मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-मार्च, 2023
सत्र
शुक्रवार, दिनांक 03 मार्च, 2023
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
विकास
कार्यों की
जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
1. ( *क्र. 1122 ) श्री संजय शुक्ला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिक निगम इन्दौर द्वारा विधानसभा क्षेत्र क्र. 1 में वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितने विभिन्न विकास कार्य स्वीकृत हुये? जनकार्य विभाग, ड्रेनेज विभाग, उद्यान विभाग, विद्युत विभाग, जल यंत्रालय व अन्य की विस्तृत जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रश्नकर्ता द्वारा प्रश्न दिनांक तक कितने कार्यों के लिये व कौन-कौन से पत्र विकास कार्य व अन्य कार्यों के लिये प्रेषित किये गये? विधानसभा क्षेत्र क्र. 1 के वार्ड क्र. 9 में कमला नेहरू कॉलोनी में अटल गेट पर ए.सी.पी. शीट लगाने की स्वीकृति कब प्रदाय की गई? टेंडर एवं कार्यादेश कब जारी किया गया? किन सक्षम अधिकारियों द्वारा कार्य की स्वीकृति किस दिनांक को दी गई? गेट का निर्माण कब किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 1 में कितने कार्य पूर्ण हो चुके हैं, कितने कार्य अधूरे हैं, अधूरे रहने का क्या कारण है? अधूरे कार्यों को कब तक पूर्ण किया जायेगा? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितनी पानी की टंकियों का कार्य पूर्ण किया जाकर जल वितरण किया जा रहा है? कितनी कॉलोनियों में जल वितरण लाईन डाली गई व कितनी कॉलोनियों में जल वितरण लाईन डाली जाना शेष है? कब तक डाली जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम इंदौर द्वारा प्रस्तुत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' से 'अ-6' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र 'अ-1' से 'अ-6' के कॉलम नम्बर 04 में अंकित है। विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 01 के वार्ड क्रमांक 09 में कमला नेहरू कॉलोनी में अटल गेट पर ए.सी.पी. शीट लगाने की स्वीकृति जोनल कार्यालय, जोन क्रमांक 01 के प्रस्ताव पर निगम के यातायात विभाग द्वारा प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 13.01.2023 को प्रदाय की गई। कार्य की निविदा दिनांक 19.01.2023 को जारी की गई, जिसे समाचार पत्रों में प्रकाशित जानकारी उपरांत दिनांक 07.02.2023 को निरस्त कर दिया गया। निगम द्वारा निविदा निरस्त किये जाने से गेट पर ए.सी.पी. शीट लगाने का कार्य नहीं किया गया। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' से 'अ-6' के कॉलम नम्बर 06 से 09 में अंकित है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
सौभाग्य योजना
[ऊर्जा]
2. ( *क्र. 1043 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अंतर्गत 'सौभाग्य योजना' में किये गये कार्यों में भ्रष्टाचार किये जाने संबंधित, वर्ष 2020-21 में प्रारंभ की गई विभागीय जाँचें पूर्ण करने की क्या कोई समय-सीमा निर्धारित की गई थी? जाँचवार विवरण उपलब्ध करायें। (ख) क्या उपरोक्त जाँच पूर्ण हो गई है? यदि हाँ, तो दोषी अधिकारियों एवं ठेकेदारों के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो दो वर्षों में भी जाँच पूर्ण नहीं किये जाने के क्या कारण हैं? (ग) उक्त जाँच समय-सीमा में पूर्ण नहीं किये जाने के लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं? क्या दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही की जायेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं। म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अंतर्गत 'सौभाग्य योजना' में क्रियान्वित कार्यों में प्रारंभिक जांच उपरांत पायी गई अनियमितताओं हेतु संस्थित विभागीय जांचों की कार्यवाही नियमानुसार निर्धारित प्रक्रिया के अनुरूप की गई है। जांच का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ, उत्तरांश (क) में उल्लेखानुसार संस्थित समस्त विभागीय जांच पूर्ण हो गई है एवं जांच में दोषी अधिकारियों के विरूद्ध (श्योपुर जिले में अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु प्रक्रियाधीन एक प्रकरण को छोड़कर) की गई कार्यवाही संबंधी विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है एवं दोषी ठेकेदारों के विरूद्ध की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। अत: शेष प्रश्न लागू नहीं। (ग) उत्तरांश (ख) में उल्लेखानुसार जांच कार्यवाही पूर्ण हो गई है। अत: किसी अधिकारी के दोषी होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही किए जाने का प्रश्न नहीं उठता।
अपूर्ण ब्रिज का निर्माण
[लोक निर्माण]
3. ( *क्र. 1290 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर संजीत मार्ग समपार 150 रेलवे ओवर ब्रिज निर्माण की वर्तमान स्थिति क्या है, कितने समय में ब्रिज का निर्माण पूर्ण हो जायेगा? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित तारांकित प्रश्न क्रमांक 1130, दिनांक 22 दिसंबर, 2022 में बताया गया कि सक्षम प्राधिकारी अधीक्षण यंत्री, लोक निर्माण विभाग सेतु निर्माण मंडल भोपाल द्वारा दिनांक 08.10.2022 को अनुबन्ध के निरस्तीकरण को स्थगित करते हुये निर्माण कार्य पूर्ण करने हेतु दिनांक 31.03.2023 तक की अनुमति प्रदान की गयी है तथा अनुबंध का रजिस्ट्रेशन 02 वर्ष के लिए काली सूची में प्रतिस्थापित किया गया है, क्या नवीन अनुबंध तिथि दिनांक 31.03.2023 तक ब्रिज का निर्माण पूर्ण हो जाएगा? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) संदर्भित यदि ब्रिज का निर्माण रिवोक के पश्चात भी तय समय-सीमा में नहीं हुआ तो विभाग द्वारा ब्रिज पूर्ण निर्माण के लिए निर्माण एजेंसी के खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी? (घ) क्या अनुबंध को पुनर्जीवित (Revoke) शासन की शर्तों के अनुरूप अधीक्षणयंत्री लोक निर्माण विभाग सेतु निर्माण मंडल भोपाल द्वारा दिए जाने के बाद पुन: Revoke नहीं दिया जा सकता? यदि हाँ, तो क्या अनुबंध तिथि दिनांक 31.03.2023 तक कार्य पूर्ण नहीं होने पर शीघ्र ब्रिज निर्माण के लिए क्या नवीन एजेंसी के लिए कार्यवाही की जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वर्तमान में कार्य प्रगति पर है। जून 2023 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है। (ख) जी नहीं। कार्य की प्रगति धीमी होने के कारण। (ग) अनुबंध प्रावधान अनुसार निर्माण एजेंसी के खिलाफ कार्यवाही की जावेगी। (घ) अधीक्षण यंत्री के द्वारा अनुबंध को पुनर्जीवित करने के पश्चात ठेकेदार के आवेदन पर मुख्य अभियंता के द्वारा गुण-दोष के आधार पर अनुबंध को पुनः पुनर्जीवित कर सकते हैं। अनुबंध अनुसार कार्य पूर्ण की तिथि दिनांक 31.03.2023 नियत होने से वर्तमान में अग्रिम कार्यवाही किया जाना संभव नहीं है।
सुरक्षा निधि
[ऊर्जा]
4. ( *क्र. 1323 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले में माह जनवरी 2021 से कितने किसानों को सुरक्षा निधि अंतर्गत अस्थाई कनेक्शन दिये गये हैं और कितनी राशि जमा कराई गई? किसानवार जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार नरसिंहपुर जिले में कितने किसानों को सुरक्षा निधि अंतर्गत विद्युत उपयोग करने के बाद विभाग के पास किसानों की कितनी राशि शेष बची हुई है? यदि हाँ, तो जानकारी प्रदान करें। (ग) क्या किसानों को शेष राशि वापिस की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक वापिस की जावेगी? (घ) यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) नरसिंहपुर जिले में माह जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में 701 किसानों से सुरक्षा निधि मद में रू. 264.95 लाख की राशि जमा कराकर अस्थाई कनेक्शन दिये गये हैं, जिनकी प्रश्नाधीन चाही गयी किसानवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित 701 किसानों में से 213 किसानों द्वारा विद्युत का उपयोग करने के उपरांत उनके बिलों में समायोजन के पश्चात् सुरक्षा निधि मद में जमा रू. 19.21 लाख की राशि म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के पास किसानों को वापिस किये जाने हेतु शेष है, जिसकी प्रश्नाधीन चाही गयी किसानवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। किसानों की सुरक्षा निधि के अंतर्गत शेष बची राशि को लगभग दो माह में वापस करने के प्रयास हैं। (घ) उत्तरांश 'ग' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
दिमनी विधानसभा क्षेत्र में शासकीय महाविद्यालय खोले जाना
[उच्च शिक्षा]
5. ( *क्र. 102 ) कुँवर रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैना की दिमनी विधानसभा क्षेत्र में छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए कुल कितने शासकीय महाविद्यालय कब-कब स्थापित किये गये हैं? (ख) यदि नहीं, तो क्या कोई कार्ययोजना दिमनी विधानसभा क्षेत्र में शासकीय महाविद्यालयों की स्थापना हेतु उच्च शिक्षा विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक तैयार की गई है? (ग) क्या दिमनी विधानसभा क्षेत्र में विगत कई वर्षों से छात्र-छात्राओं द्वारा शासकीय महाविद्यालय खोले जाने की मॉंग की जा रही है? क्या मान. मुख्यमंत्री द्वारा शासकीय महाविद्यालय खोले जाने की घोषणाएं की गई हैं? (घ) यदि हाँ, तो कब तक नवीन शासकीय महाविद्यालय खोले जाने संबंधी प्रस्ताव विभाग द्वारा तैयार किया जाकर इस हेतु बजट निर्धारित कर शासकीय महाविद्यालय खोलने की कार्यवाही कर दी जायेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जिला मुरैना अंतर्गत दिमनी विधानसभा क्षेत्र में 01 शासकीय महाविद्यालय संचालित है। यह शासकीय महाविद्यालय विभागीय आदेश दिनांक 27.09.2021 के द्वारा प्रारंभ किया जा चुका है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। दिमनी में नवीन शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ किए जाने के संबंध में माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा घोषणा क्रमांक सी 0305, दिनांक 10.09.2020 की गई थी। (घ) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पी.आई.यू. सतना में अधिकारियों की पदस्थापना एवं किए गए भुगतान
[लोक निर्माण]
6. ( *क्र. 1499 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग सतना (पी.आई.यू.) में प्रश्न तिथि तक किस मूल पदनाम/नाम के अधिकारी, कार्यपालन यंत्री के प्रभार में गत कितने वर्षों से पदस्थ हैं? उक्त अधिकारी की पी.आई.यू. सतना लोक निर्माण विभाग में किस दिनांक को पहली पदस्थापना किस मूल पद पर हुई? कब-कब किस उच्च पद (नाम दें) का प्रभार किन आदेशों के जरिए जारी हुआ? जारी सभी पदस्थापना आदेशों की एक-एक प्रति उपलब्ध कराएं? (ख) सतना जिले में बन रहे मेडिकल कॉलेज के किस-किस नाम पते वाले, किस-किस प्रकार के कार्य करने वाले मूल ठेकेदार फर्म को प्रश्न तिथि तक कब-कब कितनी-कितनी राशि का भुगतान (प्रथम भुगतान से प्रश्न तिथि तक) कब-कब किया गया? मदवार/माहवार/वर्षवार/दिनांकवार भुगतान की गई राशिवार जानकारी उपलब्ध कराएं? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित अधिकारी द्वारा प्रश्नांश (ख) में वर्णित भुगतान में अंतिम पांच भुगतान पत्रकों की एक-एक प्रति उपलब्ध कराएं? प्रत्येक भुगतान में कितनी-कितनी राशि मेज़रमेंट बुक के आधार पर दी गई? अंतिम पांच भुगतानों की मेज़रमेंट बुक की एक-एक प्रति दें। स्थलों की गुणवत्ता एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र की एक प्रति दें। (घ) क्या राज्य शासन उक्त भुगतानों की उच्च स्तरीय जांच करेगा? अगर हाँ तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) अंतिम पांच भुगतान जो मेजरमेन्ट अनुसार किये हैं, भुगतान विवरण निम्नानुसार है :- 1. 28th Running Bill Rs.84557642.00 2. 29th Running Bill Rs.101464836.00 3. 30th Running Bill Rs.29523350.00 4. 31st Running Bill Rs.53451482.00 5. 32nd Running Bill Rs.17820868.00 Grand Total = Rs.286818178.00. शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) भुगतान नियमानुसार किया गया है। अत: जांच एवं कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
कम्पनी को वित्तीय हानि पहुंचाने वाले दोषियों पर कार्यवाही
[ऊर्जा]
7. ( *क्र. 791 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड वृत्त मुरैना के अंतर्गत जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक ऐसे कितने प्राक्कलन हैं, जिनमें 5 प्रतिशत सुपरवीजन चार्ज के स्वीकृत किये गये हैं और जिनमें कार्य स्थल से निकलने वाली सामग्री कम्पनी को वापिस किये जाने का प्रावधान है? प्राक्कलनवार, वापिस की जाने वाली सामग्री का पृथक-पृथक विवरण देवें। (ख) ऐसे प्राक्कलन जिनमें सामग्री वापिस की जाना शेष है, प्राक्कलनवार जानकारी देते हुए यह भी स्पष्ट करें कि जो सामग्री वापिस नहीं ली गई है, उसका अनुमानित बाजार मूल्य क्या है? (ग) क्या सुपरविजन अधिकारियों द्वारा कार्य पूर्णोपरांत सुपुर्दगी नहीं दी गई तथा लाइन चार्ज कर दी गई है? यदि हाँ, तो ऐसे अधिकारियों के नाम व पदों से अवगत करावें। (घ) आवेदकों तथा ठेकेदारों से कम्पनी को वापिस होने वाली सामग्री के संबंध में मुरैना वृत्त में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं और उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ड.) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) के परिप्रेक्ष्य में अधिकारियों की मिलीभगत से सामग्री वापसी में भारी अनियमितताएं कर कम्पनी को वित्तीय हानि पहुंचाई गई है और दिनांक तक सामग्री वापिस नहीं ली गई है? इसके लिये दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए सामग्री ली जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) मध्य प्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के संचालन-संधारण वृत्त मुरैना अन्तर्गत प्रश्नाधीन अवधि में 5 प्रतिशत सुपरविजन चार्ज के अंतर्गत कुल 2120 प्राक्कलन स्वीकृत किये गये हैं, जिनका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। उक्त 2120 प्राक्कलनों में से मात्र 327 प्राक्कलनों में कार्य स्थल से निकलने वाली सामग्री म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को वापिस किये जाने का प्रावधान है, जिसकी प्राक्कलनवार वापिस की जाने वाली सामग्री का पृथक-पृथक प्रश्नाधीन चाहा गया विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित 327 प्राक्कलनों में से कुल 23 प्राक्कलनों के विरूद्ध कार्य उपरान्त कार्य स्थल से निकलने वाली सामग्रियों को म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के क्षेत्रीय भण्डार गृह में वापिस किया जा चुका है, जिनका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। शेष 304 प्राक्कलनों में से 69 स्वीकृत प्राक्कलन ऐसे हैं, जिनमें नियमानुसार राशि जमा नहीं होने के कारण कार्यादेश जारी नहीं हुये हैं, जिनका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। इस प्रकार कार्य स्थल से निकलने वाली 235 प्राक्कलनों में प्रावधानित सामग्री संबंधित ठेकेदारों/आवेदकों द्वारा वापिस नहीं की गई है, जिनका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ई' अनुसार है। उक्त सामग्री जो कि कंपनी के भंडार गृह में वापिस नहीं की जा सकी है, की बाजार की कीमत, कंपनी की क्रय प्रकिया के अनुसार तय की जा रही है। कुल वापसी योग्य सामग्री में 282734 कि.ग्रा. आयरन स्क्रेप, 54696.46 कि.ग्रा. कन्डक्टर स्क्रेप, 4232.29 कि.ग्रा. केबिल स्क्रेप एवं 2 वितरण ट्रांसफार्मर शामिल है, जिसकी अनुमानित कुल कीमत लगभग रू.131 लाख है। (ग) जी हाँ। प्रथम दृष्ट्या प्रकरण में अनियमितता पाई गई है, जिसकी जांच हेतु संचालन-संधारण, वृत्त कार्यालय स्तर पर समिति गठित कर जांच प्रारंभ की गई है। जांच के निष्कर्ष के आधार पर दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही एवं संबंधित ठेकेदार से वसूली की कार्यवाही की जावेगी। उक्त कार्यों से संबंधित निरीक्षणकर्ता/सुपरविजनकर्ता अधिकारियों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ई' अनुसार है। (घ) आवेदकों तथा ठेकेदारों से सामग्री वापिस होने के संबंध में 01 शिकायत म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में प्राप्त हुई है, जिसके लिये संचालन-संधारण, वृत्त कार्यालय स्तर से कार्यवाही करते हुए जांच कमेटी का गठन किया गया है। शिकायत एवं जांच कमेटी गठन आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'फ' अनुसार है। (ड.) जी हाँ, उत्तरांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) के परिप्रेक्ष्य में अनियमितता के संबंध में जांच कमेटी का गठन किया गया है, जांच कमेटी से जांच निष्कर्ष प्राप्त होने के उपरान्त दोषी पाए गए अधिकारियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। साथ ही पूर्ण हो चुके कार्यों में प्रावधानित स्क्रेप सामग्री की वापसी अथवा तय की जा रही दरों पर संबंधित आवेदकों/ठेकेदार से राशि वसूली की कार्यवाही की जावेगी। उक्त कार्यवाही आगामी 3 माह में पूर्ण होना संभावित है।
सागर में राजकीय विश्वविद्यालय की स्थापना
[उच्च शिक्षा]
8. ( *क्र. 1132 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्तमान में बुन्देलखण्ड क्षेत्र के संभागीय मुख्यालय सागर में संचालित डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, केंद्रीय विश्वविद्यालय हो जाने के बाद से राजकीय विश्वविद्यालय खोले जाने की मांग की जा रही है? (ख) क्या शासन के समक्ष संभागीय मुख्यालय सागर में राजकीय विश्वविद्यालय खोले जाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन है? यदि हाँ, तो अब तक क्या कार्यवाही प्रचलन में है? (ग) क्या सागर नगर में स्थित दो महत्वपूर्ण महाविद्यालयों क्रमशः शासकीय उत्कृष्ट कन्या महाविद्यालय में छात्राओं की दर्ज संख्या लगभग 12000 एवं पंडित दीनदयाल उपाध्याय शास. कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय में 11000 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं? इसके बाद भी अनेकों विद्यार्थी प्रवेश लेने से वंचित हो रहे हैं एवं शैक्षणिक कार्य भी प्रभावित होता है। (घ) क्या शासन शिक्षा के महत्वपूर्ण विषय को दृष्टिगत रखते हुये संभागीय मुख्यालय सागर में शीघ्र ही राजकीय विश्वविद्यालय खोले जाने की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) सागर संभाग अंतर्गत डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा प्राप्त होने के उपरांत सागर संभाग में ही म.प्र. विश्वविद्यालय अधिनियम, 1973 अंतर्गत महाराजा छत्रसाल बुंदेलखण्ड विश्वविद्यालय, छतरपुर स्थापित है। अत: कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। वंचित छात्रों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं। (घ) प्रश्नांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
15वें वित्त आयोग के अंतर्गत राशि आवंटन
[नगरीय विकास एवं आवास]
9. ( *क्र. 1355 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 15वें वित्त आयोग के अंतर्गत प्रदेश की समस्त नगर पालिकाओं/नगर परिषद एवं नगर पंचायतों को राशि उपलब्ध कराई गई थी? इस राशि का उपयोग किस-किस कार्य में किया जाना था? अनूपपुर जिले की समस्त नगरीय इकाइयों को भी राशि का आवंटन किया गया था? यदि हाँ, तो किन-किन नगरीय इकाइयों को राशि आवंटित की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में नगर परिषद अमरकंटक को 15वें वित्त आयोग अंतर्गत कितनी राशि प्रश्न दिनांक तक प्रदान की गई थी? यह राशि किन-किन मदों के अंतर्गत प्रदान की गई थी? विस्तृत जानकारी मदवार सूची सहित उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) की प्राप्त राशि का उपयोग प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी सामग्री, कितनी-कितनी मात्रा में, किस-किस कंपनी, कौन-कौन से सप्लायर, किस-किस दिनांक को क्रय की गई है? 15वें वित्त आयोग से प्राप्त राशि से किन-किन सामग्रियों को क्रय करने एवं कौन-कौन से कार्यों पर व्यय किये जाने के शासन द्वारा दिशा-निर्देश जारी किये गये थे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। राशि का उपयोग मध्यप्रदेश शासन, नगरीय विकास एवं आवास विभाग, भोपाल के पत्र क्र./1135/1665/2020/18-2, दिनांक 23.05.2020 के अनुसार किया जाना है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। जी हाँ। अनूपपुर जिले की समस्त 10 निकायों (अनूपपुर, कोतमा, बिजूरी, पसान, अमरकंटक, जैतहरी, बनगवां, डोला, डूमरकछार एवं बरगवां (अमलाई) को राशि का आवंटन किया गया है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्न 'क' के संदर्भ में नगर परिषद अमरकंटक को 15वां वित्त आयोग अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक राशि रूपये 363.66 लाख प्राप्त हुआ है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। दिशा-निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है।
नगर पंचायत कोठी के विकास कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
10. ( *क्र. 1203 ) श्रीमती कल्पना वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रैगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत नगर पंचायत कोठी में विगत-3 वर्षों की अवधि में पदस्थ अधिकारी की जानकारी आदेश सहित दें। उक्त अवधि से प्रश्न दिनांक तक नगर पंचायत क्षेत्र में विकास हेतु क्या-क्या कार्य कराये गये हैं? कार्यवार व्यय राशि की जानकारी सहित पूर्ण विवरण देवें। यह भी बतायें कि नगर पंचायत कोठी में कहां से कहां तक का कितना भू-भाग जुड़ा है? (ख) क्या नगर पंचायत कोठी की सभी सड़कें जीर्ण-शीर्ण हालत में हैं, नालियां जर्जर हैं एवं गंदगी से भरी पड़ी हैं, प्रकाश व्यवस्था भी पूर्ण रूप से नहीं है, पेयजल की भी पूरे नगर पंचायत में व्यवस्थायें ठीक नहीं हैं? नगर पंचायत द्वारा आम जनता के लिये उक्त सुविधाओं हेतु क्या-क्या कार्य किये जा रहे हैं, उन कार्यों के प्रभारी कौन-कौन हैं? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार अवधि से प्रश्न दिनांक तक नगर पंचायत को कितना कर/उपकर प्राप्त हुआ है एवं कितनी राशि शासन से प्राप्त हुई? किन-किन मदों में कब-कब, कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? वर्षवार, मदवार जानकारी देवें। सामाग्री क्रय में क्या भण्डार-क्रय नियमों का पालन किया गया है? (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार नगर पंचायत क्षेत्र के आंतरिक मार्गों, नालियों, पुल, पुलियों का निर्माण कराये जाने की क्या योजना है? उक्त कार्य आम जनता के हित में कब तक कराये जायेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर परिषद कोठी, जिला-सतना (म.प्र.) में विगत 03 वर्षों की अवधि में पदस्थ मुख्य नगर पलिका अधिकारियों एवं कराये गये कार्यों का विवरण क्रमशः पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-01' एवं 'अ-02' अनुसार है। नगर परिषद कोठी क्षेत्रांतर्गत ग्राम कोठी, रोयनी एवं शारदापुरी ग्राम के भू-भाग जुड़े हैं, जिसका क्षेत्रफल 2.11 वर्ग किलोमीटर है। (ख) जी नहीं, नगर परिषद कोठी क्षेत्र की अधिकतर सड़कें व नालियां सही हालत में हैं, जो पुरानी सड़कें व नाली क्षतिग्रस्त हैं, उनका नवीनीकरण मरम्मत कार्य प्रस्तावित है। नालियों की सफाई यथा समय कराई जा रही है। प्रकाश व पेयजल व्यवस्थाएं पर्याप्त हैं। कराये जा रहे कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) प्राप्त राशि एवं व्यय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' एवं परिशिष्ट 'द' अनुसार है। जी हाँ, सामग्री क्रय में भण्डार नियमों का पालन किया जाता है। (घ) नगर पंचायत क्षेत्रांतर्गत निर्माण कराये जाने की योजना पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ई' अनुसार है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रभावितों का पुनर्वास
[लोक निर्माण]
11. ( *क्र. 331 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग के किस डिविजन ने एन.एच. 59 ए के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम 1957 के तहत कितने राजस्व ग्रामों की कितनी भूमि, कितने मकान एवं कितने दुकान का अर्जन किया? इसमें से किस-किस के मकान दुकान का आंशिक अर्जन किया गया? (ख) राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम 1957 के तहत अर्जित मकान एवं दुकान के प्रभावितों के पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन से संबंधित क्या-क्या कार्यवाही की गई? भू-अर्जन अधिकारी के समक्ष किस दिनांक को पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन की क्या-क्या योजना प्रस्तुत की गई, यदि योजना प्रस्तुत नहीं की गई? हो तो कारण बतावें। (ग) भारत सरकार द्वारा राजपत्र में दिनांक 28.5.2015 को प्रकाशित अधिसूचना के तहत राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम 1957 के तहत अर्जित मकान एवं दुकान तथा भूमि के प्रभावितों के लिए क्या-क्या प्रावधान किया है? उसका पालन नहीं करने के क्या-क्या कारण हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) भूमि अर्जन पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार अधिनियम राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम 1956 (संशोधित अधिनियम 2013 दिनांक 26 सितम्बर, 2013) के अध्याय 4 की धारा 30 (3) प्रकाशन दिनांक से भू-अर्जन से प्रभावितों को 12 प्रतिशत की दर से ब्याज तथा 100 प्रतिशत अनिवार्य क्षतिपूर्ति सोलेशियम राशि के अनुसार गणना की गई। भारत सरकार द्वारा राजपत्र में दिनांक 28.05.2015 प्रकाशित की गई अधिसूचना का पालन किया गया है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश 'ख' के उत्तर अनुसार भू-अर्जन हेतु संशोधित अधिनियम का पालन किये जाने से शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
विद्युत बिलों का निराकरण
[ऊर्जा]
12. ( *क्र. 561 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ऊर्जा विभाग द्वारा जिला राजगढ़ में विद्युत बिलों में होने वाली त्रुटि के निराकरण या किसी समस्या के आने पर निराकरण करने की क्या समय-सीमा निर्धारित की गई है? (ख) क्या विद्युत बिल निराकरण ऑनलाइन प्रकरण करवाकर जिले लेवल या फिर भोपाल लेवल पर संशोधित किया जा रहा है? (ग) कंडिका (ख) अनुसार यदि हाँ, तो निराकरण समय के दौरान हितग्राही के घर विद्युत प्रदाय जारी रहेगा या नहीं? यदि नहीं, तो निराकरण समय के दौरान बिना विद्युत के हितग्राही कैसे रहेगा? इसके लिए कौन जिम्मेदार है व क्या बिलों का समाधान पूर्व की भांति तहसील स्तर पर किया जा सकता है? (घ) प्रश्नांश (ख) के अनुसार यदि नहीं, तो उक्त बिलों के निराकरण की क्या प्रक्रिया है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) ऊर्जा विभाग के अधीनस्थ म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा जिला राजगढ़ सहित कंपनी क्षेत्र में विद्युत बिलों में होने वाली त्रुटि या बिल संबंधी किसी अन्य समस्या से संबंधित प्राप्त शिकायतों के निराकरण हेतु, विद्युत उपभोक्ता से आवेदन प्राप्त होने के उपरांत 21 दिवस की समय-सीमा निर्धारित की गई है। (ख) जी हाँ, त्रुटिपूर्ण विद्युत देयकों का निराकरण वितरण कंपनी के वृत्त स्तर (जिला-लेवल) पर किया जा रहा है। (ग) यदि विचाराधीन विद्युत देयक की राशि के अलावा कोई अन्य राशि बकाया नहीं है, तो निराकरण अवधि में विद्युत कनेक्शन का विद्युत प्रदाय चालू रहेगा। अत: उपभोक्ता को असुविधा होने अथवा किसी के जिम्मेदार होने का प्रश्न नहीं उठता। विद्युत बिलों से संबंधित शिकायतों का निराकरण वितरण कंपनी के वृत्त स्तर से सुचारू रूप से किया जा रहा है, जिसमें किसी प्रकार का परिवर्तन किए जाने की आवश्यकता नहीं है। (घ) बिल सुधार संबंधी शिकायतों के निराकरण हेतु उपभोक्ता द्वारा शिकायत कॉल सेंटर (1912) पर फोन द्वारा, मोबाइल एप द्वारा, वाट्स एप चेट बोर्ड द्वारा एवं वितरण केन्द्र या कंपनी के कार्यालय में जाकर कराई जा सकती है। प्राप्त शिकायत का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर एस.एम.एस. (SMS) द्वारा उपभोक्ता को सूचना दी जाती है। बिल सुधार औसतन 15 दिवस में किये जा रहे हैं। तदुपरान्त आवेदक को तत्संबंध में एस.एम.एस. (SMS) के माध्यम से सूचित किया जाता है।
नगर पालिक परिषद पन्ना में कर्मचारियों की नियुक्ति
[नगरीय विकास एवं आवास]
13. ( *क्र. 952 ) श्री शिवदयाल बागरी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिला अन्तर्गत नगर पालिका परिषद पन्ना के 2019 से अब तक कितने प्रस्ताव डाले गये एवं उन पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या नगर पालिका परिषद पन्ना में सम्मिलित नवीन ग्राम पंचायतों के कर्मचारियों के संविलियन के संबंध में दिनांक 14.12.2022 को प्रस्ताव डाला गया था, जो स्वीकृत हुआ था, उक्त प्रस्ताव में क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार प्रस्ताव स्वीकृत होने के पश्चात सम्मिलित ग्राम पंचायतों के कर्मचारियों को अब तक नियुक्ति क्यों नहीं दी गई, कब तक दी जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिका परिषद, पन्ना में प्रशासन कार्यकाल में 2019 से 2022 तक कुल 439, परिषद गठन दिनांक 10.08.2022 से 23.12.2023 तक कुल 36 प्रस्ताव इस प्रकार कुल 475 प्रस्ताव विचार हेतु रखे गये थे एवं 475 प्रस्ताव पारित किये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्रकरण परिषद के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। प्रकरण का अवलोकन करने के पश्चात परिषद के द्वारा यह निर्णय लिया गया था कि परिषद में सम्मिलित ग्राम पंचायतों की सम्पतियां/अस्तियां एवं अमले के हस्तांतरण की कार्यवाही म.प्र. शासन नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग भोपाल के पत्र क्रमांक/शा-02/परि.स./164/2020/28 भोपाल, दिनांक 02.01.2021 एवं नगरीय प्रशासन एवं विकास संचालनालय भोपाल का पत्र क्रमांक/शा-02/परि.सं./168/2020/15052 भोपाल, दिनांक 06.09.2021 में दिये गये निर्देशानुसार कार्यवाही किये जाने की सर्वसम्मति से स्वीकृति प्रदान की गई थी। संविलियन दिनांक से आज दिनांक तक मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत पन्ना के द्वारा सम्मिलित ग्राम पंचायतों के किसी भी कर्मचारी की सेवाएं नगर पालिका को नहीं सौंपी गई हैं। शेष का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ग) इसका उत्तर उत्तरांश (ख) में समाहित है।
कृषि पंपों पर अकारण विद्युतभार बढ़ाने की जांच
[ऊर्जा]
14. ( *क्र. 1552 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भिण्ड जिले को लहार विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के द्वारा किसानों की बिना सहमति के पंप कनेक्शनों के भार में अकारण वृद्धि किए जाने की शिकायत की जांच उपरांत कार्यवाही किए जाने के संबंध में माननीय ऊर्जा मंत्री, म.प्र. शासन द्वारा प्रश्नकर्ता को पत्र क्र. 3194 'A'/मंत्री/ऊर्जा/2020 भोपाल, दिनांक 19.12.2022 से अवगत कराया गया है? (ख) क्या फीडर विभक्तीकरण योजनान्तर्गत ग्राम जगदीशपुरा में पूर्व में स्थापित विद्युत लाईन संबंधी उपकरणों की पुनः स्थापना करने एवं वितरण केन्द्र दबोह अन्तर्गत पदस्थ कर्मचारी के विरूद्ध परीक्षण उपरांत कार्यवाही करने के संबंध में माननीय मंत्री जी ऊर्जा विभाग द्वारा प्रश्नकर्ता को पत्र क्र. 3035 'A'/मंत्री/ऊर्जा/2020 भोपाल, दिनांक 19.12.2022 से अवगत कराया गया है? (ग) यदि हाँ, तो उक्त प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं, अपितु भिण्ड जिले के लहार विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत, म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के द्वारा किसानों की सहमति के बिना पंप कनेक्शनों के भार में अकारण वृद्धि किये जाने संबंधी शिकायत के संबंध में माननीय नेता प्रतिपक्ष से चर्चा के सन्दर्भ में माननीय ऊर्जा मंत्री के पत्र क्रमांक-3194, दिनांक 28.12.2022 द्वारा ऊर्जा विभाग को इस संबंध में पावर मैनेजमेंट कंपनी से जांच कराए जाने हेतु लेख किया गया था एवं पत्र की प्रति माननीय नेता प्रतिपक्ष (प्रश्नकर्ता) को पृष्ठांकित की गई। (ख) जी हाँ, माननीय नेता प्रतिपक्ष (प्रश्नकर्ता) के पत्र क्रमांक-1089/22, दिनांक 14.12.2022, जो कि फीडर विभक्तिकरण योजनान्तर्गत ग्राम जगदीशपुरा में पूर्व में स्थापित विद्युत लाइन संबंधी उपकरणों को पुन: स्थापित करने एवं वितरण केन्द्र दबोह अंतर्गत पदस्थ कर्मचारी के विरूद्ध परीक्षण उपरांत कार्यवाही करने के संबंध में था, के परिप्रेक्ष्य में माननीय ऊर्जा मंत्री के पत्र क्रमांक 3035, दिनांक 19.12.2022 द्वारा ऊर्जा विभाग को परीक्षणोंपरान्त प्रकरण में नियमानुसार कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया था तथा इस पत्र की प्रतिलिपि माननीय प्रश्नकर्ता को प्रेषित की गई थी। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पद के तारतम्य में की गई जांच में यह पाया गया है कि कृषि पम्प कनेक्शनों के भार में की गई वृद्धि सही एवं नियमानुसार है। प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित पत्र में उठाए गए मुद्दे के परिप्रेक्ष्य में सहायक प्रबंधक दबोह वितरण केन्द्र के पत्र दिनांक 20.06.2022 द्वारा ग्राम जगदीशपुरा में स्थापित अधोसंरचना से चोरी गये 11 के.व्ही. लाइन के तार चोरी के संबंध में पुलिस थाना दबोह जिला भिण्ड में प्राथमिकी दर्ज कराने का आवेदन दिया गया है। तदुपरान्त उप महाप्रबंधक (संचा.-संधा.) लहार के पत्र दिनांक 14.02.2023 द्वारा पुलिस अधीक्षक भिण्ड को प्रकरण में प्राथमिकी दर्ज कराने का लेख किया गया। प्रकरण में प्राथमिकी दर्ज किया जाना शेष है। इस वितरण केन्द्र दबोह अन्तर्गत 11 के.व्ही. बघेड़ी फीडर पर स्थापित 05 वितरण परिणामित्र स्थल पर नहीं पाये जाने पर प्रथम दृष्टया वितरण केन्द्र पर पदस्थ कर्मचारी श्री मनमोहन दोहरे, लाइन अटेण्डेट (संविदा) को आदेश दिनांक 21.09.2022 से स्थानांतरित कर रौन वितरण केन्द्र पर सम्बद्ध किया गया है, उनके द्वारा की गई लापरवाही हेतु उप महाप्रबंधक (संचा.-संधा.) लहार के पत्र दिनांक 23.09.2022 द्वारा उनको आरोप पत्र जारी कर, तदुपरान्त आदेश दिनांक 20.10.2022 के द्वारा विभागीय जाँच संस्थित की गई है, जोकि प्रक्रियाधीन है।
जल आवर्धन योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
15. ( *क्र. 1284 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका परिषद बालाघाट में जल आवर्धन योजना का कार्य कब प्रारंभ किया गया तथा इस योजना को कब पूर्ण होना था? समय अवधि में योजना पूर्ण नहीं होने पर कितनी राशि की पेनल्टी लगाने के प्रावधान थे? समय अवधि में कार्य न करने पर जो-जो नोटिस विभाग की ओर जारी किये गये तथा निर्माणकर्ता ठेकेदार की ओर से जो जवाब आये, उसकी प्रति संलग्न करें तथा लगायी गयी पेनल्टी की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित योजना का कार्य डी.पी.आर. के अनुसार न होने की कब-कब तथा किसके द्वारा जांच करायी गयी तथा क्या जांच प्रतिवेदन प्राप्त हुए, इसकी संपूर्ण जानकारी दें। (ग) क्या गुणवत्ताहीन कार्य होने के बावजूद योजना को नगर पालिका परिषद को हस्तांतरण करने की तैयारी की जा रही है? क्या शासन प्रदेश स्तर से जांच दल भेजकर यह सुनिश्चित करेगा कि डी.पी.आर. की शर्तों के अनुसार कार्य होने की दशा में ही योजना का हस्तांतरण नगर पालिका परिषद को हो?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिका परिषद, बालाघाट में जल आवर्धन योजना कार्य दिनांक 20.02.2016 को प्रारंभ किया गया। कार्यादेश के अनुसार योजना को दिनांक 19.02.2018 तक पूर्ण होना था। अनुबंध के प्रावधानों की कंडिका 46 के अनुसार पेनल्टी का प्रावधान पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। निकाय द्वारा 64 सूचना पत्र जारी किए गए हैं, प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। निर्माणकर्ता ठेकेदार की ओर से 32 जवाब प्राप्त हुए हैं। प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। निकाय द्वारा वर्तमान तक कोई पेनल्टी नहीं लगाई गई है। (ख) जिला कलेक्टर बालाघाट द्वारा आदेश क्रमांक 1126, दिनांक 25.02.2022 से जल आवर्धन योजना के कार्यों की गुणवत्ता एवं भौतिक सत्यापन हेतु जोनवार/वार्डवार तकनीकी दल गठित किया गया था। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। प्राप्त जांच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'इ' अनुसार है। (ग) जी नहीं। जांच प्रतिवेदन पर संभागीय अधीक्षण यंत्री से प्रतिवेदन मांगा गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सीवरेज योजना की शिकायत पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
16. ( *क्र. 947 ) डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर परिषद महेश्वर एवं मण्डलेश्वर पवित्र नगरी में सीवरेज निर्माण कार्य की स्वीकृति कब हुई एवं इसकी लागत कितनी-कितनी है? उक्त निर्माण कार्य किस एजेंसी को दिया गया है एवं कार्य पूर्ण करने की अवधि क्या है? (ख) अगर समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं हुआ है, तो उस राशि पर लगने वाले ब्याज की राशि किससे वसूली योग्य होगी? (ग) उक्त योजना अन्तर्गत सीवरेज लाईन डालने से जिन परिवार के लोगों को आर्थिक नुकसान हुआ, मकान टूटने एवं अन्य निर्माण कार्यों की क्षतिपूर्ति कौन करेगा? साथ ही परिषद द्वारा बनी हुई सड़क को पुनर्निर्माण करने के क्या प्रावधान हैं? (घ) जिन निकायों में उक्त योजना को पूर्ण करने की अवधि समाप्त हो चुकी है, उक्त एजेंसी पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? क्या संबधित एजेंसी के ठेके समाप्त कर ब्लैक लिस्टेड किया गया है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर परिषद महेश्वर एवं मण्डलेश्वर की सीवरेज योजना का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। (ख) समय-सीमा में कार्य पूर्ण न होने के कारण ब्याज की वसूली का कोई प्रावधान दोनों कार्यों के अनुबंधों में नहीं है। दोनों कार्यों के समाप्त होने के बाद नियमानुसार डिले डैमेजिज निकालकर उसकी वसूली संबंधित ठेकेदार से अनुबंध अनुसार की जायेगी। (ग) महेश्वर नगर की सीवरेज योजना के संबंधित क्षतिपूर्ति भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है। मण्डलेश्वर नगर में कार्य के दौरान कोई क्षति नहीं की गई है एवं न ही अनुबंध में कोई प्रावधान है। दोनों ही नगरों के सीवरेज योजना अनुबंधों में पाइप लाइन डालने में क्षतिग्रस्त सड़कों के पुनर्निर्माण का प्रावधान है। (घ) महेश्वर नगर की सीवरेज योजना में विलम्ब के कारण ठेकेदार की अभी तक रु. 41.72 लाख रुपये लिक्विडेटेड डेमेज (परिनिर्धारित क्षति) के रूप में रोका गया है। योजना का विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "स" अनुसार है। मण्डलेश्वर नगर की सीवरेज योजना में विलम्ब के कारण रू. 12.06 लाख लिक्विडेटिड डैमेज के रूप में रोके गये हैं एवं पत्र क्रमांक 181, दिनांक 06.01.2022 से संविदकार को ब्लैक लिस्ट भी किया गया है तथा पत्र क्रमांक 522, दिनांक 19.01.2022 से कार्य का अनुबंध भी निरस्त किया गया है। अनुबंध निरस्त होने के बाद संविदाकार द्वारा प्रस्तुत अभ्यावेदन के अवलोकन एवं सक्षम प्राधिकारियों द्वारा समीक्षा उपरांत 6 बार कार्य का समय बढ़ाया गया एवं अंतिम बार दिनांक 30.06.2023 तक का समय बढ़ाया गया है। योजना का विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "द" अनुसार है।
अनुसचिवीय सेवायें (लिपिकीय अमला) की पद संरचना
[उच्च शिक्षा]
17. ( *क्र. 1297 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वित्त विभाग म.प्र. शासन भोपाल के पत्र क्रमांक एफ 8&-6/2015 नियम/चार भोपाल दिनांक 19.07.2017 द्वारा राज्य वेतन आयोग की अनुशंसा के अनुक्रम में राज्य शासन द्वारा अनुसचिवीय सेवायें (लिपिकीय अमला) की पद संरचना वेतनमान, पदोन्नति एवं भर्ती नियमों के संबंध में निर्णय लिया गया था, जिसके अनुसार संशोधन दिनांक 01 जनवरी, 2016 से लागू किया जाना था? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गयी है? कार्यवाही की प्रति उपलब्ध करायें। यदि नहीं, तो क्यों तथा कब तक आदेश जारी किये जायेंगे? (ग) शासन द्वारा उक्त लिपिकीय अमले की पद संरचना वेतन एवं पदोन्नति का लाभ न देने से शासकीय सेवकों का शोषण हो रहा है? यदि हाँ, तो कारण बताएं। यदि नहीं, तो कब तक विसंगति दूर की जायेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश ''क'' में उल्लेखित वित्त विभाग के परिपत्र के परिप्रेक्ष्य में सुसंगत विभागीय भर्ती नियमों में संशोधन की कार्यवाही प्रचलन में है। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। शासन द्वारा जारी नियमों/निर्देशों के अनुपालन में नियमानुसार समयमान-वेतनमान का लाभ प्रदान किया जा रहा है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
निर्माण कार्यों को समय-सीमा में पूर्ण किया जाना
[लोक निर्माण]
18. ( *क्र. 286 ) श्री राकेश मावई : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक मुरैना विधानसभा क्षेत्र में कौन-कौन से कार्यों की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति कितनी-कितनी राशि की प्राप्त हुई है? उनमें से कौन से कार्य अधूरें हैं अथवा आरम्भ ही नहीं किए गए हैं तथा उनका कितना-कितना मूल्यांकन किया गया? मूल्यांकन की प्रतियों सहित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार निर्माण कार्यों को पूर्ण करने की कोई समय-सीमा निर्धारित की गई है? यदि हाँ, तो कब तक? कार्य समय-सीमा में पूर्ण न करने का कारण क्या है? (ग) क्या लोक निर्माण विभाग द्वारा प्रश्नकर्ता सदस्य को प्रश्नांश (क) अनुसार किए जा रहे कार्यों की अद्यतन स्थिति की जानकारी दी गयी है? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो अद्यतन स्थिति की जानकारी न देने का कारण बताएं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1', 'अ-2' एवं मूल्यांकन की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1, 2 एवं 3 अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है एवं नूराबाद-पढ़ावली मार्ग से शचिचरा मार्ग अनुबंधानुसार दिनांक 11 अप्रैल, 2024 तक। (ग) जी हाँ। कार्य/मार्ग के भूमि पूजन व समय-समय पर आयोजित समीक्षा बैठकों में जानकारी दी गई। अत: शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
विद्युत दर में वृद्धि
[ऊर्जा]
19. ( *क्र. 1269 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2020-21 एवं 2022-23 में विद्युत की दर में कितने प्रतिशत औसत वृद्धि की गई? मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इन्दौर अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2019-20, 2020-21 एवं 2021-22 में वर्षवार विद्युत की खपत कितनी थी? इस अवधि में म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड जबलपुर का विद्युत उत्पादन कितना था? वर्षवार जानकारी देवें। (ख) संचालन-संधारण वृत्त धार के अन्तर्गत कैलेंडर वर्ष 01 जनवरी, 2020 से 31 दिसम्बर, 2022 तक निम्नदाब/उच्चदाब उपभोक्ताओं से विद्युत के देयकों में अधिक राशि के विद्युत देयक आने की कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं तथा प्राप्त शिकायतों में से कितनी सही पाईं गईं, की कैलेंडर वर्षवार संख्यात्मक जानकारी देवें। (ग) वित्तीय वर्ष 2019-20 से 2021-22 तक म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड, जबलपुर के ताप एवं जल विद्युत संयंत्रों का विद्युत का उत्पादन कितना हुआ? अन्य राज्यों से तथा कंपनियों से अनुबंध के अनुसार बिना मूल्य में तथा डिस्काउंट मूल्य पर कितनी विद्युत किस दर से खरीदी गई वित्तीय वर्षवार जानकारी देवें? (घ) वित्तीय वर्ष 2019-20 से 2021-22 तक म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड जबलपुर के कितने विद्युत उत्पादन केंद्र को स्क्रेप के रूप में कितने में बेचा गया तथा कितनी मात्रा में फ्लाई ऐश तथा गीली ऐश किस दर से बेची गई? (ड.) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर क्षेत्रांतर्गत वित्तीय वर्ष 2019-20 से 2021-22 तक प्रतिवर्ष दिनांक 31 मार्च की स्थिति में कुल नियमित तथा संविदा कर्मचारियों की संख्या तथा उन्हें दिए जाने वाला वेतन भत्ते की वित्तीय वर्षवार जानकारी दें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. विद्युत नियामक आयोग के आदेश दिनांक 17.12.2020, दिनांक 30.06.2021 एवं दिनांक 31.03.2022 द्वारा विद्युत दरों में क्रमश: वित्तीय वर्ष 2020-21 में 1.98 प्रतिशत, वित्तीय वर्ष 2021-22 में 0.63 प्रतिशत एवं वित्तीय वर्ष 2022-23 में 2.64 प्रतिशत की औसत वृद्धि की गई है। म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2019-20 में 22217.63 मिलियन यूनिट, वित्तीय वर्ष 2020-21 में 23033.24 मिलियन यूनिट एवं वित्तीय वर्ष 2021-22 में 24559.33 मिलियन यूनिट विद्युत की खपत हुई है। इसी अवधि में म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड, जबलपुर द्वारा वित्तीय वर्ष 2019-20 में 24704.1 मिलियन यूनिट, वित्तीय वर्ष 2020-21 में 23520.60 मिलियन यूनिट एवं वित्तीय वर्ष 2021-22 में 23505.7 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन किया गया। (ख) संचालन-संधारण वृत्त धार के अंतर्गत प्रश्नांश में उल्लेखित अवधि में निम्नदाब/उच्चदाब विद्युत उपभोक्ताओं से अधिक राशि के विद्युत देयक आने की प्राप्त शिकायतों एवं उनमें से सही पाई गई एवं निराकृत की गई शिकायतों की प्रश्नाधीन चाही गयी वर्षवार संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश में उल्लेखित अवधि में म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड, जबलपुर के ताप एवं जल विद्युत संयंत्रों से विद्युत उत्पादन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। विभिन्न उत्पादकों से किये गये अनुबंध के अनुसार बिना मूल्य के तथा डिस्काउंट मूल्य पर क्रय की गई विद्युत की मात्रा एवं दर की वित्तीय वर्षवार प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स', 'स-1' एवं 'स- 2' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश में उल्लेखित अवधि में म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड, जबलपुर के किसी भी विद्युत उत्पादन केंद्र को सेवानिवृत्त कर बेचा नहीं गया है। प्रश्नांश में उल्लेखित अवधि में म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी के ताप विद्युत गृहों द्वारा बेची गई फ्लाई ऐश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी द्वारा प्रश्नांश में उल्लेखित अवधि में गीली ऐश का विक्रय नहीं किया गया है। (ड.) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर क्षेत्रांतर्गत वित्तीय वर्ष 2019-20 से 2021-22 तक प्रतिवर्ष दिनांक 31 मार्च की स्थिति में कुल नियमित एवं संविदा कर्मचारियों की संख्या तथा उन्हें दिए जाने वाला वेतन भत्ते के मद में व्यय हुई राशि की प्रश्नाधीन चाही गयी वित्तीय वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ई' अनुसार है।
निवाड़ी में सर्व-सुविधायुक्त बस स्टैण्ड का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
20. ( *क्र. 1139 ) श्री अनिल जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नवगठित जिला निवाड़ी के 04 वर्ष पूर्ण होने के उपरांत भी निवाड़ी शहर में बस स्टैण्ड नहीं है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या निवाड़ी शहर में सर्व-सुविधायुक्त बस स्टैण्ड के निर्माण के संबंध में कोई कार्ययोजना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो इस कार्ययोजना को स्वीकृत कर निवाड़ी शहर में कब तक एक सर्व-सुविधायुक्त बस स्टैण्ड का निर्माण कर दिया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में यदि नहीं, तो निवाड़ी शहर में कब तक एक सर्व-सुविधायुक्त बस स्टैण्ड के निर्माण के संबंध में कार्ययोजना तैयार कर बस स्टैण्ड के निर्माण हेतु स्वीकृति प्रदान कर दी जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। बस स्टैण्ड निर्माण हेतु भूमि आवंटित नहीं की गई है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नागदा-खाचरौद क्षेत्र के मार्गों की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
21. ( *क्र. 1300 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन के पत्र क्र. 670, दिनांक 11.02.2021 द्वारा मुख्य जिला मार्ग क्र. एम.पी.-एम.डी.आर. 26-27, 26-21, 26-22, 26-23, 26-24, 26-25 व 26-26 द्वारा कौन-कौन से मार्गों को मुख्य जिला मार्ग घोषित कर बजट में स्वीकृति प्रदान की गई है? (ख) एम.पी.-एम.डी.आर.26-27 नागदा से गिदगढ़-निनावटखेड़ा-किलोडिया-खुरमुण्डी-झिरमिरा-दिवेल-चंदोडिया-तारोद-मोकड़ी मार्ग की स्वीकृति हेतु शासन क्या कार्यवाही कर रहा है? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा एम.पी.-एम.डी.आर.26-27 नागदा से गिदगढ़, तारोद-मोकड़ी मार्ग 25 कि.मी. मार्ग की स्वीकृति व बजट प्रावधान हेतु दिनांक 01 अप्रैल, 2020 से 05 फरवरी, 2023 तक माननीय मुख्यमंत्री महोदय, मंत्री व प्रमुख सचिव, लोक निर्माण विभाग को कितने पत्र उक्त रोड की स्वीकृति हेतु प्रेषित किए गए हैं? उनका विवरण देते हुए स्वीकृति के संबंध में क्या कार्यवाही की गई है? (घ) क्या शासन घोषित मुख्य जिला मार्ग के निर्माण हेतु कोई कार्य योजना बनाई गई है? यदि हाँ, तो एम.पी.-एम.डी.आर.26-27 नागदा से गिदगढ़, तारोद-मोकड़ी मार्ग को वर्ष 2023-24 के बजट में बजट प्रावधान हेतु क्या कार्यवाही की गई है? (ड.) पत्र क्र. 4782/नागदा दिनांक 03.02.2023 द्वारा बजट वर्ष 2023-24 में क्षेत्र के छोटे महत्वपूर्ण ग्रामीण मार्गों को सम्मिलित करने व माननीय मुख्यमंत्री द्वारा अपने पत्र क्र. 5079/सी.एम.एस./एम.एल.ए./212/2022, दिनांक 30.12.2022 को प्रमुख सचिव, लोक निर्माण विभाग को बजट में सम्मिलित करने हेतु क्या निर्देश प्रदान किए गए हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) किसी भी योजना में सम्मिलित नहीं होने से किसी भी प्रकार की कार्रवाई की जाना संभव नहीं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) कोई विनिर्दिष्ट कार्ययोजना नहीं है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ड.) प्रकरण सी.एम. मॉनिट-ब में पंजीबद्ध करते हुये प्रस्ताव/प्रतिवेदन देने के निर्देश हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '1' अनुसार है।
मधुसूदनगढ़ बस स्टैण्ड निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
22. ( *क्र. 1337 ) श्री लक्ष्मण सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मधुसूदनगढ़ बस स्टैण्ड निर्माण की क्या योजना है? (ख) इसके लिए आवश्यक भूमि अधिग्रहण की क्या स्थिति है? (ग) इस बस स्टैण्ड का निर्माण कब तक पूरा कर लिया जाएगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर परिषद मधुसूदनगढ़ में बस स्टैण्ड निर्माण हेतु विभागीय स्तर से कोई योजना स्वीकृत नहीं है। (ख) कलेक्टर गुना द्वारा प्रकरण 01 'अ' 19/16-17 आदेश दिनांक 03.10.2017 से रकबा 3.126 हेक्टेयर भूमि बस स्टैण्ड हेतु आवंटित की जा चुकी है। (ग) प्रश्नांश 'क' के क्रम में समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
बिजली समस्याओं का निराकरण
[ऊर्जा]
23. ( *क्र. 1515 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले के बड़वारा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत घरेलू व कृषि कार्य हेतु बिजली उपभोक्ताओं की कुल कितनी संख्या है? (ख) जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक बड़वारा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत कुल कितने ट्रांसफार्मर 25 के.व्ही.ए. से 63 के.व्ही.ए., 63 के.व्ही.ए. से 100 के.व्ही.ए., 100 के.व्ही.ए. से 200 के.व्ही.ए., 200 के.व्ही.ए. से 315 के.व्ही.ए. किन-किन योजनाओं के तहत किये गये हैं? योजनाओं के नाम, ट्रांसफार्मर लगने वाली जगह के नाम व कुल ट्रांसफार्मर की संख्या पृथक-पृथक बतलावें। (ग) कृषि उपभोक्ताओं को जो पूर्व में मुख्यमंत्री अनुदान योजना चल रही थी, वह कब तक पुन: चालू हो जायेगी और उसमें विभिन्न श्रेणियों के किन-किन उपभोक्ताओं को कितने हेक्टेयर भूमि तक का लाभांश मिल सकेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) कटनी जिले के बड़वारा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वर्तमान में घरेलू श्रेणी के कुल 40925 एवं कृषि श्रेणी के कुल 15963 विद्युत उपभोक्ता है। (ख) माह जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में प्रश्नाधीन क्षेत्रान्तर्गत म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा 25 के.व्ही.ए. क्षमता से 63 के.व्ही.ए. क्षमता वृद्धि के 14 कार्य, 63 के.व्ही.ए. क्षमता से 100 के.व्ही.ए. क्षमता वृद्धि के 9 कार्य, 100 के.व्ही.ए. क्षमता से 200 के.व्ही.ए. क्षमता वृद्धि के 5 कार्य एवं 200 के.व्ही.ए. से 315 के.व्ही.ए. क्षमता वृद्धि के निरंक, इस प्रकार कुल 28 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि के कार्य राज्य शासन से सामान्य मद (एस.टी.एन. कार्य योजना) के अंतर्गत प्राप्त राशि से संपादित किये गये हैं, जिनकी स्थापना के स्थान सहित प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश में उल्लेखित ''मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पंप कनेक्शन योजना'' को पुन: प्रारंभ किये जाने का कोई प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
मॉडल कॉलेज खण्डवा
[उच्च शिक्षा]
24. ( *क्र. 936 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम जूनापानी में नवनिर्मित मॉडल कॉलेज का लोकार्पण मान. उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा कब किया गया था? (ख) क्या लोकार्पण के बाद लंबी अवधि पश्चात भी इसमें अध्यापन कार्य आरंभ नहीं हो पाया है? शैक्षणिक सत्र कब से आरंभ होगा? (ग) प्रश्नाधीन महाविद्यालय में किन-किन संकाय का अध्ययन कराया जाएगा? क्या इसके लिये शासन से प्राचार्य, प्राध्यापक एवं कार्यालयीन स्टाफ की पदस्थापना की जा चुकी है? यदि हाँ, तो सूची उपलब्ध करायें। (घ) क्या उक्त महाविद्यालय खण्डवा हरसूद मुख्य मार्ग से लगभग 1 कि.मी. से अधिक दूरी पर है, जो पूरी तरह कच्चा मार्ग है, जिस पर वर्षाकाल में छात्र-छात्राओं को आवागमन में परेशानी होगी? यदि हाँ, तो महाविद्यालय पहुँच मार्ग का निर्माण कब तक कराया जायेगा? (ड.) प्रश्नाधीन महाविद्यालय नगरीय क्षेत्र से लगभग 3-4 कि.मी. दूरी पर स्थित है? क्या छात्राओं के आवागमन की सुविधा को देखते हुए महाविद्यालय द्वारा वाहन सुविधा उपलब्ध कराये जाने पर विचार/नवाचार किया जाएगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) लोकार्पण दिनांक 27.09.2021. (ख) विभाग के आदेश दिनांक 23.11.2022 द्वारा महाविद्यालय हेतु पद सृजन की कार्यवाही की जा चुकी है। शैक्षणिक सत्र 2023-24 से अध्यापन कार्य प्रारंभ होगा। (ग) महाविद्यालय में स्नातक स्तर पर कला, विज्ञान, वाणिज्य तथा बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (बी.बी.ए.) संकाय संचालित होंगे। जी नहीं। (घ) जी हाँ। महाविद्यालय के पहुँच मार्ग के निर्माण हेतु प्रस्ताव प्राप्त हुआ है, कार्यवाही प्रचलन में है। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ड.) जी हाँ। वर्तमान में कोई प्रस्ताव नहीं है।
निर्माण कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
25. ( *क्र. 974 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01 फरवरी, 2023 की स्थिति में भितरवार विधानसभा क्षेत्र में किन-किन सड़कों में निर्माण कार्य चल रहे हैं? इनकी दिनांक 01 फरवरी, 2023 की स्थिति में भौतिक तथा वित्तीय स्थिति क्या है? वित्तीय वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 में कहां-कहां नई सड़कें प्रस्तावित हैं? (ख) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में पुरानी डामरीकृत सड़कें जो क्षतिग्रस्त हो गई हैं, उनके उन्नयन की कोई कार्य योजना है? वित्तीय वर्ष 2022-23 अंतर्गत किस मार्ग एवं भवन निर्माण पर अनुबंध किया गया है? अनुबंधित राशि एवं प्रश्न दिनांक तक व्यय की गई राशि की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) विधानसभा भितरवार अंतर्गत विगत 3 वर्षों में निर्मित सड़कों की मरम्मत, विधानसभा क्षेत्र भितरवार अंतर्गत क्षतिग्रस्त पुल-पुलियों के सुधार एवं नवीन पुल-पुलियों के निर्माण के लिये कोई कार्य योजना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो पूर्ण विवरण दें? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' एवं प्रस्तावित सड़कों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ग) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
सड़क
मार्ग का
मरम्मत कार्य
[लोक निर्माण]
1. ( क्र. 15 ) श्री महेश राय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बीना–मालथौंन बाया खिमलासा (स्टेट हाइवे) सड़क मार्ग पूर्णतः क्षतिग्रस्त हो गया है, इसकी मरम्मत का कार्य कब तक किया जायेगा? (ख) बीना–मालथौंन वाया खिमलासा (स्टेट हाइवे) पर क्या टोल केंद्र संचालित है, क्या उनके द्वारा वाहनों से टोल शुल्क लिया जाता है? (ग) यदि हाँ, तो टोल प्रबंधन द्वारा सड़क की मरम्मत क्यों नहीं कराई जा रही है? इस सम्बन्ध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की है? अवगत करायें। यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित अवगत करायें। (घ) प्रश्नांश (क) के अनुसार समयावधि बताने का कष्ट करें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। आंशिक क्षतिग्रस्त, कार्य अप्रैल 2023 तक पूर्ण कर लिया जायेगा। (ख) जी हाँ। जी हाँ। (ग) टोल प्रबंधन के अनुबंध में सड़क का मरम्मत कार्य सम्मिलित नहीं है। विभाग द्वारा टोल प्रबंधन पर कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा सड़क मरम्मत कार्य कराया जा रहा है। (घ) मार्ग की मरम्मत के कार्य की अवधि अनुबंधानुसार 06 माह निर्धारित की गयी है।
रिंग रोड का निर्माण
[लोक निर्माण]
2. ( क्र. 17 ) श्री महेश राय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में शहरों की ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने हेतु रिंग रोड बनाने हेतु शासन ने क्या नियम बनाये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बतायें कि विधानसभा क्षेत्र बीना के बीना शहर की ट्रैफिक व्यवस्था के निराकरण हेतु रिग रोड निर्माण करने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा जनता की मांग के आधार पर शासन से बार-बार मांग की जा रही है? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि बीना शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने हेतु रिंग रोड के निर्माण हेतु बजट सत्र में स्वीकृति दी जा रही है? (घ) प्रश्नांश (ग) के आधार पर बतायें कि कब तक रिंग रोड स्वीकृत कर दिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) कोई विनिर्दिष्ट नियम नहीं। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। (घ) वर्तमान में रिंग रोड का निर्माण किसी भी योजना में सम्मिलित नहीं है।
सेतुबंधन योजना
[लोक निर्माण]
3. ( क्र. 63 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केन्द्रीय शासन की सेतुबंधन योजना के तहत एम.पी.आर.डी.सी. जबलपुर ने रद्दी चौकी से अधारताल थाने से चौराहे को क्रास करते हुए लगभग 1 किमी लम्बा फ्लाई ओवर का निर्माण हेतु कितनी राशि की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डी.पी.आर.) तैयार कर इसे स्वीकृति हेतु कब भेजा है। मूल योजना क्या हैं? इसके लिये केन्द्रीय शासन ने कब कितनी राशि की प्रशासकीय स्वीकृति दी है। इसकी निर्माणाधीन अवधि क्या है। निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ कराया जावेगा? (ख) लोक निर्माण सेतु संभाग जबलपुर ने रद्दी चौकी से घमापुर अम्बेडकर चौराहा तक लगभग 2.5 कि.मी. लम्बा फ्लाई ओवर का निर्माण हेतु कब कितनी राशि की डी.पी.आर. तैयार कर स्वीकृति हेतु कब-कब शासन को भेजा है। इस पर प्रदेश शासन ने कब क्या कार्यवाही की है। इसे स्वीकृति हेतु केन्द्रीय शासन के पास कब क्या प्रस्ताव भेजा है? यदि नहीं, तो क्यों? प्रस्ताव कब से कहां पर किस स्तर पर लम्बित है एवं क्यों? (ग) क्या यह सत्य है कि रद्दी चौकी से घमापुर अम्बेडकर चौराहा हाई कोर्ट, रेल्वे स्टेशन जबलपुर तक यातायात का अत्यधिक दबाब रहता है? यदि हाँ, तो जाम की समस्या से निपटने हेतु रद्दी चौकी से अम्बेडकर चौराहा तक फ्लाई ओवर का निर्माण कराने हेतु शासन इसे केन्द्रीय शासन की सेतुबंधन योजना के तहत स्वीकृति प्रदान कराकर इसका निर्माण कराना सुनिश्चित करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जबलपुर में रद्दी चौकी से अधारताल तक फ्लाई ओवर निर्माण सेतु बंधन योजनान्तर्गत नहीं है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) म.प्र. रोड डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन लि. द्वारा इस फ्लाई ओवर के निर्माण हेतु डी.पी.आर. तैयार नहीं किया गया है एवं शासन को स्वीकृति हेतु नहीं भेजा गया है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। वर्तमान में प्रस्तावित नहीं है।
पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति
[लोक निर्माण]
4. ( क्र. 64 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सत्य है, कि म.प्र.शासन अनुसूचित जाति कल्याण विभाग का पत्र क्र.एफ 12 05/2018/4/25/135 भोपाल दिनांक 23/02/2019 द्वारा सिद्धबाबा लालमाटी जबलपुर में सामुदायिक भवन का निर्माण हेतु राशि 90.73 लाख की स्वीकृति दी गई है जिसका निर्माण कार्य हेतु अतिरिक्त परियोजना संचालक लोक निर्माण विभाग पी.आई.यू. परिक्षेत्र जबलपुर को कार्य एजेंसी बनाया गया है? यदि हाँ, तो इसके लिये कब कार्यादेश जारी किया गया है? (ख) अतिरिक्त परियोजना संचालक पी.आई.यू.जबलपुर का पत्र क्र.एफ/2021/कार्य/सामु.भवन/सिद्धबाबा लालमाटी/ जबलपुर/प्रावक./ ए.पी.डी./35 दिनांक 05/01/2020 द्वारा 167.02 लाख की पुनरक्षित प्रशासकीय स्वीकृति हेतु परियोजना संचालक लोक निर्माण विभाग पी.आई.यू. भोपाल ने कब क्या कार्यवाही की हैं? प्रकरण कब से किस स्तर पर लम्बित है एवं क्यों? (ग) क्या शासन प्रश्नांकित स्वीकृत सामुदायिक भवन का निर्माण हेतु पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान कर निर्माण कार्य कराना सुनिश्चित करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। दिनांक 01.07.2019 को कार्यादेश जारी किया गया। (ख) परियोजना संचालक द्वारा दिनांक 16.02.2021 को पत्र क्र. एफ-50-3/2021/सामु.भवन/ अनु.जाति/कार्य-2/पीडी/110 आयुक्त अनुसूचित जाति विकास विभाग को प्राक्कलन राशि रू. 167.02 लाख का प्रेषित कर पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान करने हेतु लेख किया गया। प्रकरण आयुक्त अनुसूचित जाति विकास विभाग में प्रक्रियाधीन है। कारण बताना संभव नहीं है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार।
शॉपिंग कॉम्प्लेक्स की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
5. ( क्र.
197 ) श्री
ग्यारसी लाल
रावत : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) नगर
पालिका परिषद
सेंधवा
द्वारा विगत 10
वर्षों से आज
तक कितनी
दुकानें
शॉपिंग कॉम्प्लेक्स
का निर्माण
किया गया? उनकी
सूची स्थान, लगात
कब निर्माण की
गई तथा किसे
आवंटित की गई? (ख) निर्मित
दुकानें शॉपिंग
कॉम्प्लेक्स
का आवंटन किसे
किया गया तथा अमानत
राशि कितनी ली
गई तथा किए गए
अनुबंध पत्र
की प्रति भी
उपलब्ध
करावें। (ग) निर्मित
दुकानें
शॉपिंग कॉम्प्लेक्स
का आवंटन किस
आधार पर किया
गया? आवंटन
में क्या
आरक्षण
प्रक्रिया का
पालन किया गया
तथा वर्गवार
आरक्षण का
प्रतिशत
कितना दिया
गया? प्रश्न
दिनांक तक
नगरपालिका
परिषद में कुल
कितनी दुकानें
शॉपिंग कॉम्प्लेक्स
निर्मित है
तथा किसे
आवंटित की गई?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री भूपेन्द्र
सिंह ) : (क) जी
हाँ। जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट ''अ''
अनुसार है। (ख)
जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट ''ब''
अनुसार है। (ग)
म.प्र.
नगर पालिका
अधिनियम 1961 की धारा 109 तथा उक्त
धारा के
अंतर्गत
निर्मित
म.प्र. नगर पालिका
(अचल संपत्ति
अंतरण) नियम 1996 एवं
म.प्र.नगर
पालिका (अचल
संपत्ति का
अंतरण) नियम 2016 के
आधार पर आवंटन
निकाय द्वारा
नियमानुसार किया
गया है। जी
हाँ। निकाय
द्वारा आवंटन
में आरक्षण
प्रक्रिया का
पालन किया गया
है। मध्यप्रदेश
नगर पालिका (अचल
संपत्ति
अंतरण) नियम 1996 एवं 2016 में उल्लेखित
प्रावधान
अनुसार
वर्गवार
आरक्षण प्रतिशत
के आधार पर
दुकानों का
आवंटन किया
गया है। प्रश्न
दिनांक तक
निर्मित
दुकानों कॉम्प्लेक्स
एवं आवंटन की जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है।
ठेकेदार से वसूली
[नगरीय विकास एवं आवास]
6. ( क्र. 198 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका परिषद् सेंधवा के अंतर्गत वर्ष 2015 से लेकर प्रश्न दिनांक तक कितने ठेकेदारों (पशु पंजीयन बाजार, हाट बाजार) से कितनी राशि वसूल की जाना है? (ख) दिनांक 1 अपैल 2015 से प्रश्न दिनांक तक मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा वसूली के संबंध में की गई कार्यवाही की प्रति उपलब्ध करायें? (ग) क्या नगरपालिका द्वारा ठेकेदारों से वसूली की जायेगी और कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद्, सेंधवा, जिला बड़वानी द्वारा पत्र क्रमांक/975/राजस्व/2021, सेंधवा, दिनांक 12.03.2021 द्वारा श्री प्रधान पिता नानला अहिरे, निवासी, ग्राम गवाड़ी एवं पत्र क्रमांक/979/राजस्व/2021, सेंधवा, दिनांक 12.03.2021 द्वारा श्री दिनेश पिता कैलाश निवासी ग्राम वाकी उर्फ गोई तहसील सेंधवा तथा पत्र क्रमांक/977/राजस्व/ 2021, सेंधवा, दिनांक 12.03.2021 द्वारा बकाया राशि वसूली हेतु सूचना पत्र दिया गया है। जिसके फलस्वरूप राशि रूपये 13,51,000/- कि विरूद्ध राशि रूपये 12,75,000/-, राशि रूपये 18,00,800/- के विरूद्ध राशि रूपये 16,75,800/- एवं राशि रूपये 12,11,000/- के विरूद्ध राशि रूपये 8,00,000/- इस प्रकार मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद्, सेंधवा द्वारा प्रभावी कार्यवाही कर उक्त वर्षों (वर्ष 2015-16 से वर्ष 2017-18) में कुल नीलामी राशि रूपये 43,62,800/- के विरूद्ध राशि रूपये 37,50,800/- वसूल की गई है एवं शेष राशि रूपये 6,12,000/- के लिये नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। उक्त सूचना पत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) जी हाँ, नगर पालिका परिषद्, सेंधवा द्वारा वसूली की कार्यवाही प्रचलित है समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जलावर्धन योजनान्तर्गत मेंटीनेंस
[नगरीय विकास एवं आवास]
7. ( क्र. 224 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सबलगढ़ विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत नगरपरिषद सबलगढ़ एवं नगर पंचायत झुण्डपुरा में जलावर्धन योजना अंतर्गत वर्ष 2021-22 से प्रश्न दिनांक तक मेंटीनेंस कार्य हेतु कितनी राशि कब-कब प्राप्त हुई हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्राप्त राशि में से कहाँ-कहाँ, कितनी-कितनी राशि, किस-किस एजेंसी को किस-किस कार्य हेतु व्यय की गई है? कार्य का नाम/संबंधित एजेंसी का नाम/प्रदाय की गई राशि सहित विवरण देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। नगरपालिका परिषद सबलगढ़ एवं नगर परिषद झुण्डपुरा को जल आवर्धन योजना के मेंटीनेंस कार्य हेतु कोई भी राशि प्राप्त नहीं हुई है। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
स्वीकृत मार्गों की जानकारी
[लोक निर्माण]
8. ( क्र. 225 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सबलगढ़ विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से मार्गों की प्रश्नकर्ता द्वारा मांग की गई एवं उनमें से कौन से मार्ग स्वीकृत किये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में स्वीकृत मार्गों की अद्यतन स्थिति क्या हैं? पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या उक्त स्वीकृत मार्गों पर अभी तक कार्य पूरा नहीं किया गया है एवं जो निर्माण कार्य किया गया है वह गुणवत्ताहीन एवं घटिया सामग्री का उपयोग करके किया गया है? यदि हाँ, तो क्यों इसके लिये कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी दोषी हैं? नाम व पद सहित बतावें एवं उक्त निर्माण कार्यों की किसी वरिष्ठ अधिकारियों की समिति बनाकर जांच करवाई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। 04 कार्य प्रगतिरत। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 59-ए एवं 69 का अन्तरण
[लोक निर्माण]
9. ( क्र. 332 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग द्वारा किस दिनांक की अधिसूचना/आदेश से राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को मार्ग क्रमांक 69 एवं मार्ग क्रमांक 59ए के किस किलोमीटर से किस किलोमीटर तक का हिस्सा अन्तरित कर किस-किस दिनांक को प्रभार सौंपा? (ख) लोक निर्माण विभाग के किस संभाग ने प्रभार सौंपे जाने के पूर्व दो वर्षों में किस-किस अनुबंधकर्ता को मार्ग क्रमांक 69 एवं मार्ग क्रमांक 59ए में किन-किन कार्यों के लिए कितनी-कितनी राशि का भुगतान किस-किस दिनांक को किया? (ग) राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा 4 लेन मार्ग निर्माण की कार्यवाही प्रारम्भ किए जाने के बाद भी किस-किस अनुबंधकर्ता को 2 लेन मार्ग से संबंधित कितने-कितने निर्माण की कार्यवाही लोक निर्माण विभाग के किस-किस इंजीनियर के आदेश, निर्देश एवं अनुबंध से करवाई गई? (घ) 4 लेन मार्ग निर्माण का अनुबंध होने के पूर्व एक वर्ष में टू लेन मार्ग के लिए निर्माण करवाए जाने का क्या-क्या कारण रहा? इस पर कितनी-कितनी राशि खर्च की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा 4-लेन मार्ग निर्माण की कार्यवाही प्रारंभ किये जाने के बाद किसी अनुबंधकर्ता से 2-लेन निर्माण कार्य का अनुबंध नहीं कराया गया है, अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा 4-लेन मार्ग निर्माण अनुबंध होने के पूर्व एक वर्ष में 2-लेन मार्ग निर्माण का कार्य नहीं अपितु रख-रखाव के कार्य कराये गये विवरण पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-स अनुसार है।
नर्सिंग होम एवं हॉस्पिटल की फायर एन.ओ.सी.
[नगरीय विकास एवं आवास]
10. ( क्र. 366 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य स्तर पर तकनीकी गड़बड़ी के कारण नर्सिंग होम एवं हॉस्पिटल की फायर एन.ओ.सी. गत दो माह से जारी नहीं हो रही है? (ख) नर्सिंग होम एवं हॉस्पिटल की फायर एन.ओ.सी. के कितने प्रकरण लंबित हैं? उनमें से कितने प्रकरणों को कलेक्टर द्वारा स्वीकृति प्रदान किए जाने के बाद भी फायर एन.ओ.सी. जारी नहीं की गई? जिलेवार बतावें। (ग) फायर एन.ओ.सी. की ऑनलाईन प्रक्रिया में क्या-क्या तकनीकी गड़बड़ी के कारण एन.ओ.सी. जारी नहीं हो पा रही हैं गड़बड़ी को दूर किए जाने के संबंध में क्या-क्या कदम उठाए गए हैं। (घ) कब तक गड़बड़ी दूर की जाकर फायर एन.ओ.सी. जारी की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं, अपितु ई-नगरपालिका पोर्टल में पूर्व से एनओसी हेतु निर्धारित प्रपत्रों में संशोधन किये जाने के कारण नवीन एनओसी हेतु आवेदन कुछ समय तक अपलोड नहीं किये जा सके। विगत 02 माह में 14 फायर एनओसी भी जारी की गई हैं। (ख) वर्तमान में नर्सिंग होम/हॉस्पिटल के 64 आवेदन विभिन्न स्तर पर लंबित हैं। कलेक्टर द्वारा स्वीकृति के पश्चात कोई भी आवेदन लंबित नहीं है। जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
देवारण्य योजना में आवंटित राशि
[आयुष]
11. ( क्र. 393 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश सरकार द्वारा जनजातीय वर्ग के कृषकों को आर्थिक लाभ पहुँचाने के उद्देश्य से देवारण्य योजना प्रारंभ की गई? यदि हाँ, तो कब से? योजना का दिनांक एवं परिपत्र की प्रति संलग्न करें। (ख) उक्त योजना के प्रारंभ होने के दिनांक से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में योजना के लिए किस-किस वर्ष में कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई है? (ग) उक्त योजना से किस-किस जिले के जनजातीय वर्ग के कितने-कितने कुल कृषक लाभान्वित हुए हैं एवं इन पर कुल कितनी राशि व्यय हुई है?
राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जी हाँ। अप्रैल 2022 से योजना प्रारंभ की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) यह योजना अभिसरण आधारित योजना है। अतः इस योजना का क्रियान्वयन विभागों द्वारा पूर्व से संचालित योजना के माध्यम से किया जाना प्रस्तावित है। (ग) उत्तरांश ''ख'' के सदंर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बरघाट एवं कुरई में महाविद्यालय की स्वीकृति
[उच्च शिक्षा]
12. ( क्र. 421 ) श्री अर्जुन सिंह काकोडि़या : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सिवनी अंतर्गत विकासखण्ड बरघाट एवं कुरई में महाविद्यालय संचालित हैं बरघाट मुख्यालय में महाविद्यालय का भवन हैं परंतु इसका संचालन जनभागीदारी के तहत हो रहा है विद्यार्थियों को सुविधायें प्रदान किये जाने हेतु इस महाविद्यालय को पूर्णत: शासकीय किया जाना अत्यंत आवश्यक हैं। बरघाट महाविद्यालय को पूर्णरूप से शासकीय कब तक किया जायेगा? क्या इस दिशा में प्रयास किये गये हैं? (ख) विकासखण्ड कुरई एक आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र हैं, कुरई मुख्यालय में शासकीय महाविद्यालय खोले जाने हेतु वर्ष 2016 में घोषणा की गयी थी तथा 2018 से प्रारंभ किया गया है, परन्तु महाविद्यालय भवन का आज भी निर्माण नहीं हुआ है। जिला प्रशासन द्वारा जमीन उपलब्धता की कार्यवाही पूर्ण की गई है परन्तु शासन स्तर पर स्वीकृति प्राप्त होना शेष हैं। कुरई महाविद्यालय के भवन निर्माण हेतु स्वीकृति की कार्यवाही कब तक पूर्ण कर ली जायेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। जिला सिवनी अंतर्गत विकासखण्ड बरघाट एवं कुरई में शासकीय महाविद्यालय संचालित हैं। शासकीय महाविद्यालय बरघाट स्वयं के शासकीय भवन में नियमानुसार शासन द्वारा संचालित है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। जिला सिवनी अंतर्गत विकासखण्ड कुरई में वर्ष 2018 से शासकीय महाविद्यालय संचालित है। महाविद्यालय के नवीन भवन निर्माण हेतु भूमि आवंटन की कार्यवाही प्रचलन में है। भूमि आवंटन के पश्चात भवन निर्माण संबंधी कार्यवाही बजट की उपलब्धता अनुसार की जाएगी। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
प्रधानमंत्री आवास योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
13. ( क्र.
424 ) श्री
अर्जुन सिंह
काकोडि़या : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) वर्तमान
में
प्रधानमंत्री
आवास निर्माण
हेतु
हितग्राहियों
को ग्रामीण
एवं शहरी
क्षेत्रों
में कितनी
राशि स्वीकृत
की जा रही है? (ख) प्रधानमंत्री
आवास निर्माण
योजना में
ग्रामीण एवं
शहरी
क्षेत्रों
में राशि स्वीकृति
का क्या
मापदण्ड है
और इसका
निर्धारण कब
किया गया था? (ग) वर्तमान
में अत्यधिक
महंगाई होने
पर क्या इस
योजना की राशि
से ग्रामीण
एवं शहरी क्षेत्रों
में
हितग्राहियों
के मकान का
निर्माण
कार्य पूर्ण
रूप से होना
संभव है? यदि नहीं, तो इस
योजना की राशि
में वृद्धि
किया जाना चाहिए
या नहीं? यदि हाँ, तो
पी.एम. आवास
योजना की राशि
में वृद्धि
किये जाने
हेतु क्या
प्रयास किये
जा रहे है और
कब तक इस
योजना की राशि
में वृद्धि की
जायेगी?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री
भूपेन्द्र
सिंह ) : (क) प्रधानमंत्री
आवास योजना (ग्रामीण)
अंतर्गत
हितग्राही को
राशि रूपये 1.20/1.30 लाख
प्रति आवास
पंचायत एवं
ग्रामीण
विकास विभाग
द्वारा स्वीकृत
की जा रही है। प्रधानमंत्री
आवास योजना (शहरी)
अंतर्गत
हितग्राही को
राशि रूपये 2.50 लाख
प्रति आवास स्वीकृत
की जाती है। (ख) प्रधानमंत्री
आवास योजना (ग्रामीण)
अंतर्गत इकाई
सहायता वर्ष 2016 में
निर्धारित की
गई थी। प्रधानमंत्री
आवास योजना (शहरी)
अंतर्गत ऐसे
गरीब आवासहीन
परिवार जिनकी
वार्षिक आय
राशि रूपये 3.00 लाख से
कम हो योजना
का लाभ प्राप्त
कर सकते हैं। विस्तृत
दिशा-निर्देश पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट अनुसार है।
(ग) प्रधानमंत्री
आवास योजना (ग्रामीण
व शहरी) केन्द्र
प्रवर्तित
योजना है। अत:
इकाई लागत में
वृद्धि करने
का प्रावधान
नहीं है।
बिजली कंपनियों को सब्सिडी का भुगतान
[ऊर्जा]
14. ( क्र. 450 ) श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति (एन. पी.) : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक तक राज्य शासन पर बिजली कम्पनियों का सब्सिडी का कुल कितना बकाया हैं? (ख) क्या राज्य सरकार द्वारा बिजली कम्पनियों के बकाया भुगतान में विलम्ब के कारण कम्पनियों के बिजली के दाम बढ़ाये गये हैं? (ग) यदि हाँ, तो राज्य सरकार द्वारा बिजली कम्पनियों के बकाया भुगतान में विलंब के कारण उपभोक्ताओं को प्रश्न दिनांक तक कितना भार वहन करना पड़ा है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) राज्य शासन पर विद्युत वितरण कंपनियों का अद्यतन स्थिति में कुल सब्सिडी रूपये 9354.18 करोड़ बकाया है। (ख) जी नहीं, राज्य में टैरिफ का निर्धारण म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा किया जाता है, विद्युत टैरिफ निर्धारण में सब्सिडी का कोई घटक सम्मिलित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में लागू नहीं।
मेडिकल कॉलेज छतरपुर के निर्माण की स्थिति
[लोक निर्माण]
15. ( क्र. 507 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मेडिकल कॉलेज छतरपुर के निर्माण की अद्यतन स्थिति से अवगत करावें। (ख) मेडिकल कॉलेज छतरपुर निर्माण हेतु बार-बार आ रही कानूनी अड़चनों को दूर करने हेतु क्या कदम उठाया गया है? कानूनी एवं अन्य मुद्दे को हल करने हेतु शासन द्वारा विशेष कमेटी के गठन पर क्या विचार किया जावेगा? ताकि निर्माण हेतु भविष्य में कोई अड़चन उत्पन्न न हो।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मेडिकल कॉलेज छतरपुर का निर्माण कार्य निविदा स्वीकृति दिनांक 29.12.2021 के उपरांत कार्य प्रारंभ कर दिया गया था। बाउंड्रीवाल के गड्ढों की खुदायी का कार्य प्रगतिरत था। पूर्व में श्री बहादुर सिंह द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका क्रमांक 3076/2018 दायर की गई जिस पर माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा स्थगन दिया गया। माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा उक्त स्थगन पर दिनांक 02.12.2019 को श्री बहादुर सिंह जी की याचिका को निरस्त कर दिया है एवं पुनः ओम प्रकाश अहिरवार निवासी गोरगॉय द्वारा स्थगन उच्च न्यायालय जबलपुर में लगाया गया एवं उच्च न्यायालय जबलपुर के आदेश क्रमांक एम.पी.एन. 0856/2022 दिनांक 04.08.2022 का आदेश पारित किया है कि मौके पर यथास्थिति आगामी तारीख की सुनवाई तक बनाये रखें। दिनांक 13.02.2023 को माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के द्वारा श्री ओम प्रकाश अहिरवार द्वारा लगाई गई याचिका क्रमांक एम.पी.एन. 0856/2022 दिनांक 13/12/2023 को अमान्य कर दिया गया है। याचिका अमान्य होने से भूमि पर लगा स्टे समाप्त हो चुका है अतिशीघ्र पुनः कार्य प्रारंभ करने की कार्यवाही की जा रही है। (ख) वर्तमान में कानूनी अड़चन समाप्त हो गई है। भविष्य की जानकारी दिया जाना संभव नहीं है।
अवैध कॉलोनियों पर की गई कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
16. ( क्र. 543 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कॉलोनी सेल द्वारा रतलाम में वर्ष 2020-21 से जनवरी 2023 तक किन-किन वैध तथा अवैध कॉलोनियों की जांच की गई? उसकी सूची कालोनाइजर के नाम, पता, सर्वे नंबर, रकवा, गांव का नाम, सहित देवें। उन्हें किस-किस धारा में नोटिस दिया गया उसकी प्रति देवें। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में किन-किन कॉलोनियों को अवैध घोषित करने के बाद पंजीयन विभाग, नगर निगम ग्राम पंचायत, नगर व ग्राम निवेश विभाग को इन सर्वे नंबर से जुड़ी कॉलोनियों में कोई मंजूरी नहीं देने तथा पूर्व में जारी की गई मंजूरी को निरस्त करने के आदेश जारी किए हैं। समस्त आदेशों की प्रति देवें। (ग) 31 जनवरी, 2023 की स्थिति में किन-किन कॉलोनियों में खरीदी व बिक्री पर रोक लगी हुई है? उसके क्या कारण है? कॉलोनियों की सूची तथा जारी किए गए आदेश की प्रति देवें। (घ) कॉलोनी सेल में प्रश्नाधीन अवधि में प्राप्त शिकायतों की सूची, शिकायतकर्ता का नाम, पता, किस कॉलोनी की शिकायत की गई, उसके खसरा नंबर, गांव सहित देवें तथा बतावें कि किस-किस शिकायत पर कार्रवाई की गई है तथा कितनी पर कार्यवाही होना शेष है? (ड.) अवैध कॉलोनी के निर्माण को लेकर प्रश्नाधीन अवधि में कितने अधिकारियों कर्मचारियों पर कार्यवाही की गई? उनके नाम, पद तथा की गई कार्यवाही सहित जानकारी देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) वैध कॉलोनियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' एवं अवैध कॉलोनियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ग) कॉलोनियों में खरीदी व बिक्री पर रोक लगाने के लिए नियम में कोई प्रावधान न होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) एवं (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है।
स्मार्ट सिटी के कार्यों की गुणवत्ता
[नगरीय विकास एवं आवास]
17. ( क्र. 577 ) श्री हर्ष यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर नगर को स्मार्ट सिटी योजना में शामिल दिनांक से शहर विकास हेतु कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत एवं पूर्ण कराए गए हैं एवं वर्तमान में कितने कार्य प्रगतिरत है? विस्तृत विवरण देवें एवं कार्य एजेंसी का भी उल्लेख करें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्यों की गुणवत्ता एक उपयोगिता के संबंध में दैनिक समाचार पत्रों एवं विभिन्न संगठनों के माध्यम से शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कारण सहित बतावें? (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित तथ्यों के आधार पर क्या उक्त कार्यों की व्यापक जाँच राज्य स्तरीय दल गठित कर कराई जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यो? (घ) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत कौन-कौन से कार्य कब से अपूर्ण हैं एवं निर्माणधीन व अप्रारंभ हैं? इस पर कितनी राशि व्यय हुई है? क्या शासन निर्माण कार्य में की गई वित्तीय अनियमितता, राशि का दुरुपयोग व घटिया निर्माण कार्य की जाँच कराकर दोषी एजेंसी एवं अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) स्मार्ट सिटी योजनान्तर्गत सागर नगर में स्वीकृत होकर पूर्ण कराये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है एवं वर्तमान में प्रगतिरत कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ख) समय-समय पर दैनिक समाचार पत्रों एवं विभिन्न संगठनों के माध्यम से प्राप्त शिकायतों के निराकरण हेतु समुचित कार्यवाही की गई है। प्रश्न दिनांक तक प्राप्त शिकायतें एवं की गई कार्यवाही का विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। उपरोक्त के अतिरिक्त कार्य पूर्ण होने के पश्चात यदि कोई मरम्मत कार्य की आवश्यकता होती है या निर्माण कार्य में टूट-फूट होती है तो ओ एंड एम अवधि में निर्माण एजेंसी से कार्य पूर्ण कराया जाता है। (ग) प्रश्नांश (ख) के क्रम में प्राप्त शिकायतों पर समुचित कार्यवाही होने से व्यापक जांच हेतु दल गठित करने का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (क) के क्रम में स्वीकृत होकर अपूर्ण एवं निर्माणाधीन कार्यों व व्यय की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार है। समस्त स्वीकृत निर्माण कार्य निर्धारित मापदण्ड एवं अनुबंध के प्रावधान अनुसार पूर्ण कराये गये है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सड़कों के निर्माण कार्य की जानकारी
[लोक निर्माण]
18. ( क्र. 666 ) श्री संजय शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा कितनी सड़कों का निर्माण कहाँ से कहाँ तक किया गया? ग्रामवार जानकारी प्रदान करें एवं वर्तमान में इनकी क्या स्थिति है? सड़कवार स्थिति की जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार, वर्तमान में जिन-जिन सड़कों की समय-सीमा समाप्त हो चुकी है एवं जर्जर हो चुकी हैं, उनके पुनर्निर्माण के लिये विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? इनका पुनर्निर्माण कब तक हो जायेगा? (ग) वर्तमान में तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र में कौन-कौन सी सड़कें निर्माण हेतु प्रस्तावित हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) वर्तमान में निर्माण हेतु प्रस्तावित (निर्माणाधीन, निविदा स्तर) सड़कों की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-ब अनुसार है एवं म.प्र. सड़क विकास निगम अंतर्गत सहजपुर तेंदूखेड़ा मार्ग निर्माण हेतु प्रस्तावित है।
बिजली सामग्री के अभाव में मेंटेनेंस कार्य न होना
[ऊर्जा]
19. ( क्र. 704 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले के भण्डार कक्ष (स्टोर) में बिजली सामग्री यथा एल.टी.केवल (तार), खंबे एवं अन्य सामग्री की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता नहीं होने के कारण ही कोलारस विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में बिजली सुधार के काम बाधित हो रहे हैं? जिससे अनेक ग्रामों में बार-बार सुधार किए जाने संबंधी शिकायतें लगातार बढ़ रही हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सामग्री के अभाव में ही क्षेत्र के ऐसे अनेकों स्थान पर 11 केव्ही लाइन झुककर नीचे आ गई हैं,वहां भी ऊंचाई बढ़ाने हेतु नए खंबे नहीं लग पा रहे? जिससे उक्त स्थानों पर दुर्घटना होने की प्रवल संभावना बनी हुई है? इसी प्रकार झुककर टेढ़े हुए खंबों के स्थान पर नवीन खंबे नहीं लगाए जा रहे? सकारण उत्तर दें? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सामग्री के अभाव में ही पुराने ओवरलोड हुए ट्रांसफार्मरों के स्थान पर नए ट्रांसफार्मर की स्थापना नहीं की जा रही और न ही पुराने ट्रॉसफार्मरों की मरम्मत करायी जा रही? सामग्री के अभाव में ही पुराने 11 केव्ही लाईनों के तार आदि नहीं बदले जा रहे, जिसके फलस्वरूप विद्युत भार बढ़ने से बार-बार फाल्ट होन एवं ट्रॉसफार्मर के खराब होने की समस्याएं बनी हुई है? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) तक उल्लेखित समस्या के निराकरण हेतु कब तक वितरण केन्द्रवार समस्याओं को सूचीबद्ध कर सुधार कार्य हेतु सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी? जिससे कोलारस विधानसभा क्षेत्र में विद्युत की अबाधित एवं निरंतर आपूर्ति हो सकेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं, म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रांतर्गत शिवपुरी जिले के लिये पृथक से कोई भण्डार गृह/कक्ष (स्टोर) नहीं है, अपितु आवश्यकतानुसार स्वीकृत प्राक्कलनों के तहत प्रावधानित विद्युत सामग्री यथा एल.टी. केबिल (तार), खम्बे एवं अन्य सामग्री का, ग्वालियर क्षेत्रांतर्गत क्रियाशील क्षेत्रीय भण्डार ग्वालियर एवं गुना से आहरण कर उपयोग किया जाता है। कोलारस विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में भी उपरोक्तानुसार वर्णित प्रक्रिया के तहत आवश्यकता होने पर स्वीकृत प्राक्कलन अनुसार क्षेत्रीय भण्डारों से सामग्री का आहरण कर नियमानुसार संधारण कार्यों का क्रियान्वयन किया जा रहा है तथा सामग्री के अभाव में कोई भी कार्य विलम्बित अथवा बाधित नहीं हुआ है। वर्तमान वर्ष में दिनांक 01 जनवरी 2023 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में कोलारस विधानसभा क्षेत्रांतर्गत विद्युत प्रदाय से संबंधित कुल 08 शिकायतें प्राप्त हुई हैं एवं इन समस्त शिकायतों को निराकृत कर दिया गया है एवं कोई भी शिकायत वर्तमान में लंबित नहीं है। (ख) जी नहीं। म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विद्युत लाईनों/विद्युत पोलों को व्यवस्थित करने सहित समस्त स्थापित विद्युत अधोसंरचना के रख-रखाव का कार्य मानसून पूर्व एवं मानसून अवधि के पश्चात् करने के अलावा विद्युत व्यवधानों/दुर्घटनाओं को कम करने के उद्देश्य से पूरे वर्ष सतत् रूप से किया जा रहा है। वर्तमान में वित्तीय वर्ष 2022-23 में कोलारस विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विभिन्न स्थानों पर क्षतिग्रस्त एवं निर्धारित मानक अनुसार लाईन क्लीयरेंस हेतु 475 पोलों का प्रावधान करते हुए लगभग 100 कि.मी. उच्च दाब लाईनों के संधारण कार्य हेतु कुल 14 प्राक्कलन एवं निम्नदाब लाईन की केबल बदलने हेतु 02 प्राक्कलन स्वीकृत किये गये है। इस प्रकार स्वीकृत कुल 16 प्राक्कलनों में से 04 प्राक्कलनों से संबंधित कार्यों को पूर्ण किया जा चुका है एवं शेष 12 स्वीकृत प्राक्कलनों के कार्य प्रगति पर है। (ग) जी नहीं। कोलारस विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वर्तमान वित्तीय वर्ष में तकनीकी साध्यता के आधार पर अतिभारित 37 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि के कार्य स्वीकृत किये गए हैं। उक्त स्वीकृत कार्यों में से 24 कार्य पूर्ण हो गये हैं एवं शेष 13 कार्य प्रगति पर हैं। उत्तरांश (ख) में उल्लेखित प्रक्रिया अनुसार म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विद्यमान विद्युत अधोसंरचना का नियमित संधारण कार्य कराया जाता है एवं विद्यमान विद्युत अधोसंरचना पर प्रतिवर्ष भार की स्थितियों का आंकलन कर प्रणाली सुदृढ़ीकरण एवं अन्य योजनाओं के तहत क्षमतावृद्धि तथा अतिरिक्त विद्युत अधोसंरचना स्थापना के कार्य स्वीकृत कर क्रियान्वित किये जाते हैं। उक्त परिप्रेक्ष्य में कोलारस विधानसभा क्षेत्रांतर्गत प्रणाली सुदृढ़ीकरण योजनांतर्गत वर्ष 2022-23 में तकनीकी साध्यता उपरांत 02 नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र क्रमश: अगरा एवं भेडोन में स्वीकृत किये गए हैं, जिनके कार्य प्रगति पर हैं। इसी प्रकार केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना अंतर्गत नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र गोराटीला तथा विद्यमान 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र रामगढ़ पर अतिरिक्त पावर ट्रांसफार्मर स्थापना का कार्य स्वीकृत किया जा चुका है एवं उक्त कार्यों हेतु कार्यादेश जारी किए जा चुके हैं। प्रश्नाधीन क्षेत्रांतर्गत आर.डी.एस.एस. योजना में विभिन्न उच्चदाब फीडरों अंतर्गत 47 लोकेशनों के कण्डक्टरों की क्षमतावृद्धि के कार्य भी प्रस्तावित कर स्वीकृत किये जा चुके है जिनसे संबद्ध लगभग 364 ग्राम लाभान्वित होंगे। (घ) उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) में उल्लेखानुसार की गई/जा रही कार्यवाही के परिप्रेक्ष्य में अन्य कोई कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है। वर्तमान में प्रश्नाधीन क्षेत्र में सुचारू रूप से विद्युत प्रदान किया जा रहा है।
पुल निर्माण हेतु प्रशासकीय स्वीकृति
[लोक निर्माण]
20. ( क्र. 718 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह के हटा विकासखण्ड अंतर्गत मडियादौं-वर्धा मार्ग पर 03 पुल निर्माण व मडियादौं-रजपुरा मार्ग पर मडियादौं के पास पुल निर्माण हेतु शासन द्वारा कब प्रशासकीय स्वीकृति प्रदाय की गई थी? प्रशासकीय स्वीकृति की छायाप्रति उपलब्ध करायें। (ख) ब्रिज कार्पोरेशन/ पी.आई.यू. द्वारा उक्त पुल जो अधूरे पड़े है। कब तक पूर्ण कराये जायेंगे? समय-सीमा समाप्त होने के बावजूद आज दिनांक तक पूर्ण क्यों नहीं किये? जवाब दरों पर क्यों कार्यवाही नहीं हुई? क्या कार्यवाही होगी यदि हाँ, तो कब तक कार्यवाही होगी।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है।
निर्माण कार्यों को पूर्ण करने की समय-सीमा
[नगरीय विकास एवं आवास]
21. ( क्र. 795 ) श्री राकेश मावई : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका निगम मुरैना में विधान सभा मुरैना क्षेत्र अंतर्गत आने वाले शहरी क्षेत्र में वर्ष 2021-22 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से निर्माण कार्यों की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति जारी की गई? उनमें से कौन-कौन से निर्माण कार्य अधूरे अथवा प्रारंभ ही नहीं किए गए है तथा उनका मूल्यांकन कितना किस आयटम का किसके द्वारा कब-कब किया गया? तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृतियों सहित सम्पूर्ण जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार निर्माण कार्यों को पूर्ण करने की कोई समय-सीमा निर्धारित है? यदि हाँ, तो किस कार्य की कब तक? निर्माण कार्य समय-सीमा में पूर्ण न होने अथवा प्रारंभ न करने का कारण क्या है? (ग) क्या नगर निगम मुरैना द्वारा प्रश्नकर्ता सदस्य को प्रश्नांश (क) अनुसार किए जा रहे निर्माण कार्यों की अद्यतन जानकारी उपलब्ध करायी गयी? यदि हाँ, तो कब-कब? यदि नहीं, तो अद्यतन स्थिति की जानकारी न देने का कारण क्या है? (घ) क्या मुरैना शहरी क्षेत्र के अंतर्गत मुरैना विधान सभा में आने वाले क्षेत्र की नवीन बस्तियों/वार्डों में पीने के पानी की लाइन, सड़कें, नाली, हैण्डपम्प आदि की सुविधा नहीं है? यदि हाँ, तो नवीन वार्डों की बस्तियों में ये सभी सुविधाएं कब तक उपलब्ध करा दी जाएगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं, विधान सभा मुरैना क्षेत्रान्तर्गत नगरीय क्षेत्र मुरैना में 1 अप्रैल 2021 से प्रश्न दिनांक तक कराये गये निर्माण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" अनुसार है, मूल्यांकन संबंधी आईटमवार देयकों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "ब" अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" अनुसार है। (ग) माननीय सदस्य को निगम के पत्र दिनांक 17.02.2023 से जानकारी उपलब्ध कराई गई है। (घ) जी नहीं, विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत मुरैना की नवीन बस्तियों/वार्डों में सड़कें, हैण्डपम्प आदि की सुविधा उपलब्ध है। सभी नवीन बस्तियों में आवश्यकता एवं मांग अनुसार आवश्यक अधोसंरचना कार्य कराये जा रहे है। चम्बल पेयजल योजनान्तर्गत सभी क्षेत्रों में नवीन पाइप-लाइन डाले जाने का कार्य प्रगतिरत है।
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) का प्रावधान
[नगरीय विकास एवं आवास]
22. ( क्र. 813 ) श्री रामपाल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) वर्ष 2022 में सबके लिए आवास का प्रावधान है? यदि हाँ, तो रायसेन जिले की नगर पालिका तथा नगर परिषदों में कितन परिवार आवास से वंचित है? निकायवार संख्या बतायें। (ख) दिनांक 1 जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत आवास स्वीकृति हेतु कितने आवेदन पत्र प्राप्त हुये? उनमें से कितने आवास स्वीकृत किये तथा कितने आवास किश्त न मिलने के कारण अपूर्ण है? किश्त का भुगतान कब तक होगा। (ग) किन-किन के आवेदन पत्र क्यों निरस्त किये गये? संबंधित आवेदनकर्ता को कारण सहित सूचना क्यों नहीं दी गई तथा नैसर्गिक न्याय के तहत संबंधित को अपना पक्ष रखने का मौका क्यों नहीं दिया गया। (घ) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में आवास स्वीकृति की प्रक्रिया में एस.डी.एम, तहसीलदार, सी.एम.ओ. नगर परिषद तथा पटवारी की क्या भूमिका है? पटवारी जांच में अपात्र किस नियम से लिखते हैं नियम की प्रति दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। पात्र पाये गये समस्त आवेदकों को लाभ दिया गया है। आवास स्वीकृति हेतु हितग्राहियों के द्वारा प्रदत्त आवेदन जिनको कि, योजना का लाभ नहीं मिला है, की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। (घ) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अन्तर्गत हितग्राही की पात्रता तथा चयन हेतु विभाग के द्वारा जारी निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''द'' अनुसार है। निर्देशों के अनुसार पात्र हितग्राहियों की सूची का अनुमोदन कलेक्टर के द्वारा किया जाने का प्रावधान है। तदानुसार सूची के अनुमोदन हेतु परीक्षण इत्यादि की कार्यवाही जिला कलेक्टर द्वारा निर्धारित की जाती है।
बिजली क्रय करने का अनुबंध
[ऊर्जा]
23. ( क्र. 849 ) श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति (एन. पी.) : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश सरकार के अधीन विद्युत वितरण कंपनी के द्वारा किन-किन निजी कंपनियों से बिजली क्रय करने का अनुबंध किया गया है? ये अनुबंध कितनी-कितनी अवधि के लिये किये गये है? (ख) अनुबंध के तहत विगत 3 वर्षों में विद्युत वितरण कंपनी ने कितनी-कितनी बिजली किन-किन दरों से इन कंपनियों से क्रय की? क्या अनुबंध के तहत बिना क्रय किये भी प्रदायकर्ता कंपनियों को भुगतान किया गया? (ग) अनुबंध में बिना क्रय किये प्रदायकर्ता को भुगतान करने का प्रावधान किस स्थिति में एवं क्यों रखा गया? (घ) बिना विद्युत क्रय के भुगतान करने संबंधी प्रावधान अनुबंध में रखने के लिए कौन दोषी है एवं दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रदेश की तीनों वितरण कंपनियों के लिये विद्युत क्रय हेतु अधिकृत एम.पी.पॉवर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा विभिन्न निजी कंपनियों से बिजली क्रय अनुबंध तथा अवधि संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–अ, अ-1, अ-2 एवं अ-3 अनुसार है। (ख) अनुबंध के अंतर्गत विगत 3 वर्षों में क्रय की गई विद्युत तथा दर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र– ब, ब-1, ब-2 एवं ब-3 अनुसार है। जी हां, अनुबंध के तहत प्रदायकर्ता कंपनियों को बिना विद्युत क्रय किये स्थाई चार्जेस (Fixed Charges) का भुगतान किया गया है। (ग) राज्य के विकास, ऊर्जा सुरक्षा एवं लंबी अवधि के लिये सतत् बिजली प्रदाय के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये भविष्य की विद्युत की आवश्यकता का आंकलन करते हुये दीर्घावधि विद्युत क्रय अनुबंध किये जाना आवश्यक होता है। विद्युत क्रय अनुबंधों के प्रावधान के अनुसार टू पार्ट टेरिफ अर्थात फिक्सड एवं वेरियेबल चार्जेस का भुगतान उत्पादक को किया जाना होता है। उपभोक्ताओं हेतु विद्युत की उपलब्धता आंकलन के आधार पर सुनिश्चित की जाती है, तथापि भविष्य की आंकलित विद्युत की उपलब्धता एवं मांग में अंतर होना स्वभाविक है। विद्युत की मांग प्रत्येक दिन, माह एवं सीजन के आधार पर बदलती (कम/ज्यादा) रहती है। यह प्रयास किया जाता है कि अतिशेष विद्युत का विक्रय उच्च दर प्राप्त होने पर एक्सचेंज के माध्यम से किया जाये, तथापि कतिपय अवसरों पर विद्युत उपलब्धता, विद्युत की मांग से अधिक होने पर अनुबंधित विद्युत का क्रय नहीं किए जाने पर क्रय अनुबंधों के अनुरूप फिक्सड चार्जेस का भुगतान उत्पादकों को आवश्यक होता है। मांग एवं उपलब्धता के अनुरूप सस्ते से मंहगें के क्रम में बढ़ते हुये नियामक आयोग द्वारा प्रतिपादित सिद्धांतों के अनुसार विद्युत गृहों से मेरिट आर्डर डिस्पैच के आधार पर बिजली शेड्यूल की जाती है, ताकि सस्ती विद्युत ही क्रय की जाए। इस स्थिति में अनुबंध से कम विद्युत क्रय की स्थिति में बिना खरीदे भी अनुबंध के अनुसार भुगतान किया जाना आवश्यक होता है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही का प्रश्न नहीं उठता है।
अवैध निर्माण के विरूद्ध कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
24. ( क्र. 860 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले की नगर पंचायत सेमरिया में रीवा बीडा रोड में तत्पर पेट्रोल पंप के पास रमचन्दी में भू-माफियाओं द्वारा शासकीय पोखरी के अस्तित्व को कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर समाप्त कर बहुमंजिला व्यावसायिक इमारत का निर्माण नियमों को दरकिनार कर कराया गया है? उक्त भवन निर्माण में न ही भवन अनुज्ञा ली गई एवं न ही एफ.ए.आर. का पालन किया गया है? क्या सरकार इस अति महत्व के मामले में संज्ञान लेकर दोषी भू-माफियाओं के विरूद्ध कार्यवाही करेगी? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में यदि उत्तर जी हाँ तो उक्त कार्यवाही कब तक की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। आवेदक द्वारा प्रस्तुत भूमि संबंधी दस्तावेजों में तालाब (पोखरी) दर्ज नहीं है। प्रस्तुत दस्तावेजों के आधार पर कार्यालयीन पत्र कमांक 1635/न.परि./भ.अनु./2021 सेमरिया दिनांक 24/12/21 द्वारा भवन अनुज्ञा प्रदान की गई है। निर्माण कार्य पूर्ण पश्चात एफ.ए.आर की गणना की जाकर कार्यवाही की जावेगी। शासन के पत्र क्रमांक एफ 11-142/2021/18-1 दिनांक 18/01/2022 द्वारा गठित जांच समिति द्वारा मौके पर जांच की जाकर जांच प्रतिवेदन दिनांक 24-1-2022 को प्रस्तुत किया गया जिसके अनुसार प्रश्नाधीन भवन का ग्राउंड कवरेज 40% के विरुद्ध 29.30% अनुज्ञा दी गई थी किंतु भवन के विरुद्ध 33.01% भूतल पर निर्माण पाया गया है तथापि यह अनुमति योग्य सीमा 40% से कम है। अतिरिक्त निर्माण पर आवेदक द्वारा प्रशमन शुल्क जमा किया गया है। उक्त के अतिरिक्त प्रश्नाधीन भवन निर्माण में जांच प्रतिवेदन अनुसार कोई कमियां नहीं पाई गई है अतः दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बायपास निर्माण की जानकारी
[लोक निर्माण]
25. ( क्र. 931 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले में ब्यावरा नगर सबसे बड़ा नगर व व्यवसाय केंद्र है? यदि हाँ, तो क्या शहर में अंदर आवागमन व ट्रैफिक अधिक रहता है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार शासन द्वारा आवागमन व ट्रैफिक नियंत्रण करने हेतु शासन के पास कोई कार्य योजना है? यदि है तो बतावें। (ग) क्या शहर के मध्य बस स्टैंड है जहां पर चारों ओर से कई छोटे व बड़े वाहन आते हैं जो शहर के आवागमन व ट्रैफिक को बाधित कर रहे हैं? यदि हाँ, तो उसके लिए शासन स्तर पर क्या व्यवस्था की गई है? (घ) क्या भविष्य में गुना रोड एन एच 52 से सुठालिया रोड के लिए बाईपास हेतु कोई प्रावधान या कार्ययोजना तैयार की गई है? यदि हाँ, तो उस पर शासन कब तक कार्य करेगा जिससे यातायात ट्रैफिक व्यवस्था बेहतर हो सके?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) ट्रैफिक नियंत्रण का कार्य विभाग के द्वारा संचालित नहीं किया जाता है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ, प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार। (घ) जी हाँ, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की वर्ष 2022-23 की कार्ययोजना में सम्मिलित। भारत सरकार से आवश्यक स्वीकृति प्राप्त होने के उपरांत बायपास का कार्य किया जा सकेगा।
सिवनी जिले के निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
26. ( क्र. 942 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग के अंतर्गत कितनी-कितनी शाखाएं हैं तथा सिवनी जिले में 1 दिसम्बर, 2019 से प्रश्न दिनांक तक विभाग की समस्त निर्माण शाखाएं सहित सम्पूर्ण विभाग द्वारा कितनी सड़क (मार्ग), भवन निर्माण, फ्लाई ओवर/पुल निर्माण आदि अन्य कार्य की स्वीकृतियाँ हुई है? प्रशासकीय स्वीकृति आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करावें। मार्ग का नाम, लम्बाई, निविदा राशि, ठेकेदार का नाम, कार्यादेश दिनांक, कार्य पूर्णता दिनांक सहित जानकारी उपलब्ध करायें एवं उक्त अवधि में कितने मार्ग, पुल, फ्लाई ओवर, भवनों तथा अन्य निर्माण कार्यों के मरम्मत रिन्युअल आदि कार्यों की कितनी-कितनी राशि की स्वीकृति दी गई? भिन्न-भिन्न शाखावार, विकासखण्डवार, जिलेवार, वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावे। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में कितनी सड़कों के निर्माण में विलम्ब होने के कारण संबंधित सड़क निर्माण करने वाली कम्पनी/ठेकेदारों के लिए समय-सीमा बढ़ाई गई? इसका निर्णय किस आधार पर किया जाता है? यह निर्णय लेने के लिए क्या किसी स्तर के अधिकारी को अधिकृत किया गया है? समय-सीमा बढ़ाने के क्या कारण थे? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या स्वीकृत सड़कों की वित्तीय स्वीकृति हुई हैं? कितने की टेंडर प्रकिया हुई है, कितने कार्यादेश हुए, कितने मार्गों का निर्माण कार्य पूर्ण हुए?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत निम्नलिखित शाखायें है :- (1) भवन सड़क निर्माण (2) सेतु निर्माण (3) राष्ट्रीय राजमार्ग (4) परियोजना क्रियान्वयन ईकाई (5) विद्युत यांत्रिकी। प्राप्त स्वीकृति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 एवं 2 अनुसार है। सिवनी जिले में 01 दिसम्बर 2019 से प्रश्न दिनांक तक किये गये निर्माण कार्य मरम्मत कार्य एवं रिन्युवल मार्गों की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ, 'ब' एवं 'ब-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है। अनुबंध में उल्लेखित प्रावधानों के अंतर्गत गुण-दोष के आधार पर निर्णय लिया जाता है। विवरण पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ के खण्ड-13 एवं 14 अनुसार है। (ग) बन्डोल-चौरई मार्ग के निर्माण हेतु निविदा दिनांक 23.09.2021 को आमंत्रित की गई एवं दिनांक 16.06.2022 को कार्यादेश जारी किया गया। मार्ग निर्माण का कार्य प्रगतिरत है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है।
किसानों के खेतों में विद्युत ट्रांसफार्मर रखने की योजना
[ऊर्जा]
27. ( क्र. 944 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा किसानों को विद्युत प्रदाय करने के उद्देश्य से उनके खेतों में नवीन विद्युत ट्रांसफार्मर रखने हेतु योजनाएँ संचालित हैं? यदि हाँ, तो वर्तमान में कौन-कौन सी योजनाएँ चलाई जा रही हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार, क्या इन योजनाओं में सरकार द्वारा अनुदान प्रदान किया जाता है? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी योजनाओं में कितना-कितना अनुदान प्रदान किया जा रहा है? (ग) सिवनी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन किसानों के खेतो कौन-कौन सी योजनाओं से विद्युत ट्रांसफार्मर रखे गये हैं? योजनावार, ग्रामवार, लाभान्वित कृषकों के नाम एवं प्रदान की गई अनुदान की राशि सहित बतावें। (घ) किसानों के खेतों में सिंचाई हेतु रखे गये विद्युत ट्रांसफार्मरों के खराब हो जाने पर विद्युत ट्रांसफार्मर कितने दिनों में बदलने की समय-सीमा है? (ड.) प्रश्नांश (घ) अनुसार, क्या निर्धारित समय-सीमा में सभी किसानों के खराब हुए विद्युत ट्रांसफार्मर बदले जा रहे हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) एवं (ख) जी नहीं, राज्य शासन द्वारा कृषकों को स्थाई विद्युत पम्प कनेक्शन प्रदान करने के लिए नवीन विद्युत ट्रांसफार्मर सहित आवश्यक विद्युत अद्योसंरचना का विस्तार कर कनेक्शन दिये जाने हेतु कोई भी अनुदान योजना वर्तमान में प्रचलन में नहीं है। (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र में वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक जमा योजना के तहत 231 कृषकों द्वारा पंप कनेक्शन हेतु सुपरविजन की राशि म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को जमा कराकर उनके स्वयं के व्यय पर कार्य कराया गया है। जिसकी कृषकों के नाम सहित प्रश्नाधीन चाही गयी ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वर्तमान में उक्त कार्य हेतु राज्य शासन द्वारा किसी प्रकार का अनुदान देने का प्रावधान नहीं है। (घ) किसानों के खेतों में सिंचाई हेतु रखे गये विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर के जलने/खराब होने पर उनसे संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की कुल बकाया राशि का 10 प्रतिशत अथवा 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा भुगतान करने के उपरान्त पात्र होने पर पहुंच मार्ग की उपलब्धता अनुसार शुष्क मौसम में 72 घन्टे के अंदर तथा मानसून के मौसम के दौरान (माह जुलाई से माह सितंबर) सात दिवस के अन्दर बदले जाने अथवा विद्युत प्रदाय की पुनर्स्थापना किये जाने का प्रावधान है। (ड.) जी हाँ, प्रश्नाधीन क्षेत्र में उत्तरांश (घ) अनुसार निर्धारित समय-सीमा में जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदले जा रहे हैं।
अमृत परियोजना के निर्माण कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
28. ( क्र. 954 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अमृत परियोजना के अंतर्गत उज्जैन में सीवरेज परियोजना के अनुबंध अनुसार वेप्कोस कंसल्टेंट में कितने मैनपावर की आवश्यकता है एवं वर्तमान में कितना मैनपावर है? (ख) उज्जैन सीवरेज परियोजना में महाकाल, रूद्रसागर क्षेत्र में कितने कि.मी.सीवर लाईन डाली जाना है? इसकी डी.पी.आर. उपलब्ध करावें। वर्तमान में कितने कि.मी. सीवर लाईन डाली जा चुकी है? क्या लाईन चार्ज हो चुकी है या नहीं? यदि लाईन चार्ज हो चुकी है तो इसका सीवर कहाँ छोड़ा जा रहा है? (ग) क्या गऊघाट क्षेत्र में मेन लाईन ड्राइंग अनुसार 560 एम.एम.लेवल उपर डाली गई है यदि हाँ, तो क्या वह अनुबंध के अनुसार सही है या नहीं और इसका भुगतान किया जा चुका है अथवा नहीं? (घ) अमृत योजना अंतर्गत उज्जैन में सीवरेज परियोजना कब प्रारंभ हुई और कितने समय-सीमा में कार्य पूर्ण करना था? कार्य पूर्ण नहीं हुआ तो क्यों? संबंधित पर क्या कार्यवाही की गई? अभी तक निर्माण कम्पनी पर किस-किस प्रकार की पेनल्टी लगाई एवं रिलीज की गई? (ड.) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा आयुक्त नगरीय प्रशासन म.प्र. से पत्र क्र. 1000 दिनांक 23.12.22 के द्वारा न.पा.नि. उज्जैन अंतर्गत सीवर प्रोजेक्ट से संबंधित जानकारी चाही गई थी? आज दिनांक तक नहीं देने के लिए कौन जिम्मेदार है संबंधित पर शासन कब तक और क्या कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) परियोजना विकास एवं प्रबंधन परार्मशदाता (पी.डी.एम.सी.) वॉप्कोस लिमिटेड के अनुबंध में नगर पालिक निगम, उज्जैन हेतु पृथक से मैनपावर निर्धारित नहीं है। वर्तमान में 1 रेसीडेंट इंजीनियर, 2 असिस्टेंट रेसीडेंट इंजीनियर, 7 फील्ड इंजीनियर एवं 2 डाटा इंट्री ऑपरेटर नगर पालिक निगम, उज्जैन में पदस्थ हैं। (ख) उज्जैन सीवरेज परियोजना में महाकाल रूद्र सागर क्षेत्र में 68 कि.मी. सीवरेज लाइन डाला जाना प्रस्तावित है। डी.पी.आर. की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। उक्त क्षेत्र में 23 कि.मी. सीवर लाइन डाली जा चुकी है एवं शेष कार्य प्रगतिरत है। लगभग 10 प्रतिशत लाईन चार्ज हो चुकी है। जिसका सीवर रामानुज कोट के पास स्थित पुरानी सीवर लाईन में छोड़ा जा रहा है। (ग) जी हाँ। अनुबंध अनुसार सही नहीं होने के कारण कार्य का भुगतान नहीं किया गया है। (घ) अमृत योजना अंतर्गत उज्जैन में सीवरेज परियोजना 07.11.2017 को प्रांरभ हुई, जिसका कार्य पूर्ण करने का निर्धारित समय 20 नवम्बर 2019 था। ड्राइंग-डिजाइन स्वीकृति एवं भूमि अधिग्रहण में समय लगने तथा कोविड-19 महामारी के कारण कार्यपूर्ण करने में विलंब हुआ। संविदाकार पर क्रियान्वयन में विलंब, खराब गुणवत्ता एवं अधूरे कार्यों के लिये रू. 3.97 करोड़ की पेनाल्टी अधिरोपित की गई है। कार्यों में सुधार के उपरांत रोकी गई राशि रू. 14.15 करोड़ में से रू. 6.25 करोड़ विमुक्त की गई है। (ड.) जी हाँ, माननीय विधायक द्वारा चाही गई जानकारी में से शासन स्तर की जानकारी पत्र दिनांक 10.02.2023 से प्रेषित की गई है एवं निकाय स्तर की जानकारी उपलब्ध कराने हेतु आयुक्त नगर पालिक निगम, उज्जैन को अवगत कराया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि
[ऊर्जा]
29. ( क्र. 975 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्वालियर जिले की भितरवार विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2021 में रबी सीजन में कौन-कौन से 33/11 के.व्ही विद्युत उपकेन्द्रों पर मांग में वृद्धि को देखते हुए अतिरिक्त पावर ट्रांसफार्मर एवं पावर ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि की आवश्यकता है? विद्युत उपभोक्ता द्वारा की गई मांग एवं आवश्यकता के विरूद्ध किस-किस 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों पर आवश्यकता एवं मांग अनुसार पावर ट्रांसफार्मर स्वीकृत किये गये हैं? उनके विरूद्ध उपकेन्द्रवार क्षमतावार पावर ट्रांसफार्मर की जानकारी से अवगत करावें। (ख) क्या स्वीकृत पावर ट्रांसफार्मर रबी सीजन 2022 के प्रारम्भ होने के पूर्व लगा दिये गये हैं? यदि हाँ, तो कहां-कहां लगा दिये गये हैं? 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रवार, क्षमतावार, पावर ट्रांसफार्मर की जानकारी देवें? यदि नहीं, तो कब तक स्थापित कर दिये जावेंगे? (ग) रबी सीजन 2022 के पूर्व पावर ट्रांसफार्मर स्थापित नहीं किये हैं तो इसके लिए कौन अधिकारी जवाबदार है एवं विभाग द्वारा उन पर क्या कार्यवाही की गयी है? (घ) प्रश्नांश (क) में विद्युत की कमी को देखते हुए पावर ट्रांसफार्मर की मांग की पूर्ति न करने के कारण किसानों को हो रही कठिनाई एवं उनकी फसलों के उत्पादन में होने वाली कमी के नुकसान की भरपाई क्या विभाग द्वारा की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) ग्वालियर जिले की भितरवार विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2021 के रबी सीजन में हुई विद्युत मांग में वृद्धि के दृष्टिगत प्रश्नाधीन क्षेत्र में विद्यमान 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों पर अतिरिक्त पावर ट्रांसफार्मरों की स्थापना एवं पावर ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि की तकनीकी आधार पर आवश्यकता नहीं पाई गई थी। अपितु उक्त समयावधि में विद्युत की मांग अनुसार विद्यमान विद्युत अधोसंरचना एवं स्थापित पावर ट्रांसफार्मरों से प्रश्नाधीन सम्पूर्ण क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति का उचित प्रबंधन कर नियमानुसार विद्युत प्रदाय सुनिश्चित किया गया था। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। तथापि प्रश्नाधीन क्षेत्र में भविष्य की विद्युत मांग में संभावित वृद्धि के दृष्टिगत केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना अंतर्गत ग्राम जखौदी एवं गिज्जोरा (चिनौरा) में 5 एम.व्ही.ए. क्षमता के एक-एक नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना के कार्य को स्वीकृत कर निविदा प्रक्रिया उपरांत कार्यादेश जारी कर दिया गया है। कार्यादेश की शर्तों के अनुसार कार्यादेश में सम्मिलित कार्यों को ठेकेदार एजेंसी द्वारा 24 माह की अवधि में पूर्ण किया जाना है।
विधायक निधि के कार्य
[ऊर्जा]
30. ( क्र. 988 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा बैतूल में प्रश्नकर्ता के कार्यकाल के दौरान आज दिनांक तक विधायक निधि से कितने कार्य कितनी राशि के स्वीकृत कराए गए? स्वीकृत कार्यों को किस निर्माण एजेंसी से पूर्ण कराने हेतु अनुबंध किन-किन शर्तों एवं कितनी राशि का किया गया? जानकारी वर्षवार, कार्यवार, प्राक्कलन की राशि सहित उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों को विभाग द्वारा अनुबंधित एजेंसी से प्राक्कलन की राशि पर पूर्ण कराया गया या फिर प्राक्कलन की राशि के विरूद्ध कम राशि में कराया गया? यदि कम राशि में कार्य कराया गया तो विभाग के पास विधायक निधि की कितनी राशि बचत में है? बचत राशि की जानकारी वर्षवार, कार्यवार उपलब्ध करावें। (ग) क्या विभाग बचत राशि को जिला योजना कार्यालय को वापिस करेगा या फिर इसके एवज् में प्रश्नकर्ता द्वारा प्रस्तावित अन्य कार्य जिसके प्राक्कलन जिला योजना कार्यालय में जमा हैं उनको पूर्ण कराने हेतु अपनी सहमति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक कार्य पूर्ण करा लिये जाएंगे? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के विधानसभा क्षेत्र बैतूल में प्रश्नाधीन अवधि में विधायक निधि से स्वीकृत कार्यों एवं उनकी स्वीकृति राशि से संबंधित प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। उक्त स्वीकृत कार्यों में से जिन कार्यों हेतु विधायक निधि से राशि प्राप्त होने पर कार्य कराए गए उनकी निर्माण एजेन्सी, कार्यादेश क्रमांक/दिनांक स्वीकृत प्राक्कलन एवं कार्यादेश (अनुबंध) की राशि की प्रश्नाधीन चाही गयी वर्षवार, कार्यवार, प्राक्कलनवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। उक्त कार्यों हेतु म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा संविदाकारों से किये गए अनुबंध की शर्तें सामान्यत: एक जैसी रहती है। एक अनुबंध की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित विधायक निधि के कार्य म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा डिपोजिट मद में पंजीकृत ठेकेदार/एजेन्सी के माध्यम से, निविदा जारी कर, सेमी टर्न की के आधार पर संपादित कराए जाते हैं। उक्त मद में संपादित कार्य में सामग्री एवं तत्संबंधी परिवहन की राशि तथा ठेकेदार द्वारा किये गये कार्य का औसत अनुपात 75:25 होता है। सामग्री की पूर्ति कंपनी द्वारा अपने भंडार से समय-समय पर क्रय की गई सामग्री से की जाती है एवं संदर्भित कार्य पर भारित औसत (weighted averge) के आधार पर सामग्री लागत बुक की जाती है, जबकि ठेकेदार को खुली प्रतिस्पर्धा के माध्यम से कार्य दिए जाते हैं। कार्य की कुल लागत उक्तानुसार सामग्री, परिवहन एवं ठेकेदार की कुल लागत के आधार पर औसत रूप से आंकलित हो पाती है। अत: कार्यों की वास्तविक लागत के बजाय औसत लागत की जानकारी कार्यपूर्ति प्रमाण पत्र के समय प्राप्त हो पाती है, जिन्हें संकलित किया जा रहा है। (ग) उत्तरांश (ख) के अनुक्रम में वर्तमान में प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी दिया जाना संभव नहीं है।
निष्कासित संविदा/आउटसोर्स कर्मचारियों की बहाली
[ऊर्जा]
31. ( क्र. 989 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अन्तर्गत कितने कर्मचारी नियमित संविदा एवं आउटसोर्स में कार्यरत हैं? (ख) मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अन्तर्गत नियमित भर्ती कितने वर्षों से नहीं की गई है? आउटसोर्स कर्मचारियों को कित ना वेतनमान दिया जाता है? क्या उनको दिए जाने वाला वेतन समान कार्य समान वेतन के अनुरूप है? क्या सरकार आउटसोर्स कर्मचारियों को नियमित करके उनके कार्य अनुसार वेतन दिए जाने पर विचार करेगी? (ग) मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अन्तर्गत संविदा कर्मी एवं आउटसोर्स कर्मी अपनी जायज मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर थे। आपके आश्वासन उपरांत कर्मियों द्वारा हड़ताल को स्थगित कर दिया गया लेकिन कंपनियों द्वारा बहुत से संविदा एवं आउटसोर्स कर्मियों को सेवा से निष्कासित कर दिया गया। क्या शासन निष्कासित कर्मियों को पुन: सेवा में लेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो? कारण बतावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अंतर्गत प्रश्न दिनांक की स्थिति में कुल 5319 नियमित, कुल 2210 संविदा कार्मिक कार्यरत हैं एवं कुल 14046 आउटसोर्स बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाताओं के माध्यम से नियोजित है। (ख) म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत विगत 4 वर्षों से सीधी भर्ती के रिक्त पदों पर भर्ती नहीं की गयी है। तथापि नियमित पदों पर अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जा रही है। आउटसोर्स कार्मिकों को उनकी श्रेणी यथा-उच्च कुशल, कुशल, अर्धकुशल, अकुशल अनुरूप राज्य शासन द्वारा समय-समय पर निर्धारित दर के अनुसार वेतन का भुगतान बाह्य सेवा प्रदाता फर्म द्वारा किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि आउटसोर्स कार्मिक वितरण कंपनी के कर्मचारी नहीं होते, अपितु आउटसोर्स कार्मिक, बाह्य सेवा प्रदाता फर्म/एजेंसी के कार्मिक होते हैं। अत: समान कार्य समान वेतन का आदेश उन पर लागू नहीं होता। उक्त परिप्रेक्ष्य में आउटसोर्स कार्मिकों के नियमितीकरण/वेतन संबंधी कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ग) जी हाँ। म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में किसी भी संविदा कार्मिक को हड़ताल के कारण निष्कासित नहीं किया गया है। म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा बाह्य स्त्रोत सेवाप्रदाता कंपनियों को संभावित हड़ताल के परिप्रेक्ष्य में विद्युत व्यवस्था बनाए रखने हेतु उचित व्यवस्था बनाए रखने के लिये दिये गये नोटिस के तारतम्य में बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता कंपनियों द्वारा हड़ताल पर गये आउटसोर्स कार्मिकों को नोटिस जारी कर कार्य पर उपस्थित होने के निर्देश दिये गये थे एवं कार्य पर उपस्थित नहीं होने वाले आउटसोर्स कार्मिकों के विरूद्ध उनकी नियोजक बाह्य स्त्रोत सेवाप्रदाता एजेन्सियों द्वारा अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए उन्हें कार्य से निष्कासित किया गया है। अत: इस संबंध में अन्य कोई कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है।
आउटसोर्स कर्मचारियों पर व्यय राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
32. ( क्र. 1018 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर निगम जबलपुर में आउटसोर्स कर्मचारी कार्यरत हैं? (ख) यदि हाँ, तो कम्प्यूटर्स ऑपरेटर सहित कुल कितने कर्मचारी कार्यरत हैं एवं इन पर कितना वार्षिक व्यय होता है? (ग) क्या आउटसोर्स के स्थान पर संविदा पर कर्मचारी नियुक्त किये जा सकते हैं? यदि हाँ, तो इन पर कितना वार्षिक व्यय होगा? (घ) यदि नहीं, तो कारण बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) नगर निगम, जबलपुर के अंतर्गत निम्न विभागों में आउटसोर्स एजेन्सी के माध्यम से कम्प्यूटर ऑपरेटर, श्रमिक, सुरक्षा गार्ड, चालक, सफाई संरक्षक, इलेक्ट्रीशियन, माली एवं अन्य कर्मचारी कुल 4650 कार्यरत है जिनका वार्षिक व्यय रूपये 71,96,56,453/- है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ग) म.प्र. राजपत्र दिनांक 01 जून 2021 म.प्र. नगर पालिका संविदा (अनुबंध तथा सेवा शर्तें) सेवा नियम 2021 एवं विभाग के आदेश क्रमांक 4316/863014/2020/18-1 भोपाल दिनांक 23.09.2022 के अनुसार संविदा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार कर्मचारी नियुक्त किये जा सकते है। जिस पर नगर निगम, जबलपुर में 10,54,000/- मासिक व्यय तथा 1,26,48,000/- वार्षिक व्यय अतिरिक्त आवेगा। (घ) इसका उत्तर प्रश्नांश (ग) में समाहित है।
सड़कों का निर्माण एवं मरम्मत
[लोक निर्माण]
33. ( क्र. 1022 ) कुँवर रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैना की दिमनी विधानसभा क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग की कौन-कौन सी सड़कें कहां-कहां तक, कितनी-कितनी लम्बाई की होकर निर्माण लागत क्या थी? प्रत्येक सड़क की अलग-अलग जानकारी देवें। (ख) जिला मुरैना में लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत सड़कों के निर्माण एवं अन्य निर्माण मरम्मत हेतु कुल कितना बजट किस वर्ष में किस किस कार्य हेतु भेजा गया? विगत 05 वर्षों की कार्यवार जानकारी देवें। (ग) विधानसभा क्षेत्र दिमनी में सड़क निर्माण हेतु 42 मार्गों के प्रस्ताव प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा पूर्व में प्रस्तुत किये गये हैं तथा सड़क निर्माण हेतु विभाग के अधिकारियों से निरंतर विगत दो वर्षों से पत्राचार किया जा रहा है। इन 42 मार्गों पर सड़क निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कराया जावेगा? अगर नहीं तो क्यों नहीं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) सड़क निर्माण/अन्य निर्माण हेतु संभाग को कार्यवार आवंटन प्रदाय नहीं किया जाता। आवंटन आहरण की नवीन प्रणाली में एकीकृत (ग्लोबल) में होता है। इसी से संभाग द्वारा व्यय किया जाता है। मरम्मत हेतु संभाग को संभागवार आवंटन दिया जाता है, कार्यवार नहीं। शेष विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) प्रस्तावित 42 मार्गों में से खड़ियाहार से मातापुरा मार्ग की स्वीकृति जारी होकर पूर्ण किया जा चुका है, शेष कार्य किसी भी योजना में सम्मिलित नहीं होने से किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई।
उच्च स्तरीय जांच कर राशि की वसूली
[नगरीय विकास एवं आवास]
34. ( क्र. 1023 ) कुँवर रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर पालिक निगम मुरैना में सीवर लाइन प्रोजेक्ट अंतर्गत हाउस सर्विस चैम्बर निर्माण की उच्च स्तरीय जाँच करवाकर दोषियों पर कार्यवाही बाबत् प्रश्नकर्ता के द्वारा पत्र क्र. 1016/22 दिनांक 29/12/22 में आयुक्त नगर निगम मुरैना एवं पत्र क्र. 1044/23 दिनांक 20/01/23 में आयुक्त नगरीय आवास एवं विकास संचनालय भोपाल को दिये गये? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक दोनों पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कार्यवाही न करने का क्या कारण है? (ख) क्या नगर निगम मुरैना सीवर प्रोजेक्ट में हाउस सर्विस चैम्बर निर्माण कर कनेक्शन देने का प्रावधान है? यदि हाँ तो कितने हाउस सर्विस चैम्बरों का निर्माण किये बिना कितनी राशि का भुगतान निर्माण एजेन्सी को किस आधार पर किया गया? इसके लिये कौन-कौन दोषी है? हाउस सर्विस चैम्बर के मूल्यांकन की प्रतियों सहित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार दिये गये पत्रों में उल्लेखित बिन्दुओं का कब तक भौतिक सत्यापन करवाकर उच्च स्तरीय जाँच कराई जायेगी तथा दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही कर भुगतान की गई राशि की वसूली कब तक की जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ, प्रश्नकर्ता माननीय विधायक द्वारा नगर पालिक निगम, मुरैना को प्रेषित पत्र के क्रम में निकाय स्तर पर परीक्षण किया गया। अनुबंध अनुसार 7645 हाउस सर्विस चैम्बरों का प्रावधान था, जिनमें से 7 नग डिस्कोप होने के उपरान्त 7638 का निर्माण कराया गया। तदानुसार 7638 का ही मूल्यांकन किया गया। आयुक्त, नगरीय प्रशासन एवं विकास को प्रेषित पत्र के परिप्रेक्ष्य में अधीक्षण यंत्री, चंबल संभाग से प्रतिवेदन चाहा गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। उत्तरांश (क) अनुसार 7638 हाउस सर्विस चैम्बरों का निर्माण किया जाकर 7638 नग चैम्बरों का ही भुगतान निर्माण एजेंसी को किया गया है। किसी के दोषी होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। हाउस सर्विस चैम्बरों के मूल्यांकन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- अ अनुसार है। (ग) निकाय को प्रेषित पत्र के संबंध में बिन्दुवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ब अनुसार है। समान बिन्दुओं पर माननीय विधायक द्वारा आयुक्त, नगरीय प्रशासन एवं विकास को प्रेषित पत्र के परिप्रेक्ष्य में अधीक्षण यंत्री, चंबल संभाग से प्रतिवेदन चाहा गया है। प्रतिवेदन प्राप्त होने पर आगामी कार्यवाही की जा सकेगी।
मार्ग स्वीकृति हेतु प्रदाय पत्रों पर कार्यवाही
[लोक निर्माण]
35. ( क्र. 1038 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगाँव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत लोक निर्माण विभाग अन्तर्गत मार्ग निर्माण की स्वीकृति हेतु माननीय मंत्री जी को सांसद एवं विधायक द्वारा विगत 02 वर्षों में कौन-कौन से मार्ग निर्माण हेतु पत्र प्राप्त हुए हैं? कृपया प्रदाय पत्रों की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। उक्त प्रदाय पत्रों पर वर्तमान तक विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? की गई कार्यवाही के संबध में जारी पत्रो की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। उक्त कार्यों में से कितने कार्यों की स्वीकृति जारी की गई है? अगर नहीं हुई है, तो क्या कारण है? क्या भविष्य में उक्त निर्माण कार्यों की स्वीकृति प्रदाय की जायेगी? हाँ तो कब तक नहीं तो क्या कारण है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है, इसके अतिरिक्त माननीय सांसद श्री गजेन्द्र सिंह पटेल के द्वारा सनावद खरगोन मार्ग जिसकी लंबाई लगभग 70 किमी है, हेतु पत्र क्र 959/27/बडवानी/2022 दिनांक 23.07.2022 के माध्यम से उक्त मार्ग को डी.पी.आर. में सम्मिलित कर चौड़ीकरण एवं नवीन बायपास बनाने हेतु लेख किया गया है। सनावद-खरगोन मुख्य जिला मार्ग एडीबी-4 अंतर्गत निर्मित किया गया था जिसकी डीएलपी दिनांक 17.01.2023 को पूर्ण हो गई है। उक्त मार्ग मुख्य जिला मार्ग की श्रेणी के अंतर्गत है। प्रदाय पत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। विभाग द्वारा की गई कार्यवाही पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगर पंचायत में सी.एम.ओ. की नियुक्ति
[नगरीय विकास एवं आवास]
36. ( क्र. 1039 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या भीकनगाँव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत नगर पंचायत भीकनगाँव में पदस्थ तत्कालीन सी.एम.ओ. को माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा खरगोन सभा के दौरान मंच से निलंबित किया गया था? यदि हॉ तो शासन द्वारा उनके निलंबित होने से रिक्त स्थान की पूर्ति हेतु क्या कार्यवाही की गई है? क्या शासन द्वारा नियुक्त किये गये नवीन सी.एम.ओ. द्वारा नगर पंचायत भीकनगाँव में कार्यभार संभाला गया है? नहीं तो क्या कारण है? क्या उनके कार्य न करने पर उनके विरूद्ध कोई कार्यवाही शासन द्वारा की जायेगी? वर्तमान में नगर परिषद में सी.एम.ओ. पद रिक्त होने से हो रही परेशानियों के लिए कौन दोषी है तथा इसकी पदपूर्ति हेतु शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा खरगोन भ्रमण यात्रा पर नगर परिषद, भीकनगाँव में पदस्थ तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी की प्राप्त शिकायत पर कलेक्टर जिला खरगोन के आदेश क्रमांक 1264/ब.लि.2/2022, दिनांक 09.12.2022 को गठित जांच समिति के प्रतिवेदन पर आयुक्त, इंदौर संभाग, इंदौर के आदेश क्रमांक 4071/6-वि-स्था/2022 इंदौर दिनांक 14.12.2022 को निलंबित किया गया था। शासन द्वारा निलंबित होने से रिक्त स्थान की पूर्ति हेतु संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास, भोपाल का आदेश क्र./एक/704/2022 भोपाल दिनांक 16 दिसम्बर 2022 से श्री विनय कुमार भट्ट मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर परिषद, मुंगावली जिला अशोकनगर से मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर परिषद, भीकनगांव स्थानांतरित किया गया है। जी हाँ। श्री विनय कुमार भट्ट मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा दिनांक 13.01.2023 को नगर परिषद भीकनगाँव में कार्यभार ग्रहण किया गया है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विद्युत उत्पादन में व्यय राशि
[ऊर्जा]
37. ( क्र. 1044 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एम.पी. पॉवर जनरेटिंग कंपनी में विभिन्न ताप विद्युत उत्पादन गृहों द्वारा वर्ष 2021-22 में उत्पादित विद्युत यूनिट एवं परिचालन में कुल कितनी राशि का व्यय किया गया है? विद्युत उत्पादन गृहवार विवरण दें। (ख) उपरोक्त विद्युत उत्पादन गृहों में प्रति यूनिट विद्युत उत्पादन की लागत कितनी है? (ग) उपरोक्त विद्युत उत्पादन गृहों से एम.पी.पी.एम.सी.एल. को किस दर पर विद्युत उपलब्ध कराई गई है? (घ) वर्ष 2021-22 में एम.पी. पॉवर जनरेटिंग कंपनी को कितनी लाभ/हानि हुई है? विवरण उपलब्ध करायें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) मध्य प्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी के सभी ताप विद्युत गृहों द्वारा वर्ष 2021-22 में किये गए विद्युत उत्पादन एवं परिचालन में कुल व्यय राशि का विद्युत गृहवार विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र –'अ' अनुसार है। (ख) मध्य प्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी के ताप विद्युत गृहों की वर्ष 2021-22 में प्रति यूनिट विद्युत उत्पादन लागत का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र–'अ' अनुसार है। (ग) वर्ष 2021-22 में, मध्य प्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी के ताप विद्युत गृहों से मध्य प्रदेश पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड को उपलब्ध करायी गयी विद्युत की दर से संबंधित जानकारी का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र–'ब' अनुसार है। (घ) मध्य प्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड को, अंकेक्षित वित्तीय प्रतिवेदन के अनुसार, वर्ष 2021-22 में कर उपरांत रुपए 66.13 करोड़ का लाभ हुआ है, जिससे संबंधित विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र–'स' अनुसार है।
कसरावद नगर की नवीन जल प्रदाय योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
38. ( क्र. 1056 ) श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर परिषद कसरावद में नवीन जल प्रदाय योजना की वर्तमान स्थिति क्या है? इसे कब तक पूर्ण किया जाएगा तथा कार्य एजेन्सी की समयावधि में कितनी बार वृद्धि की गई? क्या कार्य एजेन्सी द्वारा समय पर कार्य पूर्ण नहीं करने पर कोई कार्यवाही की गई है? हॉ तो विवरण दें। (ख) योजना में जल शोधन संयंत्र, नवीन घटकों जैसे स्लज ड्राईंग बेड, बेकवाश सम्प, एडमिन कम लेबोरेटरी बिल्डिंग, गार्ड रूम, बाउण्ड्रीवॉल और ट्रान्सफार्मर एनहाउसमेंट के कार्यों को डी.पी.आर. में सम्मिलित क्यों नहीं किया गया, जबकि उक्त कार्य किया जाना अति आवश्यक था? तो इन कार्यों को निष्पादित करने की कोई कार्ययोजना बनाई गई है? हाँ तो बताएं नहीं क्यों कारण सही जानकारी दें। (ग) क्या जल प्रदाय योजना से नगर के प्रत्येक घर को नल कनेक्शन दिया जायेगा? यदि नहीं, तो कारण दें। (घ) क्या उक्त जल प्रदाय योजना के संबंध में जन प्रतिनिधियों, आम नागरिकों द्वारा शिकायतें प्राप्त हुई हैं? अगर हाँ, तो क्या निराकरण किया गया? नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नवीन जल प्रदाय योजना नगर परिषद कसरावद का कार्य प्रगति पर होकर 90% प्रतिशत कार्य पूर्ण हो गया है। कार्य को पूर्ण किये जाने का लक्ष्य दिनांक 31.03.2023 तक रखा गया है। कार्य एजेन्सी को परिस्थिति जन्य कारणों से छह बार समयावृद्धि प्रदान की गई है। जी हाँ। संविदाकार के चल देयकों के भुगतान के समय विलंब की क्षतिपूर्ति हेतु राशि रू 1,57,45,132/- रोकी गयी है इस परियोजना में विलम्ब एवं एम.पी.यू.डी.सी. की अन्य परियोजना में धीमी प्रगति के कारण संविदाकार को काली सूची में रखे जाने हेतु कार्य एजेंसी को नोटिस जारी किया जाकर काली सूची में रखा गया था। इसके उपरांत अपीलीय अधिकारी के समक्ष संविदाकार द्वारा पक्ष रखे जाने पर शर्तों के साथ काली सूची से संविदाकार का नाम हटाया गया है। (ख) जी हाँ। योजना में जल शोधन संयंत्र के नवीनीकरण के अंतर्गत नवीन घटकों जैसे स्लज, ड्राइंग बेड बेकवॉश सम्प, एडमिन कम लेबोरेटरी बिल्डिंग, गॉर्ड रूम, बाउण्ड्रीवाल और ट्रांसफार्मर, एनहाउसमेंट आदि के कार्यों की योजना बनाई गई है। (ग) जी हाँ। (घ) जी हाँ। प्राप्त शिकायतों का निराकरण कर दिया गया है।
सड़कों की मरम्मत एवं नई सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
39. ( क्र. 1057 ) श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कसरावद विधानसभा क्षेत्र में किन-किन सड़कों के मरम्मत कार्य एवं नई सड़कों का निर्माण कार्य किया जाना अति आवश्यक है? प्रश्न दिनांक की स्थिति में जानकारी दें। (ख) उपरोक्त में से किन-किन सड़कों की मरम्मत/नई सड़कें बनाये जाने के प्रस्ताव शासन को प्राप्त हुए हैं? कितनी सड़कों की स्वीकृति प्रदान की गई? कितनी शेष है? इनके स्वीकृति आदेश कब तक जारी कर दिए जाएंगे? (ग) विधानसभा क्षेत्र कसरावद की 12 महत्वपूर्ण सड़कें जिनकी कृषि विभाग से स्वीकृति प्राप्त हुई थी। उन सड़कों के संबंध में विभाग द्वारा कोई पत्राचार किया गया है? यदि हाँ, तो विवरण देवें। (घ) विधानसभा क्षेत्र कसरावद के महत्वपूर्ण मार्ग रोडिया से मदरानिया मार्ग को ग्रामीण क्षेत्रों से बायपास करने के कोई प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं? यदि हाँ, तो कब तक स्वीकृति प्रदान की जाएगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) विवरण संलग्न प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) 12 मार्गों की स्वीकृति दिनांक 30.06.2021 को कृषि विभाग द्वारा निरस्त किये जाने के उपरान्त विभाग द्वारा कोई पत्राचार नहीं किया गया है। (घ) जी हाँ। विवरण संलग्न प्रपत्र-ब अनुसार है।
नियम विरूद्ध पदोन्नति
[नगरीय विकास एवं आवास]
40. ( क्र. 1087 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1331 दिनांक 22 दिसंबर 2022 के संदर्भ में बताएं कि प्रश्नाधीन जांच पूर्ण हुई या नहीं? यदि हो गई तो उसकी रिपोर्ट की प्रति देवें। यदि नहीं, तो उसके कारण बताएं तथा जांच अधिकारी नियुक्त