मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
जुलाई, 2024 सत्र
गुरुवार, दिनांक 04 जुलाई, 2024
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
बस
कंपनियों में
बसों के संचालन
की अद्यतन
स्थिति
[नगरीय विकास एवं आवास]
1. ( *क्र. 1368 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बी.सी.एल.एल., ए.आई.सी.टी.एस.एल. एवं जे.सी.टी.एस.एस. के गठन से प्रश्न दिनांक तक कुल कितनी चल-अचल संपत्ति है? इस संपत्ति के अतिरिक्त और कौन-कौन से आय के स्रोत हैं? कितनी राशि भारत सरकार से, राज्य सरकार से किस-किस प्रयोजन से कब प्राप्त हुई? प्राप्त राशि का उपयोग उपरांत उपयोगिता प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर दिया है, तो संपूर्ण जानकारी का पृथक गौशवारा मय दस्तावेजों के दें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में बी.आर.टी.एस. कॉरिडोर में बस स्टॉप के साथ दुकानों का निर्माण किया गया है? कुल कितनी दुकानें बनाई गईं, दुकानों का साईज क्या है? इन दुकानों को किसे किस दर पर कितनी अवधि के लिये किसी एजेन्सी विशेष को, अन्य किसे लीज, किराये या विक्रय किया गया है? अनुबंध की प्रति सहित संपूर्ण जानकारी का गौशवारा बनाकर बतायें। दुकानों की अद्यतन स्थिति क्या है? (ग) प्रश्नांश अवधि में कितनी-कितनी बसें किस शहर में संचालित हो रही हैं? बसों के संचालन के लिये कितनी निविदा आमंत्रित की गई? किन निविदाकारों से किस दर पर किस प्रकार की कितनी बसें, किस-किस मापदण्डों के आधार पर क्रय की गईं? कब-कब, कितना-कितना भुगतान किस माध्यम से किया गया? वर्षवार, शहरवार, एजेन्सीवार पृथक-पृथक गौशवारा बनाकर बतायें। (घ) प्रश्नांश अवधि में कितने प्रश्न किस माननीय सदस्यों के कब-कब प्राप्त हुये हैं? संपूर्ण प्रश्नों का गौशवारा बनाकर बतायें। विधानसभा में जवाब प्रस्तुत करने वालों, कार्यों के लिये किन्हें क्या जिम्मेदारी तीनों कंपनियों को सौंपी गई थी, उनके नाम, पदनाम, उत्तरदायित्व सौंपा गया था? तीनों कंपनियों में कितने संविदाकर्मी किस पद पर कब से कार्यरत हैं, उनका सेवाकाल कब-कब बढ़ाया गया? नाम, पदनाम, मानदेय सहित गौशवारा बनाकर बतायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
अनुसूचित जाति/जनजाति पंप धारक किसानों को नि:शुल्क विद्युत प्रदाय योजना
[ऊर्जा]
2. ( *क्र. 270 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश सरकार द्वारा अनुसूचित जाति/जनजाति के पंप धारक कृषि उपभोक्ताओं को नि:शुल्क विद्युत प्रदाय किए जाने की योजना वर्तमान में प्रचलन में होकर कृषकों को योजना अंतर्गत लाभ प्रदान किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो भोपाल एवं रायसेन जिले में वर्ष 2023 से योजना अंतर्गत नि:शुल्क विद्युत योजना का लाभ प्रदान करने में उपयोग में लाये गए कितने ट्रांसफार्मर जल गए तथा कितने जले ट्रांसफार्मरों को बदला गया? जले हुए ट्रांसफार्मरों को बदलने में कितने वाहनों का प्रयोग किया गया और उन वाहनों में कितना डीजल व्यय किया गया? (ग) प्रश्नांश "क एवं ख" के परिप्रेक्ष्य में ट्रांसफार्मर बदलते समय लाइट बंद एवं चालू करने में हुआ विलंब, एक से अधिक बार वितरण केन्द्र के अंतर्गत जलने वाले ट्रांसफार्मर की सूची मय कारणों के ट्रांसफार्मर जलने एवं बदलने की तिथि सहित संपूर्ण जानकारी से अवगत करावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, प्रदेश सरकार द्वारा अनुसूचित जाति एवं जनजाति के 01 हेक्टेयर तक की भूमि वाले 05 हॉर्स पावर तक के पंप धारक कृषि उपभोक्ताओं को नि:शुल्क विद्युत प्रदाय किये जाने की योजना वर्तमान में प्रचलन में है तथा उक्तानुसार पात्र कृषकों को योजनांतर्गत लाभ प्रदान किया जा रहा है। (ख) भोपाल जिले में वर्ष 2023 से दिनांक 10.06.2024 तक उक्त नि:शुल्क विद्युत प्रदाय योजना का लाभ प्रदान करने में उपयोग में लाये गए 14 वितरण ट्रांसफार्मर फेल/जले थे, जिन्हें बदल दिया गया है। रायसेन जिले में वर्ष 2023 से दिनांक 10.06.2024 तक उक्त नि:शुल्क विद्युत प्रदाय योजना का लाभ प्रदान करने में उपयोग में लाये गए 03 वितरण ट्रांसफार्मर फेल/जले थे, जिन्हें बदल दिया गया है। भोपाल एवं रायसेन जिलों के अंतर्गत फेल/जले ट्रांसफार्मर के बदलने हेतु पात्र होने एवं उनके बदलने का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' एवं ''ख'' अनुसार है। म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभाग द्वारा अनुबंधित वाहन का उपयोग कर फेल/जले वितरण ट्रांसफार्मर को बदला जाता है। अनुबंधित वाहन के देयक का भुगतान वाहन मालिक को विद्युत वितरण कंपनी के द्वारा किलोमीटर के आधार पर किया जाता है। वाहन में डीजल भरने की जिम्मेदारी वाहन मालिक की होती है, अत: योजना के ट्रांसफार्मर बदलने में हुई डीजल की खपत संबंधी जानकारी पृथक से संधारित नहीं हो पाती है। भोपाल एवं रायसेन जिलों में प्रश्नाधीन फेल/जले वितरण ट्रांसफार्मरों को बलदने के लिये क्रमश: 3 एवं 1, वितरण कंपनी द्वारा अनुबंधित वाहनों का उपयोग किया गया। (ग) उत्तरांश "क" एवं "ख" के परिप्रेक्ष्य में ट्रांसफार्मर बदलते समय लाईट बंद एवं चालू करने में हुए समय का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' एवं ''ख'' अनुसार है। भोपाल एवं रायसेन जिलों में वर्ष 2023 से दिनांक 10.06.2024 तक अनुसूचित जाति/जनजाति के 5 हॉर्सपावर तक के पंप धारक कृषि उपभोक्ताओं को नि:शुल्क विद्युत प्रदाय का लाभ प्रदान करने में उपयोग में लाये गये वितरण ट्रांसफार्मरों में से कोई भी वितरण ट्रांसफार्मर एक से अधिक बार नहीं जला है।
राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण
[लोक निर्माण]
3. ( *क्र. 1100 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन के प्रावधानों अनुसार राष्ट्रीय राजमार्ग समतल होना चाहिए? (ख) क्या नागपुर से जबलपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिवनी जिले अंतर्गत छपारा से बंजारी घाटी के मध्य दरारें पड़ गयी हैं? (ग) क्या उक्त राजमार्ग पर अनेक स्थानों पर किये गये पेच वर्क के कारण मार्ग अनेक जगह असमतल हो गया है, जिसके कारण आये दिन दुर्घटनाएं घटित हो रही हैं, फलस्वरूप बड़ी संख्या में जन-धन की क्षति हो रही है? (घ) यदि हाँ, तो क्या उक्त मार्ग ठेकेदार से समतल कराये जाने एवं दरारे भरने हेतु विभाग द्वारा लिखा गया है? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण कार्य आई.आर.सी. के मानकों अनुसार कराये जाते हैं। (ख) प्रश्नांकित मार्ग प्रमुख अभियंता, लो.नि.वि. के कार्यक्षेत्र अंतर्गत नहीं है, अपितु मार्ग भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण भारत सरकार से संबंधित है, उनसे प्राप्त उत्तर संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश 'ख' के उत्तर अनुसार।
अधिक बिजली बिल एवं विदयुत व्यवस्था में सुधार
[ऊर्जा]
4. ( *क्र. 1265 ) श्री भैरो सिंह बापू : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुसनेर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत अतिभारित किन-किन ग्रिडों पर वर्तमान में कितने-कितने एम.वी.ए. ट्रांसफार्मर की ओर आवश्यकता है? इस हेतु विभाग से प्राप्त मांग पत्र पर शासन द्वारा क्या-क्या स्वीकृति प्रदान की गई है? (ख) विधानसभा क्षेत्र के कई इलाकों में वोल्टेज ड्रॉप की समस्या तथा अघोषित बिजली कटौती से क्षेत्र के लोगों को काफी परेशानी का सामाना करना पड़ रहा है, इस लापरवाही का जिम्मेदार कौन है? अघोषित कटौती क्यों की जा रही है? (ग) सुसनेर विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में कितने स्थानों पर लाईनों में केबल डालना आवश्यक है तथा अतिभारित ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि कब तक की जावेगी? (घ) वर्तमान में बिजली बिल अत्यधिक राशि के दिये जाने का क्या कारण है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) वर्तमान में म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर अंतर्गत सुसनेर विधानसभा क्षेत्र में स्थापित कोई भी अति उच्चदाब एवं 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र (ग्रिड) अतिभारित नहीं है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र अंतर्गत पर्याप्त संख्या में 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र एवं अन्य विद्युत अधोसंरचना उपलब्ध है, जिससे प्रश्नाधीन क्षेत्र में पर्याप्त वोल्टेज पर आकस्मिक अवरोधों के कारण आए व्यवधानों को छोड़कर नियमानुसार कृषि प्रयोजन हेतु प्रतिदिन 10 घंटे एवं गैर कृषि प्रयोजन हेतु प्रतिदिन 24 घंटे गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय किया जा रहा है तथा किसी भी प्रकार की अघोषित विद्युत कटौती नहीं की जा रही है। उल्लेखनीय है कि विद्युत लाईनों/अधोसंरचना के रख-रखाव हेतु पूर्व निर्धारित शट-डाउन लेने तथा तकनीकी कारणों/प्राकृतिक आपदा से आये आकस्मिक व्यवधानों जैसी अपरिहार्य स्थिति के कारण कतिपय अवसरों पर विद्युत प्रदाय बाधित होता है, जिसमें आवश्यक रख-रखाव/सुधार कार्य कर विद्युत प्रदाय शीघ्र ही सुचारू कर दिया जाता है। विद्युत अधोसंरचना के आवश्यक रख-रखाव कार्य हेतु लिए जाने वाले शटडाउन की सूचना विद्युत उपभोक्ताओं को अखबार एवं अन्य माध्यमों से दी जाती है। अत: उक्तानुसार की जा रही कार्यवाही के परिप्रेक्ष्य में किसी के दोषी होने का प्रश्न नहीं उठता। (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र में 223 स्थानों पर विद्युत लाईनों के केबलीकरण का कार्य आवश्यक है, इस हेतु आर.डी.एस.एस. योजना के अंतर्गत 109 स्थानों पर केबलीकरण का कार्य स्वीकृत हुआ है। शेष स्थानों पर विद्युत लाइनों के केबलीकरण का कार्य आर.डी.एस.एस. योजना के द्वितीय चरण (सिस्टम मॉडर्नाईजेशन) में प्रस्तावित है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2022-23 से प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में कुल 47 अतिभारित वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि के कार्य किए गए हैं। वर्तमान में प्रश्नाधीन क्षेत्रांतर्गत 108 वितरण ट्रांसफार्मर अतिभारित हैं, जिनमें से 43 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि के कार्य एस.एस.टी.डी. योजना अंतर्गत स्वीकृत हैं, उक्त कार्यों को माह अक्टूबर, 2024 तक पूर्ण कर लिया जावेगा। शेष 65 अतिभारित वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि के कार्यों को आर.डी.एस.एस. योजना के द्वितीय चरण (सिस्टम मॉडर्नाईजेशन) में प्रस्तावित किया गया है, जिसकी स्वीकृति उपरांत कार्यों को शीघ्र पूर्ण किया जावेगा। (घ) विद्युत उपभोक्ताओं को उनके परिसर में स्थापित विद्युत मीटर में दर्ज विद्युत की वास्तविक खपत एवं म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश के तहत ही विद्युत देयक जारी किये जाते हैं। कतिपय प्रकरणों में किसी कारणवश त्रुटिपूर्ण विद्युत देयक जारी हो जाने पर विद्युत उपभोक्ता से आवेदन प्राप्त होने पर प्रकरण का नियमानुसार समुचित निराकरण किया जाता है।
वैध एवं अवैध कॉलोनी के दिशा-निर्देश
[नगरीय विकास एवं आवास]
5. ( *क्र. 964 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अवैध से वैध कॉलोनी हेतु शासन द्वारा क्या-क्या निर्देश जारी किए हैं? (ख) सुवासरा विधानसभा के नगरीय क्षेत्र में चिन्हित अवैध एवं वैध कॉलोनियों के वार्ड क्र., नगर का नाम, कॉलोनाईजर के नाम सहित पृथक-पृथक जानकारी देवें। (ग) शासन द्वारा सीतामऊ, शामगढ़, सुवासरा के नगरीय क्षेत्र में चिन्हित अवैध कॉलोनियों को वैध करने हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई है? वार्ड क्र., कॉलोनी, शहर के नाम सहित जानकारी देवें। (घ) शासन द्वारा उपरोक्त अवैध से वैध कॉलोनी होने पर इनके विकास हेतु कौन जवाबदेह होगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) अवैध से वैध कॉलोनी करने हेतु कोई निर्देश जारी नहीं किए गए हैं, अपितु नगरीय क्षेत्र में निर्दिष्ट अवधि के पूर्व अस्तित्व में आई चिन्हित अनधिकृत कॉलोनियों में नागरिक अधोसंरचना एवं भवन अनुज्ञा प्रदान करने के लिए म.प्र. नगर पालिका (कॉलोनी विकास) नियम, 2021 में प्रावधान किए गए हैं। (ख) अनधिकृत कॉलोनियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार एवं वैध कॉलोनियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) उत्तरांश ''क'' के अनुसार नगर पालिका के सक्षम प्राधिकारी अर्थात कलेक्टर मन्दसौर द्वारा म.प्र. नगरपालिका (कॉलोनी विकास) नियम, 2021 के अंतर्गत चिन्हित अनधिकृत कॉलोनियों में नागरिक अधोसंरचना एवं भवन अनुज्ञा प्रदान करने के लिए की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (घ) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है, यद्यपि म.प्र. नगरपालिका (कॉलोनी विकास) नियम, 2021 के अंतर्गत कार्यवाही पूर्ण होने पर अनधिकृत कॉलोनियों में नागरिक अधोसंरचना के विकास कार्य संबंधित स्थानीय नगरीय निकाय द्वारा कराए जायेंगे।
विद्युत लाईन एवं विद्युत आपूर्ति
[ऊर्जा]
6. ( *क्र. 626 ) श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगापुर विधान सभा के कई ग्रामीण क्षेत्रों के ग्राम कोटरा खेरा अनु.जाति बस्ती खुमानगंज, वार्ड नं. 7 लाल्ले अहिरवार के घर से खज्जू रैकवार के घर तक नगर परिषद बल्देवगढ़ एवं ग्राम पठाघाट में ज्वाला के कुंआ से छोटे लाल के कुंआ तक घरों वाली लाईन से जोड़े जाने तथा विद्युत मण्डल पलेरा, खरगापुर, बल्देवगढ़ में प्रश्नकर्ता द्वारा स्टीमेट हेतु एवं लाईन लगवाकर बिजली आपूर्ति हेतु प्रस्ताव पत्र संबंधित अधीक्षण अभियंता (सं./सं.)/कार्यपालन अभियंता (सं./सं.) को लिखे हैं? क्या वर्णित लाईनों के कार्य एवं प्रस्तावों के अनुसार लाईने लगवाने तथा आम जनता को बिजली आपूर्ति की व्यवस्था कब तक करा दी जावेगी? (ख) क्या खरगापुर विधान सभा इन उल्लेखित लाईनों के खम्बे लगाकर लोगों को बिजली प्रदान किये जाने के आदेश जारी करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या ऊर्जा विभाग द्वारा जिन स्थानों पर बिजली नहीं है, उन स्थानों पर बिजली लगाये जाने का सर्वे करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्नाधीन विद्युतीकरण के कार्यों हेतु माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदया द्वारा अधीक्षण अभियंता (सं./सं.)/कार्यपालन अभियंता (सं./सं.) को नहीं अपितु कनिष्ठ यंत्री, विद्युत वितरण केन्द्र बल्देवगढ़ एवं खरगापुर को पत्र लिखे गये हैं। पत्रों में वर्णित विद्युतीकरण के कार्यों हेतु सर्वे कार्य पूर्ण कराकर जमा योजना अंतर्गत प्राक्कलन तैयार कर, प्राक्कलित राशि जमा कराये जाने हेतु माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदया को कार्यालय बल्देवगढ़ वितरण केन्द्र के पत्र दिनांक 15.06.2024 से लेख किया गया है। नियमानुसार प्राक्कलन राशि जमा हो जाने के उपरान्त प्रश्नाधीन दोनों स्थानों पर लाईन विस्तार कार्य हेतु कार्यवाही की जा सकेगी। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित दोनों कार्यों हेतु नियमानुसार प्राक्कलित राशि जमा होने के उपरान्त ही आगामी कार्यवाही की जा सकेगी। (ग) विद्युतीकरण हेतु निर्धारित नीति अनुसार सर्वप्रथम प्रदेश के सभी आबाद ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य एवं तदुपरांत आबाद ग्रामों के चिन्हित मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य वित्तीय उपलब्धता अनुसार क्रमश: केन्द्र शासन की विभिन्न विद्युतीकरण की योजनाओं, यथा-राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना एवं दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना, में किया गया। तदुपरांत सौभाग्य योजना के प्रावधानों के अंतर्गत शत्-प्रतिशत घरों के विद्युतीकरण का कार्य किया गया, किन्तु इस योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार खेतों में दूर-दूर अवस्थित घरों को तकनीकी एवं वित्तीय साध्यता नहीं होने के कारण योजना में सम्मिलित नहीं किया गया। सौभाग्य योजना के प्रावधानों के अंतर्गत प्रदेश के शत्-प्रतिशत घरों के विद्युतीकरण का कार्य दिनांक 22.10.2018 को पूर्ण कर लिया गया था। नये घरों/मजरों/टोलों का निर्माण एक सतत् प्रक्रिया है। उक्त योजनाओं के क्लोज हो जाने के उपरांत निर्मित मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य वित्तीय एवं तकनीकी साध्यता अनुसार वित्तीय उपलब्धता के अनुरूप किया जा सकेगा, जिस हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नगर निगम जबलपुर के नये वार्डों के वर्ष 2014 के पूर्व के नक्शे, पट्टे की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
7. ( *क्र. 523 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2014 के पूर्व के नक्शे, पट्टे आदि के अभिलेख उपलब्ध हैं? (ख) यदि हाँ, तो कौन-कौन से अभिलेख उपलब्ध हैं? वार्डवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत क्या हितग्राहियों को तत्कालीन समय के स्वीकृत नक्शों एवं पट्टों की जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जा रही है? (घ) यदि हाँ, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं। अपितु वर्ष 2014 के पूर्व नये वार्ड नगर निगम सीमांतर्गत न होने के कारण इन वार्डों में अनुज्ञा जारी नहीं की जाती थी। अत: इन वार्डों के नक्शे, पट्टे आदि के अभिलेख उपलब्ध नहीं है। (ख) से (घ) प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नगर परिषद अम्बाह में प्रतिवर्ष लगने वाले मेले से प्राप्त राजस्व
[नगरीय विकास एवं आवास]
8. ( *क्र. 106 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र अम्बाह के नगर परिषद अम्बाह में नगर परिषद द्वारा प्रतिवर्ष मौसमी मेला लगाया जाता है? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2023 में जो मेला लगाया गया था, वह किस ठेकेदार द्वारा और कितनी राशि पर लगाया गया था? क्या ठेकेदार से नगर परिषद अम्बाह को तय राजस्व राशि प्राप्त हुई थी? यदि हाँ, तो कितनी? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) राजस्व राशि प्राप्त नहीं होने पर ठेकेदार के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों? कारण स्पष्ट करें। (घ) वर्ष 2023 के पूर्व नगर परिषद अम्बाह द्वारा विभागीय कमेटी बनाकर मेला लगाया जाता था? यदि हाँ, तो वर्ष 2023-24 में ठेकेदार द्वारा क्यों लगवाया गया?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। (ख) निकाय द्वारा वर्ष 2023 में मेला लगाया गया था। उक्त मेले के ठेकेदार मे. पण्डित मेला महोत्सव सर्कस एवं मीना बाजार प्रो. रवि शर्मा पुत्र श्री महेश कुमार शर्मा निवासी डी-12, श्रीराम नगर दर्पण कॉलोनी थाटीपुर ग्वालियर म.प्र. से शासकीय प्रीमियम राशि 25,00,000/- (पच्चीस लाख रूपये) थी, जिसके विरूद्ध ठेकेदार द्वारा निकाय में कुल 11,25,000/- रूपये एवं 2,50,000/- धरोहर राशि राजसात कर निकाय के खाते में कुल 13,75,000/- जमा कराये गये हैं। (ग) शेष राशि वसूल किये जाने हेतु ठेकेदार के विरूद्ध FIR एवं IPC धारा 420 के अंतर्गत केस दर्ज किया गया है, वर्तमान में प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है। (घ) जी हाँ। वर्ष 2023-24 में निकाय द्वारा परिषद संकल्प 05, दिनांक 17.02.2023 में निर्णयानुसार उक्त मेले का आयोजन ऑनलाइन निविदा आमंत्रित कर ठेके से आयोजित किया गया।
अवैध कॉलोनियों का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
9. ( *क्र. 173 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश भर के साथ ही रतलाम जिले में भी नियम विरुद्ध शहरी एवं शहरी क्षेत्र से लगे क्षेत्रों में अवैध कॉलोनियां निरंतर बनाई जाकर आम गरीब जन को मूलभूत सुविधा से वंचित कर मानसिक प्रताड़ना दी जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो रतलाम जिला अंतर्गत किन-किन स्थानों पर अवैध एवं अविकसित कॉलोनी के साथ बिना किसी नियम प्रक्रिया पालन के काटी गई कितनी कॉलोनियां चिन्हित की गईं? (ग) क्या इनके मानचित्र संबंधित निकाय, नगर निवेश विभाग अथवा ग्राम पंचायत द्वारा अनुमोदित किए गए तो, क्या इन्हें कॉलोनी विकसित किए जाने के समय नोटिस दिए गए? नियमानुसार आश्रय शुल्क जमा किया गया तो कहां किस खाते में जमा किया गया एवं क्या नियमानुसार प्लॉट बंधक रखे गए तथा गरीब एवं मध्यम वर्ग हेतु एवं बगीचा इत्यादि हेतु भूमि रिक्त रखी गई? (घ) उपरोक्तानुसार नियम विरुद्ध काटी गई अनियमित कॉलोनियों के संबंध में क्या-क्या कार्यवाही की गई? उन कार्यवाहियों के परिणाम क्या आए? साथ ही विगत वर्षों में कॉलोनाईजर्स के विरुद्ध एफ.आई.आर. दर्ज की गई तो उसके पश्चात क्या विवेचना इत्यादि पूर्ण होकर न्यायालय में प्रकरण प्रस्तुत करवाया गया तथा बंधक प्लॉट विक्रय कर विकास कार्य किए गए एवं जमा आश्रय शुल्क की राशि के माध्यम से क्या-क्या कार्य किए गए?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगरीय क्षेत्र एवं नगरीय क्षेत्र से लगे क्षेत्रों में अनधिकृत रूप से कॉलोनियों का निर्माण होता है, जिनके विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही करने के लिए अधिनियम में उपबन्ध भी रखे गए हैं, जिसके अनुसार सक्षम प्राधिकारी द्वारा स्थानीय स्तर पर कार्यवाही की जाती है। अनधिकृत कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव रहता है, जिसके दृष्टिगत राज्य सरकार द्वारा निर्दिष्ट अवधि के पूर्व अस्तित्व में आई नगरीय क्षेत्र की चिन्हित अनधिकृत कॉलोनियों में नागरिक अधोसंरचना प्रदान करने के लिए म.प्र. नगरपालिका (कॉलोनी विकास) नियम, 2021 में प्रावधान है। (ख) जी हाँ। अनधिकृत कॉलोनियों की जानकारी पुस्तकालय रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार तथा विकास अनुमति प्राप्त अविकसित कॉलोनियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' एवं ''द'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' एवं ''द'' अनुसार है। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'', ''ब'', ''स'' एवं ''द'' अनुसार है।
मार्ग निर्माण कार्यों की स्वीकृति व भौतिक स्थिति की जानकारी
[लोक निर्माण]
10. ( *क्र. 711 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विभिन्न स्थानों पर मार्ग निर्माण कराये जाने हेतु स्वीकृति प्रदान किए जाने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा मान. उप मुख्यमंत्री महोदय को पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2024/286, दिनांक 22.05.2024 व विभागीय मंत्री महोदय को पत्र अनुस्मरण 01 क्र.वि.स./परासिया/127/2024/134, दिनांक 07.02.2024 को प्रेषित किये गये हैं, जिन पत्रों पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? कब तक कार्यवाही करते हुए, मार्ग निर्माण कार्यों की स्वीकृति प्रदान करा दी जायेगी? (ख) परासिया विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत प्रश्न दिनांक से पिछले 3 वर्षों में जितने भी मार्ग निर्माण कार्यों की स्वीकृति प्रदान की गई है, उन सभी स्वीकृत मार्ग निर्माण कार्यों में से कौन-कौन से मार्गों के निर्माण कार्य प्रारंभ कर पूर्ण किए जा चुके हैं और कौन-कौन से मार्गों के निर्माण कार्य अप्रारंभ व अपूर्ण हैं? मार्गों के निर्माण कार्य को पूर्ण किए जाने की समयावधि क्या है? क्या निर्धारित समय-सीमा में संबंधित ठेकेदार द्वारा मार्गों के निर्माण कार्य को पूर्ण किया जा रहा है? अगर नहीं किया जा रहा है तो क्या विभाग द्वारा उन पर कोई कार्यवाही की गई? अप्रारंभ व अपूर्ण मार्ग निर्माण कार्यों को विभाग द्वारा कब तक पूर्ण करा दिया जायेगा? पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करायें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ, विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
24 घंटे विद्युत आपूर्ति व्यवस्था
[ऊर्जा]
11. ( *क्र. 1317 ) श्री बाला बच्चन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजपुर वि.स. क्षेत्र में कितने ग्रामों/फल्यों में 24 घंटे बिजली आपूर्ति की व्यवस्था नहीं है? ग्राम/फल्या नाम सहित देवें। (ख) यह व्यवस्था लागू करने के लिए विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) कब तक राजपुर वि.स. क्षेत्र के संपूर्ण ग्राम/फल्या 24 घंटे विद्युत व्यवस्था से जुड जायेंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) राजपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत समस्त राजस्व ग्रामों एवं उनके चिन्हित फाल्यों/मजरों/टोलों में घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को अपरिहार्य कारणों से आये आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर प्रतिदिन 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में राजस्व ग्रामों/आबादी क्षेत्रों से दूर अथवा खेतों में दूर-दूर छोटे-छोटे समूह में बसे 32 फाल्यों/मजरों/टोलों में निवासरत परिवारों को समीपस्थ उपलब्ध विद्युत अधोसंरचना यथा कृषि श्रेणी के 11 के.व्ही. फीडरों से संबद्ध कर अपरिहार्य कारणों से आए आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर प्रतिदिन 10 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है, जिनकी प्रश्नाधीन सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) में उल्लेखित 32 फाल्यों/मजरों/टोलों को 24 घंटे वाले फीडरों से जोड़ने के लिए वित्तीय एवं तकनीकी साध्यता अनुसार वित्तीय उपलब्धता के अनुरूप विद्युत अधोसंरचना निर्माण का कार्य किया जा सकेगा, जिस हेतु वर्तमान में निर्धारित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नल-जल योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
12. ( *क्र. 935 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिला अंतर्गत नगर पंचायत अमरकंटक के लिए 23 करोड़ की नल-जल योजना को वर्ष 2016-17 में स्वीकृति प्रदान की गई थी तथा समय से पूर्ण किया जाना था? परंतु आज दिनांक तक क्यों प्रारंभ नहीं की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत नल-जल योजना नगर पंचायत अमरकंटक में कब तक पूर्ण होगी? ताकि नगर पंचायत के रहवासियों को 24 घंटे पेयजल उपलब्ध हो सकेगा? (ग) इस योजना में विलंब के कारण क्या हैं तथा जिम्मेदार कौन हैं? विभाग द्वारा की गई कार्यवाही की छायाप्रति उपलब्ध कराएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं, अपितु नगर परिषद अमरकटंक की पेयजल योजना मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजनान्तर्गत वर्ष 2017-18 में राशि रू. 12.56 करोड़ की स्वीकृत की गई थी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) वस्तुस्थिति की जानकारी उत्तरांश ''क'' अनुसार है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
नर्मदापुरम से पिपरिया तक फोर लेन मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
13. ( *क्र. 200 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला नर्मदापुरम से पिपरिया तक फोर लेन सड़क का निर्माण कार्य वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट में राशि रूपया 840.00 करोड़ का प्रावधान कर स्वीकृत किया गया है? (ख) क्या इस फोर लेन मार्ग का निर्माण नर्मदापुरम से पिपरिया की ओर (शोभापुर मार्ग पर स्थित हनुमान मंदिर) तक किया जावेगा जो पिपरिया शहर से लगभग 04 कि.मी. (पहले) दूरी पर है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) का उत्तर यदि हाँ, है तो इस फोर लेन मार्ग के निर्माण से पिपरिया शहर फोर लेन की कनेक्टिविटी से वंचित रह जावेगा तथा शहर को इसका लाभ प्राप्त नहीं हो पायेगा? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नकर्ता के कार्यालय द्वारा पत्र क्रमांक 718 पिपरिया, दिनांक 05.09.2023 प्रेषित कर इस मार्ग को पिपरिया शहर के सिलारी चौराहे तक बनाये जाने हेतु लेख किया गया है? (ड.) उपरोक्त प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार इस मार्ग को पिपरिया शहर तक जोडे़ जाने हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी है, विवरण सहित जानकारी प्रदान करें तथा इस मार्ग का निर्माण कार्य कब से प्रांरभ हो जावेगा? वास्तविक स्थिति से अवगत करावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं। नर्मदापुरम पिपरिया फोरलेन कार्य वर्ष 2023-24 के बजट में प्रथम स्तरीय प्राक्कलन अनुसार लागत राशि रू. 840 करोड़ को सम्मिलित कर रू. 1000 का प्रतीक प्रावधान किया गया है। (ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में स्वीकृति उपरान्त बताया जाना संभव हो सकेगा। (ग) उत्तरांश 'क' एवं 'ख' अनुसार, स्वीकृति उपरान्त बताया जाना संभव हो सकेगा। (घ) जी नहीं। माननीय विधायक श्री ठाकुरदास नागवंशी का पत्र क्रमांक 718, पिपरिया दिनांक 05.09.2023 लोक निर्माण विभाग में प्राप्त नहीं है। (ङ) ड्राफ्ट डी.पी.आर. अनुसार परियोजना का ई.पी.सी. मोड में प्रस्ताव तैयार किया गया है, जो परिक्षणाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ओव्हर ब्रिज निर्माण
[लोक निर्माण]
14. ( *क्र. 1299 ) डॉ. तेजबहादुर सिंह चौहान : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा रतलाम रेल्वे लाइन पर नागदा मण्डी से बिरलाग्राम जाने वाले मार्ग पर रेल्वे फाटक गवर्नमेंट कॉलोनी के पास स्वीकृत ओव्हर ब्रिज एवं इसी लाइन पर नागदा-खाचरौद सड़क मार्ग पर चम्बल नदी के पार रेल्वे फाटक पर स्वीकृत ओव्हर ब्रिज पर रेल्वे अपना कार्य विगत वर्ष ही पूर्ण कर चुका है, लेकिन लोक निर्माण विभाग अपना कार्य क्यों नहीं कर रहा है? (ख) क्या नागदा नगर में लोक निर्माण विभाग ने कार्य ही प्रारंभ नहीं किया जबकि खाचरौद-नागदा रोड पर कुछ कार्य प्रारंभ किया गया, दोनों ही कार्य विगत 02 वर्षों से अधिक समय से बंद पड़े हैं? क्या दोषी अधिकारियों या ठेकेदार के खिलाफ कार्यवाही की गई है? (ग) कब तक शासन इन ओव्हर ब्रिज के कार्य को प्रारंभ करवा पायेगा, क्या इन कार्यों को प्रारंभ करने की दिशा में शासन ने कोई कार्यवाही प्रारंभ की है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
राजधानी परियोजना प्रशासन पुनः आरंभ किया जाना
[लोक निर्माण]
15. ( *क्र. 92 ) श्री आरिफ मसूद : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकार राजधानी परियोजना प्रशासन को फिर से आरंभ करने पर विचार कर रही है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में राजधानी परियोजना प्रशासन को बंद करने के क्या कारण थे? क्या इसे बंद करने से पहले किन्हीं विशेषज्ञों से परामर्श लिया गया था? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या अब राजधानी परियोजना प्रशासन को बंद करने के लिए बताये गये कारणों का अब कोई औचित्य नहीं है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) भोपाल में निर्माण कार्य एवं सौंदर्यीकरण हेतु अनेक शासकीय एजेंसियां जैसे-स्मार्ट सिटी, भोपाल विकास प्राधिकरण, हाउसिंग बोर्ड, नगर निगम, लोक निर्माण विभाग आदि उपलब्ध होने से कार्यक्षेत्र का दोहरीकरण, सड़कों के संधारण में स्पष्ट उत्तरदायित्व एवं अधोसंरचना कार्य सुव्यवस्थित रूप से क्रियान्वित किये जाने हेतु निर्णय लिया गया था। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अवैध कब्जे की जमीन पर पी.एम. आवास की स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
16. ( *क्र. 952 ) श्री जगन्नाथ सिंह रघुवंशी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला अशोकनगर में घर में घुसकर लड़की एवं उसके परिजनों से मारपीट करने वाले आरोपी के पिता का घर वर्ष 2017 में पी.एम. आवास योजना अंतर्गत स्वीकृत होकर निर्माण किया गया है? यदि हाँ, तो अतिक्रमण की जमीन पर पी.एम. आवास स्वीकृत करने हेतु कौन-कौन अधिकारी एवं कर्मचारी जिम्मेदार हैं? (ख) क्या नगरपालिका अशोकनगर अंतर्गत इसी प्रकार अवैध कब्जेधारियों को पी.एम. आवास स्वीकृत किए गए हैं? क्या जिला प्रशासन पहले से बने पक्के मकानों एवं अतिक्रमण की जमीन को पी.एम. आवास योजना में सम्मिलित करने की जांच कर दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। थाना कोतवाली अशोकनगर की रिपोर्ट दिनांक 18.06.2024 अनुसार जिला अशोकनगर में घर में घुस कर लड़की एवं उसके परिजनों से मारपीट करने वाले आरोपी कल्ला खां के पिता का नाम आबिद खां है, जो रामपुरा मोहल्ला अशोकनगर में निवास करते हैं एवं वार्ड प्रभारी की टीप अनुसार आरोपी के पिता को प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी अंतर्गत आवास स्वीकृत हुआ है। म.प्र. शासन, नगरीय विकास एवं आवास विभाग मंत्रालय, भोपाल के आदेश क्रमांक एफ-10-47/2015/18-2, दिनांक 03.04.2018 संलग्न परिशिष्ट की कण्डिका क्रमांक 04 के प्रावधान अनुसार ऐसे हितग्राही जो संबंधित आबादी क्षेत्र में पूर्व से निवासरत हैं एवं नगरीय निकाय को नियमित सम्पत्ति/समेकित कर का भुगतान कर रहे हैं, किंतु उनके पास भूमि स्वामित्व संबंधित दस्तावेज उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। इस स्थिति में ऐसे सभी हितग्राहियों को भी योजना के बी.एल.सी. घटक हेतु पात्र माना जाये। जिससे शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) निकाय द्वारा समस्त हितग्राहियों को नियमानुसार ही प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) का लाभ दिया गया है, किसी भी पक्के मकान पर आवास प्रदाय नहीं किया गया है। हितग्राही के कच्चे आवास/प्लॉट पर प्रथम स्तर की जियोटेग कराकर ही राशि प्रदाय की जाती है। नगर पालिका अशोकनगर में अवैध कब्जे धारियों को आवास स्वीकृत नहीं किये जाने से कोई भी अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है। जिससे शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विभाग संबंधित कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
17. ( *क्र. 1186 ) श्रीमती अनुभा मुंजारे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग (सड़क एवं पी.आई.यू.) के समस्त कार्यालयों के अंतर्गत विगत 03 वित्तीय वर्षों में किस-किस मद से कौन-कौन से कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि शासन से आवंटित हुई? आवंटित राशि में कौन-कौन से कार्य हेतु किस-किस कार्य एजेंसी को निविदा प्रदान की गई? उक्त कार्य किस जनप्रतिनिधि या अधिकारी की अनुशंसा पर स्वीकृत किये गये? (ख) बालाघाट जिले में विभाग में माननीय मंत्री जी, माननीय मुख्यमंत्री जी या अन्य संवैधानिक पदाधिकारी द्वारा कौन-कौन से निर्माण कार्य/अन्य कार्य हेतु घोषणा की गई? विगत 03 वर्षों का ब्यौरा देवें। कितनी घोषणाएं पूर्ण हो चुकी हैं? कितनी घोषणाएं बाकी हैं? कब तक घोषणाएं पूर्ण हो सकेंगी? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों में से कौन-कौन से कार्य हेतु किस-किस कार्य एजेंसी को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किस माध्यम से किया गया? चेक/बैंक ड्राफ्ट/आर.टी.जी.एस./नगद की जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) बालाघाट जिले में कौन-कौन से कार्यालय में कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ हैं? कुल स्वीकृत पद कितने हैं? क्या बहुत सारे लोकसेवक अपनी मूल पदस्थापना से अलग अन्यत्र कार्यरत हैं? उन्हें किस आधार पर संलग्न किया गया है? आदेशों के प्रति बतावें साथ ही कार्यपालन यांत्रिक P.W.D. के विगत 1 वर्ष में जिले में भ्रमण की तिथि एवं खर्च की जानकारी उपलब्ध करावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ', 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं 'ब-1' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' एवं 'स-1' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 एवं 2 अनुसार है। बालाघाट जिले में लोक निर्माण विभाग में कुल स्वीकृत पद 79 हैं, जी नहीं। अन्य जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है।
प्राकृतिक आपदा से हुई हानि की क्षतिपूर्ति
[ऊर्जा]
18. ( *क्र. 719 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आँधी तूफान में बिजली के तार गिरने से करंट लगने और विद्युत खम्बे गिरने से आसपास के क्षेत्र या खेतों में होने वाली जनहानि या पशुओं के होने वाले नुकसान के लिए सरकार द्वारा कोई सहायता या मुआवजा दिए जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो विवरण दें। (ख) प्रश्न दिनांक तक विगत दो वर्षों में सौंसर विधानसभा क्षेत्र में किन-किन लोगों को इस प्रकार की सहायता या मुआवजा दिया गया? (ग) यदि ऐसा कोई प्रावधान नहीं है तो क्या ऐसे प्रकरणों में सहायता या मुआवजा देने की कार्यवाही करेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, राजस्व विभाग, म.प्र. शासन द्वारा जारी राजस्व पुस्तक परिपत्र खंड-6, क्रमांक-4 (आर.बी.सी., 6-4) जो कि प्राकृतिक आपदाओं से हुई दुर्घटना में, व्यक्ति के मृत होने पर एवं शारीरिक अंग हानि होने पर तथा पशुहानि होने पर आर्थिक अनुदान सहायता राशि के भुगतान के संबंध में है, में निर्धारित किए गए प्रावधानों के अनुसार वितरण कंपनियों द्वारा विद्युत दुर्घटना में पीड़ित बाहरी व्यक्तियों/परिवारों को आर्थिक अनुदान सहायता राशि का भुगतान किया जाता है। समय-समय पर जारी तत्संबंधी निर्देशों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में सौंसर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत विद्युत दुर्घटना में जनहानि एवं पशुहानि के प्रकरणों में से नियमानुसार पात्र पाए गए प्रकरणों में पीड़ित परिवारों/पशु मालिकों को दी गई आर्थिक सहायता राशि की प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
सड़कों एवं पुलों के निर्माण कार्यों हेतु स्वीकृत राशि
[लोक निर्माण]
19. ( *क्र. 1402 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले की सड़कों एवं पुलों के निर्माण हेतु राशि की स्वीकृति हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा प्रश्न क्र. 1594, दिनांक 13.02.2024 विधानसभा में किया गया था, जिसके उत्तर (घ) के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार रिमार्क में जो जानकारी दी गई है, उसमें कार्य क्र. (1) से लगातार (10) तक रिमार्क में जो जानकारी दी गई है, उन सभी कार्यों की स्वीकृति हेतु विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की जा चुकी है और क्या-क्या शेष है? निश्चित समय-सीमा सहित बताएं कि उपरोक्त सभी कार्यों की स्वीकृति उपरांत कब तक कार्य प्रारंभ करा दिये जावेंगे? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि जतारा विधानसभा क्षेत्र के वह ऐसे कौन-कौन से ग्राम हैं जो उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे हुए हैं और आज दिनांक तक म.प्र. एवं उ.प्र. बॉर्डर तक पक्की सड़क एवं पुल न बनने से ग्रामीण जनता अत्यधिक परेशान है? ऐसी सड़कों के नाम एवं किस नदी पर पुलों के निर्माण पर विभाग द्वारा कितनी-कितनी राशि व्यय हो गई? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि इन महत्वपूर्ण सड़कों एवं पुलों के निर्माण में जनहित में कौन-कौन से कार्यों के लिए जुलाई 2024 में बजट राशि में स्वीकृति हेतु प्रावधान किया जा रहा है, तो कितनी-कितनी राशि का? कृपया सम्पूर्ण एवं स्पष्ट जानकारी दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ, प्रश्न क्र. 1594, दिनांक 13.02.2024 के उत्तर के साथ संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' के रिमार्क कॉलम में दी गई जानकारी उत्तर दिनांक तक यथास्थिति है। (ख) विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तर दिनांक तक मुख्य बजट वर्ष 2024-25 (जुलाई-2024) प्रस्तावित स्थिति में है। अत: सम्पूर्ण जानकारी दिया जाना संभव नहीं है।
प्रधानमंत्री आवास योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
20. ( *क्र. 1223 ) श्री सुरेश राजे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका डबरा द्वारा वर्ष 2021-22 से 2023-24 में कितने-कितने हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किये गए? वर्षवार संख्या बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार वर्ष 2021-22 से 2023-24 में जिन हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किये गए, उनमें से किस-किस हितग्राही को अभी तक दूसरी किस्त किस कारण नहीं दी गयी? वर्षवार हितग्राही का नाम सहित जानकारी दें। (ग) क्या नगर पालिका डबरा, जिला ग्वालियर द्वारा वर्ष 2023-24 में प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत किसी भी हितग्राही को आवास स्वीकृत नहीं किये गये? यदि हाँ, तो कारण सहित विस्तृत जानकारी देवें तथा इस लापरवाही के लिए कौन-कौन अधिकारी और कर्मचारी जिम्मेदार हैं? इनके विरुद्ध अभी तक क्या कार्यवाही की गई? नहीं तो क्यों नहीं और कब तक की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर पालिका डबरा में वर्ष 2021-22 से वर्ष 2023-24 तक वर्षवार निम्नानुसार संख्या में आवास स्वीकृत हुये :-
वर्ष |
स्वीकृत आवासों संख्या |
2021-22 |
970 |
2022-23 |
निरंक |
2023-24 |
निरंक |
(ख) प्रश्नाश ''क'' अनुसार वर्ष 2021-22 से वर्ष 2023-24 तक स्वीकृत 970 आवासों में से पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के विवरण अनुसार 183 हितग्राहियों द्वारा योजना के मापदण्ड अनुसार निर्धारित स्तर तक भौतिक प्रगति नहीं किये जाने से द्वितीय किश्त का भुगतान नहीं किया गया है। (ग) भारत सरकार, आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के निर्देशानुसार समस्त पूर्व स्वीकृत परियोजनाओं की समाप्ति अवधि दिसंबर-2024 तक है एवं नवीन आवास स्वीकृत नहीं किये जाने के निर्देश होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अघोषित विद्युत कटौती
[ऊर्जा]
21. ( *क्र. 1162 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र मुरैना अंतर्गत भीषण गर्मी के समय गत 2 माह से अघोषित विद्युत कटौती क्यों की जा है? शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिदिन 10 से 15 घंटे तक विद्युत सप्लाई बाधित होने के उचित कारण देवें। यदि नहीं, तो गत 2 माह में विधानसभा क्षेत्र मुरैना के समस्त विद्युत वितरण केन्द्रों द्वारा प्रतिदिन घरेलू एवं कृषि हेतु कितने-कितने घंटे विद्युत प्रदाय की गई? 2 माह की सूची देवें। (ख) उक्त क्षेत्र अंतर्गत अधिकांश सुबह एवं शाम के समय बिजली कटौती कर दी जाती है, वही समय पीने का पानी भरने का होता है, जिससे क्षेत्रवासियों को अत्यधिक असुविधा हो रही है, क्या विभाग इस समस्या के निपटान हेतु विद्युत कटौती के समय में परिवर्तन करेगा, जिससे क्षेत्रवासियों को पेयजल भरने में असुविधा न हो? (ग) विद्युत कंपनी द्वारा जारी हेल्पलाइन नंबर 1912 पर फोन लगाए जाने पर उठाया नहीं जाता एवं यदि शिकायत दर्ज भी हो जाती है तो भी 10 से 12 दिनों तक शिकायत लंबित रहती है, इसी प्रकार विभाग द्वारा अधिकारियों को जारी शासकीय यू.जी.सी. सीरीज 623291 के नंबर अधिकारी कर्मचारियों द्वारा भी नहीं उठाए जाते? क्या विभाग इस और ध्यान देते हुए उपभोक्ताओं हेतु सुविधाओं में नवीन परिवर्तन करेगा? यदि हाँ, तो योजना क्या रहेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) विधानसभा क्षेत्र मुरैना अंतर्गत कोई अघोषित विद्युत कटौती नहीं की गई है। प्रश्नाधीन क्षेत्र के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिदिन 10 से 15 घंटे तक का विद्युत प्रदाय बाधित नहीं हुआ है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में आकस्मिक अवरोधों के कारण आए व्यवधानों को छोड़कर नियमानुसार कृषि प्रयोजन हेतु प्रतिदिन 10 घंटे एवं गैर कृषि प्रयोजन हेतु प्रतिदिन 24 घंटे गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि विद्युत लाईनों/अधोसंरचना के रख-रखाव हेतु पूर्व निर्धारित शट-डाउन लेने तथा तकनीकी कारणों/प्राकृतिक आपदा से आये आकस्मिक व्यवधानों जैसी अपरिहार्य स्थिति के कारण कतिपय अवसरों पर विद्युत प्रदाय बाधित होता है, जिसमें आवश्यक रख-रखाव/सुधार कार्य कर विद्युत प्रदाय शीघ्र ही सुचारू कर दिया जाता है। विद्युत अधोसंरचना के आवश्यक रख-रखाव कार्य हेतु लिए जाने वाले शटडाउन की सूचना विद्युत उपभोक्ताओं को अखबार एवं अन्य माध्यमों से दी जाती है। विगत दो माह में विधानसभा क्षेत्र मुरैना के घरेलू एवं कृषि फीडरों पर दैनिक रूप से माह अप्रैल एवं मई-2024 में की गई विद्युत प्रदाय की प्रश्नाधीन चाही गयी वितरण केन्द्रवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के क्रमश: प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्रांतर्गत किसी भी प्रकार की विद्युत कटौती नहीं की जा रही है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ग) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी का केन्द्रीयकृत हेल्पलाइन नंबर 1912, 24 घण्टे क्रियाशील रहता है, जिस पर प्रश्नाधीन क्षेत्र के उपभोक्ताओं द्वारा माह अप्रैल, 2024 में कुल 1126 शिकायतें दर्ज कराई गई, जिनका औसत निराकरण समय 2 घंटे 1 मिनिट है एवं माह मई, 2024 में कुल 2365 शिकायतें दर्ज हुई, जिनका औसत निराकरण समय 3 घंटे 10 मिनिट है। अत: दर्ज शिकायतों का यथा संभव समय-सीमा में निराकरण किया जाता है। म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा अधिकारियों को प्रदाय शासकीय सीयूजी सीरीज के नंबर पर सामान्यत: फोन उठाये जाते हैं। वर्तमान में वितरण कंपनी द्वारा उपरोक्ताओं की सुविधा हेतु शिकायत दर्ज कराने के लिए केंद्रीय कॉलसेंटर 1912, सी.एम. हेल्पलाईन, वॉइस बॉट, चेट बॉट एवं उपाय एप के माध्यम से शिकायत दर्ज कराने की सुविधा प्रदान की गई है। इसके अतिरिक्त वर्तमान में अन्य कोई योजना विचाराधीन नहीं है।
भोपाल विकास योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
22. ( *क्र. 291 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल जिला पंचायत द्वारा भोपाल विकास योजना के आगामी प्रारूप में अधिसूचित किए गए निवेश क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायतों के भूमि क्षेत्र के लिए कोई सुझाव दिए गए हैं? यदि हाँ, तो क्या सुझाव दिए गए, उसकी प्रति उपलब्ध कराएं। क्या नगर तथा ग्राम निवेश संचालनालय अथवा उसके अधीनस्थ कार्यालय द्वारा भोपाल मुख्य नगर के साथ निवेश क्षेत्र में आने वाले ग्रामीण भाग के समन्वित विकास हेतु कोई सुझाव दिए गए हैं? (ख) क्या भोपाल विकास योजना में आने वाले ग्रामों के जोनल प्लान बनाने के अधिकार नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 में प्रदत्त किए गए हैं? यदि हाँ, तो अभी तक जोनल प्लान बनाने के लिए क्या-क्या कार्य किए गए और कितने जोनल प्लान तैयार किए गए। (ग) प्रारूप विकास योजना में नगर निगम क्षेत्र के अतिरिक्त अनेक पंचायतों को सम्मिलित किया जाता है, किंतु विकास के प्रस्ताव नगर निगम के क्षेत्र से ही संलग्न भूमि पर रहते हैं, जबकि प्रत्येक गांव में मूलभूत सुविधाओं के होने के पश्चात भी विकास प्रस्ताव नहीं होने के कारण अवैध कॉलोनी विकसित हो जाती है, इस हेतु क्या प्रावधान किए जायेंगे, जिससे अवैध कॉलोनी विकसित नहीं हो?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं। जी नहीं। (ख) जी हाँ। म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम, 1973 की धारा-20 के अंतर्गत जोनल प्लान तैयार करने का दायित्व स्थानीय प्राधिकारी का है। स्थानीय प्राधिकारी के पास जोनल प्लान तैयार करने हेतु अमला न होने के कारण राज्य नगर नियोजन के माध्यम से सलाहकार स्थानीय प्राधिकारी को उपलब्ध करा कर जोनल प्लान तैयार किये जा रहे हैं। (ग) विकास योजना के संपूर्ण प्रस्ताव नगर पालिक निगम सीमा सम्मिलित कर निवेश क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्रामों में भी प्रस्तावित किये जाते हैं। अत: यह कहना सही नहीं है कि विकास के प्रस्ताव नगर निगम के क्षेत्र से ही संलग्न भूमि पर रहते हैं। विकास योजना में ग्रामीण विस्तार हेतु कृषि परिक्षेत्र में विहित स्वीकार्य एवं स्वीकृत उपयोग मान्य है। अवैध कॉलोनी का विकास न हो इस संबंध में म.प्र. नगर पालिका (कॉलोनाईजर का रजिस्ट्रेशन, निर्बंधन तथा शर्तें) नियम, 1998 में प्रावधान किये गये हैं।
जलावर्धन योजना का क्रियान्वयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
23. ( *क्र. 693 ) श्रीमती अर्चना चिटनीस : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बुरहानपुर नगर निगम के लिए जलावर्धन योजना का कार्य M.P.V.D.C. किस वर्ष स्वीकृत की गई तथा योजना किस वर्ष तक पूर्ण की जाना थी? योजना के लिए शासन द्वारा कितनी राशि का प्रावधान कर, निगम द्वारा कितने राशि का व्यय प्रश्न दिनांक तक किया गया है? (ख) प्रश्न दिनांक तक योजनांतर्गत कितने परिवारों को पर्याप्त व गुणवत्तायुक्त जलापूर्ति से लाभान्वित किया जाना था? यदि नहीं, तो किस समय-सीमा तक वंचित परिवारों को जलापूर्ति सुनिश्चित की जाएगी? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (ग) क्या बुरहानपुर शहर में ट्यूबवेल पर आधारित लगभग 45 वर्ष पुरानी जलप्रदाय योजना संचालित है? यदि हाँ, तो इन समस्याओं के लिए शहरवासियों द्वारा पुरानी क्षतिग्रस्त पाईप लाईन होने से दूषित जलापूर्ति की कितनी शिकायतें नगर निगम बुरहानपुर को प्रश्न दिनांक प्राप्त हुई हैं? क्या इन समस्यों से नागरिकों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव की गंभीर स्थिति बनी हुई है? (घ) जलावर्धन योजना का कार्य पूर्ण कराने हेतु सतत् निगरानी हेतु शासन स्तर पर दल गठित कर सुनिश्चित करेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा निश्चित करेगा? योजना कब तक पूर्ण हो सकेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) वर्ष 2016 में स्वीकृत की गई थी। मई वर्ष 2019 तक पूर्ण किया जाना था। रु. 16369.75 लाख (एक सौ तिरेसठ करोड़ उनहत्तर लाख पंद्रह हजार) का प्रावधान था। कोई राशि व्यय नहीं की गयी है। (ख) 34000 परिवारों को। 33123 परिवारों को कनेक्शन दिया जा चुका है, शेष 877 परिवारों को सितम्बर 2024 के अंत तक जलापूर्ति सुनिश्चित की जायेगी। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। वर्ष 2021 से कुल 225 शिकायतें प्राप्त हुई है, जिनका तत्काल निराकरण किया गया है। दूषित जलापूर्ति के सुधार के विषय को प्राथमिकता से लेकर लगातार शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। (घ) प्रोजेक्ट मेनेजमेंट कंसलटेंट (पी.एम.सी.) तथा इनडिपेंडेंट वेरिफिकेशन टीम (आई.वी.टी.) का गठन पूर्व में ही किया गया है। समय-सीमा का प्रश्न ही नहीं उठता। माह सितम्बर 2024 तक पूर्ण किया जाना संभावित है।
शासकीय कार्यालय एवं शासकीय आवासों की जानकारी
[लोक निर्माण]
24. ( *क्र. 1198 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जिला मुख्यालय राजगढ़ में लोक निर्माण विभाग के कोई शासकीय कार्यालय एवं शासकीय आवास हैं? यदि हाँ, तो कहां-कहां पर कितनी-कितनी साईज के हैं? (ख) क्या लोक निर्माण विभाग के उक्त शासकीय कार्यालय एवं शासकीय आवासों का वर्तमान में कोई उपयोग किया जा रहा है? यदि हाँ, तो किसके द्वारा और क्या उपयोग किया जा रहा है? नाम सहित बतावें। (ग) क्या लोक निर्माण विभाग के उक्त शासकीय कार्यालय एवं शासकीय आवासों में से कुछ ऐसे भी शासकीय कार्यालय एवं आवास भी हैं, जो पूर्णत: जीर्ण-शीर्ण होकर खंडहर पड़े हुये हैं और उन पर लोगों के द्वारा अतिक्रमण किया जा रहा है? यदि हाँ, तो ऐसे कौन-कौन से आवास हैं? नाम व स्थान सहित बतावें। (घ) क्या पूर्व में जिला मुख्यालय राजगढ़ में लोक निर्माण विभाग के किसी शासकीय कार्यालय अथवा शासकीय आवास को किसी अन्य निजी व्यक्ति को विक्रय किया गया है? यदि हाँ, तो कौन सा आवास किसको कितनी राशि में किस के आदेश द्वारा कब विक्रय किया गया है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र के विकास कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
25. ( *क्र. 1194 ) डॉ. राजेश सोनकर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला-देवास अंतर्गत नगर परिषद क्षेत्र सोनकच्छ, नगर परिषद क्षेत्र टोंकखुर्द, नगर परिषद क्षेत्र पीपलरांवा एवं नगर परिषद क्षेत्र भौंरासा में वित्तीय वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक विकास हेतु कितनी राशि से क्या-क्या विकास कार्य किये गये हैं? (ख) प्रश्नांश 'क' के संदर्भ में चारों नगर परिषद क्षेत्र में आधारभूत संरचना एवं सौंदर्यीकरण के क्या-क्या कार्य प्रस्तावित हैं? कार्यों की सूची उपलब्ध करवाने का आग्रह है। (ग) क्या सोनकच्छ नगर परिषद क्षेत्र की अधिकांश सड़कें नल-जल योजना के कार्य हेतु की गई खुदाई से उबड़-खाबड़ हो चुकी है? (घ) प्रश्नांश 'ग' के संदर्भ में यदि हाँ, तो उनके पुनर्निर्माण की जिम्मेदारी किसकी है और वे कब तक पुनः निर्मित कर दी जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) जी हाँ। सड़कों के पुनर्निर्माण की जिम्मेदारी संविदाकार की है। पाईप लाईन टेस्टिंग उपरांत संविदाकार द्वारा रोड रेस्टोरेशन का कार्य किया जाता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
मेसर्स
ऑलसर्विसेस
ग्लोबल प्रा.लि.
द्वारा
अनुबंध का
पालन
[ऊर्जा]
1. ( क्र. 17 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2021 में एम.पी.पी.के.वी.वी.सी.एल. टीकमगढ़ सर्कल के तहत विविध कार्यों के लिए आवश्यक मैनपावर की आपूर्ति का अनुबंध मेमर्स ऑलसर्विसेस ग्लोबल प्रा.लि. को दिया गया था? (ख) क्या अनुबंध की शर्तों अनुसार ठेकेदार ने अपने कर्मचारियों के लिए चौबीस महीने की अनुबंध अवधि के लिए डब्लू.सी. पॉलसी एम.पी.पी.के.वी.वी.सी.एल. कार्यालय टीकमगढ़ में जमा की थी? (ग) क्या पॉलिसी दस्तावेज के अनुसार डब्लू.सी. पॉलिसी की लागत लगभग 85 रूपया प्रति कर्मचारी थी? जबकि देयक में लिप्त कर्मचारी 300 रूपया शुल्क वसूल किया? (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित अनुबंध की शर्तों के उल्लंघन एवं प्रश्नांश (ग) में वर्णित अनियमितता के लिए कौन-कौन कर्मचारी/ अधिकारी दोषी है? दोषियों के विरूद्ध अब तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की गई तो क्यों? कब तक दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? समय-सीमा बतायें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, वर्ष-2021 में संचालन-संधारण-वृत्त टीकमगढ़, म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत विभिन्न कार्यों हेतु बाह्य स्त्रोत कार्मिकों के नियोजन हेतु मेसर्स ऑल सर्विसेस ग्लोबल प्राईवेट लिमिटेड को कार्यादेश प्रदान कर अनुबंध किया गया था। (ख) संचालन-संधारण-वृत्त टीकमगढ़ अंतर्गत मेसर्स ऑल सर्विसेस ग्लोबल प्राईवेट लिमिटेड द्वारा 01 वर्ष के लिए अनुबंध किया गया था एवं तदोपरान्त निविदा में वर्णित शर्तों के अनुसार एक वर्ष का विस्तारीकरण आदेश किया गया था। मेसर्स ऑल सर्विसेस ग्लोबल प्राईवेट लिमिटेड द्वारा प्रत्येक वर्ष की अलग-अलग इम्प्लॉई कम्पनसेशन इन्श्योरेंस पॉलिसी जमा की गयी थी। (ग) जी नहीं। मेसर्स ऑल सर्विसेस ग्लोबल प्राईवेट लिमिटेड द्वारा माह-अप्रैल, 2021 में ली गयी इम्प्लॉई कम्पनसेशन इन्श्योरेंस पॉलिसी के अनुसार प्रति व्यक्ति कर्मचारी लागत लगभग रूपये 14.75/- थी। उल्लेखनीय है कि ई.एस.आई.सी. एक्ट 1948 के अंतर्गत टीकमगढ़ जिला आंशिक चिन्हित जिला (Partially Notified District) है, अर्थात अधिनियम मात्र जिला मुख्यालय पर लागू है, जबकि निवाड़ी जिला गैर-चिन्हित जिला (Non Notified District) है। तदनुसार मेसर्स ऑल सर्विसेस ग्लोबल प्राईवेट लिमिटेड द्वारा टीकमगढ़ वृत्त अंतर्गत नियोजित बाह्य स्त्रोत कार्मिकों में से टीकमगढ़ जिला मुख्यालय में कार्यरत कार्मिकों का ई.एस.आई.सी. जमा किया था। शेष ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत कार्मिकों के लिये निविदा की शर्तों के अनुसार इम्प्लॉई कम्पनसेशन इन्श्योरेंस पॉलिसी ली गयी थी। मेसर्स ऑल सर्विसेस ग्लोबल प्राईवेट लिमिटेड द्वारा प्रस्तुत देयकों में इम्प्लॉई कम्पनसेशन इन्श्योरेंस पॉलिसी का क्लेम नहीं किया गया। बाह्य स्त्रोत प्रदाता फर्म द्वारा प्रस्तुत बिल में मेडिकल पॉलिसी 300/- रूपये प्रति कर्मचारी के दर से क्लेम की गयी थी। चूंकि निविदा/कार्यादेश में मेडिकल पॉलिसी का कोई पृथक से प्रावधान नहीं है, जिस कारण मेसर्स ऑल सर्विसेस ग्लोबल प्राईवेट लिमिटेड द्वारा मेडिकल पॉलिसी हेतु क्लेम की गई 24 माह (माह-अप्रैल, 2021 से माह-मार्च, 2023 तक) की राशि का भुगतान नहीं किया गया है। (घ) उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन एवं किसी प्रकार की अनियमितता होने का प्रश्न नहीं उठता।
बाह्रय स्त्रोत कर्मियों का नियोज एवं निष्कासन
[ऊर्जा]
2. ( क्र. 18 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ एवं निवाड़ी जिले में बाह्रय स्त्रोत (आउटसोर्स) कंपनी से कुल कितने कर्मचारी लगाये गये सभी का नाम पता व योग्यता श्रेणीबार बतायें? (ख) प्रश्नांश "क" में वर्णित कंपनी का नाम बतावें व यह भी बतावे कि बाह्रय स्त्रोत (आउटसोर्स) कंपनी कर्मचारियों की पात्रता का कैसे निर्धारण करती है। (ग) क्या अधीक्षण यंत्री टीकमगढ़ के दबाव में बाह्रय स्त्रोत (आउटसोर्स) से रखे गये कर्मचारियों की नियुक्ति व बर्खास्तगी की जाती है यदि नहीं, तो वर्ष में कुल रखे गये कर्मचारियों के नाम व पता व हटाये गये कर्मचारियों के नाम व पता और हटाये गये कर्मचारियों के स्थान पर रखे गए कर्मचारियों का नाम व पता बतायें? (घ) प्रश्नांश "ख" एवं "ग" में की गई अनियमितताओं के लिए कौन दोषी है उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई थी? अन्यथा भविष्य में की जावेगी यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) टीकमगढ़ एवं निवाड़ी जिलों के अंतर्गत म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संबंधित कार्यालयों में बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता फर्मों के माध्यम से कुल 660 बाह्य स्त्रोत कार्मिक नियोजित किये गये हैं, जिनकी प्रश्नाधीन चाही गई नाम एवं पते सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित जिलों में 3 बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता फर्मों, यथा- मेसर्स डी.जी. नकरानी भावनगर, गुजरात, मेसर्स प्राईमवन वर्कफोर्स, भोपाल एवं मेसर्स उर्मिला इन्टरनेशनल सर्विसेज प्राईवेट लिमिटेड, पटना बिहार, द्वारा बाह्य स्त्रोत कार्मिक प्रदाय किये जा रहे है। बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता फर्मों द्वारा बाह्य स्त्रोत कार्मिकों की पात्रता का निर्धारण निविदा एवं अनुबंध में वर्णित नियम एवं शर्तों के अनुरूप विभिन्न श्रेणी हेतु निर्धारित पात्रता प्रावधान अनुसार किया जाता है। (ग) जी नहीं, बाह्य स्त्रोत कार्मिकों का नियोजन एवं निष्कासन बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता फर्म के माध्यम से निविदा एवं अनुबंध में निहित नियमों एवं शर्तों के अनुसार किया जाता है। वर्तमान वर्ष में रखे गये आउटसोर्स कार्मिकों, पृथक किये गये आउटसोर्स कार्मिकों एवं पृथक किये गये आउटसोर्स कार्मिकों के स्थान पर रखे गये आउटसोर्स कार्मिकों की प्रश्नाधीन चाही गई नाम एवं पता सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (घ) प्रश्नाधीन जिलो में बाह्रय स्त्रोत सेवा प्रदाता फर्मों द्वारा नियमानुसार निविदा एवं अनुबंध में निहित प्रावधानों के अनुरूप बाह्रय स्त्रोत कार्मिकों को नियोजित/निष्कासित किया जाता है। अत: प्रश्न नहीं उठता।
विकासखण्ड जवा अंतर्गत नवनिर्मित सेतु
[लोक निर्माण]
3. ( क्र. 60 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कारण है कि विकासखण्ड जवा अंतर्गत ग्राम पंचायत खम्हरिया के ग्राम कोल्हा में नव निर्मित सेतु के संपर्क मार्ग का निर्माण लगभग 07 वर्ष व्यतीत हो जाने पर भी नहीं हो सका है? (ख) क्या माननीय उच्च न्यायालय में याचिका विचाराधीन होने के कारण सेतु संपर्क मार्ग का भूमि अधिग्रहण कार्य न हो पाने से निर्माण अवरुद्ध है? माननीय उच्च न्यायालय में मार्ग हेतु भूमि अधिग्रहण के विरुद्ध लंबित याचिका के निराकरण हेतु विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा क्या प्रयास किये गए हैं? (ग) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में यदि उक्त लंबित याचिका का सकारात्मक निराकरण हो चुका हो तो जनहित में उक्त मार्ग निर्माण हेतु भूमि अधिग्रहण कर मार्ग निर्माण कार्य को कब तक पूर्ण कराया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) :(क) प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण। (ख) जी हाँ। संपर्क अधिकारी द्वारा दिनांक 27.10.2021 को माननीय उच्च न्यायालय में जवाब दावा प्रस्तुत किया गया। दिनांक 29.12.2022 एवं दिनांक 12.01.2024 को माननीय उच्च न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत कर शीघ्र सुनवाई का निवेदन किया गया। सुनवाई अपेक्षित है। (ग) माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय उपरान्त ही मार्ग निर्माण सम्बंधी अग्रिम कार्यवाही किया जाना संभव हो सकेगा।
संबल योजना में अनियमिता
[नगरीय विकास एवं आवास]
4. ( क्र. 93 ) श्री आरिफ मसूद : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर निगम भोपाल में संबल योजना के अंतर्गत मृत्यु सहायता राशि में 2 करोड़ रूपये के घोटाले संबंधी मामला संज्ञान में आया है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या उपरोक्त मामले की 90 फाइलों में से लगभग 53 मूल फाइलें अभी तक लापता हैं? यदि हाँ, तो जिम्मेदारों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में अब तक निगम ने कुल घोटाले की राशि से कितनी राशि की वसूली किन-किन व्यक्तियों से की है? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या निगम ने अब तक पूरे घोटाले में लिप्त अधिकारियों और कर्मचारियों पर एफ.आई.आर. नहीं कराई है? यदि हाँ, तो कब तक कराई जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं, संबल योजना में कोई घोटाला संज्ञान में नहीं आया हैं। (ख) से (घ) शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विद्युत विस्तारीकरण के कार्य
[ऊर्जा]
5. ( क्र. 174 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.पश्िचम क्षे.वि.वि.कं.लि. इंदौर के रतलाम जिले के क्षेत्रान्तर्गत शासन/विभाग द्वारा केंद्र/राज्य परिवर्तित विभिन्न योजनाओं के माध्यम से विद्युत विस्तारीकरण के कार्यों हेतु शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में अनेक प्रकार के कार्य किया जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2019-20 से लेकर प्रश्न दिनांक तक रतलाम जिला अंतर्गत शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में किन-किन योजनाओं के माध्यम से तथा विभागीय अथवा कंपनी द्वारा भी क्या-क्या कार्य, किन-किन स्थानों पर कितने-कितने बजट के स्वीकृत किन-किन वर्षों में किए गए? वर्षवार, स्थानवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (ख) में स्वीकृत परियोजनाओं के अंतर्गत रतलाम जिला में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में नवीन विद्युत ग्रिड, नवीन ट्रांसफार्मर, ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि, नवीन पोल लगाया जाना, केबलीकरण, नवीन मीटर लगाया जाना इत्यादि अन्य कार्य भी किन-किन फ़र्मों/एजेंसियों/ठेकेदारों को कार्यों को किए जाने हेतु किस-किस दिनांक को आदेशित किया जाकर कार्य कब प्रारंभ हुए? कितने पूर्ण हुए,कितने अपूर्ण रहे तो किन कारणों से? वर्षवार जानकारी दें। (घ) शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जर्जर एवं क्षतिग्रस्त विद्युत पोल के साथ अत्यधिक केबलीकरण तथा ओपन वायर बीच बाजार के मध्य एवं आमने-सामने तथा घरों के नजदीक जंजाल सा होने की स्थिति में विभागीय क्या-क्या कार्रवाई की जा रही ताकि दुर्घटना न हो।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। (ख) रतलाम जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में म.प्र. पश्िचम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर द्वारा विद्युत अद्योसंरचना निर्माण के किए गए कार्यों से संबंधित प्रश्नांश अनुसार चाही गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) में उल्लेखित आर.डी.एस.एस. योजना के तहत प्रश्नाधीन अवधि में रतलाम जिले में किए गए एवं किये जा रहे विभिन्न विद्युत अद्योसंरचना के निर्माण कार्यों का सम्पूर्ण विवरण फर्म/एजेन्सियों के नाम, कार्यादेश की दिनांक, कार्यादेश अंतर्गत कार्य का संभागवार, कार्यादेशवार पूर्ण किये गये कार्यों की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है एवं अपूर्ण/प्रगतिरत/अप्रारंभ कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब-1' अनुसार है। उल्लेखनीय है कि आर.डी.एस.एस. योजनान्तर्गत कार्यों की स्वीकृति केन्द्र शासन से वर्ष 2022 में प्राप्त हुई है। इसी प्रकार रतलाम जिले अंतर्गत एस.एस.टी.डी. योजना में वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत कार्यों को विभागीय तौर पर सम्पादित किया जा रहा है जिसमें स्वीकृत कार्यों का संभागवार, कार्यादेशवार पूर्ण किय जाने का वर्षवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है एवं अपूर्ण/प्रगतिरत/अप्रारंभ कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स-1' अनुसार है। (घ) म.प्र.पश्िचम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विद्युत लाईनों को व्यवस्थित करने सहित समस्त स्थापित विद्युत अधोसंरचना के रख-रखाव का कार्य मानसून पूर्व एवं मानसून अवधि के पश्चात करने के अलावा विद्युत व्यवधानों एवं दुर्घटनाओं को कम करने के उद्देश्य से पूरे वर्ष सतत रुप से किया जाता है। रतलाम जिला अंतर्गत वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में 3615 जर्जर एवं क्षतिग्रस्त विद्युत पोल बदले गये हैं। साथ ही आर.डी.एस.एस. योजनान्तर्गत जिले में खराब केबल/ओपन तार को केबल से बदलने एवं विद्युत दुर्घटना की रोकथाम हेतु 442 किलोमीटर केबलीकरण का कार्य प्रगतिरत है।
ROB में गुणवत्ताहीन सामग्री का उपयोग
[लोक निर्माण]
6. ( क्र. 201 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र पिपरिया जिला नर्मदापुरम अन्तर्गत ग्राम बांसखेड़ा में रेल्वे क्रासिंग पर निर्मित ROB के निर्माण में गुणवत्ताहीन कार्य किये जाने से ROB में रेल्वे ट्रेक के उपर के मुख्य भाग में कांक्रीट उखड़ने लगी हैं जिसमें लोहे की राड निकल आयी हैं तथा जगह-जगह गड्ढे भी दिखायी देने लगे? (ख) क्या बार-बार ब्रिज के मुख्य भाग का संधारण कार्य करने के पश्चात भी मुख्य भाग का संधारण ठीक प्रकार से नहीं हो पाने के कारण पुन: वही स्थिति निर्मित हो रही है क्या इस संबंध में तकनीकी अधिकारियों की समिति गठित कर जांच करायी जावेगी यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों? (ग) ब्रिज के इस मुख्य भाग का कार्य गुणवत्तापूर्वक कब से प्रारंभ किया जावेगा? नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ, रेल्वे भाग का कार्य रेल्वे विभाग द्वारा किया गया है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में दिनांक 30.05.2024 को रेल्वे विभाग को आर.ओ.बी. की मरम्मत गुणवत्ता पूर्वक कराये जाने हेतु लेख किया गया है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) अनुसार।
फ्लाई ओवर ब्रिज निर्माण
[लोक निर्माण]
7. ( क्र. 330 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एम.पी.आर.डी.सी. जबलपुर ने रद्दी चौकी से लेकर डॉ. अम्बेडकर चौराहा जबलपुर तक कितने कि.मी. लम्बा फ्लाई ओवर ब्रिज का निर्माण हेतु डी.पी.आर.तैयार कर इसे स्वीकृति हेतु शासन को कब भेजा है? मूल योजना क्या है? इस पर शासन ने क्या कार्यवाही की है? (ख) क्या यह सत्य है कि शहर की यातायात व्यवस्था में सुधार एवं जाम की समस्या से निजात दिलाने हेतु तत्कालीन शासन काल वर्ष 2018-19 में इसका निर्माण कराने हेतु सैद्धांतिक प्रशासकीय स्वीकृति दी गई थी? यदि हाँ, तो इसका अभी तक निर्माण कार्य न कराने का क्या कारण है? (ग) क्या शासन प्रश्नांकित फ्लाई ओवर ब्रिज के निर्माण की आवश्यकता को देखते हुये इसे प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान कर बजट में राशि का प्रावधान करके इसका निर्माण कार्य कराना सुनिश्िचत करेगा? (घ) अधारताल पुलिस थाना से लेकर रद्दी चौकी जबलपुर तक स्वीकृत फ्लाई ओवर ब्रिज निर्माण की क्या स्थिति है? इसके लिये शासन ने कब कितनी राशि आवंटित की है? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) रद्दी चौकी से डॉ. अम्बेडकर चौराहा तक जबलपुर के फ्लाई ओवर ब्रिज निर्माण हेतु म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा कोई भी प्रस्ताव शासन को नहीं भेजा है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) कार्य किसी भी योजना में सम्मिलित नहीं होने से शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) आधारताल पुलिस थाना से लेकर रद्दी चौकी जबलपुर के बीच फ्लाई ओवर निर्माण हेतु कोई भी कार्य स्वीकृत नहीं है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
उच्च पद के प्रभार हेतु दिशा-निर्देश
[लोक निर्माण]
8. ( क्र. 331 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा उच्च पद के प्रभार हेतु कोई दिशा-निर्देश जारी किये है, यदि हाँ, तो उसकी प्रति उपलब्ध करावें। क्या उच्च पद का प्रभार दिये जाने हेतु वरिष्ठता का ध्यान रखा जाना आवश्यक हैं? यदि हाँ, तो क्या राज्य संवर्ग के कार्यपालिक पदों पर उच्च पद के प्रभार हेतु विभाग द्वारा कोई फिट लिस्ट तैयार की गई है? यदि हाँ, तो क्या उच्च पद का प्रभार वरिष्ठता एवं फिट लिस्ट के आधार पर दिया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? विभाग में वरिष्ठता एवं फिट लिस्ट के आधार पर कब तक प्रभार दिया जावेगा? (ख) विभाग में उच्च पद के प्रभार हेतु मुख्य अभियंता से सहायक यंत्री तक के पद तक के लिए फिट लिस्ट उपलब्ध करावें साथ ही लोक सेवकों की सूची भी उपलब्ध करावें, जो फिट लिस्ट में नहीं आते हैं किन्तु प्रभार दिया गया है? (ग) लोक निर्माण विभाग में उच्च पद के प्रभार हेतु स्थानीय स्तर पर सहायक यंत्री उपलब्ध होते हुए भी क्या किसी उपयंत्री को कार्यपालन यंत्री का प्रभार दिया गया है, यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? यदि उक्त आदेश नियम विरूद्ध है तो उक्त आदेश कब तक निरस्त किया जावेगा, नहीं तो क्यों? नियम विरूद्ध आदेश जारी करने वाले अधिकारी के विरूद्ध विभाग क्या कार्यवाही करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ। जी हाँ। सामान्यता वरिष्ठता के आधार पर उच्च पद का प्रभार दिया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
धार नगर का मास्टर प्लान
[नगरीय विकास एवं आवास]
9. ( क्र. 395 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार नगर का मास्टर प्लान कब लागू हुआ था तथा उसकी समयवधि क्या थी व क्या वर्तमान में भी यही मास्टर प्लान लागू है? (ख) प्रावधान अनुरूप पिछले मास्टर प्लान की समयावधि पूर्ण हो जाने पर क्या धार नगर के लिये नवीन मास्टर प्लान बनाया जावेगा? यदि हाँ, तो क्या विभागीय स्तर पर धार नगर के नवीन मास्टर प्लान को तैयार किये जाने की कार्रवाई प्रचलित है? (ग) क्या इस हेतु समिति का गठन किया जाना प्रावधानित है? यदि हाँ, तो इस विषयक कार्रवाई किस स्तर पर प्रचलित है? (घ) क्या क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों से मास्टर प्लान के संबंध में प्रस्ताव व दावे आपत्तियां प्राप्त किये जाने तथा उन पर सुनवाई हेतु बैठकों का आयोजन किया जावेगा? यदि हाँ, तो क्या विभाग द्वारा इसकी कार्य योजना निर्मित की गई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) धार विकास योजना, 2021 म.प्र. राजपत्र में प्रकाशन दिनांक 30/04/2021 से लागू होकर प्रभावशील है। प्रभावशील विकास योजना का म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम, 1973 की धारा-23 (2) सहपठित धारा-18 (1) के अंतर्गत पुनर्विलोकन होने तक लागू विकास योजना प्रभावशील रहती है। (ख) जी हाँ। भारत सरकार की अमृत योजना की उप योजना के अंतर्गत धार नगर की जी.आई.एस. आधारित पुनर्विलोकित विकास योजना तैयार की जा रही है। (ग) जी हाँ। म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम, 1973 की धारा-17 (क) (1) के अंतर्गत समिति के गठन के प्रस्ताव जिला कार्यालय स्तर पर तैयार किये जा रहे है। (घ) जी हाँ। धार विकास योजना (प्रारूप) प्रस्ताव तैयार करने के पूर्व अधिनियम की धारा-15 के अधीन प्रकाशित वर्तमान भूमि उपयोग मानचित्र पर क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों से प्रस्ताव प्राप्त करने हेतु जिला स्तर पर बैठक का आयोजन किया जावेगा। कार्ययोजना तैयार करने का कार्य प्रगति पर है।
ओम कंस्ट्रक्शन कंपनी इंडिया लिमिटेड के विरूद्ध कार्यवाही
[लोक निर्माण]
10. ( क्र. 433 ) श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले के लोक निर्माण विभाग द्वारा निविदा क्र. 337651 के तहत पांच सड़कों के निर्माण हेतु 14,84,12000 रूपये स्वीकृत हुये थे उक्त निविदा में प्रतिर्स्पधा में ओम कंस्ट्रक्शन कंपनी इंडिया प्रायवेट लिमिटेड ने कूट रचित विड बनाकर अनुबंध बैलेंस वर्क में तत्व छुपाकर टेण्डर डाल दिया गया, जिसकी शिकायत प्रश्नकर्ता द्वारा की गई ओम कंस्ट्रक्शन के समस्त दस्तावेज इस पैकेज में जो लगाये गये है उपलब्ध करायें। (ख) क्या उक्त ओम कंस्ट्रक्शन फर्म को ब्लैक लिस्टेड किया गया था तथा अर्बन डेवलपमेंट कॉरर्पोशन भोपाल से अनुबंध करके खरगापुर विधानसभा सहित टीकमगढ़ जिले में पेयजल की टंकियों का घटिया निर्माण, आधा अधूरा निर्माण करके राजनैतिक रसूख के चलते ग्राम पंचायतों में हैण्डओवर कराता है जिसमें ग्राम पंचायत चन्दपुरा एक उदाहरण है इनके द्वारा टीकमगढ़ जिले में कितनी पेयजल टंकियों का निर्माण किया गया है लागत एवं पंचायतवार सूची उपलब्ध करायें तथा पेयजल टंकियों की गुणवत्ता की जांच करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? कारण स्पष्ट करें। (ग) क्या जिले के कई जनप्रतिनिधियों एवं प्रश्नकर्ता द्वारा तथा कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग संभाग टीकमगढ़ के द्वारा पत्र क्र./608/टे.लि. दिनांक 21.3.24 को मुख्य अभियंता म.प्र. अर्बन डेवलपमेंट भोपाल के क्या कार्यवाही की गई, संपूर्ण जानकारी से अवगत करायें एवं मुख्य अभियंता डेवलपमेंट ने जानकारी एवं कार्यवाही नहीं की गई तो क्या इनके विरूद्ध कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? कारण स्पष्ट करें तथा ओम कंस्ट्रक्शन कंपनी इंडिया लिमिटेड के विरूद्ध धोखाधडी एवं फर्जी कूट रचित दस्तावेज बनाने वालों के विरूद्ध 420 के अपराध को पंजीबद्ध करायेगें? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? कारण स्पष्ट करें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ, जी हाँ। जी नहीं। अपितु माननीय श्री यादवेन्द्र सिंह विधायक टीकमगढ़ द्वारा शिकायती पत्र दिनांक 29.03.2024 जो प्रमुख अभियंता लो.नि.वि. भोपाल को संबोधित किया गया, जिसकी प्रतिलिपि इस कार्यालय में पृष्ठांकित हुई। जबकि शिकायत प्राप्ति दिनांक के पूर्व ठेकेदारों द्वारा प्रस्तुत शपथ पत्र के आधार पर निविदा का तकनीकी मूल्याकंन किया जाकर पात्र सभी संविदाकारों के वित्तीय आफर दिनांक 16.3.2024 को खोले गये, जिसमें न्यूनतम निविदाकार ओम कंस्ट्रक्शन कंपनी इण्डिया प्रायवेट लिमिटेड रहा है। बैलेंस वर्क के दस्तावेज पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्नांश की जानकारी लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग टीकमगढ़ से ली गई जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। लोक स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त गुणवत्तापूर्ण कार्य सम्पादित होने से प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ग) माननीय विधायक विधानसभा क्षेत्र टीकमगढ़ की दिनांक 20.3.2024 शिकायत के आधार पर कार्यपालन यंत्री लो.नि.वि. संभाग टीकमगढ़ द्वारा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 से 8 अनुसार एवं पत्र क्रमांक 1243 सागर दिनांक 04.06.2024 द्वारा मुख्य अभियंता म.प्र. अर्बन डेवलपमेंट कार्पोरेशन जोन भोपाल म.प्र. को संबंधित ठेकेदार के बैलेंस वर्क की प्रमाणित छायाप्रति भेजने हेतु लेख किया गया था, जो उन्होंने अपने पत्र क्र. 5390/पी.एम.यू./एम.पी.यू.डी.सी. भोपाल दिनांक 21.06.2024 से संबंधित ठेकेदार के बैलेंस वर्क की जानकारी कार्यपालन यंत्री लो.नि.वि. टीकमगढ़ को दी गई जिसके आधार पर बैलेंस कार्य संविदाकर द्वारा निविदा के बैलेंस कार्यों की सूची में सम्मिलित नहीं पाया गया, जिसके कारण निविदा की शर्त एवं शपथ पत्र के आधार पर ओम कन्सट्रक्शन कंपनी इण्डिया प्रायवेट लिमिटेड को काली सूची में दर्ज करने हेतु कार्यालयीन पत्र क्र. 1419/सा/24 दिनांक 24.06.2024 से कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। कारण बताओ सूचना पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-9 अनुसार है। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
प्रधानमंत्री आवास निर्माण योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
11. ( क्र. 501 ) श्री नीरज सिंह ठाकुर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला जबलपुर अंतर्गत बरगी विधानसभा के शहपुरा नगर परिषद में प्रधानमंत्री आवास निर्माण योजना में हुये भ्रष्टाचार एवं फर्जीवाड़ा के संबंध में लोकायुक्त द्वारा जाँच की गई थी? जाँच प्रतिवेदन उपलब्ध कराया जावे। (ख) क्या लोकायुक्त जाँच में किसे दोषी पाया गया? यदि हाँ, तो दोषी व्यक्तियों पर अब तक क्या कार्यवाही की गई। यदि कार्यवाही लंबित है तो क्यों? कब तक और क्या कार्यवाही की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं। लोकायुक्त द्वारा जांच नहीं की गई है। लोकायुक्त द्वारा प्रकरण दर्ज किये जाने से नगर परिषद शहपुरा में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के क्रियान्वयन में अनियमितताओं की जांच संभागीय संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास जबलपुर संभाग जबलपुर द्वारा की गई है। जांच प्रतिवेदन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश-''क'' के प्रकाश में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
12. ( क्र. 545 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट किस वर्ष मंजूर हुआ था एवं सरकार द्वारा भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट को कितने वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट की मंजूरी के समय प्रोजेक्ट की कुल लागत राशि क्या निर्धारित की गई थी और लक्ष्य के विलंब होने के कारण प्रोजेक्ट की लागत राशि में कितनी बढ़ोतरी हुई? भोपाल उत्तर विधानसभा क्षेत्र के रहवासियों को भोपाल मेट्रो की सुविधा किस वर्ष तक उपलब्ध हो जाएगी? लक्ष्य निर्धारित तिथियां, लागत राशि सहित पृथक-पृथक अवगत करावें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट में विलंब होने के कारण सरकार पर अधिक राशि का भार पड़ने के लिए कौन-कौन जिम्मेदार है? क्या जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) केन्द्र सरकार द्वारा भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट की मंजूरी दिनांक 30.11.2018 को दी गई, जिसमें प्रोजेक्ट कार्यान्वयन के लिए 04 वर्ष का समय रखा गया था। (ख) भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट की कुल लागत राशि रु. 6941.40 करोड़ निर्धारित की गयी। प्रोजेक्ट की लागत राशि में बढ़ोत्तरी का मूल्याकंन अभी जारी है। मेट्रो रेल सुविधा आम जनता को वर्ष 2027 तक उपलब्ध कराने की योजना है। (ग) प्रोजेक्ट विलम्ब का कारण किसी व्यक्ति विशेष के अधिकार से बाहर है।
माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणाओं का कार्यान्वयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
13. ( क्र. 596 ) श्री सुरेन्द्र सिंह गहरवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी द्वारा चित्रकूट विधानसभा में ग्राम पंचायत मझगवॉ को नगर पंचायत बनाये जाने की घोषणा की थी? यदि हाँ, तो उक्त घोषणा कब की गई थी एवं माननीय मुख्यमंत्री जी घोषणा पर अब तक क्या कार्यवाही की गई है पूर्ण जानकारी अभिलेखों सहित देवें? (ख) प्रश्नांश (क) की भाँति तत्कालीन माननीय मुख्यमंत्री द्वारा की गई कितनी घोषणायें चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र की अभी तक लंबित हैं, घोषणावार अब तक की गई कार्यवाही की जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणाओं को अभी तक लंबित होने के क्या कारण हैं, उन कारणों को दूर कर कब तक, की गई घोषणाओं को पूरा कर दिया जायेगा? (घ) प्रश्नांश (क) की घोषणा अनुसार ग्राम पंचायत मझगवॉ को नगर पंचायत बनाये जाने में विलंब का कारण स्पष्ट करें, घोषणा को पूरा करने में क्या कठिनाइयां हैं, विलंब के लिये उत्तरदायी कौन है पूर्ण जानकारी देवें साथ ही यह भी बतायें कि मझगवॉ को नगर पंचायत कब तक बना दिया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। दिनांक 30 जुलाई 2017। कलेक्टर जिला सतना से प्रस्ताव अनुसार नगर परिषद गठन की प्रारंभिक अधिसूचना प्रकाशन कराये जाने तथा प्रभावित नागरिकों से दावे/आपत्ति प्राप्त कर निराकरण सहित प्रस्ताव चाहा गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में विभागीय कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
RRRDS योजना के कार्यों की स्थिति
[ऊर्जा]
14. ( क्र. 600 ) श्री सुरेन्द्र सिंह गहरवार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चित्रकूट विधानसभा अंतर्गत Revamped Distribution Sector Scheme योजना का सर्वे कार्य कब किया गया, सर्वे अनुसार क्या-क्या कार्य कराया जाना हैं, कार्य योजना की प्रति/सर्वे अनुसार चिन्हित कार्यों की पूर्ण जानकारी एवं कार्य एजेन्सी का पूर्ण विवरण दें। (ख) RDSS योजना अंतर्गत अभी तक चित्रकूट विधानसभा में कितना कार्य पूर्ण किया जा चुका है और कितना कार्य किया जाना शेष है, किये गये कार्यों की पूर्ण जानकारी एवं भुगतान राशि का पूर्ण विवरण देंवे? गलत सर्वे के आधार पर बिना उपयोगिता एवं गुणवत्ता विहीन किये जा रहे कार्यों के स्थान पर नवीन कार्यों को इस योजना में शामिल कराये जाने की क्या प्रक्रिया है? खम्भों को गाड़ने के क्या मापदण्ड है, तार, केबिल एवं निर्माण सामग्री की गुणवत्ता क्या होनी चाहिये, सामग्रीवार शासनादेश सहित पूर्ण जानकारी देंवे? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार इस योजना के तहत किये जा रहे कार्यों के गुणवत्ता परीक्षण के लिये क्या टीम गठित है, गुणवत्ता परीक्षण एवं कार्य उपयोगिता अनुसार किये जाने के लिये उत्तरदायी कौन है? क्या गुणवत्ता परीक्षण के बिना ही मनमाने ढंग से कार्य कराये जा रहे हैं? खम्भों को गाड़ने में मनमानी की जा रही है, पथरीली भूमि पर जितनी गहराई में खम्भों को गाड़ा जाना चाहिये उतना न गाड़कर नीचे से काटकर लंबाई कम कर गाड़ दिया जाता है, गड्ढे भी सही आकार के नहीं खोदे जाते, जिससे उसकी पुराई/भराई ठीक से नहीं होती, उपयोग में ली जा रही बिजली की तारें गुणवत्तायुक्त नहीं होती है, जिसके परिणामत: बारिश में गड्ढों में पानी भरने से बिजली के खम्भे एक ओर झुक जाते हैं, टूट जाते है, तारे टूट जाती है, विद्युत आपूर्ति बाधित होने से आम जनता परेशान होती है, शासन राजस्व की भी क्षति होती है जिसके लिये उत्तरदायी कौन है? (घ) क्या यह सत्य नहीं है कि इसी तरह पूर्व में सौभाग्य योजना के तहत पूरे प्रदेश में गुणवत्ता विहीन कार्य हुये थे, जिसके जांच में खुलासे हुये? उसी तरह यह योजना भी गुणवत्ताविहीन घटिया कार्य का शिकार हो न जाये? क्या गुणवत्ता की मानीटरिंग के लिये स्थानीय विधायक की मौजूदगी में एक समिति गठित करना उचित नहीं होगा? ऐसा किये जाने के निर्देश कब तक जारी किये जायेंगे, यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट करें, साथ ही यह भी बतायें की इस योजना से हो रहे कार्यों की गुणवत्ता मानीटरिंग के लिये क्या प्रक्रिया अपनाई जायेंगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आर.डी.एस.एस. योजना के प्रथम चरण लॉस रिडक्शन अंतर्गत प्रस्तावित कार्यों हेतु सर्वे वर्ष 2021-2022 में किया गया। योजना के तहत मुख्यत: कैपेसिटर बैंक, नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र, 33 एवं 11 के.व्ही. लाईनों के विभक्तिकरण/इंटर कनेक्शन तथा कंडक्टर क्षमता वृद्धि के कार्य प्रस्तावित किये गये हैं। सर्वे एवं कार्ययोजना स्वीकृति उपरांत योजना का क्रियान्वयन किये जाने हेतु विभिन्न एजेंसियों को कार्यादेश जारी किये गये हैं। विधानसभा क्षेत्र चित्रकूट अंतर्गत प्रस्तावित कार्ययोजना/सर्वे अनुसार चिन्हित कार्यों एवं कार्य एजेंसियों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) आर.डी.एस.एस. योजनांतर्गत चित्रकूट विधानसभा में 10 कैपेसिटर बैंक स्थापना का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। उक्त के अतिरिक्त प्रश्नाधीन क्षेत्रांतर्गत 11 के.व्ही. के 24 मिश्रित फीडरों के विभक्तिकरण, 33/11 के.व्ही. का 1 नवीन उपकेन्द्र एवं 33 के.व्ही. के 2 लाईन इंटर कनेक्शन के कार्य किया जाना शेष हैं। पूर्ण किये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' में समाहित है। 33/11 के.व्ही. नवीन उपकेन्द्र निर्माण कार्य हेतु कार्यरत मेसर्स ए.के. इन्फ्रा को प्रश्नाधीन क्षेत्रांतर्गत सहित कार्यादेशानुसार प्राप्त सामग्रियों के विरूद्ध राशि रूपये 36.86 करोड एवं पूर्ण किये गये कार्यों के विरूद्ध राशि रूपये 12.35 करोड का भुगतान हुआ है। कैपिसटर बैंक स्थापना के कार्यों हेतु कार्यरत मेसर्स श्रीम इलेक्ट्रिक को प्रश्नाधीन क्षेत्रांतर्गत सहित कार्यादेशानुसार मोबलाईजेशन की राशि रूपये 11.33 करोड, प्राप्त सामग्रियों के विरूद्ध राशि रूपये 27.85 करोड एवं पूर्ण किये गये कार्यों के विरूद्ध राशि रूपये 12.27 करोड का भुगतान हुआ है। फीडर विभक्तिकरण के कार्यों हेतु कार्यरत मेसर्स अशोका बिल्डकॉन को प्रश्नाधीन क्षेत्रांतर्गत सहित कार्यादेशानुसार मोबलाईजेशन की राशि रूपये 31.58 करोड, प्राप्त सामग्रियों के विरूद्ध राशि रूपये 42.86 करोड का भुगतान हुआ है। उपरोक्त राशि का भुगतान अनुबंध की शर्तों के अनुसार संपूर्ण कार्यादेश के विरूद्ध किया गया है। कार्यादेश तथा अनुबंध अनुसार ठेकेदारों को विधानसभावार भुगतान किये जाने का प्रावधान नहीं है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में गलत सर्वे के आधार पर बिना उपयोगिता एवं गुणवत्ताहीन कार्य नहीं किए जा रहे हैं। योजनान्तर्गत कार्य निर्धारित जी.आई.एस. सर्वे के आधार पर किया जा रहा है। तकनीकी आधार पर पुनरीक्षण की आवश्यकता होने पर संबंधित अधीक्षण अभियंता के अनुमोदन पश्चात योजना के दिशा-निर्देशों एवं प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही की जा सकती है। खम्बों को स्थापित किये जाने, तार, केबल एवं निर्माण सामग्रियों की गुणवत्ता निविदा हेतु जारी दस्तावेज अनुसार सुनिश्िचत की जाती है, संबंधित निविदा दस्तावेज पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। गुणवत्ता परीक्षण एवं कार्य उपयोगिता अनुसार किये जाने हेतु मेसर्स एस.जी.एस. इंडिया प्रा.लिमि. को प्रोजेक्ट मैनेजमेंट एजेंसी (पी.एम.ए.) नियुक्त किया गया है तथा संबंधित अधीक्षण अभियंता को परियोजना प्रबंधक एवं कार्यपालन अभियंता (संचा/संधा)/(शहर)/(एस.टी.एम./एस.टी.सी.) को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। जी नहीं, कार्य में प्रयोग होने वाली मुख्य सामग्री को एन.ए.बी.एल लैब द्वारा टेस्टिंग पश्चात निर्धारित मानकों के अनुरूप पाए जाने पर ही प्रयोग में लाया जाता है। आर.डी.एस.एस. योजना के अंतर्गत ज्यादातर कार्य पी.सी.सी. पोल में हैं, जिसे काटकर लगाना संभव नहीं है एवं निर्धारित नियमानुसार ही पोल स्थापित किये जा रहे हैं। योजनांतर्गत कार्य उचित गुणवत्ता एवं निर्धारित नियमों के अनुरूप ही किये जा रहे है। उक्त परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न नहीं उठता। (घ) सौभाग्य योजनांतर्गत पूरे प्रदेश में नहीं अपितु कुछ स्थानों पर कार्य संपादित नहीं होने संबंधी शिकायतें प्राप्त होने के उपरांत विभागीय जांच संस्थित की गई थी। सौभाग्य योजना में गुणवत्ता संबंधी शिकायत नहीं थी। आर.डी.एस.एस. योजनांतर्गत संपूर्ण कार्यों का सर्वे तथा कार्य उपरांत मापन जी.आई.एस. एप के माध्यम से किया जा रहा है। साथ ही कार्यों की मॉनिटरिंग प्रोजेक्ट मैनेजमेंट एजेंसी के साथ-साथ संबंधित अधीक्षण अभियंता एवं कार्यपालन अभियंता (संचा/संधा)/(शहर)/(एस.टी.एम./एस.टी.सी.) द्वारा सुनिश्िचत की जाती है। अतः वर्तमान में गुणवत्ता की मॉनिटरिंग हेतु पृथक से कमेटी गठित किये जाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। आर.डी.एस.एस. योजनान्तर्गत कार्यों की गुणवत्ता मॉनिटरिंग उत्तरांश (ग) एवं (घ) में उल्लेखानुसार की जा रही है।
सब-स्टेशन का निर्माण
[ऊर्जा]
15. ( क्र. 601 ) श्री सुरेन्द्र सिंह गहरवार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या चित्रकूट विधानसभा में विद्युत सुविधा हेतु कारीगोही में सब-स्टेशन निर्माण कार्य स्वीकृत किया गया है, उक्त कार्य कब और कितनी लागत का स्वीकृत किया गया है? (ख) क्या कारीगोही में सब स्टेशन के बन जाने से आसपास के ग्रामों की विद्युत की समस्या का समाधान हो सकेगा? किन्तु सब स्टेशन कार्य स्वीकृत होने भूमिपूजन के उपरांत भी अभी तक कार्य प्रारंभ न कराये जाने का क्या कारण है? (ग) कारीगोही सब स्टेशन निर्माण का कार्य जब स्वीकृत किया गया था तब उसकी लागत क्या थी और वर्तमान में सामाग्री एवं समय के आधार पर उसी कार्य की लागत क्या हो गई है साथ ही यह बतावें कि कार्य की लागत में परिवर्तन होने के कारण शासन के राजस्व में होने वाले नुकसान की भरपाई क्या संबंधित निर्माण एजेन्सी से की जायेगी? यदि नहीं, तो कार्य में विलंब के लिये दोषी कौन है, दोषी पर क्या और कब तक कार्यवाही की जायेगी? (घ) कारीगोही सब स्टेशन का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण करा लिया जायेगा समय-सीमा बतावें? कार्य में विलंब के लिये दोषियों पर क्या कार्यवाही की जायेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र के कारीगोही में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र का कार्य केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजनांतर्गत माह मार्च, 2022 में स्वीकृत किया गया था एवं उक्त कार्य की स्वीकृत लागत राशि रूपये 279.30 लाख है। (ख) जी हाँ, नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र कारीगोही के निर्माण उपरांत प्रश्नाधीन क्षेत्र में भविष्य की विद्युत मांग की आवश्यकता के दृष्टिगत गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति सुनिश्िचत हो सकेगी। उक्त नवीन उपकेन्द्र का निर्माण कार्य प्रारंभ हो चुका है एवं कार्य प्रगतिरत है। (ग) उक्त नवीन उपकेन्द्र के कार्य की स्वीकृति के समय लागत राशि रूपये 279.30 लाख थी। वर्तमान में उक्त नवीन उपकेन्द्र के कार्य की लागत राशि एवं पूर्व में स्वीकृत लागत राशि में कोई अंतर नहीं है। अत: राजस्व में हानि होने अथवा कोई कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता। वर्तमान में उक्त नवीन उपकेन्द्र के निर्माण कार्य में कोई विलंब नहीं है, अत: किसी के दोषी होने अथवा कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता। भविष्य में उक्त नवीन उपकेन्द्र के कार्य में विलंब होने की स्थिति में कार्यादेश की शर्तों के अनुसार संविदाकार/निर्माण एजेंसी के विरूद्ध नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जावेगी। (घ) उक्त नवीन उपकेन्द्र का निर्माण कार्य कार्यादेश की शर्तों के अनुसार माह-दिसम्बर, 2024 तक पूर्ण किया जाना प्रस्तावित है। उक्त नवीन उपकेन्द्र के निर्माण कार्य में कोई विलंब नहीं है, अत: किसी के दोषी होने अथवा कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
मदवार व्यय तथा लंबित जांचों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
16. ( क्र. 635 ) सुश्री रामश्री (बहिन रामसिया भारती) राजपूत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में नगर पालिकाओं/नगर पंचायतों में वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी मदों में वर्षवार कितना-कितना, किन-किन कार्यों पर व्यय किया गया संपूर्ण विवरण प्रमाणित कर उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत नगर पालिकाओं/नगर पंचायतों में वर्षवार कितनी-कितनी खरीदी किन-किन संस्थाओं से वर्षवार की गई उनके नाम तथा राशि सहित विवरण दें। (ग) कचड़ा प्रबंधन पर वर्ष 2020 से 2024 तक शहरों एवं नगरों में सफाई हेतु कितने उपकरण, वाहन तथा दवाईयों का क्रय किया गया? (घ) क्या नगर पंचायतों/नगर पालिकाओं की शिकायतें/CM हेल्प लाइन प्रश्न दिनांक तक लंबित है? क्या कार्यवाही की गई जांच अभिमत सहित जानकारी दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
प्रश्न क्रमांक 391 दिनांक 13.02.2024 की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
17. ( क्र. 636 ) सुश्री रामश्री (बहिन रामसिया भारती) राजपूत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा तारांकित प्रश्न क्रमांक 391 दिनांक 13.02.2024 के संबंध में सदन में प्रश्नकर्ता द्वारा जांच कमेटी गठित हेतु मांग की गई थी तथा सदन में प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मंत्री महोदय को लिखित पत्र भी दिया गया? (ख) यदि हाँ, तो जांच कमेटी बनाई गई नहीं तो क्यों? विधानसभा प्रश्न क्रमांक 391 दिनांक 13.02.2024 के तहत वांछित जानकारी प्रमाणित कर उपलब्ध करावें? (ग) क्या यह सही है कि प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 66 दिनांक 13.03.2024 को मुख्य नगर पालिका अधिकारी बड़ामलहरा को दिया गया था? क्या मुख्य नगर पालिका अधिकारी बड़ामलहरा द्वारा शासन प्रावधानों के विपरीत ऑडिटोरियम का लोकार्पण कराया गया प्रश्नकर्ता स्थानीय विधायक को आमंत्रित नहीं किया न ही विधायक का नाम लिखवाया गया? (घ) प्रश्नांश (ग) के तहत दोषी अधिकारी को कब तक निलंबित किया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। संभागीय कार्यपालन यंत्री, नगरीय प्रशासन एवं विकास सागर संभाग द्वारा आदेश क्रमांक यां.प्र.2024/870 सागर दिनांक 07.06.2024 से जांच कमेटी गठित की गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। जी नहीं, निकाय द्वारा स्थानीय विधायक को सम्मान पत्र भेजकर आमंत्रित किया गया था। ऑडिटोरियम के लोकार्पण पट्टिका पर भूलवश नाम छूट गया था, जिसके संज्ञान में आते ही दूसरी शिला पट्टिका में माननीय विधायक महोदय का नाम लिखकर स्थापित कर दी गई थी। (घ) मुख्य नगर पालिका अधिकारी को कारण बताओ सूचना-पत्र जारी किया गया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नियमों के विपरीत सप्लीमेंट्री राशि बढ़ाया जाना
[लोक निर्माण]
18. ( क्र. 732 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01-04-2018 से 31-03-2023 के दौरान रीवा संभाग के अंतर्गत मुख्य अभियंता/अधीक्षण यंत्री/कार्यपालन यंत्रियों के द्वारा किन-किन निविदाओं की सप्लीमेंट्री राशि कितनी-कितनी प्रतिशत बढ़ाई? निविदावार जानकारी दें? प्रत्येक निविदावार कितनी-कितनी राशि बढ़ी प्रकरणवार दें? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार मुख्य अभियंता/अधीक्षण यंत्री/कार्यपालन यंत्री को कुल निविदा राशि का कितनी सप्लीमेंट्री राशि बढ़ाने की शक्ति/अधिकार प्राप्त है? उक्त अधिकारों की एक प्रति देते हुये बताये अगर अधिकार से ज्यादा सप्लीमेंट्री राशि बढ़ाई जाती है तो शासन/विभाग उस अधिकारी के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही करता है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित प्रकरणों में अधिकार से ज्यादा सप्लीमेंट्री राशि बढ़ाने वाले मुख्य/अधीक्षण| कार्यपालन अभियंताओं के विरूद्ध राज्य शासन कब तक आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध करवायेगा? प्रकरणवार बतायें कि विभागीय जाँच प्रश्नतिथि तक संस्थित क्यों नहीं की गई है? (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार सप्लीमेंट्री राशि बढ़ाने किन-किन प्रकरणों में राज्य शासन/विभाग से अनुमति लिखित में लेना अत्यावश्यक था? किन-किन प्रकरणों में ली गई? किन-किन में नहीं ली गई? जारी सभी आदेशों/अनुमतियों की एक-एक प्रति उपलब्ध करायें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ख) म.प्र. शासन,लोक निर्माण विभाग के परिपत्र क्रमांक 2257/ 2331/18/19/यो, भोपाल दिनांक 01.06.2018 एवं पत्र क्रमांक एफ-53-12/2012/19/यो/2927/भोपाल दिनांक 03.10.2019 के अनुसार। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 एवं 2 अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित प्रकरणों में सप्लीमेंट्री कार्य नियमों के विपरीत स्वीकृत नहीं किया गया। अतः शेष का प्रश्न ही नहीं उठता। (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार राज्य शासन से अनुमति लेना आवश्यक नहीं है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
किसानों को अनुदान पर विद्युत पोल तथा ट्रांसफार्मर की उपलब्धता
[ऊर्जा]
19. ( क्र. 776 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में प्रचलित किसान मित्र योजना के अन्तर्गत बिजली के पोल एवं ट्रांसफार्मर अनुदान के लिए पिछले वित्तीय वर्ष में संचालन-संधारण वृत्त छिन्दवाड़ा में कितने किसानों ने ऑनलाइन आवेदन फार्म भरे थे? (ख) किसानों द्वारा भरे गये उपरोक्त ऑनलाइन आवेदन में से कितने किसानों को किसान मित्र योजना के अन्तर्गत लाभ दिया गया? (ग) क्या किसान मित्र योजना के अन्तर्गत बिजली के पोल एवं ट्रांसफार्मर अनुदान के लिए लाभ पाने वाले किसानों की संख्या आवेदन करने वाले किसानों की तुलना बहुत कम है? (घ) क्या सरकार किसान मित्र योजना के अन्तर्गत बिजली के पोल एवं ट्रांसफार्मर अनुदान के लिए आवेदन करने वाले सभी किसानों को लाभ दिया जाना सुनिश्िचत करेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अंतर्गत संचालन-संधारण वृत्त छिन्दवाड़ा में ''मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना'' के तहत विगत वित्तीय वर्ष 2023-24 में 3004 कृषकों ने ऑनलाईन आवेदन किये थे। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में योजना के प्रावधानों के अनुरूप वर्तमान स्थिति तक किये गए सर्वे उपरान्त योजना के निर्धारित मानदण्डों के अनुसार तकनीकी रूप से साध्य पाये गए 310 पात्र आवेदकों/कृषकों को उक्त योजना के अंतर्गत मांग पत्र जारी किये गए हैं, जिसमें से 32 आवेदकों/कृषकों द्वारा मांग पत्र अनुसार राशि संबंधित कार्यालय में जमा करायी गई हैं एवं इनसे संबंधित कार्य प्रगति पर है। (ग) किसान मित्र योजना के अंतर्गत बिजली के पोल एवं ट्रांसफार्मर अनुदान के लिए लाभ पाने वाले किसानों की संख्या आवेदन करने वाले किसानों की तुलना में कम है। (घ) मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना में विद्यमान अद्योसंरचना से आवेदकों के स्थलों की दूरी अधिक होने के कारण राज्य शासन द्वारा ऐसे कृषक आवेदनकर्ताओं को विद्युतीकृत कृषि पंप की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु ''मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना'' अंतर्गत सोलर कृषि पंप भी दिया जाना सम्मिलित करते हुए ''प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना'' लागू करने का निर्णय लिया गया है। उक्त नवीन योजना में निहित प्रावधान के अनुसार आवेदनकर्ताओं की सहमति के आधार पर नवीन योजना का नियमानुसार लाभ दिया जाएगा।
सिहोरा नगर में बनाये जा रहे रोड डिवाइडर की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
20. ( क्र. 836 ) श्री प्रणय प्रभात पांडे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका परिषद सिहोरा द्वारा विजय रेस्टोरेन्ट से मझौली बायपास तक नाली, रोड-डिवाइडर निर्माण व सेंटर लाइटिंग कार्य किस निविदाकार द्वारा किन-किन नियम शर्तों के अधीन कब प्रारंभ कराया गया, प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी लागत के कौन-कौन से कार्य कराये गये एवं शेष निर्माण कार्य कब तक पूर्ण होगा, निर्माण कार्य की टी.एस. की छायाप्रति देवें। (ख) क्या उल्लेखित निर्माण कार्य में मार्ग के किनारे पूर्व से लगे विद्युत पोल शिफ्ट किए बिना मार्ग का चौड़ीकरण कर दिया गया है, जिससे आये दिन दुर्घटनाएं हो रही है? (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर में यदि हाँ, तो क्या शासन गैर जिम्मेदाराना निर्माण कार्य की शीघ्र जांच कराकर विद्युत पोल शिफ्ट कर दोषियों पर कार्यवाही करेगा, उत्तर यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना निर्माण योजना के अन्तर्गत विजय रेस्टोरेन्ट से मझौली चौक तक सड़क उन्नयन कार्य निविदाकार श्री अतुलकुमार जैन सिहोरा के द्वारा म.प्र.शासन वर्क्स मेन्यूअल में प्रावधानित नियम शर्तों के अनुसार सड़क उन्नयन अप्रैल 2023 से प्रारंभ कराया गया। प्रश्न दिनांक तक निकाय द्वारा सड़क चौड़ीकरण, डिवाइडर एवं स्ट्रीट लाईट के संपन्न कराये गये कार्य तथा उन पर किये गये भुगतान की जानकारी निम्नानुसार है:- 1. सड़क चौड़ीकरण राशि रू. 17222884.98 2. डिवाईडर राशि रू. 5079678.13 3. सेन्टर लाईट राशि रू. 5637785.35 कुल योग:- 2,79,40,348.46 उपरोक्तानुसार किये गये भुगतान के अलावा राशि रूपये 20,59,651.54 की लागत का निर्माण कार्य संपन्न कराया गया जिसका भुगतान किया जाना शेष है। कार्य प्रगतिरत है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। टी.एस.की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उल्लेखित निर्माण कार्ययोजना में पूर्व से लगे विद्युत पोलों को शिफ्ट किये जाने का कार्य डी.पी.आर/प्राक्कलन में सम्मलित नहीं होने के कारण कार्यादेश अनुसार डी.पी.आर/प्राक्कलन में प्रावधानित निर्माण कार्य कराये गये। जी नही, विजय रेस्टोरेन्ट से मझौली चौक तक सड़क के किनारे पूर्व से लगे हुये विद्युत पोल के कारण किसी भी प्रकार की दुर्घटना होने बावद किसी भी प्रकार की लिखित शिकायत अभी तक निकाय को प्राप्त नहीं हुई है। विद्युत पोलो को शिफ्ट कराये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना निर्माण योजना की प्रशासकीय स्वीकृति तथा तकनीकी स्वीकृति अनुसार डी.पी.आर./प्राक्कलन/निविदा/कार्यादेश में सड़क के किनारे पूर्व में लगे हुये विद्युत पोल की शिफ्ट किये जाने का कार्य सम्मलित नहीं था तदनुसार स्वीकृत निर्माण कार्य संपन्न कराया गया। सड़क के किनारे पूर्व में लगे विद्युत पोल को शिफ्ट कराये जाने की कार्यवाही प्रगति पर है। म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लि. सिहोरा, जबलपुर द्वारा सड़क किनारे के विद्युत पोल शिफ्टिंग कार्य के लिये लगभग 255.00 लाख का प्राक्कलन तैयार किया गया है राशि की उपलब्धता पर पोल शिफ्टिंग का कार्य कराया जा सकेगा। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शिवपुरी
मड़ीखेड़ा
जलप्रदाय
योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
21. ( क्र. 874 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी शहर में मड़ीखेड़ा डैम से जलप्रदाय योजना संचालित है? यदि हाँ, तो उक्त योजना हेतु प्रश्न दिनांक तक कुल कितनी राशि किस-किस वर्ष में किस-किस कार्य के लिए स्वीकृत की गई? (ख) क्या उक्त योजना में मड़ीखेड़ा डैम से शिवपुरी शहर तक पेयजल लाने हेतु बार-बार घटियां पाइप डालकर शासन को करोड़ों की हानि पहुंचायी जाकर अधिकारियों/ठेकेदारों द्वारा भारी भ्रष्टाचार किया गया है? बार-बार बदले गये पाइप किन-किन अधिकारियों द्वारा पास किये गये तथा उसका भुगतान किसके द्वारा किस-किस को किया गया? बार-बार पाइप बदलने की आवश्यकता क्यों हुई? (ग) क्या मड़ीखेड़ा से शिवपुरी तक डाली गई पेयजल लाइन में जो घटियां किस्म के पाइप खरीदे गये उनकी गुणवत्ता के लिए उत्तरदायी अधिकारी एवं कर्मचारियों के विरूद्ध अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई? यदि हाँ, तो उक्त कार्यवाही कब तक की जाएंगी? (घ) क्या शासन मड़ीखेड़ा से शिवपुरी तक बार-बार घटिया पाइप लगाकर शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाने वाले अधिकारियों/ठेकेदारों/कंपनी के विरूद्ध पुलिस में प्रकरण दर्ज दोषी अधिकारियों के ठोस एवं प्रभावी कार्यवाही करेगा? (ङ) शासन प्रशासन को उक्त घोटाले की कब-कब किस-किस के द्वारा क्या-क्या शिकायत प्राप्त हुई? उक्त शिकायतों पर क्या-क्या प्रभावी कार्यवाही किस-किस के द्वारा की गई? शिकायतों एवं कृत कार्यवाही की प्रति संलग्न कर जानकारी दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ख) जी नहीं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। (ग) पेयजल पाईप लाईन की गुणवत्ता की जांच शासन द्वारा नियुक्त तृतीय पक्ष एजेंसी एस.जी.एस. एवं अन्य द्वारा की जाने के उपरांत ही भुगतान संबंधी कार्यवाही करने से कोई अधिकारी उत्तरदायी नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) उत्तरांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मिहोना-लहार-दबोह-भांडेर मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
22. ( क्र. 875 ) श्री अम्बरीष शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिंड जिला की तहसील लहार में मिहोना लहार दबोह भांडेर मार्ग का निर्माण कब किया गया तथा कार्य कब कितनी राशि का पूर्ण किया गया? (ख) लहार बीच बस्ती से होकर प्रश्नांकित मार्ग गुजरता है, मार्ग सीमेंट कंक्रीट का बना है क्या मार्ग की गुणवत्ता की कोई शिकायत विभाग को प्राप्त हुई है, यदि हाँ, तो क्या कार्य गुणवत्ता अनुरूप पाया गया यदि नहीं, तो दोषी अधिकारी, ठेकेदार के विरूद क्या कार्यवाही की गई I (ग) क्या सीमेंट कंक्रीट मार्ग पर जगह-जगह गड्ढे हो गए है, जिनको अमानक सामग्री से मरम्मत की जाकर छुपाया गया है, क्या सीमेंट कंक्रीट मार्ग की ऊपरी सतह/परत निकल गई है उसके ऊपर डामर की परत बिछा दी गई है? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) गुणवत्ता विहीन कार्य की श्रेणी में नहीं आता है, कार्य का अंतिम भुगतान अभी कुछ माह पूर्व ही दिया गया है, मार्ग पर बिना पौधरोपण के अंतिम भुगतान किया गया है, क्या यह सच है? (ड.) क्या विभाग लहार बस्ती से गुजरता राष्ट्रीय राजमार्ग- 552 की गुणवत्ता को नजर अंदाज कर एवं अधूरे कार्य को अंतिम भुगतान कर क्या विभाग दोषियों को बचाने का प्रयास कर रहा हैI
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी नहीं, कार्यालयीन अभिलेख अनुसार कोई शिकायत प्राप्त नहीं। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) उत्तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। जी नहीं, मार्ग निर्माण के अनुबंध में स्वीकृति अनुसार ही वृक्षारोपण सहित सभी कार्य पूर्ण गुणवत्ता के पूर्ण कराते हुये पूर्णता प्रमाण पत्र दिनांक 25.03.2022 को जारी किया गया एवं कराये गये कार्य का ही भुगतान किया गया। (ड.) जी नहीं, प्रश्नांश (घ) के उत्तर अनुसार। शेष का प्रश्न नहीं उठता है।
बाईपास निर्माण कार्य में अनियमितता
[लोक निर्माण]
23. ( क्र. 876 ) श्री अम्बरीष शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिंड जिले की ग्राम लहार में बाईपास का निर्माण कितनी राशि एवं कितनी लम्बाई का कब स्वीकृत हुआ? क्या बाईपास का एकरेखण श्यामपुरा ग्राम की घनी बस्ती से गुजरता है? यदि हाँ, तो क्या विभाग एकरेखण परिवर्तन की कार्यवाही करेगा? (ख) राष्ट्रीय राजमार्ग -552 पर लहार बाईपास के निर्माण में गुणवत्ता के सम्बन्ध में क्या कोई शिकायत विभाग को प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो क्या जांच कराई गई? यदि हाँ, तो कार्य की गुणवत्ता मानक अनुरुप पाई गई? यदि नहीं, तो दोषियों के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या लहार बाईपास में कुछ माह पूर्व किया गया डामरीकरण कार्य क्षतिग्रस्त हुआ है, क्या ठेकेदार पर अनुसार वांछित डामरीकरण कार्य हेतु हॉट मिक्स प्लांट उपलब्ध था? यदि हाँ, तो उसका स्थान तथा कार्यस्थल से उसकी दूरी बताने का कष्ट करें। (घ) यदि ठेकेदार के पास अनुबंध अनुसार वांछित हॉट मिक्स प्लांट निर्धारित दूरी पर स्थित नहीं था तो क्या कार्य को अमानक मानकर भुगतान हेतु अमान्य किया गया है, यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ। जी नहीं। (ख) जी हाँ, जांच कराई गई। कार्य की गुणवत्ता मानक अनुरूप पाई गई अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं, जी हाँ, ठेकेदार के पास अनुबंध के अनुसार बैच मिक्स प्लांट उपलब्ध था तथा बैच मिक्स प्लांट लहार चितौरा मार्ग पर ग्राम बेरजा के पास कार्यस्थल से लगभग 60 कि.मी. दूरी पर स्थित था। (घ) कार्य के अनुबंध में बैच मिक्स प्लांट की निर्धारित दूरी का कोई उल्लेख नहीं है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
नर्मदापुरम/इटारसी में पेयजल का प्रदाय
[नगरीय विकास एवं आवास]
24. ( क्र. 885 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदापुरम जिले की नगर पालिका इटारसी एवं नर्मदापुरम में मुख्यमंत्री/अमृत पेयजल योजना के अंतर्गत इटारसी/नर्मदपुरम के कुल कितने वार्डों/क्षेत्रों में कितनी लंबाई की पाइप-लाइन डाली गई? इस पर कुल कितना व्यय हुआ? पृथक-पृथक जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जिन वार्डों/क्षेत्रों में पाइप-लाइन डाली गई उन क्षेत्रों में खोदी गई सभी सड़कों का क्या पुन: निर्माण कर दिया गया है। किन क्षेत्रों में किन कारणों से पुनःनिर्माण नहीं किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित में जिन वार्डों/क्षेत्रों में पाइप-लाइन डाली गई उन क्षेत्रों वार्डवार कितने नल कनेक्शन दिए गए? वार्डवार संख्यात्मक जानकारी दें। (घ) क्या उक्त योजना में जिन नागरिकों को नल कनेक्शन दिये गये उसमें से दोनों समय पानी आ रहा है। यदि नहीं, तो किन-किन क्षेत्रों/वार्डों/गलियों में कब से पानी किन कारणों से नहीं आ रहा है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (घ) जी नहीं, एक बार जलप्रदाय किया जाता है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
रेलवे ओव्हर ब्रिज का निर्माण
[लोक निर्माण]
25. ( क्र. 886 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा सोनासॉवरी, इटारसी में प्रस्तावित रेलवे ओव्हर ब्रिज का निर्माण हेतु, कितनी राशि कब स्वीकृत की गयी एवं भूमिपूजन कब किया गया। (ख) उक्त कार्य हेतु निविदाएं कब, किस एजेंसी की स्वीकृत कर कब कार्यादेश दिया गया। कार्यादेश में कौन सा नक्शा दिया गया। क्या लंबे समय से कार्य अप्रारंभ है यदि हाँ, तो इसके क्या कारण है। (ग) उक्त आर.ओ.बी. प्रारंभ करने हेतु वर्ष 2024 में प्रमुख सचिव, लोक निर्माण विभाग, भोपाल, कार्यपालन यंत्री, सेतु निर्माण को प्रश्नकर्ता के पत्र कब-कब प्राप्त हुए। प्राप्त पत्रों पर क्या कार्यवाही हुई।
लोक निर्माण मंत्री (श्री राकेश सिंह ) : (क) स्वीकृत राशि रूपये 4529.06 लाख, दिनांक 28.04.2023 से जारी भूमि पूजन दिनांक 06.10.2023। (ख) उक्त आर.ओ.बी. निर्माण कार्य हेतु निविदा मेसर्स वेल्जी रत्ना सोरठिया प्रा.लि. बड़ोदरा गुजरात की दिनांक 20.09.2023 को स्वीकृत हुई, दिनांक 05.12.2023 को कार्य का एल.ओ.ए. जारी किया गया। कार्य के अनुबंध में प्रस्तावित आर.ओ.बी. की सामान्य सरंचना मानचित्र संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं, संविदाकार द्वारा आर.ओ.बी. निर्माण हेतु भू-तकनीकी सर्वेक्षण कार्य पूर्ण किया जा चुका है तथा दो लेग हेतु स्ट्रक्चर ड्राईंग प्रदाय की जा चुकी है। शेष रूपांकन कार्य प्रगति पर है। (ग) प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग भोपाल को दिनांक 06.05.2024 एवं कार्यपालन यंत्री को पत्र 02.01.2024 को प्राप्त हुये। पत्रों में उल्लेखित बिन्दुओं पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
निर्माण कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
26. ( क्र. 915 ) श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पन्ना जिले में छत्रसाल स्टेडियम, श्री जुगल किशोर स्टेडियम, बड़ी देवी मंदिर का पुल, धरमसागर रिंग रोड जैसे स्वीकृत निर्माण कार्य बजट के अभाव अथवा ठेकेदार की उदासीनता के कारण काफी लंबे समय से रूके हुये है।यदि हाँ तो उक्त कार्यों को शीघ्र पूर्ण कराये जाने हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है? यदि नहीं, तो क्यों? इसके लिये कौन दोषी है? कब तक निर्माण कार्य पूर्ण करा लिए जावेंगे? (ख) पन्ना विधानसभा के नगर पालिका पन्ना एवं नगर परिषद अजयगढ़ अंतर्गत कितने चंदेल कालीन तालाब हैं जो कि जल स्रोत के बड़े साधन है जिनकी साफ सफाई एवं घाट निर्माण न होने से उपयोगहीन पड़े हुये हैं। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार क्या इन तालाबों को उपयोगी बनाने हेतु तालाबों की साफ-सफाई एवं घाट निर्माण किये जाने हेतु कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ तो क्या? यदि नहीं, तो कब तक कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) नगर परिषद पन्ना में चंदेल कालीन तालाब 11 है जिसमें लोकपाल सागर, निरपत सागर एवं धरम सागर पेयजल आपूर्ति के निकाय के मुख्य जल के स्रोत है। वर्तमान में आवश्यकता के अनुरूप तालाबों पर घाटों का निर्माण किया गया है तथा नियमित घाटों की सफाई का कार्य किया जाता है। घाटों का सौन्द्रर्यीकरण की कार्य योजना तैयार की जा रही है। नगर पालिका अजयगढ़ में चंदेल कालीन 04 तालाब हैं। नियमित घाटों की सफाई का कार्य किया जाता है। (ग) जी हाँ। अमृत-2.0 योजनांतर्गत पन्ना का निरपत सागर तालाब का कार्य प्रगतिरत है। अजयगढ़ के हजूरी तालाब की विकास योजना अमृत-2.0 में शामिल है।
सड़क निर्माण कार्य की जानकारी
[लोक निर्माण]
27. ( क्र. 916 ) श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि पन्ना जिले के पहाड़ीखेरा से मजगवां जिला सतना मार्ग का उन्नयन कार्य स्वीकृत है? यदि हाँ, तो उक्त निर्माण कार्य हेतु क्या-क्या कार्यवाही की जा चुकी है? कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? समय-सीमा बतावें। यदि नहीं, तो क्यों? (ख) विधानसभा सत्र फरवरी 2024 के प्रश्न क्रमांक 62 में प्रश्नकर्ता द्वारा अजयगढ़ से सतना जिला जाने हेतु भारी वाहन पन्ना शहर से होकर गुजरते है जिसमें यातायात की समस्या से निपटने हेतु अजयगढ़ रोड से सतना-कटनी एवं छतरपुर जाने हेतु रिंग रोड निर्माण के संबंध में प्रश्न पूछा गया था। जिसके संबंध में माननीय मंत्री जी द्वारा भारी वाहनों का पन्ना शहर के अंदर होकर गुजरने के संबंध में स्वीकृति दी थी किन्तु उक्त समस्या के निराकरण हेतु कोई आश्वासन नहीं मिला था। क्या शासन पन्ना शहर में होने वाली यातायात की समस्या, दुर्घटना एवं प्रदूषण के निराकरण हेतु अजयगढ़ से सतना-कटनी एवं छतरपुर मार्ग जोड़कर रिंग रोड का निर्माण कराये जाने हेतु कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। कार्य की निविदा दिनांक 19.06.2024 को आमंत्रित। निविदा स्वीकृति उपरान्त अनुबंध में निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण करना लक्षित है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। म.प्र. सड़क विकास निगम अंतर्गत अजयगढ़ रोड से सतना-कटनी जाने हेतु बायपास मार्ग निर्माण की कोई भी योजना बनाई नहीं गई है, अपितु अजयगढ़ रोड से छतरपुर जाने हेतु बायपास पूर्व से ही निर्मित है।
मार्ग का गुणवत्ताहीन निर्माण
[लोक निर्माण]
28. ( क्र. 925 ) श्री मनोज नारायण सिंह चौधरी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हाटपिपल्या विधानसभा में कांझर-डिगोद मार्ग, नानूखेड़ा-ग्यारसपुरा मार्ग एवं कुलावड़-बवल्या मार्ग का गुणवत्ताहीन निर्माण किया गया है, जिस कारण उक्त मार्गों की हालत अत्यन्त ही खराब हो गई है। उक्त संबंधित ठेकेदार/अधिकारियों पर क्या कोई उचित कार्यवाही होगी? उक्त सड़कों का पुनः निर्माण कब तक करवा दिया जाएगा? (ख) क्या देहरियासाहु से शुक्रवासा सड़क का वर्तमान में कार्य चल रहा है, जिसकी वन विभाग द्वारा पूर्व में स्वीकृति भी दी गई है किन्तु वन विभाग द्वारा उक्त कार्य अनावश्यक रूप से रोक दिया गया है? उक्त सड़क का कार्य कब तक पूर्ण होगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं। विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। मार्ग के एक रेखण में परिवर्तन होने के कारण वन विभाग से पुन: अनुमति प्राप्त करने हेतु आवेदन किया गया है। वन विभाग से अनुमति प्राप्त होने के उपरांत मार्ग निर्माण कार्य पूर्ण किया जावेगा। अनुमति प्राप्त न होने के कारण वर्तमान में समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
ब्रिज निर्माण की जानकारी
[लोक निर्माण]
29. ( क्र. 926 ) श्री मनोज नारायण सिंह चौधरी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि देवास बायपास, राजोदा जैल के पास एक ब्रिज की अति आवश्यकता है। यह रोड चार विधानसभाओं को मिला कर देवास जिले की जीवन रेखा कहलाने वाला रोड है। यहां अंडर ब्रिज बनना चाहिए था, जो कि आज दिनांक तक नहीं बनाया गया है, इसमें किसका दोष है? ब्रिज न होने के कारण यहां पर कई बार दुर्घटनाएं होकर कई जाने चली गई हैं। जब इसकी डी.पी.आर. बनाई गई थी तब यह इतनी बड़ी त्रुटि कर ब्रिज की स्वीकृति छोड़ दी गई थी, इसके लिए कौन जिम्मेदार हैं? क्या उन जिम्मेदार अधिकारियों/कर्मचारियों पर कार्यवाही करेंगे? ताकि भविष्य में कभी कोई बड़ी सड़क बने तब ऐसी दुर्घटनाओं वाले स्थानों पर ब्रिज बनाने से वंचित न रखा जाए, जिससे जो बड़ी जन-धन हानि होती है उसकी पुनरावृत्ति न हो। यहाँ ब्रिज कब बनेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : देवास-बायपास मार्ग का निर्माण बी.ओ.टी. योजनांतर्गत किया गया है, जिसमें राजोदा में अण्डर पास का प्रावधान नहीं था। डी.पी.आर. तत्समय की परिस्थितियां अनुसार बनाई गई थी एवं मार्ग का निर्माण बी.ओ.टी. परियोजना अंतर्गत किया गया है। उक्त स्थान पर दुर्घटनाएं होती है, अपितु पुलिस अधीक्षक, देवास की रिपोर्ट अनुसार इन दुर्घटनाओं में किसी की जान नहीं गई है। डी.पी.आर. तत्समय की परिस्थितियां अनुसार बनाई गई थी। अत: कोई भी अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार नहीं है एवं उन पर कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। परियोजना में ब्रिज सम्मिलित न होने के कारण समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विद्युत सब स्टेशनों की स्थापना
[ऊर्जा]
30. ( क्र. 938 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कुल कितने 33/11 के.व्ही के विद्युत सब स्टेशन विद्यमान है? विधानसभा क्षेत्र के कितने ऐसे स्थान हैं जहां क्षमता से कम के वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित हैं? जिससे वोल्टेज की कमी, ट्रांसफार्मर जल जाना आदि की समस्या से ग्रामीणों को घरेलू बिजली तथा खेतों में सिंचाई का कार्य प्रभावित हो रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विधानसभा क्षेत्र के कितने ग्रामों में विगत 1 वर्ष से लेकर प्रश्न दिनांक तक कितने वितरण ट्रांसफार्मर जले, कितनों को पुनः स्थापित किया गया तथा कितने आवेदन संबंधित मैदानी अभियंताओं को वितरण ट्रांसफार्मर क्षमता वृद्धि के प्राप्त हुए? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार कंपनी द्वारा पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों में जहां क्षमता से कम के ट्रांसफार्मर हैं उन ग्रामों का सर्वे कर क्षमता वृद्धि की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ के समस्त ग्रामों, मजरा, टोला, बस्तियों में 24 घंटे विद्युत आपूर्ति की जा रही है? यदि नहीं, तो क्यों? विद्युत विहीन ग्रामों का विवरण एवं इन गांव में कब तक विद्युत आपूर्ति सुनिश्िचत की जाएगी।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) पुष्पराजगढ विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत 33/11 के. व्ही. के कुल 9 विद्युत उपकेन्द्र विद्यमान है। वर्तमान में प्रश्नाधीन क्षेत्र अंतर्गत ऐसा कोई भी स्थान नहीं है, जहां कम क्षमता के वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित होने से वोल्टेज की कमी एवं वितरण ट्रांसफार्मर के जलने/खराब होने के कारण घरेलू या सिंचाई कार्य प्रभावित हो रहा है। प्रश्नाधीन क्षेत्रांतर्गत समस्त उपभोक्ताओं को नियमानुसार गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नाधीन क्षेत्र अंतर्गत 43 ग्रामों में विगत 1 वर्ष से प्रश्न दिनांक की अवधि में कुल 51 वितरण ट्रांसफार्मर जले/खराब हुये हैं एवं उक्त सभी जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों को म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा निर्धारित समयावधि में बदल दिया गया है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में मैदानी अधिकारियों को वितरण ट्रांसफार्मर क्षमता वृद्धि के कुल 5 आवेदन प्राप्त हुए थे, उक्त सभी आवेदनों पर नियमानुसार कार्यवाही कर क्षमता वृद्धि के कार्य पूर्ण कर दिये गये हैं। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नाधीन क्षेत्र में स्थापित वितरण ट्रांसफार्मरों पर उनकी क्षमता के अनुरूप भार संबद्ध है। तथापि भविष्य में होने वाली भार वृद्धि के दृष्टिगत प्रश्नाधीन क्षेत्र में 241 स्थानों पर केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना अंतर्गत वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि के कार्य सर्वे उपरान्त चिन्हित किये गये हैं तथा कार्ययोजना तैयार कर नोडल एजेंसी मेसर्स पी.एफ.सी., नई दिल्ली को स्वीकृति हेतु प्रेषित की गई है। वर्तमान में उक्त कार्ययोजना की स्वीकृति प्राप्त होना शेष है। स्वीकृति प्राप्त होने पर निविदा प्रक्रिया उपरान्त क्रियान्वयन एजेंसी का चयन कर उक्त कार्य पूर्ण किये जावेंगे, जिस हेतु वर्तमान में निश्िचत समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ के सभी राजस्व ग्रामों एवं उनके चिन्हित मजरों/टोलों में आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर गैर कृषि उपभोक्ताओं को सामान्यत: 24 घण्टे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि विद्युत लाईनों/अद्योसंरचना के रख-रखाव हेतु पूर्व निर्धारित शट-डाउन लेने तथा तकनीकी कारणों/प्राकृतिक आपदा से आये आकस्मिक व्यवधानों जैसी अपरिहार्य स्थिति के कारण कतिपय अवसरों पर विद्युत प्रदाय बाधित होता है, जिसमें आवश्यक रख-रखाव/सुधार कार्य कर विद्युत प्रदाय शीघ्र ही सुचारू कर दिया जाता है। प्रश्नाधीन क्षेत्र अंतर्गत कुल 12 ग्राम यथा- कुई, गिजरी, बुल्हुपानी, कुम्हनी, डोगरिया, खिरनी, रमना सरकारी-1, दमगढ़, दबनिया, बघाड़, सिलवारी टोला एवं पिपरहा पूर्व में सौर ऊर्जा स्त्रोतों के माध्यम से ऊर्जीकृत किये गये थे। वर्तमान में सोलर मॉड्यूल एवं संबंधित उपकरण खराब होने के कारण उक्त ग्राम अविद्युतीकृत हैं। ग्राम कुई, कुम्हनी एवं गिजरी के विद्युतीकरण का कार्य प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजनान्तर्गत प्रस्तावित किया गया है, जिस पर जनजातीय कार्य विभाग से स्वीकृति प्रतीक्षित है, अत: वर्तमान में इन ग्रामों के विद्युतीकरण हेतु समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। ग्राम बुल्हूपानी, डोगरिया, खिरनी, रमना सरकारी-1, सिलवारी टोला, दमगढ़ एवं दबनिया के विद्युतीकरण का कार्य पी.एम. जनमन योजनान्तर्गत आर.डी.एस.एस. योजना के दिशा निर्देशों के तहत किया जाना प्रस्तावित है एवं उक्त कार्य दिसंबर 2024 तक पूर्ण किया जाना है। ग्राम पिपरहा के विद्युतीकरण का कार्य जमा योजनान्तर्गत जिला खनिज प्रतिष्ठान द्वारा आवंटित राशि से किया जा रहा है। वर्तमान में कार्य प्रगतिरत है एवं माह अगस्त, 2024 तक पूर्ण किये जाने के प्रयास हैं। शेष एक ग्राम बघाड़ दूरस्थ एवं सघन वन क्षेत्र में होने के कारण वर्तमान में ग्रिड के माध्यम से विद्युतीकृत किया जाना संभव नहीं है।
फर्जी अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थाओं की जांच
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
31. ( क्र. 956 ) श्री जगन्नाथ सिंह रघुवंशी [डॉ. हिरालाल अलावा] : क्या राज्यमंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्न-दिनांक की स्थिति में विभाग के द्वारा प्रदेश में कुल कितनी संस्थाओं को अल्पसंख्यक-शैक्षणिक संस्थान के रूप में मान्यता प्रमाण पत्र/अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया गया है जिलेवार-संस्थाओं की सूची एवं प्रमाण-पत्र की प्रति देवें? (ख) प्रश्न-दिनांक की स्थिति में प्रदेश में कितनी अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थाओं के मान्यता प्रमाण-पत्र विभाग के द्वारा निरस्त किए गए हैं उनकी सूची एवं कारण सहित निरस्त होने के आदेश की प्रति देवें? (ग) वर्ष-2019 से लेकर प्रश्न दिनांक की स्थिति नेशनल कमीशन ऑफ़ माइनॉरिटी एजुकेशन इंस्टीट्यूट की मान्यता प्राप्त करने हेतु राज्य सरकार की ओर से एनओसी प्राप्त करने के लिए कितनी संस्थाओं के आवेदन प्राप्त हुए उन समस्त आवेदनकर्ता संस्थाओं की सूची एवं उन पर विभाग के द्वारा लिए गए निर्णय की छायाप्रति उपलब्ध करावें? (घ) एनसीएमईआई द्वारा मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थानों में यदि अध्ययनरत विद्यार्थी तथा टीचिंग स्टाफ निश्िचत अनुपात में नहीं पाया जाता है तो क्या ऐसी संस्थाओं की मान्यता निरस्त करने की क्या प्रक्रिया है और राज्य सरकार की क्या जिम्मेदारी है दस्तावेज के साथ जानकारी देवें? (ड.) अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में ऐसी कितनी संस्थाओं के प्रस्ताव प्राप्त हुए जिनमें निर्धारित समय-सीमा में कार्यवाही नहीं करने के कारण नियमों का फायदा उठाकर एनसीएमईई की मान्यता प्राप्त की गई, क्या ऐसे मामले की सीबीआई जांच के आदेश जारी किए जाएंगे या नहीं?
राज्यमंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती कृष्णा गौर ) : (क) प्रश्न दिनांक की स्थिति में जारी किये गये वैद्य प्रमाण पत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। (ख) जानकारी निरंक है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) राष्ट्रीय अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान आयोग अधिनियम 2004 में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान आयोग की मान्यता प्राप्त करने हेतु राज्य सरकार की और से एनओसी प्राप्त करने संबंधी कोई प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। नेशनल कमीशन फॉर माइनॉरिटी एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन एक्फ 2004 के सेक्शन 12 में सम्पूर्ण प्रक्रिया का उल्लेख है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। (ड.) एनसीएमईआई द्वारा जारी मान्यता प्रमाण पत्र की जानकारी राष्ट्रीय अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान आयोग नई दिल्ली से संबंधित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सरकारी भवनों में सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थिति
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
32. ( क्र. 959 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सरकारी भवनों में सौर ऊर्जा संयंत्र और रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम हेतु क्या निर्देश दिए गए हैं। (ख) छतरपुर जिले में कितने सरकारी भवनों में इन निर्देशों के अनुक्रम में कार्य किया गया है। कार्यों का ब्यौरा प्रदाय करें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुक्रम में किन-किन सरकारी भवनों में सौर ऊर्जा संयंत्र और रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम पूरी क्षमता से कार्य कर रहे हैं। किन भवनों में आंशिक या पूर्णरूप से बंद हैं। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के अनुक्रम में शेष सरकारी भवनों में कब तक उक्त सिस्टम लग जायेंगे। आंशिक या पूर्णरूप से बंद भवनों के सिस्टम कब तक सही हो कर पूर्ण क्षमता से कार्य करेंगे।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री राकेश शुक्ला ) : (क) मध्यप्रदेश नवकरणीय ऊर्जा नीति एवं दिशा निर्देश-2022 में म.प्र.शासन द्वारा अपने कार्यालयों को ''ग्रीन कार्यालय'' के रूप में रूपांतरित करने का निर्णय लिया गया है, जिसके अंतर्गत सरकारी भवनों में सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना की जाना है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। भारत सरकार के पी.एम.सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के विभिन्न घटकों के अंतर्गत घरेलू क्षेत्र में सोलर रूफटॉप की स्थापना के साथ ही शासकीय भवनों में सोलर रूफटॉप संयंत्रों की स्थापना निश्िचत समय-सीमा में की जाना है। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। म.प्र. भूमि विकास नियम, 2012 की कंडिका 81 अनुसार 140 वर्ग फीट के या अधिक के भू-खण्ड पर भवन निर्माण के लिये रेन वाटर हार्वेस्टिंग का प्रावधान है। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। भारत सरकार के जल शक्ति अभियान के तहत नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने परिपत्र (क्र. 954/1297/21/181 दिनांक 22.03.2021) द्वारा वाटर हार्वेस्टिंग हेतु निर्देश जारी किये गये है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। (ख) छतरपुर जिले में 46 सरकारी भवनों में ऑनग्रिड एवं ऑफग्रिड सौर फोटोवोल्टेइक पावर प्लांट की स्थापना की गई है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-इ अनुसार है। छतरपुर जिले के शासकीय भवनों यथा कलेक्टर कार्यालय, जिला पंचायत, जनपद पंचायत, पी.एच.ई. कार्यालय एवं आर.ई.एस कार्यालय में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुक्रम में सौर ऊर्जा संयंत्रों की कार्यशीलता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-इ अनुसार है। प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित भवनों के रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम संचालित है। नगर पालिका परिषद छतरपुर द्वारा निकाय के स्वामित्व के भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित किये जा रहे है, निविदा प्रक्रिया प्रचलन में है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई अनुसार है। (घ) छतरपुर जिले सहित राज्य के सभी शासकीय भवनों को मिशन मोड में वर्ष 2025-26 तक सौर ऊर्जीकृत किए जाने के प्रयास किये जा रहे है। रूफटॉप संयंत्रों के परियोजना अवधि तक समुचित संचालन हेतु RESCO मोड में सभी विभागों के भवनों को संकलित (Aggregate) करके उन्हें RESCO अंतर्गत संयंत्र स्थापना किया जाना प्रस्तावित है। शासकीय भवनों में सोलर रूफटॉप संयंत्रों की स्थापना व संचालन की मॉनीटरिंग हेतु राज्य स्तरीय एवं जिला स्तरीय समितियों का गठन किया जा चुका है। जिला स्तरीय समिति द्वारा प्रस्तुत एक्शन प्लान पर राज्य स्तरीय समिति के अनुमोदन पर ही Capex एवं RESCO Mode में सौर संयंत्र की स्थापना की जावेगी। मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड द्वारा केपेक्स मोड के तहत संयंत्रों की स्थापना 5 वर्षीय वांरटी एवं रख-रखाव के साथ कराई जाती है। इसके उपरांत संयंत्र संचालन की जिम्मेदारी हितग्राही संस्था (संबंधित विभाग) की होती है। संबंधित संस्था से निगम में संयंत्र सुधार हेतु प्रस्ताव एवं राशि प्राप्ति होने पर संयंत्र सुधार कार्य किया जा सकेगा।
किसानों को 24 घंटे तीन फेस बिजली प्रदाय
[ऊर्जा]
33. ( क्र. 960 ) श्री
राजेश कुमार
शुक्ला : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) प्रदेश
में बिजली
उत्पादन
बढ़ाने के लिए
विगत 03
वर्षों में
किए गए प्रयासों
का विवरण
देवें। (ख) प्रदेश
में बिजली
उत्पादन में
निजी क्षेत्र के
विगत 03
वर्षों में
योगदान का
ब्यौरा
देवें। (ग) प्रदेश
में निजी
क्षेत्र के
अनुबंधित
विद्युत
संयंत्रों से
खरीदी गई
बिजली की दर
माह मई 2024
की स्थिति में
क्या है
जानकारी
देवें। (घ) बिजली
उत्पादन में
निजी क्षेत्र
का निवेश बढ़ाने
के लिए विगत 03 वर्षों
में किए गए
प्रयासों का
विवरण देवें। ग्रीन
ऊर्जा के लिए 03 वर्षों
में किए गए
प्रयास क्या
हैं? (ड.) क्या
कृषि क्षेत्र
के लिए 24
घंटे तीन फेस
बिजली प्रदान
करने हेतु कोई
योजना है? यदि हाँ, तो
किसानों को 24 घंटे बिजली
प्रदान करने
हेतु क्या
रणनीति
योजना बनाई जा
रही है?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) : (क) विभाग
द्वारा
एम.पी.पॉवर
मैनेजमेंट
कंपनी के माध्यम
से विगत
वर्षों में
प्रदेश की
विद्युत मांग
के आधार पर
आगामी वर्षों
हेतु प्रदेश
की विद्युत
मांग का आंकलन
कर, संसाधनों
की पर्याप्तता
(Resource adequacy) को
दृष्टिगत
रखते हुए, तात्कालिक
समयबद्ध
विद्युत
उपलब्धता को सुनिश्िचत
करने के
उपरान्त
विद्युत मांग
के अंतर की
गणना की जाती
है। तत्पश्चात
म.प्र.
विद्युत
नियामक आयोग
की अनुमति
उपरांत
विद्युत उत्पादन
में वृद्धि
हेतु
कार्यवाही की
जाती है। उल्लेखनीय
है कि वर्तमान
में विद्युत
उत्पादन
प्रक्रिया
में अनुज्ञा
की आवश्यकता
नहीं है। अत:
निजी उत्पादकों
द्वारा
प्रदेश की
आवश्यकता से
अधिक क्षमता
के संयंत्र स्थापित
किये जा सकते
हैं। यह सतत्
प्रक्रिया
है। विगत तीन
वर्षों
अर्थात वित्तीय
वर्ष 2021-22 से 2023-24 की
अवधि में
आगामी वर्षों
के दौरान
प्रदेश में
विद्युत मांग
की संभावित
वृद्धि की
पूर्ति हेतु
विद्युत उत्पादन
क्षमता
वृद्धि हेतु
तैयार किये
गये कार्यक्रम
का विवरण पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'अ' अनुसार है।
इन प्रयासों
के फलस्वरूप
ही विगत तीन
वर्षों में
प्रदेश हेतु
उपलब्ध
विद्युत
क्षमता में 1946 मेगावाट
की वृद्धि हुई
है। (ख) निजी
क्षेत्र
द्वारा विगत
तीन वर्षों (वित्तीय
वर्ष 2021-22 से 2023-24 तक) में
विद्युत उत्पादन
के माध्यम से
प्रदेश की कुल
विद्युत मांग
की पूर्ति हेतु
दिए गए योगदान
का वित्तीय
वर्षवार
विवरण पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग)
प्रदेश
में निजी
क्षेत्र के
अनुबंधित
विद्युत
संयंत्रों से
माह मई 2024
की स्थिति में
क्रय की गई विद्युत
की दरों का
विवरण पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-'स' अनुसार है। (घ)
विद्युत
उत्पादन में
निजी क्षेत्र
का निवेश
बढ़ाए जाने के
प्रयासों के
अंतर्गत
सिंगरौली में
मेसर्स महान
इनर्जन
लिमिटेड
द्वारा स्थापित
किये जा रहे 1320 मेगावाट
क्षमता के ताप
विद्युत गृह
से 1230
मेगावाट
विद्युत क्रय
हेतु अनुबंध
निष्पादित
किया गया है।
साथ ही म.प्र.
ऊर्जा विकास निगम
द्वारा
क्रियान्वित
प्रधानमंत्री
किसान ऊर्जा
सुरक्षा एवं
उत्थान
महाअभियान के
अवयव 'अ' एवं 'स' के
अंतर्गत
एम.पी. पॉवर
मैनेजमेंट
कंपनी लिमिटेड
द्वारा
विद्युत क्रय
अनुबंध निष्पादित
किए जा रहे
हैं। निष्पादित
किए गए
अनुबंधों का
विवरण पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-'द' अनुसार है।
हरित ऊर्जा
हेतु किए जा
रहे प्रयासों
के तारतम्य
में मध्यप्रदेश
पॉवर
जनरेटिंग
कंपनी
लिमिटेड द्वारा
भानपुरा तहसील
स्थित
रातागुराडिया
ग्राम में जल
संसाधन विभाग
के 7
मेगावॉट
क्षमता के सौर
ऊर्जा
संयंत्र का
अधिग्रहण
किया गया है, जिससे
दिनांक 03.03.2024 से
विद्युत उत्पादन
प्रारंभ हो
चुका है एवं
मार्च, अप्रैल
एवं मई माह
में करीब 2 करोड़ 90 लाख
यूनिट
विद्युत का
उत्पादन हुआ
है। (ड.) जी
नहीं, वर्तमान
में 11
के.व्ही.
कृषि फीडरों
में 24
घंटे 3 फेज
पर बिजली
प्रदान किए
जाने हेतु कोई
योजना
विचाराधीन
नहीं है। अत:
शेष प्रश्न
नहीं उठता।
अमृत योजनांतर्गत 24x7 जल प्रदाय योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
34. ( क्र. 973 ) श्री शैलेन्द्र कुमार जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अमृत योजनांतर्गत सागर में 24x7 जल प्रदाय योजना कब तक पूर्ण की जानी थी एवं प्रश्न दिनांक तक इसकी क्या प्रगति है? कई कार्य समय-सीमा में पूर्ण नहीं हो पाए है? यदि हाँ, तो विलम्ब के लिए क्रियान्वयन एजेन्सी पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) जल प्रदाय योजना अंतर्गत शहर में पाइप-लाइन बिछाने के बाद सड़कों के रिनोवेशन कार्य में विलंब किया जाता है, जिस कारण कई दुर्घटनाएं भी हो चुकी हैं साथ ही आम लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है, तो क्या शासन द्वारा इस दिशा में मॉनिटरिंग की जा रही है? अब तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) योजना का मूल उद्देश्य शहर की जनता को 24 घंटे 7 दिन पानी उपलब्ध कराना है, वर्तमान में योजनांतर्गत राजघाट बांध से पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। बांध का जल स्तर गर्मी आते आते कम हो जाता है, इसकी जलापूर्ति बांध की ऊंचाई को बढ़ाकर ही संभव है, तो क्या शासन के समक्ष इस दिशा में कोई कार्यवाही प्रचलन में हैं? (घ) क्या योजनांतर्गत जिन इलाकों में पाइप लाइन डालकर पानी की टेस्टिंग की गई है, वहां घरों तक पानी प्रेशर से नहीं पहुंच पाने की शिकायतें सामने आ रही हैं? क्या शासन द्वारा इसके समाधान हेतु कार्यवाही की जा रही है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) अमृत योजनांतर्गत नहीं अपितु ए.डी.बी. वित्त पोषित एमपीयूडीसी द्वारा नगर निगम सागर मकरोनिया अंतर्गत संचालित जलप्रदाय परियोजना दिनांक 30.06.2024 तक पूर्ण किया जाना प्रस्तावित है। प्रश्न दिनांक तक परियोजना की भौतिक प्रगति 76 प्रतिशत है। जी हाँ, समय-समय पर जनप्रतिनिधियों/आमजन की मांग के आधार पर जल वितरण पाइप-लाइन का विस्तारीकरण, परियोजना के विभिन्न विद्यमान घटकों के मरम्मत का कार्य, पुरानी जल वितरण पाइप-लाइन प्रतिस्थापन के कार्य से परियोजना में विलम्ब हुआ। विलम्ब हेतु अर्थदण्ड अधिरोपित करने हेतु राशि रोकी गई है। अनुबंध के प्रावधानों अनुसार समयावधि की वृद्धि पर गुण-दोष का परीक्षण कर, कार्य एजेंसी के विरूद्ध प्रकरण पर सक्षम प्राधिकारी द्वारा अंतिम निर्णय लेकर कार्यवाही की जावेगी। (ख) जी नहीं, अमृत योजनांतर्गत दुर्घटनाओं के संबंध में कोई भी सूचना प्राप्त नहीं हुई है। निर्माण कार्यों से आम लोगों को आवागमन में आ रही परेशारियों से इनकार नहीं किया जा सकता है। जी हाँ त्वरित विभागीय मॉनीटरिंग कर अनुबंध के प्रावधान एवं शासन द्वारा प्रदत्त नियम निर्देशों के तहत सड़कों का रिनोवेशन का कार्य तत्परता से किया जाता है। साथ ही सड़कों के रिनोवेशन कार्य में, एमपीयूडीसी मुख्यालय से भी रोड रिनोवेशन कार्य हेतु निरंतर निगरानी की जाती है, यदि रिनोवेशन में विलम्ब किया जाता है तो विभाग द्वारा समय-समय पर निर्माण एजेंसी को सूचित किया जाकर निर्माण कार्यों के देयकों में से कटौती कर कार्यवाही भी की गई है। (ग) जी हाँ। जी हाँ, जी हाँ, जल संसाधन विभाग में प्रस्ताव विचाराधीन है। (घ) जी नहीं, योजना अभी पूर्ण नहीं हुई है एवं प्रेशर संबंधी आंशिक शिकायतों के त्वरित निराकरण हेतु निर्माण एजेंसी द्वारा प्राथमिकता के आधार पर निदान कार्य किया जाता है। स्थायी निराकरण के लिए सागर जलप्रदाय योजना में पुरानी पाइप-लाइन के प्रतिस्थापना का कार्य वर्तमान में समानांतर प्रगतिरत है।
सागर की लाखा बंजारा झील का जीर्णोद्धार एवं सौंदर्यीकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
35. ( क्र. 974 ) श्री शैलेन्द्र कुमार जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लाखा बंजारा झील शहर की जनभावनाओं से जुड़ी हुई है, जिसके जीर्णोद्धार का कार्य विगत 3 वर्षों से जारी है? विलंब से किए जा रहे इस प्रोजेक्ट में प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कार्य पूर्ण कर लिये गये है एवं कौन-कौन से कार्य शेष रह गए हैं? (ख) झील सौंदर्यीकरण के तहत सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) को भी तैयार किया जाना है, प्रश्न दिनांक तक कार्य की क्या प्रगति है? (ग) झील जीर्णोद्धार व सौंदर्यीकरण को लेकर निर्माण एजेंसी द्वारा की जा रही लेटलतीफी और लापरवाही पर शासन द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई हैं? (घ) क्या शासन इस तरह के असंवेदनशील ठेकेदार के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही करेगा ताकि भविष्य में कोई ठेकेदार जनभावनाओं को अनदेखा न कर सके।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के अंतर्गत लाखा बंजारा झील के जीर्णोद्धार का कार्य किया जा रहा है। प्रोजेक्ट अंतर्गत पूर्ण किये कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-'अ' अनुसार है एवं जो कार्य शेष है की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। (ख) जी हाँ, झील के सौन्दर्यीकरण के तहत सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का सिविल कार्य पूर्ण कर लिया गया है तथा विद्युत कनेक्शन, कमीशनिंग व टेस्टिंग का कार्य शेष है। (ग) सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा संबंधित निर्माण एजेन्सी के अनुबंध की शर्तों अनुसार कार्य में विलंब हेतु पेनल्टी अधिरोपित करने की कार्यवाही की जाती है, जिसका विवरण संलग्न परिशिष्ट-'स' अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नवीन विद्युत कार्य एवं ट्रांसफार्मर बदलने की जानकारी
[ऊर्जा]
36. ( क्र. 981 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले में वर्ष 2022-23 से प्रश्न दिनांक तक विद्युत विभाग द्वारा एच.टी, एल.टी नवीन लाइन विस्तार कार्य फीडर सेपरेशन कार्य एल.टी केबलीकरण कार्य नवीन पोल लगाने का कार्य नवीन पी.टी.आर एवं अतिरिक्त पी.टी.आर तथा वितरण ट्रांसफार्मर स्थापना का कार्य एवं नवीन विद्युत लाइन खड़ी कर नया वितरण ट्रांसफॉर्मर लगाकर विद्युतीकरण का कार्य किस-किस विधानसभा क्षेत्र में क्या-क्या कार्य कितनी-कितनी (संख्या, कि.मी.) कराये गये? वितरण केन्द्रवार जानकारी दें? उक्त कार्य किन-किन योजनाओं के अंतर्गत कराये? (ख) शिवपुरी जिले में विधानसभा क्षेत्रवार वर्ष 2022-23 में फेल वितरण ट्रांसफॉर्मर कौन-कौन से कहाँ-कहाँ पर कब-कब बदले गये? फेल वितरण ट्रांसफार्मर पर कितनी-कितनी राशि बकाया थी इसमें कितने प्रतिशत राशि कब-कब जमा कराकर वितरण ट्रांसफॉर्मर बदले गये? यदि वितरण ट्रांसफॉर्मर बकाया राशि का निर्धारित प्रतिशत राशि जमा कराये बगैर बदले गये तो किसके आदेश पर बदले गये आदेश की प्रति संलग्न कर वितरण केन्द्रवार संख्यात्मक जानकारी दें? (ग) क्या वर्ष 2022-23 में फेल वितरण ट्रांसफॉर्मर निर्धारित प्रतिशत राशि जमा कराये बगैर मनमाने तरीके से बदले गये? यदि नहीं, तो निर्धारित प्रतिशत राशि में छूट देने का आदेश किसके द्वारा दिया गया आदेश की प्रति संलग्न कर बताये? (घ) क्या शिवपुरी जिले में वर्ष 2022-23 में विद्युत उपकेन्द्रों, लाइनों आदि के रख-रखाव एवं सुधार कार्य हेतु कितना-कितना भुगतान किस-किस को किया गया है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) शिवपुरी जिले में वर्ष 2022-23 से प्रश्न दिनांक तक विद्युत विभाग द्वारा एच.टी., एल.टी. नवीन लाईन विस्तार कार्य, फीडर सेपरेशन कार्य, एल.टी. केबलीकरण कार्य, नवीन पोल लगाने का कार्य, नवीन पीटीआर एवं अतिरिक्त पीटीआर तथा वितरण ट्रांसफार्मर स्थापना का कार्य एवं नवीन विद्युत लाईन खड़ी कर नया वितरण ट्रांसफार्मर लगाकर विद्युतीकरण का कार्य विधानसभा क्षेत्रवार, वितरण केन्द्रवार एवं योजनावार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''अ-1'' अनुसार है। (ख) शिवपुरी जिले में वर्ष 2022-23 में विधानसभा क्षेत्रवार फेल वितरण ट्रांसफार्मर बदलने एवं बकाया राशि जमा होने संबंधी जानकारी विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। बदले गये फेल ट्रांसफार्मर नियमानुसार 10 प्रतिशत राशि अथवा 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा राशि जमा होने पर बदले गये हैं, बिना निर्धारित राशि जमा किये कोई भी फेल वितरण ट्रांसफार्मर नहीं बदला गया है। अत: शेष प्रश्नांश लागू नहीं। (ग) जी नहीं, वर्ष 2022-23 में फेल वितरण ट्रांसफार्मर नियमानुसार निर्धारित प्रतिशत राशि जमा कराये जाने के उपरांत ही बदले गये हैं, कंपनी द्वारा ऊर्जा विभाग द्वारा जारी पत्र क्रमांक 51/एफ-3/02/2019/तेरह भोपाल दिनांक 03.01.2019 के अनुसार कुल बकाया राशि का 10 प्रतिशत अथवा कुल उपभोक्ताओं में से 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा बकाया राशि जमा करने पर ट्रांसफार्मर बदलने की कार्यवाही की जाती है। संबंधित पत्र की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) शिवपुरी जिले में वर्ष 2022-23 में विद्युत उपकेन्द्रों, लाईनों आदि के रख-रखाव एवं सुधार कार्य हेतु किये गये भुगतान संबंधी जानकारी विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
विधान सभा क्षेत्र अनूपपुर का विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
37. ( क्र. 1006 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र अनूपपुर अंतर्गत क्या पूरे पंचायतों में विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण हो चुका है? यदि नहीं, तो किन-किन पंचायतों, मजरे-टोलों में विद्युतीकरण का कार्य नहीं हो पाया है? विद्युतीकरण कार्य से उपरोक्त बसाहट एवं पंचायतों में विद्युतीकरण कार्य स्वीकृत नहीं होने के क्या कारण हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कुछ मजरे-टोलों में सौभाग्य योजना के तहत विद्युतीकरण कार्य स्वीकृत किया गया था किन्तु उक्त कार्य में केवल खंभे भर गड़े हुए हैं। उनमें तार लगाकर विद्युत प्रवाह नहीं किया गया था जो कि अभी तक केवल खंभे भर खड़े हैं। तार कब तक लगा कर विद्युत प्रवाह किया जाएगा? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार जिन मजरे-टोलों में सौभाग्य योजना से विद्युतीकरण के दौरान खंभे लगा दिये गये हैं किन्तु तार एवं ट्रांसफॉर्मर नहीं लगाए गए हैं, वहां तार एवं ट्रांसफॉर्मर लगाने के लिए राज्य शासन क्या अतिरिक्त बजट स्वीकृत करेगी? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्या उक्त अधूरे कार्यों को जिला खनिज प्रतिष्ठान निधि से कार्ययोजना में लेकर जिला स्तर पर विद्युतीकरण कार्य पूर्ण कराया जा सकता है? यदि हाँ, तो क्या जिला प्रशासन को उसके लिए शासन स्तर से अलग से आदेश जारी किये जाएंगे? यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों? (घ) क्या विधानसभा क्षेत्र अनूपपुर के विद्युतीकरण कार्य से छूटे मजरे-टोलों एवं जनजातीय बाहुल्य बसाहटों में शत्-प्रतिशत विद्युतीकरण कार्य के लिए जिला खनिज प्रतिष्ठान निधि से राशि स्वीकृति की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) विधानसभा क्षेत्र अनूपपुर सहित प्रदेश के सभी राजस्व ग्रामों एवं उनके चिन्हित मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य विभिन्न पूर्ववर्ती विद्युतीकरण योजनाओं के अन्तर्गत पूर्ण किया जा चुका है। नये घरों/मजरों/टोलों का निर्माण एक सतत् प्रक्रिया है। उक्त योजनाओं के क्लोज होने के उपरान्त निर्मित मजरों/टोलों/घरों के विद्युतीकरण का कार्य तकनीकी तथा वित्तीय साध्यता एवं वित्तीय उपलब्धता अनुसार क्रमश: किया जाना संभव हो सकेगा। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र में सौभाग्य योजना के दिशा-निदेर्शों के अनुरूप स्वीकृत सभी कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (घ) उत्तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार पूर्व प्रचलित विद्युतीकरण योजनाओं के क्लोज होने के उपरान्त निर्मित मजरों/टोलों/बसाहटों के विद्युतीकरण का कार्य तकनीकी तथा वित्तीय साध्यता एवं वित्तीय उपलब्धता अनुसार किया जा सकेगा। प्रश्नाधीन क्षेत्र में पी.एम.जनमन योजना के तहत विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह के अविद्युतीकृत घरों के विद्युतीकरण हेतु नोडल एजेंसी पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन (पी.एफ.सी.), भारत सरकार के माध्यम से दिनांक 12.01.2024 को रू. 5.90 करोड़ राशि की स्वीकृति प्राप्त हुई है। उक्त योजना के अंतर्गत प्रश्नाधीन क्षेत्र के भारिया, बैगा एवं सहरिया जनजाति बाहुल्य क्षेत्रों में पी.वी.टी.जी. अन्तर्गत चिन्हित अविद्युतीकृत घरों के विद्युतीकरण का कार्य प्रगति पर है।
नगरीय निकायों द्वारा संचालित योजनाएं
[नगरीय विकास एवं आवास]
38. ( क्र. 1018 ) श्री राजेन्द्र भारती : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया शहर एवं बड़ौनी नगर पंचायत में कितनी-कितनी जनसंख्या है? कृपया अलग-अलग विवरण देते हुए बतायें कि प्रति व्यक्ति को कितने पानी की आवश्यकता है तथा आवश्यकता के विरुद्ध कितना पानी सप्लाई किया जा रहा है? क्या पानी प्रतिदिन दिया जा रहा है। यदि हाँ, तो क्या वर्तमान में भीषण पानी संकट को देखते हुए कितनी पानी की टंकिया, पाईप लाईन, जनरेटर, पानी के टैंकर एवं कर्मचारी उपलब्ध है? कृपया अलग-अलग विस्तृत विवरण दें। (ख) क्या पानी संकट के मद्देनजर बड़ौनी एवं दतिया शहर में जलावर्धन योजना एवं अमृत योजना तथा अन्य योजनाओं में कार्य किया गया है। यदि हाँ, तो कौन-कौन से कार्य किये गये है? कृपया अलग-अलग विवरण देते हुए कि क्या उक्त कार्यों में हुए भ्रष्टाचार, अनियमितताएं एवं गुणवत्ताविहिनता की शिकायतें की गई? यदि हाँ, तो संबंधित अधिकारियों-पदाधिकारियों एवं निर्माण एवं पानी संचालन/संधारण करने वाली एजेन्सियों के विरुद्ध कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? कृपया कारण सहित बताये? क्या उक्त कार्यों की तकनीकी जांच/परीक्षण सी.टी.ई. से कराई जायेगी। यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों? कृपया कारण सहित बतायें। (ग) क्या 2019 से 2024 तक उक्त योजनाओं सहित नगरपालिका दतिया एवं बड़ौनी नगर पंचायत द्वारा शासन एवं अपने स्वयं के स्त्रोत से प्राप्त कितनी-कितनी राशि व्यय की जा चुकी है? कृपया अलग-अलग विवरण देते हुए कैश बुक, बिल, वाउचर वर्षवार उपलब्ध करायें। (घ) वर्ष 2019 से 2024 प्रश्न दिनांक तक दतिया नगर में स्थित सीतासागर तालाब सहित अन्य तालाबों पर रिचार्ज योजना, सौन्दर्यीकरण, गहरीकरण, सफाई आदि पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई है? कृपया इतनी धन राशि व्यय होने के बाद भी सीतासागर तालाब एवं अन्य तालाबों की वर्तमान में क्या स्थिति है? इसका भौतिक सत्यापन क्या कलेक्टर से कराया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों और यदि हाँ, तो कब तक? क्या शासन भ्रष्टाचार, अनियमितताओं एवं धांधलियों की जांच करायेगा। यदि हाँ, तो कब तक? कृपया उक्त कार्यों पर व्यय की गई राशि से संबंधित कैश बुक, बिल-वाउचर की प्रतिवर्ष की अलग-अलग जानकारी प्रदाय करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। कार्यों की तकनीकी जाँच सी.टी.ई. के द्वारा की गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -''स'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -''द'' अनुसार है। सीता सागर तालाब का सत्यापन तत्कालीन जिला कलेक्टर दतिया एवं करन सागर तालाब का सत्यापन तत्कालीन मुख्य नगरपालिका अधिकारी द्वारा किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। संबंधित कैश बुक, बिल-वाउचर की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -''स'' अनुसार है।
विद्युत कटौती एवं आंकलित बिल की वसूली
[ऊर्जा]
39. ( क्र. 1019 ) श्री राजेन्द्र भारती : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा विद्युत कटौती एवं आंकलित बिल वसूली के संबंध में आदेश/निर्देश दिये गये है? यदि हाँ, तो कृपया आदेश की प्रति उपलब्ध करायें और यदि नहीं, तो विभाग/कंपनी द्वारा दतिया शहर में माह मार्च/अप्रैल/मई/जून 2024 (प्रश्न दिनांक तक) में फीडरवार कितनी-कितनी विद्युत कटौती की गई है? कृपया माहवार संपूर्ण विवरण दें। क्या विभाग विद्युत कटौती एवं आंकलित बिल वसूली पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या विभाग द्वारा दतिया जिले के संचालन एवं संधारण वृत्त अंतर्गत आवश्यक मांग अनुसार विद्युत आपूर्ति की जा रही है? यदि हाँ, तो मांग एवं आपूर्ति का वर्ष 2023 एवं 2024 का प्रश्न दिनांक तक की माहवार अलग-अलग संपूर्ण जानकारी दें। क्या मांग अनुसार म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विद्युत आपूर्ति की जायेगी? (ग) क्या विद्युत मांग अनुसार एवं आपूर्ति में सुधार हेतु वितरण कंपनी द्वारा जी.आई.एस. सर्वे कराया गया था? यदि हाँ, तो आर.डी.एस.एस. योजनान्तर्गत स्वीकृति शर्तों के अनुसार कार्य निश्िचत अवधि में कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो उक्त योजना में दतिया जिलान्तर्गत स्वीकृति बजट राशि ठेकेदार एवं निर्माण एजेन्सियों द्वारा किये गये टेण्डर/स्वीकृत कार्यादेश एवं कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया। उक्त योजना में स्वीकृत कार्यों की संख्या पूर्ण एवं अपूर्ण कार्यों की संख्या की जानकारी प्रदाय करें। (घ) क्या विभाग द्वारा कुसुम योजनान्तर्गत किसानों के हित में संचालित की जा रही है? यदि हाँ, तो क्या अनुदान राशि भी दी जा रही है? यदि नहीं, तो क्यों? कृपया कारण सहित बतायें। क्या किसान हित में उक्त योजना यथावत चालू रखी जायेगी अथवा नहीं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) विभाग द्वारा विद्युत कटौती हेतु कोई आदेश/निर्देश नहीं दिये गये हैं। आंकलित विद्युत देयकों की वसूली की कार्यवाही मध्यप्रदेश विद्युत प्रदाय संहिता-2021 की कण्डिका क्रमांक 8.44 के उपखण्ड ''क'' ''ख'' एवं ''ग'' में निहित प्रावधानों के तहत की जाती है, जिससे संबंधित पृष्ठों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। शहर दतिया में माह मार्च, अप्रैल, मई एवं जून-2024 में प्रश्न दिनांक तक कतिपय अवसरों पर तकनीकी खराबी, प्राकृतिक आपदाओं एवं रख-रखाव के आवश्यक कार्यों हेतु लिए गए शट-डाउन के कारण हुए विद्युत अवरोधों को छोड़कर पृथक से कोई विद्युत कटौती नहीं की गई है। प्रश्न में उल्लेखित अवधि के दौरान प्रश्नाधीन क्षेत्र में 11 के.व्ही. फीडरों पर विभिन्न आकस्मिक कारणों अथवा संधारण कार्यों से हो रहे विद्युत व्यवधान का विवरण तथा औसत विद्युत प्रदाय की प्रश्नाधीन चाही गयी 11 के.व्ही. फीडरवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। उक्त परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न नहीं उठता। (ख) जी हाँ। दतिया जिले के संचालन-संधारण, वृत्त अंतर्गत वर्ष 2023 एवं वर्ष 2024 में प्रश्न दिनांक तक की माहवार विद्युत मांग एवं आपूर्ति का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। उपरोक्तानुसार म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत प्रश्नाधीन क्षेत्र में मांग के अनुरूप विद्युत आपूर्ति की जा रही है। (ग) विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विद्यमान विद्युत अधोसंरचना के सुधार एवं हानि में कमी हेतु विभिन्न कार्यों जैसे कैपेसिटर बैंक स्थापना, अतिरिक्त पीटीआर, पीटीआर की क्षमता वृद्धि, नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र, 33 के.व्ही. एवं 11 के.व्ही. लाईनों का कार्य (बाइफरकेशन एवं इंटरकनेक्शन) इत्यादि हेतु केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस योजना के अनुक्रम में जीआईएस सर्वे कराया गया था, जिसमें दतिया जिले में आर.डी.एस.एस के प्रथम चरण के कार्यों में क्रियान्वयन हेतु 5 नं. कॉन्ट्रेक्टर को कार्यादेश जारी किया गया है। ठेकेदार एजेंसियों के साथ किये गये अनुबंधों की शर्तों के अनुसार उक्त कार्यों को दो वर्षों में पूर्ण किया जावेगा। दतिया जिला अंतर्गत कार्यादेश राशि (लागत राशि), कार्यों की संख्या, पूर्ण एवं प्रगतिरत/अपूर्ण कार्य की संख्या तथा निर्माण एजेन्सी द्वारा क्रियान्वित कार्यों के विरूद्ध वृत्त स्तर से पारित किये गये देयकों/भुगतान की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। (घ) कुसुम योजना नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा संचालित की जा रही है। जी हाँ। वर्तमान में योजना प्रचलन में है।
खराब ट्रांसफार्मर बदलने एवं नवीन की स्थापना
[ऊर्जा]
40. ( क्र. 1040 ) श्री
रजनीश हरवंश
सिंह : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) सिवनी
जिले की
विधानसभा
केवलारी में
विगत 2023 से
प्रश्न
दिनांक तक
केवलारी, सिवनी, छपरा एवं
धनौरा
विकासखंड के
ग्रामों में
कितने खराब
वितरण
ट्रांसफार्मर
बदले गये एवं
कितने नवीन
वितरण
ट्रांसफार्मर
स्थापित
किये गये? वर्षवार
वितरण केन्द्रवार
जानकारी उपलब्ध
करावें। (ख) केवलारी
विधानसभा
क्षेत्र के
अंतर्गत तक विकासखंड
केवलारी, सिवनी, छपारा एवं
धनौरा
विकासखंड में
कितने ग्रामीणों
द्वारा
विद्युत की
समस्या हेतु
आवेदन
संबंधित
क्षेत्रीय/मैदानी
अभियंताओं को
दिये गये है
एवं कितने
आवेदन पत्रों
में
कार्यवाही की
गई है?
कितने
लंबित है? वितरण
केन्द्रवार
जानकारी
देवें। (ग) विधानसभा
क्षेत्र
केवलारी के
विभिन्न
ग्रामों में
विद्युत की
समस्या के
निराकरण हेतु
विभाग द्वारा
कितने वितरण
ट्रांसफार्मर
को अपग्रेड
किया गया एवं
वितरण केन्द्रवार
जानकारी
बतायें। यदि
वितरण
ट्रांसफार्मर
को अपग्रेड
नहीं किया गया
तो क्यों
नहीं?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) : (क) सिवनी
जिले के
विधानसभा
क्षेत्र
केवलारी में
विगत वर्ष 2023 से प्रश्न
दिनांक तक
केवलारी, सिवनी, छपारा एवं
धनौरा
विकासखंडों
के ग्रामों
में कुल 812 जले/खराब
वितरण
ट्रांसफार्मर
बदले गये हैं
एवं कोई नवीन
वितरण
ट्रांसफार्मर
स्थापित नहीं किया
गया है। बदले
गये जले/खराब
वितरण ट्रांसफार्मरों
की प्रश्नाधीन
चाही गयी
वर्षवार एवं
वितरण केन्द्रवार
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख)
केवलारी
विधानसभा क्षेत्र
के अंतर्गत
केवलारी, सिवनी, छपारा एवं
धनौरा
विकासखंडों
में विद्युत
की समस्या से
संबंधित
क्रमश: 639, 5, 562 एवं 648 इस
प्रकार कुल 1854 आवेदन
प्राप्त हुए
हैं एवं उक्त
सभी 1854
आवेदन पत्रों
में
नियमानुसार
कार्यवाही की गई
है तथा कोई भी
आवेदन लंबित
नहीं है।
आवेदनों से
संबंधित
वितरण केन्द्रवार
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग)
प्रश्नाधीन
क्षेत्र में
प्रश्नांश
में उल्लेखित
समस्या के
निराकरण हेतु
म.प्र. पूर्व
क्षेत्र विद्युत
वितरण कंपनी
द्वारा 5 वितरण
ट्रांसफार्मरों
की क्षमता
वृद्धि की गयी
है, जिसकी
वितरण केन्द्रवार
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'स' अनुसार है।
अत: शेष प्रश्न
नहीं उठता।
जर्जर मार्गों की मरम्मत एवं नवीन मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
41. ( क्र. 1041 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केवलारी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत केवलारी वि.खं. के ग्राम देवकरन टोला से व्याहा डोभ, बंदेलीटोला, अहरवाडा, मोहगांव, छींदा से पिण्डरई मार्ग अत्यंत ही जर-जर एवं सकरा है? यदि हाँ, तो उक्त मार्गों के निर्माण हेतु क्या विभाग के पास क्या कोई प्रस्ताव लंबित है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त मार्गों के में कब से मरम्मत कार्य नहीं हुआ है? मरम्मत कार्य नहीं होने के क्या कारण है? (ग) यदि उक्त मार्गों के निर्माण हेतु प्रस्ताव लंबित है तो कब तक इन मार्गों को पूर्ण कर आवागमन हेतु बना दिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं। जी नहीं। (ख) मरम्मत कार्य किया गया है। विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
नगरपालिक निगम भोपाल में संबल/कर्मकार घोटाला
[नगरीय विकास एवं आवास]
42. ( क्र. 1063 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिक निगम भोपाल में संबल/कर्मकार मंडल अनुग्रह राशि घोटाला में अपर आयुक्त की अध्यक्षता में बनी जांच समिति के द्वारा किये गए स्थल निरीक्षण प्रतिवेदन एवं आयुक्त नगर पालिक निगम भोपाल को दी गई अंतिम जांच रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध कराये? (ख) अंतिम जांच रिपोर्ट के आधार पर किस-किस जोनल अधिकारी के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या जांच करते समय जांच समिति के द्वारा कम्प्यूटर के आईपी एड्रेस एवं मेक आईडी एड्रेस कि जांच भी करवाई गई थी? (घ) यदि नहीं, तो किन कारणों से जांच नहीं कराई गई, जांच समिति के द्वारा दी गई जांच रिपोर्ट पर कब तक कार्यवाही की जाएगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) अंतिम जांच रिपोर्ट की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) प्रकरण में उत्तरदायी पाए गए 6 जोनल अधिकारियों को निलंबित किया गया है, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) उपरोक्त जांच प्रकरण में उपलब्ध अभिलेखों, स्थल निरीक्षण प्रतिवेदन एवं डीएससी द्वारा जारी ईपीओ के आधार पर की गई है। कुल 118 प्रकरणों में से 88 प्रकरणों में रूपये 1.76 करोड़ के गलत भुगतान की जानकारी सामने आने पर 41 प्रकरणों में रूपये 82.22 लाख श्रमिकों के द्वारा श्रम विभाग में जमा कराए गए हैं। जांच रिपोर्ट के आधार पर लोकायुक्त कार्यालय, मध्यप्रदेश, भोपाल द्वारा निगम के 17 कर्मचारियों के विरूद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 (ग) एवं भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 120 बी, 409, 420, 467, 468 एवं 471 के अंतर्गत दिनांक 13.06.2024 को अपराध पंजीबद्ध किया गया है।
होर्डिंग एवं यूनिपोल, स्ट्रीट लाईट पोल में नियमों का पालन
[नगरीय विकास एवं आवास]
43. ( क्र. 1064 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड एवं नगर पालिका निगम भोपाल के द्वारा विगत 5 वर्षों में लगाये गये होर्डिंग एवं यूनिपोल, स्ट्रीट लाईट पोल साइनेज बोर्ड के संबंध में कब-कब निविदा आमंत्रित की गयी है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार एवं किस-किस के द्वारा उपरोक्त निविदाओं में भाग लिया गया है एवं सफल निविदाकार के मध्य हुये अनुबंध पत्र की प्रति उपलब्ध कराये एवं किस-किस स्थान पर होर्डिंग एवं यूनिपोल, स्ट्रीट लाईट पोल साइनेज बोर्ड स्थापित किये गये है अनुमति आदेश एवं स्ट्रक्चरल स्टेबिलिटी रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध कराये। (ग) यह की सफल निविदाकार से भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड एवं नगर पालिका निगम भोपाल को आज दिनांक तक किस-किस मद में कितनी राशि प्राप्त हुई है एवं कितनी राशि लेना बचा हुआ है वर्षवार बताएं। (घ) क्या यह सही है की सफल निविदाकार के द्वारा स्थापित होर्डिंग एवं यूनिपोल, स्ट्रीट लाईट पोल साइनेज बोर्ड में मध्य प्रदेश आउट डोर मीडिया नियम 2017 का पालन नहीं किया गया है एवं इसके संबंध में कब-कब शिकायत की गयी है शिकायतों पर जिम्मेदारों के विरुद्ध कब तक कार्यवाही की जाएगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (घ) जी नहीं। मध्यप्रदेश आउटडोर मीडिया नियम-2017 का पालन किया गया है। प्राप्त शिकायतों पर कार्यवाही कर निराकरण किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है।
अमृत 2.0 के अन्तर्गत बुरहानपुर की सीवरेज योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
44. ( क्र. 1070 ) श्रीमती अर्चना चिटनीस : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अमृत 2.0 के अंतर्गत बुरहानपुर नगर निगम के लिए सीवरेज की योजना का कार्य किया जाना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो योजना की लागत कितनी होगी? (ख) क्या सीवरेज योजना में बुरहानपुर शहर से ताप्ती नदी में मिलने वाले नालों के पानी के शुद्धीकरण का कार्य योजना में सम्मिलित किया गया है? (ग) उक्त योजना के अंतर्गत बुरहानपुर शहर के नालों के पानी के शुद्धीकरण का कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जाएगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। राज्य स्तरीय तकनीकी समिति द्वारा अनुमोदित सीवरेज परियोजना की लागत राशि रू. 120.62 करोड़ है। (ख) जी हाँ। (ग) निविदा आमंत्रित करने की कार्यवाही की जा रही है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विभागीय जांच के नियम
[ऊर्जा]
45. ( क्र. 1082 ) डॉ. चिंतामणि मालवीय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.पश्िचम क्षेत्र वि.वि.कं.लि. इन्दौर में अधिकारियों एवं कर्मचारियों की विभागीय जांच कितने समय में पूर्ण करने के नियम हैं। (ख) म.प्र. पश्िचम क्षेत्र वि.वि.कं.लि. इंदौर क्षेत्रान्तर्गत कितने अधिकारियों/कर्मचारियों की विभागीय जांच 1 वर्ष से अधिक समय से लंबित हैं। उनकी सूची उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार विभागीय जांच में जान बूझकर विलंब करने वाले जांचकर्ता अधिकारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पश्िचम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर क्षेत्रांतर्गत म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के परिप्रेक्ष्य में सामान्य प्रशासन विभाग, म.प्र. शासन द्वारा समय-समय पर जारी परिपत्र अनुसार अधिकारियों एवं कर्मचारियों की विभागीय जाँच पूर्ण किये जाने हेतु अधिकतम समयावधि 1 वर्ष है। (ख) म.प्र. पश्िचम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर क्षेत्रांतर्गत कुल 57 अधिकारियों/कर्मचारियों के विरुद्ध विभागीय जाँच कार्यवाही 01 वर्ष से अधिक समय से लंबित हैं, जिनकी सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रकरणों की समीक्षा में विलंब जान बूझकर किया जाना पाये जाने पर समुचित कार्यवाही की जावेगी।
नगरीय निकाय के कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
46. ( क्र. 1088 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा कुक्षी अंतर्गत आने वाली नगर पालिका नगर परिषद कुक्षी एवं डही में 1 जनवरी 2019 से 31 मार्च 2023 तक किस मद में कितनी राशि दिनांक योजनावार मदवार शासन द्वारा जारी की गई जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार दोनों निकाय ने क्या-क्या कार्य निर्माण कार्य/खरीदी कार्य/अन्य कार्य किये उन समस्त कार्यों की जानकारी/एजेंसी/मात्रा/प्रदाय आदेश की कॉपी/सामग्री निकाय में आने का दिनांक सहित जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि राशि से निर्माण कार्य हुआ तो संपूर्ण निर्माण कार्य की जानकारी निर्माण एजेंसी/अनुबंध की कॉपी/कार्य प्रारंभ करने का दिनांक/कार्य पूर्ण करने का दिनांक किस तकनीकी अधिकारी व प्रशासनिक अधिकारी द्वारा निरीक्षण/अधिकारी का नाम पदनाम/निरीक्षण टीप सहित भौतिक सत्यापन की कॉपी उपलब्ध कराएं। (घ) क्या निकायों द्वारा एजेंसी का लेबर लाइसेंस/श्रम विभाग के नियम अनुसार श्रमिकों/अन्य कर्मचारियों को ठेकेदार द्वारा सुविधा की जानकारी/निर्माण कार्य की गुणवत्ता हेतु निकाय द्वारा सीमेंट/ईट/स्टील/रेत आदि के टेस्ट की जानकारी/किस दिनांक को कौन अधिकारी/कर्मचारी ने टेस्ट सैम्पल लिए/किस प्रयोगशाला में गुणवत्ता की जांच हुई, जांच रिपोर्ट का कॉपी एवं सामग्री टेस्ट सैम्पल की प्रतिलिपि उपलब्ध करवाएं। (ड.) क्या निकाय द्वारा निर्माण कार्यों में एवं अन्य सामग्री क्रय कार्य में वित्तीय अनियमितता की है? यदि हाँ, तो उन पर क्या कार्यवाही होगी और यदि नहीं, तो क्या शासन स्तर पर उसकी जांच करवाई जाएगी? हाँ तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। नगर परिषद कुक्षी एवं डही के प्रदाय आदेश की कॉपी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब-1' एवं 'ब-2' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 'अ', 'अ-1', 'अ-2', 'अ-3' एवं 'अ-4' अनुसार है। (घ) केन्द्रीकृत रजिस्ट्रेशन प्रणाली अन्तर्गत नियमानुसार निविदा आमंत्रित कर, ठेकेदारों को कार्य दिया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 'स', 'स-1' एवं 'स-2' अनुसार है। (ड.) जी नहीं, अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पशु पंजीयन ठेके में अवैध वसूली
[नगरीय विकास एवं आवास]
47. ( क्र. 1089 ) श्री
सुरेन्द्र
सिंह हनी बघेल
: क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) नगर
परिषद डही और
कुक्षी
द्वारा बाजार
बैठक में पशु
पंजीयन रसीद
की दर कितनी
निर्धारित की
गई है?
(ख)
क्या
नगर परिषद डही
और कुक्षी आदिवासी
अंचल में
बाजार बैठक
एवं पशु
पंजीयन ठेके
में वैध दर से
कई गुना
बढ़ाकर अवैध वसूली
करवाई जा रही
है और वसूली कर्ताओं
द्वारा
आदिवासी समाज
के लोगों को
धमकाया जा रहा
है? (ग) प्रश्नांश
(ख) के अनुसार
क्या मुख्य
नगरपालिका अधिकारी
को इस मामले
को संज्ञान
में लेने के
लिए प्रश्नकर्ता
द्वारा कहा
गया था?
हाँ या नहीं? यदि हाँ, तो फिर
गुनहगारों पर
कार्यवाही क्यों
नहीं की और
यदि नहीं, तो क्या
शासन स्तर पर
दल बनाकर इसकी
सत्यता की
जांच करवाई
जाएगी? (घ) नगर परिषद
डही और कुक्षी
द्वारा पिछले 5 वर्षों
में किस-किस
मद में
कितनी-कितनी
राशि प्राप्त
की एवं
किन-किन मदों
में
कितनी-कितनी
राशि खर्च की
मदवार/कार्यवार/राशिवार
जानकारी उपलब्ध
करवाएं।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) नगर
परिषदों
द्वारा बाजार
बैठक में पशु
पंजीयन दर
निम्नानुसार
निर्धारित हैः-
स.क्र. |
प्रकार |
न.प.कुक्षी विक्रय पर प्रति नग दर |
न.प. डही विक्रय पर प्रति नग दर |
अ |
बकरा-बकरी भेड़-भेड़ी सुअर- |
20/- |
80/- |
ब |
गाय बेल केडा-केडी आदि- |
60/- |
200/- |
स |
भैस,भैसा,पाडा-पाडी गधा आदि |
60/- |
200/- |
(ख) जी नहीं। (ग) जी नहीं शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण की योजनाओं की जानकारी
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
48. ( क्र. 1095 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या राज्यमंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही है? योजनाओं के नाम की सूची एवं पात्रता नियम उपलब्ध करायें। उक्त योजनाओं में से ग्वालियर जिले में कौन-कौन सी योजना संचालित है? सूची उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार ग्वालियर जिले की विधानसभा क्षेत्र 18-भितरवार में वर्ष 2021 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस योजना में कौन-कौन से हितग्राही मूलक एवं सार्वजनिक कार्य, कितनी-कितनी राशि के, कहाँ-कहाँ स्वीकृत किये गये हैं? इन कार्यों की वर्तमान स्थिति क्या है? योजनावार हितग्राहियों एवं कार्योंवार विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) क्या भितरवार विधानसभा क्षेत्र का सर्वे कराकर जहाँ-जहाँ पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक वर्ग निवासरत है उन स्थानों एवं ग्रामों में पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक वर्ग के कल्याण हेतु कोई आगामी कार्य योजना तैयार की गई है? यदि हाँ तो योजना कब तक तैयार की जायेगी? (घ) क्या यह भी सही है कि विभाग की योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु जिले में स्वीकृत पदों के अनुसार अधिकारी, कर्मचारी पदस्थ नहीं है? क्या इससे विभाग का कार्य अवरूद्ध नहीं हो रहा है? स्वीकृत पदों पर कब तक अधिकारी, कर्मचारियों की पदस्थापना की जायेगी?
राज्यमंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती कृष्णा गौर ) : (क) पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में संचालित योजनाओं की जानकारी योजनाओं के नामों की सूची एवं पात्रता नियम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- अ अनुसार है। उक्त योजनाओं में से ग्वालियर जिले में संचालित योजनाओं की सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ब अनुसार है। (ख) ग्वालियर जिले की विधानसभा 18-भितरवार के हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- स अनुसार है। ग्वालियर जिले की विकासखण्ड की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- द अनुसार है। (ग) जी नहीं। विभाग अंतर्गत राज्य स्तर एवं जिला स्तर पर योजना संचालित है। विधानसभावार पृथक से योजनाएं संचालित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जिले में स्वीकृत पदों के अनुसार पदस्थ अधिकारी/कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ई अनुसार है। जी नहीं, विभाग का कार्य अवरूद्ध नहीं हो रहा है। शेष रिक्त पदों पर पदस्थापना की समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
रोड निर्माण की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
49. ( क्र. 1097 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले की भितरवार 18 विधानसभा क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग के कितने रोड स्वीकृत है? कितने अधूरे है कितनों के कार्य अभी प्रारंभ नहीं हुए है? कार्य पूर्ण करने की समय-सीमा क्या थी? कार्य का स्थान, स्वीकृत वर्ष, लागत राशि, व्यय राशि, कार्य की वर्तमान स्थिति एवं क्रियान्वयन एजेन्सी सहित जानकारी वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक की उपलब्ध करायें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सड़कों में से ग्वालियर जिले की विधानसभा क्षेत्र में सड़कों का कार्य प्रश्न दिनांक तक अपूर्ण है? यदि हाँ, तो इसे कब तक पूर्ण किया जायेगा? समय-सीमा बताए। समय पर कार्य पूर्ण नहीं होने के लिए कौन दोषी है। उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई, जानकारी दें यदि नहीं, तो क्यों एवं कब तक कर दी जाएगी? (ग) घाटीगॉव विकासखण्ड की ग्राम पंचायत बड़कागॉव में बरसात में तालाब के कारण सुभाषपुरा, सभराई, चगौरा एवं बड़कागॉव का आवागमन अवरूद्ध हो जाता है यदि हाँ तो आवागमन हेतु तालाब पर रपटा एवं पुलिया कब तक बनाई जायेगी? (घ) क्या उक्त रोड मुख्यमंत्री सड़क योजना में शामिल किया गया था? यदि हाँ, तो क्यों पूर्ण नहीं किया गया?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (घ) उत्तरांश 'ग' अनुसार।
खराब ट्रांसफार्मरों को बदला जाना
[ऊर्जा]
50. ( क्र. 1101 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कृषि विद्युत पंप एवं घरेलु उपभोक्ताओं से बिलों की वसूली के संबंध में वर्तमान में क्या नियम निर्देश है? विवरण देते हुये प्रति उपलब्ध करायें। क्या 01 सितम्बर 2023 से 01 किलोवाट तक के घरेलू उपभोक्ताओं से बकाया बिल अस्थगित कर 01 सितम्बर 2023 से इन उपभोक्ताओं को केवल चालू माह के ही देयक प्रदान किये जाने के संबंध में निर्देश दिये गये हैं। यदि हाँ, तो सिवनी जिले में 01 जनवरी 2023 से प्रश्न दिनांक तक कितने-कितने ट्रांसफार्मर पर कितनी-कितनी बकाया राशि रही है तथा जले ट्रांसफार्मर बदलने के लिये कितनी बकाया राशि जमा कराई गई की जानकारी ट्रांसफार्मर/वितरण केन्द्रवार प्रदान करें। (ख) वर्तमान में कौन-कौन से ग्रामों में कितने-कितने ट्रांसफार्मर कब-कब से खराब है तथा खराब ट्रांसफार्मरों को बदलने के लिये विभाग द्वारा निर्देशानुसार चालू माह में ही देयक विद्युत बिल प्रदान किये गये है? यदि हाँ, तो क्या कर्मचारियों द्वारा चालू माह के बिल वसूली की कार्यवाही की गई है, यदि हाँ, तो कितनी -कितनी राशि वसूली गई तथा उक्त खराब पड़े ट्रांसफार्मर विभाग द्वारा कब तक बदल दिय जायेंगे? (ग) सिवनी जिले में वर्तमान में विभिन्न पदों पर कितने-कितने अधिकारी पदस्थ है? नाम/पद व मोबाईल नम्बर सहित जानकारी दें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रांतर्गत कृषि एवं घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं से विद्युत बिलों की वसूली के संबंध में वर्तमान में ''म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता 2021'' के अध्याय -9 ''भुगतान एवं संयोजन विच्छेदन'' में दिये प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही किये जाने के निर्देश हैं। विद्युत उपभोक्ताओं को प्रत्येक माह जारी विद्युत देयक की राशि जमा करने हेतु नियत दिनांक तक विद्युत देयक का भुगतान करना आवश्यक है। नियत दिनांक तक देयक का भुगतान प्राप्त नहीं होने की स्थिति में ''म.प्र.विद्युत प्रदाय संहिता-2021'' की कण्डिका-9.15 के अनुसार उपभोक्ता को संयोजन के अस्थाई विच्छेदन हेतु 15 दिवसीय नोटिस जारी करने का प्रावधान है। नोटिस अवधि समाप्ति पर भी यदि देयक का भुगतान उपभोक्ता द्वारा नहीं किया जाता है, तो ऐसी स्थिति में संयोजन को अस्थाई रूप से विच्छेदित किये जाने का प्रावधान है। संबंधित पृष्ठों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। जी हाँ, 1 किलोवॉट तक के घरेलू उपभोक्ताओं के बकाया बिल आस्थगित कर 01 सितंबर-2023 से इन उपभोक्ताओं को केवल चालू माह के ही देयक प्रदान करने के निर्देश हैं। सिवनी जिले में प्रश्नाधीन अवधि में 1922 वितरण ट्रांफार्मर फेल हुए हैं, जिन पर बकाया राशि रू. 805.15 लाख रहीं है। उक्त ट्रांसफार्मरों को बदलने के लिए राशि रू. 353.75 लाख जमा कराई गयी है, ट्रांसफार्मरवार/वितरण केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब-1' एवं 'ब-2' अनुसार है। (ख) प्रश्न दिनांक की स्थिति में सिवनी जिले के अंतर्गत 4 ग्रामों यथा-फुलारा, लखनवाड़ा, मुंगवानीकलां एवं पुसेरा में कुल 4 वितरण ट्रांसफार्मर दिनांक 19.06.2024 को जले/खराब थे। जी हाँ। कर्मचारियों द्वारा उत्तरांश (क) में उल्लेखित नियमानुसार वसूली की कार्यवाही की जाती है। उक्त जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों पर बकाया राशि तथा वसूल की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। उक्त जले एवं खराब वितरण ट्रांसफार्मरों को दिनांक 21/6/2024 एवं दिनांक 22/06/2024 को बदल दिया गया। (ग) सिवनी जिले में विभिन्न पदों पर पदस्थ अधिकारियों की प्रश्नाधीन चाही गयी नाम, पद एवं मोबाईल नंबर सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है।
ई.एस.टी. एण्ड पी. योजना में हुए भ्रष्टाचार की जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
51. ( क्र. 1108 ) श्री महेश परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले के नगरीय निकाय में संचालित या पूर्व में संचालित Employment Skill and Training Programme योजना में NUlM के सभी सीएमओ, सीटी मिशन मैनेजर, योजना शाखा प्रभारी के नाम, nulm कार्यक्रम के संचालन के लिए जारी किए गए समस्त नीति, नियम, निर्देशों की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) दीनदयाल अन्त्योदय योजना - राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन योजना के घटक, estp Employment skill and training program अंतर्गत हुए एग्रीमेंट की कॉपी वर्ष 2021 से लेकर वर्ष 2023-24 तक की स्थिति में, योजना शाखा के वार्षिक nulm बजट की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) योजना शाखा के pfms अकाउंट की डिटेल्स एवं अकाउंट स्टेटमेंट, कौशल विकास एवम प्रशिक्षण प्रोग्राम प्रदाता की कंपनी की डिटेल्स, वर्ष 2021 से लेकर आज दिनांक तक प्रशिक्षण प्राप्त एवं प्रशिक्षण ले रहे विद्यार्थियों की सूची एवं उनके चयन की जानकारी प्रशिक्षण ले चुके विद्यार्थियों के रोजगार संबंधी जानकारी, कितने प्रशिक्षण प्राप्त विद्यार्थियों को रोजगार मिला? सीएमओ, cmm और अन्य एजेंसियों के द्वारा किए गए निरीक्षण प्रतिवेदन की प्रतियां उपलब्ध करावेंl (घ) उज्जैन जिले के नगरी निकायों में वर्ष 2015 से लेकर प्रश्न दिनांक की स्थिति में निकायवार कुल कितना कौशल विकास योजना के अन्तर्गत किया गया है? किस-किस एजेंसी द्वारा किया गया है? प्रत्येक एजेंसीवार जानकारी देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जिला उज्जैन के नगरीय निकायों में डे-एनयूएलएम योजना के समस्त मुख्य नगर पालिका अधिकारी, सिटी मिशन मैनेजर एवं योजना प्रभारी के नाम, योजना संचालन के लिए जारी समस्त नीति, नियम, निर्देशों की प्रमाणित प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट (क) अनुसार है। (ख) डे-एनयूएलएम योजना के घटक EST&P के अंतर्गत वर्ष 2021 ईएसटी एण्ड पी के अंतर्गत हुए ऐग्रीमेंट की कॉपी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ख (1) ' एवं वार्षिक एनयूएलएम बजट विवरण की प्रमाणित प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ख (2)' अनुसार है। (ग) पीफएमएस अकाउंट का विवरण एवं अकाउंट स्टेटमेंट, पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ग' अनुसार है। कौशल विकास एवं प्रशिक्षण प्रदाता कंपनियों का विवरण एवं प्रशिक्षण प्राप्त हितग्राहियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'घ' अनुसार है। प्रशिक्षणरत हितग्राहियों की संख्या निरंक है। कौशल प्रशिक्षण एवं नियोजन अंतर्गत प्रशिक्षण प्राप्त करने हेतु हितग्राही द्वारा भारत सरकार के डे-एनयूएलएम पोर्टल पर स्व आवेदन किया जाता है। पोर्टल पर प्राप्त आवेदन का परीक्षण कर नगरीय निकाय शहरी गरीब हितग्राही का चयन करता है। प्रशिक्षण प्राप्त 3176 विद्यार्थियों को रोजगार प्रदान किया गया है। सी.एम.ओ., सी.एम.एम. एवं एजेंसी द्वारा किये गये निरिक्षण प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ड' अनुसार है। (घ) जिला उज्जैन अंतर्गत वर्ष 2015 से लेकर प्रश्न दिनांक तक नगरीय निकायों में योजना अंतर्गत नगरीय निकायवार एवं एजेन्सीवार किये गये कौशल विकास का विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'च' अनुसार है।
अमृत मिशन व अन्य निर्माण कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
52. ( क्र. 1110 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अमृत मिशन 0.2 के लिए नीमच विधानसभा क्षेत्र हेतु कितनी राशि कौन-कौन सी योजना में स्वीकृत हुई है तथा कौन-कौन सी स्वीकृत होना शेष है? (ख) अमृत मिशन 0.1 में स्वीकृत किस-किस योजना का कार्य कब से प्रारम्भ हुआ तथा किस दिनांक को समाप्त हुआ, ठेकेदार का नाम, कार्य की कुल राशि, भुगतान की गई राशि सहित बताए कि जल प्रदाय तथा सीवरेज में क्या कार्य किया गया है? (ग) नीमच नगर पालिका में पिछले 3 वर्षों में 10 लाख की लागत से ज्यादा राशि के कौन-कौन से कार्य पूर्ण हुए तथा कौन-कौन से कार्य प्रक्रियाधीन है कार्य का नाम, टेंडर स्वीकृति राशि, ठेकेदार का नाम, कार्य प्रारंभ दिनांक, अनुबंध अनुसार कार्य पूर्ण की वास्तविक दिनांक व कुल भुगतान की गई राशि की जानकारी देवें। (घ) नीमच नगर पालिका में पिछले 3 वर्षों में ऑडिट में कितने प्रकरण में अधिक भुगतान पाया गया, कितने प्रकरण में वसूली कम की गई तथा अन्य किस-किस प्रकार की अनियमितता पाई गई? उसकी निराकरण की जानकारी देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार है।
दुघर्टना संभावित पुल/पुलियाओं पर रेलिंग लगाई जाना
[लोक निर्माण]
53. ( क्र. 1114 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में दुर्घटना की संभावना वाली ऐसी कितनी पुल/पुलियायें है जिन पर रेलिंग नहीं लगी है? (ख) क्या इन पुल/पुलियाओं पर रेलिंग लगाये जाने का आवंटन है? (ग) यदि हाँ, तो कब तक रेलिंग लगा दी जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) बैतूल जिले में लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत मार्गों पर कोई भी पुल/पुलिया नहीं है, जिस पर रेलिंग के अभाव में दुर्घटना संभावित हो, मात्र रा.रा. मार्ग क्रमांक 347बी खेड़ी-आशापुर मार्ग पर केवल एक पुलिया पर रेलिंग नहीं है, यह रेलिंग पूर्व में लगी थी जो अज्ञातजनों द्वारा काट ली गई। (ख) जी हाँ। (ग) माह जुलाई 2024 तक।
ग्रामीण क्षेत्र में 132 एवं 33 के.व्ही. के ट्रांसफार्मर की स्थापना
[ऊर्जा]
54. ( क्र. 1127 ) श्री सुनील उईके : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र जुन्नारदेव इस क्षेत्र में फसलों की सिंचाई एवं प्रकाश व्यवस्था के लिये तामिया ब्लॉक के झिरपा स्थित वितरण केन्द्र अंतर्गत 33 के.व्ही. लाईन नर्मदापुरम के पिपरिया से प्रदाय की जाती है, जिसमें लंबाई अधिक होने के कारण लगभग 80 से 90 ग्राम प्रभावित होती है एवं जुन्नारदेव ब्लॉक के 278 ग्राम में 33 के.व्ही. सब स्टेशन दूरस्थ होने के कारण विद्युत व्यवस्था प्रभावित होती रहती है। (ख) क्या आदिवासी बाहुल्य विधानसभा क्षेत्र जुन्नारदेव अंतर्गत निर्बाध विद्युत आपूर्ति मिलने से किसानों को कृषि का लाभ मिल सके जिसके लिए तामिया ब्लॉक के ग्राम देलाखारी में 132 के.व्ही. तथा 33 के.व्ही. का सब स्टेशन एवं जुन्नारदेव ब्लाक अंतर्गत ग्राम गारादेही, ग्राम आंकिया का धोबीघाट एवं ग्रापं खापास्वामी का घानाखेड़ा में 33 के.व्ही. सब स्टेशन बनाया जाये साथ ही तहसील मुख्यालय जुन्नारदेव के सुकरी स्थित सब स्टेशन में 5 एमबीए का ट्रांसफार्मर की जगह 8 एमबीए ट्रांसफार्मर स्थापित करने पर इस बजट सत्र में शामिल करने पर विचार करेंगे। जिससे की वोल्टेज समस्या से निजात मिल सकें ताकि भविष्य में किसानों, विद्यार्थियों एवं आम जनता को निर्बाध विद्युत प्राप्त हो सकें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत तामिया विकासखंड के वितरण केन्द्र झिरपा अंतर्गत स्थापित 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों झिरपा एवं जमुनिया (चावलपानी) को नर्मदापुरम जिले के समीपस्थ विद्यमान 220/132/33 के.व्ही. अति उच्चदाब उपकेन्द्र पिपरिया से निर्गमित 33 के.व्ही. पिपरिया फीडर से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों झिरपा एवं जमुनिया से 64 ग्रामों के 5072 उपभोक्ताओं को विद्युत प्रदाय किया जाता है। 33 के.व्ही. पिपरिया फीडर अत्यन्त सघन वन एवं पहाड़ी क्षेत्र तथा सतपुड़ा टाइगर रिजर्व क्षेत्र से गुजरने के कारण उक्त फीडर में कतिपय अवसरों पर प्राकृतिक आपदाओं यथा- आंधी-तूफान, तेज वर्षा इत्यादि तथा अन्य तकनीकी खराबी के कारण व्यवधान आता है, जिसे यथाशीघ्र आवश्यक सुधार कार्य कर विद्युत प्रदाय सुचारू कर दिया जाता है। वर्तमान में जुन्नारदेव ब्लॉक के 278 ग्रामों में विद्युत प्रदाय सुचारू रूप से चालू है। (ख) प्रश्नांश में उल्लेखित ग्रामों में नवीन 132/33 के.व्ही. अति उच्चदाब एवं 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों की मांग के संबंध में वस्तुस्थिति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वर्तमान में आर.डी.एस.एस. योजनान्तर्गत संचालन-संधारण वृत्त छिंदवाड़ा में फीडर विभक्तिकरण के कार्यों हेतु निविदा जारी की गई है। उक्त के अतिरिक्त, विधानसभा क्षेत्र जुन्नारदेव में आर.डी.एस.एस. योजनांतर्गत 33/11 के.व्ही. के 2 नवीन विद्युत उपकेन्द्रों ग्राम सांगाखेड़ा तथा ग्राम चोरडोंगरी में स्वीकृत है। उक्त नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों का निर्माण कार्य प्रगतिरत है एवं उक्त निर्माण कार्य माह दिसम्बर 2024 तक पूर्ण किये जाने का लक्ष्य है। साथ ही, विकेन्द्रीकृत सौर ऊर्जा उत्पादन की कुसुम-''ए'' एवं कुसुम-''सी'' योजना के अंतर्गत 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों के निम्नदाब स्तर पर विद्युत प्रदाय किया जाना प्रस्तावित है, जिससे अतिभारित उच्चदाब विद्युत प्रणाली का भार कम होगा। इसके कारण अधोसंरचना विस्तार की आवश्यकता नहीं होगी एवं वोल्टेज समस्या का भी निराकरण हो सकेगा।
सड़क निर्माण कार्यों को बजट में शामिल किया जाना
[लोक निर्माण]
55. ( क्र. 1128 ) श्री सुनील उईके : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या जुन्नारदेव विधानसभा के अल्प पिछले आदिवासी अंचलों की सड़क ग्राम पंचायत हनोतिया में कच्चीखानी हनोतिया से खैरमण्डल मुख्य मार्ग लगभग 1 कि.मी, ग्रापं बिचबेहरी में झालमउ से पीलावाडी तक लगभग 3 कि.मी, ग्रापं गोप में गोप से जामुनढोंगा तक लगभग 3 कि.मी, ग्रापं बदनूर में बदनूर मालनी रोड इमलीढाना से सेनेटोरियम तक छूटा हुआ सड़क लगभग 1 कि.मी, ग्रापं खामखैडा रैयत में खामखैडा तूमडा मेन रोड से टांडा तक सड़क लगभग 600 मीटर, ग्रापं माचीघाट माल में माचीघाट से कोठार के बीच छुटा हुआ सड़क लगभग 2 कि.मी, ग्रापं भतोडियाखुर्द में रेंदही से उमरघोड भडभडिया घाट तक सड़क लगभग 1 कि.मी एवं ग्रापं बिलावरखुर्द में पटनिया से माली सगनिया तक सड़क लगभग 3 कि.मी को प्रश्नकर्ता द्वारा प्रमुख सचिव महोदय लोक निर्माण विभाग में दिये गये पत्र क्र/6001/दिनांक 28.05.2024 को इस वर्ष की कार्ययोजना के बजट में शामिल कर निर्माण की स्वीकृति प्रदान करेंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : प्रश्न में उल्लेखित समस्त मार्ग नवीन मार्ग है, जो कि विभाग के किसी भी कार्ययोजना में सम्मिलित नहीं है। स्वीकृति का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
नगर निगम क्षेत्र में अवैध निर्माणों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
56. ( क्र. 1143 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के इंदौर एवं भोपाल एवं रतलाम नगर निगम में विगत तीन वर्षों में कितने अवैध निर्माणकर्ताओं/बिल्डरों को मध्यप्रदेश नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 के विभिन्न प्रावधानों के अंतर्गत अवैध निर्माण को हटाने/अवैध निर्माण को तोड़ने हेतु सक्षम अधिकारी द्वारा नोटिस दिए गए। उक्त समस्त दिए गए नोटिस का क्रमांक अवैध निर्मित भवन का क्रमांक, भवन स्वामी का नाम एवं नोटिस देने वाले सक्षम अधिकारी का नाम पदनाम सहित बताएं। उक्त में से कितने अवैध निर्माणों को नगर निगम इंदौर एवं भोपाल के सक्षम अधिकारियों द्वारा अवैध निर्माण तोड़ने की कार्रवाई की गई। पृथक-पृथक संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। यदि नहीं, की गई तो क्यों नहीं की गई। इसके लिए कौन दोषी हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित नगर निगमों में विगत 3 वर्षों में 2000 वर्गफिट से अधिक के जिन भूखंडों में समझौता शुल्क लेकर अवैध निर्माण जिस सक्षम अधिकारी द्वारा वैध कर दिया गया है। उक्त अवैध निर्माण भवन का क्रमांक, भवन स्वामी का नाम, लिए गए कम्पाउंडिंग शुल्क का विवरण कम्पाउंडिंग करने वाले सक्षम अधिकारी का नाम, पदनाम सहित संपूर्ण सूची पृथक-पृथक उपलब्ध करावें। (ग) क्या प्रश्नकर्ता विधायक एवं अन्य जागरुक नागरिक एवं जनसमस्या समाधान समिति के पदाधिकारियों द्वारा आयुक्त नगर निगम भोपाल एवं विभागीय प्रमुख सचिव को दिनांक 1 जनवरी 2022 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में निरंतर कितनी अवैध निर्माण की शिकायतें जनसुनवाई एवं उनके कार्यालय में की हैं? यदि हाँ, तो प्रत्येक शिकायत पर सदन में उत्तर देने के दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? कितने अवैध निर्माणों को तोड़ा गया। बतावें, यदि नहीं, तो क्यों नहीं की गई। इसके लिए कौन दोषी हैं, बतावें। भवन अनुज्ञा शाखा के दोषी अपर आयुक्त, सहायक यंत्री एवं उपयंत्री को कब तक निलंबित कर विभागीय जांच आदेशित की जाएगी, बतावें। यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।
शत्-प्रतिशत फीडर विभक्तिकरण की कार्यवाही
[ऊर्जा]
57. ( क्र. 1144 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला रतलाम, झाबुआ अलीराजपुर अंतर्गत ऊर्जा विभाग की जानकारी में कौन-कौन से क्षेत्रों की घरेलु विद्युत फीडर एवं कृषि फीडर सेपरेशन किस-किस कारण से सदन में उत्तर देने के दिनांक तक नहीं किए गए? संपूर्ण जानकारी ग्रामवार व क्षेत्रवार उपलब्ध करावें एवं उक्त विद्युत फीडर सेपरेशन हेतु उक्त जिलों में कुल कितनी बजट एवं राशि आज तक आवंटित हुई है? उक्त की जानकारी पृथक-पृथक उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जिलों में ऊर्जा विभाग के स्थानीय एवं मुख्यालय स्तर पर बैठे अधिकारियों द्वारा आज तक घरेलु विद्युत फीडर एवं कृषि फीडर शत्-प्रतिशत सेपरेशन की कार्यवाही नहीं किए जाने से किसानों एवं अन्य नागरिकों को जो सतत विद्युत आपूर्ति प्राप्त नहीं हो रही है, इसके लिए कौन अधिकारी दोषी हैं? उक्त दोषी अधिकारी को कब तक निलंबित कर विभागीय जांच आदेशित की जाएगी? (ग) क्या यह सत्य है कि प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा भी उक्त संबंध में दिनांक 5.6.2024 को माननीय मुख्यमंत्री महोदय एवं विभागीय अपर मुख्य सचिव ऊर्जा विभाग को पत्र लिखकर उक्त जिलों में शत्-प्रतिशत घरेलू विद्युत फीडर एवं कृषि फीडर सेपरेशन सहित सैलाना विधानसभा क्षेत्र के ट्रांसफार्मरों के उन्नयन एवं रख-रखाव की मांग की जाकर ई-मेल से उनकी विभागीय ई-मेल आई.डी. पर पत्र भेजा गया था? यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता के उक्त पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? पृथक-पृथक बतावें। (घ) क्या माननीय मंत्री महोदय प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जिलों में किसानों एवं ग्रामीणों को सतत विद्युत आपूर्ति किए जाने हेतु शत्-प्रतिशत विद्युत फीडर सेपरेशन कराए जाने के आदेश जारी करते हुए ट्रांसफार्मरों का उन्नयन किए जाने के आदेश जारी करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) रतलाम जिला अंतर्गत कुल 31 मिक्स फीडरों (घरेलू एवं कृषि प्रयोजन वाले फीडर) के विभक्तिकरण का कार्य प्रश्न दिनांक तक नहीं हुआ है, जिसकी प्रश्नाधीन चाही गयी ग्रामवार/क्षेत्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार है। इनमें से 11 फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य वर्तमान में प्रचलित केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना में स्वीकृत है, जिस हेतु राशि रु. 2007.30 लाख आवंटित हुई है। उक्त फीडरों की ग्रामवार/क्षेत्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। शेष 20 फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य तकनीकी एवं वित्तीय रूप से वर्तमान में उपयुक्त न होने के कारण किसी भी योजना में स्वीकृत नहीं किये गये हैं। झाबुआ एवं अलीराजपुर जिलों के अंतर्गत कुल 152 मिक्स फीडरों (घरेलू एवं कृषि प्रयोजन वाले फीडर) के विभक्तिकरण का कार्य प्रश्न दिनांक तक नहीं हुआ है, जिसकी प्रश्नाधीन चाही गयी ग्रामवार/क्षेत्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' एवं 'द' अनुसार है। इनमें से 45 फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य वर्तमान में प्रचलित केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना में स्वीकृत है, जिस हेतु राशि रु. 7789 लाख आवंटित हुई है। उक्त फीडरों की ग्रामवार/क्षेत्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। शेष 107 फीडरों के विभक्तिकरण के कार्य तकनीकी एवं वित्तीय रूप से वर्तमान में उपयुक्त न होने के कारण किसी भी योजना में स्वीकृत नहीं किये गये हैं। उल्लेखनीय है कि म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर क्षेत्रांतर्गत जिला रतलाम, झाबुआ एवं अलीराजपुर जिलों में फीडर सेपरेशन नहीं होने का प्रमुख कारण भौगोलिक स्थिति एवं बसाहटों का दूर-दूर होना है। इसके साथ ही घरेलू फीडर एवं कृषि फीडर के विभक्तिकरण का कार्य, तकनीकी एवं वित्तीय साध्यता पाये जाने पर वित्तीय उपलब्धता तथा इसी प्रकार के अन्य कार्यों की वरीयता के दृष्टिगत किया जाता है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित जिलों हेतु कुल 56 फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजनान्तर्गत स्वीकृत हुए हैं। उल्लेखनीय है कि फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य तकनीकी एवं वित्तीय साध्यता पाये जाने पर वित्तीय उपलब्धता तथा इसी प्रकार के अन्य कार्यों के वरीयता के दृष्टिगत किया जाता है। फीडरों के शत्-प्रतिशत विभक्तिकरण की कार्यवाही नहीं होने से विद्युत आपूर्ति बाधित नहीं होती है। अत: उपरोक्तानुसार की गई कार्यवाही के परिप्रेक्ष्य में किसी के दोषी होने/कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता है। (ग) प्रश्नांश में उल्लेखित मांगों हेतु माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के पत्र प्राप्त हुए हैं। उक्त पत्रों में उल्लेखित प्रस्तावों के परीक्षणोपरान्त नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही किये जाने हेतु म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को निर्देश दिए गए हैं। (घ) प्रश्नाधीन जिलों में तकनीकी एवं वित्तीय रूप से साध्य फीडर विभक्तिकरण के कार्य स्वीकृत किये गये हैं जिसका उल्लेख उत्तरांश (क) में किया गया है। भविष्य में तकनीकी एवं वित्तीय रूप से साध्य फीडर विभक्तिकरण के कार्य एवं वितरण ट्रांसफार्मरों के उन्नयन के कार्य राशि की उपलब्धता एवं इसी प्रकार के अन्य कार्यों की वरीयता के दृष्टिगत किए जा सकेंगे।
कालाखेत स्थित शॉपिंग कॉम्पलेक्स पर कब्जा
[नगरीय विकास एवं आवास]
58. ( क्र. 1160 ) श्री विपीन जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश सरकार द्वारा शासकीय स्थान और संपत्तियों पर अवैध कब्जा जमाए लोगों पर कार्यवाही कर सरकारी संपत्तियों को मुक्त किया जा रहा है। (ख) यदि हाँ, तो मंदसौर स्थित कालाखेत स्थित शॉपिंग कॉम्पलेक्स की दुकानों पर और उसके आसपास के स्थानों पर वर्षों से कब्जा किये साठिया समाज के लोगों से दुकानों को मुक्त क्यों नहीं किया गया है? (ग) वर्तमान मूल्य अनुसार कुल कितनी दुकानों पर उनके द्वारा कब्जा कर लिया गया है? क्या यह सही है कि दुकान मालिकों और आसपास के रहवासियों द्वारा कई बार इस संबंध में जिला प्रशासन और न.पा. प्रशासन को आवश्यक कार्रवाई हेतु ज्ञापन दिए गए हैं? (घ) मंदसौर के मशहूर व्यापारिक इलाके में स्थित करोड़ों रूपए की शासकीय संपत्ति पर उक्त समाज के द्वारा अवैध कब्जा होने के बावजूद भी प्रशासन उसे मुक्त क्यों नहीं करवा पाया है। (ड.) अवैध कब्जा को हटाने के लिए प्रशासन द्वारा कब क्या-क्या कार्रवाई की गई? विवरण देवें। (च) क्या बरसों से कब्जा किये साठिया समाज के परिवारों के पुनर्वास हेतु उन्हें कब्ज़ा स्थान से हटाकर अन्य स्थान पर पट्टा/प्रधानमंत्री आवास देने की कार्यवाही जिला प्रशासन द्वारा की गई है? यदि नहीं, तो कब तक की जाएगी? संपूर्ण विवरण देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। (ख) कालाखेत स्थित शापिंग कॉम्पलेक्स दुकानें शिक्षा विभाग की हैं। नगर पालिका परिषद् मंदसौर द्वारा साठिया समाज को उक्त स्थान से अन्य स्थान पर शिफ्ट करवाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) 1. वर्तमान में 23 दुकानों पर साठिया समाज के व्यक्ति काबिज है। इन दुकानों की वर्तमान अनुमानित मूल्य 07 करोड़ रूपये है। 2. जी हाँ। (घ) कब्जा मुक्ति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ड.) नगर पालिका परिषद् मंदसौर द्वारा साठिया समाज को कालाखेत से अन्य स्थान पर शिफ्ट करने हेतु तहसीलदार मंदसौर को पत्र क्रमांक 3295 मंदसौर दिनांक 27.09.2021 से आवास पट्टा एवं प्रधानमंत्री आवास में सम्मिलित करने हेतु लिखा गया है। (च) उत्तरांश (ड.) अनुसार।
फोरलेन पर सर्विस लेन को बढ़ाया जाना
[लोक निर्माण]
59. ( क्र. 1161 ) श्री विपीन जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लेबड़-नयागांव फोरलेन का निर्माण कब और कितने रूपए की लागत से किया गया था? (ख) उक्त फोरलेन पर स्थित ग्रामीण क्षेत्र में सर्विस लेन का निर्माण रोड निर्माण के समय किस नियम के आधार पर किया गया था? (ग) क्या फोरलेन के किनारे स्थित ग्रामीण क्षेत्र की आबादी बढ़ने से बनाए गए सर्विस लेन को बढ़ाने संबंधी क्या विभाग द्वारा विचार-विमर्श किया गया है या किया जाएगा? क्योंकि उक्त सर्विस लेन उस वक्त की ग्राम आबादी को देखकर के बनाए गए थे? (घ) फोरलेन पर स्थित ग्रामीण क्षेत्र की आबादी बढ़ने से उक्त ग्रामों पर बनाए गए सर्विस लेन को कब तक बढ़ाया जाकर दुर्घटनाओं को कम किया जाएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) अनुबंध के प्रावधान के अनुसार। (ग) जी नहीं, शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) ग्रामीण क्षेत्र की आबादी बढ़ने से उक्त ग्रामों पर बनाए गए सर्विस लेन निर्मित किये जाने की कोई योजना प्रचलित नहीं है, अत: शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
नगर निगम मुरैना में पदस्थ कर्मचारियों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
60. ( क्र. 1163 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरपालिक निगम मुरैना में समस्त शाखा प्रभारियां की सूची निम्न प्रारूप में उपलब्ध करायें - क्र., नाम, मूल पद, पद स्वरूप (नियमित/विनियमित/संविदा/दै.वे.भो. इत्यादि), प्रतिनियुक्ति अथवा संविलियन न होने की स्थिति में विस्तृत विवरण दें। (ख) नगर निगम मुरैना में पदस्थ समस्त नियमित कर्मचारी, विनियमित कर्मचारी, स्थायी कर्मी, संविदा कर्मी, दै.वे.भो. कर्मी इत्यादि की शाखावार सूची में नियुक्ति दिनांक मूल पद, सौंपा गया कार्य सहित बतावें। (ग) वर्ष 2020-21 से वर्ष 2023-24 तक प्रतिमाह चुंगी क्षतिपूर्ति राशि किस-किस दिनांक को प्राप्त हुई एवं कर्मचारियों को प्रतिमाह वेतन भुगतान किस-किस दिनांक को हुआ? (घ) कर्मचारियों के बकाया एरियर की जानकारी भुगतान किए व न किए जाने की स्थिति में कारण सहित प्रदान करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है।
विद्युत लाइनों में सुधार कार्य
[ऊर्जा]
61. ( क्र. 1170 ) श्री धीरेन्द्र बहादुर सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत-01 वर्ष में कटनी जिले में संभागवार विद्युत लाइनों में वार्षिक सुधार के क्या-क्या कार्य, किस जांच/सर्वे एवं किस स्तर के सक्षम तकनीकी अधिकारियों के क्या-क्या प्रस्तावों पर कितनी लागत से कब किए गए? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या सुधार कार्यों में विद्युत केबिल और ट्रांसफार्मर भी सुधारे/बदले गए? यदि हाँ, तो किन-किन स्थानों पर एवं कब-कब और क्या सुधार कार्य के पश्चात विद्युत केबिल और ट्रांसफार्मरों में खराबी आयी? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं, तो कैसे? जबकि विगत-02 वर्षों में अनेकों स्थानों से केबिल एवं ट्रांफार्मर जलने की लगातार शिकायतें रहीं। (ग) क्या बड़वारा विधानसभा अंतर्गत अनेकों स्थानों पर लंबे समय से विद्युत केबिल खराब हैं और विद्युत आपूर्ति लगातार बाधित होती है? यदि हाँ, तो क्या इसका संज्ञान लेते हुये विद्युत केबिलों को बदलने/सुधारने के कार्य किए गए? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी लागत से क्या-क्या कार्य, विगत 01 वर्ष में कब-कब किए गए? वितरण केन्द्रवार जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के तहत प्रतिवर्ष विद्युत लाइनों के सुधार कार्यों में बड़ी राशि व्यय होने के बाद भी केबिल और ट्रांसफार्मरों के खराब होने और लंबे समय से केबिलों के समुचित भार क्षमता न होने की एवं खराब/क्षतिग्रस्त रहने की जानकारी के बाद भी केबिलों को बदले न जाने का कारण बताइये।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कटनी जिला सहित कंपनी क्षेत्र में स्थापित समस्त विद्युत अधोसंरचना के रख-रखाव का कार्य मानसून पूर्व एवं मानसून अवधि के पश्चात करने के अलावा विद्युत व्यवधानों/दुर्घटनाओं को कम करने के उद्देश्य से पूरे वर्ष सतत् रूप से किया जाता है। रख-रखाव कार्यों के अंतर्गत पेड़ों की शाखाओं को काटने, टेढ़े पोलों को सीधा करना, टूटे पोल बदलना, ढीले तार एवं स्टे वायर टाइट करना, खराब केबिल बदलना, ए.बी. स्विच में सुधार, व्ही. क्रास आर्म सीधे करना, खराब इन्सुलेटर बदलना, आदि मुख्य कार्य हैं। सुधार कार्य हेतु विद्युत लाइनों की एक साथ ही पेट्रोलिंग/सर्वे कर जहां पर लाइनों/उपकरणों में खराबी पाई जाती है, उसका सुधार कार्य विभागीय तौर पर आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराते हुए कराया जाता है। सुधार कार्य हेतु क्षेत्र के कार्यपालन अभियंता, सहायक अभियंता एवं कनिष्ठ अभियंता के मार्गदर्शन में रख-रखाव कार्यों को किया जाता है। कटनी जिला अंतर्गत सुधार कार्य हेतु प्रतिवर्ष दो बार 750 मानव दिवस इस प्रकार कुल 1500 मानव दिवस हेतु रू 457/- प्रति मानव दिवस के मान से प्रत्येक (संचा.-संधा.) संभाग यथा-शहर संभाग, दक्षिण संभाग एवं संचा.-संधा. संभाग कटनी को राशि आंवटित की जाती है, जिससे आवश्यक सुधार कार्य कराये जाते हैं। विगत वित्तीय वर्ष 2023-24 में कटनी जिले में, संचालन/संधारण, संभागवार विद्युत लाइनों में किये गये वार्षिक सुधार कार्य की कार्यवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। उत्तरांश (क) में उल्लेखित अनुसार केबिल के सुधारने/बदलने के कार्यों का स्थानवार दिनांक सहित विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है तथा वितरण ट्रांसफार्मरों में किए गए सुधार कार्यों का स्थानवार दिनांक सहित विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। सुधार कार्य के पश्चात भी विद्युत केबिल और वितरण ट्रांसफार्मरों में तकनीकी कारणों, प्राकृतिक आपदाओं यथा-आंधी, तूफान, तेज वर्षा, व्यक्तियों द्वारा विद्युत चोरी तथा विद्युत अधोसंरचना से छेड़छाड़ इत्यादि कारणों से खराबी आती है, जिसे शीघ्रातिशीघ्र आवश्यक सुधार कार्य कर न्यूनतम समय में विद्युत प्रदाय सुचारू कर दिया जाता है। विगत दो वर्षों में भी केबिल एवं ट्रांसफार्मर जलने की शिकायतें प्राप्त होने पर उनमें आवश्यक सुधार कार्य कर अथवा बदलकर विद्युत प्रदाय चालू किया गया है। वर्तमान में प्रश्नाधीन क्षेत्र में किसी भी स्थान का विद्युत प्रदाय बाधित नहीं है। (ग) बड़वारा विधानसभा क्षेत्र से विद्युत केबिल खराब होने संबंधी कोई भी शिकायत लंबित नहीं है और वर्तमान में किसी भी स्थान का विद्युत प्रदाय बाधित नहीं है। विद्युत केबिल के खराब होने की सूचना प्राप्त होने पर शीघ्रातिशीघ्र आवश्यक सुधार कार्य कर न्यूनतम समय में विद्युत प्रदाय सुचारू कर दिया जाता है। बड़वारा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विगत 1 वर्ष यथा वर्ष 2023 में बदले गये विद्युत केबिलों की वितरण केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है। उक्त सभी कार्य विभागीय स्तर से किये गए हैं। (घ) उत्तरांश (क) से (ग) में दर्शाए अनुसार प्रश्नाधीन क्षेत्र में विद्युत अधोसंरचना के रख-रखाव एवं सुधार के कार्य सतत् रूप से किये जा रहे हैं। इसके अलावा यदि कोई लाइन अथवा उपकरण की आकस्मिक रूप से खराब होने की शिकायत प्राप्त होती है तो तत्काल सुधार की कार्यवाही की जाती है एवं आवश्यकतानुसार केबिल बदलने की कार्यवाही भी की जाती है। वर्तमान में किसी भी स्थान का विद्युत प्रदाय बाधित नहीं है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में जिन ग्रामों में विद्युत भार में हुई वृद्धि के कारण विद्युत केबिल एवं वितरण ट्रांसफार्मर की क्षमता कम हुई है, उन ग्रामों में विद्युत केबिल एवं वितरण ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि के कार्य आर.डी.एस.एस. योजना अंतर्गत प्रस्तावित हैं।
खराब ट्रांसफार्मरों का सुधार एवं भार क्षमता में वृद्धि
[ऊर्जा]
62. ( क्र. 1171 ) श्री धीरेन्द्र बहादुर सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में विभाग/कंपनी द्वारा विगत 03 वर्षों में किन-किन योजनाओं के तहत कितनी-कितनी लागत से क्या-क्या कार्य कब-कब एवं कहाँ-कहाँ किए गए? किए गए कार्यों से क्या-क्या लाभ परिलक्षित हुये और क्या-क्या कार्य किए जाने शेष हैं? इन्हें किस प्रकार और कब तक पूर्ण किया जायेगा? (ख) क्या विगत-05 वर्षों में बड़वारा विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान एवं भविष्य में विद्युत की आवश्यकता का आकलन किया गया? यदि हाँ, तो आंकलित जानकारी बताइये और विद्युत उपलब्धता हेतु किन-किन स्थानों पर कितनी-कितनी भार क्षमता के 33/11 के के.व्ही. सब स्टेशन तथा कृषि, घरेलू एवं व्यवसायिक उपभोक्ताओं हेतु कितने वितरण ट्रांसफार्मर वर्तमान में स्थापित/संचालित हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार विगत 02 वर्षों में किन-किन स्थानों पर वितरण ट्रांसफार्मरों में किन-किन कारणों से क्या-क्या खराबी कब-कब उत्पन्न हुई और इन वितरण ट्रांसफार्मरों को कब-कब सुधारा/बदला गया? (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार विगत-03 वर्षों में वितरण ट्रांसफार्मरों की भार क्षमता में कितनी-कितनी वृद्धि की गयी और कहाँ-कहाँ नवीन ट्रांसफार्मर स्थापित किए गए? (ङ) प्रश्नांश (ख) से (घ) के तहत क्या निम्न गुणवत्ता और कम भार क्षमता के उपकरणों एवं ट्रांसफार्मरों की वजह से विद्युत आपूर्ति में व्यवधान हुआ? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं, तो विगत-02 वर्ष में प्रश्नाधीन क्षेत्र में 33 तथा 11 के.व्ही. फीडरों पर विद्युत आपूर्ति कब-कब बाधित हुई? इसके क्या-क्या कारण रहे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) कटनी जिले में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विगत तीन वर्षों में विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत किये गये कार्यों की लागत राशि, कार्य का विवरण, कार्य की पूर्णता दिनांक/कार्य पूर्ण होने का संभावित समय, स्थान सहित वर्षवार एवं योजनावार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। उक्त कार्यों को किये जाने के उपरांत क्षेत्र में विद्युत अधोसंरचना का सुदृढ़ीकरण हुआ है एवं उपभोक्ताओं को और अधिक गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। कटनी जिले में वर्तमान में संचालित आर.डी.एस.एस योजना का कार्य प्रगति पर है एवं उक्त कार्य कार्यादेशों की शर्तों के अनुरूप कार्यादेशों की दिनांक से 24 माह की अवधि में पूर्ण किये जाने हैं जिनमें कार्य पूर्ण किये जाने की कार्यवार संभावित तिथि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। उक्त शेष कार्यों को योजना के प्रावधानों अनुरूप निर्धारित समयावधि में पूर्ण किये जाने के प्रयास हैं। प्रश्नाधीन क्षेत्र में प्रश्नाधीन अवधि में म.प्र. पावर ट्रांसमिशन कंपनी अंतर्गत किये गए कार्यों एवं वर्तमान में प्रगतिरत कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ख) जी हाँ। विगत 5 वर्षों के आकलन के आधार पर वर्तमान एवं भविष्य में विद्युत की आवश्यकतानुसार विद्युत की आपूर्ति हेतु बड़वारा विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत ग्राम मुडवारी में 132 के.व्ही. अति उच्च दाब का नवीन उपकेंद्र स्थापित किया गया है तथा वर्तमान में संचालित आर.डी.एस.एस. योजना के प्रथम चरण में ग्राम बनहरा एवं कछारगांव में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों का कार्य प्रगतिरत है एवं ग्राम गोपालपुर में 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र स्थापित किया जा चुका है। साथ ही, आर.डी.एस.एस. योजनांतर्गत द्वितीय चरण में वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि तथा अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित करने हेतु कार्य योजना नोडल एजेंसी मेसर्स पी.एफ.सी., नई दिल्ली को प्रेषित की गई है। क्षेत्र में स्थापित 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों एवं स्थापित वितरण ट्रांसफार्मरों की प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। उक्त के अतिरिक्त विकेन्द्रीकृत सौर ऊर्जा उत्पादन की कुसुम-''ए'' एवं कुसुम-''सी'' योजना के अंतर्गत 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों के निम्नदाब स्तर पर विद्युत प्रदाय किया जाना प्रस्तावित है, जिससे अतिभारित उच्च दाब विद्युत प्रणाली का भार कम होगा। इसके कारण अधोसंरचना विस्तार की आवश्यकता नहीं होगी एवं वोल्टेज समस्या का भी निराकरण हो सकेगा। (ग) विगत 2 वित्तीय वर्षों यथा-वित्तीय वर्ष 2022-23 एवं वित्तीय वर्ष 2023-24 तथा वर्तमान वित्तीय वर्ष में प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में बड़वारा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों की जलने/खराब होने की दिनांक एवं बदलने की दिनांक की स्थान एवं कारण सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (घ) विगत 3 वित्तीय वर्षों यथा-वित्तीय वर्ष 2021-22, वित्तीय वर्ष 2022-23 एवं वित्तीय वर्ष 2023-24 में बड़वारा विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि के कार्यों एवं स्थापित किये गये नवीन वितरण ट्रांसफार्मरों के कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र –'द' अनुसार है। (ड.) जी नहीं। उल्लेखनीय है कि विद्युत लाइनों का आवश्यक रख-रखाव, नवीन लाइन विस्तार कार्य हेतु शट-डाउन, विद्युत उपकरणों में तकनीकी खराबी एवं प्राकृतिक आपदा यथा-आंधी तूफान, अतिवर्षा एवं लाईटनिंग आदि के कारण विद्युत व्यवधान होने से विद्युत आपूर्ति प्रभावित होती है, जिसे उपलब्ध संसाधनों के द्वारा यथाशीघ्र निराकृत कर विद्युत प्रदाय सुचारू किया जाता है। विगत-02 वित्तीय वर्षों यथा-वित्तीय वर्ष 2022-23 एवं वित्तीय वर्ष 2023-24 में बड़वारा विधानसभा क्षेत्र में 33 तथा 11 के.व्ही. फीडरों पर विद्युत आपूर्ति बाधित होने की कारण सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'इ' एवं 'फ' अनुसार है।
टेलीकॉम कंपनियों द्वारा नियमों का उल्लंघन
[नगरीय विकास एवं आवास]
63. ( क्र. 1174 ) डॉ. अभिलाष पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में केबल टी.वी. एवं टेलीकॉम कंपनियों द्वारा वायर कहीं से भी निकाल लिए जाते हैं जिसके कारण शहरों की सुंदरता खराब हो रही है, तो क्या टेलीकॉम कंपनियां को विभाग से अनुमति प्राप्त करने हेतु कोई नियम नहीं है? (ख) यदि कोई नियम है तो विभाग इस प्रकार से गैर जिम्मेदार तरीके से लगाई गई केबल लाइनों को सही तरीके से लगाने पर ध्यान क्यों नहीं दे रहा? नियमों का उल्लंघन न हो यह देखना किस अधिकारी की जिम्मेदारी है? यदि जिम्मेदार अधिकारी ध्यान नहीं देता है तो उस पर क्या कार्यवाही किए जाने का प्रावधान है? (ग) यदि विभाग का कोई नियम नहीं है तो क्या विभाग इस प्रकार से खुले में गैर जिम्मेदाराना तरीके से लगाए गए वायरों हेतु कोई योजना बनाएगी, जिससे शहरों की सुंदरता में सुधार लाया जा सके? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) मध्यप्रदेश नगर पालिका (अस्थायी टॉवर का संस्थापन/सेल्यूलर मोबाईल फोन सेवा के लिए अधोसंरचना) नियम 2012 संशोधन दिनांक 14 नवम्बर 2019, अनुमति प्राप्त करने का नियम है। (ख) मध्यप्रदेश शासन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के आदेश क्रमांक एस एन टी/14/0077/2022/2-41 दिनांक 07/08/2023 से मध्यप्रदेश दूरसंचार अवसंरचना की स्थापना को सुगम बनाने हेतु दिशा-निर्देश, 2023 जारी नीति के अनुसार ओवर ग्राउण्ड अवसंरचना के लिए अनुमति का प्रावधान है, मध्यप्रदेश नगर पालिका (अस्थायी टॉवर का संस्थापन/सेल्यूलर मोबाईल फोन सेवा के लिए अधोसंरचना) नियम 2012 संशोधन दिनांक 14 नवम्बर 2019 के अनुसार जिम्मेदार अधिकारी, जिला-कलेक्टर है, स्थानीय निकाय के सहयोग से निगरानी का प्रावधान है। (ग) मध्यप्रदेश शासन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के आदेश क्रमांक एस एन टी/14/0077/2022/2-41 दिनांक 07/08/2023 से मध्यप्रदेश दूरसंचार अवसंरचना की स्थापना को सुगम बनाने हेतु दिशा-निर्देश, 2023 जारी नीति के अनुसार ओवर ग्राउण्ड अवसंरचना का प्रावधान है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
म.प्र. के महानगरों हेतु पुनर्विलोकित विकास योजनाएं
[नगरीय विकास एवं आवास]
64. ( क्र. 1175 ) डॉ. अभिलाष पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के महानगरों जैसे भोपाल, इंदौर, जबलपुर के मास्टर प्लान किस वर्ष में लागू किए गए थे? तब से आज तक शहरों की आबादी बड़ी है अथवा स्थिर है? (ख) क्या वर्तमान में उक्त महानगरों के मास्टर प्लान उनकी आवश्यकताओं अनुरूप प्रासंगिक हैं अथवा नहीं है? यदि प्रासंगिक नहीं है तो क्या विभाग इसमें बदलाव की आवश्यकता महसूस कर रहा है? (ग) यदि विभाग इसमें बदलाव की आवश्यकता महसूस कर रहा है तो इन शहरों हेतु नवीन मास्टर प्लान कब तक तैयार किया जाकर लागू किया जाएगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) भोपाल, इन्दौर, जबलपुर नगर की विकास योजनाएं क्रमश: राजपत्र में प्रकाशन दिनांक 09/06/1995, 01/01/2008 एवं 01/10/2008 से लागू होकर प्रभावशील है। जी हाँ, जनसंख्या वृद्धि दर के आधार पर शहरों की आबादी बढ़ी है। (ख) अशंत: हाँ। भारत सरकार की अमृत योजना की उप योजना के अंतर्गत उक्त तीनों नगरों की जी.आई.एस. आधारित पुनर्विलोकित विकास योजनाएं तैयार की जा रही है। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभंव नहीं है।
मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना
[ऊर्जा]
65. ( क्र. 1180 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कृषकों को सिंचाई के लिये स्थाई कृषि पम्प विद्युत कनेक्शन देने एवं अस्थाई पम्प कनेक्शनों को स्थाई पम्प कनेक्शनों में परिवर्तित करने के लिये मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना प्रचलन में है? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र पनागर के कितने कृषक लाभान्वित हुये हैं? ग्रामवार सूची उपलब्ध करावें। (ग) कितने कृषकों के आवेदन लंबित हैं? कृषकवार जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) के अंतर्गत कब तक कनेक्शन उपलब्ध हो सकेंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। (ख) विधानसभा क्षेत्र पनागर में मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना अंतर्गत कुल 2 कृषक लाभान्वित हुए हैं, जिनकी प्रश्नाधीन चाही गयी ग्रामवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वर्तमान स्थिति में प्रश्नाधीन क्षेत्र में योजना के प्रावधानों के अनुरूप पात्र 5 कृषकों के आवेदन लाइन विस्तार कार्य हेतु लंबित हैं, जिनकी प्रश्नाधीन चाही गयी कृषकवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार हैं। (घ) उत्तरांश (ग) में उल्लेखित पात्र 5 कृषकों के आवेदन से संबंधित लाइन विस्तार कार्य माह जुलाई, 2024 तक पूर्ण कर, स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन उपलब्ध कराये जाने के प्रयास हैं।
मलांजखण्ड में जल प्रदाय योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
66. ( क्र. 1182 ) श्री संजय उइके : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले की नगर पालिका परिषद् मलांजखण्ड में एशियन डेवलपमेंट बैंक द्वारा वित्त पोषित जल प्रदाय योजना स्वीकृत की गई? (ख) यदि हाँ, तो ठेकेदार द्वारा कार्य कब प्रारम्भ किया गया? कार्य कब तक पूर्ण किया जाना था? कब-कब, कितने-कितने अवधि के लिए कार्य पूर्ण करने हेतु समय अवधि किन-किन कारणों से बढ़ाई गई? ठेकेदार को कितनी-कितनी राशि कब-कब भुगतान की गई? (ग) जल प्रदाय योजना के कार्यादेश की प्रति, ठेकेदार के साथ ठेका अनुबंध की प्रति, कार्य समयावधि बढ़ाने के आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) जल प्रदाय योजना कितनी लागत की है? एशियन डेवलपमेंट बैंक से कितनी राशि का ऋण कब लिया गया? ऋण नगरपालिका परिषद् मलांजखण्ड द्वारा लिया गया या क्रियान्वयन एजेंसी/विभाग द्वारा लिया गया? एशियन डेवलपमेंट बैंक के साथ ऋण अनुबंध की प्रति उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। (ख) ठेकेदार द्वारा कार्य दिनांक 11.07.2020 से प्रारंभ किया गया। कार्य अनुबंध अनुसार 08.11.2022 पूर्ण किया जाना था। कार्य पूर्ण करने हेतु अनुबंध के प्रावधान अनुसार प्रथम समय वृद्धि जुलाई 2023 तक कोविड महामारी एवं योजनांतर्गत विभिन्न घटकों के निर्माण स्थलों विभिन्न विभागों से अनापत्ति प्राप्त करने के कारण एवं द्वितीय समय वृद्धि दिसम्बर 2024 तक निर्माण स्थलों के स्थल परिवर्तन के कारण प्रदाय की गई है। ठेकेदार को किये गये भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ग) जल प्रदाय योजना की कार्यादेश की प्रति, पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। अनुबंध की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। समय अवधि बढ़ाने की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है। (घ) जल प्रदाय योजना की कुल लागत राशि रू. 59.23 करोड़ (10 वर्षों के संचालन संधारण सहित) है। म.प्र. अर्बन सर्विसेज इम्प्रूवमेंट परियोजना के लिये एशियन डेवलपमेंट बैंक से 270 मिलियन डॉलर ऋण लिया गया है। यह ऋण भारत सरकार द्वारा मध्यप्रदेश शासन के पक्ष में लिया गया है। नगर पालिका परिषद् मलाजखंड से योजना के क्रियान्वयन एवं ऋण के पुनर्भुगतान हेतु त्री पक्षीय अनुबंध निष्पादित किया गया है। एशियन डेवलपमेंट बैंक के साथ ऋण अनुबंध की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ई' अनुसार है।
योजनाओं हेतु प्राप्त राशि की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
67. ( क्र. 1185 ) श्री संजय उइके : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगरीय विकास विभाग को वित्तीय वर्ष 2023-24 में अनुसूचित जनजाति/अनुसूचित जाति बजट प्रावधान में सामाजिक-आर्थिक क्षेत्रों की योजनाओं अन्तर्गत प्रत्यक्ष लाभ पहुंचाने पृथक प्रावधान सब स्कीम में राशि प्राप्त होती है? (ख) यदि हाँ, तो स्वच्छ भारत अभियान, नगरीय क्षेत्रों में अधोसंरचना निर्माण, 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा के अनुसार स्थानीय निकायों को अनुदान, ग्वालियर स्मार्ट सिटी, उज्जैन स्मार्ट सिटी, सागर स्मार्ट सिटी, सतना स्मार्ट सिटी, योजनाओं में कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई? प्राप्त राशि का किन-किन निकायों को कितनी-कितनी राशि का आंवटन किन-किन कार्यों हेतु किया गया? अनुसूचित जनजाति (सब स्कीम एवं अनुसूचित जाति (सब स्कीम) की जानकारी अलग-अलग उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश ''ख'' में उल्लेखित योजनाओं की राशि जिन निकायों को आवंटित की गई उन निकायों में अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति की जनसंख्या कितनी-कितनी है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ, कतिपय योजनाओं में नगरीय विकास विभाग को वित्तीय वर्ष 2023-24 में अनुसूचित जनजाति/अनुसूचित जाति बजट प्रावधान में सामाजिक-आर्थिक क्षेत्रों के योजनाओं अंतर्गत सब स्कीम में राशि प्राप्त हुई है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है।
हितग्राहियों को आधिपत्य का प्रदाय
[नगरीय विकास एवं आवास]
68. ( क्र. 1190 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत प्रदेश के भोपाल एवं रायसेन जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में कहाँ-कहाँ किन-किन श्रेणियों के तथा कितने-कितने प्रोजेक्ट पूर्ण हो चुके हैं? कितने निर्माणाधीन हैं एवं कितने प्रोजेक्ट पूर्ण किए जाकर किन-किन को पजेशन दिया जा चुका है तथा कितने परिवार ऐसे हैं जिनको पजेशन नहीं मिला? पूर्ण तथा अपूर्ण प्रोजेक्ट की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या जिन हितग्राहियों ने "प्रधानमंत्री आवास योजना" में फ्लैट्स के लिए बुकिंग कराई थी, उन्हें प्रश्न दिनांक तक पजेशन नहीं दिया जाकर उसके विपरीत उनकी किश्ते प्रारंभ कर दी गई है? यदि हाँ, तो आम जनता से ऐसी धोखाधड़ी करने के लिए कौन-कौन जिम्मेदार है? क्या जिम्मेदारों पर कोई कार्रवाई की गई? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में जिन मध्यम वर्गीय परिवारों ने अपने घर के सपनों को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना में बुकिंग कराई थी, पजेशन न मिलने के कारण वह परिवार लोन की किश्त और मकान के किराए की दोहरी मार झेल रहा है। इसके लिए कौन-कौन जिम्मेदार हैं? क्या जिम्मेदारों पर समय रहते कोई कार्रवाई की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कार्रवाई न किए जाने के क्या कारण हैं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी/ग्रामीण) अंतर्गत भोपाल तथा रायसेन जिले के ग्रामीण क्षेत्रों व शहरी क्षेत्रों में स्वयं हितग्राहियों द्वारा निर्मित किये जाने वाले आवास स्वीकृत हैं। आवासीय परियोजनाएं केवल नगर पालिक निगम भोपाल में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अंतर्गत स्वीकृत है। पांच प्रोजेक्ट (कार्य) राहुल नगर पार्ट-1, कोकता ट्रांसपोर्ट नगर, हिनोतिया आलम फेस-1, मालीखेड़ी एवं भानपुर पूर्ण किये गए हैं तथा 15 प्रोजेक्ट निर्माणाधीन है। जिसके अंतर्गत दिये गये पजेशन वाले लाभार्थियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ-1'' तथा पजेशन हेतु शेष पात्र लाभार्थियों एवं पूर्ण/अपूर्ण परियोजनाओं की श्रेणीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ-2'' पर है। (ख) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के ए.एच.पी. घटक के प्रावधान अनुसार योजना के चयनित हितग्राहियों द्वारा हितग्राही अंश की निर्धारित 10 प्रतिशत राशि जमा कराकर पंजीयन कराया जाता है तथा शेष 90 प्रतिशत राशि योजना की भौतिक प्रगति के अनुपात में पूर्ण होने के पूर्व जमा कराई जाती है। हितग्राही अंश की पूर्ति हेतु कतिपय हितग्राहियों द्वारा बैंक/वित्तीय संस्थाओं से ऋण भी लिया जाता है। जिसका भुगतान हितग्राही का दायित्व है। निर्माण कार्य पूर्ण होने तथा 100 प्रतिशत हितग्राही अंश भुगतान पर पजेशन दिया जाता है। जिससे शेष प्रश्नांश का औचित्य नहीं है। (ग) प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत किये जा रहे निर्माण कार्यों हेतु शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देश एवं निर्धारित मापदण्डों अनुसार योजना के उद्देश्यों की पूर्ति हेतु नगर निगम भोपाल द्वारा आवास का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। उत्तरांश ''ख'' के प्रकाश में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नादरा बस स्टैंड एवं पुतलीघर बस स्टैंड को शिफ्ट किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
69. ( क्र. 1191 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल स्थित नादरा बस स्टैंड एवं पुतलीघर बस स्टैंड को अन्यत्र बनाए गए बस स्टैंड पर शिफ्ट करने की प्रक्रिया प्रश्न दिनांक तक विचाराधीन है? (ख) यदि हाँ, तो शासन द्वारा बनाए गए नवनिर्मित बस स्टैंड का कार्य लगभग 80 प्रतिशत पूरा होने के पश्चात भी उक्त दोनों बस स्टैंड शिफ्ट न किए जाने के क्या कारण है तथा दोनों बस स्टैंड किस दिनांक तक नवनिर्मित बस स्टैंड पर शिफ्ट कर दिए जावेंगे? तिथि सहित अवगत करावें। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में संचालित बस स्टैंड में क्या यात्रियों को पीने के पानी, पार्किंग, प्रतीक्षालय आदि की पर्याप्त व्यवस्था है? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) भोपाल स्थित नादरा बस स्टैंड एवं पुतलीघर बस स्टैंड को नगर निगम भोपाल द्वारा आरिफ नगर बैरसिया रोड स्थित डी.आई.जी. बंगला के पास स्थानांतरण किये जाने हेतु निर्माण कार्य कराया जा रहा है। (ख) दोनों बस स्टैण्ड का कार्य पूर्ण न होने के कारण उक्त दोनों बस स्टैण्ड को शिफ्ट नहीं किया जा सका है। तिथि बताया जाना संभव नहीं है। (ग) नादरा बस स्टैंड एवं पुतलीघर बस स्टैंड पर पीने का पानी, यात्री प्रतीक्षालय एवं पार्किंग की आंशिक व्यवस्था है। दोनों बस स्टैण्ड को स्थानांतरित करने हेतु आरिफ नगर के पास निर्माणाधीन बस स्टैण्ड के प्राक्कलन में पर्याप्त व्यवस्था का प्रावधान है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अतिभारित वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि
[ऊर्जा]
70. ( क्र. 1195 ) डॉ. राजेश सोनकर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला-देवास अंतर्गत सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र में घरेलू एवं कृषि विद्युत प्रदाय के ऐसे कितने ट्रांसफार्मर हैं, जो ओवर-लोड हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में ओवर-लोड ट्रांसफार्मर में से कितने स्थानों पर वित्तीय वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक उनकी क्षमता बढ़ाने का कार्य पूर्ण हो चुका है और कितने स्थानों का शेष है? ओवर-लोड ट्रांसफार्मर को बदलने में कुल कितनी राशि व्यय कि गई है? कृपया वर्षवार जानकारी प्रदान करें एवं प्रश्न दिनांक तक कितने ओवर-लोड ट्रांसफार्मर स्वीकृत होकर उनका कार्यादेश जारी हो चुका है? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वित्तीय वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि से कितने स्थानों पर नवीन विद्युत खंबे (पोल), ट्रांसफार्मर, नए तार, लगाकर विद्युत सप्लाई हेतु लाइनों का विस्तार किया गया है एवं कितने स्थानों पर टूटे हुए पुराने खंबे व तार बदले गए हैं? कृपया विस्तृत विवरण प्रदान करने का आग्रह है।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जिला-देवास अंतर्गत सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र में घरेलू श्रेणी के 475 एवं सिंचाई श्रेणी के 292 इस प्रकार कुल 767 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर अतिभारित है। (ख) वित्तीय वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक 248 स्थानों पर वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि का कार्य पूर्ण हो चुका है, इस हेतु वित्तीय वर्षवार व्यय की गई राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। उत्तरांश (क) में उल्लेखित 767 स्थानों पर अतिभारित वितरण ट्रांसफार्मरों का क्षमता वृद्धि का कार्य वर्तमान में शेष है, जिनमें से 292 अतिभारित वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि का कार्य स्वीकृत कर कार्यादेश जारी किये जा चुके हैं। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में प्रश्नांश में उल्लेखित विद्युत अधोसंरचना स्थापित किए जाने से संबंधित स्थानों की संख्यात्मक जानकारी एवं इस हेतु व्यय की गई राशि की जानकारी सहित टूटे-पुराने खंबों एवं तारों को बदले जाने से संबंधित स्थानों/पोलों की संख्यात्मक जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
आबाद ग्रामों में शत्-प्रतिशत विद्युतीकरण का कार्य
[ऊर्जा]
71. ( क्र. 1202 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रदेश के हर गाँव, मजरे-टोले में विद्युत सप्लाई, विद्युतीकरण हेतु क्या नीति निर्धारण किया गया है? इस हेतु वर्तमान में कोई नवीन नीति बनाई गई है? यदि हाँ, तो उसकी प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या नवीन नीति के तहत सरदारपुर विधानसभा के सभी ग्राम, मजरों-टोलों में विद्युत सप्लाई हो रही है? यदि हाँ, तो वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक नवीन पोल वितरण, ट्रांसफार्मर तथा विद्युतीकरण कार्य कितने-कितने राशि से किए गए? निविदाकार को किए गए भुगतान एवं निविदा कार्य किए जाने सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या सरदारपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत 24 घण्टे विद्युत प्रदाय हेतु विद्युतीकरण का कार्य होना शेष है? वंचित ग्रामों की सूची उपलब्ध करावें तथा 24 घण्टे विद्युत प्रदाय हेतु विद्युतीकरण का कार्य कब तक पूर्ण कर दिया जाएगा? (घ) वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक आर.डी.एस.एस. एवं एस.एस.टी.डी. योजना में संचालन-संधारण संभाग राजगढ़ में कितनी राशि आवंटित की गई एवं कितनी राशि व्यय की गई? किए गए कार्यों की सूची सम्पूर्ण विवरण सहित उपलब्ध करावें। कितने कार्य पूर्ण हुए? कितने कार्य अपूर्ण हैं? सूची प्रदान करें। अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण होंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) विद्युतीकरण हेतु निर्धारित नीति अनुसार सर्वप्रथम प्रदेश के सभी आबाद ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य एवं तदुपरांत आबाद ग्रामों के चिन्हित मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य वित्तीय उपलब्धता अनुसार क्रमश: केन्द्र शासन की विभिन्न विद्युतीकरण की योजनाओं, यथा राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना एवं दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में किया गया। तदुपरांत सौभाग्य योजना के प्रावधानों के अंतर्गत शत्-प्रतिशत घरों के विद्युतीकरण का कार्य किया गया, किन्तु इस योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार खेतों में दूर-दूर अवस्थित घरों को तकनीकी एवं वित्तीय साध्यता नहीं होने के कारण योजना में सम्मिलित नहीं किया गया। सौभाग्य योजना के प्रावधानों के अंतर्गत प्रदेश के शत्-प्रतिशत घरों के विद्युतीकरण का कार्य दिनांक 22.10.2018 को पूर्ण कर लिया गया था। वर्तमान में मजरों/टोलों के विद्युतीकरण हेतु राज्य शासन की कोई भी नवीन योजना (नीति) प्रचलन में नहीं है। वर्तमान में प्रदेश के चिन्हित जिलों, जो कि म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी एवं म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के क्षेत्रांतर्गत आते है, में विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह यथा भारिया, बैगा एवं सहरिया जनजातीय बाहुल्य क्षेत्रों में अविद्युतीकृत घरों के विद्युतीकरण हेतु केन्द्र शासन की पी.एम. जनमन योजना प्रचलन में है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (ग) धार जिले के सरदारपुर विधानसभा क्षेत्र के समस्त राजस्व ग्रामों में निर्देशानुसार आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर कृषि प्रयोजन हेतु प्रतिदिन 10 घंटे एवं गैर कृषि प्रयोजन हेतु प्रतिदिन 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। कोई भी राजस्व ग्राम विद्युतीकरण से वंचित नहीं है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (घ) वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में संचालन-संधारण संभाग राजगढ़ अंतर्गत आर.डी.एस.एस. एवं एस.एस.टी.डी. योजना के तहत स्वीकृत राशि, व्यय की गई राशि, किये गये कार्यों की पूर्णता/अपूर्णता एवं प्रगतिरत/अपूर्ण कार्यों की पूर्णता की संभावित दिनांक सहित वितरण केन्द्रवार संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार है।
पवन ऊर्जा परियोजना
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
72. ( क्र. 1203 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सरदारपुर विधानसभा में पवन ऊर्जा की नवीन इकाई एवं 156.24 मेगावाट पवन ऊर्जा परियोजना के लिए कनेक्टिविटी प्रणाली के तहत अति उच्चदाब पारेषण लाइन बिछाने का कार्य कहाँ-कहाँ, किस-किस फर्म/कंपनी द्वारा स्थापित किया गया? शासन से उनके अनुबंध एवं समाचार पत्रों में प्रकाशित विज्ञप्ति की प्रति देवें एवं कितनी शासकीय एवं निजी भूमियों में स्थापित की गई? निजी भूमि के लिए मुआवजे की शासन द्वारा क्या गाइड-लाइन तय की गई है? क्या मुआवजे में शासन के भू-अर्जन नियम का पालन किया जा रहा है? समस्त जानकारी देवें। (ख) ट्रांसमिशन लाइन के टॉवर की स्थापना हेतु उपयोग में लाई गई भूमि की क्षति पूर्ति प्रचलित बाजार मूल्य से दी जावेगी या शासन की गाइड-लाइन अनुसार दी जावेगी। गाइड-लाइन की प्रति देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में दिए गए मुआवजे में किस-किस किसानों को कितनी-कितनी राशि प्रदाय की गई? कृषकवार सूची देवें। (घ) पवन ऊर्जा की नवीन इकाई की स्थापना हेतु कृषकों की जमीन क्रय की जाती है या लीज पर ली जाती है? समस्त जानकारी देवें। जिस भूमि पर पवन ऊर्जा की नवीन इकाई की स्थापना की जाती है, उस कृषक के परिवार के एक व्यक्ति को नौकरी दी जाती है या नहीं? (ड.) क्या नवीन इकाई एवं ट्रांसमिशन लाइन की स्थापना हेतु ग्राम सभा में पेसा एक्ट के तहत अनुमति ली गई? यदि हाँ, तो अनुमति की प्रति देवें और नहीं तो क्यों नहीं ली गई?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री राकेश शुक्ला ) : (क) सरदारपुर विधानसभा में पवन ऊर्जा की नवीन इकाई एवं 156.24 मेगावाट पवन ऊर्जा परियोजना के लिए कनेक्टिविटी प्रणाली के तहत अति उच्चदाब पारेषण लाइन बिछाने का कार्य मेसर्स स्प्रंग वायु विद्युत प्राइवेट लिमिटेड, पूना (महाराष्ट्र) एवं M/S ABREL सोलर पावर लिमिटेड, मुम्बई (महाराष्ट्र) द्वारा किया जा रहा है। विकासकों द्वारा प्रस्तुत जानकारी अनुसार स्थलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। उक्त परियोजनाएं Central Grid से संबद्ध की जा रही है। पारेषण लाइन बिछाने के संबंध में शासन के साथ अनुबंध का प्रावधान नहीं है। कमिश्नर कार्यालय, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग म.प्र. शासन केबल विकासक इकाई की परियोजना के रजिस्ट्रेशन का कार्य करता है। विकासक इकाई मेसर्स स्प्रंग वायु विद्युत प्राइवेट लिमिटेड पूना (महाराष्ट्र) एवं M/S ABREL सोलर पावर लिमिटेड, मुम्बई (महाराष्ट्र) को कमिश्नर कार्यालय) द्वारा रजिस्ट्रेशन पत्र जारी किया गया है। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। समाचार पत्रों में प्रकाशित विज्ञप्ति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। परियोजना निजी भूमि में स्थापित की जा रही है। जिसकी जानकारी डी.पी.आर. के साथ प्रस्तुत की जाती है। वर्तमान में उपरोक्त विकासकों द्वारा डी.पी.आर. प्रस्तुत नहीं की गई है। निजी भूमि के लिये मुआवजा हेतु इलेक्ट्रिसिटी एक्ट-2003, इंडियन टेलिग्राफ एक्ट-1885 एवं शासन के अधिनियम एवं गाइड-लाइन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। भूमि अधिग्रहण का कार्य आवश्यक होने पर जिला प्रशासन स्तर पर भू-अर्जन अधिकारी के माध्यम से किया जाता है। (ख) ट्रांसमिशन लाइन के टावर की स्थापना हेतु उपयोग में लाई गई भूमि की क्षतिपूर्ति इलेक्ट्रिसिटी एक्ट-2003, इंडियन टेलिग्राफ एक्ट-1885 एवं भारत शासन/राज्य शासन के निर्देशों के अनुसार विकासक द्वारा की जावेगी, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। (ग) निजी विकासक द्वारा किसानों को दी जा रही मुआवजा की जानकारी शासन स्तर पर संधारित नहीं है। (घ) निजी भूमि पर पवन ऊर्जा की नवीन इकाई की स्थापना भूमि क्रय कर अथवा लीज पर लेकर की जा सकती है, यह विकासक एवं भूमि स्वामी के मध्य की विषय वस्तु है। भूमि स्वामी परिवार के व्यक्ति को नौकरी दिये जाने का प्रावधान नहीं है। (ड.) विकासक द्वारा प्रदत्त जानकारी अनुसार ग्राम पंचायत से ट्रांसमिशन लाइन की स्थापना हेतु पेसा एक्ट में अनुमति ली जा रही है, ट्रांसमिशन लाइन स्थापना हेतु भूमि अर्जन की कार्यवाही प्रक्रिया में है।
ई.एस.टी. एण्ड पी. योजना में हुए भ्रष्टाचार की जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
73. ( क्र. 1206 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले के नगरीय निकाय में संचालित या पूर्व में संचालित EST & P योजना में NULM के सभी सी.एम.ओ., सिटी मिशन मैनेजर, योजना शाखा प्रभारी के नाम, NULM कार्यक्रम के संचालन के लिए जारी किए समस्त नीति, नियम, निर्देशों की प्रमाणित प्रति उपलब्ध करावें। (ख) Day-NULM योजना के घटक EST & P (Employment skill and training program) के अंतर्गत हुए एग्रीमेंट की कॉपी वर्ष-2021 से लेकर प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में, योजना शाखा के वार्षिक NULM बजट की प्रमाणित प्रतिलिपि उपलब्ध कराएं। (ग) योजना शाखा के PFMS अकाउंट की डिटेल्स एवं अकाउंट स्टेटमेंट, कौशल विकास एवं प्रशिक्षण प्रोग्राम प्रदाता की कंपनी की डिटेल्स, वर्ष 2021 से लेकर प्रश्न दिनांक तक प्रशिक्षण प्राप्त एवं प्रशिक्षण ले रहे विद्यार्थियों की सूची एवं उनके चयन की जानकारी, प्रशिक्षण ले चुके विद्यार्थियों के रोजगार संबंधी जानकारी, कितने प्रशिक्षण प्राप्त विद्यार्थियों को रोजगार मिला, सी.एम.ओ., CMM और अन्य एजेंसियों के द्वारा किए गए निरीक्षण प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध कराएं। (घ) धार जिले के नगरीय निकायों में वर्ष-2015 से लेकर प्रश्न दिनांक तक कौशल विकास योजना के नाम पर निकायवार कितना खर्च किया गया? किस-किस एजेंसी को किया गया? प्रत्येक एजेंसीवार जानकारी देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जिला धार के नगरीय निकायों में डे-एन.यू.एल.एम. योजना के समस्त मुख्य नगर पालिका अधिकारी, सिटी मिशन मैनेजर एवं योजना प्रभारी के नाम, योजना संचालन के लिए जारी समस्त नीति, नियम, निर्देशों की प्रमाणित प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'क' अनुसार है। (ख) डे-एन.यू.एल.एम. योजना के घटक EST & P के अंतर्गत वर्ष 2021 ई.एस.टी. एण्ड पी. के अंतर्गत हुए एग्रीमेंट की कॉपी पुस्तकालय में रखे परशिष्ट 'ख(1)' अनुसार है एवं वार्षिक एन.यू.एल.एम. बजट विवरण की प्रमाणित प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ख(2)' अनुसार है। (ग) पी.एफ.एम.एस. अकाउंट का विवरण एवं अकाउंट स्टेटमेंट, पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ग' अनुसार है। कौशल विकास एवं प्रशिक्षण प्रदाता कंपनियों का विवरण एवं प्रशिक्षण प्राप्त हितग्राहियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'घ' अनुसार है। प्रशिक्षणरत् हितग्राहियों की संख्या निरंक है। कौशल प्रशिक्षण एवं नियोजन अंतर्गत प्रशिक्षण प्राप्त करने हेतु हितग्राही द्वारा भारत सरकार के डे-एन.यू.एल.एम. पोर्टल पर स्व-आवेदन किया जाता है। पोर्टल पर प्राप्त आवेदन का परीक्षण कर नगरीय निकाय शहरी गरीब हितग्राही का चयन करता है। प्रशिक्षण प्राप्त 1148 विद्यार्थियों को रोजगार प्रदान किया गया है। सी.एम.ओ., सी.एम.एम. एवं एजेन्सी द्वारा किये गये निरीक्षण प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ड' अनुसार है। (घ) जिला धार के नगरीय निकायों में वर्ष 2015 से लेकर प्रश्न दिनांक तक कौशल विकास एवं नियोजन घटक अंतर्गत कुल व्यय राशि रु 776.29 लाख की निकायवार जानकारी एवं भुगतान प्राप्त करने वाली संस्थाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'च' अनुसार है।
शासकीय संपत्ति को खुर्द-बुर्द करने वालों पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
74. ( क्र. 1208 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उप-संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग भोपाल के पत्र क्रमांक/शाखा-2/2022/20975 दिनांक-08/12/2022 द्वारा निकाय की संपत्ति को खुर्द-बुर्द करने के लिए संबंधितों के विरुद्ध नियमानुसार एफ.आई.आर. दर्ज कराने का आदेश मुख्य नगरपालिका अधिकारी मनावर को किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में मुख्य नगरपालिका अधिकारी मनावर ने किन-किन के विरूद्ध क्या-क्या आरोप पत्र एवं तथ्य तैयार कर एफ.आई.आर. दर्ज कराने बाबत् किस दिनांक को किस-किस को आवेदन दिये? कब एफ.आई.आर. दर्ज हुई? यदि एफ.आई.आर. दर्ज नहीं की गई तो क्यों? मुख्य नगरपालिका अधिकारी मनावर ने एफ.आई.आर. दर्ज कराने बाबत् किस-किस दिनांक को किस-किस को रिमाइंडर दिया? प्रति सहित बताएं। (ग) आरोपियों के विरुद्ध प्रश्न दिनांक तक भी एफ.आई.आर. दर्ज कराने में विभाग असफल क्यों रहा? क्या विभाग आरोपियों को संरक्षण दे रहा है? यदि नहीं, तो एफ.आई.आर. दर्ज कराने में विभाग से कहाँ चूक हुई? इसके लिए कौन जिम्मेदार है? (घ) मनावर नगरपालिका जिला धार वार्ड क्रमांक-05 मेला मैदान की बेशकीमती भूमि को लीजधारियों द्वारा अंतरण कर लाखों रूपए का अवैध लाभ प्राप्त किया है, जिसको बिक्री करने का अवैध लीजधारियों को कोई अधिकार नहीं होने के उपरांत भी भूमि की अफरा-तफरी की। इस विषय पर प्रश्नकर्ता द्वारा कई वर्षों से ध्यान आकृष्ट करने के बावजूद भी आरोपियों के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज क्यों नहीं की जा रही है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। संचालनालय के पत्र क्रमांक शाखा-02/2022/20975 दिनांक 05.12.2022 निर्देशित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) नगर पालिका परिषद् मनावर द्वारा पत्र क्रमांक 6712 दिनांक 13/12/2022 से पुलिस थाना मनावर में दोषियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज किये जाने हेतु आवेदन पत्र प्रस्तुत किया था। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। जिसके अनुक्रम में थाना प्रभारी, मनावर द्वारा कथनों की पुष्टि हेतु प्रकरणवार दस्तावेज संलग्न कर आवेदन प्रस्तुत करने हेतु सूचित गया था। तदानुसार निकाय के पत्र क्रमांक 521 दिनांक 20/02/2023 से प्रारंभिक जांच प्रतिवेदन, अभिलेख इत्यादि की प्रतिलिपि संलग्न कर दोषियों के विरुद्ध नियमानुसार प्राथमिकी दर्ज करने हेतु आवेदन प्रस्तुत किया गया था। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। निकाय द्वारा कोई रिमाइंडर नहीं दिया गया है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) निकाय के पत्र क्रमांक 521 दिनांक 20/02/2023 से अभिलेखों की प्रतिलिपि संलग्न कर दोषियों के विरुद्ध नियमानुसार प्राथमिकी दर्ज करने हेतु आवेदन प्रस्तुत किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति
[ऊर्जा]
75. ( क्र. 1210 ) श्री सतीश मालवीय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के अन्तर्गत विगत 2 माह में किन-किन 11 के.व्ही. फीडरों का मेन्टेनेंस किया गया है? (ख) फीडरों के मेन्टेनेंस के उपरांत कितने इन्ट्रप्शन एवं ट्रिपिंग रिकार्ड किये गये? जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या उज्जैन जिले में विगत दो माह से विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था चरमरा गई है? यदि हाँ तो उज्जैन जिले की व्यवस्था को लेकर प्रबंध निदेशक के द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (घ) कलेक्टर उज्जैन के द्वारा बिजली आपूर्ति को लेकर उज्जैन शहर के कार्यालयों एवं उपकेन्द्रों का निरीक्षण कब-कब किया गया? निरीक्षण के दौरान पाई गई लापरवाही के दृष्टिगत जिले के अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गई है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर क्षेत्रांतर्गत उज्जैन जिले के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में विगत 2 माहों में मेन्टेनेंस किए गये 11 के.व्ही. फीडरों के नाम की प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित 11 के.व्ही. फीडरों के मेन्टेनेंस के उपरांत माह अप्रैल, 2024 में 182 एवं माह मई, 2024 में 437, इस प्रकार कुल 619 इन्ट्रप्शन/ट्रिपिंग रिकार्ड किये गये हैं। (ग) जी नहीं, प्रश्नाधीन क्षेत्र में नियमानुसार कृषि प्रयोजन हेतु प्रतिदिन 10 घंटे एवं गैर कृषि प्रयोजन हेतु प्रतिदिन 24 घंटे गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि विद्युत लाइनों/अधोसंरचना के रख-रखाव हेतु पूर्व निर्धारित शट-डाउन लेने तथा तकनीकी कारणों/प्राकृतिक आपदा से आये आकस्मिक व्यवधानों जैसी अपरिहार्य स्थिति के कारण कतिपय अवसरों पर विद्युत प्रदाय बाधित होता है, जिसमें आवश्यक रख-रखाव/सुधार कार्य कर विद्युत प्रदाय शीघ्र ही सुचारू कर दिया जाता है। उपरोक्त परिप्रेक्ष्य में अन्य किसी विशिष्ट कार्यवाही की वर्तमान में आवश्यकता नहीं है। (घ) कलेक्टर, जिला उज्जैन के द्वारा विद्युत आपूर्ति को लेकर उज्जैन शहर के 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र, मक्सी रोड एवं 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र, महाकाल का निरीक्षण दिनांक 28.05.2024 को किया गया था। निरीक्षण के दौरान किसी भी प्रकार की कोई लापरवाही प्रतिवेदित नहीं है। अतः अधिकारियों पर कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
स्वीकृत निर्माण कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
76. ( क्र. 1212 ) श्री सतीश मालवीय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले की घट्टिया विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत निर्माण कार्यों की संख्या, उनकी लागत, स्वीकृति दिनांक, कार्य पूर्णता दिनांक सहित बतावें। (ख) उपरोक्त में से पूर्ण व अपूर्ण एवं अप्रारंभ कार्यों की सूची पृथक से देवें। पूर्ण हुए कार्यों का पूर्णता प्रमाण-पत्र देवें। (ग) जो कार्य निर्धारित अवधि से विलम्ब से जारी हैं, उनकी सूची देवें कार्यों के विलम्ब के कारण कार्य नाम सहित स्पष्ट करें। इन्हें कब तक पूर्ण करा लिये जावेंगे? (घ) कार्य के विलम्ब के लिए उत्तरदायी संबंधित अधिकारी/कर्मचारी, ठेकेदारों पर विभाग के द्वारा क्या कार्यवाही की गई है या क्या कार्यवाही करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब के खण्ड 13 में अंकित कारण से विलम्ब हुआ। कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
कवि सम्मेलन और भजन संध्या की टेंडर प्रक्रिया
[नगरीय विकास एवं आवास]
77. ( क्र. 1214 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर नगर पालिका द्वारा 8 मार्च 2024 से 25 मार्च 2024 तक चलने वाले गंगावाड़ी मवेशी मेले में कवि सम्मेलन, भजन संध्या के टेंडर क्या शासन के नियमानुसार किए गए है? क्या इन टेंडरों की विज्ञप्ति समाचार पत्रों के माध्यम से दी गई? यदि हाँ, तो विज्ञप्ति की प्रति देवें। (ख) क्या कवि सम्मेलन और भजन संध्या की टेंडर प्रक्रिया में कवि और भजन गायक का सहमति पत्र लगाया गया? यदि ठेकेदार द्वारा सहमति पत्र लगाया गया तो नगर पालिका के आवक-जावक रजिस्टर में किस दिनांक को उसका आवक-जावक किया गया? जानकारी देवें। (ग) महिदपुर नगर पालिका द्वारा बिना विज्ञप्ति बिना सहमति पत्र से क्या टेंडर अवैध रूप से ठेकेदार को दिया गया है? क्या नगर पालिका द्वारा कवि सम्मेलन और भजन संध्या की संपूर्ण राशि का भुगतान ठेकेदार को कर दिया गया है? यदि टेंडर अवैध रूप से किया गया है तो संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों पर क्या उचित कार्यवाही की जाएगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, टेंडर शर्तों में सहमति पत्र अनिवार्य नहीं था। इस कारण शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। नगरपालिका द्वारा विज्ञप्ति का प्रकाशन दैनिक स्वतंत्र एलान समाचार पत्र में कराया गया है। टेंडर शर्तों के परिप्रेक्ष्य में सहमति पत्र का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। नगरपालिका द्वारा संबंधित ठेकेदार को भजन संध्या का भुगतान कर दिया गया है, कवि सम्मेलन का भुगतान किया जाना शेष है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
निर्माणाधीन एन.एच मार्ग की अद्यतन स्थिति
[लोक निर्माण]
78. ( क्र. 1215 ) श्री सूर्यप्रकाश मीणा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र शमशाबाद में एन.एच. क्र. 346BK विदिशा-बैरसिया मार्ग की अद्यतन स्थिति क्या है? क्या निर्माण कार्य तकनीकी एवं गुणवत्ता के आधार पर न कराया जाकर मनमाने तरीके से भारी भ्रष्टाचार पूर्ण तरीके से किया जा रहा है? (ख) क्या मार्ग में पड़ने ग्रामों के बसाहट क्षेत्र में उक्त मार्ग के दोनों ओर सड़क पर सीमेंट कांक्रीट एवं नाली निर्माण कार्य अत्यंत घटिया एवं निम्न स्तर से कराया रहा है? नाली निर्माण तकनीकी रूप से भी ठीक नहीं है, वर्षाकाल का पानी उक्त नालियों में से निकलना मुश्किल होगा, कार्य इतना घटिया है कि 5 टन वजनी ट्रक भी उक्त नाली को क्रास नहीं कर सकता? भीषण गर्मी में किये जा रहे सीमेंट कांक्रीट कार्य में नाम मात्र की भी तराई नहीं की जा रही है। कार्य निर्माण अवधि में ही क्षतिग्रस्त हो रहा है? क्या शासन इस संबंध में संबंधितों को निर्देशित करेगा? (ग) क्या शासन करोड़ों रूपये की स्वीकृत राशि के कार्य में हो रहे भ्रष्टाचार और तकनीकी खामियों के लिये दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) प्रश्नांकित मार्ग रा.रा. क्रमांक 346BK नहीं है अपितु रा.रा. क्र. 346, का उन्नयन कार्य 38 प्रतिशत पूर्ण, शेष प्रगति पर है। जी नहीं, कार्य भारत सरकार सड़क परिवहन एवं राज्यमार्ग मंत्रालय के मापदण्ड अनुसार किया जा रहा है। (ख) जी नहीं। जी नहीं, नाली निर्माण का कार्य अनुबंध की शर्तों के अनुरूप पूर्ण गुणवत्ता के साथ केबल जल निकासी हेतु है, नाली किसी भी प्रकार के यातायात के वजन हेतु डिजाइन नहीं है। तराई का कार्य भी निर्धारित मापदण्ड अनुसार किया जा रहा है। कार्य गुणवत्तापूर्ण होने से शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर अनुसार शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
नगर पालिका द्वारा सड़क निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
79. ( क्र. 1220 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर नगर पालिका द्वारा ग्राम पंचायत भीमाखेड़ा, ट्रांसपोर्ट नगर में सड़क निर्माण का कार्य करवाया जा रहा है। उसके प्रस्ताव, टेंडर, वर्क ऑर्डर की सत्य प्रतिलिपी देवें। क्या नगर पालिका अपनी सीमा क्षेत्र से बाहर ग्राम पंचायत क्षेत्र में निर्माण कार्य करवा सकती है? इसके लिए क्या कोई नियम हैं? क्या नगर पालिका द्वारा नियम विरुद्ध कार्य किया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार सड़क निर्माण के लिए किस मद से राशि का उपयोग किया गया है? क्या नगर पालिका द्वारा बेफिजूल खर्च कर शासकीय राशि का दुरूपयोग किया जा रहा है तो शासन द्वारा संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों पर कब तक उचित कार्यवाही की जाएगी? क्या नगर नगर पालिका के अधिकारी द्वारा संपूर्ण नियमों का पालन किया गया है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : क) जी हाँ। वांछित प्रतिलिपियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ। म.प्र. नगर पालिका अधिनियम, 1961 की धारा 106 में प्रावधान किये गये हैं। प्रकरण में जांच करायी जा रही है। (ख) सड़क निर्माण के लिए निकाय निधि का उपयोग किया गया है। जांच आदेश दिये गये हैं। जांच निष्कर्षों अनुसार गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सड़कों का मरम्मत कार्य
[लोक निर्माण]
80. ( क्र. 1225 ) श्री सुरेश राजे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डबरा के अंतर्गत पिछोर तिराहा से जेल रोड होकर चीनोर रोड तक पहुँच मार्ग का निर्माण कुल कितनी राशि का स्वीकृत है? पूर्ण होने की अवधि कब तक है? इस रोड का निर्माण किस फर्म द्वारा किस उपयंत्री की देखरेख में कब से प्रारंभ होकर, अभी तक कुल कितनी राशि व्यय कर दी गई है? वर्तमान में कौन से कार्य होना शेष हैं तथा गारंटी अवधि में जीर्णोद्धार हेतु अभी तक कुल कितनी राशि फर्म/की काटकर जमा है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार उक्त उल्लेखित रोड कुल कितने मीटर बनाना है तथा इस रोड पर कहाँ कितनी राशि से पुलिया निर्माण व कहाँ से कहाँ तक दोनों ओर जल निकास के लिए नाली का निर्माण कुल कितनी राशि से करवाया जाना है? इसमें से कितने मीटर नाली निर्माण कार्य पूर्ण होने से कितनी राशि व्यय हो चुकी है तथा कितने मीटर नाली निर्माण कार्य होना शेष है? शेष कार्य कब तक पूर्ण किया जायेगा? (ग) क्या यह सत्य है की इस मार्ग का निर्माण गुणवत्ताहीन होने से यह जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो गया है? इस पर अभी तक किस फर्म द्वारा किसकी देखरेख में पैच-वर्क हुआ है? कितनी राशि व्यय की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
निर्माणाधीन पेयजल परियोजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
81. ( क्र. 1226 ) श्री इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर पालिका परिषद् मकरोनिया में एम.पी.यू.डी.सी. द्वारा पेयजल परियोजना निर्माणधीन है? यदि हाँ, तो कार्य एजेन्सी का नाम एवं लागत सहित जानकारी देवें। (ख) परियोजना में किन-किन वार्डों में पाइप-लाइन विस्तार का कार्य किया जाना प्रस्तावित था। कार्य एजेन्सी द्वारा कितनी लंबाई की पाइप-लाइन विस्तार कार्य अनुबंध में लिया गया था? कार्य एजेंसी द्वारा अनुबंध से अधिक प्राईवेट कॉलोनियों में पाइप-लाइन विस्तार का कार्य किया गया है? जानकारी देवें। (ग) परियोजना में पाइप-लाइन विस्तार के लिए क्या प्राक्कलन निर्धारित किया गया था। जानकारी देवें एवं कार्य एजेंसी/परियोजना द्वारा मापदंड के अनुसार पाइप-लाइन विस्तार किया गया तथा विभाग/परियोजना द्वारा कब-कब भौतिक सत्यापन किया गया? जानकारी देवें। (घ) परियोजना एवं कार्य एजेन्सी द्वारा की गई अनियमितताएं एवं परियोजना कार्य में अत्यधिक विलंब के लिए कौन जिम्मेदार है? क्या उच्च स्तरीय जांच के लिए विभाग कार्यवाही करेगा तथा परियोजना का कार्य कब तक पूर्ण होगा? विस्तृत जानकारी देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। कार्य एजेंसी का नाम मेसर्स टाटा प्रोजेक्ट लि. सिकन्दराबाद है, परियोजना की मात्रा एवं अन्य परिवर्तन के पश्चात संशोधित लागत रू. 80.84 करोड़ (10 वर्ष के संचालन एवं संधारण सहित) है। (ख) नगर पालिका परिषद् मकरोनिया क्षेत्र के समस्त 18 वार्डों में जल प्रदाय योजना के अंतर्गत पाइप-लाइन का कार्य किया जाना था। अनुबंध अनुसार कुल 150 कि.मी. पाइप-लाइन विस्तार का कार्य परियोजना में प्रस्तावित था। जो द्वितीय अनुमोदित डिजाइन एवं ड्राईंग अनुसार कुल 214 कि.मी. संशोधित हुआ। 210 कि.मी. पाइप-लाइन विस्तार/प्रतिस्थापन का कार्य, अनुबंध में पूर्ण किया जा चुका है। जी हाँ, नगर पालिका अधिकारी/पार्षदगण/जन प्रतिनिधियों की मांग के आधार पर निजी कॉलोनाईजरों की कॉलोनियों में पाइप-लाइन विस्तार/प्रतिस्थापन का कार्य किया जा रहा है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) परियोजना के तहत प्रचलित मानक एवं विशेषताओं के अनूरूप 01 मी. औसत गहराई पर पाइप-लाइन स्थापित किये जाने का प्रावधान है, कार्य एजेंसी द्वारा ऐसे स्थान जहाँ स्थल की बाधा अथवा न टूटने योग्य सख्त चट्टानी क्षेत्र को छोड़कर शेष स्थानों पर मापदंड अनुसार पाइप-लाइन का विस्तार किया गया है, जिसका निरीक्षण एवं सत्यापन नियमित रूप से विभाग के सक्षम अधिकारियों/उपयंत्री एवं कन्सलटेन्ट के अधिकारियों/फील्ड इंजीनियरों के द्वारा किया जाता है। (घ) परियोजना के कार्य में किसी प्रकार की अनियमितता नहीं पाई गई है। विलम्ब के लिए विभाग द्वारा प्रचलित अनुबंध "पैकेज क्र. 6 बी सागर एवं मकरोनिया में जल प्रदाय" के अतंर्गत राशि 4, 76, 92, 736/- रोकी गयी है। अनुबंध के प्रावधानों अनुसार समय अवधि वृद्धि पर गुण-दोष का परीक्षण कर, कार्य एजेंसी के विरूद्ध विलम्ब हेतु अर्थदण्ड लगाने का निर्णय कार्य के पूर्ण होने पर सक्षम प्राधिकारी द्वारा लिया जावेगा एवं सम्पूर्ण कार्य परियोजना पूर्णता दिनांक 30.06.2024 तक का लक्ष्य प्रस्तावित है। परियोजना के शेष कार्य लगभग 04 कि.मी. जल वितरण/प्रतिस्थापन का कार्य प्रगतिरत है।
नवीन सड़क मार्ग की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
82. ( क्र. 1227 ) श्री इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा नवीन सड़क मार्ग की स्वीकृति के संबंध में कोई योजना/जिला स्तर से प्राक्कलन/जनप्रतिनिधियों की अनुशंसा को प्राथमिकता के आधार पर नवीन सड़क मार्ग की स्वीकृति किये जाने की कोई योजना है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें। (ख) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नवीन सड़क मार्गों के प्राक्कलन विभाग में स्वीकृति हेतु लंबित है? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी सड़क मार्गों के प्राक्कलन स्वीकृति हेतु लंबित हैं, तो जानकारी देवें। (ग) क्या मान. मुख्यमंत्री जी की घोषणा से नवीन सड़क मार्ग मुख्य मार्ग से संत रविदास स्मारक मकरेनिया तक सड़क निर्माण कार्य में विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या कोई कार्यवाही हुई है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ख) में नवीन सड़क मार्ग स्वीकृति के प्राक्कलन एवं सड़क चौड़ीकरण के प्राक्कलन में विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है एवं कब तक स्वीकृति प्राप्त होगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ, नवीन मार्ग स्वीकृति हेतु विभाग में ''नवीन ग्रामीण एवं अन्य जिला मार्गों का निर्माण/उन्नयन'' की योजना है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है एवं कोई भी प्राक्कलन लंबित नहीं है। (ग) प्रश्नाधीन कार्य को मुख्य बजट वर्ष 2024-25 में प्रस्तावित किया है। (घ) सक्षम समिति के समक्ष अनुमोदन प्राप्त करने हेतु प्रस्तुत किया जावेगा।
ब्रिज का निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
83. ( क्र. 1248 ) श्री गोपाल सिंह इंजीनियर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आष्टा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत म.प्र. राज्य सेतु निगम एंव लोक निर्माण विभाग द्वारा कितने ब्रिज का निर्माण कार्य चल रहा है? निर्माण कार्य पूर्ण होने की समयावधि कब तक की है? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित ब्रिज निर्माण कार्य किस कंपनी/ठेकेदार द्वारा किया जा रहा है? विभाग से किये गए अनुबंध कि प्रति उपलब्ध करावें तथा विभागीय अधिकारियों द्वारा कार्य का निरीक्षण किस-किस दिनांक को किया गया? निरीक्षण रिपोर्ट/प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध करावें। यदि अनुबंध अनुसार कार्य समय-सीमा में पूर्ण नहीं किया गया तो ठेकेदार पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) उक्त ब्रिज बनाने में उपयोग की जाने वाली सामग्री की समय-समय पर की जाने वाली मटेरियल की जांच शासकीय लेबोरेटरी द्वारा की कई जांचों की रिपोर्ट किस-किस स्टेज पर की गई? प्रतिलिपि देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ के स्तम्भ-7 अनुसार, अनुबंध की प्रति एवं निरीक्षण रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। निर्माण कार्य निर्धारित समयावधी में पूर्ण न होने पर अनुबंध में निहित प्रावधान के अनुसार गुण-दोष के आधार पर सक्षम अधिकारी द्वारा निर्णय लिया जावेगा। (ग) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ के स्तम्भ-11 अनुसार, इसके अतिरिक्त समय-समय पर जांच की जाती है।
नालियों की सफाई एवं अन्य कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
84. ( क्र. 1254 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजधानी भोपाल के अरेरा कॉलोनी में विभाग द्वारा किन-किन कामों को देखा जाता है? क्या उपरोक्त अरेरा कॉलोनी क्षेत्र में रोड के अतिरिक्त रोड के किनारे की नाली, रोड क्रॉस का निर्माण एवं रख-रखाव का कार्य भी विभाग द्वारा किया जाता है? अगर हाँ तो इस कार्य में पिछले 5 वर्षों में कितना व्यय किया गया एवं कहाँ कहाँ किया गया? (ख) अरेरा कॉलोनी E-2 क्षेत्र में नालियों के रख-रखाव एवं सफाई हेतु पिछले 5 वर्षों में कितनी शिकायत प्राप्त हुईं, किस कार्य हेतु शिकायत हुई, किसके द्वारा की गई? तारीख एवं वर्षवार जानकारी उपलब्ध करवाएं। प्राप्त शिकायत पर किए गए कार्य की जानकारी उपलब्ध करवाएं। (ग) नालियों की सफाई एवं रख-रखाव नहीं होने पर क्षेत्र के कई घरों में बरसात का पानी भर जाता है। विभाग द्वारा इन नालियों, पुलियाओं को ठीक करने की कोई योजना है? अगर हाँ तो कब तक इन नालियों एवं पुलिया का रख-रखाव करवा दिया जाएगा? कृपया बताएं।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) राजधानी भोपाल स्थित अरेरा कॉलोनी के ई-1 से ई-5, की सड़कों का संधारण किया जाता है। जी नहीं, शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) विभाग में कोई लिखित शिकायत प्राप्त नहीं हुई, अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) नालियों की साफ-सफाई जल भराव का उत्तरदायित्व लोक निर्माण विभाग का नहीं है। कोई पुलिया क्षतिग्रस्त नहीं है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
टाउन प्लानिंग स्कीम
[नगरीय विकास एवं आवास]
85. ( क्र. 1255 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में किन-किन विकास प्राधिकरण में टाउन प्लानिंग स्कीम बनाई जा रही है? (ख) इस कार्य हेतु किन-किन संस्थाओं/एजेंसी/आर्किटेक्ट को स्कीम आकल्पन/डी.पी.आर. बनाने का कार्य आवंटन किया गया है? (ग) इस कार्य हेतु डी.पी.आर. बनाने वाली एजेंसी के इमपेनेलमेंट हेतु क्या मापदंड है? (घ) क्या उज्जैन विकास प्राधिकरण में इस कार्य हेतु टेंडर निकाला गया है? क्या इस टेंडर में भाग लेने हेतु युवा टाउन प्लानर को कार्य आवंटन करने में दी गई शर्तें अवरोधक हैं? यदि हाँ, तो नए प्रोफेशनल्स को इस तरह की योजनाओं हेतु इम्पेनल करने की क्या कोई योजना या नीति है? हाँ तो जानकारी दें। नहीं तो युवाओं, नए स्टार्टअप्स को अवसर प्रदान करने हेतु, जैसे PWD विभाग में ठेकेदारी है, क्या वैसी कोई नीति इस कार्य हेतु भी बनाई जाएगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) भोपाल, इन्दौर, ग्वालियर, उज्जैन, देवास, जबलपुर एवं रतलाम विकास प्राधिकरण द्वारा टाउन प्लानिंग स्कीम्स बनाई जा रही है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"अ" अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"ब" अनुसार है। (घ) जी हाँ। जी नहीं, नवीन योजनाओं के आकल्पन हेतु प्लानर के इमपेनेलमेंट हेतु निविदा जारी की गई है जिसमें पांच वर्ष का अनुभव चाहा गया है। इस निविदा में युवा टाउन प्लानर को कार्य आवंटन करने में कोई बंधन नहीं है। निविदा में भाग लेने हेतु निर्धारित शर्तों के अनुसार ऑनलाइन निविदा आमंत्रित की जाती है, जिसमें कोई भी टाउन प्लानर आवेदन कर सकता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम
[लोक निर्माण]
86. ( क्र. 1260 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में पिछले पांच वर्षों में लोक निर्माण विभाग के राज्यमार्गों, प्रमुख जिला मार्गों पर कितनी सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं तथा इन दुर्घटनाओं में कितने व्यक्तियों की मृत्यु हुई हैं? कृपया विकासखण्डवार एवं मार्गवार जानकारी देवें। (ख) जिला स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति, जिला प्रशासन तथा पुलिस प्रशासन द्वारा जिले में कितने स्थानों पर दुर्घटना प्रवण क्षेत्र होने तथा दुर्घटनाओं को रोकने के लिये गति अवरोधक, सड़क चौड़ीकरण, संकीर्ण पुलियाओं के चौड़ीकरण एवं मरम्मत आदि कार्यों की अनुशंसा की गई है? (ग) लोक निर्माण विभाग द्वारा ऐसे चिह्नित स्थानों पर जिला स्तरीय समिति तथा जिला प्रशासन की अनुशंसानुसार क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) बैतूल जिले में पिछले 5 वर्षों में लोक निर्माण विभाग की प्रमुख जिला मार्गों पर सड़क दुर्घटनाओं एवं मृत्यु की जानकारी विकासखण्डवार एवं मार्गवार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
विधानसभा क्षेत्र बिछिया अंतर्गत निर्माण कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
87. ( क्र. 1261 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक बिछिया विधानसभा में कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये गए? कार्य की लागत, स्वीकृति दिनांक, पूर्णता-अपूर्णता की स्थिति सहित जानकारी प्रदाय करें। अपूर्ण कार्यों की अपूर्णता के क्या कारण हैं? उक्त अवधि में प्रश्नकर्ता द्वारा विभिन्न कार्यों के लिए लोक निर्माण विभाग को कब-कब पत्र लिखे गए? पत्रों की प्रति एवं उन पर की गई कार्यवाही से अवगत करावें। (ख) क्या प्रश्नकर्ता के मुख्यमंत्री को लिखे पत्रों के आधार पर सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा पत्र क्रमांक एफ 6-05/2023/1/4 दिनांक 16/02/2023 के माध्यम से पत्रों पर की गई कार्यवाही से प्रश्नकर्ता को अवगत कराने हेतु लेख किया गया था? यदि हाँ, तो क्या विभाग द्वारा अवगत कराया गया? यदि हाँ, तो विभागीय पत्र की छायाप्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो कब तक अवगत कराया जायेगा? (ग) क्या प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न क्रमांक 2881 दिनांक 17/03/2023 में के प्रश्नांश (ख) के उत्तर में विभाग द्वारा घुघरी में रेस्ट हाउस निर्माण हेतु भूमि अप्राप्त होना बताया गया था? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा उक्त हेतु भूमि आवंटन की मांग हेतु राजस्व विभाग को लिखे पत्र एवं राजस्व विभाग द्वारा दिए गए उत्तर व अन्य कार्यवाही के दस्तावेज उपलब्ध करावें। क्या प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न क्रमांक 1493 दिनांक 13/02/2024 के प्रश्नांश (ग) के उत्तर में विभाग द्वारा उक्त रेस्ट हाउस निर्माण हेतु प्रस्ताव तैयार कर परीक्षणाधीन होना बताया गया था? यदि हाँ, तो प्रस्ताव की प्रति उपलब्ध करावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। प्रश्नकर्ता माननीय विधायक द्वारा लिखे गये पत्रों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब, 'ब-1' एवं ''1'' अनुसार है। (ख) जी हाँ, माननीय मुख्यमंत्री जी को सम्बोधित पत्रों पर की गई कार्यवाही की जानकारी से यथाशीघ्र अवगत कराया जावेगा। (ग) प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न क्रमांक 2881 दिनांक 17.03.2023 के प्रश्नांश (ख) के उत्तर में संभागीय परियोजना यंत्री लो.नि.वि. मण्डला के पत्र क्रमांक 50/तक/विश्रामगृह/2022-23 मण्डला दिनांक 04.01.2023 द्वारा अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) घुघरी को घुघरी रेस्ट हाउस निर्माण हेतु भूमि आवंटित/चिन्हांकित के लिए पत्र लिखा गया था। पत्रों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। वर्तमान में भूमि आवंटन अप्राप्त है। प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न क्रमांक 1493 दिनांक 13.02.2024 के बिन्दु (ग) के उत्तर में संभागीय कार्यालय के पत्र क्रमांक एफ/ 2023/कार्य/नवीनविश्रामगृह/घुघरी/मण्डला प्राक्कलन/एपीडी/857 दिनांक 11.05.2023 के द्वारा प्रशासकीय स्वीकृति हेतु परियोजना संचालक, लो.नि.वि भोपाल को प्राक्कलन प्रेषित किया गया इस अनुक्रम में कार्यालय परियोजना संचालक के पत्र क्र एफ 19-3/2020/लोनिवि/वि.ग./घुघरी जि मण्डला/कार्य-1/पीडी/217 भोपाल दिनांक 31/05/2023 द्वारा प्रशासकीय स्वीकृति हेतु प्रक्रियाधीन है। पत्रों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है।
अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई का कार्य
[ऊर्जा]
88. ( क्र. 1262 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई जिला अनूपपुर के संयंत्र में स्थापित रोटरी ब्रेकर का वर्ष 2009 से आज दिनांक तक कब-कब किस-किस कंपनी से कमीशनिंग का कार्य कराया गया है? कमीशनिंग के कार्य के दौरान रोटरी ब्रेकर कितने दिन बंद रहा? कमीशनिंग में हुआ व्यय वर्षवार बताएं। क्या भारी भरकम खर्च के बाद भी रोटरी ब्रेकर में हो रहे वाईब्रेशन को नहीं सुधारा जा सका है? अगर रोटरी ब्रेकर सही चल रहा है तो चलने से निकले (कोयला) सेल का कितना संग्रहण किया है? क्यूबिक मीटर में मात्रा बतायें। (ख) सदन दिनांक 13.2.2024 को मेरे प्रश्न क्रमांक 1492 के प्रश्नांश (ग) के जवाब में फर्म मेसर्स दास इंजीनियरिंग द्वारा समस्त भुगतान कराया गया बताया गया था। क्या यह सही है कि समस्त भुगतान न होने के कारण श्रमिकों द्वारा 181 में शिकायत की गई थी एवं शिकायत क्रमांक 26426906 दिनांक 16.4.2024 के एल-3 अधिकारी की जांच में ठेकेदार द्वारा माना गया है कि बोनस का भुगतान बकाया है? यदि हाँ, तो उक्त प्रश्न के उत्तर में गलत जानकारी देने के लिए कौन-कौन दोषी है? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी और नहीं तो क्यों? क्या उक्त भुगतान संबंधित शिकायत करने पर तीनों श्रमिकों को ठेके के कार्य से पृथक कर दिया गया है? यदि हाँ, तो उनके नाम बताएं एवं उन्हें यथावत काम पर रखा जाएगा या नहीं? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड अंतर्गत अमरकंटक ताप विद्युत गृह, चचाई की इकाई क्रमांक-5 (210 मेगावाट) का निर्माण टर्नकी अनुबंध के आधार पर मेसर्स भारत हेवी इलेक्ट्रीकल्स लिमिटेड (बी.एच.ई.एल) द्वारा संपादित किया गया था, जिसके तहत कोयला प्रबंधन संयंत्र में स्थापित रोटरी ब्रेकर (प्राइमरी) का इरेक्शन वर्ष 2009-10 में एवं कमीशनिंग कार्य वर्ष 2010 में मेसर्स भारत हेवी इलेक्ट्रीकल्स लिमिटेड (बी.एच.ई.एल) द्वारा किया गया था। अत: रोटरी ब्रेकर के कमीशनिंग कार्य में अलग से कोई व्यय नहीं हुआ है। रोटरी ब्रेकर को कमीशनिंग के दौरान ट्रायल हेतु समय-समय पर चलाया जाता रहा है। इरेक्शन एवं कमीशनिंग कार्य के पश्चात रोटरी ब्रेकर सितम्बर-2010 को पहली बार उपयोग में लाया गया एवं तब से कमीशनिंग कार्य हेतु दोबारा बंद नहीं किया गया है। रोटरी ब्रेकर में वाईब्रेशन की समस्या आने पर मेसर्स भारत हेवी इलेक्ट्रीकल्स लिमिटेड (बी.एच.ई.एल) द्वारा अनुबंध की शर्तानुसार बिना किसी व्यय के सुधार कार्य किया गया है तथा वर्तमान में रोटरी ब्रेकर संचालन हेतु उपलब्ध है। रोटरी ब्रेकर का उपयोग 250 मि.मी. कोयला/(कोयला) सेल को 100 मि.मी. आकार का बनाने/तोड़ने में होता है एवं इससे निर्गमित टूटा कोयला/(कोयला) सेल सेकेण्डरी क्रेशर एवं मिल बंकर से होते हुए बायलर में चला जाता है अथवा आवश्यकता अनुसार संग्रहण किया जाता है। कोयला एवं (कोयला) सेल का स्वरूप टूटने के पश्चात एक समान होने के कारण (कोयला) सेल के संग्रहण की पृथक से गणना किया जाना संभव नहीं है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ख) प्रश्न क्रमांक 1492 के प्रश्नांश (ग) के जवाब में मेसर्स दास इंजीनियरिंग के विरूद्ध की गई शिकायत के परिप्रेक्ष्य में प्रदत्त जानकारी कार्यादेश क्रमांक 001-04/P&W/ET&I-III/7719/WO-512/2693, दिनांक 15.10.2020 के संबंध में थी (जो कि दिनांक 02.10.2020 से दिनांक 01.01.2021 तक संचालित रहा था), जिसके भुगतान हेतु पत्र दिनांक 23.02.2021 एवं दिनांक 09.03.2021 द्वारा मेसर्स दास इंजीनियरिंग को निर्देशित कर अर्जित अवकाश एवं बोनस सहित संपूर्ण भुगतान कराया गया था। उक्त प्रश्नांश में उल्लेखित शिकायत क्रमांक 26426906 दिनांक 13.03.2024 मेसर्स दास इंजीनियरिंग को दिये गये कार्यादेश क्रमांक 1183 दिनांक 16.08.2021 एवं विस्तार आदेश क्रमांक 3280 दिनांक 07.12.2022 के विरूद्ध की गई है, जिसकी जानकारी दिनांक 18.03.2024 को प्रश्न क्रमांक 1492 दिनांक 13.02.2024 के उपरांत प्राप्त हुई थी। उक्त कार्यादेशों के बोनस का भुगतान बाकी है तथा इसका संबंध अतारांकित प्रश्न क्रमांक-1492 से नहीं होने के दृष्टिगत अतारांकित प्रश्न क्रमांक-1492 में दी गई जानकारी सत्य है। अत: किसी तरह की कार्यवाही का प्रश्न नहीं उठता। अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई के विद्युत, परीक्षण एवं उपकरण वृत्तांतर्गत आई.एण्ड सी. (इंस्ट्रूमेन्टेशन एण्ड कंट्रोल) संभाग के दैनिक संधारण कार्यों के संपादन हेतु वर्तमान में मेसर्स विराट इंजीनियरिंग, चचाई द्वारा ठेका कार्य दिनांक 25/01/2024 से संचालित किया जा रहा है। मेसर्स विराट इंजीनियरिंग द्वारा तीन श्रमिक श्री अनिल कुमार नापित, श्री बांकेलाल रजक एवं श्री दिलीप सिंह (जो कि पूर्व के ठेके में कार्य कर रहे थे) को ठेका प्रारंभ तिथि 25/01/2024 से ही नियोजित नहीं किया गया था। उक्त तीनों श्रमिकों द्वारा शिकायत 26426906 दिनांक 13/03/2024 को 181 पर दर्ज कराई गई थी। चूंकि उक्त श्रमिक पहले से ही कार्य पर नियोजित नहीं थे, अतः यह लेख किया जाना कि भुगतान संबंधित शिकायत करने पर तीनों श्रमिकों को ठेके के कार्य से पृथक कर दिया गया था, सत्य नहीं है। अतः शेष प्रश्न नहीं उठता। मेसर्स विराट इंजीनियरिंग, चचाई को जारी कार्यादेश में उल्लेखित किसी भी कण्डिका में पूर्व ठेका कार्य में कार्यरत श्रमिकों को पुनः ठेके में रखने/निकालने का उल्लेख नहीं है एवं कोई भी नया निविदाकार जिसको संधारण कार्य हेतु कार्यादेश जारी किया गया है, कार्यादेश के नियमानुसार ठेके में अपनी स्वेच्छा से श्रमिक रखने हेतु स्वतंत्र होता है साथ ही म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी द्वारा श्रमिकों को कार्य पर रखने/निकालने के संबंध में किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं किया जाता है। अत: नियमानुसार ठेका श्रमिकों को कार्य पर रखना मेसर्स विराट इंजीनियरिंग, चचाई के अधिकार क्षेत्र का विषय है।
मार्ग के टोल संग्रहण की जानकारी
[लोक निर्माण]
89. ( क्र. 1270 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1419 दिनांक 13.02.2024 के संदर्भ में बताएं कि लेबड़-जावरा तथा जावरा-नयागांव मार्ग पर प्रारम्भ से टोल अवधि तक फिजिबिलिटी रिपोर्ट अनुसार कितनी राशि का टोल संग्रहण होगा तथा प्रतिवर्ष निकलने वाले वाहनों की संख्या कितनी-कितनी किस-किस केटेगरी की होगी? (ख) उज्जैन संभाग की समस्त टोल रोड पर टोल प्रारम्भ से मई 2024 तक निवेशकर्ता द्वारा तय तथा चार्टेड अकाउंट द्वारा दिये गए आय-व्यय के प्रमाण-पत्र की प्रति देवें तथा बताएं कि किस-किस टोल पर मई 2024 तक कितना टोल वसूला गया है तथा निवेशकर्ता के CA द्वारा दिए गए प्रमाण-पत्र में उल्लेखित व्यय राशि का वह कितना प्रतिशत है? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित टोल रोड पर कंसल्टेंट का नाम तथा भुगतान की सूची देवें तथा बताएं कि किस-किस टोल का अनुबंध केंद्र शासन द्वारा जारी "मॉडल कंसेशन एग्रीमेंट" के अनुसार नहीं हुआ है तथा उसमें क्या-क्या परिवर्तन किसके आदेश से किये गये हैं? (घ) जावरा-नयागांव टोल रोड पर, नयागांव सीमेंट रेलवे ट्रेक पर प्रस्तावित ओवर ब्रिज का निर्माण अभी तक निजी सीमेंट कंपनी द्वारा क्यों नहीं किया गया? उस पर क्या कार्यवाही की गई तथा कब तक निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार। (ख) चार्टर्ड अकाउन्टेंट द्वारा प्रदाय प्रमाण-पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार। टोल वसूली एवं व्यय राशि पुस्तकालय में रखे प्रपत्र 'अ' अनुसार। (ग) कंसल्टेंट का नाम तथा भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र 'अ' अनुसार। प्रशासकीय स्वीकृति अनुसार तत्समय प्रचलित कंसेशन अनुबंध उपयोग किये गये। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार। (घ) उक्त रेल्वे ओवर ब्रिज का प्रावधान कंसेशन अनुबंध में नहीं था। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मजरों-टोलों का विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
90. ( क्र. 1305 ) डॉ. प्रभुराम चौधरी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला रायसेन अंतर्गत सांची विधानसभा क्षेत्र के विकासखण्ड सांची एवं गैरतगंज में अविद्युतीकृत टोले-मजरे में कितने घर शेष हैं? सूची उपलब्ध कराये। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अविद्युतीकृत टोले- मजरों के घरों में विद्युतीकरण का कार्य कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा एवं विद्युतीकरण पूर्ण करने की क्या कार्ययोजना है? (ग) सांची विधानसभा अंतर्गत ऐसे कितने ग्राम हैं जिनमें विद्युत खपत की अपेक्षा कम क्षमता के ट्रांसफार्मर स्थापित हैं? यदि हाँ, तो ग्रामवार सूची उपलब्ध करायें। (घ) विगत दो वर्षों में सांची विधानसभा अंतर्गत नवीन ट्रांसफार्मर स्वीकृत किये गए है। यदि हाँ, तो ग्रामवार, पंचायतवार, विकासखण्डवार सूची उपलब्ध करायें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जिला रायसेन अंतर्गत सांची विधानसभा क्षेत्र के विकासखण्ड सांची के 8 अविद्युतीकृत टोलों/मजरों के 104 घर एवं विकासखण्ड गैरतगंज के 20 अविद्युतीकृत टोलों/मजरों के 435 घर विद्युतीकरण हेतु शेष हैं, जिनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क-1'' एवं ''क-2'' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित अविद्युतीकृत मजरों/टोलों के विद्युतीकरण के लिए वित्तीय एवं तकनीकी साध्यता अनुसार वित्तीय उपलब्धता के अनुरूप विद्युत अधोसंरचना निर्माण का कार्य किया जा सकेगा, जिस हेतु वर्तमान में निर्धारित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) सांची विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 221 ग्रामों में स्थापित वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता उनसे संबद्ध संयोजनों की खपत की अपेक्षा कम है। इन अतिभारित वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि के कार्य आर.डी.एस.एस. योजना के द्वितीय चरण में प्रस्तावित किये गये हैं एवं जिनकी ग्रामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क-3'' अनुसार है। (घ) प्रश्नाधीन क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2022-23 में नवीन वितरण ट्रांसफार्मर स्थापना का कार्य स्वीकृत नहीं किया गया है एवं वर्ष 2023-24 में 25 के.व्ही.ए. क्षमता के 3, 63 के.व्ही.ए. क्षमता के 59 एवं 100 के.व्ही.ए. क्षमता के 48 इस प्रकार कुल 110 नवीन अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना हेतु प्राक्कलन स्वीकृत किये गये हैं, जिसकी प्रश्नाधीन चाही गयी ग्रामवार, पंचायतवार एवं विकासखण्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क-4'' अनुसार है।
नगर पालिका मुलताई में विकास कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
91. ( क्र. 1308 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका मुलताई में विगत 5 वर्षों में कौन-कौन से विकास कार्य किये गये? पृथक-पृथक जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विकास कार्य की स्वीकृति लागत क्या है। विवरण देवें। इन कार्यों में हरदौली जल आर्वधन तथा सीवेज लाइन हेतु कितनी राशि स्वीकृत की गई? क्या किये गये कार्य की ड्राइंग डिजाइन स्वीकृत है? पृथक-पृथक जानकारी देवें। क्या यह कार्य पूर्ण हो चुके है? यदि नहीं, तो कब तक पूर्ण होंगे? कार्य समयावधि में पूर्ण न होने पर दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? इन स्वीकृत कार्यों की राशि किसी अन्य मद में व्यय की गई है? यदि हाँ, तो सम्पूर्ण जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में स्वीकृत राशि किस अधिकारी द्वारा किस आदेश से अन्य मद में व्यय की गई? जानकारी देवें। बिना स्वीकृति आदेश के अन्य मद में राशि व्यय करने पर दोषी अधिकारी पर क्या कार्यवाही की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। हरदौली जलावर्धन योजना हेतु 20.62 करोड़ रूपये एवं सीवरेज लाइन हेतु 6.69 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई। हरदौली जलावर्धन योजना एवं सीवरेज लाइन कार्य की ड्राइंग डिजाइन स्वीकृत है। हरदौली जलावर्धन योजना अंतर्गत बांध निर्माण घटक का कार्य जून 2020 में पूर्ण हो चुका है। योजना के पी.एच.ई. घटक अंतर्गत बैलेंस वर्क का कार्य दिनांक 07/11/2020 से वर्तमान तक प्रगतिरत है जो कि लगभग 95 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है, स्थानीय विवादों एवं समस्याओं के कारण कार्य समयावधि में पूर्ण नहीं हो सका। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। तत्कालीन स्थिति परिस्थति देखते हुये तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा सीवेरज लाइन के कार्य हेतु स्वीकृत राशि में से 109.82 लाख अन्य मद में खर्च किये गये है एवं हरदौली जलावर्धन योजनांतर्गत स्वीकृत राशि में से 40.15 लाख अन्य मद में खर्च किये गये हैं। इस संबंध में जांच कराई जा रही है। इस स्थिति में कार्य पूर्णता की तिथि बताया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रश्नांश "क" एवं "ख" के संदर्भ में सीवरेज योजना एवं हरदौली जलावर्धन योजना की स्वीकृत राशि को अन्य मद में व्यय किये जाने के संबंध में शासन से किसी प्रकार की स्वीकृति प्राप्त नहीं की गई है। बिना स्वीकृति के अन्य मद में व्यय करने वाले अधिकारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। इस संबंध में जांच कराई जाकर जांच उपरांत आगामी कार्यवाही की जा सकेगी।
भ्रष्टाचार की शिकायतों की जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
92. ( क्र. 1309 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका मुलताई से संबंधित 2021 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी भ्रष्टाचार की शिकायतें प्राप्त हुई हैं तथा कौन-कौन सी भ्रष्टाचार की शिकायतों की जाँच प्रारंभ है? विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में इस शिकायतों की जाँच कब तक पूर्ण की जावेगी? समय-सीमा बतायें। भ्रष्टाचार की शिकायत में दोषी पाये गये अधिकारी/कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो विवरण देवें। यदि नहीं, तो क्यों तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? समय-सीमा बतायें। (ग) नगर पालिका मुलताई को प्राप्त 15वीं वित्त की राशि के दुरूपयोग संबंधित क्या जांच की गई? जानकारी देवें। जांच में दोषी पाये गये अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? जानकारी देवें। यदि कार्यवाही नहीं की गई तो कब तक कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) एवं (ख) प्राप्त शिकायतें और उन पर की गई कार्यवाही का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शिकायतों की जांच एवं उनके निष्कर्ष के संबंध में समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ग) नगरपालिका परिषद्, मुलताई को प्राप्त 15 वें वित्त आयोग की राशि के दुरूपयोग किए जाने से संबंधित शिकायत की जांच किए जाने के लिए आयुक्त, नगरीय प्रशासन एवं विकास, मध्यप्रदेश, भोपाल द्वारा तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया था। जांच समिति द्वारा उक्त शिकायत की जांच की जाकर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है, जो कि परीक्षणाधीन है। अत: जांच प्रतिवेदन के आधार पर की जाने वाली कार्रवाई की समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
आवासीय भूखण्डीय विकास अनुज्ञा का क्रियान्वयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
93. ( क्र. 1312 ) श्री हेमंत कटारे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम सेवनिया गौड, तहसील हुजूर, जिला भोपाल की खसरा क्र. 43, 44, 45, 47/क, 57 एवं 64 पर आवासीय भूखण्डीय विकास हेतु नगर एवं ग्राम निवेश विभाग द्वारा वर्ष 2009 में कोई अनुमति जारी की गई थी? अनुमति की छायाप्रति दें। यदि हाँ, तो अनुमति आदेश का क्रियान्वयन होकर कितने भू-खण्डों का विक्रय किया जा चुका है? यदि हाँ, तो क्रय करने वालों के नाम की सूची दें। (ख) क्या ग्राम सेवनिया गौड के सर्वे नंबर की कुल रकबा भूमि में 12.85 हेक्टेयर भूमि पर आवासीय भूखण्डीय विकास हेतु मेसर्स कुणाल बिल्डर्स प्रा.लि. द्वारा पुनः ऑनलाइन अनुमोदन आवेदन प्रस्तुत किया गया? यदि हाँ, तो किस दिनांक को? इस संबंध में किये गये निरीक्षण, नक्शा की छायाप्रति उपलब्ध करायी जाए। (ग) प्रश्नांश (क) से संबंधित भूमि पर जब पूर्व में नगर एवं ग्राम निवेश विभाग द्वारा आवासीय भूखण्डीय विकास हेतु अनुमति प्रदान की जा चुकी थी, तो पुनः मेसर्स कुणाल बिल्डर्स प्रा.लि. द्वारा नवीन आवेदन प्रस्तुत करने का क्या आधार है? क्या उक्त आवेदन को स्वीकार कर पुनः अनुमति प्रदान की गई? यदि हाँ, तो किस आधार पर? उसकी छायाप्रति प्रदान करें। (घ) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित भूमि के विकास के संबंध में नगर निवेश कार्यालय द्वारा कलेक्टर, भोपाल एवं किस-किस शासकीय विभाग से पत्राचार किया गया एवं म.प्र. भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण को कब-कब किस उद्देश्य से पत्राचार किये? पूर्ण विवरण दें। क्या भूमि के वर्तमान उपयोग में परिवर्तन किया गया? हाँ तो किस प्रकार का? पूर्ण जानकारी दी जाए। (ड.) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित भूमि पर भोपाल विकास प्राधिकरण द्वारा कोई आवासीय योजना प्रस्तावित की गई है? यदि हाँ, तो यह योजना क्या है तथा नगर एवं ग्राम निवेश कार्यालय द्वारा भूमि के आवासीय विकास हेतु किस दिनांक को अनुमति प्रदान की? यदि नहीं, तो अनुमति जारी होने में हो रहे विलम्ब के क्या कारण है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। नगर तथा ग्राम निवेश जिला कार्यालय भोपाल द्वारा ग्राम सेवनिया गौड के खसरा क्रमांक 43, 44, 45, 47/क, 57 एवं 64 कुल रकबा 23.45 हे. में से 12.86 हे. भूमि पर निम्न घनत्व आवासीय भूखण्डीय विकास अनुज्ञा जारी की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। चूंकि प्रश्नाधीन भूमि निजी भूमि स्वामी द्वारा अनुज्ञा प्राप्त की गई थी, अत: भूखण्डों के विक्रय की संख्या की जानकारी दी जाना सम्भव नहीं है। (ख) जी हाँ। मेसर्स कुणाल बिल्डर्स डेवलपर्स प्रा.लि. द्वारा ग्राम सेवनिया गौड के रकबा 12.85 हे. भूमि पर निम्न घनत्व आवासीय भूखण्डीय विकास हेतु ऑनलाइन आवेदन दिनांक 21/11/2021 को किया गया था। स्थल निरीक्षण प्रतिवेदन मानचित्र की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) नगर तथा ग्राम निवेश भोपाल द्वारा पूर्व में जारी अनुज्ञा में सम्मिलित भूमि भोपाल विकास प्राधिकरण की ग्राम गौरा एवं सेवनिया गौड की नगर विकास स्कीम क्रमांक-203/2020 में शामिल होने के कारण जारी विकास अनुज्ञा का क्रियान्वयन संभव नहीं होने से विकास अनुज्ञा व्यपगत हो गयी थी। प्राधिकरण द्वारा उक्त योजना को म.प्र. राजपत्र दिनांक 11/06/2021 द्वारा प्रत्याहत किया गया है। योजना के प्रत्याहत होने के उपरान्त आवेदक संस्था द्वारा नवीन आवेदन जिला कार्यालय भोपाल में प्रस्तुत करने पर जिला कार्यालय भोपाल ने पत्र दिनांक 05/01/2022 द्वारा सशर्त अभिन्यास स्वीकृत किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। (घ) जी नहीं। नगर तथा ग्राम निवेश जिला कार्यालय भोपाल द्वारा किसी विभाग से कोई पत्राचार नहीं किया गया है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ड.) जी नहीं। प्रश्नांश ''क'' में उल्लेखित भूमि पर भोपाल विकास प्राधिकरण की ग्राम गौरा एवं सेवनिया गौड की नगर विकास स्कीम क्रमांक 203/2020 को म.प्र. राजपत्र दिनांक 11/06/2021 द्वारा प्रत्याहत होने के उपरान्त नगर तथा ग्राम निवेश, जिला कार्यालय भोपाल द्वारा दिनांक 05/01/2022 को निम्न घनत्व आवासीय भूखण्डीय विकास अनुज्ञा जारी की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ग्रीन बेल्ट भूमि पर निर्माण कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
94. ( क्र. 1313 ) श्री हेमंत कटारे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम सेवनिया गौड़, तहसील हुजूर जिला भोपाल अंतर्गत खसरा न. 43, 44, 45, 47/क, 57 एवं 64 में विजय कुमार अग्रवाल को नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा दिये गये अनुमोदन में कुल कितनी भूमि है? क्या दिये गये अनुमोदन में ग्रीन बेल्ट की भूमि को भी सम्मिलित किया गया था? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार है एवं उन पर कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ख) सामान्यतः बड़े तालाब की सीमा से कितनी दूरी छोड़कर निजी निर्माण कार्य किया जा सकता है? नियम प्रदान करें। क्या यह सही है कि जो खसरा नं. 43, 44, 45, 47/क, 57 एवं 64 पर शासन के नियमों के विपरीत जो वर्तमान में निर्माण कार्य बड़े तालाब के नजदीक चल रहा है, जो 50 मीटर से भी कम दूरी पर चल रहा है, जो नियम विरुद्ध है, अगर हाँ तो इस अवैध निर्माण पर कब तक रोक लगाई जायेगी? निर्माणाधीन संबंधित व्यक्तियों पर क्या कार्यवाही की जायेगी? जानकारी प्रदान करें। (ग) क्या यह सही है कि भोपाल के बड़े तालाब के संरक्षण हेतु ग्रीन बेल्ट की भूमि को तालाब के किनारे बढ़ाया गया है? यदि हाँ, तो क्या कारण है कि सिर्फ ग्राम सेवनिया गौड के नजदीकी हिस्सों में ग्रीन बेल्ट का रकबा कम किया गया है? इसके लिये कौन अधिकारी दोषी है? जानकारी प्रदान करें (घ) वर्ष 2005 के प्रभावशील मास्टर प्लान में खसरा में कितनी भूमि लो-डेंसिटी (Low-density) हेतु आरक्षित थी? जानकारी प्रदान करें। (ड.) प्रस्तावित मास्टर प्लान 2031 में कितनी भूमि पूर्व में निर्धारित मास्टर प्लान के अनुसार रखी गयी है या क्षेत्र बढ़ाया गया है। विस्तृत जानकारी दें। उक्त खसरों पर जो विकास अनुज्ञा प्रदान की गयी, क्या वह मास्टर प्लान 2005 के अनुरूप है अथवा नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर तथा ग्राम निवेश, जिला कार्यालय भोपाल द्वारा ग्राम सेवनिया गौड की प्रश्नाधीन भूमि कुल रकबा 12.86 हे. भूमि पर अनुज्ञा प्रदान की गई है। जी नहीं। दी गई अनुज्ञा में ग्रीन बेल्ट की भूमि सम्मिलित नहीं होने से शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) भोपाल विकास योजना, 2005 की कंडिका 4.47 (अ) अनुसार बड़े तालाब के किनारे से न्यूनतम 50 मीटर की दूरी तक का क्षेत्र खुला रखे जाने का प्रावधान है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उत्तराशं ''क'' के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। वर्तमान में प्रभावशील भोपाल विकास योजना, 2005 में निर्दिष्ट ग्रीन बेल्ट की भूमि को कम नहीं किया गया है। अत: प्रश्नांश का शेष भाग उपस्थित नहीं होता है। (घ) भोपाल विकास योजना, 2005 का प्रकाशन खसरा मानचित्र पर नहीं किया गया है तथा लो-डेंसिटी क्षेत्र की गणना तालिका पृथक से उल्लेखित नहीं है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) वर्तमान में भोपाल विकास योजना, 2005 प्रभावशील है। भोपाल विकास योजना (प्रारूप) 2031 के स्थान पर भोपाल विकास योजना (प्रारूप) 2047 तैयार किया जा रहा है। निम्न घनत्व आवासीय विकास अनुज्ञा भोपाल विकास योजना, 2005 के प्रावधानों के अनुरूप है।
कूटरचित देयकों की जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
95. ( क्र. 1318 ) श्री बाला बच्चन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर नगर निगम में फर्जी बिल घोटाले में कितने कार्यों में कितनी राशि आहरित की गई? कार्य का नाम, राशि, आहरण दिनांक, फर्म नाम, जी.एस.टी. नंबर, स्थान नाम सहित जानकारी देवें। (ख) इनकी नस्तियों पर अंतिम 03 हस्ताक्षरकर्ता अधिकारियों के नाम, पदनाम, कार्य नाम, स्थान नाम, फर्म नाम सहित देवें। ऐसे समस्त नस्तियों की छायाप्रति भी देवें। (ग) क्या कारण है कि उपरोक्तानुसार अधिकारियों पर कोई प्रकरण दर्ज नहीं कराकर उन्हें संरक्षण दिया जा रहा है? क्या राशि आहरित करने वालों से राशि वसूल की गई है? यदि हाँ, तो कितनी? फर्मवार जानकारी देवें। यदि नहीं, तो क्यों? क्या इनके बैंक अकाउंट सीज करवाए गए हैं? (घ) कब तक प्रश्नांश (ख) अनुसार अधिकारियों पर प्रकरण दर्ज कर गिरफ्तारी की जाएगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" अनुसार है। (ख) नस्तियों पर अंतिम 03 हस्ताक्षरकर्ता के पदनाम क्रमश: रेसीडेन्ट असिस्टेंट ऑडिटर, रेसीडेन्ट सीनियर ऑडिटर, डिप्टी डायरेक्टर/ज्वाईन्ट डायरेक्टर है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "ब" अनुसार है। (ग) उपरोक्तानुसार कूटरचित देयकों की जांच थाना एम.जी. रोड, इन्दौर द्वारा की जा रही है। उपरोक्त प्रकरण में निगम के 05 अधिकारी/कर्मचारियों एवं ऑडिट विभाग के 03 अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है एवं जांच प्रचलन में है। जांच होने के उपरान्त वास्तविक आहरित राशि की वसूली की नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। इन सभी एजेन्सियों के बैंक खाते सीज किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "स" अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "द" अनुसार है।
आउटसोर्स कर्मचारियों की जानकारी
[ऊर्जा]
96. ( क्र. 1335 ) श्री वीरसिंह भूरिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इंदौर क्षेत्रान्तर्गत विधानसभा क्षेत्र थादंला के अंतर्गत आने वाले विद्युत मंडल में आउटसोर्स के माध्यम से कितने कर्मचारी कार्यरत हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में आउटसोर्स के माध्यम से नियुक्त कर्मचारियों के पदनाम और उनके वेतनमान की संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाएं। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में आउटसोर्स से कर्मचारी उपलब्ध करवाने वाली एजेंसी की संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाएं। (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित एजेंसी कितने वर्ष से कार्यरत हैं? वर्ष 2020-21 में वर्तमान तक उनको कितना बजट आवंटित किया गया है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) विधानसभा क्षेत्र थांदला क्षेत्रांतर्गत म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर के संबंधित कार्यालयों/विद्युत उपकेन्द्रों में बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता के माध्यम से वर्तमान में कुल 136 आउटसोर्स कार्मिक नियोजित किये गए हैं। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित आउटसोर्स कार्मिकों की प्रश्नाधीन चाही गयी पदनाम सहित वेतन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) के संदर्भ में आउटसोर्स कार्मिक उपलब्ध/प्रदाय करने वाली बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता एजेंसी की विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ग) में उल्लेखित बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता एजेंसी मेसर्स ब्रॉडकास्ट इंजीनियरिंग कंसलटेंट इंडिया लिमिटेड, नोएडा माह-अप्रैल, 2021 से प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्रांतर्गत आउटसोर्स कार्मिक प्रदाय कर रही है। म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत विधानसभा क्षेत्रवार नहीं, अपितु संचालन-संधारण, वृत्तवार बजट आवंटित किया जाता है। तद्नुसार थांदला विधानसभा क्षेत्र हेतु पृथक से बजट आवंटित नहीं किया गया है अपितु संचालन-संधारण-वृत्त, झाबुआ को वित्तीय वर्ष 2021-22 में राशि रू. 1221.01 लाख वित्तीय वर्ष 2022-23 में राशि रू. 1270.47 लाख, वित्तीय वर्ष 2023-24 में राशि रू. 1455.41 लाख एवं वित्तीय वर्ष 2024-25 में राशि रू. 1614.48 लाख का बजट आवंटित किया गया है, जिसमें थांदला विधानसभा क्षेत्र में कार्यरत आउटसोर्स कार्मिकों के वेतन भुगतान हेतु आवश्यक राशि समाहित है। उल्लेखनीय है कि उक्त बाह्रय स्त्रोत सेवा प्रदाता एजेंसी वित्तीय वर्ष 2020-21 में थांदला विधानसभा क्षेत्र में कार्यरत नहीं थी।
स्मार्ट सिटी योजनान्तर्गत हटाये गए आवासों का आवंटन
[नगरीय विकास एवं आवास]
97. ( क्र. 1338 ) श्री भगवानदास सबनानी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्मार्ट सिटी योजना अन्तर्गत हटाये गये साउथ टी.टी. नगर के आवासों के स्थान पर पलाश होटल के सामने बनाये गये शासकीय कर्मचारियों के लिए आवासों का आवंटन कब तक हो जावेगा तथा इनका आवंटन संपदा संचालनालय अथवा स्मार्ट सिटी प्रशासन किसके माध्यम से किया जावेगा तथा कब तक? (ख) स्मार्ट सिटी योजनान्तर्गत सम्पूर्ण क्षेत्र में कुल कितने वृक्ष काटे गये हैं अथवा काटे गये वृक्षों के स्थान पर कहाँ-कहाँ वृक्षारोपण किया गया है? काटे गये वृक्षों तथा लगाये गये वृक्षों की संख्या सहित क्षेत्रवार जानकारी उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) स्मार्ट सिटी द्वारा शासकीय आवास फेज-01 परियोजना में निर्मित शासकीय आवासों का आवंटन की कार्यवाही संपदा संचालनालय म.प्र. शासन गृह विभाग के माध्यम से की जाना है, संपदा संचालनालय से प्राप्त जानकारी अनुसार स्मार्ट सिटी योजना अंतर्गत हटाये गये साउथ टी.टी. नगर के आवासों के स्थान पर पलाश होटल के सामने बनाये गये शासकीय कर्मचारियों के लिये आवासों का आवंटन की कार्यवाही शीघ्र प्रारंभ किया जायेगा। (ख) स्मार्ट सिटी मिशन अंतर्गत नॉर्थ एवं साउथ तात्या टोपे नगर भोपाल में एरिया बेस्ड डेवलपमेंट (ए.बी.डी) क्षेत्र में कुल 1990 वृक्ष काटे गये हैं, काटे गये वृक्षों का क्षेत्रवार विवरण संलग्न परिशिष्ट-अ अनुसार है एवं पर्यावरण वानिकी वनमंडल भोपाल से प्राप्त जानकारी अनुसार लगाये गए वृक्षों की संख्या 17, 603 है, लगाये गए वृक्षों का क्षेत्रवार विवरण संलग्न परिशिष्ट-ब अनुसार है।
गंगा नगर आवासीय परियोजना की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
98. ( क्र. 1340 ) श्री भगवानदास सबनानी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम भोपाल के वार्ड क्रमांक 28 में प्रधानमंत्री आवास योजनान्तर्गत गंगा नगर आवासीय परियोजना किस दिनांक से प्रारंभ हुई है तथा इस योजना में किस-किस श्रेणी के कितने आवास निर्मित किये जाने हैं? आवंटित हितग्राहियों को पजेशन कब तक दिया जावेगा? समय-सीमा बतायें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) के संबंध में वर्ष 2020 से 2023 तक प्रतिवर्ष कितने प्रतिशत हितग्राहियों द्वारा आवास की पूर्ण राशि जमा करा दी गई है? वर्षवार हितग्राहियों की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) इस योजना में आवासों के निर्माण कार्य की समय-सीमा क्या तय की गई थी तथा उक्त निर्माण कार्य किस एजेंसी/ठेकेदार द्वारा किया जा रहा है? उक्त एजेंसी/ठेकेदार द्वारा किये जा रहे कार्य के अनुबंध की प्रति उपलब्ध करावें। क्या एजेंसी/ठेकेदार द्वारा समय-सीमा में कार्य पूर्ण कर दिया गया है? यदि नहीं, तो विभाग द्वारा एजेंसी/ठेकेदार के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्राप्त जानकारी अनुसार उक्त निर्मित आवासों की गुणवत्ता ठीक नहीं है, क्या इसकी जांच कर दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर निगम भोपाल के वार्ड क्रमांक 28 में प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत गंगा नगर आवासीय परियोजना दिनांक 15.05.2017 से प्रारंभ हुई तथा इस योजना में एल.आई.जी.-144, एम.आई.जी.-216 तथा ई.डब्ल्यू.एस. 240 आवासों को निर्मित किया जाना है। ठेकेदार को दिये गये कार्य आदेश क्र. 29 दिनांक 07.10.2023 अनुसार अप्रैल 2025 तक परियोजना कार्य पूर्ण किया जाना है। कार्य पूर्ण होने के उपरांत हितग्राहियों द्वारा 100 प्रतिशत अंशदान जमा करने के उपरांत आवासीय इकाईयों का आधिपत्य दिया जाना है। (ख) वर्ष 2020 से 2023 तक 58 प्रतिशत हितग्राहियों द्वारा आवास की पूर्ण राशि जमा करा दी गई है। वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ग) इस योजना में आवासों के निर्माण हेतु मेसर्स एम.व्ही. ओमनी प्रोजेक्ट (इंडिया) लि. अहमदाबाद गुजरात को कार्य आदेश क्रं. 395 दिनांक 15.05.2017 अनुसार 18 माह की समय-सीमा तय की गयी थी। तय समय में कार्य पूर्ण न होने के कारण ठेकेदार को सितम्बर 2023 तक की समय वृद्धि दी गई थी। ठेकेदार, कार्य पूर्ण करने में असफल रहा फलस्वरूप अनुबंध को निरस्त किया गया, तत्पश्चात शेष कार्य को पूर्ण करने हेतु नियमानुसार निविदा आमंत्रण की कार्यवाही की जाकर वर्तमान में उक्त कार्य हेतु कार्यादेश मेसर्स एस.आर.एस. इंफ्रा प्रोजेक्ट प्रा.लि. भोपाल को दिनांक 07.10.2023 द्वारा कार्यादेश दिया गया है। कार्यादेश अनुसार कार्यपूर्ण करने की समयावधि अप्रैल 2025 नियत है। वर्तमान में कार्य प्रगतिरत है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। अनुबंध की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (घ) परियोजनाओं के निर्माण कार्य की गुणवत्ता हेतु नगर पालिक निगम भोपाल द्वारा नियुक्त पी.एम.सी. मेसर्स मेहता एंड एसोसिएट्स एल.एल.पी. इंदौर द्वारा निर्माण कार्यों का सतत् पर्यवेक्षण किया जाता है, साथ ही नियमित अंतराल एवं अनुबंध की कंडिकाओं में उल्लेखित नियम व शर्तों अनुसार आंतरिक एवं बाह्य लेबोरेट्री से मटेरियल एवं अन्य निर्माण सामग्री का परीक्षण कराया गया। परीक्षण उपरांत प्राप्त परिणाम मानक अनुरूप पाये गये हैं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विकास एवं निर्माण कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
99. ( क्र. 1351 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग के अंतर्गत संचालित संस्थाओं के अनुसार वित्तीय वर्ष 2014-15 से प्रश्नांकित अवधि तक कौन-कौन सी योजनाओं में, किन-किन निर्माण/विकास एवं अन्य निर्माण कार्य हेतु विभिन्न मदों से कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई है? योजनावार, मदवार, कार्य के नाम, कुल स्वीकृत राशि, तकनीकी स्वीकृति, प्रशासकीय स्वीकृति, निविदा कार्यादेश सहित विकासखण्डवार, जिलावार विस्तृत जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं में आवंटित राशि के विरूद्ध कितनी राशि व्यय की गई? कितनी राशि शेष है तथा शेष राशि का भुगतान कब तक दिया जावेगा? योजनावार, मदवार, कार्य के नाम सहित जानकारी देवें एवं छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) क्या गुणवत्ताविहीन निर्माण कार्य, अनियमितता, लापरवाही एवं विकास कार्यों तथा कार्य एजेन्सियों, ठेकेदारों, फर्मों को किये गये भुगतान में अनियमितता के संबंध में शिकायतें प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो शिकायतों का विवरण दें तथा उन पर क्या कार्यवाही की गई? शिकायतों में जांच उपरांत कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी/ठेकेदार/निर्माण एजेन्सी दोषी पाये गये? उन पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की गई तो कब तक की जावेगी? अभी तक कितनी जांचें लंबित है? उनका निराकरण कब तक कर दिया जावेगा? निर्माण/विकास कार्य, योजना, कार्य के नाम, स्थान, तहसीलवार, जिलावार विभाग अनुसार संपूर्ण जानकारी देवें। (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा लोक निर्माण विभाग एवं विभाग की इकाइयों के निर्माण कार्यों में गुणवत्ताहीन कार्यों के संबंध में प्रेषित कौन-कौन से पत्र किन-किन अधिकारियों को प्राप्त हुए हैं? उन पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? कृत कार्यवाही एवं पत्र की पावती से प्रश्नकर्ता को कब अवगत कराया गया है? यदि नहीं, तो इसके लिए दोषी कौन है? कृत कार्यवाही की छायाप्रति उपलब्ध करावें। यदि पत्रों पर कार्यवाही नहीं की गई है तो कब तक कर दी जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जिला विदिशा अंतर्गत निर्माण कार्यों की जानकारी
[ऊर्जा]
100. ( क्र. 1352 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 अप्रैल 2022 से प्रश्नांकित दिनांक तक भोपाल संभाग अन्तर्गत जिला विदिशा में कौन-कौन से निर्माण कार्य विभिन्न योजना में स्वीकृत किये गये हैं? आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करावें। उक्त निर्माण कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण हुए? कितने अपूर्ण हैं एवं कितने आरंभ हैं? संख्यात्मक जानकारी देवें तथा कार्य एजेन्सी को कितनी राशि का भुगतान किया गया? बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में गरैठा, इमलानी, पगरानी, सोंजना, उनारसीकलां, झूकरजोगी सब स्टेशनों की स्वीकृति कब-कब हुई? बतावें तथा इन सब स्टेशनों से कितने गांवों में घरेलू एवं सिंचाई हेतु लाइन का विस्तार किया जावेगा? सब-स्टेशनवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में उक्त उपकेन्द्रों का निर्माण किस-किस कार्य एजेन्सी द्वारा किया जा रहा है? कार्य आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करावें तथा उक्त निर्माण की गुणवत्ता की जांच किस स्तर के अधिकारियों द्वारा की गई? बतावें। क्या-क्या कमियां पाई गई तथा निर्माण एजेन्सी पर क्या कार्यवाही की गई? बतावें। उक्त पूर्ण निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? (घ) विकासखंड सिरोंज-लटेरी में मरम्मत टूट-फूट की 01 अप्रैल 2022 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कार्य किये गये? सूची उपलब्ध करावें एवं इनमें कितना भुगतान किया गया? बतावें तथा कार्यों का मूल्यांकन किस स्तर के अधिकारियों द्वारा किया गया?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) 01 अप्रैल 2022 से प्रश्न दिनांक तक भोपाल संभाग के विदिशा जिले में विद्युत अधोसंरचना निर्माण कार्य हेतु 02 योजनाएं यथा-प्रणाली सुदृढ़ीकरण (S.S.T.D.) एवं केन्द्रीय योजना आर.डी.एस.एस. (R.D.S.S.) प्रचलन में है। प्रणाली सुदृढ़ीकरण योजना के कुल 44 स्वीकृत कार्यों में से 25 कार्य पूर्ण कर दिये गये हैं एवं वर्तमान में 19 कार्य प्रगतिरत हैं। प्रणाली सुदृढ़ीकरण योजना (S.S.T.D.) के अन्तर्गत स्वीकृत, पूर्ण, अपूर्ण/प्रगतिरत/आरंभ कार्यों तथा कार्य एजेन्सियों को किये गये भुगतान की राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। उक्त 44 कार्यों से संबंधित कार्यादेशों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र– 'अ-1' अनुसार है। पूर्ण कार्यों हेतु संबंधित कार्य एजेंसियों को राशि रू. 2, 50, 76, 653/- का भुगतान कर दिया गया है। आर.डी.एस.एस. योजना अंतर्गत स्वीकृत कार्य एवं उनके पूर्ण, अपूर्ण, प्रगतिरत तथा कार्य एजेन्सियों को किये गये भुगतान की राशि एवं कार्य एजेन्सियों को जारी कार्यादेशों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–'ब' अनुसार है एवं कार्य एजेन्सी को जारी कार्यादेशों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र– 'ब-1' अनुसार है। (ख) ग्राम गरैठा, इमलानी, पगरानी, सोंजना, उनारसीकलां एवं झूकरजोगी हेतु 33/11 के.व्ही. के कुल 6 विद्युत उपकेन्द्रों की स्वीकृति प्रणाली सुदृढ़ीकरण योजना अंतर्गत दिनांक 19/09/2023 को हुई थी। उक्त नवीन 06 विद्युत उपकेन्द्रों से निर्गमित 11 के.व्ही. कृषि एवं घरेलू फीडर तथा उन फीडरों से फीडरवार लाभान्वित ग्रामों का विद्युत उपकेन्द्रवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–'स' अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) के संदर्भ में 06 विद्युत उपकेन्द्रों का निर्माण कार्य 03 निर्माण एजेन्सियों द्वारा किया जा रहा है। उक्त 06 नवीन विद्युत उपकेन्द्रों के निमार्णाधीन कार्य प्रारंभिक स्थिति में है। उक्त 06 विद्युत उपकेन्द्रों हेतु निर्माण एजेन्सियों को जारी कार्यादेशों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र– 'अ-1' में समाहित है। निर्माण की गुणवत्ता की जाँच से संबंधित अधिकारी का स्तर सहित विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–'स' अनुसार है। वर्तमान में प्रश्नाधीन उल्लेखित कार्यों हेतु प्रश्न दिनांक तक किये गये निरीक्षण में कोई कमी नहीं पायी गयी है। निर्माण कार्यों में कमी पाये जाने पर निर्माण एजेन्सी पर निविदा प्रावधान अनुसार कार्यवाही की जावेगी। उक्त कार्यों को वर्ष 2024 के अंत तक उपलब्ध विभागीय संसाधनों के आधार पर पूर्ण करने हेतु लक्षित किया गया है। (घ) विकासखण्ड सिरोंज एवं लटेरी में मरम्मत, टूट-फूट के प्रश्नाधीन अवधि में किये गये कार्यों का विवरण, भुगतान की राशि, मूल्यांकन हेतु स्तरवार अधिकारी का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–'द' अनुसार है।
अनियमित कार्यों की समग्र जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
101. ( क्र. 1361 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कैलारस नगर परिषद् में कितने कर्मचारी कार्यरत हैं? कितने कर्मचारी अस्थाई एवं स्थाई हैं? जानकारी देवें। (ख) क्या वर्तमान में पदस्थ मुख्य नगरपालिका अधिकारी को दो नगर परिषदों का चार्ज दिया गया है? क्या दो नगर पालिकाओं का प्रभार देने से नगर परिषद् का कार्य प्रभावित नहीं होता? (ग) क्या वर्तमान में पदस्थ मुख्य नगरपालिका अधिकारी के ऊपर विभागीय जांच चल रही है एवं शासन के द्वारा एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई है? यदि हाँ, तो प्रभार क्यों दे रखा है? (घ) क्या पूर्व में वर्ष 2023 से पदस्थ मुख्य नगर पालिका अधिकारी को भुगतान के अधिकार प्राप्त नहीं थे फिर भी मुख्य नगर पालिका अधिकारी ने नियम विरूद्ध करोड़ों का भुगतान किया और किया है तो शासन द्वारा क्या कार्रवाई की गई? (ड.) वर्ष 2017 से वर्ष 2024 तक नगर परिषद् कैलारस द्वारा किस-किस मद में भुगतान किया गया? वर्षवार सम्पूर्ण जानकारी देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर परिषद् कैलारस में कुल 142 कर्मचारी कार्यरत् हैं जिनमें 39 स्थाई कर्मचारी एवं अस्थाई कर्मचारी 103 है। (ख) जी हाँ। वर्तमान मुख्य नगर पालिका अधिकारी श्री अमजद गनी को नगर परिषद् विजयपुर जिला श्योपुर का अतिरिक्त प्रभार प्रशासनिक कार्य व्यवस्था के अंतर्गत अस्थाई रूप से दिया गया है, किसी भी निकाय का कार्य प्रभावित नहीं हो रहा है। (ग) जी नहीं। वर्तमान मुख्य नगर पालिका अधिकारी श्री गनी के विरूद्ध ई.ओ.डब्ल्यू. द्वारा एफ.आई.आर. क्रमांक-0013/2024 दिनांक 03.04.2024 को दर्ज कराई गई है, शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) निकाय में 2023 में पदस्थ मुख्य नगर पालिका अधिकारी श्री रमाशंकर शर्मा (सहायक परियोजना अधिकारी) को कलेक्टर जिला मुरैना के आदेश दिनांक 09.05.2023 के द्वारा कर्मचारियों के वेतन भत्ते, बिजली बिल, पानी, टेलीफोन एवं अन्य आवश्यक देयकों के भुगतान की अधिकारिता दी गई थी। श्री शर्मा द्वारा नगर परिषद् कैलारस में किये गये अनियमित कार्यों की समग्र जांच हेतु उनके विरूद्ध विभागीय जांच संस्थित किये जाने के आदेश संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. भोपाल के आदेश क्रमांक/11917-11918 दिनांक 21.06.2024 द्वारा दिये गये है। (ड.) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
भ्रष्टाचार की जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
102. ( क्र. 1362 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर नगर निगम में हाल ही में 100 करोड़ से अधिक के घोटाले के बारे में जानकारी दें कि प्रश्न दिनांक तक विवेचना में नगर निगम की किस-किस शाखा में कितनी कितनी संख्या में कितनी-कितनी राशि के भ्रष्टाचार, घोटाले पाये गये तथा कुल प्रकरण कितने हैं। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित घोटाले में प्रश्न दिनांक तक प्रकरण अनुसार कार्य का नाम, ठेकेदार का नाम, अनुबंध की दिनांक, कार्य पूर्ण होने की दिनांक, दस्तोवजों में उल्लेखित कार्य की राशि, भुगतान की दिनांक, यदि भुगतान नहीं हुआ तो उसका उल्लेख करें। सम्पूर्ण प्रक्रिया में अनुमोदन, स्वीकृति अनुशंसा आदि करने वाले नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारियों के नाम तथा पद सहित सूची देवें। (ग) लंबे समय तक बोगस कार्य की फाइलों को कई विभाग से गुजरना तथा भुगतान तक हो जाना कैसे संभव हुआ? इसमें उच्च अधिकारियों की जवाबदेही क्या है? (घ) क्या एक आरोपी की पत्नी ने शपथ-पत्र देकर इस घोटाले में नगर निगम के प्रशासक/कमिश्नर से लेकर अन्य अधिकारियों की संलिप्तता का उल्लेख किया है? यदि हाँ, तो उस शपथ-पत्र की प्रति देवें एवं सम्पूर्ण जांच कब तक पूर्ण कर ली जायेगी और दोषी अधिकारियों पर कब तक कार्यवाही होगी? जानकारी देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) एवं (ख) प्रथम दृष्टया एवं आंतरिक सत्यापन के आधार पर तैयार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। प्रकरण में पुलिस द्वारा कूटरचित देयकों पर उल्लेखित हस्ताक्षरों की जांच एवं निगम स्तर पर सत्यापन संबंधी विस्तृत जांच की जा रही है। उच्च स्तरीय जांच समिति की जांच भी प्रचलन में है। अतः उपरोक्त के दृष्टिगत नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारियों के नाम एवं पद की जानकारी वर्तमान में दी जाना संभव नहीं है। (ग) उक्त प्रकरण के संबंध में वर्तमान में पुलिस, उच्च स्तरीय जांच समिति एवं निगम स्तर पर जांच की कार्रवाई प्रचलित है। (घ) जी नहीं। निगम में इस आशय का कोई शपथ-पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
फर्जी फाइल के आधार पर करोड़ों की राशि का भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
103. ( क्र. 1365 ) श्री उमंग सिंघार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर नगर निगम में हुए फर्जी फाइल घोटाले में किन-किन फर्मों को फर्जी फाइल के आधार पर कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया है? (ख) उक्त फर्मों के खिलाफ नगर निगम इंदौर के द्वारा क्या-क्या कार्रवाई की गई है? (ग) उक्त फर्जी फाइल के माध्यम से धोखाधड़ी पूर्वक जो राशि अर्जित की गई उसे वापस प्राप्त करने के लिए निगम की ओर से क्या कदम उठाए गए हैं? (घ) क्या यह संभव है कि कुछ बाबू और एक इंजीनियर मिलकर इस पूरे फर्जी फाइल के मामले को अंजाम दे देवें और उसमें तत्कालीन परिषद् की कोई भूमिका न हो? कृपया स्पष्ट करें। (ड.) क्या शासन द्वारा नगर निगम इंदौर की वर्ष 2015 से लेकर अब तक विकास कार्य के आधार पर भुगतान की गई सभी फाइल की साइट का वेरिफिकेशन कर जांच करायी जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) प्रकरण में पुलिस, उच्च स्तरीय जांच समिति एवं निगम के स्तर से जांच/बिलों के सत्यापन की कार्रवाई प्रचलित है। (घ) प्रकरण में राज्य शासन एवं निगम स्तर से अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध की गई कार्यवाही का विवरण संलग्न परिशिष्ट-स अनुसार है। उक्त प्रकरण के संबंध में वर्तमान में पुलिस, उच्च स्तरीय जांच समिति एवं निगम स्तर पर जांच की कार्रवाई प्रचलित है। (ड.) जी नहीं। वर्तमान जांच दल व समिति कार्यवाही कर रहे हैं।
सीवरेज प्रोजेक्ट में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
104. ( क्र. 1366 ) श्री उमंग सिंघार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इंदौर नगर निगम के द्वारा केंद्र सरकार की जे.एन.एन.यू.आर.एम. योजना के तहत सीवरेज प्रोजेक्ट का क्रियान्वयन किया गया था। यदि हाँ, तो इस प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन पर कितनी राशि खर्च की गई थी? (ख) क्या इस प्रोजेक्ट के तहत डाली गई सीवरेज की लाइन में गड़बड़ी पाई गई? इसके लिए नगर निगम के द्वारा नागपुर की एक कंपनी से सर्वे कराया गया? इस सर्वे के क्या निष्कर्ष रहे हैं? इस सर्वे के लिए निगम के द्वारा इस कंपनी को कितनी राशि का भुगतान किया गया? (ग) क्या सीवरेज लाइन प्रोजेक्ट में गड़बड़ी को सुधारने पर नगर निगम के द्वारा 80 करोड़ रूपए की राशि खर्च की गई? क्या इस गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार निगम के 18 अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू की गई थी? यदि हाँ, तो क्या यह जांच पूरी हो गई है? यदि नहीं, हुई है तो अभी इस जांच की अद्यतन स्थिति क्या है? यह जांच किस-किस स्तर के अधिकारियों के खिलाफ की जा रही है? (घ) उक्त मामले में ठेकेदार फर्म से गड़बड़ी की कितनी राशि की वसूली के आदेश दिए गए थे? यह वसूली करने की जिम्मेदारी किन अधिकारियों को दी गई थी और उनके द्वारा क्या कार्य किया गया?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। राशि रूपये 285.00 करोड़ का व्यय हुआ। (ख) ईस्ट, बी.आर.टी.एस., सेन्ट्रल व सर्वे रिपोर्ट में लाइनों के कुछ स्थानों पर लेवल डिफरेंस, चेम्बर व पाइप मिसिंग इत्यादि पाया गया। राशि रूपये 81.80 लाख का भुगतान प्रमाणित किया गया है। (ग) वर्तमान तक लगभग राशि रूपये 60 करोड़ का व्यय हुआ है। तत्समय पदस्थ 17 अभियंताओं के विरुद्ध विभागीय जांच संस्थित की गई है। विभागीय जांच की कार्यवाही प्रचलित है। जांच में अभियंताओं के कथन इत्यादि की कार्यवाही प्रचलित है। कार्यवाही अधीक्षण यंत्री, सहायक यंत्री एवं उपयंत्री स्तर के अधिकारियों के विरुद्ध की जा रही है। (घ) राशि लगभग रूपये 60 करोड़ की वसूली ठेकेदार फर्मों से किये जाने के निर्देश माननीय लोकायुक्त द्वारा दिये गये हैं। जिस पर नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है।
आवासहीन व्यक्तियों हेतु आवासों की स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
105. ( क्र. 1403 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले की नगर परिषद् लिधौरा खास में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत कलेक्टर टीकमगढ़ द्वारा 400 अनुमोदित वी.एल.सी. घटक की डी.पी.आर. शासन द्वारा स्वीकृत करने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा प्रश्न क्र. 1597 दिनांक 13.02.2024 किया गया था, जिसके उत्तर में बताया गया था कि यह प्रस्ताव शासन को दिनांक 18.04.2022 को प्राप्त नहीं हुए है। निकाय ने पत्र दिनांक 28.06.2023 को प्रस्ताव प्रेषित किया था जो कि संचालनालय में दिनांक 01.07.2023 को ई-मेल प्राप्त हुआ था, जिसमें ये भी बताया गया था कि नये प्रस्ताव स्वीकृत नहीं किए जा सकते हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि जिला टीकमगढ़, निवाड़ी एवं छतरपुर जिले की प्रत्येक नगरीय निकायों में प्रश्न दिनांक तक वर्षवार स्वीकृत किए जा चुके हैं एवं स्वीकृति की प्रत्याशा में अभी किस-किस आवासहीन को आवास स्वीकृत कराने प्रकरण लंबित रखे हैं? कृपया ऐसे सभी प्रकरणों की लिस्ट निकायवार नाम, पिता/पति जाति, पता, वार्डवार सहित प्रदाय करें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि टीकमगढ़ जिले के लिधौरा खास में जो 400 केस लंबित थे उसमें कब-कब और किस-किस के पूर्व में कितनों की कब-कब स्वीकृति की जा चुकी है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएं कि जिन आवासहीनों को पी.एम.ए.वाय-1 में लाभ नहीं दिया जा सकता है तो क्या पी.एम.ए.वाय-2 में लाभ दिया जा सकता है? कृपया ऐसे समस्त आदेशों एवं योजनाओं की छायाप्रतियां पी.एम.ए.वाय-2 की प्रदान करें। यह योजना लागू होगी तो कब से?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जिला टीकमगढ़, निवाड़ी एवं छतरपुर की नगरीय निकायों में वर्षवार स्वीकृत आवासों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। स्वीकृति की प्रत्याशा में किसी भी निकाय में किसी भी हितग्राही को लंबित नहीं रखा गया है। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित विधानसभा सत्र फरवरी-मार्च 2024 के प्रश्न क्रमांक 1597 के उत्तर अनुसार भारत सरकार की केन्द्रीय स्वीकृति एवं निगरानी समिति द्वारा कोई स्वीकृति प्रदान नहीं की गई है। (घ) भारत सरकार, आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी)-2.0 के निवेश अभी जारी नहीं किये गए हैं, अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
अटल ज्योति योजना के कार्य
[ऊर्जा]
106. ( क्र. 1939 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में अटल ज्योति योजना और उसके घटकों के कार्य कब स्वीकृत किये गये? उक्त योजनांतर्गत कितनी-कितनी लागत के क्या-क्या कार्य स्वीकृत किये गये थे? स्वीकृत कार्यों में से कौन-कौन से कार्य गुणवत्तापूर्वक पूर्ण हो गये हैं? कौन-कौन से कार्य शेष हैं? इन कार्यों को पूर्ण कराने की क्या योजना है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) उल्लेखित योजना के कार्यों के गुणवत्ताहीन होने से जाँच की जा रही है? यदि हाँ, तो जाँच प्रतिवेदन व की गई कार्यवाही का विवरण दें। (ग) सिलवानी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत उक्त उल्लेखित योजना के शेष कार्यों का विवरण दें व बतावें कि इन्हें कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा? क्षेत्र में कम वोल्टेज की समस्या के समाधान के लिये विभाग की क्या योजना है? इस हेतु क्या कार्य किये जाना है? (घ) जिले में विद्युत आपूर्ति में सुधार व अधोसंरचना विकास हेतु किन-किन योजनाओं के अंतर्गत क्या-क्या कार्य करने की योजना है? योजनाओं के क्रियान्वयन संबंधी विवरण दें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) रायसेन जिले में अटल ज्योति योजना नहीं, अपितु अटल ज्योति अभियान अंतर्गत 11 के.व्ही. फीडर विभक्तिकरण के कार्यों को सम्मिलित किया गया था। अटल ज्योति अभियान अंतर्गत रायसेन जिले में 11 के.व्ही. के 69 फीडरों के विभक्तिकरण के रू. 93.39 करोड़ लागत राशि के कार्य वर्ष 2010 में स्वीकृत किये गये थे। सभी कार्य गुणवत्ता पूर्वक शत्-प्रतिशत पूर्ण हो गये हैं। उक्त स्वीकृत कार्यों में से कोई कार्य शेष नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित सभी कार्य गुणवत्तापूर्ण किये गये हैं। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ग) ''अटल ज्योति अभियान'' अंतर्गत सिलवानी विधानसभा क्षेत्र में पूर्व के स्वीकृत 11 के.व्ही. फीडरों के विभक्तिकरण के सभी कार्य पूर्ण कर लिये गये हैं। प्रश्नाधीन क्षेत्रान्तर्गत वोल्टेज की समस्या के समाधान सहित भविष्य की विद्युत मांग के दृष्टिगत एवं अधिक गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रश्नाधीन क्षेत्र में प्रस्तावित कार्यों का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'क' अनुसार है। साथ ही, विकेन्द्रीकृत सौर ऊर्जा उत्पादन की कुसुम-''ए'' एवं कुसुम-''सी'' योजना के अंतर्गत 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों के निम्नदाब स्तर पर विद्युत प्रदाय किया जाना प्रस्तावित है, जिससे अतिभारित उच्चदाब विद्युत प्रणाली का भार कम होगा। इसके कारण अधोसंरचना विस्तार की आवश्यकता नहीं होगी एवं वोल्टेज समस्या का भी निराकरण हो सकेगा। (घ) प्रश्नाधीन जिले में विद्युत आपूर्ति में सुधार एवं अधोसंरचना विकास हेतु विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत स्वीकृत कार्यों का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ख'' अनुसार है। साथ ही, विकेन्द्रीकृत सौर ऊर्जा उत्पादन की कुसुम-''ए'' एवं कुसुम-''सी'' योजना के अंतर्गत 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों के निम्नदाब स्तर पर विद्युत प्रदाय किया जाना प्रस्तावित है, जिससे अतिभारित उच्चदाब विद्युत प्रणाली का भार कम होगा। इसके कारण अधोसंरचना विस्तार की आवश्यकता नहीं होगी एवं वोल्टेज समस्या का भी निराकरण हो सकेगा।
विभागीय निर्माण कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
107. ( क्र. 1940 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिलवानी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विभाग के कौन-कौन से स्वीकृत निर्माण कार्य वर्तमान में निर्माणाधीन व अपूर्ण हैं? किन-किन निर्माण एजेंसियों द्वारा किन तकनीकी अधिकारियों की देखरेख में उक्त निर्माण कार्य पूर्ण कराये जा रहे हैं? बतावें। प्रत्येक कार्य की लागत सहित प्रश्न दिनाँक की स्थिति में कार्य पूर्णता का प्रतिशत बतावें। (ख) क्या यह सही है कि विभागीय अधिकारियों द्वारा सतत् निगरानी न करने व निर्माण एजेंसियों से मिलीभगत के चलते प्रश्नांश (क) उल्लेखित निर्माण कार्य गुणवत्ताहीन व घटिया किये जा रहे हैं? क्या वरिष्ठ अधिकारी निरीक्षण कर इन कार्यों का गुणवत्ता परीक्षण करेंगे? नहीं तो क्यों? (ग) मोदकपुर से मरखंडी तक निर्मित सड़क का संधारण कार्य कितनी लागत से स्वीकृत कर किस एजेंसी द्वारा कार्य कराया गया? गुणवत्ताहीन कार्य करने व पूरी सड़क के संधारण उपरांत ही खराब हो जाने के लिये कौन उत्तरदायी है? क्या संधारण कार्य की एजेंसी व जिम्मेदार तकनीकी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जी नहीं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ के खण्ड-6 के अनुसार निरीक्षण किया गया। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांकित मार्ग का निर्माण कार्य विभाग के द्वारा नहीं, अपितु म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के द्वारा किया गया। म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है।
स्वीकृत निर्माण कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
108. ( क्र. 1946 ) श्री राजेश कुमार वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुन्नौर विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले नागरिक निकायों में विगत तीन वर्षों में निर्माण व विद्युतीकरण से संबंधित कौन-कौन से कार्य किस मद से कितनी-कितनी राशि के कब स्वीकृत किये गये? विस्तृत विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) उल्लेखित कार्यों को किन-किन एजेंसियों के माध्यम से कराया गया? क्या कार्य पूर्ण कर लिये गये हैं? यदि नहीं, तो कौन-कौन से कार्य अपूर्ण हैं? क्या पूर्ण किये गये कार्यों की गुणवत्ता की जांच वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) उल्लेखित कार्यों के संबंध में प्रश्नांकित अवधि में विभाग/जिला प्रशासन को क्या-क्या शिकायतें प्राप्त हुई और उनका किस प्रकार निराकरण कर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (क) उल्लेखित कार्यों को समय-सीमा में गुणवत्तापूर्ण रूप से पूर्ण कराने हेतु विभाग द्वारा क्या प्रयास किये जा रहे हैं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) गुन्नौर विधानसभा क्षेत्र में 04 नगर परिषद् हैं। जिसमें विगत तीन वर्षों में किये गये निर्माण एवं विद्युतीकरण के कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। कार्यों को समय-सीमा में गुणवत्तापूर्ण कराने हेतु समय-समय पर निरीक्षण एवं गुणवत्ता परीक्षण हेतु जांच वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा की गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) कार्यों को समय-सीमा में एवं गुणवत्तापूर्ण तरीके से कराने हेतु वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा निरीक्षण एवं गुणवत्ता की जांच कराई जाती है।
दोषी कार्यपालन यंत्री के विरूद्ध कार्यवाही में विलंब
[लोक निर्माण]
109. ( क्र. 1947 ) श्री राजेश कुमार वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक निर्माण विभाग संभाग पन्ना में अनुबंध क्रमांक 21 वर्ष 2020-21 में किये गये मार्ग निर्माण कार्य में अमानक मिट्टी उपयोग किये जाने एवं परीक्षण में अमानक पाये जाने के कारण उपयंत्री एवं अनु. अधि. के 14.06.2021 को अमान्य किये जाने के बावजूद कार्यपालन यंत्री द्वारा इस अमानक मिट्टी को अमान्य न करते इसी मिट्टी में ज्यादा सी.बी.आर. की मिट्टी मिलाकर कार्य करने के निर्देश स्थल निरीक्षण के दौरान दिनांक 18.06.2021 को जारी किये थे? (ख) क्या कार्यपालन यंत्री द्वारा लिये गये गलत निर्णय के कारण मार्ग जगह-जगह फट जाने से ग्रामीणों द्वारा सी.एम. हेल्पलाइन में शिकायत की गई एवं माननीय मुख्यमंत्री जी सहित सभी जनप्रतिनिधियों को, कार्यपालन यंत्री को हटाकर मार्ग की जाँच कराने का निवेदन किया था एवं इसी परिप्रेक्ष्य में माननीय विधायक गुन्नौर 59 एवं 50 राजनगर द्वारा प्रश्न लगाये गये एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा तत्कालीन कार्यपालन यंत्री को पन्ना से बाहर स्थानांतरित कर उच्च स्तरीय जाँच करवाने लेख किया था? (ग) क्या जनप्रतिनिधियों की माँग पर विभागीय मंत्री की अनुशंसा पर का. यंत्री को पन्ना से हटाकर इनके द्वारा इस मार्ग पर किये गये कार्य की जाँच के आदेश प्रमुख सचिव द्वारा विभागीय अधिकारियों के माध्यम से अधीक्षण यंत्री को दिये गये थे? (घ) क्या अधीक्षण यंत्री लो.नि.वि. द्वारा शासन द्वारा चाही गई इतनी महत्वपूर्ण जाँच उन्हीं दोषी कार्यपालन यंत्री को सौंप दी जिनकी जाँच शासन द्वारा चाही गई थी एवं उससे भी अधिक खेदपूर्ण तथ्य यह है कि का. यंत्री द्वारा उक्त जाँच अपने अधीनस्थ अनु. अधि. लो.नि.वि. उपसंभाग पन्ना द्वितीय को सौंप कर अपने पद का दुरूपयोग कर दबा दी। इस कारण शासन द्वारा चाहा गया जाँच प्रतिवेदन प्रमुख अभियंता महोदय द्वारा 6-6 स्मरण पत्र लिखने के उपरांत जाँच प्रश्न दिनांक तक शासन को प्रेषित नहीं करके अधीक्षण यंत्री ने न सिर्फ शासन को वित्तीय हानि पहुंचाई है बल्कि शासन के एवं वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशों का खुला उल्लंघन करके ठेकेदार एवं दोषी कार्यपालन यंत्री को बचाया है। अतः अधीक्षण यंत्री एवं इसका साथ देकर 1-1/2 वर्ष तक जाँच दबाये रखने वाले अधिकारियों को तत्काल निलंबित कर सागर जोन से बाहर संलग्न कर दोषी कार्यपालन यंत्री एवं इन दोनों अधिकारियों की जाँच किसी अन्य अधिकारी से करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ, दिनांक 12/6/2021 को निर्देश दिये। (ख) जी नहीं। जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ। (ग) जी हाँ। (घ) जी हाँ। जी हाँ। यह सत्य है कि अधीक्षण यंत्री द्वारा जांच संबंधित कार्यपालन यंत्री को सौंपी गई थी एवं कार्यपालन यंत्री द्वारा उनके अधीनस्थ अनुविभागीय अधिकारी लो.नि.वि. उपसंभाग पन्ना द्वितीय से बिन्दुवार जांच प्रतिवेदन चाहा गया था परन्तु इन दोनों अधिकारियों द्वारा कोई जांच प्रतिवेदन शासन/वरिष्ठ कार्यालयों को प्रेषित नहीं किया गया। वास्तविक रूप से विस्तृत जांच जिन 04 सदस्यीय कमेटी द्वारा की गई है, उनका मार्ग निर्माण कार्य से सीधा कोई संबध नहीं है। जांच समिति द्वारा जांच प्रतिवेदन दिनांक 31.5.2024 को अधीक्षण यंत्री द्वारा प्रस्तुत किया गया है। जांच प्रतिवेदन मुख्य अभियंता, सागर द्वारा पत्र दिनांक 11.6.2024 से प्रेषित प्रतिवेदन प्रमुख अभियंता कार्यालय को दिनांक 20/6/2024 को प्राप्त हुआ है, जो कि परीक्षणाधीन है। जांच में आंशिक विलंब से शासन को वित्तीय हानि नहीं हुई है। जी नहीं। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
सार्वजनिक
नालों पर
अतिक्रमण
[नगरीय विकास एवं आवास]
1. ( क्र. 30 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिव शक्ति कॉलोनी टीकमगढ़ एवं कौशलपुरा कॉलोनी टीकमगढ़ सहित होटल गिरी पैलेस टीकमगढ़ सार्वजनिक नाले पर अतिक्रमण कर बनाये गये है? यदि हाँ, तो जिला प्रशासन द्वारा अब तक क्यों कार्यवाही नहीं की गई? (ख) क्या समाचार पत्रों एवं स्थानीय मोहल्लावासियों द्वारा जिला प्रशासन को कार्यवाही हेतु आवेदन दिये जा रहे है किंतु जिला प्रशासन मौन है ऐसा क्यों? (ग) क्या वर्षाकाल में किसी भीषण जनहानि होने की संभावना के बाद भी कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है? (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित अतिक्रमण कब तक हटाया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं, सार्वजनिक नाला खसरा नम्बर 140 रकबा 0.239 हेक्टेयर भूमि नाला म.प्र. शासन में दर्ज है, जो शिव शक्ति कॉलोनी एवं कौशलपुरा कॉलोनी के बीचो-बीच निकला हुआ है एवं वर्तमान में चालू है। उक्त नाले से लगा हुआ होटल गिरीपैलस भूमि खसरा नम्बर 142/7 रकबा 0.013 में स्थित है जो निजी भूमि स्वामी स्वत्व पर दर्ज है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। आवेदन निकाय में निरन्तर प्राप्त होते रहते है, जिनका सत्यापन कर कार्यवाही की जाती है। (ग) वर्षाकाल में किसी भीषण जनहानि होने की आशंका नहीं है। (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
लोक निर्माण विभाग टीकमगढ़ में कराए गए कार्य
[लोक निर्माण]
2. ( क्र. 31 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग टीकमगढ़ द्वारा विगत पांच वर्ष में कुल कितने कार्य कितनी राशि के वर्क ऑर्डर से कराये गये? पृथक-पृथक विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्य किस एजेन्सी, व्यक्ति, ठेकेदार से कराये गये प्रत्येक का नाम एवं कार्य व राशि सहित विवरण दें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में वर्णित कार्यों का मूल्यांकन व सत्यापनकर्ता अधिकारी का नाम पद सहित दें। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में वर्णित कार्यों का कब तक भौतिक सत्यापन कराया जावेगा? सत्यापन की अवधि बताकर व दोषियों पर कार्यवाही कर विवरण दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) लोक निर्माण विभाग संभाग टीकमगढ़ के अंतर्गत प्रश्नांश अवधि में वर्क आर्डर से कोई कार्य नहीं कराया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) अनुसार।
भोपाल मेट्रों प्रोजेक्ट की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
3. ( क्र. 101 ) श्री आरिफ मसूद : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल मेट्रों प्रोजेक्ट कब मंजूर हुआ था? इस प्रोजेक्ट को कितने वर्षों में पूरा होना था? प्रोजेक्ट की मंजूरी के समय इसकी कितनी लागत अनुमानित थी? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या यह कहना सही है कि प्रोजेक्ट में विलम्ब हो रहा है? यदि हाँ, तो इसका क्या कारण है? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में वर्तमान स्थिति में भोपाल मेट्रों प्रोजेक्ट के कब तक पूरा होने का अनुमान है? प्रोजेक्ट में हो रहे विलम्ब के कारण इसकी लागत में कितनी बढ़ोत्तरी हो रही है? जानकारी उपलब्ध कराएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) केन्द्र सरकार द्वारा भोपाल मेट्रों प्रोजेक्ट की मंजूरी दिनांक 30.11.2018 को दी गई, जिसमें प्रोजेक्ट कार्यान्वयन के लिए 04 वर्ष का समय रखा गया था। भोपाल लागत मेट्रों प्रोजेक्ट की कुल लागत राशि रू. 6941.40 करोड़ निर्धारित की गयी। (ख) प्रोजेक्ट के विलम्ब के कारण मध्यप्रदेश मेट्रों रेल कार्पोरेशन लिमिटेड को भारत सरकार एवं राज्य सरकार का संयुक्त उपक्रम बनाने के लिए समझौता ज्ञापन में देरी, तदुपरान्त मध्यप्रदेश मेट्रों रेल कार्पोरेशन लिमिटेड की प्रथम बोर्ड बैठक दिनांक 29.12.2020 को सम्पन्न हो पाई। इन कारणों की वजह से निविदा आमंत्रण करने एवं अंतिम रूप देने में समय लगा। कोविड-19 की वजह से भी कार्य पर प्रभाव पड़ा। (ग) मेट्रों प्रोजेक्ट को वर्ष 2027 तक पूरा होने का अनुमान है। प्रोजेक्ट की लागत राशि में बढ़ोत्तरी का मूल्यांकन अभी जारी है।
नगर परिषद अम्बाह/पोरसा के बजट की राशि का व्यय
[नगरीय विकास एवं आवास]
4. ( क्र. 126 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र अम्बाह की नगर परिषद अम्बाह एवं पोरसा को शासन द्वारा वर्ष 2021 से प्रश्न दिनांक तक कितनी बजट राशि प्राप्त हुई? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त राशि से किस मद में कितना भुगतान किया गया मदवार एवं वर्षवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विधानसभा क्षेत्र अम्बाह की नगर परिषद अम्बाह एवं पोरसा के द्वारा राशि एक लाख से कम लागत के कितने कार्य कराकर उनके भुगतान किये गये? उन कार्यों के नाम, कार्य एजेंसी का नाम एवं निर्माण कार्य का फोटो एवं भुगतान की राशि की वर्षवार सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है।
टोल टैक्स की जानकारी
[लोक निर्माण]
5. ( क्र. 128 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैना अम्बाह मार्ग के रतीरामपुरा पर एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा टोल टेक्स वसूल किया जा रहा है? (ख) उपरोक्त टोल टेक्स वसूल करने वाली एजेंसी का नाम, पता एवं टोल पर कार्यरत कर्मचारियों का नाम, पता, पद और उनका पुलिस सत्यापन की पूर्ण जानकारी देवें। (ग) उक्त टोल टेक्स पर कार्यरत कर्मचारियों का कोई ड्रेस कोड है? यदि हाँ, तो कौन सा? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में टोल टेक्स पर यात्रियों की सुविधा के लिये क्या-क्या सुविधायें उपलब्ध है? क्या और क्षेत्रिय लोगों के लिये टोल टेक्स में रियायत का कोई प्रावधान है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) से (घ) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से संबंधित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
विश्राम गृहों की साजसज्जा एवं जीर्णोद्धार
[लोक निर्माण]
6. ( क्र. 175 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम जिला अंतर्गत प्रारंभ से ही अनेक स्थानों पर विश्रामगृह (सर्किट हाउस/रेस्ट हाउस) बने हुए हैं? विभागीय विकासखंडवार किन-किन स्थानों पर विश्राम गृह स्थित होकर उपयोग में आ रहे हैं? (ख) विकासखंडवार उपरोक्तानुसार किन-किन स्थानों पर विश्रामगृह की कितनी भूमियां विभागीय स्वामित्व की होकर सीमांकन सहित उनके आधिपत्य में है अथवा उन पर किसी प्रकार का अतिक्रमण है? (ग) अनेक स्थानों पर विगत वर्षों में बने उपरोक्त सभी स्थानों पर विश्रामगृह के साथ अधिकारियों एवं स्टॉफ कर्मचारियों की आवास इत्यादि भी होकर स्थापित है तो इन सभी के रखरखाव हेतु मेंटेनेंस के लिए वर्षवार वर्ष 2019 से लेकर प्रश्न दिनांक तक कितनी- कितनी राशि स्वीकृत की जाकर स्वीकृत राशि से क्या-क्या कार्य किये गए? वर्षवार जानकारी दें। (घ) बढ़ती यातायात एवं आवागमन की स्थिति के साथ बढ़ती हुई जनसंख्या को दृष्टिगत रखते हुए वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन स्थानों पर स्थित विश्राम गृहों को नई साज सज्जा के साथ जीर्णोद्धार करते हुए उन्हें संधारित करते हुए क्या-क्या कार्रवाई की गई? सम्पूर्ण जिले के विभागीय विश्रामगृह की स्थिति से अवगत कराये।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
पवन एवं सौर ऊर्जा का उत्पादन
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
7. ( क्र. 176 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन/विभाग द्वारा केंद्र/राज्य परिवर्तित योजना के साथ ही अन्य प्रकार से अनुबंध करते हुए नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा उत्पादन हेतु विभिन्न प्रकार के कार्य रतलाम, मंदसौर व नीमच जिला अंतर्गत किए जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2015-16 से लेकर प्रश्न दिनांक तक उपरोक्त तीनों जिलों में पवन ऊर्जा एवं सौर ऊर्जा के क्षेत्र में किन-किन स्थानों पर किस-किस कम्पनी के माध्यम से अथवा शासन/विभाग द्वारा भी किस-किस प्रकार के कार्य किये जा रहे हैं? वर्षवार जानकारी दें। (ग) शासकीय भवन एवं निजी भवनों पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाए जाने की नियम व्यवस्था क्या है तथा उपरोक्त जिलों में तत्संबंधी किस-किस प्रकार के अनुबंध होकर किस-किस प्रकार के कार्य शासन/विभाग अथवा अनुबंधित फर्म/व्यक्तियों द्वारा किए गए? वर्षवार जानकारी दें। (घ) उपरोक्त वर्षों में उल्लेखित जिला अंतर्गत पवन ऊर्जा एवं सौर ऊर्जा उत्पादन हेतु शासन/विभाग द्वारा कितनी-कितनी भूमियां लीज पर कितने-कितने वर्षों हेतु प्रदान की गई? साथ ही कंपनियों के प्रोजेक्ट की लागत कितनी-कितनी होकर उनसे कितना ऊर्जा उत्पादन प्राप्त होगा तथा उनका जन उपयोग कितना हो सकेगा? प्रोजेक्ट प्लान, बजट, व्यय, क्षेत्रफल सहित जानकारी से अवगत कराये।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री राकेश शुक्ला ) : (क) जी हाँ। शासन/विभाग द्वारा केन्द्र/ राज्य प्रवर्तित योजना के तहत कार्य करते हुए नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा आधारित उत्पादन हेतु रतलाम, मंदसौर एवं नीमच जिलों सहित सम्पूर्ण प्रदेश में विभिन्न स्तर पर कार्य किए जा रहे है। (ख) वर्ष 2015-16 से लेकर प्रश्न दिनांक तक रतलाम, मंदसौर व नीमच जिलों में पवन ऊर्जा एवं सौर ऊर्जा के क्षेत्र में किये जा रहे कार्यों, स्थान कम्पनियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) शासकीय भवन एवं निजी भवनों में सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने की व्यवस्था निम्नानुसार है:- शासकीय भवन :- इस परियोजना के अंतर्गत RESCO (Renewable Energy Service Company) एवं CAPEX (Capital expenditures) मोड में सौर फोटोवोल्टेइक पॉवर प्लांट की स्थापना की जाती है। रेस्कों मोड में हितग्राही संस्था को शून्य पूंजीगत निवेश पर संयंत्र की स्थापना की जाती है। हितग्राही संस्था को संयंत्र द्वारा उत्पादित ऊर्जा निविदा के माध्यम से निर्धारित प्रति यूनिट दर पर उपलब्ध होती है। उत्पादित ऊर्जा का मूल्य का अंश विकासक को प्राप्त होता रहता है। कैपेक्स मोड के अंतर्गत हितग्राही संस्था को परियोजना लागत का संपूर्ण व्यय पूंजीगत निवेश के रूप में करना होता है। इसके पश्चात संयंत्र से उत्पादित विद्युत नि:शुल्क प्राप्त होती है। शासकीय भवनों में पिछले 5 वर्षों में स्थापित किये गये सौर ऊर्जा संयंत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। निजी भवन:- निजी भवनों में भारत शासन की योजना 'प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना' अंतर्गत हितग्राही द्वारा सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापना स्वयं की जाती है। म.प्र.विद्युत वितरण कम्पनी (डिस्कॉम) द्वारा कनेक्टिविटी संबंधित कार्य किया जाता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।उत्पादित ऊर्जा का पारेषण एवं वितरण हानि के पश्चात शेष ऊर्जा का जन उपयोग हो सकेगा।
आर.डी.एस.एस. योजना अन्तर्गत स्वीकृत ट्रांसफार्मर
[ऊर्जा]
8. ( क्र. 198 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आर.डी.एस.एस. योजना के अन्तर्गत नर्मदापुरम जिले में कहां-कहां सब स्टेशन स्वीकृत हुये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत सब स्टेशनों में से कितने सब स्टेशनों का कार्य पूर्ण कर लिया गया हैं तथा कितने सब स्टेशन में ट्रांसफार्मर चार्ज कराये जाकर सुचारू स्थिति में आ चुके हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार जिन सग स्टेशनों में ट्रांसफार्मर चार्ज होकर सुचारू स्थिति में हैं क्या इनकी अनुमति चीफ इलेक्ट्रीक इंस्पेक्टर भोपाल के द्वारा ली गयी हैं? यदि हाँ, तो क्या, यदि स्वीकृति नहीं ली गयी हैं तो क्या स्वीकृति लिया जाना आवश्यक नहीं था।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) नर्मदापुरम जिलान्तर्गत आर.डी.एस.एस. योजना के तहत 33/11 के.व्ही. के 7 विद्युत उपकेन्द्र स्वीकृत किये गये हैं, जिनकी प्रश्नाधीन चाही गई स्थानवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित नवीन 07 विद्युत उपकेन्द्रों में से 06 विद्युत उपकेन्द्रों का निर्माण कार्य पूर्ण किया जा चुका है एवं इन सभी 06 विद्युत उपकेन्द्रों को ऊर्जीकृत कर सुचारू रूप से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है तथा शेष 01 नवीन विद्युत उपकेन्द्र सनखेड़ा का कार्य प्रगति पर है। (ग) मध्यप्रदेश राजपत्र क्रमांक-एफ-2-16-2008-तेरह, भोपाल, दिनांक 17.02.2011 एवं मध्यप्रदेश राजपत्र क्रमांक-एफ-3-30-2021-तेरह, भोपाल, दिनांक 21.01.2022 में उल्लेखित प्रावधानों के अनुसार 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र की चार्जिंग हेतु चीफ इलेक्ट्रिकल इंस्पेक्टर से पृथक से स्वीकृति लिया जाना आवश्यक नहीं है। उक्त प्रावधानों के अनुसार नर्मदापुरम जिला क्षेत्रांतर्गत पूर्ण किये गये 33/11 के.व्ही. के 06 विद्युत उपकेन्द्रों हेतु म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी के संबंधित कार्यपालन यंत्रियों द्वारा कार्यवाही की गई है एवं निर्धारित शुल्क शासकीय कोषालय में जमा कर संबंधित कार्यपालन यंत्रियों द्वारा उक्त विद्युत उपकेन्द्रों की स्व-प्रमाणन रिपोर्ट विनियमों में विहित प्रारूप में विद्युत निरीक्षक (इलेक्ट्रिकल इंस्पेक्टर) कार्यालय में जमा करा दी गई है।
नये कार्य हेतु आवंटित राशि
[लोक निर्माण]
9. ( क्र. 226 ) श्रीमती प्रियंका पैंची : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.01.2022 से 31.03.2024 के दौरान लोक निर्माण विभाग के गुना जिले की चाचौड़ा विधानसभा में नये कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि वित्तीय वर्षवार आवंटित हुई? उक्त राशि किस-किस मद में, क्या कार्य हेतु आवंटित हुई? तहसीलवार/वित्तीय वर्षवार/कार्यवार/राशिवार जानकारी देंवे कौन से कार्य कहाँ चल रहे हैं? प्रकरणवार विवरण देवें। कौन-सा कार्य कब तक पूर्ण होगा? कार्यवार, तहसीलवार बताएं। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार जिले में स्थित लोक निर्माण विभाग के सभी चाचौड़ा विधानसभा की तहसीलवार में मरम्मत के कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि, किस मद में व्यय हेतु आई? कहाँ किस कार्य में, कितनी व्यय की गई? वित्तीय वर्षवार, राशिवार, जिलेवार, कार्यवार, व्ययवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समयानुसार एवं जिलों में लो.नि.वि. के संभागों द्वारा 2 लाख रुपयों से कम राशि के कितने कार्य, किस स्थान पर, कराएं गये? कितनी राशि का भुगतान किया गया? जिलेवार/कार्यवार/राशिवार कार्य के स्थानवार जानकारी देवें? (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार एवं जिले में लो.नि.वि. के किस-किस तहसीलवार में आवंटन से अधिक कितना व्यय हुआ?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। पूंजीगत में राशि आवंटित नहीं की जाती है। आई.एफ.एम.आई.एस. के केन्द्रीयकृत सर्वर के माध्यम से ग्लोबल अन्तर्गत रहती है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (राजस्व मद में संभागवार राशि आवंटित होती है।) (ग) विधानसभा क्षेत्र चाचौड़ा में राशि रू. 2.00 लाख से कम का कोई भी कार्य स्वीकृत नहीं है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) आवंटन से अधिक व्यय नहीं किया गया है।
पुण्य सलिला मां नर्मदा में मिल रही गंदगी
[नगरीय विकास एवं आवास]
10. ( क्र. 342 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुण्य सलिला मां नर्मदा जीवन दायिनी जन आस्था का केन्द्र नर्मदा में जबलपुर शहर सहित आसपास के ग्राम पंचायत क्षेत्रों की गंदगी सीधे तौर पर समाहित हो रही है? नगर निगम जबलपुर द्वारा गंदगी को मिलने से रोकने हेतु जो भी प्रयास किये जा रहे हैं वे नाकाफी है। जिस नाले पर एक से दो एम.एल.डी. गंदा पानी बह रहा है। वहां पर 50 के एल.डी. क्षमता का प्लांट स्थापित किया जा रहा है। ऐसी स्थिति में नर्मदा में समाहित हो रही गंदगी को कैसे रोका जा सकेगा। (ख) गौरीघाट सिद्धघाट के ऊपर जहां पर एस.आर.टी.पी. लगाया गया है। वहां पर गौरीघाट बस्ती का गंदा पानी किसी भी स्थिति में एस.आर.टी.पी. में साफ होकर नर्मदा तट तक नहीं पहुंच पायेगी। ग्वारीघाट रोड खंदारी नाले में आसपास की कालोनियों से निकलने वाली सीवर की गंदगी सीधे नर्मदा में समाहित हो रही है? (ग) नगर निगम जबलपुर में भटौली से तिलवारा के बीच 5 नालों पर एस.पी.टी. लगाने हेतु चिन्हित किया है इसके अलावा भी अन्य 5 छोटे-बड़े नालियों की गंदगी नर्मदा में समाहित हो रही है? नालों के ऊपर एस.आर.टी.पी. का निर्माण कार्य बहुत ही मंथर गति से चल रहा है? ऐसी स्थिति में नर्मदा को साफ सुधरा करने के तमाम दावे कभी पूरे नहीं हो पायेंगे नालों की गंदगी से नर्मदा की पवित्रता प्रभावित होने से जन आस्था बहुत ही आहत हो रही है। क्या शासन दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों पर कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर पालिक निगम जबलपुर द्वारा माँ नर्मदा में मिल रहे सीवेज एवं गंदे नालों की रोकथाम हेतु सर्वे कराया जाकर जिस नाले में जितनी मात्रा में सीवेज आ रहा है, उस मात्रा के अनुसार सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाया गया है। वर्तमान तक किये गये/प्रगतिरत/प्रस्तावित कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ'' अनुसार है। (ख) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-“ब'' अनुसार है। (ग) भटौली से तिलवारा के बीच प्रवाहित होने वाले नालों पर STP लगाने संबंधी कार्यों की प्रगति का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-“स'' अनुसार है।
जबलपुर नगर का मास्टर प्लान
[नगरीय विकास एवं आवास]
11. ( क्र. 343 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मास्टर प्लान नगर के सुनियोजित विकास का मुख्य आधार होता है तथा सुनियोजित विकास के लिये उस पर अमल आवश्यक है? यदि हाँ, तो जबलपुर शहर के मास्टर प्लान 1 में दो ट्रान्सपोर्ट नगर का निर्माण तेवर में दूसरा विजय नगर से लगे नये प्रस्तावित औद्योगिक क्षेत्र में प्रावधान का क्या हुआ? इनका निर्माण न कराने का क्या कारण है? (ख) शहर की जल प्लावन की समस्या से निजात पाने हेतु मास्टर प्लान 2 में प्रस्तावित ओमती नाला, मोतीनाला का गहरीकरण एवं सुनियोजित विकास न कराने का क्या कारण हैं? (ग) मास्टर प्लान 3 में 20 धरोहरों को संवारने 15 मेजर सर्विस सड़कों का निर्माण, 2 एम.आर. व 3 एस.आर. सड़कों का अभी तक निर्माण न कराने का क्या कारण है? शहर की चारों दिशाओं में प्रस्तावित फायर सब स्टेशनों की क्या स्थिति है? (घ) शहर में मास्टर प्लान व नियम कानून को ताक पर रखकर दो सौ से अधिक अवैध कॉलोनियों का निर्माण के लिये दोषी कॉलोनाइजर्स एवं अधिकारियों पर जिला प्रशासन एवं शासन ने क्या कार्यवाही की हैं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। जबलपुर विकास योजना, 2021 नगर की भावी आवश्यकताओं को दृष्टिगत रखते हुए नगर के सुनियोजित विकास हेतु तैयार की गई। ग्राम तेवर से लगे ग्राम ओरिया में ट्रांसपोर्ट नगर प्रस्तावित किये गये है। जबलपुर विकास योजना, 2021 के अध्याय-5 की कंडिका 5.5 के अनुसार विकास योजना के प्रस्तावों के क्रियान्वयन का दायित्व जबलपुर विकास प्राधिकरण एवं अन्य क्रियान्वयन संस्थायें एवं विभाग भी सहभागी है। नगर की आवश्यकतानुसार इनका विकास क्रियान्वयन संस्थाओं द्वारा किया जा सकेगा। (ख) जबलपुर विकास योजना, 2021 में नालों को अंकित किया जाकर उनके संरक्षण हेतु नालों के दोनों किनारों पर पाथवे एवं उपरान्त वृक्षारोपण प्रस्तावित किये गये है। स्थानीय संस्था द्वारा आवश्यकतानुसार इनका विकास किया जा सकेगा। (ग) उत्तरांश (क) अनुसार। (घ) नगर निगम सीमा क्षेत्र के अंतर्गत कुल 224 अवैध कालोनियां चिन्हित की गई थी नियमानुसार उक्त अवैध कालोनाईजर के विरूद्ध संबंधित थाना क्षेत्र में प्राथमिकी दर्ज कराये जाने की कार्यवाही की गई है।
अटल ज्योति योजना की जानकारी
[ऊर्जा]
12. ( क्र. 372 ) श्रीमती प्रियंका पैंची : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चाचौड़ा विधानसभा के कितने गांवों एवं मजरो टोलों में अभी तक अटल ज्योति योजना के तहत बिजली मिल पा रही है और कितनों को नहीं? सूची उपलब्ध करवाएं। (ख) चाचौड़ा विधानसभा के योजना से वंचित गांवों, मजरे, टोलों में अटल ज्योति योजना का लाभ कब तक मिल पाएगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) चाचौड़ा विधानसभा क्षेत्र के समस्त 399 राजस्व ग्रामों एवं उनके चिन्हित/संसूचित 118 मजरों/टोलों में अटल ज्योति अभियान (अटल ज्योति योजना नहीं) के तहत विद्युत प्रदाय किया जा रहा है, जिनकी प्रश्नाधीन चाही गयी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में अटल ज्योति अभियान के अंतर्गत विद्युत प्रदाय से वंचित राजस्व ग्रामों एवं चिन्हित/संसूचित मजरें/टोलों की संख्या निरंक है। (ख) उत्तरांश ('क') के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता है। तथापि उल्लेखनीय है कि म.प्र.शासन द्वारा अटल गृह ज्योति योजना अंतर्गत 150 यूनिट से निम्न उपयोग करने पर घरेलू उपभोक्ताओं को प्रावधान अनुसार Subsidised विद्युत प्रदाय किया जाना है।
नगर पंचायत में आय व्यय की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
13. ( क्र. 376 ) श्रीमती प्रियंका पैंची : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19, 2019-20, 2020-21, 2021-22 एवं 2022-23 में नगर पंचायत मधुसूदनगढ़, नगर पंचायत चाचौड़ा एवं नगर पंचायत कुंभराज में कितनी आय हुई है, उसका स्रोत क्या-क्या थे और कितना व्यय कहाँ-कहाँ हुआ है? विवरण सहित सूची उपलब्ध करावेंI
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'', ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है।
आवास योजना के अंतर्गत आवंटित आवास
[नगरीय विकास एवं आवास]
14. ( क्र. 381 ) श्रीमती प्रियंका पैंची : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चाचौड़ा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक प्रधानमंत्री आवास/मुख्यमंत्री आवास/बीआरजीएफ आवास योजना के तहत किस-किस वार्ड एवं किस-किस ग्राम में कितना-कितना आवास का लक्ष्य था जिसके विरुद्ध किन-किन व्यक्तियों को आवास दिये गये? वर्षवार नामवार सूची उपलब्ध करावें। (ख) क्या आवासों के आवंटन में कतिपय वार्डों एवं ग्रामों में आवास जिस हितग्राही के नाम से स्वीकृत की जाना था उसी नाम के अन्य व्यक्ति को आवास स्वीकृत कर दिया गया है? यदि हाँ, तो क्षेत्रीय मैदानी किस कर्मचारी के सत्यापन उपरांत यह कार्य किया गया है? नाम व पदनाम सहित बतायें। (ग) नगरीय निकाय/ग्रामीण निकायों में प्रश्नांश (ख) अनुसार किस स्तर के अधिकारी द्वारा हितग्राही की पात्रता का परीक्षण उपरांत किस सक्षम अधिकारी के आदेश से आवासों का वितरण किया गया है? नाम व पद नाम बतावें। (घ) प्रश्न दिनांक तक कितनी आवासों को पूर्ण करा दिया गया है? कितने अपूर्ण हैं तथा कितने अप्रांरभ होते हुये भी फर्जी तरीके से हितग्राहियों के खाते में आवास की राशि व्यय कर भुगतान कर दी गई है, जबकि मौके पर कार्य नहीं हुआ है? विस्तृत ब्यौरा एवं वर्षवार हितग्राहीवार सूची उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) चाचौड़ा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत नगरीय निकाय चाचौड़ा-बीनागंज, मधुसूदनगढ़ एवं कुंभराज में वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अंतर्गत स्वीकृत आवासों की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। हितग्राहियों की नामवार, वार्डवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ-1'' अनुसार है। प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण की जानकारी योजना पोर्टल pmayg.nic.in पर उपलब्ध है। मुख्यमंत्री आवास योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' एवं ''ब-1'' पर है तथा बीआरजीएफ योजना की जानकारी निरंक है। (ख) निकायों के अंतर्गत आवास के आवंटन में जिस हितग्राही के नाम से योजना स्वीकृत हुई है उसी को लाभ दिया गया है। अन्य व्यक्तियों को आवास स्वीकृत नहीं किया गया है, जिससे शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण में आवास स्वीकृत का कार्य पोर्टल के माध्यम से किया जाता है, जिससे शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) नगरीय निकायों द्वारा समस्त वार्डों के पात्र हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी का लाभ संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) तथा कलेक्टर जिला गुना के परीक्षण एवं सूची अनुमोदन उपरांत लाभ प्रदान किया गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण में पात्रता का परीक्षण जिला स्तर द्वारा गठित अधिकारियों द्वारा किया जाता है तथा आवास की स्वीकृति जिला स्तर से पोर्टल के माध्यम से की जाती है। (घ) निकायों में पूर्ण/अपूर्ण एवं अप्रारंभ आवासों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ-1'' अनुसार है। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में यूनिक जियोटैगिंग के उपरांत प्रावधान अनुसार प्रथम किश्त की राशि का भुगतान हितग्राही के खातें में किया जाता है। इसके उपरांत ही आवास का कार्य हितग्राही द्वारा स्वयं किया जाता है। प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण की जानकारी योजना पोर्टल pmayg.nic.in पर उपलब्ध है। मुख्यमंत्री आवास योजना तथा बीआरजीएफ की जानकरी निरंक है, जिससे शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। ग्रामीण क्षेत्र में पूर्ण/अपूर्ण आवासों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब-2'' अनुसार है।
सड़क निर्माण की जानकारी
[लोक निर्माण]
15. ( क्र. 472 ) श्री प्रणय प्रभात पांडे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कहां-कहां पर कितनी लागत से कौन-कौन से मार्गों के निर्माण का अनुबंध किन शर्तों के अधीन किस निविदाकार के द्वारा किया जा रहा है? संपूर्ण सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मार्गों का कब-कब किसके द्वारा निरीक्षण/परीक्षण किया गया तथा निर्माण में क्या-क्या खामियां पाई गई? जांच प्रतिवेदनों सहित संपूर्ण सूची देवें। (ग) क्या नवनिर्मित कुआं से भटगवां पहुंच मार्ग में घटिया निर्माण सामग्री का प्रयोग किए जाने के कारण निर्माण होने के बाद से ही यह मार्ग जगह-जगह से टूट रहा है एवं बड़ागांव से भटवा टोला पहुंच मार्ग तथा बड़गांव-करहिया-गोदाना मुहास-लालपुर-पाली मार्गों के निर्माण में घटिया निर्माण सामग्री का प्रयोग किया जा रहा है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर में यदि हाँ, तो क्या शासन उल्लेखित मार्ग निर्माण की उच्च स्तरीय जांच कर दोषियों पर कार्यवाही करेगा उत्तर में यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जी नहीं, प्रश्नांकित कुआं से भटगंवा पहुंच मार्ग परफारमेंस गारंटी के अंतर्गत होने के कारण ठेकेदार को कार्यपालन यंत्री लो.नि.वि. कटनी संभाग से पत्र क्रं.-1738/कटनी दिनांक 10.06.2024 को लेख कर सुधार कार्य हेतु निर्देशित किया गया था किन्तु ठेकेदार द्वारा सुधार कार्य न किये जाने के कारण ठेकेदार की जमा परफारमेंस गारंटी राजसात की कार्यवाही की जाकर अन्य एजेंसी से कार्य कराये जाने की कार्यपालन यंत्री द्वारा कार्यवाही की जा रही है। बडगांव से भटवाटोला मार्ग में ठेकेदार द्वारा लगभग 2 माह से कार्य न किये जाने के कारण कार्यपालन यंत्री लो.नि.वि. कटनी संभाग के पत्र क्रं.-1702/कटनी दिनांक 07.06.2024 को अनुबंध विखण्डित कर अन्य एजेंसी से कार्य कराये जाने हेतु निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रचलन में है एवं दोनों अनुबंधों के ठेकेदार एक ही है (मेसर्स ए.डी.कन्स्ट्रक्शन कम्पनी) जिन्हें काली सूची में डालने/निलंबन की कार्यवाही भी प्रचलन में है। बडगांव करहिया गोदाना मोहास लालपुर पाली मार्ग का निर्माण कार्य केन्द्रीय सड़क निधि योजना अंतर्गत प्रगति पर है। मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग जबलपुर द्वारा दिनांक 23.05.2024 को निरीक्षण किया गया था निरीक्षण प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 एवं 2 अनुसार है एवं जो भी कमियां थी कार्य को गुणवत्ता के साथ करने हेतु निर्देश दिये गये है वर्तमान में कार्य प्रगति पर है। (घ) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
आदेशों पर कार्यवाही करने एवं उपस्थिति के आधार पर वेतन भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
16. ( क्र. 487 ) श्री योगेन्द्र सिंह (बाबा) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्य कार्यपालन अधिकारी नगर परिषद सारंगपुर जिला राजगढ़ द्वारा स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय के आदेश क्रमांक एफ 1-4/07/बीस-1, भोपाल दिनांक 28.06.2007 के प्रावधानों के तहत सामान्य प्रकरण होने पर संस्था प्राचार्य की अनुशंसा के आधार पर बी.एड. प्रशिक्षण की दिनांक 15.06.2023 को अनुमति प्रदान की गई थी, प्रशिक्षण संस्था की उपस्थिति के आधार पर विगत 11 माह के वेतन से वंचित है, आवेदक के अभ्यावेदन पर तथा संस्था प्राचार्य के मार्गदर्शन पर वेतन भुगतान करने के आदेश जारी किये जावेंगे? (ख) नगर परिषद सारंगपुर द्वारा उच्च न्यायालय इंदौर के प्रकरण क्रमांक डब्ल्यूपी 12420/2020 में पारित आदेश दिनांक 11.05.2023 का पालन नहीं करते हुये पारित आदेश की अवमानना की जा रही है आवेदकों के अभ्यावेदन के अनुसार अध्यापक से वरिष्ठ अध्यापक एवं क्रमोन्नति वेतनमान तथा सातवें वेतनमान का लाभ कब तक प्रदान किया जायेगा? (ग) नगर परिषद सारंगपुर द्वारा उच्च न्यायालय इंदौर में प्रकरण क्रमांक डब्ल्यूए 409/2024 में पारित आदेश दिनांक 04.03.2024 के तहत स्वयं जांच करने एवं कार्यवाही करने के लिये स्वतंत्र हैं, स्कूल शिक्षा विभाग की जांच रिपोर्ट एवं अनुशंसा के आधार पर किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं की जा सकती है? उक्त पारित आदेश दिनांक 04.03.2024 का पालन किया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ, कार्यालयीन पत्र क्रमांक/ 829/स्थापना/2023-24, सारंगपुर दिनांक 15.06. 2023 से प्राचार्य शा.क.उ.मा.वि. सारंगपुर की अनुशंसा पर श्री सुभाष शर्मा अध्यापक को सत्र 2023-24 में 02 वर्षीय बी.एड. पाठ्यक्रम की विभागीय अनुमति प्रदान की गई है। लोक शिक्षण संचालनालय म.प्र. भोपाल के पत्र क्रमांक/यूसीआर/ए/डी/33, राजगढ़ 2022/1912 भोपाल दिनांक 04.10.2023 अनुसार ''अशासकीय महाविद्यालय से पाठ्यक्रम करने की अनुमति प्रदान नहीं किये जाने का उल्ल्लेख किया गया है।'' जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। इस संबंध में माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर में प्रकरण क्रमांक डब्लूपी/ 20837/2023, सुभाष शर्मा विरूद्ध म.प्र. शासन प्रचलित होने से, निर्णय अनुसार की जाना सम्भव है। (ख) जी नहीं। न्यायालयीन आदेश के परिपालन में नियमानुसार यथाशीघ्र कार्यवाही की जावेगी। (ग) प्रश्नांश (ग) आंशिक तौर पर स्वीकार है, स्कूल शिक्षा विभाग की जांच रिपोर्ट एवं अनुशंसा पर कार्यवाही करने हेतु निकाय स्वतंत्र है। न्यायालयीन आदेश के परिपालन में नियमानुसार यथाशीघ्र कार्यवाही की जावेगी।
पर्यावरण संतुलन हेतु कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
17. ( क्र.
500 ) श्री
नीरज सिंह
ठाकुर : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) जबलपुर
नगर निगम एवं
स्मार्ट
सिटी लिमिटेड
जबलपुर को
विगत 3 वर्षों में
राज्य शासन
नगर निगम एवं
केन्द्रीय
शासन के मद से
नगर के
उद्यानों के
रख रखाव, निर्माण
उन्नयन हेतु
कितनी-कितनी
राशि विगत 3
वर्षों में
प्राप्त हुई? उक्त
राशि को
कार्यवार
कहाँ-कहाँ
व्यय किया गया? नगर
में पर्यावरण
संतुलन हेतु
गार्डन वार
कितने कार्य
कितनी-कितनी
राशि से विगत 3
वर्षों में
कराये गये? (ख) जबलपुर
नगर निगम एवं
स्मार्ट
सिटी लिमिटेड
द्वारा क्लीन
एयर प्रोग्राम
के अंतर्गत
निर्माण
कार्य फुटपाथ, पेवर
ब्लाक
निर्माण के
कार्य
कितनी-कितनी
राशि से विगत 2
वर्षों में
कराये गये? कार्यवार
जानकारी दें।
वर्तमान में
उनमें से
कितने पेवर
ब्लाक टूट गये
हैं?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) नगर
निगम जबलपुर
को राज्य
शासन से राशि
रूपये 3,85,81,000/- प्राप्त
हुई जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''अ'' अनुसार
है। स्मार्ट
सिटी लिमिटेड
जबलपुर को
उदयानों के
रख-रखाव
निर्माण उन्नयन
हेतु विगम 03
वर्षों में
कोई राशि
प्राप्त
नहीं हुई है, अपितु
जबलपुर स्मार्ट
सिटी लिमिटेड
द्वारा स्मार्ट
सिटी मिशन अन्तर्गत
प्राप्त
अनुदान राशि
में से
उदयानों के
रख-रखाव, निर्माण
उन्नयन के
रूपये 28.51 करोड़
के कार्य किये
गये है जिसकी जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''ब'' अनुसार
है। पर्यावरण
संतुलन हेतु
नगर निगम
जबलपुर की
गार्डनवार व्यय
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''स'' अनुसार
है।
(ख) जबलपुर
नगर निगम की
पर्यावरण
संतुलन हेतु
व्यय राशि की
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''स'' अनुसार
है। स्मार्ट
सिटी लिमिटेड
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''ब'' अनुसार
है। नगर निगम
जबलपुर
द्वारा
पर्यावरण
संतुलन हेतु
क्लीन एयर
प्रोग्राम के
अंतर्गत
निर्माण
कार्य फुटपाथ, पेबर
ब्लाक
निर्माण
कार्य से
संबंधित जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''द'' अनुसार
है।
शहपुरा नगर बाईपास निर्माण
[लोक निर्माण]
18. ( क्र. 503 ) श्री नीरज सिंह ठाकुर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बरगी विधानसभा अंतर्गत शहपुरा नगर से नरसिंहपुर पहुंच मार्ग पर बाईपास निर्माण कार्य स्वीकृत है? यदि हाँ, तो उक्त कार्य की लागत, लंबाई एवं कार्य की समयावधि क्या है? साथ ही शहपुरा बाईपास हेतु किस मार्ग का चयन किया गया है? (ख) उक्त बाईपास मार्ग निर्माण में कितने व्यक्तियों की जमीन एवं मकान प्रभावित हो रहे है। अगर हो रहे हैं तो उनकी संख्या कितनी है? कृषकवार, खसरावार, रकबा सहित जानकारी दें? (ग) क्या शहपुरा बाईपास मार्ग निर्माण में प्रभावित व्यक्तियों को मुआवजा प्रदान किया जा रहा है, यदि हाँ, तो कितना अगर नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (क) एवं 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विद्युत उपभोक्ताओं से लोड के आधार पर बिजली बिल की वसूली
[ऊर्जा]
19. ( क्र. 524 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मीटर खराब होने की स्थिति में 3 माह की औसत बिलिंग के आधार पर बिल वसूलने का नियम है? (ख) यदि हाँ, तो उपभोक्ताओं से लोड के आधार पर बिलिंग की राशि क्यों वसूल की जाती है? (ग) क्या ऐसे उपभोक्ताओं के बिल सुधार कर दिये जायेंगे? (घ) हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, ''म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता-2021'' की कंडिका 8.44 के अनुसार मीटर खराब होने की स्थिति में विद्युत उपभोक्ताओं को पूर्व तीन माहों की औसत खपत के आधार पर विद्युत खपत का आंकलन कर विद्युत देयक जारी किये जाते हैं। तथापि उपभोक्ता यदि ऐसे निर्धारण से संतुष्ट नहीं हो तो वह उपसंभाग के प्रभारी अधिकारी को अपील प्रस्तुत कर सकता है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में विद्युत उपभोक्ताओं को लोड के आधार पर विद्युत देयक नहीं दिये जाते हैं। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
सरकार द्वारा अवैध कॉलोनी का अधिग्रहण
[नगरीय विकास एवं आवास]
20. ( क्र. 548 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गत विधानसभा चुनाव 2023 से पूर्व प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री ने प्रदेश की वर्ष 2022 तक की सभी कॉलोनियों को वैध करने का निर्णय लिया था? (ख) यदि हाँ, तो क्या वर्तमान में प्रदेश सरकार द्वारा पुनः अवैध कॉलोनियों का सर्वे कराकर अधिग्रहण किया जाकर उक्त अवैध कॉलोनी में रजिस्ट्री पर रोक लगा दी गई है? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में यदि हाँ, तो अवैध कालोनियों का अधिग्रहण कर सर्वे कराने के पीछे सरकार की क्या मंशा है? क्या अधिग्रहण की गई कॉलोनियों को वैध किया जाएगा अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं, अपितु म.प्र. नगरपालिका (कॉलोनी विकास) नियम, 2021 के प्रावधानों के अन्तर्गत नगरीय क्षेत्र में दिनांक 31.12.2022 के पूर्व अस्तित्व में आईं अनधिकृत कॉलोनियों में नागरिक अधोसंरचना एवं भवन निर्माण अनुज्ञा प्रदान करने का निर्णय लिया गया था। (ख) अनधिकृत कॉलोनियों का सर्वेक्षण कराना सतत् प्रक्रिया है परन्तु अनधिकृत कॉलोनियों के सीधे अधिग्रहण करने के सम्बन्ध में नियम में कोई प्रावधान नहीं रखा गया है अपितु म.प्र. नगरपालिका (कॉलोनी विकास) नियम, 2021 के नियम 23 (3) के अन्तर्गत नागरिक अधोसंरचना प्रदान करने के लिए चिन्हित अनधिकृत कॉलोनियों की सूची के सार्वजनिक होने की तारीख से सम्बन्धित अनधिकृत कॉलोनी की भूमि सक्षम प्राधिकारी के प्रबन्धन के अधीन मानी गई है एवं अनधिकृत कॉलोनी में रजिस्ट्री पर सीधे रोक नहीं लगाई गई है बल्कि सक्षम प्राधिकारी के प्रबन्धन के अधीन मानी गई अनधिकृत कॉलोनी की भूमि एवं भूखण्ड/भवन में किसी भी प्रकार के अन्तरण या अन्तरण के करार के पंजीयन के लिये क्रेता एवं विक्रेता को नगरीय निकाय का अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त किया जाना आवश्यक किया गया है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) में राज्य सरकार की मंशा स्पष्ट है। अनधिकृत कॉलोनियों को वैध करने का कोई प्रावधान नहीं है बल्कि सक्षम प्राधिकारी के प्रबन्धन के अधीन मानी गई सम्बन्धित अनधिकृत कॉलोनियों में सक्षम प्राधिकारी द्वारा नियमानुसार नागरिक अधोसंरचना प्रदान की जाएगी। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय आवासों की जानकारी
[लोक निर्माण]
21. ( क्र.
552 ) श्री
अमर सिंह यादव
: क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
सामान्य
प्रशासन
विभाग अन्तर्गत
राजगढ़ जिला मुख्यालय
पर शासकीय
कार्यालय एवं
आवास बने हुये
है? (ख) यदि
हाँ, तो वर्तमान
में कितने
शासकीय
कार्यालय एवं
आवास है उनमें
से कितने
शासकीय आवास
कब से रिक्त
हैं? (ग) क्या
उक्त शासकीय
कार्यालय एवं
आवास जो
जीर्ण- शीर्ण
एवं पुराने हो
गये है उन्हें
डिस्मेन्टल
करवाया गया है? (घ)
यदि हाँ, तो उन
शासकीय
कार्यालय एवं
आवास का जिनका
डिस्मेन्टल
करवाया गया है
उनके स्थान
पर नवीन
शासकीय
कार्यालय एवं
आवास का निर्माण
करवाया
जावेगा यदि
हाँ, तो कब तक और
यदि नहीं, तो क्यों
नहीं?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) : (क) जी
हाँ। (ख) राजगढ़
जिला
मुख्यालय पर
सामान्य
प्रशासन विभाग
के अंतर्गत 21 नग
शासकीय
कार्यालय तथा 59 नग
शासकीय आवास
है, उनमें
05 नग
शासकीय आवास
विगत 01 वर्ष से
रिक्त है। (ग) जी
नहीं। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) प्रश्नांश (ग) के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
सिंहस्थ कार्य योजना में सम्मिलित प्रस्ताव
[नगरीय विकास एवं आवास]
22. ( क्र. 567 ) श्री विपीन जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आगामी समय में होने वाले वर्ष 2028 सिंहस्थ की तैयारियों को लेकर निर्माण कार्य हेतु कार्य योजनाएं बनाई जा रही है? (ख) इस हेतु भगवान पशुपतिनाथ की नगरी मंदसौर जिला अंतर्गत कौन-कौन से कार्य कार्ययोजना में लिए गए हैं? उनकी सूची उपलब्ध करायें। (ग) जिला कलेक्टर मंदसौर द्वारा आगामी सिंहस्थ कार्ययोजना को लेकर कौन-कौन से निर्माण कार्यों के प्रस्ताव तैयार कर भेजे गए हैं? उसका विवरण देवें। (घ) भेजे गए निर्माण कार्यों के प्रस्ताव की स्वीकृतियां कब तक कर दी जाएगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। (ख) कार्य योजना तैयार करने की कार्यवाही की जा रही है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विद्युत व्यवस्था की जानकारी
[ऊर्जा]
23. ( क्र. 573 ) श्री प्रणय प्रभात पांडे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विगत तीन वित्तीय वर्षों में कब-कब, कहां-कहां के कितनी-कितनी भार क्षमता के विद्युत ट्रांसफार्मर प्रश्न दिनांक तक खराब हुए एवं इन्हें कब बदला गया, वर्षवार माहवार सम्पूर्ण सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सूची अनुसार ट्रांसफार्मर बार-बार खराब होने के क्या कारण हैं खराब ट्रांसफार्मर बदलने में ज्यादा समय क्यों लगता है एवं यह भी की विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा अधिक भार क्षमता वाले विद्युत ट्रांसफार्मर को चिन्हित किया गया है उत्तर में यदि हाँ, तो उसकी सूची देवें। (ग) क्या विद्युत वितरण कम्पनी बार-बार जलने वाले अधिक विद्युत भार धारी विद्युत ट्रांसफार्मरों की क्षमता में वृद्धि कर उन्हें अपग्रेड करेगा? उत्तर में यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विगत तीन वित्तीय वर्षों यथा-वित्तीय वर्ष 2021-22, वित्तीय वर्ष 2022-23 एवं वित्तीय वर्ष 2023-24 एवं वर्तमान वित्तीय वर्ष में प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों के जलने/खराब होने की दिनांक, स्थान, क्षमता एवं इनको बदले जाने की प्रश्नाधीन चाही गयी माहवार/वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित वितरण ट्रांसफार्मरों के जलने/खराब होने के कारण मुख्यत: आंतरिक तकनीकी खराबी, प्राकृतिक आपदा यथा-आंधी-तूफान/आकाशीय बिजली, अन्य आकस्मिक कारण/दुर्घटना तथा व्यक्तियों द्वारा विद्युत का अनाधिकृत उपयोग तथा लाईन एवं वितरण ट्रांसफार्मर से छेड़छाड़ इत्यादि है। वितरण ट्रांसफार्मर के जलने/खराब होने के उपरान्त संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि का 10 प्रतिशत जमा करने अथवा 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा बकाया राशि जमा करने पर संभागीय मुख्यालय में 12 घंटे एवं अन्य शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे तथा ग्रामीण क्षेत्रों में शुष्क मौसम में 3 दिवस तथा मानसून के मौसम के दौरान माह जुलाई से सितंबर तक 7 दिवस में जला/खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदलने अथवा विद्युत प्रदाय पुनर्स्थापित करने के प्रावधान हैं। जले/ खराब वितरण ट्रांसफार्मरों से संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा करने पर, पात्र होने के उपरांत इन्हें उपरोक्तानुसार निर्धारित समय-सीमा में बदल दिया जाता है। जी हाँ, प्रश्नाधीन क्षेत्र अंतर्गत क्षमता वृद्धि हेतु कुल 229 वितरण ट्रांसफार्मरों को चिन्हित किया गया है, जिनकी प्रश्नाधीन चाही गयी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र में अतिभारित चिन्हित 229 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि से संबंधित कार्यों हेतु कार्य योजना, केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना अंतर्गत निर्धारित नोडल एजेंसी मेसर्स पी.एफ.सी., नई दिल्ली को स्वीकृति हेतु प्रेषित की गई है। वर्तमान में उक्त कार्य योजना की स्वीकृति प्राप्त होना शेष है, स्वीकृति प्राप्त होने पर निविदा प्रक्रिया पूर्ण होने के उपरांत उक्त कार्य पूर्ण करवाये जावेंगे, जिस हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
चित्रकूट स्मार्ट सिटी के कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
24. ( क्र. 621 ) श्री सुरेन्द्र सिंह गहरवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चित्रकूट स्मार्ट सिटी प्राजेक्ट कितनी लागत का है कितने कार्य कहां-कहां कितनी राशि के किये गये हैं किसकी-किसकी अनुमति/अनुसंशा से कार्य जोड़े गये हैं? नियम क्या है? (ख) चित्रकूट स्मार्ट सिटी में कौन-कौन से कार्य प्रगति पर हैं, कौन-कौन से कार्य पूर्ण किये जा चुके है, प्रगति के कार्य कब तक पूर्ण कराये जायेंगे? (ग) चित्रकूट स्मार्ट सिटी के कार्यों की निर्माण एजेन्सी का नाम कार्य अनुसार बतायें, साथ ही यह भी बतायें कि क्या कार्य मानकों एवं गुणवत्ता पूर्ण किये जा रहे हैं, गुणवत्ता का परीक्षण किनके द्वारा कब-कब किया गया है? उनके प्रतिवेदन की प्रतियां देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) परियोजना हेतु कुल स्वीकृत राशि रू. 25.12 करोड़ है। पूर्ण निर्माण कार्यों एवं लागत राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। जिला निगरानी समिति द्वारा कार्यों का चयन किया जाता है। जिला निगरानी समिति के कार्य चयन के अधिकार के आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ख) समस्त निर्माण कार्य पूर्ण किये जा चुके है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) निर्माण एजेंसी का नाम मेसर्स कार्तिक कंस्ट्रक्शन कम्पनी नई दिल्ली है। समस्त निर्माण कार्य परियोजना प्रबंधक, परियोजना क्रियान्वयन इकाई, म.प्र. अर्बन डेवलपमेंट कम्पनी, रीवा की देख-रेख में गुणवत्ता पूर्वक पूर्ण किये गये है। गुणवत्ता के परीक्षण एवं सुपरविजन का कार्य अनुबंधित सलाहाकार एजेंसी मेसर्स लेक्सस के सलाहकार एवं विशेषज्ञों, असिस्टेंट कॉन्ट्रैक्ट मैनेजर, फिल्ड इंजीनियर एवं विभाग के इंजीनियरों द्वारा समय-समय पर किया गया है। गुणवत्ता परीक्षण के प्रतिवेदनों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परीशिष्ट 'स' अनुसार है।
चित्रकूट सीवर लाइन के कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
25. ( क्र. 622 ) श्री सुरेन्द्र सिंह गहरवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चित्रकूट सीवर लाइन का कार्य कितनी लागत का है, निर्माण एजेन्सी कौन है, कार्य पूर्ण किये जानें की समयावधि क्या है पूर्ण जानकारी कार्यादेश की प्रति सहित देवें? (ख) चित्रकूट सीवर लाइन प्राजेक्ट का कार्य प्रश्न दिनांक तक कितना पूर्ण किया जा चुका है एवं कितना कार्य शेष है, कार्य के सुपरवीजन/निरीक्षण/गुणवत्ता परीक्षण के क्या नियम है क्या नियमों का पालन किया जा रहा है पूर्ण जानकारी शासनादेशों की प्रतियों सहित देवें? (ग) चित्रकूट पवित्र धार्मिक नगरी है जहाँ पर देश विदेश से भक्तगणों का आना बना रहता है ऐसी स्थिति में सीवर लाइन के तहत जगह-जगह छः-छः माह से अधिक समय से गड्ढे किये गये है जिससे स्थानीय नागरिकों को समस्या हो रही है, दुर्घटनायें हो रही है, विदेशी भक्तगणों के सामने सरकार एवं क्षेत्र की छवि पर असर पड़ रहा है, अव्यवस्थित कार्य के होने से एवं गुणवत्ता के परीक्षण न होने मानीटरिंग न होने से अव्यवस्थायें उत्पन्न हो रही हैं इस हेतु उत्तरदायी मुख्य नगर पालिका अधिकारी पर क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) चित्रकूट सीवर लाइन का कार्य गुणवत्ता युक्त कब तक पूर्ण करा दिया जायेगा समय-सीमा बतायें? गुणवत्ता विहीन कार्य करने एवं समय-सीमा व्यतीत होने पर भी यदि कार्य पूर्ण नहीं करने पर निर्माण एजेन्सी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी स्पष्ट करें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) चित्रकूट सीवर लाईन के कार्य की लागत वर्तमान में 32.08 करोड़ है। निर्माण एजेन्सी मेसर्स जनक एन पंचाल एण्ड ज्वाय बिल्डर्स है। कार्य पूर्ण किए जाने की समयावधि 30.10.2024 है। कार्यादेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' पर है। (ख) चित्रकूट सीवर लाईन प्रोजेक्ट का कार्य वर्तमान में कुल कार्य 76% हो गया एवं 24% कार्य शेष है। कार्य का सुपरवीजन और निरीक्षण अनुबंधित सलाहकार के इंजीनियर एवं मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कम्पनी लिमिटेड के द्वारा नियुक्त कर्मचारियों और अधिकारियों द्वारा नियमित रूप से किया जाता है। कार्य स्थल पर मटेरियल परीक्षण की प्रयोगशाला स्थापित की गई है। जिसमें कार्य में उपयोग होने वाली सामग्री की गुणवत्ता का समय-समय पर परीक्षण किया जाता है तथा अनुबंध की कंडिका 17 के अनुसार 10% सेंपल का परीक्षण शासन द्वारा मान्यता प्राप्त एन.ए.बी.एल. लैब से भी कराया जाता है। टेस्ट रिपोर्ट प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' पर है। (ग) चित्रकूट पवित्र नगरी में सीवर लाईन बिछाने हेतु सड़कों में खुदाई की जाती है। पाईप बिछाने के उपरांत 24 घण्टे के अंदर स्थाई रेस्टोरेशन करके सड़क को आवागमन हेतु बनाया जाता है और मिट्टी के संघनन होने के उपरांत 01 माह के अंदर सी.सी. रोड का निर्माण कर स्थाई रेमटोरेशन कर दिया जाता है। 06 माह तक कोई भी सड़क में गड्ढे नहीं खुदे रहते हैं। एम.पी.यू.डी.सी. द्वारा नियुक्त कर्मचारी एवं अधिकारियों द्वारा नियमित रूप से कार्य का सुपरवीजन, गुणवत्ता परीक्षण एवं मॉनिटिरिंग की जा रही है। किसी भी प्रकार की अव्यवस्थायें कार्य के दौरान नहीं हो रही है। अतः शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है। (घ) चित्रकूट सीवर लाईन कार्य गुणवत्ता पूर्वक पूर्ण करने हेतु समय-सीमा 30 अक्टूबर 2024 निर्धारित की गयी है। समय-सीमा में कार्य पूर्ण न होने पर अथवा गुणवत्ता विहीन कार्य होने पर निर्माण एजेन्सी के विरुद्ध अनुबंध में निहित प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही की जाएगी।
योजनान्तर्गत प्रस्तावित कार्यों की स्वीकृति
[ऊर्जा]
26. ( क्र. 710 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विद्युत सब स्टेशन (उपकेन्द्र) स्थापना किये जाने हेतु विभाग के क्या दिशा-निर्देश नियमावली है? छायाप्रति उपलब्ध करायें। (ख) परासिया विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत RDSS योजना के तहत किन-किन स्थानों में कौन-कौन से कार्य किया जाना प्रस्तावित है? प्रस्तावित कार्यों में से कितने कार्य स्वीकृत किये जा चुके हैं और कितने कार्य स्वीकृत होना शेष है? शेष प्रस्तावित कार्यों की स्वीकृति विभाग द्वारा कब तक प्रदान कर दी जायेगी? पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) भारिया समाज एवं आदिवासी समाज, आम उपभोक्ताओं एवं कृषकों, छात्र/छात्राओं की विद्युत संबंधित सुविधा हेतु ग्राम पंचायत दमुआ एवं कोहका के बीच में 33/11 के.व्ही. का विद्युत सब स्टेशन (उपकेन्द्र) की स्थापना की स्वीकृति प्रदान किये जाने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय विभागीय मंत्री को अनुस्मरण 01 पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2024/136 दि. 07.02.2024 प्रेषित किया गया है एवं माननीय मुख्यमंत्री महोदय को पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2024/138 दिनांक 07.02.2024 एवं श्रीमान प्रमुख सचिव महोदय ऊर्जा विभाग को पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/ 2024/260 दि. 04.05.2024 प्रेषित किया गया है जिन सभी पत्रों पर स्वीकृति हेतु अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? कब तक कार्यवाही पूर्ण करते हुये विद्युत सब स्टेशन (उपकेन्द्र) की स्थापना की स्वीकृति प्रदान कर दी जायेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र स्वीकृत/ स्थापित किये जाने हेतु म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी क्षेत्रान्तर्गत निर्धारित मापदंड संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) परासिया विधानसभा क्षेत्रांतर्गत केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना के प्रथम चरण-लॉस रिडक्शन के तहत प्रस्तावित कार्य स्वीकृत किये जा चुके हैं जिसकी प्रश्नाधीन चाही गयी कार्यों की स्थान सहित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। आर.डी.एस.एस. योजना के द्वितीय चरण-सिस्टम मॉर्डनाईजेशन के तहत प्रस्तावित कार्यों की प्रश्नाधीन चाही गयी स्थान सहित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। उक्त प्रस्तावित कार्यों की स्वीकृति हेतु कार्य-योजना, केन्द्र शासन द्वारा योजनान्तर्गत नियुक्त नोडल एजेंसी मेसर्स पी.एफ.सी. को स्वीकृति हेतु प्रेषित की गई है एवं वर्तमान में स्वीकृति प्राप्त होना शेष है। (ग) ग्राम दमुआ एवं कोहका के मध्य नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र स्थापना हेतु माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के पत्र प्राप्त हुए हैं, जिन पर कार्यवाही करते हुए पत्र में उल्लेखित प्रस्ताव के परीक्षणोंपरान्त तकनीकी साध्यता एवं वित्तीय उपलब्धता के आधार पर समुचित कार्यवाही किये जाने के निर्देश म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी को दिए गए हैं। उक्त निर्देशों के परिपालनार्थ म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा ग्राम दमुआ एवं कोहका के मध्य नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र स्थापित किए जाने के कार्य का परीक्षण किया गया है एवं परीक्षणोंपरान्त ग्राम दमुआ एवं कोहका के मध्य नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना का कार्य तकनीकी रूप से साध्य नहीं पाया गया है। तथापि उक्त स्थानों पर और अधिक गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय किए जाने एवं भविष्य की विद्युत मांग के दृष्टिगत तकनीकी रूप से साध्य पाए गए अन्य उक्त पत्रों में उल्लेखित विद्युतीकरण कार्यों एवं इन कार्यों पर की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है।
प्राप्त आवंटन से अधिक व्यय करना
[लोक निर्माण]
27. ( क्र. 734 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01-04-2018 से 31-03-2023 के दौरान रीवा संभाग के अंतर्गत आने वाले लोक निर्माण के सभी प्रकार के संभागों के द्वारा कितनी-कितनी राशि का किस-किस मद में व्यय करने का आवंटन वर्षवार/मदवार प्राप्त किया? संभागवार जिलेवार/राशिवार/वित्तीय वर्षवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार लोक निर्माण विभाग के सभी प्रकार के संभागों (सामान्य निर्माण/ बिल्डिंग/सेतु/अन्य) के द्वारा प्राप्त आवंटनों के विरूद्ध आवंटन से अधिक व्यय किया? आवंटन से अधिक व्यय करने की लिखित में किस-किस कार्यपालन/सहायक यंत्री (अनुविभागीय अधिकारी ने अनुमति प्राप्त की? प्राप्त सभी अनुमतियों की एक-एक प्रति दें। (ग) राज्य शासन आवंटन से अधिक व्यय नियमों के विपरित करने वाले किस-किस कार्यपालन यंत्री/अनुविभागीय अधिकारी पर विभागीय जांच संस्थित कर निलंबन की कार्यवाही की जायेगी? प्रकरणवार जानकारी उपलब्ध करायें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। आवंटन जिलेवार नहीं संभागवार दिया जाता है। जिसमें पूंजीगत निर्माण कार्यों हेतु आवंटन प्रदाय नहीं किया जाता है जो कि आई.एफ.एम.आई.एस. के केन्द्रीयकृत सर्वर के माध्यम से ग्लोबल के द्वारा व्यय किया जाता है। (ख) जी नहीं। प्रश्न ही नहीं उठता। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही नहीं उठता।
वैध एवं अवैध कॉलोनियों के दिशा-निर्देश
[नगरीय विकास एवं आवास]
28. ( क्र. 773 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अवैध से वैध कॉलोनी हेतु शासन द्वारा क्या-क्या निर्देश जारी किए है? (ख) सुवासरा विधानसभा के नगरीय क्षेत्र में चिन्हित अवैध एवं वैध कॉलोनियों के वार्ड क्र., नगर का नाम, कॉलोनी नॉईजर के नाम सहित पृथक-पृथक जानकारी देवें? (ग) शासन द्वारा सीतामऊ, शामगढ़, सुवासरा के नगरीय क्षेत्र में चिन्हित अवैध कॉलोनियों को वैध करने हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई है वार्ड क्रं., कॉलोनी, शहर के नाम सहित जानकारी देवें? (घ) शासन द्वारा उपरोक्त अवैध से वैध कॉलोनी होने पर इनके विकास हेतु कौन जवाबदेह है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) अवैध से वैध कॉलोनी करने हेतु कोई निर्देश जारी नहीं किए गए है, अपितु नगरीय क्षेत्र में निर्दिष्ट अवधि के पूर्व अस्तित्व में आई चिन्हित अनधिकृत कॉलोनियों में नागरिक अधोसंरचना एवं भवन अनुज्ञा प्रदान करने के लिए म.प्र. नगरपालिका (कॉलोनी विकास) नियम, 2021 में प्रावधान किए गए है। (ख) अनधिकृत कॉलोनियों की जानकारी पुस्तकालय रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार एवं वैध कॉलोनियों की जानकारी पुस्तकालय रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) के अनुसार नगर पालिका के सक्षम प्राधिकारी अर्थात कलेक्टर मन्दसौर द्वारा म.प्र. नगरपालिका (कॉलोनी विकास) नियम, 2021 के अन्तर्गत चिन्हित अनधिकृत कॉलोनियों में नागरिक अधोसंरचना एवं भवन अनुज्ञा प्रदान करने के लिए की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है, यद्यपि म.प्र. नगरपालिका (कॉलोनी विकास) नियम, 2021 के अन्तर्गत कार्यवाही पूर्ण होने पर अनधिकृत कॉलोनियों में नागरिक अधोसंरचना के विकास कार्य संबंधित स्थानीय नगर पालिका द्वारा कराए जाएंगे।
अवैध कॉलोनियों एवं सीवर लाइनों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
29. ( क्र. 851 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा संभाग में स्थित नगर पालिक निगमों में दिनांक 01-04-2017 से 31-03-2022 के दौरान किस-किस नाम एवं पदनाम के प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों को राज्य शासन/कमिश्नर नगर पालिक निगम/अन्य के द्वारा उनके किस एवं क्या कृत्यों के कारण विभागीय जांच संस्थित की गई? कारण बताओ नोटिस जारी किये गये? दण्ड दिया गया? नगर निगमवार/प्रकरणवार जानकारी दें। जारी सभी आदेशों की एक-एक प्रति उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित नगर पालिक निगमों में एवं समयानुसार किस-किस वार्ड क्रमांकों की किस-किस नाम की कितनी-कितनी भूमि की अवैध कॉलोनियों को चिन्हित कर किस-किस को कब व क्या नोटिस जारी किये गये? जारी सभी नोटिसों की एक-एक प्रति दें। उन नोटिसों की प्रश्न तिथि तक अद्यतन स्थिति क्या है? प्रकरणवार विवरण दें। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार एवं निगमों में सीवर लाइनों/पेयजल योजना की प्रश्न तिथि तक क्या स्थिति है? किन-किन वार्डों में सीवर योजना/पेयजल योजना के पाइप डल जाने के बाद पुन: खुदाई वाली जगहों को समतल (जैसी थी वैसा) कर दिया गया है? वार्डवार/निगमवार जानकारी दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) रीवा संभाग के नगर पालिक निगम रीवा, सिंगरौली एवं सतना की प्रश्नांकित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) रीवा संभाग के नगर पालिक निगम रीवा, सिंगरौली एवं सतना की प्रश्नांकित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) रीवा संभाग के नगर पालिक निगम रीवा, सिंगरौली एवं सतना की प्रश्नांकित जानकारी पुस्तकलय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है।
ऑनलाईन सम्पत्ति/जलकर जमा करने की व्यवस्था
[नगरीय विकास एवं आवास]
30. ( क्र. 898 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश की किन-किन नगर निगम/नगर पालिका/नगर परिषद में ऑनलाइन सम्पत्तिकर/जलकर सहित अन्य शुल्क जमा करने की व्यवस्था कब से है? (ख) प्रदेश की किन-किन नगर निगम/नगर पालिका/नगर परिषद में उपरोक्त व्यवस्था किन कारणों से नहीं है? (ग) क्या जिन नगर पालिकाओं में ऑनलाइन सम्पत्तिकर/जलकर सहित अन्य शुल्क जमा करने की व्यवस्था संचालित थी वहाँ क्या भोपाल से उपरोक्त व्यवस्था का संचालन विगत छः माह से अधिक समय से बंद कर दिया गया है। यदि हाँ, तो कब से एवं किन कारणों से। उक्त संचालन कब तक प्रारंभ होगा? (घ) पूरे प्रदेश के नगरीय निकायों में ऑनलाइन सम्पत्तिकर/जलकर सहित अन्य शुल्क जमा करने की व्यवस्था कब तक प्रारंभ हो सकेगी।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) 01 अप्रैल 2017 से प्रदेश के समस्त नगरीय निकायों में ऑनलाईन सम्पत्तिकर/जलकर सहित अन्य शुल्क जमा करने की व्यवस्था लागू की गई। (ख) प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उक्त व्यवस्था वर्तमान में संचालित है।
चुंगी क्षतिपूर्ति की राशि का भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
31. ( क्र. 899 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2023 से जून 2024 तक नर्मदापुरम जिले की किन-किन नगरपालिकाओं को कब-कब चुंगी क्षतिपूर्ति की राशि का भुगतान कब-कब किया गया? माहवार जानकारी दें। (ख) क्या चुंगी क्षतिपूर्ति की राशि से संचालनालय, नगरीय प्रशासन द्वारा विद्युत बिलों की राशि की कटौती कर दी जाती है? यदि हाँ, तो किस आधार से। (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित नगरपालिकाओं को भुगतान की गयी राशि विद्युत बिल की राशि कटौती उपरांत की गयी थी। (घ) क्या संचालनालय द्वारा चुंगी क्षतिपूर्ति से सीधे कटौती कर विद्युत बिल जमा करने की जानकारी स्थानीय विद्युत प्रशासन को न होने के कारण प्रश्नांश (क) अवधि में अनेक नगरीय निकायों की विद्युत कनेक्शन काट दिया गया या काटने की धमकी लिखित में दी गयी। यदि हाँ, तो इस संबंध में प्रशासन क्या कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) हाँ। संचालनालय स्तर पर प्रत्येक माह चुंगी क्षतिपूर्ति की राशि के आहरण की स्वीकृति हेतु प्रस्ताव वित्त विभाग को प्रेषित किया जाता है। वित्त विभाग द्वारा म.प्र. विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा प्रस्तुत नगरीय निकायों की लंबित विद्युत देयताओं की कटौती किये जाने की शर्त पर स्वीकृति प्रदान की जाती है, जिसके आधार पर कटौती की जाती है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) संचालनालय द्वारा चुंगी क्षतिपूर्ति से विद्युत बिल की राशि कटौत्रा किये जाने के उपरांत तीनों विद्युत वितरण कम्पनी के प्रबंध संचालक को राशि समायोजन हेतु पत्र प्रेषित किया जाता है, जिसकी सूचना नगरीय निकायों को भी दी जाती है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मिनी स्मार्ट सिटी
[नगरीय विकास एवं आवास]
32. ( क्र. 936 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ अंतर्गत नगर पंचायत अमरकंटक नगर को मिनी स्मार्ट सिटी का दर्जा दिया गया है तो इस हेतु कब-कब, कितनी-कितनी राशि, किन-किन कार्यों हेतु आवंटित की गई है और कितनी राशि जारी किया जाना शेष है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार आवंटित राशि में से किन-किन कार्यों को पूर्ण किया जा चुका है तथा कौन-कौन से कार्य पूर्ण होना शेष हैं? निर्माण कार्यवार व्यय राशि एवं शेष राशि की जानकारी देवें? (ग) मिनी स्मार्ट सिटी निर्माण एजेंसी की/ठेकेदारों के नाम पता उपलब्ध कराते हुए निर्माण कार्य में विलंब के कारण को बताते हुए निर्माण एजेंसी पर की गई कार्यवाही की छायाप्रति उपलब्ध कराएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। पत्र क्रमांक 12129 दिनांक 26.10.2021 द्वारा कुल राशि रू.2430.06 लाख स्वीकृत तथा कार्यवार आवंटित राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। नगर परिषद द्वारा व्यय की जा रही राशि के अनुपात में शेष राशि जारी की जा रही है। (ख) आवंटित राशि में से एम.पी.यू.डी.सी. एवं अमरकंटक विकास प्राधिकरण द्वारा पूर्ण हुये कार्यों की कार्यवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है एवं नगर परिषद अमरकंटक द्वारा पूर्ण एवं प्रगतिरत कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। (ग) निर्माण एजेंसी के नाम एवं पता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' एवं पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स'अनुसार है। निर्माण एजेंसी/ ठेकेदार द्वारा विलंब के संबंध में क्रियान्वयन एजेंसी एम.पी. यू.डी.सी. द्वारा विलंब का विश्लेशण किया गया है, जिसमें ठेकेदार के पक्ष में विलंब न होने के कारण कोई कार्यवाही नहीं की गयी है। कार्यवाही विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है।
सड़क निर्माण की जानकारी
[लोक निर्माण]
33. ( क्र. 937 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ के कई ग्रामों से मुख्य मार्ग तक आने-जाने हेतु सड़कों का अभाव होने के कारण आम जनता बरसात के समय विशेष रूप से परेशान होती रहती है? सेमरवार से गोधन पाटन, कोहका मुख्य मार्ग से गर्जन वीजा, पडमानिया मुख्य मार्ग से खरसोल, मुख्य मार्ग बगदरा से खाल्हेधवई, कुम्हनी मुख्य मार्ग से खासरमाटी, मुख्य मार्ग से बाहरी झोरी (दुमुहानि)। (ख) यदि हाँ, तो उक्त सड़क निर्माण, पुलों के निर्माण हो जाने से 30 से 40 हजार ग्रामीणजनों को सुविधा प्राप्त होगी, क्या विभाग द्वारा डी.पी.आर. तैयार कराए जाने के आदेश जारी किए जाएंगे? कब तक डामरीकृत मार्ग निर्माण किया जाएगा? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार कुछ ग्रामों में बरसात के समय में मुख्य मार्ग तक पहुँच पाना मुश्किल हो जाता है बीमार व्यक्तियों को इलाज के लिए उप स्वास्थ्य केंद्रों तक लाने में मुसीबत होती है कई जाने भी गई है। पक्की सड़क निर्माण का कार्य हो जाने से कई जान बचाई जा सकती हैं शासन इस पर कब तक निर्माण संबंधी कार्यवाही करेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) प्रश्नांकित मार्ग लो.नि.वि. के आधिपत्य में नहीं है। महाप्रबंधक म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण परियोजना क्रियान्वयन ईकाई अनूपपुर से प्राप्त उत्तर संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार।
भोपाल नगर निगम द्वारा भदभदा स्थित झुग्गियों का विस्थापन
[नगरीय विकास एवं आवास]
34. ( क्र. 945 ) श्री आरिफ मसूद : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या एन.जी.टी. द्वारा नगर निगम भोपाल को भदभदा स्थित झुग्गियों को हटाने/ विस्थापन करने का आदेश दिया गया था यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या नगर निगम द्वारा एन.जी.टी. के आदेश के परिपालन में सभी झुग्गियों को विस्थापित कर दिया गया है यदि हाँ, तो निगम द्वारा विस्थापित की गई झुग्गियों की जो नामज़द सूची सर्वे के आधार पर एन.जी.टी. में जमा कराई गई है उसकी प्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में निगम द्वारा हटाई गई झुग्गियों के स्वामी/मालिकों को किस स्थान पर विस्थापन हेतु जमीन आवंटित की गई है? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या निगम प्रशासन ने एन.जी.टी. के आदेश के परिपालन में 227 के स्थान पर 400 झुग्गियों को बलपूर्वक हटा दिया गया है? यदि हाँ, तो क्या विभाग संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। माननीय एन.जी.टी. द्वारा भदभदा स्थित अवैध निर्माण/अतिक्रमणों को हटाये जाने का आदेश दिनांक 06/12/2023 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। माननीय एन.जी.टी. के आदेशानुसार जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन एवं नगर निगम भोपाल की संयुक्त कार्यवाही द्वारा भदभदा स्थित अवैध निर्माणों/अतिकमणों को हटाया गया संबंधितों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) संबंधित विस्थापितों को उनकी सहमति अनुसार प्रधानमंत्री आवास योजना में ई.डब्लू.एस. (स्लम) आवास लेने का विकल्प दिया गया है। संबंधित हितग्राहियों के आवेदन/सहमति अनुसार नियमानुसार राशि जमा कराये जाने के उपरांत आवास उपलब्ध करने की प्रक्रिया प्रचलन में है। विस्थापितों को जमीन आवंटन नगर निगम भोपाल से संबंधित न होकर राजस्व विभाग से संबंधित है। (घ) माननीय एन.जी.टी. के आदेशानुसार परिपालन में जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन एवं नगर निगम द्वारा विस्थापितों की सहमति अनुसार जिला प्रशासन द्वारा एक लाख रूपये की सहायता राशि प्रदान कर हटाया गया है। इसके अतिरिक्त प्रधानमंत्री आवास योजना में भी विस्थापितों को सहमति अनुसार विकल्प प्रदान किया गया है। वर्ष 2021 में एच.एफ.ए. द्वारा स्थल निरीक्षक कर सर्वे का कार्य कराया गया था जिसमें उक्त स्थल पर 227 अवैध निर्माण/ अतिक्रमण चिन्हित किये गये थे परंतु विस्थापन के पूर्व किये गये सर्वे में कुल 395 अवैध निर्माण/ अतिक्रमण चिन्हित हुये इस आधार पर विस्थापन की कार्यवाही की गई है। अतः किसी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता है।
Employment skill and Training Program योजना में हुए भ्रष्टाचार की जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
35. ( क्र. 957 ) श्री जगन्नाथ सिंह रघुवंशी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोक नगर जिले के नगरीय निकाय में संचालित/या पूर्व में संचालित Employment skill and Training Program योजना में NUlM के सभी सी.एम.ओ., सी.टी. मिशन मैनेजर,योजना शाखा प्रभारी के नाम, nulm कार्यक्रम के संचालन के लिए जारी किए गए समस्त नीति, नियम, निर्देशों की प्रमाणित प्रति उपलब्ध करावे? (ख) दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन योजना के घटक, estp (Employment skill and training program) के अंतर्गत हुए एग्रीमेंट की कॉपी वर्ष 2021 से लेकर वर्ष 2023-24 तक की स्थिति में, योजना शाखा के वार्षिक nulm बजट की प्रमाणित प्रतिलिपि उपलब्ध करावे? (ग) योजना शाखा के pfms (Public Financial Management System) अकाउंट की डिटेल्स एवं अकाउंट स्टेटमेंट, कौशल विकास एवं प्रशिक्षण प्रोग्राम प्रदाता की कम्पनी की डिटेल्स, वर्ष 2021 से लेकर आज दिनांक तक प्रशिक्षण प्राप्त एवं प्रशिक्षण ले रहे विद्यार्थियों की सूची एवं उनके चयन की जानकारी प्रशिक्षण ले चुके विद्यार्थियों के रोजगार संबंधी जानकारी, कितने प्रशिक्षण प्राप्त विद्यार्थियों को रोजगार मिला? सी.एम.ओ., cmm और अन्य एजेंसियों के द्वारा किए गए निरीक्षण प्रतिवेदन देवें? (घ) प्रश्नकर्ता का पत्र क्रमांक 166 प्राप्ति दिनांक 23-02-2024 जो जिला परियोजना अधिकारी जिला शहरी विकास अभिकरण अशोकनगर को योजना की समीक्षा हेतु लिखा गया था उसकी प्रति देवें एवं प्रश्नकर्ता को आवश्यक दस्तावेज समीक्षा हेतु उपलब्ध नहीं कराए जाने पर संबंधित अधिकारी के विरुद्ध विभाग के द्वारा क्या कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जिला अशोकनगर के नगरीय निकायों में डे-एन.यू.एल.एम. योजना के समस्त मुख्य नगर पालिका अधिकारी, सिटी मिशन मैनेजर एवं योजना प्रभारी के नाम, योजना संचालन के लिए जारी समस्त नीति, नियम, निर्देशों की प्रमाणित प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'क' अनुसार है। (ख) डे-एन.यू.एल.एम. योजना के घटक EST&P के अंतर्गत वर्ष 2021 ई.एस.टी. एण्ड पी. के अंतर्गत हुए ऐग्रीमेंट की कॉपी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ख(1)' एवं वार्षिक एन.यू.एल.एम. बजट विवरण की प्रमाणित प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ख(2) ' अनुसार है। (ग) पीफएमएस अकाउंट का विवरण एवं अकाउंट स्टेटमेंट, पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ग' अनुसार है। कौशल विकास एवं प्रशिक्षण प्रदाता कंपनियों का विवरण एवं प्रशिक्षण प्राप्त हितग्राहियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'घ' अनुसार है। प्रशिक्षणरत हितग्राहियों की संख्या निरंक है। कौशल प्रशिक्षण एवं नियोजन अंतर्गत प्रशिक्षण प्राप्त करने हेतु हितग्राही द्वारा भारत सरकार के डे-एन.यू.एल.एम. पोर्टल पर स्व आवेदन किया जाता है। पोर्टल पर प्राप्त आवेदन का परीक्षण कर नगरीय निकाय शहरी गरीब हितग्राही का चयन करता है। प्रशिक्षण प्राप्त 1013 विद्यार्थियों को रोजगार प्रदान किया गया है। सी.एम.ओ., सी.एम.एम. एवं एजेंसी द्वारा किये गये निरीक्षण प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ड' अनुसार है। (घ) माननीय जगन्नाथ सिंह रघुवंशी विधायक महोदय का पत्र क्रमांक 166 दिनांक 23.02.2024 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'च' अनुसार है। आदर्श आचार संहिता लागू होने से माननीय महोदय को जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जा सकी थी। माननीय महोदय के संदर्भित पत्र के क्रम में शहरी विकास अभिकरण अशोकनगर के पत्र क्रमांक 228 दिनांक 25.06.2024 द्वारा जिले के समस्त निकायों की जानकारी संकलित कर माननीय को प्रेषित कर दी गई है।
पथ विक्रेताओं को मिलने वाली सुविधाएं
[नगरीय विकास एवं आवास]
36. ( क्र. 961 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पथ विक्रेताओं के लिए सरकार ने क्या सुविधाएं प्रदाय की है? (ख) छतरपुर जिले में कितने पथ विक्रेताओं को पहचान पत्र दिए गए। (ग) बिजावर विधानसभा अंतर्गत पहचान पत्रधारियों के नाम पता सहित जानकारी दें। (घ) जिले के सभी पथ विक्रताओं को कब तक पहचान पत्र और अन्य सुविधाएं मिल सकेगी।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) पथ विक्रेताओं के कल्याण के लिए सरकार द्वारा शहरी पथ विक्रेताओं का सर्वे कर उनको पहचान पत्र एवं विक्रय प्रमाण पत्र जारी किये जाते हैं। पी.एम. स्वनिधि योजनांतर्गत प्रथम कार्यशील पूंजी ऋण राशि रू. 10000/- का ऋण निर्धारित समयावधि में चुक्ता करने पर द्वितीय कार्यशील पूंजी ऋण राशि रू. 20000/- का ऋण निर्धारित समयावधि में चुक्ता करने पर तृतीय कार्यशील पूंजी ऋण राशि रू. 50000/- का ब्याज मुक्त ऋण प्रदान किया जाता है एवं राशन/खाद्यान पात्रता पर्ची भी प्रदाय की जाती है। (ख) छतरपुर जिले की 15 नगरीय निकायों में 24498 पथ विक्रेताओं को पहचान पत्र दिये जा चुके हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) बिजावर विधान सभा अंतर्गत पहचान पत्रधारियों के नाम एवं पता सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) छतरपुर जिले की 15 नगरीय निकायों द्वारा पथ विक्रेताओं को योजना अंतर्गत व शासन की गाईडलाईन अनुसार पात्र हितग्राही को लाभान्वित किया जा रहा है।
ब्लैक स्पॉट रहित सड़क मार्ग बनाना
[लोक निर्माण]
37. ( क्र. 962 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 5 वर्षों में प्रदेश के राष्ट्रीय राजमार्ग, स्टेट हाईवे, जिला मार्गों में कितने ब्लैक स्पॉट चिन्हित किये गए है? (ख) इन स्थानों पर विगत 05 वर्षों में कितनी दुर्घटना घटित हुई, इनमें से कितनों की मौत हुई? (ग) इन स्थानों के सुधार के लिए किए गए प्रयासों का ब्यौरा क्या है? सुधार के बाद दुर्घटनाओं ओर मौतों के आंकड़े क्या है? (घ) प्रदेश के सभी मार्ग ब्लैक स्पॉट शून्य हो ऐसा कब तक हो सकेगा, इसके लिए कितना समय लगेगा? (ड.) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के अनुक्रम में छतरपुर जिले के संबंध में विस्तृत विवरण प्रदाय करें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) विगत पांच वर्षों में प्रदेश के राष्ट्रीय राजमार्ग में 79 एवं जिला मार्गों में 61 ब्लैक स्पॉट चिन्हित किये गये है एवं म.प्र. सड़क विकास निगम अंतर्गत मार्गों पर कुल ब्लैक स्पॉट 271 चिन्हित किये गये है। (ख) राष्ट्रीय राजमार्ग पर दुर्घटना एवं मृत्यु का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है तथा जिला मार्गों पर दुर्घटना एवं मृत्यु का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है एवं म.प्र. सड़क विकास निगम अंतर्गत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'ब' अनुसार है। म.प्र. सड़क विकास निगम अंतर्गत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। सुधार उपरांत दुर्घटना एवं मौतों के आंकड़े विभागीय अभिलेखों में संधारित नहीं किये जाते है। (घ) माननीय सुप्रीम कोर्ट कमेटी ऑन रोड सेफ्टी द्वारा वर्ष 2030 तक प्रदेश में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं की संख्या को 50 प्रतिशत तक कम करने का लक्ष्य रखा गया है जिसकी पूर्ति हेतु प्रयास किये जा रहे है। (ड.) विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है।
शामगढ़ एवं सीतामऊ बायपास रोड की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
38. ( क्र. 965 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर जिले के सबसे बड़े नगर शामगढ़ एवं सीतामऊ हेतु बायपास के लिए बनाई गई योजना की जानकारी देवें। (ख) यदि योजना नहीं बनाई गई है तो इसका कारण क्या है? (ग) उपरोक्त सीतामऊ एवं शामगढ़ नगर हेतु बायपास रोड योजना को इस बजट में स्वीकृति प्रदान की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) मंदसौर जिले के शामगढ़ एवं सीतामऊ में बायपास के निर्माण करने की वर्तमान में कोई योजना नहीं है। अतः शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार।
अनुदान ट्रांसफर योजना की जानकारी
[ऊर्जा]
39. ( क्र.
966 ) श्री
हरदीप सिंह
डंग : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि
(क) विभाग
द्वारा
अनुदान
ट्रांसफर
योजना कौन से वर्ष
तक संचालित की
गई थी? (ख) वर्तमान
में क्या
किसानों
द्वारा अनुदान
वाले
ट्रांसफर की
मांग कि जा
रही है? (ग) प्रश्नांश
(ख) यदि हाँ, तो
संचालन-संधारण
वृत्त
मंदसौर
अंतर्गत
कितने
आवेदकों
द्वारा 5 हजार
रूपये की राशि
जमा कर आवेदन
किए सुवासरा
विधानसभा
सहित मंदसौर
जिले के
किसानों की सूची
उपलब्ध
करावें? (घ) उपरोक्त
योजना को कब
तक पुनः
प्रारम्भ कर
स्वीकृति
प्रदान कर
किसानों को
लाभ प्राप्त
होगा?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) : (क) विद्युत
वितरण
कंपनियों के
क्षेत्रांतर्गत
कृषकों को स्थायी
कृषि पंप
कनेक्शन
प्रदाय करने
हेतु राज्य
शासन की
अनुदान
आधारित ''मुख्यमंत्री
स्थायी कृषि
पंप कनेक्शन
योजना'' (पूर्ववर्ती
कृषक अनुदान
योजना को
समाहित करते
हुए) दिनांक 31.03.2019 तक
संचालित थी। (ख) जी
हाँ। (ग) म.प्र.पश्चिम
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कम्पनी
लिमिटेड, इंदौर
के संचालन-संधारण
वृत्त मंदसौर
अंतर्गत
वर्तमान में
पूर्ववर्ती ''मुख्यमंत्री
स्थाई कृषि
पम्प कनेक्शन
योजना'' के तहत ऐसा
कोई भी आवेदक
नहीं है जिसकी
राशि जमा होने
पर योजनान्तर्गत
लाभ नहीं दिया
गया है। (घ) प्रदेश
में कृषकों को
सिंचाई हेतु
कृषि पंप विद्युत
कनेक्शन
प्रदाय किये
जाने हेतु
वर्तमान में
अनुदान
आधारित ''मुख्यमंत्री
कृषक मित्र
योजना'', ''प्रधानमंत्री
कृषक मित्र
सूर्य योजना'' एवं ''कुसुम-बी
योजना'' संचालित
है। उक्त
संचालित
योजनाओं के
प्रावधानों
के अनुसार अंश
राशि कृषकों
से ली जाती
है। साथ ही
वर्तमान में
कृषकों को स्थायी
सिंचाई पंप
कनेक्शन
दिये जाने
हेतु ''स्वयं का
ट्रांसफार्मर
(ओ.वाय.टी.)'' योजना
लागू है, जिसके
अंतर्गत कृषक
अपने व्यय से, निर्धारित
मापदंड के
अनुसार वितरण
ट्रांसफार्मर
स्थापित कर
सकते हैं। उक्त
के
परिप्रेक्ष्य
में उत्तरांश
(क) में उल्लेखित
योजना को पुन:
प्रारंभ किये
जाने संबंधी
कोई प्रस्ताव
वर्तमान में
विचाराधीन
नहीं है।
शासन से प्राप्त राशि एवं शिकायतों पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
40. ( क्र. 975 ) श्री मधु भाऊ भगत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट नगर पालिका में विगत 3 वर्षों से किस-किस मद में, कितनी-कितनी राशि किस-किस दिनांक को किस कार्य हेतु शासन से आवंटित हुई? प्रशासकीय स्वीकृति सहित निविदा के विज्ञापन तथा निविदाकार को प्रदाय किए गए कार्यादेश की प्रति बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण हुए हैं? कितने कार्य अपूर्ण है? कितने कार्य प्रगतिरत है? क्या अपूर्ण कार्य के एवज में अधिक भुगतान कर दिया गया है? यदि हाँ, तो जिम्मेदार अधिकारी/ कर्मचारी पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) उक्त समस्त कार्यों हेतु किस मद से कितनी-कितनी राशि किस कार्य एजेंसी/निविदाकार अन्य को किस माध्यम से बैंक ड्राफ्ट/चेक/आर.टी.जी.एस./नगद भुगतान किया गया? बिल बाउचर की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) विगत 6 माह में नगर पालिका परिषद बालाघाट को अवैध अतिक्रमण होने की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? उन पर क्या-क्या कार्यवाही विभाग द्वारा की गई? समस्त प्रकार की शिकायत पत्र एवं निराकरण के दस्तावेज उपलब्ध करावे? शासकीय कर्मचारी द्वारा दीनदयाल पुरम कॉलोनी में शिव मंदिर गार्डन में अवैध टीन शेड निर्माण पर की गई कार्यवाही की प्रक्रिया उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर पालिका बालाघाट को विगत 03 वर्षों में प्राप्त राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' एवं प्रशासकीय स्वीकृति, निविदा के विज्ञापन तथा जारी किये गये कार्यादेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ख) पूर्ण कार्य 03, 10 कार्य प्रगतिरत एवं 02 कार्य का कार्यादेश जारी। 01 कार्य वित्तीय स्वीकृति हेतु प्रक्रियाधीन है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। अपूर्ण कार्यों के एवज में निकाय द्वारा किसी भी प्रकार का अधिक भुगतान निविदाकार को नहीं किया गया है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (घ) नगर पालिका परिषद बालाघाट को विगत 6 माह में अवैध अतिक्रमण होने की 17 शिकायतें प्राप्त हुई जिसमें अतिक्रमणकर्ता को नोटिस जारी कर अतिक्रमण हटाये गये जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है। दीनदयाल पुरम कॉलोनी में शिव मंदिर गार्डन में अवैध टीन शेड निर्माण के संबंध में निकाय द्वारा संबंधित व्यक्ति को नोटिस दिया जाकर नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है।
नगर पालिका लोकसेवकों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
41. ( क्र. 976 ) श्री मधु भाऊ भगत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका बालाघाट के अंतर्गत कौन-कौन लोकसेवक कब से किस पद पर कार्यरत/पदस्थ है तथा वर्तमान में कौन से कार्य पर कर्तव्यस्थ है? नियमित एवं अनियमित लोक सेवकों की जानकारी कॉलमवार उपलब्ध करावे? (ख) वर्तमान में प्रमुख अधिकारी किस दिनांक से बालाघाट नगर पालिका में कार्यरत है बालाघाट में पदस्थ दिनांक से संबंधित अधिकारी को नगर पालिकावासियों से कितने प्रकार की शिकायतें प्राप्त हुई तथा उन शिकायतों का निराकरण किस आधार पर किया गया? दस्तावेज की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) क्या विभिन्न गार्डन/सड़क आदि में अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जा रही है? किंतु दीनदयाल पुरम कॉलोनी के गार्डन में टीन शेड निर्माण अवैध रूप से किए जाने पर एवं शिकायत किए जाने पर नगर पालिका अधिकारी द्वारा किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं की गई? क्या किसी शासकीय कर्मचारी द्वारा अवैध तीन निर्माण किया जाना उचित है? यदि नहीं, तो कार्यवाही शून्य क्यों? (घ) क्या कर्मचारियों से उनके समय अनुसार कार्य को छोड़कर अतिरिक्त समय पर भी कार्य कराया जा रहा है चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के विगत एक वर्ष के मानदेय के प्रपत्र उपलब्ध करावे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) वर्तमान में प्रमुख अधिकारी (मुख्य नगर पालिका अधिकारी) निकाय में दिनांक 01.05.2023 से अब तक कार्यरत है। नगर पालिका परिषद बालाघाट में प्रमुख अधिकारी के पदस्थी दिनांक से आज दिनांक तक शासन द्वारा संचालित पोर्टल 181 सी.एम. हेल्पलाईन में प्राप्त होने वाली शिकायतें जैसे- साफ-सफाई, विद्युत लाईटों की मरम्मत संबंधी शिकायतों एवं मौखिक शिकायतों का निराकरण किया जाता है। वर्तमान में कोई भी गंभीर शिकायतें निकाय को प्राप्त नहीं है। (ग) नगर पालिका परिषद बालाघाट द्वारा नगर पालिका सीमा क्षेत्रांतर्गत आने वाले सभी वार्डों में समय-समय पर अतिक्रमण संबंधी कार्यवाही अतिक्रमण दस्ते के द्वारा अतिक्रमण हटाये जाने की कार्यवाही की जाती है। दीनदयाल पुरम कॉलोनी के अतिक्रमण को स्वतः संज्ञान में लेते हुये शिव मंदिर गार्डन की जगह पर टीन शेट लगा कर जो अतिक्रमण किया गया है जिसे तत्काल नगर पालिका परिषद बालाघाट द्वारा हटा दिया गया है। (घ) जी नहीं। निकाय द्वारा कर्मचारी को उनके समय अनुसार कार्य कराया जा रहा है। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के विगत एक वर्ष के मानदेय की जानकारी पुस्तकाल में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है।
नगर परिषद धामनोद, धरमपुरी व मांडव की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
42. ( क्र.
978 ) श्री
कालु सिंह
ठाकुर : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
धार जिले की
धरमपुरी
विधानसभा में
नगर परिषद
धामनोद, धरमपुरी
व मांडव में 1
अप्रैल 2022 से
प्रश्न
दिनांक तक
निर्माण
कार्य
स्वीकृत है? (ख) प्रश्नांकित (क) अनुसार
यदि हाँ, तो
उक्त कार्यों
की प्रशासकीय
स्वीकृति की प्रमाणित
छायाप्रति
उपलब्ध
करावें? (ग) उक्त
निर्माण
कार्यों में
से कौन से
कार्य पूर्ण, अपूर्ण
व प्रगतिरत है? अपूर्ण
व प्रगतिरत
कार्य कब तक
पूर्ण कर लिए
जायेंगे? (घ) उक्त
निर्माण
कार्यों में उपयोग
की गई सामग्री
के बिल वाउचर
की प्रमाणित
प्रति उपलब्ध
करावे व
मूल्यांकन
पुस्तिका और
कार्य
पूर्णता
प्रमाण पत्र
की छायाप्रति उपलब्ध
करावे?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) जी
हाँ। (ख)
जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट 'अ' अनुसार
है।
(ग)
जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-'ब' अनुसार
है।
(घ) उक्त
निर्माण
कार्य निविदा
के माध्यम से
कराये गये है।
निर्माण
कार्य के लिए
कोई भी
सामग्री क्रय
नहीं की गई है
और संबंधित संविदाकार
को निर्माण
सामग्री के
लिए अग्रिम राशि
का भुगतान
नहीं किया गया
है। जिससे
सामग्री के
बिल व्हाउचर
की प्रमाणित
प्रति का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। उत्तरांश
के
परिप्रेक्ष्य
में शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
निराकृत तथा लंबित शिकायतों की जानकारी
[ऊर्जा]
43. ( क्र. 982 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं.लि. भोपाल के अंतर्गत संचालन-संधारण संभाग प्रथम शिवपुरी में वर्ष 2023-2024 से प्रश्न दिनांक तक सी.एम. हेल्पलाइन, जनसुनवाई, कम्पनी के शिकायत पोर्टल नम्बर 1912 पर कुल कितनी शिकायतें प्राप्त हुई है? उक्त शिकायतों में से कितनी शिकायतों का निराकरण हो गया है तथा कितनी शिकायतों का निराकरण क्यों एवं किसके द्वारा नहीं किया गया? लंबित शिकायतों का निराकरण कब तक कर दिया जाएगा? वितरण केन्द्रवार संख्यात्मक जानकारी दें। (ख) शिकायतों के निराकरण हेतु विद्युत वितरण कम्पनी के क्या नियम एवं आदेश है? नियम/ आदेश की प्रतिलिपि संलग्न कर जानकारी दें कि नियमानुसार निर्धारित अवधि में शिकायतों का निराकरण संबंधित अधिकारी द्वारा क्यों नहीं किया गया? (ग) संचालन-संधारण संभाग प्रथम शिवपुरी में विद्युत पोल/लाइन, वितरण ट्रांसफॉर्मर शिफ्ट किये जाने की वर्ष 2023-24 से प्रश्न दिनांक तक कितने आवेदन प्राप्त हुए? इनमें से कितने आवेदनों का निराकरण हो गया है तथा कितने आवेदन निराकरण हेतु शेष है इनका निराकरण कब तक कर दिया जाएगा? वितरण केन्द्रवार संख्यात्मक जानकारी दें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड, भोपाल के अंतर्गत संचालन-संधारण, संभाग प्रथम शिवपुरी में वर्ष 2023-24 से प्रश्न दिनांक तक सी.एम. हेल्पलाईन, जनसुनवाई एवं वितरण कम्पनी के शिकायत पोर्टल नम्बर 1912 पर कुल 92705 शिकायतें प्राप्त हुई है, जिनमें से 92452 शिकायतें निराकृत की जा चुकी है। निराकरण हेतु शेष 253 शिकायतों में से जन सुनवाई की 3 शिकायतों/आवेदनों में उल्लेखित विद्युत अधोसंरचना से संबंधित कार्य समय-सीमा की श्रेणी में नहीं आते हैं एवं इन पर नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है तथा शेष 250 शिकायतों का समय-सीमा में निराकरण कर दिया जायेगा। सी.एम. हेल्पलाईन, जनसुनवाई एवं वितरण कम्पनी के शिकायत पोर्टल नम्बर 1912 पर दर्ज शिकायतों की प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-अ'' अनुसार है। (ख) शिकायतों/आवेदनों के निराकरण हेतु म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी के द्वारा मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी ''मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग (वितरण अनुपालन मानदण्ड) (द्वितीय पुनरीक्षण) विनियम-2012 (क्रमांक आर.जी.-8 (II), वर्ष 2022)'' एवं तत्पश्चात समय-समय पर संशोधित विनियमों में निर्धारित समय-सीमा के अनुसार कार्यवाही की जाती है, जिनकी प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-ब'' अनुसार है। उत्तरांश (क) में उल्लेखानुसार निराकरण हेतु शेष 253 शिकायतों में से जन सुनवाई की 3 शिकायतों/आवेदनों में उल्लेखित कार्य समय-सीमा की श्रेणी में नहीं आते हैं एवं इन पर नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है तथा शेष 250 शिकायतों का समय-सीमा में निराकरण कर दिया जायेगा। (ग) संचालन-संधारण, संभाग प्रथम शिवपुरी में प्रश्नाधीन अवधि में विद्युत पोल/लाइन, वितरण ट्रांसफॉर्मर शिफ्ट किये जाने से संबंधित कुल 48 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिसमें से 44 आवेदनों का निराकरण हो गया है एवं 4 आवेदन निराकरण हेतु शेष हैं, जिनका प्रश्नाधीन चाहा गया विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के “प्रपत्र-स'' अनुसार है।
सड़क निर्माण हेतु दिये गये पत्रों पर कार्यवाही
[लोक निर्माण]
44. ( क्र. 1003 ) श्री वीरसिंह भूरिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता विधानसभा क्षेत्र थांदला-194 के अंतर्गत ग्राम बावडीपाल से ग्राम तोरनिया ढेभर रोड तक जोड़ने तक प्रश्नकर्ता द्वारा पूर्व में कई बार आवेदन/निवेदन किया जा चुका है? बार-बार पत्र देने के बाद भी इस जनहित के कार्य की ओर आज दिनांक तक कोई ध्यान नहीं दिया गया है? क्या यह सड़क का निर्माण होगा या नहीं? अगर होगा तो कब तक और नहीं तो क्यों उक्त संबंध में जानकारी देवें। (ख) विदित हो कि उक्त सड़क से शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्र/छात्रायें, हाट बाजार जाने वाले ग्रामीणजनों को काकनवानी और राजस्थान की और जाने के लिये एकमात्र रास्ता है? इसी रास्ते से कई गांव जुड़े भी हैं।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ, नवीन मार्ग की स्वीकृति हेतु नवीन योजना में सम्मिलित कराये जाने बावत् प्रयास किया जावेगा। (ख) जी हाँ, जी हाँ।
निर्माण कार्यों के प्राक्कलन पर तकनीकी स्वीकृति
[लोक निर्माण]
45. ( क्र.
1011 ) श्री
बिसाहूलाल
सिंह : क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) लोक
निर्माण
विभाग के
प्रचलित
एस.ओ.आर. पर विभाग
के किस स्तर
के
अधिकारी/कर्मचारी
को कितनी-कितनी
राशि तक
निर्माण
कार्यों के
प्राक्कलन
पर तकनीकी स्वीकृति
जारी करने के
अधिकार शासन
स्तर से
सौंपे गये है? यदि
हाँ, तो
शासनादेश की
प्रति उपलब्ध
करायें। (ख) क्या
लोक निर्माण
विभाग के
एस.ओ.आर. पर अन्य
निर्माण
विभाग के
तकनीकी अमले
को भी तकनीकी स्वीकृति
करने के
अधिकार शासन
स्तर से
सौंपे गये है? यदि
हाँ, तो
शासनादेश की
प्रति उपलब्ध
कराये और यदि
नहीं, तो क्यों? (ग) अन्य
निर्माण
विभाग के
तकनीकी अमले
द्वारा लोक निर्माण
विभाग के
एस.ओ.आर. पर
जारी तकनीकी
स्वीकृत
मान्य है? यदि
हाँ, तो
शासनादेश की
प्रति उपलब्ध
कराये और यदि
नहीं, तो ऐसे
अधिकारी
कर्मचारी के
उपर विभाग
द्वारा क्या
कार्यवाही की
जायेगी?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) : (क) जी
हाँ।
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। म.प्र.
शासन वित्त
विभाग
मंत्रालय
भोपाल के पत्र
क्र. 879/2008/नियम/चार/395 भोपाल
दिनांक 23.05.2008 द्वारा
जारी परिपत्र
की प्रति संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) जी
नहीं। अपितु
तकनीकी स्वीकृति
संबंधित
विभाग अपने
एस.ओ.आर. पर
जारी करता है। (ग) जी
नहीं। ऐसा कोई
प्रकरण नहीं है। अत:
शेष का प्रश्न
उपस्थित नहीं होता।
सम्पत्ति के नामांतरण संबंधी नियम
[नगरीय विकास एवं आवास]
46. ( क्र. 1025 ) श्री राजेन्द्र भारती : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सम्पत्ति नामांतरण करने के क्या नियम है? कृपया नियमावली संलग्न करें। क्या दतिया नगरपालिका सहित बड़ौनी, इंदरगढ़, भाण्डेर, सेंवढ़ा नगर पंचायत में कितने-कितने सम्पत्ति के नामांतरण लंबित है। कृपया वर्षवार अलग-अलग संख्या की जानकारी प्रदाय करते हुए लंबित होने के कारणों का उल्लेख करें। (ख) क्या नामांतरण हेतु आपत्ति आमंत्रण के लिए विज्ञप्ति जारी की जाती है? यदि हाँ, तो कितने प्रकरणों में आपत्ति की गई तथा कितने प्रकरणों का निराकरण निश्चित अवधि में किया गया? क्या अविवादित प्रकरण भी लंबित है? यदि हाँ, तो क्यों? कृपया कारण सहित बतायें कि नियमानुसार अभी तक नामांतरण क्यों नहीं किये गये तथा लंबित नामांतरण प्रकरण कब तक निराकृत कर दिये जायेंगे? (ग) क्या शासन भ्रष्टाचार एवं अनियमितताओं को रोकने के लिए नामांतरण प्रकरण निपटारे के लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में समिति बनायेगा? यदि नहीं, तो क्यों और हाँ तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) म.प्र. नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 150 एवं 151 के प्रावधानों के अंतर्गत बनाये गये नियम के अनुसार कार्यवाही की जाती है। धारा 150, 151 एवं नियमों की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) प्रकरण में प्रथम दृष्टया अनियमितता परिलक्षित नहीं होने से समिति गठन का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नगरीय निकायों में सफाई का अनुबंध
[नगरीय विकास एवं आवास]
47. ( क्र. 1066 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा एवं बैतूल जिले की किस-किस नगरीय निकाय में वर्तमान में किस-किस अनुबंधकर्ता द्वारा किस दिनांक को किए गए अनुबंध के अनुसार कितनी लागत में कितने कर्मचारियों को नियोजित कर शहर की साफ-सफाई का कार्य किया जा रहा है? उस नगरीय निकाय में कितने सफाईकर्मी स्थाई एवं अस्थाई तौर पर विभाग में कार्यरत है? (ख) अनुबंधकर्ता के द्वारा नियोजित कर्मियों को प्रतिमाह किस दर से कितनी राशि का भुगतान किया जा रहा है, भुगतान नगद किया जा रहा है या बैंक खाते के माध्यम से किया जा रहा है नियोजित कर्मचारियों को सप्ताह में किस दिन अवकाश दिया जा रहा है? (ग) अनुबंधकर्ता के द्वारा जिला श्रमिक कार्यालय से किस दिनांक को कितने कर्मियों का पंजीयन किस दिनांक को करवाया है? पंजीकृत कर्मियों का किस दर से ई.पी.एफ. अनुबंधकर्ता जमा करवा रहा है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) हरदा एवं बैतूल जिले में केवल नगर पालिका परिषद बैतूल द्वारा शहर की साफ-सफाई अनुबंधकर्ता से अनुबंध कराकर किया जा रहा है। संयुक्त संचालक, नर्मदापुरम संभाग से प्राप्त जानकारी का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है, शेष निकायों हेतु प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) नगर पालिका बैतूल द्वारा प्रतिमाह अनुमानित राशि 12.00 लाख रूपये बैंक के माध्यम से भुगतान किया जा रहा है, शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) नगर पालिका बैतूल में अनुबंधकर्ता के द्वारा 100 कर्मचारियों का पंजीयन जिला श्रमिक कार्यालय से दिनांक 28.12.2022 को कराया गया है, शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
रायल्टी चूकता प्रमाण पत्र के नियम-निर्देश
[नगरीय विकास एवं आवास]
48. ( क्र. 1069 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या हरदा एवं बैतूल जिले की नगरीय निकाय मध्यप्रदेश शासन खनिज साधन विभाग के आदेश क्रमांक 14-10/20/2018/12/1 दिनांक 15/3/2018 में दिए आदेशों एवं रायल्टी चूकता प्रमाण पत्र प्राप्त किए बिना ही गौण खनिज कार्यों से संबंधित निर्माण कार्यों के अंतिम बिलों का भुगतान कर रहे हैं? (ख) दिनांक 15/3/2018 के आदेश में रॉयल्टी चूकता प्रमाण पत्र बावत् क्या-क्या निर्देश दिए है उनका पालन किए जाने के संबंध में बैतूल एवं हरदा जिले की किस-किस नगर पालिका ने अप्रैल 2018 से प्रश्नांकित दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की है? (ग) उपरोक्त अवधि में किस नगर पालिका ने किस अनुबन्धकर्ता या ठेकेदार के अंतिम बिल का भुगतान रॉयल्टी चूकता प्रमाण पत्र प्राप्त कर किया है किस को बिना रॉयल्टी चूकता प्रमाण पत्र किए अंतिम बिल का भुगतान किया है? (घ) रायल्टी चूकता प्रमाण पत्र प्राप्त किए बिना भुगतान करने के लिए कौन अधिकारी जिम्मेदार है उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जा रही है कब तक की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं। (ख) मध्यप्रदेश शासन खनिज साधन विभाग के आदेश दिनांक 15/03/2018 के रायल्टी चूकता प्रमाण पत्र हेतु दिये गये निर्देश की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। बैतूल एवं हरदा जिले की नगर पालिका एवं नगर परिषदों द्वारा रायल्टी की राशि की कटौत्रा चलित देयकों से की गई है। निकायवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (घ) शासन निर्देश दिनांक 15/03/2018 के कंडिका 04 (2) के तहत रायल्टी चूकता प्रमाण पत्र ठेकेदार द्वारा आनलाईन/स्वयं प्राप्त किया जा रहा है। अत: इस उद्देश्य की पूर्ति के लिये निर्माण विभाग प्रत्येक रनिंग बिल के साथ रॉयल्टी चूकता प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकते है या तकनीकी स्वीकृति में निर्धारित मात्रा को ध्यान में रखते हुये प्रत्येक बिल से एक निश्चित राशि काट कर रख सकते है और अंतिम बिल भुगतान के पूर्व रायल्टी का समायोजन कर सकते है। निकायों द्वारा ठेकेदारों के अंतिम देयकों का भुगतान किया जाना शेष है। निकायों द्वारा चलित देयकों से रॉयल्टी की राशि काटी गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सी.एम. इन्फ्राफेज - 2 योजना की जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
49. ( क्र. 1075 ) श्री वीरेन्द्र सिंह लोधी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बण्डा नगरपरिषद की सी.एम. इन्फ्राफेज-2 योजना में जांच हेतु विगत 5-वर्षों में अब तक संचालनालय एवं कलेक्टर-सागर के स्तर पर 6-कमेटियों का गठन हो चुका है? (ख) क्या माप-पुस्तिका पर सड़कों व नाली निर्माण-कार्य के माप दर्ज किये बगैर उनकी कई-बार सेम्पलिंग एवं जांचें की गईं? (ग) क्या इस तरह जांच करना एवं 5 सालों से 100-प्रतिशत भुगतान रोकना नियम संगत हैं? (घ) क्या एसक्यूसी सहित जांच-कमेटियों द्वारा किये गये कॉंक्रीट-गुणवत्ता परीक्षणों की सभी परीक्षण-रिपोर्ट में परिणामों का औसत, मानकों के अनुसार है? (ड.) प्रश्नांश (घ) में वर्णित परीक्षण-रिपोर्टों में किसी का परिणाम अमानक माना गया हो, तो उसका आधार क्या है? (च) क्या सी.एम. इन्फ्राफेज-2 अंतर्गत निर्माण कार्य के गुणवत्ता-परीक्षण एवं मापदर्ज करने हेतु एसक्यूसी नियुक्त थी? (छ) क्या एसक्यूसी द्वारा सड़क-निर्माण के दौरान किये गये सभी परीक्षणों में कार्य मानक था? (ण) क्या सी.एम.ओ. द्वारा अप्रैल-2019 में कोर-परीक्षण करवाने के बाद, एसक्यूसी द्वारा शिकायतें की गईं? (ज) क्या ऐसी शिकायतों का अथवा उनके संविदाकार को भेजने/ ईमेल करने का उल्लेख नोटशीट पर है? (झ) क्या जांच का आधार माने गये एसक्यूसी के शिकायती पत्रों में सी.एम.इन्फ्रा-2 की जगह सी.एम.-पेयजल योजना के पत्र थे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) गुणवत्ता की शिकायत प्राप्त होने पर जांच करायी जाती है। गुणवत्ताविहीन कार्य का भुगतान रोकना नियम संगत है। 100 प्रतिशत भुगतान न रोकते हुये ठेकेदार के 02 चल देयकों की कुल राशि रू. 739096/- का भुगतान किया गया है। जांच निष्कर्ष अनुसार निकाय द्वारा तैयार किये गए तृतीय चल देयक रू. 1539309/- से ठेकेदार की असहमति होने से भुगतान लंबित है। (घ) जी नहीं। (ड.) जी हाँ। वार्ड क्र. 04, 05 एवं 06 में सीमेंट कॉंक्रीट रोड में पी.क्यू.सी. की मोटाई एवं कांप्रेसिव स्ट्रेन्थ निर्धारित मापदण्ड से कम पाई गई। (च) जी हाँ। (छ) जी नहीं। (ण) जी हाँ। (ज) एवं (झ) जी नहीं।
सार्वजनिक स्थानों पर लगाये गये खंबों की शिफ्टिंग
[ऊर्जा]
50. ( क्र. 1076 ) श्री वीरेन्द्र सिंह लोधी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगरीय-निकाय के सार्वजनिक क्षेत्रों अथवा अन्य सार्वजनिक परिसर में खंबे या ट्रान्सफार्मर लगाने के पूर्व ऊर्जा-विभाग को उनसे अनापत्ति/स्वीकृति प्राप्त करने का कोई प्रावधान नहीं है? (ख) अगर अनापत्ति/स्वीकृति लेने का प्रावधान है तो क्या ऐसी एन.ओ.सी. ऊर्जा-विभाग द्वारा प्राप्त की जाती है? (ग) क्या नगरीय-निकाय के सार्वजनिक क्षेत्रों अथवा अन्य सार्वजनिक परिसर में अनापत्ति/स्वीकृति प्राप्त किये बगैर लगाये गये ट्रान्सफार्मर या खंबों से न्यूसेन्स होने पर उसे विभागीय मेन्टेनेंस कार्य के अंतर्गत ऊर्जा-विभाग द्वारा स्वयं के व्यय पर हटाया जाना चाहिये? (घ) क्या 11 केबी या 33 केबी लाइन से न्यूसेन्स होने पर अथवा आवादी को खतरा होने पर उसे ऊर्जा-विभाग द्वारा स्वयं के व्यय पर शिफ्ट करना ऊर्जा-विभाग के दायित्व के अधीन नहीं है? (ड.) क्या 11 केबी या 33 केबी लाइन से न्यूसेन्स होने पर अथवा आबादी को खतरा होने पर उसका ऊर्जा-विभाग द्वारा स्वयं के व्यय पर केबलीकरण करना ऊर्जा-विभाग के किसी दायित्व के अधीन नहीं है? (च) क्या किसी खंबे या ट्रान्सफार्मर के सार्वजनिक-रास्ते में बाधा बनने से ऊर्जा-विभाग द्वारा उसे स्वयं के व्यय पर हटाये जाने का कोई प्रावधान है? (छ) बंडा विधानसभा क्षेत्र में ऐसे कितने विद्यालय है जिनके परिसर में सार्वजनिक उपयोग के ट्रांफार्मर रखे गये हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) एवं (ख) प्रदेश की विद्य़ुत कंपनियों द्वारा विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 164 में प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए खंबे/ट्रांसफार्मर स्थापित करने सहित विद्युत लाईन के विस्तार का कार्य किया जाता है। उक्त कार्य निष्पादन हेतु समस्त आवश्यक कार्यवाही वि़द्युत कम्पनी द्वारा की जाती है। (ग) एवं (घ) विद्युत अधोसंरचना यथा- पोल, वितरण ट्रांसफार्मर, निम्नदाब लाईन, 11 के.व्ही./33 के.व्ही. लाईनों की स्थापना करते समय निर्धारित सुरक्षा मानकों का पूर्ण रूप से ध्यान रखा जाता है। पूर्व से विद्यमान 11 के.व्ही./निम्नदाब विद्युत लाईनों के नीचे/निकट कालांतर में अनाधिकृत तौर पर घरों/भवनों का निर्माण/विस्तार किया जाना, केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण, विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा अधिसूचित केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण (सुरक्षा तथा विद्युत आपूर्ति संबंधी उपाय) विनियम -2010 एवं तत्पश्चात संशोधित किये गए विनियम के अन्तर्गत निहित प्रावधानों का उल्लंघन है। उल्लेखनीय है कि विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 177 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण, विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा विद्युत आपूर्ति और सुरक्षा से संबंधित उपाय के लिये विनियम दिनांक 20.09.2010 को अधिसूचित एवं तत्पश्चात संशोधित किये गये है, जिनके अनुसार विद्युत लाईनों के नीचे एवं लाईनों से असुरक्षित दूरी पर निर्माण करना अवैधानिक है। उक्तानुसार अवैधानिक निर्माण के लिये संबंधितों को समय-समय पर विद्युत लाईनों से सुरक्षित दूरी रखने हेतु सूचित किया जाता है। केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण के उक्त विनियमों के अनुसार विद्युत लाईनों के समीप निर्माण के पूर्व निर्माणकर्ताओं को इसकी जानकारी विद्युत आपूर्तिकर्ता को देना आवश्यक है। लाईन में फेरबदल की आवश्यकता होने तथा तकनीकी रूप से विस्थापन साध्य पाए जाने एवं मार्ग के अधिकार (आर.ओ.डब्ल्यू.) की आवश्यकता पूरी होने की स्थिति में फेरबदल की आपूर्तिकर्ता द्वारा आंकी गई लागत की राशि आवेदक/अन्य संबंधित संस्थाओं (सड़क निर्माण/विस्तारीकरण से संबंधित संस्थाएं तथा नगरीय निकाय) द्वारा जमा करने पर अथवा आवेदक द्वारा लाईन विस्थापित करने हेतु स्वीकृत प्राक्कलन की 5 प्रतिशत राशि सुपरविजन चार्ज के रूप में वितरण कम्पनी में जमा करते हुए स्वयं 'अ' श्रेणी के ठेकेदार से, इन विद्युत लाईनों के विस्थापन हेतु कार्यवाही की जा सकती है। उपरोक्तानुसार औपचारिकताएं पूर्ण करने पर विद्युत लाईन के विस्थापन की कार्यवाही की जा सकती है। विद्युत लाईनों के विस्थापन हेतु भारत सरकार द्वारा अधिसूचित विनियमों के अनुरूप वितरण कंपनियों द्वारा कार्यवाही की जाती है। उक्त वैधानिक प्रावधानों के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नाधीन उल्लेखित विद्युत अधोसंरचना के विस्थापन का कार्य विभाग द्वारा स्वयं के व्यय पर किये जाने का कोई प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं हैं। (ड.) 11 के.व्ही. एवं 33 के.व्ही. लाईनों के तारों को बदल कर केबलीकरण करने का कोई प्रावधान नहीं है। तथापि आबादी क्षेत्रों में विद्यमान 11 के.व्ही. एवं 33 के.व्ही. लाईनों के केबलीकरण का कार्य संबंधित नगरपालिका/नगर निगम एवं अन्य विकास कार्यों वाले विभागों से वित्तीय उपलब्धता अनुसार तकनीकी रूप से साध्य पाये जाने पर जमा योजना में कराया जा सकता है। (च) जी नहीं। प्रश्नाधीन क्षेत्रांतर्गत सभी स्थानों पर समस्त उच्चदाब/निम्नदाब लाईनों (संबंधित पोल एवं तार) एवं अन्य सभी विद्युत अद्योसंरचना को स्थापित किये जाने का कार्य निर्धारित मानकों के अनुसार ही किया जाता है किन्तु सड़क निर्माण एजेंसी द्वारा सड़क चौड़ी किए जाने के कारण कतिपय स्थानों पर विद्युत पोल अपनी पूर्व निर्धारित स्थिति के कारण सड़क पर आ जाते हैं। सड़क चौड़ीकरण/विस्तारीकरण से संबंधित निर्माण एजेंसियों के आवेदन अनुसार विद्युत लाईन शिफ्ट करने का कार्य जमा योजना अंतर्गत किया जा सकता है। उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नाधीन उल्लेखित विद्युत अधोसंरचना के विस्थापन का कार्य विभाग द्वारा स्वयं के व्यय पर किये जाने का कोई प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं हैं। (छ) बण्डा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 7 विद्यालयों के परिसर में सार्वजनिक उपयोग के ट्रांसफार्मर स्थापित हैं।
सड़क, ब्रिज, ओवर ब्रिज आदि के निर्माण की जानकारी
[लोक निर्माण]
51. ( क्र. 1077 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शिवपुरी अंतर्गत विगत 03 वर्षों से प्रश्न दिनांक तक मध्यप्रदेश सड़क विकास प्राधिकरण, लोक निर्माण विभाग, सेतु निगम एवं पी.आई.यू. द्वारा कौन-कौन सी सड़कें/भवन/पुल/ पुलिया/ओवर ब्रिज निर्माण हुए है? कार्य हेतु कितनी राशि स्वीकृत की गई? निर्माण कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति की छायाप्रति उपलब्ध करावें एवं मरम्मत एवं रिन्युवल के कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत किये गये एवं कितना-कितना भुगतान किस-किस एजेंसी को किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में स्वीकृत कार्यों में से कौन-कौन से कार्य पूर्ण हो गए? कौन-कौन से कार्य अपूर्ण है कौन-कौन से कार्य प्रारंभ नहीं हुए है? उपरोक्त निर्माण कार्यों का निरीक्षण किन-किन अधिकारियों द्वारा कब-कब किया गया? निरीक्षण प्रतिवेदन का विवरण उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार ऐसे कौन-कौन से निर्माण कार्य हैं जो अनुबंध अवधि निकलने के उपरांत भी पूर्ण नहीं हुए, कार्यवार विवरण एवं ठेकेदार/एजेंसी की संपूर्ण जानकारी देवें कि इनके विरूद्ध ब्लैक लिस्ट करने की कार्यवाही कब की गई, यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों एवं कब तक की जाएगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। प्रशासकीय स्वीकृतियों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -1, 2 एवं 3 अनुसार है। (ख) विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'अ-1', 'अ-2', 'ब' एवं 'ब-1' अनुसार है। निरीक्षण प्रतिवेदन की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4, 5 एवं 6 अनुसार है। (ग) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ के खण्ड 13 एवं प्रपत्र-स अनुसार है। भूमि आवंटन चिन्हांकन एवं राशि आवंटन के अभाव में 02 निर्माण कार्य विलंब से क्रमशः जुलाई 2024 में पूर्ण हो रहे है। ठेकेदार/एजेंसी दोषी नहीं होने के कारण ठेकेदार/एजेंसी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
आर.आर.आर.डी.एस. योजना के तहत स्वीकृत कार्य
[ऊर्जा]
52. ( क्र. 1084 ) श्री कालु सिंह ठाकुर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले की धरमपुरी विधानसभा में आर.आर.आर.डी.एस. योजना के तहत कार्य स्वीकृत हुए है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाले विद्युत वितरण केन्द्र विकासखण्ड धरमपुरी व नालछा में कौन-कौन से कार्य स्वीकृत हुए है? वितरण केन्द्रवार कार्यवार सूची उपलब्ध करावें। (ग) इन कार्यों में से कौन-कौन से कार्य पूर्ण, अपूर्ण व प्रगतिरत है? सूची उपलब्ध करावें व अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण कर लिए जायेंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। (ख) धरमपुरी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत धरमपुरी एवं नालछा विद्युत वितरण केन्द्रों में आर.डी.एस.एस. योजनांतर्गत क्रमश: 48 एवं 40 कार्य स्वीकृत हुए हैं, जिनकी प्रश्नाधीन चाही गयी वितरण केन्द्रवार एवं कार्यवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) में उल्लेखित कार्यों में से विद्युत वितरण केन्द्रों धरमपुरी एवं नालछा अंतर्गत क्रमश: 15 एवं 6 कार्य पूर्ण हो चुके हैं तथा क्रमश: 33 एवं 34 कार्य प्रगतिरत है, जिनकी प्रश्नाधीन चाही गयी सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उक्त स्वीकृत 88 कार्यों में से शेष 67 कार्य पूर्ण किये जाने हेतु शेष हैं, जिनका कार्य प्रगति पर है तथा इन कार्यों को क्रियान्वयन एजेंसी से किये गये अनुबंध की शर्तों के अनुसार कार्यादेश दिनांक 16.02.2023 से 24 माह की अवधि में पूर्ण किया जाना है।
एन.आई.टी. 121 एवं 122 की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
53. ( क्र. 1090 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एन.आई.टी. 121 एवं 122 में 1 मई 2024 से प्रश्न दिनांक तक स्टेण्डिंग इंस्ट्रक्शंस द्वारा बैंक खाते में सीधे राशि जो ऑपरेटर्स को प्रदान की गई उसका माहवार गौशवारा बनाकर प्रदान करें। क्या स्टेण्डिंग इंस्ट्रक्शंस के द्वारा बैंक खाते से सीधे ऑपरेटर को प्रदत्त राशि के लिये किस अधिकारी की नोटशीट पर स्वीकृति/सहमति प्राप्त की गई, उसकी छायाप्रति प्रदान करें। एन.आई.टी. 121 एवं 122 के कौन से क्लॉज (बिन्दु) में इसका (स्टेण्डिंग इंस्ट्रक्शंस) प्रावधान है, कृपया जानकारी देवें। इस मद में निविदा दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कुल कितनी राशि प्रदान की गई है, कृपया सम्पूर्ण राशि बताई जाए। (ख) भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड द्वारा एन.आई.टी. 121 एवं 122 के अंतर्गत दिनांक 01/08/2023 से प्रश्न दिनांक तक निविदा में वर्णित नियमानुसार प्रत्येक बस क्रमांक के अनुसार जी.पी.एस. रिपोर्ट तिथिवार, माहवार जानकारी संपूर्ण दस्तावेजों के साथ वरिष्ठ अधिकारी द्वारा सत्यापित प्रति संपूर्ण गौशवारा बनाकर जानकारी प्रदान करें। (ग) क्या एन.आई.टी. 121 एवं 122 के अंतर्गत बसों के वी.जी.एफ. की राशि आपरेटर को देने के उपरांत और भी राशि किसी अन्य मद में संचालन हानि की क्षतिपूर्ति की गई, हाँ अथवा नहीं? यदि हाँ, तो कब-कब और कितनी राशि प्रदान की गई, का सम्पूर्ण गौशवारा बनाकर जानकारी प्रदान करें। निविदा के कौन से प्रावधान के तहत राशि प्रदान की गई, की जानकारी प्रदान करें। यदि प्रावधानों में यह वर्णित नहीं है तो अतिरिक्त राशि ऑपरेटरों को दिए जाने हेतु कौन अधिकारी जिम्मेदार है? (घ) भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड के एन.आई.टी. 123 के तहत दिनांक 01/11/2023 से प्रश्न दिनांक तक निविदा के नियम अनुसार जो बिल निविदाकार को प्रेषित किये गये उनका तिथिवार, माहवार, टी.डी.एस. कटौती राशि, जी.एस.टी. की जानकारी, मय दस्तावेज गौशवारा बनाकर जानकारी प्रदान करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) एन.आई.टी. 121 एवं 122 में 1 मई 2024 से प्रश्न दिनांक तक स्टेण्डिंग इंस्ट्रक्शंस द्वारा बस आपरेटर मां एसोसिएट एंड ट्रांसपोर्ट प्रा.लिमि. के बैंक खाते में प्रदान की गई राशि का माहवार गौशवारा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। स्टेण्डिंग इंस्ट्रक्शंस द्वारा बस ऑपरेटर मां एसोसिएट एंड ट्रांसपोर्ट प्रा.लिमि. प्रदत्त राशि के लिये तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी की स्वीकृति प्राप्त की गई थी। नोटशीट की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। एन.आई.टी. 121 एवं 122 में स्टेंण्डिंग इंस्ट्रक्शंस संबंधी क्लॉज (बिन्दु) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। निविदा दिनांक से प्रश्न दिनांक तक बस ऑपरेटर मां एसोसिएट एंड ट्रांसपोर्ट प्रा.लिमि. को सम्पूर्ण राशि रू. 54,74,26,284/- प्रदान की गई है। (ख) भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड द्वारा एन.आई.टी. 121 एवं 122 के अंतर्गत की दिनांक 01/08/2023 से प्रश्न दिनांक तक संचालित बसों की जी.पी.एस. रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। (ग) जी नहीं। एन.आई.टी. 121 एवं 122 के अंतर्गत अनुबंध अनुसार बसों के वी.जी.एफ. की राशि का भुगतान बस आपरेटर को देने के उपरांत बी.सी.एल.एल. द्वारा बस ऑपरेटर को संचालन हानि की क्षति पूर्ति राशि का भुगतान नहीं किया गया है। बी.सी.एल.एल. द्वारा बस ऑपरेटर मां एसोसिएट एंड ट्रांसपोर्ट प्रा.लिमि. को वी.जी.एफ. की राशि के अतिरिक्त हाईरिंग चार्ज का भुगतान अनुबंध की कंडिका-5.8.4 Payment Terms के उपबिन्दु क्रं. (c) Method for Calculation of Payment में उल्लेखित प्रावधान अनुसार प्रति किलोमीटर के मान से किया गया है। शेषांश का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (घ) भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड के एन.आई.टी. 123 के तहत दिनांक 01/11/2023 से प्रश्न दिनांक तक एजेंसी मेसर्स चलो मोबिलिटी प्रा.लिमि. को राशि जमा करने हेतु निर्देशित किये जाने संबंधित किये गये पत्राचार का गौशवारा बनाकर जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार है।
लिमिटेड की 39वीं बोर्ड बैठक में लिये गये निर्णय
[नगरीय विकास एवं आवास]
54. ( क्र. 1091 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 7 मार्च 2024 को भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड के बोर्ड की 39वीं बैठक संपन्न हुई थी। कृपया बोर्ड के मिनट्स एवं एजेण्डे की छायाप्रति उपलब्ध कराएं। बोर्ड की बैठक में लिये गये निर्णय के उपरांत किन-किन प्रकरणों में क्या निर्णय लिये गये एवं जो कार्यवाही की गई उनकी जानकारी मय दस्तावेज प्रदान करें। (ख) क्या बोर्ड की बैठक में किसी कर्मचारी की सेवा समाप्ति का निर्णय लिया गया। हाँ अथवा नहीं? यदि हाँ, तो क्या उक्त कर्मचारी आज भी बी.सी.एल.एल. में कार्यरत है और क्यों? (ग) क्या आर.टी.ओ. टैक्स भरने के लिए 39वीं बोर्ड बैठक में कोई निर्णय लिया गया था, हाँ अथवा नहीं? नगर निगम के स्वामित्व की बसों का मार्च 2024 में कितना कर क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी/शासन को भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड भोपाल (नगर निगम, भोपाल) द्वारा जमा किया गया। (घ) उपरोक्त (ग) अनुसार जो राशि जमा की गई उसमें से स्पेयर टैक्स एवं इन्टरसिटी टैक्स/सिटी संचालन टैक्स कितना-कितना भरा गया। कृपया बसवार, वर्षवार जानकारी प्रदान करें। क्या यह टैक्स की राशि जमा करने में विलंब हुआ? हाँ अथवा नहीं। यदि हाँ, तो इसके लिये बी.सी.एल.एल. का कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी है? कृपया नाम एवं पद बताएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) दिनांक 07 मार्च 2024 को भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड के बोर्ड की 39वीं बैठक आयोजित हुई थी उक्त बैठक में माननीय चेयरमैन महोदया, माननीय एम.आई.सी. परिवहन एवं यातायात तथा अपर मुख्य कार्यपालन अधिकारी पदेन डायरेक्टर के रूप में उपस्थित थे एवं कलेक्टर भोपाल के प्रतिनिधि के रूप में ए.डी.एम. महोदय उपस्थित थे। उक्त बैठक के एजेण्डा की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है एवं बोर्ड के मिनिट्स की कार्यवाही प्रचलन में है। अत: शेषांश का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ख) बोर्ड के मिनिट्स की कार्यवाही प्रचलन में है। अत: शेषांश का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ग) बोर्ड के मिनिट्स की कार्यवाही प्रचलन में है। अत: शेषांश का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। नगर निगम के स्वामित्व की बसों का मार्च 2024 में राशि रू. 47,74,530/- का भुगतान क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी/शासन को भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड भोपाल (नगर पालिक निगम, भोपाल) द्वारा किया गया। (घ) उपरोक्तानुसार (ग) अनुसार जो राशि जमा की गई उसमें से स्पेयर टैक्स एवं इंटरसिटी टैक्स/सिटी संचालन टैक्स के संबंध में बी.सी.एल.एल. द्वारा पत्र क्र./बी.सी.एल.एल./5761 दिनांक 20/06/2024 के माध्यम से जानकारी प्रदान करने हेतु क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय भोपाल से अनुरोध किया गया है। जानकारी प्राप्त होने के उपरांत (घ) की जानकारी प्रस्तुत की जायेगी।
योजनाओं की जानकारी
[विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु कल्याण]
55. ( क्र. 1096 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या राज्यमंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु कल्याण विभाग में कौन-कौन सी योजनाऐं संचालित की जा रही है? योजनाओं का नाम एवं पात्रता नियम उपलब्ध करायें। उक्त योजनाओं में से ग्वालियर जिले में कौन-कौन सी योजना संचालित है? सूची उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार ग्वालियर जिले की विधानसभा 18-भितरवार में वर्ष 2021 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस योजना में कौन-कौन से कार्य, कितनी-कितनी राशि के, कहां-कहां स्वीकृत किये गये है, इन कार्यों की वर्तमान स्थिति क्या है? योजनावार हितग्राहियों एवं कार्योंवार विवरण दें। प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजनाओं के वर्तमान में कितने प्रकरण जिला स्तर पर लंबित है? इन्हें कब तक स्वीकृत/पूर्ण किया जायेगा? विकासखण्डवार एवं कार्यवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) क्या भितरवार विधानसभा क्षेत्र का सर्वे कराकर जहां-जहां विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु के परिवार निवासरत है उन स्थानों एवं ग्रामों हेतु एवं इनके निवासरत पात्र व्यक्तियों को लाभान्वित करने हेतु कोई योजना बनाई गयी है? यदि हाँ, तो कब तक? समय-सीमा बताए। यदि नहीं, कब तक तैयार की जायेगी?
राज्यमंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती कृष्णा गौर ) : (क) योजनाओं की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। योजना नियम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) ग्वालियर जिले की विधानसभा 18-भितरवार में वर्ष 2021 से प्रश्न दिनांक तक किसी भी योजना में निर्माण कार्य की जानकारी निरंक है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजनाओं के वर्तमान में जिला स्तर पर कोई प्रकरण लंबित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। वर्तमान में विभागीय सर्वे का कार्य प्रारम्भ नहीं किया गया है।
अटल ज्योति योजना को लागू करना
[ऊर्जा]
56. ( क्र. 1098 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्वालियर जिले की विधानसभा 18 भितरवार अंतर्गत आने वाले गॉव/मजरा टोला आज भी अटल ज्योति योजना से विद्युत विहीन है? विकासखण्डवार ग्रामवार, मजरा टोला सहित सूची उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि अटल ज्योति से विद्युत विहीन है तो विद्युतीकरण हेतु कोई कार्य योजना बनाई गई है? यदि हाँ तो विवरण दें। कार्य योजना अनुसार कब तक कार्य पूर्ण कराया जायेगा। समय-सीमा बतायें? (ग) क्या ग्रामीण क्षेत्र में क्षमता से कम पावर की डी.पी. रखी हुई है जो विद्युत भार उठाने में सक्षम नहीं है? यदि हाँ तो कौन-कौन से ग्रामों एवं स्थानों पर सूची उपलब्ध करायें। क्या विद्युत खपत अनुसार सही पावर की डी.पी. रखवायी जायेगी यदि हाँ तो कब तक? समय-सीमा बतायें। (घ) क्या डी.पी. ओवर लोड है उन्हें अपग्रेड के प्रस्ताव विभाग के पास लंबित है? यदि हाँ तो अंकित प्रस्तावों की जानकारी विकासखण्डवार, ग्रामवार जानकारी उपलब्ध करायें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) ग्वालियर जिले की भितरवार विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत समस्त राजस्व ग्रामों एवं उनके चिन्हित/संसूचित मजरों/टोलों को विद्युतीकृत कर तकनीकी एवं वित्तीय साध्यता अनुसार उन्हें अटल ज्योति अभियान के तहत कृषि प्रयोजन हेतु प्रतिदिन 10 घंटे एवं गैर कृषि प्रयोजन हेतु प्रतिदिन 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (ग) ग्वालियर जिले के क्षेत्रांतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में 241 स्थानों पर स्थापित वितरण ट्रांसफार्मरों पर संबद्ध भार एवं भविष्य में भारवृद्धि की संभावना के दृष्टिगत, इनके भार प्रबंधन हेतु केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना के तहत अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना के कार्य प्रस्तावित कर स्वीकृत कराये गये हैं, जिनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। इन अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर की स्थापना हेतु टर्न-की कॉन्ट्रेक्टर मैसर्स विंध्या टेलीलिंक लिमिटेड को अवार्ड जारी किये गये हैं। वर्तमान में कार्य प्रगतिरत है तथा अवार्ड की शर्तों के अनुसार कार्य दिनांक 21.02.2025 तक पूर्ण किया जाना प्रस्तावित है। (घ) जी नहीं। उत्तरांश (ग) में उल्लेखित स्थानों के अतिरिक्त वर्तमान में अन्य किसी स्थान पर वितरण ट्रांसफार्मर अतिभारित नहीं है। वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि किया जाना एक सतत प्रक्रिया है, जिसकी समय-समय पर समीक्षा कर प्रचलित योजनाओं के तहत क्षमतावृद्धि के कार्यों को कराया जाता है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
किसानों को निःशुल्क खम्बे (पोल) तथा ट्रांसफार्मर का प्रदाय
[ऊर्जा]
57. ( क्र. 1099 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या किसानों को सिंचाई के लिये विद्युत प्रदाय करने वाले नये ट्रांसफार्मर लगाने के लिये राशि किसानों से वसूल की जाती है? (ख) क्या एक-दो एकड़ के छोटे किसानों के लिये नये ट्रांसफार्मर के लिये सरकार किसानों के हित में उन्हें बिजली के खम्बे (पोल) तथा ट्रांसफार्मर निःशुल्क प्रदाय करने के लिये कार्यवाही करेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रदेश में कृषकों को सिंचाई हेतु कृषि पंप विद्युत कनेक्शन प्रदाय किये जाने हेतु वर्तमान में अनुदान आधारित ''मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना'', ''प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना'' एवं ''कुसुम-बी योजना'' संचालित है। उक्त संचालित योजनाओं के प्रावधानों के अनुसार अंश राशि कृषकों से ली जाती है। साथ ही वर्तमान में कृषकों को स्थायी सिंचाई पंप कनेक्शन दिये जाने हेतु ''स्वयं का ट्रांसफार्मर (ओ.वाय.टी.)'' योजना लागू है जिसके अंतर्गत कृषक अपने व्यय से, निर्धारित मापदंड के अनुसार वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित कर सकते हैं। (ख) वर्तमान में नि:शुल्क विद्युत अधोसंरचना प्रदान करने संबंधी कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। अपितु उत्तरांश (क) के अनुसार योजनाओं में अनुदान प्रावधानित है।
प्रदेश की कुल विद्युत उत्पादन क्षमता
[ऊर्जा]
58. ( क्र. 1102 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माह मई 2024 की स्थिति में प्रदेश की कुल अनुबंधित विद्युत क्षमता कितनी है, उक्त में से स्वयं के स्त्रोतों से अनुबंधित विद्युत क्षमता कितनी है एवं अन्य किन-किन स्त्रोतों से कितनी अनुबंधित विद्युत क्षमता है? (ख) म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड की वर्ष 2022-23 की प्रति इकाई उत्पादन लागत क्या है और उपभोक्ताओं को दी जाने वाली विद्युत का प्रति यूनिट मूल्य क्या है? (ग) म.प्र. पू.क्षे.वि.वि.कं.लि. जबलपुर अंतर्गत सिवनी जिले में बिलिंग माह अप्रैल 2024 की स्थिति में कृषि श्रेणी के विद्युत उपभोक्ताओं पर विद्युत बिल का कितना बकाया है और बकाया वसूली के लिये कृषि श्रेणी के कितने विद्युत उपभोक्ताओं पर न्यायालयों में मुकदमें चल रहे है, संख्यात्मक जानकारी देवें। बिलिंग माह अप्रैल 2024 की स्थिति में सिवनी जिले में विद्युत बिल की कुल कितनी राशि औद्योगिक श्रेणी के उपभोक्ताओं पर एवं शासकीय विभागों पर बकाया है? उद्योगों एवं शासकीय विभागों से विद्युत बिल वसूली हेतु क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है? (घ) क्या म.प्र. पू.क्षे.वि.वि.कं.लि. जबलपुर घाटे में चल रही है? यदि हां, तो कितने घाटे में है एवं घाटे से उबारने की शासन की क्या योजना है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) माह मई 2024 की स्थिति में प्रदेश हेतु उपलब्ध कुल विद्युत क्षमता 22838 मेगावाट है, जिसमें म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के ताप विद्युत उत्पादन संयंत्रों से 4570 मेगावाट, म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी के जल विद्युत संयंत्रों से 922 मेगावाट (अन्य राज्यों में स्थित संयंत्रों का अंश मिलाकर), एन.एच.डी.सी. एवं एन.व्ही.डी.ए. के जल विद्युत संयंत्रों से 1545 मेगावाट तथा लघु जल विद्युत केंद्रों से 7.25 मेगावाट क्षमता उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त केन्द्रीय क्षेत्र, पूर्वी क्षेत्र एवं उत्तरी क्षेत्र के विद्युत उत्पादन केन्द्रों से 5212 मेगावाट, डी.व्ही.सी. से 100 मेगावाट, निजी क्षेत्र के ताप विद्युत गृहों से 3402 मेगावाट, अन्य राज्यों में स्थित निजी जल विद्युत केन्द्रों से 894 मेगावाट क्षमता एवं निजी क्षेत्र के जल विद्युत संयंत्रों से 38 मेगावाट क्षमता उपलब्ध है। अपारंपरिक क्षेत्र से 3526 मेगावाट सौर ऊर्जा क्षमता तथा 2622 मेगावाट गैर सौर ऊर्जा क्षमता उपलब्ध है। (ख) म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड की वित्तीय वर्ष 2022-23 के अंकेक्षित लेखों के अनुसार प्रति यूनिट उत्पादन लागत रूपये 4/- (रू. चार प्रति इकाई) है। म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा वर्ष 2024-25 के लिए विद्युत उपभोक्ताओं हेतु खुदरा विद्युत प्रदाय की औसत दर रूपये 6.90 प्रति यूनिट निर्धारित की गई है, जिसमें पारेषण शुल्क (ट्रांसमिशन चार्जेस) एवं वितरण संबंधी व्यय भी समाहित है। (ग) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर अंतर्गत सिवनी जिले में बिलिंग माह अप्रैल, 2024 की स्थिति में प्रश्नाधीन श्रेणी के विद्युत उपभोक्ताओं पर बकाया राशि एवं बकाया राशि वसूलने हेतु की जा रही कार्यवाही संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ, म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर वर्ष 2005 से लगातार घाटे में चल रही है। कंपनी के अंकेक्षित लेखों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2022-23 तक पूर्व क्षेत्र कंपनी राशि रू. 25073.13 करोड़ के घाटे में है। कंपनी के घाटे कम किए जाने हेतु आर.डी.एस.एस. योजनान्तर्गत तकनीकी एवं वाणिज्यिक हानियों को कम करने हेतु स्मार्ट मीटरों की स्थापना एवं उपभोक्ताओं से बकाया राशि की वसूली हेतु विशेष अभियान चलाया जाना जैसे उपाय किए जा रहे हैं। उक्त के अतिरिक्त उदय योजना के तहत कंपनी के लगभग राशि 4800 करोड़ के ऋण का शासन द्वारा अधिग्रहण किया जाना है, जिससे कंपनी के देय ब्याज मद में कमी होगी।
होर्डिंग्स, यूनीपोल सहित अन्य विज्ञापन बोर्ड आदि की अनुमतियां
[नगरीय विकास एवं आवास]
59. ( क्र. 1111 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी, 2020 के पश्चात इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, रतलाम, मन्दसौर, नीमच में होर्डिंग्स, यूनीपोल सहित अन्य विज्ञापन बोर्ड आदि लगाने के लिए जारी की गई अनुमतियों, अनुबंधों की प्रतिलिपियां देवें, किन आदेशों, नियमों के तहत अनुमतियां दी गई है, अनुबंध की गई है उन आदेशों, राजपत्र आदि की प्रतियां देवें, यह भी बतावें की इस संबंध में किस नाम के व्यक्ति की शिकायतों पर, किन कार्यालयों से जांच, कार्यवाही के लिए प्राप्त हुई है, क्या कार्यवाही की विवरण देते हुए प्रतियां देवें। (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित इस संबंध में माननीय सुप्रीम कोर्ट और माननीय हाईकोर्ट के क्या आदेश हैं, प्रतिलिपियां देते हुए बतावें की जारी अनुमतियां, अनुबंध किस प्रकार से माननीय न्यायालयों के आदेश से भिन्न होकर माननीय न्यायालयों के आदेशों का उल्लघंन नहीं होता है? (ग) वर्तमान में लगाए गए होर्डिंग्स, यूनीपोल, विज्ञापन बोर्ड के स्थान और माननीय न्यायालय के आदेश के उपरांत हटाए गए होर्डिंग्स, यूनीपोल आदि के स्थानों की स्पष्ट सूची, मौका रिपोर्ट, पंचनामा आदि की प्रतिलिपियां देवें। अनुमति, अनुबंध करने के लिए क्या प्रक्रिया है? किस पद, नाम के अधिकारियों ने अनुमति जारी करने की प्रक्रिया पूर्ण की है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"अ" अनुसार है। (ख) नगर पालिक निगम इंदौर के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय के निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"ब" पर एवं अन्य निकायों के संबंध में माननीय सुप्रीम कोर्ट और माननीय हाईकोर्ट के कोई निर्देश प्राप्त नहीं हैं। मध्यप्रदेश शासन द्वारा म.प्र. आउटडोर विज्ञापन मीडिया नियम-2017 लागू किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"स" अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी उत्तरांश (ख) में समाहित है।
मैरिज गार्डन की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
60. ( क्र. 1112 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नीमच, मंदसौर, रतलाम जिलों में कितने अनुमति प्राप्त मैरिज गार्डन है उनका नाम, पता, कुल भूमि, निर्मित क्षेत्रफल, पार्किंग के लिए छोड़ी गई भूमि का क्षेत्रफल, अग्निशमन की व्यवस्था कितनी-कितनी है? ब्यौरा दें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मैरिज गार्डन में म.प्र राजपत्र असाधारण दिनांक 06.01.2021 में प्रकाशित म.प्र नगर पालिका (विवाह स्थल का पंजीयन एवम उपभोग) आदर्श उपविधि 2020 के प्रावधान अनुसार क्या-क्या बिंदु सही है तथा क्या-क्या प्रावधान नहीं है या गलत है? सूची देवें। (ग) मैरिज गार्डन द्वारा शुल्क वसूली हेतु क्या कोई नियम है तथा बताएं कि प्रश्नांश (क) में उल्लेखित किस-किस मैरिज गार्डन द्वारा प्रतिदिन का शुल्क शादी समारोह के लिए कितना लिया जाता है? (घ) क्या मैरिज गार्डन मालिक को पर्यावरण की अनुमति लिया जाना आवश्यक है तथा शादी सामारोह के वेस्ट का डिस्पोजल करने संबंधी कोई नीति है या नही? उल्लेखित मैरिज गार्डन अपने वेस्ट का डिस्पोजल किस प्रकार करते हैं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जिला नीमच, मंदसौर एवं रतलाम की नगरपालिका परिषद एवं नगर परिषदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। नगरपालिक निगम रतलाम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) अनुसार है। (घ) पर्यावरण नियमों में निर्धारित मापदण्डों में जिन मैरिज गार्डनों को पर्यावरण अनुमति ली जाना प्रावधानित है, उन्हीं के लिए अनुमति आवश्यक है। अन्य मैरिज गार्डनों को पर्यावरण अनुमति आवश्यक नहीं है। शेषांश का उत्तर (क) अनुसार है।
लाड़ली बहना योजना के कार्यक्रम का व्यय
[नगरीय विकास एवं आवास]
61. ( क्र. 1129 ) श्री सुनील उईके : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में लाडली बहना योजना में प्रतिमाह की 10 तारिख को होने वाले कार्यक्रम जिसमें रूपये 1000 की राशि प्रदान की जाती रही है? क्या उस कार्यक्रम में होने वाले व्यय के संबंध में शासन ने कोई आदेश जारी किया है? यदि हाँ, तो किस मद से व्यय करने की स्वीकृति प्रदान की गई है आदेश की प्रति उपलब्ध कराने की कृपा करें। (ख) क्या प्रदेश में योजना प्रारंभ दिनांक से आज दिनांक तक संपूर्ण नगर निगम, नगर पालिका एवं नगर परिषद द्वारा कितने कार्यक्रम आयोजित किये गये है? नगर निगम, नगर पालिका एवं नगर परिषद वार जानकारी उपलब्ध कराने की कृपा करें। (ग) प्रदेश में नगर निगम, नगर पालिका एवं नगर परिषद द्वारा प्रतिमाह की 10 तारिख को होने वाले कार्यक्रम में आज दिनांक तक कितना व्यय किया गया है? पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध कराने की कृपा करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी विभाग से संबंधित नहीं है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
विभिन्न नगर निगमों की कॉलोनियों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
62. ( क्र. 1146 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला भोपाल, रतलाम, इंदौर नगर निगम में सक्षम अधिकारी कॉलोनी सेल प्रभारी द्वारा विगत पांच वर्षों में कौन-कौन सी कॉलोनियों की विकास अनुमति जारी करने हेतु भूखंडों को बंधक रखा गया है? उक्त कॉलोनियों के नाम, उनके संचालकगणों के नाम, बंधक भूखंडों को रखे जाने के संबंध में सक्षम अधिकारी द्वारा जारी समस्त आदेशों की छायाप्रतियां उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित नगर निगमों में सक्षम अधिकारी कॉलोनी सेल प्रभारी द्वारा विगत पांच वर्षों में कौन-कौन सी कॉलोनियों की संपूर्ण विकास पूर्ण होने के उपरांत बंधक रखे गए भूखण्डों को जिस सक्षम अधिकारी के आदेश से मुक्त किया गया है, उक्त संबंध में बंधक भूखंडों को मुक्त करने के संबंध में जारी समस्त आदेशों की छायाप्रतियां उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित नगर निगमों में सक्षम अधिकारी कॉलोनी सेल प्रभारी द्वारा विगत पांच वर्षों में बंधक मुक्त रखे गए भूखंडों को बंधन से मुक्त करने के लिए उक्त कॉलोनी के संपूर्ण विकास का भौतिक सत्यापन जिस सक्षम अधिकारी एवं अन्य इंजीनियर द्वारा किया गया है? उनके नाम, पदनाम, कॉलोनी का नाम सहित संपूर्ण जानकारी देंवे। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित नगर निगमों में सक्षम अधिकारी कॉलोनी सेल प्रभारी द्वारा बिना कॉलोनी के संपूर्ण विकास कराए ही बंधक रखे गए भूखंडों को बंधन से मुक्त करने के लिए दोषी अधिकारी-कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) से (ग) नगर निगम, इन्दौर एवं नगर निगम रतलाम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। नगर निगम, भोपाल की जानकारी संकलित की जा रही है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट की जानकारी अनुसार नगर निगम इन्दौर एवं रतलाम में बिना कॉलोनी के विकास कराए बंधक रखे गये भूखण्डों को मुक्त करने का कोई भी प्रकरण उल्लेखित न होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नवीन सड़क मार्ग की स्वीकृतियां
[लोक निर्माण]
63. ( क्र. 1158 ) श्री विपीन जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री महोदय को पत्र क्रमांक 48/2024/मंदसौर, दिनांक 14.2.2024 और कार्यपालन यंत्री लो.नि.वी संभाग मंदसौर को पत्र क्रमांक 49/01/24, दिनांक 14.2.24 को मंदसौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नवीन सड़क निर्माण कार्य हेतु पत्र प्रेषित किया गया था। (ख) यदि हाँ, तो क्या अनुविभागीय अधिकारी लो.नि.वि. मंदसौर द्वारा प्रथम स्तरीय प्राक्कलन तैयार कर विभाग को प्रेषित कर दिए गए हैं? इसका विवरण देवें। (ग) बताएं कि उक्त पत्र के संदर्भ में विभाग को प्रेषित किए गए नवीन सड़क मार्गों के प्रस्ताव की प्रशासकीय स्वीकृतियां कब तक जारी कर दी जाएगी? (घ) मंदसौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने सड़क मार्गों के प्रस्ताव प्रशासकीय स्वीकृति हेतु शासन स्तर से लंबित है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, कार्यपालन यंत्री के कार्यालयीन पत्र क्रमांक 1961-62/तक/प्राक्कलन/2024-25/मंदसौर, दिनांक 12.06.2024 से अधीक्षण यंत्री, मण्डल, उज्जैन को प्रेषित किया गया है। (ग) नवीन मार्ग की स्वीकृति हेतु बजटीय प्रक्रिया का पूर्ण होना आवश्यक है। (घ) कोई नहीं।
फोरलेन पर स्थित दुर्घटना संभावित क्षेत्र
[लोक निर्माण]
64. ( क्र. 1159 ) श्री विपीन जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बताएं की लेबड़ नयागांव फोरलेन पर स्थित ग्राम फतेहगढ़ दुर्घटना संभावित क्षेत्र होकर यहां आये दिन दुर्घटनाएं होती रहती है। (ख) क्या उक्त स्थान के दोनों और निरधारी, मोरखेडा जाने के प्रमुख मार्ग होकर तकरीबन 7 से 8 गांव के कृषकों की जमीन स्थित है वहीं उक्त ग्रामीण क्षेत्र की जनता का पैदल आवागमन और पढ़ने वाले छात्राओं का भी आवागमन होता है? (ग) क्या उक्त स्थान पर वैध रास्ता/मार्ग दिए जाने की मांग की जा रही है? इस हेतु कई बार चक्का जाम होकर इस वर्ष चुनाव का बहिष्कार भी किया गया है। (घ) यदि हाँ, तो कि उक्त फोरलेन पर स्थित दुर्घटना संभावित क्षेत्र ग्राम फतेहगढ़ पर कब तक दुर्घटनाओं को रोकने हेतु वैध रास्ता/मार्ग दिया जाएगा क्या विभाग द्वारा इस स्थान को चिन्हित कर रास्ता दिए जाने हेतु प्रयास किया जा रहा है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। ग्राम फहेतगढ लेबड-नयागांव फोर लेन पर जिला-मंदसौर अंतर्गत आता है। दुर्घटनाओं के संबंध में पुलिस अधीक्षक मन्दसौर से प्राप्त जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। पुलिस अधीक्षक, जिला मन्दसौर द्वारा प्राप्त जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार दिनांक 20.02.2022 को धरना दिया गया था, चुनाव बहिष्कार जैसी कोई जानकारी इस कार्यालय में उपलब्ध नहीं है। (घ) उक्त स्थल के निकट लगभग 470 मीटर दूर तिराहे पर मीडियन कट मार्ग निर्माण के समय दिया गया था। उक्त स्थान पर एक और अतिरिक्त मीडियन कट दुर्घटना की सम्भावना के कारण, आई.आर.सी. गाईड लाईन अनुसार नहीं दिया जा सकता है।
नगर निगम मुरैना की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
65. ( क्र. 1164 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिक निगम मुरैना में वर्ष 2019-20 से 2023-24 तक अनुकम्पा नियुक्तियों की जानकारी इस प्रारूप में उपलब्ध करायें। क्र., मृतक कर्मचारी का नाम, मृतक का मूल पद, मृतक कर्मचारी का मूल निकाय/विभाग, मृत्यु का दिनांक, मृतक कर्मचारी के स्थान पर नियुक्त कर्मचारी का नाम, पद एवं नियुक्ति दिनांक, नियुक्ति न किये जाने की दशा में कारण का उल्लेख करें (विस्तृत), नियुक्त कर्मचारी का मृतक से संबंध। (ख) वर्ष 2023-24 में नगर निगम मुरैना को विभिन्न शुल्कों करों की वसूली एवं राज्य/केन्द्र सरकार से कितनी राशि प्राप्त हुई? मद का स्पष्ट उल्लेख करें। साथ निर्माण कार्यों एवं अन्य प्रयोजनों पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? किस कार्य पर कितनी राशि व्यय की गई? (ग) नगर निगम मुरैना में स्थित छौंदा टोल प्लाजा वार्ड क्र. 44 पर सम्पत्तिकर निर्धारण कर जानकारी इस प्रारूप में उपलब्ध करायें। वर्ष, क्षेत्रफल, दर, सम्पत्ति कर, समेकित कर शिक्षा उपकर, विकास उपकर, ठोस अपशिष्ट।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है।
कर्मचारियों से जबरन आवास रिक्त कराया जाना
[ऊर्जा]
66. ( क्र. 1165 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत वर्षों से सतपुड़ा ताप विद्युत गृह कालोनी में आवास रिक्त होने एवं तत्काल आवंटित कर आवास को न भरने की स्थिति में स्थानीय कबाड़ियों एवं असामाजिक तत्वों द्वारा मकानों को तोड़कर समस्त सामग्री बेचकर मकानों की चोरी की घटना बड़े पैमाने पर हो रही है? (ख) क्या मुख्य अभियंता (सिविल) जबलपुर के आदेश पर 1X660 मेगावॉट के निर्माण के परिप्रेक्ष्य में स्थानीय सिविल अमला अनावश्यक रूप से स्थानान्तरित एवं सेवानिवृत्त कर्मचारियों को रह रहे आवासों में उनको अवैध कब्जाधारी श्रेणी में रखकर निरन्तर खाली कराने हेतु नोटिस जारी कर प्रताड़ित किया जा रहा है? क्या नई ताप इकाई के निर्माण प्रारम्भ होने तक इस प्रक्रिया पर रोक लगायेगी जिससे रिक्त आवास कराने पर कबाड़ी एवं असामाजिक तत्व इनको तोड़कर चोरी नहीं कर सकेंगें? कम्पनी को राजस्व प्राप्त होगा एवं मकान सुरक्षित हो जायेंगे एवं निर्माण कार्य प्रारंभ होने पर ही मकान रिक्त कराने की प्रक्रिया जारी की जायेगी एवं तब की अवधि हेतु कर्मचारियों को मकान आवंटित किया जायें। यदि हाँ, तो कब तक रोक लगायी जायेगी और नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) विगत वर्षों में म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारनी के आवासीय परिसर में रिक्त आवासों में से कुछ आवासों में असामाजिक तत्वों द्वारा तोड़फोड़ कर, सामग्री चोरी की कुछ घटनाएँ घटित हुई हैं। उक्त घटनाओं की एफ.आई.आर. समय-समय पर संबंधित पुलिस थाने में दर्ज कराई गई है। आवासों का आवंटन पात्र कर्मचारी के द्वारा आवास आवंटन हेतु आवेदन करने पर निर्भर होता है। अत: आवास आवंटित न होने की स्थिति में क्षतिग्रस्त आवासों से खिड़की दरवाजे आदि निकलवाकर सुरक्षित रखे जाने लगे हैं। (ख) म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के स्थानान्तरित एवं सेवानिवृत्त अधिकारियों/कर्मचारियों को निश्चित अवधि तक कंपनी के आवास आवंटन हेतु प्रावधान, कंपनी के परिपत्र क्रमांक-976, दिनांक 09.03.2018 में निहित है। तद्नुसार सामान्य प्रक्रिया के तहत निर्धारित समयावधि उपरान्त ही आवासों के रिक्तीकरण हेतु नोटिस जारी किए गए हैं। उक्त परिपत्र की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। प्रदेश की ऊर्जा जरूरतों के दृष्टिगत, सतपुड़ा ताप विद्युत गृह में नवीन ताप विद्युत इकाई (1X660) का निर्माण प्रस्तावित है, जिस हेतु निविदा जारी की जा चुकी है। अत: नवीन इकाई निर्माण के दौरान आवश्यकताओं के दृष्टिगत आवास रिक्त कराए जाने हेतु जारी प्रक्रिया पर रोक लगाया जाना उचित नहीं है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
मुख्यमंत्री पेयजल योजना की स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
67. ( क्र. 1167 ) श्री अनिल जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या निवाड़ी जिले के अन्तर्गत सभी नगर परिषद क्षेत्र के नागरिकों को पेयजल हेतु मुख्यमंत्री पेयजल योजना स्वीकृत हुई थी, यदि हाँ, तो स्वीकृति आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के अनुसार प्रश्न दिनांक तक जिले के कितने नगर परिषद क्षेत्र के वार्डों में पाईप लाईन का विस्तार किया जाकर पेयजल की सप्लाई की जा रही है तथा यह भी बतावें शेष बचे वार्डों में पाईप लाईन का विस्तार कब तक कर दिया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं। निवाड़ी जिले के अन्तर्गत 03 नगर परिषदों में (नगर परिषद निवाड़ी, तरीचरकलां, ओरछा) में मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना अंतर्गत जलप्रदाय योजना स्वीकृत हुई थी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है।
निर्माण कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
68. ( क्र. 1168 ) श्री अनिल जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निवाड़ी जिला अंतर्गत विभिन्न नगरीय निकायों में वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये हैं? कार्य का नाम, मद का नाम स्वीकृत, प्राक्कलन, ड्राइंग तकनीकी स्वीकृति, दिनांक, स्थान, कार्यपूर्ण करने की दिनांक, वर्तमान में कार्य पर व्यय राशि, शेष राशि, कार्य एजेन्सी का नाम, विभाग द्वारा या ठेकेदार द्वारा कराया गया कार्यों के नाम सहित जानकारी देवें। कौन-कौन से निर्माण कार्य समय से पूर्ण नहीं हुए? पूर्ण न होने के क्या कारण हैं? कब तक पूर्ण होंगे? कार्यवार विस्तृत ब्यौरा दें। (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत निर्माण कार्यों के कार्यादेश कब-कब किए गए? इन कार्यों के संबंध में शासन के क्या-क्या मार्गदर्शी नियम एवं निर्देश हैं? कार्यवार बताएं। (ग) प्रश्नांश (क) में निर्माण/विकास कार्य किस ठेकेदार कंपनी द्वारा किस-किस तकनीकी अधिकारियों के पर्यवेक्षण में पूर्ण किये गये या किये जा रहे हैं? कार्यों के प्रभारी द्वारा कब-कब निरीक्षण किया और क्या निरीक्षण प्रतिवेदन दिये गये? कार्यवार विस्तृत ब्यौरा दें। (घ) प्रश्नांश (ग) किये गये कार्यों के संबंध में क्या सभी निर्माण शर्तों का पालन किया गया है? शर्त अनुरूप निर्माण न होने संबंधी कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं तथा कितनी शिकायतों की जांच पूरी की जा चुकी है व कितनों की जांच होना शेष है? कार्यवार जांचों का विस्तृत ब्यौरा दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' एवं 'स' अनुसार है। निवाडी जिले की न.प.निवाडी, जेरोन खालसा, न.प.पृथ्वीपुर, न.प. तरीचरकलां, न.प.ओरछा में शर्त अनुरूप निर्माण न होने संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वाटर हार्वेस्टिंग मद की राशि तथा व्यय
[नगरीय विकास एवं आवास]
69. ( क्र. 1169 ) श्री अनिल जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निवाड़ी जिला अन्तर्गत निवाड़ी विधानसभा की तीनों नगर परिषदों में वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक भवनों के नक्शे स्वीकृति के फलस्वरूप वाटर हार्वेस्टिंग/जल संवर्धन मद की कितनी-कितनी राशि जमा हुई है? (ख) उक्त राशि का कब-कब, क्या-क्या उपयोग किया गया है? वर्षवार कार्यवार जानकारी देवें। (ग) निकायों द्वारा उक्त वर्षों में जल संवर्धन हेतु बनाई गई कार्य योजनाओं, उठाए गए कदम, प्राप्त नक्शों के विवरण देवें तथा बतावें कि निकाय क्षेत्र में इस हेतु आगामी क्या कार्य योजना है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वाटर हार्वेस्टिंग मद की राशि का नगर परिषद निवाड़ी, ओरछा, तरीचरकलां द्वारा कोई भी उपयोग नहीं किया गया है। (ग) नगर परिषद निवाड़ी में जल सवंर्धन के लिए बड़े तालाब एवं छोटे तालाब का अमृत 2.0 योजना में वॉटर बाडीज रिज्यूलेशन हेतु कुल राशि 100.00 लाख रूपये स्वीकृत की गई है, जिसकी वित्तीय स्वीकृति होना शेष है। नगर परिषद ओरछा अंतर्गत तालाब उन्नयन एवं निकाय के भवनो में रैन वाटर हार्वेस्टिंग प्रस्तावित है। नगर परिषद तरीचरकलां अंतर्गत जानकारी निरंक है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
भवनों का निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
70. ( क्र. 1172 ) श्री धीरेन्द्र बहादुर सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग के क्या-क्या कार्य हैं और विभाग द्वारा निर्मित किए जाने वाले भवनों को किस मापदंड और नियमों के आधार पर निर्मित किया जाता हैं? क्या विभाग द्वारा भवनों के निर्माण में म.प्र. भूमि विकास नियम 2012 के प्रावधानों का पालन किया जाता हैं? हाँ, तो कैसे? स्पष्ट कीजिये, नहीं तो क्यों? (ख) कटनी जिले में उप-संभागवार विगत 03 वर्षों में किस मांग एवं आवश्यकता पर कितनी-कितनी लागत के क्या-क्या कार्य प्रस्तावित/स्वीकृत किए गए, कौन-कौन से कार्य कहाँ-कहाँ प्रचलित हैं और कौन-कौन से कार्य पूर्ण हो गए? (ग) क्या कटनी जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में विभाग द्वारा निर्मित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में पहुँच मार्ग निर्मित किए गए? हाँ, तो विवरण दीजिये, नहीं तो क्यों? (घ) बड़वारा-विधानसभा अंतर्गत विभागीय सड़कों एवं पुलों की वर्तमान स्थिति से अवगत कराएं, बड़वारा-विधानसभा क्षेत्र में विगत 05 वर्षों में कितनी-कितनी लागत से कहाँ से कहाँ तक? किन-किन सड़कों एवं पुलों का निर्माण और मरम्मत के क्या-क्या कार्य किए गए? (ङ) प्रश्नांश (घ) वर्तमान में किन-किन सड़कों में क्या-क्या कार्य कराये जाने और पुलों के निर्माण की आवश्यकता हैं और बताइये कि क्या इन कार्यों के निर्माण/मरम्मत के प्रस्ताव/ प्राक्कलन तैयार किए गए, यदि हाँ, तो प्रस्ताव स्वीकृति हेतु किस स्तर पर लबित हैं? यदि कार्य स्वीकृत किए गए तो कार्य कब से प्रारम्भ होंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) लोक निर्माण विभाग में समस्त शासनादेश से स्वीकृत कार्य विभाग अंतर्गत आते है। विभाग द्वारा निर्मित किए जाने वाले भवनों को MP PWD (मध्यप्रदेश लोक निर्माण विभाग), नेशनल विल्डिंग कोड एवं CPWD (केंद्रीय लोक निर्माण विभाग) के निर्धारित मापदंड और नियमों के आधार पर निर्मित किया जाता है, भारतीय मानक ब्यौरे (B/S) द्वारा जारी विभिन्न कोड और मानको का पालन किया जाता है। जी हाँ, विभाग द्वारा भवनों के निर्माण में म.प्र. भूमि विकास नियम 2012 में निहित समस्त मापदंडो/नियमों/कंडिकाओ/प्रावधानों का पालन सुनिश्चित कराया जाता है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (ग) जी नहीं, कोई स्वीकृति प्राप्त नहीं हुई। अत: शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब एवं 'ब-1' अनुसार है। बड़वारा विधानसभा अंतर्गत विभागीय सड़कों एवं पुलों की वर्तमान स्थिति अच्छी एवं आवागमन योग्य है। (ड.) जी नहीं, विभागीय सड़कों एवं पुलों की वर्तमान स्थिति अच्छी एवं आवागमन योग्य है। अत: शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
नगर परिषद के गठन की घोषणा की पूर्ति
[नगरीय विकास एवं आवास]
71. ( क्र. 1173 ) श्री धीरेन्द्र बहादुर सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विकासखंड ढ़ीमरखेड़ा की ग्राम पंचायत पानउमरिया को नगरपरिषद बनाए जाने की माननीय मुख्यमंत्रीजी द्वारा कटनी भ्रमण के दौरान घोषणा की गयी थी? यदि हाँ, तो पानउमरिया को नगरपरिषद बनाए जाने की घोषणा की पूर्ति के लिए प्रश्न दिनांक तक की गयी कार्यवाही से अवगत कराइए। (ख) किसी ग्राम-पंचायत को नगरपरिषद बनाने के लिए किन-किन मापदण्डों की पूर्ति आवश्यक है, इसके लिए क्या कार्यवाही किस प्रकार की जाती है? क्या ग्राम पंचायत पानउमरिया इन मापदंडों की पूर्ति करती हैं? यदि हाँ, तो किन-किनकी? ग्राम पंचायत पानउमरिया को नगर परिषद कब तक बनाया जाएगा? (ग) विभाग द्वारा नगरीय क्षेत्रों में जल संरक्षण के लिए क्या-क्या कार्य किए जाते हैं? क्या कार्यालय नगर पालिक निगम कटनी द्वारा इन कार्यों को किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कैसे? विवरण दीजिये और नगर पालिक निगम कटनी द्वारा माह-अप्रैल, मई एवं जून-2024 में नदी और तालाबों की सफाई एवं गहरीकरण के क्या-क्या कार्य किस प्रकार किए गए और कार्यालय द्वारा क्या-क्या संसाधन लगाए गए? (घ) प्रश्नांश (ग) कार्यों की किस सक्षम प्राधिकारी द्वारा किस मांग एवं आवश्यकता के चलते क्या-क्या कार्य एवं व्यय की स्वीकृति कब-कब प्रदान की गयी और किस-किस कार्य में कितनी-कितनी राशि व्यय की गयी एवं किस-किसको कितना-कितना भुगतान अब तक किया गया तथा किस-किसको कितना-कितना भुगतान किया जाना क्यों शेष है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। विकासखंड ढीमरखेड़ा की ग्राम पंचायत पान उमरिया को नगरपरिषद बनाये जाने की घोषणा क्रमांक 2581 दिनांक 27.07.2023 को माननीय पूर्व मुख्यमंत्रीजी द्वारा कटनी भ्रमण के दौरान की गई थी। माननीय पूर्व मुख्यमंत्रीजी द्वारा की गई घोषणा के अनुक्रम में म.प्र. राजपत्र असाधारण में प्रकाशित दिनांक 05.10.2023 द्वारा पान उमरिया जिला कटनी को नगरपरिषद का दर्जा दिया गया है। (ख) किसी ग्राम पंचायत को नगर पंचायत बनाने हेतु म.प्र. राजपत्र (असाधारण) में दिनांक 27 दिसबंर, 2011 में प्रकाशित वर्णित मापदंडों की पूर्ति आवश्यक है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थिति नहीं होता है। (ग) जी हाँ। (1) वर्षाकाल के दौरान नदी के ओवर फ्लो होकर व्यर्थ बह जाने वाले पानी को नदी में मोटर पंप स्थापित कर खदानों तक बिछी पाईप लाईनों के माध्यम से खदानों को भरने का कार्य किया जाता हैं। (2) जल संरक्षण हेतु रेन वाटर हार्वेस्टिंग हेतु वाटर रिचार्ज पिट बनाये जाते हैं। (3) गत वर्षों नगर निगम सीमातंर्गत स्थापित नलकूपों, हैडपंपों के पास वाटर हार्वेस्टिंग का निर्माण कराया गया है। (4) गत वर्षों में कटनी नदी अपस्ट्रीम में सिल्ट जमा होने के कारण नदी की सफाई/गहरीकरण का कार्य किया जाकर जल संग्रहण क्षमता को बढ़ाने का कार्य किया जाता है। माह अप्रैल, मई एवं जून में कराये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है।
नर्मदा समृद्धि कॉरिडोर योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
72. ( क्र. 1176 ) डॉ. अभिलाष पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग में नर्मदा समृद्धि कॉरिडोर योजना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो योजना की संपूर्ण जानकारी देवें एवं क्या योजना की डी.पी.आर. तैयार हो गया है यदि हाँ, तो डी.पी.आर. की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) उक्त योजना में कौन-कौन से कार्य प्रस्तावित हैं? उक्त कार्यों में से कौन-कौन से कार्यों को स्वीकृति मिल चुकी है, स्वीकृत कार्यों की वर्तमान स्थिति क्या है? (ग) उक्त योजना जिला जबलपुर में कहां से कहां तक के लिए प्रस्तावित की गई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक।
सघन बाजारों में आवागमन सुचारू कराए
[नगरीय विकास एवं आवास]
73. ( क्र. 1177 ) डॉ. अभिलाष पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला जबलपुर के बाजारों में आए दिन लग रहे जाम के लिए कौन उत्तरदाई है? इस प्रकार के जाम से नागरिकों को निजात दिलाने हेतु विभाग द्वारा क्या कार्रवाई की जाती है एवं भविष्य हेतु क्या योजना बनाई है? (ख) जिला जबलपुर के सघन बाजारों में मार्ग पर व्यापार चलने के कारण मार्गों का अत्यधिक हिस्सा बंद रहता है, जिससे आम नागरिकों एवं अन्य व्यापारियों को आवागमन में अत्यधिक कठिनाई हो रही है? तो विभाग द्वारा इस प्रकार के अतिक्रमण को क्यों नहीं हटाया जा रहा है? (ग) क्या व्यापारियों को समझाइश दी गई है कि वह अपने दुकान की सीमा के बाहर सामान रखकर विक्रय न करें जिससे कि आवागमन अवरुद्ध न हो? विभाग द्वारा गत 6 माहों में कब-कब मुहिम चलाते हुए जिला जबलपुर में मार्गों पर चल रहे व्यापार पर प्रतिबंध लगाने की कार्यवाही की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर निगम क्षेत्र जबलपुर के मुख्य बाजारों में आवागमन के रास्तों पर दुकान संचालकों के द्वारा दुकान के बाहर सामग्री रखकर एवं अस्थाई ठेले लगा लिए जाने के कारण जाम की स्थिति निर्मित होती है इस प्रकार के जाम से निजात दिलाने हेतु नगर निगम जबलपुर के अतिक्रमण दस्ते व बाजार विभाग की टीम तथा पुलिस प्रशासन के समन्वय से अस्थाई अतिक्रमण को हटाने की कार्यवाही सतत रूप से की जाती है। इस प्रकार के अतिक्रमण को हटाने हेतु संपूर्ण नगरीय क्षेत्र अंतर्गत कुल 8 अतिक्रमण दस्ते का गठन किया जाकर सप्ताह में दो बार इस प्रकार के अस्थाई अतिक्रमण को हटाने हेतु योजना बनाई गई है। (ख) नगर निगम क्षेत्र जबलपुर के मुख्य बाजारों में दुकान संचालकों के द्वारा दुकान के बाहर सामग्री रखने एवं अस्थाई ठेले लगाने के कारण आवागमन में असुविधा उत्पन्न होती है जिसके निराकरण हेतु अतिक्रमण विभाग द्वारा अतिक्रमण दस्ते के द्वारा बाजार विभाग नगर निगम तथा पुलिस प्रशासन के सहयोग से सतत रूप से अभियान चलाया जाकर इस प्रकार के अतिक्रमणों को पृथक करने की कार्यवाही समय-समय पर की जाती है। (ग) जी हाँ जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
राज्य सरकार की योजनाएं
[नगरीय विकास एवं आवास]
74. ( क्र. 1183 ) श्री संजय उइके : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर परिषद् बैहर जिला बालाघाट को केन्द्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं एवं स्वयं के आप से राशि प्राप्त हुई है? (ख) यदि हाँ, तो बालाघाट जिले की नगर परिषद बैहर में वित्तीय वर्ष 2021-22 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन योजनाओं में कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई? प्राप्त राशि से कौन-कौन से कार्य किन-किन ठेकेदारो से कराये गये? परिषद् की स्वयं की आय वर्षवार कितनी है? (ग) नगर परिषद् बैहर द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन सामग्री की किन-किन ठेकेदारो/एजेंसी से कितनी-कितनी राशि की खरीदी की गई? कार्यादेश, प्रेसिडेंड इन कौंसिल/परिषद् के बैठको के संकल्प की प्रति उपलब्ध करावें? (घ) नगर परिषद बैहर द्वारा वित्तीय वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक निर्माण कार्यों एवं सामग्री क्रय हेतु निविदा समिति एवं सामग्री क्रय समिति की अनुमोदन/अनुशंसा की प्रति उपलब्धं करावें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। (ख) योजनावार प्राप्त राशि एंव परिषद आय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ग) नगर परिषद बैहर द्वारा वर्ष 2021-22 से प्रश्न दिनांक तक ठेकेदारों/एजेंसी से सामग्री खरीदी से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब, कार्यादेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब-1'' एवं प्रेसिडेंड इन कौसिंल एवं परिषदों की बैठको की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब-2'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है।
स्वीकृत योजनाओं में लागत
[नगरीय विकास एवं आवास]
75. ( क्र. 1184 ) श्री संजय उइके : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के शहरो में पेयजल उपलब्ध कराने मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना एवं अधोसंरचना विकास के लिए मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना प्रारम्भ किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त दोनो योजनाओं में प्रथम, द्वितीय, तृतीय चरण में किन-किन नगरीय निकायों के कितनी-कितनी लागत की योजनाएं स्वीकृत की गई? किन-किन नगरीय निकायों ने किस-किस वित्तीय संस्थाओं/बैंक से कितना-कितना ऋण लिया गया? योजनानुसार 25% ऋण राशि का पुनर्भुगतान ब्याज सहित किन-किन निकायों द्वारा समय पर किया जा रहा है? किन-किन निकायो द्वारा नहीं करने के कारण शासन से निकायो को प्राप्त अनुदान से कटौती कर भुगतान किया जा रहा है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
संचालित योजनाओं की जानकारी
[ऊर्जा]
76. ( क्र. 1188 ) श्रीमती अनुभा मुंजारे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला बालाघाट अंतर्गत आर.डी.एस.एस. योजना अंतर्गत कौन-कौन से कार्य स्वीकृत हुए हैं? सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में यदि 33 के.व्ही. उपकेंद्र कहां-कहां पर स्वीकृत है? उनके कार्यों की वर्तमान भौतिक स्थिति क्या है और कब तक पूर्ण कर लिया जाएगा? समयावधि बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) के विस्तार कार्यों हेतु कौन-कौन से निर्माण कंपनी के साथ अनुबंध किया गया है? उनका नाम/पता कार्यरत अधिकारी/कर्मचारी के पद, नाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) क्या कार्य एजेंसी द्वारा सामग्री का निर्माण निम्न स्तर पर किया जा रहा है? क्षेत्रवासियों से प्राप्त शिकायत के आधार पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा निरीक्षण कर पाया कि निम्न स्तर की सामग्री उपयोग की जा रही है क्या उक्त कार्यों की जांच की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जिला बालाघाट के अंतर्गत आर.डी.एस.एस. योजना में स्वीकृत हुए कार्यों का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में संचालन-संधारण वृत्त, बालाघाट अंतर्गत 33/11 के.व्ही. के कुल 7 नवीन विद्युत उपकेन्द्र यथा-बघोली, पाथरी, समनापुर, बैहर रोड पायपास, खमरिया, मोहाडी एवं पाथरी स्वीकृत हुए हैं। वर्तमान में उक्त नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों के कार्य प्रगतिरत् है एवं माह दिसम्बर, 2024 तक उक्त कार्यों को पूर्ण किये जाने का लक्ष्य रखा गया है। (ग) उत्तरांश (क) में उल्लेखित कार्यों के क्रियान्वयन हेतु अनुबंधित की गई एजेंसियों/फर्मों के नाम/पता एवं संचालन-संधारण-वृत्त क्षेत्रान्तर्गत कार्यरत इन एजेंसियों के कार्मिकों के पद, नाम सहित प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) योजना अंतर्गत क्रियान्वयन एजेंसियों द्वारा कार्य हेतु उपयोग किये जाने वाली सामग्री का परीक्षण/जाँच मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला के माध्यम से निर्धारित प्रक्रिया के तहत किया जाता है। प्रयोगशाला के माध्यम से प्राप्त परिणाम के आधार पर योग्य पाई गई सामग्रियों का ही उपयोग उल्लेखित निर्माण कार्यों में किया जाता है। योजना अंतर्गत संचालन-संधारण वृत्त बालाघाट क्षेत्रान्तर्गत उपयोग की जाने वाली सामग्रियों के संबंध में कोई भी शिकायत म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को प्राप्त नहीं हुई है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता है।
रॉयल्टी चुकता प्रमाण पत्र के बिना भुगतान
[लोक निर्माण]
77. ( क्र. 1192 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश सड़क निगम अरेरा हिल्स भोपाल मध्य प्रदेश शासन खनिज साधन विभाग राज्य मंत्रालय भोपाल के आदेश क्रमांक 14/10/20/2018/12/1 दिनांक 15/03/2018 में दिए गए आदेशों के बाद भी रॉयल्टी चुकता प्रमाण-पत्र के बिना ही सड़क निर्माण अनुबंधकर्ताओं के अंतिम बिलों का भुगतान कर रहे है? (ख) दिनांक 15/3/2018 के आदेश में रॉयल्टी चुकता प्रमाण- पत्र का क्या प्रारूप दिया जाकर क्या-क्या प्रक्रिया बताई गई है? रॉयल्टी चुकता प्रमाण-पत्र प्राप्त किए बिना भुगतान पर किसकी क्या-क्या जिम्मेदारी का उल्लेख आदेश में है? (ग) खनिज विभाग के जारी आदेश दिनांक से प्रश्नांकित दिनांक तक निगम ने भोपाल संभाग में किस-किस अनुबंधकर्ता के अंतिम बिलों का भुगतान रॉयल्टी चुकता प्रमाण-पत्र प्राप्त कर किया? किसका भुगतान बिना प्रमाण-पत्र प्राप्त किये किस अधिकारी द्वारा किया गया?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) म.प्र. शासन खनिज साधन विभाग मंत्रालय का पत्र क्र. एफ 14–10/2018/12/1 भोपाल दिनांक 15.03.2018 के अनुसार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। शेष जानकारी निरंक। म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा अनुबंधों में निहित प्रावधानों के अनुसार रॉयल्टी चुकता प्रमाण-पत्र प्राप्त होने पर अंतिम देयक का भुगतान किया जाता है।
नवीन पुल निर्माण की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
78. ( क्र. 1196 ) डॉ. राजेश सोनकर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला देवास अंतर्गत सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र में सोनकच्छ नगर में प्रवेश करने के लिए कालीसिंध नदी पर निर्मित ब्रिज कितने वर्ष पुराना है व उसकी वस्तुस्थिति और लोड सहने की क्षमता कितनी है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में लोड सहने की क्षमता कम होकर जर्जर हो जाने पर क्या किसी दुर्घटना का भी अंदेशा है एवं किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने की विभाग की क्या तैयारी है? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में निर्मित ब्रिज को तोड़कर नया ब्रिज बनाने की कोई योजना है क्या? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में यदि हाँ, तो नवीन ब्रिज की स्वीकृति व निर्माण कब तक हो जाएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) कालीसिंध नदी पर निर्मित पुल लगभग 65 वर्ष पुराना है। यातायात का आवागमन सुचारू रूप से संचालित है। लोड सहने की क्षमता मानक अनुसार है। (ख) वर्तमान में पुल की स्थिति ठीक है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ऊर्जा की योजनाओं की जानकारी
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
79. ( क्र. 1197 ) डॉ. राजेश सोनकर : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. सरकार की नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा की क्या-क्या योजनाएँ है? योजनाओं का लाभ आमजन कैसे ले सकता है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में योजनाओं का लाभ लेने वाले किसानों एवं जनसामान्य को क्या कोई सबसिडी (अनुदान) भी दिया जाता है? (ग) सोलर ऊर्जा, बायोमास, बायोगैस एवं पवन चक्की के स्थापना में देवास जिला अंतर्गत सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र में क्या-क्या कार्य हुए है एवं क्या-क्या कार्य होना शेष है? (घ) प्रधानमंत्री कुसुम योजना क्या है एवं क्या यह योजना सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र में भी चल रही है?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री राकेश शुक्ला ) : (क) मध्यप्रदेश सरकार की नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा की योजनाओं की जानकारी एवं योजनाओं का लाभ आमजन कैसे ले सकता है, से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब अनुसार है। (ख) जी हाँ योजनाओं में देय सब्सिडी (अनुदान) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) देवास जिला के अंतर्गत सोनकच्छ विधानसभा में बायोमास, बायोगैस कार्यक्रम से संबंधित विभाग में कोई परियोजना पंजीकृत नहीं है। सोलर ऊर्जा के अंतर्गत पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना (पी.एम.कुसुम-ब) के तहत कुल 165 नग सोलर पंप स्थापित किये जा चुके है। पवन ऊर्जा की 390.2 मेगावाट क्षमता की परियोजनाएं स्थापित है। सोलर ऊर्जा के अंतर्गत वर्तमान में लागू ''प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना'' के तहत 36 नग सोलर पंप की स्थापना शेष है। (घ) प्रधानमंत्री कुसुम योजना का लाभ कृषि क्षेत्र में अक्षय ऊर्जा (यथा सोलर एनर्जी) के उपयोग को प्रोत्साहित करना है। प्रधानमंत्री कुसुम योजना भारत सरकार द्वारा पूरे प्रदेश के साथ-साथ सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र में भी लागू है। योजना से संबंधित विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है
नियमित अधिकारी एवं कर्मचारियों को प्रतिमाह सीधे वेतन भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
80. ( क्र. 1200 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में कार्यरत नियमित अधिकारी एवं कर्मचारियों को प्रतिमाह वेतन दिये जाने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में कार्यरत नियमित अधिकारी एवं कर्मचारियों को प्रतिमाह कितनी तारीख तक वेतन दिये जा रहा है? (ग) क्या शासन द्वारा प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में कार्यरत नियमित अधिकारी एवं कर्मचारियों को वेतन दिये जाने हेतु चुंगी क्षतिपूर्ति दिये जाने का प्रावधान है यदि हाँ, तो कितनी और किस तारीख तक दिये जाने का प्रावधान है? (घ) क्या शासन प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में अलग-अलग चुंगी क्षतिपूर्ति की राशि न देकर प्रदेश के नगरीय निकायों में कार्यरत नियमित अधिकारी एवं कर्मचारियों को अन्य विभागों के भांति सीधे वेतन दिये जाने में कोई कठिनाई है यदि है तो क्या बतावें और यदि नहीं, तो नगरीय निकायों में कार्यरत नियमित अधिकारी एवं कर्मचारियों को अन्य विभागों के भांति सीधे वेतन समय पर दिया जाना कब तक प्रारम्भ कर दिया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं। प्रदेश की नगरीय निकायों के अधिकारियों/कर्मचारियों को वेतन नगरीय निकायों के राजस्व से प्रदान किया जाता है, न कि शासन द्वारा। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। प्रदेश की नगरीय निकायों को वर्ष 1975-76 में निकायों द्वारा अधिरोपित चुंगी शासन द्वारा समाप्त किये जाने के फलस्वरूप क्षतिपूर्ति राशि दी जाती है, वित्त विभाग से अनुमति प्राप्त करने के उपरांत प्रतिमाह चुंगी क्षतिपूर्ति निकायों की पात्रता अनुसार वितरित की जाती है। (घ) प्रदेश की नगरीय निकाय स्वशासी संस्थाये है। शासकीय विभागों की भांति शासन स्तर से वेतन दिये जाने का प्रावधान नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आउटसोर्स से कर्मचारियों को रखा जाना
[ऊर्जा]
81. ( क्र. 1201 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में विभाग अन्तर्गत आउट सोर्स से कर्मचारियों के रखे जाने का प्रावधान है यदि हाँ, तो विभाग में रखे जाने के नियम एवं निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) विभाग अन्तर्गत राजगढ़ जिले में आउट सोर्स पर कौन-कौन से पदों पर कितने-कितने कर्मचारी को रखे जाने का प्रावधान है? उनकी योग्यता एवं वेतन क्या है? पदवार बतावें। (ग) विभाग अन्तर्गत राजगढ़ जिले में आउट सोर्स से कर्मचारियों को रखे जाने हेतु किस कम्पनी को किन शर्तों पर ठेका दिया गया है? बतावें। (घ) विभाग अन्तर्गत राजगढ़ जिले में आउट सोर्स पर किस श्रेणी पर कितने कर्मचारी किस मानदेय पर अप्रैल 2023 से प्रश्न दिनांक तक रखे गये है? उनकी संख्यात्मक जानकारी देवें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) राज्य शासन के आदेश दिनांक 9/6/2011 द्वारा विद्युत कंपनियों की संगठनात्मक संरचना की स्वीकृति प्रदान की गई है। उक्त स्वीकृत संगठनात्मक संरचना में आवश्यकतानुसार आऊटसोर्स के माध्यम से कार्मिक नियोजित किये जाने हेतु पद संख्या स्वीकृत है। पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रांतर्गत राजगढ़ जिले में आऊटसोर्स पर रखे जाने हेतु कार्मिकों की संख्या, योग्यता एवं वेतन की पदवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) राजगढ़ जिले के संचा./संधा., वृत्त राजगढ़ में आऊटसोर्स के माध्यम से कार्मिकों को रखे जाने हेतु खुली निविदा के माध्यम से एवं निविदा में वर्णित शर्तों के अनुरूप मेसर्स क्वेस कॉर्प लिमिटेड बैंगलोर को ठेका प्रदान किया गया है। इस संबंध में जारी की गई निविदा की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) राजगढ़ जिले के संचा./संधा., वृत्त राजगढ़ में माह अप्रैल, 2023 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में आऊटसोर्स के माध्यम से श्रेणीवार रखे गये कार्मिकों एवं मानदेय की संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है।
मार्गों से टोल वसूली
[लोक निर्माण]
82. ( क्र. 1204 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 1182 दिनांक 13.02.2024 के खण्ड (ख) के संदर्भ में बतावें कि संभागायुक्त द्वारा गणना का प्रमाण-पत्र/नोटशीट क्यो नहीं है? फिजीबिलिटी रिपोर्ट के यातायात के आंकड़ों का परीक्षण कर दिया गया यह किस दस्तावेज के आधार पर तय किया गया? उस दस्तावेज की प्रति देवें तथा बतावें कि वास्तविक आंकड़े संभागायुक्त द्वारा पुष्टि किये गये आंकडो से दो तीन गुना ज्यादा होंगे तो क्या टोल अवधि की गणना पर फर्क नहीं पडेगा? (ख) चार्टड अकाउटेंट का चयन संबंधी अनुबंध की धारा 33.2.1 का पालन लेबड जावरा नयागांव फोरलेन पर किये जाने संबंधी समस्त दस्तावेज, पत्राचार, नोटशीट की प्रति देवें। (ग) लेबड-जावरा, जावरा- नयागांव, देवास-भोपाल मार्ग की परियोजना लागत क्या है तथा प्रारम्भ से मई 2024 तक कितना टोल वसूला जा चुका है तथा इन तीनों रोड पर टोल वसूलने की अंतिम दिनांक क्या है? (घ) लेबड- जावरा मार्ग पर अनुबंध की कंडिका 29.1 में दिनांक 01.06.2020 को टारगेट पीयुसी 26800 कैसे तय किया गया इसका परीक्षण कर पुष्टि किस अधिकारी द्वारा की गई एक निजी कंसलटेंट द्वारा तय किये गये आंकड़े बिना पुष्टि तथा परीक्षण किये कैसे मान्य कर जनता से 5000-10000 करोड़ रूपये वसूलने की छूट को शासकीय मान्यता कैसे दी गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) प्रश्न क्रमांक 1182 दिनांक 13.02.2024 के खण्ड-ख उत्तर में अवगत कराया गया था कि यातायात गणना की पुष्टि संभागीय प्रबंधक द्वारा की जाती है। उक्त संबंध में कोई भी दस्तावेज तैयार नहीं किये जाते है। दस्तावेज उपलब्ध कराये जाना संभव नहीं है। फिजीबिलिटी रिपोर्ट में यातायात आंकडे अनुमानित आकंलन के आधार पर तैयार किये जाते है तथा वास्तविक आंकडों में अंतर होना स्वाभाविक है। टोल अवधि निविदा अमांत्रित करने के पूर्व निविदा शर्तों अनुसार होती है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार। (घ) फिजीबिलिटी रिपोर्ट अनुसार अनुबंध की कंडिका 29.1 में पी.सी.यू. तय किया जाता है। इसका परीक्षण संभागीय प्रबंधक द्वारा फिजीबिलिटी रिपोर्ट तैयार किये जाते समय किया जाता है। कंसेशनायर को टोल संग्रहण का अधिकार कंसेशन अनुबंध के प्रावधान के अनुसार है।
मैरिज गार्डन पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
83. ( क्र. 1207 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश राजपत्र असाधारण दिनांक 06.01.2021 में प्रकाशित मध्य प्रदेश नगर पालिका (विवाह स्थल का पंजीयन एवं उपभोग) आदर्श उप विधि 2020 के प्रावधान की प्रति देवें। (ख) धार जिले में प्रश्न-दिनांक की स्थिति में कितने मैरिज गार्डन को संचालन की अनुमति प्रदान की गई है? उनकी सूची एवं अनुमति पत्र की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ग) जिले में कुल कितने मैरिज गार्डन बिना अनुमति के अवैध रूप से संचालित किये जा रहे हैं और कब से संचालित किया जा रहे हैं, उनके संचालकों के नाम, पता, भवन के निर्माण अनुमति, फायर एनओसी की कॉपी, वार्षिक संपत्ति कर की जमा पावती की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) कुल कितने मैरिज गार्डन सर्वेक्षण में नियम विरुद्ध पाए गए, सर्वेक्षण उपरांत की गई कार्यवाही की प्रमाणित प्रति उपलब्ध करावें? (ङ) यदि उक्त निकायों में अवैध रूप से मैरिज गार्डन संचालित होना सत्य पाया जाता है तो क्या अवैध मैरिज गार्डन के संबंध में भ्रामक जानकारी देकर उन्हें संरक्षण प्रदान करने वाले सी.एम.ओ. के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) किसी भी नगरीय निकाय में मैरिज गार्डन संचालन की अनुमति नहीं दी गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) नगर परिषद धामनौद 01 नगर परिषद कुक्षी 06 इस प्रकार जिले में 07 मेरिज गार्डन बिना अनुमति के संचालित किये जा रहे है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (घ) कुल 07 मेरिज गार्डन सर्वेक्षण में नियम विरूद्ध पाये गये हैं। शेष जानकारी निरंक है। (ड.) जांचोपरांत नियमानुसार कार्यवाही किया जाना प्रस्तावित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कृषि सिंचाई एवं ग्रामीण बिजली आपूर्ति
[ऊर्जा]
84. ( क्र. 1211 ) श्री सतीश मालवीय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इंदौर क्षेत्रान्तर्गत उज्जैन जिले की घट्टिया विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 एवं वित्तीय वर्ष 2024-25 में दिनांक 31.05.2024 की स्थिति में कितने विद्युत वितरण ट्रान्सफार्मर (घरेलु एवं सिंचाई श्रेणी) के अतिभारित (ओवरलोड) थे एवं अतिभारित होने के कारण कितने विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर जले/खराब है इनमें से कितने विद्युत वितरण ट्रान्सफार्मरों को निर्धारित समय अवधि में बदल दिया गया है की संख्यात्मक जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की अतिभारित क्षमता में वृद्धि करने के संबंध में विद्युत वितरण कंपनी द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? इन अतिभारित विद्युत वितरण ट्रान्सफार्मर की क्षमता वृद्धि का कार्य कब तक किया जावेगा? (ग) विधानसभा क्षेत्र घट्टिया अन्तर्गत कितने 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र स्थापित है? इनमें से कितने 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र की क्षमता वृद्धि की आवश्यकता है? 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रवार जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) विधानसभा क्षेत्र घट्टिया अन्तर्गत मजरे टोलों में निवासरत आमजन को विद्युत आपूर्ति के संबंध में शासन की क्या योजना है? मजरे टोलों में बिजली की उपलब्धता कब तक कराई जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर क्षेत्रांतर्गत उज्जैन जिले की घट्टिया विधानसभा क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2023-24 में दिनांक 31.03.2024 की स्थिति में घरेलू एवं सिंचाई श्रेणी के क्रमश: 273 एवं 172 वितरण ट्रांसफार्मर अतिभारित थे जिन्हें क्रमश: बदले जाने/क्षमता वृद्धि की कार्यवाही की जा रही है एवं वित्तीय वर्ष 2024-25 में प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में घरेलू एवं सिंचाई श्रेणी के क्रमश: 146 एवं 84 वितरण ट्रांसफार्मर अतिभारित हैं। वित्तीय वर्ष 2023-24 में 40 एवं वित्तीय वर्ष 2024-25 में दिनांक 31.05.2024 की स्थिति में 09 वितरण ट्रांसफार्मर अतिभारित होने के कारण जले/खराब हुए हैं एवं इन सभी 49 जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों को निर्धारित समयावधि में बदल दिया गया है। (ख) वित्तीय वर्ष 2023-24 में घरेलू श्रेणी के 110 वितरण ट्रांसफार्मर एवं सिंचाई श्रेणी के 57 वितरण ट्रांसफार्मर, इस प्रकार कुल 167 वितरण ट्रांसफार्मरों को अण्डरलोड कर दिया गया था एवं इसी प्रकार वित्तीय वर्ष 2024-25 में घरेलू श्रेणी के 17 वितरण ट्रांसफार्मर एवं सिंचाई श्रेणी के 31 वितरण ट्रांसफार्मर, इस प्रकार कुल 48 वितरण ट्रांसफार्मरों को अण्डरलोड कर दिया गया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में दिनांक 31.05.2024 की स्थिति में अतिभारित 230 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि से संबंधित कार्यों हेतु म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को केन्द्र सरकार की आर.डी.एस.एस. योजना के प्रथम चरण में कुल 28 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि के कार्यों की स्वीकृति प्राप्त हुई है, जिनका कार्य माह-दिसम्बर, 2024 तक पूर्ण किया जाना है तथा शेष अतिभारित 202 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि से संबंधित कार्यों को आर.डी.एस.एस. योजना के द्वितीय चरण में प्रस्तावित किया गया है, जिसकी स्वीकृति केन्द्र शासन से प्राप्त होना शेष है। अत: वर्तमान में उक्त कार्यों को पूर्ण किये जाने की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्रांतर्गत 33/11 के.व्ही. के 33 विद्युत उपकेंद्र स्थापित है, इनमें से 33/11 के.व्ही. के 9 विद्युत उपकेन्द्रों में क्षमता वृद्धि की आवश्यकता है, जिसकी प्रश्नाधीन चाही गई विद्युत उपकेन्द्रवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रश्नाधीन क्षेत्र के समस्त राजस्व ग्रामों एवं उनके चिन्हित मजरों/टोलों का पूर्ववर्ती विद्युतीकरण योजनाओं के दिशा-निर्देशों एवं प्रावधानों के अनुरूप विद्युतीकरण एवं सघन विद्युतीकरण किया गया है एवं शासन के नियमानुसार उक्त सभी ग्रामों/मजरों/टोलों के कृषि उपभोक्ताओं को प्रति दिन 10 घंटे एवं गैर कृषि उपभोक्ताओं को 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। आबादी क्षेत्र से बाहर खेतों में दूर-दूर, छोटे-छोटे समूह में बने घरों को निकटस्थ उपलब्ध विद्युत अधोसंरचना (सिंचाई फीडर) से संयोजित कर 10 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। नये घरों/मजरो/टोलो का निर्माण एक सतत् प्रक्रिया है। प्रश्नाधीन क्षेत्रांतर्गत अविद्युतीकृत/आंशिक विद्युतीकृत घरों/मजरों/टोलो को 24 घंटे वाले फीडरों से जोड़ने के लिये वित्तीय एवं तकनीकी साध्यता अनुसार वित्तीय उपलब्धता के अनुरूप विद्युत अधोसंरचना निर्माण का कार्य किया जा सकेगा। अत: विद्युतीकरण हेतु वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मिनी स्मार्ट सिटी बनाए जाने का प्रस्ताव
[नगरीय विकास एवं आवास]
85. ( क्र. 1213 ) श्री सतीश मालवीय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले की घट्टिया विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत नगर परिषद उन्हेल के मिनी स्मार्ट सिटी बनाएं जाने के संबंध में क्या शासन स्तर पर कोई प्रस्ताव लंबित है? यदि हां, तो उक्त प्रस्ताव की स्वीकृति कब तक प्रदान की जावेगी? समय-सीमा बतावें। (ख) नगर परिषद उन्हेल के निर्माण कार्यों संबंधी कितने प्रस्ताव लंबित हैं? इन्हे स्वीकृति कब तक प्रदान की जावेगी? समय-सीमा बतावें। (ग) नगर परिषद उन्हेल वर्तमान में जीर्ण-शीर्ण भवन में संचालित किया जा रहा है? जिसके कारण कई प्रकार की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। परिषद हेतु नवीन भवन की स्वीकृति कब तक प्रदान की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं। वर्ष 2016-17 में लागू की गयी मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना द्वितीय चरण के अंतर्गत पर्यटन, धार्मिक स्थलों तथा विशेष महत्व के शहरों को मिनी स्मार्ट सिटी बनाए जाने की स्वीकृति दी गई थी, उक्त योजना की अवधि पूर्ण हो गई है, अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) नगर परिषद, उन्हेल का निर्माण कार्य से संबंधित संचालनालय स्तर पर कोई प्रस्ताव लंबित नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं, अपितु पंचायत काल में निर्मित भवन में नगर परिषद का कार्यालय लग रहा है। वर्ष 2017 में भवन में आवश्यक मरम्मत कार्य करया गया है। निकाय द्वारा नवीन भवन निर्माण का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विद्युत पोलों की शिकायतों का निराकरण
[ऊर्जा]
86. ( क्र. 1221 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.पश्चिम क्षे.वि.वि.कं.लि. इंदौर क्षेत्रान्तर्गत महिदपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र में नीचे लटकते हुए तारों को दुरस्त करवाने के लिए विद्युत वितरण कंपनी द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? प्रश्नाधीन क्षेत्र में नीचे लटकते हुए तारों को कितने समय से सही नहीं किया गया है? इस संबंध में विद्युत वितरण कंपनी को विगत 02 वित्तीय वर्षों में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं, की संख्यात्मक जानकारी देवें? (ख) विगत 02 वित्तीय वर्षों में महिदपुर विधान सभा क्षेत्र में नीचे लटकते हुए तारों के कारण कितनीं दुर्घटनाये घटित हुई है? वित्तीय वर्षवार संख्यात्मक जानकारी बतावें। क्या विद्युत वितरण कंपनी द्वारा इस संबंध में कोई ठोस कदम उठाये गये है? विद्युत वितरण कंपनी द्वारा लटकते हुए तारों एवं क्षतिग्रस्त विद्युत पोलों को सही करने का कार्य कब-कब किया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार कितनी घटित दुर्घटनाओं में हुए जान-माल के नुकसान का मुआवजा कितने पीड़ितों को दिया गया है? वित्तीय वर्षवार सूची देवें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर द्वारा विद्युत लाईनों को व्यवस्थित करने सहित समस्त स्थापित विद्युत अधोसंरचना के रख-रखाव का कार्य मानसून पूर्व एवं मानसून अवधि के पश्चात करने के अलावा विद्युत व्यवधानों/दुर्घटनाओं को कम करने के उद्देश्य से पूरे वर्ष सतत रूप से किया जाता है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में निर्धारित शेड्यूल अनुसार मानसून पूर्व रख-रखाव कार्यों के तहत दिनांक 01.04.2024 से कार्य किये जा रहे है, जिसके तहत वर्तमान तक 1135.35 किलोमीटर विद्युत लाईन के तारों का रख-रखाव कार्य पूर्ण हो चुका है। उक्त के अतिरिक्त विद्युत लाईनों के तारों के नीचे लटकने की शिकायत/सूचना प्राप्त होने पर उपलब्ध संसाधनों के माध्यम से त्वरित रुप से सुधार कार्य किया जाता है। प्रश्नाधीन क्षेत्रांतर्गत विगत 02 वित्तीय वर्षों में विद्युत लाईनों के तारों के नीचे लटकने से संबंधित कुल 104 शिकायतें प्राप्त हुई थीं, जिन पर त्वरित कार्यवाही करते हुए तत्परता पूर्वक नियत समयावधि में संतुष्टि पूर्ण/समाधानकारक निराकरण कर दिया गया था। (ख) विगत 02 वित्तीय वर्षों में प्रश्नाधीन क्षेत्र में विद्युत लाईनों के नीचे लटकते हुए तारों के कारण घटित विद्युत दुर्घटनाओं के प्रकरण म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संज्ञान में नहीं है। अतः शेष प्रश्न नहीं उठता। प्रश्नाधीन क्षेत्र में नीचे लटकते हुए विद्युत तारों एवं क्षतिग्रस्त विद्युत पोलों को सही करने हेतु मानसून पूर्व एवं मानसून अवधि के पश्चात् तथा नियमित रख-रखाव के तहत् वित्तीय वर्ष 2022-23 में 2290 किलोमीटर विद्युत लाईन एवं 121 विद्युत पोलों तथा वित्तीय वर्ष 2023-24 में 1848 किलोमीटर विद्युत लाईन एवं 210 विद्युत पोलों का सुधार कार्य विभिन्न तिथियों में किया गया था। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
सड़क एवं भवन निर्माण कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
87. ( क्र. 1222 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक लोक निर्माण विभाग अंतर्गत कुल कितनी सड़कें स्वीकृत हुई है? कितनी सड़कों का कार्य पूर्ण हो चुका है एवं कितनी सड़कों का कार्य निर्माणाधीन है? (ख) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत लोक निर्माण विभाग द्वारा वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितनी इमारतों/भवनों का निर्माण हुआ है एवं कितनी निर्माणाधीन है? पूर्व में निर्मित इमारतों/भवनों का वर्तमान समय में क्या स्थिति है? ऐसी कितनी इमारतें/भवन है जो जीर्ण-शीर्ण होकर डीस्मेंटल करने योग्य है। क्या उन्हें डिस्मेंटल करके नवीन निर्माण के लिए प्रस्ताव विभाग को भेजा गया है? यदि प्रस्ताव भेजा गया है तो कब तक उन्हें डिस्मेंटल करके नवीन निर्माण किया जायेगा? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार लोक निर्माण विभाग अंतर्गत निर्मित कितनी सड़कें गारंटी अवधि में है? आज प्रश्न दिनांक तक कितनी सड़कें जीर्ण-शीर्ण हो चुकीं है एवं गारंटी अवधि में होने के पश्चात भी ठेकेदार द्वारा उनकी मरम्मत का कार्य नहीं किया गया है? यदि नहीं, किया गया है तो कब तक उनकी मरम्मत का कार्य पूर्ण कर दिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक कुल 54 सड़कें स्वीकृत हुई है। 25 सड़कों का कार्य पूर्ण, 23 सड़कें निर्माणाधीन व शेष 6 सड़कों के कार्य अप्रारम्भ (कार्यादेश जारी) है। म.प्र. सड़क विकास निगम की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) लोक निर्माण विभाग (भवन) द्वारा कुल 31 भवनों का निर्माण किया जा चुका है तथा 07 कार्य निर्माणाधीन है। लोक निर्माण विभाग के अधीन पूर्व निर्मित 249 नग भवन है। उक्त भवनों की स्थिति संतोषजनक है। कोई भवन जीर्ण-शीर्ण/डिस्मेंटल करने योग्य नहीं पाया गया है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (क) अनुसार 25 सड़कें गारंटी अवधि में है। म.प्र. सड़क विकास निगम की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। कोई भी सड़क जीर्ण-शीर्ण नहीं है अर्थात अच्छी स्थिति में है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सड़कों के निर्माण में व्यय की गई राशि
[लोक निर्माण]
88. ( क्र. 1224 ) श्री सुरेश राजे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र डबरा के अंतर्गत लोक निर्माण विभाग के अधीन कहाँ से कहाँ तक की सड़कें हैं तथा इनमें से वर्ष 2019-20 से 2023-24 में कौन-कौन से सड़कों का निर्माण कितनी-कितनी राशि से किस फर्म/कंपनी/उपयंत्री की देखरेख में किस दिनांक को पूर्ण करवाया गया? क्षतिग्रस्त होने पर गारंटी अवधि में पेच वर्क करवाने हेतु प्रत्येक सड़क हेतु निर्माण एजेंसी की कितनी राशि काटी गई? कार्यवार एवं वर्षवार पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार उक्त उल्लेखित वर्षों में बनाई गई सड़कें गारंटी अवधि में क्षतिग्रस्त होने से किस-किस सड़क पर कितनी-कितनी राशि का पेंच वर्क करने हेतु किस दिनांक को निविदा बुलाई गई? प्राप्त निविदा का तुलनात्मक पत्रक की सत्यापित प्रति देवें तथा किस फर्म/ठेकेदार द्वारा किस-किस सड़क का पेच वर्क कितने मीटर कितनी राशि व्यय कर किस उपयंत्री की देखरेख में करवाया गया? ऐसी सड़कों की वर्तमान स्थिति क्या है? जानकारी दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) कोई भी मार्ग क्षतिग्रस्त नहीं हुआ है। अतः शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। वर्तमान में सड़कों की स्थिति अच्छी है।
घरेलू विद्युत कनेक्शन
[ऊर्जा]
89. ( क्र. 1244 ) श्री इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या घरेलू विद्युत कनेक्शन के लिए विभाग द्वारा क्या नियम निर्धारित है? जानकारी देवें तथा उक्त नियम किस दिनांक से जारी किए गए है? (ख) क्या नये नियम में एक आवासीय परिसर जो बहुमंजिला है तथा उनमें अलग परिवार निवासरत हैं? उन्हें अलग-अलग घरेलू विद्युत कनेक्शन प्रदान करने का प्रावधान है या नहीं? (ग) क्या वर्ष-2023 से पूर्व प्रश्नांश (ख) में वर्णित उपभोक्ताओं को अलग-अलग घरेलू विद्युत कनेक्शन प्रदान करने का प्रावधान था? यदि हाँ, तो जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ख) में वर्णित ऐसे कितने विद्युत उपभोक्ता है जिनके आवेदन घरेलू विद्युत कनेक्शन हेतु लंबित हैं? नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सागर एवं राहतगढ़ विकासखण्ड में कितने आवेदन लंबित है? विकासखण्डवार जानकारी देवें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा समय-समय पर अधिसूचित विनियमों के प्रावधानों अनुसार घरेलू श्रेणी सहित विभिन्न श्रेणी के आवेदकों को विद्युत कनेक्शन प्रदान किये जाते हैं। वर्तमान में ''म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता-2021'' के अध्याय-4 ''नवीन विद्युत प्रदाय'' के प्रावधानों के अनुरूप घरेलू विद्युत कनेक्शन दिये जा रहे हैं, जिससे संबंधित पृष्ठों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विद्युत प्रदाय संहिता 2021 की कंडिका 4.30 के अनुसार ऐसे भवन अथवा भवनों का समूह, जिसमें एक से अधिक संयोजन है, को बहुउपभोक्ता संकुल माना जायेगा। इन संकुलो के उपभोक्ताओं को, जिनके पास विधिक पंजीयन एवं प्रॉपर्टी आई.डी. रहती है, को प्रावधान अनुसार पृथक-पृथक विद्युत कनेक्शन दिया जाता है। उक्त के अतिरिक्त, राज्य शासन के आदेश दिनांक 15/03/2024 द्वारा एक ''परिसर'' में विधिक बंटवारा नहीं होने/अन्य के कारण से एक से अधिक अलग-अलग निवासरत परिवारों को पृथक-पृथक स्वतंत्र विद्युत कनेक्शन दिये जाने के लिए विद्युत वितरण कंपनियों के क्षेत्रीय मुख्य अभियंताओं के मुख्यालयों यथा- भोपाल, ग्वालियर, उज्जैन, इंदौर, जबलपुर, रीवा, सागर एवं शहडोल में Pilot Project के तहत व्यवस्था छ: माह के लिये लागू की गई हैं। (ग) जी नहीं। (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में नरयावली विधानसभा क्षेत्रांतर्गत घरेलू विद्युत कनेक्शन हेतु कोई भी आवेदन लंबित नहीं है। प्रश्नाधीन क्षेत्रान्तर्गत सागर एवं राहतगढ़ विकासखण्डों में प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में कोई भी नवीन घरेलू विद्युत कनेक्शन हेतु आवेदन लंबित नहीं है।
सड़क निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
90. ( क्र. 1245 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले के केवलारी विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत चिडी मोहगांव रोड से थॉवरी सड़क मार्ग कच्चा है क्या विभाग में इस मार्ग के निर्माण हेतु प्रस्तावन विचाराधीन है? (ख) क्या विभाग द्वारा प्रस्ताव तैयार करने संबंधी कोई कार्यवाही की गई, यदि हाँ, तो विवरण दें। यदि नहीं, तो क्यों नहीं कारण स्पष्ट करें? (ग) क्या विभाग के पास सड़क निर्माण के लिए को प्रस्ताव लंबित है, यदि हाँ, तो कब तक इस पर कार्य किया जावेगा यदि नहीं, तो क्यों नही?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ, जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। नवीन कार्य की स्वीकृति हेतु बजटीय प्रक्रिया का पूर्ण होना आवश्यक है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर अनुसार शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
बिजली की आपूर्ति
[ऊर्जा]
91. ( क्र. 1246 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले के केवलारी विधानसभा क्षेत्र के धनौरा विकासखण्ड के अंतर्गत ग्राम मुंगवानी, महुआटोला, रावठान, बरेली, घटेरी, थॉवरी, केवलारीखेड़ा में 24 घण्टे बिजली की लाइन नहीं है, अपितु खेत में सिंचाई हेतु दी गई लाइन से गांव में बिजली दी जा रही है ऐसा क्यों क्या इन गांवों में 24 घण्टे बिजली लाइन स्वीकृत नहीं है, यदि है तो 24 घण्टे बिजली क्यों नहीं मिल रही है, नहीं है तो क्यों नहीं है? (ख) धनौरा विकासखण्ड के कौन-कौन से गांव में 24 घण्टे बिजली की सुविधा उपलब्ध है और किन-किन ग्रामों में 24 घण्टे बिजली सुविधा उपलब्ध नहीं है? सूची उपलब्ध करावें। (ग) क्या सब स्टेशनों में 24 घण्टे बिजली देने की क्षमता नहीं है ओर है तो दी क्यों नहीं जा रही है? (घ) धनौरा विकासखण्ड के अंतर्गत जनवरी 2023 से प्रश्न दिनांक तक कितने नये ट्रांसफार्मर लगाये गये और कितने ट्रांसफार्मरों को 25 के.व्ही. से 63 के.व्ही. के लगाये गए सूची उपलब्ध करावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं, सिवनी जिले के केवलारी विधानसभा क्षेत्र के धनौरा विकासखण्ड के अंतर्गत ग्रामों यथा- महुआटोला, रावठान, बरेली, घटेरी, थॉवरी, केवलारीखेड़ा में निवासरत घरेलू उपभोक्ताओं को 24 घण्टे विद्युत प्रदाय करने वाले फीडरों से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। केवल ग्राम मुंगवानी में 33/11 के.व्ही. मुंगवानी विद्युत उपकेन्द्र से निर्गमित 11 के.व्ही. पिपरिया मिक्स फीडर से 24 घंटे (10 घंटे थ्री फेस एवं 14 घंटे सिंगल फेस) विद्युत प्रदाय किया जाता है। उक्त ग्राम में 24 घंटे थ्री फेस विद्युत प्रदाय किये जाने के लिये आर.डी.एस.एस. योजना अंतर्गत नया घरेलू फीडर स्वीकृत किया गया है। उक्त कार्य के पूर्ण होने के उपरांत ग्राम मुंगवानी में भी 24 घंटे थ्री फेज पर विद्युत प्रदाय किया जा सकेगा। (ख) धनौरा विकासखण्ड के अंतर्गत समस्त 114 ग्रामों के घरेलू उपभोक्ताओं को 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है, जिसकी प्रश्नाधीन चाही गयी ग्रामवार सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) सिवनी जिले के अंतर्गत केवलारी विधानसभा क्षेत्र में स्थापित समस्त 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों की क्षमता क्षेत्र की विद्युत मांग के अनुरूप है तथा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत शासन के नियमानुसार कृषि प्रयोजन हेतु प्रतिदिन 10 घंटे एवं गैर कृषि प्रयोजन हेतु प्रतिदिन 24 घंटे गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि विद्युत लाईनों/अद्योसंचना के रख-रखाव हेतु पूर्व निर्धारित शट-डाउन लेने तथा तकनीकी कारणों/प्राकृतिक आपदा से आये आकस्मिक व्यवधानों जैसी अपरिहार्य स्थिति के कारण कतिपय अवसरों पर विद्युत प्रदाय बाधित होता है, जिसमें आवश्यक रख-रखाव/सुधार कार्य कर विद्युत प्रदाय शीघ्र ही सुचारू कर दिया जाता है। विद्युत अद्योसंरचना के आवश्यक रख-रखाव कार्य हेतु लिए जाने वाले शटडाउन की सूचना विद्युत उपभोक्ताओं को अखबार एवं अन्य माध्यमों से दी जाती है। (घ) धनौरा विकासखण्ड के अंतर्गत प्रश्नाधीन अवधि में कोई भी नवीन वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित नहीं किया गया है एवं 01 वितरण ट्रांसफार्मर की क्षमतावृद्धि 25 के.व्ही.ए. से 63 के.व्ही.ए. (आमानाला, अमोली रोड़ वाला) की गयी है।
योजनाओं की जानकारी
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
92. ( क्र. 1249 ) श्री गोपाल सिंह इंजीनियर : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आष्टा विधानसभा क्षेत्र में नवीन एवं नवकरणीय विभाग द्वारा वर्तमान में कौन-कौन सी कार्य योजनाएं संचालित हैं? इन योजनाओं में सरकार द्वारा कितनी-कितनी राशि का अनुदान दिया जाता है? जानकारी दें। (ख) पी.एम. सूर्य घर फ्री योजना म.प्र. में कब से लागू की गई तथा उक्त योजना में घरेलू कनेक्शन, कमर्शियल कनेक्शन एवं विभिन्न प्रकार के कनेक्शनों में कितनी-कितनी सब्सिडी का प्रावधान है? एस.सी., एस.टी., पिछड़ा वर्ग व सामान्य वर्ग को कनेक्शन हेतु कितनी-कितनी सब्सिडी का प्रावधान है? (ग) उक्त योजना में किसानों कृषि कार्य हेतु कुआं तथा बोरवेल पर लगवाने हेतु हार्सपावर वार कितनी सब्सिडी प्रदान किये जाने का प्रावधान है?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री राकेश शुक्ला ) : (क) आष्टा विधानसभा क्षेत्र सहित सम्पूर्ण प्रदेश में नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी एवं सरकार द्वारा दिये जाने वाले अनुदान से संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पी.एम. सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना केन्द्र शासन द्वारा देश के साथ-साथ म.प्र. में भी दिनांक 13.02.2024 से लागू की गई है। इस परियोजना का क्रियान्वयन विद्युत वितरण कंपनी द्वारा किया जा रहा है। आवासीय क्षेत्र में 01 कि.वॉ. पर 30,000/- 02 कि.वॉ. पर 60,000/- एवं 03 कि.वॉ. पर 78,000/- का अनुदान केन्द्र शासन द्वारा उपलब्ध कराया जाता है, जबकि कर्मिशियल कनेक्शन एवं विभिन्न प्रकार के कनेक्शनों में कोई सब्सिडी उपलब्ध नहीं है। आवासीय क्षेत्र में उक्त अनुदान (सब्सिडी) एस.सी., एस.टी., पिछड़ा वर्ग एवं सामान्य वर्ग को समान रूप से लागू है। (ग) उक्त योजना (पी.एम. सूर्य घर मुफ्त बिजली योजाना) किसानों के कृषि कार्य हेतु लागू नहीं है।
योजनाओं के क्रियान्वयन एवं छात्रावास की जानकारी
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
93. ( क्र. 1250 ) श्री गोपाल सिंह इंजीनियर : क्या राज्यमंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही है? योजनावार जानकारी देवें। आष्टा विधानसभा में उक्त योजनाओं से कितने हितग्राहियों को लाभ प्रदान किया गया है हितग्राही का नाम किस योजना में लाभ दिया गया विगत 02 वर्षों की सम्पूर्ण जानकारी देवें? (ख) आष्टा विधानसभा क्षेत्र में विभाग के कितने छात्रावास कहाँ-कहाँ संचालित है तथा उसमें कितने छात्र अध्ययन कर रहे है? छात्रावासवार जानकारी देवें। (ग) पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विभाग द्वारा छात्रों को पढ़ाई हेतु विदेश जाने पर क्या लाभ दिया जाता है? उसके क्या नियम है? नियम की प्रति उपलब्ध करावें।
राज्यमंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती कृष्णा गौर ) : (क) पिछड़ा़ वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। आष्टा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत लाभांवित हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। (ख) आष्टा विधानसभा क्षेत्र में विभाग का कोई छात्रावास संचालित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) पिछड़ा़ वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा पिछड़ा़ वर्ग के छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए विदेश भेजे जाने हेतु विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति योजना संचालित है। योजना नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-तीन अनुसार है।
लोकायुक्त एवं आर्थिक अपराध प्रकरणों की जानकारी
[लोक निर्माण]
94. ( क्र. 1251 ) श्री महेश परमार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग संभाग उज्जैन अंतर्गत कितने विभागीय अधिकारियों पर लोकायुक्त एवं आर्थिक अपराध में प्रकरण दर्ज हुए है? उक्त सभी अपचारी अधिकारियों के पदनाम, नाम प्रकरण दिनांक एवं आरोप के पूर्ण विवरण के साथ पंजीबद्ध प्रकरणों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) कितने लोक निर्माण विभाग भवन/पथ उज्जैन संभाग में रहते हुए, 11 वर्ष पूर्व सड़क निर्माण के घोटाले में कितने प्रकरण चिन्हित किये गये? चिन्हित प्रकरणों में कितनों में अभियोजन की स्वीकृति प्राप्त हुई? कितने प्रकरणों में अभियोजन की स्वीकृति प्राप्त होना शेष है? संबंधित अपचारी सेवकों के नाम, पद की सूची देते हुए बतावें कि 11 वर्ष से प्रश्न दिनांक तक अपचारी सेवकों को कहां-कहां पदस्थ किया गया है? (ग) वर्ष 2014 से महाकुंभ 2016 में एवं प्रश्न दिनांक तक किन-किन अधिकारियों पर किन मामलो में प्रकरण दर्ज हुए है? भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988, दण्ड प्रकिया की धारा 197 तथा विशेष/अन्य अधिनियमों के अन्तर्गत कुल कितने अभियोजन शासन से मंजूर हुए है? कितने अभियोजन मंजूर किया जाना शेष है? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में पंजीबद्ध समस्त अपचारी सेवकों की प्रथम पदस्थापना कब हुई थी? उनकी नियुक्ति की सेवा शर्ते क्या थी? वर्तमान में उनकी पदस्थापना के अभिलेखों के अनुसार क्या उनके स्थापना आदेश में जांच प्रकरण, विभागीय जांच या न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन होने की स्थिति में क्या उनको पुनः सेवा में उन्हीं दायित्वों को देकर कार्य लिया जा सकता है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) 16 अधिकारियों पर लोकायुक्त आर्थिक अपराध के अंतर्गत प्रकरण दर्ज हुये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"अ" अनुसार। (ख) एक। निरंक। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"ब" अनुसार। (ग) वर्ष 2014 से महाकुंभ 2016 तक में कोई प्रकरण दर्ज नहीं हुआ है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"अ" अनुसार। निरंक। 02 प्रकरण। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"स" अनुसार। सेवा भर्ती नियम अनुसार। नियमानुसार कार्यवाही की जाती है।
निर्माण कार्यों एवं नवीन प्रस्तावित मार्गों की जानकारी
[लोक निर्माण]
95. ( क्र. 1266 ) श्री हरी सिंह सप्रे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कुरवाई विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विगत 05 वर्षों में लोक निर्माण विभाग द्वारा कितनी सड़कों के निर्माण कार्य कराये गये हैं? उक्त सड़कों की वर्तमान में भौतिक स्थिति क्या है? सम्पूर्ण जानकारी सड़कों के स्वीकृति आदेश तथा कार्यादेश की प्रमाणित प्रति उपलब्ध करावें तथा उक्त सड़कों में कितनी सड़के गांरटी अवधि में है? (ख) कुरवाई विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कितनी सड़कों के प्रस्ताव शासन स्तर पर स्वीकृति हेतु लंबित है? मार्ग के नाम सहित जानकारी देवें। उक्त प्रस्तावों को शासन द्वारा कब तक स्वीकृति दी जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) कुल 12 सड़कों का निर्माण कार्य कराया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। सड़कों के स्वीकृति आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 एवं कार्यादेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। कुल 05 मार्ग ग्यारंटी अवधि में है एवं जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (ख) कोई नहीं। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
मार्गों की अद्यतन स्थिति
[लोक निर्माण]
96. ( क्र. 1269 ) श्री माधव सिंह (मधु गेहलोत) : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 03 वर्षों में आगर विधानसभा अंतर्गत कौन-कौन से मार्ग मजबूतीकरण एवं उन्नयन के कार्य के लिए स्वीकृत किए गए हैं? मार्गवार विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विधानसभा क्षेत्र आगर अंतर्गत स्वीकृत किए गए कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति, तकनीकी स्वीकृति, निविदा, कार्यादेश आदि की प्रमाणित प्रति उपलब्ध करावें। (ग) विधानसभा क्षेत्र आगर अंतर्गत कौन-कौन से मार्ग के मजबूतीकरण, उन्नयन एवं कौन-कौन सी नवीन सड़कों के प्रस्ताव प्रक्रियाधीन हैं? प्रक्रियाधीन प्रस्तावों पर स्वीकृति कब तक होगी? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार कितने मार्गों का निर्माण कार्य वर्तमान में चल रहा है तथा निर्माण कार्यों की अद्यतन स्थिति क्या है? लोक निर्माण विभाग द्वारा गांरटी अवधि में कितनी सड़के हैं एवं उक्त सड़को की भौतिक स्थिति क्या है? जानकारी देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) मार्गवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) विधानसभा क्षेत्र आगर अंतर्गत सुसनेर बायपास मार्ग के डी.पी.आर. का कार्य प्रक्रियाधीन है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'ब' अनुसार है।
निर्माण कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
97. ( क्र. 1271 ) श्री प्रहलाद लोधी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिला अंतर्गत वर्ष 2019-20 से कौन-कौन से निर्माण कार्य विभाग द्वारा कराये गये है? कितने कार्य पूर्ण हो चुके है और कितने कार्य अभी चल रहे है? (ख) मोहन्द्रा से रैपुरा मार्ग, चमरइया से बोरी मार्ग, दानदाई से अधराराड़ी मार्ग, बनौली से टपरियन मार्ग, चन्द्रावल से महाराजगंज वाया सिमरी मार्ग, खंडेराजा मार्ग, कल्दा मार्ग में डामरीकरण के क्या-क्या कार्य किये गये? कार्य में क्या-क्या एस्टीमेट थे? ठेकेदारों को कितना भुगतान किया गया? जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) विभाग द्वारा निर्माण कार्यों हेतु किन-किन सप्लायरों द्वारा गिट्टी एवं अन्य सामग्री की खरीदी की गई? संपूर्ण जानकारी भुगतान सहित उपलब्ध करायें। (घ) विभाग द्वारा पी.आई.यू. के द्वारा पन्ना जिला में कौन-कौन से निर्माण कार्य विगत 5 वर्षों में कराये गये है एवं उनका भौतिक सत्यापन किन-किन सक्षम अधिकारियों द्वारा किया गया है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) निर्माण कार्य निविदा उपरांत संविदाकार के माध्यम से कराया जाता है। अतः विभाग द्वारा सामग्री क्रय का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-2' अनुसार है।
प्रशिक्षण संस्था की उपस्थिति के आधार पर वेतन भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
98. ( क्र. 1287 ) श्री योगेन्द्र सिंह (बाबा) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्य नगर पालिका अधिकारी सारंगपुर द्वारा शासकीय कन्या उ.मा.वि. सारंगपुर, जिला-राजगढ़ के अध्यापक को स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन नहीं होने पर तथा हितलाभों से वंचित होने पर सत्र 2022-23 में बी.एड. प्रशिक्षण की विभागीय अनुमति स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय के आदेश क्रमांक एफ 1-4/07/20-01/भोपाल, दिनांक 28.06.2007 के नियमों के तहत तथा संस्था प्राचार्य की अनुशंसा के आधार पर प्रदान की गई थी? (ख) विभागीय अनुमति के आधार पर अशासकीय संस्था के लिए कार्यमुक्त करने का कोई भी प्रावधान नहीं होने पर एवं नियोक्ता की विभागीय अनुमति के आधार पर प्रशिक्षण संस्था द्वारा विगत 11 माह की उपस्थिति तथा अध्यापक के अभ्यावेदन के आधार पर वेतन भुगतान करने के आदेश जारी किये गये है अथवा नहीं? (ग) मुख्य नगर पालिका अधिकारी सारंगपुर की बी.एड. प्रशिक्षण की विभागीय अनुमति के पश्चात संस्था प्राचार्य द्वारा आदेश का पालन नहीं करने एवं प्रशिक्षण संस्था की उपस्थिति के आधार पर विगत 11 माह का वेतन भुगतान नहीं करने पर वेतन भुगतान की कार्यवाही की जा रही है अथवा नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। कार्यालयीन पत्र क्रमांक/829/स्थापना/2023-24 सारंगपुर दिनांक 15.06.2023 से प्राचार्य शा.क.उ.मा.वि. सारंगपुर की अनुशंसा पर श्री सुभाष शर्मा, अध्यापक को सत्र 2023-24 में दो वर्षीय बी.एड. पाठ्यक्रम की विभागीय अनुमति प्रदान की गई है। (ख) निकाय द्वारा प्रश्नांश (ख) अनुसार वेतन भुगतान संबंधी आदेश जारी नहीं किये गये है। इस संबंध में माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर में प्रकरण क्रमांक डब्लू.पी./20837/2023 सुभाष शर्मा विरूद्ध म.प्र. शासन, प्रचलित होने से निर्णय अनुसार कार्यवाही की जावेगी। (ग) जी नहीं। संस्था प्रचार्य का वेतन भुगतान के संबंध में मार्गदर्शन हेतु निकाय को पत्र दिनांक 21.08.2023 प्राप्त हुआ है इस संबंध में माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ में प्रकरण क्रमांक डब्लू.पी./20837/2023 सुभाष शर्मा विरूद्ध म.प्र.शासन, प्रचलित होने से निर्णय अनुसार कार्यवाही की जावेगी।
संचालित योजनाओं का लाभ
[विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु कल्याण]
99. ( क्र. 1307 ) डॉ. प्रभुराम चौधरी : क्या राज्यमंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला रायसेन के विधानसभा क्षेत्र सांची अंतर्गत किन-किन ग्रामों में विमुक्त, घुमन्तु एवं अर्द्धघुमन्तु परिवार निवासरत है, परिवारों की संख्या कितनी है? ग्रामवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) विभाग द्वारा विधानसभा क्षेत्र सांची में कुल कितने परिवारों को विगत पांच वर्षों में किन-किन परिवारों को विभाग की किन-किन योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है? योजनावार जानकारी उपलब्ध कराये। (ग) विभाग के द्वारा विमुक्त, घुमन्तु एवं अर्द्धघुमन्तु कल्याण हेतु कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही है एवं रायसेन जिले को कितना बजट उपलब्ध कराया गया हैं? विधानसभावार जानकारी देंवे।
राज्यमंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती कृष्णा गौर ) : (क) सर्वेक्षण के अभाव में विमुक्त घुमन्तु एवं अर्द्धघुमन्तु परिवारों की ग्रामवार, जिलावार संख्यात्मक जानकारी दी जाना सम्भव नहीं है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। विभागान्तर्गत बजट का योजनावार प्रावधान है, जिलेवार/विधानसभावार बजट प्रावधान न होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हरदौली जलावर्धन योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
100. ( क्र. 1310 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुलताई शहर की पेयजल आपूर्ति हेतु हरदौली जलावर्धन योजना के तहत बांध कार्य एवं पेयजल घटक हेतु वर्ष 2012-13 में क्या 20.54 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई थी? क्या बांध कार्य हेतु नगर पालिका द्वारा तैयार की गई डी.पी.आर. में भूमि का प्रावधान नहीं रखा गया था? यदि हाँ, तो क्या राज्य शासन से भू-अर्जन हेतु 5.43 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि स्वीकृत की गई है? (ख) योजना के दोनों घटकों के कार्य पूर्ण होने की समय-सीमा किस दिनांक से किस दिनांक तक निर्धारित की गई थी? प्रश्नांश (क) में योजना के दोनों घटकों पर कार्य प्रारंभ दिनांक से प्रश्न दिनांक तक मदवार व्यय राशि का विस्तृत विवरण प्रदान किया जावे? साथ ही योजना के कार्य पूर्णता अवधि से प्रत्र दिनांक तक शहर की जलापूर्ति हेतु नगर पालिका द्वारा किए गए अतिरिक्त व्यय का संपूर्ण विवरण दिया जावे। (ग) क्या योजना के तहत बांध कार्य माह जून 2019 में पूर्ण कर, बांध में पूर्ण क्षमता अनुसार जल भराव कर लिया गया है किन्तु योजना के दूसरे भाग पेयजल घटक का निर्माण दस वर्षों की लम्बी समयावधि के बावजूद नहीं किया जा सका है, जिसके कारण पर्याप्त पानी की उपलब्धता के बावजूद पूरे शहर में जलापूर्ति नहीं हो सकी है? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है? (घ) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा हरदौली जलावर्धन योजना पर प्रारंभ से अब तक हुए व्यय का ब्यौरा दिए जाने हेतु मुख्य नगर पालिका अधिकारी मुलताई से पत्र क्र. 246 दिनांक 15/04/2024 के अनुसार पत्राचार किया गया था? यदि हाँ, तो क्या प्रश्नकर्ता द्वारा चाही गई जानकारी उपलब्ध करा दी गई है? प्रश्नांश (ग) में यह भी बताया जावे कि ठेकेदार से समयावधि में कार्य पूर्ण नहीं कराने हेतु कौन-कौन से सी.एम.ओ. जिम्मेदार है और इन पर क्या कार्रवाई की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। बांध निर्माण के लिये आवश्यक भूमि के भू-अर्जन का प्रावधान योजना में नहीं था। जी हाँ, राज्य शासन से भू-अर्जन हेतु राशि रू. 5.51 करोड़ की अतिरिक्त राशि स्वीकृत की गई है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ', 'ब' एवं 'स' अनुसार है। (ग) जी हाँ। योजना के तहत बांध निर्माण कार्य माह जून 2020 में पूर्ण कर, बांध में पूर्ण क्षमता अनुसार जल भराव 716.20 लेवल तक भरा गया है। जानकारी उत्तरांश (ख) अनुसार है। योजना का लगभग 95 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है एवं शेष 05 प्रतिशत कार्य स्थानीय विवादों एवं समस्याओं के कारण शेष है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। जी हाँ। जानकारी उत्तरांश (ख) अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आवासीय कॉलोनी ड्रीमलैंड सिटी के कॉलोनाइजर के विरूद्ध कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
101. ( क्र. 1311 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुलताई नगरीय क्षेत्र की आवासीय कॉलोनी ड्रीमलैंड सिटी के कॉलोनाइजर द्वारा नगर तथा ग्राम निवेश से अनुमोदित ले-आउट के विपरीत, कॉलोनी का निर्माण किया है? यदि हाँ, तो क्या उक्त कॉलोनी अवैध घोषित की गई है? यदि नहीं, तो कब तक अवैध घोषित की जावेगी? (ख) क्या कॉलोनाइजर द्वारा छलपूर्वक षड़यंत्र रचकर सरकारी भूमि खसरा नंबर 04 रकबा 0.134 हेक्टेयर का उपयोग भूखंड निर्माण में किया जाकर, सरकारी भूमि में बने भूखंड फर्जी दस्तावेज तैयार कर विक्रय कर दिए गए हैं? यदि हाँ, तो जान बूझकर सरकारी भूमि हड़पने वाले कॉलोनाइजर के प्रति क्या पुलिस प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी? यदि हाँ, तो समय-सीमा बताई जावे? (ग) क्या उप सचिव मध्यप्रदेश शासन नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा पत्र क्र. 651/1131517/2023/18-3 भोपाल दिनांक 10/02/2023 जारी कर कलेक्टर बैतूल से प्रश्नकर्ता के पत्र क्र. 486/शिका. दिनांक 27/01/2023 के अनुसार पत्र में उल्लेखित बिंदुओं की जांच कराई जाकर प्रतिवेदन चाहा गया था? यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता द्वारा उठाए गए बिंदुओं पर क्या-क्या कार्रवाई की गई? प्रतिवेदन सहित की गई कार्रवाई से अवगत कराया जावे। (घ) क्या प्रश्नांश (ग) में प्रश्नकर्ता द्वारा उठाए गए बिंदुओं की जांच करने के निर्देशों का पालन कलेक्टर बैतूल द्वारा किया गया है? यदि नहीं, तो दोषी अधिकारियों के विरुद्ध क्या कार्रवाई की गई है? यदि नहीं, की गई तो कब तक की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) मुलताई नगरीय क्षेत्र की आवासीय कॉलोनी ड्रीमलैंड सिटी के कॉलोनाईजर द्वारा नगर तथा ग्राम निवेश के अनुमोदित ले-आउट के विपरीत कॉलोनी के निर्माण में शासकीय भूमि खसरा नं. 4 रकबा 0.134 हेक्टेयर पर अतिक्रमण कर सड़क का निर्माण एवं प्लाट काटे गये थे। तहसीलदार मुलताई के द्वारा कॉलोनाईजर को इस अनियमितता हेतु बेदखली एवं राशि रू. 10,000 के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है एवं कॉलोनाईजर द्वारा लिखित में स्वीकार कर मौके से अतिक्रमण हटाकर अर्थदण्ड की राशि जमा की गई है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश के संदर्भ में कलेक्टर, बैतूल द्वारा जांच समिति का गठन किया गया है। जांच समिति का प्रतिवेदन प्राप्त होने के उपरांत प्राप्त प्रतिवेदन के आधार पर नियमानुसार आगामी कार्यवाही की जाएगी। (ग) जी हॉं। माननीय विधायक के पत्र के अनुक्रम में कलेक्टर बैतूल द्वारा जांच समिति का गठन किया गया है। जांच समिति का प्रतिवेदन प्राप्त होने के उपरांत प्राप्त प्रतिवेदन के आधार पर जिला कलेक्टर द्वारा नियमानुसार आगामी कार्यवाही की जाएगी। (घ) जी हाँ, जिला कलेक्टर द्वारा जांच समिति का गठन किया गया है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगर पालिका परिषद गोहद में फर्जीवाड़ा
[नगरीय विकास एवं आवास]
102. ( क्र. 1314 ) श्री हेमंत कटारे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर पालिका गोहद जिला भिण्ड में ठेकेदारों द्वारा फर्जी एफ.डी.आर. जमा कर विभिन्न योजनाओं में निर्माण कार्य से संबंधित ठेके प्राप्त करने संबंधी जांच की गई? यदि हाँ, तो यह जांच किस अधिकारी द्वारा किस दिनांक को की गई? अधिकारी का नाम सहित किन-किन योजनाओं में किन-किन कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा किस-किस निर्माण कार्य संबंधी ठेके हेतु कितनी-कितनी राशि मूल्य की कितनी फर्जी एफ.डी.आर.? किस-किस दिनांक को जमा की गई पाया आदि का पूर्ण विवरण उपलब्ध कराये। (ख) नगर पालिका परिषद गोहद, जिला भिण्ड में ठेकेदारों द्वारा कई फर्जी एफ.डी.आर. जमा करने संबंधी तथ्य जिम्मेदार अधिकारियों की जानकारी प्रथमतः किस दिनांक को आया? जानकारी में आने के बाद से आज तक संबंधित ठेकेदारों के विरुद्ध क्या एफ.आई.आर. दर्ज करायी गयी? यदि नहीं, तो इस लापरवाही हेतु कौन अधिकारी उत्तरदायी है तथा उसके विरुद्ध विभाग द्वारा आज तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या फर्जी एफ.डी.आर. जमाकर्ता कंस्ट्रक्शन कंपनी को उसके द्वारा किये गये निर्माण कार्य की राशि का भुगतान नगर पालिका परिषद द्वारा किया गया? यदि हाँ, तो किस-किस कंपनी को किस दिनांक को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? (घ) फर्जी एफ.डी.आर. जमाकर्ता कंस्ट्रक्शन कंपनी को राशि का भुगतान करना नियम विरुद्ध है? यदि हाँ, तो क्या भुगतान करने वाले अधिकारी के विरुद्ध कार्यवाही की जायेगी? समय-सीमा बताएं। (ड.) क्या फर्जी एफ.डी.आर. जमाकर्ता कंपनियों से भुगतान की गई राशि की वसूली की जायेगी? यदि हाँ, तो समय-सीमा बताएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। श्री महेश पुरोहित तत्कालीन मुख्य नगरपालिका अधिकारी नगर पालिका परिषद गोहद द्वारा फर्जी एफ.डी.आर. की दिनांक 12.01.2023 से 19.01.2023 तक जांच की गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ख) फर्जी एफ.डी.आर. जमा करने के संबंध में जानकारी 12.01.2023 को प्राप्त हुई है। जी नहीं, संबंधित ठेकेदार द्वारा एफ.डी.आर. जमा करने से समस्त कार्यों की अनुबंध अनुसार कार्यवाही करते हुए सभी निविदाएं निरस्त करते हुए ब्लैक लिस्ट हेतु पत्र क्रमांक 1047 दिनांक 22.04.2024 से प्रमुख अभियंता, लोक निर्माण विभाग, भोपाल को लिखा गया एवं संबंधित ठेकेदार के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज करने हेतु दिनांक 24.06.2024 को नगर निरीक्षक, पुलिस थाना, गोहद को निकाय द्वारा पत्र लिखा गया है। निकाय द्वारा ठेकेदारों के विरूद्ध कार्यवाही की गई है जिससे किसी भी अधिकारी के उत्तरदायी होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। (घ) जी हाँ। फर्जी एफ.डी.आर. पाये जाने के उपरान्त कोई भुगतान नहीं किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) फर्जी एफ.डी.आर. जमाकर्ता ठेकेदार/फर्म के खिलाफ अनुबंध अनुसार कार्यवाही की जा चुकी है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भोपाल मास्टर प्लान के पैनल की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
103. ( क्र. 1315 ) श्री हेमंत कटारे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल मास्टर प्लान 1995 जो कि 2005 के लिये बनाया गया था, उसके लिये कुल कितने पैनल बनाये गये थे? इन सभी मूल (original) पैनलों की संबंधित सभी अधिकारियों से हस्ताक्षरित प्रतियां उपलब्ध करायी जावें। (ख) प्रश्नाधीन मास्टर प्लान में पैनल तैयार करने का आधार क्या था? प्रत्येक पैनल में कितना-कितना क्षेत्रफल रखा गया था? किस पेनल में कौन-कौन से गांव शामिल किये गये? पैनल तैयार करने के पश्चात् पैनल पर किस-किस अधिकारी ने किस हैसियत से हस्ताक्षर किये? सभी पैनलों के संबंध में उक्त बिन्दुओं की पृथक-पृथक जानकारी सहित पेनल की संबंधित अधिकारियों से हस्ताक्षरित की हुई प्रतियां उपलब्ध करायी जावें। (ग) पैनल तैयार करते समय क्या पैनल में गावों को राजस्व रिकार्ड के आधार पर अथवा फ्रेश नपती कराकर संबंधित पैनल में सम्मिलित किया गया था?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। भोपाल विकास योजना, 2005 के कार्य संचालन हेतु निवेश क्षेत्र के लिये पैनल बनाये गये थे, जो कि अधिनियम की धारा-17 (1) की विषयवस्तु नहीं होने से इनका प्रकाशन नहीं किया गया। अत: शेष प्रश्नाशं उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रदेश की राजधानी भोपाल महानगर के नैंसर्गिक एवं प्राकृतिक सुन्दरता को नष्ट किये बिना मूल ऐतिहासिक नगर एवं आसपास के उपनगरो में परस्पर समन्वय तथा अव्यवस्थित बसाहट के क्रमबद्ध निवारण किये जाने के उददेश्य से भोपाल मास्टर प्लान, 2005 तैयार किया गया था। उत्तराशं (क) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। विकास योजना तैयार करने हेतु आवश्यक आधार मानचित्र राजस्व रिकार्ड के आधार पर तैयार किये जाते है।
अंजड़ बायपास मार्ग की अद्यतन स्थिति
[लोक निर्माण]
104. ( क्र. 1319 ) श्री बाला बच्चन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजपुर वि.स. क्षेत्र के अंजड़-ठीकरी मार्ग के अंजड़ बायपास जो पलासिया पंचायत होकर निकलता है की अद्यतन स्थिति बतावें। (ख) इस संबंध में हुए सर्वे, इसकी डी.पी.आर., संभावित लागत के बारे में संपूर्ण जानकारी देवें। (ग) कब तक इसकी स्वीकृति की जाकर टेंडर आमंत्रित किए जाएंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) ठीकरी-अंजड़-बड़वानी मार्ग के अंजड़ बायपास के निर्माण हेतु एलाइनमेंट भारत सरकार सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा दिनांक 04.05.2023 को अनुमोदन किया गया है। अंजड़ बायपास का, जिसकी लंबाई 20.23 किमी है, भू-अर्जन का कार्य प्रगति पर है। (ख) कन्सल्टेंट द्वारा निर्धारित एकरेखण का सर्वे पूर्ण कर कार्य का डीपीआर लंबाई 20.23 कि.मी. राशि लगभग रू. 250.00 करोड़ का तैयार किया गया है। (ग) अंजड़ बायपास के निर्माण कार्य को भारत सरकार सड़क परिवहन एवं राजमार्ग के वार्षिक योजना वर्ष 2024-25 में प्रस्तावित किया गया है। स्वीकृति एवं टेंडर आमंत्रण के संबंध में वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
105. ( क्र. 1320 ) श्री बाला बच्चन : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 295 दिनांक 13.02.2024 के (क) उत्तर जिन 8500 हितग्राहियों का उल्लेख है उनमें बड़वानी जिले के कितने हितग्राहियों के प्रकरण लंबित है? हितग्राही नाम, स्थान नाम, पंजीयन शुल्क जमा दिनांक सहित विधानसभावार देवें। (ख) क्या कारण है कि पंजीयन शुल्क जमा होने के वर्षों बाद भी हितग्राहियों को मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना का लाभ नहीं मिला? इसके लिए निविदा कब-कब निकाली गई? निविदा दिनांक, निविदा निरस्त होने के कारण सहित देवें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रश्न के (ग) उत्तर में बताया गया कि नवीन निविदा में अनुमोदित दरे प्राप्त होने पर हितग्राही को योजना का लाभ दिया जाएगा तो यह निविदा प्रश्न दिनांक तक क्यों नहीं निकाली गई? (घ) प्रदेश के 8500 हितग्राहियों को परेशान करके योजना संचालनकर्ता संबंधित अधिकारियों पर विभाग कब तक कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री राकेश शुक्ला ) : (क) प्रश्न क्रमांक 295 दिनांक 13.02.2024 के पूर्व में प्रेषित (क) उत्तर में पंजीकृत हितग्राही 13036 का उल्लेख है जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है (जिनमें से वर्तमान में लगभग 8500 हितग्राही पात्र है) उनमें बड़वानी जिले के 36 हितग्राहियों के आवेदन लंबित है। हितग्राही नाम, स्थान नाम, पंजीयन शुल्क जमा दिनांक सहित की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) केन्द्रीय निविदा EESL-II दिनांक 14.01.2021 की वैधता समाप्त हो जाने के कारण केन्द्र शासन द्वारा नवीन केन्द्रीय निविदा क्र.SECI/C&P/MI/00/0010/2022-23 दिनांक 31.12.2022 की गई थी, किन्तु उक्त निविदा के माध्यम से म.प्र. हेतु 1 से 7.5 एच.पी. क्षमता के संयंत्रों हेतु अनुमोदित दरें प्राप्त नहीं हुई। इस प्रकार अनुमोदित दरे उपलब्ध न होने के कारण, हितग्राहियों को मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना का लाभ मिलने में विलंब हुआ। वर्तमान में केन्द्र शासन के निर्देशानुसार राज्य शासन द्वारा निविदा की गई है, जिसकी कार्यवाही प्रचलन में है, समय-समय पर की गई निविदाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) निविदा प्रश्न दिनांक 13.02.2024 के पूर्व दिनांक 11.12.2023 को प्रकाशित की गई थी, जिसकी कार्यवाही प्रचलन में है। 12 में से 7 श्रेणियों की दरें अनुमोदित कर दी गई है। (घ) केन्द्र शासन द्वारा की गई केन्द्रीय निविदा में म.प्र. हेतु 1 से 7.5 एच.पी. क्षमता के सोलर पंपों हेतु दरे प्राप्त न होने एवं राज्य स्तरीय निविदा के क्रियान्वयन के दौरान लोक सभा चुनाव 2024 की आचार संहिता लग जाने के कारण योजना के क्रियान्वयन में विलम्ब हुआ। आचार संहिता खत्म हो जाने के पश्चात सोलर पंप स्थापना का कार्य यथाशीघ्र पुन: प्रारंभ किया जा रहा है। इसके लिए कोई अधिकारी दोषी नहीं है
अमृत योजना 2.0 की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
106. ( क्र. 1341 ) श्री भगवानदास सबनानी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल दक्षिण-पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में अमृत योजना 2.0 के अन्तर्गत किन-किन वाडों के कॉलोनी/मोहल्लों में कार्य होना है, जानकारी उपलब्ध करावें? कार्य की अद्यतन स्थिति क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त योजना के पूर्ण होने की समय-सीमा क्या तय की गई है? किस ठेकेदार/एजेंसी द्वारा कार्य किया जा रहा है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) निविदा प्रक्रिया प्रचलन में होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पार्किंग एवं दुकानों की अद्यतन स्थिति
[नगरीय विकास एवं आवास]
107. ( क्र. 1342 ) श्री भगवानदास सबनानी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दक्षिण-पश्चिम विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत न्यू मार्केट, अन्य बाजारों तथा कॉलोनियों में अवैध रूप से तेजी से अतिक्रमण हो रहा है, जिस पर अतिक्रमण विरोधी दस्ता द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? इन अतिक्रमणों को चिन्हित कर कब तक हटाया जावेगा तथा लापरवाही करने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (ख) तात्या टोपे नगर के दशहरा मैदान में स्मार्ट सिटी योजनान्तर्गत बनाई जाने वाली पार्किंग तथा इसमें बनाई जाने वाली दुकानों की अद्यतन स्थिति क्या है? साथ ही दशहरा मैदान में और क्या-क्या निर्माण किया जाना प्रस्तावित है? सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। कार्य पूर्ण होने की समय-सीमा क्या तय की गई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं, दक्षिण-पश्चिम विधानसभा क्षेत्रांतर्गत न्यू मार्केट, अन्य बाजारों तथा कॉलोनियों में अवैध रूप से स्थित अतिक्रमण के विरूद्ध म.प्र. नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 के प्रावधानों के तहत अतिक्रमण शाखा द्वारा निरंतर सतत् प्रक्रिया के तहत कार्यवाही की जाती है। माह मई 2024 से वर्तमान तक अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही का विवरण संलग्न परिशिष्ट परिशिष्ट पर है। उक्त कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं की जाती है, अतः शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ख) स्मार्ट सिटी परियोजनांतर्गत तात्या टोपे नगर दशहरा मैदान में बनाई जाने वाली पार्किंग का सिविल निर्माण कार्य पूर्ण है। विद्युत कार्य किया जाना शेष है। वर्तमान प्रचलित परियोजना अन्तर्गत दशहरा मैदान में दुकानों का निर्माण कार्य सम्मिलित नहीं है। दशहरा मैदान परियोजना अंतर्गत प्रस्तावित निर्माण कार्य में बेसमेंट पार्किंग का निर्माण कार्य, टॉयलेट ब्लॉक का निर्माण कार्य, लैण्डस्कैपिंग कार्य (प्लान्टर बाक्स, पेवेड ट्रेक, चिल्ड्रन प्ले एरिया, फाउन्टेन), सौंदर्यीकरण कार्य, प्रवेश द्वार निर्माण कार्य, साउथ एवं नार्थ बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण कार्य किया जाना सम्मिलित किया गया है। कार्य पूर्ण करने की समय-सीमा अनुबंध अनुसार 31.12.2023 निर्धारित थी।
प्रधानमंत्री आवास योजना की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
108. ( क्र. 1353 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल, संभाग में आवासहीन परिवार के प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत आवेदन आमंत्रित किये गये थे? यदि हाँ, तो कब-कब आवेदन आमंत्रित किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त निकायों में प्रधानमंत्री आवास स्वीकृति हेतु कितने-कितने आवेदन प्राप्त हुये? वार्ड नं. सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के संदर्भ में पात्र हितग्राहियों के आवेदन स्वीकृति हेतु कब-कब अनुशंसा सहित प्रेषित किये गये बतावें तथा कितने-कितने आवेदन की स्वीकृति हुई बतावें। यदि पात्र आवासहीन परिवारों की डी.पी.आर. नहीं बनाई गई है तो कब तक बनाई जावेगी बतावें। (घ) प्रधानमंत्री आवास योजना प्रारंभ से नगर पालिका परिषद सिरोंज एवं नगर पालिका परिषद लटेरी में कितने-कितने आवास स्वीकृत किये गये बतावें। कितने पूर्ण, अपूर्ण कितने अप्रारंभ है बतावें। अपूर्ण एवं अप्रारंभ आवास को कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? समय-सीमा बतावें। (ड.) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रधानमंत्री आवास योजना में अनियमितताओं, जिओ टैग करने वाले कर्मचारियों से संबंधित कितनी शिकायतें निकायों में प्राप्त हुई हैं? उन पर क्या कार्यवाही की गई? कितने नोटिस जारी किये गये? कार्यवाही नहीं की गई तो इसके लिए दोषी कौन है? दोषियों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी तथा शिकायतों का निराकरण कब तक कर दिया जावेगा तथा नगर पालिका परिषद सिरोंज एवं नगर परिषद लटेरी में कितने आवासों की किस्ते शेष है तथा क्यों कारण सहित जानकारी देवें। (च) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में भोपाल संभाग में औसत के आधार कौन से नगर निगम/नगर पालिका/नगर परिषद में सर्वाधिक आवास स्वीकृत हुए हैं? संख्यावार जानकारी देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। योजना अवधि में मार्च-2022 के पूर्व आवेदन पत्र आमंत्रित किये गये है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में निकायों में प्राप्त आवेदनों की वार्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (घ) नगर परिषद सिरोंज एवं नगर परिषद लटेरी में प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी में योजना प्रारंभ से अभी तक स्वीकृत आवासों में से पूर्ण/अपूर्ण एवं प्रारंभ आवासों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। (ड.) शिकायत संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''द'' तथा नगर परिषद सिरोंज एवं नगर परिषद लटेरी में शेष किश्तों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''इ'' अनुसार है। (च) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''फ'' अनुसार है।
नगरीय निकायों में स्वीकृत/आवंटित कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
109. ( क्र. 1354 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरीय विकास एवं आवास विभाग की विभागीय संरचना क्या है? छायाप्रति उपलब्ध करावें। विभाग एवं संचालनालय के अंतर्गत कौन-कौन सी शासकीय, अर्द्धशासकीय, अशासकीय संस्थाएं, प्रशासनिक इकाईयां आदि सम्मिलत हैं? सभी के नाम और उक्त सभी संस्थाओं, इकाईयों में पदस्थ अधिकारी/कर्मचारी के नाम, सेवाकाल सहित संस्थावार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में भोपाल संभाग में नगर निगम, नगरपालिका परिषद, नगर परिषद एवं नगरीय प्रशासन के अंतर्गत आने वाले समस्त निर्माण शाखाओं में 1 अप्रैल, 2014 से प्रश्नांकित अवधि तक निर्माण, विकास एवं अन्य कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि भिन्न-भिन्न मदों में आवंटित/स्वीकृत की गई? मदवार, नगरीय निकायवार, विकासखण्डवार, जिलेवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में नगरीय निकायों में कितने-कितने निर्माण कार्य एवं अन्य कार्य स्वीकृत/आवंटित किये गये हैं? स्वीकृति दिनांक, स्वीकृत राशि, कार्यपूर्णतः दिनांक, ठेकेदार का नाम, भुगतान राशि सहित जानकारी उपलब्ध करावें। इनमें से कितने निर्माण कार्य पूर्ण, अपूर्ण, अप्रारंभ है? अपूर्ण एवं अप्रारंभ होने के क्या कारण हैं? कार्य की अद्यतन स्थिति सहित निकायवार, विकासखण्डवार, जिलेवार जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विदिशा जिले के नगरीय निकायों में मुख्यमंत्री ए+ मॉनिट में कितने कार्यों की स्वीकृति हुई? कितने कार्यों की राशि आवंटित की गई? कितने कार्यों की राशि आवंटित की जाना शेष हैं? कितने कार्य प्रारंभ हुए? कितने अप्रारंभ हैं? कितने अपूर्ण हैं? अपूर्ण एवं अप्रारंभ के लिए दोषी कौन है? अभी तक नगरीय निकायों में राशि नहीं पहुँचने के क्या कारण हैं? कारण सहित बतावें तथा कब तक शेष कार्यों की राशि आवंटित कर दी जावेगी? नगरीय निकायवार जिलेवार जानकारी देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगरीय विकास एवं आवास विभाग के प्रशासकीय प्रतिवेदन वर्ष 2022-23 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। विभाग एवं संचालनालय के अंतर्गत सम्मिलित इकाइयों में पदस्थ प्रमुख कार्यालय एंव संस्थाओं में विभागीय संरचना के अनुसार अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ है। (ख) निकायवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब''अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब''अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स''अनुसार है।
ज्यादा टोल वसूली की जानकारी
[लोक निर्माण]
110. ( क्र. 1363 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) MPRDC का वर्ष 2020-21 से 2023-24 का लाभ हानि विवरण कैश फ्लो तथा परिचालन से विभिन्न मद में प्राप्त राजस्व अन्य आय की जानकारी दें तथा बतावें कि अलोच्य वर्ष में मार्च की स्थिति में किस-किस बैंक में कितनी-कितनी राशि की सावधि जमा है? (ख) वर्ष 2020 -21 से 2023- 24 तक BOT टोल सड़क से कितनी-कितनी राशि किस-किस मद में अनुबंध अनुसार प्राप्त हुई तथा किस-किस BOT टोल रोड पर मई 2024 तक परियोजना लागत राशि में ज्यादा टोल शुल्क वसूल हो चुका है उन सड़कों पर टोल प्रारम्भ से मई 2024 तक लागत राशि तथा कुल वसूले गये टोल राशि की जानकारी देवें। (ग) OMT योजना के तहत कौन-कौन सी सड़क पर किस दिनांक से मई 2024 तक कितना शुल्क वसूल हो चुका है तथा उन सड़कों का निर्माण किस निधिकरण से किस दिनांक तक पूर्ण हुआ था तथा OMT योजना के पूर्व तक उस सड़क पर प्रतिवर्ष मरम्मत एवं रख रखाव पर कितना-कितना खर्च हुआ था? (घ) MPRDC का वर्ष 2020-21 से 2023 -24 तक अन्य प्रभार में किये गये खर्च की मद अनुसार विस्तृत जानकारी दें तथा बतावें कि प्रतिवर्ष विधिक एवं व्यवसायिक व्यय सामान्य संविदा कार्य के लिये sqc फीस NHDP के लिये SQC फीस मानव शक्ति भाडा वाहन के लिये किराया प्रचार एवं व्यापार प्रोत्साहन भुगतान किस कार्य के लिये किया गया? (ड.) लोक निर्माण विभाग की समस्त इकाइयों द्वारा जौरा विधान सभा अंतर्गत विगत तीन वर्षों में कितने कार्य किए गये कितने कार्य प्रगति पर है कितने कार्य पूर्ण हो चुके है? सम्पूर्ण जानकारी देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'1' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'1' अनुसार। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'स' अनुसार।
बिजली कटौती एवं स्थाई कनेक्शन की जानकारी
[ऊर्जा]
111. ( क्र. 1364 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र जौरा अंतर्गत 1 वर्ष में किस-किस स्थान पर ट्रांसफार्मर फ्यूज हुए एवं फ्यूज होने की दिनांक को ट्रांसफार्मर के कनेक्शन पर कितनी राशि बकाया थी? ट्रांसफार्मर बदले जाने की दिनांक को ट्रांसफार्मर के कनेक्शन पर कितनी राशि बकाया थी? जानकारी देवें। (ख) किस-किस स्थान पर पूर्व की अपेक्षा उच्च क्षमता का ट्रांसफार्मर स्वीकृत किया गया? जानकारी देवें। (ग) नगर कैलारस एवं जौरा में स्थाई कनेक्शन क्यों नहीं दिए जा रहे हैं एवं कनेक्शन दिया जाना कब से बंद है एवं बंद किए जाने का कारण क्या है? स्थाई कनेक्शन कब से देना चालू किया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) जौरा विधानसभा क्षेत्र में ऊर्जा विभाग में कितने अधिकारी कर्मचारी किन-किन पदों पर पदस्थ हैं? कितने पद रिक्त हैं? जानकारी देवें। जौरा विधानसभा क्षेत्र में अत्यधिक बिजली कटौती के लिए कौन दोषी है? बिजली कटौती की समस्या का निराकरण कब तक किया जाएगा? जौरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कितने ट्रांसफार्मर लगाए गए हैं? जले हुए ट्रांसफार्मर को बदलने की क्या प्रक्रिया है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) विधानसभा क्षेत्र जौरा अन्तर्गत आने वाले ग्रामों/स्थानों में विगत 01 वर्ष में जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों पर जले/खराब होने की दिनांक को बकाया राशि एवं बदले जाने की दिनांक को बकाया राशि का स्थान सहित विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) विधानसभा क्षेत्र जौरा अन्तर्गत विभिन्न स्थानों पर पूर्व में स्थापित वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि के पूर्ण किए गए कार्यों एवं वर्तमान में स्थापित वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि के स्वीकृत कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' एवं 'ब-1' अनुसार है। (ग) नियमानुसार आवेदन करने पर एवं समस्त औपचारिकताएँ पूर्ण होने पर नगर कैलारस एवं जौरा में आवेदकों को स्थाई विद्युत कनेक्शन प्रदाय किये जा रहे हैं। माह जनवरी, 2023 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में प्रश्नाधीन क्षेत्रों में विभिन्न श्रेणियों में प्रदत्त स्थाई वि़द्युत कनेक्शनों का माहवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स'अनुसार है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (घ) जौरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है एवं रिक्त पदों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ई' अनुसार है। उल्लेखनीय है कि विद्युत लाईनों/अद्योसंचना के रख-रखाव हेतु पूर्व निर्धारित शट-डाउन लेने तथा तकनीकी कारणों/प्राकृतिक आपदा से आये आकस्मिक व्यवधानों जैसी अपरिहार्य स्थिति के कारण कतिपय अवसरों पर विद्युत प्रदाय बाधित होता है, जिसमें आवश्यक रख-रखाव/सुधार कार्य कर विद्युत प्रदाय शीघ्र ही सुचारू कर दिया जाता है। विद्युत अद्योसंरचना के आवश्यक रखरखाव कार्य हेतु लिए जाने वाले शटडाउन की सूचना विद्युत उपभोक्ताओं को अखबार एवं अन्य माध्यमों से दी जाती है। अत: प्रश्नाधीन क्षेत्र में नियमानुसार किये जा रहे विद्युत प्रदाय के परिप्रेक्ष्य में किसी के दोषी होने का प्रश्न नहीं उठता। वर्तमान में अपरिहार्य कारणों से आए व्यवधानों को छोड़कर घरेलू फीडरों पर 24 घंटे एवं कृषि फीडरों पर नियमानुसार 10 घंटे विद्युत प्रदाय की जा रही है। जौरा विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत वर्तमान में 4550 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित हैं। वितरण ट्रांसफार्मर के जलने/खराब होने के उपरान्त संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि का 10 प्रतिशत जमा करने अथवा 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा बकाया राशि जमा करने पर संभागीय मुख्यालय में 12 घंटे एवं अन्य शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे तथा ग्रामीण क्षेत्रों में शुष्क मौसम में 3 दिवस तथा मानसून के मौसम के दौरान माह जुलाई से सितंबर तक 7 दिवस में जला/खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदलने अथवा विद्युत प्रदाय पुनर्स्थापित करने के प्रावधान है। जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों से संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा करने पर, पात्र होने के उपरांत इन्हें उपरोक्तानुसार निर्धारित समय-सीमा में बदल दिया जाता है।
इंदौर में नाला टेपिंग कार्य में अनियमितताएं
[नगरीय विकास एवं आवास]
112. ( क्र. 1367 ) श्री उमंग सिंघार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिक निगम इंदौर सीमा क्षेत्र में नाला टेपिंग कार्य पर विगत 05 वर्षों में कितनी राशि व्यय की जा चुकी है एवं वर्तमान में नाला टेंपिंग कार्य की अद्यतन स्थिति क्या-क्या है? (ख) उक्त नाला टेंपिंग का कार्य किस-किस निर्माण एजेंसियों को दिया गया था एवं अनुबंध के अनुसार कितनी अवधि में पूर्ण किया जाना था? समय-सीमा में पूर्ण नहीं किये जाने के लिए कौन-कौन उत्तरदायी है और उनके विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ग) उक्त नाला टेंपिंग का कार्य कब तक पूर्ण करा दिया जाएगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।
जमीन, प्लाट एवं दुकानों का विक्रय
[नगरीय विकास एवं आवास]
113. ( क्र. 1370 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका परिषद राघौगढ़-विजयपुर, जिला गुना की कुल चल-अचल संपत्ति कितनी है और कहां-कहां पर है? इनसे कितने राजस्व की प्राप्तियां होती है? इन प्राप्तियों को कहां संचित कर रखा जाता है? समस्त जानकारी का गौशवारा बनाकर वार्डवार बताये। (ख) प्रश्नांश (क) में नगर पालिका सीमा अन्तर्गत समस्त 24 वार्डों में जमीन, प्लाट, दुकान की नीलामी के क्या नियम है? 20 मार्च, 2020 से प्रश्न दिनांक तक इनकी बाजार दर क्या-क्या रही है? क्या इनके विक्रय हेतु समस्त नियमों एवं आदेशों का अक्षरतः पालन किया गया है? नियमों सहित प्रकरणवार बताये। उक्त अवधि में कितनी जमीन, दुकान एवं प्लाट की नीलामी की गई? समस्त जानकारी का गौशवारा वार्डवार, दरवार, हितग्राहीवार नाम, पता, मो.नं. लीज/फ्रीहोल्डवार, रजिस्ट्रीवार दस्तावेजों की प्रति सहित बताये। (ग) प्रश्नांश (ख) अवधि में साडा क्षेत्र क्या है? साडा क्षेत्र में जमीन, प्लाट एवं दुकानों के विक्रय करने के क्या नियम है? क्या सभी नियमों का पालन कर कार्यवाही संपादित की गई है? नियमों सहित प्रकरणवार बताये। उक्त अवधि में कितनी जमीन, प्लाट दुकानों का विक्रय किस दर पर किस व्यक्ति का नाम, पता, मो.नं, सहित बताये।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ख) नगरपालिका सीमा अंतर्गत जम़ीन प्लाट एवं दुकान की नीलामी म.प्र. नगरपालिका (अचल संपत्ति अंतरण) नियम 2016 के तहत की जाती है। उपरोक्त नियमों के नियम 2 (ट) बाजार दर में परिभाषित की गई है। नियम 2 (ट) एवं कलेक्टर गाइड लाइन की प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। प्रश्नावधि में निकाय द्वारा 07 दुकानों की निलामी की गई है एवं 02 प्लाटो का विक्रय किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'स' अनुसार है। (ग) साडा क्षेत्र निकाय की एक कॉलोनी जो वार्ड क्रमांक 13 में है। साडा क्षेत्र में निकाय स्वामित्व की प्लाट, जमीन, दुकान आदि का विक्रय म.प्र. नगरपालिका (अचल संपत्ति अंतरण) नियम 2016 के प्रावधानुसार किया जाता है। साडा क्षेत्र में एल.आई.जी. भवन क्रमांक 159 एवं 160 के पीछे की भूमि का विक्रय प्रथम दृष्टया प्रावधानुसार विक्रय नहीं किये जाने से संभागीय संयुक्त संचालक ग्वालियर संभाग ग्वालियर से जांच प्रतिवेदन चाहा गया है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'द' अनुसार है।
नगर पालिका राघौगढ़-विजयपुर द्वारा निर्माण कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
114. ( क्र. 1371 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2022 से प्रश्न दिनांक तक नगर पालिका परिषद राघौगढ़-विजयपुर, जिला गुना में कुल कितने निर्माण कार्य, विकास कार्य, किस दर पर संपादित किये गये है? समस्त कार्यों का गौशवारा वर्षवार, वार्डवार पृथक-पृथक बनाकर कार्यालय की स्वीकृति/आदेश/निर्देश की प्रति सहित बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) में किये गये कार्यों के संपादन के लिये क्या प्रक्रिया एवं नियमों का पालन किया गया है? कितनी राशि किस योजना, मद से भुगतान की गई? वर्षवार, प्रकरणवार, वार्डवार बतायें। (ग) नगर पालिका परिषद अध्यक्ष एवं सीएमओ को कितनी राशि के भुगतान के अधिकार निजी तौर एवं संयुक्त तौर पर कितना-कितना है? इसके क्या नियम है? नियमों की प्रति सहित बतायें। (घ) उपरोक्त कार्यों में कब-कब निविदाएँ ऑनलाईन-ऑफलाइन एवं अन्य माध्यम से आमंत्रित की गई? कितनी एजेन्सियों ने उक्त कार्य के लिये किस-किस दर पर प्रक्रिया में हिस्सा लिया? किस-किस कार्य को किस-किस दर पर कितनी इएमडी पर कितनी अवधि में पूर्ण करने का अनुबंध किया गया है? अनुबंध की प्रति एवं कार्यपूर्णता प्रमाण-पत्र की प्रति सहित बतायें। कार्यपूर्णता उपरांत कितनी एजेन्सियों को इएमडी राशि वापिस कर दी गई है? (ड.) उपरोक्त अवधि में कितनी राशि का भुगतान किसके हस्ताक्षर से किस ठेकेदार को कब-कब किस माध्यम से किया गया है? समस्त जानकारी का गौशवारा मयदस्तावेजों के बतायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगरपालिका परिषद राघौगढ़-विजयपुर जिला गुना द्वारा प्रश्नावधि में 85 निर्माण कराये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। स्वीकृतिया/आदेश/निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ग) नगरपालिका अधिनियम 1961 के लेखा नियम 2018 एवं संशोधित लेखा नियम अगस्त 2023 में प्रावधान है। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'स' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। विज्ञप्तियों, अनुबंध एवं कार्य पूर्णता प्रमाण-पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'द' अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है।
ठेकेदारों के कार्य एवं भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
115. ( क्र. 1374 ) श्री कामाख्या प्रताप सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर परिषद हरपालपुर जिला छतरपुर अंतर्गत परिषद की सामान्य बैठक दिनांक 11.08.2023 के प्रस्ताव कमांक 04 एवं संकल्प क्रमांक 99 के माध्यम से यह निर्णय लिया गया था कि प्रस्ताव में वर्णित टेंडर क्रमांक में संबंधित ठेकेदार को अनुबंध हेतु अंतिम रूप से 03 दिवस का समय दिया जाएं एवं समय-सीमा में अनुबंध न करने पर उक्त निविदा स्वतः निरस्त मानी जाए? ठेकेदार को ब्लैक लिस्टेड किया जाए जिस पर मुख्य नगर पालिका अधिकारी क्या कार्यवाही की? यदि नहीं, तो टेण्डर की प्रक्रिया किसकी सहमति से की गई? क्या जिम्मेदार अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही बनती है? यदि हाँ, तो कब तक? (ख) कृष्णा कंस्ट्रक्शन कंपनी जो कि प्रश्नांश (क) में निविदाकर थे को 3 दिवस की सीमा के पश्चात् अनुबंध संपादित कराया गया? यदि हाँ, तो क्या यह परिषद के निर्णय की अवहेलना नहीं है? निर्णय के विपरीत है तो कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ग) निकाय अंतर्गत निर्माणाधीन विवाह घर जो कि सांसद निधि से वित्तपोषित था? राशि के लिये प्राप्त हुई। क्या अतिरिक्त कार्य ठेकेदार के द्वारा किया गया? क्या अतिरिक्त व्यय का भुगतान सांसद महोदय से प्राप्त राशि के बाद किया गया? यदि नहीं, तो किस नियम से भुगतान किया गया? क्या भुगतान परिषद के निर्णय विरूद्ध किया गया? नियमानुसार भुगतान नहीं कये जाने पर संबंधित के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। सक्षम स्वीकृति अनुसार अनुबंध की कार्यवाही होने से ठेकेदार को ब्लैक लिस्टिंग की कार्यवाही नहीं की गई। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। पी.आई.सी. प्रस्ताव क्र. 19 एवं संकल्प क्र. 103 अनुसार अतिरिक्त 07 दिवस की समयावधि प्रदान की गई। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। सांसद निधि से वित्त पोषित है। जी हाँ। प्रस्ताव क्र. 22 एवं संकल्प क्र. 106 में पारित निर्णय अनुसार अतिरिक्त कार्य का भुगतान किया गया। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नल-जल योजनाओं के कार्य पूर्ण कराना
[नगरीय विकास एवं आवास]
116. ( क्र. 1405 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले की नगर परिषद जतारा एवं लिधौरा खास नल-जल योजनाओं के लिए किए गए कार्यों को पूर्ण कराने प्रश्नकर्ता द्वारा कब-कब प्रश्न किए गए हैं? कृपया सम्पूर्ण जानकारी प्रदाय करें एवं दोनों नगरों की बनी नल-जल योजनाओं की प्रशासकीय स्वीकृतियों की छायाप्रतियां प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर दोनों नल-जल योजनाओं के प्रश्न दिनांक तक किए गए कार्यों की अद्यतन जानकारी से अवगत कराएं एवं संबंधित ठेकेदारों को प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया जा चुका हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि दोनों योजनाओं में पानी कहां से लाने का प्रावधान किया गया है? जब नगर जतारा में 7 कि.मी. उर नदी से पानी लाया जा सकता है तब धसान नदी 50 कि.मी. दूर से पानी लाने का प्रावधान क्यों किया गया है? इसी प्रकार जब नगर लिधौरा खास में वराना खास तालाब से 3 कि.मी. दूर से पानी लाया जा सकता है तो 60 कि.मी. जामनी नदी का पानी लिधौरा खास नगर में लाने का प्रावधान क्यों किया गया है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर निश्चित समय-सीमा सहित बताएं कि दोनों नगरों में बने सीमेंट कांक्रीट रोड जो खोदकर पाईप लाईन डाली गई है वह रोड ठीक कराए जायेंगे तो कब तक? निश्चित समय-सीमा सहित बताएं कि यहां के दोनों ठेकेदार एवं अधिकारियों को विभाग समय-सीमा में कार्य करने हेतु निर्देशित करेगा। यदि हाँ, तो दोनों ठेकेदार कब तक पानी की टंकियों के निर्माण कार्य प्रारंभ करा देंगे? कब तक योजनाओं के सम्पूर्ण कार्य पूर्ण कराकर नगर जतारा एवं लिधौराखास की जनता को शुद्ध पेय जल उपलब्ध करायेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। प्रशासकीय स्वीकृतियों की छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ख) कार्यों की अद्यतन स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार है। (ग) स्वीकृत कार्य योजना (पैकेज क्र. 6 जे) के अंतर्गत जतारा नगरीय निकाय की जल प्रदाय परियोजना के लिए जल स्त्रोत्र धसान नदी एवं पैकेज क्रमांक 6 एच अंतर्गत लिधोराखास नगरीय निकाय कि जल प्रदाय परियोजना के लिए जल स्त्रोत्र जामनी नदी से लिये जाने का प्रावधान किया गया है। जतारा नगर में 7 कि.मी. दूरस्थ स्थित उर नदी से नगर की वार्षिक जल आपूर्ति मांग पूर्ण नहीं होने के कारण, म.प्र. अर्बन डेवलपमेंट कम्पनी की जल स्त्रोत निर्धारण समिति की 09 बैठक दिनांक 29.08.2018 के माध्यम से नगर परिषद जतारा के लिए जल स्त्रोत धसान नदी का निर्धारण किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ई अनुसार है। इसी प्रकार लिधोराखास नगर की जलप्रदाय योजना के लिए बराना तालाब से भी नगर की वार्षिक जलापूर्ति मांग पूर्ण नहीं होने के कारण म.प्र. अर्बन डेवलपमेंट कम्पनी की जल स्त्रोत निर्धारण समिति की 09 बैठक दिनांक 29.08.2018 के माध्यम से लिधौराखास के लिए जल स्त्रोत जामनी नदी का निर्धारण किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ई अनुसार है। (घ) नगर परिषद जतारा अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक 9.21 कि.मी. पाईप लाईन सी.सी. रोड काट कर के डाली गई जिसके विरूद्ध 2.53 कि.मी. सी.सी. रोड का रोड रेस्टोरेशन का कार्य किया जा चुका है। शेष 6.68 कि.मी. सी.सी. रोड के रोड रेस्टोरेशन जुलाई 2024 तक पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसी प्रकार नगर परिषद लिधौराखास में प्रश्न दिनांक तक 0.750 कि.मी. पाईप लाईन सी.सी. रोड काट कर डाली गई है। जिसको माह जुलाई 2024 तक पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। नगर परिषद जतारा के लिए दो उच्च स्तरीय पेयजल टंकी का निर्माण किये जाने का प्रावधान स्वीकृत कार्य योजना में है जिसके विरूद्ध एक उच्च स्तरीय पेयजल टंकी का निर्माण कार्य प्रगति पर है, शेष एक उच्च स्तरीय टंकी का निर्माण कार्य संविदाकार द्वारा शीघ्र प्रारंभ कराया जा रहा है। नगर परिषद लिधौराखास में दो उच्च स्तरीय पेयजल टंकीयों का निर्माण स्वीकृत कार्य योजना में है संबंधित टंकीयों की विभाग द्वारा ड्राईंग/डिजाइन दिनांक 16.02.2024 को अनुमोदित की गई है, संबंधित संविदाकार द्वारा शीघ्र ही कार्य प्रारंभ कराया जा रहा है। नगर परिषद जतारा की पेयजल योजना 31.03.2025 तक पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है इसी प्रकार नगर परिषद लिधौराखास की पेयजल योजना अनुबंध के अनुसार 09.06.2025 तक पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
विभिन्न निर्माण कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
117. ( क्र. 1941 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिलवानी विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाले नगरीय निकायों में गत तीन वर्षों में विभिन्न विभागीय योजनाओं व प्राप्त अनुदान व सहायता मदों से पेयजल, विद्युतीकरण व निर्माण कार्यों से संबंधित कौन-कौन से कार्य कहां-कहां, कितनी-कितनी लागत से स्वीकृत किये गये? वर्षवार विवरण दें व बतायें कि उक्त स्वीकृत कार्यों में से कौन-कौन से कार्य पूर्ण हैं और कौन-कौन से कार्य अपूर्ण व अप्रारंभ है? (ख) प्रश्नांश (क) उल्लेखित विकास कार्यों को क्या समय-सीमा में गुणवत्तापूर्वक पूर्ण करा लिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? उक्त निर्माण कार्यों से संबंधित अनियमितताओं व घटिया निर्माण को लेकर उक्त अवधि में क्या-क्या शिकायतें प्राप्त हुई हैं इनका निराकरण किस प्रकार किया गया है? विवरण दें। क्या उक्त स्वीकृत निर्माण कार्यों का निरीक्षण वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) सिलवानी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नगर पालिका परिषद, बेगमगंज एवं नगर परिषद सिलवानी जिला-रायसेन की जानकारी निकायवार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। विगत 03 वर्षों में निर्माण कार्यों से संबंधित अनियमितताओं व घटिया निर्माण से संबंधित कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। निर्माणाधीन कार्यों का निरीक्षण वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अवैध टोल नाका लगाकर नियम विरूद्ध वसूली
[लोक निर्माण]
118. ( क्र. 1942 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि वर्तमान में रायसेन-राहतगढ़ मार्ग पर MPRDC का कोई वैध टोल नाका संचालित नहीं है? यदि है तो कहां पर और किन प्रावधानों के तहत? (ख) क्या यह सही है कि प्रश्नांश (क) उल्लेखित मार्ग पर विगत वर्ष तक गैरतपुर तिराहा में सिलवानी मार्ग पर बैरियर लगाकर टोल वसूली की जाती थी जिसे जनप्रतिनिधियों व स्थानीय जनता की मांग पर बंद कर दिया गया है? इस अवैध वसूली हेतु कौन अधिकारी-कर्मचारी व कौन सी एजेंसी जिम्मेदार है? इन पर अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ग) वर्तमान में गैरतपुर तिराहे पर बेगमगंज मार्ग पर स्टापर लगाकर टोल की वसूली किन एजेंसियों द्वारा की जा रही है? क्या यह वैध है? नहीं तो कब तक उक्त अवैध वसूली बंद कराई जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं। अनुबंध में निहित प्रावधानुसार रायसेन-राहतगढ़ मार्ग पर निम्नलिखित स्थानों पर 03 टोल प्लाजा एवं एक चेक पोस्ट संचालित है:- (1) टोल प्लाजा 1 कि.मी.49/2 (2) टोल प्लाजा 2कि.मी. 97/2 चेक पोस्ट –कि.मी.101/6 (3) टोल प्लाजा 3कि.मी.144/10 विभागीय अधिसूचना दिनांक 28.06.2022 एवं अनुबंध में निहित प्रावधान अनुसार। (ख) जी नही, अनुबंधानुसार मार्ग के कि.मी. 101/6 पर स्थापित चेक पोस्ट पर टोल वसूली की जा रही है। पूर्व में, उल्लेखित चेक पोस्ट उक्त कि.मी. पर ही सिलवानी की ओर था, जिसे स्थानीय रहवासियों/जन प्रतिनिधियों की मांग पर विस्थापित कर उक्त कि.मी. पर बेगमगंज की ओर किया गया है। वसूली अनुबंधानुसार की जा रही है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) नियमानुसार अनुबंधित एजेंसी मेसर्स महेन्द्र कुमार राय द्वारा। जी हाँ। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विद्यालय भवनों का घटिया निर्माण
[लोक निर्माण]
119. ( क्र. 1948 ) श्री राजेश कुमार वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पन्ना जिले के विधानसभा क्षेत्र गुनौर के अंतर्गत शासकीय हाई स्कूल बरशोभा एवं हायर सेकेण्ड्री स्कूल गिरवारा के भवन निर्माण का कार्य लोक निर्माण विभाग (पी.आई.यू.) पन्ना के द्वारा कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो इन कार्यों का किस दिनांक को किस ठेकेदार को कितनी राशि की स्वीकृति किस समयावधि में पूर्ण करने के अनुबंध किये गये? प्रत्येक की संपूर्ण विवरण सहित पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) के अनुरूप निर्माण कार्यों में गुणवत्ता ठीक न होने की शिकायतें भी प्राप्त हुई है यदि हाँ, तो किस-किस के द्वारा कब कब, किस स्तर पर शिकायत की गई तथा उस शिकायत के निराकरण हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? शिकायतों की प्रतियां उपलब्ध कराते हुये प्रत्येक शिकायत के निराकरण के लिए की गई कार्यवाही की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या अनुबंध के आधार पर निश्चित समयावधि में निश्चित मानकता के साथ ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्यों को पूर्ण कर लिया गया है? यदि नहीं, तो ठेकेदार के विरूद्ध प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? की गई कार्यवाही की प्रतियां उपलब्ध कराते हुये कृपया बताये कि कार्य पूर्ण कराने के लिए विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? यदि कार्य पूर्ण कर लिया गया है तो पूर्णता प्रमाण-पत्र की प्रतियां उपलब्ध करावें। (घ) क्या विषयांकित निर्माण कार्यों की जांच के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा कोई पत्राचार किया गया है? यदि हाँ, तो उस पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हॉं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हॉं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) जी नहीं। की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। कार्य अपूर्ण। अत: शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। इस संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा कोई भी पत्राचार नहीं किया गया है। अतः शेष का प्रश्न ही नहीं उठता।
अटल ज्योति योजनांतर्गत स्वीकृत कार्य
[ऊर्जा]
120. ( क्र. 1949 ) श्री राजेश कुमार वर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले में अटल ज्योति योजना कब आरंभ की गई थी? इस योजना के अंतर्गत गुन्नौर विधानसभा क्षेत्र में कितने कार्य स्वीकृत किये गये थे? कार्य किस वर्ष में किस निर्माण एजेंसी द्वारा निर्मित किया जाकर पूर्ण किया गया? क्या सभी कार्य तय समय-सीमा में पूर्ण किये गये? उक्त योजनांतर्गत किये गये कार्यों की गुणवत्ता जांच किसके द्वारा की गई? क्या सभी कार्य गुणवत्तापूर्ण हुए? नहीं तो क्यों? कितने कार्यों में गुणवत्ता में कमी पाई गई? (ख) उक्त योजनांतर्गत गुन्नौर विधानसभा क्षेत्र में कौन-कौन से कार्य प्रश्न दिनाँक तक अपूर्ण है? इनको कब तक पूर्ण किया जायेगा? निश्चित समय-सीमा बतावें? (ग) गुन्नौर विधानसभा क्षेत्र के ग्रामों में लो वोल्टेज की समस्या के निराकरण के लिये क्या उपाय किये जा रहे है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) पन्ना जिला अंतर्गत अटल ज्योति अभियान (अटल ज्योति योजना नहीं) के तहत 11 के.व्ही. फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य वर्ष-2015 में आरम्भ किया गया था। अटल ज्योति अभियान के तहत समस्त राजस्व ग्रामों में गैर कृषि उपभोक्ताओं को 24 घंटे एवं कृषि उपभोक्ताओं को 10 घंटे विद्युत प्रदाय किया जाना सुनिश्चित किया गया था। उक्त अभियान के तहत गुन्नौर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत 11 के.व्ही. के 15 मिश्रित फीडरों के विभक्तिकरण (घरेलू एवं कृषि फीडर में) का कार्य मेसर्स श्याम श्री प्राईवेट लिमिटेड, कटनी द्वारा किया गया था। फीडर विभक्तिकरण से संबंधित कार्यों के प्राक्कलन क्रमांक/दिनांक एवं कार्य पूर्णता की दिनांक की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उक्त सभी कार्य निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण किये गये थे। उक्त किये गये कार्यों की गुणवत्ता की जाँच तत्समय नोडल अधिकारी, म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, पन्ना एवं रेसीडेन्ट इंजीनियर मेसर्स फीड बैंक इन्फ्रा प्राईवेट लिमिटेड, दिल्ली तथा प्रोजेक्ट मैनेजर मेसर्स श्याम श्री प्राईवेट लिमिटेड, कटनी द्वारा की गई थी। जी हाँ, उक्त सभी कार्य गुणवत्तापूर्ण हुये थे। अतः शेष प्रश्न नहीं उठता। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित कोई भी कार्य अपूर्ण नहीं है। अतः शेष प्रश्न नहीं उठता। (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्रान्तर्गत भविष्य की विद्युत मांग के दृष्टिगत एवं और अधिक गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय हेतु केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना अंतर्गत फीडरों के विभक्तिकरण, निम्नदाब लाईनों के केबलीकरण, वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि एवं अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना के कार्य प्रस्तावित है।