मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-मार्च, 2023
सत्र
शुक्रवार, दिनांक 03 मार्च, 2023
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
विकास
कार्यों की
जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
1. ( *क्र. 1122 ) श्री संजय शुक्ला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिक निगम इन्दौर द्वारा विधानसभा क्षेत्र क्र. 1 में वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितने विभिन्न विकास कार्य स्वीकृत हुये? जनकार्य विभाग, ड्रेनेज विभाग, उद्यान विभाग, विद्युत विभाग, जल यंत्रालय व अन्य की विस्तृत जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रश्नकर्ता द्वारा प्रश्न दिनांक तक कितने कार्यों के लिये व कौन-कौन से पत्र विकास कार्य व अन्य कार्यों के लिये प्रेषित किये गये? विधानसभा क्षेत्र क्र. 1 के वार्ड क्र. 9 में कमला नेहरू कॉलोनी में अटल गेट पर ए.सी.पी. शीट लगाने की स्वीकृति कब प्रदाय की गई? टेंडर एवं कार्यादेश कब जारी किया गया? किन सक्षम अधिकारियों द्वारा कार्य की स्वीकृति किस दिनांक को दी गई? गेट का निर्माण कब किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 1 में कितने कार्य पूर्ण हो चुके हैं, कितने कार्य अधूरे हैं, अधूरे रहने का क्या कारण है? अधूरे कार्यों को कब तक पूर्ण किया जायेगा? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितनी पानी की टंकियों का कार्य पूर्ण किया जाकर जल वितरण किया जा रहा है? कितनी कॉलोनियों में जल वितरण लाईन डाली गई व कितनी कॉलोनियों में जल वितरण लाईन डाली जाना शेष है? कब तक डाली जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम इंदौर द्वारा प्रस्तुत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' से 'अ-6' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र 'अ-1' से 'अ-6' के कॉलम नम्बर 04 में अंकित है। विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 01 के वार्ड क्रमांक 09 में कमला नेहरू कॉलोनी में अटल गेट पर ए.सी.पी. शीट लगाने की स्वीकृति जोनल कार्यालय, जोन क्रमांक 01 के प्रस्ताव पर निगम के यातायात विभाग द्वारा प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 13.01.2023 को प्रदाय की गई। कार्य की निविदा दिनांक 19.01.2023 को जारी की गई, जिसे समाचार पत्रों में प्रकाशित जानकारी उपरांत दिनांक 07.02.2023 को निरस्त कर दिया गया। निगम द्वारा निविदा निरस्त किये जाने से गेट पर ए.सी.पी. शीट लगाने का कार्य नहीं किया गया। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' से 'अ-6' के कॉलम नम्बर 06 से 09 में अंकित है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
सौभाग्य योजना
[ऊर्जा]
2. ( *क्र. 1043 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अंतर्गत 'सौभाग्य योजना' में किये गये कार्यों में भ्रष्टाचार किये जाने संबंधित, वर्ष 2020-21 में प्रारंभ की गई विभागीय जाँचें पूर्ण करने की क्या कोई समय-सीमा निर्धारित की गई थी? जाँचवार विवरण उपलब्ध करायें। (ख) क्या उपरोक्त जाँच पूर्ण हो गई है? यदि हाँ, तो दोषी अधिकारियों एवं ठेकेदारों के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो दो वर्षों में भी जाँच पूर्ण नहीं किये जाने के क्या कारण हैं? (ग) उक्त जाँच समय-सीमा में पूर्ण नहीं किये जाने के लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं? क्या दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही की जायेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं। म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अंतर्गत 'सौभाग्य योजना' में क्रियान्वित कार्यों में प्रारंभिक जांच उपरांत पायी गई अनियमितताओं हेतु संस्थित विभागीय जांचों की कार्यवाही नियमानुसार निर्धारित प्रक्रिया के अनुरूप की गई है। जांच का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ, उत्तरांश (क) में उल्लेखानुसार संस्थित समस्त विभागीय जांच पूर्ण हो गई है एवं जांच में दोषी अधिकारियों के विरूद्ध (श्योपुर जिले में अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु प्रक्रियाधीन एक प्रकरण को छोड़कर) की गई कार्यवाही संबंधी विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है एवं दोषी ठेकेदारों के विरूद्ध की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। अत: शेष प्रश्न लागू नहीं। (ग) उत्तरांश (ख) में उल्लेखानुसार जांच कार्यवाही पूर्ण हो गई है। अत: किसी अधिकारी के दोषी होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही किए जाने का प्रश्न नहीं उठता।
अपूर्ण ब्रिज का निर्माण
[लोक निर्माण]
3. ( *क्र. 1290 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर संजीत मार्ग समपार 150 रेलवे ओवर ब्रिज निर्माण की वर्तमान स्थिति क्या है, कितने समय में ब्रिज का निर्माण पूर्ण हो जायेगा? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित तारांकित प्रश्न क्रमांक 1130, दिनांक 22 दिसंबर, 2022 में बताया गया कि सक्षम प्राधिकारी अधीक्षण यंत्री, लोक निर्माण विभाग सेतु निर्माण मंडल भोपाल द्वारा दिनांक 08.10.2022 को अनुबन्ध के निरस्तीकरण को स्थगित करते हुये निर्माण कार्य पूर्ण करने हेतु दिनांक 31.03.2023 तक की अनुमति प्रदान की गयी है तथा अनुबंध का रजिस्ट्रेशन 02 वर्ष के लिए काली सूची में प्रतिस्थापित किया गया है, क्या नवीन अनुबंध तिथि दिनांक 31.03.2023 तक ब्रिज का निर्माण पूर्ण हो जाएगा? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) संदर्भित यदि ब्रिज का निर्माण रिवोक के पश्चात भी तय समय-सीमा में नहीं हुआ तो विभाग द्वारा ब्रिज पूर्ण निर्माण के लिए निर्माण एजेंसी के खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी? (घ) क्या अनुबंध को पुनर्जीवित (Revoke) शासन की शर्तों के अनुरूप अधीक्षणयंत्री लोक निर्माण विभाग सेतु निर्माण मंडल भोपाल द्वारा दिए जाने के बाद पुन: Revoke नहीं दिया जा सकता? यदि हाँ, तो क्या अनुबंध तिथि दिनांक 31.03.2023 तक कार्य पूर्ण नहीं होने पर शीघ्र ब्रिज निर्माण के लिए क्या नवीन एजेंसी के लिए कार्यवाही की जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वर्तमान में कार्य प्रगति पर है। जून 2023 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है। (ख) जी नहीं। कार्य की प्रगति धीमी होने के कारण। (ग) अनुबंध प्रावधान अनुसार निर्माण एजेंसी के खिलाफ कार्यवाही की जावेगी। (घ) अधीक्षण यंत्री के द्वारा अनुबंध को पुनर्जीवित करने के पश्चात ठेकेदार के आवेदन पर मुख्य अभियंता के द्वारा गुण-दोष के आधार पर अनुबंध को पुनः पुनर्जीवित कर सकते हैं। अनुबंध अनुसार कार्य पूर्ण की तिथि दिनांक 31.03.2023 नियत होने से वर्तमान में अग्रिम कार्यवाही किया जाना संभव नहीं है।
सुरक्षा निधि
[ऊर्जा]
4. ( *क्र. 1323 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले में माह जनवरी 2021 से कितने किसानों को सुरक्षा निधि अंतर्गत अस्थाई कनेक्शन दिये गये हैं और कितनी राशि जमा कराई गई? किसानवार जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार नरसिंहपुर जिले में कितने किसानों को सुरक्षा निधि अंतर्गत विद्युत उपयोग करने के बाद विभाग के पास किसानों की कितनी राशि शेष बची हुई है? यदि हाँ, तो जानकारी प्रदान करें। (ग) क्या किसानों को शेष राशि वापिस की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक वापिस की जावेगी? (घ) यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) नरसिंहपुर जिले में माह जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में 701 किसानों से सुरक्षा निधि मद में रू. 264.95 लाख की राशि जमा कराकर अस्थाई कनेक्शन दिये गये हैं, जिनकी प्रश्नाधीन चाही गयी किसानवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित 701 किसानों में से 213 किसानों द्वारा विद्युत का उपयोग करने के उपरांत उनके बिलों में समायोजन के पश्चात् सुरक्षा निधि मद में जमा रू. 19.21 लाख की राशि म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के पास किसानों को वापिस किये जाने हेतु शेष है, जिसकी प्रश्नाधीन चाही गयी किसानवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। किसानों की सुरक्षा निधि के अंतर्गत शेष बची राशि को लगभग दो माह में वापस करने के प्रयास हैं। (घ) उत्तरांश 'ग' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
दिमनी विधानसभा क्षेत्र में शासकीय महाविद्यालय खोले जाना
[उच्च शिक्षा]
5. ( *क्र. 102 ) कुँवर रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैना की दिमनी विधानसभा क्षेत्र में छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए कुल कितने शासकीय महाविद्यालय कब-कब स्थापित किये गये हैं? (ख) यदि नहीं, तो क्या कोई कार्ययोजना दिमनी विधानसभा क्षेत्र में शासकीय महाविद्यालयों की स्थापना हेतु उच्च शिक्षा विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक तैयार की गई है? (ग) क्या दिमनी विधानसभा क्षेत्र में विगत कई वर्षों से छात्र-छात्राओं द्वारा शासकीय महाविद्यालय खोले जाने की मॉंग की जा रही है? क्या मान. मुख्यमंत्री द्वारा शासकीय महाविद्यालय खोले जाने की घोषणाएं की गई हैं? (घ) यदि हाँ, तो कब तक नवीन शासकीय महाविद्यालय खोले जाने संबंधी प्रस्ताव विभाग द्वारा तैयार किया जाकर इस हेतु बजट निर्धारित कर शासकीय महाविद्यालय खोलने की कार्यवाही कर दी जायेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जिला मुरैना अंतर्गत दिमनी विधानसभा क्षेत्र में 01 शासकीय महाविद्यालय संचालित है। यह शासकीय महाविद्यालय विभागीय आदेश दिनांक 27.09.2021 के द्वारा प्रारंभ किया जा चुका है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। दिमनी में नवीन शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ किए जाने के संबंध में माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा घोषणा क्रमांक सी 0305, दिनांक 10.09.2020 की गई थी। (घ) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पी.आई.यू. सतना में अधिकारियों की पदस्थापना एवं किए गए भुगतान
[लोक निर्माण]
6. ( *क्र. 1499 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग सतना (पी.आई.यू.) में प्रश्न तिथि तक किस मूल पदनाम/नाम के अधिकारी, कार्यपालन यंत्री के प्रभार में गत कितने वर्षों से पदस्थ हैं? उक्त अधिकारी की पी.आई.यू. सतना लोक निर्माण विभाग में किस दिनांक को पहली पदस्थापना किस मूल पद पर हुई? कब-कब किस उच्च पद (नाम दें) का प्रभार किन आदेशों के जरिए जारी हुआ? जारी सभी पदस्थापना आदेशों की एक-एक प्रति उपलब्ध कराएं? (ख) सतना जिले में बन रहे मेडिकल कॉलेज के किस-किस नाम पते वाले, किस-किस प्रकार के कार्य करने वाले मूल ठेकेदार फर्म को प्रश्न तिथि तक कब-कब कितनी-कितनी राशि का भुगतान (प्रथम भुगतान से प्रश्न तिथि तक) कब-कब किया गया? मदवार/माहवार/वर्षवार/दिनांकवार भुगतान की गई राशिवार जानकारी उपलब्ध कराएं? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित अधिकारी द्वारा प्रश्नांश (ख) में वर्णित भुगतान में अंतिम पांच भुगतान पत्रकों की एक-एक प्रति उपलब्ध कराएं? प्रत्येक भुगतान में कितनी-कितनी राशि मेज़रमेंट बुक के आधार पर दी गई? अंतिम पांच भुगतानों की मेज़रमेंट बुक की एक-एक प्रति दें। स्थलों की गुणवत्ता एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र की एक प्रति दें। (घ) क्या राज्य शासन उक्त भुगतानों की उच्च स्तरीय जांच करेगा? अगर हाँ तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) अंतिम पांच भुगतान जो मेजरमेन्ट अनुसार किये हैं, भुगतान विवरण निम्नानुसार है :- 1. 28th Running Bill Rs.84557642.00 2. 29th Running Bill Rs.101464836.00 3. 30th Running Bill Rs.29523350.00 4. 31st Running Bill Rs.53451482.00 5. 32nd Running Bill Rs.17820868.00 Grand Total = Rs.286818178.00. शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) भुगतान नियमानुसार किया गया है। अत: जांच एवं कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
कम्पनी को वित्तीय हानि पहुंचाने वाले दोषियों पर कार्यवाही
[ऊर्जा]
7. ( *क्र. 791 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड वृत्त मुरैना के अंतर्गत जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक ऐसे कितने प्राक्कलन हैं, जिनमें 5 प्रतिशत सुपरवीजन चार्ज के स्वीकृत किये गये हैं और जिनमें कार्य स्थल से निकलने वाली सामग्री कम्पनी को वापिस किये जाने का प्रावधान है? प्राक्कलनवार, वापिस की जाने वाली सामग्री का पृथक-पृथक विवरण देवें। (ख) ऐसे प्राक्कलन जिनमें सामग्री वापिस की जाना शेष है, प्राक्कलनवार जानकारी देते हुए यह भी स्पष्ट करें कि जो सामग्री वापिस नहीं ली गई है, उसका अनुमानित बाजार मूल्य क्या है? (ग) क्या सुपरविजन अधिकारियों द्वारा कार्य पूर्णोपरांत सुपुर्दगी नहीं दी गई तथा लाइन चार्ज कर दी गई है? यदि हाँ, तो ऐसे अधिकारियों के नाम व पदों से अवगत करावें। (घ) आवेदकों तथा ठेकेदारों से कम्पनी को वापिस होने वाली सामग्री के संबंध में मुरैना वृत्त में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं और उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ड.) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) के परिप्रेक्ष्य में अधिकारियों की मिलीभगत से सामग्री वापसी में भारी अनियमितताएं कर कम्पनी को वित्तीय हानि पहुंचाई गई है और दिनांक तक सामग्री वापिस नहीं ली गई है? इसके लिये दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए सामग्री ली जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) मध्य प्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के संचालन-संधारण वृत्त मुरैना अन्तर्गत प्रश्नाधीन अवधि में 5 प्रतिशत सुपरविजन चार्ज के अंतर्गत कुल 2120 प्राक्कलन स्वीकृत किये गये हैं, जिनका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। उक्त 2120 प्राक्कलनों में से मात्र 327 प्राक्कलनों में कार्य स्थल से निकलने वाली सामग्री म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को वापिस किये जाने का प्रावधान है, जिसकी प्राक्कलनवार वापिस की जाने वाली सामग्री का पृथक-पृथक प्रश्नाधीन चाहा गया विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित 327 प्राक्कलनों में से कुल 23 प्राक्कलनों के विरूद्ध कार्य उपरान्त कार्य स्थल से निकलने वाली सामग्रियों को म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के क्षेत्रीय भण्डार गृह में वापिस किया जा चुका है, जिनका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। शेष 304 प्राक्कलनों में से 69 स्वीकृत प्राक्कलन ऐसे हैं, जिनमें नियमानुसार राशि जमा नहीं होने के कारण कार्यादेश जारी नहीं हुये हैं, जिनका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। इस प्रकार कार्य स्थल से निकलने वाली 235 प्राक्कलनों में प्रावधानित सामग्री संबंधित ठेकेदारों/आवेदकों द्वारा वापिस नहीं की गई है, जिनका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ई' अनुसार है। उक्त सामग्री जो कि कंपनी के भंडार गृह में वापिस नहीं की जा सकी है, की बाजार की कीमत, कंपनी की क्रय प्रकिया के अनुसार तय की जा रही है। कुल वापसी योग्य सामग्री में 282734 कि.ग्रा. आयरन स्क्रेप, 54696.46 कि.ग्रा. कन्डक्टर स्क्रेप, 4232.29 कि.ग्रा. केबिल स्क्रेप एवं 2 वितरण ट्रांसफार्मर शामिल है, जिसकी अनुमानित कुल कीमत लगभग रू.131 लाख है। (ग) जी हाँ। प्रथम दृष्ट्या प्रकरण में अनियमितता पाई गई है, जिसकी जांच हेतु संचालन-संधारण, वृत्त कार्यालय स्तर पर समिति गठित कर जांच प्रारंभ की गई है। जांच के निष्कर्ष के आधार पर दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही एवं संबंधित ठेकेदार से वसूली की कार्यवाही की जावेगी। उक्त कार्यों से संबंधित निरीक्षणकर्ता/सुपरविजनकर्ता अधिकारियों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ई' अनुसार है। (घ) आवेदकों तथा ठेकेदारों से सामग्री वापिस होने के संबंध में 01 शिकायत म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में प्राप्त हुई है, जिसके लिये संचालन-संधारण, वृत्त कार्यालय स्तर से कार्यवाही करते हुए जांच कमेटी का गठन किया गया है। शिकायत एवं जांच कमेटी गठन आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'फ' अनुसार है। (ड.) जी हाँ, उत्तरांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) के परिप्रेक्ष्य में अनियमितता के संबंध में जांच कमेटी का गठन किया गया है, जांच कमेटी से जांच निष्कर्ष प्राप्त होने के उपरान्त दोषी पाए गए अधिकारियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। साथ ही पूर्ण हो चुके कार्यों में प्रावधानित स्क्रेप सामग्री की वापसी अथवा तय की जा रही दरों पर संबंधित आवेदकों/ठेकेदार से राशि वसूली की कार्यवाही की जावेगी। उक्त कार्यवाही आगामी 3 माह में पूर्ण होना संभावित है।
सागर में राजकीय विश्वविद्यालय की स्थापना
[उच्च शिक्षा]
8. ( *क्र. 1132 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्तमान में बुन्देलखण्ड क्षेत्र के संभागीय मुख्यालय सागर में संचालित डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, केंद्रीय विश्वविद्यालय हो जाने के बाद से राजकीय विश्वविद्यालय खोले जाने की मांग की जा रही है? (ख) क्या शासन के समक्ष संभागीय मुख्यालय सागर में राजकीय विश्वविद्यालय खोले जाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन है? यदि हाँ, तो अब तक क्या कार्यवाही प्रचलन में है? (ग) क्या सागर नगर में स्थित दो महत्वपूर्ण महाविद्यालयों क्रमशः शासकीय उत्कृष्ट कन्या महाविद्यालय में छात्राओं की दर्ज संख्या लगभग 12000 एवं पंडित दीनदयाल उपाध्याय शास. कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय में 11000 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं? इसके बाद भी अनेकों विद्यार्थी प्रवेश लेने से वंचित हो रहे हैं एवं शैक्षणिक कार्य भी प्रभावित होता है। (घ) क्या शासन शिक्षा के महत्वपूर्ण विषय को दृष्टिगत रखते हुये संभागीय मुख्यालय सागर में शीघ्र ही राजकीय विश्वविद्यालय खोले जाने की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) सागर संभाग अंतर्गत डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा प्राप्त होने के उपरांत सागर संभाग में ही म.प्र. विश्वविद्यालय अधिनियम, 1973 अंतर्गत महाराजा छत्रसाल बुंदेलखण्ड विश्वविद्यालय, छतरपुर स्थापित है। अत: कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। वंचित छात्रों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं। (घ) प्रश्नांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
15वें वित्त आयोग के अंतर्गत राशि आवंटन
[नगरीय विकास एवं आवास]
9. ( *क्र. 1355 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 15वें वित्त आयोग के अंतर्गत प्रदेश की समस्त नगर पालिकाओं/नगर परिषद एवं नगर पंचायतों को राशि उपलब्ध कराई गई थी? इस राशि का उपयोग किस-किस कार्य में किया जाना था? अनूपपुर जिले की समस्त नगरीय इकाइयों को भी राशि का आवंटन किया गया था? यदि हाँ, तो किन-किन नगरीय इकाइयों को राशि आवंटित की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में नगर परिषद अमरकंटक को 15वें वित्त आयोग अंतर्गत कितनी राशि प्रश्न दिनांक तक प्रदान की गई थी? यह राशि किन-किन मदों के अंतर्गत प्रदान की गई थी? विस्तृत जानकारी मदवार सूची सहित उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) की प्राप्त राशि का उपयोग प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी सामग्री, कितनी-कितनी मात्रा में, किस-किस कंपनी, कौन-कौन से सप्लायर, किस-किस दिनांक को क्रय की गई है? 15वें वित्त आयोग से प्राप्त राशि से किन-किन सामग्रियों को क्रय करने एवं कौन-कौन से कार्यों पर व्यय किये जाने के शासन द्वारा दिशा-निर्देश जारी किये गये थे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। राशि का उपयोग मध्यप्रदेश शासन, नगरीय विकास एवं आवास विभाग, भोपाल के पत्र क्र./1135/1665/2020/18-2, दिनांक 23.05.2020 के अनुसार किया जाना है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। जी हाँ। अनूपपुर जिले की समस्त 10 निकायों (अनूपपुर, कोतमा, बिजूरी, पसान, अमरकंटक, जैतहरी, बनगवां, डोला, डूमरकछार एवं बरगवां (अमलाई) को राशि का आवंटन किया गया है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्न 'क' के संदर्भ में नगर परिषद अमरकंटक को 15वां वित्त आयोग अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक राशि रूपये 363.66 लाख प्राप्त हुआ है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। दिशा-निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है।
नगर पंचायत कोठी के विकास कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
10. ( *क्र. 1203 ) श्रीमती कल्पना वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रैगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत नगर पंचायत कोठी में विगत-3 वर्षों की अवधि में पदस्थ अधिकारी की जानकारी आदेश सहित दें। उक्त अवधि से प्रश्न दिनांक तक नगर पंचायत क्षेत्र में विकास हेतु क्या-क्या कार्य कराये गये हैं? कार्यवार व्यय राशि की जानकारी सहित पूर्ण विवरण देवें। यह भी बतायें कि नगर पंचायत कोठी में कहां से कहां तक का कितना भू-भाग जुड़ा है? (ख) क्या नगर पंचायत कोठी की सभी सड़कें जीर्ण-शीर्ण हालत में हैं, नालियां जर्जर हैं एवं गंदगी से भरी पड़ी हैं, प्रकाश व्यवस्था भी पूर्ण रूप से नहीं है, पेयजल की भी पूरे नगर पंचायत में व्यवस्थायें ठीक नहीं हैं? नगर पंचायत द्वारा आम जनता के लिये उक्त सुविधाओं हेतु क्या-क्या कार्य किये जा रहे हैं, उन कार्यों के प्रभारी कौन-कौन हैं? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार अवधि से प्रश्न दिनांक तक नगर पंचायत को कितना कर/उपकर प्राप्त हुआ है एवं कितनी राशि शासन से प्राप्त हुई? किन-किन मदों में कब-कब, कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? वर्षवार, मदवार जानकारी देवें। सामाग्री क्रय में क्या भण्डार-क्रय नियमों का पालन किया गया है? (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार नगर पंचायत क्षेत्र के आंतरिक मार्गों, नालियों, पुल, पुलियों का निर्माण कराये जाने की क्या योजना है? उक्त कार्य आम जनता के हित में कब तक कराये जायेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर परिषद कोठी, जिला-सतना (म.प्र.) में विगत 03 वर्षों की अवधि में पदस्थ मुख्य नगर पलिका अधिकारियों एवं कराये गये कार्यों का विवरण क्रमशः पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-01' एवं 'अ-02' अनुसार है। नगर परिषद कोठी क्षेत्रांतर्गत ग्राम कोठी, रोयनी एवं शारदापुरी ग्राम के भू-भाग जुड़े हैं, जिसका क्षेत्रफल 2.11 वर्ग किलोमीटर है। (ख) जी नहीं, नगर परिषद कोठी क्षेत्र की अधिकतर सड़कें व नालियां सही हालत में हैं, जो पुरानी सड़कें व नाली क्षतिग्रस्त हैं, उनका नवीनीकरण मरम्मत कार्य प्रस्तावित है। नालियों की सफाई यथा समय कराई जा रही है। प्रकाश व पेयजल व्यवस्थाएं पर्याप्त हैं। कराये जा रहे कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) प्राप्त राशि एवं व्यय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' एवं परिशिष्ट 'द' अनुसार है। जी हाँ, सामग्री क्रय में भण्डार नियमों का पालन किया जाता है। (घ) नगर पंचायत क्षेत्रांतर्गत निर्माण कराये जाने की योजना पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ई' अनुसार है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रभावितों का पुनर्वास
[लोक निर्माण]
11. ( *क्र. 331 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग के किस डिविजन ने एन.एच. 59 ए के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम 1957 के तहत कितने राजस्व ग्रामों की कितनी भूमि, कितने मकान एवं कितने दुकान का अर्जन किया? इसमें से किस-किस के मकान दुकान का आंशिक अर्जन किया गया? (ख) राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम 1957 के तहत अर्जित मकान एवं दुकान के प्रभावितों के पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन से संबंधित क्या-क्या कार्यवाही की गई? भू-अर्जन अधिकारी के समक्ष किस दिनांक को पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन की क्या-क्या योजना प्रस्तुत की गई, यदि योजना प्रस्तुत नहीं की गई? हो तो कारण बतावें। (ग) भारत सरकार द्वारा राजपत्र में दिनांक 28.5.2015 को प्रकाशित अधिसूचना के तहत राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम 1957 के तहत अर्जित मकान एवं दुकान तथा भूमि के प्रभावितों के लिए क्या-क्या प्रावधान किया है? उसका पालन नहीं करने के क्या-क्या कारण हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) भूमि अर्जन पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार अधिनियम राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम 1956 (संशोधित अधिनियम 2013 दिनांक 26 सितम्बर, 2013) के अध्याय 4 की धारा 30 (3) प्रकाशन दिनांक से भू-अर्जन से प्रभावितों को 12 प्रतिशत की दर से ब्याज तथा 100 प्रतिशत अनिवार्य क्षतिपूर्ति सोलेशियम राशि के अनुसार गणना की गई। भारत सरकार द्वारा राजपत्र में दिनांक 28.05.2015 प्रकाशित की गई अधिसूचना का पालन किया गया है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश 'ख' के उत्तर अनुसार भू-अर्जन हेतु संशोधित अधिनियम का पालन किये जाने से शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
विद्युत बिलों का निराकरण
[ऊर्जा]
12. ( *क्र. 561 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ऊर्जा विभाग द्वारा जिला राजगढ़ में विद्युत बिलों में होने वाली त्रुटि के निराकरण या किसी समस्या के आने पर निराकरण करने की क्या समय-सीमा निर्धारित की गई है? (ख) क्या विद्युत बिल निराकरण ऑनलाइन प्रकरण करवाकर जिले लेवल या फिर भोपाल लेवल पर संशोधित किया जा रहा है? (ग) कंडिका (ख) अनुसार यदि हाँ, तो निराकरण समय के दौरान हितग्राही के घर विद्युत प्रदाय जारी रहेगा या नहीं? यदि नहीं, तो निराकरण समय के दौरान बिना विद्युत के हितग्राही कैसे रहेगा? इसके लिए कौन जिम्मेदार है व क्या बिलों का समाधान पूर्व की भांति तहसील स्तर पर किया जा सकता है? (घ) प्रश्नांश (ख) के अनुसार यदि नहीं, तो उक्त बिलों के निराकरण की क्या प्रक्रिया है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) ऊर्जा विभाग के अधीनस्थ म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा जिला राजगढ़ सहित कंपनी क्षेत्र में विद्युत बिलों में होने वाली त्रुटि या बिल संबंधी किसी अन्य समस्या से संबंधित प्राप्त शिकायतों के निराकरण हेतु, विद्युत उपभोक्ता से आवेदन प्राप्त होने के उपरांत 21 दिवस की समय-सीमा निर्धारित की गई है। (ख) जी हाँ, त्रुटिपूर्ण विद्युत देयकों का निराकरण वितरण कंपनी के वृत्त स्तर (जिला-लेवल) पर किया जा रहा है। (ग) यदि विचाराधीन विद्युत देयक की राशि के अलावा कोई अन्य राशि बकाया नहीं है, तो निराकरण अवधि में विद्युत कनेक्शन का विद्युत प्रदाय चालू रहेगा। अत: उपभोक्ता को असुविधा होने अथवा किसी के जिम्मेदार होने का प्रश्न नहीं उठता। विद्युत बिलों से संबंधित शिकायतों का निराकरण वितरण कंपनी के वृत्त स्तर से सुचारू रूप से किया जा रहा है, जिसमें किसी प्रकार का परिवर्तन किए जाने की आवश्यकता नहीं है। (घ) बिल सुधार संबंधी शिकायतों के निराकरण हेतु उपभोक्ता द्वारा शिकायत कॉल सेंटर (1912) पर फोन द्वारा, मोबाइल एप द्वारा, वाट्स एप चेट बोर्ड द्वारा एवं वितरण केन्द्र या कंपनी के कार्यालय में जाकर कराई जा सकती है। प्राप्त शिकायत का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर एस.एम.एस. (SMS) द्वारा उपभोक्ता को सूचना दी जाती है। बिल सुधार औसतन 15 दिवस में किये जा रहे हैं। तदुपरान्त आवेदक को तत्संबंध में एस.एम.एस. (SMS) के माध्यम से सूचित किया जाता है।
नगर पालिक परिषद पन्ना में कर्मचारियों की नियुक्ति
[नगरीय विकास एवं आवास]
13. ( *क्र. 952 ) श्री शिवदयाल बागरी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिला अन्तर्गत नगर पालिका परिषद पन्ना के 2019 से अब तक कितने प्रस्ताव डाले गये एवं उन पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या नगर पालिका परिषद पन्ना में सम्मिलित नवीन ग्राम पंचायतों के कर्मचारियों के संविलियन के संबंध में दिनांक 14.12.2022 को प्रस्ताव डाला गया था, जो स्वीकृत हुआ था, उक्त प्रस्ताव में क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार प्रस्ताव स्वीकृत होने के पश्चात सम्मिलित ग्राम पंचायतों के कर्मचारियों को अब तक नियुक्ति क्यों नहीं दी गई, कब तक दी जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिका परिषद, पन्ना में प्रशासन कार्यकाल में 2019 से 2022 तक कुल 439, परिषद गठन दिनांक 10.08.2022 से 23.12.2023 तक कुल 36 प्रस्ताव इस प्रकार कुल 475 प्रस्ताव विचार हेतु रखे गये थे एवं 475 प्रस्ताव पारित किये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्रकरण परिषद के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। प्रकरण का अवलोकन करने के पश्चात परिषद के द्वारा यह निर्णय लिया गया था कि परिषद में सम्मिलित ग्राम पंचायतों की सम्पतियां/अस्तियां एवं अमले के हस्तांतरण की कार्यवाही म.प्र. शासन नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग भोपाल के पत्र क्रमांक/शा-02/परि.स./164/2020/28 भोपाल, दिनांक 02.01.2021 एवं नगरीय प्रशासन एवं विकास संचालनालय भोपाल का पत्र क्रमांक/शा-02/परि.सं./168/2020/15052 भोपाल, दिनांक 06.09.2021 में दिये गये निर्देशानुसार कार्यवाही किये जाने की सर्वसम्मति से स्वीकृति प्रदान की गई थी। संविलियन दिनांक से आज दिनांक तक मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत पन्ना के द्वारा सम्मिलित ग्राम पंचायतों के किसी भी कर्मचारी की सेवाएं नगर पालिका को नहीं सौंपी गई हैं। शेष का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ग) इसका उत्तर उत्तरांश (ख) में समाहित है।
कृषि पंपों पर अकारण विद्युतभार बढ़ाने की जांच
[ऊर्जा]
14. ( *क्र. 1552 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भिण्ड जिले को लहार विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के द्वारा किसानों की बिना सहमति के पंप कनेक्शनों के भार में अकारण वृद्धि किए जाने की शिकायत की जांच उपरांत कार्यवाही किए जाने के संबंध में माननीय ऊर्जा मंत्री, म.प्र. शासन द्वारा प्रश्नकर्ता को पत्र क्र. 3194 'A'/मंत्री/ऊर्जा/2020 भोपाल, दिनांक 19.12.2022 से अवगत कराया गया है? (ख) क्या फीडर विभक्तीकरण योजनान्तर्गत ग्राम जगदीशपुरा में पूर्व में स्थापित विद्युत लाईन संबंधी उपकरणों की पुनः स्थापना करने एवं वितरण केन्द्र दबोह अन्तर्गत पदस्थ कर्मचारी के विरूद्ध परीक्षण उपरांत कार्यवाही करने के संबंध में माननीय मंत्री जी ऊर्जा विभाग द्वारा प्रश्नकर्ता को पत्र क्र. 3035 'A'/मंत्री/ऊर्जा/2020 भोपाल, दिनांक 19.12.2022 से अवगत कराया गया है? (ग) यदि हाँ, तो उक्त प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं, अपितु भिण्ड जिले के लहार विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत, म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के द्वारा किसानों की सहमति के बिना पंप कनेक्शनों के भार में अकारण वृद्धि किये जाने संबंधी शिकायत के संबंध में माननीय नेता प्रतिपक्ष से चर्चा के सन्दर्भ में माननीय ऊर्जा मंत्री के पत्र क्रमांक-3194, दिनांक 28.12.2022 द्वारा ऊर्जा विभाग को इस संबंध में पावर मैनेजमेंट कंपनी से जांच कराए जाने हेतु लेख किया गया था एवं पत्र की प्रति माननीय नेता प्रतिपक्ष (प्रश्नकर्ता) को पृष्ठांकित की गई। (ख) जी हाँ, माननीय नेता प्रतिपक्ष (प्रश्नकर्ता) के पत्र क्रमांक-1089/22, दिनांक 14.12.2022, जो कि फीडर विभक्तिकरण योजनान्तर्गत ग्राम जगदीशपुरा में पूर्व में स्थापित विद्युत लाइन संबंधी उपकरणों को पुन: स्थापित करने एवं वितरण केन्द्र दबोह अंतर्गत पदस्थ कर्मचारी के विरूद्ध परीक्षण उपरांत कार्यवाही करने के संबंध में था, के परिप्रेक्ष्य में माननीय ऊर्जा मंत्री के पत्र क्रमांक 3035, दिनांक 19.12.2022 द्वारा ऊर्जा विभाग को परीक्षणोंपरान्त प्रकरण में नियमानुसार कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया था तथा इस पत्र की प्रतिलिपि माननीय प्रश्नकर्ता को प्रेषित की गई थी। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पद के तारतम्य में की गई जांच में यह पाया गया है कि कृषि पम्प कनेक्शनों के भार में की गई वृद्धि सही एवं नियमानुसार है। प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित पत्र में उठाए गए मुद्दे के परिप्रेक्ष्य में सहायक प्रबंधक दबोह वितरण केन्द्र के पत्र दिनांक 20.06.2022 द्वारा ग्राम जगदीशपुरा में स्थापित अधोसंरचना से चोरी गये 11 के.व्ही. लाइन के तार चोरी के संबंध में पुलिस थाना दबोह जिला भिण्ड में प्राथमिकी दर्ज कराने का आवेदन दिया गया है। तदुपरान्त उप महाप्रबंधक (संचा.-संधा.) लहार के पत्र दिनांक 14.02.2023 द्वारा पुलिस अधीक्षक भिण्ड को प्रकरण में प्राथमिकी दर्ज कराने का लेख किया गया। प्रकरण में प्राथमिकी दर्ज किया जाना शेष है। इस वितरण केन्द्र दबोह अन्तर्गत 11 के.व्ही. बघेड़ी फीडर पर स्थापित 05 वितरण परिणामित्र स्थल पर नहीं पाये जाने पर प्रथम दृष्टया वितरण केन्द्र पर पदस्थ कर्मचारी श्री मनमोहन दोहरे, लाइन अटेण्डेट (संविदा) को आदेश दिनांक 21.09.2022 से स्थानांतरित कर रौन वितरण केन्द्र पर सम्बद्ध किया गया है, उनके द्वारा की गई लापरवाही हेतु उप महाप्रबंधक (संचा.-संधा.) लहार के पत्र दिनांक 23.09.2022 द्वारा उनको आरोप पत्र जारी कर, तदुपरान्त आदेश दिनांक 20.10.2022 के द्वारा विभागीय जाँच संस्थित की गई है, जोकि प्रक्रियाधीन है।
जल आवर्धन योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
15. ( *क्र. 1284 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका परिषद बालाघाट में जल आवर्धन योजना का कार्य कब प्रारंभ किया गया तथा इस योजना को कब पूर्ण होना था? समय अवधि में योजना पूर्ण नहीं होने पर कितनी राशि की पेनल्टी लगाने के प्रावधान थे? समय अवधि में कार्य न करने पर जो-जो नोटिस विभाग की ओर जारी किये गये तथा निर्माणकर्ता ठेकेदार की ओर से जो जवाब आये, उसकी प्रति संलग्न करें तथा लगायी गयी पेनल्टी की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित योजना का कार्य डी.पी.आर. के अनुसार न होने की कब-कब तथा किसके द्वारा जांच करायी गयी तथा क्या जांच प्रतिवेदन प्राप्त हुए, इसकी संपूर्ण जानकारी दें। (ग) क्या गुणवत्ताहीन कार्य होने के बावजूद योजना को नगर पालिका परिषद को हस्तांतरण करने की तैयारी की जा रही है? क्या शासन प्रदेश स्तर से जांच दल भेजकर यह सुनिश्चित करेगा कि डी.पी.आर. की शर्तों के अनुसार कार्य होने की दशा में ही योजना का हस्तांतरण नगर पालिका परिषद को हो?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिका परिषद, बालाघाट में जल आवर्धन योजना कार्य दिनांक 20.02.2016 को प्रारंभ किया गया। कार्यादेश के अनुसार योजना को दिनांक 19.02.2018 तक पूर्ण होना था। अनुबंध के प्रावधानों की कंडिका 46 के अनुसार पेनल्टी का प्रावधान पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। निकाय द्वारा 64 सूचना पत्र जारी किए गए हैं, प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। निर्माणकर्ता ठेकेदार की ओर से 32 जवाब प्राप्त हुए हैं। प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। निकाय द्वारा वर्तमान तक कोई पेनल्टी नहीं लगाई गई है। (ख) जिला कलेक्टर बालाघाट द्वारा आदेश क्रमांक 1126, दिनांक 25.02.2022 से जल आवर्धन योजना के कार्यों की गुणवत्ता एवं भौतिक सत्यापन हेतु जोनवार/वार्डवार तकनीकी दल गठित किया गया था। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। प्राप्त जांच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'इ' अनुसार है। (ग) जी नहीं। जांच प्रतिवेदन पर संभागीय अधीक्षण यंत्री से प्रतिवेदन मांगा गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सीवरेज योजना की शिकायत पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
16. ( *क्र. 947 ) डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर परिषद महेश्वर एवं मण्डलेश्वर पवित्र नगरी में सीवरेज निर्माण कार्य की स्वीकृति कब हुई एवं इसकी लागत कितनी-कितनी है? उक्त निर्माण कार्य किस एजेंसी को दिया गया है एवं कार्य पूर्ण करने की अवधि क्या है? (ख) अगर समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं हुआ है, तो उस राशि पर लगने वाले ब्याज की राशि किससे वसूली योग्य होगी? (ग) उक्त योजना अन्तर्गत सीवरेज लाईन डालने से जिन परिवार के लोगों को आर्थिक नुकसान हुआ, मकान टूटने एवं अन्य निर्माण कार्यों की क्षतिपूर्ति कौन करेगा? साथ ही परिषद द्वारा बनी हुई सड़क को पुनर्निर्माण करने के क्या प्रावधान हैं? (घ) जिन निकायों में उक्त योजना को पूर्ण करने की अवधि समाप्त हो चुकी है, उक्त एजेंसी पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? क्या संबधित एजेंसी के ठेके समाप्त कर ब्लैक लिस्टेड किया गया है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर परिषद महेश्वर एवं मण्डलेश्वर की सीवरेज योजना का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। (ख) समय-सीमा में कार्य पूर्ण न होने के कारण ब्याज की वसूली का कोई प्रावधान दोनों कार्यों के अनुबंधों में नहीं है। दोनों कार्यों के समाप्त होने के बाद नियमानुसार डिले डैमेजिज निकालकर उसकी वसूली संबंधित ठेकेदार से अनुबंध अनुसार की जायेगी। (ग) महेश्वर नगर की सीवरेज योजना के संबंधित क्षतिपूर्ति भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है। मण्डलेश्वर नगर में कार्य के दौरान कोई क्षति नहीं की गई है एवं न ही अनुबंध में कोई प्रावधान है। दोनों ही नगरों के सीवरेज योजना अनुबंधों में पाइप लाइन डालने में क्षतिग्रस्त सड़कों के पुनर्निर्माण का प्रावधान है। (घ) महेश्वर नगर की सीवरेज योजना में विलम्ब के कारण ठेकेदार की अभी तक रु. 41.72 लाख रुपये लिक्विडेटेड डेमेज (परिनिर्धारित क्षति) के रूप में रोका गया है। योजना का विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "स" अनुसार है। मण्डलेश्वर नगर की सीवरेज योजना में विलम्ब के कारण रू. 12.06 लाख लिक्विडेटिड डैमेज के रूप में रोके गये हैं एवं पत्र क्रमांक 181, दिनांक 06.01.2022 से संविदकार को ब्लैक लिस्ट भी किया गया है तथा पत्र क्रमांक 522, दिनांक 19.01.2022 से कार्य का अनुबंध भी निरस्त किया गया है। अनुबंध निरस्त होने के बाद संविदाकार द्वारा प्रस्तुत अभ्यावेदन के अवलोकन एवं सक्षम प्राधिकारियों द्वारा समीक्षा उपरांत 6 बार कार्य का समय बढ़ाया गया एवं अंतिम बार दिनांक 30.06.2023 तक का समय बढ़ाया गया है। योजना का विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "द" अनुसार है।
अनुसचिवीय सेवायें (लिपिकीय अमला) की पद संरचना
[उच्च शिक्षा]
17. ( *क्र. 1297 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वित्त विभाग म.प्र. शासन भोपाल के पत्र क्रमांक एफ 8&-6/2015 नियम/चार भोपाल दिनांक 19.07.2017 द्वारा राज्य वेतन आयोग की अनुशंसा के अनुक्रम में राज्य शासन द्वारा अनुसचिवीय सेवायें (लिपिकीय अमला) की पद संरचना वेतनमान, पदोन्नति एवं भर्ती नियमों के संबंध में निर्णय लिया गया था, जिसके अनुसार संशोधन दिनांक 01 जनवरी, 2016 से लागू किया जाना था? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गयी है? कार्यवाही की प्रति उपलब्ध करायें। यदि नहीं, तो क्यों तथा कब तक आदेश जारी किये जायेंगे? (ग) शासन द्वारा उक्त लिपिकीय अमले की पद संरचना वेतन एवं पदोन्नति का लाभ न देने से शासकीय सेवकों का शोषण हो रहा है? यदि हाँ, तो कारण बताएं। यदि नहीं, तो कब तक विसंगति दूर की जायेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश ''क'' में उल्लेखित वित्त विभाग के परिपत्र के परिप्रेक्ष्य में सुसंगत विभागीय भर्ती नियमों में संशोधन की कार्यवाही प्रचलन में है। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। शासन द्वारा जारी नियमों/निर्देशों के अनुपालन में नियमानुसार समयमान-वेतनमान का लाभ प्रदान किया जा रहा है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
निर्माण कार्यों को समय-सीमा में पूर्ण किया जाना
[लोक निर्माण]
18. ( *क्र. 286 ) श्री राकेश मावई : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक मुरैना विधानसभा क्षेत्र में कौन-कौन से कार्यों की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति कितनी-कितनी राशि की प्राप्त हुई है? उनमें से कौन से कार्य अधूरें हैं अथवा आरम्भ ही नहीं किए गए हैं तथा उनका कितना-कितना मूल्यांकन किया गया? मूल्यांकन की प्रतियों सहित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार निर्माण कार्यों को पूर्ण करने की कोई समय-सीमा निर्धारित की गई है? यदि हाँ, तो कब तक? कार्य समय-सीमा में पूर्ण न करने का कारण क्या है? (ग) क्या लोक निर्माण विभाग द्वारा प्रश्नकर्ता सदस्य को प्रश्नांश (क) अनुसार किए जा रहे कार्यों की अद्यतन स्थिति की जानकारी दी गयी है? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो अद्यतन स्थिति की जानकारी न देने का कारण बताएं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1', 'अ-2' एवं मूल्यांकन की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1, 2 एवं 3 अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है एवं नूराबाद-पढ़ावली मार्ग से शचिचरा मार्ग अनुबंधानुसार दिनांक 11 अप्रैल, 2024 तक। (ग) जी हाँ। कार्य/मार्ग के भूमि पूजन व समय-समय पर आयोजित समीक्षा बैठकों में जानकारी दी गई। अत: शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
विद्युत दर में वृद्धि
[ऊर्जा]
19. ( *क्र. 1269 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2020-21 एवं 2022-23 में विद्युत की दर में कितने प्रतिशत औसत वृद्धि की गई? मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इन्दौर अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2019-20, 2020-21 एवं 2021-22 में वर्षवार विद्युत की खपत कितनी थी? इस अवधि में म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड जबलपुर का विद्युत उत्पादन कितना था? वर्षवार जानकारी देवें। (ख) संचालन-संधारण वृत्त धार के अन्तर्गत कैलेंडर वर्ष 01 जनवरी, 2020 से 31 दिसम्बर, 2022 तक निम्नदाब/उच्चदाब उपभोक्ताओं से विद्युत के देयकों में अधिक राशि के विद्युत देयक आने की कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं तथा प्राप्त शिकायतों में से कितनी सही पाईं गईं, की कैलेंडर वर्षवार संख्यात्मक जानकारी देवें। (ग) वित्तीय वर्ष 2019-20 से 2021-22 तक म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड, जबलपुर के ताप एवं जल विद्युत संयंत्रों का विद्युत का उत्पादन कितना हुआ? अन्य राज्यों से तथा कंपनियों से अनुबंध के अनुसार बिना मूल्य में तथा डिस्काउंट मूल्य पर कितनी विद्युत किस दर से खरीदी गई वित्तीय वर्षवार जानकारी देवें? (घ) वित्तीय वर्ष 2019-20 से 2021-22 तक म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड जबलपुर के कितने विद्युत उत्पादन केंद्र को स्क्रेप के रूप में कितने में बेचा गया तथा कितनी मात्रा में फ्लाई ऐश तथा गीली ऐश किस दर से बेची गई? (ड.) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर क्षेत्रांतर्गत वित्तीय वर्ष 2019-20 से 2021-22 तक प्रतिवर्ष दिनांक 31 मार्च की स्थिति में कुल नियमित तथा संविदा कर्मचारियों की संख्या तथा उन्हें दिए जाने वाला वेतन भत्ते की वित्तीय वर्षवार जानकारी दें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. विद्युत नियामक आयोग के आदेश दिनांक 17.12.2020, दिनांक 30.06.2021 एवं दिनांक 31.03.2022 द्वारा विद्युत दरों में क्रमश: वित्तीय वर्ष 2020-21 में 1.98 प्रतिशत, वित्तीय वर्ष 2021-22 में 0.63 प्रतिशत एवं वित्तीय वर्ष 2022-23 में 2.64 प्रतिशत की औसत वृद्धि की गई है। म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2019-20 में 22217.63 मिलियन यूनिट, वित्तीय वर्ष 2020-21 में 23033.24 मिलियन यूनिट एवं वित्तीय वर्ष 2021-22 में 24559.33 मिलियन यूनिट विद्युत की खपत हुई है। इसी अवधि में म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड, जबलपुर द्वारा वित्तीय वर्ष 2019-20 में 24704.1 मिलियन यूनिट, वित्तीय वर्ष 2020-21 में 23520.60 मिलियन यूनिट एवं वित्तीय वर्ष 2021-22 में 23505.7 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन किया गया। (ख) संचालन-संधारण वृत्त धार के अंतर्गत प्रश्नांश में उल्लेखित अवधि में निम्नदाब/उच्चदाब विद्युत उपभोक्ताओं से अधिक राशि के विद्युत देयक आने की प्राप्त शिकायतों एवं उनमें से सही पाई गई एवं निराकृत की गई शिकायतों की प्रश्नाधीन चाही गयी वर्षवार संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश में उल्लेखित अवधि में म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड, जबलपुर के ताप एवं जल विद्युत संयंत्रों से विद्युत उत्पादन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। विभिन्न उत्पादकों से किये गये अनुबंध के अनुसार बिना मूल्य के तथा डिस्काउंट मूल्य पर क्रय की गई विद्युत की मात्रा एवं दर की वित्तीय वर्षवार प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स', 'स-1' एवं 'स- 2' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश में उल्लेखित अवधि में म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड, जबलपुर के किसी भी विद्युत उत्पादन केंद्र को सेवानिवृत्त कर बेचा नहीं गया है। प्रश्नांश में उल्लेखित अवधि में म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी के ताप विद्युत गृहों द्वारा बेची गई फ्लाई ऐश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी द्वारा प्रश्नांश में उल्लेखित अवधि में गीली ऐश का विक्रय नहीं किया गया है। (ड.) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर क्षेत्रांतर्गत वित्तीय वर्ष 2019-20 से 2021-22 तक प्रतिवर्ष दिनांक 31 मार्च की स्थिति में कुल नियमित एवं संविदा कर्मचारियों की संख्या तथा उन्हें दिए जाने वाला वेतन भत्ते के मद में व्यय हुई राशि की प्रश्नाधीन चाही गयी वित्तीय वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ई' अनुसार है।
निवाड़ी में सर्व-सुविधायुक्त बस स्टैण्ड का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
20. ( *क्र. 1139 ) श्री अनिल जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नवगठित जिला निवाड़ी के 04 वर्ष पूर्ण होने के उपरांत भी निवाड़ी शहर में बस स्टैण्ड नहीं है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या निवाड़ी शहर में सर्व-सुविधायुक्त बस स्टैण्ड के निर्माण के संबंध में कोई कार्ययोजना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो इस कार्ययोजना को स्वीकृत कर निवाड़ी शहर में कब तक एक सर्व-सुविधायुक्त बस स्टैण्ड का निर्माण कर दिया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में यदि नहीं, तो निवाड़ी शहर में कब तक एक सर्व-सुविधायुक्त बस स्टैण्ड के निर्माण के संबंध में कार्ययोजना तैयार कर बस स्टैण्ड के निर्माण हेतु स्वीकृति प्रदान कर दी जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। बस स्टैण्ड निर्माण हेतु भूमि आवंटित नहीं की गई है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नागदा-खाचरौद क्षेत्र के मार्गों की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
21. ( *क्र. 1300 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन के पत्र क्र. 670, दिनांक 11.02.2021 द्वारा मुख्य जिला मार्ग क्र. एम.पी.-एम.डी.आर. 26-27, 26-21, 26-22, 26-23, 26-24, 26-25 व 26-26 द्वारा कौन-कौन से मार्गों को मुख्य जिला मार्ग घोषित कर बजट में स्वीकृति प्रदान की गई है? (ख) एम.पी.-एम.डी.आर.26-27 नागदा से गिदगढ़-निनावटखेड़ा-किलोडिया-खुरमुण्डी-झिरमिरा-दिवेल-चंदोडिया-तारोद-मोकड़ी मार्ग की स्वीकृति हेतु शासन क्या कार्यवाही कर रहा है? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा एम.पी.-एम.डी.आर.26-27 नागदा से गिदगढ़, तारोद-मोकड़ी मार्ग 25 कि.मी. मार्ग की स्वीकृति व बजट प्रावधान हेतु दिनांक 01 अप्रैल, 2020 से 05 फरवरी, 2023 तक माननीय मुख्यमंत्री महोदय, मंत्री व प्रमुख सचिव, लोक निर्माण विभाग को कितने पत्र उक्त रोड की स्वीकृति हेतु प्रेषित किए गए हैं? उनका विवरण देते हुए स्वीकृति के संबंध में क्या कार्यवाही की गई है? (घ) क्या शासन घोषित मुख्य जिला मार्ग के निर्माण हेतु कोई कार्य योजना बनाई गई है? यदि हाँ, तो एम.पी.-एम.डी.आर.26-27 नागदा से गिदगढ़, तारोद-मोकड़ी मार्ग को वर्ष 2023-24 के बजट में बजट प्रावधान हेतु क्या कार्यवाही की गई है? (ड.) पत्र क्र. 4782/नागदा दिनांक 03.02.2023 द्वारा बजट वर्ष 2023-24 में क्षेत्र के छोटे महत्वपूर्ण ग्रामीण मार्गों को सम्मिलित करने व माननीय मुख्यमंत्री द्वारा अपने पत्र क्र. 5079/सी.एम.एस./एम.एल.ए./212/2022, दिनांक 30.12.2022 को प्रमुख सचिव, लोक निर्माण विभाग को बजट में सम्मिलित करने हेतु क्या निर्देश प्रदान किए गए हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) किसी भी योजना में सम्मिलित नहीं होने से किसी भी प्रकार की कार्रवाई की जाना संभव नहीं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) कोई विनिर्दिष्ट कार्ययोजना नहीं है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ड.) प्रकरण सी.एम. मॉनिट-ब में पंजीबद्ध करते हुये प्रस्ताव/प्रतिवेदन देने के निर्देश हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '1' अनुसार है।
मधुसूदनगढ़ बस स्टैण्ड निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
22. ( *क्र. 1337 ) श्री लक्ष्मण सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मधुसूदनगढ़ बस स्टैण्ड निर्माण की क्या योजना है? (ख) इसके लिए आवश्यक भूमि अधिग्रहण की क्या स्थिति है? (ग) इस बस स्टैण्ड का निर्माण कब तक पूरा कर लिया जाएगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर परिषद मधुसूदनगढ़ में बस स्टैण्ड निर्माण हेतु विभागीय स्तर से कोई योजना स्वीकृत नहीं है। (ख) कलेक्टर गुना द्वारा प्रकरण 01 'अ' 19/16-17 आदेश दिनांक 03.10.2017 से रकबा 3.126 हेक्टेयर भूमि बस स्टैण्ड हेतु आवंटित की जा चुकी है। (ग) प्रश्नांश 'क' के क्रम में समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
बिजली समस्याओं का निराकरण
[ऊर्जा]
23. ( *क्र. 1515 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले के बड़वारा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत घरेलू व कृषि कार्य हेतु बिजली उपभोक्ताओं की कुल कितनी संख्या है? (ख) जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक बड़वारा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत कुल कितने ट्रांसफार्मर 25 के.व्ही.ए. से 63 के.व्ही.ए., 63 के.व्ही.ए. से 100 के.व्ही.ए., 100 के.व्ही.ए. से 200 के.व्ही.ए., 200 के.व्ही.ए. से 315 के.व्ही.ए. किन-किन योजनाओं के तहत किये गये हैं? योजनाओं के नाम, ट्रांसफार्मर लगने वाली जगह के नाम व कुल ट्रांसफार्मर की संख्या पृथक-पृथक बतलावें। (ग) कृषि उपभोक्ताओं को जो पूर्व में मुख्यमंत्री अनुदान योजना चल रही थी, वह कब तक पुन: चालू हो जायेगी और उसमें विभिन्न श्रेणियों के किन-किन उपभोक्ताओं को कितने हेक्टेयर भूमि तक का लाभांश मिल सकेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) कटनी जिले के बड़वारा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वर्तमान में घरेलू श्रेणी के कुल 40925 एवं कृषि श्रेणी के कुल 15963 विद्युत उपभोक्ता है। (ख) माह जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में प्रश्नाधीन क्षेत्रान्तर्गत म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा 25 के.व्ही.ए. क्षमता से 63 के.व्ही.ए. क्षमता वृद्धि के 14 कार्य, 63 के.व्ही.ए. क्षमता से 100 के.व्ही.ए. क्षमता वृद्धि के 9 कार्य, 100 के.व्ही.ए. क्षमता से 200 के.व्ही.ए. क्षमता वृद्धि के 5 कार्य एवं 200 के.व्ही.ए. से 315 के.व्ही.ए. क्षमता वृद्धि के निरंक, इस प्रकार कुल 28 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि के कार्य राज्य शासन से सामान्य मद (एस.टी.एन. कार्य योजना) के अंतर्गत प्राप्त राशि से संपादित किये गये हैं, जिनकी स्थापना के स्थान सहित प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश में उल्लेखित ''मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पंप कनेक्शन योजना'' को पुन: प्रारंभ किये जाने का कोई प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
मॉडल कॉलेज खण्डवा
[उच्च शिक्षा]
24. ( *क्र. 936 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम जूनापानी में नवनिर्मित मॉडल कॉलेज का लोकार्पण मान. उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा कब किया गया था? (ख) क्या लोकार्पण के बाद लंबी अवधि पश्चात भी इसमें अध्यापन कार्य आरंभ नहीं हो पाया है? शैक्षणिक सत्र कब से आरंभ होगा? (ग) प्रश्नाधीन महाविद्यालय में किन-किन संकाय का अध्ययन कराया जाएगा? क्या इसके लिये शासन से प्राचार्य, प्राध्यापक एवं कार्यालयीन स्टाफ की पदस्थापना की जा चुकी है? यदि हाँ, तो सूची उपलब्ध करायें। (घ) क्या उक्त महाविद्यालय खण्डवा हरसूद मुख्य मार्ग से लगभग 1 कि.मी. से अधिक दूरी पर है, जो पूरी तरह कच्चा मार्ग है, जिस पर वर्षाकाल में छात्र-छात्राओं को आवागमन में परेशानी होगी? यदि हाँ, तो महाविद्यालय पहुँच मार्ग का निर्माण कब तक कराया जायेगा? (ड.) प्रश्नाधीन महाविद्यालय नगरीय क्षेत्र से लगभग 3-4 कि.मी. दूरी पर स्थित है? क्या छात्राओं के आवागमन की सुविधा को देखते हुए महाविद्यालय द्वारा वाहन सुविधा उपलब्ध कराये जाने पर विचार/नवाचार किया जाएगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) लोकार्पण दिनांक 27.09.2021. (ख) विभाग के आदेश दिनांक 23.11.2022 द्वारा महाविद्यालय हेतु पद सृजन की कार्यवाही की जा चुकी है। शैक्षणिक सत्र 2023-24 से अध्यापन कार्य प्रारंभ होगा। (ग) महाविद्यालय में स्नातक स्तर पर कला, विज्ञान, वाणिज्य तथा बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (बी.बी.ए.) संकाय संचालित होंगे। जी नहीं। (घ) जी हाँ। महाविद्यालय के पहुँच मार्ग के निर्माण हेतु प्रस्ताव प्राप्त हुआ है, कार्यवाही प्रचलन में है। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ड.) जी हाँ। वर्तमान में कोई प्रस्ताव नहीं है।
निर्माण कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
25. ( *क्र. 974 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01 फरवरी, 2023 की स्थिति में भितरवार विधानसभा क्षेत्र में किन-किन सड़कों में निर्माण कार्य चल रहे हैं? इनकी दिनांक 01 फरवरी, 2023 की स्थिति में भौतिक तथा वित्तीय स्थिति क्या है? वित्तीय वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 में कहां-कहां नई सड़कें प्रस्तावित हैं? (ख) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में पुरानी डामरीकृत सड़कें जो क्षतिग्रस्त हो गई हैं, उनके उन्नयन की कोई कार्य योजना है? वित्तीय वर्ष 2022-23 अंतर्गत किस मार्ग एवं भवन निर्माण पर अनुबंध किया गया है? अनुबंधित राशि एवं प्रश्न दिनांक तक व्यय की गई राशि की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) विधानसभा भितरवार अंतर्गत विगत 3 वर्षों में निर्मित सड़कों की मरम्मत, विधानसभा क्षेत्र भितरवार अंतर्गत क्षतिग्रस्त पुल-पुलियों के सुधार एवं नवीन पुल-पुलियों के निर्माण के लिये कोई कार्य योजना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो पूर्ण विवरण दें? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' एवं प्रस्तावित सड़कों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ग) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
सड़क
मार्ग का
मरम्मत कार्य
[लोक निर्माण]
1. ( क्र. 15 ) श्री महेश राय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बीना–मालथौंन बाया खिमलासा (स्टेट हाइवे) सड़क मार्ग पूर्णतः क्षतिग्रस्त हो गया है, इसकी मरम्मत का कार्य कब तक किया जायेगा? (ख) बीना–मालथौंन वाया खिमलासा (स्टेट हाइवे) पर क्या टोल केंद्र संचालित है, क्या उनके द्वारा वाहनों से टोल शुल्क लिया जाता है? (ग) यदि हाँ, तो टोल प्रबंधन द्वारा सड़क की मरम्मत क्यों नहीं कराई जा रही है? इस सम्बन्ध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की है? अवगत करायें। यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित अवगत करायें। (घ) प्रश्नांश (क) के अनुसार समयावधि बताने का कष्ट करें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। आंशिक क्षतिग्रस्त, कार्य अप्रैल 2023 तक पूर्ण कर लिया जायेगा। (ख) जी हाँ। जी हाँ। (ग) टोल प्रबंधन के अनुबंध में सड़क का मरम्मत कार्य सम्मिलित नहीं है। विभाग द्वारा टोल प्रबंधन पर कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा सड़क मरम्मत कार्य कराया जा रहा है। (घ) मार्ग की मरम्मत के कार्य की अवधि अनुबंधानुसार 06 माह निर्धारित की गयी है।
रिंग रोड का निर्माण
[लोक निर्माण]
2. ( क्र. 17 ) श्री महेश राय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में शहरों की ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने हेतु रिंग रोड बनाने हेतु शासन ने क्या नियम बनाये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बतायें कि विधानसभा क्षेत्र बीना के बीना शहर की ट्रैफिक व्यवस्था के निराकरण हेतु रिग रोड निर्माण करने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा जनता की मांग के आधार पर शासन से बार-बार मांग की जा रही है? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि बीना शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने हेतु रिंग रोड के निर्माण हेतु बजट सत्र में स्वीकृति दी जा रही है? (घ) प्रश्नांश (ग) के आधार पर बतायें कि कब तक रिंग रोड स्वीकृत कर दिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) कोई विनिर्दिष्ट नियम नहीं। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। (घ) वर्तमान में रिंग रोड का निर्माण किसी भी योजना में सम्मिलित नहीं है।
सेतुबंधन योजना
[लोक निर्माण]
3. ( क्र. 63 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केन्द्रीय शासन की सेतुबंधन योजना के तहत एम.पी.आर.डी.सी. जबलपुर ने रद्दी चौकी से अधारताल थाने से चौराहे को क्रास करते हुए लगभग 1 किमी लम्बा फ्लाई ओवर का निर्माण हेतु कितनी राशि की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डी.पी.आर.) तैयार कर इसे स्वीकृति हेतु कब भेजा है। मूल योजना क्या हैं? इसके लिये केन्द्रीय शासन ने कब कितनी राशि की प्रशासकीय स्वीकृति दी है। इसकी निर्माणाधीन अवधि क्या है। निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ कराया जावेगा? (ख) लोक निर्माण सेतु संभाग जबलपुर ने रद्दी चौकी से घमापुर अम्बेडकर चौराहा तक लगभग 2.5 कि.मी. लम्बा फ्लाई ओवर का निर्माण हेतु कब कितनी राशि की डी.पी.आर. तैयार कर स्वीकृति हेतु कब-कब शासन को भेजा है। इस पर प्रदेश शासन ने कब क्या कार्यवाही की है। इसे स्वीकृति हेतु केन्द्रीय शासन के पास कब क्या प्रस्ताव भेजा है? यदि नहीं, तो क्यों? प्रस्ताव कब से कहां पर किस स्तर पर लम्बित है एवं क्यों? (ग) क्या यह सत्य है कि रद्दी चौकी से घमापुर अम्बेडकर चौराहा हाई कोर्ट, रेल्वे स्टेशन जबलपुर तक यातायात का अत्यधिक दबाब रहता है? यदि हाँ, तो जाम की समस्या से निपटने हेतु रद्दी चौकी से अम्बेडकर चौराहा तक फ्लाई ओवर का निर्माण कराने हेतु शासन इसे केन्द्रीय शासन की सेतुबंधन योजना के तहत स्वीकृति प्रदान कराकर इसका निर्माण कराना सुनिश्चित करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जबलपुर में रद्दी चौकी से अधारताल तक फ्लाई ओवर निर्माण सेतु बंधन योजनान्तर्गत नहीं है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) म.प्र. रोड डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन लि. द्वारा इस फ्लाई ओवर के निर्माण हेतु डी.पी.आर. तैयार नहीं किया गया है एवं शासन को स्वीकृति हेतु नहीं भेजा गया है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। वर्तमान में प्रस्तावित नहीं है।
पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति
[लोक निर्माण]
4. ( क्र. 64 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सत्य है, कि म.प्र.शासन अनुसूचित जाति कल्याण विभाग का पत्र क्र.एफ 12 05/2018/4/25/135 भोपाल दिनांक 23/02/2019 द्वारा सिद्धबाबा लालमाटी जबलपुर में सामुदायिक भवन का निर्माण हेतु राशि 90.73 लाख की स्वीकृति दी गई है जिसका निर्माण कार्य हेतु अतिरिक्त परियोजना संचालक लोक निर्माण विभाग पी.आई.यू. परिक्षेत्र जबलपुर को कार्य एजेंसी बनाया गया है? यदि हाँ, तो इसके लिये कब कार्यादेश जारी किया गया है? (ख) अतिरिक्त परियोजना संचालक पी.आई.यू.जबलपुर का पत्र क्र.एफ/2021/कार्य/सामु.भवन/सिद्धबाबा लालमाटी/ जबलपुर/प्रावक./ ए.पी.डी./35 दिनांक 05/01/2020 द्वारा 167.02 लाख की पुनरक्षित प्रशासकीय स्वीकृति हेतु परियोजना संचालक लोक निर्माण विभाग पी.आई.यू. भोपाल ने कब क्या कार्यवाही की हैं? प्रकरण कब से किस स्तर पर लम्बित है एवं क्यों? (ग) क्या शासन प्रश्नांकित स्वीकृत सामुदायिक भवन का निर्माण हेतु पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान कर निर्माण कार्य कराना सुनिश्चित करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। दिनांक 01.07.2019 को कार्यादेश जारी किया गया। (ख) परियोजना संचालक द्वारा दिनांक 16.02.2021 को पत्र क्र. एफ-50-3/2021/सामु.भवन/ अनु.जाति/कार्य-2/पीडी/110 आयुक्त अनुसूचित जाति विकास विभाग को प्राक्कलन राशि रू. 167.02 लाख का प्रेषित कर पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान करने हेतु लेख किया गया। प्रकरण आयुक्त अनुसूचित जाति विकास विभाग में प्रक्रियाधीन है। कारण बताना संभव नहीं है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार।
शॉपिंग कॉम्प्लेक्स की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
5. ( क्र.
197 ) श्री
ग्यारसी लाल
रावत : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) नगर
पालिका परिषद
सेंधवा
द्वारा विगत 10
वर्षों से आज
तक कितनी
दुकानें
शॉपिंग कॉम्प्लेक्स
का निर्माण
किया गया? उनकी
सूची स्थान, लगात
कब निर्माण की
गई तथा किसे
आवंटित की गई? (ख) निर्मित
दुकानें शॉपिंग
कॉम्प्लेक्स
का आवंटन किसे
किया गया तथा अमानत
राशि कितनी ली
गई तथा किए गए
अनुबंध पत्र
की प्रति भी
उपलब्ध
करावें। (ग) निर्मित
दुकानें
शॉपिंग कॉम्प्लेक्स
का आवंटन किस
आधार पर किया
गया? आवंटन
में क्या
आरक्षण
प्रक्रिया का
पालन किया गया
तथा वर्गवार
आरक्षण का
प्रतिशत
कितना दिया
गया? प्रश्न
दिनांक तक
नगरपालिका
परिषद में कुल
कितनी दुकानें
शॉपिंग कॉम्प्लेक्स
निर्मित है
तथा किसे
आवंटित की गई?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री भूपेन्द्र
सिंह ) : (क) जी
हाँ। जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट ''अ''
अनुसार है। (ख)
जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट ''ब''
अनुसार है। (ग)
म.प्र.
नगर पालिका
अधिनियम 1961 की धारा 109 तथा उक्त
धारा के
अंतर्गत
निर्मित
म.प्र. नगर पालिका
(अचल संपत्ति
अंतरण) नियम 1996 एवं
म.प्र.नगर
पालिका (अचल
संपत्ति का
अंतरण) नियम 2016 के
आधार पर आवंटन
निकाय द्वारा
नियमानुसार किया
गया है। जी
हाँ। निकाय
द्वारा आवंटन
में आरक्षण
प्रक्रिया का
पालन किया गया
है। मध्यप्रदेश
नगर पालिका (अचल
संपत्ति
अंतरण) नियम 1996 एवं 2016 में उल्लेखित
प्रावधान
अनुसार
वर्गवार
आरक्षण प्रतिशत
के आधार पर
दुकानों का
आवंटन किया
गया है। प्रश्न
दिनांक तक
निर्मित
दुकानों कॉम्प्लेक्स
एवं आवंटन की जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है।
ठेकेदार से वसूली
[नगरीय विकास एवं आवास]
6. ( क्र. 198 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका परिषद् सेंधवा के अंतर्गत वर्ष 2015 से लेकर प्रश्न दिनांक तक कितने ठेकेदारों (पशु पंजीयन बाजार, हाट बाजार) से कितनी राशि वसूल की जाना है? (ख) दिनांक 1 अपैल 2015 से प्रश्न दिनांक तक मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा वसूली के संबंध में की गई कार्यवाही की प्रति उपलब्ध करायें? (ग) क्या नगरपालिका द्वारा ठेकेदारों से वसूली की जायेगी और कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद्, सेंधवा, जिला बड़वानी द्वारा पत्र क्रमांक/975/राजस्व/2021, सेंधवा, दिनांक 12.03.2021 द्वारा श्री प्रधान पिता नानला अहिरे, निवासी, ग्राम गवाड़ी एवं पत्र क्रमांक/979/राजस्व/2021, सेंधवा, दिनांक 12.03.2021 द्वारा श्री दिनेश पिता कैलाश निवासी ग्राम वाकी उर्फ गोई तहसील सेंधवा तथा पत्र क्रमांक/977/राजस्व/ 2021, सेंधवा, दिनांक 12.03.2021 द्वारा बकाया राशि वसूली हेतु सूचना पत्र दिया गया है। जिसके फलस्वरूप राशि रूपये 13,51,000/- कि विरूद्ध राशि रूपये 12,75,000/-, राशि रूपये 18,00,800/- के विरूद्ध राशि रूपये 16,75,800/- एवं राशि रूपये 12,11,000/- के विरूद्ध राशि रूपये 8,00,000/- इस प्रकार मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद्, सेंधवा द्वारा प्रभावी कार्यवाही कर उक्त वर्षों (वर्ष 2015-16 से वर्ष 2017-18) में कुल नीलामी राशि रूपये 43,62,800/- के विरूद्ध राशि रूपये 37,50,800/- वसूल की गई है एवं शेष राशि रूपये 6,12,000/- के लिये नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। उक्त सूचना पत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) जी हाँ, नगर पालिका परिषद्, सेंधवा द्वारा वसूली की कार्यवाही प्रचलित है समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जलावर्धन योजनान्तर्गत मेंटीनेंस
[नगरीय विकास एवं आवास]
7. ( क्र. 224 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सबलगढ़ विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत नगरपरिषद सबलगढ़ एवं नगर पंचायत झुण्डपुरा में जलावर्धन योजना अंतर्गत वर्ष 2021-22 से प्रश्न दिनांक तक मेंटीनेंस कार्य हेतु कितनी राशि कब-कब प्राप्त हुई हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्राप्त राशि में से कहाँ-कहाँ, कितनी-कितनी राशि, किस-किस एजेंसी को किस-किस कार्य हेतु व्यय की गई है? कार्य का नाम/संबंधित एजेंसी का नाम/प्रदाय की गई राशि सहित विवरण देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। नगरपालिका परिषद सबलगढ़ एवं नगर परिषद झुण्डपुरा को जल आवर्धन योजना के मेंटीनेंस कार्य हेतु कोई भी राशि प्राप्त नहीं हुई है। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
स्वीकृत मार्गों की जानकारी
[लोक निर्माण]
8. ( क्र. 225 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सबलगढ़ विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से मार्गों की प्रश्नकर्ता द्वारा मांग की गई एवं उनमें से कौन से मार्ग स्वीकृत किये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में स्वीकृत मार्गों की अद्यतन स्थिति क्या हैं? पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या उक्त स्वीकृत मार्गों पर अभी तक कार्य पूरा नहीं किया गया है एवं जो निर्माण कार्य किया गया है वह गुणवत्ताहीन एवं घटिया सामग्री का उपयोग करके किया गया है? यदि हाँ, तो क्यों इसके लिये कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी दोषी हैं? नाम व पद सहित बतावें एवं उक्त निर्माण कार्यों की किसी वरिष्ठ अधिकारियों की समिति बनाकर जांच करवाई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। 04 कार्य प्रगतिरत। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 59-ए एवं 69 का अन्तरण
[लोक निर्माण]
9. ( क्र. 332 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग द्वारा किस दिनांक की अधिसूचना/आदेश से राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को मार्ग क्रमांक 69 एवं मार्ग क्रमांक 59ए के किस किलोमीटर से किस किलोमीटर तक का हिस्सा अन्तरित कर किस-किस दिनांक को प्रभार सौंपा? (ख) लोक निर्माण विभाग के किस संभाग ने प्रभार सौंपे जाने के पूर्व दो वर्षों में किस-किस अनुबंधकर्ता को मार्ग क्रमांक 69 एवं मार्ग क्रमांक 59ए में किन-किन कार्यों के लिए कितनी-कितनी राशि का भुगतान किस-किस दिनांक को किया? (ग) राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा 4 लेन मार्ग निर्माण की कार्यवाही प्रारम्भ किए जाने के बाद भी किस-किस अनुबंधकर्ता को 2 लेन मार्ग से संबंधित कितने-कितने निर्माण की कार्यवाही लोक निर्माण विभाग के किस-किस इंजीनियर के आदेश, निर्देश एवं अनुबंध से करवाई गई? (घ) 4 लेन मार्ग निर्माण का अनुबंध होने के पूर्व एक वर्ष में टू लेन मार्ग के लिए निर्माण करवाए जाने का क्या-क्या कारण रहा? इस पर कितनी-कितनी राशि खर्च की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा 4-लेन मार्ग निर्माण की कार्यवाही प्रारंभ किये जाने के बाद किसी अनुबंधकर्ता से 2-लेन निर्माण कार्य का अनुबंध नहीं कराया गया है, अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा 4-लेन मार्ग निर्माण अनुबंध होने के पूर्व एक वर्ष में 2-लेन मार्ग निर्माण का कार्य नहीं अपितु रख-रखाव के कार्य कराये गये विवरण पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-स अनुसार है।
नर्सिंग होम एवं हॉस्पिटल की फायर एन.ओ.सी.
[नगरीय विकास एवं आवास]
10. ( क्र. 366 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य स्तर पर तकनीकी गड़बड़ी के कारण नर्सिंग होम एवं हॉस्पिटल की फायर एन.ओ.सी. गत दो माह से जारी नहीं हो रही है? (ख) नर्सिंग होम एवं हॉस्पिटल की फायर एन.ओ.सी. के कितने प्रकरण लंबित हैं? उनमें से कितने प्रकरणों को कलेक्टर द्वारा स्वीकृति प्रदान किए जाने के बाद भी फायर एन.ओ.सी. जारी नहीं की गई? जिलेवार बतावें। (ग) फायर एन.ओ.सी. की ऑनलाईन प्रक्रिया में क्या-क्या तकनीकी गड़बड़ी के कारण एन.ओ.सी. जारी नहीं हो पा रही हैं गड़बड़ी को दूर किए जाने के संबंध में क्या-क्या कदम उठाए गए हैं। (घ) कब तक गड़बड़ी दूर की जाकर फायर एन.ओ.सी. जारी की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं, अपितु ई-नगरपालिका पोर्टल में पूर्व से एनओसी हेतु निर्धारित प्रपत्रों में संशोधन किये जाने के कारण नवीन एनओसी हेतु आवेदन कुछ समय तक अपलोड नहीं किये जा सके। विगत 02 माह में 14 फायर एनओसी भी जारी की गई हैं। (ख) वर्तमान में नर्सिंग होम/हॉस्पिटल के 64 आवेदन विभिन्न स्तर पर लंबित हैं। कलेक्टर द्वारा स्वीकृति के पश्चात कोई भी आवेदन लंबित नहीं है। जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
देवारण्य योजना में आवंटित राशि
[आयुष]
11. ( क्र. 393 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश सरकार द्वारा जनजातीय वर्ग के कृषकों को आर्थिक लाभ पहुँचाने के उद्देश्य से देवारण्य योजना प्रारंभ की गई? यदि हाँ, तो कब से? योजना का दिनांक एवं परिपत्र की प्रति संलग्न करें। (ख) उक्त योजना के प्रारंभ होने के दिनांक से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में योजना के लिए किस-किस वर्ष में कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई है? (ग) उक्त योजना से किस-किस जिले के जनजातीय वर्ग के कितने-कितने कुल कृषक लाभान्वित हुए हैं एवं इन पर कुल कितनी राशि व्यय हुई है?
राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जी हाँ। अप्रैल 2022 से योजना प्रारंभ की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) यह योजना अभिसरण आधारित योजना है। अतः इस योजना का क्रियान्वयन विभागों द्वारा पूर्व से संचालित योजना के माध्यम से किया जाना प्रस्तावित है। (ग) उत्तरांश ''ख'' के सदंर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बरघाट एवं कुरई में महाविद्यालय की स्वीकृति
[उच्च शिक्षा]
12. ( क्र. 421 ) श्री अर्जुन सिंह काकोडि़या : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सिवनी अंतर्गत विकासखण्ड बरघाट एवं कुरई में महाविद्यालय संचालित हैं बरघाट मुख्यालय में महाविद्यालय का भवन हैं परंतु इसका संचालन जनभागीदारी के तहत हो रहा है विद्यार्थियों को सुविधायें प्रदान किये जाने हेतु इस महाविद्यालय को पूर्णत: शासकीय किया जाना अत्यंत आवश्यक हैं। बरघाट महाविद्यालय को पूर्णरूप से शासकीय कब तक किया जायेगा? क्या इस दिशा में प्रयास किये गये हैं? (ख) विकासखण्ड कुरई एक आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र हैं, कुरई मुख्यालय में शासकीय महाविद्यालय खोले जाने हेतु वर्ष 2016 में घोषणा की गयी थी तथा 2018 से प्रारंभ किया गया है, परन्तु महाविद्यालय भवन का आज भी निर्माण नहीं हुआ है। जिला प्रशासन द्वारा जमीन उपलब्धता की कार्यवाही पूर्ण की गई है परन्तु शासन स्तर पर स्वीकृति प्राप्त होना शेष हैं। कुरई महाविद्यालय के भवन निर्माण हेतु स्वीकृति की कार्यवाही कब तक पूर्ण कर ली जायेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। जिला सिवनी अंतर्गत विकासखण्ड बरघाट एवं कुरई में शासकीय महाविद्यालय संचालित हैं। शासकीय महाविद्यालय बरघाट स्वयं के शासकीय भवन में नियमानुसार शासन द्वारा संचालित है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। जिला सिवनी अंतर्गत विकासखण्ड कुरई में वर्ष 2018 से शासकीय महाविद्यालय संचालित है। महाविद्यालय के नवीन भवन निर्माण हेतु भूमि आवंटन की कार्यवाही प्रचलन में है। भूमि आवंटन के पश्चात भवन निर्माण संबंधी कार्यवाही बजट की उपलब्धता अनुसार की जाएगी। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
प्रधानमंत्री आवास योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
13. ( क्र.
424 ) श्री
अर्जुन सिंह
काकोडि़या : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) वर्तमान
में
प्रधानमंत्री
आवास निर्माण
हेतु
हितग्राहियों
को ग्रामीण
एवं शहरी
क्षेत्रों
में कितनी
राशि स्वीकृत
की जा रही है? (ख) प्रधानमंत्री
आवास निर्माण
योजना में
ग्रामीण एवं
शहरी
क्षेत्रों
में राशि स्वीकृति
का क्या
मापदण्ड है
और इसका
निर्धारण कब
किया गया था? (ग) वर्तमान
में अत्यधिक
महंगाई होने
पर क्या इस
योजना की राशि
से ग्रामीण
एवं शहरी क्षेत्रों
में
हितग्राहियों
के मकान का
निर्माण
कार्य पूर्ण
रूप से होना
संभव है? यदि नहीं, तो इस
योजना की राशि
में वृद्धि
किया जाना चाहिए
या नहीं? यदि हाँ, तो
पी.एम. आवास
योजना की राशि
में वृद्धि
किये जाने
हेतु क्या
प्रयास किये
जा रहे है और
कब तक इस
योजना की राशि
में वृद्धि की
जायेगी?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री
भूपेन्द्र
सिंह ) : (क) प्रधानमंत्री
आवास योजना (ग्रामीण)
अंतर्गत
हितग्राही को
राशि रूपये 1.20/1.30 लाख
प्रति आवास
पंचायत एवं
ग्रामीण
विकास विभाग
द्वारा स्वीकृत
की जा रही है। प्रधानमंत्री
आवास योजना (शहरी)
अंतर्गत
हितग्राही को
राशि रूपये 2.50 लाख
प्रति आवास स्वीकृत
की जाती है। (ख) प्रधानमंत्री
आवास योजना (ग्रामीण)
अंतर्गत इकाई
सहायता वर्ष 2016 में
निर्धारित की
गई थी। प्रधानमंत्री
आवास योजना (शहरी)
अंतर्गत ऐसे
गरीब आवासहीन
परिवार जिनकी
वार्षिक आय
राशि रूपये 3.00 लाख से
कम हो योजना
का लाभ प्राप्त
कर सकते हैं। विस्तृत
दिशा-निर्देश पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट अनुसार है।
(ग) प्रधानमंत्री
आवास योजना (ग्रामीण
व शहरी) केन्द्र
प्रवर्तित
योजना है। अत:
इकाई लागत में
वृद्धि करने
का प्रावधान
नहीं है।
बिजली कंपनियों को सब्सिडी का भुगतान
[ऊर्जा]
14. ( क्र. 450 ) श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति (एन. पी.) : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक तक राज्य शासन पर बिजली कम्पनियों का सब्सिडी का कुल कितना बकाया हैं? (ख) क्या राज्य सरकार द्वारा बिजली कम्पनियों के बकाया भुगतान में विलम्ब के कारण कम्पनियों के बिजली के दाम बढ़ाये गये हैं? (ग) यदि हाँ, तो राज्य सरकार द्वारा बिजली कम्पनियों के बकाया भुगतान में विलंब के कारण उपभोक्ताओं को प्रश्न दिनांक तक कितना भार वहन करना पड़ा है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) राज्य शासन पर विद्युत वितरण कंपनियों का अद्यतन स्थिति में कुल सब्सिडी रूपये 9354.18 करोड़ बकाया है। (ख) जी नहीं, राज्य में टैरिफ का निर्धारण म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा किया जाता है, विद्युत टैरिफ निर्धारण में सब्सिडी का कोई घटक सम्मिलित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में लागू नहीं।
मेडिकल कॉलेज छतरपुर के निर्माण की स्थिति
[लोक निर्माण]
15. ( क्र. 507 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मेडिकल कॉलेज छतरपुर के निर्माण की अद्यतन स्थिति से अवगत करावें। (ख) मेडिकल कॉलेज छतरपुर निर्माण हेतु बार-बार आ रही कानूनी अड़चनों को दूर करने हेतु क्या कदम उठाया गया है? कानूनी एवं अन्य मुद्दे को हल करने हेतु शासन द्वारा विशेष कमेटी के गठन पर क्या विचार किया जावेगा? ताकि निर्माण हेतु भविष्य में कोई अड़चन उत्पन्न न हो।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मेडिकल कॉलेज छतरपुर का निर्माण कार्य निविदा स्वीकृति दिनांक 29.12.2021 के उपरांत कार्य प्रारंभ कर दिया गया था। बाउंड्रीवाल के गड्ढों की खुदायी का कार्य प्रगतिरत था। पूर्व में श्री बहादुर सिंह द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका क्रमांक 3076/2018 दायर की गई जिस पर माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा स्थगन दिया गया। माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा उक्त स्थगन पर दिनांक 02.12.2019 को श्री बहादुर सिंह जी की याचिका को निरस्त कर दिया है एवं पुनः ओम प्रकाश अहिरवार निवासी गोरगॉय द्वारा स्थगन उच्च न्यायालय जबलपुर में लगाया गया एवं उच्च न्यायालय जबलपुर के आदेश क्रमांक एम.पी.एन. 0856/2022 दिनांक 04.08.2022 का आदेश पारित किया है कि मौके पर यथास्थिति आगामी तारीख की सुनवाई तक बनाये रखें। दिनांक 13.02.2023 को माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के द्वारा श्री ओम प्रकाश अहिरवार द्वारा लगाई गई याचिका क्रमांक एम.पी.एन. 0856/2022 दिनांक 13/12/2023 को अमान्य कर दिया गया है। याचिका अमान्य होने से भूमि पर लगा स्टे समाप्त हो चुका है अतिशीघ्र पुनः कार्य प्रारंभ करने की कार्यवाही की जा रही है। (ख) वर्तमान में कानूनी अड़चन समाप्त हो गई है। भविष्य की जानकारी दिया जाना संभव नहीं है।
अवैध कॉलोनियों पर की गई कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
16. ( क्र. 543 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कॉलोनी सेल द्वारा रतलाम में वर्ष 2020-21 से जनवरी 2023 तक किन-किन वैध तथा अवैध कॉलोनियों की जांच की गई? उसकी सूची कालोनाइजर के नाम, पता, सर्वे नंबर, रकवा, गांव का नाम, सहित देवें। उन्हें किस-किस धारा में नोटिस दिया गया उसकी प्रति देवें। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में किन-किन कॉलोनियों को अवैध घोषित करने के बाद पंजीयन विभाग, नगर निगम ग्राम पंचायत, नगर व ग्राम निवेश विभाग को इन सर्वे नंबर से जुड़ी कॉलोनियों में कोई मंजूरी नहीं देने तथा पूर्व में जारी की गई मंजूरी को निरस्त करने के आदेश जारी किए हैं। समस्त आदेशों की प्रति देवें। (ग) 31 जनवरी, 2023 की स्थिति में किन-किन कॉलोनियों में खरीदी व बिक्री पर रोक लगी हुई है? उसके क्या कारण है? कॉलोनियों की सूची तथा जारी किए गए आदेश की प्रति देवें। (घ) कॉलोनी सेल में प्रश्नाधीन अवधि में प्राप्त शिकायतों की सूची, शिकायतकर्ता का नाम, पता, किस कॉलोनी की शिकायत की गई, उसके खसरा नंबर, गांव सहित देवें तथा बतावें कि किस-किस शिकायत पर कार्रवाई की गई है तथा कितनी पर कार्यवाही होना शेष है? (ड.) अवैध कॉलोनी के निर्माण को लेकर प्रश्नाधीन अवधि में कितने अधिकारियों कर्मचारियों पर कार्यवाही की गई? उनके नाम, पद तथा की गई कार्यवाही सहित जानकारी देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) वैध कॉलोनियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' एवं अवैध कॉलोनियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ग) कॉलोनियों में खरीदी व बिक्री पर रोक लगाने के लिए नियम में कोई प्रावधान न होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) एवं (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है।
स्मार्ट सिटी के कार्यों की गुणवत्ता
[नगरीय विकास एवं आवास]
17. ( क्र. 577 ) श्री हर्ष यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर नगर को स्मार्ट सिटी योजना में शामिल दिनांक से शहर विकास हेतु कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत एवं पूर्ण कराए गए हैं एवं वर्तमान में कितने कार्य प्रगतिरत है? विस्तृत विवरण देवें एवं कार्य एजेंसी का भी उल्लेख करें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्यों की गुणवत्ता एक उपयोगिता के संबंध में दैनिक समाचार पत्रों एवं विभिन्न संगठनों के माध्यम से शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कारण सहित बतावें? (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित तथ्यों के आधार पर क्या उक्त कार्यों की व्यापक जाँच राज्य स्तरीय दल गठित कर कराई जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यो? (घ) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत कौन-कौन से कार्य कब से अपूर्ण हैं एवं निर्माणधीन व अप्रारंभ हैं? इस पर कितनी राशि व्यय हुई है? क्या शासन निर्माण कार्य में की गई वित्तीय अनियमितता, राशि का दुरुपयोग व घटिया निर्माण कार्य की जाँच कराकर दोषी एजेंसी एवं अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) स्मार्ट सिटी योजनान्तर्गत सागर नगर में स्वीकृत होकर पूर्ण कराये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है एवं वर्तमान में प्रगतिरत कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ख) समय-समय पर दैनिक समाचार पत्रों एवं विभिन्न संगठनों के माध्यम से प्राप्त शिकायतों के निराकरण हेतु समुचित कार्यवाही की गई है। प्रश्न दिनांक तक प्राप्त शिकायतें एवं की गई कार्यवाही का विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। उपरोक्त के अतिरिक्त कार्य पूर्ण होने के पश्चात यदि कोई मरम्मत कार्य की आवश्यकता होती है या निर्माण कार्य में टूट-फूट होती है तो ओ एंड एम अवधि में निर्माण एजेंसी से कार्य पूर्ण कराया जाता है। (ग) प्रश्नांश (ख) के क्रम में प्राप्त शिकायतों पर समुचित कार्यवाही होने से व्यापक जांच हेतु दल गठित करने का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (क) के क्रम में स्वीकृत होकर अपूर्ण एवं निर्माणाधीन कार्यों व व्यय की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार है। समस्त स्वीकृत निर्माण कार्य निर्धारित मापदण्ड एवं अनुबंध के प्रावधान अनुसार पूर्ण कराये गये है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सड़कों के निर्माण कार्य की जानकारी
[लोक निर्माण]
18. ( क्र. 666 ) श्री संजय शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा कितनी सड़कों का निर्माण कहाँ से कहाँ तक किया गया? ग्रामवार जानकारी प्रदान करें एवं वर्तमान में इनकी क्या स्थिति है? सड़कवार स्थिति की जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार, वर्तमान में जिन-जिन सड़कों की समय-सीमा समाप्त हो चुकी है एवं जर्जर हो चुकी हैं, उनके पुनर्निर्माण के लिये विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? इनका पुनर्निर्माण कब तक हो जायेगा? (ग) वर्तमान में तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र में कौन-कौन सी सड़कें निर्माण हेतु प्रस्तावित हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) वर्तमान में निर्माण हेतु प्रस्तावित (निर्माणाधीन, निविदा स्तर) सड़कों की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-ब अनुसार है एवं म.प्र. सड़क विकास निगम अंतर्गत सहजपुर तेंदूखेड़ा मार्ग निर्माण हेतु प्रस्तावित है।
बिजली सामग्री के अभाव में मेंटेनेंस कार्य न होना
[ऊर्जा]
19. ( क्र. 704 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले के भण्डार कक्ष (स्टोर) में बिजली सामग्री यथा एल.टी.केवल (तार), खंबे एवं अन्य सामग्री की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता नहीं होने के कारण ही कोलारस विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में बिजली सुधार के काम बाधित हो रहे हैं? जिससे अनेक ग्रामों में बार-बार सुधार किए जाने संबंधी शिकायतें लगातार बढ़ रही हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सामग्री के अभाव में ही क्षेत्र के ऐसे अनेकों स्थान पर 11 केव्ही लाइन झुककर नीचे आ गई हैं,वहां भी ऊंचाई बढ़ाने हेतु नए खंबे नहीं लग पा रहे? जिससे उक्त स्थानों पर दुर्घटना होने की प्रवल संभावना बनी हुई है? इसी प्रकार झुककर टेढ़े हुए खंबों के स्थान पर नवीन खंबे नहीं लगाए जा रहे? सकारण उत्तर दें? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सामग्री के अभाव में ही पुराने ओवरलोड हुए ट्रांसफार्मरों के स्थान पर नए ट्रांसफार्मर की स्थापना नहीं की जा रही और न ही पुराने ट्रॉसफार्मरों की मरम्मत करायी जा रही? सामग्री के अभाव में ही पुराने 11 केव्ही लाईनों के तार आदि नहीं बदले जा रहे, जिसके फलस्वरूप विद्युत भार बढ़ने से बार-बार फाल्ट होन एवं ट्रॉसफार्मर के खराब होने की समस्याएं बनी हुई है? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) तक उल्लेखित समस्या के निराकरण हेतु कब तक वितरण केन्द्रवार समस्याओं को सूचीबद्ध कर सुधार कार्य हेतु सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी? जिससे कोलारस विधानसभा क्षेत्र में विद्युत की अबाधित एवं निरंतर आपूर्ति हो सकेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं, म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रांतर्गत शिवपुरी जिले के लिये पृथक से कोई भण्डार गृह/कक्ष (स्टोर) नहीं है, अपितु आवश्यकतानुसार स्वीकृत प्राक्कलनों के तहत प्रावधानित विद्युत सामग्री यथा एल.टी. केबिल (तार), खम्बे एवं अन्य सामग्री का, ग्वालियर क्षेत्रांतर्गत क्रियाशील क्षेत्रीय भण्डार ग्वालियर एवं गुना से आहरण कर उपयोग किया जाता है। कोलारस विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में भी उपरोक्तानुसार वर्णित प्रक्रिया के तहत आवश्यकता होने पर स्वीकृत प्राक्कलन अनुसार क्षेत्रीय भण्डारों से सामग्री का आहरण कर नियमानुसार संधारण कार्यों का क्रियान्वयन किया जा रहा है तथा सामग्री के अभाव में कोई भी कार्य विलम्बित अथवा बाधित नहीं हुआ है। वर्तमान वर्ष में दिनांक 01 जनवरी 2023 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में कोलारस विधानसभा क्षेत्रांतर्गत विद्युत प्रदाय से संबंधित कुल 08 शिकायतें प्राप्त हुई हैं एवं इन समस्त शिकायतों को निराकृत कर दिया गया है एवं कोई भी शिकायत वर्तमान में लंबित नहीं है। (ख) जी नहीं। म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विद्युत लाईनों/विद्युत पोलों को व्यवस्थित करने सहित समस्त स्थापित विद्युत अधोसंरचना के रख-रखाव का कार्य मानसून पूर्व एवं मानसून अवधि के पश्चात् करने के अलावा विद्युत व्यवधानों/दुर्घटनाओं को कम करने के उद्देश्य से पूरे वर्ष सतत् रूप से किया जा रहा है। वर्तमान में वित्तीय वर्ष 2022-23 में कोलारस विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विभिन्न स्थानों पर क्षतिग्रस्त एवं निर्धारित मानक अनुसार लाईन क्लीयरेंस हेतु 475 पोलों का प्रावधान करते हुए लगभग 100 कि.मी. उच्च दाब लाईनों के संधारण कार्य हेतु कुल 14 प्राक्कलन एवं निम्नदाब लाईन की केबल बदलने हेतु 02 प्राक्कलन स्वीकृत किये गये है। इस प्रकार स्वीकृत कुल 16 प्राक्कलनों में से 04 प्राक्कलनों से संबंधित कार्यों को पूर्ण किया जा चुका है एवं शेष 12 स्वीकृत प्राक्कलनों के कार्य प्रगति पर है। (ग) जी नहीं। कोलारस विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वर्तमान वित्तीय वर्ष में तकनीकी साध्यता के आधार पर अतिभारित 37 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि के कार्य स्वीकृत किये गए हैं। उक्त स्वीकृत कार्यों में से 24 कार्य पूर्ण हो गये हैं एवं शेष 13 कार्य प्रगति पर हैं। उत्तरांश (ख) में उल्लेखित प्रक्रिया अनुसार म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विद्यमान विद्युत अधोसंरचना का नियमित संधारण कार्य कराया जाता है एवं विद्यमान विद्युत अधोसंरचना पर प्रतिवर्ष भार की स्थितियों का आंकलन कर प्रणाली सुदृढ़ीकरण एवं अन्य योजनाओं के तहत क्षमतावृद्धि तथा अतिरिक्त विद्युत अधोसंरचना स्थापना के कार्य स्वीकृत कर क्रियान्वित किये जाते हैं। उक्त परिप्रेक्ष्य में कोलारस विधानसभा क्षेत्रांतर्गत प्रणाली सुदृढ़ीकरण योजनांतर्गत वर्ष 2022-23 में तकनीकी साध्यता उपरांत 02 नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र क्रमश: अगरा एवं भेडोन में स्वीकृत किये गए हैं, जिनके कार्य प्रगति पर हैं। इसी प्रकार केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना अंतर्गत नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र गोराटीला तथा विद्यमान 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र रामगढ़ पर अतिरिक्त पावर ट्रांसफार्मर स्थापना का कार्य स्वीकृत किया जा चुका है एवं उक्त कार्यों हेतु कार्यादेश जारी किए जा चुके हैं। प्रश्नाधीन क्षेत्रांतर्गत आर.डी.एस.एस. योजना में विभिन्न उच्चदाब फीडरों अंतर्गत 47 लोकेशनों के कण्डक्टरों की क्षमतावृद्धि के कार्य भी प्रस्तावित कर स्वीकृत किये जा चुके है जिनसे संबद्ध लगभग 364 ग्राम लाभान्वित होंगे। (घ) उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) में उल्लेखानुसार की गई/जा रही कार्यवाही के परिप्रेक्ष्य में अन्य कोई कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है। वर्तमान में प्रश्नाधीन क्षेत्र में सुचारू रूप से विद्युत प्रदान किया जा रहा है।
पुल निर्माण हेतु प्रशासकीय स्वीकृति
[लोक निर्माण]
20. ( क्र. 718 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह के हटा विकासखण्ड अंतर्गत मडियादौं-वर्धा मार्ग पर 03 पुल निर्माण व मडियादौं-रजपुरा मार्ग पर मडियादौं के पास पुल निर्माण हेतु शासन द्वारा कब प्रशासकीय स्वीकृति प्रदाय की गई थी? प्रशासकीय स्वीकृति की छायाप्रति उपलब्ध करायें। (ख) ब्रिज कार्पोरेशन/ पी.आई.यू. द्वारा उक्त पुल जो अधूरे पड़े है। कब तक पूर्ण कराये जायेंगे? समय-सीमा समाप्त होने के बावजूद आज दिनांक तक पूर्ण क्यों नहीं किये? जवाब दरों पर क्यों कार्यवाही नहीं हुई? क्या कार्यवाही होगी यदि हाँ, तो कब तक कार्यवाही होगी।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है।
निर्माण कार्यों को पूर्ण करने की समय-सीमा
[नगरीय विकास एवं आवास]
21. ( क्र. 795 ) श्री राकेश मावई : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका निगम मुरैना में विधान सभा मुरैना क्षेत्र अंतर्गत आने वाले शहरी क्षेत्र में वर्ष 2021-22 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से निर्माण कार्यों की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति जारी की गई? उनमें से कौन-कौन से निर्माण कार्य अधूरे अथवा प्रारंभ ही नहीं किए गए है तथा उनका मूल्यांकन कितना किस आयटम का किसके द्वारा कब-कब किया गया? तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृतियों सहित सम्पूर्ण जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार निर्माण कार्यों को पूर्ण करने की कोई समय-सीमा निर्धारित है? यदि हाँ, तो किस कार्य की कब तक? निर्माण कार्य समय-सीमा में पूर्ण न होने अथवा प्रारंभ न करने का कारण क्या है? (ग) क्या नगर निगम मुरैना द्वारा प्रश्नकर्ता सदस्य को प्रश्नांश (क) अनुसार किए जा रहे निर्माण कार्यों की अद्यतन जानकारी उपलब्ध करायी गयी? यदि हाँ, तो कब-कब? यदि नहीं, तो अद्यतन स्थिति की जानकारी न देने का कारण क्या है? (घ) क्या मुरैना शहरी क्षेत्र के अंतर्गत मुरैना विधान सभा में आने वाले क्षेत्र की नवीन बस्तियों/वार्डों में पीने के पानी की लाइन, सड़कें, नाली, हैण्डपम्प आदि की सुविधा नहीं है? यदि हाँ, तो नवीन वार्डों की बस्तियों में ये सभी सुविधाएं कब तक उपलब्ध करा दी जाएगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं, विधान सभा मुरैना क्षेत्रान्तर्गत नगरीय क्षेत्र मुरैना में 1 अप्रैल 2021 से प्रश्न दिनांक तक कराये गये निर्माण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" अनुसार है, मूल्यांकन संबंधी आईटमवार देयकों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "ब" अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" अनुसार है। (ग) माननीय सदस्य को निगम के पत्र दिनांक 17.02.2023 से जानकारी उपलब्ध कराई गई है। (घ) जी नहीं, विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत मुरैना की नवीन बस्तियों/वार्डों में सड़कें, हैण्डपम्प आदि की सुविधा उपलब्ध है। सभी नवीन बस्तियों में आवश्यकता एवं मांग अनुसार आवश्यक अधोसंरचना कार्य कराये जा रहे है। चम्बल पेयजल योजनान्तर्गत सभी क्षेत्रों में नवीन पाइप-लाइन डाले जाने का कार्य प्रगतिरत है।
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) का प्रावधान
[नगरीय विकास एवं आवास]
22. ( क्र. 813 ) श्री रामपाल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) वर्ष 2022 में सबके लिए आवास का प्रावधान है? यदि हाँ, तो रायसेन जिले की नगर पालिका तथा नगर परिषदों में कितन परिवार आवास से वंचित है? निकायवार संख्या बतायें। (ख) दिनांक 1 जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत आवास स्वीकृति हेतु कितने आवेदन पत्र प्राप्त हुये? उनमें से कितने आवास स्वीकृत किये तथा कितने आवास किश्त न मिलने के कारण अपूर्ण है? किश्त का भुगतान कब तक होगा। (ग) किन-किन के आवेदन पत्र क्यों निरस्त किये गये? संबंधित आवेदनकर्ता को कारण सहित सूचना क्यों नहीं दी गई तथा नैसर्गिक न्याय के तहत संबंधित को अपना पक्ष रखने का मौका क्यों नहीं दिया गया। (घ) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में आवास स्वीकृति की प्रक्रिया में एस.डी.एम, तहसीलदार, सी.एम.ओ. नगर परिषद तथा पटवारी की क्या भूमिका है? पटवारी जांच में अपात्र किस नियम से लिखते हैं नियम की प्रति दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। पात्र पाये गये समस्त आवेदकों को लाभ दिया गया है। आवास स्वीकृति हेतु हितग्राहियों के द्वारा प्रदत्त आवेदन जिनको कि, योजना का लाभ नहीं मिला है, की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। (घ) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अन्तर्गत हितग्राही की पात्रता तथा चयन हेतु विभाग के द्वारा जारी निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''द'' अनुसार है। निर्देशों के अनुसार पात्र हितग्राहियों की सूची का अनुमोदन कलेक्टर के द्वारा किया जाने का प्रावधान है। तदानुसार सूची के अनुमोदन हेतु परीक्षण इत्यादि की कार्यवाही जिला कलेक्टर द्वारा निर्धारित की जाती है।
बिजली क्रय करने का अनुबंध
[ऊर्जा]
23. ( क्र. 849 ) श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति (एन. पी.) : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश सरकार के अधीन विद्युत वितरण कंपनी के द्वारा किन-किन निजी कंपनियों से बिजली क्रय करने का अनुबंध किया गया है? ये अनुबंध कितनी-कितनी अवधि के लिये किये गये है? (ख) अनुबंध के तहत विगत 3 वर्षों में विद्युत वितरण कंपनी ने कितनी-कितनी बिजली किन-किन दरों से इन कंपनियों से क्रय की? क्या अनुबंध के तहत बिना क्रय किये भी प्रदायकर्ता कंपनियों को भुगतान किया गया? (ग) अनुबंध में बिना क्रय किये प्रदायकर्ता को भुगतान करने का प्रावधान किस स्थिति में एवं क्यों रखा गया? (घ) बिना विद्युत क्रय के भुगतान करने संबंधी प्रावधान अनुबंध में रखने के लिए कौन दोषी है एवं दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रदेश की तीनों वितरण कंपनियों के लिये विद्युत क्रय हेतु अधिकृत एम.पी.पॉवर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा विभिन्न निजी कंपनियों से बिजली क्रय अनुबंध तथा अवधि संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–अ, अ-1, अ-2 एवं अ-3 अनुसार है। (ख) अनुबंध के अंतर्गत विगत 3 वर्षों में क्रय की गई विद्युत तथा दर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र– ब, ब-1, ब-2 एवं ब-3 अनुसार है। जी हां, अनुबंध के तहत प्रदायकर्ता कंपनियों को बिना विद्युत क्रय किये स्थाई चार्जेस (Fixed Charges) का भुगतान किया गया है। (ग) राज्य के विकास, ऊर्जा सुरक्षा एवं लंबी अवधि के लिये सतत् बिजली प्रदाय के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये भविष्य की विद्युत की आवश्यकता का आंकलन करते हुये दीर्घावधि विद्युत क्रय अनुबंध किये जाना आवश्यक होता है। विद्युत क्रय अनुबंधों के प्रावधान के अनुसार टू पार्ट टेरिफ अर्थात फिक्सड एवं वेरियेबल चार्जेस का भुगतान उत्पादक को किया जाना होता है। उपभोक्ताओं हेतु विद्युत की उपलब्धता आंकलन के आधार पर सुनिश्चित की जाती है, तथापि भविष्य की आंकलित विद्युत की उपलब्धता एवं मांग में अंतर होना स्वभाविक है। विद्युत की मांग प्रत्येक दिन, माह एवं सीजन के आधार पर बदलती (कम/ज्यादा) रहती है। यह प्रयास किया जाता है कि अतिशेष विद्युत का विक्रय उच्च दर प्राप्त होने पर एक्सचेंज के माध्यम से किया जाये, तथापि कतिपय अवसरों पर विद्युत उपलब्धता, विद्युत की मांग से अधिक होने पर अनुबंधित विद्युत का क्रय नहीं किए जाने पर क्रय अनुबंधों के अनुरूप फिक्सड चार्जेस का भुगतान उत्पादकों को आवश्यक होता है। मांग एवं उपलब्धता के अनुरूप सस्ते से मंहगें के क्रम में बढ़ते हुये नियामक आयोग द्वारा प्रतिपादित सिद्धांतों के अनुसार विद्युत गृहों से मेरिट आर्डर डिस्पैच के आधार पर बिजली शेड्यूल की जाती है, ताकि सस्ती विद्युत ही क्रय की जाए। इस स्थिति में अनुबंध से कम विद्युत क्रय की स्थिति में बिना खरीदे भी अनुबंध के अनुसार भुगतान किया जाना आवश्यक होता है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही का प्रश्न नहीं उठता है।
अवैध निर्माण के विरूद्ध कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
24. ( क्र. 860 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले की नगर पंचायत सेमरिया में रीवा बीडा रोड में तत्पर पेट्रोल पंप के पास रमचन्दी में भू-माफियाओं द्वारा शासकीय पोखरी के अस्तित्व को कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर समाप्त कर बहुमंजिला व्यावसायिक इमारत का निर्माण नियमों को दरकिनार कर कराया गया है? उक्त भवन निर्माण में न ही भवन अनुज्ञा ली गई एवं न ही एफ.ए.आर. का पालन किया गया है? क्या सरकार इस अति महत्व के मामले में संज्ञान लेकर दोषी भू-माफियाओं के विरूद्ध कार्यवाही करेगी? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में यदि उत्तर जी हाँ तो उक्त कार्यवाही कब तक की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। आवेदक द्वारा प्रस्तुत भूमि संबंधी दस्तावेजों में तालाब (पोखरी) दर्ज नहीं है। प्रस्तुत दस्तावेजों के आधार पर कार्यालयीन पत्र कमांक 1635/न.परि./भ.अनु./2021 सेमरिया दिनांक 24/12/21 द्वारा भवन अनुज्ञा प्रदान की गई है। निर्माण कार्य पूर्ण पश्चात एफ.ए.आर की गणना की जाकर कार्यवाही की जावेगी। शासन के पत्र क्रमांक एफ 11-142/2021/18-1 दिनांक 18/01/2022 द्वारा गठित जांच समिति द्वारा मौके पर जांच की जाकर जांच प्रतिवेदन दिनांक 24-1-2022 को प्रस्तुत किया गया जिसके अनुसार प्रश्नाधीन भवन का ग्राउंड कवरेज 40% के विरुद्ध 29.30% अनुज्ञा दी गई थी किंतु भवन के विरुद्ध 33.01% भूतल पर निर्माण पाया गया है तथापि यह अनुमति योग्य सीमा 40% से कम है। अतिरिक्त निर्माण पर आवेदक द्वारा प्रशमन शुल्क जमा किया गया है। उक्त के अतिरिक्त प्रश्नाधीन भवन निर्माण में जांच प्रतिवेदन अनुसार कोई कमियां नहीं पाई गई है अतः दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बायपास निर्माण की जानकारी
[लोक निर्माण]
25. ( क्र. 931 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले में ब्यावरा नगर सबसे बड़ा नगर व व्यवसाय केंद्र है? यदि हाँ, तो क्या शहर में अंदर आवागमन व ट्रैफिक अधिक रहता है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार शासन द्वारा आवागमन व ट्रैफिक नियंत्रण करने हेतु शासन के पास कोई कार्य योजना है? यदि है तो बतावें। (ग) क्या शहर के मध्य बस स्टैंड है जहां पर चारों ओर से कई छोटे व बड़े वाहन आते हैं जो शहर के आवागमन व ट्रैफिक को बाधित कर रहे हैं? यदि हाँ, तो उसके लिए शासन स्तर पर क्या व्यवस्था की गई है? (घ) क्या भविष्य में गुना रोड एन एच 52 से सुठालिया रोड के लिए बाईपास हेतु कोई प्रावधान या कार्ययोजना तैयार की गई है? यदि हाँ, तो उस पर शासन कब तक कार्य करेगा जिससे यातायात ट्रैफिक व्यवस्था बेहतर हो सके?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) ट्रैफिक नियंत्रण का कार्य विभाग के द्वारा संचालित नहीं किया जाता है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ, प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार। (घ) जी हाँ, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की वर्ष 2022-23 की कार्ययोजना में सम्मिलित। भारत सरकार से आवश्यक स्वीकृति प्राप्त होने के उपरांत बायपास का कार्य किया जा सकेगा।
सिवनी जिले के निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
26. ( क्र. 942 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग के अंतर्गत कितनी-कितनी शाखाएं हैं तथा सिवनी जिले में 1 दिसम्बर, 2019 से प्रश्न दिनांक तक विभाग की समस्त निर्माण शाखाएं सहित सम्पूर्ण विभाग द्वारा कितनी सड़क (मार्ग), भवन निर्माण, फ्लाई ओवर/पुल निर्माण आदि अन्य कार्य की स्वीकृतियाँ हुई है? प्रशासकीय स्वीकृति आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करावें। मार्ग का नाम, लम्बाई, निविदा राशि, ठेकेदार का नाम, कार्यादेश दिनांक, कार्य पूर्णता दिनांक सहित जानकारी उपलब्ध करायें एवं उक्त अवधि में कितने मार्ग, पुल, फ्लाई ओवर, भवनों तथा अन्य निर्माण कार्यों के मरम्मत रिन्युअल आदि कार्यों की कितनी-कितनी राशि की स्वीकृति दी गई? भिन्न-भिन्न शाखावार, विकासखण्डवार, जिलेवार, वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावे। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में कितनी सड़कों के निर्माण में विलम्ब होने के कारण संबंधित सड़क निर्माण करने वाली कम्पनी/ठेकेदारों के लिए समय-सीमा बढ़ाई गई? इसका निर्णय किस आधार पर किया जाता है? यह निर्णय लेने के लिए क्या किसी स्तर के अधिकारी को अधिकृत किया गया है? समय-सीमा बढ़ाने के क्या कारण थे? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या स्वीकृत सड़कों की वित्तीय स्वीकृति हुई हैं? कितने की टेंडर प्रकिया हुई है, कितने कार्यादेश हुए, कितने मार्गों का निर्माण कार्य पूर्ण हुए?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत निम्नलिखित शाखायें है :- (1) भवन सड़क निर्माण (2) सेतु निर्माण (3) राष्ट्रीय राजमार्ग (4) परियोजना क्रियान्वयन ईकाई (5) विद्युत यांत्रिकी। प्राप्त स्वीकृति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 एवं 2 अनुसार है। सिवनी जिले में 01 दिसम्बर 2019 से प्रश्न दिनांक तक किये गये निर्माण कार्य मरम्मत कार्य एवं रिन्युवल मार्गों की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ, 'ब' एवं 'ब-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है। अनुबंध में उल्लेखित प्रावधानों के अंतर्गत गुण-दोष के आधार पर निर्णय लिया जाता है। विवरण पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ के खण्ड-13 एवं 14 अनुसार है। (ग) बन्डोल-चौरई मार्ग के निर्माण हेतु निविदा दिनांक 23.09.2021 को आमंत्रित की गई एवं दिनांक 16.06.2022 को कार्यादेश जारी किया गया। मार्ग निर्माण का कार्य प्रगतिरत है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है।
किसानों के खेतों में विद्युत ट्रांसफार्मर रखने की योजना
[ऊर्जा]
27. ( क्र. 944 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा किसानों को विद्युत प्रदाय करने के उद्देश्य से उनके खेतों में नवीन विद्युत ट्रांसफार्मर रखने हेतु योजनाएँ संचालित हैं? यदि हाँ, तो वर्तमान में कौन-कौन सी योजनाएँ चलाई जा रही हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार, क्या इन योजनाओं में सरकार द्वारा अनुदान प्रदान किया जाता है? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी योजनाओं में कितना-कितना अनुदान प्रदान किया जा रहा है? (ग) सिवनी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन किसानों के खेतो कौन-कौन सी योजनाओं से विद्युत ट्रांसफार्मर रखे गये हैं? योजनावार, ग्रामवार, लाभान्वित कृषकों के नाम एवं प्रदान की गई अनुदान की राशि सहित बतावें। (घ) किसानों के खेतों में सिंचाई हेतु रखे गये विद्युत ट्रांसफार्मरों के खराब हो जाने पर विद्युत ट्रांसफार्मर कितने दिनों में बदलने की समय-सीमा है? (ड.) प्रश्नांश (घ) अनुसार, क्या निर्धारित समय-सीमा में सभी किसानों के खराब हुए विद्युत ट्रांसफार्मर बदले जा रहे हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) एवं (ख) जी नहीं, राज्य शासन द्वारा कृषकों को स्थाई विद्युत पम्प कनेक्शन प्रदान करने के लिए नवीन विद्युत ट्रांसफार्मर सहित आवश्यक विद्युत अद्योसंरचना का विस्तार कर कनेक्शन दिये जाने हेतु कोई भी अनुदान योजना वर्तमान में प्रचलन में नहीं है। (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र में वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक जमा योजना के तहत 231 कृषकों द्वारा पंप कनेक्शन हेतु सुपरविजन की राशि म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को जमा कराकर उनके स्वयं के व्यय पर कार्य कराया गया है। जिसकी कृषकों के नाम सहित प्रश्नाधीन चाही गयी ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वर्तमान में उक्त कार्य हेतु राज्य शासन द्वारा किसी प्रकार का अनुदान देने का प्रावधान नहीं है। (घ) किसानों के खेतों में सिंचाई हेतु रखे गये विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर के जलने/खराब होने पर उनसे संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की कुल बकाया राशि का 10 प्रतिशत अथवा 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा भुगतान करने के उपरान्त पात्र होने पर पहुंच मार्ग की उपलब्धता अनुसार शुष्क मौसम में 72 घन्टे के अंदर तथा मानसून के मौसम के दौरान (माह जुलाई से माह सितंबर) सात दिवस के अन्दर बदले जाने अथवा विद्युत प्रदाय की पुनर्स्थापना किये जाने का प्रावधान है। (ड.) जी हाँ, प्रश्नाधीन क्षेत्र में उत्तरांश (घ) अनुसार निर्धारित समय-सीमा में जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदले जा रहे हैं।
अमृत परियोजना के निर्माण कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
28. ( क्र. 954 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अमृत परियोजना के अंतर्गत उज्जैन में सीवरेज परियोजना के अनुबंध अनुसार वेप्कोस कंसल्टेंट में कितने मैनपावर की आवश्यकता है एवं वर्तमान में कितना मैनपावर है? (ख) उज्जैन सीवरेज परियोजना में महाकाल, रूद्रसागर क्षेत्र में कितने कि.मी.सीवर लाईन डाली जाना है? इसकी डी.पी.आर. उपलब्ध करावें। वर्तमान में कितने कि.मी. सीवर लाईन डाली जा चुकी है? क्या लाईन चार्ज हो चुकी है या नहीं? यदि लाईन चार्ज हो चुकी है तो इसका सीवर कहाँ छोड़ा जा रहा है? (ग) क्या गऊघाट क्षेत्र में मेन लाईन ड्राइंग अनुसार 560 एम.एम.लेवल उपर डाली गई है यदि हाँ, तो क्या वह अनुबंध के अनुसार सही है या नहीं और इसका भुगतान किया जा चुका है अथवा नहीं? (घ) अमृत योजना अंतर्गत उज्जैन में सीवरेज परियोजना कब प्रारंभ हुई और कितने समय-सीमा में कार्य पूर्ण करना था? कार्य पूर्ण नहीं हुआ तो क्यों? संबंधित पर क्या कार्यवाही की गई? अभी तक निर्माण कम्पनी पर किस-किस प्रकार की पेनल्टी लगाई एवं रिलीज की गई? (ड.) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा आयुक्त नगरीय प्रशासन म.प्र. से पत्र क्र. 1000 दिनांक 23.12.22 के द्वारा न.पा.नि. उज्जैन अंतर्गत सीवर प्रोजेक्ट से संबंधित जानकारी चाही गई थी? आज दिनांक तक नहीं देने के लिए कौन जिम्मेदार है संबंधित पर शासन कब तक और क्या कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) परियोजना विकास एवं प्रबंधन परार्मशदाता (पी.डी.एम.सी.) वॉप्कोस लिमिटेड के अनुबंध में नगर पालिक निगम, उज्जैन हेतु पृथक से मैनपावर निर्धारित नहीं है। वर्तमान में 1 रेसीडेंट इंजीनियर, 2 असिस्टेंट रेसीडेंट इंजीनियर, 7 फील्ड इंजीनियर एवं 2 डाटा इंट्री ऑपरेटर नगर पालिक निगम, उज्जैन में पदस्थ हैं। (ख) उज्जैन सीवरेज परियोजना में महाकाल रूद्र सागर क्षेत्र में 68 कि.मी. सीवरेज लाइन डाला जाना प्रस्तावित है। डी.पी.आर. की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। उक्त क्षेत्र में 23 कि.मी. सीवर लाइन डाली जा चुकी है एवं शेष कार्य प्रगतिरत है। लगभग 10 प्रतिशत लाईन चार्ज हो चुकी है। जिसका सीवर रामानुज कोट के पास स्थित पुरानी सीवर लाईन में छोड़ा जा रहा है। (ग) जी हाँ। अनुबंध अनुसार सही नहीं होने के कारण कार्य का भुगतान नहीं किया गया है। (घ) अमृत योजना अंतर्गत उज्जैन में सीवरेज परियोजना 07.11.2017 को प्रांरभ हुई, जिसका कार्य पूर्ण करने का निर्धारित समय 20 नवम्बर 2019 था। ड्राइंग-डिजाइन स्वीकृति एवं भूमि अधिग्रहण में समय लगने तथा कोविड-19 महामारी के कारण कार्यपूर्ण करने में विलंब हुआ। संविदाकार पर क्रियान्वयन में विलंब, खराब गुणवत्ता एवं अधूरे कार्यों के लिये रू. 3.97 करोड़ की पेनाल्टी अधिरोपित की गई है। कार्यों में सुधार के उपरांत रोकी गई राशि रू. 14.15 करोड़ में से रू. 6.25 करोड़ विमुक्त की गई है। (ड.) जी हाँ, माननीय विधायक द्वारा चाही गई जानकारी में से शासन स्तर की जानकारी पत्र दिनांक 10.02.2023 से प्रेषित की गई है एवं निकाय स्तर की जानकारी उपलब्ध कराने हेतु आयुक्त नगर पालिक निगम, उज्जैन को अवगत कराया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि
[ऊर्जा]
29. ( क्र. 975 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्वालियर जिले की भितरवार विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2021 में रबी सीजन में कौन-कौन से 33/11 के.व्ही विद्युत उपकेन्द्रों पर मांग में वृद्धि को देखते हुए अतिरिक्त पावर ट्रांसफार्मर एवं पावर ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि की आवश्यकता है? विद्युत उपभोक्ता द्वारा की गई मांग एवं आवश्यकता के विरूद्ध किस-किस 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों पर आवश्यकता एवं मांग अनुसार पावर ट्रांसफार्मर स्वीकृत किये गये हैं? उनके विरूद्ध उपकेन्द्रवार क्षमतावार पावर ट्रांसफार्मर की जानकारी से अवगत करावें। (ख) क्या स्वीकृत पावर ट्रांसफार्मर रबी सीजन 2022 के प्रारम्भ होने के पूर्व लगा दिये गये हैं? यदि हाँ, तो कहां-कहां लगा दिये गये हैं? 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रवार, क्षमतावार, पावर ट्रांसफार्मर की जानकारी देवें? यदि नहीं, तो कब तक स्थापित कर दिये जावेंगे? (ग) रबी सीजन 2022 के पूर्व पावर ट्रांसफार्मर स्थापित नहीं किये हैं तो इसके लिए कौन अधिकारी जवाबदार है एवं विभाग द्वारा उन पर क्या कार्यवाही की गयी है? (घ) प्रश्नांश (क) में विद्युत की कमी को देखते हुए पावर ट्रांसफार्मर की मांग की पूर्ति न करने के कारण किसानों को हो रही कठिनाई एवं उनकी फसलों के उत्पादन में होने वाली कमी के नुकसान की भरपाई क्या विभाग द्वारा की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) ग्वालियर जिले की भितरवार विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2021 के रबी सीजन में हुई विद्युत मांग में वृद्धि के दृष्टिगत प्रश्नाधीन क्षेत्र में विद्यमान 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों पर अतिरिक्त पावर ट्रांसफार्मरों की स्थापना एवं पावर ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि की तकनीकी आधार पर आवश्यकता नहीं पाई गई थी। अपितु उक्त समयावधि में विद्युत की मांग अनुसार विद्यमान विद्युत अधोसंरचना एवं स्थापित पावर ट्रांसफार्मरों से प्रश्नाधीन सम्पूर्ण क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति का उचित प्रबंधन कर नियमानुसार विद्युत प्रदाय सुनिश्चित किया गया था। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। तथापि प्रश्नाधीन क्षेत्र में भविष्य की विद्युत मांग में संभावित वृद्धि के दृष्टिगत केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना अंतर्गत ग्राम जखौदी एवं गिज्जोरा (चिनौरा) में 5 एम.व्ही.ए. क्षमता के एक-एक नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना के कार्य को स्वीकृत कर निविदा प्रक्रिया उपरांत कार्यादेश जारी कर दिया गया है। कार्यादेश की शर्तों के अनुसार कार्यादेश में सम्मिलित कार्यों को ठेकेदार एजेंसी द्वारा 24 माह की अवधि में पूर्ण किया जाना है।
विधायक निधि के कार्य
[ऊर्जा]
30. ( क्र. 988 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा बैतूल में प्रश्नकर्ता के कार्यकाल के दौरान आज दिनांक तक विधायक निधि से कितने कार्य कितनी राशि के स्वीकृत कराए गए? स्वीकृत कार्यों को किस निर्माण एजेंसी से पूर्ण कराने हेतु अनुबंध किन-किन शर्तों एवं कितनी राशि का किया गया? जानकारी वर्षवार, कार्यवार, प्राक्कलन की राशि सहित उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों को विभाग द्वारा अनुबंधित एजेंसी से प्राक्कलन की राशि पर पूर्ण कराया गया या फिर प्राक्कलन की राशि के विरूद्ध कम राशि में कराया गया? यदि कम राशि में कार्य कराया गया तो विभाग के पास विधायक निधि की कितनी राशि बचत में है? बचत राशि की जानकारी वर्षवार, कार्यवार उपलब्ध करावें। (ग) क्या विभाग बचत राशि को जिला योजना कार्यालय को वापिस करेगा या फिर इसके एवज् में प्रश्नकर्ता द्वारा प्रस्तावित अन्य कार्य जिसके प्राक्कलन जिला योजना कार्यालय में जमा हैं उनको पूर्ण कराने हेतु अपनी सहमति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक कार्य पूर्ण करा लिये जाएंगे? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के विधानसभा क्षेत्र बैतूल में प्रश्नाधीन अवधि में विधायक निधि से स्वीकृत कार्यों एवं उनकी स्वीकृति राशि से संबंधित प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। उक्त स्वीकृत कार्यों में से जिन कार्यों हेतु विधायक निधि से राशि प्राप्त होने पर कार्य कराए गए उनकी निर्माण एजेन्सी, कार्यादेश क्रमांक/दिनांक स्वीकृत प्राक्कलन एवं कार्यादेश (अनुबंध) की राशि की प्रश्नाधीन चाही गयी वर्षवार, कार्यवार, प्राक्कलनवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। उक्त कार्यों हेतु म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा संविदाकारों से किये गए अनुबंध की शर्तें सामान्यत: एक जैसी रहती है। एक अनुबंध की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित विधायक निधि के कार्य म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा डिपोजिट मद में पंजीकृत ठेकेदार/एजेन्सी के माध्यम से, निविदा जारी कर, सेमी टर्न की के आधार पर संपादित कराए जाते हैं। उक्त मद में संपादित कार्य में सामग्री एवं तत्संबंधी परिवहन की राशि तथा ठेकेदार द्वारा किये गये कार्य का औसत अनुपात 75:25 होता है। सामग्री की पूर्ति कंपनी द्वारा अपने भंडार से समय-समय पर क्रय की गई सामग्री से की जाती है एवं संदर्भित कार्य पर भारित औसत (weighted averge) के आधार पर सामग्री लागत बुक की जाती है, जबकि ठेकेदार को खुली प्रतिस्पर्धा के माध्यम से कार्य दिए जाते हैं। कार्य की कुल लागत उक्तानुसार सामग्री, परिवहन एवं ठेकेदार की कुल लागत के आधार पर औसत रूप से आंकलित हो पाती है। अत: कार्यों की वास्तविक लागत के बजाय औसत लागत की जानकारी कार्यपूर्ति प्रमाण पत्र के समय प्राप्त हो पाती है, जिन्हें संकलित किया जा रहा है। (ग) उत्तरांश (ख) के अनुक्रम में वर्तमान में प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी दिया जाना संभव नहीं है।
निष्कासित संविदा/आउटसोर्स कर्मचारियों की बहाली
[ऊर्जा]
31. ( क्र. 989 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अन्तर्गत कितने कर्मचारी नियमित संविदा एवं आउटसोर्स में कार्यरत हैं? (ख) मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अन्तर्गत नियमित भर्ती कितने वर्षों से नहीं की गई है? आउटसोर्स कर्मचारियों को कित ना वेतनमान दिया जाता है? क्या उनको दिए जाने वाला वेतन समान कार्य समान वेतन के अनुरूप है? क्या सरकार आउटसोर्स कर्मचारियों को नियमित करके उनके कार्य अनुसार वेतन दिए जाने पर विचार करेगी? (ग) मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अन्तर्गत संविदा कर्मी एवं आउटसोर्स कर्मी अपनी जायज मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर थे। आपके आश्वासन उपरांत कर्मियों द्वारा हड़ताल को स्थगित कर दिया गया लेकिन कंपनियों द्वारा बहुत से संविदा एवं आउटसोर्स कर्मियों को सेवा से निष्कासित कर दिया गया। क्या शासन निष्कासित कर्मियों को पुन: सेवा में लेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो? कारण बतावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अंतर्गत प्रश्न दिनांक की स्थिति में कुल 5319 नियमित, कुल 2210 संविदा कार्मिक कार्यरत हैं एवं कुल 14046 आउटसोर्स बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाताओं के माध्यम से नियोजित है। (ख) म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत विगत 4 वर्षों से सीधी भर्ती के रिक्त पदों पर भर्ती नहीं की गयी है। तथापि नियमित पदों पर अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जा रही है। आउटसोर्स कार्मिकों को उनकी श्रेणी यथा-उच्च कुशल, कुशल, अर्धकुशल, अकुशल अनुरूप राज्य शासन द्वारा समय-समय पर निर्धारित दर के अनुसार वेतन का भुगतान बाह्य सेवा प्रदाता फर्म द्वारा किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि आउटसोर्स कार्मिक वितरण कंपनी के कर्मचारी नहीं होते, अपितु आउटसोर्स कार्मिक, बाह्य सेवा प्रदाता फर्म/एजेंसी के कार्मिक होते हैं। अत: समान कार्य समान वेतन का आदेश उन पर लागू नहीं होता। उक्त परिप्रेक्ष्य में आउटसोर्स कार्मिकों के नियमितीकरण/वेतन संबंधी कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ग) जी हाँ। म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में किसी भी संविदा कार्मिक को हड़ताल के कारण निष्कासित नहीं किया गया है। म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा बाह्य स्त्रोत सेवाप्रदाता कंपनियों को संभावित हड़ताल के परिप्रेक्ष्य में विद्युत व्यवस्था बनाए रखने हेतु उचित व्यवस्था बनाए रखने के लिये दिये गये नोटिस के तारतम्य में बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता कंपनियों द्वारा हड़ताल पर गये आउटसोर्स कार्मिकों को नोटिस जारी कर कार्य पर उपस्थित होने के निर्देश दिये गये थे एवं कार्य पर उपस्थित नहीं होने वाले आउटसोर्स कार्मिकों के विरूद्ध उनकी नियोजक बाह्य स्त्रोत सेवाप्रदाता एजेन्सियों द्वारा अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए उन्हें कार्य से निष्कासित किया गया है। अत: इस संबंध में अन्य कोई कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है।
आउटसोर्स कर्मचारियों पर व्यय राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
32. ( क्र. 1018 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर निगम जबलपुर में आउटसोर्स कर्मचारी कार्यरत हैं? (ख) यदि हाँ, तो कम्प्यूटर्स ऑपरेटर सहित कुल कितने कर्मचारी कार्यरत हैं एवं इन पर कितना वार्षिक व्यय होता है? (ग) क्या आउटसोर्स के स्थान पर संविदा पर कर्मचारी नियुक्त किये जा सकते हैं? यदि हाँ, तो इन पर कितना वार्षिक व्यय होगा? (घ) यदि नहीं, तो कारण बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) नगर निगम, जबलपुर के अंतर्गत निम्न विभागों में आउटसोर्स एजेन्सी के माध्यम से कम्प्यूटर ऑपरेटर, श्रमिक, सुरक्षा गार्ड, चालक, सफाई संरक्षक, इलेक्ट्रीशियन, माली एवं अन्य कर्मचारी कुल 4650 कार्यरत है जिनका वार्षिक व्यय रूपये 71,96,56,453/- है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ग) म.प्र. राजपत्र दिनांक 01 जून 2021 म.प्र. नगर पालिका संविदा (अनुबंध तथा सेवा शर्तें) सेवा नियम 2021 एवं विभाग के आदेश क्रमांक 4316/863014/2020/18-1 भोपाल दिनांक 23.09.2022 के अनुसार संविदा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार कर्मचारी नियुक्त किये जा सकते है। जिस पर नगर निगम, जबलपुर में 10,54,000/- मासिक व्यय तथा 1,26,48,000/- वार्षिक व्यय अतिरिक्त आवेगा। (घ) इसका उत्तर प्रश्नांश (ग) में समाहित है।
सड़कों का निर्माण एवं मरम्मत
[लोक निर्माण]
33. ( क्र. 1022 ) कुँवर रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैना की दिमनी विधानसभा क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग की कौन-कौन सी सड़कें कहां-कहां तक, कितनी-कितनी लम्बाई की होकर निर्माण लागत क्या थी? प्रत्येक सड़क की अलग-अलग जानकारी देवें। (ख) जिला मुरैना में लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत सड़कों के निर्माण एवं अन्य निर्माण मरम्मत हेतु कुल कितना बजट किस वर्ष में किस किस कार्य हेतु भेजा गया? विगत 05 वर्षों की कार्यवार जानकारी देवें। (ग) विधानसभा क्षेत्र दिमनी में सड़क निर्माण हेतु 42 मार्गों के प्रस्ताव प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा पूर्व में प्रस्तुत किये गये हैं तथा सड़क निर्माण हेतु विभाग के अधिकारियों से निरंतर विगत दो वर्षों से पत्राचार किया जा रहा है। इन 42 मार्गों पर सड़क निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कराया जावेगा? अगर नहीं तो क्यों नहीं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) सड़क निर्माण/अन्य निर्माण हेतु संभाग को कार्यवार आवंटन प्रदाय नहीं किया जाता। आवंटन आहरण की नवीन प्रणाली में एकीकृत (ग्लोबल) में होता है। इसी से संभाग द्वारा व्यय किया जाता है। मरम्मत हेतु संभाग को संभागवार आवंटन दिया जाता है, कार्यवार नहीं। शेष विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) प्रस्तावित 42 मार्गों में से खड़ियाहार से मातापुरा मार्ग की स्वीकृति जारी होकर पूर्ण किया जा चुका है, शेष कार्य किसी भी योजना में सम्मिलित नहीं होने से किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई।
उच्च स्तरीय जांच कर राशि की वसूली
[नगरीय विकास एवं आवास]
34. ( क्र. 1023 ) कुँवर रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर पालिक निगम मुरैना में सीवर लाइन प्रोजेक्ट अंतर्गत हाउस सर्विस चैम्बर निर्माण की उच्च स्तरीय जाँच करवाकर दोषियों पर कार्यवाही बाबत् प्रश्नकर्ता के द्वारा पत्र क्र. 1016/22 दिनांक 29/12/22 में आयुक्त नगर निगम मुरैना एवं पत्र क्र. 1044/23 दिनांक 20/01/23 में आयुक्त नगरीय आवास एवं विकास संचनालय भोपाल को दिये गये? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक दोनों पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कार्यवाही न करने का क्या कारण है? (ख) क्या नगर निगम मुरैना सीवर प्रोजेक्ट में हाउस सर्विस चैम्बर निर्माण कर कनेक्शन देने का प्रावधान है? यदि हाँ तो कितने हाउस सर्विस चैम्बरों का निर्माण किये बिना कितनी राशि का भुगतान निर्माण एजेन्सी को किस आधार पर किया गया? इसके लिये कौन-कौन दोषी है? हाउस सर्विस चैम्बर के मूल्यांकन की प्रतियों सहित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार दिये गये पत्रों में उल्लेखित बिन्दुओं का कब तक भौतिक सत्यापन करवाकर उच्च स्तरीय जाँच कराई जायेगी तथा दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही कर भुगतान की गई राशि की वसूली कब तक की जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ, प्रश्नकर्ता माननीय विधायक द्वारा नगर पालिक निगम, मुरैना को प्रेषित पत्र के क्रम में निकाय स्तर पर परीक्षण किया गया। अनुबंध अनुसार 7645 हाउस सर्विस चैम्बरों का प्रावधान था, जिनमें से 7 नग डिस्कोप होने के उपरान्त 7638 का निर्माण कराया गया। तदानुसार 7638 का ही मूल्यांकन किया गया। आयुक्त, नगरीय प्रशासन एवं विकास को प्रेषित पत्र के परिप्रेक्ष्य में अधीक्षण यंत्री, चंबल संभाग से प्रतिवेदन चाहा गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। उत्तरांश (क) अनुसार 7638 हाउस सर्विस चैम्बरों का निर्माण किया जाकर 7638 नग चैम्बरों का ही भुगतान निर्माण एजेंसी को किया गया है। किसी के दोषी होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। हाउस सर्विस चैम्बरों के मूल्यांकन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- अ अनुसार है। (ग) निकाय को प्रेषित पत्र के संबंध में बिन्दुवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ब अनुसार है। समान बिन्दुओं पर माननीय विधायक द्वारा आयुक्त, नगरीय प्रशासन एवं विकास को प्रेषित पत्र के परिप्रेक्ष्य में अधीक्षण यंत्री, चंबल संभाग से प्रतिवेदन चाहा गया है। प्रतिवेदन प्राप्त होने पर आगामी कार्यवाही की जा सकेगी।
मार्ग स्वीकृति हेतु प्रदाय पत्रों पर कार्यवाही
[लोक निर्माण]
35. ( क्र. 1038 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगाँव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत लोक निर्माण विभाग अन्तर्गत मार्ग निर्माण की स्वीकृति हेतु माननीय मंत्री जी को सांसद एवं विधायक द्वारा विगत 02 वर्षों में कौन-कौन से मार्ग निर्माण हेतु पत्र प्राप्त हुए हैं? कृपया प्रदाय पत्रों की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। उक्त प्रदाय पत्रों पर वर्तमान तक विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? की गई कार्यवाही के संबध में जारी पत्रो की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। उक्त कार्यों में से कितने कार्यों की स्वीकृति जारी की गई है? अगर नहीं हुई है, तो क्या कारण है? क्या भविष्य में उक्त निर्माण कार्यों की स्वीकृति प्रदाय की जायेगी? हाँ तो कब तक नहीं तो क्या कारण है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है, इसके अतिरिक्त माननीय सांसद श्री गजेन्द्र सिंह पटेल के द्वारा सनावद खरगोन मार्ग जिसकी लंबाई लगभग 70 किमी है, हेतु पत्र क्र 959/27/बडवानी/2022 दिनांक 23.07.2022 के माध्यम से उक्त मार्ग को डी.पी.आर. में सम्मिलित कर चौड़ीकरण एवं नवीन बायपास बनाने हेतु लेख किया गया है। सनावद-खरगोन मुख्य जिला मार्ग एडीबी-4 अंतर्गत निर्मित किया गया था जिसकी डीएलपी दिनांक 17.01.2023 को पूर्ण हो गई है। उक्त मार्ग मुख्य जिला मार्ग की श्रेणी के अंतर्गत है। प्रदाय पत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। विभाग द्वारा की गई कार्यवाही पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगर पंचायत में सी.एम.ओ. की नियुक्ति
[नगरीय विकास एवं आवास]
36. ( क्र. 1039 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या भीकनगाँव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत नगर पंचायत भीकनगाँव में पदस्थ तत्कालीन सी.एम.ओ. को माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा खरगोन सभा के दौरान मंच से निलंबित किया गया था? यदि हॉ तो शासन द्वारा उनके निलंबित होने से रिक्त स्थान की पूर्ति हेतु क्या कार्यवाही की गई है? क्या शासन द्वारा नियुक्त किये गये नवीन सी.एम.ओ. द्वारा नगर पंचायत भीकनगाँव में कार्यभार संभाला गया है? नहीं तो क्या कारण है? क्या उनके कार्य न करने पर उनके विरूद्ध कोई कार्यवाही शासन द्वारा की जायेगी? वर्तमान में नगर परिषद में सी.एम.ओ. पद रिक्त होने से हो रही परेशानियों के लिए कौन दोषी है तथा इसकी पदपूर्ति हेतु शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा खरगोन भ्रमण यात्रा पर नगर परिषद, भीकनगाँव में पदस्थ तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी की प्राप्त शिकायत पर कलेक्टर जिला खरगोन के आदेश क्रमांक 1264/ब.लि.2/2022, दिनांक 09.12.2022 को गठित जांच समिति के प्रतिवेदन पर आयुक्त, इंदौर संभाग, इंदौर के आदेश क्रमांक 4071/6-वि-स्था/2022 इंदौर दिनांक 14.12.2022 को निलंबित किया गया था। शासन द्वारा निलंबित होने से रिक्त स्थान की पूर्ति हेतु संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास, भोपाल का आदेश क्र./एक/704/2022 भोपाल दिनांक 16 दिसम्बर 2022 से श्री विनय कुमार भट्ट मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर परिषद, मुंगावली जिला अशोकनगर से मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर परिषद, भीकनगांव स्थानांतरित किया गया है। जी हाँ। श्री विनय कुमार भट्ट मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा दिनांक 13.01.2023 को नगर परिषद भीकनगाँव में कार्यभार ग्रहण किया गया है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विद्युत उत्पादन में व्यय राशि
[ऊर्जा]
37. ( क्र. 1044 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एम.पी. पॉवर जनरेटिंग कंपनी में विभिन्न ताप विद्युत उत्पादन गृहों द्वारा वर्ष 2021-22 में उत्पादित विद्युत यूनिट एवं परिचालन में कुल कितनी राशि का व्यय किया गया है? विद्युत उत्पादन गृहवार विवरण दें। (ख) उपरोक्त विद्युत उत्पादन गृहों में प्रति यूनिट विद्युत उत्पादन की लागत कितनी है? (ग) उपरोक्त विद्युत उत्पादन गृहों से एम.पी.पी.एम.सी.एल. को किस दर पर विद्युत उपलब्ध कराई गई है? (घ) वर्ष 2021-22 में एम.पी. पॉवर जनरेटिंग कंपनी को कितनी लाभ/हानि हुई है? विवरण उपलब्ध करायें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) मध्य प्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी के सभी ताप विद्युत गृहों द्वारा वर्ष 2021-22 में किये गए विद्युत उत्पादन एवं परिचालन में कुल व्यय राशि का विद्युत गृहवार विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र –'अ' अनुसार है। (ख) मध्य प्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी के ताप विद्युत गृहों की वर्ष 2021-22 में प्रति यूनिट विद्युत उत्पादन लागत का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र–'अ' अनुसार है। (ग) वर्ष 2021-22 में, मध्य प्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी के ताप विद्युत गृहों से मध्य प्रदेश पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड को उपलब्ध करायी गयी विद्युत की दर से संबंधित जानकारी का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र–'ब' अनुसार है। (घ) मध्य प्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड को, अंकेक्षित वित्तीय प्रतिवेदन के अनुसार, वर्ष 2021-22 में कर उपरांत रुपए 66.13 करोड़ का लाभ हुआ है, जिससे संबंधित विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र–'स' अनुसार है।
कसरावद नगर की नवीन जल प्रदाय योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
38. ( क्र. 1056 ) श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर परिषद कसरावद में नवीन जल प्रदाय योजना की वर्तमान स्थिति क्या है? इसे कब तक पूर्ण किया जाएगा तथा कार्य एजेन्सी की समयावधि में कितनी बार वृद्धि की गई? क्या कार्य एजेन्सी द्वारा समय पर कार्य पूर्ण नहीं करने पर कोई कार्यवाही की गई है? हॉ तो विवरण दें। (ख) योजना में जल शोधन संयंत्र, नवीन घटकों जैसे स्लज ड्राईंग बेड, बेकवाश सम्प, एडमिन कम लेबोरेटरी बिल्डिंग, गार्ड रूम, बाउण्ड्रीवॉल और ट्रान्सफार्मर एनहाउसमेंट के कार्यों को डी.पी.आर. में सम्मिलित क्यों नहीं किया गया, जबकि उक्त कार्य किया जाना अति आवश्यक था? तो इन कार्यों को निष्पादित करने की कोई कार्ययोजना बनाई गई है? हाँ तो बताएं नहीं क्यों कारण सही जानकारी दें। (ग) क्या जल प्रदाय योजना से नगर के प्रत्येक घर को नल कनेक्शन दिया जायेगा? यदि नहीं, तो कारण दें। (घ) क्या उक्त जल प्रदाय योजना के संबंध में जन प्रतिनिधियों, आम नागरिकों द्वारा शिकायतें प्राप्त हुई हैं? अगर हाँ, तो क्या निराकरण किया गया? नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नवीन जल प्रदाय योजना नगर परिषद कसरावद का कार्य प्रगति पर होकर 90% प्रतिशत कार्य पूर्ण हो गया है। कार्य को पूर्ण किये जाने का लक्ष्य दिनांक 31.03.2023 तक रखा गया है। कार्य एजेन्सी को परिस्थिति जन्य कारणों से छह बार समयावृद्धि प्रदान की गई है। जी हाँ। संविदाकार के चल देयकों के भुगतान के समय विलंब की क्षतिपूर्ति हेतु राशि रू 1,57,45,132/- रोकी गयी है इस परियोजना में विलम्ब एवं एम.पी.यू.डी.सी. की अन्य परियोजना में धीमी प्रगति के कारण संविदाकार को काली सूची में रखे जाने हेतु कार्य एजेंसी को नोटिस जारी किया जाकर काली सूची में रखा गया था। इसके उपरांत अपीलीय अधिकारी के समक्ष संविदाकार द्वारा पक्ष रखे जाने पर शर्तों के साथ काली सूची से संविदाकार का नाम हटाया गया है। (ख) जी हाँ। योजना में जल शोधन संयंत्र के नवीनीकरण के अंतर्गत नवीन घटकों जैसे स्लज, ड्राइंग बेड बेकवॉश सम्प, एडमिन कम लेबोरेटरी बिल्डिंग, गॉर्ड रूम, बाउण्ड्रीवाल और ट्रांसफार्मर, एनहाउसमेंट आदि के कार्यों की योजना बनाई गई है। (ग) जी हाँ। (घ) जी हाँ। प्राप्त शिकायतों का निराकरण कर दिया गया है।
सड़कों की मरम्मत एवं नई सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
39. ( क्र. 1057 ) श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कसरावद विधानसभा क्षेत्र में किन-किन सड़कों के मरम्मत कार्य एवं नई सड़कों का निर्माण कार्य किया जाना अति आवश्यक है? प्रश्न दिनांक की स्थिति में जानकारी दें। (ख) उपरोक्त में से किन-किन सड़कों की मरम्मत/नई सड़कें बनाये जाने के प्रस्ताव शासन को प्राप्त हुए हैं? कितनी सड़कों की स्वीकृति प्रदान की गई? कितनी शेष है? इनके स्वीकृति आदेश कब तक जारी कर दिए जाएंगे? (ग) विधानसभा क्षेत्र कसरावद की 12 महत्वपूर्ण सड़कें जिनकी कृषि विभाग से स्वीकृति प्राप्त हुई थी। उन सड़कों के संबंध में विभाग द्वारा कोई पत्राचार किया गया है? यदि हाँ, तो विवरण देवें। (घ) विधानसभा क्षेत्र कसरावद के महत्वपूर्ण मार्ग रोडिया से मदरानिया मार्ग को ग्रामीण क्षेत्रों से बायपास करने के कोई प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं? यदि हाँ, तो कब तक स्वीकृति प्रदान की जाएगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) विवरण संलग्न प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) 12 मार्गों की स्वीकृति दिनांक 30.06.2021 को कृषि विभाग द्वारा निरस्त किये जाने के उपरान्त विभाग द्वारा कोई पत्राचार नहीं किया गया है। (घ) जी हाँ। विवरण संलग्न प्रपत्र-ब अनुसार है।
नियम विरूद्ध पदोन्नति
[नगरीय विकास एवं आवास]
40. ( क्र. 1087 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1331 दिनांक 22 दिसंबर 2022 के संदर्भ में बताएं कि प्रश्नाधीन जांच पूर्ण हुई या नहीं? यदि हो गई तो उसकी रिपोर्ट की प्रति देवें। यदि नहीं, तो उसके कारण बताएं तथा जांच अधिकारी नियुक्ति संबंधी दिए गए पत्र की प्रति देवें। (ख) सहायक राजस्व निरीक्षक दौलत राम ने नियुक्ति के समय तथा सफाई संरक्षक से पदोन्नति के समय योग्यता संबंधी जो भी दस्तावेज दिए हैं, उन सब की प्रति उपलब्ध कराएं। (ग) क्या दौलतराम द्वारा सहायक राजस्व निरीक्षक बनने के बाद किसी प्रकार का गबन, अनियमितता संबंधित कार्य किया गया? यदि हाँ, तो उसकी विस्तृत जानकारी दें तथा बतावें की क्या कार्रवाई की गई? (घ) नगर पंचायत में सफाई संरक्षक तथा सहायक राजस्व निरीक्षक के पद की न्यूनतम योग्यता क्या क्या है? प्रदेश की किस किस नगर पंचायत में कितने सफाई निरीक्षक को सहायक राजस्व निरीक्षक के पद पर पदोन्नत किया गया है? (ड.) सफाई संरक्षक तथा सहायक राजस्व निरीक्षक के कार्य क्या क्या हैं, उसकी सूची देवें तथा बतावें कि दोनों प्रकार के कार्य में समानता कितनी है तथा किस नियम से सफाई निरीक्षक को सहायक राजस्व निरीक्षक बनाया जा सकता है? सैलाना नगर पंचायत में कितने सहायक राजस्व निरीक्षक हैं, उसकी जानकारी देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जांच प्रचलित है। जांच अधिकारी के नियुक्ति संबंधी पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'स' अनुसार है। दौलतराम मकवाना के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही किये जाने हेतु प्रकरण प्रेसिडेंट इन कौंसिल की आगामी बैठक में रखा जाना प्रस्तावित है, प्रेसिडेंट इन कौंसिल में लिये गये निर्णयानुसार दौलतराम के विरूद्ध आगामी कार्यवाही की जायेगी। (घ) म.प्र. नगर पालिका सेवा (वेतनमान एवं भत्ता) नियम 1967 अंतर्गत सहायक राजस्व निरीक्षक (मोहरीर) के पद की शैक्षणिक योग्यता पूर्व माध्यमिक परीक्षा उत्तीर्ण होने का प्रमाण-पत्र तथा सफाई संरक्षक (सफाई कर्मचारी) हेतु निरंक अंकित है। नगर परिषद सैलाना जिला रतलाम में 01 कर्मचारी श्री दौलतराम मकवाना को सफाई संरक्षक से सहायक राजस्व निरीक्षक के पद पर दिनांक 20.03.2012 को पदोन्नत किया गया। प्रदेश की शेष नगरीय निकायों से जानकारी संकलित की जा रही है। (ड.) मुख्य नगर पालिका अधिकारी के निर्देशानुसार निकाय क्षेत्र में सफाई संरक्षक सफाई व्यवस्था एवं सहायक राजस्व निरीक्षक निकाय क्षेत्र में करों की वसूली करते है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'द' अनुसार है।
नगर निगम रतलाम में सीवरेज कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
41. ( क्र. 1090 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम में 27013 कनेक्शन किये हैं, उसकी वार्ड अनुसार सूची दें तथा बतावें कि बेकलेन से जो 16170 कनेक्शन किस-किस वार्ड में कितने-कितने करना है। इसके लिए कितनी अतिरिक्त राशि स्वीकृत की गई है तथा संशोधित डी.पी.आर. की प्रति देवें। (ख) बतावें की प्रारंभिक डी.पी.आर. क्या 53273 घरों के अनुसार बनी थी या 43273 के अनुसार बनी थी, तथा प्रारंभिक डी.पी.आर. में फ्रंट और बैकलेन कनेक्शन का उल्लेख क्यों नहीं किया गया तथा वास्तविक कनेक्शन मात्र 27013 ही पाये गये तो क्या डी.पी.आर. के आठों घटक की लागत बोगस नहीं हो गई? 27013 फ्रन्टलेन कनेक्शन के अनुसार सारे घटक का नया ईस्टीमेट बनाकर उपलब्ध कराया जाएगा? क्या कंसलटेंट को ब्लैक लिस्ट करके उसका भुगतान वापस लिया जायेगा? (ग) सीवरेज ठेकेदार को अनुबंध अनुसार किस-किस डायमीटर के पाइप जमीन में, सड़क लेवल से कितने नीचे डालना थे तथा उसके ऊपर क्या मटेरियल डालना था, ताकि यातायात के दबाव से पाइप न फूटे? अनुबंध अनुसार पाइप की गहराई तथा उसके ऊपर डालने वाले मटेरियल का उपयोग किया गया या नहीं? जिस अधिकारी ने इसका वेरिफिकेशन किया है, उसकी रिपोर्ट की प्रति देवें। (घ) क्या अभी भी सीवरेज ठेकेदार कई स्थानों पर फ्रन्टलेन कनेक्शन कर रहा है कई वार्ड में हजारों फ्रंटलेन कनेक्शन होना बाकी है ऐसे में उसे कार्य पूर्णता प्रमाण-पत्र कैसे दिया गया? (ड.) सीवरेज प्रोजेक्ट दो के लिए 74 करोड़ की स्वीकृति हुई है, यदि हाँ, तो उसकी डी.पी.आर. की प्रति देवें तथा बतावे कि यह किस-किस क्षेत्र के काम के लिए हुआ है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) रतलाम सीवरेज योजना में हाउस कनेक्शन का वार्डवार विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। हाउस कनेक्शनों के लिये स्थल की आवश्यकता अनुसार योजना में वेरिएशन होने से बैकलेन कनेक्शन हेतु रू. 7.87 करोड़ की अतिरिक्त स्वीकृति प्रदान की गई है। संशोधित डी.पी.आर. बनाये जाने की आवश्यकता नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रारंभिक डी.पी.आर. में 53273 हाउस कनेक्शन का प्रावधान था। रेलवे क्षेत्र व औद्योगिक क्षेत्र में सीवर लाइन का कार्य नहीं होने से हाउस कनेक्शन की संख्या 43273 हो गई। योजना की डी.पी.आर. निविदाकार के लिए प्रारंभिक आकलन के स्वरूप में थी तथा सफल निविदाकार को विस्तृत सर्वे कर कार्ययोजना प्रस्तुत करना था, इस कारण डी.पी.आर. में फ्रंटलेन एवं बैकलेन के घरों का विश्लेषण नहीं था। विस्तृत सर्वेक्षण में 43273 कनेक्शनों में से 16170 कनेक्शन बैकलेन तथा 27103 कनेक्शन फ्रंटलेन के हैं। बैकलेन में गली की चौड़ाई कम होने तथा सीवरेज का निस्तार खुली नाली के माध्यम से होने के कारण फ्रंटलेन कनेक्शन के समान ही बैकलेन में कनेक्शन किया जाना संभव नहीं था। इस कारण बैकलेन में कनेक्शन हेतु नगर निगम द्वारा पी.डी.एम.सी. वाप्कोस लिमिटेड के सहयोग से, कार्य योजना बनाई गई। योजना का तृतीय संशोधित प्राइज ब्रेकअप शेड्यूल बनाया गया है। योजना के अनुबंध में उल्लेख है कि डी.पी.आर. को केवल आधार डाटा के रूप में लिया जावे, सफल निविदाकार को कार्य के लिए स्वयं विस्तृत सर्वे आदि कार्य करवाना है। उक्त कारण से कंसलटेंट के विरुद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) सीवरेज ठेकेदार द्वारा अनुबंधानुसार पाइप निर्धारित गहराई में डाले जाकर खोदे गये मटेरियल से पुर्नभराव किया गया है। पाइप के ऊपर अनुबंधानुसार खोदे गए मटेरियल को ही डालने का प्रावधान है तथा कार्य के दौरान ठेकेदार द्वारा खोदे गए मटेरियल को पुर्नभराव में उपयोग किया गया। कार्य का सुपरविजन नगर निगम के उपयंत्री एवं पी.डी.एम.सी. के फील्ड इंजीनियर द्वारा तथा कार्य का वेरीफिकेशन नगर निगम के कार्यपालन यंत्री/सहायक यंत्री एवं पी.डी.एम.सी. के रेसीडेन्ट इंजीनियर द्वारा किया गया है पृथक से वेरीफिकेशन रिपोर्ट तैयार नहीं की गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) फ्रंटलेन एवं बैकलेन हाउस कनेक्शन का कार्य प्रगति पर है। ठेकेदार को कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र प्रदान नहीं किया गया है। (ङ) अमृत 2.0 के तहत सीवरेज प्रोजेक्ट हेतु राशि रू. 44.00 करोड़ का प्रावधान है। डी.पी.आर. तैयार करने हेतु सर्वे का कार्य प्रचलित है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
म.प्र पावर जनरेशन कम्पनी में पदोन्नति
[ऊर्जा]
42. ( क्र. 1096 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र पावर जनरेशन कम्पनी में एक ही बैच के चालीस अभियन्ता जनरेशन संकाय में कार्यपालन अभियन्ता के पद पर ही पदस्थ हैं? उनके नाम व वर्ष, पदस्थापना का वर्ष सहित जानकारी फरवरी 2023 की स्थिति में दी जावे। (ख) क्या वर्तमान प्रबन्ध संचालक को 1990 से लेकर 2020 तक कितनी बार पदोन्नति दी गई? इसके क्या कारण रहे? इसी बैच के अन्य अभियन्ताओं को पदोन्नति नहीं करने के क्या कारण रहे? तथ्यों सहित जानकारी दी जावे। (ग) क्या एक अधिकारी को ही दिनांक 17.09.1990, 21.06.1999, 03.02.2000, 16.08.2009, 30.06.2012, 27.12.2014, 01.07.2015 एवं 2020 को आठ बार पदोन्नति किया क्यों इसी बैच के अन्य अभियन्ताओं को समान पदोन्नति क्यों नहीं दी गई है? तथ्यों सहित जानकारी दी जावे। (घ) क्या वर्तमान प्रबन्ध संचालक लेखा परीक्षा में अनुत्तीर्ण हुये थे एवं उनके कार्यकाल में कम्पनी कई करोड़ के घाटे में रही है? घाटे की वर्षवार जानकारी दी जावे।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं, म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी में एक ही बैच के चालीस अभियंता जनरेशन संकाय में कार्यपालन अभियंता के पद पर पदस्थ नहीं है। अत: शेष प्रश्न लागू नहीं। (ख) वर्ष 1990 से वर्ष 2020 तक म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के वर्तमान प्रबंध संचालक की जनरेशन संकाय में नियुक्त लेखा संकाय में पद परिवर्तन तथा संचालक के पद पर नियुक्ति से संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। प्रबंध संचालक, श्री मंजीत सिंह, तत्कालीन म.प्र. विद्युत मंडल के जनरेशन संकाय में भर्ती हुए थे एवं वर्ष 2000 से लेखा/वित्त संकाय में है। वित्त संकाय में उपलब्ध पदों के अनुसार उन्हें पदोन्नति प्राप्त हुई। इनके बैच के अन्य अभियंताओं को उत्पादन संकाय में अगले पद की उपलब्धता के आधार पर उच्च पद पर पदोन्नति की गयी एवं वर्तमान में कार्य की आवश्यकता के आधार पर अधीक्षण अभियंता-चालू प्रभार के पद (मूल पद कार्यपालन अभियंता) पर पदस्थ किया गया हैं। (ग) जी नहीं, एक अधिकारी को ही आठ बार पदोन्नत नहीं किया गया हैं। वरन वर्तमान प्रबंध संचालक, म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड तत्कालीन म.प्र. विद्युत मंडल के जनरेशन संकाय में वर्ष 1990 में भर्ती हुए थे एवं वे वर्ष 2000 से लेखा/वित्त संकाय में है। उन्हें वित्त संकाय में उपलब्ध पदों के अनुसार 4 बार पदोन्नति प्राप्त हुई है। इसी बैच के अन्य अभियंताओं को प्राप्त पदोन्नति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। वर्तमान प्रबंध संचालक के जनरेशन संकाय से वित्त संकाय में पद परिवर्तन के फलस्वरूप उनकी व उनके बैच के अन्य अभियंताओं की पदोन्नति में समानता नहीं है। (घ) जी हाँ, वर्तमान प्रबंध संचालक, लेखा परीक्षा में अनुत्तीर्ण हुए थे तथापि वर्तमान प्रबंध संचालक, जो कि मई 2020 से उक्त पद पर पदस्थ हैं, के कार्यकाल में कंपनी घाटे में नहीं रही है। अत: शेष प्रश्न लागू नहीं।
स्मार्ट सिटी अंतर्गत किये गये विकास कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
43. ( क्र. 1097 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र के महानगरों में विकास कार्यों हेतु स्मार्ट सिटी कम्पनी का गठन किन उद्देश्यों को लेकर किया जा रहा है? उद्देश्य, कार्यों का विवरण सहित पूर्ण जानकारी फरवरी 2023 के तहत दी जावे। (ख) उक्त स्मार्ट सिटी कम्पनी/बोर्ड में किन-किन अधिकारियों को समिति का अध्यक्ष, सचिव सदस्य बनाया गया है? नाम, पद सहित पूर्ण जानकारी दी जावे। (ग) क्या कम्पनी को संविदा पर अभियन्ताओं को रखने के अधिकार दिये गये हैं, जो अनुभवहीन, सेवानिवृत अधिकारी है जिन्हें कार्यपालन, अधीक्षण यंत्री बनाया जा रहा है? (घ) क्या उक्त अधिकारियों को करोड़ों रूपये के कार्यों की तकनीकी, प्रशासकीय स्वीकृतियों के अधिकार दिये गये हैं यह कार्य बोर्ड द्वारा क्यों नहीं किया जा रहा है? क्या वरिष्ठ अधिकारी वित्तीय अभियंताओं से स्वयं के बचाव में यह अधिकार संविदा, सेवानिवृत अभियन्ताओं को सुपुर्द कर रहे है? तथ्यों सहित जानकारी दी जावे।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) भारत सरकार की स्मार्ट सिटी परियोजना अंतर्गत म.प्र के चयनित शहरों में परियोजना क्रियान्वयन हेतु एसपीवी के रूप में स्मार्ट सिटी कम्पनी का गठन किया गया है, जिसका उद्देश्य क्षेत्र आधारित विकास (ABD) में मुख्य रूप से अधोसंरचना कार्यों के साथ साथ सम्पूर्ण शहर (PAN City) में स्मार्ट समाधान आधारित कार्यों एवं विकास कार्यों के माध्यम से नागरिकों को बेहतर जीवन स्तर प्रदान करना है। फरवरी 2023 की स्थिति में योजना के स्मार्ट सिटी ग्रांट अंतर्गत स्वीकृत कार्यों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) मध्य प्रदेश की सात स्मार्ट सिटी कंपनी में अध्यक्ष एवं सचिव के नाम, पद आदि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) स्मार्ट सिटी एसपीवी को संविदा पर अभियंताओ एवं अन्य अधिकारियों, कर्मचारियों को रखने के अधिकार है। किसी भी स्मार्ट सिटी में अनुभवहीन, सेवानिवृत अधिकारी को कार्यपालन, अधीक्षण यंत्री नहीं बनाया गया है। (घ) उक्त अधिकारियों को कार्यों के तकनीकी, प्रशासकीय स्वीकृति के अधिकार नहीं है। स्मार्ट सिटी संचालक मंडल (बोर्ड) द्वारा कार्यों की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति दी जाती है एवं बोर्ड, अध्यक्ष द्वारा कार्य संपादन अंतर्गत तकनीकी व अन्य समिति का गठन भी किया गया है। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है।
भूखण्ड क्रय विक्रय की जांच एवं कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
44. ( क्र. 1111 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्य-नगरपालिका अधिकारी मनावर धार द्वारा दिनांक 13/12/2022 को थाना मनावर को किस-किस प्रकरण में प्राथमिकी दर्ज करने के संबंध में पत्र लिखा है? उस प्रकरण में नगरीय प्रशासन विभाग के किस-किस अधिकारी नें जांचकर किस दिनांक को अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत किया? प्रतिवेदन की प्रति-सहित बताएं। (ख) दिनांक 13/12/2022 को पत्र लिखे जाने के बाद थाना मनावर ने किस-किस धारा में किस-किस दिनांक को अपराध पंजीबद्ध किया? किस-किस दिनांक को नगर पालिका से कौन-कौन-सा अभिलेख मांगा? किस-किस अधिकारी एवं कर्मचारी के बयान दर्ज किए हैं? (ग) थाना-मनावर किन-किन कारणों से प्राथमिकी दर्ज नहीं कर रहा है? थाना मनावर द्वारा इस संबंध में नगर पालिका को क्या-क्या निर्देश दिए? यदि सी.एम.ओ. ने उक्त निर्देश का पालन नहीं किया तो उस पर कब तक क्या कार्यवाही की जाएगी? (घ) थाना मनावर द्वारा प्राथमिकी दर्ज नहीं करने पर नगर पालिका ने उच्च अधिकारियों एस.डी.ओ. (पी.) एवं एस.पी. को किस-किस दिनांक को पत्र लिखे हैं? कब तक पत्र लिखे जाएंगे? (ङ) मनावर नगरपालिका स्वामित्व की भूमि का अवैध हस्तांतरण करने वालों को क्या विभाग संरक्षण दे रहा है? यदि नहीं, तो थाना-प्रभारी के निर्देश-अनुसार प्रोपर प्रारूप में आवेदन देकर विभाग द्वारा प्राथमिकता के तहत कब तक प्राथमिकी दर्ज करवाई जाएगी? (च) मनावर-नगरपालिका सी.एम.ओ. ने दोषियों के विरूद्ध नामजद प्राथमिकी दर्ज कराने का प्रोपर प्रारुप में आवेदन क्यों नहीं दिया?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद मनावर जिला धार द्वारा दिनांक 13.12.2022 को नगर परिषद स्वामित्व की लीज की भूमि को खुर्द-बुर्द करने के लिए संबंधितों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करने हेतु थाना मनावर को पत्र लिखा गया है। प्रकरण के संबंध में संभागीय संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास, इंदौर संभाग इंदौर द्वारा जांच कर पत्र क्रमांक/3शि/21/2021/2518 दिनांक 28.09.2022 द्वारा प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद मनावर के पत्र दिनांक 13.12.2022 के अनुक्रम में थाना मनावर द्वारा कोई अपराध पंजीबद्ध नहीं किया गया, अतः शेषांश का प्रश्न ही नहीं है। (ग) मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद मनावर की थाना प्रभारी मनावर से मौखिक चर्चा में पत्र के साथ कथनों की पुष्टि हेतु प्रत्येक प्रकरण में दस्तावेजों को संलग्न करने हेतु कहा गया था। निकाय के पत्र क्रमांक 521 दिनांक 20.02.2023 से थाना मनावर को प्राथमिकी दर्ज करने का आवेदन प्रस्तुत कर दिया गया है। (घ) निकाय द्वारा उच्च अधिकारियों एस.डी.ओ. (पी.) एवं एस.पी को किसी भी प्रकार के पत्र नहीं लिखे गये है कार्यवाही प्रचलित होने से पत्र लिखने की आवश्यकता नहीं है। (ड़) जी नहीं। निकाय के पत्र क्रमांक 521 दिनांक 20.02.2023 से थाना मनावर में प्राथमिकी दर्ज कराने हेतु आवेदन प्रस्तुत कर दिया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (च) नगर पालिका परिषद मनावर में प्राथमिकी दर्ज करने हेतु कोई प्रारूप निर्धारित नहीं है अपितु निकाय में पत्र दिनांक 13.12.2022 द्वारा संबंधित के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करने हेतु थाना मनावर को पत्र प्रेषित किया गया है।
मनावर रिंग रोड टू-लेन सड़क की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
45. ( क्र. 1112 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मनावर रिंग रोड टू-लेन सड़क मार्ग बजट में सं.क्र. 436 में सम्मिलित किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो मनावर शहर की व्यस्तता और मनावर के लोगों को लगातार हो रही आर्थिक-दैहिक क्षति, यातायात बाधा, प्राण घातक दुर्घटनाओं को दर किनार कर भी समितियों के अनुमोदन का हवाला देकर विगत 4 वर्षों से मनावर रिंग रोड को प्रशासकीय स्वीकृति देने में बांधा क्यों डाली जा रही है? (ग) किन माननीय मंत्रियों/अधिकारियों की अध्यक्षता/सदस्यता वाली किन-किन समितियों ने प्रश्न दिनांक तक मनावर रिंग रोड को प्रशासकीय स्वीकृति देने के संबंध में किस-किस दिनांक को क्या-क्या अभिमत दिया? किस-किस दिनांक को समितियों की बैठकें हुई? पृथक-पृथक प्रति सहित बताएं। यदि बैठक नहीं हुईं तो कारण बताएं। (घ) प्रश्न-दिनांक तक भी शासन/प्रशासनिक समितियों ने मनावर रिंग रोड को प्रशासकीय स्वीकृति नहीं देकर क्या मनावर के लोगों की आर्थिक-दैहिक क्षति, यातायात बाधा, प्राणघातक दुर्घटनाओं को जारी रखना चाहता है? (ङ) यदि नहीं, तो क्या बजट वर्ष 2023-2024 में मनावर रिंग रोड को स्वीकृति देकर प्राक्कलित राशि जारी की जाएगी? (च) मनावर के लोगों की प्रश्नांश (ख) संबंधी समस्याओं को देखते हुए मनावर रिंग रोड का निर्माण कब तक किया जाएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रशासकीय स्वीकृति जारी करने में कोई बाधा नहीं डाली जा रही है। (ग) विस्तृत कार्रवाई का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं। (ड़) विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (च) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट द्वारा कराये जा रहे कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
46. ( क्र. 1129 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में स्मार्ट सिटी कार्पोरेशन का गठन किस दिनांक को हुआ एवं उसकी अंतिम कार्यावधि/दिनांक क्या है? उक्त अवधि में किस प्रकार की अधोसंरचना का निर्माण एवं परिनिर्माण करना निर्धारित किया? (ख) स्मार्ट सिटी कार्पोरेशन के गठन से उत्तर दिनांक तक कौन-कौन से कार्य स्वीकृत हुये? कौन-कौन से कार्य पूर्ण हुये? कौन-कौन से कार्य अपूर्ण हैं? कौन-कौन से अप्रारंभ है? क्या अपूर्ण एवं अप्रारंभ कार्यों को कार्पोरेशन के कार्य की अंतिम अवधि/दिनांक तक पूर्ण कर लिया जाएगा? यदि हां, तो किस प्रकार? यदि नहीं, तो उक्त कार्यों को किस प्रकार पूर्ण कराया जाएगा? प्रत्येक कार्यवार विस्तृत जानकारी दें? (ग) किन-किन कार्यों में प्रशासकीय स्वीकृति अनुसार राशि का भुगतान किया? क्या किसी कार्य की स्वीकृत राशि बाद में बढ़ाई गई? यदि हां, तो किस-किस कार्य की कितनी राशि किस कारण बढ़ाई गई? उसका क्या औचित्य रहा? क्या तकनीकी स्वीकृति एवं प्रशासकीय स्वीकृति के पूर्व ही उक्त औचित्य का ध्यान रखा गया? यदि हाँ, तो स्वीकृति के पूर्व ही उसे समाहित क्यों नहीं किया गया? इसके लिए कौन दोषी है? (घ) स्मार्ट सिटी कार्पोरेशन के गठन से उत्तर दिनांक तक किन-किन कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि शासन से प्राप्त हुई? कितनी राशि विज्ञापन तथा अन्य रूप में प्राप्त हुई? उसका किन-किन कार्यों में व्यय किया गया? प्रत्येक कार्यवार एवं वर्षवार जानकारी दें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : भारत सरकार, आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय के अनुसार स्मार्ट सिटी परियोजना की कार्य अवधि दिनांक 30.06.2023 तक है। उक्त अवधि में स्मार्ट सिटी मिशन गाइड-लाइन के ग्वालियर शहर के स्वीकृत स्मार्ट सिटी प्रपोजल (एस.सी.पी.) अनुसार विभिन्न प्रोजेक्टस का क्रियान्वयन एबीडी क्षेत्र एवं सूपूर्ण पेन सिटी क्षेत्र में किया जाना है। क्रियान्वित किये जाने वाले विभिन्न अधोसंरचना निर्माण एवं परिनिर्माण की सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - 1 अनुसार है। (ख) ग्वालियर स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन के गठन दिनांक से उत्तर दिनांक तक परियोजना अंतर्गत स्वीकृत होकर पूर्ण कार्यों की सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -2 अनुसार है एवं अपूर्ण व प्रगतिरत कार्यों की सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -3 अनुसार है। स्वीकृत समस्त कार्यों में कोई कार्य अप्रारंभ की श्रेणी में नहीं हैं। स्मार्ट सिटी परियोजना अंतर्गत भारत सरकार व शासन से प्राप्त निर्देश एवं संपादित अनुबंध अनुसार प्रगतिरत कार्यों को नियत समायावधि में पूर्ण किया जाना लक्षित हैं। कार्यवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 4 अनुसार है। (ग) स्मार्ट सिटी परियोजना अन्तर्गत जिन कार्यों में प्रशासनिक स्वीकृति अनुसार भुगतान किया गया है कि जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - 5 अनुसार है एवं जिन कार्यों की स्वीकृत बाद राशि बढ़ायी गई है बढ़ायी गई राशि कारण एवं औचित्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - 6 अनुसार है। कार्य संपादन के दौरान स्थल पर आवश्कता एवं औचित्य को ध्यान में रखते हुए तत्कालीन परिस्थिति अनुसार सक्षम स्वीकृति उपरांत अतिरिक्त कार्य सम्मिलित किया गया है। अत: शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (घ) ग्वालियर स्मार्ट सिटी के गठन दिनांक से उत्तर दिनांक तक विभिन्न कार्यों के क्रियान्वयन हेतु शासन से राशि रूपये 494.94 करोड़ प्राप्त हुए जिसमें केन्द्र व शासन से प्राप्त ग्राण्ट राशि सम्मिलित है। विज्ञापन तथा अन्य स्त्रोतों से कुल राशि रू. 95,91,970.00/- प्राप्त हुए है जिसका विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -7 अनुसार है। उक्त राशि का व्यय किसी भी परियोजना में नहीं किया गया हैं। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है।
ग्वालियर शहर में नियमित पेयजल आपूर्ति
[नगरीय विकास एवं आवास]
47. ( क्र. 1130 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में नगर निगम द्वारा पेयजल आपूर्ति के लिए वर्तमान में क्या व्यवस्था अपनायी जाती है? क्या प्रतिदिन पर्याप्त मात्रा में पेयजल सप्लाई की जाती है? यदि नहीं, तो इस हेतु अभी तक क्या-क्या प्रयास किये गये? (ख) नगरीय क्षेत्र ग्वालियर में ए.डी.बी. के सहयोग से प्रोजेक्ट उदय का गठन किस वर्ष तक की स्थिति हेतु व्यवस्थित पेयजल सप्लाई को लेकर हुआ? उसकी कार्यावधि कब से कब तक थी? किस दिनांक को किस कारण उसे बन्द किया गया? इसके तहत कितनी राशि प्राप्त हुई? कितनी व्यय हुई? उससे कौन-कौन से कार्य कितनी राशि के कराये गये? वर्तमान में उन कार्यों की क्या स्थिति है? प्रत्येक कार्य समाप्ति पर क्या योजना का उद्देश्य पूर्ण हुआ? प्रत्येक कार्यवार जानकारी दें? (ग) प्रोजेक्ट उदय के तहत कराये गये कार्यों की उपयोगिता अवधि पूर्ण होने के पूर्व ही अमृत योजना की आवश्यकता क्यों पड़ी? अमृत योजना फेस-1 किस दिनांक से प्रारंभ हुई तथा उसकी पूर्णः अवधि क्या है? वर्तमान में कितने प्रतिशत कार्य पूर्ण हुआ? उक्त मद में वर्षवार कितनी राशि किस-किस कार्यों हेतु प्राप्त हुई? कितनी राशि व्यय हुई? कितने कार्य स्वीकृत हुये? कितने पूर्ण? कितने अपूर्ण? कितने अप्रारंभ है? क्या पूर्ण कार्य मौके पर गुणवत्ता पूर्ण होकर सही स्थिति में हैं? यदि हाँ, तो किस सक्षम अधिकारी द्वारा कार्य का अंतिम मूल्यांकन/प्रमाणीकरण किया गया? प्रत्येक कार्यवार एवं अधिकारीवार जानकारी दें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) ग्वालियर नगरीय क्षेत्र में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट्स एवं नलकूपों से जलप्रदाय किये जाने की व्यवस्था विद्यमान है। अमृत-1 अंतर्गत वर्ष 2035 की पेयजल की मांग की आपूर्ति हेतु कार्य कराये गये है। वार्ड क्र. 01 से 60 के शेष कार्य तथा वार्ड 61 से 66 की पेयजल व्यवस्था के लिये अमृत 2.0 योजना में प्रस्तावित किये जा रहे हैं। (ख) वर्ष 2024 प्रोजेक्ट उदय के संबंध में वर्ष 2003 में कार्यवाही प्रारंभ हुई थी और दिनांक 31.03.2013 को कार्य पूर्ण हुआ। दिनांक 31.03.2013 को कार्य पूर्ण होने से प्रोजेक्ट उदय को बन्द किया गया। परियोजना हेतु कुल राशि 118.58 करोड़ प्राप्त हुई। राशि रू.135.88 करोड़ व्यय हुई है। जी हाँ, कार्यवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" अनुसार है। (ग) पेयजल की मांग एवं रिहायशी क्षेत्र में बढ़ोत्तरी तथा नगर पालिक निगम, ग्वालियर की सीमा में नवीन वार्ड क्रमांक 61 से 66 का क्षेत्र सम्मलित होने के कारण अमृत योजना में कार्य लेने की आवश्यकता पड़ी। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "ब" अनुसार है।
विधि महाविद्यालय की स्थापना
[उच्च शिक्षा]
48. ( क्र. 1133 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में लगभग सभी संभागीय मुख्यालयों पर विधि महाविद्यालय संचालित हैं, परन्तु बुन्देलखण्ड क्षेत्र के संभागीय मुख्यालय सागर में नहीं है, जबकि संभागीय मुख्यालय सागर में विधि महाविद्यालय की महती आवश्यकता है? इसका क्या कारण है? (ख) क्या शासन के समक्ष संभागीय मुख्यालय सागर में विधि महाविद्यालय खोले जाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन है? यदि हाँ, तो वर्तमान तक क्या कार्यवाही प्रचलन में है? यदि नहीं, तो क्या शासन इस पर विचार करेगा तथा कब तक?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। संभागीय मुख्यालयों में से केवल इंदौर, ग्वालियर, भोपाल, रीवा एवं उज्जैन में शासकीय विधि महाविद्यालय संचालित हैं। विधि महाविद्यालय प्रारंभ किए जाने हेतु बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा निर्धारित मापदण्डों की पूर्ति होना आवश्यक है। इन मापदण्डों के परिप्रेक्ष्य में सागर में विधि महाविद्यालय की स्थापना संबंधी कार्यवाही की जाएगी। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश का शेष उत्तर, उत्तरांश ''क'' अनुसार, निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
घरेलू नल कनेक्शन का प्रदाय
[नगरीय विकास एवं आवास]
49. ( क्र. 1141 ) श्री आरिफ मसूद : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर निगम भोपाल के अंतर्गत आने वाले वार्ड 51 के त्रिलंगा, जी-1, जी-2, जी-3, महाकाली सोसायटी एवं अन्य कई कॉलोनियों में नगर निगम द्वारा बल्क कनेक्शन से जल प्रदाय किया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या निगम प्रशासन द्वारा घरेलू नल कनेक्शन दिये जाने की योजना बनाई गई है? यदि हाँ, तो कार्य कब तक प्रारंभ होगा। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में घरेलू नल कनेक्शन लेने पर प्रत्येक उपभोक्ता को लगभग कितने रूपये कनेक्शन चार्ज निगम को अदा करना होगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, निगम प्रशासन द्वारा घरेलू नल कनेक्शन प्रदान किये जाने हेतु समिति का गठन किया गया है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार दरों का निर्धारण नहीं किया गया है।
अग्रिम सूचना के बिना डी.पी. निकाली जाना
[ऊर्जा]
50. ( क्र. 1143 ) श्री आरिफ मसूद : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड अंतर्गत भोपाल डिवीजन के सुल्तानिया जोन में आने वाले मजदूर नगर क्षेत्र को विद्युत प्रदाय करने वाली डी.पी. को दिनांक 04/02/2023 को बिना किसी अग्रिम सूचना के निकाल लिया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त डी.पी. से कितने घरेलू कनेक्शन उपभोक्ताओं को विद्युत प्रदाय की जाती है? उनके नाम पते आई.डी सहित प्रश्न दिनांक तक बकाया बिल की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या इलाके में निवास करने वाले विद्यार्थियों की वार्षिक परीक्षा प्रारंभ हो चुकी हो एसी परिस्थिति में बिना अग्रिम सूचना के डी.पी. निकाल कर ले जाना छात्रों के मानव अधिकारों का हनन है? यदि हाँ, तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या जिन उपभोक्ताओं के बिजली बिल प्रश्न दिनांक तक केवल पिछले माह का बिल या लगभग 1 हज़ार के आसपास बकाया है उनकी भी बिजली सप्लाई रोक दी गई है? यदि नहीं, तो उनको किस डी.पी. से विद्युत प्रदाय की जा रही है? यदि विद्युत प्रदाय नहीं किया जा रहा है तो जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं। प्रश्नांश में उल्लेखित ट्रांसफार्मर से संयोजित सभी 99 उपभोक्ताओं को मासिक देयक स्पॉट बिलिंग द्वारा दिया जाता है, जिसमें चालू माह एवं बकाया राशि का उल्लेख होता है। केंद्रीयकृत कॉल सेंटर द्वारा उपभोक्ताओं को फोन कर, भुगतान करने हेतु हर माह संदेश दिया जाता है। साथ ही उपभोक्ताओं को SMS के माध्यम से, भुगतान की जाने वाली राशि बावत् संदेश भेजा जाता है, जिसमें बकाया राशि जमा नहीं करने की स्थिति में कनेक्शन विच्छेदित किये जाने संबंधी चेतावनी दी जाती है। उसके उपरांत भी भुगतान नहीं होने की स्थिति में उक्त क्षेत्र के लाईनमेन द्वारा विद्युत बिल का भुगतान करने हेतु समस्त उपभोक्ताओं से संपर्क किया गया है। इसके अतिरिक्त उक्त क्षेत्र में दिनांक 20/09/22, दिनांक 12/10/22 एवं दिनांक 15/12/22 को लाउड स्पीकर के माध्यम से बिल भुगतान करने हेतु उपभोक्ताओं को सूचित किया गया था। उल्लेखनीय है कि प्रश्नाधीन क्षेत्र में 185 मकान स्थापित हैं, जिनमें से मात्र 99 मकानों में ही वैध कनेक्शन है तथा 86 मकानों में विद्युत की चोरी कर, अनाधिकृत उपयोग किया जा रहा है। वितरण ट्रांसफार्मर निकालने की दिनांक को 99 वैध कनेक्शनधारियों में से 87 कनेक्शनधारियों पर बकाया राशि शेष थी तथा शेष 12 कनेक्शनधारियों द्वारा विद्युत की चोरी कर, अपने विद्युत देयक 100-150 यूनिट तक ही सीमित कर, विद्युत का अवैध उपयोग किया जाना पाया गया। प्रश्नांश में उल्लेखित दिवस पर उक्त वितरण ट्रांसफार्मर से संयोजित उपभोक्ताओं पर बकाया राशि रू. 9.59 लाख थी। उक्त ट्रांसफार्मर पर AT&C लॉस 98.5 प्रतिशत, T&D लॉस 87 प्रतिशत तथा बिलिंग दक्षता मात्र 12 प्रतिशत है। अत: उक्त क्षेत्र में विद्युत चोरी को कम करने, अत्यधिक बकाया राशि की वसूली करने एवं ट्रांसफार्मर, अन्य उपकरण तथा जनमानस की सुरक्षा के दृष्टिगत उक्त ट्रांसफार्मर निकाला गया था। (ख) प्रश्नाधीन वितरण ट्रांसफार्मर से 98 घरेलू उपभोक्ताओं को विद्युत प्रदाय की जाती है जिनकी प्रश्न दिनांक तक नाम-पते, आई.वी.आर. क्रमांक (आई.डी.) सहित विद्युत बिल की बकाया राशि की प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) विद्युत प्रदाय संहिता 2021 की कंडिका 9.15 में निहित प्रावधानों के अंतर्गत बकायादार उपभोक्ताओं के विद्युत विच्छेदन की कार्यवाही एवं कंडिका 10.3 अनुसार विद्युत का अनाधिकृत उपयोग रोकने हेतु कार्यवाही की जाती है। विद्युत उपभोक्ता एवं विद्युत कंपनी के मध्य लागू अनुबंध की कंडिका 8 के अंतर्गत विद्युत वितरण कंपनी को अनुबंध की शर्तों का पालन नहीं करने की स्थिति में विद्युत कनेक्शन विच्छेदन का अधिकार हैं, जिसके फलस्वरूप किसी हानि/क्षति के लिये वितरण कंपनी/अधिकारी जिम्मेदार नहीं है।
पदमुद्रा का दुरूपयोग
[उच्च शिक्षा]
51. ( क्र. 1181 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या डॉ. जी.एस. रोहित प्रभारी अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा के विरूद्ध पदमुद्रा के दुरूपयोग एवं शासकीय महाविद्यालय केसली एवं अन्य महाविद्यालय में खरीददारी में भ्रष्टाचार की शिकायत प्राप्त होने पर कमिश्नर सागर संभाग द्वारा लघुशास्ति हेतु आरोप ज्ञापन जारी किया गया है? (ख) क्या शासकीय कन्या महाविद्यालय सागर की प्राचार्य को अपमानित और उनके साथ दुर्व्यवहार की शिकायत प्राप्त होने पर कमिश्नर सागर संभाग द्वारा लघुशास्ति हेतु आरोप ज्ञापन जारी किया गया है? शासन महिलाओं का उत्पीड़न करने वाले अधिकारी को कब तक पद से अलग किया जायेगा? (ग) डॉ. जी.एस. रोहित के विरूद्ध शिकायतें प्राथमिक रूप से सही पाए जाने एवं रोहित के पद पर रहते जांच को प्रभावित करने के कारण कमिश्नर सागर संभाग के बाहर स्थानांतरित करने के संबंध में लेख पर आज दिनांक तक आयुक्त/शासन स्तर से क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या एक महिला अतिथि विद्वान के साथ अश्लील वार्तालाप करने की शिकायत प्राप्त होने पर कमिश्नर सागर संभाग सागर द्वारा लघुशास्ति हेतु आरोप ज्ञापन जारी किया गया है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। जांच प्रतिवेदन में आरोप प्रमाणित होने पर प्रावधान अनुसार शास्ति अधिरोपित की जाती है। (ग) विभाग के आदेश दिनांक 20-02-2023 द्वारा अतिरिक्त संचालक, सागर संभाग, सागर के प्रभार से हटा दिया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''इ'' अनुसार है।
रोड निर्माण की जानकारी
[लोक निर्माण]
52. ( क्र. 1182 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या (1) गर्रोली बन्छौरा रोड से नये घर मचा मार्ग (2) गर्रोली रोड से वीरपुरा पहुँच मार्ग (3) 39 एन.एच से मुड़वारा पहुँच मार्ग (4) रेल्वे फाटक हरपालपुर से गल्ला मण्डी तक (5) नेगुवा से मझगुवा रोड पूर्व से स्वीकृत हैं? (ख) उपरोक्त पूर्व से स्वीकृत रोडों पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की गई तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश ''क'' अनुसार। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
आउटसोर्स कर्मचारियों का संविलियन
[ऊर्जा]
53. ( क्र. 1199 ) श्री तरबर सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत 10 वर्षों से मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के प्रत्येक कार्यालय में विभिन्न संवर्गों पर आउटसोर्स के माध्यम से कर्मचारियों की कमी को पूरा किया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत कार्यरत बिजली आउटसोर्स कर्मचारी आपातकालीन एवं अति जोखिम पूर्ण बिजली सेक्टर क्षेत्र में हर माह बिजली ठेकाकर्मी विद्युत दुर्घटना में विकलांग हो रहे हैं या मृत हो रहे है? यदि हाँ, तो शासन ने इनके हितों को ध्यान में रखते हुये ठेकेदारी कल्चर समाप्त कर आउटसोर्स रिफार्म नीति बनाने का प्रयास किया जा रहा हैं? (ग) बण्डा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कार्यरत बिजली आउटसोर्स कर्मचारियों ने समय-समय पर ज्ञापन पत्रों के माध्यम से नियमित कर्मचारी के तौर पर संविलियन करने की मांग की है, तो क्या इन कर्मचारियों की मांगों को उचित मानते हुये सरकार इनका संविलियन करेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड की स्वीकृत संगठनात्मक संरचना में श्रेणीवार नियमित एवं संविदा के पद स्वीकृत किए गए है। साथ ही बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता के माध्यम से आउटसोर्स कार्मिकों को नियोजित किये जाने का भी प्रावधान किया गया है। तद्नुसार म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कार्य की आवश्यकतानुसार बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता एजेन्सियों के माध्यम से आउटसोर्स कार्मिकों का नियोजन किया जा रहा है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखानुसार बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता के माध्यम से नियोजित आउटसोर्स कार्मिकों से उनके पद के अनुरूप सेवा प्राप्त की जा रही हैं। विद्युत सुधार एवं रख-रखाव के कार्य से संबंधित आउटसोर्स कार्मिकों को आवश्यक सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराये जाते हैं। कार्य के दौरान घटित दुर्घटना से मृत्यु/विकलांगता से प्रभावित होने पर आउटसोर्स कार्मिकों को नियमानुसार आर्थिक सहायता राशि प्रदान की जाती है। उक्त के अतिरिक्त अन्य सुविधाएँ जैसे- ई.पी.एफ, ई.एस.आई.सी. एवं बोनस का भुगतान किया जाता है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ग) आउटसोर्स कार्मिक बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता के कार्मिक होते है। म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा आउटसोर्स कार्मिकों की भर्ती नहीं की जाती है। अत: प्रश्नांश में उल्लेखित आउटसोर्स कार्मिकों के नियमितीकरण संबंधी कोई प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है।
अनुकम्पा नियुक्ति में समानता
[ऊर्जा]
54. ( क्र. 1205 ) श्रीमती कल्पना वर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में एवं म.प्र. शासन के अनुकम्पा नियुक्ति आदेशों में भिन्नता है? क्या भिन्नता है? स्पष्ट करें। (ख) क्या विद्युत कम्पनियों में लाइन कर्मियों का कार्य अन्य विभागों से जोखिम भरा रहता है, इसके बावजूद भी सन् 2000 से 2012 तक के लोक सेवकों की बीमारी या अन्य किसी कारण/दुर्घटना से मृत्यु पर आश्रितों को अनुकम्पा नियुक्ति नहीं दी गई है? अगर सही है तो उक्त अवधि में मृत हुये लोक सेवकों/लाइनमैन/विद्युत कर्मियों के आश्रितों को कब तक अनुकम्पा नियुक्ति दी जायेगी, ऐसे प्रकरणों की जिलेवार संख्यात्मक जानकारी बतायें। (ग) क्या शासन के विभागों में अनुकम्पा नियुक्ति नियमित पद पर दी जाती है साथ ही समय देकर पद की वांछित योग्यता प्राप्त करने का अवसर दिया जाता है, जबकि विद्युत कम्पनी शासन के उपक्रम होने के बावजूद ऐसा क्यों नहीं करती है, उक्त विसंगति दूर करने के निर्देश कब जारी किये जायेंगे? समय बतायें। (घ) क्या शासन की भांति अनुकम्पा नियुक्ति में समानता लाई जायेगी? यदि नहीं, तो कारण बतायें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, सामान्य प्रशासन विभाग, म.प्र. शासन द्वारा दिनांक 29.09.2014 से जारी अनुकंपा नियुक्ति नीति एवं राज्य शासन से प्राप्त अनुमोदन उपरांत म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर द्वारा दिनांक 27.07.2018 से जारी अनुकंपा नियुक्ति नीति 2018 के कुछ प्रावधानों में भिन्नताएं हैं, जिनका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर में लागू अनुकंपा नियुक्ति नीति 2018 के अनुसार दिनांक 15.11.2000 के पश्चात् एवं दिनांक 10.04.2012 के पूर्व के दुर्घटना मृत्यु के प्रकरणों को छोड़कर बीमारी या अन्य किसी कारण से मृत हुये कार्मिकों को अनुकंपा नियुक्ति दिये जाने का प्रावधान नहीं है, अत: वर्तमान नियमों के अनुसार तत्संबंध में कोई कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है। उक्त अवधि में अनुकंपा नियुक्ति नहीं दिये गये कार्मिकों के आश्रितों का जिलेवार संख्यात्मक विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में भी प्रचलित अनुकंपा नियुक्ति नीति 2018 के प्रावधानों के अनुरूप नियमित एवं संविदा पदों पर अनुकंपा नियुक्ति दी जाती है। साथ ही चिन्हित पदों हेतु निर्धारित शैक्षणिक अहर्ता नहीं होने पर आवेदक को शैक्षणिक अहर्ता प्राप्त करने हेतु वर्तमान में कुल 4 वर्ष का समय दिये जाने का प्रावधान है। अत: उक्त नीतिगत प्रावधानों के परिप्रेक्ष्य में अन्य कोई कार्यवाही अपेक्षित नहीं है। (घ) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार राज्य शासन से अनुमोदन उपरांत म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में दिनांक 27.07.2018 से जारी अनुकंपा नियुक्ति नीति, 2018 में परिवर्तन किये जाने का कोई प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है।
नगर निगम सतना के विकास कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
55. ( क्र. 1206 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित प्रश्न क्र. 1144 दिनांक 22.12.2022 के उत्तर (क) एवं (ख) के अनुसार सतना नगर निगम को वित्तीय वर्ष 2022-23 में शिक्षा उपकर की राशि रुपए 2, 58, 39, 394/-संग्रहीत की गई जिसके एवज में मात्र एक स्कूल (विद्यासदन) संचालित किया जाता है। नगर निगम द्वारा पिछले पांच वर्षों में कितना शिक्षा उपकर प्राप्त किया गया है? विद्यासदन स्कूल में कितना खर्च किया गया है? किन-किन विकास कार्यों में व्यय किया गया है? कितनी छात्र संख्या एवं कितने अध्यापक कार्यरत हैं? (ख) सतना नगर निगम में कितने कि.मी. की सीवर लाइन स्वीकृत है? कितने कि.मी. का कार्य पूर्ण हो चुका है? कितने कि.मी. की रेट्रोफिलिंग की गई है? कच्ची सड़कों में सीवर लाइन कार्य पूर्ण होने के बाद भी पक्की सड़क क्यों नहीं बनाई जा रही? (ग) सतना नगर निगम के वार्ड क्र. 6, 7, 8, 23, 24, 25, 26, 41, 42 में सीवर लाइन का कार्य क्यों नहीं किया जा रहा है? इन वार्डों में सबसे ज्यादा घनी आबादी है और सीवर लाइन की अत्यंत आवश्यकता है, फिर भी इन वार्डों में क्यों नहीं डाली जा रही है? यदि सीवर लाइन का कार्य किया जाएगा तो कब तक किया जाएगा? (घ) सतना नगर निगम में कितने सुलभ शौचालय हैं और किस योजना अन्तर्गत किन-किन स्थानों में संचालित हैं? इनके टेंडर कब हुए थे एवं बजट कितना है? इसके टेंडर की क्या प्रक्रिया है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। वर्षवार शिक्षा उपकर 2017-18 राशि रू. 21946696/-, 2018-19 राशि रू. 38014122/-, 2019-20 राशि रू. 44311362/-, 2020-21 राशि रू. 39331634/- एवं 2021-22 राशि रू. 45482300/- राशि संग्रहीत हुई है। वर्ष 2020-21 में नगर पालिक निगम, सतना द्वारा संचालित विद्यासदन स्कूल में मरम्मत कार्य कराया गया, कराये गये मरम्मत कार्य में 46, 000/- का व्यय हुआ। वर्तमान में विद्यासदन स्कूल में 130 विद्यार्थी व 05 शिक्षक कार्यरत हैं। (ख) नगर पालिक निगम, सतना में अमृत परियोजना अंतर्गत सीवरेज घटक की 492.5 कि.मी. की सीवर लाइन स्वीकृत है। वर्तमान में 213 कि.मी. की सीवर लाइन बिछाये जाने का कार्य पूर्ण किया जा चुका है, जिसके क्रम में 203 कि.मी. की रोड रेट्रोफिलिंग की जा चुकी है। कच्ची सड़कों में सीवर लाइन बिछाये जाने का कार्य पूर्ण होने के पश्चात अनुबंध अनुसार रेस्टोरेशन कार्य किया जाता है। नगर की विभिन्न कच्ची-पक्की सड़कों के निर्माण हेतु पृथक निविदा आमंत्रित की गई है। (ग) सतना नगर निगम के वार्ड क्र. 6, 7, 8, 23, 24, 25, 26, 41 एवं 42 में सीवर लाइन बिछाये जाने का कार्य स्वीकृत ड्रॉइंग, डिजाईन एवं अनुबंध अनुसार तय समय अवधि में पूर्ण किया जाना लक्षित है। (घ) सतना नगर निगम में 22 नग सामुदायिक/सार्वजनिक शौचालय हैं, जो मुख्यमंत्री शहरी स्वच्छता मिशन एवं स्वच्छ भारत मिशन योजना के अंतर्गत बनाए गए हैं। स्थान क्रमशः काका स्वीट के सामने, जयस्तम्भ चौक, सुभाष पार्क, सिटी कोतवाली के पास, धवारी मोड, कोठी मोड, सिविल लाइन चौक, बस स्टैण्ड, कीर्ति बाजार, सिंधी कैम्प, संतोषी माता मंदिर के पास, घूरडांग, हनुमान नगर, जेल रोड, मथुरा बस्ती, चार मंदिर के पास नई बस्ती, नजीराबाद मछली मार्केट के पास, नारायण तालाब, विश्वासराव सब्जी मंडी, हनुमान चौक, टाउन हॉल, नई बस्ती मंडी के पीछे, ट्रांसपोर्ट नगर में संचालित हैं। मथुरा बस्ती, चार मंदिर के पास, टाउन हॉल व हनुमान चौक स्थित 4 सामुदायिक शौचालय के निर्माण हेतु वर्ष 2018 में टेन्डर किया गया था। जिसका बजट/लागत रु. 72.00 लाख था। नवीन शौचालय निर्माण हेतु ऑनलाइन निविदा बुलाई जाती है।
छात्रवृत्ति का प्रदाय
[उच्च शिक्षा]
56. ( क्र. 1207 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले में संचालित ए.के.एस. यूनिवर्सिटी के बी.एस.सी. एग्रीकल्चर के कोर्स में आई.सी.ए.आर. के मापदंडों के अनुसार निर्धारित सीटों के अनुपात में सम्बंधित संसाधनों की उपलब्धता है? किस-किस कंपनी के उपकरण हैं, कौन सा मॉडल और किस वर्ष के हैं? (ख) क्या ए.के.एस. यूनिवर्सिटी और आदित्य ग्रुप सतना में संचालित सभी पाठ्यक्रम की सीटों के अनुपात में शिक्षकों की योग्यता का प्रमाण-पत्र है? (ग) पिछले पाँच सालों में एस.सी., एस.टी. एवं ओ.बी.सी. में कितने छात्रों ने प्रवेश लिया एवं विभाग से कितनी स्कॉलरशिप छात्रों को प्राप्त हुई और किन-किन छात्रों को प्राप्त हुई? (घ) क्या ए.के.एस. यूनिवर्सिटी और आदित्य ग्रुप सतना में अन्य यूनिवर्सिटी की अपेक्षा ज्यादा स्कॉलरशिप दी जा रही है? यदि हाँ, तो क्यों? इसकी जांच कराई जायेगी? (ङ) कौन-कौन सी यूनिवर्सिटी और कॉलेज को ज्यादा स्कॉलरशिप मिल रही है और छात्रों को निर्धारित मापदंडों से कम दी जा रही है और छात्रों से स्कॉलरशिप से ज्यादा फीस लेकर शासन द्वारा चलाई जा रही स्कालशिप योजना का दोहन कर रही है? इसकी जाँच कराई जाएगी और दोषियों पर सख्त कार्यवाही की जाएगी? (च) क्या यूनिवर्सिटी द्वारा फीस नियामक के मापदंडों का पालन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कितनी फीस छात्रों द्वारा वसूली जा रही है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (पृष्ठ 01 से 10 तक) (ख) जी हाँ। विश्वविद्यालय में नियुक्त शिक्षक योग्यता पूर्ण करते हैं। आदित्य ग्रुप सतना विश्वविद्यालय से संबंधित नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार (पृष्ठ-11) एवं जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार (पृष्ठ-12 से 168 तक) है। (घ) जी नहीं। संबंधित विभाग द्वारा नियमानुसार छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। आदित्य ग्रुप सतना विश्वविद्यालय से संबंधित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) विभाग अंतर्गत संचालित विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में अध्ययनरत छात्रों को संबंधित विभाग द्वारा नियमानुसार छात्रवृत्ति दी जाती है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (च) जी हाँ। निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग द्वारा अनुमोदित फीस छात्रों से ली जाती है। ए.के.एस. विश्वविद्यालय की बी.एस.सी (कृषि) विषय का शुल्क 65 हजार रूपये सत्र 2022-23 हेतु निर्धारित किया गया है। शुल्क संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार (पृष्ठ 169 से 173 तक) है।
कंपनी से शुल्क वसूली
[नगरीय विकास एवं आवास]
57. ( क्र. 1210 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल नगर निगम सीमा में व्यापक कंपनी के कितने होर्डिंग लगे हुए हैं एवं इनसे प्रत्येक होर्डिंग से किस दर से शुल्क वसूल किया जाता है? (ख) प्रश्न दिनांक तक व्यापक कंपनी द्वारा कितना शुल्क नगर निगम को जमा कर दिया गया है एवं कितना शुल्क बकाया है? (ग) व्यापक कंपनी के होर्डिंग नगर निगम सीमा में कहाँ-कहाँ पर लगे हुए हैं? स्थान की सूची सहित उपलब्ध करावें। (घ) क्या व्यापक कंपनी को होर्डिंग लगाने की अनुमति शासन द्वारा दी गई है? यदि हाँ, तो किन-किन स्थानों की अनुमति ली गई है? यदि हाँ, तो सूची उपलब्ध करावें और यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम, भोपाल की सीमा अन्तर्गत व्यापक एंटरप्राइजेज द्वारा ऑनलाइन निविदा प्रक्रिया के माध्यम से 02 यूनिपोल पैकेज के अन्तर्गत कुल 42 यूनिपोल विज्ञापन बोर्ड स्थापित किये गये हैं, प्रत्येक होर्डिंग की दर के संबंध में शुल्क की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "ब" अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "स" अनुसार है। (घ) नगर पालिक निगम, भोपाल द्वारा मध्यप्रदेश आउटडोर विज्ञापन मीडिया नियम, 2017 मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) प्राधिकार से प्रकाशित भोपाल, मंगलवार, दिनांक 28 मार्च 2017 के प्रावधानों के अधीन ऑनलाइन निविदा जारी की गई। तत्पश्चात् व्यापक कंपनी द्वारा उच्चतम ऑफर प्रस्तुत किया गया, तदुपरांत कंपनी को 02 यूनिपोल पैकेज अन्तर्गत होर्डिंग लगाने की अनुमति प्रदान की गई है जिसके व्यापक कंपनी द्वारा लगाये गये होर्डिंग के स्थानों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "द" अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय आवासों का संधारण
[लोक निर्माण]
58. ( क्र. 1211 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल नगर निगम सीमा क्षेत्र में शासकीय आवासों के संधारण/मरम्मत हेतु शासन/लोक निर्माण विभाग द्वारा कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की जाती है और कितने समय में? (ख) भोपाल नगर निगम सीमा में स्थित शासकीय आवासों की रख-रखाव के लिए मेंटेनेंस कार्यालय को मेंटेनेंस हेतु सामग्री समुचित रूप से रखी जाती है? यदि हाँ, तो क्या शासकीय आवासों की मरम्मत का कार्य समय पर कर दिया जाता है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) भोपाल नगर निगम सीमा में स्थित शासकीय आवासों जो कि काफी पुराने हैं वहां के पुरानी सीवर लाइन को बदले जाने की कोई योजना है? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) निश्चित समय में निश्चित राशि स्वीकृत नहीं की जाती अपितु आवश्यकता के अनुसार राशि स्वीकृत की जाती है। (ख) जी हाँ। शासकीय आवासों के संधारण कार्य समय-सीमा में होते हैं। (ग) जी नहीं। शासकीय आवासों की सीवर लाइन चालू स्थिति में है। शिकायत प्राप्त होने पर तत्काल दुरुस्तीकरण किया जाता है।
पथ विक्रेताओं हेतु योजनायें
[नगरीय विकास एवं आवास]
59. ( क्र. 1214 ) श्री विनय सक्सेना : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में पथ विक्रेताओं के हितों के लिए कौन-कौन सी योजना प्रभावशील है? (ख) जबलपुर जिले में कब-कब कितने-कितने स्ट्रीट वेण्डर्स की पहचान की जाकर विभिन्न योजनाओं हेतु हितग्राही के रूप में पंजीयन किया गया है? (ग) नगर निगम जबलपुर द्वारा किन-किन स्थानों को विक्रय क्षेत्र की किस-किस श्रेणी में सूचीबद्ध किया गया है? (घ) नगर निगम क्षेत्र में कब-कब, किस-किस स्थान पर कितनी-कितनी क्षमता के कितनी-कितनी राशि से हॉकर्स जोन बनाये गये हैं? (ङ) कितने-कितने पथ विक्रेताओं को कब-कब, कितनी राशि ऋण स्वरूप प्रदान की गयी है? (च) शहर के किन-किन मार्गों/स्थानों पर वर्तमान में पथ विक्रेताओं के कारण यातायात बाधित होता है? उसके निवारण हेतु क्या-क्या कार्य योजना बनाई गयी है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा शहरी पथ विक्रेताओं के लिये "पी.एम स्वनिधि योजना" एवं "दीनदयाल अंत्योदय योजना- राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन" प्रभावशील है। (ख) जबलपुर जिले में आज दिनांक तक 59, 269 स्ट्रीट वेण्डर की पहचान कर पहचान पत्र एवं वेडिंग सर्टिफिकेट जारी किये गये हैं। इनमें से "पी.एम स्वनिधि योजना" में 58, 748 को लाभ दिया गया है। (ग) नगर पालिक निगम जबलपुर के 11 स्थानों को विक्रय क्षेत्र (ग्रीन जोन) श्रेणी में अधिसूचित किया गया है। यह क्षेत्र क्रमश: रांझी, आधारताल, गोहलपुर, गोरखपुर, रामपुर, ग्वारीघाट, सिविल लाइन, गढ़ा बाजार, सम्पूर्ण निवाड़गंज, शक्ति नगर एवं धनवंतरी नगर है। (घ) नगर निगम जबलपुर द्वारा बनाये गये हॉकर्स जोन की जानकारी निम्नानुसार है:-
क्र. |
हॉकर जोन स्थल |
क्षमता |
राशि |
1 |
कछपुरा व्रिज के बाजू में वर्ष 2016-17 |
207 |
126 लाख |
2 |
गिरिराज किशोर कपूर वार्ड में कोल माइंस के पास वर्ष 2016-17 |
60 |
11.44 लाख |
3 |
शहीद गुलाबसिंह वार्ड पुराना शंकरशाह रामपुर सुले हास्पिटल के सामने वर्ष 2015 |
58 |
75.77 लाख |
4 |
संभाग 10 रांझी में थाने के बाजू में वर्ष 2005-06 |
100 |
6.02 लाख |
जबलपुर स्मार्ट सिटी के द्वारा गुलौआ हॉकर जोन कछपुरा का उन्नयन 3.02 करोड़ की लागत से कराया गया है। (ड.) पी.एम. स्वनिधि योजना में 10 हजार रूपये ऋण के, 29793, 20 हजार रूपये ऋण के, 5008 तथा 50 हजार रूपये ऋण के 161 पथ विक्रेताओं को लाभान्वित किया गया है। (च) जबलपुर निगम क्षेत्र अंतर्गत निवाड़गंज, गंजीपुरा, गढ़ाबाजार, लार्डगंज, मछरहाई, गोरखपुर मेनरोड, रांझी मुख्यमार्ग, आधारताल सब्जीमण्डी मार्केट एरिया एवं बिरसामुण्डा चौक, मेडीकल कॉलेज रोड, लेबर चौक मुख्य मार्ग, दीनदयाल चौक, ISBT मुख्य मार्ग, दमोहनाका मुख्य मार्ग गुलौआ चौक, मिलौनीगंज, दशमेशद्वार, आगा चौक, रानीताल चौक, कमानिया गेट, हनुमानताल के चारों तरफ, मालगोदाम, इंदिरा मार्केट, बिलहरी तिलहरी मेन रोड, घमापुर से कांचघर चौक, चुंगी चौकी से गोपाल होटल तक में यातायात प्रभावित होते हैं। संबंधित क्षेत्रों में व्यापारी संघों से चर्चा कर दुकानों एवं रेहड़ी, पटरी वालों के विस्थापन हेतु अतिक्रमण को हटाने की कार्यवाही समय-समय पर की जाती है।
जबलपुर नगर निगम अंतर्गत अग्निशमन प्रबंधन
[नगरीय विकास एवं आवास]
60. ( क्र. 1216 ) श्री विनय सक्सेना : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर नगर निगम क्षेत्र में कितना फायर फायटर अमला स्वीकृत तथा कार्यरत है? (ख) नगर निगम जबलपुर के आगजनी से निपटने हेतु किस-किस क्षमता के कौन-कौन से, कितने-कितने फायर फायटर इंजन, इक्विपमेंट आदि हैं? सूची देवें। (ग) नगर निगम क्षेत्र के ऐसे कितने सघन आबादी वाले तथा कम चौड़ी सड़क वाले स्थान हैं जहां आगजनी की स्थिति में फायर इंजन का पहुंचना असंभव है? स्थानों के नाम वार्डवार बतावें। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में नगर निगम क्षेत्र में ऐसे सघन आबादी, अपेक्षाकृत बहुत सकरी सड़कों वाले स्थानों पर आगजनी की स्थिति में आग से निपटने हेतु नगर निगम द्वारा क्या कार्य योजना बनाई गई है? (ड.) जबलपुर नगर निगम क्षेत्र में किस-किस स्थान पर कितनी-कितनी हाईराइज बिल्डिंग हैं? कौन-कौन से स्कूल/कॉलेज, विश्वविद्यालय, अस्पताल के पास आग से निपटने हेतु आवश्यक प्रबंध तथा अस्थायी फायर एन.ओ.सी. उपलब्ध है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर निगम जबलपुर में स्वीकृत फायर फायटर अमले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। अतिरिक्त अग्निशमन कार्य हेतु 71 श्रमिक आउटसोर्स के माध्यम से रखे गये हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (घ) नगर पालिक निगम जबलपुर क्षेत्र में सघन आबादी/सकरी सडकों वाले स्थानों के लिये 02 नग छोटे अग्निशमन वाहन उपलब्ध हैं। इसके अतिरिक्त 02 नग छोटे अग्निशमन वाहन क्रय किये जाना प्रस्तावित है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है।
नगर परिषद् बिछिया अंतर्गत कराए गए कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
61. ( क्र. 1220 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक मण्डला जिला अंतर्गत नगर परिषद् बिछिया द्वारा कौन-कौन से कार्य किये गए? कार्य का नाम, लागत राशि, पूर्णता-अपूर्णता की स्थिति सहित उपलब्ध कराएं। (ख) क्या नगर परिषद् बिछिया में दुकानों की नीलामी से प्राप्त राशि में से 1 करोड़ रुपये, नगर परिषद् के ही एक कर्मचारी के चिटफंड बैंक/निजी कंपनी में जमा करवाकर एफ.डी. बनवाई गई थी? यदि हाँ, तो क्या इस हेतु तत्कालीन अध्यक्ष द्वारा मौखिक/लिखित आदेश दिए गए थे? क्या उनकी अनुमति ली गई थी? उक्त राशि कितनी अवधि तक एफ.डी. के रूप में जमा रखी गई थी? इससे कितना ब्याज प्राप्त हुआ? ब्याज की इस राशि का कहाँ उपयोग किया गया? क्या यह कृत्य शासकीय धन के दुरुपयोग या अमानत में खयानत का होने के साथ आपराधिक प्रवृत्ति का है? यदि हाँ, तो इसमें किन-किन के विरुद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- "अ" अनुसार है। (ख) नगर परिषद् भुआ बिछिया के स्वामित्व की दुकानों की नीलामी राशि से प्राप्त रूपये 1.00 करोड़ की एफ.डी. दिनांक 09.12.2021 को शिवांशी इण्डिया निधि लि. में एक वर्ष के लिये बनाई गई थी। जी हाँ, एफ.डी. बनाये जाने हेतु तत्कालीन अध्यक्ष नगर परिषद् भुआ बिछिया द्वारा लिखित आदेश दिए गए जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "ब" अनुसार है। एफ.डी. 5 माह 21 दिन के बाद आवश्यकता पड़ने पर निकाय खाता क्र. 63049749932 में दिनांक 30.05.2022 को जमा करा ली गई एवं प्राप्त ब्याज राशि रूपये 406250/- दिनांक 17.8.2022 को निकाय खाते में जमा हो गई है। निकाय में जमा राशि का उपयोग निकाय के समस्त कार्यों में किया जाता है। इस प्रकरण में आयुक्त राजस्व जबलपुर संभाग जबलपुर द्वारा जांच संस्थित की गई है। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "स" अनुसार है तथा जांच संभागीय आयुक्त जबलपुर संभाग स्तर से प्रक्रियाधीन है।
अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई
[ऊर्जा]
62. ( क्र. 1223 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई के सी.एच.पी. 210 मेगावाट में संचालित लोको पावर का दिनांक 11-01-2022 को किन कारणों से इंजन और डिब्बों की दुर्घटना हुई थी? दुर्घटना के समय लोको पावर में विभाग के कितने कर्मचारी सवार थे? कितने लोगों को चोट लगी? नाम, पता, पद सहित जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) उक्त के परिप्रेक्ष्य में कितने श्रमिकों को कर्मचारी भविष्य निधि की ई.डी.एल.आई. योजना 1976 का लाभ किस दिनांक को दिलाया गया? मृतक भगवानदीन यादव, कमलभान वर्मन, श्यामलाल मेहरा एवं नासिर उल हक, लखनऊ को ई.डी.एल.आई. का लाभ कब मिलेगा? (ग) उपरोक्त दुर्घटना की जांच किस एजेंसी से कराई गई? जांच के क्या परिणाम आये? दुर्घटना के समय मंडल के किन अधिकारी/कर्मचारियों की ड्यूटी थी? दुर्घटना में किसकी लापरवाही पाई गई? ठेकेदार पर क्या कार्रवाई की गई है? (घ) क्या ठेकेदार रेल्वे के अधिवार्षिकी आयु पूर्ण रिटायर्ड लोको पायलट को कार्य पर रखते हैं? क्या उनकी जिला मेडिकल बोर्ड से आंख एवं अन्य जांच कराई जाती है? यदि हाँ, तो जांच रिपोर्ट की जानकारी प्रदाय करें। यदि नहीं, तो इस हेतु मंडल के किस अधिकारी/कर्मचारी को लापरवाही के लिए दंडित किया? नामवार बताएं।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी के अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई के सी.एच.पी. 210 मेगावाट में संचालित लोको पावर में दिनांक 11-01-2022 को वैगन का एयर ब्रेक सिस्टम लोको के एयर ब्रेक सिस्टम से कनेक्ट नहीं होने के कारण दुर्घटना घटी। लोको दुर्घटना के समय लोको पावर में म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी का कोई भी कर्मचारी सवार नहीं था। दुर्घटना के दौरान दो ठेका श्रमिकों, श्री नासिर उल हक (ठेका कार्मिक), लोको ड्राइवर, (पता :- 413, प्रीति नगर, एम.बी.डी., लखनऊ (उ.प्र.) एवं श्री अनवर हुसैन (ठेका कार्मिक), लोको हेल्पर, (पता :- वार्ड नंबर-19 खोली, सकोला, जिला अनूपपुर, म.प्र.) को चोट लगी (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित दुर्घटना में चोटिल श्री नासिर उल हक की दुखद: मृत्यु हुई थी। कर्मचारी भविष्य निधि की ई.डी.एल.आई. योजना 1976 का लाभ दिलाने हेतु श्री नासिर उल हक के प्रकरण के संबंध में उनके ठेकेदार श्री एम.डी. खान (मेसर्स एम. के. ट्रेडर्स के प्रोपरायइटर) द्वारा योजना से संबंधित प्रपत्र पूर्ण कर संबंधित कर्मचारी भविष्य निधि कार्यालय में जमा किए जा चुके हैं। प्रश्नांश में उल्लेखित श्री भगवानदीन यादव, श्री कमलभान वर्मन एवं श्री श्यामलाल मेहरा के संबंध में उपलब्ध जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन दुर्घटना की जांच म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी द्वारा गठित समिति द्वारा कराई गई। जांच समिति के प्रतिवेदन में पाया गया कि दुर्घटना दिनांक 10-01-2022 व 11-01-2022 की मध्य रात के समय में लोको इंजन से रैक को डि-कपल करके आगे ले जाने के दौरान हुई थी। दुर्घटना के समय कंपनी के कर्मचारी श्री श्याम नारायण सिंह, संयंत्र सहायक एवं श्री मोहन सिंह लोधी, संयंत्र सहायक ड्यूटी पर थे। उक्त घटना में जांच समिति के द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन में घटना में कंपनी के किसी भी अधिकारी एवं कर्मचारी की लापरवाही नहीं पाई गई हैं। जांच समिति द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन के अनुसार उक्त दुर्घटना में संबंधित ठेकेदार के कोल परिवहन, अनलोडिंग व लोको एवं इंजन की स्थिति इत्यादि संबंधी कार्यों में लापरवाही पाई गई। संबंधित ठेकेदार मेसर्स ए.के. टेड्रर्स के विरुद्ध कार्यादेश की शर्तों के अनुसार कार्यवाही की जा रही हैं। इनके द्वारा प्रस्तुत देयक में से 50, 000 रुपए की कटौती की जा चुकी है एवं शेष राशि आगामी देयकों अथवा जमा सुरक्षा निधि राशि से कटौती कर क्षतिपूर्ति की वसूली की जावेगी। (घ) जी हाँ, ठेकेदार द्वारा रेल्वे के अधिवार्षिकी आयु पूर्ण रिटायर्ड लोको पायलट अथवा किसी PSU/सरकारी/अर्द्ध सरकारी/कंपनी में लोको संचालन कार्य का अनुभव प्राप्त ड्राइवर को कार्य पर रखा जाता है। लोको संचालन से संबंधित कार्यादेश के अनुसार कार्य पर रखे गये लोको पायलट का शासकीय जिला अस्पताल से मेडिकल जांच प्रमाण-पत्र प्रस्तुत किया जाना अनिवार्य होता है, जिला मेडिकल बोर्ड द्वारा मेडिकल जांच प्रमाण-पत्र की बाध्यता नहीं हैं। जांच प्रमाण-पत्र की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। कार्यादेश की शर्तों के अनुसार मेडिकल जांच प्रमाण-पत्र प्राप्त किया गया है एवं कंपनी के किसी अधिकारी/कर्मचारी की लापरवाही प्रदर्शित नहीं होती। अत: किसी पर कार्यवाही का प्रश्न नहीं उठता है।
दोषी अधिकारी एवं कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
63. ( क्र. 1228 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विदिशा नगरपालिका क्षेत्र में खाद्य विभाग द्वारा संचालित वेयर हाउस कार्पोरेशन को दिये गये पुराने वेयर हाउस को नगरपालिका परिषद् द्वारा जबरिया कब्जा कर तोडा गया था, जिसके संबंध में जांच की गई थी? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के क्रम में हाँ तो उक्त जांच में वेयर हाउस तोड़े जाने के लिए दोषी अधिकारी एवं कर्मचारियों के खिलाफ कोई कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कारण सहित जानकारी दें। उक्त दोषी अधिकारी एवं कर्मचारियों के खिलाफ अभी तक कोई कार्यवाही नहीं किए जाने के क्या कारण हैं एवं कब तक कार्यवाही की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। कलेक्टर, जिला-विदिशा द्वारा उक्त प्रकरण की जांच कराई गई थी। (ख) जांच प्रतिवेदन के अनुसार उत्तरदायी पाए गए श्री सत्येन्द्र धाकरे, तत्कालीन मुख्य नगरपालिका अधिकारी, नगरपालिका परिषद्, विदिशा के विरूद्ध विभागीय जांच की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
स्वीकृत निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
64. ( क्र. 1230 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र विदिशा में लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत कौन-कौन से ऐसे कार्य हैं, जिनके लिए प्रशासकीय और वित्तीय स्वीकृति मिल चुकी है, लेकिन निर्माण कार्य आरम्भ नहीं हुआ है अथवा अपूर्ण है की जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में कार्यों के संबंध में प्रशासकीय और वित्तीय स्वीकृति की तारीख बताएं। इन कार्यों को पूरा करने के लिए निर्धारित अवधि का विवरण दें। (ग) उक्त कार्यों को पूरा करने में हो रहे विलम्ब के कारण सहित जानकारी दें एवं कार्य कब तक पूर्ण अथवा प्रारंभ किये जायेंगे, इस संबंध में भी जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) क्या प्रश्नकर्ता को विभाग द्वारा किये जाने वाले निर्माण कार्यों की अद्यतन स्थिति की जानकारी दी है? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो जानकारी न देने का क्या कारण है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ, 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (घ) जी नहीं। प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा मौखिक रूप से जानकारी चाहे जाने पर उनको तत्समय उपलब्ध करा दी गई है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
ग्रामों का पृथक्करण
[नगरीय विकास एवं आवास]
65. ( क्र. 1232 ) श्री सुनील उईके : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र जुन्नारदेव अंतर्गत नगरपालिका दमुआ के वार्ड क्रं 18 के ग्राम नंदौरा, लुक्काढाना, चिमनीढाना एवं डुंडमंगल क्षेत्र को पृथक किये जाने हेतु परिषद् के प्रस्ताव पारित होने के उपरांत दावा आपत्ति हेतु मध्यप्रदेश राजपत्र का प्रथम प्रकाशन किया गया? यदि हाँ, तो दावा आपत्ति प्राप्त न होने की स्थिति में आज दिनांक तक द्वितीय प्रकाशन की कार्यवाही क्यों शेष है? कारण सहित पुष्टि करने का कष्ट करें। (ख) क्या विधानसभा क्षेत्र जुन्नारदेव के नगरपालिका दमुआ के पार्षदगण, जनप्रतिनिधी मण्डल द्वारा माननीय मुख्य मंत्री जी से मिलने के दौरान माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा नगरपालिका दमुआ के वार्ड क्रं 18 नंदौरा को पृथक किये जाने हेतु आश्वासन दिया गया था? यदि हाँ तो कब तक पृथक किया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या विधानसभा क्षेत्र जुन्नारदेव अंतर्गत ग्रामीणों द्वारा प्रश्नकर्ता प्रवास के दौरान की गई मांग एवं सुविधा को देखते हुये नगरपालिका दमुआ के वार्ड क्रं 18 के ग्राम नंदौरा को पृथक किये जाने पर विचार करेंगे? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। विधानसभा क्षेत्र जुन्नारदेव अंतर्गत नगरपालिका दमुआ के वार्ड क्रमांक 18 के ग्राम नंदौरा, लुक्काढाना, चिमनीढाना एवं डुंडमंगल क्षेत्र को पृथक किये जाने हेतु परिषद् के प्रस्ताव पारित होने के उपरांत दावा आपत्ति हेतु मध्यप्रदेश राजपत्र में प्रकाशन दिनांक 09 जनवरी 2017 को किया गया। दावा आपत्ति प्राप्त न होने के कारण कलेक्टर जिला छिंदवाडा द्वारा अंतिम अधिसूचना का प्रकाशन किये जाने हेतु प्रस्ताव पत्र क्रमांक 1156/दिनांक 21.02.2017 एवं पत्र क्रमांक 319 दिनांक 06.08.2019 से संचालनालय में प्रेषित किया गया। ग्राम पंचायत नंदौरा को नगरपालिका परिषद् दमुआ से अलग कर ग्राम पंचायत बनाये जाने एवं अंतिम प्रकाशन हेतु विभाग को प्रस्ताव प्राप्त हो जाने पर उक्त ग्रामों को पृथक किये जाने के संबंध में कार्यवाही प्रक्रियाधीन रहते माननीय उच्चतम न्यायालय में प्रचलित रिट याचिका (सी) 278/2022 में पारित आदेश दिनांक 10.05.2022 के अनुक्रम में निकायों के चुनाव घोषित हो जाने से पृथक करने की कार्यवाही नहीं की गई। (ख) जी नहीं। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
स्वीकृत देवारण्य योजना
[आयुष]
66. ( क्र. 1234 ) श्री सुनील उईके : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन में अतिमहत्वपूर्ण आदिवासी किसान कल्याण हेतु देवारण्य योजना संचालित की है? इसमें जुन्नारदेव एवं तामिया विधानसभा जुन्नारदेव की आदिवासी विकासखण्ड हैं, किसानों के पांच पर्याप्त कृषि भूमि है एवं इन जंगलों में हर्बल पौधे पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। क्या इस महत्वकांक्षी परियोजना में जुन्नारदेव विधानसभा के दोनों विकासखण्ड को जोड़ा जायेगा? यदि हाँ तो कब तक? (ख) क्या देवारण्य योजना राज्य सरकार द्वारा आदिवासी किसानों के हितों के लिए स्वीकृत की गई है? आज दिनांक तक मध्यप्रदेश के किन-किन जिलों एवं विकासखण्डों में इस योजना को स्वीकृत किया गया है एवं कितनी-कितनी राशि इस योजना में विकासखण्डवार आज दिनांक तक खर्च की गई है? (ग) क्या इस देवारण्य योजना में सतावर, आंवला, हर्रा, बेहड़ा, चिरोंजी, सफेद मूसली, वन जीरा, देवकंद, कालमेघ, बिलोई जैसी अति दुर्लभ वनोषधियां जुन्नारदेव विधानसभा में पाई जाती हैं? मंत्री जी से मांग करता हूँ कि जुन्नारदेव विधानसभा के दोनों विकासखण्ड जुन्नारदेव एवं तामिया को इस योजना में जोड़ा जाये। (घ) क्या जुन्नारदेव विधानसभा के दोनों विकासखण्ड जुन्नारदेव एवं तामिया को इस महत्वकांक्षी में जोड़ा जाता है तो महिला स्व- सहायता समूह, वनधन विकास केन्द्रों की महिलाओं को स्थायी रोजगार उपलब्ध होगा?
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जी हाँ। प्रदेश के समस्त जिले सम्मिलित हैं। (ख) यह योजना अभिसरण आधारित योजना है। अतः इस योजना का क्रियान्वयन विभागों द्वारा पूर्व से संचालित योजना के माध्यम से किया जाता है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) यह योजना संपूर्ण मध्यप्रदेश के सभी जिलों एवं विकासखण्डों के लिये संचालित है। (घ) सभी जिले सम्मिलित होने से पृथक से आवश्यकता नहीं है। योजना में सम्मिलित है।
ट्यूबवेल में स्थापित मोटरपम्प निकाले जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
67. ( क्र. 1237 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल नगर निगम सीमा में खनित ट्यूबवेल में स्थापित मोटर पम्प माननीय उच्चतम न्यायालय एवं आयुक्त नगर निगम के निर्देशानुसार निकाले जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो माननीय उच्चतम न्यायालय एवं आयुक्त नगर निगम के आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो किसके निर्देशानुसार तथा क्यों खनित ट्यूबवेल से स्थापित मोटर पम्प निकाले जा रहे हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में यह अवगत करावें कि खनित ट्यूबवेल से मोटर पम्प निकाले जाने के कारण आमजन को हो रही परेशानियों के लिए किन-किन की जिम्मेदारी निर्धारित की जावेगी तथा उनके विरूद्ध क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ग) यदि नहीं, तो कारण सहित यह अवगत करावें कि प्रश्न दिनांक की स्थिति में कितने व कहाँ-कहाँ से मोटर पम्प निकाले गए और उन्हें कुल कितनी राशि से क्रय किए गए तथा निकाले जाने के बाद उसका क्या उपयोग होगा? क्या यह निगम को वित्तीय नुकसान पहुंचाने वाली प्रक्रिया के लिए किन की जिम्मेदारी निर्धारित की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ, माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा दायर याचिका 657/1995 में दिनांक 07/05/2004 को दिये गये निर्देशानुसार भू-जल प्रदूषित होने के कारण पाइप लाइन एवं टंकियों के माध्यम से शुद्ध पेयजल प्रदाय करने के निर्देश दिये गये थे। उसी के परिपालन में कार्य किया जा रहा है। (ख) जी हाँ, माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा पारित आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" अनुसार है। (ग) खनित ट्यूबवेल से मोटर पम्प उन्ही क्षेत्रों में निकाले जा रहे हैं जहां पर पाइप लाइन बिछाकर घरेलू नल कनेक्शनों के माध्यम से जल प्रदाय किया जा रहा है। आम जनता को जल प्रदाय से संबंधित कोई परेशानी नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) निकाले गये मोटर पम्पों की स्थानवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट “ब” अनुसार है। इन्हें कुल राशि रूपये 53.20 लाख में क्रय किया गया। शहर में जहां पर अभी पाइप लाइन नहीं बिछी है तथा वर्तमान में ट्यूबवेल के माध्यम से जल प्रदाय होता है, उन ट्यूबवेलों की मोटर पम्पों के खराब होने पर इनका उपयोग किया जा सकेगा। निगम को किसी प्रकार की वित्तीय हानि नहीं हुई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
एस.डी.एम.एफ. योजना अंतर्गत प्राप्त आवंटन
[नगरीय विकास एवं आवास]
68. ( क्र. 1238 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या एस.डी.एम.एफ. योजनान्तर्गत नालों आदि के निर्माण एवं मरम्मत कार्य हेतु राशि आवंटित की जाती है? यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में भोपाल की किस-किस विधानसभा क्षेत्र के नालों आदि के निर्माण एवं मरम्मत हेतु कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य हेतु आवंटित की गई और कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य पर व्यय हुई और कितनी राशि शेष है? कार्य प्रगति पर है, पूर्ण हो गए हैं या अप्रारम्भ हैं, की अद्यतन स्थिति से वर्षवार, विधानसभा, क्षेत्रवार बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
फोर-लेन सड़क निर्माण कार्य की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
69. ( क्र. 1245 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के अनुरोध पत्र पर लोक निर्माण संभाग राजगढ़ अंतर्गत अत्यंत महत्वपूर्ण तीन राष्ट्रीय राजमार्गों को जोड़ने वाले एवं अत्यधिक यातायात घनत्वशील नरसिंहगढ़, बोड़ा-पचोर टू-लेन मार्ग को फोर-लेन मार्ग सड़क निर्माण की स्वीकृति हेतु माननीय मुख्यमंत्री कार्यालय के पत्र क्रमांक 621/CMS/MLA-160/2023 दिनांक 23.01.2023 से प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग को आवश्यक कार्यवाही के निर्देश प्रदान किये गये थे? यदि हाँ, तो क्या प्रश्न दिनांक तक उक्त संबंध में कोई कार्यवाही की गई है? (ख) उपरोक्तानुसार क्या शासन नरसिंहगढ़, बोड़ा-पचोर मार्ग पर बढ़ती दुर्घटना, यातायात घनत्व एवं सुगम आवागमन के दृष्टिगत सी.सी.करण फोर-लेन सड़क निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। (ख) जी नहीं। यातायात घनत्व के अनुसार टू-लेन को फोरलेन मार्ग में परिवर्तन करने की आवश्यकता नहीं होने से कोई कार्रवाई नहीं की गई। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
आयुर्वेदिक कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल का निरीक्षण
[आयुष]
70. ( क्र. 1246 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1259 दिनांक 22.12.2022 के उत्तर अनुसार पाराशर आयुर्वेदिक (बी.ए.एम.एस.) कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल को शैक्षणिक सत्र 2021-22 एवं 2022-23 की प्रवेश मान्यता प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक दोनों शैक्षणिक सत्रों में किन-किन अधिकारियों द्वारा कब-कब उक्त संस्था का निरीक्षण किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त संस्था के निरीक्षण के दौरान क्या-क्या कमियां/अनियमितताएं परिलक्षित हुई? निरीक्षण टीप सहित संस्था के विरूद्ध की गई कार्यवाही से अवगत करावें। (ग) उपरोक्तानुसार क्या उक्त संस्था द्वारा मान्यता हेतु निर्धारित मापदण्डों/शर्तों की पूर्ति न कर अपूर्ण सुविधाओं एवं अव्यवस्था सहित संस्था का संचालन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त संस्था की जांच कर आवश्यक कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग नई दिल्ली द्वारा नियुक्त अधिकारियों द्वारा किया गया। विभाग के पास जानकारी उपलब्ध नहीं है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश ''क'' के संबंध में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रस्तावित विद्युत गृह का निर्माण
[ऊर्जा]
71. ( क्र. 1254 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले के अंतर्गत सारनी नगर में संचालित सतपुड़ा ताप विद्युत गृह में नवीन हाईडल, सोलर तथा ताप विद्युत इकाइयों की स्थापना हेतु पिछले तीन वर्षों में सरकार तथा पावर जनरेटिंग कंपनी द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रस्तावित नवीन विद्युत इकाइयों की स्वीकृति के संबंध में कंपनी द्वारा वित्तीय प्रबंधन, साध्यता रिपोर्ट तथा पर्यावरण अनापत्तियों हेतु कब-कब एवं क्या-क्या कार्यवाही की गईं? (ग) सारनी ताप विद्युत गृह में प्रस्तावित सौर तथा ताप विद्युत नवीन इकाइयों की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृतियां कब तक जारी हो जाएंगी तथा निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ हो जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारनी में सेवानिवृत्त 5x62.5 मेगावाट विद्युत गृह क्र.-एक के स्थान पर, 1x660 मेगावाट क्षमता की नवीन सुपर क्रिटिकल ताप विद्युत इकाई की स्थापना प्रस्तावित है। उक्त इकाई की स्थापना हेतु विगत तीन वर्षों एवं अब तक की गई कार्यवाहियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी के विद्युत गृह क्रमांक 2 एवं 3 (यूनिट क्रमांक 6, 7, 8 एवं 9 कुल क्षमता 830 मेगावाट) के स्थान पर पुनर्उद्देश्य हेतु विश्व बैंक की सहायता से सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने की संभावना तलाशी जा रही है जो कि प्रारंभिक अवस्था में है। इस योजना को वर्ल्ड बैंक के पर्यावरणीय निवेश कोष से रियायती वित्तीय निवेश के प्रस्ताव में सम्मिलित करने हेतु विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार से अनुरोध किया गया है। इस संबंध में विश्व बैंक के सलाहकार द्वारा अंतरिम रिपोर्ट म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड को स्वीकृति हेतु प्रेषित की गई है, जिसका परीक्षण कंपनी द्वारा किया जा रहा है। (ख) सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारनी में प्रस्तावित 1 x 660 मेगावाट क्षमता की नवीन सुपर क्रिटिकल ताप विद्युत इकाई की स्वीकृति के संबंध में कंपनी द्वारा वित्तीय प्रबंधन, साध्यता रिपोर्ट तथा पर्यावरण अनापत्तियों हेतु की गई कार्यवाही की भी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारनी में 1x660 मेगावाट क्षमता की नवीन सुपर क्रिटिकल ताप विद्युत इकाई की स्थापना हेतु राज्य शासन द्वारा दिनांक 24.07.2012 को प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गयी है। ताप विद्युत इकाई की स्थापना हेतु संबंधित वैधानिक एवं अन्य आवश्यक स्वीकृतियां प्राप्त किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अत: निर्माण प्रारंभ करने के तिथि बताया जाना संभव नहीं है। उत्तरांश (क) में उल्लेखानुसार सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारनी में सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना हेतु विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार से वर्ल्ड बैंक के पर्यावरणीय निवेश कोष से रियायती वित्तीय निवेश के प्रस्ताव में सम्मिलित करने का अनुरोध किया गया है। उक्त प्रस्ताव के स्वीकृति पश्चात ही प्रशासकीय, वित्तीय स्वीकृतियों तथा पर्यावरण अनापत्तियों हेतु कार्यवाही की जा सकेगी। अत: निर्माण कार्य प्रारंभ करने की तिथियां बताया जाना संभव नहीं हैं।
न्यायालयीन प्रकरण का निराकरण
[पर्यावरण]
72. ( क्र. 1256 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्र. 1440 दिनांक 22-12-2022 के (ख) उत्तर अनुसार दिनांक 05-01-2023 को तर्क विचारण नियत था। क्या इस दिन तर्क हुए? यदि हाँ, तो विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रकरण में 10 से अधिक पेशियां लग चुकी हैं? क्या कारण है कि विभाग द्वारा बार-बार तारीख आगे बढ़वाई गई? (ग) कब तक इस प्रकरण को निराकृत कराने का प्रयास किया जाएगा? (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार बार-बार तारीख आगे बढ़वाकर आरोपियों को सहयोग करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) जी नहीं। (ख) कुल 16 पेशियां हुई हैं। माननीय न्यायालय द्वारा विधिसम्मत निर्णय अनुसार पेशी बढ़ाई गई है। (ग) प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है। निराकरण की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मार्ग निर्माण की जानकारी
[लोक निर्माण]
73. ( क्र. 1257 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर विधान सभा क्षेत्र में खेड़ा खजूरिया से मकला फंटा मार्ग कब स्वीकृत हुआ था? स्वीकृति दिनांक, लागत, कार्य प्रारंभ दिनांक, अब तक भुगतान राशि, कार्य कितने प्रतिशत पूर्ण हुआ बतावें। (ख) क्या कारण है कि स्वीकृति के लंबे समय पश्चात भी यह कार्य प्रश्न दिनांक की स्थिति में अपूर्ण हैं? यह कार्य कब तक पूर्ण होगा? (ग) मार्ग अभी तक पूर्ण न होने के जवाबदेह निर्माणकर्ता फर्म व इसके उत्तरदायी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विलंब हेतु अनुबंध के प्रावधानों के तहत चल देयकों से कुल राशि रूपये 2077644.00 अर्थदण्ड स्वरुप अधिरोपित की गई है परन्तु कार्य पूर्ण के पश्चात सक्षम अधिकारी के द्वारा गुण दोष के आधार पर पूर्ण रुप से अर्थदण्ड की राशि अधिरोपित की जा सकेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जांच प्रतिवेदन पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
74. ( क्र. 1263 ) श्री सुनील सराफ : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 2004 दिनांक 11.03.2022 के (ग) उत्तर अनुसार जाँच प्रतिवेदन परीक्षणाधीन है, तो लगभग 11 महीने उपरांत आज दिनांक तक इस जाँच प्रतिवेदन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ख) उपरोक्त जाँच प्रतिवेदन के परीक्षणकर्ता अधिकारी कौन-कौन हैं? इनके नाम, पदनाम देकर बतावें कि इस विलम्ब का क्या कारण है? (ग) कब तक जाँच प्रतिवेदन का परीक्षण पूर्ण कर दोषियों के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही एवं एफ.आई.आर दर्ज करवायी जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों? क्या कारण है कि जाँच में उल्लेखित नगर पालिका अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष पर कार्यवाही नहीं की गई? इन पर कब तक कार्यवाही की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जांच प्रतिवेदन पर की गई कार्यवाही का विवरण संलग्न परिशिष्ट ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) जांच प्रतिवेदन पर कार्यवाही हो जाने से विलंब का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जांच प्रतिवेदन के परीक्षणोपरांत प्रकरण में दोषी पाये गये पदाधिकारी/अधिकारी/कर्मचारी/फर्म के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की गई है, जिसका विवरण उत्तरांश (क) के संलग्न परिशिष्ट ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है।
स्तरहीन निर्माण पर कार्यवाही
[लोक निर्माण]
75. ( क्र. 1264 ) श्री सुनील सराफ : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोतमा विधानसभा क्षेत्र के कोतमा नगर में फॉरेस्ट डिपो से शुक्ला ढाबा तक निर्मित मार्ग की स्वीकृति दिनांक, लागत तथा निर्माणकर्ता फर्म का नाम, उसे किये भुगतान राशि की जानकारी भुगतान दिनांक सहित देवें। (ख) इसका कब-कब निरीक्षण किया गया? प्रत्येक निरीक्षण टीप की प्रमाणित प्रति देवें। जिन अधिकारियों ने समय-समय पर निरीक्षण किया, उनके नाम तथा पदनाम देवें। (ग) क्या कारण है कि उपरोक्तानुसार निर्मित मार्ग ढलान पर एवं अन्य कई स्थानों पर धसने की स्थिति हो चुकी है? इसके लिए विभाग में अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की है? संधारण हेतु संबंधित ठेकेदार को जो पत्र जारी किये गये उनकी प्रमाणित प्रतियां देवें। यदि जारी नहीं किये गये हैं तो इस संरक्षण का कारण बतायें। (घ) उपरोक्त संधारण कब तक कर लिया जायेगा? इस स्थिति के उत्तरदायी संबंधित ठेकेदार एवं जबावदेह अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। कार्य निर्माणाधीन है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी उत्तरांश 'ग' अनुसार है।
फोरलेन की जानकारी
[लोक निर्माण]
76. ( क्र. 1270 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1264, दिनांक 22 दिसंबर 2022 के संदर्भ में बताएं कि 2218 तथा 2351 करोड़ का खर्च अनुबंध की किस धारा के तहत दिया गया है? बोर्ड द्वारा लेबड-जावरा फोरलेन की टोल अवधि बढ़ाने का निर्णय अभी तक लिया गया या नहीं? बोर्ड द्वारा आवेदन के किन-किन बिंदुओं पर परीक्षण किया जा रहा है? (ख) भोपाल-देवास, लेबड-जावरा तथा जावरा-नयागांव के निवेशकर्ता का जनवरी 2023 तक निर्माण, ब्याज, बीमा, प्रीमियम तथा संचालन-संधारण पर कुल मिलाकर कितना-कितना खर्च हुआ है, तथा कितना-कितना टोल संग्रहण हुआ है? भोपाल-देवास तथा जावरा-नयागांव अनुबंध में टोल अवधि बढ़ाने या घटाने का प्रावधान है या नहीं तथा इन दोनों के निवेशकर्ता ने अवधि बढ़ाने हेतु आवेदन दिया या नहीं? (ग) भोपाल-देवास, लेबड-जावरा तथा जावरा-नयागांव की टेंडर प्रक्रिया के समस्त दस्तावेज देवें तथा बतावें कि निवेशकर्ता की कंपनी का टेंडर के समय नाम क्या था तथा उसमें कौन-कौन भागीदार थे? (घ) प्रश्नाधीन तीनों फोरलेन पर कितने-कितने बूथ, बिन्दु से कितनी दूरी पर हैं? टोल बूथ क्या अनुबंध के अनुसार बनाए गए हैं या शासन के नियमों के तहत बनाए गए हैं? इस संबंध में शासन का कोई नियम हो तो उसकी प्रति देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) अनुबंध में ऐसी कोई धारा नहीं है। अनुबंध की कंडिका – 5 के अनुसार समस्त वित्तीय संसाधन जुटाकर कार्य पूर्ण करने का दायित्व निवेशकर्ता का होता है। बी.ओ.टी. (टोल) का अनुबंध व्यापारिक अनुबंध होता है, जिसमें धनात्मक अथवा ऋणात्मक जोखिम की विवेचना स्वयं निवेशकर्ता को करनी होती है। उक्त विवेचना कर निविदा न्यूनतम ग्रांट अथवा अधिकतम प्रीमियम के आधार पर निविदा करता है। निर्णय लिये जाने की प्रक्रिया प्रचलन में है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''क'' अनुसार। जी नहीं। यातायात की गणना के आधार पर घटाने/बढाने का प्रावधान नहीं है। जी नहीं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ख'' अनुसार। टेंडर के समय मार्गवार निविदाकारों के नाम क्रमश: भोपाल देवास मार्ग पर मेसर्स चेतक एंटरप्राइजेज प्रा.लि., मेसर्स एम.एस.के. प्रोजेक्टव इंडिया लि., मेसर्स बी.एस.बी.के. प्रा.लि. निम्बाइ हेरा, लेबड-जावरा मार्ग पर मेसर्स पान इंडिया नेटवर्क इन्फ्रा वेस्ट प्रा.लि., सन सिटी प्रोजेक्ट प्रा.लि., मेसर्स एस्सल इन्फ्रा प्रोजेक्टस लि. मुम्बई तथा जावरा-नयागांव मार्ग पर मेसर्स अशोका बिल्डकॉन प्रा.लि. नासिक थे। (घ) लेबड-जावरा मार्ग पर दो टोल प्लाजा है, जिसमें प्रथम टोल प्लाजा से द्वितीय टोल प्लाजा के मध्य की दूरी लगभग 38 कि.मी. है। जावरा-नयागांव मार्ग में तीन टोल प्लाजा हैं, जिनमें प्रथम से द्वितीय की दूरी 45 कि.मी. एवं द्वितीय से तृतीय की दूरी 57 कि.मी. है। भोपाल देवास मार्ग पर तीन टोल प्लाजा हैं जिनमें प्रथम से द्वितीय की दूरी 36 कि.मी. एवं द्वितीय से तृतीय की दूरी 73 कि.मी. है। टोल प्लाजाओं की स्थिति अनुबंध के प्रावधान अनुरूप है।
पी.एच.डी. की प्रवेश परीक्षा में भ्रष्टाचार
[उच्च शिक्षा]
77. ( क्र. 1273 ) श्री महेश परमार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इंजीनियरिंग विषय की पी.एच.डी. प्रवेश परीक्षा में कुलपति, कुलसचिव के इशारे पर आर.ए.सी. के सदस्यों ने अपने चहेतों की आंसरशीट में कांट-छांटकर 26 नंबर तक अंक बढ़ाकर अनुत्तीर्ण विद्यार्थियों को उत्तीर्ण कर दिया? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में हुए भ्रष्टाचार की शिकायत प्रमाण के साथ विश्वविद्यालय प्रशासन को की गई थी? यदि हाँ, तो की गयी शिकायत की प्रतियां उपलब्ध कराएं। (ग) क्या प्रश्नांश (क) के घोटाले में शामिल दोषी अधिकारियों पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने कोई कार्यवाही की है? यदि हाँ, तो नोटशीट सहित संपूर्ण दस्तावेजी जानकारी उपलब्ध कराएं और यदि कार्यवाही नहीं हुई है तो इस गंभीर शिकायत पर कार्यवाही कब तक की जाएगी? (घ) क्या कारण है कि वि.वि. प्रशासन ने इतने बड़े भ्रष्टाचार की शिकायत होने के उपरांत भी जांच के नाम पर कोई कार्यवाही नहीं की है? यदि की है तो गठित जांच कमेटी, परीक्षा निरस्त किये जाने के संबंध में प्रशासन द्वारा लिए गए निर्णय की प्रतियां उपलब्ध कराएं।
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रश्न के संबंध में शिकायत दिनांक 23.07.2022 को प्राप्त हुई है। शिकायत पर विश्वविद्यालय द्वारा जांच समिति का गठन किया गया है। (ख) शिकायत संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। इस संबंध में समिति की 14 बैठकें आयोजित की जा चुकी हैं। जांच समिति का प्रतिवेदन अप्राप्त है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (ख) अनुसार है।
आउटसोर्स पर कार्यरत कर्मचारी
[ऊर्जा]
78. ( क्र. 1274 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड में कितने पदों पर कितने आउटसोर्स कर्मचारी कार्यरत हैं? प्रश्न दिनांक की स्थिति में पदनाम, संख्या सहित बतावें। (ख) दिनांक 01-01-22 से 31-01-23 तक विभाग को इनकी मांगों के संबंध में कितने ज्ञापन/पत्र प्राप्त हुए की जानकारी देवें। इन पर की गई कार्यवाही के संबंध में भी बतावें। (ग) इनके नियमितीकरण के लिए शासन क्या कदम उठा रहा है तथा इनकी मांगों के निराकरण के लिए क्या कार्यवाही की जा रही है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड में प्रश्न दिनांक की स्थिति में बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता एजेंसियों के माध्यम से कुशल, अर्द्धकुशल एवं अकुशल श्रेणी में क्रमश: 5184, 4391 एवं 4428 इस प्रकार कुल 14003 आउटसोर्स कार्मिक नियोजित है। (ख) एवं (ग) प्रश्नाधीन अवधि में उत्तरांश (क) में उल्लेखित आउटसोर्स कार्मिकों की मांगों के संबंध में विभिन्न माध्यमों से कुल 13 ज्ञापन/पत्र प्राप्त हुए हैं। उक्त ज्ञापन/पत्रों में मुख्यतः आउटसोर्स कार्मिकों के नियमितीकरण/संविलियन, कंपनी में कार्यरत नियमित कार्मिकों के समान वेतन/भत्ता/अन्य सुविधायें, बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता फर्मों द्वारा समय से वेतन/बोनस भुगतान नहीं किए जाने की समस्या के निराकरण एवं विद्युत दुर्घटना से संबंधित मानव संसाधन नीति बनाने से संबंधित मांगें की गई हैं। उल्लेखनीय है कि विद्युत कंपनियों द्वारा आवश्यकतानुसार बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता एजेंसियों के माध्यम से आउटसोर्स कार्मिकों का नियोजन किया जाता है। उक्त आउटसोर्स कार्मिक बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता एजेंसियों के कर्मचारी होते हैं एवं उक्त कार्मिकों को इनकी श्रेणी यथा उच्च कुशल, कुशल, अर्द्धकुशल एवं अकुशल के अनुरूप राज्य शासन द्वारा निर्धारित न्यूनतम दरों पर वेतन तथा अन्य सुविधायें जैसे ई.पी.एफ., ई.एस.आई.सी. एवं बोनस का भुगतान बाह्य स्त्रोत एजेंसियों द्वारा किया जाता है। चूंकि उक्त आउटसोर्स कार्मिक वितरण कंपनियों के कर्मचारी नहीं होते हैं, अत नियमित कार्मिकों के समान वेतन का प्रावधान उन पर लागू नहीं होता है। आउटसोर्स कार्मिक के पद के अनुरूप उनसे सेवा प्राप्त की जा रही है। विद्युत सुधार एवं रख-रखाव के कार्य से संबंधित आउटसोर्स कार्मिकों को आवश्यक सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए जाते हैं। कार्य के दौरान घटित दुर्घटना से मृत्यु/विकलांगता से प्रभावित होने पर आउटसोर्स कार्मिकों को नियमानुसार आर्थिक सहायता राशि भी प्रदान की जाती है। निविदा/कार्यादेश में उल्लेखित नियम/शर्तों अनुसार आउटसोर्स कार्मिकों को एक वर्ष में 15 दिवस के अवकाश की पात्रता है। साथ ही आउटसोर्स कार्मिकों को वेतन/बोनस के भुगतान में देरी से संबंधित शिकायत प्राप्त होने पर बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता एजेंसी से संपर्क कर इसका शीघ्र निराकरण कराया जाता है। उक्त परिप्रेक्ष्य में वितरण कंपनियों में कार्यरत आउटसोर्स कार्मिकों के वेतन/नियमितीकरण/ संविलियन संबंधी कोई भी प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है।
जले हुये ट्रांसफार्मस बदलने में विलंब
[ऊर्जा]
79. ( क्र. 1275 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में जले हुए ट्रांसफार्मर बदलने के लिए कितने समय का प्रावधान है? आदेश/नियम की छायाप्रति देवें। (ख) क्या कारण है कि चौरई विधानसभा क्षेत्र में जले हुए ट्रांसफार्मर बदलने में 15-20 दिनों का समय लग रहा है जबकि इससे सिंचाई पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है? (ग) कब तक इस व्यवस्था में सुधार कर प्रश्नांश (ख) अनुसार ट्रांसफार्मर बदलने का समय कम कर दिया जाएगा? (घ) इस विलंब के दोषी अधिकारियों पर विभाग कब तक कार्यवाही करेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) वितरण ट्रांसफार्मर के जलने/खराब होने के उपरान्त संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि का 10 प्रतिशत जमा करने अथवा 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा बकाया राशि जमा करने पर संभागीय मुख्यालय में 12 घंटे एवं अन्य शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे तथा ग्रामीण क्षेत्रों में शुष्क मौसम में 3 दिवस तथा मानसून के मौसम के दौरान माह जुलाई से सितंबर तक 7 दिवस में बदलने अथवा विद्युत प्रदाय पुनर्स्थापित करने के प्रावधान हैं। तद्नुसार वितरण कंपनियों द्वारा पहुँच मार्ग की उपलब्धता अनुसार उक्त निर्धारित समयावधि में जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदलने की कार्यवाही की जाती है, जिससे संबंधित आदेश/नियम की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) चौरई विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वित्तीय वर्ष 2022-23 में दिनांक 01 अप्रैल 2022 से दिनांक 09-02-2023 तक कुल 406 वितरण ट्रांसफार्मर जले/खराब हुए हैं, जिन्हें पात्र होने के उपरांत उत्तरांश (क) में उल्लेखानुसार निर्धारित समय-सीमा के अंदर बदला गया है एवं प्रश्नाधीन क्षेत्र में प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में कोई भी पात्र जला/खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदलने हेतु शेष नहीं हैं। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (क) में उल्लेखित वैधानिक प्रावधानों एवं उत्तरांश (ख) में उल्लेखानुसार उनके अनुरूप की जा रही कार्यवाही के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
लोक निर्माण विभाग द्वारा वर्तमान में प्रचलित निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
80. ( क्र. 1277 ) श्री महेश परमार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में उज्जैन जिले के अंतर्गत लोक निर्माण विभाग के कितने निर्माण कार्य शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में प्रचलित हैं? प्रचलित कार्यों की डी.पी.आर., वित्तीय स्वीकृति, प्रशासनिक स्वीकृति की जानकारी देवें। (ख) प्रचलित निर्माण कार्यों की देखरेख का कार्य कौन-कौन से अधिकारियों को दिया गया है? निर्माण कार्य का ठेका कौन-कौन सी एजेंसियों को दिया गया है? उनकी कार्य की गुणवत्ता, रिपोर्ट की प्रतियां देवें। (ग) गुणवत्ता के संबंध में अनुमति शर्तों के अनुसार देखरेख करने वाले अधिकारियों ने वरिष्ठ कार्यालयों में कब-कब कितनी मूल्यांकन रिपोर्ट प्रस्तुत की है? (घ) ठेके देने के लिए निकाली गई निविदा की प्रतियां देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। गुणवत्ता रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'1' एवं 'ब-2' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब एवं 'ब-1' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'2' एवं '3' अनुसार है।
पत्रों एवं प्रश्नों पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
81. ( क्र. 1282 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नगर परिषद् पिपलोदा के वर्ष 2010 से लेकर वर्ष 2018-19 तक के कार्यकाल में हुई अनियमितता, गबन, भ्रष्टाचार, गुणवत्ता विहीन कार्य एवं नियम विरुद्ध किये गये अनेक कार्यों के संबंध में निरंतर कार्यवाही की है? (ख) यदि हाँ, तो शासन/विभाग को उपरोक्तानुसार उल्लेखित वर्षों में नगर परिषद् पिपलोदा में हुए असंवैधानिक, अनैतिक, नियम विरूद्ध इत्यादि आशय के अनेक पत्र अग्रेषित किये हैं? (ग) यदि हाँ, तो शासन/विभाग के साथ ही सदन में भी प्रश्नों के माध्यम से निरंतर इनकी सम्पूर्ण जांच कर कार्यवाही की जाने की मांग की जाती रही है? (घ) यदि हाँ, तो उपरोक्तानुसार उल्लेखित वर्षों में हुए भ्रष्ट्राचार, गुणवत्ता विहीन कार्य, नियम विरुद्ध कार्य इत्यादि आशय के प्रश्नों/पत्रों के माध्यम से ध्यान आकर्षित किये जान के पश्चात क्या-क्या कार्यवाही की गई एवं क्या-क्या आगामी कार्यवाही की जा रही है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (ग) जी हाँ। (घ) कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
विभागीय कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
82. ( क्र. 1283 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग के समक्ष जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पिपलोदा विकासखंड के मावता-रियावन-चिपिया व्हाया माऊखेड़ी से धामेडी-राकोदा पहुंच मार्ग एवं जावरा विकासखंड अंतर्गत ग्राम उणी से मिंडाजी के मध्य ब्रिज निर्माण–सड़क के प्रस्ताव/पत्र विचाराधीन हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या उपरोक्त दोनों ग्रामीण क्षेत्र के सैकड़ों आवागमन के मुख्य मार्ग एवं स्थान अत्यंत आवश्यक है? (ग) यदि हाँ, तो क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्रों के माध्यम से मान. मुख्यमंत्री जी, मान. मंत्री जी, प्रमुख सचिव एवं सदन में प्रश्नों के माध्यम से स्वीकृति हेतु निरंतर आग्रह किया जा रहा है? (घ) यदि हाँ, तो सैकड़ों ग्रामों के आवागमन के मुख्य मार्ग तथा मुख्य ब्रिज की स्वीकृति ग्रामीण क्षेत्र के आवागमन को सुगमता प्रदान करेगी तो अत्यंत आवश्यक ग्रामीण जनोपयोगी उपयुक्त प्रस्ताव/कार्यों को स्वीकृति कब तक दी जा सकेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जी हाँ। (घ) राकोदा-माऊखेड़ी-रियावन-कालूखेड़ा मार्ग लंबाई 11.70 कि.मी. की प्रशासकीय स्वीकृति राशि रू. 117.06 लाख की दिनांक 04.01.2023 को जारी। मिंडाजी से उणी मार्ग पी.एम.जी.एस.वाय. के अधीन होने से चंबल नदी पर प्रस्तावित पुल पर कोई कार्रवाई प्रस्तावित नहीं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
कृषि क्षेत्र में विद्युत की खपत
[ऊर्जा]
83. ( क्र. 1285 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के आर्थिक सर्वेक्षण में प्रदेश का सिंचित एरिया बढ़ने की बात कही गयी है तथा यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि सिंचित एरिया ग्राउण्ड वॉटर से सिंचाई द्वारा बढ़ा है? क्या विभाग यह मानता है कि ग्राउण्ड वॉटर से सिंचाई का सबसे बड़ा स्त्रोत बिजली है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) का उत्तर हाँ है तो म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अन्तर्गत विगत पांच वर्षों में कृषि क्षेत्र में बिजली खपत के आंकड़े उपलब्ध करावें। विगत पांच वर्षों में कितने 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र बने, कितने नये वितरण ट्रांसफार्मर लगे तथा कितने वितरण ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि की गयी? (ग) क्या शासन कृषक अनुदान योजना पुन: प्रारंभ कर रहा है? यदि हाँ, तो कब तक? कृपया योजना के स्वरूप की जानकारी दें। (घ) विधान सभा क्षेत्र लांजी में ऐसे कितने ग्राम हैं जहां थ्री फेस बिजली नहीं है जिसके कारण वहां के कृषक खेती में बिजली का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, प्रदेश का सिंचित क्षेत्र बढ़ा है, जिसमें बिजली का महत्वपूर्ण योगदान है। (ख) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत विगत 5 वर्षों में कृषि प्रयोजन हेतु विद्युत खपत से संबंधित प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। विगत पांच वर्षों में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत कंपनी क्षेत्रांतर्गत 145 नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र निर्मित किए गए, 73875 नवीन वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये गये एवं 2861 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि के कार्य किए गए हैं। (ग) प्रश्नांश में उल्लेखित ''मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पम्प कनेक्शन योजना (पूर्ववर्ती कृषक अनुदान योजना) को पुन: प्रारंभ किए जाने का कोई प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है। (घ) विधान सभा क्षेत्र लांजी के अंतर्गत सघन वन क्षेत्र में स्थित 12 वन ग्रामों के कुछ स्थानों पर सिंगल फेस पर विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। उक्त ग्रामों में कुल 161 कृषि उपभोक्ता हैं, जिनमें से केवल 61 कृषि उपभोक्ता सिंगल फेस पर विद्युत का उपयोग कर रहे हैं एवं शेष 100 कृषि उपभोक्ता थ्री फेस पर विद्युत का उपयोग कर रहे हैं। इस प्रकार प्रश्नाधीन क्षेत्र में सभी कृषि उपभोक्ताओं को विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। उक्त सिंगल फेस लाइन के स्थान पर थ्री फेस केबल (लगभग 15.6 कि.मी. लाइन) लगाने का कार्य केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजनान्तर्गत स्वीकृत किया गया है। योजनान्तर्गत उक्त कार्य सहित स्वीकृत कार्यों के क्रियान्वयन हेतु निविदा कार्यवाही पूर्ण कर कार्यादेश जारी किया जा चुका है।
टोल राशि की जानकारी
[लोक निर्माण]
84. ( क्र. 1291 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लेबड़-जावरा तथा जावरा-नयागांव फोरलेन सड़क पर टोल बूथ प्रारंभिक बिंदु से कितने-कितने किलोमीटर पर किस नियम के तहत है? यह दूरी भिन्न-भिन्न क्यों है? क्या दोनों फोरलेन सड़क पर बूथ एग्रीमेंट का प्रारूप केंद्र से जारी मॉडल कन्सेक्शन एग्रीमेंट से अलग है? इस सम्बन्ध में दोनों सड़कों के अनुबंध की प्रति देवें। (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित उक्त सड़कों पर विभिन्न टोल बूथ पर 1 जनवरी 2020 से 31 जनवरी 2023 तक प्राप्त टोल राशि की वर्षवार जानकारी देवें तथा बतायें कि उक्त सड़कों पर अपनी लागत (ग्रांट घटाने के बाद) कितना प्रतिशत टोल वसूल कर चुके है? अनुबंध के विपरीत उक्त सड़कों पर कौन-कौन सी पुलिया का चौड़ीकरण नहीं किया है और पुरानी पुलियाएं उपयोग में ली जा रही हैं? (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) संदर्भित सड़क अनुबंध में टोल अवधि बढ़ाने या घटाने का उल्लेख है? यदि है तो क्या पूर्ण राशि वसूलने के बाद निवेशकर्ता को टोल अवधि घटाने का नोटिस दिया है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) संदर्भित क्या टोल एक्ट के तहत टोल राज्य का राजस्व है तथा वसूली अवधि 15 वर्ष से अधिक नहीं हो सकती? यदि हाँ, तो इसका पालन क्यों नहीं किया गया?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) लेबड़-जावरा मार्ग पर दो टोल प्लाजा है, जिसमें पृथम टोल प्लाजा से द्वितीय टोल प्लाजा के मध्य की दूरी लगभग 38 कि.मी. है। जावरा-नयागांव मार्ग में तीन टोल प्लाजा हैं, जिस पर प्रथम टोल प्लाजा से द्वितीय टोल प्लाजा की दूरी 45 कि.मी. एवं द्वितीय टोल प्लाजा से तृतीय टोल प्लाजा की दूरी 57 कि.मी. है। टोल प्लाजाओं की स्थिति अनुबंध के प्रावधान अनुरूप है। दोनों अनुबंध पृथक-पृथक हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार। (ग) लेबड़-जावरा मार्ग के अनुबंध में अनुच्छेद 29 अनुसार टोल अवधि बढ़ाने या घटाने का उल्लेख है। जावरा-नयागांव मार्ग के अनुबंध में पूर्ण राशि वसूलने के बाद टोल अवधि घटाने-बढ़ाने का उल्लेख नहीं है। ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। (घ) जी नहीं। शेष का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
लंबित राशि का भुगतान
[लोक निर्माण]
85. ( क्र. 1294 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र कोलारस जिला शिवपुरी में विधायक निधि वित्तीय वर्ष 2020-21 में 06 निर्माण कार्यों हेतु कुल राशि रू. 4454990 की प्रशासकीय स्वीकृति हुई थी, जिसमें निर्माण कार्य एजेंसी लोक निर्माण विभाग संभाग शिवपुरी था? उक्त सभी निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके हैं, इसके उपरांत भी संभागीय कार्यालय शिवपुरी द्वारा ठेकेदारों को लंबित राशि रू. 1234331 का भुगतान लोक निर्माण विभाग बी.सी.ओ. कार्यालय प्रमुख अभियंता मध्यप्रदेश भोपाल से राशि आवंटित नहीं होने के कारण नहीं हो पा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में लंबित राशि रू. 1234331 का आवंटन उपलब्ध कराने एवं भुगतान करने की अनुमति प्रदाय किए जाने हेतु लोक निर्माण विभाग संभागीय कार्यालय शिवपुरी द्वारा भी उनके पत्र दिनांक 25.5.2022 एवं 10.1.2023 के द्वारा बी.सी.ओ. कार्यालय प्रमुख अभियंता म.प्र. भोपाल को पत्राचार किया गया है, किंतु आज पर्यन्त राशि का आवंटन प्राप्त नहीं होने से लंबित भुगतान नहीं हो सका है? उक्त मांग पत्रों के क्रम में क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में उल्लेखित लंबित राशि कब तक संभागीय कार्यालय लोक निर्माण विभाग को आवंटित कर दी जाएगी तथा कब तक संबंधितों को लंबित राशि का भुगतान कर दिया जाएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, जी नहीं। (ख) आर्थिक सांख्यिकी संचालनालय से अव्यतित राशि का आवंटन पुन: प्राप्त होने के उपरान्त भुगतान किया जाना संभव होगा। (ग) उत्तरांश ''ख'' अनुसार।
शासकीय महाविद्यालयों में गैर शैक्षणिक पदों का निर्माण
[उच्च शिक्षा]
86. ( क्र. 1298 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन, उच्च शिक्षा विभाग के पत्र क्रमांक 21-1/2018/38-2 भोपाल, दिनांक 21-03-2018 द्वारा शासकीय महाविद्यालयों में गैर शैक्षणिक पदों के निर्माण किये जाने हेतु डी.पी.आर. बनाये जाने के संबंध में पद सृजन की नीति निर्धारित की गयी थी। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि हाँ तो क्या उक्त पत्र अनुसार विद्यार्थी संख्या वाले महाविद्यालयों में पदों का सृजन किया गया है? यदि हाँ तो पत्र की प्रति उपलब्ध करायें। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें तथा कब तक किया जायेगा? (ग) क्या महाविद्यालय में पदस्थ तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का स्थायीकरण किया गया है? यदि हाँ तो आदेश की प्रति उपलब्ध करायें। यदि नहीं, तो कब तक किया जायेगा? (घ) महाविद्यालय में पदस्थ लिपिकीय वर्ग की वर्ष 2022 की वरिष्ठता सूची जारी की गयी है? यदि हाँ तो प्रति उपलब्ध करायें। यदि नहीं, तो कब तक जारी की जायेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। पदों का सृजन आवश्यकतानुसार किया जाता है। पत्र दिनांक 21-03-2018 की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी वृह्द स्वरूप की होने के कारण एकत्रित की जा रही है। (घ) जी नहीं। कार्यवाही प्रचलन में है। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
क्षेत्र में विद्युत सप्लाई सुधार का कार्य
[ऊर्जा]
87. ( क्र. 1301 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संचालन-संधारण संभाग नागदा के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2018-19 से वित्तीय वर्ष 2022-23 में माह जनवरी 2023 तक विभिन्न योजनाओं में कितनी स्वीकृत राशि से विद्युत अधोसंरचना निर्माण के कार्यों के अन्तर्गत कितने नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेंद्रों की स्थापना 33/11 के.व्ही. उपकेद्रों पर पावर ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि अतिरिक्त पावर ट्रांसफार्मर की स्थापना कितने किलोमीटर नवीन 33 के.व्ही. लाइन, कितने किलोमीटर नवीन 11 के.व्ही. लाइन, निम्नदाब विद्युत लाईनों के विस्तार करने हेतु केबलीकरण एवं कितने नग नवीन विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना, क्षमता वृद्धि एवं अतिरिक्त विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर की स्थापना की गई की संख्यात्मक जानकारी देवें। उपरोक्त अवधि में मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजना में कितने कार्य पूर्ण किये गये की संख्यात्मक जानकारी देवें। (ख) संचालन-संधारण संभाग नागदा के अन्तर्गत आर.डी.एस.एस. योजना में कितनी-कितनी राशि के कार्य प्रस्तावित किए गए की संख्यात्मक जानकारी देवें। प्रस्तावित कार्यों में से कितनी राशि के कितने कार्य स्वीकृत हो गये हैं? संख्यात्मक विवरण देवें। (ग) संचालन-संधारण नागदा के अन्तर्गत 39 कृषि एवं 43 घरेलू (गांव) के अतिभारित ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि करने या अतिरिक्त ट्रांसफार्मर लगाने की सी.एम.डी. इन्दौर से मांग करने पर कितनों की स्वीकृति प्रदान की गई है? (घ) विधानसभा प्रश्न क्र. 27, दिनांक 22 दिसम्बर 2022 के प्रश्नांश (क) के उत्तर में 81 अतिभारित ट्रांसफार्मरों का कार्य आर.डी.एस.एस. योजना में सम्मिलित किया गया है? इनमें से कितने कार्यों की स्वीकृति प्राप्त हो गई है? (ड.) विद्युत आपूर्ति की कठिनाईयों को दृष्टिगत रखते हुए नागदा बैरछा रोड, कलसी, घिनोदा, बटलावदी, संदला, मोकडी, नरसिंहगढ़ प्रत्येक उपकेन्द्रों पर एक अतिरिक्त 5 एम.वी.ए. के ट्रांसफार्मर की आवश्यकता है? यदि हाँ, तो कब तक लगा दिए जाएंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) संचालन-संधारण संभाग नागदा के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2018-19 से वित्तीय वर्ष 2022-23 में माह जनवरी 2023 तक की अवधि में विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत कुल स्वीकृत राशि रु. 6029.59 लाख से प्रश्नांश में उल्लेखित विद्युत अधोसंरचना निर्माण के किये गये कार्यों की प्रश्नाधीन चाही गई संख्यात्मक जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। उपरोक्त उल्लेखित अवधि में मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजना में कुल 515 कार्य स्वीकृत कर पूर्ण किये गये हैं। (ख) संचालन-संधारण संभाग नागदा के अंतर्गत आर.डी.एस.एस. योजना में प्रस्तावित किये गये कार्यों की लागत राशि की प्रश्नाधीन चाही गई संख्यात्मक जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है एवं योजनांतर्गत प्रस्तावित कार्यों में से स्वीकृत कार्यों की राशि सहित प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब-1' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश में उल्लेखित अतिभारित वितरण ट्रांसफार्मरों में से कुल 08 कृषि एवं कुल 08 घरेलू वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि/अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर लगाने के कार्यों की स्वीकृति प्रदान की गई है। (घ) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 27, दिनांक 22 दिसम्बर 2022 के उत्तरांश (क) में दर्शाये 81 अतिभारित वितरण ट्रांसफार्मरों का कार्य आर.डी.एस.एस. योजना के द्वितीय चरण-सिस्टम मॉर्डनाईजेशन के अंतर्गत प्रस्तावित किया गया है। आर.डी.एस.एस. योजना के द्वितीय-चरण सिस्टम मॉर्डनाईजेशन की स्वीकृति भारत सरकार से प्राप्त होना शेष है। (ड.) प्रश्नांश में उल्लेखित 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेंद्रों में से 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र घिनोदा में पावर ट्रांसफार्मर क्षमता वृद्धि 5 एम.वी.ए. से 8 एम.वी.ए. तथा बटलावदी एवं संदला 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों में 3.15 एम.वी.ए. के अतिरिक्त पावर ट्रांसफार्मर स्थापना के कार्य पूर्ण कर दिये गये हैं। शेष 4, 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेंद्रों यथा-कलसी, नागदा बैरछा रोड, मोकडी एवं नरसिंहगढ़ में अतिरिक्त पावर ट्रांसफार्मर की स्थापना एवं पावर ट्रांसफार्मर क्षमता वृद्धि के कार्य आर.डी.एस.एस. योजना के द्वितीय चरण सिस्टम मॉर्डनाईजेशन के अंतर्गत प्रस्तावित किये गये हैं। उत्तरांश (घ) में दर्शाए अनुसार आर.डी.एस.एस. योजना के द्वितीय चरण-सिस्टम मॉर्डनाईजेशन की स्वीकृति भारत सरकार से प्राप्त होना शेष है। अतः उक्त कार्यों की पूर्णता हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नगरीय क्षेत्र में जल जीवन मिशन योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
88. ( क्र. 1303 ) श्री सुरेश राजे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जल जीवन मिशन योजना के तहत नगरीय क्षेत्र में कौन-कौन से कार्य करवाए जा सकते हैं? इनके क्रियान्वयन संबंधी शासन के आदेश की सत्यापित प्रति उपलब्ध करावें l यह योजना प्रारंभ से नगर पालिका डबरा जिला ग्वालियर के वार्ड क्रमांक 1 से 30 में कितनी-कितनी राशि की पानी की टंकी का निर्माण कार्य किस ठेकेदार/फर्म से अनुबंध किया गया है? अभी तक प्रत्येक पर कितनी राशि का भुगतान किया गया है? कार्य की पूर्ण एवं अपूर्ण होने की जानकारी सहित बतावें l (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार डबरा के वार्ड क्रमांक 1 से 30 में जल जीवन मिशन योजना प्रारंभ से अभी तक किस वार्ड में कितने मीटर पाइप लाइन बिछाई जाना थी? जिसमें से कितने मीटर पाइप लाइन किस ठेकेदार/फर्म द्वारा बिछाई गयी एवं शेष कार्य कब तक पूर्ण किया जायेगा? वार्डवार कार्य हेतु कितना भुगतान किया गया है एवं कितना शेष है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार वार्ड 1 से 30 में स्वीकृत कार्यों का भौतिक सत्यापन किस अधिकारी ने किस दिनांक को किया? किस वार्ड में किस स्थान पर पेयजल हेतु कनेक्शन किये गए हैं? यदि नहीं, तो क्यों नहीं और कब तक किया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगरीय क्षेत्र में जल जीवन मिशन योजना प्रभावी नहीं है, अपितु डबरा शहर में अमृत मिशन अंतर्गत जल प्रदाय योजना का कार्य किया जा रहा है। पानी की टंकी के निर्माण एवं भुगतान संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट-"अ" अनुसार है। (ख) अमृत मिशन अंतर्गत पाइप लाइन बिछाये जाने एवं भुगतान संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट-"ब" अनुसार है। (ग) वार्ड क्र. 1 से 30 में स्वीकृत कार्यों का भौतिक सत्यापन परियोजना विकास एवं प्रबंधन परामर्शदाता (पी.डी.एम.सी.) के फील्ड इंजीनियर एवं असिस्टेंट रेसीडेंट इंजीनियर, रेसीडेंट इंजीनियर तथा निकाय के उपयंत्री, सहायक यंत्री एवं संभागीय कार्यपालन के यंत्री द्वारा दिनांक 24.12.2019 से 02.02.2023 तक किया गया है। इस परियोजना में नल कनेक्शन का प्रावधान नहीं होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बी.टी. नवीनीकरण मार्गों का निर्माण
[लोक निर्माण]
89. ( क्र. 1305 ) श्री हर्ष यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग के सागर जिला अन्तर्गत विगत 03 वर्षों से कौन-कौन से मार्गों में कितने कि.मी. बी.टी. नवीनीकरण विभाग द्वारा पैच कार्य स्थाई श्रमिकों के द्वारा और निविदा आमंत्रित कर कराये गये हैं? उक्त मार्गों में कितने वर्ष के बाद डामरीकरण कराया गया है? क्या यह नियमानुसार अवधि के अंतर्गत है? पूर्व के किये गये नवीनीकरण वर्ष का विवरण विधान सभावार, मार्गवार, निविदावार, स्वीकृत/व्यय राशि की जानकारी देवें। (ख) विगत 2 वर्षों में जिन मार्गों में निविदा से डामर के पैच कराये गये हैं, उन मार्गों में स्थाई श्रमिकों की संख्या कितनी है? यदि स्थाई श्रमिक हैं तो निविदा से पैच वर्क क्यों कराये गये? उक्त मार्गों के विभागीय डामर की मात्रा कितनी रही, किन-किन मार्गों में कौन-कौन उपयंत्री एवं एस.डी.ओ. प्रभारी रहे हैं, ठेकेदार द्वारा डामर कितनी मात्रा में कहाँ क्रय किया गया? उसके बिल की प्रति सहित जानकारी मार्गवार, कार्यवार, निविदावार देवें। (ग) क्या सबसे ज्यादा फर्जीवाड़ा सागर जिले के उपसंभाग देवरी/केसली में किया गया है? प्रश्नांश (क), (ख) अनुसार यदि हाँ, तो बी.टी. नवीनीकरण के मार्गों की स्थिति प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से मार्ग अच्छी स्थिति में है? जो मार्ग खराब हो गये हैं, उनमें दोषी अधिकारी एवं ठेकेदार के विरूद्ध शासन जाँच कराकर कब तक कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित विधान सभावार, मार्गवार, निविदावार बतायें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) बी.टी. नवीनीकरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'अ-1' एवं पैच रिपेयर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। म.प्र. सड़क विकास निगम कार्य संस्कृति अंतर्गत स्थाई श्रमिकों की व्यवस्था न होने के कारण कोई भी कार्य स्थाई श्रमिकों से प्रावधान नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब एवं 'ब-1' अनुसार है। श्रमिकों एवं मशीनरी की कमी है, जन सामान्य को सुलभ यातायात मुहैया कराने के लिये ठेकेदारों से पैच रिपेयर कार्य कराया गया है। डामर क्रय बिलों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) जी नहीं। विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'अ-1' एवं 'ब' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री आवास योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
90. ( क्र. 1307 ) श्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर परिषद् तेंदूखेड़ा जिला दमोह में प्रश्न दिनांक तक कुल कितने प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत हुए हैं? स्वीकृति के विरुद्ध कितने आवासों का निर्माण पूर्ण हो चुका है तथा कितने निर्माणाधीन व प्रगतिरत हैं तथा कितने शेष हैं? पूर्ण हो चुके व प्रगतिरत आवासों में कितने हितग्राहियों को प्रथम किश्त, कितनों को द्वितीय किश्त, कितनों को तृतीय किश्त का कितना भुगतान किया गया है तथा कितने हितग्राहियों को कार्य पूर्ण होने पर चतुर्थ किश्त का भुगतान शेष है? हितग्राही का नाम, मोबाइल नंबर सहित जानकारी प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार पूर्ण हो चुके प्रधानमंत्री आवासों का भुगतान अभी तक क्यों नहीं किया गया? इसका क्या कारण है तथा कब तक किया जावेगा? (ग) नगर परिषद् तेंदूखेड़ा में कितने प्रधानमंत्री आवासों के नवीन डी.पी.आर. बनाकर स्वीकृति हेतु भेजे गए हैं? स्वीकृति पश्चात कब तक उन आवासों का सर्वे कराकर कार्य शुरू किया जाएगा? क्या नवीन आवासों के लिए शासन द्वारा राशि जारी की गई है? यदि नहीं, तो कब तक राशि प्राप्त होगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) भारत सरकार, आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के जारी दिशा-निर्देशानुसार एक परियोजना के 90 प्रतिशत से अधिक हितग्राहियों के द्वारा आवास पूर्ण कर लिये जाने पर किश्त प्रदान की जाती है। तृतीय किश्त की केन्द्रांश व राज्यांश की राशि प्राप्त होने पर तत्समय हितग्राहियों को नियमानुसार राशि उपलब्ध कराई जायेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) नगर परिषद् तेन्दूखेड़ा से नवीन डी.पी.आर. प्राप्त नहीं हुई है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
महाविद्यालय का उन्नयन
[उच्च शिक्षा]
91. ( क्र. 1308 ) श्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अमर वीरांगना रानी दुर्गावती शासकीय महाविद्यालय तेंदूखेड़ा एवं शासकीय महाविद्यालय जबेरा जिला दमोह में विषय अनुसार व्याख्याताओं के पद रिक्त हैं? यदि हाँ, तो कितने पद रिक्त हैं? विषयवार रिक्त पदों की सूची प्रदाय करें। व्याख्याताओं के रिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जाएगी? यदि कोई समय अवधि हो तो बताएं। (ख) अमर वीरांगना रानी दुर्गावती शासकीय महाविद्यालय तेंदूखेड़ा एवं शासकीय महाविद्यालय जबेरा जिला दमोह में प्रश्नकर्ता द्वारा स्नातक से स्नातकोत्तर के उन्नयन के लिए प्रस्ताव दिए गए हैं? यदि हाँ, तो दिए गए प्रस्तावों पर क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? उक्त दोनों महाविद्यालयों का उन्नयन कब तक किया जाएगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) महाविद्यालयीन स्थापना में व्याख्याताओं के पद स्वीकृत नहीं हैं, अपितु सहायक प्राध्यापक के पद स्वीकृत हैं, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। सहायक प्राध्यापक के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु मांग-पत्र म.प्र. लोक सेवा आयोग को प्रेषित किया जा चुका है। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं। स्नातकोत्तर में उन्नयन हेतु नियमानुसार परीक्षणोपरांत कार्यवाही की जाएगी। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
सड़क एवं पहुंच मार्गों के निर्माण की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
92. ( क्र. 1311 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्य अभियन्ता उज्जैन के प्रस्ताव पत्र क्र. 714 दि. 14.01.18, क्र. 2322 दि. 27.7.21, क्र. 3424 दि. 22.10.21, क्र. 1986 दि. 07.07.21, क्र. 1049 दि. 24.03.22, क्र. 2465 दि. 04.07.22, अधीक्षण यंत्री उज्जैन के प्रस्ताव क्र. 511 दि. 05.02.18, क्र. 1681 दि. 29.06.21 एवं कार्यपालन यंत्री उज्जैन के प्रस्ताव क्र. 153 दि. 11.01.19, क्र. 197 दि. 15.01.19, क्र. 933 दि. 17.02.21, क्र. 1226, दि. 03.03.21 क्र. 5588 दि. 30.11.21, क्र. 5780 दि. 16.12.22 तथा अनुविभागीय अधिकारी महिदपुर के प्रस्ताव क्र. 146 दिनांक 23.07.2021 के द्वारा विधानसभा क्षेत्र घट्टिया के लिए सड़क मार्ग, सी.सी. कार्य, बाउण्ड्रीवॉल निर्माण, स्टाफ क्वार्टर निर्माण सहित अन्य विभिन्न निर्माण कार्यों के प्रस्ताव प्रस्तुत किये जा चुके हैं? यदि हाँ तो आज दिनांक तक स्वीकृति के लिए अपेक्षित क्यों है? स्वीकृति नहीं होने का क्या कारण है? सम्पूर्ण विवरण सहित अवगत करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार निर्माण कार्यों की स्वीकृती हो चुकी है तो उनके स्वीकृति आदेश की प्रतियां उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो क्या इन कार्यों को वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में स्वीकृति प्रदान की जा रही है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है।
सड़कों की मरम्मत एवं नई सड़क का निर्माण
[लोक निर्माण]
93. ( क्र. 1313 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र क्र. 218 बड़नगर लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत कौन-कौन सी ऐसी सड़कें हैं जिनकी मरम्मत/नई सड़क बनाये जाने की आवश्यकता है? (ख) उपरोक्त में किन-किन सड़कों की मरम्मत/नई सड़क बनाये जाने के लिए शासन से स्वीकृति मिल चुकी है? (ग) किन-किन सड़कों की मरम्मत/नई सड़क बनाये जाने के लिए कार्य आरम्भ हो चुका है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है एवं म.प्र. सड़क विकास निगम अन्तर्गत इंगोरिया-उन्हेल मार्ग कुल लम्बाई 24.00 में से 11.00 कि.मी. एवं बिरगोदा-इंगोरिया मार्ग कुल लम्बाई 30.00 कि.मी. में मरम्मत किये जाने की आवश्यकता है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है एवं इंगोरिया-उन्हेल मार्ग कुल लम्बाई 24.00 में से 11.00 कि.मी. एवं बिरगोदा-इंगोरिया मार्ग कुल लम्बाई 30.00 कि.मी. पर मरम्मत/बी.टी. नवीनीकरण हेतु स्वीकृति जारी की जा चुकी है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। इंगोरिया-उन्हेल मार्ग एवं बिरगोदा-इंगोरिया मार्ग की मरम्मत/बी.टी. नवीनीकरण हेतु निविदा प्रचलित है। कार्य अप्रारम्भ है।
स्वीकृत सड़कों की प्रशासकीय स्वीकृति
[लोक निर्माण]
94. ( क्र. 1314 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र क्र. 218 बड़नगर लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत कौन-कौन से ऐसे कार्य हैं जिनके लिए प्रशासकीय और वित्तीय स्वीकृति मिल चुकी है लेकिन निर्माण कार्य आरम्भ नहीं हुआ है या अधूरा है? (ख) उपरोक्त कार्यों के लिए अलग-अलग प्रशासकीय और वित्तीय स्वीकृति की तारीख बताएं। वर्ष 2019-2020 के बजट में मांग संख्या 24, मद क्र. 03, सरल क्र. 312, बड़नगर शहरी क्षेत्र कोर्ट चैराहा से नयापुरा (संगम चौराहा) की प्रशासकीय स्वीकृति कब तक जारी कर दी जावेगी? साथ ही इन कार्यों को पूरा करने के लिए निर्धारित अवधि का विवरण दें। (ग) क्या इन कार्यों को पूरा करने में विलम्ब हो रहा है? यदि हाँ, तो इसका क्या कारण हैं? (घ) क्या प्रश्नकर्ता को विभाग द्वारा किये जाने वाले निर्माण कार्यों की अद्यतन स्थिति की जानकारी दी है? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो जानकारी न देने का क्या कारण है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। सक्षम समिति से अनुमोदन उपरांत प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जा सकेगी। वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है।
नगर पंचायत खिलचीपुर में लंबित भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
95. ( क्र. 1318 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या न.पं. खिलचीपुर में वर्ष 2015 से 2018 तक कार्य पूर्ण कर चुके ठेकेदारों का अंतिम भुगतान व एफ.आई.आर. बाकी है? यदि हाँ, तो ठेकेदार स्व. सत्यनारायण शर्मा व लक्ष्मीनारायण शर्मा ने कितने टेंडर लिये, वार्डवार कितनी राशि का भुगतान किया गया व किन कार्यों का कितना अंतिम भुगतान व एफ.डी.आर बाकी होकर किस स्तर पर लंबित है? विवरण देवें। उक्त लंबित भुगतान कब तक कर दिया जाएगा? (ख) क्या खिलचीपुर न.पं. चौराहे पर नामकरण जेन्ट्री बोर्ड लगाने की वि.स. याचिका मार्च 2022 में प्रस्तुत होकर क्या कार्यवाही हुई? कब तक याचिका कि माँग, नामकरण परिषद् प्रस्ताव अनुसार जेन्ट्री बोर्ड लगा दिया जाएगा? (ग) खिलचीपुर न.पं. में नवनिर्वाचित उपाध्यक्ष द्वारा प्रश्न दिनांक तक विभाग को प्रमुख सचिव, आयुक्त, कलेक्टर राजगढ़, एस.डी.एम. खिलचीपुर, सी.एम.ओ. न.पं. को किन-किन विषयों में कितने पत्राचार किये गए, उन पर पत्रवार क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या न.पं. में लंबित कन्हैयालाल के अनुकम्पा प्रकरण में कलेक्टर राजगढ़ व कितने जनप्रतिनिधियों द्वारा मा. मुख्यमंत्री के आश्वासन अनुसार नियम शिथिल कर अनुकम्पा दिए जाने हेतु कितने पत्र विभाग को लिखे? क्या कार्यवाही हुई पूर्ण विवरण देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ, नगर परिषद् खिलचीपुर में वर्ष 2015 से 2018 तक कार्य पूर्ण कर चुके ठेकेदारों का अंतिम देयक तथा कोई एफ.आई.आर. नहीं बल्कि एफ.डी.आर बाकी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट “अ” अनुसार है। ठेकेदार स्व. सत्यनारायण शर्मा एवं लक्ष्मीनारायण शर्मा द्वारा उक्त अवधि में कोई टेंडर नहीं लिये गये। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। लंबित भुगतान के संबंध में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ, विधानसभा याचिका क्रमांक 2242 के क्रम में परिषद् संकल्प क्रमांक 58 दिनांक 04/01/2023 द्वारा जेन्ट्री बोर्ड लगाये जाने की स्वीकृती प्रदान की गई है। जेन्ट्री बोर्ड लगाने हेतु जगह चिन्हित करने के उपरांत विभागों से अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्राप्त कर प्रकरण में आगामी कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "ब" अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "स" अनुसार है। कार्यवाही प्रचलित है।
अवैध कॉलोनियों को वैध किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
96. ( क्र. 1324 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नरसिंहपुर, करेली, गोटेगांव में कितनी वैध/अवैध कॉलोनी हैं? संपूर्ण जानकारी प्रदान करें। (ख) क्या नरसिंहपुर, करेली, गोटेगांव में अवैध कॉलोनियों को वैध किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक अवैध कॉलोनियों को वैध किया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश नगरपालिका (कॉलोनी विकास) नियम, 2021 में दिनांक 31 दिसम्बर 2016 के पूर्व अस्तित्व में अनाधिकृत कॉलोनी में नागरिक अद्योसंरचना प्रदान करने के प्रावधान रखे गये है। जिला कलेक्टर, नियम 2021 के प्रावधान अनुसार कार्यवाही हेतु सक्षम है। वैधानिक प्रक्रिया होने के कारण समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नवीन पुल टूटने की जांच
[लोक निर्माण]
97. ( क्र. 1327 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नसरूल्लागंज खातेगांव मार्ग पर स्थित कलियासोत नदी पर बनाया गया नवीन पुल वर्षा ऋतु में धाराशयी हो गया था? (ख) यदि हाँ, तो उक्त पुल का निर्माण कार्य कब पूर्ण किया गया था? इस पुल के निर्माण की लागत कितनी थी? इस पुल के निर्माण के लिए किस एजेंसी को कार्यादेश दिये गये थे? निर्माण एजेंसी एवं संचालक का नाम, पता और पंजीयन क्रमांक सहित जानकारी दें। (ग) उक्त पुल के धाराशयी होने के संबंध में शासन द्वारा जांच समिति कब गठित की गई एवं जांच समिति के सदस्य कौन-कौन थे तथा जांच समिति ने अपने जांच प्रतिवेदन शासन को कब सौंपा है और जांच निष्कर्ष के आधार पर कौन-कौन दोषी पाये गये हैं? उनके विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या उक्त धाराशयी पुल के स्थान पर नया पुल बनाया जा रहा है? यदि हाँ, तो यह पुल कितनी लागत का किस एजेंसी के द्वारा बनाया जा रहा है तथा निर्माण कार्य कब तक पूर्ण हो जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नाधीन मार्ग में कलियासोत नदी नहीं अपितु सीप नदी पड़ती है, सीप नदी पर नवीन पुल निर्माणाधीन है, धराशायी होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश 'क' के उत्तर अनुसार नवीन पुल का निर्माण माह जून 2023 तक पूर्ण करना लक्षित है। लागत राशि रू. 948.07 लाख। कार्यादेश डॉली इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रा.लि. सूरत (गुजरात) एजेन्सी को दिया गया। पंजीयन की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) अनुसार, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (क) एवं (ख) के उत्तर अनुसार।
बिना अनुमोदन के शासकीय आवास गृह तोड़ा जाना
[लोक निर्माण]
98. ( क्र. 1328 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजधानी भोपाल में 74 बंगले स्थित बी-टाइप के शासकीय आवास गृह कितने हैं? इनमें से कौन-कौन से आवास गृह जो कि जर्जर हालत में हैं तथा रहने योग्य नहीं है? क्या उन्हें कंडम घोषित किया गया है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से शासकीय आवास गृह कब-कब कंडम घोषित किये गये हैं? (ख) क्या उपरोक्त प्रश्नांश परिप्रेक्ष्य में बी-9 शासकीय आवास गृह को तोड़कर बी-8 में मिलाया जाकर नवीन भवन के निर्माण का कार्य किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या इस भवन को कंडम घोषित करने एवं नवीन भवन के निर्माण का अनुमोदन विभागीय मंत्री महोदय द्वारा नस्ती पर दिया गया है? यदि नहीं, तो किस सक्षम अधिकारी की अनुमति/आदेश से बी-9 शासकीय आवास गृह जो कि बहुत अच्छी अवस्था में रहने योग्य था को गिराया गया? (ग) क्या शासकीय आवास गृह बी-9 जो कि गिरा दिया गया है, उसके स्थान पर नवीन भवन हेतु क्या-क्या कार्य किये जा रहे हैं एवं इसका क्या उपयोग किया जायेगा तथा इसके निर्माण की लागत कितनी है और इसकी मार्केट वेल्यू क्या है? (घ) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में बी-8 शासकीय आवास गृह को गिराने में कितनी राशि व्यय की गई एवं नवीन भवन निर्माण के लिए सरकार द्वारा दी गई स्वीकृतियां उपलब्ध करावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) राजधानी भोपाल में 74 बंगले में 32 बी-टाईप शासकीय आवास गृह है। केवल एक बी-9। जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। जी नहीं। शासकीय नियमावली अनुसार बी-9 को तोड़ने की अनुमति कलेक्टर जिला भोपाल के आदेश दिनांक 17-06-2022 के परिपालन में गिराया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। बी-9 शासकीय आवास को तोड़कर बी-8, 74 बंगले मुख्यमंत्री निवास कार्यालय हेतु नवीन भवन का निर्माण किया जा रहा है, जो निवास कार्यालय हेतु उपयोग किया जावेगा। कार्य की लागत राशि रूपये 194.80 लाख है। शेष लागू नहीं होता। (घ) बी-8 शासकीय आवास को नहीं गिराया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सी.सी. एवं डामरीकरण रोड निर्माण हेतु प्राप्त आवंटन
[लोक निर्माण]
99. ( क्र. 1356 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग संभाग अनूपपुर को 01 अप्रैल 2020 से प्रश्न दिनांक तक सी.सी. एवं डामरीकरण रोड निर्माण हेतु कितना आवंटन प्राप्त हुआ? आवंटन आदेश की छायाप्रति सहित जानकारी वर्षवार उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत प्राप्त आवंटन किस कार्य स्वीकृत आदेशानुसार किस-किस स्थान पर किस-किस कार्य पर किसकी अनुशंसा पर कितना-कितना आवंटन एवं व्यय किया गया है? जानकारी वर्षवार मय कार्य स्वीकृति आदेश की छायाप्रति सहित उपलब्ध करावें। (ग) पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने मार्ग पी.डब्ल्यू.डी. के अंतर्गत आते हैं, कौन-कौन से हैं, कितनी लंबाई हैं, इसकी जानकारी भी उपलब्ध करावें। रोड निर्माण हेतु प्रस्तावित निर्माण कार्य क्या स्वीकृत योग्य हैं? अगर हाँ तो कब तक स्वीकृत कर निर्माण कार्य कराये जावेंगे? अगर नहीं तो क्यों? कारण की प्रमाण सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (क) अवधि में विधानसभा पुष्पराजगढ़ क्षेत्र अंतर्गत विभाग द्वारा कितने रोड निर्माण कार्य किस स्थान पर कितनी राशि से कराये गये? नहीं तो क्यों? कराये गये कार्यों की जानकारी वर्षवार उपलब्ध करावें व कार्य न कराने के कारण की जानकारी सप्रमाण उपलब्ध करावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) सड़क निर्माण/डामरीकरण हेतु संभागों को पृथक से आवंटन प्रदाय नहीं किया जाता, अपितु आहरण की नवीन व्यवस्था अंतर्गत केन्द्रीय सर्वर में आवंटन एकीकृत (ग्लोबल) में उपलब्ध होता है। आवंटन ओदश की प्रति का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) 01 अप्रैल 2020 से प्रश्न दिनांक तक व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। स्वीकृति आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-1' एवं 'ब' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब-1' एवं 'स' अनुसार है।
पीड़ितों को मुआवजे का प्रदाय
[नगरीय विकास एवं आवास]
100. ( क्र. 1359 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले की मुलताई तहसील में हरदौली बांध का निर्माण कराया गया था? यदि हाँ, तो डूब में आने वाले सभी पीड़ितों को मुआवजा राशि प्रदान कर दी गई है? सूची उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि नहीं की गई तो इसके क्या कारण हैं? क्या मुआवजा राशि वितरित करने में विभाग द्वारा भेदभाव किया गया है अथवा अधिकारियों की लापरवाही है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ यदि कुछ पीड़ित शेष रह गये हैं तो उन्हें कब तक मुआवजा राशि प्रदान कर दी जावेगी? यदि मुआवजा राशि वितरण में कोई लापरवाही हुई है तो संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में क्या धर्मराज पुत्र श्री गोविन्दराव कवडकर, निवासी चिखलीखुर्द, तहसील मुलताई, जिला बैतूल के स्वामित्व एवं आधिपत्य की कृषि भूमि मौजा खरसाली, पटवारी हल्का नंबर 25, खरारा नंबर 248/2 रकबा 2.5980 हेक्टेयर भूमि का भी उपयोग हरदोली जल आवर्धन योजनांतर्गत डेम निर्माण में लिया गया था? साथ ही ग्राम थावरिया स्थित भूमि खसरा नं. 185 जो कि सूर्यभान पुत्र मानिकराव, सम्पत राव पुत्र गुजोबा के नाम की भूमि भी हरदौली बांध में डूब में आयी थी? यदि हाँ, तो क्या उक्त भूमि से संबंधित मुआवजा संबंधित व्यक्तियों को कर दिया गया है? यदि नहीं, तो इसमें किन-किन की लापरवाही है और कौन-कौन दोषी हैं और इन दोषियों के विरुद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी? पीड़ितों को मुआवजा राशि कब तक दे दी जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। जी नहीं, डूब में आने वाले पीड़ितों की संख्या 60 में से 54 कृषकों को मुआवजा राशि प्रदान कर दी गई है। सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश 'क' के संदर्भ में शेष 06 कृषकों द्वारा संबंधित दस्तावेज बैंक खाता, आधार कार्ड एवं निर्वाचन परिचय पत्र आदि न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) एवं भू-अर्जन अधिकारी मुलताई जिला बैतूल कार्यालय में जमा नहीं किये जाने के कारण मुआवजा राशि वितरित नहीं की जा सकी है। जी नहीं, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश 'ख' के संदर्भ में शेष 06 कृषकों द्वारा आवश्यक दस्तावेज जमा करने के उपरांत मुआवजा राशि वितरित की जा सकेगी। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश 'ग' के संदर्भ में भू-स्वामियों द्वारा मुआवजा राशि हेतु आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसके संदर्भ में निकाय द्वारा अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) भू-अर्जन शाखा मुलताई को सीमांकन हेतु पत्र प्रेषित किया गया है। उक्त संबंध में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के स्तर पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। प्रतिवेदन प्राप्त होने पर जानकारी दी जा सकेगी। जी नहीं। तहसीलदार मुलताई से प्रतिवेदन प्राप्त होने पर मुआवजा संबंधी अग्रिम कार्यवाही की जा सकेगी। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ताप्ती सरोवर के संरक्षण हेतु सीवरेज नेटवर्क
[नगरीय विकास एवं आवास]
101. ( क्र. 1360 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ताप्ती सरोवर के संरक्षण हेतु सीवरेज नेटवर्क कार्य के लिए मुलताई नगर पालिका परिषद् को कुल 289.30 लाख रूपये की राशि प्राप्त हुई है जिसमें से कार्य अनुबंधित एजेंसी सारथी कंस्ट्रक्शन अहमदाबाद को 155.00 लाख का भुगतान कर दिया गया है? ठेकेदार द्वारा पुनः 76.33 लाख के बिल भुगतान हेतु प्रस्तुत किये जाने पर नगर पालिका द्वारा उक्त मद में राशि का न होना बताया जा रहा है। यदि यह सही है तो बाकी की बची राशि 134.30 लाख कहाँ खर्च की गई? (ख) प्रश्नांश "क" के अनुसार शेष बची राशि नियम विरूद्ध 134.30 लाख रूपये किस-किस अधिकारी की सहमति से कब-कब किसके द्वारा खर्च की गई है? उनके नाम बतावें तथा नियम विरूद्ध कार्य करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की जानी चाहिए एवं क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ग) सीवरेज कार्य करने हेतु भुगतान न होने पर ठेकेदार द्वारा कार्य रोक दिया गया है जिसके कारण 3 वार्डों की सड़क खुदी हुई पड़ी है जिससे आये दिन दुर्घटना हो रही है उसके लिये कौन जिम्मेदार हैं? इस कार्य को पूर्ण करने हेतु नगरीय प्रशासन विभाग की क्या योजना है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ, जी नहीं, चल देयक से कटौत्रा उपरांत अनुबंधित एजेन्सी सारथी कंस्ट्रक्शन अहमदाबाद को 152.00 लाख का भुगतान किया गया है। जी हाँ। प्रकरण में जांच कराई जा रही है। (ख) जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर निष्कर्ष अनुसार आगामी कार्यवाही की जा सकेगी। (ग) जी हाँ, खुदाई कार्य को ठीक करने हेतु ठेकेदार को नगर पालिका मुलताई द्वारा निर्देशित किया गया है, दुर्घटना होने की जानकारी संज्ञान में नहीं आई है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। वर्तमान में इस कार्य हेतु इस मद में कोई राशि उपलब्ध नहीं है।
अनुबंध अनुसार कार्यों की भौतिक स्थिति
[लोक निर्माण]
102. ( क्र. 1363 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग द्वारा शहडोल व रीवा जिले में वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक में कितने रोड/सड़कों के नवीन निर्माण बाबत् स्वीकृति प्रदान की गई, की जानकारी विधान सभावार देवें। (ख) प्रश्नांश (क) की स्वीकृत रोडों/सड़कों की लागत क्या थी? कार्यादेश कब-कब, किन-किन संविदाकारों को अनुबंध की किन शर्तों पर दिये गये? अनुबंध अनुसार कार्यों की भौतिक स्थिति क्या है? रोड व विधान सभावार बतावें। यह भी बतावें कि इन संविदाकारों को कब-कब कितनी राशि का भुगतान किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) की स्वीकृत रोडों/सड़कों को प्रश्नांश (ख) अनुसार अनुबंध की शर्तों अनुसार संविदाकारों द्वारा नहीं बनाया गया तो उस पर कब-कब, कौन-कौन सी कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (क) के स्वीकृत रोडों/सड़कों को प्रश्नांश (ख) के संविदाकारों द्वारा निर्माण में की गई सामग्री के उपयोग का परीक्षण व जांच मौके पर कब-कब, किन-किन जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा किया गया? रोडवार, विधान सभावार जानकारी देवें। (ड.) प्रश्नांश (क) की स्वीकृत रोडों/सड़कों को प्रश्नांश (ख) के संविदाकारों द्वारा अनुबंध की शर्तों अनुसार समय पर पूरा नहीं किया गया एवं प्रश्नांश (घ) अनुसार जिम्मेदारों द्वारा रोडों की जांचें नहीं की गई, घटिया सामग्री द्वारा रोडों/सड़कों का निर्माण कराया गया, फर्जी बिल व्हाउचर द्वारा भुगतान कराया गया, उन सब पर क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। राज्य शासन के द्वारा निर्धारित निविदा प्रपत्र एपेंडिक्स 2.1 एवं रा.रा. के कार्य भारत सरकार के द्वारा निर्धारित निविदा प्रपत्र एस.बी.डी. में निहित शर्तों के आधार पर। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-1' अनुसार है। स्वीकृत रोडों/सड़कों का निर्माण अनुबंध में निहित प्रावधानों एवं शर्तों के अनुसार ही कराया गया है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (ड.) उत्तरांश 'ग' एवं 'घ' अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिम्मेदारों पर कार्यवाही
[ऊर्जा]
103. ( क्र. 1364 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ऊर्जा विभाग द्वारा शहडोल में वर्ष 2019 से प्रश्नांश दिनांक में 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र, 33 के.व्ही. लाइन वितरण ट्रांसफार्मर एवं 11 के.व्ही. लाइन स्थापना के कार्य किन-किन मदों से कब-कब, कहाँ-कहाँ, कितनी-कितनी लागत से किन संविदाकारों द्वारा कराये गये? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जो कार्य कराये जा रहे हैं, अनुबंध की शर्तों का पालन कर कार्य कराये जा रहे हैं अथवा नहीं? इनके कार्यों का सत्यापन किन-किन जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा कराया गया। (ग) प्रश्नांश (क) के कार्य समय पर नहीं कराये गये, गुणवत्ता की कमी रही, जिसका सत्यापन प्रश्नांश (ख) के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा मौके पर नहीं किया गया? कार्य अधूरे हैं। सबंधितों पर क्या कार्यवाही की गई? अगर नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) के स्वीकृत कार्यों की लागत क्या-क्या हैं? पृथक-पृथक विवरण केन्द्रवार बतावें। किन कार्यों में संविदाकारों को कब-कब, कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया का भी विवरण कार्यवार देवें। कार्य के अनुपात में ज्यादा भुगतान किया गया, इसके लिये किन को जिम्मेदार मानकर कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों? (ड.) प्रश्नांश (क) के स्वीकृत कार्य प्रश्नांश (ख) अनुसार अनुबंध की शर्तों का पालन कर नहीं कराये जा रहे फर्जी बिल व्हाउचर तैयार कर कम कार्य होने पर संविदाकारों को ज्यादा भुगतान कर लाभान्वित किया गया, संबंधितों द्वारा व्यक्तिगत हितपूर्ति कर संविदाकारों को लाभान्वित किया गया। इन सब अनियमितताओं के लिये जिम्मेदारों की पहचान कर उन पर क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा शहडोल जिले में प्रश्नाधीन अवधि में प्रश्नांश में उल्लेखित विद्युत अधोसंरचना के संबंधित कार्यों की दिनांकवार/अवधिवार, स्थानवार, लागतवार एवं संविदाकारवार प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के अन्तर्गत कराये गये कार्य अनुबंध की शर्तों का पालन कर कराये गये हैं एवं इन कार्यों का सत्यापन करने वाले अधिकारियों की प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं, प्रश्नांश (क) के स्वीकृत कार्यों में से मात्र एक कार्य यथा-नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र कल्याणपुर के सिविल कार्य में विलम्ब होने एवं अधूरा रहने के कारण ठेका निरस्त कर ठेकेदार अभिषेक पटेल को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है। अधूरे कार्य को पूरा करने हेतु निविदा आमंत्रित की गई है। शेष स्वीकृत कार्य समय पर एवं गुणवत्ता सहित पूर्ण किये गये हैं तथा जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा मौके पर सत्यापन किया गया है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (घ) प्रश्नांश (क) के अनुसार स्वीकृत कार्यों की लागतवार, संविदाकारवार किये गए भुगतान की राशि एवं दिनांक की कार्यवार एवं वितरण केन्द्रवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं, उक्त कार्यों के अनुपात में संविदाकारों को ज्यादा भुगतान नहीं किया गया है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ड.) जी नहीं, प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत सभी कार्य अनुबन्धित संविदाकारों द्वारा अनुबंध की शर्तों के अनुरूप ही कराये गए हैं तथा कार्यों के देयकों का भुगतान भौतिक निरीक्षक के उपरान्त पूर्ण किये गये कार्य के अनुपात में ही किया गया है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
नवीन महाविद्यालय की स्वीकृति
[उच्च शिक्षा]
104. ( क्र. 1382 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता विधायक ने माननीय मुख्यमंत्री महोदय को खुजनेर में नवीन महाविद्यालय स्वीकृत करने संबंधी पत्र लिखा था तथा माननीय मुख्यमंत्री सचिवालय द्वारा पत्र पंजीयन क्र. 923/cms/162/2023, दिनांक 02.02.2023 द्वारा ACS/PS/Secretary से उच्च शिक्षा विभाग को प्रेषित किया? हाँ तो पत्रों की प्रति सहित जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि हाँ, है तो प्रश्न दिनांक तक शासन द्वारा इस संबंध में क्या-क्या कार्यवाही किस-किस दिनांक को की गई? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर क्या शासन खुजनेर में नवीन महाविद्यालय स्वीकृत कर देगा? हाँ तो कब तक नहीं तो क्यों नहीं?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। पत्रों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) नवीन शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ किए जाने संबंधी विभाग के निर्धारित मापदण्डों के परिप्रेक्ष्य में प्रस्ताव का परीक्षण कर विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार करने की कार्यवाही माह सितम्बर 2018 में की गई। तत्समय प्रभावशील निर्वाचन संबंधी आदर्श आचरण संहिता के समाप्त होने के पश्चात माह सितम्बर से नवम्बर 2020 तक प्रस्तावों को मंत्रि-परिषद् के समक्ष प्रस्तुत करने हेतु समीक्षा की कार्यवाही की गई। वर्तमान में प्रस्ताव पर अद्यतन व्यय भार का आकलन कर आगामी कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
नियमों के विपरीत कार्यवाही
[उच्च शिक्षा]
105. ( क्र. 1436 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता का पत्र क्र. 359/23 भोपाल, दिनांक 04.01.2023 जो कुलपति, बी.यू. भोपाल को बी.यू. में उत्तर पुस्तिका अवलोकन के लिये नियमों के विरूद्ध कार्यवाही से उत्पन्न स्थिति के संबंध में प्रेषित किया गया है? (ख) उपरोक्त के संबंध में सा.प्र.वि. के आदेश क्र. एफ 19-76/2007/ 1/4, भोपाल दिनांक 22.03.2011 में उल्लेखित पांचों बिंदुओं एवं परिशिष्टों (1, 2) का पालन सुनिश्चित किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) में प्रश्नकर्ता ने विभाग से क्या जानकारी चाही है तथा जानकारी पत्र में उल्लेखित बिंदुवार बनाई गई है? (घ) क्या प्रश्नकर्ता को जानकारी उपलब्ध करा दी गई है, तो कब और कैसे? जानकारी उपलब्ध नहीं कराने, छुपाने, लंबित रखने के लिये विभाग में कौन-कौन जिम्मेदार है एवं उन पर कब और क्या कार्यवाही की जायेगी? उपरोक्त के संबंध में कोई आर.टी.आई. प्राप्त हुई है? संबंधित को जानकारी प्रदान करा दी गई है? (ड.) उपरोक्त के संबंध में दिसम्बर 2022 एवं फरवरी-मार्च 2023 में वि.स. में आहूत सत्र के लिये बी.यू. के अधिकारी/कर्मचारी को कार्यवाहियों के संपादन के लिये उत्तरदायित्व सौंपा गया था? अधिकारी/कर्मचारी के जारी आदेशों की प्रति, उक्त अवधि में वि.स. से कितने प्रश्न प्राप्त हुये? उन पर बी.यू. ने क्या और कब कार्यवाही की? संपूर्ण जानकारी एकल नस्ती सहित उपलब्ध करायें। बी.यू. में कितने अधिकारी/कर्मचारी कार्यरत हैं? उनके नाम, पदनाम, उत्तरदायित्व, नियमित/अनियमित/प्रतिनियुक्ति/आउटसोर्स/कब से नियुक्त हैं? एक ही स्थान पर कब से पदस्थ हैं, सहित संपूर्ण जानकारी का गौशवारा बनाकर बतायें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं, किंतु अपेक्षित जानकारी उपलब्ध करा दी गई है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘अ’ अनुसार है। (घ) जी हाँ। दिनांक 03.02.2023 को स्पीड पोस्ट क्रमांक EI313150316IN द्वारा प्रेषित की गई है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। उपरोक्त के संबंध में प्राप्त आर.टी.आई. के माध्यम से चाही गई जानकारी आवेदनकर्ता को स्पीड पोस्ट क्रमांक EI313131949IN दिनांक 14.02.2023 द्वारा प्रदान की गई है। (ङ) जी नहीं। प्रश्न से संबंधित विभागों द्वारा उत्तर तैयार किया जाता है, तदुपरांत कुलसचिव कार्यालय के विशेष प्रकोष्ठ द्वारा संधारित कर अग्रिम कार्यवाही की जाती है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। विश्वविद्यालय में दिसंबर 2022 में कुल 03 एवं फरवरी 2023 में कुल 08 विधानसभा प्रश्न प्राप्त हुए हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘ब’ अनुसार है। विश्वविद्यालय में कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘स’ अनुसार है।
प्रधानमंत्री आवास योजना में गड़बड़ी की जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
106. ( क्र. 1444 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन/इन्दौर संभाग में प्रधानमंत्री आवास योजना के आई.एस.एस.आर., सी.एल.एस.एस., ए.एच.पी. तथा बी.एल.सी. कैटेगरी के कितने-कितने हितग्राही हैं? जिलेवार जानकारी दें तथा बतावें कि किस-किस जिले में किस-किस कैटेगरी की कितनी आवासीय इकाइयों के लिए कितनी परियोजनाओं में काम चल रहा है तथा चारों कैटेगरी के कितने हितग्राही को भवन तथा राशि आवंटित कर लाभान्वित किया जा चुका है तथा कितने शेष हैं? (ख) किस-किस जिले में कितने बहुमंजिला भवन का निर्माण किया जा चुका है तथा कितने निर्माणाधीन हैं? ठेकेदार का नाम, पता, प्रोजेक्ट की लागत, प्रत्येक भवन में कुल इकाई, प्रति फ्लेट कारपेट एरिया, फ्लेट की औसत लागत सहित सूची देवें। (ग) प्रधानमंत्री आवास योजना में घोटाले को लेकर कितने प्रकरण शासन के संज्ञान में आए हैं? उनकी सूची देवें तथा बतावें कि सारे प्रकरण मिलाकर कितने करोड़ के घोटाले की जांच प्रचलन में है? प्रस्तावित योजना में घोटाले को लेकर किस-किस ठेकेदार तथा अधिकारी के खिलाफ पुलिस में प्रकरण दर्ज कराया गया है तथा किस-किस अधिकारी के खिलाफ विभागीय जांच प्रचलन में है? नाम, आरोप, घोटाले में शामिल राशि सहित सूची देवें। (घ) किस-किस जिले में कितने बोगस, फर्जी, अपात्र हितग्राहियों को लाभ देकर कितनी राशि का भ्रष्टाचार शासन के संज्ञान में आया है? जिलेवार, जिम्मेदार अधिकारियों के नाम सहित सूची दें। (ड.) क्या प्रधानमंत्री आवास योजना में हजारों अपात्र हितग्राहियों को लाभ देकर 1156 करोड़ रूपये का घोटाला किया गया है? क्या उच्च स्तरीय जांच की जाएगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) उज्जैन तथा इंदौर संभाग में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के आई.एस.एस.आर., सी.एल.एस.एस., ए.एच.पी. तथा बी.एल.सी. घटक के स्वीकृत आवासों की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ-1'' अनुसार है। जिलेवार परियोजनाओं की श्रेणीवार लाभार्थियों एवं राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ-2'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब-1'' एवं ''ब-2'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है एवं शिकायतों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स-1'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''द'' अनुसार है। (ड.) जी नहीं। प्राप्त शिकायतों की जांच कराई जाती है, जांच प्रतिवेदन के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है।
इन्दौर-भोपाल मेट्रो की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
107. ( क्र. 1454 ) श्री जितु पटवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1356 दिनांक 28 जुलाई 2022 के उत्तर के संदर्भ में बतायें कि इंदौर तथा भोपाल मेट्रो ट्रेन की लंबाई मिलाकर 62.41 किलोमीटर होती है तथा डी.पी.आर. के लिए ₹ 17.95 लाख प्रति किलोमीटर दिया जाना था, जो 11.20 करोड़ होता है, तो उसे ₹ 27.59 करोड़ क्यों दिये गये? (ख) कंसल्टेंट ने दोनों डी.पी.आर. में एक्टिव भूगर्भीय फॉल्ट जोन का उल्लेख नहीं किया तो उसे इस गंभीर लापरवाही पर ब्लैक लिस्टेड कर दी गई राशि क्यों नहीं वसूली गई तथा विस्तृत परीक्षण एवं प्राक्कलन जनरल कंसल्टेंट द्वारा बनाया जा रहा था, जिसे राशि 600.53 करोड़ दिया जाना है, तो फिर गलत तथा अधूरी डी.पी.आर. बनवाकर 28 करोड़ का गोलमाल क्यों किया गया? (ग) अनुबंध अनुसार इंदौर-भोपाल मेट्रो का काम किस दिनांक तक पूरा होना चाहिए? विलंब पर पेनल्टी का क्या प्रावधान है तथा दिनांक 31 जनवरी 2023 तक दोनों मेट्रो का कितने-कितने प्रतिशत कार्य पूर्ण हुआ है? विलंब का कारण क्या है तथा कार्य कब तक पूरा हो जायेगा? (घ) जनरल कंसल्टेंट की प्रमुख 5 जिम्मेदारी क्या-क्या हैं तथा निर्वहन न होने पर क्या प्रावधान हैं? भुगतान की गई राशि वसूल की जाएगी? क्या यह सही है कि जनरल कंसल्टेंट ने फॉल्ट जोन-4 जो 65 किलोमीटर दूर से जा रहा था, उसे निर्माण में शामिल करवाकर लागत को 2000 करोड़ से बढ़ा दिया, ताकि उसका कमीशन 80 करोड़ से बढ़ जाए जबकि इंदौर फॉल्ट जोन-2 में है। इन्दौर में कितने ब्रिज हाई राइज़ बिल्डिंग आदि फॉल्ट जोन-4 के अनुसार बनी है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) डी.पी.आर. कंसल्टेंस के द्वारा भोपाल एवं इंदौर मेट्रो रेल परियोजनाओं के लिए लगभग कुल 248 कि.मी. के मेट्रो रेल कोरिडोरों को प्रस्तावित किया गया था। डी.पी.आर. कंसल्टेंट के द्वारा किए गए कार्यों एवं निविदा की शर्तों के अनुसार कंसल्टेंट को भुगतान किया गया है। (ख) मेट्रो रेल परियोजनाओं की डी.पी.आर., देश की अन्य मेट्रो रेलों की डी.पी.आर. के समतुल्य बनाई गयी है। एक्टिव भूगर्भीय फॉल्ट जोन के प्रभाव के बारे में विभिन्न कंसल्टेंटो का अनुमान भिन्न हो सकता है। सभी कार्यवाहियां एवं भुगतान अनुबंध के अनुसार किया गया है। (ग) परियोजनाओं की स्वीकृति नवम्बर 2018 में होने के उपरांत भारत सरकार, मध्यप्रदेश सरकार एवं मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के बीच त्रिपक्षीय करार (MOU) का निष्पादन अगस्त 2019 में किया गया। MOU निष्पादन तथा बोर्ड के गठन में समय लगने एवं कोविड महामारी के कारण परियोजनाओं की प्रगति प्रभावित हुई। उक्त कारणों पर पेनल्टी लगाने का प्रश्न ही नहीं उठता है। जनवरी 2023 तक परियोजनाओं की प्रगति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (घ) जनरल कंसल्टेंट की प्रमुख जिम्मेदारियों एवं पेनल्टी संबंधी दस्तावेज पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। मेट्रो के संरचनात्मक डिजाइन के पैरामीटर्स तकनीकी बिन्दुओं व अनुबंध की शर्तों के अनुसार लिए गये हैं व जनरल कंसल्टेंट की फीस का प्रोजेक्ट की लागत से कोई संबंध नहीं है। अत: यह कहना गलत होगा कि तकनीकी निर्णयों के कारण जनरल कंसल्टेंट की फीस बढ़ा दी गई है। ब्रिज एवं हाई राइज़ बिल्डिंग, मेट्रो रेल परियोजना से संबंधित नहीं है।
सड़क निर्माण कार्य में विलंब
[लोक निर्माण]
108. ( क्र. 1464 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र सुमावली के अंतर्गत लोक निर्माण विभाग द्वारा कौन-कौन सी सड़क बनाई जा रही हैं? उन सड़कों को कितनी-कितनी राशि की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार निर्माणाधीन सड़कों की भौतिक स्थिति क्या है? उनका कितना-कितना मूल्यांकन किस-किस अधिकारी द्वारा कब-कब किया गया? जानकारी देवें। (ग) छैरा से टेकरी रोड निर्माण कार्य धीमी गति से क्यों चल रहा है? इस सड़क के बीच आसन नदी पर पुल निर्माण कार्य क्यों नहीं कराया जा रहा है? (घ) मुरैना से सुमावली तक बनाई गई सड़क नगरीय क्षेत्र में उखड़ गई हैं जिसके कारण प्रतिदिन दुर्घटनाऐं हो रही हैं? दोषी ठेकेदार के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही कब तक कर दी जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। प्रशासकीय स्वीकृति एवं तकनीकी स्वीकृति की प्रतियॉं पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ के सरल क्रमांक 1 के कॉलम 10 में दर्शित है। मार्ग निर्माण के स्वीकृति में पुल निर्माण कार्य सम्मिलित नहीं था। (घ) नगरीय क्षेत्र की मार्गों का निर्माण विभाग द्वारा नहीं कराया गया। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
विभिन्न विकास कार्यों संबंधी
[नगरीय विकास एवं आवास]
109. ( क्र. 1486 ) श्री संजय यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा नगर निगम जबलपुर के अंतर्गत क्षेत्रान्तर्गत ज्ञान गंगा कॉलेज के पीछे नाले पर पुल निर्माण होने से आई.टी. पार्क से गौर व कटनी बायपास जोड़ने व आवागमन की सुविधा हेतु विभागीय आयुक्त को किये गये पत्राचार पर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? उक्त संबंध में क्या प्रस्ताव बनाये गये? यदि हाँ, तो प्रस्तावों की जानकारी दी जावें। (ख) उक्त के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा आयुक्त नगर निगम जबलपुर को प्रेषित पत्र क्रमांक 785/दिनांक 22.03.2022 एवं क्रमांक 1615/दिनांक 01.11.2022 पर कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई? यदि कोई कार्यवाही की गई तो अवगत करायें एवं बनाये गए प्रस्तावों की प्रति उपलब्ध करायें। (ग) नगर निगम जबलपुर की नगर निगम जबलपुर के अंतर्गत क्षेत्रान्तर्गत ज्ञान गंगा कॉलेज के पीछे गंदे नाले के शोधन हेतु क्या योजना बनाई है? प्रस्तावित शोधन संयंत्र की डी.पी.आर. उपलब्ध करावें। उक्त नाले से मां नर्मदा में मिलने कब तक रोका जावेगा? उक्त योजना के स्थल निरीक्षण प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध करावें। यदि स्थल निरीक्षण नहीं किया गया है तो योजना किस आधार पर बनी है? (घ) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 846/दिनांक 22.12.2022 के उत्तरांश (क) में 65 प्रतिशत कार्य पूर्ण होना बताया है, तो 100 प्रतिशत कार्य कब तक पूर्ण होगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) माननीय विधायक जी द्वारा किए गए पत्राचार पर प्रस्तावित पुल निर्माण हेतु स्थल का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण प्रतिवेदन संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रस्तावित पुल निर्माण कार्य वृहद स्वरूप का है, इस हेतु नगर निगम जबलपुर के बजट में प्रावधान नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नकर्ता का पत्र क्रमांक-785 दिनांक 22.3.2022 का पत्र जबलपुर स्मार्ट सिटी को प्रेषित किया गया था जिस संबंध में स्मार्ट सिटी के पत्र क्र जे.सी.टी.सी. एल./2022/433 दिनांक 29.03.2022 के माध्यम से माननीय विधायक जी को अवगत कराया गया कि जो भी परियोजना के कार्य किये जा रहे है, समस्त कार्य संचालक मण्डल के निर्णय एवं स्वीकृति पश्चात किये जाते है वर्तमान में स्मार्ट सिटी को प्राप्त अनुदान की राशि के विरूद्ध निविदा जारी की जा चुकी है। माननीय विधायक जी के पत्र क्र. 1615, दिनांक 1.11.2022 के प्राप्त होने पर प्रस्तावित क्षेत्र का निरीक्षण किया गया था जिसका प्रतिवेदन संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। पुलों के निर्माण एवं अधिक लंबाई में सड़क तंत्र निर्माण की मांग की गई थी, यह नगर निगम में उपलब्ध संसाधनों से संभव नहीं था। खंदारी नाला के समीप अमृत योजनांतर्गत 34 एम.एल.डी. क्षमता का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का कार्य 90 प्रतशित पूर्ण कर लिया गया है। (ग) नगर निगम जबलपुर क्षेत्रान्तर्गत ज्ञान गंगा कॉलेज के पीछे गंदे नाले के शोधन हेतु कार्ययोजना पूर्ण न होने के कारण डी.पी.आर. उपलब्ध कराया जाना वर्तमान में संभव नहीं है। नाले को मां नर्मदा में मिलने से रोकने की समय-सीमा, योजना बनने एवं स्वीकृत होने पर बताया जाना संभव हो सकेगा। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 846/दिनांक 22.12.2022 के उत्तरांश (क) में 65 प्रतिशत कार्य पूर्ण होना बताया गया था। वर्तमान तक उक्त कार्य 90 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है।
मार्ग निर्माण की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
110. ( क्र. 1487 ) श्री संजय यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा प्रश्न क्रंमाक 847, दिनांक 22.12.2022 के उत्तरांश (क) में 46 मार्गों में से 02 मार्गों की स्वीकृति बताया गया था, शेष 44 मार्गों के प्रस्ताव की वर्तमान स्थिति क्या है एवं इन 44 मार्गों की भौतिक स्थिति क्या है? इनमें से कितने मार्ग जर्जर व टूटे हुये है? इन 44 मार्गों को कब तक स्वीकृत कर निर्माण कार्य प्रारंभ कराया जावेगा? (ख) विधानसभा क्षेत्र बरगी में विगत् 04 वर्षों में कितने पुल एवं मार्गों की स्वीकृति प्रदान की गई तथा कितने स्वीकृत मार्गों का निर्माण विभाग द्वारा करवाया गया। सूची देवें। (ग) विधानसभा प्रश्न क्रंमाक 847, दिनांक 22.12.2022 के प्रपत्र ''अ'' अनुसार पत्र क्रंमाक/5523/दिनांक 23.11.2022 द्वारा चाही गई जानकारी प्राप्त हो गई है? यदि नहीं, तो अनावश्यक प्रस्तावों को लंबित क्यों रखा जा रहा है? यदि हाँ, तो उक्त जानकारियों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) विधानसभा प्रश्न क्रंमाक 847, दिनांक 22.12.2022 के उत्तरांश (घ) में स्वीकृति अप्राप्त है बताया है? उक्त स्वीकृति कब तक प्रदाय की जावेगी? यदि एन.एच.ए.आई. द्वारा स्वीकृति प्रदान नहीं की जा रहीं तो विभागीय स्तर पर स्वीकृति जारी कर मार्ग निर्माण कराया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्या क्षेत्रवासियों को ऐसे ही धूल भरे गुब्बारों का सामना करना पडेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। शेष कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -ब एवं 'ब-1' में दर्शित है। (ग) जी हाँ। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। किसी भी योजना में सम्मिलित नहीं है। (घ) जी हाँ। म.प्र. शासन के पृ.क्र. एफ-43/01/2023/1/यो/120 भोपाल दिनांक 10.01.2023 द्वारा जबलपुर-नरसिंहपुर-पिपरिया मार्ग के 26 कि.मी. लंबाई में विशेष सुदृढ़ीकरण के अंतर्गत स्वीकृति प्रदान की गई है। स्वीकृति के अंतर्गत प्रश्नांकित मार्ग खण्ड शाहपुरा तिराहा से अमन ढ़ाबा भी समाहित है। वर्तमान में निविदा प्रक्रिया प्रचलन में है।
सिंगल निविदा अवैधानिक रूप से खोला जाना
[लोक निर्माण]
111. ( क्र. 1500 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.04.2021 से प्रश्न तिथि के दौरान लोक निर्माण विभाग पी.आई.यू. सतना संभाग के अंतर्गत सी.एम. राइस स्कूलों के लिये किन-किन स्थानों के लिये कितनी-कितनी लागत वाली निविदाएं कब-कब आमंत्रित हुई? जारी विज्ञापनों की एक-एक प्रति उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित निविदाओं में किस-किस स्थान के लिये किस-किस नाम/पतेवाली ठेकेदारों/ठेकेदार फर्मों के द्वारा निविदाएं डाली गई? स्थानवार/नाम/पतेवाली ठेकेदार/फर्मवार/निविदा की लागतवार विवरण दें? किस-किस नाम/पतेवाली ठेकेदार फर्में तकनीकी रूप से किस-किस स्थान की निविदा हेतु सफल रही? कौन-कौन सी फर्में किस-किस स्थान की निविदाओं हेतु तकनीकी रूप से अयोग्य (डिसक्वालीफाई) पाई गई? अयोग्य घोषित होने के क्या-क्या कारण थे? स्थानवार/फर्मवार/निविदावार जानकारी उपलब्ध कराएं? (ग) क्या प्रश्नांश (क) वर्णित स्थान में फर्स्टकॉल में ही सी.एम. राइस स्कूलों की निविदाएं अन्य फर्मों को तकनीकी रूप से अयोग्य घोषित कर सिंगल फार्म निविदा में बची रहने के बावजूद निविदा खोली गई हैं? किस-किस स्थान की निविदा खोली की जानकारी फर्म के नाम एवं उसके द्वारा डाली गई दर सहित उपलब्ध कराएं? (घ) राज्य शासन/विभाग यह स्पष्ट करें कि सिंगल निविदा फर्स्टकॉल में खोली जानी वैध है या अवैध? अगर अवैध है तो क्या शासन बी.एल. चौरसिया को निलंबित करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। जारी विज्ञापनों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) सतना जिले में सी.एम. राइस स्कूलों की निविदाओं में किसी भी संविदाकार को तकनीकी रूप से आयोग्य घोषित नहीं किया गया है। सिंगल निविदा खोले जाने का प्रावधान है, खोली गयी निविदा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (घ) सिंगल निविदा फर्स्ट कॉल में खोली जाना शासन के आदेशानुसार है। अत: किसी को भी निलंबित करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अप्रवासीय भारतीय सम्मेलन एवं ग्लोबल मीट के दौरान अनियमितताएं
[नगरीय विकास एवं आवास]
112. ( क्र. 1537 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माह जनवरी 2023 में अप्रवासीय भारतीय सम्मेलन और ग्लोबल इन्वेस्टर मीट के लिए इंदौर नगर पालिका निगम एवं स्मार्ट सिटी के द्वारा कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि के कराये गये थे? (ख) उक्त कार्यों के लिए किन-किन समाचार पत्रों में निविदा जारी कर निविदा की प्रक्रिया अपनाते हुए किन-किन ठेकेदारों को कार्यादेश कब-कब जारी किये गये थे? (ग) उक्त किन-किन कार्यों का कितनी-कितनी राशि का भुगतान किन-किन ठेकेदारों को कब-कब किया गया है? (घ) क्या बिना निविदा प्रक्रिया के भी कोई कार्य निगम के द्वारा कराया गया था? यदि हाँ, तो कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि के किस-किस ठेकेदार से किन नियमों के तहत कराये गये? (ड.) क्या उक्त कार्यों में व्यापक स्तर पर अनियमितताएं पाई गई हैं? यदि नहीं, तो सभी कराये कार्यों की जांच करायी जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) माह जनवरी 2023 में अप्रवासीय भारतीय सम्मेलन और ग्लोबल इन्वेस्टर मीट के लिए इन्दौर नगर पालिक निगम एवं स्मार्ट सिटी द्वारा कराये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के अनु. क्रमांक 45 को छोड़कर शेष समस्त कार्यों के देयक ठेकेदार/फर्म से प्राप्त नहीं होने एवं जो देयक प्राप्त हुए है वे प्रक्रियाधीन होकर अंतिम रूप से अंकेक्षण द्वारा पारित नहीं होने से]वर्तमान स्थिति में कार्यों की वास्तविक व्यय राशि की जानकारी दि जाना संभव नहीं है। (ख) समाचार पत्रों में जारी निविदा विज्ञाप्ति एवं ठेकेदारों को प्रदाय कार्यादेश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) ठेकेदारों की भुगतान की गई राशि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम नं. 07 अनुसार है जिसमे सरल क्रमांक 45 पर 03 कार्यों के लिए राशि रूपये 26,80,208/- का भुगतान फर्म/ठेकेदार को किया गया है। शेष कार्यों का भुगतान की प्रक्रिया प्रचलन में होने से उनके सम्मुख कॉलम नं. 07 में जानकारी निरंक है। (घ) जी नहीं। (ड.) जी नहीं। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
निर्माण कार्य एवं योजना में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
113. ( क्र. 1538 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पंचायत माण्डव, जिला धार में विगत 5 वर्षों में प्रश्न दिनांक तक किस-किस योजना के अंतर्गत किस-किस निर्माण कार्य एवं अन्य कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई तथा कौन-कौन से निर्माण कार्य किस-किस निर्माण एजेंसी को दिए और समस्त निर्माण कार्यों की अद्यतन स्थिति क्या है? (ख) नगर पंचायत माण्डव के द्वारा उक्त अवधि में कितनी-कितनी राशि का ऋण/कर्ज किस-किस प्रयोजन हेतु किस-किस से लिया गया एवं यह राशि किस-किस मद में कितनी-कितनी व्यय की गई? (ग) नगर पंचायत ने क्या उक्त अवधि में वाहनों के लिये ऋण/कर्ज लिया है? यदि हाँ, कौन-कौन से वाहन कब-कब कितनी राशि के क्रय किये हैं एवं वाहनों के ऋण चुकाने की अद्यतन स्थिति क्या है? इन वाहनों के रख-रखाव मरम्मत एवं डीजल/पेट्रोल आदि पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? वाहनवार बतायें? (घ) नगर पंचायत माण्डव के लिये कौन-कौन से पद कितनी संख्या में स्वीकृत हैं? जिसमें से कितने पद कब-कब से रिक्त हैं और कितने दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी किन कारणों से निकाले एवं नये कितने दैनिक कर्मचारी किसके आदेश से रखे गये?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''स'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''द'' 1 एवं ''द'' 2 अनुसार है।
सड़कों/पुल निर्माण कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति
[लोक निर्माण]
114. ( क्र. 1553 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01 जनवरी, 2020 से 31 दिसम्बर, 2022 तक भिण्ड जिले के लहार विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत आम बजट/अनपूरक बजट में कौन-कौन सी सड़कें एवं पुल शामिल किए गए हैं? सड़कों एवं पुल के नाम, लागत एवं लम्बाई का विवरण वर्षवार दें? (ख) उक्त अवधि में उक्त सड़कों एवं पुल निर्माण हेतु विभाग द्वारा कब-कब तकनीकी/प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित सड़कों/पुलों को बजट में सम्मिलित होने के बाद भी अभी तक उनका निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हो सका है? यदि हाँ, तो अभी तक किन-किन सड़कों एवं पुल का निर्माण कार्य किन-किन कारणों से प्रारंभ नहीं किए जा सके हैं? (घ) क्या लहार-अमायन मार्ग से व्हाया वैसपुरा भटपुरा मार्ग को वर्ष 2019-20 के आम बजट एवं ग्राम लपवाहा-बारैट जगनपुरा से मदैला मार्ग वर्ष 2020-21 के बजट में सम्मिलित होने के बाद भी अभी तक स्थायी वित्त समिति (S.F.C.) द्वारा अनुमोदन नहीं दिए जाने से प्रशासकीय स्वीकृति जारी नहीं हो सकी है? यदि हाँ, तो अभी तक स्थायी वित्त समिति द्वारा उक्त मार्गों को अनुमोदित नहीं किए जाने के क्या कारण हैं तथा कब तक अनुमोदन दिया जाकर प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जाएगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विवरण संलग्न परिशिष्ट के खण्ड-12 में दर्शाये अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं।
विभाजित भूखण्डों पर भवन अनुज्ञा
[नगरीय विकास एवं आवास]
115. ( क्र. 1556 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार आवासीय कालोनियों के विभाजित भूखण्डों पर भवन अनुज्ञा देना कब से प्रारंभ होगा? (ख) क्या पिछले दिनों मुख्यमंत्री भवन अनुज्ञा देने का ऐलान कर चुके हैं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) आवासीय कॉलोनियों में विभाजित भूखंडों पर भवन अनुज्ञा दिए जाने के संबंध में कोई भी घोषणा दर्ज नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं।
अधूरे रेल्वे ओव्हर ब्रिज का निर्माण
[लोक निर्माण]
116. ( क्र. 1557 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सुभाष नगर रेल्वे ओव्हर ब्रिज के लिये पुनरीक्षित प्राक्कलन अनुसार 34 करोड़ 29 लाख रूपये की राशि की ई.एफ.सी. द्वारा स्वीकृति मिल गई है? यदि नहीं, तो यह स्वीकृति कब तक प्राप्त होगी? वर्ष 2018 से बंद ब्रिज का निर्माण कार्य पुन: प्रारंभ कर कब तक पूर्ण होगा और आवागमन कब से प्रारंभ किया जायेगा? (ख) क्या सागौद रोड ओव्हर ब्रिज पर राज्य शासन के हिस्से का काम अनुबंधित समयावधि में पूरा हो गया है? नहीं तो कब तक पूरा होगा? इस ब्रिज के रेल्वे के हिस्से के कार्य की क्या स्थिति है? क्या तकनीकी एवं वित्तीय स्वीकृति प्राप्त हो गई है? रेल्वे के हिस्से का कार्य कौन-सी एजेन्सी द्वारा किया जायेगा और कब तक पूर्ण होगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। वर्तमान में निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है। दिनांक 03.02.2020 को कार्यादेश जारी किया गया, वर्तमान में कार्य प्रगति पर है अत: वर्ष 2018 से बंद होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। आवागमन प्रारंभ करने हेतु वर्तमान में निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं। कार्य दिसम्बर 2023 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है। वर्तमान में रेल्वे के हिस्से का कार्य अप्रांरभ है। रेल्वे विभाग द्वारा रेल्वे पोर्शन के कार्य हेतु तकनीकी स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। रेल्वे विभाग द्वारा निविदा आमंत्रित किया जाना है, अत: एजेन्सी का नाम एवं कार्य पूर्ण होने की समयावधि बताना वर्तमान में संभव नहीं है।
ए.सी. लो फ्लोर बसों की खरीदी
[नगरीय विकास एवं आवास]
117. ( क्र. 1558 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जे.एन.एन.यू.आर.एम. के तहत ए.सी. लो फ्लोर बसों की 2010 से 2013 तक नगर निगम भोपाल एवं बी.सी.एल.एल. द्वारा की गई विभिन्न इंस्पेक्शन रिपोर्ट की स्पष्ट छायाप्रति प्रस्तुत करें। क्या ए.सी. लो फ्लोर बसों की खरीदी के लिए सेन्ट्रल सेनक्शनिंग एण्ड मॉनिटरिंग कमेटी (CSMC) द्वारा 2012 में कोई आदेश जारी किए गए थे, की नगर निगम द्वारा 2010 निर्मित ए.सी. लो फ्लोर बसें खरीदी जा सकती हैं? हाँ अथवा नहीं? भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड के अंतर्गत संचालित जे.एन.एन.यू.आर.एम. की नगर निगम स्वामित्व की बसों का भोपाल आर.टी.ओ. के प्रति वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितना टैक्स बकाया है? का पूर्ण विवरण, वर्षवार, माहवार, प्रत्येक वाहन क्रमांक के आधार पर गौशवारा बनाकर देवें। (ख) वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक बी.सी.एल.एल. के निविदाकर्ता एवं वेण्डर्स के विरूद्ध कुल कितनी बकाया राशि है? कृपया निविदाकर्ता एवं वेंडर्स के नाम के आधार पर उपरोक्त समय अवधि के अनुसार किसके विरूद्ध कितनी बकाया राशि है? का पूर्ण विवरण माहवार, वर्षवार, मय दस्तावेज गौशवारा बनाकर देवें। बी.सी.एल.एल. की 2013 से प्रश्न दिनांक तक बैलेंस शीट्स एवं लेजर, सी.ए.जी. ऑडिट रिपोर्ट/सी.ए.जी. के द्वारा किया गया पत्राचार एवं आपत्तियों 2013 से प्रश्न दिनांक तक गौशवारा बनाकर मय दस्तावेज जानकारी देवें। (ग) भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड की बोर्ड आफ डायरेक्टर्स की 36वीं बैठक दिनांक 05/05/2022 में बिन्दु क्रमांक 3 में की गई संविलियन एवं नियुक्ति की प्रक्रिया क्या डी.ओ.पी.टी., जी.ए.डी., मंत्रालय नगरीय विकास एवं आवास, द्वारा जारी संविलियन एवं नियुक्ति के दिशा-निर्देश के आधार पर की गई है? हाँ अथवा नहीं? यदि हाँ, तो पूरी प्रक्रिया का पूर्ण विवरण मय समस्त दस्तावेज एवं उपरोक्त संविलियन पर अनुमोदन आर्डर की छायाप्रति प्रदान करें। यदि नहीं, तो क्या बी.सी.एल.एल. का बोर्ड क्या डी.ओ.पी.टी., जी.ए.डी. मंत्रालय, नगरीय विकास एवं आवास से सर्वोपरि है? हाँ अथवा नहीं? (घ) बी.सी.एल.एल. में पी.आर.ओ. के पद पर पदस्थ किये जाने से संबंधित नस्ती की प्रति प्रदान की जाये। इस पद पर नियुक्ति के लिये क्या योग्यता रखी गई थी? विज्ञापन कब जारी किया गया था? यदि पदोन्नति से किया गया तो क्या प्रक्रिया के तहत किया? का पूर्ण विवरण प्रदाय करें। क्या विभाग द्वारा जो पदोन्नति की प्रक्रिया अपनायी गई वह सरकारी प्रक्रिया के अनुरूप है? हाँ अथवा नहीं? यदि नहीं, तो इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों के नाम बताएं। क्या बी.सी.एल.एल. राज्य शासन के अधीन एस.पी.वी. है या एक स्वतंत्र निजी कम्पनी है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जे.एन.एन.यू.आर.एम. के तहत ए.सी. लो फ्लोर बसों की इंसपेक्शन रिपोर्ट रिकार्ड पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। नहीं। नगर निगम भोपाल/भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड के अंतर्गत नगर पालिक निगम के स्वामित्व की बसों में एम.पी. ट्रांसपोर्ट की वेबसाईट अनुसार दिसम्बर-2022 तक की बकाया बस कर (टैक्स) की राशि का विवरण मय बस संचालक के नाम, बस क्रमांक पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ख) वर्ष 2013 से अद्यतन बी.सी.एल.एल. के निविदाकर्ता एवं वेण्डर्स के विरूद्ध बकाया राशि का विवरण एवं निविदाकर्ता एवं वेंडर्स के नाम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। बी.सी.एल.एल. की वित्तीय वर्ष 2013-14 से वर्ष 2022-23 तक की बैलेंस शीट्स, सी.ए.जी. ऑडिट रिपोर्ट/सी.ए.जी. के द्वारा किया गया पत्राचार एवं आपत्तियों 2013 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। (ग) जी नहीं। बी.सी.एल.एल. की बोर्ड बैठक के माध्यम से सक्षम स्वीकृति प्राप्त की गई है। उपरोक्त के आलोक में शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (घ) बी.सी.एल.एल. में पी.आर.ओ. के पद पर पदस्थ किये जाने से संबंधित नस्ती पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार है। बी.सी.एल.एल., एच.आर. पॉलिसी के पृष्ठ क्र. 26 अनुसार पी.आर.ओ. पद के लिए शैक्षणिक योग्यता/अभिनियुक्तियां अंतर्गत मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से किसी भी विषय में स्नातक, पत्रकारिता में स्नातकोत्तर तथा 10 वर्ष का कार्यानुभव आवश्यक है। योग्यता संबंधित दस्तावेज पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-6 अनुसार है। पी.आर.ओ. के पद पर पदस्थ किये जाने संबंधी विज्ञापन जारी नहीं किया गया। जी नहीं। भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड कम्पनीज अधिनियम-1956 अंर्तगत पंजीकृत संस्था है बी.सी.एल.एल. की बोर्ड बैठक के माध्यम से सक्षम स्वीकृति प्राप्त की गई है। उपरोक्त के आलोक में शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड द्वारा की गई विभिन्न जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
118. ( क्र. 1559 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड के विरूद्ध वर्ष 2013 में प्रश्न दिनांक तक लोकायुक्त, आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो, विभिन्न न्यायालयों में कितने प्रकरण और किन मामलों में दर्ज हैं एवं OIC का नाम का पृथक-पृथक गौशवारा बनाकर मय दस्तावेज प्रदाय करें। (ख) भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड के किन अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध विभागीय जांच एवं न्यायालय की कार्यवाही प्रचलित है? अधिकारी एवं कर्मचारियों के नाम बताएं एवं इससे संबंधित दस्तावेज प्रदाय करें। दिनांक 01 जनवरी, 2015 के बाद कौन-कौन से अधिकारियों को विभागीय जांच में दण्डित किया गया है? किस-किस को दोषमुक्त किया गया है? मय दस्तावेज पूरे प्रकरणों की जांच प्रदाय करें। (ग) आर्य ओमनी टॉक वायरलेस सॉल्यूशंस प्रायवेट लिमिटेड पुणे के संदर्भ में क्या नगर-निगम भोपाल के आयुक्त एवं भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने अपनी नोटशीट दिनांक 24.10. 2019 द्वारा वर्ष 2019 में हुई वित्तीय हानि के लिए नगर निगम/बी.सी.एल.एल. के जिम्मेदार अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध जांच कमेटी बनाकर कार्यवाही करने के निर्देश दिये गए थे? जांच कमेटी के सदस्यों के पदवार नाम बतायें। दिनांक 24.10.2019 से प्रश्न दिनांक तक दोषियों के विरूद्ध जांच कमेटी द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? यदि जांच कमेटी द्वारा दोषियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई है तो इसके क्या कारण हैं? जांच कमेटी की रिपोर्ट प्रदाय करें। (घ) प्रकरण क्र. Arb Ex.No. 824/16 आर्य ओमनी टॉक वायरलेस सॉल्यूशंस प्रायवेट लिमिटेड विरूद्ध भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड के प्रकरण में भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड द्वारा आई.सी.आई.सी.आई. बैंक में संचालित खाते को सीज/रिलीज कराने हेतु दिए गए पत्र की छायाप्रति प्रदान करें एवं इस पत्र से संबंधित नोटशीट प्रदान करें। क्या इस पत्र का जांच कमेटी द्वारा जांच के दौरान अवलोकन किया गया? हाँ अथवा नहीं? यदि यह पत्र बी.सी. एल.एल. में उपलब्ध नहीं है तो क्या बैंक से इस पत्र की जानकारी जांच कमेटी द्वारा ली गई, हाँ अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? क्या जांच कमेटी द्वारा पूर्ण रूप से जांच की गई है? हाँ अथवा नहीं? अगर जांच अधूरी है तो इसके लिये कौन अधिकारी जिम्मेदार है? पद एवं नाम बताऐं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड के विरूद्ध वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक लोकायुक्त, आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो, विभिन्न न्यायालयों के प्रकरण और दर्ज मामलों का विवरण एवं OIC के नाम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध प्रचलित विभागीय जांच एवं न्यायालय की कार्यवाही, अधिकारी एवं कर्मचारियों के नाम एवं इससे संबंधित दस्तावेज पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। किसी भी अधिकारी को दोषमुक्त नहीं किया गया है। (ग) जी हाँ। जांच कमेटी के सदस्यों के पदवार नाम की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड विरूद्ध मेसर्स आर्या ओमनीटॉक वायरलेस प्रकरण में माननीय जिला न्यायालय द्वारा आर्या ओमनीटॉक के पक्ष में आदेश जारी होने के फलस्वरूप बी.सी.एल.एल. को हुई वित्तीय हानि के लिये दोषी कर्मचारियों पर कार्यवाही किये जाने के संबंध में बी.सी.एल.एल. द्वारा नवीन विभागीय जांच समिति का गठन कार्यालयीन आदेश क्र. 3269 दिनांक 01.07.2022 जारी कर समिति का गठन किया गया है। नवीन जांच समिति द्वारा जांच संबंधी कार्यवाही कर अंतरिम रिपोर्ट दिनांक 30.01.2023 को प्रस्तुत कर दी गई है। अंतरिम जांच रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। (घ) कार्यालयीन रिकॉर्ड अनुसार वांछित दस्तावेज उपलब्ध नहीं है। अत: शेष का प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है। जी नहीं। जांच समिति द्वारा प्रकरण की प्रारंभिक जांच कर अंतरिम जांच रिपोर्ट सक्षम प्राधिकारी के समक्ष दिनांक 30.01.2023 को प्रस्तुत की गई है। अंतिम प्रतिवेदन अपेक्षित है। अत: शेष का प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है।
पुल निर्माण में विलंब
[लोक निर्माण]
119. ( क्र. 1565 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित प्रश्न क्रमांक 1231, दिनांक 22 दिसम्बर, 2022 के प्रश्नांश (ख) के उत्तर में उक्त कार्य माह जून 2023 तक पूर्ण किया जाना संभावित है? धीमी प्रगति के कारण निर्माण कार्य में विलंब हुआ? प्रश्नांश (ग) के उत्तर में संविदाकार द्वारा कार्य न करने के कारण अनुबंध विखंडित करने के उपरांत रिबोक किया गया एवं संविदाकार का पंजीयन ब्लैक लिस्टेड किया जा चुका है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो पुन: संविदा किसको दी गयी? वर्तमान में कार्य की स्थिति क्या है? जब संबंधित ठेकेदार ब्लैक लिस्टेड किया गया तो कार्य में उदासीनता बरतने के लिए संबंधित अधिकारी दोषी क्यों नहीं है? जबकि कार्य समय अवधि में पूर्ण कराने की जबावदारी अधिकारी की होती है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य क्या दोषी अधिकारी को बचाने के लिए विधान सभा में वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा संबंधित अधिकारी के दोषी होने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता? ऐसा कहा गया है सामान्य प्रशासन के किस निर्देश के अनुसार? आदेश की प्रति देवें। यदि दोषी है क्या कार्यवाही की जावेगी? नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ। (ख) अनुबंध पुर्नजीवित किया गया, पुनः संविदा किसी को देने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। वर्तमान में पुल के नींव एवं स्ट्रक्चर का कार्य पूर्ण हो चुका है। 06 स्लैब में से 02 स्लैब का कार्य पूर्ण एवं 03 स्लैब का प्रगति पर है। संबंधित अधिकारी द्वारा अनुबंध के प्रावधानों के तहत कार्यवाही की गई है। इसलिए संबंधित अधिकारी के दोषी होने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। जी हाँ। कार्य पूर्ण कराने के प्रयास किये जा रहे है। (ग) जी नहीं। अनुबंध के प्रावधान अनुसार। अनुबंध की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। कोई दोषी नहीं। अनुबंध के प्रावधानों और दायित्व के निर्वाहन के कारण।
विकास प्राधिकरण के प्लाटों की अर्बन सीलिंग से मुक्ति
[नगरीय विकास एवं आवास]
120. ( क्र. 1566 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर विकास प्राधिकरण द्वारा विजय नगर जबलपुर में विक्रय किये गये रहवासी प्लाटों के खसरे में अर्बन सीलिंग से प्रभावित होना दर्ज किया गया है? (ख) क्या उपरोक्त खसरों में अर्बन सीलिंग से प्रभावित दर्ज होने से उक्त प्लाटों के फ्री होल्ड कराने एवं क्रय-विक्रय पर रोक लगी हुई है तथा क्या पंजीयन विभाग के रजिस्ट्रार द्वारा उक्त प्लाटों के क्रय-विक्रय के पंजीयन पर रोक लगायी गई है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्लाटों को अर्बन सीलिंग से कब तक मुक्त किया जायेगा? जिससे उक्त प्लाटों का क्रय-विक्रय किया जा सके?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) जिस खसरें में प्राधिकरण का नाम दर्ज है एवं खसरा कैफियत शहरी सीलिंग प्रभावित दर्ज है उनका नामांतरण न होने के कारण फ्री होल्ड नहीं किया जा रहा है। उक्त प्लाटों में पंजीयन विभाग रजिस्ट्रार द्वारा क्रय विक्रय के पंजीयन पर रोक लगाने संबंधी कोई आदेश विभाग द्वारा जारी नहीं किया गया है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बिरसिंहपुर क्षेत्र का डिवीजन सतना किया जाना
[ऊर्जा]
121. ( क्र. 1570 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी प्रेमनगर सतना ने जनविरोधी निर्णय लेकर बिरसिंहपुर क्षेत्र डिवीजन सतना से बदलकर रामपुर बघेलान में शिफ्ट करने का फैसला किया है? (ख) क्या बिरसिंहपुर (नगरीय क्षेत्र) से रामपुर बघेलान (जनपद पंचायत मुख्यालय क्षेत्र) में आने जाने के लिये कोई साधन उपलब्ध नहीं है तथा दोनों क्षेत्रों की आपस में दूरी 70 किलोमीटर होगी जबकि सतना 31 कि.मी. है, पूरे क्षेत्र के विद्युत उपभोक्ताओं को परेशानियों का सामना करना पडेगा? (ग) यदि प्रश्नांश (क) एवं (ख) सही है तो बिरसिंहपुर क्षेत्र का डिवीजन यथावत सतना रखे जाने के आदेश कब तक जारी कर दिये जायेंगे? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं, अपितु म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा संचालन-संधारण, संभाग सतना को विस्तृत कार्य क्षेत्र होने एवं उपभोक्ता संख्या अधिक होने के कारण प्रशासनिक सुगमता एवं विद्युत उपभोक्ताओं की सुविधा के दृष्टिगत विभक्त करते हुए नवीन संचालन-संधारण, संभाग रामपुर बघेलान का सृजन किया गया है। उक्त नवीन संचालन-संधारण, संभाग के अंतर्गत पूर्व में संचालित संचालन-संधारण, संभाग सतना के कुल 15 वितरण केन्द्रों में से 07 वितरण केन्द्र जिसमें बिरसिंहपुर वितरण केन्द्र भी सम्मिलित हैं, रखे गए हैं एवं 08 वितरण केन्द्र पुनर्गठित संचालन-संधारण संभाग सतना के अंतर्गत पूर्वानुसार विद्यमान हैं। पूर्व संचालन-संधारण, संभाग सतना के कुल 161987 विद्युत उपभोक्ताओं में से 75277 उपभोक्ता नवीन संचालन-संधारण, संभाग रामपुर बघेलान एवं 86710 उपभोक्ता पुनर्गठित संचालन-संधारण, संभाग सतना के अंतर्गत रखे गये हैं, ताकि सभी उपभोक्ताओं को बेहतर विद्युत प्रदाय संबंधी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सके। (ख) जी नहीं, बिरसिंहपुर से रामपुर बघेलान आने-जाने हेतु पर्याप्त परिवहन के साधन उपलब्ध हैं। बिरसिंहपुर से सतना की दूरी लगभग 40 कि.मी. एवं बिरसिंहपुर से रामपुर बघेलान की दूरी लगभग 50 कि.मी. है। संचालन-संधारण संभाग सतना का पुनर्गठन कर दो संभागो का सृजन पूर्व संभाग सतना में तत्समय विद्यमान विद्युत उपभोक्ताओं की संख्या का युक्तियुक्तकरण कर किया गया है ताकि पुनर्गठित सतना संभाग एवं रामपुर बघेलान संभाग में उपलब्ध संसाधनों को उपयोग कर सभी उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधा मिल सके। इस पुनर्गठन का आधार मात्र संभाग मुख्यालय से दूरी नहीं है। यदि नए सृजित संभाग से कुछ वितरण केन्द्र विभक्त कर सतना संभाग में शामिल किये जाते हैं तो दोनों संभागों में उपभोक्ताओं की संख्या में काफी अंतर आने से प्रत्येक संभाग में उपलब्ध संसाधनों का संतुलित उपयोग नहीं हो पाने के कारण उपभोक्ता सेवाएं प्रभावित होगी, जिससे नये संभाग के सृजन का कोई औचित्य नहीं रहेगा। अत: विद्युत उपभोक्ताओं को नई व्यवस्था से परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा अपितु उपभोक्ता सेवाओं की गुणवत्ता में वृद्धि परिलक्षित होगी। (ग) उत्तरांश (क) में उल्लेखानुसार प्रशासनिक सुगमता एवं विद्युत उपभोक्ताओं के हितार्थ ही नये संचालन-संधारण, संभाग का सृजन किया गया है। अत: अन्य कोई कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है।
नई सड़क निर्माण एवं मरम्मत कार्य
[लोक निर्माण]
122. ( क्र. 1578 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले के अंतर्गत आने वाली उदयपुरा विधान सभा में लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत कौन-कौन सी ऐसी सड़कें है जिनकी मरम्मत/नई सड़क बनाये जाने की आवश्यकता है? (ख) उपरोक्त में किन-किन सड़कों की मरम्मत/नई सड़क बनाये जाने के लिये शासन से स्वीकृति मिल चुकी है? (ग) किन-किन सड़कों की मरम्मत/नई सड़क बनाये जाने के लिये कार्य आरम्भ हो चुका है? (घ) क्या तहसील बाड़ी एवं बरेली में मेसर्स राजलक्ष्मी कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा बनायी गई सड़कों का मरम्मत कार्य अपूर्ण है? यदि हाँ, तो संबंधित पर क्या कार्यवाही की गई है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (ग) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (घ) विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
NH-45 पर अंडरब्रिज एवं अन्य निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
123. ( क्र. 1579 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला रायसेन के अंतर्गत आने वाली विधानसभा उदयपुरा में प्रश्न दिनांक तक NH-45 पर विगत 05 वर्षों में कितने अंडरब्रिज निर्मित किये गये है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में इन अंडरब्रिज के निर्माण अपूर्ण अथवा विलंब से होने के क्या कारण हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में किन-किन अधिकारियों/एजेंसियों पर कार्यवाही की गई है? (घ) NH-45 निर्माण के दौरान कितने हैंडपंप एवं पंचायत भवनों को अधिग्रहित कर हटाया गया है? सूचीबद्ध जानकारी उपलब्ध करावें। इनके पुन: निर्माण की क्या कार्य योजना है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र -अ अनुसार है। (ख) संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र -अ में उल्लेखित अंडरब्रिजों के निर्माण कार्य अनुबंध में निहित प्रावधानों के अनुसार निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण किये गये। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) म.प्र. सड़क विकास निगम अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग-45 निर्माण के दौरान किसी भी हैण्डपंप का अधिग्रहण नहीं किया गया। पंचायत भवनों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र -ब अनुसार है।
अनियमितता के दोषियों पर कार्यवाही
[उच्च शिक्षा]
124. ( क्र. 1582 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डॉ. सी.वी.रमन, निजी विश्वविद्यालय खण्डवा में उच्च पदों पर असिस्टेंट रजिस्ट्रार, परीक्षा नियंत्रक एवं प्रोफेसर के पद पर वर्तमान में कौन-कौन व्यक्ति पदस्थ हैं? उन पदों की योग्यताएं क्या हैं तथा क्या वे योग्यताएं धारित करते हैं? (ख) क्या प्रोफेसर के पदों पर प्रायवेट कम्पनियों के रिप्रेजेन्टेटिव को नियुक्ति अपात्र होने पर भी की गई, जबकि 10 वर्षों के पठन-पाठन का ज्ञान होना आवश्यक है? वहीं दूसरी ओर रजिस्ट्रार ने अपनी पत्नी को असिस्टेंट रजिस्ट्रार ह्यूमन रिसोर्स के पद पर नियुक्ति दिला दी तथा अपनी साली को डेटा विभाग का असिस्टेंट रजिस्ट्रार बना दिया? एन.जी.ओ. में कार्यरत व्यक्ति को परीक्षा नियंत्रक बना दिया गया? (ग) निजी विश्वविद्यालय के नियम विपरीत अन्य प्रदेशों के बच्चों को नियमित छात्र के रूप में प्रवेश देकर बिना परीक्षा लिये फर्जी मार्कशीट प्रदान कर दी गई? जिसे सरकारी नौकरी में अवैध घोषित कर नियुक्ति नहीं दी गई? (घ) उपर्युक्त अनियमितताओं के आरोपियों पर सक्षम स्तर से जांच कराई जाकर, निष्कर्ष के आधार पर कार्यवाही की जायेगी? यदि हां, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्राध्यापकों की नियुक्ति पात्रता एवं नियमानुसार योग्य पाए जाने पर विश्वविद्यालय द्वारा की गई है। श्रीमती गीतिका चतुर्वेदी (पत्नी) एवं मो. सगीर की नियुक्ति सहायक कुलसचिव पद पर नियमानुसार योग्यता एवं साक्षात्कार उपरांत विश्वविद्यालय द्वारा की गई है। जी नहीं। ज्योति चतुर्वेदी डेटा विभाग के सेक्शन हेड के पद पर कार्यरत है। जी नहीं। श्री अरूण भार्गव की नियुक्ति परीक्षा नियंत्रक पद पर नियमानुसार योग्यता एवं साक्षात्कार पश्चात योग्य पाए जाने पर विश्वविद्यालय द्वारा की गई है। (ग) जी नहीं। विश्वविद्यालय में सभी पाठ्यक्रमों का संचालन विश्वविद्यालय के अध्यादेश अनुरूप किया जाता है। अन्य प्रदेशों के छात्र नियमानुसार प्रवेश ले सकते हैं। सरकारी नौकरी में इन्हें योग्यता अनुसार स्थान मिलता है। विश्वविद्यालय द्वारा किसी भी छात्र को बिना परीक्षा लिए मार्कशीट नहीं दी गयी तथा इस तरह की कोई शिकायत विश्वविद्यालय में प्राप्त नहीं हुई है। इस विश्वविद्यालय के विरूद्ध अवैध अंकसूची का प्रकरण/शिकायत प्राप्त नहीं है। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
निर्माण कार्य की जानकारी
[लोक निर्माण]
125. ( क्र. 1584 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले में 1 अप्रैल, 2019 से कौन-कौन सी सड़कें व अन्य निर्माण कार्यों की स्वीकृति हेतु प्रस्ताव प्राप्त हुये एवं इनमें से कौन-कौन सी सड़कों की प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त हुई है? प्रशासकीय स्वीकृति की छायाप्रति उपलब्ध करावें। इनमें से कौन-कौन से निर्माण कार्य पूर्ण हो गये हैं एवं कौन-कौन से निर्माण कार्य अधूरे हैं? अधूरे निर्माण कार्यों को कब तक पूरा कर लिया जावेगा? इन निर्माण कार्यों को किस-किस कार्य एजेन्सी द्वारा कार्य किया गया है? (ख) दिनांक 01 अप्रैल, 2019 से प्रश्नांकित दिनांक तक विदिशा जिले में कौन-कौन सी सड़कों के नवीनीकरण कार्य, मजबूतीकरण एवं मरम्मत के कार्य स्वीकृत हुये हैं? प्रशासकीय स्वीकृति आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करावें। कितने कार्य पूर्ण हुये हैं? कितने अधूरे हैं? कितने अप्रारम्भ हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के सन्दर्भ में उपरोक्त सड़कों के मरम्मत, नवीनीकरण, मजबूतीकरण के कार्य करने वाले ठेकेदारों को कितना-कितना भुगतान कब-कब किया गया एवं समय-सीमा में सड़कों के कार्य न करने के लिये कौन-कौन ठेकेदार दोषी हैं व दोषी ठेकेदारों पर क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी? (घ) म.प्र. सड़क विकास निगम अन्तर्गत गंजबासौदा - सोमवारा - इमलानी- सिरोंज मार्ग एवं लटेरी शमशाबाद मार्ग का निर्माण कब प्रारंभ कर दिया गया है? इन दोनों मार्गों के आवागमन की परेशानी को देखते हुये कब तक मार्ग का सुधार कर लिया जावेगा? (ड.) प्रश्नकर्ता का प्रमुख सचिव, लोक निर्माण विभाग को पत्र क्रमांक 112/SRJ/2023 दिनांक 27. 01.23 एवं प्रबंध संचालक म.प्र. सड़क विकास निगम को पत्र क्रमांक 111/SRJ/2023 दिनांक 27.01.23 एवं 406/BPL/2022 दिनांक 07.11.22 पत्र प्राप्त हुये हैं तो विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? पत्र पावती एवं कृत कार्यवाही से प्रश्नकर्ता को कब-कब अवगत कराया? पत्रों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (च) लटेरी-मुण्डेला-नजीराबाद मार्ग का निर्माण कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा एवं कार्य एजेन्सी को कितना-कितना भुगतान कब-कब किया गया? वन विभाग से अनुमति हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है? पत्राचार की छायाप्रति उपलब्ध करावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'अ-1' अनुसार एवं प्रशासकीय स्वीकृति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -1 एवं 2 अनुसार है। इसके अतिरिक्त विदिशा में पी.आई.यू. कार्यालय भवन निर्माण कार्य राशि रू. 301.62 लाख का प्रस्ताव प्राप्त है, जो परीक्षणाधीन है। (ख) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'ब-1', 'स' अनुसार एवं प्रशासकीय स्वीकृति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 2 एवं ‘3’ अनुसार है। (ग) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -अ एवं परिशिष्ट के प्रपत्र -स अनुसार है। (घ) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -'ब-1' अनुसार है। (ड.) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -द अनुसार एवं परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (च) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
निर्माण कार्यों की जानकारी
[ऊर्जा]
126. ( क्र. 1585 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 1 अप्रैल, 2019 से प्रश्नांकित दिनांक तक सौभाग्य योजना दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना, फीडर सेपरेशन योजना, आर.डी.एस.एस. योजना, एस.एस.टी.डी. योजना एवं अन्य योजनाओं से विकासखण्ड सिरोंज लटेरी में कौन-कौन से निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये है? कार्य का नाम स्वीकृत राशि, योजना का नाम, कार्य प्रारंभ दिनांक, कार्य पूर्णतः दिनांक, कार्य एजेन्सी का नाम/ठेकेदार का नाम कार्य की भौतिक स्थिति सहित वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में एस.एस.टी.डी. योजना, आर.डी.एस.एस. योजना से कौन-कौन से कार्य स्वीकृत हुये? प्रशासकीय आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करावें? इनमें से कौन-कौन से निर्माण कार्य पूर्ण हुये? कौन-कौन से निर्माण कार्य अपूर्ण है? कौन-कौन से अप्रारंभ है? कौन- कौन से कार्यों का सर्वे एवं टेंडर की प्रक्रियां शेष है और कितने कार्यों की निविदा जारी की जा चुकी है? कितने कार्यों का कार्य आदेश जारी किया जा चुका है? कार्य का नाम, लागत, कार्य एजेन्सी का नाम सहित जानकारी बतावें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में उपरोक्त योजनाओं से स्वीकृत निर्माण कार्यों का भुगतान कितनी-कितनी राशि कौन-कौन से ठेकेदारों एवं कार्य एजेन्सी को किया? वर्षवार एवं कार्यवार जानकारी बतावें? (घ) प्रश्नकर्ता के पत्र माननीय मुख्यमंत्री जी, माननीय मंत्री जी, श्रीमान प्रमुख सचिव, श्रीमान प्रबंध संचालक म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं.लि. भोपाल को सिरोंज संभागीय कार्यालय प्रारंभ करने लटेरी में उपसंभागीय कार्यालय प्रारंभ करने तथा आनंदपुर एवं पिपलिया हाट में विद्युत वितरण केन्द्र प्रारंभ करने हेतु व शमशाबाद विद्युत वितरण केन्द्र में सम्मिलित तहसील लटेरी के ग्रामों को विद्युत वितरण केन्द्र लटेरी सम्मिलित किये जाने हेतु कौन-कौन से पत्र प्राप्त हुये एवं उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) विदिशा जिले के विकासखंड सिरोंज एवं लटेरी में दिनांक 01 अप्रैल, 2019 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में सौभाग्य योजना, दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना एवं फीडर सेपरेशन योजना अंतर्गत कोई कार्य स्वीकृत नहीं किया गया है, उक्त सभी योजनाओं के अंतर्गत कार्यों को दिनांक 01 अप्रैल, 2019 के पूर्व ही पूर्ण किया जाकर योजना का क्लोजर किया जा चुका है। प्रश्नाधीन अवधि में एस.एस.टी.डी. योजना के अंतर्गत प्रश्नाधीन क्षेत्र में किये गये निर्माण कार्यों के नाम, स्वीकृत राशि, कार्य प्रारंभ/पूर्णता दिनांक, कार्य एजेंसी/ठेकेदार का नाम एवं कार्य की भौतिक स्थिति की प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। प्रश्नाधीन अवधि में विकासखंड सिरोंज एवं लटेरी में आर.डी.एस.एस. योजना अंतर्गत स्वीकृत कार्यों की सूची, स्वीकृत राशि, कार्य एजेंसी/ठेकेदार के नाम एवं कार्य की भौतिक स्थिति सहित प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं प्रपत्र-'ब' अनुसार है। उक्त कार्यों हेतु प्रशासकीय स्वीकृति का विवरण पुस्तकालयमें रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। एस.एस.टी.डी. एवं आर.डी.एस.एस. योजनांतर्गत स्वीकृत निर्माण कार्यों से संबंधित पूर्णता/अपूर्णता/अप्रारंभ की स्थिति, सर्वे/टेण्डर की स्थिति, कार्यादेश, लागत राशि, कार्य एजेंसी के नाम सहित प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के क्रमश: प्रपत्र-अ एवं प्रपत्र- ब अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में एस.एस.टी.डी. योजना में स्वीकृत कार्यों के विरूद्ध ठेकेदार एजेंसियों की भुगतान की गई राशि की प्रश्नाधीन चाही गई कार्यवार/वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में आर.डी.एस.एस. योजनांतर्गत स्वीकृत कार्य प्रारंभ नहीं हुए है। अत: उक्त कार्यों हेतु भुगतान की जानकारी वर्तमान में निरंक है। (घ) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के प्रश्नांश में उल्लेखित मांगों से संबंधित विभाग एवं म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को प्राप्त पत्रों एवं उन पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है।
जल प्रदाय योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
127. ( क्र. 1611 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले की ऐसी कौन-कौन सी नगरीय निकाय हैं जिनका माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा 05 फरवरी, 2021 को वर्चुअल द्वारा नगर की जल प्रदाय योजना की स्वीकृति उपरांत शिलान्यास/भूमि पूजन किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि लगभग इन 2 वर्षों में प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्य जल प्रदाय योजना के उस नगर में कार्य किया जा चुका है और कौन-कौन से कार्य शेष है तथा शेष कार्य कब तक पूर्ण कराए जायेंगे? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि जल प्रदाय योजना में कौन-कौन से कार्य कराने कितनी-कितनी क्षमता की टंकियों का निर्माण कराना था एवं कितनी-कितनी पाइप लाइन बिछानी थी एवं नगर में पानी कहां से लाना था। कुल जल प्रदाय योजना कितनी लागत की थी एवं कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी लागत के थे, कौन से ठेकेदार को किस दर पर कार्य कराने हेतु कब-कब कार्यादेश दिया गया था? स्पष्ट एवं सम्पूर्ण जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएं कि क्या यह सही है कि दो वर्ष पूर्व जिस नगर की जल प्रदाय योजना का मुख्यमंत्री महोदय द्वारा वर्चुअल भूमि पूजन किया गया था, प्रश्न दिनांक तक कोई भी कार्य नगर में प्रारंभ नहीं किया गया है? इसका दोषी कौन-कौन है? कृपया सम्पूर्ण जानकारी दें। प्रश्न दिनांक तक विभाग ने दोषियों के ऊपर क्या-क्या कार्यवाही की है? निश्चित समय-सीमा सहित बताएं कब तक नगर की जल प्रदाय योजना का कार्य प्रारंभ करवाया जायेगा और कब तक सम्पूर्ण कार्य पूर्ण करवाकर नगर की जनता को पानी पीने का मिलने लगेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) टीकमगढ़ जिले की नगरीय निकाय लिधोराखास एवं कारी नगर की जलप्रदाय योजना का वर्चुअल भूमिपूजन/शिलान्यास माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा दिनांक 05 फरवरी, 2021 को किया गया था। (ख) नगरीय निकाय लिधोराखास एवं कारी की जलप्रदाय योजना अंतर्गत टोपोग्राफिकल सर्वेक्षण एवं डोर टू डोर सर्वेक्षण का कार्य किया जा चुका है शेष कार्य की सूची संलग्न परिशिष्ट- 'अ' अनुसार है। शेष कार्यों को पूर्ण किये जाने हेतु निष्पादित अनुबंध अनुसार दिनांक 09.06.2025 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट- 'ब' एवं 'स' अनुसार है। (घ) जी नहीं। माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा वर्चुअल भूमि पूजन के बाद निविदा प्रक्रिया उपरांत संविदाकार को कार्यादेश दिनांक 11.02.2022 को जारी किया गया है तद्उपरांत योजना क्रियान्वयन अंतर्गत टोपोग्राफिकल सर्वे, डोर टू डोर सर्वे का कार्य किया गया है। शेष कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। अनुबंध अनुसार दिनांक 09.06.2025 तक कार्य पूर्ण किया जाना लक्षित है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पुलों का निर्माण
[लोक निर्माण]
128. ( क्र. 1612 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले के पलेरा टौरिया मार्ग से उर नदी पर पुल न बनने से सज्जनपुर खजरी जाने के लिए उत्तरप्रदेश होकर या मध्यप्रदेश में 30 किमी. घूमकर जाना पड़ता है। (ख) क्या ग्राम खुर्रमपुर-चंदेरा के मध्य सपरार नदी पर पुल न बनने के कारण जनता को घूमकर जाना पड़ रहा है? (ग) क्या विभाग द्वारा टीकमगढ़ जिले में कटेरा म.प्र. सीमा से महेवा चक्र-1 से महेवा चक्र-4 तक जाने हेतु सड़क मार्ग बनाने की स्वीकृति दी गई है? लेकिन इसी मार्ग पर स्थित टौरिया के खिरक से बड़े पार मंदिर स्थान पर सुखनई नदी पर पुल बनाने की प्रश्न दिनांक तक स्वीकृति नहीं दी गई है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर विभाग द्वारा तीनों पुलों के निर्माण हेतु प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? इन तीनों पुलों के निर्माण पर शासन की कितनी-कितनी राशि व्यय होगी? इनकी डी.पी.आर. कब तक बन जायेंगे? कब तक विभाग द्वारा इन जल मग्नीय पुलों का निर्माण कराने हेतु विभाग राशि स्वीकृत कर देगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। जी हाँ। (घ) तीनों पुल कार्य किसी योजना में न तो स्वीकृत है और न ही प्रस्तावित है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अवैध कॉलोनियों के विरूद्ध कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
129. ( क्र. 1615 ) श्री पारस चन्द्र जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन में सिंहस्थ क्षेत्र में कई अवैध कॉलोनियों का निर्माण किये जा रहे हैं जैसे - जूना सोमवारियां बायपास पर स्थित आशू महारानी मंदिर के पीछे शासकीय भूमि एवं सिंहस्थ क्षेत्र की भूमि पर वर्तमान में 100 से अधिक अवैध निर्माण कैसे किये गये हैं? (ख) क्या शासन द्वारा अवैध कॉलोनियों के निर्माण एवं नियम विरूद्ध अवैध निर्माण किये जाने वाले कॉलोनाईजर के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई है? (ग) ऐसे कर्मचारियों/अधिकारियों जो अवैध कॉलोनियों के निर्माण के समय कार्यरत/पदस्थ थे, उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? (घ) उक्त बिन्दु (ख) एवं (ग) के संबंध में यदि आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है तो कब तक इनके विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ यह सही है कि उज्जैन में सिंहस्थ मेला क्षेत्र में अवैध कॉलोनियों का निर्माण हुआ है। प्रश्न में उल्लेखित जूना सोमवारियां रिंग रोड उज्जैन पर सिंहस्थ मेला क्षेत्र हेतु आरक्षित भूमि पर अवैध कॉलोनी काटने का कृत्य करने पर मोहम्मद रफीक पिता वजीर खॉं, निवासी कोट मोहल्ला उज्जैन के विरूद्ध थाना जीवाजीगंज उज्जैन में एफ.आई.आर. क्रमांक 0646 दिनांक 04.12.2020 को दर्ज कराई गई है। एफ.आई.आर. की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''अ'' अनुसार है। जुना सोमवारिया बायपास स्थित आशु महारानी मंदिर के पीछे शासकीय भूमि एवं सिंहस्थ क्षेत्र की भूमि पर 100 मकान निर्मित नहीं होकर 31 मकान निर्मित है जिसमें से 21 मकान वर्ष 2016 के बाद कच्चे/पक्के भवन निर्मित हुए हैं, जिसमे से 06 मकान जिला प्रशासन से प्राप्त निर्देशानुसार स्वयं निर्माणकर्ताओं से हटवाए गए है। नगर निगम द्वारा मध्यप्रदेश नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 307 के तहत सूचना पत्र जारी करने की कार्यवाही की जा चुकी है। सिंहस्थ क्षेत्र होने से जिला प्रशासन के निर्देशानुसार हटाने की कार्यवाही सुनिश्चित हो सकेगी। (ख) अवैध कॉलोनियों के निर्माण एवं नियम विरूद्ध अवैध कॉलोनी काटने वालों के विरूद्ध नगर पालिक निगम उज्जैन के द्वारा कुल 44 अवैध कॉलोनाईजरों के विरूद्ध विभिन्न थाना क्षेत्रों में मध्यप्रदेश नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 292-ग के तहत एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई है। जिसमें 12 एफ.आई.आर. सिंहस्थ मेला क्षेत्र के लिए आरक्षित भूमि पर कॉलोनी काटने वालों के विरूद्ध दर्ज हुई है। जानकारी पुस्तकालय में रखें परिशिष्ट -''ब'' अनुसार है। समय-समय पर अवैध निर्माणों को तोड़ने की कार्यवाही की जाती रही है, यह प्रक्रिया निरंतर जारी है। (ग) प्रश्नांश (क) के क्रम में सिंहस्थ मेला क्षेत्र में अधिकांश कॉलोनियां वर्ष 1998 के पूर्व अर्थात मध्यप्रदेश नगर पालिका (कॉलोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण, निर्बन्धन तथा शर्तें) नियम 1998 के अस्तित्व में आने से पूर्व निर्मित हुई है। तत्समय पदस्थ रहे अधिकारीगण सेवानिवृत्त हो चुके है। इसके पश्चात निर्मित अवैध कॉलोनियों के विरूद्ध पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों के द्वारा 44 अवैध कॉलोनाईजरों के विरूद्ध संबंधित क्षेत्र के पुलिस थानों में एफ.आई.आर. की कार्यवाही संपादित की गई है तथा समय-समय पर अवैध निर्माणों को तोड़ने की कार्यवाही की जाती रही है, यह प्रक्रिया निरंतर जारी है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सिंहस्थ क्षेत्र से मुक्त किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
130. ( क्र. 1616 ) श्री पारस चन्द्र जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन में वर्ष 1980 से सिंहस्थ महापर्व के समय जिन क्षेत्रों में सिंहस्थ नहीं लगा है अर्थात सिंहस्थ के लिये उपयोग नहीं है, न हुआ और न ही किसी साधु-संतों के पंडाल लगे हैं, न ही कोई अन्य उपयोग हुआ है, उन क्षेत्रों को सिंहस्थ से मुक्त रखे जाने के संबंध में कई बार प्रश्नकर्ता व शासन द्वारा प्रस्ताव दिया गया है? (ख) क्या इस संबंध में उज्जैन कलेक्टर द्वारा सर्वे कराये गये है? (ग) यदि सर्वे कराये गये हैं तो इस पर अब तक क्या कार्यवाही हुई है? (घ) इस संबंध में अब तक कोई कार्यवाही कर आदेश जारी किया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हॉ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -''अ'' अनुसार है। (ख) उप सचिव, मध्यप्रदेश शासन, राजस्व विभाग द्वारा परीक्षण करने हेतु निर्देशित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) के पालन में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। (घ) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जबलुपर विकास प्राधिकरण के प्लांटों की अर्बन सीलिंग से मुक्ति
[नगरीय विकास एवं आवास]
131. ( क्र. 1714 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर प्राधिकरण द्वारा विजयनगर जबलपुर में विक्रय किये गये रहवासी प्लाटों के खसरे में अर्बन सीलिंग से प्रभावित होना दर्ज किया गया है? (ख) क्या उपरोक्त खसरों में अर्बन सीलिंग से प्रभावित दर्ज होने से उक्त प्लाटों के फ्री होल्ड कराने एवं क्रय विक्रय पर रोक लगी हुई है तथा पंजीयन विभाग के रजिस्ट्रार द्वारा उक्त प्लाटों के क्रय विक्रय के पंजीयन पर रोक लगाई गई है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्लाटों को अर्बन सीलिंग से कब तक मुक्त किया जायेगा? उक्त प्लाटों का क्रय विक्रय किया जा सके।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं, (ख) जिस खसरें में प्राधिकरण का नाम दर्ज है एवं खसरा कैफियत शहरी सीलिंग प्रभावित दर्ज है उनका नामांतरण न होने के कारण फ्री होल्ड नहीं किया जा रहा है। उक्त प्लाटों में पंजीयन विभाग रजिस्ट्रार द्वारा क्रय विक्रय के पंजीयन पर रोक लगाने संबंधी कोई आदेश विभाग द्वारा जारी नहीं किया गया है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लोक परिसम्पत्ति का विक्रय
[नगरीय विकास एवं आवास]
132. ( क्र. 2382 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में पुनर्घनत्वीकरण योजना के तहत कितनी लोक परिसम्पत्ति को नीलामी या टेंडर प्रक्रिया से बेचा जा रहा? इसके पीछे सरकार की क्या मंशा है, क्या सरकार की आर्थिक स्थिति इतनी खराब है कि उसे संपत्ति बेचनी पड़ रही है? (ख) क्या उपरोक्त लोक परिसम्पत्ति को पुनर्घनत्वीकरण योजना के तहत टेंडर प्रक्रिया से बेचने से पहले क्या स्थानीय निकाय से सहमति ली गई? क्या उपरोक्त क्षेत्र के नागरिकों की जनसुनवाई की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) बैतूल जिले में जिला जेल और पुराने कलेक्ट्रेट की जमीन का मूल्यांकन किस आधार पर किया गया? क्या पेड़ों का मूल्यांकन सुप्रीम कोर्ट की गाईड लाइन से किया गया है? यदि हाँ, तो मूल्यांकन प्रक्रिया की जानकारी देवें। (घ) बैतूल की उपरोक्त लोक परिसंपत्ति के बेचे जाने को लेकर क्या-क्या आपत्ति जिला प्रशासन को प्राप्त हुई उनमें क्या-क्या निराकरण किया गया? क्या बैतूल कलेक्टर ने ही पुराने कलेक्ट्रेट को लेकर अपनी आपत्ति प्रस्तुत की है? यदि हाँ, तो उस पर क्या समाधान किया गया? क्या दिनांक 20.12.2022 को पूछे गये विधानसभा प्रश्न क्रमांक 435 में मुख्यमंत्री महोदय द्वारा लोक संपत्ति को लेकर स्पष्ट जवाब के बावजूद भी क्या बैतूल के जिला जेल और पुराने कलेक्ट्रेट की जमीन का अनुबंध किया गया है? यदि हाँ, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) इस संभाग के अंतर्गत पुनर्घनत्वीकरण योजना जिला बैतूल स्थित पुरानी जेल के पीछे की 23000 वर्गमीटर सी.एल.पी. की भूमि के एवज में जिला बैतूल स्थित ग्राम कढ़ाई में नवीन जेल निर्माण प्रस्तावित है। म.प्र. शासन की पुनर्घनत्वीकरण नीति 2016 के अनुसार शहरी क्षेत्रों में स्थित शासकीय भवन/परिसरों हेतु भूमि विकास नियम, 1984 या नगर विकास योजना में प्रावधानित एफ.ए.आर. का पूर्ण उपयोग नहीं करने, पुराना शासकीय भवन/परिसर की विशेष मरम्मत वित्तीय रूप से लाभकारी नहीं होने, उक्त भवन/परिसर कालांतर में विभागीय गतिविधियों के लिये सर्वथा अपर्याप्त हो जाने भूमि उपयोग असंगत हो जाने या शासकीय भवन एवं परिसरों के आसपास कालांतर में आवासीय, वाणिज्यक या अन्य संस्थागत गतिविधियां विकसित होने के कारण शासकीय भवन एवं परिसरों का उक्त क्षेत्र में संचालन करना अनुपयुक्त होने के कारण कई बार उक्त शासकीय भवनों/परिसरों को भूमि का पुनर्घनत्वीकरण करते हुए उसी भूखण्ड पर आवश्यक शासकीय संरचनाएं नवनिर्मित करना या अन्य भूखण्डों पर आवश्यक शासकीय संरचनाएं नवनिर्मित करने के लिए कार्यवाही आवश्यक हो जाती है। इस प्रयोजन के लिए शासकीय कोष का उपयोग न करते हुए शासकीय भवन/परिसरों की भूमि का स्वयं संसाधन के रूप में समुचित उपयोग करते हुए शासकीय संपत्तियों के निर्माण के लिए उचित वित्तीय संसाधन जुटाने एवं शहरी क्षेत्र के उक्त भूखण्डों का सुसंगत एवं योग्य घनत्व से विकास सुनिश्चित करने के लिए पुनर्घनत्वीकरण योजना के मार्गदर्शी सिद्धांत निर्मित किये गये हैं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) पुनर्घनत्वीकरण नीति 2016/2022 में उल्लेखित समस्त प्रावधानों का विधिवत पालन किये जाने पश्चात् निविदा आमंत्रण की कार्यवाही की गई है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) बैतूल जिले में जिला जेल की जमीन का मूल्यांकन पुनर्घनत्वीकरण नीति 2016/2022 में उल्लेखित प्रावधानों का पालन करते हुए तत्समय कलेक्टर गाईड लाईन की दर अनुसार मूल्यांकन किया गया है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) बैतूल स्थित पुराने कलेक्ट्रेट की योजना वर्तमान में कलेक्टर बैतूल के द्वारा स्थगित रखने हेतु लेख किया गया है। बैतूल जेल की योजना हेतु अनुबंध किया जा चुका है तथा पुराने कलेक्ट्रेट की योजना निरस्त की जा रही है। चूंकि कार्रवाई पुनर्घनत्वीकरण नीति 2016/2022 के अनुरूप की गई है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
जबलपुर में
निर्माण सामग्री
की जांच
[लोक निर्माण]
1. ( क्र. 65 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोहना का मदन महल जबलपुर फ्लाई ओवर कितने कि.मी. के निर्माण कार्य की निर्माणाधीन अवधि व लागत क्या है? इसके तहत कौन-कौन सा निर्माण कार्य कराना स्वीकृत/प्रस्तावित हैं? इसका निर्माण कब से किस एजेंसी/कम्पनी से किन शर्तों पर कराया जा रहा है? कौन-कौन सा कितना-कितना निर्माण कार्य पूर्ण, निर्माणाधीन, अपूर्ण व आरंभ है? इस पर कितनी राशि व्यय हुई? निर्माण एजेंसी/कम्पनी को कब-कब, कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? (ख) प्रश्नांकित फ्लाई ओवर निर्माण कार्य से सम्बंधित निर्माण सामग्री मिट्टी, सीमेंट, गिट्टी का मिक्चर, लोहा (सरिया) आदि की जांच कब-कब शासकीय लैब (इंजीनियरिंग कॉलेज) जे.ई.सी. से तथा अन्य किन-किन निजी लैब से कराया है? जांच में कितने-कितने नमूने फेल हुये हैं? इनका परीक्षण कब-कब किसने किया है? फेल नमूनों के संबंध में कब-कब क्या-क्या कार्यवाही की गई? वर्ष 2020-21 से 2022-23 तक की जानकारी दें। (ग) क्या शासन प्रश्नांकित फ्लाई ओवर निर्माण कार्य से सम्बंधित निर्माण सामग्री की जांच शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज (जे.ई.सी.) की लैब से न कराकर निजी लैब से कराकर निर्माण कार्य की गुणवत्ता से खिलवाड़ करने गुणवत्ताविहीन निर्माण कार्य कराने, निर्माण कम्पनी को अनुचित लाभ पहुंचाने व भ्रष्टाचार की जांच कराकर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी नहीं, विवरण संलग्न प्रपत्र-ब के खण्ड-9 अनुसार है।
नर्मदा एक्सप्रेस वे का निर्माण
[लोक निर्माण]
2. ( क्र. 66 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश शासन ने नर्मदा एक्सप्रेस वे का निर्माण कराने की कब क्या योजना बनाई है? इसकी लम्बाई एवं चौड़ाई कितनी-कितनी है? निर्माणाधीन अवधि व लागत क्या है? इसके तहत औद्योगिक एरिया को जोड़ने की योजना क्या है? (ख) शासन ने नर्मदा एक्सप्रेस वे का निर्माण हेतु कब कितनी राशि की डी.पी.आर. बनाकर स्वीकृति हेतु केन्द्रीय शासन को कब भेजा है? इसके लिये बजट में कब कितनी राशि का प्रावधान किया है एवं कितनी राशि आवंटित की है? निर्माण एजेंसी किसे बनाया गया है? भूमि का अधिग्रहण करने व इसमें बाधक अवरोधों को दूर करने हेतु क्या योजना बनाई हैं? (ग) केन्द्रीय सड़क परिवहन विभाग ने कब कितनी राशि की प्रशासकीय एवं तकनीकी स्वीकृति दी है एवं इसके लिये कब कितनी राशि आवंटित की हैं? यदि नहीं, तो क्यों? इसका निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ कराया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) नर्मदा एक्सप्रेस-वे की योजना का सैद्धान्तिक अनुमोदन मार्च 2022 में हुआ है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। इसकी कुल लंबाई 906 कि.मी. एवं चौड़ाई कबीर चबूतरा (अमरकंटक) से जबलपुर तक 10 मीटर एवं शेष भाग में 17 मीटर प्रस्तावित है। नर्मदा एक्सप्रेस-वे के कुछ भागों के निर्माण की कार्यवाही अभी डी.पी.आर. स्तर पर है अत: सम्पूर्ण एक्सप्रेस-वे के निर्माण की अवधि एवं कुल लागत बता पाना संभव नहीं है। नर्मदा एक्सप्रेस-वे को औद्यौगिक एरिया से जोड़ने की योजना के संबंध में प्रस्ताव तैयार किए जा रहे है। (ख) नर्मदा एक्सप्रेस-वे की लंबाई अधिक है एवं अलग-अलग भागों में विभिन्न एजेंसियों द्वारा कार्य किया जा रहा है। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा कबीर चबूतरा से जबलपुर तक के कार्य के लिए कुल राशि रूपये 842.32 करोड़ की डी.पी.आर. केन्द्र सरकार को भेजी गई है। जबलपुर से बाड़ी तक एवं इंदौर से झाबुआ तक निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। शेष भाग पर केन्द्र सरकार द्वारा कार्य किया जा रहा है। भू-अधिग्रहण की कार्यवाही केन्द्र सरकार द्वारा की जा रही है। अत: शेष जानकारी का प्रश्न ही नहीं उठता है। (ग) केन्द्र सरकार द्वारा कबीर चबूतरा से जबलपुर तक के कार्य के लिए कुल राशि रूपये 842.32 करोड़ प्रशासकीय स्वीकृति एवं आवंटन दिया गया है। शेष कार्य केन्द्र सरकार द्वारा किया जा रहा है। नर्मदा एक्सप्रेस-वे के विभिन्न भागों में विभिन्न एजेंसियों द्वारा निर्माण कार्य प्रगतिरत है।
ब्रिज के दोनों ओर रोड निर्माण
[लोक निर्माण]
3. ( क्र. 97 ) श्री नारायण सिंह पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र में स्थित संत सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना दोंगालिया में पावर प्लांट हेतु कोयले की आपूर्ति रेलवे लाइन के माध्यम से की जाती है तथा ग्राम गोराडिया के पास रेल्वे ओव्हर ब्रिज निर्मित है? (ख) ब्रिज के दोनों ओर लगभग 1.5 किलोमीटर एप्रोच रोड वर्तमान में जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है? (ग) उक्त ब्रिज किस विभाग द्वारा बनाया गया था एवं ब्रिज सुधार कार्य कितनी बार कराया गया? यदि यह ब्रिज पॉवर प्लांट द्वारा बनाया गया तो इसका सुधार कब-कब हुआ और यदि ब्रिज अन्य विभाग को हस्तांतरित किया जा चुका है तो किस विभाग द्वारा सुधार कार्य कब तक करा दिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नांकित पुल कार्य प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग के कार्यक्षेत्र अंतर्गत नहीं है, अपितु म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड से सम्बंधित है। कम्पनी से प्राप्त उत्तर संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) अनुसार।
मुख्यमंत्री की घोषणा का पालन
[नगरीय विकास एवं आवास]
4. ( क्र. 173 ) श्री सुरेश राजे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी ने वर्ष 2020 में नगर पालिका परिषद् डबरा, जिला ग्वालियर के वार्ड 28 (चांदपुर) स्थित शासकीय भूमि पर खेल ग्राउंड ( स्टेडियम ) का निर्माण करने की घोषणा की गयी थी? घोषणा के परिपालन में भूमि का चयन कर शासन द्वारा राशि स्वीकृत किये जाने से दिनांक 07/07/2020 को रूपए 2,03,20,315.00 की ऑनलाइन टेंडर दिनांक 11/08/2020 शाम 5:30 बजे तक आमंत्रित किये गए थे? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा अनुसार नगर पालिका परिषद् डबरा के वार्ड 28 (चांदपुर) स्थित खेल ग्राउंड का निर्माण कार्य आज दिनांक तक क्यों और किस कारण से प्रारंभ नहीं किया गया? कब तक यह कार्य प्रारंभ किया जावेगा? यदि नहीं, तो कारण बतावेंl
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं, अपितु सी.एम.मॉनिट प्रकरण में विशेष निधि से प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई थी, जो कि बाद में निरस्त कर दी गई। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
एन्यूअल टेंडर के नियमों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
5. ( क्र. 212 ) श्री आरिफ मसूद : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिक निगम भोपाल में एन्यूअल टेंडर (Annual Tender) के क्या नियम हैं तथा किन-किन परिस्थितियों में एनवल टेंडर से कार्य कराया जा सकता है? एक समय में कितनी राशि तक के कार्य आदेश दिये जा सकते है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में वित्तीय वर्ष 2022-23 में कितनी राशि के कार्य आदेश दिये गए हैं? कार्य आदेशों की ठेकेदारों सहित सूची उपलब्ध कराएं। (ग) भोपाल नगर निगम में महापौर परिषद गठन के पश्चात विकास कार्यों के लिए कुल कितनी राशि स्वीकृत हुई है? विधानसभावार कितनी-कितनी राशि का आवंटन किया गया है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) वार्षिक अनुबंधित दर पर कार्य कराये जाने हेतु मध्यप्रदेश राज्य पत्र दिनांक 17.12.18 में दिशा-निर्देश दिये गये है। नैत्यिक, सामान्य, साधारण मरम्मत कार्यों के लिये सक्षम स्वीकृति उपरांत एनुअल टेंडर के माध्यम से कार्य कराया जा सकता है एवं सक्षम प्राधिकारी में वेष्ठित शक्ति के अधीन कार्य कराये जा सकते है। नियम 255 अंतर्गत राशि रूपये 05 करोड़ तक के कार्य 5 लाख तक से अधिक तक की जनसंख्या वाले नगर निगमों में कराये जा सकते है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" अनुसार है। (ग) नगर निगम भोपाल की सीवेज शाखा निगम परिषद् गठन के पश्चात् विकास कार्य हेतु राशि रूपये 4,61,99,817.00 व्यय की गई है, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "ब" अनुसार है।
महाविद्यालयों में जन भागीदारी समिति में मनोनयन
[उच्च शिक्षा]
6. ( क्र. 232 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय/स्वशासी महाविद्यालयों में जनभागीदारी समितियों का गठन किया है। यदि हाँ, तो जनभागीदारी समितियों में अध्यक्ष/सदस्य मनोनयन हेतु क्या नियम/निर्देशिका प्रचलन में हैं? उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जनभागीदारी समितियों में सरकारी कर्मचारी को अध्यक्ष मनोनयन किये जाने का प्रावधान है? यदि नहीं, तो कई महाविद्यालयों में शासकीय कर्मचारियों को अध्यक्ष पद पर मनोनयन किस आधार पर एवं किसकी अनुसंशा पर किया गया है? पूर्ण विवरण देवें। इसके लिये कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी दोषी हैं? दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शासकीय महाविद्यालयों की जनभागीदारी समितियों में अध्यक्ष के मनोनयन संबंधी प्रावधान मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) दिनांक 30-09-1996 में उल्लेखित हैं। तद्नुसार मनोनयन संबंधी कार्यवाही की गई है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
कर्मचारियों की पदोन्नति
[नगरीय विकास एवं आवास]
7. ( क्र. 233 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सबलगढ़ विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत नगर परिषद सबलगढ़/नगर पंचायत झुण्डपुरा में वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन कर्मचारियों के किन-किन पदों पर पदोन्नति की गई है? वर्षवाईज जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या वरिष्ठता का ध्यान न रखते हुए उक्त पदोन्नतियां की गई है? यदि हाँ, तो क्यों? इसके लिये कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी दोषी हैं? उनके विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो कार्यवाही कब तक की जायेगी? (ग) क्या पदोन्नति में घोर अनियमितता की जाकर पद विरूद्ध पदोन्नति की गई है? जैसे चौकीदार को नाकेदार बना दिया गया?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) सबलगढ़ विधानसभा अंतर्गत नगर परिषद, झुण्डपुरा में वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक किसी भी कर्मचारी को पदोन्नत नहीं किया गया है। नगर पालिका परिषद, सबलगढ़ जिला मुरैना में वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक कर्मचारियों की पदोन्नति से संबंधित मूल अभिलेख कार्यालयीन पत्र क्रमांक 414 दिनांक 22.02.2023 से चाहे गये हैं, जानकारी संकलित की जा रही है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) अनुसार है।
शिकायतों पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
8. ( क्र. 256 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01 जनवरी 2021 से 31-01-2023 तक खरगोन कलेक्टर कार्यालय या अनुविभागीय कार्यालय (खरगोन) में स्वस्तिक रेसीडेंसी/रघुकुल विहार/राधाकृष्ण स्मार्ट सिटी उर्फ रजवाड़ा/अवध विहार की कितनी शिकायत पत्र/मेल/सी.एम. हेल्पलाइन के द्वारा प्राप्त हुई? विषयवार, शिकायतवार सूची देवें। (ख) उपरोक्तानुसार शिकायतों पर की गई कार्यवाही की जानकारी विषयवार, शिकायतवार सूची देवें। इनके प्रमाणित पत्र देवें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार इनके कितने स्मरण पत्र प्राप्त हुए? जिन शिकायतों पर कार्यवाही नहीं की गई, वह कब तक की जाएगी? (घ) यदि कार्यवाही नहीं की जा रही है तो इसका कारण भी बतावें। इसे लंबित रखने वाले संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध शासन कब तक कदम उठाएगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
स्वीकृत मानचित्र की छायाप्रति प्रदान करने बाबत्
[नगरीय विकास एवं आवास]
9. ( क्र.
278 ) श्री
योगेन्द्र
सिंह (बाबा) : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) प्रश्न
क्रमांक 1182
दिनांक 22 दिसम्बर, 2022 से
अवगत कराया
गया था कि स्वीकृत
मानचित्र की
नस्ती उपलब्ध
नहीं है, इसके लिये
कौन दोषी है
उन पर क्या
अनुशासनात्मक
कार्यवाही की
जायेगी? स्पष्ट
करें। (ख) नगर तथा
ग्राम निवेश
का राजगढ़ में
1985 में
कोई भी
कार्यालय
नहीं था, संभाग स्तर
पर भोपाल के
कार्यालय
द्वारा नक्शा
स्वीकृत
किया गया था।
नक्शे की
प्रमाणित
प्रतिलिपि
कैसे और कब
किस
प्रक्रिया के
तहत प्रदान की
जायेगी? (ग) नगर
तथा ग्राम
निवेश द्वारा
स्वीकृत नक्शे
के अनुसार ही
राजस्व
विभाग द्वारा
सीमांकन
कार्य किया
जाता है तथा
शासन के नगर
तथा ग्राम
निवेश से नक्शा
स्वीकृत
कराने का क्या
औचित्य है
तथा इसका क्या
उपयोग है? अभिलेखों
तथा नियमों से
अवगत कराया
जायेगा? स्पष्ट
करें। (घ) शासकीय
कर्मचारी गृह
निर्माण
सहकारी समिति मर्यादित
तलेनी, सारंगपुर
जिला-राजगढ़
नक्शे की
प्रतिलिपि
प्रश्नकर्ता
के पत्र
क्रमांक 801
दिनांक 01.08.2022 तथा
दिनांक 20.09.2022 को पत्र के
साथ प्रदान की
गई थी। उक्त
नक्शे को
प्रमाणित
किया जायेगा
तथा नक्शे की
द्वितीय
प्रति प्रदान
की जावेगी?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री
भूपेन्द्र
सिंह ) : (क) से (घ)
जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
मार्ग क्रमांक 59ए का निर्माण
[लोक निर्माण]
10. ( क्र. 341 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग के किस-किस संभाग ने एन.एच. 59ए के लिए दिनांक 01/04/2019 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस दिनांक को किस-किस से कितनी लागत के किस अवधि तक मार्ग निर्माण का अनुबंध किया? मार्ग की डी.पी.आर. में किस पावर हाऊस की कितनी-कितनी राख के इम्बैंकमेन्ट में उपयोग का प्रावधान किया? (ख) एन.एच. 59ए में अनुबंधकर्ता ने कितनी-कितनी मिट्टी, मुरम, कोपरा, पत्थर एवं रेत का उपयोग किया? इनमें से कितने गौण खनिज के खनन एवं परिवहन की अनुबंधकर्ता के द्वारा किस खनिज कार्यालय से अनुमति ली गई? (ग) एन.एच. 59ए के किस-किस अनुबंधकर्ता का फाईनल बिल किस दिनांक को बनाया गया? उसका भुगतान किस दिनांक को किया? भुगतान के पूर्व किस खनिज कार्यालय से रॉयल्टी क्लियरेन्स प्रमाण पत्र प्राप्त किया? प्रति सहित बतावें। यदि प्रमाण पत्र प्राप्त नहीं किया हो तो कारण बतावें। (घ) मार्ग निर्माण में लगने वाली खनिज सामग्री की रॉयल्टी अनुबंधकर्ता से शासकीय खजानें में जमा करवाए जाने की जिम्मेदारी किस की है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है।
सड़क विकास निगम द्वारा सड़क का निर्माण
[लोक निर्माण]
11. ( क्र. 342 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम अरेरा हिल्स भोपाल के द्वारा वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक बैतूल, हरदा एवं होशंगाबाद जिले में कितने किलोमीटर लम्बे किस मार्ग का किस-किस से किस दिनांक को अनुबंध किया? उसमें से किस मार्ग निर्माण का फाईनल बिल किस दिनांक को फाईनल किया तथा किस मार्ग का फाईनल बिल वर्तमान में लम्बित है? (ख) किस-किस मार्ग में प्रश्नांकित दिनांक तक कितने-कितने क्यूबीक मीटर, मिट्टी, मुरम, कोपरा, रेत, पत्थर एवं गिट्टी का उपयोग किया जाना अनुबंधकर्ता के बिल में अंकित किया गया है? (ग) किस-किस मार्ग निर्माण में उपयोग की गई कितनी-कितनी गौण खनिज की कितनी-कितनी रॉयल्टी खनिज विभाग एवं शासकीय खजाने में अनुबंधकर्ता के द्वारा जमा की है या निगम ने बिल में से काट कर जमा की है? (घ) राजकीय आय रॉयल्टी की राशि शासकीय खजाने में जमा करवाए जाने के संबंध में निगम के किस-किस स्तर के अधिकारी की क्या-क्या जिम्मेदारी एवं जवाबदेही है? उसका पालन नहीं किए जाने पर किस-किस तरह की कार्यवाही के प्रावधान है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) रॉयल्टी की राशि शासकीय खजाने में जमा कराये जाने के संबंध में निगम अंतर्गत कोई प्रावधान नहीं है। अनुबंधानुसार रायल्टी जमा करने की जिम्मेदारी ठेकेदार की होती है। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
सड़क निर्माण में राख का उपयोग
[पर्यावरण]
12. ( क्र. 367 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भोपाल एवं उसके क्षेत्रीय कार्यालयों के द्वारा बैतूल, हरदा, इन्दौर मार्ग, बैतूल औबेदुल्लागंज मार्ग, औबेदुल्लागंज भोपाल मार्ग, औबेदुल्लागंज जबलपुर मार्ग में पावर हाऊस की राख का भारत सरकार की अधिसूचना के अनुसार इम्बेकमेंट में उपयोग नहीं किए जाने पर भी एन.एच.आई. के संबंधित अधिकारियों एवं अनुबंधकर्ताओं के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही नहीं की है? (ख) सड़क निर्माण में राख के उपयोग से संबंधित राजपत्र में किस-किस दिनांक को अधिसूचना प्रकाशित की गई? वर्तमान में किस दिनांक की अधिसूचना प्रभावशाली है? सड़क निर्माण में राख के उपयोग की दी गई कौन-कौन सी छूट वर्तमान में प्रभावशील हैं? अधिसूचना एवं आदेश की प्रति सहित बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित किस मार्ग के डी.पी.आर. में पावर हाऊस की कितनी राख का उपयोग किया जाना प्रस्तावित किया? कितनी राख का उपयोग प्रश्नांकित दिनांक तक किया गया? डी.पी.आर. में दिए गए किलोमीटर सहित बतावें। (घ) राख का उपयोग नहीं करने पर एन.एच.आई. के किस-किस अधिकारी एवं किस-किस अनुबंधकर्ता के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? पावर हाऊस के किस अधिकारी के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) जी नहीं। (ख) भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन, मंत्रालय की अधिसूचना क्रमांक 763 (अ) दिनांक 14.09.1999 को अधिकृमित करते हुए अधिसूचना क्रमांक 5481 (अ) दिनांक 31.12.2021 जारी की गई है, जो वर्तमान में लागू है। इस अधिसूचना के संबंध में दिनांक 30.12.2022 को संशोधन, अधिसूचना क्रमांक 61969 (अ) द्वारा जारी किया गया है। प्रति संशोधन सहित पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''क'' अनुसार है। अधिसूचना के पैरा 'ख (1)' के अनुसार ऐसे सभी अभिकरण जो सड़क बिछाने, सड़क निर्माण संबंधी कार्यकलापों में लगे हुए हैं, इन कार्यकलापों में अनिवार्य रूप से राख का उपयोग करेंगे। इस प्रकार छूट का प्रावधान नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ख'' अनुसार है। (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मार्ग निर्माण में लगने वाले खनिज की रॉयल्टी का भुगतान
[लोक निर्माण]
13. ( क्र. 368 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग के संभाग तथा विभाग के राष्ट्रीय राजमार्ग संभाग द्वारा बनाई जाने वाली सड़कों में लगने वाले गौण खनिज की रॉयल्टी के संबंध में विभाग के किस-किस स्तर के अधिकारी/इंजीनियर का क्या दायित्व एवं जवाबदेही हैं? (ख) खनिज विभाग से रॉयल्टी क्लियरेंस प्रमाण पत्र प्राप्त किए बिना सड़क निर्माण एजेंसी या अनुबंधकर्ता के बिलों का भुगतान किए जाने पर किस-किस अधिकारी/इंजीनियर के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही का क्या-क्या प्रावधान प्रचलित है? (ग) होशंगाबाद संभाग के बैतूल, हरदा एवं होशंगाबाद जिले में गत पांच वर्षों में किस-किस मार्ग का फाईनल बिल बनाया गया उसमें कितने-कितने गौण खनिज का उपयोग होना दर्शाया गया उसमें से कितने खनिज की किस-किस दिनांक को खनिज विभाग से रॉयल्टी क्लियरेन्स प्राप्त की गई सहित बतावें। (घ) रॉयल्टी क्लियरेन्स प्रमाण पत्र प्राप्त किए बिना फाईनल बिल का भुगतान करने वाले अधिकारियों/इंजीनियर के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही कर रहा हैं? कब तक करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ के खण्ड-6 में उल्लेखित है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री आवास योजना में अनियमितता की जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
14. ( क्र. 402 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या देवास जिले की कांटाफोड़ लोहारदा एवं सतवास नगर पंचायत में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत आवासहीन हितग्राहियों को दिए जाने वाले आवास में आर्थिक अनियमितताओं की शिकायतें पूर्व मंत्री श्री दीपक जोशी जी के द्वारा तत्कालीन कलेक्टर श्री चंद्रमोली को एवं शासन स्तर पर की थी जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि इस योजना में लगभग रूपये 1700 करोड़ का घोटाला हुआ है? (ख) यदि हाँ, तो क्या इस मामले की जांच करायी गयी? यदि हाँ, तो जांच निष्कर्ष के आधार पर किस-किस के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। देवास जिले की नगरीय निकाय कांटाफोड़, लोहारदा एवं सतवास में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अंतर्गत आर्थिक अनियमितताओं की शिकायत की जांच कलेक्टर देवास द्वारा अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) अनुविभाग कन्नौद जिला देवास एवं परियोजना अधिकारी, जिला शहरी विकास अभिकरण देवास की संयुक्त जांच समिति से कराई गयी। जांच समिति से प्राप्त प्रतिवेदन अनुसार कलेक्टर देवास के द्वारा आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ उज्जैन एवं पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त उज्जैन को कार्यवाही हेतु प्रस्ताव प्रेषित किया गया है। प्रकरण में पुलिस अधीक्षक, विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन संभाग उज्जैन द्वारा अपराध क्रमांक 277/2022 नगर परिषद सतवास, 278/2022 नगर परिषद कांटाफोड़, 279/2022 नगर परिषद लोहारदा तीनों निकायों के कुल 46 व्यक्तियों (वर्तमान/तत्कालीन कर्मचारी, तत्कालीन अध्यक्ष एवं प्रायवेट व्यक्ति) के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है। आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास मध्यप्रदेश भोपाल के आदेश क्रमांक/स्थापना - एक/निलंबन/371/2022/20498 भोपाल दिनांक 28.11.2022 से तत्कालीन प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर परिषद सतवास के निलंबन की कार्यवाही की गई है।
अमृत योजना अंतर्गत विद्युत कनेक्शन प्रदाय करना
[ऊर्जा]
15. ( क्र. 512 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अमृत परियोजना अंतर्गत पेयजल सप्लाई हेतु नगर पालिका छतरपुर की मांग के अनुक्रम में विभाग द्वारा 33 के.व्ही. विद्युत सब स्टेशन एवं विद्युत लाईन डाल दी गई है। यदि हाँ, तो कब? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में पेयजल सप्लाई हेतु विद्युत कनेक्शन प्रदाय कर दिया है? यदि नहीं, तो किस कारण से विद्युत प्रदाय प्रारंभ नहीं हो सका? कब तक सुचारू रूप से विद्युत प्रदाय प्रारंभ कर दिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) संचालन/संधारण, वृत्त छतरपुर क्षेत्रांतर्गत अमृत परियोजना के तहत पेयजल सप्लाई से संबंधित दो उच्चदाब विद्युत संयोजन हेतु नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र एवं संबंधित लाईन विस्तार का कार्य नगर पालिका छतरपुर द्वारा संपादित कराया गया है, जिनकी कार्य पूर्णता दिनांक क्रमश: दिनांक 03.12.2022 एवं दिनांक 13.02.2023 है। (ख) जी हाँ, उत्तरांश (क) में उल्लेखित दो उच्च दाब विद्युत संयोजन प्रदान कर क्रमश: दिनांक 19.12.2022 एवं दिनांक 19.02.2023 को विद्युत प्रदाय प्रारंभ किया जा चुका है।
विधि महाविद्यालय बीना का भवन निर्माण
[उच्च शिक्षा]
16. ( क्र. 546 ) श्री महेश राय : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधि महाविद्यालय बीना का भवन स्वीकृत हो गया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या प्रशासकीय स्वीकृति, निर्माण कार्य के लिए विज्ञप्ति जारी कर दी गई है? यदि हाँ, तो कब जारी की है? (ग) यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ख) के अनुसार समय-सीमा बताने का कष्ट करें?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। शासकीय विधि महाविद्यालय, बीना के नवीन भवन निर्माण हेतु विभागीय पत्र दिनांक 12-10-2022 के द्वारा राशि रूपये 759.93 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। (ख) महाविद्यालय के नवीन भवन निर्माण हेतु उत्तरांश (क) अनुसार प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जा चुकी है। निर्माण कार्य हेतु विज्ञप्ति जारी नहीं हुई है। (ग) निर्धारित निर्माण एजेंसी लोक निर्माण विभाग (पी.आई.यू.) के अनुसार एस.ओ.आर. रेट में वृद्धि होने के कारण पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति उपरांत निविदा/विज्ञप्ति की कार्यवाही की जाएगी। (घ) उत्तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
निर्माण एजेंसी द्वारा नियम विरुद्ध कराए गए कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
17. ( क्र. 578 ) श्री हर्ष यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर शहर में स्मार्ट सिटी योजना अंतर्गत सिविल लाईन से तिली तिराहे तक स्वीकृत सड़क कितनी राशि की है? वर्तमान में कितना कार्य पूर्ण हो गया है एवं कितना शेष है? कार्य की तकनीकी प्रशासकीय स्वीकृति एवं कार्य पर व्यय की भौतिक स्थिति की विस्तृत जानकारी देवें। (ख) क्या स्वीकृत कार्य के संबंध में दैनिक समाचार पत्रों के माध्यम से सिविल लाईन में स्थित आवासीय बगलों के सामने स्वीकृत कार्य से अलग होकर पाथ-वे पर पौधे लगाये गये हैं? निर्माण एजेंसी द्वारा नियम विरूद्ध कराये गये कार्यों के संबंध में विभाग कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या शहर में स्मार्ट सिटी योजना अंतर्गत ऐसे ही अन्य कार्यों की जाँच कराये जाने हेतु विभाग कोई टीम गठित कर जाँच करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) स्मार्ट सिटी योजनान्तर्गत कराये गये कार्यों में से वर्तमान में प्रश्न दिनाक तक कितने कार्य पूर्ण कराये जा चुके हैं? पूर्ण कार्यों की भौतिक स्थिति एवं अपूर्ण कार्यों की वर्तमान स्थिति की विस्तृत जानकारी देवें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) सागर शहर में स्मार्ट सिटी योजना अंतर्गत सिविल लाईन से तिली तिराहे तक स्वीकृत सड़क राशि रू. 50.98 करोड़ की है। वर्तमान में समस्त कार्य पूर्ण होकर कोई कार्य शेष नहीं है। कार्य की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। कार्य पर व्यय की स्थिति अनुसार राशि रू. 41.76 करोड़ का भुगतान आज दिनांक तक किया गया है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ख) सागर स्मार्ट सिटी योजनांतर्गत शहर में प्लांटेशन कार्य हेतु पृथक से स्वीकृत एवं अनुबंधानुसार पौधे लगाने का कार्य किया गया है, जो कि शासकीय भूमि की उपलब्धता के आधार पर स्मार्ट रोड के दोनों ओर एवं बीच में प्लांटेशन का कार्य शासकीय भूमि पर किया जा रहा है। आवासीय बंगलों या निजी संपत्ति पर प्लांटेशन का कार्य उपरोक्त के अंतर्गत नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ग) स्मार्ट सिटी योजना अंतर्गत शहर में अन्य निर्माण कार्य निर्धारित मापदण्ड एवं अनुबंध अनुसार ही कराये गये है एवं समय-समय पर गुणवत्ता संबंधी समस्त परीक्षण यथा-स्वाईल टेस्टिंग, कॉम्पेक्शन टेस्ट, मटेरियल टेस्टिंग, रीइन्फोर्समेंट टेस्टिंग, क्यूब टेस्ट इत्यादि कराये गए हैं। अत: कार्यों की जांच कराये जाने हेतु टीम गठित करने का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) पूर्ण कराये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। प्रगतिरत कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है।
किसानों की विद्युत समस्याएं
[ऊर्जा]
18. ( क्र. 702 ) श्री संजय यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड में किसानों को सिंचाई हेतु किसान अनुदान योजना के अन्तर्गत विद्यूत ट्रांसफार्मर नि:शुल्क रखे जाते थे? (ख) शासन द्वारा उक्त योजना को बंद क्यों कर दिया है? वर्तमान में उक्त योजना के विकल्प में कौन सी योजना संचालित की जा रही है? (ग) उक्त योजना शासन द्वारा पुन: प्रारंभ की जायेगी? यदि हाँ तो कब तक चालू की जावेगी और नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) क्षेत्रान्तर्गत में किसानों को कृषि कार्य हेतु वर्तमान में दिन में कितने घंटे विद्युत प्रदाय की जा रही है? जिलेवार जानकारी देवें। किसानों को वि़द्युत प्रदाय किये जाने संबंधित नियमों/आदेश की प्रति उपलब्ध करायें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं। कृषि पंप कनेक्शन प्रदान करने हेतु राज्य शासन की अनुदान आधारित ''मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पंप कनेक्शन योजना'' (पूर्ववर्ती कृषक अनुदान योजना को समाहित करते हुए) पूर्व में प्रदेश में संचालित की गई थी। जिसके अंतर्गत वितरण ट्रांसफार्मर/विद्युत अद्योसंरचना के विस्तार कार्य हेतु कृषकों द्वारा निर्धारित अंश राशि जमा करने पर शेष राशि राज्य शासन द्वारा अनुदान के रूप में दिए जाने का प्रावधान था। (ख) ''मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पंप कनेक्शन योजना'' की अवधि दिनांक 31.03.2019 तक निर्धारित थी तथा अवधि पूर्ण होने पर यह योजना दिनांक 31.03.2019 से बंद हो गई है। वर्तमान में आवश्यकतानुसार वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित करके विद्युत अधोसंरचना का विस्तार कर नवीन कृषि पंप कनेक्शन प्रदान करने हेतु ''स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना'' एवं ''जमा योजना'' संचालित है। (ग) उक्त योजना को पुन: प्रारंभ किये जाने संबंधी कोई प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है। (घ) म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रांतर्गत सभी जिलों में विद्युत लाईनों/अद्योसंरचना के रख-रखाव हेतु पूर्व निर्धारित शटडॉउन लेने तथा कतिपय अवसरों पर तकनीकी कारणों/प्राकृतिक आपदा से आए आकस्मिक व्यवधानों जैसी अपरिहार्य स्थिति को छोड़कर कृषि प्रयोजन हेतु नियमानुसार प्रतिदिन औसतन 10 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में विगत 3 माहों में कृषि कार्य हेतु किये गये औसतन प्रतिदिन विद्युत प्रदाय की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। कृषि प्रयोजन हेतु किसानों को विद्युत प्रदाय किये जाने से संबंधित नियम/ आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
जर्जर मार्गों का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
19. ( क्र. 722 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या हटा नगर में बजरंग चौराहा से अन्नपूर्णा किराना होते हुये खचना नाका तक मार्ग की स्वीकृति हुई थी? यदि हाँ तो प्रशासकीय स्वीकृति आदेश की छायाप्रति प्राक्कलन सहित उपलब्ध करायी जावे। (ख) उक्त पूर्णत: जर्जर मार्ग का निर्माण कार्य कब प्रारंभ हो जावेगा? जानकारी उपलब्ध करायी जावे।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं, प्रेसिडेंट-इन-काउंसिल की बैठक दिनांक 29.12.2022 के प्रस्ताव क्रमांक 02 अनुसार कार्य को कायाकल्प अभियान अंतर्गत सम्मिलित करने का प्रस्ताव पारित किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रशासकीय स्वीकृति एवं निविदा उपरांत निर्माण कार्य प्रारंभ किया जा सकेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
रेस्ट हाऊस के पास पुल निर्माण
[लोक निर्माण]
20. ( क्र. 726 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला दमोह के हटा नगर में रेस्ट हाऊस के पुल निर्माण हेतु शासन द्वारा प्रशासकीय स्वीकृति प्रदाय की गई थी? यदि हाँ, तो आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करायी जावे। (ख) किस ऐजेंसी को पुल निर्माण का कार्य सौंपा गया था आज दिनांक तक कार्य प्रारंभ क्यों नहीं किया गया? कब तक प्रारंभ किया जावेगा? जानकारी उपलब्ध करायी जावे।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मेसर्स प्रगति इंडिया कंस्ट्रक्शन कंपनी, जिला सतना, बोरिंग कार्य प्रगति पर होने से शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गुना नगर में सीवर लाइन के कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
21. ( क्र. 743 ) श्री गोपीलाल जाटव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना नगर में सीवर लाइन के कार्य की समय-सीमा क्या थी? यह कार्य कब तक पूर्ण करा लिया जायेगा? (ख) क्या सड़क खुदाई उपरांत खुली छोड़ दी जाती है, जिससे दुर्घटना हो रही है जबकि नियमानुसार इसे अगले कार्य दिवस में ही फिलिंग करना होता है? (ग) प्रश्नांश (ख) में विलंब के जिम्मेदार अधिकारियों पर क्या कार्यवाही प्रस्तावित की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) गुना नगर में सीवर लाइन के कार्य की अनुबंध अनुसार समय-सीमा 20.11.2018 थी, यह कार्य जून 2023 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। (ख) सीवर लाइन बिछाने हेतु सड़क खुदाई के उपरांत सीवर लाइन बिछाकर, बैकफिलिंग कर यथासमय रोड को मोटरेबल कर दिया जाता है एवं खुदाई कार्य के दौरान बैरिकेटिंग की जाती है। अतः ट्रैंच खुली होने अथवा दुर्घटना की संभावना नहीं रहती है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मिनी स्मार्ट सिटी बनाया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
22. ( क्र.
745 ) श्री
गोपीलाल जाटव
: क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) माननीय
मुख्यमंत्री
जी के घोषणा
के उपरांत
गुना शहर को
मिनी स्मार्ट
सिटी में
शामिल कब तक
कर लिया
जायेगा? (ख) गुना
नगर को रिंग
रोड की सौगात
कब तक दी जायेगी?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री
भूपेन्द्र
सिंह ) : (क) गुना
नगर को वर्ष 2018 में
मिनी स्मार्ट
सिटी
परियोजना में
शामिल किया
गया है। (ख) मिनी
स्मार्ट
सिटी
परियोजना में
रिंग रोड का
निर्माण
कार्य
सम्मिलित
नहीं है तथा
नगर पालिका
परिषद गुना
में भी विचाराधीन
नहीं है।
खादी ग्रामोद्योग के माध्यम से हितग्राहियों को ऋण वितरण
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
23. ( क्र.
749 ) श्री
गोपीलाल जाटव
: क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) गुना
जिले को विगत
वर्ष में खादी
ग्रामोद्योग
के माध्यम से
कितने
हितग्राहियों
को ऋण वितरण
किये गये है? (ख) उक्त
राशि किन-किन
स्थानों को
प्रदाय की गई
है? सूची
सहित विवरण
देवें।
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव
) : (क) सूक्ष्म, लघु और
मध्यम उद्यम
मंत्रालय, भारत
सरकार की
प्रधानमंत्री
रोजगार सृजन
कार्यक्रम के
अंतर्गत गुना
जिले में विगत
वित्तीय
वर्ष
2021-22 में 23
हितग्राहियों
को बैंक के
माध्यम से ऋण
वितरण किये
गये। (ख) विवरण संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है।
सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
24. ( क्र. 798 ) श्री राकेश मावई : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा लोक निर्माण मंत्री एवं प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग भोपाल को मुरैना विधान सभा क्षेत्र में सड़क निर्माण कराने के लिए पत्र वर्ष 2022 में दिए गए? यदि हाँ, तो उन पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार दिए गए पत्रों में वर्णित सड़कों को कब तक स्वीकृत कराकर निर्माण कार्य प्रारंभ करा दिया जाएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। कार्यवाही विवरण संलग्न परिशिष्ट-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
झुग्गीवासियों को आवास का प्रदाय
[नगरीय विकास एवं आवास]
25. ( क्र. 832 ) श्री रामपाल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिये हैं कि शहरी क्षेत्र में निवासरत सभी आवासहीन, दूसरों के घर में रहने वाले, कच्चे मकान में रह रहे तथा शासकीय एवं अन्य विभागों की भूमि पर अतिक्रमण कर झुग्गी बनाकर रह रहे सभी गरीबों को प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में आवास तथा भूमि उपलब्ध न होने की स्थिति में बहुमंजिला मकान बनाकर दिये जायेंगे? (ख) रायसेन जिले की नगर पालिका तथा नगर परिषदों में उक्त निर्देशों का पालन क्यों नहीं हो रहा है? कब तक उक्त निर्देशों का पालन होगा? (ग) रायसेन जिले की नगर पालिका तथा नगर परिषदों में कौन-कौन व्यक्ति शासकीय एवं अन्य विभागों की भूमि पर अतिक्रमण कर झुग्गी बनाकर रह रहे हैं? उनको कब तक प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में आवास अथवा बहुमंजिला भवन में शिफ्ट किया जायेगा? (घ) यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रश्न में वर्णित समस्त बिन्दुओं के संबंध में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अंतर्गत कोई समग्र निर्देश विभाग को प्रदान नहीं किये गये है। आवासहीन हितग्राहियों को बहुमंजिला आवास दिये जाने की कोई योजना रायसेन जिले की नगरीय निकायों में स्वीकृत नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) रायसेन जिले की नगरीय निकायों की शासकीय एवं अन्य विभागों की भूमि पर अतिक्रमण कर झुग्गी बनाकर रह रहे व्यक्तियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ग) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जन भागीदारी समिति
[उच्च शिक्षा]
26. ( क्र. 833 ) श्री रामपाल सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले के किस-किस महाविद्यालय के पास जनभागीदारी योजना की कितनी राशि उपलब्ध है? छात्र/छात्राओं के हित में उक्त राशि व्यय क्यों नहीं की गई तथा कब तक राशि व्यय की जायेगी? (ख) रायसेन जिले के किस-किस महाविद्यालय के पास कितनी-कितनी भूमि है तथा उक्त भूमि का क्या-क्या उपयोग हो रहा है? किस-किस महाविद्यालय की कितनी-कितनी भूमि पर किन-किन का कब से अतिक्रमण है? (ग) शासकीय महाविद्यालय उदयपुरा के पास महाविद्यालय एवं लोक निर्माण विभाग की सड़क के किनारे कौन-कौन व्यक्ति कब-कब से झुग्गी बनाकर रह रहे हैं, उक्त झुग्गीवासियों के व्यवस्थापन हेतु शासन की क्या योजना है? (घ) क्या उक्त झुग्गीवासी महाविद्यालय के सामने से हटकर महाविद्यालय के पीछे अनुपयोगी भूमि पर व्यवस्थापन हेतु सहमत है यदि हाँ तो शासन उनका व्यवस्थापन क्यों नहीं करवा रहा है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (घ) विस्थापन संबंधी कार्यवाही जिला प्रशासन द्वारा नियमानुसार की जाएगी।
दोषियों पर कार्यवाही
[लोक निर्माण]
27. ( क्र. 883 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनुबंध क्रमांक 148/2010-11 कार्यादेश क्रमांक 5757/20-10-2010 हेतु स्वास्थ्य विभाग भोपाल द्वारा कार्यपालन यंत्री लो.नि.वि. भ/प दतिया के नाम 60 बिस्तर महिला चिकित्सालय नवनिर्मित भवन में विद्युतीकरण कार्य हेतु रू. राशि 25 लाख का चैक जारी किया गया था? यदि हाँ, तो प्राप्त राशि का चैक क्रमांक, दिनांक, चैक की राशि, विद्युतीकरण के देयक भुगतान की राशि, प्राप्त राशि, शेष राशि, देयकों की लंबित राशि भुगतान न होने के कारणों सहित सम्पूर्ण ब्यौरा देवें। (ख) क्या संबंधित ठेकेदार फर्म को अन्तिम देयक राशि रू. 1,18,883/- के भुगतान हेतु कार्यपालन यंत्री लो.नि.वि.वि./या संभाग ग्वालियर द्वारा पारित कर पत्र क्र. 1996, दिनांक 2/4/2016 कार्यपालन यंत्री लो.नि.वि. भ/प जिला दतिया को भेजा गया था? यदि हाँ, जो भुगतान क्यों नहीं किया गया? कारण स्पष्ट करें। (ग) उपरोक्त प्रकरण में प्रश्नकर्ता का पत्र दि. 6/8/2022 ई-मेल के माध्यम से प्रमुख अभियन्ता लो.नि.वि. को प्राप्त हुआ है? यदि हाँ, तो की गई कार्यवाही से अवगत करावें। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) उल्लेखित चेक राशि 25 लाख रू. में से संबंधित ठेकेदार फर्म को चलित देयकों में लगभग 20 लाख रू. का भुगतान कर शेष राशि लगभग 5 लाख रू. को संबंधित अधिकारियों द्वारा खुर्दबुर्द कर आर्थिक गंभीर अनियमितता की गई है? संबंधितों पर अब तक दण्डात्मक कार्यवाही क्यों नहीं की गई? क्या जांच कमेटी नियुक्त कर जांच संस्थित की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। स्वास्थ्य विभाग से विद्युतीकरण कार्य हेतु पृथक से कोई राशि प्राप्त नहीं हुई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा सिविल तथा विद्युतीकरण कार्य हेतु संयुक्त रूप से राशि उपलब्ध कराई गई है। विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। स्वास्थ्य विभाग से, कराये गये सम्पूर्ण कार्य की राशि प्राप्त नहीं होने से भुगतान नहीं किया जा सका है। (ग) जी नहीं। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
ब्यावरा नगर में रोड निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
28. ( क्र. 930 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में क्या ब्यावरा शहर में काफी ज्यादा ट्रैफिक या आवागमन है जिससे आम-जनता परेशान हैं। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार ट्रैफिक नियंत्रण करने हेतु या आवागमन व्यवस्था सुधार के लिए नगर पालिका व ट्रॉफिक पुलिस द्वारा क्या-क्या उपाय किए जा रहे हैं ट्रॉफिक व्यवस्था बेहतर क्यों नहीं हो पा रही हैं व कब तक व कैसे ठीक होगी? (ग) क्या पंचमुखी हनुमान मंदिर से अजनार नदी होकर भवरगंज के पीछे होते हुए राजगढ़ रोड तक रोड निर्माण की योजना प्रस्तावित है? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार यदि कार्य योजना प्रस्तावित है तो उक्त कार्य योजना पर कब तक कार्य प्रारंभ किया जाएगा? यदि नहीं, है तो क्या उक्त कार्य योजना निकाय द्वारा बनाई जाएगी? समय-सीमा बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) ब्यावरा शहर के विस्तार के साथ-साथ ट्रैफिक का दबाव लगातार बढ़ रहा है। (ख) नगर पालिका ब्यावरा द्वारा ट्रैफिक नियंत्रण करने हेतु या आवागमन व्यवस्था सुधार के लिए सड़क पर यातायात में बाधा पैदा करने वाले वाहनों तथा ठेला (अतिक्रमण) हटाने की निरंतर कार्यवाही की जाती है तथा इसके सुधार के लिए उपलब्ध ट्रॉफिक पुलिस बल की सहायता से सहयोग लिया जाता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। (घ) उत्तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रधानमंत्री आवास योजना की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
29. ( क्र. 934 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक तक विधानसभा ब्यावरा जिले राजगढ़ के नगरीय क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना में गड़बड़ी/भ्रष्टाचार की कुल कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? (ख) उपरोक्त शिकायतों की सूची विवरण के साथ उपलब्ध कराएं। (ग) किन-किन शिकायतों पर जांच कराई गई और जांच में कौन-कौन से अधिकारी कर्मचारी दोषी पाए गये? उन पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) वर्ष 2022-23 में विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के नगरीय क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास बनाये जाने का लक्ष्य कितना था जिसमें से कितना लक्ष्य पूर्ण हुआ व कितना प्रगति पर है? वर्ष 2023–24 में कितने आवास का लक्ष्य निर्धारित किया गया है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा जिला राजगढ़ के नगरीय निकाय नगर पालिका ब्यावरा में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में गड़बड़ी/भ्रष्टाचार की मात्र एक शिकायत प्राप्त हुई है। (ख) शिकायत की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ग) मात्र एक शिकायत प्राप्त हुई है जिसकी जांच के निर्देश दिये गये है। जांच उपरांत वस्तुस्थिति ज्ञात हो सकेगी। जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (घ) वर्ष 2022-23 अथवा किसी भी वर्ष का लक्ष्य निर्धारित नहीं है। स्वीकृत आवासों की प्रगति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''स'' अनुसार है।
प्रधानमंत्री आवास योजना की स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
30. ( क्र. 943 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री आवास योजना किस दिनांक से प्रभावशील है? आवास स्वीकृत एवं सर्वे कर हितग्राही चयन संबंधी शासन आदेश की सत्यापित प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार सिवनी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत नगर पालिका सिवनी में प्रधानमंत्री आवास योजना प्रारंभ से वर्ष 2022-23 तक कितने आवास स्वीकृति हेतु लक्ष्य तय किया गया है? लक्ष्य के विरूद्ध कितने आवास स्वीकृत किये गए? सम्पूर्ण जानकारी जातिवार/वर्गवार उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार प्रधानमंत्री आवास योजना हेतु प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक में चयनित हितग्राहियों को आवास हेतु कितनी राशि प्राप्त हुई? प्राप्त राशि में से कितनी राशि प्रश्न दिनांक तक व्यय की गई? कितनी राशि शेष है? जिन हितग्राहियों को द्वितीय एवं तृतीय किश्त नहीं दी गई, सूची उपलब्ध करावे एवं कारण बतावें। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार वर्ष 2021 से प्रश्न दिनांक तक में नगर पालिका सिवनी में स्वीकृत व अस्वीकृत आवासों की सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) दिनांक 25 जून 2015 से प्रभावशील है। आवास स्वीकृति एवं सर्वे कर हितग्राही चयन संबंधी शासन आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - "अ" अनुसार है। (ख) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के प्रावधान अनुसार निकायवार लक्ष्य निर्धारित नहीं है। योजनांतर्गत अभी तक नगर पालिका सिवनी में 1975 आवास स्वीकृत है। स्वीकृत आवासों की वर्गवार संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - "ब" अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- "स-1", पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- "स-2" एवं पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - "स-3" अनुसार है। (घ) नगर पालिका सिवनी में दिनांक 01.01.2021 से प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत व अस्वीकृत आवासों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - "द-1" एवं पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "द-2" अनुसार है।
जर्जर विद्युत पोल/ट्रांसफार्मर एवं विद्युत देयकों में सुधार
[ऊर्जा]
31. ( क्र. 945 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2021 से प्रश्न दिनांक तक सिवनी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कितने जर्जर विद्युत पोलों को सुधारा/बदला गया एवं कितनों में सुधार कार्य बाकी है? (ख) प्रश्नांकित अवधि में सिवनी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कितने खराब ट्रांसफार्मर को बदला गया एवं कितने ट्रांसफार्मर बदलना बाकी है? (ग) प्रश्नांकित अवधि में सिवनी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कितने बिलों को सुधार कर जमा कराया गया? बिलों में आने वाली विसंगति को कब तक सुधारा जायेगा? (घ) क्या विद्युत देयकों के निराकरण हेतु वार्ड स्तर/ग्राम स्तर पर शिविर लगाकर कार्य पूर्ण होगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) सिवनी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2021 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में कुल 90 पुराने/खराब विद्युत पोलों को सुधारा/बदला गया है एवं कुल 70 पुराने/खराब विद्युत पोलों को सुधारने/बदलने का कार्य प्रगति पर है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में सिवनी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत 719 जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों को बदला गया है एवं प्रश्न दिनांक की स्थिति में कोई भी पात्र जला/खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदलने हेतु शेष नहीं है। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में सिवनी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कुल 631 विद्युत बिलों को सुधारकर विद्युत देयकों की राशि को जमा कराया गया है। उपभोक्ताओं को संयोजित भार एवं खपत अनुसार विद्युत देयक जारी किये जाते है तथा विद्युत बिल में किसी भी प्रकार की त्रुटि की उपभोक्ता द्वारा संबंधित कार्यालय में शिकायत करने पर ऐसी शिकायतों का निर्धारित प्रक्रिया अनुसार यथाशीघ्र निराकरण कर विद्युत बिल में सुधार कर दिया जाता है। (घ) विद्युत देयकों के निराकरण हेतु वार्ड/ग्राम स्तर पर वितरण कंपनी द्वारा समय-समय पर शिविर लगाये जाते है एवं बिल संबंधी शिकायतों का त्वरित निराकरण नियमानुसार किया जाता है, जो कि एक सतत् प्रक्रिया है।
मिनी स्मार्ट सिटी पन्ना अन्तर्गत संचालित कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
32. ( क्र. 951 ) श्री शिवदयाल बागरी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पन्ना नगर को मिनी स्मार्ट सिटी का दर्जा दिया गया है? यदि हाँ तो कब से? (ख) पन्ना नगर में मिनी स्मार्ट सिटी अन्तर्गत कितना बजट प्राप्त हुआ है एवं प्राप्त बजट से कौन-कौन से कार्य कराये गये हैं तथा कितनी राशि के कार्य कराये गये हैं? (ग) क्या मिनी स्मार्ट सिटी अन्तर्गत जो कार्य कराये जा रहे हैं, वह ज्यादातर अधूरे पड़े हैं और बहुत ही घटिया स्तर के हो रहे हैं? क्या उक्त कार्यों की जांच कराई जावेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास द्वितीय चरण के अंतर्गत नगर पालिका परिषद पन्ना हेतु मिनी स्मार्ट सिटी कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास, म.प्र. भोपाल के पत्र क्रमांक/10959/ मु.श. अ.वि.यो.-II/या.प्र./07-05/2018 दिनांक 05.10.2018 द्वारा जारी की गई है। (ख) उत्तरांश (क) के अनुसार प्रशासकीय स्वीकृति रू. 1822.00 लाख की प्रदाय की गई है। निष्पादित कार्यों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। अभी तक कार्यों पर अद्यतन रू. 1693.25 लाख व्यय हुये हैं। (ग) निष्पादित कार्य गुणवत्ता के साथ पूर्ण कराये गये हैं, अत: जांच का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालयों में पदों की पूर्ति
[आयुष]
33. ( क्र. 953 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शास.स्वशासी धनवंतरी आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय उज्जैन में आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी के कितने पद स्वीकृत हैं इसके विरूद्ध वर्तमान में कितने पदस्थ हैं? गजट नोटिफिकेशन की प्रति देवें। (ख) क्या आयु.चिकि.अधि. की भर्ती ग्रामीण क्षेत्र के रिक्त पदों को भरने के लिए की जाती है? यदि हाँ तो कौन-कौन चिकित्सा अधिकारी कहाँ-कहाँ पर पदस्थ हैं? वर्तमान में इनसे कहाँ और क्या कार्य लिया जा रहा है? मूल पदस्थापना से अन्यत्र कौन-कौन चिकित्सा अधिकारी शहरी क्षेत्रों में संयोजित हैं? क्या म.प्र.शासन द्वारा अधि./कर्म. के संयोजन (अटेचमेंट) पर प्रतिबंध है, फिर नियम विरूद्ध वर्षों से शहरी क्षेत्र में इनसे काम लेने का क्या कारण है? (ग) क्या आयुष मंत्रालय भारत सरकार द्वारा महाविद्यालय एवं चिकित्सालय उज्जैन सहित प्रदेश में बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य की गई है? यदि हाँ तो क्या उज्जैन मुख्यालय पर इसका पालन किया जा रहा है? यदि हाँ तो सम्पूर्ण विवरण से अवगत करावें और यदि नहीं, तो? कारण सहित स्पष्ट करें? (घ) क्या म.प्र.शासन द्वारा जिला मुख्यालयों पर समस्त चिकित्सालयों की ओ.पी.डी. का समय सुबह 9 से दोपहर 2.00 बजे एवं शाम 5 से 6 निर्धारित है? तो क्या जनसुविधाओं को दृष्टिगत रखते हुए म.प्र. के आयुर्वेद चिकित्सालयों की ओ.पी.डी. का समय भी उक्तानुसार किया जावेगा? यदि हाँ तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी के 04 पद स्वीकृत है। इसके विरूद्ध वर्तमान में 04 आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी पदस्थ है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ''अनुसार। (ख) जी नहीं, आयुष चिकित्सा अधिकारी की भर्ती ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के रिक्त पदों पर की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जी हाँ। संयोजन न होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। जी हाँ, महाविद्यालय चिकित्सालय के पत्र क्रमांक/121 दिनांक 14/02/2023 के अनुसार महाविद्यालयीन चिकित्सालय के समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों की बायोमेट्रिक उपस्थिति ली जा रही है। (घ) जी हाँ। आयुष विभाग में चिकित्सालयों की ओ.पी.डी. का समय पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब''अनुसार। जी नहीं। कार्य सुविधा की दृष्टि से परिवर्तन आवश्यक नहीं।
संजीवनी क्लीनिक खोलने की योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
34. ( क्र. 976 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश शासन के नगरीय निकाय क्षेत्रों में संजीवनी क्लीनिक खेलने की क्या योजना है? इसके तहत क्या-क्या प्रावधान रखा गया है? बीमारियों का इलाज व जांच कराने सम्बंधी क्या व्यवस्था की गई है? इसके लिये शासन ने कब क्या दिशा निर्देश जारी किये हैं तथा कितनी राशि का बजट प्रावधान रखा हैं? स्टाफ की क्या व्यवस्था की गई है? (ख) विधानसभा क्षेत्र भितरवार जिला ग्वालियर की नगर परिषद भितरवार मोहना एवं ऑतरी में कितने संजीवनी क्लीनिक खोलने की स्वीकृति है। इसके तहत क्लीनिक भवनों का निर्माण कराने हेतु कितने-कितने स्थलों का चयन कर इस दिशा में क्या प्रयास किय गये हैं तथा इनके भवनों का कब तक निर्माण करा कर इन्हें शुरू किया जावेगा? (ग) नगर परिषद मोहना, भितरवार एवं ऑतरी में 1 अप्रैल 2020 से प्रश्न दिनांक तक कितना-कितना वित्तीय आवंटन प्राप्त हुआ है? प्राप्त वित्तीय आवंटन से क्या-क्या निर्माण कार्य कितनी-कितनी लागत से किस-किस स्थान पर किस-किस अधिकारी के सुपर वीजन में किस-किस ठेकेदार/एजेन्सी से कराये गये हैं तथा कराये जा रहे हैं? प्रश्न दिनांक की स्थिति में उनकी भौतिक तथा वित्तीय स्थिति क्या है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रदेश के नगरीय निकाय क्षेत्र में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने हेतु औसतन 20-25 हजार की आबादी पर 01 मुख्यमंत्री संजीवनी क्लीनिक के निर्माण/उन्नयन हेतु भारत सरकार द्वारा 15वें वित्त आयोग के अन्तर्गत कुल 783 (611 नवीन + 172 उन्नयन) संस्थाओं की स्वीकृति प्राप्त हुई है जिससे शहरी क्षेत्र में निवासरत गरीब एवं संवेदनशील वर्ग के लोगों को सुगमता से निःशुल्क स्वास्थ्य सेवायें मिल सके। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। इन संस्थाओं में चिकित्सा अधिकारी, नर्सिंग आफिसर, फार्मासिस्ट, डाटा एन्ट्री ऑपरेटर तथा सपोर्ट स्टॉफ रखे जाने का प्रावधान है। (ख) एवं (ग) विधानसभा क्षेत्र भिरतवार, मोहना एवं आंतरी में कोई संजीवनी कलीनिक स्वीकृत नहीं है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ट्रांसफार्मर क्षमतावृद्धि की जानकारी
[ऊर्जा]
35. ( क्र. 977 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भितरवार विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत किस-किस क्षमता के कितने-कितने वितरण ट्रांसफार्मर वितरण केन्द्रवार स्थापित है। विगत 02 वर्षों में भितरवार विधानसभा क्षेत्र में वितरण केन्द्रवार कितने वितरण ट्रांसफार्मर खराब हुये हैं एवं उनमें कितने बदल दिये गये है? संख्यात्मक जानकारी देवें। भितरवार विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में किन-किन स्थलों पर लगे वितरण ट्रांसफार्मर खराब/ बंद अवस्था में हैं? (ख) भार वृद्धि का आंकलन कर वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता में वृद्धि किए जाने के क्या नियम/निर्देश हैं? भितरवार विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विगत 02 वर्षों में कितने और किन-किन स्थानों पर स्थापित वितरण ट्रांसफार्मरों की कब-कब क्षमता वृद्धि की गयी? (ग) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड अन्तर्गत भितरवार विधानसभा क्षेत्र में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ हैं उनका नाम, पद, मुख्यालय एवं ग्वालियर जिले में पदस्थापना दिनांक स्पष्ट करें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) भितरवार विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत स्थापित वितरण ट्रांसफार्मरों एवं उक्त में से विगत 02 वर्षों में जले/खराब हुये तथा बदले गये वितरण ट्रांसफार्मरों का प्रश्नाधीन चाहा गया वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमतावार एवं वितरण केन्द्रवार संख्यात्मक विवरण पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। वर्तमान में प्रश्नाधीन क्षेत्र में अपात्र होने के कारण 52 जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदलने हेतु शेष है, जिनकी प्रश्नाधीन चाही गयी स्थानवार जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के परिपत्र दिनांक 12.04.2022 के अनुसार ट्रांसफार्मर से संबद्ध भार उसकी क्षमता का 80 प्रतिशत होने पर उसे अतिभारित माना जायेगा तथा उसकी क्षमता वृद्धि हेतु नियमानुसार कार्यवाही प्रारंभ की जाएगी। उक्त परिपत्र अनुसार अतिभारित वितरण ट्रांसफार्मर की क्षमतावृद्धि हेतु उससे संबद्ध समस्त उपभोक्ताओं द्वारा कुल बकाया राशि का 10 प्रतिशत जमा करने पर अथवा 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा विद्युत देयक जमा करने पर क्षमतावृद्धि/अतिरिक्त ट्रांसफार्मर स्थापना के कार्य को स्वीकृति प्रदान की जाएगी। भितरवार विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विगत 02 वर्षों में 32 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि के कार्य किए गए हैं, जिसकी प्रश्नाधीन चाही गयी स्थानवार एवं दिनांकवार जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के क्षेत्रांतर्गत भितरवार विधानसभा क्षेत्र में पदस्थ कार्मिकों की प्रश्नाधीन चाही गयी नाम, पद, मुख्यालय एवं ग्वालियर जिले में पद स्थापना दिनांक की जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है।
पुल निर्माण की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
36. ( क्र. 1006 ) श्री महेश राय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छपरट घाट पर पुल निर्माण कार्य स्वीकृत किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या पुल निर्माण कार्य के टेंडर जारी कर दिये गये हैं? (ग) यदि नहीं, तो कारण सहित अवगत करायें। (घ) पुल निर्माण कार्य के टेंडर कब तक जारी कर दिये जायेंगे और निर्माण कार्य कब पूर्ण होगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, दिनांक 02.02.2023 को जारी। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ख) अनुसार। निर्माण एजेंसी के निर्धारण उपरान्त ही कार्य पूर्णता की अवधि बताया जाना संभव होगा।
ई.डब्ल्यू.एस. परिवारों को आवास आवंटन
[नगरीय विकास एवं आवास]
37. ( क्र. 1019 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में प्रायवेट कालोनाईजर्स द्वारा गत 3 वर्षों में कितने आवास निर्मित किये, कितने ई.डब्ल्यू.एस. परिवारों को आवंटित किये? संख्यात्मक जानकारी देवें। (ख) क्या ई.डब्ल्यू.एस. परिवारों का चयन निर्धारित मापदण्डों के आधार पर किया गया है? (ग) यदि हाँ, तो किन मापदण्डों के आधार पर आवंटन किया गया?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जबलपुर जिले में नगर निगम सीमांतर्गत विगत 3 वर्ष में 15 कालोनाईजर्स को बहु आवासीय प्रकोष्ठ भवन सहित कुल 1466 आवास निर्मित किये जाने की अनुमतियॉं जारी की गई है। म.प्र. शासन द्वारा बनाये गये नियमों में कालोनाईजर द्वारा चयनित विकल्प के आधार पर उक्त परियोजनाओं में नियमानुसार 136 नग EWS आवासों को कालोनाईजर द्वारा पात्र हितग्राहियों को नियमानुसार चयनित कर आवंटन किया गया है। जिले की अन्य नगरीय निकायों की जानकारी निरंक है। (ख) जी हाँ। (ग) मध्यप्रदेश नगर पालिका (कालोनी विकास) नियम, 2021 के नियम 11 में निर्धारित मापदण्डों के आधार पर आवंटन किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
शासकीय महाविद्यालय की स्थापना
[उच्च शिक्षा]
38. ( क्र. 1024 ) कुँवर रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैना की दिमनी विधानसभा क्षेत्र में छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए कुल कितने शासकीय महाविद्यालय कब-कब स्थापित किये गये हैं? (ख) यदि नहीं, तो क्या कोई कार्ययोजना दिमनी विधानसभा क्षेत्र में शासकीय महाविद्यालयों की स्थापना हेतु उच्च शिक्षा विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक तैयार की गई है? (ग) क्या दिमनी विधानसभा क्षेत्र में विगत कई वर्षों से छात्र-छात्राओं द्वारा शासकीय महाविद्यालय सिहौनिया, मानपुर, थरा और माताबसैया में खोले जाने की मॉंग की जा रही है? क्या माननीय मुख्यमंत्री द्वारा शासकीय महाविद्यालय खोले जाने की घोषणाएं की गई हैं? (घ) यदि हाँ, तो कब तक नवीन शासकीय महाविद्यालय खोले जाने संबंधी प्रस्ताव विभाग द्वारा तैयार किया जाकर इस हेतु बजट निर्धारित कर शासकीय महाविद्यालय खोलने की कार्यवाही की जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जिला मुरैना अंतर्गत दिमनी विधानसभा क्षेत्र में 01 शासकीय महाविद्यालय संचालित है। यह शासकीय महाविद्यालय विभागीय आदेश दिनांक 27-09-2021 के द्वारा प्रारंभ किया जा चुका है। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। दिमनी में नवीन शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ किए जाने के संबंध में माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा घोषणा क्रमांक सी 0305, दिनांक 10-09-2020 की गई थी। (घ) उत्तरांश ''क'' एवं ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वायु गुणवत्ता सूचकांक व भूगर्भीय जल की गुणवत्ता की जांच
[पर्यावरण]
39. ( क्र. 1025 ) कुँवर रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के औद्योगिक स्थानों की वायु गुणवत्ता सूचकांक व भूगर्भीय जल की गुणवत्ता को जांचने हेतु सरकार क्या समय-समय पर कोई जांच करवाती है? यदि हां, तो औद्योगिक स्थान बानमौर व मालनपुर की पिछले दो माह में वायु गुणवत्ता सूचकांक व भूगर्भ जल की क्या दशा है? (ख) विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लू.एच.ओ.) द्वारा जारी दुनियाँ के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में टॉप 20 नामों में प्रदेश के कौन-कौन शहर शामिल हैं? क्या इन शहरों में बढ़ते वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए सरकार ने कोई कार्ययोजना बनाई है? यदि हाँ, तो उसका विवरण? यदि नहीं, तो क्यों?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी सूची की जानकारी नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बिजली के खराब तार
[ऊर्जा]
40. ( क्र. 1030 ) श्री गोपालसिंह चौहान : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चन्देरी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कदवाया ग्राम के प्रत्येक मोहल्ले में डाली गई बिजली के तार की लाइन खराब होने के कारण बार-बार टूट जाता है जिससे दिन में एवं रात्रि में काफी परेशानी मोहल्ले वालों को आती है? कब तक नए तार डाल दिए जाएंगे जिससे परेशानी ना आए कब तक कार्य पूर्ण करवा दिया जावेगा? (ख) ग्राम कदवाया के मेहतर मोहल्ले से बर कुंआ में बस्ती है लेकिन वहाँ तक लाइट के खंभे नहीं है लाइट कब तक बस्ती में पहुँच जाएगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) चंदेरी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कदवाया ग्राम में विद्यमान विद्युत अधोसंरचना से नियमानुसार विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। तथापि कतिपय अवसरों पर प्रश्नाधीन ग्राम के कुछ स्थानों पर निम्नदाब लाईन के केबिल के टूटने/जलने के कारण विद्युत प्रदाय अवरूद्ध होने पर उपलब्ध संसाधनों के अनुरूप जली/टूटी केबिल को सुधार कर विद्युत प्रदाय यथाशीघ्र चालू कर दिया जाता है, जो कि एक सतत् प्रक्रिया है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में विद्युत प्रदाय की गुणवत्ता में वृद्धि के उद्देश्य से निम्नदाब लाईन केबिल की क्षमता वृद्धि का कार्य केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना में सम्मिलित कर लिया गया है। उक्त योजना की स्वीकृति केन्द्र शासन से प्राप्त हो चुकी है तथा योजना में सम्मिलित कार्यों के क्रियान्वयन हेतु ठेकेदार एजेंसी का चयन करने के लिये निविदा कार्यवाही प्रकियाधीन है। अत: वर्तमान में उक्त कार्य पूर्ण कराए जाने की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) प्रश्नांश में उल्लेखित ग्राम कदवाया का मेहतर मोहल्ला पूर्व में प्रचलित विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत विद्युतीकृत है एवं इसे सुचारू रूप से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। कालांतर में उक्त मोहल्ले के समीप और अधिक घरों का निर्माण हुआ है, जो कि उक्त मोहल्ले में विद्यमान निम्नदाब विद्युत अधोसंरचना से दूर स्थित है। वर्तमान में नवीन बसाहटों के विद्युतीकरण हेतु केन्द्र/राज्य शासन की कोई योजना संचालित नहीं है। तथापि उक्त बस्ती में विद्युतीकरण का कार्य बस्ती के निवासियों द्वारा स्वयं के व्यय पर अथवा विधायक/सांसद निधि या अन्य किसी मद से विद्युतीकरण हेतु स्वीकृत प्राक्कलन की राशि प्राप्त होने पर कराया जा सकता है। इसके अतिरिक्त उक्त मोहल्ले के रहवासियों द्वारा ''म.प्र. विद्युत नियामक आयोग (विद्युत प्रदाय के प्रयोजन से विद्युत लाईन प्रदान करने अथवा उपयोग किये संयन्त्र हेतु व्ययों तथा अन्य प्रभारों की वसूली) (पुनरीक्षण-द्वितीय) विनियम, 2022 (आर जी-31 (II) वर्ष 2022)'' की कंडिका 4.6.2 के अनुसार रू. 15567/- प्रति किलोवाट की दर से राशि जमा कराकर विद्युतीकरण का कार्य कराया जा सकता है।
7 मीटर चौड़े मार्ग की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
41. ( क्र. 1033 ) श्री गोपालसिंह चौहान : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ईसागढ़ से महोली कदवाया होते हुए 7 मीटर चौड़े मार्ग की स्वीकृति हो गयी है? यदि हो गयी है तो आदेश की प्रति उपलब्ध कराये? (ख) यदि नहीं, तो कब तक स्वीकृति मिल जाएगी? (ग) ईसागढ़ से महोली कदवाया होते हुए मार्ग की अशोकनगर PWD, एवं भोपाल स्तर से केन्द्रीय परिवहन मंत्रालय दिल्ली भेजे गए पत्र की प्रति उपलब्ध करवायें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
रामपुरा से पछाया मार्ग पूर्ण करना
[लोक निर्माण]
42. ( क्र. 1040 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत लोक निर्माण विभाग द्वारा रामपुरा से पछाया मार्ग की स्वीकृति कब प्रदाय की गई थी तथा कार्य पूर्ण करने हेतु क्या कोई समय-सीमा निर्धारित की गई है? हाँ तो वह क्या थी? (ख) क्या उक्त तय समय-सीमा में कार्य पूर्ण हो गया हैं? नहीं तो क्या कारण हैं तथा इसके लिए कौन दोषी है? संबंधित दोषी के विरूध्द कब तक और क्या कार्यवाही की जायेगी? उक्त मार्ग कब तक पूर्ण किया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) दिनांक 16.03.2020 को। जी हाँ। अनुबंधानुसार दिनांक 14.12.2021 तक समय-सीमा निर्धारित थी। (ख) जी नहीं। चैनेज 2400 मी. से 2550 मी. तक तालाब का बैक वाटर होने से चैनेज 2400 मी. से 2550 मी. व 3100 मी. से 3200 मी. तक विदयुत यांत्रिक संभाग इन्दौर द्वारा पोल शिफ्टिंग कार्य नहीं किये जाने से एवं ठेकेदार द्वारा धीमी गति से कार्य किये जाने के कारण कार्य में विलम्ब हुआ। ठेकेदार द्वारा सामानुपातिक प्रगति नहीं देने के कारण अनुबंध की धारा-27 (3) के तहत दिनांक 18.10.2022 को कारण बताओं सूचना पत्र जारी किया गया था, जिसके प्रति उत्तर में ठेकेदार द्वारा शपथ-पत्र प्रस्तुत कर दिनांक 28.02.2023 तक कार्य पूर्ण करने संबंधी कार्ययोजना प्रस्तुत की गई है। कार्य दिनांक 28.02.2023 तक पूर्ण किया जाना संभावित है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता।
किसानों द्वारा सोलर पम्प लेने हेतु जमा की गई राशि
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
43. ( क्र. 1042 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत शासन द्वारा किसानों को सिंचाई हेतु सब्सीडी पर दिये जाने वाले सोलर पम्प सेट प्रदाय हेतु योजना प्रारंभ से किसानों से विभाग द्वारा कितनी राशि जमा कराई गई है? कृपया किसान का नाम, निवासी एवं जमा की गई राशि की जानकारी उपलब्ध करावे। किसान द्वारा राशि जमा करने के उपरान्त कितने किसानों को सिंचाई हेतु सोलर पम्प सेट उपलब्ध कराए गये हैं? नाम सहित सूची उपलब्ध करावें तथा यह भी बतायें कि शेष किसानों को कब तक सोलर पम्प उपलब्ध करा दिये जायेंगे? उपलब्धता नहीं होने पर किसानों द्वारा जमा राशि किसानों को वापस लौटाई जायेगी? हाँ तो कब तक और किस माध्यम से और नहीं तो क्या कारण हैं?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत, 'मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना' प्रारंभ से आज दिनांक तक 541 किसानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है जिनके द्वारा राशि जमा कराई गई है। मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना से आज दिनांक तक 303 किसानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है, जिन्हें सोलर पंप सेट उपलब्ध कराए गए है। शेष किसानों को सोलर पंप उपलब्ध कराने के संबंध में जानकारी, योजना प्रारंभ से अभी तक 541 किसानों द्वारा पंजीयन (पंजीयन शुल्क सहित) किया गया जिनके विरूद्ध 303 किसानों को अब तक सोलर पंप उपलब्ध करा दिये गये हैं। वर्तमान में सोलर पंपों की स्थापना हेतु केन्द्र शासन द्वारा निविदा की जाती है। केन्द्र शासन द्वारा पूर्व में की गई निविदा की वैधता समाप्त हो गई है। नई निविदा प्रचलन में है। केन्द्र शासन से अनुमोदित दरें प्राप्त होने, आवेदनकर्ता कृषक पात्र पाये जाने एवं बजट की उपलब्धता होने पर, वरीयताक्रमानुसार, चरणबद्ध रूप से किसानों को सोलर पंप उपलब्ध कराये जा सकेंगे। उपलब्धता नहीं होने पर किसानों द्वारा जमा राशि वापिस लौटाने के संबंध में जानकारी, उपलब्धता नहीं होने पर किसानों द्वारा जमा राशि किसानों को उनके चाहे जाने पर वापिस लौटायी जाएगी।
विद्युत कंपनियों की जानकारी
[ऊर्जा]
44. ( क्र. 1045 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के विभिन्न विद्युत वितरण कंपनियों, ट्रांसमिशन कंपनी एवं पॉवर जनरेटिंग कंपनी में कॉरपोरेट सोशल रिसपॉन्सबिलिटी के अंतर्गत कार्य कराये जाने हेतु क्या कोई नीति निर्धारित की गई है? यदि हाँ, तो विवरण उपलब्ध करायें। (ख) वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में कॉरपोरेट सोशल रिसपॉन्सबिलिटी के अंतर्गत क्या-क्या कार्य कराये गए हैं? कराये गये कार्यों का विवरण निम्न प्रपत्रों में उपलब्ध करायें। क्र. कराये गये कार्य का विवरण, लागत राशि, कार्य का स्थान/जिला विधान सभा क्षेत्र माननीय विधायक का नाम, कार्य प्रारंभ करने का दिनांक, कार्य पूर्ण करने का दिनांक (ग) उक्त कार्यों हेतु स्थल का चयन किस आधार पर किया गया है? विवरण उपलब्ध करायें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों यथा - म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी, म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी, म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी एवं म.प्र. पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी तथा म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी में कॉरपोरेट सोशल रिसपॉन्सबिलिटी (सी.एस.आर.) के अंतर्गत कार्य कराये जाने से संबंधित विवरण/नीति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में विद्युत कंपनियों द्वारा कॉरपोरेट सोशल रिसपॉन्सबिलिटी (सी.एस.आर.) के अंतर्गत कराये गए कार्यों से संबंधित प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार सी.एस.आर. के तहत किए गए कार्यों के स्थान के चयन से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
इंदिरा गृह ज्योति योजना
[ऊर्जा]
45. ( क्र. 1046 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ''इंदिरा गृह ज्योति योजना'' के अंतर्गत मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अन्तर्गत प्रतिवर्ष हितग्राहियों की संख्या में कमी आ रही है? यदि हां, तो आने वाली कमी का कारण बतायें? (ख) वर्ष 2019-20, 2020-21 एवं 2021-22 में मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अंतर्गत ''इंदिरा गृह ज्योति योजना'' के हितग्राहियों की संख्या एवं राशि का विवरण उपलब्ध करायें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) एवं (ख) जी नहीं, म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के क्षेत्रांतर्गत वित्तीय वर्ष 2019-20, वित्तीय वर्ष 2020-21 एवं वित्तीय वर्ष 2021-22 में अटल गृह ज्योति योजना (पूर्ववर्ती इंदिरा गृह ज्योति योजना) के तहत लाभान्वित हितग्राहियों की संख्या एवं उन्हें विद्युत बिलों में प्रदान की गई छूट की राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट के क्रमश: प्रपत्र-'अ', 'ब' एवं 'स' अनुसार है।
विद्युत वितरण केन्द्र को विभक्त किया जाना
[ऊर्जा]
46. ( क्र. 1065 ) श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित विधानसभा प्रश्न क्र. 1876 दिनांक दिनांक 11 मार्च 2022 प्रश्नांशों में दर्शित बालसमुद वितरण केन्द्र और मूलठान वितरण केन्द्र को विभक्त करने हेतु विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? प्रश्न दिनांक की स्थिति में कार्यवाही विवरण सहित जानकारी दें। (ख) पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के क्षेत्रीय कार्यालय इन्दौर द्वारा इन वितरण केन्द्रों को विभक्त करने हेतु अधीक्षण यंत्री मध्य प्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लि. वृत्त खरगोन से पत्राचार किया गया है? यदि हाँ तो पत्रों की छायाप्रति दें एवं इसके संबंध में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? विवरण देवें। (ग) बालसमुद एवं मूलठान विद्युत वितरण केन्द्र को विभक्त कर निमरानी और पीपलगोन की कब तक स्वीकृति दी जाएगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित वितरण केन्द्रों को विभक्त किये जाने के संबंध में म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ, म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के क्षेत्रीय कार्यालय, इंदौर द्वारा प्रश्न में उल्लेखित वितरण केन्द्रों को विभक्त किये जाने के संबंध में अधीक्षण यंत्री, संचालन-संधारण, वृत्त खरगोन से किए गए पत्राचार से संबंधित पत्रों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। प्रश्नाधीन प्रकरणों में प्रश्न दिनांक तक की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) बालसमुद एवं मूलठान वितरण केंद्र को विभक्त कर नवीन वितरण केन्द्र निमरानी और पीपलगोन के सृजन के प्रस्ताव पर म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के कार्पोरेट कार्यालय में निर्धारित प्रक्रिया अनुसार भौगोलिक, तकनीकी एवं व्यावसायिक मापदण्डों के आधार पर परीक्षण किया जा रहा है। उपरोक्त प्रस्ताव साध्य पाये जाने पर म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संचालक मंडल को प्रेषित किया जायेगा एवं संचालक मंडल के अनुमोदन उपरांत ही उक्त प्रस्ताव को स्वीकृति दी जा सकेगी। उक्त परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
ई-प्रवेश से वंचित छात्रों को राहत प्रदान किया जाना
[उच्च शिक्षा]
47. ( क्र. 1086 ) श्री तरूण भनोत : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के द्वारा प्रमुख सचिव, उच्च शिक्षा विभाग को प्रेषित पत्र क्रमांक-2857, दिनांक 09-12-2022 के माध्यम से देवी अहिल्याबाई विश्वविद्यालय से पंजीबद्ध कॉलेज के ई-प्रवेश से वंचित छात्रों का ई-प्रवेश सुनिश्चित करने के संबंध में लेख किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो तत्संबंध में विभाग द्वारा इस संबंध में विश्वविद्यालय द्वारा ई-प्रवेश से वंचित छात्रों को राहत देने के लिए उठाए गए कदम की जानकारी प्रदान करें। (ग) पूरे प्रदेश में ऐसे कितने विश्वविद्यालय हैं, जिनमें ई-प्रवेश पोर्टल के नहीं खुलने से कॉलेजों में प्रवेश ले चुके छात्र ई-प्रवेश से वंचित हैं? विश्वविद्यालय के नामवार और वंचित छात्रों की संख्या का ब्यौरा दें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) ई-प्रवेश से वंचित छात्रों को राहत देने के लिए उच्च शिक्षा विभाग द्वारा केन्द्रीयकृत काउंसिलिंग के प्रथम चरण के पश्चात सी.एल.सी. के माध्यम से विद्यार्थियों को प्रवेश के लिए अतिरिक्त रूप से पृथक-पृथक तिथियों में 06 चरणों में अवसर प्रदान किया गया। इस प्रकार ई-प्रवेश प्रक्रिया दिनांक 31.08.2022 तक खुली रही। ई-प्रवेश प्रक्रिया की समाप्ति के पश्चात प्रवेश से वंचित आवेदकों को म.प्र. भोज मुक्त विश्वविद्यालय, भोपाल द्वारा समस्त शासकीय महाविद्यालयों में संचालित दूरस्थ शिक्षा केंद्र में दिनांक 22 फरवरी 2023 तक प्रवेश के अवसर प्रदान किए गए हैं। इसके साथ ही प्रवेश से वंचित आवेदक किसी भी शासकीय विश्वविद्यालय से स्वाध्यायी परीक्षार्थी के रूप में आवेदन कर परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। (ग) विभाग अंतर्गत विश्वविद्यालयों में से मात्र देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर अंतर्गत प्रेस्टीज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एण्ड रिसर्च, इंदौर के लगभग 50 छात्रों के ई-प्रवेश से वंचित रहने के संबंध में जानकारी संज्ञान में आई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सीवरेज में भ्रष्टाचार
[नगरीय विकास एवं आवास]
48. ( क्र. 1088 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम नगर निगम में सीवरेज ठेकेदार को 31 जनवरी 2023 तक किए गए भुगतान का दिनांक अनुसार विवरण देवें तथा बिलों की प्रति देवें। (ख) मार्च 22 तक ठेकेदार को अनुबंध में उल्लेखित ईस्टीमेट के सीरियल नंबर 123 के 6 भाग तथा सीरीयल नंबर 7 के तीन भाग मिलाकर 13 भाग में से किस-किस भाग के लिए कितना-कितना भुगतान किया गया तथा उन भागों में स्वीकृत लागत 141.44 करोड़ अनुसार कितना प्रावधान था? (ग) ठेकेदार द्वारा जो 5 घरों के बीच एक मेन चेम्बर तथा घरों के बाहर चेंबर बनाए गए हैं, उन चेंबर के बाहर और अंदर सीमेंट से प्लस्तर किया जाना था या नहीं? अनुबंध के अनुसार जानकारी दें। (घ) क्या रतलाम नगर निगम की डी.पी.आर. के अनुसार सीवर लाइन को घरों में बने हुए सेप्टिक टैंक के इन-फाल से जोड़ना था तथा उसके लिए ₹.3600 प्रति घर के मान से 16.42 करोड़ का प्रावधान किया गया था? यदि हाँ, तो उसके एवज में मार्च 22 तक कितना भुगतान किया गया तथा कितने मकानों को सीवर लाइन से जोड़ा गया? (ड.) सीवरेज ठेकेदार द्वारा 100 एम.एम. से 700 एम.एम. डायमीटर के कितने-कितने किलोमीटर पाइप मार्च 22 तक लगाये गये? ठेकेदार द्वारा पाइप निर्धारित गुणवत्ता के खरीदे गए इसके प्रमाण की प्रति देवें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) रतलाम नगर में सीवरेज ठेकेदार को 31 जनवरी 2023 तक किये गये भुगतान का दिनांकवार विवरण एवं बिलों की प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे ''ब'' अनुसार है। (ग) ठेकेदार द्वारा घरों के बीच एक मेन चेंबर तथा घरों के बाहर चेंबर बनाए गए हैं, चेंबरों के अंदर सीमेंट से प्लास्टर करने का प्रावधान है एवं चेंबर के बाहर प्लास्टर का प्रावधान नहीं है। (घ) रतलाम नगरीय क्षेत्र के अधिकांश घरों के सेप्टिक टैंक घरों के पीछे की तरफ बने हैं तथा इनका आउटलेट घरों के फ्रंट साइड में बनी नाली में खुलता है। निजी संपत्ति के अंदर कार्य करना संभव नहीं होने के कारण रतलाम में घरों से बाहर निकले हुये सीवरेज के पाइप को बाहर की तरफ गली ट्रैप बनाकर, मुख्य सीवर लाइन से हाउस चेंबर के माध्यम से जोड़ा गया है। जी नहीं, योजना की डी.पी.आर. में रुपए 3000 प्रति कनेक्शन के मान से रुपए 15.98 करोड़ का प्रावधान था। निविदा के प्रावधानों के अनुसार मार्च 2022 तक इस हेतु राशि रू. 7.89 करोड़ का भुगतान कर, 26939 मकानों को जोड़ा गया है। (ड.) मार्च 2022 तक सीवरेज ठेकेदार द्वारा लगाये गए 120 एम.एम. से 700 एम.एम. डायमीटर के पाइपों की लंबाई एवं गुणवत्ता संबंधी विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है।
एल.ई.डी. लाईट क्रय में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
49. ( क्र. 1089 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1335 दिनांक 22-12-2022 के संदर्भ में बताएं कि भारत सरकार का उपक्रम होने के बाद भी, बिना निविदा तथा कंपैरिजन चार्ट बनाए बिना EESL को किस नियम से कार्य दिया गया, उसकी प्रति देवे। (ख) अनुबंध की धारा 6.1, 6.2, 6.3 तथा 6.4 किस पंक्ति में यह उल्लेख है की work completion के पहले भुगतान किया जाय। जबकि धारा 6.2 में प्रारंभ में ही स्पष्ट लिखा है 'Provided that first invoice shall be raised by EESL upon completion of two month of installation' (ग) अनुबंध अनुसार गणना पत्रक बनाकर प्रारंभ से जनवरी 2023 तक किए गए भुगतान की सूची प्रस्तुत करें। (घ) कार्य दिसंबर 2017 में पूरा हो गया था तो पूर्णता प्रमाण पत्र 28-12 2018 को क्यों दिया गया तथा उसमें यह उल्लेख क्यों नहीं किया गया। जनवरी 2018 से नवंबर 2018 तक का भुगतान किस की अनुशंसा पर किया गया? नाम और पद का उल्लेख करे। (ड.) जनवरी 2020 से अक्टूबर 2022 तक एक समान भुगतान ₹10,43,085 किस गणना से किया गया तथा अनुबंध की किस धारा के तहत जनवरी 2020 से द्वितीय चरण का प्रति माह ₹ 5,02,024 का भुगतान किया जा रहा है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) भारत सरकार की कंपनियों के उपक्रम होने से ई.ई.एस.एल. (Energy Efficiency Sercices Limited) का चयन नगर निगम परिषद के ठहराव क्रमांक 05 दिनांक 15.02.2017 द्वारा किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) जी नहीं, ऐसा उल्लेख नहीं है। जी हां, उल्लेख है। (ग) गणना पत्रक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। दिसम्बर 2022 से जनवरी 2023 तक का भुगतान किया जाना शेष है। (घ) ई.ई.एस.एल. द्वारा किये गये कार्य का वित्तीय प्रस्ताव एवं टोल फ्री न. तथा पोर्टल का कार्य पूर्ण कर दिये जाने उपरांत दिनांक 28.12.2018 को कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र जारी किया गया। ई.ई.एस.एल. से देयक प्राप्त होने पर श्री एस.पी.आचार्य, उपयंत्री, श्री जी.के. जायसवाल, प्रभारी कार्यपालन यंत्री, प्रकाश विभाग एवं श्री एस.के.सिंह, आयुक्त की अनुशंसा पर मेयर इन काउंसिल के ठहराव क्र. 18 दिनांक 08.01.2019 के अनुसार भुगतान की स्वीकृति दी गयी। (ड.) जनवरी 2020 से अक्टूबर 2022 तक एक समान भुगतान राशि रू. 10,43,085/- का गणना पत्रक पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। अनुबंध की धारा 6.1 एवं 6.2 अनुसार प्रतिमाह भुगतान किया जा रहा है।
शासकीय महाविद्यालयों में मरम्मत व संधारण के कार्य
[उच्च शिक्षा]
50. ( क्र.
1098 ) डॉ.
सतीश सिकरवार
: क्या
उच्च शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
ग्वालियर, चम्बल
के शासकीय
स्नातक, स्नात्कोत्तर
महाविद्यालयों
में मरम्मत, संधारण
हेतु स्वीकृत
राशि वर्ष 2022-23 की
अभी तक
महाविद्यालयों
को नहीं भेजी
गई है?
जानकारी
दी जावे। (ख) क्या
राशि उपलब्ध
नहीं होने के
कारण महाविद्यालयों
की मरम्मत, संधारण
के कार्य नहीं
होने से
महाविद्यालयों
की संरचना
खराब होती जा
रही है? राशि कब तक
भेजी जावेगी? (ग) क्या
शासन द्वारा
शासकीय महाविद्यालयों
की संधारण, मरम्मत
की राशि सी.एम.
राइज स्कूलों
को ट्रांसफर
की गयी है? कितनी
राशि को एक मद
से दूसरे मद
में ट्रांसफर
किया गया है? जानकारी
राशि सहित दी
जावे।
उच्च
शिक्षा
मंत्री ( डॉ.
मोहन यादव ) : (क) जी
नहीं।
वित्तीय वर्ष 2022-23
अंतर्गत
ग्वालियर-चंबल
संभाग के 39
शासकीय
महाविद्यालयों
को भवन
रख-रखाव हेतु
राशि रूपये 5 लाख
प्रति
महाविद्यालय
के मान से
आवंटित की जा
चुकी है। (ख) उत्तरांश
(क) के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) जी
नहीं। शेष
प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होता।
रोजगार हेतु ऋण अनुदान
[नगरीय विकास एवं आवास]
51. ( क्र. 1101 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर नगर के गरीबों को रोजगार में लगाने हेतु वर्ष 2020 से फरवरी 2023 तक बैंकों से ऋण अनुदान दिलाकर रोजगार के लिये कितने लोगों को ऋण प्रदान करवाया गया है। (ख) उक्त व्यक्तियों को स्थापित व्यवसाय हेतु पंद्रह प्रतिशत या अधिकतम 7500 या उससे अधिक राशि हितग्राहियों को दिलाई गई, उनके नाम, पते सहित पूर्ण जानकारी दी जावे। (ग) क्या व्यवसाय लागत का अस्सी प्रतिशत राशि या उससे अधिक चालीस हजार या उससे अधिक ऋण व्यवसायिक बैंकों से उपलब्ध कराया गया तथा शेष राशि पांच प्रतिशत हितग्राही मार्जन मनी के रूप में जमा की जाएगी। कितने प्रकरण उक्त अवधि में स्वीकृत हुए हैं? संख्या सहित पूर्ण जानकारी दी जावे।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) आलोच्य अवधि में नगर पालिक निगम ग्वालियर ने 321 लोगों को रोजगार हेतु बैंकों से ऋण प्रदान करवाया है। (ख) सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ग) स्वरोजगार योजना अंतर्गत बैंकों में लंबित ऋण प्रकरणों में दिनांक 18.12.2020 से सचिव म.प्र. शासन सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग के द्वारा ऋण वितरण की कार्यवाही स्थगित की गई है। पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। अत: प्रश्नांश (ग) का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ट्रांसफार्मर स्थापित करने हेतु प्राप्त आवेदन
[ऊर्जा]
52. ( क्र. 1115 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर संभाग के अन्तर्गत संचालन-संधारण वृत्त धार के अधीन आने वाले कृषकों के वित्तीय वर्ष 2019-20 से 31 जनवरी 2023 तक स्वयं के ट्रांसफार्मर योजना (OYT) में विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित करने हेतु कितने कार्यादेश जारी किये गये कि वित्तीय वर्षवार संख्यात्मक जानकारी देवें? (ख) इंदौर संभाग के अन्तर्गत संचालन-संधारण वृत्त धार के अधीन वित्तीय वर्ष 2019-20 से 31 जनवरी 2023 तक स्वयं के ट्रांसफार्मर योजना (OYT) में प्राप्त आवेदनों के आधार पर जारी कितने कार्यादेश के कार्य पूर्ण कर विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर ऊर्जीकृत कर दिये गये है एवं क्या इन विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों को ऊर्जीकृत करने के पूर्व विद्युत निरीक्षक (विद्युत सुरक्षा विभाग) से अनुमति प्राप्त की गई थी? वित्तीय वर्षवार संख्यात्मक जानकारी देवें? (ग) इंदौर संभाग के अन्तर्गत संचालन-संधारण वृत्त धार के अधीन आने वाले कृषकों के वित्तीय वर्ष 2019-20 से 31 जनवरी 2023 तक 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों पर किस योजना के अन्तर्गत कितने पॉवर ट्रांसफार्मर क्षमता वृद्धि एवं अतिरिक्त पॉवर ट्रांसफार्मर स्वीकृत किए गए कि वित्तीय वर्षवार संख्यात्मक जानकारी देवें? उपरोक्त अवधि में कितने विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर असफल हुए उनमें से कितने विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर बदल दिए गए है एवं कितने बदलने हेतु शेष है की वित्तीय वर्षवार संख्यात्मक जानकारी देवें? निर्धारित प्रतिशत से अधिक प्रतिशत में विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर असफल होने पर नियमानुसार क्या कार्यवाही की गई बतावें? (घ) इन्दौर राजस्व संभाग के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2019-20 से 2020-23 में माह जनवरी 2023 तक की अवधि में असफल हुए? कितने विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की रिपेयरिंग का कार्य किन रिपेयरिंग फर्मों के द्वारा किया गया? संख्यात्मक जानकरी देवें? साथ ही इन रिपेयरिंग फर्मों का नाम एवं पता की जानकारी भी देवें? इस हेतु इस कार्य पर कितना व्यय हुआ बतावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) इंदौर संभाग में म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संचालन-संधारण वृत्त धार क्षेत्रांतर्गत प्रश्नाधीन अवधि में ''स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना (OYT)'' अंतर्गत वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाने संबंधी कोई कार्यादेश जारी नहीं किया गया। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (ग) इंदौर संभाग के अंतर्गत संचालन-संधारण वृत्त धार क्षेत्रान्तर्गत प्रश्नाधीन अवधि में 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेंद्रों पर एस.एस.टी.डी. योजना के तहत पॉवर ट्रांसफार्मर क्षमता वृद्धि के 20 कार्य एवं अतिरिक्त पॉवर ट्रांसफार्मर स्थापना के 18 कार्य स्वीकृत किये गये हैं, जिनकी प्रश्नाधीन चाही गयी वित्तीय वर्षवार संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में प्रश्नांश में उल्लेखित अवधि में 10474 वितरण ट्रांसफार्मर जले/खराब हुए थे। उक्त जले/खराब समस्त 10474 वितरण ट्रांसफार्मर बदल दिये गये हैं। जिसकी प्रश्नाधीन चाही गई वित्तीय वर्षवार संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। प्रश्नांश में उल्लेखानुसार प्रश्नाधीन क्षेत्र में वितरण ट्रांसफार्मरों के जले/खराब होने पर संबंधित कार्मिकों के विरुद्ध म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (घ) इंदौर राजस्व संभाग के अंतर्गत प्रश्नाधीन अवधि में जले/खराब हुए वितरण ट्रांसफार्मरों के कराए गए सुधार कार्य से संबंधित रिपेयरिंग फर्मों/एजेंसियों के नाम, पता, सुधारे गए वितरण ट्रांसफार्मरों की संख्या तथा सुधार कार्य में व्यय हुई राशि की प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है।
सड़क का निर्माण किया जाना
[लोक निर्माण]
53. ( क्र. 1137 ) श्री अनिल जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी अंतर्गत ग्राम उबौरा से ग्राम पुछीकरगुवां तक सड़क निर्माण कराया जाने से कई ग्रामों के व्यक्तियों को इसका फायदा पहुंचेगा? यदि हाँ, तो उक्त सड़क के संबंध में क्या कोई कार्य योजना प्रस्तावित है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में ग्राम उबौरा से ग्राम पुछीकरगुवां तक सड़क निर्माण को कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। यह नवीन मार्ग है। विभाग की किसी भी योजना में प्रस्तावित न होने से। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार है।
गांव, मजरा-टोलों में विद्युतीकरण नीति
[ऊर्जा]
54. ( क्र. 1138 ) श्री अनिल जैन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रदेश के हर गांव, मजरा-टोलों में विद्युत सप्लाई, विद्युतीकरण हेतु क्या नीति निर्धारित थी? क्या इस हेतु वर्तमान में कोई नवीन नीति बनाई गई है? यदि हाँ, तो उसकी प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या नवीन नीति के तहत विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी के सभी ग्राम, मजरे-टोलों में विद्युत सप्लाई हो रही है? यदि हाँ, तो ग्राम, मजरा-टोलों सहित जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या कुछ ग्राम, मजरे-टोले विद्युत सप्लाई/ विद्युतीकरण से वंचित हैं? यदि हाँ, तो उनके विद्युतीकरण की क्या कार्य योजना प्रस्तावित है एवं उक्त ग्राम, मजरे-टोलों को कब तक विद्युत सप्लाई उपलब्ध कराई जावेगी? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में शेष ग्राम, मजरे-टोले मोहल्लों में विद्युत सप्लाई नहीं होने के क्या कारण हैं व इस हेतु कौन से अधिकारी/कर्मचारी उत्तरदायी हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) विद्युतीकरण हेतु निर्धारित नीति अनुसार सर्वप्रथम प्रदेश के सभी आबाद ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य एवं तदुपरांत आबाद ग्रामों के चिन्हित मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य वित्तीय उपलब्धता अनुसार क्रमश: केन्द्र शासन की विभिन्न विद्युतीकरण की योजनाओं यथा राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना एवं दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में किया गया। तदुपरांत सौभाग्य योजना के प्रावधानों के अंतर्गत शत-प्रतिशत घरों के विद्युतीकरण का कार्य किया गया किन्तु इस योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार खेतों में दूर-दूर अवस्थित घरों को तकनीकी एवं वित्तीय साध्यता नहीं होने के कारण योजना में सम्मिलित नहीं किया गया। सौभाग्य योजना के प्रावधानों के अंतर्गत प्रदेश के शत-प्रतिशत घरों के विद्युतीकरण का कार्य दिनांक 22/10/2018 को पूर्ण कर लिया गया था। वर्तमान में मजरों/टोलों के विद्युतीकरण हेतु केन्द्र/राज्य शासन की कोई भी नवीन योजना (नीति) प्रचलन में नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (ग) एवं (घ) प्रश्नाधीन क्षेत्रांतर्गत समस्त राजस्व ग्रामों एवं उनके चिन्हित समस्त मजरों/टोलों को विभिन्न ग्रामीण विद्युतीकरण योजनाओं के अंतर्गत पूर्व में ही विद्युतीकृत किया जा चुका है। नए घरों/मजरों/टोलों का निर्माण एक सतत् प्रक्रिया है। उक्त विद्युतीकरण योजनाओं के अंतर्गत कार्य पूर्ण होने के उपरांत सभी योजनाएं क्लोज हो चुकी है। वर्तमान में विद्युतीकरण हेतु केन्द्र/राज्य शासन की कोई योजना प्रचलन में नहीं है। भविष्य में यदि कोई विद्युतीकरण की योजना स्वीकृत होती है तो उस योजना के दिशा-निर्देशों एवं प्रावधानों के अनुरूप तकनीकी एवं वित्तीय साध्यता के अनुसार म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा पूर्व विद्युतीकरण योजनाओं के बंद होने के उपरांत निर्मित मजरों/ टोलों/बस्तियों के विद्युतीकरण का कार्य करवाया जायेगा। उक्त परिप्रेक्ष्य में किसी के उत्तरदायी होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न नहीं उठता।
आयुष विभाग द्वारा संचालित चिकित्सालय
[आयुष]
55. ( क्र. 1149 ) श्री अनिल जैन : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निवाड़ी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आयुष विभाग द्वारा कितने चिकित्सालय/औषद्यालय किन-किन गांवों में संचालित हैं? (ख) विधानसभा क्षेत्र में संचालित आयुष चिकित्सालय में कौन-कौन से पद स्वीकृत हैं? चिकित्सालय में कार्यरत कर्मचारियों की चिकित्सालयवार कौन-कौन से पद स्वीकृत हैं? चिकित्सालय में कार्यरत कर्मचारियों की चिकित्सालयवार जानकारी उपलब्ध करावें।
राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) निवाड़ी विधानसभा क्षेत्र में आयुर्वेद चिकित्सालय संचालित नहीं है। आयुष औषधालयों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
योजनावार प्राप्त आवंटन
[लोक निर्माण]
56. ( क्र. 1164 ) श्री संजय उइके : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग को केन्द्र एवं राज्य सरकार से विभिन्न योजनाओं में राशि प्राप्त होती है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक लोक निर्माण विभाग को बालाघाट जिले की कौन-कौन सी विधान सभा क्षेत्र में प्रत्येक योजनावार कितनी-कितनी राशि वर्षवार प्राप्त हुई एवं कितनी राशि व्यय की गई? (ग) विधानसभा क्षेत्र बैहर में प्रत्येक योजनावार प्राप्त राशि से लोक निर्माण विभाग द्वारा कहां-कहां, कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि के किए गये हैं? वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है।
योजनांतर्गत प्राप्त राशि की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
57. ( क्र. 1165 ) श्री संजय उइके : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग को केन्द्र एवं राज्य सरकार से विभिन्न योजनाओं में राशि प्राप्त होती है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक बालाघाट जिले की कौन-कौन सी विधान सभा क्षेत्र में प्रत्येक योजनावार कितनी-कितनी राशि वर्षवार प्राप्त हुई एवं कितनी राशि व्यय की गई? (ग) विधानसभा क्षेत्र बैहर में प्रत्येक योजनावार प्राप्त राशि से कहां-कहां, कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि के किए गये हैं? वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है।
योजनावार व्यय राशि
[ऊर्जा]
58. ( क्र. 1166 ) श्री संजय उइके : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग को केन्द्र एवं राज्य सरकार से विभिन्न योजनाओं में राशि प्राप्त होती है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2017-18 प्रश्न दिनांक तक बालाघाट जिले में प्रत्येक योजनावार कितनी-कितनी राशि वर्षवार प्राप्त हुई एवं कितनी राशि व्यय की गई? (ग) विधानसभा क्षेत्र बैहर में प्रत्येक योजनावार प्राप्त राशि से कहां-कहां, कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि के किए गये हैं? वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में बालाघाट जिले में केंद्र शासन से दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना, सौभाग्य योजना एवं आई.पी.डी.एस. योजना अंतर्गत राशि प्राप्त हुई है। बालाघाट जिले हेतु केन्द्र शासन से विभिन्न योजनाओं में वर्षवार राशि स्वीकृत नहीं की गई थी अपितु योजनान्तर्गत एक मुश्त स्वीकृति प्रदान की गई थी, जिसका स्वीकृत एवं व्यय की गई राशि सहित योजनावार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। प्रश्नाधीन अवधि में राज्य शासन से मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पंप कनेक्शन योजना एवं उप-पारेषण प्रणाली सुदृढ़ीकरण (एस.एस.टी.डी.) योजना अंतर्गत राशि प्राप्त हुई है। राज्य शासन द्वारा उक्त योजनाओं में जिलेवार राशि प्रदान नहीं की गई थी, अपितु म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रांतर्गत सभी जिलों हेतु वर्षवार योजना स्वीकृत की गई थी, जिसका स्वीकृत एवं व्यय की गई राशि सहित योजनावार/वर्षवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र – अ अनुसार है। (ग) विधानसभा क्षेत्र बैहर में प्रश्नांश में उल्लेखित योजनाओं में प्राप्त राशि से कराये गए कार्यों की प्रश्नाधीन चाही गयी कार्यवार, स्थानवार, लागतवार एवं वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र – ब अनुसार है।
संजीवनी क्लीनिक खोले जाने की योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
59. ( क्र. 1169 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश शासन के नगरीय निकाय में संजीवनी क्लीनिक खोलने की क्या योजना है? इसके तहत क्या प्रावधान रखा गया है? बीमारियों का इलाज व जांच कराने संबंधी क्या व्यवस्था की गयी है? इसके लिए शासन ने क्या दिशा निर्देश जारी किए हैं एवं कितनी राशि का बजट प्रावधान रखा है? स्टॉफ की क्या व्यवस्था की गई है? (ख) नगर पालिका खरगोन में कितने संजीवनी क्लीनिक खोलने की स्वीकृति प्रदान की गई है, इसके तहत जोन स्तर पर क्लीनिक भवनों का निर्माण कराने हेतु कितने स्थलों का चयन कर इस दिशा में क्या प्रयास किए गए हैं तथा इनके भवनों का निर्माण/मरम्मत कराकर कब तक शुरू किया जाएगा? नगर पालिका क्या दूसरे विभागों के भवनों का भी उपयोग करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रदेश के नगरीय निकाय क्षेत्र में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने हेतु औसतन 20-25 हजार की आबादी पर 01 मुख्यमंत्री संजीवनी क्लीनिक के निर्माण/उन्नयन हेतु भारत सरकार द्वारा 15वें वित आयोग के अन्तर्गत कुल 783 (611 नवीन + 172 उन्नयन) संस्थाओं की स्वीकृति प्राप्त हुई है जिससे शहरी क्षेत्र में निवासरत गरीब एवं संवेदनशील वर्ग के लोगों को सुगमता से निःशुल्क स्वास्थ्य सेवायें मिल सके। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। इन संस्थाओं में चिकित्सा अधिकारी, नर्सिंग ऑफिसर, फार्मासिस्ट, डाटा एन्ट्री ऑपरेटर तथा सपोर्ट स्टॉफ रखे जाने का प्रावधान है। (ख) शासन द्वारा नगर पालिका खरगोन में 06 संजीवनी क्लीनिक की स्वीकृति प्रदान की गई है। मुख्यमंत्री संजीवनी क्लीनिक भवनों का निर्माण कराने हेतु 06 स्थलों का चयन किया गया है। उक्त 06 स्थलों में से 04 स्थलों पर निर्माण कार्य प्रगतिरत है। एक स्थल पर भूमि आवंटन की कार्यवाही प्रचलित है। शेष एक स्थल का चयन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के पत्र क्र. NHM/ 2023/2223 दिनांक 15.02.2023 के द्वारा किया जाकर सर्वेक्षण एवं प्राक्कलन की कार्यवाही प्रचलित है। जी हाँ, नगर पालिका परिषद खरगोन द्वारा आवश्यकतानुसार अन्य विभागों के भवनों का भी उपयोग कलेक्टर द्वारा उपलब्ध कराये जाने पर किया जावेगा।
वाटर हार्वेस्टिंग मद में जमा राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
60. ( क्र. 1170 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भवनों के नक़्शे स्वीकृति के फलस्वरूप विगत 3 वर्षों में नगर पालिका खरगोन में वाटर हार्वेस्टिंग/जल संवर्धन मद की कितनी-कितनी राशि जमा हुई है? (ख) उक्त राशि का कब-कब, क्या-क्या उपयोग किया गया है वर्षवार कार्यवार जानकारी देवें? (ग) नगर पालिका द्वारा उक्त वर्षों में जल संवर्धन हेतु बनाई गई कार्य योजनाओं, उठाए गए कदम, प्राप्त नक्शों के विवरण देवें। (घ) नगर पालिका क्षेत्र में इस हेतु आगामी क्या कार्य योजना है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। उक्त राशि भवन स्वामियों से जलसंवर्धन मद के लिए धरोहर के रूप में जमा कराई जाती है भवन स्वामियों द्वारा रूफ वॉटर हार्वेस्टिंग स्थापित कर मय प्रमाण के साथ निकाय में आवेदन करने के पश्चात् धरोहर राशि वापस की जाती है। (ग) निकाय द्वारा निकाय स्वामित्व के भवनों, शासकीय अस्पताल, पी.जी. कॉलेज भवन, कलेक्टर ऑफिस, पी.एम.ए.वाय. भवनों इस प्रकार कुल 38 स्थानों पर जल संवर्धन हेतु कार्य योजना बनाकर वॉटर हार्वेस्टिंग करवाई गई है एवं निकाय द्वारा शहर में कुल 64 ट्यूबवेल एवं हेण्डपंपों पर भी वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित किये गए हैं। निजी भवनों पर वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम भवन स्वामी द्वारा स्थापित किये जाते हैं, जिसके संबंध में निकाय द्वारा नागरिकों को प्रेरित किया जाता है। निकाय द्वारा अन्य विभागों को भी अपने स्वामित्व के भवनों पर वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित करने हेतु लिखा गया है, प्राप्त नक्शों के विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 'ब' अनुसार है। (घ) निकाय द्वारा निजी भवन स्वामियों को व्यापक रूप से वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित करने हेतु प्रेरित किया जाना एवं अन्य विभागों को भी अपने भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग का कार्य स्वयं अपने स्तर से कराना अथवा निकाय में राशि जमा कराने पर निकाय द्वारा किये जाने हेतु प्रेरित कराना एवं निकाय में जल संवर्धन हेतु धरोहर के रूप में जमा राशि से जल संवर्धन का कार्य निकाय द्वारा किया जाना प्रस्तावित है। भवन स्वामियों के द्वारा वॉटर हार्वेस्टिंग/जलसंवर्धन का कार्य नहीं कराये जाने पर जमा धरोहर राशि से निकाय स्तर पर वॉटर हार्वेस्टिंग/जलसंवर्धन कार्य किया जाना एवं साथ ही शिक्षा विभाग के स्कूल भवन, छात्रावास भवनों में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग/जलसंवर्धन का कार्य कराये जाने की योजना प्रस्तावित है।
लोक निर्माण विभाग द्वारा सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
61. ( क्र. 1171 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन विधानसभा क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग द्वारा विगत 10 वर्षों में कितनी सड़कों का निर्माण कराया गया, सड़कवार सूची देवें। (ख) क्या उक्त सड़कों में किसी सड़क का पुनः निर्माण किया गया है? यदि हाँ, तो विवरण देवें। (ग) उक्त सड़कों की वर्तमान भौतिक स्थिति क्या है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है।
विद्युत समस्याओं की जानकारी
[ऊर्जा]
62. ( क्र. 1190 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय प्रश्नकर्ता विधानसभा क्षेत्र महाराजपुर से वर्ष जनवरी 2019 से आज दिनांक तक क्षेत्रीय विद्युत समस्याओं के कितने पत्र अधीक्षण अभियंता/कार्यपालन अभियंता को प्राप्त हुए है और उन पर क्या कार्यवाही हुई है तथा क्या कार्यवाही होना शेष है? (ख) विद्युत विभाग में आउटसोर्स के माध्यम से कार्यरत कर्मचारियों को एवं संविदा कर्मचारियों को विभागीय संविलियन किये जाने की कोई योजना है? (ग) हरपालपुर वितरण केन्द्र के अंतर्गत कोई फीडर ओवर लोड स्थिति में है, तो ओवर लोड घटाने की क्या योजना प्रस्थापित है? (घ) अलीपुरा से हरपालपुर तक 33 के.व्ही. अतिरिक्त लाईन बिछाएं जाने की क्या कोई योजना है जिससे हरपालपुर क्षेत्र की ओवर लोड समस्या का समाधान हो सके?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र महाराजपुर से वर्ष जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में विभिन्न क्षेत्रीय विद्युत समस्याओं के संबंध में कार्यालय अधीक्षण अभियंता, संचालन/संधारण वृत्त छतरपुर एवं कार्यालय कार्यपालन अभियंता, संचालन/संधारण संभाग छतरपुर एवं खजुराहो को कुल 21 पत्र प्राप्त हुये हैं। उक्त पत्रों में उल्लेखित मांगों/समस्याओं के निराकरण हेतु म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा की गई कार्यवाही/वस्तुस्थिति का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। तथापि विद्युत कंपनियों में कार्यरत संविदा कार्मिक कंपनियों में प्रचलित ''संविदा सेवा (अनुबंध तथा सेवा की शर्तें) संशोधित नियम-2018'' से शासित होते हैं, जिसमें सीधी भर्ती के विज्ञापित पदों में से निर्धारित प्रतिशत पद, संविदा कार्मिकों हेतु आरक्षित रखे जाने का प्रावधान है। उल्लेखनीय है कि विद्युत कंपनियों द्वारा आऊटसोर्स कार्मिकों की भर्ती नहीं की जाती है, अपितु कंपनियों अंतर्गत कार्य की आवश्यकता अनुसार निविदा प्रक्रिया के माध्यम से चयनित बाह्य सेवा प्रदाता फर्म/एजेंसी द्वारा निविदा एवं अनुबंध में वर्णित नियमों एवं शर्तों के तहत निश्चित समय अवधि के लिए आऊटसोर्स कार्मिकों को उपलब्ध कराया जाता है। इस प्रकार आऊटसोर्स कार्मिक विद्युत कंपनी के कार्मिक नहीं होते। (ग) हरपालपुर वितरण केन्द्र के अंतर्गत मात्र एक 33 के.व्ही. फीडर हरपालपुर अतिभारित पाया गया है। उक्त समस्या के निदान हेतु 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेंद्र गरोली से 17.5 कि.मी. की नई उच्चदाब लाईन डालकर 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र अलीपुरा तक इंटरकनेक्शन का कार्य वर्ष 2021-22 की कार्य योजना में स्वीकृत किया गया है, जिसे शीघ्र पूर्ण किये जाने के प्रयास है। (घ) जी हाँ, अलीपुरा से हरपालपुर तक अतिरिक्त 33 के.व्ही. उच्चदाब विद्युत लाईन स्थापित कराये जाने का कार्य केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना अंतर्गत सम्मिलित किया गया है एवं उक्त कार्य हेतु कार्यादेश जारी किया जा चुका है। उक्त कार्य पूर्ण होने के उपरान्त हरपालपुर क्षेत्र में और अधिक गुणवत्ता पूर्ण विद्युत आपूर्ति की जा सकेगी।
गौ-शाला में सौर ऊर्जा प्लान्ट
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
63. ( क्र. 1191 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि म.प्र. शासन की योजना अनुसार प्रत्येक गौ शाला में सौर ऊर्जा प्लान्ट लगाया जाना था, आज दिनांक तक कितनी गौ-शालाओं में सौर ऊर्जा प्लान्ट लगाए गये हैं? जिनकी सूची ग्रामवार देवें। यदि नहीं, तो क्यों नहीं तथा कब तक लगाए जावेंगे?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग के माध्यम से मध्यप्रदेश की 25 गौशालाओं में सोलर पंप संयंत्रों की स्थापना की गई है। छतरपुर जिले की गौशालाओं के नाम, ग्राम व पंचायत का नाम, जिनमें सोलर पंप संयंत्र स्थापित किये गये है कि जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। गौ अभ्यारण अनुसंधान एवं उत्पादन संस्थान, ग्राम व पंचायत-सालरिया में एक सोलर पावर प्लांट स्थापित किया गया है, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
शासकीय महाविद्यालय सोडवा में की गई ख़रीदी
[उच्च शिक्षा]
64. ( क्र. 1193 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय महाविद्यालय सोडवा जिला अलीराजपुर में जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस चीज की खरीदी की गई, सभी के सप्लाई ऑर्डर/मांग पत्र की छायाप्रति देवें। (ख) उक्त खरीदी में कितनी फर्मों का भुगतान नहीं किया गया? क्या कारण है, भुगतान नहीं करने का स्पष्टीकरण सहित जानकारी देवें। कब तक भुगतान किया जावेगा? ऐसी कितनी फर्म हैं जिन्हें सप्लाई ऑर्डर/माँग पत्र देने के बाद भी आज तक समान नहीं भेजा। (ग) उक्त सामग्री क्रय करने में किन-किन नियम शर्तों का पालन किया? छायाप्रति देवें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार की गई क्रय प्रक्रिया में फर्म प्राइम स्पोर्टस, खरगोन तथा वैष्णवी ट्रेडर्स, ग्वालियर का भुगतान नहीं हो सका है। भुगतान नहीं होने का कारण प्रथम दृष्टया भंडार क्रय नियमों का पालन नहीं होना है। भंडार क्रय नियमों का पालन सुनिश्चित होते ही भुगतान किया जाएगा। ऐसी कोई फर्म नहीं है जिन्होंने सामान नहीं भेजा है। (ग) भंडार क्रय एवं उपार्जन नियम 2015 का पालन किया गया। नियम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है।
ग्वालियर शहर में अमृत योजना के तहत कराये गये कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
65. ( क्र. 1195 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरीय क्षेत्र ग्वालियर में अमृत योजना के तहत कितने कार्यों को समय-सीमा में पूर्ण नहीं कराने से संबंधित निर्माण/क्रियान्वयन एजेंसी के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? क्या उनके विरूद्ध कोई दण्डात्मक कार्यवाही की गई अथवा अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया? यदि हां, तो किन-किन के विरूद्ध कितनी राशि का? क्या अधिरोपित जुर्माना राशि वसूल हुई? यदि हां, तो किन-किन से कितनी राशि? (ख) अमृत योजना के तहत कराये गये कार्यों में अनियमितता, दुरूपयोग एवं निम्न स्तर के कार्य होने से कितनी जगह पेयजल लाइन फूटी? उन्हें सुधारने में कितनी राशि व्यय हुई? व्यय का भुगतान किसके द्वारा किया गया? क्या इस हेतु कोई कार्यवाही/जांच करायी गई अथवा जांच कमेटी गठित की गई? यदि हां, तो जांच में क्या अनियमितता पायी गयी? क्या दोषी के विरूद्ध कोई कार्यवाही की गई? यदि हां, तो क्या? जांच रिपोर्ट एवं की गई कार्यवाही की प्रत्येक कार्यवार जानकारी दें। (ग) अमृत योजना फेस-1 के तहत कराये गये कार्यों में जो सड़कें खोदी गई, क्या उन्हें तत्समय ही उसी रूप में मरम्मत कर उपयोगी बनाया गया? यदि हां, तो किसके द्वारा? यदि कार्य नगर निगम द्वारा कराया गया तो किस कारण? उस पर कितनी राशि व्यय हुई? संबंधित ठेकेदार के विरूद्ध कोई वसूली की कार्यवाही की गई? यदि हां, तो किस-किस से एवं कितनी राशि की? क्या मौके पर उक्त सड़कें उपयोगी हैं? प्रत्येक वार्डवार जानकारी दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम, ग्वालियर द्वारा अनुबंध के अनुसार अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया है, विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" अनुसार है। (ख) जी नहीं, अनुबंध के प्रावधानों के अनुसार कार्य की गुणवत्ता सुनिश्चित की गई है। कार्य के ट्रायल रन एवं कमिशनिंग के दौरान परिलक्षित हुये लीकेज इत्यादि की मरम्मत ठेकेदार के द्वारा की गई है और इस हेतु कोई भुगतान नहीं किया गया है। ठेकेदार के द्वारा ही कार्य किया जाना अनुबंध में प्रावधानित है। जांच हेतु कोई कमेटी गठन करने का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता है। अन्य विवरण निरंक है। (ग) कार्य करने के अनुबंध में स्वीकृत दर के मान से रोड रेस्टोरेशन का कार्य अनुबंधित ठेकेदार के द्वारा किया गया है और उसी कार्य का भुगतान ठेकेदार को किया गया है। अनुबंध में रोड रेस्टोरेशन के कार्य का ठेकेदार को भुगतान किये जाने का प्रावधान है। नगर पालिक निगम, ग्वालियर के द्वारा अमृत योजना में निर्धारित मात्रा समाप्त हो जाने के कारण रोड रेस्टोरेशन कराया गया है, विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "ब" अनुसार है। रेस्टोरेशन के बाद सड़कें उपयोगी है, विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "स" अनुसार है।
चंबल नदी से पेयजल आपूर्ति
[नगरीय विकास एवं आवास]
66. ( क्र. 1196 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर शहर में पेयजल आपूर्ति हेतु क्या चंबल नदी से पानी लाने हेतु कोई योजना बनायी गई है? यदि हां, तो इस योजना पर पहली बार कब से कार्यवाही प्रारंभ हुई? (ख) वर्तमान में उक्त योजना के क्रियान्वयन की स्थिति क्या है? इस योजना की कुल लागत कितनी निर्धारित है? क्रियान्वयन की अवधि क्या है? (ग) इस योजना के तहत किस प्रकार के कौन-कौन से कार्य कहां से कहां तक कराया जाना निर्धारित किया है? योजना के पूर्ण होने की अवधि क्या है? (घ) क्या अभी तक कोई राशि आवंटित हुई है? यदि हां, तो कितनी? कितनी राशि किस प्रकार व्यय हुई है? योजना का मूर्त रूप में कब तक क्रियान्वयन कर लिया जाएगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। योजना पर पहली बार वर्ष 2014 कार्यवाही प्रारंभ की गई। (ख) योजना राशि रू. 376.00 करोड़ का तकनीकी अनुमोदन राज्य स्तरीय तकनीकी समिति की बैठक दिनांक 01.12.2022 में किया गया है। राज्य स्तरीय उच्च शक्ति प्राप्त संचालन समिति के समक्ष अनुमोदन हेतु प्रस्तुत किया जा रहा है। योजना के क्रियान्वयन हेतु निविदा प्रपत्र में क्रियान्वयन अवधि 02 वर्ष प्रस्तावित की गई है। (ग) योजना में ग्राम देवरी, मुरैना में सम्पवेल निर्मित कर पम्प के द्वारा चंबल नदी का पानी तथा कोतवार डैम में इंटेकवैल निर्मित कर पम्प के द्वारा पानी मोतीझील ग्वालियर ट्रीटमेंट प्लांट तक लेने हेतु विभिन्न कार्य सम्मिलित हैं। निविदा उपरांत कार्य पूर्ण करने की समय-सीमा 02 वर्ष प्रस्तावित है। कार्य पूर्ण करने की वास्तविक समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नियम विरूद्ध कार्य करने पर कार्यवाही
[लोक निर्माण]
67. ( क्र. 1202 ) श्रीमती कल्पना वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उप संभाग सतना में पदस्थ उपयंत्री ए.के. निगम को हवाई पट्टी के भ्रष्टाचार मामले में निलंबित किया गया था? यदि हां, तो निलंबन आदेश, आरोप पत्र एवं बहाली आदेश की प्रति देवें। क्या बहाली उपरांत संबंधित को नियम विरूद्ध तरीके से 1/9/2021 को उपखंड टाउन एवं कोटर में पदस्थ किया गया एवं मुख्य अभियंता रीवा के आदेश दिनांक 9/9/2021 नियम विरूद्ध आदेश जारी कर दिया गया? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या एक प्रभारी अनुविभागीय अधिकारी को दूसरे अनुभाग के अनुविभागीय अधिकारी का प्रभार देने का अधिकार है? नियमों की प्रति दें तथा जिस अधिकारी का जिस संभाग से निलंबन होता है, उसे उसी संभाग में बहाल कर पदस्थ नहीं किया जा सकता है, क्योंकि विभागीय जांच प्रभावित होती है? यदि हां तो नियम की प्रति देवें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) सत्य हैं, तो मुख्य अभियंता रीवा जिनके द्वारा नियम विरूद्ध पदस्थापना की गई, उक्त उपयंत्री से प्रभार के दौरान कितने बिल किन-किन कार्यों के तैयार कराकर प्रश्न दिनांक तक भुगतान कराये गये हैं? पूर्ण विवरण सहित जानकारी दें। साथ ही नियम विरूद्ध कार्य करने, अनियमित बिल तैयार करनें, जांच प्रभावित करनें आदि के कारण मुख्य अभियंता एवं श्री निगम को कब तक निलंबित कर उच्च स्तरीय जांच करायी जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 2 एवं 3 अनुसार। जी नहीं। दिनांक 01.09.2021 का आदेश अनुविभागीय अधिकारी द्वारा तात्कालिक वैकल्पिक व्यवस्थांतर्गत किया गया, जिसका मुख्य अभियंता, रीवा से दिनांक 09.09.2021 से अनुमोदन भी प्रदाय किया गया है। (ख) जी नहीं। प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। सामान्यत: जिस संभाग से निलंबन हो, उस संभाग में पदस्थ नहीं किया जा सकता, किन्तु ऐसा कोई नियम नहीं है। प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। जी नहीं। चूंकि कोई दोषी नहीं है। अत: निलंबित करने अथवा जांच करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विदयुत समस्याओं का निराकरण
[ऊर्जा]
68. ( क्र. 1204 ) श्रीमती कल्पना वर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या किसानों के पंपों के विद्युतीकरण की किसान अनुदान योजना वर्तमान में बंद है? इसी प्रकार ग्रामों में विद्युत सुविधा उपलब्ध कराने की योजना सौभाग्य योजना भी बंद कर दी गई है? अगर हां, तो बतावें कि वर्तमान में किसानों के पंपों के ऊर्जीकरण एवं विद्युत आपूर्ति विहीन ग्रामों/ बस्तियों में विद्युत आपूर्ति व्यवस्था के लिये कौन-कौन सी योजनायें प्रारंभ हैं? पूर्ण जानकारी शासनादेशों की प्रतियों सहित देवें। (ख) क्या रैगाँव विधानसभा क्षेत्र में विभिन्न वितरण केन्द्रों में विदयुत विभाग के अधिकारियों द्वारा वसूली का कारण बताकर ग्राम चोरबरी, आमा की 2 बस्ती, देवरी, कोले, तवारा आदि गांवों की बिजली 20 दिसंबर, 2022 से कई दिनों तक बंद रखी गई है? यदि हां तो सतना जिले में किन-किन वितरण केन्द्रों में किन-किन गांवों की बिजली कितनी अवधि के लिये कब-कब अवरूद्ध की गई? ऐसा किन नियमों के तहत किया गया? नियमों/आदेशों की प्रति दें। नियम विरूद्ध कार्य के लिये क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) रैगॉंव विधानसभा क्षेत्र में जले/फेल ट्रान्सफार्मरों की जानकारी वितरण केन्द्रवार, ग्रामवार दें। प्रश्न दिनांक तक न बदलने का कारण बताते हुये बतावें कि कब तक इन्हें बदला जायेगा? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार क़ृषकों के हितार्थ किसान अनुदान योजना को पुन: कब तक प्रारंभ किया जावेगा? यदि नहीं, तो कारण सहित बतावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) कृषि पंप कनेक्शनों हेतु कृषकों को अनुदान दिये जाने संबंधी प्रश्नांश में उल्लेखित ''मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पंप कनेक्शन योजना'' की अवधि योजना लागू करते समय दिनांक 31.03.2019 तक निर्धारित थी तथा निर्धारित अवधि पूर्ण होने पर उक्त योजना बंद हुई है। केन्द्र शासन की सौभाग्य योजना के अंतर्गत योजना के प्रावधानों के अनुसार प्रदेश में अविद्युतीकृत घरों के विद्युतीकरण का कार्य दिनांक 22.10.2018 को पूर्ण करने के उपरांत यह योजना बंद हुई है। वर्तमान में आवश्यकतानुसार वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित करके विद्युत अधोसंरचना का विस्तार कर नवीन कृषि पंप कनेक्शन प्रदान करने हेतु ''स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना'' एवं ''जमा योजना'' संचालित है। जिससे संबंधित आदेशों/विनियमों की छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। वर्तमान में प्रदेश में मजरों/टोलों के विद्युतीकरण हेतु केन्द्र/राज्य शासन की कोई भी नवीन योजना प्रचलन में नहीं है। (ख) जी नहीं, अपितु ग्राम चोरबरी, आमा की 2 बस्ती, देवरी, कोले, तवारा आदि ग्रामों का विद्युत प्रदाय, संबंधित 11 के.व्ही. लाईन का तार टूट जाने एवं लाईन के इंसूलेटर पंचर होने के कारण दिनांक 20 दिसम्बर, 2022 को बाधित हुआ था। उक्त लाईन में त्वरित सुधार कार्य उपरान्त दिनांक 20 दिसम्बर, 2022 की मध्य रात्रि में विद्युत प्रदाय पुन: सामान्य कर दिया गया था। सतना जिले के किसी भी वितरण केन्द्र के अन्तर्गत किसी भी ग्राम में विद्युत अद्योसंरचना के रख-रखाव कार्यों एवं आकस्मिक विद्युत व्यवधानों की अवधि को छोड़कर विद्युत प्रदाय बंद/अवरूद्ध नहीं किया गया है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ग) रैगांव विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्तमान में 14 जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदलने हेतु शेष हैं, जिनकी वितरण केन्द्रवार, ग्रामवार प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। उक्त सभी जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण नहीं बदले जा सके हैं। उक्त जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों को उनसे संबद्ध 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा भुगतान करने अथवा कुल बकाया राशि का 10 प्रतिशत जमा होने के उपरान्त पात्रता की श्रेणी में आने के पश्चात् नियमानुसार बदल दिया जावेगा। (घ) प्रश्नांश में उल्लेखित ''मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पंप कनेक्शन योजना'' (पूर्ववर्ती कृषक अनुदान योजना) को पुन: प्रारंभ किये जाने का कोई प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है।
प्राध्यापकों की प्रतिनियुक्ति
[उच्च शिक्षा]
69. ( क्र. 1208 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उच्च शिक्षा विभाग में सहायक प्राध्यापक के कितने पद स्वीकृत है, कितने कार्यरत हैं तथा कितने रिक्त हैं? कितने को अन्य विभाग में प्रतिनियुक्त पर भेजा है? विस्तृत जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के सहायक प्राध्यापकों में से मंडी बोर्ड में किसको कब कितने समय के लिए प्रतिनियुक्त पर भेजा था? जब सहायक प्राध्यापकों की विभाग में कमी है तो इनको प्रतिनियुक्ति पर क्यों भेजा गया? कब तक वापस बुलाया जाएगा? (ग) प्रश्नांश (ख) के सहायक प्राध्यापक अपनी सेवा अवधि में किस-किस विभाग में प्रतिनियुक्ति पर कब से कब तक पदस्थ रहें? (घ) क्या प्रश्नांश (ख) और (ग) के उल्लेखित सहायक प्राध्यापक से पदीय कार्य न कराकर अन्य विभागों में प्रतिनियुक्ति पर जाकर संपत्ति अर्जित की गई? क्या शासन इसकी जांच कराये जाने का आदेश देगा? (ड.) उक्त प्राध्यापक प्रतिनियुक्ति अवधि में जिस जिस विभाग में कार्यरत रहे है उन विभागों में जो शिकायतें हुई हैं उन पर शिकायतवार, कार्यवाहीवार विवरण दें तथा यदि कोई दंड दिया गया हो तो दंडादेश की प्रतियां उपलब्ध करायें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) सहायक प्राध्यापकों के कुल 9981 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 6302 सहायक प्राध्यापक कार्यरत हैं एवं 3679 पद रिक्त हैं। कुल 54 अधिकारी अन्य विभागों में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत हैं। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मंडी बोर्ड में विभाग से कोई भी सहायक प्राध्यापक प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ नहीं है, तथापि संबंधित विभाग की मांग पर डॉ. एस.बी. सिंह, प्राध्यापक को विभाग के आदेश दिनांक 04.01.2021 द्वारा म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड में 02 वर्ष की प्रतिनियुक्ति संयुक्त संचालक के पद पर की गई है। महाविद्यालयीन सेवा भर्ती नियम, 1990 एवं संशोधित भर्ती नियम, 2015 में महाविद्यालयीन स्थापना के कुल स्वीकृत पदों का 05 प्रतिशत प्रतिनियुक्ति पर भेजे जाने का प्रावधान है। डॉ. सिंह के प्रकरण के संबंध में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) डॉ. एस.बी. सिंह, प्राध्यापक पूर्व में नगरीय प्रशासन विभाग में सन् 2000-2006 तक एवं स्कूल शिक्षा विभाग में 2006-2013 तक प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ रहे हैं। (घ) डॉ. एस.बी. सिंह, प्राध्यापक द्वारा 1990 से 2000 एवं 2013 से 2021 तक पदीय कार्य किया गया है। उत्तरांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ड.) प्रश्नांश में चाही गई जानकारी अन्य विभागों से संबंधित होने के कारण संकलित की जा रही है।
संविदा और आउटसोर्स कर्मचारियों का नियमितीकरण
[ऊर्जा]
70. ( क्र. 1209 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में पदस्थ संविदा और आउटसोर्स कर्मचारियों को नियमित किए जाने की सरकार की योजना है? यदि नहीं, तो क्यों? हाँ तो कब तक? (ख) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में द्वितीय, तृतीय, चतुर्थ श्रेणी के अधिकारियों और कर्मचारियों के कितने पद खाली है? कब तक इनकी भर्ती की जाएगी? (ग) क्या म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में कार्यरत संविदा कार्मिको को NPS का लाभ मिल रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? क्या वर्ष 2018 के पहले उन्हे लाभ मिल रहा था?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं। तथापि म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में कार्यरत संविदा कार्मिक कंपनी में प्रचलित ''संविदा सेवा (अनुबंध तथा सेवा की शर्तें) संशोधित नियम-2018'' से शासित होते हैं, जिसमें सीधी भर्ती के विज्ञापित पदों में से निर्धारित प्रतिशत पद, संविदा कार्मिकों की भर्ती हेतु आरक्षित रखे जाने का प्रावधान है। उल्लेखनीय है कि म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा आऊटसोर्स कार्मिकों की भर्ती नहीं की जाती है, अपितु कंपनी अंतर्गत कार्य की आवश्यकता अनुसार निविदा प्रक्रिया के माध्यम से चयनित बाह्य सेवा प्रदाता फर्म/एजेंसी द्वारा, निविदा एवं अनुबंध में वर्णित नियमों एवं शर्तों के तहत निश्चित समय अवधि के लिए आऊटसोर्स कार्मिकों को उपलब्ध कराया जाता है। (ख) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत सीधी भर्ती के द्वितीय श्रेणी के 37, तृतीय श्रेणी के 895 एवं चतुर्थ श्रेणी के 974 पद रिक्त हैं। म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत सीधी भर्ती के रिक्त पदों को भरे जाने की कार्यवाही निर्धारित प्रकिया अनुसार की जा रही है, जिस हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। उत्तरांश (क) में उल्लेखानुसार कंपनी में कार्यरत संविदा कार्मिक ''संविदा सेवा (अनुबंध तथा सेवा की शर्तें) संशोधित नियम-2018'' के अंतर्गत शासित होते है एवं उक्त संविदा सेवा नियम में संविदा कार्मिकों को राष्ट्रीय पेंशन योजना का लाभ दिये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। जी हाँ।
विभिन्न योजनाओं में संचालित धनराशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
71. ( क्र. 1212 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल जिले की समस्त विधान सभाओं में वर्ष 2021-22 से प्रश्न दिनांक तक विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत विकास कार्यों हेतु कितनी-कितनी अतिरिक्त धन राशि उपलब्ध कराई गई? प्रत्येक विधान सभा क्षेत्र अनुसार सूची उपलब्ध करायें। (ख) नगर निगम मुख्यालय निधि से प्रत्येक विधान सभा में कितनी-कितनी राशि उपलब्ध कराई गई एवं कितने विकास कार्य पूर्ण किये गये? सूची उपलब्ध करायें। (ग) वर्तमान वर्ष में कितनी विकास योजनाएं संचालित हैं? उनके तहत प्रत्येक विधान सभा में कितनी-कितनी राशि के कितने-कितने कार्य पूर्ण हो चुके हैं और कितने शेष हैं? सूची उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) भोपाल जिले की विधानसभाओं में नगर निगम भोपाल एवं नगर पालिका बैरसिया में विभिन्न योजनाओं अंतर्गत विकास कार्यों हेतु स्वीकृत धनराशि के अलावा कोई अतिरिक्त धनराशि उपलब्ध नहीं कराई गई है। शेषांश का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ग) नगर निगम भोपाल की अमृत सीवेज योजना अंतर्गत क्रमश: तीन प्रोजेक्ट भोजवेट लेण्ड, शाहपुरा, कोलार के अंतर्गत राशि रूपये 133.96 करोड़, 115.99 करोड़ तथा रूपये 180.09 करोड़ के कार्य पूर्ण हो चुके है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है।
सड़क निर्माण कार्य में अनियमितता
[लोक निर्माण]
72. ( क्र. 1215 ) श्री विनय सक्सेना : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या निर्माणाधीन जबलपुर-मंडला सड़क निर्माण कार्य में ठेकेदार द्वारा गुणवत्ताहीन कार्य किये गये हैं? (ख) विभाग द्वारा उक्त गुणवत्ताहीन सड़क निर्माण के मामले में कब-कब, क्या कार्यवाही की गयी है? (ग) उक्त सड़क के निर्माण कार्य की देखरेख का जिम्मा किन-किन अधिकारियों का था? उनके विरुद्ध विभाग क्या कार्यवाही करेगा? (घ) उपरोक्त सड़क निर्माण की वर्तमान स्थिति क्या है? कहाँ-कहाँ, किस-किस स्थान पर कार्य अपूर्ण हैं? किस-किस स्थान पर उक्त सड़क का निर्माण कार्य गुणवत्ताहीन है? कितने स्थानों में जर्क अथवा दरारें हैं? इस संबंध में ठेकदार व अधिकारियों के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गयी है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) कुछ स्थानों पर मापदण्ड अनुसार कार्य नहीं है। (ख) कार्य गुणवत्तापूर्वक किया गया है, परन्तु कुछ स्थानों पर सुधार की आवश्यकता पाई गई, इसके लिए ठेकेदार के चल देयको से समुचित राशि रोकी गई है। इसके अतिरिक्त भारत सरकार सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा नियुक्त प्राधिकारी अभियंता (अथोरिटी इंजीनियर) द्वारा यथा समय 55 एन.सी.आर. जारी किये गये है, अंतिम कार्यवाही के रूप में दिनांक 24.01.2023 को संबंधित अनुबंध सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की अनुमति से निरस्त कर दिया गया है। (ग) भारत सरकार सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा कार्य के पर्यवेक्षण एवं गुणवत्ता नियंत्रण हेतु प्राधिकारी अभियंता (अथोरिटी इंजीनियर) मेसर्स थीम इंजीनिरिंग, सर्विसेस प्रा.लि. जयपुर को नियुक्त किया गया है, जिनकी देख-रेख में कार्य किया गया है। निगम द्वारा कंसलटेंट को संसपेशन नोटिस जारी किया है। म.प्र. सड़क विकास निगम के संभागीय कार्यालय जबलपुर के अंतर्गत तत्कालीन परियोजना प्रबंधक एवं संभागीय प्रबंधक तथा मुख्यालय कार्यालय भोपाल में महाप्रबंधक एवं मुख्य अभियंता (बीओटी) द्वारा भी सतत रूप से कार्य की प्रगति एवं गुणवत्ता की समीक्षा की जाती रही है। उक्त के आलोक में किसी अधिकारी पर कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता है। (घ) वर्तमान में कार्य लगभग 89.88% पूर्ण हो चुका है। मार्ग परियोजना के चैनेज 50+560.पर व्ही.यू.पी. के एप्रोचेस तथा सर्विस रोड एवं संपूर्ण मार्ग में रोड फर्नीचर तथा प्रोटेक्शन वर्क इत्यादि का कार्य शेष है। मार्ग पर कार्य कहीं भी गुणवत्ताहीन नहीं है तथापि अनेक स्थानों पर किये गये कार्य में वांछित सुधार की आवश्यकता है। मार्ग पर 53 जगहों पर जर्क है तथा 1806 नग सीमेंट क्रांक्रीट पैनलों में दरारें (क्रेक्स) है। किसी भी अधिकारी पर कार्यवाही का प्रश्न नहीं उठता है। ठेकेदार पर अंतिम कार्यवाही करते हुए दिनांक 24.01.2023 को अनुबंध निरस्त कर दिया गया है एवं ठेकेदार को राशि रू. 85.42 करोड की वसूली हेतु पत्र जारी किया गया है।
अवक्षयण (डेप्रिसिएशन) का लाभ दिया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
73. ( क्र. 1218 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. गृह/निर्माण मण्डल के प्रोजेक्ट शिवाजी परिसर, नेहरू नगर भोपाल के भवन क्रमांक एम.एफ. 40 का अनुमानित मूल्य रू. 2108000/- आवंटिती से दिनांक 31.03.2017 तक जमा कराये गये थे? (ख) प्रश्नांकित राशि जमा होने के पश्चात भवन का आवंटन आदेश कितने दिनों में मदवार विवरण के साथ जारी होना चाहिए? भवन का आवंटन आदेश क्रमांक 5016 दिनांक 07.12.2019 जारी किया गया था? यदि हाँ, तो तीन वर्ष बाद क्यों जारी किया गया है? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) सही है तो मंडल द्वारा आवंटित भवनों की अवक्षयण राशि (डेप्रिसिएशन) निर्धारित करने हेतु कलेक्टर भोपाल की गाईड लाईन अनुसार अवक्षयण गणना की जाने हेतु निर्धारित किया गया था? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक आवंटित व्यक्ति को अवक्षयण का लाभ देते हुये सही आवंटन आदेश कब तक जारी कर दिया जावेगा? यदि नहीं, तो कारण बतावें। (घ) परिपत्र क्रमांक 03/18 दिनांक 19.02.2018 के अनुसार मंडल कार्मिकों को भाटकीय आधार पर आवंटित भवन से एकमुश्त आधार पर विक्रय का लाभ प्राप्त करने हेतु योजना की अवधि दिनांक 31.12.2018 तक बढ़ाई गई थी के अनुसार भवन का मूल्य निर्धारण क्यों नहीं किया गया? (ड.) क्या 20 वर्ष से अधिक पुराने भवन होने के कारण कलेक्टर गाईड लाईन के अनुरूप 15 प्रतिशत अवक्षयण स्वीकृत किया जाता है? यदि हाँ, तो प्रभावित व्यक्ति द्वारा बार-बार निवेदन किये जाने के बाद भी प्रश्न दिनांक तक प्रकरण का निराकरण क्यों नहीं किया गया? किया जावेगा तो कब तक नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) ऑफर अनुसार सहमति एवं राशि जमा होने पर अंतिम मूल्य निर्धारण एवं समस्त औपचारिकताएं पूर्ण करने पर जमा राशि एवं शेष राशि मदवार के विवरण के साथ आवंटन आदेश जारी किया जाता है। चूंकि भवन का अनुमानित मूल्य आवंटी द्वारा जमा कर दिया गया था एवं वे पूर्व से भवन में निवासरत थे भवन के अंतिम मूल्य निर्धारण के संबंध में वृत्त स्तरीय मूल्य निर्धारण समिति की बैठक दिनांक 01.11.2019 को आयोजित हुई। समिति द्वारा अनुमोदित मूल्य अनुसार दिनांक 07.12.2019 को (लगभग 32 माह बाद) आवंटन आदेश जारी किये गये हैं। (ग) जी हाँ। भवन का ऑफर पत्र मण्डल के परिपत्र क्र. 1, दिनांक 07.01.2017 के प्रावधान के तहत जारी किया गया था। यह परिपत्र दिनांक 31 मार्च, 2017 को समाप्त हो गया था। तत्समय कलेक्टर गाईड लाईन के उपबंध में प्रावधान था कि 20 वर्ष से अधिक पुरानी संपत्ति पर 10 प्रतिशत अवयक्षण दिया जाये एवं प्रथम तल के भवन हेतु भवन के मूल्य में 5 प्रतिशत छूट का लाभ दिया जावे। चूंकि ऑफर पत्र के समय भवन 19 वर्ष 3 माह पुराना था, इस कारण 10 प्रतिशत अवयक्षण की पात्रता आवंटी को नहीं थी। प्रथम तल हेतु भवन के मूल्य में 5 प्रतिशत छूट के प्रावधान के तहत छूट का लाभ आवंटी को दिया गया, जो नियमानुसार सही है, संशोधन की आवश्यकता नहीं है, गणना पत्रक की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट पर है। (घ) आवंटी को मण्डल परिपत्र क्र. 1/2017 दिनांक 07.01.2017 के अनुसार ऑफर दिया गया था। तदनुसार ही आवंटी ऑफर मूल्य से सहमत होकर द्वारा राशि जमा की गई थी। इस कारण परिपत्र क्र0 03/2018, दिनांक 19.02.2018 के अनुसार मूल्य निर्धारण नहीं किया जा सकता। (ड.) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मण्डला जिला अंतर्गत निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
74. ( क्र. 1221 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक मण्डला जिला के विकासखंड घुघरी, बिछिया व मवई में सड़क निर्माण, भवन निर्माण व सेतु निर्माण के कौन-कौन से कार्य कब-कब व कितनी-कितनी लागत से करवाये गए हैं? विकासखंडवार कार्य का नाम, लागत राशि, स्वीकृति दिनांक, पूर्णता/अपूर्णता की स्थिति सहित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाएं। उपरोक्त में से कौन-कौन से कार्य निर्धारित समय अवधि में पूर्ण नहीं हो सकें हैं? पूर्ण न होने के क्या कारण हैं और कब तक पूर्ण करा लिए जाएंगे। (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक लोक निर्माण विभाग को विधानसभा क्षेत्र बिछिया में किन-किन विकास कार्यों को कराये जाने हेतु पत्र भेजे गए? पत्रों की प्रतियां उपलब्ध कराएं। इनमें से किन-किन विकास कार्यों के लिए शासन को प्रस्ताव भेजे गये? (ग) इनमें से किन-किन विकास कार्यों के लिए शासन से स्वीकृति मिली है? जिन विकास कार्यों के लिए स्वीकृति नहीं मिली है उनका विवरण तथा अस्वीकृति का कारण बताएं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब एवं 'ब-1' अनुसार है। पत्रों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ग) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब एवं 'ब-1' अनुसार है।
विधानसभा क्षेत्र बिछिया में किये गए कार्य
[ऊर्जा]
75. ( क्र. 1222 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र बिछिया में विभाग द्वारा 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र, 33 के.व्ही. लाईन, 11 के.व्ही. लाईन एवं परिणामित्र स्थापना के किये गए कार्यों की जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) बिछिया संचालन संधारण संभाग अंतर्गत ग्राम खलौड़ी में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेंद्र निर्माण हेतु वर्ष 2021 में वन विभाग को अनुमति हेतु प्रेषित आवेदन में वन विभाग द्वारा अब तक क्या कार्यवाही की गई है? इस संबंध में वन विभाग से कब-कब पत्राचार किया गया एवं वन विभाग द्वारा उनका क्या जवाब दिया गया? क्या उक्त केंद्र में जिस क्षेत्र को लाभ मिलेगा वह नक्सल प्रभावित क्षेत्र है एवं वहां विद्युत की समस्या बनी रहती है? यदि हाँ, तो क्या विभाग के प्रमुख सचिव इस संबंध में वन विभाग के प्रमुख सचिव से शीघ्र अनुमति प्रदाय करवाने हेतु कोई कार्यवाही करेंगे? (ग) क्या दिनांक 27.12.2022 को ग्राम सिमैया के भागपुर टोला के ग्रामीण विद्युतीकरण की मांग लेकर जन सुनवाई में पहुंचे थे? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा इस समस्या के समाधान हेतु क्या कार्यवाही की गई? प्रश्नकर्ता द्वारा सदन दिनांक 11.03.2022 को पूछे गए तारांकित प्रश्न क्रमांक 1727 के उत्तर में विभाग द्वारा उक्त टोला के 35 में से 30 घर सौर ऊर्जा से विद्युतीकरण होना बताया गया था? यदि हाँ, तो क्या दिनांक 27.12.2022 को जनसुनवाई में पहुंचे ग्रामीणों ने झूठी समस्या बताई थी? क्या विभाग द्वारा सदन को गुमराह करने वाला उत्तर दिया था? यदि हाँ, तो इसके लिए किसके विरुद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) माह जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में विधानसभा क्षेत्र बिछिया अंतर्गत प्रश्नांश में उल्लेखित विद्युत अधोसंरचना की स्थापना के किये गए कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) बिछिया संचालन-संधारण संभाग के अंतर्गत ग्राम खलौडी में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र के निर्माण के लिये वन विभाग से अनुमति हेतु कार्यपालन अभियंता (संचा.-सधा.) बिछिया द्वारा दिनांक 17.12.2021, दिनांक 10.06.2022, दिनांक 24.08.2022, दिनांक 19.09.2022 एवं दिनांक 23.11.2022 को पत्र लिखे गए हैं तथा अनुमति प्राप्त करने हेतु व्यक्तिगत रूप से भी संपर्क किया गया है। उक्त प्रयासों के तारतम्य में वन विभाग द्वारा दिनांक 03.06.2022 को आवेदित क्षेत्र का निरीक्षण करने के उपरांत मुख्य वन संरक्षक एवं क्षेत्र संचालक, कान्हा टाईगर रिजर्व, मण्डला के पत्र क्रमांक-530, दिनांक 06.02.2023 से अनुशंसा सहित उक्त प्रस्ताव स्वीकृति हेतु प्रधान मुख्य वन संरक्षक (भू-प्रबंध) सतपुड़ा भवन, भोपाल को प्रेषित किया गया है, उक्त पत्र दिनांक 06.02.2023 की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। जी हाँ, ग्राम खलौड़ी एवं उसके आसपास का क्षेत्र आरक्षित सघन वनक्षेत्र से घिरा है एवं उक्त क्षेत्र को विद्युत प्रदाय करने वाला 11 के.व्ही. फीडर सघन वन क्षेत्र से गुजरने के कारण कतिपय अवसरों पर उक्त क्षेत्र में विद्युत व्यवधान की समस्या रहती है। उक्त समस्या के समाधान हेतु ग्राम खलौड़ी में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेंद्र स्वीकृत किया गया है, जिसके शीघ्र निर्माण हेतु वन विभाग से अनुमति प्राप्त करने के लिए हर सक्षम स्तर से लगातार प्रयास किये जा रहे हैं/किये जावेगें। (ग) जी हां, दिनांक 27.12.2022 को ग्राम सिमैया के भागपुर टोला के रहवासी सघन वन क्षेत्र में स्थित एवं पूर्व से सौर ऊर्जा से विद्युतीकृत उक्त टोले का विद्युतीकरण लाईन विस्तार कर करने की मांग को लेकर कलेक्टर जन सुनवाई में पहुंचे थे। कार्यपालन अभियंता (संचा.- संधा.), बिछिया द्वारा उक्त टोले को ग्रिड से विद्युतीकृत करने हेतु भौतिक सर्वे कराया गया है। उक्त सर्वे के अनुसार उक्त टोले के विद्युतीकरण हेतु 1.2 कि.मी. 11 के.व्ही उच्चदाब केबिल पर लाईन विस्तार, 02 नग 25 के.व्ही.ए. क्षमता के वितरण ट्रांसफार्मर एवं 0.7 कि.मी. निम्नदाब लाईन की आवश्यकता होगी एवं उक्त कार्य की अनुमानित लागत राशि लगभग रूपए 26.85 लाख होगी। उल्लेखनीय है कि उक्त टोला कान्हा नेशनल राष्ट्रीय उद्यान से लगा हुआ है एवं वन क्षेत्र में होने के कारण लाईन विस्तार हेतु वन विभाग से अनुमति भी लेना होगी। वर्तमान में मजरों/टोलो/बसाहटों के विद्युतीकरण हेतु केन्द्र/राज्य शासन की कोई भी योजना संचालित नहीं होने के कारण उक्त टोले का ग्रिड से विद्युतीकरण कराया जाना संभव नहीं है। जी हाँ, माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के तारांकित प्रश्न क्रमांक-1727, दिनांक 11.03.2022 के उत्तर में भागपुर टोला के घरों का सौर ऊर्जा से विद्युतीकृत होने का लेख किया गया है एवं उक्त टोले के ग्रामीणों द्वारा दिनांक 27.12.2022 की जन सुनवाई में भागपुर टोला में विद्युत लाईन विस्तार करने की मांग की गयी है। जी नहीं, विभाग द्वारा सही जानकारी दी गई है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
अपात्र हितग्राहियों को लाभ देना
[नगरीय विकास एवं आवास]
76. ( क्र. 1229 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र 810 दिनांक 28.12.2022 के माध्यम से आयुक्त नगरीय प्रशासन विकास विभाग भोपाल एवं कलेक्टर विदिशा एवं मुख्य नगर पालिका परिषद अधिकारी सिरोंज को सिरोंज नगर पालिका सीमा क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत अपात्र लोगों को लाभ दिये जाने एवं पात्र हितग्राहियों के नाम छोड़े जाने के संबंध में जांच की मांग की थी? (ख) यदि प्रश्नांश (क) क्रम में हाँ तो क्या जांच कमेटी गठित कर दोषी अधिकारी कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? क्या शासन उक्त संबंध में शीघ्र ही कार्यवाही कर पात्र हितग्राहियों के नाम सर्वें सूची में जोड़े जाने के संबंध में एवं पात्र हितग्राहियों का आवास का लाभ दिये जाने एवं उक्त अनियमितताओं के संबंध में दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही हेतु निर्देश देगा? हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हां। (ख) संभागीय संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास संभाग भोपाल म.प्र. को जांच हेतु निर्देशित किया गया है। जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर योजना के प्रावधान अनुसार तथा नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
विद्युत बिलों की वसूली
[ऊर्जा]
77. ( क्र. 1231 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिला अंतर्गत सभी प्रकार के विद्युत उपभाक्ताओं को प्रतिवर्ष प्रतिमाह कितने विद्युत बिल भुगतान हेतु दिये जाते है? (ख) क्या शहर विदिशा सहित जिले में विद्युत उपभोक्ताओं को एक ही कनेक्शन पर माह में दो बिल दिये जा रहे हैं? यदि हां तो ऐसे कितने उपभोक्ताओं को एक माह में दो बिल प्रदान किये गये नामवार जानकारी दें? वसूली गई राशि की भी जानकारी उपभोक्तावार दें। (ग) क्या उपभोक्ताओं से एफ.सी.ए. चार्ज फरवरी 2021 से लगाया जा रहा है? जबकि उक्त चार्ज टेरिफ में नहीं है? चार्ज वसूले जाने की जानकारी कारण सहित दें। (घ) क्या शासन प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के क्रम में वसूली गई राशि उपभोक्ताओं को वापिस किये जाने के निर्देश देगा? यदि हां तो कब तक? नहीं तो क्यों एवं नियम विरूद्ध राशि वसूले जाने के लिये दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करेगा? यदि हां तो कब तक? नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्नाधीन क्षेत्र में फ्लैट रेट कृषि विद्युत उपभोक्ताओं के अतिरिक्त अन्य विद्युत उपभोक्ताओं को प्रतिमाह मासिक बिलिंग-चक्र अनुसार एक विद्युत देयक भुगतान हेतु प्रदाय किया जाता है एवं फ्लेट रेट कृषि उपभोक्ताओं को छ: माही विद्युत देयक भुगतान हेतु प्रदाय किये जाते है। (ख) जी नहीं। विदिशा जिले में फ्लैट रेट कृषि विद्युत उपभोक्ताओं के अतिरिक्त अन्य विद्युत उपभोक्ताओं को मासिक बिलिंग-चक्र अनुसार प्रतिमाह एक विद्युत देयक भुगतान हेतु प्रदाय किया जा रहा है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ग) जी नहीं, अपितु पूर्व से ही विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 62 (4) के प्रावधानों के अंतर्गत ईंधन की लागत में वृद्धि या कमी के कारण उपभोक्ता से वसूली/समायोजन का प्रावधान है, अत: म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा प्रत्येक त्रैमास में जारी परिपत्र अनुसार उक्त वैधानिक प्रावधानों के अंतर्गत आंकलित ईधन की लागत की उपभोक्ता के त्रैमासिक बिलों में वसूली/समयोजन किया जाता है, जो कि नियमानुसार सही है। (घ) उत्तरांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में एफ.सी.ए. चार्ज की वसूली नियमानुसार वैधानिक प्रावधानों के अंतर्गत की गई है, अत: वसूली गई राशि उपभोक्ताओं को वापस करने, नियमानुसार की जा रही उक्त कार्यवाही के परिप्रेक्ष्य में किसी अधिकारी के दोषी होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न नहीं उठता है।
पर्यावरण सुधार हेतु वृक्षारोपण योजना
[पर्यावरण]
78. ( क्र. 1235 ) श्री सुनील उईके : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जुन्नारदेव एवं दमुआ नगर पालिका कोल फील्ड क्षेत्र में नगर पालिका क्षेत्र में बहने वाले नालों के जीर्णोद्धार के लिए क्या ईफको से योजना स्वीकृत की जायेगी एवं नालो के दोनों ओर नाला सुदृढ़ीकरण हेतु पक्की दीवाल बनाकर नालों को सुधारा जायेगा एवं नालो के दोनों सुधार एवं फलदार वृक्षों का रोपण किया जायेगा? यदि हां तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या इफको योजना से जुन्नारदेव एवं दमुआ नगर पालिका कोल फील्ड क्षेत्र में नगर पालिका क्षेत्र में तालाबों के सौंदर्यीकरण का कार्य किया जायेगा? यदि हां तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) पर्यावरण सुधार हेतु विधानसभा क्षेत्र जुन्नारदेव में सड़कों के दोनों ओर एवं खाली रिक्त स्थानों पर पर्यावरण पार्कों की स्थापना हेतु कोई योजना प्रस्तावित है? यदि है तो कब तक की जावेगी? यदि नहीं, तो कब तक होगी?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) ऐसी कोई योजना स्वीकृत नहीं है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निर्माण कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
79. ( क्र. 1236 ) श्री सुनील उईके : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में जुन्नारदेव विधानसभा में किन-किन सड़कों में निर्माण कार्य चल रहे हैं एवं इस वित्तीय वर्ष 2022-23 में कहॉ कहॉ, किस किस योजना से नई सड़कें प्रस्तावित हैं? (ख) जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र में पुरानी डामरीकृत सड़क जो क्षतिग्रस्त हुई है उनके उन्नयन कार्य की कोई कार्ययोजना है? इस वित्तीय वर्ष 2022-23 अंतर्गत किस मार्ग एवं भवन निर्माण पर अनुबंध किया गया है? अनुबंधित राशि एवं आज दिनांक तक व्यय की गई राशि की जानकारी उपलब्ध कराने का कष्ट करें। (ग) विधानसभा क्षेत्र जुन्नारदेव अंतर्गत क्षतिग्रस्त पुल पुलियों के सुधार एवं नवीन पुल पुलियों के निर्माण के लिये कोई कार्य योजना प्रस्तावित है? यदि हां तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) उन्नयन कार्य योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'अ-1' एवं वर्ष 2022-23 के अंतर्गत अनुबंध की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब एवं 'ब-1' अनुसार है। (ग) वर्तमान में नवीन पुल निर्माण की कोई कार्य योजना प्रस्तावित नहीं है। क्षतिग्रस्त पुलियों की आवश्यकतानुसार मरम्मत की जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-1' अनुसार है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जर्जर शासकीय आवास
[लोक निर्माण]
80. ( क्र. 1241 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकारी आवासों में मरम्मत के नाम पर करोड़ों सालाना खर्च होने के बाद भी बहुत से मकान जर्जर अवस्था में हैं? (ख) तुलसी नगर, शिवाजी नगर, 1100 क्वाटर्स सहित पुराने भोपाल के शासकीय आवास बदहाल हो चुके हैं, बारिश के दिनों में मकानों में करन्ट का खतरा बना रहता है। रख-रखाव न होने के कारण अधिकारी/कर्मचारियों को परेशानी का सामना उठाना पड़ रहा है। इस समस्या के लिये दोषी अधिकारियों पर अब तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) भोपाल में ऐसे कौन-कौन से अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ हैं, जिनकी सेवा का अधिकांश समय (10 वर्ष से अधिक) भोपाल में व्यतीत हो गया है? उनके नाम व पद सहित यह अवगत करावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं, समय-समय पर रख-रखाव किये जाने से परेशानी का सामना नहीं उठाना पड़ रहा है। कोई दोषी नहीं है। (ग) अधिकारियों/कर्मचारियों के नाम एवं पदनाम सहित (10 वर्ष से अधिक) की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है।
हाउसिंग बोर्ड द्वारा आवास आवंटन
[नगरीय विकास एवं आवास]
81. ( क्र. 1242 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगरीय विकास एवं आवास विभागान्तर्गत हाउसिंग बोर्ड के माध्यम से गरीब व कम आय वर्ग के लोगों को बिना मुनाफे के आवास उपलब्ध कराने के उद्देश्य से स्थापना की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या वर्तमान समय में हाउसिंग बोर्ड अपने उद्देश्य को दरकिनार कर बाजार मूल्य पर तथा दबाव के चलते राजपत्रित एवं प्रशासनिक अधिकारियों को आवास आवंटित किए जा रहे हैं? (ग) यदि नहीं, तो यह अवगत करावें कि तुलसी टावर-2 भोपाल का जो निर्माण कार्य चल रहा है उसमें कुछ फ्लेट्स बुक/आवंटन करने हेतु नौकरशाहों का दबाव आवंटन अधिकारियों पर आ रहा है? यदि नहीं, तो आवंटन किन-किन लोगों को किस नीति के तहत किया जा रहा है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) म.प्र. गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल के उद्देश्य संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) जी नहीं। आवंटन मण्डल नियमावली के अनुसार ही किया जाना संभव है।
महाविद्यालय विकास कार्यों की स्वीकृति
[उच्च शिक्षा]
82. ( क्र. 1247 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1261 दिनांक 22.12.2022 के उत्तर अनुसार शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय नरसिंहगढ़ के महाविद्यालय भवन के जीर्णोद्धार, ऑडिटोरियम भवन, प्रयोगशाला भवन तथा छात्रावास निर्माण कार्य हेतु लोक निर्माण विभाग से प्राक्कलन एवं तकनीकी स्वीकृति चाही गयी है? (ख) प्राक्कलन एवं तकनीकी स्वीकृति विभाग को प्राप्त होने के पश्चात विभाग स्तर से आगामी कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ, तो क्या प्रश्न दिनांक तक संबंधित कार्यों के प्राक्कलन तथा तकनीकी स्वीकृति विभाग को प्राप्त हो चुकी हैं? यदि हाँ, तो उक्त निर्माण कार्यों की स्वीकृति के संबंध में अद्यतन स्थिति क्या हैं? (ग) यदि नहीं, तो विभाग द्वारा लोक निर्माण विभाग को उक्त संबंध में प्रेषित पत्रों की प्रति उपलब्ध करावें?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हां। (ख) जी हां। जी नहीं, महाविद्यालय भवन के जीर्णोद्धार, ऑडिटोरियम भवन, प्रयोगशाला भवन तथा छात्रावास निर्माण हेतु लोक निर्माण विभाग से प्राक्कलन एवं तकनीकी स्वीकृति प्राप्त नहीं हुई है। जानकारी प्राप्त होने के पश्चात बजट की उपलब्धता अनुसार कार्यवाही की जाएगी। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
प्रधानमंत्री आवास योजना का क्रियान्वयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
83. ( क्र. 1249 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत नगर पालिका निगम इंदौर एवं भोपाल के अन्तर्गत कौन-कौन से प्रोजेक्ट बनाये गये एवं बनाया जाना प्रस्तावित है? (ख) उक्त योजनाओं के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डी.पी.आर.) बनाने के लिए निविदा कब-कब, किन-किन शर्तों पर बुलाई गई थी? (ग) डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने के लिए बुलाई गई निविदाओं को राज्य शासन की अनुमति और निविदा स्वीकृति पश्चात किन-किन कन्सल्टेंटों को कार्यादेश जारी किया गया था? (घ) कार्यादेश के पश्चात किन-किन कन्सल्टेंटों के द्वारा विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन कब जमा कराई गई थी और उसका कितना-कितना भुगतान विभाग के द्वारा किया गया है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) निविदा स्वीकृति एवं कार्यादेश जारी करने की कार्यवाही सबंधित नगरीय निकायो द्वारा की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है।
आवंटित बंगलों की साज-सज्जा पर व्यय
[लोक निर्माण]
84. ( क्र. 1251 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 अप्रैल, 2020 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में राजधानी भोपाल में माननीय मुख्यमंत्रीजी एवं मंत्रिगणों को आवंटित किन-किन शासकीय आवास गृहों के रख-रखाव मरम्मत, रंग रोगन, साज सज्जा एवं अतिरिक्त निर्माण कार्यों एवं विद्युत देयकों एवं नलों के बिलों पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? (ख) राज्य के किन-किन मंत्रिगणों को उनके गृह जिलों में लोक निर्माण विभाग के आवंटित शासकीय आवास गृहों में उक्त अवधि में रख-रखाव मरम्मत, रंग रोगन, साज सज्जा एवं अतिरिक्त निर्माण कार्यों एवं विद्युत देयकों एवं नलों के बिलों पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) सिविल कार्य संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'अ-1' एवं विदयुत कार्य संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) सिविल कार्य संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स एवं विदयुत कार्य संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है।
तकनीकी स्वीकृति सहित प्रस्ताव प्रेषित करना
[लोक निर्माण]
85. ( क्र. 1252 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उच्च शिक्षा विभाग द्वारा राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के भवन जीर्णोद्धार, ऑडिटोरियम भवन, प्रयोगशाला भवन तथा छात्रावास निर्माण कार्य के प्राक्कलन एवं तकनीकी स्वीकृति तथा संस्कृति संचालनालय मध्यप्रदेश द्वारा शासकीय संगीत महाविद्यालय नरसिंहगढ़ के भवन निर्माण हेतु निर्धारित परिशिष्टों में जानकारी, तकनीकी स्वीकृति सहित प्राक्कलन लोक निर्माण विभाग पी.आई.यू. राजगढ़ से चाहे गये थे? यदि हाँ, तो क्या प्रश्न दिनांक तक वांछित प्राक्कलन व तकनीकी स्वीकृति सहित प्रस्ताव संबंधित विभागों को प्रेषित कर दिये गये हैं? यदि हाँ, तो संबंधित पत्रों की छायाप्रति देवें? यदि नहीं, तो उक्त संबंध में क्या कार्यवाही किस स्तर पर कब से किन कारणों से लंबित हैं? (ख) उपरोक्तानुसार क्या विभाग छात्र-छात्राओं के हित से जुड़े हुये उक्त प्रस्तावों को प्राक्कलन एवं तकनीकी स्वीकृति सहित संबंधित विभागों को प्रेषित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। राजगढ़ जिले के विधान सभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय भवन नरसिंहगढ़ जो कि स्टेट टाईम का वर्ष 1910 का निर्मित होकर अर्जुन महल के नाम से जाना जाता है, उक्त भवन अधिक क्षतिग्रस्त होने से तथा भवन पुस्तिका पर डेन्जरस अंकित होने के कारण उक्त भवन का जीर्णोद्धार कार्य का प्राक्कलन तैयार किया जाना संभव नहीं होने के कारण प्राक्कलन तैयार नहीं किया जा सका। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
महाविद्यालय झारड़ा का भवन निर्माण
[उच्च शिक्षा]
86. ( क्र. 1259 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर वि.स. क्षेत्र के महाविद्यालय झारड़ा का भवन कब स्वीकृत हुआ? (ख) क्या कारण है कि इसका निर्माण अभी तक प्रारंभ नहीं हुआ? (ग) इसका निर्माण कब तक प्रारंभ होकर पूर्ण होगा? (घ) इसके निर्माण में विलंब के दोषी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विभागीय आदेश दिनांक 06-10-2021 के द्वारा शासकीय महाविद्यालय, झारड़ा के नवीन भवन निर्माण हेतु राशि रूपये 434.78 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। (ख) महाविद्यालय के नवीन भवन निर्माण हेतु निर्धारित निर्माण एजेंसी द्वारा निविदा की प्रक्रिया पूर्ण करते हुए नियमानुसार आगामी कार्यवाही की जा रही है। (ग) जानकारी उत्तरांश (ख) अनुसार है। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
महाविद्यालयों का निर्माण कार्य
[उच्च शिक्षा]
87. ( क्र. 1265 ) श्री सुनील सराफ : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोतमा विधानसभा क्षेत्र के डिग्री कॉलेज कोतमा, बिजुरी एवं राजनगर में दिनांक 01.01.2019 से 31.01.2023 तक कितनी राशि के निर्माण कार्य किये गये एवं किस मद में क्या-क्या राशि व्यय की गई की जानकारी कॉलेजवार, मदवार, निर्माण कार्य नाम प्रत्येक कार्य की राशि सहित तीनों कॉलेजों के संदर्भ में पृथक-पृथक बतावें। किये गये भुगतान की जानकारी फर्मवार/व्यक्तिवार, भुगतान राशि, टी.डी.एस. कटौत्रा राशि सहित बतावें। (ख) उपरोक्त अवधि में इन तीनों कॉलेजों को विद्यार्थियों से कितनी राशि प्राप्त हुई एवं शासन से कितनी राशि प्राप्त हुई? वर्षवार, कॉलेजवार बतावें। वर्ष 2019-20, 2020-21 एवं 2021-22 की ऑडिट रिपोर्ट की प्रमाणित प्रति कॉलेजवार देवें। (ग) यदि टी.डी.एस. नहीं काटा गया है एवं निर्माण कार्य अपूर्ण है, तो इसके जिम्मेदार किन अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार ही है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
बिजुरी नगर पालिका परिषद् में जल प्रदाय
[नगरीय विकास एवं आवास]
88. ( क्र. 1266 ) श्री सुनील सराफ : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बिजुरी नगर पालिका क्षेत्र में केवई नदी से वॉटर सप्लाई की संपूर्ण शहरी नल-जल योजना की जानकारी देवें। (ख) वर्ष 2019-20 में डोला के स्थान पर केवई नदी से बिजुरी नगर में जल प्रदाय हेतु जो प्रस्ताव तैयार किया गया था, उसकी अद्यतन स्थिति देवें। क्या इस संबंध में स्वीकृति प्रदान कर टेंडर प्रक्रिया पूर्ण कर कार्य प्रारंभ हो चुका है? यदि नहीं, तो इस विलंब का कारण बतावें। (ग) कब तक उपरोक्तानुसार कार्य पूर्ण होकर बिजुरी नगर में जल प्रदाय प्रारंभ कर दिया जायेगा? (घ) इस जनहितैशी योजना को विलंबित रखने वाले अधिकारियों के नाम, पदनाम देकर बतावें कि इसके लिये उन पर कब तक कार्यवाही की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) बिजुरी नगर पालिका क्षेत्र में केवई नदी से जल प्रदाय नहीं किया जाता है। (ख) नगर पालिका परिषद बिजुरी द्वारा डोला के स्थान पर केवई नदी से बिजुरी नगर जल प्रदाय हेतु प्रस्ताव तैयार किया गया है, प्रशासकीय स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। जी नहीं। जलस्त्रोत में परिवर्तन के कारण विलम्ब हुआ है। स्वीकृति उपरांत निविदा की कार्यवाही की जायेगी। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (घ) पेयजल स्त्रोत में परिवर्तन होने के कारण विलम्ब हुआ है। कोई अधिकारी/पदाधिकारी दोषी नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बीओटी के तहत निर्मित 57 सड़कों पर टोल राशि की वसूली
[लोक निर्माण]
89. ( क्र. 1271 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम का वर्ष 2018-19 से 2021-22 तक की लाभ/हानि टैक्स के पहले तथा टैक्स के बाद की बताएं। उपरोक्त वर्ष के 31 मार्च को बैंकों में कितनी सावधि जमा थी और कितनी राशि कहां निवेश की गई थी? उपरोक्त वर्षों में कुल मिलाकर कितना टैक्स दिया गया? (ख) एमपीआरडीसी के पास 31 जनवरी, 2023 की स्थिति में किस-किस केटेगरी के कितने-कितने वाहन हैं? उनके नम्बर देवें तथा उन वाहन का उपयोग कौन अधिकारी कर रहा है, या कहां किया जा रहा है? वर्ष 2022 का वाहन अनुसार पेट्रोल-डीजल का खर्च बताएं। पिछले तीन वर्षों में किराये पर कितने वाहन लिये गये तथा कितना रेन्ट का भुगतान किया गया? (ग) वर्ष 2018-19 से 2022-23 तक प्रतिवर्ष आउटसोर्स पर कितने कर्मचारी किस एजेन्सी से किस दर से लिये गये तथा इस मद में कितना भुगतान किया? वर्षवार, एजेन्सी अनुसार राशि बतावें। (घ) बीओटी के तहत निर्मित 57 सड़कों पर अभी तक 31 जनवरी, 2023 तक कुल मिलाकर कितनी टोल राशि वसूल की गई है, तथा शासन को कितनी प्रीमियम प्राप्त हुई है तथा रोड अनुसार बतावें कि 31 जनवरी, 2023 की स्थिति में निर्माण, ब्याज, बीमा, प्रीमियम, तथा संचालन संधारण पर कुल कितना खर्च हुआ है तथा कितना टोल शुल्क मिला?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 के प्रपत्र-'अ' अनुसार। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 के प्रपत्र-'अ' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार।
प्रदेश में पुल-पुलिया के मेंटेनेंस, परीक्षण एवं मूल्यांकन
[लोक निर्माण]
90. ( क्र. 1272 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले के किस गांव में नदी पर पुलिया या पुल नहीं होने से बच्चे पैदल या नाव से नदी पार कर स्कूल जाते हैं? गांव का नाम, स्कूल की दूरी, नदी का नाम, पुलिया न बनने के कारण सहित सूची देवें तथा बतावें कि पुलिया या पुल कब तक किस गांव में बन जायेंगे? (ख) धार जिले में कौन सी पुलिया तथा पुल जर्जर स्थिति में हैं? उनकी सूची देवें तथा बतावें की इनका परीक्षण और मूल्यांकन करने का क्या कैलेंडर है तथा किस अधिकारी की जिम्मेदारी है? (ग) प्रश्नांश (क) वर्णित स्थान अन्तर्गत वर्ष 2016 से 2022 तक कितने पुलिया तथा ब्रिज बनाए गए तथा उन पर कितना कितना खर्चा आया? पुरानी पुलिया तथा पुल के सुधार पर कितना खर्च किया गया? वर्षवार जानकारी दें। (घ) प्रदेश के 20 सबसे लंबे पुल, उनकी लंबाई, चौड़ाई, निर्माण का वर्ष, तथा अद्यतन स्थिति से अवगत कराएं। बताएं कि उन का अंतिम बार परीक्षण एवं मूल्यांकन किस दिनांक को किया गया था?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) लो.नि.वि. संभाग धार की बुक पर अंकित मार्गों पर आने वाली समस्त पुल-पुलिया बनी हुई है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। परीक्षण एवं मूल्यांकन वर्षाकाल के पूर्व एवं वर्षाकाल के पश्चात अपेंडिक्स के 2.08 एवं 2.09 के पैरा क्र. 2.072 के अंतर्गत कार्यपालन यंत्री, अनुविभागीय अधिकारी एवं उपयंत्री द्वारा किया जाता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स एवं 'अ-1' अनुसार है।
साकेत इंटरनेशनल स्कूल अंजड़ को अवैधानिक संरक्षण
[नगरीय विकास एवं आवास]
91. ( क्र. 1276 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह [श्री सुनील सराफ] : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्र. 1313 दिनांक 28-07-2022 के (ग) व (घ) उत्तर अनुसार साकेत इंटरनेशनल स्कूल, अंजड, जिला बड़वानी किस क्षेत्र में है की जानकारी कलेक्टर बड़वानी से चाही गई थी इस संबंध में कलेक्टर बड़वानी को भेजे पत्र की प्रमाणित प्रति देवें। (ख) इस संबंध में कलेक्टर बड़वानी द्वारा दिए प्रति उत्तर की प्रमाणित प्रति देवें। यदि इस संबंध में प्रति उत्तर प्राप्त नहीं हुआ तो कारण बतावें कि 06 माह से अधिक समय तक कलेक्टर बड़वानी को स्मरण पत्र क्यों नहीं भेजे गए? यदि भेजे गए हो तो उनकी छायाप्रति भी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित (ग) व (घ) उत्तर अनुसार व संभागीय संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग इंदौर ने स्पष्ट तौर पर उल्लेख किया है कि साकेत इंटनेशनल स्कूल अंजड की नगरीय सीमा के बाहर स्थित है तो इस आधार पर स्कूल की मान्यता निरस्त क्यों नहीं की गई? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार अपने ही विभाग की जांच रिपोर्ट पर गफलत करके स्कूल को अवैधानिक संरक्षण देने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) विभागीय आदेश क्रमांक एफ 11-138/2021/18-3 दिनांक 21.02.2023 द्वारा म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 323 के अंतर्गत कलेक्टर जिला बड़वानी के प्रतिवेदन दिनांक 15.07.2022 के आधार पर साकेत इंटरनेशनल स्कूल अंजड की मुख्य नगर पालिका अधिकारी अंजड द्वारा नगर परिषद अंजड की सीमा से बाहर जारी की गई भवन अनुमति क्रमांक 1957/निर्माण/2015 दिनांक 23.12.2015 एवं पेयजल, मलजल निकासी एवं अग्नि सुरक्षा संबंधी अनुमति क्रमांक 1037/न.प./2016 दिनांक 25.06.2016 निरस्त की गई है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अमृत पेयजल योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
92. ( क्र. 1278 ) श्री महेश परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर निगम भोपाल द्वारा ग्राम व नगर निवेश संचालनालय को TDR प्रमाण पत्र देने हेतु नगर निवेश संचालनालय द्वारा नगर निगम का अपूर्ण प्रस्तावों के लिए 6 अप्रैल 2022 को जानकारी चाही गयी थी? यदि हाँ, तो क्या जानकारी नगर निगम भोपाल द्वारा प्रस्तुत की गयी? यदि हाँ, तो नगर निवेश संचालनालय द्वारा क्या कार्यवाहियां की गई है? दस्तावेज सहित विवरण उपलब्ध कराएं। (ख) क्या कारण है कि नगर निगम भोपाल एवं नगर निवेश संचालनालय हितग्राहियों को TDR जारी नहीं कर रहा है? कौन-कौन सी योजनाओं में TDR प्रमाण पत्र का उपयोग भूमि स्वामी द्वारा किया जा सकेगा? क्या TDR प्रमाण पत्र का लाभ अन्य को प्रत्यायोजित किया जा सकता है? यदि हां, तो कैसे? (ग) TDR प्रमाण पत्र हेतु दिनांक 06/04/22 को नगर निगम से नगर निवेश संचालनालय से क्या जानकारी चाही थी? क्या निजी भूमि स्वामियों से अमृत पेयजल योजना में अधिग्रहित भूमि के स्थान पर TDR प्रमाण पत्र दिया जायेगा? यदि हाँ, तो कैसे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) अंशतः हाँ। संचालनालय के पत्र क्रमांक 2018/वि.यो./10/टीडीआर/2022, भोपाल दिनांक 11.05.2022 जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है, द्वारा नगर निगम, भोपाल से जानकारी चाही गई थी। जी हां, नगर निगम द्वारा अपूर्ण जानकारी प्रस्तुत की गई, जो कि पूर्व में भी यही जानकारी दिनांक 03.02.2022 को भी प्रस्तुत की गई थी। संचालनालय के पत्र क्रमांक 5277 भोपाल दिनांक 12.12.2022 को पत्र लिखकर पुनः जानकारी चाही गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ख) म.प्र. टी.डी.आर. नियम 2018 के नियम-3 (पांच) के अन्तर्गत को नगर पालिक निगम भोपाल (कार्यान्वयन अभिकरण) से उत्पादन क्षेत्र के प्रस्ताव प्राप्त होने पर उत्पादन क्षेत्र घोषित किये जाने बाबत नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी। तत्पश्चात ही टी.डी.आर. प्रमाण-पत्र जारी किये जाने की कार्यवाही की जा सकेगी। म.प्र. टी.डी.आर. नियम, 2018 के नियम-10 के अन्तर्गत टी.डी.आर. प्रमाण-पत्र का उपयोग भूमि स्वामी द्वारा किया जा सकता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। म.प्र. टी.डी.आर. नियम, 2018 के नियम-9 के अन्तर्गत टी.डी.आर. प्रमाण-पत्र का लाभ अन्य को हस्तांतरित किया जा सकता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार है। (ग) टी.डी.आर. प्रमाण-पत्र हेतु संयुक्त संचालक, भोपाल के पत्र क्रमांक 979, दिनांक 06.04.2022 द्वारा पांच बिन्दुओं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ध अनुसार है, की जानकारी चाही गई थी जिसकी प्रति नगर निगम भोपाल को भी प्रेषित की गई थी जिसके सन्दर्भ में संचालनालय के पत्र क्रमांक 2018, दिनांक 11.05.2022 द्वारा नगर पालिक निगम से जानकारी बावत पुनः पत्र प्रेषित किया गया। म.प्र. टी.डी.आर. 2018 के नियम 3 (पांच) के अन्तर्गत उत्पादन क्षेत्र घोषित किये जाने की कार्यवाही उपरांत शासन द्वारा उत्पादन क्षेत्र अधिसूचित किये जाने के पश्चात टी.डी.आर. प्रमाण-पत्र जारी किया जा सकेग। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ड अनुसार है।
स्टोन क्रशर के बिल
[ऊर्जा]
93. ( क्र. 1280 ) श्री बाला बच्चन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्र. 3740, दिनांक 21-03-2022 के (ग) उत्तर में वर्णित विजय यादव को स्टोन क्रशर हेतु जो विद्युत संयोजन दिया गया तो दिनांक 12-11-2021 से 01-02-2023 तक इनको दिए समस्त विद्युत बिलों की प्रमाणित प्रतियां देवें। (ख) क्या इसके अतिरिक्त खनन कार्य हेतु इन्हें और कोई कनेक्शन दिया गया है? यदि हाँ, तो विगत 02 वर्ष के संबंध में जानकारी प्रश्नांश (क) अनुसार देवें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) मे. पी.सी. यादव पार्टनर श्री विजय यादव को प्रश्नांश में उल्लेखित स्टोन क्रशर हेतु दिये गये विद्युत कनेक्शन के विरूद्ध प्रश्नाधीन अवधि में जारी किये गये समस्त विद्युत बिलों की प्रमाणित छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, उत्तरांश (क) में उल्लेखित विदयुत कनेक्शन के अतिरिक्त मे. पी.सी. यादव पार्टनर श्री विजय यादव को खनन कार्य हेतु कोई भी अन्य विद्युत कनेक्शन नहीं दिया गया है। अतः प्रश्न नहीं उठता।
पर्यावरण अनुमति के बगैर क्रेशर संचालन पर कार्यवाही
[पर्यावरण]
94. ( क्र. 1281 ) श्री बाला बच्चन : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्र. 2001 दिनांक 11.03.2022 के (घ) उत्तर अनुसार उद्योगों द्वारा स्थल से प्लांट एवं मशीनरी भी हटा ली गई है लेकिन खनिज विभाग द्वारा दिए प्रश्न क्र. 1195 दिनांक 10.03.2022 के उत्तर में बताया गया खसरा क्रमांक 488/21 में खनन किया जा रहा है तो पर्यावरण विभाग की जानकारी एवं एन.ओ.सी. के बिना खनन किस आधार पर हो रहा है? (ख) विगत 02 वर्षों में उपरोक्त खसरा क्रमांक 488/21 पर संचालित हो रहे क्रेशर की एस.पी.एम. कितनी रही, की जानकारी माहवार, वर्षवार देवें। (ग) इनके संचालकों द्वारा दिनांक 01.05.2020 से 31.01.2023 तक ली गई समस्त पर्यावरण अनुमति की प्रमाणित प्रति देवें। (घ) पर्यावरण अनुमति की अर्हताओं को पूर्ण करे बगैर क्रेशर संचालनकर्ता पर विभाग कब तक कार्यवाही करते हुए इसे बंद कराएगा? इसे अवैध संरक्षण देने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) प्रश्न क्रमांक 2001 दिनांक 11.03.2022 के उत्तरांश (घ) में तहसील राजपुर, जिला-बड़वानी में खदानों के मध्य स्थापित मेसर्स विजय यादव, स्टोन क्रेशर तथा मेसर्स, स्टोन क्रेशर को उत्पादन बंद करने तथा बोर्ड द्वारा जारी सम्मति को निरस्त करने की जानकारी तथा उक्त दोनों स्टोन क्रेशरों के द्वारा स्थल से प्लांट एवं मशीनरी हटा लेने की जानकारी दी गई थी। वर्तमान में स्थल पर कोई स्टोन क्रेशर स्थापित एवं कार्यरत नहीं है। प्रश्न क्रमांक 2001 दिनांक 11.03.2022 के प्रश्नांश (ख) के उत्तर में परिशिष्ट-2 में दी गई जानकारी अनुसार खसरा क्रमांक 488/21 रकबा-4 हेक्टेयर, तहसील-राजपुर, जिला-बड़वानी में एक अन्य खदान एवं मेसर्स स्टोन क्रेशर द्वारा राज्य स्तरीय पर्यावरण प्रभाव आंकलन प्राधिकारी (सिया) भोपाल से पर्यावरण स्वीकृति एवं बोर्ड से जल एवं वायु अधिनियमों के तहत सम्मति प्राप्त कर संचालन किया जा रहा है। (ख) बोर्ड द्वारा उद्योगों में प्रतिमाह वायु गुणवत्ता मापन नहीं किया जाता है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नगरीय निकायों में कार्यरत श्रमिक
[नगरीय विकास एवं आवास]
95. ( क्र. 1286 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिले के नगरीय निकायों में कार्यरत विनियमित, मस्टर रोल श्रमिक तथा निर्धारित वेतनमान पर रखे गये श्रमिकों की जानकारी निकाय अनुसार देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित श्रमिकों से क्या ई.पी.एफ. तथा न्यू पेंशन स्कीम के तहत श्रमिकों का अंश काटा जाता है? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी राशि काटी जाती है, इसकी भी जानकारी निकाय अनुसार देते हुए यह भी बतायें कि काटी गयी राशि किस-किस खाते में जमा है? (ग) जिले के नगरीय निकायों में आदर्श कार्मिक संरचना अनुसार श्रमिकों के कितने पद सृजित किये जा सकते हैं तथा उसके विरूद्ध कितने श्रमिक कार्य कर रहे हैं? निकाय अनुसार जानकारी देते हुए संरचना में अधिक श्रमिक रखने पर संबंधित अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की जायेगी? संरचना से अधिक श्रमिकों को दिये जाने वाले वेतन पर यदि ऑडिट आपत्ति आयी हो तो उसकी जानकारी दें तथा निकाय अनुसार कार्यरत श्रमिकों को प्रतिमाह दिये जाने वाले वेतन की जानकारी दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) बालाघाट जिले की नगरीय निकायों में कार्यरत विनियमित, मस्टर रोल श्रमिक तथा निर्धारित वेतनमान पर रखे गये श्रमिकों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। इसका उत्तर प्रश्नांश (क) में समाहित है। (ग) नगरीय निकायों में आदर्श कार्मिक संरचना अनुसार श्रमिकों के पद सृजन का प्रावधान नहीं है। बालाघाट जिले की तीन नगरीय निकायों के कुल 74 कर्मचारी विनियमित, मस्टर रोल श्रमिक तथा निर्धारित वेतनमान पर कार्यरत है। वर्तमान में किसी भी निकाय में उक्त संबंध में आडिट आपत्तियाँ दर्ज नही है। निकायों में कार्यरत दै.वे.भो./श्रमिकों को श्रम विभाग द्वारा स्वीकृत श्रेणी अकुशल/अर्द्धकुशल/ कुशल निर्देशों के पालन में समय-समय पर जारी कलेक्टर दर पर वेतन प्रदाय किया जा रहा है। इसका उत्तर प्रश्नांश (ख) में समाहित है।
पुनर्घनत्वीकरण
योजना का
क्रियान्वयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
96. ( क्र. 1287 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुनर्घनत्वीकरण योजना क्या है? योजना की विस्तृत जानकारी देते हुए इस योजना को लाने का उद्देश्य स्पष्ट करें। (ख) सम्पूर्ण प्रदेश में इस योजना के तहत किन-किन लोक संपत्तियों को बेचा गया है? संपत्तियों के नाम, खरीदने वाले व्यक्ति अथवा फर्म का नाम, संपत्ति की कीमत की जानकारी शहर अनुसार दें। बिक्री से प्राप्त राशि का उपयोग किन योजनाओं में करना प्रस्तावित है? (ग) बैतूल जिले में जिला जेल तथा पुराने कलेक्ट्रेट की जमीन को किस योजना के अन्तर्गत बेचना प्रस्तावित हैं? उक्त जमीनों का रेट कैसे निर्धारित किया गया? क्या पुराने कलेक्ट्रेट की जमीन पर लगे पेड़ों की कीमत का आंकलन किया गया है? उक्त जमीनों की बिक्री पर किन-किन लोगों ने आपत्ति लगायी है, उनके नाम सहित जानकारी दें। क्या शासन यह सुनिश्चित करेगा कि आपत्तियों का निराकरण किये बगैर बिक्री न हो?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) शहरी क्षेत्रों में स्थित शासकीय भवनों/परिसरों के लिये पुर्नघनत्वीकरण नीति, 2022 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। उक्त नीति में इसका उद्देश्य स्पष्ट किया गया है। (ख) पुर्नघनत्वीकरण नीति, 2022 के अनुसार लोक संपत्तियों को बेचे जाने के प्रावधान नहीं हैं। अतः प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) बैतूल जिले में जिला जेल तथा पुराने कलेक्ट्रेट की जमीन को बेचे जाने का प्रस्ताव न होकर इस पर पुर्नघनत्वीकरण नीति, 2022 के अंतर्गत कार्यवाही प्रस्तावित है। अतः प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विभागीय कार्यवाही की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
97. ( क्र. 1288 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा सत्र दिसम्बर प्रश्न क्र. 7 (तारांकित) दिनांक 22/12/2022 के विभागीय उत्तर (ख) में सक्षम प्राधिकारी अर्थात जिला कलेक्टर रतलाम द्वारा अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका जावरा एवं नगर परिषद् पिपलोदा को प्रतिवेदन प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया है? (ख) यदि हाँ, तो शासन/विभाग द्वारा प्रश्न क्र. 7 (तारांकित) दिनांक 22/12/2022 के उपरोक्त उल्लेखित उत्तरानुसार आगामी क्या-क्या कार्यवाही हुई? (ग) साथ ही नगर पालिका परिषद जावरा एवं नगर परिषद पिपलोदा अंतर्गत आने वाली कालोनियों एवं दोनों निकायों की सीमाओं से लगी एवं बनी अवैध कालोनियों के संबंध में क्या-क्या कार्यवाही हुई? (घ) बताएं कि शासन/विभाग द्वारा निर्देशित सक्षम अधिकारियों द्वारा किस-किस प्रकार की कार्यवाही की जाकर दोषियों के विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही की एवं आमजन को मूलभूत सुविधाओं की पूर्ति हेतु क्या-क्या किया गया? दोषियों पर कब तक कार्यवाही की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हां। (ख) नगरपालिका जावरा क्षेत्रांतर्गत कुल 183 में से 33 कॉलोनियॉं वैध हैं। 39 अविकसित कॉलोनियों में से 1 जसवंत नगर कॉलोनी विकास हेतु पात्र घोषित की गई है शेष 38 में से 5 कॉलोनियों में एफ.आई.आर. एवं 03 कॉलोनियों के प्रकरण न्यायालय में प्रचलित होकर शेष 30 कॉलोनियों में सर्वेक्षण उपरांत जांच प्रक्रिया में हैं। 12 नवीन प्रस्तावित कॉलोनियों में से 4 कॉलोनियां विकास हेतु पात्र घोषित की गई हैं शेष में नियमानुसार कार्यवाही प्रचलित है। वर्ष 2016 के पूर्व की 99 कॉलोनियों में से 44 में सार्वजनिक सूचना जारी कर दावे आपत्ति आमंत्रित करने के उपरांत संबंधित कॉलोनाईजर के विरूद्ध एफ.आई.आर. करने एवं अभिन्यास तैयार करने हेतु मुख्य नगर पालिका अधिकारी को निर्देश दिये गये। शेष 55 कॉलोनियों में से 36 कॉलोनियों में रोड तोड़ने एवं 2 कॉलोनियों में एफ.आई.आर. की कार्यवाही की गई। नगर परिषद् पिपलौदा क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2016 के पूर्व की 03 कॉलोनियों में सार्वजनिक सूचना जारी कर दावे आपत्ति आमंत्रित करने के उपरांत संबंधित कॉलोनाईजर के विरूद्ध एफ.आई.आर. करने एवं अभिन्यास तैयार करने हेतु मुख्य नगर पालिका अधिकारी को निर्देश दिये गये एवं वर्ष 2016 के पश्चात की 01 कॉलोनी के कॉलोनाईजर को सूचना पत्र जारी किया गया है। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार कार्यवाही की गयी है। (घ) नगर पालिका जावरा एवं नगर परिषद् पिपलौदा के परिप्रेक्ष्य में वर्ष 2016 के पूर्व निर्मित अनधिकृत कॉलोनियों में म.प्र. नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 339-ग के उपबंधों को विहित कर म.प्र. नगरपालिका (कॉलोनी विकास) नियम 2021 के नियम 22 (4) के तहत संबंधितों के विरूद्ध संबंधित पुलिस थानों में एफ.आई.आर. दर्ज कराई जाकर नियम 23 (4) के तहत कॉलोनियों में अधोसंरचना प्रदान किये जाने की कार्यवाही की जा चुकी है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कार्यों की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
98. ( क्र. 1289 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत बरगढ़ फंटा से लेकर भेसाना (अरनिया पीथा) पहुँच बायपास मार्ग एवं ग्राम रिंगनोद से लेकर ग्राम असावती तक के मध्य आने वाले ब्रिज इत्यादि कार्य स्वीकृत होकर निर्माणाधीन हैं? (ख) यदि हाँ, तो बरगढ़ फंटा से भेसाना बायपास मार्ग कार्य की स्वीकृति किस दिनांक को दी जाकर कार्य कब प्रारम्भ हुआ? कार्य कितना पूर्ण हुआ? (ग) साथ ही जावरा-सीतामऊ मार्ग स्थित ग्राम रिंगनोद से लेकर असावती तक बनने वाले ब्रिज कब स्वीकृत होकर कार्य कब प्रारम्भ हुआ तथा कितना पूर्ण हुआ? (घ) अवगत कराएँ कि उपरोक्त उल्लेखित कार्यों हेतु कितना-कितना बजट स्वीकृत होकर कितना-कितना व्यय हुआ तथा उपरोक्त कार्यों की वर्तमान स्थिति क्या है? इन्हें कब तक पूर्ण कर लिया जाएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब अनुसार है।
अवैध निर्माण पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
99. ( क्र. 1292 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग के नगर निगमों में 1 जनवरी, 2018 के पश्चात अवैध निर्माण, स्वीकृति के विपरीत/अधिक निर्माण करने पर वर्तमान में कितने नोटिसों पर किन-किन कारणों से कार्यवाही लंबित है तथा बतायें की रिमूव्हल की कुल कितनी राशि की वसूली कितने व्यक्तियों से बकाया है? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित उज्जैन संभाग की नगर पालिका एवं नगर निगमों में कितनी लिफ्ट रजिस्टर्ड हैं, कितनी अवैध हैं अवैध लिफ्ट सील करने कार्यवाही क्यों नहीं की गयी? क्या इन रजिस्टर्ड लिफ्टों में फायर सेफ्टी एवं अन्य सेफ्टी नियमों का पालन किया जा रहा है? इनकी जांच के क्या नियम हैं? (ग) प्रश्नांश (क) संदर्भित उज्जैन संभाग में वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक पूर्णता प्रमाण-पत्र और फायर NOC प्राप्त किये बिना भवनों का उपयोग शुरू कर देने पर कितने भवन मालिको, आर्किटेक्ट, इंजीनियर को नोटिस जारी किये गये? कौन-कौन से भवन सील किये गये? किन कारणों से सील हटाई गयी? जानकारी देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। नगर पालिक निगम उज्जैन की जानकारी संकलित की जा रही है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। नगर पालिक निगम उज्जैन की जानकारी संकलित की जा रही है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। नगर पालिक निगम उज्जैन की जानकारी संकलित की जा रही है।
भूमि पर अतिक्रमण
[लोक निर्माण]
100. ( क्र. 1293 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन, इंदौर, भोपाल संभाग में 1 जनवरी, 2018 के पश्चात PWD विभाग की भूमि, भूखंड पर किन-किन व्यक्तियों, संस्थाओं आदि के द्वारा अतिक्रमण कर अवैध निर्माण किया गया है? इनमें कितने भूखंड कितने प्रकोष्ठ कितनी राशि में विक्रय किये गये है? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित विभाग की भूमि पर अवैध निर्माण और अतिक्रमण करने वाले किन-किन व्यक्ति/संस्थाओं आदि को भूमि भवन किन नियमों तहत किराए पर दिए जाने के प्रस्ताव है क्या इस प्रकार किराए पर दिया जा सकता है? किराए पर देने के लिए किस-किस व्यक्ति ने कहाँ-कहाँ आपत्ति/आवेदन प्रस्तुत किया? इस संबंध में किस प्रकार की जांच की जा रही है? प्रतिवेदनों की प्रतिया देवें। (ग) प्रश्नांश (क) संदर्भित क्या विभाग, भूमि या विभाग की भूमि पर निर्माण किये गये अवैध भवन को किराए पर दे सकता है? किराया किस नियम अनुसार तय किया जाता है? (घ) प्रश्नांश (क) संदर्भित PWD विभाग की भूमि, भूखंड पर कितने वर्षों से अतिक्रमण, अवैध निर्माण किया गया है? इन्हें तोड़ने की कब्जा लेने की और इनके खिलाफ FIR दर्ज करवाने की कार्यवाही क्यों नहीं की गयी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) उज्जैन, इन्दौर एवं भोपाल संभाग में 1 जनवरी 2018 के पश्चात् विभाग की किसी भूमि, भूखंड पर किसी प्रकार का अतिक्रमण कर अवैध निर्माण का कार्य नहीं किया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) से (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
सहायक ग्रेड 03 के स्वीकृत, भरे एवं रिक्त पद
[उच्च शिक्षा]
101. ( क्र. 1296 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर, चंबल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर, रीवा, भोपाल, सागर, नर्मदापुरम, शहडोल संभाग के अंतर्गत संचालित शासकीय महाविद्यालयों में सहायक ग्रेड 03 के कुल कितने पद स्वीकृत हैं? उक्त पदों में से वर्तमान में किस-किस श्रेणी के पद किस-किस दिनांक से रिक्त हैं? स्वीकृत एवं रिक्त पदों की जानकारी महाविद्यालयवार व जिलावार उपलब्ध करावें। (ख) विभाग में वर्तमान में कुल कितने अनुकंपा नियुक्ति के पात्र अभ्यर्थियों के प्रकरण कब-कब से लंबित हैं? जिलेवार जानकारी प्रदाय करें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है।
ट्रान्सफार्मर की स्वीकृति
[ऊर्जा]
102. ( क्र. 1299 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चंदला विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत ग्रामों में कितने ट्रान्सफार्मर स्वीकृत हैं, कितने लगाये गये हैं तथा कितने खराब पड़े हैं? वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक कितने ग्रामों के ट्रान्सफार्मर बदलने के लिए प्रश्नकर्ता द्वारा मैदानी अधिकारियों को कितने पत्र लिखे गये हैं? (ख) क्या जिस वितरण केन्द्र में जितने ट्रान्सफार्मर स्वीकृत हैं उतने लगाये गये हैं? यदि हां तो वितरण केन्द्रवार संख्यात्मक जानकारी दी जाये। यदि नहीं, तो कारण बतायें। (ग) कितने ग्रामों में विद्युत वायर नीचे झुके हुए हैं, जिनसे ग्रामीणों व जानवरों को करंट लगने की आशंका बनी रहती है, जिसकी शिकायत ग्रामीणों व प्रश्नकर्ता द्वारा की गयी है? क्या उन्हें ऊपर उठाया गया है? यदि हां तो किस-किस गांव में? यदि नहीं, तो कारण बतायें और कब तक उठाया जायेगा? (घ) विधान सभा क्षेत्र के कितने ग्रामों में रखे ट्रान्सफार्मर से अधिक पावर के ट्रान्सफार्मर रखे जाने की आवश्यकता है? जिनके लिए विद्युत विभाग के मैदानी अधिकारियों को कई पत्र लिखे गये हैं? वितरण केन्द्रवार संख्यात्मक जानकारी प्रदाय करें और प्रश्नांश (क) अवधि में कितने ट्रान्सफार्मर बदल कर अधिक पावर के रखे गये हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) चन्दला विधानसभा क्षेत्रांतर्गत प्रश्नाधीन अवधि (वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक) में 66 अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना एवं 09 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि के कार्य स्वीकृत किये गये हैं तथा उक्त सभी स्वीकृत कार्यों को पूर्ण कर दिया गया है। वर्तमान में प्रश्नाधीन क्षेत्र में संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण 12 अपात्र जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदलने हेतु शेष है। प्रश्नाधीन अवधि में माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा अन्य शिकायतों के संबंध में (वितरण ट्रांसफार्मरों को बदलने के लिये नहीं) मैदानी अधिकारियों को कुल 6 पत्र लिखे गए। (ख) जी हां, वितरण केन्द्रों में स्वीकृति अनुसार ही वितरण ट्रांसफार्मर लगाये गये है, जिनकी वितरण केन्द्रवार संख्यात्मक जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) वर्तमान में चंदला विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 6 ग्रामों में विद्युत वायर लूज होने की शिकायत विभिन्न संदर्भों से संज्ञान में आई है, जिसकी ग्रामवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। उक्त स्थानों में खेतों में फसल खड़ी होने के कारण पोल सीधे कर विद्युत तार टाईट करना संभव नहीं हो पा रहा है। फसल कटने के उपरांत माह अप्रैल, 2023 में पोल सीधे कर विद्युत तारों को टाईट कर दिया जायेगा। (घ) विभिन्न स्त्रोतों में प्राप्त संदर्भों एवं म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के आंकलन अनुसार विधानसभा क्षेत्र चन्दला अंतर्गत 20 ग्रामों में 20 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि किये जाने की आवश्यकता है जिसकी वितरण केन्द्रवार संख्यात्मक जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। प्रश्नाधीन अवधि में चन्दला विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 09 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि की गयी है।
नागदा विकास योजना 2035 (प्रारूप) में संशोधन
[नगरीय विकास एवं आवास]
103. ( क्र. 1302 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा विकास योजना 2011 (प्रारूप) के अन्तर्गत प्रस्तावित ग्रीन बेल्ट की भूमि को नागदा विकास योजना 2035 (प्रारूप) में हटाया गया है? भूमि स्वामी का नाम, सर्वे नम्बर व रकबा सहित विवरण दें। (ख) नागदा विकास योजना 2035 (प्रारूप) के अन्तर्गत कितनी आपत्तियां प्राप्त हुई थी और समिति द्वारा प्रस्ताव में क्या-क्या संशोधन करने की सिफारिश विभाग को की थी? उस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ग) नागदा विकास योजना प्रारूप 2011 में किन-किन मार्गों के निर्माण हेतु प्रस्ताव दिए गए थे? उनमें से नगर विकास योजना 2035 (प्रारूप) में कितने मार्गों को प्रस्ताव में से हटा दिया गया है? मार्गों के नाम, स्थान सहित विवरण दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नागदा विकास योजना, 2011 (प्रारूप) प्रकाशित नहीं किया गया है। अतः प्रश्नांश (क) का शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) नागदा विकास योजना, 2035 (प्रारूप) पर कुल 73 आपत्तियॉ प्राप्त हुई थी, जिसमें समिति द्वारा आमोद-प्रमोद भू-उपयोग से आवासीय, वाणिज्यिक, सार्वजनिक एवं अर्द्ध सार्वजनिक, शैक्षणिक तथा मिश्रित भू-उपयोग एवं सार्वजनिक/अर्ध सार्वजनिक, उपयोग से आवासीय भू-उपयोग किये जाने हेतु तथा यातायात नगर एवं मैकैनिक नगर का स्थान परिवर्तित किये जाने हेतु सिफारिश की गई थी। (ग) नागदा विकास योजना, 2011 (प्रारूप) प्रकाशित नहीं किया गया है। अतः प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कुटीर एवं ग्रामोद्योग योजना का क्रियान्वयन
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
104. ( क्र. 1304 ) श्री सुरेश राजे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्रामोद्योग विभाग में संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन संबंधी शासन आदेश की सत्यापित प्रति उपलब्ध करावें तथा वर्ष 2018-19 से 2022-23 तक ग्वालियर संभाग के जिलों में स्वरोजगार हेतु योजनावार प्राप्त लक्ष्य-पूर्ति की जिलावार संख्या बतावेंl (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार ग्रामोद्योग विभाग ग्वालियर द्वारा वर्ष 2018-19 से 2022-23 में प्रश्न दिनांक तक किस हितग्राही को किस बैंक से कुल कितनी राशि किस दिनांक को स्वीकृत की गयी? इन्हें किस दिनांक को कितनी अनुदान राशि विभाग द्वारा जारी की गयी? सम्पूर्ण जानकारी वर्षवार, हितग्राहीवार बतावें। (हितग्राही का नाम/पता/पिता-पति का नाम/जाति/विकासखंड/ग्राम पंचायत/उद्योग-दुकान/बैंक का विवरण/स्वीकृत कुल राशि/अनुदान राशि/दुकान का भौतिक सत्यापन अधिकारी/कर्मचारी का नाम एवं दिनांक)
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) ग्रामोद्योग विभाग में संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन संबंधी स्वीकृत नियम प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। वर्ष 2018-19 से 2022-23 तक ग्वालियर संभाग के जिलों में स्वरोजगार हेतु योजनावार लक्ष्यपूर्ति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा ग्वालियर जिले में वर्ष 2018-19 से 2022-23 तक लाभान्वित हितग्राहियों की जानकारी का विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है।
ट्रांसफॉर्मर बदलने और बिजली की आपूर्ति
[ऊर्जा]
105. ( क्र. 1306 ) श्री हर्ष यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संचालन/संधारण वृत्त सागर में विद्युत आपूर्ति के लिए लगाए गए विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की संभागवार संख्या एवं उनकी क्षमता अनुसार जानकारी देवें। (ख) संचालन/संधारण वृत्त सागर में माह फरवरी 2023 तक की स्थिति में कुल कितने विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित हैं? इन स्थापित विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों में से माह फरवरी 2023 तक कितने विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर जले/खराब हुए हैं एवं इनमें से कितने विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर बदल दिए गए हैं और कितने बदले जाने हेतु शेष हैं की संख्यात्मक जानकारी संभागवार देवें। उक्त विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों को बदले जाने हेतु कितना समय निर्धारित है? समय-सीमा में नहीं बदलने के लिए कौन दोषी हैं? (ग) फरवरी 2023 की स्थिति में सागर एवं रहली संभाग में कितने ट्रांसफार्मर ओवरलोड हैं? मांग अनुसार कितने ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि एवं अतिरिक्त ट्रांसफार्मर लगाये जाना आवश्यक है तथा कब तक लगाये जायेंगे? (घ) प्रश्नांश (क) व (ख) के परिप्रेक्ष्य में बतावें कि इसके लिए कौन अधिकारी दोषी है? शासन दोषी पर कब और क्या कार्यवाही करेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) संचालन/संधारण वृत्त सागर अंतर्गत स्थापित वितरण ट्रांसफार्मरों की म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संभागवार एवं क्षमतावार प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) संचालन/संधारण वृत्त सागर अंतर्गत माह फरवरी 2023 तक (प्रश्न दिनांक की स्थिति में) स्थापित वितरण ट्रांसफार्मरों एवं इनमें से जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों तथा बदले गये वितरण ट्रांसफार्मरों की प्रश्नाधीन चाही गयी म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संभागवार संख्यात्मक जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्न दिनांक की स्थिति में उक्त क्षेत्रांतर्गत कोई भी पात्र जला/खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदलने हेतु शेष नहीं है। वितरण ट्रांसफार्मर के जलने/खराब होने के उपरान्त संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि का 10 प्रतिशत जमा करने अथवा 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा बकाया राशि जमा करने पर संभागीय मुख्यालय में 12 घंटे एवं अन्य शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे तथा ग्रामीण क्षेत्रों में शुष्क मौसम में 3 दिवस तथा मानसून के मौसम के दौरान माह जुलाई से सितंबर तक 7 दिवस में बदलने के प्रावधान है। तद्नुसार म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा प्रश्नाधीन क्षेत्र में पहुँच मार्ग की उपलब्धता अनुसार पात्र होने पर उक्त निर्धारित समयावधि में जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदलने की कार्यवाही की गई है। अत: किसी के दोषी होने का प्रश्न नहीं उठता। (ग) संचालन-संधारण संभागों सागर एवं रहली में कुल 274 अतिभारित वितरण ट्रांसफार्मर है। उक्त अतिभारित वितरण ट्रांसफार्मरों के स्थान पर 206 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि एवं 96 अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना के कार्यों की आवश्यकता है। उक्त कार्यों को केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजनांतर्गत सम्मिलित किया गया है। वर्तमान में योजनांतर्गत कार्यों के क्रियान्वयन हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निविदा कार्यवाही के पूर्ण होने पर कार्य प्रारंभ किया जा सकेगा, जिस हेतु निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
जनभागीदारी समितियां
[उच्च शिक्षा]
106. ( क्र. 1316 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उच्च शिक्षा विभाग द्वारा शासकीय महाविद्यालयों में गठित जनभागीदारी समितियों का उद्देश्य क्या है? इन समितियों के क्या-क्या कार्य निर्धारित है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जनभागीदारी समितियों को महाविद्यालय के संचालन हेतु प्रतिवर्ष किस-किस मद हेतु कितनी-कितनी राशि शासन द्वारा प्रदाय की जाती है? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित नियमों के तहत कटनी जिला अंतर्गत शासकीय महाविद्यालय सिलौडी में वित्त वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई? इस राशि का व्यय कब-कब, किन-किन कार्यों हेतु किसकी स्वीकृति से किया गया है? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित जनभागीदारी समिति द्वारा किया गया व्यय नियमानुसार है? यदि नहीं, तो क्या शासन इसकी जांच कराकर दोषियों पर कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जनभागीदारी समितियों के संचालन हेतु शासन द्वारा कोई राशि प्रदान नहीं की जाती है। (ग) शासकीय महाविद्यालय, सिलौडी जिला कटनी की जनभागीदारी समिति को वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक शासन द्वारा कोई राशि आवंटित नहीं की गई है। महाविद्यालय को वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक जनभागीदारी मद से प्राप्त आय-व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विद्युत क्षमता बढ़ाने हेतु भेजे गए प्रस्ताव
[ऊर्जा]
107. ( क्र. 1319 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अलीराजपुर जिले की विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत प्रश्नकर्ता ओर ग्रामीणों द्वारा दिनांक 01 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक विद्युत क्षमता बढ़ाई जाने हेतु 25 से 63 ओर 63 से 100 के.व्ही. के विद्युत ट्रांसफार्मर लगाने के कितने पत्र और प्रस्ताव कब-कब प्राप्त हुए? (ख) प्रश्न के अंतर्गत प्राप्त पत्र और प्रस्तावों में से कौन-कौन से ग्रामों में कहां-कहां पर और कब-कब विद्युत क्षमता बढ़ाई जाने हेतु 25 से 63 ओर 63 से 100 के.व्ही. के विद्युत ट्रांसफार्मर लगाए गये? (ग) प्रश्नांश (क) अंतर्गत प्राप्त पत्र और प्रस्तावों पर कार्यवाही नहीं की गई है तो विभाग संबंधित अधिकारी पर क्या कार्यवाही करेगा और कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) अलीराजपुर जिले के विभिन्न विधान सभा क्षेत्रों के अंतर्गत माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय और ग्रामीणों से दिनांक 01 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि हेतु कुल 53 पत्र/आवेदन/ प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिनमें 52 स्थलों पर वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि 25 के.वी.ए. से 63 के.वी.ए. करने एवं 18 स्थलों पर 63 के.वी.ए. से 100 के.वी.ए. करने हेतु अनुरोध किया गया था। उपरोक्त प्राप्त पत्रों/आवेदनों/प्रस्तावों की प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में अलीराजपुर जिले के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों के अंतर्गत 9 स्थलों पर वितरण ट्रांसफार्मरों की 25 के.वी.ए. से 63 के.वी.ए. क्षमता वृद्धि एवं 8 स्थलों पर 63 के.वी.ए. से 100 के.वी.ए. क्षमतावृद्धि के कार्य पूर्ण किये गये हैं, जिनकी प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) में उल्लेखित प्राप्त पत्रों/आवेदनों/प्रस्तावों में सम्मिलित वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि के कार्य तकनीकी साध्यता, वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता एवं इस प्रकार के अन्य कार्यों की वरीयता को दृष्टिगत रखते हुए किये गए हैं। अत: किसी अधिकारी के दोषी होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
स्वीकृत राशि से महाविद्यालय में निर्माण कार्य
[उच्च शिक्षा]
108. ( क्र. 1322 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा कन्या महाविद्यालय के भवन निर्माण हेतु ठेकेदार को कार्यादेश किस अवधि हेतु जारी किए गए थे? उसमें से कितना कार्य पूर्ण हो चुका है? कितना अपूर्ण है? (ख) कन्या महावि़द्यालय के निर्माण कार्य में हो रहे विलंब का क्या कारण है? क्या ठेकेदार को राशि के अभाव में निर्माण कार्य का पेमेन्ट नहीं किया जा रहा है? समय पर कार्य न करने पर ठेकेदार के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? (ग) नागदा-खाचरौद शासकीय महाविद्यालय में वर्ष 2018 से 06/02/2023 तक विश्व बैंक योजना, स्वामी विवेकानंद व अन्य मदों से कब-कब, कितनी-कितनी राशि प्रदान की गई है? उसमें से कितने निर्माण कार्य प्रारंभ हो चुके है? कितने अधूरे है? (घ) दिनांक 01 जनवरी, 2019 से 06/02/2023 तक नागदा-खाचरौद महाविद्यालय में जनभागीदारी समिति से कितनी राशि प्राप्त हुई? उस राशि का उपयोग किन-किन कार्यों में किया गया? (ड.) शासकीय महाविद्यालय नागदा-खाचरौद में दिनांक 01 जनवरी, 2019 से 06/02/2023 तक स्पोटर्स के नाम पर, खिलाडियों को बाहर खिलाने के नाम पर, सामग्री खरीदने के नाम पर कितनी-कितनी राशि खर्च की गई?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) नागदा कन्या महाविद्यालय के भवन निर्माण हेतु निर्माण एजेंसी द्वारा दिनांक 22-09-2017 को कार्यादेश जारी किया गया था। भवन में फिनिशिंग का कार्य शेष है। (ख) निर्माण कार्य में विलंब प्रक्रियात्मक कारणों से हुआ है। निर्माण एजेंसी द्वारा उसे आवंटित राशि के अनुसार ही भुगतान किया गया एवं निविदा शर्तों के अनुसार ठेकेदार के विरूद्ध कार्यवाही भी की गई है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है।
भोपाल के छोटे तालाब में मत्स्योद्योग
[पर्यावरण]
109. ( क्र. 1325 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एन.जी.टी.) द्वारा म.प्र. पोल्यूशन कन्ट्रोल बोर्ड को भोपाल के छोटे तालाब में मिट्टी के गोलों के रूप में जहर डाले जाने की घटना की जांच कर संयुक्त जांच रिपोर्ट प्रस्तुत के आदेश दिये गये थे? (ख) यदि हाँ, तो न्यायालय के आदेश के तारतम्य में किन-किन अधिकारियों की कमेटी बनाई गई, पद नाम सहित बताएं? दोषी संस्था आदर्श मत्स्योद्योग को छोटे तालाब का पुनः पट्टा न दिये जाने तथा अन्य किसी भी जलाशय को दोषी संस्था को पट्टे पर न दिये जाने का संयुक्त निर्णय लिया गया था? (ग) जांच रिपोर्ट अनुसार दोषी संस्था से लगभग 30 लाख 60 हजार का जुर्माना पोल्यूशन कन्ट्रोल बोर्ड को वसूली एवं आपराधिक षड़यंत्र कर भोपाल के नागरिकों को जहरीला मछली खिलाने संबंधी कार्यवाही सुनिश्चित करने के स्पष्ट आदेश एन.जी.टी. एवं संयुक्त जांच रिपोर्ट में प्रस्तावित किये गये थे? (घ) क्या शासन प्रदेश की इतनी बड़ी घटना छुपाने, दबाने वाले अधिकारी/सहकारी संस्था के संचालक मण्डल के विरुद्ध वसूली की कार्यवाही एवं आपराधिक प्रकरण दर्ज कराएगा? साथ ही प्रकरण को दबाने वाले अधिकारियों की पृथक से जांच कर कार्यवाही करेगा?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) जी हां। (ख) श्री जमील खॉन, अनुविभागीय दण्डाधिकारी, नजूल शहर वृत्त, भोपाल, श्री संतोष गुप्ता, नगर यंत्री (झील संरक्षण प्रकोष्ठ) नगर निगम, भोपाल तथा श्री आलोक सिंघई, क्षेत्रीय अधिकारी, मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, भोपाल की कमेटी बनाई गई। जी हाँ। (ग) जी हाँ। (घ) प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन है।
भोपाल एवं इंदौर का नवीन मास्टर प्लान
[नगरीय विकास एवं आवास]
110. ( क्र. 1331 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल एवं इंदौर में नवीन मास्टर प्लान बनाया गया है या बनाया जाना प्रस्तावित है? (ख) उक्त मास्टर प्लान की अद्यतन स्थिति क्या है तथा कब तक मास्टर प्लान आ जाएगा? (ग) विभाग द्वारा उक्त मास्टर प्लान पर अभी तक की गई कार्यवाही की अद्यतन बिन्दुवार जानकारी दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हां। भोपाल नगर का नवीन मास्टर प्लान भोपाल विकास योजना, 2031 (प्रारूप) का मध्यप्रदेश राजपत्र में दिनांक 06/03/2020 को एवं 10/07/2020 को प्रकाशन किया गया है। इंदौर नगर का नवीन मास्टर प्लान तैयार किये जाने का कार्य प्रगतिरत है। (ख) भोपाल विकास योजना, 2031 (प्रारूप) अधिनियम, 1973 की धारा-19 के अंतर्गत शासन स्तर पर विचाराधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। इन्दौर विकास योजना की अद्यतन स्थिति प्रश्नांश (ग) के अनुसार दी गई है। विकास योजना के पुनर्विलोकन का कार्य वृहद स्वरूप का होने के कारण समय-सीमा निर्धारित किया जाना संभव नहीं है। (ग) भोपाल विकास योजना, 2031 (प्रारूप) का प्रकाशन अवधि में प्राप्त आपत्ति/सुझावों की सुनवाई दिनांक 08/09/2020, 09/09/2020, 01/10/2020, 03/10/2020 एवं 05/10/2020 को की गई। संचालनालय के पत्र क्रमांक 717/वि यो/अमृत/04/नग्रानि/2021, दिनांक 02/02/2021 द्वारा अधिनियम की धारा-19 में अनुमोदन हेतु शासन को प्रतिवेदन प्रेषित किया गया है। इन्दौर निवेश क्षेत्र में सम्मिलित 90 ग्रामों के अतिरिक्त नवीन 79 ग्रामों को निवेश क्षेत्र में सम्मिलित कर वृद्वित निवेश क्षेत्र का गठन किया गया है। जिसका मध्यप्रदेश राजपत्र में दिनांक 12/03/2021 को प्रकाशन किया गया पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। वृद्वित निवेश क्षेत्र में सम्मिलित नवीन 79 ग्रामों का मध्यप्रदेश नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम, 1973 की धारा-15 (1) के तहत वर्तमान भूमि उपयोग मानचित्र का मध्य प्रदेश राजपत्र में दिनांक 01/10/2021 को प्रकाशन किया गया। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। मध्य प्रदेश नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम, 1973 की धारा-15 (4) के तहत नवीन सम्मिलित 79 ग्रामों की भूमि का वर्तमान भू-उपयोग का मानचित्र अंगीकृत कर लिया गया है, जिसकी सूचना मध्य प्रदेश राजपत्र में दिनांक 31/12/2021 को प्रकाशित की गई है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। भारत सरकार की अमृत योजना की उपयोजना में निर्धारित Design and Standard के अनुसार कार्यवाही प्रगतिरत है।
नई दिल्ली स्थित नवीन म.प्र. भवन
[लोक निर्माण]
111. ( क्र. 1334 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नई दिल्ली स्थित नवीन मध्यप्रदेश भवन जो कि लोक निर्माण विभाग का प्रोजेक्ट है के भूमि पूजन के समय लागत क्या थी? उक्त भवन की भूमि पूजन किसके द्वारा कब कराया गया था और भवन निर्माण कार्य पूर्ण होने की अवधि क्या थी? (ख) उक्त भवन के निर्माण कार्य पूर्ण होने पर कितनी लागत आई है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) नई दिल्ली स्थित नवीन मध्यप्रदेश भवन का निर्माण कार्य सामान्य प्रशासन विभाग का प्रोजेक्ट है। मध्यप्रदेश भवन का निर्माण भारत सरकार की निर्माण एजेंसी एनबीसीसी (इंडिया) लिमिटेड है। अपर आवासीय आयुक्त मध्यप्रदेश भवन नई दिल्ली के पत्र क्रमांक 820/म.प्र./23 दिनाक 15-02-2023 द्वारा प्राप्त उत्तर की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार।
सड़क निर्माण एवं मरम्मत
[लोक निर्माण]
112. ( क्र. 1354 ) श्री लक्ष्मण सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र चाचौड़ा में लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत कौन-कौन सी ऐसी सड़कें हैं जिनकी मरम्मत एवं नई सड़क बनाये जाने की आवश्यकता है? (ख) उपरोक्त में किन-किन सड़कों की मरम्मत/नई सड़क बनाये जाने के लिए शासन से स्वीकृति मिल चुकी है? (ग) किन-किन सड़कों की मरम्मत/नई सड़क बनाये जाने के लिए कार्य आरम्भ हो चुका है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मरम्मत कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार एवं नई सड़कों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'ब' अनुसार है।
कृषि कार्य हेतु सोलर पंप की जानकारी
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
113. ( क्र. 1357 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में अविद्युतीकृत ग्रामों के किसानों को कृषि कार्य हेतु सोलर पंप प्रदाय किये जाने का प्रावधान किया गया है? यदि हाँ, तो अनूपपुर जिले के विधान सभा क्षेत्रों में वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितने किसानों ने सोलर पंप लगाने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है? रजिस्ट्रेशन उपरांत कितने किसानों को सोलर पंप स्वीकृत हुए हैं? रजिस्ट्रीकृत एवं स्वीकृत सोलर पंपों के किसानों के नाम, पता सहित विस्तृत विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र के किन-किन किसानों को सोलर पंप कितनी-कितनी क्षमता के स्थापित कराए गए हैं? नाम, पता सहित विस्तृत विवरण दें। सोलर पंप की स्वीकृत राशि/पंप स्थापित करने वाली एजेंसी का नाम एवं विस्तृत विवरण देवें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार किसानों को स्वीकृत सोलर पंप स्थापित करने वाली एजेंसी द्वारा कितने किसानों के सोलर पंप स्थापित किए गए हैं? कितने स्थापित किये जाने हेतु प्रतिक्षारत हैं? प्रतिक्षारत किसानों की विस्तृत जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार रजिस्ट्रेशन उपरांत कितने किसानों को सोलर पंप उपलब्ध नहीं कराए गए है? कारण सहित बतावें। क्या पंजीकृत किसानों को इसी वित्तीय वर्ष में सोलर पंप उपलब्ध करा दिए जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) जी हाँ। अनूपपुर जिले के विधानसभा क्षेत्रों में वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक 10.02.2023 तक 45 किसानों ने सोलर पंप लगाने के लिये रजिस्ट्रेशन कराया है। रजिस्ट्रेशन उपरांत 14 किसानों को सोलर पंप स्वीकृत हुए है, रजिस्ट्रीकृत सोलर पंपों के किसानों के विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। स्वीकृत सोलर पंपों के किसानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के किसानों के यहां स्थापित किये गये सोलर पंपों के विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार किसानों को स्वीकृत सोलर पंप स्थापित करने वाली एजेंसी द्वारा 14 किसानों के यहां सोलर पंप स्थापित किये गये है। 31 किसान सोलर पंप स्थापित किये जाने हेतु प्रतीक्षारत है। प्रतीक्षारत किसानों की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार रजिस्ट्रेशन उपरांत 31 किसानों को सोलर पंप उपलब्ध नहीं कराये गये है। सोलर पंपों की स्थापना हेतु केन्द्र शासन द्वारा पूर्व में की गई निविदा की वैधता समाप्त हो गई है। नई निविदा प्रचलन में है। केन्द्र शासन से अनुमोदित दरें प्राप्त होने आवेदनकर्ता कृषक पात्र पाये जाने एवं बजट की उपलब्धता होने पर वरीयताक्रमानुसार किसानों को सोलर पंप उपलब्ध कराये जा सकेगें। इस वित्तीय वर्ष में पंजीकृत किसानों को केन्द्र शासन से अनुमोदित दरे प्राप्त होने, आवेदनकर्ता कृषक पात्र पाये जाने एवं बजट की उपलब्धता होने पर, वरीयताक्रमानुसार, किसानों को सोलर पंप उपलब्ध कराये जा सकेंगे।
जल आवर्धन योजना का क्रियान्वयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
114. ( क्र. 1358 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर परिषद अमरकंटक में संचालित जल आवर्धन योजना को प्रारंभ किया गया है? यदि हाँ, तो जल आवर्धन योजना का निर्माण कार्य किस एजेंसी द्वारा कराया गया हैं? विभाग के द्वारा एजेंसी से कार्य मेंटेनेंस कराने हेतु क्या समय-सीमा निर्धारित की गई हैं? उक्त कार्य की कुल लागत कितनी थी? कितनी राशि का भुगतान निर्माण एजेंसी को किया जा चुका है? (ख) क्या कारण है कि नगर के कई वार्डों में सुचारू रूप से पेयजल का आवंटन नहीं किया जा रहा हैं? क्या निर्माण एजेंसी के द्वारा लगाये गए मोटर पंपों का किसी अन्य एजेंसी से भौतिक सत्यापन कराया जावेगा? यदि हाँ, ता कब तक? (ग) यह कि जल आवर्धन योजना प्रारंभ होने के कुछ समय पश्चात ही मोटर पंपों का खराब होना इस बात का द्योतक है कि घटिया मोटर पंपों को निर्माण एजेंसी के द्वारा लगाया गया है? क्या ऐसे घटिया मोटर पंप लगाने पर निर्माण एजेंसी एवं विभाग के जिम्मेदार अधिकारी के विरूद्ध नियमानुसार दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं, वर्तमान में निकाय के वार्डों में स्वयं के नलकूपों से जल प्रदाय किया जा रहा है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) नगर के वार्डों में निकाय द्वारा स्वयं के नलकूपों से सुचारू रूप से पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है। उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का उपस्थित नहीं होता है।
पत्रों पर की गई कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
115. ( क्र. 1361 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग मंत्रालय, वल्लभ भवन को प्रेषित पत्र क्रमांक 1400 दिनांक 29.12.2022 के परिप्रेक्ष्य में क्या कार्यवाही की गई है? (ख) मध्यप्रदेश शासन के नगरीय विकास एवं आवास विभाग मंत्रालय, वल्लभ भवन भोपाल के पत्र क्रमांक/1135/1665/2020/18-2 भोपाल दिनांक 23.05.2020 के अनुसार प्रश्नांश दिनांक तक नगर पालिका परिषद मुलताई को कुल कितनी-कितनी राशि किस-किस दिनांक को प्राप्त हुई है? उक्त राशि से कौन-कौन सी सामग्री किस-किस दिनांक को किस-किस कंपनी के किस-किस सप्लायर से कितनी-कितनी राशि की कितनी-कितनी मात्रा में क्रय की गई? (ग) मेरे द्वारा आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास मध्यप्रदेश को प्रेषित पत्र क्रमांक 1402 दिनांक 29.12.2022 के संदर्भ में बनाई गई जाँच समिति में क्या तकनीकी अधिकारी, लेखा अधिकारी, प्रशासनिक अधिकारी को रखा गया है? यदि रखा गया है तो उनके नाम, पदनाम देने एवं जाँच में हुई प्रगति तथा की गई कार्यवाही की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास मध्यप्रदेश भोपाल को प्रेषित पत्र क्रमांक 1398 दिनांक 29.12.2022 के संदर्भ में बनाई गई जाँच समिति में क्या तकनीकी अधिकारी, लेखा अधिकारी, प्रशासनिक अधिकारी को रखा गया है? तो उनके नाम, पदनाम देवें एवं जाँच में की गई कार्यवाही की छायाप्रति उपलब्ध करावे।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) समिति का गठन किया जा चुका है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) निकाय को दिनांक 23.05.2020 अनुसार प्रश्न दिनांक तक प्राप्त राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) एवं (घ) समिति का गठन किया जा चुका है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है।
सतपुड़ा ताप विद्युत गृह
[ऊर्जा]
116. ( क्र. 1362 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतपुड़ा ताप विद्युत गृह का पावर हाउस क्रमांक-1 का 5X62.5 कुल क्षमता 312.5 मेगावॉट को डिस्मेन्टल (जमींदोज) कर इन पॉचों इकाइयों का समस्त कवाड़ भी बेच दिया गया है? क्या इकाई क्रमांक-2 की चार विद्युत इकाईयॉ भी क्षमता 830 मेगावॉट भी इकाई क्रमांक-6 क्षमता 200 मेगावाट एवं इकाई क्रमांक-7 क्षमता 210 मेगावॉट दिनांक 05 मार्च, 2021 से बंद है एवं इकाई क्रमांक-8 क्षमता 210 मेगावॉट 29.10.2020 एवं इकाई क्रमांक-9 क्षमता 210 मेगावॉट दिनांक 22.02.2020 से बंद कर दी गयी? कुल सारनी की 09 इकाईयॉ क्षमता 1142.5 मेगावॉट विद्युत क्षमता की इकाईयॉ बंद कर दी गयी? वर्तमान में 2X250 मेगावॉट कुल स्थापित क्षमता 500 मेगावाट की चलायमान है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में चार विद्युत इकाई प्रबंध संचालक द्वारा क्या केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण एवं राज्य शासन की अनुमति के कारण बंद कर दी गयी एवं इन इकाइयों के पार्ट्स अन्य ताप विद्युत गृहों को भेज दिये गये हैं? क्या इस कारण सारनी शहर एवं आस-पास के गॉवों से हजारों मजदूर, व्यापारी, ठेकेदार पलायन कर गये हैं? इस हेतु सारनी संघर्ष समिति द्वारा पुरानी इकाइयों को पुन: चालू करने हेतु निरंतर आन्दोलन कर रहे है एवं मुख्यमंत्री जी को हजारों पोस्ट कार्ड भेज रहे हैं? (ग) क्या मुख्यमंत्री जी ने बैतूल जिले के सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारणी एवं अनूपपुर जिले के अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई में 660 मेगावॉट की नई विद्युत इकाई लगाने की स्वीकृति प्रदान की थी? (घ) स्वीकृति के बाद भी केवल अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई में 660 मेगावॉट की एक नई विद्युत उत्पादन इकाई लगाने की स्वीकृति दी है? बैतूल जिले के सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारणी में 660 मेगावॉट की एक नई इकाई लगाने की स्वीकृति क्यों नहीं दी गई? इस भेदभाव का क्या कारण हैं? (ड.) सतपुड़ा ताप विद्युत गृह में एक नई 660 मेगावॉट की इकाई कब लगाई जायेगी और उससे विद्युत उत्पादन कब प्रारंभ होगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हां, सतपुड़ा ताप विद्युत गृह के पॉवर हाउस क्रमांक-1 की इकाई क्र. 1 से 5 को वर्ष 2013 से 2014 के मध्य आयु पूर्ण होने के उपरांत सेवानिवृत्त किया गया है। सेवानिवृत्ति उपरांत इन इकाइयों को डिसमेंटल कर, नियमानुसार समस्त कबाड़ उठाने का कार्य मेसर्स सिक्किम फेरो अलॉय लिमिटेड द्वारा पूर्ण कर लिया गया है। सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारनी के विद्युत गृह क्रमांक 2 एवं 3 की इकाइयों (क्र. 6,7,8 एवं 9) द्वारा रूपांकन आयु 25 वर्ष के विरूद्ध 37 से 43 वर्ष विद्युत उत्पादन किया गया है। रूपांकन आयु पूर्ण होने के दृष्टिगत दिनांक 05.03.2021 से इकाई क्र. 6 एवं 7 तथा दिनांक 29.02.2020 से इकाई 8 एवं 9 विद्युत उत्पादन हेतु उपलब्ध नहीं है। जी हां सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारनी की इकाई क्र. 1 से 5 सेवानिवृत्ति के उपरांत व इकाई क्रमांक-6 से 9 रूपांकन आयु पूर्ण करने के फलस्वरूप बंद है। वर्तमान में सतपुड़ा ताप विद्युत गृह क्रमांक 4 (2x250 मेगावाट) की इकाइयों से विद्युत उत्पादन किया जा रहा है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखानुसार इकाई क्रमांक 6 से 9 को भौतिक स्थिति, प्रचलित पर्यावरण मानकों व सुरक्षा कारणों से बंद किया गया है। इकाइयों के बंद रहने से संबंधित जानकारी केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण को दी गई है। इन इकाइयों के उपयोगी उपकरण/कलपुर्जों का अन्य ताप विद्युत गृहों की आवश्यकताओं को देखते हुए उपयोग किया जाना सामान्य प्रक्रिया है। इकाइयों के बंद होने से सारनी क्षेत्र के व्यापारियों, ठेकेदार एवं मजदूरों के प्रभावित होने के संबंध में लेख है कि इन इकाइयों के बंद होने के पूर्व से ही सतपुड़ा ताप विद्युत गृह में पॉवर हाउस क्रमांक 4 (2x250 मेगावाट) सतत् संचालन में हैं, जिससे क्षेत्र में रोजगार सृजन हुआ है। सारनी संघर्ष समिति सहित अन्य संगठनों एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा पुरानी इकाइयों के स्थान पर नवीन इकाई लगाने हेतु विभिन्न माध्यमों से ज्ञापन दिये गये है। (ग) सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी में सेवानिवृत्त इकाई क्र. 1 से 5 के स्थान पर 1x660 मेगावाट क्षमता की नवीन सुपर क्रिटिकल ताप इकाई की स्थापना हेतु राज्य शासन द्वारा प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गयी है एवं अमरकंटक ताप विद्युत गृह, चचाई में 1x660 मेगावाट क्षमता की सुपर क्रिटिकल इकाई की स्थापना हेतु मंत्रि-परिषद् द्वारा जनवरी-2022 में परियोजना की सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गयी है तथा प्रशासकीय स्वीकृति प्रक्रियाधीन हैं। (घ) सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी में 1x660 मेगावाट क्षमता की नई इकाई की स्थापना हेतु राज्य शासन द्वारा प्रश्नांश (ग) के उल्लेखानुसार 1x660 स्वीकृति प्रदान की गई है तथा अमरकंटक ताप विद्युत गृह, चचाई में 1x660 मेगावाट इकाई की स्थापना के प्रस्ताव पर राज्य शासन द्वारा सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई। म.प्र. शासन से प्रशासकीय स्वीकृति प्रक्रियाधीन है I अत: दोनों इकाइयों की स्थापना में भेदभाव नहीं किया जा रहा है। (ड.) परियोजना की स्थापना हेतु भूमि, कोल आवंटन, जल आवंटन, ऊर्जा क्रय हेतु सहमति उपलब्ध है एवं पर्यावरणीय स्वीकृति प्राप्त करने संबंधी कार्यवाही प्रगति पर है। परियोजना की स्थापना हेतु मेसर्स एन.टी.पी.सी को परियोजना सलाहकार नियुक्त किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन हैI परियोजना से संबंधित वैधानिक एवं अन्य आवश्यक स्वीकृतियाँ प्राप्त कर, परियोजना निर्माण कार्यवाहियाँ आरम्भ किये जाने हेतु प्रयास किये जा रहे है I निश्चित समयावधि में आवश्यक स्वीकृतियां प्राप्त होने की स्थिति में उपरोक्त परियोजना से वाणिज्यिक उत्पादन अनुमानत: वर्ष 2027-28 में प्रस्तावित है।
हितग्राहियों को लाभान्वित न करने वाले जिम्मेदारों पर कार्यवाही
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
117. ( क्र. 1368 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजनायें वर्तमान में संचालित की जा रही है? शहडोल व रीवा जिले में इन संचालित योजनाओं में से कितने हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया, का विवरण वर्ष 2018 से प्रश्नांश दिनांक तक का जनपदवार व जिलेवार देवें। (ख) प्रश्नांश (क) की संचालित योजनाओं में से किसानों के लिये कौन सी योजना संचालित है? इसमें से कितने किसानों को कब-कब लाभान्वित किया गया, कितने को सब्सिडी दी गई, का विवरण जनपदवार, जिलेवार, किसानों के नाम पते सहित देवें। (ग) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में रीवा जिले के सोलर पावर प्लांट में सी.एस.आर. मद की कितनी राशि शासन एवं प्रशासन को उपलब्ध कराई गई का विवरण वर्षवार देते हुये बतावें कि इस राशि का उपयोग किन-किन कार्यों और कब-कब, कहां-कहां किया गया? वर्तमान में कितनी राशि शेष है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में सी.एस.आर. मद की राशि का उपयोग जो प्लांट द्वारा आसपास के क्षेत्र में विकास हेतु किये जाने का है, इस अनुसार क्षेत्र के आसपास कौन-कौन से कार्य कब-कब, कितनी-कितनी लागत से कहां-कहां कराये गये, का विवरण वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक का वर्षवार देवें। (ड.) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार संचालित योजनाओं का लाभ पात्रों को नहीं दिया गया? पात्र आज भी वंचित हैं? सब्सिडी भी शासन के निर्देश के पालन में किसानों को नहीं दी गई एवं प्रश्नांश (ग) व (घ) अनुसार सी.एस.आर. मद की राशि का उपयोग क्षेत्रीय विकास में नहीं किया गया? इन सबके लिये जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही करेगें?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा वर्तमान में संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। PM-KUSUM घटक 'अ' अंतर्गत वर्ष 2018 से प्रश्नांश दिनांक तक शहडोल जिले की जानकारी निरंक है, तथा रीवा जिले अंतर्गत लाभान्वित हितग्राही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। PM-KUSUM घटक 'ब' अंतर्गत वर्ष 2018 से प्रश्नांश दिनांक तक शहडोल व रीवा जिले के अंतर्गत लाभान्वित हितग्राही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। PM-KUSUM घटक 'स' अंतर्गत वर्ष 2018 से प्रश्नांश दिनांक तक शहडोल व रीवा जिले की जानकारी निरंक है। ऊर्जा साक्षरता अभियान (USHA) अंतर्गत शहडोल जिले में कुल 33,659 पंजीकरण हुए है, जिनमें से 14,783 का ऊर्जा मित्र का प्रमाणीकरण हो चुका है। रीवा जिले में कुल 15,531 पंजीकरण हुए है जिनमें से 3517 का ऊर्जा मित्र का प्रमाणीकरण हो चुका है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित योजनाओं में से प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (PM-KUSUM) घटक 'अ' 'ब' एवं 'स' किसानों के लिए संचालित योजनाएं है। पीएम कुसुम 'अ' योजना के अतंर्गत, शहडोल व रीवा जिले के चयनित किसानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। पीएम कुसुम 'ब' योजना के अंतर्गत शहडोल व रीवा जिले के किसानों को लाभान्वित किये जाने/अनुदान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। पीएम कुसुम 'स' योजना अंतर्गत शहडोल व रीवा जिले के लाभान्वित किसाना हितग्राहियों की संख्या निरंक है। (ग) उत्तरांश (क) के तारतम्य में रीवा जिले में स्थित ग्राम गुढ में स्थित सोलर पावर प्लांट में सी.एस.आर. मद से स्थानीय विकास हेतु लोकल एरिया डेवलपमेंट फंड (LADF) के रूप में रीवा जिला योजना समिति को दिनांक 08.06.2018 को रूपये 7,50,00000/- एवं दिनांक 31.08.2019 को पुन: रूपये 7,50,00000/- इस प्रकार कुल रूपये 15,00,00,000/- (रूपये पन्द्रह करोड़) उपलब्ध कराये गये है उक्त फंड का उपयोग रीवा जिला योजना समिति स्थानीय स्तर पर करती है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-इ अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ग) के संदर्भ में किये गये कार्य की दिनांक लागत व स्थान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-इ अनुसार है। (ड.) उत्तरांश (क) और (ख) में उल्लेखित योजनाओं में शासन के दिशा-निर्देशों के अनुसार ही पात्र हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है। उक्त योजनाओं के अंतर्गत शासन द्वारा स्वीकृत बजट, आवेदकों की वरीयता एवं पात्रता के अनुसार योजना का लाभ दिया जा रहा है। उत्तरांश (ग) व (घ) अनुसार सी.एस.आर. मद की राशि का उपयोग क्षेत्रीय विकास के लिए ही किया गया है। उपरोक्त परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जले हुये ट्रांसफार्मरों को न बदलने व जबरन बिल वसूली
[ऊर्जा]
118. ( क्र. 1369 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ऊर्जा विभाग द्वारा जले ट्रान्सफार्मर बदले जाने बाबत् निर्देश दिये गये हैं? बतावें कि जनवरी, 2021 से प्रश्नांश दिनांक तक में शहडोल जिले में कितने ट्रांसफार्मर जले और उनके बदलने की कार्यवाही किस-किस दिनांक को की गई? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जले ट्रान्सफार्मरों के स्थान पर कितने एच.पी. के ट्रान्सफार्मर बदल कर लगाये गये? क्या बदले हुये ट्रान्सफार्मर पूर्व में लगे हुये ट्रान्सफार्मरों की क्षमता के लगाये गये अथवा ज्यादा क्षमता के लगाये गये का विवरण विद्युत वितरण केन्द्रवार देवें? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार ट्रान्सफार्मर किन कारणों से जले की जानकारी देते हुये बतावें कि क्या विद्युत लोड उपभोक्ताओं एवं सिंचाई के बढ़ने के कारण जले या तकनीकी कारणों से स्पष्ट रूप से जानकारी देवें? (घ) प्रश्नांश (क) के जले हुये ट्रान्सफार्मरों को मनमाने तरीके से शासन के निर्देशों का पालन न कर जले ट्रान्सफार्मर को बदलने की कार्यवाही नहीं की गई उपभोक्ताओं के बढ़ने के कारण बिजली की खपत बढ़ी लेकिन उस अनुसार ज्यादा हार्स पावर के ट्रासफार्मर नहीं लगाये गये मनमानी बिल वसूले गये इन सबके लिये जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही करेंगे? साथ ही ज्यादा हार्सपावर के ट्रान्सफार्मर लगायेगे अगर नहीं तो क्यों? (ड.) प्रश्नांश (क) अनुसार जले ट्रान्सफार्मरों को अनुसार मनमाने तरीके से शासन के निर्देशों का पालन न कर जले ट्रान्सफार्मर को बदलने की कार्यवाही नहीं की गई उपभोक्ताओं के बढ़ने के कारण बिजली की खपत बढ़ी लेकिन उस अनुसार ज्यादा हार्स पावर के ट्रान्सफार्मर नहीं लगाये गये। मनमानी बिल वसूले गये इन सबके लिये जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही करेंगे? साथ ही ज्यादा हार्सपावर के ट्रान्सफार्मर लगायेगे अगर नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, ऊर्जा विभाग, म.प्र. शासन एवं म.प्र. विद्युत नियामक आयोग के निर्देशों के अनुसार वितरण ट्रांसफार्मर के जलने/खराब होने के उपरान्त संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि का 10 प्रतिशत जमा करने अथवा 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा बकाया राशि जमा करने पर संभागीय मुख्यालय में 12 घंटे एवं अन्य शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे तथा ग्रामीण क्षेत्रों में शुष्क मौसम में 3 दिवस तथा मानसून के मौसम के दौरान माह जुलाई से सितंबर तक 7 दिवस में बदलने के प्रावधान है। प्रश्नाधीन अवधि में शहडोल जिला अंतर्गत 1763 वितरण ट्रांसफार्मर जले/खराब हुए हैं जिनमें से 1689 वितरण ट्रांसफार्मर पात्रता श्रेणी में आने के उपरान्त नियमानुसार निर्धारित समय अवधि में बदल दिये गये हैं एवं शेष 74 जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर उनसे संबद्ध उपभोक्ताओं पर विद्युत बिल की बकाया राशि होने के कारण अपात्र श्रेणी में होने के कारण बदलने हेतु शेष है। उक्तानुसार जले/खराब हुए एवं बदले गए वितरण ट्रांसफार्मरों के जलने/खराब होने एवं उन्हें बदले जाने की दिनांकवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों के स्थान पर उसी क्षमता (पूर्व में स्थापित वितरण ट्रांसफार्मर की क्षमता) के वितरण ट्रांसफार्मर लगाये गये हैं, जिसकी प्रश्नाधीन चाही गयी वितरण केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) में उल्लेखित वितरण ट्रांसफार्मरों के जलने/खराब होने के मुख्य कारण लाईनों के शार्ट सर्किट, लाइटनिंग, ओवरलोड, तकनीकी खराबी, विद्युत लाईनों से छेड़छाड, अनाधिकृत रूप से विद्युत का उपयोग किया जाना आदि हैं। (घ) उत्तरांश (क) में उल्लेखित जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों को उत्तरांश (क) में उल्लेखित प्रावधानों के अनुसार ही म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा बदलने की कार्यवाही की गई है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में वितरण ट्रांसफार्मरों को उनसे संबद्ध भार के अनुसार ही उचित क्षमता के वितरण ट्रांसफार्मर से बदला गया है। तथापि विद्युत भार में प्रतिवर्ष संभावित वृद्धि का आंकलन कर विद्युत अधोसंरचना के सुदृढ़ीकरण/उन्नयन का कार्य एक सतत् प्रक्रिया के अंतर्गत किया जाता है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में विद्युत उपभोक्ताओं के संबद्ध भार एवं संभावित भार वृद्धि के दृष्टिगत आर.डी.एस.एस. योजना में 509 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि एवं 311 अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर स्थापना के कार्य प्रस्तावित किये गये है। प्रश्नाधीन क्षेत्र के विद्युत उपभोक्ताओं को म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश के अनुरूप नियमानुसार विद्युत देयक जारी किये जा रहे हैं। अत: किसी के विरूद्ध कोई कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है। (ड.) उत्तरांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
आदेश लागू करने
[लोक निर्माण]
119. ( क्र. 1386 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या निर्वाचित विधायकों के पत्रों के उत्तर देने संबंधी सामान्य प्रशासन विभाग का स्थायी आदेश लोक निर्माण विभाग पर भी लागू होता है? हाँ तो जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि हाँ, है तो प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र क्रमांक 733 दिनांक 08.01.2023 द्वारा प्रमुख सचिव महोदय लोक निर्माण विभाग से मांगी गई बिन्दुवार जानकारी क्या प्रश्नकर्ता विधायक को समय-सीमा में उपलब्ध करा दी गई? यदि हाँ, तो जानकारी उपलब्ध कराने का दिनांक तथा विधायक को उपलब्ध जानकारी की प्रति उपलब्ध करायें? (ग) प्रश्नांश (ख) का उत्तर यदि नहीं, है तो क्या शासन दोषी अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगा? हाँ तो क्या कब तक? कारण बतायें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। पत्र क्रमांक 19215-19216 दिनांक 22.02.2023 द्वारा जानकारी उपलब्ध कराई गयी। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ऑडिटोरियम हेतु विशेष निधि से स्वीकृत राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
120. ( क्र. 1390 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता विधायक के माननीय मुख्यमंत्री महोदय को प्रेषित पत्र के आधार पर माननीय मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा पत्र पंजीयन क्रमांक 708/CMS/MLA/162/2023 दिनांक 27.01.2023 के माध्यम से ACS/PS/Secretary से नगरीय विकास एवं आवास विभाग को प्रेषित किया गया है? हां तो जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त पत्र पर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही हुई? (ग) प्रश्न की कंडिका (क) एवं (ख) के आधार पर क्या विभाग राजगढ़ नगर में ऑडिटोरियम हेतु विशेष निधि से स्वीकृत राशि नगरीय निकाय राजगढ़ को जारी कर देगा? हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हां। विशेष निधि मद में वर्तमान में बजट की राशि शेष न होने से स्वीकृति प्रदान नहीं की जा सकेगी। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नेवज नदी पर नवीन पुल की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
121. ( क्र. 1395 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र नेवज नदी पर नवीन पुल स्वीकृत करने के संबंध में माननीय मुख्यमंत्री महोदय को पत्र प्रेषित किया है? यदि हाँ, तो माननीय मुख्यमंत्री सचिवालय द्वारा पंजीयन क्रमांक 738/CMS/MLA/162/2023 दिनांक 27.01.2023 से ACS/PS/Secretary. लोक निर्माण विभाग को प्रेषित किया है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक उक्त पत्र के आधार पर विभाग ने किस-किस दिनांक को क्या-क्या कार्यवाही की है? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि हाँ, है तो कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग सेतु संभाग उज्जैन ने राजगढ़ जिले के बगा फत्तुखेडी से करणपुरा नेवज नदी पर पुल निर्माण का प्रारंभिक प्रस्ताव बनाया है? यदि हाँ, तो जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर क्या शासन बगा फत्तुखेडी से करणपुरा नेवज नदी पर नवीन पुल का निर्माण करवा देगा? हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। दिनांक 09.02.2023 को सचिव लोक निर्माण विभाग को प्राप्त। पत्र पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन। (ख) जी नहीं। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्तमान में बजट में शामिल नहीं होने के कारण निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं।
नगर निगम भोपाल में अतिक्रमण के नाम पर अवैध वसूली
[नगरीय विकास एवं आवास]
122. ( क्र. 1439 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम भोपाल में Towing Service Charges अन्तर्गत बुक नं. 1108 एवं स.क्र. 49 की रसीद दिनांक 11/01/23 क्रेन नं. 108 लिपिक, अतिक्रमण शाखा द्वारा काटी गई है? (ख) उपरोक्त के संबंध में संबंधित लिपिक का नाम, मूल पदनाम, प्रथम नियुक्ति दिनांक, अतिक्रमण शाखा में कब से किस के आदेश से पदस्थ है? (ग) उपरोक्त के संबंध में इस प्रकार की वसूली किसके आदेश से, किस विभाग के संयुक्त तत्वाधान में, किस अधिकारी के मार्गदर्शन में, कब से संचालित हो रही है? क्या सड़क किनारे वाहन खड़ा करना अपराध है? यदि हाँ, तो नियम क्या कहां-कहां पर लागू है? कहां-कहां पर इसमें छूट है? सेंटमैरी स्कूल सेकण्ड स्टॉप, एम.पी. नगर, न्यू मार्केट, बंसल चिकि., करोंद चौराहा, दस नं. मार्केट, कोलार रोड, बैरागढ़, नगर निगम के फील्ड में कार्यरत समस्त वाहनों की पार्किंग नगर निगम भोपाल में नियमों से होती है? सभी स्थानों पर कारण सहित बताये। (घ) नगर निगम भोपाल की नगर निगम सीमा में कितनी चल-अचल संपत्तियाँ है? उनके स्वरूप एवं क्षेत्रफल क्या हैं तथा इनका उपयोग के आधार आवासीय, व्यवसायिक, कार्यालय, बहुमंजिला इमारतें, ग्राउण्ड इत्यादि वर्गीकरण करते हुये संपूर्ण जानकारी दें। इनसें राजस्व की प्राप्तियों की जानकारी 20 मार्च, 2020 से प्रश्न दिनांक तक इकाईवार गौशवारा बनाकर वार्डवार दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ, उक्त काटी गई रसीद अतिक्रमण शाखा द्वारा काटी गई है। (ख) संबंधित लिपिक का नाम पवन पाठक है, जिनका मूलपद सिपाही है जिनकी प्रथम नियुक्ति तिथि दिनांक 01.11.1994 है। उक्त कर्मचारी नियुक्ति दिनांक से ही अतिक्रमण शाखा में आयुक्त नगर निगम, भोपाल के आदेश से पदस्थ है। (ग) दिनांक 12.08.2013 को भोपाल शहर की यातायात व्यवस्था के बेहतर प्रवर्तन एवं प्रबंधन के लिए अनुकर्षण सेवा/क्रेन प्रदाय करने के संबंध में आयोजित कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक एवं आयुक्त नगर निगम, भोपाल की संयुक्त बैठक में लिये गये निर्णय अनुसार नगर निगम, भोपाल द्वारा यातायात अनुकर्षण एवं प्रबंधन हेतु उपलब्ध कराई गई क्रेनों से यातायात पुलिस भोपाल के द्वारा कार्यवाही की जाकर अनुकर्षण प्रभार नगर निगम, भोपाल द्वारा लिया जा रहा है। आयुक्त नगर निगम, भोपाल द्वारा आदेश दिनांक 30.01.2016 से श्री पवन पाठक को दायित्व सौंपा गया है। मोटर यान अधिनियम 1998 की धारा 127 एवं धारा 201 के अंतर्गत अनुसार सार्वजनिक स्थल पर वाहन खड़े करना विधि विरुद्ध है, जो सम्पूर्ण नगर निगम क्षेत्र में लागू है। नियमों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। मोटर यान अधिनियम 1988 की धारा 117 के अंतर्गत निर्दिष्ट पार्किंग स्थल और विराम स्थलों पर नियमानुसार वाहन खड़े किये जा सकते है। सेंट मेरी स्कूल, सेकेण्ड स्टाप, एम.पी. नगर, न्यू मार्केट, बंसल चिकित्सालय, करोंद चैराहा, 10 नंबर स्टाप, कोलार रोड, बैरागढ़ नगर निगम के फील्ड में कार्यरत सभी वाहनों की पार्किंग नियमानुसार नहीं होने पर मोटर यान अधिनियम की धारा 201 के अनुसार अनुकर्षण प्रभार लिये जाने की कार्यवाही की जाती है। नगर निगम में फील्ड में कार्यरत समस्त वाहनों की पार्किंग संबंधी आदेश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘ब‘ अनुसार है। (घ) जानकारी वृहद होने से संकलित की जा रही है।
शासकीय आवासों को विधानसभा पूल आवास में समर्पित
[लोक निर्माण]
123. ( क्र. 1440 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी, 2004 से नवम्बर, 2018 तक एवं 20 मार्च, 2020 से प्रश्न दिनांक तक भोपाल में कितने शासकीय आवास गृह वि.स. पूल को समर्पित कर कितने आवास वि.स. पूल से प्राप्त किये हैं? इसके नियम क्या हैं? संपूर्ण जानकारी टाईपवार पृथक-पृथक गौशवारा बनाकर दें? (ख) उपरोक्त आवासों में कितना-कितना संधा. कार्य/नवीन कार्य कराया गया है? आवासवार, वर्षवार, बजटवार गौशवारा बनाकर बतायें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में विधान सभा पूल में शासकीय आवासों के समर्पण एवं प्राप्ति का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब अनुसार है। नियम म.प्र. विधान सभा सचिवालय से संबंधित है। (ख) प्रश्नांकित अवधि का शासकीय आवासों पर व्यय विवरण सिविल कार्य हेतु जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स एवं 'द' तथा विदयुत कार्य हेतु जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ड एवं 'च' अनुसार है।
बिजली खरीदी एवं बेचने की जानकारी
[ऊर्जा]
124. ( क्र. 1447 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तीनों विद्युत वितरण कंपनियों का वर्ष 2017-18 से 2021-22 तक लाभ/हानि तथा बताएं कि 2017-18 से 2021-22 तक प्रत्येक वर्ष की 31 मार्च को इन कंपनियों पर कितना-कितना कर्ज था? (ख) वर्ष 2017-18 से 2021-22 तक प्रति वर्ष कुल कितने रूपये की विक्रेता से बिजली खरीदी गई तथा कितने रूपए की बिजली अन्य राज्य को बेची गई एवं अनुबंध के अनुसार बिजली नहीं उठाने पर बिना बिजली लिए कंपनियों को कितना भुगतान करना पड़ा? (ग) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इन्दौर द्वारा वित्तीय वर्ष 2017-18 से 2021-22 तक में कितने-कितने सिंगल फेस एवं थ्री फेस निम्नदाब विद्युत मीटर, किस-किस फर्म से, किस दर पर खदीदे गये। की वर्षवार संख्यात्मक जानकारी देवें। उपरोक्त खरीदे गये मीटरों में से गारन्टी समयावधि में 05 वर्ष में उपभोक्ता के यहां तथा कंपनी के स्टोर में रखे हुए कितने मीटर खराब/बंद/दोषपूर्ण जल गए तथा उनका निराकरण किस प्रकार किया गया? (घ) मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इन्दौर के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2017-18 से 2021-22 तक खरीदी में भ्रष्टाचार, आर्थिक अनियमितता, आवश्यकता से अधिक खरीदना, अनुपयोगी/अनावश्यक खरीदना, गुणवत्ताहीन सामान खरीदना आदि को लेकर कितने प्रकरण पाए गए? इन प्रकरणों में क्या कार्यवाही की गई जानकारी देवें। (ड.) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इन्दौर के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2017-18 से 2021-22 तक में विद्युत कम्पनी के अन्तर्गत कार्यरत कितने स्थाई कर्मचारियों की विद्युत लाइन पर कार्य करते हुए दुर्घटना में मृत्यु हुई तथा इस हेतु कौन अधिकारी जिम्मेदार है तथा उस पर क्या कार्यवाही की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों यथा-म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी, म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी एवं म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी का विगत 05 वित्तीय वर्षों (यथा-वित्तीय वर्ष 2017-18 से 2021-22 तक) में कुल लाभ/हानि की प्रश्नाधीन चाही गयी वित्तीय वर्षवार/कंपनीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है एवं उक्त अवधि में प्रत्येक वर्ष की 31 मार्च को इन कंपनियों पर कर्ज की प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा क्रय की गई एवं अन्य राज्यों को विक्रय की गई विद्युत की राशि से संबंधित प्रश्नाधीन चाही गयी वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' एवं 'द' अनुसार है। अनुबंध के अनुसार विद्युत क्रय नहीं करने पर विद्युत उत्पादकों को किए गए भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ई' अनुसार है। (ग) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर द्वारा प्रश्नाधीन अवधि में खरीदे गए सिंगल फेस एवं थ्री फेस निम्नदाब विद्युत मीटरों की वर्षवार, विक्रेता फर्मवार, मीटरों की दर सहित प्रश्नाधीन चाही गयी संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'फ' एवं 'फ-1' अनुसार है। क्षेत्रीय भंडारो में रखे हुए सिंगल फेस एवं थ्री फेस निम्नदाब विद्युत मीटर अच्छी अवस्था में है एवं फील्ड की मांग अनुसार जारी किये जा रहे हैं। उपरोक्त अवधि में ग्यारंटी अवधि में खराब हुए मीटरों को फर्मों से बिना किसी लागत के बदलवाया जाता है एवं अन्य खराब मीटर्स को स्क्रेप घोषित कर नीलामी कर विक्रय किया जाता है। ग्यारंटी अवधि में खराब सिंगल फेस एवं थ्री फेस निम्नदाब विद्युत मीटरों की संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ज' एवं 'ज-1' में दर्शाए अनुसार है। (घ) मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इंदौर के अंतर्गत प्रश्नाधीन अवधि में प्रश्नांश में उल्लेखित विभिन्न अनियमितताओं का कोई प्रकरण नहीं पाया गया। अतः शेष प्रश्न नहीं उठता। (ड.) म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इंदौर के अंतर्गत प्रश्नाधीन अवधि में इंदौर क्षेत्रांतर्गत कुल 09 एवं उज्जैन क्षेत्रांतर्गत कुल 07 इस प्रकार कुल 16 स्थाई कर्मचारियों की विद्युत लाईन पर कार्य करते हुए दुर्घटना में मृत्यु हुई है। उक्त घटित विद्युत दुर्घटनाओं से संबंधित दोषी अधिकारियों एवं उन पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'च' अनुसार है।
अस्थाई एवं स्थाई कर्मचारियों की संख्या
[नगरीय विकास एवं आवास]
125. ( क्र. 1448 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1351, दिनांक 28 जुलाई, 2022 के प्रश्नांश (ख) तथा (घ) की जानकारी प्रदान की जाए तथा प्रदेश 16 नगर निगम, 99 नगर पालिका तथा 298 नगर परिषद में वर्ष 2022 का पेट्रोल डीजल का कुल खर्च कितना-कितना है? किस केटेगरी के कितने वाहन चालू हालत में हैं तथा कितने बंद पड़े हैं? निकाय की तीनों श्रेणी अनुसार जानकारी देवें। (ख) जनवरी 2023 की स्थिति में केटेगरी अनुसार कार्यरत स्थाई और अस्थाई कर्मचारियों की संख्या तथा उनको जनवरी 2023 में दिया गया कुल वेतन एवं स्थानीय निकाय की श्रेणीवार जानकारी दें। (ग) क्या नगर निगम परिषद में प्रस्ताव पास कर जल दर, संपत्ति कर, नामांतरण शुल्क, नामांतरण पर पेनाल्टी में वृद्धि-कमी कर वसूलना प्रारंभ कर सकता है? क्या बंद प्रकल्प के नाम पर नामांतरण शुल्क तथा पेनाल्टी इत्यादि वसूल कर सकता है या उसके लिए उसे शासन से अनुमोदन लेना होती है? यदि कर सकता है तो उसका उल्लेख नगर निगम अधिनियम में किस धारा में किया गया है? (घ) किस नगर निगम में नगर सुधार न्यास के भंग होने के बाद भी उसके नाम पर नामांतरण, पेनाल्टी इत्यादि के पैसे जनता से लिए गए? उन नगर निगम का नाम तथा जनता से वसूल की गई कुल राशि बताएं। बंद प्रकल्प के नाम पर लिया गया शुल्क जनता से अवैध वसूली नहीं है? (ड.) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी ने पिछले 2 वर्षों में कई चुनावी सभाओं में घोषणा की हैं कि विभाजीत प्लाट का नामांतरण, भवन निर्माण की अनुमति करवाई जाएगी? क्या प्रदेश में 37 लाख 44 हजार 116 व्यक्ति ऐसे ना होने से परेशान है? शासन द्वारा इस संदर्भ में उच्च न्यायालय या उच्चतम न्यायालय में कोई परिवाद दायर किया गया है या नहीं तथा विभाग अपने स्तर पर माननीय न्यायालय के फैसले की कंडीशन पर प्रोविजनल नामांतरण क्यों नहीं कर देता?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न क्रमांक 1351, दिनांक 28 जुलाई, 2022 के खण्ड (ख) एवं (घ) की जानकारी "जी नहीं’’ है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेषांश की जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) मध्यप्रदेश नगर पालिक निगम अधिनियम, 1956 की धारा 132, 132 (क), 133, 138 एवं 167 में वर्णित प्रावधान अनुसार नगर निगम परिषद में प्रस्ताव पास कर जल प्रभार, संपत्ति कर, नामांतरण शुल्क एवं नामांतरण पर पेनाल्टी में वृद्धि कर सकता है परन्तु, उक्त करों में यदि कमी किया जाना हो तो नगरपालिक निगम की परिषद द्वारा प्रस्ताव तैयार कर अनुमोदन हेतु शासन को भेजा जाता है। मध्यप्रदेश नगरपालिक निगम अधिनियम, 1956 की धारा-162 अंतर्गत शासन में निहित शक्तियों के अंतर्गत उक्त करों में कमी किये जाने की स्वीकृति शासन द्वारा प्रदान किये जाने के उपरांत मध्यप्रदेश नगरपालिक निगम अधिनियम, 1956 की धारा-135 के उपबंधों के पालन के अध्यधीन निगम शासन की स्वीकृति से किसी कर की दर को कम कर सकेगा। बंद प्रकल्प से आशय यदि नगर सुधार न्यास कर नगर निगम में विलय से है तो नगर सुधार न्यास की समस्त चल अचल संपत्ति का स्वामित्व नगर निगम का हो जाता है, इसलिये तत्कालीन नगर निगम का हो जाता है, इसलिये तत्कालीन नगर सुधार न्यास द्वारा लीज पर दी गई संपत्तियों का नामांतरण शुल्क एवं पेनाल्टी मध्यप्रदेश नगरपालिका (अचल संपत्ति का अंतरण) नियम, 2016 एवं संशोधित नियम दिनांक 04 मई, 2021 में वर्णित प्रावधान अनुसार वसूल किया जा सकता है। (घ) एवं (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बिजली उत्पादन एवं खपत की जानकारी
[ऊर्जा]
126. ( क्र. 1455 ) श्री जितु पटवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के मध्य पूर्व एवं पश्चिम विद्युत वितरण कंपनियों का प्रश्न दिनांक तक कुल कितना-कितना घाटा हैं? विगत 5 वित्तीय वर्ष का वर्षवार कंपनीवार घाटे की जानकारी देवें। (ख) वर्ष 2018-19 से 2022-23 तक वित्तीय वर्ष में विभिन्न श्रेणी जैसे घरेलू, व्यवसायिक व लघु उद्योग में कितन-कितने रूपए प्रति यूनिट दर से वृद्धि की गई? वर्षवार, श्रेणीवार जानकारी देवें? (ग) निजी व शासकीय दोनों प्रकार के उत्पादन इकाई में से सबसे सस्ती व सबसे महंगी बिजली किस योजना या प्लांट से मिल रही है? दोनों की प्रति यूनिट दर प्लांट एवं योजना के नाम सहित बताएं? (घ) क्या अगले वित्तीय वर्ष में बिजली कंपनियों ने फिर से दर बढ़ाने हेतु प्रस्ताव तैयार किया है? यदि हां, तो कितनी वृद्धि प्रस्तावित की गई है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रदेश की पूर्व/मध्य/पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर/भोपाल/इंदौर हेतु विगत 05 वित्तीय वर्षों (यथा-वित्तीय वर्ष 2017-18 से वित्तीय वर्ष 2021-22 तक) में घाटे से संबंधित प्रश्नाधीन चाही गयी वर्षवार, कंपनीवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में विभिन्न श्रेणी जैसे घरेलू, व्यवसायिक एवं निम्नदाब उद्योग (लघु उद्योग) के विद्युत टैरिफ में हुई औसतन प्रति यूनिट वृद्धि/कमी (रूपये में) की प्रश्नाधीन चाही गयी वर्षवार, श्रेणीवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) माह दिसम्बर, 2022 की स्थिति में निजी व शासकीय दोनों प्रकार के उत्पादन इकाईयों में से सबसे सस्ती व सबसे महंगी बिजली से संबंधित प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (घ) जी हाँ। ‘मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग’ द्वारा, विनिर्धारित मानदंडों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2023-24 हेतु दायर टैरिफ याचिका में परिकलित विद्युत आपूर्ति की लागत तथा वर्तमान दरों पर विद्युत विक्रय से प्राप्त राजस्व के अंतर की राशि की वसूली हेतु 3.20% दर वृद्धि प्रस्तावित की गई है।
टोल से प्राप्त राजस्व एवं लागत की जानकारी
[लोक निर्माण]
127. ( क्र. 1456 ) श्री जितु पटवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश रोड डेवलपमेंट कारपोरेशन के प्रदेश में कितने टोल संचालित हैं? किस टोल से कितना राजस्व प्रति वर्ष शासन को टोल वसूली से प्राप्त होता है और कितना ठेकेदार कंपनी को मिलता है? टोलवार, रुपएवार जानकारी विगत 3 वित्तीय वर्ष की देवें। (ख) ऐसे कितने टोल प्रदेश में संचालित हैं जिनकी टोल वसूली की अवधि शेष है, पर उनकी निर्माण लागत निकल चुकी है? प्रश्न दिनांक की अवधि तक ऐसे टोल की जानकारी टेबल फॉर्म में टोल नाम, टोल की निर्धारित अवधि, प्रश्न दिनांक तक टोल वसूली, एग्रीमेंट अनुसार उस योजना की निर्माण राशि, टोल वसूली की शेष अवधि की जानकारी देवें। (ग) दिनांक 1 फरवरी, 2018 से 1 फरवरी, 2023 तक एम.पी.आर.डी.सी. के पास समस्त बैंकों में जमा की गई राशियों की कितने रुपए की एफ.डी. विभिन्न बैंकों की ब्रांच में जमा है? ब्रांचवार, रुपएवार वर्षवार जानकारी देवें। (घ) क्या एम.पी.आर.डी.सी. में भ्रष्टाचार व सांठगांठ के चलते जमा फिक्स डिपाजिट तोड़ना पड़ रहा है, यदि ऐसा है तो कारण बताएं एवं विगत 5 वर्ष की ऑडिटेड बैलेंसशीट की सत्यापित प्रति उपलब्ध कराएं। (ड.) एक वित्तीय वर्ष में एम.पी.आर.डी.सी. के ऑफिस, गाड़ी, वेतन आदि पर कितना खर्च होता है? विगत 3 वित्तीय वर्ष की जानकारी मदवार, वर्षवार दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 के प्रपत्र- ‘अ’, ‘ब’ एवं ‘स’ अनुसार। (ख) ''निरंक''। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 एवं परिशिष्ट-5 अनुसार।
नियम विरूद्ध पदस्थ अधिकारी पर कार्यवाही
[ऊर्जा]
128. ( क्र. 1478 ) श्री राकेश मावई [ श्री योगेन्द्र सिंह (बाबा) ] : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.वि.म. के आदेश क्र. No. PDI-M/63/42 दिनांक 13.5.2000 के परिपत्र प्रावधान के तहत कार्मिक द्वारा अन्य संवर्ग से लेखा संवर्ग में कितने अधिकारियों को चयनित किया गया। नाम, पद सहित जानकारी देवें। कार्मिक द्वारा अन्य संकाय में इस परिपत्र अनुसार कितने अधिकारी/कर्मचारियों का पद परिवर्तन किया गया? पृथक-पृथक सूची उपलब्ध करायें। (ख) क्या कोई अधिकारी उच्च वेतनमान प्राप्त करने से अगले पद के समान मान्य नहीं किया जाता है। यदि हाँ, तो प्रबंध संचालक मंजीत सिंह सहायक यंत्री उत्पादन संकाय कार्यपालन अभियन्ता का उच्च वेतनमान स्वीकृत हुआ था? यदि हाँ, तो आदेश क्र. No. PDI- M/63/42 दिनांक 13.5.2000 में उच्च वेतनमान स्वीकृत मानकर कार्यपालन अभियन्ता को वरिष्ठ लेखाधिकारी क्यों बना दिया गया है? नियम/आदेश प्रति सहित जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आदेश में स्पष्ट उल्लेख है कि आई.सी.डब्लू.ए. डिग्री धारकों को इस नियम के तहत सहायक यंत्री से श्रेणी-2 पद को अतिरिक्त वेतनवृद्धि देकर लेखाधिकारी बनाया जाना था लेकिन प्रथम एवं अंतिम बार में ही श्री मंजीत सिंह को एक पद बढ़ाकर द्वितीय श्रेणी से प्रथम श्रेणी के पद पर वरिष्ठ अधिकारी क्यों बना दिया गया। (घ) क्या लेखाधिकारी की परीक्षा में उत्तीर्ण अधिकारियों को ही लेखाधिकारी के पद पर पदस्थ किया जाना था? यदि हाँ, तो दो बार लेखाधिकारी की परीक्षा में अनुत्तीर्ण सहायक यंत्री श्री मंजीत सिंह को लेखाधिकारी कैसे, किस नियम के तहत बनाया गया? नियमों/आदेश की छायाप्रति सहित जानकारी देवें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. विद्युत मंडल के आदेश क्रमांक पी.डी.आई.-एम/ 63/42 दिनांक 13.05.2000 नहीं, अपितु आदेश क्रमांक पी.डी.आई./एफ.163/42 दिनांक 15.03.1980 में यह प्रावधान थे कि ऐसे कार्मिक जो आई.सी.डब्ल्यू.ए. की परीक्षा उत्तीर्ण करेंगे, वे 'लेखाधिकारी' के पद पर सीधी भर्ती हेतु पात्र होगें। किसी कार्मिक की अन्य संवर्ग से उक्त परिपत्र के प्रावधान के अंतर्गत नियुक्ति की जानकारी उपलब्ध नहीं है। तथापि म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी के वर्तमान प्रबंध संचालक, के तत्समय 10 वर्ष के तकनीकी अनुभव एवं कार्यपालन अभियंता का वेतनमान प्राप्त करने, उनकी शैक्षणिक अर्हता आई.सी.डब्ल्यू.ए.आई. को देखते हुए तत्कालीन म.प्र. विद्युत मण्डल द्वारा उन्हें वरिष्ठ लेखाधिकारी के पद पर नियुक्ति प्रदान की गई थी। अत: शेष प्रश्नांश लागू नहीं होता। (ख) जी नहीं, उच्च वेतनमान हेतु जारी परिपत्रों के अनुसार किसी कार्मिक को उच्च वेतनमान प्रदान करने पर अगले उच्च पद का पदनाम नहीं दिया जाता है। तथापि म.प्र. विद्युत मंडल द्वारा कार्मिकों को अगले उच्च पद से संबंधित आर्थिक लाभ प्रदान किए जाने के साथ ही तत्समय समयबद्ध पदोन्नति योजना लागू की गई थी, जिसमें उच्च वेतनमान के साथ अगले उच्च पद में पदनाम परिवर्तन का भी प्रावधान था। प्रबंध संचालक श्री मंजीत सिंह म.प्र. विद्युत मंडल द्वारा दिनांक 22 मई, 1990 से सहायक अभियंता (उत्पादन) के पद पर नियुक्त किए गए थे, को उच्च वेतनमान हेतु जारी परिपत्रों के अनुसार दिनांक 21.06.1999 को समयबद्ध पदोन्नति योजना अंतर्गत अतिरिक्त कार्यपालन अभियंता (TBPS) पदनाम प्रदान किया गया था। वर्ष 2000 में म.प्र. विद्युत मंडल द्वारा वित्त संकाय में उच्च पदों पर अधिकारियों की आवश्यकता के दृष्टिगत वर्तमान प्रबंध संचालक, म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी, जो कि तत्समय अतिरिक्त कार्यपालन अभियंता (TBPS) के पद पर पदस्थ थे, को आदेश दिनांक 03.02.2000 द्वारा वरिष्ठ लेखाधिकारी के पद पर नियुक्ति प्रदान की गई। आदेश दिनांक 03.02.2000 की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ उत्तरांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित स्थिति के दृष्टिगत सशर्त नियुक्ति प्रदान की गई। (घ) जी नहीं, पूर्ववर्ती म.प्र. विद्युत मंडल के परिपत्र क्रमांक 2586 दिनांक 10.8.1991 में इंगित प्रावधान के अतिरिक्त सीधी भर्ती, पदोन्नति एवं पूर्ववर्ती म.प्र. विद्युत मंडल के आदेश दिनांक 15.03.1980 के अनुसार 'लेखाधिकारी' की पदस्थापना किए जाने के प्रावधान थे। म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी के वर्तमान प्रबंध संचालक श्री मंजीत सिंह को उत्तरांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित अनुसार आदेश में वरिष्ठ लेखाधिकारी के पद पर नियुक्ति प्रदान की गई। आदेश की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
महाविद्यालय संचालन
[उच्च शिक्षा]
129. ( क्र. 1488 ) श्री संजय यादव : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 927, दिनांक 22.12.2022 के उत्तरांश (क) अनुसार शासकीय महाविद्यालय बरगी को बहु संकाय किये जाने हेतु शासन के आदेश दिनांक 4.2.2022 की प्रति उपलब्ध कराई जावे। बरगी महाविद्यालय में आगामी सत्र में वाणिज्य एवं विज्ञान संकाय प्रारंभ होगें या नहीं? (ख) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 927, दिनांक 22.12.2022 के उत्तरांश (ख) अनुसार यदि नवीन महाविद्यालय भवन निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है, तो अनेक बार किये गये पत्राचारों के बाद भी लोकार्पण क्यों नहीं करवाया जा रहा है? (ग) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 927, दिनांक 22.12.2022 के उत्तरांश (ग) अनुसार वित्त विभाग को प्रेषित प्रस्ताव दिनांक 14.11.2022 में चाही गई वित्त विभाग की सहमति प्राप्त हो गई यदि हाँ, तो प्रस्ताव पर आगामी कार्यवाही कब तक की जावेगी? यदि सहमति प्राप्त नहीं हो पा रही है, तो क्या विभाग चरगंवा क्षेत्र के छात्रों के हित में प्रस्ताव को मंत्री परिषद् के अनुमोदन के लिये भेजेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) शासकीय महाविद्यालयों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति में उल्लेखित प्रावधान अनुसार शासकीय मद से बहुसंकायी बनाए जाने हेतु कार्यवाही प्रचलन में है। समस्त शासकीय महाविद्यालयों को स्नातक स्तर पर स्ववित्तीय योजना अंतर्गत बहुसंकायी किए जाने हेतु अनुमति आयुक्त, उच्च शिक्षा के आदेश दिनांक 04-02-2022 के द्वारा प्रदान की जा चुकी है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्नांश के संबंध में कार्यवाही संबंधित महाविद्यालय द्वारा की जा रही है। (ख) शासकीय महाविद्यालय बरगी के नवीन भवन का निर्माण पूर्ण हो चुका है। लोकार्पण शीघ्र कराया जाएगा। (ग) जी नहीं। वित्त विभाग की सहमति तथा मंत्रिपरिषद के अनुमोदन उपरांत आगामी कार्यवाही की जाएगी।
मेडिकल कॉलेज भवन में हुए व्यय की जानकारी
[लोक निर्माण]
130. ( क्र. 1501 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में निर्माणाधीन नवीन मेडिकल कॉलेज के भवनों में खिड़कियों में लगाई गई मच्छर जाली, भवनों के फाल्स सीलिंग में उपयोग की गई सीट एवं अन्य सभी सामग्रियों, दरवाजों के पल्ले एवं चौखट सहित अन्य फर्नीचर सामग्रियों, पेवर ब्लॉक, नल फिटिंग सामग्रियों, बिजली के तार, स्विच एवं समस्त बिजली उपकरणों, लोहे की जालियां, प्लास्टिक एवं लोहे की सीटें, कांक्रीट मार्गों का प्राक्कलन, तकनीकी स्वीकृति, स्टेट कंसल्टेंट की विभागीय एवं अन्य लैबों की सभी जांच रिपोर्ट कार्यों की माप पुस्तिकाएं ऊपर उल्लेखित सभी कार्यों की कार्यवार उपलब्ध कराएं? (ख) उक्त भवन के फर्श में ग्रेनाइट, कोटा एवं टाइल्स के नीचे उपयोग किए गए सीमेंट, क्रेशर डस्ट मसाला की मोटाई अनुमोदित ड्राइंग एवं मापदंड तथा माप पुस्तिकाओं की एक-एक स्वच्छ प्रतिलिपि गुणवत्ता एवं उपयोगिता प्रमाण-पत्रों की प्रतिलिपियों सहित सभी स्थानों के उपलब्ध कराएं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित कार्यों का प्रश्न तिथि तक किस-किस नाम/पते की कब-कब, कितना-कितना भुगतान किया गया?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) कार्यों के सामग्रियों आदि का प्राक्कलन स्वीकृत हुआ था। जिसकी तकनीकी स्वीकृति नम्बर 1547, दिनांक 11-10-2018 है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। स्टेट कंसल्टेन्ट, विभागीय एवं अन्य लैबों की जॉच रिपोर्ट की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। कांक्रीट मार्गों का प्राक्कलन एवं तकनीकी स्वीकृति की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। कार्यों की माप पुस्तिकाओं की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। (ख) ग्रेनाईट टाइल्स, कोटा एवं टाइल्स के नीचे उपयोग किये गये सीमेन्ट क्रेशर डस्ट मसाला की मोटाई की अनुमोदित ड्राइंग पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 एवं मापदण्ड तथा माप पुस्तिका की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-6 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है।
नियमों के विपरीत एक ही फर्म को कार्य देना
[लोक निर्माण]
131. ( क्र. 1502 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश के अधिकांश जिलों में गत 2 वर्षों से पी.आई.यू. के कार्यों के टेंडर 20 से 25% निविदा दर से बिलों (नीचे) जा रहे हैं? स्वीकृत होकर कार्य शुरू है? क्या सतना जिले में दिनांक 1-4-2020 से प्रश्न तिथि के दौरान सिंगल टेंडर खोलकर निविदाएं मात्र 5 से 20% बिल राशि के स्वीकृत किए जा रहे हैं? दिनांक 01-04-2020 से प्रश्न तिथि के दौरान किस नाम व पते वाली फर्मों को 5 से 12% बिलों की दर पर डाले गए टेंडर कौन-कौन से कहां-कहां के कितनी राशि की, किस कार्य की निविदाएं स्वीकृत की गई? जारी सभी कार्य आदेशों की एक-एक प्रति उपलब्ध कराएं। (ख) क्या ठेकेदार फर्म मोहनलाल जिसने सी.एम. राइज स्कूलों की निविदाएं प्रश्न (क) में वर्णित समयानुसार डाली थी? मैहर और अमरपाटन में तकनीकी रूप से किन कारणों से क्वालीफाई हुई? उक्त फर्म रैगांव, उचेहरा, नागौद में क्यों तकनीकी रूप से क्वालीफाई नहीं हुई? क्या सी.एम. राइज स्कूलों की सतना जिले (06) स्थानों की निविदाएं 1 दिन में एक समय पर निर्धारित की गई थी? क्या उक्त निविदा प्रक्रिया एवं तकनीकी रूप से क्वालीफाई एवं डिसक्वालीफाई करने के तरीके (प्रक्रिया) को राज्य शासन विभाग वैध मानता है या अवैध? कारण/नियम/बिन्दुवार उपलब्ध कराएं। (ग) राज्य शासन गत एक ही कार्यालय में गत 10 वर्षों से भी ज्यादा समय पर पदस्थ पी.आई.यू. के प्रभारी कार्यपालन यंत्री मूल पद एस.डी.ओ. को नियमों के विपरीत कार्य करने पर कब तक निलंबित कर विभागीय जांच संस्थित कर भोपाल मुख्यालय से संबंध करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। फर्म मोहनलाल मैहर और अमरपाटन में तकनीकी रूप से सिमिलर वर्क, टर्न ओव्हर, बिड कैपिसिटी एवं निविदा की विशेष शर्त को पूर्ण करने के कारण क्वालीफाई हुई। उक्त फर्म रैगांव, उंचेहरा, नागौद में तकनीकी रूप से बिड कैपिसिटी समाप्त होने के कारण क्वालीफाई नहीं की। सतना जिले में सी.एम. राइज स्कूलों की निविदाएं पॉंच (05) स्थानों की एक ही दिन अर्थात दिनांक 30.09.2022 को खोली गयी थी। निविदा खोलने की संपूर्ण प्रक्रिया निविदा डॉक्यूमेन्ट 2.10 के Section- 3 Part-II (b), SPECIAL CONDITION FOR BUILDING WORKS IN PWD, PIU के बिन्दु क्रमांक 8 एवं मध्यप्रदेश शासन, लोक निर्माण विभाग मंत्रालय भोपाल द्वारा जारी विशेष शर्तं दिनांक 10.12.2015 की कण्डिका 11 अनुसार वैध है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) नियमों के विपरीत कार्य करने की जानकारी शासन के संज्ञान में नहीं होने से निलंबन की कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्राम देवरी सड़क निर्माण
[लोक निर्माण]
132. ( क्र. 1528 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्यमंत्री जनदर्शन यात्रा वर्ष 2016-17 के दौरान की गई घोषणा के तहत ढीमरखेड़ा तहसील के ग्राम देवरी से ग्राम मार्ग का निर्माण सुदूर सड़क पहुच मार्ग के तहत् स्वीकृत हुआ था? यदि नहीं, तो क्यों और यदि स्वीकृत हुआ है तो कब हुआ है? स्वीकृत आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि उपरोक्त सड़क का निर्माण कार्य कराया गया है तो कब कराया गया है? किस निर्माण एजेंसी से निर्माण हेतु अनुबंधित किया गया था? अनुबंध की प्रति प्रदान करावें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में जिस निर्माण एजेंसी द्वारा उक्त सड़क का निर्माण कराया गया है क्या आज दिनांक तक उसका पूर्ण भुगतान किया गया है और यदि नहीं, किया गया तो न करने का कारण बतलावें? (घ) प्रश्नानुसार यदि उपरोक्त सड़क का निर्माण तय समय-सीमा में पूर्ण हो चुका था तो आज दिनांक तक निर्माण एजेंसी को भुगतान ना करने वाले दोषी अधिकारियों पर कोई कार्यवाही की गई है। यदि नहीं, की गई तो भाविष्य में कब तक की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नांश लो.नि.वि. से संबंधित न होकर ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग से संबंधित है। उनसे प्राप्त उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश लो.नि.वि. से संबंधित न होकर ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग से संबंधित है। उनसे प्राप्त उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश लो.नि.वि. से संबंधित न होकर ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग से संबंधित है। उनसे प्राप्त उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रश्नांश लो.नि.वि. से संबंधित न होकर ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग से संबंधित है। उनसे प्राप्त उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
पुल एवं सड़क निर्माण
[लोक निर्माण]
133. ( क्र. 1529 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले के विकासखण्ड ढीमरखेड़ा के ग्राम भमका से ग्राम रोझन मार्ग पर पुल निर्माण हेतु ग्राम आमाझाल से ग्राम कुदरा मार्ग पर झिन्ना घाट के पास पुल निर्माण हेतु, ग्राम जिर्री से कटरा मार्ग पर पुल निर्माण हेतु, ग्राम दैगवां से ग्राम खिरवा पहुंच मार्ग हेतु व इसी तरह विकासखण्ड कटनी के ग्राम खिरहनी से विकासखण्ड बड़वारा के ग्राम बिजौरी मझगवां पर सड़क एवं पुल निर्माण का कार्य इन ग्रामों में निवास करने वाले नागरिकों के आवागमन की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुये कराया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक कराया जायेगा और नहीं तो ना कराने का क्या कारण है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त ग्रामों को पहुंचने के लिये सड़क निर्माण एवं पुल निर्माण कराने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा पूर्व में कई बार जिला के अधिकारियों एवं विभाग के मान. मंत्रियों को कई बार पत्र लिखा गया। किन्तु प्रश्न दिनांक तक प्रश्नकर्ता के पत्र पर कोई विचार नहीं किया गया। जिसके कारण उपरोक्त ग्रामों में निवास करने वाले लोगों का हित प्रभावित होता है। इस कार्य में लापरवाही बरतने वाले स्थानीय अधिकारियों पर क्या कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी और कब तक की जावेगी? (ग) बड़वारा विधानसभा क्षेत्र में ऐसे और कितने ग्राम हैं जहाँ पहुचने के लिये सड़क व सड़क मार्गों पर पड़ने वाले नदी नालों पर पुल पुलियों का निर्माण कार्य प्रश्न दिनांक तक नहीं हो सका है। इन ग्रामों को कब तक चिन्हित कर इन ग्रामों में पहुंचने के लिये पड़ने वाली सड़कों एवं पुल पुलियों का निर्माण कराया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
श्रमिकों को वेतन मजदूरी का भुगतान
[ऊर्जा]
134. ( क्र. 1542 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा के तारांकित प्रश्न क्रमांक 1501, दिनांक 20 मार्च, 2020 के उत्तर में अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई जिला अनूपपुर के संयंत्र के ठेका/आउटसोर्स श्रमिकों को क्या संगठित क्षेत्र का बताया था? यदि हाँ, तो संयंत्र में संगठित एवं असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की संख्या कितनी-कितनी है? उनके मजदूरी की दरें क्या हैं? संगठित एवं असंगठित क्षेत्र की दर को कौन निर्धारित करता है? (ख) क्या संयंत्र की ठेका कंपनी भूतपूर्व सैनिक कल्याण समिति कैम्प चचाई एवं मे. इंडियन काफी हाउस कैम्प चचाई जिला अनूपपुर के श्रमिकों की मजदूरी की दरें एवं मे. आरती इंटरप्राइज कैम्प चचाई, अन्नपूर्णा इंटरप्राइज कैम्प चचाई, मे. हैप्पी सिक्योर प्राइवेट लिमिटेड कैम्प चचाई, सी.एच.पी. 210 मेगावाट के मजदूरी के दरों में अंतर नहीं है? अगर दरें अलग-अलग हैं तो जानकारी दें, मजदूरी भुगतान पत्रक देवें। (ग) क्या ताप विद्युत गृह के मुख्य अभियंता उत्पादन के कार्यालयीन पत्र क्रमांक 001-01/मानव संसाधन/चचाई 1760 दिनांक 25.09.2017 के द्वारा संयंत्र के सभी संभागों सहित अधीक्षण अभियंता सेवाएं को किसी भी स्थान पर मजदूरी भुगतान पत्रक की छायाप्रति चस्पा करने एवं हर माह की 07 तारीख को भुगतान कराने के निर्देश दिए गए थे? (घ) यदि हाँ, तो संचालन के कंट्रोल रूप में कब से चस्पा किया जा रहा है, वर्ष 2019 से सफाई भाग एक एवं दो के ठेकेदार एस.के. ट्रेडर्स के द्वारा श्रमिकों से बिना हस्ताक्षरित वेतनपर्ची के देयक पारित करवा कर अनियमितताएं की गई हैं? जिसमें फाल्स श्रमिकों के नाम से मजदूरी का भुगतान किया है देयक पारित करने वाले अभियंता पर कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ड.) क्या सी.एच.पी. 210 मेगावाट के बिजली सुधार संभाग के सहायक अभियंता के द्वारा श्रम एवं कंपनी नियमों को न मानते हुए ठेकेदार से सांठ गांठ कर बिना वेतन पर्ची के देयक पारित आर्थिक अनियमितताएं की गई हैं? यदि हाँ, तो दोषियों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी और श्रमिकों को कब से वेतन पर्ची एवं समय से मजदूरी का भुगतान किया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई में संगठित श्रमिकों की संख्या 770 एवं असंगठित श्रमिकों की संख्या निरंक है। अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई में कार्यरत श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी दरें वर्तमान में निम्नानुसार है :-
स.क्र. |
श्रेणी |
दैनिक मजदूरी दर (रूपये में) ( दिनांक 01-10-2022 से प्रभावी ) |
1 |
अकुशल |
359.00 |
2 |
अर्धकुशल |
392.00 |
3 |
कुशल |
445.00 |
4 |
उच्च कुशल |
495.00 |
श्रमिकों की मजदूरी दरें न्यूनतम वेतन अधिनियम 1948 के तहत श्रमायुक्त, म.प्र शासन द्वारा निर्धारित एवं पुनरीक्षित की जाती है। ताप विद्युत गृह में कार्यरत श्रमिक असंगठित क्षेत्र में नहीं है अतः इनकी मजदूरी दरें मध्यप्रदेश पावर जनरेशन कंपनी लिमिटेड में उपलब्ध नहीं है। (ख) जी नहीं, प्रश्न में उल्लेखित ठेका कंपनियों की मजदूरी की दरों में अंतर है। मजदूरी दरों के प्रमाणन बावत उल्लेखित ठेका कंपनियों के अद्यतन उपलब्ध मासिक भुगतान पत्र की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित आदेश के परिपालन में तत्समय से ही मजदूरी भुगतान पत्रक की छायाप्रति चस्पा की जा रही है। वर्ष 2019 में सफाई भाग एक के ठेकेदार एस.के. ट्रेडर्स के श्रमिकों का वेतन भुगतान बैंक के माध्यम से किया गया है एवं सभी श्रमिकों को वेतन पर्ची ठेकेदार द्वारा प्रदान की गई थी एवं देयक पारित करने में किसी भी प्रकार की अनियमितताएं नहीं की गई है। अतः किसी कार्यवाही का प्रश्न नहीं उठता है। (ड़) सी.एच.पी. 210 मेगावाट के बिजली सुधार संभाग के सहायक अभियंता के द्वारा श्रम एवं कंपनी नियमों के अनुसार श्रमिकों के वेतन पर्ची एवं अन्य दस्तावेजों के सत्यापन के पश्चात ही देयक पारित किये गये है एवं किसी भी प्रकार की अनियमितताएं नहीं की गई है। अतः किसी कार्यवाही का प्रश्न नहीं उठता है।
प्रधानमंत्री आवास योजना में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
135. ( क्र. 1543 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पंचायत मांडव जिला धार में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत कितने आवास बनाये गये हैं एवं कितने अवास बनाया जाना प्रस्तावित हैं? (ख) उक्त आवास पात्र हितग्राहियों को देने के लिए चयन सूची बनायी गयी थी? यदि हाँ, तो चयन सूची की प्रति दें। क्या आवास आवंटन चयन सूची से हटाकर अपात्रों को भी आवास आवंटन किये गये है? यदि हाँ, तो क्या इसकी उच्च स्तरीय जांच करायी जायेगी एवं जांच निष्कर्ष के आधार पर दोषियों पर कार्यवाही करने के साथ ही शेष बचे पात्र हितग्राहियों को आवास उपलब्ध कराये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) नगर पंचायत मांडव में पिछले 05 वर्षों में किन-किन वार्डों में किस-किस मद से कौन-कौन से निर्माण कार्य कितनी-कितनी राशि के कराये गये है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पंचायत माण्डव जिला धार में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अंतर्गत 1298 आवास स्वीकृत है। वर्तमान में कोई नवीन योजना प्रस्तावित नहीं है। (ख) जी हॉ। चयन सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 'अ' अनुसार है। चयन सूची अनुसार पात्र हितग्राहियों को आवास स्वीकृत किये गये हैं। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) नगर पंचायत माण्डव जिला धार में विगत पांच वर्षों में किये गये निर्माण कार्य की वार्डवार, वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -'ब' अनुसार है।
अभियंताओं को विदेश में विशेष प्रशिक्षण
[ऊर्जा]
136. ( क्र. 1548 ) श्री योगेन्द्र सिंह (बाबा) : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा प्रश्न क्रमांक 1184, दिनांक 22.12.2022 में कुल 12 अभियंता एवं एक मुख्य रसायनज्ञ को प्रशिक्षण हेतु विदेश भेजा गया था? कुल तेरह को अभी तक कंपनी द्वारा विदेश प्रशिक्षण हेतु भेजा गया, इनमें कुछ सेवानिवृत्त हो गये है एवं कुछ प्रशिक्षण अनुसार फील्ड ताप एवं जल विद्युत गृहों में पदस्थ है अवगत करावें? (ख) प्रश्नांश (क) सही है कि श्री अभिषेक जैन अतिरिक्त मुख्य अभियंता (उत्पादन) दो बार विदेश प्रथम बार जर्मनी वर्ष 2011 एवं द्वितीय बार जापान गये? इसी प्रकार सुबोध निगम अधीक्षण यंत्री (उत्पादन) वर्ष 2012 में गये थे यह दोनों अधिकारी प्रबंध संचालक मंजीत सिंह के कार्यालय में बाबूगिरी का कार्य कर रहे है? सुबोध निगम लगभग 12 वर्षों से मंजीत सिंह के साथ संलग्न है एवं इसी प्रकार अभिषेक जैन 19 वर्षों से अधिक समय से प्रथम सी.एम.डी. कार्यालय एवं पद परिवर्तन के बाद प्रबंध संचालक कार्यालय में पदस्थ हैं? (ग) क्या संज्ञान में लेकर इन दोनों को विदेश से प्राप्त ट्रेनिंग अनुसार पदस्थापना हेतु प्रबंध संचालक को तत्काल निर्देशित कर करायेंगे? यदि हाँ, तो पदस्थ करेंगे? यदि नहीं, तो पदस्थ न करने का कारण सहित अवगत करायें तथा पदस्थ करने की समय-सीमा बतायें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हां, विदेश प्रशिक्षण प्राप्त तेरह अधिकारियों में से कुछ अधिकारी सेवानिवृत्त हो गए हैं एवं कुछ प्रशिक्षण उपरांत विद्युत गृहों में पदस्थ है। (ख) जी हां, श्री अभिषेक जैन, अति मुख्य अभियंता (चालू प्रभार) दो बार एवं श्री सुबोध निगम, अधीक्षण अभियंता (उत्पा.) एक बार प्रशिक्षण हेतु विदेश गए थे। श्री जैन 2011 से (लगभग 11 वर्षों से) प्रबंध संचालक कार्यालय में पदस्थ हैं। श्री सुबोध निगम जून 2017 से मई 2020 तक संचालक (वाणिज्य) के कार्यालय में एवं जून 2020 से वर्तमान तक प्रबंध संचालक कार्यालय में पदस्थ है। उनकी योग्यता एवं विशेष प्रशिक्षण के दृष्टिगत उनकी सेवायें तकनीकी एवं प्रबंधकीय कार्यों हेतु प्रबंध संचालक म.प्र. पावर जनरेटिंग कार्यालय में ली जा रही है। (ग) कंपनी में विदेश से प्रशिक्षण प्राप्त प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित अधिकारियों की सेवायें योग्यता एवं प्रशिक्षण के दृष्टिगत प्रबंध संचालक म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी में ली जा रही है। अतः उपरोक्त अधिकारियों को किसी विद्युत गृह में पदस्थ किया जाना विचाराधीन नहीं है।
सेवा विस्तारीकरण या पुन: स्थापना पद पर नियुक्ति
[ऊर्जा]
137. ( क्र. 1549 ) श्री योगेन्द्र सिंह (बाबा) : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के प्रबंध संचालक मंजीत सिंह द्वारा अपने मनमाने ढंग से कंपनी में उत्पादन संकाय के बहुत संख्या में अभियंता एवं रसायनज्ञ ताप एवं जल विद्युत गृहों में पदस्थ हैं इन दोनों पदों की कुल कितनी-कितनी संख्या है? इन सभी के बावजूद निरन्तर प्रबंध संचालक अपने चहेतों को सेवा विस्तारीकरण एक्सटेंशन या अन्य तरीके से इन पदों को पुनः पुर्नपदस्थापना देने हेतु राज्य शासन को (नोटशीट) टीप लिख रहे हैं? क्या इस पर तत्काल रोक लगायी जावेगी? (ख) क्या कंपनी में अन्य संकाय जैसे उद्यानशास्त्री के दो पद एवं जुलाई-2022 के अंत में सभी पद का रिक्तीकरण हो गया है? ताप विद्युत गृहों में बढ़ते प्रदूषण को रोकने हेतु वृक्षारोपण कराना ग्रीनबेल्ट विकसित करने, बगीचों को विकसित करना, नर्सरी बनाना एवं सभी का नियमित रख-रखाव कराना कम लागत में सुव्यवस्थित ढंग से कराना इसका वैकल्पिक कंपनी के पास उपलब्ध न होने के बावजूद सेवानिवृत्त के पश्चात् जुलाई-2020 से दिनांक तक इस पद से सेवा विस्तारीकरण अथवा संविदा के तौर पर एक पद मात्र रहने के बावजूद नहीं किया गया, क्या कंपनी पर्यावरण संरक्षण के प्रति गंभीर है? यदि हाँ, तो सरकार प्रबंध संचालक के अड़ियल रवैया छोड़कर उद्यानशास्त्री को अविलंब संविदा नियुक्ति देंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पॉवर जनरेटिंग द्वारा कंपनी की संगठनात्मक संरचना में स्वीकृत पद संख्या के अनुसार विभिन्न ताप एवं जल विद्युत गृहों एवं मुख्यालय में अभियंता एवं रसायनज्ञ पदस्थ किये गए है। दोनों पदों की कुल स्वीकृत पद एवं कार्यरत कार्मिकों की संख्या संलग्न परिशिष्ट के अनुसार है। अधिवार्षिकी आयु पर सेवानिवृत्ति के कारण कुशल कार्मिकों की निरंतर कमी के दृष्टिगत कुशल एवं सक्षम अनुभवी कार्मिकों को एक्सटेंशन/सेवा विस्तार नहीं देकर, सेवानिवृत्ति उपरांत सीमित अवधि के लिये वर्क कान्ट्रेक्ट प्रदान किया जा रहा है, जिससे कंपनी की उत्पादन क्षमता प्रभावित न हो। वर्क कान्ट्रेक्ट हेतु नामित कार्मिकों का चयन सेवाकाल के दौरान कार्य कुशलता तथा कार्य विशेषज्ञता के आधार पर किया जाता है। अत: रोक लगाये जाने संबंधी प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है। (ख) पूर्ववर्ती म.प्र. राज्य विद्युत मंडल से म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी में अंतरित उद्यानशास्त्री जुलाई 2022 में सेवानिवृत्त हो गये है। कंपनी की नवीन संगठनात्मक संरचना में उद्यानशास्त्री का पद स्वीकृत नहीं है। ताप विद्युत गृहों में प्रदूषण को रोकने हेतु वृक्षारोपण कराना, ग्रीनबेल्ट विकसित करने, बगीचों को विकसित करना, नर्सरी बनाना एवं सभी का नियमित रखरखाव इत्यादि कार्य विद्युत गृहों में पदस्थ सिविल संकाय के अनुभवी अभियंताओं तथा कार्मिकों द्वारा किया जा रहा है। कंपनी की संगठनात्मक संरचना में उद्यान शास्त्री का पद स्वीकृत नहीं होने के कारण इस पद पर न तो भर्ती की गई है और न ही सेवा विस्तारण या संविदा पर किसी को अनुबंधित किया गया है। पर्यावरण संरक्षण हेतु निर्धारित मानकों को प्राप्त करने हेतु विद्युत गृहों में पदस्थ उच्च शिक्षित व अनुभवी सिविल अभियंताओं की सेवायें उपलब्ध है, तदानुसार कंपनी में किसी उद्यान शास्त्री को नियुक्ति या संविदा नियुक्ति का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
नगरीय निकायों में रिक्त पदों की पूर्ति
[नगरीय विकास एवं आवास]
138. ( क्र. 1554 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र लहार जिला भिण्ड के अंतर्गत नगरीय निकायों में किस-किस श्रेणी के कौन-कौन से पद कब-कब से रिक्त हैं? नगरीय निकायवार विवरण दें। (ख) उक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में रिक्त पदों की पूर्ति अभी तक नहीं किए जाने के क्या कारण हैं एवं कब तक रिक्त पदों को भर लिया जाएगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) विधानसभा क्षेत्र लहार अंतर्गत नगर पालिका परिषद, लहार, नगर परिषद, मिहोना, नगर परिषद, दबोह एवं नगर परिषद, आलमपुर में रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट क्रमश:- अ, ब, स, द, अनुसार है निकायों में पदों का सृजन आदर्श कार्मिक संरचना अनुसार वर्ष 2014 में हुआ है। उक्त पद वर्ष 2014 से रिक्त है। (ख) आदर्श कार्मिक संरचना अनुसार निकाय में स्वीकृत कुल पदों का 10 प्रतिशत वार्षिक भर्ती के आधार पर प्रतिपूर्ति का प्रावधान है। पदों की पूर्ति के विधिवत प्रस्ताव प्रेसीडेन्ट- इन- काउंसिल के माध्यम से प्राप्त होने पर पी.ई.बी. के माध्यम से भर्ती किए जाने का प्रावधान है।
महाविद्यालयों में रिक्त पदों की पूर्ति
[उच्च शिक्षा]
139. ( क्र. 1555 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के अंतर्गत शासकीय महाविद्यालय लहार, शासकीय महाविद्यालय बालाजी मिहोना एवं शासकीय महाविद्यालय आलमपुर में किस-किस श्रेणी के कौन-कौन से पद कब-कब से रिक्त है? (ख) उक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में रिक्त पदों की पूर्ति अभी तक नहीं किए जाने के क्या कारण हैं एवं कब तक रिक्त पदों को भर लिया जाएगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) नियमित रिक्त शैक्षणिक पदों के विरूद्ध महाविद्यालयों में आमंत्रित अतिथि विद्वानों द्वारा शैक्षणिक व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित है, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। अशैक्षणिक संवर्ग के रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रियाधीन है। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
अनुबंध की शर्तों का पालन न किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
140. ( क्र. 1562 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड में 01 जनवरी, 2020 से प्रश्न दिनांक तक कितनी सूचना का अधिकार की धारा 6 (1) एवं 6 (3), 7 (1) एवं प्रथम अपील के आवेदन प्राप्त हुए हैं? कितने समय अवधि में इनका निराकरण किया गया? किस अधिकारी (लोक सूचना अधिकारी/प्रथम अपीलीय अधिकारी) द्वारा किया गया? गौशवारा बनाकर मय आवेदन की छायाप्रति एवं विभाग द्वारा दिए गए जवाब प्रदाय करें। यदि समय अवधि में निराकरण नहीं किया गया तो हर आवेदन के विलंब का कारण गौशवारा बनाकर बताएं। (ख) किन शर्तों पर बी.सी.एल.एल. की निविदा क्रमांक 78 के कार्य का अनुबंध किया गया? क्या स्वीकृत निविदाकार ने अनुबंध की शर्तों का पालन किया? हाँ अथवा नहीं? यदि हाँ, तो अनुबंध की शर्तों और शर्तों का पालन करने की समय अवधि का गौशवारा बनाकर प्रदाय करें। यदि नहीं, तो बी.सी.एल.एल. द्वारा प्रश्न दिनांक तक फर्म के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? क्या फर्म को ब्लैक लिस्ट किया गया? हाँ अथवा नहीं? क्या निविदा निरस्त की गई? हाँ अथवा नहीं? यदि नहीं, तो मय दस्तावेज कारण बताएं। (ग) बी.सी.एल.एल. की निविदा NIT 78 के तहत निविदाकर्ता द्वारा बी.सी.एल.एल. को दिनांक 01-10-2018 से प्रश्न दिनांक तक तिथिवार, माहवार, वर्षवार, मान्यता प्राप्त Official Software Harman, Amnex, app.perispedata.com एवं Recon.chalo.com के माध्यम से जमा राशि का पूर्ण विवरण गौशवारा बनाकर मय दस्तावेज पृथक-पृथक बनाकर देवें। Official Software की विभाग द्वारा मान्यता के ऑर्डर, नोटशीट एवं समस्त दस्तावेज प्रदाय करें। (घ) बी.सी.एल.एल. में किस अनुबंध के या निविदा के तहत BCLL Chalo App नामक एप्लीकेशन तैयार किया गया? यदि नहीं, किया गया तो यह एप्लीकेशन किस आधार पर निविदा क्रमांक 78 में बी.सी.एल.एल. के अधिकारियों द्वारा सम्मिलित किया गया? पूरी प्रक्रिया मय दस्तावेज उपलब्ध करायें। क्या निविदा क्रमांक 78 एवं अन्य किसी निविदा पर 01 जनवरी 2022 से प्रश्न दिनांक तक Comptroller and Auditor General एवं संचालनालय नगरीय प्रशासन द्वारा कोई आपत्ति या पत्राचार हुआ है? हाँ अथवा नहीं? यदि हाँ, तो पत्रों एवं विभाग द्वारा दिए गए जवाब की छायाप्रति प्रदान की जावे।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड में संधारित अभिलेख अनुसार 01 जनवरी, 2020 से प्रश्न दिनांक तक सूचना का अधिकार की धारा 6 (1) एवं 6 (3), 7 (1) एवं प्रथम एवं प्रथम अपील के अंतर्गत प्राप्त आवेदन, निराकरण का विवरण, अधिकारी (लोक सूचना अधिकारी/प्रथम अपीलीय अधिकारी) की जानकारी का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘1’ अनुसार है। (ख) बी.सी.एल.एल. की निविदा क्रमांक 78 में कार्य की शर्तों संबंधित अनुबंध की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। इस संबंध में प्रारंभिक तौर पर अनुबंध के कतिपय बिन्दुओं का उल्लंघन पाया गया। इस कारण निविदाकार को अनुबंध के प्रावधानों के तहत कारण बताओ सूचना पत्र (SCN) जारी किया गया है एवं तदानुसार कार्यवाही प्रचलित है। शेषांश का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। फर्म को जारी सूचना पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 में अनुसार है। (ग) निविदा NIT 78 के तहत दिनांक 01.10.2018 से प्रश्न दिनांक तक जमा राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। Official Software की विभाग द्वारा मान्यता के ऑर्डर, नोटशीट एवं समस्त दस्तावेज पृथक से उपलब्ध नहीं है। (घ) बी.सी.एल.एल. द्वारा निविदा क्रं.-78 के तहत मोबाईल टिकटिंग हेतु बेव सॉल्यूशन्स प्रदान किये जाने हेतु निविदा जारी की गई थी, जिसके परिप्रेक्ष्य में मेसर्स जॉपहॉप टेक्नालॉजी द्वारा उक्त सेवाओं को बी.सी.एल.एल. को चलो एप के माध्यम से उपलब्ध कराया जा रहा है। जी हाँ। Comptroller and Auditor General द्वारा निविदा क्रमांक 78, 41, 43 एवं 63 प्रकरण प्राप्त आपत्ति अंतर्गत समस्त प्रकरणों में जांच प्रचलित है एवं जांच पूर्ण होने के उपरांत प्रकरण एवं जांच संबंधित समस्त दस्तावेज उपलब्ध किये जायेंगे।
विभिन्न निविदाओं में हो रहे भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
141. ( क्र. 1563 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पत्र क्रमांक बी.सी.एल.एल./2022/3342, भोपाल दिनांक 28/07/2022 पर आयुक्त, संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास भोपाल के द्वारा की गई कार्यवाही का पूर्ण विवरण मय दस्तावेज देवें। पत्र अनुसार फेयर रिवीजन की दशा में प्रति किलोमीटर में 06% वृद्धि के मान से अनुबंध अवधि तक की गई अनुमानित गणना का प्रपत्र पत्र जो साथ संलग्न है के आधार पर जो लगभग राशि 30 करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्यय वाली राशि का भुगतान किसके द्वारा किया जाएगा? बी.सी.एल.एल./नगर निगम भोपाल अथवा संचालनालय नगरीय प्रशासन इस संबंध में निविदा में दिए गए बिन्दु का विवरण एवं दस्तावेज प्रदाय करें। तिथिवार, महावार, वर्षवार सहित गौशवारा बनाकर इस अतिरिक्त व्यय का पूर्ण विवरण उपलब्ध करायें। यह अतिरिक्त व्यय किस सरकारी प्रक्रिया के तहत किया जाएगा? (ख) नगर निगम भोपाल द्वारा भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड के कार्यरत वार्डन के नाम, वेतन एवं कार्यप्रणाली का वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक तिथिवार, माहवार, वर्षवार गौशवारा बनाकर संपूर्ण विवरण देवें। भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड की निविदा क्रमांक NIT 63 के तहत क्या पेनाल्टी क्लॉज है। यही हाँ तो निविदा दिनांक से प्रश्न दिनांक तक पेनाल्टी निविदाकार पर लगाई गई? पूर्ण विवरण देवें। निविदा क्रमांक NIT 63 एवं NIT 78 पर प्रश्न दिनांक तक बी.सी.एल.एल. विभाग को कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? गौशवारा बनाकर जानकारी देवें। NIT 63 के तहत जमा बैंक गारंटी की छायाप्रति प्रदान करें। (ग) भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड के विभिन्न एन.आई.टी. में स्वीकृत फर्मों से कितनी राशि की बैंक गारंटी ली जानी थी? कितनी राशि की बैंक गारंटी ली गई? वैध बैंक गारंटी की प्रति दी जावें। क्या फर्मों से पर्याप्त धनराशि की बैंक गारंटी ली गई थी? यदि नहीं, तो कौन जिम्मेदार है? वर्तमान में विभिन्न एन.आई.टी. के तहत कितनी बैंक गारंटी जमा हैं? निविदावार गौशवारा बनाकर मय दस्तावेज प्रदाय करें। (घ) बी.सी.एल.एल. के लिये संचालित निविदाकारों की बसों को नगर निगम भोपाल द्वारा संचालित पेट्रोल पंपों से कितना डीजल 1 जनवरी, 2020 से प्रश्न दिनांक दिया गया है? विभिन्न बस कम्पनियों को कितनी राशि का डीजल, कितना डीजल उपरोक्त अवधि में दिया गया है? पूर्ण विवरण मय दस्तावेज प्रदाय करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित बी.सी.एल.एल. के पत्र के संबंध में संचालनालय द्वारा बी.सी.एल.एल. को किये गये पत्राचार की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -1 अनुसार है। अनुबंध अनुसार अतिरिक्त व्यय का भुगतान बी.सी.एल.एल. द्वारा किया जाना है। इस अतिरिक्त व्यय की प्रतिपूर्ति हेतु बी.सी.एल.एल. द्वारा संचालनालय से मांग की गई है। अनुबंध की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - 2 अनुसार है। इस संबंध में बस ऑपरेटर के साथ निष्पादित अनुबंध/निविदा की कंडिका 5.8.4 Payment Terms के उपबिन्दु (C) iii अनुसार डीजल प्राईज की बढ़ोतरी के आधार पर की जाने वाली हाईरिंग चार्जेस की गणना का फार्मूला पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -2 अनुसार है। उपरोक्त फार्मूला अनुसार हाईरिंग चार्जेज में दिनांक 31/12/2022 तक की गई गणना के क्रम में अतिरिक्त व्यय की गणना का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -3 अनुसार है। अनुबंध के उपरोक्त फॉर्मूला अनुसार भारित होने वाले अतिरिक्त व्यय की प्रतिपूर्ति बी.सी.एल.एल. को प्राप्त होने वाले राजस्व की आय द्वारा की जानी है। साथ ही संपूर्ण रूप से अतिरिक्त व्यय की प्रतिपूर्ति हेतु बी.सी.एल.एल./नगर पालिका निगम भोपाल ने राज्य शासन से पत्र क्रमांक बी.सी.एल.एल./2022/3342 दिनांक 28/07/2022 के माध्यम से वित्त पोषण हेतु अनुदान राशि की मांग की है। (ख) नगर निगम भोपाल अंतर्गत कार्यरत ट्रैफिक वॉर्डन्स को वेतन कलेक्टर कार्यालय द्वारा निर्धारित दैनिक वेतन भोगी की श्रेणी की दरों अनुसार वेतन भुगतान किया जाता है। बी.सी.एल.एल. कार्यालय में उपलब्ध रिकार्ड अनुसार वर्ष 2015 से जनवरी 2023 तक कार्यरत श्रमिकों की जानकारी का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -4 अनुसार है। जी हाँ। निविदा दिनांक से प्रश्न दिनांक तक निविदाकार पर पेनाल्टी नहीं लगाई गई है। निविदा क्रमांक NIT 63 एवं NIT 78 पर प्रश्न दिनांक तक बी.सी.एल.एल. विभाग को प्राप्त शिकायतों का विवरण कार्यालय में उपलब्ध रिकार्ड पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -5 अनुसार है। NIT 63 के तहत जमा बैंक गारंटी की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-6 अनुसार है। (ग) भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड के विभिन्न एन.आई.टी. में स्वीकृत फर्मों के साथ निष्पादित अनुबंध में उल्लेखित प्रावधानों अनुसार प्रत्येक फर्म से पर्याप्त धनराशि की पृथक-पृथक बैंक गारंटी ली गई। वैध बैंक गारंटी की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -7 अनुसार है। जी हाँ। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता। वर्तमान में विभिन्न एन.आई.टी. के तहत जमा बैंक गारंटी की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -7 अनुसार है। (घ) बी.सी.एल.एल. के लिये संचालित निविदाकारों की बसों को नगर निगम भोपाल द्वारा संचालित पेट्रोल पम्पों से दिनांक 1 जनवरी, 2020 से प्रश्न दिनांक तक 733591 लीटर डीजल दिया गया। उपरोक्त अवधि में बस कम्पनी श्री दुर्गम्बा को कुल रूपये 6,94,01,606/- का डीजल उपरोक्त अवधि में दिया गया। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-8 अनुसार है।
लोक निर्माण विभाग अंतर्गत निर्माण कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
142. ( क्र. 1581 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला रायसेन के अंतर्गत आने वाली विधानसभा उदयपुरा में प्रश्न दिनांक तक लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत कौन-कौन से ऐसे निर्माण कार्य हैं जिनके लिए प्रशासकीय और वित्तीय स्वीकृति मिल चुकी है लेकिन निर्माण कार्य आरम्भ नहीं हुआ है, अथवा अधूरा है? (ख) उपरोक्त कार्यों के लिए अलग-अलग प्रशासकीय और वित्तीय स्वीकृति की तारीख बतायें इन कार्यों को पूरा करने के लिए निर्धारित अवधि का विवरण दें? (ग) क्या इन कार्यों को पूरा करने में विलम्ब हो रहा है? यदि हाँ, तो इसका क्या कारण है? (घ) क्या प्रश्नकर्ता को विभाग द्वारा किये जाने वाले निर्माण कार्यों की अद्यतन स्थिति की जानकारी दी गई है? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो जानकारी न देने का क्या कारण है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'अ-1', 'अ-2' अनुसार एवं विधानसभा उदयपुरा में प्रश्न दिनांक तक सी.एम. राइज योजनांतर्गत शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय उदयपुरा एवं शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बाड़ी के निर्माण कार्य की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति मिल चुकी है। उदयपुरा स्कूल का निर्माण कार्य भूमि की उपलब्धता में गतिरोध के कारण प्रारंभ नहीं हो सका। (ख) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'अ-1', 'अ-2' अनुसार एवं सी.एम. राइज योजना अंतर्गत शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय उदयपुरा एवं शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बाड़ी की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति दिनांक 18.01.2023 को प्राप्त हो चुकी है। उदयपुरा एवं बाड़ी के स्कूलों का निर्माण अनुबंध दिनांक 28.12.2022 के क्रमश: 18 एवं 15 माह की अवधि निर्धारित है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'अ-1', 'अ-2' अनुसार एवं सी.एम. राइज स्कूल उदयपुरा भूमि की उपलब्धता में गतिरोध के कारण प्रारंभ नहीं हो सका। (घ) जी नहीं, जानकारी नहीं मांगी गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है।
निर्माण कार्य एवं सामग्री क्रय की जानकारी
[उच्च शिक्षा]
143. ( क्र. 1586 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01 अप्रैल, 2014 से प्रश्नांकित दिनांक तक विश्वविद्यालय, महाविद्यालय में किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई? राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) एवं विश्व बैंक परियोजना के अन्तर्गत कितने-कितने निर्माण कार्य एवं राशि सहित वर्षवार, विश्वविद्यालयवार एवं महाविद्यालयवार जानकारी उपलब्ध करावें? विश्वविद्यालय/महाविद्यालयों को राशि आवंटन एवं सामग्री उपलब्ध कराने हेतु क्या नियम/निर्देश/आदेश हैं? नियम/निर्देश/आदेशों की छायाप्रति उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विभाग द्वारा विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों को कितनी-कितनी सामग्री उपलब्ध कराई गई है? वर्षवार विश्वविद्यालय, महाविद्यालयवार जानकारी उपलब्ध करावें। विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय द्वारा सामग्री उपलब्ध कराने हेतु कब-कब मांगपत्र उपलब्ध कराया? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या उपरोक्त क्रय की गई सामग्री गुणवत्ता विहीन एवं अनुपयोगी है एवं क्या क्रय नियमों का पालन न करते हुये खरीदी गई है? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन-कौन दोषी हैं? दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई? क्या गुणवत्ताविहीन सामग्री की शिकायतें प्राप्त हुई थीं? यदि हां, किस-किस के द्वारा शिकायतें की गई थी एवं शिकायतों पर क्या-क्या कार्यवाहियां की गई? (घ) प्रश्नांश (क) और (ख) के संदर्भ में सामग्री किन-किन संस्थाओं, व्यक्ति, फर्मों से क्रय की गई है? सामग्री की नाम, मात्रा, भुगतान राशि, क्रय दिनांक, भुगतान दिनांक, बिलों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। क्या सामग्री क्रय हेतु निविदाएं जारी की गई थी? यदि हाँ, तो कब? निविदाओं की जानकारी उपलब्ध करावें प्रश्नांश (ख), (ग) एवं (घ) के संदर्भ में उक्त सामग्री किसके आदेश से खरीदी गई? (ड.) बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय में दिनांक 1 अप्रैल, 2014 से प्रश्नांकित अवधि तक किस-किस मद से राशि प्राप्त हुई एवं किस-किस मद में राशि का व्यय किया गया है? आय-व्यय पत्रक सहित मदवार जानकारी उपलब्ध करावें?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
निर्माण कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
144. ( क्र. 1587 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 1 अप्रैल, 2018 से प्रश्नांकित दिनांक नगर पालिका परिषद सिरोंज एवं नगर परिषद लटेरी में कौन-कौन से निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये हैं? प्रशासकीय स्वीकृति आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करावें? इन निर्माण कार्यों में से कितने पूर्ण है, कितने अधूरे है, कितने अप्रारंभ हैं, कार्यवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में स्वीकृत निर्माण कार्यों के कार्य आदेश कब-कब किये गये, किस-किस ठेकेदार द्वारा कार्य किया गया, ठेकेदार का नाम बतावें एवं किस-किस तकनीकी अधिकारियों के परिवेक्षण में कार्य पूर्ण किये गये? कार्यवार जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में किन ठेकेदारों एवं कार्य एजेन्सियों द्वारा समय पर कार्य पूर्ण नहीं किये गये हैं? उन पर निकाय एवं विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई हैं? यदि कार्यवाही नहीं की गई है तो इसके लिये दोषी कौन है? कितने ठेकेदार/एजेन्सी को ब्लैक लिस्टेड किया गया है? लापरवाही ठेकेदारों एवं कार्य एजेन्सी को ब्लैक लिस्टेड की कार्यवाही कब तक की जावेगी? (घ) दिनांक 1 अप्रैल, 2019 से सी.एम. मॉनिट ए+ से नगरपालिका परिषद सिरोंज एवं नगर परिषद लटेरी में कौन-कौन से कार्य स्वीकृत हुये है? कार्यवार जानकारी देवें। इन कार्यों की निकायों को कितनी-कितनी राशि जारी की गई? कितनी शेष है? शेष राशि कब तक जारी कर दी जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) एवं (ख) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''स'' अनुसार है।
राजगढ़ संभाग में वितरण पारेषण हानि
[ऊर्जा]
145. ( क्र. 1594 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में पारेषण एवं वितरण में कितने प्रतिशत हानि तय मानकों के अंतर्गत निर्धारित है? (ख) राजगढ़ संभाग अंतर्गत विद्युत पारेषण एवं वितरण की हानि कितने प्रतिशत है एवं वह निर्धारित मानक प्रतिशत से कितना अधिक है? विगत तीन वर्षों की जानकारी दें। (ग) राजगढ़ संभाग अंतर्गत केन्द्र सरकार की कौन-कौन सी योजना अंतर्गत पारेषण एवं वितरण हानि 15 प्रतिशत से कम किये जाने हेतु कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई एवं उसमें से कितना-कितना व्यय किया गया? (घ) वितरण एवं पारेषण व्यय कम करने हेतु किस-किस स्तर पर क्या-क्या प्रयास किये गये एवं उसके क्या-क्या परिणाम प्राप्त हुए? (ङ) क्या मुख्यालय स्तर से इस हेतु किसी अधिकारी द्वारा मॉनिटरिंग की गई है? यदि हाँ, तो कब एवं किसके द्वारा क्या-क्या कमियां पाई गई? (च) निर्धारित मानक प्रतिशत से अधिक प्रतिशत हानि हेतु कौन उत्तरदायी है एवं उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र.विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी आदेशानुसार वित्तीय वर्ष 2022-23 हेतु म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के लिये पारेषण एवं वितरण हानि 16.75 प्रतिशत निर्धारित की गई है। (ख) संचालन-संधारण संभाग राजगढ़ अंतर्गत विगत तीन वर्षों हेतु पारेषण एवं वितरण हानि से संबंधित प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजनांतर्गत म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के लिये पारेषण एवं वितरण हानियाँ कम किये जाने हेतु प्रथम चरण की स्वीकृति प्राप्त हुई है। योजनांतर्गत संचालन-संधारण वृत्त राजगढ़ के संचालन-संधारण संभाग राजगढ़ हेतु रूपये 50.36 करोड़ की राशि स्वीकृत हुई है। प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में केन्द्र शासन से योजनांतर्गत राजगढ़ जिले हेतु (संचालन-संधारण संभाग राजगढ़ सहित) रूपये 3.98 करोड़ की राशि प्राप्त हुई है। प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में योजनांतर्गत संचालन-संधारण संभाग राजगढ़ में व्यय हुई राशि की जानकारी निरंक है। (घ) प्रश्नाधीन क्षेत्र में पारेषण एवं वितरण हानियाँ (व्यय नहीं) कम करने हेतु केन्द्र सरकार की योजनाओं एवं विभागीय योजनाओं के अंतर्गत 11 के.व्ही. लाईनों की क्षमतावृद्धि, वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि एवं एल.टी. लाईनों को तारों से केबल में परिवर्तन के कार्य किए गए हैं। इसके अलावा, स्थानीय स्तर पर वितरण-ट्रांसफार्मरों के भार-संतुलन, नवीन विद्युत कनेक्शन जारी करने एवं जाँचोपरान्त भार-वृद्धि की कार्यवाही की गयी है। साथ ही, विद्युत-चोरी एवं विद्युत के दुरूपयोग रोकने हेतु स्थानीय एवं सतर्कता-दलों द्वारा सघन एवं सतत् जाँच-कार्यवाही की गई है/की जा रही है। इसके परिणामस्वरूप प्रश्नाधीन क्षेत्र में उत्तरांश (ख) में उल्लेखानुसार पारेषण एवं वितरण हानियों में कमी आयी है। (ड.) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के मुख्यालय स्तर से प्रबंध संचालक, मुख्य महाप्रबंधक एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा समय-समय पर संचालन-संधारण वृत्त राजगढ़ सहित सभी वृत्तों के कार्यों यथा-राजस्व संग्रहण, संचालन-संधारण कार्यों, विद्युत अधोसंरचना निर्माण कार्यों, पारेषण एवं वितरण हॉनियाँ इत्यादि से संबंधित समीक्षा की जाती है एवं समीक्षा उपरांत पायी गई कमियों के निराकरण के लिये प्रश्नाधीन क्षेत्र हेतु जारी किये गए निर्देशों से संबंधित पत्रों की छायाप्रतियाँ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (च) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
सतना में
नवनिर्मित
मेडिकल कॉलेज की
जानकारी
[लोक निर्माण]
146. ( क्र. 1595 ) श्रीमती कल्पना वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले में मेडिकल कॉलेज निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई है? कितनी लागत से निर्माण कार्य कराया जा रहा है? आदेश की प्रति सहित पूर्ण जानकारी दें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत कार्य गुणवत्ता पूर्ण, मापदंडों के अनुरूप कराया जा रहा है? निर्माणाधीन भवन के कांक्रीट मार्ग की तकनीकी स्वीकृति, माप पुस्तिका की प्रति दें। (ग) पेवर ब्लॉक की मजबूती की जॉंच रिपोर्ट, स्टेट क्वालिटी कंसल्टेंट की विभागीय लैब/अन्य लैब के जॉंच रिपोर्ट एवं स्वीकृत प्राक्कलन की प्रति दें? क्या खिड़कियों में लगाये गये मच्छर जाली एवं दरवाजे प्राक्कलन अनुसार हैं? माप पुस्तिका एवं मापदण्ड सहित दें। भवन में लगाये गये टाइल्स एवं पत्थर के चयन में क्या मापदण्डों को पूर्ण किया गया है? उपयोग में लाये गये टाइल्स एवं पत्थर की मापदण्ड एवं माप-पुस्तिका की प्रति दें। फाल सीलिंग में उपयोग की गई शीट क्या मापदण्ड अनुरूप है? माप-पुस्तिका देवें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार मेडिकल कालेज सतना के निर्माण में संलग्न अधिकारियों की जानकारी देते हुये बतायें कि उक्त निर्माण कार्य की जॉंच कब-कब, किन-किन उच्च अधिकारियों द्वारा की गई एवं उनके द्वारा क्या-क्या टिप्पणी अंकित की गई? जॉंच प्रतिवेदन/निरीक्षण पुस्तिका की प्रति दें। उक्त कार्य में मापदंडों का पालन न करने, गुणवत्तायुक्त कार्य/सामाग्री का उपयोग न कराये जाने पर क्या कार्यवाही की जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। रूपये 300.00 करोड़ की लागत से। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। सम्पूर्ण कार्य की तकनीकी स्वीकृति जिसमें कांक्रीट मार्ग का कार्य भी सम्मिलित है, की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। कांक्रीट मार्ग की माप पुस्तिका की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (ग) पेवर ब्लॉक की गुणवत्ता की जॉच रिपोर्ट स्टेट क्वालिटी कंसल्टेंट विभागीय लैब/अन्य लैब की जॉच रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। जी हाँ। स्वीकृत प्राक्कलन एवं माप पुस्तिका की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार है। जी हाँ। माप पुस्तिका की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-6 अनुसार है। जी हाँ। माप पुस्तिका की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-7 अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में उल्लेखित कार्यों में अधिकारियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। जी हाँ। उच्च अधिकारियों द्वारा किये गये निरीक्षण की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-8 अनुसार है एवं निरीक्षण टीप में दिये गये निर्देशानुसार सुधार किया जा रहा है। उक्त कार्य में मापदण्डों का पालन किया जा रहा है अत: कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
नगरीय निकायों में रखी राशि एवं पारित प्रस्तावों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
147. ( क्र. 1613 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले की नगरीय निकायों में प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी मदों से एवं निकायों की आय से कितनी-कितनी राशि निकाय कार्यालयों में रखी है? मदवार प्रत्येक की जानकारी प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि प्रश्न दिनांक तक प्रत्येक निकाय में रखी राशि को व्यय करने निकाय के कौन-कौन से प्रस्ताव इस वर्तमान परिषद द्वारा कौन-कौन से प्रस्ताव पारित किए गए हैं? परिषद, पी.आई.सी. की बैठक दिनांक, प्रस्ताव क्रमांक, प्रस्ताव का नाम सहित संपूर्ण जानकारी दें। इन प्रस्तावों को अमल में लाने हेतु मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा क्या-क्या कार्यवाही प्रश्न दिनांक तक विभाग कर्मचारियों द्वारा कराई जा चुकी है? स्पष्ट एवं संपूर्ण जानकारी छायाप्रतियों सहित प्रदाय करें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि सी.एम.ओ. द्वारा कोई कार्यवाही न कराये जाने पर विभाग शासन द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर निश्चित समय-सीमा सहित बताएं कि कब तक पारित प्रस्तावों पर अमल किया जावेगा और अमल न कराने वाले मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को कब तक हटाकर अन्य की पदस्थापना की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) शिकायत अप्राप्त होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार जिले की नगरीय निकायों द्वारा पारित प्रस्तावों पर अमल की कार्यवाही प्रचलन में है। शेष के संबंध में शिकायत अप्राप्त होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जले ट्रांसफार्मर/केबल बदला जाना
[ऊर्जा]
148. ( क्र. 1614 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले की जतारा अनु.जा. विधानसभा क्षेत्र के ऐसे कौन-कौन से स्थान हैं जहां के ट्रांसफार्मर जल जाने के कारण केबल जल जाने के कारण या प्रश्न दिनांक तक ना लग पाने के कारण विद्युत प्राप्त करने से वंचित हैं? उनके नाम स्थान सहित जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि इन स्थानों में विद्युत कब से बंद हैं एवं उनके कब से बिजली बिल बढ़ाकर दिए जा रहे हैं? जबकि लाइट आज भी बंद है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर निश्चित समय-सीमा सहित बताएं कि कब तक इन स्थानों के ट्रांसफार्मर जले हुए खराब है, वह कब तक बदल दिए जावेंगे? कब तक जली केबल बदल दी जावेगी? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएं कि विद्युत अव्यवस्था हेतु जो विभाग ने लाइट कांट दी है उनकी कब तक केबल जोड़कर विद्युत व्यवस्था पुन: सुचारू रूप से चालू कर दी जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) टीकमगढ़ जिले की जतारा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत 49 स्थानों पर जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर उनसे संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण बदलने हेतु शेष हैं एवं 33 स्थानों की केबल जली/खराब है, जिससे संबंधित उपभोक्ताओं को वैकल्पिक व्यवस्था/एल.टी. केबल का सुधार कर विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। उक्तानुसार बदलने हेतु शेष जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों तथा जली/खराब केबल से संबंधित प्रश्नाधीन चाही गयी स्थलवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के क्रमश: प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों से विद्युत प्रदाय उक्त वितरण ट्रांसफार्मरों के जलने/खराब होने की दिनांक से बंद है, जिसकी स्थानवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। उत्तरांश (क) में उल्लेखानुसार जिन स्थानों पर केबल खराब हैं उनसे संबद्ध उपभोक्ताओं को वैकल्पिक व्यवस्था/एल.टी.केबल का सुधार कर विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में उपभोक्ताओं को म.प्र.विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित टैरिफ आदेश के अनुसार ही विद्युत देयक दिए जा रहे हैं। (ग) एवं (घ) वितरण ट्रांसफार्मर के जलने/खराब होने के उपरान्त, संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि का 10 प्रतिशत जमा करने अथवा 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा बकाया राशि जमा करने पर संभागीय मुख्यालय में 12 घंटे एवं अन्य शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे तथा ग्रामीण क्षेत्रों में शुष्क मौसम में 3 दिवस तथा मानसून के मौसम के दौरान माह जुलाई से सितंबर तक 7 दिवस में बदलने के प्रावधान है। प्रश्नाधीन जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों से संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा करने के उपरान्त म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा प्रश्नाधीन क्षेत्र में पहुँच मार्ग की उपलब्धता अनुसार उक्त निर्धारित समयावधि में जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों को बदलने की कार्यवाही की जावेगी। अत: निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रांतर्गत प्रश्नाधीन क्षेत्र में जली/खराब केबल को उपलब्ध वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता अनुसार बदलने की कार्यवाही की जा रही है। साथ ही केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना में प्रश्नाधीन क्षेत्र सहित म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के क्षेत्रान्तर्गत जीर्ण-शीर्ण/पुरानी केबल के स्थान पर नई केबल लगाए जाने का कार्य प्रस्तावित किया गया है। उक्त योजना की स्वीकृति केन्द्र शासन से प्राप्त होने के उपरान्त उसमें सम्मिलित कार्यों के क्रियान्वयन हेतु निविदा प्रक्रिया उपरांत ठेकेदार एजेंसी का चयन कर कार्यादेश जारी कर दिया गया है तथा कार्यादेश की शर्तों के अनुसार 24 माह की अवधि के भीतर कार्यादेश में सम्मिलित कार्य पूर्ण किये जाने हैं। अत: केबल बदलने हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
वृद्धावस्था पेंशन में बी.पी.एल. कार्ड की पात्रता
[नगरीय विकास एवं आवास]
149. ( क्र. 1617 ) श्री पारस चन्द्र जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में विगत समय सामाजिक न्याय विभाग/सहकारिता विभाग से दिव्यांगों एवं विधवा महिला हेतु पेंशन से गरीबी राशन कार्ड की बाध्यता सरकार ने समाप्त कर प्रदेश में सभी दिव्यांग एवं विधवा महिलाओं को पेंशन स्वीकृत की गई है? इसी प्रकार प्रदेश में बी.पी.एल. कार्डधारी वृद्ध एवं निराश्रितों को जो 60 वर्ष के ऊपर हैं उन्हें पेंशन प्रदान की जाती है? (ख) वृद्धावस्था में समस्त वृद्धजनों जो बी.पी.एल. कार्डधारी है पेंशन की आवश्यकता रहती है उनके लिये भी शासन द्वारा बी.पी.एल. कार्ड की बाध्यता समाप्त कर पेंशन प्रदान की जाने हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) इस संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा कई बार शासन को पत्र व्यवहार किया गया है? क्या आप बताने की कृपा करेंगे कि शासन द्वारा क्या कोई कार्यवाही कर प्रस्ताव मंजूर किया गया है? (घ) यदि शासन द्वारा बी.पी.एल. की बाध्यता समाप्त करने हेतु कोई कार्यवाही की जा रही है तो कब तक पूर्ण होकर आदेश जारी किया जा सकेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
महाविद्यालय के विद्यार्थियों से स्कॉलरशिप की रिकवरी
[उच्च शिक्षा]
150. ( क्र. 1697 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले अन्तर्गत महाविद्यालयों में सत्र 2021-22 यू.जी. एवं पी.जी. के समस्त पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थी, गांव की बेटी, प्रतिभा किरण की स्कॉलरशिप कितनी-कितनी स्वीकृत की गई है? क्या स्कॉलरशिप विद्यार्थियों के खातों में डाल दी गई है? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक उनके खाते में डाली जाएगी? (ख) अगर यू.जी. के ओ.बी.सी., एस.टी., एस.सी. के विद्यार्थी फर्स्ट ईयर, सेकेण्ड ईयर में स्कॉलरशिप ले लेते हैं और थर्ड ईयर में किसी कारणवश स्कॉलरशिप फार्म नहीं भर पाने के कारण उसे स्कॉलरशिप नहीं मिलती है और वही विद्यार्थी अगर पी.जी. क्लास में एडमिशन लेकर स्कॉलरशिप का फार्म भरता है तो वह स्कॉलरशिप का पात्र है या नहीं? यदि पात्र है तो मिली स्कॉलरशिप पुनः रिकवरी करने का कोई प्रावधान है या नहीं? यदि है तो उज्जैन जिले में कितने विद्यार्थियों से स्कॉलरशिप रिकवरी की गई है और क्यों? नाम, कॉलेज के नाम सहित विवरण दें। (ग) उज्जैन जिले के महाविद्यालयों में ओ.बी.सी. वर्ग के विद्यार्थियों को कौन-कौन सी स्कॉलरशिप कितनी-कितनी राशि की प्रदान की जा रही है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।