अनुबंध कब तक का
है? कार्यदेश
की छायाप्रति
उपलब्ध
करावें। (ख) जिला
चिकित्सालय
पन्ना में
आउटसोर्स से
कार्यरत
कर्मचारियों
के खातें में
वर्ष 2019 से प्रश्न
दिनांक तक
कितनी राशि
अंतरित की गई
तथा कर्मचारियों
का इपीएफ, एसआईसी
में कितना
राशि जमा की
गई है? नामवार
वर्षवार
जानकारी
देवें। इपीएफ
पासबुक, कर्मचारियों
को किये गये
भुगतान के दस्तावेज
की छायाप्रति
एवं उक्त
अवधि में
आउटसोर्स
एजेंसियों के
निविदा की
प्रक्रिया की
नोटशीट की
छायाप्रति
उपलब्ध
करावें।
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) एवं (ख) जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
यातायात
जागरूकता
हेतु शिविरों
का आयोजन
[परिवहन]
55.
( क्र. 654 ) श्री
राजेश कुमार
वर्मा : क्या
परिवहन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) जिला
परिवहन
अधिकारी पन्ना
द्वारा पन्ना
जिले में सड़क
दुर्घटनाओं
को रोकने हेतु
यातायात एवं
सड़क सुरक्षा
जागरूकता, लायसेंस
शिविर तथा
पारदर्शी
ऑनलाइन
सुविधा की
जानकारी से
जनता को अवगत
कराने हेतु
शिविरों का
आयोजन वर्ष 2021 से प्रश्न
दिनांक तक
कब-कब और
कहां-कहां
किया गया? विधानसभावार
जानकारी
देवें। (ख) क्या
पन्ना जिले
में समय-समय
पर स्कूलों, कालेजों
में जनजागृति
अभियान चलाकर
लोगों को
सुरक्षित
यातायात के
लिए जागरूक
किया जा रहा
हैं, सड़क
सुरक्षा में
किये गए
उपाय/कार्यक्रम
हेतु विभाग
द्वारा कितनी
राशि किस-किस
मद से व्यय की
गई? वर्ष
2021 से प्रश्न
दिनांक तक की
जानकारी
विधानसभावार
देवें। (ग) जिला
परिवहन
अधिकारी पन्ना
के कार्यालय
में कौन-कौन
से
कर्मचारी/अधिकारी, कब से पदस्थ
है? अवधि
एवं नाम सहित
जानकारी
देवें। क्या
यह पदस्थापनाएं
स्थानांतरण
नीति के
अनुरूप है? (घ) विधानसभा
गुनौर में
ड्रायविंग
लायसेंस शिविर
एवं सड़क
सुरक्षा
जागरूकता
शिविर का
आयोजन प्रश्नकर्ता
की जानकारी
में लाया
जाकार किया
जायेगा?
परिवहन
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) जानकारी
संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी
हाँ। पन्ना
जिले में सड़क
सुरक्षा में
किये गए उपाय/कार्यक्रम
हेतु विभाग
द्वारा व्यय
की गई राशि
निरंक है
जिसके
परिप्रेक्ष्य
में शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है। (घ) जी
हाँ, ड्रायविंग
लायसेंस
शिविर एवं सड़क
सुरक्षा जागरुकता
शिविर के
आयोजन की
सूचना
जनप्रतिनिधियों
एवं जनता को
स्थानीय
संचार माध्यमों
के द्वारा दी
जाती है।
मछुआ
कल्याण हेतु
स्वीकृत बजट
[मछुआ
कल्याण एवं
मत्स्य विकास]
56.
( क्र. 661 ) श्री
राजेश कुमार
शुक्ला : क्या राज्य
मंत्री, मछुआ कल्याण
एवं मत्स्य
विकास महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) विभाग
द्वारा 2023-24 से प्रश्न
दिनांक तक
तालाब विकास, मत्स्य
बीज वितरण, मत्स्य
समितियों के
सशक्तिकरण
तथा मछुआ कल्याण
योजनाओं हेतु
छतरपुर जिले
को स्वीकृत बजट
एवं वास्तविक
व्यय का विवरण
प्रदाय करें। (ख)
जिन
लाभार्थियों/समितियों
को मत्स्य बीज
या अनुदान
दिया गया है, उनकी सूची
सार्वजनिक
रूप से कैसे
प्रदर्शित की
जाती है? (ग) 2023-24 से प्रश्न
दिनांक तक
छतरपुर जिले
में जिन
तालाबों को मत्स्य
उत्पादन हेतु
दिया गया, उनमें
वास्तविक
उत्पादन
लक्ष्य की तुलना
में कितना रहा? क्या
विभाग बिना
परिणाम
मूल्यांकन के
बजट जारी करता
है? बजट
जारी करने का
मापदंड क्या
है? (घ) जिले की
ऐसी मत्स्य
समितियाँ
जिनका 02 वर्षों से
नियमित ऑडिट
नहीं हुआ, फिर भी
उनके नाम पर
अनुदान या
ठेका आवंटन
जारी है, ऐसी
समितियों की
सूची प्रदाय
करें। (ड.) क्या
विभाग ने विगत
02 वर्षों
में किसी
अधिकारी या
कर्मचारी के
विरुद्ध
तालाब ठेका
प्रक्रिया, लाभार्थी
चयन या अनुदान
वितरण में
पारदर्शिता
की कमी या
अनियमितता के
संबंध में
जांच की है? यदि हाँ, तो जांच
परिणाम एवं की
गई कार्रवाई
का विवरण प्रस्तुत
किया जाए। यदि
नहीं, तो
क्या विभाग को
किसी भी स्तर
पर ऐसी कोई
शिकायत
प्राप्त नहीं
हुई?
राज्य
मंत्री, मछुआ कल्याण
एवं मत्स्य
विकास ( श्री
नारायण सिंह
पंवार ) : (क) छतरपुर
जिले को स्वीकृत
बजट एवं वास्तविक
व्यय की जानकारी
संलग्न परिशिष्ट-अ
अनुसार। (ख) मत्स्य
बीज या अनुदान
वितरण मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी जिला
पंचायत एवं
कलेक्टर के
अनुमोदन पश्चात।
(ग) प्रश्नांश
अवधि में
छतरपुर जिले
के तालाबों को
मत्स्योत्पादन
की जानकारी
संलग्न परिशिष्टि-ब
अनुसार। (घ) जिले
की ऐसी मत्स्य
समितियां
जिनका दो वर्ष
से ऑडिट नहीं
हुआ जानकारी
संलग्न परिशिष्ट-स
अनुसार। (ड.) जानकारी
निरंक।
आउटसोर्स
आधार पर
नियोजन एवं
नियुक्ति
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
57. ( क्र. 668 ) श्री
भैरो सिंह
बापू : क्या
उप मुख्यमंत्री, लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) आयुक्त
लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा विभाग
भोपाल के
द्वारा
प्रदेश के समस्त
कलेक्टर को
संबोधित पत्र
क्रमांक 02/अवि/सेल-2 (भर्ती)
2024/1713-R भोपाल
दिनांक 05/11/2024 के
संबंध में
जिला आगर
मालवा तथा उज्जैन
संभाग में
पूर्व से
कार्यरत
कितने
आउटसोर्स
कर्मियों का
नियोजन ग्रुप-डी
मल्टी स्किल
वर्कर तथा
डाटा एन्ट्री
ऑपरेटरी के
रूप में किया
गया है। (ख) प्रश्नांश
(क) के संबंध
में जिला आगर
मालवा में
मुख्य
चिकित्सा एवं
स्वास्थ्य
अधिकारी आगर
एवं कार्यालय
सिविल सर्जन
सह मुख्य अस्पताल
अधीक्षक जिला
चिकित्सालय
आगर मालवा में
किये गये
नियोजन एवं
नियुक्ति के
संबंध में कलेक्टर
जिला आगर
मालवा की
स्वीकृति की
नस्ती/आदेश/पत्र
तथा ग्रुप-डी
वर्कर तथा
डाटा एन्ट्री
ऑपरेटर रखे
जाने की समस्त
नोटशीट
कार्यालय
द्वारा जारी
समस्तः पत्र/आदेश
के दस्तावेज
उपलब्ध
करावें। (ग) प्रश्नांश
(क) के संबंध
में जिला आगर
मालवा में आउट
सोर्स ग्रुप-
डी मल्टी स्किल
वर्कर तथा
डाटा एन्ट्री
ऑपरेटरों के
नियोजन एवं
नियुक्ति के
लिये
आउटसोर्स
एजेंसी के चयन
के लिये निकाली
गई
विज्ञप्ति/टेण्डर
के चयन की
सम्पूर्ण जानकारी
रियल
सिक्योरिटी
सर्विसेज के
टेण्डर
रिनिवल हेतु
निविदा समिति
तथा कलेक्टर
जिला आगर
मालवा की
स्वीकृति की
जानकारी दें। (घ)
प्रश्नांश
(क) के संबंध
में कार्यालय
मुख्य चिकित्सा
एवं
स्वास्थ्य
अधिकारी आगर
एवं कार्यालय
सिविल सर्जन
सह मुख्य
अस्पताल
अधीक्षक जिला
चिकित्सालय
आगर मालवा के
द्वारा रखे गये
ग्रुप-डी
वर्कर तथा
डाटा एन्ट्री
ऑपरेटरों के
संबंध में
रोजगार
कार्यालय से
जिला आगर मालवा
के स्थानीय
युवक/युवत्तियों
को रखे जाने हेतु
आमंत्रित
किये गये अभ्यर्थियों
की जानकारी के
संबंध में
समस्त आवश्यक
दस्तावेज की
जानकारी दें।
(ड.) प्रश्नांश
(क) के संबंध
में उज्जैन
संभाग के
कार्यालय
मुख्य
चिकित्सा एवं
स्वास्थ्य
अधिकारी एवं
कार्यालय
सिविल सर्जन
सह मुख्य
अस्पताल
अधीक्षक जिला
चिकित्सालय
के द्वारा रखे
गये ग्रुप-डी
वर्कर तथा
डाटा एन्ट्री
ऑपरेटरों के
नाम-पिता का
नाम संस्था
का नाम/आधार
कार्ड आधारित
आयु/आधार
कार्ड में
दर्ज निवास के
पते की पूर्ण
जानकारी एवं
शैक्षणिक
योग्यता
संबंधित
जानकारी दें।
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) से (ड.) जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
शासकीय
भूमि पर
अतिक्रमण
[राजस्व]
58.
( क्र. 689 ) श्री
यादवेन्द्र
सिंह : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या टीकमगढ़
जिले में
प्रत्येक
गांव शासकीय
राजस्व भूमि
गौचर भूमि पर
अतिक्रमण हटाने
हेतु
तहसीलदारों
को आवेदन देने
पर भी तहसीलदारों
द्वारा
प्रभावी
कार्यवाही क्यों
नहीं की जा
रही है? जिले में
कुल कितनी
शिकायतें
अतिक्रमण से
संबंधित
ग्राम
पंचायतों
द्वारा की गई
है, तहसीलवार
जानकारी दें? (ख) क्या ग्राम
पंचायत फुटेर
चंक-2 के
सरपंच द्वारा
शिकायत के बाद
जिला प्रशासन द्वारा
कार्यवाही न
करने के कारण
माननीय उच्च
न्यायालय
जबलपुर की शरण
लेकर रिट याचिका
क्र.- WP NO-30541/2025
दायर करना
पड़ी जिसमें
दिनांक 22.09.2025 को
अनावेदकों
द्वारा
शासकीय भूमि
पर अतिक्रमण न
करने का
निर्देश दिया
गया फिर भी
अवमानना कर
अतिक्रमण
किया गया है? (ग) तहसील
खरगापुर
ग्राम फुटेर
चेक-2 की
शासकीय गौचर
भूमि खं.नं. 946/8 रकबा 4.477 है. पर आदतन
अपराधी रमेश
उर्फ पप्पू
गंगेले द्वारा
अतिक्रमण
किया गया है
अतिक्रमण
हटाने तहसीलदार, एस.डी.एम., कलेक्टर
सभी
न्यायालयों
ने आदेश दिये
किंतु अतिक्रमण
न हटाने का
कारण बतावें
एवं वर्णित
भूमि से कब तक
अतिक्रमण
हटाया जायेगा?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) जिला
टीकमगढ़
अंतर्गत
शासकीय गोचर
भूमि पर अतिक्रमण
की शिकायत
प्राप्त
होने पर
प्रकरण पंजीबद्ध
कर
नियमानुसार
कार्यवाही की
जाती है। वर्तमान
में तहसीलवार
ग्राम
पंचायतों
द्वारा
प्राप्त
शिकायतों की
जानकारी निम्नानुसार
है-
|
क्र. |
तहसील |
आवेदन
पत्रों की
संख्या |
|
1 |
टीकमगढ़ |
02 |
|
2 |
बड़ागांव
धसान |
- |
|
3 |
बल्देवगढ़ |
- |
|
4 |
खरगापुर |
- |
|
5 |
जतारा |
- |
|
6 |
पलेरा |
02 |
|
7 |
लिधोरा |
01 |
|
8 |
दिगोडा |
- |
|
9 |
मोहनगढ़ |
- |
|
|
योग |
05 |
(ख) उच्च
न्यायालय
जबलपुर में
दायर रिट
याचिका क्र.-WP
NO-30541/2025 में
दिनांक 22.09. 2025 को आदेश
दिया गया है
कि आगामी
सुनवाई
दिनांक तक
शासकीय भूमि
पर कोई और
अतिक्रमण न हो।
मौका स्थल
निरीक्षण में
पाया गया कि दिनांक
22.09.2025 के बाद
अनावेदकों के
द्वारा कोई
नया अतिक्रमण
नहीं किया गया
है। (ग) विषयांतर्गत
मध्यप्रदेश
भू-राजस्व
संहिता 1959 की (यथा संशोधित
2018)
की
धारा 248 के
अन्तर्गत
तहसीलदार
खरगापुर के न्यायालय
से राजस्व
प्रकरण 069/अ-68/2025-26
विचाराधीन है।
प्रकरण का गुणदोषों
के आधार पर
निराकरण कर
कार्यवाही की
जावेगी।
भ्रष्ट
अधिकारी को
जिला शिक्षा
अधिकारी
बनाया जाना
[स्कूल
शिक्षा]
59.
( क्र. 690 ) श्री
यादवेन्द्र
सिंह : क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
श्री एच.एस.
चौहान जिला
परियोजना
समन्वयक, जिला
शिक्षा
केन्द्र
टीकमगढ़ में
रहते हुये इन
पर अनेकों
वित्तीय
अनियमितताओं
के आरोप प्रमाणित
पाये गये तथा
फर्जी देयकों
का भुगतान
कलेक्टर
निवाड़ी की
जांच में सही
पाये गए? (ख) क्या
विकासखण्ड
श्रोत
समन्वयक जनपद
शिक्षा केन्द्र
निवाड़ी ने अपने
पत्र क्र. 68/निवाड़ी
दिनांक-08.04.2022 में
उल्लेख
अनुसार
देयकों के
भुगतान में
बंदर बांट
करने के लिए
राशि की मांग
की जाना ऑडियों
से प्रमाणित
हो रही है। यदि
नहीं तो कमिश्नर
सागर संभाग
सागर द्वारा
निलंबित क्यों
किया गया था। (ग)
क्या श्री
एच.एस. चौहान
प्रभारी जिला
शिक्षा के
विरुद्ध
अवधेश वर्मा
जिला ब्यूरो
दैनिक
देशबंधु सागर
संस्करण ने
दिनांक 22.08.2025 को एक
ज्ञापन
साक्ष्यों
सहित कमिश्नर
सागर, संभाग
सागर को देकर
इनके काले
कारनामों को
उजागर किया था
आज दिनांक तक
उस पर क्या
कार्यवाही की
गई, यदि
नहीं तो क्यों? (घ) क्या
श्री चौहान
द्वारा एक
अतिथि शिक्षक
सहदेव यादव
शा.प्रा. वि.
मनगुवां, जिला टीकमगढ़
को फोन पर मां, बहिन की
गालियां दी गई
जिसका ऑडियो
भी वायरल हुआ
किंतु गाली
देने वाले
अधिकारी के
विरूद्ध अब तक
कार्यवाही न
होने का कारण
बताये?
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) कमिश्नर
सागर के आदेश
क्रमांक-1990/चार-2/वि.जा./2022/सागर, दिनांक 08.08.2022 द्वारा
श्री एच.एस.
चौहान द्वारा
प्रस्तुत जबाव
के आधार पर
प्रकरण समाप्त
किया गया हैं।
(ख) जी हाँ। पत्र
में उल्लेख
हैं।
प्रारंभिक
जांच के आधार
पर संभागायुक्त
सागर द्वारा
निलंबित किया
गया था। (ग) संबंधित
द्वारा
शिकायत की
प्रति
संयुक्त संचालक, लोक
शिक्षण सागर
को दी गई थी
उनके द्वारा
जिला शिक्षा
अधिकारी
निवाड़ी एवं
प्राचार्य
डाइट
कुण्डेश्वर
से जांच कराई
गई थी। उपरोक्त
की गई जांच
में शिकायत का
कोई भी बिन्दु
सत्य/प्रमाणित
नहीं पाया गया।
शेषांश का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) उक्त
संबंध में
कारण बताओ
सूचना पत्र
जारी किया गया
हैं।
नवगठित
जिला मैहर में
जिला चिकित्सालय
की स्थापना
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
60.
( क्र. 712 ) श्री
श्रीकान्त
चतुर्वेदी : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) नवगठित
जिला मैहर में
जिला
चिकित्सालय
स्थापित
कराया जाना
क्या शासन
स्तर में
प्रक्रियाधीन
हैं? यहि
हाँ, तो
अभी तक उक्त
विषयक
प्रक्रिया
किस स्तर पर प्रचलित
है? (ख) प्रश्नांश
(क) के संबंध
में क्या नवगठित
जिला मैहर में
भी औद्योगिक
इकाइयों तथा
भौतिक स्थिति
के
परिप्रेक्ष्य
में स्वास्थ्य
सुविधा की
समुचित
व्यवस्था की
दृष्टि से जिला
चिकित्सालय
स्थापित
कराया जाना
जनहित में अति
आवश्यक है? यदि हाँ, तो कब तक
चिकित्सालय की
स्थापना की
जावेगी? समयावधि
निर्धारित की
जावे। यदि
नहीं तो क्यों?
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) जी हाँ। जिला
चिकित्सालय
मैहर की स्थापना
की प्रशासकीय
स्वीकृति
दिनांक 02-08-2024 को जारी की
जा चुकी है। (ख) जी
हाँ। उत्तरांश
(क) अनुसार
प्रशासकीय स्वीकृति
जारी की जा
चुकी है। जिला
चिकित्सालय
मैहर की स्थापना
की निश्चित
समयावधि
बताया जाना
संभव नहीं है।
आरक्षित
चरनोई भूमि की
जानकारी
[राजस्व]
61.
( क्र. 713 ) श्री
श्रीकान्त
चतुर्वेदी : क्या
राजस्व मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) मैहर
तहसील
अंतर्गत
स्थित ग्राम
घुनवारा में
क्या शासन की
नीति अनुसार
चरनोई भूमि
आरक्षित की
गयी हैं। यहि
हाँ, तो
ऐसे भूखण्डों
की विस्तृत
जानकारी दी
जावे? यदि
नहीं तो क्यों? कारण सहित
जानकारी दी
जावे। (ख) प्रश्नांश
(क) के संबंध
में क्या
ग्राम की कुल
राजस्व भूमि के
रकबे का 02% भूमि
चरनोई के लिए
आरक्षित की
जावेगी? यदि हाँ, तो ग्राम
घुनवारा को
राजस्व भूमि
के रकवे के
आधार पर 2% के अनुपात
की भूमि निकट
भविष्य में
चरनोई हेतु इस
ग्राम के
रहवासियों को
उनके गुजर बसर
हेतु उपलब्ध
करायी जावेगी? यदि नहीं
तो क्यों? कारण सहित
जानकारी दी
जावे।
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) ग्राम
घुनवारा में
वर्तमान
राजस्व
अभिलेखों में
चरनोई भूमि
दर्ज नहीं है।
वर्ष 1958-59
के अभिलेखों
एवं पूर्व
वर्षों के
अभिलेखों में
भी चरनोई भूमि
दर्ज नहीं है।
(ख) उत्तरांश
(क) के प्रकाश
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
सीएम
सुगम परिवहन
सेवा का
संचालन
[परिवहन]
62.
( क्र. 718 ) श्री
दिलीप सिंह
परिहार : क्या
परिवहन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
प्रदेश में
सीएम सुगम
परिवहन सेवा
के अंतर्गत
राज्य परिवहन
सेवा की
शासकीय बसों
का संचालन
प्रस्तावित
है? यदि
हाँ, तो
वर्तमान में
इसमें कौन-कौन
से जिले एवं
स्थान शामिल
किए गए हैं? (ख) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में, उज्जैन
संभाग में
म.प्र. सड़क
परिवहन निगम
की कुल कितनी
संपत्ति
किस-किस जिले में
कहाँ-कहाँ पर
है? (ग) प्रश्नांश
(क) और (ख) के
संदर्भ में, क्या सीएम
सुगम परिवहन
सेवा के
अंतर्गत प्रदेश
के अंतिम छोर
पर स्थित नीमच
को भी इस सेवा
से जोड़ा जा
रहा है? यदि हाँ, तो नीमच से
किन-किन शहरों
के लिए बसों
का संचालन
प्रस्तावित
है? (घ) क्या नीमच
स्थित
सीताराम जाजू
डिपो में वृहद
वर्कशॉप, स्टॉफ
क्वार्टर, पर्याप्त
भूमि सहित
परिवहन निगम
की आधारभूत
संरचनाएं
वर्तमान में
भी निगम के
पास हैं? जिस पर
राजस्थान
रोडवेज की
बसों का
संचालन किया
जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या
विभाग उक्त
योजना के
अंतर्गत
प्रथम चरण में
नीमच को
प्राथमिकता
देगा? तो कब
तक? समय-सीमा
बताएं।
परिवहन
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) जी हाँ। मुख्यमंत्री
सुगम परिवहन
योजना
अंतर्गत
प्रदेश के
समस्त जिलों
में जन निजी
भागीदारी के
माध्यम से
निजी बस
ऑपरेटरों की
बसों को
अनुबंधित करते
हुये
सार्वजनिक
परिवहन बस
सेवा संचालित
की जाएगी। (ख) उज्जैन
संभाग
अंतर्गत मध्यप्रदेश
सड़क परिवहन
निगम की कुल 08
परिसंपत्तियां
है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी
हाँ। रूट
सर्वे का
कार्य प्रचलन
में है अत:
जानकारी दी
जाना संभव
नहीं है। (घ) जी
हाँ। नीमच स्थित
सीताराम जाजू
डिपो में वृहद
वर्कशॉप, स्टॉफ
क्वार्टर, पर्याप्त
भूमि सहित
परिवहन निगम
की आधारभूत संरचनाएं
वर्तमान में
भी निगम के
आधिपत में है।
नीमच स्थित बस
स्टैंड नगर
पालिका नीमच
द्वारा
संचालित किया
जा रहा है, जिस पर
राजस्थान
रोडवेज सहित
अन्य
मध्यप्रदेश की
निजी बसों का
संचालन हो रहा
है। इस योजना
के तहत प्रदेश
के सभी जिले
शासन की प्राथमिकता
में है। वर्तमान
में सर्वे का
कार्य
प्रकियाधीन
है। समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
अतिक्रमण
मुक्त करने की
कार्यवाही
[राजस्व]
63.
( क्र. 723 ) श्री
अम्बरीष
शर्मा : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
नगरपालिका
लहार के रकवा
नं. 2715/2711
पर अवैध
अतिक्रमण है।
इस अवैध
अतिक्रमण के
विरूद्ध वहाँ
के अनुसूचित
जाति के
निवासियों
द्वारा विगत लगभग
2 वर्षों से
लगातार धरना
प्रदर्शन
किया जा रहा
है। (ख) यदि
हाँ तो क्या
अतिक्रमण
करने वालों ने
न्यायालय अनुविभागीय
अधिकारी
राजस्व लहार
में सीमांकन पर
आपत्ति दर्ज
हेतु याचिका
लगाई, न्यायालय
अनुविभागीय
अधिकारी
राजस्व लहार
द्वारा उनकी
इस याचिका को
अमान्य कर
सीमांकन को
सही माना गया
तथा
अतिक्रमणकारियों
द्वारा पुनः
माननीय उच्च
न्यायालय खण्डपीठ
ग्वालियर में
आपत्ति दर्ज
हेतु याचिका
लगाई जिसे
माननीय उच्च
न्यायालय
द्वारा खारिज
कर दिया गया? तो क्या
सीमांकन
उपरांत अतिक्रमण
हटाने की
कार्यवाही की
गई है? (ग) यदि नहीं
तो क्यों? इसके लिये
कौन अधिकारी
जिम्मेदार है? यह अवैध
अतिक्रमण कब
तक हटा लिया
जायेगा? समय-सीमा बतावें? कार्य में
विलम्ब करने
वाले
अधिकारियों
पर कब तक
कार्यवाही की
जावेगी?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) जी हाँ। (ख) जी
हाँ। भूमि पर
से अवैध
अतिक्रमण
हटाने की
कार्यवाही
नगर परिषद
लहार द्वारा
की जा रही है। (ग)
कार्य में
विलम्ब नहीं
किया गया है। अतः
कोई अधिकारी
दोषी नहीं है।
शेष उत्तरांश (ख)
अनुसार।
लहार
में अवैध रूप
से संचालित
लाल सिंह
पैलेस
[राजस्व]
64.
( क्र. 724 ) श्री
अम्बरीष
शर्मा : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
विधानसभा
क्षेत्र लहार
जिला भिण्ड
में नगरीय
क्षेत्र लहार
में लाल सिंह
पैलेस संचालित
है? (ख) क्या लाल
सिंह पैलेस
द्वारा अवैध
रूप से शासकीय
भूमि सहित
अन्य
व्यक्तिगत
प्लाटों पर
कब्जा कर लगभग
10 बीघा में
विवाह स्थल
संचालित किया
जा रहा है।
यदि हाँ, तो पैलेस
पर क्या
कार्यवाही की
गई? (ग) क्या व्यक्तिगत
भूमि
स्वामियों
जिनके प्लाट
पर कब्जा किया
गया है उनके
द्वारा
शिकायत की गई
है? यदि
हाँ, तो
क्या
कार्यवाही की
गई? (घ) क्या
तहसीलदार
द्वारा
लालसिंह पैलेस
का सीमांकन
किया गया है
यदि हाँ, तो क्या
अतिक्रमण
पाया गया? यदि हाँ, तो अवैध
अतिक्रमण
हटाने की
कार्यवाही
क्यों नहीं की
गई है? यह
कार्यवाही कब
तक की जावेगी
समय-सीमा बतावें? विलम्ब
करने वाले
अधिकारियों
पर कार्यवाही कब
तक की जावेगी?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) जी
हाँ। (ख ) मौजा
लहार के सर्वे
नं. 1992 रकवा
0.24
है.
में से 225 वर्गफीट
शासकीय भूमि
सहित अन्य
व्यक्तिगत
प्लाटों पर
कब्जा है। परन्तु
लालसिंह
पैलेस कुल 10 बीघा पर
संचालित न
होकर मौजा
लहार की भूमि
सर्वे, क्रमांक 2438 रकवा 0.700 हे. में से
भाग रकवा 0.252 पर ही
संचालित है। (ग) व्यक्तिगत
भूमि स्वामियों
द्वारा तहसील
लहार
न्यायालय में
अपने
व्यक्तिगत
भूमि पर
हिस्सा एवं
दिशा
निर्धारण
हेतु प्रकरण क्रमांक
0095/अ-27/2025-26 संचालित
किया गया है
जिसके
निराकरण
उपरांत ही
व्यक्तिगत
भूमिस्वामी
के हित प्रभावित
हो रहे है
अथवा नहीं की
स्थिति
स्पष्ट हो
सकेगी। प्रकरण
न्यायलयीन
प्रक्रिया
में है
समय-सीमा में
निराकरण किया
जावेगा। (घ) जी
हाँ तहसीलदार
लहार द्वारा
गठित दल के
द्वारा मौजा
लहार की भूमि
सर्वे क्रमांक
1992
रकवा 0.24 है. शासकीय
एवं कैफियत
में नगर
पालिका अंकित
है। जिसमें 225 वर्गफीट
शासकीय भूमि
पर अवैध
अतिक्रमण
पाया गया। जिसपर
अवैध
अतिक्रमण
हटाने हेतु
नगर पालिका लहार
द्वारा
संबंधित
अतिक्रमणकर्ता
को अतिक्रमण
हटाये जाने
हेतु सूचना
पत्र क्रमांक 1240 दिनांक 19/11/2025 जारी किया
जाकर
अतिक्रमण
हटाये जाने की
अवधि शीघ्र
पूर्ण की
जायेगी। वर्तमान
तक की
कार्यवाही
में कोई
अधिकारी कर्मचारी
दोषी नहीं
पाया गया है।
विश्राम
घाट की भूमि
पर अतिक्रमण
[राजस्व]
65.
( क्र. 728 ) श्री
दिनेश गुर्जर
: क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
ग्राम नहरिया
भौरासा, तहसील
बैरसिया, जिला
भोपाल के
आदिवासी बहुल
ग्राम में
शासन द्वारा
विश्राम घाट
हेतु भूमि
आवंटित की गई
थी, जिस
पर कुछ
व्यक्तियों
द्वारा अवैध
रूप से अतिक्रमण
कर लिया गया
है, जिसके
कारण आज तक
विश्राम घाट
का निर्माण
नहीं हो सका
है? वर्तमान
में उक्त
ग्राम में
कितनी शासकीय
भूमि है? (ख) यह
प्रकरण शासन
के संज्ञान
में कब आया
तथा अतिक्रमण
हटाने हेतु अब
तक क्या
कार्यवाही की
गई है? अतिक्रमण
नहीं हटाए
जाने हेतु
जिम्मेदार अधिकारी
पर क्या
कार्रवाई की
जा रही है? (ग) क्या
अतिक्रमण न हटाए
जाने से
ग्रामवासियों
को अंतिम
संस्कार हेतु
भारी असुविधा
का सामना करना
पड़ रहा है? वर्तमान
में उक्त
ग्राम में
अंतिम
संस्कार हेतु
क्या शासकीय
व्यवस्था है? (घ) शासन
द्वारा
अतिक्रमण
हटाने एवं
विश्राम घाट
निर्माण
प्रारंभ करने
हेतु निश्िचत
समय-सीमा
निर्धारित की
गई है या नहीं? यदि हाँ, तो वह
समय-सीमा क्या
है और यदि
नहीं, तो
शासन कब तक यह
कार्य पूर्ण
करने का आश्वासन
देता है?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) वर्तमान
राजस्व
अभिलेख में
ग्राम नहरिया
भौरासा के
खसरा क्रमांक 155/1 रकबा 0.607 है. विश्राम घाट
की भूमि रकबा 0.607 है. दर्ज हैं। अतिक्रमण
सज्ञान में
आते ही मौका
जाँच करवाकर
राजस्व
प्रकरण
क्रमांक 0008/अ-68/2025-26
न्यायालय
तहसीलदार
तहसील
बैरसिया के
न्यायालय में
दर्ज कर
अतिक्रमण
हटाने की
कार्यवाही
प्रचलन में
हैं। उक्त
ग्राम में
वर्तमान
राजस्व
अभिलेख
अनुसार कुल 91.3618 है. शासकीय
भूमि है। (ख) संज्ञान
में आते ही
तत्काल जांच
कराकर राजस्व
प्रकरण
क्रमांक 0008/3-68/2025-26 न्यायालय
तहसीलदार
तहसील
बैरसिया के
न्यायालय में
दर्ज कर
कार्यवाही
हेतु प्रचलन
में हैं। इस
अनुक्रम में
शेष प्रश्न
उद्भूत नहीं
होता है। (ग) ग्राम
में खसरा
क्रमांक 77/1 रकबा 3.727 है. मरघट मद
में दर्ज हैं।
उक्त भूमि पर
ही वर्तमान
में अन्तिम
संस्कार करने
की व्यवस्था
हैं, ग्रामवासियों
को किसी
प्रकार की
असुविधा नहीं हैं।
(घ) म.प्र.भू
राजस्व
संहिता (सहपठित
2018)
1959 की
धारा 248 के
तहत कार्यवाही
प्रचलित है। शेष
प्रश्न
उद्भूत नहीं
होता है।
किसानों
को बीमा क्लेम
की राशि का
भुगतान
[राजस्व]
66.
( क्र. 730 ) श्री
दिनेश गुर्जर
: क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
मुरैना
क्षेत्र में
हाल ही में
हुई अत्यधिक
वर्षा के कारण
बाजरे सहित
अन्य फसलें
पूरी तरह
बर्बाद हो गईं, जिससे
किसानों को
भारी आर्थिक
क्षति हुई है, परंतु अब
तक उन्हें
किसी प्रकार
का मुआवजा अथवा
राहत राशि
प्राप्त नहीं
हुई? कई
क्षेत्रों
में किसानों
द्वारा हाल ही
में की गई
फसलों की
बुवाई वर्षा
उपरांत पूरी
तरह नष्ट हो
गई या फसलें
उगी ही नहीं, जिससे
किसानों का
नुकसान दोहरी
मार के रूप में
हुआ है, फिर भी
इनका कोई
सर्वे या
मुआवजा अब तक
नहीं दिया गया? (ख) प्रदेश
के किसानों के
खाते से गत दो
वर्षों में
फसल बीमा
योजना के
अंतर्गत कुल
कितनी राशि प्रीमियम
के रूप में
काटी गई तथा
उसमें शासन
द्वारा कितना
अंश जमा किया
गया? उक्त
दो वर्षों में
बीमा
कंपनियों
द्वारा प्रदेश
के किसानों को
कुल कितनी
राशि का बीमा
क्लेम प्रदान
किया गया तथा
कितने
किसानों के दावे
अब तक लंबित
हैं? वर्षवार
जानकारी
देवें। (ग) क्या
जब किसानों के
खाते से
नियमित रूप से
बीमा
प्रीमियम की
कटौती की जा
रही है, तब भी
प्राकृतिक
आपदाओं एवं
बुवाई उपरांत
फसलों के न
उगने जैसी
परिस्थितियों
में उन्हें समय
पर बीमा क्लेम
एवं राहत
सहायता क्यों
नहीं दी जा
रही है?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) जिला
मुरैना
अंतर्गत हाल
ही में हुई
अत्यधिक
वर्षा के कारण
बाजरे की फसल
में आंशिक क्षति
2 से 5 प्रतिशत
हुई है। उक्त
क्ष्ाति
राजस्व पुस्तक
परिपत्र 6-4 में निहित
प्रावधान
अनुसार
पात्रता
श्रेणी अंतर्गत
नहीं होने से
राहत राशि
वितरित नहीं की
गई है। तहसील
जौरा में
अतिवृष्टि के
कारण धान की
फसल में क्षति
पाए जाने पर
राजस्व पुस्तक
परिपत्र 6-4 में निहित
प्रावधान
अनुसार 03 ग्रामों
के कुल 51 किसानों
की 18.631
हैक्टे. फसल
क्षति हेतु
राहत राशि
रूपये 5,20,831/- का वितरण
किया जा रहा
है। (ख) प्रधानमंत्री
फसल बीमा
योजना
अंतर्गत वर्ष 2023-24 एवं वर्ष 2024-25 में
कृषकों के
बीमांकन एवं
दावा की जानकारी संलग्न
परिशिष्ट पर है।
वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में दावा
हेतु समस्त
पात्र बीमित
कृषकों के
पोर्टल पर
दर्ज बैंक खातों
में दावा राशि
भुगतान की
प्रक्रिया की जा
चुकी है। (ग) प्रधानमंत्री
फसल बीमा
योजना के प्रावधानों
के अनुसार
पात्र बीमित
कृषकों की अधिसूचित
एवं बीमित
फसलों में
प्राकृतिक
आपदाओं के
कारण उपज में
कमी के आधार
पर दावा राशि
का भुगतान
किया गया है।
कैंसर
उपचार हेतु
मशीनों का
क्रय
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
67.
( क्र. 752 ) श्री नीरज
सिंह ठाकुर : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
किस्टेट
कैंसर
इंस्टीटयूट
जबलपुर
प्रदेश का
सबसे बड़ा
कैंसर चिकित्सालय
का नया भवन
अनेक वर्षों
से तैयार होने
के पश्चात भी
उपचार हेतु
आवश्यक
सी.टी.स्केन, एम.आर.आई, सीनियर
एक्सलेटर
मशीन, मैमोग्रॉफी
मशीन, अल्ट्रासाउंड
मशीन, बोन
स्केन, एण्डोस्कोपी, ब्रोंकोस्कोपी, कोलोस्कोपी, काल्पोस्कोपी, आदि
मशीनों हेतु
केन्द्र
सरकार से 84 करोड़ की
राशि विभाग को
10 वर्ष
पूर्व
प्राप्त होने
के पश्चात भी
उपरोक्त
मशीनें विभाग
द्वारा अब तक
क्रय क्यों
नहीं की गईं
हैं? उक्त
मशीनें क्रय
नहीं करने के
लिये कौन-कौन
दोषी है? उपचार
हेतु मशीनें
कब तक क्रय कर
स्थापित होगी?
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : स्टेट
कैंसर इंस्टीट्यूट, जबलपुर
में उपचार
हेतु एण्डोस्कोपी, कोलोस्कोपी
मशीन उपलब्ध
है। चिकित्सा
महाविद्यालय, जबलपुर
में सी.टी. स्कैन
मशीन एवं
एम.आर.आई. मशीन, अल्ट्रासाउंड
मशीन, मैमोगॉफ्री
मशीन, काल्पोस्कोपी
एवं
ब्रोंकोस्कापी
मशीन उपलब्ध
है, जिससे
स्टेट कैंसर
इंस्टीट्यूट
के मरीजों का
समुचित उपचार
किया जा रहा
है। दिनांक 04/11/2025 को लीनियर
एक्सीलेटर
एवं सीटी
सिमुलेटर
मशीन के क्रय
की स्वीकृति
प्रदान की जा
चुकी है। बोन
स्केन मशीन
का आवश्यकतानुसार
क्रय किया
जावेगा। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
स्कूल
और हॉस्टलों
में फायर और
सेफ्टी की व्यवस्था
[जनजातीय
कार्य]
68.
( क्र. 767 ) डॉ.
विक्रांत
भूरिया : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) विभाग
के अंतर्गत
पूर्ण प्रदेश
में कितने ''स्कूल और
हॉस्टल"
संचालित हो
रहे है और
कितने छात्र
पंजीकृत है। प्रति
वर्ष छात्र
"ड्रॉप आउट"
दर क्या है, जिलेवार
विस्तृत
जानकारी
प्रदान करें। (ख)
वर्ष 2014 से 2025 तक विभाग
के अंतर्गत
संचालित
कितने स्कूल
बन्द हुए और कौन
से कारणों से
बन्द हुए? जिलेवार
जानकारी
प्रदान की जाए।
(ग) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में "फायर और
सेफ्टी" के आई.
एस. IS 144435
के पालन करने
हेतु
तारांकित प्रश्न
क्रमांक 1652 के प्रति
उत्तर पर
माननीय
मंत्री जी ने, सदन में आश्वस्त
था कि एक जाँच
समिति बना कर
समस्त स्कूल, हॉस्टल
में परिपालन
हेतु, समिति
अपनी रिपोर्ट
पेश करेगी, "फायर और
सेफ्टी" के
नियम का कार्य
जल्द से जल्द
पूर्ण करा
जायेगा? वर्तमान
में प्रदेश के
समस्त जिलों
"स्कूल और
हॉस्टल" की
यथास्थिति की
जानकारी
प्रदान की जाये।
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) : (क) विभाग अंतर्गत
सम्पूर्ण
मध्यप्रदेश
में संचालित ''स्कूल''
एवं उनमें
दर्ज
विद्यार्थी
निम्नानुसार
हैं :-
|
क्र. |
संस्था |
संख्या |
पंजीकृत
विद्यार्थी |
|
1 |
कुल
संचालित स्कूल |
28829 |
1769148 |
|
2 |
कुल
छात्रावास |
1588 |
82862 |
जिलेवार
जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। शिक्षा
मंत्रालय
भारत सरकार
द्वारा
यू-डाईस+2024-25 की
रिपोर्ट
अनुसार मध्यप्रदेश
की कक्षा 1 से 5 की ड्राप आउट
दर 0, कक्षा
6 से 8 की
ड्रापआउट दर 6.3 एवं कक्षा 9 से 10 की ड्राप आउट
दर 10.8 है (संचालक
राज्य
शिक्षा केन्द्र
के माध्यम से
प्राप्त जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट ''द'' अनुसार है) (ख) वर्ष
2014 से 2025 तक विभाग
के अंतर्गत
संचालित
विद्यालयों
में से बन्द
हुए अथवा
नजदीकी शाला
में मर्ज हुए
विद्यालयों
के कारण सहित
विद्यालयों
की जिलेवार जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) तारांकित
प्रश्न
क्रमांक 1652 के उत्तर
में झाबुआ
जिले में अलग
से दल भेजकर
जांच कराई
जाने का आश्वासन
दिया गया था, जिसके
पालन में
झाबुआ जिले की
जांच संभाग स्तर
से दल गठित कर
कराई जा चुकी
है। जांच में
झाबुआ जिले के
सभी उच्चतर
माध्यमिक
विद्यालयों, हाई स्कूलों, छात्रावासों
एवं आश्रमों
में अग्निशमन
यंत्र उपलब्ध
एवं
क्रियाशील
स्थिति में
पाए गये हैं। वर्तमान
में "स्कूल और
हॉस्टल" की
फायर और
सेफ्टी की
स्थिति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट ''स'' अनुसार है।
शाहपुर
जिला सागर में
सामुदायिक
स्वास्थ्य केन्द्र
की स्वीकृति
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
69.
( क्र. 768 ) श्री
गोपाल भार्गव
: क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
शाहपुर जिला
सागर में
दिवार गिरने
से बहुत से
बच्चों की
असामयिक
मृत्यु हुई थी।
यदि हाँ, तो बच्चों
के उपचार के
लिए विभाग
द्वारा की गई
कार्यवाही की
जानकारी दी
जावें एवं
प्राथमिक
स्वास्थ्य
केन्द्र
शाहपुर के
स्वीकृत, भरे तथा
रिक्त पदों की
जानकारी दी
जावें। (ख) क्या
माननीय
मुख्यमंत्री
जी द्वारा
दिनांक 28 फरवरी 2025 को
गढ़ाकोटा
जिला सागर के
प्रवास के समय
प्राथमिक
स्वास्थ्य
केन्द्र
शाहपुर का
उन्नयन
सामुदायिक
स्वास्थ्य
केन्द्र के
रूप में किये
जाने की घोषणा
की गई थी। (ग) प्रश्नांश
(ख) अनुरूप अभी
तक विभाग
द्वारा की गई
कार्यवाही की
जानकारी दी
जावें तथा यह
स्पष्ट किया
जाए की कब तक
सामुदायिक स्वास्थ्य
केन्द्र
शाहपुर
प्रारंभ कर
दिया जावेगा। (घ)
माननीय
मुख्यमंत्री
जी के द्वारा
की गई घोषणा
के
क्रियान्वयन
में विलंब का
कारण स्पष्ट किया
जाए तथा क्या
इस संबंध में
कोई
उत्तरदायित्व
निर्धारित
किया जावेगा।
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) जी हाँ। दुर्घटनाग्रस्त
बच्चों का
प्राथमिक
उपचार
प्राथमिक स्वास्थ्य
केन्द्र
शाहपुर में
किया गया तथा
उपचार हेतु
जिले की अन्य
शासकीय स्वास्थ्य
संस्थाओं से
भी चिकित्सक
एवं स्टॉफ की
ड्यूटी लगाई
गई। जानकारी
संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
(ख) जी हाँ, माननीय
मुख्यमंत्री
जी द्वारा
सागर जिले में
घोषणा
क्रमांक D0518, दिनांक 28/02/2025 को की गई है, जिसमें
प्राथमिक
स्वास्थ्य
केन्द्र
शाहपुर का
उन्नयन
सामुदायिक
स्वास्थ्य
केन्द्र के
रूप में किये
जाने का उल्लेख
किया गया है। (ग) उन्नयन
का प्रस्ताव
परीक्षणाधीन
है। (घ) उन्नयन
का प्रस्ताव
परीक्षणाधीन
है तदानुसार
उत्तरदायित्व
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
राजस्व
रिकार्ड की
गुमशुदगी पर
कार्यवाही
[राजस्व]
70.
( क्र. 771 ) श्री सतीश
मालवीय : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क)
क्या उज्जैन
जिले की नागदा
तहसील के
राजस्व ग्राम
पाड्ल्याकला, मेहतवास
एवं कस्बा
नागदा के वर्ष
1958 से 1963-64 की
समयावधि के
राजस्व
रिकार्ड की
गुमशुदगी के
संबंध में
कलेक्टर, उज्जैन के
निर्देश पर
तहसीलदार, खाचरोद
द्वारा पत्र
क्रमांक/रीडर/2020/238, दिनांक 22/02/2020 के माध्यम
से थाना
प्रभारी, खाचरोद को
जांच के लिए
आवेदन दिया था? यदि हाँ, तो
कार्यवाही से
अवगत करावें। (ख)
उक्त मामले
में कलेक्टर
उज्जैन
द्वारा जांच के
आदेश जारी किए
थे? यदि
हाँ, तो
कार्यवाही से
अवगत करावे और
यदि नही, तो विलंब
करने वाले
अधिकारियों
के विरुद्ध क्या
कार्यवाही की
गयी? (ग) क्या उक्त
मामले में
जांच आदेश के
उपरांत रिकॉर्ड
गुमशुदगी के
संबंध में
थाना खाचरोद
में FIR दर्ज
कराने हेतु
आवेदन
प्राप्त हुआ
था? थाना
खाचरोद
द्वारा
प्रकरण में
कोई प्राथमिकी
दर्ज़ की है? यदि हाँ, तो
दस्तावेजी
जानकारी
देवें और यदि
नहीं, तो
लगभग 04
वर्ष बाद भी
कार्यवाही
नहीं किए जाने
के कारण
स्पष्ट करें। (घ)
क्या उक्त
रिकार्ड भारत
कामर्स
इंडस्ट्रीज़
लिमिटेड से
संबंधित है
जिन्हें
ग्रेसिम
उद्योग समूह
द्वारा हाईकोर्ट
के माध्यम से
वर्ष 2014
नीलामी में
क्रय किया गया? यदि हाँ, तो क्या
रिकार्ड की
गुमशुदगी के
संबंध में शासन
की ओर से उच्च
न्यायालय में
क्या जवाब प्रस्तुत
किया? उसके
संबंध में
क्या
कार्यवाही
हुई हैं? यदि नहीं
हुई, तो
दोषियों के
विरुद्ध कब तक
कार्यवाही की
जाएगी?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) जी हाँ। पाड्ल्याकला
मेहतवास एवं
कस्बा नागदा
के वर्ष 1958 से 1963 एण्ड 64 की
समयावधि के
राजस्व
रिकार्ड को
शोध करने हेतु
इस कार्यालय
के आदेश क्र.60 दिनांक 13.01.2020 से दल गठित
किया गया था। दल
प्रभारी
तहसीलदार
नागदा के
द्वारा पत्र क्र.
क्यू/रीडर/20 दिनांक 22.01.2020 से उक्त
रिकार्ड को
तहसील
कार्यालय
खाचरोद तथा
जिला
अभिलेखागार
जिला उज्जैन
से शोध कराने
का प्रतिवेदन
प्रस्तुत किया
गया। तत्संबंध
में कार्यालय
कलेक्टर
महोदय जिला उज्जैन
के द्वारा
पत्र क्र. 956 दिनांक 22.01.2020 से जिला
रिकार्ड में
उक्त रिकार्ड
उपलब्ध नहीं
होना बताया
गया तहसीलदार खाचरोद
के पत्र क्र. 52 दिनांक 21.01.2020 से लेख
किया गया कि
राजस्व
रिकार्ड के
संबंध में कोई
जानकारी
अभिलेख जमा
नस्ती में
उपलब्ध नहीं है।
तदुपरान्त इस
कार्यालय के
पत्र क्र. 148 दिनांक 07.02.2020 से
अनुविभागीय
अधिकारी खाचरोद
को एफ.आई.आर.
दर्ज करने के
संबंध में
लिखा गया। तदुपरान्त
इस कार्यालय
के पत्र क्र. 295 दिनांक 14.02.2020 से
कार्यालयीन
पत्र क्र. 148 दिनांक 07.02.2020 के संबंध
में समस्त
दस्तावेजों
की प्रति भेजी
गई। इसके
उपरान्त
तहसीलदार खाचरोद
द्वारा पत्र
क्र. 238
दिनांक 22.02.2020 से आफीस
कानूनगो
तहसील खाचरोद
को एफ.आई.आर.
दर्ज करने
हेतु
निर्देशित
किया गया। (ख) जी
हाँ। अनुविभागीय
अधिकारी अनुभाग
नागदा के आदेश
क्र. 60
दिनांक 13.01.2020 से दल गठित
किया गया था। दल
प्रभारी
तहसीलदार
नागदा के
द्वारा पत्र क्र.
क्यू/रीडर/20 दिनांक 22.01.2020 से उक्त
रिकार्ड को
तहसील
कार्यालय खाचरोद
तथा जिला
अभिलेखागार
जिला उज्जैन
से शोध कराने
का प्रतिवेदन
प्रस्तुत
किया गया। तत्संबंध
में कार्यालय
कलेक्टर
महोदय जिला उज्जैन
के द्वारा
पत्र क्र. 956 दिनांक 22.01.2020 से जिला
रिकार्ड में
उक्त रिकार्ड
उपलब्ध नहीं होना
बताया गया। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
थाना खाचरोद
अन्तर्गत
प्रकरण में
विवेचना जारी
है। (घ) उक्त
रिकार्ड वर्ष 1958 से 1963-64 तक के पाड्ल्याकला, मेहतवास
एवं नागदा के
अभिलेख से
संबंधित है। शासन
द्वारा उच्च
न्यायालय में
कम्पनी अपील 03/2016 के कम्पनी
अपील मेमो में
क्रमांक 1.13 में
रिकार्ड की
कार्यालय में
उपलब्ध नहीं
होने से के
संबंध में
बताया गया है।
जिला
अशोकनगर की
भूमि में बन्दोबस्त
संशोधन
[राजस्व]
71.
( क्र. 799 ) श्री जगन्नाथ
सिंह रघुवंशी
: क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
मध्यप्रदेश
के अधिकांश
तहसीलों में
वर्ष-1947 के
पश्चात नये
सिरे से
भू-अर्जन
कराकर बंदोबस्त
संशोधन किया
गया है, किंतु
अशोकनगर-जिले
की तहसीलों
में मुख्यत:
नई सरायं
तहसील में यह
कार्य अब तक
नहीं हुआ है? यदि हाँ, यह कार्य
अब तक क्यों
नहीं किया गया
तथा क्या शासन
द्वारा इसे
शीघ्र
प्रारंभ करने
की कोई योजना
बनाई गई है? (ख) वर्ष-1947 के
बंदोबस्त के
बाद
जमींदारी-उन्मूलन-अधिनियम-1951 एवं
मध्यप्रदेश
भू-राजस्व
संहिता-1959 लागू हो
चुके हैं, तब भी इन
कानूनों के
अनुरूप
बंदोबस्त का
संशोधन अब तक
क्यों नहीं
किया गया? (ग) क्या
शासन के
संज्ञान में
यह तथ्य है कि
अशोकनगर जिले
की तहसीलों
में भूमि
अभिलेखों की
त्रुटियों के
कारण किसानों
को नामांतरण, स्वामित्व, ऋण
स्वीकृति एवं
रजिस्ट्री से
संबंधित गंभीर
कठिनाइयों का
सामना करना
पड़ रहा है? अनेक
किसानों की
भूमि पर 40–50 वर्षों से
कब्जा एवं
खसरा-खतौनी
में प्रविष्टि
है, फिर
भी पुराने
बंदोबस्त को
अधिक महत्व
क्यों दिया
जाता है? (घ) अशोकनगर
जिले में
प्रारंभिक
बंदोबस्त (1947) के समय कुल
कितना
क्षेत्रफल
शासकीय भूमि
के रूप में
दर्ज था और
वर्तमान में
उसमें से
कितना
क्षेत्र निजी
स्वामित्व
में
परिवर्तित हो
चुका है इसका
तहसीलवार
प्रतिशत
विवरण क्या है? पुराने
बंदोबस्त (1947) को आधार मानकर
सन् 2010 से
अब तक कितने
नामांतरण एवं
रजिस्ट्री
प्रकरण
निरस्त या
रोके गए हैं
इसका
तहसीलवार
विवरण दें।
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) मध्यप्रदेश
की तहसीलों
में वर्ष-1947 के पश्चात
नये सिरे से
भू-अर्जन
कराकर बंदोबस्त
संशोधन नहीं
किया गया है। इसी
प्रकार से
अशोकनगर-जिले
की तहसीलों
में मुख्यत:
नई सरायं
तहसील में यह
कार्य नहीं
किया गया है। (ख) अशोकनगर
जिले की तहसील
अशोकनगर, ईसागढ़, शाढौरा, नईसराय का
बंदोबस्त
कार्य वर्ष 1947 में किया
गया एवं शेष
तहसीलों
चंदेरी, मुंगावली, पिपरई का
बंदोबस्त
वर्ष 1956-57 में
हुआ था। भू-अर्जन
कराकर
बंदोबस्त
संशोधन के कोई
निर्देश नहीं
है। (ग) भूमि
अभिलेख
त्रुटि का
सुधार निरंतर
म.प्र. भू.रा.सं. 1959 (संशोधित
अधिनियम 2018) की धारा 115 के
प्रावधानों
के तहत आवेदन
प्राप्त होने
पर किया जाता
है। बिना किसी
सक्षम
अधिकारी के आदेश
से अभिलेख में
हुई
प्रविष्टि की
अधिकारिता की
जांच हेतु
बंदोबस्त
अभिलेख को
देखा जाता है।
(घ) प्रश्नांश
का विस्तृत
रूप होने के
कारण जानकारी
संकलित की जा
रही है।
जिला
अशोकनगर का
राजस्व
रिकॉर्ड
[राजस्व]
72.
( क्र. 800 ) श्री जगन्नाथ
सिंह रघुवंशी
: क्या राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे कि
(क) क्या
अशोकनगर जिले
में वर्ष 1947 से 1963 के मध्य की
भूमि का
अधिकांश
रिकॉर्ड (खसरा, खतौनी और
निस्तार
पत्रक) जिला
प्रशासन के
पास उपलब्ध
नहीं है? यदि हाँ, तो
रिकार्ड
उपलब्ध न
होने का क्या
कारण है? (ख) क्या
शासन के
संज्ञान में
यह तथ्य है कि
रिकॉर्ड अभाव
के बावजूद
अनेक किसानों
की भूमि, जो दशकों
से उनके कब्जे
व खसरा-खतौनी
में दर्ज है, उन्हें
शासकीय बताकर
विवादित किया
जा रहा है? (ग) भू-अभिलेखों
के संरक्षण
एवं संधारण की
जिम्मेदारी
किसकी है? क्या
यह प्रशासन की
है और अभिलेख
अनुपलब्ध
होने की
स्थिति में
उसकी क्या
जवाबदेही तय
की गई है? (घ) जिले
के कितने
ग्राम
नक्शा-विहीन
हैं, उनमें
भूमि विवाद
रोकने एवं
अभिलेख
दुरुस्ती
हेतु अब तक
क्या कदम उठाए
गए हैं? नक्शा-विहीन
ग्रामों के
नक्शे तैयार
करने की समय-सीमा
क्या
निर्धारित की गई
है और यह
कार्य कब तक
पूर्ण किया
जाएगा?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) वर्तमान
में जिला
अशोकनगर में
उपलब्ध
राजस्व
अभिलेख वर्ष 1947 से 1963 के मध्य
खसरा\ निस्तार
पत्रक उपलब्ध
नहीं हैं। अशोकनगर
जिले की तहसील
अशोकनगर, ईसागढ़, शाडोरा,नईसराय की जमाबंदी
खतोनी सन 1950-51 एवं वर्ष 1951-52,
1952-53 एवं
वर्ष 1958-59
की बी 1
खतोनी एवं
तहसील
मुंगावली, चंदेरी, पिपरई, बहादुरपुर
की वर्ष 1950-51, 1952-53 एवं 1958-59 की बी 1 खतोनी
उपलब्ध हैं
शेष अभिलेख
वर्ष 1947-1963
के मध्य का
रिकॉर्ड
उपलब्ध नहीं
हैं। जिला अशोकनगर
15 अगस्त 2003 को जिला
गुना से अलग
होकर
अस्तित्व मैं
आया हैं। रिकॉर्ड
विनिष्टीकरण
की कार्यवाही
जिला अशोकनगर
के अस्तित्व
में आने के
पूर्व जिला
गुना द्वारा
की गयी हैं। (ख) नहीं, शासकीय
बताकर
विवादित नहीं
किया जा रहा
है। प्रशासन
द्वारा
नियमानुसार
कार्यवाही की
जाती हैं। (ग) हाँ, जिम्मेदारी
प्रशासन की
हैं, चूँकि
अशोकनगर जिले
का सम्पूर्ण
राजस्व
अभिलेख पूर्व
जिला गुना में
ही संधारित था
एवं पूर्व में
गुना जिले में
ही
विनिष्टीकरण
किया जा चुका हैं
जिस कारण
अभिलेख
अनुपलब्ध
होने की स्थिति
में जवाबदेही
तय नहीं की
गयी हैं। (घ) अशोकनगर
मैं 5
ग्राम नक्शा
विहीन सूची
मैं शामिल हैं
जिनके नक्शा
बनाये जाने का
कार्य जिला
स्तर पर लंबित
हैं।
नक्शा-विहीन
ग्रामों के
नक्शों में भौतिक
सत्यापन का
कार्य
प्रचलित है
शीघ्र ही पूर्ण
करा लिया
जाएगा।
पुजारियों
को मानदेय का
भुगतान
[धार्मिक
न्यास और
धर्मस्व]
73.
( क्र. 813 ) श्री भंवर
सिंह शेखावत : क्या राज्य
मंत्री, धार्मिक
न्यास और
धर्मस्व
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) इंदौर
संभाग में धर्मस्व
एवं धार्मिक
विभाग
अंतर्गत
वर्तमान में
कितने मंदिर
एवं कुल कितने
पुजारी पंजीकृत
हैं? (ख) पंजीकृत
पुजारियों को
प्रतिमाह
मानदेय के रूप
में कितनी
राशि प्रदान
की जाती है? नियम
अनुसार
निर्धारित
मानदेय राशि
का विवरण
उपलब्ध कराया
जाए। (ग) क्या
पुजारियों के
मानदेय का
भुगतान दीर्घ
अवधि से लंबित
है? यदि
हाँ, तो
भुगतान लंबित
होने के कारण
क्या हैं? कितने माह
का मानदेय
बकाया है? बकाया
मानदेय का
भुगतान कब
किया जाएगा? कृपया
स्पष्ट
समय-सीमा सहित
अवगत कराया
जाए।
राज्य
मंत्री, धार्मिक
न्यास और
धर्मस्व (
श्री
धर्मेन्द्र
भाव सिंह लोधी
) : (क) इंदौर
संभाग
अंतर्गत
वर्तमान में
कुल 2770
मंदिर एवं कुल
1256 पुजारी
पंजीकृत हैं। (ख)
जानकारी संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (ग) जी
नहीं। शेष प्रश्न
उद्भूत नहीं
होता है।
पात्र
शिक्षकों को
चतुर्थ
क्रमोन्नति का
लाभ
[स्कूल
शिक्षा]
74.
( क्र. 814 ) श्री भंवर
सिंह शेखावत : क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
माननीय
मुख्यमंत्री
महोदय, मध्यप्रदेश
शासन द्वारा दिनांक
05 सितंबर 2025 (शिक्षक
दिवस) पर यह
घोषणा की गई
थी कि 35
वर्ष की सेवा
पूर्ण करने
वाले शिक्षकों
को चतुर्थ
क्रमोन्नति
प्रदान की जाएगी? यदि हाँ, तो कृपया
शासन द्वारा
जारी
आदेश/दिशा-निर्देश
की प्रति
उपलब्ध कराई
जाए। (ख) उपरोक्त
घोषणा के
पश्चात अब तक
पात्र शिक्षकों
को चतुर्थ
क्रमोन्नति
प्रदान क्यों
नहीं की गई? देरी के
कारणों की
जानकारी
विभागवार प्रदान
की जाए। (ग) चतुर्थ
क्रमोन्नति
प्रदान करने
के संबंध में
विभाग द्वारा
अब तक क्या
कार्रवाई की
गई है? प्रस्ताव/नोटशीट/प्रक्रिया
की वर्तमान
स्थिति से
अवगत कराया
जाए। (घ) पात्र
शिक्षकों को
चतुर्थ
क्रमोन्नति
का लाभ कब तक
प्रदान किया
जाएगा? कृपया
स्पष्ट समय-सीमा
सहित अवगत
कराया जाए।
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) जी
हाँ। कार्यवाही
प्रक्रियाधीन
है। (ख) से (घ) उत्तरांश
"क" के प्रकाश
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
बण्डा
परियोजना प्रभावित
आबादी का
विस्थापन
[जल
संसाधन]
75. ( क्र. 818 ) श्री
वीरेन्द्र
सिंह लोधी : क्या
जल संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) बण्डा
परियोजना
अंतर्गत
प्रभावित/विस्थापित
ग्रामों में
बण्डा
विधानसभा के
उन ग्रामों की
सूची प्रदान
करने का कष्ट
करें जहां शत्-प्रतिशत
आबादी का
विस्थापन/मुआवजा
न होकर विस्थापन
75 प्रतिशत
से अधिक है। (ख) क्या
प्रश्नांश
(क) की सूची में
आने वाले उक्त
ग्राम की शेष
आबादी को
सुविधा एवं
रोजगार के
अभाव को दृष्टिगत
रखकर मुआवजा
देकर
विस्थापित
किया जायेगा? (ग) अगर
नहीं तो उनके
लिये रोजगार
एवं सुविधाओं
हेतु
क्या-क्या योजनाएं
करना
प्रस्तावित
है?
जल
संसाधन
मंत्री ( श्री
तुलसीराम
सिलावट ) : (क) बण्डा
सिंचाई परियोजना
अंतर्गत बण्डा
विधान सभा के
डूब प्रभावित 75 प्रतिशत
से अधिक आबादी
के विस्थापन
वाले ग्राम
उल्दन, बहरोल, पिपरिया
इल्लाई एवं किर्रोला
है। (ख) एवं (ग) वर्तमान
में कोई प्रस्ताव
विचाराधीन
नहीं है।
वन
अधिकार
पट्टाधारकों
को कब्जा
दिलाया जाना
[जनजातीय
कार्य]
76.
( क्र. 858 ) श्री फुन्देलाल
सिंह मार्को : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) पुष्पराजगढ़
विधानसभा
अंतर्गत
योजना
प्रारंभ होने
से प्रश्न दिनांक
तक कितने वन
अधिकार पट्टे
प्रदाय किये
गये? पट्टाधारकों
की नामवार, ग्रामवार
सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नकर्ता
के विधानसभा
क्षेत्र
पुष्पराजगढ़
अंतर्गत वन
विभाग द्वारा
उप खंड
पुष्पराजगढ़
में कृषि
कार्य हेतु वितरित
वन अधिकार
पत्रधारकों
को कितनी भूमि
वितरित की गई? वन अधिकार
पत्र धारक का
नाम, ग्राम
पंचायत, जाति, क्षेत्र क्रमांक
/रकवा
हेक्टेयर की
जानकारी
उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में वितरित
वनाधिकार
पत्र धारक आवंटित
कक्ष क्रमांक में
काबिज है अथवा
नहीं?
यदि प्रश्न
का उत्तर हाँ है
तो किन
अधिकारियों
के द्वारा
मौके पर जाकर वन
अधिकार
पत्रधारक को
कब्जा दिलाया
गया ? तिथि
बतायें। यदि
कब्जा नहीं
दिलाया गया तो
कब तक उन्हें कब्जा
दिला दिया
जायेगा? निश्चित
समय-सीमा
बतावें। (घ) क्या वनाधिकार
पत्रधारक को
मौके पर कब्जा
न मिलने के
कारण उन्हें
शासन द्वारा
संचालित
योजनाओं का
लाभ नहीं मिल
पा रहा है? यदि हाँ, तो कब तक
कब्जा दिलाकर
शासन की
योजनाओं का
लाभ मिलने
लगेगा? जानकारी
उपलब्ध
करावें।
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट–एक अनुसार है। (ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-दो अनुसार
है। (ग) वन
अधिकार
धारकों के
धारित भूमि के
कब्जा न होने
का कोई तथ्य
प्रकाश में
नहीं आया है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) उत्तरांश
(ग) के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
लघु
निर्माण
कार्यों हेतु
राशि का आवंटन
[स्कूल
शिक्षा]
77.
( क्र. 863 ) श्री
राजेन्द्र
भारती : क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
म.प्र. शासन
द्वारा
शासकीय स्कूलों
में लघु
निर्माण
कार्यों के
लिये राशि
आवंटित की गई
है? यदि
हाँ, तो
किन-किन जिलों
में आवंटित की
गई? कृपया
जिलेवार राशि
का विवरण
प्रदाय करें। उक्त
योजना के
अंतर्गत शासन
द्वारा
निर्माण कार्यों
हेतु क्या-क्या
प्रावधान/मापदंड
निर्धारित
किये गये हैं? कृपया
नियम-निर्देशों
की प्रतियां
प्रदाय करें। (ख)
क्या शासन द्वारा
निर्धारित
प्रक्रिया के
अंतर्गत दतिया
जिला सहित
कौन-कौन से
जिलों में
राशि का उपयोग
किया है? कृपया
जिलावार
जानकारी
प्रदाय करें। (ग)
क्या दतिया
जिले में
शिक्षा
अधिकारी
द्वारा भी
निर्धारित प्रक्रिया
का पालन किया
गया है? यदि हाँ, तो कृपया
टेंडर
प्रक्रिया की
विज्ञप्ति
तथा कितनी
कार्य
एजेंसियों (ठेका
कंपनी) ने
टेण्डर डाले
थे तथा कौन-कौन
सी कंपनियों/फर्मों
के नाम सहित
कार्यादेश
एवं अनुबंध-पत्र
की प्रतियां
उपलब्ध
करायें। (घ) क्या
दतिया जिला
शिक्षा
अधिकारी
द्वारा बगैर किसी
नियमों के
भोपाल के
ठेकेदार
अंकित राय को
निर्माण का
ठेका दिया गया
था? यदि
हाँ, तो
क्यों? उक्त
ठेकेदार
द्वारा
कितना-कितना
कार्य किया गया
है तथा उसका
मूल्यांकन
करने वाले इंजीनियर
की एम.बी. बुक
की प्रति
उपलब्ध
करायें। क्या
उक्त लघु
निर्माण
कार्य में की
गई
अनियमितताओं, भ्रष्टाचार
एवं गुणवत्ता
विहीन
कार्यों की
शिकायतें की
गई हैं? यदि हाँ, तो नियमों
का पालन न
करते हुए
दोषपूर्ण
प्रक्रिया के
विरूद्ध जिला
शिक्षा
अधिकारी के
विरूद्ध शासन
द्वारा क्या
कार्यवाही की
गई? क्या
शासन/प्रशासन
नियम
प्रक्रिया के
अंतर्गत लघु
निर्माण
कार्य
करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? कृपया
जानकारी दें।
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) जी
हाँ। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-एक पर है। शाला
की
आवश्यकतानुसार
राशि रू. 30 लाख तक
निर्माण
कार्य शाला
प्रबंधन एवं
विकास समिति
से किये जाने
का प्रावधान
है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-दो पर है।
(ख) प्रश्नाधीन
जिले में
कलेक्टर
द्वारा आदेश क्रमांक
/लेखा/भवन/2025 दतिया दिनांक
26/09/2025 के द्वारा
कार्यों की
स्वीकृति
निरस्त कर दिये
जाने के कारण
यह कार्य नहीं
हुआ है। शेष जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-एक
अनुसार है। (ग)
एवं (घ) उत्तरांश
'ख' के
प्रकाश में
शेषांश का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
फर्जी
पट्टा धारकों
के विरूद्ध
कार्यवाही
[राजस्व]
78.
( क्र. 873 ) श्रीमती
चंदा
सुरेन्द्र
सिंह गौर : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या प्रश्नकर्ता
के तारांकित
प्रश्न क्र. 1023 दिनांक 13 मार्च 2025 के उत्तर
में मान.
मंत्री महोदय
जी द्वारा आश्वस्त
किया था कि
जिन लोगों के
नाम फर्जी
पट्टा जारी
किया गया है, उनके
विरूद्ध
एफ.आई.आर. दर्ज
कराई जावेगी? इस संबंध
में अद्यतन
जानकारी है कि
अभी तक पट्टाधारियों
के खिलाफ कोई
भी कार्यवाही
क्यों नहीं
की गई है? कारण स्पष्ट
करें तथा आश्वासन
पूर्ण कब तक
कर दिया
जावेगा? (ख) क्या म.प्र. शासन, राजस्व
विभाग, मंत्रालय, भोपाल के
जारी पत्र
क्र. 804/ई.नं.2982045/2025/सात-3 भोपाल दिनांक
28/05/2025 में कलेक्टर
टीकमगढ़ को
पत्र के विषय
में एफ.आई.आर.
दर्ज किये जाने
का उल्लेख
किया जा रहा
है परंतु
तहसीलदार बल्देवगढ़
द्वारा जारी
पत्र क्र. 228/तह.वल्दे./2025 दिनांक 25/07/2025 में थाना
प्रभारी बल्देवगढ़
को विवेचना
में लिये जाने
हेतु आदेशित
क्यों किया
गया? क्या
अवर सचिव
राजस्व के
आदेश की
अवहेलना नहीं है? यदि है तो
तहसीलदार बल्देवगढ़
ने एफ.आई.आर.
दर्ज क्यों
नहीं कराई? कारण स्पष्ट
करें।
(ग) सदन में
दिये गये आश्वासनों
की पूर्ति में
फर्जी
पट्टाधारियों
के विरूद्ध कब
तक एफ.आई.आर.
दर्ज करा दी
जावेगी? समयावधि बतायें
एवं एफ.आई.आर.
कराये जाने
में विलंब
करने वाले व
विवेचना का
आदेश करने
वाले अधिकारी
के विरूद्ध
वैधानिक या
दण्डात्मक
कार्यवाही करेंगे?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) प्रश्नांश
से संबंधित न्यायालय
नायब
तहसीलदार
कुड़ीला की
दायरा पंजी
वर्ष 1984-85 में
क्रमांक 96/अ-19/84-85 पर
दायरा में
फर्जी
प्रवृष्टि
होना पाई जाती
है। जांच के
दौरान मात्र
दायरा पंजी
में फर्जी प्रवृष्टि
होने के कारण
जांच में नाम
पाये जाने पर
संबंधित कर्मचारियों
के विरूद्ध
एफ.आई.आर. क्रमांक
0046/2025 दिनांक 08.02.2025 थाना बल्देवगढ़
में पंजीबद्ध
कराई गई है। दायरा
पंजी क्रमांक 96/अ-19/84-85 पर
फर्जी दर्ज
सुरेन्द्र
सिंह तनय चूरामन
लोधी एवं
श्रीमति
भागवती पत्नी
सुरेन्द्र
सिंह लोधी के
नाम ग्राम रमपुरा
नज. हटा की
भूमि खसरा नं. 1/3 रकवा 3.228 हे. का कोई
भी पट्टा जारी
नहीं पाया जाता
है। मात्र
दायरा पंजी
में
प्रवृष्टि है।
विधानसभा प्रश्न
क्रमांक 1023 में अंकित
हितग्राहियों
के नाम
वर्तमान शासकीय
अभिलेख में अंकित
नहीं है। भूमि
शासकीय बंजर
मद में दर्ज
है। ऐसी
स्थिति में
संबंधित के
विरूद्ध
एफ.आई.आर. की
जाना उचित
नहीं है। (ख) कमिश्नर
सागर संभाग, सागर
द्वारा गठित
संयुक्त
जांच दल की
रिपोर्ट के
आधार पर
प्रकरण क्रमांक
108/बी-121/2024-25 दिनांक 20.01.2025 के अनुसार
दोषी
कर्मचारियों
के विरूद्ध
प्राथमिकी
सूचना (एफ.आई.आर.)
दर्ज कराने के
निर्देश दिये
गये थे। सुरेन्द्र
सिंह तनय
चूरामन लोधी, भागवती पत्नी
सुरेन्द्र
सिंह लोधी के संबंध
में एफ.आई.आर.
दर्ज कराने के
कोई निर्देश
प्राप्त
नहीं हुए है। जांच
प्रतिवेदन
में संबंधित
का नाम होने
के कारण जांच/विवेचना
में नाम सम्मिलित
किये जाने
हेतु थाना
प्रभारी बल्देवगढ़
को पत्र जारी
किया गया है। तहसीलदार
बल्देवगढ़
द्वारा
अवहेलना नहीं
होने से शेष प्रश्नांश
उद्भूत नहीं
होता है। (ग) वर्ष
1984-85 की दायरा
पंजी के पृष्ठ
क्रमांक 96/अ-19/84-85 दिनांक
30.09.85 अनुसार
अनुसार दर्ज
फर्जी पट्टा
के संबंध में पट्टाधारी
द्वारा दिये
गये कथन में
स्पष्ट
किया है कि
उसने कभी भी उक्त
पट्टे के लिए
कोई आवेदन
नहीं दिया और
न ही संबंधित
भूमि का पट्टा
दिया गया है
और न ही
संबंधित भूमि
का कभी उपयोग
किया है। ऐसी
स्थिति में फर्जी
पट्टाधारी के
विरूद्ध एफ.आई.आर.
दर्ज कराये
जाने का औचित्य
नहीं होने से
शेष प्रश्नांश
उद्भूत नहीं
होता है।
हाई
स्कूल का हायर
सेकेण्डरी
में उन्नयन
[स्कूल
शिक्षा]
79.
( क्र. 874 ) श्रीमती
चंदा
सुरेन्द्र
सिंह गौर : क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
खरगापुर
विधान सभा-47 के ग्राम
वैसा खास में
हाई स्कूल
संचालित हैं
और छात्र/छात्राओं
की संख्या-102 है तथा 10 कि.मी. की
दूरी पर हा.से.
स्कूल
संचालित हैं, इसलिये
छात्र/छात्राओं
की सुविधा को
दृष्टिगत
रखते हुये शा. हाई
स्कूल वैसा
खास का उन्नयन
कर हा.से. (10+2) कब तक कर
दिया जावेगा? यदि हाँ, तो
समयावधि
बतायें। यदि
नहीं तो क्यों? (ख) क्या
अहार की दूरी 10 कि.मी. से
अधिक है? बल्देवगढ़
की दूरी 10 कि.मी. से
अधिक है, खरगापुर
की दूरी 25-30 कि.मी. है
तथा प्रश्नकर्ता
द्वारा म.प्र.
विधानसभा में
याचिका क्र. 1245 के द्वारा
एवं जिला
शिक्षा
अधिकारी
टीकमगढ़ द्वारा
अपने
पत्र/योजना
उन्नयन/2025/202 अनुसार
योजना
अधिकारी लोक
शिक्षण
कार्यालय को
निर्धारित
प्रपत्र
अनुसार
जानकारी भेजी गई
है परंतु आज दिनांक
तक हाई स्कूल
वैसा खास का
उन्नयन किस
कारण से नहीं
किया जा रहा
है? हाई
स्कूल वैसा
खास का हा.से. (10+2) में उन्नयन
किये जाने के
आदेश जारी करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं
तो क्यों?
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) जी
हाँ। शालाओं
का उन्नयन बजट
उपलब्धता एवं
सक्षम स्वीकृति
पर निर्भर
करता है। समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
(ख) जी हाँ। शेषांश
उत्तरांश "क"
अनुसार।
नजूल
वृत्त गोविंदपुरा
भोपाल के खसरा
क्रमांक 04 पर अनधिकृत
अतिक्रमण
[राजस्व]
80.
( क्र. 883 ) श्री आरिफ
मसूद : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या न्यायालय
तहसीलदार
नजूल वृत्त
गोविंदपुरा
भोपाल ने अपने
आदेश क्रमांक 294/री.तह.न.गो./2025 भोपाल दिनांक
23/07/2025 को
अतिक्रमण
करने के संबंध
में राजेश, कमलेश, अभिषेक, राम बाई, राजू, सद्दाम, नगीन, इस्लाम, राम सिंह, अली, सचिन, शरीफ, रिज़वान, आरफि को
नोटिस जारी
किया था? (ख) प्रश्नांश
(क) के
परिप्रेक्ष्य
में उक्त
भूमि पर कब से
अनावेदकों ने
अतिक्रमण कर
रखा है तथा
राजस्व
विभाग द्वारा
इससे पूर्व
अतिक्रमणकारियों
को कब-कब
नोटिस जारी
किए गए थे? (ग) प्रश्नांश
(ख) के
परिप्रेक्ष्य
में खसरा क्रमांक
4 में कुल
कितने हेक्टेयर
भूमि है तथा
वर्तमान में
भूमि कि क्या
स्थिति है? यदि भूमि
का कोई हिस्सा
किसी व्यक्ति, संस्था
आदि को लीज
इत्यादि पर
दिया गया हो
तो उसकी
जानकारी
उपलब्ध
करावें। (घ) प्रश्नांश
(ग) के
परिप्रेक्ष्य
में मेसर्स
काकड़ा स्टोन
के पास कितनी
भूमि है तथा
भूमि का उपयोग
क्या है एवं
भूमि निजी स्वामित्व
या लीज की है, समस्त
जानकारी मय
दस्तावेजों सहित
उपलब्ध
करावें।
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) जी
हाँ। नोटिस
जारी किये गये
थे। (ख) जिला
व्यापार एवं
उद्योग
केन्द्र
भोपाल के पत्र
क्रमांक/जिव्याउके-भो/अद्योविक/2025/1871 भोपाल दिनांक
13/06/2025
के
संदर्भ में
अतिक्रमणकारियों
को इस कार्यालय
के पत्र क्रमांक
294/रि.तह.न.गो/2025 भोपाल दिनांक
23/07/2025
के
द्वारा जारी
नोटिस की प्रतियां
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट–अ अनुसार है। (ग) खसरा
क्रमांक 04 में कुल 3.189 हे. भूमि हैं
जिसमें से 5.54 एकड़ भूमि
मध्यप्रदेश शासन
राजस्व विभाग
के पत्र क्रमांक
6-486/सात/नजूल/95 भोपाल दिनांक
16/11/1995
के
द्वारा
मध्यप्रदेश
शासन वाणिज्य
एवं उद्योग
विभाग को जिला
उद्योग
केन्द्र हेतु
भूमि
हस्तांतरित
की गई है। शेष 2.34 एकड़ भूमि
पर अयोध्या
बाई पास रोड
स्थित हैं। (घ) मेसर्स
काकड़ा स्टोन
क्रेशर को
उद्योग विभाग द्वारा
4.00
एकड़ भूमि
लीज पर स्टोन
क्रेशर
संचालन हेतु
आवंटित की गई
थी, जिसकी
लीज डीड का
निष्पादन दिनांक
30/01/1996
को
किया गया। उक्त
लीज की अवधि दिनांक
29/01/2026
तक हैं।
तत्पश्चात
इकाई मेसर्स
काकड़ा स्टोन
क्रेशर के
आवेदन पर
कार्यालय
जिला व्यापार
एवं उद्योग
केन्द्र
भोपाल द्वारा
इकाई को
स्वामित्विक
से भागीदारी
में किये जाने
की अनुमति
कार्यालयीन
आदेश क्रमांक-1737 दिनांक 12/05/2023 से प्रदान
की गई। इकाई
की संशोधित लीज
डीड का
निष्पादन दिनांक
23/05/2023
को
किया जाकर, लीज डीड का
पंजीयन दिनांक
24/05/2023
को
करवाया गया
हैं। इकाई मेसर्स
काकड़ा स्टोन
क्रेशर की
पंजीकृत लीज
डीड की प्रति
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट–ब अनुसार। इकाई
वर्तमान में ''नान
पॉंल्यूशिंग
इण्डस्ट्री मैन्युफैक्चरिंग
एक्टिविटी
एवं ऑक्सीजन
गैस'' आदि
गतिविधि
अन्तर्गत
पंजीकृत है।
अवैध
क्लीनिक तथा
झोलाछाप डाक्टरों
पर कार्यवाही
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
81. ( क्र.
903 ) श्री
शिवनारायण
सिंह : क्या
उप मुख्यमंत्री,
लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि म.प्र. शासन
स्वास्थ्य
विभाग के आदेश
अनुसार अनूपपुर
जिला अंतर्गत
संचालित अवैध
क्लीनिक व
झोलाछाप कथित
फर्जी डॉक्टर
के विरुद्ध वर्ष
2023
से अक्टूबर 2025 तक
जांच व
कार्यवाही की
गई है। पूर्ण
विवरण
दस्तावेज
सहित जानकारी
देवें।
उप
मुख्यमंत्री,
लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : मध्यप्रदेश
शासन स्वास्थ्य
विभाग के आदेश
अनुसार
अनूपपुर जिला
अंतर्गत गैर
मान्यताधारी
व्यक्तियों
द्वारा
संचालित अवैध
क्लीनिक व
झोलाछाप कथित
फर्जी डॉक्टर
के विरूद्ध
वर्ष 2023 से अक्टूबर
2025
तक की गई जांच
व कार्यवाही
की वर्षवार जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार।
भवन
विहीन
स्कूलों की
भवन स्वीकृति
[स्कूल
शिक्षा]
82.
( क्र. 917 ) श्री
प्रदीप
अग्रवाल : क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) दतिया
जिले के
विधानसभा
क्षेत्र
सेंवढा़ में
कुल कितने
हायर सेकेण्डरी/हाई
स्कूल हैं, इनमें से
कितने-कितने
स्वयं के भवन
में एवं
कितने-कितने
एकीकृत में
विद्यालय चल
रहे हैं? स्कूलवार
सूची सहित
जानकारी
देवें। (ख) जिन
विद्यालयों
में स्वयं के
भवन नहीं है
उनके लिये
शासन की क्या कार्ययोजना
है?
क्या पूर्व
में भडौल, ऊंचिया, पचोखरा, मिहोनाजाट
आदि अन्य
ग्रामों में
स्कूल
अपग्रेड होकर
उनके भवन स्वीकृत
हुये थे जो
अभी तक
प्रकिया में
नहीं आये हैं? यदि हाँ, तो इसके
लिये कौन-कौन
जिम्मेदार है? (ग) क्या
छात्र संख्या
अधिक होने के
कारण एवं स्वयं
का भवन न होने
से छात्रों को
अध्ययन में
असुविधा हो
रही है? यदि हाँ, तो
छात्रों के
भविष्य एवं
सुविधा को
देखकर यह भवन
कब स्वीकृत
होंगे? (घ) क्या
विद्यालयों
को अपग्रेड
करने एवं
अपग्रेड एवं
भवन विहीन
विद्यालयों हेतु
भवन स्वीकृत
करने हेतु
पृथक से आदेश
करने की कृपा
करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक
स्वीकृति
होगी?
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) विद्यालय
के उन्नयन
होने के
उपरांत
विद्यार्थी
नामांकन के
आधार पर
आवश्यकतानुसार
अधोसंरचना
सुदृढ़ीकरण
कार्य बजट उपलब्धता
अनुसार
स्वीकृत किये
जाते हैं।
प्रश्नाधीन
शासकीय हाई स्कूलों
में से शासकीय
हाई स्कूल भडौल, ऊंचिया
एवं
मिहोनाजाट
में समग्र
शिक्षा अभियान
अंतर्गत सुदृढ़ीकरण
कार्य
स्वीकृत हुये
थे। भूमि के
अभाव में
शासकीय हाई
स्कूल भडौल
एवं ऊंचिया के
कार्य की
स्वीकृति
नियमानुसार
निरस्त कर दी
गई है, अतः
शेषांश का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) एवं
(घ) वर्तमान
में
विद्यालयों
के उपलब्ध
कक्षों में
अध्यापन की
व्यवस्था की
जाती है। शाला
भवनों में
आवश्यकतानुसार
अतिरिक्त अधोसंरचना
निर्माण बजट
की उपलब्धता
तथा सक्षम समिति
की स्वीकृति
पर निर्भर है, अत:
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
शासकीय
भूमि को
अतिक्रमण
मुक्त किया
जाना
[राजस्व]
83.
( क्र. 920 ) इंजीनियर
हरिबाबू राय : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) विधानसभा
प्रश्न क्र. 1648 एवं 1649 मार्च 2025 के माध्यम
से अशोकनगर
शहर से लगी
हुई ग्राम पंचायत
मोहरी राय की
शंकरपुर
मगरदा टोरिया
के चारों ओर भू-माफिया
खेती कर रहे
हैं एवं कच्चे
पक्के मकानों
का निर्माण कर
रहे हैं। इस
संबंध में अब
तक क्या
प्रशासनिक
कार्यवाही की
गई है? (ख)
प्रश्नांश
(क) वर्णित
प्रश्नों के
उत्तर में
विभाग ने 300 बीघा पर
अतिक्रमण
होना एवं 100 से अधिक
खसरों पर भू
माफियाओं का
कब्जा बताया
था परंतु अभी
तक कोई
कार्यवाही
नहीं हुई है। क्या
प्रशासन भू-माफियाओं
पर कार्यवाही
करेगा जिससे भू-माफियाओं
से करोड़ों की
भूमि को अतिक्रमण
से बचाया जा
सके। (ग) ग्राम
पंचायत मोहरी
राय के ग्राम
शंकरपुर टोरिया
से अतिक्रमण
कब तक पूर्ण
रूप से हटा
दिया जायेगा
एवं जो लोग
अभी तक
अतिक्रमण
किये हुए हैं
उनके नाम सहित
समस्त जानकारी
स्पष्ट रूप से
दें।
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) विधानसभा प्रश्न
क्रमांक 1648 एवं 1649 मार्च 2025 में ग्राम
शंकरपुर में कुल
किता 100
कुल रकवा 63.703 हे. शासकीय
भूमि राजस्व
रिकार्ड में अंकित
होना लेख किया
गया था जिसमें
से सर्वे क्र. 143/1 रकवा 2.000 हे., सर्वे क्र. 143/2 रकवा 1.000 हे., 155/1/6 रकवा 0.418 भूमि पर
अतिक्रामक
लल्लू पुत्र
इमरत सिंह
लोधी वगैरह का
अवैध
अतिक्रमण
होना बताया था
एवं सर्वे क्र.
155/1 में 14
व्यक्तियों
द्वारा
अस्थाई (झोंपड़ियां)
बनाकर कब्जा
किया जाने का
लेख किया था। उक्त
विधानसभा प्रश्न
के क्रम में तहसील
अशोकनगर
अन्तर्गत
ग्राम
शंकरपुर स्थित
शासकीय भूमि
पर से अवैध
अतिक्रमण दिनांक
26/09/2025 को हटाया
जा चुका है, जो
निम्नानुसार
है:-
|
सर्वे
क्रमांक |
अतिक्रामक |
|
143/3, 141 |
मुल्लू, संजू, पूरन
पुत्रगण
हेमन्त
लोधी |
|
155, 143/1 |
लल्लू
पुत्र
इमरतसिंह
लोधी |
|
155/1/1 |
दिलीप, विनीत
पुत्रगण
रामकिशन
शर्मा |
17
व्यक्तियों
द्वारा
अस्थाई
(झोपड़ी) बनाकर
अतिक्रमण
किया गया है, जिसके
संबंध में प्रकरण
दर्ज कर
म.प्र.भू.रा.
संहिता 1959 की धारा
248 के तहत
नियमानुसार
कार्यवाही की
जा रही है। (ख) तहसील
अशोकनगर
अन्तर्गत
ग्राम पंचायत
मोहरीराय के
ग्राम
शंकरपुर पछार
कुल किता 100 कुल
रकवा 63.703 हे.
शासकीय भूमि
राजस्व
रिकार्ड में
अंकित होना
लेख किया गया
था जिसमें से
सर्वे क्र. 143/1, 143/2, 155/1/6
भूमि पर
अतिक्रामक
लल्लू पुत्र
इमरत सिंह
लोधी वगैरह का
अवैध
अतिक्रमण
होना बताया था।
उक्त अवैध
अतिक्रमण को दिनांक
26/09/2025 को हटाया जा
चुका है एवं अन्य
अवैध
कब्जाधारियों
को नोटिस जारी
कर
नियमानुसार
कार्यवाही की
जा रही है। (ग) तहसील
अशोकनगर
अन्तर्गत
ग्राम
शंकरपुर स्थित
शासकीय भूमि
सर्वे क्रमांक
155/1/1,
170, 155/1 पर 17 व्यक्तियों
द्वारा किये
गये अस्थाई
अतिक्रमण के
विरूद्ध म.प्र.भू.रा.
संहिता 1959 की धारा
248 के तहत
प्रकरण दर्ज
कर
नियमानुसार
कार्यवाही की
जा रही है। सूची
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है।
सामुदायिक
स्वास्थ्य
केन्द्र में
रिक्त पदों की
पूर्ति एवं स्वास्थ्य
सेवाएं
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
84.
( क्र. 921 ) इंजीनियर
हरिबाबू राय : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) प्रश्नकर्ता
द्वारा
जुलाई-अगस्त 2025 में प्रश्न
क्र. 2390 के
माध्यम से नगर
परिषद्
शाढौरा
सामुदायिक
चिकित्सालय
में कितने-कितने
पद मय डॉक्टर, नर्स, अन्य स्टाफ, सफाई
कर्मचारी
सहित सभी के
कितने पद
स्वीकृत हैं तथा
वर्तमान में
कितने
कार्यरत हैं। सूचीबद्ध
विस्तार से
जानकारी
मांगी गई थी
जो कि माननीय
मंत्री जी
द्वारा इस
संबंध में स्पष्ट
तौर पर पदवार
रिक्तियां
नहीं बताई गई
हैं। कृपया
बताने की कृपा
करें। (ख) लगभग
300 ग्राम इस
सामुदायिक
चिकित्सालय
में आते है, परंतु
महिला
प्रसूति हेतु
कोई भी महिला
चिकित्सक
काफी वर्षों
से नहीं है।
क्षेत्र की
महिलाओं को
प्रसूति हेतु
गुना या
अशोकनगर तक काफी
दूर आकस्मिक
हालात में
जाना पड़ता है।
कई बार तो
रास्ते में भी
बच्चे जन्म ले
लेते हैं। क्या
विभाग तत्काल
ही महिला
चिकित्सक की
पदस्थापना करने
के आदेश करेगा? समय-सीमा
बताएं। (ग) सामुदायिक
स्वास्थ्य
केन्द्र में एम्बुलेंसों
की संख्या
बढ़ाई जाने
तथा एक
अत्याधुनिक
एम्बुलेंस
प्रदान किये
जाने एवं डायलिसिस
हेतु
अतिरिक्त
मशीन की
व्यवस्था एवं
रिक्त पदों की
पूर्ति जैसे
प्रस्तावों
पर कब तक
कार्यवाही की
जाएगी?
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) जानकारी संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) सामुदायिक
स्वास्थ्य
केन्द्र
शाढौरा में
प्रसव सुविधा
उपलब्ध है, संस्था
में प्रतिमाह
औसतन 85
प्रसव होते हैं
जो संस्था पर
पदस्थ
चिकित्सक
एवं नर्सिंग
ऑफिसर के माध्यम
से कराए जाते
हैं। गंभीर
महिलाओं को
आवश्यकता
अनुसार 15 कि.मी. दूर
स्थित जिला
चिकित्सालय
हेतु रैफर
किया जाता है।
प्रधानमंत्री
सुरक्षित
मातृत्व
अभिमान के
अंतर्गत
प्रतिमाह 09 एवं 25 तारीख को
महिला चिकित्सक
गर्भवती
महिलाओं की जाँच
हेतु शाढौरा
में जाती हैं।
रिक्त पदों
की पूर्ति
निरंतर
प्रक्रिया है, निश्िचत
समयावधि बताई
जाना संभव
नहीं है। (ग) चिकित्सा
संस्थानों
में उपकरण एवं
संसाधन
प्रदाय किया
जाना तथा रिक्त
पदों की
पूर्ति एक
निरंतर प्रक्रिया
है, निश्चित
समय-सीमा बताई
जाना संभव
नहीं है।
राजस्व
विभाग के
लम्बित
प्रकरणों का
निराकरण
[राजस्व]
85.
( क्र. 926 ) श्री मोहन
सिंह राठौर : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
भूमि/भवनों के
नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन, इन्द्राज
दुरूस्ती
करने की
समय-सीमा
निर्धारित है? यदि हाँ, तो नियम-निर्देशों
की प्रति
उपलब्ध
करायें। क्या
समय-सीमा में
निराकरण नहीं
करने पर
संबंधित
अधिकारियों के
विरूद्ध
कार्यवाही
करने के भी
निर्देश हैं? यदि हाँ, तो क्या? (ख) क्या
ग्वालियर
जिले की
भितरवार
विधानसभा क्षेत्र
की तहसीलों
में 1
जनवरी 2025 से प्रश्न
दिनांक तक प्रश्नांश
(क) में
उल्लेखित
प्रकरण
प्राप्त हुए
हैं? यदि
हाँ, तो
कितने? तहसीलवार, माहवार, ग्रामवार
एवं नामवार
जानकारी दें। (ग)
क्या प्रश्नांश
(ख) में
उल्लेखित
अवधि में
प्राप्त
प्रकरणों का निराकरण
समय-सीमा में
नहीं किया गया
है? यदि
हाँ, तो
कितने प्रकरण
लंबित है? कारण सहित
बताएं। तहसीलवार, माहवार, ग्रामवार
एवं नामवार
जानकारी दें। (घ)
क्या प्रश्नांश
(क) में
उल्लेखित
निर्देशों का
पालन समय-सीमा
में नहीं करने
पर प्रश्नांश
(ख) में
उल्लेखित
विधानसभा
क्षेत्र के
किसी अधिकारी
के विरूद्ध
कार्यवाही की
गई है? यदि
हाँ, तो
नामवार, पदवार
जानकारी दें। यदि
नहीं तो क्यों?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) जी
हाँ, समय-सीमा
निर्धारित है, अविवादित
नामांतरण 30 दिन, विवादित
नामांतरण-3 माह, अविवादित
बंटवारा-3 माह, सीमांकन-45 दिन। नियमों
की प्रति पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) विधानसभा
क्षेत्र
भितरवार की
तहसीलों के
नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन की
जानकारी निम्नानुसार
है :-
|
तहसील |
नामांतरण |
बंटवारा |
सीमांकन |
|
|
भितरवार |
3828 |
189 |
654 |
|
|
चीनोर |
1829 |
159 |
197 |
|
|
घाटीगांव |
1953 |
141 |
418 |
|
|
योग |
7610 |
489 |
1269 |
|
|
विधानसभा
क्षेत्र
भितरवार के
अंतर्गत
इंद्राज
दुरस्ती की
जानकारी :- |
||||
|
क्रमांक |
अनुविभाग
का नाम |
इंद्राज
दुरस्ती
प्रकरण |
||
|
1 |
भितरवार |
785 |
||
|
2 |
घाटीगांव |
44 |
||
|
योग
|
829 |
|||
(ग) नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन
के प्रकरणों
का निराकरण
समय-सीमा में किया
गया है। समय-सीमा
बाहर कोई
प्रकरण
लम्बित नहीं होने
से शेष
जानकारी
निरंक है। (घ) उत्तरांश
(क) एवं
(ख) अनुसार
जानकारी
निरंक है।
बांधों/तालाबों
की नहरों का
मरम्मत
कार्य
[जल संसाधन]
86.
( क्र. 932 ) श्री
दिनेश राय
मुनमुन : क्या जल
संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) विधानसभा
सिवनी के
अंतर्गत
निर्मित
खामखरेली
बांध की मुख्य
नहर का काम
किस एजेन्सी
द्वारा कराया
गया? इसकी
लागत क्या है? निर्माण
कार्य विभाग
के किस
अधिकारी की
देखरेख में
कराया गया एवं
कार्य का
भौतिक सत्यापन
किसके द्वारा
किया गया है? (ख) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में क्या
उपरोक्त नहर
का निर्माण
गुणवत्ता
विहीन है, जगह-जगह यह
नहर टूटी पड़ी
है?
यदि हाँ, तो दोषी
ठेकेदार के खिलाफ
विभाग द्वारा
अब तक क्या
कार्यवाही की
गई एवं टूटी
हुई नहर के
सुधार का
कार्य कब तक
करा लिया
जायेगा? (ग) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में क्या नहर
के ऊपर सड़क
के निर्माण का
कार्य गुणवत्ता
विहीन है? यह सड़क
चलने लायक
नहीं है? यदि हाँ, तो इस पर क्या
कार्यवाही की
जा रही है? (घ) सिवनी
विधान सभा
क्षेत्र के
अधिकतर बांध/तालाबों
की नहरें टूटी
पड़ी हैं, क्या
विभाग द्वारा
इन नहरों की
मरम्मत का
कोई प्रावधान
है? यदि
हाँ, तो
इन नहरों की
मरम्मत का
कार्य कब तक
कर लिया
जायेगा?
जल
संसाधन
मंत्री ( श्री
तुलसीराम
सिलावट ) : (क) मेसर्स
राजेश सिंह
ठाकुर रीवा
एवं मो. हमीद
कुरैशी छपारा।
कार्य की कुल
लागत रूपये 54.88 लाख थी। निर्माण
कार्य श्री
ए.के. शर्मा, तत्कालीन
कार्यपालन
यंत्री, जल संसाधन
संभाग क्र. 1 सिवनी (सेवानिवृत्त), श्री के.के.
सक्सेना, तत्कालीन
अनुविभागीय
अधिकारी, जल संसाधन
उपसंभाग, भोमा (सेवानिवृत्त)
एवं श्री
एस.आई. हुसैन, तत्कालीन
उपयंत्री (सेवानिवृत्त)
की देखरेख में
कराया गया हैं
औरं कार्य का
भौतिक
सत्यापन इन्हीं
अधिकारियों
द्वारा किया
जाना
प्रतिवेदित है।
(ख) जी नहीं, नहर 15 वर्ष
पुरानी, मिट्टी की
नहर हैं जो कि
अतिवृष्टि के
कारण कुछ स्थानों
पर आंशिक
क्षतिग्रस्त
हैं, जिसके
सुधार कार्य
की कार्यवाही
प्रचलित है
एवं सुधार
कार्य 15 दिसम्बर 2025 तक करा
लिया जाना
लक्षित है। नहर
निर्माण
कार्य में कोई
भी दोषी नहीं
हैं। शेष प्रश्न
लागू नहीं। (ग) जी
नहीं। अतिवृष्टि
के कारण सड़क
के
क्षतिग्रस्त
भाग के सुधार
कार्य कराया
जाना
प्रतिवेदित है।
(घ) कुछ
बांध/तलाब की
नहरें अत्यधिक
पुरानी
मिट्टी की
होने से अतिवृष्टि
के कारण
क्षतिग्रस्त
हो जाती हैं, इन नहरों
के मरम्मत
कार्य हेतु
विभाग द्वारा
पी.आई.एम. मद
एवं वार्षिक
रख-रखाव मद
अंतर्गत राशि
का प्रावधान
है, जिससे
प्रतिवर्ष
सिंचाई
प्रारंभ करने
के पूर्व
नहरों की मरम्मत/साफ-सफाई
का कार्य किया
जाकर सिंचाई
सुविधा
प्रदान की
जाती है। वर्तमान
में यह कार्य
प्रगतिरत है
एवं 15.11.2025
तक पूर्ण किया
जाना
प्रस्तावित
है।
विस्थापित
सिन्धी परिवारों
हेतु मुख्यमंत्री
जी की घोषणा
का क्रियान्वयन
[राजस्व]
87.
( क्र. 935 ) श्री
हेमंत
सत्यदेव
कटारे : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या दिनांक
31.03.2023 को भेल
दशहरा मैदान
भोपाल में
भारतीय सिन्धु
सभा द्वारा
आयोजित शहीद
हेमू कालानी
जन्म शताब्दी
समारोह में
तत्कालीन
मुख्यमंत्री
श्री शिवराज
सिहं चौहान
द्वारा प्रदेश
के सिन्धी
विस्थापित
परिवारों को
स्थायी
पट्टे देने, शहीद हेमू
कालानी की
मूर्ति
जबलपुर, भोपाल और
इन्दौर में
लगाने, सिन्धी
अकादमी का बजट
5 करोड
रूपये
वार्षिक करने, शहीद हेमू
कालानी, सिन्धु
सम्राट राजा
दाहिर और अमर
शहीद संत कंवर
राम की जीवनी
स्कूली
पाठ्यक्रम
में शामिल
करने, सिन्धु
यात्रा के
लिये 25
हजार रूपये का
अनुदान एवं सिन्धी
संस्कृति का
संग्रहालय
बनाने की
सार्वजनिक
घोषणा की थी? (ख) यदि
हाँ, तो
उक्त घोषणाओं
के पालन में
विभागवार अब
तक क्या-क्या
कार्यवाही की
गई? घोषणावार
जानकारी देते
हुये विस्थापित
परिवारों को
जिलेवार
वितरित किये गए
पट्टों की
संख्यात्मक
जानकारी दी
जाये। (ग) क्या
माननीय सदस्य
श्री पी.सी.
शर्मा द्वारा दिनांक
12.07.2023 को
विधानसभा में
लगाये गये
विषयांकित
विधानसभा
अतारांकित प्रश्न
क्रमांक 1081 दिनांक 12/07/2023 के उत्तर
में तत्कालीन
राजस्व
मंत्री
द्वारा
विभागों से
जानकारी
एकत्रित करने
संबंधी
जानकारी दी
गयी थी? यदि हाँ, तो पूर्ण
जानकारी
उपलब्ध
करायी जाये।
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) जी हाँ। (ख) विस्थापित
परिवारों को
जिलेवार
वितरित किये
पट्टों की
संख्यात्मक
जानकारी संलग्न
परिशिष्ट अनुसार
है। शहीद
हेमू कालानी, अमर शहीद
संत कंवर राम
की एवं राजा
दाहिर सेन को
स्कूल
शिक्षा विभाग
के पाठ्यक्रम
में सम्मिलित
कर लिया गया
है। अन्य जानकारी
संकलित की जा
रही है। (ग) जानकारी
उत्तरांश (ख)
अनुसार है
एवं अन्य जानकारी
संकलित की जा
रही है।
नहरों
का गुणवत्ता
विहीन
निर्माण
कार्य
[जल संसाधन]
88.
( क्र. 974 ) श्री
प्रहलाद लोधी
: क्या जल
संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) विधानसभा
पवई के
अंतर्गत
निर्मित
तेंदू घाट
बांध की मुख्य
नहर का काम
किस एजेंसी
द्वारा कराया
गया? इसकी
लागत क्या थी? निर्माण
कार्य विभाग
के किस
अधिकारी की देखरेख
में कराया गया
एवं कार्य का
भौतिक
सत्यापन
किसके द्वारा
किया गया? (ख) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में क्या
उपरोक्त नहर
का निर्माण गुणवत्ता
विहीन है? जगह-जगह यह
नहर टूटी पड़ी
है, यदि
हाँ, तो
दोषी ठेकेदार
के खिलाफ
विभाग द्वारा
अब तक क्या
कार्रवाई की
गई एवं टूटी
हुई नहर की
सुधार का
कार्य कब तक
करा लिया जाएगा? (ग) पवई
विधानसभा के
अधिकतर बांध/तालाबों
की नहरें टूटी
पड़ी है, क्या
विभाग द्वारा
इन नहरों की
मरम्मत का कोई
प्रावधान है? यदि हाँ, तो इन
नहरों की
मरम्मत का
कार्य कब तक
कर लिया जाएगा? (घ) पवई
विधानसभा के
अंतर्गत
भीतरी
मुटमुरू बांध
जो कि बनने से
पहले ही टूट
गया था, विभाग
द्वारा
भविष्य में इस
बांध के
निर्माण हेतु
क्या कोई
प्रयास किया
जा रहे हैं? यदि नहीं
तो क्यों नहीं जबकि
करोड़ों की
लागत इस बांध
में पहले ही
लग चुकी है।
जल
संसाधन
मंत्री ( श्री
तुलसीराम
सिलावट ) : (क) पवई मध्यम
सिंचाई
परियोजना (तेदूंघाट
बांध) की मुख्य
नहर का
निर्माण
कार्य मोन्टे
कार्लो
लिमिटेड
हैदराबाद
द्वारा 2019 में कराया
गया था। उक्त
कार्य की
अनुबंधित
राशि रू. 7420.54 लाख थी। उक्त
कार्य
कार्यपालन
यंत्री, अनुविभागीय
अधिकारी, उपयंत्री
व सहायक
अनुसंधान
अधिकारी गुण नियंत्रण
इकाई की
देखरेख में
कराया गया तथा
भौतिक सत्यापन
कार्यपालन
यंत्री एवं
अनुविभागीय
अधिकारी
द्वारा किया
गया। (ख) जी
नहीं, जी हाँ, नहर
वर्तमान में
कुछ स्थानों
पर
क्षतिग्रस्त
है परन्तु
ठेकेदार की
दोष दायित्व
अवधि के पूर्ण
होने के
उपरांत क्षति
होने के कारण
एजेंसी पर कोई
कार्यवाही
नहीं की जाना
प्रतिवेदित
है। उक्त नहर
के सुधार एवं
मरम्मत
कार्य की
निविदा
आमंत्रण
उपरांत
एजेंसी निर्धारित
कर अनुबंध
संपादित किया
जा चुका है। सुधार
कार्य प्रगति
पर है तथा दिनांक
30.06.2026 तक कार्य
पूर्ण किया
जाना लक्षित
है। (ग) जी हाँ, नहरों की
मरम्मत एवं
पक्की किये
जाने (लाइनिंग
कार्य) का
प्रस्ताव
तैयार कर आर.आर.आर.
मद में प्रस्तावित
किया गया है। भारत
सरकार से स्वीकृति
प्राप्त
होने के पश्चात
कार्य कराया
जा सकेगा। निश्चित
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
(घ) विभाग
द्वारा भीतरी
मुटमुरू
योजना के
पुर्ननिर्माण
हेतु
पुनरीक्षित
प्रशासकीय स्वीकृति
प्रकरण तैयार
किया गया है
जिसकी प्रति
हेक्टेयर
लागत
निर्धारित
माददण्डों
से अत्याधिक
होने के कारण
वर्तमान में
भीतरी मुटमुरू
योजना के 1900 हे. कमांड
क्षेत्र को
केन बेतवा
लिंक
परियोजना के
अंतर्गत पतने
(हडा) बांध
परियोजना में
प्रस्तावित
किया गया है।
सहायक
संचालकों को
उच्च पद पर
प्रभार दिया
जाना
[स्कूल
शिक्षा]
89.
( क्र. 979 ) श्री
ठाकुर दास
नागवंशी : क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
स्कूल
शिक्षा विभाग
में वर्ष 2025-26 में विभाग
में उप संचालक
और उनसे वरिष्ठ
सभी पदों में
से किसके
कितने पद रिक्त
हैं? (ख) क्या वाणिज्यिक-कर
विभाग के आदेश
क्रमांक एफ/1/141/0053/2025-सेक्सन-2-05 (सिटी) भोपाल
दिनांक 24/10/2025 से उच्च
पद पर प्रभार
देकर आबकारी
विभाग में
अधिकारी पदस्थ
किये गये हैं? यदि हाँ, तो बतायें।
(ग) संयुक्त
संचालक (जे.डी.) के
दिसम्बर 2025 की स्थिति
में कुल स्वीकृत
पद कितने हैं, उनमें
कितने मूल पद
के अधिकारी (जो
अपर संचालक
नहीं है) व
कितने उच्च
पद प्रभार से
कार्यरत हैं? इसके बाद
वास्तविक
रूप से जे.डी.
के कितने पद
रिक्त हैं? (घ) क्या
विभाग में दस
वर्ष अनुभवी
प्राचार्यों
को सहायक
संचालक का एवं
उप संचालक का
उच्च पद प्रभार
पूर्व में एक
साथ दिया गया
है। उसी
तरह 10
वर्ष अनुभवी
सहायक
संचालकों को
जे.डी. के उच्च
पद का प्रभार वाणिज्यिक-कर/आबकारी
विभाग की
भांति ही दिया
जावेगा। क्या
प्रति 06 माह में
नियमानुसार
अब डी.पी.सी.
आयोजित करायी
जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-एक
अनुसार है। (ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) 34 पद
स्वीकृत है। 05 नियमित
सयुक्त
संचालक
कार्यरत हैं।
अत: 29 पद
रिक्त हैं। 05 नियमित
संयुक्त
संचालक में से
03 उच्च पद
प्रभार में
अपर संचालक के
पद पर कार्यरत
हैं। 11 उप
संचालक उच्च
पद प्रभार में
संयुक्त
संचालक के पद
पर कार्यरत
हैं। (घ) उच्च
पद प्रभार एक
साथ नहीं दिया
गया है, पृथक-पृथक
आदेशों के
माध्यम से
दिया गया है। वर्तमान
में ऐसा कोई
प्रस्ताव
नहीं है। यह
एक सतत्
प्रक्रिया है।
समय-सीमा बताया
जाना संभव
नहीं है।
राजघाट
बांध के समीप
पर्यटन स्थल
की स्थापना
[पर्यटन]
90.
( क्र. 994 ) श्री
शैलेन्द्र
कुमार जैन : क्या राज्य
मंत्री, पर्यटन
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
सागर नगर की जल
प्रदाय
योजनांतर्गत
राजघाट बांध
के समीप ग्राम
सलैयागाजी
में पर्यटन
स्थल की
स्थापना किये
जाने की कोई
कार्यवाही
प्रचलन में है
एवं इस हेतु
निविदा जारी
की गई है? (ख) यदि
हाँ, तो
निविदा कितनी
राशि की है
तथा इसमें
कौन-कौन से
कार्य कराये
जाना
प्रावधानित
है? (ग) प्रश्नांश
(क) वर्णित
योजनांतर्गत
कार्य
प्रारंभ कर
दिये गये है? यदि नहीं
तो कब तक
कार्य
प्रारंभ कर
पूर्ण किये जावेंगे? समय-सीमा
बतायें एवं
प्रश्न दिनांक
तक की गई
कार्यवाही से
अवगत करायें।
राज्य
मंत्री, पर्यटन (
श्री
धर्मेन्द्र
भाव सिंह लोधी
) : (क) जी
नहीं। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख) जानकारी
उत्तरांश ''क'' अनुसार।
(ग) जानकारी उत्तरांश
''ख'' अनुसार।
शासकीय
विद्यालयों
के जर्जर
भवनों की
मरम्मत
[स्कूल
शिक्षा]
91.
( क्र. 995 ) श्री
शैलेन्द्र
कुमार जैन : क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) सागर
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत कुल
कितने प्राथमिक, माध्यमिक
एवं उच्चतर
माध्यमिक
विद्यालय संचालित
हैं तथा इनमें
कितने भवन
जर्जर एवं जीर्ण-शीर्ण
अवस्था हैं? विद्यालय
के नाम सहित
जानकारी
उपलब्ध करायें।
(ख) क्या शासन
स्तर पर इन
जर्जर एवं जीर्ण-शीर्ण
भवनों की
मरम्मत कराये
जाने की कोई
कार्यवाही
प्रचलन में है? यदि हाँ, तो कब तक
इनका मरम्मत
कार्य करा
दिया जायेगा? यदि नहीं
तो क्या शासन
इनकी मरम्मत
कराये जाने की
कोई व्यवस्था
करेगा तथा कब
तक? (ग) क्या प्रश्नांश
(क) वर्णित कुछ
भवन बाउंड्रीवॉल
विहीन एवं
मूलभूत
सुविधाओं से
रहित है? यदि हाँ, तो ऐसे
कितने
विद्यालय हैं
एवं इस हेतु
शासन स्तर पर
क्या
कार्यवाही
प्रचलन में है? विवरण
सहित बतायें।
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) सागर
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत 51 शासकीय
प्राथमिक, 31 शासकीय
माध्यमिक शालाएं, 07 हाई स्कूल
एवं 07
हायर सेकेण्डरी
विद्यालय
संचालित है। जर्जर
एवं जीर्ण-शीर्ण
प्राथमिक एवं
माध्यमिक
विद्यालयों की
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट "अ"
पर है। कोई भी
हाई स्कूल एवं
हायर सेकेण्डरी
विद्यालय
जर्जर एवं जीर्ण-शीर्ण
अवस्था में
नहीं है। (ख) जर्जर
एवं जीर्ण-शीर्ण
भवनों की मरम्मत
की स्वीकृति, बजट की
उपलब्धता पर
निर्भर करेगा।
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
(ग) सागर
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत
शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक/हाई
स्कूल/हायर
सेकेण्डरी
शालाओं में
मूलभूत
सुविधायें
उपलब्ध हैं।
बाउण्ड्रीवॉल
विहीन शालाओं की
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट "ब"
पर है। बजट की
उपलब्धता एवं
आवश्यकताओं
के आधार पर कार्य
किया जाता है।
शासकीय
विद्यालय
हिनौती में व्याप्त
अव्यवस्थाएं
[स्कूल
शिक्षा]
92.
( क्र. 1016 ) डॉ. राजेन्द्र
कुमार सिंह : क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) शासकीय
उच्चतर माध्यमिक
विद्यालय
हिनौती
विकासखंड
रामनगर जिला
मैहर में
कक्षा 01 से 12 तक अध्यायन
हेतु कितने
शैक्षणिक व
गैर शैक्षणिक
पद स्वीकृत
हैं? स्वीकृत
पदों के
विरूद्ध पदस्थ
अमले व रिक्त
पदों की
जानकारी दें। (ख)
प्रश्नांश
(क) उल्लेखित विद्यालय
में कितने
अतिथि शिक्षक
पदस्थ हैं? नियमित
शिक्षकों की
पदस्थापना न
किये जाने के
क्या कारण
हैं? कब
तक नियमित स्टाफ
की पदस्थापना
की जावेगी? (ग) प्रश्नांश
(क) उल्लेखित
विद्यालय में
स्कूल भवन, खेल मैदान, परिसर, कक्षाओं, शौचालय, किचिन शेड
की दुर्दशा के
क्या कारण
हैं? विभाग
द्वारा इन व्यवस्थाओं
के सुधार हेतु
क्या प्रयास
किये गये हैं? विवरण दें
व बतावें कि
कब तक व्यवस्थायें
समुचित रूप से
सुनिश्चित की
जावेंगी? क्या
विद्यालय
हेतु नवीन भवन
स्वीकृत
किया जायेगा? (घ) विद्यालय
में पेयजल व
विद्युत व्यवस्था
सुधारने हेतु
क्या
कार्यवाही कब
तक की जावेगी?
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) कुल
13 अतिथि
शिक्षक
कार्यरत हैं। शिक्षकों
की पदस्थापना
एक सतत्
प्रक्रिया
है। शेषांश
उद्भूत नहीं
होता है। (ग) प्रश्नाधीन
विद्यालय में
स्कूल भवन, खेल मैदान, परिसर, कक्षाएं, शौचालय
किचिन शेड आदि
उपयोगी
अवस्था में है।
विभाग द्वारा
समय-समय पर
आवश्यकता
अनुसार अनुरक्षण
कार्य किये
जाते हैं। आवश्यकता
अनुसार नवीन
भवन, बजट
की उपलब्धता
तथा सक्षम
समिति की
स्वीकृति पर
निर्भर है। (घ) प्रश्नाधीन
व्यवस्थायें
विद्यालय में
सुचारू रूप से
संचालित है। अतः
शेषांश
उद्भूत नहीं
होता है।
बेनामी
रूप से जमीन
की खरीदी
[राजस्व]
93.
( क्र. 1017 ) डॉ.
हिरालाल
अलावा : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) कटनी
जिले के गरीब
आदिवासी – नत्थू कोल
पिता - राममिलन
निवासी
ग्राम-गोइन्द्रा
तहसील विजयराघवगढ़, जिला-कटनी, प्रह्लाद
कोल पिता - स्व.
पद्दू कोल
निवासी पाठक
वार्ड
जिला-कटनी, राकेश सिंह
गौंड
पिता-मोलई
निवासी
ग्राम-बरमानी
तहसील-बरही
जिला-कटनी, रघुराज
सिंह गौंड
पिता-श्यामलाल
सिंह गौंड निवासी
ग्राम-सुतरी
तहसील-बरही
जिला-कटनी को
किसने मोहरा
बनाकर कालेधन
से इन गरीब
आदिवासियों
के नाम डिंडौरी, जबलपुर, सिवनी, कटनी, उमरिया
जिलों में
लगभग 1135 एकड़
जमीन (बेनामी
संपत्ति) खरीदी? इस संबंध
में
दिव्यांशू
मिश्रा अंशू
के शिकायत पर
संज्ञान लेकर
राष्ट्रीय
अनुसूचित
जनजाति आयोग
नई दिल्ली
द्वारा डिंडौरी, जबलपुर, सिवनी, कटनी, उमरिया के
कलेक्टर द्वारा
जारी नोटिस दिनांक
-15/09/2025 के संबंध
में प्रश्न
दिनांक तक
कलेक्टर ने
क्या
कार्यवाही की? (ख) प्रश्नांश
(क) के आदिवासियों
को किसने कब से
कहाँ छुपाकर
रखा है? ये अभी कहाँ
हैं? कलेक्टर
एवं जांच
अधिकारी ने इनके
पिछले 25 वर्षों के
बैंक खातों की
जानकारी
क्यों
एकत्रित नहीं की
है? प्रकरण
में अब तक ठोस
कार्यवाही
नहीं करने बाबत्
कौन-कौन दोषी
हैं? (ग) प्रश्नांश
(क) की जमीन खरीदी
मध्यप्रदेश
कृषिक जोत
उच्चतम सीमा
अधिनियम-1960 का
उल्लंघन है? (घ) पेसा
अधिनियम-1996 द्वारा
नोटिफाइड डिंडौरी
जिले में बैगा
आदिवासियों
की लगभग 800 एकड़ जमीन
पेसा अधिनियम
उल्लंघन कर
कैसे क्रय की? कौन-कौन
दोषी है? (ङ) जिला
सिवनी के
प्रतिबंधित
कोर एरिया
पेंच टाइगर
रिजर्व में
राकेश सिंह
गौड़ एवं
नत्थू कोल के
नाम 31 एकड़
जमीन क्रय कर
नियम विरूद्ध
निर्माणाधीन
रिसॉर्ट
मामले में अब तक
क्या
कार्यवाही की
गई? कौन-कौन
दोषी हैं?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) जिला
डिण्डौरी :- दिव्यांश
मिश्रा (अंशू) की
शिकायत पर
संज्ञान में
लेकर माननीय
राष्ट्रीय
जनजाति आयोग
नई दिल्ली के
द्वारा कलेक्टर
डिण्डौरी को
जारी नोटिस
जारी दिनांक 15.09.2025 के संबंध
में विस्तृत जाँच
प्रतिवेदन
कार्यालयीन
पत्र क्रमांक/
1150/प्रवा1/शिकायत
जांच/रा.अं.जन.
आयोग/2025/बजाग, दिनांक 23.09.2025 को
प्रेषित किया
गया है। जिला
उमरिया :- जिला
उमरिया के
संबंध में
राष्ट्रीय
अनुसूचित
जनजाति आयोग
के नोटिस दिनांक
15/09/2025
के
परिपालन में
जांच कर पत्र क्रमांक
I/561598/2025/शिकायत/2025 उमरिया दिनांक
23/10/2025
द्वारा
श्री चेतन
कुमार शर्मा
अनुसंधान
अधिकारी राष्ट्रीय
अनुसूचित
जनजाति आयोग 6th
Floor ‘B’ Wing Lok Nayak Bhawan, न्यू
दिल्ली को
प्रतिवेदन
प्रेषित किया
गया है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट
अनुसार। जिला
कटनी :- प्रश्न
में उल्लेखित
04
आदिवासियों
क्रमश: 1- राकेश
सिंह गौंड पिता
श्री मोलई, निवासी
ग्राम बरमानी
को पत्र क्रमांक
12728
दि/14-10-2025, 2-
श्री
रघुराज सिंह
गौंड पिता श्यामलाल
गौंड, निवासी
मकान नम्बर 173 वार्ड नं. 07 ग्राम
सुतरी तहसील
बरही जिला
कटनी को पत्र क्रमांक
: 12723
कटनी
दि. 14-10-2025, 3- श्री
नत्थू कोल
पिता श्री राम
मिलन कोल, निवासी
वार्ड नम्बर 22 ग्राम
गोइन्द्रा
तहसील विजयराघवगढ़
जिला कटनी
पत्र क्रमांक :
12725
कटनी
दि. 14-10-2025 के
द्वारा 4- श्री
प्रहलाद कोल
पिता पद्दू
कोल निवासी
वार्ड क्रमांक
30 छकोडीलाल
पाठक वार्ड
कटनी पत्र क्रमांक
: 12729
कटनी दिनांक
: 14-10-2025
के
द्वारा
कार्यालय
कलेक्टर
जिला कटनी में
उपस्थित होकर
उनके आर्थिक
एवं स्वामित्व
की भूमि के
संदर्भ में
अपने कथन
प्रस्तुत
करने हेतु दिनांक
: 16-10-2025
को
प्रात: 11.00 बजे
कार्यालय
कलेक्टर के
कक्ष क्रमांक 35 में
उपस्थित होने
हेतु नोटिस
जारी किया गया
जिसके
परिप्रेक्ष्य
में संबंधित
तहसीलदार
बरही एवं विजयराघवगढ़
एवं कटनी के
द्वारा
तामीली हेतु
प्रेषित किये
गये। तामीली
प्रक्रिया
में तहसील
कर्मचारी के
द्वारा
अनावेदकों के
निवास पर
उपस्थित हुये।
उपरोक्त
आदिवासी अपने
निवास स्थान
पर उपस्थित
नहीं पाये गये
तथा उनके
परिवार के
सदस्यों के
द्वारा नोटिस
लेने से इनकार
करने पर नोटिस
चस्पा तामील
कराते हुये
उनके परिवार
के सदस्यों
को संबंधित व्यक्तियों
को सुनवाई
हेतु नियत दिनांक
को उपस्थित
होने हेतु
निर्देशित
किया गया। नियत
दिनांक पर कोई
भी अनावेदक
अपने कथन अंकित
कराने हेतु
उपस्थित नहीं
हुये। तदानुसार
साक्ष्य के
आभाव में इस
कार्यालय
द्वारा
कार्यवाही नहीं
की जा सकी।
जिला सिवनी :- राष्ट्रीय
अनुसूचित
जनजाति आयोग
नई दिल्ली द्वारा
कलेक्टर
सिवनी को जारी
नोटिस दिनांक 15/09/2025 के संबंध
में कार्यालय
कलेक्टर
जिला सिवनी के
पत्र क्रमांक/4747/शिकायत/2025, दिनांक 24/09/2025 के माध्यम
से
अनुविभागीय
अधिकारी (रा.) कुरई को
जांच हेतु
पत्र जारी
किया गया है।
जिला जबलपुर :- जबलपुर
जिले अंतर्गत
आदिम जनजाति
सदस्य 1- नत्थू कोल
पिता- राम मिलन
2-
प्रह्लाद
कोल पिता - स्व.
पद्दू कोल 3- राकेश सिंह
गौंड
पिता-मोलई गौंड
को न्यायालय
कलेक्टर
जबलपुर से
भूमि विक्रय
की दी गई
अनुमति की
जानकारी जबलपुर
क्र. 1017 पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट
अनुसार। रघुराज
सिंह गौंड
पिता -
श्यामलाल
सिंह गौंड के
नाम से भूमि
विक्रय की
अनुमति
संबंधी
जानकारी निरंक
है। दिव्यांशू
मिश्रा अंशू
की शिकायत के
संबंध में
अनुविभागीय
अधिकारी (रा.) सिहोरा
को जांच
अधिकारी
नियुक्त
किया गया है। (ख)
कार्यालय
पुलिस
अधीक्षक कटनी
के पत्र क्रमांक/पु.अ./कटनी/ओएम/शीतकालीन
(सप्तम) सत्र/तारां/13-ए/25 कटनी
दिनांक : 20-11-2025 के द्वारा
जानकारी
प्रस्तुत की
गई है जिसके
अनुसार प्रश्नांश
(क) में उल्लेखित
आदिवासियों
के
परिवारजनों
के द्वारा वर्तमान
दिनांक तक
किसी भी
प्रकार की
शिकायत/सूचना/गुमशुदगी
दर्ज नहीं
कराई गई है। शिकायतकर्ता
श्री दिव्यांशू
मिश्रा अंशू
द्वारा दी गई
शिकायत पत्र में
लगाये गये
आरोप का संबंध
PMLA
एक्ट
से है जो
पुलिस अधिकार
क्षेत्र में
नहीं है। (ग) प्रश्नांश
(क) अनुसार
संबंधितों के
नियत तिथि को
उपस्थित न होने
के कारण उनके
परिवार एवं
भूमि संबंधी
अन्य
जानकारी
जानकारी
प्राप्त
नहीं की जा
सकी। वर्तमान
में जांच
प्रक्रियाधीन
है। (घ) पेसा
अधिनियम-1996 लागू दिनांक
15
नवम्बर
2022
के पश्चात
बैगा आदिवासी
से प्रश्नांश
(क) में अंकित
व्यक्तियों
के द्वारा कुल
28.82
हेक्टयर
भूमि आज दिनांक
तक पंजीकृत
विक्रय पत्र
अनुसार क्रय
की गई है (ड.) जिला
सिवनी के
प्रतिबंधित
कोर एरिया
पेंच टाइगर
रिजर्व में
राकेश सिंह
गौंड एवं
नत्थू कोल के
नाम 31 एकड़
जमीन क्रय कर
नियम विरूद्ध
निर्माणाधीन
रिसॉर्ट
मामले में कार्यालय
अनुविभागीय
अधिकारी (रा.) कुरई के
पत्र क्रमांक/992/2रीडर/2025, दिनांक 10/10/2025 के द्वारा
जांच दल गठित
किया गया है, जिसमें
जांच
कार्यवाही प्रचलित
है।
अर्बन
सीलिंग एक्ट
अंतर्गत अधिग्रहीत
भूमि
[राजस्व]
94.
( क्र. 1036 ) श्री
दिनेश जैन बोस
: क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) तारांकित
प्रश्न क्रमांक
2937 दिनांक 06/08/2025 के
परिप्रेक्ष्य
में अर्बन सीलिंग
एक्ट अंतर्गत ग्राम
मिसरोद तह.
कोलार
अंतर्गत अधिग्रहीत
भूमि सर्वे क्रमांक
14,
15, 16, 17, 20, 23/4/1
रकबा 1.170
हे. खसरा नंबर 14, 15, 10, 17,
20, 23/4/2 रकबा 0.214 हे. भूमि को
किसके आदेश से
कब किसके
द्वारा किस
नियम के तहत निजी
स्वामित्व के
रूप में दर्ज
की गई है? क्या उक्त
सर्वे नंबर
वर्तमान में निजी
कंपनियों के
नाम से दर्ज
है? आदेश
की प्रतियां
सहित
सम्पूर्ण
विवरण देवें। (ख) क्या
अर्बन सीलिंग
एक्ट अंतर्गत प्रश्नांश
(क) वर्णित अधिग्रहीत
उक्त भूमि में
नियम विरूद्ध
कार्य किया
गया है? यदि हाँ, तो इसके
लिए कौन
जिम्मेदार है? क्या
जिम्मेदारों
पर कोई
कार्यवाही की
जाएगी? (ग) क्या अर्बन सीलिंग
एक्ट अंतर्गत अधिग्रहीत
भूमि का उपयोग
केवल
सार्वजनिक
उद्देश्यों और कम आय
वर्ग के लोगों
के लिए आवास
परियोजनाओं
के लिए किया
जाना था, किन्तु
वर्तमान में
उक्त भूमि
निजी कंपनियों/व्यक्तियों
के नाम से
दर्ज है? इसके क्या
कारण है?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) भूमि
राजस्व
अभिलेख में
वर्ष 2006 तक
निजी
स्वामित्व
में दर्ज थी। जी
हाँ, अर्बन
सीलिंग एक्ट
अन्तर्गत
उक्त भूमि के
सर्वे नंबरों
को समक्ष
प्राधिकारी
नगर भूमि सीमा
के प्रकरण क्रमांक
9/89 आदेश दिनांक
16.04.1987 द्वारा
अतिशेष घोषित
की गई थी तथा माननीय
उच्च
न्यायालय
जबलपुर के रिट
याचिका क्रमांक
3454/91 आदेश
पारित दिनांक 26.06.1992 के आधार पर
अभिलेख
दुरुस्त हेतु
न्यायालय अपर
कलेक्टर जिला
भोपाल के
प्रकरण क्रमांक
46/अ-6-अ/2005-06 आदेश पारित
दिनांक 02.08.2006 एवं
कार्यालय अपर
कलेक्टर जिला
भोपाल आदेश पत्र
क्रमांक 959/अ.क./2006 भोपाल दिनांक
02.08.2006 के पालन
में रिकार्ड
दुरुस्त कर
राजस्व अभिलेख
में अर्बन
सीलिंग म.प्र.
शासन शासकीय
दर्ज किया गया।
आदेश की प्रति
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट अनुसार।
(ख) अर्बन
सीलिंग एक्ट
के निरस्त
होने के
पश्चात वर्ष 2006 में
अवैधानिक
तरीके से उक्त
भूमियों का
अधिग्रहण म.प्र.
शासन के रूप
में नहीं किया
गया है। वर्तमान
राजस्व
अभिलेख में
उक्त खसरा नंब
अर्बन सीलिंग म.प्र.
शासन शासकीय
दर्ज है। उक्त
खसरा नंबर
निजी स्वामित्व
के रूप में
दर्ज नहीं किये
जाने से शेष प्रश्नांश
उद्भूत नहीं
होता है। (ग) अर्बन
सीलिंग एक्ट
का उद्देश्य
शहरी संपत्ति
के संकेन्द्रण
को रोकना, शहरी भूमि
का आसमाजीकरण
करना एवं
व्यवस्थित
शहरीकरण करना
था। शेष
उत्तरांश "क"
एवं "ख"
अनुसार।
सिंचाई
हेतु संचालित
योजनाओं की
जानकारी
[जल संसाधन]
95.
( क्र. 1037 ) श्री मधु
भगत : क्या
जल संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) प्रश्नकर्ता
के विधानसभा
क्षेत्रान्तर्गत
कुल कितने
बांध, जलाशय, तालाब सिंचाई
हेतु कब से
निर्मित हैं
तथा कितने
निर्माण
कार्य प्रगतिरत
है? विगत
5 वर्षों में
स्वीकृत
कार्यों की
प्रशासकीय
स्वीकृति
सहित जारी
किये गए।
निविदा
प्रक्रिया के
समस्त
दस्तावेज
उपलब्ध करावें। (ख) उपरोक्त
कार्यों में
से कितने
कार्य पूर्ण
हैं,
कितने अपूर्ण
हैं? कितने
कार्य
प्रगतिरत हैं
तथा स्वीकृति
के पश्चात भी
निविदा की
प्रक्रिया
नहीं होने
वाले कार्यों
की जानकारी
उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश
(क) में
उल्लेखित
कार्यों में से
किन-किन
कार्यों हेतु
किस-किस कार्य
एजेंसी को
कितना-कितना
भुगतान किस
माध्यम से
किया गया? विवरण
कालमवार
प्रदाय करें। (घ) क्या
कार्यों की
प्रशासकीय
स्वीकृति
प्राप्त होने
के पश्चात भी कार्य
प्रारंभ नहीं किया
गया? पैताड़नाला, सातनारी, चनई, बंजारी
जलाशय, टूटी बांध लाइनिंग
कार्य आदि के
कार्यों की
प्रगति का
प्रथक से
विवरण देवें
एवं कौन से
कार्य कितने
प्रतिशत
पूर्ण है एवं भुगतान
की स्थिति से
अवगत करावें।
जल
संसाधन
मंत्री ( श्री
तुलसीराम
सिलावट ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-"अ"
एवं "ब"
अनुसार है। विगत 05 वर्षों
में स्वीकृत
कार्यों की
प्रशासकीय स्वीकृति
सहित निविदा
प्रक्रिया के दस्तावेज
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-"1" एवं "2" अनुसार है।
(ख) पूर्ण
कार्यों की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-"अ" में
एवं अपूर्ण
तथा प्रगतिरत
कार्यों की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के प्रपत्र-"ब"
अनुसार है। निविदा
से संबंधित जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-"स"
अनुसार है। (ग) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-"ब"
अनुसार है। (घ) प्रशासकीय
स्वीकृति
प्राप्त होने
के पश्चात
बगलीपाठ
माइक्रो
सिंचाई
परियोजना की
द्वितीय
निविदा
आमंत्रित की
जा चुकी है, जिसका विवरण
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-"स"
अनुसार है। पैताड़नाला
जलाशय एवं चनई
जलाशय, सातनारी, बंजारी
जलाशय तथा
टूटी बांध लाइनिंग
कार्य की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-"द"
अनुसार है।
गुरुजी
भर्ती
प्रक्रिया
में
अनियमितता
[स्कूल
शिक्षा]
96.
( क्र. 1038 ) श्री मधु
भगत : क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) जिला
परियोना
समन्वयक जिला
शिक्षा
केन्द्र बालाघाट
में गुरूजी (अनुदेशक)
के भर्ती
प्रक्रिया को
शासन के नियम
अनुसार न कराकर
DPC
बालाघाट
द्वारा
मनमर्जी से
गुरूजी भर्ती
का कार्य किया
गया है, क्या DPC को नियुक्ति
के अधिकार है? इनके
द्वारा किए गए
अनुदेशक
भर्ती
काउन्सलिंग
प्रक्रिया
किस दिनांक को
कराई गई एवं
जनजाति कार्य
विभाग
बालाघाट एवं
जिला शिक्षा
अधिकारी
बालाघाट से
रिक्त पदों की
NOC
ली गई
समस्त
दस्तावेज
उपलब्ध करावें। क्या
भर्ती
प्रक्रिया
में
दस्तावेजों
का परिक्षण
किया गया? यदि हाँ, तो
परीक्षण
अधिकारियों
की समस्त
जानकारी उपलब्ध
करावें। (ख) गुरुजी
भर्ती
प्रक्रिया के
राज्य शिक्षा
केंद्र के
नियम निर्देश
की प्रति
उपलब्ध करावें
एवं गुरुजी (अनुदेशकों)
के नियुक्ति
आदेश एवं
कितनों की
नियुक्ति जिले
में कहाँ-कहाँ
की गई? सूची
उपलब्ध करावें। शिक्षा
विभाग द्वारा
दिये गये
निर्देशों के
परिपालन में
योग्यता
अनुसार
छानबीन समिति
द्वारा
पात्र-अपात्र
की मेरिट सूची
प्रकाशित की
गई या नहीं
तथा दावा आपत्ति
की विभाग
द्वारा की गई
प्रक्रिया के
समस्त
दस्तावेज
उपलब्ध करावें। साथ ही
नियुक्त किए
गए (अनुदेशकों)
के मूल निवासी
व्यापम की
मार्कशीट
अनुभव प्रमाण-पत्र
पूर्व में
किये गये
गुरुजी के
नियुक्ति के
आदेश की प्रति
उपलब्ध करावें
एवं भर्ती
प्रक्रिया
नियम में जिले
के बाहर के
अभ्यर्थियों
को नियुक्ति
किए जाने के
शासन के नियम
हैं? यदि
हाँ, तो
नियम-निर्देश
की प्रति
उपलब्ध करावें।
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) वर्तमान
में गुरूजी (अनुदेशक)
की भर्ती का
प्रावधान
नहीं है। शेषांश
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख) वर्तमान
में गुरुजी
भर्ती
प्रक्रिया का
प्रावधान
नहीं होने के
कारण राज्य
स्तर से इस
संबंध में कोई
निर्देश जारी
नहीं किये गये।
अतः शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
MY अस्पताल
इंदौर में
चूहे के काटने
से हुई दो
बच्चों की मौत
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
97.
( क्र. 1052 ) श्री
प्रताप
ग्रेवाल : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) सितम्बर
2025 में MY अस्पताल
इंदौर में
चूहे के काटने
से हुई दो बच्चों
की मौत की
जांच किस
अधिकारी/कर्मचारी
से कराई गई और
जांच में
शिशुओं की
मृत्यु के
क्या कारण
पाये गए? कौन
अधिकारी, कर्मचारी
दोषी पाए गए? दोषियों
पर क्या
कार्रवाई की
गई? जांच
रिपोर्ट की
प्रति देवें। (ख)
क्या प्रश्नांश
(क) में
उल्लेखित दो
में से एक
शिशु धार जिला
अस्पताल से
इलाज के लिए
आया था, उसके
दस्तावेजों
में ग्राम का
नाम रूपा पाड़ा
दर्ज था तथा
रेफरल पर्ची
में भी शिशु
के माता-पिता
का पता रूपा
पाड़ा दर्ज था
एवं शिशु की
मृत्यु
उपरांत एम.वाय.
अस्पताल के
कम्प्यूटर
ऑपरेटर
द्वारा
संयोगिता गंज
पुलिस थाना
में दर्ज FIR में शिशु
को एम्बुलेंस
क्रमांक 108/1328 से जिला
अस्पताल धार
से एम.वाय.
अस्पताल
इंदौर रेफर
करना बताया था? (ग) प्रश्नांश
(ख) का उत्तर यदि
हाँ, तो एम.वाय.
अस्पताल
इंदौर
प्रबंधन ने
शिशु के माता-पिता
का पता ग्राम
गदादा
दस्तावेज में
दर्ज क्यों
किया? क्या
शिशु के माता-पिता
की खोज हेतु
जिला अस्पताल
धार से संपर्क
किया गया, जो एम्बुलेंस
धार जिला अस्पताल
से शिशु व
शिशु के पिता
को लेकर एम.वाय.
अस्पताल
इंदौर आई थी, उसके
ड्राइवर से
पूछताछ क्यों
नहीं की गई? शिशु की
मृत्यु
उपरांत कितने
दिन बाद मृत
शिशु को उसके माता-पिता
के सुपुर्द
किया गया? (घ) क्या
शिशु के इलाज
के दौरान बरती
गई लापरवाही ओर
चूहों के
काटने से हुए
इन्फेक्शन से
मृत्यु को
छिपाने के लिए
मृत शिशु के माता-पिता
के पते को
बदला गया? पुलिस को
भी FIR करते
समय मृत शिशु
के माता-पिता
का सही पता
क्यों नहीं
दिया गया? मृत शिशु
के माता-पिता
का गलत पता
दर्ज करने
वाले अधिकारी,
कर्मचारियों
पर क्या
कार्यवाही की
गई? यदि
कार्यवाही
नहीं की गई है
तो कब तक की
जावेगी? (ड.) प्रश्नांश
(क) में
उल्लेखित
प्रकरण
संबंधी दर्ज एफ.आई.आर.
तथा इलाज से
लेकर जांच तक
के संपूर्ण
रिपोर्ट तथा
दस्तावेज की
प्रति उपलब्ध
करावें।
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) से (ड.) जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
शासकीय
भूमि पर
अतिक्रमण
[राजस्व]
98.
( क्र. 1061 ) श्री
विपीन जैन : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) मंदसौर
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत
ग्राम फतेहगढ़
तहसील दलौदा
अंतर्गत भूमि
सर्वे नंबर 590 के कुल
कितने बटा
नंबर स्वीकृत
है और कब से
स्वीकृत है? प्रकरण की
छायाप्रति
प्रदान कर
अवगत कराएं कि
क्या स्वीकृत
बटा नंबर
राजस्व नक्शा
शीट में दर्ज
है अथवा नहीं? यदि दर्ज
है तो नक्शा
शीट की
छायाप्रति
प्रदान करें। (ख)
प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में भूमि
सर्वे नंबर 590 के किस भाग
(बटा नंबर) में
आबादी बसी हुई
है व रिकॉर्ड
में आबादी है? क्या
सर्वे नंबर 590 के शेष भाग
(बटा नंबर) रिक्त
है अथवा आबादी
बसी है अथवा
अतिक्रमण है अथवा
अन्य कोई
प्रयोजन है? (ग)
स्वामित्व
योजना
अंतर्गत
निर्मित
अधिकारी अभिलेख
मैं सर्वे
नंबर 590 के
किस भाग को
सम्मिलित
किया गया है? सम्मिलित
किए गए खसरा, रकबा व
अधिकार
अभिलेख रकबे
में समानता है
अथवा नहीं? यदि नहीं
तो क्यों? निर्मित
स्वामित्व
अधिकार
अभिलेख की
प्रति प्रदान
करें। (घ) प्रश्नकर्ता
के अतारांकित प्रश्न
क्रमांक 1141 दिनांक 18/12/24 द्वारा प्रश्न
के क्रम में
शासकीय भूमि
सर्वे क्रमांक
590/1,
590/2, 590/4 को
अभी तक
अतिक्रमण
मुक्त क्यों
नहीं किया गया
है?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) ग्राम फतेहगढ़
तहसील दलौदा
अंतर्गत भूमि
सर्वे नंबर 590 के कुल 6 बटा नंबर
सर्वे नंबर 590/1, 590/2,
590/3, 590/4, 590/5, 590/6
है जो
न्यायालय
तहसीलदार
तहसील दलौदा
के प्रकरण क्रमांक
20/अ-3/2014-15
आदेश दिनांक 29/10/2015 से
स्वीकृत किये
गये है। उक्त
बटांकन
राजस्व नक्शा
शीट में दर्ज
है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-अ
अनुसार। (ख) सर्वे
नंबर 590/2
रकबा 1.00
हेक्टेयर एवं 590/3 रकबा 2.00 हेक्टेयर
में आबादी बसी
हुई है व रिकार्ड
में आबादी
दर्ज है। शेष
बटा नंबर, सर्वे
नंबर 590/1
रकबा 0.209
हेक्टेयर में महू-नीमच
फोरलेन बना है
एवं कुछ भाग
सड़क के किनारे
पड़त स्थिति
में है तथा सर्वे
नंबर 590/4
रकबा 2.001
हेक्टेयर तथा सर्वे
नंबर 590/6
रकबा 1.00
हेक्टेयर
शासकीय दर्ज
है तथा मौके
पर कुछ भाग पर 30 आवासीय
मकान बने हैं, जिनकी
आबादी भूमि
प्रस्तावित
की गई है इनको
स्वामित्व
योजना के
प्रथम चरण में
लाभ नहीं दिया
जा सका है। स्वामित्व
योजना के
द्वितीय चरण
में आवासीय
लाभ दिया जा
सकेगा। सर्वे
नंबर 590/5
रकबा 0.50
हेक्टेयर
निजी स्वत्व
की होकर
अहस्तांतरणीय
दर्ज है। (ग) स्वामित्व
योजना में भूमि
सर्वे नंबर 590/2 रकबा 1.00 हेक्टेयर
एवं 590/3
रकबा 2.00
हेक्टेयर को
सम्मिलित
किया गया है। सम्मिलित
किये गये खसरा
रकबा व अधिकार
अभिलेख रकबे
में समानता है।
ग्राम फतेहगढ़
स्वामित्व
योजना में सम्मिलित
आबादी
क्षेत्र के
अधिकार
अभिलेख की प्रति
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट–ब अनुसार। (घ) भूमि
सर्वे नंबर 590/1 रकबा 0.209 हेक्टेयर
में महू-नीमच
फोरलेन बना है
एवं कुछ भाग
सड़क के किनारे
पड़त स्थिति
में है। भूमि
सर्वे नंबर 590/2 रकबा 1.00 हेक्टेयर
आबादी को
स्वामित्व
योजना में सम्मिलित
किया गया है। भूमि
सर्वे नंबर 590/4 रकबा 2.001 हेक्टेयर
शासकीय दर्ज
है एवं उक्त
भूमि में कुछ
आवासीय मकान
बने है। स्वामित्व
योजना के
प्रथम चरण में
इनको लाभ नहीं
दिया जा सका
है। उक्त
भूमि को आबादी
भूमि प्रस्तावित
की गई है
जिनको स्वामित्व
योजना क
द्वितीय चरण
में लाभ दिया
जा सकेगा।
रजिस्ट्रेशन
कार्ड की राशि
वसूली
[परिवहन]
99.
( क्र. 1062 ) श्री
विपीन जैन : क्या
परिवहन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
विभाग द्वारा
वर्तमान में
वाहनों के रजिस्ट्रेशन
कार्ड, ड्राइविंग
लाइसेंस के
भौतिक रूप से
प्लास्टिक
कार्ड के रूप
में जारी करना
बंद कर दिया
गया है और
प्लास्टिक
कार्ड फीस के
नाम से 200 रुपए की
राशि ली जा
रही है? (ख) विभाग
द्वारा भौतिक
रूप से रजिस्ट्रेशन
कार्ड जारी
करना कब से
बंद कर दिया
गया है। (ग) अक्टूबर
2024 से
रजिस्ट्रेशन
कार्ड हेतु
कुल कितने
वाहनों से कुल
कितनी राशि प्रश्न
दिनांक तक ली
गई है? (घ) जब वाहन
मालिकों को
कार्ड नहीं
दिया जा रहा
है तो उनसे
राशि क्यों
वसूली जा रही
है?
क्या वाहन मालिकों
को प्लास्टिक
के कार्ड
उपलब्ध कराए जाएंगे
या उनसे ली गई
राशि उन्हें
लौटाई जाएगी? (ड.) क्या
सर्विस चार्ज
के रूप में ₹63 रुपए और ₹12 जी.एस.टी.
के नाम से लिए
जा रहे हैं
जबकि अन्य
प्रदेशों में
सर्विस चार्ज
के नाम से कोई
शुल्क नहीं लिया
जाता है?
परिवहन
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ।
मध्यप्रदेश
शासन परिवहन
विभाग की
अधिसूचना क्रमांक
एफ-22-13-2018-आठ
दिनांक 03.10.2024 द्वारा लाइसेंस
लायसेंस एवं
वाहन पंजीकरण
प्रमाण-पत्र
सूचना
प्रौद्योगिकी
अधिनियम, 2000 के
उपबंधों के
अधीन
विनिर्दिष्ट
किये गये
अनुसार
डाउनलोडेबल
एवं
प्रिंटेबल
फार्मेट में
इलेक्ट्रॉनिकली
जारी किये जा
रहे हैं। (ग) 01 अक्टूबर 2024 से 31 अक्टूबर 2025 तक राशि
रूपये 52.74 करोड़ ली
गयी है। (घ) जी
हाँ। परिवहन
विभाग द्वारा
वाहन मालिकों
को प्लास्टिक
के कार्ड
उपलब्ध कराये
जायेंगे
जिसके परिप्रेक्ष्य
में शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ड.) जी
हाँ।
ग्राम
पंचायत
द्वारा ग्राम
सभा का आयोजन कर
आबादी
क्षेत्र का
अनुमोदन
[राजस्व]
100.
( क्र. 1070 ) श्री कालु
सिंह ठाकुर : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
धार जिले की
धरमपुरी
विधान सभा में
ग्राम पंचायत
तारापुर में
वार्ड क्रमांक
2,
3, 4, 5, 6, 7, 8 को
आबादी
क्षेत्र
घोषित किये
जाने हेतु
ग्राम पंचायत
द्वारा ग्राम
सभा का आयोजन
कर अनुमोदन
किया गया है? (ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार यदि
हाँ, तो
किन-किन
वार्डों को
आबादी क्षेत्र
घोषित किया
गया और
किन-किन
वार्डों को
आबादी
क्षेत्र
घोषित नहीं
किया गया है? (ग) जिन
वार्डों को
आबादी
क्षेत्र
घोषित नहीं किया
गया है, उन
वार्डों को
आबादी
क्षेत्र
घोषित कब तक
घोषित किये
जायेंगे? समय-सीमा
बतावें और
नहीं तो किस
कारण?
स्पष्ट करें।
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) धार जिले
की धरमपुरी
विधान सभा में
ग्राम पंचायत
तारापुर में
वार्ड क्रमांक
2,
3, 4, 5, 6, 7, 8 को
आबादी
क्षेत्र
घोषित किये
जाने हेतु
ग्राम पंचायत
द्वारा ग्राम
सभा का आयोजन
कर अनुमोदन
भेजने के
संबंध में
तहसीलदार
धरमपुरी के पत्र
दिनांक 21.11.2025 द्वारा
ग्राम पंचायत
तारापुर को
निर्देशित किया
गया। ग्राम
पंचायत
तारापुर के
पत्र दिनांक 25.11.2025 द्वारा
बताया गया कि
शासकीय भूमि
पर लम्बे समय
से निवासरत
वार्ड क्रमांक-02 से लगायत 08 तक के
रहवासियों के
क्षेत्र को आबादी
घोषित करने का
प्रस्ताव दिनांक
21.01.2025 को पारित
किया गया था, परन्तु
पारित प्रस्ताव
की प्रति
तहसील
कार्यालय
धरमपुरी को
प्रेषित नहीं की
गई है। (ख) ग्राम
पंचायत का
प्रस्ताव
जिला
कार्यालय में
प्राप्त नहीं
होने से आबादी
घोषित करने की
कार्यवाही
नहीं की जा
सकी है। शेष प्रश्नांश
उद्भूत नहीं
होता है। (ग) जानकारी
उत्तरांश (ख) अनुसार।
सिहुंड़ी
जलाशय का
अपूर्ण
निर्माण
[जल संसाधन]
101.
( क्र. 1075 ) श्री
प्रणय प्रभात
पांडे : क्या जल
संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या प्रश्नकर्ता
के द्वारा 13-03-2025 को पूछे
गये
अतारांकित प्रश्न
क्रमांक 202 की
कण्डिका (घ) के
उत्तर में
बताया गया था, कि समय पर
निर्माण कार्य
पूर्ण न किये
जाने के कारण
अनुबंध विखण्डन
की कार्यवाही
वर्तमान में
प्रक्रियाधीन
है, गुण-दोष
के आधार पर
अनुबंध विखण्डन
की कार्यवाही
निविदाकार की
राशि जब्त
किये जाने
हेतु सक्षम
अधिकारी
द्वारा निर्धारित
किया जाना
प्रतिवेदित
है? (ख) प्रश्नकर्ता
द्वारा
विधानसभा की
बैठक दिनांक 30 जुलाई 2025 को पूछे
गये प्रश्न क्रमांक
845 की
कण्डिका (घ) के
उत्तर में
बताया गया, कि
वर्तमान में
सिहुंड़ी
जलाशय के
अनुबंध विखण्डन
की कार्यवाही
परीक्षणाधीन
है? (ग) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) के
संदर्भ में प्रश्नांकित
सिहुंड़ी जलाशय
का निर्माण 06-10-2021 को पूर्ण
होना था, विलम्ब
होने से जलाशय
निर्माण की
राशि लगातार
बढ़ती जा रही
है, ऐसी
स्थिति में
निविदाकार की
राशि जब्त कर
विखण्डन की
कार्यवाही कब
से प्रचलन में
है? इस
हेतु किस-किस
के द्वारा
कब-कब, क्या-क्या
पत्राचार
किये गये? पत्रों की
छायाप्रति
देवें एवं यह
भी बताएं कि
निविदा
विखण्डन की
कार्यवाही
शासन स्तर पर कहाँ, कब से
लम्बित है? सम्पूर्ण
कार्यवाही की
छायाप्रति
सहित जानकारी
उपलब्ध
करावें। (घ) क्या
शासन सिहुंड़ी जलाशय
की निविदा
विखण्डित कर
जमानत की राशि
राजसात एवं
पेनाल्टी की
वसूली कर
निर्माण कार्य
की नई निविदा
आमंत्रित
करेगा? यदि हाँ, तो किस
प्रकार से कब
तक? नहीं, तो क्यों
नहीं? जानकारी
दें।
जल
संसाधन
मंत्री ( श्री
तुलसीराम
सिलावट ) : (क) एवं (ख) जी
हाँ। (ग) उत्तरांश
(क) एवं (ख) के
संदर्भ में
अनुबंध
विखण्डन की
कार्यवाही दिनांक
02/07/2024 से प्रचलन
में है। अनुबंध
विखण्डन हेतु
पत्राचार की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
"प्रपत्र-अ" एवं
पत्रों की
छायाप्रति पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र "परिशिष्ट-1" अनुसार है।
निविदा
विखंडन की
कार्यवाही
वर्ष 2024 से
मैदानी/विभागीय
स्तर पर लंबित
होना प्रतिवेदित
है (घ) सक्षम
स्तर से
निविदा
विखण्डन कर
जमानत की राशि
राजसात की
जाकर
नियमानुसार
पेनाल्टी की वसूली
कर नवीन
निविदा
आमंत्रित की
जा सकेगी। निश्चित
समय-सीमा बताया
जाना संभव
नहीं है।
जावरा
को जिला बनाया
जाना
[राजस्व]
102.
( क्र. 1077 ) डॉ. राजेन्द्र
पाण्डेय : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
विगत कई
वर्षों से
सामाजिक, व्यापारिक
संगठनों के
साथ ही क्षेत्र
की जनता एवं
पत्रकार
संगठनों के
द्वारा बढ़ती
जनसंख्या एवं
बढ़ते
जनकार्यों को
सुगमता से किये
जाने हेतु
जावरा को जिला
घोषित किये
जाने की मांग
की जा रही है? (ख) यदि
हाँ, तो
क्या जावरा
एवं पिपलोदा
तहसील सहित
आलोट, ताल
एवं बड़ावदा
तहसीलों के
अंतर्गत आने
वाले विभिन्न
संगठनों, क्षेत्रीय
जन-जन एवं
जनप्रतिनिधियो
के द्वारा भी
जावरा को जिला
बनाए जाने की
मांग विगत
वर्षों से की
जा रही है? (ग) यदि
हाँ, तो
क्या प्रश्नकर्ता
द्वारा भी
विगत कई
वर्षों से
माननीय मुख्यमंत्री
जी, माननीय
मुख्य सचिव
महोदय, माननीय
प्रमुख सचिव
महोदय को
निरंतर
पत्रों के
माध्यम से एवं
सदन में
विभिन्न
प्रश्नों से भी
ध्यान आकृष्ट
किया है? (घ) यदि
हाँ, तो
क्या स्थानीय
प्रशासन एवं
जिला प्रशासन
के सक्षम
वरिष्ठ
अधिकारियों
के माध्यम से
भी जावरा को
जिला बनाये
जाने हेतु
विस्तृत
सकारात्मक
प्रतिवेदन
अग्रेषित
किया है तो जावरा
को जिला बनाये
जाने की
कार्यवाही कब
तक पूर्ण की
जा सकेगी?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) से
(ग) जी हाँ। (घ) जी
हाँ। प्रकरण
म.प्र. प्रशासनिक
इकाई
पुनर्गठन
आयोग के समक्ष
विचाराधीन है।
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
शिकायतों
पर जाँच एवं
कार्यवाही
[राजस्व]
103.
( क्र. 1103 ) श्री पंकज
उपाध्याय : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) वर्तमान
में कैलारस
तहसील में
पदस्थ तहसीलदार
पूर्व में
किस-किस स्थान
पर कब से कब तक
तहसीलदार या
तहसील
प्रभारी रहे
हैं? (ख) क्या
पदस्थ
तहसीलों में
इनके विरुद्ध
शिकायतों पर
कमिश्नर
कार्यालय चंबल
संभाग ने आरोप
पत्र प्रदान
किए एवं इन
आरोप पत्रों
पर क्या
कार्रवाई हुई? प्रतिवेदन
उपलब्ध कराएं।
(ग) क्या इन
आरोप पत्रों
के अतिरिक्त
अन्य प्रकरणों
में इनके
विरुद्ध
प्रमुख
राजस्व
आयुक्त को
शिकायत की गई
है? यदि
हाँ, तो
उन पर क्या
कार्रवाई हुई? शिकायतवार
प्रतिवेदन
उपलब्ध कराएं।
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) जानकारी संलग्न
परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी
हाँ। कमिश्नर
कार्यालय
चंबल संभाग
द्वारा
वर्तमान में कैलारस
तहसील में
पदस्थ
प्रभारी
तहसीलदार
श्री नरेश शर्मा
के विरूद्ध
तीन प्रकरणों
में म.प्र.
सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण
तथा अपील) नियम
1966 के नियम 14 के तहत
आरोप पत्र दिनांक
20.11.2024 एवं 16.01.2025 से जारी
किये गये तथा
एक प्रकरण में
नियम-16 के
तहत कारण बताओ
सूचना पत्र दिनांक
31.10.2025 जारी किया
गया है, जिनमें
कार्यवाही
वर्तमान में
प्रचलित है। (ग) जी
हाँ। प्रमुख
राजस्व
आयुक्त
कार्यालय में प्राप्त
शिकायत आवेदन
को पत्र क्रमांक
8170 दिनांक 28.10.2025 से जांच
हेतु
कार्यालय
कलेक्टर
जिला मुरैना
को प्रेषित
किया गया है
जिस पर की गई
कार्यवाही का
प्रतिवेदन अपेक्षित
है।
अस्पतालों
में लापरवाही
पर कार्यवाही
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
104.
( क्र. 1104 ) श्री पंकज
उपाध्याय : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) प्रदेश
में निजी
अस्पताल, नर्सिंग
होम,
मेटरनिटी
सेंटर्स के
पंजीयन
नवीनीकरण एवं
संचालन हेतु
निर्धारित
मापदंड क्या
हैं? (ख) क्या
ज़िला मुरैना
अंतर्गत
समस्त निजी
चिकित्सालयों
नर्सिंग होम
एवं मेटरनिटी
सेंटर्स का
निर्धारित
मापदंडों के
अनुरूप संचालन
किया जा रहा
है? इनके
निरीक्षण
अथवा निगरानी
की
जिम्मेदारी किसकी
है? (ग) विगत तीन
वर्ष में जिला
मुरैना
अंतर्गत निजी चिकित्सालयों, नर्सिंग
होम मेटरनिटी
सेंटर्स आदि
के निरीक्षण/जांच, निरीक्षण
दल, निरीक्षण
दिनांक, मुख्य
निष्कर्ष व की
गई कार्यवाही
आदि से संबंधित
संपूर्ण
जानकारी एवं
प्रतिवेदन
उपलब्ध कराएं।
(घ) जिला
मुरैना
अंतर्गत
संचालित
मेटरनिटी सेंटर्स
में विगत तीन
वर्ष में प्रसूता
की मृत्यु एवं
नवजात शिशुओं
की देखभाल में
लापरवाही के
कितने प्रकरण
प्रकाश में आए
एवं प्रशासन
द्वारा क्या
कार्यवाही की
गई? क्या
इंदौर के एम.वाय.
हॉस्पिटल में
नवजात शिशुओं
को चूहों
द्वारा काटे
जाने की घटना
घटित हुई थी? यदि हाँ, तो
प्रशासन
द्वारा क्या
कार्रवाई की
गई? संपूर्ण
प्रतिवेदन
उपलब्ध कराएं।
(ड.) जिला
मुरैना
अंतर्गत
शासकीय
चिकित्सालयों
में कौन-कौन
सी जांच की
सुविधाएं
उपलब्ध हैं? क्या
शासकीय
अस्पतालों
में रविवार के
दिन जांच नहीं
की जाती है? यदि हाँ, तो मरीज की
स्थिति गंभीर
होने पर
रविवार को जांच
हेतु क्या
व्यवस्था की
जाती है?
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) प्रदेश
में निजी अस्पताल
नर्सिंग होम
मेटरनिटी
सेंटर्स के
पंजीयन
नवीनीकरण एवं
संचालन का
विनियमन मध्यप्रदेश
उपचर्या गृह
तथा रूजोपचार
संबंधी स्थापनांए
(रजिस्ट्रीकरण
तथा
अनुज्ञापन) अधिनियम
1973,
यथासंशोधित
नियम 1997
एवं 2021 के अनुरूप
किया जाता है
जिसकी जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''अ'' अनुसार
है। (ख) जी
हाँ, इनके
निरीक्षण तथा
निगरानी की
जिम्मेदारी
जिले के मुख्य
चिकित्सा
एवं स्वास्थ्य
अधिकारी की है।
(ग) विगत 3 वर्ष में
जिला मुरैना
अंतर्गत निजी
चिकित्सालयों, नर्सिंग होम, मेटरनिटी
सेंटर्स के
निरीक्षण, मुख्य
निष्कर्ष
तथा की गई
कार्यवाही की
वर्षवार जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है तथा मुख्य
चिकित्सा
एवं स्वास्थ्य
अधिकारी
मुरैना से
प्राप्त
जांच प्रतिवेदन
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''स'' अनुसार है।
(घ) जिला
मुरैना
अंतर्गत
संचालित
मेटरनिटी सेंटर्स
में वर्ष 2023-24 में 02, वर्ष 2024-25 में 04 तथा वर्ष 2025-26 में 03 प्रसूताओं
की मृत्यु
प्रतिवेदित
हुई है। नवजात
शिशुओं की
देखभाल में
विगत 03
वर्षों में
लापरवाही के
कोई प्रकरण
प्रतिवेदित
नहीं हुए है। इस
संबंध में
मातृ स्वास्थ्य
सेवाओं के
सुदृढ़ीकरण
हेतु प्रशासन
द्वारा की गई
कार्यवाहियों
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''द'' अनुसार
है। जी
हाँ। एम.वाय.
हॉस्पिटल में
उक्त घटना
घटित होते ही
तत्काल जांच
समिति गठित की
गई जिसका जांच
प्रतिवेदन पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''ई'' अनुसार
है। दोषी
अधिकारियों/कर्मचारियों
पर की गई
कार्यवाही की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''फ'' अनुसार
है। (ड.) जिला
मुरैना
अंतर्गत शासन
द्वारा
निर्धारित
अनुसार जिला
चिकित्सालय, सिविल अस्पताल
व अधीनस्थ
शासकीय
चिकित्सालयों
में उपलब्ध
जांच
सुविधाओं की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''ज'' अनुसार
है। शासकीय
अस्पतालों
में रविवार के
दिन आकस्मिक, गंभीर/आंतरिक
रोगियों की
जांच की व्यवस्था
आवश्यक होने
पर स्टाफ की ड्यूटी
लगाकर
सुनिश्चित की
जाती है।
बंध-पत्र
चिकित्सकों
के रिक्त पदों
की जानकारी
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
105.
( क्र. 1110 ) श्री
कैलाश
कुशवाहा : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) शिवपुरी
जिले में
जनवरी 2022 से
अक्टूबर 2025 तक कितने बंध-पत्र
चिकित्सकों
ने
सामुदायिक/प्राथमिक
स्वास्थ्य
केन्द्र पर
उनकी बंध-पत्र
अवधि में
कार्य किया है? उनके नाम व
उनकी पदस्थ
स्वास्थ्य
संस्था का विवरण
उपलब्ध
करावें। (ख) बंध-पत्र
चिकित्सक के
क्या-क्या
कार्य, दायित्व
स्वास्थ्य
विभाग ने
निर्धारित
किये हैं एवं
उन्हें अपने
कार्य का
क्या-क्या
रिकार्ड
स्वयं को संधारित
करना है एवं
उनके कार्य का
क्या-क्या
रिकार्ड
स्वास्थ्य
संस्था पर
संधारित होता
है, जिससे
उनके कार्य की
जानकारी
प्राप्त हो। (ग)
जिन बंध-पत्र
चिकित्सकों
ने अपनी बंध-पत्र
सेवा अवधि में
अपनी पदस्थी
स्वास्थ्य
संस्था पर
कार्य
दायित्व
अनुसार कार्य
नहीं किया है और
न ही
स्वास्थ्य
संस्था पर
उनके कार्य का
किसी भी
प्रकार का
रिकार्ड
उपलब्ध है, उनके
कूटरचित
कार्य
रिपोर्ट से
उनका वेतन आहरण
हुआ है, उनके
विरूद्ध क्या-क्या
कार्यवाही की
गयी है? (घ) शिवपुरी
जिले में
मेडिकल कॉलेज
सहित जून 2025 की स्थिति
में कौन-कौन
से
चिकित्सकों, विशेषज्ञ
चिकित्सकों
के कितने पद, कौन-कौन से
कहाँ-कहाँ पर
रिक्त हैं? उक्त
रिक्त पद
क्यों नहीं
भरे गये? कब तक भरे
जायेंगे? निश्चित
समय अवधि
बतायें। (ङ) सरकार
शिवपुरी
मेडिकल कॉलेज
में मरीजों की
सुविधा हेतु
अत्याधुनिक
जांच उपकरण
जैसे—अल्ट्रासाउंड
मशीन, ब्लड
एनालाइजर, सीटी-स्कैन
मशीन एवं अन्य
आवश्यक
चिकित्सा उपकरण
कब तक उपलब्ध
करा दिये
जाएंगे?
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार। (ख) संचालनालय
परिपत्र क्रमांक/अस्प.प्रशा./सेल-3/2024/ एफ-524/784 दिनांक 31.05.2024 द्वारा
दायित्व एवं
किए जाने वाले
कार्यों बाबत्
दिशा-निर्देश
जारी किए गए
हैं, परिपत्र
की प्रति पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ‘ब’ अनुसार। (ग) बंध-पत्र
चिकित्सकों
का वेतन खण्ड
चिकित्सा
अधिकारियों
द्वारा उनकी
उपस्थिति
सत्यापन
उपरांत वेतन
आहरण किया गया
है। बंध-पत्र
चिकित्सकों
का कुटरचित
कार्य
रिपोर्ट से वेतन
आहरण संबंधी
शिकायत
अप्राप्त है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ‘स’ अनुसार। रिक्त
पदों की
पूर्ति एक
निरंतर
प्रक्रिया है।
निश्चित
समयावधि बताई
जाना संभव
नहीं है। (ड.) शिवपुरी
मेडिकल कॉलेज
में मरीजों की
सुविधा हेतु जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ‘द’ अनुसार। अल्ट्रासाउण्ड
मशीन एवं ब्लड
एनालाइजर
सहित विभिन्न
प्रकार के जाँच
उपकरण उपलब्ध
हैं। उपकरणों
की प्रदायगी
एक निरंतर
प्रक्रिया है।
पूर्ति हेतु
समय-सीमा बताया
जाना संभव
नहीं है।
शिक्षकों
का नियम
विरूद्ध
अटैचमेंट
[स्कूल
शिक्षा]
106.
( क्र. 1111 ) श्री
कैलाश
कुशवाहा : क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) शिवपुरी
जिले में 31 अक्टूबर 2025 की स्थिति
में किन-किन
स्कूलों के
कौन-कौन से
शिक्षक कहाँ-कहाँ
पर किस के
आदेश के
द्वारा दूसरे
स्कूलों एवं अन्य
कार्यालयों
में अटैच हैं? शिक्षक का
नाम,
पदस्थ स्कूल
का नाम, अटैच स्कूल
अथवा
कार्यालय का
नाम, कब
से अटैच हैं की
जानकारी
अटैचमेंट
आदेश की
छायाप्रति
सहित देने का
कष्ट करें। (ख) क्या
शिक्षकों के
ग्रामीण
क्षेत्रों से
शहरी
क्षेत्रों
अथवा
कार्यालयों
में अटैच किये
जाने के कारण
ग्रामीण
स्कूलों की
पढ़ाई प्रभावित
हो रही है? इसके लिए क्या
व्यवस्था की
गई है ताकि
ग्रामीण
क्षेत्र के
स्कूलों की
पढ़ाई
प्रभावित न हो? (ग) शिवपुरी
जिले में
शिक्षकों के
पद किन-किन
स्कूलों में
कितने-कितने, कहाँ-कहाँ
पर कब से
रिक्त हैं? रिक्त पद
कब तक भरे
जाएंगे? क्या एकल
शिक्षकों की
शालाओं के शिक्षकों
की ड्यूटी
अन्य कार्यों
के लिए लगाई
गई है? यदि
हाँ, तो कहाँ-कहाँ
के कौन-कौन से
शिक्षकों की
ड्यूटी अन्य
किन-किन
कार्यों के
लिए लगाई गई
है?
इसकी सूची
संलग्न कर
जानकारी दें। (घ) क्या
प्रश्नकर्ता
ने अपने पत्र क्रमांक/2025/928 दिनांक 01/04/2025 एवं स्मरण
पत्र क्रमांक/2025/971 दिनांक 01/05/2025 से
शिवपुरी जिले
के अतिथि
शिक्षकों की
जानकारी चाही
गई थी, उक्त
जानकारी प्रश्नकर्ता
को दिनांक 06/11/2025 तक क्यों
उपलब्ध नहीं
करायी गई?
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) शिवपुरी
जिला अंतर्गत 31 अक्टूबर 2025 की स्थिति
में कोई
शैक्षणिक
संवर्ग का
कर्मचारी
अटैच नहीं है।
शेषांश का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ख) उत्तरांश
''क'' के
प्रकाश में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) शिवपुरी
जिलान्तर्गत
शिक्षकों के
रिक्त पदों की
शालावार जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-एक
पर है। रिक्त
पदों पर
अध्यापन हेतु
अतिथि शिक्षक
की व्यवस्था
है। नियमित
शिक्षकों की
पूर्ति एक
सतत् प्रकिया है।
अतः समय-सीमा बताया
जाना संभव
नहीं है। एकल
शिक्षक शाला
में पदस्थ
शिक्षकों की
ड्यूटी
निर्वाचन
कार्य से बी.एल.ओ.
के रूप में
लगाई गई है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-दो
पर है। (घ) जानकारी
जिला शिक्षा
अधिकारी
शिवपुरी के पत्र
क्रमांक/स्थापना/2025/7361 दिनांक 14.11.2025 द्वारा
उपलब्ध कराई
गई है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-तीन
अनुसार। शेषांश
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
भू-राजस्व
संहिता की धारा
237
में प्राप्त
अधिकार
[राजस्व]
107.
( क्र. 1118 ) श्री
नारायण सिंह
पट्टा : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) भू-राजस्व
संहिता 1959 की धारा 237 (1) में
आरक्षित
प्रयोजनों
में बदलाव की धारा
237
(2) में
कलेक्टर को
क्या अधिकार
था? धारा
237
(2) किस
दिनांक को
समाप्त की गई? वर्तमान
में किस धारा में
प्रयोजन बदले
जाने का किसे, क्या
अधिकार दिया
जाकर धारा में
क्या-क्या
उल्लेख किया
है? (ख) धारा 237 (1) में किन
प्रयोजनों के
लिए आरक्षित
भूमि को मध्यप्रदेश
नजूल निर्वर्तन
निर्देश 2020 की धारा 3 (ग) में
क्या-क्या
प्रावधान
दिया जाकर
जिला स्तरीय
नजूल समिति को
धारा 237 (1) में
आरक्षित भूमि
को नजूल भूमि
मानकर किस
कार्यवाही के
अधिकार दिए है? (ग) म.प्र.
नजूल निर्वर्तन
निर्देश 2020 जारी होने
के दिनांक से
प्रश्नांकित
दिनांक तक
कलेक्टर
मंडला एवं
कलेक्टर
बैतूल ने किस
राजस्व
प्रकरण
क्रमांक आदेश
दिनांक से किस
ग्राम के किस
खसरा नम्बर का
कितना रकबा
किस कार्य के
लिए जिला नजूल
निर्वर्तन
समिति के
प्रस्ताव, निर्णय पर
आवंटित किया, उस भूमि के
प्रयोजन बदले
जाने का आदेश
किसके द्वारा
दिया गया? प्रति
सहित बतावें। (घ) म.प्र.
भू-राजस्व
संहिता (संशोधन)
विधेयक 2015 में उपधारा
7
(ख) में
क्या संशोधन
किये गए थे? क्या इसके
तहत आवंटन की
भूमि के अंतरण
की कार्यवाही
में अहस्तांतरणीय
प्रविष्टि को
हटाने के
अधिकार
उपखण्ड अधिकारी
को दिए गए थे, संबंधित
आदेशों/पत्र/परिपत्रों
की प्रतियां
उपलब्ध कराएं। उपखण्ड अधिकारियों
को कब तक यह
अधिकार रहे, किस कारण
से ये अधिकार
समाप्त या
संशोधित किये
गए? समाप्ति/संशोधन
के
आदेश/पत्र/परिपत्र
उपलब्ध कराएं। वर्तमान
में आवंटन की
भूमि के अहस्तांतरणीय
प्रविष्टि
हटाने के
अधिकार किसको
हैं? वर्ष
2023-24 से प्रश्न
दिनांक तक
मंडला जिले
में आवंटन
वाली कितनी
भूमियों की अहस्तांतरणीय
प्रविष्टि
हटाई/विलोपित
की गई हैं? समस्त
आदेशों की
छायाप्रतियां
उपलब्ध कराएं।
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) म.प्र.
भू-राजस्व
संहिता 1959 की धारा 237 (1) में
आरक्षित
प्रयोजनों
में बदलाव का धारा
237
(2) में
कलेक्टर को
अधिकार था कि
उपधारा (1) में
वर्णित किसी
प्रयोजन के
लिये विशेष
रूप से पृथक
रखी गई भूमियां, कलेक्टर
की मंजूरी से
ही व्यपवर्तित
की जायेंगी, अन्यथा
नहीं। म.प्र.
अधिनियम क्रमांक
42 सन् 2011 द्वारा दिनांक
30.12.2011 से धारा 237 (2) विलोपित
की गई। वर्तमान
में धारा 237 (3) एवं 237 (4) में
प्रयोजन बदले
जाने का कलेक्टर
को अधिकार दिए
गए हैं। धारा 237 (3) यह है कि
संहिता के
अधीन बनाए गए
नियमों के अध्यधीन
रहते हुए, कलेक्टर, उपधारा (1) के खंड (ख) में
वर्णित भूमि
को उस ग्राम
की कुल कृषि
भूमि के न्यूनतम
दो प्रतिशत तक
सुरक्षित
रखने के पश्चात, उपधारा (1) में
वर्णित ऐसी
दखल रहित भूमि
को आबादी
सड़कों, राजमार्गों, नहरों, तालाबों, अस्पतालों, विद्यालयों, महाविद्यालयों, गौशालाओं
के निर्माण या
अन्य किसी जन
उपयोगी
परियोजनाओं
के लिए, जैसी की
राज्य सरकार
द्वारा
अवधारित की
जाए, व्यपवर्तित
कर सकेगा; परन्तु
उपधारा (1) में
वर्णित
प्रयोजनों के
लिए पृथक रखी
गई भूमि किसी
भी व्यक्ति
को कृषि
प्रयोजन के
लिए व्यपवर्तित
या आवंटित
नहीं की जाएगी।
धारा 237 (4) यह
है कि जब उपधारा
(1)
में
उल्लेखित
प्रयोजनों के
लिए पृथक से
रखी गई भूमि का
ऐसी विकास और
अधोसंरचना
परियोजनाओं
जो राज्य
सरकार के स्वामित्व
की है या
अनुमोदित हैं, किन्तु
उपधारा (3) के अधीन
नहीं आती है, व्यपवर्तन
अपरिहार्य हो
जाता है, तो कलेक्टर, उपलब्ध
विकल्पों पर
अपना समाधान
कर लेने के
पश्चात और
संबंध
परियोजनाओं
से उन्हीं
निस्तार
अधिकारियों
की पूर्ति
करने के लिए
समतुल्य
क्षेत्र की
भूमि
अभिप्राप्त
कर लेने पर भी
इस आशय को
तर्कसंगत
आदेश करते हुए, ऐसे
प्रयोजन के
लिए भूमि व्यपवर्तित
कर सकेगा। (ख) म.प्र.
नजूल भूमि
निर्वर्तन
निर्देश 2020 की धारा 3 (ग) में
नजूल भूमि
परिभाषित है। नजूल
भूमि के
अंतर्गत है, संहिता की धारा
2
(1) (य-3) में यथा
परिभाषित
समस्त दखल
रहित भूमि तथा
राज्य शासन
के द्वारा
गैर-कृषि
प्रयोजन के
लिए पट्टे पर
दी गई भूमि परन्तु
नगरेत्तर
क्षेत्र में
संहिता की धारा
237 के
अंतर्गत निस्तार
अधिकरों के
प्रयोग के लिए
पृथक रखी गई
भूमि तथा धारा
233-क के
अंतर्गत
नगरीय
क्षेत्र में
लोक प्रयोजन के
लिए पृथक रखी
गई भूमि नजूल
भूमि नहीं है।
नगरेत्तर
क्षेत्र में
संहिता की धारा
237
(1) में उल्लेखित
आरक्षित भूमि
को नजूल भूमि
में शामिल नहीं
किया जाता है, जिस कारण
जिला स्तरीय
नजूल समिति को
इस भूमि को
आवंटन/हस्तांतरण
के अधिकार
नहीं हैं। (ग) म.प्र.
नजूल निर्वर्तन
निर्देश 2020 जारी होने
के दिनांक से
संबंधित
अनुविभागीय
अधिकारी से
जांचोपरान्त
प्रकरण
प्राप्त
होने पर जिला
नजूल
निर्वर्तन
समिति के निर्णय
उपरांत मंडला
एवं बैतूल
जिले में
आवंटित भूमि की
जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (घ) म.प्र.
राजपत्र दिनांक
21 अगस्त 2015 में
प्रकाशित अध्यादेश
क्रमांक 5 द्वारा
मूलधारा 165 (7-ख) के स्थान
पर नवीन उपधारा
एं (7-ख), (7-ग) स्पष्टीकरण
स्थापित
किया गया किन्तु
म.प्र.
राजपत्र दिनांक
31 दिसम्बर 2015 में
प्रकाशित
भू-राजस्व
संहिता (संशोधन)
अधिनियम क्रमांक
23 द्वारा
अध्यादेश
द्वारा किए गए
उपर्युक्त
संशोधन को
यथावत नहीं
रखा गया एवं
संशोधन
अधिनियम की धारा
6 द्वारा
उपर्युक्त
अध्यादेश को
निरस्त किया
गया। परिणामस्वरूप
अध्यादेश
द्वारा किया
गया संशोधन दिनांक
30 दिसम्बर 2015 तक ही
प्रभावशील
रहा एवं दिनांक
31 दिसम्बर 2015 से मूल धारा
165
(7-ख) पुन:
प्रभावशील हो
गई। नवीन उपधारा
(7-ख), (7-ग) एवं
स्पष्टीकरण
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-ब अनुसार
है। जी हाँ अहस्तांतरणीय
प्रविष्टि को
हटाने के
अधिकार उपखण्ड
अधिकारी को
दिये गये थे
जिसका उल्लेख
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-ब में
किया गया है। उपखण्ड
अधिकारी को 30.12.2015 तक अधिकार
रहे है। कलेक्टर
द्वारा प्रश्नाधीन
अवधि में अहस्तांतरणीय
प्रविष्टि को
हटाये जाने के
आदेश जारी
नहीं किए गए
हैं।
सामुदायिक
स्वास्थ्य
केन्द्रों
एवं उप स्वास्थ्य
केन्द्रों
में स्वास्थ्य
सुविधाएं
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
108.
( क्र. 1126 ) श्री
रजनीश हरवंश
सिंह : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) केवलारी
विधानसभा के
अंतर्गत
सामुदायिक स्वास्थ्य
केन्द्र एवं
उप स्वास्थ्य
केन्द्रों
में
स्पेशलिस्ट
डॉक्टर, फार्मासिस्ट, क्लर्क, स्टॉफ नर्स, ड्रेसर, वार्ड बॉय, भृत्य के
कितने पद
रिक्त हैं व कहाँ-कहाँ? पूर्ण
जानकारी
देवें। इनकी
पदस्थापना
क्यों नहीं की
गई? (ख) प्रश्नांश
(क) के
परिप्रेक्ष्य
में विधानसभा
क्षेत्रांतर्गत
सामुदायिक
स्वास्थ्य
केन्द्रों
एवं उप
स्वास्थ्य
केन्द्रों
में रिक्त
पदों में
पदस्थापना की
जायेगी? यदि हाँ, तो कब? नहीं तो
क्यों? (ग) क्या
केवलारी
क्षेत्र के कई
प्राथमिक
स्वास्थ्य
केंद्रों में
चिकित्सक
लंबे समय से
अनुपस्थित
रहते हैं? यदि हाँ, तो ऐसे
अधिकारियों
के विरुद्ध
क्या कार्यवाही
की गई है? (घ) क्या
केवलारी
विधानसभा
क्षेत्र में
ग्रामीण
इलाकों में एम्बुलेंस
सेवाएं समय पर
उपलब्ध होती
हैं? यदि
नहीं, तो
सुधार हेतु
क्या कदम उठाए
जा रहे हैं? (ड.) क्या
केवलारी
विधानसभा के
किसी ग्राम
में उप स्वास्थ्य
केंद्र भवनों
की स्थिति
जर्जर है? यदि हाँ, तो उनकी
मरम्मत या नए
निर्माण हेतु
क्या बजट
स्वीकृत किया
गया है? यदि हाँ, तो कब तक
किया जाएगा?
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट
अनुसार। रिक्त
पदों की
पूर्ति
निरंतर
प्रक्रिया है, अतः शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख)
रिक्त पदों की
पूर्ति
निरंतर
प्रक्रिया है, प्राप्त
चयन सूची
अनुसार
पदस्थापना की
कार्यवाही की
जाती है, निश्चित
समय-सीमा बताई
जाना संभव
नहीं है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) डॉ.
इंद्र कुमार
सतनामी, दिनांक 20.06.2024 से
त्याग-पत्र
आवेदन देने के
उपरांत
अनुपस्थित
हैं, जिसकी
कार्यवाही
प्रचलन में है।
(घ) जी हाँ। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ड.) जी
हाँ, 02
भवनों के
जर्जर होने की
जानकारी
प्राप्त हुई
है। जी नहीं, निश्चित
समयावधि
बताया जाना
संभव नहीं है।
सिंचाई
हेतु जलाशयों, नहरों और
तालाबों की
स्थिति
[जल संसाधन]
109.
( क्र. 1127 ) श्री
रजनीश हरवंश
सिंह : क्या जल
संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) केवलारी
विधानसभा
क्षेत्र में
सिंचाई हेतु जलाशयों, नहरों और
तालाबों की
वर्तमान
स्थिति क्या
है?
क्या इनके
जीर्णोद्धार
के लिए कोई योजना
बनाई गई है? यदि हाँ, तो क्या। (ख) क्या
संजय सरोवर
सिंचाई
परियोजना के
अंतर्गत मुख्य
माइनर नहर एवं
सब माइनर
नहरों की
स्थिति अत्यंत
खराब हो गई
जिसके कारण
नहरों से पानी
लीकेज होता है
तो प्रशासन
द्वारा इसके
लिए क्या
किया जा रहा
है? (ग) केवलारी
विधानसभा के
अंतर्गत
नहरों की सफाई
और रखरखाव के
लिए विभाग
द्वारा प्रति
वर्ष कितना
बजट स्वीकृत
किया जाता है
और उसका
वास्तविक उपयोग
कितना होता है
एवं आज दिनांक
तक कितना कार्य
किया जा चुका
है, जिससे
रबी की फसल
में नहरों के
द्वारा खेतों
में पानी सीधे
पहुंच सके? इस हेतु क्या
किया जा रहा
है? (घ) क्या
विभाग उक्त
जलाशयों का
सीमेंटीकरण
करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों? कारण स्पष्ट
करें।
जल
संसाधन
मंत्री ( श्री
तुलसीराम
सिलावट ) : (क) सिवनी
जिले के
केवलारी
विधानसभा
क्षेत्र अंतर्गत
जलाशयों एवं
तालाबों की
स्थिति
संतोषजनक एवं
नहरों की
वर्तमान
स्थिति पूर्ण
रूप से
संतोषजनक
नहीं होना प्रतिवेदित
है। जी हाँ। जीर्णोद्धार
के लिए विशेष
मरम्मत, आर.आर.आर.
ई.आर.एम. एवं
अनुरक्षण मद
अंतर्गत
कार्य कराये
जाने की योजना
हैं। (ख) संजय
सरोवर
परियोजना की
मुख्य नहर, माइनर नहर
एवं सब माइनर
नहरों का
निर्माण लगभग 25 वर्ष
पूर्व हुआ है
एवं जो कच्ची
नहरें होने से
वर्षाकाल के
दौरान
क्षतिग्रस्त
हो जाती है, जिसे
वर्षाकाल
उपरांत
मरम्मत कार्य
कराकर प्रतिवर्ष
कृषकों को
सम्पूर्ण
क्षेत्र में सिंचाई
सुविधा
प्रदान कराई
जाना
प्रतिवेदित है।
(ग) नहरों के
साफ-सफाई एवं
रख-रखाव के
लिए प्रति
हेक्टेयर
सैंच्य
क्षेत्र के
निर्धारित
वित्तीय
मापदण्ड के
मान से गणना
कर राशि उपलब्ध
कराई जाती है।
नहरों का
कार्य आज दिनांक
तक समस्त
कार्य पूर्ण
कर दिनांक 10.11.2025 से कृषकों
को सिंचाई
हेतु नहरों का
लगातार
संचालन किया
जा रहा है। विभाग
सतत् मॉनिटरिंग
कर समस्त
कमांड
क्षेत्र के
कृषकों को
सिंचाई हेतु
पानी उपलब्ध
कराये जाने
हेतु
प्रयासरत रहता
है। (घ) संजय
सरोवर
परियोजना की
नहरों की
लाइनिंग एवं
पक्के
कार्यों के
पुनरुद्धार
हेतु ई.आर.एम.
मद में
स्वीकृति प्राप्त
करने की
कार्यवाही की
जा रही है, जो जल
शक्ति
मंत्रालय
भारत सरकार, नई दिल्ली
के कार्यालय
में
परीक्षणाधीन
है। निश्चित
समय-सीमा बताया
जाना संभव
नहीं है। शेष प्रश्नांश
लागू नहीं।
सिंचाई
परियोजनाओं की
जानकारी
[जल संसाधन]
110.
( क्र. 1134 ) श्री
उमाकांत
शर्मा : क्या जल
संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) टेम
सिंचाई
परियोजना
लटेरी, सेमरखेड़ी
लटेरी, सेमलखेड़ी
तीर्थ
क्षेत्र सिंचाई
परियोजना
सिरोंज, बरखेड़ा
हरगन सिंचाई
परियोजना
सिरोंज कब तक
पूर्ण हो
जावेंगे? समय-सीमा
बतावें। वन विभाग
की
कितनी-कितनी
भूमि डूब
क्षेत्र में आ
रही है? परियोजनावार
जानकारी
देवें। विभाग
द्वारा वन
विभाग को
राजस्व भूमि
देने हेतु
क्या-क्या
कार्यवाही की
गई है?
कार्यवाही का
विवरण उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश
‘क’ के
संदर्भ में
उक्त सिंचाई
परियोजना का
निरीक्षण
किन-किन
अधिकारियों
द्वारा कब-कब
किया गया है
एवं गुणवत्ता
में क्या कमी
पाई गई है? निरीक्षण
प्रतिवेदन की
छायाप्रति
उपलब्ध करावें। समय-सीमा में
उक्त सिंचाई
परियोजना के
पूर्ण न होने
के लिए कौन-कौन
अधिकारी दोषी
है एवं इन पर
क्या-क्या कार्यवाही
की गई है? जानकारी
दें। यदि नहीं
तो क्यों? (ग) केथन
डेम सिंचाई
परियोजना, नरेन
सिंचाई
परियोजना, गरेंठा
लघु सिंचाई
परियोजना, रूसिया
सिंचाई
परियोजना की
मरम्मत एवं
नहरों की
साफ-सफाई हेतु
01 अप्रैल 2019 से प्रश्नांकित
दिनांक तक
कितनी-कितनी
राशि स्वीकृत
की गई एवं
किन-किन मदों
में व्यय की गई
एवं किन-किन
व्यक्तियों
और संस्थाओं
को कितनी-कितनी
राशि का
भुगतान किया
गया?
जानकारी
उपलब्ध
करायें। (घ) बरखेड़ा
सिंचाई
परियोजना के
कार्यादेश
जारी होने के
बाद भी कार्य
एजेन्सी
द्वारा कार्य
नहीं किया गया
तो कार्य एजेन्सी
पर क्या
कार्यवाही की
गई?
यदि कार्यवाही
नहीं की गई है
तो कब तक
कार्यवाही की
जावेगी? समय-सीमा
बतावें।
जल
संसाधन
मंत्री ( श्री
तुलसीराम
सिलावट ) : (क) राजस्व
भूमि देने
हेतु की गई
कार्यवाही का विवरण
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के "प्रपत्र-अ‘‘
अनुसार
है। (ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के "प्रपत्र-ब"
अनुसार है। (ग) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के "प्रपत्र-स‘‘
अनुसार
है। (घ) बरखेड़ा
हरगन
परियोजना का
अनुबंध क्र. 04/2018-19 दिनांक
17/07/2018
को गया। उक्त
परियोजना में
वन विभाग से
कार्य करने हेतु
स्वीकृति न
मिल पाने के
कारण
अनुबंधकर्ता द्वारा
परियोजना का
कार्य
प्रारंभ नहीं
किया जा सका
है। अनुबंध के
विखण्डन की
कार्यवाही
प्रक्रियाधीन
है।
खण्डवा
जिला अंतर्गत
मदरसों एवं स्कूलों
की जानकारी
[स्कूल
शिक्षा]
111.
( क्र. 1141 ) श्रीमती
कंचन मुकेश
तनवे : क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) विगत
5 वर्षों
में खण्डवा
जिले में
शिक्षा विभाग
द्वारा कितने
नवीन स्कूल, मदरसों, को
मान्यता
प्रदान की गई
है? कितने
आवेदन
मान्यता के
लंबित है एवं
कितने स्कूल, मदरसों की
मान्यता रद्द
की है एवं
किन-किन
कारणों से किस
अधिकारी की
अनुशंसा पर की
गई है? कितने
विद्यालय
स्वयं के भवन, किराये या
लीज के भवन या
भूमि पर
संचालित हैं? जानकारी
उपलब्ध
करायें। विद्यालयों
में खेल
ग्राउंड के
क्या मापदंड हैं?
निर्धारित
मापदंड
अनुसार कितने
विद्यालयों
में खेल मैदान
उपलब्ध हैं? कितनों
में नहीं हैं? (ख) खंडवा
जिले में कुल
कितने शासकीय, अशासकीय
विद्यालय किस-किस
स्तर के
संचालित हैं? इनकी
मान्यता किस
वर्ष से है, कब-कब इन
शिक्षण
संस्थाओं एवं
मदरसों की
मान्यता का नवीनीकरण
किया गया? विभाग के
किस-किस स्तर
के अधिकारियों
द्वारा कब-कब, कितने
निरीक्षण
किये गए? उनकी
संस्थावार, माहवार
प्रमाणित
जानकारी तथा
उनके संचालकों
के नाम, मान्यता
आदेश की
छायाप्रतियां
एवं विगत 5 वर्षों
में प्राप्त
शुल्क की
वर्षवार
जानकारी
प्रदान की
जावे। (ग) खंडवा
जिले के कितने
मान्यता
प्राप्त
विद्यालयों
में RTE अंतर्गत
कितनी-कितनी
सीट किस-किस
कक्षा हेतु उपलब्ध
है? विगत
5 वर्षों
में कितने
विद्यालयों
द्वारा RTE अंतर्गत
प्रवेश नहीं
दिया? कितने
विद्यालयों
की अधिक शुल्क
वसूलने, विद्यार्थियों
को परीक्षा से
वंचित करने की
शिकायतें
प्राप्त हुई
हैं?
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) शिक्षा
विभाग द्वारा
नवीन स्कूलों
को दी गई मान्यता
संबंधी जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-1 (पेनड्राइव)
अनुसार है
एवं विगत 5 वर्षों
में नवीन
मदरसों की
मान्यता की
जानकारी
निरंक है। स्कूल
शिक्षा विभाग
एवं मदरसों की
मान्यता के
कोई आवेदन
लंबित नहीं
हैं। मान्यता
अमान्य संबंधी
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-2 (पेनड्राइव)
अनुसार है। भवन व
खेल मैदान
संबंधी जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-1 (पेनड्राइव)
में समाहित है। खेल
ग्राउंड के
मापदण्ड का विवरण
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-3 (पेनड्राइव)
अनुसार है। शेषांश
जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-1 (पेनड्राइव)
में समाहित है। (ख) विवरण
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-4 (पेनड्राइव)
अनुसार है। शासकीय
विद्यालयों
को मान्यता
नहीं दी जाती
है, अपितु
शासन के
निर्णय
अनुसार
प्रारंभ किए
जाते हैं। अशासकीय
विद्यालयों
के नवीनीकरण
का विवरण एवं मान्यता
आदेश की प्रतियां
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-5 (पेनड्राइव)
अनुसार है। मदरसों
की मान्यता
नवीनीकरण
संबंधी जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-6 (पेनड्राइव)
अनुसार है। शुल्क
संबंधी जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-7 (पेनड्राइव)
अनुसार है। (ग)
जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-8 (पेनड्राइव)
अनुसार है। खण्डवा
जिले में
विद्यालयों
द्वारा अधिक
शुल्क
वसूलने एवं
परीक्षा से
वंचित करने की
शिकायत
संबंधी
जानकारी
निरंक है।
वाहनों
को जारी परमिट
एवं लाइसेंस
की जानकारी
[परिवहन]
112.
( क्र. 1142 ) श्रीमती
कंचन मुकेश
तनवे : क्या
परिवहन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) खंडवा
जिले में विगत
5 वर्षों
में कितने
यात्री बसों, टैक्सी, डम्फर, ट्रकों
एवं अन्य
वाहनों को
परमिट प्रदान किया
गया है? यात्री
बसों के परमिट
की सूची, संचालक
मालिकों की
सूची, यदि
परिवहन विभाग
में यात्री
बसों के
अनुबंध किये
हों तो उनके
अनुबंध की
जानकारी
उपलब्ध
करायें l (ख) विगत
3 वर्षों
में परिवहन
विभाग खंडवा
में दुर्घटनाओं
के कितने
प्रकरण दर्ज
हुए? विभाग
द्वारा
दुर्घटनाओं
पर रोक हेतु
क्या-क्या
अभियान चलाये? उन पर
कितना कहाँ-कहाँ
खर्च किया गया? उनसे क्या
सुधार हुए? विभाग
द्वारा कितनी
यात्री बसों, टैक्सी, डम्फर, ट्रकों
एवं अन्य
समस्त प्रकार
के वाहनों पर
कार्यवाही की
एवं क्या
कार्यवाहियां
की गई, कितने
राजस्व की
वसूली की गई
एवं उक्त राशि
का क्या उपयोग
किया गया? राज्य कोष
में जमा की गई
हो तो उसकी जमा
रसीद या पत्र
की कॉपी
प्रदान करेंl (ग) विगत
3 वर्षों
में कितने
ड्राइविंग
लाइसेंस, दो पहिया, चार पहिया, किस-किस कैटेगरी
के जारी किये
गए? उक्त
से कितना
लाइसेंस
शुल्क
प्राप्त हुआ, उसका
विवरण व
अभियानों की
जानकारी
प्रदान करें।
परिवहन
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) खण्डवा
जिले में विगत
5 वर्षों में
कुल 12, 016
परमिट जारी
किये गये हैं।
यात्री बसों
के जारी किये
गये परमिटों
एवं बस संचालकों
की जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-अ
अनुसार है। यात्री
बसों के
अनुबंध के
संबंध में
जानकारी निरंक
है। (ख) सड़क दुर्घटनाओं
के प्रकरण
परिवहन विभाग
में दर्ज नहीं
होकर, पुलिस
विभाग में
दर्ज होते हैं, जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-ब
अनुसार है। विभाग
द्वारा
दुर्घटनाओं
को रोकने हेतु
समय-समय पर
अवैध संचालित
वाहनों के
विरूद्ध निरंतर
चेकिंग की
जाकर उनके
विरूद्ध
नियमानुसार
कार्यवाही की
जाती है एवं
अभियान पर कोई
व्यय नहीं
किया जाता है।
विगत 3
वर्षों में
परिवहन
कार्यालय
खण्डवा
द्वारा कुल 451 वाहनों पर
कार्यवाही कर
राशि रूपये 17, 33, 500/-
का
शमन-शुल्क
वसूल किया गया
एवं वसूल की
गयी राशि
चालान के
माध्यम से
बैंक में जमा
की गयी है
वांछित जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-स
अनुसार है। (ग) वांछित
कैटेगरी
अनुसार जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-द (1 से 6) अनुसार है। लायसेंस
बनाये जाने
हेतु समय-समय
पर अभियान चलाये
जाकर कैम्प
आयोजित किये
जाते हैं। लायसेंस
से कुल राशि
रूपये 3, 69, 16, 328/- का शुल्क
शासन को
प्राप्त हुआ।
प्रश्नकर्ता
के पत्रों पर
की गई
कार्यवाही
[परिवहन]
113.
( क्र. 1150 ) श्री राजन
मण्डलोई : क्या
परिवहन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या प्रश्नकर्ता
ने अपने पत्र क्रमांक
433 दिनांक 31/10/2025 जिला
परिवहन
अधिकारी, जिला
बड़वानी को
उनके द्वारा
पूर्व में लिखे
गये 2
पत्रों के
संबंध में चाही
गई जानकारी
उपलब्ध नहीं
कराने एवं
शासन के
आदेश/निर्देशानुसार
वांछित
जानकारी उपलब्ध
कराने हेतु
पत्र लिखा था? यदि हाँ, तो क्या प्रश्नाकर्ता
को उक्त पत्र
के साथ संलग्न
सूची अनुसार
लिखे गये पत्र
में उल्लेखित
बिन्दुओं की
जानकारी
उपलब्ध करा दी
गई है। यदि
नहीं तो क्यों? इसके लिए
क्या संबंधित
उत्तरदायियों
के विरूद्ध
नियमानुसार
कार्यवाही की
जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं
तो क्यों? (ख) विगत
माह विभाग की
समीक्षा बैठक
में सभी
आर.टी.ओ. को
परिवहन
मंत्री
द्वारा दिए गए
निर्देशों की
जानकारी देवें।
क्या परिवहन
मंत्री
द्वारा बिना
परमिट और टैक्स
बकाया वाली
बसें जब्त
करने के
निर्देश दिए
गए हैं? (ग) बड़वानी
जिले में मद क्रमांक
872 में 108962973/- एवं मद 873 में 149285084/- रूपये
बकाया राशि
वसूली नहीं
किये जाने के
क्या कारण हैं? कब तक
बकाया राशि की
वसूली जायेगी? बकाया
राशि की वसूली
नहीं करने पर
जिला परिवहन
अधिकारी पर
क्या
कार्यवाही की
जायेगी?
परिवहन
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ।
जिसके
परिप्रेक्ष्य
में शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख) विभागीय
समीक्षा बैठक दिनांक
16.10.2025 में
परिवहन
मंत्री
द्वारा दिए गए
निर्देशों की जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट अनुसार है।
परिवहन
मंत्री जी
द्वारा बिना
परमिट एवं बिना
टैक्स के
संचालित
वाहनों पर
विधि अनुसार
सख्त
कार्यवाही
किए जाने के निर्देश
दिए गए हैं। (ग) जिला
परिवहन
कार्यालय
बड़वानी
द्वारा बकाया वसूली
हेतु निरंतर
कार्यवाही कर 1 अप्रैल, 2025 से आज दिनांक
तक मद क्रमांक
872 में राशि
रूपये 6, 47, 500/- तथा मद क्रमांक
873 में राशि
रूपये 4, 12, 500/- वसूल की गई
है। लंबित
राशियों की
वसूली एक सतत़
प्रक्रिया है।
निरंतर वसूली
की जा रही है, जिसके
परिप्रेक्ष्य
में शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
बड़वानी
जिलांतर्गत
स्वास्थ्य
सेवाओं की जानकारी
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
114.
( क्र. 1151 ) श्री राजन
मण्डलोई : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) बड़वानी
जिले में चल
रहे निजी अस्पताल/नर्सिंग
होम एवं क्लीनिकल
स्थापना हेतु
मान्यता
प्राप्त करने
दिए आवेदन सह
संलग्न
दस्तावेज, विभागीय
इंस्पेक्शन/निरीक्षण
प्रतिवेदन, स्टाफ-एम्प्लाइज
की शैक्षणिक
योग्यता के प्रमाण-पत्र
तथा जारी
मान्यता
प्रमाण-पत्र
की सत्यापित
जानकारी
देवें। (ख) बड़वानी
जिले में चल
रहे रिटेल
ड्रग/मेडिकल
स्टोर के लाइसेंस
प्राप्त करने
हेतु प्राप्त
आवेदन सह
संलग्न
दस्तावेज, विभागीय
इंस्पेक्शन/निरीक्षण
प्रतिवेदन, स्टाफ-एम्प्लाइज
की शैक्षणिक
योग्यता के प्रमाण-पत्र
तथा जारी
लाइसेंस
प्रमाण-पत्र
तथा वर्तमान में
छिदवाड़ा कफ सिरप
कांड के
पश्चात किये
गए रिटेल ड्रग
स्टोर के निरीक्षण
रिपोर्टस् की
सत्यापित
जानकारी
देवें। (ग) विभाग
अंतर्गत जिले
के जिला
चिकित्सालय
समेत समस्त
स्वास्थ्य
केन्द्रों पर
कार्यरत समस्त
आउटसोर्स
कर्मचारियों
की भर्ती
प्रक्रिया
सम्बन्धी
विवरण, नाम-पदनाम, शैक्षणिक
योग्यता, नियुक्ति/कार्यभार
सौंपने विषयक
दस्तावेज, मासिक
पारिश्रमिक/मानदेय
सम्बन्धी
विस्तृत
जानकारी
देवें। (घ) विभाग
अंतर्गत जिले
में वित्तीय
वर्ष 2023-24
से प्रश्न दिनांक
तक दवाइयों के
लोकल परचेस
अंतर्गत की गई
खरीदी के
निविदा
दस्तावेज, प्राप्त
निविदाओं के तकनीकी
दस्तावेज, कार्यादेश, क्रयादेश, आपूर्तिकर्ता
से प्राप्त
दवाइयों के
लिए गये सैम्पल
के विवरण तथा
प्राप्त लैब
रिपोर्टस्, आपूर्तिकर्ता
से प्राप्त
बिल तथा किये
गये भुगतान की
विस्तृत
जानकारी देवें।
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) बड़वानी
जिले में चल
रहे निजी अस्पताल/नर्सिंग
होम एवं क्लीनिकल
स्थापना
हेतु मान्यता
प्राप्त
करते समय
प्रस्तुत
आवेदन सह दस्तावेज़
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''अ'' अनुसार। विभागीय
इंस्पेक्शन/निरीक्षण
प्रतिवेदन की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''ब'' अनुसार। स्टाफ
एम्प्लाइज
की शैक्षणिक
योग्यता
संबंधी जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''स'' अनुसार। शैक्षणिक
योग्यता
संबंधी
प्रमाण-पत्र
व्यक्तिगत
जानकारी होने
के कारण उपलब्ध
कराया जाना
संभव नहीं है।
(ख) बड़वानी
जिले में चल
रहे रिटेल
ड्रग/मेडिकल स्टोर
के लाइसेंस
प्राप्त
करने हेतु
प्रस्तुत
आवेदन सह
संलग्न दस्तावेज़
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''क'' अनुसार। विभागीय
इंस्पेक्शन/निरीक्षण
प्रतिवेदन की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''ख'' अनुसार। स्टाफ
एम्प्लाइज
की शैक्षणिक
योग्यता तथा लाइसेंस
प्रमाण-पत्र की
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''ग'' अनुसार। छिंदवाड़ा
कफ सिरप कांड
के पश्चात
किए गए रिटेल
ड्रग स्टोर
के निरीक्षण
रिपोर्टस् की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''घ'' अनुसार। (ग) विभाग
अंतर्गत जिले
के जिला
चिकित्सालय
समेत समस्त
स्वास्थ्य
केन्द्रों
पर कार्यरत
समस्त
आउटसोर्स
कर्मचारियों
के भर्ती
प्रक्रिया, नाम, पदनाम, शैक्षणिक
योग्यता तथा
मानदेयवार की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''द'' अनुसार। (घ) विभाग
अंतर्गत जिले
में वित्तीय
वर्ष 2023-24
से प्रश्न
दिनांक तक
दवाइयों के
लोकल पर्चेस
अंतर्गत की गई
खरीदी के
निविदा दस्तावेज, प्राप्त
निविदाओं के
तकनीकी दस्तावेज, कार्यादेश
तथा क्रय आदेश
की जानकारी, आपूर्तिकर्ता
से प्राप्त
दवाइयों के
लिए गए सैम्पल
विवरण तथा
प्राप्त लैब
रिपोर्टस की
जानकारी तथा
आपूर्तिकर्ता
से प्राप्त
बिल तथा किए
गए भुगतान की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''ई'' अनुसार।
शासकीय
स्कूलों के
नवीन भवन का निर्माण
[स्कूल
शिक्षा]
115.
( क्र. 1157 ) डॉ.
तेजबहादुर
सिंह चौहान : क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) पी.एम.
श्री शासकीय
कन्या उच्चतर
माध्यमिक
नागदा और प्राथमिक
कन्या शाला
स्कूल नागदा, रेलवे
स्टेशन
चौराहा की भवन
निर्माण की
राशि स्वीकृत
होकर नए भवन
का निर्माण
किया जाना है
परन्तु
पुराने भवन के
डिस्मेंटल न होने
के कारण नये
भवन निर्माण
की कार्यवाही
रूकी है।
पुराने भवन के
डिस्मेंटल की
कार्यवाही
क्यों रुकी
हुई है जबकि
बार-बार
संबंधित
अधिकारियों
को अवगत भी करवा
दिया गया है? (ख) कब
तक पुराने भवन
को डिस्मेंटल
कर दिया जाकर
नए भवन के
निर्माण की
कार्रवाई
प्रारंभ कर दी
जावेगी?
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) जी नहीं, पी.एम. श्री
शा कन्या उ.मा.वि.
नागदा के
पुराने भवन के
ध्वस्तीकरण
हेतु एब्सट्रेक्ट
(Abstract)
मूल्य
कार्यपालन
यंत्री, लोक
निर्माण
विभाग द्वारा
उपलब्ध करा दी
गई है, ध्वस्तीकरण
की अनुमति की
कार्यवाही
प्रचलन में है।
शा. कन्या
प्राथमिक
शाला नागदा के
ध्वस्तीकरण
का निविदा दिनांक
09.09.2025 को
मध्यप्रदेश
पुलिस आवास
निगम के
द्वारा जारी
की गई है। (ख) उत्तरांश
"क" के प्रकाश
में
कार्यवाही
प्रक्रियाधीन
है। समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
उप
स्वास्थ्य
केंद्रों का
निर्माण एवं संचालन
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
116. ( क्र. 1158 ) डॉ.
तेजबहादुर
सिंह चौहान : क्या
उप मुख्यमंत्री, लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) नागदा
खाचरोद
विधानसभा
क्षेत्र में
कितने उप
स्वास्थ्य
केंद्र
वर्तमान में
स्वीकृत किए
गए थे, इनमें
कितने उप
स्वास्थ्य
केंद्र का
निर्माण
कार्य
प्रारंभ हो
गया है? (ख) कितने
उप स्वास्थ्य
केंद्र का
निर्माण कार्य
प्रारंभ होना
शेष है और शेष
रहे उप
स्वास्थ्य
केन्द्रों का
निर्माण
कार्य कब तक
प्रारंभ कर
पूर्ण कर लिया
जाएगा? (ग) विधानसभा
क्षेत्र में
ग्राम नायन, चिरोला, रजला
सहित कई
ग्रामों में
उप स्वास्थ्य
केंद्र बनकर
तैयार हो गए
हैं लेकिन
इनमें समस्त
स्टाफ और
संसाधनों के
अभाव में इनका
संचालन अभी तक
नहीं हो रहा
है। इनका
संचालन कब तक
शुरू हो जाएगा? (घ)
प्रश्नकर्ता
विधानसभा
क्षेत्र के
नगरीय
क्षेत्रों
में संजीवनी
क्लीनिक के
भवन बनकर
तैयार है,
उन्हें स्टाफ
और औषधीय सहित
कब तक संचालित
कर दिए जाएंगे?
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) एवं (ख) जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार। (ग) उक्त
सभी उप
स्वास्थ्य
केन्द्र
वर्तमान में
संसाधन एवं सी.एच.ओ.
पदस्थ हो कर
संचालित हैं। (घ)
जी हाँ। 03
मुख्यमंत्री
संजीवनी क्लीनिक
संचालित है
तथा 02
मुख्यमंत्री
संजीवनी क्लीनिक
में चिकित्सा
अधिकारी की
नियुक्ति पश्चात
संचालन किया
जाना लक्षित
है। निश्िचत
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
नवीन
जिला एवं संभाग
का गठन
[राजस्व]
117.
( क्र. 1165 ) डॉ. राजेन्द्र
पाण्डेय : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
विगत कई
वर्षों से
क्षेत्रीय
बढ़ती जनसंख्या
एवं बढ़ते जन-कार्यों
के समय पर
पूर्ण किए
जाने हेतु
क्षेत्रीय
जनप्रतिनिधियों, सामाजिक, राजनीतिक
संगठनों, पत्रकार
संगठनों एवं
क्षेत्रीय
जनता द्वारा
जावरा को जिला
बनाए जाने की
मांग लगातार
की जा रही है? (ख) यदि
हाँ, तो
क्या विगत
वर्षों में
स्थानीय एवं
जिला प्रशासन
के सक्षम
अधिकारियों
के माध्यम से
भी शासन/विभाग
को जावरा को
जिला बनाए
जाने के प्रस्ताव
प्राप्त हुए
हैं? (ग) यदि हाँ, तो तहसील
जावरा, पिपलोदा, बड़ावदा, ताल एवं
आलोट तहसील को
सम्मिलित
करते हुए जावरा
को जिला बनाए
जाने की
अत्यंत गंभीर
आवश्यकता के
दृष्टिगत कब
तक जावरा को
जिला बनाया
जाएगा? (घ) रतलाम
अथवा मंदसौर
को संभाग का
दर्जा दिए जाने
हेतु भी
कार्रवाई
समय-समय पर की
गई। चूंकि
जिला रतलाम, मंदसौर
एवं नीमच
अंतर्गत
हजारों गांव
की संभाग एवं
जिला
मुख्यालय से
अधिक दूरी
दैनंदिनी कार्यों
में बाधक होती
है तो जावरा
को जिला एवं
रतलाम अथवा
मंदसौर को
संभाग कब तक
बनाया जाएगा?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह वर्मा
) : (क) एवं
(ख) जी हाँ (ग) वर्तमान
में प्रस्ताव
म.प्र. प्रशासनिक
इकाई
पुनर्गठन
आयोग के समक्ष
विचाराधीन है।
समय-सीमा बताया
जाना संभव
नहीं। (घ) वर्तमान
में प्रस्ताव
म.प्र. प्रशासनिक
इकाई
पुनर्गठन
आयोग के समक्ष
विचाराधीन है।
समय-सीमा बताया
जाना संभव नहीं।
जावरा
विधानसभा
अंतर्गत स्वास्थ्य
व्यवस्थाओं की
जानकारी
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
118.
( क्र. 1166 ) डॉ. राजेन्द्र
पाण्डेय : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) जावरा
विधानसभा क्षेत्र
अंतर्गत
सिविल
हॉस्पिटल
जावरा में शासन/विभाग
द्वारा एस.एन.सी.यू.
वार्ड की
स्वीकृति दी
गई किंतु भवन
निर्माण एवं
स्टॉफ की
स्वीकृति
नहीं दी गई तो
कब तक दोनों
स्वीकृतियां
दी जाएंगी? साथ ही
सिविल
हॉस्पिटल
जावरा को 100 से 200 बिस्तरीय
में उन्नयन कब
तक किया जाएगा
तथा एन.आर.सी.
भवन की
स्वीकृति कब
दी जाएगी? (ख) जावरा
नगर स्थित
पुराने महिला
चिकित्सालय परिसर
में एवं सिविल
हॉस्पिटल
जावरा में
कर्मचारियों
हेतु आवास
निर्माण की
स्वीकृति कब तक
दी जा सकेगी? (ग) जावरा
नगर स्थित दो
संजीवनी क्लीनिक
स्वीकृत होकर
अस्थाई
व्यवस्थाओं
के माध्यम से
संचालित किया
जा रहे हैं, जहां
दोनों
संजीवनी
क्लीनिक में
स्टॉफ नहीं होने
से अत्यंत
कठिनाइयां
हैं तो नगरीय
दोनों
संजीवनी क्लीनिक
हेतु संपूर्ण
स्टॉफ की पद
पूर्ति कब तक
की जा सकेगी? (घ) जावरा
तहसील एवं पिपलोदा
तहसील
अंतर्गत
स्वीकृत
स्वास्थ्य केंद्र
भवन कब तक
पूर्ण किया
जाकर प्रारंभ
किया जा
सकेंगे तथा
उनके पृथकतः
संपूर्ण
स्टॉफ की नियुक्ति
की स्वीकृति
कब तक दी
जाएगी? साथ ही
सामुदायिक
स्वास्थ्य
केद्रों व उप
स्वास्थ्य
केन्द्रों
की
बाउंड्रीवॉल
निर्माण की
स्वीकृति कब
दी जाएगी?
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) जावरा
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत
जावरा सिविल
अस्पताल में
शासन/विभाग
द्वारा विद्यमान
एन.बी.एस.यू. (न्यूबार्न
स्टेबलाइजेशन
यूनिट) का
एस.एन.सी.यू.
में उन्नयन की
स्वीकृति
अनुसार
अस्पताल भवन
में इस हेतु निर्मित
स्थल उपलब्ध
है एवं भवन
निर्माण की आवश्यकता
नहीं है। स्टाफ
की स्वीकृति
राज्य
कार्ययोजना
में यथोचित
अनुमोदन
उपरांत की
जावेगी, निश्चित
समय-सीमा बताया
जाना संभव
नहीं है। सिविल
हॉस्पिटल
जावरा को 100 से 200 बिस्तरीय
अस्पताल
उन्नयन का
वर्तमान में
कोई योजना
नहीं है। एन.आर.सी.
विद्यमान
अस्पताल भवन
में संचालित
है। अतः पृथक
में भवन
निर्माण का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख) जावरा
नगर स्थित
पुराने महिला
चिकित्सालय परिसर
में एवं सिविल
हॉस्पिटल
जावरा में
कर्मचारियों
हेतु आवास
निर्माण हेतु
वर्तमान में
सीमित वित्तीय
संसाधन की
स्थिति के
कारण
स्वीकृति
दिया जाना
संभव नहीं है।
(ग) जावरा नगर
स्थित दो
संजीवनी क्लीनिक
में से गीता
भवन वार्ड नं. 09 संचालित
हैं एवं समस्त
स्टॉफ पदस्थ
है एवं वार्ड
नं. 11
स्थित
संजीवनी क्लीनिक
को दिनांक 15.11.2025 को
हस्तांतरित
किया गया है, संविदा
चिकित्सा
अधिकारी की
नियुक्ति
प्रक्रियाधीन
है, समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
(घ) जानकारी संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार तथा
उपरोक्त सभी
स्वास्थ्य
संस्थाओं में
स्टाफ
स्वीकृत एवं
उपलब्ध है। सामुदायिक
स्वास्थ्य
केन्द्रों व उप
स्वास्थ्य
केन्द्रों की
बाउण्ड्रीवॉल
निर्माण की
स्वीकृति की
निश्चित
समय-सीमा, सीमित
वित्तीय
संसाधन की
स्थिति के
कारण बताया
जाना संभव
नहीं है।
प्रसूति
सहायता राशि
का वितरण
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
119.
( क्र. 1174 ) डॉ. सतीश
सिकरवार : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) जिला
ग्वालियर के
अंतर्गत 1 जनवरी 2024 से प्रश्न
दिनांक तक कुल
कितनी
महिलाओं का
प्रसव शासकीय
अस्पतालों
में हुआ है? अस्पताल
के नामवार
संख्यात्मक
जानकारी दी जावे।
(ख) प्रश्नांश
(क) के अवधि में
हुये प्रसव
उपरांत शासन
द्वारा मिलने
वाली राशि का
भुगतान समस्त
आवेदक महिलाओं
को हो चुका है? यदि नहीं
तो कितनी
महिलाओं को राशि
का भुगतान
किया जाना शेष
है? (ग) प्रश्नांश
(ख) के संबंध
में जिन
महिलाओं को
राशि का वितरण
नहीं किया गया
है, राशि
वितरण नहीं
किये जाने के
क्या कारण रहे
एवं इसके लिये
कौन दोषी है? क्या दोषी
अधिकारी/कर्मचारियों
के खिलाफ कार्यवाही
की गई है? (घ) प्रश्नांश
(ख) के संबंध
में पात्र
महिलाएं
जिनका प्रसव
हुआ है, वह उक्त
लाभ से वंचित
हैं। उन्हें
राशि का
भुगतान कब तक
कर दिया
जावेगा?
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) जिला
ग्वालियर
अंतर्गत 1 जनवरी 2024 से 14 नवम्बर 2025 तक जिले के
शासकीय
अस्पतालों
एवं मेडिकल
कॉलेज में कुल
51129 प्रसव हुए
हैं। अस्पताल
के नामवार
संख्यात्मक जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार। (ख) जी
नहीं। योजना
अंतर्गत
पात्र
महिलाओं को
सहायता राशि
का भुगतान एक
सतत एवं
नियमित
प्रक्रिया है।
शेष प्रसूति
सहायता योजना
के 278
एवं जननी
सुरक्षा
योजना के 9046
हितग्राहियों
के भुगतान
प्रचलन में है।
(ग) प्रश्नांश
(ख) के संबंध
में भुगतान के
प्रक्रियाधीन/लंबित
होने के
प्रमुख
कारणों में हितग्राही
की समग्र आई.डी.
का न होना, उसका ई.के.वाय.सी.
सत्यापित न
होना, बैंक
खाता आधार लिंक
डी.बी.टी.
इनेबल्ड न
होना, महिला
के समग्र का
पति अथवा पति
के परिवार से न
जुड़ा होना, समग्र की
जानकारी
हितग्राही
द्वारा
उपलब्ध न
करवाया जाना
हैं। इसके लिए
हितग्राही
स्वयं जवाबदेह
है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं होता।
(घ) सभी पात्र
महिलाओं के
द्वारा
भुगतान हेतु
आवश्यक
पूर्तियां
जैसे समग्र आई.डी.
एवं उसकी ई.के.वाय.सी.
एवं आधार लिंक
बैंक खाता (डी.बी.टी.
इनेबल्ड) होते
ही भुगतान की
प्रक्रिया
निरंतर है।
हितग्राहिओं
को
क्षतिपूर्ति
मुआवजा राशि
का वितरण
[राजस्व]
120.
( क्र. 1176 ) डॉ. सतीश
सिकरवार : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्षतिपूर्ति
जैसे -
घर/दुकान में
आग लग जाने
एवं बारिश के
कारण मकान
ढह/क्षतिग्रस्त
हो जाने पर
शासन द्वारा
मुआवजा दिये
जाने के क्या
नियम/प्रावधान
हैं? आदेश
की प्रति
उपलब्ध करावें।
(ख) जिला
ग्वालियर में 1 जनवरी 2025 से प्रश्न
दिनांक तक
क्षतिपूर्ति
मुआवजा राशि
प्राप्त हेतु
कितने आवेदन
प्राप्त हुये? विधानसभावार
एवं तहसीलवार
संख्यात्मक
जानकारी दी
जावे।
(ग) प्रश्नांश
‘ख’ की
अवधि में
प्राप्त
आवेदनों में
से कितने आवेदनों
पर कार्यवाही
पूर्ण कर राशि
हितग्राहिओं
को प्रदाय की
जा चुकी है
एवं कितने
हितग्राही
शेष हैं? (घ) प्रश्नांश
‘ख’ की
अवधि में जिन
हितग्राहिओं
को
क्षतिपूर्ति
मुआवजा राशि
का वितरण नहीं
किया गया, तो क्या
कारण रहे? इसके लिये
कौन-कौन
अधिकारी/कर्मचारी
दोषी है? इनके
विरूद्ध क्या
कार्यवाही की
गई?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) क्षतिपूर्ति
जैसे -
घर/दुकान में
आग लग जाने एवं
बारिश के कारण
मकान
ढह/क्षतिग्रस्त
हो जाने तथा
प्राकृतिक
आपदा से क्षति
होने पर राजस्व
पुस्तक
परिपत्र 6-4 के
प्रावधानों
के तहत
प्रभावितों
को आर्थिक सहायता
प्रदाय की
जाती है। नियम
की प्रति
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-''अ''
अनुसार है। (ख) जिला
ग्वालियर में 1
जनवरी 2025 से
प्रश्न
दिनांक तक
क्षतिपूर्ति
मुआवजा राशि
हेतु प्राप्त
आवेदनों की
तहसीलवार
जानकारी निम्नानुसार
है :-
|
क्र. |
तहसील
का नाम |
प्राप्त
आवेदन |
|
1 |
ग्वालियर |
103 |
|
2 |
डबरा |
1380 |
|
3 |
भितरवार |
196 |
|
4 |
चीनौर |
1270 |
|
5 |
घाटीगांव |
66 |
|
6 |
मुरार |
25 |
|
7 |
तानसेन |
41 |
|
8 |
सिटी सेन्टर |
90 |
|
योग |
3171 |
|
विधानसभावार
जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है।
(ग) प्राप्त
आवेदनों पर
कार्यवाही
पूर्ण
हितग्राहियों
की जानकारी
निम्नानुसार
है :-
|
क्र. |
तहसील
का नाम |
कार्यवाही
पूर्ण
हितग्राही |
अपात्र
होने से
भुगतान नहीं
किया गया |
|
1 |
ग्वालियर |
103 |
0 |
|
2 |
डबरा |
1380 |
0 |
|
3 |
भितरवार |
172 |
24 |
|
4 |
चीनौर |
1270 |
0 |
|
5 |
घाटीगांव |
58 |
8 |
|
6 |
मुरार |
25 |
0 |
|
7 |
तानसेन |
41 |
0 |
|
8 |
सिटी सेन्टर |
90 |
0 |
|
योग |
3139 |
32 |
|
(घ) प्रश्नांश
(ख) की अवधि
में कुल 32
हितग्राहियों
के अपात्र
होने के कारण
क्षतिपूर्ति
मुआवजा राशि
का वितरण नहीं
किया गया। कोई
अधिकारी/कर्मचारी
दोषी नहीं है।
अत: शेष प्रश्न
उद्भूत नहीं होता।
भूमि
स्वामियों
को प्लाट पर भवन
निर्माण की
अनुमति
[राजस्व]
121.
( क्र. 1180 ) श्री
योगेन्द्र
सिंह (बाबा) : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) शिल्पी
गृह निर्माण
सहकारी समिति
मर्यादित, अकबरपुर, कोलार रोड, भोपाल, खसरा नं. 62/1/2 एवं 62/1/1 रकबा 5 एकड़, पटवारी
हल्का नं. 39, राजस्व
निरीक्षक
मंडल-4. मिसरोद
जिला भोपाल से
संबंधित 24 मार्च, 2025 को
अतारांकित प्रश्न
संख्या 2042 के उत्तर
में राजस्व
विभाग द्वारा
दिये गये प्रमाणित
दस्तावेजों
के साथ प्लाट क्रमांक
36 एवं 40 के भवन
अनुमति के
संपूर्ण
दस्तावेज दिनांक
30.10.2025 को ऑफलाइन
नगर निवेशक, भवन
अनुज्ञा शाखा
को जमा किए गए
थे? (ख) क्या
तारांकित प्रश्न
संख्या 1734 दिनांक 17.03.2025 श्री
सुनील उईके, सदस्य के प्रश्नांश
(ग) के उत्तर
में नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री
जी ने कहा था
कि जी हाँ, भूखण्ड
क्र.-36
एवं 40 पर
बिल्डिंग
परमिशन हेतु ऑनलाइन
आवेदन दिनांक 17.12.2024 को
प्रस्तुत
किये गये थे, उपरोक्त
प्रस्तुत ऑनलाइन
आवेदनों में
सक्षम
प्राधिकारी
द्वारा कॉलोनी
के स्वीकृत
अभिन्यास को
अपलोड करने के
लिए दिनांक 24.12.2024 को भू-खण्ड
स्वामियों के
प्राधिकृत
वास्तुविद
श्री देवेन्द्र
बाथम को वापस
किया गया, प्राधिकृत
वास्तुविद
द्वारा
कॉलोनी के दस्तावेज
वर्तमान तक ऑनलाइन
अपलोड नहीं
किये गये हैं, समस्त
आवश्यक
दस्तावेज
अपलोड होने पर
प्रकरणों का
गुणदोष के
आधार पर
निराकरण किया
जायेगा। (ग) भूखण्ड
क्रमांक 36 एवं 40 पर
बिल्डिंग
परमिशन हेतु ऑनलाइन
आवश्यक
दस्तावेज
अपलोड ले-आउट
प्लान (पंचायत
से नक्शा पास) सहित
अन्य
दस्तावेज लोड
किए जाने की
कार्यवाही की
किन्तु भवन
अनुज्ञा शाखा
की बिल्डिंग परमिशन
शाखा की वेबसाइट
नहीं चलने के
कारण दिनांक 26.09.2025 अनधिकृत कॉलोनी
प्रकोष्ठ एवं
सहायक यंत्री, अनधिकृत
कॉलोनी
प्रकोष्ठ, दिनांक 29.10.2025 को नगर
निवेशक, भवन
अनुज्ञा शाखा
तथा दिनांक 30.10.2025 नगर
निवेशक को
सोसायटी के 135 पृष्ठीय
एवं प्लाट
क्र-36, 40
के रजिस्ट्री
एवं भवन
अनुमति के
समस्त दस्तावेजों
को ऑफलाइन नगर
निगम, शाहपुरा, भोपाल की
आवक-जावक शाखा
को जमा किये
गये थे? वर्ष 1986-87 में
संस्था की
उक्त भूमि नगर
भूमि सीमा
अधिनियम 1976 के
प्रावधान से
मुक्त होने के
बावजूद एवं
समस्त
दस्तावेज जमा
करने के बाद
भी आज दिनांक तक
बिल्डिंग परमिशन
क्यों नहीं दी
गई? बिल्डिंग
परमिशन कब तक
दी जाएगी? समय-सीमा
बतायें। (घ) क्या
अधिकारियों
एवं
कर्मचारियों
द्वारा भवन
अनुमति देने
में लापरवाही
की जा रही है
तो क्या दोषी
अधिकरियों
एवं
कर्मचारियों
पर कार्यवाही
की जावेगी? कब तक
बतायें।
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) जी हाँ।
उल्लेखनीय है
कि वर्तमान
नियमों के
अन्तर्गत भवन
निर्माण की
अनुज्ञा केवल ऑनलाइन
माध्यम से ही
दिये जाने के
प्रावधान
किये गये हैं।
(ख) जी हाँ। भूखंड
क्रमांक 36 एवं 40 पर बिल्डिंग
परमिशन हेतु दिनांक
17/12/2024 को प्रस्तुत
ऑनलाइन आवेदन
के संदर्भ में
भूखंड
स्वामियों के
प्राधिकृत वास्तुविद
श्री
देवेन्द्र
बाथम को
कॉलोनी का
स्वीकृत
अभिन्यास
अपलोड करनेके
लिये दिनांक 24/12/2024 को वापस
किया गया था। प्राधिकृत
वास्तुविद द्वारा
वर्तमान तक ऑनलाइन
दस्तावेज
प्रस्तुत
नहीं किये
जाने से शेष प्रश्नांश
उद्भूत नहीं
होता है। (ग) ग्राम
अकबरपुर
स्थित शिल्पी
गृह निर्माण
स्थित सहकारी
समिति मर्यादित
की कॉलोनी का
ले-आउट नगर तथा
ग्राम निवेश
विभाग से
अनुमोदित
नहीं होने से
एवं
निम्नानुसार
भवन निर्माण
की स्वीकृति
हेतु ऑनलाइन
आवेदन
प्रस्तुत
नहीं किये
जाने से भवन निर्माण
की स्वीकृति
दिया जाना
संभव नहीं हैं।
(घ) जी नहीं। प्रकरण
में
अधिकारियों/कर्मचारियों
द्वारा कोई
लापरवाही
नहीं की गई हैं, कॉलोनी का
स्वीकृत
ले-आउट
प्रस्तुत न
करने के कारण
किसी भी अधिकारी/कर्मचारी
पर कार्यवाही
करने का प्रश्न
ही उत्पन्न
नहीं होता।
राजस्व
भूमि पर
अतिक्रमण
[राजस्व]
122.
( क्र. 1186 ) श्री
प्रीतम लोधी : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क)
पिछोर
विधानसभा में
पिछले 30 वर्षों से
राजस्व
विभाग की
जमीनों पर
अतिक्रमण
करने वाले लोगों
पर पिछले 6 माह में क्या-क्या
कार्यवाही की
गई? यदि
नहीं तो क्यों? (ख) मानसून
सत्र के बाद
माननीय
मंत्री जी के
द्वारा प्रश्नकर्ता
को दिये गये
आश्वासन के
बाद क्या
कार्यवाही
करवाई गई? (ग) क्या
भविष्य में
अतिक्रमण
हटाने की
कार्यवाही
प्रस्तावित
है? यदि
हाँ, तो
कब तक?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) अनुभाग
पिछोर
अंतर्गत
तहसील पिछोर
में राजस्व
विभाग की
जमीनों पर
अतिक्रमण के
संबंध में अतिक्रामकों
के विरुद्ध
पिछले 06 माह में 12 प्रकरणों
एवं तहसील
खनियाधाना
अंतर्गत कुल 08 प्रकरणों
में कुल 20 प्रकरणों
में म.प्र.
भू-सं. 1959 की धारा
248 के तहत
नियमानुसार
कार्यवाही कर
अर्थदण्ड
अधिरोपित कर
बेदखली की
कार्यवाही की
गई है। जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
है (ख) मानसून
सत्र के बाद अतिक्रामकों
के विरुद्ध
म.प्र. भू-सं. 1959 की धारा 248 के तहत 20 प्रकरणों
में नियमानुसार
कार्यवाही कर
अतिक्रमण
हटाकर बेदखली
की कार्यवाही
की गई। (ग) अनुभाग
पिछोर
अंतर्गत राजस्व
विभाग द्वारा
राजस्व भूमि
पर अतिक्रमण
के संबंध में समय-समय
पर अतिक्रामकों
के विरुद्ध
अतिक्रमण
हटाये जाने की
कार्यवाही की
जाती है।
रजिस्ट्री
प्रकरण में
अनियमितता
[राजस्व]
123.
( क्र. 1189 ) श्री उमंग
सिंघार : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क)
क्या उज्जैन
जिले की तहसील
उन्हेल के
ग्राम उन्हेल
में स्थित
क्रमशः सर्वे
क्र. 2522
रकबा 0.0730
हेक्टेयर, क्र. 2523 रकबा 0.2090, क्र. 3360 रकबा 3.3130 हेक्टेयर, क्र. 3361 रकबा 0.1050 हेक्टेयर, क्र. 3363 रकबा 0.0840, क्र. 3364 रकबा 0.1990, क्र. 3376 रकबा 1.2330 हेक्टेयर, क्र. 3380 रकबा 0.3870 हेक्टेयर, क्र. 3381 रकबा 1.4840 हेक्टेयर, कुल रकबा 7.0870 हेक्टेयर
रामेश्वर, बद्रीलाल, लक्ष्मी नारायण, कैलाश के
नाम दर्ज है? (ख) क्या
क्रमशः सर्वे क्र.
2380 रकबा 0.1150 हेक्टेयर, क्र. 2381 रकबा 0.3240, क्र. 2382 रकबा 1.1500 हेक्टेयर, क्र. 2383 रकबा 0.8150 हेक्टेयर, क्र. 2384 रकबा 0.9820, क्र.2390 रकबा 0.2930, क्र. 2391 रकबा 0.9410 कुल रकबा 4.6200 हेक्टेयर
मुनव्वर पिता
कादर के नाम
दर्ज है? (ग) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) में
उल्लेखित
भूमि राजस्व
अभिलेख में कब
से दर्ज है? (घ) क्या
प्रश्नांश
(क) एवं (ख) में
उल्लेखित
भूमि माधवराव
पिता लक्ष्मण
राव के नाम
दर्ज भूमि की
रजिस्ट्री
फर्जी
माधवराव बनकर
नीलेश पिता
शंकराव यादव
के नाम दिनांक
20.06.2025 को कर दी, जिसकी
शिकायत थाना
उन्हेल पुलिस
अधीक्षक उज्जैन
को की गई? इस संबंध
में क्या कोई
जांच हुई? रजिस्ट्री
के समय
माधवराव की
उम्र कितनी थी? (ड.)
प्रश्नांश
(क),
(ख) एवं (ग)
के प्रकाश
में नामांतरण
पर आपत्ति
तहसील उन्हेल
में माह
अक्टूबर 2025 में दर्ज
की गई है? यदि हाँ, तो प्रकरण
पर क्या
कार्यवाही की
गई? यदि
नहीं तो क्यों? क्या
प्रकरण की
जांच कर
रजिस्ट्री
शून्य करने की
कार्यवाही की
जायेगी?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह वर्मा
) : (क) माधवराव
पिता
लक्ष्मणराव
जाति दक्षिणी
ब्राम्हण
भूमि स्वामी
के रूप में
तथा रामेश्वर, बद्रीलाल, लक्ष्मीनारायण, कैलाश
पिता रणछोड़
जाति धाकड़
नन्देड़ा
आधिपत्य कृषक
व मुनव्वर
पिता कादर खां कृषक
जाति मुसलमान
पता नागदा
उज्जैन मध्यप्रदेश
सम्पूर्ण भाग
भूमि स्वामी
के रूप में
राजस्व
अभिलेख में
दर्ज है। (ख) माधवराव
पिता लक्ष्मण राव जाति
दक्षिणी
ब्राम्हण
भूमि स्वामी के
रूप में तथा
रामेश्वर, बद्रीलाल, लक्ष्मीनाराण, कैलाश
पिता रणछोड़
जाति धाकड़
नन्देड़ा
आधिपत्य कृषक
व मुनव्वर खां पिता
कादर खां
आधिपत्य कृषक
जाति मुसलमान
पता नागदा
उज्जैन मध्यप्रदेश
सम्पूर्ण भाग
भूमि स्वामी के
रूप में
राजस्व
अभिलेख में
दर्ज है। (ग) मौजा
पटवारी के
अनुसार
उल्लेखित
भूमि राजस्व
अभिलेख में
वर्ष 1962-63
से दर्ज चली आ
रही है। (घ) पुलिस
थाना उन्हेल
पुलिस
अधीक्षक
उज्जैन में
दर्ज शिकायत की
जानकारी संलग्न
परिशिष्ट पर है। तहसील
उन्हेल के
न्यायालयीन
प्र.क्र. 0628/अ-6/2025-26
में प्रस्तुत
विक्रय विलेख
में विक्रेता
माधवराव की
उम्र 42
वर्ष अंकित है।
(ड.) न्यायालय
तहसील उन्हेल
में आपत्ति
प्राप्त होकर
प्रकरण
आपत्ति के जवाब
हेतु
विचाराधीन है।
वर्तमान में
नामांतरण
प्रकरण राजस्व
न्यायालय
में तथा अपराध
क्रमांक 438 दिनांक 02/11/2025 धारा 318 (4) बी.एन.एस.
विवेचनाधीन
होने से शेष प्रश्न
उत्पन्न
नहीं होता है।
विकास
कार्यों हेतु
आवंटित धन
राशि
[जनजातीय
कार्य]
124.
( क्र. 1196 ) श्री
कमलेश्वर
डोडियार : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) वर्ष-2023 से प्रश्न
दिनांक तक
जनजातीय
कार्य विभाग
द्वारा सैलाना
विधानसभा
क्षेत्र के
विकास कार्यों
हेतु कुल
कितनी धनराशि
आवंटित की गई
है? जानकारी
पृथक-पृथक
वर्षवार
अनुसार
बतावें। (ख) प्रश्नांश
(क) में
उल्लेखित
प्रत्येक
वर्ष के लिये किस-किस
तारीख़ को
(दिनांक सहित)
धनराशि जारी की
गई है
प्रत्येक
रिलीज़ का
आदेश क्रमांक
व वित्तीय
स्वीकृति
क्रमांक की भी
जानकारी
उपलब्ध करावें।
(ग) प्रत्येक
वर्ष के लिये
आवंटित कुल
राशि का योजनावार
जनजातीय
उपयोजना (Tribal Sub
Plan) योजना
विभाजन तथा हर
योजना में
कौन-सी विशिष्ट
परियोजनाएँ
कार्य शामिल
थे? जानकारी
पृथक-पृथक
योजनावार उपलब्ध
करावें। (घ) सैलाना
विधानसभा
क्षेत्र में वर्ष
2023 से प्रश्न
दिनांक तक जिन
विकास
कार्यों की
धनराशि स्वीकृत
की गई थी, उन
कार्यों में
से कितने
कार्य समय पर
पूर्ण हुए तथा
कितने अपूर्ण
हैं। जिन
कार्यों में
अनियमितता
घोटाले हुए
हैं उनके
सम्बन्ध में
क्या जांच हुई
है? जानकारी
पृथक-पृथक
बतावे? यदि किसी योजना
में धनराशि
अन्य मदों या
अन्य जिलों/क्षेत्रों
में डायवर्ट
की गई हो तो
डायवर्जन के आदेश, सम्बन्धित
अधिकारिक
आदेश और किन
मदों में कितना
रुपया
डायवर्ट किया
गया?
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) : (क) जानकारी संलग्न
परिशिष्ट ''अ'' पर
है। (ख)
जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''ब'' पर
है। (ग) प्रत्येक
वर्ष के लिये
आवंटित राशि
का योजना अन्तर्गत
उपयोग किया
गया है, जिसमें
विशिष्ट
परियोजनाएं
कार्य शामिल
नहीं थे। अत:
शेष का प्रश्न
ही उपस्थित
नहीं होता।(घ) सैलाना
विधानसभा
क्षेत्र में
वर्ष 2023
से प्रश्न
दिनांक तक जिन
विकास
कार्यों
धनराशि स्वीकृत
की गई थी, उन
कार्यों मे से
कितने कार्य
समय पर पूर्ण
हुऐ तथा कितने
अपूर्ण हैं की
जानकारी संलग्न
परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है।
उक्त
अवधि में
कार्यों में
अनियमितता
घोटाले की शिकायत
कार्यालय को
प्राप्त
नहीं हुई है।
जिले द्वारा
किसी भी योजना
की धनराशि अन्य
मदों या अन्य
जिलों/क्षेत्रों
में डायवर्ट
नहीं की गई है।
अत: शेष का
प्रश्न ही
उपस्थित नहीं
होता।
सिंचाई
योजनाओं की
स्वीकृति
[जल
संसाधन]
125.
( क्र. 1215 ) श्री
सोहनलाल बाल्मीक
: क्या जल
संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) परासिया
विधानसभा
क्षेत्रान्तर्गत
कृषकों एवं
ग्रामीणजनों
की सुविधा को
देखते हुए उक्त
सिंचाई योजना 1. मंडला पंडापुल
नाला पर जलाशय
2.
दमुआ
भीमसेन ढाना
के पास
घटामाली नदी
पर कोहका दमुआ
बैराज 3. झुर्रेमाल
शंकरपुर रोड
खमडोढ़ा नाला
पर जलाशय उक्त
तीनों सिंचाई
योजना का
सर्वे विभाग
द्वारा कराया
जा चुका है और शासन/विभागीय
स्तर पर
प्रस्ताव
स्वीकृति हेतु
पूर्व में
प्रेषित किए जा
चुके है
परन्तु अभी तक
सिंचाई
योजनाओं की स्वीकृति
प्रदान नहीं
की गई है जबकि
कृषकों की सुविधा
हेतु सिंचाई
योजनाओं की
स्वीकृति शीघ्र
अतिशीघ्र
प्राप्त होना
अत्यंत
आवश्यक है।
अभी तक सिंचाई
योजनाओं की
स्वीकृति
प्राप्त नहीं
होने का क्या
कारण है? कार्यवाही
किस स्तर पर
प्रचलित है? (ख) प्रश्नांश
(क) में
उल्लेखित
सिंचाई
योजनाओं के
निर्माण कार्य
की स्वीकृति
प्रदान किए
जाने के संबंध
में प्रश्नकर्ता
द्वारा मान.
विभागीय
मंत्री महोदय
को अनुस्मरण
पत्र 02
क्र.वि.स./परासिया/127/2025/443 दि. 28.07.2025 प्रेषित
किया गया है, जिस पत्र
पर अभी तक
क्या
कार्यवाही की
गई है? कब
तक कार्यवाही
व विभिन्न
औपचारिकताओं
को पूर्ण करते
हुए, उक्त
सिंचाई
योजनाओं की
प्रशासकीय
स्वीकृति
प्रदान कर दी
जायेगी?
जल
संसाधन
मंत्री ( श्री
तुलसीराम
सिलावट ) : (क) योजनावार
वस्तुस्थिति
निम्नानुसार
हैः- (1) मंडला
पंडापुल नाला
योजना की
प्रति
हेक्टेयर
लागत रू.5.95 लाख आ रही
है जो कि
वर्तमान
निर्धारित
मापदंड रू. 3.50 लाख से
अधिक होने से
योजना वित्तीय
रूप से साध्य
नहीं है। (2) दमुआ
भीमसेन ढाना
के पास
घाटामाली नदी
पर कोहका दमुआ
बैराज का
कार्य पूर्ण
किया जा चुका
है। (3) खमडोढ़ा
जलाशय का
प्रति
हेक्टेयर
लागत रु. 7.80 लाख आ रही
है, जो
कि वर्तमान
निर्धारित
मापदंड रू. 3.50 लाख से
अधिक होने से
योजना वित्तीय
रूप से साध्य
नहीं है। (ख) उत्तरांश
''क'' के
परिप्रेक्ष्य
में योजनाओं
की स्वीकृति
की स्थिति
नहीं है।
कोल्डरिफ
सीरप पीने से
मृत बच्चों के
दोषियों के
विरूद्ध कार्यवाही
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
126.
( क्र. 1219 ) श्री
सोहनलाल बाल्मीक
: क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) कोल्डरिफ
सीरप पीने से
परासिया
विधानसभा
क्षेत्र के 15 बच्चों और
प्रदेश में 22 बच्चों की
मृत्यु हो
चुकी है, स्वास्थ्य
विभाग की जांच
रिपोर्ट
अनुसार पाया
गया कि कोल्डरिफ
सीरप पीने से ही
बच्चों की
किडनी फेल और
उनकी मृत्यु
हुई है।
मध्यप्रदेश
में कोल्डरिफ
सीरप अमानक
दवाई की
सप्लाई
विक्रय होने
के लिए कौन-कौन
जिम्मेदार, जबावदार
है? जिस
कंपनी द्वारा
अमानक दवाई की
सप्लाई की गई क्या
उस कंपनी को
ब्लैक
लिस्टेड कर उस
पर कार्यवाही
की गई? (ख) दवाइयों
की निर्माण
प्रक्रिया
गुणवत्ता
सुनिश्चित करने
हेतु कौन
जबावदार है? म.प्र. में दवाइयों
को टेस्ट करने
के लिए कितने
लैब और कितने
ड्रग
इंस्पेक्टर
हैं? म.प्र.
में कितनी
संख्या में
कौन-कौन सी
दवाइयां आती
हैं और उनमें
से कितनी दवाइयों
को लैब में
टेस्ट किया
जाता है? मध्यप्रदेश
के अन्दर कोल्डरिफ
सीरप को प्रदेश
के किस लैब से
मानक दवाई
मानकर प्रदेश
में विक्रय, वितरण
करने की
अनुमति किसने
दी? कोल्डरिफ
सीरप अमानक
दवाई का
प्रदेश के
अन्दर में
विक्रय वितरण
के लिए क्या
सरकार, स्वास्थ्य
विभाग की
जबावदारी
नहीं बनती है? अमानक
दवाई कोल्डरिफ
सीरप के विक्रय
के कारण 22 बच्चों की
जान चली गई। क्या
इसके लिए
स्वास्थ्य
मंत्री जी की
जबावदार नहीं
बनती है? (ग) मान.
मुख्यमंत्री
जी की घोषणा
अनुसार मृत
बच्चों के
परिजनों को
बच्चों के इलाज
व दवाइयों में
लगी राशि का
भुगतान कब तक
कर दिया
जायेगा?
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) प्रदेश
में कोल्डरिफ
सीरप की
अवमानक/अपमिश्रित
दवा वितरण
हेतु मूलरूप
से तमिलनाडु
राज्य स्थित
श्रीसन
फार्मा
जवाबदार है। कम्पनी
के उत्पादों
को फ्रीज कर
विक्रय रोके जाने
की कार्यवाही
की गई। (ख) दवाओं
की निर्माण
प्रकिया एवं
गुणवत्ता सुनिश्चित
करने हेतु
निर्माता
कम्पनी
जवाबदार होती
है। मध्यप्रदेश
में दवाइयों
की जांच के
लिए कुल तीन
औषधि परीक्षण
प्रयोगशाला
कार्यशील है
एवं कुल 79 औषधि
निरीक्षक
मध्यप्रदेश
में विभिन्न
जिलों में
पदस्थ है। देश/प्रदेश
के विभिन्न
राज्यो के
औषधि अनुज्ञापन
प्राधिकारी द्वारा
अनुमति
प्राप्त औषधि
देश भर के
बाजार में
विक्रय हेतु
उपलब्ध रहती
है, जिनकी
संख्या बताया
जाना संभव
नहीं है। प्रदेश
में लैब की
क्षमता लगभग 6500 सैम्पल
प्रति वर्ष
अनुसार दवाओं
का टेस्ट किया
जाता है। मध्यप्रदेश
के अंदर
कोल्डरिफ
सीरप का विक्रय
एवं वितरण तमिलनाडु
राज्य द्वारा
प्रदत्त लाइसेंस
की शर्तों के
अनुरूप किया
जाना
अनुज्ञात है।
अत: विक्रय के
पूर्व प्रदेश
की लैब से
अनुमति प्राप्त
करने का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। बाजार
में उपलब्ध
समस्त
औषधियों में
से लैब की
क्षमता
अनुसार
सैम्पल लिये
जाकर टेस्ट
किये जाते है।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) इलाज
एवं दवाओं में
लगी राशि
रूपये 1, 40, 60, 899 का भुगतान
कर दिया गया
है।
शांतिधाम/कब्रिस्तान
की भूमि से
अतिक्रमण
हटाया जाना
[राजस्व]
127.
( क्र. 1222 ) श्री
सुरेश राजे : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
डबरा क्षेत्र
की ग्राम
पंचायत छीमक
जिसकी लगभग 5000 से अधिक
आबादी है? ग्राम व
पटवारी हल्का
छीमक का खसरा क्रमांक
651
(5) रकबा 00500 हेक्टेयर
एवं खसरा क्रमांक
652
(5) रकबा 13000 हेक्टेयर, यह भूमि
शासकीय होकर
शांतिधाम एवं
कब्रिस्तान
हेतु राजस्व
अभिलेख में
दर्ज है। अतिक्रमणकर्ता
द्वारा उक्त
सिंचित भूमि
पर मनमाने
तरीके से गत
वर्षों से
अतिक्रमण कर
खरीफ एवं रबी
की फसल की बोनी
कर आर्थिक लाभ
लिया जा रहा
है। अतिक्रमण
के कारण ग्राम
पंचायत उक्त
भूमि की बाउंड्री
तथा अन्य
निर्माण
कार्य नहीं कर
पा रही है। उक्त
भूमि से
अतिक्रमण
हटाने हेतु
ग्राम पंचायत
छीमक द्वारा एस.डी.एम.
डबरा तथा
वरिष्ठ अधिकारियों
को लिखित में
प्रस्ताव दिए
जाने के बाद
भी अतिक्रमण
क्यों नहीं
हटाया गया? अतिक्रमणकर्ता
के विरुद्ध
प्रशासन
द्वारा अभी तक
की गई
कार्यवाही की
सत्यापित
प्रति देवें। यदि
कार्यवाही
नहीं की गई तो
इसके लिए कौन
अधिकारी
जिम्मेदार है? सर्व समाज
एवं जनहित में
उक्त भूमि से
अतिक्रमण कब
तक हटाया
जायेगा? नहीं तो
कारण बताएं। (ख)
डबरा
क्षेत्र के
किस-किस ग्राम
के शांतिधाम/कब्रिस्तान
की भूमि पर
अतिक्रमण है, जिसे
हटाने हेतु
अभी तक की गई
कार्यवाही का
प्रमाणित
विस्तृत
ब्यौरा देवें
तथा भूमि की
वर्तमान
स्थिति
बतावें।
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) जी हाँ। ग्राम
छीमक के भूमि
सर्वे क्रमांक
651 रकवा 0.050 हेक्टर
एवं सर्वे क्रमांक
652 रकवा 1.30 हेक्टर
भूमि कब्रिस्तान
के नाम दर्ज
है। वर्तमान
में अतिक्रमण
मुक्त होकर
भूमि पर
पंचायत/छीमक
का कब्जा है।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख) तहसील
डबरा के किसी
भी ग्राम में कब्रिस्तान
एवं शांतिधाम
पर अतिक्रमण
नहीं है।
विद्यार्थियों
को बोर्ड
परीक्षा शुल्क
में रियायत
[स्कूल
शिक्षा]
128.
( क्र. 1226 ) श्री ऋषि
अग्रवाल : क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) मा.शि.मं. म.प्र. भोपाल
के पत्र क्र. 3966/प.स/2025 दि. 11/06/2025 के माध्यम
से मंडल
द्वारा
संचालित
परीक्षाओं
हेतु निर्देशों
में SC, ST, OBC, संबल
व अन्य श्रेणियों
के
छात्र-छात्राओं
को परीक्षा
शुल्क में
रियायत दिये
जाने के क्या
प्रावधान हैं? विवरण दें। बमोरी
विधानसभा
क्षेत्रान्तर्गत
किन-किन
विद्यालयों
में SC, ST, संबल
व अन्य
श्रेणी के
कितने-कितने
छात्र-छात्राएं
दर्ज हैं, इनमें से
किन-किन
विद्यालयों
के किन-किन छात्र-छात्राओं
को SC, ST, संबल
व अन्य
श्रेणी के
अंतर्गत 10वीं, 12वीं की
परीक्षा शुल्क
में रियायत दी
गई है? शैक्षणिक
वर्ष 2023-24
से 2025-26
तक
विद्यालयवार, वर्षवार, श्रेणीवार, वर्गवार
छात्र-छात्राओं
के नाम, पिता व पता
सहित की विवरण
देवें। (ख) सांदीपनि
उ.मा.वि.
फतेहगढ़ में
दर्ज SC, ST, संबल
व अन्य
श्रेणी के 10वीं, 12वीं के
छात्र-छात्राओं
से परीक्षा
शुल्क लिया
गया है? यदि हाँ, तो
श्रेणीवार, कक्षावार, वर्गवार
छात्र-छात्राओं
के नाम, पिता व पता
सहित जानकारी
देवें। क्या
इन
छात्र-छात्राओं
को
प्राचार्य/स्टॉफ
द्वारा मा.शि.मं. के उक्त
निर्देशों के
सम्बंध में
अवगत कराया
गया था? यदि हाँ, तो किस
माध्यम से? यदि नहीं
तो क्यों? (ग) प्रश्नांश
(क) व (ख) के सम्बंध
में सांदीपनि उ.मा.वि.
फतेहगढ़ के
प्राचार्य
द्वारा की जा
रही
अनियमितता की
जांच किन-किन
अधिकारियों
द्वारा कब-कब
और किस आधार
पर की गई है? जांच दल
द्वारा
प्रेषित जांच
प्रतिवेदन
में किन-किन
पर कार्यवाही
की अनुशंसा की
गई एवं प्रश्न
दिनांक तक
संबंधितों पर
क्या
कार्यवाही की
गई है? जांच
प्रतिवेदन
एवं सम्पूर्ण
कार्यवाही की प्रति
देवें। DEO गुना
द्वारा प्रश्नकर्ता
के पत्र क्र. 193 दि. 14-10-2025 के संबंध
में प्रश्न दिनांक
तक क्या-क्या
कार्यवाही की
गई?
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय
में
रखे
परिशिष्ट ''अ'', ''ब'' एवं ''स'' अनुसार। (ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-द अनुसार।
(ग) शासकीय
सांदीपनि उ.मा.वि.
फतेहगढ़ के
प्राचार्य के
द्वारा की जा
रही अनियमितता
की जांच जिला
शिक्षा
अधिकारी गुना
के पत्र क्रमांक-निरीक्षण/2025/5077,
दिनांक
25.08.2025
के द्वारा
सुश्री
प्रेरणा
गुप्ता, सहायक
संचालक, कार्यालय
जिला शिक्षा
अधिकारी एवं
श्री आशीष
टांटिया, तत्कालीन
सहायक जिला
परियोजना
समन्वयक, कार्यालय
जिला शिक्षा
अधिकारी गुना
के द्वारा की
गई। जांच दल
द्वारा
प्रेषित जांच
प्रतिवेदन
कमांक-शिकायत
जांच/2025/121, दिनांक 15.11.2025 के
आधार पर
कलेक्टर, जिला-गुना
के द्वारा
जारी आदेश
कमांक-शिका./स्कू.शि./7003/गुना,
दिनांक
15.11.2025
के माध्यम से
श्री भगवत
प्रसाद ओझा,
उ.मा.शि.
एवं प्रभारी
प्राचार्य
शासकीय सांदीपनि
उ.मा.वि.
फतेहगढ़
विकासखण्ड
बमौरी जिला
गुना म.प्र. को
भविष्य में
पुनरावृत्ति
नहीं किये
जाने की कठोर
चेतावनी देते
हुये समाप्त
की गयी है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-ई अनुसार।
मुख्यमंत्री
लेपटॉप योजना की
जानकारी
[स्कूल
शिक्षा]
129.
( क्र. 1227 ) श्री ऋषि
अग्रवाल : क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री
लेपटॉप योजना
कब से प्रारंभ
की गई एवं इस
योजना में क्या-क्या
प्रावधान है? प्रति
देवें। बमोरी
विधानसभा
क्षेत्रांतर्गत
शैक्षणिक वर्ष
2022-23,
2023-24 व 2024-25 तक किन-किन
विद्यालयों
के कितने
छात्र-छात्राओं
को लेपटॉप योजनांतर्गत
लाभान्वित
किया गया है? स्कूलवार, विद्यालयवार, शैक्षणिक
वर्षवार, छात्र-छात्राओं
के नाम, पिता व पता, रोल न., भुगतान की
गई राशि एवं
खाताधारक का
नाम जिसमें
राशि का
भुगतान किया
गया है की
जानकारी
देवें। (ख) प्रश्नांश
(क) के सम्बंध
में कुश
बैरागी पुत्र
श्री सुनील
बैरागी, चंचल
बैरागी
पुत्री श्री
मुरारी
बैरागी, रोनक यादव
पुत्री श्री
भोलाराम यादव, राखी साहू
पुत्री
हेमराज साहू, मिथलेश
मीना पुत्री
नरेन्द्र
मीना, अरूण
छारी पुत्र
श्री किशोर
कलावत, महावीर
अहिरवार
पुत्र श्री
प्रहलाद, पवन मीना
पुत्र श्री
हीरालाल मीना, लक्ष्मी
किरार पुत्री
श्री जगदीश
किरार, क्रिश
नागर पुत्र
श्री शिवचरण
नागर, केशव
साहू पुत्र
श्री इंदर
साहू, तनिष्क
नागर पुत्र
श्री जितेन्द्र
नागर छात्र-छात्राएं
सांदीपनि उ.मा.वि.
फतेहगढ़ में
शैक्षणिक
वर्ष 2022-23
से प्रश्न दिनांक
तक कौन-कौन सी
कक्षाओं में
अध्ययनरत
रहे हैं? सूची
देवें। क्या
उक्त
छात्र-छात्राओं
को मुख्यमंत्री
लेपटॉप योजना
का लाभ प्राप्त
हुआ हैं? यदि हाँ, तो
शैक्षणिक
वर्षवार, छात्र-छात्राओं
के नाम, पिता व पता, रोल नं., भुगतान की
गई राशि एवं
खाताधारक का
नाम जिसमें
राशि का
भुगतान किया
गया है का विवरण
देवें।
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) योजना, वर्ष 2009-10 से
प्रारंभ है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट -1 पर
है। (ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-2 पर
है। जी नहीं, अतः
शेषांश का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
जनजातीय
कार्य विभाग
अंतर्गत
अंशकालीन कर्मचारियों
का
नियमितीकरण
[जनजातीय
कार्य]
130.
( क्र. 1240 ) श्री
श्याम बरडे : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
जनजातीय
कार्य विभाग
अंतर्गत
संचालित विद्यालयों
एवं आश्रम
छात्रावासों
में बड़ी
संख्या में
अंशकालीन
कर्मचारी
कार्यरत हैं, जो कई
वर्षों से
निरंतर कार्य
कर रहे हैं? (ख) यदि
हाँ, तो
क्या विभाग
द्वारा इन
अंशकालीन
कर्मचारियों
को नियमित
करने हेतु कोई
नीति या
प्रक्रिया
बनाई गई है? यदि नीति
बनाई गई है तो
उसका विवरण दिनांकवार
उपलब्ध कराया
जाए। (ग) यदि
नीति नहीं
बनाई गई है, तो विभाग
द्वारा इन
कर्मचारियों
को नियमित करने
हेतु कब तक
कोई
कार्ययोजना
तैयार की
जाएगी? (घ) प्रदेश
में वर्तमान
में ऐसे कुल
कितने अंशकालीन
कर्मचारी
कार्यरत हैं
जिनकी सेवा
अवधि 5
वर्ष से अधिक
हो चुकी है, उसका जिलेवार
विवरण उपलब्ध
कराएं।
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी
नहीं। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) वर्तमान
में कोई
कार्ययोजना
प्रस्तावित
नहीं है। (घ) अंशकालीन
कर्मचारियों
से आवश्यकता
अनुसार
समय-समय पर
कार्य लिया
जाता है। 05 वर्ष से
अधिक अवधि से
कार्यरत
अंशकालीन
कर्मचारियों की
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट अनुसार है।
सामुदायिक
स्वास्थ्य
केन्द्र
पृथ्वीपुर की
स्वास्थ्य
व्यवस्थाएं
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
131.
( क्र. 1242 ) श्री
नितेन्द्र
बृजेन्द्र
सिंह राठौर : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
पृथ्वीपुर
नगर के
सामुदायिक
स्वास्थ्य
केन्द्र में जांच
हेतु मशीन तो
है किन्तु
मशीनों को
ऑपरेट करने के
लिए
टेक्नीशियन
नहीं हैं? (ख) क्या
नगर
पृथ्वीपुर के
सी.एच.सी में विशेषज्ञ
डाक्टर्स की
कमी है? यदि है, तो सरकार
के द्वारा कब
तक विशेषज्ञ डॉक्टर्स
के पद की
पूर्ति की
जाएगी?
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) सामुदायिक
स्वास्थ्य
केन्द्र में
विभिन्न
प्रकार की
मशीन उपलब्ध
होती है, इनमें से
मुख्य मशीन
एक्स-रे मशीन, ई.सी.जी.
मशीन, माइक्रोस्कोप, सेंट्रीफ्यूज
मशीन, ऑप्थेलमोस्कोप, ओ.टी. टेबल
एवं लाइट तथा
एनेस्थीसिया
वर्क स्टेशन
मशीन है, इन मशीनों
के संचालन
हेतु
सामुदायिक स्वास्थ्य
केन्द्र
पृथ्वीपुर में
कुल 03
लैब टेक्नीशियन, 01
रेडियोग्राफर, 01 नेत्र
सहायक तथा 01 ओ.टी. टेक्नीशियन
का पद स्वीकृत
है जिसके
विरूद्ध 03 लैब टेक्नीशियन
तथा 01
नेत्र सहायक
कार्यरत है। रेडियोग्राफर
एवं ओ.टी. टेक्नीशियन
का पद रिक्त
है। (ख) जी
हाँ। विभाग
द्वारा
विशेषज्ञों
के 1388
पदों की
पूर्ति हेतु
मांग-पत्र
मध्यप्रदेश लोक
सेवा आयोग को
प्रेषित किया
गया तथा
मध्यप्रदेश
लोक सेवा आयोग
से प्राप्त
चयन सूची के
आधार पर
क्रमश: कुल 08
रेडियोलॉजिस्ट, कुल 62 शल्य
क्रिया
विशेषज्ञ, कुल 106 शिशु रोग
विशेषज्ञ तथा
कुल 75
निश्चेतना
विशेषज्ञ के
विभिन्न
संस्थाओं
में पदस्थापना
आदेश जारी
किये जा चुके
हैं। पदपूर्ति
निरंतर
प्रक्रिया
होने से
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
राजस्व
प्रकरणों का
निराकरण
[राजस्व]
132.
( क्र. 1261 ) श्री
धीरेन्द्र
बहादुर सिंह : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या प्रश्नकर्ता
के विधानसभा प्रश्न
क्रमांक–1304, दिनांक 13/03/2025 के प्रश्नांश
''ग'' की
जानकारी एकत्रित
की जा चुकी है? यदि
हाँ, तो
एकत्रित
जानकारी से
अवगत कराएं और
प्रश्नांश ''ख'' में
दिये गए
उत्तरानुसार
वन अधिकारी
दावों को
राजस्व अभिलेखों
में दर्ज करने
की प्रश्न दिनांक
तक की गयी
कार्यवाही से
अवगत कराएं। (ख)
क्या राजस्व
विभाग के
कार्यों एवं
राजस्व प्रकरणों
के निराकरण के
शासन/विभाग
द्वारा विगत 02 वर्षों
में क्या-क्या
आदेश/निर्देश
कब-कब दिये गए
और जिले की
समय-सीमा बैठक
में विभागीय
कार्यों के
सम्पादन हेतु
विगत 01
वर्ष में
क्या-क्या
निर्देश दिये
गए? जानकारी
दें तथा
आदेश/निर्देशों
के पालन में कार्यालयवार
की गयी
कार्यवाही का
विवरण दें। (ग) बड़वारा
विधानसभा में
राजस्व
कार्यालयवार भूमि
के नामांतरण, सीमांकन, बटवारा, दस्तावेज
एवं बंदोबस्त
त्रुटि सुधार
आदि राजस्व
मामलों के
कितने प्रकरण
विगत 02
वर्षों में
प्रस्तुत
हुये? कितने
प्रकरणों का
निराकरण किया
गया? कितने
प्रकरण
निराकृत होना
शेष हैं और
क्या इन
प्रकरणों के
निराकरण में प्रश्नांश
''क'' आदेशों/निर्देशों
का पालन किया
गया? हाँ, तो
प्रकरणवार
विवरण दें। नहीं
तो क्या
कार्यवाही की
जाएगी की
जानकारी दें। (घ)
प्रश्नांश ''ग'' क्या
जिले के
विभागीय
शासकीय
सेवकों
द्वारा शासनादेशों/विभागीय
निर्देशों के
पालन में दौरा
कार्यक्रम
तैयार किए गए
और अपने
अधिकारिता
क्षेत्र में
निरीक्षण/दौरा
कर निरीक्षण
प्रतिवेदन सक्षम
प्राधिकारी
को प्रस्तुत
किए गए? हाँ तो
विगत एक वर्ष
में शासकीय
सेवकवार विवरण
बताएं। नहीं
तो क्या
कार्यवाही की
जाएगी?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) जी
हाँ। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट–अ अनुसार। वन
अधिकारों के
दावों को वन
विभाग एवं आदिम
जाति कल्याण
विभाग द्वारा
संधारित किया जाता
है। (ख) प्रति
सोमवार
आयोजित होने
वाली समय-सीमा
की बैठक में
नामान्तरण, बटवारा, सीमांकन
बन्दोबस्त
त्रुटि सुधार
एवं फार्मर
रजिस्ट्री के
कार्य समय-सीमा
में किये जाने
संबंधी
निर्देश दिये
जाते हैं। कटनी
जिले में राजस्व
प्रकरणों का
निराकरण 77.78 प्रतिशत
है, जो
कि 31
मार्च 2026 तक 80 से 90% तक पूर्ण
कर लिया जाता
है। (ग) बड़वारा
विधानसभा अन्तर्गत
राजस्व न्यायालयवार
भूमि के
नामांतरण, सीमांकन, बटवारा, दस्तावेज
इत्यादि
प्रकरणों की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट–स अनुसार। (घ) राजस्व
विभाग अन्तर्गत
वित्तीय
वर्ष 2025-26
कलेक्टर
कटनी का
निरीक्षण
रोस्टर
कमिश्नर
जबलपुर संभाग
जबलपुर से
अनुमोदन
कराया जाकर
निरीक्षण
रोस्टर वर्ष 2025-26 न्यायालय/कार्यालय
के निरीक्षण
हेतु दल गठित
किया जाकर
निरीक्षण
किया जा रहा
है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट–ब अनुसार। निरीक्षण
रोस्टर
अनुसार
निरीक्षण
किया जाकर
पालन प्रतिवेदन
सक्षम
प्राधिकारी
को प्रस्तुत
किये जाते है।
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट–ब अनुसार।
खाद्य
सुरक्षा
अधिकारियों
की पदस्थी
एवं स्थानांतरण
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
133.
( क्र. 1263 ) श्रीमती
अनुभा
मुंजारे : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) बालाघाट
जिले में
खाद्य
सुरक्षा
अधिकारियों
के कितने पद
स्वीकृत हैं? स्वीकृत
पदों पर
कौन-कौन कब से
कार्यरत हैं? आदेश, नामवार
जानकारी
देवें। क्या
अधिकारी 3 वर्ष से
अधिक जिले में
पदस्थ हैं? यदि हाँ, तो
स्थानांतरण
नीति 2025 के
आधार पर
स्थानांतरण
जिले से बाहर
क्यों नहीं
किया गया? कब तक
स्थानांतरण
होगा? समय-सीमा
बतायें। कारण
सहित
सम्पूर्ण
जानकारी
देवें। (ख) विभाग
के आदेश क्रमांक
959 दिनांक 30.05.2025 से श्री
वाजिद मोहिब
का
स्थानांतरण
सिवनी जिले में
किया गया हैं।
यदि हाँ, तो
भारमुक्त
आदेश की प्रति
देवें। भारमुक्त
नहीं किया गया
तो क्यों? 10 वर्ष से
अधिक समय से
जिले में
पदस्थ होने पर
भी विभाग ने
स्थानांतरण
आदेश निरस्त
क्यों व किस
नियम अंतर्गत
किया हैं? (ग) प्रश्नांश
''क'' अनुसार
जिले में
पदस्थ खाद्य
सुरक्षा अधिकारियों
के द्वारा
विगत 4
वषों में
कितनी फर्म, दुकान व
मेडिकल स्टोर
की जाँच, खाद्य
सुरक्षा नियम
के अंतर्गत की
है? क्या-क्या
सामग्री जब्त
की गई? सूची
देवें। यदि
जब्त की गई
सामग्री की
राशि का बिल
संबंधित फर्म
को दिया गया
हैं तो
रसीद/बिल
उपलब्ध करायें। नहीं दी गई
है तो क्यों? इसके लिये
दोषी कौन हैं? (घ) क्या
विगत 2
वर्षों में अधिकारियों
की शिकायत हुई
है? प्रश्नकर्ता
द्वारा
कलेक्टर को
जाँच हेतु
पत्र दिया था? यदि जांच
में अधिकारी
दोषी हैं तो
निलम्बन क्यों
नहीं किया गया? कब तक करेंगे? जाँच
प्रतिवेदन
सहित जानकारी
देवें।
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) बालाघाट
जिले में
खाद्य
सुरक्षा
अधिकारी के 06 पद स्वीकृत
है। वर्तमान
में कार्यरत
खाद्य
सुरक्षा
अधिकारियों की
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''अ'' अनुसार है।
स्थानांतरण
नीति 2025 के
अनुसार 03 वर्ष से
अधिक पदस्थापना
अवधि पर स्थानांतरण
की
अनिवार्यता न
होने से शेष
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता हैं। (ख) कार्यालय
उप संचालक
खाद्य एवं
औषधि प्रशासन
जिला बालाघाट
के आदेश क्रमांक/स्था/2025/601 दिनांक 10/06/2025 से श्री
वाजिद मोहिब
को भारमुक्त
किया गया था। भारमुक्त
संबंधी आदेश पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। श्री
वाजिद मोहिब
का स्थानांतरण
उनके द्वारा
प्रस्तुत
अभ्यावेदन
पर विचारण
उपरांत स्थानांतरण
नीति, 2025
के प्रावधानों
के तहत निरस्त
किया गया। (ग) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
शेष का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) जी हाँ।
जी हाँ। विभागीय
प्रक्रिया
अनुसार
कार्यवाही की
जाना विहित है।
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। जांच
प्रतिवेदन/कार्यवाही
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
शिक्षकों
हेतु वर्ष 2025-26 की
स्थानांतरण
नीति
[स्कूल
शिक्षा]
134.
( क्र. 1268 ) श्री अमर
सिंह यादव : क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
शिक्षकों की
स्थानांतरण
नीति वर्ष 2025- 26 अंतर्गत
राजगढ़ जिले
में भी
शिक्षकों के
स्थानांतरण
किए गए थे? यदि हाँ, तो ऐसे
कितने सहायक
एवं प्राथमिक
शिक्षक हैं जिनके
द्वारा
स्थानांतरण
होने पर
स्थानांतरण पर
रोक लगाए जाने
हेतु माननीय
न्यायालय में
प्रकरण लगाया
गया था? उनके नाम, पदनाम तथा
पदस्थापना
स्थल सहित
बतावें। (ख) क्या
माननीय
न्यायालय
द्वारा उक्त
प्रकरण में
कोई आदेश
पारित किया
गया था? यदि हाँ, तो माननीय
न्यायालय के
आदेश की प्रति
उपलब्ध करावें।
(ग) माननीय
न्यायालय के
आदेश के पालन
में जिला शिक्षा
अधिकारी
द्वारा क्या
कोई
कार्यवाही की गई
थी? यदि
हाँ, तो
उसके आदेश की
प्रति उपलब्ध
करावें।
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-02 अनुसार है। (ग) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-03 अनुसार है।
विभाग
द्वारा
संचालित छात्रावासों, आश्रमों, शैक्षणिक
संस्थाओं में
अनियमिताएं
[जनजातीय
कार्य]
135.
( क्र. 1274 ) श्रीमती
सेना महेश
पटेल : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
अलीराजपुर
जिले में
जनजातीय
कार्य विभाग के
अधीन संचालित
छात्रावासों, आश्रमों
में वार्डन
एवं शैक्षणिक
संस्थाओं में
खंड शिक्षा
अधिकारी, खंड स्रोत
समन्वयक एवं
वार्डनों
द्वारा योजनाओं
के
क्रियान्वयन
में
अनियमितता, लापरवाही
एवं गबन के
प्रकरण सामने
आए हैं? (ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार यदि
हाँ, तो
इन प्रकरणों
की जांच हेतु
विभाग द्वारा
क्या
कार्यवाही की
गई है? जांच
में दोषी पाये
जाने पर
दोषियों पर
क्या
कार्रवाई की
गई? (ग) क्या
जिले में वर्ष
2023 से प्रश्न
दिनांक तक
सहायक आयुक्त
जनजातीय
कार्य विभाग
द्वारा कितने
छात्रावास, आश्रमों
का निरीक्षण
किया गया है? क्या
निरीक्षण में
अनियमितताएं
पाई गईं? यदि हाँ, तो दोषी पर
क्या
कार्यवाही की
गई?
कार्यवाही की
जानकारी मय
दस्तावेज
उपलब्ध कराएं।
(घ) क्या
जिले में तीन
वर्ष से अवधि
पूर्ण करने
वाले
वार्डनों को
हटाये जाने के
शासन निर्देश
हैं? यदि
हाँ, तो
क्या
वार्डनों को
हटाने की
कार्यवाही की
गई?
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) : (क) माता शबरी
आवासीय कन्या
शिक्षा परिसर
कठ्ठीवाड़ा एवं
कन्या आश्रम
काबरीसेल में
अनियमितता की
शिकायत प्राप्त
हुई है तथा
खण्ड शिक्षा
अधिकारी
उदयगढ़, कठ्ठीवाड़ा
जिला
आलीराजपुर
में गबन की
शिकायत
प्राप्त हुई
है। (ख)
दोषियों के
विरूद्ध की गई
कार्यवाही की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ग) वर्ष
2023 से प्रश्न
दिनांक तक
सहायक आयुक्त, जनजातीय
कार्य, जिला
आलीराजपुर
द्वारा 113
छात्रावास/आश्रमों
का निरीक्षण
किया गया। निरीक्षण
के दौरान पाई
गई
अनियमितताओं
संबंधी
दोषियों के
विरूद्ध की गई
कार्यवाही की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (घ) विभागीय
आदेश क्रमांक एफ-12-11/2006/25-2/507 भोपाल दिनांक
16.03.2015 अनुसार
कार्यवाही की
जाती है।
सीधी
जिले में
पर्यटन का
विकास
[पर्यटन]
136.
( क्र. 1278 ) श्रीमती
रीती पाठक : क्या राज्य
मंत्री, पर्यटन
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) सीधी
जिला
प्रसिद्ध कवि
बाणभट्ट तथा
अकबर के नवरत्नों
में से एक
बीरबल की जन्म
स्थली है। यहाँ
लगभग 1500
वर्ष पुराना
चंद्रेह
स्थित शिव
मंदिर है, जिसे
पुरातत्व
विभाग द्वारा
संरक्षित
किया गया है। इसी
स्थान पर गोपद
एवं बनास
नदियों का
संगम स्थल है
जो प्राकृतिक
सौंदर्य से
परिपूर्ण है, किन्तु
आवश्यक
सुविधाओं के
अभाव में
पर्यटन गतिविधियां
सीमित हैं। क्या
शासन द्वारा
इन स्थलों के
उन्नयन हेतु कोई
योजना बनाई गई
है? (ख) सीधी जिले
में
उपर्युक्त स्थलों
के अतिरिक्त
संजय टाइगर
रिजर्व एवं
सोन घड़ियाल
अभयारण्य स्थित
हैं, परंतु
पर्यटन विभाग
की
प्राथमिकता न
मिलने से सीधी
जिला पर्यटन
की दृष्टि से
अपेक्षित विकास
नहीं कर सका
है। क्या शासन
द्वारा जिले
को पर्यटन
मानचित्र पर
विशेष स्थान
दिलाने हेतु
कोई
कार्ययोजना तैयार
की गई है? (ग) क्या
शासन द्वारा
जिले के अन्य
प्राकृतिक
स्थलों के
विकास हेतु
कोई योजना
तैयार की जा
रही है तथा क्या
इसके लिए कोई
समय-सीमा
निर्धारित कर
कार्यवाही की
जावेगी? जिससे
पर्यटन के साथ
स्थानीय
रोजगार और
व्यापार को भी
बढ़ावा मिल
सके?
राज्य
मंत्री, पर्यटन (
श्री
धर्मेन्द्र
भाव सिंह लोधी
) : (क) कोई
योजना प्रचलन
में नहीं है। (ख) जी
हाँ। विकास
कार्य निम्नानुसार
है :- 1. उक्त
स्थलों के
प्रचार-प्रसार
हेतु सतत
प्रयास किए जा
रहे हैं, जिसमें
प्रमुख रूप से
रोड शो, प्रदर्शनियों
एवं फेम टूर
का आयोजन कर
एक समृद्ध
सांस्कृतिक, ऐतिहासिक
एवं प्राकृतिक
पर्यटन स्थल
के रूप में
मानचित्र पर
प्रदर्शित
करने के साथ
ही टूर ऑपरेटर
ट्रेवल ऐजेंट्स, मीडिया
प्रतिनिधियों
एवं निवेशकों
को पर्यटन
संभावनाओं से
परिचित कराने
से पर्यटन स्थलों
पर निवेश एवं
विकास। 2. भारत
सरकार की स्वदेश
दर्शन
योजनंतर्गत
वाइल्ड लाइफ
सर्किट में
संजय टाईगर
रिजर्व में
पर्यटन अधोसंरचना
का निर्माण
किया गया है। जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र-''अ'' अनुसार। 3. ग्रामीण
पर्यटन
परियोजना के
अंतर्गत तीन
ग्रामों में 11 होम-स्टे
निर्मित हो
चुके है एवं 10
निर्माणाधीन
है। जानकारी संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र-''ब'' अनुसार। 4. सीधी जिले
के प्राकृतिक
स्थलों को
ट्रैकिंग, कैम्पिंग, बाईकिंग
आदि
गतिविधियों
से प्रमोट
किया जाता है, जिससे स्थानीय
रोजगार
संवर्धन होता
है। (ग) जी
हाँ। समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
मत्स्य
विभाग के
अंतर्गत
आवंटित राशि
एवं व्यय की
जानकारी
[मछुआ
कल्याण एवं
मत्स्य विकास]
137.
( क्र. 1279 ) श्रीमती
रीती पाठक : क्या राज्य
मंत्री, मछुआ कल्याण
एवं मत्स्य
विकास महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) वर्ष 2024-25 एवं वर्ष 2025-26 (दिनांक 31 अक्टूबर 2025 तक) की अवधि
में कार्यालय
उप संचालक
मत्स्य एवं मछुआ
सहकारी संघ, सीधी को
कुल कितनी
राशि का आवंटन
किया गया है? कृपया
घटकवार
प्राप्त एवं
व्यय की गई
राशि की संस्थावार
जानकारी
उपलब्ध कराएं।
(ख) कार्यालय
उप संचालक
मत्स्य, सीधी के
अंतर्गत वर्ष 2023-24 से प्रश्न
दिनांक तक
कितने मछुआ
कृषकों/मत्स्य
पालकों को
मत्स्य बीज
वितरण, तालाबों
में मत्स्य
पालन
प्रोत्साहन, प्रशिक्षण
एवं तकनीकी
मार्गदर्शन
दिया गया है? वर्षवार
एवं
लाभार्थीवार
विवरण उपलब्ध
कराएं। (ग) मत्स्य
विकासखंड एवं
मत्स्य
अभियांत्रिकी
शाखा, सीधी
द्वारा वर्ष 2023-24 से 31 अक्टूबर 2025 तक कौन-कौन
से कृषकों को
कितने मत्स्य
पालन उपकरण (जैसे
जाल, नौका, एरेशन
यंत्र, हैचरी
सामग्री आदि) वितरित
किए गए हैं? कृपया
नामवार, वर्षवार एवं
अनुदान राशि
सहित जानकारी
दे।
राज्य
मंत्री, मछुआ कल्याण
एवं मत्स्य
विकास ( श्री
नारायण सिंह
पंवार ) : (क) प्रश्नांश
अवधि में
सहायक संचालक
मत्स्योद्योग
सीधी को मछुआ
सहकारी
समितियों को
प्रदाय आवंटन
एवं व्यय की
घटकवार की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-अ
अनुसार। (ख) सहायक
संचालक मत्स्योद्योग
सीधी अंतर्गत
वर्ष 2023-24
से प्रश्न
अवधि तक मछुआ
कृषकों, मत्स्य
पालकों को मत्स्य
बीज वितरण, मत्स्य
प्रोत्साहन, प्रशिक्षण
वर्षवार एवं
लाभार्थीवार जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-ब
अनुसार। (ग) विभाग
द्वारा मत्स्य
पालन उपकरण का
वितरण नहीं
किया गया।
जर्जर
एवं
क्षतिग्रसत
स्कूल भवनों का
निर्माण
[स्कूल
शिक्षा]
138.
( क्र. 1284 ) श्री नीरज
सिंह ठाकुर : क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) बरगी
विधानसभा के
अंतर्गत कुल
कितने ई.जी.एस./प्राथमिक/माध्यमिक/हाई
स्कूल एवं
हायर सेकेण्डरी
विद्यालय
संचालित हैं? सूची
उपलब्ध
करावें। इनमें
ऐसे कितने
विद्यालय हैं
जिनमें छात्रों
के बैठने हेतु
समुचित भवन
नहीं है? (ख) प्रश्नांश
‘ख’ अनुसार
ऐसे कितने
विद्यालय हैं
जो कि क्षतिग्रस्त
एवं जर्जर
स्थिति में
हैं? क्या
विभाग द्वारा
ऐसे स्कूल के
भवन निर्माण
हेतु क्या
कार्यवाही की
जा रही है? (ग) प्रश्नकर्ता
द्वारा जनवरी 2024 से प्रश्नांश
दिनांक तक
किन-किन
स्कूलों में
भवन
निर्माण/अतिरिक्त
कक्षों हेतु
पत्र लिखा गया? उन पत्रों
पर क्या
कार्यवाही की
गई? (घ) बरगी
विधानसभा
अंतर्गत
किन-किन
शालाओं में भवन
निर्माण/अतिरिक्त
कक्ष विभिन्न
मदों से स्वीकृत
किये गये हैं
एवं कितने
प्रस्तावित
है? सूची
उपलब्ध
करावें।
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-'एक' पर
है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-दो
पर है (ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-तीन
पर है। स्कूलों
में
अधोसंरचना का सुदृढ़ीकरण
कार्य बजट की
उपलब्धता तथा
सक्षम समिति
की स्वीकृति
पर निर्भर है।
(ग) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-चार पर
है। स्कूलों
में
अधोसंरचना का सुदृढ़ीकरण
कार्य बजट की
उपलब्धता तथा
सक्षम समिति
की स्वीकृति
पर निर्भर है। (घ) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-पांच पर
है।
नवनिर्मित
नवीन सिविल
अस्पताल में
गुणवत्ताविहीन
निर्माण
कार्य
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
139.
( क्र. 1297 ) डॉ.
हिरालाल
अलावा : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) मनावर
अंतर्गत
सेमल्दा रोड
स्थित
नवनिर्मित
नवीन सिविल
अस्पताल के
गुणवत्ता विहीन
निर्माण
कार्य की जांच
के लिए प्रश्नकर्ता
ने माननीय
मुख्यमंत्री, माननीय
मंत्री
स्वास्थ्य, मुख्य
सचिव, ए.सी.एस.
हेल्थ, कलेक्टर
धार को किस दिनांक
को किन-किन
बिंदुओं के
तहत जांच के
लिए पत्र लिखा? प्रश्न
दिनांक तक
उक्त पत्र पर
राज्य स्तरीय
जांच टीम गठित
कर जांच आदेश
जारी करने
बाबत् क्या
कार्यवाही की
गई है? जांच
आदेश जारी
नहीं किए तो
विधिसम्मत
कारण बताएं। कब
तक जांच आदेश
जारी किए
जाएंगे? (ख) प्रश्नांश
(क) के
नवनिर्मित
सिविल
अस्पताल के डिपॉजिट
वर्क कार्यों
की सूची, स्वीकृत
राशि, प्राप्त
राशि, व्यय
राशि, शेष
राशि, लागत
वृद्धि की
जानकारी
देवें। जिस
सक्षम
अधिकारी के
सुपरविजन में
कार्य कराए गए
उसका नाम, पदनाम एवं
भौतिक
सत्यापन करने वाले
सक्षम
अधिकारी के
नाम-पदनाम की
जानकारी
देवें। भौतिक
सत्यापन
रिपोर्ट की
छायाप्रति
उपलब्ध
करावें। निर्माण
कार्य के
अनुबंध में
स्वीकृत
एस्टीमेट/डी.पी.आर., मेजरमेंट
बुक की
छायाप्रति
उपलब्ध
करवाएं एवं
निर्माण
कार्य करने
वाले संबंधित
एजेंसी/ठेकेदार/फर्म/कंपनी
का नाम, पता सहित
उक्त डिपॉजिट
वर्क हेतु
भुगतान की गई
संपूर्ण राशि की
जानकारी
देवें। राशि
जारी करने की
स्वीकृति
देने वाले
अधिकारियों
के नाम-पदनाम
बताएं। (ग) प्रश्नांश
(क) के
अस्पताल के
निर्माण कार्य
में स्वीकृत
मेजरमेंट बुक
के अनुबंध की शर्तों
के अनुसार
इंद्राज और
ठेकेदार/निर्माण
एजेंसी/संस्था/कंपनी
द्वारा
कौन-कौन कार्य
किए गए और
कौन-कौन कार्य
नहीं किए गए? उसकी
विस्तृत
जानकारी
उपलब्ध
करवाएं।
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) मुख्य
सचिव, मध्ययप्रदेश
शासन एवं
प्रमुख सचिव, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा विभाग, म.प्र. शासन
को क्रमश: दिनांक
04.10.2025 एवं 05.11.2025 को लिखे
गये पत्र स्वास्थ्य
संचालनालय
में प्राप्त
हुये, जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''अ'' अनुसार। प्राप्त पत्र
अनुसार
वर्णित बिन्दुओं
का परीक्षण
किया जा रहा
है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख) मनावर
जिला धार में
नवनिर्मित
सिविल अस्पताल
का निर्माण
कार्य
डिपॉजिट मद से
न होकर योजना
मद में स्वीकृत
है, जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''ब'' अनुसार। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''स'' अनुसार। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''द'' अनुसार। भौतिक सत्यापन
रिपोर्ट की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''इ'' अनुसार। स्वीकृत
एस्टीमेट/डी.पी.आर.
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''फ'' अनुसार। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''इ'' अनुसार। एजेन्सी/ठेकेदार/फर्म/कंपनी
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''ह'' अनुसार। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''ब'' अनुसार। श्री सतीश
शर्मा, कार्यपालन
यंत्री (भवन), धार
द्वारा जारी
की गई। (ग) अस्पताल
के निर्माण
कार्य में स्वीकृत
मेजरमेंट बुक
के अनुबंध की
शर्तों के
अनुसार
इंद्राज और
ठेकेदार/निर्माण
एजेंसी/संस्था/कंपनी
द्वारा किये
गये कार्यों का
विवरण पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''इ'' अनुसार, लिफ्ट
लगाने का
कार्य शेष है।
अधिकारियों/कर्मचारियों
को समयमान
वेतनमान का
लाभ
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
140.
( क्र. 1300 ) श्री भैरो
सिंह बापू : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) जुलाई-अगस्त
2025 के
विधानसभा
सत्र में प्रश्न
क्रमांक 2452 के प्रश्नांश
(क) माध्यम से
खाद्य एवं
औषधि प्रशासन
के अंतर्गत
कार्यरत उन
अधिकारियों/ कर्मचारियों
की जानकारी
मांगी गई थी
जो कि पात्र
होते हुए भी
उन्हें
समयमान का लाभ
नहीं दिया गया
है, किंतु
विभाग द्वारा
गुमराह करते
हुए पात्रता की
जानकारी दे दी
गई। गलत
और
गुमराहपूर्ण
जानकारी देने
के लिए कौन अधिकारी
जिम्मेदार है? उसके
विरुद्ध शासन
क्या
कार्रवाई
करेगा? (ख) विभाग
में कौन-कौन से
अधिकारी/कर्मचारी
हैं,
जिन्होंने
समयमान
वेतनमान लाभ
हेतु निर्धारित
समय-सीमा पूर्ण
कर ली है
किंतु शासन
द्वारा
उन्हें उक्त
लाभ नहीं दिया
गया है और
क्यों नहीं
दिया गया है? नाम, पदनाम, पदस्थापना
जिला, लाभ
न दिए जाने के
कारण सहित
सूची देवें। (ग)
प्रश्नांश
(ख) अनुसार
वंचित
अधिकारियों/कर्मचारियों
को समयमान
वेतनमान का
लाभ कब तक
दिया जाएगा? तारीख
बताएं। यह
कार्यवाही
लंबित रखने
वाले
अधिकारियों के
विरुद्ध शासन
द्वारा क्या
कार्रवाई की
जाएगी? (घ) क्या
विभाग में ऐसे
कर्मचारी भी
थे जिनकी मृत्यु
हो चुकी है
किंतु समयमान
का लाभ नहीं
दिया गया? नाम, पदनाम
सहित बतावें।
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) नियमों
में विहित
प्रक्रिया के
अनुसार प्रश्न
का उत्तर
दिया गया था। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख) जानकारी
पुस्कालय में
रखे परिशिष्ट अनुसार
है। (ग) विभागीय
प्रक्रिया का
पालन कर
कार्यवाही की जाती
है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) जानकारी
पुस्कालय में
रखे परिशिष्ट अनुसार
है।
शासन
के
नियमानुसार
अनुकम्पा
नियुक्तियां
न होना
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
141. ( क्र. 1312 ) श्रीमती
ललिता यादव : क्या
उप मुख्यमंत्री, लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) जिला
मुख्य
चिकित्सा
एवं स्वास्थ्य
अधिकारी
छतरपुर
कार्यालय
द्वारा 1 जनवरी 2018 से
प्रश्न दिनांक
तक किस-किस की
अनुकंपा
नियुक्ति
किस-किस पद के
लिए की गई? नियुक्ति
आदेश सहित
पृथक-पृथक
पदवार बतायें।
(ख) प्रश्नांश
(क) के प्रकाश
में अनुकंपा
नियुक्ति के
लिए लगाये गए
संपूर्ण
प्रमाणित दस्तावेज
एवं नियुक्ति
के लिए गठित
समिति की सूची
बतायें। (ग) विभाग
द्वारा कितनी
अनुकम्पा
नियुक्ति
मनमाफिक की गई? इसके
संबंध में
विभाग के पास
कब-कब
शिकायतें कार्यवाही
के लिए की गई? शिकायत
की प्रति एवं
उन पर विभाग
द्वारा क्या-क्या
कार्यवाही
कब-कब की गई? प्रत्येक
की पृथक-पृथक
जानकारी दें। (घ)
प्रश्नांश
(ग) के प्रकाश
में ऐसी कितनी
शिकायतें हैं
जिन पर विभाग
द्वारा कोई
कार्यवाही अब
तक नहीं की गई?
उप
मुख्यमंत्री, लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''अ'' अनुसार
है। (ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''ब'' अनुसार
है। (ग) कार्यालयीन
अभिलेख
अनुसार एक
शिकायत प्राप्त
है, जिस पर
कार्यवाही
प्रचलित है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''स'' अनुसार
है। (घ) जानकारी
निरंक।
मुख्य
चिकित्सा
एवं स्वास्थ्य
अधिकारी
कार्यालय में
क्रय सामग्री
की जानकारी
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
142.
( क्र. 1313 ) श्रीमती
ललिता यादव : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) छतरपुर
मुख्य
चिकित्सा
एवं स्वास्थ्य
अधिकारी
कार्यालय
द्वारा 1 जनवरी 2024 से प्रश्न
दिनांक तक क्या-क्या
सामग्री
खरीदी की गई? खरीदी के
लिए प्रकाशित
टेंडर की
प्रति सहित बतायें।
(ख) प्रश्नांश
(क) के प्रकाश
में सामग्री
खरीदी के लिए
क्या नियम है? प्रक्रिया
का पालन किया
गया तो
नियमावली सहित
बतायें। (ग) खरीदी
की गई सामग्री
पर कब-कब
कितनी राशि
खर्च की गई? दिनांकवार, सामग्रीवार
सूची दें।
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क)
जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) क्रय किये
जाने हेतु मध्यप्रदेश
भंडार क्रय नियम
तथा सेवा
उपार्जन नियम 2005 (यथा संशोधित)
2022 का पालन
किया जाता है, जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''ब'' अनुसार (ग)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''अ'' अनुसार।
स्वतंत्रता
संग्राम के
महानायक राजा
शंकर शाह कंवर
रघुनाथ शाह
प्रेरणा केन्द्र
निर्माण
[जनजातीय
कार्य]
143.
( क्र. 1318 ) श्री
ओमकार सिंह
मरकाम : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) जबलपुर
स्थित स्वतंत्रता
संग्राम के
महानायक राजा
शंकर शाह, रघुनाथ
शाह जी के
बंदीगृह स्थल
में प्रेरणा
केन्द्र
निर्माण में
कब-कब, कितनी-कितनी
राशि स्वीकृत, किस-किस मद
से की गयी? (ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार स्वीकृत
राशि से किस
निर्माण
एजेंसी ने
कार्य किया? निर्माण
एजेंसी का निर्धारण
किसने किया, कब किया? निर्माण
एजेंसी के
निर्धारण किस
आधार पर किया
गया? (ग) प्रश्नांश
(क) अनुसार स्वीकृत
राशि के
विरूद्ध
निर्माण की
प्राक्कलन
ड्राईंग, माप-पुस्तिका, व्यय
राशि बतावें। (घ)
क्या निर्माण
एजेंसी के
सामाजिक
जानकारों के
सुझाव को
दरकिनार करके
अपने हिसाब से
निर्माण कर
दिया है जो
उचित नहीं है
जबकि समाज के
लोग एवं प्रश्नकर्ता
ने भी सुझाव
दिया था जिसे
किस आधार पर
खारिज किया
गया?
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) : (क) जबलपुर
स्थित
स्वतंत्रता
संग्राम के
महानायक राजा
शंकरशाह, रघुनाथ
शाह, जी
के बंदीगृह स्थल
में प्रेरणा
केन्द्र
निर्माण की
स्वीकृति
प्रदाय नहीं
की गई, शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख) से (घ)
उत्तरांश (क)
के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
कफ
सिरप मामले की
जानकारी
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
144.
( क्र. 1319 ) श्री
ओमकार सिंह
मरकाम : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) दवाई
क्रय एवं उसके
गुणवत्ता के
परीक्षण के क्या
नियम है? क्या
म.प्र. के
शासकीय अस्पतालों
एवं निजी अस्पतालों
में सही दवाई
सिरप दिया जा
रहा है? अगर हाँ तो
बतावें छिन्दवाड़ा
में गलत कफ
सिरप से बच्चों
की मौत क्यों
हुई अगर नहीं
तो सही गुणवत्ता
युक्त दवाई
क्यों नहीं
मिल रही है है? इसके लिए
कौन जिम्मेदार
है? क्या
शासन प्रशासन
की कोई जिम्मेदारी
नहीं है? अगर है तो
शासन प्रशासन ने
समय पर दवाइयों
का परीक्षण क्यों
नहीं किया? (ख) क्या नागपुर के
डॉक्टरों
द्वारा बच्चों
की मौत की
जानकारी छिन्दवाड़ा
के सीएमएचओ, की एचओ
प्रशासन शासन
के लोगों को
दिया गया उसके
बाद भी
सही समय में
संज्ञान नहीं
लेने से बच्चों
की दर्दनाक
मौत हुई है? इस घटना से
संबंधित सभी
जांच की सत्यापित
जानकारी दें।
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) शासकीय
स्तर पर
औषधियों का
क्रय मध्य
प्रदेश पब्लिक
हेल्थ
सर्विसेज
कॉर्पोरेशन
लिमिटेड
(एम.पी.पी.एच.एस.सी.एल.)
द्वारा औषधि
उपार्जन मार्गदर्शिका
की शर्तों के
अनुसार किया
जाता है। औषधि
उपार्जन
मार्गदर्शिका
जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-''अ'' अनुसार। निजी
अस्पतालों
द्वारा क्रय
की जा रही
औषधियां, औषधि
निर्माता
द्वारा औषधि
एवं प्रसाधन
सामग्री
अधिनियम 1940 एवं
नियमावली 1945 के
अंतर्गत
प्रदत्त
अनुज्ञप्तियों
की शर्तों एवं
समय-समय पर
ड्रग
कंट्रोलर जनरल
ऑफ इंडिया
(डी.सी.जी.आई.) के
दिशा-निर्देशों
के अनुसार
बाजार में
उपलब्ध करवाई
जाती है। छिंदवाड़ा
में
अमानक/अपमिश्रित
कोल्डरिफ सीरप
के सेवन से
बच्चों की
दुःखद मृत्यु
हुई, प्रकरण
में गुणवत्ता
युक्त
औषधियों के
सप्लाई का मूल
दायित्व
तमिलनाडु
राज्य स्थित
श्रीसन
फार्मा का है।
इसके लिए
संबंधित फर्म
ही मूल रूप से
दोषी है।
श्रीसन
फार्मा में
समय-समय पर पर्यवेक्षण/निरीक्षण
का दायित्व
तमिलनाडु
सरकार के औषधि
विभाग का है।
म.प्र. राज्य
में औषधि
प्रशासन द्वारा
गुणवत्ता जाँचने
के लिए
समय-समय पर
औषधि
निरीक्षकों
द्वारा औषधियों
के नमूना
संकलित कर
नियमानुसार
कार्यवाही की
जाती है। जो
एक निरंतर
प्रकिया है। (ख)
जी नहीं, जाँच की
सत्यापित
प्रतियां जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-''ब'' अनुसार।
वन
अधिकार पत्र
धारक को कब्जा
दिलाया जाना
[जनजातीय
कार्य]
145. ( क्र. 1326 ) श्री
फुन्देलाल
सिंह मार्को : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) कार्यालय
सहायक आयुक्त, जनजातीय
कार्य विभाग, अनुपपुर
द्वारा उप
खण्ड
पुष्पराजगढ़
को (कृषि
कार्य हेतु)
वितरित वन
अधिकार
पत्रधारकों को
प्रश्न
दिनांक तक
कितनी भूमि
वितरित की गई।
वन अधिकार
पत्रधारक का
नाम, ग्राम
का नाम, ग्राम
पंचायत, जाति
क्षेत्र
क्रमांक/रकबा
हेक्टेयर में
आदि जानकारी
उपलब्ध
करावें। (ख) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में प्रश्नकर्ता
के विधानसभा
क्षेत्र
पुष्पराजगढ़
अंतर्गत वन
विभाग द्वारा
उप खंड
पुष्पराजगढ़
में कृषि
कार्य हेतु
जिन
पत्रधारकों
को जितनी भूमि
आवंटित की गई
है क्या वे
सभी मौके पर काबिज
हैं, यदि
हाँ, तो
उसकी सूची
उपलब्ध
करावें? यदि
नहीं, तो किन
अधिकारियों
के द्वारा
मौके पर जाकर
के वन अधिकार
पत्रधारक को
कब्जा दिलाया
गया, अधिकारी
का नाम पद व
कब्जा दिलाने
की तिथि
बतायें यदि
कब्जा नहीं
दिलाया गया तो
कब तक उनको
कब्जा दिला
दिया जायेगा? निश्चित
समय-सीमा
बतावें। (ग) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में कितने
कृषकों
द्वारा रबी
एवं खरीफ की
बोवनी की गई
है, यदि की
गई है तो
जनकारी दें
यदि नहीं की
तो स्पष्ट
कारण बतावें। (घ)
प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में क्या
विशेष पिछड़ी
जनजाति बैगा
जिन्हें वन
अधिकार पत्र
दिये जा चुके
हैं परंतु
मौके पर उनका
कब्जा नहीं है, कब्जा
न होने के
कारण वे कृषि
कार्य नहीं कर
पा रहे हैं
यदि कृषि
कार्य कर रहे
हैं तो शासन द्वारा
मिलने वाला
खाद-बीज, उर्वरक, जैविक
खाद इन्हें कब
वितरित किया
गया है नाम, पता
एवं कितनी
सामग्री
उपलब्ध कराई
गई? यदि
नहीं तो
इन्हें मौके
पर कब्जा कब
तक दिला दिया
जायेगा।
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट– ''अ'' अनुसार है। (ख) वन
अधिकार पत्र
धारकों के वन
भूमि के कब्जा
न होने के
संबंध में कोई
तथ्य प्रकाश
में नहीं आया
है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग)
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (घ) वन
अधिकार पत्र
धारकों के वन
भूमि के कब्जा
न होने के
संबंध में कोई
तथ्य प्रकाश
में नहीं आया
है। जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
सीमांकन
पश्चात कब्जा
दिलाये जाना
[राजस्व]
146.
( क्र. 1327 ) श्री फुन्देलाल
सिंह मार्को : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) अनूपपुर
जिला अंतर्गत
तहसील जैतहरी
अंतर्गत
ग्राम धनगवां
के भूमि स्वामी
विनय सिंह
पुत्र स्व.
श्री सुरेश
सिंह के खसरा
नंबर 2373
रकबा 0.636
हेक्टेयर
भूमि का
सीमांकन न्यायालय
तहसीलदार, जैतहरी के
आदेश क्रमांक 252/तह./री./2024 दिनांक 23.04.2024 को गठित दल
के द्वारा
किया गया था? सीमांकन
के समय कौन से
विभागीय
अधिकारी एवं भूमि
स्वामी
उपस्थित थे? अधिकारी
का नाम सहित
सीमांकन की
संपूर्ण कार्यवाही
की सत्यापित
प्रति उपलब्ध
करावें। (ख) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में गठित दल
द्वारा
सीमांकन पश्चात
रेलवे लाईन को
विनय सिंह की
भूमि बताई गई थी? यदि हाँ, तो
अंग्रेजों के
समय डाउन लाईन
जो रेलवे की
है वह भूमि
वास्तव में
रेलवे की है
अथवा राजस्व
की? रेलवे
की भूमि को
राजस्व
विभाग के दल
के द्वारा
विनय सिंह की
क्यों बताया
गया? इसके
लिये कौन दोषी
है? (ग) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) के
संदर्भ में
राजस्व की
भूमि पर विनय
सिंह पुत्र स्व.
श्री सुरेश
सिंह को कब तक
विभाग द्वारा
भूमि का कब्जा
दिला दिया
जायेगा? निश्िचत
समय-सीमा
बतावें।
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) जी
नहीं।
तहसीलदार
जैतहरी के
आदेश क्रमांक 251/तह./री./2024 दिनांक 24/04/2024 के द्वारा
सीमांकन दल का
गठन किया गया
था। सीमांकन
के समय राजस्व
विभाग तथा रेलवे
के
अधिकारी/कर्मचारी
एवं प्रश्नांकित
भूमि के
भूमि-स्वामी
तथा सरहदी
कृषक उपस्थित
थे।
कर्मचारियों
के नाम दल गठन
आदेश की प्रति
तथा सीमांकन प्रकरण
में सीमांकन
दल द्वारा
प्रस्तुत
प्रतिवेदनों
की सत्यापित
प्रति पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं।
शेष प्रश्नांश
उद्भूत नहीं
होता है। (ग) प्रश्नांश
(क) में प्रश्नाधीन
भूमि के
सीमांकन का
प्रकरण
विचाराधीन है, न कि कब्जा
दिलाए जाने
का। उक्त
प्रकरण में
तहसीलदार
जैतहरी के
द्वारा सीमांकन
की पुष्टि
नहीं की गई
है। कब्जा
दिलाए जाने का
प्रश्न
उद्भूत नहीं
होता है।
राजस्व
/ वन भूमि को
अपात्रों में
वितरण
[राजस्व]
147.
( क्र. 1334 ) श्री
नरेन्द्र
सिंह कुशवाह : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
भिण्ड जिले
में वर्ष 2025 के तत्कालीन
कलेक्टर
द्वारा पदीय दुरुपयोग
कर जिले में
विभिन्न
स्थानों पर
राजस्व/वन
भूमि को
अपात्र हितग्राहियों
में वितरण
कर धनार्जन कर
अपने चहेतों
को उपकृत किया
गया है, जिसमें
जिले के
अनुविभागीय
अधिकारी (राजस्व)
तहसीलदार, नायब तहसीलदार राजस्व
निरीक्षक व पटवारियों
से दबाव बनाकर
शासकीय भूमि
को निजी
व्यक्तियों
में बंदरबाट
किया गया यदि
हाँ, तो
इसकी उच्च
स्तरीय जांच कराई
जावेगी? (ख) न्यायालय
कलेक्टर जिला
भिण्ड के
प्रकरण क्रमांक/0026/अ-74/2025-26/1168
दिनांक 18/09/2025 को जारी
आदेश में
अनुविभागीय
अधिकारी
राजस्व भिण्ड
जिला भिण्ड
को मौजा खेरा
श्यामपुरा के
सर्वे
क्रमांक 206 रकबा 5.30 हे., 1147 रकबा 0.51 हे., 1149 रकबा 0.23 हे., 1150 रकबा 0.15 हे., 1151 रकबा 0.59 हे., 1152 रकबा 0.57 हे., 1153 रकबा 0.40 हे. पर दर्ज
शासकीय से
निजी भूमि
स्वामी
परिवर्तित
किया तथा 18/09/2025 को स्थगन
आदेशों पर अमल हेतु
निर्देशित
किया है, क्या
कलेक्टर
स्वयं ही पहले
आदेश करें और
कुछ माह स्वयं
कलेक्टर ही
यथावत स्थिति
रखने का आदेश
करें जो म.प्र.
भू-राजस्व
संहिता के
निर्देशों का
उल्लंघन है, क्या इसकी
उच्च स्तरीय
जांच कराई
जाकर दोषियों
के खिलाफ
कार्यवाही की
जावेगी? यदि हाँ, तो
समयावधि
बताने का कष्ट
करें।
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) जी नहीं।
वर्ष 2025
में प्रश्न
दिनांक तक
भिण्ड जिले
में राजस्व
भूमि का कोई
वितरण कर
धनार्जन
संबंधी कोई
शिकायत अथवा
सूचना इस
कार्यालय को
प्राप्त नहीं
हुई है। (ख) जी
हाँ। दिनांक 18.09.2025 को तत्कालीन
कलेक्टर जिला
भिण्ड द्वारा
जिला अभिलेखागार
का निरीक्षण
करने पर प्रश्नाधीन
सर्वे नंबरों
से संबंधित
राजस्व अभिलेख
में छेड़छाड़
होना पाये
जाने के कारण
प्रकरण क्रमांक
0026/3-74/2025-26 में पारित
आदेश दिनांक 04.07.2025 के अमल पर
तत्काल
प्रभाव से
स्थगन किया
जाकर, रिकार्ड
पूर्ववत्
किया जाये एवं
प्रकरण पुनर्विलोकन
की अनुमति
हेतु आयुक्त, चंबल
संभाग मुरैना
को भेजा जावे, आदेश
पारित किया
गया है। उक्त
के क्रम में
प्रकरण पुनर्विलोकन
की अनुमति
हेतु
न्यायालय
आयुक्त, चंबल
संभाग मुरैना
को भेजा गया
है जिसमें न्यायालय
आयुक्त चंबल
संभाग मुरैना
प्रकरण क्रमांक
0007/अन्य
द्वारा विविध/2025-26 आदेश
दिनांक 14.10.2025 से
पुनर्विलोकन
की अनुमति
प्रदान की गयी
है। म.प्र. भू-राजस्व
संहिता 1959 की धारा 51 अनुसार
"मण्डल तथा
प्रत्येक
राजस्व
अधिकारी या तो
स्वप्रेरणा
से या किसी
हितबद्ध
पक्षकार के
आवेदन पर, किसी ऐसे
आदेश का, जो स्वतः
उसके द्वारा
या उसके
पूर्वाधिकारियों
में से किसी
पूर्वाधिकारी
द्वारा पारित किया
गया हो, पुनर्विलोकन
कर सकेगा", का होने से
शेषांश का
प्रश्न
उत्पन्न नहीं
होता है।
भिण्ड
तहसील के
विभिन्न
प्रकरणों की
उच्च स्तरीय
जांच
[राजस्व]
148. ( क्र. 1335 ) श्री
नरेन्द्र
सिंह कुशवाह : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क)
मौजा भिण्ड
के सर्वे क्र. 2858
रकबा 0.585, 2866 रकबा 0.5540, 2867 रकबा 0.5540
कुल सर्वे नं.
तीन कुल 1.6930 में न्यायालय
कलेक्टर
भिण्ड के
प्रकरण क्र. 0016/नि 2024-25
आदेश क्र. 14/10/2024 व
रतनूपुरा के
सर्वे के
अनुसार
निगरानी में लेकर
नामांतरण
निरस्त किए
गए उक्त
सर्वे नंबर
में कुसुम, रानी, बेबी
को भूमि स्वामी
स्वत्व के
रूप में दर्ज
थी। उक्त
महिलाओं के
द्वारा अपनी
जमीन को
विक्रय किया
गया। विक्रय
उपरांत कलेक्टर
भिण्ड तत्कालीन
पदस्थ
पटवारी के नाम
निरस्त करने
के लिए दवाब
बनाया गया।
तहसीलदार
भिण्ड के
द्वारा
पटवारी को
बुलाया गया जब
पटवारी
उपस्थित नहीं
हुआ तो तत्कालीन
कलेक्टर ने
तहसीलदार, एस.डी.एम., की
बैठक बुलाई
जिसमें
तहसीलदार
मोहनलाल शर्मा
की आई.डी. से
पदस्थ
पटवारी की नई
आई.डी. बंद
करवाई तथा भू-अभिलेख
में पदस्थ
अन्य पटवारी
की आई.डी.
बनाकर उक्त
सर्वे नम्बरों
में अनिर्धारित
हिस्सा
पुत्र के नाम
भूमि स्वामी
स्वत्व पर
दर्ज कर दिया
गया। पटवारी
का कोई
नया पदस्थापना
आदेश नहीं
किया गया जबकि
म.प्र. शासन के नियमानुसार
पिता की सम्पत्ति
में पुत्री का
हिस्सा देने
का प्रावधान
है, तत्कालीन
कलेक्टर
द्वारा किस
नियम के तहत
पुत्रियों के
नाम निरस्त किये
हैं? (ख) क्या तत्कालीन
कलेक्टर
द्वारा किये
गये इस कृत्य
की जांच कराई
जाकर इसमें
शामिल
दोषियों के खिलाफ
कार्यवाही की
जावेगी? यदि
हाँ, तो
समयावधि
बताने का कष्ट
करें।
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) न्यायालय
कलेक्टर
भिण्ड के
प्रकरण
क्रमांक 0016/निगरानी/2024 -25 आदेश
दिनांक 14.10.2024 से
संबंधित मूल
अभिलेख
न्यायालय
आयुक्त चंबल
संभाग मुरैना
के प्रकरण
क्रमांक 0018/निगरानी/2024-25 में
सुनवाई हेतु
न्यायालयीन
अभिलेख पास
बुक क्रमांक 149, दिनांक 14.05.2025 से प्रेषित
किया गया है।
प्रकरण में
न्यायालय
कलेक्टर
भिण्ड से अभी
अंतिम आदेश
पारित नहीं
हुआ है। (ख) न्यायालय
आयुक्त चंबल
संभाग मुरैना
स्तर पर निगरानी
प्रकरण होने
से समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
अमानक
दवाइयों पर
कार्यवाही
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
149.
( क्र. 1340 ) श्री बाला
बच्चन : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) दिनांक 01-04-22 से 31-10-25 तक अमानक
दवाइयों के
कितने प्रकरण
राज्य की लैब
में जांच के
बाद दोषी पाए
गए प्रकरण
प्राप्ति
दिनांक, अमानक
घोषित दिनांक, दवा/फार्मूला
दवा
कंपनी/फर्म
नाम सहित
वर्षवार
देवें। इन पर
कार्यवाही का
विवरण दें। (ख) इनमें
से अधिकांश
प्रकरण
न्यायालय या
सक्षम अधिकारी
को प्रस्तुत
नहीं किए जाने
का क्या कारण
है? जो
प्रकरण
प्रस्तुत किए
गए हैं उनकी
जानकारी देवें।
जो सप्लायर
फर्में राज्य
के बाहर की
हैं उनकी दवाए, अमानक
घोषित होती
हैं तो उन पर
शासन
कार्यवाही क्यों
नहीं करता
कारण स्पष्ट
करें। (ग) प्र.क्र
3019 दि. 06-08-2025 के "ग" उत्तर
में वर्णित है
कि अमानक पाए
जाने पर फर्म, दवा
कंपनियों को
ब्लैक
लिस्टेड करने
की कार्यवाही
खाद्य या
औषधि
प्रशासन
म.प्र. द्वारा
नहीं की जाती
है तो फिर यह
कार्यवाही
किसके द्वारा
की जाएगी? प्रश्नांश
(क) अनुसार ऐसी
फर्मों, दवा
कंपनियों को
कब तक ब्लैक
लिस्टेड कर
एफ.आई.आर.
करवाई जाएगी। (घ)
छिन्दवाड़ा
में कफ सिरप
से बच्चे की
मौत प्रकरण
में कितने
बच्चों का
नागपुर में
इलाज करवाया
गया? उनकी
पूरी जानकारी
शासन द्वारा
दिए गये इलाज
खर्च सहित
देवें यदि
शासन ने इलाज
का खर्च नहीं
दिया तो कब तक
दिया जाएगा?
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क)
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-''अ'' अनुसार। (ख) अवमानक
पाई गई
औषधियों के
संबंध में
सी.डी.एस.सी.ओ.
भारत सरकार
द्वारा बनाई
गई गाईड लाईन
के आधार पर
निर्णय लेते
हुए
न्यायलयीन
कार्यवाही/विभागीय
कार्यवाही की
जाती है। जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-''अ'' अनुसार। शेष अंश की भी जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-''अ'' अनुसार। (ग) राज्य में
अवमानक पाई गई
दवाओं की
कार्यवाही प्रश्नांश
(ख) में
वर्णित
प्रक्रिया
अनुसार की
जाती है। औषधि
क्रेता
एजेंसी के
द्वारा फर्म
को ब्लैकलिस्ट
किये जाने की
कार्यवाही की
जा सकती है। (घ)
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-''ब'' अनुसार।
सामुदायिक
स्वास्थ्य
केन्द्र का
सिविल अस्पताल
में उन्नयन
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
150.
( क्र. 1345 ) श्री गौरव
सिंह पारधी : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) विगत
पांच वर्षों
में किन-किन
सामुदायिक
स्वास्थ्य
केंद्र (CHC) को सिविल
अस्पताल में
उन्नयन किया
गया है। (ख) इन
सभी उन्नयन
स्वास्थ्य
केन्द्रों
में उन्नयन के
पहले के दो
वर्षों की
बिस्तर
संख्या के
प्रतिशत में
आई.पी.डी. की
माहवार
जानकारी
उपलब्ध करायें।
(ग) 50
बिस्तरीय
सामुदायिक
स्वास्थ्य
केन्द्रों को
सिविल
अस्पताल को
उन्नयन करने
के लिए क्या-क्या
अर्हताएं है? (घ) सामुदायिक
स्वास्थ्य
केंद्र कटंगी
जिला बालाघाट
को सिविल
अस्पताल में
किस कारण से
उन्नयन नहीं
किया जा रहा
है और अगर
उन्नयन किया
जायेगा तो कब
तक।
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) विगत पांच
वर्षों की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-''अ''अनुसार है।
सामुदायिक
स्वास्थ्य
केन्द्र (CHC) को सिविल
अस्पताल में
उन्नयन किया
गया है। (ख) जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-''ब''अनुसार
है। (ग) वर्तमान
में
सामुदायिक स्वास्थ्य
केन्द्र का
सिविल अस्पताल
में उन्नयन
किये जाने
हेतु सामान्यत:
विगत 05
वर्षों की बैड
आक्यूपेंसी 80 प्रतिशत
से अधिक होना
आवश्यक है। (घ) सामुदायिक
स्वास्थ्य
केन्द्र
कटंगी जिला
बालाघाट की
विगत 05
वर्षों की बैड
आक्यूपेंसी
रेट 35.68
प्रतिशत है।
विगत 05
वर्षों की बैड
आक्यूपेंसी
रेट 80
प्रतिशत से कम
होने के कारण
सिविल अस्पताल
में उन्नयन
किये जाने की
पात्रता नहीं
आती है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
अनियमितताओं
के संबंध में
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
151.
( क्र. 1346 ) श्री गौरव
सिंह पारधी : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) अटल
बिहारी
वाजपेयी
मेडिकल कॉलेज
विदिशा में वर्ष 2020
अप्रैल से
वर्ष 2025
सितम्बर तक
की गई समस्त
खरीदी की
जानकारी विस्तृत
रूप से उपलब्ध
कराएं। (ख) अटल
बिहारी
वाजपेयी
मेडिकल कॉलेज
विदिशा में
एनाटॉमी
विभाग में
विगत 05
वर्षों में की
गई समस्त
खरीदी की
जानकारी एवं
किन-किन
नियमों के तहत
खरीदी की गई
उसकी भी
जानकारी
उपलब्ध
करायें। (ग) अटल
बिहारी
वाजपेयी
मेडिकल कॉलेज
विदिशा में
एनाटॉमी
विभाग के
अंतर्गत 05 वर्षों
में की गई
समस्त खरीदी
के बिल
छायाप्रति
में उपलब्ध
कराएं। (घ) अटल
बिहारी
वाजपेयी
कॉलेज विदिशा
में
डिपार्टमेंट
ऑफ एनाटॉमी के
एच.ओ.डी. की
नियुक्ति किस
नियम के तहत
की गई है एवं
उनकी
अर्हताओं की
संपूर्ण
जानकारी उपलब्ध
करायें।
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) अटल
बिहारी
वाजपेयी
मेडिकल कॉलेज
विदिशा में
वर्ष 2020
अप्रैल से
वर्ष 2025
सितम्बर तक
की गई समस्त
खरीदी की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''1'' अनुसार। (ख) अटल
बिहारी
वाजपेयी
मेडिकल कॉलेज
विदिशा में
एनॉटामी
विभाग के
अंतर्गत 05 वर्षों
में की गई
खरीदी की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''2'' अनुसार एवं खरीदी
से संबंधित
नियमों की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''3'' अनुसार। (ग) अटल
बिहारी
वाजपेयी
मेडिकल कॉलेज
विदिशा में की
गई खरीदी के
समस्त बिलों
की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''2'' अनुसार। (घ) अटल बिहारी
वाजपेयी
मेडिकल कॉलेज
विदिशा के डिपार्टमेन्ट
आफ एनाटॉमी
विभाग में
एच.ओ.डी की
नियुक्ति संबंधी
नियम एवं
अर्हताओं की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''4'' अनुसार।
सामुदायिक
स्वास्थ्य
केन्द्रों का
उन्नयन
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
152.
( क्र. 1351 ) श्री बृज
बिहारी
पटैरिया : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) सागर
जिले की देवरी
विधानसभा
अर्न्तगत
सामुदायिक
चिकित्सालय
देवरी को
सिविल हॉस्पिटल
में उन्नयन
हेतु अब तक
क्या कार्यवाही
की गई है? वर्तमान
में
सामुदायिक
स्वास्थ्य
केन्द्र
देवरी में
चिकित्सकों की
कमी को एवं
अन्य स्टॉफ की
पूर्ति कब की
जावेगी? (ख) सामुदायिक
स्वास्थ्य
केन्द्र
देवरी में
पेयजल हेतु
वाटरकूलर मय
प्यूरीफाई के
लिये एवं
जनरेटर एवं
परिसर की सुरक्षा
हेतु बाउंड्रीवाल निर्माण
हेतु राशि कब
तक उपलब्ध करा
दी जावेगी। (ग) बर्न
यूनिट
निर्माण की
व्यवस्था कब तक
कराते हुये
गैर
चिकित्सीय
स्टॉफ की
पूर्ति कब तक
हो सकेगी? (घ) विगत 4 वर्षों से
देवरी में
अधूरे
निर्माणाधीन
संजीवनी क्लीनिक
को कब तक
पूर्ण करा कर क्लीनिक
संचालित करा
दी जावेगी।
समय-सीमा में
निर्माण नहीं
करने वाली
एजेन्सी के
विरूद्ध कोई
कार्यवाही
होगी? यदि
हाँ, तो
कब तक? नहीं, तो क्यों?
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) सागर
जिले की देवरी
विधानसभा अन्तर्गत
सामुदायिक
चिकित्सालय
देवरी को
सिविल
हॉस्पिटल में
उन्नयन हेतु
प्रकरण
परीक्षणाधीन
है।
स्वास्थ्य
कार्मिकों की
नियुक्ति एक
निरंतर
प्रक्रिया
है। निश्िचत
समयावधि
बताया जाना
संभव नहीं है।
(ख) सामुदायिक
स्वास्थ्य केन्द्र
देवरी में
पेयजल हेतु
वाटरकूलर मय
प्यूरीफायर
उपलब्ध है
एवं जनरेटर
उपलब्ध है
किंतु
वर्तमान में अक्रियाशील
है। आवश्यक
बाउंड्रीवाल
के निर्माण
तथा जनरेटर को
क्रियाशील
किये जाने
हेतु आवश्यक
राशि तकनीकि
स्वीकृति
प्राप्त
होते ही उपलब्ध
करा दी
जावेगी। निश्िचत
समयावधि
बताया जाना
संभव नहीं है।
(ग) सामुदायिक
स्वास्थ्य
केन्द्र स्तर
पर बर्न यूनिट
की सुविधा
उपलब्ध नहीं
होती है। अत:
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) विगत
04 वर्षों से
देवरी में
अधूरे
निर्माणाधीन
संजीवनी क्लीनिक
का निर्माण
कार्य
वर्तमान में
बन्द है।
कार्य
समय-सीमा में
पूर्ण न करने
वाले संबंधित
ठेकेदार को
नगर पालिका देवरी
की निर्माण
शाखा द्वारा
ब्लैक लिस्ट
किये जाने की
कार्यवाही
प्रक्रियाधीन
है। निश्चित
समयावधि
बताया जाना
संभव नहीं है।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
एनआरआई
नार्सिंग
कॉलेज भोपाल
में अनियमितताएं
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
153.
( क्र. 1372 ) श्री
हेमंत
सत्यदेव
कटारे : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) म.प्र.
नर्सिंग
रजिस्ट्रेशन
काउन्सिल
भोपाल में
दिनांक 01.01.2023 से प्रश्न
दिनांक तक
कितनी
शिकायतें
प्राप्त हुई, शिकायतों
पर कब-कब, क्या-क्या
कार्यवाही की
गई? शिकायतों
का विवरण सहित
वर्षवार
जानकारी दी जाये? (ख) क्या
एनआरआई
नर्सिंग
कॉलेज भोपाल
के विरूद्ध श्री
रवि परमार, प्रदेश
उपाध्यक्ष, एनएसयूआई
द्वारा
शिकायत कर
कार्यवाही की
मांग की गई थी? यदि हाँ, तो शिकायत
पर क्या
अपराध
पंजीबद्ध कर
कार्यवाही की
गई पूर्ण
जानकारी दें। (ग)
क्या
एनआरआई
नर्सिंग
कॉलेज की
प्राचार्य
विदेश में
निवासरत है? क्या इस
संबंध में
काउन्सलिंग
के
अधिकारियों द्वारा
उनके
पासपोर्ट आदि
की जांच की गई, यदि नहीं
तो क्यों? जानकारी
दें। (घ) वर्ष 2025-26 सत्र में
नर्सिंग
कॉलेजों के
निरीक्षण की
रिपोर्ट, स्क्रूटनी
रिपोर्ट, निरीक्षणकर्ताओं
और स्क्रूटनी
कमेटी के सदस्यों
के नाम, पदनाम
विभाग सहित
कॉलेजवार, जिलावार सहित
जानकारी दी
जाये। (ड.) क्या
नर्सिंग
कॉलेजों के
प्राचार्य और
संचालकों से
कोई शपथ-पत्र
लिया गया है, यदि हाँ, तो समस्त
कॉलेजों के
शपथ-पत्र दिया जाये।
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) मध्यप्रदेश
नर्सेस रजिस्ट्रेशन
कौंसिल
कार्यालय में
उपलब्ध
अभिलेखों के
अनुसार कुल 33 शिकायत
प्राप्त हुई
है, प्राप्त
शिकायतों पर
की गयी
कार्यवाही की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''01'' अनुसार। (ख) जी
हाँ, प्राप्त
शिकायत के
संबंध में CMHO को संस्था
का निरीक्षण
करने के लिये
पत्र जारी
किया गया है, जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''02'' अनुसार, CMHO द्वारा
प्राप्त
जांच
प्रतिवेदन
में शिकायत
संबंधी तथ्यों
की पुष्टि
नहीं हुई, जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''03'' अनुसार, शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) जी
नहीं, शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) वर्ष
2025-26 सत्र में नर्सिंग
कॉलेजों के
निरीक्षण
रिपोर्ट, स्क्रूटनी
रिपोर्ट, कमेटी के
सदस्यों के
नाम, कॉलेजवार
जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''04'' अनुसार। (ड.) जी
हाँ, समस्त
कॉलेजों के
शपथ-पत्रों की
जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''05'' अनुसार।
चिकित्सा
क्षेत्र के
शैक्षणिक
संस्थाओं
द्वारा
अनियमितताएं
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
154.
( क्र. 1373 ) श्री
हेमंत
सत्यदेव
कटारे : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
शासन द्वारा
चिकित्सा
क्षेत्र में
सामाजिक
कार्य हेतु
बनायी गयी
शैक्षणिक
संस्थाओं को
विशेष लाभ
प्रदान किया
जाता है? (ख) क्या
चिकित्सा
क्षेत्र की
शिक्षण
संस्थानों के
सक्रिय सदस्य
श्री
जयनारायण
चौकसे उनके परिवारजनों
के विरूद्ध
पिछले 10 वर्ष में
किन-किन जांच
एजेन्सियों
में कहां-कहां
कितने अपराध
पंजीबद्ध हैं, थाना, अप.क्र.
धाराएं, आरोपियों
का नाम सहित
पूर्ण
जानकारी दी
जाये। (ग) प्रश्नांश
(ख) के संदर्भ
में पंजीबद्ध
अपराधों की विवेचना
की प्रगति, निष्कर्ष
सहित कितने
अपराधों में
चालान न्यायालय
में प्रस्तुत
किया गया, किन
अपराधों में
गिरफ्तारी
हुई, गिरफ्तारी
के किये गये
प्रयासों आदि
की जानकारी
सहित बताएं कि
श्री चौकसे के
परिवार से संबंधित
किन-किन
प्रतिष्ठानों
पर कब-कब रेड
डाली गयी, किन
अपराधों में
खात्मा लगाया
गया आदि पूर्ण
जानकारी जाँच
एजेन्सी एवं
वर्षवार
उपलब्ध करायी
जावे।
उप
मुख्यमंत्री, लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) जी
नहीं, मध्यप्रदेश
स्वास्थ्य
क्षेत्र
निवेश
प्रोत्साहन
नीति 2025 के तहत
प्रोत्साहन
की पात्रता
है। जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट-''अ''
अनुसार। (ख) एवं (ग)
जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
नामांतरण/बंटवारे
के लंबित
प्रकरण
[राजस्व]
155. ( क्र. 1380 ) श्री
दिलीप सिंह
परिहार : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
वर्तमान में
नीमच जिले में
नामांतरण/बंटवारा
एवं सीमांकन
जैसी सेवाओं
के अनेक आवेदन
लंबे समय से
लंबित हैं तथा
अनेक आवेदन
लोक सेवा
गारंटी
पोर्टल पर
दर्ज ही नहीं
हैं? जानकारी
दें। (ख) क्या
प्रश्नांश
(क) संदर्भित
इन सेवाओं के
निराकरण में प्राप्ति
क्रम (FIFO) का
पालन नहीं
किया जा रहा
है, जिससे
आम नागरिकों
को अनावश्यक
विलंब हो रहा है? (ग)
प्रश्नांश
(क) एवं (ख) संदर्भित
ऐसे मामलों
में दोषी पाए
गए राजस्व अधिकारी/कर्मचारी
के विरुद्ध
कोई जांच या
दंडात्मक
कार्यवाही की
गई है? यदि
हाँ, तो
तहसीलवार
उसका विवरण
देवें। (घ) दिनांक
1
जनवरी 2024 से
प्रश्न
दिनांक तक
नीमच जिले में
कुल कितने
नामांतरण/बंटवारा
एवं सीमांकन
के आवेदन
प्राप्त हुए? उनमें
से कितने
स्वीकृत, निरस्त
एवं लंबित हैं
तथा कितने
आवेदन समय-सीमा
से अधिक समय
से लंबित हैं? (ड.)
क्या
नीमच जिले में
राजस्व
अभिलेख सुधार
(रिकॉर्ड
करेक्शन) से
संबंधित
आवेदनों में
बार-बार
त्रुटियां
पाई जा रही
हैं? यदि हाँ, तो
इसके लिए कौन
उत्तरदायी है? इसके
सुधार हेतु
क्या
कार्रवाई की
गई?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) जिला
नीमच अंतर्गत
नामांतरण
बटवारा एवं
सीमांकन जैसी
सेवाओं के
आवेदन
सर्वप्रथम
आवेदक लोक
सेवा केंद्र
में प्रस्तुत
करता है। लोक
सेवा केंद्र
में दर्ज
उपरांत आवेदन
ऑनलाइन
आरसीएमएस
पोर्टल पर
संबंधित
तहसीलदार को
प्राप्त होते
हैं। इसके
पश्चात यदि
प्रकरण
अविवादित है
तो नामांतरण
प्रकरण 1 माह
में, बटवारा
प्रकरण 3 माह
में निराकृत
किया जाता है।
विवाद होने की
स्थिति में
प्रकरण में
हितबद्ध
पक्षकारों को
सुनवाई का
अवसर दिया
जाकर प्रकरण
का निराकरण
किया जाता है।
जिला नीमच में
आवेदन लोक
सेवा गारंटी
पोर्टल पर
दर्ज नहीं
होने
सम्बन्धी कोई
स्थिति नहीं
है। (ख) जिला
नीमच में (FIFO) प्रक्रिया
का पूर्ण पालन
किया जा रहा
है। जिला नीमच
अंतर्गत
नामांतरण, बटवारा
एवं सीमांकन जैसी
सेवाओं के
आवेदन
सर्वप्रथम
आवेदक लोक सेवा
केंद्र में
प्रस्तुत
करता है। लोक
सेवा केंद्र
में दर्ज
उपरांत आवेदन
ऑनलाइन
आरसीएमएस
पोर्टल पर
संबंधित
तहसीलदार को
प्राप्त होते
हैं। इसके पश्चात
यदि प्रकरण
अविवादित है
तो नामांतरण
प्रकरण 1 माह
में, बटवारा
प्रकरण 3 माह
में, सीमांकन
प्रकरण (यदि
फसल खड़ी न हो
तो) 1 माह में
निराकृत किये
जाते है।
विवाद होने की
स्थिति में
प्रकरण में
हितबद्ध
पक्षकारों को
सुनवाई का
अवसर दिया
जाकर प्रकरण
का निराकरण
किया जाता है।
विवादित
प्रकरण में FIFO का
पालन नहीं हो
सकता है न्यायालयीन
प्रक्रिया
अंतर्गत
निराकरण किया
जाता है। (ग) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) के
उत्तर अनुसार
अनावश्यक
विलंब
सम्बन्धी मामले
निरंक होने के
कारण दोषी पाए
गए राजस्व अधिकारी
कर्मचारी के
विरुद्ध कोई
जांच या दंडात्मक
की गई
कार्रवाई
निरंक है? (घ)
दिनांक
1
जनवरी 2024 में
प्रश्न
दिनांक तक
नीमच जिले में
नामांतरण/बटवारा
एवं सीमांकन
के आवेदन -
|
मद |
कुल
प्रकरण |
स्वीकृत |
अस्वीकृत |
लम्बित |
|
नामान्तरण |
35114 |
31251 |
2771 |
1092 |
|
बटवारा |
3915 |
3338 |
374 |
203 |
|
सीमांकन |
4240 |
3714 |
474 |
52 |
(ड.)
नीमच
जिले में
राजस्व
अभिलेख सुधार
हेतु म.प्र.
भू-राजस्व संहिता
1959 की धारा 115 के
अंतर्गत यदि
त्रुटि 5 वर्ष में
पुरानी हो तो
कलेक्टर महो.
की पूर्व अनुमति
प्राप्त कर
एवं त्रुटि 5 वर्ष में
कम अवधि की
होने की
स्थिति में
अनुविभागीय
अधिकारी
(राजस्व)
न्यायालय
द्वारा
त्रुटि का
निराकरण किया
जाता है।
तवा
बांध से सिंचाई
[जल संसाधन]
156.
( क्र. 1386 ) श्री
प्रेमशंकर
कुंजीलाल
वर्मा : क्या जल
संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) सिवनी
मालवा
विधानसभा
क्षेत्र में
तवा बांध से
कितने
हेक्टेयर
भूमि में
सिंचाई की
जाती है? तहसीलवार
जानकारी दें। (ख)
कमांड
क्षेत्र में आने
के बाद भी
कितनी
हेक्टेयर
भूमि में
सिंचाई नहीं
हो पा रही है? (ग) इस
असिंचित
एरिया में
पानी
पहुंचाने
हेतु जल संसाधन
विभाग की क्या
योजना है?
जल
संसाधन
मंत्री ( श्री
तुलसीराम
सिलावट ) : (क) सिवनी
मालवा
विधानसभा
क्षेत्र में
तवा बांध से 69043 हेक्टेयर
भूमि में
सिंचाई की
जाती है।
क्षेत्र
अंतर्गत 02 तहसील
क्रमश: सिवनी
मालवा में 54542 हेक्टेयर
एवं डोलरिया
तहसील में 14501 हेक्टेयर
क्षेत्र है। (ख)
तवा बांध के
अंतिम छोर में
अनुमानित 4300 हेक्टेयर
क्षेत्र में
पर्याप्त
सिंचाई नहीं
की जा रही है। (ग)
उत्तरांश 'ख' के
अनुसार अंतिम
छोर में एवं
छूटे हुए
सिंचाई
क्षेत्रों को
सम्मिलित
करते हुए डोलरिया
एवं सिवनी
मालवा
तहसीलों में
खोकसर (7200 हेक्टेयर)
एवं हथनापुर (9500 हेक्टेयर)
सूक्ष्म
सिंचाई
परियोजना
प्रस्तावित
है।
भवन
विहीन स्कूल
के लिये
कार्ययोजना
[स्कूल
शिक्षा]
157. ( क्र. 1387 ) श्री
प्रेमशंकर
कुंजीलाल
वर्मा : क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) सिवनी
मालवा
विधानसभा
क्षेत्र में
कितने हायर
सेकेण्डरी
स्कूल भवन
विहीन हैं एवं
कितने हाई
स्कूल एवं
कितने
प्राथमिक
शाला भवन
विहीन हैं? (ख)
इन
भवन विहीन
शालाओं के लिए
भवन बनाने की
शिक्षा विभाग
की क्या योजना
है? (ग) भवन
विहीन शालाओं
की कक्षा
लगाने हेतु
विभाग ने क्या
व्यवस्था की
है? (घ) भवन
विहीन शालाओं
के लिए नवीन
भवन कब तक
बनाए जाएंगे?
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) प्रश्नाधीन
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत कोई
भी प्राथमिक, हाईस्कूल
एवं हायर
सेकेण्डरी
स्कूल भवन विहीन
नहीं है। 06 प्राथमिक
शालाओं के भवन
जीर्ण-शीर्ण
थे, जिन्हें
तोड़ दिया गया
है। इनका
संचालन अन्य
शाला के अतिरिक्त
कक्ष, पंचायत
एवं
आंगनवाड़ी
भवन में
संचालित है। (ख)
बजट की
उपलब्धता के
आधार पर
जीर्ण-शीर्ण
शाला भवन के
स्थान पर नवीन
निर्माण का
प्रावधान है। (ग)
जीर्ण-शीर्ण
भवन की शालाऐं, अन्य शाला
के अतिरिक्त
कक्ष, पंचायत
भवन एवं
आंगनवाड़ी
केन्द्रों
में संचालित
है। (घ) बजट की
उपलब्धता के
आधार पर
स्वीकृति दी
जाती है।
समय-सीमा बताया
जाना संभव
नहीं है।
विद्यालय
भवनों का
निर्माण
कार्य
[स्कूल
शिक्षा]
158.
( क्र. 1398 ) श्री
दिनेश जैन बोस
: क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत तह.
नागदा के ग्राम
भड़ला में
प्राथमिक
विद्यालय भवन
कब स्वीकृत
हुआ एवं
वर्तमान में
क्या स्थिति
है? क्या वर्तमान
में बच्चों को
आज भी झोपड़ी
में अध्ययन
कराया जाता है? यदि हाँ, तो इसके
लिए कौन
जिम्मेदार है? क्या कारण
है कि प्रश्न
दिनांक तक भवन
निर्माण का
कार्य अपूर्ण
है? विभाग
द्वारा
क्या-क्या
कार्यवाही की
गई? संपूर्ण
विवरण देवें। (ख) प्राथमिक
शाला भवन
निर्माण हेतु
कितनी शिकायतें
किस-किस
द्वारा कब-कब
प्राप्त हुई
एवं विभाग
द्वारा उनके
निराकरण हेतु
क्या-क्या कार्यवाही
की गई? यदि
हाँ, तो
विवरण देवें? यदि नहीं
तो क्यों? (ग) विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत कुल
कितने
विद्यालय भवन
स्वीकृति
हेतु कहां-कहां
कब से लंबित
है? कितने
भवनों का
कार्य अपूर्ण
है? कब
तक स्वीकृति
प्रदान कर
निर्माण करा
लिया जाएगा? कब तक
अपूर्ण
कार्यों को
पूर्ण करा
दिया जाएगा? संपूर्ण
जानकारी
देवें।
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) प्राथमिक
विद्यालय
भड़ला में भवन
नहीं अपितु दो
अतिरिक्त
कक्ष वर्ष 2019-2020 में स्वीकृत
किये गये थे।
वर्तमान में
अतिरिक्त
कक्ष की छत
पूर्ण हो गई
है। अतिरिक्त
कक्ष
निर्माणाधीन
होने के कारण
समुदाय द्वारा
उपलब्ध
कराये गये स्थान
पर छात्रों को
अध्ययन कराया
जाता है।
शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
प्रक्रियागत
कारणों के
कारण कार्य
प्रगतिरत है।
कार्य की राशि
जारी की जा
चुकी है। (ख)
जानकारी संलग्न
परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ग)
जानकारी संलग्न
परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। स्वीकृति, बजट की
उपलब्धता पर
निर्भर करेगा
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
राजस्व
ग्राम घोषित
करने की
कार्यवाही
[राजस्व]
159.
( क्र. 1400 ) श्री
हरदीप सिंह
डंग : क्या
राजस्व मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) आयुक्त
भू-अभिलेख एवं
बंदोबस्त
म.प्र.
ग्वालियर को
कलेक्टर
मंदसौर
द्वारा
दिनांक 13.12.2019 को पत्र
क्र. 7679/भू-प्र/कारानि/म.टो./2019, की प्राप्ति
की दिनांक एवं
उसकी
छायाप्रति
उपलब्ध कराऐं? (ख) उपरोक्त
पत्र के पालन
में प्रश्न
दिनांक तक भू-अभिलेख
ग्वालियर
द्वारा की गई
कार्यवाही की
जानकारी एवं
प्राप्त
उत्तर की
पृथक-पृथक
छायाप्रति उपलब्ध
कराएं? (ग) उपरोक्त
राजस्व
ग्रामों हेतु
ग्वालियर से प्राप्त
पत्रों के
जवाब में
मंदसौर
कलेक्टर कार्यालय
एवं भू अभिलेख
से इतने
वर्षों में
क्या-क्या
कार्यवाही की
गई सम्पूर्ण
जानकारी
देवें? (घ) उपरोक्त
शासन के आदेश
का इतने
वर्षों तक
पालन नहीं
होने का क्या
कारण है? इसके लिए
कौन-कौन दोषी
है एवं राजस्व
ग्राम की
कार्यवाही कब
तक पूर्ण कर
ली जावेगी? जानकारी
देवें।
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) प्रश्नांश
(क) में उल्लेखित
पत्र 7679/भू-प्र/कारानिम.टो./2019
दिनांक 13.12.2019 कलेक्टर
मंदसौर का
पत्र का
क्रमांक
त्रुटिपूर्ण
अंकित है।
आयुक्त भू-अभिलेख
मध्यप्रदेश
द्वारा जारी
पत्र क्रमांक 2679/भू-प्र/कारानि/म.टो./2019 दिनांक
13.12.2019 की
जानकारी
प्राप्ति की जानकारी
परिशिष्ट एवं
आयुक्त भू-अभिलेख
एवं बंदोबस्त
म.प्र.
ग्वालियर
कार्यालय के
वर्ष 2012 में
प्रेषित पत्र पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट-अ
अनुसार। (ख)
आयुक्त भू
अभिलेख
कार्यालय ग्वालियर
के पत्र क्र 402/11 भू.प्र./म.टो./ 2020 ग्वालियर
दिनांक 27/05/2020 से
प्रमुख सचिव
(राजस्व
विभाग)
मंत्रालय
भोपाल प्रस्ताव
अनुसार
प्राधिकृत
अधिकारी की
नियुक्ति बावत
धारा 108 (2) के तहत
अधिसूचना
जारी कराये
जाने हेतु
पत्र जारी
किया गया है,पत्र
की पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार । (ग) मजरा
टोला से राजस्व
ग्राम की नक्शे
में सीमाऐं
पृथक करने
हेतु
निर्धारित की
जा चुकी है।
वर्तमान में
तरमीम का
कार्य किया जा
रहा है। (घ) गत
वर्ष में
चुनाव कार्य, राजस्व
महाअभियान
में
पटवारियों की
संलिप्तता होने
के कारण एवं
नक्शा तरमीम
न्यायालयीन
कार्य है
विवादित होने
की स्थिति में
सुनवाई
आवश्यक है एवं
मजरा टोला का
कार्य वृहद्
स्तर का कार्य
होने से
विलम्ब हुआ
है। उक्त
विलम्ब
जानबूझकर
नहीं हुआ है,उक्त
कार्यशीघ्र
पूर्ण कर लिया
जायेगा।
आबादी
क्षेत्र
घोषित किया
जाना
[राजस्व]
160.
( क्र. 1401 ) श्री
हरदीप सिंह
डंग : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क)
ग्रामीण
क्षेत्रों
में शासकीय
जमीन पर
वर्षों से
निवासरत
व्यक्तियों
हेतु आबादी की
भूमि घोषित कर
योजनाओं का
लाभ देने का
शासन द्वारा
अभियान
वर्तमान में
प्रचलित है या
नहीं जानकारी
देवें? (ख) उपरोक्त
व्यक्तियों
हेतु आबादी
घोषित करने
हेतु शासन
द्वारा क्या
प्रक्रिया
अपनाई जाती है? (ग) सुवासरा
विधानसभा में
ऐसे कितने
ग्राम है जहां
पर पिछले समय
या वर्षों से
निवासरत
व्यक्ति है
आबादी घोषित
नहीं होने से
शासन की
स्वामित्व
योजना का लाभ
नहीं मिला है
स्थान एवं
ग्रामों के
नाम सहित
जानकारी
देवें? (घ) सुवासरा
विधानसभा
क्षेत्रान्तर्गत
विगत दो
वर्षों में
आबादी घोषित
हेतु कितने
प्रस्ताव
तहसील, अनुविभागीय
अधिकारी एवं
कलेक्टर
कार्यालय में
लंबित है
ग्राम के नाम
सहित जानकारी
देवें?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) जी
नहीं।
वर्तमान में
कोई अभियान
प्रचलित नहीं
है। (ख) म.प्र.भू-राजस्व
संहिता 1959 (सह पठित 2018) की धारा 243 के
अंतर्गत आबादी
घोषित करने
संबंधी
प्रावधान
किये गये हैं।
धारा 243 की प्रति
संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है। (ग) एवं
(घ) उत्तरांश 'क' के
क्रम में निरंक।
नहरों
एवं तालाबों
की मरम्मत
[जल संसाधन]
161.
( क्र. 1406 ) श्री केशव
देसाई : क्या जल
संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) भिंड
जिले के गोहद
के जल संसाधन
विभाग के अंतर्गत
आने वाली
नहरों एवं
तालाबों व
बांधों की वर्ष
2022-23 से प्रश्न
दिनांक तक
मरम्मत
कार्यों एवं
साफ-सफाई
कार्य के लिए
कितनी
निविदाएं
कब-कब आमंत्रित
की गई एवं
उनकी लागत व
व्यय की
कार्योंवार जानकारी
दें एवं
निविदा
किस-किस
ठेकेदार की स्वीकृत
की गई विभागीय
सी.एस.आर. से
कितने कम व अधिक
राशि की स्वीकृत
की गई जानकरी
दें। (ख) स्वीकृत
निविदा पर
ठेकेदार
द्वारा किस
दिनांक को
कार्य
प्रारंभ व
पूर्ण किया
गया उस पर
कितना-कितना
भुगतान किया
गया, दिनांकवार
अवगत करायें किस
अधिकारी
द्वारा
भुगतान किया
गया एवं कार्य
करने वाले
अधिकारी व
कर्मचारियों
का नाम पद नाम
सहित जानकारी
दें। (ग) नहरों, तालाबों
एवं बांधों पर
कराए जाने
वाले कार्यों
के प्राक्कलन
कब-कब, कितनी-कितनी
राशि के स्वीकृत
किए गए, किस
अधिकारी/कर्मचारियों
द्वारा स्वीकृत
किए गए, नाम व
पदनाम सहित
जानकारी दें, कार्य
हेतु वरिष्ठ
अधिकारियों
द्वारा कब-कब, किस-किस
दिनांक को
कितनी-कितनी
राशि की स्वीकृति
प्रदाय की गई
एवं
कितना-कितना
शासन द्वारा
आवंटन किस मद
में प्रदाय
किया गया अवगत
कराएं एवं
कब-कब ठेकेदार
द्वारा कब
कार्य
प्रारंभ किया
व कब पूर्ण
किया गया? दिनांक
सहित पूर्णता
प्रमाण पत्र
की प्रति प्रदाय करें।
जल
संसाधन
मंत्री ( श्री
तुलसीराम
सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्तकालय रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-"अ"
अनुसार है। (ख)
जानकारी पुस्तकालय रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"ब"
अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"स"
अनुसार है।
स्वास्थ्य
विभाग द्वारा
दिए गए ठेकों
की जांच
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
162.
( क्र. 1418 ) श्री
प्रदीप
अग्रवाल : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) दतिया
जिले में
मुख्य
चिकित्सा एवं
स्वास्थ्य
विभाग द्वारा 1 जनवरी 2024 सफाई, सिक्योरिटी
किराए के वाहन, आउट सोर्स
कर्मचारियों
की भर्ती के
अलावा किस-किस कार्य के
कब-कब टेंडर
लगाये गये।
किस कार्य के
लिये कितने व
किन-किन के
टेंडर आये
समस्त
जानकारी छायाप्रतियों
सहित उपलब्ध
करायें। (ख) टेंडर
स्वीकृत करने
हेतु शासन के
क्या नियम एवं
निर्देश थे
नियम की
छायाप्रति के
साथ जानकारी
देवें कि जो
वाहन किराये
पर लगाये वे
कितने पुराने
हैं टैक्सी
परमिट है अथवा
प्राइवेट।
वाहनों के
रजिस्ट्रेशन
एवं बीमा की
छायाप्रतियां
उपलब्ध
करायें। (ग) क्या
पूर्व में जिन
ठेकेदारों के
पास काम था जिनके
द्वारा गंभीर
अनियमिततायें
की जा रही थी
जिनकी अनेकों
शिकायतें थी
उन्हीं को
पुनः नियम
विरुद्ध ठेका
दे दिए गए हैं, फलस्वरूप
शासन के पैसे
का दुरुपयोग
होना संभव है
यदि नहीं तो
एक कमेटी गठित
कर जांच कराई
जावे। (घ) क्या
उक्त समस्त
निविदाओं में
अनियमितता करने
वाले
अधिकारियों/ कर्मचारियों
के प्रति
कार्यवाही
करते हुये निविदायें
निरस्त करने
हेतु आदेश
प्रसारित करने
की कृपा
करेंगे।
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क)
जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-''अ'' अनुसार। (ख) निविदा
स्वीकृत करने
हेतु शासन
द्वारा मध्यप्रदेश
भण्डार क्रय
एवं सेवा
उपार्जन नियम 2015
यथासंशोधित (2022) निर्धारित
किए गए है।
नियमों की
प्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-''ब'' अनुसार। किराये
पर लगाये गये
वाहनों का
विवरण पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-''स'' अनुसार। (ग) पूर्व
के कार्यादेश
के आधार पर न
दिया जाकर नवीन
निविदा जारी
कर
नियमानुसार
एजेंसी का निर्धारण
किया गया है। (घ) उत्तरांश
(ग) के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
जाति
प्रमाण पत्र
की जांच
[राजस्व]
163. ( क्र. 1419 ) श्री
सिद्धार्थ
सुखलाल
कुशवाहा : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
अनुविभागीय
अधिकारी अनुभाग
सीहोर द्वारा
धर्मेन्द्र
पिता हरिदयाल निवासी
इंग्लिशपुरा
सीहोर को
हस्तलिखित जाति-प्रमाण
पत्र प्रकरण
क्र. 4401/B-121/2002-03 दि. 02.03.2003
फर्जी, अपूर्ण
दस्तावेजों
के आधार पर
जारी किया गया
था? यदि
नहीं तो जारी
जाति
प्रमाण-पत्र
सहित प्रकरण
की सम्पूर्ण
नस्ती की
सत्यापित
छायाप्रति
उपलब्ध कराए? (ख)
क्या
जाति
प्रमाण-पत्र
क्रमांक 4401/B-121/2002-03 दिनांक 02.03.2003 के
सभी
दस्तावेजों
को नष्ट कर
दिया गया है? यदि
हाँ, तो
फर्जी एवं अपूर्ण
दस्तावेजों
के आधार पर
जारी जाति प्रमाण-पत्र
की सत्यता की
जाँच कैसे की
जाएगी? (ग) क्या
धर्मेन्द्र
पिता हरिदयाल
को जारी किये गये
हस्तलिखित
जाति-प्रमाण
पत्र फर्जी
होने एवं
धर्मेन्द्र
नुनैया के
उत्तरप्रदेश
के होने की
शिकायत
कलेक्टर एवं
अनुविभागीय अधिकारी
सीहोर को
फरवरी 2020 में
प्राप्त होने
के बाद भी
सम्बंधित को
संरक्षण देने
हेतु उपरोक्त
फर्जी जाति
प्रमाण-पत्र
को कलेक्टर की
अनुमति बिना
ही बार-बार
नियम विरुद्ध
डिजिटल जाति-प्रमाण-पत्र
जारी किये गये? उक्त
समस्त जारी
किये गये
डिजिटल
जाति-प्रमाण-पत्र, उनकी
नस्ती एवं समस्त
दस्तावेजों
की
छायाप्रतियाँ
उपलब्ध कराएं? (घ)
जाति
प्रमाण-पत्र
प्रकरण क्रमांक
4401/B-121/2002-03 जारी
दिनांक 02.03.2003 को डिजिटल
करने पर
जाति-प्रमाण
पत्रों में
क्या-क्या
संशोधन किये
गये थे? उसे
स्पष्ट रूप से
बताया जाए और
उक्त जारी जाति-प्रमाण-पत्रों
की सत्यापित
प्रतियाँ उपलब्ध
कराए? (ड.) प्रश्नांश
(क) एवं (ग) अनुसार
मूल हस्तलिखित
जाति-प्रमाण-पत्र
प्रकरण
क्रमांक 4401/B-121/2002-03 दिनांक 02.03.2003 एवं
डिजिटल जाति
प्रमाण-पत्र
धर्मेन्द्र/हरिदयाल
निवासी
इंग्लिशपुरा
सीहोर में
कूटरचना, अनियमितता
और भ्रष्टाचार
की जाँच
कलेक्टर
सीहोर द्वारा
समय-सीमा
निर्धारित कर
कब तक की
जाएगी? और अनियमितता
प्रमाणित
होने पर
धर्मेन्द्र/हरिदयाल
निवासी
इंग्लिशपुरा सीहोर
को जारी जाति
प्रमाण पत्र
कब निरस्त किया
जायेगा?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) यह सही है
कि
अनुविभागीय
अधिकारी
सीहोर द्वारा
धर्मेन्द्र
हरिदयाल
निवासी सीहोर
को प्रकरण
क्रमांक 4401/बी-121/2002-03 से जाति
प्रमाण पत्र
जारी किया गया
है। अनुविभागीय
अधिकारी
सीहोर के बी-121/मद से जारी
सभी प्रमाण
पत्रों के
प्रकरण वर्ष 2001-02 से वर्ष 2008-09 का विनिष्टीकरण
किया जा चुका
है। अत: तय
नहीं किया जा
सकता की जारी
जाति प्रमाण
पत्र फर्जी या
अपूर्ण
दस्तावेज के
आधार पर जारी
किया गया है।
अभिलेख विनिष्टीकरण
किया जा चुका
है इसलिए
सत्यप्रति उपलब्ध
कराया जाना
संभव नहीं है।
(ख) जी हाँ, रिकार्ड
दस्तावेज
नष्ट किये जा
चुके है। जाति
के संबंध में
जिस व्यक्ति
को प्रमाण
पत्र जारी
किया है उसकी
जाति के संबंध
उच्च स्तरीय
छानबीन समिति
से जांच हेतु
प्रस्ताव
अनुविभागीय अधिकारी
सीहोर के पत्र
क्रमांक 151/रीडर-1/25 दिनांक 10/11/25 से भेजा
गया है। (ग) धर्मेन्द्र
आ. हरिदयाल के
जाति प्रमाण
पत्र के संबंध
में 01
शिकायत
दिनांक 10/10/19 को
कार्यालय
आयुक्त भोपाल
संभाग भोपाल
से प्राप्त
होने पर जांच
प्रतिवेदन
दिनांक 13/03/2020 को
प्रेषित किया
जा चुका है।
जाति प्रमाण
जारी करने के
निर्देश
प्रावधान है
कि ऐसे जाति
प्रमाण जो
हस्तलिखित हो
उनको डिजिटलाईज
किया जाये, जो
नियमानुसार
डिजिटलाईज
किया गया है।
डिजिटल
प्रमाण पत्र
के संबंध में
जो दस्तावेज
उपलब्ध है की
प्रति संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है। (घ) डिजिटल
प्रमाण पत्र
जारी करने
उपरांत ऑनलाईन
लिपिकीय
त्रुटि से
प्रकरण
क्रमांक गलत
अंकित होने से
संशोधन कर
प्रकरण
क्रमांक
सुधारा गया
अन्य कोई
डिजिटल
प्रमाण पत्र
में संशोधन नहीं
किया गया है।
(ड.) प्रश्नांश
(ख) में
यह स्पष्ट
किया कि
धर्मेन्द्र आ.
हरिदयाल निवासी
सीहोर की जाति
की जांच के
संबंध में उच्च
स्तरीय छानबीन
समिति को
प्रस्ताव
प्रेषित किये
जा चुके है।
उच्च स्तरीय
समिति के
निर्णय
अनुसार कार्यवाही
की जावेगी।
मैहर
जिले की आराजी
को अतिक्रमण
मुक्त कराया जाना
[राजस्व]
164.
( क्र. 1420 ) श्री
सिद्धार्थ
सुखलाल
कुशवाहा : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) मैहर
जिले की तहसील
अमरपाटन, वृत्त
ताला अंतर्गत
ग्राम पंचायत
झिन्ना की आराजी
न 197,
113/2, 583, 626/1, 846/1, 818, 778, 1035, 1212, 1793, 882, 771, 562, 665, की आराजियां
राजस्व
रिकॉर्ड में
मध्यप्रदेश
शासन दर्ज है? यदि हाँ, तो उक्त
आराजियों का
सीमांकन करवा
करके अतिक्रमण
मुक्त क्यों
नहीं कराया
गया है? जबकि
मध्यप्रदेश
शासन की उक्त
आराजियों के अतिक्रमण
के संबंध में
ग्राम पंचायत
झिन्ना सरपंच
द्वारा जिला
कलेक्टर मैहर
को दिनांक 26/09/2023,
19/12/2023, 27/2/2024/, 02/06/2025
एवं
अनुविभागीय
अधिकारियों
अमरपाटन को
दिनांक 27/12/2022, 19/05/2023, 29/12/2023, 16/1/2024,
26/03/2025, 17/07/2025
एवं नायब
तहसीलदार
ताला को कई
बार लिखित
शिकायत करने
के बाद भी
प्रश्नांक
दिनांक तक
अतिक्रमण
मुक्त नहीं
कराया गया
क्यों? ग्राम
पंचायत सरपंच
द्वारा उक्त
पत्रों पर कोई
कार्यवाही न
होने पर अनशन
भी किया गया
उसके बाद भी
सार्वजनिक
प्रयोजन की
उक्त शासकीय
आराजियों को
अतिक्रमण
मुक्त नहीं
कराया गया
क्यों? (ख) प्रश्नांश
(क) में
वर्णित आराजियों
पर अतिक्रमण
होने की वजह
से ग्राम
पंचायत अंतर्गत
सार्वजनिक
उपयोग के
शौचालय, आंगनवाड़ी, सामुदायिक
भवन, हॉट
बाजार, सार्वजनिक
मैरिज गार्डन
सहित अन्य
विकास कार्य
रुके हुए हैं, जिला
प्रशासन
ग्राम पंचायत
सरपंच की
शिकायत पर
कार्यवाही
क्यों नहीं
करता है? क्या मध्य
प्रदेश शासन
की उक्त आराजियों
को अतिक्रमण
मुक्त कराया
जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक
यदि नहीं तो
क्यों? (ग) झिन्ना
सरपंच द्वारा
कई शिकायत
करने के बावजूद
कार्यवाही न
करने वाले
दोषी अधिकारी
कौन है? क्या जांच
करके दोषी
अधिकारी पर
सख्त से सख्त
कार्यवाही की
जाएगी?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) तहसील
अमरपाटन
वृत्त ताला
अंतर्गत
ग्राम झिन्ना
की आ.नं. 113/2, 778, 562 भूमियां
म.प्र. शासन की
भूमियां हैं, जिसमें
शासकीय सड़क व
प्रधानमंत्री
ग्रामीण सड़क
योजना के तहत
सड़क निर्मित
हैं, जो
अतिक्रमण
मुक्त हैं। आ.नं. 197 म.प्र. शासन
की भूमि है, जिसमें
शासकीय सड़क व
प्रधानमंत्री
ग्रामीण सड़क
निर्मित हैं.
जिसके अंश भाग
पर बाड़ी
लगाकर
अतिक्रमण है, जिसके
संबंध में
कार्यवाही
न्यायालय
नायब तहसीलदार
वृत्त ताला
में प्रचलित
है। आ.नं. 583 म.प्र. शासन
रास्ता दर्ज
है, जिसमें
ग्राम पंचायत
द्वारा बाजार
हाट हेतु 20 दुकानें
निर्मित की गई
हैं व अंश भाग
पर किए गए
अतिक्रमण के
संबंध में
कार्यवाही
न्यायालय
नायब तहसीलदार
वृत्त ताला
में प्रचलित
है। आ.नं. 818 म.प्र. शासन
शासकीय
रास्ता दर्ज
अभिलेख है, जिसमें
अतिक्रमण के
संबंध में
कार्यवाही न्यायालय
नायब
तहसीलदार
वृत्त ताला
में प्रचलित
हैं। आ.नं. 626/1 खसरे में
शासकीय
पटवारी भवन
दर्ज अभिलेख
है, जो
अतिक्रमण
मुक्त है। आ.नं. 1793 म.प्र.
शासकीय तालाब
की भूमि है.
वर्तमान की स्थिति
में रिक्त है
तथा आ.नं. 1035 तालाब
भीठा खसरे में
दर्ज अभिलेख
है, तालाब
के भीठा में
लगभग 50
वर्षों से कई
मकान निर्मित
हैं, जिनके
संबंध में
न्यायालय
नायब
तहसीलदार वृत्त
ताला में
कार्यवाही
प्रचलित है। आ.नं. 882 म.प्र.
शासकीय (गैर निगरानी
प्रबंधक
ग्राम झिन्ना)
दर्ज अभिलेख है, जो
वर्तमान में
मौके से रिक्त
है। आ.नं. 771 शासकीय
स्कूल की भूमि
है, जिसमें
स्कूल
निर्मित है, जो
अतिक्रमण
मुक्त हैं। आ.नं. 846/1 शासकीय गड्ढा
म.प्र. शासन
दर्ज अभिलेख
है, जिसके
अंश रकबा में
किए गए
अतिक्रमण के
संबंध में
कार्यवाही न्यायालय
नायब
तहसीलदार
वृत्त ताला
में प्रचलित
है। आ.नं. 1212/1 व 1212/2
क्रमशः राजेश
कुमार पिता
छोटेलाल
चौरसिया एवं
राकेश कुमार
पिता छोटेलाल
चौरसिया एवं आ.नं. 665/1 व 665/2
खसरे में सरोज
देवी पत्नी
गणेश प्रसाद द्विवेदी
के नाम दर्ज
अभिलेख हैं। (ख) प्रश्नांश
(क) में वर्णित
आराजियों में
से आ.नं. 1212/1, आ.नं. 1212/2, आ.नं. 665/1 व 665/2
भूमिस्वामी
स्वत्व की
भूमियां हैं। आ.नं. 583, 818,
1035, 846/1 में
अतिक्रमण के
संबंध में
कार्यवाही
न्यायालय
नायब तहसीलदार
वृत्त ताला
में प्रचलित
है। (ग) सरपंच
ग्राम पंचायत
झिन्ना
द्वारा
प्रेषित आवेदन
पत्रों में
समय-समय पर
कार्यवाही की
गई है तथा शेष
आवेदन पत्रों
के संबंध में
कार्यवाही
न्यायालय
नायब
तहसीलदार
वृत्त ताला
में प्रचलित
है। सरपंच
ग्राम पंचायत
झिन्ना द्वारा
प्रेषित
आवेदन पत्रों
में समय-समय
पर कार्यवाही
की गई है तथा
शेष आवेदन
पत्रों के
संबंध में कार्यवाही
न्यायालय
नायब
तहसीलदार
वृत्त ताला
में प्रचलित
है।
ANM नियुक्ति
प्रक्रिया
में
अनियमितता
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
165.
( क्र. 1424 ) चौधरी
सुजीत मेर सिंह
: क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) वर्ष 2018-19 सत्र में
शासकीय
ए.एन.एम. प्रशिक्षण
केंद्र सौंसर
से
प्रशिक्षित
पूनम W/O सचिन
वर्मा रोल नं 10921163 को 2023 को ए.एन.एम. भर्ती
परीक्षा में
प्रदेश की
मेरिट में 614 क्र. पर थी।
जारी सूची में
उन्हें
छिंदवाड़ा
जिला भी एलाट
कर दिया गया था
किन्तु CMHO छिंदवाड़ा
द्वारा आज तक
उक्त
अभ्यर्थी को
नियुक्ति
नहीं दी गई और
अपात्र की
सूची में डाला
गया जबकि इसी
बैच की अन्य
अभ्यर्थियो
की म.प्र में
अन्य जिलों
में नियुक्ति
दे दी गई है
स्वास्थ्य
संचालनालय के
पत्र क्र. 3/प.क./सेल
1/2025/425 में कण्डिका
क्रमांक 1. (स) में उक्त
प्रकृति के
प्रकरणों पर
नियुक्ति
आदेश दिये
जाने हेतु
मुख्य चिकित्सा
एवं
स्वा.अधिकारी
को निर्देशित
किया गया है
फिर भी उक्त
निर्देश की
अवहेलना
क्यों की जा
रही है? (ख) क्या
यह मान.उच्च
न्यायालय के
रिट याचिका
क्र. 5747/2023 (तब्बसुम
कुरैशी एंड
अदर्स vs. म.प्र.
राज्य एंड
अदर्स) में
पारित आदेश के
(c)
पैरा
का उल्लंघन
नहीं है एवं
क्या अर्हता
प्राप्त करने
के उपरांत भी
नियुक्ति
प्राप्त करने
के अभ्यर्थी
के प्राकृतिक
अधिकार से
वंचित रखने का
प्रयास नहीं किया
जा रहा है? (ग) पूनम
W/O
सचिन
वर्मा के बैच
एवं उसके बाद में
प्रवेशित
अन्य
अभ्यर्थियों
को म.प्र. अन्य
जिलों में
नियुक्तियां
दे दी गई है अब
उक्त
अभ्यर्थी को
कब तक
नियुक्ति
दिया जाना संभव
होगा?
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) माननीय
उच्च न्यायालय
द्वारा डब्ल्यू.पी.
5747/2023 में पारित
आदेश का पालन
किये जाने
हेतु संचालनालय
लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा
द्वारा पत्र
दिनांक 11.06.2025 से समस्त
मुख्य चिकित्सा
एवं स्वास्थ्य
अधिकारियों
को निर्देश
जारी किये गये, जिसमें
लेख किया गया
है कि ऐसे अभ्यार्थी
जो सत्र 2018-19 तक किसी
एएनएम
प्रशिक्षण
केन्द्र में
प्रवेश ले
चुके है वे
प्रश्नगत
चयन के लिये
पात्र होंगे, भले ही उन्होने
भौतिक
विज्ञान, रसायन
विज्ञान और
जीवविज्ञान
के अलावा अन्य
विषयों से
कक्षा 12वीं उत्तीर्ण
की हो और मध्यप्रदेश
शासन द्वारा
संचालित न
किये जाने वाले
एएनएम
प्रशिक्षण
केन्द्र में
प्रवेश लिया
हो। सत्र 2019-20 के बाद
प्रवेश पाने
वाले उम्मीदवारों
पर यह अयोग्यता
पूर्णत: लागू
होगी। मुख्य
चिकित्सा
एवं स्वास्थ्य
अधिकारी जिला
छिन्दवाड़ा
द्वारा गठित
छानबीन समिति
द्वारा
श्रीमती पूनम
वर्मा के
एएनएम
प्रशिक्षण के
सत्र 2018-2019
के पश्चात का
होने के कारण
उन्हें
अपात्र किया
गया। (ख) जी
नहीं, उत्तरांश
(क) के क्रम
में प्रश्न
उत्पन्न
नहीं होता है।
(ग) पूनम पति
सचिन वर्मा
द्वारा उच्च
न्यायालय
जबलपुर में
याचिका दायर
की गई है। अत: समय-सीमा
बताना संभव
नहीं है।
विभाग
के अंतर्गत
लंबित
प्रकरणों का
निराकरण
[राजस्व]
166.
( क्र. 1431 ) श्री साहब
सिंह गुर्जर : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) विभाग
के अंतर्गत
नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन, डायवर्सन, अपील
प्रकरणों के
निपटारे हेतु
क्या समय-सीमा
निर्धारित की
गई है? (ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार ऐसे
प्रकरणों के
लंबित होने के
कारण
ग्रामीणों को
परेशानी होती
है, विभाग
द्वारा इसके
निराकरण के
लिए क्या
कार्यवाही की
जावेगी? (ग) लंबित
प्रकरणों के
निराकरण में
देरी होने हेतु
उत्तरदायी
अधिकारी/कर्मचारियों
के विरूद्ध
विभाग द्वारा
क्या
कार्यवाही की
गई है?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) अविवादित
नामांतरण 30 दिवस, विवादित
नामांतरण 90 दिवस, अविवादित
बंटवारा 45 दिवस, विवादित
बंटवारा 90 दिवस, सीमांकन 30 दिवस, डायवर्सन 15 दिवस की
समय-सीमा
निर्धारित
है। अपील
प्रकरणों की
कोई समय-सीमा
नहीं है। (ख) जी
नहीं। म.प्र. भू-राजस्व
संहिता 1959 में निहित
प्रावधानों
के अनुसार
प्रकरणों का
निराकरण किया
जाता है।
विभाग द्वारा
समय-समय पर
विशेष राजस्व
अभियान चलाकर
प्रकरणों का
निराकरण किया
जाता है। (ग) लंबित
प्रकरणों का
निराकरण
राजस्व
अभियान चलाया
जाकर किया
जाता है।
लंबित
प्रकरणों का निराकरण
तय समय-सीमा
में किया जाता
है अतः उत्तरदायी
अधिकारी/कर्मचारी
के विरुद्ध
कार्यवाही
किए जाने का
प्रश्न ही
नहीं उठाता
है।
विद्यालय
भवनों की मरम्मत
[स्कूल
शिक्षा]
167.
( क्र. 1432 ) श्री साहब
सिंह गुर्जर : क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
प्रश्नकर्ता
के विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत विभाग
के अधिकांशतः
विद्यालय भवन
जर्जर अवस्था
में है जिनकी
मरम्मत अथवा
पुनर्निर्माण
के संबंध में
विभाग द्वारा
कोई
कार्यवाही
नहीं की जा
रही है, कारण
बतावें? इस संबंध
में माननीय
विभागीय
मंत्री महोदय
को प्रश्नकर्ता
द्वारा पत्र
क्रमांक 574 दिनांक 04.08.2025 से अनुरोध
किया गया था
उक्त पत्र के
आधार पर विभाग
द्वारा क्या
कार्यवाही की
गई जानकारी
उपलब्ध करावें
और यदि नहीं
की गई तो कारण
बतावें? (ख) नगरीय
निकाय वार्ड
क्र.62
चकरामपुर के
प्राथमिक
विद्यालय भवन
गिरने की
सूचना उपरांत
मेरे द्वारा
समस्त
क्षतिग्रस्त
शासकीय
विद्यालयों
का सर्वेक्षण
करवाये जाने
एवं मरम्मत/पुनर्निर्माण
हेतु पत्र
क्रमांक 607 दिनांक 03.09.2025 को जिला
शिक्षा
अधिकारी
ग्वालियर एवं
पत्र क्रमांक 608 दिनांक 03.09.2025 के द्वारा
माननीय
विभागीय
मंत्री महोदय
को लेख किया
गया उक्त
पत्रों पर
विभाग द्वारा
क्या कार्यवाही
की गई जानकारी
उपलब्ध
करावें और यदि
नहीं की गई तो
कारण बतावें? (ग) विभाग
स्तर पर
शासकीय
विद्यालयों
में मूलभूत
सुविधाओं
शाला भवन, छात्र-छात्राओं
को पृथक-पृथक
शौचालय जैसी
सुविधाऐं
नहीं होने के
कारण
विद्यालयों
से छात्र निजी
स्कूलों में
पलायन कर रहे
है, विद्यालयों
में पर्याप्त
शैक्षणिक
स्टॉफ की कमी
है इन
अव्यवस्थाओं
के निराकरण
हेतु विभाग
द्वारा क्या
कार्यवाही की
गई है जानकारी
उपलब्ध
करावें और यदि
नहीं की गई तो
कारण बतावें?
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) जी
नहीं। मरम्मत
योग्य भवनों
में मरम्मत
कार्यवाही
सतत् रूप से
की जाती है।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में प्रश्नाधीन
विधानसभा
अंतर्गत 25
विद्यालयों
की स्वीकृति
जारी की गई है, जानकारी संलग्न
परिशिष्ट-''एक'' अनुसार है। इसी
प्रकार प्रश्नाधीन
विधानसभा में
शासकीय माध्यमिक
विद्यालय
बहादुरपुर
में जर्जर भवन
के स्थान पर
नवीन भवन की
स्वीकृति
जारी की गई है।
प्रश्नाधीन
विधानसभा
अंतर्गत हाई
स्कूल/हायर
सेकेण्डरी
विद्यालयों
में वर्ष 2025-26 में मरम्मत
कार्य हेतु
जारी राशि की जानकारी संलग्न
परिशिष्ट-''दो'' अनुसार है। अतः शेषांश
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ख) प्रदेश
के समस्त
विद्यालय भवन
की भौतिक स्थिति
की जानकारी
प्रतिवर्ष
विद्यालयवार UDISE प्रपत्र
के माध्यम से
प्राप्त की
जाती है, अतः पृथक
से सर्वेक्षण
की कार्यवाही
नहीं कराई गई
है। उक्त
जानकारी के
आधार पर बजट
उपलब्धता की
सीमा अनुसार
मरम्मत एवं
भवन निर्माण
की कार्यवाही
की जाती है।
यह सतत्
प्रक्रिया है, अतः
शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) जी
नहीं।
वर्तमान
शैक्षणिक
सत्र में
शासकीय विद्यालयों
के नामांकन
में गत वर्ष
की तुलना में
वृद्धि हुई
है।
विद्यालयों
में शैक्षणिक
स्टॉफ की कमी
की स्थिति में
अतिथि शिक्षकों
का प्रावधान
किया गया है।
प्रश्नाधीन
जिले में 1020 अतिथि
शिक्षक
कार्यरत हैं।
अतः शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
नहरों
के सुदृढ़ीकरण
एवं लाइनिंग
कार्य
[जल संसाधन]
168.
( क्र. 1433 ) श्री
विवेक विक्की
पटेल : क्या जल
संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) जल
संसाधन
वैनगंगा
संभाग
बालाघाट एवं
राजीव सागर
परियोजना के
अंतर्गत
कितनी नहरों
के सुदृढ़ीकरण
एवं लाइनिंग
कार्य के
डीपीआर
स्वीकृति
हेतु लंबित है? कृपया
संख्या एवं सूची
उपलब्ध कराएं? लंबित
रहने के क्या
कारण हैं? इन डीपीआर
पर प्रशासकीय
स्वीकृति की
कारवाई कब तक
कर दी जाएगी? कृपया
समय-सीमा
बताएं? (ख) जल
संसाधन
वैनगंगा
संभाग के
अंतर्गत अमीन
एवं सिंचाई
निरीक्षक के
कितने पद
स्वीकृत हैं
एवं उनके
विरुद्ध
कितने पदों पर
वर्तमान में
अमीन एवं
सिंचाई
निरीक्षक
पदस्थ हैं? सूची
उपलब्ध कराएं? (ग) वैनगंगा
संभाग जिला
बालाघाट
अंतर्गत
वर्तमान में
कितने
हेक्टेयर
भूमि की
सिंचाई की जिम्मेदारी
एक अमीन को
सौंपी गई है एवं
नियम अनुसार
एक अमीन को
कितने
हेक्टेयर भूमि
की
जिम्मेदारी
देने का
प्रावधान है? नियमावली
उपलब्ध कराते
हुए सम्पूर्ण
जानकारी मय
दस्तावेज
सहित उपलब्ध
कराएं?
जल
संसाधन
मंत्री ( श्री
तुलसीराम
सिलावट ) : (क) जल
संसाधन
वैनगंगा
संभाग
बालाघाट के
अंतर्गत 24
नं. नहरों के
सुदृढ़ीकरण
एवं लाईनिंग
के
प्राक्कलन/डी.पी.आर.
की जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-''अ''
अनुसार है। समय-सीमा
बताया
जाना संभव
नहीं है। (ख)
जानकारी पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-''ब''
अनुसार है। (ग) मध्यप्रदेश
कार्य विभाग
नियमावली 1983
भाग-एक के
(परिशिष्ट-1.06) के
अनुसार जिम्मेदारी
देने का
प्रावधान है। नियमावली पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट-''1'' एवं
संस्थाओं की सूची
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-''स''
अनुसार है।
स्वास्थ्य
सुविधाओं की
जानकारी
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
169.
( क्र. 1439 ) श्री
विक्रम सिंह : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) रामपुर
बाघेलान
विधानसभा
अंतर्गत
कितने प्राथमिक
एवं
उप-स्वास्थ्य
केन्द्र और
शासकीय चिकित्सालय
कहाँ-कहाँ संचालित
हैं? इन
केन्द्रों
एवं
चिकित्सालयों
में कौन-कौन सी
बीमारियों के
लिए कौन-कौन
से संसाधन एवं
सुविधाएं
उपलब्ध हैं? (ख) क्या
उपचार हेतु
भर्ती एवं लाए
गये मरीजों को
अन्य जिलों, स्थानों
एवं
चिकित्सालयों
को भेजा जाता
है? यदि
हाँ, तो
विगत दो
वर्षों में
कितनें
मरीजों को इस
चिकित्सालय
में उपचार
हेतु कब-कब और
किन-किन
चिकित्सकों
की अनुशंसा पर
अन्य जिलों
एवं चिकित्सालयों
में स्थानांतरित
किया गया। (ग) प्रश्नांश
(क) अनुसार
रामपुर
बाघेलान
विधानसभा में जो
उप-स्वास्थ्य
केन्द्र के
भवन निर्मित
हैं, उनमें
ए.एन.एम. की
पदस्थापना की
गई है, केन्द्र
व नामवार
जानकारी
उपलब्ध
करायें?
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क)
जानकारी संलग्न परिशिष्ट के
प्रपत्र-''अ'' अनुसार। (ख) जी हाँ
उपचार हेतु
भर्ती मरीजों
को चिकित्सकों
द्वारा उच्च
उपचार हेतु
बड़े चिकित्सालयों
को रेफर किया
जाता है। जानकारी
संलग्न परिशिष्ट के
प्रपत्र-''ब'' अनुसार। (ग)
जानकारी
संलग्न परिशिष्ट के
प्रपत्र-''स'' अनुसार।
कन्या
आवासीय
विद्यालयों
में क्रय
सामग्री
[स्कूल
शिक्षा]
170.
( क्र. 1443 ) श्री चैन
सिंह वरकड़े : क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
कस्तूरबा
कन्या आवासीय
विद्यालयों
में सामग्री
क्रय करने
हेतु राशि
प्रदान की
जाती है? (ख) यदि
प्रश्नांश (क)
हाँ, तो
मंडला जिले
में संचालित
कस्तूरबा
कन्या आवासीय
विद्यालयों
में विगत 3 वर्षों
में कितनी
राशि प्रदान
की गई है एवं उक्त
राशि से
क्या-क्या
सामग्री
खरीदी की गई
है? (ग) यदि प्रश्नांश
(ख) हाँ तो
क्या क्रय
नियम का पालन
किया गया है? यदि नहीं
किया गया तो
विभाग जाँच कर, दोषियों
के विरूद्ध
क्या
कार्यवाही
करेगा, यदि हाँ, तो कब तक?
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जिला
स्तर पर
सामग्री क्रय
की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''1'' अनुसार एवं कस्तूरबा
गांधी बालिका
विद्यालय स्तर
पर प्राप्त
राशि एवं
सामग्री क्रय
की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''2'' अनुसार है। (ग) जी
हाँ। शेषांश
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
भोपाल
RTO द्वारा
जारी आदेश
[परिवहन]
171. ( क्र. 1451 ) श्री
सुरेन्द्र
सिंह हनी बघेल
: क्या
परिवहन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) बस
क्रमांक एमपी-04-पीए-0865
एवं 0855 के
संबंध में कर
अधिकारी, RTO भोपाल
द्वारा आदेश
दिनांक 23.07.2025 पारित
किया, क्या
आदेश से
संबंधित
आपत्ति उपलब्ध
है, हाँ
अथवा नहीं।
यदि हाँ, तो
आपत्ति की व
आदेश की
छायाप्रति
प्रदान करें।
विभाग के
सिटीजन
चार्टर
जिसमें विभिन्न
कार्यों की
समय-सीमा निश्िचत
की गई है की
छायाप्रति
प्रदान करें। (ख)
क्या निम्न
बसें डिलक्स
है MP04-PA-4158, MP04-PA-7758,
MP04-PA-6058, MP04-PA-5860, MP04-PA-2877 हाँ अथवा
नहीं। उक्त
बसों की भौतिक
रिपोर्ट की
छायाप्रति मय
बसों की
फोटोग्राफ्स
प्रदान करें। (ग)
01 अप्रैल 2024 से
प्रश्न
दिनांक तक नगर
निगम/बी.सी.एल.एल.
के तहत बसें संचालित
है पर कितना RTO कर
बकाया है और
कितना भरा गया, इस
पर कितनी बार
कितनी समय
अवधि के लिए
विभाग द्वारा
इन बसों के
परमिट जारी
किए गए, कितनी
समय अवधि के
लिए नहीं किए
गए, का बस
क्रमांक एवं
दिनांक के
आधार पर
गौशवारा बनाकर
मय दस्तावेज
प्रदाय करें। (घ)
बस क्रमांक MP04-PA-4158, MP04-PA-7758 के वर्ष 2021 से
2025 तक भोपाल से
हरदा मार्ग पर
180 कि.मी. एवं 160
कि.मी. के अस्थाई
परमिट जारी
किये गये का
प्रश्न
दिनांक तक अस्थाई
परमिटों की
बसवार अस्थाई
क्र. व मार्ग
की दूरी का
गौशवारा
बनाकर मय दस्तावेज
व जारी करने
के आदेश
प्रदाय करें।
परिवहन
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) जी
हाँ। बस
क्रमांक एमपी 04
पीए 0865 एवं 0855 के
संबंध में आपत्ति
की प्रतियां पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-''अ'' अनुसार तथा
कराधान
प्राधिकारी
आरटीओ भोपाल
द्वारा पारित
आदेशों की
प्रतियां पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-''ब''
अनुसार है।
विभाग के
सिटीजन
चार्टर
जिसमें विभिन्न
कार्यों की
समय-सीमा निश्िचत
की गयी है, की
प्रतियां पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-''स''
अनुसार है। (ख) जी
हाँ। उक्त
बसों की भौतिक
रिपोर्ट की
छायाप्रतियां पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-''द''
अनुसार है। (ग) 1
अप्रैल 2024 से
प्रश्न
दिनांक तक 334
बसें नगर
निगम/बी.सी.एल.एल.
के तहत
संचालित रही हैं।
नगर
निगम/बी.सी.एल.एल
के तहत
संचालित बसों
के करों के
भुगतान तथा
बकाया की जानकारी पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-''ई''
अनुसार है। कर
बकाया होने पर
इन बसों के
परमिट जारी नहीं
किये गये
जिसके
परिप्रेक्ष्य
में शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) बस
क्रमांक MP04-PA-4158, MP04-PA-7758 के वर्ष 2021 से
2025 तक भोपाल
के हरदा 160 किमी
(एक तरफ से) के
अनुसार मार्ग
पर अस्थायी परमिट
जारी किये गये
हैं। उक्त
वाहनों पर 180
किमी तक कोई
परमिट जारी
नहीं किया
गया। उक्त
वाहनों पर
जारी परमिटों
का वांछित
गौशवारा, जारी
परमिटों की
प्रतियां तथा
संबंधित आदेशों
की प्रतियां पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-''फ''
अनुसार है।
खाद्य
पदार्थों में
मिलावट रोकने
हेतु
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
172.
( क्र. 1460 ) डॉ. अभिलाष
पाण्डेय : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
खाद्य एवं
औषधि प्रशासन
में खाद्य
पदार्थों की
मिलावट को
रोकने हेतु
संभागीय
खाद्य उड़नदस्ता
(Flying
Squad) का गठन
किया गया है? यदि हाँ, तो गठन से
संबंधित शासन
आदेश अथवा
अधिसूचना की
प्रति सहित
जानकारी
उपलब्ध
कराएँ।
उपर्युक्त
उड़नदस्ता
द्वारा विगत
तीन वर्षों
में कब-कब, किन-किन
अधिकारियों
द्वारा, किन-किन
प्रतिष्ठानों
अथवा
व्यक्तियों
के विरुद्ध
क्या-क्या
कार्यवाही की
गई? वर्षवार
विवरण दें। (ख) उक्त
अवधि में कुल
कितने खाद्य
नमूने जांच हेतु
लिए गए, उनमें से
कितने
मिलावटी पाए
गए तथा यह कुल
नमूनों के
कितने
प्रतिशत के
बराबर है? (ग) मिलावटी
खाद्य पदार्थ
पाए जाने पर
कितनी जब्ती
की गई, जब्ती
उपरांत क्या
कार्यवाही की
गई और कुल
कितना जुर्माना
वसूल किया गया, कृपया
संपूर्ण
विवरण
वर्षवार एवं
संभागवार उपलब्ध
कराया जाए। (घ) क्या
विभाग द्वारा
मिलावट रोकने
एवं जनजागरूकता
बढ़ाने हेतु
कोई विशेष
अभियान, निरीक्षण
या प्रशिक्षण
कार्यक्रम
संचालित किया
जा रहा है? यदि हाँ, तो उसकी
अवधि, स्थान
एवं परिणामों
का विवरण दें
यदि नहीं, तो क्या
भविष्य में
ऐसा अभियान
चलाने की योजना
है?
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) जी हाँ। जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-''अ'' अनुसार। आदेश पश्चात
संभागीय खाद्य
उड़नदस्ता (Flying
Squad) दल
द्वारा की गई
कार्यवाही का
विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-''ब'' अनुसार। (ख) इस अवधि
में कुल 308 नमूने
जांच हेतु लिए
गए। जांच
उपरांत 33 नमूने
मिलावटी स्तर
के पाए गए।
कुल नमूनों
में से अमानक
पाए गए नमूनों
का 10.71
प्रतिशत है। (ग)
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-''ब'' अनुसार। (घ) जी हाँ। जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-''स'' अनुसार। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
नियम
विरुद्ध
पैथोलॉजी का
संचालन
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
173. ( क्र. 1467 ) श्री
जयवर्द्धन
सिंह : क्या
उप मुख्यमंत्री, लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) 20 मार्च 2022 से
प्रश्न
दिनांक तक
कितनी
पैथोलॉजी
आउटसोर्स की
गई? इसका
कार्य किस
एजेन्सी/फर्म
को किस अनुबंध
के तहत, किस दर
पर, किन-किन
जिला
चिकित्सालय, सी.एस.सी./पी.एस.सी.
सेन्टरों को
कितनी अवधि के
लिये दिया गया? उनके
टेण्डर की
पूरी
प्रक्रिया, एग्रीमेन्ट
और
एग्रीमेन्ट
दिनांक से कुल
कितने टेस्ट
किये गये और
कितना भुगतान
किया गया एवं
बिलों की
प्रति, जिलेवार, संस्थावार, वर्षवार, एजेन्सीवार
पृथक-पृथक
गौशवारा
बनाकर दस्तावेजों
सहित दें। (ख) उपरोक्त
के अनुक्रम
में किन-किन
एजेन्सियों को
टेण्डर की
समाप्ति के
बाद किस नियम
से किसके
निर्देश पर
कितना
एक्सटेंशन
दिया गया है? पत्र/आदेश/नियम
की प्रति एकल
नस्ती सहित
दें। (ग) क्या
प्रदेश
उपाध्यक्ष, एन.एस.यू.आई.
का पत्र क्र. 003
दिनांक 4/11/25 जो
पी.एस./आयुक्त
चिकित्सा
शिक्षा एवं
लोक स्वास्थ्य
को प्रेषित
किया गया था, प्राप्त
हो गया है? प्राप्त
की प्रति दें।
उस पर कृत
कार्यवाही से
अवगत कराते
हुये एकल
नस्ती की
प्रति दें। (घ) कार्या.
म.प्र.न.रजि.
कौंसिल का
पत्र 13525
दिनांक 13/10/25, 12880 दिनांक 8/9/25 कब
और किस
प्रयोजन से
जारी किया गया
है एवं उस पर
कब और क्या
कार्यवाही
सुनिश्िचत
की गई? बतायें
एवं एकल नस्ती
की प्रति दें।
12880 दिनांक 8/9/25
पत्र के
अनुपालन में
प्राप्त
समस्त शपथ
पत्रों की
छायाप्रति
दें।
उप
मुख्यमंत्री, लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) 20
मार्च 2022 से
प्रश्न
दिनाँक तक कुल
2019 संस्थाओं
में पैथोलॉजी
आउटसोर्स की
गई है। अनुबंधित
एजेंसी/फर्म
की अनुबंध
अवधि सहित संस्थावार
दर की जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-''अ'' अनुसार।
टेण्डर
की पूरी
प्रक्रिया पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र- ''ब'' अनुसार
एवं एग्रीमेन्ट
की प्रति पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-''स'' अनुसार।
एग्रीमेन्ट
दिनांक से
वेटलीज
रियेजेंटरेटल
मॉडल एवं हब
एण्ड स्पोक
मॉडल अंतर्गत
कुल 12,84,32,216 टेस्ट
किये गये तथा
कुल राशि
रूपये 9,43,00,98,415/-
का
भुगतान किया
गया। बिलों की
जिलेवार, संस्थावार, वर्षवार
व एजेंसीवार जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-''द'' अनुसार।
(ख) एजेंसी
पी.ओ.सी.टी.
साइन्स हाउस
प्रा.ली. को
अनुबंध अवधि
के उपरांत
निविदा की
कंडिका 13, 16 (a) के
अनुक्रम में
राष्ट्रीय
स्वास्थ्य
मिशन, म.प्र.
के आदेश
क्रमांक/NHM/1489/2025-LAB-Serv-NHM दिनांक 02/07/2025
द्वारा एक
वर्ष अथवा
नवीन निविदा
प्रक्रिया पूर्ण
होने तक (जो भी
पहले हो), हेतु
अनुबंध अवधि
में वृद्धि की
गई है एवं ई-निविदा
आमंत्रण
सूचना (NIT) क्रमांक/एन.एच.एम./स्टोर/2025/3834
द्वारा दिनांक
18.11.2025 को
प्रकाशित की
गई है। ई-एकल
नस्ती की जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-''इ'' अनुसार।
(ग) जी
हाँ। प्राप्त
पत्र की प्रति
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-''फ'' अनुसार।
ई-फाईल
पर प्रस्तुत
एकल नस्ती की
छायाप्रति
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-''ज'' अनुसार।
एन.एस.यू.आई. प्रदेश
उपाध्यक्ष
द्वारा
प्रस्तुत
ज्ञापन के
संबंध में कृत
कार्यवाही से
अवगत कराने
हेतु मुख्य
चिकित्सा एवं
स्वास्थ्य
अधिकारी, भोपाल
को पत्र
क्र./विनियमन/2025/556
दिनांक 22/11/2025
द्वारा 03 दिवस
में
प्रतिवेदन
एवं
क्षेत्रीय
संचालक स्वास्थ्य
सेवाएं भोपाल
संभाग भोपाल
को पत्र क्र./विनियमन/2025/558
दिनांक 22/11/2025
द्वारा उच्च
स्तरीय जांच कर
जांच
प्रतिवेदन
आगामी 10 दिवस
में उपलब्ध
कराने का लेख
किया गया है।
दोनों पत्रों
की छायाप्रति पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-''ह'' अनुसार।
(घ) कार्यालय
मध्यप्रदेश
नर्सेस
रजिस्ट्रेशन कौंसिल
का पत्र 13525
दिनांक 13/10/2025
द्वारा
संस्था NRI Institute
of Nursing, Bhopal से
प्राप्त
शिकायत के
स्पष्टीकरण
के संबंध में
एवं पत्र
क्रमांक 12880
दिनांक 8/9/25
शैक्षणिक
सत्र 2025-26 की
मान्यता हेतु
प्राप्त
ऑनलाईन अपलोड
किये गये
अपठनीय
दस्तावेजों
के संबंध में
जारी किया गया
था। जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-''क'' अनुसार।
शिकायत
के संबंध में
निरीक्षण
हेतु CMHO Bhopal को
पत्र जारी
किया गया जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-''ल'' अनुसार।
प्राप्त
निरीक्षण
रिपोर्ट पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-''म'' अनुसार।
एकल
नस्ती की प्रति पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-''न'' अनुसार।
शपथ
पत्रों की
छायाप्रति पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-''प'' अनुसार।
बी.पी.एल.
कार्ड की
जानकारी
[राजस्व]
174. ( क्र. 1475 ) श्री
केशव देसाई : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) बी.पी.एल.
कार्ड जारी
किये जाने
हेतु मापदंड/पात्रता
क्या है? (ख)
विधानसभा
गोहद की सभी
ग्राम
पंचायतों में
बनाये गये
बी.पी.एल.
कार्ड धारकों
की सूची नाम, पिता
का नाम, जाति, मोबाईल
नम्बर, ग्राम
का नाम सहित
उपलब्ध
करावें तथा
सर्वे करने
वाले
पटवारियों के
नाम उपलब्ध
करावें। (ग) प्रश्नांश
(ख) अनुसार क्या
पात्र
हितग्राहियों
के ही बी.पी.एल.
कार्ड जारी
किये गये है? यदि
नहीं तो
बी.पी.एल.
कार्ड निरस्त
कर जिम्मेदार
अधिकारियों
के खिलाफ
कार्यवाही कब
की जावेगी? समय-सीमा
बतावें।
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क)
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार। (ख)
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार। (ग) जी हाँ।
केवल पात्र
हितग्राहियों
के ही बी.पी.एल.
कार्ड जारी
किये गये है।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
विद्यालयों
में गणवेश के
नियम
[स्कूल
शिक्षा]
175. ( क्र.
1478 ) श्री
आशीष गोविंद
शर्मा : क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) स्कूलों
में गणवेश के
क्या नियम है?
क्या,
सभी
शासकीय एवं
निजी स्कूलों
पर ड्रेस कोड
लागू होता है? क्या
विद्यालयों
में कोई हिजाब
या अन्य
धार्मिक
ड्रेस पहनकर
शिक्षा ग्रहण
करने आ सकते
है? (ख)
क्या
धार्मिक या
चिन्हित
पोशाक पहनकर
आने से कक्षाओं
में धार्मिक
विभाजन स्पष्ट
नहीं दिखाई
देता है? यदि
हाँ, तो ऐसे
विद्यालयों
पर अभी तक
क्या
कार्यवाही की गई है?
(ग) मध्य प्रदेश
में निजी
छात्रावासों
के संचालन के
क्या नियम है?
विभाग
बतावें कि
प्रदेश में
हाई सेकेण्डरी,
हाईस्कूल
और
महाविद्यालय
के छात्र-छात्राओं
के
छात्रावासों
में स्टॉफ
रखने के क्या
नियम है? (घ) क्या
छात्रावास
में स्टॉफ का
पुलिस
वेरिफिकेशन
सुरक्षा के
इन्तजाम, CCTV, भोजन
व्यवस्था
शौचालय
विद्युत
व्यवस्था आदि
की समय-समय पर
जांच की जाती
है?
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) सांदीपनि
विद्यालयों
को छोड़कर शेष
विद्यालयों
में गणवेश
निर्धारण
स्थानीय स्तर
पर विद्यालय
प्रबंधन के
द्वारा किया
जाता है। अतः
शेषांश का
प्रश्न उद्भूत
नहीं होता है।
(ख) उत्तरांश (क)
के
परिप्रेक्ष्य
में निरंक। (ग) विभाग
में निजी
छात्रावास
संचालन हेतु
कोई नियमावली
नहीं है।
स्कूल शिक्षा
विभाग द्वारा
संचालित
छात्रावास के
निर्देश पुस्तकालय
में
रखे परिशिष्ट
अनुसार है। (घ) जी
हाँ। स्कूल
शिक्षा विभाग
द्वारा
संचालित
छात्रावासों
में की जाती
है।
यात्री
बसों में आग
लगने की
घटनाएं
[परिवहन]
176.
( क्र. 1479 ) श्री आशीष
गोविंद शर्मा
: क्या
परिवहन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) मध्यप्रदेश
में यात्री
बसों के
फिटनेस जारी
करने के क्या
नियम है? वर्ष 2024 से प्रश्नांश
दिनांक तक
कितनी यात्री
बसों में आग
लगने की
घटनाएं हुई
हैं? (ख) क्या लम्बी
दूरी की बसें फुल
वातानुकूलित रहती हैं? अगर हाँ तो
क्या इन बसों की
जांच परिवहन
विभाग द्वारा
की जाती है? (ग) मध्यप्रदेश
में जिन
यात्री बसों
में आग लगने
की घटनाएं हुई
है क्या वे
बसें सिंगल
गेट वाली बसें
थी, जिसके
कारण यात्री
बसों से बाहर
नहीं निकल पाये, जिसके
कारण कई
यात्रियों की
जान चली गई, इस पर
विभाग की क्या
योजना चल रही
है? क्या
विभाग इस समस्याओं
का निराकरण कर
रहा है? (घ) लम्बी
दूरी तय करने
वाली बसों की
फिटनेस
संबंधी जांच
करने के लिये
तय सीमा क्या
है? कितने-कितने
अन्तराल में
उक्त बसों की
फिटनेस जांच
किया जाना
जरूरी है?
परिवहन
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश
में यात्री
बसों की
फिटनेस मोटरयान
अधिनियम, 1988 की धारा 56 एवं
केन्द्रीय
मोटरयान नियम, 1989 के नियम 62 में विहित
प्रावधानों
के अनुसार की
जाती है। नियमों
की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वर्ष 2024 से प्रश्न
दिनांक तक
यात्री बसों
में आग लगने
संबंधी घटनाएँ
निम्न जिलों
में हुई है। 1. इंदौर-01, 2. दतिया-01, 3. शिवपुरी-01, 4. अशोकनगर-01 (ख) जी
नहीं। लम्बी
दूरी की बसों
का पूर्णतः
वातानुकूलित
होना
अनिवार्य
नहीं है।
परिवहन विभाग
द्वारा
प्रदेश में
संचालित होने
वाली समस्त
यात्री बसों
की जाँच
नियमित रूप से
की जाती है। (ग) प्रश्नांश
(क) में
प्राप्त
जानकारी
अनुसार इंदौर
एवं अशोकनगर
में
दुर्घटनाग्रस्त
दोनों बसें
वैध अखिल
भारतीय
पर्यटक परमिट
से आच्छादित
थीं। जिला
दतिया एवं
शिवपुरी में
दुर्घटनाग्रस्त
बसों में 02 दरवाजे
थे। उक्त
चारों बसों
में आग लगने
की घटना में
किसी प्रकार
की कोई जनहानि
नहीं हुई हैं।
मध्यप्रदेश
मोटरयान नियम, 1994 के नियम 164 के उपनियम (1) के
अनुसारः-"परन्तु
उक्त उपबंध
किसी ऐसे मोटर
कैब तथा यान
को लागू नहीं
होंगे
जिन्हें मोटरयान
अधिनियम, 1988 की धारा 88 की उपधारा (9) के अधीन ऑल
इण्डिया
टूरिस्ट
परमिट जारी
किया गया हो"
जिसके अनुसार
अखिल भारतीय
पर्यटक परमिट
से आच्छादित
यान में दो
दरवाजे होना
अनिवार्य
नहीं है। यात्री
बसों में
आकस्मिक
द्वार तथा
आवश्यक सुरक्षा
उपकरणों लगे
होने के
प्रावधान
नियमों में
विहित हैं तथा
विभाग द्वारा
उनकी नियमित रूप
से जांच की
जाती है जिससे
यात्रियों की
सुरक्षा सुनिश्िचत
की जा सके
जिसके
परिप्रेक्ष्य
में विभाग द्वारा
पृथक से योजना
लाना
अपेक्षित
नहीं है। (घ) लम्बी
दूरी तय करने
वाली बसों की
फिटनेस संबंधी
जाँच पूरी
करने के लिये
तय सीमा
केन्द्रीय मोटरयान
नियम 1989 के
नियम 62
में निहित है।
नियम की प्रति पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
अनुसार है।
सुल्तानगंज
और बम्हौरी
तहसीलों की
जानकारी
[राजस्व]
177.
( क्र. 1483 ) श्री
देवेन्द्र
पटेल : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क)
क्या राज्य
शासन द्वारा
वर्ष 2023
में रायसेन
जिले में सुल्तानगंज
व बम्हौरी को
तहसील बनाया
गया था? यदि हाँ, तो क्या
यहां तहसीलदारों
व अन्य
विभागीय स्टॉफ
की पदस्थापना
कर दी गई है? नहीं तो क्यों? (ख) क्या
प्रश्नांश (क)
उल्लेखित
नवीन तहसील
मुख्यालयों
में आवश्यक
कार्यालय
भवनों, अधिकारी-कर्मचारियों
के निवास हेतु
भवनों आदि का
निर्माण कर
लिया गया है? यदि हाँ, तो इन
भवनों का
उपयोग किस
कार्य हेतु
किया जा रहा
है? (ग) प्रश्नांश
(क) के
अनुक्रम में
क्या तहसीलदारों
की पदस्थापना
न की जाकर
बेगमगंज व
सिलवानी के
तहसीलदारों
को अतिरिक्त
प्रभार देकर
सप्ताह में
मात्र एक दिन
हेतु इन नवीन
तहसीलों में
भेजा जाता है? क्यों? कब तक
पूर्णकालिक तहसीलदारों
व अन्य राजस्व
स्टॉफ की
पदस्थापना
की जावेगी? (घ) क्या
रायसेन जिले
की अधिकारिक
शासकीय
वेबसाइट में
प्रश्न
दिनांक की
स्थिति में
सुल्तानगंज
व बम्हौरी
तहसीलों की
जानकारी विवरण
व नक्शे में
इनका तहसील के
रूप में उल्लेख
दर्ज है? नहीं तो क्यों?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) जी हाँ।
नवगठित तहसील
बम्हौरी
हेतु निम्नानुसार
पदों के सृजन
की स्वीकृति
प्रदान की गई
है।
|
तहसीलदार |
02 |
|
नायब
तहसीलदार |
01 |
|
सहायक
ग्रेड-2 |
02 |
|
वाहन चालक |
01 |
|
जमादार/दफ्तरी/बस्तावरदार |
01 |
(ख) प्रश्नांश
(क) में
उल्लेखित
दोनों नवीन
तहसीलों में
वर्ष 2022 में
उपतहसील
कार्यालय भवन
सुल्तानगंज
एवं बम्होरी
स्वीकृत
किये गये थे, जो
बनकर तैयार हो
गये है, शीघ्र
ही संचालित की
जावेगी।
अधिकारी-कर्मचारियों
के निवास हेतु
भवनों के
निर्माण की
आवश्यकता के
आकलन उपरांत
प्रस्ताव
प्राप्त
होने पर आगामी
कार्यवाही की
जावेगी। (ग) प्रश्नांश
(क) के
अनुक्रम में
तहसीलदारों
की पदस्थापना
नहीं की गई
है। बम्हौरी
एवं
सुल्तानगंज
में उप तहसील
कार्यालय में
नायब
तहसीलदार
पदस्थ है एवं
राजस्व
कार्य सुचारू
रूप से
संचालित है।
पूर्णकालिक
तहसीलदारों व
अन्य राजस्व
स्टॉफ की
पदस्थापना
शासन द्वारा
पदों के सृजन
की स्वीकृति
पश्चात
डीडीओ कोड में
पदों की
मैपिंग
उपरांत किया
जाना है। (घ) रायसेन
जिले की अधिकारिक
शासकीय
वेबसाइट पर
प्रश्न दिनांक
की स्थिति में
सुल्तानगंज व
बम्हौरी
तहसीलों की
जानकारी, विवरण
व नक्शे में
इनका तहसील के
रूप में उल्लेख
दर्ज नहीं है।
जिले की
अधिकारिक
शासकीय वेबसाइट
पर दोनों
तहसीलों की
जानकारी
विवरण व नक्शे
में इनका
तहसील के रूप
में उल्लेख
किए जाने की
कार्यवाही की
जा रही है।
तालाबों
की नहरों के
अपूर्ण
निर्माण की
जांच
[जल संसाधन]
178.
( क्र. 1484 ) श्री
देवेन्द्र
पटेल : क्या जल
संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) सिलवानी
विधानसभा
क्षेत्रान्तर्गत
निर्मित
सलाबर्रू
तालाब, सेमराखास
तालाब, नगपुरा
नगझिरी तालाब
व खमरिया
चांदौड़ा
तालाब की
डी.पी.आर. की प्रतिलिपि
उपलब्ध
कराते हुए
बतावें कि क्या
इन योजनाओं के
सभी घटकों का
पूर्ण रूप से
निर्माण
योजनानुसार
करा लिया गया
है? नहरों
के अधूरे
निर्माण के क्या
कारण है? (ख) क्या
विभाग प्रश्नांश
(क) उल्लेखित
तालाबों की नहरों
की उच्चस्तरीय
समीक्षा कर
अधूरे
निर्माणों को
पूर्ण करायेगा
व मरम्मत
योग्य नहरों
में सुधार
कार्य
करायेगा? नहीं तो क्यों? क्या
विभाग
किसानों के
हित में उन्हें
लक्षित
सिंचाई
सुविधा उपलब्ध
कराने हेतु
समुचित उपाय
करेगा? नहीं तो क्यों? (ग) क्या
विभाग प्रश्नांश
(क) उल्लेखित
सिंचाई
योजनाओं के
निर्माण
अपूर्ण निर्माण
की जांच विभाग
के वरिष्ठ
तकनीकी
अधिकारियों
से करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक
नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश
(क) उल्लेखित
क्षेत्र में
टेकपार खुर्द, बेरखेड़ी
जोरावर, मरखेड़ा, गुलाब, मोहनिया, पापड़ा, वीरपुर व
चरगुंबा लघु
तालाबों के
कार्य कितने
प्रतिशत
पूर्ण कर लिये
गये हैं? क्या-क्या
कार्य शेष हैं? कार्यों
की गुणवत्ता
नियंत्रण
हेतु विभागीय वरिष्ठ
अधिकारियों व
तकनीकी टीम
द्वारा सतत्
निरीक्षण
किया जा रहा
है? यदि
नहीं तो क्यों?
जल
संसाधन मंत्री
( श्री
तुलसीराम
सिलावट ) : (क) परियोजनाओं
के डी.पी.आर. की
प्रतिलिपि पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट-" 1", "2", "3" एवं 4" अनुसार
है, जी
हाँ। इन
योजनाओं के
सभी घटकों का
पूर्ण रूप से
निर्माण हो
चुका है। अत:
शेष प्रश्न
लागू नहीं। (ख) निर्माण
का निर्माण
गुणवत्ता
पूर्वक कराया
जाना
प्रतिवेदित
है। वरिष्ठ
अधिकारियों
द्वारा
निर्माण
कार्य संपादन
के दौरान
समय-समय पर
निरीक्षण
किया गया है।
निर्माण वर्ष
से लगातार
समस्त जल
संरचनाओं से
कृषकों को
पर्याप्त
सिंचाई
सुविधा उपलब्ध
करायी जा रही
है। शेष प्रश्न
लागू नहीं। (ग) उत्तरांश
(क) के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
लागू नहीं। (घ)
जानकारी पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-"अ"
अनुसार है।
जी
हाँ। शेष
प्रश्नांश
लागू नहीं।
शमशान
हेतु आवंटित
भूमि
[राजस्व]
179.
( क्र. 1491 ) श्री
फूलसिंह
बरैया : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) भोपाल
जिला अंतर्गत
तहसील
बैरसिया के
ग्राम नहरिया
मौरासा को
शमशान घाट
हेतु शासन
द्वारा भूमि
आवंटित की गई? (ख) शमशान
घाट हेतु
आवंटित भूमि
पर किन-किन व्यक्तियों
का अतिक्रमण
है? नाम
सहित बतायें। (ग)
क्या शासन
इन अतिक्रमणधारियों
से शमशान घाट
की भूमि मुक्त
करायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? समयावधि
बतायें।
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) जी हाँ, ग्राम
भौरासा तहसील
बैरसिया में
खसरा क्रमांक 155/2 रकबा 0.607 हे. मद शमशान
के नाम दर्ज
हैं। (ख) जी
हाँ, उक्त
भूमि पर
धरमजीत आत्मज
सेवाराम
गुर्जर, गोपाल
आत्मज खुमान
सिह कुसवाह
एवं नवाब खॉ
आत्मज सलीम
खाँ का
अतिक्रमण है। (ग)
जी हाँ, इस संबंध
में
कार्यवाही
राजस्व
प्रकरण क्रमांक
0008/अ-68/2025-26
के तहत
न्यायालय
तहसीलदार
तहसील
बैरसिया के न्यायालय
में प्रचलन
में हैं।
चूँकि प्रकरण विचाराधीन
है जिसके कारण
समय-सीमा
बताया जाना संभव
नहीं है।
बनाये
गये बी.पी.एल.
कार्ड
[राजस्व]
180.
( क्र. 1492 ) श्री
फूलसिंह
बरैया : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) जिला
मुरैना की
तहसील जौरा के
तत्कालीन
तहसीलदार
श्री नरेश
शर्मा द्वारा
अपने
कार्यकाल में
कितने बी.पी.एल.
कार्ड बनाये
गये? सूची
संलग्न करें। (ख)
जांच के
दौरान कितने
बी.पी.एल.
कार्ड अपात्र
पाये गये हैं? उनकी सूची
संलग्न की
जावे। (ग) गलत
बी.पी.एल.
कार्ड बनाने
वाले अधिकारी
के विरूद्ध
कार्यवाही की
जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? ऐसे
अधिकारी को
क्या पुनः उसी
स्थान पर
पदस्थ किया
जाना उचित है?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) तत्कालीन
तहसीलदार
श्री नरेश
शर्मा के कार्यकाल
के बीपीएल
आवेदन
कार्यालय की
दायरा पंजी
में दर्ज नहीं
होने से
संख्यात्मक
जानकारी
प्रदाय नहीं
की जा सकती
है। (ख) श्री
महेश दत्त
मिश्र पूर्व
विधायक जौरा
एवं स्वास्थ्य
न्यास जौरा, जिला
मुरैना का
आवेदन श्री
नरेश शर्मा
तहसील जौरा के
पदस्थीकरण
दिनांक 01.09.2022 से
स्थानांतरण
दिनांक 27.03.2023 के मध्य
अपात्र
बीपीएल राशन कार्डधारियों
की जांच कराये
जाने हेतु
शिकायत इस
कार्यालय में
प्राप्त हुई।
शिकायत के
तारतम्य में
जांच उपरांत
दिनांक 05.12.2023 को 370, दिनांक 29.12.2023 को 916 एवं
दिनांक 07.01.2024 को 463 कुल 1748 बीपीएल
कार्डधारियों
को अपात्र
किया गया है।
सूची पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट अनुसार
है। (ग)
कार्यालय
आयुक्त चंबल
संभाग मुरैना
के ज्ञाप. क. मुरैना,/स्था./6-2/वि. जांच/7/2024/5523 दिनांक 20.11.2024 से श्री
नरेश शर्मा, तत्कालीन
नायब
तहसीलदार
जौरा को उक्त
शिकायत के
क्रम में आरोप
पत्र जारी
किये गये है, जिसमें
आयुक्त
कार्यालय में
कार्यवाही
संचालित है।
वर्तमान में
श्री नरेश
शर्मा, तहसीलदार
को तहसील
कैलारस में
पदस्थ किया
गया है। अत:
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
अतिक्रमण
हटाया जाना
[राजस्व]
1.
( क्र. 24 ) श्री
कुँवर सिंह
टेकाम : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि
(क) सीधी जिले
के अंतर्गत
तहसील मझौली, मड़वास
एवं कुसमी में
तहसीलदारों
के द्वारा वर्ष
2021-22 से प्रश्न
दिनांक तक
म.प्र. शासन की
भूमि पर कितने
अवैध अतिक्रमणों
को बेदखल करने
का आदेश पारित
किया गया था? वर्षवार
सूची नाम व
पता सहित
जानकारी
उपलब्ध
करायें। (ख)
प्रश्नांश (क)
के संदर्भ
में
तहसीलदारों
के द्वारा
अवैध अतिक्रमणों
को हटाये जाने
हेतु पारित
आदेश में से
कितने अवैध
अतिक्रमणों
को हटाया जा
चुका है और
कितने शेष हैं? पूर्ण
विवरण सहित
जानकारी
उपलब्ध
करायें। (ग) क्या
प्रश्नांश (ख)
के संदर्भ में
अवैध
अतिक्रमणों
को प्रश्न
दिनांक तक
नहीं हटाया
गया है? यदि हाँ, तो इन्हें
कब तक
अतिक्रमणमुक्त
किया जायेगा? समय-सीमा बतायें।
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) जी हाँ। सीधी
जिले के अन्तर्गत
तहसील मझौली, मड़वास
एवं कुशमी में
तहसीलदारों
के द्वारा
वर्ष 2021 – 22 से प्रश्न
दिनांक तक
म.प्र. शासन की
भूमि पर अवैध
अतिक्रमणों
को बेदखल करने
का आदेश पारित
किया गया था। जिनकी
सूची
तहसीलवार
निम्नानुसार
है :-
|
क्र. |
तहसील
का नाम |
बेदखली
आदेशों की
संख्या |
|
1. |
मझौली |
360 |
|
2. |
मड़वासा |
414 |
|
3. |
कुशमी |
229 |
|
|
योग |
1003 |
तहसीलवार
सूची पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में
तहसीलदारों
के द्वारा
अवैध अतिक्रमणों
को हटाये जाने
हेतु पारित
आदेश में कृषि
भूमियों से अतिक्रामकों
को हटाया जा
चुका है। आबादी
भूमि का भी अनधिकृत
अतिक्रमण
हटवाया गया है
तहसीलवार
निम्नानुसार
अवैध
अतिक्रमणों
को हटाया जा
चुका है
|
क्रमांक |
तहसील
का नाम |
हटाए
गए अतिक्रमण |
शेष |
|
1 |
मझौली |
344 |
16 |
|
2 |
मड़वासा |
386 |
28 |
|
3 |
कुशमी |
222 |
07 |
|
|
योग |
952 |
51 |
(ग)
जी हाँ, उत्तरांश
‘ख’ अनुसार
अतिक्रमण
हटाने हेतु
शेष है। जिन्हें
शीघ्र
नियमानुसार
हटाया जाएगा।
ग्राम
कोटवारों को
भूमि स्वामी का
स्वामित्व
देना
[राजस्व]
2.
( क्र. 37 ) श्री
ठाकुर दास
नागवंशी : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
पुराने मध्य
भारत के तीनों
संभाग उज्जैन-इंदौर-ग्वालियर
तथा पुराने
मध्य प्रांत
के तीनों
संभाग
नर्मदापुरम-जबलपुर
और सागर
वर्तमान में
म.प्र. सरकार
के अन्तर्गत
आते हैं? (ख) यदि
हाँ, तो प्रश्नांश
(क) का उत्तर यदि
हाँ, है
तो एक ही
प्रशासनिक
क्षेत्र के
अन्तर्गत
आने वाले
नर्मदापुरम-जबलपुर
और सागर संभाग
के ग्राम
कोटवारों को 1950 के पूर्व
की कोटवारी
भूमि पर भूमि
स्वामी स्वामित्व
अभी तक न दिये
जाने का क्या
कारण रहा? (ग) क्या
उज्जैन-इंदौर
और ग्वालियर
संभाग के ग्राम
कोटवारों को 1950 के पूर्व
की जमीनों पर
सन् 1959 से
ही भूमि स्वामी
स्वामित्व
दे दिया गया
है? यदि
हाँ, तो
पुराने
महाकौशल
क्षेत्र (नर्मदापुरम-जबलपुर
और सागर) के
ग्राम
कोटवारों को 1950 के पूर्व
की जमीनों पर
भूमि स्वामित्व
कब तक दे दिया
जावेगा?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) जी हाँ। (ख) कोटवारो
को भूमि स्वामी
स्वत्व पर
भूमि नहीं दी
गई है। कोटवार
पद के कर्तव्य
निर्वहन के
लिए केवल भूमि
परिवार के
भरण-पोषण के
लिए उपभोग
करने हेतु
प्रदान की
जाती है। इस
कारण शेष प्रश्नांश
उद्भूत नहीं
होता है। (ग) उत्तरांश
'ख' अनुसार।
म.प्र.भू.राजस्व
संहिता की
धारा 115 का
दुरूपयोग
[राजस्व]
3.
( क्र. 38 ) डॉ.
चिंतामणि
मालवीय : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) रजिस्ट्री
के जरिये
क्रय-विक्रय
की गई भूमि और
विधिपूर्वक
किए गए
नामांतरण के
बाद भी धारा 115 के
अंतर्गत किसी
वारिस द्वारा
त्रुटि सुधार
कर अपना
नामांतरण
कराया जा सकता
है (ख) यदि
नहीं तो रतलाम, उज्जैन, इंदौर
जिले में विधिपूर्वक
नामांतरण
होने के बाद
भी धारा 115 के आवेदन
पर कितने
प्रकरण में
स्थगन दिया
गया अथवा अपील
स्वीकार की गई
अथवा
नामांतरण
आदेश जारी
किया है?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) म. प्र. भू
राजस्व
संहिता 1959 की
धारा-115 के
अंतर्गत राजस्व
अभिलेख में अप्राधिकृत
प्रविष्टियों
को सम्मिलित
करते हुए गलत
या अशुद्ध
प्रविष्टि को
सुधार किए जाने
संबंधी
प्रावधान है। उक्त
धारा अंतर्गत
नामान्तरण
नहीं करवाया
जा सकता है। भू-अभिलेखों
में नामान्तरण
संहिता की
धारा 109-110 के तहत
किए जाने के
प्रावधान है। (ख)
जिला रतलाम, उज्जैन, इंदौर की
जानकारी
निरंक है।
सामुदायिक
वन अधिकारों
को मान्यता
[जनजातीय
कार्य]
4.
( क्र. 39 ) डॉ.
रामकिशोर
दोगने : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
नर्मदापुरम
संभाग के हरदा, बैतूल एवं
नर्मदापुरम
जिले में
आयुक्त आदिवासी
विकास म.प्र.
शासन के आदेश
क्रमांक 621/वनअधि/15/136 दिनांक 16/04/2015 के अनुसार भा.व.अ.
1927 की धारा 4 में
अधिसूचित
वनखण्ड में
शामिल जमीनों
के सामुदायिक
वन अधिकारों
को प्रश्नांकित
दिनांक तक भी
मान्यता नहीं
दी गई? (ख) किस
वनमंडल के
अंतर्गत किस
ग्राम की
कितनी भूमि, किस खण्ड
में शामिल की
जाकर धारा 5 से 19 तक की जांच
के लिए किस वन
व्यवस्थापन
अधिकारी के
समक्ष लम्बित
है? (ग) पत्र
दिनांक 16/04/2015 में किस
प्रारूप में
कौन सी
जानकारी
संकलित कर
किन-किन
कार्यवाहियों
के क्या-क्या
निर्देश दिए
गए? (घ) धारा 4 में
अधिसूचित
भूमियों पर कब
तक सामुदायिक
वन अधिकारों
को मान्यता दे
दी जावेगी? समय-सीमा सहित
बतावे।
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। (ग) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। (घ) धारा
4 में
अधिसूचित
भूमियों पर
सामुदायिक वन
अधिकारों को
मान्यता दिया
जाना सतत
प्रक्रिया है।
वन अधिकार
प्रक्रिया
अर्द्धन्यायिक
स्वरूप की
होने से
समय-सीमा बताया
जाना संभव
नहीं है।
आबादी
मद की भूमि
[राजस्व]
5.
( क्र. 43 ) डॉ.
रामकिशोर
दोगने : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) बैतूल
जिले के ग्राम
जामठी ब.न. 244 की मिसल
बन्दोबस्त 1916-17 एवं
अधिकार
अभिलेख वर्ष 1968-69 में आबादी
मद में किस
खसरा नम्बर का
कितना-कितना
रकबा दर्ज
बताया गया है, वर्ष 1968-69 में दर्ज
बताई आबादी मद
में किस खसरा
नम्बर के
कितने रकबे की
उप पंजीयक
मुद्रांक
शुल्क बैतूल
के यहाँ किस
दिनांक को
रजिस्ट्री
दर्ज की गई? (ख) आबादी
मद की भूमि की
रजिस्ट्री के
आधार पर संशोधन
पंजी में किस
दिनांक को किस
क्रेता का नाम
दर्ज किया गया
व रजिस्ट्री
के आधार पर
किन कारणों से
क्रेता का नाम
संसोधन पंजी
में दर्ज नहीं
किया गया? (ग) वर्ष
1968-69 के अधिकार
अभिलेख में
मुरलीधर के
नाम पर किस खसरा
नम्बर का
कितना रकबा
दर्ज रहा है। उसमें
से किस संशोधन
क्रमांक आदेश
दिनांक से किसका
नाम, किस
खसरा नम्बर के
कितने रकबे पर
दर्ज किया गया?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) बैतूल
जिले के ग्राम
जामठी व.न. 244 की
मिसल बन्दोबस्त
1916-17 एवं अधिकार
अभिलेख वर्ष 1968-69
में आबादी मद
में खसरा नंबर
की जानकारी
निम्नानुसार
हैं-
|
मिसल
बंदोबस्त
वर्ष 1916-17 |
अधिकार
अभिलेख वर्ष
1968-69 |
||
|
ख.न. |
रकबा
(हे.) |
ख.न. |
रकबा
(हे.) |
|
11 |
0.76 |
11 |
0.308 |
|
52 |
0.36 |
53 |
0.146 |
|
58 |
2.10 |
59 |
0.850 |
|
264,
258/2, 263/2 |
15.90 |
359 |
6.434 |
|
269 |
4.26 |
342 |
1.724 |
|
80/10 |
0.50 |
90 |
0.202 |
|
योग |
23.88 |
|
9.664 |
आबादी
मद में दर्ज
खसरा नम्बरों
में हुई रजिस्ट्री
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-अ
अनुसार है। (ख) आबादी
मद की भूमि की
रजिस्ट्री के
आधार पर संशोधन
पंजी में
क्रेता का नाम
दर्ज करने
संबंधी जानकारी
निरंक है। विक्रय
वर्ष से
वर्तमान तक
विक्रय पत्र
अनुसार
संशोधन का उल्लेख
नहीं है। (ग) वर्ष
1968-69 के अधिकार
अभिलेख में
आबादी भूमि
में दर्ज
समस्त खसरा
नंबरों में
मुरलीधर के
नाम से कोई
रकबा दर्ज
होना नहीं पाया
गया। सुलभ
संदर्भ हेतु
अधिकार
अभिलेख 1968-69 की
छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब
अनुसार है। अतः शेष प्रश्नांश
उत्पन्न ही
नहीं होता है।
मान.
मुख्यमंत्री
की घोषणा का
क्रियान्वयन
[राजस्व]
6.
( क्र. 49 ) श्री
घनश्याम
चन्द्रवंशी : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) दिनांक
12/01/2025 को माननीय
मुख्यमंत्री
महोदय द्वारा
कालापीपल
विधानसभा के 11 ग्रामों
के नाम
परिवर्तित
किये जाने कि
घोषणा कि थी? (ख) उक्त
संबंध में अब
तक क्या
कार्यवाही कि
गई? (ग) उक्त
ग्रामों के
नाम का
परिवर्तन कब
तक हो सकेगा?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) जी हाँ। (ख) कालापीपल
विधानसभा के 10
ग्रामों का
नाम
परिवर्तित
किये जाने के
संबंध में
नियमानुसार
भारत सरकार, गृह
मंत्रालय, नई दिल्ली
को प्रस्ताव
भेजकर नाम
परिवर्तित
किए जाने की
स्वीकृति
चाही गई है। शेष
01 ग्राम
खलीलपुर का
नाम
परिवर्तित
किये जाने के
संबंध में
कलेक्टर
शाजापुर से
अनापत्ति
चाहा गया है। प्रस्ताव
प्राप्त
होने पर
नियमानुसार
नाम
परिवर्तित
किये जाने की
कार्यवाही की
जावेगी (ग) भारत
सरकार, गृह
मंत्रालय, नई दिल्ली
से अनापत्ति
प्राप्त
होने पर नाम
परिवर्तित
करने की
कार्यवाही की
जावेगी। समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
मान.
मुख्यमंत्री
जी की घोषणा
का
क्रियान्वयन
[धार्मिक
न्यास और
धर्मस्व]
7.
( क्र. 51 ) श्री
घनश्याम चन्द्रवंशी
: क्या राज्य
मंत्री, धार्मिक
न्यास और
धर्मस्व
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) दिनांक12/01/2025 को माननीय
मुख्यमंत्री
महोदय द्वारा
कालापीपल
विधानसभा के 3 धार्मिक
स्थलों को
धार्मिक
पर्यटन कि
दृष्टि से
विकसित करने
की घोषणा की
गई थी? (ख) उक्त संबंध
में अब तक
क्या
कार्यवाही कि
गई?
राज्य
मंत्री, धार्मिक
न्यास और
धर्मस्व (
श्री
धर्मेन्द्र
भाव सिंह लोधी
) : (क) जी
नहीं। विभाग
स्तर पर उक्त
संबंध में कोई
घोषणा प्राप्त
नहीं है। (ख) उत्तरांश
'क'
के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उद्भुत नहीं होता है।
सामुदायिक
वन अधिकारों
को मान्यता
[जनजातीय
कार्य]
8.
( क्र. 64 ) डॉ. योगेश
पंडाग्रे : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
बैतूल जिले
में भा.व.अ. 1927 की धारा 5 से 19 तक की जांच
कार्यवाही के
लिए लम्बित
वनखण्डों में शामिल
जमीनों पर
आयुक्त
आदिवासी
विकास भोपाल
के पत्र क्रमांक........
दिनांक 16/04/2015 के अनुसार प्रश्नांकित
दिनांक तक भी
सामुदायिक
अधिकारों को
मान्यता नहीं
दी गई। (ख) बैतूल
जिले के किस
विकासखण्ड के
अन्तर्गत
आने वाले किस
ग्राम के किस
खसरा नम्बर के
कितने रकबे की
धारा 5 से 19 तक की जांच
वर्तमान के
किस
अनुविभागीय
अधिकारी के
समक्ष लम्बित
है यह भूमि
निस्तार
पत्रक में किस-किस
प्रयोजन के
लिए दर्ज है। (ग)
पत्र दिनांक 16 अप्रैल 2015 में दिए गए
प्रारूप में
किस कॉलम में
कौन-कौन सी
जानकारी संकलित
कर अधिकारों
बाबत् क्या-क्या
कार्यवाही
करनी थी प्रश्नांकित
दिनांक तक
कार्यवाही
नहीं होने का
क्या कारण है।
(घ) कब तक पत्र दिनांक
16/04/2015 का पालन कर
सामुदायिक वन
अधिकारों को
मान्यता दे दी
जावेगी, समय-सीमा सहित
बतावें।
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
अनुसार है। (ग) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
अनुसार है। उत्तरांश
‘ख’ के
परिपालन में
जांच पूर्ण
होने पर धारा 3 (1) कडिण्का
'ख', 'ग', 'घ' एवं
'ड' में
उल्लेखित
सामुदायिक वन
अधिकार प्रदान
किये जाने का
प्रावधान है। (घ)
वन अधिकार
प्रक्रिया
अर्धन्यायिक
स्वरूप की
होने से
समय-सीमा बताया
जाना संभव
नहीं है।
आबादी
मद की जमीन
[राजस्व]
9.
( क्र. 81 ) कुँवर
अभिजीत शाह : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि
(क) बैतूल
जिले के ग्राम
जामठी
बन्दोबस्त
नम्बर 244 की मिसल
बन्दोबस्त
वर्ष 1916-17
में खसरा
क्रमांक 258 किस किसान
के नाम पर
दर्ज रहा है? किस खसरा
क्रमांक का
कितना रकबा
मिसल में आबादी
मद में दर्ज
बताया गया है? (ख) खसरा
क्रमांक 258 के कितने
रकबे को किस
आदेश क्रमांक
दिनांक से
आबादी आदेशित
किया गया, ग्राम
जामठी के
अधिकार
अभिलेख वर्ष 1968-69 में खसरा
क्रमांक 258 के कितने
रकबे को आबादी
दर्ज कर नया
खसरा नम्बर
क्या दर्ज
किया? निजी
भूमि को आबादी
दर्ज करने का
क्या कारण रहा
है? (ग) विधानसभा प्रश्न
क्रमांक 362 दिनांक 17/12/2024 में आबादी
मद के किस
खसरा नम्बर के
कितने रकबे की
किस दिनांक को
रजिस्ट्री
होना बताया है, उस
रजिस्ट्री के
आधार पर
राजस्व
अभिलेख संशोधन
पंजी में
किस-किस
दिनांक को
क्या-क्या
प्रविष्टी
दर्ज की गई है? (घ) ग्राम
जामठी की खसरा
पंजी में
आबादी दर्ज
भूमि की
रजिस्ट्री पर
किस अधिकारी
के किस दिनांक
के
आदेशानुसार
रोक लगाई गई
है? आदेश
की प्रति सहित
बतावें।
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह वर्मा
) : (क) बैतूल जिले
के ग्राम
जामठी ब.न. 244 की मिसल
बंदोबस्त
वर्ष 1916-17 में
खसरा नम्बर 258 कुल
रकबा 9.32 एकड़
फुलमत बेवा
कन्हई जाति
गौली के नाम
से दर्ज होना
पाया गया है
तथा कैफियत
खाने में
दिनांक 05/07/1918 के
द्वारा 1.00 एकड़
भूमि आबादी
भूमि लाल स्याही
से अभिलिखित
है। खसरा
नम्बर 263 कुल
रकबा 18.84 एकड़
घास मद में
दर्ज होना
पाया गया तथा
कैफियत खाने
में दिनांक 05/07/1918
के द्वारा 10.00 एकड़
भूमि आबादी
भूमि लाल स्याही
से अभिलिखित
है। खसरा
नम्बर 264 कुल
रकबा 4.90 एकड़
मिसल
बंदोबस्त 1916-17 से
प्रचलित
आबादी दर्ज है।
उक्त भूमि
मिसल
बंदोबस्त में
दिनांक 05/07/1918
आबादी भूमि
दर्ज है। (ख) बैतूल
जिले के ग्राम
जामठी व.न. 244 की
मिसल
बन्दोबस्त 1916-17
अनुसार खसरा
क्रमांक 258 के
रकबा 1.00 एकड़
भूमि आदेश
दिनांक 05/07/1918 को
आबादी दर्ज होने
की प्रविष्टि
अंकित है। ग्राम
जामठी के मिसल
बंदोबस्त
अनुसार ख.न. 264, 258/2, 263/3
रकबा क्रमशः 4.90
एकड़, 1
एकड़ 10.00 एकड़ कुल
रकबा 15.90 एकड़
भूमि का
अधिकार
अभिलेख में
नया खसरा नंबर
359 रकबा 15.90 एकड़ बनाया
गया है। अधिकार
अभिलेख वर्ष 1968-69
में खसरा
क्रमांक 359 रकबा
15.90 एकड़ भूमि
शासकीय आबादी
के नाम से
दर्ज है। (ग) विधानसभा
प्रश्न
क्रमांक 362
दिनांक 17/12/2024 में
दी गई आबादी
मद के खसरा
नम्बर की रजिस्ट्री
संबंधी जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
उक्त
खसरा नम्बरों
में हुई
रजिस्ट्री के
आधार पर
संशोधन पंजी
में दर्ज
प्रविष्टि
की जानकारी
निरंक है। (घ) ग्राम
जामठी की खसरा
पंजी में
आबादी दर्ज
भूमि की
रजिस्ट्री पर
रोक संबंधी
जानकारी
निरंक है।
अल्पसंख्यक
शिक्षण संस्थाओं
में प्रवेश
[स्कूल
शिक्षा]
10.
( क्र. 90 ) डॉ.
सीतासरन
शर्मा : क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) नर्मदापुरम्
जिले में
अल्पसंख्यक
अनुदान प्राप्त
एवं गैर
अनुदान
प्राप्त
कितनी शिक्षण
संस्थाएं
संचालित है। (ख)
क्या प्रश्नांश
(क) में
उल्लेखित
अनुदान
प्राप्त
शिक्षण संस्थाओं
में वर्ष 26-27 में
आर.टी.ई. से
प्रवेश दिये
जायेंगे।
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) नर्मदापुरम्
जिले में
अल्पसंख्यक
अनुदान
प्राप्त
शिक्षण
संस्थाओं की
संख्या निरंक
है एवं गैर
अनुदान
प्राप्त
संस्थाओं की
संख्या-11 है। जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट-अ अनुसार।
(ख) म.प्र.शासन
द्वारा
डब्ल्यू.पी. 95/2010 में
माननीय
उच्चतम
न्यायालय के
आदेश के तहत अल्पसंख्यक
स्कूलों को
शासनादेश क्रमांक
एफ 44-21/2011/20-2
भोपाल, दिनांक 26.07.2012 के अनुसार
आरटीई से
मुक्त रखा गया
है। जानकारी
संलग्न परिशिष्ट-ब
अनुसार।
संशोधित
पार्वती-कालीसिंध-चंबल
लिंक परियोजना
[जल संसाधन]
11.
( क्र. 98 ) श्रीमती
प्रियंका
पैंची : क्या जल
संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
संशोधित
पार्वती-कालीसिंध-चंबल
लिंक परियोजना
के तहत
पार्वती
उप-बेसिन में
प्रस्तावित
बैराज/बांध का
स्थान
कुंभराज
तहसील के दीतलवाड़ा
(मूल
प्रस्तावित
स्थल) से बदलकर
चाचौड़ा
तहसील के
ग्राम
घाटाखेड़ी (नया
स्थल) में कर
दिया गया है? (ख) यदि
हाँ, तो
यह स्थान
परिवर्तन
राष्ट्रीय जल
आयोग के किस
प्रावधान के
अंतर्गत किया
गया? (ग) किस कारण
से दीतलवाड़ा
की अपेक्षा
घाटाखेड़ी का
चयन करना
अनिवार्य हो
गया? कृपया
उन विशिष्ट
तकनीकी या
भू-वैज्ञानिक
कारणों का
ब्यौरा देवें।
(घ) संशोधित
पार्वती-कालीसिंध-चंबल
लिंक परियोजना
के स्थान
परिवर्तन के
कारण
परियोजना की अनुमानित
लागत में
कितनी शुद्ध
वृद्धि हुई है? साथ ही, क्या यह
स्थान
परिवर्तन
केंद्र और
राज्यों के
बीच हुए
समझौता
ज्ञापन में
उल्लेखित मूल
क्षमता से
महत्वपूर्ण विचलन है? यदि हाँ, तो क्या इस
विचलन को
केंद्र सरकार
से पुनः अनुमोदित
कराया गया है? प्रमाणित
प्रतिलिपि
उपलब्ध
करवाएं l (ड.) क्या
शासन को
चाचौड़ा
तहसील के
ग्राम घाटाखेड़ी
के स्थानीय
निवासियों
में स्थान
परिवर्तन को
लेकर व्याप्त
तीव्र आक्रोश
एवं चल रहे
विरोध
प्रदर्शनों
की जानकारी है? यदि हाँ, तो इस
स्थिति को
नियंत्रित
करने के लिए
शासन/विभाग
द्वारा क्या
कार्य योजना
बनाई जा रही
है?
जल
संसाधन
मंत्री ( श्री
तुलसीराम
सिलावट ) : (क) जी नहीं। (ख)
उत्तरांश (क)
के
परिप्रेक्ष्य
में शेष प्रश्न
उत्पन्न
नहीं होता। (ग) विभाग
द्वारा
परियोजना के
साध्यता के
पूर्व तकनीकी
वित्तीय
मापदण्डों के
आधार पर वैकल्पिक
प्रस्ताव
तैयार किये
जाते है
जिसमें परियोजना
के लाभान्वित
घटकों एवं डूब
क्षेत्र विस्थापितों
को
प्राथमिकता
के आधार पर
न्यूनतम
क्षति एवं
अधिकतम लाभ को
ध्यान में
रखकर तैयार
किया गया है। वर्तमान
में परियोजना
का सर्वेक्षण
एवं अन्वेषण
कार्य
प्रारंभ नहीं
हुआ है। अतः
विशिष्ट
तकनीकी या भू-वैज्ञानिक
कारणों का
ब्यौरा दिया
जाना संभव नहीं
है। (घ) उत्तरांश
(ग) के अनुसार
परियोजना का
प्रस्ताव
परीक्षणाधीन
है। अतः परियोजना
की लागत में
शुद्ध वृद्धि
एवं केन्द्र
सरकार से पुनः
अनुमोदन का प्रश्न
नहीं। जी नहीं।
शेष प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होता। (ड.) परियोजना
का कार्यस्थल
परिवर्तन के
संबंध में कोई
भी विरोध
प्रतिवेदित
नहीं है। शेष प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होता।
कुंभराज
वृहद सिंचाई परियोजना
[जल संसाधन]
12.
( क्र. 100 ) श्रीमती
प्रियंका
पैंची : क्या जल
संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) कुंभराज
वृहद सिंचाई (PKC पार्वती-कालीसिंध-चंबल)
परियोजना के
कार्यकारी
इंजीनियर श्री
विकास
राजोरिया ने
पार्वती पर दो
छोटे बांध
बनाने का
प्रस्ताव
वापस लेने एवं
एक ही बड़ा डैम
बनाए जाने की
जानकारी ''भास्कर
इंटरव्यू'' में
साझा कीI जिसका
उल्लेख दैनिक
भास्कर के
दिनांक 15 सितंबर 2025 के गुना
संस्करण
फ्रंट पेज (पृष्ठ
क्रमांक 01) पर
प्रकाशित हुआ
थाI क्या
''भास्कर
इंटरव्यू'' में
दी गई जानकारी
हेतु इन्हें
विभाग या अन्य
वरिष्ठ
अधिकारियों
द्वारा
नियुक्त किया
गया था? क्या यह
जानकारी
प्रमाणित
दस्तावेजों
के आधार पर थी? यदि हाँ, तो
प्रमाणित
दस्तावेजों
की प्रतिलिपि
उपलब्ध करवाई
जावेI (ख) कार्यकारी
इंजीनियर
श्री विकास
राजोरिया द्वारा
दिनांक 03/10/2025 को चाचौड़ा
में आयोजित एक
बैठक में
तकनीकी
प्रस्तुतीकरण
में घाटाखेड़ी
गाँव को डैम
निर्माण के
लिए सर्वाधिक
उपयुक्त
बताया थाI जिसका
उल्लेख दैनिक
भास्कर के
दिनांक 04 अक्टूबर 2025 के गुना
संस्करण
पृष्ठ
क्रमांक 02 पर
प्रकाशित हुआ
थाI श्री
राजोरिया
द्वारा बिना
किसी
प्रमाणित
तथ्यों के क्षेत्र
में चल रहे
आंदोलन को
भड़काने के लिए
क्या इन्हें
किसी ने
अनुमति दी थी? यदि हाँ, तो किसने? यदि नहीं
तो इस कृत्य
के लिए इन पर
विभाग द्वारा
कोई
कार्यवाही की
जाएगीI यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं
तो क्यों नही? स्पष्ट करेंI
जल
संसाधन
मंत्री ( श्री
तुलसीराम
सिलावट ) : (क) जी हाँ। जी
नहीं। साझा की
गई जानकारी
शासन द्वारा
जारी प्रशासकीय
स्वीकृति के
आधार पर दी गई
थी। आदेश की प्रति
संलग्न
परिशिष्ट अनुसार
है। (ख) आयोजित
बैठक में
विभागीय
प्रतिनिधि
द्वारा विभिन्न
विकल्पों का
प्रस्तुतीकरण
किया गया था। विभाग
द्वारा कोई भी
प्रेस नोट
जारी नहीं किया
गया। अतः शेष प्रश्न
उद्भूत नहीं
होता।
परिशिष्ट
- "अड़तीस"
परियोजना
के संबंध में
आवश्यक
कार्यवाही
[जल संसाधन]
13.
( क्र. 101 ) श्रीमती
प्रियंका
पैंची : क्या जल
संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) कुंभराज
वृहद सिंचाई (PKC
पार्वती-कालीसिंध-चंबल)
परियोजना के
कार्यकारी
इंजीनियर
श्री विकास
राजोरिया के
माध्यम से
किसानों के
बीच बोला गया
कि माननीय
प्रधानमंत्री जी एवं
मुख्यमंत्री
जी ने जयपुर (राजस्थान)
से जिस स्थान (लोकेशन)
का भूमि पूजन
किया था, वह लोकेशन
परिवर्तित हो
गई हैl यदि
हाँ, तो
लोकेशन को कब
और क्यों बदला
गया? प्रमाणित
दस्तावेज
सहित
स्पष्टीकरण
प्रस्तुत करे
और यदि नहीं, तो इन पर
झूठी अफ़वाह
फैलाने हेतु
कोई
कार्यवाही की
जावेगी? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं
तो क्यों नही? (ख) इंजीनियर
श्री
राजोरिया
द्वारा बताया
गया कि पूर्व
में चयनित
साईट रिजेक्ट
हो गई है तो
किस स्तर पर
और क्या
तकनीकी
कारणों से
रिजेक्ट हुई? कारणों की
प्रमाणित
प्रतिलिपि
उपलब्ध करवाए।
(ग) श्री
राजोरिया
द्वारा
क्षेत्रवासियों
के बीच एवं
बैठकों में
बार-बार 400 M.C.M. क्षमता
वाले बड़े डैम
पर फोकस क्यों
किया जा रहा
है? इसका
स्पष्टीकरण
देवे। साथ ही
त्रिपक्षीय
समझौते MOA के अनुसार
मध्य प्रदेश, राजस्थान
एवं केंद्र
सरकार के बीच
हुए समझौते
में दो डैम का
उल्लेख है तो
परियोजना के
कार्यकारी
इंजीनियर
द्वारा एक
बड़े डैम पर
ही फोकस क्यों
किया जा रहा
है? क्या
यह
त्रिपक्षीय
समझौते (MOA) का
उल्लंघन नहीं
है? यदि
है तो इस
कृत्य के लिए
कार्यवाही के
क्या प्रावधान
है?
जल
संसाधन
मंत्री ( श्री
तुलसीराम
सिलावट ) : (क) जी नहीं। शेष
प्रश्नांश
लागू नहीं। तत्संबंध
में आधिकारिक
अभिलेख
उपलब्ध नहीं है।
(ख) उत्तरांश (क)
के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
लागू नहीं। (ग) जी
नहीं। विभाग MOA अनुरूप दो
डैम के
निर्माण के
लिए
सर्वेक्षण तथा
अन्वेषण
प्रक्रियाधीन
है। जी नहीं। शेष
प्रश्न उपस्थित
नहीं होता।
सामुदायिक
स्वास्थ्य
केन्द्र को
सिविल अस्पताल
बनाना
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
14.
( क्र. 102 ) श्रीमती
प्रियंका
पैंची : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) चाचौड़ा
विधानसभा
अंतर्गत
सामुदायिक
स्वास्थ्य
केंद्र बीनागंज
जोकि
राष्ट्रीय
राजमार्ग (NH46) के समीप
स्थित है एवं
इस स्वास्थ्य
केंद्र पर प्रतिदिन
लगभग 300
मरीजों से
अधिक का इलाज
किया जाता है
जिसमें स्टॉफ
की कमी एवं
बेड की कमी
होने से
मरीजों को बहुत
सी असुविधाओं
का सामना करना
पड़ता है। क्या
इस स्थिति से
विभाग अवगत है? यदि हाँ, तो इस
स्थिति में
शासन द्वारा
स्वास्थ्य
सुविधाओं में
बढ़ोत्तरी की
कार्ययोजना
क्या है और
यदि नहीं तो
क्यों नहीं? कारण
स्पष्ट करे। (ख)
सामुदायिक
स्वास्थ्य
केन्द्र
बीनागंज को सिविल
अस्पताल बनाए
जाने के लिए प्रश्नकर्ता
द्वारा
निवेदन किया
गया थाl क्या
सामुदायिक
स्वास्थ्य
केन्द्र
बीनागंज को
सिविल
अस्पताल का
दर्जा
प्राप्त हो
पाएगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं
तो क्यों? (ग) क्षेत्र
में
स्वास्थ्य
सुविधाओं के
अभाव में बड़ी
दुर्घटनाओं
एवं प्रसूति
की गंभीर समस्याओं
में मरीजों को
जिला अस्पताल
भेजा जाता है।
जिसकी दूरी
लगभग 65-70
कि.मी. है। इन
सभी
असुविधाओं को
ध्यान में
रखते हुए क्या
सामुदायिक
स्वास्थ्य
केन्द्र
बीनागंज को सिविल
अस्पताल
बनाया जाना
आवश्यक नहीं
है? यदि
है, तो
सामुदायिक
स्वास्थ्य
केन्द्र
बीनागंज को कब
तक सिविल
अस्पताल
बनाया जाएगा?
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) वर्तमान
में 30
बिस्तरीय
सामुदायिक स्वास्थ्य
केन्द्र
बीनागंज के
माध्यम से
आमजन को
समुचित स्वास्थ्य
सुविधायें
उपलब्ध कराई
जाती हैं। 30 बिस्तरीय
सामुदायिक स्वास्थ्य
केन्द्र
बीनागंज के
सिविल अस्पताल
में उन्नयन
का प्रस्ताव
प्राप्त एवं
परीक्षणाधीन
है। (ख) जी
हाँ। उत्तरांश
''क'' के
अनुसार। (ग) उत्तरांश
''क'' के
अनुसार।
प्रतियोगी
परीक्षा का
आयोजन
[राजस्व]
15.
( क्र. 139 ) कुँवर
अभिजीत शाह : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क)
क्या
म.प्र.शासन
राजस्व विभाग
एवं म.प्र.
कर्मचारी चयन
मंडल अंतर्गत
राजस्व
निरीक्षक/ पटवारी
एवं लिपिकों
की विभागीय
सीमित प्रतियोगी परीक्षा
के माध्यम से
नायब
तहसीलदार के
रिक्त पदों की
पूर्ति किये
जाने हेतु
वर्तमान में
कोई
प्रक्रिया/कार्यवाही
प्रचलित है? यदि हाँ, तो किस
स्तर पर लंबित
है यदि नहीं
तो क्यों? (ख) राजस्व
विभाग द्वारा
रिक्त नायब
तहसीलदार के
पदों की
पूर्ति प्रश्नांश
(क) में
उल्लेखित
कर्मचारियों
की विभागीय
प्रतियोगी परीक्षा
के माध्यम से
करने हेतु
भर्ती की
विज्ञप्ति
जारी करने
संबंधित पत्र
म.प्र.
कर्मचारी चयन
मंडल को प्रेषित
किया जा चुका
है, यदि
हाँ, तो
इसके उपरांत
भी अब तक किस
कारण से म.प्र.
कर्मचारी चयन
मंडल द्वारा
परीक्षा का
आयोजन नहीं
किया जा रहा
है? (ग) क्या प्रश्नांश
(क) एवं (ख) के
परिप्रेक्ष्य
में राजस्व
विभाग द्वारा
दिनांक 10.08.2023 को जारी
पत्र अनुसार
कुल 73
रिक्त नायब
तहसीलदारों
के पदों में
कमी/ वृद्धि
की जावेगी? क्या यह
परीक्षा
विभाग द्वारा
आयोजित कराये जाने
की योजना है? (घ) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) में
उल्लेखित
भर्ती
प्रक्रिया
कितने पदों पर
कब तक पूर्ण
कर ली जावेगी?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) म.प्र. शासन
राजस्व
विभाग के पत्र
क्रमांक एफ 1/1/ 0007/2022/सात/4 दिनांक 22.10.2025 के द्वारा
स्नातक
पटवारी/राजस्व
निरीक्षक तथा
लिपिक संवर्ग
से सीमित
प्रतियोगिता
परीक्षा के
माध्यम से
नायब
तहसीलदार के
पदों की
पूर्ति करने का
पत्र
म.प्र.कर्मचारी
चयन मंडल
भोपाल को प्रेषित
किया गया है। (ख)
जी हाँ। शेष प्रश्न
विभाग से
संबंधित नहीं।
(ग) जी नहीं। मध्यप्रदेश
जूनियर
प्रशासकीय
सेवा भर्ती
नियम 2011
में संशोधन
दिनांक 16.04.2018 में
अनुसूची पांच
में
मद-परीक्षा
में, खण्ड
(2)
''प्रमुख
राजस्व
आयुक्त, मध्यप्रदेश
लोक सेवा आयोग
या प्रोफेशनल
एग्जामिनेशन
बोर्ड (पीईबी) अथवा
एमपी आनलॉइन
के माध्यम से
परीक्षा
आयोजित करेगा।'' म.प्र.शासन
राजस्व विभाग
के पत्र
क्रमांक एफ 1/1/0007/2022/सात/4 दिनांक 22.10.2025 के द्वारा
स्नातक
पटवारी/राजस्व
निरीक्षक तथा
लिपिक संवर्ग
से सीमित
प्रतियोगिता
परीक्षा के
माध्यम से
नायब
तहसीलदार के
पदों की
पूर्ति करने का
पत्र
म.प्र.कर्मचारी
चयन मंडल
भोपाल को प्रेषित
किया गया है। विभाग
स्तर पर ऐसी
कोई योजना
विचाराधीन
नहीं है। (घ) म.प्र.शासन
राजस्व
विभाग के पत्र
क्रमांक एफ 1/1/0007/2022/सात/4 दिनांक 22.10.2025 के द्वारा
स्नातक
पटवारी/राजस्व
निरीक्षक तथा
लिपिक संवर्ग
से सीमित
प्रतियोगिता
परीक्षा के
माध्यम से
नायब
तहसीलदार के
पदों की
पूर्ति करने
का पत्र
म.प्र.कर्मचारी
चयन मंडल
भोपाल को
प्रेषित किया
गया है।
समय-सीमा बताया
जाना संभव
नहीं।
विकास
कार्य एवं
भूमि आवंटन
[राजस्व]
16.
( क्र. 145 ) श्रीमती
प्रियंका
पैंची : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) विधानसभा
क्षेत्र
चाचौड़ा
अंतर्गत
कितने विकास कार्य
प्रश्न
दिनांक तक
प्रस्तावित
है एवं कितने
कार्यों के
लिए भूमि
आवंटित हुई है
एवं कितने
कार्यों के
लिए भूमि
आवंटित होना
शेष है? जानकारी
दे। (ख) क्या प्रश्नकर्ता
के पत्र
क्रमांक 905/2025 दिनांक 27/10/2025 पत्र
क्रमांक 759/2024 दिनांक 08/11/2024 पत्र
क्रमांक 334/2024 दिनांक 12/05/2024 के माध्यम
से कलेक्टर
गुना को भूमि
आवंटन हेतु
कार्यवाही के
लिए पत्र लिखा
गया थाI यदि हाँ, तो प्रश्न
दिनांक तक
पत्र के संबंध
में क्या
कार्यवाही की
गई है? यदि
नहीं तो क्यों
नहीं? (ग) क्या
तहसील चाचौड़ा
के ग्राम
पैंची में
विश्राम गृह
प्रस्तावित
हुआ थाI जिसके लिए प्रश्न
दिनांक तक
भूमि आवंटित
नहीं हो पाई
है क्यों? क्या भूमि
आवंटन का
कार्य शीघ्र
ही पूर्ण किया
जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) विधानसभा
क्षेत्र
चाचौड़ा
अंतर्गत कुल 50 विकास
कार्य प्रश्न
दिनांक तक
प्रस्तावित
हैं। जिनमें
से कुल 34 विकास
कार्यों के
लिये भूमि
आवंटित हो गई
हैं। शेष 16 प्रकरणों
में
कार्यवाही
प्रचलित हैं। (ख) पत्र
क्रमांक 905/2025 दिनांक 27/10/2025 एवं पत्र
क्रमांक 759/2024 दिनांक 08.11.2024 नगर परिषद
मक्सूदनगढ़
के संबंध में
नगरपरिषद
मक्सूदनगढ से
पत्र क्रमांक 881 दिनांक 12.08.2025 से
प्रतिवेदन
प्राप्त हुआ
है। पत्र
क्रमांक 334/2024 में
दिनांक 12.05.2024 के पालन
नगर परिषद चाचौड़ा-बीनागंज
द्वारा आज
दिनांक तक
भूमि आंवटन
हेतु कोई
आवेदन नहीं किया
गया है। (ग) तहसील
चाचौड़ा के
ग्राम पैंची
में विश्राम
गृह हेतु EEPWD विभाग
द्वारा भूमि
आवंटन हेतु
आवेदन 27.10.2025 को किया
गया है जो
दिनांक 17.11.2025 को
अनुविभागीय
अधिकारी
अनुभाग चाचौड़ा
से प्रकरण में
प्रारूप दो
एवं प्रतिवेदन
चाहा गया हैं।
कार्यवाही
प्रचलन में है।
समय-सीमा बताया
जाना संभव
नहीं है।
नवीन
प्राथमिक स्वास्थ्य
केन्द्रों
में अमले की
पदस्थापना
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
17.
( क्र. 160 ) डॉ. योगेश
पंडाग्रे : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) विधानसभा
क्षेत्र आमला
में ग्राम
ससुन्द्रा
एवं
बारंगवाडी
में स्वीकृत
नवीन
प्राथमिक स्वास्थ्य
केन्द्रों
में चिकित्सक, नर्सिंग
स्टॉफ, पेरामेडिकल
स्टॉफ तथा अन्य
केडर के
कितने-कितने
पद स्वीकृत
हैं। (ख) प्रश्नांश
(क) वर्णित स्वास्थ्य
केन्द्रों
में स्वीकृत
पदों में
नियमित, संविदा
एवं आउटसोर्स
पदों की
संख्या
केडरवार
जानकारी दें। (ग)
नवीन
स्वीकृत स्वास्थ्य
केन्द्रों
में स्वीकृत
पदों के
विरूद्ध कितने
पदों पर
अधिकारियों/कर्मचारियों
की पदस्थापना
की जा चुकी
हैं तथा कितने
पद रिक्त हैं, कृपया
संस्थावार
ब्यौरा देवें।
(घ) स्वीकृत
पदों के
विरूद्ध
पदस्थापना
नहीं किए जाने
के क्या कारण
हैं तथा कब तक
सभी स्वीकृत
पदों को भरा
जाकर रोगियों
को स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
सुविधा का लाभ
प्रदान किया
जावेगा।
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) से
(ग) जानकारी
संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (घ) रिक्त
पदों की
पूर्ति एक
निरंतर
प्रक्रिया है, निश्चित
समयावधि बताई
जाना संभव
नहीं है। उपलब्ध
स्टॉफ द्वारा
आमजन को
चिकित्सा
सुविधाएं
उपलब्ध कराई
जा रही हैं।
स्टोरेज
टेंक एवं
सिंचाई
बैराजों की स्वीकृति
[जल संसाधन]
18.
( क्र. 161 ) डॉ. योगेश
पंडाग्रे : क्या जल
संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क)
बैतूल जिले
के अंतर्गत
विधानसभा
क्षेत्र आमला
में सिंचाई
योजनाओं यथा
स्टोरेज टेंक, सिंचाई
बैराज
निर्माण हेतु
जनप्रतिनिधियों
के माध्यम से
कितने
प्रस्ताव
प्राप्त हुए हैं? (ख) प्रश्नांश
(क) वर्णित
कितने
प्रस्तावों
पर विभाग द्वारा
डीपीआर तैयार
किए जा चुके
हैं, कितनी
योजनाओं में
साध्यता
प्राप्त हो
चुकी है तथा कितने
तकनीकी एवं
प्रशासकीय
स्वीकृति
हेतु प्रमुख
अभियंता
कार्यालय
अथवा शासन
स्तर पर लंबित
हैं। (ग) क्या सभी लंबित
सिंचाई
परियोजनाओं
को शीघ्र स्वीकृति
प्रदान कर
क्षेत्र के किसानों
की सिंचाई
संबंधी
समस्या का
समाधान किया
जाएगा। यदि
हाँ, तो
समय-सीमा बताएं।
जल
संसाधन
मंत्री ( श्री
तुलसीराम
सिलावट ) : (क) जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
के
प्रपत्र "अ" अनुसार है।
(ख) प्रश्नांश
(क) में
वर्णित
प्रस्तावों
पर विभाग
द्वारा की गई
कार्यवाही का विवरण
संलग्न परिशिष्ट के ''प्रपत्र-ब'' अनुसार है।
(ग) योजनाओं
के प्रस्ताव
तकनीकी
परीक्षणोंपरांत
उपयुक्त
पाये जाने पर
स्वीकृति
हेतु विचार
किया जा सकेगा।
शेष प्रश्न
लागू नहीं।
शासकीय
भूमि को निजी
बताकर नपती करना
[राजस्व]
19.
( क्र. 187 ) डॉ.
रामकिशोर
दोगने : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क)
क्या यह सही
है कि
विधानसभा प्रश्न
क्रं. 1251 दिनांक
06/08/2025 के प्रश्नांश
(क) के उत्तर
में बताया गया
कि जिला स्तर
सीमांकन दल
द्वारा
दिनांक 28/01/2025 को
सीमांकन किया
गया था? यदि हाँ, तो क्या
सीमांकन
स्थाई सीमा
चिन्हों से
मिलान कर
प्रारंभ किया
गया था? यदि नहीं, तो किन
सीमा चिन्हों
के आधार पर
सीमांकन किया
गया? विवरण
दें। (ख) क्या
सीमांकन दल
द्वारा
तहसीलदार के
आदेश क्र.0141/अ-3/24-25
दिनांक 22/10/2024 के बटांकन
आदेश अनुसार
सीमांकन किया
गया? यदि
नहीं तो क्यों? बटांकन
होने के बाद
भी सीमांकन दल
द्वारा पड़ोसी
कृषक की भूमि
नहीं नापते
हुए
उज्जैन-जावरा रोड
की शासकीय
भूमि को आवेदक
की भूमि में
नाप दिया गया
है? (ग) क्या मौके
पर आवेदक
रणजीत के पास
सर्वे क्र. 1160/1/1/1 व 1160/1/1/2
कुल रकबा 0.5020 की भूमि पर
कब्जा है? यदि नहीं तो
कितनी भूमि पर
पड़ोसी
कृषकों
द्वारा
अतिक्रमण
किया गया है? अतिक्रमित
भूमि के रकबा
सहित विवरण
दें। (घ) क्या
सीमांकन/नपती
हेतु स्थाई
सीमा चिन्हों
को चिन्हित कर
नपती करने के
नियम है? यदि हाँ, तो दिनांक 28/01/2025 को जिला
स्तर दल
द्वारा
सीमांकन
स्थाई सीमा चिन्हों
को चिन्हित कर
क्यों नहीं
किया गया?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) जी
हाँ, विधानसभा
प्रश्न क्र. 1251 दिनांक 06.08.2025 के प्रश्नांश
(क) के उत्तर
में बताया गया
था। शेष प्रश्नांश
के संबंध में
सीमांकन दल का
प्रतिवेदन
एवं पंचनामा
दिनांक 28.01.2025 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) जी
हाँ। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) नहीं, सर्वे क्र. 1160/1/1/1 व 1160/1/1/2
कुल रकबा 0.5020 की भूमि के
दल द्वारा
किये गये
सीमांकन
रिपोर्ट/पंचनामा
अनुसार मौके
पर पड़ोसी
कृषक
रामकन्याबाई
पति नारायण
जाति गुर्जर
का 10 कड़ी
पर अवैध कब्जा
पाया गया। शेष
प्रश्नांश
के संबंध में
सीमांकन दल का
प्रतिवेदन
एवं पंचनामा
दिनांक 28.01.2025 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
अनुसार है। (घ) जी
हाँ। सीमांकन/नपती
हेतु स्थाई
सीमा चिन्हों
को चिन्हित कर
नपती करने के
नियम है। शेष प्रश्नांश
के संबंध में
सीमांकन दल का
प्रतिवेदन
एवं पंचनामा
दिनांक 28.01.2025 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
अनुसार है।
अनियमितता
से उत्पन्न
स्थिति
[राजस्व]
20.
( क्र. 208 ) श्री आतिफ
आरिफ अकील : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) राजस्व
विभाग में
उपलब्ध
जानकारी
अनुसार वर्ष 2023-24,
2024-25 एवं 2025-26 में
प्रदेश के
लिये भारत
सरकार से
प्राकृतिक राहत
आपदा कोष के
लिये
कितनी-कितनी
राशि प्राप्त
हुई? उन
प्राप्त राशि
में से
किस-किस
वित्तीय वर्ष में
कितनी-कितनी
राशि
कितने-कितने
किसानों को
प्राकृतिक
आपदा/फसल
नुकसान पर
वितरीत की गई एवं
राहत वितरण
में पटवारी/तहसीलदार
द्वारा
आर्थिक
अनियमितताओं
के कितने
मामले प्रकाश
में आये तथा
उनमें क्या कार्यवाही
की गई? (ख) उपरोक्त
प्रश्नांश
के
परिप्रेक्ष्य
में रवि/खरीफ
की फसलों में बाढ़/अति
वृष्टि/ओला
वृष्टि/कीट
प्रकोप आदि से
नुकसान हुआ है? यदि हाँ, तो किस-किस
जिले में
कितने-कितने
प्रतिशत किन-किन
फसलों को
नुकसान हुआ है? क्या उनका
सर्वे कराया
गया है? यदि हाँ, तो सर्वे
के आधार पर
कितने
किसानों को
राहत राशि दी
गई है?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) राज्य
आपदा शमन निधि
में भारत
सरकार से
प्राप्त
राशि (केन्द्रांश)
एवं
किसानों/प्रभावितों
को वितरित व्यय
राशि की
वित्तिय
वर्षवार
जानकारी निम्नानुसार
है :- (राशि रू.
करोड़ में)
|
वर्ष |
भारत
सरकार से
प्राप्त
राशि |
व्यय
राशि |
|
2023-24 |
1605.60 |
762.99 |
|
2024-25 |
1686.40 |
664.72 |
|
2025-26 (दिनांक 19.11.25 तक) |
885.20 |
1593.68 |
उपरोक्त
अवधि के दौरान
राहत राशि
वितरण में
अनियमितता का
कोई प्रकरण
प्रकाश में
नहीं आया है। (ख)
जिलेवार जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
अनुसार है।
लंबित
राजस्व
प्रकरण
[राजस्व]
21.
( क्र. 213 ) श्री आतिफ
आरिफ अकील : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) भोपाल
जिले की
किस-किस तहसील
के अन्तर्गत
नामान्तरण
फौती
नामान्तरण, सीमांकन
आदि के
कितने-कितने
प्रकरण कब-कब
से किन-किन
कारणों से
लंबित है? (ख) उक्त
राजस्व
प्रकरणों का
निराकरण करने
की शासन
द्वारा क्या
समय-सीमा निर्धारित
की है एवं
समय-सीमा में
प्रकरणों का
निराकरण नहीं
किये जाने पर
संबंधितों के
विरूद्ध क्या
कार्यवाही
करने के
प्रावधान है, इस संबंध में
किन-किन के
विरूद्ध क्या
कार्यवाही की
गई? (ग) उक्त
लंबित
प्रकरणों का
समय-सीमा में
निराकरण नहीं किये
जाने पर किस-किस
स्तर पर
शिकायतें
किस-किस के
विरूद्ध
प्राप्त हुई
और उनमें क्या
कार्यवाही की
गई? (घ) उपरोक्त प्रश्नांश
के
परिप्रेक्ष्य
में तहसील
बैरागढ़
टी.टी. नगर
हुजूर एवं शहर
वृत्त के
लंबित
प्रकरणों की सूची दें?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) जिला भोपाल
की जानकारी
निम्नानुसार
हैं :-
|
क्र. |
तहसील |
लंबित
नामांतरण
प्रकरण
सख्या |
लंबित फौती
नामांतरण
प्रकरण
सख्या |
लंबित
सीमांकन
प्रकरण
सख्या |
|
1 |
हुजूर |
103 |
13 |
23 |
|
2 |
बैरसिया |
698 |
169 |
529 |
|
3 |
कोलार |
3707 |
1 |
399 |
|
4 |
नजूल वृत
टी.टी.नगर |
262 |
14 |
30 |
|
5 |
नजूल वृत
एम.पी.नगर |
475 |
21 |
70 |
|
6 |
नजूल वृत
बैरागढ़ |
814 |
68 |
85 |
|
7 |
नजूल वृत
गोविदपुरा |
1365 |
96 |
52 |
|
8 |
नजूल वृत
शहर |
55 |
24 |
- |
लंबित
प्रकरण आवेदक
की
अनुपस्थिति,
साक्ष्य,
दस्तावेजों
के
प्रस्तुतिकरण
एवं विवादित होने
के कारण
न्यायालयीन
प्रक्रिया
में लंबित
हैं। (ख) राजस्व
विभाग के
अन्तर्गत
नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन
डायवर्सन के
प्रकरणों के
निराकरण की
समय-सीमा निम्नानुसार
हैं:-
अविवादित
नामान्तरण:- 30 दिवस
विवादित
नामांतरण:- 90 दिवस
अविवादित बंटवारा:-
90
दिवस
सीमांकन:- 30 कार्य दिवस
डायर्वसन:- 15 दिवस अपील
प्रकरणों में
कोई समय-सीमा निर्धारित
नहीं हैं। लंबित
प्रकरण
समय-सीमा के
हैं जो आवेदक
की उपस्थिति
समय एवं
दस्तावेज
प्रस्तुति के
कारण लंबित
हैं एवं
विवादित
श्रेणी के
होने के कारण समय
अवधि में हैं।
प्रकरण
समय-सीमा में
होने से किसी
के विरूद्ध
कार्यवाही
नहीं की जा
सकती हैं। (ग) लंबित
प्रकरण
समय-सीमा में
हैं। किसी के विरूद्ध
शिकायत
प्राप्त नहीं हुई
हैं। (घ) जिला
भोपाल में
तहसील बैरागढ़, टी.टी.नगर, हुजूर एवं
शहर वृत्त के
लंबित
प्रकरणों की
सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार
है।
आपदाओं
से फसलों को
व्यापक क्षति
[राजस्व]
22.
( क्र. 226 ) डॉ.
हिरालाल अलावा
: क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
मध्य प्रदेश
में इस वर्ष
में
प्राकृतिक
आपदाओं एवं
कीट व्याधियों
के कारण फसलों
को व्यापक
क्षति पहुंची
है? (ख) विगत दो
वर्षों में
किन-किन जिलों
में फसलें खराब
हुईं तथा प्रभावित
क्षेत्र (हेक्टेयर
में) कितना
रहा? वर्षवार
एवं जिलेवार
विवरण देवें। (ग)
राजस्व
क्षति
प्रतिवेदन (Crop Damage
Assessment Reports) की
संख्या
जिलेवार एवं
वर्षवार
बतावें, जो
संबंधित
तहसीलों से
प्राप्त हुईं।
(घ) प्रभावित
किसानों की
संख्या
बतावें तथा उन्हें
वर्षवार
कितनी राहत
राशि (मुआवजा) वितरित
की गई? (ङ) मुआवजा
वितरण का
माध्यम? क्या राशि DBT द्वारा
सीधे किसानों
के खातों में
स्थानांतरित
की गई? (च) अतिवर्षा, बाढ़, ओलावृष्टि, पीला
मोजेक, कीट
व्याधि, सभी
प्रमुख
कारणों की
सूची बतावें
तथा उनके अनुसार
प्रभावित सभी
जिलों का
वर्गीकरण की
जानकारी भी देवें। (छ) फसल
बीमा योजना (PMFBY) के
अंतर्गत
कितने
किसानों को
लाभ मिला तथा कितनी
राशि वितरित
की गई? प्रति
सहित बतावें।
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) जी हाँ। (ख) से
(घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट
अनुसार है। (ङ) जी हाँ। (च)
एवं (छ) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
अनुसार है।
स्कूली
बच्चों के
जाति प्रमाण
पत्र बनाए जाना
[जनजातीय
कार्य]
23.
( क्र. 231 ) श्री सचिन
बिरला : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
जनजातीय
कार्य विभाग
द्वारा लोक
सेवा प्रबंधन
अभिकरण के
माध्यम से
स्कूली
विद्यार्थियों
के जाति
प्रमाण पत्र
बनवाए जाते
हैं? (ख) जनजातीय
कार्य विभाग
से लोक सेवा
प्रबंधन अभिकरण
द्वारा वर्ष 2019-20,
2020-21, 2021-22, 2022-23
एवं 2023-24
में जनजाति
वर्ग के
प्रमाण पत्र
की कितनी
संख्या हेतु
कितनी धनराशि
की मांग की गई
है एवं उपरोक्त
अवधि के
प्रमाण
पत्रों के लिए
विभाग द्वारा
कितनी राशि
लोक सेवा
प्रबंधन
अभिकरण को अंतरित
की गई है, कितनी
बकाया है? वर्षवार
जानकारी देवे।
(ग) बकाया
राशि का
भुगतान कब तक
कर दिया जाएगा?
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) : (क) जी
नहीं। सामान्य
प्रशासन
विभाग द्वारा जाति
प्रमाण पत्र जारी
किये जाने
हेतु
सम्बंधित
अनुविभागीय अधिकारी
(राजस्व) को
अधिकृत किया
गया है। (ख) जनजातीय
कार्य विभाग
के द्वारा
अनुसूचित जनजाति
के
छात्र/छात्राओं
को स्थाई
जाति प्रमाण
पत्र का
प्रदाय योजना
क्रमांक 8735 के
अंतर्गत प्रश्नांकित
वित्तय
वर्षवार लोक
सेवा प्रबंधन
विभाग को
प्रदाय आवंटन
का विवरण निम्नानुसार
है:
|
क्र. |
वर्ष |
प्रदाय
आवंटन (लाख
में) |
|
1 |
2019-20 |
20.00 |
|
2 |
2020-21 |
50.00 |
|
3 |
2021-22 |
11.00 |
|
4 |
2022-23 |
08.00 |
|
5 |
2023-24 |
2.40 |
लोक
सेवा प्रबंधन
अभिकरण के
द्वारा राशि
की मांग
वर्षवार नहीं
की जाती है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर
के संदर्भ में
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
सीमांकन
दल द्वारा गलत
नपती किए जाने
की जांच
[राजस्व]
24.
( क्र. 246 ) श्री
दिनेश जैन बोस
: क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क)
क्या
विधानसभा
अतारांकित प्रश्न
क्रं. 327 के
दिनांक 13/03/2025 के उत्तर
में आवेदक की
भूमि का सीमांकन
जिला स्तर के
दल गठन कर 28/01/2025 को किया
गया? यदि
हाँ, तो
क्या नपती दल
द्वारा 0.5020 हेक्टेयर
के स्थान पर 0.9100 हेक्टेयर
भूमि का
सीमांकन कर
निशानात
लगाये थे? क्या नपती
प्रतिवेदन के
आधार पर शासन
द्वारा राजस्व
रिकॉर्ड में
भी 0.5020
हेक्टेयर के
स्थान पर 0.9100 हेक्टेयर
दर्ज कर लिया
गया है? यदि हाँ, तो खसरा, बी-1 की
छायाप्रति
उपलब्ध कराएं।
यदि नहीं तो प्रश्न
के उत्तर में
अधिकारियों
द्वारा
विधानसभा में
गलत जानकारी
क्यों दी गई? स्पष्ट
करें। (ख) आवेदक
रणजीत के
सर्वे क्रं. 1160/1/1/1 व 1160/1/1/2
में कितनी भूमि
है? रकबा
सहित बताएं। नपती
दल द्वारा किस
आधार पर 0.9100 हेक्टेयर
की भूमि की
नपती कर
प्रतिवेदन
तहसीलदार को
दिया है? (ग) दिनांक
28/01/2025 को गठित दल
द्वारा गलत
नपती करने पर
उसकी शिकायत
कलेक्टर/कमिश्नर, मुख्य
सचिव, मुख्यमंत्री
को पत्र क्रं. 5399/नागदा दिनांक
19/02/2025,
5400 दिनांक
25/02/2025 द्वारा की
गई थी परंतु
अधिकारियों
द्वारा
सीमांकन दल की
जानबूझकर की
गई गलती को
छुपाने हेतु
पूर्व विधायक
द्वारा की गई
शिकायत की
जांच न करते
हुए विधानसभा
में गलत
जानकारी दी गई
है? क्या
शासन इसकी
उच्च स्तरीय
जांच करायेगा?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) जी हाँ।
नपती दल की
रिपोर्ट में
प्रश्नांकित
रकबों का उल्लेख
नहीं है। नपती
दल की रिपोर्ट,
पंचनामा
की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट अनुसार है।
नपती दल के
प्रतिवेदन
में 0.9100 हे. के
सीमांकन का
कोई उल्लेख नहीं
है। राजस्व
अभिलेखों में
रकबा 0.5020 हे. के स्थान
पर 0.9100 हे. नहीं
किया गया है
एवं ना ही
सीमांकन
प्रतिवेदन के
आधार पर राजस्व
अभिलेखों में
कोई संशोधन
किये जाने के
प्रावधान
हैं।
विधानसभा में
कोई गलत
जानकारी नहीं
दी गई है। (ख) ग्राम
पाडल्याकलां
स्थित भूमि
खसरा नकल
अनुसार सर्वे
क्र. 1160/1/1/1 व 1160/1/1/2 रकबा क्रमश:
0.0320
हे. व 0.4700 हे. कुल
किता 2 कुल रकबा 0.5020 हे.
वर्तमान
राजस्व
अभिलेख में
दर्ज है। नपती
दल द्वारा
तहसीलदार को
दिए गए
प्रतिवेदन
में 0.9100 हे. के
सीमांकन का
कोई उल्लेख
नहीं है। (ग) प्रश्नांश
(ग) के
परिप्रेक्ष्य
में गठित दल
द्वारा
सीमांकन किया
गया जिसके संबंध
में कमिश्नर
उज्जैन को
दिनांक 19/02/2025 को दी गई
शिकायत क्रमश:
कलेक्टर उज्जैन
के पत्र क्र. 7022 दिनांक 18/07/2025 द्वारा
कार्यालय
अनुविभागीय
अधिकारी नागदा
को प्राप्त
हुई, जिसका
प्रतिवेदन
क्रमांक 1020 दिनांक 18/09/2025 से भेजा
गया है।
माननीय मुख्यमंत्री
जी को
प्रस्तुत
शिकायत
दिनांक 27/02/2025
कार्यालय
अनुविभागीय
अधिकारी
नागदा को कलेक्टर
उज्जैन के
पत्र क्र. 7055 दिनांक 18/07/2025 से
प्राप्त हुई
एवं मुख्य
सचिव को दिनांक
27/02/2025
को प्रस्तुत
शिकायत कलेक्टर
उज्जैन के पृ.क्रमांक
6773
दिनांक 15/07/2025 से
कार्यालय
अनुविभागीय
अधिकारी
नागदा को प्राप्त
हुई जिसका
संयुक्त
प्रतिवेदन
अनुविभागीय
अधिकारी
नागदा द्वारा
पत्र क्रमांक 1021 दिनांक 18/09/2025 द्वारा
भेजा गया है।
जी नहीं।
वेतन
विसंगति एवं
केंद्रीय
श्रम कानूनों
का उल्लंघन
[स्कूल
शिक्षा]
25.
( क्र. 253 ) श्री महेश
परमार : क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
राज्य शिक्षा
केंद्र, भोपाल के
अधीन कार्यरत
सहायक वार्डन, श्री करण
शर्मा (उज्जैन)
को समान
पारिश्रमिक
अधिनियम, 1976 का स्पष्ट
उल्लंघन करते
हुए, उनके
समकक्षों को
देय मासिक
वेतन ₹35,500/-के
स्थान पर
मात्र ₹9, 815/- का भेदभाव पूर्ण
भुगतान किया
जा रहा है और कर्मचारी
भविष्य निधि
एवं विविध
उपबंध अधिनियम, 1952 की धारा 10 (सी) का उल्लंघन
करते हुए
दिनांक 18/08/2021 से उनकी
भविष्य निधि (PF) जमा नहीं
की गई है? (ख) यदि
हाँ, तो
इस गंभीर
वित्तीय
दुराचार एवं
केंद्रीय एवं
राज्य के
समवर्ती सूची
के श्रम
कानूनों के उल्लंघन
के लिए, जिसके
विरुद्ध
कर्मचारी को
राष्ट्रीय
मानव अधिकार
आयोग के
साथ-साथ मध्यप्रदेश
शासन के
प्रत्येक
स्तर में अक्टूबर
25 की विविध
दिनांक एवं 23 अक्टूबर 25 को
प्राप्त
शिकायत पत्र
पर क्या-क्या
कार्यवाही की
गई है तो उनकी
प्रमाणित
प्रतियां एवं प्रश्न
दिनांक तक की
शिकायत पत्र
पर की गई
कार्यवाही का
विवरण देवें। (ग)
तत्कालीन
नियंत्रक (ई
एंड आर) श्री
राकेश कुमार
पाण्डेय, तत्कालीन
समन्वयक (ई
एंड आर) श्री
धर्मेंद्र
कुमार मोरे और
तत्कालीन जिला
परियोजना
समन्वयक श्री
आनंद कुमार
शर्मा के
विरुद्ध
मध्यप्रदेश
सिविल सेवा (आचरण)
नियम, 1965
की धारा 3 के
अंतर्गत
दंडात्मक
कार्यवाही
क्यों नहीं की
गई है? यह
कार्यवाही कब
तक पूरी कर ली
जाएगी? (घ) क्या
शासन
याचिकाकर्ता
श्री करण
शर्मा को समान
कार्य, समान वेतन
के सिद्धांत पर
आधारित समस्त
बकाया वेतन (₹35,500/-
मासिक
की दर से) एवं 13% नियोक्ता
अंशदान सहित PF की बकाया
राशि ब्याज
सहित तत्काल
दिलाने का निर्देश
जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब-तक?
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) जी नहीं। कस्तूरबा
गांधी बालिका
विद्यालय एवं
बालिका
छात्रावासों
में सहायक
वार्डन (संविदा)
के नियम एवं
मानदेय तथा
आवासीय विशेष
प्रशिक्षण
केन्द्र (आर.एस.टी.)
के स्वयं सेवक
(सहायक वार्डन)
के नियम एवं
मानदेय
पृथक-पृथक है।
वार्षिक
कार्य योजना 2017-18 में
आवासीय विशेष
प्रशिक्षण
केन्द्र (आर.एस.टी.)
को नेताजी
सुभाष चन्द्र
बोस बालक
आवासीय छात्रावास
में
परिवर्तित कर
विभागीय रूप
से संचालित
करने का
निर्णय लिया
गया। जिसमें
बालक आवासीय
छात्रावास
में सहायक
वार्डन की
नियुक्ति के
निर्देश पृथक
है। कस्तूरबा
गांधी बालिका
विद्यालय एवं
बालिका
छात्रावासों
में कार्यरत
सहायक वार्डन
(संविदा) का
मासिक मानदेय
राशि रु 34,400/- (राशि रु
चौतीस हजार
चार सौ मात्र) प्रतिमाह
भुगतान किया
जाता हैं जबकि
आवासीय विशेष
प्रशिक्षण
केन्द्र (आर.एस.टी.)
में पूर्व से
कार्यरत
सहायक वार्डन
का मानदेय
राशि रूपये 9815/- प्रतिमाह
यथावत हैं। मान.
उच्च
न्यायालय
इन्दौर में
रिट याचिका WP-10405/2021 दायर की
गयी। मान.
उच्च
न्यायालय
इन्दौर के
द्वारा स्थगन
दिया गया। जिला
शिक्षा
केन्द्र जिला
उज्जैन के
द्वारा जवाबदावा
प्रस्तुत कर
दिया गया हैं।
मान. उच्च
न्यायालय
इन्दौर में
प्रकरण विचाराधीन
हैं। शेषांश
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता हैं। (ख) जी
नहीं। अक्टूबर
2025 की विविध
दिनांक एवं 23 अक्टूबर 2025 को
कार्यालय में
शिकायती पत्र
प्राप्त नहीं हुये
हैं। शेषांश
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता हैं। (ग) एवं
(घ) उत्तरांश
'क' अनुसार।
शेषांश का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता हैं।
एम.आर.ई.
मशीन
रेडियोलाजिस्ट
की व्यवस्था
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
26.
( क्र. 284 ) श्री
ब्रजेन्द्र
प्रताप सिंह : क्या उप मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
पन्ना जिला
चिकित्सालय
में
सोनोग्राफी
मशीन है
किन्तु मशीन
संचालन हेतु
कोई भी रेडियोलाजिस्ट
नहीं है? क्या जिला
चिकित्सालय
पन्ना में एम.आर.ई.
मशीन न होने
से मरीजों को
जांच हेतु
जिले के बाहर
जाना पड़ता है? (ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार यदि
हाँ, है
तो उक्त
समस्या के
निराकरण हेतु प्रश्नकर्ता
द्वारा
प्रमुख सचिव
लोक स्वास्थ
परिवार कल्याण
विभाग भोपाल
एवं माननीय
उपमुख्यमंत्री
एवं लोक
स्वास्थ
परिवार
कल्याण एवं
चिकित्सा
शिक्षा मंत्री
जी को दिये
गये पत्र पर
क्या
कार्यवाही की गई
है? यदि
नहीं तो क्यों
कारण बतावे?
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) जी
हाँ पन्ना
जिले में कुल 03
सोनोग्राफी
मशीन उपलब्ध
है तथा
वर्तमान में
मशीन संचालक
हेतु
रेडियोलॉजिस्ट
पदस्थ नहीं
है। जी हाँ जिला
चिकित्सालय
पन्ना में
एम.आर.आई. मशीन
न होने के
कारण एम.आर.आई.
की जांच हेतु
मरीजों को अन्य
शासकीय एवं
अशासकीय संस्थाओं
में जाना
पड़ता है। (ख) विभाग
द्वारा
विशेषज्ञों
के 1388
पदों की
पूर्ति हेतु
मांग-पत्र
मध्यप्रदेश
लोक सेवा आयोग
को प्रेषित
किया गया है। मध्यप्रदेश
लोक सेवा आयोग
द्वारा कुल 48
रेडियोलॉजिस्ट
के मांग पत्र
के विरूद्ध
केवल 07
रेडियोलॉजिस्ट
उपलब्ध कराये
गये है, शेष पदों
के लिए
कार्यवाही की
जा रही है। पदपूर्ति
निरंतर
प्रक्रिया
होने से
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
तालाबों
को परियोजना
से जोड़ना
[जल संसाधन]
27.
( क्र. 285 ) श्री
ब्रजेन्द्र
प्रताप सिंह : क्या जल
संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या प्रश्नकर्ता
के तारांकित प्रश्न
क्रमांक 996 में पन्ना-पहाड़ीखेरा
क्षेत्र को
केन-बेतवा
लिंक
परियोजना के
तहत जोड़े
जाने को लेकर
पूछे गए प्रश्न
के उत्तर में
माननीय
मंत्री जी
द्वारा पहाड़ीखेरा
ग्राम को पतने
परियोजना के
तहत जोड़ा जाना
प्रस्तावित
है से अवगत
कराया गया था? (ख) यदि
हाँ, तो
क्या
पहाड़ीखेरा
ग्राम को
परियोजना के
तहत जोड़ा
जाकर सर्वे कार्य
प्रारंभ कर
दिया गया है? यदि नहीं
तो क्यों?, क्या
माननीय
मंत्री जी
द्वारा
दिनांक 20.03.2025 को सदन में
ध्यानाकर्षण
के माध्यम से
पन्ना-पहाड़ीखेरा
क्षेत्र को
केन-बेतवा
लिंक परियोजना
से जोड़े जाने
की दी गई
स्वीकृति
अन्तर्गत
केवल पहाड़ीखेरा
ग्राम को ही
सम्मिलित
किया गया है, शेष बचे
हुए क्षेत्र
तथा पन्ना नगर
के चंदेल कालीन
तालाबों को
जलापूर्ति
हेतु किस
परियोजना के
तहत जोड़ा
जावेगा?
जल
संसाधन
मंत्री ( श्री
तुलसीराम
सिलावट ) : (क) जी हाँ। (ख) जी
हाँ, सर्वेक्षण
कार्य
प्रगतिरत है। जी
नहीं, सम्पूर्ण
पहाड़ीखेरा क्षेत्र
(पहाड़ीखेरा
ग्राम को
मिलाकर) सर्वेक्षण
कार्य में
शामिल है। पन्ना
नगर के चंदेल
कालीन लोकपाल
सागर तालाब की
जलापूर्ति
हेतु किलकिला
फीडर योजना का
जीर्णोद्वार
कार्य कराया
जाना
प्रतिवेदित
है।
अतिक्रमण
न हटाये जाने
की शिकायत
[राजस्व]
28.
( क्र. 324 ) श्री संजय
सत्येन्द्र
पाठक : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
सरपंच ग्राम
पंचायत
दुब्बार जिला
उमरिया द्वारा
नायब
तहसीलदार
तहसील
चांदिया
वृत्त लोढ़ा
को 03.07.2024
तथा 23.06.2025
एवं 09.10.2025
को कलेक्टर
उमरिया, एस.डी.एम.
बांधवगढ़, नायब
तहसीलदार
चांदिया को
ग्राम
दुब्बार के श्मशान
शेड एवं ग्राम
पंचायत की
अन्य शासकीय भूमि
में अतिक्रमण
के संबंध में
शिकायत प्रेषित
की थी? (ख) क्या प्रश्नांश
(क) अनुसार
मनरमन
विश्वकर्मा
द्वारा
मुख्यमंत्री
महोदय, राजस्व मंत्री
महोदय, प्रमुख
सचिव राजस्व
विभाग का 31.07.2025 एवं
कलेक्टर जिला
उमरिया, एस.डी.एम.
बांधवगढ़, नायब
तहसीलदार
चांदिया
वृत्त लोढ़ा
को 01.08.2025
एवं दूसरी बार
दिनांक 01.10.2025 एवं 25.09.2025 को शिकायत
प्रेषित की
गयी है? (ग) क्या
उपरोक्त जिले
के तीनों
प्रमुख
अधिकारियों
को प्रदीप
तिवारी
निवासी ग्राम
दुब्बार
द्वारा 25.09.2025 तथा
मुख्यमंत्री
महोदय, राजस्व
मंत्री महोदय
को भी 25.09.2025 एवं 26.09.2025 को
शिकायतें
प्राप्त हुई
है? (घ) क्या 08.10.2025 को शिवलाल
सेन पिता स्व.
प्रेमलाल सेन
निवासी ग्राम
दुब्बार की
अपने ही पिता
का शव उक्त श्मशान
शेड में न
जलाये देने
एवं वहां से
सैकड़ों
ग्रामीणों के
सामने गाली
गलौंच कर भगा
देने की
शिकायत भी
कलेक्टर जिला
उमरिया एवं एस.डी.एम.
बांधवगढ़
जिला उमरिया
को प्राप्त
हुई है? (ङ) क्या
माननीय
मुख्यमंत्री
महोदय, राजस्व
मंत्री महोदय, प्रमुख
सचिव राजस्व
द्वारा
कलेक्टर जिला
उमरिया को
उक्त
अतिक्रमण
हटाये जाने के
निर्देश भी
प्रदान किए गए
हैं यदि हाँ, तो कब-कब
बतायें? निर्देशों
की प्रति
उपलब्ध
करावें। (च)
प्रश्न
दिनांक तक
कार्यवाही न
किए जाने के
लिए किस राजस्व
अधिकारी
द्वारा दो
वर्ष व्यतीत
हो जाने के
पश्चात् भी
श्मशान एवं
अन्य स्थानों
से अतिक्रमण
नहीं हटाया जा
रहा है? क्या
अतिक्रमण
हटाया जाकर
दोषी
अधिकारियों
के विरूद्ध
कार्यवाही की
जावेगी? नहीं तो
क्यों?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) से (घ) जी हाँ। (ङ)
जी हाँ। निर्देश
की प्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट ''ब''
अनुसार हैं। (च) ग्राम
दुब्बार
पटवारी हल्का
दुब्बार
वृत्त लोढा
तहसील चंदिया
द्वारा अतिक्रामकों
के विरूद्ध म.प्र.
भू-राजस्व
संहिता 1959 की धारा 248 के तहत
प्रकरण दर्ज
कर
अतिक्रमणकर्ताओं
को नोटिस जारी
किया गया विस्तृत्त
विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
''अ''अनुसार है।
अंकसूची
की जांच
[स्कूल
शिक्षा]
29. ( क्र. 385 ) श्री
लखन घनघोरिया
: क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता
के अतारांकित
प्रश्न
क्रमांक 280 दिनांक 30/07/2025 के उत्तर
के
परिप्रेक्ष्य
में माध्य.
शिक्षा मण्डल
म.प्र. भोपाल
हाई स्कूल
सर्टिफिकेट परीक्षा
(10+2)
1998 एवं
हायर
सेकेण्डरी
सर्टिफिकेट
परीक्षा (10+2) 2000 श्री विजय
पाण्डेय पिता
गया प्रसाद
पाण्डेय जबलपुर
ने संत थामस
हायर
सेकेण्डरी
स्कूल जबलपुर
से नियमित
छात्र के रूप
में किस
श्रेणी में
उत्तीर्ण की है? अंकसूची
की
छायाप्रतियां
दें। (ख) म.प्र.
राज्य ओपन
स्कूल (म.प्र.शासन
स्कूल शिक्षा
विभाग) भोपाल
हायर
सेकेण्डरी (10+2) परीक्षा
दिसम्बर 2002 श्री विजय
पाण्डेय पिता
गया प्रसाद
पाण्डेय नामक
छात्र ने
शासकीय उच्च.
माध्य.
विद्यालय अधारताल
जबलपुर
परीक्षा
केन्द्र क्र.12001 अध्ययन
केन्द्र 1201 से किस
श्रेणी में
उत्तीर्ण की
है एवं इन्हें
किसके
हस्ताक्षर से
अंकसूची जारी
की गई है? बतलावें। इस
परीक्षा
केन्द्र से
कितने
छात्रों ने
गणित विज्ञान
विषय में
प्रथम श्रेणी
में परीक्षा
उत्तीर्ण की
है? अंक
सूची सहित
छात्रों की
सूची दें। (ग) म.प्र.
राज्य मुक्त
स्कूल बोर्ड
भोपाल का पत्र
क./एस.ओ.एस.ई.बी./परीक्षा
2/2025/3596 दिनांक 25/08/2025 द्वारा
अनुक्रमांक 120113578 हायर
सेकेण्डरी
अंकसूची सरल क्र.
डी.029956
परीक्षा वर्ष
दिसम्बर 2002 परीक्षा
केन्द्र 12001 अध्ययन
केन्द्र 1201 के सत्यापन
से सम्बंधित
क्या जानकारी
दी गई है? स्पष्ट
करें। सत्यापित
अंकसूची व
पत्र की
छायाप्रति
दें।
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) श्री विजय
पाण्डेय
पिता श्री गया
प्रसाद पाण्डेय
जबलपुर
द्वारा हाईस्कूल
परीक्षा वर्ष 1998 में
नियमित रूप से
द्वितीय
श्रेणी से उत्तीर्ण
की है एवं
हायर सेकेण्डरी
परीक्षा वर्ष 2000 नियमित का
परीक्षा
परिणाम अनुत्तीर्ण
रहा है। प्रतिपर्ण
की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ-अनुसार। (ख) प्रथम
श्रेणी में
उत्तीर्ण की
है। तत्कालीन
संचालक के हस्ताक्षर
से अंकसूची
जारी की गई है।
एक छात्र ने
गणित विज्ञान
विषय में
प्रथम श्रेणी
में परीक्षा
उत्तीर्ण की
है। छात्र की
अंक सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब-अनुसार। (ग) उल्लेखित
जावक क्रमांक
से प्रश्नाधीन
प्रकरण का
पत्र इस
कार्यालय से नहीं
भेजा गया है। अनुक्रमांक-120113578 (हायर
सेकेण्डरी) की
अंक सूची का
सत्यापन
रिपोर्ट सत्य
भेजी गई थी, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स-अनुसार।
मोबिलिटी
सपोर्ट में
राशि व्यय
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
30. ( क्र. 386 ) श्री
लखन घनघोरिया
: क्या
उप मुख्यमंत्री,
लोक
स्वास्थ्य एवं
चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) राष्ट्रीय
स्वास्थ्य
मिशन म.प्र.
भोपाल द्वारा
मुख्य
चिकित्सा
एवं स्वास्थ्य
अधिकारी
जबलपुर को
कोविड-19 में
मोबिलिटी
सपोर्ट में
एवं मोबिलिटी
सपोर्ट के तहत
किस-किस
गतिविधि में
वाहनों का
किराया एवं
पी.ओ.एल. हेतु
कितनी-कितनी
राशि आवंटित
की गई एवं कितनी-कितनी
राशि व्यय
हुई? नमूना
संग्रहण, वैक्सीन
परिवहन व
किराया व
पी.ओ.एल. पर
कितनी-कितनी
राशि व्यय
हुई? वर्ष
2019-20 से 2022-23 तक की
जानकारी दें। (ख)
प्रश्नांश (क)
में पी.ओ.एल.
बिल क्रमांक 1407 दिनांक 18/03/2020 बिल
क्रमांक 1406 दिनांक 20/03/2020, बिल क्र. 568 दिनांक 29/06/2020, बिल क्र. 530 दिनांक 31/12/2020, बिल क्र. 588 दिनांक 18/09/2020, बिल क्र. 705 दिनांक 26/03/2022, बिल क्र. 706 दिनांक 27/03/2022 पर कुल कितनी
राशि व्यय
हुई? इन
बिलों से
संबंधित
किन-किन
वाहनों में
कब-कब
कितनी-कितनी
मात्रा में
कितनी-कितनी
राशि का पी.ओ.एल.
भरवाया गया और
वाहन कब से कब
तक माहवार कितने-कितने
कि.मी. चला हैं? नोटशीट
बिलों सहित
वाहनों की
सूची दें। (ग) प्रश्नांश
(क) में
किन-किन
अधिकारियों
द्वारा कब से
कब तक माहवार
कितने-कितने
दिवस कितने-कितने
कि.मी.
निरीक्षण
यात्राओं में
वाहनों का
किराया, नमूना
संग्रहण व एम्बूलेंस
किराया पर
कितनी-कितनी
राशि व्यय की
गई हैं? अनुबंधित
वाहनों की दर
सहित सूची
अधिकारियों
का पदनाम सहित
माह अप्रैल 2022 से जून 2022 तक की
जानकारी दें। नोटशीट
सहित बिलों की
छायाप्रति
दें।
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) राष्ट्रीय
स्वास्थ्य मिशन म.प्र.
भोपाल द्वारा
मुख्य
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य
अधिकारी
जबलपुर को
कोविड-19 में
मोबिलिटी
सपोर्ट एवं
मोबिलिटी सपोर्ट के
तहत वाहनों के
किराया एवं
पी.ओ.एल. के लिए
आवंटित राशि
एवं व्यय की
वर्षवार जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र ''अ'' अनुसार। जानकारी प्रश्नांश
के प्रथम भाग
में समाहित है।
(ख) कार्यालय
मुख्य
चिकित्सा एवं
स्वास्थ्य अधिकारी
जबलपुर में
उपलब्ध बिलों
एवं नोटशीट की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र ''ब'' अनुसार। शेष
जानकारी
कार्यालय
मुख्य
चिकित्सा एवं
स्वास्थ्य
अधिकारी
जबलपुर में
उपलब्ध नहीं होने
के कारण दिया
जाना संभव नहीं
है। मुख्य
चिकित्सा
एवं स्वास्थ्य
अधिकारी
जबलपुर को
जानकारी
उपलब्ध नहीं
कराए जाने
हेतु राष्ट्रीय
स्वास्थ्य
मिशन
कार्यालय से
कारण बताओं
सूचना पत्र क्रमांक/एनएचएम/एसपीएमयू/2025/517/199 दिनांक 25.11.2025 को जारी
किया गया। (ग) अधिकारियों
द्वारा
निरीक्षण
यात्राओं में वाहनों
का किराया, नमूना
संग्रहण व
एम्बूलेंस
किराया पर
व्यय की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र ''स'' अनुसार। अनुबंधित
वाहनों की दर
की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र
''द'' अनुसार। पदनाम
एवं नोटशीट
सहित बिलों की
छायाप्रति की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र ''ई'' अनुसार।
मंदिर
निर्माण एवं
जीर्णोद्धार
हेतु योजना
[धार्मिक
न्यास और
धर्मस्व]
31.
( क्र. 390 ) श्री
राकेश शुक्ला
: क्या राज्य
मंत्री, धार्मिक
न्यास और
धर्मस्व
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) मंदिरों
के
जीर्णोद्धार
हेतु शासन की
क्या योजना
हैं? (ख) यदि ऐसी
कोई योजना है
तो उसका लाभ
कौन-कौन से मंदिरों
को दिया जा
सकता है एवं
उसके क्या
प्रकार होंगे? (ग) विधायक
निधि से
मंदिरों के
जीर्णोद्धार
अथवा नवीन
निर्माण के
लिए शासन के
क्या दिशा
निर्देश हैं?
राज्य
मंत्री, धार्मिक
न्यास और
धर्मस्व (
श्री
धर्मेन्द्र
भाव सिंह लोधी
) : (क) शासन
संधारित मंदिरों
के
जीर्णोद्धार
हेतु राशि
रूपये 1.00 लाख से
अधिक राशि की
प्रशासकीय स्वीकृति
हेतु संभागीय
आयुक्त के
माध्यम से
प्रस्ताव
अनुशंसा सहित
प्राप्त
होने पर कार्य
की औचित्यता
एवं बजट की
उपलब्धता के
आधार पर
प्रशासकीय
अनुमोदन
उपरांत स्वीकृत
किये जाने के
निर्देश है। (ख)
विभाग
द्वारा शासन
संधारित
मंदिरों के
जीर्णोद्धार
हेतु राशि स्वीकृत
की जाती है। (ग) प्राप्त
जानकारी
अनुसार
विधानसभा
निर्वाचन
क्षेत्र
विकास योजना
अंतर्गत
धार्मिक आस्था
से संबंधित
कार्य करवाने
का उल्लेख
नहीं है।
सीएम
राइज स्कूल
निर्माण एवं
व्यवस्था
[स्कूल
शिक्षा]
32.
( क्र. 391 ) श्री
राकेश शुक्ला
: क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि
(क) प्रश्नकर्ता
के विधानसभा
क्षेत्र में
निर्माणाधीन
सीएम राइज स्कूल
का निर्माण
कार्य कब
पूर्ण होगा? (ख) उल्लेखित
स्कूलों में
स्वीकृत
पदों एवं अध्ययनरत
बच्चों के
अनुपात में
शिक्षकों की
क्या व्यवस्था
है कितनी कमी
अथवा अधिकता
है। (ग) विभिन्न
विषयों को
पढ़ाने वाले
व्याख्याता, उच्च
श्रेणी
शिक्षकों की
उपलब्धता से
अवगत करवाएं। (घ)
प्रश्नकर्ता
विधानसभा
क्षेत्र में
उपलब्ध
विभिन्न
शासकीय
विद्यालयों
में उपस्थिति
छात्र-छात्रा
एवं उनमें
कार्यरत शिक्षकों, प्राचार्य, प्रधानाध्यापकों
की संपूर्ण
जानकारी
उपलब्ध
करवाएं।
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) विधानसभा
क्षेत्र
मेहगाँव अंतर्गत
संचालित 02 सांदीपनि
विद्यालय
क्रमशः
मेहगाँव एवं
अमायन जिला
भिण्ड का
निर्माण
कार्य माह जून
2026 तक पूर्ण
होना संभावित
है। (ख) एवं (ग) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 पर
है। (घ)
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 पर
है।
अतिवृष्टि
एवं कीट व्याधि
से नष्ट हुई
फसलों का
मुआवजा
[राजस्व]
33.
( क्र. 424 ) श्री
विवेक विक्की
पटेल : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) बालाघाट
जिले में हुई
असमय
अप्रत्याशित
अतिवृष्टि
एवं
कीटव्याधि (प्रकोप)
के कारण
किसानों को
फसल की
अत्यधिक
क्षति हुई है? यदि हाँ, तो क्या
किसानों को
हुई क्षति का
त्वरित सर्वे
कराकर उन्हें हुए
नुकसान का
उचित मुआवजा
शासन द्वारा
प्रदान किया
जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? कृपया
समय-सीमा बताएं? शासन
द्वारा प्रति
एकड़ मुआवजे
की राशि क्या निर्धारित
की जाएगी? (ख) बालाघाट
जिले में जिन
कृषकों ने
कृषक फसल बीमा
करवाया है
उनके समान ही
अन्य किसान
जिन्होंने कृषक
फसल बीमा नहीं
करवा पाए हैं
उन्हें भी असमय
फसल नुकसान की
क्षति पूर्ति
का लाभ प्रदान
किया जावेगा? हाँ अथवा
नहीं? यदि
हाँ, तो
कब तक? कृपया
समय-सीमा बताएं?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) जी हाँ, बालाघाट
जिले में असमय
अप्रत्याशित
अतिवृष्टि
एवं कीटव्याधि
(प्रकोप) के
कारण फसल
क्षति हेतु
संयुक्त दल
गठित कर सर्वे
कराया जाकर
राजस्व पुस्तक
परिपत्र 6-4 के
प्रावधान
अनुसार
प्रभावित
कृषकों को राहत
राशि के
भुगतान की
कार्यवाही
प्रचलित है। राजस्व
पुस्तक
परिपत्र 6-4 अंतर्गत
फसल क्षति
हेतु
मुआवजा/राहत
राशि के स्थायी
निर्देश
निर्धारित है।
(ख) कृषकों
द्वारा फसल
बीमा करवाये
जाने पर प्रधानमंत्री
फसल बीमा
योजना में
क्षतिपूर्ति
दिए जाने के
प्रावधान है। योजना
अनुसार
कृषकों को फसल
क्षति होने पर
नियमानुसार
दावों का
भुगतान किया
जावेगा। बालाघाट
जिले में जिन
कृषकों ने फसल
बीमा नहीं
करवाया है उन्हें
फसल क्षति
होने पर राजस्व
पुस्तक
परिपत्र 6-4 अंतर्गत
आर्थिक
सहायता राशि
प्रदाय की जा
रही है। अत:
शेष प्रश्न
उद्भूत नहीं
होता।
जिम्मेदारों
पर कार्यवाही
के साथ राशि
वसूली
[जनजातीय
कार्य]
34.
( क्र. 441 ) श्री अभय
मिश्रा : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
कार्यालय
आयुक्त
जनजातीय
विभाग म.प्र.
के पत्र क्र. 16429 भोपाल दिनांक
31.07.2025 एवं इन्हीं
के पत्र क्र.11440 दिनांक 10.06.2025 एवं पत्र
क्रमांक-13803 दिनांक 09.07.2025 में जांच
रिपोर्ट में
वित्तीय
अनियमितता
पायी जाने पर
प्रथम दृष्टया
श्री विकास
तिवारी निम्न
श्रेणी लिपिक
कार्यालय
कलेक्टर (जनजातीय
कार्य) रीवा
को उत्तरदायी
पाया गया है
श्री तिवारी
के विरूद्ध कलेक्टर
को
अनुशासनात्मक
कार्यवाही का
लेख किया गया
है? श्री
तिवारी पर की
गई कार्यवाही
से अवगत
करावें तथा बतावें कि
आरोप पत्र
संबंधित को कब
किन दिनांकों
पर जारी किया
गया आरोप
पत्र एवं जवाब की
प्रति देवें, अगर आरोप
पत्र जारी
नहीं किया गया
तो इसके लिये
जिला संयोजक
एवं अन्य
जिम्मेदार
अधिकारी/कर्मचारी
के विरूद्ध क्या
कार्यवाही नहीं तो क्यों? श्री
तिवारी
वर्तमान में
कहां पदस्थ
होकर कार्यरत
है इसी पत्र
में दोषी
अधिकारियों
का पदनाम, आरोप पत्र
की प्रति भी
चाही गई इस
अनुसार कार्यवाही
की जानकारी
देवें? (ख) प्रश्नांश
(क) के तारतम्य
में प्रश्नकर्ता
सदस्य
द्वारा
निर्माण
कार्यों से
संबंधित
जानकारी बावत्
पत्र क्रमांक-1095 दिनांक 26.08.2025 के द्वारा
जिला संयोजक
आदिम जाति कल्याण
विभाग से
जानकारी चाही
गई जो प्रश्न
दिनांक तक
नहीं देने पर
सामान्य
प्रशासन
विभाग द्वारा
जारी निर्देश
के पालन में
संबंधितों पर
अनुशासनात्मक
कार्यवाही के
साथ जानकारी
बावत् क्या
निर्देश जारी
किए निर्माण
कार्यों के
निर्माण बावत्
जारी
कार्यादेश से
संबंधित
नोटशीट की
प्रति पिछले
पांच वर्षों
से प्रश्नांश
दिनांक तक की
देवें? वित्तीय
वर्ष 2025-26
में स्वीकृत
कार्यों की
जानकारी एवं
प्रस्ताव की
प्रति भी
देवें?
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) : (क) जी हाँ। श्री
विकास कुमार
तिवारी को
अनियमितता के
संबंध में
कलेक्टर, रीवा के
आदेश क्र./तीन/स्था./2025/92 दिनांक 24/04/2025 के द्वारा
निलंबित किया
गया। कलेक्टर
रीवा के पत्र
क्र तीन/स्था./2025/439 दिनांक 11/06/2025 के द्वारा
संबंधित को
आरोप पत्र
जारी किया गया।
श्री तिवारी
द्वारा
दिनांक 08/07/2025 को जवाब
प्रस्तुत
किया गया। कार्यालय
कलेक्टर
रीवा के आदेश
दिनांक 23.07.2025 अनुसार
श्री तिवारी
के विरूद्ध
विभागीय जांच संस्थित
करते हुये
निलंबन से
बहाल कर कार्यालय
परियोजना
अधिकारी, एकीकृत
आदिवासी
विकास लघु
परियोजना, पिपराही
जिला मऊगंज
में पदस्थ
किया गया है। आरोप
पत्र एवं
प्रतिउत्तर
की प्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। तत्कालीन
जिला संयोजक
जनजातीय
कार्य जिला
रीवा श्री
पी.के.पाण्डे
संयुक्त
कलेक्टर को
कार्यालय
कलेक्टर
रीवा के पत्र
क्रमांक 284 दिनांक 01.04.2025 अनुसार
कारण बताओं
सूचना पत्र
जारी किया गया
है। (ख) प्रश्नकर्ता
सदस्य
द्वारा पत्र
क्र. 1095
दिनांक 26/08/2025 के द्वारा
चाही गई
जानकारी जिला
संयोजक अनुसूचित
जाति एवं
जनजातीय
कार्य विभाग
जिला रीवा के
पृ.पत्र क्रमांक/आ.ज.क./निर्माण/2025-26/2474/
दिनांक
16/10/2025 के द्वारा
उपलब्ध कराई
गई है। जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। कार्यादेश
से संबंधित
विगत 05
वर्षों (2019-20 से 2024-25) तक की
नोटशीट की
प्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। वित्तीय
वर्ष 2025-26
में अनुसूचित
जनजाति बस्ती
विकास योजना
अंतर्गत कोई
भी कार्य स्वीकृत
नहीं किये गये
हैं। वर्ष 2025-26 में प्रस्ताव
की प्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट ''द'' अनुसार है।
स्थानांतरण
नीति का पालन
न करने पर
कार्यवाही
[राजस्व]
35.
( क्र. 442 ) श्री अभय
मिश्रा : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
कार्यालय
कलेक्टर (भू-अभिलेख)
जिला रीवा
म.प्र. द्वारा
अपने आदेश
क्रमांक 18/18/भू-अभिलेख/ स्था./2025 एवं
परिपत्र
दिनांक 30 मई 2025 द्वारा
जारी स्थानांतरण
नीति 2025
में निहित
प्रावधान
अनुसार
मान.प्रभारी
मंत्री के
अनुमोदन से
कलेक्टर
रीवा द्वारा
पृष्ठांकन
क्र. 913/18/भू-अभिलेख/स्था./2025 दिनांक 10.06.2025 से
पटवारियों के
स्थानांतरण
आदेश जारी
किये गये। (ख) प्रश्नांश
(क) में उल्लेखित
आदेशानुसार
स्थानांतरित
पटवारियों के
स्थानांतरण
निरस्त किये
जाने बावत्
मान. उप मुख्यमंत्री
लोक स्वा.एवं
चिकित्सा
शिक्षा म.प्र.
भोपाल के पत्र
क्र.-1740 दिनांक
11.06.2025 के द्वारा
माननीय
प्रभारी
मंत्री जिला
रीवा को पत्र
लिखकर सरल क्र.-3 से लगायत 18 तक के
पटवारियों की
कार्यशैली
उत्कृष्ठ
है स्थानांतरण
निरस्त करते
हुये यथावत
पदस्थापना
किये जाने बावत्
लेख किया गया
जिसके पालन
में पत्र क्र.-24/18/भू-अभिलेख/स्था./
2025 पत्र क्र.-22 पृष्ठा.क्र.
938 दिनांक 17.06.2025 के द्वारा
पटवारियों के
किये गये स्थानांतरण
को निरस्त
किया गया क्यों? इनकी
तहसील हुजूर
एवं हल्के
में पदस्थापना
अवधि 05
वर्ष से ऊपर
की हो चुकी है
फिर भी स्थानांतरण
निरस्त किया
गया तो क्यों, कारण सहित
बतावें? (ग) प्रश्नांश
(क) अनुसार
जारी स्थानांतरण
आदेश का आधार
क्या था प्रश्नांश
(ख) अनुसार स्थानांतरण
नीति क्या थी
क्या नीति से
प्रभारी
मंत्री
द्वारा स्थानांतरण
किये गये या
स्वेच्छाचारिता
के आधार पर स्थानांतरण
किये गये एवं निरस्त
भी किया गया
अथवा स्थानांतरण
नीति के पालन
कर स्थानांतरण
निरस्त नहीं
किये गये तो
बतावें?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) जी हाँ। (ख) माननीय
प्रभारी
मंत्री जी के
अनुमोदन
उपरान्त
कार्यालयीन
आदेश क्र. 24 दिनांक 17.06.2025 द्वारा 05
पटवारियों के
स्थानांतरण
आदेश में
आंशिक संशोधन
करते हुए
पूर्ववत
तहसील हुजूर तथा
कार्यालयीन
आदेश क्र. 22 दिनांक 17.06.2025 द्वारा स्थानांतरण
आदेश में
आंशिक संशोधन
करते हुए एक पटवारी
को तहसील
रायपुर कर्चु.
एवं एक पटवारी
को तहसील गुढ़
में पदस्थ
किया गया है। स्थानांतरण
आदेश की निरस्तगी
नहीं की गई, बल्कि स्थानांतरण
आदेश में
आंशिक संशोधन
कर पदस्थापना
की गई है। (ग) प्रशासनिक
आधार पर स्थानांतरण
नीति के
अनुपालन में
स्थानांतरण
आदेश जारी
किया गया था। स्थानांतरण
आदेश निरस्त
नहीं किया गया, बल्कि
आंशिक संशोधन
किया गया है। स्थानांतरण
आदेश माननीय
मंत्री जी के
अनुमोदन के
आधार पर जारी
किये गये है, जिसमें
कोई स्वेच्छाचारिता
नहीं की गई है।
शोध
क्षमता
प्रमाण
पत्र
की जानकारी
[राजस्व]
36.
( क्र. 481 ) श्री आरिफ
मसूद : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि कार्यालय
कलेक्टर
जिला भोपाल द्वारा
वर्ष 2003-2004
में जारी शोध
क्षमता
प्रमाण पत्र
क्रमांक 01/बी-117/ 03-04 से लेकर 123/बी-117/03-04 तक किन-किन
संस्थाओं को
जारी किए गए
थे संस्था के
नाम और राशि
सहित जानकारी
उपलब्ध
करावें।
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : कार्यालय
कलेक्टर जिला
भोपाल द्वारा
वर्ष 2003-04 में
01/
बी-117/ 2003-04
से 69/बी-117/2003-04 तक शोध
क्षमता
प्रमाण पत्र
जारी किए गए
थे। जिनकी
सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
सरकारी
अस्पतालों
में संक्रमण
से मृत्यु
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
37.
( क्र. 482 ) श्री आरिफ
मसूद : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) 1
अप्रैल 2021 से 31
मार्च 2025 की
अवधि में
प्रदेश के
सरकारी अस्पतालों
में Hospital acquired Infection (HAI) अथवा
अन्य
संक्रमणों के
कारण कुल
कितने
रोगियों की
मृत्यु हुई
हैं? (ख) प्रदेश
के कुल कितने
सरकारी अस्पतालों
में Infection Control Committees (ICC) गठित
हैं और उनमें
से कितनी
समितियॉं
वर्तमान में
सक्रिय रूप से
कार्यरत हैं? इन
समितियों की
अंतिम ऑडिट
रिपोर्ट अथवा
निरीक्षण कब
कराया गया था
और किन अस्पतालों
को
गैर-अनुपालन (Non-Compliance) की
श्रेणी में
पाया गया? (ग)
जहां
संक्रमण से
मृत्यु के
प्रकरण दर्ज
हुए हैं, क्या
इस अवधि में
किसी चिकित्सक, प्रशासक
या सफाई
एजेंसी के
विरूद्ध
अनुशासनात्मक
कार्रवाई की
गई है? यदि
हाँ, तो 1
अप्रैल 2021 से 31
मार्च 2025 तक
कितने मामलों
में सजा या
कार्रवाई हुई
हैं?
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) 1 अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2025 की अवधि
में प्रदेश के
सरकारी
अस्पतालों
में Hospital acquired Infection (HAI) अथवा अन्य
संक्रमणों के
कारण रोगियों
की मृत्यु की
जानकारी
निरंक है। (ख) प्रदेश
के कुल 1662 सरकारी
अस्पतालों
में से कुल 714 सरकारी
अस्पतालों
में Infection Control Committees (ICC) गठित है
एवं सक्रिय है
जिसकी
जानकारी एवं
इन समीतियों
की अंतिम ऑडिट
रिपोर्ट जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र ''अ'' अनुसार। निरीक्षण
दिनांक की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र ''ब'' अनुसार एवं गैर
अनुपालन (Non
Compliance) की
श्रेणी में पाए
गए अस्पतालों
की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र ''स'' अनुसार। (ग) प्रश्नांश
(क) में दिए गये
उत्तर के
तारतम्य में
प्रश्न
उपस्थित नहीं होता।
प्रश्न
उपस्थित नहीं होता।
स्कूल
शिक्षा विभाग
अंतर्गत गठित
संभागों जानकारी
[स्कूल
शिक्षा]
38.
( क्र. 504 ) श्री
राजेन्द्र
भारती : क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क)
क्या म.प्र.
में स्कूल
शिक्षा विभाग
अंतर्गत
संभाग गठित है? यदि हाँ, तो किस
सर्कुलर के
माध्यम से
कौन-कौन से
संभाग का गठन
किया गया? संभाग गठन
का
आदेश/सर्कुलर
उपलब्ध
कराने का कष्ट
करें। यदि
नहीं तो संभागों
में संयुक्त
संचालकों की
पदस्थापना
जिस आधार पर
की जाती है? कृपया
विस्तृत
विवरण सहित
जिस आदेश के
क्रम में
संयुक्त
संचालकों की
पदस्थापना
की जाती हैं
उसका
शासनादेश
प्रदान करें। (ख)
क्या
वर्तमान में
भी शिक्षा
संभागों में
संयुक्त
संचालक पदस्थ
हैं? यदि
हाँ, तो
समस्त
संभागों में
पदस्थ
संयुक्त
संचालकों के
नाम एवं पदनाम
सहित सूची
प्रदान करते
हुये यह भी
अवगत करायें
कि क्या किसी
संभाग में
कितने संयुक्त
संचालकों को
प्रभारी
अधिकारी
नियुक्त
किया गया हैं? यदि हाँ, तो कृपया
संभागवार
सूची प्रदान
करें। (ग) स्कूल
शिक्षा विभाग
अंतर्गत
संभागों का
गठन कब से
प्रारंभ हुआ
हैं? कृपया
प्रत्येक
संभाग के गठन
के संबंध में
पृथक-पृथक
विवरण सहित
संभाग के गठन
का आदेश
प्रदान करें। (घ)
वर्तमान में
प्रदेश के स्कूल
शिक्षा विभाग
में शिक्षा
संभागों के
अंतर्गत
कौन-कौन से
जिले आते हैं? कृपया
संभागवार
जिलों की
जानकारी
उपलब्ध
करायें।
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) जी
हाँ। जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-01 अनुसार। अतः
शेषांश का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख) जी
हाँ। जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-02 अनुसार। (ग) जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-01 अनुसार। (घ) जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-03 अनुसार।
स्वीकृत
राशियों की
जानकारी
[जनजातीय
कार्य]
39.
( क्र. 522 ) श्री
बिसाहूलाल
सिंह : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) जिला
अनूपपुर
अंतर्गत
कितने एकलव्य
उच्चतर माध्यमिक
विद्यालय
संचालित है? एकलव्य
उ.मा.
विद्यालय
अनूपपुर में
पदस्थ
प्राचार्य
एवं अन्य
कर्मचारियों
एवं संस्था
में स्थित
समस्त
सामग्रियों
की सूची उपलब्ध
करावें तथा वर्ष
2021-22,
2022-23, 2023-24, 2024-25 व 2025-26 में
प्राप्त
राशियों का
मदवार
पृथक-पृथक
आय-व्यय की
जानकारी
नियमावली
सहित उपलब्ध
करावें? (ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार
एकलव्य उच्चतर
माध्यमिक
विद्यालय
अनूपपुर में
शाला प्रबंधन
समिति की सूची, आय-व्यय
के बैठक की
सूची, क्रय
की गई
सामग्रियों, छात्रावासों
में अध्ययन
छात्र-छात्राओं
के लिये क्रय
की गई विभिन्न
सामग्रियों, की सूची
विद्यालय के
रख-रखाव में
वर्ष 2021-22, 2022-23, 2023-24, 2024-25 व 2025-26
व्यय किये
गये राशि, की
जानकारी
उपलब्ध
करावें? (ग) एकलव्य
उच्चतर माध्यमिक
विद्यालय
अनूपपुर में
वर्ष 2021-22, 2022-23, 2023-24, 2024-25 व 2025-26
में प्राप्त
मदवार राशि
एवं व्यय
किये गये
राशियों की
जानकारी व
वर्ष 2021-22,
2022-23, 2023-24, 2024-25 व 2025-26 में स्वीकृत
निर्माण
कार्यों की
जानकारी सत्यापित
प्रतियों में
उपलब्ध
करावें? (घ) एकलव्य
उच्चतर माध्यमिक
विद्यालय
अनूपपुर में
संचालित
छात्रावासों
में प्राप्त
एवं व्यय की
गई राशियों
एवं आउटसोर्स
के तहत पदस्थ
कर्मचारियों
के वेतन
भुगतान की
राशि का सत्यापित
प्रतियों में
जानकारी
उपलब्ध
करावें?
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) : (क) जिला-अनूपपुर
में 01 एकलव्य
आदर्श आवासीय
विद्यालय
संचालित है।
एकलव्य आदर्श
आवासीय विद्यालय
अनूपपुर
में पदस्थ
प्राचार्य
एवं अन्य
कर्मचारियों
की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार, संस्था
में स्थित
समस्त सामग्रियों
की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार एवं वर्ष 2021-22,
2022-23, 2023-24, 2024-25
व 2025-26 में
प्राप्त
राशियों के
मदवार
पृथक-पृथक
आय-व्यय की
जानकारी एवं
नियमावली पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (ख) एकलव्य
आदर्श आवासीय
विद्यालय
अनूपपुर में
शाला प्रबंधन
समिति की सूची
एवं आय-व्यय
के बैठकों की
सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार, छात्रावासों
में अध्ययनरत
छात्र-छात्राओं
के लिये क्रय
की गई विभिन्न
सामग्रियों
की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार एवं विद्यालय
के रख-रखाव
में वर्ष 2021-22, 2022-23, 2023-24,
2024-25 व 2025-26 में व्यय
की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (ग) एकलव्य
आदर्श आवासीय
विद्यालय
अनूपपुर में
वर्ष 2021-22, 2022-23, 2023-24, 2024-25, 2025-26 में
प्राप्त
मदवार राशि
एवं व्यय की
गई राशियों की
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार एवं वर्ष 2021-22,
2022-23, 2023-24, 2024-25 व 2025-26 में
स्वीकृत
निर्माण
कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-6 अनुसार हैं। (घ) एकलव्य
आदर्श आवासीय
विद्यालय
अनूपपुर में
संचालित
छात्रावासों
में प्राप्त
एवं व्यय की
गई राशियों की
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार एवं
आउटसोर्स के
तहत कार्यरत
कर्मचारियों
को भुगतान
राशि की सत्यापित
प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-7 अनुसार हैं।
म.प्र. भू-राजस्व
संहिता की
धारा 165 की
उपधारा 6
(क) की जानकारी
[राजस्व]
40.
( क्र. 540 ) सुश्री
मंजू राजेन्द्र
दादू : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) प्रश्नकर्ता
के तारांकित प्रश्न
क्र.2367
दिनांक 06.08.2025 में
म.प्र.भू-राजस्व
संहिता की
धारा 165 की
उपधारा 6 (क) की
विस्तृत (क), (ख), (ग), (घ) अनुसार
जानकारी
समस्त
परिपत्रों
सहित उपलब्ध
करावें। (ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार
क्या म.प्र.
भू-राजस्व संहिता
की धारा 165 की उपधारा 6 (क) को
विलोपित/निरसन
करने हेतु
कमेटी गठन की
गई थी एवं
उनके द्वारा
शासन को सुझाव
भी दिये गए थे यदि
हाँ, तो
कमेटी के
सुझावों की
प्रतियां
उपलब्ध करावें।
(ग) क्या जिला
बुरहानपुर
में म.प्र. भू
संपदा (विनियमन
और विकास) अधिनियम
2016 के तहत
विकास अनुमति
प्राप्त
कालोनी में
भूखण्ड/भवन के
विक्रय के
पूर्व रेरा
में कालोनी (प्रोजेक्ट)
का पंजीयन
कराया गया है यदि
हाँ, तो
सूची सहित
दस्तावेज
उपलब्ध करावे
एवं नहीं तो
इनके विरूद्ध
अब तक क्या
कार्यवाही की
गई, विस्तृत
जानकारी
अभिलेखों
सहित उपलब्ध
कराए। (घ) क्या
जिला
बुरहानपुर
में कई
स्थानों पर
विकास अनुमति
प्राप्त किये बिना अनधिकृत
रूप से कृषि
भूमि पर
कॉलोनी का
निर्माण किया
गया है यदि
हाँ, तो
सूची देवें
एवं यह भी
बताएं की
प्रशासन द्वारा
अब तक क्या
कार्यवाही
संबंधितों पर
की गई। कार्यवाही
के दस्तावेज उपलब्ध
करावें।
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) प्रश्न
क्रमांक 2367 में प्रश्नांकित
समिति के गठन
के संबंध में
अब तक दस्तावेज
उपलब्ध नहीं
हो पाए हैं। (ख) उत्तरांश
‘क’ अनुसार। (ग) रेरा
संबंधित
अनुमति दिए
जाने हेतु
शासन स्तर पर
म.प्र. रेरा
प्राधिकरण
कार्यालय
संचालित है। बुरहानपुर
जिले की रेरा
संबंधित
अनुमति की जानकारी
प्राप्त की गई
है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। शेष प्रश्न
उद्भूत नहीं
होता है। (घ) जी
हाँ, म.प्र.
नगर पालिका (कालोनी
विकास) नियम 2021 के
प्रावधान
अनुसार 31 दिसम्बर 2016 के पूर्व
विकसित की गई 24 अनधिकृत
कालोनियों
में नागरिक
अधोसंरचना
प्रदाय किए
जाने हेतु
नियमों में विनिर्दिष्ट
कार्यवाही की
गई है। जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। म.प्र.
नगर पालिका (कालोनी
विकास) नियम 2021 संशोधित
दिनांक 25 सितम्बर 2023 के
प्रावधान
अनुसार 01 जनवरी 2017 से 31 दिसम्बर 2022 तक विकसित
की गई अनधिकृत
कालोनियों का
सर्वे कराया
गया हैं। सर्वे
में कुल 64 कालोनियां
अस्तित्व में
आई हैं। जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। अवैध
कालोनी के कुल
24
प्रकरण
दर्ज किए गए
हैं जिनमें से
कुल दो
प्रकरणों में
एफ.आई.आर. दर्ज
कराई गई हैं
तीन प्रकरणों
में एफ.आई.आर.
दर्ज कराने
हेतु संबंधित
पुलिस थाने
में भेजा गया हैं।
वर्तमान में
कुल 19 प्रकरण
अनुविभागीय
अधिकारी (राजस्व)
बुरहानपुर
एवं 01 प्रकरण
अनुविभागीय
अधिकारी (राजस्व)
नेपानगर के न्यायालय
में प्रचलित
हैं।
सागर
से छतरपुर तक
फोरलेन का
निर्माण
[राजस्व]
41.
( क्र. 544 ) सुश्री
रामश्री (बहिन
रामसिया
भारती) राजपूत
: क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) सागर से
छतरपुर नेशनल
हाईवे (NH) का
निर्माण किन
वर्षों से
प्रारम्भ हुआ
जिसमें कितनी
जमीने अधिग्रहित
की गई शासन
द्वारा कितनी
राशि का
भुगतान किस दर
पर दिया गया
सम्पूर्ण
विवरण सहित
जानकारी दे? (ख) क्या
NH
फोरलेन
बनाने पर
किसानों/व्यापारियों
को मुआवजा
राशि का
भुगतान शासन प्रावधानों
के तहत नहीं किया
गया? (ग) यदि हाँ, तो उक्त निर्माण
हेतु कितने
किसानों के
खेतों अथवा
सरकारी जमीन
से मिट्टी ली गई उनके
खसरा नंबर
सहित भुगतान
की गई, राशि
का ब्यौरा
उपलब्ध करावे? (घ) प्रभावित
किसानों/आमजनों
को प्रश्न
दिनांक तक
कितना मुआवजा
दिया गया तथा
सागर से
छतरपुर तक कुल
कितने व्यय का
लक्ष्य है? सरकार
द्वारा कितना
व्यय किया
जाना है, विवरण दें?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) छतरपुर-सागर
से छतरपुर
विभिन्न
पैकेज में
विभाजित है। भूमि
अधिग्रहण का
कार्य वर्ष 2021-22 में
परियोजना
निदेशक
भा.रा.रा.प्रा.
से भूमि अर्जन
हेतु प्राप्त
प्रस्ताव के
आधार पर भूमि
अर्जन का
कार्य
प्रारम्भ
किया गया। किसानों
को मुआवजा
धनराशि का
वितरण 3ए प्रकाशन
दिनांक के समय
लागू सर्कल
रेट के हिसाब
से निर्धारण
किया गया है। संबंधित
सक्षम
प्राधिकारी
भू-अर्जन एवं
अनुविभागीय
अधिकारी
द्वारा सागर
कबरई राष्ट्रीय
राजमार्ग
संख्या 934/34 के पैकेज-2, पैकेज-3 एवं पैकेज-4 के अन्तर्गत
निर्माण
कार्य हेतु
भूमि का कुल
रकवा 492.629
हेक्टेयर
अधिग्रहित
किया गया है। कुल
अधिग्रहित
भूमि की कुल
मुआवजा राशि
रू.2067201324/- में
से अभी तक कुल
राशि रू.1364044039/- का भुगतान
किया जा चुका
है। सागर-सागर
से छतरपुर
नेशनल हाईवे
के निर्माण
हेतु तहसील
सागर, बण्डा
एवं शाहगढ़ के
प्रभावित 31 ग्रामों
की कुल 214.457 है. भूमि का
अर्जन किया
गया है जिसकी
मुआवजा राशि
दर की जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) छतरपुर-राष्ट्रीय
राजमार्ग
निर्माण हेतु
भूमि का
अधिग्रहण सक्षम
प्राधिकारी
भू-अर्जन एवं
अनुविभागीय अधिकारी
द्वारा एन.एच.
परियोजना में
प्रभावित
भूमि का
अधिग्रहण
राष्ट्रीय
राजमार्ग अधिनियम, 1956 एवं भूमि
अर्जन, पुनर्वासन
और पुनर्व्यवस्थापन
में उचित
प्रतिकर और
पारदर्शिता
का अधिकार
अधिनियम, 2013 के
प्रावधान
अनुसार किया
गया है। सागर-
भू-अर्जन
प्रकरणों में
अर्जित की गई
भूमि की
मुआवजा राशि
का निर्धारण
भारतीय
राष्ट्रीय
राजमार्ग
अधिनियम 1956 के
प्रावधानों
के तहत किया
जाकर भुगतान
की कार्यवाही
की गई है। (ग) छतरपुर-सागर-कबरई
एन.एच.
निर्माण हेतु
भूमि का
अधिग्रहण
राजस्व विभाग
द्वारा किया
गया है। परियोजना
निदेशक
भा.रा.रा.प्रा.
इकाई छतरपुर के
प्रतिवेदनानुसार
मिटटी/मुरम
निकालने हेतु
जमीन नहीं ली
गई। सागर-प्रश्नांश-ख
अनुसार भूमि
की मुआवजा
राशि का
निर्धारण भारतीय
राष्ट्रीय
राजमार्ग
अधिनियम 1956 के
प्रावधानों
के तहत किया
गया है अतः प्रश्नांश-ग
की जानकारी
निरंक है। (घ) छतरपुर-राष्ट्रीय
राजमार्ग
निर्माण में
प्रभावित
भूमि के
किसानों/आमजनों
को कुल राशि रू.1364044039/-
का
भुगतान किया
जा चुका है। कुल
प्रभावित
किसानों की
अधिग्रहित
भूमि की मुआवजा
राशि रू.2067201324/- के अनुसार
अवार्ड राशि
का भुगतान
किया जा रहा
है। सागर-परियोजनांतर्गत
अर्जित
भूमियों की कुल
मुआवजा राशि 150.08 करोड़
रूपये मात्र
स्वीकृत की
जाकर प्रभावित
1992
किसानों/आमजनों
को प्रश्न
दिनांक तक कुल
मुआवजा राशि 143.18 करोड़
रूपये मात्र
का मुआवजा
भुगतान किया
जा चुका है। विवरण
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है।
रिक्त
पदों की
पूर्ति एवं
उन्नयन
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
42.
( क्र. 555 ) श्री दिव्यराज
सिंह : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) विकासखण्ड
जवा अंतर्गत
नगर परिषद
डभौरा में स्थित
प्राथमिक
स्वास्थ्य
केन्द्र में
कुल कितने पद
स्वीकृत हैं? कितने पद
भरे हुए हैं? पृथक-पृथक
पदवार विवरण
उपलब्ध
करावें। (ख) क्या उप स्वास्थ्य
केन्द्र
डभौरा में लैब
टेक्नीशियन का
पद रिक्त है? यदि हाँ, तो क्या
पैथोलॉजी
संबंधी जाँच
की सुचारू
व्यवस्था
हेतु लैब
टेक्नीशियन
की पदस्थापना
की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? समय-सीमा बताएं।
(ग) क्या
नगरीय
क्षेत्र नगर
परिषद डभौरा
में स्थित
प्राथमिक
स्वास्थ्य
केन्द्र को
सामुदायिक
स्वास्थ्य
केन्द्र के रूप
में उन्नयन
किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक
समय-सीमा बताएं।
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) जानकारी
संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्राथमिक
स्वास्थ्य केन्द्र
डभौरा में
नियमित लेब
टेक्नीशियन
का पद स्वीकृत
नहीं है। अतः
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) वर्तमान
में प्राथमिक
स्वास्थ्य
केन्द्र डभौरा
का सामुदायिक
स्वास्थ्य
केन्द्र में उन्नयन
संबंधी कोई
प्रस्ताव
विचाराधीन
नहीं है। अतः
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं होता।
फर्जी
जाति प्रमाण
पत्र के माध्यम
से नियुक्ति
एवं पदोन्नति
[जनजातीय
कार्य]
43.
( क्र. 559 ) श्री मधु
भगत : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह बताने
की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
श्री प्रेम
कुमार पिता
सद्दुलाल
कुसमारे
प्रभारी
कार्य.यंत्री
(मूल पद
सहा.यंत्री) ग्रामीण
यांत्रिकी
सेवा, संभाग
क्र.2
मण्डला जिला
मण्डला
द्वारा
शासकीय सेवा
में नियुक्ति
हेतु विभाग को
प्रदान किया
गया अनुसूचित
जनजाति प्रमाण
पत्र सत्य है? (ख) यदि
हाँ, तो
इनके पिता श्री
सद्दुलाल
कुसमारे नि.
ग्राम आष्टा
तह बरघाट जिला
सिवनी के
राजस्व
रिकॉर्ड में
यह किसके
वारसान है? इनके पिता
किनके वारसान
हैं और
वर्तमान में राजस्व
रिकॉर्ड के
अनुसार ये किस
जाति में आते हैं
एवं सजरा
अनुसार श्री
प्रेम कुमार
कितने भाई-बहन
हैं एवं
किन-किन विभाग
में कार्यरत
हैं एवं किस
वर्ग के जाति
प्रमाण पत्र
के आधार पर
शासकीय सेवा
में कार्यरत
हैं? राजस्व
मण्डल बरघाट
जिला सिवनी से
इनकी जाति प्रमाण
पत्र एवं सजरा
उपलब्ध कराये
एवं क्या
जनजातीय
कार्य विभाग
द्वारा जांच
करायी जाएगी? (ग) श्री
प्रेम कुमार
नि. ग्राम
आष्टा
विधानसभा क्षेत्र
क्र.114
बरघाट जिला
सिवनी के
मतदाता सूची
की भाग संख्या
271 अनुभाग
आष्टा की
मतदाता सूची
में इनका नाम 315 नं. पर दर्ज
है क्या श्री
प्रेम कुमार
द्वारा षड़यंत्र
पूर्वक 2003 में अनुसूचित
जनजाति वर्ग
का प्रमाण
पत्र से शासकीय
सेवा में
पदोन्नति
प्राप्त की थी?
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) : (क) श्री
प्रेम कुमार
पिता
सद्दुलाल
कुसमारे प्रभारी
कार्य.यंत्री
(मूल पद
सहा.यंत्री) ग्रामीण
यांत्रिकी
सेवा, संभाग
क्र.2
मण्डला के जाति
प्रमाण पत्र
का प्रकरण
राज्य उच्च
स्तरीय
छानबीन समिति
के समक्ष
विचाराधीन है।
राज्य स्तरीय
छानबीन समिति
की प्रक्रिया
अर्द्ध न्यायिक
स्वरूप की
होती है। (ख)
प्रश्नांश ‘क’ के
उत्तर के
परिप्रेक्ष्य
में प्रकरण राज्य
उच्च स्तरीय
छानबीन समिति
के समक्ष
विचाराधीन है।
राज्य स्तरीय
छानबीन समिति
की प्रक्रिया
अर्द्ध न्यायिक
स्वरूप की
होती है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) प्रश्नांश
‘क’ के
उत्तर के
परिप्रेक्ष्य
में प्रकरण राज्य
उच्च स्तरीय
छानबीन समिति
के समक्ष
विचाराधीन है।
राज्य स्तरीय
छानबीन समिति
की प्रक्रिया
अर्द्ध न्यायिक
स्वरूप की
होती है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
मान.
उच्च
न्यायालय
इंदौर के
पारित आदेशों का
पालन
[स्कूल
शिक्षा]
44.
( क्र. 577 ) श्री
योगेन्द्र
सिंह (बाबा) : क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) प्रमुख
सचिव नगरीय
विकास एवं
आवास द्वारा
मुख्य नगर
पालिका
अधिकारी
सारंगपुर
राजगढ़ द्वारा
डब्ल्यू, पी. 26690/2018 में पारित
आदेश दिनांक 08.07.2019 में
शिक्षा
विशारद की
मान्यता के
सभी आरोप खारिज
करने पर
दिनांक 30.08.2015 एवं पत्र
क्रमांक-2678 दिनांक 31.10.2025 कारण बताओ
सूचना-पत्र
निरस्त किए
जाएंगे? (ख) डब्ल्यू.पी.-24562/2019 में पारित
आदेश 15.10.2019
को मुख्य नगर
पालिका
अधिकारी नहीं
होने पर तथा
मुख्य जनपद
अधिकारी
मोहनबड़ोदिया
शाजापुर
न्योक्ता
अधिकारी होने
पर मुख्य नगर
पालिका
अधिकारी
सारंगपुर
द्वारा कारण
बताओ सूचना
पत्र दिनांक 03.08.2015 एवं 31.10.2025 प्रस्तुत जवाब
प्रदान करने
पर निरस्त किए
जाएंगे? (ग) डब्ल्यू.पी.-2836/2020 में पारित
आदेश 23.01.2024
को समस्त
हितलाभ के
आदेश प्रदान
करने पर तथा जिला
शिक्षा
अधिकारी
शाजापुर
द्वारा पत्र क्र.
138 शाजापुर
दिनांक 28 मई 2019 को शोध
अधिकारी
राष्ट्रीय
अध्यापक
शिक्षा परिषद, नई दिल्ली
से शिक्षा
विशारद 2004 की
मान्यता की
पुष्टि हेतु
पत्र लिखा गया
था, मान्यता
की पुष्टि
नहीं होने पर
प्रशिक्षण के
अंकों से
वंचित कैसे
किया जा सकता
है? (घ) जिला
शिक्षा
अधिकारी
शाजापुर के
लिखित आदेश के
पश्चात्
शिक्षा
विशारद 2004 के अंक
प्रदान किए गए
थे, शिक्षा
विशारद 2004 की
मान्यता होने
पर जिला
शिक्षा
अधिकारी राजगढ़
द्वारा बी.एड.
प्रशिक्षण
करवाने के
पश्चात
प्रशिक्षण के
अंकों से कैसे
वंचित किया जा
सकता है?
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) एवं (ख) प्रश्न
में अंकित
याचिका में
जिस लोकसेवक
के संबंध में
माननीय न्यायालय
द्वारा
निर्णय दिया
गया है एवं
जिस लोकसेवक
को कारण बताओं
सूचना पत्र
जारी किया गया
है, वे
दोनों लोक
सेवक भिन्न-भिन्न
है। अत:
शेषांश का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) एवं (घ)
मान. न्यायालय
द्वारा
निलंबन आदेश
के संदर्भ में
दिए गए
निर्देश
अनुसार
कार्यवाही की
जा चुकी है। शेषांश-
संबंधित की
शिक्षा
विशारद की
उपाधि हिन्दी
साहित्य सम्मेलन
इलाहाबाद की
थी। यह संस्था
मान्यता
प्राप्त
संस्थान न
होने से
संबंधित को
प्रशिक्षण
अंक प्राप्त
करने की
अधिकारिता
नहीं थी। मान्यता
प्राप्त
संस्थान से
ही व्यवसायिक
योग्यता
अर्जित करने
का प्रावधान
हैं।
भूमिहीन
आदिवासियों
को भू-अधिकार
पट्टे देना
[राजस्व]
45.
( क्र. 594 ) श्री
मुकेश
मल्होत्रा : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क)
क्या
श्योपुर जिले
में बेचिराग
राजस्व ग्राम
ऊकाल ग्राम
सोहनदेह,
ग्राम
श्यामपुरा
खैरोना, ग्राम
अजनई ग्राम
पिपरकक्ष,
ग्राम
बैराही बाग दा,
ग्राम
सारसिली, ग्राम
बरौनियां,
ग्राम
झंकापुर, ग्राम,
खूंटका,
ग्राम
सुखदेला, ग्राम रहिका,
आदि
बेचिराग
राजस्व
ग्रामों में
आदिवासियों
को रहने बसने
का अधिकार
दिया जाऐगा?
(ख) क्या
सरकार
बेचिराग
राजस्व ग्राम जैसे -
उकाल, सोनदेह, श्यापुरा, खैरोना, बाँसई, पिपरकच्छ, अजनोई, सारसिल्ली, बैराई
बागदा, सुखदेला,रही का
सहराना, जार की
तलैया सहराना, खूटका बरोनिया
आदि वे चिराग
ग्रामों में बसाहट
की जाएगी? (ग) वर्तमान
में बेचिराग
राजस्व
ग्रामों में
आदिवासियों
को बसाने के
लिये क्या
कार्यवाही की
जा रही है
जानकारी दे? प्रश्नांश-
(क),
(ख) एवं (ग) सही है तो
इन बेचिराग
राजस्व
ग्रामों में
भूमिहीन
आदिवासियों
को कब तक भू
अधिकार पट्टे
स्वीकृत कर
बसाया जाएगा
समय-सीमा बतावे, नहीं तो
क्यों नहीं
कारण बतावे।
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) श्योपुर
जिले में ऊकाल
ग्राम
सोहनदेह, ग्राम
अजनई, ग्राम
बैराही बागदा, बेचिराग
ग्राम हैं इन
ग्रामों में
कोई आदिवासी
निवास नहीं करते
केवल उनके
द्वारा खेती
की जाती है
ग्राम श्यामपुरा, खैरोना
बेचिराग
ग्राम हैं
ग्राम
सारसिली आबाद
राजस्व ग्राम
है। ग्राम
पिपरकक्ष
ग्राम, रहिका, ग्राम
सुखदेला, ग्राम
झंकापुर, ग्राम, खूंटका
राजस्व ग्राम
नहीं हैं। मध्यप्रदेश
भू-राजस्व
संहिता 1959 (यथा
संसोधित 2018) की धारा 237 एवं 243 में आबादी
के सम्बन्ध
में प्रावधान
किए गए हैं, जिसमें
कलेक्टर
ग्राम की
आवश्यकता के
अनुसार
प्रावधानों
के अनुरूप
कार्यवाही
हेतु सक्षम है।
(ख) एवं (ग) उत्तरांश
'क' अनुसार।
विशेष
पिछड़ी
जनजाति के
छात्र-छात्राओं
को नि:शुल्क
उच्च शिक्षा
[जनजातीय
कार्य]
46.
( क्र. 595 ) श्री
मुकेश
मल्होत्रा : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
सरकार और
विभाग विशेष
पिछड़ी
जनजाति बैगा, भारिया
एवं सहरिया के
छात्र-छात्राओं
को नि:शुल्क
डी.एड.बी.एड.
कराने की कोई
योजना वर्तमान
में है अथवा
शासन के समक्ष
विचाराधीन है? (ख) क्या
विभाग
मध्यप्रदेश
की विशेष
पिछड़ी आदिम
जनजातियों को
नि:शुल्क डी.
एड.बी.एड.
शिक्षा की
व्यवस्था
करेगा? (ग) क्या
प्रश्नांश (क) एवं
(ख), यदि हाँ, है तो शासन
व शिक्षा
विभाग आदिम
जाति बैगा, भारिया
एवं सहरिया जनजाति
के 12वीं
उत्तीर्ण व
स्नात्तकोत्तर
उत्तीर्ण
छात्र-छात्राओं
को कब तक डी.एड., बी.एड. का
कोर्स नि:शुल्क
कराया जाएगा
समय-सीमा बतावे, नहीं तो
क्यों नहीं कारण
बतावे?
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) : (क) विभाग
द्वारा
जनजाति वर्ग
के
विद्यार्थियों
को पोस्ट
मैट्रिक
छात्रवृत्ति
योजनांतर्गत
डी.एड. एवं
बी.एड. की
छात्रवृत्ति
प्रदान की
जाती है जिसमें
विशेष पिछड़ी
जनजाति के
विद्यार्थी
भी शामिल है। (ख)
एवं (ग) प्रश्नांश
''क'' के उत्तर
के संदर्भ में
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
पलायन
पर रोक लगाकर
रोजगार
उपलब्ध कराना
[जनजातीय
कार्य]
47.
( क्र. 613 ) श्री
मुकेश
मल्होत्रा : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) श्योपुर
जिले में 50 प्रतिशत
से अधिक
सहरिया
आदिवासी
परिवार राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, पंजाब, राज्यों
में रोजगार के
लिए पलायन
क्यों कर रहे
है क्या सरकार
गरीबों को
प्रदेश में और
श्योपुर जिले
में रोजगार
देने में विफल
हो रही है
जिसके कारण
लोग अपने घरों
को छोड़कर
बाहर के
प्रदेशों में
मजदूरी करने
जा रहे है? (ख) क्या
पलायन करने का
कारण यह
स्पष्ट है कि
स्थानीय स्तर
पर रोजगार
उपलब्ध कराने
हेतु शासन
प्रशासन कोई
ध्यान नहीं दें
रहा है? (ग) क्या
शासन-प्रशासन
द्वारा
स्थानीय स्तर
पर पलायन कर
रहे
आदिवासियों
को रोजगार
उपलब्ध कराने
के लिए कोई
योजना या
श्योपुर में
कोई उद्योग
खोलेगा जिससे
लोगों को
स्थानीय स्तर
पर रोजगार मिल
सके इस पर
किसी प्रकार का
विचार किया
गया है। (घ) प्रश्नांश
(क),
(ख) एवं
(ग) का सही है
तो रोजगार
उपलब्ध कराने
व पलायन कर रहे
आदिवासियों
को स्थानीय
स्तर पर
रोजगार उपलब्ध
कराने हेतु
कोई उद्योग
परियोजना का
निर्माण किया
जा रहा है यदि हाँ तो
जानकारी
उपलब्ध कराए
नहीं, तो
क्यों नहीं? कारण बताए?
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) : (क) श्योपुर
जिले में
पलायन जैसी
स्थिति नहीं
है। शासन
योजनाओं के
अन्तर्गत भी
रोजगार दिया
जाता है। हाँ कुछ
जनजातीय व्यक्ति
अन्य राज्यों
में मजदूरी दर
अधिक होने से
मजदूरी हेतु जाते
है, किन्तु
परिवार सहित
घर छोड़कर
नहीं जाते। (ख) जी
नहीं। म.प्र.
सूक्ष्म, लघु और
मध्यम उद्यम
विभाग (एम.एस.एम.ई.)
अंतर्गत
संचालित
योजनाओं में
निहित प्रावधान
अनुसार सभी
वर्ग को
योजनाओं का
लाभ दिया जाता
है। (ग) (1.) म.प्र.
सूक्ष्म, लघु और
मध्यम उद्यम
विभाग (एम.एस.एम.ई.) की प्रोत्साहन
योजना
अंतर्गत
उद्योगों में 70 प्रतिशत
रोजगार म.प्र.
के मूल
निवासियों को
प्रदाय कराने
का प्रावधान
है, जो
कि शासन के
वर्गवार
आरक्षण
नियमों के
अनुसार है। (2.) म.प्र.
सूक्ष्म, लघु और
मध्यम उद्यम
विभाग (एम.एस.एम.ई.)
के औद्योगिक
भूमि तथा भवन
आवंटन नियम 2025 अंतर्गत
नवीन विकसित
किए जाने वाले
औद्योगिक
क्षेत्रों
में अनुसूचित
जाति/अनुसूचित
जनजाति वर्ग
के उद्यमियों
के लिए प्रथम
वर्ष हेतु 20 प्रतिशत
औद्योगिक
भूखंड
आरक्षित
रहेंगे। (3.) विकसित
औद्योगिक
क्षेत्र, श्योपुर
में 21
कार्यरत
इकाईयां है। (घ)
प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के
उत्तर के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
शासकीय
चिकित्सालयों
में उपलब्ध
जांच सुविधाएं
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
48.
( क्र. 624 ) श्री
भूपेन्द्र
सिंह : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि सागर जिला
अन्तर्गत
समस्त शासकीय
चिकित्सालयों
में निजी
एजेंसियों के
माध्यम से
उपलब्ध कराई
जा रही
एक्स-रे, सी.टी.
स्केन, सोनोग्राफी
एवं विभिन्न
लैब स्तरीय
जांचों का ब्यौरा
दें। जनवरी 2025 से
वर्तमान तक की
जानकारी मरीज
का नाम, गांव, मोबाइल
नम्बर, जांच व
बीमारी के नाम
सहित
चिकित्सालयवार
बतायें।
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट अनुसार।
चिकित्सालय
में उपचारित
रोगियों के
नाम, गांव, मोबाईल
नंबर व बीमारी
की जानकारी
निजी एवं
गोपनीय
श्रेणी की
होने के कारण
उपलब्ध
कराये जाने
योग्य नहीं
है।
विद्यालयों
के भवनों का
निर्माण
[स्कूल
शिक्षा]
49.
( क्र. 626 ) श्री
भूपेन्द्र
सिंह : क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) खुरई
विधानसभा
क्षेत्रांतर्गत
वर्ष 2016-17
से अभी तक
उन्नयन किये
गये किन-किन
हाईस्कूल एवं
हायर सेकेण्डरी
विद्यालयों
के भवनों का
निर्माण अभी तक
स्वीकृत नहीं
किया गया है? कब तक भवन
निर्माण
कार्य करा
लिया जायेगा? (ख) विधानसभा
क्षेत्रांतर्गत
विकासखंड
खुरई एवं
मालथौन के
किन-किन हाई
स्कूल एवं हायर
सेकेण्डरी
विद्यालयों
में अतिरिक्त
कक्षों एवं प्रयोगशाला
कक्षों के
निर्माण की
मांग वर्ष 2020-21 से अभी तक
की गई? मांग
विरूद्ध
किन-किन
विद्यालयों
में निर्माण
की स्वीकृति
प्रदान की गई?
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री उदय
प्रताप सिंह ) : (क) वर्ष
2016-17 में स्कूलों
का उन्नयन
नहीं किया गया।
वर्ष 2018 से
उन्नयन किये
गये
विद्यालयों
की जानकारी
संलग्न परिशिष्ट-'एक' अनुसार है। उक्त
विद्यालयों
में नामांकन
के आधार पर
अधोसंरचना के
सुदृढ़ीकरण
कार्य
स्वीकृत किये
जाते है, अधोसंरचना
कार्य का
सुदृढ़ीकरण
बजट की
उपलब्धता तथा
सक्षम समिति
की स्वीकृति
पर निर्भर है
अतः समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
(ख) जानकारी
संलग्न परिशिष्ट-दो
अनुसार है।
सी.एम.
राइज स्कूल
में परिवहन व्यवस्था
[स्कूल
शिक्षा]
50.
( क्र. 648 ) श्री
सुशील कुमार
तिवारी : क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
प्रश्न क्र. 997 दिनांक 12 फरवरी 2024 के उत्तर
में बताया गया
है कि जबलपुर
जिले में
संचालित किसी
भी सी.एम. राइज
स्कूल में
परिवहन व्यवस्था
नहीं की गई है
एवं परिवहन
निविदा
संबंधी प्रक्रिया
प्रचलन में है? (ख) क्या
दूर दराज
क्षेत्र के
आर्थिक रूप से
कमजोर बच्चों
को गत 3
वर्षों से
निजी वाहनों
से किराये
देकर आना-जाना
पड़ रहा है? (ग) क्या
अन्य विकल्प
या राज्य
परिवहन निगम
से परिवहन व्यवस्था
कराने पर
विचार किया जा
सकता है? (घ) यदि
नहीं तो क्यों? कारण
बतावे?
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) जी
हाँ। (ख) दूसरे
ग्रामों या 02 कि.मी. से
अधिक दूरी से
आने वाले
विद्यार्थियों
को साइकिल
प्रदाय किये
जाने का
प्रावधान है। (ग)
एवं (घ) उत्तरांश
"ख" के प्रकाश
में प्रश्न
उपस्थित नहीं होता।
अर्जित
अवकाश के
नगदीकरण का
भुगतान
[स्कूल
शिक्षा]
51.
( क्र. 657 ) श्री
राजेश कुमार
शुक्ला : क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
छतरपुर जिला में
विभाग में
कार्यरत रहे
शिक्षकों, व्याख्याता, प्राचार्यों
की
सेवापुस्तिका
में दर्ज अर्जित
अवकाश का
नगदीकरण किया
गया? नहीं
तो क्यों? (ख)
क्या
शासकीय सेवा
के दौरान
बी.टी.आई.
प्रशिक्षण, जन
शिक्षक, विकासखंड
अकादमिक
समन्वयक, ग्रीष्मावकाश
में शिक्षकों
के प्रभारी का
कार्य नियमानुसार
अर्जित अवकाश
की पात्रता
उनकी सेवापुस्तिका
में दर्ज किया
गया है। (ग) यदि
नहीं तो
शिक्षकों के
द्वारा
प्रस्तुत दस्तावेजों
के आधार पर
संकुल
प्राचार्यों
द्वारा
अर्जित अवकाश
दर्ज न करने
का संबंधीजन
को क्या कारण
है। (घ) क्या
बी.टी.आई.
प्रशिक्षण, जन
शिक्षक, विकासखंड
अकादमिक
समन्वयक, ग्रीष्मावकाश
में शिक्षकों
का अवकाश
सेवापुस्तिका
में दर्ज कर
पात्रता
अनुसार उसका
नगदीकरण किया
जाएगा। यदि
हां तो कब तक
नगदीकरण का
भुगतान किया
जाएगा।
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) जिला
छतरपुर
अंतर्गत
कार्यरत 427
सेवानिवृत्त
लोक सेवकों की
सेवापुस्तिका
में दर्ज
अर्जित अवकाश
का सेवानिवृत्ति
के उपरांत
नियमानुसार
नगदीकरण किया
जा चुका हैं। शेषांश
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख) जी
हाँ। शासन
द्वारा
समय-समय पर
जारी
निर्देशानुसार
संकुल
प्राचार्यों
के द्वारा
संबंधित की
सेवापुस्तिका
में अर्जित
अवकाश दर्ज
किये जाते हैं।
(ग) उत्तरांश ''ख'' के
प्रकाश में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता हैं। (घ)
उत्तरांश ''क'' एवं
''ख'' अनुसार।
मूल
सुविधाओं से वंचित
विद्यालय
[स्कूल
शिक्षा]
52.
( क्र. 660 ) श्री
राजेश कुमार
शुक्ला : क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) बिजावर
विधानसभा के
उन
विद्यालयों
के नाम जहाँ प्रश्न
दिनांक तक
बिजली
कनेक्शन, बाउंड्रीवाल, शुद्ध
पेयजल, सुचारु
शौचालय, खेल के
मैदान नहीं
हैं, विद्यालयवार
जानकारी दें। (ख)
इनमें से कौन
सी सुविधा एवं
संसाधन
उपलब्ध कराने
के निर्देश
शासन ने दिए
थे? इन
निर्देशों की
प्रति प्रदाय
करें। (ग) इन
संसाधनों, सुविधाओं
से अभी तक
स्कूल को
क्यों वंचित रखा
गया? उक्त
संसाधन, सुविधा कब
तक उपलब्ध हो
सकेंगे?
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) बिजावर
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक
अनुसार है। (ख) विद्यालयों
में
सामान्यतः
विद्यार्थियों
के बैठने हेतु
शिक्षण कक्ष, शौचालय, पेयजल, बिजली
व्यवस्था
जैसी मूलभूत
सुविधाओं
सहित सर्वांगीण
विकास के
दृष्टिगत खेल
मैदान, पुस्तकालय आदि की
व्यवस्था की
जाती है। इस
संबंध में
पृथक से
निर्देश नहीं
है। अतः
शेषांश प्रश्न
उद्भूत नहीं
होता। (ग) शासन
द्वारा
उपलब्ध कराये
गये बजट
अंतर्गत प्रश्न
के 'ख' भाग में
उल्लेखित
सुविधाओं में
से प्राथमिकता
पर कार्य
कराये जाते है।
समस्त संसाधन
सुविधा
उपलब्ध कराया
जाना बजट की
उपलब्धता तथा
सक्षम समिति
की स्वीकृति
पर निर्भर है।
अतः समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
हरसी
बाँध के कमांड
क्षेत्र की
नहरों के जीर्णोद्धार
[जल संसाधन]
53.
( क्र. 664 ) श्री
सुरेश राजे : क्या जल
संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि
(क) क्या हरसी
कमांड
क्षेत्र की
नहरों का रख-रखाव
एवं फ़ील्ड
स्टाफ की कमी
के कारण पिछले
कई वर्षों से
प्रतिवर्ष
टेल पोर्शन पर
फसलों हेतु
पानी नहीं
पहुंचकर 30-40 प्रतिशत
नदी नालों में
बहने से टेल
पोर्शन (पिछोर
क्षेत्र) के
किसानों की
फसल हेतु समय
पर पानी नहीं
मिल रहा है? जल संसाधन
विभाग द्वारा
टेल पोर्शन के
किसानों को
समय पर पानी
मिलने हेतु
कोई कार्य
योजना बनाई गई? यदि हाँ, तो क्या? (ख) वर्ष
2023-24 से 2025-26 से हरसी
बाँध एवं
कमांड
क्षेत्र की
नहरों के जीर्णाद्धार
हेतु वर्षवार
कितनी राशि
प्राप्त हुई? प्राप्त
राशि से प्रश्न
दिनांक तक
हरसी बाँध पर
तथा कमांड
क्षेत्र की
किस-किस नहर
पर कितनी राशि
से कौन सा
कार्य किया
गया? प्रत्येक
कार्य पर अभी
तक कितना
भुगतान कब
किया गया? कार्य
पूर्ण/अपूर्ण
का कारण सहित
पूर्ण जानकारी
देवें (ग) हरसी
कमांड
क्षेत्र की
डी-17
नहर के बायीं
ओर गत 15-16
वर्ष पूर्ण जल
संसाधन विभाग
द्वारा
डामरीकरण
कार्य करवाया
गया जो
वर्तमान में
पूर्णतः क्षतिग्रस्त
हो चुका है
जनहित में इसे
कब तक सही
करवाया जायेगा?
जल
संसाधन
मंत्री ( श्री
तुलसीराम
सिलावट ) : (क) जी, नहीं।
हरसी कमाण्ड
क्षेत्रों का
रख-रखाव
उपलब्ध स्टाफ
से
नियमानुसार
कराकर पिछले
कई वर्षों से
प्रतिवर्ष
हरसी नहर के
टेल पोर्शन
में फसलों
हेतु
पर्याप्त
मात्रा में
पानी
पहुंचाया
जाकर टेल
पोर्शन (पिछोर
क्षेत्र) के
किसानों के
फसल हेतु समय
पर पर्याप्त
मात्रा में
सिंचाई हेतु
पानी उपलब्ध
कराया गया है एवं
पानी नदी
नालों में
नहीं बहा है। पिछले
पांच वर्षों
में की गई
सिंचाई की जानकारी
संलग्न परिशिष्ट के
प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार है।
विभाग
द्वारा टेल
पोर्शन के
किसानों को
समय पर पानी
पहुंचाये
जाने हेतु नहर
में जल संचालन
के समय रोस्टर
प्रणाली से
पानी
पहुंचाये जाने
हेतु
व्यवस्था की
जाती है जो
किसानों की
मांग एवं
कार्यस्थल की
स्थिति
अनुसार
संशोधित की
जाती है एवं
टेल पोर्शन
में समय पर
पर्याप्त
मात्रा में
पानी
पहुंचाया
जाता है। (ख) वर्ष
2023-24 से वर्ष 2025-26 तक हरसी
बांध एवं
कमाण्ड
क्षेत्र की
नहरों के
जीर्णाद्धार
हेतु नहरवार
प्राप्त राशि, किए गए
कार्य, किए गए
भुगतान एवं
कार्य
पूर्ण/अपूर्ण
की जानकारी
संलग्न परिशिष्ट के
प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार है।
(ग) जी, हाँ। जल
संसाधन विभाग
द्वारा डी-17 के बांयी
ओर डामरीकरण
का कार्य
वित्तीय वर्ष 2010-11 में कराया
गया था जिसका
अधिकांश भाग
वर्तमान में
कतिपय स्थानों
पर
क्षतिग्रस्त
है। तथापि
विभागीय
निरीक्षण
वाहनों
द्वारा उक्त
मार्ग का
उपयोग नहर
संचालन कार्य
हेतु सुगमता
से किया जा
रहा है। मार्ग
के पुनः
डामरीकरण की
वर्तमान में
कोई कार्ययोजना
प्रस्तावित
नहीं है।
बिना
नवैयत
परिवर्तन (Land-Use) के अवैध
नामान्तरण
[राजस्व]
54.
( क्र. 666 ) श्री
गिरीश गौतम : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
तहसील मनगवां
जिला रीवा के
ग्राम अमिरती
के खसरा
क्रमांक 80 कुल रकबा 2 एकड़ 50 डिस.
शासकीय तालाब
को बिना वैद्य
आधार के नवैयत
परिवर्तन के
बिना अवैध नामान्तरण
को निरस्त
करने बावत्
विधान सभा में
18.7.2024 को
अतारांकित प्रश्न
क्रमांक 3944
तत्पश्चात
ध्यानाकर्षण
तथा 12.03.2025
को तारांकित प्रश्न
क्रमांक 2474 तथा 6 अगस्त 2025 को भाग-2 में प्रश्न
क्रमांक 1594 में विभाग
द्वारा
प्रत्येक
बिंदुवार
उत्तर दिया गया
कि पट्टा
निरस्त किये
जाने के संबंध
में प्रकरण
कलेक्टर रीवा
के यहाँ
प्रचलित है। आदेश
पारित होने पर
विधि सगंत
कार्यवाही की
जावेगी
परन्तु
प्रकरण में
अद्यतन
स्थिति क्या
है। क्या सभी
पक्षकार
उपस्थित हो
चुके है और
उनका उत्तर
प्रस्तुत हो
चुका है
जानकारी दें। क्या
राजस्व विभाग
द्वारा पूर्व
के अधिकारियों
द्वारा किये
गये अवैध आदेश
के कारण प्रकरण
को लगातार
लंबित रखा जा
रहा है जिससे
कोई निर्णय नहीं हो पा
रहा है। (ख) क्या
विशेष राजस्व
न्यायालय
गठित कर
प्रकरण की
सुनवाई करायी
जाकर तत्काल
प्रकरण का
निराकरण किया
जायेगा, जिससे
शासन की
करोड़ों की
भूमि को भूमि
माफियाओं से
मुक्त कराया
जा सके।
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) ग्राम
अमिरती तहसील
मनगवां जिला
रीवा की भूमि
नम्बर 80 से
संबंधित
शासकीय तालाब
का जारी किये
गये पट्टों के
संबंध में
नायब
तहसीलदार
गंगेव का मूल प्रकरण
क्रमांक 67/1-74/2004-05 में पारित
आदेश दिनांक 29.06.2005 सीताराम
पिता नंद
किशोर गुप्ता
एवं प्रकरण क्रमांक
83/3-19/1996-97 में पारित
आदेश दिनांक 24. 12.1996 को
कलेक्टर, रीवा के
न्यायालय में
स्वमेव
निगरानी में
लिया गया है। उपरोक्त
मूल प्रकरण
प्रस्तुत किये
जाने बावत्
तहसीलदार, तहसील
मनगवां को
कार्यालयीन
पत्र क्रमांक 353/प्र.कले 0/2024 रीवा
दिनांक 09.12.2024 एवं
न्यायालयीन
पत्र क्रमांक
समसंख्या
दिनांक 03.01.2025, 04.02.2025, 03.03.2025,
29. 04.25, 17.11.2025
द्वारा लेख
किया गया है
किन्तु
उपरोक्त प्रकरण
प्राप्त न
होने से
स्वमेव
निगरानी
प्रकरणों का
निराकरण में
विलम्ब हो रहा
है। इस बावत्
तहसीलदार
तहसील मनगवां
जिला रीवा को
लेख किया गया
है कि उपरोक्त
प्रकरण
स्वमेव
निगरानी में
नियत पेशी
दिनांक 25.11.2025 तक
प्राप्त न
होने पर आपके
विरूद्ध
अनुशासनात्मक
कार्यवाही प्रस्तावित
की जावेगी। स्वमेव
निगरानी शुदा
प्रकरण में
मूल प्रकरण प्राप्त
होने पर
अविलम्ब
निर्णय विधि
संगत कार्यवाही
की जावेगी। विचाराधीन
प्रकरण को
विशेष प्रकरण
में लिया जाकर
कार्यवाही
प्रचलन में है।
आदेश पारित
होने पर विधि
संगत
कार्यवाही की
जावेगी। (ख) प्रकरण
विशेष के
सुनवाई के लिए
विशेष राजस्व
न्यायालय के
गठन का
प्रावधान
नहीं है।
बड़ादेव
माइक्रो
सिंचाई
परियोजना
[जल
संसाधन]
55. ( क्र. 667 ) श्री
महेन्द्र
नागेश : क्या जल
संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
शासन के
संज्ञान में
है कि बड़ादेव
माइक्रो
सिंचाई
परियोजना के अंतर्गत
सनेर बाँध
परियोजना का
कार्यक्षेत्र
जिला
नरसिंहपुर की
सीमा में
स्थित होने के
बावजूद
वर्तमान में
उक्त
परियोजना का
संचालन जल
संसाधन संभाग
जबलपुर के
माध्यम से
किया जा रहा
है? (ख) यदि हाँ, तो शासन
द्वारा
दिनांक 04.11.2024 के पत्र
क्रमांक 3368 में जारी
निर्देशों का
अनुपालन अब तक
क्यों नहीं
किया गया? (ग) क्या
शासन द्वारा
सनेर बाँध
परियोजना को
जल संसाधन
संभाग, नरसिंहपुर
को
हस्तांतरित
किए जाने हेतु
कोई कार्यवाही
प्रारंभ की गई
है? यदि
हाँ, तो
उसकी वर्तमान
स्थिति विवरण
क्या है?
जल
संसाधन
मंत्री ( श्री
तुलसीराम
सिलावट ) : (क) जी हाँ। (ख) शासन
द्वारा
दिनांक 04.11.2024 के पत्र
क्र. 3368
संबंधी
निर्देश
कार्यालय में
प्राप्त
होना नहीं पाए
गए। (ग) जी
नहीं। शेष प्रश्नांश
लागू नहीं।
स्टापडेम
निर्माण की स्वीकृति
[जल संसाधन]
56.
( क्र. 672 ) श्री माधव
सिंह (मधु
गेहलोत) : क्या जल
संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) आगर
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत जल
संसाधन विभाग
अंतर्गत
कितने स्टाप
डेम/ तालाब
टैंक आदि की
स्वीकृति
हेतु शासन
स्तर पर लंबित
है कितने
स्टाप डेम/तालाब/टेंक
की साध्यता
स्वीकृत है? (ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार
जिन
परियोजनाओं
की साध्यता
स्वीकृति हो चुकी है
उनकी
प्रशासकीय
स्वीकृति कब
तक कर दी
जायेगी? (ग) आहू
नदी परियोजना
अंतर्गत 10 से 12 गांव उक्त
योजना में छूट
गए है कुछ ऐसे
गांव है जिनकी
जमीन गई है
परन्तु उनको
भी सिंचाई हेतु
पानी नहीं मिल
पा रहा है
उक्त ग्रामों
को सिंचाई
सुविधा हेतु
आहू नदी
परियोजना में जोड़े
जाने हेतु
विभाग द्वारा
कोई
कार्यवाही की
गई है यदि हाँ, तो उक्त
परियोजना से वंचित
ग्रामों को कब
तक परियोजना
में सम्मिलित कर
लिया जायेगा?
जल
संसाधन
मंत्री ( श्री
तुलसीराम
सिलावट ) : (क) आगर
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत 03 योजनाएं
क्रमशः
सियाखेड़ी
तालाब, भीमपुरा
तालाब एवं हड़ाई
तालाब (नहर
रहित) योजना
की स्वीकृति
विचाराधीन है
तथा 04
तालाब की
साध्यता
स्वीकृत है। जानकारी
संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क)
अनुसार
साध्यता
स्वीकृत
प्राप्त 04 योजनाओं
की जानकारी
संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
प्रशासकीय
स्वीकृति की
निश्चित
समय-सीमा बताया
जाना संभव
नहीं है। (ग) आहू
मध्यम
परियोजना की
अधिकतम
जलभराव क्षमता
को पूर्णतः
उपयोग कर
तकनीकी रूप से
उपर्युक्त 23 ग्रामों
के 5255
हेक्टेयर
क्षेत्र को
सिंचाई हेतु
निर्धारण की
स्वीकृति
जारी की जा
चुकी है। अतः
वर्तमान में
स्वीकृत
ग्रामों के
निर्धारित
सिंचाई
क्षेत्र के
अतिरिक्त
क्षेत्र में
सिंचाई
सुविधा
उपलब्ध कराया
जाना तकनीकी रूप
से संभव नहीं
है।
चिकित्सकों
की
कार्यस्थिति
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
57.
( क्र. 673 ) श्री
महेन्द्र
नागेश : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
गोटेगाँव
विधानसभा
क्षेत्र के
अंतर्गत
स्वास्थ्य
विभाग के अधीन
पदस्थ कुछ
चिकित्सक
अन्य स्थानों
पर अस्थायी
रूप से अटैच
होकर कार्य कर
रहे हैं, जिसके
कारण उनके मूल
पदस्थ
स्वास्थ्य
केन्द्रों
में चिकित्सा
सेवाओं का
प्रभावी
संचालन बाधित
हो रहा है? (ख) क्या
शासन के
संज्ञान में
यह तथ्य है कि
उक्त स्थिति
के
परिणामस्वरूप
ग्रामीण
क्षेत्रों
में उपचार
सुविधाओं में
कमी आई है तथा
आमजन को
समयोचित
चिकित्सकीय
सहायता
प्राप्त करने
में कठिनाई हो
रही है? (ग) यदि
हाँ, तो
क्या विभाग
द्वारा
संबंधित
चिकित्सकों के
अटैचमेंट
आदेशों की
समीक्षा कर, उन्हें
उनके मूल
पदस्थ
स्थानों पर
पुनः कार्य
करने हेतु
निर्देशित
करने की कोई
कार्यवाही
प्रस्तावित
है? (घ) यदि नहीं, तो क्या
शासन इस दिशा
में कोई ठोस
नीति तैयार करने
पर विचार कर
रहा है, जिससे
गोटेगाँव
क्षेत्र की
स्वास्थ्य
सेवाओं की
निरंतरता एवं
गुणवत्ता
सुनिश्चित की जा
सके?
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) मुख्य
चिकित्सा एवं
स्वास्थ्य
अधिकारी जिला
नरसिंहपुर के
कार्यालयीन
आदेश दिनांक 17.11.2025 द्वारा
स्थानीय स्तर
पर गोटेगाँव
विधानसभा
क्षेत्र के
अंतर्गत
पदस्थ 02
चिकित्सकों
को अन्य
संस्थाओं में
कार्य संपादित
करने संबंधी
आदेश को
निरस्त कर मूल
पदस्थापना
स्थल
प्राथमिक
स्वास्थ्य
केन्द्र श्रीनगर
एवं करकबेल
में कार्य
संपादित करने
हेतु आदेशित
किया गया है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख) से
(घ) उत्तरांश ''क'' के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
वरिष्ठ
अधिकारियों
के आदेशों का
पालन न होना
[राजस्व]
58.
( क्र. 695 ) श्री
यादवेन्द्र
सिंह : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या न्यायालय
अनुविभागीय
अधिकारी
टीकमगढ़, जिला-टीकमगढ़
द्वारा अपने
प्रकरण क्र.-34/ दाण्डिक/164/2025 में
दिनांक-27.02.2025 को एवं एक
आदेश 13.03.2025
को एवं आदेश 30.03.2025 को किया
गया किंतु एक
भी आदेश का
पालन नहीं
हुआ। ऐसा
क्यों इसके लिये कौन
दोषी है? (ख) क्या प्रश्नांश
(क) में
वर्णित
प्रकरणों के
संबंध में
आवेदक ने दिनांक
16.07.2025 को एक
आवेदन
कलेक्टर
टीकमगढ़ को
स्पीड पोस्ट
के माध्यम से
देकर एस.डी.एम.
के आदेशों का
पालन न करने
के संबंध में
दिया था। यदि
हाँ, तो
उस पर क्या
कार्यवाही की
गई? (ग) क्या थाना
प्रभारी
देहात जिला
टीकमगढ़, म.प्र. ने
अपने पत्र
क्र.-1694/25
दिनांक-10.07.2025 को
एस.डी.एम.
महोदय राजस्व, तहसीलदार
टीकमगढ़ से
संबंधित
दस्तावेज की मांग
की थी। उस
पत्र पर
तहसीलदार/एस.डी.एम.
टीकमगढ़ के
द्वारा क्या
कार्यवाही की
गई? (घ) क्या प्रश्नांश
(क) में
वर्णित
आदेशों का
पालन कराया
जायेगा यदि
नहीं तो
औचित्यहीन
आदेश माने
जायेंगे। क्या
इससे भारतीय
न्याय संहिता
विफल नहीं होगी?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) जी हाँ। न्यायालय
अनुविभागीय
दण्डाधिकारी
टीकमगढ़ के
प्रकरण
क्रमांक 34/दाण्डिक/164/2025 में
दिनांक 27.2.2025 द्वारा
भारतीय
नागरिक
सुरक्षा
संहिता की धारा
164
(1) के तहत
प्रारंभिक
आदेश पारित
करते हुए मौका
पर राजस्व
निरीक्षक
जांच
प्रतिवेदन तक
यथास्थिति
बनाये जाने का
आदेश पारित
किया गया था। दिनांक
01.03.2025 को जांच
प्रतिवेदन प्राप्त
होने पर
यथास्थिति
आदेश स्वतः
समाप्त हो गया।
दिनांक 10.3.2025 को भारतीय
नागरिक
सुरक्षा
संहिता की
धारा 165 (1) के
तहत विवादित
भूमि पर फसल
को किसी सक्षम
अधिकारी को सुपुर्दगी
में देने
तहसीलदार
टीकमगढ़ को
रिसीवर
नियुक्त किया
गया था तथा
उभयपक्षों को
विवादित भूमि
पर प्रवेश
करने से
प्रतिबंधित
किया गया था। उपरोक्त
आदेश के पालन
में राजस्व
निरीक्षक तथा
पटवारी
द्वारा
दिनांक 13.03.25 को कुर्की
की कार्यवाही
किये जाने
हेतु मौके पर
उपस्थित हुए, फसल कट
जाने से
कार्यवाही
पूर्ण नहीं
हुयी व पंचनामा
बनाया गया। दिनांक
30.5.2025 को पुनः
थाना प्रभारी
देहात एवं
तहसीलदार टीकमगढ़
को पालन करने
हेतु आदेशित
किया गया था, अनावेदक
द्वारा
दिनांक 10.03.2025 का पालन
नहीं किये
जाने पर एवं
वर्तमान में प्रकरण
प्रक्रियाधीन
होने से
भारतीय
नागरिक सुरक्षा
संहिता की
धारा 164 के
तहत
प्रतिबंधात्मक
कार्यवाही की
जावेगी। (ख) प्रश्नांश
(क) में
वर्णित
दिनांक 16.07.2025 का आवेदन
पत्र
तहसीलदार टीकमगढ़
के यहां
प्राप्त
किया गया, जो प्रकरण
में संलग्न कर
भारतीय
नागरिक सुरक्षा
संहिता 2023 अनुसार
कार्यवाही की
जावेगी। (ग) जी
हाँ। थाना
प्रभारी
देहात जिला टीकमगढ़
म.प्र. के पत्र
क्रमांक 1694/25 दिनांक 10.07.2025 के द्वारा
संबंधित
दस्तावेजों
की मांग की गई थी।
मांग अनुसार
दस्तावेज इस
न्यायालय के
पत्र क्रमांक 246/स्टेनो/एसडीओ/टी/2025 दिनांक 10.07.2025 द्वारा
दिनांक 10.7. 2025 को थाना
प्रभारी
देहात टीकमगढ़
को उपलब्ध कर
कार्यवाही की
गई। (घ) प्रश्नांश
(क) में
वर्णित
आदेशों के
संबंध में
प्रकरण क्रमांक34/आप0/164/2025 धारा 164 भारतीय
नागरिक
सुरक्षा
संहिता 2023 के
अन्तर्गत
न्यायालय
अनुविभागीय
दण्डाधिकारी
में
विचाराधीन है।
अतः संहिता
विफल होने का प्रश्न
उद्भूत नहीं
होता है।
आउटसोर्स
कर्मचारियों
का वेतन
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
59.
( क्र. 696 ) श्री
यादवेन्द्र
सिंह : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) जिला
स्वास्थ्य
विभाग
टीकमगढ़ में
कुल कितने
कर्मचारी
आउटसोर्स
द्वारा लगाये
गये है
कर्मचारी के नाम
पता सहित
मध्यस्थ
कंपनी का भी
नाम पता सहित
बतावें? (ख) क्या
आउटसोर्स
कर्मचारियों
से नियुक्ति
के पूर्व
शपथ-पत्र
मध्यस्थ
कंपनी द्वारा
लिया जाता है
जिसमें लेख
कराया जाता है
कि उसे जो वेतन
दिया जावेगा
वही प्राप्त करेंगे।
कंपनी की कहीं
शिकायत नहीं
करेंगे। उसे
बिना बताये
कभी भी सेवा
समाप्त की जा
सकती है? (ग) प्रश्नांश
(क) में
वर्णित
कर्मचारियों
को ई.पी.एफ.
नंबर पेंशन
बीमा आदि की
कटौती एवं
अन्य सुविधा
दी गई, विस्तृत
विवरण दें? (घ) क्या
सी.एम.एच.ओ. एवं
मध्यस्थ
कंपनी द्वारा
कर्मचारियों
का शोषण कर वह
राशि नहीं दी
जाती है। जिस
पर हस्ताक्षर
कराते है ऐसा
क्यों?
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क)
जानकारी पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र''अ'' अनुसार।
(ख) जी
नहीं
आउटसोर्स
एजेंसियों
द्वारा
आउटसोर्स
कर्मचारियों
से ऐसा कोई शपथ पत्र
नहीं लिया जाता
है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग)
जानकारी पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र''ब'' अनुसार।
(घ) जी
नहीं। प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
धरती
आभा योजना की
जानकारी
[जनजातीय
कार्य]
60.
( क्र. 704 ) श्री कालु
सिंह ठाकुर : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
धार जिले में
धरती आभा
योजना
संचालित हो रही
है? यदि
हाँ, तो
उक्त योजना की
गाइड लाइन की
प्रति उपलब्ध
करावें? (ख) उक्त
योजना
अंतर्गत
योजना
प्रारंभ
दिनांक से प्रश्न
दिनांक तक धार
जिले में
कितनी राशि
आवंटित की गई
है? वर्षवार
जानकारी
बतावें? (ग) उक्त
योजना
अंतर्गत
आवंटित राशि
को योजना
प्रारंभ
दिनांक से प्रश्न
दिनांक तक धार
जिले में
किन-किन
कार्यों हेतु
कितनी-कितनी
राशि
स्वीकृत की गई
है? (घ) उक्त
योजना
अंतर्गत
किन-किन
कार्यों हेतु
कितनी-कितनी
राशि के बिल
लगाये गए है? सम्पूर्ण
कार्यों
प्रति उपलब्ध
करावें?
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) : (क) जी हाँ। गाइड
लाइन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। (ख) जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। (ग) जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट-तीन अनुसार है। (घ) जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट-तीन अनुसार है।
पर्यटन
नगरी मांडू
में किये गये
विकास कार्य
[पर्यटन]
61.
( क्र. 705 ) श्री कालु
सिंह ठाकुर : क्या राज्य
मंत्री, पर्यटन
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
धार जिले की
धरमपुरी
विधानसभा में
पर्यटन विभाग
द्वारा
पर्यटन नगरी
मांडू में
विकास
कार्यों हेतु
प्रस्ताव
भेजे गए हैं? (ख)
प्रश्नांश
(क) अनुसार
यदि हाँ, तो
किन-किन
कार्यों के
प्रस्ताव
भेजे गए हैं? (ग)
पर्यटन
नगरी मांडू
में कौन-कौन
से कार्य प्रगतिरत
हैं और
कौन-कौन से
अपूर्ण हैं? सूची
बतावें और
कौन-कौन से
कार्य
समय-सीमा में
पूर्ण नहीं
किये गये हैं, जो
कार्य
समय-सीमा में
पूर्ण नहीं
हुए हैं, तो एजेंसी
या अधिकारी पर
कार्यवाही की
गई है और यदि
कार्यवाही
नहीं की तो
किस कारण?
राज्य
मंत्री, पर्यटन (
श्री
धर्मेन्द्र
भाव सिंह लोधी
) :
(क) जी हाँ। (ख) पर्यटन
मंत्रालय, भारत
सरकार की ''Challenge Based Destination Development Scheme, जो की Swadesh Darshan 2.0 की Sub-Scheme है। जिसके
अंतर्गत
माण्डू हेतु
राशि रू. 24.87 करोड़ की
स्वीकृति
प्राप्त हो
चुकी है। आर.एफ.पी.
(RFP)
जारी
की गई है। कार्यों
की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) पर्यटन
नगरी मांडू
में
कैफेटेरिया
का निर्माण
कार्य अंतिम
स्तर पर
प्रगतिरत है। सभी
कार्य
समय-सीमा में
पूर्ण किये
गये हैं। शेष
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
चिकित्सकों
एवं स्टॉफ की
व्यवस्था
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
62.
( क्र. 714 ) श्री
श्रीकान्त
चतुर्वेदी : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) नवगठित
जिला मैहर में
जन सामान्य के
कार्यों की
सुविधा की
दृष्टि से
क्या मुख्य
चिकित्सा एवं
स्वास्थ्य
अधिकारी का पद
मय स्टॉफ
स्वीकृत किया
गया है। यदि
हाँ, तो
पदवार
जानकारी दी
जावे यदि नहीं
तो कब तक स्वीकृत
कर पदस्थापना
करा दी जावेगी? (ख) प्रश्नांश
(क) के संबंध
में क्या
नवगठित जिला
मैहर के
अस्तित्व
में कार्यरत
हो जाने के
बावजूद भी
यहां मुख्य
चिकित्सा एवं
स्वास्थ्य
अधिकारी मय
स्टॉफ पदस्थ
न होने से जन
सामान्य को
अपने कार्यों हेतु
भटकने
जैसी
कठिनाइयां हो
रही हैं। यदि
हाँ, तो क्या
अविलम्ब
अपेक्षित
अनुसार
कार्यवाही पूर्ण करा
दी जावेगी? यदि हाँ, तो
समयावधि
बतायी जावें।
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) जी नहीं। नवगठित
जिला मैहर में
मुख्य
चिकित्सा
एवं स्वास्थ्य
अधिकारी
कार्यालय पद
मयस्टॉफ स्वीकृति
हेतु प्रस्ताव
प्रक्रियाधीन
है। (ख) जी नही, उत्तरांश
(क) अनुसार
प्रस्ताव
प्रक्रियाधीन
है। निश्चित
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
बालिका
छात्रावास
में वार्डन की
नियुक्ति
[स्कूल
शिक्षा]
63.
( क्र. 719 ) श्री
दिलीप सिंह
परिहार : क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2018 के
पश्चात् नीमच व
मंदसौर जिले
में स्कूल
शिक्षा विभाग
अंतर्गत
संचालित बालिका
छात्रावास
में वार्डन पद
पर नियुक्ति के
क्या नियम हैं? क्या
वार्डन की
नियुक्ति
समाचार
पत्रों में जारी
विज्ञप्ति के
आधार पर होती
है? यदि
हाँ, तो
उक्त अवधि में
किन-किन
छात्रावासों
में किस-किस
नियम के तहत
अखबार में
विज्ञप्ति के
माध्यम से
किन-किन को
नियुक्ति दी
गई? (ख) प्रश्नांश
(क) संदर्भित
नियमों के
अनुसार
वार्डन एक
संस्था में
अधिकतम कितने
वर्षों तक
पदस्थ रह सकती
है तथा बिना
विज्ञप्ति
सीधे नियुक्त
वार्डनों को हटाने
हेतु विभाग
द्वारा कोई
नोटिस जारी
किए गए हों तो
उनकी
प्रतिलिपि
उपलब्ध कराई
जाए। (ग) उक्त
जिलों में
किन-किन
छात्रावास
में किस-किस
वार्डन के
खिलाफ कब-कब, किस-किस
प्रकार की
शिकायतें
किस-किस
व्यक्ति द्वारा
दर्ज की गईं? उस पर
विभाग द्वारा
क्या
कार्यवाही की
गई? (घ) 1 जनवरी 2020 से
छात्रावास
वर्ष में
कितने दिन
संचालित हुए
तथा मेस
उपस्थिति
पंजी, कैशबुक, छात्राओं
की उपस्थिति, बैंक
स्टेटमेंट, वर्षवार
व्यय की सूची दी जाए। साथ
ही वार्डन
द्वारा नकद व
चेक से किए
जाने वाले
अधिकृत
भुगतान की
सीमा बताई जाए।
(ड.) उपर्युक्त
अवधि में
छात्रावासों
को प्रदत्त
वार्षिक
अनुदान, जांच/निरीक्षण
की संख्या, ऑडिट
रिपोर्ट एवं
उपलब्ध ऑडिट
कंडिकाओं की
प्रतिलिपियाँ
प्रदान की
जाए।
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) बालिका
छात्रावास
में वार्डन पद
पर नियुक्ति
के
नियम/निर्देश
की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ‘1’ अनुसार है। चयनित
विद्यालय में
महिला
शिक्षिका की
अनुपलब्धता
अथवा उपलब्ध
शिक्षिका की
कार्य से असहमति
की स्थिति में
विज्ञापन के
माध्यम से महिला
शिक्षिका से
आवेदन
आमंत्रित
किये जाने का
प्रावधान है। जिला
नीमच एवं
मंदसौर
द्वारा
उपरोक्त नियम
के तहत सहमति
के आधार पर
वार्डन की
नियुक्ति की
गयी। शेषांश
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख) वार्डन
को एक संस्था
में अधिकतम 03 वर्ष की
अवधि तक
अतिरिक्त
प्रभार दिया
जाता है। जी
नहीं। शेषांश
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) प्रश्नांश
‘क’ में
अंकित अवधि के
पश्चात् जिला
नीमच एवं मंदसौर
के बालिका
छात्रावासों
में वार्डन के
खिलाफ किसी भी
प्रकार की
शिकायत दर्ज
नहीं हुई है। अतः
जानकारी
निरंक है। शेषांश
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) 01 जनवरी 2020 से जिला
नीमच एवं
मंदसौर में
छात्रावास
संचालन दिवस, मैस
उपस्थिति
पंजी, कैशबुक, छात्राओं
की उपस्थिति, बैंक
स्टेटमेंट, वर्षवार
व्यय की सूची
की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ‘2’ अनुसार है। प्रदेश
में पीएफएमएस
भुगतान
प्रणाली लागू
की गयी है। जिसमें
छात्रावासों
को भारत सरकार
से स्वीकृत
बजट अनुसार
व्यय सीमा
जारी की जाती
है। इसी
प्रणाली से
संबंधितों के
बैंक खातों
में भुगतान
किया जाता है।
नगद भुगतान
नहीं किया
जाता है। (ड.) छात्रावासों
को भारत सरकार
से स्वीकृत
बजट अनुसार
व्यय सीमा
प्रदत्त की
जाती है। छात्रावासों
की ऑडिट
रिपोर्ट एवं
ऑडिट कंडिकाओं
की
प्रतिलिपियां
जिला शिक्षा
केन्द्र की
रिपोर्ट में
समाहित है। जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट – ‘3' अनुसार है। जिला
नीमच एवं मंदसौर
में
उपर्युक्त
अवधि में
छात्रावासों
की
जाँच/निरीक्षण
की संख्या की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ‘2’ अनुसार है।
गैर
चिकित्सीय
कार्यों में
चिकित्सकों
का सहयोग
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
64.
( क्र. 729 ) श्री
दिनेश गुर्जर
: क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
शासकीय संजय
गांधी
चिकित्सा
महाविद्यालय, रीवा के
संबद्ध
अस्पताल में
अस्पताल
प्रबंधक का
केवल एक पद
मंत्री-परिषद्
की स्वीकृति
से सृजित किया
गया था, जिसका
उद्देश्य
अस्पताल के
गैर-चिकित्सीय
कार्यों में
अधीक्षक एवं
चिकित्सकों
को प्रशासनिक
सहयोग देना था? यदि हाँ, तो उक्त पद
कब स्वीकृत
हुआ, वर्तमान
में उस पर कौन
कार्यरत है
तथा क्या वह
अधिकारी
अस्पताल में
पदस्थ हैं या
संचालनालय, भोपाल में
संलग्न हैं? उक्त पद पर
की गई
नियुक्ति के
आदेश की प्रति, नियुक्त
अधिकारी की
शैक्षणिक एवं
प्रबंधकीय
योग्यता तथा पदस्थापन
एवं
संलग्नीकरण
से संबंधित
सभी आदेशों की
प्रतिलिपियाँ
देवें। (ख) यदि
उक्त
संलग्नीकरण
आदेश किसने, किस
प्रावधान के
अंतर्गत एवं
किस उद्देश्य
से जारी किया? क्या इस
संलग्नीकरण
से
मंत्री-परिषद्
की मंशा और पद
सृजन के मूल
उद्देश्य का
उल्लंघन नहीं
हुआ है? (ग) क्या
उक्त अधिकारी
को संचालनालय
स्तर पर स्नातक
एवं
स्नातकोत्तर
काउंसलिंग
जैसे तकनीकी
कार्यों में
लगाया गया है? यदि हाँ, तो उनके
पास इस कार्य
हेतु क्या
अनुभव अथवा
योग्यता है और
क्या ऐसा
कार्य
अस्पताल
प्रबंधक पद के
कर्तव्यों के
अनुरूप है? (घ) यदि
अस्पताल
प्रबंधक की
अनुपस्थिति
से अस्पताल
में कोई कार्य
प्रभावित हुआ
है तो प्रभावित
कार्यों की
सूची तथा
सेवा-गुणवत्ता
पर पड़े
प्रभाव का
विवरण दिया
जाए और यदि
विभाग का यह
मत है कि कोई
कार्य प्रभावित
नहीं हुआ है, तो क्या
शासन ऐसे पदों
को भविष्य में
निरस्त करने
पर विचार कर
रहा है ताकि
अनावश्यक
वित्तीय व्यय
से शासन को
हानि न हो?
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) जी हाँ। जी
हाँ विभागीय
आदेश क्रमांक
एफ 4-19/2017/55-2
दिनांक 04 अक्टूबर 2018 द्वारा
चिकित्सा
महाविद्यालय
रीवा में अस्पताल
प्रबंधक का 01 पद दिनांक 04/10/2018 से स्वीकृत
किया गया है। अस्पताल
प्रबंधन के पद
पर डॉ.
प्रियंका
पंचौली कार्यरत
है। वर्तमान
में
प्रशासकीय
कार्य सुविधा
के दृष्टिगत
संचालनालय
चिकित्सा
शिक्षा में
पदस्थ है। शैक्षणिक
एवं
प्रबंधकीय
योग्यता तथा
पदस्थापना
से संबंधित
आदेशों की
प्रति की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ
अनुसार। (ख) डॉ.
प्रियंका
पंचौली अस्पताल
प्रबंधक, चिकित्सा
महाविद्यालय
रीवा को आदेश
क्रमांक 903/ का. स्था/संचिशि/2023 दिनांक 22/11/2023 द्वारा
प्रशासकीय
कार्य सुविधा
की दृष्टि से
संचालनालय, चिकित्सा
शिक्षा में
कार्य निष्पादित
करने हेतु
आदेशित किया
गया है। अत:
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) जी
हाँ। संचालनालय
में कार्य
करने हेतु
प्रशासकीय कार्य
सुविधा के
दृष्टिगत
आदेश क्रमांक 922/का.स्था/अचिशि/2023 दिनांक 29/11/2023 द्वारा
कार्य आवंटन
किया गया है। आदेश
की प्रति की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब
अनुसार। अत: शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) जी
नहीं। चिकित्सालय
में अस्पताल
प्रबंधक की
अनुपस्थिति
में चिकित्सालय
में 02
सहायक अस्पताल
प्रबंधक
पूर्व से पदस्थ
हैं, इस
कारण अस्पताल
प्रबंधक को
सौंपे गये
कार्यों के
क्रियान्वयन
में चिकित्सालय
में
प्रबंधकीय/तकनीकी
कठिनाइयां
उत्पन्न
नहीं हुई है। अत:
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
आर.एम.पी.
चिकित्सकों
के क्लीनिक
बंद किए जाना
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
65. ( क्र. 731 ) श्री
दिनेश गुर्जर
: क्या
उप मुख्यमंत्री,
लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
सरकार स्पष्ट
करेगी कि
मुरैना जिले
सहित प्रदेशभर में
रजिस्टर्ड
मेडिकल प्रेक्टिशनर
(आर.एम.पी.) के
क्लीनिक किसी
शासकीय आदेश
या
दिशा-निर्देश
के तहत बंद
कराए जा रहे
हैं? यदि
हाँ, तो
वह आदेश कब
एवं किन
आधारों पर
जारी किया गया, इन्हें
बंद करने का
उचित कारण
क्या है? (ख) मुरैना
जिले में अब
तक कुल कितने
आर.एम.पी. क्लीनिक
बंद कराए गए
हैं, किन
कारणों से यह
कार्रवाई की
गई और ग्रामीण
स्वास्थ्य
व्यवस्था को
पुनः सुचारू
करने के लिए
इन्हें चालू
कराने हेतु
क्या ठोस
योजना या
समय-सीमा निर्धारित
की गई है?
उप मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) जी नहीं।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख) मुरैना
जिले में अबतक
कुल 46 गैर
मान्यताधारी
व्यक्तियों
द्वारा
संचालित क्लीनिक
बंद कराए गए
है। मानव
चिकित्सा
हेतु उचित
शैक्षणिक
अर्हता के
अभाव को
दृष्टिगत
रखते हुए इन्हें
पुन: चालू
करने की कोई
योजना नहीं
है।
माननीय
न्यायालय के
आदेश का पालन
करना
[राजस्व]
66.
( क्र. 733 ) श्री
सुरेश राजे : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
कलेक्टर
भोपाल के पत्र
क्र. 270/भू
अर्जन/25/दिनांक 19/02/25 द्वारा
वर्ष 1995 की
स्थिति में
प्रतिकार
भुगतान लेने
संबंधी कलेक्टर
निर्णय की
सूचना आवेदक
को दी गई? जिसके
विरुद्ध
दिनांक 04 & 16 जून, 08 अगस्त, 04 सितम्बर, 09, 15 एवं 29 अक्टूबर 2025 को आवेदन
प्राप्त हुए? (ख) क्या
कलेक्टर के
पत्र क्र. 167/भू अर्जन 24 दिनांक 22/10/24 से
कार्यपालन
यंत्री भोपाल
को सूचित किया
गया कि वर्ष 1995 तक विभाग
द्वारा
भू-धारक को
प्रतिकार
भुगतान हेतु
कार्यवाही
नहीं की गई? (ग) क्या
दिनांक 06/12/1994 को प्रश्नाधीन
भू-अर्जन
अवार्ड जारी
हुए 05
वर्ष की अवधि
बीत चुकी थी? तब तक
भू-धारकों को
प्रतिकर
भुगतान के लिए
विभाग से
बुलावा या सूचना
पत्र नहीं
भेजा गया था? (घ) क्या
दिनांक 31/12/1995 तक संबंधित
विभाग ने
प्रतिकर जमा
नहीं किया था? इस कारण
प्रश्नांश (क)
में
उल्लेखित
कलेक्टर
निर्णय की
स्थिति
अनुसार
प्रतिकर
भुगतान किया
जाना संभव
नहीं है? (ड.) यदि
उपरोक्त (क), (ख), (ग)
एवं (घ) का
उत्तर हाँ है
तो राजस्व
विभाग के
परिपत्र क्र.एफ-12/5/2014/सात-2ए दिनांक 29 जनवरी 2014 के पैरा-5 एवं
सर्वोच्च
न्यायालय का
आदेश कंडिका-363 (4) के पालन
में कलेक्टर
ने समुचित
सरकार का आदेश
कब जारी किया?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) जी
हाँ। वर्ष 1995 की स्थिति
में प्रतिकर
भुगतान की
सूचना आवेदक
को दी गई है।
प्रश्न में
वर्णित समस्त
आवेदन पत्र
प्राप्त हुए
हैं। (ख) प्रश्नांश
(ख) में उल्लेखित
कार्यालयीन
पत्र के खण्डन
में कार्यालय
कार्यपालन
यंत्री, जल संसाधन
संभाग, भोपाल के
पत्र क्रमांक 4175/एल.के.-1 (I)/तक/2024, भोपाल
दिनांक 19/11/2024 द्वारा
अवगत कराया
गया कि दिनांक
12/09/1995
को
मुआवजा राशि 8,46,074/- रूपये का
चेक क्रमांक 134215 भुगतान
हेतु इस
कार्यालय को
प्रेषित किया
गया था। (ग) यह
सही है कि
दिनांक 06/12/1994 को प्रश्नाधीन
भू-अर्जन
अवार्ड जारी
हुए 05 वर्ष
की अवधि बीत
चुकी थी।
अवार्ड
दिनांक 05/12/1989 को पारित
किया गया था
और उससे पहले
ही आधिपत्य
लिया जा चुका
था। प्रश्नांश
के शेष भाग के
संबंध में वस्तुस्थिति
यह है कि
विभाग द्वारा प्रतिकर
भुगतान
प्राप्त
करने के लिए
भू-धारक को
बार-बार पत्र
लिखने के बाद
भी भू-धारक
द्वारा
भू-अर्जन की
राशि नहीं ली
गई। विभाग
द्वारा
भू-धारक को
अंतिम बार
दिनांक 29/06/1995 को भुगतान
प्राप्त
करने की सूचना
दी गई थी। (घ) नहीं।
विभाग द्वारा
प्रतिकर की
राशि दिनांक 12/09/1995 को जमा कर
दी गई थी। (ड.) उत्तरांश
‘घ’ के
प्रकाश में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
सेवानिवृत्त
अधिकारी/कर्मचारियों
की वेतन वृद्धि
[स्कूल
शिक्षा]
67.
( क्र. 736 ) श्री
सुरेश राजे : क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) मध्य
प्रदेश शासन
वित्त विभाग
का पत्र क्र.
एफ8-1/2024/नियम/चार
भोपाल, दिनांक 18 नवंबर 2024 अनुसार 30 जून एवं 31 दिसंबर को
सेवानिवृत्त
अधिकारी/कर्मचारी
को 01
जुलाई अथवा 01 जनवरी की
स्थिति में एक
काल्पनिक
वेतन वृद्धि
स्वीकृत कर 01/05/23 से पेंशन
का लाभ देने
का प्रावधान
है यदि हाँ, तो जिला
शिक्षा
अधिकारी
ग्वालियर एवं
विकासखंड
शिक्षा
अधिकारियों
के अधीन ऐसे
सेवानिवृत्त
शिक्षक/अधिकारी/कर्मचारियों
की संख्या
बताएं एवं
इनमें से
कितनों की वेतनवृद्धि
प्रश्न
दिनांक तक
स्वीकृत की गई
तथा कितनों की
स्वीकृत की
जानी है? (ख) प्रश्नांश
(क) के अनुसार
उक्त अवधि में
सेवानिवृत्त
होने से
किस-किस की
वेतनवृद्धि
कब-कब स्वीकृत
की गई? आदेश
व दिनांक
बताएं एवं
इन्हें बढ़ी
हुई पेंशन का
लाभ दिया जा
रहा है? शेष की
वेतनवृद्धि
अभी तक
स्वीकृत
क्यों नहीं की
गई? विलम्ब
के लिए कौन
जिम्मेदार है? यह कब तक
स्वीकृत की जा
कर बढ़ी हुई
पेंशन का लाभ
दिया जायेगा?
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) जी हाँ। 102 से.नि.
शिक्षक/अधिकारी
कर्मचारी की
वेतन वृद्धि
स्वीकृत की
गई हैं। 03 लोक
सेवकों की स्वीकृति
किया जाना शेष
है। (ख) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
अनुसार। शेष
प्रश्नांश
की जानकारी
उत्तरांश ''क''
अनुसार। सतत्
प्रक्रिया
होने से
समय-सीमा बताया
जाना संभव
नहीं हैं।
प्रश्नकर्ता
के प्रश्न पर
कार्यवाही
किया जाना
[राजस्व]
68.
( क्र. 742 ) श्री
विपीन जैन : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि
(क) प्रश्नकर्ता
द्वारा
अनुविभागीय
अधिकारी
राजस्व मंदसौर
जिला मंदसौर
को प्रेषित
पत्र क्रमांक 1037 दिनांक 15/9/2025 पर विभाग
द्वारा क्या
कार्यवाही की
गई है। (ख) प्रेषित
पत्र पर की गई
कार्यवाही के
संपूर्ण विवरण
से अवगत कराये।
(ग) यदि
कार्यवाही
नहीं की गयी
है तो क्यों? कार्यवाही
विलम्ब के
क्या कारण है?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) श्री
विपीन जैन, माननीय
विधायक महोदय
मंदसौर
द्वारा
अनुविभागीय
अधिकारी
महोदय मंदसौर
को प्रेषित
पत्र क्रमांक 1037 दिनांक 15/09/2025 की जांच
पटवारी ग्राम
दलौदा चौपाटी
से करवाई गई।
पटवारी
द्वारा जांच
प्रतिवेदन
प्रस्तुत कर प्रतिवेदन
में उल्लेख
किया कि
स्वामित्व
योजना
अंतर्गत
ड्रोन सर्वे
के दौरान
आवेदित भवन पर
श्री विनोद
धनोतिया पिता
ओमप्रकाश
धनोतिया जाति
पोरवाल
निवासी दलौदा
चौपाटी काबिज
थे जिसके कारण
स्वामित्व
योजना में
कब्जेधारी
श्री विनोद धनोतिया
पिता
ओमप्रकाश
धनोतिया जाति
पोरवाल
निवासी दलौदा
चौपाटी का नाम
ग्राम दलौदा
चौपाटी स्थित
भूखण्ड प्लाट
क्रमांक 207
रकबा 0.0052 हेक्टेयर
पर दर्ज किया
गया है। आवेदक
सूरजमल पिता
रामगोपाल
सुथार आवेदित
भवन पर सर्वे
के दौरान
काबिज नहीं
पाये गये थे
एवं
स्वामित्व योजना
अंतर्गत दावा
आपत्ति
समयावधि में
कोई दावा
आपत्ति आवेदक
सूरजमल
द्वारा
प्रस्तुत नहीं
की गई थी। (ख) उक्त
आवेदन की जांच
में पाया कि
आवेदक सूरजमल पिता
रामगोपाल
सुथार आवेदित
भवन पर पूर्व
में काबिज थे।
जिसके संबंध
में ग्राम
पंचायत की भवन
कर रसीद आवेदन
के संलग्न
प्रस्तुत की
गई है। मौके
पर काबिज श्री
विनोद
धनोतिया पिता
ओमप्रकाश
धनोतिया जाति
पोरवाल
निवासी दलौदा
चौपाटी से
दस्तावेज
प्राप्त किये
गये। इनके
द्वारा
दिनांक 26/05/2025 का एक
शपथ पत्र
प्रस्तुत
किया गया।
जिसमें शपथकर्ता/आवेदक
सूरजमल पिता
रामगोपाल
सुथार निवासी
बानीखेडी
द्वारा पूर्व
में एक अनुबंध
लेख दिनांक 22/03/2023
अनुसार विनोद
धनोतिया को
राशि रूपये 10,21,000/- में
भवन विक्रय
करने का
उल्लेख किया
गया है, शपथ
पत्र में गवाह
मांगीलाल
पिता किशनलाल
शर्मा निवासी
बानीखेडी एवं
परमानंद पिता
भागीरथ
राजपूत
निवासी दलौदा
चौपाटी तथा
पदमसिंह पिता
रतनसिंह
राजपूत
निवासी
बानीखेडी के
हस्ताक्षर भी
पाये गये।
मौके पर काबिज
श्री विनोद
धनोतिया पिता
ओमप्रकाश
धनोतिया जाति
पोरवाल
निवासी दलौदा चौपाटी
द्वारा स्वयं
के काबिज होने
के संबंध में
ग्राम पंचायत
दलौदा चौपाटी
से प्राप्त भूमि
प्रमाण पत्र
दिनांक 15/04/2023 भी
प्रस्तुत
किया गया है।
वर्तमान में
मौके पर श्री
विनोद
धनोतिया पिता
ओमप्रकाश
धनोतिया जाति
पोरवाल
निवासी दलौदा
चौपाटी काबिज
है एवं राजस्व
रिकार्ड में
ग्राम दलौदा
चौपाटी स्थित
भूखण्ड प्लाट
क्रमांक 207
रकबा 0.0052
हेक्टेयर पर
भी इनका नाम
दर्ज है।
आवेदन की जांच
में पाये गये
तथ्यों के
आधार पर
स्वामित्व
योजना अंतर्गत
मौके पर काबिज
व्यक्ति को
ही स्वामित्व
अधिकार दिये
जाने का प्रावधान
है। जिसके
अनुसार मौके
पर काबिज व्यक्ति
श्री विनोद
धनोतिया पिता
ओमप्रकाश धनोतिया
जाति पोरवाल
निवासी दलौदा
चौपाटी का नाम
ही भूखण्ड के
राजस्व
रिकार्ड में
दर्ज किया गया
है।
स्वामित्व
योजना की नियत
समयावधि में
आवेदक सूरजमल
पिता रामगोपाल
सुथार द्वारा
उक्त भूखण्ड
के संबंध में
कोई दावा
आपत्ति भी
प्रस्तुत
नहीं की गई
थी। (ग) शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
अनियमितता एवं
टेंडर
प्रक्रिया
में सांठगांठ
[जनजातीय
कार्य]
69.
( क्र. 757 ) श्री मधु भगत
: क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
सिवनी जिले
अंतर्गत ई-निविदा
क्रमांक 5492, दिनांक 26.11.2024, कार्यालय
कलेक्टर, जनजाति
कार्य विभाग
सिवनी द्वारा
ई-निविदा में
भाग लेने वाले
निविदाकर्ता (कान्ट्रेक्टर)
म.प्र. शासन द्वारा
निर्धारित
निविदा
शर्तों का
पालन करते है? यदि हाँ, तो ई-निविदा
क्रमांक 5492 में
किन-किन
निविदाकर्ता
द्वारा
निविदा में भाग
लिया गया है? (ख) क्या
समस्त
निविदाकर्ता
लघु निर्माण
कार्य (SR) की
पात्रता रखते
हैं एवं
उपरोक्त
निविदाकर्ता
प्री-क्वालिफिकेशन
एवं वित्तीय
विड में अन्य
विभाग में
पात्रता रखते
है? यदि
नहीं तो किन
शर्तों के
आधार पर इन्हें
उक्त निविदा
में मान्य
किया गया? (ग) क्या
उक्त निविदा
से संबंधित
निर्माण
कार्य पूरा
किया जा चुका
है, यदि
हाँ, तो
निर्माण
कार्य हेतु
किए गए भुगतान
(बिलिंग) एवं
मापपुस्तिका
की प्रति
उपलब्ध
कराएं? (घ) क्या
ई-निविदा
क्रमांक 5492, दिनांक 26.11.2024, जनजातीय
कार्य विभाग, जिला
सिवनी
अंतर्गत
कार्य में 42 करोड़ भवन
निर्माण एवं
लघु निर्माण
कार्य (SR) 32 करोड़, क्या यह
पूर्ण भुगतान
किया जा चुका
है? (ड.)
क्या
वास्तविक
कार्य का
भुगतान किया
गया है? यदि हाँ, तो मूल्यांकन
की प्रमाणित
प्रति एवं बिल
व्हाउचर
प्रशासकीय
एवं तकनीकी स्वीकृति
सहित उपलब्ध
कराएं? (च) क्या
निविदा में
राजस्व
नियमों का
पालन किया गया
है? यदि
नहीं तो क्यों?
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) : (क) जी हाँ। निविदा
में भाग लेने
वाले
निविदाकारों
की जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जी
हाँ। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) जी
नहीं। कार्य
प्रगतिरत है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) जी
नहीं। निविदा
क्रमांक 5492 दिनांक 26.11.2024 अंतर्गत
केवल भवन
निर्माण
कार्य राशि
रूपए 48.00
करोड़ के
कार्य
प्रगतिरत हैं।
पूर्ण भुगतान
नहीं हुआ है।
(ड.) जी हाँ। कार्यों
के मूल्यांकन
की प्रमाणित
प्रति, बिल व्हाउचर, प्रशासकीय
एवं तकनीकी स्वीकृति
की जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट ‘ब’ अनुसार है। (च) जी
हाँ। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता
मछुआरों
को प्रशिक्षण दिया
जाना
[मछुआ
कल्याण एवं
मत्स्य विकास]
70.
( क्र. 760 ) श्री
विवेक विक्की
पटेल : क्या राज्य
मंत्री, मछुआ कल्याण
एवं मत्स्य
विकास महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) प्रश्न
दिनांक तक
विगत दो
वित्तीय
वर्षों में
सम्पूर्ण
मध्यप्रदेश
में कितने
मछुआरों को
विभागीय
योजनान्तर्गत
प्रशिक्षित
किया गया? इन्हें
प्रशिक्षण
प्रदान करने
वाली संस्थाओं
के नाम, पता व इनके
चयन के लिए
अपनाई गई
प्रक्रिया संबंधी
दस्तावेज प्रदान
करें? वित्तीय
वर्षवार
जिलेवार
सम्पूर्ण
जानकारी
प्रदान करें। (ख)
विभाग
अंतर्गत प्रश्न
दिनांक तक
सम्पूर्ण
मध्यप्रदेश
में कितने मछुआरों
को विभागीय
अनुदान योजना
के तहत नि:शुल्क
दो पहिया, तीन पहिया
एवं चार पहिया
वाहन प्रदान
किये गए हैं? इस योजना
में हितग्राही
चयन हेतु
पात्रता के
क्या मापदंड
थे? विवरण
जिलेवार
सूचीमय
उपलब्ध कराएं।
राज्य
मंत्री, मछुआ कल्याण
एवं मत्स्य
विकास ( श्री
नारायण सिंह
पंवार ) : (क) विभाग
द्वारा विगत 02 वर्षों (2023-24 एवं 2024-25) में
प्रदेश में
कुल 7233
मत्स्य
कृषकों को
प्रशिक्षण
दिया गया। मत्स्य
कृषकों के चयन
की सूची का
अनुमोदन जिला
पंचायत की
कृषि स्थाई समिति
के अनुमोदन
उपरांत प्रशिक्षण
विभागीय जिला
कार्यालय
द्वारा दिया
जाता है। जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट अनुसार।
(ख) विभागीय
अनुदान योजना
के तहत नि:शुल्क
दो, तीन, चार, पहिया
वाहन प्रदान
किये जाने का
प्रावधान नहीं
है।
अनधिकृत
बस निर्माण और
बस सेवा की
जानकारी
[परिवहन]
71.
( क्र. 766 ) डॉ.
विक्रांत
भूरिया : क्या
परिवहन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि
(क) प्रदेश
में स्लीपर बस, सीटर बस के
बॉडी निर्माण
हेतु, विभाग
के रोड सेफ्टी
के क्या नियम
है। विभाग से
कितने अधिकृत/पंजियत
बस बॉडी
निर्माता
रजिस्टर है। (ख)
प्रदेश में अनधिकृत
बस बॉडी के
कारण पिछले 3 वर्ष में
ऐसे कितने अनधिकृत
बस के permit निरस्त
हुए। (ग) प्रदेश
के सभी जिलों
में वर्ष 2022 से 2025 में कितनी
बस दुर्घटना
हुई, बस
दुर्घटना
रोकने हेतु, क्या-क्या
कार्यवाही की
गयी है। जिलेवार
जानकारी
प्रदान करें। (घ)
झाबुआ, अलीराजपुर, धार, बड़वानी, इंदौर, खरगोन से
प्रतिदिन अनधिकृत
बस, बिना
permit
के
अन्य राज्य
में यात्रियों
को बस की
यात्री क्षमता
से अधिक
यात्री को बस
में बिठाकर ले
जा रहे है, इस प्रकार
के परिवहन पर
जिले के RTO अधिकारियों
द्वारा पिछले 3 वर्ष की
कार्यवाही की
विस्तृत
जानकारी प्रदान
करें।
परिवहन
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) केन्द्रीय
मोटरयान नियम, 1989 के
नियम 125C में
स्लीपर बस, सीटर
बस के बॉडी
निर्माण एवं
रोड सेफ्टी के
नियम
प्रावधानित
किए गए हैं।
सड़क परिवहन
एवं राजमार्ग
मंत्रालय, भारत
सरकार की
अधिसूचना
क्रमांक का.आ. 2356 (अ)
द्वारा
केन्द्रीय
मोटरयान बस
बॉडी निर्माताओं
का प्रत्यायन
आदेश, 2012 जारी
किया गया है
इसके तहत ही
बस बॉडी
निर्माणकर्ताओं
को केन्द्रीय
मोटरयान नियम, 1989 के
नियम 126 के
अंतर्गत
अधिकृत
प्रत्यायन
जांच अभिकरण द्वारा
प्रत्यायन
प्रमाण-पत्र
जारी किया जाता
है। बस बॉडी
निर्माणकर्ताओं
को विभाग में
पृथक से
रजिस्टर करने
की आवश्यकता
नहीं होती है।
जिसके
परिप्रेक्ष्य
में शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। नियमों
की प्रतियाँ पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-अ
अनुसार है। (ख) प्रदेश
में पिछले 03
वर्षों में
अनधिकृत बस के
परमिट
निरस्ती की जानकारी
निरंक है। (ग) बस
दुर्घटनाओं
की जानकारी पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-ब
अनुसार है। बस
दुर्घटनायें
रोकने के लिए
समस्त जिलों
में नियमित
रूप से वाहन
चेकिंग की
कार्यवाही की
जाती है तथा
जिला सड़क
सुरक्षा
समिति की नियमित
रूप से बैठक
कर सड़क
सुरक्षा से
संबंधित बिंदुओं
पर चर्चा कर
आवश्यक
निर्णय लिए
जाकर जिले के
संबंधित
विभागों द्वारा
उनका पालन
कराया जाता
है। (घ) जी
नहीं, झाबुआ, अलीराजपुर, धार, बड़वानी, इंदौर, खरगोन
में आरटीओ
अधिकारियों
द्वारा
नियमित रूप से
वाहन चेकिंग
की कार्यवाही
की जाती है पिछले
03
वर्षों में की
गयी वाहन
चेकिंग की
कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट के
पत्रक-स अनुसार है।
कार्यों
का भौतिक सत्यापन
[मछुआ
कल्याण एवं
मत्स्य विकास]
72.
( क्र. 801 ) श्री जगन्नाथ
सिंह रघुवंशी
: क्या राज्य
मंत्री, मछुआ कल्याण
एवं मत्स्य
विकास महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) मत्स्य
विभाग
अंतर्गत
हितग्राही को
अनुदान राशि
कार्य पूर्ण
होने के
उपरांत दिये
जाने का
प्रावधान है
अथवा कार्य से
पूर्व दिये
जाने का
प्रावधान है
और जिला-अशोकनगर
में आहरण एवं
संवितरण के
अधिकार किसे
है नाम एवं
पदनाम की
जानकारी देवे।
साथ ही इनकी
चल अचल
संपत्ति के
विभागीय ब्यौरे
की जानकारी
विगत 3 वर्ष
की उपलब्ध
करावे। (ख) वित्तीय
वर्ष 2025-26
स्वयं की
भूमि पर
तालाब-निर्माण
अंतर्गत
कितने-हितग्राहियों
को
कितने-अनुदान
का भुगतान किया
गया है। केटेगरी
एवं भुगतान
दिनांक
अनुसार सूची
देवे। साथ ही
जिस भूमि पर
तालाब
निर्माण किया
गया है उसके
ग्राम का नाम, सर्वे
क्रमांक और
वेल्युएशन
के दस्तावेज
उपलब्ध
करावे। (ग) प्रश्नांश
(ख) के
अतिरिक्त
समस्त
योजनाओं में
हितग्राहियों
को कितनी
अनुदान राशि
भुगतान की गई
है। योजनावार, दिनांकवार
भु्गतान की
जानकारी देवे।
उक्त-योजनाओं
में आवश्यक
दस्तावेजो, देयक एवं
वेल्युशन की
छायाप्रति
उपलब्ध
करावें। (घ) प्रश्नांश
(ख) एवं (ग) के
सभी
हितग्राही
कलेक्टर
महोदय की अध्यक्षता
गठित जिला
लेवल समिति से
अनुमोदित है अथवा
नही, अनुमोदन
की नोटशीट एवं
जीयोटेग के
फोटोग्राफ
उपलब्ध
करावे। (ङ) वित्तीय
वर्ष 2025-26
में
हितग्राहियों
को अनुदान दे
दिया गया है परन्तु
कार्य एक भी
नहीं हुआ है
क्या प्रश्नांश
(ख) एवं (ग) के
कार्यों का
भौतिक-सत्यापन
कराने हेतु
जांच-दल गठित
करेंगे यदि
हाँ, तो
कब तक।
राज्य
मंत्री, मछुआ कल्याण
एवं मत्स्य
विकास ( श्री
नारायण सिंह
पंवार ) : (क) कार्य
पूर्ण होने के
उपरांत देय है
श्री बी.पी.झासिया
सहायक मत्स्य
अधिकारी जिला
श्योपुर को
आहरण संवितरण
सहित अतिरिक्त
जिला अशोकनगर
का प्रभार है।
शेष जानकारी
निरंक। (ख) वित्तीय
वर्ष 2025
में स्वयं की
भूमि तालाब
निर्माण
अंतर्गत कुल 20 हितग्राहियों
को वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में राशि
रूपये 53.90 लाख का
अनुदान वितरण
किया गया। शेष
जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-अ
अनुसार। (ग) स्वयं की
भूमि में
तालाब
निर्माण
योजनांतर्गत कुल
06 लाख का
अनुदान
प्रदाय किया
गया। शेष जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-ब
अनुसार। (घ) जिला स्तरीय
समिति से
अनुमोदित है। जानकारी
पुस्तकालय में परिशिष्ट-स
अनुसार। (ड.) शिकायत
प्राप्त
होने पर जांच
कार्यवाही की
जावेगी।
बस्ती
विकास योजना
से स्वीकृत
कार्यों की
राशि का
भुगतान
[जनजातीय
कार्य]
73.
( क्र. 807 ) श्री संजय
उइके : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
बालाघाट जिले
में बस्ती
विकास योजना
से वित्तीय
वर्ष 2024-25
में विकास
कार्य स्वीकृत
किये गये थे? (ख) यदि
हाँ, तो
स्वीकृत
विकास
कार्यों की
राशि प्रथम
किश्त के
उपरांत कार्य
पूर्णता
प्रमाण पत्र
जमा करने के
बाद भी प्रश्न
दिनांक तक किन
कारणों से
द्वितीय एवं
अंतिम किश्त
की राशि जारी
नहीं की जा
रही है और कब
तक जारी की
जावेगी?
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) बस्ती
विकास
योजनान्तर्गत
प्रश्नाधीन
अवधि में स्वीकृत
कार्यों की
प्रथम किश्त
जारी होने के
उपरान्त जिन
कार्यों के
पूर्णता
प्रमाण-पत्र
प्राप्त
हुये उन
कार्यों की
द्वितीय एवं
अंतिम किश्त
की राशि जारी
की जा चुकी है।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं होता
है।
सामुदायिक
वन अधिकारों
की जानकारी
[राजस्व]
74.
( क्र. 808 ) श्री संजय
उइके : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या प्रश्नकर्ता
के प्रश्न
क्रमांक 819 एवं 820 दिनांक 30 जुलाई 2025 में बताए
गई भूमि पर
आयुक्त
आदिवासी
विकास म.प्र.
शासन भोपाल के
पत्र क्रमांक 621/वनअधि/15/136 दिनांक 16/04/2015 के अनुसार
जिला स्तरीय
वनाधिकारी
समिति सामुदायिक
वन अधिकारों
को मान्यता
हेतु कार्यवाही
नहीं कर पाई? (ख) विभागीय
पत्र दिनांक 16/04/2015 में
अनुविभागीय
अधिकारी (राजस्व)
की किस-किस
कानून के
अनुसार किस
भूमिका का उल्लेख
कर किस
प्रारूप में
किन
जानकारियों
को संकलित किए
जाकर
सामुदायिक वन
अधिकारों से
संबंधित
क्या-क्या
निर्देश दिए
गए उनका बैतूल
एवं बालाघाट
में प्रश्नांकित
दिनांक तक भी
पालन नहीं
करने का क्या-क्या
कारण है?
(ग) सामुदायिक
वन अधिकारों
को मान्यता दिए
जाने की बजाय
वनखण्ड में
शामिल भूमि को
आरक्षित वन
बनाने के
संबंध में
किस-किस
अनुविभागीय
अधिकारी ने गत
एक वर्ष में
क्या-क्या
कार्यवाही की
है? (घ) सामुदायिक
भूमियों को
आरक्षित वन
बनाने की कार्यवाही
का क्या-क्या
अधिकार
भू-राजस्व
संहिता 1959 की किस
धारा में
कलेक्टर, अनुविभागीय
अधिकारी या
संभाग आयुक्त
को दिया है? प्रति
सहित बतावें।
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) जिला
बालाघाट:-
आयुक्त
आदिवासी
विकास म.प्र. शासन
भोपाल के पत्र
क्रमांक 621/वनअधि/15/136 दिनांक 16/04/2015 के अनुसार
जिला स्तरीय
वन अधिकार
समिति के
द्वारा वन
ग्रामों में 233 सामुदायिक
दावों में से 218 दावे
मान्य किये
गये हैं एवं शेष
15
दावे
वन क्षेत्र के
बाहर होने से
अमान्य किये गये
हैं। 102 नवीन
दावे उपखण्ड स्तरीय
समितियों में
प्रकियाधीन
है। जिला
बैतूल:- बैतूल
जिला अंतर्गत
आयुक्त आदिवासी
विकास म.प्र.
शासन भोपाल के
पत्र क्रमांक 621/वनअधि/15/136 दिनांक 16/04/2015 के अनुसार
संबंधित
ग्राम सभा से
सामुदायिक वनाधिकार
दावे प्राप्त
किये जाने की
कार्यवाही की
जाकर उपखंड
स्तरीय एवं
जिला स्तरीय
समिति से
वनाधिकार हक
प्रमाण पत्र
जारी करने की
कार्यवाही की जा
रही है। (ख) बालाघाट
जिले में
विभागीय पत्र
दिनांक 16/04/2015 में दिये
गये
निर्देशों के
अनुक्रम में
वनग्राम से
राजस्व ग्राम
संपरिवर्तन
की कार्यवाही
में 218
स्वीकृत
सामुदायिक
दावों के
राजस्व
अभिलेख संधारण
की कार्यवाही
प्रचलित है। बैतूल
जिले में
विभागीय पत्र
दिनांक 16/04/2015 में
अनुविभागीय
अधिकारी (राजस्व)
को भारतीय वन
अधिनियम 1927 अनुसार वन
व्यवस्थापन
अधिकारी तथा
वन अधिकार
अधिनियम 2006 के तहत
उपखण्ड स्तरीय
वन अधिकार
समिति के अध्यक्ष
की भूमिका का
उल्लेख है। जानकारी
संकलित किये
जाने हेतु
प्रारूप एवं
सामुदायिक वन
अधिकारों से
संबंधित
निर्देश/पत्र
की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
बैतूल
जिले में
निर्देशों के
पालन में
कार्यवाही की
जा रही है। (ग) जिला
बालाघाट
अंतर्गत गत 01 वर्ष की
जानकारी
निरंक है। जिला
बैतूल :-
आरक्षित वन
बनाने के
संबंध में अनुविभागीय
अधिकारी
द्वारा गत एक
वर्ष में निम्नानुसार
कार्यवाही की
गई है-
|
क्र |
अनुविभाग |
की गई
कार्यवाही |
|
1 |
अनुविभागीय
अधिकारी (रा.) बैतूल |
धारा
6 के
अन्तर्गत
उद्घोषणा
जारी की जा
रही है एवं धारा
8 अन्तर्गत
जांच दल गठित
किया गया है। |
|
2 |
अनुविभागीय
अधिकारी (रा.) मुलताई |
धारा
6 के
अन्तर्गत
उद्घोषणा
जारी की जा
चुकी है एवं धारा
8 अन्तर्गत
जांच दल गठित
किया गया है। |
|
3 |
अनुविभागीय
अधिकारी (रा.) भैंसदेही |
धारा
6 के
अंतर्गत
उद्घोषणा
जारी की जा
रही है। |
(घ)
भू
राजस्व संहिता
1959
अन्तर्गत
आरक्षित वन
बनाये जाने का
प्रावधान
नहीं है।
अनियमितताओं
एवं उच्च
स्तरीय जांच
हेतु की गई
मांग
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
75.
( क्र. 811 ) श्री भंवर
सिंह शेखावत : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
प्रदेश के
लोकप्रिय
दैनिक समाचार
पत्र स्टार
समाचार, भोपाल
द्वारा
दिनांक 28.10.2025 को प्रमुख
सचिव, लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा विभाग
को रतलाम
मेडिकल कॉलेज
के डीन द्वारा
की जा रही
अनियमितताओं
के संबंध में
विस्तृत
जानकारी प्रेषित
करते हुए उच्च
स्तरीय जाँच
की मांग की गई
है? यदि
हाँ, तो
कृपया इसकी
पुष्टि करने
की कृपा करे। (ख)
उपरोक्त
पत्र के
संदर्भ में
विभाग द्वारा
दिनांकवार अब
तक कब-कब
क्या-क्या
कार्यवाही की
गई है? कृपया
विस्तृत
विवरण उपलब्ध
कराने की कृपा
करें।
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) जी हाँ। कार्यवाही
प्रचलन में है।
जानकारी
संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) उत्तरांश
(क) अनुसार।
कैशलेस
मेडिकल/मेडिक्लेम
पॉलिसी लागू किया
जाना
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
76.
( क्र. 812 ) श्री भंवर
सिंह शेखावत : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) माननीय
मुख्यमंत्री, मध्यप्रदेश
शासन की घोषणा
अनुसार
शासकीय
अधिकारियों एवं
कर्मचारियों
हेतु कैशलेस
मेडिकल/मेडिक्लेम
पॉलिसी लागू
की जानी थी। क्या
शासन द्वारा
यह पॉलिसी
प्रदेश में
लागू की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो
क्यों नहीं? (ख) साथ
ही, उक्त
पॉलिसी लागू
करने के संबंध
में अब तक क्या-क्या
कार्यवाही की
गई है?
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) जी हॉं, शासकीय
अधिकारियों
एवं
कर्मचारियों
हेतु कैशलेस
चिकित्सा
उपचार योजना
के निर्माण की
कार्यवाही
प्रचलन में है।
निश्चित
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
(ख) उक्त
प्रस्तावित
योजना के
संबंध में
तैयार
प्रारंभिक प्रस्ताव
विचाराधीन
है।
स्टॉप
डेम का
निर्माण
[जल
संसाधन]
77. ( क्र. 816 ) श्री
वीरेन्द्र
सिंह लोधी : क्या जल
संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) प्रश्नकर्ता
के पत्र क्र. 2300045 दि. 11.01.2024 में
वर्णित
बिन्दु क्र. 8 द्वारा
बण्डा में
वेबस नदी पर
ग्राम चौका के
पास बरा रोड
पर बने पुल के
अपस्ट्रीम की
ओर स्टॉप-डेम
के निर्माण की
मांग की गई थी
उस पर अब कार्यवाही
की गई है? (ख) उक्त
संबंध में
दिनांक 24.03.2025
के प्रश्नकर्ता
के अतारांकित प्रश्न
क्र.-2886 के प्रश्नांश
(क) एवं (घ) में स्टॉप
डेम/डेम के
निर्माण के
संबंध में तकनीकी
एवं वित्तीय
साध्यता के
आंकलन के संबंध
में प्रदत्त
आश्वासन पर
कृत
कार्यवाही
एवं प्रगति की
जानकारी दे। (ग)
अनेको बार पत्राचार
एवं सदन में मांग
पर भी इस ओर
कार्यवाही
नहीं होने का
क्या कारण है? (घ) कार्यवाही
में लगने वाले
अनुमानित समय
की जानकारी दे।
जल
संसाधन
मंत्री ( श्री
तुलसीराम
सिलावट ) : (क) से (घ)
जी हाँ, प्रस्तावित
स्टाप डेम की
प्रति
हेक्टेयर
लागत रु.2.50 लाख आ
रही है जो
निर्धारित
मापदण्ड रु. 1.75
लाख से अधिक
होने से योजना
वित्तीय
मापदंड पर
साध्य नहीं है।
अतः शेष प्रश्न
लागू नहीं।
आवक
एवं जावक पंजी
की जानकारी
[जल संसाधन]
78.
( क्र. 824 ) श्री
राजेश कुमार
वर्मा : क्या जल
संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि कार्यपालन
यंत्री जल
संसाधन विभाग
पन्ना, जिला पन्ना
के कार्यालय
में संधारित
आवक एवं जावक
पंजी की प्रति
पृथक-पृथक, वर्ष 2022 से प्रश्न
दिनांक तक की
उपलब्ध
करावे तथा आवक
एवं जावक पंजी
के संधारण के
शासन नियमों
की प्रति
उपलब्ध
करावे।
जल
संसाधन
मंत्री ( श्री
तुलसीराम
सिलावट ) : कार्यपालन
यंत्री, जल संसाधन
संभाग, पन्ना
जिला पन्ना के
कार्यालय में
संधारित आवक
एवं जावक पंजी
की प्रति
पृथक-पृथक
वर्ष 2022 से प्रश्न
दिनांक तक
अक्टूबर 2025 तक
की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"अ"
अनुसार है। आवक एवं
जावक पंजी
संधारण के
शासन नियमों
की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"ब"
अनुसार है।
स्कूल
भवनों का
निर्माण
[स्कूल
शिक्षा]
79.
( क्र. 829 ) श्री अजय
अर्जुन सिंह : क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश
के अलग-अलग
जिलों में ऐसे
कितने स्कूल
हैं जहाँ पर
स्कूल भवन के
जर्जर होने के
कारण इस वर्ष
वर्षाकाल में
छात्रों की
कक्षाएं किसी
अन्य स्थान पर
लगाना पड़ा
अथवा स्कूल
में अवकाश
करना पड़ा? (ख) उपरोक्त
जर्जर
स्कूलों में
से अलग-अलग
जिलों में
कितने-कितने
स्कूलों की
मरम्मत के लिए
शासन द्वारा
आदेश किये गये
हैं? (ग) क्या सरकार
प्रदेश के सभी
जर्जर
स्कूलों की
मरम्मत के लिए
कोई
कार्ययोजना
बनाकर
निश्चित अवधि
में पूरा
करेगी?
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक
अनुसार। (ख) उत्तरांश
(क) के प्रकाश
में हाई एवं
हायर सेकेण्डरी
स्कूलों की
जानकारी
निरंक है। प्राथमिक
एवं माध्यमिक
शालाओं की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–दो अनुसार। (ग) आवश्यकतानुसार
शाला भवनों
में मरम्मत
कार्य किये
जाते है, यह एक सतत्
प्रक्रिया है।
अत: समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
प्रदेश
के जिलों में
साक्षरता दर
[स्कूल
शिक्षा]
80.
( क्र. 830 ) श्री अजय
अर्जुन सिंह : क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) प्रदेश में
जिलेवार
अलग-अलग, कितनी-कितनी
साक्षरता दर
हैं? (ख) प्रदेश
के जिन जिलों
में साक्षरता
दर सबसे कम है, वहां
इसके प्रमुख
कारणों की
जिलेवार सूची
उपलब्ध कराई
जाए? (ग) कम
साक्षरता
वाले जिलों
में साक्षरता
बढ़ाने के लिए
सरकार द्वारा
क्या प्रयास
किया जा रहा
हैं?
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-1
पर है।
(ख) जानकारी
संलग्न परिशिष्ट-2
पर है।
(ग) साक्षरता
दर बढ़ाने
हेतु वर्तमान
में सरकार उल्लास-नव
भारत
साक्षरता
कार्यक्रम
संचालित किया
जा रहा है। कार्यक्रम
अंतर्गत 15
वर्ष से अधिक
आयु वर्ग के
असाक्षरों को
बुनियादी
साक्षरता
प्रदान की
जाती है।
पुनर्गठन
आयोग द्वारा
जिलों का दौरा
[राजस्व]
81.
( क्र. 852 ) श्री बाला
बच्चन : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) विधानसभा
प्रश्न
क्रमांक 2179 दिनांक 06.08.2025 के प्रश्नांश
(क) के उत्तर
में बताया कि
शासन द्वारा
दिनांक 12.03.2024 को म.प्र.
प्रशासनिक
इकाई
पुनगर्ठन
आयोग का गठन
कर आयोग
द्वारा सतत्
रूप से जिलों
का भ्रमण किया
जा रहा है, साथ ही
विभिन्न
आंकड़ों का
एकत्रीकरण
किया जा रहा
है एवं प्राप्त
प्रस्तावों
पर विचारण
किया जा रहा
है? यदि
हाँ, तो
आयोग के गठन
के पश्चात 01 नवम्बर, 2025 तक
आयोग ने
कौन-कौन से
जिलों का दौरा
कर, क्या-क्या
आंकड़े
एकत्रित किए
तथा कौन-कौन
से प्रस्तावों
पर विचारण
किया जा रहा
है? विभिन्न
जिलों के दौरे
का दिनांकवार
विवरण दें।
यदि दौरा प्रारंभ
नहीं किया गया, तो क्यों? कब से प्रारंभ
किया जाएगा? विवरण दें।
(ख) पुनगर्ठन
आयोग के
द्वारा गठन के
पश्चात उज्जैन
जिले/संभाग का
दौरा किस
दिनांक को
किया गया और क्या-क्या
प्रस्ताव
प्राप्त हुई
है? दौरा
नहीं किया गया, तो क्यों? सम्पूर्ण
विवरण दें।
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) दिनांकवार
आयोग के द्वारा
01/11/2025 तक 22 जिलों का
भ्रमण किया
गया जिसका
विवरण संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है। समस्त
प्रस्ताव
म.प्र.
प्रशासनिक इकाई
पुनर्गठन
आयोग के समक्ष
विचाराधीन है।
(ख) उज्जैन
संभाग
अंतर्गत जिला
देवास, दिनांक 08/04/2025 जिला
शाजापुर
दिनांक 30/07/2025 एवं जिला
आगर-मालवा
दिनांक 29/08/2025 को दौरा
किया गया। आयोग
से अनुशंसा
प्राप्त होने
पर शासन स्तर
से समुचित
निर्णय लिया
जाएगा।
स्थानांतरण
आदेश का पालन
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
82.
( क्र. 853 ) श्री बाला
बच्चन : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) अतारांकित
प्रश्न
क्रमांक 3020 दिनांक 06.08.2025 के (ख) के
उत्तर में
ए.एन.एम. के
संबंध में
मान. उच्च न्यायालय
के स्थगन
आदेश का उल्लेख
है उसकी
छायाप्रति
देवें। इसकी
स्थगन अवधि
का भी उल्लेख
करें। (ख) क्या
उपरोक्तानुसार
स्थगन आदेश
में प्रकरण
भोपाल
प्रेषित करने
का उल्लेख था? स्थगन
अवधि व्यतीत
हो जाने के
बाद भी स्थानांतरण
आदेश का पालन
क्यों नहीं
किया गया? (ग) भोपाल
स्तर पर
प्रेषित नस्ती
की प्रमाणित
प्रति देवें। भोपाल
स्तर पर इसके
निराकरण
संबंधी नस्ती
की भी
प्रमाणित
प्रति देवें। (घ)
कब तक जून 2025 के स्थानांतरण
आदेश का पालन
सुनिश्चित
किया जाएगा? इस प्रकरण
में इस स्थानांतरण
आदेश के पालन
में विलंब के
उत्तरदायी
अधिकारियों
पर विभाग कब
तक कार्यवाही
करेंगा?
उप मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) माननीय
उच्च
न्यायालय के
आदेश की प्रति
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'अ'अनुसार है।
आदेश
में
याचिकाकर्ता
के अभ्यावेदन
के निराकरण तक
माननीय
न्यायालय
द्वारा स्थगन
प्रदान किया
गया है। (ख) आदेश
में याचिकाकर्ता
को माननीय
न्यायालय
द्वारा सक्षम
प्रधिकारी को
अभ्यावेदन
प्रस्तुत
किये जाने का
उल्लेख था। उत्तरांश
(क) के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उत्पन्न नहीं होता
है। (ग) जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-''ब'' अनुसार है।
(घ) न्यायालयीन
प्रकरण होने
से समय-सीमा बताया
जाना संभव
नहीं है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं होता
है।
पुजारियों
का मानदेय
[धार्मिक
न्यास और
धर्मस्व]
83.
( क्र. 856 ) इंजीनियर
हरिबाबू राय : क्या राज्य
मंत्री, धार्मिक
न्यास और
धर्मस्व
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) संपूर्ण
मध्यप्रदेश
में आने वाले
शासन संधारित
मंदिरों के
पुजारियों को 62 वर्ष बाद
नेम नूक राशि
नहीं दी जा
रही है? कारण सहित
स्पष्ट करें। (ख)
क्या शासन
द्वारा 62 वर्ष के
पुजारियों का
मानदेय नहीं
रोका गया है? शासन
द्वारा IFMS पोर्टल पर
सुधार कब तक
किया जाएगा? समय-सीमा बताने
का कष्ट करे
एवं वर्षों से
पुजारियों का
रुका हुआ
मानदेय कब तक
दिया जाएगा, समय-सीमा
बताने का कष्ट
करें? (ग) क्या
अशोकनगर जिले
के समस्त
पुजारी जो 62 वर्ष की
आयु के हो गए
है उन सभी को
नेम नुक राशि पिछले
2 वर्ष से
नहीं मिली है
कारण सहित
बताए? (घ) क्या शासन
संधारित
मंदिर के
पुजारियों का
मानदेय
बढ़ाने की
शासन कोई
योजना बना रहा
है? समय-सीमा
बताने का कष्ट
करें एवं क्या
मंदिर के
पुजारियों
के बच्चों की
मुक्त शिक्षा
एवं बीमा का
लाभ शासन
द्वारा विचार
किया जा रहा
है?
राज्य
मंत्री, धार्मिक
न्यास और
धर्मस्व (
श्री
धर्मेन्द्र
भाव सिंह लोधी
) : (क) शासन
संधारित
मंदिरों के
पुजारियों को 62 वर्ष बाद
भी मानदेय
नियमानुसार
दिया जा रहा है।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ख) जी
नहीं। शेष प्रश्न
उद्भूत नहीं
होता है। (ग) अशोकनगर
जिले के 05 पुजारी 62 वर्ष से
अधिक आयु के
है जिन्हें
नियमानुसार
मानदेय
प्रदान किया
गया है। शेष प्रश्न
उद्भूत नहीं
होता है। (घ) जी
नहीं। शेष प्रश्न
उद्भूत नहीं
होता है।
आपदा
प्रभावित
किसानों को
सहायता राशि
का प्रदाय
[राजस्व]
84.
( क्र. 868 ) श्री
राजेन्द्र
भारती : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) दतिया
जिला सहित अन्य
जिलों में 15
जून से 15 सितम्बर, 2025 के
तत्पश्चात
अक्टूबर एवं
नवम्बर 2025 के
प्रथम सप्ताह
तक
कितनी-कितनी
वर्षा निरंतर रूप
से होती रही
हैं? कृपया
जिलावार
माहवार और सप्ताहवार
हुई वर्षा के
मौसम विभाग से
संबंधित आकड़ों
का विवरण
प्रदान करें। (ख) क्या
निरंतर होती
रही वर्षा के
कारण दतिया
जिला के
किसानों सहित
अन्य जिलों
में खरीफ की
फसलों की बुआई
बहुत कम की गई
है? यदि
हाँ, तो क्या
अधिकांश
किसानों
द्वारा धान की
बुवाई/रोपाई
की गई है? यदि
हाँ, तो क्या अक्टूबर-नवम्बर
में धान की
फसल के साथ ही
अन्य फसलों
का नुकसान हुआ
है? यदि
हाँ, तो
कृपया विवरण
दें। (ग) क्या
वर्षा के कारण
कृषि
वैज्ञानिकों
के अनुसार 10-15
दिनों के अंदर
धान की फसल का
नुकसान और
अधिक होने की
संभावना बताई
गई हैं। यदि
हाँ, तो क्या
मुख्यमंत्री/म.प्र.
शासन द्वारा
आपदा संकट से
प्रभावित
किसानों को
फसलों के
आंकलन/सर्वे
किये जाने के
साथ ही आरबीसी
के अनुसार
सहायता राशि दिये
जाने के
निर्देश दिये
गये है? यदि
हाँ, तो
कृपया
निर्देशों/आदेशों
की प्रतियां
उपलब्ध
करायें। (घ) क्या
जिला प्रशासन
द्वारा सर्वे
हेतु जांच दल
गठित किये गये
है? यदि
हाँ, तो
पटवारी हल्का
के जांच दलों
के गठन की
सूची सहित
फसलों के नुकसान
की ग्रामवार
सर्वे सूची
प्रदाय करें।
क्या शासन
आपदा संकट से
प्रभावित
किसानों को राहत
प्रदान करेगा?
यदि हाँ, तो कब
तक और यदि
नहीं तो कारण
सहित विस्तृत
विवरण दें?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) जिला
दतिया
क्षेत्रान्तर्गत
माह अक्टूबर 2025 में औसत
वर्षा 63.0 मि.मी. एवं
माह नबम्वर 2025 के प्रथम
सप्ताह में
कोई वर्षा
नहीं हुई है। जिलावार
जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है।
(ख) जिला
दतिया अन्तर्गत
क्षेत्र में
खरीफ की फसलों
की बुआई सामान्य
हुई है। वर्ष 2025 में खरीफ
फसल में धान
की बुआई 129150 हे0 में की गई
हैं। माह अक्टूबर-नवम्बर
में वर्षा से
धान एवं अन्य
फसलों में
लगभग 15 से 20 प्रतिशत
का नुकसान हुआ
है। जिलावार जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है।
(ग) जी
नहीं। अत: शेष प्रश्न
उद्भूत नहीं
होता। (घ) जी
हाँ। दतिया
जिला प्रशासन
द्वारा राजस्व
एवं कृषि
विभाग के
कर्मचारियों
के गठित दल से
करवाई गई जांच
अनुसार फसलों
में 15 से 20 प्रतिशत
नुकसान का
आंकलन किया
गया है। राजस्व
पुस्तक
परिपत्र 6-4 में 25 प्रतिशत
एवं उससे अधिक
फसल क्षति
होने पर राहत
राशि प्रदाय
के प्रावधान
है। अत: शेष प्रश्न
उद्भूत नहीं
होता। सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है।
धार्मिक
स्थानों के
सौन्दर्यीकरण
[धार्मिक
न्यास और
धर्मस्व]
85.
( क्र. 879 ) श्रीमती
चंदा
सुरेन्द्र
सिंह गौर : क्या राज्य
मंत्री, धार्मिक
न्यास और
धर्मस्व
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
प्रश्नकर्ता
के अतारांकित प्रश्न
क्र. 1243
दिनांक 6 अगस्त, 2025 के
उत्तर मान.
मंत्री जी ने
उत्तर दिया
था कि खरगापुर
विधान सभा-47 के कालका
माता मंदिर
देरी, दूबदेई
माता दूबदेई, विध्यवांसिनी
मंदिर
दुर्गानगर
वल्देवगढ़
के मूलभूत
निर्माण एवं
सौन्दर्यीकरण
के प्रस्ताव
प्राप्त
हुये थे लेकिन
जिले द्वारा
प्रेषित
प्रस्ताव
अपूर्ण होने
के कारण शासन
द्वारा राशि
स्वीकृत
नहीं की गई
यदि प्रस्ताव
अपूर्ण थे तो
प्रेषित करने
वाले अधिकारी को
कारण बताओ सूचना
पत्र जारी क्यों
नहीं किया गया
यदि हाँ, तो पत्र की
प्रति उपलब्ध
कराये यदि
नहीं तो क्यों? कारण स्पष्ट
करें। (ख) क्या
अपूर्ण प्रस्ताव
जो प्रेषित
हुये है उनकी
अपूर्णता के
बारे में मुझे
जानकारी
प्रदाय
करेंगें यदि
उन अपूर्ण
प्रस्तावों
को पूर्ण करके
भेजा जावेगा
तो वर्णित मंदिरों
के सौन्दर्यीकरणों
के निर्माण
कराये जाने
हेतु राशि कब
तक स्वीकृत
कर दी जावेगी
कृपया
समयावधि
बतायें। (ग) क्या इन तीनों
मंदिरों पर हर
वर्ष
नवरात्रि का मेला
लगता है और
भारी संख्या
में श्रद्धालुओं
का आना जाना
रहता है
इसलिये
मूलभूत
सुविधाओं और
सौन्दर्यीकरण
कराये जाने
हेतु पुन:
जिला कलेक्टर
के द्वारा
प्रस्ताव
मांगे जाने
हेतु आदेशित
राशि प्राक्कलनों
के अनुसार स्वीकृत
कर दी जावेगी? जानकारी
दें।
राज्य
मंत्री, धार्मिक
न्यास और
धर्मस्व (
श्री
धर्मेन्द्र
भाव सिंह लोधी
) : (क) जी
हाँ। खरगापुर
विधानसभा-47 के कालका
माता मंदिर
देरी, दूबदेई
माता दूबदेई, विध्यवांसिनी
मंदिर
दुर्गानगर
वल्देवगढ़
के प्रस्ताव
में परीक्षण
उपरांत
तकनीकी स्वीकृति
एवं एसपीए (योजना
एवं वास्तुकला
विद्यालय
भोपाल) द्वारा
दिये गये बिन्दुओं
की पूर्ति
हेतु कलेक्टर
जिला टीकमगढ़
को लेख किया
गया है। यह एक
सामान्य
प्रक्रिया है
इसमें
कार्यवाही की
आवश्यकता
नहीं है। शेष प्रश्न
उद्भूत नहीं
होता है। (ख) जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट अनुसार है।
विभाग
स्तर पर
नियमानुसार
प्रस्ताव
प्राप्त
होने पर कार्य
की औचित्यता
एवं बजट की
उपलब्धता के
आधार पर राशि
स्वीकृत की
जाती है। समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
(ग) जी हाँ। कलेक्टर
जिला टीकमगढ़
से निर्धारित
प्रपत्र में
मांग प्रस्ताव
प्राप्त होने
पर मेला आयोजन
हेतु अनुदान
राशि की स्वीकृत
की जाती है।
अस्पतालों
के भवन
निर्माण
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
86.
( क्र. 880 ) श्रीमती
चंदा
सुरेन्द्र
सिंह गौर : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या प्रश्नकर्ता
के प्रश्न क्र.
1236 दिनांक 30 जुलाई 2025 के उत्तर
में मान.
मंत्री जी
द्वारा बताया
गया था कि सामुदायिक
स्वास्थ्य
केन्द्र
पलेरा एवं बल्देवगढ़
में विद्यमान
परिसर में ही
निर्माण कराया
जावेगा लेकिन 15वें वित्त
आयोग अंतर्गत
स्वीकृत
राशि की तृतीय
किस्त की
प्राप्ति
में विलंब
होने से कार्य
समय-सीमा
मार्च 2026 में पूर्ण
न होने के
कारण प्रारंभ
नहीं किये जा
रहे हैं? (ख) क्या
तृतीय किस्त
प्राप्त हो
चुकी या नहीं तथा
टेण्डर जारी
किये गये या
नहीं सम्पूर्ण
जानकारी से
अवगत करायें? (ग) क्या
केन्द्रीय
स्वास्थ्य
मंत्री जी की
ओर से स्वीकृत
सामुदायिक स्वास्थ्य
केन्द्र
पलेरा एवं बल्देवगढ़
में भवन
निर्माण का
कार्य कब तक
प्रारंभ करा
दिया जावेगा? सम्पूर्ण
जानकारी से
अवगत कराये।
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) प्रश्न
क्र. 1236
दिनांक 30 जुलाई 2025 के उत्तर
में लेख है कि 15वें वित्त
आयोग अंतर्गत
स्वीकृत
राशि की तृतीय
किस्त की
प्राप्ति में
विलंब होने से
कार्य समय-सीमा
मार्च 2026 में पूर्ण
न होने के
कारण प्रारंभ
नहीं किये जा
रहे है, साथ ही
निर्माण
कार्य
यथासंभव विद्यमान
परिसर में ही
किये जाने के
निर्णय के कारण
जिला कलेक्टर
से भूमि की
मांग नहीं की
गई का लेख है। (ख)
जी नहीं, शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
सूरानाथ
हनुमान मंदिर
के
जीर्णोद्धार
[धार्मिक
न्यास और
धर्मस्व]
87.
( क्र. 887 ) श्री
नरेन्द्र
प्रजापति
[इंजीनियर] : क्या राज्य
मंत्री, धार्मिक
न्यास और
धर्मस्व
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) विधानसभा
मनगवां-73 में कुल
कितने मंदिर
शासन के अधीन
है? नाम
और स्थान
सहित जानकारी
देवें। (ख) ग्राम
पंचायत सूरा
में सूरानाथ
हनुमान मंदिर
के
जीर्णोद्धार
के लिये अब तक
कितनी राशि स्वीकृत
की जा चुकी है? स्वीकृत
राशि से क्या
निर्माण
कार्य हुआ? मंदिर के
पुजारी का
वेतन कितना है
एवं पुजारी के
वेतन वृद्धि
की क्या
योजना है? (ग) शासन
के अधीन सभी
मंदिरों के
जीर्णोद्धार
के लिये
उपयुक्त
राशि उपलब्ध
कर सभी
मंदिरों का
जीर्णोद्धार
का कार्य कब तक
पूर्ण कर लिया
जायेगा? कृपया
समय-सीमा
बतलावें।
राज्य
मंत्री, धार्मिक
न्यास और
धर्मस्व (
श्री
धर्मेन्द्र
भाव सिंह लोधी
) : (क) विधानसभा
मनगवां-73 अंतर्गत 02 शासन
संधारित
मंदिर है। 1. राधाकृष्ण
मंदिर, नदना, 2. हनुमान
मंदिर, सूरा। (ख) ग्राम
पंचायत सूरा
स्थित हनुमान
मंदिर में धर्मशाला
निर्माण हेतु
वित्तीय
वर्ष 2017-18
में विभागीय
आदेश दिनांक 08/07/2017 द्वारा
राशि रूपये 8.00 लाख स्वीकृत
किये गये है। उक्त
राशि
धर्मशाला
निर्माण हेतु
स्वीकृत की
गई है। विभागीय
आदेश दिनांक 26/05/2022 द्वारा
शासन संधारित
मंदिरों के
पुजारियों/सेवादारों
को मानदेय
दिये जाने के
निर्देश है। जानकारी
संलग्न परिशिष्ट पर है। पुजारियों
के वेतन
वृद्धि के
संबंध में
विभाग स्तर
पर कोई योजना
विचाराधीन
नहीं है। (ग) संभागीय
आयुक्त में माध्यम
से शासन
संधारित
मंदिरों के
जीर्णोद्धार प्रस्ताव
शासन स्तर पर
प्राप्त
होने के
उपरांत कार्य
की औचित्यता
एवं बजट की
उपलब्धता के
आधार पर राशि
स्वीकृत की
जाती है। समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
डॉक्टरों
एवं मेडिकल स्टॉफ
की कमी
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
88.
( क्र. 888 ) श्री
नरेन्द्र
प्रजापति [इंजीनियर]
: क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) विधानसभा
मनगवां-73 में कितने
उप स्वास्थ्य
केन्द्र
कितने
प्राथमिक स्वास्थ्य
केन्द्रों
की संख्या है? स्थान
सहित स्वास्थ्य
केन्द्रों
की जानकारी
दें। (ख) प्रत्येक
स्वास्थ्य
केन्द्रों
में पदस्थ
डाक्टर, ए.एन.एम., सिस्टर, कंपाउण्डर
सहित मेडिकल
स्टॉफ की
जानकारी दी
जाये। (ग) प्रत्येक
स्वास्थ्य
केन्द्र एवं
उप स्वास्थ्य
केन्द्र
बीएमओ गंगेव
मनगवां अस्पताल
देवास
लालगांव, जोडौरी में
गढ में
रघुनाथगंज
सहित अन्य
सभी स्वास्थ्य
केन्द्रों
में कितने पद
रिक्त है? निकट
भविष्य में
रिक्त पदों
को भरने की क्या
योजना है? रिक्त पद
कब तक भर लिये
जायेगें? समय-सीमा
बतलावें।
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) विधानसभा
मनगवां-73 में 41 उप स्वास्थ्य
केन्द्र एवं 06 प्राथमिक
स्वास्थ्य
केन्द्र हैं।
स्थान सहित
स्वास्थ्य
केन्द्रों
की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट अनुसार।
(ख) जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट अनुसार।
(ग) जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट अनुसार स्वास्थ्य
कार्मिकों की
नियुक्ति एक
निरंतर
प्रक्रिया है।
निश्चित
समयावधि
बताया जाना
संभव नहीं है।
खसरा
सुधार किये
जाने
[राजस्व]
89.
( क्र. 889 ) श्री
नरेन्द्र
प्रजापति
[इंजीनियर] : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) विधानसभा
मनगवां में
तहसील मनगवां, तहसील
सिरमौर एवं
तहसील नईगढ़ी
में अतिक्रमण
की गई जमीन का
जो भाग सरकारी
है उसका खसरा
क्रमांक सहित
पूर्ण विवरण
की जानकारी
देवें। (ख) अतिक्रमित
सरकारी जमीन
का आवंटन एवं
अतिक्रमण
हटाकर
भूमि-हीन
परिवारों को
कब तक में
प्रदत्त कर, पट्टा
वितरित
करेंगें? (ग) पुराने
पट्टाधारियों
के नाम सरकारी
जमीनों से
हटाने का
कार्य कब होगा? नहर
निर्माण एवं
सड़क निर्माण
के दौरान पुराने
पट्टाधारी आ
जाते हैं
जिससे
निर्माण कार्य
में बाधा उत्पन्न
होती है, इसे कब तक
में सुधार कर
लिया जायेगा? (घ) ग्राम
पंचायत तिवनी
का पूर्व से
खसरा एवं नक्सा
जब्त था
वर्तमान में
नक्सा बन गया
है एवं लोगों
का कब्जा दखल
है, कलेक्टर
को पूर्व में
खसरा तैयार
करने के लिये
ग्रामीणों ने
आवेदन दिया था, जिसमें
कलेक्टर ने
सर्वे के लिये
निर्देशित
किया परन्तु
नया खसरा
तैयार नहीं
किया गया है, कब तक में
नया खसरा
तैयार किया
जायेगा? समय-सीमा बतलाने
की कृपा करें।
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) जिला
मऊगंजः- तहसील
नईगढ़ी
अंतर्गत
अतिक्रमण की
गई जमीन का जो
भाग सरकारी है
उसका विवरण जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-‘अ’ अनुसार है। जिला
रीवाः- रीवा
जिले की
विधानसभा
मनगंवा में
तहसील मनगवां
एवं तहसील
सिरमौर में
अतिक्रमण संबंधी
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-‘ब’ अनुसार। (ख) अतिक्रमित
सरकारी भूमि
पर किये गये
अतिक्रमण की
जानकारी
संज्ञान में
आने पर न्यायालयीन
कार्यवाही
उपरांत
अतिक्रमण
हटाया जाता है।
सरकारी जमीन
का भूमि-हीन
परिवारों को
वितरित करने
के संबंध में
पट्टा वितरण
का कोई समय
योजना नहीं है।
(ग) इस संबंध
में वर्तमान
में कोई योजना
नहीं है। (घ) ग्राम
पंचायत तिवनी
के खसरा
नम्बरों के
पोर्टल में
सुधार, करने हेतु
कार्यालयीन
पत्र क्रमांक 931 दिनांक 13/06/2025 के द्वारा
अनुविभागीय
अधिकारी
अनुभाग – मनगंवा को
नियमानुसार
कार्यवाही
किये जाने हेतु
निर्देशित
किया गया है
पत्र जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-‘अ’ अनुसार है। कार्यवाही
प्रचलित है।
छात्र-छात्राओं
को साइकिल
उपलब्ध कराने
[स्कूल
शिक्षा]
90.
( क्र. 908 ) श्री
शिवनारायण
सिंह : क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) उमरिया
जिला अंतर्गत
विधानसभा
क्षेत्र बांधवगढ़
के निपनिया
में हायर
सेकेण्ड्री
स्कूल
स्वीकृत कर
भवन बनवाया
गया है? यदि हाँ, तो
निपनिया में
भूमि उपलब्ध न
होने पर
सस्तरा ग्राम
में हा.से. भवन
निर्माण
विभाग ने
कराया है? यदि हाँ, तो पूर्ण
जानकारी
देवें। (ख) निपनिया
से सस्तरा
ग्राम की
वास्तविक
दूरी कितनी है? दस्तावेज
सहित जानकारी
देवें तथा छात्र-छात्राओं
के भविष्य के
निर्माण एवं सुविधा
हेतु विशेष
परिस्थिति
में सायकल
प्रदान
करेंगे? (ग) क्या
निपनिया
ग्राम के
छात्र-छात्राएं
सस्तरा स्थित
व निर्मित भवन
में शिक्षा के
लिए पैदल जाते
है? यदि
हाँ, तो
निपनिया से
जाने वाले
छात्र-छात्राओं
को साईकिल
सुविधा की
पात्रता है? (घ) क्या
विभाग विशेष
परिस्थिति
में
छात्र-छात्राओं
के
विद्या-अध्ययन
को
प्रोत्साहन
हेतु सस्तरा
स्थित
विद्यालय भवन
में शिक्षा
अध्ययन के लिए
आने-जाने वाले
छात्र-छात्राओं
को न्याय देते
हुए सर्वेक्षण
कर साईकिल
वितरण योजना
का लाभ देगे? यदि नहीं
तो
छात्र-छात्राओं
के साथ अन्याय
व शोषण के लिए
कौन
जिम्मेदार है?
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) जी
हाँ। (ख) निपनिया
से सस्तरा
ग्राम की
वास्तविक
दूरी 03 कि.मी.
है। जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है।
साईकिल योजना
अंतर्गत
मापदण्ड
अनुसार पात्रता
होने पर
साईकिल
उपलब्ध कराई
जाती है। (ग) जी
हाँ। साईकिल
योजना
अंतर्गत
मापदण्ड अनुसार
पात्रता होने
पर साईकिल
उपलब्ध कराई
जाती है। (घ) साईकिल
योजना के
मापदण्ड
अनुसार
पात्रता होने
पर साईकिल
उपलब्ध कराई
जाती है, अतः
शेषांश
उद्भूत नहीं
होता है।
अवैध
भू-अधिकार की
जाँच व
कार्यवाही
[राजस्व]
91.
( क्र. 909 ) श्री
शिवनारायण
सिंह : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
शिकायतकर्ता
उपाध्यक्ष
जिला पंचायत
श्रीमती
पावती राठौर
ने जिला
अनूपपुर अंतर्गत
तहसील जैतहरी
के ग्राम
चांदपुर में खसरा
नम्बर 1294/1/1 रकबा 0.809 हेक्टेयर
एवं खसरा
नम्बर 1303 रकवा 1.214 हेक्टेयर
का फर्जी पट्टा
बनाये जाने की
शिकायत वर्ष 2025 की माह
सितम्बर से
अक्टूबर माह
की अवधि में मुख्यमंत्री
मुख्य सचिव, प्रमुख
सचिव राजस्व, पुलिस
महानिर्देशक
भोपाल, कलेक्टर
को शिकायत
प्रेषित किया
गया है? यदि हाँ, तो शिकायत
पत्रों की
छायाप्रति
उपलब्ध कराते
हुए प्रश्न
दिनांक तक
जांच अधिकारी
का नाम, जांच
प्रतिवेदन व
की गई
कार्यवाही की
जानकारी
देवें। (ख) क्या
प्रश्नांश (क)
के शिकायत व
तथ्य अनुसार
भू-अधिकार
संहिता (पट्टाधारक)
के द्वारा
म.प्र. शासन की
भूमि पर किस
आधार व पात्रता
अनुसार सक्षम
अधिकारी के
द्वारा विधि व
प्रक्रिया का
पालन करते हुए
पट्टा जारी
किया गया था, सक्षम
अधिकारी के
नाम सहित
जानकारी
उपलब्ध करायें।
(ग) क्या प्रश्नांश
(क) के अनुसार
भूमि धारक
कृषक ने स्टेट
बैंक शाखा जैतहरी
से ऋण व शासन
से ऋण प्राप्त
किया है? यदि हाँ, तो पूर्ण
जानकारी, आवेदन
पत्र सहित
समस्त
दस्तावेज
बैंक से उपलब्ध
करावें तथा
पट्टा धारक के
पति का नाम
सहित जानकारी
देवें। (घ) क्या
भू-अधिकार
ग्रहीता ने
पिता के नाम
दर्ज कराकर तथा
भूमिहीन बनकर
भू-अधिकार
प्राप्त किया
था? यदि
हाँ, तो
क्या महिला आज
दिनांक तक
अविवाहित है? यदि नहीं
तो पति का नाम
व पिता तथा
माता का नाम व
शिकायतकर्ता
के प्रत्येक
बिन्दुवार
तथ्यों की
जांच व
कार्यवाही से
अवगत करावें।
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) जी हां। शिकायती
पत्र की विषय वस्तु
एवं प्रश्नाधीन
भूमियों के पट्टे
की वैधानिकता
के संबंध में
पूर्व से ही
अपर कलेक्टर
न्यायालय
में प्रकरण
क्रमांक 0050/निगरानी/2024-2025 दर्ज होकर
विचाराधीन है।
शिकायत एवं
जांच
प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-क
अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन
भूमियों के पट्टे
की वैधानिकता
के परीक्षण की
कार्यवाही अपर
कलेक्टर न्यायालय
में न्यायालयीन
प्रक्रिया के
तहत प्रचलित
है। (ग) जी
हाँ। दस्तावेजों
की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ख
अनुसार है। (घ) प्रश्नांकित
तथ्य के
परीक्षण की
कार्यवाही
विचाराधीन है।
भू धारक महिला
विवाहित है
इनके पति का
नाम भूपेन्द्र
सिंह पिता का
नाम मनमोहन
सिंह है।
शासकीय
क्षतिग्रस्त
मंदिरों का
जीणोद्धार
[धार्मिक
न्यास और
धर्मस्व]
92.
( क्र. 915 ) श्री प्रदीप
अग्रवाल : क्या राज्य
मंत्री, धार्मिक
न्यास और
धर्मस्व
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) दतिया
जिले के
विधानसभा
क्षेत्र
सेवढ़ा अंतर्गत
कुल कितने
शासकीय मंदिर
है इनमें कौन-कौन
से मंदिर
अतिप्राचीन
हैं?
सूची सहित
जानकारी दी
जायें। (ख) उक्त
मंदिरों में
कौन-कौन से मंदिर
जीर्णशीर्ण
क्षतिग्रस्त
हैं एवं कौन-कौन
से मंदिरों तक
श्रद्धालुओं
के लिए पहुंच
मार्ग नहीं है? सूची सहित
मंदिरवार
जानकारी दी
जावे। (ग) उक्त
जीर्णशीर्ण, क्षतिग्रस्त
एवं पहुंच मार्ग
विहीन
मंदिरों के
जीर्णोद्धार
एवं पहुंच मार्ग
बनाये जाने हेतु
शासन की क्या
कार्य योजना
है? (घ) क्या
सेवढ़ा के
मंदिरों की
जीर्णोद्धार
हेतु कमेटी
गठित कर जांच
कराकर इनके
लिए निर्माण
कार्य
स्वीकृत करने
की कृपा करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? जानकारी दी
जाये।
राज्य
मंत्री, धार्मिक
न्यास और
धर्मस्व (
श्री
धर्मेन्द्र
भाव सिंह लोधी
) : (क) दतिया
जिले के
विधानसभा
क्षेत्र
सेवढ़ा अंतर्गत
कुल 179
शासकीय मंदिर
है, इनमें
से 28
मंदिर
अतिप्राचीन
है। जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट अनुसार
है। (ख) जिले
से प्राप्त
जानकारी
अनुसार तहसील
सेवढ़ा
क्षेत्रांतर्गत
कोई भी मंदिर
जीर्णशीर्ण/क्षतिग्रस्त
नहीं है। सभी
मंदिरों तक
श्रृद्धालुओं
के पहुँचने के
लिए मार्ग है।
शेष प्रश्न
उद्भूत नहीं
होता है। (ग) एवं
(घ) प्रश्नांश
(ख) के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उद्भूत नहीं
होता है।
मत्स्य
पालन ठेकों
में केवट, निषाद, मछुआरा
समाज को
प्राथमिकता
[मछुआ
कल्याण एवं
मत्स्य विकास]
93.
( क्र. 922 ) इंजीनियर
हरिबाबू राय : क्या राज्य
मंत्री, मछुआ कल्याण
एवं मत्स्य
विकास महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
वर्तमान में
सरकार ऐसी कोई
योजना बना रही
है,
जिसमें सिर्फ
केवट निषाद
मछुआरा समाज
को ही प्राथमिकता
के साथ ठेका
एवं मत्स्य
पालन का कार्य
दिया जायेगा, अगर हां तो
बताने की कृपा
करें? (ख) जिला
अशोकनगर में
वर्तमान में
केवट/ निषाद/मछुवारा
समाज के पास
कितनी
समितियां है? कितने
तालाबों में
सिर्फ
केवट/निषाद/मछुवारा
समाज के लोगो
को ठेका दिया
गया है? जिले में
कुल कितनी
समितिया है
तथा नवीन
कितनी समिति
और बनाई गई है? केवट/निषाद/मछुवारा
समाज के अलावा
अन्य वर्ग के
लोगो के पास
कितनी
समितियां हैं? वर्तमान
में कितनी
समितियां काम
कर रही है?
राज्य
मंत्री, मछुआ कल्याण
एवं मत्स्य
विकास ( श्री
नारायण सिंह
पंवार ) : (क) म.प्र. शासन
की मछुआ नीति 2008 के अनुसार
मछुआरा समाज
को
प्राथमिकता
है। (ख) जिला
अशोकनगर में
केवट, निषाद
मछुआरा समाज 29 समितियां
है तथा अन्य
वर्ग की 12 समितियां
मत्स्य
पालन में
कार्यरत है
स्कूल
भवनों की
जानकारी
[स्कूल
शिक्षा]
94.
( क्र. 928 ) श्री मोहन
सिंह राठौर : क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
क्षतिग्रस्त
एवं जर्जर
स्कूल भवनों
का चिन्हांकन
करने एवं
मरम्मत कराने
के संबंध में
विभाग द्वारा
कोई
नियम/निर्देश
जारी किये गए
है? यदि
हां, तो
प्रति उपलब्ध
करायें। (ख) ग्वालियर
जिले की
भितरवार
विधानसभा
क्षेत्र में
कितने
प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल, हायर सेकेण्डरी
स्कूल के भवन
है जो
क्षतिग्रस्त
है। जर्जर/अनुपयोगी
है? स्कूलवार
ग्रामवार
जानकारी दें। (ग)
प्रश्नांश (ख)
में
उल्लेखित
विधानसभा
क्षेत्र के
चिन्हांकित
स्कूलों के
भवनों की
मरम्मत हेतु
वर्ष 2024-25
एवं 2025-26
में कितनी
राशि जारी की
गई है? स्कूलवार
जानकारी दें। क्या
दी गई राशि से
स्कूल भवनों
की मरम्मत करा
दी गई है? यदि हां तो
किस-किस स्कूल
भवन की? नामवार
जानकारी दें। (घ)
भितरवार
विधानसभा
क्षेत्र में प्रश्नांश
(ख) में उल्लेखित
विद्यालयों
के नवीन भवन
निर्माण
कराये जायेंगे? यदि हां, तो कितने
एवं कौन-कौन
से? यदि
नहीं, तो
क्यों?
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) जी
हाँ। जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 'एक' पर
है। (ख) प्राथमिक
एवं माध्यमिक
शालाओं की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'दो पर है। शासकीय
हाई स्कूल एवं
हायर
सेकेन्डरी
स्कूलों की
जानकारी
निरंक है। (ग) उत्तरांश
(ख) के
प्रकाश में
शासकीय हाई स्कूल
एवं हायर
सेकेन्डरी
स्कूलों की
जानकारी
निरंक है। प्राथमिक
एवं माध्यमिक
शालाओं की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'तीन' पर
है। (घ) विद्यालयों
के नवीन भवन
निर्माण/मरम्मत
बजट की
उपलब्धता के
आधार पर
स्वीकृति जारी
की जाती है। शेषांश
का प्रश्न
उपस्थित नहीं होता
है।
कर्मचारियों
के स्वत्वों
का निराकरण
[जनजातीय
कार्य]
95.
( क्र. 929 ) श्री मोहन
सिंह राठौर : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) ग्वालियर
जिले में
विभाग
अन्तर्गत
विभिन्न श्रेणी
के कितने पद
स्वीकृत है? कितने पद
भरे है? कितने
रिक्त है? क्या जिला
कार्यालय में
शिक्षक
संवर्ग के कर्मचारियों
को जिला
कार्यालय में
संलग्न कर कार्य
लिया जा रहा
है? यदि
हाँ, तो
जानकारी दें। (ख)
क्या स्वीकृत
पदों से
आधिक्य में
शिक्षक
संवर्ग के
कर्मचारी होने
के बाद भी एक
शिक्षक को एक
से अधिक स्थान
पर अधीक्षक का
कार्य लिया जा
रहा है? यदि हां, तो क्यों? जिला
कार्यालय में
संलग्न
शिक्षक का
वेतन किस पद
एवं कहां से
आहरित किया जा
रहा है? (ग) प्रश्नांश
(ख) में
उल्लेखित
कर्मचारियों
के स्वत्वों
के निराकरण के
संबंध में
अतारांकित प्रश्न
क्रमांक 1849 दिनांक 01.08.2025 में प्रश्नांश
(ख) का
पूर्ण उत्तर
क्यों नहीं
दिया गया इसके
लिए कौन
उत्तरदायी है? (घ) प्रश्नांश
(ग) में
उल्लेखित प्रश्नांश
(ख) की
स्थिति में क्या
स्वत्वों के
निराकरण के
लिये समय-सीमा
निर्धारित
नहीं की जा
सकती? क्या
इसके लिए जिला
कार्यालय में
पदस्थ स्थापना
प्रभारी
जिम्मेदार
नहीं है? स्वत्वों
के निराकरण की
नस्तियां
दिनांक 01 जनवरी, 2025 से प्रश्न
दिनांक तक
किस-किस के
पास कितने दिन
लंबित रही
पूर्ण विवरण
दें। नस्तियों
की छायाप्रति
उपलब्ध
करावें।
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। जी
नहीं। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख) जी
नहीं। शिक्षकों
की कमी होने
के कारण
शिक्षकों से
एक से अधिक स्थान
पर अधीक्षक का
कार्य लिया जा
रहा है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) उल्लेखित
प्रश्न का
तत्समय
पूर्ण उत्तर
दिया गया था। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) कर्मचारियों
के स्वत्वों
के निराकरण की
प्रक्रिया
सतत् है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है।
चिकित्सालय
में मेडिकल
सुविधाएं एवं
व्यवस्थाएं
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
96.
( क्र. 931 ) श्री
दिनेश राय
मुनमुन : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) जिला
चिकित्सालय
सिवनी में
कितनी
सोनोग्राफी
मशीन एवं एक्स-रे
मशीन हैं और
कितने डॉक्टर
(रेडियोंलॉजिस्ट)
सोनोग्राफी/एक्स–रे करने
वाले पदस्थ
हैं और कितने
पद खाली है? उक्त
खाली पदों में
कब तक डॉक्टर
की पदस्थापना
की जायेगी? समयावधि
बतायें। यदि नहीं, तो क्यों? (ख) जिला
चिकित्सालय
सिवनी में
प्रतिदिन
कितने मरीज
सोनोग्राफी/एक्स–रे के लिये
आते है? कितने
मरीजों की
सोनोग्राफी/एक्स–रे हो पाती
है? कितने
मरीजों के नाम,
प्रतीक्षा
सूची में है? (ग) जिला
चिकित्सालय
सिवनी में
सोनोग्राफी/एक्स–रे में लम्बी
प्रतीक्षा
सूची है तो
बिना
सोनोग्राफी/एक्स–रे के किस
आधार पर डॉक्टर
ईलाज करते हैं? यदि
सोनोग्राफी/एक्स–रे करने
वाले डॉक्टर
(रेडियों
लॉजिस्ट) की
कमी से
प्रतीक्षा
सूची लम्बी
है तो शासन
डॉक्टर की
पदस्थापना
क्यों नहीं
करती? (घ) जिला
चिकित्सालय
सिवनी में
बेड़ो की संख्या
कम होने के
कारण भर्ती
मरीजों को
जमीन में लेटकर
बॉटल, इजेक्शन
कराना पड़ता
है जिससे
मरीजों को
असुविधा होती
है, अनेकों
बार जिम्मेदार
अधिकारियों को बेड की
समस्या को
लेकर अवगत
कराया गया
परन्तु
बेडों की संख्या
को नहीं बढ़ाई
गई क्यों? मरीजों की
संख्या और
परेशानियों
को देखते हुये
बेड की संख्या न बढ़ाये
जाने का कारण
क्या है?
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) जिला
चिकित्सालय
सिवनी में 300 एम.ए की 0। एक्स-रे
मशीन तथा 500 एम.ए. की 02 एक्स-रे
मशीन व
सोनाग्राफी
की कुल 04 संचालित
एवं
क्रियाशील है।
जिला
चिकित्सालय
सिवनी में
रेडियोलॉजिस्ट
के 02 पद
स्वीकृत है
तथा रिक्त है।
विभाग द्वारा
विशेषज्ञों
के 1388
पदों की
पूर्ति हेतु
मांग-पत्र
मध्यप्रदेश
लोक सेवा आयोग
को प्रेषित
किया गया है। मध्यप्रदेश
लोक सेवा आयोग
द्वारा कुल 48
रेडियोलॉजिस्ट
के मांग पत्र
के विरूद्ध
केवल 07
रेडियोलॉजिस्ट
उपलब्ध कराये
गये है, जिनकी
पदस्थापना
आदेश जारी
किये जा चुके
हैं। पदपूर्ति
निरंतर
प्रक्रिया
होने से
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
(ख) जिला
चिकित्सालय
सिवनी में
प्रतिदिन औसत 30 मरीज
सोनोग्राफी
के लिये तथा
औसत 80
मरीज एक्स-रे
के लिये आते
हैं। एक्स-रे
की सेवायें
मरीजों को
निरंतर
उपलब्ध कराई
जा रही हैं
परंतु
रेडियोलॉजिस्ट
नहीं होने के
कारण सामान्य
सोनोग्राफी
जांच जिला
चिकित्सालय
सिवनी में
नहीं की जाती
है। आकस्मिकता
एवं
आवश्यकतानुसार
चिकित्सा महाविद्यालय
सिवनी के
स्त्री रोग
विशेषज्ञ एवं
अन्य
विशेषज्ञों
द्वारा
आवश्यकतानुसार
सोनोग्राफी
की जाती है। प्रसूता
महिलाओं की
सोनोग्राफी
का कार्य मुख्यतः
प्रत्येक माह
की 09 एवं
25 तारीख को
राज्य शासन से
अनुबंधित
डायग्नोस्टिक
सेन्टरों के
माध्यम से
रोगियों को
निःशुल्क
प्रदान की
जाती है। प्रतीक्षा
सूची का कोई प्रश्न
ही नहीं है। (ग) उत्तरांश
(क) एवं (ख) अनुसार।
(घ) वर्तमान
में जिला
चिकित्सालय
सिवनी एक 400 बिस्तरीय
स्वीकृत
अस्पताल है
तथा
आकस्मिकता
एवं रोगियों
की संख्या में
वृद्धि
उपरांत
आवश्यकतानुसार
फ्लोर बेड्स लगाये
जाते हैं। उन्नयन
की प्रक्रिया
परीक्षणाधीन
है।
राजस्व
प्रकरणों का
निराकरण
[राजस्व]
97.
( क्र. 933 ) श्री
दिनेश राय
मुनमुन : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
प्रदेश में
जमीन की
रजिस्ट्री के
साथ नामांतरण
करने के
निर्देश जारी
किये गये है? यदि हाँ, तो सिवनी
जिले की सिवनी
नगर में
रजिस्ट्री उपरांत
नामांतरण की
कार्यवाही क्यों
नहीं हो रही
है? यदि
हां, तो
शासन के किस
आदेश/नियम के
तहत? नियम/निर्देश
की प्रति
उपलब्ध
करायें। (ख) यदि
प्रश्नांश (क)
में उल्लेखित
स्थिति है तो
सिवनी नगर में
नामांतरण के प्रश्न
दिनांक तक
कितने प्रकरण
लंबित है? (ग) सिवनी
विधानसभा
क्षेत्र की
तहसीलों
जनप्रतिनिधियों/हितग्राहियों
द्वारा वर्ष 2024-25 से प्रश्न
दिनांक तक
नामांतरण, इन्द्राज
दुरूस्ती के
कितने प्रकरण
प्राप्त
हुये है? प्राप्त
प्रकरणों में
से कितने
प्रकरणों का
निराकरण किया
गया है? तहसीलवार/नामवार
जानकारी दें। (घ)
क्या राजस्व
प्रकरणों के
निराकरण हेतु
जिला कलेक्टर
एवं शासन को
पत्र लिखकर
प्रकरणों के
शीघ्र निराकरण
करने का लेख
किया गया है? यदि हाँ, तो कब-कब, किसके
द्वारा? प्रकरणों
के लंबित रहने
के लिये कौन
दोषी है? सिवनी
विधानसभा
क्षेत्र
परिप्रेक्ष्य
में तहसीलवार
जानकारी दें।
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) पंजीयन
विभाग से जमीन
की रजिस्ट्री
के उपरांत
प्रकरण स्वतः
आरसीएमएस
पोर्टल पर
दर्ज हो जाते
है। जिनका
नियमानुसार
निराकरण किया
जाता है। सिवनी
जिले की सिवनी
नगर तहसील
अंतर्गत रजिस्ट्री
उपरांत
नियमानुसार
नामंतरण की
कार्यवाही की
जा रही है। नियम/निर्देश
की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘अ अनुसार। (ख) तहसील
सिवनी नगर
अंतर्गत प्रश्न
दिनांक तक कुल
643 प्रकरण
लंबित हैं। (ग) सिवनी
विधानसभा
क्षेत्र की
तहसीलों
जनप्रतिनिधियों/हितग्राहियों
द्वारा वर्ष 2024-25 से प्रश्न
दिनांक तक
नामांतरण, इन्द्राज
दुरूस्ती के
प्राप्त एवं
निराकृत
प्रकरणों की
जानकारी निम्नानुसार
है :-
|
तहसील |
प्राप्त
प्रकरण |
निराकृत
प्रकरण |
शेष
प्रकरण |
रिमार्क |
|
सिवनी |
4653 |
4227 |
426 |
लंबित
प्रकरण
वर्तमान
वर्ष 2025-26 के
हैं। |
|
सिवनी
नगर |
8346 |
7703 |
643 |
|
शेष
प्रश्नांश
की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘ब’ अनुसार। (घ) सिवनी
विधानसभा
अंतर्गत
राजस्व
प्रकरणों का
निराकरण
समय-सीमा में
किया जा रहा
है। अत: शेष प्रश्नांश
उत्पन्न
नहीं होता है।
स्थानांतरण
उपरांत
कर्तव्य पर
उपस्थित होना
[स्कूल
शिक्षा]
98.
( क्र. 978 ) श्री
ठाकुर दास
नागवंशी : क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
जिला कटनी में
शिक्षकों के
प्रशासनिक स्थानांतरण
लोक शिक्षण
संचालनालय
भोपाल के आदेश
क्रमांक sed/2025/2/6/02411 दिनांक 07/06/2025 से हुये है, यदि हाँ, तो बतायें? (ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार
संबंधित
शिक्षकों में से
कितने
शिक्षकों
द्वारा स्थानांतरित
शाला में अपने
कर्तव्य पर
उपस्थित हो
गये हैं तथा कितने
शिक्षक अपने
कर्तव्य पर
उपस्थित नहीं हुये
हैं? (ग) स्थानांतरण
उपरांत जो
शिक्षक अपने
कर्तव्य पर
उपस्थित नहीं हुये
हैं उन
शिक्षकों पर
विभाग द्वारा
क्या
कार्यवाही की
गयी?
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) जी
हाँ। (ख) प्रश्नाधीन
स्थानान्तरण
आदेश के
विरुद्ध संबंधित
शिक्षक
द्वारा
माननीय उच्च
न्यायालय
जबलपुर में
याचिका
क्रमांक 20809/2025 दायर किये
जाने पर
माननीय
न्यायालय
द्वारा प्रदाय
स्थगन के
अनुकम में
स्थानान्तरित
शाला में
कार्यभार
ग्रहण नहीं
किया गया है। (ग)
उत्तरांश (ख) के
अनुक्रम में (प्रकरण
न्यायालय
अधीन है)
प्रश्न उद्भूत
नहीं होता।
अतिरिक्त
भूमि पर
आधिपत्य
[राजस्व]
99.
( क्र. 1022 ) डॉ.
हिरालाल
अलावा : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
तारांकित प्रश्न
क्रमांक 1060 दिनांक 10 जुलाई 2024 में ''कृषक
रजिया बानो
एवं शाहिद
बानो की कुल 37.785 हेक्टयर
अर्थात 93.33 एकड भूमि
अर्जित की गई
उक्त के
अतिरिक्त 18.846 हेक्टयर
भूमि म.प्र.
शासन
कलियासोत
परियोजना सिंचाई
विभाग के
आधिपत्य में
है'' की
जानकारी दी गई
है? (ख) यदि
हाँ, तो
किस खसरा नम्बर
के कितने रकबे
में से कितना
रकबा अर्जित
किया, किस
खसरा नम्बर
के कितने रकबे
पर सिंचाई
विभाग या वाल्मी
संस्था
द्वारा किसकी
अनुमति या
आदेश से कब्जा
किया? किस
खसरा नम्बर
का कितना रकबा
बिना अर्जित
किए सिंचाई
विभाग या वाल्मी
संस्था ने
कब्जे में
लिया? (ग) कृषक
रजिया बानो
एवं शाहिद
बानो के नाम
पर वर्तमान
में किस खसरा
नम्बर का
कितना रकबा
दर्ज है, उनकी
अर्जन से शेष
किस खसरा नम्बर
के कितने रकबे
पर सिंचाई
विभाग या वाल्मी
का नाम किस
दिनांक से
दर्ज है? वह नाम कब
तक काट कर
कृषक का नाम
दर्ज किया जावेगा?
राजस्व
मंत्री ( श्री करण
सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रकरण
में जांच
कार्यवाही
प्रचलित है। न्यायालयीन
प्रकृति का
होने से प्रकरण
के निराकरण
उपरांत ही
निष्कर्ष
निकाला जाना
उचित होगा। (ग) ग्राम
चन्दनपुरा
के वर्तमान
खसरा में कृषक
रजिया बानो एवं
शाहिद बानो के
नाम पर कोई
भूमि दर्ज
नहीं है।
अर्जन
से शेष भूमि
की जानकारी
[राजस्व]
100.
( क्र. 1023 ) डॉ.
हिरालाल
अलावा : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) विधानसभा
प्रश्न
क्रमांक 1698 दिनांक 18 जुलाई, 2024 के
उत्तरांश (ग) में
बताए गए कलिया
सोत परियोजना, वाल्मी
एवं राजस्व
अधिकारियों
के संयुक्त
दल ने प्रश्नांकित
दिनांक तक
किस-किस
अभिलेख, दस्तावेज, आदेश की
जांच की, जांच में
क्या-क्या
पाया गया जांच
का प्रतिवेदन
किस दिनांक को
किसके समक्ष
प्रस्तुत
किया गया, यदि प्रश्नांकित
दिनांक तक भी
जांच
प्रतिवेदन
प्रस्तुत
नहीं किया हो
तो कारण बतावें? (ख) कृषक
रजिया बानो
एवं शाहिद
बानो की ग्राम
चन्दनपुरा
में वर्ष 1980-81 में किस
खसरा नम्बर
का कितना रकबा
दर्ज था? कितना
रकबा
कलियासोत
परियोजना
हेतु अर्जित किया, कितने
रकबे पर किसका
नाम किस
संशोधन
क्रमांक आदेश
दिनांक से
दर्ज किया, वर्तमान
में किस खसरा
नम्बर के
कितने रकबे पर
किसका नाम
दर्ज है? (ग) कृषक
रजिया बानो
एवं शाहिद
बानो की निजी
भूमि को
अर्जित किए
बिना उनका नाम
काटे जाने के
लिए कौन जिम्मेदार
है, इस
भूल को सुधारे
जाने हेतु
अनुविभागीय
अधिकारी (राजस्व)
ने किस-किस
दिनांक को
किसे क्या
आदेश दिया है? कब तक भूमि
पर कृषक का
नाम दर्ज कर
दिया जावेगा? समय-सीमा सहित
बतावे।
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) विधानसभा
प्रश्न
क्रमांक 1698 दिनांक 18 जुलाई 2024 के उत्तरांश
(ग) में उल्लेखित
कार्यवाही के
अनुक्रम में
अभिलेख सुधार
संबंधी
प्रकरण न्यायालय
अनुविभागीय
अधिकारी (राजस्व), नजूल टी.टी.
नगर वृत्त, जिला-भोपाल
(म.प्र.) में
प्रकरण
क्रमांक-31/अ-6-अ/2025-26प्रचलित
है। प्रकरण
में पटवारी
द्वारा मौका
जांच की गई है।
अभिलेखागार
से खसरों की
प्रति बुलाई
जा चुकी है। वन
विभाग, कलियासोत
एवं जल संसाधन
विभाग को पत्र
जारी किया गया
है। (ख) ग्राम चन्दनपुरा
में वर्ष 1980- 81 में रजिया
बानो के नाम
से खसरा नंबर 1, 2, 26,
27, 31, 33, 43 रकवा क्रमश:
5.16,
27.16, 0.45, 1.69, 32.40, 10.33, 0.11 कुल
किता खसरा
नंबर 07 कुल
रकवा 77.30 एकड़
(31.282
हेक्टेयर)
तथा शाहिदा
बानू के नाम
से खसरा नंबर 3, 4 रकवा
क्रमश: 65.90, 22.98 कुल किता
खसरा नंबर 2 कुल रकवा 88.88 एकड़ (35.969 हेक्टेयर)
दर्ज था। उक्त
में से 37.789 हेक्टेयर
भूमि का अर्जन
किया गया था। वर्तमान
में खसरा नंबर
क्रमश: 1 रकवा 2.0880 हे., 2/1 रकवा 3.6420 हे., 2/2/1 रकवा 6.940 हे., 3/1 रकवा 0.4210 हे., 3/2 रकवा 26.248 हे., 26 रकवा 0.182 हे., 27 रकवा 0.6840 हे., 31/1 रकवा 0.7480 हे., 31/2 रकवा 12.3640 हे., 33/1 रकवा 1.7810 हे., 33/2 रकवा 2.3990 हे., 43 रकवा 0.045 हे. के कॉलम
नंबर 5 में
शासकीय एवं कॉलम
नंबर 12 में
कलियासोत परियोजना
दर्ज है। साथ
ही खसरा नंबर 2/2/2/1 रकवा 0.3690 हे. एवं 2/2/2/2 रकवा 0.0410 हे. के कॉलम
नंबर 5 में
मेसर्स मैजिक
ग्रीन्स
द्वारा
भगीदारगण श्रीमती
सपना सिंहदेव
पत्नी ए.एस.
सिंहदेव एवं वरूण
सहगल आ श्री
ब्रजमोहन सहगल पता
भोपाल निजी
संस्था दर्ज
है। साथ ही
खसरा नंबर 4 रकवा 9.3000 हे. कॉलम
नंबर 5 में
शासकीय एवं
कॉलम नंबर 12 में म.प्र.
शासन नजूल
भूमि दर्ज है।
संशोधन
क्रमांक/आदेश
दिनांक की
जानकारी
अद्यतन खसरा
अभिलेख में
दर्ज नहीं है।
(ग) प्रश्नांश
(क) के उत्तर
के परिप्रेक्ष्य
में न्यायालयीन
प्रकरण
प्रचलित होने
से विधि अनुसार
निराकरण किया
जायेगा। अत:
समय-सीमा बताना
संभव नहीं है।
आदिवासियों
के जमीन की
अवैध रजिस्ट्री/नामांतरण
[राजस्व]
101.
( क्र. 1046 ) डॉ. राजेन्द्र
कुमार सिंह : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे कि
(क) क्या
कलेक्टर
जिला राजगढ़
द्वारा
आदिवासी
हितों के
संरक्षण तथा
शासन हित में
प्रशंसनीय
आदेश क्रमांक 96/बी-121/2024-25 पृ.क्र.2461/6/प्रवा.-1/25 दिनांक 08.09.2025 जारी कर
आदिवासी की
भूमि पर की गई
अवैध रजिस्ट्री/नामांतरण
को शून्य/निरस्त
कर संबंधित उप
पंजीयक
राजगढ़ तथा
तहसीलदार
खुजनेर के
विरूद्ध
विभागीय
कार्यवाही
किये जाने के
आदेश जारी
किये गये हैं? (ख) क्या
शासन द्वारा प्रश्नांश
(क) के आलोक
में जारी आदेश
के परिपालन
में नामांतरण/रजिस्ट्री
शून्य/निरस्त
करने की
कार्यवाही प्रश्न
दिनांक तक कर
ली गई हैं? यदि नहीं
तो क्यों तथा
निरस्त करने
करने की
समय-सीमा बतायें? (ग) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) के
अनुक्रम में
नामांतरण
निरस्त होने
पर संबंधित
आदिवासी
आवेदक को उनकी
कृषि भूमि में
जाने का स्थायी
रास्ता
प्रदान कर
आरोपी आवेदक
पर आदिवासी का
रास्ता
रोकने संबंधी
आदिवासी अत्याचार
निवारण
अंतर्गत
प्रकरण दर्ज
कराया जाएगा। यदि
नहीं तो क्यों?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) न्यायालय
कलेक्टर
राजगढ़ के
द्वारा
प्रकरण क्रमांक
बी.121/2024.25
दिनांक 08.09.2025 में
आदिवासी की
भूमि पर केवल
नामांतरण को
शून्य घोषित
किया जाकर
तत्कालिक उप
पंजीयक
तत्कालिक तहसीलदार
के विरुद्ध
कार्यवाही
किए आने का आदेश
जारी किया गया
है। (ख) इस
न्यायालय के
प्रकरण
क्रमांक 0096/बी.121/2024.25 में पारित
आदेश दिनांक 08.09.2025 के पालन
में नामांतरण
निरस्त करने
हेतु तहसीलदार
खुजनेर को
आदेश की
प्रतिलिपि
प्रदाय की गई।
कार्यवाही
प्रक्रियाधीन
है। (ग) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) के
अनुक्रम में
न्यायालय
कलेक्टर के
द्वारा पारित
निर्णय
दिनांक 08.09.2025 में केवल
नामांतरण को
शून्य घोषित
किया गया है।
बजट
प्रावधान तथा
व्यय की
जानकारी
[स्कूल
शिक्षा]
102.
( क्र. 1053 ) श्री
प्रताप
ग्रेवाल : क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) वार्षिक
प्रतिवेदन
अनुसार 2014-15 में
शासकीय
प्राथमिक
माध्यमिक
शाला 114231
से घट कर 2023-24 में 82935 तथा
शिक्षक 291992 से घटकर 230817 क्यों हो
गए तथा बजट 15151.58 से बढ़कर 31961.18 करोड़
क्यों हो गया? (ख) 2010-11 से 2025-26 तक स्कूल
शिक्षा का
वर्षवार बजट
प्रावधान तथा
वास्तविक
व्यय की
जानकारी दें
तथा 2013-14
से 2024-25
में बजट
प्रावधान तथा
शासकीय
विद्यालयों
में कक्षा एक
से आठ तथा
कक्षा 9 से 12 में
नामांकनांक
में कितने
प्रतिशत की
वृद्धि हुई? (ग) 2025-26 में
प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल
तथा हायर
सेकेण्डरी
शासकीय शाला
अनुसार बताएं
कि प्रत्येक स्तर
की कितनी-कितनी
शाला में
विद्यार्थियों
की संख्या 20 से कम, 21 से 40, 41 से 60, 61 से 80, 81 से 100 है तथा ऐसी
कितनी-कितनी शाला
है, जिनमें
मात्र एक तथा
जिनमें मात्र
दो अध्यापक है? (घ) 2013-14 से 2025-26 तक स्कूल
शिक्षा विभाग
द्वारा
संचालित प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल
तथा हायर सेकेंडरी
शालाओं की
संख्या, शिक्षक
संख्या तथा
कक्षा 1 से 8 एवं 9 से 12
नामांकनांक
की संख्या
वर्षवार देंवे।
(ड.) वर्ष 2013-14 से 2025-26 तक स्कूल
शिक्षा विभाग
द्वारा
संचालित शालाओं
में कक्षा 1 से 8 के
कितने-कितने
विद्यार्थियों
को नि:शुल्क
पुस्तकें, गणवेश, मध्यान्ह
भोजन, साइकिल, छात्रवृति
दी गई बताएं?
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) एक परिसर
एक शाला योजना
अंतर्गत
शालाओं के
मर्ज होने के
कारण शालाओं
की संख्या में
कमी एवं शिक्षकों
की
सेवानिवृत्ति
से शिक्षकों
की संख्या
में कमी हुई
है। शिक्षकों
को सातवां
वेतनमान
प्रदाय किये
जाने, सांदीपनी
विद्यालय
योजना प्रारंभ
होने एवं लोक
सेवकों के
महंगाई भत्ता
में हुई
वृद्धि आदि के
कारण वार्षिक
बजट में
वृद्धि हुई है।
(ख) वर्षवार
बजट प्रावधान
एवं वास्तिवक
व्यय की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'एक' एवं 'दो' पर
है। कक्षा 1 से 12 के
नामांकन की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'तीन' पर
है। (ग) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'चार एवं 'पांच' पर है। (घ) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'छ:' पर
है। शेषांश की
जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'तीन' पर
है। (ड.) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'सात' पर
है। छात्रवृत्ति
की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-'आठ' पर
है।
निजी
विद्यालयों
के
नामांकनांक
[स्कूल
शिक्षा]
103.
( क्र. 1054 ) श्री
प्रताप
ग्रेवाल : क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) प्रदेश
में वर्ष 2021-22 से 2025-26 तक कितने
निजी
प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल
तथा हायर सेकेंडरी
विद्यालय तथा
उनमें कक्षा
एक से आठ, कक्षा 9 तथा 10 एवं कक्षा 11 तथा 12 का
नामांकनांक
कितना-कितना
है?
वर्षवार
बताएं। (ख) प्रदेश
में शासकीय
विद्यालयों
में वर्ष 2010-2014 से वर्ष 2015-16 तक कक्षा 1 से 8 तथा कक्षा 9 से 12 में
नामांकनांक
कितना-कितना
है तथा इस
अवधि में
प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल
तथा हायर
सेकेण्डरी
शासकीय
विद्यालय
कितने-कितने
थे तथा शिक्षक
संख्या कितनी
थी? वर्षवार
बताएं। (ग) 2021-22 से 2024-25 तक कक्षा
दसवीं तथा 12वीं की
परीक्षा में
माध्यमिक
शिक्षा मंडल
भोपाल, सेंट्रल
बोर्ड ऑफ
सेकेंडरी
एजुकेशन (सीबीएसई), इंडियन
सर्टिफिकेट
आफ सेकेंडरी
एजुकेशन (आइसीएसई)
की परीक्षाओं
में
कितने-कितने
विद्यार्थी शामिल
हुए तथा उनमें
शासकीय
विद्यालय में
पढ़ने वाले
तथा निजी विद्यालय
में पढ़ने
वाले
विद्यार्थियों
की संख्या
कितनी-कितनी
थी? वर्षवार
जानकारी दें। (घ)
प्रदेश में 2021-22 से 2025-26 तक कितने
शासकीय एवं
निजी
प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल, हायर सेकेंडरी
विद्यालय है
जो (1) माध्यमिक
शिक्षा मंडल
भोपाल (2) सेन्ट्रल
बोर्ड आफ
सेकेंडरी
एजुकेशन (3) इंडियन
सर्टिफिकेट
ऑफ सेकंडरी
एजुकेशन के पाठ्यक्रम
अनुसार
अध्यापन
कराते हैं तथा
उनमें उक्त
अवधि में
कक्षा 1 से 8, कक्षा 9 से 12, कक्षा 10 से 12 में
विद्यार्थियों
की संख्या की
शासकीय और निजी
विद्यालय
अनुसार
जानकारी दें।
(ड.) वर्ष 2021-22 से 2025-26 तक स्कूल
शिक्षा विभाग
का बजट
प्रावधान
कितना-कितना
था तथा
वास्तविक
व्यय
कितना-कितना
हुआ? 2015-16 से 2020-21 में एवं 2021-22 से 2025-26 में बजट
प्रावधान एवं
वास्तविक
व्यय में कितने
प्रतिशत की
वृद्धि हुई?
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार। (ख) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार। (ग) एवं (घ) माध्यमिक
शिक्षा मण्डल
एवं अन्य
बोर्ड की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार। (ड.)
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार।
अधिसूचना
का क्रियान्वयन
[राजस्व]
104.
( क्र. 1059 ) श्री
विपीन जैन : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) विधानसभा
प्रश्न क्र. 1432 दिनांक 30/07/2025 के प्रश्नांश
(क),
(ख) के
उत्तर में
राजस्व
मंत्री ने
बताया कि प्रत्येक
अधिसूचना में
ही उसकी
प्रभावशीलता
का स्पष्ट
उल्लेख होता
है नागदा को
जिला बनाने की
कार्यवाही
में कोई विलंब
नहीं किया जा
रहा है यदि
हाँ, तो 28/07/2023 को नागदा
को जिला बनाने
की गजट
अधिसूचना व दावें/आपत्ति
के निराकरण के
पश्चात
दिनांक 02/11/2025 तक जिले
हेतु अंतिम
गजट
नोटिफिकेशन
कर नागदा को
जिले का दर्जा
क्यों नहीं दिया
गया है? (ख) क्या
शासन द्वारा
जिला बनाने की
अधिसूचना पर आमंत्रित
दावें/आपत्तियों
का निराकरण
करने के
पश्चात जिला
बनाने हेतु
समय-सीमा गजट
में
निर्धारित की
गई है? यदि
हाँ, तो
उसके पश्चात
भी गजट
अधिसूचना के
नियमों का पालन
नहीं करते हुए
सदन में नागदा
को जिला बनाने
के संबंध में
गलत जानकारी
क्यों दी जा
रही है? विलंब
क्यो किया जा
रहा है?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) जी हाँ। वर्तमान
में प्रस्ताव
म.प्र. प्रशासनिक
इकाई
पुनर्गठन
आयोग के समक्ष
विचाराधीन है।
(ख) जी नहीं। शेष
प्रश्न उद्भूत
नहीं होता। गलत
जानकारी नहीं
दी गई है तथा
विलंब नहीं
किया जा रहा
है।
गुरूजियों
का संविलियन
[स्कूल
शिक्षा]
105.
( क्र. 1074 ) श्री
प्रणय प्रभात
पांडे : क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) कटनी
जिला अंतर्गत
वित्त वर्ष 1997 से 1999 के मध्य
नियुक्त ऐसे
कितने गुरूजी
हैं, जिनका
प्राथमिक
शिक्षक के पद
पर प्रश्न
दिनांक तक
संविलियन
नहीं हुआ है
एवं गुरूजी के
नाम, पदस्थी
स्थल तथा
वर्तमान में
प्रदत्त
वेतनमान व
शैक्षणिक
योग्यता सहित
सम्पूर्ण
सूची देवें? (ख) प्रश्नांश
(क) में
उल्लेखित
गुरूजियों
द्वारा
संविदा वर्ग 03 में
संविलियन
हेतु कब-कब
दस्तावेजों
सहित आवेदन
वरिष्ठ
कार्यालय को
प्रेषित किये
गये एवं उन पर
कब किसके द्वारा
क्या
कार्यवाही की
गई? की
गई कार्यवाही
की छायाप्रति
सहित सम्पूर्ण
जानकारी
देवें। (ग) संविलियन
न होने पर प्रश्नांश
(क) में
उल्लेखित
गुरूजियों
द्वारा शासन
स्तर पर शीघ्र
कार्यवाही
करने हेतु
कब-कब, किन-किन
अधिकारियों
को आवेदन
प्रस्तुत
किये गये तथा
इन प्रेषित
आवेदनों पर कब
किसने क्या
कार्यवाही की? (घ) प्रश्नांश
(क) में
उल्लेखित
गुरूजी क्या
संविदा शाला
शिक्षक 03 में
संविलियन की
पात्रता रखते
हैं? उत्तर
में यदि हाँ, तो इनका
संविलियन
प्राथमिक
शिक्षक के पद
पर कब तक कर
दिया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों
नहीं?
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क)
जानकारी
संलग्न परिशिष्ट-'क' अनुसार। (ख) एवं (ग)
जानकारी
संलग्न परिशिष्ट-'ख' अनुसार। (घ) जी
नहीं। म.प्र.
शासन स्कूल
शिक्षा विभाग
के आदेश क्रमांक
एफ- 44-6/2014/20-2
भोपाल दिनांक 10/02/2014 में
उल्लेखित
प्रावधान
अनुसार
संबंधित
गुरुजी की
न्यून्तम
शैक्षणिक
योग्यता
उच्चत्तर
माध्यमिक
प्रमाण-पत्र
परीक्षा अथवा
समकक्ष होनी
थी। दिनांक 10/02/2014 के पश्चात
निर्धारित
शैक्षणिक
योग्यता
प्राप्त करने
वाले गुरुजी
को संविदा
शाला शिक्षक
वर्ग-3
में नियोजन का
प्रावधान
नहीं है।
बहोरीबंद
विधानसभा
क्षेत्रांतर्गत
स्वास्थ्य
सेवाएं
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
106.
( क्र. 1076 ) श्री
प्रणय प्रभात
पांडे : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) बहोरीबंद
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत
चिकित्सकों
के कहां-कहां
पर कौन-कौन से
पद रिक्त हैं? रिक्त
पदपूर्ति किस
प्रकार से कब
तक की जावेगी? सूची
देवें एवं
कहां-कहां पर
कौन-कौन से
डॉक्टर बॉण्ड
पर कब से कब तक
के लिये
कार्यरत हैं? (ख) बहोरीबंद
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत
कहां-कहां पर
नवीन
स्वास्थ्य
केन्द्र खोले
गये हैं अथवा
खोला जाना है? सूची
देवें एवं इन
नवीन
स्वास्थ्य
केन्द्रों
में कौन-कौन
सी स्वास्थ्य
सेवायें दी
जावेंगी एवं
इस हेतु
कौन-कौन से
कितने पद स्वीकृत
होगे तथा
इन्हें कब से
समुचित रूप से
प्रारंभ कर
दिया जावेगा? (ग) बहोरीबंद
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत
कहां-कहां पर
उप स्वास्थ्य
केन्द्र खोला
जाना जनहित
में आवश्यक
है? सूची
देवें। क्या
शासन
स्वास्थ्य
सेवाओं के
सुचारू संचालन
हेतु
बहोरीबंद
विकासखण्ड
अंतर्गत
ग्राम खिरहनी
एवं मवई में
नवीन उप स्वास्थ्य
केन्द्र तथा
ग्राम कौड़िया
में नवीन
प्राथमिक
स्वास्थ्य
केन्द्र
खोलने तथा सामुदायिक
स्वास्थ्य
केन्द्र
बहोरीबंद का उन्नयन
सिविल
अस्पताल में
करने के
प्रस्तावों
पर विचार
करेगा? इस हेतु
शासन स्तर पर
हुये पत्राचारों
की छायाप्रति
देवें।
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-''अ'' अनुसार। रिक्त
पदों की
पूर्ति एक
निरंतर
प्रक्रिया है, निश्चित
समयावधि बताई
जाना संभव
नहीं है। जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-''ब'' अनुसार। (ख) जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-''स'' अनुसार। राज्य
शासन द्वारा
विभिन्न
श्रेणी के
स्वास्थ्य
केन्द्रों पर
निर्धारित
सुविधाएं उपलब्ध
रहेंगी, विवरण जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-''द'' अनुसार। पद पूर्ति
निरंतर
प्रक्रिया
होने से
निश्चित
समयावधि बताई
जाना संभव
नहीं है। (ग) विकासखण्ड
बहोरीबंद के
अंतर्गत
ग्राम खिरहनी
एवं मवई में
उप स्वास्थ्य
केन्द्र एवं
ग्राम कोडिया
में प्राथमिक
स्वास्थ्य
केन्द्र खोले
जाने के संबंध
में प्राप्त
प्रस्ताव
परीक्षणाधीन
है तथा सामुदायिक
स्वास्थ्य
केन्द्र
बहोरीबंद का बैड
आक्यूपेंसी 80 प्रतिशत
से कम होने के
कारण संस्था
के उन्नयन की
पात्रता नहीं
है। प्रकरण
में पत्राचार जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-''इ'' अनुसार।
पदस्थ
शिक्षकों के
स्वत्वों
की जानकारी
[स्कूल
शिक्षा]
107.
( क्र. 1086 ) श्री पन्नालाल
शाक्य : क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) गुना
जिले में कितने
सहायक
अध्यापक, अध्यापक, वरिष्ठ
अध्यापक, माध्यमिक
शिक्षक सहायक
शिक्षक, वरिष्ठ
शिक्षक सी.ए.सी.
ओर बीएसी को
अभी तक 7वें
वेतनमान का
लाभ नहीं दिया
जा रहा है और
क्यों? कितने
सहायक
अध्यापक, अध्यापक, वरिष्ठ
अध्यापक, माध्यमिक
शिक्षक सहायक
शिक्षक, वरिष्ठ
शिक्षक
सी.ए.सी. ओर
बीएसी में
शिक्षा विभाग
में
सम्विलियन के
बाद भी अभी तक
सातवें वेतनमान
की एरियर की
राशि का
भुगतान नहीं
किया गया है, सभी
शासकीय
सेवकों की
संख्या
उपलब्ध कराएं? (ख) गुना
जिले में कितने
सहायक
अध्यापक, अध्यापक, वरिष्ठ
अध्यापक, माध्यमिक
शिक्षक सहायक
शिक्षक, वरिष्ठ
शिक्षक
सी.ए.सी. ओर
बीएसी है
जिनका शिक्षा
विभाग में
संविलियन
जुलाई 2018 से न करके
इसके बाद किया
गया है। संख्या
उपलब्ध कराएं।
(ग) ऐसे कितने-कितने
सहायक
अध्यापक, अध्यापक, वरिष्ठ
अध्यापक, माध्यमिक
शिक्षक सहायक
शिक्षक, वरिष्ठ
शिक्षक
सी.ए.सी. ओर
बीएसीओ आदि है
जिनकी 12 या 24 वर्ष
पूर्ण होने के
बाद भी अभी तक 12 वर्ष या 24 वर्ष की
क्रमोन्नति
का लाभ नहीं
दिया गया है? संख्या
उपलब्ध कराएं।
(घ) ऐसे कितने-कितने
सहायक
अध्यापक, अध्यापक, वरिष्ठ
अध्यापक, माध्यमिक
शिक्षक सहायक
शिक्षक, वरिष्ठ
शिक्षक
सी.ए.सी. और
बीएसी आदि है
जिनका अभी तक
ट्रेज़री कोड
नहीं बना है। इस
कारण उनकी nps की राशि nps खाते में
जमा नहीं हो
पा रही है और क्यों? शासकीय
कर्मचारियों
के इन सभी
अधिकारों के लिए
जिला
कार्यालय
द्वारा क्या
प्रयास किए गए।
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-2 अनुसार हैं। (ग) जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-3 अनुसार है। (घ) जिला
अंतर्गत-01. लोकसेवक
बी.ए.सी. (मूलपद
माध्यमिक
शिक्षक) संबंधित
की नवीन
शैक्षणिक
सवर्ग में
नियुक्ति दिनाक
01.07.2022 से हुई है। बी.आर.सी.सी
कार्यालय के
पास IFMIS (ट्रेजरी
एम्प्लाई) कोड
बनाने की
सुविधा
उपलब्ध नहीं
होने के कारण
दिनाक 20.11.2025 को कोड
बनवाकर NPS की राशि
जमा कर दी गई
है। डी.पी.सी.
गुना द्वारा
दिया गया
प्रमाणीकरण पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-4 अनुसार है।
पट्टे
की शर्तों का
उल्लंघन एवं
जांच
[राजस्व]
108.
( क्र. 1100 ) डॉ.
सीतासरन
शर्मा : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
कलेक्टर, नर्मदापुरम, नजूल
अधिकारी, नर्मदापुरम
को पट्टे की
शर्तों का उल्लंघन
करने संबंधी
तथ्यों को
राज्य शासन
को अवगत कराने
संबंधी प्रश्नकर्ता
का अनुरोध
पत्र नवम्बर 2025 में
प्राप्त हुआ
था? (ख) पट्टाग्रहिता
द्वारा पत्र
में उल्लेखित
शर्तों सहित
अन्य कौन-सी
शर्तों का
पालन नहीं
किया गया है? जानकारी
दें। (ग) क्या
जिला प्रशासन
द्वारा पट्टे
की शर्तों के
उल्लंघन के
संबंध में
राजस्व
विभाग को अवगत
कराया है? यदि हाँ, तो
छायाप्रति
उपलब्ध
करावें। यदि
नहीं तो कब तक
अवगत कराया
जावेगा?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश
(क) के संबंध
में शिकायत
में पट्टे की
निम्न शर्तों
का उल्लंघन
होने का लेख
किया गया है:- (1) पट्टे की शर्त
3
(सी) के
अनुसार
बिल्टप एरिया 50 प्रतिशत
से अधिक नहीं
होना चाहिए, (2) पट्टे की
शर्त 3 (इ) के
अनुसार
नगरपालिका
प्रावधानों
के अनुसार जगह
छोड़नी होगी, (3) पट्टे की
शर्त 6 (ए) के
अनुसार
पट्टागृहिता
कोई
व्यवसायिक (व्यापार/कारोबार)
नहीं करेगा, (4) पट्टे की शर्त
3
(बी) के
अनुसार पट्टे
की भूमि से
बाहर कोई भी
भाग बाहर
छज्जा आदि
नहीं निकाला
जायेगा। पट्टागृहिता
द्वारा दुकान
हेतु आवंटित
पट्टा पर
बनायी गई
दुकान की
सीढियों रोड पर
निर्मित की गई
है एवं पट्टा
ग्रहिता
द्वारा प्रथम
मंजिल का
निर्माण किया
गया है जबकि
प्रथम मंजिल
का पट्टा
प्रदाय नहीं
किया गया है
पट्टागृहिता
द्वारा बिना
पूर्व अनुमति
के निर्माण
कार्य किया
गया है। उपरोक्तानुसार
पट्टा शर्तों
की उल्लंघन की
शिकायतों की
जांच हेतु
न्यायालय
नजूल अधिकारी
नर्मदापुरम
में राजस्व
प्रकरण
क्रमांक 0031/ब-121/2025-26
दर्ज किया गया
है। उक्त
प्रकरण में
अनावेदक के
जवाब, राजस्व
निरीक्षक से
जांच
प्रतिवेदन
एवं सम्पूर्ण जांच
उपरांत ही
पट्टे की
किन-किन
शर्तों का उल्लंघन
पटटाग्रहिता
द्वारा किया
गया है, निर्धारण
किया जा सकेगा।
(ग) म.प्र. नजूल
भूमि
निर्वर्तन
नियम 2020
भाग-झ कंडिका 77 के अनुसार
स्थायी पट्टा
शर्त उल्लंघन
के शमन के लिये
कलेक्टर या
उसके द्वारा
प्राधिकृत
अपर कलेक्टर
सक्षम
अधिकारी है। अतः
शेष प्रश्नांश
उद्भूत नहीं
होता है।
शिक्षकों
की उपस्थिति
[स्कूल
शिक्षा]
109.
( क्र. 1101 ) श्री पंकज
उपाध्याय : क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) आयुक्त
लोक शिक्षण
संचालनालय के
आदेश क्रमांक/अकादमिक/ह.शि./2025/1074 जारी
दिनांक 20-6-2025 के अनुसार
क्या
मध्यप्रदेश
के सभी
शिक्षकों को
डिजिटल
तकनीकी
आधारित
मोबाइल पर
शिक्षक एप से
उपस्थित
लगाना
अनिवार्य
किया गया है? (ख) शिक्षक
एप डिजिटल एप
सरकार द्वारा
किस प्राइवेट कम्पनी
बनवाया गया है? इस पर
शिक्षा विभाग
ने कितना व्यय
किया है? (ग) केन्द्र
सरकार के डाटा
प्रोटेक्शन
एक्ट के पालनार्थ
हेतु क्या
मध्यप्रदेश
के सभी शिक्षकों
को शिक्षकों
के पर्सनल
मोबाइल पर एप
लोड करवाने की
अनुमति सभी
शिक्षकों से
ली गई, यदि
नहीं ली गई तो
उनके डाटा
प्राइवेसी
प्रोटेक्शन
हेतु कौन
जिम्मेदार
होगा? (घ) यदि मध्यप्रदेश
के शिक्षकों
के पास एंड्राइड
मोबाइल
उपलब्ध नहीं
अथवा खराब है, डाटा पैक
नहीं खरीद सके
एवं स्मार्ट
फोन चलाने में
अक्षम है? तो उनकी
प्रतिदिन की
उपस्थिति किस
विकल्प पर ली
जाएगी? (ड.) क्या
शिक्षक एप से
उपस्थित दर्ज
कराने हेतु शिक्षकों
को जून से
बाध्य करने
प्रदेश के सभी
जेडी, डीईओ, बीईओ, संकुल
प्राचार्यों
द्वारा नोटिस
देकर वेतन काटने
की धमकी दी जा
रही? शिक्षक
अपनी
उपस्थिति एप
के साथ
कर्मचारी
रजिस्टर पर भी
दर्ज कर रहे
हैं, शिक्षकों
की उपस्थिति
दर्ज कराने
आखिर दो विकल्प
हेतु किस मंशा
से स्पष्ट
करें?
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) जी
हाँ, '' हमारे
शिक्षक एप''' से
उपस्थिति
लगाने के
निर्देश दिए
गए हैं। (ख) भारत
शासन के
उपक्रम
निक्सी को
एजुकेशन
पोर्टल 3.0 को विकसित
करने का
कार्यादेश
दिया गया है। 'हमारे
शिक्षक एप' एजूकेशन
पोर्टल 3.0 का ही एक
मॉड्यूल है, शिक्षक एप
के लिए पृथक
से कोई राशि
नहीं दी गई है।
(ग) DPDP Act की
धारा-7 के
अनुक्रम में
विभाग द्वारा
डाटा
प्रोसेसिंग संबंधी
कार्य किया जा
रहा है। एक्ट
की धारा-7 (i) एवं 17 (4) के सदर्भ
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) समग्र
शिक्षा/स्टार्स
परियोजना के
अंतर्गत
शिक्षकों को टेबलेट
उपलब्ध कराए
गए है। उक्त
टेबलेट के
माध्यम से भी
उपस्थिति
दर्ज की जा
सकती है। शिक्षकों
को ई-अटेंडेंस
हेतु
प्रशिक्षण
दिया गया है। शेषांश
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ड.) जी
नहीं। जी हाँ।
ई-सेवा
पुस्तिका में
ऑनलाईन अवकाश
लेखा के अद्यतन
होने तक।
भर्ती
एवं रिक्त
पदों की
जानकारी
[राजस्व]
110.
( क्र. 1102 ) श्री पंकज
उपाध्याय : क्या
राजस्व मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) कार्यालय
आयुक्त
भूप्रबंधन
संसाधन में
सहायक ग्रेड
तीन के प्रदेश
में स्वीकृत
पद कितने हैं? उक्त
स्वीकृत पदों
में से सीधी
भर्ती के तथा
पदोन्नति से
भरे जाने वाले
पद
कितने-कितने
हैं? अक्टूबर
2025 की स्थिति
में
संवर्गवार
जानकारी
प्रदान करें (ख)
प्रश्नांश
(क) अनुसार
उपरोक्त
कार्यरत
सहायक ग्रेड
तीन की पदक्रम
सूची व आरक्षण
रोस्टर
प्रदेश स्तर
पर तैयार होती
है अथवा जिला
स्तर पर? (ग) कार्यालय
आयुक्त
भूबंधन
संसाधन में
पूरे प्रदेश
में सहायक
ग्रेड तीन के
अनारक्षित पुरुष
व अनारक्षित
महिला संवर्ग
के कितने पद रिक्त
हैं? (घ) सहायक
ग्रेड तीन के
सीधी भर्ती के
रिक्त पदों पर
ही अनुकंपा
नियुक्ति का
प्रावधान है
या पदोन्नति
के पदों पर भी
अनुकंपा
नियुक्ति की
जा सकती है? (ङ) क्या
मुरैना जिले
में
भूप्रबंधन
संसाधन
कार्यालय में
माह अक्टूबर
में 03
अनारक्षित
पुरुष तथा 01
अनारक्षित
महिला की
नियुक्ति
जिला कलेक्टर द्वारा
सहायक वर्ग
तीन के पद पर
की गई है? क्या
इन
नियुक्तियों
में आरक्षण
रोस्टर का पालन
किया गया है? यदि
नहीं तो
आरक्षण
रोस्टर का
पालन न करने
वाले अधिकारी
कर्मचारियों
के विरुद्ध
कार्यवाही की
जावेगी? समय-सीमा
बताएं।
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क)
कार्यालय
आयुक्त
भू-संसाधन
प्रबंधन ग्वालियर
अन्तर्गत
सहायक ग्रेड
तीन के स्वीकृत
पद कुल 343 है।
सीधी भर्ती से
भरे जाने वाले
स्वीकृत पद 257 है
एवं पदोन्नति
से भरे जाने
वाले स्वीकृत
पद 86 है।
सीधी भर्ती से
भरे जाने वाले
पदों की सवंर्गवार
जानकारी
सामान्य =71
अनु.जाति= 41, अनुसूचित
जनजाति = 51
अ.पिछडा वर्ग = 69 EWS= 25
कुल पद 257 पदोन्नति
पद की
सवंर्गवार
जानकारी
अनु.जाति= 14, अनुसूचित
जनजाति = 17 पिछडा
वर्ग + सामान्य
वर्ग =55 पद कुल 86। (ख) प्रदेश
स्तर पर तैयार
की जाती है। (ग) कार्यालय
आयुक्त
भू-संसाधन
प्रबंधन ग्वालियर
अन्तर्गत
रोस्टर
अनुसार
अनारक्षित
महिला एवं
पुरूष के रिक्त
पद 0 है। (घ) सहायक
ग्रेड 03 के
केवल सीधी
भर्ती के पदों
पर अनुकंपा
नियुक्ति का
प्रावधान है।
(ड.) जी हाँ, कार्यालय
कलेक्टर भू-
अभिलेख जिला
मुरैना के आदेश
क्रमांक 2632
दिनांक 24.10.25, आदेश
क्र. 2634
दिनांक 24.10.2025, आदेश
क्र. 2636
दिनांक 24.10.2025 आदेश
क्रमांक 2638
दिनांक 24.10.2025
द्वारा 03
अनारक्षित पुरूष
एवं 01
आरक्षित
महिला को
अनुकंपा
नियुक्ति
प्रदान की गई।
उक्त के
संबंध में
कार्यालय कले0
मुरैना के
पत्र क्रमांक 2927
दिनांक 21.11.2025
द्वारा
जानकारी इस
कार्यालय को
प्रेषित कि गई
है।
कार्यालयीन
पत्र क्रमांक 1508/स्था
एक/अ.नि/922061
दिनांक 21.11.2025 द्वारा
मुरैना जिले
में नियम
विरूद्ध की गई
नियुक्तियां
निरस्त किये
जाने संबंधी
पत्र जारी
किया गया।
कार्यालयीन
पत्र क्रमांक 1514/वि.स.-2
सर्तकता/स्था933782/25
दिनाक 24.11.2025
द्वारा रोस्टर
का पालन न
किये जाने के
संबंध में
दोषी अधिकारी
कर्मचारी के
विरूद्ध नियमानुसार
कार्यवाही
किये जाने के
संबंध में
जारी किया
गया।
मध्यप्रदेश
में पर्यटन
टूरिज्म की
जानकारी
[पर्यटन]
111.
( क्र. 1109 ) श्री
कैलाश
कुशवाहा : क्या राज्य
मंत्री, पर्यटन
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
पिछले सात
वर्षों में
म.प्र. पर्यटन
विभाग द्वारा
बहुराष्ट्रीय
एवं बाहरी
निवेशकों को
होटल, रिसोर्ट, एडवेंचर, कैम्पिंग, वाटर
स्पोर्ट्स
आदि के लिए
भूमि आवंटन, अनुदान
एवं अन्य
सुविधाएं
प्रदान की गई
हैं? इन
परियोजनाओं
के तहत विभाग
ने बड़े
निवेशकों को
आकर्षित करने
हेतु पर्यटन
नीति 2016 और 2020 के अंतर्गत
अनुदान
योजनाएं लागू
की हैं? (ख) क्या
छोटे-मझोले
निवेशक, होम स्टे, ग्राम
स्टे, इको
टूरिज्म, कृषी
पर्यटन एवं
महिला समूहों
को भी समान
अवसर देने
हेतु पर्यटन
विभाग नई नीति
बना रहा है? "मध्यप्रदेश
टूरफेडरेशन"
व ''पर्यटन
सहकारी
संस्थाओं'' को
सहयोग देने की
योजना
प्रारूप में
है, जिसका
क्रियान्वयन
कब तक किया
जायेगा? (ग) क्या
विभाग द्वारा 2010 से
विभिन्न
जलाशयों पर
नौकायन, टिकट घर
एवं अन्य जल
पर्यटन
संरचनाओं का
निर्माण किया
गया है? साथ ही, हेरीटेज
होटल
योजनांतर्गत
पुरातात्त्विक
संपत्तियों
के
जीर्णोद्धार
पर करोड़ों की
राशि व्यय की
गई है? पूर्ण
कार्य एवं शेष
प्रगति
जानकारी दी
जावे। (घ) क्या
राज्य सहकारी
पर्यटन संघ का
गठन सहकारी भागीदारी
से ग्रामीण
एवं इको
टूरिज्म को
बढ़ावा देने
हेतु किया गया
है? मुख्यमंत्री
की अध्यक्षता
वाले पर्यटन
कोर ग्रुप में
सहकारिता
मंत्री व टूरफेड
के
प्रतिनिधियों
को सम्मिलित
करने का प्रस्ताव
विचाराधीन है? (ङ) म.प्र.
में एडवेंचर, कैम्पिंग
एवं वाटर
स्पोर्ट्स
हेतु क्या नई
कोई नीति
निर्माणाधीन
है? यदि
हाँ, इसे
कब तक जारी
किया जाएगा?
राज्य
मंत्री, पर्यटन (
श्री
धर्मेन्द्र
भाव सिंह लोधी
) : (क) जी
हाँ। पर्यटन
नीति 2025
जारी की गई है।
(ख) ग्राम स्टे
स्थापना (पंजीयन
तथा नियमन) योजना
2019
प्रभावशील है।
शेष का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) जी
हाँ। जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र "अ"
एवं "ब"
अनुसार। (घ) विभाग
के अंतर्गत
कोई प्रस्ताव
विचाराधीन
नहीं है। (ड.) भारत
सरकार पर्यटन
मंत्रालय
द्वारा
साहसिक पर्यटन
से संबंधित
नीति नियम
जारी किये गये
है। जिस पर
सहमति प्रदान
की गई है।
टैक्स/शास्ति
की बकाया राशि
[परिवहन]
112.
( क्र. 1114 ) श्री
कैलाश
कुशवाहा : क्या
परिवहन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) मध्य
प्रदेश में
कमर्शियल
वाहनों पर
कितना वाहन कर
(टैक्स) शास्ति
बकाया है? टैक्स
बकाया की
जिलेवार सूची
प्रदान करें। (ख) परिवहन
विभाग ने
बकाया टैक्स
एवं शास्ति की
वसूली कितनी
की, टैक्स
एवं शास्ति
बकाया होने के
बावजूद वाहनों
का संचालन किस
नियम से हो
रहा है, क्षेत्रीय
परिवहन
अधिकारी, उड़न
दस्ता एवं
परिवहन चेक
प्वाइंट के
अधिकारी समय
पर बकाया की
वसूली क्यों
नहीं करते हैं, क्या परिवहन आयुक्त
द्वारा
समय-समय पर
समीक्षा कर
बकाया टैक्स
की वसूली के
संबंध में
क्या
कार्यवाही की गई? (ग) वर्तमान
में मध्य
प्रदेश में
बकाया टैक्स, टैक्स
चोरी, बगैर
परमिट वाहन
संचालन के
संबंध में परिवहन
कार्यालय में
कितनी शिकायत
प्राप्त हुई
हैं? उन
पर क्या
कार्रवाई की
गई है? कितनी
वसूली की गई
है? (घ) प्रश्नकर्ता
द्वारा पत्र
क्रमांक/2025/1348 दिनांक 17/10/2025 द्वारा
शिवपुरी जिले
के खरई एवं
सिकंदरा चैक पोस्ट
की
गतिविधियों
के संबंध में
जानकारी चाही
गई थी जो
दिनांक 06/11/2025 तक
अप्राप्त है
इस संबंध में
कारण सहित
जानकारी दी
जावे?
परिवहन
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) एनआईसी के ''वाहन
पोर्टल'' अनुसार
मध्यप्रदेश
में कमर्शियल
वाहनों पर मोटरयान
कर (टैक्स) शास्ति
की राशि की
जिलेवार सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ
अनुसार है। (ख) एनआईसी
के ''वाहन
पोर्टल'' अनुसार
परिवहन विभाग
द्वारा बकाया
टैक्स एवं
शास्ति की वसूली
का विवरण संलग्न परिशिष्ट के
प्रपत्र-अ
अनुसार है। किसी
भी वाहन पर
मोटरयान कर
एवं शास्ति की
राशि बकाया
होने पर ऐसे
वाहन का
फिटनेस
प्रमाण-पत्र
जारी करना, स्वामित्व
अंतरण करना, अनापत्ति
प्रमाण-पत्र
जारी करना, हाइपोथिकेशन
दर्ज/निरस्त
करना आदि
कार्य नहीं किये
जाते हैं, साथ ही ऐसा
वाहन परिवहन
यान होने की
दशा में उक्त
वाहन को किसी
भी मार्ग पर
वाहन संचालन
हेतु परमिट
प्रदान नहीं
किया जाता है।
प्रदेश में
समय-समय पर
वाहन चैकिंग
की कार्यवाही
के दौरान
मोटरयान कर
एवं शास्ति के
बकायादार
वाहनों के
विरूद्ध
नियमानुसार कार्यवाही
की जाती है। परिवहन
आयुक्त
द्वारा
समय-समय पर
समीक्षा कर परिवहन
अधिकारियों
को बकाया
मोटरयान कर
एवं शास्ति की
वसूली हेतु
निर्देशित
किया गया है। (ग)
कुल 22
शिकायते
बकाया टैक्स, टैक्स
चोरी, बिना
परमिट वाहन
संचालन से
संबंधित
प्राप्त हुई
है। जिन पर
नियमानुसार
जांचकर
कार्यवाही
किये जाने
हेतु निर्देश
जारी किये गये
है। (घ) प्रश्नकर्ता
द्वारा पत्र
क्रमांक/2025/1348 दिनांक 17/10/2025 द्वारा
चाही गयी
जानकारी जिला
परिवहन कार्यालय, शिवपुरी
के पत्र
क्रमांक 359/25 दिनांक 20/11/2025 द्वारा
प्रेषित की
गयी है। जिसकी
प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब
अनुसार है। जिसके
परिप्रेक्ष्य
में शेषांश का
पश्न
उपस्थित नहीं
होता।
शासन
द्वारा
उपलब्ध कराए
गए संसाधन
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
113.
( क्र. 1119 ) श्री
नारायण सिंह
पट्टा : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) राज्य
में एलोपैथिक
औषधियों के
विनिर्माण, विक्रय/ वितरण, संग्रहण
आदि से
संबंधित
विनियमन की
जिम्मेदारी
फील्ड स्तर पर
किसकी होती है? ब्यौरा
देवें। (ख) औषधि
विनियमन की
प्रभावी
निगरानी एवं
प्रवर्तन
व्यवस्था
हेतु जिला
स्तर के
अधिकारियों को
विभाग द्वारा
क्या-क्या
संसाधन
उपलब्ध कराए
गए हैं? ब्यौरा
देवें। (ग) क्या
जिला स्तर पर
अधिकारियों
को उपलब्ध
कराये गए संसाधन
उक्त
व्यवस्था
हेतु
पर्याप्त हैं? यदि नहीं, तो क्या
उनको मानव
संसाधन, स्वतंत्र
कार्यालय, इंफ्रास्ट्रक्चर, आवागमन
हेतु वाहन आदि
संसाधन
उपलब्ध कराए
जायेंगे और कब
तक? (घ) मंडला
जिले में जून 2025 से प्रश्न
दिनांक तक
मेडिकल
स्टोर्स के
किये गए
निरीक्षण की
जानकारी
निरीक्षण
रिपोर्ट की
प्रति के साथ
उपलब्ध कराएं? कितने
मेडिकल
स्टोर्स सील
किये गए कारण
सहित बताएँ, क्या
इनमें से कुछ
को पुनः खोला
गया है,यदि हाँ, तो क्यों? (ङ) मंडला
जिले में वर्ष
2024-25 से खरीदी
गई दवाइयों की
जानकारी
बिलों की
छायाप्रति
सहित उपलब्ध कराएं? मंडला नगर
में खुले में
पड़ी मिली
एक्सपॉयर
शासकीय दवाओं
के मामले में
क्या
कार्यवाही की
जा रही है?
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) औषधियों
के विनिर्माण, विक्रय/वितरण, संग्रहण
आदि से
संबंधित
विनियमन की
जिम्मेदारी
फील्ड स्तर पर
औषधि
निरीक्षक की
होती है। ब्यौरा जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-''अ'' अनुसार
है। (ख) जिला
मुख्यालय पर
खाद्य एवं
औषधि प्रशासन
हेतु उप संचालक
कार्यालय
स्थापित किय
गये हैं। जिला
स्तर के
शासकीय
सेवकों के
मूलभूत कार्यालयीन
सुविधायें
उपलब्ध हैं। (ग)
उपलब्ध
कराये गये
संसाधनों में
सुचारू रूप से
कार्य किया
जाता है। औषधि
प्रशासन के
सुदृढ़ीकरण
जिसमें मानव
संसाधन, स्वतंत्र
कार्यालय, अवागमन
हेतु वाहन आदि
संसाधन
सम्मिलित है, संबंधि
योजना बनाई
जाकर भारत
सरकार को
प्रेषित की
गयी हैं। पूर्ति
हेतु समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
विवरण जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-''ब'' अनुसार
है। (घ) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-''स'' अनुसार
है। (ड.) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-''द'' अनुसार
है। मंडला
नगर में खुले
में पड़ी मिली
एक्सपायर शासकीय
दवाओं से
संबंधित जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-''इ'' अनुसार
है।
शिक्षकों
की ई-अटेंडेंस
[जनजातीय
कार्य]
114.
( क्र. 1120 ) श्री
नारायण सिंह
पट्टा : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
सरकारी स्कूलों
में
विद्यार्थियों
के लिए मोबाइल
के उपयोग की
अनुमति है या
उपयोग वर्जित
है, इस
संबंध में
विभाग की क्या
नीति है? (ख) क्या
शिक्षक पढ़ाई
छोड़कर
मोबाइल के
माध्यम से हर समय
विभिन्न
प्रकार की
जानकारियां, आंकड़े, नित्य नए
आयोजनों के
फोटोग्राफ्स
और प्रतिवेदन
भेजते रहते
हैं? शिक्षकों
द्वारा
मोबाइल से
क्या-क्या
कार्य लिए
जाते हैं, मोबाइल के
अधिक उपयोग से
पढ़ाई में हो
रहे हर्जाने
को रोकने के
लिए क्या
विभाग कोई
योजना बनाएगा
विस्तृत
जानकारी दे। (ग)
क्या शिक्षक
अपने मोबाइल
और इंटरनेट
डेटा से विभागीय
कार्य करते
हैं और ई-अटेंडेंस
भी लगा रहे
हैं तो क्या
विभाग इन्हें
मोबाइल भत्ता
प्रदान करता
है, यदि
नहीं तो क्यों
नहीं? क्या
विभाग मोबाईल
भत्ता
प्रदान करने
पर विचार
करेगा? (घ) यदि
शिक्षक समय पर
विद्यालय आता
है और तकनीकी
कारणों से ई-अटेंडेंस
नहीं लगा पाता
है तो क्या
उसकी रजिस्टर
में ली गई
उपस्थिति
मान्य होगी या
उसकी उस दिन
की अनुपस्थिति
मानकर बिना
सुनवाई के
वेतन काट लिया
जाएगा, क्या ई-अटेंडेंस
लगाने संबंधी
आदेश में ई-अटेंडेंस
की पूरी
पॉलिसी का उल्लेख
है, यदि
हाँ, तो
नीति की
जानकारी दें
और यदि नहीं
है तो क्या
बिना पूरी
नीति बनाए ई-अटेंडेंस
का पालन कराना
उचित है? जानकारी
दें। (ङ)
ई-अटेंडेंस के
लिए उपयोग किए
जाने वाला
ईएचआरएमएस एप
कितना
विश्वसनीय है, क्या इससे
शिक्षकों की
व्यक्तिगत
जानकारी लीक
नहीं होने और
आर्थिक
धोखाधड़ी
होने का कोई
खतरा नहीं है? स्पष्ट
करें।
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) : (क) प्रचलित
व्यवस्था
अनुसार
शिक्षण के
दौरान
विद्यार्थियों
को मोबाइल का
उपयोग वर्जित
है। इस संबंध
में विभाग की
कोई नीति नहीं
है। (ख) जी नहीं।
शिक्षकों
द्वारा अपने
मोबाइल से ई-अटेंडेंस
दर्ज करने का
कार्य किया
जाता है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) शिक्षकों
द्वारा अपने
मोबाइल से
ई-अटेंडेंस दर्ज
करने का कार्य
किया जाता है।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) जी
नहीं। किन्हीं
कारणों से ई-अटेंडेंस
नहीं लग पाती
है और शिक्षक
उपस्थित रहकर
ऑफ लाईन रजिस्टर
में अपनी
उपस्थित दर्ज
करता है तो
उसे उपस्थित
मान्य किया
जाएगा और वेतन
नहीं काटा
जाएगा। कार्यालयीन
पत्र
क्रमांक/आईटी/eHRMS/81/ 2025/20487 दिनांक
24.09.2025 के द्वारा
समस्त
शिक्षकीय
अमले को ऑन
लाईन
उपस्थिति (e-attendance)
दर्ज
करने के
निर्देश जारी
किए गये हैं। पत्र
एवं ई-अटेंडेंस
हेतु तैयार eHRMS एप के यूजर
मैन्युअल
अटेंडेंस
मेनेजमेन्ट
सिस्टम की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट अनुसार है। (ङ) सामान्य
प्रशासन
विभाग के पत्र
क्र. 2080/सा.प्र.वि./2024/7-1
भोपाल, दिनांक 21.11.2024
द्वारा समस्त
विभागों में
एमपी.एस.ई.डी.सी.
कार्यालय
द्वारा
निर्मित
ईएचआरएमएस प्रणाली
को लागू किए
जाने हेतु
निर्देश जारी किए
गए हैं।
ई-अटेंडेंस के
लिए उपयोग किए
जाने वाले
ईएचआरएमएस एप
पर प्रत्येक
यूजर की लॉगिन
आईडी बनाई गई
है, जो
टाईम बेस
ऑथेंटिकेशन
पर कार्य करता
है। उपयोगकर्ताओं
की जानकारी
म.प्र. स्टेट
डाटा सेंटर
में
सिक्योरिटी
के निर्धारित
मापदण्ड
अनुसार संरक्षित
की जाती है।
महापंचायत
की घोषणाओं का
क्रियान्वयन
[स्कूल
शिक्षा]
115.
( क्र. 1125 ) श्री
रजनीश हरवंश
सिंह : क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) दिनांक
1 सितंबर, 2023 को
लाल परेड
ग्राउंड, भोपाल में
अतिथि
शिक्षकों की
महापंचायत
आयोजित की गई
थी उस
महापंचायत
में अतिथि
शिक्षकों के
संबंध में
कौन-कौन सी घोषणाएँ
की गई थीं? (ख) उपर्युक्त
घोषणाओं में
से अब तक
कौन-कौन सी घोषणाएँ
पूर्ण की गई
हैं और
कौन-कौन सी
घोषणाएँ अभी
तक पूर्ण नहीं
हो पाई हैं? अपूर्ण
घोषणाओं के
कारण सहित
जानकारी
उपलब्ध
करावें। (ग) उक्त
महापंचायत
क्या सरकारी
खर्चे से
आयोजित की गई
थी? यदि
हाँ, तो उस
कार्यक्रम
में शासन
द्वारा कुल
कितना व्यय
किया गया तथा
व्यय का
बिंदुवार
विवरण (मंच
व्यवस्था, परिवहन, भोजन, प्रचार-प्रसार
आदि मदों सहित)
क्या है?
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी
संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) जी
हाँ। जानकारी
संलग्न परिशिष्ट-2 अनुसार है।
चिकित्सा
महाविद्यालयों
को धन आवंटन
एवं व्यय
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
116.
( क्र. 1135 ) श्री उमाकांत
शर्मा : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) मध्यप्रदेश
में कितने
चिकित्सा
महाविद्यालय
संचालित है? 1 अप्रैल, 2022 से प्रश्नांकित
दिनांक तक
उक्त
महाविद्यालयों
किस-किस मद से
कितनी-कितनी
राशि प्राप्त
हुई एवं
किन-किन मदों
में राशि व्यय
की गई?
जानकारी
उपलब्ध
करावें। (ख) क्या
प्रश्नांश (क)
के संदर्भ
में चिकित्सा
महाविद्यालय
विदिशा एवं
रतलाम में
अधिष्ठाता (डीन)
आर्थिक
अनियमित्ताएं
की जा रही है? यदि हां, तो किन-किन
अधिकारियों
द्वारा कब-कब
जांच की गई
जांच
प्रतिवेदन की
छायाप्रति
उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश
(क),
(ख) के संदर्भ
में विभाग को
कब-कब,
किन-किन
व्यक्तियों
की शिकायत
प्राप्त हुई है? विभाग
द्वारा
किन-किन
अधिकारियों
से जांच करवाई
गई?
जांच
प्रतिवेदन
एवं जांच में
कौन-कौन
अधिकारी दोषी
पाये एवं दोषियों
पर क्या
कार्यवाही की
गई की जानकारी
उपलब्ध
कराएं? यदि
कार्यवाही
नहीं की गई, तो कब तक की
जावेगी? समय-सीमा बतावें। (घ) 01 अप्रैल, 2022 से प्रश्नांकित
दिनांक तक
विदिशा एवं
रतलाम मेडिकल
कॉलेज में
किन-किन
व्यक्तियों
को साफ-सफाई, भोजन, स्टेशनरी, सुरक्षा आदि के
टेण्डर जारी
किये गए
टेण्डर में
कितने व्यक्तियों
ने भाग लिया
एवं किन-किन
व्यक्तियों को
कार्य आदेश
जारी किये गए? समस्त
दस्तावेजों
की छायाप्रति
उपलब्ध करावें। मध्यप्रदेश
के समाचार
पत्र स्टार
समाचार द्वारा
रतलाम के डीन
के विरूद्ध कब
शिकायत की गई? उस शिकायत
पर कब
कार्यवाही
हुई है? उसका
प्रतिवेदन
उपलब्ध कराएं। यदि
कार्यवाही
नहीं हुई, तो कब-तक
होगी? समय-सीमा
बतावें। (ड.) विदिशा
एवं रतलाम
मेडिकल कॉलेज
में चिकित्सा
उपकरण एवं दवाइयां
किन-किन
संस्थानों
एवं फर्मों, व्यक्तियों
से क्रय की गई
एवं कितनी
राशि का
भुगतान किया
गया? बिल
व्हाउचर की
छायाप्रति
एवं कोटेशन की
छायाप्रति
उपलब्ध करावें।
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) से (ड.) जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
भूमि
आवंटन की
जानकारी
[राजस्व]
117.
( क्र. 1136 ) श्री
उमाकांत
शर्मा : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) विदिशा
जिले में वर्ष
2019 से प्रश्नांकित
अवधि तक
शासकीय
निर्माण
कार्य हेतु
विभागों
द्वारा
ऑनलाईन/ऑफलाइन
कितने आवेदन
प्राप्त हुए
एवं विभागों को
कितनी-कितनी
भूमि
कहां-कहां
हस्तांतरित
की? सर्वे
नं, रकबा, स्थान की
जानकारी
देवें एवं कितने
विभागों के
आवेदन लंबित
है? लंबित
रहने के कारण
है?
कारण सहित
जानकारी
देवें। (ख) प्रश्नांश
(क) के
संदर्भ में
भवन निर्माण
एवं अन्य
निर्माण कार्य
हेतु राजस्व
विभाग के भूमि
आवंटन करने के
क्या नियम
निर्देश है? उनकी
छायाप्रति
उपलब्ध करावें। (ग) सिरोंज
में तहसील
कार्यालय के
भवन निर्माण, सांदीपनि
विद्यालय
सिरोंज, प्राथमिक
स्वास्थ्य
केन्द्र
पिपलियाहाट, हाईस्कूल
पिपलियाहाट, खेल
स्टेडियम
निर्माण हेतु
लटेरी में
भूमि कहां-कहां
आवंटित की है
एवं वर्तमान
में इन भवनों
के निर्माण
हेतु क्या कार्यवाही
की गई है
बतावें एवं कब
तक भूमि आवंटित
कर दी जावेगी? समय-सीमा बतावें। (घ) ग्राम
सोजना में
तहसील लटेरी
विद्युत
उपकेन्द्र
निर्माण हेतु
कितनी भूमि
आवंटित की गई
है एवं इनका
सीमांकन कब तक
कर दिया
जावेगा?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) विदिशा
जिले में वर्ष
2019
से प्रश्नांकित
अवधि तक
शासकीय
विभागो
द्वारा
ऑनलाईन 403 आवेदन
प्राप्त हुए
है। जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-‘अ’ अनुसार
है। (ख) मध्यप्रदेश
नजूल
निर्वर्तन
नियम-2020 अनुक्रम
में भूमि
आवंटन की
कार्यवाही की
जाती है। नियम
निर्देश की
प्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-‘द’ अनुसार
है। (ग) तहसील
सिरोंज
कार्यालय के
भवन निर्माण
की कार्यवाही
प्रक्रियाधीन
है। सांदीपनि
विद्यालय
सिरोंज हेतु
प्र.क्र. 0061/अ-20 (3)/2024-25 आदेश
दिनांक 23.09.2024 को भूमि
आवंटन किया जा
चुका है आदेश
की प्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-‘ब’ अनुसार
है। प्राथमिक
स्वास्थ्य
केन्द्र एवं
हाई स्कूल पिपलिया
हाट के भूमि
आवंटन की प्रक्रिया
गतिशील है। लटेरी
खेल स्टेडियम
हेतु शासन मापदण्ड
अनुसार
उपयुक्त भूमि
चयन कर
आर.सी.एम.एस.
पोर्टल पर
आवेदन प्रस्तुत
किये जाने
हेतु संबंधित
विभाग को लिखा
गया है, शेष प्रश्नांश
की जानकारी इस
विभाग से संबंधित
नहीं है। (घ) ग्राम
सौजना तहसील
लटेरी में
विद्युत
उपकेन्द्र
निर्माण हेतु
आर.सी.एम.एस.
पोर्टल पर प्र.क्र.
0010/अ-20 (3)/2024-25 पंजीबद्ध
किया जाकर
नजूल
निर्वर्तन
नियम 2020 के
तहत
कार्यवाही
गतिशील है, चयनित भूमि का
सीमांकन किया
जा चुका है। सीमांकन
का पंचनामा की
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-‘स’ अनुसार
है।
पैथोलोजिस्ट
की नियुक्ति व
आउटसोर्स पद
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
118.
( क्र. 1143 ) श्रीमती
कंचन मुकेश
तनवे : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
शासकीय
चिकित्सको को
निजी क्लिनिक
व हॉस्पिटल
संचालित करने
की अनुमति है? यदि हाँ, तो नियम
आदेश की प्रति
उपलब्ध की
जावे। (ख) खंडवा
जिले में
कितने
मान्यता
प्राप्त पैथोलोजी
लैब संचालित
है एवं कितने
नियम विरुद्ध संचालित
हो रहे है, विभाग
द्वारा विगत 5 वर्षों में
कितने, पैथोलोजी
लैब, पैरामेडिकल
सेण्टर के
रजिस्ट्रेशन
या लाइसेंस
जारी किये, क्या शासन
के
निर्देशानुसार
समस्त
पैथोलोजी
सेण्टर पर
पैथोलोजिस्ट
नियुक्त है? प्रत्येक
सेण्टर व उस
पर नियुक्त
पैथोलोजिस्ट
का नाम, आवश्यक
डिग्री/कोर्से
सर्टिफिकेट
की प्रमाणित
प्रति सूची
सहित उपलब्ध
की जावे? (ग) जिला
चिकित्सालय
खंडवा एवं
मेडिकल कालेज
खंडवा में
आउटसोर्स के
कितने, किस-किस
श्रेणी के पद
स्वीकृत है
एवं उक्त पदों
की पूर्ति
हेतु कौन सी
आउटसोर्स
कंपनी के
अनुबंध किये
गए है, किस
कंपनी द्वारा
किन-किन पदों
पर कर्मचारी
नियुक्त किये, नियुक्ति
की प्रक्रिया
का विवरण व
दस्तावेज उपलब्ध
कराये जावे, मेडिकल
कालेज में
कार्यरत
एजायल कंपनी
का अनुबंध कब
से किया गया
दिनांक से ले
कर आज दिनांक
तक कंपनी ने खंडवा
चिकित्सालय व
मेडिकल कालेज
में किन-किन
पदों पर
नियुक्तियां
की है एवं
कितने
कर्मचारियों
पर कार्यवाही
कर सेवा से
हटाया है एवं
किन-किन
कारणों से
हटाया उनके
आरोप पत्र, स्पष्टीकरण, सेवा
समाप्ति आदेश
की प्रमाणित
छायाप्रतियां
नामजद
सूचीबद्ध कर
प्रदान की
जावे?
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क)
जी
नहीं। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख) खण्डवा
जिले में 15
मान्यता
प्राप्त
पैथोलॉजी लैब
संचालित है व
नियम विरूद्ध
कोई पैथोलॉजी
लैब संचालित
नहीं है।
विभाग द्वारा
विगत 05 वर्षों
में खण्डवा
जिले में 39
पैथोलॉजी लैब, पैरामेडिकल
सेंटर के
रजिस्ट्रेशन/लाईसेंस
जारी किए गए
है। जी हाँ।
प्रत्येक
सेंटर पर
नियुक्ति
पैथोलॉजिस्ट
की नामवार जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-''अ'' अनुसार
है। डिग्री/कोर्स
सर्टिफिकेट
व्यक्तिगत
जानकारी होने
के कारण
प्रदाय किया जाना
संभव नहीं है। (ग) जिला
चिकित्सालय
खण्डवा एवं
मेडिकल कालेज
खण्डवा में
आउटसोर्स के
स्वीकृत पद
एवं उक्त
पदों की पूर्ति
हेतु
अनुबंधित
आउटसोर्स
एजेंसी व
पदवार नियुक्त
कर्मचारियों
की जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-''ब'' अनुसार
है। नियुक्ति
की प्रक्रिया
का विवरण व
अनुबंध दिनांक
संबंधी दस्तावेज़
की जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-''स'' अनुसार
है। शासकीय
चिकित्सालय/मेडिकल
कॉलेज खण्डवा
में अनुबंधित
आउटसोर्स
एजेन्सी
द्वारा की गई
कार्यवाही के
विवरण की जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-''द'' अनुसार
है। आरोप/स्पष्टीकरण
पत्र की जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-''ई'' अनुसार
है।
आबादी
भूमि, पट्टे का
वितरण
[राजस्व]
119.
( क्र. 1144 ) श्रीमती
कंचन मुकेश
तनवे : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) कृषक या
आवासीय भूखंड
क्रेता जमीन
क्रय करता है, तो रजिस्ट्री
के बाद उसका
कितने दिनों
में नामांतरण
किये जाने का
नियम है या
स्वतः
प्रक्रिया से
हो जाता है? अगर हाँ, तो अभी भी
अनेकों तहसील
में नामांतरण
के प्रकरण का
निराकरण
क्यों नहीं हो
पा रहा है। जिसमें
आवेदक तहसील
एवं
पटवारियों के
चक्कर लगाने
को मजबूर हो
रहे है। इस
संबंध में
कृपया आदेश
उपलब्ध कराएं।
(ख) इंदौर संभाग
में कितने
प्रकरण ऐसे है
जो समय-सीमा निकल
जाने के बाद
भी निराकृत
नहीं किए गए
है, इसमें
शासन द्वारा
जिम्मेदारो
के खिलाफ क्या
कारवाही की गई
है? (ग) ग्रामों
में नई बसाहट
के बसने पर
शासकीय भूमि को
आबादी भूमि
घोषित किये
जाने के
निर्देश है किन्तु
ऐसा नहीं किये
जाने से गरीब
भूमिहीन
परिवारों को
पट्टा नहीं मिल
पा रहा है इस
हेतु विभाग की
क्या योजना है? कितने
हितग्राही
पट्टे से
वंचित है? (घ) खंडवा
विधान सभा में
विगत 5
वर्षों में
कितनी भूमि, कहां-कहां
आबादी में
घोषित की गई, आबादी की
कितनी भूमि पर
कहां-कहां
छोटे पेड़ के
जंगल है एवं उस
स्थान पर
निवासरत
परिवारों को
पट्टे देने की
क्या योजना है?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) भू-राजस्व
संहिता 1959 की धारा 109 अंतर्गत
अविवादित
नामान्तरण
हेतु 30
दिवस की
समय-सीमा नियत
है। यही
निर्धारित
समयावधि
साइबर 2.0 पर भी लागू
है। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
(ख) इंदौर
संभाग में
विवादित
नामान्तरण को
छोड़कर कोई भी
शेष ऐसे
नामान्तरण
नहीं है, जिन्हे
समय-सीमा के
बाहर जाकर
निराकृत किया
गया है, किन्तु
यदि कोई
प्रकरण
समय-सीमा के
बाह्य जाता है, तो
संबंधित अधिकारी
के विरुद्ध
लोकसेवा
गारन्टी
अधिनियम के तहत
दिये गये
प्रावधानों
के अनुसार
कार्यवाही की
जाती है। (ग) इंदौर
व उज्जैन
संभाग में इस
प्रकार की कोई
स्थिति
निर्मित नहीं है।
शेष प्रश्न
उद्भूत नहीं
होता है। (घ) खण्डवा
विधान सभा में
विगत 5
वर्षों में
तहसील खण्डवा
के अंतर्गत 02 (बड़गांव
माली/अमोदा) भूमि
रकबा 3.60 हे.
एवं तहसील
खण्डवा नगर के
अंतर्गत 01 ग्राम
नहाल्दां की
भूमि रकबा 5.31 है. आबादी
घोषित की गई
है, आबादी
भूमि पर कहीं
भी छोटे पेड़
के जंगल नहीं
है। म.प्र. शासन
राजस्व विभाग द्वारा
ग्रामीण
क्षेत्रों
में आबादी का
सर्वेक्षण कर
अधिकार
अभिलेख के
निर्माण के
लिये
स्वामित्व
योजना का
क्रियान्वयन
किया जा रहा
है।
स्वास्थ्य
सेवाओं की
जानकारी
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
120.
( क्र. 1149 ) श्री राजन
मण्डलोई : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या प्रश्नकर्ता
ने अपने पत्र
क्रमांक 432, दिनांक 31/10/2025 मुख्य
चिकित्सा एवं
स्वास्थ्य
अधिकारी, जिला
चिकित्सालय
बड़वानी को
उनके द्वारा
पूर्व में लिखे
गये 11
पत्रों के
संबंध में चाही
गई जानकारी
उपलब्ध नहीं
कराने एवं
शासन के
आदेश/निर्देशानुसार
वांछित जानकारी
उपलब्ध कराने
हेतु पत्र
लिखा था? यदि हाँ, तो क्या प्रश्नकर्ता
को उक्त पत्र
के साथ संलग्न
सूची अनुसार
लिखे गये पत्र
में उल्लेखित
बिन्दुओं की
जानकारी
उपलब्ध करा दी
गई है? यदि
नहीं, तो
क्यों और इसके
लिए क्या संबंधित
उत्तरदायियों
के विरूद्ध
नियमानुसार
कार्यवाही की
जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक
यदि नहीं तो
क्यों? (ख) उपरोक्त
प्रश्नांश
के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्नकर्ता
के पत्र
क्रमांक 443, दिनांक 04/11/2025 जो की
सिविल सर्जन
सह अस्पताल
अधीक्षक, जिला
बड़वानी को
लिखा गया था
इस पत्र में उल्लेखित
पत्रो/बिन्दुओं
पर क्या-क्या
कार्यवाही की
गई? यदि
नहीं तो क्यों
और इसके लिए
क्या संबंधित
उत्तरदायियों
के विरूद्ध
नियमानुसार
कार्यवाही की
जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक
यदि नहीं तो
क्यों?
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) जी हाँ। जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'अ' अनुसार। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख) जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'ब' अनुसार। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
दोषी
के विरूद्ध
आपराधिक प्रकरण
पंजीबद्ध
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
121.
( क्र. 1152 ) श्री राजन
मण्डलोई : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
खाद्य एवं
औषधि
प्रशासन
विभाग
अन्तर्गत
औषधी सामग्री
एवं प्रसाधन अधिनियम
अन्तर्गत
विगत माह में
छिंदवाड़ा एवं
बैतूल में घटित
दुखत घटना में
कफ सिरप की
जांच में लापरवाही
करने के कारण
खाद्य एवं
औषधि
प्रशासन के
अधिकारियों
एवं
निरीक्षकों
को दोषी मानते
हुये उन्हें
निलम्बित कर
मुख्यालय पर
यथास्थान रखा
गया है? यदि हाँ, तो क्यों? (ख) क्या
उक्त
निलम्बित
अधिकारियों
को जारी किये
जाने वाले
आरोप पत्र आदि
में सभी
बिन्दुओं को
शामिल न कर
सीमित सीमा
में जारी कर
इन्हें बचाया
जा रहा है? (ग) क्या
उक्त
निलम्बित
अधिकारी के
विरूद्ध विभाग
द्वारा दोषी
मानते हुये
इनके उनके
विरूद्ध
आपराधिक
प्रकरण
पंजीबद्ध
कराया गया है? यदि नहीं
तो क्यों और
क्या इन्हें
विभाग द्वारा
दोषी माना गया
है?
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) प्रथम
दृष्टतया
विलंब के कारण
अधिकारी/निरीक्षकों
को नियमानुसार
निलंबित किया
गया है, के
अंतर्गत दो
औषधि
निरीक्षकों
का मुख्यालय
पदस्थ
कार्यालय के
अन्यत्र अन्य
कार्यालय में
रखा गया है। उप
औषधि
नियंत्रक का
पद मुख्यालयीन
पद होने से
यथास्थान
रखा गया है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं होता।
(ख) जी नहीं। (ग)
विभागीय
जांच में
प्राप्त
निष्कर्षो
के अनुसार
कार्यवाही
किये जाने
प्रावधान है।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
स्टाप
डेम और
तालाबों की
मरम्मत
[जल संसाधन]
122.
( क्र. 1159 ) डॉ.
तेजबहादुर
सिंह चौहान : क्या जल
संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) नागदा
खाचरोद
विधानसभा
क्षेत्र में
कितने छोटे-बड़े
स्टॉप डेम, तालाब
चालू अवस्था
में है जिनमें
पानी संग्रहण
होकर सिंचाई
के लिए उपयोग
में लिया जा
सकता है? संख्या
बताएं। (ख) कितने
स्टॉप डेम, तालाब ऐसे
हैं जहां
मरम्मत की
आवश्यकता है? (ग) क्षेत्र
में नवीन
प्रस्तावित (तालाब, स्टॉप डेम, छोटे बड़े
डेम) जिन पर
स्वीकृति
हेतु
कार्यवाही
प्रचलित है कृपया
अलग-अलग सूची
उपलब्ध करावें?
जल
संसाधन
मंत्री ( श्री
तुलसीराम
सिलावट ) : (क) कुल 08 तालाब एवं 08 बैराज निर्मित
होकर सुचारु
अवस्था में
होना प्रतिवेदित
है। (ख) 02 तालाबों
में मरम्मत कार्य
की आवश्यकता
है, इस
हेतु
कार्यवाही
प्रक्रियाधीन
है। (ग) जानकारी
संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
प्राचीन
मंदिरों का
जीर्णोद्धार
[धार्मिक
न्यास और
धर्मस्व]
123.
( क्र. 1160 ) डॉ.
तेजबहादुर
सिंह चौहान : क्या राज्य
मंत्री, धार्मिक
न्यास और
धर्मस्व
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) आगामी
सिंहस्थ की
दृष्टि से
नागदा-खाचरोद
विधानसभा में
शासकीय
रिकॉर्ड में
दर्ज प्राचीन
मंदिरों के
प्रस्ताव
जीर्णोद्धार
हेतु आर्थिक
सहयोग के लिए
शासन के पास
लंबित हैं? (ख) नागदा
खाचरोद
अनुविभागीय
अधिकारी एवं
कलेक्टर
कार्यालय में
ऐसे कुल कितने
प्रस्ताव लंबित
हैं? (ग) आगामी
सिंहस्थ की
दृष्टि से
उज्जैन जिले
के ग्रामीण
क्षेत्र में
किन्ही
प्रमुख देव
स्थल के विकास
की भी योजना
विचारणीय है?
राज्य
मंत्री, धार्मिक
न्यास और
धर्मस्व (
श्री
धर्मेन्द्र
भाव सिंह लोधी
) : (क) जी
नहीं। (ख) जिले
से प्राप्त
जानकारी
अनुसार लंबित
प्रस्तावों
की संख्या 'निरंक' है। (ग) जी
नहीं। वर्तमान
में उक्त
संबंध में
विभाग स्तर
पर कोई प्रस्ताव
प्राप्त नहीं
है।
विभागीय
कार्यों की
जानकारी
[राजस्व]
124.
( क्र. 1167 ) डॉ. राजेन्द्र
पाण्डेय : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) जावरा
एवं पिपलोदा
तहसील
अंतर्गत वर्ष 2023-24 से लेकर प्रश्न
दिनांक तक
राजस्व विभाग
के विभिन्न
विषयों में
त्रुटि सुधार, नक्शा
त्रुटि सुधार, बटवारा
आवेदन, नामांतरण
एवं सीमांकन
के कितने
आवेदन प्राप्त
होकर कितने
आवेदनों का
निराकरण किया
गया? (ख) प्रश्नांश
(क) अंतर्गत
उल्लेखित
दोनों
तहसीलों में
शासकीय
भूमियों पर
किस-किस
प्रकार के
अवैध कब्जा एवं
अतिक्रमण कर
अवैध आधिपत्य
कहां-कहां पर
चिन्हित किया
जाकर उन पर
किस-किस
प्रकार की
कार्यवाही की
गई? (ग) उपरोक्त
उल्लेखित
दोनों
तहसीलों के
अंतर्गत
निर्मित/निर्माणाधीन
8 लाइन सड़क, फोरलेन
सड़क, प्रस्तावित
उज्जैन-जावरा
ग्रीन फील्ड
एक्सेस मार्ग, बरगढ़
फंटे से भैसाना
रिंग रोड सड़क
इत्यादि कोई
अन्य भी
क्षेत्रीय
कार्यों में
अधिग्रहित
निजी भूमियों
के मुआवजे के
प्रकरण कितने
लंबित होकर कब
तक निराकरण
किया जाकर
संबंधियों को
मुआवजा
प्राप्त हो
सकेगा? (घ) वर्ष
2020-21 से लेकर प्रश्न
दिनांक तक
शासकीय
भूमियों पर
किए गए अवैध
कब्जा, अतिक्रमण
के कितने
प्रकरण
विचाराधीन
होकर उन पर
किस-किस
प्रकार की
कार्यवाही की
गई?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) उत्तरांश
(क) की
जानकारी निम्नानुसार
हैं :-
|
क्रमांक |
मद |
प्राप्त
आवेदन |
निराकृत
आवेदन |
|
1 |
त्रुटि
सुधार |
1382 |
990 |
|
2 |
नक्शा
त्रुटि सुधार |
96 |
34 |
|
3 |
बंटवारा |
2420 |
2259 |
|
4 |
नामांतरण |
23007 |
21782 |
|
5 |
सीमांकन |
4444 |
3981 |
(ख)
प्रश्नांश (क)
में
उल्लेखित
दोनो तहसील के
ग्रामों में
वर्ष 2023-24
से वर्तमान तक
3051 प्रकरणों
में शासकीय
भूमियों पर
कृषि कार्य एवं
कच्चे
निमार्ण
संबंधी अवैध
कब्जा एवं अतिक्रमण
चिन्हित किये
गए, जिस
पर म.प्र.
भू-राजस्व
संहिता 1959 की धारा-248 के तहत
नियमानुसार
जुर्माना
अधिरोपित कर
बेदखली की
कार्यवाही की
गई। जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट अनुसार
है। (ग) भूमि
अधिग्रहण के
कुल 13
प्रकरणों पर
नियमानुसार
कार्यवाही
प्रचलनशील हैं।
(घ) जिला
रतलाम
अंतर्गत वर्ष 2020-21 से लेकर प्रश्न
दिनांक तक
शासकीय
भूमियों पर
किए गए अवैध
कब्जा, अतिक्रमण
के कुल 17328 प्रकरण
दर्ज कर म.प्र.
भू-राजस्व
संहिता 1959 की धारा-248 के तहत
नियमानुसार
कार्यवाही की
गई।
छात्रावास
भवनों की स्वीकृति
[स्कूल
शिक्षा]
125.
( क्र. 1168 ) डॉ. राजेन्द्र
पाण्डेय : क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) पिपलोदा
तहसील
अंतर्गत
ग्राम
सूजापुर में बालिका
छात्रावास
भवन एवं जावरा
तहसील अंतर्गत
ग्राम ढोढर
में बालिका
छात्रावास
भवन की
स्वीकृति कब
तक दी जा
सकेगी, साथ ही
पिपलोदा
दिव्यांग
छात्रावास
भवन की स्वीकृति
कब तक दी जा
सकेगी? (ख) जावरा
एवं पिपलोदा
तहसील
अंतर्गत
कितने हाई स्कूल
एवं कितने
हायर
सेकेंडरी
स्कूल भवनविहीन
होकर अन्य
स्थानों पर
अस्थाई रूप से
संचालित किये
जा रहे हैं? (ग) भवनविहीन
हाई स्कूल व
हायर
सेकेंडरी
स्कूल के भवन
निर्माण की
स्वीकृतियां
कब तक दी जा
सकेगी? (घ) पिपलोदा
सांदीपनि (सी.एम.
राइस) स्कूल
भवन निर्माण
का कार्य
कितना पूर्ण
होकर कितना
कार्य शेष
रहकर अपूर्ण
है, साथ
ही किन-किन
कार्यों पर
कितना व्यय
होकर शेष
अपूर्ण कार्य
कब तक पूर्ण
किया जाकर
स्कूल
प्रारंभ होगा? क्या मॉडल
स्कूल जावरा
के स्टाफ
क्वार्टर पूर्णतः
निर्मित होकर
क्या विभाग को
हैंड ओवर होकर
क्या इन्हें
स्टॉफ के आवास
हेतु आवंटित कर
दिए गए हैं तो
किस-किस को कब
किए गए हैं?
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) बजट
की उपलब्धता
के अनुसार स्वीकृति
जारी की जा
सकेगी।
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
(ख) प्रश्नाधीन
विधानसभा
अंतर्गत कोई
भी शासकीय हाई/हायर
सेकेण्डरी
स्कूल भवन
विहीन नहीं है।
(ग) उत्तरांश (ख)
के प्रकाश में
शेषांश का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) प्रश्नाधीन
सांदीपनि
विद्यालय
पिपलोदा का
निर्माण लगभग 80 प्रतिशत
पूर्ण होकर
अपूर्ण 20 प्रतिशत
कार्य
प्रगतिरत है। भवन
कार्य में
सिविल कार्य
पर राशि ₹15.53 करोड़ एवं
विद्युत
कार्य पर राशि
₹
0.49 करोड़
का व्यय किया
जा चुका है। अपूर्ण
कार्य माह मई 2026 तक पूर्ण
होने की
संभावना है। जी
हाँ। मॉडल
स्कूल जावरा
के स्टाफ क्वार्टर
पूर्णत:
निर्मित होकर
माध्यमिक
शिक्षा मण्डल
को हैंडओवर कर
दिये गये हैं
तथा माध्यमिक
शिक्षा मण्डल
द्वारा मॉडल
स्कूल जावरा
में कार्यरत
अधिकारी/कर्मचारियों
को मांग
अनुसार स्टाफ
क्वार्टर
आवंटित कर
दिये गये है।
आयुष्मान
योजना के तहत
मरीजों का
ईलाज
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
126.
( क्र. 1173 ) डॉ. सतीश
सिकरवार : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) आयुष्मान
योजनांतर्गत
निजी
अस्पतालों
में कौन-कौन
सी बीमारियों
का इलाज किया
जाता है? (ख) जिला
ग्वालियर में प्रश्न
दिनांक तक
आयुष्मान
योजनांतर्गत
किन-किन निजी
अस्पतालों को
कौन-कौन सी
बीमारियों के
इलाज के लिये
अधिकृत किया
गया है? अस्पताल
के नाम एवं
पता सहित
जानकारी दी
जावें। (ग) प्रश्नांश
(ख) के
संबंध में
क्या
आयुष्मान
योजनांतर्गत
लाभान्वित
हितग्राहियों
से जिला
ग्वालियर में
किन-किन निजी
अस्पतालों
द्वारा टेस्ट, दवाईयां, बेड एवं
अन्य के नाम
पर अतिरिक्त
राशि की वसूली
किये जाने की
शिकायतें
प्राप्त हुई
है? यदि
हां, तो
अस्पताल का
नाम एवं
शिकायत का
विवरण सहित
जानकारी दी
जावें। (घ) प्रश्नांश
(ग) के
संबंध में
निजी
अस्पतालों के
खिलाफ प्राप्त
शिकायतों पर
क्या-क्या
कार्यवाही की
गई? अस्पताल
का नामवार एवं
दिनांकवार
जानकारी दी
जावें।
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-''ब'' अनुसार। (ग) जी हाँ, जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-''स'' अनुसार। (घ) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-''स'' अनुसार।
अर्द्धकुशल
एवं कुशल
स्थाईकर्मियों
को वर्गीकृत
[राजस्व]
127.
( क्र. 1175 ) डॉ. सतीश
सिकरवार : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
आयुक्त
भू-अभिलेख
द्वारा विभाग
में कार्यरत
अकुशल स्थाई कर्मियों
को कार्य कौशल
के आधार पर
अर्द्धकुशल
एवं कुशल
स्थाईकर्मी
के रूप में
वर्गीकृत किया
है? मापदंडों/प्रावधानों
के आदेश की
प्रति उपलब्ध
करावें। (ख) श्रेणी
वर्गीकरण में
कुशल एवं
अर्द्धकुशल स्थाईकर्मियों
की पृथक-पृथक
संख्या कितनी
हैं, कुशल
स्थाई
कर्मियों में
ऐसे कितने
कर्मचारी हैं? जिनकी
शैक्षणिक
योग्यता
कक्षा 10वीं
उत्तीर्ण से
कम है। नामवार
सूची उपलब्ध
करावें। (ग) आयुक्त
भू-अभिलेख
ग्वालियर के
आदेश क्रमांक 167/स्था.एक/च.श्रे./17399/2024 दिनांक 11.07.2024 से
वर्गीकरण से
वंचित
स्थाईकर्मियों
के श्रेणी
वर्गीकरण
हेतु विभागीय
एवं जिला स्तर
पर समिति गठित
कर प्रतिवेदन
मांगे गए थे। (घ)
विभागीय एवं
जिला स्तर पर
गठित समिति का
प्रतिवेदन
प्राप्त होने
के पश्चात्
कोई कार्यवाही
न की जाकर
सामान्य
प्रशासन
विभाग से
मार्गदर्शन
मांगा गया हैं, क्यों? उक्त पत्र
उपलब्ध करावें।
(ड.) जब पूर्व
में स्थाई
कर्मियों का
श्रेणी वर्गीकरण
जिन मापदंडों
के आधार पर
किया गया है, क्या वह अब
निष्प्रभावी
हो चुके है? यदि नहीं
तो उन्ही
मापदंडों पर
श्रेणी वर्गीकरण
की कार्यवाही
क्यों नहीं की
जाकर, मार्गदर्शन
मांगकर
अनवाश्यक रूप
से कर्मचारियों
को उनके मिलने
वाले लाभ से
वंचित किया जा
रहा है?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) जी हाँ। समस्त
कार्यवाही
श्रम विभाग
द्वारा जारी
मापदण्डों/प्रावधनों
के अंतर्गत की
गयी है। मापदण्डों/प्रावधानों
की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है।
(ख) कुशल
श्रेणी-32, अर्द्धकुशल-33 एवं कुशल
स्थाईकर्मियों
में 13
कर्मचारियों
की शैक्षणिक
योग्यता
कक्षा 10वीं उत्तीर्ण
से कम है। जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है।
(ग) जी
हाँ। (घ) संपूर्ण
जिलों से तत्संबंध
में
प्रतिवेदन
अप्राप्त है।
शेष बचे अकुशल
स्थाईकर्मियों
को उनके
कार्यकौशल के
आधार पर कुशल/अर्द्धकुशल
से संबंधित
सामान्य
प्रशासन
विभाग से इस
आशय का
मार्गदर्शन
चाहा गया है। पत्र
की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है।
(ड.) विभागीय
पदोन्नति/छानबीन
समिति द्वारा
तत्संबंध
में
मार्गदर्शन
अपेक्षित
होने की स्थिति
में उक्त
कार्यवाही की
गयी है।
पदोन्नति एवं क्रमोन्नति
[स्कूल
शिक्षा]
128.
( क्र. 1181 ) श्री
योगेन्द्र
सिंह (बाबा) : क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) आयुक्त
लोक शिक्षण
संचालनालय
म.प्र. तथा
संयुक्त
संचालक भोपाल संभाग
को अध्यापक
शास. कन्या
उ.मा.
विद्यालय, सारंगपुर, जिला-राजगढ़
के अभ्यावेदन
दिनांक 22.09.2025 पर आज
पर्यन्त तक
क्या
कार्यवाही की
गई तथा अध्यापक
से वरिष्ठ
अध्यापक (हिन्दी)
के पद पर
पदोन्नति
प्रदान करते
हुए दिनांक 01.07.2018 से उच्च
माध्यमिक
शिक्षक (हिन्दी)
के पद पर कब तक
संविलियन
किया जाएगा? (ख) जिला
शिक्षा
अधिकारी
राजगढ़ के
पत्र क्र.-1434 दिनांक 28.06.2024 पर मा. उच्च
न्यायालय
इंदौर द्वारा
प्रकरण डब्ल्यू.पी.-18347/2024 दिनांक 09.07.2024 को स्थगन
आदेश प्रदान
करने पर जून 2025 में बी.एड.
प्रशिक्षण
पूर्ण होने के
पश्चात् भी
समस्त
हितलाभों से
वंचित करते
हुए जिला शिक्षा
अधिकारी
राजगढ़
द्वारा पत्र
क्र.-169
दिनांक 10.10.2025 प्रदान
करने पर उनके
विरूद्ध
अनुशासनात्मक
कार्यवाही की
जाएगी? (ग) मा.
उच्च
न्यायालय
इंदौर के
प्रकरण क्र.
डब्ल्यू.पी.-26690/2018 में पारित
आदेश दिनांक 08.07.2019 में सभी
शिक्षा
विशारद
आरोपों को निरस्त
करने के
पश्चात् तथा
शासन के
प्रकरण डब्ल्यू.ए.-409/2024 दिनांक 04.03.2024 को खारिज
करने के
पश्चात् भी
प्रकरण
डब्ल्यू.पी.-12420/2020 में पारित
आदेश दिनांक 11.05.2023 का पालन
नहीं करने पर
दोषियों के
विरूद्ध कार्यवाही
की जाएगी? (घ) जिला
शिक्षा
अधिकारी
राजगढ़
द्वारा
अध्यापक के
अभ्यावेदन
दिनांक 16.09.2025 पर
कार्यवाही कर
उनके
पत्रानुसार
समस्त हितलाभ
कब तक प्रदान
किए जाएंगे?
स्कूल
शिक्षा मंत्री
( श्री उदय
प्रताप सिंह ) : (क)
संभागीय
संयुक्त
संचालक, लोक
शिक्षण संभाग, भोपाल (समक्ष
अधिकारी) द्वारा
अभ्यावेदन
परीक्षणोपरांत
नियमानुकूल
नहीं होने से
अमान्य कर
प्रकरण का
निराकरण किया
गया है। शेषांश
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख) जी
नहीं। डब्ल्यू.पी.
18347/2024 में
माननीय उच्च
न्यायालय
इंदौर द्वारा
पारित आदेश
दिनाक 9.7.2024 जानकारी
संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। आदेश
में याचिका के
अतिम निर्णय
के अध्यधीन होने
का लेख है। अतः
शेषांश का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) एवं (घ)
जिला
पात्रता समिति
द्वारा संबंधित
के पास योग्यता
न होने से
अपात्र किया
गया है। शेषाश
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
कमेटी
का गठन कर
निष्पक्ष
जांच
[राजस्व]
129.
( क्र. 1182 ) श्री
योगेन्द्र
सिंह (बाबा) : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
आयुक्त, भोपाल
संभाग, भोपाल को प्रश्नकर्ता
के पत्र
क्रमांक 921/25 दिनांक 12.09.2025 पर तथा
प्रमुख सचिव
राजस्व
म.प्र. द्वारा
शिकायतकर्ता
के आवेदन पत्र
दिनांक 02.09.2025 तथा 12.09.2025 के बिन्दु
क्रमांक 1 से 20 तक तथा
संलग्न
साक्ष्यों
को दृष्टिगत
रखते हुए
तहसीलदार
सारंगपुर के
प्रकरण
क्रमांक 0075/बी-121/2024-25 के पारित
आदेश दिनांक 10.07.2025 की निष्पक्ष
जांच करवाई गई
है? (ख) क्या
प्रमुख सचिव
राजस्व
द्वारा मूल
निवासी
प्रमाण-पत्र
बनवाने हेतु
शपथ पत्र में
सारंगपुर में
पैदा होने का
असत्य उल्लेख
करने तथा
राजस्व
निरीक्षक की
जांच टीम
द्वारा
दिनांक 15.05.2025 को प्रस्तुत
पंचनामा एवं
रिपोर्ट में
वार्ड
पार्षद/नगर
पालिका अध्यक्ष
सारंगपुर के
पंचनामा 04.04.2025 की अनदेखी
करते हुए
तहसीलदार
सारंगपुर
द्वारा भ्रष्टाचार
एवं पद का
दुरूपयोग
करते हुए 10.07.2025 को आदेश
पारित करने के
स्पष्ट
दोषी होने पर
कार्यवाही की
जाएगी? (ग) प्रमुख
सचिव राजस्व
विभाग द्वारा
तहसीलदार
सारंगपुर
द्वारा पद का
दुरूपयोग
करते हुए
म.प्र. शासन
सामान्य प्रशासन
विभाग के पत्र
क्रमांक सी-31/17/1/3/2011 भोपाल
दिनांक 20.12.2011 के
मूलनिवासी
प्रमाण-पत्र
बनाने के
पात्रता के
सभी नियमों का
स्पष्ट उल्लंघन
कर गुमराह
करते हुए आदेश
पारित किया
गया है, जबकि
शिकायतकर्ता
द्वारा उ.प्र.
के समस्त
साक्ष्य
प्रदान करने
तथा सारंगपुर
में 2003 से
निवास नहीं
करने के पश्चात्
भी नियम
विरूद्ध आदेश
पारित करने पर
संबंधितों के
विरूद्ध
अनुशासनात्मक
कार्यवाही की
जाएगी?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) आयुक्त, भोपाल
संभाग भोपाल
द्वारा
कलेक्टर जिला
राजगढ़ को
पत्र क्रमांक 6456/शिकायत
शाखा/राजस्व/32/राजगढ़/2025 दिनांक 24.09.2025 एवं 7008/शि.शा./2025 दिनांक 24.10 2025 जारी किये
गये है। प्रतिवेदन
अपेक्षित है। पूर्व
में प्रस्तुत
शिकायत की
जांच तहसीलदार
सारंगपुर के
द्वारा की
जाकर पारित
निर्णय दिनांक
10.07.2025 से शिकायत
निराधार पाई
गई है। तहसीलदार
के द्वारा की
गई जांच के
विरूद्ध जांच
किये जाने
हेतु पत्र
प्राप्त होकर
जांच कार्यवाही
जिला राजगढ़
में
प्रक्रियाधीन
है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश
(क) अनुसार।
प्रस्तुत
अपील पर
कार्यवाही
[राजस्व]
130.
( क्र. 1183 ) श्री
योगेन्द्र
सिंह (बाबा) : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) तहसीलदार
सारंगपुर
द्वारा पारित
आदेश 10/07/2025
के संबंध में
अनुविभागीय
अधिकारी (राजस्व)
सारंगपुर
जिला राजगढ़
में समयावधि
में अपील करने
पर
अनुविभागीय
अधिकारी
सारंगपुर
द्वारा
कलेक्टर
राजगढ़ को
पत्र क्र.-2126/प्रवाचक/2025 सारंगपुर
दिनांक 08/10/2025 के द्वारा
मार्गदर्शन
मांगा गया है? क्या अपील में
मार्गदर्शन
मांगना
न्यायिक
प्रक्रिया
में निहित है? (ख) अनुविभागीय
अधिकारी
सारंगपुर के
कार्यालय तहसीलदार
द्वारा
प्रकरण 0075/बी-121/2024-25 में पारित
आदेश दिनांक 10/07/2025 में
शपथ-पत्र में
असत्य कथन 'सारंगपुर
में पैदा हुई
है' तथा
राजस्व
निरीक्षक की
जांच टीम
द्वारा प्रस्तुत
जांच रिपोर्ट
एवं पंचनामा
में सारंगपुर
में निवास
नहीं करने का
उल्लेख करने
के पश्चात्
तथा
शिकायतकर्ता
द्वारा उ.प्र.
के समस्त
साक्ष्य/दस्तावेज
उपलब्ध कराने
के पश्चात भी पद का
दुरूपयोग कर
निर्णय पारित
करने पर अपील
का प्रावधान
होने पर अपील
स्वीकार
क्यों नहीं की
गई? (ग) अनुविभागीय
अधिकारी (राजस्व)
सारंगपुर
द्वारा
तहसीलदार को
संरक्षण देते हुए
अपील स्वीकार
नहीं की गई है
तथा प्रकरण को
टालने के उद्देश्य
से कलेक्टर
राजगढ़ से
मार्गदर्शन मांगा
गया है तथा
इनके द्वारा
निष्पक्ष
निर्णय पारित
नहीं करने की
आशंका के चलते
आवेदक द्वारा
कलेक्टर
राजगढ़ को
प्रकरण का
स्थानांतरण
अनुविभागीय
अधिकारी
राजगढ़ करने
के अभ्यावेदन
पर कार्यवाही
की जाएगी?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) जी हाँ। वरिष्ठ
कार्यालय से
मार्गदर्शन
प्राप्त
किया जा सकता
है। अपील में मार्गदर्शन
मांगने
संबंधी
न्यायिक
प्रक्रिया के
अंतर्गत कोई
नियम नहीं है।
(ख) चूंकि
तहसीलदार
द्वारा
क्षेत्र में
जारी स्थानीय
निवास प्रमाण-पत्र
के संबंध में
हुई शिकायत पर
जांच की जाकर
अपना निर्णय
दिया गया है
यह निर्णय
मध्य प्रदेश
भू-राजस्व
संहिता 1959 के
अंतर्गत बने
नियमों के तहत
नहीं होने से
इस अधिनियम के
तहत धारा 44 में
प्रस्तुत
अपील
स्वीकार्य
योग्य नहीं है।
(ग) कलेक्टर
के समक्ष
अभ्यावेदन
प्रस्तुत
नहीं होने से
जवाब निरंक।
दोषियों
के विरूद्ध
अनुशासनात्मक
कार्यवाही
[राजस्व]
131.
( क्र. 1184 ) श्री
योगेन्द्र
सिंह (बाबा) : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) प्रमुख
सचिव राजस्व
द्वारा प्रश्नकर्ता
के पत्र क्र. 1103 दिनांक 03.11.2025 तथा पत्र
क्र. 627
दिनांक 27.06.2025 तथा
कलेक्टर
शिवपुरी
द्वारा पत्र
क्र.-527
दिनांक 23.05.2025 पर
कार्यवाही
करते हुए
रजिस्ट्री
पंजीयन क्र.-डब्ल्यू.पी.-392942024A11283132 दिनांक 25.10.2024 का
नामांतरण
नहीं करने पर दोषियों
के विरूद्ध
कार्यवाही कर
क्या
नामांतरण
करवाया जाएगा? जानकारी
दें। (ख) तहसील
कोलारस जिला
शिवपुरी के
प.ह.नं.-00120 ग्राम
सरजापुर खसरा
नं.-584
क्षेत्रफल 2.02 हेक्टेयर
का पट्टा 1975 का होने पर
खसरा में
विक्रय से
वर्जित/अस्थानांतरणीय
का प्रतिबंध
नहीं होने पर
तथा कलेक्टर
से अनुमति
आवश्यक नहीं
होने तथा
क्रेता-विक्रेता
दोनों
आदिवासी वर्ग
के होने पर
रजिस्ट्री दिनांक
25.10.2024 को
सम्पादित
होने के
पश्चात्
नियमों का
दुरूपयोग कर, नामांतरण
में आपत्ति
लगाने, आदिवासी
को प्रताड़ित
करने वालो पर अनुशासनात्मक
कार्यवाही कर, नामांतरण
करवाया जाएगा? (ग) प्रमुख
सचिव राजस्व
द्वारा
राजस्व
नियमों में जो
भी संशोधन
आदिवासी वर्ग
के पट्टे की
भूमि तथा
क्रय-विक्रय
आदिवासी वर्ग
के होने पर नामांतरण
करने के वर्ष 1980 तथा इसके
पश्चात् हुए
संशोधित
नियमों से अवगत
कराते हुए तथा
वर्ष 1980 के
पूर्व का
पट्टा होने पर
कलेक्टर की
अनुमति नहीं
होने पर
नामांतरण
करवाया जाएगा? स्पष्ट
करें। (घ) प्रमुख
सचिव राजस्व
द्वारा वर्ष 1980 के
पश्चात्
आदिवासी वर्ग
की भूमि के
सम्बन्ध में
कब-कब संशोधन
हुए हैं, उन सभी नियमों
एवं संशोधनों
से अवगत कराया
जाएगा? स्पष्ट
करें।
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क)
ई-रजिस्ट्री
पंजीयन
क्रमांक एमपी 392942024 ए 11283132
दिनांक 25.10.2024 में
उल्लेखित
सर्वे नं. 584 रकवा 2.02 है.
रजिस्ट्री का
नामांतरण
सायबर तहसील
पर प्राप्त
हुआ जिसमे
पटवारी ग्राम
द्वारा
मध्यप्रदेश
भू-राजस्व
सहिता (साइबर
तहसील की
प्रक्रिया) 2022 के नियम 8 के
अंतर्गत
पटवारी
द्वारा
रिपोर्ट
प्रस्तुत की
गयी जिसमें
कडिण्का पांच
अनुसार
उल्लेखित
किया है कि "भूमि
देव स्वामी
भूमि या सेवा
भूमि है अथवा
भूदान पत्र
अधिनियम 1968 के अधीन
आवंटन द्वारा
अर्जित है या
मध्य प्रदेश
भू-राजस्व
सहिता 1959 (क्रमांक 20 सन् 1959) की धारा 158 के उपधारा (3) के भूमि
स्वामी है।"
जिसके उपरांत
प्रकरण
न्यायालय
नायब तहसीलदार
वृत्त खरई
तहसील कोलारस
में प्राप्त
हुआ इसके
उपरांत
पटवारी ग्राम
से पुनः रिपोर्ट
ली गयी जिसमे
पटवारी ग्राम
द्वारा उल्लेख
किया गया कि
उक्त सर्वे
नम्बर मिसल
बंदोबस्त
वर्ष 1986-87
के अधिकार
अभिलेख में विक्रय
से वर्जित
होना
उल्लेखित
किया गया उक्त
सर्वे नं.
मिसल बंदोबस्त
वर्ष 1986-87
में विक्रय से
वर्जित होने
के कारण
प्रकरण क्रमांक
1066/3-6/2024-25 दिनांक 14.02.2025 द्वारा
विधिवत
नामांतरण
प्रकरण को
निरस्त कर
प्रकरण का
निराकरण किया
जा चुका है। चूंकि
प्रकरण का
निराकरण 158 (3) के
प्रावधानो के
तहत ही किया
गया है अतः
कार्यवाही का प्रश्न
की उत्पन्न ही
नहीं होता। पत्र
क्रमांक 1103 दिनांक 03.11.2025 आज दिनांक
तक कार्यालय
में अप्राप्त
है। (ख) उत्तरांश
(क) अनुसार। (ग) म.प्र.
भू-राजस्व संहिता
1959 की धारा 158 (3) के
अनुसार"
प्रत्येक
व्यक्ति (एक) जो
राज्य सरकार
या कलेक्टर या
आवंटन
अधिकारी द्वारा
उसे
मध्यप्रदेश
भू-राजस्व
संहिता (संशोधन)
अधिनियम, 1992 के
प्रारंभ पर या
उसके पूर्व
मंजूर किये
गये किसी
पट्टे के आधार
पर
भूमिस्वामी
अधिकार में
भूमि धारण
किये हुये है, ऐसे
प्रारंभ की
तारीख से, ऐसी भूमि
के संबंध में
भूमिस्वामी
समझा जायेगा
और उन समस्त
अधिकारों
दायित्वों के
अध्यधीन होगा
जो इस संहिता
द्वारा या उसके
अधीन किसी
भूमिस्वामी
को प्रदत्त और
उसपर अधिरोपित
किये गये हैं।
(परंतु ऐसा
कोई भी
व्यक्ति
पट्टे या
आवंटन तारीख
से दस वर्ष की
कालावधि के
भीतर ऐसी भूमि
को अंतरित
नहीं करेगा और
तत्पश्चात
ऐसी भूमि का अंतरण, धारा 165 की उपधारा (7-ख) के अधीन
अनुज्ञा
अभिप्राप्त करके
कर सकेगा।) अतः
संबंधित
प्रकरण में
सक्षम
अधिकारी की अनुमति
न होने के
कारण गुणदोष
के आधार पर
प्रकरण को
निरस्त कर
निराकरण किया
जा चुका है। (घ) 1. म.प्र. भू
राजस्व
संहिता (संशोधित)
1980 के द्वारा
संहिता की
धारा 170 (ख)
अतः स्थापित
की गई। 2. अधिसूचना
कमांक 1-10-सात-सा-2-83 दिनांक 5 जनवरी 1984 द्वारा
धारा 170 (ग)
एवं 170 (घ)
स्थापित की
गई है। धारा
की प्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट अनुसार है। 3. म.प्र.
राजपत्र
दिनांक 5 जनवरी 1998 में
प्रकाशित म.प्र.
अधिनियम
क्रमांक 01 सन् 1998 की धारा 4 द्वारा
धारा 170 (2) में
'पांच वर्ष' के स्थान
पर 'बारह
वर्ष' स्थापित
किया गया है।
जय
अम्बे
इमरजेंसी
सर्विसेस
द्वारा
शर्तों का उल्लंघन
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
132.
( क्र. 1190 ) श्री उमंग
सिंघार : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) म.प्र.
राष्ट्रीय
स्वास्थ्य
मिशन में अनुबंधित
जय अम्बे
इमरजेंसी
सर्विसेस के
द्वारा
अनुबंध की शर्तों
के उल्लंघन
किये के
परिणाम
स्वरूप क्या
विभाग द्वारा
दण्ड अधिरोपित
किये जाने की
कार्यवाही की
गई है यदि हाँ, तो कब? (ख) अधिरोपित
दण्ड की
जानकारी दें? (ग) अनुबंध
दिनांक से प्रश्न
दिनांक तक जय
अम्बे
सर्विसेस से
शासन को कितना
रोड टैक्स
प्राप्त हुआ?
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) मध्यप्रदेश
राष्ट्रीय
स्वास्थ्य
मिशन में अनुबंधित
जय अम्बे
इमरजेंसी
सर्विसेस के
साथ निष्पादित
अनुबंध में
उल्लेखित
निर्धारित
सेवा मानको का
अनुपालन न
किये जाने की
स्थिति में
शास्ति
अधिरोपित की गई
है। जानकारी
संलग्न परिशिष्ट के
प्रपत्र-''अ'' अनुसार
है। (ख) जानकारी
संलग्न परिशिष्ट के
प्रपत्र-''अ'' अनुसार
है। (ग) परिवहन
शुल्क एवं
रोड टैक्स
संबंधी लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा विभाग
के कार्य
क्षेत्राधिकार
से संबंधित न
होने के कारण
परिवहन विभाग
के माध्यम से
प्राप्त जानकारी
संलग्न परिशिष्ट के
प्रपत्र-''ब'' अनुसार
है।
जनजातीय
पवित्र स्थलों
की पहचान एवं
संरक्षण
[जनजातीय
कार्य]
133.
( क्र. 1191 ) श्री उमंग
सिंघार : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
राज्य शासन
द्वारा
जनजातीय
पवित्र स्थलों
की पहचान हेतु वर्तमान
में कोई
सर्वेक्षण किया
जा रहा है? यदि हाँ, तो अब तक
कुल कितने स्थलों
की पहचान की
जा चुकी है
तथा यह
सर्वेक्षण
किस तिथि तक
पूर्ण किए
जाने का लक्ष्य
निर्धारित
किया गया है? (ख) क्या इन स्थलों
की पहचान किन
मानकों, ऐतिहासिक
या सांस्कृतिक
साक्ष्यों
के आधार पर की
जा रही है? (ग) सर्वेक्षण
पूर्ण होने के
पश्चात
चिन्हित स्थलों
के संरक्षण, रख-रखाव
एवं प्रबंधन
की जिम्मेदारी
किस विभाग या
निकाय को
सौंपी जाएगी
तथा क्या
इसके लिए कोई
स्थायी
संयुक्त
प्रबंधन ढॉचा
तैयार किया
गया है? (घ) प्रश्नांश
(क) वर्णित स्थलों
के विकास और
पर्यटन विस्तार
की प्रक्रिया
में स्थानीय
जनजातीय
समुदायों की
भागीदारी किस
स्तर पर
सुनिश्चित की
जा रही है और
क्या राज्य
सरकार ने पेसा
अधिनियम 1996 के
अंतर्गत
ग्राम सभा की
पूर्व सहमति
अनिवार्य की
है? (ड.)
सर्वेक्षण
पूर्ण होने के
पश्चात
चिन्हित
जनजातीय
पवित्र स्थलों
के संरक्षण
एवं विकास के
दौरान राज्य
सरकार यह कैसे
सुनिश्चित कर
रही है कि इन
स्थलों की
मूल धार्मिक, सांस्कृतिक
और ऐतिहासिक
पहचान बनी रहे? क्या
इसके लिए कोई
स्पष्ट नीति
या दिशा-निर्देश
जारी किये गये
है?
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) : (क) जी नहीं, जनजातीय
कार्य विभाग
द्वारा कोई
सर्वेक्षण कार्य
नहीं कराया जा
रहा। (ख) एवं
(ग) प्रश्नांश
(क) के
उत्तर के परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) स्थलों
के विकास और
पर्यटन
विस्तार के
संबंध में योजनाओं
एवं
परियोजनाओं
की स्वीकृति
होने पर
प्रचलित
अधिनियमों, नियमों, निर्देशों
का पालन
सुनिश्चित
किया जाता है।
(ड.) प्रश्नांश
(क) के
उत्तर के परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
ई-निविदा
के तहत कराये
गये कार्य
[जल संसाधन]
134.
( क्र. 1199 ) श्री
कमलेश्वर
डोडियार : क्या जल
संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
जिला बालाघाट
में
विषयांकित
ई-निविदा में
निविदाकर्ताओं
द्वारा
मध्यप्रदेश
शासन द्वारा
निर्धारित
निविदा
शर्तों का
पालन किया गया
है? यदि
हाँ, तो
म.प्र. शासन की
संबंधित
निविदा
शर्तों की प्रति
उपलब्ध करावे।
उक्त निविदा
में किन-किन
निविदाकर्ताओं
ने भाग लिया, क्या सभी
निविदाकर्ता ''लघु
निर्माण
कार्य एस.आर.'' की
पात्रता रखते
थे और क्या वे
प्री-क्वालीफिकेशन
एवं वित्तीय
बिंदुओं पर
अन्य विभागों
में भी पात्र
पाए गए हैं? यदि नहीं, तो किन
शर्तों के
आधार पर
इन्हें उक्त
निविदा में
मान्य किया
गया तथा क्या
मौके पर
दस्तावेजों
की जांच नहीं
की गई?
(ख) क्या एक ही
क्षेत्र में
कार्यरत
परियोजनान्तर्गत
विभिन्न
कम्पोनेंट
हेतु वन क्षेत्र
की भूमि (एक
हेक्टेयर से
अधिक) के
उपयोग के लिए
डी.एफ.ओ. की
अनुमति
आवश्यक होती
है? यदि
हाँ, तो
संबंधित
अनुमति ली गई
है या नहीं
बतावे? (ग) क्या
शासन द्वारा
प्रत्येक
योजना में
किसानों की
भूमि से पाइप
लाइन या अन्य
निर्माण कार्य
हेतु मुआवजा
प्रावधान और
किसान की
सहमति
अनिवार्य है? यदि हाँ, तो
किसानों की
सहमति एवं
मुआवजा से
संबंधित दस्तावेज
बतावें।
जल
संसाधन
मंत्री ( श्री
तुलसीराम
सिलावट ) : (क) ई-निविदा
में
निविदाकर्ताओं
द्वारा
मध्यप्रदेश
शासन द्वारा
निर्धारित
निविदा
शर्तों का
पालन किया गया
है। प्रतियां
संकलित की जा
रही है। निविदा
में भाग लेने
वाले
निविदाकर्ताओं
की जानकारी एकत्रित
की जा रही है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं।
(ख) जी हाँ। जी
हाँ। (ग) जी
हाँ। किसानों
की सहमति एवं
मुआवजा
प्रावधान से
संबंधित जानकारी
एकत्रित की
जा रही है।
कृषि
भूमि का
रिकॉर्ड
सुधार
[राजस्व]
135.
( क्र. 1200 ) श्री
कमलेश्वर
डोडियार : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
जिला रतलाम व
झाबुआ जो
आदिवासी
बाहुल्य क्षेत्र
है, वहाँ
के अधिकांश
आदिवासी कृषक
परिवार पीढ़ियों
से शासकीय
रिकॉर्डों
में दर्ज कृषि
भूमियों पर
पैतृक रूप से
खेती करते आ
रहे हैं, किंतु
कानून एवं
प्रक्रिया की
जानकारी न होने
के कारण अपनी
भूमि का
नामांतरण
अपने नाम पर नहीं
करवा पाए हैं? यदि हाँ, तो शासन के
पास इस संबंध
में
सर्वेक्षण
अथवा आंकड़े
उपलब्ध हैं या
नहीं? यदि
हाँ, तो
जानकारी
जिलेवार/ग्रामवार
उपलब्ध करावें।
(ख) क्या कई
प्रकरणों में
भूमि स्वामी
का नाम राजस्व
रिकॉर्डों
में गलत रूप
से पड़ोसी
कृषक, अन्य
ग्रामवासी
अथवा
अज्ञानतावश
अन्य व्यक्तियों
के नाम पर
दर्ज हो गया
है, जिसके
कारण वर्तमान
में कृषकों के
बीच भूमि स्वामित्व
विवाद, लड़ाई-झगड़े
एवं राजस्व
प्रकरण
उत्पन्न हो
रहे हैं? यदि हाँ, तो शासन इस
स्थिति के
समाधान हेतु
क्या कार्ययोजना
बना रही है? (ग) क्या
शासन द्वारा
यह विचार किया
जा रहा है कि आदिवासी
बाहुल्य
क्षेत्रों
में एक विशेष
अभियान चलाकर, गांव-गांव
में मौके पर
राजस्व अमले (पटवारी, आर.आई., तहसीलदार) की
उपस्थिति में
ग्राम पंचायत
एवं कृषकों की
सहमति से मौका
पंचनामा
तैयार कर
वास्तविक काबिज
कृषकों के नाम
से भूमि
रिकॉर्ड (खसरा, बी-1, नामांतरण) सुधार
किए जाएँ? यदि हाँ, तो इस
संबंध में
क्या आदेश या
परिपत्र जारी
किए गए हैं?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) म.प्र.
भू-राजस्व
संहिता 1959 की धारा 109, 110 के
अंतर्गत निजी
भूमि के
मामलों में
रजिस्ट्रर्ड
विक्रय पत्र, फौती
नामांतरण या
अन्य विधिक
प्रावधानों
से भूमि अंतरण
होने पर नामांतरण
किये जाकर
राजस्व
अभिलेख में
दर्ज किये जा
रहे हैं। शासकीय
भूमि पर कब्जा
के आधार पर
नामांतरण कर
अभिलेखों में
नाम दर्ज करने
का वर्तमान
में कोई
प्रावधान/नियम
प्रचलन में
नहीं हैं। (ख) म.प्र.
भू-राजस्व
संहिता 1959 (संशोधन) अधिनियम
2018 की धारा 115 के तहत
नियमानुसार
अभिलेख
दुरूस्ती की
कार्यवाही की
जाती हैं। ऐसी
कोई योजना विचाराधीन
नहीं है। (ग) जी
नहीं।
सेवानिवृत्त
कर्मचारी को
नियम विरूद्ध
लाभ
[स्कूल
शिक्षा]
136.
( क्र. 1202 ) श्री महेश
परमार : क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
उज्जैन के
जिला शिक्षा
अधिकारी द्वारा
सेवानिवृत्त
कर्मचारी
श्री शंकर
सिंह चौहान को
60 वर्ष की
आयु के पश्चात
भी सेवा में
रखकर 01.01.2016
से सातवें
वेतनमान का
अनियमित लाभ
दिया गया, जिसे
सहकारिता
मंत्री ने
विधानसभा में
दोषी माना है? यदि हाँ, तो क्या यह
कृत्य
मध्यप्रदेश
लोक निधि लेखा
नियम, 2000
की धारा 7 तथा म.प्र.
सिविल सेवा (आचरण)
नियम, 1965
की धारा 3 व 7 का
उल्लंघन नहीं
है? दोषी
अधिकारी को
दंडित या पद
से हटाने की
कार्यवाही अब
तक क्यों नहीं
हुई? (ख) उक्त
अनियमित
भुगतान से
शासकीय कोष को
हुई कुल
वित्तीय हानि
कितनी है तथा
वसूली हेतु
मध्यप्रदेश
भंडार क्रय
एवं सेवा
उपार्जन नियमों
के तहत कौन से
कदम उठाए गए
हैं? सहकारिता
मंत्री
द्वारा दोषी
माने गए तत्कालीन
जिला शिक्षा
अधिकारी एवं
परिसमापक को
सेवा से
बर्खास्त
करने की
कार्यवाही कब
तक पूर्ण होगी? (ग) क्या
सहकारिता
पंजीयक, भोपाल
द्वारा
आयुक्त लोक
शिक्षण को
पत्र क्र. वि.प्र./तिल.सघ/2025/983,दिनांक 22.07.2025 भेजा गया
था? यदि
हाँ, तो
उसकी
प्रतिलिपि
उपलब्ध कराई
जाए। क्या
विभाग ने यह
तथ्य छिपाया, जिससे
विधानसभा
संचालन
नियमावली की
अनुच्छेद 194 का
उल्लंघन हुआ? (घ) उक्त
प्रकरण पर
आयुक्त लोक
शिक्षण
द्वारा म.प्र.
सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण
व अपील) नियम, 1966 के
अंतर्गत
विभागीय जाँच
एवं दंडात्मक
कार्यवाही की
वर्तमान
स्थिति क्या
है? जाँच
अधिकारी का
नाम, आदेश
जारी होने की
तिथि व विलंब
के कारण बताने
की कृपा करें।
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) प्रकरण
में गठित
समिति द्वारा
जांच कर जांच
प्रतिवेदन
उपलब्ध कराया
गया है। (ख)
जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है।
प्रकरण न्यायालय
में
विचाराधीन है।
उत्तरांश (क) अनुसार।
(ग) जी नहीं। शेषांश
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) प्रकरण
न्यायालय
में
विचाराधीन
होने से
शेषांश का प्रश्न
उपस्थित नहीं होता।
दान
की वस्तुओं का
भौतिक
सत्यापन
[धार्मिक
न्यास और
धर्मस्व]
137.
( क्र. 1203 ) श्री महेश
परमार : क्या राज्य
मंत्री, धार्मिक
न्यास और
धर्मस्व
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) महाकाल
मंदिर
प्रबंधन
समिति द्वारा
प्राप्त
स्वर्ण, रजत एवं
बहुमूल्य दान
की वस्तुओं का
भौतिक सत्यापन, शुद्धता
परीक्षण एवं
अभिलेखीय
मिलान विगत पाँच
वर्षों में
कब-कब किया
गया, इसकी
रिपोर्ट किस
अधिकारी/समिति
ने तैयार की तथा
क्या उक्त
रिपोर्ट सदन
में प्रस्तुत
की गई है? (ख) विगत
पाँच वर्षों
में प्राप्त
कुल स्वर्ण रजत
दान की मात्रा, उसका
मूल्यांकन, भंडारण
एवं परीक्षण
कार्य किन-किन
प्रशासकों के
कार्यकाल में, किस
शासनादेश या
धार्मिक
न्यास
नियमावली के
अंतर्गत किया
गया? (ग) क्या
महाकाल मंदिर
क्षेत्र में
बार-बार नवनिर्माण/पुनर्निर्माण
कार्यों के
नाम पर निधि का
दुरुपयोग हुआ? यदि हाँ, तो दोषी
अधिकारी/पदाधिकारियों
के विरुद्ध म.प्र.
धार्मिक
न्यास एवं
धर्मस्व
अधिनियम, 1951 की धारा 28 तथा
भ्रष्टाचार
निवारण
अधिनियम, 1988 की धारा 13 (1) (d) के
अंतर्गत क्या
कार्रवाई की
गई? (घ) निमनवासा
स्थित मंदिर
की भूमि को
पुनः प्राप्त
करने हेतु
तत्कालीन
कलेक्टर
द्वारा दिए गए
आदेशों का
पालन क्यों
नहीं किया गया
तथा संबंधित
उत्तरदायित्व
किसका है? (ङ) क्या
मंदिर की दान
राशि का उपयोग
स्मार्ट सिटी
कार्यों अथवा
मुआवजा वितरण
में किया गया? (च) दिनांक
24 मार्च, 2024 को होली के
दिन महाकाल
मंदिर
गर्भगृह में
हुए
अग्निकांड की
जांच रिपोर्ट
तथा उस प्रकरण
में प्रशासक
पर की गई
कार्यवाही की
प्रति उपलब्ध
करायें। (छ) भस्म
आरती बेचने के
प्रकरण में
पकड़े गए 11 आरोपियों
की जांच
रिपोर्ट, उनसे
प्राप्त दान
राशि की बैंक
खातों से वसूली
का विवरण तथा
दोषियों पर की
गई
अनुशासनात्मक
कार्यवाही की
जानकारी दी
जाए।
राज्य
मंत्री, धार्मिक
न्यास और
धर्मस्व (
श्री
धर्मेन्द्र
भाव सिंह लोधी
) : (क) श्री
महाकाल मंदिर
प्रबंधन
समिति द्वारा
प्राप्त स्वर्ण, रजत एवं
बहुमूल्य
दान की वस्तुओं
का शुद्धता
परीक्षण
अभिलेखीय
मिलान एवं भौतिक
सत्यापन
मंदिर के
अधिकृत मूल्यांकनकर्ताओं
द्वारा मंदिर
की मूल्यांकन
समिति के
समक्ष विगत 5 वर्षों में
नियमित रूप से
निर्धारित
रोस्टर के
अनुसार किया
जाता है। मंदिर
मूल्यांकन
समिति में
सहायक
प्रशासक स्तर
के अधिकारी, मंदिर
लेखा प्रभारी
एवं मंदिर
कोठार प्रभारी
होते हैं। मूल्यांकन
समिति का
प्रतिवेदन
नियमानुसार
श्री महाकोलश्वर
मंदिर प्रबंध
समिति को
अनुमोदन हेतु
प्रस्तुत
किया जाता है।
जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है।
(ख) विगत 5 वर्षों
में प्राप्त
कुल स्वर्ण
रजत दान की
मात्रा एवं
उसका मूल्यांकन
एवं परीक्षण
श्री
महाकालेश्वर
मंदिर
प्रशासक श्री
एन.के. सूर्यवंशी, श्री गणेश
कुमार धाकड़, श्री
संदीप सोनी, श्री
मृणाल मीणा, श्री गणेश
कुमार धाकड़, श्री
प्रथम कौशिक
के कार्यकाल
में अधिकृत मूल्यांकनकर्ताओं
एवं गठित मूल्यांकन
समिति के
समक्ष
नियमानुसार
मूल्यांकन
कार्य किया
गया। उक्त
कार्य श्री
महाकालेश्वर
मंदिर
अधिनियम 1982 की धारा 3 (छ) (3), धारा
4
(2), धारा 5 (2), धारा 24 के तहत
किया गया। (ग) जी
नहीं। शेष प्रश्न
उद्भूत नहीं
होता। (घ) श्री
महाकालेश्वर
मंदिर स्वामित्व
की ग्राम
निमनवासा, तहसील
कोठीमहल उज्जैन
स्थित 45 बीघा जमीन
जिसका खसरा
क्रमांक 188, 189,
190, 224, 230 एवं 231 होकर उक्त
सर्वें नंबर
की भूमि श्री
महाकालेश्वर
मंदिर के स्वामित्व
की होकर
वर्तमान तक
मंदिर अधिपत्य
में है तथा भू
राजस्व
अभिलेख एवं भू
अधिकार ऋण पुस्तिका
में उक्त
भूमि श्री
महाकालेश्वर
मंदिर के नाम
से दर्ज है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ड.) मंदिर
की धनराशि का
उपयोग स्मार्ट
सिटी के
कार्यों में
नहीं किया गया।
मंदिर में
आगंतुक
दर्शनार्थियों
की सुविधा एवं
विस्तारीकरण
के कार्य हेतु
अर्जित भूमि
के भू अर्जन
हेतु मुआवजा
राशि
नियमानुसार
मंदिर कोष से
जिला भू अर्जन
अधिकारी उज्जैन
को प्रदान की
गई। (च) दिनांक
24/03/2024 को होली के
दिन महाकाल
मंदिर
गर्भगृह में
हुए
अग्निकांड की
जांच रिपोर्ट
इस कार्यालय
के पत्र
क्रमांक कन्या.लि/नं.क्र.09/2025/3342/उज्जैन, दिनांक 15/04/2025 द्वारा
रजिस्ट्रार, मानव
अधिकार आयोग
भोपाल मध्यप्रदेश
को प्रेषित की
गई है। जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है।
(छ) आरोपियों
की प्रकरण
संबंधित
पुलिस थाना
महाकाल उज्जैन
में एफआईआर
क्रमांक 655/2024 पंजीबद्ध
होकर भारतीय
न्याय
संहिता की
धाराओं 318 (4), 316 (2), 316 (5) के
अंतर्गत जिला
एवं सत्र न्यायालय
उज्जैन में
न्यायालयीन
प्रकरण क्रमांक
578/2025 प्रचलित
होकर माननीय
न्यायालय स्तर
पर विचाराधीन
है तथा मंदिर
कर्मचारियों
को निलंबित
किया गया है।
मत्स्य
बीज एवं ठेके
[मछुआ
कल्याण एवं
मत्स्य विकास]
138.
( क्र. 1208 ) श्री
चन्दरसिंह
सिसौदिया : क्या राज्य
मंत्री, मछुआ कल्याण
एवं मत्स्य
विकास महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) गरोठ
विधानसभा
क्षेत्र के
कितने जलाशय/तालाब
के मत्स्य
पालन हेतु
ठेके पर दिए
हैं? कितने
वर्षों के लिए
दिए गए हैं? किन-किन
शर्तों के
अधीन दिए गए
हैं? किन-किन
संस्था/फॉर्म/कंपनी
को दिए गए हैं? शर्तों
सहित पूर्ण
विवरण उपलब्ध
करावे। (ख) गांधीसागर
जलाशय में
वर्ष 2024
एवं 25
में कुल कितने
मत्स्य बीज
जलाशय में
छोड़े गए? कुल कितने
बीच छोड़ने का
लक्ष्य था? किस-किस
प्रजाति के
बीज छोड़े
जाने थे? क्या लक्ष्य
के अनुपात
समस्त बीच
छोड़े जा चुके
हैं? (ग) मत्स्य
बीज किसकी
उपस्थिति में
छोड़े गए? इसकी कोई
वीडियोग्राफी
कराई गई है? यदि हाँ, तो क्या
क्षेत्रीय
जनप्रतिनिधियों
को इस समस्त
प्रक्रिया से
अवगत कराया
जाएगा?
राज्य
मंत्री, मछुआ कल्याण
एवं मत्स्य
विकास ( श्री
नारायण सिंह
पंवार ) : (क) जी नहीं। गरोठ
विधान सभा
क्षेत्र
अंतर्गत कोई
जलाशय/तालाब
ठेके पर नहीं
दिये गये है। (ख)
प्रश्नांश
अवधि में गाधी
सागर जलाशय
में 128
लाख मत्स्यबीज
छोडे गये मत्स्यबीज
छोड़ने का
लक्ष्य 124 लाख था
जिसमें लक्ष्य
के अनुपात में
रोहू, कतला, मृगल के
मत्स्यबीज
छोड़े गये। (ग) मुख्यालय
प्रतिनिधि
कलेक्टर
प्रतिनिधि, सहायक
संचालक, क्षेत्रीय
प्रबंधक
अनुग्रहिता
प्रतिनिधि, समिति अध्यक्ष
प्रतिनिधि
इत्यादि।
भू
स्वामित्व
योजना के तहत
पट्टे का
प्रदाय
[राजस्व]
139.
( क्र. 1209 ) श्री
चन्दरसिंह
सिसौदिया : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि मध्य
प्रदेश शासन
की स्वामित्व
योजना अंतर्गत
गरोठ
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत
गांधीसागर
ग्राम पंचायत
के कुल कितने
परिवारों को प्रश्न
दिनांक तक भू
स्वामित्व
योजना के तहत
पट्टे प्रदाय
किये जा चुके
हैं? यदि
नहीं तो क्यों? यदि हाँ, तो परिवार
सहित सूची
उपलब्ध करावे।
गांधी सागर
पंचायत
अंतर्गत
निवासरत
लोगों को कब
तक भू
स्वामित्व
पट्टे प्रदाय
कर दिए जाएंगे?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : स्वामित्व
योजना
अंतर्गत गरोठ
विधानसभा
क्षेत्र की भानपुर
तहसील के
गांधीसागर
ग्राम पंचायत
अन्तर्गत 617 लोगों को
आबादी भूमि के
पट्टे प्रदान
किये गये है। स्वामित्व
पट्टे की सूची जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
रिक्त
पदों की
पूर्ति
[स्कूल
शिक्षा]
140.
( क्र. 1210 ) श्री
चन्दरसिंह
सिसौदिया : क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) मंदसौर
जिले में
समग्र शिक्षा
अभियान अंतर्गत
बी.आर.जी.सी., बी.ए.सी.
जनशिक्षक के
कुल कितने पद
स्वीकृत है? वर्तमान
में कुल कितने
पद कब से
रिक्त हैं? इन रिक्त
पदों की
पूर्ति हेतु
विभाग द्वारा
कोई आदेश जारी
किए गए हैं? यदि हाँ, तो आदेश की
प्रति उपलब्ध
करावें। यदि
नहीं तो इन
रिक्त पदों की
पूर्ति कब तक
की जाएगी? (ख) क्या
इन पदों की
पूर्ति हेतु
आवेदन
आमंत्रित किये
गए थे? यदि
हाँ, तो
कितने आवेदन
प्राप्त हैं? प्राप्त
आवेदन में कोई
पद पूर्ति की
गई है? यदि
नहीं तो क्यों? प्राप्त
आवेदनों की
सूची उपलब्ध करावे।
(ग) कब तक
प्राप्त
आवेदन की
नियुक्ति
आदेश जारी किए
जाएंगे?
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) स्वीकृत
पद एवं कितने
पद कब से रिक्त
है संबंधी जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-"अ"
पर
एवं जारी आदेश
की प्रति की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-"ब"
अनुसार है। रिक्त
पदों की
पूर्ति हेतु
इच्छुक अभ्यार्थियों
से आवेदन
आमंत्रित
किये गये है। सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
(ख) जी हाँ। बी.आर.सी.
पद हेतु 01. बी.ए.सी.पद
हेतु 28
एवं जनशिक्षक
पद हेतु 52 आवेदन
प्राप्त हुए
है। बी.आर.सी.
पद पर पदस्थापना
की जा चुकी है।
शेष बी.ए.सी.
एवं जनशिक्षक
के रिक्त पदों
की पूर्ति की
कार्यवाही
प्रचलित है। जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-स
अनुसार है। (ग) उत्तराश
(ख) में वर्णित
अनुसार
समय-सीमा बताया
जाना संभव
नहीं है।
अनुकंपा
नियुक्ति के
प्रकरण
[स्कूल
शिक्षा]
141.
( क्र. 1220 ) श्री
सोहनलाल बाल्मीक
: क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) जबलपुर
संभाग में
अनुकम्पा
नियुक्त निदोश
शिक्षकों को
जिनके पास
नियुक्ति के
समय d.ed का
डिप्लोमा
नहीं था जिसकी
जानकारी
नियुक्ति के
समय विभाग को
थी और ऐसे
आश्रित
आवेदकों की
नियुक्तियां
संबंधित
जिलों के जिला
शिक्षा
अधिकारी द्वारा
आवेदकों के
दस्तावेजों
की जाँच
सत्यापन कर, जिला
कलेक्टर का
अनुमोदन एवं
जनपद पंचायत
स्तर की
प्रक्रिया को
पूर्ण कर
नियमानुसार
नियुक्ति की
गई थी? जो
शिक्षक 12-13 वर्षों से
नियमित सेवारत
है ऐसे सभी
शिक्षकों की
अनुकंपा
नियुक्ति को
वर्तमान समय
में अवैध
बताते हुये
अनुकंपा नियुक्ति
निरस्त किये
जाने की जाँच
कार्यवाही
विभाग द्वारा
की जा रही है
जो कहाँ तक
औचित्यपूर्ण
है, क्योंकि
शिक्षकों की
नियुक्ति
शिक्षा विभाग
द्वारा जाँच
कार्यवाही
पूर्ण कर
नियमानुसार
की गई थी? (ख) प्रश्नांश
(क) के
अनुसार
अनुकंपा
नियुक्ति से
नियुक्त शिक्षकों
की नियुक्ति
को
नियमानुसार
वैध नियुक्ति
मानते हुये
वर्तमान में
नियुक्ति
निरस्त किये
जाने की जाँच
व प्रचलित
कार्यवाही को
कब तक विभाग
द्वारा समाप्त
कर दिया
जायेगा? (ग) नियुक्त
शिक्षकों की
नियुक्तियां
निरस्ती की स्थिति
बनने पर क्या
विभाग इन्हें
अन्य किसी विभाग
में वैकल्पिक
पद प्रदान
करेगा? क्या
विभाग सेवा
अवधि संरक्षण
की नीति बनायेगा
एवं ऐसे
दीर्घकालिक
सेवा देने
वाले
कर्मचारियों
को किसी
प्रकार का
प्रशासनिक या
पारिवारिक नुकसान
न हो और
उन्हें
पुर्ननियुक्ति
अथवा समायोजन
का अवसर
प्रदान किये
जाने हेतु
कार्यवाही करेगा?
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) जांच
की कार्यवाही
प्रचलित है
अतः जांच उपरांत
युक्तियुक्त
कार्यवाही की
जाएगी। शेषांश
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ख) उत्तरांश
(क) के
प्रकाश में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) जी
नहीं। ऐसा कोई
प्रस्ताव
विचाराधीन
नहीं है।
अधीक्षक
पर कार्यवाही
[जनजातीय
कार्य]
142.
( क्र. 1224 ) श्री
मुरली भँवरा : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
राजगढ़ के
निलंबित
पूर्व
अधीक्षक
द्वारा जांच
प्रतिवेदन
में विभागीय
जांच में लाखों
रूपये गबन के
आरोप
प्रमाणित
पाये जाने पर
संबंधित
अधीक्षक के
विरूद्ध राशि
वसूल किये जाने
के लिये क्या
कार्यवाही की
गयी? यदि
नहीं तो क्यों? कब तक
पुलिस में प्राथमिकी
रिपोर्ट दर्ज
करवाई जावेगी? (ख) विभागीय
जांच अधिकारी
एसडीएम
ब्यावरा के भी
जांच
प्रतिवेदन
में भी आरोप
सत्य थें यदि
हाँ, तो
अभी तक दोषी
निलंबित
पूर्व
अधीक्षक के
विरूद्ध
पुलिस में
एफ.आई.आर. या
लोकायुक्त
में प्रकरण
दर्ज किया गया? यदि नहीं
तो क्यों नहीं? (ग) कलेक्टर
राजगढ़ के
आदेश क्रमांक 815/स्था/18-19/दिनांक 04.10.2018 द्वारा
तत्कालीन
कलेक्टर
अधीक्षक
अनुसूचित
बालक
छात्रावास
पचोर को
संस्था में
अव्यवस्थाएं, अनियमितताएं
एवं छात्रों
के साथ कार्य
व्यवहार ठीक
नहीं पाये
जाने के कारण
अधीक्षक पद से
हटाने की अनुशंसा
की थी? यदि
हाँ, तो
उक्त आदेश का
पालन हुआ अथवा
नही? भ्रष्टाचार
के कारण
कलेक्टर के
आदेश का पालन
न करने वाले
कर्मचारियों
के विरूद्ध
क्या कार्यवाही
की जावेगी? यदि नहीं
तो क्यों?
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) : (क) कलेक्टर
जिला राजगढ़
के आदेश
क्रमांक/1537/स्था./2025-26 दिनांक 17/11/2025 के द्वारा
संबंधित से
राशि रूपये 65,13,495/- वसूल किए
जाने हेतु
आदेश जारी
किया गया है। संबंधित
के विरूद्ध
कलेक्टर
राजगढ़ के
पत्र क्रमांक 568/स्था/2024-25 दिनांक 23/04/2025 के द्वारा
पुलिस
अधीक्षक जिला
राजगढ़ को
एफ.आई.आर. दर्ज
कराए जाने
हेतु लिखा गया
है। आदेश एवं
पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी
हाँ। उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं होता।
(ग) जी हाँ। कलेक्टर
जिला राजगढ़
के आदेश
क्रमांक/1537/स्था/2025-26 दिनांक 17/11/2025 के द्वारा
तत्कालीन
अधीक्षक की
सेवाएं समाप्त
की जा चुकी
हैं। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता
चिकित्सा
अधिकारियों
की नियुक्ति
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
143.
( क्र. 1245 ) श्री
निलेश
पुसाराम उईके
: क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
जबलपुर संभाग
के जिला
चिकित्सालय, सिविल
अस्पताल, सामुदायिक
स्वास्थ्य
केंद्र व
प्राथमिक स्वास्थ्य
केंद्रों में
चिकित्सक के
पद रिक्त है? यदि हाँ, तो इन
चिकित्सा
केंद्रों में
चिकित्सा
अधिकारी की संविदा/नियमित
नियुक्ति कब
तक की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? क्या
जबलपुर संभाग
के चिकित्सा
केंद्रों में
बॉण्ड चिकित्सक
कभी भी बॉण्ड छोड़कर चले
जाते है जिससे
ग्रामीण
क्षेत्रों की
चिकित्सा
व्यवस्था
चरमरा गई है? (ख) क्या
एनएचएम म.प्र. द्वारा
आशा
प्रशिक्षण
में प्राप्त
शिकायत के संबंध
में जांच
विषयक पत्र
क्र/एनएचएम/ आशा/2024/4047 भोपाल, दिनांक 15.07.2024 जारी किया
गया था? यदि हाँ, तो उस जांच
प्रतिवेदन की
जानकारी
देवें। क्या उक्त
जांच उपरांत
दोषी को दंडित
किया गया हैं? यदि नहीं
तो क्यों व कब तक किया
जावेगा? क्या उक्त
जांच
प्रतिवेदन से
संबंधित
शिकायतकर्ता
को अवगत कराया
गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या
जबलपुर संभाग
के जिलों के
ग्रामीण क्षेत्रों
में एनएचएम
अंतर्गत
पदस्थ सीएचओ
द्वारा की जा
रही
अनियमितता के
संबंध में कोई
पत्र/ज्ञापन/शिकायत
प्राप्त हुई
है? यदि
हाँ, तो
वह क्या है व
उसमे की गई
कार्यवाही की
अद्यतन जानकारी
देवें। क्या
जिला सिवनी के
ग्रामीण
क्षेत्र में
पदस्थ एनएचएम
सीएचओ के
द्वारा की जा
रही अनियमितता
के संबंध में
मजदूर संघ
द्वारा कोई
पत्र
शासन/विभाग को
प्राप्त हुआ
है? यदि
हाँ, तो
उस पर वरिष्ठ
प्रशासनिक
अधिकारी के
मार्गदर्शन
में कब तक
कार्यवाही की
जावेगी? (घ) क्या
नवीन जिला
पांढुर्ना
में शासकीय
जिला अस्पताल
प्रारंभ करने
की प्रक्रिया
प्रचलन में है? यदि हाँ, तो कब तक
जिला अस्पताल
प्रारम्भ कर
दिया जावेगा? क्या जिला
अस्पताल
सिवनी के
एसएनसीयू
वार्ड प्रभारी
अपनी शासकीय
ड्यूटी के
दौरान प्रायः
वार्ड से
अनुपस्थित
रहने की
शिकायत
प्राप्त हुई
है? यदि
हाँ, तो
उस पर क्या
कार्यवाही की
गई?
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) जी हाँ। पदपूर्ति
एक निरंतर
प्रक्रिया है, निश्चित
समयावधि बताई
जाना संभव
नहीं है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। संबंधित
चिकित्सा
संस्था में
पदस्थ अन्य
चिकित्सक, सहायक
स्टॉफ द्वारा
तथा चिकित्सक
विहिन संस्थाओं
में वैकल्पिक
व्यवस्था कर
ग्रामीण क्षेत्रों
की जनता को
आवश्यकतानुसार
चिकित्सीय
उपचार प्रदान
किया जाता है।
(ख) जी हाँ।
जांच
प्रतिवेदन की
प्रति जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-‘अ’ अनुसार
है। जांच
प्रतिवेदन
में किसी
प्रकार की
अनियमितता होना
नहीं पाया गया।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। जी हाँ, पत्र की
प्रति जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-‘ब’ अनुसार
है। (ग) जी
हाँ, विवरण जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-‘स’ अनुसार
है। जी
हाँ। कार्यवाही
प्रचलन में
होने से
समय-सीमा बताई
जाना संभव
नहीं है। (घ) जी
हाँ, निर्धारित
प्रक्रिया का
पालन कर कार्य
कराया जाता है, निश्चित
समय-सीमा बताई
जाना संभव
नहीं है। जी हाँ, जांच
कार्यवाही
प्रचलन में है।
शास.
एकलव्य आदर्श
आवासीय
विद्यालय
प्रारम्भ किया
जाना
[जनजातीय
कार्य]
144.
( क्र. 1246 ) श्री
निलेश
पुसाराम उईके
: क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
जिला पांढुर्ना
के आदिवासी
अंचल की तहसील
मुख्यालय
नादनवाड़ी में
शासकीय
एकलव्य आदर्श
आवासीय
विद्यालय
प्रारम्भ
किये जाने
हेतु कोई पत्र
स्थानीय
विधायक/ संगठनों
की और से
प्राप्त हुआ
है एवं क्या
जनजातीय
कार्य विभाग
के पास उक्त
स्थान में
उक्त
विद्यालय
प्रारम्भ
करने की कोई
योजना हैं? यदि हाँ, तो उक्त स्थान
में कब तक
विद्यालय
प्रारम्भ
करने की विधिवत
अनुमति
प्रदान कर दी
जावेगी? (ख) क्या
जिला सिवनी
में
छात्रावास/आश्रम
में अधीक्षकों
की एक ही
स्थान पर 05 वर्ष से
अधिक अवधि तक
पदस्थ रहने व
अन्य के संबंध
में कोई पत्र
मजदूर संघ
द्वारा विभाग
को दिया गया
हैं? यदि
हाँ, तो
उस पर क्या
कार्यवाही की
गई यदि नहीं तो
कब तक की
जावेगी? (ग) क्या
प्रदेश के
जिला-सिवनी की
आदिवासी
विकासखण्डों
में मण्डल
संयोजको के
रिक्त पदों का
प्रभार
प्राथमिक/माध्यमिक
शिक्षकों को
दिया गया हैं? यदि हाँ, तो क्या यह
शासन/विभाग के
नियमो/दिशा
निर्देशों के
अनुरूप है? यदि नही, तो क्यों?
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) : (क) जी हाँ। भारत
सरकार जनजातीय
कार्य
मंत्रालय
द्वारा जारी
गाइड लाइन
दिनांक 13.11.2020 अनुसार निर्धारित
मापदण्डों
की पूर्ति न
होने के कारण
पांढुर्ना की
उप तहसील
नादनवाड़ी
में नवीन
एकलव्य
आदर्श आवासीय
विद्यालय
खोला जाना
भारत सरकार के
मापदण्ड में
नहीं है। शेष प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होता। (ख) जी
हाँ। वर्तमान
में स्थानांतरण
प्रतिबंध
अवधि होने के
कारण छात्रावास/आश्रमों
के अधीक्षकों
के स्थानांतरण
की कार्यवाही
किया जाना
योग्य नहीं
है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) जी
नहीं। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
शिक्षकों
के ई-अटेंडेंस
[स्कूल
शिक्षा]
145.
( क्र. 1251 ) श्री
सुनील उईके : क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
पूर्व
मुख्यमंत्री
के द्वारा विधानसभा
चुनाव 2023 के पूर्व
यह घोषणा की
गई थी कि
शिक्षको के
लिए ई-अटेंडेंस
व्यवस्था को
किसी भी
स्थिति में लागू
नहीं किया
जावेगा। यदि
हाँ, तो
वर्तमान
सरकार के
स्कूल शिक्षा
विभाग के द्वारा
शिक्षकों पर
दबाव बनाकर उस
व्यवस्था को
क्यों लागू
किया? क्या
पूर्व मुख्यमंत्री
के द्वारा की
गई घोषणा झूठी
थी? (ख) यदि
ई-अटेंडेंस
अंतर्गत जिस
एप का उपयोग
किया जा रहा
है उसके उपयोग
से किसी के
साथ कोई फ्रॉड
होता है तो
क्या सरकार या
शिक्षा विभाग
उसकी
जिम्मेदारी
लेगा? (ग) क्या ई-अटेंडेंस
व्यवस्था के
अंतर्गत जिस
ऐप का उपयोग
किया जा रहा
है वह महंगे
मोबाईलो में तो
अच्छे से
कार्य कर रहा
है,
किन्तु सस्ते
मोबाईल में उसके
उपयोग में
बहुत परेशानी
हो रही है
इसका विभाग की
ओर से क्या
समाधान किया
गया है? (घ) यदि ई-अटेंडेंस
की व्यवस्था
शासकीय
कर्मचारियों
के लिए लागू
किया जा रहा
है तो क्या
यह व्यवस्था
विभागीय
मंत्री के
स्टाफ पर भी
लागू है?
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) जी
नहीं, ऐसी
कोई घोषणा की
जानकारी सीएम
डैशबोर्ड पोर्टल
पर दर्ज नहीं
है। शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ख) एजुकेशन
पोर्टल का
सिक्योरिटी
ऑडिट किया जा
चुका है। हमारे
शिक्षक एप
एंड्रॉयड के
गूगल प्ले
स्टोर पर
उपलब्ध है। शेषांश
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) समग्र
शिक्षा/स्टार्स
परियोजना के
अंतर्गत
शिक्षकों को उनकी
सहमति के आधार
पर उपलब्ध
कराए गए
टेबलेट के
माध्यम से भी
उपस्थिति
दर्ज कराने का
विकल्प है। (घ) ई-अटेंडेंस
व्यवस्था
संचालनालय के
परिपत्र क्रमांक/अकादमिक/ह.
शि./2025/1074
दिनांक 20.6.2025 के द्वारा
लागू की गई है।
शेषांश का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
हितग्राहियों
के लिए
प्रशिक्षण
कार्यक्रम
[जनजातीय
कार्य]
146.
( क्र. 1254 ) श्री
सुनील उईके : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
आदिवासी
उपयोजना
विशेष
केंद्रीय
सहायता मद की
राशि से वर्ष 2017-18 में
एकीकृत
आदिवासी
विकास
परियोजना
तामिया अंतर्गत
स्वीकृत लाख
उत्पादन
प्रशिक्षण सह सामग्री
वितरण कार्य
से प्राप्त
राशि केंद्र
सरकार के
नियमों के
अनुसार
डीबीटी अनुसार
सीधे
हितग्राहियों
के बैंक खाते
में जानी थी? (ख) क्या
स्वीकृत
कार्य योजना
के अनुसार 50 ग्रामों
के 1500
हितग्राहियों
के लिए
प्रशिक्षण
कार्यक्रम स्वीकृत
हुआ था? (ग) स्वीकृत
कार्ययोजना
अनुसार एक
समूह को कितने
दिन का
प्रशिक्षण
दिया जाना था? स्वीकृत
कार्ययोजना
अनुसार किस
टारगेटेड कम्युनिटी
के लिए
प्रशिक्षण
कार्यक्रम
किया जाना था? (घ) क्या
इस योजना में
वर्ष 2017-18
के लिए चयनित
क्लस्टर
ग्रामों के
बाहर जाकर राशि
व्यय की जा
सकती थी? (ड.) क्या
विभाग से
स्वीकृत
कार्ययोजना के
विपरीत चाय
नाश्ता भोजन
के नाम पर
स्वीकृत 150 रु. की जगह 500 रु. प्रति
हितग्राही
राशि निकाली
गई है? (च) क्या
स्वीकृत
कार्ययोजना
के अनुसार 150 रु. प्रति
हितग्राही का
नायलॉन नेट
बैग, 999
रु. में खरीदा
गया, इसी
तरह सामग्री
परिवहन का कोई
जिक्र स्वीकृत
कार्ययोजना
में नहीं था
फिर भी परिवहन
के नाम पर 5 लाख रु
निकाल लिए गए? (छ) क्या
स्वीकृत
कार्य योजना
के विपरीत
कार्य किए जाने
एवं भंडार
क्रय नियमों
का उल्लंघन
किए जाने पर
विभाग द्वारा
दोषियों के
विरूद्ध कोई कार्रवाई
की जाएगी?
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) : (क) जी नहीं। (ख)
जी हाँ। (ग) 02 दिवस
प्रशिक्षण
दिया जाना था।
स्प्रेडशीट
अनुसार
प्रमुखत: गोंड
जनजातीय वर्ग
के लिये
प्रशिक्षण
कार्यक्रम
किया जाना था।
(घ) जी नहीं।
(ड.) जी नहीं। उक्त
कार्य योजना
में पूर्व में
केवल चाय-
नाश्ता पर
प्रति
हितग्राही
राशि रूपये 150/- प्रस्तावित
की गई थी, किन्तु
पूर्व में
प्रेषित किये
गये प्रस्ताव
के समय
जी.एस.टी. लागू
नहीं था तथा
प्रेषित
प्रस्ताव की
स्वीकृति के
मध्य लगभग एक
वर्ष से अधिक
समय व्यतीत
हो जाने एवं
जुलाई 2017 से
जी.एस.टी. एक्ट
लागू होने से
सामग्री की कीमतों
में परिवर्तन
होने के कारण
परियोजना प्रशासक
तामिया को
प्रेषित
संशोधित
प्रस्ताव
में संशोधन
अनुसार चाय, नाश्ता
के साथ भोजन
भी प्रस्तावित
किया गया। इस
प्रकार कुल
राशि 500/- प्रति
हितग्राही
चाय, नाश्ता
एवं भोजन पर
व्यय किया
जाना प्रस्तावित
किया गया था, तदनुसार
ही राशि व्यय
की गई है। (च) जी
नहीं। उक्त
कार्य योजना
में 150/- प्रति
हितग्राही का
नॉयलान बैग 999 रु. में
नहीं खरीदा
गया बल्कि 9.52 रूपये (नौ
रूपये बाबन
पैसे+5
प्रतिशत
जी.एस.टी.
अतिरिक्त) प्रति
नेट बैग की दर
से खरीदा गया
है तथा परियोजना
प्रशासक
एकीकृत
आदिवासी
विकास
परियोजना
तामिया को प्रेषित
संशोधित
प्रस्ताव
में सामग्री
एवं लाख बीज
परिवहन हेतु
राशि रूपये 5 लाख प्रस्तावित
की गयी थी तद्नुसार
ही राशि व्यय
की गयी है। (छ) उक्त
प्रकरण में
म.प्र. शासन वन
विभाग के
आदेशानुसार
श्रीमति किरण
बिसेन भा.व.से. 2009 तत्कालीन
वनमण्डलाधिकारी
पश्चिम
छिंदवाड़ा
सामान्य वन
मण्डल के
विरूद्ध जाँच
अधिरोपित की
गई थी। विभागीय
जाँच की
कार्यवाही की
गई जिसमें म.प्र.
शासन वन विभाग
मंत्रालय वल्लभ
भोपाल के आदेश
क्र./एफ-1/1/19/0015/2023/10-4 भोपाल
दिनांक 02.06.2025 के अनुसार
प्रकरण में
विभागीय जाँचकर्ता
अधिकारी के
जांच
प्रतिवेदन के
आधार पर
श्रीमति किरण
बिसेन तत्कालीन
वनमण्डलाधिकारी
के विरूद्ध
संस्थित
विभागीय जांच
समाप्त कर
नस्तीबद्ध
किया गया है।
आउटसोर्स
के माध्यम से
श्रमिकों की
पूर्ति
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
147.
( क्र. 1255 ) श्री
नागेन्द्र
सिंह : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या प्रश्नकर्ता
द्वारा
अधिष्ठाता
श्याम शाह
चिकित्सा
महाविद्यालय
रीवा को
जानकारी लेने
हेतु पत्र
क्रमांक 1201/रीवा
दिनांक 30/10/2025 एवं मुख्य
चिकित्सा एवं
स्वास्थ्य
अधिकारी रीवा
को पत्र
क्रमांक 1189/रीवा
दिनांक 28/10/2025 प्रेषित
किए गये थे? यदि हाँ, तो
उपरोक्त
पत्रों पर की
गई कार्यवाही
का विवरण
उपलब्ध
करायें। यदि
कोई
कार्यवाही
नहीं की गई है, तो कारण
बतायें तथा कब
तक की जायेगी? समय-सीमा बतायें।
(ख) कार्यालय
मुख्य
चिकित्सा एवं
स्वास्थ्य
अधिकारी जिला
रीवा म.प्र. के
कार्यक्षेत्र
अंतर्गत
आवश्यक श्रम
शक्ति की
पूर्ति हेतु
आउटसोर्स के
माध्यम से
किये जाने
हेतु किन योजनाओं/मिशन
द्वारा
किन-किन संस्थाओं
व कार्यों
हेतु वित्तीय
वर्ष 2023-24
से प्रश्न
दिनांक तक किन- किन
आउटसोर्स
एजेंसियों का
चयन किया गया
है? चयनित
एजेंसी के
माध्यम से
नियुक्त
श्रमिकों के
पदवार/संस्थावार
व संबंधित
योजनावार नाम, पता, शैक्षणिक
योग्यता, पदस्थापना
स्थल, पारिश्रमिक
दर की
दस्तावेजी
जानकारी
उपलब्ध
करायें। क्या
आउटसोर्स
एजेंसियों के
चयन में म.प्र.
भण्डार क्रय
नियम तथा सेवा
उपार्जन नियम 2015 (यथा
संशोधित 2022) का पालन
किया गया है? यदि हाँ, तो
उपरोक्त नियम
के अनुसार
समस्त
दस्तावेजों
की प्रतियां
उपलब्ध
करायें। यदि
नहीं तो क्यों? कारण
बतायें। क्या
नियमों के
उल्लंघन हेतु
जिम्मेवार
अधिकारियों
पर कार्यवाही
की जायेगी?
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) जी हाँ। जानकारी
एकत्रित की जा
रही है। (ख) जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
शासकीय
चिकित्सकों
द्वारा
प्रायवेट
प्रैक्टिस
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
148.
( क्र. 1256 ) श्री
नागेन्द्र
सिंह : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
शासन द्वारा
शासकीय
चिकित्सकों
के शासकीय सेवा
में रहते हुये
निजी/प्रायवेट
संस्था में
प्रैक्टिस पर
पूर्णतः
प्रतिबन्ध
लगाया गया है? यदि हाँ, तो संबंधित
आदेश की प्रति
उपलब्ध
करायें, यदि नहीं
तो संबंधित
दिशा-निर्देशों
की प्रतियाँ
उपलब्ध
करायें, क्या
शासकीय सेवा
में रहते हुये
शासकीय चिकित्सकों
को निजी
क्लीनिक/नर्सिंग
होम/प्रायवेट
हास्पिटल/रिसर्च
सेंटर
संचालित करने
की अनुमति है? यदि हाँ, तो संबंधित
दिशा-निर्देशों
की प्रतियाँ
उपलब्ध
करायें, यदि नहीं
तो रीवा जिले
में संचालित
ज्यादातर निजी
चिकित्सा
संस्थानों
में शासकीय
सेवारत
चिकित्सक
क्यों सेवाएँ दे
रहे है? इस संबंध
में क्या
कार्यवाही की
जायेगी और कब
तक? (ख) क्या
वर्तमान में
पदस्थ मुख्य
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य
अधिकारी जिला
रीवा म.प्र.
द्वारा शासन
से निर्धारित
कार्यदायित्वों
का पूर्णतः
निर्वहन किया
जा रहा है? यदि हाँ, तो मुख्य
चिकित्सा एवं
स्वास्थ्य
अधिकारी जिला
रीवा (म.प्र.) द्वारा
पदस्थापना
दिनांक से प्रश्न
दिनांक तक
संचालित
वैध/अवैध
चिकित्सा
संस्थानों/क्लीनिक/पैथालाजी
सेंटरों में
किये गये
निरीक्षण से संबंधित
निरीक्षण
प्रतिवेदन
एवं पाई गई
अनियमितताओं
में की गई
कार्यवाही से
संबंधित
दस्तावेजों
की प्रतियाँ उपलब्ध
करायें, यदि नहीं
तो क्यों? निर्धारित
कार्यदायित्वों
का निर्वहन न
किये जाने की
दशा में क्या
कार्यवाही की
जायेगी और कब
तक?
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) जी नहीं। जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'अ' अनुसार। जी नहीं।
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। रीवा
जिलें में
शासकीय
चिकित्सकों
की निजी
प्रैक्टीस
करने के संबंध
में शिकायत
प्राप्त
नहीं हुई है। कार्यरत
शासकीय
चिकित्सक की
यदि निजी
प्रैक्टीस
करने की
शिकायत
प्राप्त
होती है तो
नियमानुसार जांच
एवं परीक्षण
कर कार्यवाही
की जा सकती है।
(ख) जी हाँ। जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'ब' अनुसार। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
भूमि
अधिग्रहण
मुआवजे के
लंबित प्रकरण
[जल संसाधन]
149.
( क्र. 1257 ) श्री
नागेन्द्र
सिंह : क्या जल
संसाधन मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
प्रश्नकर्ता
के विधानसभा
क्षेत्र
अन्तर्गत
बाणसागर
परियोजना
हेतु किसानों
की भूमि
अधिग्रहित की
गई है? यदि
हाँ, तो
क्या
संबंधित समस्त
किसानों को
मुआवजा राशि
वितरित कर दी
गई है? यदि
हाँ, तो
संबंधित
किसानों के रकवा
एवं दी गई
मुआवजा राशि
का विवरण
ग्रामवार/ पटवारी
हल्कावार
उपलब्ध
करायें। लंबित
प्रकरणों की
जानकारी का
विवरण कारण सहित
ग्रामवार/ पटवारी
हल्कावार
उपलब्ध
करायें। (ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार क्या
किसानों की
अधिग्रहित की
गई भूमि
मुआवजा राशि
के वितरण
उपरान्त भी आज
दिनांक तक
खसरे में
मध्यप्रदेश
शासन दर्ज
नहीं की गई है? यदि हाँ, तो क्यों? कारण
बतायें।
अधिग्रहित
भूमियों को कब
तक खसरे में
मध्यप्रदेश
शासन दर्ज
किया जायेगा?
जल
संसाधन
मंत्री ( श्री
तुलसीराम
सिलावट ) : (क) जी हाँ। ग्रामवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-"अ"
एवं "ब"
अनुसार है। (ख) अधिग्रहित
की गई भूमियों
के विवरण संबंधी
अभिलेख
राजस्व विभाग
में उपलब्ध
हैं एवं इस विभाग
द्वारा भी
मध्यप्रदेश
शासन दर्ज
करने हेतु
प्रस्ताव
कलेक्टर एवं
अनुविभागीय
अधिकारी
राजस्व तहसील
गुढ को
प्रेषित किये
जा चुके हैं।
तालाब
की भूमि के
मूल स्वरूप
में परिवर्तन
[राजस्व]
150.
( क्र. 1259 ) श्री
नागेन्द्र
सिंह : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
रीवा जिले के
गुढ तहसील
अन्तर्गत
ग्राम खडडा
पटवारी हल्का
खडडा की आराजी
न. 135 पुराना न. 169 रकवा 6.851 हेक्टेयर
भूमि तालाब के
नाम से खतौनी
वर्ष 1924-25
एवं 1958-59
में दर्ज
अभिलेख थी जो
अधिकार
अभिलेख वर्ष 1972-73 में भी
रोरिया तालाब
के नाम से
दर्ज उल्लेख थी? यदि हाँ, तो क्या
उक्त तालाब
का स्वरूप
वर्तमान में
बदल कर विक्रय
किया गया है? यदि हाँ, तो किस
सक्षम
अधिकारी/कर्मचारियों
के द्वारा
किन-किन लोगों
को विक्रय
किया गया है? जारी आदेश
व नियम के दस्तावेजों
की प्रतियां
उपलब्ध
करायें। (ख) क्या
तालाब की भूमि
का स्वरूप
बदला जा सकता
है? यदि
हाँ, तो
स्वपरूप
बदलने के क्या
नियम हैं? नियमावाली
उपलब्ध
करायें।
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) रीवा
जिले की तहसील
गुढ अंतर्गत
ग्राम खड्डा पटवारी
हल्का खड्डा
की आराजी नं0 135 पुराना नं0 143 रकवा 6.851 हेक्टेयर
भूमि अधिकार
अभिलेख वर्ष 1972-73 में निजी
भूमि स्वामी
विनायक
प्रसाद जुगुल
किशोर पिता
कामता प्रसाद 1/2, मोहनलाल
तनय जगतराम 1/2 हिस्सा
दर्ज अभिलेख
है। जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-‘अ’ अनुसार है। खतौनी
वर्ष 1958-59
एवं अधिकार
अभिलेख वर्ष 1972-73 में तालाब
निजी भूमि
स्वामी केमला
प्रसाद 1/2 बृजलोचन
प्रसाद
मोहनलाल 1/2 ब्रा0 सा0 देह दर्ज
अभिलेख है। जिसका
न्यायालय
उपखण्ड
अधिकारी
अनुभाग-गुढ के
प्रकरण कमांक/0097/अपील/2019-20 आदेश
दिनांक 13.09.2021 द्वारा आ0नं0 135 को निजी
भूमि
स्वामियों के
हक, हित, स्वत्व को
पृथक करते
हुये शासन हित
में कॉयम किया
जाकर कॉलम नं0 10 में तथा
कैफियत के
कॉलम नं0 12 में
विलोपित
प्रविष्टियाँ
प्रविष्ट
करने तथा आ0नं0 135 में 1.361 हे0 तालाब एवं 0.437 हे0 टीला को
निजी भूमि
स्वामियों से
पृथक कर संरक्षित
करने का आदेश
पारित किया
गया था। जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-‘ब’ अनुसार है। खातेदारों
द्वारा कुछ रकवे
को मुताबिक
स्वत्व
विक्रय किया
गया है। जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-‘स’ अनुसार है। वर्तमान
में रिकार्ड
अनुसार मौके
पर तालाब का
स्वरूप
विद्यमान है। (ख)
म.प्र. भू
राजस्व
संहिता 1959 (यथा
संशोधित 2018) की धारा 59 में
निर्धारित
प्रक्रिया
अनुसार भूमि
का उपयोग बदला
जा सकता है। परन्तु
नियमावली में
तालाब की भूमि
का उल्लेख
नहीं होने से
स्वरूप
परिवर्तन
नहीं किया जा सकता
है। संहिता की
धारा 251
में 'तालाबों' का राज्य
शासन में
निहित होना' संबंधी
प्रावधान
किये गये है। जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-‘द’ अनुसार
है।
औषधि
प्रशासन में
पदों की
जानकारी
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
151.
( क्र. 1266 ) श्रीमती
अनुभा
मुंजारे : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) शासन के
नियमानुसार
सम्पूर्ण
मध्यप्रदेश
में कितनी
औषधि दवा
दुकानें
संचालित हैं? विस्तृत
जानकारी
उपलब्ध
करवाएं। (ख) माशेलकर
एवं अन्य
कमेटी के
अनुसार राज्य
में औषधि
प्रशासन में
अमला, कैडर, वेतनमान
कैसा होना
चाहिए? संपूर्ण
विवरण देंl इसके
विरुद्ध
मध्यप्रदेश
में औषधि
प्रशासन में
कौन-कौन से
एवं कितने पद
स्वीकृत हैं
एवं कितने भरे
हुए हैं? संपूर्ण
विवरण दें। (ग) औषधि
प्रशासन में
कितने जिलों
में खुद का
ऑफिस एवं वाहन
की सुविधा है? सरकार के
द्वारा औषधि
विभाग के
उन्नयन हेतु क्या
कार्य किए गए? क्या-क्या
प्रस्तावित
है और कब तक
पूरा किया जायेगा? संपूर्ण
विवरण प्रदान
करें।
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-''अ'' अनुसार
है। (ख) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-''ब'' अनुसार
है। मध्यप्रदेश
में औषधि प्रशासन
अंतर्गत
स्वीकृत एवं
भरे गये पदों
की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-''स'' अनुसार
है। (ग) जिला
मुख्यालय पर
खाद्य एवं
औषधि प्रशासन
हेतु उप संचालक
कार्यालय
स्थापित किये
गये हैं। जिला
स्तर के
शासकीय
सेवकों को
मूलभूत कार्यालयीन
सुविधाए
उपलब्ध है। पृथक
वाहन सुविधा
उपलब्ध नहीं
है। औषधि
प्रशासन के
सुदृढ़ीकरण
के अंतर्गत
मध्यप्रदेश
राज्य में
इंदौर स्थित
नवीन औषधि परीक्षण
प्रयोगशाला
का शुभारंभ
किया गया है
एवं जबलपुर
स्थित औषधि
परीक्षण
प्रयोगशाला
का कार्य
पूर्ण किया जा
चुका हैं साथ
ही औषधि परीक्षण
प्रयोगशाला
के
सुदृढ़ीकरण
हेतु उन्नत
उपकरण खरीदे
जाने की
प्रकिया
प्रचलन में है।
औषधि प्रशासन
खाद्य एवं
औषधि प्रशासन
को सुदृढ़
बनाने के लिए
प्रस्ताव
भारत सरकार को
प्रेषित किया
गया है, समय-सीमा बताया
जाना संभव
नहीं है। जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''द'' अनुसार
है।
वाहन
पंजीयन के दिशा-निर्देश
[परिवहन]
152.
( क्र. 1271 ) श्री अमर
सिंह यादव : क्या
परिवहन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) शासन
द्वारा
प्रदेश में
नवीन वाहनों
के पंजीयन की
क्या
प्रक्रिया है
तथा शासन
द्वारा कितना-
कितना शुल्क
निर्धारित
किया गया है? शासन के
आदेश की प्रति
उपलब्ध
करावें। (ख) नवीन
वाहनों का
पंजीयन कितने
समय में कराया
जाना आवश्यक
होता है? (ग) निर्धारित
समय-सीमा में
नवीन वाहनों
का पंजीयन न
कराने पर
कितना
अतिरिक्त
शुल्क देना
होता है? जानकारी
दें। (घ) राजगढ़
जिले में विगत
3 वर्षों
में कितने
नवीन वाहनों
का पंजीयन हुआ
है? वर्षवार
बतावें।
परिवहन
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) प्रदेश
में नवीन
वाहनों के
पंजीयन
मोटरयान अधिनियम, 1988 की धारा 40 एवं 41 तथा
केन्द्रीय
मोटरयान नियम, 1989 के नियम 47, 48, 48ए एवं 48बी में
विहित
प्रावधानों
एवं
प्रक्रिया के
अनुसार किया
जाता है, जिसकी
प्रतियां पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-अ
अनुसार है। शासन
द्वारा
निर्धारित
शुल्क की
जानकारी एवं
शासन के आदेश
की प्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के प्रपत्र-ब
अनुसार है। (ख) केन्द्रीय
मोटरयान नियम, 1989 के नियम 47 के उपनियम (1) के मद (i), (ii), (iii)
एवं (iv) में विहित
समय-सीमा में
नवीन वाहनों
के पंजीयन
कराये जाने
हेतु आवेदन
करना आवश्यक
है। प्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-स
अनुसार है। (ग) निर्धारित
समय-सीमा में
नवीन वाहनों
का पंजीयन
कराने हेतु
आवेदन प्रस्तुत
न करने पर
मध्यप्रदेश
मोटरयान नियम, 1994 के नियम 47 में विहित
अतिरिक्त
राशि देय होती
है। नियम की
प्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-द
अनुसार है। (घ) राजगढ़
जिले में विगत
3 वर्षों
में नवीन
पंजीकृत
वाहनों की
जानकारी
निम्नानुसार
है:-
|
स.क्र. |
वर्ष |
वाहन |
|
1 |
2022-23 |
25,451 |
|
2 |
2023-24 |
26,357 |
|
3 |
2024-25 |
25,634 |
तालाब
निर्माण
कार्य एवं
बैराज की
स्वीकृति
[जल संसाधन]
153.
( क्र. 1273 ) श्रीमती
सेना महेश
पटेल : क्या जल
संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) अलीराजपुर
जिले के
विधानसभा
क्षेत्र
क्रमांक 192 जोबट
अंतर्गत
बडगांव तालाब
एवं रणजीतगढ़
तालाब की
प्रशासनिक
स्वीकृति
जारी होने के
उपरांत भी अब
तक टेंडर जारी
नहीं किए गए
हैं? यदि
हाँ, तो
इसके क्या
कारण हैं? कार्य कब
तक प्रारंभ
किया जाएगा? (ख) क्या
बेहड़िया, मेढा, कन्दा एवं
देहदला क्र. 2 बेराज की
साध्यता
स्वीकृत होने
के बाद भी प्रशासकीय
स्वीकृति
जारी नहीं की
गई है क्या
कारण है? कब तक
प्रशासकीय
स्वीकृति दी
जाएगी अवधि
बतावें। (ग) क्या
देगांव, डेकाकुंड
एवं
छोटागुड़ा
बेराज की
साध्यता शासन
स्तर पर लंबित
का क्या कारण
है? क्या
साध्यता
प्रदान की
जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक
अवधि बतावें?
जल
संसाधन
मंत्री ( श्री
तुलसीराम
सिलावट ) : (क) योजनाओं
के टेंडर की
कार्यवाही
प्रक्रियाधीन
है। निविदा स्वीकृति
उपरांत कार्य
प्रारंभ किया
जाना संभावित
है। निश्चित
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
(ख) परियोजनाओं
के डी.पी.आर.
विभागीय स्तर
पर
परीक्षणाधीन
हैं। स्वीकृति
हेतु निश्चित
समय-सीमा
बताया जाना संभव
नहीं है। (ग) देगांव
बैराज की साध्यता
परीक्षणाधीन
है। डेकाकुंड
एवं छोटागुड़ा
बैराज का
प्रस्तावित
स्थल
विभागीय
मापदण्ड के
अनुरूप नहीं
है। वर्तमान
में समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
नवीन
मातृ एवं शिशु
इकाई भवन का
निर्माण
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
154.
( क्र. 1280 ) श्री
देवेन्द्र
कुमार जैन : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
वित्तीय वर्ष 2024-25 में प्रश्नकर्ता
द्वारा
मुख्यमंत्री
विशेष निधि
अंतर्गत जिला
चिकित्सालय
शिवपुरी में
नवीन मातृ एवं
शिशु इकाई भवन
निर्माण
कार्य
अनुमानित लागत
राशि रू. 02 करोड़ तथा
जिला अस्पताल
शिवपुरी में
आवश्यक मशीनें
एवं सामग्री
के क्रय हेतु
राशि रू. 29 लाख के
कार्यों के
प्रस्ताव
स्वीकृति
हेतु भेजे गये
थे? (ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार
यदि हाँ, तो उक्त
प्रस्तावों
की स्वीकृति
की अद्यतन
स्थिति क्या
है? वर्तमान
में प्रकरण
किस कार्यालय
में लंबित है? जानकारी
दें। यदि 2.29 करोड़
राशि के उक्त
दोनों प्रस्तावित
कार्यों की
स्वीकृति अब
तक नहीं हुई
है, तो
अवगत करावें
कि लगभग 02 वर्षों के
उपरांत भी अब
तक स्वीकृति
नहीं होने के
क्या-क्या
कारण हैं? स्वीकृति
की प्रक्रिया
पूर्ण करने
में विलंब
करने हेतु कौन-
कौन
उत्तरदायी
हैं? उनके
नामों की
जानकारी देते
हुए क्या उनके
विरूद्ध
दण्डात्मक
कार्यवाही की
जावेगी? जानकारी
दें। (ग) प्रश्नांश
(क) व (ख) के
संदर्भ में
जानकारी दे कि
जिला
चिकित्सालय
शिवपुरी में
उक्त निर्माण
कार्य एवं
आवश्यक
उपकरण/सामग्री
क्रय सहित
लगभग 2.29
करोड़ राशि के
कार्यों की
स्वीकृति कब
तक हो जावेगी
तथा कब तक
निर्माण
कार्य
प्रारंभ हो
जावेंगे? निश्चित
समयावधि
बतायें।
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) जी हाँ। (ख) जिला
चिकित्सालय
शिवपुरी के
परिसर में
मातृ एवं शिशु
इकाई के भवन
निर्माण हेतु
पर्याप्त भूमि
उपलब्ध नहीं
है, अतः
भवन निर्माण
किया जाना
संभव नहीं है।
आवश्यक मशीने
एवं सामग्री
के क्रय हेतु
राशि रू. 16,41,107/- सिविल
सर्जन मुख्य
अस्पताल
अधीक्षक को
आवंटित की जा
चुकी है तथा
राशि रूपये 16,44,510/- के क्रय
आदेश राज्य
स्तर से जारी
किये जा चुके
है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) उत्तरांश
(ख) में
समाहित है।
स्वास्थ्य
केन्द्रों का
उन्नयन
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
155.
( क्र. 1281 ) श्री
महेंद्र
रामसिंह यादव
: क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) कोलारस
विधानसभा
क्षेत्र में
ऐसे कौन-कौन
से उप
स्वास्थ्य
केन्द्र है जो
वर्तमान में
भवन विहीन है
जानकारी उप
स्वास्थ्य
केन्द्रवार, विकासखण्डवार, प्राथमिक
स्वास्थ्य
केन्द्रवार
पृथक-पृथक उपलब्ध
करावें? क्या
उक्त भवन
विहीन उप
स्वास्थ्य
केन्द्रों के
निर्माण की
स्वीकृति
जारी कर दी
गयी है यदि
हाँ, तो
स्वीकृति
आदेश की
छायाप्रति
उपलब्ध करावें।
यदि नहीं तो
कारण स्पष्ट
करें? (ख) क्या
सामु.स्वा.केन्द्र, बदरवास का
उन्नयन कर
सिविल
अस्पताल
बनाये जाने
हेतु प्रश्नकर्ता
द्वारा
माननीय
मुख्यमंत्रीजी
एवं विभागीय
मंत्री जी को
पत्र प्रेषित
किये गये है यदि
हाँ, तो
पत्रों की
छायाप्रति
उपलब्ध
करावें? उक्त
पत्रों पर प्रश्न
दिनांक तक
क्या-क्या
कार्यवाही की
गयी है? अद्यतन
स्थिति की
जानकारी दें।
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) कोलारस
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत कोई
भी उप स्वास्थ्य
केन्द्र भवन
विहीन नहीं है।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं होता।
(ख) जी
हाँ, पत्रों
की छायाप्रति
की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट अनुसार।
प्राप्त
पत्रों के
परीक्षण
उपरांत 30 बिस्तरीय
सामुदायिक
स्वास्थ्य
केन्द्र बदरवास
की विगत 05 वर्षों की
बैड
आक्यूपेंसी
रेट 54
प्रतिशत है, जो कि
निर्धारित
मापदण्ड
अनुसार 80 प्रतिशत
से कम है, अतः 30 बिस्तरीय
सामुदायिक
स्वास्थ्य
केन्द्र बदरवास
को सिविल
अस्पताल में
उन्नयन किये
जाने की पात्रता
नहीं आती है।
लिपिक
वर्गीय
कर्मचारियों
को समयमान-वेतनमान
[स्कूल
शिक्षा]
156.
( क्र. 1283 ) श्री नीरज
सिंह ठाकुर : क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) म.प्र.
में शिक्षा
विभाग के
लिपिकीय वर्ग
के कर्मचारियों
को समयमान-वेतनमान
दिये जाने
हेतु क्या
प्रावधान है? जानकारी
देवें। (ख) जिला
जबलपुर
अंतर्गत ऐसे
कितने शिक्षा
विभाग के
लिपिक हैं
जिन्हे 10, 20 एवं 30 वर्षीय
सेवा पूर्ण
करने के
पश्चात
समयमान-वेतनमान
दिया गया है? उनके नाम
बतायें। (ग) जबलपुर
जिले में ऐसे
कितने लिपिक
हैं जिन्होंने
अक्टूबर 2025 में 30 वर्षीय
सेवा अवधि
पूर्ण कर ली
गई है,
किन्तु
उन्हें
समयमान
वेतनमान का
लाभ नहीं दिया
गया है? उनके नाम
बतायें एवं
नहीं दिये
जाने का क्या
कारण है? कब तक
इन्हे समयमान-वेतनमान
का लाभ दे
दिया जायेगा?
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) विभाग
अन्तर्गत
लिपिक
संवर्गीय
कर्मचारियों
को समयमान
प्रदाय किये
जाने से
संबंधित कार्यवाही
मध्यप्रदेश
शासन, सामान्य
प्रशासन/वित्त
विभाग द्वारा
समय-समय पर
जारी निर्देश/नियम
के अन्तर्गत
की जाती है। (ख) जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-2 अनुसार है। समयमान
प्रदाय किया
जाना एक सतत्
प्रक्रिया है, अतः शेषांश
का प्रश्न ही
उपस्थिति
नहीं होता है।
अभिलेख
दुरूस्ती के
प्रकरणों का
निराकरण
[राजस्व]
157.
( क्र. 1285 ) श्री नीरज
सिंह ठाकुर : क्या
राजस्व मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
पाँच वर्ष से
कम अवधि वाले
समस्त अभिलेख दुरूस्ती
वाले
प्रकरणों के
निराकरण का
अधिकार
अनुविभाग
स्तर पर
अनुविभागीय
अधिकारी राजस्व
को हैं? (ख) प्रश्नांश
(क) का उत्तर यदि
हाँ, में
है तो जिला
जबलपुर
अंतर्गत वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में
अनुविभाग
स्तर पर
कार्यालय
अनुविभागीय अधिकारी
राजस्व को
कितने प्रकरण
प्राप्त हुये? अनुविभागवार
जानकारी
उपलब्ध
करावें। (ग) प्रश्नांश
(ख) अनुसार
ऐसे प्रकरणों
को प्राप्ति
दिनाँक से
कितने दिनों
के अंदर
निराकरण किये जाने
का प्रावधान
है? (घ) प्राप्त
प्रकरणों में
से कितने
प्रकरणों को
समय-सीमा में
निराकरण किया
गया एवं कितने
प्रकरण हैं जो
समय सीमा व्यतीत
हो जाने के
बाद भी लंबित
हैं? प्रकरणों
के लंबित रहने
का क्या कारण
है?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) जी हाँ। (ख) जिला
जबलपुर
अंतर्गत वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में
अनुविभाग
स्तर पर
कार्यालय
अनुविभागीय अधिकारी
(रा.) को
प्राप्त
प्रकरणों की
जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
पर है।
(ग) जी हाँ। (घ) प्राप्त
प्रकरणों में
से 6046
प्रकरणों का
निराकरण किया
जा चुका है
शेष 539
प्रकरण लंबित
है। हितबद्ध
पक्षकारों की
विधिक सुनवाई
उपरांत
प्रकरणों का
त्वरित गति से
संहिता में
निर्मित
प्रावधान के तहत
निराकरण किया
जा रहा है। शेष
प्रश्न उद्भूत
नहीं होता है।
स्वीकृत
एवं
निर्माणाधीन
भवन का पूर्ण
होना
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
158.
( क्र. 1288 ) इंजीनियर
प्रदीप
लारिया : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
नरयावली
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत सागर
एवं राहतगढ़
विकासखण्ड
स्थित उप
स्वास्थ्य
केन्द्र/प्राथमिक
उप स्वास्थ्य
केन्द्र/सामुदायिक
स्वास्थ्य
केन्द्र के
निर्माण
कार्य स्वीकृत
किये गये हैं? वर्ष 2023-24, 2024-25, 2025-26 से प्रश्न
दिनांक तक
कितने
स्वास्थ्य
केन्द्रों के
भवन विभाग
द्वारा
स्वीकृत किये
गये? स्वीकृत
भवन का नाम, लागत, वर्ष सहित
जानकारी
देवें। (ख) प्रश्नांश
(क) में वर्णित
स्वास्थ्य
केन्द्र प्रश्न
दिनांक तक
क्या अद्यतन
स्थिति में
हैं तथा कब तक
निर्माण
कार्य पूर्ण
होगा? जानकारी
देवें। (ग) क्या
कार्य एजेन्सी
द्वारा
निर्माण
कार्य करने के
उपरांत
स्वास्थ्य
केन्द्र भवन
विभाग को
सुपुर्द कर दिया
है? यदि
हाँ, तो
विभाग उन
स्वास्थ्य
केन्द्र में
स्वास्थ्य
सुविधाएं कब
तक प्रारंभ
करेगा? जानकारी
देवें।
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) जानकारी
संलग्न परिशिष्ट अनुसार। जानकारी
संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) प्रश्नांश
(क) में
वर्णित
स्वास्थ्य
केन्द्रों की
अद्यतन जानकारी
संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) उत्तरांश (ख)
के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
शालाओं
में अतिरिक्त
कक्ष की
स्वीकृति
[स्कूल
शिक्षा]
159.
( क्र. 1289 ) इंजीनियर
प्रदीप
लारिया : क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या नरयावली
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत सागर
एवं राहतगढ़
विकासखण्ड
में प्राथमिक/
माध्यमिक/हाई स्कूल/हायर
सेकेण्डरी
स्कूल में
दर्ज संख्या
के औसत से स्कूल
भवन/कक्ष
हैं/निर्मित
हैं? (ख) क्या दर्ज
संख्या को
दृष्टिगत
रखते हुए/विद्यालय
द्वारा कक्ष
निर्माण के
संबंध में
शासन से मांग
की गई है? यदि हाँ, तो विवरण
देवें। (ग) क्या
शासकीय हाई स्कूल
भौंहारी, रिछावर, सानौधा, कुड़ारी, पाटन, लोटना-लोटनी, लुहारी
तथा पीएमश्री
स्कूल बरारू, शास.
उ.मा.वि.
पथरिया हाट, कर्रापुर, भैंसा, इषुरवारा
में अतिरिक्त
कक्ष निर्माण
के संबंध में
जनप्रतिनिधियों
एवं प्रचार्य
द्वारा
पत्राचार
किया गया है? यदि हाँ, तो
जानकारी
देवें तथा
उक्त शालाओं
में अतिरिक्त
कक्ष/भवन कब
तक स्वीकृत
होंगे?
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) प्रश्नाधीन
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत
संचालित
शासकीय प्राथमिक
एवं माध्यमिक
शालाओं मे
विद्यार्थी
संख्या के मान
से पर्याप्त
कक्ष भवन
उपलब्ध है।
हाई स्कूल एवं
हायर
सेकेण्डरी
स्कूलों की जानकारी
संलग्न परिशिष्ट-एक
पर
है। (ख) जी
हाँ। शासकीय
हाई एवं हायर
सेकेण्डरी
स्कूल की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-एक
पर
है। प्राथमिक
एवं माध्यमिक
शालाओं की
जानकारी
निरंक है। (ग)
जी हाँ।
स्वीकृत
अतिरिक्त
कक्ष/भवन की जानकारी
संलग्न परिशिष्ट-'दो' अनुसार है। शेष
शालाओं में
अतिरिक्त
कक्ष भवन की
स्वीकृति बजट
की उपलब्धता
तथा सक्षम
समिति की
स्वीकृति पर
निर्भर है, अतः
समय-सीमा
बताया
जाना
सभव नहीं है।
राजस्व
कर्मचारियों
द्वारा खसरों
में गलत
प्रविष्टि
[राजस्व]
160.
( क्र. 1305 ) श्री
प्रदीप पटेल : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) जिला
मऊगंज
अन्तर्गत
तहसील हनुमना, मऊगंज एवं
नईगढ़ी के सभी
सर्किलों में
कितने ऐसे
किसान है, जिनके
खसरों में
किसी सक्षम
अधिकारी के
आदेश/निर्देश
नहीं होने के
बावजूद
कम्प्यूटर
आपरेटर एवं
पटवारियों
द्वारा खसरा
कम्प्यूटरीकृत
होने के समय
गलत प्रविष्टियां
कर दी गई है या
तो भूमि
स्वामी के
कालम को निरंक
छोड़ दिया गया
है, ऐसे
किसानों के
नामों की
ग्रामवार, पटवारी
हल्कावार
सूची उपलब्ध
करायी जावेगी? (ख) प्रश्नांश
(क) के अनुसार यदि
हाँ, है
तो तहसील
नईगढ़ी के
सर्किल खर्रा
पटवारी हल्का
तिवरिंगंवा
मनबोध सिंह के
ग्राम
तिवरिगंवा
पौइलिहान एवं
रूद्रभान
सिंह के
पचासों किसान
के नाम जो
भूमि स्वामी
कॉलम में नहीं
दर्ज हुये हैं
उसके संबंध में
जिम्मेदारी
कम्प्यूटर
आपरेटर एवं
पटवारी
कौन-कौन है और उनके
ऊपर क्या
कार्यवाही की
जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक
यदि नहीं तो
क्यों नहीं? (ग) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) के
अनुसार
किसानों को
प्रताड़ित
करने के बजाय
उनके भूमियों
का सही
परीक्षण कर
क्या सुधारा
जायेगा यदि
हाँ, तो
कब तक और
दोषियों पर
क्या
कार्यवाही की
जायेगी?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) जी नहीं। तहसील
नईगढी से संबंधित
जानकारी संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग)
प्रकरण
वर्तमान में
अनुविभागीय
अधिकारी, मऊगंज के
न्यायालय
में
विचाराधीन है, जानकारी
प्राप्त
होने पर
नियमानुसार
कार्यवाही की
जावेगी।
नहरों
का निर्माण
[जल संसाधन]
161.
( क्र. 1306 ) श्री
नरेन्द्र
प्रजापति
[इंजीनियर] : क्या जल
संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्योंटी
मुख्य नहर के 14 ग्रामों
की पिपरहा में
महाना नदी पर
एवं 13
ग्रामों की
सूक्ष्म दबाव
सिंचाई योजना
ग्राम मांद में
पकड़ियार
नदी पर बैराज
निर्माण की प्रश्नकर्ता
द्वारा पत्राचार
क्रमांक -(435,436),73/2025-26 की क्या
योजना है? (ख) मनगवॉं
विधानसभा-73 में नहरों
की सफाई
न किये जाने
का कारण क्या
है? किसानों
के खेतों में
सिंचाई के
लिये पानी कब
पहुंचेगा
"टेल" तक? (ग) वर्ष
2020-21 से अब तक
नहर मरम्मत की
कुल कितनी
निविदायें प्रकाशित
की गई? किन
संविदाकारों
द्वारा क्या
निर्माण हुआ? किन
अधिकारियों
द्वारा
निर्माण का
मूल्यांकन
किया गया? माप
पुस्तिका
कॉपी सहित, नहर क्र. एवं
निर्माण
कार्य के
स्थान सहित
जानकारी देने
की कृपा करें।
(घ) रबी की फसल
की सिंचाई एवं
टेल (Tail end) तक
पानी
पहुंचाने के
लिये, नहर
निर्माण एवं
नहरों की सफाई
के कार्यक्रम शेड्यूल
(Schedule)
क्या
है?
जल
संसाधन
मंत्री ( श्री
तुलसीराम
सिलावट ) : (क) पत्राचार
में उल्लेखित
योजना का
सर्वेक्षण
कार्य
प्रगतिरत
होना प्रतिवेदित
है। (ख) मनगंवा
विधानसभा-73 में नहरों
की सफाई/रख-रखाव
का कार्य, साफ-सफाई
एवं मरम्मत का
कार्य
वर्तमान में
प्रगतिरत है। रबी
सिंचाई हेतु
किसानों की
माँग के
अनुसार पानी
पहुँचाया
जाना
प्रतिवेदित
है। (ग) वर्ष 2020-21 से अब तक
मनगवाँ
विधानसभा-73 क्षेत्र
अंतर्गत नहर
मरम्मत हेतु
कोई निविदा
प्रकाशित
नहीं की गई है।
शेष प्रश्न
लागू नही। (घ) उत्तरांश
(ख)
अनुसार।
आउटसोर्स
भर्ती टेण्डर
प्रक्रिया
में
अनियमितता
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
162. ( क्र. 1316 ) श्रीमती
ललिता यादव : क्या उप
मुख्यमंत्री,
लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) छतरपुर
जिला मुख्य
चिकित्सा
एवं स्वास्थ्य
अधिकारी
कार्यालय
द्वारा
आउटसोर्स के
लिए 1 जनवरी 2018 से
प्रश्न
दिनांक तक कब-कब
टेंडर किस-किस
भर्ती के लिए
की गई जानकारी
दें। (ख) प्रश्नांश
(क) के प्रकाश
में टेंडर
किस-किस
के द्वारा
डाले गए टेंडर
के संपूर्ण
दस्तावेज
सहित जानकारी
दें। (ग) प्रश्नांश
(क) वर्णित
अवधि में
छतरपुर
कार्यालय
द्वारा की गई
आउटसोर्स
भर्ती की सूची
नाम, पद, स्थान
सहित बतायें? (घ) आउटसोर्स
भर्ती पर
किस-किस को
कितनी राशि
कब-कब प्रदान
की गई? पृथक-पृथक
पदवार
जानकारी दें।
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क)
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-''अ'' अनुसार। (ख)
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-''अ'' अनुसार। (ग)
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-''ब'' अनुसार। (घ)
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-''स'' अनुसार।
निजी
संस्था एवं
स्वयं सेवी
संस्थाओं के
अनुदान की
जानकारी
[जनजातीय
कार्य]
163.
( क्र. 1322 ) श्री
ओमकार सिंह
मरकाम : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) वर्ष
2024-25,
2025-26 में
जनजातीय
कार्य विभाग
द्वारा म.प्र.
के किस-किस
निजी संस्था
एवं स्वयं
सेवी संस्थाओं
को किस-किस
काम के लिए
कब-कब कितनी-कितनी
राशि किस-किस
मद से दिया है? सभी संस्थाओं
की पूर्ण पता
सहित जानकारी
दें। (ख) अनुदान
देने के क्या-क्या
नियम हैं? जिन संस्थाओं
को अनुदान
दिये हैं, उनके
उद्देश्य
एवं सदस्यों
की जानकारी
दें।
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''एक'' अनुसार है। (ख) विभाग
से अनुदान
प्राप्त
अशासकीय संस्थाओं
को मध्यप्रदेश
शासन आदिम
जाति
अनुसूचित
जाति कल्याण
विभाग
अशासकीय संस्था
अनुदान नियम 1985
के तहत अनुदान
दिया जाता है
नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-''दो'' अनुसार है। विभाग
से अनुदान
प्राप्त
संस्थाओं के
उद्देश्य
एवं सदस्यों
की जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-''तीन'' अनुसार है।
नहरों
का रख-रखाव
[जल संसाधन]
164.
( क्र. 1323 ) श्री
ओमकार सिंह
मरकाम : क्या जल
संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) वर्ष 2024-25 एवं 2025-26 में जल संसाधन
विभाग ने
विभाग द्वारा
निर्मित सभी सिंचाई
संरचनाओं में
स्थित नहरों
के रख-रखाव
एवं आवश्यक
सुधार हेतु
कितनी राशि का प्रावधान
किया था? प्रावधान
के विरुद्ध
कहां-कहां, कितनी-कितनी
राशि स्वीकृत
की गई है? (ख) डिण्डौरी
जिला के
अधिकतर
सिंचाई
संरचना नहरों
के सुधार हेतु
राशियों की
मांग की गई
है परन्तु
शासन एवं विभाग
स्तर से स्वीकृति
नहीं दी गई
है। जिसके
कारण सिंचाई
का लाभ
कृषकों को
नहीं मिल रहा
है स्वीकृति
नहीं देने का कारण
बतायें।
जल
संसाधन
मंत्री ( श्री
तुलसीराम
सिलावट ) : (क)
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-"अ"
अनुसार है। (ख) डिण्डोरी
जिले के
सिंचाई
संरचना नहरों
के सुधार हेतु
आवंटित राशि
की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"ब"
अनुसार है।
प्राथमिक
एवं
सामुदायिक स्वास्थ्य
केन्द्र का
उन्नयन
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
165.
( क्र. 1328 ) श्री फुन्देलाल
सिंह मार्को : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) अनूपपुर
जिले के मुख्य
चिकित्सा एवं
स्वास्थ्य
अधिकारी जिला
अनूपपुर
द्वारा
दिनांक 10.9.2024 के माध्यम
से आयुक्त, स्वास्थ्य
संचालनालय
एवं
स्वास्थ्य
सेवायें, भोपाल को
सामुदायिक
स्वास्थ्य
केन्द्र पुष्पराजगढ़
का सिविल
अस्पताल में
उन्नयन एवं प्राथमिक
स्वास्थ्य
केन्द्र
बेनीवारी का
सामुदायिक
स्वास्थ्य
केन्द्र में उन्नयन
किये जाने
हेतु पत्र
लिखा था। (ख) प्रश्नांश
(क) का उत्तर
यदि हाँ, तो विभाग
द्वारा उक्त
पत्र के संबंध
में विभाग
द्वारा की गई
कार्यवाही से
अवगत करावें। (ग)
प्रश्नांश (क)
के संदर्भ
में सरकार के
समक्ष कोई
प्रस्ताव विचाराधीन
है। प्रश्न
का उत्तर यदि
हाँ, हो
तो उक्त
प्रस्ताव के
लंबित रहने के
क्या कारण है
एवं कब तक
सामुदायिक
स्वास्थ्य
केन्द्र
पुष्पराजगढ़
का उन्नयन
सिविल
अस्पताल में
एवं प्राथमिक
स्वास्थ्य
केन्द्र, बेनीवारी
का उन्नयन
सामुदायिक
स्वास्थ्य केन्द्र
के रूप में कर
दिया जायेगा?
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रकरण
परीक्षणाधीन
है। (ग) उत्तरांश
(ख) अनुसार।
निश्चित
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
प्रदेश
में संचालित
छात्रावास
[जनजातीय
कार्य]
166.
( क्र. 1329 ) श्री फुन्देलाल
सिंह मार्को : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश
में वर्तमान
समय में कुल
कितने अनुसूचित
जनजाति वर्ग
के बालक/बालिका
छात्रावास
संचालित हैं? संचालित
छात्रावास की
सूची नामवार
एवं जिलावार
उपलब्ध
करावें। (ख) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में संचालित
छात्रावास के
लिये भोजन सामग्री
की आपूर्ति
कार्य किस
संस्था/ठेकेदार
के माध्यम से
कब से कराया
जा रहा है? क्या भोजन
सामग्री के
वितरण हेतु
ठेकेदार/संस्था
के चयन की
क्या
प्रक्रिया है? क्या
टेंडर के
माध्यम से इस
कार्य को
कराया जाता है? इसके नियम/आदेश
की प्रति
उपलब्ध कराते
हुये प्रदेश
में भोजन
सामग्री
वितरण करने
वाली संस्था
के नाम, पता की
जिलावार सूची
उपलब्ध
करावें। (ग) वर्तमान
में प्रदेश
में संचालित
बालक/बालिका
छात्रावासों
में कितने
बालक/बालिकायें
निवासरत हैं? इनकी
संख्यात्मक
जानकारी
जिलेवार उपलब्ध
करावें। (घ) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में संचालित
छात्रावासों
में निवासरत
बालक-बालिकाओं
के
विद्यार्थियों
में कितने
बालक एवं
बालिकायें
गंभीर रूप से
अस्वस्थ होकर
ठीक हुए तथा
कितनों की
मृत्यु हुई?
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) : (क) जनजातीय कार्य
विभाग द्वारा
अनुसूचित
जनजाति वर्ग
के कुल 1582
बालक/बालिका
छात्रावास
संचालित हैं। सूची
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) छात्रावासों
में उचित
मूल्य की
दुकान से शासन
की
कल्याणकारी
योजना के
अंतर्गत
खाद्यान सामग्री
आवंटित होती
है। खाद्यान
सामग्री के
अतिरिक्त शेष
सामग्री हेतु
छात्रावास अधीक्षक
द्वारा
स्थानीय
व्यवस्था की
जाती है। अत:
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जानकारी
निरंक है।
भिण्ड
विकासखण्ड
के विभिन्न
विद्यालयों
का उन्नयन
[स्कूल
शिक्षा]
167.
( क्र. 1338 ) श्री
नरेन्द्र
सिंह कुशवाह : क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) भिण्ड
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत
विभिन्न
माध्यमिक
विद्यालयों
का उन्नयन कर
हाईस्कूल
में परिवर्तित
करने व ग्राम
हवलदार सिंह
का पुरा ग्राम
पंचायत नुन्हाटा
में नवीन माध्यमिक
विद्यालय
प्रारंभ
कराने हेतु
समय-समय पर कई
बार पत्राचार
करने के बावजूद
भी प्रश्न
दिनांक तक उक्त
विद्यालयों
के उन्नयन
हेतु कोई भी
सकारात्मक
कार्यवाही
नहीं हुई है, क्या
विद्यालयों
का उन्नयन
किया जाएगा
यदि हाँ, तो समयावधि
बताएं? (ख) भिण्ड
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत
विभिन्न
विद्यालयों
के भवन कई
वर्ष पुराने
हो चुके हैं, जिनके
जीर्णोंद्धार
की अति आवश्यकता
है, क्या
उक्त
विद्यालय
भवनों का निरीक्षण
करवाया जाकर
उनका
जीर्णोंद्धार
कराया जायेगा
यदि हाँ, तो
समयावधि
बताएं? (ग) भिण्ड
विधानसभा
क्षेत्र के
समस्त
विद्यालयों
में आवश्यक
संसाधन उपलब्ध
कराये जाने की
योजना प्रस्तावित
है यदि हाँ, तो क्या-क्या
आवश्यक
संसाधन उपलब्ध
कराए जाऐंगे व
समयावधि
बताएं।
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) मंत्रि-परिषद
के निर्णय
दिनांक 22-06-2021 के
अनुक्रम में
विभागीय आदेश
कमांक एफ 44-2/2021/20-2
दिनांक 12
जुलाई 2021
द्वारा जारी
निर्देश के कम
में राज्य
योजना
अंतर्गत
उन्नयन की कार्यवाही
नहीं की गई।
अतः शेषांश
उद्भूत नहीं
होता। शास.
प्राथमिक
विद्यालय
हवलदार सिंह का
पुरा दूरी के
मापदण्ड के
आधार पर
उन्नयन हेतु
पात्र नहीं है।
अत: शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख) भिण्ड
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत
संचालित शासकीय
प्राथमिक/माध्यमिक
विद्यालयों
के 16 विद्यालय
भवनों की
मरम्मत की
स्वीकृति
प्रदान की गई।
स्वीकृति बजट
की उपलब्धता
पर निर्भर
करेगा।
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
हाईस्कूल
हायर
सेकेण्डरी
विद्यालय
भवनों की
मरम्मत हेतु
आवश्यकतानुसार
अनुरक्षण राशि
जारी की जाती
है। यह एक
सतत्
प्रक्रिया है, अतः
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
(ग) कोई पृथक
से योजना
प्रस्तावित
नहीं है, वर्तमान
में प्रचलित
योजनाओं से
आवश्यक
संसाधन बजट उपलब्धता
की सीमा में
उपलब्ध कराये
जाते है। अतः
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
कलेक्ट्रेट
भवन का
निर्माण
[राजस्व]
168.
( क्र. 1358 ) श्री
निलेश
पुसाराम उईके
: क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि क्या
जिला-पांढुर्ना
के
कलेक्ट्रेट
कार्यालय भवन
निर्माण हेतु
शासन द्वारा
प्रशासकीय/वित्तीय
स्वीकृति
प्राप्त हो गई
हैं? यदि
हाँ, तो
उसका निर्माण
कार्य कब तक
प्रारम्भ कर
दिया जावेगा? क्या उक्त
कलेक्ट्रेट
कार्यालय भवन
का निर्माण
पांढुर्ना
जिला के
ग्रामीण/शहर
के आम
नागरिकों की
सुरक्षा, सुलभ
आवागमन व अन्य
सुविधा की
दृष्टि से
शहर/नगर के
मध्य स्थित
मंडी प्रांगण
की लगभग 3-4 एकड़ की
भूमि में किया
जावेगा? यदि नहीं
तो क्यों? क्या उक्त
कार्यालय भवन
का निर्माण
स्थल का चयन
की प्रक्रिया
आमजनों की
मंशा के
विरुद्ध किसी
दबाव के कारण
लंबित हैं? यदि हाँ, तो क्या इस
प्रक्रिया को
बंद करने पर
विभाग विचार
करेगा?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : जी हाँ।
निर्माण
कार्य हेतु
कार्यवाही
प्रचलित होने
से अवधि बताया
जाना संभव
नहीं है। मंडी
प्रांगण में
वर्तमान में
कृषि
उपजों/उपार्जन
विक्रय हेतु
मंडी संचालित
है। जी नहीं, कार्यालय
भवन के
निर्माण स्थल
चयन की
प्रक्रिया
किसी दवाब के
कारण लंबित नहीं
है। शेष प्रश्न
उद्भूत नहीं
होता है।
सर्पदंश
(सांप के
काटने) के
पीडि़तों को
आर्थिक
सहायता
[राजस्व]
169.
( क्र. 1378 ) श्री
हेमंत
सत्यदेव
कटारे : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) सर्पदंश
(सांप के
काटने) एवं
सर्पदंश के
मृत्यु होने
पर पीड़ित
परिवार को
शासन की ओर से कितनी
आर्थिक
सहायता
उपलब्ध कराये
जाने का
प्रावधान है? (ख) प्रदेश
में दिनांक 01.01.2024 से प्रश्न
दिनांक तक सर्पदंश
(सांप के
काटने) के
कितने प्रकरण
दर्ज हुये, घटित
सर्पदंश की
घटनाओं में
कितने लोगों
की मृत्यु हुई
व कितने
प्रकरणों में
पीड़ित
परिवार को
नियमानुसार
आर्थिक
सहायता उपलब्ध
करायी गयी? तहसील, जिला सहित
वर्षवार
जानकारी दी
जाये। (ग) आलोच्य
अवधि में
चम्बल, ग्वालियर संभाग
में सर्पदंश
(सांप के
काटने) के
कितने प्रकरण
दर्ज हुये, घटित
सर्पदंश की
घटनाओं में
कितने लोगों
की मृत्यु हुई
व कितने
प्रकरणों में
पीड़ित
परिवार को
नियमानुसार
कितनी आर्थिक
सहायता किस
दिनांक को
उपलब्ध करायी
गयी? पीड़ित
हितग्राही की
जानकारी, नाम, पता, तहसील, जिला सहित
वर्षवार
जानकारी दी
जाये। (घ) क्या
आलोच्य अवधि
में घटित
सर्पदंश (सांप
के काटने) एवं
सर्पदंश के
मृत्यु होने
की सभी घटनाओं
में मृतक का
पोस्टमार्टम
कराकर
सर्पदंश से
मृत्यु होने
की पुष्टि
करायी गयी? यदि हाँ, तो इस
संबंध में
जिलावार, वर्षवार
पूरे प्रदेश
की जानकारी
उपलब्ध करायी
जाये।
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) सर्पदंश
(सांप के
काटने) एवं
सर्पदंश से
मृत्यु होने पर
पीड़ित
परिवार को
राजस्व पुस्तक
परिपत्र 6-4 के
तहत राशि
रूपये 4,00,000/- (चार
लाख रूपये)
दिये जाने के
प्रावधान है। (ख)
से (घ) जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
रोगियों
से मनमानी फीस
वसूलना
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
170.
( क्र. 1379 ) श्री
हेमंत
सत्यदेव
कटारे : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) प्रदेश
में निजी
चिकित्सालयों
के संचालन
हेतु
क्या-क्या मापदण्ड/दिशा
निर्देश
निर्धारित
हैं तथा क्या
सुविधाओं की
उपलब्धता के
आधार पर
इन्हें वर्गीकृत
किया गया है? यदि हाँ, तो पूर्ण
जानकारी दी
जाये। (ख) क्या
शासन द्वारा
निजी
चिकित्सालयों में
भिन्न-भिन्न
रोगों के
उपचार हेतु
कोई
स्टैण्डर्ड
रेट लिस्ट
निर्धारित की
गयी है? यदि हाँ, तो सभी
ग्रेड के निजी
चिकित्सालयों
हेतु निर्धारित
पृथक-पृथक रेट
लिस्ट सहित
पूर्ण जानकारी
उपलब्ध कराई
जाये। (ग) क्या
निजी
चिकित्सालयों
में आम जनता
के मरीजों के
साथ की गयी
मेडिकल लूट के
संबंध में कार्यवाही
हेतु कोई
रेग्यूलेशन/प्रावधान
है? यदि
हाँ, तो
उसकी प्रति
सहित पूर्ण
जानकारी
उपलब्ध कराई
जाये। (घ) क्या
विगत दो
वर्षों में
सेज अपोलो
हॉस्पिटल
में लगातार
मेडिकल लूट और
मरीजों को
बंधक बनाकर
जबरन लूट करने
संबंधी
शिकायतें
शासन/प्रशासन
को प्राप्त
हुई? यदि
हाँ, तो
शिकायतों का
विवरण सहित
शिकायत पर
क्या कार्यवाही
की गयी?
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) प्रदेश
में निजी
चिकित्सालयों
के संचालन
संबंधी
विनियामक
अधिनियम एवं
नियम की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-''अ'' अनुसार। उक्त
अधिनियम में
स्थापित
प्रावधान
अनुरूप निजी
चिकित्सालयों
का सुविधाओं
की उपलब्धता
के आधार पर
कोई वर्गीकरण
नहीं किया गया
है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख) जी
नहीं, अपितु
आयुष्मान
भारत ‘निरामयम’ के
अंतर्गत
संबद्ध निजी
चिकित्सालयों
में भिन्न-भिन्न
रोगों के
उपचार हेतु स्टेन्डर्ड
रेट लिस्ट
निर्धारित की
गई है जिसकी जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र- ''ब'' अनुसार। (ग) जी नहीं, अपितु
निजी चिकित्सालयों
में दर सूची
को प्रमुखता
से प्रदर्शित
करना
अनिवार्य हैं
जिसकी जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-''अ'' अनुसार। (घ) जी हाँ।
आयुष्मान
भारत ‘निरामयम’ के राज्य
कार्यालय तथा
कार्यालय
मुख्य
चिकित्सा
एवं स्वास्थ्य
अधिकारी, भोपाल में
विगत दो
वर्षों में
सेज अपोलो
हॉस्पिटल के
विरूद्ध
अनाधिकृत रूप
से अतिरिक्त
राशि लिए जाने
के संबंध में
शिकायत
प्राप्त हुई
है। तत्संबंध
में की गई
राज्य
कार्यालय
आयुष्मान
भारत ‘निरामयम’ द्वारा की
गई कार्यवाही
की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-''स'' अनुसार तथा मुख्य
चिकित्सा
एवं स्वास्थ्य
अधिकारी, भोपाल
द्वारा की गई
कार्यवाही की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-''द'' अनुसार।
जिला
चिकित्सालय
नीमच में
अनियमितताएँ
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
171.
( क्र. 1381 ) श्री
दिलीप सिंह
परिहार : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) 1 जनवरी 2018 के बाद से
प्रत्येक
वर्ष जिला
स्वास्थ्य
विभाग, नीमच को
शासन स्तर से
किस-किस मद
में कितनी-कितनी
राशि किस-किस
कार्य के लिए
प्राप्त हुई? इन
राशियों को
किस-किस स्थल
पर किस-किस
कार्य हेतु
व्यय किया गया? प्रशासकीय
एवं तकनीकी
स्वीकृति
सहित समस्त विवरण
देवें? (ख) प्रश्नांश
(क) में
संदर्भित
अवधि में जिला
चिकित्सालय, नीमच
द्वारा दवाई, उपकरण आदि
कौन-कौन सी
सामग्री
किस-किस कंपनी
से किस-किस दर
पर खरीदी गई? कंपनी के
नाम सहित
संपूर्ण
जानकारी दें। (ग)
प्रश्नांश (क)
में
संदर्भित
खरीदी गई
सामग्री का
ऑडिट कब-कब, किस-किस
सक्षम
अधिकारी ने
किस-किस
दिनांक को किया? ऑडिट में
खरीदी नियमों
की अनियमितता
को लेकर कौन-कौन
सी कंडिकाएँ
दर्ज की गईं? क्या इन
कंडिकाओं का
निराकरण किया
जा चुका है? (घ) क्या
गत दिनों
कैबिनेट की
मीटिंग में
जिला
चिकित्सालय, नीमच का
उन्नयन किया
गया है? यदि हाँ, तो इस
संबंध में
विभाग द्वारा
क्या
कार्यवाही
प्रचलन में है?
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क)
जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-''अ'' अनुसार। (ख)
जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र- ''ब'' अनुसार। (ग)
जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र- ''स'' अनुसार। (घ) जी हाँ, स्वीकृति
आदेश की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र- ''द'' अनुसार।
डॉक्टर
के रिक्त पद
की पूर्ति
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
172.
( क्र. 1388 ) श्री
प्रेमशंकर
कुंजीलाल
वर्मा : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) सिवनी
मालवा
विधानसभा
क्षेत्र की
सिविल अस्पताल
सिवनी मालवा
सामुदायिक
स्वास्थ्य
केंद्र, सामुदायिक
स्वास्थ्य
केंद्र
डोलरिया, प्राथमिक
स्वास्थ्य
केंद्र
शिवपुर, प्राथमिक
स्वास्थ्य
केंद्र जमानी
में स्वीकृत
डॉक्टर के पद
के विरूद्ध क्या
सभी डॉक्टर के
पद भरे हुए
हैं? (ख) यदि नहीं
तो कौन-कौन से
पद किन-किन अस्पतालों
में रिक्त हैं
जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश
(ख) वर्णित
डॉक्टर के
रिक्त पद इन
उपरोक्त सभी
अस्पतालों
में कब तक भरे
जायेंगे? (घ) प्रश्नांश
(क) उल्लेखित
सभी
अस्पतालों
में क्या एम्बुलेंस
की व्यवस्था
है यदि नहीं
तो कब तक की जावेगी?
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) जी नहीं। (ख)
जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार
है। (ग) मध्यप्रदेश
लोक सेवा आयोग
के माध्यम से
विशेषज्ञ
संवर्ग एवं
चिकित्सा
अधिकारियों
की पदपूर्ति
हेतु चयन
संबंधी
विज्ञापन
जारी किया गया
है।
मध्यप्रदेश
लोक सेवा आयोग
से चयन उपरांत
सामुदायिक
स्वास्थ्य
केन्द्र सिवनी
मालवा में एक
निश्चेतना
विशेषज्ञ के
नियुक्ति
आदेश दिनांक
06.11.2025 को विभाग
द्वारा जारी
किए गए हैं।
रिक्त पदों की
पूर्ति
निरंतर
प्रक्रिया है, निश्चित
समयावधि बताई
जाना संभव
नहीं है। (घ) जी
हाँ। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
राजस्व
ग्राम एवं
भूमि के
नक्शों की
उपलब्धता
[राजस्व]
173.
( क्र. 1389 ) श्री
प्रेमशंकर
कुंजीलाल वर्मा
: क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
विधानसभा
क्षेत्र
सिवनी मालवा
की तहसील सिवनी
मालवा तहसील
शिवपुर
डोलारिया
तहसील केसला
के राजस्व
ग्राम एवं
राजस्व भूमि
के नक्शे
उपलब्ध हैं? (ख) यदि
नक्शे उपलब्ध
नहीं है तो
कौन-कौन से
ग्राम के पटवारी
हल्के के
नक्शे उपलब्ध
नहीं है? (ग) सभी
ग्रामों एवं
पटवारी हल्के
के नक्शे दुरुस्त
कर कब तक
उपलब्ध कराए
जा सकेंगे? (घ) क्या
सभी वन
ग्रामों को
राजस्व
ग्रामों में परिवर्तित
किया जा रहा
है? यदि
हाँ, तो
कब तक किए
जाएंगे?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह वर्मा
) : (क) जी
हाँ। (ख) जी
हाँ। सभी
ग्रामों के
नक्शे उपलब्ध
है (ग) प्रश्नांश
'ख' के
संदर्भ में
जानकारी
निरंक। (घ) जिला
नर्मदापुरम
में 24
वनग्रामों को
राजस्व
ग्राम में
परिवर्तित
किया जा रहा
है। कार्यवाही
प्रचलन में
है। 24 ग्रामों
की जानकारी
संलग्न परिशिष्ट अनुसार
है।
आश्रमों
में
अधीक्षकों/वार्डनों
की पदस्थापना
[जनजातीय
कार्य]
174.
( क्र. 1392 ) श्री
मोंटू सोलंकी
: क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह बताने
की कृपा
करेंगे कि (क) छात्रावास
अधीक्षकों को
एक ही संस्था
में कितने
वर्ष तक पदस्थ
रखने सम्बन्धी
शासन द्वारा
जारी
नियम/गाइडलाइन/आदेश
की प्रति
उपलब्ध कराई
जाए। (ख) सेंधवा
विधानसभा
क्षेत्र के
प्रत्येक
छात्रावास
एवं आश्रम में
पदस्थ
अधीक्षकों की
सेवा अवधि (कितने
वर्षों से
पदस्थ) की
संस्थावार
सूची उपलब्ध
कराएं। (ग) ऐसे
कितने
अधीक्षक हैं, जो पिछले 3 वर्षों से
अधिक समय से
एक ही संस्था
में पदस्थ हैं? उनकी
नाम-वार सूची
उपलब्ध
कराएं। (घ) यदि
शासन नियमों
में यह स्पष्ट
है कि अधीक्षक
को 3
वर्ष से अधिक
समय तक एक ही
संस्था में
नहीं रखा जाना
है, तो
सेंधवा
क्षेत्र में 3 वर्ष से
अधिक अवधि से
पदस्थ
अधीक्षकों को
किस
अधिकारी/प्राधिकारी
द्वारा रोका
गया है? संबंधित
आदेश-पत्र की
प्रति उपलब्ध
कराएं। (ड.) क्या
उक्त
पदस्थापना
शासन नियमों
का उल्लंघन
करते हुए किए
गए हैं? यदि हाँ, तो नियमों
का उल्लंघन
करने वाले
जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारी
के विरुद्ध
क्या विभागीय
कार्यवाही की
जावेगी? (च) 3 वर्ष की
अधिकतम अवधि
पूर्ण कर चुके
अधीक्षकों के
स्थानांतरण/पदमुक्ति
कब की जाएगी? समय-सीमा
स्पष्ट रूप से
बताई जाए। (छ)
यदि
स्थानांतरण
अब तक नहीं
किया गया है, तो इसके
कारणों का
पृथक विवरण
उपलब्ध
कराएं।
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) : (क) छात्रावास
अधीक्षकों को
एक ही संस्था
में पदस्थ
रखने सम्बन्धी
कोई शासन नियम
नहीं है। विषय
के संबंध में
जारी
दिशा-निर्देश जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय
में
रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार। (ग)
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार। (घ) से (छ)
प्रश्नांश (क)
के उत्तर के
परिप्रेक्ष्य
में शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
आनंदम
हॉस्पिटल, सेंधवा
द्वारा अनियमित
राशि वसूली
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
175.
( क्र. 1393 ) श्री
मोंटू सोलंकी
: क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
सेंधवा स्थित
आनंदम
हॉस्पिटल
द्वारा आयुष्मान
भारत योजना के
अंतर्गत
मरीजों के
इलाज हेतु
योजना से
भुगतान प्राप्त
करने के
साथ-साथ
मरीजों से भी
अलग से राशि
वसूली जाती है
तथा कई मरीजों
द्वारा ऑपरेशन
असफल होने एवं
उपचार ठीक न
मिलने की
शिकायतें की
गई हैं? यदि हाँ, तो उक्त
अस्पताल
प्रबंधन के
विरुद्ध
विभाग द्वारा
अब तक क्या कार्यवाही
की गई है, विवरण
सहित जानकारी
दें। (ख) वर्ष 2020 से प्रश्न
दिनांक तक
आनंदम
हॉस्पिटल में
आयुष्मान कार्डधारक
कितने मरीजों
का इलाज किया
गया, कुल
कितनी राशि
आयुष्मान
योजना के
अंतर्गत भुगतान
की गई तथा
मरीजों से
अतिरिक्त
राशि वसूली
जाने की कितनी
शिकायतें
प्राप्त हुईं? सूची
उपलब्ध करावें।
(ग) तत्कालीन
कलेक्टर श्री
शिवराज सिंह
वर्मा द्वारा
गठित जांच दल
की जांच
रिपोर्ट में
आनंदम
हॉस्पिटल
द्वारा
आयुष्मान
योजना से राशि
प्राप्त करने
के साथ-साथ
मरीजों से भी
अतिरिक्त
राशि वसूले
जाने की
पुष्टि की गई
थी। कलेक्टर द्वारा
विभाग को की
गई कार्यवाही
हेतु लिखित पत्र
की प्रति
उपलब्ध कराएं
तथा इस पत्र
के आधार पर
विभाग द्वारा
की गई अब तक की
कार्यवाही का
विवरण दें।
आनंदम
हॉस्पिटल की
जांच में
कौन-कौन सी
अनियमितताएँ
पाई गईं? उसकी जांच
रिपोर्ट की
प्रति भी
उपलब्ध करावें।
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) जी हाँ।
आनंदम
हॉस्पिटल
सेंधवा, जिला बड़वानी
के विरूद्ध
अनाधिकृत रूप
से धनराशि लिये
जाने संबंधी 02
शिकायतें
कार्यालय में
प्राप्त हुई।
उक्त दोनों
शिकायतों में
दस्तावेजों/साक्ष्यों
के अभाव तथा
चिकित्सालय
के
प्रतिउत्तर
के अनुक्रम
में उक्त
शिकायतें
निराधार पाई
गई। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख) वर्ष
2020 से प्रश्न
दिनांक तक
आनंदम
हॉस्पिटल में
आयुष्मान कार्डधारक
कुल 3585 मरीजों
का इलाज किया
गया। वर्ष 2020 से
प्रश्न
दिनांक तक
आनंदम
हॉस्पिटल को
आयुष्मान
योजनांतर्गत
टी.एम.एस पोर्टल
के माध्यम से
राशि रूपये 10,90,88,628/-
(दस करोड़ नब्बे
लाख अठासी
हजार छः सौ
अठाईस मात्र)
टी.डी.एस सहित
का भुगतान
कार्यालय
द्वारा किया
गया है।
मरीजों से
अतिरिक्त
राशि वसूली
जाने की 02
शिकायतें
प्राप्त हुई
है जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-''अ'' अनुसार। (ग) तत्कालीन
कलेक्टर श्री
शिवराज सिंह
वर्मा द्वारा
गठित जाँच दल
की प्रेषित
जाँच रिपोर्ट
की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-''ब'' अनुसार। तत्कालीन
कलेक्टर श्री
शिवराज सिंह वर्मा
द्वारा की गई
कार्यवाही के परिप्रेक्ष्य
में कार्यालय
द्वारा जारी
आदेश
क्रमांक/एस.एच.ए./ए.बी/2025/7595
दिनांक 25/11/2025 के
क्रम में गठित
जाँच समिति
द्वारा उक्त
प्रकरण के
संबंध में
विस्तृत जाँच
प्रतिवेदन
प्राप्त कर
आगामी
कार्यवाही की
जावेगी।
आदिवासी
भूमि का
गैर-आदिवासियों
के नाम
हस्तांतरण
[राजस्व]
176.
( क्र. 1394 ) श्री
मोंटू सोलंकी
: क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क)
क्या
संविधान की
पंचम अनुसूची, भू-राजस्व
संहिता 1959 की धारा 165 (6) तथा
अनुसूचित
जनजाति भूमि
संरक्षण
अधिनियम के
अनुसार
आदिवासी की
भूमि
गैर-आदिवासी
को बेचना/हस्तांतरित
करना पूर्णतः
प्रतिबंधित है? यदि हाँ, तो सेंधवा
विधानसभा
क्षेत्र में
इन नियमों का
उल्लंघन करते
हुए आदिवासी
जमीन
गैर-आदिवासी
के नाम कैसे
दर्ज की गई? इसकी ग्रामवार
नाम सहित सूची
उपलब्ध कराई
जाए। (ख) प्रश्नांश
(क) वर्णित
प्रकरणों में
भूमि का
नामांतरण/रजिस्ट्री/लीज
किया गया, भूमि के
मूल स्वामी
(आदिवासी) का
नाम, वर्तमान
दर्ज धारक
(गैर-आदिवासी)
का नाम, खसरा नंबर, हस्तांतरण
की तारीख एवं
ग्रामसभा की
सहमति प्राप्त
हुई या नहीं, की
जानकारी
उपलब्ध
कराएं। (ग) प्रश्नांश
(क) वर्णित
प्रकरणों को
स्वीकृति
देने वाले पटवारी, राजस्व
निरीक्षक (RI), नायब
तहसीलदार, तहसीलदार
एवं एसडीएम का
नाम सहित
उल्लेख किया
जाए तथा बताया
जाए कि इनके
विरुद्ध अब तक
विभागीय/दण्डात्मक
कार्रवाई
क्यों नहीं की
गई? कारण
सहित विवरण
दिया जाए।
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) जी नहीं, क्योकि
म.प्र.भूरा
संहिता 1959 की
धारा 165 (6) के तहत (क)
भूमिस्वामी
द्वारा किसी
भूमि का कोई
भी बंधक इसके
पश्चात तब तक
विधिमान्य
नहीं होगा जब
तक कि कम-से-कम
पाँच एकड़ सिंचित
भूमि या दस
एकड़ असिंचित
भूमि किसी भी विल्लंगम
या भार से
मुक्त रूप में
उसके पास न बच
जाए। का
प्रावधान
दिया गया है।
म.प्र.भू.रा. संहिता
की धारा 4 (ख) एक
अनुसार इस
उपधारा में कोई
भी बात
निम्नलिखित
दशा में लागू
नहीं होगी का (ख)
कृषि-भिन्न
प्रयोजन के
लिए धारित
भूमि के अंतरण
की दशा में।
का प्रावधान
दिया गया है।
दी गई अनुमति
की ग्रामवार सूची
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) तहसील
सेंधवा के
ग्राम वाकी उर्फ
गोई में स्थित
भूमि सर्वे
नं. 64/10क, 65/17, 65/18, कुल
रकबा 1.651 हे. भूमि
जो कि आवासीय
प्रयोजन में
परिवर्तित
होकर गोपाल
पिता नहाला
जाति वारेला
निवासी ग्राम
वाकी उर्फ गोई
के नाम से
दर्ज होकर
आवेदक भूमिस्वामी
द्वारा गैर
आदिवासी
नंदकिशोर पिता
मोहनलाल
अग्रवाल जाति
सामान्य
निवासी औझर को
विक्रय करने
की अनुमति
हेतु आवेदन
पत्र कलेक्टर
महोदय को
प्रस्तुत
किया गया था
कलेक्टर
महोदय श्री रविन्द्र
सिंह जिला
बड़वानी
द्वारा
विधिवत प्रकरण
क. 22/3-21/2014-15 दर्ज
करते हुए अधीनस्थ
न्यायालय से
जांच करवाई
जाकर उक्त
भूमि को आदेश
दि. 03.08.2015 से
विक्रय करने
की अनुमति
प्रदाय की गई
थी। 2. तहसील
सेंधवा के ग्राम
चाचरियापाटी
में स्थित
भूमि सर्वे
नं. 27/5 कुल पैकी
रकबा 0.160 हे. भूमि
जो कि
व्यवसायिक
प्रयोजन में
परिवर्तित
होकर रमेश
पिता वालजी
जाति बारेला
निवासी ग्राम
चाचरियापाटी
के नाम से
दर्ज होकर
आवेदक भूमिस्वामी
द्वारा गैर
आदिवासी मनीष
पिता लक्ष्मण
मालवीय जाति
कलाल निवासी
ग्राम
चाचरियापाटी
को विक्रय करने
की अनुमति
हेतु आवेदन
पत्र कलेक्टर
महोदय को
प्रस्तुत
किया गया था
कलेक्टर
महोदय श्री
अजय सिंह
गंगवार जिला
बड़वानी
द्वारा विधिवत
प्रकरण क. 31/अ-21/2014-15 दर्ज
करते हुए अधीनस्थ
न्यायालय से
जांच करवाई
जाकर उक्त भूमि
का आदेश नं. 29.04.2016
से विक्रय
करने की
अनुमति प्रदाय
की गई थी। (ग) वर्णित
प्रकरणों में
ग्राम वाकी
उर्फ गोई में
प्रस्तुत
प्रतिवेदन
में सम्मिलित
अधि./कर्मचारी
के नाम
|
पटवारी |
राजस्व
निरीक्षक |
तहसीलदार |
अनु.वि.अधि.
राजस्व |
|
श्री
सुरेशचंद्र
बघेल |
श्री
रमेशचंद
सिसोदिया |
श्री
मनोज
चोरसिया |
श्री
पी.एस चौहान |
वर्णित
प्रकरणों में
ग्राम वाकी
उर्फ गोई में
प्रस्तुत
प्रतिवेदन
में सम्मिलित
अधि./कर्मचारी
के नाम
|
पटवारी |
राजस्व
निरीक्षक |
तहसीलदार |
अनु.वि.अधि.
राजस्व |
|
श्री
द्वारका
वास्कले |
श्री
रमेशचंद
सिसोदिया |
श्रीमति
आशा परमार |
श्री
महेश बड़ोले |
नियमानुसार
अनुमति
प्रदान किये
जाने से संबंधितों
के विरूध्द कार्यवाही
उदभूत नहीं
होती हैं। दी
गई अनुमति की
सूची संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार हैं।
स्कूल
उन्नयन के
संबंध में
[स्कूल
शिक्षा]
177.
( क्र. 1402 ) श्री
हरदीप सिंह
डंग : क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) शासन
द्वारा
शिक्षा को
बढ़ावा देने
हेतु स्कूलों
के उन्नयन के
लिए कोई योजना
चलाई जा रही
है? (ख) सुवासरा विधानसभा
में विगत दो
वर्षों में कितने
स्कूलों का
उन्नयन किया
गया है? (ग) प्रश्नकर्ता
द्वारा
माननीय
मंत्री जी एवं
उच्च अधिकारियों
को स्कूल
उन्नयन हेतु
दिए गए पत्रों
एवं उन पर कि
गई कार्यवाही
की जानकारी
उपलब्ध कराऐं? (घ) कब
तक स्कूलों का
उन्नयन कर
छात्रों को
इसका लाभ दिया
जाएगा?
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) नि:शुल्क
और अनिवार्य
बाल शिक्षा का
अधिकार
अधिनियम के
अंतर्गत 1
किमी में
प्राथमिक
शाला तथा 3 किमी
में माध्यमिक
शाला की
सुविधा का
प्रावधान है
एवं मंत्रि-परिषद
के निर्णय दिनांक
22 जून 2021 के क्रम
में सांदीपनि
योजना संचालित
होने के कारण
राज्य बजट
अन्तर्गत में
अन्य शालाओं
के उन्नयन की
योजना
वर्तमान में
स्थगित रखी गई
है। (ख) सुवासरा
विधानसभा
अंतर्गत विगत
02 वर्षों में किसी
भी प्राथमिक
शाला का माध्यमिक
शाला का उन्नयन
नहीं किया गया
है।
राष्ट्रीय
समग्र शिक्षा
अभियान योजना
अन्तर्गत
भारत शासन
द्वारा
वार्षिक कार्य
योजना वर्ष 2023-24
में
शा.माध्यमिक
शाला
खेताखेड़ा का
हाई स्कूल में, पीएम श्री
योजना
अन्तर्गत शा.हाई
स्कूल अजयपुर
का हायर
सेकेण्ड्री
शाला एवं
राज्य योजना
अन्तर्गत
सांदीपनि
(पूर्व में
सी.एम.राईज)
योजना
अन्तर्गत शा.माध्यमिक
शाला लदूना का
हायर
सेकेण्ड्री
शाला में
उन्नयन किया
गया है।
शालाओं का
उन्नयन बजट
प्रावधान एवं
सक्षम
स्वीकृति पर
निर्भर करेगा।
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
(ग) एवं (घ) उत्तरांश
'क' अनुसार।
समय-सीमा बताया
जाना संभव
नहीं है।
सुवासरा, सीतामऊ
सिविल हॉस्पिटल
के संबंध में
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
178.
( क्र. 1404 ) श्री
हरदीप सिंह
डंग : क्या
उप मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) सिविल
हॉस्पिटल सीतामऊ
एवं सुवासरा
भवन निर्माण
हेतु अनुंबध
अनुसार
निर्माण
कार्य पूर्ण
हो चुका है या
नहीं जानकारी
देवें? यदि हाँ, तो भवन
निर्माण हेतु
जारी
प्रशासकीय
स्वीकृति की
दिनांक, राशि एवं
टेण्डर के
उपरांत
ठेकेदार से
अनुबंधित
राशि तथा
कार्य पूर्ण
होने की
दिनांक भवन निर्माण
में कुल व्यय
की जानकारी
देवें? (ख) उपरोक्त
निर्माण
कार्य
ठेकेदार
द्वारा अनुबंध
अनुसार कब तक
पूर्ण किया
गया कार्य
पूर्ण होने के
दिनांक की
जानकारी
देवें? कार्य
पूर्ण होने के
पश्चात्
प्रश्न
दिनांक तक
नवीन भवन में
स्वास्थ्य
सेवाऐं प्रारम्भ
करने हेतु क्या-क्या
प्रयास किए गए
है? (ग) प्रश्न
दिनांक तक
सीतामऊ सिविल
हॉस्पिटल
नवीन भवन
निर्माण हेतु
अनुबंध के अतिरिक्त
कलेक्टर
मंदसौर
द्वारा बताये
गए बाहरी
कार्यों को कब
तक पूर्ण कर दिया
जाएगा जिससे
नवीन भवन में
हॉस्पिटल को
प्रारम्भ
किया जा सकें?
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) जी हाँ। जानकारी
संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख)
जानकारी
संलग्न परिशिष्ट अनुसार। सिविल
अस्पताल
सुवासरा का
भवन
हस्तांतरण किया
जा चुका है
तथा सीतामऊ के
भवन के
हस्तांतरण की
कार्यवाही
प्रक्रियाधीन
है, हस्तांतरण
के उपरांत
स्वास्थ्य
सेवायें प्रारंभ
की जा सकेगी। (ग)
प्रस्ताव
परीक्षणाधीन
है, निश्चित
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं, हस्तांतरण
के उपरांत
नवीन भवन में
हॉस्पिटल प्रारंभ
किया जा
सकेगा।
नहर
बनाने के लिये
स्वीकृत राशि
[जल संसाधन]
179.
( क्र. 1408 ) श्री केशव
देसाई : क्या जल
संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) भिंड
जिले के गोहद
अंतर्गत जल
संसाधन विभाग
के अधीन नहरों
पर जल उपभोक्ता
संस्था एवं
वितरिका
समिति तथा पीस
वर्क व अन्य
मद से वर्ष 2022-23 से प्रश्न
दिनांक तक
किस-किस नहर
पर
कितनी-कितनी
राशि के
प्राक्कलन
कब-कब स्वीकृत
किए गए
स्वीकृतकर्ता
अधिकारी/कर्मचारियों
का नाम सहित
पृथक-पृथक
जानकारी दें। (ख)
गोहद
कार्यालय में
जल उपभोक्ता संस्था
एवं वितरिका
समिति तथा पीस
वर्क पर वर्ष 2022-23 से प्रश्न
दिनांक तक
नहरों पर
कार्य करने
हेतु शासन
द्वारा कब-कब
कितनी-कितनी
राशि प्रदाय
की गई उस राशि
से किन-किन
नहरों पर
कब-कब
क्या-क्या कार्य कराए गए
एवं किस-किस
ठेकेदार से
कार्य कराया गया
ठेकेदार का नाम
व फर्म का नाम
कराए गए
कार्यों हेतु
भुगतान
किस-किस बैंक
खाते में किया
गया बैंक का
नाम व खाता
नंबर सहित
जानकारी दें। (ग)
प्रश्नांश (क)
व (ख) में
वर्णित
कार्यों का
अनुबंध
कितनी-कितनी राशि
का कब-कब
स्वीकृत किया
गया अनुबंध के
अनुरूप कार्य
पूर्णतः
प्रमाण पत्र
किस अधिकारी व
कर्मचारियों
द्वारा जारी किए
गए नाम व पद
नाम सहित
बताएं।
जल
संसाधन
मंत्री ( श्री
तुलसीराम
सिलावट ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के प्रपत्र-"अ" अनुसार है। (ख)
जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के प्रपत्र - "ब" अनुसार है। (ग)
जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के प्रपत्र - "स" अनुसार है।
सतना
जिले में हवाई
अड्डा
[राजस्व]
180.
( क्र. 1415 ) डॉ. राजेन्द्र
कुमार सिंह : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) कार्यालय
कलेक्टर
जिला सतना
म.प्र. ने क्र./248/राजस्व/4/आर.एस./2025 दिनांक 08.08.2025 से डिप्टी
कलेक्टर
सतना द्वारा
कलेक्टर
सतना की ओर से
तहसीलदार
तहसील
रघुराजनगर
सतना को जो पत्र
लिखा था उस पर क्या
जानकारी/उत्तर
किस दिनांक को
तहसीलदार
रघुराजनगर ने
कलेक्टर
सतना को भेजा? पत्र/जानकारी
की एक प्रति
दें? कलेक्टर/शासन
ने क्या
जानकारी भेजी
की एक प्रति
उपलब्ध
करायें? (ख) क्या सतना जिले
में हवाई
अड्डा को
बनाने 1939 में
अधिगृहित की
गई 981.29
एकड़ (या अन्य
संख्या) भूमि
में से 539.36 एकड़ (या
अन्य संख्या)
भूमि की आवश्यकता
न होने का
हवाला देकर
कथित भूमि की
वापिसी साजिश
पूर्ण तरीके से मूल
नस्तियां एवं
दस्तावेज
नजूल/राजस्व
विभाग सतना से
गायब कर दिये
गये हैं? अगर नहीं
तो उक्त सभी
दस्तावेजों
की एक-एक
प्रति उपलब्ध
करायें? (ग) क्या
उक्त जमीन
वापिसी के
आदेश किसी न्यायालय
या अन्य
सक्षम
कार्यालयों
ने जारी किये
थे? जारी
आदेशों की एक
प्रति दें? (घ) क्या
500
(पांच
सौ एकड़) एकड़ भूमि
भू-माफियाओं
ने
पटवारियों/आर.आई./नायब
तहसीलदार/तहसीलदार/
एस.डी.एम./रजिस्ट्रार
पंजीयन एवं
मुद्रांक के
साथ सांठ-गांठ
कर खुर्द-बुर्द
कर दी हैं? अगर नहीं
तो क्या 70 (या अन्य
संख्या) के
लगभग लोगों को
कलेक्टर/एसडीएम/तहसीलदार
कार्यालय ने
नोटिस जारी किया
हैं? जारी
सभी नोटिसों
की एक-एक
प्रति दें? उक्त
भूमियों को
शासन कब तक
अपने नामें
दर्ज करवायेगा?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) जी हां,पत्र के
संबंध में
कार्यालय
तहसीलदार
तहसील रघुराजनगर
का पत्र क्र.756/आ.का./तह.रघु./2025
सतना दिनांक 06/11/2025
से प्राप्त
किया गया। जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट–''अ'' अनुसार। कलेक्टर
ने प्रमुख
राजस्व
आयुक्त को
जानकारी पत्र क्र.
351 दिनांक 12/11/2025 से
प्रेषित की गई
थी। जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट–''ब'' अनुसार। (ख) वर्ष 1939 में
द्वितीय
विश्व युद्ध
के समय सतना
शहर के हवाई
अड्डे/नागरिक
उड्डयन मंत्रालय/ऐयरपोर्ट
अथार्रिटी ने
कुल 981.29 एकड़
भूमि
अधिग्रहित की
गई थी।
तत्पश्चात
वर्ष 1987 में CPWD विभाग
भारत सरकार
द्वारा राज्य
सरकार को हवाई
अड्डा का
हस्तानांतरण
दिनांक 15.07.1987 को
दिया गया।
तत्समय
बाबूलाल
पटवारी हल्का
बरदाडीह
द्वारा तैयार
की गई एरोड्रम
की भूमियों की
सूची दिनांक 10.11.1964
के अनुसार कुल
451.93 एकड भूमि
प्राप्त हुई।
यह सही है कि
आज दिनांक तक 529.36
एकड़ भूमि का
वापस किये
जाने के संबंध
में किसी
सक्षम अधिकारी
का आदेश
उपलब्ध नहीं
है। किन्तु
चालू खसरे एवं
पूराने खसरे
वर्ष 1958-59 से
लगातार
ऐरोड्रम भूमि
की सूची 10.11.1964 जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट–''स'' अनुसार। तत्कालीन
राजस्व अधिकारियों
तहसीलदार, नायब
तहसीलदार, डिप्टी
कमिश्नर, राजस्व
मंडल आदि के
आदेशों का
हवाला दिया जाकर
वर्ष 1951 से 1975 के
बीच ऐरोड्रम
की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट–''द'' अनुसार में दर्ज
भूमियां निजी
की गई है।
तत्संबंध में
अन्य कोई आदेश
उपलब्ध नहीं
है। (ग) यह सही
है कि आज
दिनांक तक 529.36
एकड़ भूमि को
वापस किये
जाने के संबंध
में किसी सक्षम
अधिकारी का
आदेश उपलब्ध
नहीं है।
किन्तु चालू
खसरे एवं
पूराने खसरे
वर्ष 1958-59 से
लगातार
ऐरोड्रम भूमि
की सूची 10.11.1964 जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट–''स'' अनुसार। तत्कालीन
राजस्व
अधिकारियों
तहसीलदार, नायब
तहसीलदार, डिप्टी
कमिश्नर, राजस्व
मंडल आदि के
आदेशों का
हवाला दिया जाकर
वर्ष 1951 से 1975 के
बीच ऐरोड्रम
की अनुलग्न (अ)
में दर्ज
भूमियां निजी
की गई है।
तत्संबंध में
अन्य कोई आदेश
उपलब्ध नहीं
है। (घ) सम्यक
रूप से उक्त
भूमियों को
म.प्र.शासन
दर्ज करवाये
जाने हेतु
म.प्र.भू-राजस्व
संहिता की धारा
115 के तहत 70 व्यक्तियों
को नोटिस
अनुविभागीय
अधिकारी
रघुराजनगर (नगरीय)
के न्यायालय
से राज स्वप्रकरण
क्रमांक 186/अ74/2025-26 के
तहत जारी की
गई है। उक्त
प्रकरण
वर्तमान में
विचाराधीन
है। जारी
नोटिसों की
एक-एक प्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट–''ई'' अनुसार है।
क्षतिग्रस्त
नहरों एवं
क्षतिग्रस्त
सर्विस रोडों
के
मरम्मतीकरण
[जल संसाधन]
181.
( क्र. 1417 ) श्री
प्रदीप
अग्रवाल : क्या जल
संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) दतिया
जिले में
नहरों की
मरम्मत एवं
गूलों के रख-रखाव
के लिए 1 जनवरी 2023 से प्रश्न
दिनांक तक कुल
कितनी राशि
शासन से
प्राप्त हुई
प्राप्त राशि
को कहां-कहां, किस मद में, किसके
द्वारा खर्च
किया गया
विकासखंडवार
नहरवार
जानकारी
उपलब्ध कराई
जाए। (ख) क्या
नहरों के चालू
होने का समय आ
गया है किंतु
अभी भी अधिकांश
जगह नहरें
क्षतिग्रस्त
है बड़े-बड़े
गड्ढे हैं
जिससे कभी भी
नहर फटने का
एवं जान माल का
खतरा संभव है।
(ग) क्या
नहरों की जो
सर्विस रोडें
बनी हुई है उन पर
भी बड़े-बड़े
गड्ढे हैं जिन
पर विभाग के
वाहन नहीं चल
पाते है
फलस्वरूप
अधिकारियों
द्वारा
पेट्रोलिंग न
कर पाने की
वजह से देखरेख
एवं रखरखाव
नहीं हो पा
रहा है साथ ही
इन पर किसानों
को आवागमन करने
में भी
परेशानी हो
रही है। (घ) क्या
नहरों के चालू
होने के पूर्व
क्षतिग्रस्त
नहरों के
मरम्मतीकरण
एवं उनके
सर्विस रोडों
के मरम्मतीकरण
हेतु कोई आदेश
जारी करने की
कृपा करेंगे
ताकि कोई अब
अप्रत्याशित
घटना न हो, यदि हाँ, तो कब तक।
जल
संसाधन
मंत्री ( श्री
तुलसीराम
सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार
है। (ख) जी
हाँ, नहरों
के चालू होने
का समय आ गया
है। अत्याधिक
वर्षा के कारण
कतिपय स्थलों
पर नहर एवं
सर्विस रोड
क्षतिग्रस्त
हो जाती हैं, जिनका
मरम्मत कार्य
विभाग द्वारा
करा लिया जाता
है। (ग) नहरों
की सर्विस
रोडों पर
कतिपय स्थलों
पर अपरिहार्य
कारणों से
गड्ढे हो जाते
है। जिनका नहर
संचालन के
पूर्व यथा
आवश्यक
मरम्मत कार्य
करा लिया जाता
है। वर्तमान
में साफ-सफाई
एवं मरम्मत
कार्य प्रचलन
में है। (घ) क्षतिग्रस्त
नहरों एवं
सर्विस रोडों
के मरम्मतीकरण
का कार्य
कराया जा रहा
है। अतः शेष
प्रश्न लागू
नहीं।
ग्राम
घोरकाट की
आराजी क्र.730 को
अतिक्रमण
मुक्त कराना
[राजस्व]
182.
( क्र. 1421 ) श्री
सिद्धार्थ
सुखलाल
कुशवाहा : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) सतना
जिले की तहसील
कोटर अंतर्गत
ग्राम पंचायत
घोरकाट
निवासी
शिवपाल पिता
दौलतवा साकेत के
पक्ष में आराजी
क्रमांक 730 में 15 हाथ चौड़ा
एवं 30
हाथ लंबी जमीन
को अतिक्रमण
मुक्त करने के
लिए न्यायालय
तहसीलदार
कोटर जिला
सतना द्वारा
आदेश क्रमांक 0095/आ -74/24-25, दिनांक
10/03/2025 को बेदखली
आदेश जारी
करके
अतिक्रमण
मुक्त करने का
आदेश जारी
किया गया था
परंतु प्रश्नांश
दिनांक तक
उक्त आराजी को
अतिक्रमण
मुक्त नहीं
कराया गया
क्यों? न्यायालय
तहसीलदार
कोटर के आदेश
की अवहेलना क्यों
की गई? क्या
उक्त आदेश का
पालन न करने
वाले दोषियों
पर कार्रवाई
की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं
तो क्यों? (ख) प्रश्नांश
(क) में वर्णित
आराजी को कब
तक में
अतिक्रमण
मुक्त कराया
जाएगा?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) न्यायालय
नायब
तहसीलदार
कोटर के
रा.प्र.क्र. 0095/आ-74/24-25
दिनांक 10/03/2025
द्वारा मौजा
घोरकाट स्थित
आराजी
क्रमांक 730 से
अतिक्रमणकर्ता/अनावेदक
बृजवासी कोरी
निवासी
घोरकाट को
बेदखल किया
गया था। अनावेदक
को दिनांक 19.03.2025
को कब्जा हटाने
हेतु सूचना
पत्र जारी
किया गया।
अनावेदक
द्वारा सूचना
उपरांत कब्जा
नहीं हटाया गया।
अनावेदक को
बेदखल किए
जाने हेतु
दिनांक 08.04.2025 को
रा.नि/ह.प. को
पत्र जारी
किया गया
जिसके पालन में
रा.नि./ह.प.
द्वारा कब्जा
हटाकर पालन
प्रतिवेदन
प्रस्तुत
किया गया। जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट अनुसार। (ख) उत्तरांश
'क' के
अनुसार।
देवस्थानों/धर्मस्थलों
के संरक्षण, मरम्मत
एवं सुविधा
[धार्मिक
न्यास और
धर्मस्व]
183.
( क्र. 1426 ) श्री
महेन्द्र
नागेश : क्या राज्य
मंत्री, धार्मिक
न्यास और
धर्मस्व
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
गोटेगाँव
विधानसभा
क्षेत्र के
अंतर्गत
स्थित
पंजीकृत एवं
अपंजीकृत
देवस्थानों/धर्मस्थलों
के संरक्षण, मरम्मत
तथा सुविधा
उन्नयन हेतु
विभाग द्वारा
किए जाने वाले
कार्यों में
कुछ स्थल
विभागीय
अभिलेख में
अद्यतन दर्ज
नहीं हैं? यदि हाँ, तो क्षेत्र
के विभागीय
अभिलेख में
दर्ज देवस्थानों/धर्मस्थलों
की वर्तमान
संख्या कितनी
है? (ख) पिछले तीन
वर्षों में
किन-किन
स्थलों पर
संरक्षण/मरम्मत
अथवा सुविधा
उन्नयन के
कार्य स्वीकृत
अथवा संपादित
किए गए हैं? (ग) क्या
आगामी अवधि
में गोटेगाँव
विधानसभा क्षेत्र
के किसी नए
देवस्थान/धर्मस्थान
के विकास अथवा
सुविधा
विस्तार से
संबंधित
प्रस्तावों
पर विभाग
द्वारा विचार
किया जा रहा
है?
राज्य
मंत्री, धार्मिक
न्यास और
धर्मस्व (
श्री
धर्मेन्द्र
भाव सिंह लोधी
) : (क) जिले
से प्राप्त
जानकारी
अनुसार
गोटेगाँव
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत शासन
संधारित
देवस्थानों/मंदिरों
की संख्या 'निरंक' है। (ख) एवं
(ग) उत्तरांश
'क' के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न उद्भूत
नहीं होता है।
पर्यटन
स्थलों के
विकास एवं
आधारभूत
सुविधाओं का
उन्नयन
[पर्यटन]
184.
( क्र. 1427 ) श्री
महेन्द्र
नागेश : क्या राज्य
मंत्री, पर्यटन
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
गोटेगाँव
विधानसभा
क्षेत्र के
अंतर्गत
स्थित प्रमुख
पर्यटन
स्थलों पर
आधारभूत सुविधाओं
(सड़क पहुँच, पार्किंग, पेयजल, शौचालय, सूचना
पट्ट आदि) के
उन्नयन तथा
पर्यटकीय
गतिविधियों
के
सुदृढ़ीकरण
हेतु विभाग
द्वारा कोई
पृथक योजना
तैयार की गई
है? यदि
हाँ, तो
विभाग द्वारा
प्रस्तावित
प्रमुख
कार्यों का
विवरण क्या है? (ख) इन
कार्यों के
लिए अनुमानित
व्यय तथा
समय-सीमा क्या
निर्धारित की
गई है? (ग) यदि नहीं, तो
गोटेगाँव
क्षेत्र के
पर्यटन
स्थलों को विकसित
करने हेतु विभाग
द्वारा
भविष्य में
क्या कदम उठाए
जाना प्रस्तावित
है?
राज्य
मंत्री, पर्यटन (
श्री
धर्मेन्द्र
भाव सिंह लोधी
) : (क) जी
नहीं। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख) उत्तरांश
''क'' अनुसार।
(ग) वर्तमान
में बताया
जाना संभव
नहीं है।
भवन
विहीन शालाओं
के निर्माण हेतु
बजट का
प्रावधान
[स्कूल
शिक्षा]
185.
( क्र. 1428 ) श्रीमती
अर्चना
चिटनीस : क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
स्कूल शिक्षा
विभाग द्वारा
बुरहानपुर जिले
के भवन विहीन
प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल
और हायर
सेकेण्डरी
स्कूल के
भवनों के
निर्माण हेतु
आगामी बजट में
प्रावधान
किया गया है? यदि हाँ, तो
बुरहानपुर
जिले की भवन
विहीन शालाओं
के निर्माण
हेतु राशि कब
तक किन-किन
स्कूलों के
भवनों के
निर्माण हेतु
स्वीकृत की
जाएगी? यदि नहीं
तो कारण
स्पष्ट करें। (ख)
क्या जिला
बुरहानपुर
में कितनी
शालाओं के भवन
जर्जर अवस्था
में है तथा
कौनसी
प्राथमिक, माध्यमिक, हाईस्कूल
और हायर
सेकेण्डरी
स्कूल अन्य
भवनों में
संचालित हो
रही है? यदि हाँ, तो आगामी
बजट में भवन
निर्माण हेतु
राशि कब तक
स्वीकृत की
जाएगी? यदि नहीं
तो कारण
स्पष्ट करें। (ग)
क्या विभाग
द्वारा
बुरहानपुर
जिले की कितनी
शालाओं के
शाला प्रारंभ
होने से आज
दिनांक तक भवन
निर्माण हेतु
राशि स्वीकृत
नहीं की गई है? यदि हाँ, तो भवन
निर्माण हेतु
राशि कब तक
स्वीकृत की जाएगी? (घ) क्या
बुरहानपुर
जिले की
नेताजी
सुभाषचंद्र बोस
बालिका
छात्रावास
राजपुरा, निजामुद्दीन
तथा हाईस्कूल
ग्राम खारी, हाईस्कूल
ग्राम खामला, हाईस्कूल
आदिलपुरा के
भवन निर्माण
हेतु आगामी
बजट में राशि
स्वीकृत की
जाएगी? यदि नहीं
तो कारण
स्पष्ट करें।
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) प्रश्नाधीन
जिला अंतर्गत
भवन विहीन
प्राथमिक एवं माध्यमिक
शालाओं में
पढ़ने वाले
छात्र-छात्राओं
को पढ़ाने
हेतु उपलब्ध
पंचायत भवन, निजी भवन, आंगनबाड़ी
भवन एवं अन्य
उपलब्ध भवनों
में पढ़ाने की
व्यवस्था है।
इन स्कूलों
में विद्यार्थी
नामांकन के
आधार पर
आवश्यकतानुसार
नवीन भवन
निर्माण
कार्य बजट की
उपलब्धता तथा
सक्षम समिति
की स्वीकृति
पर निर्भर
करता है। प्रश्नाधीन
जिला अंतर्गत
कोई शासकीय
हाईस्कूल/हायर
सेकेण्डरी
भवन विहीन
नहीं है। अत:
शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख) प्राथमिक
एवं माध्यमिक
शालाओं की जानकारी संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। हाई स्कूल
एवं हायर
सेकेण्डरी
की जानकारी
निरंक है। भवन
निर्माण
कार्य बजट की
उपलब्धता तथा
सक्षम समिति
की स्वीकृति
पर निर्भर
करता है। अत:
शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) प्रश्नाधीन
जिला अंतर्गत
शासकीय
प्राथमिक
शाला सलीमनगर
एवं
मोहम्मदपुरा
शाला में शाला
प्रारंभ होने
से आज दिनांक
तक भवन निर्माण
हेतु राशि
स्वीकृत नहीं
की गई है। भवन
निर्माण
कार्य बजट की
उपलब्धता तथा
सक्षम समिति की
स्वीकृति पर
निर्भर करता
है। अतः
समय-सीमा बताया
जाना संभव
नहीं है। (घ) भवन
निर्माण
कार्य
स्वीकृति बजट
की उपलब्धता
तथा सक्षम
समिति की
स्वीकृति पर
निर्भर करता
है।
क्षतिग्रस्त
बैराजों का
मरम्मत कार्य
[जल संसाधन]
186.
( क्र. 1430 ) श्रीमती
अर्चना
चिटनीस : क्या जल
संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
जिला
बुरहानपुर
केला/गन्ना
उत्पादक क्षेत्र
के लिए
करोड़ों रूपए
से निर्मित
बैराज अतिवृष्टि
से
क्षतिग्रस्त
हुए है? यदि हाँ, तो क्या
मरम्मत के
अभाव में वर्ष
2023-24,
2024-25 व 2025-26 कितने
टी.ए.ए.सी. जल
व्यर्थ बह गया
है? यदि
हाँ, तो
विभाग को
कितने बैराज
के मरम्मत के
लिए विभागीय
कार्ययोजना-डीपीआर
प्राप्त हुई
है तथा बैराज
मरम्मत हेतु
विभाग द्वारा
स्वीकृत कार्यवाही
सुनिश्चित की
गई? यदि
हाँ, तो
स्वीकृति का
ब्यौरा
उपलब्ध
कराएं। यदि नहीं
तो कारण
स्पष्ट करें। (ख)
क्या विभाग आगामी
वित्तीय बजट
में जिला
बुरहानपुर के
बैराज मरम्मत
हेतु विभागीय
कार्ययोजना-डीपीआर
पर स्वीकृति
हेतु आवश्यक
प्रावधान
करेगा?
जल
संसाधन
मंत्री ( श्री
तुलसीराम
सिलावट ) : (क) अतिवर्षा
के कारण कुल 09
बैराज
क्षतिग्रस्त
हुए थे एवं
संरचना
क्षतिग्रस्त
होने से पूर्ण
क्षमता
अनुसार जल
भराव नहीं हो
सका। 04 बैराजों
का मरम्मत
कार्य वर्ष 2024-25
में पूर्ण करा
दिया गया है
एवं तीन
बैराजों
जिनकी जल भराव
क्षमता 1.463
मि.घ.मी. के
मरम्मत कार्य
की स्वीकृति
हेतु डीपीआर
विभागीय स्तर
पर
परीक्षणाधीन
है। शेष 02
बैराज
फोपनारकला
एवं कालूशाह
बाबा बैराज
तकनीकी
परीक्षण
अनुसार मरम्मत
योग्य नहीं
होना
प्रतिवेदित
है। (ख) प्रशासकीय
स्वीकृति
प्राप्त
योजनाओं के
लिए आवश्यक
प्रावधान बजट
में किया जाता
है।
अतिथि
शिक्षक के स्कोर
कार्ड
[स्कूल
शिक्षा]
187.
( क्र. 1438 ) श्री जगन्नाथ
सिंह रघुवंशी
: क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि क्या
अतिथि
शिक्षकों के
स्कोरकार्ड
में स्नातक
की डिग्री के
प्रतिशत के
आधार पर अंक
दिये जाते है
यदि हाँ, तो पुरानी
वर्षवार
शिक्षण नीति
में समस्त
छात्रों की
औसत प्रतिशत 50 और इससे कम
रहती थी और
नवीन सेमेस्टर
प्रणाली में
छात्रों की
औसत प्रतिशत 70 और इससे
अधिक रहती है।
क्या शिक्षा विभाग
अतिथि शिक्षकों
के स्कोर
कार्ड में
पुरानी
वर्षवार
शिक्षण प्रणाली
के अतिथियों
को विशेष अंक
प्रदाय करके
न्याय देगा।
यदि हाँ, तो कब तक?
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : जी
हाँ। अतिथि
शिक्षकों के
स्नातक स्तर
पर प्राप्तांकों
के आधार पर ही
स्कोर कार्ड
जनरेट करने का
प्रावधान है।
ऐसा कोई
प्रस्ताव
विचाराधीन नहीं
है। शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
निजी
अस्पतालों व
रिसर्च सेंटर
की जानकारी
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
188.
( क्र. 1446 ) श्री चैन
सिंह वरकड़े : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) जबलपुर
संभाग के
समस्त जिलों
में संचालित
निजी
अस्पतालों व
रिसर्च सेंटर
की संख्या, शासन
द्वारा
संचालन हेतु
तय
नियमानुसार
मानकों सहित
अनुमति एवं संचालन
का स्थान उनके
संचालकों की
नियमानुसार
योग्यता
अर्हता संबंधी
जानकारी
उपलब्ध
करायें। (ख) उक्त
समस्त से
संबंधित
विभागीय
निरीक्षण समितियों
के
प्रतिवेदनों
सहित
निरीक्षण
समिति
सदस्यों के नाम सहित
संपूर्ण
जानकारी उपलब्ध
करायें।
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) जबलपुर
संभाग के समस्त
जिलों में
संचालित निजी
अस्पतालों व
रिसर्च सेंटर
की संख्या, नियमानुसार
मानक सहित
अनुमति, संचालन का
स्थान तथा
संचालकों की
योग्यता अर्हता
संबंधी जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र- ''अ'' अनुसार। (ख) उक्त
समस्त
संबंधित
विभागीय
निरीक्षण
समितियों के
प्रतिवेदन व
निरीक्षण
समिति सदस्यों
की नामवार जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-''ब'' अनुसार।
विकासखण्ड
स्त्रोत
समन्वयक की
नियुक्ति
[स्कूल
शिक्षा]
189.
( क्र. 1455 ) श्री
सुरेन्द्र
सिंह हनी बघेल
: क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) जनपद
शिक्षा
केन्द्र
कुक्षी
वर्तमान में
विकासखंड
स्रोत
समन्वयक कब से
कार्यरत है? क्या इनका
तीन वर्ष की प्रतिनियुक्ति
का समय भी
समाप्त हो
चुका है? (ख) प्रश्नांश
(क) के अनुसार
यदि हाँ, तो इस पद पर
तीन वर्ष
पश्चात भी
पदस्थ क्यों कर
रखा है? कारण
बताएं। (ग) प्रश्नांश
(क) उल्लेखित
के कार्यकाल
में राज्य
शिक्षा
केन्द्र
भोपाल द्वारा
विभिन्न मदों
में जमा की गई
राशि वित्तीय
वर्ष 2022 से
वर्तमान
वित्तीय वर्ष 2025-26 के समस्त
बिल अनुसार
भुगतान की
छायाप्रति उपलब्ध
करवाएं। (घ) क्या
इनके
कार्यकाल के
समस्त बिलों
की जांच, जिन
फर्मों को
भुगतान किया
गया है, क्या वह
फर्म जी.एस.टी.
रजिस्टर्ड
फर्म है या
नहीं, क्या
उसकी भी जाँच
करवाई गई? हाँ या
नहीं? यदि
हाँ, तो
उसकी
छायाप्रति
उपलब्ध
कराएं। यदि
नहीं तो जांच
कब तक करवाई
जाएगी? समय-सीमा
बताएं।
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) एवं (ख) जनपद
शिक्षा
केन्द्र
कुक्षी में 19.10.2022
से विकासखण्ड स्रोत
समन्वयक, के पद पर
प्रतिनियुक्ति
पर पदस्थ है।
दिनांक 18.10.2025 को
तीन वर्ष
पूर्ण हो चुके
है।
प्रतिनियुक्ति
की अवधि 04 वर्ष
होती है।
शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) एवं
(घ) राज्य
शिक्षा
केन्द्र
भोपाल द्वारा
विभिन्न मदों
में जमा राशि
के वित्तीय
वर्ष 2022 से
वित्तीय वर्ष
2024-25 तक के
देयकों का भुगतान
किया गया है।
बिलों की
छायाप्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट अनुसार
है एवं
वित्तीय वर्ष
2025-26 के देयकों
का भुगतान किया
जाना शेष है।
जी नहीं।
शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
ई-रिक्शा
वाहनों के
अनियंत्रित
संचालन
[परिवहन]
190.
( क्र. 1462 ) डॉ. अभिलाष
पाण्डेय : क्या
परिवहन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) विधानसभा
प्रश्न 1419 दिनांक 30.07.2025 के उत्तर
में बताया था
कि जबलपुर में
ई-रिक्शा
वाहनों की कलर
कोडिंग की गई
है तो बताएं दिनांक
30.07.2025 की स्थिति
में जबलपुर
शहर में कुल
कितने ई-रिक्शा
वाहनों को कलर
कोडिंग एवं
नंबरिंग की गई
थी तथा उस समय
कुल कितने
ई-रिक्शा वाहन
वास्तविक रूप
से शहर में
संचालित थे, कृपया
जोनवार विवरण
सहित जानकारी
दें एवं यह भी
बताएं की
धरातल पर
प्रश्न
दिनांक की
स्थिति में
क्या कलर
कोडिंग
फार्मूला संचालित
है अथवा केवल
कागजों में ही
शेष है? वर्तमान
में जिला
जबलपुर में
कुल कितने
ई-रिक्शा वाहन
पंजीकृत हैं? इनमें से
कितने कलर
कोडिंग धारी
है? (ख) क्या अनेक
ई-रिक्शा चालक
बिना वैध
लाइसेंस के बिना
ही वाहन चला
रहे हैं? गत 6 माह में
ऐसे चालकों पर
कितनी
कार्यवाही की
गई है? संख्या
बताएं एवं
इनमें से
कितनों के
विरुद्ध चालानी
कार्यवाही की
गई? जिनकी
चालानी
कार्रवाई की
गई उनमें से
कितनों ने वैध
लाइसेंस
बनवाया है एवं
कितने अभी भी बिना
वैध लाइसेंस
के वाहनों का
संचालन कर रहे
हैं? कितनों
के लाइसेंस
सत्यापित हैं? (ग) वर्तमान
में जिला
जबलपुर में
कुल कितने
व्यावसायिक
(कमर्शियल)
वाहन – चाहे
वह परिवहन, मालवाहक
या यात्री
वाहन हों – पंजीकृत
हैं एवं उनके
संचालन हेतु
कितने चालक
वैध परिवहन
(बैज) लाइसेंस
धारक हैं? (घ) क्या
विभाग द्वारा
यह सुनिश्चित
करने हेतु कोई
विशेष
सत्यापन या
प्रशिक्षण
अभियान चलाया
जा रहा है कि
सभी संचालित
व्यावसायिक
वाहन चालक वैध
एवं
प्रशिक्षित हों? यदि नहीं
तो क्या
भविष्य में
कोई विशेष
अभियान चलाने की योजना
पर विचार किया
जाएगा?
परिवहन
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) दिनांक 30.07.2025
की स्थिति में
जबलपुर शहर
में कुल 4815 ई-रिक्शा
वाहनों को कलर
कोडिंग एवं
नंबरिंग की गई
थी। जिला
जबलपुर में
ई-रिक्शा के
व्यवस्थित
संचालन हेतु
इनको 03 जोनों
में बांटा गया
था। जबलपुर
में यातायात
के तीन थानों
क्रमशः यातायात
मालवीय चौक, यातायात
गढ़ा, यातायात
घमापुर है
इन्हीं के
अनुरूप
ई-रिक्शा को 03
जोन में
विभाजित कर
अलग-अलग कलर
में नंबरिंग
की गई थी।
|
जोन |
कलर
कोडिंग की गई
ई-रिक्षा की
संख्यात्मक
जानकारी |
|
याता.
मालवीय चौक |
1535 |
|
याता.
गढा |
1580 |
|
याता.
घमापुर |
1700 |
वर्तमान
में
क्षेत्रीय
परिवहन कार्यालय, जबलपुर
में कुल 10,004
ई-रिक्शा वाहन
पंजीकृत हैं। वर्तमान
में कलर
कोडिंग
फॉर्मूला
संचालित नहीं
है। (ख) ऐसे ई-रिक्शा
चालकों जिनके
द्वारा
ट्रैफिक
नियमों की
अनदेखी, लाइसेंस
की कमी या
यातायात
नियमों का
उल्लंघन करते
है उन पर
निरंतर मोटर
व्हीकल एक्ट
के प्रावधानों
के अनुरूप
कार्यवाही की
जाती है। यातायात
पुलिस द्वारा
01 जनवरी 2025 से
प्रश्न
दिनांक तक
ई-रिक्शा के
विरूद्ध की गई
चालानी
कार्यवाही
में कुल 1027
चालान किये
जाकर उनसे राशि
रूपये 5,00,100/- एवं
गत 06 माह में
बिना वैध
लाईसेंस के
वाहन चला रहे
ई-रिक्शा चालकों
के कुल 07 चालान
बनाये जाकर
उनसे राशि रूपये
7000/- का शमन शुल्क
प्राप्त किया
गया। यातायात पुलिस
द्वारा की गई
चालानी
कार्यवाही के
कारण
क्षेत्रीय
परिवहन
कार्यालय, जबलपुर
में 377 चालकों
द्वारा
लाइसेंस
बनवाए गए हैं
जबकि उक्त
कार्यालय में
10004 ई-रिक्शा पंजीकृत
हैं। जिनके
विरुद्ध
चालानी
कार्यवाही हुई
है उनके
द्वारा बनवाए
गए लायसेंस की
जानकारी दी
जाना संभव
नहीं है।
क्षेत्रीय
परिवहन कार्यालय
जबलपुर
द्वारा जारी
समस्त लाइसेंस
सत्यापित
हैं। (ग) क्षेत्रीय
परिवहन
कार्यालय, जबलपुर
में 69,288
व्यावसायिक
(कमर्शियल) वाहन
पंजीकृत हैं
तथा 2,640 वैध
परिवहन (बैज)
लाइसेंस धारक
हैं। (घ) जी
नहीं, परिवहन
विभाग द्वारा
व्यावसायिक
वाहन चालकों
को
प्रशिक्षित
किए जाने के
कोई प्रावधान
नहीं हैं, राज्य
सरकार द्वारा
मान्यता
प्राप्त किसी
भी संस्था से
प्रशिक्षण
प्राप्त किया
जा सकता है।
अपितु परिवहन
विभाग द्वारा
समय-समय पर
वाहन चेकिंग
अभियान चलाया
जाता है जिसके
दौरान वैध चालक
लाइसेंस न
होने पर
संबंधित के
विरुद्ध चालानी
कार्यवाही की
जाती है।
सा.प्रा.वि.
के आदेशों की
अवहेलना
[स्कूल
शिक्षा]
191.
( क्र. 1471 ) श्री
जयवर्द्धन
सिंह : क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे कि
(क) प्रश्नकर्ता
के कितने पत्र
जनवरी 2023 से प्रश्न
दिनांक तक
प्रमुख सचिव
स्कूल शिक्षा
विभाग, आयुक्त
लोक शिक्षण
कार्यालय, भोपाल को
प्राप्त हुये
है? पत्रों
पर सा.प्र.वि.
के आदेश
क्रमांक एफ 19-76/2007/1/4 भोपाल दिनांक
22.3.2011 में
उल्लेखित
पांचों
बिन्दुओं एवं
परिशिष्टों (1, 2) के पालन
क्या
कार्यवाही की
गई? संबंधित
अधि./कर्म. का
नाम, पदनाम, कार्यालयीन
अभिलेखों/नोटशीटों/पत्रों/नियमों
की प्रति सहित
बतायें? (ख) क्या
पत्र पर कृत
कार्यवाही से
प्रश्नकर्त्ता
को संपूर्ण जानकारी
उपलब्ध करा दी
गई? यदि
नहीं तो
उपरोक्त
सा.प्र.वि. के
आदेश के बिन्दु
क्र. 5 के
अन्तर्गत
संबंधित
अधिकारी/कर्मचारी
की जबावदेही
निर्धारित
करते हुये
उनके विरूद्ध आचरण
या सेवा के
नियमों के
अधीन अवचार
समझा जाकर
अनुशासनात्मक
कार्यवाही कर
निलंबन किया गया? यदि नहीं
तो क्यों? कब तक
जानकारी
उपलब्ध कराई
जायेगी? (ग) मुख्य
सचिव
कार्यालय का
पत्र क्र. 1244/वि.क.अ./मु.स./2025 दिनांक 26/8/2025 जो सचिव
स्कूल शिक्षा
विभाग को भेजा
गया था, उस पर कब और
क्या
कार्यवाही की
गई? (घ) पार्षद
वार्ड नं. 14, बाड़ी
जिला रायसेन
का पत्र आपके
कार्यालय में
आवक दिनांक 11/8/25 एवं जसवंत सिंह
बाड़ी का पत्र
आपके
कार्यालय में 07.12.23 में
प्राप्ति
उपरांत कब और
क्या
कार्यवाही की
गई?
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क)
जानकारी पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट-''एक'' एवं ''दो'' अनुसार है। (ख) उत्तरांश
'क' अनुसार।
(ग) एवं (घ)
जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-
''एक'' अनुसार है।
ट्रस्ट
के कूटरचित
दस्तावेजों
के आधार पर
अनुमति
[राजस्व]
192.
( क्र. 1472 ) श्री
जयवर्द्धन
सिंह : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) कार्या.
तहसीलदार
परगना (आरोन), गुना के
पत्र क्र./री-1/2025/77 दिनांक 2/5/25 संयुक्त
जांच
प्रतिवेदन के
बिन्दु 05 एवं प्रश्नकर्त्ता
के प्रश्न 3575 उत्तर
दिनांक 17/3/22 के प्रश्नांश
(क) के उत्तर
में
विरोधाभाव
क्यों है? (ख) क्या
प्रश्नांश (क)
के
प्रतिवेदन
एवं प्रश्न 3575 के प्रश्नांश
"ग" के उत्तर
के अनुरूप
ट्रस्ट
द्वारा निर्माण
कार्य कराया
जाना विधि
अनुरूप है? प्रतिवेदन
के बिन्दु 8 का
अनुपालन
सुनिश्चित
हुआ है? क्या
कूटरचित
दस्तावेजों
के आधार पर
ट्रस्ट द्वारा
निर्माण की
अनुमति/दुकानों
की लग. 60-70
लाख में
नीलामी, भूमि के
नामातंरण के
बगैर भूमि
आवंटन, ट्रस्टियों
का प्रकरण
व्यवहार जिला
न्यायाधीश
में प्रचलित
होने ट्रस्ट
के संचालन की
जांच कराई
जायेगी? यदि नहीं
तो क्यों
स्पष्ट करें? मार्च 2022 से प्रश्न
दिनांक तक
ट्रस्ट की
समस्त बैठकों
एवं पत्र
व्यवहार की
पंजी, बैंक
खाते के
स्टेटमेन्ट
की प्रति दें।
(ग) प्रश्नकर्त्ता
का क्रमशः
पत्र 1111, 532
दिनांक 30/10/25, 29/1/24 जो
कलेक्टर/एसडीएम
राघौगढ़ को
प्रेषित किये गये? पत्र पर
सा.प्र.वि. के
आदेश क्रमांक
एफ-19-76/2007/1/4
भोपाल दिनांक 22/3/2011 में
उल्लेखित
पांचों
बिन्दुओं एवं
परिशिष्टों (1, 2) का पालन
सुनिश्चित कर
कार्यवाही की
गई?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) तहसीलदार
आरोन के
प्रतिवेदन
अनुसार दोनों
उत्तर में कोई
विरोधाभाव
नहीं है (ख) बिंदु
क्र. 05 के
अनुपालन में
माननीय उच्च
न्यायालय
खण्डपीठ
ग्वालियर में
प्रकरण क्रमांक
WP
17567/2024
नाथूलाल सोनी
अन्य विरुद्ध
सनातन धर्म मण्डल
आरोन के संबंध
में प्रकरण
प्रचलित है। जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
अनुसार है। (ग) उक्त
प्रकरण में
अनुविभागीय
अधिकारी
राघौगढ़ स्तर
पर कार्यवाही
प्रचलित है।
मध्यप्रदेश
में 108 एम्बुलेंस
की स्थिति
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
193.
( क्र. 1480 ) श्री आशीष
गोविंद शर्मा
: क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) मध्यप्रदेश
में 108 एम्बुलेंस
की संख्या
प्रश्न
दिनांक तक
कितनी है? प्रदेश
में प्रतिदिन
मरीज
परिवहनों की
संख्या लगभग
कितनी होती है? मरीजों को 108 एम्बुलेंस
के माध्यम से
निजी अस्पतालों
तक छोड़ने के
क्या नियम है? (ख) प्रदेश
में वर्ष 2024-25 से प्रश्नांश
दिनांक तक अस्पतालों
में कितने
मरीजों को
पहुंचाया गया? क्या एम्बुलेंस
में जीवन
रक्षक दवाएं
और मशीनें
मौजूद होती
हैं? यदि
हाँ, तो
क्या ये
आदर्श स्थिति
में होती है? क्या स्टॉफ
को प्रशिक्षण
दिया गया है? यदि हाँ, तो क्या
स्टॉफ
द्वारा CPR, अन्य
उपचार
आपातकालीन
स्थिति में
देने के लिए
सक्षम है? (ग) सरकार
प्रतिवर्ष इस
सुविधा पर
कितना पैसा खर्च
कर रही है? क्या
वाहनों की
संख्या को
बढ़ाने पर
विचार करेगी? (घ) 108 एम्बुलेंस
के खराब होने
या दुर्घटना
ग्रस्त होने
पर इनके स्थान
पर नवीन वाहन
देने की क्या
व्यवस्था
है? वर्तमान
में प्रदेश
में कितनी 108 एम्बुलेंस
खराब या बंद
पड़ी है?
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) मध्यप्रदेश
में 108 एम्बुलेंस
की संख्या
वर्तमान में 1002
है। प्रदेश
में 108 एम्बुलेंस
से प्रतिदिन
औसतन 3595 रोगियों/मरीजों
का परिवहन
किया जाता है।
मरीजों को 108
एम्बुलेंस
के माध्यम से
निजी अस्पतालों
तक छोड़ने के
नियम की जानकारी
संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) प्रदेश
में वर्ष 2024-25 से
प्रश्नांश
दिनांक तक अस्पतालों
में 2081433 मरीजों
को 108 एम्बुलेंस
से पहुंचाया
गया। जी हाँ।
जी हाँ। जी
हाँ। जी हाँ। (ग)
वर्तमान में
इस सुविधा पर
प्रतिवर्ष
औसतन 172.81 करोड़
का व्यय होता
है। भारत
सरकार के 108
परिवहन के तय
मानक अनुसार
प्रति 05 लाख
जनसंख्या पर
01
ALS तथा
प्रति लाख
जनसंख्या पर
01
BLS अनुरूप
प्रदेश में
पर्याप्त
संख्या में 108
एम्बुलेंस
संचालित है।
अत: वाहनों की
संख्या
बढ़ाने की कोई
वर्तमान में
योजना नहीं
है। (घ) 108
सेवाप्रदाता
संस्था JAES के साथ
निष्पादित
अनुबंध की
शर्त अनुसार
वर्तमान में
प्रदेश में
संचालित कुल 108
एम्बुलेंस
वाहनों में से
अधिकतम 10
प्रतिशत एम्बुलेंस
वाहनों को
खराब होने या
दुर्घटनाग्रस्त
होने पर
रिपेयर/मेंटिनेंस
हेतु ऑफरोड
रखे जाने का
प्रावधान है।
वर्तमान में
प्रदेश में कुल
130 एम्बुलेंस
रिपेयर/मेंटिनेंस
हेतु ऑफरोड
है।
जनजातियों
को योजनाओं
द्वारा
लाभान्वित
[जनजातीय
कार्य]
194.
( क्र. 1481 ) श्री आशीष
गोविंद शर्मा
: क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) केन्द्र
सरकार द्वारा
प्रारम्भ में
धरती आबा
योजना के
अन्तर्गत मध्य
प्रदेश में
कुल कितनी
जनजाति
बाहुल्य तहसील
एवं गाँवों को
सम्मिलित
किया गया है? प्रदेश
में सम्मिलित
जनजाति वाले
गाँव की संख्या, तहसील का
नाम एवं
योजनाओं में
क्या-क्या लाभ
दिया जाना है? (ख) मध्य
प्रदेश के
देवास जिले के
कितने गाँव को
धरती आबा
योजना के अन्तर्गत
लाभान्वित
किया जाना है? इस योजना
के तहत गांव
में पक्की
सड़क, पेयजल
व्यवस्था
एवं बिजली की
सुविधा हेतु
सर्वे की विस्तृत
जानकारी
देवें। (ग) क्या
खातेगांव
विधानसभा
क्षेत्र में
मजरा-टोला
सड़क 24
घंटे विद्युत
व्यवस्था, सामुदायिक
भवन, छात्रावास
हेतु सर्वे
किया गया है? यदि हाँ, तो
जानकारी
उपलब्ध
करायें।
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) : (क) केन्द्र
सरकार द्वारा
धरती आबा
जनजातीय
ग्राम उत्कर्ष
अभियान
अंतर्गत
चयनित सूची
तहसीलवार न होकर
विकासखण्डवार
है, जिसमें
267 विकासखण्डों
में 11377 ग्रामों को
सम्मिलित
किया है।
योजना
अंतर्गत लाभ
दिये जाने की जानकारी
संलग्न परिशिष्ट -''अ'' अनुसार है। (ख) देवास
जिले के 135
ग्रामों को
धरती आबा
जनजातीय ग्राम
उत्कर्ष
अभियान से
लाभांवित
किया जाना है।
इस योजना के
तहत गांव में
पक्की सड़क, पेयजल व्यवस्था
एवं बिजली की
सुविधा हेतु
सर्वे की जानकारी
संलग्न परिशिष्ट-
''ब'' अनुसार है। (ग) खातेगांव
विधानसभा की जानकारी
संलग्न परिशिष्ट-''स'' अनुसार है।
निजी
भूमि से
अतिक्रमण
हटाया जाना
[राजस्व]
195.
( क्र. 1487 ) श्री
देवेन्द्र
पटेल : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) ग्राम
ककलपुरी, तहसील
रामपुर
बघेलान, जिला सतना
की आराजी क्र. 2854/1/1/6 में
वर्तमान में
कौन-कौन व्यक्ति
काबिज हैं? इस भूमि पर
क्या और किस
प्रकार के
किन-किन के निर्माण
हैं? (ख) अनुविभागीय
अधिकारी
(राजस्व)
रामपुर
बघेलान को
आवेदक गीता
मिश्रा पत्नी राजेन्द्र
मिश्रा
द्वारा
दिनांक 08-04-2025 को
प्रस्तुत
आवेदन पर
प्रश्न
दिनांक तक किस
स्तर से
क्या-क्या
कार्यवाही की
गई है? सम्पूर्ण
विवरण व
पत्राचार व
प्रतिवेदनों
की प्रतियां
उपलब्ध
करावें। (ग) अनुविभागीय
अधिकारी
(राजस्व)
रामपुर
बघेलान द्वारा
प्र.क.-48/अपील
2023-24 में पारित
आदेश दिनांक 30-05-2023 एवं अपर
आयुक्त लिंक
कोर्ट सतना के
प्र.क्र. 113/अपील/2023-24 में पारित
आदेश दिनांक 18-12-2023 का पालन न
किये जाने के
क्या कारण हैं? कब तक
अतिक्रामकों
से भूमि मुक्त
कराई जावेगी
और बेदखली की
कार्यवाही की
जावेगी? नहीं तो
क्यों?
राजस्व
मंत्री ( श्री
करण सिंह
वर्मा ) : (क) तहसील
रामपुर
बाघेलान
अंतर्गत
ग्राम ककलपुर की
आराजी नं. 2854/1/1/6 रकबा
0.804 हे. के मूल
आराजी नं. 2854 में
वर्तमान समय
में कुल 25
बटांक है और
नक्शा तरमीम न
होने की
स्थिति में यह
निर्धारित
नहीं किया जा
सकता कि आराजी
नं. 2854/1/1/6 मौके में
कहाँ पर है।
जिस स्थान पर
आराजी नं. 2854/1/1/6
भूमिस्वामी
गीता मिश्रा
पति
राजेन्द्र
मिश्रा
द्वारा अपना
मौके में
कब्जा का दावा
कर रहें है, उस स्थान
पर आराजी नं. 2854/1/1/1
रकबा 0.085 हे.
भूमिस्वामी
अयोध्या
प्रसाद पिता
शिवप्रसाद, 2854/1/1/2 रकबा
0.255 हे.
भूमिस्वामी
हनुमान
प्रसाद
पाण्डेय पिता
शिवप्रसाद
पाण्डेय, 2854/1/1/3 रकबा 0.255 हे.
भूमिस्वामी
कोपेन्द्र
पिता
शिवप्रसाद, 2854/1/1/4 रकबा 0.085 हे.
भूमिस्वामी
श्यामबिहारी
पिता
शिवप्रसाद के
द्वारा कब्जा
कर मौके से
श्यामबिहारी
पिता शिवप्रसाद
और अयोध्या
प्रसाद पक्का
मकान बनाकर
काबिज है। (ख) आवेदक
गीता मिश्रा
पत्नी राजेन्द्र
मिश्रा
द्वारा
प्रस्तुत
आवेदन दिनांक
08.04.2025 के बाद नायब
तहसीलदार
वृत्त मौहारी
कटरा द्वारा
गठित दल
दिनांक 24.04.2025 के
पालन में
दिनांक 25.08.2025 को
प्राप्त
प्रतिवेदन
एवं स्थल
पंचनामा
अनुसार
आवेदिका की
भूमि पर 30x12 फिट पर
ईंट की दीवार
में टीनशेड लगाकर
दुकान का
निर्माण किया
जा चुका है, उसी के
पीछे लगभग 35 x 30 पर पक्का
मकान एवं लगभग
40
x 25 फिट
में अन्य
पक्का मकान
निर्मित पाया
गया। दुकान व
उसके पीछे का
मकान
श्यामबिहारी
पाण्डेय और एक
अन्य पक्का
मकान 40 x 25 पर
अयोध्या
प्रसाद
पाण्डेय का
बताया गया है।
अनावेदकगण के
नाम ग्राम
ककलपुर में
आराजी नं. 2854/1/1/2 रकबा
0.255 हे., 2854/1/1/1 रकबा
0.085 हे., 2854/1/1/3 रकबा
0.255 हे., 2854/1/1/4
रकबा 0.085 हे. दर्ज
अभिलेख है और
वे मकान
निर्माण कर
मौके में
काबिज है। पत्राचार
व
प्रतिवेदनों
की प्रतियाँ पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट अनुसार। (ग) विषयांकित
अपील में
पारित आदेशों
के पश्चात्
नायब
तहसीलदार
वृत्त मौहारी
कटरा द्वारा
दिनांक 22.06.2024 को
गठित दल एवं
पुलिस बल की
उपस्थिति में
पालन कराने
में पाया गया
कि आराजी नं. 2854/1/1/1
भूमिस्वामी
अयोध्या
प्रसाद, 2854/1/1/2 भूमिस्वामी
हनुमान
प्रसाद
पाण्डेय, 2854/1/1/3
भूमिस्वामी
कोपेन्द्र, 2854/1/1/4
भूमिस्वामी
श्यामबिहारी
पाण्डेय सभी
के पिता
शिवप्रसाद
द्वारा कब्जा
कर मौके में
मकान निर्माण
कर निवासरत है
और नक्शा
तरमीम न होने
के कारण मौके
की स्थिति
नहीं हो पायी, जिससे
आराजी नं. 2854/1/1/6 की
स्थिति कहाँ
है। नक्शा
तरमीम न होने
के मूल कारण, मूल रकबा
से वर्तमान रकबा
में ज्यादा रकबा
होना पाया
गया। इसके
अलावा प्रकरण
में अनावेदकों
द्वारा
माननीय सिविल
न्यायालय के
समक्ष आर.सी.एस.ए.
122/2019 एवं माननीय
उच्च
न्यायालय
जबलपुर
द्वितीय अपील नं.
1455/2016 प्रकरण
विचाराधीन
होना बताया
गया, चूँकि
वादग्रस्त
आराजी एवं
पक्षकारों से
संबंधित
प्रकरण
माननीय उच्च
न्यायालय
जबलपुर एवं माननीय
सिविल
न्यायालय
अमरपाटन में
विचाराधीन है, ऐसी
स्थिति में
प्रकरण में
अंतिम
निराकरण तक आवेदक
को कब्जा
दिलाने की
कार्यवाही
स्थगित की गई
है।
मोटरयान
कर व शास्ति
की वसूली
[परिवहन]
196.
( क्र. 1488 ) श्री
देवेन्द्र
पटेल : क्या
परिवहन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क)
प्रदेश में JAES
PROJECTS (।)
प्रा. लि.
द्वारा
संचालित
एम्बुलेंस, संजीवनी, जननी
एक्सप्रेस
वाहनों से
मोटरयान कर व
शास्ति की
वसूली के
संबंध में
परिवहन आयुक्त
के पत्र क्र. 535/टीसी/2025 दिनांक 18/03/2025 एवं पत्र
क्र. 562/टीसी/2025 दिनांक 28/03/2025 के तारतम्य
में क्या उक्त संस्था से
वसूली कर ली
गई है? यदि
नहीं तो क्यों? यदि हाँ, तो कब-कब कितनी
राशि विभाग को
प्राप्त हुई
है बतावें। (ख) विधानसभा
अतारांकित
प्रश्न क्र. 743 मार्च, 2025 एवं
तारांकित
प्रश्र क्र. 2977 अगस्त 2025 में
उल्लेखित
बिन्दुओं पर
परिवहन व लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा विभाग
द्वारा उत्तर
दिनांक तक
क्या-क्या कार्यवाही
की गई है? सम्पूर्ण
विवरण दें? नहीं तो
क्यों? (ग) कार्यालय
परिवहन
आयुक्त, म.प्र.के
पत्र क्र. 3540/3590/कर/टीसी/2022 दिनांक 28/08/2022 व
राष्ट्रीय
स्वास्थ्य
मिशन के पत्र क्र. एनएचएम/RT/2022-23/5105 दिनांक 26/07/2022 के
तारतम्य में
क्या शासन
द्वारा उक्त सेवा
प्रदाता
कंपनी को
मोटरयान कर व
शास्ति में
छूट प्रदान
की है? यदि
हाँ, तो
किन नियमों व आदेशों के
तहत ऐसा किया
गया है? बतावें। (घ)
प्रश्न क्र. 2977 अगस्त 2025 के प्रश्नांश
(ख) के संबंध
में डायल 100 वाहनों के
टैक्स, बीमा और
फिटनेस के
संबंध में तथ्यात्मक
जानकारी दें।
परिवहन
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) जी नहीं।
संबंधित
संस्था को
मोटरयान कर व
शास्ति की
वसूली के
संबंध में
नोटिस जारी
किये गये हैं।
शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख) विधानसभा
अतारांकित
प्रश्न क्र. 743
मार्च, 2025 एवं
तारांकित
प्रश्न क्र. 2977
अगस्त 2025 में
उल्लेखित
बिन्दुओं पर
परिवहन व लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा विभाग
द्वारा उत्तर
दिनांक तक की
गयी कार्यवाही
का विवरण पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ग) जी
नहीं। शेषांश
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) प्रश्न
क्र. 2977 अगस्त 2025
के प्रश्नांश
(ख) के संबंध
में डायल 100
वाहनों के
टैक्स, बीमा और
फिटनेस के
संबंध में
संबंधित
कार्यालय
वरिष्ठ पुलिस
अधीक्षक
(रेडियो), पुलिस
दूरसंचार
मुख्यालय
भोपाल से
प्राप्त वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है।
खेलकूद
शिक्षक
श्रेणी ब को
उच्च पद का
प्रभार
[स्कूल
शिक्षा]
197.
( क्र. 1493 ) श्री
फूलसिंह
बरैया : क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) पूरे
प्रदेश में
कितने खेलकूद
शिक्षक श्रेणी
'ब' कार्यरत
हैं? संवर्ग
सहित जानकारी
दें। (ख)
ग्वालियर
संभाग में
अनुसूचित
जाति, अनुसूचित
जनजाति, पिछड़ा
वर्ग के कितने
खेलकूद
शिक्षक
श्रेणी 'ब' कार्यरत
हैं? वरिष्ठता
के क्रम में
सूची उपलब्ध
कराएं। (ग) म.प्र.
में खेलकूद
शिक्षक
श्रेणी 'ब' को
उच्च पद
प्रभार/पदोन्नति
से वंचित है, क्यों? कब तक
खेलकूद
शिक्षक
श्रेणी 'ब' को
लाभ दिया
जावेगा? जानकारी
दें।
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उदय प्रताप
सिंह ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट-''एक'' अनुसार। (ख)
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''दो'' अनुसार। (ग) भर्ती
नियम अनुसार
कार्यवाही की
जाती है।
वर्तमान में
पदोन्नति
प्रक्रिया स्थगित
है।
आदेश
की प्रति
[लोक
स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा]
198.
( क्र. 1494 ) श्री
फूलसिंह
बरैया : क्या उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) जिला
दतिया में
मुख्य
चिकित्सा एवं
स्वास्थ्य
अधिकारी
दतिया द्वारा 01.05.2025 से 31.10.2025 तक कितने
अधिकारी
(डॉक्टर) एवं
कर्मचारियों (संविदा
सहित) के
कार्य सुविधा
की दृष्टि से
एक स्थान से
दूसरे स्थान
पर
स्थानान्तरित
किये गये है? आदेशों की
प्रतियाँ संलग्न
करें। (ख) क्या
मुख्य
चिकित्सा एवं
स्वास्थ्य
अधिकारियों
को स्थानान्तरण
के अधिकार है, यदि हाँ, तो आदेश की
प्रति संलग्न
करें। यदि
अधिकार नहीं
है तो संबंधित
अधिकारी के
विरूद्ध
कार्यवाही की
जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
उप
मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) जिला
दतिया में
मुख्य
चिकित्सा एवं
स्वास्थ्य
अधिकारी
दतिया द्वारा
01.05.2025 से 31.10.2025 तक की
अवधि में 08
कर्मचारियों
का प्रभारी
मंत्रीजी के
अनुमोदन तथा 06
संविदा (एन.एच.एम.)
कर्मचारियों
को जिला
स्वास्थ्य
समिति के
अनुमोदन
उपरांत
स्थानांतरित
किया गया है।
आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-''अ'' अनुसार। (ख) सामान्य
प्रशासन
विभाग द्वारा
जारी स्थानांतरण
नीति दिनांक 29
अप्रैल 2025 जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-''ब'' अनुसार तथा राष्ट्रीय
स्वास्थ्य
मिशन द्वारा
जारी स्थानांतरण
संबंधी
निर्देश
दिनांक 21.05.2025 जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-''स'' अनुसार। सक्षम
स्तर से
अनुमोदन
उपरांत मुख्य
चिकित्सा एवं
स्वास्थ्य
अधिकारी
द्वारा
स्थानांतरण
आदेश जारी
करना
प्रावधानित
है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।