मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
मार्च-अप्रैल, 2020 सत्र
गुरुवार, दिनाँक 19 मार्च, 2020
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
भोपाल
जिले के राजस्व
नक्शे में
बटान के
लंबित प्रकरण
[राजस्व]
1. ( *क्र. 1015 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल जिले के ग्रामों में मूल राजस्व खसरे में तो बटान हो गये हैं, किन्तु राजस्व नक्शे में बटान अंकित नहीं हैं? (ख) राजस्व नक्शे में खसरे के अनुसार बटान अंकित न करने का क्या कारण है? (ग) नक्शे में बटान के कितने प्रकरण किस-किस राजस्व न्यायालय में प्रचलित हैं? (घ) राजस्व अभिलेख खसरा नक्शा, खतौनी एक समान, अद्यतन रखने की जिम्मेदारी किसकी है? (ड.) राजस्व अभिलेख अद्यतन न रखने के लिये कौन दोषी है तथा शासन किसान हित में क्या कार्यवाही करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) जी हाँ। (ख) विवादित प्रकरण तहसीलदार/नायब तहसीलदार न्यायालय में विचाराधीन होने से राजस्व नक्शे में खसरे अनुसार बटान अंकित होने से शेष हैं। (ग) भोपाल जिले के नक्शे में बंटान के 471 प्रकरण लंबित हैं। न्यायालयवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) राजस्व अभिलेख खसरा, नक्शा, खतौनी एक समान अद्यतन रखने की जिम्मेदारी संबंधित तहसील अंतर्गत पदस्थ राजस्व अमले यथा पटवारी, राजस्व निरीक्षक एवं तहसीलदार/नायब तहसीलदार की है। (ड.) राजस्व अभिलेख अद्यतन रखना निरंतर प्रक्रिया है। प्रक्रियाधीन प्रणाली होने के कारण किसी के दोषी होने का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
रीवा संभाग अंतर्गत धान की खरीदी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
2. ( *क्र. 306 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धान खरीदी हेतु किसानों के रजिस्ट्रेशन बाबत् शासन द्वारा निर्देश जारी किये गये, जिसके पालन में किसानों द्वारा धान बिक्री बाबत् उपज अनुसार अनुमानित वजन के बिक्री बाबत् रजिस्ट्रेशन कराये गये? रीवा संभाग के ऐसे किसानों का संख्यात्मक विवरण धान खरीदी केन्द्र की दुकानवार वर्ष 2019-20 का जिलेवार देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में कितने किसानों द्वारा रजिस्ट्रेशन कराये गये, रजिस्ट्रेशन अनुसार वजन अनुसार कितने किसानों की धान खरीदी की गई एवं कितने किसानों की कम खरीदी की गई? किसानों का संभागवार व दुकानवार तुलनात्मक विवरण देवें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के संदर्भ में रीवा संभाग के जिला सिंगरौली, सीधी, रीवा व सतना में कितने ऐसे किसान हैं, जिनके धान का वजन/तौलने की कार्यवाही खरीदी केन्द्रों में करा ली गई, पोर्टल न खुलने का बहाना कर धान खरीदी नहीं की गई, ऐसे कितने किसान हैं, जिनके धानों के वजन कराने के बाद खरीदी नहीं की गई? इस बाबत् क्या कार्यवाही करेंगे? क्या धान खरीदी एवं पोर्टल में किसानों के नाम दर्ज कराये जाने बाबत् आदेश जारी करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? अगर नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार कार्यवाही न करने एवं किसानों की धान खरीदी तौलने के बाद भी न कर परेशान करने, पोर्टल पर नाम दर्ज न करने के दोषियों पर क्या कार्यवाही करेंगे? जिन किसानों की धान खरीदी की जा चुकी है, उनमें से कितने किसानों के पैसे का भुगतान शासन द्वारा करा दिया गया एवं कितने शेष हैं? संभाग के जिलेवार खरीदी केन्द्रवार का विवरण भुगतान एवं भुगतान न किये जाने वाले किसानों की संख्यात्मक जानकारी देवें। साथ ही समय पर भुगतान न करने हेतु जिम्मेदारों के नाम व उन पर की जाने वाली कार्यवाही बतावें।
खाद्य मंत्री ( डॉ. गोविंद सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विशेष पिछड़ी जनजाति समुदाय हेतु बजट का आवंटन
[महिला एवं बाल विकास]
3. ( *क्र. 263 ) श्री संजय उइके : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या पोषण शक्ति विकसित करने हेतु विशेष पिछड़ी जनजाति समुदाय को लाभ पहुंचाने हेतु आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा बजट आवंटित किया जाता है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनाँक तक कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई एवं कितनी-कितनी राशि किन-किन जिलों में आवंटित की गई? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना में प्रश्नांश (ख) अवधि में बालाघाट जिले में कहाँ-कहाँ, किस-किस विकासखण्ड के किन-किन विशेष पिछड़ी जनजाति समुदाय के कितने व्यक्तियों को लाभ पहुंचाया गया? नाम, पिता का नाम, पता सहित जानकारी उपलब्ध करावें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( डॉ. विजय लक्ष्मी साधौ ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांकित अवधि में आदिम जाति कल्याण विभाग से महिला एवं बाल विकास विभाग को कुल 3188.41 लाख रूपये की राशि प्राप्त हुई है। उक्त राशि किसी भी जिले को आवंटित नहीं की गई। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दोषी अधिकारी का निलंबन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
4. ( *क्र. 1040 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1286, दिनाँक 19.12.2019 को माननीय खाद्य मंत्री जी द्वारा उत्तर दिया गया था कि सामान्य प्रशासन विभाग में प्रकरण प्रचलित है? (ख) क्या माननीय खाद्य मंत्री जी द्वारा विधान सभा कार्यवाही के समय उक्त अधिकारी के विरूद्ध विभागीय जाँच एवं आरोप पत्र जारी कर दिया गया है, उत्तर दिया गया था? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार यदि हाँ, तो क्या उक्त अधिकारी को विभागीय जाँच एवं आरोप पत्र जारी करने के पूर्व या उपरांत उक्त अधिकारी को शासन के नियम व निर्देशों के अनुसार निलंबित किया गया था? यदि हाँ, तो कब? उल्लेख करें। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें? (घ) क्या उक्त अधिकारी द्वारा पद एवं शक्ति का दुरूपयोग कर अधिकारिता विहीन आदेश जारी किया गया था? यदि हाँ, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( डॉ. गोविंद सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में स्टाफ की नियुक्ति
[चिकित्सा शिक्षा]
5. ( *क्र. 1210 ) श्री राजेन्द्र शुक्ल : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा में नव-निर्मित सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के संचालन हेतु चिकित्सकों के विभागवार एवं पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति संबंधित विवरण दें। क्या नियुक्ति में जिला या राज्य का रोस्टर लागू होगा? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकरण में यह स्पष्ट करें कि चिकित्सक एवं पैरामेडिकल स्टाफ के कितने पद स्वीकृत हैं और कब तक नियुक्ति की कार्यवाही पूर्ण कर ली जावेगी? विभागवार स्पष्ट करें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में स्पष्ट करें कि उपकरण एवं चिकित्सकों की उपस्थिति के बावजूद रीवा के मरीज अन्य जिलों में क्यों रेफर किये जा रहे हैं?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, रीवा में चिकित्सकों की नियुक्ति संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है एवं पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। चिकित्सकों की नियुक्ति हेतु राज्य स्तरीय एवं अन्य स्टाफ हेतु जिला स्तरीय रोस्टर लागू किया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उल्लेख है कि नव-निर्मित सुपर स्पेशलिटी अस्पताल रीवा में नियुक्त किये जाने वाले चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टाफ के स्वीकृत पदों की विभागवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। भर्ती प्रक्रिया प्रचलन में है, यह सतत् प्रक्रिया है, अतः समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ग) सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के चिकित्सकों द्वारा यूरोलॉजी, कार्डियोलॉजी एवं न्यूरोसर्जरी के मरीजों को भर्ती, ऑपरेशन तथा अन्य संभव इलाज संजय गांधी स्मृति चिकित्सालय में किया जा रहा है। मरीजों को अन्य जिलों में रेफर नहीं किया जा रहा है।
प्याज की खरीदी/ भण्डारण/विक्रय की जांच
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
6. ( *क्र. 570 ) श्री प्रह्लाद लोधी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा प्रश्न क्रमांक 605, दिनाँक 10.07.2019 के उत्तर में विभागीय जाँच प्रक्रियाधीन होने की जानकारी दी गई थी? यदि हाँ, तो लगभग 03 वर्ष पश्चात् भी अब तक जाँच और कार्यवाही पूर्ण न होने का क्या कारण है और वर्ष 2017 से अब तक किस-किस अधिकारी द्वारा जाँच प्रतिवेदन पर क्या-क्या कार्यवाही कब-कब की गई है तथा वर्तमान में क्या कार्यवाही किस स्तर पर कब से लंबित है। (ख) वर्ष 2017-18 में प्याज खरीदी, परिवहन, भण्डारण एवं विक्रय में अनियमितताओं पर कितनी और कौन-कौन सी जाँच कब से की गई एवं की जा रही है और क्या प्रचलित जाँच पूर्ण हो गई है? यदि हाँ, तो जाँच विवरण बताएं एवं जाँच प्रतिवेदन उपलब्ध कराएं? यदि नहीं, तो क्यों? वर्तमान में जाँच किस स्तर पर कब से लंबित है? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या प्याज खरीदी/परिवहन/भण्डारण/विक्रय में अनियमितताओं पर प्रचलित जाँच कार्यवाही को शीघ्रता से नियत अवधि में पूर्ण किए जाने के निर्देश दिये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( डॉ. गोविंद सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रदेश में संचालित शासकीय एवं निजी चिकित्सा महाविद्यालय
[चिकित्सा शिक्षा]
7. ( *क्र. 1280 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय तथा निजी चिकित्सा महाविद्यालय की सूची तथा प्रथम वर्ष में प्रवेश की पात्रता सहित सूची देवें तथा बतावें कि शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय में कितने स्वशासी हैं? (ख) स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय बनाने के संबंध में निर्णय किस स्तर पर लिया गया? क्या यह विधान सभा में रखा गया? किस दिनाँक की केबिनेट बैठक में इसे स्वीकृति प्रदान की गई तथा स्वशासी महाविद्यालय का खर्च किस मद से दिया जायेगा तथा उसमें नियुक्ति, निलंबन का अधिकार किसका होगा? क्या उसमें आरक्षण के रोस्टर का पालन होगा? (ग) स्वशासी महाविद्यालय में भर्तियां कैसे किस नियम से की जा रहीं हैं? (घ) क्या स्वशासी महाविद्यालय का स्वरूप शासकीय, अशासकीय या अर्द्धशासकीय कहलायेगा? क्या इसी तर्ज पर अन्य महाविद्यालय खोले जायेंगे?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) शासकीय एवं निजी चिकित्सा महाविद्यालय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है तथा प्रथम वर्ष में प्रवेश की पात्रता सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। प्रदेश में 13 शासकीय स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय हैं। (ख) स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय बनाने के संबंध में निर्णय शासन स्तर पर लिया गया। शेष प्रश्नांश की जानकारी एकत्रित की जा रही है। स्वशासी महाविद्यालय का खर्चा मांग संख्या-52 चिकित्सा शिक्षा अन्तर्गत मुख्य शीर्ष-2210 राजस्व एवं 4210 पूंजीगत में प्रावधानित बजट से किया जाता है। स्वशासी संस्थाओं के अधीन नियुक्ति, निलंबन आदि की कार्यवाही करने का सम्पूर्ण अधिकार स्वशासी संस्था को प्रदत्त है। स्वशासी संस्थाओं में संस्था स्तर पर आरक्षण का रोस्टर लागू है। (ग) स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालयों में समस्त चिकित्सा शिक्षकों एवं अन्य संवर्गों में नियुक्तियां ''मध्यप्रदेश स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालयीन शैक्षणिक आदर्श सेवा नियम, 2018'', ''मध्यप्रदेश स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय चिकित्सकीय सेवा आदर्श नियम, 2018'', ''मध्यप्रदेश स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय गैर शैक्षणिक आदर्श सेवा नियम, 2018'' में दिये गये प्रावधान के अन्तर्गत की जा रही हैं। (घ) स्वशासी महाविद्यालय का स्वरूप शासकीय स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय का होगा। भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद, नई दिल्ली द्वारा निर्धारित मापदण्ड की पूर्ति कर उनसे अनुमति प्राप्त होने पर नियमानुसार नए कॉलेज खोले जायेंगे।
नियम विरूद्ध संचालित नर्सिंग कॉलेजों को प्रतिबंधित किया जाना
[चिकित्सा शिक्षा]
8. ( *क्र. 1089 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 364, दिनाँक 31.07.2019 से माननीय विभागीय मंत्री जी को पाराशर कॉलेज ऑफ नर्सिंग भोपाल के नियम विरूद्ध संचालन होने से पत्र में उल्लेखित तथ्यों के आधार पर उच्च स्तरीय जाँच कर प्रतिबंधात्मक कार्यवाही किये जाने हेतु अनुरोध किया गया था? यदि हाँ, तो क्या प्रश्नकर्ता के उक्त पत्र पर प्रश्न दिनाँक पर कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों तथा कब तक उक्त संबंध में कार्यवाही की जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या पाराशर कॉलेज ऑफ नर्सिंग भोपाल में छात्र-छात्राओं की अनियमित उपस्थिति तथा पाठयक्रम संचालन हेतु 3000 नर्सिंग पुस्तकों का अभाव सहित उक्त कॉलेज का छात्रावास कॉलेज परिसर में न होकर 12 कि.मी. अन्यत्र स्थित है, जो कि आई.एन.सी. एवं एस.एन.सी. द्वारा निर्धारित मापदण्डों का स्पष्ट उल्लघंन है तथा माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा भी जुलाई 2019 विधानसभा सत्र में नियमों की परिधि से बाहर संचालित ऐसे सभी नर्सिंग कॉलेजों पर ठोस कार्यवाही किये जाने के निर्देश भी सदन में दिये गये थे? (ग) यदि हाँ, तो क्या शासन माननीय मुख्यमंत्री जी के निर्देशों के पालन एवं नियम विरूद्ध तथा कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर संचालित उक्त कॉलेज को प्रतिबंधित करने के आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो उक्त संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) विभाग द्वारा जाँच के निर्देश दिये गये हैं। जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर अग्रिम कार्यवाही की जाएगी।
शा. चिकित्सा महा. में वेतन भत्ते का हेड (शीर्ष) परिवर्तन
[चिकित्सा शिक्षा]
9. ( *क्र. 1355 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत प्रदेश के समस्त शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों को ''शासकीय से स्वशासकीय संस्था'' में परिवर्तन हेतु शासन द्वारा कोई आदेश जारी किया गया है? यदि हाँ, तो किस आदेश के तहत? आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) यदि नहीं, तो क्या कारण है कि समस्त शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों में कार्यरत् सभी श्रेणी के कर्मचारियों के वेतन-भत्ते का आहरण पिछले छ:, सात माह से 'शासकीय हेड (शीर्ष)' के स्थान पर ''स्वशासी हेड (शीर्ष)'' से किया जा रहा है? (ग) प्रदेश के समस्त शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों में एकाएक कर्मचारियों के वेतन हेड (शीर्ष) को बदलने की आवश्यकता क्यों पड़ी? (घ) वेतन हेड (शीर्ष) ''स्वशासी'' में परिवर्तन होने से वर्ष 2005 से पूर्व सेवा में आए कर्मचारियों को पेंशन अथवा अन्य शासकीय स्वत्व का लाभ नियमानुसार प्राप्त होगा या नहीं? यदि नहीं, तो क्यों?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) प्राधिकार से प्रकाशित गजट अधिसूचना क्रमांक एफ 1-18-95-पचपन/चि.शि./एक, दिनाँक 25 मार्च, 1997 द्वारा अधिसूचना जारी की गई है, अधिसूचना की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) मंत्रि-परिषद के निर्णय अनुसार स्वशासी संस्थाओं के पद हो जाने से मात्र शासकीय कर्मचारियों जिनका वेतन 11 वेतन मद से आहरित हो रहा था, को भी 42-007 सहायक वेतन भत्तों के अनुदान से अन्य स्वशासी संस्था के कर्मचारियों/अधिकारियों के समरूप करना पड़ा। (घ) आदर्श भर्ती नियम की कंडिका 5.1 अनुसार शासकीय सेवक प्रतिनियुक्ति पर होने से उन्हें पेंशन नियम अनुसार देय है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आबकारी, परिवहन एवं खनिज की टैक्स वसूली के लक्ष्य की पूर्ति
[वाणिज्यिक कर]
10. ( *क्र. 958 ) श्री अजय विश्नोई : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) IGR, आबकारी, परिवहन एवं खनिज मद में वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19 एवं 2019-20 में टैक्स वसूली का लक्ष्य क्या था और जनवरी माह तक प्रत्येक वित्त वर्ष में कितना-कितना टैक्स वसूल हुआ था? (ख) SGST, CGST एवं IGST मद में वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19 एवं 2019-20 में वसूली का क्या-क्या लक्ष्य था एवं जनवरी माह तक कितना-कितना टैक्स वसूला जा सका है? वित्त वर्षवार जानकारी प्रदान करें? (ग) क्या वर्तमान शासन टैक्स वसूली में पिछड़ गया है, जिसके कारण सभी विभागों के खर्च पर 20% की कटौती करना पड़ी है? यदि हाँ, तो कटौती के कारण विकास पर पड़ने वाले विपरीत असर के लिये कौन-कौन दोषी है?
वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी.एस.टी. के अंतर्गत प्रदेश सरकार को एस.जी.एस.टी. एवं आई.जी.एस.टी. सेटलमेंट के तहत राजस्व की प्राप्ति होती है। इसके अतिरिक्त जी.एस.टी. के लागू होने से राजस्व के संग्रहण में आने वाली कमी की क्षति पूर्ति भारत सरकार द्वारा समय-समय पर की जाती है। एस.जी.एस.टी. (SGST) की राशि सीधे राज्य सरकार के कोष में करदाताओं द्वारा जमा की जाती है। प्रदेश के करदाताओं द्वारा प्रांत के बाहर से आई.जी.एस.टी. चुकाकर क्रय किए गए मालों का प्रदेश में विक्रय करने पर अथवा ऐसे क्रय किए गए मालों से निर्मित मालों की बिक्री करने पर देय कर के विरूद्ध प्रांत के बाहर चुकाई गई आई.जी.एस.टी. की राशि का समायोजन किए जाने पर, ऐसी राशि भारत सरकार द्वारा राज्य सरकार को उपलब्ध कराई जाती है, जिसे आई.जी.एस.टी. सेटलमेंट कहा जाता है। सी.जी.एस.टी. (CGST) एवं आई.जी.एस.टी. (IGST) की राशि राज्य सरकार को प्राप्त नहीं होती है, उक्त राशि केन्द्र सरकार के मद में जमा होती है। वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19 एवं 2019-20 में राजस्व वसूली हेतु निर्धारित लक्ष्य एवं माह जनवरी 2020 तक जी.एस.टी. के तहत् राज्य को प्राप्त हुए राजस्व की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। प्रदेश सरकार के वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा जी.एस.टी. के अतिरिक्त वेट, केन्द्रीय विक्रय कर, वृत्तिकर एवं डीजल पेट्रोल पर सेस का संग्रहण किया जाता है। इसके अतिरिक्त पुरानी बकाया राशियों की वसूली विभाग द्वारा की जाती है। राज्य शासन द्वारा विभाग को उपरोक्त सभी मदों में वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए रूपए 36888.74 करोड़ के राजस्व संग्रहण का लक्ष्य दिया गया, जिसके विरूद्ध जनवरी 2020 तक विभाग द्वारा रूपए 29,384.22/- करोड़ का राजस्व संग्रहित किया गया, जो निर्धारित लक्ष्य का 80 प्रतिशत है। म.प्र. शासन वित्त विभाग मंत्रालय भोपाल के परिपत्र क्रमांक 500/470/2019/चार/ब-1 भोपाल, दिनाँक 30.07.2019 के अनुसार (मुक्त श्रेणी के व्यय) में अंकित बजट शीर्षों में 100 प्रतिशत प्रावधानित बजट आवंटन जारी किया गया। इसके अतिरिक्त राजस्व व्यय के अन्य बजट शीर्षों में प्रावधानित बजट का 80 प्रतिशत आवंटन जारी किया गया तथा अतिरिक्त आवंटन की आवश्यकता होने पर वित्त विभाग को प्रस्ताव भेजने पर शेष 20 प्रतिशत राशि भी मुक्त करने के निर्देश दिये गये। मध्यप्रदेश शासन वित्त विभाग मंत्रालय भोपाल के परिपत्र क्रमांक 103/470/2019/चार/ब-1/भोपाल, दिनाँक 11.02.2020 के अनुसार वित्तीय वर्ष की शेष अवधि माह फरवरी एवं मार्च हेतु व्यय सीमा तथा मितव्ययता के संबंध में निर्देश दिये गये हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
किसान सम्मान निधि का भुगतान
[राजस्व]
11. ( *क्र. 401 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019 में कोलारस विधानसभा क्षेत्र में कुल कितने किसानों को किसान सम्मान निधि की राशि का पात्रता अनुसार भुगतान किया जाना था? उक्त राशि में से कितने किसानों को कुल कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया जा चुका है तथा कितने किसानों की कितनी-कितनी राशि का भुगतान आज पर्यन्त किया जाना शेष है व क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार किसान सम्मान निधि के भुगतान किए जाने हेतु शासन के क्या-क्या नियम एवं निर्देश हैं? क्या शासन द्वारा जारी उक्त सभी नियम, निर्देशों का समय-समय पर पालन किया जा रहा है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि भुगतान हेतु राशि लंबित है, तो किस स्तर पर किसानों की उक्त राशि का भुगतान किए जाने में लापरवाही की गई है? किसान सम्मान निधि के भुगतान के संबंध में शासन द्वारा समय-समय पर जारी किए गए नियम, निर्देशों की स्वच्छ प्रति उपलब्ध कराते हुए बताएं कि कोलारस विधानसभा क्षेत्र में किसान सम्मान निधि की लंबित राशि का भुगतान कब तक किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) शिवपुरी जिले की कोलारस विधानसभा में कुल 53343 किसानों को किसान सम्मान निधि की राशि की पात्रता अनुसार भुगतान करने हेतु जानकारी पी.एम. किसान पोर्टल पर भेजी जा चुकी है। उक्त किसानों में से प्रथम किश्त 37388, द्वितीय किश्त 33199, तृतीय किश्त 22052 किसानों को रूपये 2000 प्रति किश्त के मान से भुगतान की जा चुकी है। भुगतान संबंधी कार्यवाही ऑनलाईन पोर्टल के माध्यम से भारत सरकार द्वारा सीधे किसानों के खातों में की जाती है। इसलिये शेष किसानों की संख्या एवं कारण बताया जाना संभव नहीं है। (ख) किसान सम्मान निधि के भुगतान किए जाने हेतु शासन के नियम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। जी हाँ। (ग) भुगतान हेतु नियमित प्रक्रियानुसार कार्यवाही जारी है, कोई लापरवाही नहीं की गई है। किसान सम्मान निधि के भुगतान के संबंध में शासन द्वारा समय-समय पर जारी किए गए नियम,निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। भुगतान की कार्यवाही सतत प्रकिया के रूप में जारी है। समय-सीमा बताया जाना साध्य नहीं है।
अवैध खनिज उत्खनन के प्रकरण में वसूली
[राजस्व]
12. ( *क्र. 244 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनेश पिता मांगीलाल की एस.एल.पी. क्रमांक 28983/2018 के विरूद्ध माननीय उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली के दिनाँक 09.12.2019 के पारित निर्णय अनुसार न्यायालय अपर कलेक्टर जिला उज्जैन (म.प्र.) के प्रकरण क्रमांक जावक क्रमांक 1356/री./अप.कले./19, दिनाँक 01.01.2020 में प्रश्न दिनाँक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ख) न्यायालय अपर कलेक्टर जिला उज्जैन में दिनेश पिता मांगीलाल के विरूद्ध अपराध क्रमांक जावक क्रमांक 1356/री./अप.कले./19, दिनाँक 01.01.2020 के सूचना पत्र अनुसार खनिज विभाग उज्जैन द्वारा क्या न्यायालय में शासन हित में पैरवी करने के लिये अधिवक्ता नियुक्त कर दिया गया है? यदि नहीं, तो दोषी उत्तरदायी खनिज अधिकारियों के विरूद्ध शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) दिनेश पिता मांगीलाल के विरूद्ध 30,29,25,600/- रूपये राशि की वसूली में विलम्ब के लिये कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं? दोषी अधिकारियों पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जाएगी?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) दिनेश पिता मांगीलाल की एस.एल.पी. क्रमांक 28983/2018 के विरूद्ध माननीय उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली के दिनाँक 09.12.2019 के पारित निर्णय अनुसार न्यायालय अपर कलेक्टर जिला उज्जैन में विचाराधीन होकर प्रकरण में अनावेदक के जवाब के परिप्रेक्ष्य में संबंधित जनपद पंचायत महिदपुर तथा महाप्रबंधक म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण परियोजना क्रियान्वयन इकाई क्र. 02 उज्जैन से जानकारी प्राप्त की जाकर पेशी दिनाँक 05.03.2020 नियत होकर न्यायालयीन प्रक्रिया प्रचलित है (ख) अपर कलेक्टर न्यायालय में सुनवाई तिथियों में खनिज अधिकारी स्वयं उपस्थित होकर प्रकरण में शासन हित में पैरवी कर रहीं हैं। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
आंगनवाड़ी सहायिकाओं को प्रदत्त मानदेय
[महिला एवं बाल विकास]
13. ( *क्र. 1187 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) म.प्र. में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं आंगनवाड़ी सहायिका को कितना-कितना मानदेय दिया जा रहा है? इसमें कितना हिस्सा केन्द्र सरकार का है एवं कितना राज्य सरकार का? (ख) पिछले 01 वर्ष में केन्द्र सरकार में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं आंगनवाड़ी सहायिकाओं के मानदेय में क्या कोई वृद्धि की है? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी? (ग) पिछले 01 वर्ष में राज्य सरकार द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं आंगनवाड़ी सहायिकाओं को दिए जाने वाले मानदेय में अपने हिस्से में क्या कमी की है? यदि हाँ, तो कितनी और क्यों? (घ) क्या आंगनवाड़ी में दिए जाने वाले भोजन के मेन्यू में कोई परिवर्तन वर्तमान सरकार द्वारा किया गया है? यदि हाँ, तो क्या और क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( डॉ. विजय लक्ष्मी साधौ ) : (क) मध्यप्रदेश में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को राशि रूपये 10000/- एवं आंगनवाड़ी सहायिकाओं को राशि रूपये 5000/- का भुगतान प्रतिमाह किया जा रहा है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को प्रतिमाह भुगतान की जा रही कुल राशि रूपये 10000/- में से राशि रूपये 2700/- केन्द्रांश तथा राशि रूपये 7300/- राज्यांश है। इसी प्रकार आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रतिमाह भुगतान की जा रही कुल राशि रूपये 5000/- में से राशि रूपये 1350/- केन्द्रांश तथा राशि रूपये 3650/- राज्यांश है। (ख) केन्द्र सरकार द्वारा अक्टूबर 2018 से राशि रूपये 1500/- आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं तथा राशि रूपये 750/- आंगनवाड़ी सहायिकाओं के मानदेय में वृद्धि की गई है। (ग) जी नहीं। पिछले 01 वर्ष में राज्य सरकार द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं आंगनवाड़ी सहायिकाओं को प्रतिमाह देय कुल मानदेय की राशि में कोई कमी नहीं की गई है। (घ) जी नहीं। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मजरों को राजस्व ग्राम का दर्जा
[राजस्व]
14. ( *क्र. 637 ) श्री गिर्राज डण्डौतिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजस्व विभाग के द्वारा राजस्व ग्राम का दर्जा देने हेतु क्या कोई अधिनियम/नियम आदि हैं? यदि हाँ, तो फोटो प्रति उपलब्ध करावें। (ख) विगत वर्ष 05 से फरवरी 2020 तक जिला मुरैना के कितने मजरे आदि को राजस्व गाम का दर्जा दिया गया है व कितने प्रक्रियाधीन हैं? तहसीलवार जानकारी उपलब्ध करावें।
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 71 एवं संहिता के अधीन बनाये गये नियमों के अनुसार 2 या अधिक ग्रामों का गठन करने के लिये किसी ग्राम को विभाजित किया जा सकेगा तथा 2 या अधिक ग्रामों को सम्मिलित कर एक ग्राम गठित किया जा सकेगा। मजरों टोलों को राजस्व ग्राम का दर्जा दिये जाने के संबंध में राजस्व विभाग अन्तर्गत आयुक्त भू-अभिलेख एवं बन्दोबस्त म.प्र. ग्वालियर द्वारा नियम प्रसारित किये हैं, जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार है। (ख) विगत वर्ष 05 से फरवरी 2020 तक जिला मुरैना में 36 राजस्व ग्राम के 55 मजरे/टोलों को राजस्व ग्राम अधिसूचित किया गया है। तहसीलवार मजरे/टोलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र (ख) अनुसार है। जिला मुरैना की तहसील मुरैना में 01 मूल ग्राम (नावलीवडा गांव) का 01 मजरा टोला (महेबाकापुरा) को राजस्व ग्राम बनाया जाना प्रक्रियाधीन है।
प्रधानमंत्री ग्राम नल-जल योजनाओं का संचालन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
15. ( *क्र. 967 ) श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कितनी प्रधानमंत्री ग्राम नल-जल योजनायें संचालित हैं एवं कितनी नल-जल योजनाओं की स्वीकृति मिलने के उपरांत निविदा लगाई गई है या लगाई जा रही है? (ख) प्रधानमंत्री ग्राम नल-जल योजनाओं की लागत क्या है, किन फर्मों को यह कार्य दिया गया है, कब तक प्रधानमंत्री ग्राम नल-जल योजना में क्या-क्या कार्य होना है, जो कब तक पूर्ण कर दिया जावेगा? (ग) ग्रामीण जनता को इस नवीन प्रधानमंत्री ग्राम नल-जल योजनाओं से कब तक पानी मिलने लगेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) कोई नहीं, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) एवं (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
इंदौर व इटारसी में अतिक्रमण पर कार्यवाही
[राजस्व]
16. ( *क्र. 424 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर जिला प्रशासन द्वारा नवम्बर/दिसम्बर 2019 में कितने अवैध भवन गिराये गये? (ख) गिराये गये प्रत्येक भवन की जानकारी देते हुए बतावें कि किस भवन के अवैध होने के संबंध में कब-कब शिकायत प्राप्त हुई एवं कब भवन गिराये गये? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा कुख्यात अपराधी जितेन्द्र राजवंशी द्वारा किये गये अतिक्रमण को हटाने हेतु अनुविभागीय अधिकारी, इटारसी को वर्ष 2019 में लिखे गये पत्र कब-कब प्राप्त हुए? क्या अतिक्रमण हटाया गया? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या तहसीलदार इटारसी द्वारा अनुविभागीय अधिकारी, इटारसी को नवम्बर 2011 में उपलब्ध कराये गये जाँच प्रतिवेदन में जितेन्द्र राजवंशी का अतिक्रमण बताया था? (ड.) अपराधियों के अतिक्रमण हटाने में इंदौर प्रशासन और इटारसी प्रशासन के मापदण्डों में अंतर क्यों है? (च) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में वर्णित पेटर्न क्या सारे प्रदेश में लागू करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) इस संबंध में सम्पूर्ण विवरण नगर निगम से प्राप्त किया जाकर सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) इस संबंध में सम्पूर्ण विवरण नगर निगम से प्राप्त किया जाकर सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। नगर निगम द्वारा अवैध निर्माणों को हटाया जाना एक निरंतर प्रक्रिया है। स्वयं संज्ञान में आने पर अथवा शिकायत प्राप्त होने पर निगम अधिनियम के प्रावधानों अनुसार विधिसम्मत कार्यवाही करते हुये अवैध निर्माणों को हटाया जाता है। इस क्रम में माह नवम्बर/दिसम्बर 2019 में नगर निगम इन्दौर द्वारा अवैध निर्माण, अवैध भवनों को हटाने की कार्यवाही नगर पालिका निगम, अधिनियम 1956 के प्रावधान अनुसार विधिसम्मत कार्यवाही जिला एवं पुलिस प्रशासन के सहयोग से की गई है। (ग) दिनाँक 30.03.2019, 13.04.2019, 17.04.2019, 09.05.2019, 31.07.2019, 03.09.2019, 17.09.2019, 24.09.2019, 14.10.2019, 17.10.2019, 27.11.2019, 29.01.2020 को पत्र प्राप्त हुये संदर्भित पत्र बैल बाजार एवं गरीबी लाईन में नजूल भूमि के व्यवसायिक उपयोग एवं अतिक्रमण से संबंधित थे। बैल बाजार में टीन का टप्पर रखकर अतिक्रमण पाया गया था, जिसे दिनाँक 27.07.2019 को हटाया गया। गरीबी लाईन के संबंध में नजूल भूमि के पट्टे का व्यवसायिक उपयोग एवं अतिक्रमण नहीं पाया गया है। (घ) उपलब्ध अभिलेखों के आधार पर प्रश्नाधीन जानकारी उपलब्ध होना नहीं पाया गया। (ड.) इटारसी व इन्दौर दोनों स्थानों पर शासन के नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। (च) नगरीय निकायों द्वारा अपने क्षेत्र में अवैध निर्माणों को हटाया जाना एक निरंतर प्रक्रिया है। स्वयं संज्ञान में आने पर अथवा शिकायत प्राप्त होने पर अधिनियम के प्रावधानों अनुसार विधिसम्मत कार्यवाही करते हुए अवैध निर्माण/अतिक्रमण को हटाया जाता है।
8 लाइन एक्सप्रेस-वे निर्माण में कृषकों की जमीन का अधिग्रहण
[राजस्व]
17. ( *क्र. 1112 ) श्री मनोज चावला : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1313, दिनाँक 19 दिसंबर, 2019 के संदर्भ में कितने कृषकों को कितनी जमीन का कितनी राशि का मुआवजा अभी तक दिया जा चुका है तथा कितने कृषक शेष हैं? (ख) प्रस्तावित 8 लेन में रतलाम जिले के कुल कितने किसानों की कितनी हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की जा रही है, उसमें आदिवासी तथा अनुसूचित जाति के कृषक कितने-कितने हैं तथा उनकी कितनी-कितनी जमीन है? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित कृषकों में ऐसे कितने कृषक हैं, जिनकी 100% जमीन जा रही है या जिनके पास मात्र 0.2 हेक्टेयर जमीन ही बच रही है?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1313, दिनाँक 19 दिसम्बर, 2019 के संदर्भ में मंदसौर जिले के 1. सीतामऊ उपखण्ड में 58 कृषकों को रूपये 4,65,90,809/- का मुआवजा वितरण किया गया है तथा 452 कृषकों को मुआवजा वितरण किया जाना है। 2. गरोठ उपखण्ड में 622 किसानों का रूपये 70,02,64,530/- का मुआवजा वितरण किया गया है तथा 130 कृषकों को मुआवजा वितरण किया जाना है। रतलाम जिले के अंतर्गत दिल्ली-वड़ोदरा 8 लेन हेतु अधिग्रहित की गई भूमि के कुल ग्राम 60 कुल कृषकों की संख्या 2327, कुल रकबा 772.468 हेक्टेयर भूमि में से कृषक 1663, रकबा 512.228 हेक्टेयर का मुवाअजा राशि रूपये 1,18,88,49,858/- का भुगतान किया जा चुका है। 664 कृषकों को भुगतान किया जाना शेष है। न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन होने से एवं आपत्तियां दर्ज कराने तथा दस्तावेज प्रस्तुत नहीं करने के अभाव में उक्त कृषकों का मुवाअजा वितरण से शेष है। (ख) प्रस्तावित 8 लेन में रतलाम जिले के अंतर्गत कुल 60 ग्रामों के कुल कृषक 2327 की भूमि रकबा 772.468 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की जा रही है, उसमें से आदिवासी कृषकों की संख्या 414 रकबा 101.422 हेक्टेयर तथा अनुसूचित जाति के कृषकों की संख्या 206 रकबा 70.650 हेक्टेयर अधिग्रहित की जा रही है। (ग) रतलाम जिले के प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित कृषकों में से 53 कृषक हैं, जिनकी 100 प्रतिशत जमीन जा रही है तथा 110 कृषक हैं, जिनके पास मात्र 0.2 हेक्टेयर भूमि बच रही है। आदिवासी 19 कृषक हैं, जिनकी 100 प्रतिशत भूमि जा रही है एवं 16 कृषक हैं, जिनकी 0.2 हेक्टेयर जमीन बच रही है। 100 प्रतिशत व 0.2 हेक्टेयर की जमीन की श्रेणी में अनुसूचित जाति वर्ग के कोई कृषक नहीं है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों में पोषक आहार के रूप में अण्डे का वितरण
[महिला एवं बाल विकास]
18. ( *क्र. 517 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मध्यप्रदेश के आंगनवाड़ी केंद्रों में पोषक आहार (मिड-डे मील) के रूप में अण्डा वितरण किये जाने की कोई योजना प्रस्तावित की गई है? यदि हाँ, तो भारतीयों की धार्मिक भावनाओं को दृष्टिगत रखते हुए, क्या शासन इस पर प्रतिबंध लगायेगा? (ख) क्या शासन आंगनवाड़ी केंद्रों में वितरण किये जाने वाले पोषक आहार में अण्डे के स्थान पर अन्य आहार जैसे दालें, चना, गुड़, पनीर, दूध, दही, ड्रायफ्रूट आदि प्रोटीनयुक्त पदार्थ ही वितरण कराये जाने पर विचार करेगा? यदि नहीं, तो इसका क्या कारण है? (ग) क्या शासन बच्चों को कुपोषण से बचाये जाने हेतु दूध, गुड़ एवं महिलाओं को सस्ता एवं प्रोटीनयुक्त हीमोग्लोबिन बढ़ाने वाला खाद्य पदार्थ भुना चना एवं गुड़ वितरण, पोषक आहार के रूप में शामिल कराये जाने पर विचार करेगा तथा कब तक?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( डॉ. विजय लक्ष्मी साधौ ) : (क) प्रदेश के आंगनवाड़ी केन्द्रों में पोषण आहार के रूप में बच्चों, गर्भवती धात्री माताओं हेतु अण्डा वितरण किया जाना प्रस्तावित है। अंतिम निर्णय होना शेष है। प्रस्तावित कार्ययोजना अंतर्गत बच्चों, गर्भवती/धात्री माताओं को सहमति अनुसार अण्डे का वितरण तथा शाकाहारी बच्चों, गर्भवती/धात्री माताओं को समान राशि के फल/दूध/अन्य पौष्टिक सामग्री का वितरण प्रस्तावित है। अण्डे का वितरण हितग्राही की सहमति से प्रदान किये जाने एवं शाकाहारी पौष्टिक सामग्री के विकल्प होने से धार्मिक भावनाओं के आहत होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) आंगनवाड़ी केन्द्र में अण्डे वितरण के साथ शाकाहारी हितग्राहियों के लिये वैकल्पिक शाकाहारी पौष्टिक आहार वितरण भी प्रस्तावित है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) आंगनवाड़ी केन्द्र में कुपोषण निवारण हेतु अण्डा एवं वैकल्पिक शाकाहारी पौष्टिक आहार प्रदाय प्रस्तावित किया गया है। शेष प्रस्तावित नहीं। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
किसान सम्मान निधि का भुगतान
[राजस्व]
19. ( *क्र. 454 ) श्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबेरा विधानसभा क्षेत्र में कुल कितने किसानों के किसान सम्मान निधि के रजिस्ट्रेशन हुये हैं? उनमें कितने किसानों को किसान सम्मान निधि की प्रथम किस्त, द्वितीय किस्त, तृतीय किस्त प्राप्त हुई है और कितने किसानों को किसान सम्मान निधि प्राप्त नहीं हुई है तथा क्यों और कब तक प्राप्त हो पायेगी? क्या तेंदूखेड़ा तहसील के हल्का तेंदूखेड़ा में किसी भी किसान को किसान सम्मान निधि की राशि प्राप्त नहीं हुई है? शासन द्वारा किसान सम्मान निधि से वंचित किसानों के लिये संबधितों पर क्या कार्यवाही की गई है? (ख) क्या प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के रजिस्ट्रेशन के समय जिन किसानों के खाता नंबर व आधार नंबर की गलत फीडिंग हो गई है, उनके खाता नंबर में सुधार तो हो जाता है, परंतु आधार नंबर गलत होने पर सुधार नहीं हो पाता, जिससे अनेकों किसानों को किसान सम्मान निधि की राशि उनके खातों में नहीं पहुंच पा रही है? यदि हाँ, तो शासन द्वारा आधार नंबर सुधार कार्य के लिये क्या कार्यवाही की गई है?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) पी.एम. किसान पोर्टल अनुसार दिनाँक 09.03.2020 की स्थिति में जबेरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कुल 45074 किसानों की जानकारी पी.एम. किसान पोर्टल पर भेजी गई है। किश्तवार कृषकों को राशि भुगतान की जानकारी निम्नानुसार है :-
तहसील |
किसानों की संख्या |
||
|
प्रथम किस्त |
द्वितीय किस्त |
तृतीय किस्त |
जबेरा |
16624 |
14222 |
10695 |
तेंदूखेड़ा |
14348 |
12633 |
9728 |
कुल राशि विधानसभा जबेरा अंतर्गत |
30972 |
26855 |
20423 |
पी.एम. किसान पोर्टल के माध्यम से भारत सरकार द्वारा भुगतान की कार्यवाही की जाती है, जो सतत् जारी है, जिसमें समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। जी नहीं। कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
केरोसिन का खुले बाजार में विक्रय
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
20. ( *क्र. 8 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खुले बाजार में केरोसिन बेचने के लिए शासन ने क्या-क्या व्यवस्था की है? भोपाल संभाग में खुले बाजार में केरोसिन बेचने हेतु किन-किन को लाइसेंस जारी किये गये? जिलेवार सूची दें। (ख) खुले बाजार में उपभोक्ताओं को केरोसिन उपलब्ध हो, इस संबंध में शासन को क्या-क्या कठिनाइयां हैं? (ग) खुले बाजार में उपभोक्ताओं को केरोसिन उपलब्ध हो इस संबंध में शासन द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है? (घ) खुले बाजार में उपभोक्ताओं को केरोसिन उपलब्ध हो, इस संबंध में 01 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनाँक तक मान. मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को किन-किन विधायकों के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर आज दिनाँक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई?
खाद्य मंत्री ( डॉ. गोविंद सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सीमांकन एवं बंटवारे के प्रकरणों का निराकरण
[राजस्व]
21. ( *क्र. 1174 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र विजयराघवगढ़ जिला कटनी में प्रश्न दिनाँक तक सीमांकन एवं बंटवारा के कितने-कितने प्रकरण वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनाँक तक प्राप्त हुये? राजस्व मण्डलवार जानकारी देवें? (ख) कितने सीमांकन के प्रकरणों का समय-सीमा में निराकरण कर लिया गया एवं कितने सीमांकन एवं बंटवारा के प्रकरण प्रश्न दिनाँक तक लंबित हैं? इसके लिये कौन-कौन दोषी हैं? दोषियों के ऊपर क्या कार्यवाही की जायेगी? (ग) सीमांकन एवं बंटवारा के लंबित प्रकरणों का कब तक निराकरण कर लिया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) विधानसभा क्षेत्र विजयराघवगढ़ में वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनाँक तक सीमांकन एवं बंटवारा के दर्ज प्रकरणों का विवरण निम्नानुसार है :-
तहसील |
वर्ष |
दर्ज बंटवारा प्रकरण |
दर्ज सीमांकन प्रकरण |
विजयराघवगढ़ |
2018-19 |
76 |
160 |
सिनगौंड़ी |
2018-19 |
54 |
93 |
बरही |
2018-19 |
117 |
372 |
योग |
|
247 |
625 |
तहसील |
वर्ष |
दर्ज बंटवारा प्रकरण |
दर्ज सीमांकन प्रकरण |
विजयराघवगढ़ |
2019-20 |
189 |
417 |
सिनगौंड़ी |
|
88 |
307 |
बरही |
|
194 |
420 |
योग |
|
471 |
1144 |
(ख) बंटवारा एवं सीमांकन के निराकृत एवं लंबित प्रकरणों का विवरण निम्नानुसार है :-
तहसील |
वर्ष |
बंटवारा प्रकरण |
सीमांकन प्रकरण |
||
|
|
निराकृत |
लंबित |
निराकृत |
लंबित |
विजयराघवगढ़ |
2018-19 |
76 |
0 |
160 |
0 |
सिनगौड़ी |
2018-19 |
54 |
0 |
93 |
0 |
बरही |
2018-19 |
117 |
0 |
372 |
0 |
योग |
|
247 |
0 |
625 |
0 |
तहसील |
वर्ष |
बंटवारा प्रकरण |
सीमांकन प्रकरण |
||
|
|
निराकृत |
लंबित |
निराकृत |
लंबित |
विजयराघवगढ़ |
2019-20 |
141 |
48 |
260 |
157 |
सिनगौड़ी |
2019-20 |
66 |
22 |
195 |
112 |
बरही |
2019-20 |
134 |
60 |
279 |
141 |
योग |
|
341 |
130 |
734 |
410 |
विधानसभा क्षेत्र विजयराघवगढ़ अंतर्गत लंबित सीमांकन एवं बंटवारा के प्रकरणों का निराकरण यथासंभव समय-सीमा के अंदर होने से किसी को दोषी नहीं माना जा सकता है। (ग) सीमांकन एवं बंटवारा के प्रकरणों का निराकरण समय-सीमा में करने के निर्देश जारी किये गये हैं।
ग्राम पंचायत कालाडूमर की नल-जल योजना की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
22. ( *क्र. 124 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत क्या ग्राम पंचायत कालाडूमर की नल-जल योजना जुलाई 2019 में स्वीकृत की गई थी? (ख) क्या विभाग द्वारा जनवरी 2020 में टेंडर स्वीकृत किये गये हैं? (ग) क्या पानी की भीषण समस्या के पश्चात् भी वर्क आर्डर रोककर रखा गया है? (घ) यदि हाँ, तो कारण बतावें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी नहीं, अपितु फरवरी 2018 में स्वीकृत की गई। (ख) जी नहीं, अपितु दिसम्बर 2019 में स्वीकृत किया गया। (ग) जी नहीं। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शिवपुरी जिले में खाद्यान्न/सामग्री वितरण में अनियमितता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
23. ( *क्र. 1161 ) श्री जसमंत जाटव छितरी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले में सहकारिता विभाग द्वारा विपणन संस्थाओं/उपभोक्ता भण्डार/पैक्स संस्थाओं को वर्ष 2019 एवं 2020 में किस-किस मद का कितना-कितना खाद्यान्न वितरण करने हेतु उपलब्ध कराया गया है? माहवार, संस्थावार जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ख) विपणन संस्थाओं/उपभोक्ता भण्डार/पैक्स संस्थाओं द्वारा उचित मूल्य की दुकानों के सेल्समेनों/विक्रेताओं के माध्यम से उपभोक्ताओं/स्व-सहायता समूहों को प्राप्त खाद्यान्न/सामग्री के विरूद्ध वितरण किए गये खाद्यान्न एवं सामग्री की वर्षवार एवं संस्थावार जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ग) क्या तहसील करैरा के ग्राम बघेदरी में अभी हाल ही में प्राप्त संपूर्ण खाद्यान्न ब्लैक कर दिया गया है और ग्रामीणों को खाद्यान्न एवं सामग्री का वितरण नहीं किया गया है? ऐसे ही अधिकतर संस्थाओं एवं विक्रताओं/सेल्समेनों द्वारा सांठ-गांठ कर प्राप्त खाद्यान्न/सामग्री को उपभोक्ताओं को वितरण न कर अपने निजी स्वार्थ के लिये ब्लैक कर दिया गया है और कई माहों का खाद्यान्न एवं सामग्री वितरण नहीं किया गया है? (घ) यदि हाँ, तो ऐसे कितने सेल्समेन/विक्रेता एवं संस्थाएं हैं जिनके द्वारा खाद्यान्न ब्लैक कर दिया गया है? उनकी सूची उपलब्ध कराई जावे तथा ब्लैक करने वाले व्यक्तियों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? नहीं की गई तो क्यों एवं कब तक कार्यवाही की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( डॉ. गोविंद सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सिवनी जिले में अतिवृष्टि/ओलावृष्टि से क्षतिग्रस्त फसलें
[राजस्व]
24. ( *क्र. 713 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले की कितनी तहसीलों में इस वर्ष औसत से अधिक वर्षा होने से अतिवृष्टि/ओलावृष्टि की स्थिति निर्मित हुई है? (ख) क्या अतिवृष्टि/ओलावृष्टि प्राकृतिक आपदा की श्रेणी में आती है? यदि हाँ, तो सिवनी जिले में अतिवृष्टि/ओलावृष्टि से प्रभावित खरीफ एवं रबी फसलों का रकबा कितना है एवं कितने किसानों की फसलों के नुकसान का सर्वे शासन द्वारा कराया गया है? (ग) किसानों को फसल नुकसान के सर्वे में शासन द्वारा अब तक कितनी राशि का मुआवजा भुगतान किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) जिले के किसानों को अतिवृष्टि/ओलावृष्टि से हुये नुकसान का मुआवजा एवं गत वर्ष के देय गेहूँ व मक्का का बोनस का भुगतान कब तक किया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) सिवनी जिले की आठ तहसीलों में अतिवृष्टि की स्थिति निर्मित हुई है। (ख) जी हाँ। सिवनी जिले के अतिवृष्टि से प्रभावित खरीफ फसल की रकबा 2235.05 हेक्टेयर एवं ओलावृष्टि के नुकसान की अंतिम जानकारी प्राप्त नहीं है। अतिवृष्टि एवं ओलावृष्टि से प्रभावित समस्त किसानों की फसलों के नुकसान का सर्वे कराया गया। (ग) अतिवृष्टि से हुयी फसल क्षति का किसानों को रूपये 3,01,95,853/- का भुगतान कर दिया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) अतिवृष्टि से हुयी फसल क्षति का प्रभावित किसानों को संपूर्ण राशि का भुगतान कर दिया गया है। उत्तरांश (ख) अनुसार ओलावृष्टि से हुये फसल क्षति का मुआवजा नहीं दिया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। सिवनी जिले में विपणन वर्ष 2018-19 में फ्लै्ट भावांतर भुगतान योजना अन्तर्गत मक्का फसल के पात्र कृषकों को राशि 141,62,28,250/- भुगतान कर दिया गया है वर्ष 2018-19 में रबी फसल गेहूँ का वर्तमान तक भुगतान नहीं किया गया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
रतलाम मेडिकल कॉलेज को प्रारंभ किया जाना
[चिकित्सा शिक्षा]
25. ( *क्र. 667 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम जिला मेडिकल कॉलेज के निर्माण कार्यों/भवनों की संपूर्ण डी.पी.आर. अंतर्गत उल्लेखित कार्यों से संबंधित समस्त कार्य पूर्ण हो चुके हैं अथवा अन्य कोई कार्य अपूर्ण अथवा अप्रारंभ हैं? (ख) मेडिकल कॉलेज के समस्त विभिन्न कार्य किये जाने हेतु कुल कितने-कितने किस-किस प्रकार के पदों का सृजन कर भिन्न-भिन्न कार्यों हेतु कितने-कितने पद सृजित किये? कार्यवार, स्वीकृत पदों की संख्या की स्पष्ट जानकारी दें। (ग) उक्त सृजित विभिन्न उल्लेखित पदों के विरूद्ध कुल कितनी पदस्थानाएं की गईं, कितनी किस-किस प्रकार के कार्य किये जाने की पदस्थापनाएं शेष रहीं? (घ) क्या संपूर्ण कार्य योजना में आवश्यकताओं को पूर्ण करने हेतु समस्त प्रकार के स्वास्थ्य उपकरण वेस्ट मटेरियल मेनेजमेंट, सफाई उपकरण संपूर्ण विद्युतीकरण इत्यादि कार्य भी पूर्ण कर लिये गये? साथ ही मेडिकल कॉलेज में सर्व सुविधायुक्त चिकित्सालय कब प्रारंभ किया जाएगा?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) डी.पी.आर. में उल्लेखित कार्य पूर्ण हो चुके हैं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) स्वास्थ्य उपकरणों की स्थापना एच.आई.टी.ई.एस. लिमिटेड के माध्यम से, वेस्ट मटेरियल को नगर निगम द्वारा नियमित रूप से निष्कासित किया जाता है। बायो मेडिकल वेस्ट एवं सफाई उपकरण, आउटसोर्स पर देने की कार्यवाही सतत् जारी है तथा विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। चिकित्सालय प्रारंभ होने की निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
शुद्ध
पेयजल की व्यवस्था
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
1. ( क्र. 9 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी 2020 की स्थिति में राजस्व संभाग भोपाल के शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्र में कौन-कौन से वार्ड तथा ग्राम के नागरिक फ्लोराईड युक्त पानी पी रहे हैं तथा क्यों? (ख) उक्त वार्ड एवं ग्रामों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाने हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या प्रयास/कार्यवाही की गई? (ग) भोपाल संभाग की किन-किन ग्राम पंचायतों को वर्ष 2017-18 से फरवरी 20 तक की अवधि में विभाग द्वारा किन-किन कार्यों हेतु कितनी राशि किस आधार पर दी? (घ) उक्त राशि से ग्रामपंचायतों द्वारा क्या-क्या कार्य कितनी राशि के कहाँ-कहाँ करवाये गये? उक्त कार्यों का मूल्यांकन एवं अंतिम मूल्यांकन कब-कब किस अधिकारी ने किया वर्तमान में किन-किन ग्रामपंचायतों द्वारा राशि व्यय नहीं की गई है तथा क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) राजस्व संभाग भोपाल के शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्र में कोई भी नागरिक फ्लोराइड युक्त पानी नहीं पी रहा है। (ख) जिन ग्रामों में फ्लोराइड प्रदूषण पाया गया, उनमें फ्लोराइड प्रभावित पाये गये सार्वजनिक स्त्रोत बंद कर वैकल्पिक स्त्रोत विकसित करके पेयजल की व्यवस्था उपलब्ध करायी गयी है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
नल-जल योजना के माध्यम से पेयजल सुविधा
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
2. ( क्र. 38 ) श्री रामपाल सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भारत सरकार द्वारा वर्ष 2024 तक हर घर में नल-जल योजना के माध्यम से पेयजल सुविधा उपलब्ध कराने का लक्ष्य तय किया है? इस संबंध में रायसेन जिले में क्या-क्या कार्यवाही की गयी है? (ख) फरवरी 2020 की स्थिति में रायसेन जिले में समूह जल प्रदाय योजना का कार्य कहाँ-कहाँ चल रहा है? अनुबंध अनुसार उक्त कार्य कब तक पूर्ण होगा? उक्त कार्यों का 1 जनवरी 19 से प्रश्न दिनाँक तक किस-किस अधिकारी ने निरीक्षण किया तथा क्या-क्या अनियमितताएं पाई गई पूर्ण विवरण दें। (ग) नर्मदा नदी से समूह जल प्रदाय योजना के माध्यम से विकासखण्ड बेगमगंज एवं सिलवानी के ग्रामों में पेयजल व्यवस्था की योजना बनाने के संबंध में प्रश्नकर्ता के पत्र मान. मंत्री जी, प्रमुख सचिव एवं प्रमुख अभियंता लोकस्वास्थ यांत्रिकी विभाग को कब-कब प्राप्त हुए? (घ) उक्त पत्रों पर प्रश्न दिनाँक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो कारण बतायें। विकासखण्ड बेगमगंज एवं सिलवानी के ग्रामों में पेयजल की समस्या के निराकरण हेतु विभाग की क्या-क्या योजना है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी हाँ। रायसेन जिले के लिये परियोजना प्रस्ताव तैयार करने की कार्यवाही की जा रही हैं। (ख) फरवरी 2020 की स्थिति में रायसेन जिले में बेगमगंज-गैरतगंज समूह जलप्रदाय योजना का कार्य चल रहा है, अनुबंधानुसार उक्त कार्य 31.07.2020 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है एवं उदयपुरा समूह जलप्रदाय योजना के कार्य पूर्ण किये जा कर वर्तमान में योजना से जलप्रदाय प्रारंभ कर दिया गया है। बेगमगंज-गैरतगंज समूह जलप्रदाय योजना का निरीक्षण 01 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनाँक तक महाप्रबंधक, प्रबंधक, सुपरवीजन कन्सल्टैन्ट एवं पी.एम.सी. कन्सल्टैन्ट द्वारा किया गया है एवं उदयपुरा समूह जलप्रदाय योजना का निरीक्षण 01 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनाँक तक मुख्य महाप्रबंधक, महाप्रबंधक, प्रबंधक एवं उप-प्रबंधक द्वारा निरीक्षण किया गया है तथा निरीक्षण के दौरान कोई अनियमितता नहीं पायी गयी है। (ग) नर्मदा नदी से समूह जलप्रदाय योजना के संबंध में प्रश्नकर्ता माननीय विधायक जी द्वारा प्रेषित पत्र, माननीय मंत्रीजी, मध्यप्रदेश शासन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग को दिनाँक 07.02.2020 को, प्रमुख सचिव, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग को दिनाँक 01.02.2020 को एवं प्रमुख अभियंता, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग को दिनाँक 01.02.2020 को प्राप्त हुए। (घ) उक्त पत्रों के आधार पर बेगमगंज एवं सिलवानी जनपद पंचायत के ग्रामों में पेयजल समस्या के निराकरण हेतु नर्मदा नदी, सेमरी बांध तथा बारना बांध स्त्रोत आधारित समूह जल प्रदाय योजना से जल प्रदाय किये जाने हेतु स्टेज-1 प्राक्कलन बनाने की कार्यवाही की जा रही है। जल उपलब्धता एवं तकनीकी व्यवहार्यता के परिक्षण उपरान्त अगामी कार्यवाही के संबंध में निर्णय लिया जाना संभव होगा।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि
[राजस्व]
3. ( क्र. 39 ) श्री रामपाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी 2020 की स्थिति में रायसेन जिले में कितने किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय किश्त का भुगतान हुआ तहसीलवार संख्या बतायें। कितने किसानों को भुगतान क्यों नहीं हुआ? (ख) वंचित किसानों को राशि का भुगतान कब तक होगा? इस हेतु वंचित किसानों को क्या-क्या कार्यवाही करना पड़ेगी? (ग) 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनाँक तक प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से वंचित किसानों को राशि भुगतान के संबंध में मान. मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को प्रश्नकर्ता के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उक्त पत्रों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) उक्त पत्रों में उल्लेखित किन-किन किसानों को राशि का भुगतान हुआ तथा किन-किन किसानों की राशि का भुगतान क्यों नहीं हुआ तथा कब तक होगा? प्रश्नकर्ता को पत्रों के जबाव क्यों नहीं दिये गये तथा पत्रों के जबाव कब तक दिये जायेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) पीएम किसान पोर्टल अनुसार फरवरी 2020 की स्थिति में रायसेन जिले मे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय किश्त के भुगतान की तहसीलवार जानकारी निम्नानुसार है:-
तहसील |
प्रथम किश्त |
द्वितीय किश्त |
तृतीय किश्त |
रायसेन |
15801 |
13629 |
10587 |
गैरतगंज |
12658 |
10868 |
7396 |
बेगमगंज |
15722 |
11289 |
9501 |
गौहरगंज |
10115 |
7999 |
6252 |
बरेली |
10971 |
11161 |
9053 |
बाडी |
8544 |
6616 |
5347 |
सिलवानी |
12427 |
11065 |
7566 |
उदयपुरा |
14504 |
11080 |
4172 |
सुल्तानपुर |
1777 |
1396 |
1019 |
योग |
102519 |
85103 |
60893 |
किसानों के पात्रता परीक्षण की कार्यवाही एक सतत् प्रक्रिया है, जिसके तहत कार्यवाही लगातार जारी है। (ख) पात्रता परीक्षण की कार्यवाही सतत् प्रक्रियाधीन है, जिसमें भुगतान की कार्यवाही पीएम किसान पोर्टल के माध्यम से भारत सरकार द्वारा की जाती है, जिसमें समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। किसानों को आधार नंबर, बैंक खाता, समग्र आईडी आदि जानकारी उपलब्ध कराना होती है। (ग) 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनाँक तक प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से वंचित किसानों को राशि भुगतान के संबंध में प्रश्नकर्ता के पत्र क्रं. 841 दिनाँक 23.10.2019, पत्र क्र.789 दिनाँक 16.10..2019, पत्र कं.1073 दिनाँक 23.11.2019 एवं पत्र क्र. 1193 दिनाँक 17.12.2019 को चार पत्र प्राप्त हुये तथा उक्त पत्रों के संबंध में संबंधित तहसीलदारों को कार्यवाही करने हेतु कार्यालय कलेक्टर रायसेन द्वारा निर्देशित किया गया है। (घ) पत्र दिनाँक 23.10.2019 में उल्लेखित 10 किसानों में से निम्नानुसार 07 किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि का भुगतान हो गया हैः- 1. श्री कमोद सिंह लोधी आ. दरयाव सिंह लोधी ग्राम झिरिया ता चैका 2. श्री दिलीप सिंह आ. दयाचंद ग्राम पडरिया राजाधार 3. श्री निर्भय आ. दुर्गा ग्राम गोरखा 4. श्री प्रेमनारायण आ. बिहारी ग्राम सकरधा 5. श्री महाराज सिंह आ. काषीराम ग्राम सकरदा 6. श्री मूरत सिंह आ. ग्यारसी ग्राम पडरिया राजाधार 7. श्रीमति विमला आ. दिलीप सिंह ग्राम खिरिया ता पापडा। तीन किसानों में श्री रघुनाथ आ. पूरन गोरखा फौत हो जाने एवं उनके दो पुत्रों राजेश आ. रघुनाथ एवं दिनेश आ. रघुनाथ के मध्य आपसी विवाद होने से उनका नाम राजस्व अभिलेख में दर्ज नहीं होने के कारण इनकी प्रविष्टि पीएम किसान पोर्टल पर नहीं की जा सकी है। पत्र दिनाँक 16.10.2019 के अनुसार ग्राम पडरिया खुर्द के निर्भय सिंह सहित पात्र 138 किसानों में से 125 किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि का भुगतान हो चुका है। शेष 13 किसानों का भुगतान प्रक्रियाधीन है। पत्र दिनाँक 23.11.2019 के साथ संलग्न सूची अनुसार ग्राम खमरियाकलॉ के 31 किसानों में से 22 किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि का भुगतान हो चुका है शेष 09 किसानों में से 03 किसानों का एफ.टी.ओ. जारी हो चुका है 01 किसान का खाता रिवेलीडेशन में होने से, 02 किसानों के नवीन आधार कार्ड अनुसार नाम सुधार होने से, 03 किसानों के मध्य बंटवारा होने से उनका नवीन रिकार्ड प्राप्त कर रजिस्ट्रेशन करने के कारण भुगतान लंबित है। पत्र दिनाँक 17.12.2019 में वर्णित 17 किसानों में से 03 किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि का भुगतान हो चुका है शेष 14 किसानों में से 09 किसानों का एफ.टी.ओ. जारी हो चुका है, 01 किसान का खाता वर्तमान में पी.एफ.एम.एस. द्वारा स्वीकृत होने से, 02 किसानों के बैंक खाता न. में सुधार होने से, 02 किसानों का पी.एम. किसान पोर्टल पर नवीन पंजीयन होने से भुगतान लंबित है। प्रश्नकर्ता से प्राप्त पत्रों पर कार्यवाही करने हेतु संबंधित तहसीलदारों को कार्यालय कलेक्टर रायसेन को निर्देशित किया गया है। समय-समय पर पत्रों की प्रतिलिपि दी गई।
कैंसर चिकित्सालय में दवाईयों की उपलब्धता
[चिकित्सा शिक्षा]
4. ( क्र. 84 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर शहर व आसपास के जिलों हेतु कैंसर रोग के लिए एकमात्र शासकीय कैंसर चिकित्सालय इन्दौर में है? (ख) यदि हाँ, तो क्या विगत कुछ महीनों से वहाँ पर मरीजों हेतु पर्याप्त दवाईयाँ उपलब्ध नहीं हैं? क्या मेडिकल कॉरपोरेशन द्वारा दवाईयों के दर निर्धारण नहीं होने से वहाँ दवाईयाँ नहीं खरीदी जा रही है? (ग) यदि हाँ, तो पर्याप्त दवाई आदि हेतु दर निर्धारण एवं पर्याप्त बजट कब तक उपलब्ध कराया जावेगा एवं भविष्य में यह स्थिति निर्मित न हो इसके लिए क्या उपाय किए गए हैं?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। कुछ दवाईयों की दर कॉर्पोरेशन में निर्धारित नहीं हैं। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) मेडिकल कॉर्पोरेशन में जो दवाईयां उपलब्ध नहीं हैं, स्थानीय क्रय के माध्यम से रोगियों को दवा उपलब्ध करायी जा रहीं है। आवंटन उपलब्ध कराया गया हैं व स्वशासी संस्था के मद से भी व्यय किया जा रहा हैं।
फिल्मों को टैक्स फ्री करने के नियम
[वाणिज्यिक कर]
5. ( क्र. 102 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2015 के पश्चात प्रदेश में कितनी फिल्मों को टैक्स फ्री किया गया? (ख) प्रदेश में फिल्मों को टैक्स फ्री करने के क्या नियम हैं? क्या कोई कमेटी फिल्म देखकर टैक्स फ्री का निर्णय देती है या फिल्म को बैगर देखे ही टैक्स फ्री कर दिया जाता है? (ग) प्रश्नांश (ख) के सन्दर्भ में क्या मा. मुख्यमंत्री जी ने छपाक फिल्म रिलीज होने के पूर्व ही फिल्म को बैगर देखे ही टैक्स फ्री की घोषणा कर दी? यदि हाँ, तो फिल्म को रिलीज होने के पूर्व ही टैक्स फ्री करने का क्या आधार था? (घ) गत 1 जनवरी 2020 के पश्चात किन-किन फिल्मों को टैक्स फ्री करने से कितने-कितने राजस्व की हानि सरकार को हुई?
वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) 1 जनवरी 2015 के पश्चात मध्यप्रदेश विलासिता, मनोरंजन, आमोद एवं विज्ञापन कर अधिनियम, 2011 की प्रभावशील अवधि दिनाँक 30.06.2017 तक मध्यप्रदेश शासन ने फिल्मों क्रमश: हिन्दी मिडियम, सचिन, भाग मिलखा भाग, मांझी, पीकू, हमारी अधूरी कहानी, जयगंगा जल, टायलेट एक प्रेम कथा (कुल 8) फिल्मों को टैक्स फ्री घोषित किया है। दिनाँक 01.07.2017 से एस.जी.एस.टी. अधिनियम की प्रभावशीलता पश्चात फिल्मों को करमुक्त करने के निर्णय का अधिकार केवल जी.एस.टी. काउंसिल को है। (ख) दिनाँक 01.07.2017 से जी.एस.टी. अधिनियम की प्रभावशीलता पश्चात किन्हीं मालों अथवा सेवाओं जिसमें फिल्म प्रदर्शन की सेवाएं भी सम्मिलित हैं, को करमुक्त करने का निर्णय केवल जी.एस.टी. काउंसिल के द्वारा ही लिया जाता है। (ग) मध्यप्रदेश शासन द्वारा छपाक फिल्म (मेघना गुलजार द्वारा निर्देशित) का कथानक समाज उपयोगी होने को दृष्टिगत रखते हुए इस पर देय एस.जी.एस.टी. के समतुल्य राशि की प्रतिपूर्ति संबंधित सिनेमाघरों/मल्टी फ्लेक्स के स्वामियों को करने का निर्णय लेकर सिने दर्शकों को उक्त राशि की छूट दी गई। सिनेमाघरों/मल्टी फ्लेक्स के स्वामियों को नियमानुसार एस.जी.एस.टी. की राशि का भुगतान करने पर भुगतान की गई एस.जी.एस.टी. की राशि के समतुल्य प्रतिपूर्ति सेवा प्रदाता को किये जाने का आदेश क्रमांक एफ ए 3-04/2020/1/पाँच, दिनाँक 09.01.2020 को राज्य शासन द्वारा जारी किया गया है। (घ) दिनाँक 01.07.2017 से जीएसटी अधिनियम की प्रभावशीलता पश्चात किन्हीं मालों अथवा सेवाओं (फिल्मों) को करमुक्त घोषित करने का अधिकार केवल जी.एस.टी. काउंसिल को प्राप्त है। दिनाँक 01 जनवरी, 2020 के पश्चात राज्य शासन द्वारा किसी भी फिल्म को टैक्स फ्री घोषित नहीं किया गया है, राज्य शासन द्वारा फिल्मों के प्रदर्शन पर जमा की गई एस.जी.एस.टी. की राशि के बराबर की राशि फिल्म प्रदर्शन करने वाले सेवा प्रदाता को प्रतिपूर्ति करने का निर्णय लिया गया है। कर संग्रहण में राजस्व हानि की कोई स्थिति नहीं है।
नलकूपों के गिरते भूजल स्तर
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
6. ( क्र. 125 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्रीष्मकाल में भू-जल स्तर नीचे चले जाने के कारण अनेक नलकूप सूख जाते हैं? (ख) यदि हाँ, तो लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग जबलपुर द्वारा विधान सभा क्षेत्र पनागर के धनपुरी, सिलुआ पड़रिया, पिपरियाखुर्द, बारहा, नर्रई, मलारा, तिलहरी एवं अन्य 17 ग्रामों में जहाँ नलकूपों का जलस्तर नीचे चला गया है, के लिये क्या उपाय किये गये हैं? (ग) क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग जबलपुर के द्वारा गहरें बोर न करने एवं पूरी केसिंग न डालने के कारण पेयजल समस्या उत्पन्न होती है? (घ) यदि हाँ, तो क्या गहरे बोर एवं पूरी केसिंग डाली जायेगी? यदि नहीं, तो क्या प्रतिवर्ष नलकूप फेल होते रहेगें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी नहीं, अपितु जल की उपलब्धता कहीं कहीं कम हो जाती है। (ख) प्रश्नांकित ग्रामों के पर्याप्त जलक्षमता वाले जलस्तर की गिरावट से प्रभावित नलकूपों पर स्थापित हैण्डपंपों में राइजर पाइप बढ़ाये गये हैं। (ग) जी नहीं। (घ) उत्तरांश (ग) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ओलावृष्टि के सम्बंध में
[राजस्व]
7. ( क्र. 139 ) श्री संजय शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनाँक 12 दिसम्बर 2019 को नरसिंहपुर जिले में ओलावृष्टि हुई थी? यदि हाँ, तो ओलावृष्टि से प्रभावित ग्रामों की सूची प्रदान करें। (ख) क्या शासन द्वारा ओलावृष्टि से प्रभावित ग्रामों का सर्वे करवाया गया था? यदि हाँ, तो ओलावृष्टि से हुई फसल क्षति का आंकलन करने हेतु क्या-क्या मापदण्ड है? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार, क्या तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ओलावृष्टि से पीड़ित किसानों को फसल क्षति का मुआवजा प्रदान किया जा चुका है? यदि हाँ, तो कितने कृषक को कितनी मुआवजा राशि स्वीकृत की गई? तहसीलवार संख्या बतायें।
राजस्व मंत्री (श्री जीतू पटवारी) : (क) जी हाँ। 12 दिसम्बर 2019 को नरसिंहपुर जिले की तहसील गाडरवाडा के विधानसभा क्षेत्र तेंदूखेडा के कुल 08 ग्रामों में ओलावृष्टि हुई। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र –''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 में निहित प्रावधानों के अन्तर्गत फसल क्षति का आंकलन किया जाता है। मापदण्ड पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
तहसीलदार द्वारा नियम विरूद्ध नामांतरण
[राजस्व]
8. ( क्र. 199 ) श्री विश्वास सारंग : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तहसीलदार गोविन्दपुरा वृत्त भोपाल द्वारा राजस्व प्रकरण क्र.-257/अ-2018-19 के तहत भूमि खसरा क्र.-33-41/1 एवं 33-41/2 कुल रकबा-6.67 एकड़ हरीराम का बाग, गोविन्दपुरा, भोपाल को बिना रजिस्टर्ड दस्तावेज निष्पादित किये केवल न्यायालय के आदेशानुसार एवं न्यायालय व महाधिवक्ताओं के अभिमत के विरूद्ध जाकर भू-स्वामियों के वैधानिक उत्तराधिकारियों को दर किनार करते हुए थर्ड पार्टी को दिनाँक 19-03-2019 को नामांतरण आदेश दिया है? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत क्या भोपाल कलेक्टर द्वारा पत्र क्र.-2346/व.जि.पं./2014, दिनाँक 18-09-2014 को समस्त तहसीलदारों को आदेश पारित किया था कि किसी भी न्यायालय के आदेश या समझौते के आधार पर प्रकरणों को बिना स्टाम्प शुल्क अदायगी और पंजीयन कराये संपत्ति का राजस्व रिकार्ड में नामांतरण नहीं किया जाये? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत क्या तहसीलदार द्वारा किये गये उक्त नामांतरण से म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 109 व 110 का उल्लंघन किया गया है तथा बिना स्टाम्प शुल्क अदा किये थर्ड पार्टी के नाम पंजीकृत करने से कलेक्टर गाईड लाईन के मुताबिक करीब 19,69,37,502/- रूपये का नुकसान म.प्र. शासन को पहुँचाया है? यदि हाँ, तो नियम विरूद्ध और शासन को नुकसान पहुंचाने वाले तहसीलदार व अन्य के खिलाफ क्या और कब तक कार्यवाही की जायेगी? जानकारी दें।
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) माननीय व्यवहार न्यायालय वर्ग-02 के डिक्री प्रकरण क्रमांक 652 ए/2006 आदेश दिनाँक 10.01.2007, पंजीकृत वसीयत कमांक 346 दिनाँक 30.09.2006 के आधार एवं माननीय प्रथम व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2 के आदेश क्रमांक EXP 18773/10 दिनाँक 06.10.2010 एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय के सिविल अपील क्रमांक 775/2018 में पारित आदेश दिनाँक 15.01.2019 माननीय हाईकोर्ट जबलपुर मध्यप्रदेश के सेकेन्ड अपील क्रमांक 772/2011 में पारित आदेश दिनाँक 15.03.2018 द्वारा पारित आदेशों के अनुक्रम में माननीय महाधिवक्ता हाईकोर्ट जबलपुर मध्यप्रदेश के डी.ओ. क्रमांक 1603 दिनाँक 25.02.2019 से कलेक्टर भोपाल को प्राप्त विधिक अभिमत उपरांत तहसीलदार नजूल वृत गोविन्दपुरा द्वारा रा.प्र.क्र. 257/अ-6/2018-2019 में आदेश दिनाँक 19.03.2019 को नामांतरण आदेश पारित किया गया है। (ख) जी हाँ। (ग) उपरोक्त किया गया नामान्तरण मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 109-110 में वर्णित विधिक प्रावधानों के तहत किया गया है एवं जिस वसीयत नामे के आधार पर नामांतरण किया गया है। उक्त वसीयतनामा रजिस्टर्ड है एवं तत्समय प्रभार्य पंजीयन फीस अदा की गई है। अतः मध्यप्रदेश शासन को कोई नुकसान नहीं पहुँचा है। शेषांश की कार्यवाही का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
जमीन पर अवैध कब्जा
[राजस्व]
9. ( क्र. 200 ) श्री विश्वास सारंग : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रायसेन जिले के गौहरगंज ग्राम के वार्ड क्रमांक 3 माता मंदिर रोड ब्राह्मण मोहल्ला में आरजी क्र. 522 शासकीय रकबा है तथा इस पर सार्वजनिक कुआं भी है? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत क्या कुआं और कुएं की आसपास की जमीन पर किसी दबंग ने अवैध कब्जा कर रखा है? अवैध कब्जाधारी का नाम, पते सहित जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत अवैध कब्जे को लेकर तहसीलदार गौहरगंज के पास प्रकरण क्रमांक 4/अ-13/19-20 दर्ज कराया गया है? प्रकरण को लेकर संबंधित ने कब्जा हटान के कब-कब क्या-क्या प्रयास किये हैं और किस-किस दिनाँक को क्या-क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, किये तो क्यों नहीं किये गये? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) व (ग) के तहत क्या उक्त कुआं और आसपास की भूमि का अवैध कब्जा हटाया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? नियम बतायें?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) जी हाँ, रायसेन जिले के गौहरगंज ग्राम के वार्ड क्रमांक 3 माता मंदिर रोड ब्राम्हण मोहल्ला में आराजी क्र. 522 शासकीय आबादी मद का रकबा है तथा इस रकबे में पुराना सार्वजनिक कुआं बना हुआ है। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत कुआं तथा कुएं के आसपास रिक्त भूमि है जिसका ग्रामवासी निस्तार के लिये उपयोग करते है कुएं पर किसी दबंग ने अवैध कब्जा नहीं किया है। (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत अवैध कब्जे के संबंध में कोई भी प्रकरण तहसीदार गौहरगंज के पास दर्ज नहीं कराया गया है। प्रकरण क्रमांक 4/अ-13/19-20 म.प्र. भू-राजस्व संहिता की धारा 131 के तहत रास्ता विवाद के संबंध में तहसीलदार गौहरगंज के पास दर्ज कराया गया है जिसमें कार्यवाही प्रचलित होकर प्रकरण आदेशार्थ दिनाँक 12/03/2020 को नियत है। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) व (ग) के तहत कुआं पर अवैध अतिक्रमण न होने से अवैध कब्जा हटाये जाने का प्रश्न ही नहीं है।
धार्मिक स्थलों की भूमि
[राजस्व]
10. ( क्र. 218 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला ग्वालियर की तीनों विधान सभा क्षेत्र डबरा, भितरवार, ग्वालियर ग्रामीण में मंदिर मस्जिद बाबा कपूर से लगी भूमि राजस्व विभाग की है, यदि हाँ, तो तीनों विधानसभा क्षेत्रों में स्थापित ऐसे धार्मिक स्थान कहाँ-कहाँ पर हैं व धार्मिक स्थलों से लगी हुई कितनी-कितनी रकबा भूमि है? (ख) धार्मिक स्थलों से लगी हुई ऐसी भूमियों को रख-रखाव हेतु किसके अधिपत्य में सौंपा गया है व ऐसी भूमि को वर्तमान में कौन जोत रहा है एवं कब से कृषि/कार्य कर रहा है? दिनांकित, स्थानवार नाम सहित सूची उपलब्ध कराई जावें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार ऐसे धार्मिक स्थलों (मंदिर/मस्जिद) के रख-रखाव पर प्रतिवर्ष कितनी धनराशि खर्च की जाती रही है? स्थलवार सम्पूर्ण जानकारी दी जावें। प्रश्नकर्ता द्वारा राजस्व विभाग भोपाल को उक्त संबंध में लिखे गये पत्र पर की गई कार्यवाही की जानकारी दी जावें।
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) ग्वालियर जिले की तीनों विधानसभा क्षेत्र डबरा, भितरवार, ग्वालियर ग्रामीण के अन्तर्गत शासन संधारित मंदिर, मस्जिद बाबा कपूर से कितनी-कितनी रकबा भूमि है, संबंधी सूची अनुसार निम्नानुसार रकबा भूमि है :-
क्र |
विधान सभा क्षेत्र |
मंदिर से लगी कृषि भूमि की जानकारी |
दरगाह बाबा कपूर से लगी कृषि भूमि की जानकारी |
रिमार्क |
||
कुल किता |
कुल रकबा |
कुल किता |
कुल रकवा |
|||
1 |
2 |
3 |
4 |
5 |
6 |
7 |
1 |
तहसील भितरवार |
665 |
385.188 |
01 |
1.494 |
विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। |
चीनोर |
772 |
544.273 |
27 |
38.393 |
||
घाटीगाँव |
610 |
242.639 |
18 |
5.16 |
||
2 |
तहसील डबरा |
1791 |
1257.5 |
15 |
6.602 |
|
3 |
तहसील ग्वालियर |
61 |
14.934 |
137 |
9.208 |
|
मुरार |
49 |
27.667 |
09 |
6.401 |
||
सिटी-सेन्टर |
194 |
97.043 |
08 |
4.284 |
||
तानसेन |
292 |
172.934 |
34 |
15.177 |
(ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) तहसीलवार सूची सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट प्रपत्र-ब अनुसार है। धार्मिक स्थलों के रख-रखाव हेतु राशि राजस्व विभाग द्वारा जारी नहीं की जाती है।
खसरा-खतोनी प्राप्त करने की प्रकिया
[राजस्व]
11. ( क्र. 219 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में खसरा-खतोनी की नकल किस व्यवस्था के तहत प्रदाय की जा रही है? (ख) क्या वर्तमान में किसानों को प्रति खसरा नकल के एवज में शुल्क राशि ली जा रही है? कितनी-कितनी राशि प्राइवेट कम्पनी को दी जा रही है एवं कितनी राशि सरकार के खजाने में जमा हो रही है? (ग) क्या जिस सॉफ्टवेयर में नकल प्रदाय की जा रही है उसमें वर्ष 2011 से 2017 तक की नकलों का खाना नम्बर 03 खाली आ रहा है? प्रश्न दिनाँक तक वर्ष 2011 से 2017 तक की नकल सम्पूर्ण ग्वालियर जिले में कितने किसानों के द्वारा निकाली गई? इसमें नकल के एवज में कितनी राशि वसूल की गई? अनुपयोगी खसरों से वसूली गई राशि को सरकार किसानों को कब तक वापिस करेगी? (घ) उक्त कम्पनी को एक तहसील में कम से कम कितने सेंटर स्थापित करना अनिवार्य थे वर्तमान में ग्वालियर जिले की सभी तहसीलों में कितने सेंटर संचालित है? उक्त कम्पनियों का शासन से साफ्टवेयर डेव्हलप करने का अनुबंध किस दिनाँक से किस दिनाँक तक था? क्या उक्त कम्पनियों की कार्य अवधि बढ़ाई गई है?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) वर्तमान में सम्पूर्ण प्रदेश में खसरा खतौनी की नकल वेब बेस्ड जी.आई.एस. से ऑनलाईन प्रदाय की जा रही है। (ख) जी हाँ। वेब जी.आई.एस. सॉफ्टवेयर से प्रतिलिपि प्रदाय करने पर विभिन्न हितधारकों के मध्य शुल्क विभाजन संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। उपरोक्त के क्रम प्रश्नांश की जानकारी उद्भूत नहीं होती है। (घ) कम्पनी को एक तहसील में एक आई.टी. सेन्टर स्थापित करना था। ग्वालियर जिले की 5 तहसीलों (नवगठित छोड़कर) में एक-एक आई.टी. सेन्टर स्थापित है। सॉफ्टवेयर डेव्हलप करने का अनुबंध दिनाँक 19.02.2013 से 30.09.2014 तक था। जी हाँ। कार्य के वृहद स्वरूप को देखते हुए इसे बढ़ाया गया है।
अवैध कब्जाधारियों पर कार्यवाही
[राजस्व]
12. ( क्र. 245 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित प्रश्न क्रमांक 601 दिनाँक 19.12.2019 के (घ) के उत्तर अनुसार माननीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश महोदय महिदपुर के आदेशानुसार तत्कालीन कब्जाधारियों को विधि की सम्यक प्रक्रिया के बगैर बेदखल न करने के आदेश के अनुक्रम में तहसील न्यायालय झारड़ा में प्रकरण क्रमांक 01/अ-68/2019-20 मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता की धारा 248 के अंतर्गत प्रकरण विचाराधीन है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रकरण क्रमांक 01/अ-68/2019-20 मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता की धारा 248 के तहत बड़ा राम मंदिर के समस्त पुजारी परिवार को बेदखल नहीं किया गया है एवं कब्जाधारी 12 दुकानदारों की दुकानों को बेदखल करने की कार्यवाही भी नहीं की गई है। क्या राजनीतिक दबाव के कारण तहसील न्यायालय झारड़ा में विचाराधीन प्रकरण को जानबूझकर लंबित किया जा रहा है? शासन द्वारा बड़ा राम मंदिर झारड़ा के पुजारी परिवार एवं 12 दुकानों का कब्जा शासन हित में कब तक ले लिया जावेगा? (ग) माननीय उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली के पारित आदेश के पालन में विलम्ब के लिये उत्तरदायी, दोषी अधिकारियों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी? स्पष्ट करें।
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) जी हाँ (ख) प्रकरण क्रमांक 01/अ-68/2019-20 में अतिक्रामकों के विरूद्ध म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 के तहत कार्यवाही हेतु नियमानुसार सुनवाई की जा रही है। प्रकरण में आगामी तिथि अनावेदकगण के साक्ष्य हेतु 12.03.2020 नियत है। प्रकरण को जानबुझकर लंबित नहीं किया जा रहा है। प्रकरण का निराकरण कर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। (ग) प्रकरण में नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है अतः संबंधित अधिकारियों पर कोई कार्यवाही किये जाने का कोई आधार नहीं है।
इन्दौर के ग्राम खजराना की अतिशेष भूमि
[राजस्व]
13. ( क्र. 285 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर शहर की ग्राम खजराना की सर्वे क्रमांक 543/2 की भूमि शासन की अतिशेष भूमि है? क्या उस पर भूमाफिया द्वारा जी प्लस 4 बहुमंजिला इमारत बनाई गई है? (ख) यदि हाँ, तो करोड़ों की शासकीय भूमि के केस में माननीय उच्च न्यायालय एवं राजस्व न्यायालय ग्वालियर में शासन का पक्ष कमजोर क्यों रखा गया? शासन को जो आर्थिक क्षति हुई है, इसके लिए कौन जिम्मेदार है? भूमाफिया को करोड़ों का लाभ क्यों पहुँचाया गया? (ग) शासन की इस भूमि को बचाने के लिए सही एवं वास्तविक तथ्यों के साथ माननीय उच्च न्यायालय में पुनः अपील कब की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) वर्तमान राजस्व अभिलेख में ग्राम खजराना की सर्वे 543/2 रकबा 0.103 हेक्टेयर भूमि म.प्र.शासन शहरी सीलिंग मद में दर्ज होकर मौके पर बहुमंजिला इमारत बनी हुई है। तहसीलदार न्यायालय में संधारित कार्यलयीन रिकार्ड अनुसार सर्वे नंबर 543/2 की भूमि पर बहुमंजिला इमारत निर्माण की रिर्पोट पर अतिक्रमण का प्रकरण दर्ज होकर दिनाँक 28.12.2014 को अतिक्रामक के विरूद्ध बेदखली का निर्णय किया गया है जिसके विरूद्ध अतिक्रामक द्वारा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व जूनी इन्दौर के समक्ष अपील प्रस्तुत की गई भी जो दिनाँक 15.09.2015 को निरस्त की गई। उक्त आदेश के विरूद्ध अपीलान्ट द्वारा द्वितीय अपील अपर आयुक्त इन्दौर संभाग इन्दौर के समक्ष प्रस्तुत की गई थी जो भी दिनाँक 12.04.2017 निरस्त कर दी गई थी किन्तु अनावेदक अतिक्रामक द्वारा अपर आयुक्त के आदेश दिनाँक 12.04.2017 के विरूद्ध माननीय राजस्व मण्डल के समक्ष रिवीजन याचिका प्रस्तुत की गई जिसमें राजस्व मण्डल द्वारा आदेश दिनाँक 21.05.2019 द्वारा अधीनस्थ राजस्व न्यायालयों के आदेश निरस्त कर दिए गए हैं। (ख) राजस्व मण्डल के निर्णय के विरूद्ध शासन द्वारा माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर के समक्ष विधिवत अतिरिक्त महाधिवक्ता कार्यालय से अभिमत उपरांत रिट याचिका क्रमांक 24820/2019 दायर की गई जिसमें दिनाँक 09.01.2020 को माननीय उच्च न्यायालय द्वारा शासन के विरूद्ध निर्णय देते हुए याचिका खारिज की गई है तथा प्रति प्रार्थी द्वारा दायर याचिका क्रमांक 23375/19 स्वीकार की गई और शासन को राजस्व मण्डल के निर्णय दिनाँक 21.05.2019 का शीघ्र क्रियान्वयन किये जाने के निर्देश दिए गए। माननीय उच्च न्यायालय एवं राजस्व मण्डल ग्वालियर में शासन का पक्ष कमजोर तरीके से नहीं रखा गया है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ग) माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर की रिट याचिका क्रमांक-24820/2019 एवं प्रति प्रार्थी द्वारा दायर याचिका क्रमांक 23375/2019 में संयुक्त रूप से पारित आदेश दिनाँक 09.01.2020 के विरूद्ध पुन: अतिरिक्त महाधिवक्ता कार्यालय से अभिमत दिनाँक 01.02.2020 को प्राप्त किया गया है। जिसके अनुरूप माननीय उच्च न्यायालय के उपरोक्त आदेश दिनाँक 09.01.2020 के विरूद्ध नियत समयावधि में रिट अपील प्रस्तुत की जाने की कार्यवाही की जा रही है।
जनजातीय सांस्कृतिक केन्द्र निर्माण
[संस्कृति]
14. ( क्र. 290 ) श्री संजय उइके : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग को वित्तीय वर्ष 2018-19 में विशेष पिछड़ी जनजातीय सांस्कृतिक केन्द्रों की स्थापना शिवपुरी (सहरिया) बालाघाट (बैगा) भवन निर्माण हेतु आदिम जाति कल्याण विभाग से राशि आवंटित की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो कितनी-कितनी राशि कब-कब प्राप्त हुई? स्वीकृत राशि के विरूद्ध शिवपुरी एवं बालाघाट जिले में किस स्थान पर भवन निर्माण प्रारम्भ किया गया है? (ग) यदि स्वीकृत निर्माण कार्य प्रारम्भ नहीं किया गया है तो कारण बातएं। कब तक भवन निर्माण कार्य प्रारम्भ कर दिया जावेगा?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी नहीं (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता.
पुनर्स्थापन व पुनर्वास नीति का पालन
[राजस्व]
15. ( क्र. 310 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ध्यानाकर्षण सूचना क्रमांक 82 दिनाँक 20.12.2019 अनुसार शासन पावर कोल ब्लाक से 237, एस्सार पावर लि. से 751, पावर ग्रिड कारपोरेशन ऑफ इंडिया विन्ध्यनगर से 234, एन.टी.पी.सी. विन्ध्यनगर बलियरी से 400, हिण्डाल्को पावर प्लांट बरगवां से 2059 किसान प्रभावित हुए, इन प्रभावित किसानों के परिजनों को राष्ट्रीय पुनर्वास व पुर्नस्थापन नीति 2002 व 2007 एवं अन्य नवीन नियमों अनुसार किन-किन को नौकरी, भत्ता, मकान, पेंशन व अन्य सुविधायें नीति अनुसार प्रदान की गई विवरण नाम व पते सहित देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कार्यवाही न करने के लिये किन-किन को जिम्मेदार मानते हुये कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे एवं प्रश्नांश (क) अनुसार प्रभावित किसानों के परिजनों को राष्ट्रीय पुनर्वास नीति अनुसार सुविधायें प्रदान नहीं की गई तो इनको कब तक नौकरी एवं अन्य सुविधायें उपलब्ध करावाएंगे? अगर नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) ध्यानाकर्षण सूचना क्रमांक 82 दिनाँक 20.12.2019 अनुसार जिला सिंगरौली में संचालित सासन पावर कोल ब्लॉक से 237, एस्सार पावर लि. से 751, पावर ग्रिड कारपोरेशन ऑफ इंडिया विंध्यनगर से 234, एन.टी.पी.सी. विंध्यनगर बलियरी से 400, हिण्डाल्को पावर प्लांट बरगवां से 2059 किसान प्रभावित हुए, इन प्रभावित किसानों के परिजनों को राष्ट्रीय पुनर्वास व पुर्नस्थापन नीति 2002 व 2007 के तहत दी जाने वाली सुविधाओं का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार विस्थापित पात्र हितग्राहियों को पुनर्वास सुविधा प्रदान की जा चुकी है। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता।
जिम्मेदारों पर कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
16. ( क्र. 311 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा प्रश्न क्र. 568, दिनाँक 19.12.2019 के उत्तर में अनुसूचित जाति/जनजाति सीमा से बाहर है का उत्तर दिया गया? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो सिंगरौली, रीवा व सीधी जिले के जनपद पंचायतों में निवासरत अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के परिवारों में से कितने परिवारों को विभिन्न जनपदों के द्वारा खाद्य पर्चियाँ जारी की गई वर्तमान में इन जनपद पंचायतों में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के कुल कितने परिवार निवासरत हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के तारतम्य में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के कितने परिवार हैं, जिनका B.P.L. में नाम दर्ज होने के कारण खाद्यान्न पर्चियाँ जारी की गई एवं कितनी पर्चियाँ जातिगत आधारों पर जारी की गई थी? पृथक-पृथक जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में वर्ष 2019-2020 के दौरान प्रश्नांश (क) के जिलों में बगैर अंगूठे व पोर्टल पर कार्यवाही न कर खाद्यान्न वितरण किये गये? यदि हाँ, तो इस तरह के मशीनें में बगैर अंगूठे लगाए सीधे वितरित करने बाबत् निर्देश किनके द्वारा दिये गये एवं इस तरह के वितरण किन जिलों एवं किन दुकानों से किये गये? (ड.) प्रश्नांश (क) अनुसार अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के परिवारों को किन आधारों पर सीमा से बाहर बताया गया एवं प्रश्नांश (ख) अनुसार अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के परिवारों को खाद्य पर्चियाँ जारी नहीं की गई तो क्यों? इनको कब तक जारी करायेंगे बतावें? यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( डॉ.गोविन्द सिंह ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ग्राम पंचायतों में हुये कार्यों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
17. ( क्र. 327 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले की मऊगंज विधानसभा क्षेत्रं में विभिन्न मदों के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायतों में 01.04.2017 से प्रश्नतिथि तक किस-किस नाम की ग्राम पंचायतों में हैण्डपंपों का खनन, किस-किस नाम की शासकीय एजेंसी या निजी एजेंसी के द्वारा कराये गये? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समयानुसार उक्त हैण्डपंपों में से किस-किस स्थान पर, किस नाम की ग्राम पंचायतों में हैण्डपंपों में मोटर लगाये गये? उक्त सभी कार्यों का कार्यादेश किस-किस नाम से अधिकारियों ने जारी किया? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित समयानुसार जब हैण्डपंपों की जगह मोटर डाली गई तो उन सभी हैण्डपंपों से जो भी सामग्री निकली वह प्रश्नतिथि तक किस नाम से कितनी संख्या, मात्रा में थी? क्या उसकी सूची बनाई गई थी? सूची ग्राम पंचायत के नामवार स्थलवार दें? उक्त सामग्री प्रश्नतिथि तक कहाँ है? जानकारी दें। क्या प्रश्नतिथि तक प्रश्नांश (ख) में लगाई सभी मोटरें चल रही है? या बंद हैं। खराब पड़ी है। ग्राम पंचायतवार/स्थलवार/सूची दें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समयावधी में खनित उक्त हैण्डपंपों में प्रश्न तिथि तक मोटर पंप नहीं लगाये गये है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
परिवहन उप निरीक्षक पर नियुक्ति की जानकारी
[परिवहन]
18. ( क्र. 330 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन, परिवहन विभाग, मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल के क्रमांक/एफ-1-42-97/आठ भोपाल दिनाँक 07.04.1998 या अन्य पत्र क्रमांकों एवं दिनाँक से परिवहन आयुक्त, म.प्र. ग्वालियर को पत्र लिखकर (या आदेश जारी कर) श्री मोहम्मद अलीम खान, निम्न श्रेणी लिपिक (या सहायक ग्रेड-3) क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय भोपाल को परिवहन विभाग में परिवहन उप निरीक्षक के पद पर, विशेष प्रकरण मानकर निर्धारित प्रक्रिया एवं नियमों को शिथिल कर नियुक्ति प्रदान करने के आदेश जारी हुये? जारी पत्र या आदेश की प्रति प्रमुख सचिव परिवहन के काउण्टर हस्ताक्षरों से उपलब्ध करायें यह आदेश सत्य हैं या कूट रचित? (ख) क्या कार्यालय परिवहन आयुक्त म.प्र. ग्वालियर ने पत्र क्रमांक/प्रवर्तन/टीसी/98 ग्वालियर दिनाँक 18.05.1998 या अन्य आदेश क्रमांकों या दिनांकों से आदेश जारी कर प्रश्नांश (क) में वर्णित व्यक्ति को परिवहन उप निरीक्षक के पद पर नियुक्ति के आदेश जारी किये? जारी नियुक्ति आदेश की एक-एक प्रति उपलब्ध करायें? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित व्यक्ति की परिवहन विभाग में चयन एवं प्रथम पदस्थापना किस दिनाँक को, किस पद पर, किन-किन शैक्षणिक योग्यता के आधार पर, किस कार्यालय में, किस माध्यम से हुई? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित जारी पत्र (आदेश) ओरिजनल है या फर्जी?
परिवहन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
चार्टेड बस सेवा में लगेज/सामान भेजना
[परिवहन]
19. ( क्र. 375 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या चार्टेड बस सेवा सर्विस में लगेज/सामान भेजने हेतु शासन से एजेंसियों को स्वीकृति प्रदान की गई है? (ख) यदि हाँ, तो चार्टेड बस सेवा सर्विस में लगेज/सामान भेजने की क्या दरें निर्धरित की गई है? कितनी मात्रा/वजन/संख्या के मापदंड निर्धारित है क्या बुकिंग किये गये लगेज/सामान की जाँच संबंधी उपकरण बुकिंग सेन्टर पर मौजूद है? (ग) क्या लगेज/सामान की निर्धारित दर की बुकिंग सेन्टर पर उल्लेख किये जाने का प्रावधान है? यदि, हाँ तो सभी चार्टेड बस सेवा सर्विस बुकिंग काउंटर पर इस का पालन किया जा रहा है? (घ) यदि नहीं, तो कब तक किया जावेगा एवं उपभोक्ताओं से मनमानी वसूली किये जाने के लिए कौन उत्तरदायी है? विभाग इस संबंध में कार्यवाही करेगा यदि हाँ, तो कब तक?
परिवहन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) चार्टड बस सेवा सर्विस को लगेज/सामान भेजने हेतु पृथक से कोई स्वीकृति प्रदान नहीं की जाती है, किन्तु मध्यप्रदेश मोटरयान नियम 1994 के नियम 78 एवं 80 में मंजिली गाड़ी पर माल का परिवहन किये जाने का प्रावधान है। (ख) चार्टड बस सेवा सर्विस में लगेज/सामान भेजने की दरें शासन द्वारा निर्धारित नहीं है, मध्यप्रदेश मोटरयान नियम 1994 के नियम 78 के उपनियम 6 में मात्रा/वजन/संख्या के मापदण्ड निर्धारित है। बुकिंग सेंटर पर जाँच संबंधी उपकरण का प्रावधान नियम में नहीं है। (ग) एवं (घ) म.प्र. मोटरयान नियम 1994 में लगेज/सामान की दरें निर्धारित करने का प्रावधान नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
देशी/विदेशी मदिरा दुकानों में संचालित अहाता
[वाणिज्यिक कर]
20. ( क्र. 376 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देशी/विदेशी मदिरा दुकानों में अहाता संचालित करने हेतु शासन से स्वीकृति प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो कब से/किस दर से? (ख) सागर जिलें में पूर्व में देशी/विदेशी मदिरा दुकानों में संचालित अहातों की कुल संख्या एवं संचालित अहातों के नाम, स्थान सहित जानकारी देवें। (ग) सागर जिलें में वर्तमान में कितने देशी/विदेशी मदिरा दुकानों में अहाता संचालित/स्वीकृति प्रदान की गई है? नाम, स्थान एवं स्वीकृति दर सहित जानकारी देवें। (घ) क्या पूर्व में देशी/विदेशी मदिरा दुकानों में संचालित अहातों ने यदि अहाता खोलने की स्वीकृति नहीं ली हैं तो क्या शासन ने इन अवैध अहातों की जाँच कराई है? वीडियोग्राफी की कार्यवाही की है?
वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 454 दिनाँक 14.11.2019 में प्रकाशित अधिसूचना अनुसार ऑफ श्रेणी की देशी/विदेशी मदिरा दुकानों को नियमानुसार पात्रता होने पर। दरों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शासन नीति अनुसार पूर्व वर्ष 2018-19 में सागर जिले के अंतर्गत कोई अहाता/शॉप बार लायसेंस स्वीकृत नहीं किये गये है। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार वर्ष 2019-20 में दिनाँक 14.11.2019 के पश्चात् ऑफ श्रेणी की देशी मदिरा दुकान बण्डा एवं ऑफ श्रेणी की विदेशी मदिरा दुकान मकरौनियां, कटरा एवं बड़ा बाजार में शॉप बार का वार्षिक मूल्य रूपये 19,54,045/- के अग्रिम भुगतान पर अहाता/शॉप बार लायसेंस की स्वीकृति प्रदान की गई। (घ) पूर्व में देशी/विदेशी मदिरा दुकानों में अवैध अहाता संचालन होने संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अतएव प्रश्न अनुसार जाँच एवं वीडियोग्राफी नहीं कराई गई है।
अंडे व अन्य शाकाहारी पदार्थों का तुलनात्मक पत्रक
[महिला एवं बाल विकास]
21. ( क्र. 429 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रदेश की आंगनवाड़ियों में बच्चों को कुपोषण से दूर करने ''अंडे'' देने हेतु योजना बनाई गई है? (ख) अंडे में कौन-कौन से पोषक तत्व कितनी मात्रा में होते हैं? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कुपोषण को दूर करने के लिए क्या शाकाहारी पदार्थों यथा मूंगफली, गुड़, सोयाबीन बड़ी, चने भी दी जा सकती है? यदि हाँ, तो इनमें और अंडे के पोषक तत्वों एवं कीमत का तुलनात्मक पत्रक उपलब्ध करावें। (घ) क्या प्रदेश की आबादी का एक बड़ा हिस्सा शाकाहारी होने एवं शाकाहार के प्रबल समर्थक महात्मा गांधी की 150वीं जन्म शताब्दी वर्ष में आंगनवाड़ी में अंडों को खिलाये जाने के निर्णय पर पुनर्विचार करेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( डॉ.विजय लक्ष्मी साधौ ) : (क) जी हाँ। (ख) अण्डे में सम्मिलित पोषक तत्वों के नाम एवं पाई जाने वाली मात्रा से संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '1' अनुसार है। (ग) आंगनवाड़ी केन्द्र के बच्चों को कुपोषण से दूर रखने हेतु प्रस्तावित योजना में जो बच्चे, महिलाए अण्डे का उपयोग नहीं करेंगे उन्हें अण्डे के स्थान पर शाकाहारी पदार्थ फल, दूध, अन्य पौष्टिक आहार दिया जाना प्रस्तावित है। अण्डे एवं अन्य शाकाहारी पदार्थों यथा मूंगफली, गुड़, सोयाबीन बड़ी, चने का तुलनात्मक जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '2' अनुसार है। अण्डा तथा अन्य पौष्टिक सामग्री पर प्रति हितग्राही प्रतिदिन 5/- रूपये अनुमानित रूप से व्यय किया जाना प्रस्तावित है। (घ) प्रदेश में बच्चों में कुपोषण की समस्या को ध्यान में रखते हुए आंगनवाड़ी केन्द्र के बच्चों एवं महिलाओं को अण्डा वितरण संबंधी प्रस्ताव प्रस्तावित है जिसमें शाकाहारी भोजन लेने वाले बच्चों एवं महिलाओं को अण्डे के स्थान पर समतुल्य राशि के फल, दूध, अन्य पौष्टिक आहार दिया जाना प्रस्तावित है वर्तमान में अंतिम निर्णय नहीं होने से पुनर्विचार की आवश्यकता नहीं है।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से वंचित किसान
[राजस्व]
22. ( क्र. 449 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा जिले में किसान सम्मान निधि के अब तक कुल कितने पात्र किसान हैं तथा उनमें से कितने किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का भुगतान किया जा चुका है? तहसीलवार जानकारी दें। (ख) क्या योजना के क्रियान्वयन में लापरवाही बरतने के कारण सैकड़ों किसान योजना में लाभान्वित होने से वंचित रह गये हैं? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) क्या जिला स्तर पर योजना के शत-प्रतिशत क्रियान्वयन करने तथा पात्र सभी किसानों को सम्मान निधि प्राप्त होने के लिये बैठक/कार्यशाला का आयोजन किया गया है? मैदानी स्तर पर कौन कर्मचारी जिम्मेदार है? (घ) क्या प्रदेश में किसान सम्मान निधि योजना के पंजीयन में कृषि तथा राजस्व विभाग द्वारा संयुक्त प्रयास के अभाव के कारण लाखों किसान प्रदेश भर में वंचित हैं? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन जिम्मेदार है? (ङ) क्या प्रदेश सरकार प्रदेश के सभी पात्र किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि दिलाने के लिये प्रतिबद्ध है? यदि हाँ, तो प्रत्येक किसान को लाभ देने के लिये क्या शासन स्तर से कोई कार्ययोजना जिला स्तर पर बनाकर भेजी जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) खण्डवा जिले में किसान सम्मान निधि के दिनाँक 05.03.2020 तक कुल 138339 पात्र परिवार हैं। इनमें से 104400 परिवारों को पहली किश्त, 86081 परिवारों को दूसरी किश्त तथा 66755 परिवारों को तीसरी किश्त का भुगतान किया जा चुका है। तहसीलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ङ) जी हाँ। प्रेत्यक किसान को लाभ देने के लिये शासन स्तर से समय-समय पर परिपत्र जारी किये गये है। परिपत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
बाढ़ पीड़ितों को गेहूँ का प्रदाय
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
23. ( क्र. 453 ) श्री
यशपाल सिंह
सिसौदिया : क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) अगस्त, सितम्बर
2019 में
बाढ़ पीड़ित के
लिए माननीय
मुख्यमंत्री
जी ने 50-50
किलो गेहूँ
देने की जो
घोषणा की थी, क्या
सभी बाढ़ पीड़ित
परिवारों को
सितम्बर माह
से 50-50
किलो गेहूँ
दिया जा रहा
है? यदि
हाँ, तो
कहाँ-कहाँ पर
कितना-कितना? मंदसौर
जिले की
जानकारी माहवार
देवें?
(ख)
मंदसौर
बाढ़ पीड़ित
परिवारों को
मा.मुख्यमंत्री
जी की घोषणा
के अनुरूप 50-50 किलो गेहूँ
प्राप्त हो इस
हेतु जिला
प्रशासन एवं
खाद्य विभाग
की कब-कब बैठक
आयोजित की गयी, इसमें
क्या निर्णय
लिए गये?
पीड़ित
परिवारों को गेहूँ
नहीं मिलने के
क्या कारण रहे
कौन-कौन
अधिकारी
इसमें दोषी
हैं? उनके
खिलाफ क्या
कार्यवाही की
गयी? की
गई कार्यवाही
से अवगत कराये।
(ग) मंदसौर
बाढ़ पीड़ित
परिवारों के
लिए कब-कब
कितना गेहूँ
का आवंटन
विभाग को प्राप्त
हुआ? कब
तक
मुख्यमंत्री
जी घोषणा के
अनुरूप 50-50
किलो गेहूँ
पीड़ित
परिवारों को
प्रदान कर
दिया जावेगा?
खाद्य
मंत्री ( डॉ.गोविन्द
सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
अचल संपत्तियों के विक्रय पत्रों का पंजीयन एवं नामान्तरण
[वाणिज्यिक कर]
24. ( क्र. 490 ) श्री राकेश गिरि : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिला स्थित मुख्यालय उपपंजीयक कार्यालय में प्रश्न दिनाँक से पाँच वर्ष पूर्व तक अचल संपत्तियों के कितने दस्तावेज पंजीकृत हुए,? (ख) क्या अचल संपत्तियों के विक्रय पत्रों/विक्रय के करारों के पंजीयन उपरान्त ऐसे संव्यवहारों की सूचना, संबंधित तहसीलदार एवं स्थानीय निकाय जहाँ संपत्ति अवस्थित है, को भेजे जाने का नियम है? यदि हाँ, तो नियमों/विधि/विधियों का नाम बतायें और क्या इन नियमों के तहत टीकमगढ़ के मुख्यालय उपपंजीयक द्वारा तहसीलदार और विभिन्न स्थानीय निकायों को क्या सूचनाएं भेजी गई। यदि सूचनायें नहीं भेजी गई तो दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार पंजीकृत विक्रय पत्रों की संख्या के अनुपात में राजस्व विभाग में कितनी संपत्तियों के नामान्तरण किये गये है? नामान्तरण विहीन शेष संपत्तियों के नामान्तरण न करने के क्या कारण है? शेष संपत्तियो के नामान्तरण कब तक होंगे? (घ) प्रश्नांश (ग) समय पर नामान्तरण न होने से कितनी संपत्तियाँ कई व्यक्तियों को विक्रय होने के कारण विवादित है? संपत्ति विक्रय के उपरान्त स्वतः नामान्तरण की व्यवस्था हेतु शासन क्या प्रबंध कर रहा है?
वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) मुख्यालय उप पंजीयक कार्यालय टीकमगढ़ में प्रश्न दिनाँक से पाँच वर्ष पूर्व अचल संपत्तियों के 17198 दस्तावेज पंजीबद्ध हुए (ख) भारतीय रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1908 कार्यपालिक अनुदेश की कंडिका क्रमांक 187 अधिकार अभिलेख व भू-राजस्व संहिता की धारा 112 के अंतर्गत जब कोई ऐसी दस्तावेज जिसके द्वारा किसी ऐसी कृषि भूमि जो कृषि प्रयोजन के लिए उपयोग में लाई जाती है या जिसके संबंध में क्षेत्र पुस्तक तैयार की जा चुकी है, के संबंध में कोई हक या उस पर कोई हक या उस पर कोई भार सृजित किया जाना, समुनेदिशत किया जाना, निर्वाचित किया जाना, रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1908 (1908 का संख्यांक 16) के अधीन पंजीकृत की जाती है तो पंजीयन अधिकारी द्वारा उस क्षेत्र जिसमें कि वह भूमि स्थित है अधिकारिता रखने वाले तहसीलदार को सूचना परिशिष्ट ''घ'' के प्रारूप 11 में प्रत्येक माह के प्रथम सप्ताह में भेजे जाने का नियम है। मुख्यालय उप पंजीयक टीकमगढ़ के पत्र क्रमांक 95/उ.पं./दिनाँक 07.09.2017 से 01.04.2015 से दिनाँक 31.07.2017, पत्र क्रमांक 16/उ.पं./दिनाँक 06.06.2018 से माह अक्टूबर 2017 से दिसम्बर 2017, पत्र क्रमांक 76/उ.पं./दिनाँक 22.06.2018 माह जनवरी 2018 से मई 2018 की जानकारी तहसीलदार टीकमगढ़ को प्रेषित की गई। मार्च 2018 से विभाग में संपदा पोर्टल से राजस्व विभाग के आर.सी.एम.एस. पोर्टल में जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है। (ग) संपदा पोर्टल से आर.सी.एम.एस. पोर्टल पर जिले के तहसीदार/नायब तहसीलदारों के न्यायालयों में नामान्तरण हेतु कुल 5657 पंजीकृत विक्रय पत्रों के नामांतरण प्राप्त हुए। जिनके विरूद्ध 3572 नामांतरण स्वीकृत किये जा चुके है तथा 2085 प्रकरण प्रचलित है। लंबित नामांतरण प्रकरणों में म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 110 के तहत नियमानुसार निराकरण किया जाता है। (घ) नामांतरण न होने से किसी संपत्ति के कई व्यक्तियों को विक्रय होने संबंधी विवाद का कोई मामला प्रकाश में नहीं आया है।
बसंत महोत्सव कुण्डेश्वर के आयोजन की पुर्नस्थापना
[संस्कृति]
25. ( क्र. 491 ) श्री राकेश गिरि : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले की टीकमगढ़ तहसील के प्रसिद्ध तीर्थ क्षेत्र एवं पर्यटन स्थल कुण्डेश्वर में विगत तीन बर्षों 2016-17 एवं 2018 में महाशिवरात्रि के पर्व पर तीन दिवसीय बसंत महोत्सव कुण्डेश्वर का आयोजन विभाग द्वारा कराया गया है? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2019 एवं 2020 में महाशिवरात्रि के अवसर पर बसंत महोत्सव विभाग द्वारा क्यों नहीं कराया गया है? विभाग द्वारा जिले में आयोजित होने वाले सांस्कृतिक विरासत के इकलौते बसंत महोत्सव कुण्डेश्वर को उपेक्षित कर किन कारणों से बन्द किया गया? इसके लिये कौन जिम्मेदार व दोषी है? (ग) भविष्य में बसंत महोत्सव कुण्डेश्वर में यथा समय अनवरत रूप से आयोजित किये जाने के लिए शासन की क्या योजना है? कृपया अवगत करायें? (घ) क्या वर्ष 2020-21 में बसंत महोत्सव शिवधाम कुण्डेश्वर में आयोजित किया जायेगा?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी नहीं. केवल वर्ष 2018 में संचालनालय के लिए अनुषंग अकादमी उस्ताद अलाउद्दीन खॉ संगीत एवं कला अकादमी द्वारा 11 से 13 फरवरी तक टीकमगढ़ स्थित कुण्डेश्वर में बसन्त महोत्सव का आयोजन सम्पन्न किया गया है. (ख) यह विभाग की नियमित गतिविधि नहीं है. शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता. (ग) यह विभाग की नियमित गतिविधि नहीं है. इसलिए ऐसी कोई योजना संचालनालय में विचाराधीन नहीं है. शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है. (घ) प्रश्नांश (ग) में दिये गये उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता.
बुंदेलखण्ड मेडिकल कॉलेज में सुपरस्पेशलिटी सुविधाएं
[चिकित्सा शिक्षा]
26. ( क्र. 518 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बुंदेलखण्ड क्षेत्र के संभागीय मुख्यालय सागर में बुंदेलखण्ड मेडिकल कॉलेज में सुपरस्पेशलिटी सुविधाओं जैसे कार्डियोलॉजी, कार्डियोसर्जरी, न्यूरोलॉजी, न्यूरोसर्जरी, गेस्ट्रोलॉजी, गेस्ट्रोसर्जरी, यूरोलॉजी, यूरोसर्जरी, पीडियाट्रिक सर्जरी एवं ऑन्कोलोजी आदि सुविधायें मुहैया कराये जाने का कोई प्रस्ताव शासन के सक्षम विचाराधीन है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनाँक तक इसकी क्या प्रगति हुई? (ख) यदि नहीं, तो क्या शासन चिकित्सा जैसी महत्वपूर्ण सुविधाओं को दृष्टिगत रखते हुए बुंदेलखण्ड के संभागीय मुख्यालय सागर के एक मात्र बुंदेलखण्ड मेडिकल कॉलेज में सुपरस्पेशलिटी सुविधायें शीघ्र उपलब्ध करायेगा तथा कब तक? (ग) क्या मरीजों को रेडियोथैरेपी (लीनियर एक्सीलेटर) की सुविधा नहीं मिल रही है? यदि हाँ, तो यह सुविधा कब तक शुरू करा दी जायेगी? (घ) क्या शासन बुंदेलखण्ड मेडिकल कॉलेज में बी.पी.टी (बेचलर एण्ड फिजियोथैरेपी) की सुविधा उपलब्ध करायेगा तथा कब तक?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) वर्तमान में कोई प्रस्ताव नहीं है, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अवैध कब्जों को विभाग द्वारा विशेष संरक्षण
[राजस्व]
27. ( क्र. 553 ) श्री
रामकिशोर
कावरे : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
बालाघाट जिले
के अंतर्गत
वारासिवनी तहसील
के ग्राम
कोस्ते में
अवैध कब्जों
को हटाने की
कार्यवाही की
गई, यदि
हाँ, तो
कितने लोगों
के कब्जे
हटाये गये? (ख) क्या
वर्तमान में
कुछ लोगों को
विभाग द्वारा विशेष
संरक्षण देकर
अवैध कब्जों
को नहीं हटाया
गया, जिस
संबंध में
प्रश्नकर्ता
द्वारा
कलेक्टर
बालाघाट को
पत्र क्रमांक 62 दिनाँक 11.01.2020 एवं 117 दिनाँक 27.01.2020 के
माध्यम से
सम्पूर्ण
प्रकरण की
जाँच हेतु लेख
किया गया
किन्तु आज दिनाँक
तक कलेक्टर
बालाघाट
द्वारा कोई
स्पष्ट उत्तर
जवाब नहीं
दिया गया? उक्त
जानकारी
प्रश्नकर्ता
को कब तक
प्रदान की
जावेगी?
(ग)
क्या
जिन
अधिकारियों
द्वारा अवैध
कब्जों को
नहीं हटाकर
विशेष संरक्षण
दिया गया उन
अधिकारियों
के विरूद्ध
विभाग क्या
कोई
कार्यवाही
करेगा यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व
मंत्री ( श्री जीतू
पटवारी ) : (क) बालाघाट
जिले के तहसील
वारासिवनी के
अन्तर्गत
ग्राम कोस्ते
के 13
अतिक्रमणकर्ताओ
के विरूद्ध
तहसील न्यायालय
वारासिवनी मे
प्रकरण
प्रचलित है
जिसमे विधिवत
सुनवाई की
जाकर
अतिक्रमणकर्ताओं
के विरूद्ध
बेदखली की
कार्यवाही
जारी है। (ख) जी
नहीं। प्रश्नकर्ता
के कलेक्टर
बालाघाट को
प्राप्त
पत्र के
अनुक्रम में
जाँच दल गठित
किया जाकर
विधिवत जाँच
उपरान्त
अवगत कराया
जावेगा। (ग) जाँच
वस्तुस्थिति
के आधार पर
यथोचित कार्यवाही
की जायेगी।
सामाजिक संस्थाओं से कर वसूली
[वाणिज्यिक कर]
28. ( क्र. 571 ) श्री प्रह्लाद लोधी : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शुल्क प्राप्त कर सेवायें देने वाली सामाजिक संस्थाओं से जी.एस.टी. शुल्क की वसूली के क्या नियम/निर्देश लागू हैं और क्या सार्वजनिक शौचालयों का संचालन करने वाली सुलभ इंटरनेशनल संस्था जी.एस.टी. के दायरे में आती हैं तथा तो किस नियम के तहत और सुलभ संस्था को कितने प्रतिशत जी.एस.टी. देना होता है एवं क्यों? जबकि सुलभ संस्था द्वारा शौचालयों का उपयोग करने वाले नागरिकों से सेवा के बदले में शुल्क की वसूली की जाती हैं। (ख) क्या कार्यालय सहायक आयुक्त सी.जी.एस.टी. एवं केन्द्रीय उत्पाद शुल्क प्रभाग भोपाल-1, के पत्र क्रमांक-iv (16) 11-25/CGST/BPL-1/RTI/Report/2018/1152, दिनाँक 22/05/2019 से -''जी.एस.टी. से पहले की अवधि के लिए सुलभ इंटरनेशनल सोशल सिक्योरिटी ओर्गेनाईजेशन के खिलाफ जाँच चलने और जाँच पूर्ण होने के बाद ही जी.एस.टी. से संबंधित पूछताछ/जाँच की जायेंगी'' की जानकारी सूचना का अधिकार के तहत प्रदान की गई थी? (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत सुलभ संस्था पर प्रचलित जाँच किस विषय पर किस सक्षम प्राधिकारी द्वारा कब से की जा रही हैं और इस जाँच को कब तक पूर्ण किया जायेगा। (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) परिप्रेक्ष्य में, सुलभ इंटरनेशनल संस्था द्वारा नगरीय क्षेत्रों में संचालित सार्वजनिक शौचालयों को शासन/नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा पूर्व में मुफ्त में विद्युत और जल क्यों दिया जाता था और क्या इस पर रोक के पश्चात् भी वर्तमान में पुन: कई नगरीय क्षेत्रों में मुफ्त में विद्युत और जल दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो किस नियम और किन आदेशों से और क्या इस विसंगति पर कोई जाँच एवं कार्यवाही कर राशि एवं कर की वसूली की जायेंगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) मध्यप्रदेश माल और सेवा कर अधिनियम, 2017 के अध्यधीन जारी अधिसूचना क्रमांक एफ ए-3-42/2017/1/पाँच (53) दिनाँक 30.06.2017 के तहत लोक सुविधाओं हेतु उपलब्ध कराई जाने वाली सेवाएँ जैसे कि स्नानागार, वॉश रूम, शौच घर, मूत्रालय या शौचालयों के उपबंध को जी.एस.टी. से मुक्त रखा गया है। (ख) सी.जी.एस.टी. एवं केन्द्रीय उत्पाद शुल्क विभाग द्वारा की जाने वाली कार्यवाही की जानकारी विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है। सी.जी.एस.टी. एवं केन्द्रीय उत्पाद शुल्क भोपाल संभाग-1 द्वारा विभाग को उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार सुलभ इन्टरनेशनल पर संस्थापित कार्यवाही सर्विस टैक्स से संबंधित है, जो दिनाँक 30.06.2017 के पूर्व की है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार केन्द्रीय उत्पाद शुल्क विभाग केन्द्र सरकार के अधीनस्थ कार्यालय होने से प्रश्न उपस्थित ही नहीं होता है। (घ) आयुक्त, वाणिज्यिक कर द्वारा संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास मध्यप्रदेश भोपाल से प्राप्त की गई जानकारी के अनुसार वर्ष 1983 से अनुबंध के आधार पर सुलभ इन्टरनेशनल के सार्वजनिक/सामुदायिक शौचालयों का निर्माण करवाया गया जिसमें जल एवं विद्युत मुफ्त देने का उद्देश्य, संचालन एवं साधारण लागत कम करना था। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते हैं।
नक्शा विहीन नगर एवं ग्रामों की जानकारी
[राजस्व]
29. ( क्र. 583 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कितने ग्राम/नगर के नक्शा उपलब्ध नहीं है एवं कितने ग्रामो के नक्शे जीर्णशीर्ण अवस्था में है? उन नक्शा विहीन ग्राम एवं जीर्णशीर्ण नक्शों के ग्रामों की संख्या बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित नक्शा विहीन जीर्णशीर्ण नक्शों को कब तक उपलब्ध करा दिए जाएंगे? (ग) क्या ग्राम नगर में भूमि की खरीद फरोख्त एवं सीमांकन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो किस आधार पर अवगत करावे?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) कोई भी ग्राम नक्शा विहीन नहीं है एवं 38 ग्रामों के नक्शे जीर्णशीर्ण अवस्था में हैं। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त ग्रामों के नक्शों की दुरूस्ती का कार्य प्रचलित है। (ग) ग्राम, नगर में भूमि की खरीद फरोख्त की जा रही है। जीर्णशीर्ण नक्शा वाले ग्रामों के अंशभाग को छोड़कर शेष भागों एवं अन्य ग्रामों/नगर का सीमांकन किया जा रहा है। उपलब्ध नक्शा के आधार पर सीमांकन किया जा रहा है।
वीनस नर्सिंग एवं पैरामेडिकल कॉलेज की जानकारी
[चिकित्सा शिक्षा]
30. ( क्र. 585 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वीनस नर्सिंग एण्डं पैरामेडिकल कालेज भोपाल में कब से तथा किस नाम से संचालित है रजिस्ट्रेशन नम्बर सहित जानकारी देवे? (ख) . उक्त कालेज क्या किराये के भवन अथवा शादी हाल में संचालित है? क्या मान्यता देने के पूर्व कमेटी द्वारा जाँच की गयी है, यदि हाँ, तो जाँच रिपोर्ट प्रस्तुत करे एवं दोषी अधिकारी के विरूद्ध कब तक क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) वर्तमान में कुल कितने छात्र-छात्रायें एस.सी./एस.टी./ओ.बी.सी./सामान्य वर्ग के अध्ययनरत है तथा छात्रों के बैंक खातो में स्कालरशीप दी गई अथवा संस्था के खाते में। (घ) क्या उक्त कालेज में वर्तमान में प्रयोगशाला/खेल मैदान/स्टाफरूम एवं एक्ट के अनुसार सुविधा उपलब्ध है यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) उपरोक्त अनियमितता के कारण कब तक उक्त संस्थान को बंद अथवा मान्यता रद्द करने की कार्यवाही की जावेगी?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) वीनस पैरामेडिकल कॉलेज वर्ष 2017-18 से, वीनस कॉलेज ऑफ मेडिकल साइन्सेस, नाम से संचालित है तथा वीनस नर्सिंग कॉलेज वर्ष 2018 से, वीनस कॉलेज ऑफ मेडिकल साइन्सेस नर्सिंग, नाम से संचालित है। उक्त दोनों संस्थाओं के समिति का रजिस्ट्रेशन नंबर 8680। (ख) जी हाँ। वीनस कॉलेज ऑफ मेडिकल साइन्सेस किराए के भवन में संचालित है। पैरामेडिकल कौंसिल के नियमानुसार मान्यता प्रदान किये जाने के पूर्व कमेटी द्वारा जाँच की गई है। जाँच की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जी हाँ। वीनस कॉलेज ऑफ मेडिकल साइन्सेस नर्सिंग, किराए के भवन में संचालित है। मध्यप्रदेश नर्सिंग शिक्षण संस्था मान्यता नियम 2018 के तहत मान्यता देने से पूर्व में जाँच किया जाने का वर्तमान में प्रावधान नहीं है। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 02 अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) छात्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 एवं 04 अनुसार। स्कॉलरशिप छात्रों के बैंक खाते में दी गई। (घ) जी हाँ। वीनस कॉलेज ऑफ मेडिकल साइन्सेस में प्रयोगशाला/खेल मैदान/स्टॉफ रूम की सुविधा उपलब्ध है। वीनस कॉलेज ऑफ मेडिकल साइन्सेस नर्सिंग में उक्त सुविधा नहीं है, नियमानुसार कार्यवाही प्रचलन में है। (ड.) वीनस कॉलेज ऑफ मेडिकल साइन्सेस नर्सिंग की जाँच उपरांत नियमानुसार कार्यवाही प्रचलित है।
मुआवजा एवं बीमा राशि का भुगतान
[राजस्व]
31. ( क्र. 587 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा खाचरौद विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2018-19 व 2019-20 में अत्यधिक वर्षा, अफलन, ईल्ली प्रकोप आदि से कितने किसानों की फसलें नष्ट हुई हैं वर्षवार, तहसीलवार विवरण दें। (ख) नागदा-खाचरौद क्षेत्र में कितने किसानों की सिंचित/असिंचित फसल खराब की कितनी राशि की स्वीकृति प्रदान की गई है? शासन द्वारा किसानों को प्रति हेक्टेयर कितनी राशि मुआवजे के रूप में दिये जाने का प्रावधान किया गया है? (ग) शासन के आदेश के तहत पात्र कितने किसानों को मुआवजा राशि का भुगतान कर दिया गया है? तहसीलवार कृषकों की संख्या, मुआवजा राशि विवरण सहित दें। कितने कृषकों को मुआवजा राशि प्रदान करना शेष है? शेष रहने का क्या कारण हैं? तहसीलवार विवरण दें। भुगतान से वंचित किसानों को कब तक भुगतान कर दिया जाएगा?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2018-19 में अत्याधिक वर्षा, अफलन, ईल्ली प्रकोप आदि से किसानों की फसलें नष्ट नहीं हुई वर्ष 2019-20 में अत्याधिक वर्षा व बाढ़ से कुल 46893 किसानों की फसलें प्रभावित हुई थी। तहसीलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–''अ'' अनुसार है। (ख) नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2019-20 में अत्याधिक वर्षा व बाढ़ से प्रभावित कुल 46,893 किसानों को राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के प्रावधानों के तहत कुल राशि रूपये 95,79,35,222/- (रूपये पिच्यानवे करोड़ उन्यासी लाख पैंतीस हजार दौ सौ बाईस मात्र) स्वीकृत की गई है। शासन द्वारा राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के तहत निर्धारित मापदण्डों में प्रति हेक्टेयर राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–''ब'' अनुसार है। (ग) वर्ष 2019-20 में नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्र में आज दिनाँक तक अतिवृष्टि एवं बाढ़ से प्रभावित कुल 41966 कृषकों को राहत राशि का भुगतान किया गया है। कुल 4927 कृषकों को राहत राशि प्रदान करना शेष है। तहसीलवार कृषकों की संख्या मुआवजा राशि का विवरण एवं शेष कृषकों की संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–''स'' अनुसार है। तत्समय बजट उपलब्ध नहीं होने से शेष कृषकों का भुगतान नहीं किया गया था वर्तमान में 25 % राशि वितरण हेतु राशि उपलब्ध है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रदेश के हर गांव व घर तक नल द्वारा पेयजल सप्लाई
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
32. ( क्र. 638 ) श्री गिर्राज डण्डौतिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भारत सरकार जल शक्ति मंत्रालय द्वारा प्रदेश के हर गांव व घर तक नल-जल योजना द्वारा पेयजल पहुंचाने का निर्णय लिया है, यदि हाँ, तो इस हेतु मार्गदर्शिका आदि की जानकारी देवें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के संचालन हेतु केन्द्र सरकार द्वारा प्रदेश की लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को अलग से राशि भी प्रदाय की जा चुकी है, यदि हाँ, तो राशि की जानकारी दी जावे? (ग) प्रश्न प्रस्तुत दिनाँक तक विभाग द्वारा योजना संचालन हेतु क्या-क्या गतिविधियां/कार्यक्रम आदि संचालित है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी हाँ, मार्गदर्शिका की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ वर्ष 2019-20 में रुपये 571.60 करोड़। (ग) जल जीवन मिशन के दिशा-निर्देशों के अनुसार आवश्यक गतिविधि/कार्यक्रम लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा संचालित किये जा रहे हैं।
राहत राशि का भुगतान
[राजस्व]
33. ( क्र. 714 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 जून 2019 से प्रश्न तिथि तक में बाढ़, अतिवृष्टि से सिवनी जिले के कितने किसानों का नुकसान हुआ? तहसीलवार संख्या बतायें। उनको किस-किस योजना में कितनी राहत राशि का भुगतान हुआ? यदि नहीं, तो कारण बताएं तथा कब तक राशि का भुगतान होगा? (ख) प्रश्नांश (क) अवधि में बाढ़, अतिवृष्टि, आंधी से सिवनी जिले में कितनों के मकान गिरे, कितनों के घरों में पानी भरने से सामग्री, अनाज खराब हुआ, उनको किस-किस योजना में कितनी राहत राशि का भुगतान हुआ? (ग) प्रश्नांश (क) अवधि में सर्पदंश, पानी में डूबने, कुआं में गिरकर मृत्यु होने के आवेदन पर राज्य सरकार की किस-किस योजना में कितने लोगों को कितनी राशि का भुगतान हुआ। कितनों को भुगतान नहीं हुआ तथा क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) 01 जून 2019 से प्रश्न तिथि तक सिवनी जिले में बाढ़ अतिवृष्टि से 3350 किसानों को नुकसान हुआ। तहसीलवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। शेष प्रश्न उद्भुत नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) अवधि में अतिवृष्टि/आंधी से सिवनी जिले में 5984 मकान क्षतिग्रस्त हुये है। घरों में पानी भरने से सामग्री, अनाज क्षति की जानकारी निरंक है। राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 अंतर्गत राहत राशि भुगतान की गई है। विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र- ''ब'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) अवधि में राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के अंतर्गत आवेदित 127 पीड़ित व्यक्तियों में से 117 लोगों को राशि रूपयें 4.68 करोड़ का भुगतान किया गया है। शेष 10 लोगों को राहत राशि वितरण बजट के अभाव में नहीं किया गया है। विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "स" अनुसार है।
प्रदेश में स्वतंत्र फिजियोथेरेपी काउन्सिल का गठन
[चिकित्सा शिक्षा]
34. ( क्र. 721 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में "स्वतंत्र फिजियोथेरेपी काउन्सिल" का गठन की प्रक्रिया विचाराधीन है यदि हाँ, तो कब तक इसका गठन कर दिया जायेगा? (ख) क्या दिनाँक 19 जुलाई 2019 को माननीय मंत्री जी ने विधानसभा में अशासकीय संकल्प के जवाब में "स्वतंत्र फिजियोथेरेपी काउन्सिल" का गठन को लेकर शीघ्र कमेटी बनाकर इसके स्वरूप को दिशा देकर गठन की घोषणा की थी तथा संकल्प को भी पारित किया गया था यदि हाँ, तो क्या इस हेतु कमेटी का गठन किया का चुका है इसमें कौन-कौन सदस्य है, इस कमेटी की कितनी बैठक अब तक आयोजित की गयी इसमें क्या निर्णय लिए गये, संपूर्ण जानकारी देवें। (ग) क्या यह सही है उक्त गठन को लेकर मा. मंत्री जी ने इस सम्बन्ध में अन्य प्रदेशों से भी चर्चा का आश्वासन दिया था यदि हाँ, तो विभाग ने प्रश्न दिनाँक कितने-कितने प्रदेशों से इस सम्बन्ध में चर्चा की प्रश्न दिनाँक तक लगभग 6 माह पश्चात गठन की तैयारी किस स्थिति में है समस्त जानकारी देवें। (घ) क्या विधान सभा में अशासकीय संकल्प के दौरान माननीय मंत्रीजी या आसंदी से उक्त गठन को लेकर कोई समय-सीमा निर्धारित की गयी थी यदि हाँ तो कितनी?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। जी नहीं, अपितु कार्यवाही विचाराधीन है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली एवं छत्तीसगढ़ में कार्यरत फिजियोथेरेपी कौंसिल के अधिनियम का अध्ययन कर कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) जी हाँ। संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना का लाभ
[राजस्व]
35. ( क्र. 755 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना कब से लागू हुई है? योजना की छायाप्रतियां प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि टीकमगढ़ जिले में कुल कितने किसान हैं? इसमें कितने किसानों को इस योजना का लाभ मिलने लगा और कितनों को नहीं? जिले की संख्या बताएं। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि जिले की जतारा, लिधौरा एवं पलेरा तहसीलों में अनेकों ऐसे किसान हैं जो प्रश्न दिनाँक तक इस योजना से आज भी वंचित हैं, क्यों? ऐसे वंचित किसानों की संख्या बताएं। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएं कि इस योजना से वंचित किसानों को लाभ दिया जावेगा तो कब तक और नहीं तो क्यों? कब तक सभी किसानों को इस योजना का लाभ मिलने लगेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) दिनाँक 01.12.2018 से प्रभावशील है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर किसानों की संख्या बताया जाना संभव नहीं है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत दिनाँक 06/03/2020 की स्थिति में जिला टीकमगढ़ में हितग्राहियों की संख्या 103790 है, जिन्हें पीएम किसान पोर्टल द्वारा योजना का लाभ दिया जा रहा है। पात्रता परीक्षण एक सतत् प्रक्रिया है, जिसके तहत कार्यवाही लगातार जारी है, अत: शेष किसानों की संख्या बताया जाना सभव नहीं है। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार किसानों को पात्रता परीक्षण अनुसार लाभ सतत् रूप से दिया जा रहा है, जिसमें शेष किसानों की संख्या बताया जाना संभव नहीं है। (घ) पात्रता परीक्षण एक सतत् प्रक्रिया है, जिसके तहत कार्यवाही लगातार जारी है, अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
आम नागरिकों को मुफ्त चिकित्सा देने के प्रावधान
[चिकित्सा शिक्षा]
36. ( क्र. 768 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग सहित प्रदेश में कितने मेडिकल कॉलेज कहाँ-कहाँ पर संचालित है? आम नागरिकों को मुफ्त चिकित्सा देने को लेकर क्या प्रावधान है? (ख) क्या संबंधित मेडिकल कॉलेजों के माध्यम से शासन को फर्जी उपचार का आंकड़ा प्रस्तुत किया जाता है? क्या उपचार प्राप्त व्यक्तियों की सूची प्रस्तुत की जाती है कि नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? उक्त सूची किस स्तर पर संधारित है? इनमें कई ऐसे मरीज जिनका फर्जी तरीके से उपचार होना या गलत नामों का आंकड़ा देना प्रमाणित हो जाने पर क्या संबंधित के विरूद्ध कार्यवाही होगी?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) 13 शासकीय एवं 07 प्रायवेट मेडिकल कॉलेज संचालित है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। आम नागरिकों को मुफ्त चिकित्सा प्रदाय करने हेतु आयुष्मान भारत योजना लागू है। (ख) जी नहीं। जी हाँ। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। उक्त सूची लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अन्तर्गत आयुष्मान भारत स्टेट हेल्थ एजेन्सी के ट्रांजेक्शन मैनेजमेन्ट सिस्टिम (टी.एम.एस.) के पोर्टल पर संधारित है। जी हाँ।
आवंटन एवं व्यय की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
37. ( क्र. 777 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दिनाँक 17 जुलाई 2019 के अतारांकित प्रश्न क्रमांक 1569 के प्रश्नांश (क) के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 में 14 बाल विकास परियोजनाओं में से मात्र 6 परियोजनाओं (उज्जैन शहर क्र. 1, 2, 3, 4, बड़नगर-1 तथा नागदा शहर ) की ही 2 वर्ष की जानकारी प्रस्तुत की गई थी? शेष 8 बाल विकास परियोजनाएँ जैसे उज्जैन-ग्रामीण, तराना, घट्टिया, महिदपुर क्र. 1 व 2, खाचरौद क्र. 1 व 2 तथा बड़नगर क्र. 2 की पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 की जानकारी क्यों नहीं दी गई? विधानसभा प्रश्न की अधूरी जानकारी प्रस्तुत करने के लिए लेखा शाखा के किस प्रभारी द्वारा लापरवाही की गई? (ख) प्रश्नांश 'क' अनुसार शेष 8 बाल विकास परियोजनाओं की जानकारी देते हुए लापरवाही करने वाले शाखा प्रभारी का नाम बतावे तथा उक्त पर क्या कार्यवाही कब तक प्रस्तावित की जा रही है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( डॉ.विजय लक्ष्मी साधौ ) : (क) जी हाँ। शेष 8 बाल विकास परियोजनाओं की जानकारी जिला कार्यक्रम अधिकारी कार्यालय महिला बाल विकास उज्जैन के स्तर पर लिपिकीय त्रुटिवश प्रश्न क्रमांक 1569 के साथ प्रस्तुत नहीं की जा सकी थी। जिला कार्यक्रम अधिकारी कार्यालय महिला बाल विकास उज्जैन के लेखा शाखा प्रभारी श्री सुरेश जीनवाल, सहायक ग्रेड-3 एवं श्री गुंजन मिश्रा, सहायक ग्रेड-3 की लापरवाही प्रदर्शित हुई। (ख) शेष 07 बाल विकास परियोजनाओं जिनके पूर्व विधान सभा प्रश्न क्रमांक 1569 के प्रश्नांश (क) अनुरूप पत्र के साथ देयक प्राप्त हुऐ थे, की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -01 अनुसार है। शेष 01 परियोजना तराना द्वारा पत्र के साथ देयक प्रस्तुत नहीं किये थे, के व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। लेखा शाखा प्रभारी श्री सुरेश जीनवाल, सहायक ग्रेड-3 एवं श्री गुंजन मिश्रा, सहायक ग्रेड-3 को कारण बताओ सूचना पत्र कलेक्टर द्वारा जारी किये जा चुके हैं। इसके साथ ही जिला कार्यक्रम अधिकारी उज्जैन को पृथक से स्पष्टीकरण जारी किया गया है, जो कि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है।
प्रदेश सरकार की नई आबकारी नीति
[वाणिज्यिक कर]
38. ( क्र. 779 ) श्री
भूपेन्द्र
सिंह : क्या
वाणिज्यिक कर
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) प्रदेश
सरकार की वर्ष
2020-21 के
लिए नई आबकारी
नीति क्या है? कौन-कौन
से नवीन
प्रावधान
उक्त नीति में
किए गए है? (ख) क्या
नई नीति में
प्रत्येक
दुकान
अंतर्गत एक उपदुकान
का भी
प्रस्ताव रखा
गया है? यदि
हाँ, तो
सरकार को
उपदुकानों से
कितना
अतिरिक्त राजस्व
प्राप्त होगा?
वाणिज्यिक
कर मंत्री (
श्री
बृजेन्द्र
सिंह राठौर ) : (क) मध्यप्रदेश
शासन द्वारा
वर्ष 2020-21 के
लिए अनुमोदित
नई आबकारी
नीति
मध्यप्रदेश राजपत्र
(असाधारण) क्रमांक
77 दिनाँक
25.02.2020 एवं
क्रमांक 84 दिनाँक 28.02.2020 पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-एक
अनुसार है। उक्त
नीति में किए
गए नवीन
प्रावधान पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-दो
अनुसार है। (ख) जी
नहीं। अतएव
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
सरकार की नवीन नजूल निर्वतन नियम 2020 नीति
[राजस्व]
39. ( क्र. 781 ) श्री
भूपेन्द्र
सिंह : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) राज्य
सरकार की नजूल
निर्वतन नियम 2020 नीति का
ब्यौरा क्या
है? उक्त
नीति प्रदेश
में कब से
लागू की जा
रही है? (ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार
हाऊसिंग
बोर्ड, विकास
प्राधिकरण और
नगरीय
निकायों को
जमीन लीज की
बजाय
मालिकाना हक
पर देने के
निर्णय के साथ
ही पूर्व से
निजी, धार्मिक
व सामाजिक
संस्थाओं एवं
उद्योगों को
आवंटित नजूल
भूमियों के
संबंध में
किये गये
प्रावधान
क्या हैं?
राजस्व
मंत्री ( श्री जीतू
पटवारी ) : (क) राज्य
सरकार द्वारा
नजूल निवर्तन
नियम 2020
नीति जारी
नहीं की गई है
अत: शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख) प्रश्नांश
(क) के उत्तर
के परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
जबेरा विधानसभा क्षेत्र में पेयजल की समस्याएँ
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
40. ( क्र. 785 ) श्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबेरा विधानसभा क्षेत्र में ग्रीष्मकाल में पेयजल की समस्या के लिए विभाग द्वारा क्या कार्य योजना बनाई गई हैं? (ख) प्रश्न कर्ता द्वारा कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग दमोह को विगत 1 वर्ष में नलकूप खनन, पाइप लाइन विस्तार, नल जल योजना व नल-जल योजनाओं के सुधार कार्य के लिए भेजे गए प्रस्ताव व पत्र के विरुद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है, स्थान व कार्य का विवरण सहित बतावे? अगर नहीं की गई है तो क्यों नहीं की गई व कब तक की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
नियम
विरूद्ध
नामंतरण
बटवारे तथा
अतिक्रमण के
प्रकरण
[राजस्व]
41. ( क्र. 812 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला राजगढ़ की विधान सभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत 01.8.2019 से 15.02.2020 तक की अवधि में नामंतरण बटवारे, अतिक्रमण के कितने प्रकरण, दावे प्रचलित हैं? (ख) प्रश्नांश ''क'' अनुसार प्रचलित प्रकरणों दावों में से किस किस व्यक्ति के प्रकरण, दावें खारिज किये गये? खारिज प्रकरणों, दावों के लिये किस-किस व्यक्तियों के द्वारा आभिभाषकों के माध्यम से पुनर्विचार हेतु आवेदन प्रस्तुत किये गये तथा कितने प्रकरणों, दावों को दर्ज किये बगैर ही अस्वीकार कर दिये? अस्वीकार करने के कारणों से अवगत कराते हुये अस्वीकृत प्रकरणों की जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश ''ख'' अनुसार क्या उक्त कार्यवाही नियमानुसार की गई? यदि नहीं, तो नियम के उल्लंघन करने वाले दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या दिनाँक 05.02.2020 को नगर पचोर के निजी मंदाकिनी नगर कालोनी में तहसीलदार पचोर द्वारा पक्के निर्माण कार्यों को तोड़ा गया? यदि हाँ, तो ऐसी कार्यवाही करने का इनकों अधिकार है?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) जिला राजगढ़ की विधानसभा सांरगपुर के अन्तर्गत प्रश्नांकित अवधि मे नामंतरण, बटवारे, अतिक्रमण के प्रकरणो की जानकारी निम्नानुसार है:-
क्र. |
तहसील का नाम |
नामान्तरण |
बटवारे |
अतिक्रमण |
1 |
सांरगपुर |
1461 |
196 |
33 |
2 |
पचोर |
579 |
79 |
142 |
(ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रचलित प्रकरणों की खारिज, पुनर्विचार हेतु प्रस्तुत आवेदन पत्र, दावों को दर्ज किये बगैर ही अस्वीकार करने, अस्वीकार का कारण के संबंध मे जानकारी निम्नानुसार है:-
तहसील का नाम |
मद |
खारिज दावों की संख्या |
पुनर्विचार हेतु आवेदनों पर दावा प्रचलित करने की संख्या |
दावों को दर्ज किये बगैर ही अस्वीकार करने की संख्या |
अस्वीकार करने का कारण |
सांरगपुर |
नामान्तरण |
25 |
0 |
0 |
निरंक |
सांरगपुर |
बटवारा |
37 |
1 |
0 |
निरंक |
सांरगपुर |
अतिक्रमण |
0 |
0 |
0 |
निरंक |
पचोर |
नामान्तरण |
25 |
0 |
0 |
निरंक |
पचोर |
बटवारा |
19 |
0 |
0 |
निरंक |
पचोर |
अतिक्रमण |
0 |
0 |
0 |
निरंक |
खारिज प्रकरणों दावों के लिए मात्र 01 व्यक्ति गोपाल सिंह द्वारा आवेदन पुनर्विचार हेतु आवेदन प्रस्तुत किया जिसे पुनः प्रकरण क्रमांक 47 दिनाँक 10.12.2019 पर दर्ज किया जाकर बटवारा स्वीकृत किया गया है एवं खारिज प्रकरणों मे से एक भी प्रकरण बिना दर्ज किए अस्वीकार नहीं किया गया है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) जी नहीं।
कृषकों द्वारा विक्रय की गयी धान के भुगतान
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
42. ( क्र. 879 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र पिपरिया अन्तर्गत वर्ष 2019-20 में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की गयी हैं जिसका भुगतान कृषकों को किया जाना शेष हैं। (ख) यदि हाँ, है तो कितने कृषकों को कितने क्विंटल धान की कितनी राशि का भुगतान किया जाना शेष हैं तथा यह भुगतान कब तक कर दिया जावेगा? (ग) वर्तमान में वित्तीय वर्ष 2019-20 में कृषकों द्वारा बेची गयी धान का भुगतान आज दिनाँक तक न होने का क्या कारण रहा है? इसके लिये कौन उत्तरदायी है? क्या संबंधित के प्रति उत्तरदायित्व का निर्धारण किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( डॉ.गोविन्द सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अतिक्रमण करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही
[राजस्व]
43. ( क्र. 882 ) श्री सीताराम : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर जिले में कराहल ब्लॉक व तहसील अनुसूचित जनजाति हेतु अधिसूचित क्षेत्र है एवं अधिसूचित क्षेत्र होने के बावजूद भी कराहल क्षेत्र में बाहरी लोगों द्वारा अनुसूचित जनजाति के लोगों की भूमि का क्रय-विक्रय हो रहा है। यह क्रय-विक्रय किस कानून के तहत तथा किस की अनुमति से हो रहा है। (ख) शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाने के बाद किन-किन लोगों ने पुन: अतिक्रमण शासकीय भूमि पर कर लिया है। पुन: अतिक्रमण करने वाले किन-किन लोगों के विरूद्ध म.प्र. भू-राजस्व संहिता की धारा-248 के तहत सिविल जेल भेजने की कार्यवाही की गई है, ग्रामवार व व्यक्तिवार जानकारी दी जावे। (ग) कराहल क्षेत्र में कितने व किन-किन अनुसूचित जनजाति व अनुसूचित जाति व अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों की भूमियों पर बहाली पर लोगों के अवैध कब्जे हैं। ग्रामवार व व्यक्तिवार जानकारी दी जावे।
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) जी हाँ। जी हाँ, अधिसूचित क्षेत्र में बाहरी लोगों द्वारा अनुसूचित जनजाति के लोगों की भूमि का क्रय-विक्रय का कोई प्रकरण संज्ञान में नहीं आया है। (ख) शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाने के बाद जिन लोगों ने पुनः अतिक्रमण किये है। उनके विरूद्ध सिविल जेल की कार्यवाही की जा रही है। ग्रामवार व व्यक्तिवार सूची संलग्न परिशिष्ट है। (ग) कराहल क्षेत्र में समय-समय पर अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति व अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों की भूमियों पर कब्जे दिलाने की कार्यवाहियों की गई है वर्तमान में ऐसा कोई प्रकरण संज्ञान में नहीं आया है।
स्वीकृत, भरे एवं रिक्त पदों की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
44. ( क्र. 897 ) श्रीमती सुमित्रा देवी कास्डेकर : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला बुरहानपुर में विभागान्तर्गत तीन वर्षों से कार्यरत अधिकारी एवं कर्मचारियों के स्वीकृत, भरे एवं रिक्त पदों की जानकारी जिले में पदस्थी दिनाँक सहित उपलब्ध कराये? (ख) क्या उक्त जिले में विगत तीन वर्षों से अधिक अवधि से अधिकारी एवं कर्मचारी कार्यरत है? यदि हाँ, तो एक ही जिले में तीन वर्षों से कार्यरत रहने की शासन की कोई विभागीय नीति है? यदि नहीं, तो इन अधिकारी एवं कर्मचारी किस समय-सीमा में जिले के बाहर स्थानान्तरित किया जावेगा यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट करें? (ग) क्या जिले में खाद्य आपूर्ति अधिकारी के कार्यरत रहते हुए विभाग द्वारा जिले के खाद्य आपूर्ति अधिकारी का प्रभार अन्य सहायक अधिकारी को सौंपा गया है? यदि हाँ, तो कारण स्पष्ट करें।
खाद्य मंत्री ( डॉ.गोविन्द सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
होम्योपैथी चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना
[आयुष]
45. ( क्र. 901 ) श्रीमती सुमित्रा देवी कास्डेकर : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला बुरहानपुर हेतु होम्योपैथी चिकित्सा महाविद्यालय एवं चिकित्सालय की स्थापना हेतु पत्र क्र./कॉलेज/नवीन महा. की स्थापना/18/1739-48 दिनाँक 24/03/2018 द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई? यदि हाँ, तो क्या कलेक्टर बुरहानपुर द्वारा महाविद्यालय भवन निर्माण द्वारा भूमि का आवंटन किया गया है? (ख) क्या शासन जिला बुरहानपुर के होम्योपैथी चिकित्सा महाविद्यालय एवं चिकित्सालय के भवन निर्माण हेतु इस वित्तीय वर्ष में बजट प्रावधान करेगा?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) प्रस्ताव प्रक्रियाधीन है।
धान विक्रय हेतु वारदानों की कमी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
46. ( क्र. 917 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में कुल कितने धान खरीदी केन्द्र स्थापित किए गए थे? इन केन्द्रों में कुल कितने कृषकों का डाटा धान विक्रय हेतु पंजीयन कराया गया था, केन्द्रवार विवरण सहित संख्या बताएं? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में जिले में कुल कितनी धान खरीदी का अनुमान था तथा धान की आवक की मान से जिले में कितने वारदानों की आवश्यकता थी? आवश्यकतानुसार वारदानों की उपलब्धता कितनी-कितनी, कब-कब, कितने किसानों को कराई गई विवरण सहित तिथिवार बताएं? (ग) जिले में कुल कितनी धान खरीदी गई तथा कितने केन्द्रों में कृषकों के पंजीयन के पश्चात् भी धान क्यों नहीं खरीदी गई? कारण सहित स्पष्ट करें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के प्रकाश में रीवा जिला अंतर्गत विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत सेमरिया में कितने किसानों का धान खरीदी हेतु पंजीयन कराया गया, इनमें कितने किसानों को कब-कब, कितना-कितना, बारदाने की आपूर्ति कराई गई बतावें? वारदाना की कमी से कितने किसानों की कितनी मात्रा में धान की खरीदी नहीं हो पाई क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा अपने पत्र क्र. 09 दिनाँक 10/01/2020 द्वारा उक्त समस्या के निदान हेतु मान. मुख्यमंत्री जी एवं कलेक्टर रीवा को पत्र लिखकर अवगत कराया था? यदि हाँ, तो उसमें क्या कार्यवाही हुई?
खाद्य मंत्री ( डॉ.गोविन्द सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
गौशालाओं हेतु भूमि आवंटन
[राजस्व]
47. ( क्र. 918 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में गौशालाओं को भूमि आवंटन के संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश हैं? आवेदन प्राप्ति के कितने दिन के भीतर प्रकरण का निराकरण होना चाहिए? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में फरवरी 2020 की स्थिति में रीवा जिले में किन-किन गौशालाओं के भूमि आवंटन के प्रकरण कब से क्यों, किस स्तर पर लंबित हैं? उक्त प्रकरणों का कब तक निराकरण होगा? प्रकरणवार स्पष्ट करें। (ग) गौशालाओं के भूमि आवंटन के प्रकरणों का निराकरण समय-सीमा में हो इस हेतु विभाग क्या-क्या कार्यवाही करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'ब' अनुसार है। (ख) जिले में फरवरी 2020 की स्थिति में गौशाला भूमि के प्रकरण लंबित नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (क) में वर्णित नियम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब में विभाग द्वारा निगरानी का दायित्व एवं विस्तृत निर्देश दिये गये है।
धान खरीदी हेतु खोले गये पोर्टल की अवधि
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
48. ( क्र. 919 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019-20 में रीवा जिले में धान की खरीदी हेतु कितने दिनों के लिये पोर्टल खोला गया? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में इस अवधि में रीवा जिले के सेमरिया विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत किन-किन खरीदी केन्द्रों में कितनी-कितनी मात्रा में किन-किन किसानों की धान की खरीदी की गई? विवरण सहित बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में शेष किसान जो कि पोर्टल बन्द होने या वारदनों की आपूर्ति न होने से धान की बिक्री नहीं कर पाए उन किसानों को धान की खरीदी कब तक की जावेगी? यदि नहीं, की जावेगी तो कारण स्पष्ट करें।
खाद्य मंत्री ( डॉ.गोविन्द सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा
[राजस्व]
49. ( क्र. 924 ) श्री नागेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 547 दिनाँक 31.07.2019 के माध्यम से कलेक्टर सतना में सतना जिला अंतर्गत नगरीय क्षेत्र अंतर्गत शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा के संबंध में जानकारी चाही गई थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या कलेक्टर सतना द्वारा प्रश्नकर्ता को उक्त जानकारी उपलब्ध कराई गई? नहीं तो क्यों? उक्त जानकारी उपलब्ध न कराने के लिये कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी है व उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या प्रश्नकर्ता को उक्त पत्र के माध्यम से चाही गई जानकारी उपलब्ध कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। जानकारी अत्यंत बृहद स्वरूप की होने से संकलन में समय लग रहा है। प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में विलम्ब हेतु किसी का दोष नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ग) जी हाँ। सकंलन पूर्ण होने पर यथाशीघ्र जानकारी उपलब्ध कराई जाऐगी।
शासकीय भूमि पर अवैध निर्माण
[राजस्व]
50. ( क्र. 925 ) श्री नागेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के नागौद नगर परिषद की सीमा अंतर्गत राजस्व भूमि में कितने अतिक्रमण कर्ताओं ने अवैध रूप से भवन निर्माण कर लिया है? (ख) उक्त अवैध निर्माणकर्ता के विरूद्ध प्रशासन के द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य ने अतिक्रमण कारियों की शिकायत राजस्व एवं परिषद के अधिकारियों को की है? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की गई तो क्यों एवं इसके लिये कौन अधिकारी दोषी है?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) नगरीय क्षेत्र नागौद अंतर्गत कुल 21 अतिक्रमण पाये गये हैं। जिसमें 4 निकाय द्वारा एवं 17 पटवारी हल्का नागौद के द्वारा प्रतिवेदित किए गए हैं। (ख) अतिक्रमणकर्ताओं को नोटिस जारी किये गये हैं। (ग) जी हाँ, पत्र के अनुक्रम में कार्यवाही करते हुए निकाय क्षेत्रांतर्गत 4 अवैध निर्माणकर्ताओं को नगर परिषद नागौद की बगैर स्वीकृति प्राप्त किए गए अवैध भवन निर्माण कराये जाने के संबंध में नोटिस जारी किये गये हैं। शेष प्रश्नांश लागू नहीं होता।
धान खरीदी एवं परिवहन में अनियमितता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
51. ( क्र. 942 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में वर्ष 2019-20 में समर्थन मूल्य पर कुल कितनी धान खरीदी की गई केन्द्रवार विवरण दें, उक्त क्रय धान का परिवहन करने का ठेका किस-किस ठेकेदार को किन-किन शर्तों पर दिया गया था? क्या अनुबंध में नियमों का पालन किया गया है आदेश-निर्देश सहित पूर्ण जानकारी दें? (ख) परिवहनकर्ताओं द्वारा कितने वाहन क्रमांकों के साथ कब तक लिये अनुबंध किया था, अनुबंध अन्डरलोड था या ओव्हरलोड विवरण दें। भुगतान करते समय अन्डरलोड के हिसाब से भुगतान किया जावेगा या नहीं बतावें? (ग) परिवहनकर्ताओं द्वारा धान, खरीदी केन्द्रों से कब उठायी गयी और किसके द्वारा उठायी गयी अर्थात क्या निर्धारित समय-सीमा में धान का परिवहन न करने से वर्षा से धान खराब हुई जिसके लिये परिवहनकर्ता को ब्लैक लिस्ट कर भुगतान में कटौती की जावेगी एवं दोषी अधिकारी को निलंबित किया जावेगा यदि हाँ, तो कितनी राशि की कटौती की जावेगी और कब तक? (घ) क्या माननीय खाद्य मंत्री के सतना प्रवास के निरीक्षण दौरान अमानक धान, गोदामों में पाई गई थी तो अमानक धान गोदामों में पाये जानें एवं प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में धान खरीदी एवं परिवहन में लापरवाही बरतने वाले अधिकारी को शासन कब तक निलंबित करेगा यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( डॉ.गोविन्द सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विद्यालयों की शासकीय भूमि को अतिक्रमण मुक्त करना
[राजस्व]
52. ( क्र. 945 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रैगाँव विधानसभा क्षेत्र में संचालित हाईस्कूल एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों मे कितनी-कितनी भूमि विद्यालयों के नाम शासकीय अभिलेखों में दर्ज है या विद्यालयों को आवंटित की गई है, जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार विद्यालयों की कुल भूमि में से वर्तमान में कितनी-कितनी भूमि विद्यालय के वास्तविक आधिपत्य में है एवं कितने रकबे में अतिक्रमण कर लिया गया है या अन्य कार्यों हेतु आवंटित कर दी गई है जानकारी देवें? (ग) क्या विधानसभा क्षेत्र रैगाँव में कई हाईस्कूल/उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों की भूमि में जैसे सितपुरा में अवैध उत्खनन किया जा रहा है इसी प्रकार अन्य कितने विद्यालयों की शासकीय जमीनों में किनके-किनके द्वारा अतिक्रमण कर उसका अवैधानिक उपयोग किया जा रहा है? अतिक्रमणकर्ता के नाम एवं अतिक्रमण के रकबे सहित जानकारी दें? (घ) क्या आवंटित भूमि में बॉउन्ड्रीवाल/अहाता बनाकर शासकीय भूमि को सुरक्षित करते हुये अवैध उत्खनन या अतिक्रमण करने वालों पर कार्यवाही की जावेगी यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) रैगाँव विधान क्षेत्र अंतर्गत संचालित हाईस्कूल एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में संलग्न परिशिष्ट अनुसार शासकीय अभिलेखों में दर्ज है (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार शासकीय हाईस्कूल मझगवां में 0.245 हे. भूमि पर अतिक्रमण होना प्रकाश में आया है। शेष विद्यालयों की भूमियां विद्यालय के अधिपत्य में है (ग) विधानसभा क्षेत्र रैगाँव के शासकीय माध्यमिक विद्यालय सितपुरा स्थित बम्हौर में जो भूमि स्कूल के नाम आबंटित है पर अवैध उत्खनन नहीं किया जा रहा है। ग्राम बम्हौर की आ.नं. 159 रकवा 6.605 हे. रहौनी म.प्र.शासन की भूमि के अंश रकवे में पूर्व में मुरूम की खुदाई की गई जो स्कूल के पास है (घ) जी हाँ, अतिक्रमण करने वालों पर नियमानुसार कार्यवाही प्रचलित है।
नर्सिंग कालेजों में प्रवेश परीक्षा
[चिकित्सा शिक्षा]
53. ( क्र. 951 ) श्री अजय विश्नोई : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग प्रदेश के नर्सिंग कॉलेजों में प्रवेश हेतु कोई परीक्षा आयोजित करने जा रहा है? (ख) क्या नर्सिंग कॉलेज में प्रवेश हेतु हायर सेकेण्डरी में बॉयोलाजी विषय के अतिरिक्त अन्य विषयों में उर्त्तीण छात्रों को भी परीक्षा में पात्रता दी जायेगी? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ग) क्या विभाग यह सुनिश्चित करेगा कि प्रतियोगी परीक्षा के प्रश्न इस प्रकार के होंगे जिसमें सभी विषयों के बच्चों को जबाव देने का बराबरी का अवसर मिलेगा?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं, प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नागदा-खाचरौद में माफियाओं के खिलाफ कार्यवाही
[राजस्व]
54. ( क्र. 961 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रदेश में भू-माफियाओं के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है? यदि हाँ, तो उज्जैन जिले में अभियान के तहत क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ख) नागदा-खाचरौद क्षेत्र में शासन के निर्देशों के बावजूद भी भू-माफियाओं, सहकारिता माफियाओं के खिलाफ कोई भी कार्यवाही क्यों नहीं की गई है? (ग) नागदा-खाचरौद में भू-माफियाओं एवं सहकारिता माफियाओं के खिलाफ शासन कब से कार्यवाही प्रारंभ करेगा? दिनाँक सहित विवरण दें।
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) जी हाँ। अभियान के तहत नगर निगम उज्जैन क्षेत्र मे कुल 27 लोगों के विरूद्ध कार्यवाही की गई है। तहसील नागदा में 2 प्रकरण, तहसील खाचरौद दशहरा मैदान स्थित मटन मार्केट एवं तहसील महिदपुर में गणेश चौपाटी पर पक्का मकान व दूकान हटाये जाने की कार्यवाही की गई हैं। सहकारिता विभाग द्वारा तहसील खाचरौद में 03 संस्थाओं के विरूद्ध कार्यवाही की गई है। (ख) तहसील नागदा में 2 व्यक्तियों के विरूद्ध कार्यवाही की गई है एवं तहसील नागदा व खाचरौद में पटवारियों को पूराने रिकार्ड से नये रिकार्ड का मिलान कर भूमि की हेरा फेरी करने वाले भूमाफियाओं के विरूद्ध रिपोर्ट पेश करने हेतु निर्देश दिये गये है तथा सहकारिता विभाग को 1 शिकायत प्राप्त हुई है जिसमें जाँच प्रचलित है। (ग) तहसील नागदा, खाचरौद एवं सहकारिता विभाग के द्वारा कार्यवाही जारी है।
शासकीय भूमियों की जानकारी
[राजस्व]
55. ( क्र. 962 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा अनुविभागीय अधिकारी नागदा को पत्र क्रं. 2855 दिनाँक 04/02/2020 द्वारा पटवारी हल्का पाडल्या कलां, मेहतवास, जुना नागदा व पारदी में स्थित सभी प्रकार की शासकीय भूमियों की जानकारी पृथक-पृथक हल्केवार, सर्वे नम्बर व रकवा सहित पत्र लिखकर उपलब्ध कराने की मांग की गई थी? यदि हाँ, तो जानकारी क्यों नहीं उपलब्ध कराई गई? यदि उपलब्ध करा दी गई तो किस दिनाँक को? जानकारी की प्रति सहित संपूर्ण विवरण दें। (ख) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा अनुविभागीय अधिकारी खाचरौद को पत्र क्रं. 2856 दिनाँक 04/02/2020 को पटवारी हल्का नं. 34 खाचरौद कस्बा में स्थित सभी प्रकार की शासकीय भूमियों की जानकारी पृथक-पृथक हल्केवार, सर्वे नम्बर व रकबा सहित पत्र लिखकर उपलब्ध कराने की मांग की गई थी? यदि हाँ, तो जानकारी क्यों नहीं उपलब्ध कराई गई? यदि उपलब्ध करा दी गई तो किस दिनाँक को? जानकारी की प्रति सहित संपूर्ण विवरण दें।
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) जी हाँ। वांछित जानकारी तहसीलदार नागदा द्वारा पत्र क्रमांक 380 दिनाँक 05.03.2020 से जानकारी उपलब्ध करा दी गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। उक्त जानकारी तहसीलदार खाचरौद के पत्र क्रमांक253/री/तह/2020 खाचरौद दिनाँक 25.02.2020 द्वारा प्रेषित कर दी गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
कटनी में चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना
[चिकित्सा शिक्षा]
56. ( क्र. 977 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में विगत 05 वर्षों में किन-किन नगरों में चिकित्सा महाविद्यालयों को प्रारंभ करने की स्वीकृति एवं संचालन प्रारंभ हुआ है एवं इन चिकित्सा महाविद्यालयों को प्रारंभ किये जाने हेतु प्रस्ताव किस प्रकार एवं कब तैयार किये गए और इन्हें प्रारंभ करने की स्वीकृति किस प्रक्रिया से कब प्रदान की गई? (ख) नवीन शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना हेतु किन-किन अर्हताओं की पूर्ति एवं संसाधनों की प्रारंभिक तौर पर आवश्यकता होती है और राज्य शासन एवं भारत सरकार और किन संस्थाओं की अनुमति एवं अनापत्तियों की आवश्यकता होती है? (ग) शासकीय जिला चिकित्सा कटनी में कितने बिस्तर का चिकित्सालय वर्तमान में उपलब्ध है एवं कितने बिस्तर का चिकित्सालय और प्रारंभ किया जाना है तथा कटनी तहसील में 50 एकड़ या अधिक माप की रिक्त शासकीय भूमि कहाँ-कहाँ उपलब्ध है? (घ) कटनी में शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय प्रारंभ किये जाने हेतु क्या कोई मांग अथवा प्रस्ताव शासन स्तर पर प्रचलित है? (ड.) यदि हाँ, तो प्रस्ताव पर प्रचलित कार्यवाही का ब्यौरा प्रदान करे, यदि नहीं, तो क्या कटनी में चिकित्सा महाविद्यालय प्रारंभ किये जाने हेतु शासन स्तर पर प्रस्ताव तैयार करवाकर, स्वीकृति हेतु भारत सरकार एवं भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद् को किस प्रकार एवं कब तक भेजा जायेगा?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) मध्यप्रदेश में विगत 05 वर्षों में भारत शासन की स्वीकृति उपरांत प्रदेश के 07 जिलों क्रमश: छिंदवाड़ा, रतलाम, शिवपुरी, शहडोल, विदिशा, खण्डवा एवं दतिया में संचालन प्रारंभ हुआ है। नवीन चिकित्सा महाविद्यालय के प्रस्ताव भारतीय चिकित्सा परिषद के मापदण्डानुसार तैयार कर भारत शासन को प्रेषित किये गये। भारत शासन द्वारा जिला चिकित्सालय का उन्नयन कर नवीन चिकित्सा महाविद्यालय स्थापित किये जाने की योजना फेज-1 के अंतर्गत दिनाँक 19.02.2014, 21.02.2014 एवं 04.03.2014 द्वारा दी गई, स्वीकृति की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) नवीन चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना हेतु भारतीय चिकित्सा परिषद के मापदण्ड की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 02 अनुसार है। नवीन चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना हेतु एम.सी.आई. के मापदण्डों के अनुसार राज्य शासन द्वारा भारत शासन को प्रेषित की जाने वाली जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 03 अनुसार है। (ग) शासकीय जिला चिकित्सालय कटनी में 200 बिस्तर का अस्पताल कार्यरत है एवं 150 बिस्तर का अस्पताल प्रारंभ किया जाना है। शासकीय जिला चिकित्सालय कटनी में 350 बिस्तर स्वीकृत है। कटनी तहसील के अंतर्गत मात्र ग्राम कछगवां में 50 एकड़ रिक्त शासकीय भूमि उपलब्ध है। (घ) जी नहीं। (ड.) उत्तरांश (घ) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पेयजल प्रदाय की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
57. ( क्र. 986 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बहोरीबंद अंतर्गत कहाँ-कहाँ पर पेयजल प्रदाय करने हेतु नल-जल योजनायें स्थापित हैं एवं प्रस्तावित हैं एवं कहाँ-कहाँ पर कितने हैंडपंप स्थापित किये गए हैं? ग्रामवार सूची देवें I (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कहाँ-कहाँ की कौन-कौन सी नल-जल योजनायें एवं कहाँ-कहाँ के कौन-कौन से कितने हैंडपंप किन कारणों से कब से बंद हैं एवं इन्हें किस प्रकार से कब तक प्रारंभ कर दिया जावेगा? ग्रामवार सम्पूर्ण जानकारी सहित सूची देवें I (ग) आगामी ग्रीष्म ऋतु में पेयजल संकट ग्रस्त होने वाले कौन-कौन से ग्राम चिन्हित किये गए हैं एवं उसे दूर करने हेतु क्या कार्ययोजना बनाई गई है, पेयजल संकट निवारण हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा कहाँ-कहाँ पर हैंडपंप खनन हेतु अनुशंसा पत्र प्रेषित किये गए तथा उन पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई एवं कितने हैंडपंप स्वीकृत किये गए बतलावें? सूची देवें I (घ) क्या पूर्व में खनित हैंडपंप जलस्रोतों एवं राइजर पाइप खरीदी का भुगतान न करने के कारण नवीन जलस्रोतों का खनन एवं हैंडपंपों का संधारण सुचारू रूप से नहीं हो पा रहा है, यदि हाँ, तो कब तक शेष भुगतान कर स्थिति सामान्य की जावेगी, यदि नहीं, तो नवीन जलस्रोतों का खनन न होने के क्या कारण हैं?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 एवं 4 अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन में अनियमितता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
58. ( क्र. 987 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिला अंतर्गत धान उपार्जन हेतु कितने केंद्र स्थापित किये गए एवं इन केन्द्रों पर कितना वारदाना कब-कब प्रदान किया गया, किस-किस समिति के कार्यक्षेत्र में पंजीकृत किसानों की कितनी धान का किन कारणों से प्रश्न दिनाँक तक उपार्जन नहीं हो सका, क्या वारदाने की कमी से समितियों की खरीदी बीच-बीच में बाधित हुई? यदि हाँ, तो इसके लिए जिम्मेदार कौन है एवं उस पर कब क्या कार्यवाही की जावेगी? (ख) धान खरीदी के कितने समय पश्चात् धान का परिवहन कर भंडारण किये जाने के आदेश/निर्देश हैं? प्रश्नांश (क) में उल्लेखित खरीदी केन्द्रों में उपार्जित की गई धान का खरीदी के कितने समय पश्चात् परिवहन कर भंडारण किया गया, समितिवार बतलावें एवं धान का उपार्जन पश्चात् किया गया परिवहन एवं भंडारण नियमानुसार था? यदि हाँ, तो कैसे, यदि नहीं, तो क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या धान खरीदी हेतु सिंगल यूज वारदाने मिलरों से खरीद कर उपयोग में लाये गए? यदि हाँ, तो क्या नियमानुसार दूसरे प्रदेशों के वारदानों का उपयोग भंडारण में किया जा सकता है, यदि नहीं, तो इसे प्रदाय करने वाले मिलरों पर विभाग द्वारा कब क्या कार्यवाही की गई?
खाद्य मंत्री ( डॉ.गोविन्द सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मेडिकल कॉलेज में इंटर्नशिप/सेवा देने वाले विद्यार्थियों को स्टायफण्ड
[चिकित्सा शिक्षा]
59. ( क्र. 1004 ) श्री महेश परमार : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नांश (क) शैक्षणिक सत्र वर्ष 2018-19,2019-20 में मध्यप्रदेश के समस्त मेडिकल प्रायवेट कॉलेज में इंटर्नशिप करने वाले मेडिकल छात्रों की संख्या एवं दिए गए स्टायफण्ड की जानकारी वर्षवार अद्यतन प्रमाणित सूची के साथ उपलब्ध कराएं। साथ ही खाता नंबर निवास का पता एवं एम.बी.बी.एस./पी.जी. किए जाने का वर्ष, अध्ययनरत महाविद्यालय का नाम और संकलित माहवार दिया गया वेतन की राशि की जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) मध्यप्रदेश के कितने मेडिकल प्रायवेट कॉलेजों में शासन द्वारा इंटर्नशिप करने के लिए अनुदान दिया जाता है? प्रत्येक मेडिकल स्टूडेंट के लिए कितना स्टायफण्ड एम.बी.बी.एस. में तथा पी.जी. में दिये जाने का प्रावधान है? उक्त प्रावधान की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) शा. मेडिकल कॉलेजों में अनुबंधित हितग्राही को नियमित रूप से अन्यत्र पी.जी. करने के लिए NOC दिये जाने का क्या प्रावधान है? उसकी समय-सीमा क्या है एवं इस दौरान संबन्धित को और क्या सुविधाएं दिये जाने का प्रावधान है?
चिकित्सा
शिक्षा
मंत्री ( डॉ.
विजयलक्ष्मी
साधौ ) : (क) जानकारी
एकत्रित की जा
रही है। (ख)
किसी
भी प्रायवेट
मेडिकल कॉलेज
में शासन द्वारा
इन्टर्नशिप
करने के लिए
अनुदान नहीं
दिया जाता। शासकीय
मेडिकल कॉलेज
स्टूडेन्ट
के लिए
एम.बी.बी.एस.
एवं पी.जी. स्टाईपेन्ड
प्रावधान की जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र-एक
अनुसार है। (ग) जी
हाँ। शेष जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र-दो
अनुसार है।
जी.एस.टी. की वसूली
[वाणिज्यिक कर]
60. ( क्र. 1007 ) श्री महेश परमार : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में कॉलोनाईजर्स, बिल्डर्स द्वारा खरीददारों से जी.एस.टी. नियत दर पर वसूल की जा रही है अथवा नहीं? इस संबंध में निगरानी के लिए और हितग्राहियों के न्याय के लिए कौन सी एजेंसी कहाँ-कहाँ काम कर रही है? उस एजेंसी द्वारा की गयी मॉनिटरिंग एवं समुचित कार्यवाही के निराकरण की स्थिति क्या है? (ख) शासन ने स्वतंत्र आवास व प्रकोष्ठ पर जी.एस.टी. की दर क्या निर्धारित की है? उज्जैन जिले में पंजीकृत कॉलोनाईजर्स और बिल्डर्स द्वारा विगत 3 वर्षों में कितना जी.एस.टी. वसूलकर शासन को जमा किया है? (ग) क्या उज्जैन जिले में जी.एस.टी. चोरी के मामले पाये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु क्या प्रक्रिया अपनाई जा रही है? (घ) उज्जैन जिले में कुल कितने पंजीकृत कॉलोनाईजर, बिल्डर्स हैं? पंजीकृत दिनाँक से आज दिनाँक तक कितनी जी.एस.टी. की राशि वसूलकर शासन में जमा कराई है और कितनी जी.एस.टी. राशि जमा कराया जाना शेष है?
वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) जी.एस.टी. के अंतर्गत पंजीयन धारक कॉलोनाईजर्स, बिल्डर्स (सप्लायर्स) सेवा प्रदाता के रूप में विभाग में पंजीयत है। इनके द्वारा प्रदाय की जा रही सेवाओं पर अधिसूचना में विहित जी.एस.टी. की कर दर से जी.एस.टी. की वसूली की जाकर शासकीय कोष में जमा कराने के प्रावधान हैं। जी.एस.टी. के अंतर्गत मासिक विवरणी प्रस्तुत करने के प्रावधान हैं। विवरण पत्रों की स्क्रूटनी करने पर यदि विहित कर दर के स्थान पर किसी अन्य कर दर से वसूली किये जाने की स्थिति के संज्ञान में आने पर विधि सम्मत कार्यवाही सुनिश्चित की जाती है। जी.एस.टी. के अंतर्गत मध्यप्रदेश राज्य के लिए राज्य स्तर पर राज्य स्तरीय छानबीन समिति गठित है, जो कर की दरों में कमी किये जाने पर हितग्राही को उसके अनुरूप लाभ का अंतरण किया जा रहा है अथवा नहीं, इस संबंध में सूचनाएँ प्राप्त होने पर परीक्षण पश्चात् उचित कार्यवाही हेतु राष्ट्रीय स्तर पर गठित समिति को प्रस्ताव प्रेषित किये जाते हैं। (ख) शासन द्वारा स्वतंत्र आवास एवं प्रकोष्ठ पर जी.एस.टी. की निर्धारित दर निम्नानुसार है :-
पूर्व में निर्धारित दरें |
||
अ |
सामान्य अपार्टमेंट का निर्माण एवं विक्रय |
12 |
ब |
अफोर्डेबल अपार्टमेंट का निर्माण एवं विक्रय |
8 |
वर्तमान में निर्धारित दरें |
||
अ |
सामान्य अपार्टमेंट का निर्माण एवं विक्रय |
5 |
ब |
अफोर्डेबल अपार्टमेंट का निर्माण एवं विक्रय |
1 |
स |
वाणिज्यिक निर्माण जिसमें रियल स्टेट रेसीडेन्सीयल प्रोजेक्ट सम्मिलित नहीं हैं |
12 |
जी.एस.टी. दिनाँक 01.07.2017 से लागू हुआ है। जी.एस.टी. नेटवर्क के पोर्टल पर प्रस्तुत की जाने वाली विवरणी में क्रेताओं के संबंध में जानकारी संधारित नहीं होती है। सप्लायर द्वारा प्रत्येक माह की गई सप्लाय पर विहित कर दर से जी.एस.टी. की गणना कर इनपुट टैक्स क्रेडिट से समायोजन कर देयकर का भुगतान किया जाता है। (ग) जी.एस.टी. के अन्तर्गत कर अपवंचन में संलग्न करदाताओं की जानकारी विभाग के संज्ञान में आने पर विभाग द्वारा विधिक प्रावधानों के तहत कार्यवाही सुनिश्चित की जाती है। उज्जैन जिले के निम्नांकित करदाताओं पर जाँच की कार्यवाही की गई है :- मेसर्स प्रदीप कुमार कुशलचन्द्र, 105, जवाहर मार्ग, खाचरोद जी.एस.टी.एन. 23AHBPB8035G1ZW (घ) प्रश्नांश में उल्लेखित जिला उज्जैन में पंजीकृत कालोनाईजर्स, बिल्डर्स की संख्या 3 है। जी.एस.टी. नेटवर्क के पोर्टल पर प्रस्तुत की जाने वाली विवरणी में क्रेताओं के संबंध में जानकारी संधारित नहीं होती है। पंजीकृत कॉलोनाईजर्स, बिल्डर्स से आज दिनाँक तक जी.एस.टी. की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
दान में प्राप्त भूमि का व्यावसायिक उपयोग
[राजस्व]
61. ( क्र. 1008 ) श्री महेश परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या समाज के कार्यों के लिए दान में प्राप्त निजी जमीन का बहुमंजिला होटल बनाकर माधव सेवा न्यास उज्जैन द्वारा व्यावसायिक प्रयोजन किया जा रहा है अथवा नहीं? (ख) क्या माधव सेवा न्यास उज्जैन द्वारा दान की गयी जमीन के व्यावसायिक उपयोग के लिए अनुमति कब, किस से प्राप्त की? (ग) राजस्व रिकार्ड के अनुसार माधव सेवा न्यास उज्जैन द्वारा श्री महाकालेश्वर भक्त निवास एवं बहुमंजिला होटल के व्यावसायिक उपयोग को दान-पत्र की रजिस्ट्री मे दर्शाया गया है अथवा उद्देश्य परिवर्तन के लिए दान-पत्र का नामांतरण भू-राजस्व संहिता की धारा 10 (1) नामांतरण प्रस्तुत किया है? यदि हाँ, तो पूर्व और वर्तमान रजिस्ट्री की प्रमाणित प्रति, नामांतरण की प्रति एवं भू-अधिकार होने का अद्यतन रिकार्डर पर पटल पर रखकर वास्तविक स्थिति से सदन को अवगत कराया जाये। (घ) माधव सेवा न्यास उज्जैन को महाकाल मंदिर के समीप किस प्रयोजन से, किस व्यक्ति द्वारा निजी जमीन कब दान में दी गयी थी तथा न्यास द्वारा उद्देश्य परिवर्तन कर व्यावसायिक उपयोग से किया जा रहा है? उपरोक्त सभी बिन्दुओं के प्रमाणित और सत्यापित दस्तावेजों एवं जाँच प्रतिवेदन के साथ प्रस्तुत करें।
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) कस्बा उज्जैन में माधव सेवा न्यास के नाम दर्ज जमीन पर न्यास द्वारा धर्मशाला/लॉज चलाया जा रहा है। (ख) माधव सेवा न्यास के नाम दर्ज भूमि का, अनुविभागीय अधिकारी उज्जैन द्वारा 1497.94 वर्गमीटर पर व्यावसायिक पुनर्निर्धारण एवं रकबा 1035 वर्ग मीटर पर आवासीय पुनर्निर्धारण वर्ष 2008 में किया गया है। अनुविभागीय अधिकारी के आदेश दिनाँक 10.03.2008 की प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'क' अनुसार है। (ग) राजस्व रिकार्ड में उद्देश्य अनुसार व्यपवर्तन किया जाता है। नामांतरण में केवल भू-अधिकार अभिलेख में भूमि स्वामी का नाम बदला जाता है, उद्देश्य नहीं बदला जाता है। नामांतरण की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ख' अनुसार है। खसरे की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ग' अनुसार है। (घ) माधव सेवा न्यास को राष्ट्रीय स्वयं संघ द्वारा जमीन दी गई थी। न्यास द्वारा व्यवसायिक एवं आवासीय उपयोग हेतु उत्तरांश 'ख' अनुसार व्यपवर्तन कराया गया है। अनुविभागीय अधिकारी न्यायालय का नामांतरण आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ख' अनुसार है।
निजी विश्वविद्यालयों को भूमि का आवंटन
[राजस्व]
62. ( क्र. 1016 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल जिले में राज्य शासन द्वारा वर्ष 2010 से प्रश्न दिनाँक तक किन-किन निजी विश्वविद्यालय को भूमि आवंटित की गई है? संस्थाओं का नाम बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आवंटियों द्वारा आवंटित भूमि से अधिक शासकीय भूमि पर कब्जा तो नहीं किया गया है? इसका निरीक्षण राजस्व विभाग के अधिकारियों द्वारा किया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य दोषी पाये गये आवंटियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो कार्यवाही कब तक की जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) जिला भोपाल में राज्य शासन द्वारा वर्ष 2010 से प्रश्न दिनाँक तक निजी विश्वविद्यालय हेतु भूमि आवंटित नहीं की गई। अतः जानकारी निरंक है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर में प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
निजी चिकित्सा महाविद्यालय में भर्ती की जाँच
[चिकित्सा शिक्षा]
63. ( क्र. 1024 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 1636 दिनाँक 19 दिसम्बर 2019 का उत्तर दिलाया जाये तथा बतावें कि विधायकों की निरंतर मांग के बाद भी निजी चिकित्सा महाविद्यालय में भर्ती में फर्जीवाड़े की जाँच क्यों नहीं की जा रही है? (ख) वर्ष 2017 में निजी चिकित्सा महाविद्यालय में एन.आर.आई. कोटे में भर्ती 114 अभ्यर्थी की जाँच के समस्त दस्तावेज तथा जाँच की रिपोर्ट की प्रति देवें। (ग) वर्ष 2009 से 2014 तक निजी चिकित्सा महाविद्यालय में पी.एम.टी. के माध्यम से प्रवेशित अभ्यर्थी के नाम, पिता का नाम, पता, पी.एम.टी. के प्राप्तांक तथा रेंक, 10वीं तथा 12वीं के प्राप्तांक, प्रवेशित महाविद्यालय का नाम, चिकित्सा संचालनालय द्वारा अनुमोदित सूची सहित जानकारी प्रदान करें। (घ) क्या निजी चिकित्सा महाविद्यालय द्वारा यू.जी. तथा पी.जी. में प्रवेशित विद्यार्थियों की सूची शासन को प्रदान की जाती हैं? यदि हाँ, तो वर्ष 2009 से 2014 तक की प्रदान की गई सूची की प्रति देवें तथा बतावें कि वह सूची निर्धारित अवधि में दी गई या उसके बाद दी गई?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) प्रश्न क्रमांक 1636 का उत्तर विधानसभा सचिवालय को प्रेषित कर दिया गया है। वर्तमान में स्नातक/स्नातकोत्तर से संबंधित प्रकरण सी.बी.आई. एवं एस.टी.एफ. के विवेचनाधीन है। (ख) वर्ष 2017 में निजी चिकित्सा महाविद्यालय में एन.आर.आई. कोटे में भर्ती 114 अभ्यर्थी की जाँच के समस्त दस्तावेज तथा जाँच रिपोर्ट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) जी नहीं, अपितु संचालनालय, चिकित्सा शिक्षा को प्रदान की जाती है। शेष जानकारी एकत्रित की जा रही है।
दुकानों की जाँच
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
64. ( क्र. 1025 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 1637, दिनाँक 19 दिसम्बर 2019 के खण्ड (क) के संदर्भ में बतावें कि क्या प्रश्नकर्ता विधायक की मांग पर शेष दुकानों की जाँच उस अवधि की, की जावेगी जिस अविध की आठ दुकानों की, की गई? (ख) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 1637, दिनाँक 19 दिसम्बर 2019 के खण्ड (ख) के तारतम्य में रेण्डम जाँच में 100 प्रतिशत अनियमितता पाये जाने पर शेष की जाँच क्यों नहीं की गई तथा जाँच की जावेगी या नहीं? (ग) बतावें की रेण्डम जाँच क्यों की जाती है तथा उसके परिणाम आने पर क्या शेष की जाँच नहीं की जाती है? रेण्डम जाँच का शाब्दिक अर्थ बतावें। (घ) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 1637 दिनाँक 19 दिसम्बर 2019 के खण्ड (घ) के संदर्भ में बतावें कि किस शहर में रतलाम में 8 दुकानों की जिस अवधि में जाँच की गई? ऐसी ही जाँच उसी अवधि की किस-किस शहर में कितनी दुकानों की, की गई तथा उसके जाँच परिणाम से अवगत करावें। (ड.) प्रश्नांश के खण्ड (ख) के संदर्भ में बतावें कि किसके आदेश पर जाँच नहीं की गई?
खाद्य मंत्री ( डॉ.गोविन्द सिंह ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आबादी भूमि का सर्वे एवं अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही
[राजस्व]
65. ( क्र. 1037 ) श्री विनय सक्सेना : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में शहरी क्षेत्र में आबादी का सर्वे कितने वर्षों से अपूर्ण है और क्यों? वर्तमान में आबादी सर्वे हेतु क्या-क्या कदम उठाये गये हैं? कितना कार्य पूर्ण हुआ तथा कितना शेष है? तहसीलवार मय अभिलेख जानकारी देवें। (ख) जबलपुर जिले की पहाड़ियों से माननीय उच्च न्यायालय के आदेश से हटाये जा रहे अतिक्रमणों की कार्यवाही की जद में कौन-कौन से स्थान हैं? कितने परिवारों/घरों को प्रश्नांकित स्थल से हटाया जा चुका है तथा कितने परिवारों/घरों को हटाया जाना शेष है? तहसीलवार विवरण देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में माननीय उच्च न्यायालय ने किन अतिक्रमणों को हटाये जाने के आदेश दिए हैं? उसके क्या-क्या मापदंड निर्धारित किये गये हैं? (घ) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में विस्थापित व्यक्तियों को शासन द्वारा क्या-क्या सुविधायें मुहैया कराई गयी है?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) जबलपुर जिले में शहरी क्षेत्र में तहसील गोरखपुर मे आबादी का सर्वे कार्य किया जा रहा है। जिसमें ग्राम रामपुर एवं ग्वारीघाट का सर्वे कार्य वर्ष 2014 में पूर्ण किया जा चुका है। तहसील गोरखपुर के ग्राम गोरखपुर एवं गढ़ा (पुरवा) के सर्वे हेतु टीम का गठन किया जाकर सर्वे कराया जा रहा है। शेष अन्य शहरी तहसील अधारताल एवं रांझी मे कार्यवाही किया जाना शेष है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार तहसील गोरखपुर के स्थान मदन महल पहाड़ी से अतिक्रमण हटाया जा रहा है। 3242 मकानों का अतिक्रमण हटाया जा चुका है एवं 350 मकानों का अतिक्रमण हटाया जाना शेष है। अन्य तहसीलों मे कार्यवाही प्रचलन मे नहीं है। (ग) माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के पालन में तहसील गोरखपुर के स्थान मदन महल पर स्थित अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए गये हैं। पहाड़ी से अतिक्रमण हटाने के मापदंड माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पृथक से निश्चित नहीं किये गये हैं। मात्र पहाड़ी पर स्थित अतिक्रमणों को हटाने के निर्देश दिये गये हैं। (घ) तहसील गोरखपुर स्थित मदन महल पहाड़ी से विस्थापित परिवारों मे से 1087 परिवारों को ग्राम बिलहरी तहसील रांझी मे पट्टे दिए गये हैं, शेष को तहसील गोरखपुर के ग्राम तेवर मे पट्टे दिए जाने की प्रक्रिया प्रचलन में है। विस्थापित क्षेत्र में स्कूल एवं आंगनवाड़ी केंद्र खोले गए हैं।
विश्वविद्यालय में सभा तथा विभिन्न बोर्डों का गठन
[चिकित्सा शिक्षा]
66. ( क्र. 1038 ) श्री विनय सक्सेना : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय अधिनियम 2011 में वर्णित प्रावधानों के अनुसार विश्वविद्यालय में सभा तथा विभिन्न बोर्डों का गठन हुआ है? यदि हाँ, तो अभिलेख देवें। यदि नहीं, तो क्यों? इस हेतु कौन-कौन जिम्मेदार है? उनके विरुद्ध क्या-क्या कार्यवाही की जावेगी? (ख) विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद् में विगत 3 वर्षों में कितने निर्णय अपूर्ण गणपूर्ति में लिए गये? निर्णयों की प्रति देवें तथा इनकी वैधता स्पष्ट करें। (ग) मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर में कर्मचारियों/अधिकारियों के स्वीकृत पद कितने हैं? उनके विरुद्ध कौन-कौन पदस्थ है तथा उनमें से कितने पद रिक्त हैं?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) विश्वविद्यालय के समस्त बोर्डों का गठन किया गया है। बोर्ड गठन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। विश्वविद्यालय में सभा के गठन की कार्यवाही प्रक्रिया में है। कोई नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) विगत तीन वर्षों में कोई भी निर्णय अपूर्ण गणपूर्ति में नहीं लिये गये। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) कर्मचारियों/अधिकारियों के कुल 275 पद स्वीकृत हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
67. ( क्र. 1041 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर अनुविभागीय अधिकारी (रा.) बिजावर के पत्र क्रमांक 273 दिनाँक 01/05/2012 को किस-किस शा.उ. मूल्य की दुकान में ए.पी.एल., बी.पी.एल. एवं ए.वाय.वाय. राशनकार्डों की कितनी-कितनी संख्या प्रदर्शित की गई थी? उक्त पत्र की प्रति उपलब्ध करायें उक्त पत्र किसके द्वारा जारी किया गया था। मूल पद एवं नाम बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या उक्त पत्र में प्रदर्शित संख्या के संबंध में शिकायत की गई थी। यदि हाँ, तो कब किसके द्वारा। उक्त शिकायत किसके समक्ष की गई थी, मूलपद एवं नाम बतायें। (ग) क्या उक्त शिकायत पर 01/05/2012 के आदेश पर अनुविभागीय अधिकारी (रा.) बिजावर द्वारा आदेश क्रमांक 445 दिनाँक 16/10/2012 को संशोधित जारी किया गया था। यदि हाँ, तो उक्त आदेश की प्रति उपलब्ध करायें। संशोधित आदेश किसके द्वारा जारी किया गया था। मूल पद एवं नाम बतायें। (घ) दिनांक 01/05/2012 से 16/10/2012 तक किस-किस शासकीय उचित मूल्य की दुकान को ज्यादा राशन प्राप्त हो रहा था? क्या शासन उक्त शास. उचित मूल्य की दुकान के विरूद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत कार्यवाही करने के आदेश जारी करेगा। यदि हाँ, तो कब तक? क्या शासन उक्त कार्यवाही के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में कैविएट दायर करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( डॉ.गोविन्द सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शासन के नियम और निर्देशों पर कार्यवाही
[राजस्व]
68. ( क्र. 1042 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भू-मापन अधिकारी छतरपुर के प्रकरण क्रमांक 104/अ-20/87-88 में स्वामित्व संबंधी प्रकरण दर्ज किया गया था? यदि हाँ, तो क्या उक्त प्रकरण का अंतिम निराकरण कर दिया गया था? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) न्यायालय नजूल अधिकारी छतरपुर के द्वारा प्रकरण क्रमांक 1/अ-6/ 16'17 को दर्ज कर दिनाँक 13.01.2017 को किन-किन प्रमाणों के तहत अपील स्वीकार कर नाम परिवर्तन के आदेश जारी किए गए थे? उक्त नियम, निर्देश एवं प्रमाणों की प्रति उपलब्ध कराएं। (ग) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1020 दिनाँक 10.7.2019 में अपीलीय न्यायालय द्वारा विधि अनुसार गुण दोषों के आधार पर प्रकरण का निराकरण किया जाता है? उत्तर दिया गया है तो क्या अपीलीय न्यायालय द्वारा न्यायालयीन नियम व निर्देशों के अनुसार अपीलार्थी की अपील एवं तर्कों के प्रत्येक बिन्दुओं का खंडन कर निष्कर्ष लेख किया था? यदि हाँ, तो खंडन की प्रति उपलब्ध कराएं। यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट करें।
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) जी नहीं। प्रश्नाधीन प्रकरण स्वामित्व संबंधी न होकर नजूल लीज से संबंधित था जो नजूल सर्वे के पश्चात वर्ष 1987-88 में सहायक भू-मापन अधिकारी छतरपुर द्वारा पंजीबद्ध किया गया। उक्त प्रकरण की आदेश पत्रिका दिनाँक 01/09/1994 से तत्कालीन नजूल अधिकारी छतरपुर द्वारा बिहारी लाल तनय बल्देव निवासी छतरपुर को तत्समय नियत प्रीमियम एवं भू-भाटक पर बेदावा करार पर पट्टा दिया जाना तत्कालीन अतिरिक्त कलेक्टर छतरपुर को प्रतिवेदित किया किन्तु तत्कालीन अतिरिक्त कलेक्टर छतरपुर के इस आदेश पत्रिका पर हस्ताक्षर नहीं है और न ही इस आदेश पित्रक पर दिनाँक अंकित है। कारण स्पष्ट नहीं है। प्रकरण की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ '' अनुसार है। (ख) न्यायालय नजूल अधिकारी छतरपुर के प्रकरण क्रमांक 1/अ-6/16-17 दिनाँक 31/01/2017 में जिन प्रमाणों के तहत नामांतरण आदेश पारित किया गया, के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। न्यायालय अपर आयुक्त, सागर के राजस्व प्रकरण क्रमांक 171/अपील/2017-18 में पारित आदेश दिनाँक 07/12/2018 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
मध्यप्रदेश में पोषण आहार की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
69. ( क्र. 1070 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दिनाँक 01 जनवरी 2019 से प्रश्नांकित अवधि तक प्रदेश में महिला एवं बाल विकास के अंतर्गत किन-किन कंपनियों/संस्थाओं को बच्चों को पोषण आहार देने हेतु अनुबंधित किया गया है? इन संस्थाओं/कंपनियों द्वारा प्रदेश के किन-किन जिलों में पोषण आहार देने हेतु जिम्मेदारी दी गई है? संस्थाओं द्वारा कौन-कौन सी पोषण सामग्री बच्चों को दी जाती है एवं कितनी-कितनी राशि की पोषण सामग्री का वितरण किया जाता है? अनुबंधित कंपनी/संस्थाओं के नाम, पते सहित जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या उक्त कंपनियों/संस्थाओं को शासन द्वारा पोषण आहार देने हेतु प्रतिबंधित किया गया था? क्या लेकिन कुछ समय बाद उन्हीं संस्थाओं/कंपनियों को पोषण आहार देने हेतु दायित्व दिया गया है? किन-किन की अनुशंसाओं पर संस्थाओं को पोषण आहार देने हेतु जिम्मेदारी दी गई है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( डॉ.विजय लक्ष्मी साधौ ) : (क) दिनाँक 01 जनवरी 2019 से प्रश्नांकित अवधि तक अनुबंधित संस्थाओं के नाम, पते की जानकारी, संस्थाओं द्वारा दी जा रही पोषण सामग्री एवं पोषण सामग्री की राशि संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
देशी एवं विदेशी मदिरा दुकानों का संचालन
[वाणिज्यिक कर]
70. ( क्र. 1071 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले में कितनी देशी एवं विदेशी मदिरा की दुकानें/उप दुकानें विभाग द्वारा संचालित हैं? वर्तमान वित्तीय वर्ष में कौन-कौन एजेंसियां/ठेकेदार/उप ठेकेदार कब से संचालित कर रहे हैं? तहसीलवार दुकानों के नाम सहित संपूर्ण जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विगत तीन वर्षों से दुकान अनुसार कितना-कितना राजस्व शासन को प्राप्त हुआ? दुकान एवं तहसीलवार जानकारी दें। (ग) क्या निर्धारित दुकान से ही मदिरा विक्रय का नियम है? यदि हां, तो गाँव-गाँव में मदिरा विक्रय घर-घर से, सार्वजनिक स्थलों से मदिरा विक्रय किस नियम अथवा मौखिक निर्देश के आधार पर किया जा रहा है? विभागीय अमले की मिलीभगत से दोषी कौन-कौन है? दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई है? (घ) क्या निरीक्षण, परीक्षण के लिए विभागीय अमला जिले में तैनात है? यदि हां, तो कौन-कौन, कहाँ-कहाँ और उनके क्या दायित्व हैं? नियमों की छायाप्रति सहित जानकारी दें। क्या जिला आबकारी अधिकारी को नियमित/औचक दुकानों/मैदानी इलाकों में जाकर निरीक्षण, परीक्षण करना चाहिए? यदि हां, तो ऐसा क्यों नहीं हो रहा है? शराब माफियाओं को किस अधिकारी के संरक्षण के कारण निरंकुश छोड़ रखा है? जिला अधिकारी ने किन तिथियों को कब-कब, किस-किस स्थान पर निरीक्षण, परीक्षण कर कार्यवाही की है? 01 जनवरी 2018 से प्रश्नांकित अवधि तक तिथिवार ब्यौरा उपलब्ध करायें। सिरोंज तहसील के ग्राम चौड़ाखेड़ी, घुटुआ, इमलानी, चितावर आदि गाँवों में अवैध शराब बिक्री के लिए दोषी कौन-कौन है? इस पर क्या कार्यवाही की गई?
वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) विदिशा जिले में वर्तमान वर्ष 2019-20 में देशी मदिरा की 54 एवं विदेशी मदिरा की 20 दुकानें कुल 74 दुकानें, 22 एकल समूहों में संचालित की जा रही हैं तथा विदिशा जिले में कोई भी उप-दुकान नहीं है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में तहसीलवार दुकानों के ठेकेदार/ऐजेसिंयों की सम्पूर्ण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में विगत तीन वर्षों से तहसीलवार दुकानों से प्राप्त राजस्व की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) जी हाँ। शासन द्वारा निर्धारित मदिरा दुकानों से ही मदिरा विक्रय का प्रावधान है, अन्यत्र विक्रय होने पर आबकारी अधिनियम-1915 संशोधित-2000 के प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जाती है। दुकान परिसर से अन्यत्र मदिरा के विक्रय में किसी अधिकारी/कर्मचारी की संलिप्तता नहीं पाई गई है। (घ) निरीक्षण परिक्षण के लिए विदिशा जिले में विभागीय अमला तैनात है, पदस्थ अमले की सूची तथा नियमों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। जिला आबकारी अधिकारी द्वारा समय-समय पर आबकारी केन्द्रों के औचक निरीक्षण किये जा रहे हैं। जिला आबकारी अधिकारी द्वारा दिनाँक 01.01.2018 से प्रश्नांकित अवधि तक देशी मदिरा की 33 एवं विदेशी मदिरा की 12 दुकानों का निरीक्षण किया गया है। विदिशा जिले में शराब माफियाओं को किसी अधिकारी का संरक्षण प्राप्त नहीं है। वर्तमान जिला आबकारी अधिकारी द्वारा अपनी पद-स्थापना दिनाँक से माह फरवरी-2020 तक किये गये निरीक्षणों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है। सिरोंज तहसील के ग्राम चैड़ाखेड़ी, घुटुआ, इमलानी, चितावर आदि ग्रामों मे से अवैध शराब बिक्री की शिकायत मिलने पर वृत सिरोंज में पदस्थ आबकारी उप-निरीक्षक द्वारा ग्राम इमलानी में प्रकरण दर्ज किया गया है। उसके अतिरिक्त सिरोंज तहसील के अन्य ग्रामों में अवैध मदिरा निर्माण विक्रय के 325 प्रकरण कायम किये गये है।
मेडिकल कॉलेज की स्थापना
[चिकित्सा शिक्षा]
71. ( क्र. 1079 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्रमांक-170/13/2020/2/पचपन दिनाँक 01-02-2020, चिकित्सा शिक्षा विभाग, म.प्र. शासन के संदर्भ अनुसार मनावर विधानसभा क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज खोले जाने का प्रस्ताव प्राप्त होने के उपरांत किन-किन बिंदुओं पर किन शर्तों/नियमों के तहत संचालनालय चिकित्सा शिक्षा द्वारा परीक्षण कराया गया? (ख) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी को प्रस्तावित बिंदुओं के आधार पर विभाग द्वारा परीक्षण किया गया? यदि नहीं, तो नियम सम्मत कारण बताएं। (ग) प्रदेश में शासकीय मेडिकल कॉलेज खोले जाने के लिए क्या मानक, नियम-निर्देश, शर्त स्थापित किए गए हैं? यदि कोई मानक, नियम, शर्त स्थापित नहीं किए गए तो प्रदेश के शासकीय मेडिकल कॉलेजों को किन मानकों, नियमों, शर्तों के आधार पर निर्माण किया गया है? (घ) क्या धार, अलीराजपुर, झाबुआ और बड़वानी जिले में मेडिकल सुविधा एवं शासकीय स्वास्थ्य संरचनाओं का घोर अभाव है? क्या यह बिन्दु मनावर विधानसभा क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज खोले जाने की शर्तों को पूरा करते हैं? यदि हाँ, तो प्रस्ताव अस्वीकृत करने के कारण बताएं। यदि नहीं, तो मनावर विधानसभा क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज खोले जाने के लिए क्या शर्त एवं मानक होने चाहिए?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) मनावर विधानसभा क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज खोले जाने का प्रस्ताव विभाग स्तर पर विचाराधीन नहीं है शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार। (घ) धार, अलीराजपुर, झाबुआ एवं बड़वानी जिले में मेडिकल सुविधा एवं शासकीय स्वास्थ्य संरचनाओं के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। मेडिकल कॉलेज खोले जाने हेतु एम.सी.आई के मापदण्ड एवं शर्तों का पालन आवश्यक है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
नियम विरूद्ध नियुक्तियों की जानकारी
[चिकित्सा शिक्षा]
72. ( क्र. 1080 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री महोदय को प्रेषित पत्र सं. 85/एमपी-एमएलए/ 2020, दिनाँक 4/2/2020 द्वारा चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित मेडिकल कॉलेजों द्वारा नियम विरूद्ध भर्ती करने बाबत् बिंदुवार शिकायत भेजकर पत्र में उल्लेखित बिंदुओं पर जाँच कर कार्यवाही किए जाने की मांग की गई है? उक्त पत्र पर क्या कार्यवाही की गई है? (ख) क्या उक्त पत्र में आरक्षण अधिनियम 1994 का उल्लंघन कर मॉडल रोस्टर 2019 की अवमानना कर अधिष्ठाताओं द्वारा नियम विरूद्ध नियुक्तियों की जानकारी दी गई है? क्या म.प्र. स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय चिकित्सकीय सेवा आदर्श नियम 2018 के तहत नियोक्ता अधिष्ठाता को वित्त विभाग की सहमति से सामान्य प्रशासन विभाग ने अनुमोदित किया है? चिकित्सा शिक्षा विभाग को उक्त नियम बनाने का अधिकार किस नियम/शर्तों के तहत है? (ग) विशेषत: नियोक्ता, चिकित्सा शिक्षा महाविद्यालय भोपाल ने अस्पताल प्रबंधक एवं अन्य पदों पर सीधी भर्ती में की गई अनियमित नियुक्तियों को रद्द करने की मांग पर विभाग ने क्या कार्रवाई की? (घ) क्या शासन/विभाग प्रकरण की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुए तत्काल उक्त नियम विरूद्ध भर्ती को रद्द कर दोषी अधिकारियों पर प्राथमिकी दर्ज करवाएगा? यदि नहीं, तो क्यों?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) प्रश्न में उल्लेखित पत्र सं. 85/एमपी-एमएलए/2020, दिनाँक 04/02/2020 विभाग में प्राप्त नहीं हुआ है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आयुष कॉलेज का नियम विरूद्ध संचालन
[आयुष]
73. ( क्र. 1090 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 364 दिनाँक 31.07.2019 से माननीय विभागीय मंत्री जी को प्रेषित पत्र में सीहोर जिले के ग्राम जामोन्याखुर्द स्थित पाराशर आयुर्वेदिक (बी.ए.एम.एस.) कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल के नियम विरूद्ध एवं विभाग द्वारा निर्धारित मापदण्डों के अनुसार संचालन न होने से उच्च स्तरीय जाँच कर प्रतिबंधात्मक कार्यवाही किये जाने हेतु अनुरोध किया गया था? यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता के उक्त पत्र पर प्रश्न दिनाँक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक उक्त संबंध में कार्यवाही की जावेगी? (ख) क्या उक्त संस्था द्वारा अपने स्वामित्व व आधिपत्य की भूमि पर एक ही भवन में बी.ए.एम.एस., नर्सिंग तथा गैस राहत के पाठ्यक्रमों का संचालन तथ्य छिपाकर किया जा रहा है एवं उक्त संस्था द्वारा विभाग द्वारा निर्धारित मापदण्डों की पूर्ति न कर एवं निरीक्षण दल को भ्रामक जानकारी उपलब्ध करवाते हुये नियम विरूद्ध संस्था का संचालन किया जा रहा है? क्या माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा भी जुलाई 2019 विधानसभा सत्र में नियमों की परिधि से बाहर संचालित ऐसे सभी कॉलेजों पर ठोस कार्यवाही किये जाने के निर्देश भी सदन में दिये गये थें? (ग) यदि हाँ, तो क्या शासन माननीय मुख्यमंत्री जी के निर्देशों के पालन एवं नियम विरूद्ध तथा कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर संचालित उक्त कॉलेज को प्रतिबंधित करने के आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी हाँ। जाँच प्रक्रियाधीन है। जाँच पूर्ण होने पर निर्णय लिया जावेगा। (ख) जी नहीं। जी हाँ। (ग) जाँच प्रक्रियाधीन है, जाँच पूर्ण होने पर निर्णय लिया जावेगा। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
साक्षी मेडिकल कॉलेज के छात्रों की जानकारी
[चिकित्सा शिक्षा]
74. ( क्र. 1091 ) डॉ. मोहन यादव : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न क्रमांक 394 दिनाँक 19/12/19 में साक्षी मेडिकल कॉलेज गुना द्वारा सत्र 2016-17 मे प्रवेशित 125 छात्रों को कॉलेज सत्र के मध्य में बंद हो जाने से राज्य के 5 चिकित्सा महाविद्यालयों में समायोजित किये जाने के उपरांत उनकी आगामी परीक्षा ली गई अथवा नहीं? यदि हाँ, तो सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो छात्रों का 1 साल खराब करने एवं छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के लिये कौन जिम्मेदार एवं दोषी है? दोषी के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ख) साक्षी मेडिकल कॉलेज के द्वारा फीस वापसी न करने के कारण बैंक द्वारा शिक्षा ऋण लेने वाले अभिभावकों को अतिरिक्त ब्याज के भुगतान की भरपाई किसके द्वारा की जावेगी? फीस वापस न करने एवं परीक्षा समय पर न होने के कारण छात्रों को एक सत्र की एवं आर्थिक हानि के लिए कॉलेज प्रशासन एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी है तथा इस प्रकार की संवेदनहीनता के लिए इन पर क्या कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बतावें।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) आर.डी. गार्डी मेडिकल कॉलेज उज्जैन, एल.एन. मेडिकल कॉलेज एवं पीपुल्स मेडिकल कॉलेज में साक्षी मेडिकल कॉलेज के समस्त प्रवेशित छात्रों की परीक्षा सम्पन्न हो चुकी है। चिरायु मेडिकल कॉलेज में 14 छात्र जिनकी स्वयं की तैयार पूर्ण न होने के कारण फरवरी-मार्च, 2020 में स्वेच्छा से परीक्षा में सम्मिलित होने की सहमति दी गई है, शेष 11 इच्छुक छात्रों की परीक्षा सम्पन्न हो चुकी है। इण्डेक्स मेडिकल कॉलेज, इन्दौर द्वारा इन अभ्यर्थियों की परीक्षा आज दिनाँक तक नहीं कराई गई। (ख) साक्षी मेडिकल कॉलेज, गुना के 125 छात्रों की फीस वापस की जाने के संबंध में दिनाँक 07 दिसम्बर, 2019 को ए.एफ.आर.सी. द्वारा साक्षी मेडिकल कॉलेज गुना को द्वितीय एवं तृतीय वर्ष के छात्रों से ली गई अग्रिम फीस वापस किए जाने संबंधी आदेश जारी किया गया था। इस आदेश के विरूद्ध साक्षी मेडिकल कॉलेज गुना द्वारा माननीय अपीलीय प्राधिकारी ए.एफ.आर.सी. सचिवालय भोपाल में अपील क्रमांक 191/2019 दायर की गई है, जो वर्तमान में विचाराधीन है, शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता तथा समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मेडिकल कॉलेज के छात्रों की फीस वापसी
[चिकित्सा शिक्षा]
75. ( क्र. 1092 ) डॉ. मोहन यादव : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न क्रमांक 394 दिनाँक 19-12-2019 को प्रस्तुत जबाव के पालन में साक्षी मेडिकल कॉलेज गुना द्वारा सत्र 2016-17 मे प्रवेशित 125 छात्रों की फीस वापस की जाने के संबंध मे प्रवेश एवं शुल्क विनियामक समिति द्वारा की गई कार्यवाही का सम्पूर्ण ब्यौरा उपलब्ध करावें एवं कितने छात्र-छात्राओं की फीस वापस की गई? सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार यदि फीस वापस नहीं की गई है तो म.प्र. निजी व्यवसायिक शिक्षण संस्था (प्रवेश का विनियामक एवं शुल्क का निर्धारण) अधिनियम 2007 अध्याय 2 के अध्याय की धारा 4 (9) के अनुसार फीस की राशि वसूली के लिये क्या कार्यवाही की गई? सम्पूर्ण ब्यौरा मय दस्तावेज के उपलब्ध करावें। यदि उपरोक्तानुसार कार्यवाही नहीं गई है तो क्यों? कारण बतावें। (ग) कार्यवाही नहीं करने के लिये कौन अधिकारी दोषी है? कब तक छात्र-छात्राओं की फीस की राशि वापस कर दी जावेगी समयावधि बतावें।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा पारित आदेश दिनाँक 23 सितम्बर 2019, 24 सितम्बर 2019 एवं 26 सितम्बर 2019 को प्रवेश एवं शुल्क विनियामक समिति द्वारा संज्ञान में लिया जाकर दिनाँक 23 नवम्बर, 2019 को बैठक आयोजित कर साक्षी मेडिकल कॉलेज गुना में सत्र 2016-17 में प्रवेशित अभ्यर्थियों से ली गई अग्रिम शुल्क की वापसी के संबंध में निर्णय लिया जाकर समिति सचिवालय के आदेश क्रमांक 3859 दिनाँक 07 दिसम्बर, 2019 द्वारा साक्षी मेडिकल कॉलेज गुना को छात्र-छात्राओं की अग्रिम शुल्क वापस करने हेतु निर्देश ए.एफ.आर.सी. द्वारा दिये गये। माननीय उच्च न्यायालय एवं प्रवेश शुल्क एवं विनियामक समिति सचिवालय के आदेश के साथ छात्र-छात्राओं की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश निजी व्यावसायिक शिक्षण संस्था (प्रवेश का विनियमन एवं शुल्क का निर्धारण) अधिनियम, 2007 में दिये गये प्रावधान अनुसार प्रवेश एवं शुल्क विनियामक समिति सचिवालय के आदेश दिनाँक 07 दिसम्बर, 2019 के विरूद्ध साक्षी मेडिकल कॉलेज गुना द्वारा माननीय अपीलीय प्राधिकारी के समक्ष अपील क्रमांक 191/2019 दायर की गई है, जो वर्तमान में प्रक्रियाधीन है। (ग) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय भूमि का नामान्तरण
[राजस्व]
76. ( क्र. 1104 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले की अनजूल जमीन की जानकारी देवें, जो वर्ष 2010 में शासकीय थी तथा जिन पर निजी नाम पर दर्ज होने को लेकर विवाद प्रचलन में था तथा पिछले 10 वर्षों में कितनी शासकीय जमीन पर रेवेन्यु बोर्ड, ग्वालियर तथा उच्च न्यायालय या उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर निजी नाम से नामांतरण किया गया? (ख) रतलाम जिले की कौन-कौन सी शासकीय जमीन पर विवाद होने पर विधिक राय लेने हेतु विधि विभाग भोपाल को प्रकरण प्रेषित किया गया? क्या विधि विभाग की राय प्राप्त हो गई है? (ग) क्या रतलाम में सर्वे नंबर 141/1 तथा 141/2 की लगभग 200 करोड़ की जमीन का वर्ष 2008 में कागज पर बंटान तथा नामांतरण कर दिया गया था लेकिन 12 साल में 6 बार आदेश होने के बाद भी आज तक नक्शे में तरमीम तथा सीमांकन नहीं किया गया? यदि हाँ, तो कारण बतावें। कब तक नक्शे में तरमीम तथा सीमांकन कर दिया जायेगा? (घ) क्या सज्जन मिल्स क्षेत्र में चेतक ब्रिज के पास की जमीन पर 2018 में शासकीय जमीन का बोर्ड लगा था? यदि हाँ, तो वह जमीन निजी नाम पर कैसे हो गई?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) रतलाम जिले में रतलाम शहर मे निम्नलिखित भूमियां माननीय उच्च न्यायालय इन्दौर के निर्देशों पर निजी नाम से नामान्तरण किया गया :- 1- भूमि सर्वे क्रं 43/1131 मिन-1 रकबा 0.760 हे. भूमि माननीय उच्च न्यायालय इन्दौर की याचिका क्र 7963/09 में पारित आदेश दिनाँक 06.01.2011 का पालन नहीं होने से याचिकाकर्ता द्वारा माननीय न्यायालय में अवमानना याचिका क्रमांक 262/2012 दायर की गई जिसमें पारित आदेश दिनाँक 21/03/2013 के पालन में न्यायालय तहसीलदार रतलाम शहर का प्रकरण क्रं 31/अ-6/012-2013 में पारित आदेश दिनाँक 21.06.2013 से नामांतरण स्वीकृत किया गया। 2- सर्वे क्रं 141/2 रकबा 3.500 हे. न्यायालय तहसीलदार रतलाम शहर के प्रकरण क्रं 64/अ-6/2005-06 में पारित आदेश दिनाँक 04.02.2008 जो कि माननीय द्वितीय व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-1 रतलाम के प्रकरण क्रं 39/अ-82 में पारित आदेश दिनाँक 06.04.1987 के पालन में किया गया। 3- भूमि सर्वे क्रं 137/1/ख/2 रकबा 0.020 हे. व सर्वे क्रमांक 137/1/ख/3 रकबा 0.039 हे. भूमि न्यायालय तहसीलदार रतलाम शहर के प्रकरण क्रं 03/अ-6/2014-15 में पारित आदेश दिनाँक 14.09.2015 जो कि माननीय उच्च न्यायालय की याचिका क्रं 8365/13 में पारित आदेश दिनाँक 11.09.2013, पुनर्याचिका क्रं 400/15 के क्रम में अवमानना क्रं 157/2016 के पालन में न्यायालय तहसीलदार रतलाम शहर के प्रकरण क्रं 10/अ-06/2015-16 में पारित आदेश दिनाँक 29.09.2016 के अनुसार नामान्तरण स्वीकृत किया गया। (ख) रतलाम जिले में शासकीय जमीन पर विवाद होने पर विधिक राय हेतु कोई प्रकरण विधि विभाग को नहीं भेजा गया है। (ग) रतलाम जिले के रतलाम शहर में स्थित सर्वे क्रमांक 141/1 शासकीय भूमि से संबधित है। उक्त प्रश्नाधीन भूमि के संबध में राजस्व मण्डल ग्वालियर में प्रकरण क्रमांक निगरानी-4909/2018/रतलाम/भू.रा/प्रचलित होने के कारण प्रश्नाधीन भूमि का बटांकन/सीमाकंन नहीं किया गया है तथा सर्वे क्रमांक 141/2 का नामान्तरण वर्ष 2008 में माननीय द्वितीय व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-1 रतलाम के न्यायालय के प्रकरण क्रमांक 39/ए/82 में पारित आदेश दिनाँक 06.04.1987 के पालन में किया गया है। उक्त दोनों सर्वे नम्बरान परस्पर एक दूसरे से संबधित होने के कारण एंवं न्यायालय में वाद प्रचलित होने से बटांकन व सीमाकंन नहीं किया गया, प्रकरण के निराकरण उपरान्त ही नक्शे में तरमीम व सीमाकंन की कार्यवाही विधि अनुसार कार्यवाही की जावेगी। (घ) सज्जन मिल्स क्षेत्र में चेतक ब्रिज के पास की जमीन पर वर्ष 2018 में कोई बोर्ड नहीं लगा था। माननीय उच्च न्यायालय इन्दौर की याचिका क्रमांक 7963/09 में पारित आदेश दिनाँक 06.01.2011 का पालन नहीं होने से याचिकाकर्ता द्वारा माननीय उच्च न्यायालय इन्दौर में प्रस्तुत अवमानना याचिका क्रमांक 262/2012 में पारित आदेश दिनाँक 21.03.2013 के पालन में जमीन का नामान्तरण स्वीकृत होने के कारण जमीन निजी स्वत्व पर दर्ज हुई।
काल्पनिक हितग्राहियों को सामग्री का वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
77. ( क्र. 1105 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 1624 दिनाँक 19 दिसंबर 2019 के संदर्भ में बतावें कि 8 दुकानों की जाँच किस दिनाँक से किस दिनाँक की थी? 2846 काल्पनिक हितग्राहियों को किस मात्रा में कौन सी सामग्री वितरण की गई? क्या 2846 को वितरित सामग्री का बाजार मूल्य रूपये 10 करोड़ यानि प्रति हितग्राही 35 हजार रूपये था? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जाँच अवधि के प्रारंभ के एक माह पूर्व तथा अंत के एक माह बाद शेष 55 दुकानों की हितग्राहियों की कुल संख्या बतावें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित 35 हजार रूपये प्रति हितग्राही के मान से 21202 हितग्राहियों को दिये राशन के मूल्य 75 करोड़ रूपये होता है, यदि हाँ, तो किससे वसूला जायेगा तथा क्या प्रक्रिया अपनाई गई है? (घ) बतावें कि अनुगामी कार्यवाही करते हुये 21202 हितग्राही हटाये गये लेकिन 8 दुकानों की तरह 75 करोड़ रूपये के घोटाले का आपराधिक प्रकरण क्यों नहीं दर्ज किया गया?
खाद्य मंत्री ( डॉ.गोविन्द सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अहस्तांतरणीय भूमि का निजीकरण
[राजस्व]
78. ( क्र. 1113 ) श्री मनोज चावला : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले में पिछले 5 वर्षों में कितनी अहस्तांतरित भूमि को स्थानांतरित कर निजी नाम से कर दी गई? भूमि का गाँव, खसरा, रकबा जिले के नाम से दर्ज की गई, दिनाँक सहित सूची प्रदान करें तथा ऐसा किस नियम तथा प्रक्रिया के तहत किया गया? (ख) रतलाम जिले में ऐसी कितनी शासकीय भूमि है जिसको निजी नाम पर करने हेतु विभिन्न न्यायालयों में विवाद चलता रहा है? उक्त सारी जमीनों की अद्यतन स्थिति से अवगत करावें तथा ऐसी विवादित जमीन में से कौन सी जमीन किस आदेश से निजी नाम पर कर दी गई? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित निजी नाम पर की गई जमीन से संबंधित समस्त दस्तावेज उपलब्ध करावें। (घ) रतलाम जिले में सन् 2020 की स्थिति में सीमांकन तथा नक्शे में परिसीमन करने के कितने प्रकरण लंबित है तथा आदिवासी की जमीन गैर आदिवासी को बेचने के आदेश के कितने प्रकरण में जाँच लंबित हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) रतलाम जिले में पिछले पांच वर्षों में अहस्तांतरणीय भूमि को निजी नहीं किया गया है। अतः जानकारी निरंक है। (ख) रतलाम जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित जानकारी के दस्तावेज पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) रतलाम जिले में सीमांकन के 546 तथा नक्शे में परिसीमन के 23 एवं आदिवासी से गैर आदिवासी को भूमि बेचने के 19 प्रकरण लंबित है, जिन पर कार्यवाही प्रचलित है।
मेडिकल कॉलेज प्रारम्भ करने की स्वीकृति
[चिकित्सा शिक्षा]
79. ( क्र. 1120 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर, नीमच एवं रतलाम जिले में मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति कब प्रदान की गई थी? (ख) उपरोक्त मेडिकल कॉलेज निर्माण हेतु किन-किन स्थानों पर भूमि को आरक्षित या चिन्हित किया गया है? (ग) मंदसौर जिले की भौगोलिक दृष्टि से मध्य स्थान की जानकारी देवें। (घ) क्या जनता की भावनाओं एवं सुविधाओं को ध्यान में रखते हुवे जिले के मध्य सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में किसी भी स्थान पर मेडिकल कॉलेज प्रारम्भ किया जावेगा?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) मंदसौर एवं नीमच में दिनाँक 07 नवम्बर, 2019 एवं रतलाम जिले में दिनाँक 19 फरवरी, 2014 को भारत शासन द्वारा चिकित्सा महाविद्यालय खोले जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है। (ख) मंदसौर में ग्राम भुकी, तहसील व जिला मंदसौर, नीमच में कस्बा नीमच सिटी शासकीय भूमि एवं मद चरनोई एवं रतलाम में ग्राम बन्जली तहसील रतलाम में मेडिकल कॉलेज निर्माण हेतु भूमि आरक्षित/चिन्हित की गई। (ग) एवं (घ) भौगोलिक दृष्टि से मध्य स्थान की जानकारी विभाग में उपलब्ध नहीं है, अपितु सभी पहलुओं पर विचार कर मेडिकल कॉलेज के निर्माण हेतु ग्राम भुकी तहसील मंदसौर में भूमि आरक्षित की जा चुकी हैं।
अवैध मदिरा परिवहन
[वाणिज्यिक कर]
80. ( क्र. 1130 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माह फरवरी 2020 में धार जिले के राजगढ़ के पास पिकअप वाहन से अवैध शराब पकडी गयी? (ख) यदि हाँ, तो शराब किस ब्राण्ड व किस बेच की कितनी मात्रा में पकड़ी गई तथा इस प्रकरण में किन-किन धाराओं में किस-किस व्यक्ति के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं? (ग) क्या उक्त अवैध शराब इन्दौर की किसी लायसेंसी दुकान की थी? यदि हाँ, तो यह उस दुकान से इतनी बड़ी मात्रा में शराब धार जिले में कैसे पहुंची तथा उक्त लायसेंसी ठेकेदार के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई। (घ) यदि नहीं, तो अभी तक की विवेचना में विभाग ने जब्त शराब के बेच नम्बर आदि के माध्यम से क्या इसकी पड़ताल पूर्ण कर ली है तथा कोई गिरफ्तारी हुई है? यदि नहीं, तो विवेचना में क्या पाया गया? (ड.) क्या उक्त अवैध शराब जिस लायसेंसी दुकान से अवैध तरीके से धार जिले में भेजी गई वो इन मार्गों से गुजरात की ओर ले जायी जा रही थी? क्या उक्त लाईसेंसी दुकान का लायसेंस एवं ठेका निरस्त किया जाकर उस ठेकेदार को ब्लैक लिस्टेड किया गया? यदि नहीं, तो क्या कारण है?
वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) जी हाँ, दिनाँक 10.02.2020 को स्थान राजगढ़ पारा रोड़, तिरला चौकी, तहसील सरदारपुर, जिला धार पर वाहन पिकअप क्रमांक MP13/GA-4216 से अवैध रूप से मदिरा परिवहन करते पाये जाने पर वाहन एवं मदिरा को जप्त किया गया था। (ख) जप्तशुदा शराब देशी मदिरा प्लेन की कुल 140 पेटियां थी, शराब की कुल मात्रा 1260 ब.ली. तथा जप्त मदिरा की पावों पर चस्पा लेबिल पर बेच नंबर 245/जनवरी-20 अंकित था। वाहन चालक द्वारा वाहन छोड़कर फरार हो जाने से आरोपी ज्ञात नहीं होने से अज्ञात आरोपी के विरूद्ध मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 (संशोधित 2000) की धारा 34 (1) एवं 34 (2) के तहत् प्रकरण क्रमांक-1225 दिनाँक 10.02.2020 दर्ज किया जाकर प्रकरण विवेचना में लिया गया। (ग) जप्तशुदा शराब, सहायक आबकारी आयुक्त, जिला इंदौर के पत्र क्रमांक/आब./अप/2020/1042 दिनाँक 29.02.2020 से प्राप्त जानकारी अनुसार जिला इंदौर में कुल 22 दुकानों को उक्त बैच नंबर की मदिरा का प्रदाय दिया गया है। जिनमें से 09 मदिरा दुकानों में 145 पेटियों से अधिक मदिरा का प्रदाय दिया गया है, इन्हें चिन्ह्रित किया जाकर विवेचना में लिया गया है। विवेचना में सुसंगत साक्ष्य एवं सुसंगत प्रमाण एकत्र होने पर, संबंधित के विरूद्ध यथोचित आबकारी अधिनियम के प्रावधान अंतर्गत कार्यवाही की जावेगी। (घ) प्रकरण में जप्तशुदा मदिरा के बैच नंबर के आधार पर सहायक आबकारी आयुक्त, जिला इंदौर से प्राप्त जानकारी के आधार पर जिला इंदौर की 09 देशी मदिरा दुकानें चिन्ह्रित कर ली गई है, जिसकी जाँच अभी विवेचनाधीन है। प्रकरण में वाहन चालक मौके से फरार होने से वाहन के स्वामित्व के संबंध में आर.टी.ओ. उज्जैन से जानकारी प्राप्त की गई है, जिसके आधार पर वाहन स्वामी से सम्पर्क कर पूछताछ कर पाये गये तथ्यों के आधार पर तद्नुसार वैधानिक कार्यवाही की जावेगी। (ड.) सहायक आबकारी आयुक्त, जिला इंदौर से प्राप्त जानकारी अनुसार 09 मदिरा दुकानों में 145 पेटियों से अधिक मदिरा का प्रदाय दिया गया है, इन्हें चिन्ह्रित किया जाकर विवेचना में लिया गया है। विवेचना में सुसंगत साक्ष्य एवं सुसंगत प्रमाण एकत्र होने पर, इन साक्ष्यों एवं प्रमाणों का सूक्ष्म परिशीलन किया जावेगा। तद्नुसार ही संबंधित के विरूद्ध यथोचित आबकारी अधिनियम के प्रावधान अंतर्गत कार्यवाही की जावेगी।
शराब से भरे ट्रक की जब्ती
[वाणिज्यिक कर]
81. ( क्र. 1131 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 10-11 फरवरी 2020 को जोबट में रात्रि में अवैध शराब से भरे दो ट्रक क्रमशः MP46K0388 तथा MP18BA0498 को पकड़ा गया था? (ख) यदि हाँ, तो क्या कारण था कि इनमें से केवल एक वाहन आयशर पर ही प्रकरण पंजीबद्ध किया जाकर दूसरे ट्रक पर कोई कार्यवाही नहीं की गई? इस प्रकरण में कितनी शराब किस ब्राण्ड और किस बेच की पकड़ी गई तथा किसे आरोपी बनाया गया तथा कोई गिरफ्तारी हुई है? (ग) यदि नहीं, तो क्या विभाग द्वारा दूसरे ट्रक की छानबीन पुलिस आदि के माध्यम से कर, संतुष्ट कर ली गई है कि उक्त ट्रक उक्त तिथि में रात्रि में जोबट व चांदपुर क्षेत्र में कौन सा सामान लादकर कहाँ से आया था तथा किस व्यक्ति के यहां क्या सामान खाली करके गया? (घ) यह शराब इन ट्रक्स के माध्यम से किस डिस्टलरी/दुकान से किस गंतव्य के लिये जा रही थी तथा इस शराब को भिजवाने वाले शराब मालिक कौन है, आदि की विवेचना विभाग द्वारा कर ली गई है? ट्रक मालिक का नाम तथा उसके विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई?
वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) जी नहीं। दिनाँक 10-11 फरवरी 2020 को जोबट में कोई वाहन नहीं पकड़ा गया। (ख) से (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आयुष अस्पताल का निर्माण
[आयुष]
82. ( क्र. 1150 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला नरसिंहपुर में आयुष विभाग द्वारा 50 बिस्तर का हॉस्पिटल स्वीकृत किया गया है? यदि हाँ, तो हॉस्पिटल का निर्माण कब तक कराया जावेगा? (ख) क्या आयुष विभाग द्वारा हॉस्पिटल निर्माण के लिये कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या हॉस्पिटल निर्माण हेतु आयुष विभाग को जमीन स्वीकृत की गई है? यदि हाँ, तो कितने एकड़ कहाँ की गयी है? (घ) क्या आयुष हॉस्पिटल का निर्माण कराया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी हाँ। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर लोक निर्माण विभाग को राशि आवंटित की गई है। (ग) जी हाँ। ग्राम डेडवारा, जिला नरसिंहपुर में 0.763 हेक्टेयर भूमि प्राप्त हुई है। (घ) जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सहकारिता संस्थाओं द्वारा उपभोक्ताओं को खाद्यान्न वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
83. ( क्र. 1162 ) श्री जसमंत जाटव छितरी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले में सहकारिता विभाग द्वारा विपणन संस्थाओं/उपभोक्ता भंडारों/पैक्स संस्थाओं को वर्ष 2019 एवं 2020 में किस-किस मद का कितना-कितना खाद्यान्न वितरण करने हेतु उपलब्ध कराया गया है? माहवार, संस्थावार जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ख) विपणन संस्थाओं/उपभोक्ता भंडारों/पैक्स संस्थाओं द्वारा उचित मूल्य की दुकानों के सेल्समेनों/विक्रेताओं के माध्यम से उपभोक्ताओं/स्व-सहायता समूहों को प्राप्त खाद्यान्न/सामग्री के विरूद्ध वितरण किए गये खाद्यान्न एवं सामग्री की वर्षवार एवं संस्थावार जानकारी उपलब्ध कराई जावे? (ग) क्या तहसील करैरा के ग्राम बघेदरी मे अभी हाल ही में प्राप्त संपूर्ण खाद्यान्न का ब्लैक में विक्रय कर दिया गया है और ग्रामीणों को खाद्यान्न एवं सामग्री का वितरण नहीं किया गया है? ऐसे ही अधिकतर संस्थाओं एवं विक्रताओं/सेल्समेनों द्वारा सांठ-गांठ कर प्राप्त खाद्यान्न/सामग्री को उपभोक्ताओं को वितरण न कर अपने निजी स्वार्थ के लिये ब्लैक में विक्रय कर दिया गया है और कई माहों का खाद्यान्न एवं सामग्री वितरण नहीं किया गया है? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार यदि यह सही है तो ऐसे कितने सेल्समेन/विक्रेता एवं संस्थाएं हैं जिनके द्वारा खाद्यान्न का ब्लैक में विक्रय कर दिया गया है? उनकी सूची उपलब्ध कराई जावे तथा ऐसे व्यक्तियों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है?
खाद्य मंत्री ( डॉ.गोविन्द सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों में पोषण आहार वितरण की व्यवस्था
[महिला एवं बाल विकास]
84. ( क्र. 1163 ) श्री जसमंत जाटव छितरी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश सभी जिलों में महिला बाल विकास विभाग द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्रों में पोषण आहार वितरण की क्या व्यवस्था है? क्या पूर्व में टेक होम राशन का वितरण स्व-सहायता समूहों की महिला सदस्यों द्वारा किया जाता था या अन्य संस्थाओं द्वारा किया जाता था? (ख) तत्कालीन सरकार के किस आदेश से टेक होम राशन वितरण का कार्य मध्यप्रदेश एग्रो द्वारा सीधे आंगनवाड़ी केन्द्रों पर किया जा रहा है? (ग) क्या तत्कालीन सरकार के उक्त आदेश के कारण महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के बजाय महिला स्व-सहायता समूहों की महिला सदस्यों का रोजगार छिन गया है? क्या पूर्व वर्षों की भॉति यदि पोषण आहार टेक होम राशन का वितरण महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से किया जाता है तो महिला स्व सहायाता समूहों को रोजगार उपलब्ध होगा तथा बच्चों की भोजन के प्रति रूचि बढ़ेगी तथा बच्चों की आंगनवाड़ी केन्द्रों में उपस्थिति भी शत्-प्रतिशत हो सकेगी? (घ) यदि हाँ, तो क्या इस संबंध मे शासन स्तर से कोई कार्यवाही की जावेगी एवं कब तक?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( डॉ.विजय लक्ष्मी साधौ ) : (क) विभाग के निर्देशानुसार वर्तमान में 06 माह से 03 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती धात्री माताओं एवं किशोरी बालिकाओं को टेकहोम राशन के रूप में तथा 03 वर्ष से 06 वर्ष तक के बच्चों को पूरक पोषण आहार की व्यवस्था ग्रामीण क्षेत्रों में सांझा चूल्हा कार्यक्रम तहत् मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम अंतर्गत कार्यरत स्व-सहायता समूहों के माध्यम से तथा शहरी क्षेत्रों में स्व-सहायता समूह एवं महिला मण्डल के माध्यम से निर्धारित प्रतिदिन के मेनू अनुसार संचालित की जाती है। जी नहीं। (ख) विभाग आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आंगनवाड़ी केन्द्रों की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
85. ( क्र. 1175 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कटनी जिले में भवन विहीन कितनी आंगनवाड़ी संचालित हैं? विकासखण्डवार जानकारी देवें एवं यह भी बतायें कि कितने आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन का निर्माण कार्य प्रक्रियाधीन है? जानकारी आंगनवाड़ी केन्द्रवार बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो निर्माणाधीन आंगनवाड़ी केन्द्रों का समय अवधि में भवन का निर्माण पूर्ण न करने के लिये कौन-कौन ठेकेदार दोषी है एवं दोषियों के ऊपर अभी तक क्या कार्यवाही की गई? जानकारी आंगनवाड़ी केन्द्रवार देवें। (ग) नवाचार के तहत विजयराघवगढ़ के किन-किन आंगनवाड़ी केन्द्रों में कौन-कौन से कार्य किये गये? केन्द्रवार जानकारी देवें एवं यह भी बतायें कि उक्त नवाचार से आंगनवाड़ी केन्द्रों के बच्चों को क्या-क्या मानसिक एवं शारीरिक विकास हुआ?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( डॉ.विजय लक्ष्मी साधौ ) : (क) कटनी जिले में 572 आंगनवाड़ी केन्द्र विभागीय भवनों में संचालित नहीं है। 205 आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माणाधीन है। विकासखण्डवार एवं आंगनवाड़ी केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'क' अनुसार है। (ख) आंगनवाड़ी भवनों की निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत/ग्रामीण यांत्रिकी सेवा/नगर निगम होने से आंगनवाड़ी भवन निर्माण कार्य समय-सीमा में पूर्ण करने का दायित्व निर्माण एजेंसी का है। निर्माण एजेंसी द्वारा निविदा के माध्यम से ठेकेदार का निर्धारण किया जाता है। अतः ठेकेदार पर कार्यवाही की जिम्मेदारी निर्माण एजेंसी की है। (ग) परियोजना विजयराघवगढ़ के आंगनवाड़ी केन्द्रों में नवाचार की केन्द्रवार जानकारी एवं बच्चों के विकास की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ख' अनुसार है।
स्मार्ट चिप सॉफ्टवेयर कंपनी का अनुबंध
[परिवहन]
86. ( क्र. 1186 ) डॉ. नरोत्तम मिश्र : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2013 में मध्यप्रदेश स्मार्ट चिप सॉफ्टवेयर कंपनी को परिवहन विभाग में कम्यूटरीकृत प्रणाली के ठेके दिए गये हैं? यदि हाँ, तो अनुबंध की शर्तें व समय-सीमा क्या थी? (ख) क्या स्मार्ट चिप सॉफ्टवेयर कंपनी का अनुबंध पूर्ण होने के बाद भी प्रश्न दिनाँक तक कार्य कर रही है? यदि हाँ, तो क्यों? विभाग द्वारा कंपनी को प्रतिमाह कितनी राशि का भुगतान किस नियम के तहत किया जा रहा है? क्या विभाग में कंपनी का अनुबंध समाप्त करने अथवा नया अनुबंध करने के संबंध में कार्यवाही प्रचलन में है? यदि हाँ, तो कब तक कंपनी का अनुबंध समाप्त कर दिया जावेगा? (ग) क्या शासन कंपनी का अनुबंध पूर्ण हाने के बाद भी कंपनी को किए गये भुगतान की जाँच कराकर कंपनी से वसूली की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें। यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या प्रदेश में स्मार्ट चिप सॉफ्टवेयर कंपनी के खिलाफ अवैध वसूली की शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो शासन द्वारा कंपनी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
परिवहन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
भुआणा उत्सव पर किए गए व्यय की जानकारी
[संस्कृति]
87. ( क्र. 1191 ) श्री कमल पटेल : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले में 13, 14 एवं 15 जनवरी, 2020 में आयोजित भुआणा उत्सव अंतर्गत कितनी राशि का व्यय किस-किस मद में किया गया? क्या इस व्यय में वित्त विभाग के दिशा-निर्देशों का पालन हुआ? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) हरदा जिले में भुआणा उत्सव हेतु किन-किन संस्थाओं/विभागों एवं किन-किन व्यक्तियों से कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई? (ग) हरदा जिले में भुआणा उत्सव में किन-किन व्यक्तियों/संस्थाओं को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किस-किस कार्य हेतु कब-कब किया गया? भुगतानवार व्यक्ति/संस्था का नाम, पता, बैंक खाता, संस्थाओं के/व्यक्तियों के पैन नम्बर, टिन नम्बर, जी.एस.टी. नम्बर एवं फर्मों के रजिस्ट्रेशन नम्बर की सूची उपलब्ध कराएं। (घ) हरदा जिले में भुआणा उत्सव में कितनी राशि का नगद भुगतान किन-किन व्यक्तियों/संस्थाओं को किस-किस कार्य के लिए किया गया? नगद भुगतान करने के क्या कारण थे?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार. जी हाँ. (ख) भुआणा उत्सव हेतु मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा रूपये 10.00 लाख का आवटंन जिला कलेक्टर हरदा को प्राप्त हुआ है एवं रूपये 12,37,520/- की राशि जन सहयोग से प्राप्त हुई है. जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार. (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार. (घ) नगद भुगतान नहीं किया गया. अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता.
एन.जी.ओ./संस्थाओं को प्रदत्त कार्य
[महिला एवं बाल विकास]
88. ( क्र. 1192 ) श्री कमल पटेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) हरदा जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग अंतर्गत 01 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनाँक तक कितनी गैर शासकीय संस्था व एन.जी.ओ. को कौन-कौन से कार्य शासन/विभाग द्वारा कब-कब कितनी-कितनी राशि का दिया गया? (ख) क्या विभाग द्वारा संस्थाओं से अनुबंध कराया गया? यदि हाँ, तो अनुबंध की कॉपी उपलब्ध कराएं। इन संस्थाओं को कितनी कितनी राशि का भुगतान कब-कब किस कार्य के लिए किया गया? (ग) क्या उपरोक्त गैर सरकारी संस्थाओं/एन.जी.ओ. के कार्यालय हरदा जिले में स्थित है? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ? क्या उक्त संस्थाएं अन्य जिलों में ब्लैक लिस्टेड हैं? यदि हाँ, तो किन-किन जिलों में कौन-कौन सी संस्था ब्लैक लिस्टेड हैं? (घ) क्या उक्त संस्थाओं द्वारा किए गए कार्यों की समीक्षा किसी अधिकारी द्वारा की गई? यदि हाँ, तो किस-किस अधिकारी द्वारा की गई तथा किन-किन संस्थाओं के विरूद्ध क्या-क्या शिकायतें प्राप्त हुई और शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( डॉ.विजय लक्ष्मी साधौ ) : (क) विभाग के आदेश क्रं. 405/2587/2019/ 50-2 (ए.एन.) भोपाल, दिनाँक 05.11.2019 से दध्यंग शिक्षण समिति, जिला हरदा को किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 की धारा 41 के तहत बाल देखरेख संस्था एवं धारा 50 के तहत बालगृह के रुप में पंजीकृत कर बालगृह संचालन का कार्य दिया गया है। विभाग द्वारा आज दिनाँक तक किसी गैर शासकीय संस्था व एन.जी.ओ. को कोई राशि का भुगतान नहीं किया गया है। (ख) जी हाँ। अनुबंध की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उक्त संस्था को राशि का भुगतान नहीं किया गया है। (ग) संस्था दध्यंग शिक्षण समिति ग्राम कमताडा तहसील एवं जिला हरदा में स्थित है। उक्त संस्था किशोर न्याय अधिनियम/समेकित बाल संरक्षण योजनांतर्गत अन्य जिलों में पंजीकृत नहीं होने से ब्लैक लिस्टेड होने का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (घ) उक्त संस्था का निरीक्षण जिले में पदस्थ सहायक संचालकों द्वारा किया गया, जिसमें संस्था में सुधार हेतु निर्देशित किया गया। संस्था के विरुद्ध कोई शिकायत आज दिनाँक तक प्राप्त नहीं हुई है।
धान, गेहूँ व अन्य जिन्सों के खरीदी केन्द्रों की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
89. ( क्र. 1201 ) श्री कमलेश जाटव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैना एवं रीवा जिले में कौन-कौन सी समितियों को धान, गेहूँ व अन्य जिन्सों के खरीदी केन्द्र बनाये गये हैं तथा शासन/विभाग के खरीदी केन्द्र बनाने के नियम/मापदण्ड क्या हैं? क्या 0.25 या 0.25 से अधिक हानि वाले केन्द्रों को बन्द कर दिया जायेगा? यदि हाँ, तो मुरैना एवं रीवा जिले में वर्ष 2016 से प्रश्न दिनाँक तक कौन-कौन से खरीदी केन्द्र 0.25 या 0.25 से अधिक हानि में थे, की जानकारी वर्षवार, खरीदी केन्द्रवार, जिन्सवार, खरीदी की मात्रा एवं गोदाम में परिदान की मात्रा एवं अन्तर की मात्रा दर्ज कर जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के जिलों के खरीदी केन्द्रों में निश्चित मात्रा से अधिक घटती में किन-किन खरीदी केन्द्रों को वर्ष 2020 में खरीदी केन्द्र बनाया गया है? किसके आदेश से? नियम प्रति के साथ जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के संदर्भ में वर्ष 2016 से 2019 तक में जो समितियां हानि में थी या कालातीत थी? उन्हें क्यों खरीदी केन्द्र बनाया गया है? ऐसी समितियों की जिलावार खरीदी केन्द्रवार सूची देवें। (घ) प्रश्नांश (क) के समितियां जो वर्ष 2016 से 2019 में 0.25 अथवा 0.25 से अधिक हानि में थी उन्हें 2020 में धान/गेहूँ खरीदी केन्द्र बनाने में कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं? दोषी पर कब और क्या कार्यवाही करेंगे तथा कब तक ब्लैक लिस्टेड खरीदी केन्द्रों को बन्द कर देंगे?
खाद्य मंत्री ( डॉ.गोविन्द सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अनुविभागीय राजस्व अधिकारी की नियमित पदस्थापना
[राजस्व]
90. ( क्र. 1203 ) श्री कमलेश जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता सदस्य के क्षेत्र क्र. 8 तहसील पोसी, जिला मुरैना में अनुविभागीय अधिकारी की नियमित पदस्थापना क्यों नहीं की जा रही है? वर्तमान में कौन उक्त पद प्रभार में हैं तथा तहसील में नामांतरण, वारिसाना, खसरा सुधार आपसी हिस्सा बांट, नक्शा तरमीम के दावा अथवा अपील वर्ष 2016 से प्रश्न दिनाँक तक प्रस्तुत हुई है? उनकी वर्तमान स्थिति क्या है, की जानकारी दावा/अपील प्रस्तुत होने का दिनाँक निराश्रित होने का दिनाँक अथवा वर्तमान स्थिति अंकित कर जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के तहसील में नियमित अनुविभागीय अधिकारी की पदस्थापना न होने के कारण काफी समय से राजस्व प्रकरणों में आय, जाति, निवास का निराकरण नहीं हो पा रहा है, तो इसके लिए कौन अधिकारी दोषी है? कब तक नियमित अधिकारी की पदस्थापना करा देंगे? (ग) प्रश्नांश (क) के तहसील अंतर्गत आने वाले पटवारी हल्कों में प्रधानमंत्री सम्मान निधि की राशि कितने किसानों को प्राप्त हुई एवं कितनों को नहीं? (घ) प्रश्नांश (क) के तहसील में जिन पटवारी हल्का में प्रधानमंत्री सम्मान निधि की राशि का भुगतान नहीं हुआ है उसे कब तक भुगतान करा देंगे तथा अभी तक भुगतान न कराने में कौन-कौन अधिकारी, कर्मचारी दोषी हैं? दोषी पर कब क्या कार्यवाही करेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) मुरैना जिले की तहसील पोरसा एवं अम्बाह के लिये शासन द्वारा अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) अम्बाह का नियमित पद स्वीकृत हैं, जिसमें वर्तमान में श्री विनोद सिंह डिप्टी कलेक्टर बतौर अनुविभागीय अधिकारी पदस्थ हैं। जी हाँ। तहसील पोरसा एवं न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी अम्बाह में नामान्तरण, वारिसाना, खसरा सुधार, आपसी बांट, नक्शा तरमीम से संबंधित प्रचलित/निराकृत प्रकरण संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) पी.एम. किसान पोर्टल अनुसार दिनाँक 12/03/2020 की स्थिति में प्रश्नांश (क) के तहसील पोरसा में 13585 किसानों को प्रधानमंत्री सम्मान निधि की राशि की प्रथम किश्त प्राप्त हो चुकी है। पात्रता परीक्षण एक सतत् प्रक्रिया है। अत: शेष किसानों की संख्या बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जी नहीं। पी.एम. किसान पोर्टल द्वारा भुगतान की कार्यवाही सतत् जारी है। अत: कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नियम विरूद्ध भु्गतान की गई राशि की वसूली
[महिला एवं बाल विकास]
91. ( क्र. 1204 ) श्री कमलेश जाटव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास जिला रीवा द्वारा अप्रैल 2019 से प्रश्न दिनाँक तक प्रधानमंत्री वंदना योजना एवं विभाग की अन्य योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए अशोक टेड्रर्स रीवा को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया है तथा उक्त कार्यों के भुगतान नियम क्या थे? नियम की प्रति देते हुए यह बताएं कि यदि नियम एवं पात्रता से अधिक भुगतान हुआ है तो कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी है? उनके विरूद्ध कब क्या कार्यवाही करेंगे? (ख) प्रश्नांश (क) योजना में प्रथम पुत्र/पुत्री पैदा होने पर प्रोत्साहन राशि देने का नियम है किंतु उक्त अधिकारी द्वारा 2,3,4 बच्चे की माँ को भी राशि प्रदान की गई है? जिसकी जाँच विभाग के सहायक संचालक से कराई गई तथा जाँच में आरोप प्रमाणित एवं वित्तीय अनियमितता की दोषी पाई गई? जाँच प्रतिवेदन के साथ जानकारी देवें तथा बतावें कि कुल कितनी राशि नियम विरूद्ध भुगतान की गई है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) के अधिकारी द्वारा शलोने प्रसाद गुप्ता सहायक ग्रेड-1 की पदस्थापना बाल विकास परियोजना शहरी रीवा है किंतु नियम आदेश के विपरीत गुप्ता को अपने कार्यालय के लेखाधिकारी के पद प्रभार में रखे हुए है जबकि इस पदस्थाना के पूर्व गुप्ता 20 वर्षों से लगातार लेखा शाखा के प्रभार में था? इस नियम विरूद्ध पदस्थापना से गुप्ता को भारमुक्त कर उसके मूल पदस्थापना को वापस कर देंगे? (घ) यदि प्रश्नांश (क) की अधिकारी प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के नियम विरूद्ध कार्य एवं जाँच में दोषी है तो उसे निलंबित कर शीघ्र विभागीय जाँच कराते हुए नियम विरूद्ध भु्गतान की गई राशि की वसूली करा लेंगे? हाँ तो समय-सीमा बताएं।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( डॉ.विजय लक्ष्मी साधौ ) : (क) जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिला रीवा द्वारा अप्रैल 2019 से प्रश्न दिनाँक तक प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना एवं विभाग की अन्य योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए अशोक ट्रेडर्स रीवा को किए भुगतान का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार है। उक्त कार्य हेतु भुगतान म.प्र. भण्डार क्रय नियम तथा सेवा उपार्जन नियम 2015 के अन्तर्गत किये गये हैं, नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार है। अशोक ट्रेडर्स रीवा को नियम एवं पात्रता से अधिक भुगतान नहीं किया गया है। शेष का प्रश्न नहीं। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) प्रश्नांश (क) के अधिकारी द्वारा श्री शलोना प्रसाद गुप्ता सहायक ग्रेड-1 को उनकी मूल पदस्थापना बाल विकास परियोजना रीवा शहरी में कार्यालयीन आदेश क्रं. 4262-63 दिनाँक 4.9.2019 के द्वारा भारमुक्त किया जा चुका है। जिले में लेखा कार्य की अधिकता एवं परियोजनाओं का आहरण-संवितरण भी जिले में होने से लेखापाल श्री शलोना प्रसाद गुप्ता को बाल विकास परियोजना शहरी रीवा के साथ-साथ कार्यालय जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास जिला रीवा में लेखापाल का अतिरिक्त कार्य सौंपा गया है। शेष का प्रश्न नहीं। (घ) प्रश्नांश (क) की अधिकारी प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के नियम विरूद्ध कार्य एवं जाँच में दोषी नहीं होने से कार्यवाही का प्रश्न नहीं। संचालनालय महिला एवं बाल विकास म.प्र. भोपाल द्वारा 321 अपात्र हितग्राहियों को भुगतान की गई राशि वसूली के निर्देश दिये जाकर वसूली की कार्यवाही प्रचलन में है।
मेडिकल कॉलेज में विज्ञापित पदों की भर्ती
[चिकित्सा शिक्षा]
92. ( क्र. 1211 ) श्री राजेन्द्र शुक्ल : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा मेडिकल कॉलेज में अक्टूबर 2018 में विज्ञापित रिक्त पदों में नियुक्ति की कार्यवाही क्यों नहीं की गई? विलंब का कारण सहित स्पष्ट करें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यह स्पष्ट करें कि क्या विज्ञापित पद की पुन: भर्ती की जावेगी और नियुक्ति की कार्यवाही कब तक पूर्ण कर ली जावेगी?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) चिकित्सा महाविद्यालय, रीवा द्वारा जारी विज्ञप्तियों में शैक्षणिक पदों की भर्ती प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है। सिविल इंजीनियर के पद तकनीकी होने के कारण आवेदनों की छानबीन हेतु विषय विशेषज्ञ उपलब्ध न होने के कारण आवेदन पत्रों की छानबीन प्रक्रिया सम्पन्न नहीं हो सकी। वर्तमान में यह प्रक्रिया सतत् रूप से जारी है। (ख) कार्यकारिणी समिति के निर्णय अनुसार संविदा सिविल इंजीनियर की भर्ती की जावेगी, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
किसानों को धान की फसल का भुगतान
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
93. ( क्र. 1215 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2017 से प्रश्न दिनाँक तक अनूपपुर जिले की अनूपपुर विधान सभा क्षेत्र में कितने किसानों से समर्थन मूल्य पर धान का क्रय कर किन-किन सोसायटियों में कृषकों को कितनी राशि का भुगतान किया गया तथा कितने किसानों को भुगतान किया जाना है? संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार वर्तमान में किसानों को समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के क्या नियम प्रचलन में हैं? नियमों की प्रति उपलब्ध करावें। क्या धान खरीदी केन्द्र, देवगवां में प्रचलित नियम का पालन करते हुए धान की खरीदी हुई? यदि हाँ, तो किसानों को धान की फसल का भुगतान कब तक कर दिया जायेगा? (ग) जनवरी 2015 से प्रश्न दिनाँक तक प्रश्नांश (क) अंतर्गत कौन-कौन सी सोसायटियों में कितनी राशि का गबन ऑडिट के नाम पर हुआ? सोसायटी में गबन घोटाले के लिये दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी? (घ) वर्तमान सत्र में किन-किन धान खरीदी केन्द्रों में कितने कृषकों का कितना धान क्रय किया? क्या सभी किसानों को भुगतान कर दिया गया है? जिन किसानों की फसल का भुगतान नहीं हो पाया है, उसके कारण बतायें तथा कब तक भुगतान किया जायेगा?
खाद्य मंत्री ( डॉ.गोविन्द सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नजूल की भूमि पर शासकीय निर्माण एवं आवंटित पट्टे
[राजस्व]
94. ( क्र. 1216 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर विधान सभा क्षेत्र के नगरपालिका पसान में नजूल की शासकीय भूमि का रकबा कितना है? इसमें से कितने रकबे पर शासकीय निर्माण एवं पट्टे आवंटित किये गये है? (ख) क्या उक्त नगरपालिका पसान क्षेत्र के अंतर्गत शासकीय भूमि पर किसी प्रकार का अवैध कब्जा है? कब्जाधारियों का नाम, पता, रकवा सहित वांछनीय सूची उपलब्ध करावें। (ग) क्या उक्त क्षेत्र अंतर्गत वार्ड क्रमांक 12 में दिनेश सिंह नामक व्यक्ति ने शासकीय भूमि लगभग 23 एकड़ क्षेत्र में कब्जा कर अवैध रूप से भूमि पर बाउण्ड्रीवॉल एवं कारखाना का निर्माण करवाया है? इसी तरह से वार्ड क्रमांक 13 में श्री राम अवध सिंह द्वारा वन भूमि पर कब्जा कर बाउण्ड्रीवॉल बनाई गई है? (घ) क्या नगरपालिका अध्यक्ष पसान ने इस संबंध में कोई शिकायत की थी? यदि हाँ, तो उस शिकायत पर विभाग द्वारा अतिक्रमण हटाने के संबंध में क्या कार्यवाही की गई? विभाग कब तक अवैध अतिक्रमण हटाकर भूमि को शासकीय अभिलेख में दर्ज करा देगा?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) राजस्व रिकार्ड अनुसार ग्राम पसान में नजूल भूमि दर्ज नहीं हैं। इस संबंध मे नजूल अंतर्गत, पसान नगरपालिका के किसी भी रकबे पर शासकीय निर्माण एवं पट्टे आवंटित नहीं किए गए है। (ख) सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। दिनेश पिता दशरथ सिंह द्वारा ग्राम पसान स्थित आ.ख.न. 1075 रकवा 9.006 हे. भूमि, जो कि राजस्व रिकार्ड मे मध्यप्रदेश शासन राजस्व एवं वन मद दर्ज है, के अंश भाग 2.405 हे. पर अतिक्रमण कर मकान, बाउन्ड्री, ईंटा फैक्ट्री का निर्माण कराया गया है, जिस पर राजस्व प्रकरण क्रमांक-86/अ-68/2014-15 द्वारा 1000/- रू. अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया था। (घ) जी हाँ। नगरपालिका अध्यक्ष पसान द्वारा वनमण्डलाधिकारी अनूपपुर को इस संबंध मे अपने पत्र क्रमांक-66 दिनाँक 19/7/2019 से शिकायत की गई थी। वनमण्डलाधिकारी जिला-अनूपपुर द्वारा अपने कार्यालयीन पत्र क्रमांक/मा.चि./2020/978 अनूपपुर, दिनाँक 07/03/2020 से वार्ड क्रमांक-13 मे किए गए अतिक्रमण के संबंध मे अवगत कराया गया है। नगरपालिका पसान से लगे वन क्षेत्र कक्ष क्रमांक आर.एफ. 463 में राम अवध सिंह द्वारा वनभूमि मे रकवा 0.320 हेक्टेयर क्षेत्र में बाउन्ड्रीवॉल बनाई गई है। जिसका नियमानुसार पी.ओ.आर. प्रकरण क्रमांक-4548/10 दिनाँक 17/09/2017 को पंजीबद्ध किया गया एवं वन विभाग के कार्यालयीन नोटिस क्रमांक/भू.प्रबंध/2976, दिनाँक 27.07.2019 से धारा 80 अ के तहत बेदखली हेतु नोटिस जारी किया गया है। अतिक्रमणकर्ता को शीघ्र ही बेदखल कर दिया जावेगा एवं तहसीलदार अनूपपुर द्वारा वार्ड क्रमांक-12 में किए गए अतिक्रमण के संबंध में बेदखली की कार्यवाही शीघ्र की जावेगी।
धान खरीदी केन्द्रों की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
95. ( क्र. 1217 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले में कितनी सेवा सहकारी समितियां हैं, कितनी समिति किसके आदेश पर धान खरीदी करती हैं? आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। जनवरी 2018 से प्रश्न दिनाँक तक अनूपपुर जिले में कितने केन्द्रों पर धान खरीदी का कार्य किया गया है? केन्द्रों के नाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) शासन द्वारा खरीदी केन्द्रों पर किसानों के लिये क्या-क्या सुविधा उपलब्ध कराई गई। सुविधाओं के नाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) शासन द्वारा जिले को कितनी राशि उपलब्ध कराई गई तथा प्रत्येक खरीदी केन्द्र पर उपलब्ध कराई राशि की केन्द्रवार जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) अनूपपुर विधानसभा क्षेत्र में खरीदी केन्द्रों पर किसान की सुविधा हेतु समस्त मदों पर खर्च की गई राशि का ब्यौरा, मद का नाम और खर्च की गई राशि की केन्द्रवार अलग-अलग जानकारी उपलब्ध करावें। (ड.) उक्त विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत धान खरीदी केन्द्र देवगवां में हुई अनियमितताओं की शिकायत पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? दोषी लोगों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही कर दी जायेगी?
खाद्य मंत्री ( डॉ.गोविन्द सिंह ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शाहपुर नगर को उप तहसील का दर्जा
[राजस्व]
96. ( क्र. 1224 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर जिले के शाहपुर नगर को वर्ष 2017-18 में तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा उप तहसील (टप्पा) का दर्जा दिया गया था? (ख) यदि हाँ, तो क्या उप तहसील कार्यालय प्रारंभ कर दिया गया हैं? यदि नहीं, तो अभी तक प्रारंभ नहीं किए जाने के क्या कारण हैं एवं उप तहसील कार्यालय कब तक प्रारंभ कर दिया जाएगा?
राजस्व मंत्री (श्री जीतू पटवारी ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मदिरा की उप दुकान खोलने संबंधी प्रावधान
[वाणिज्यिक कर]
97. ( क्र. 1225 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वचन पत्र के बिन्दु क्र. 42.1 में प्रदेश को मादक पदार्थ मुक्त बनाने का उल्लेख किया गया है तथा यह भी उल्लेख किया है कि इस व्यवसाय में लिप्त पाए गए लोगों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान करेंगे? (ख) यदि हाँ, तो विभाग ने इस दिशा में क्या कार्यवाही की है? (ग) क्या इसके विपरीत सरकार ने शराब नीति में दिनाँक 06 जनवरी 2020 को बदलाव कर उप दुकानें खोलने का आदेश जारी किया है? आदेश की प्रति दें तथा उप दुकान की संख्या एवं स्थान बताएं।
वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) जी हाँ, वचन पत्र के बिन्दु क्रमांक 42.1 में प्रदेश को मादक पदार्थ मुक्त बनाने का उल्लेख किया गया है तथा यह भी उल्लेख किया है कि इस व्यवसाय में लिप्त पाए गए लोगों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान करेंगे। (ख) इस हेतु मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 एवं अन्य प्रशासित अधिनियम/नियम में संशोधन प्रस्तावित किये जाने हेतु वाणिज्यिक कर विभाग के पत्र क्रमांक 1874/2019/2/पाँच दिनाँक 05.09.2019 द्वारा गठित समिति के समक्ष प्रस्ताव विचाराधीन है। (ग) मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 8, दिनाँक 06 जनवरी 2020 अनुसार, प्रदेश में संचालित मदिरा दुकानों के समूहों को शासन द्वारा निर्धारित नियमों एवं अतिरिक्त वार्षिक मूल्य के भुगतान पर उप दुकान खोलने की अनुमति दी गई है, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। वर्ष 2019-20 में मध्यप्रदेश के किसी भी जिले में कोई उप-दुकान नहीं खोली गई है। मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक-77 दिनाँक 25.02.2020 की कंडिका क्रमांक-67 अनुसार वर्ष 2020-21 के लिए राज्य में मदिरा की उप-दुकान खोलने संबंधी प्रावधान को समाप्त किया गया है। जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है।
श्रीराम विहार कॉलोनी में अनियमितता
[राजस्व]
98. ( क्र. 1233 ) श्री सुनील सराफ : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन के नानाखेड़ा क्षेत्र स्थित होटल के.जी.सी. के पीछे सरकारी जमीन पर श्रीराम विहार कॉलोनी के प्लाटों की रजिस्ट्रियां किस-किस दिनाँक को हुई? क्रेता नाम, विक्रेता नाम, खसरा नंबर सहित बतावें। (ख) सरकारी जमीन को किस आधार पर निजी जमीन बताकर रजिस्ट्रियां कर दी गई? इसके जिम्मेदार संबंधित तहसीलदार, पटवारी एवं अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित बतावें। (ग) तहसीलदार द्वारा श्रीराम विहार कॉलोनी की नपती उपरांत कॉलोनाईजर पर कितनी राशि का जुर्माना किया गया? कॉलोनाईजर का नाम जुर्माना राशि सहित बतावें। क्या इस राशि का भुगतान कर दिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? यह भुगतान कब तक कराया जायेगा? (घ) कागजों में हेर-फेर कर शासकीय भूमि को विक्रय करने वाले कॉलोनाईजर एवं सहयोगी पटवारी एवं अन्य संबंधित शासकीय अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) जी नहीं। उज्जैन के नानाखेड़ा क्षेत्र स्थित होटल के.जी.सी. के पीछे सरकारी जमीन पर कोई रजिस्ट्री नहीं हुई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) कॉलोनाईजर द्वारा मालिकाना हक के अपने निजी भूमि का विक्रय पत्र निष्पादन कर शासकीय भूमि सर्वे नं. 49 रकबा 0.826 हेक्टेयर पर क्रेताओं को कब्जा दिलाया। इन्हीं प्लाटों की रजिस्ट्री हुई है, जो निजी भूमि है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) कॉलोनाईजर का नाम दीपक प्रजापत है एवं अतिक्रमण हेतु उन पर 45.78 लाख का जुर्माना किया गया है। वर्तमान तक भुगतान नहीं किया गया है। वसूली का प्रकरण चूंकि न्यायालय में प्रचलित है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) उत्तरांश (ख) के अनुसार दस्तावेज में हेर-फेर प्रमाणित नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बस परिवहन राशि का भुगतान
[परिवहन]
99. ( क्र. 1234 ) श्री सुनील सराफ : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्र.क्र 1093 दिनाँक 29.11.2017 के प्रश्नांश (क) और (ख) में वर्णित नर्मदा सेवा यात्रा के लिये जबलपुर, ग्वालियर, नर्मदापुरम सागर संभागों में जो बसें अनुबंधित की गई, उनके नम्बर, भुगतान/लम्बित राशि, राशि प्राप्तकर्ता नाम, बैंक खाता नम्बर, टी.डी.एस कटोत्रा राशि सहित वाहनवार, जिलावार, संभागवार बतावें। (ख) जिन बसों को किराया भुगतान नहीं हुआ हैं, उनके नम्बर, वाहन स्वामी नाम, जिलावार, लम्बित राशि सहित बतावें। (ग) क्या कारण है कि लगभग 2 वर्ष बाद भी यह किराया लम्बित है? इसका भुगतान कब तक होगा? (घ) यह भी बतावें कि इन बसों की सूची क्यों नहीं दी जा रही है? इसके जिम्मेदार अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देकर बतावें कि यह सूची कब दी जायेगी?
परिवहन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
किसानों की भूमि का अधिग्रहण
[राजस्व]
100. ( क्र. 1239 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला धार में धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र में उद्योगों के लिए किन-किन किसानों की भूमि अधिकृत की गई? ग्रामवार, किसानों के नाम सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में किन-किन किसानों को कितनी-कितनी मुआवजा राशि दी गई जनाकरी देवें। (ग) धरमपुरी क्षेत्र में उद्योगों हेतु विभाग की क्या योजना है जिससे क्षेत्र का विकास हो सके?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) विधानसभा क्षेत्र धरमपुरी में ग्राम सिरसोदिया, बलवारी, कुण्डा, जेतापुर, पलासिया, लोधीपुरा, तारापुर की शासकीय भूमि उद्योग विभाग को आवंटित की गई है तथा निजी भूमि अधिग्रहित नहीं की गई है। (ख) जानकारी निरंक है। (ग) धरमपुरी विधान सभा क्षेत्र में विभाग द्वारा म.प्र. इण्डस्ट्रीयल डेवलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड को लगभग 500 हेक्टर शासकीय भूमि का हस्तांतरण किया गया है, जिसमें ग्राम जेतापुर, पलासिया की 208.320 हेक्टेयर भूमि पर वर्तमान में औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया जा रहा है। विकसित होने के उपरांत औद्योगिक इकाईयों को भूमि के आवंटन की प्रक्रिया प्रारंभ की जावेगी, जिससे क्षेत्र में निवेश एवं स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा।
संचालित पेयजल योजनाओं की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
101. ( क्र. 1240 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला धार में धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कौन-कौन सी पेयजल योजनाएं कहाँ-कहाँ पर संचालित है? ग्रामनाम सहित जानकारी देवें। (ख) धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र में कौन-कौन से ग्राम पेयजल समस्या से प्रभावित हैं और इनके लिए विभाग की क्या योजना है? (ग) धरमपुरी विधानसभा में पेयजल हेतु कितनी राशि प्रति वर्ष खर्च की जाती है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में कोई भी ग्राम पेयजल समस्या से प्रभावित नहीं है तथापि पेयजल की दीर्घकालिक व्यवस्था हेतु प्रस्तावित योजनाओ की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) आवंटन विधानसभा क्षेत्रवार नहीं दिया जाता है, जिला/खण्डवार दिया जाता है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
समूह नल-जल योजना की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
102. ( क्र. 1246 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले के अन्तर्गत बनास नदी आधारित समूह नल-जल योजना मझौली की स्वीकृति कब प्रदान की गई थी तथा आज दिनाँक तक इस मद में कुल कितनी राशि व्यय की गई? राशिवार विवरण उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उपरोक्त नल-जल योजना कब तक पूर्ण कर लेनी थी? समूह नल-जल योजना आज दिनाँक तक पूर्ण क्यों नहीं की गई? इसके क्या कारण है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) के संदर्भ में समूह नल-जल योजना के निर्माण में घटिया निर्माण की शिकायतें प्राप्त हुई हैं? क्या गुणवत्ता विहीन निर्माण कार्य की जाँच कराकर गुणवत्तायुक्त निर्माण कार्य एवं पाइप लाइन का कार्य कराया जायेगा? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में नल-जल योजना से आम जनता को कब तक शुद्ध पेयजल उपलब्ध करा दिया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) वर्ष 2013 में। प्रश्न दिनाँक तक राशि रू. 5531.50 लाख व्यय की गई है। (ख) दिनाँक 01 फरवरी 2016। बनास नदी आधारित मझौली ग्रामीण समूह नल-जल योजना के प्रस्तावित कार्य सोन घड़ियाल वन्य प्राणी अभ्यारण्य एवं संजय दूबरी टाईगर रिजर्व अंतर्गत होने से कार्यों की अनुमति राष्ट्रीय वन्य प्राणी बोर्ड से विलम्ब से प्राप्त होने के कारण। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) दिनाँक 31.05.2020 तक।
अस्पताल प्रबंधक एवं अन्य पदों की सीधी
[चिकित्सा शिक्षा]
103. ( क्र. 1249 ) श्री संजय यादव : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश अनुसूचित जाति, जनजाति अधिकारी एवं कर्मचारी संघ (अजाक्स) द्वारा अपने पत्र क्र. 506, दिनाँक 27.12.2019 द्वारा विभागीय प्रमुख सचिव, आयुक्त चिकित्सा शिक्षा, आयुक्त भोपाल संभाग एवं अधिष्ठाता मेडिकल कॉलेज भोपाल को चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित कॉलेजों में अस्पताल प्रबंधक एवं अन्य पदों की सीधी भर्ती पी.ई.बी. के माध्यम से कराये जाने विषयक पत्र भेजा गया? (ख) क्या गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल में प्रचलित एवं प्रतिपादित नियमों को दरकिनार कर अस्पताल प्रबंधक एवं अन्य पदों पर विज्ञापन में उल्लेखित योग्यता से पृथक अन्य योग्यताधारियों की नियम विरूद्ध भर्ती कर ली गई है? यदि नहीं, तो विज्ञापन में क्या योग्यता मांगी गई एवं जिनकी भर्ती की गई उनकी योग्यता क्या-क्या है? दस्तावेज उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्र पर संबंधितों द्वारा कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई? पत्र में उल्लेखित पदों में से किन-किन पदों पर भर्ती कर ली गई एवं क्यों? भर्ती पदों पर आरक्षण रोस्टर लागू क्यों नहीं किया गया? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्र अनुसार उक्त गैर शैक्षणिक संवर्ग के अस्पताल प्रबंधक एवं अन्य पदों को पी.ई.बी. के माध्यम से कराने की कार्यवाही कब तक की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। विज्ञापन की प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। चयनित उम्मीदवारों की योग्यता के दस्तावेज की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्र के संदर्भ में 384/स्था./राज/संचिशि/2020, दिनाँक 29.02.2020 द्वारा कार्यवाही की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। पदों पर भर्ती की गई सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। संस्थाओं द्वारा आरक्षण के रोस्टर अनुसार रिक्त पदों पर नियुक्तियाँ की जा रही है। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पदों को भरने हेतु ''मध्यप्रदेश स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय गैर शैक्षणिक आदर्श सेवा नियम, 2018'' में नियुक्ति के अधिकार कार्यकारिणी समिति को प्रदत्त है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मेडिकल कॉलेज में नियम विरूद्ध नियुक्ति
[चिकित्सा शिक्षा]
104. ( क्र. 1250 ) श्री संजय यादव : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल में दिनाँक 24/12/2019 को विज्ञापन जारी कर अस्पताल प्रबंधक एवं अन्य पदों पर किन-किन की नियुक्ति की गई? उक्त विज्ञापन में वांछित योग्यता एवं अनुभव क्या मांगा गया था एवं जिनकी नियुक्त की गई उनकी योग्यता एवं अनुभव क्या है? (ख) कुल आवेदनों की संख्या, स्क्रूटनीकर्ता समिति/व्यक्ति का नाम एवं पदनाम स्कूटनी समिति द्वारा चयन का आधार, नियुक्त किये गये व्यक्तियों का चयन का मापदण्ड इत्यादि का ब्यौरा बताएं। (ग) उक्त भर्ती के संबंध में कब-कब किन-किन के द्वारा आपत्तियां/शिकायत दर्ज कराई गई? उनके निराकरण का विस्तृत ब्यौरा दें। शिकायतों का निराकरण किये बिना नियुक्तियां आदेश क्यों जारी किये गये? (घ) क्या शासन/विभाग उक्त भर्ती के संबंध में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग, अजाक्स, माननीय विधायकों इत्यादि जन प्रतिनिधियों की आपत्तियों को दरकिनार कर की गई नियुक्तियों को तत्काल रद्द कर उक्त नियम विरूद्ध नियुक्ति करने वाले अधिष्ठाता को तत्काल बर्खास्त करने की कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों? नियमयुक्त कारण बतायें।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
परियोजनाओं को प्राप्त बजट का उपयोग
[महिला एवं बाल विकास]
105. ( क्र. 1266 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) छिन्दवाड़ा जिले के अंतर्गत संचालित प्रत्येक परियोजना में विभाग के माध्यम से वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19 एवं 2019-20 में विभिन्न कार्यक्रमों, गतिविधियों, प्रशिक्षणों, बाल शिक्षा केन्द्र तथा आदर्श आंगनवाड़ी केन्द्र, विभागीय भवनों की मरम्मत व पुताई योजनाओं के प्रचार-प्रसार, एम़.पी.आर. ए.एस.एस.आर., एल.एल.वॉय., पी.एम.एम.व्ही.वॉय तथा अन्य योजनाओं के आउटसोर्स फीडिंग तथा कार्यालय संचालन, आकस्मिक निधि, स्टेशनरी व अन्य योजनाओं के लिये शासन से कितना-कितना बजट परियोजनाओं को प्रदान किया गया है? छिन्दवाड़ा जिले की प्रत्येक परियोजनावार पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19 एवं 2019-20 में परियोजनाओं को प्राप्त बजट राशि का उपयोग परियोजना अधिकारी द्वारा किन-किन योजनाओं/अन्य गतिविधियों में कितनी-कितनी राशि खर्च की गई है? खर्च की गई राशि प्रत्येक योजनावार पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार उपरोक्त वित्तीय वर्षों में प्राप्त बजट अनुसार संबंधित परियोजना अधिकारी द्वारा जो राशि/भुगतान की गई है, वह राशि शासन के दिशा-निर्देशों के अनुरूप व्यय नहीं की गई है, जिसका क्या कारण है? क्या उपरोक्त वित्तीय वर्ष में परियोजना अधिकारी द्वारा खर्च व भुगतान की गई राशियों की विभागीय जाँच कराई जायेगी? अगर हाँ तो कब तक?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( डॉ.विजय लक्ष्मी साधौ ) : (क) वर्णित अवधि में बाल विकास परियोजना अधिकारियों को आहरण संवितरण अधिकार नहीं होने से वर्णित गतिविधियों हेतु बजट आवंटन नहीं किया गया। अतः शेष का प्रश्न ही नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में बाल विकास परियोजना अधिकारियों के आहरण संवितरण अधिकार नहीं होने से बजट आवंटन नहीं किया गया अपितु उक्त अवधि में जिला कार्यालय के द्वारा परियोजनाओं हेतु दिशा निर्देशानुसार जिले द्वारा व्यय की गई राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) के अनुसार वर्णित अवधि में बाल विकास परियोजना अधिकारियों को बजट आवंटन नहीं किये जाने से शेष का प्रश्न ही नहीं है।
लाड़ली लक्ष्मी योजना में पंजीबद्ध प्रकरण
[महिला एवं बाल विकास]
106. ( क्र. 1267 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) छिन्दवाड़ा जिले के अंतर्गत संचालित प्रत्येक परियोजना में जब से विभाग द्वारा लाड़ली लक्ष्मी योजना प्रारंभ की गई है, तब से वर्ष 2019 तक कुल कितने प्रकरण पंजीबद्ध हुये हैं? पंजीबद्ध प्रकरणों में से कितनी लाड़लियों को प्रमाण-पत्र प्रदान किया जा चुका है और कितनी लाड़लियों के प्रमाण-पत्र प्रदान किया जाना बाकी है? प्रत्येक परियोजनावार पृथक-पृथक प्रत्येक आंगनवाड़ी केन्द्र की संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19 व 2019-20 में छिन्दवाड़ा जिले के अंतर्गत संचालित प्रत्येक परियोजना में विभाग के द्वारा एक लाड़ली लक्ष्मी योजना फार्म की फीडिंग हेतु कितनी राशि प्रदान की गई है और परियोजना अधिकारियों द्वारा लाड़ली लक्ष्मी योजना फार्म की फीडिंग कितने आउटसोर्स व्यक्तियों से कराई गई है एवं उन्हें एक लाड़ली लक्ष्मी योजना फार्म की फीडिंग हेतु कितना भुगतान किया गया है? छिन्दवाड़ा जिले की प्रत्येक परियोजनावार जानकारी उपलब्ध करायें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( डॉ.विजय लक्ष्मी साधौ ) : (क) छिन्दवाड़ा जिले में लाड़ली लक्ष्मी योजना प्रारम्भ से वर्ष 2019 तक कुल 126736 प्रकरण पंजीबद्ध किये जाकर 126736 लाड़लियों को प्रमाण-पत्र प्रदान किये गये हैं। इस अवधि में पंजीकृत बालिकाओं में से किसी को भी प्रमाण-पत्र दिया जाना शेष नहीं है। परियोजना एवं आंगनवाड़ी केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19 व 2019-20 में छिन्दवाड़ा जिले में लाड़ली लक्ष्मी योजना के आवेदनों को ऑन-लाइन फीड कर रंगीन प्रमाण-पत्र जनरेट (प्लास्टिक फोल्डर अथवा लेमिनेशन सहित) हेतु प्रति फार्म राशि रूपये 30/- प्रदाय की गई। ऑन-लाइन फीडिंग कार्य हेतु आउटसोर्स संस्था/व्यक्तियों एवं भुगतान के संबंध में परियोजनावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
स्वीकृत नल-जल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
107. ( क्र. 1273 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चुरहट विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत नगर पंचायत चुरहट एवं नगर पंचायत रामपुर नैकिन के लिए नल-जल योजना स्वीकृत है, उक्त नगर पंचायतों में कब तक नल-जल योजना के तहत पानी की सप्लाई प्रारंभ हो जाएगी? (ख) चुरहट विधानसभा के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों के लिए सरकार कब तक समूह नल-जल योजना प्रारंभ करने जा रही है? बाणसागर बांध से उक्त परियोजना के लिए पानी लेने की अनुमति कब तक आ जाएगी? (ग) चुरहट विधानसभा के अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति की बस्तियों के लिए क्या अलग से नल-जल योजना लागू की जाएगी? यदि नहीं, तो क्या ऐसी हर बस्ती में 5 हैंडपंप सरकार लगायेगी ताकि पीने का पानी उपलब्ध कराया जा सके? (घ) ग्रामीण क्षेत्रों में बंद पड़ी नल-जल योजनाओं को पंचायत से लेकर पुनः उपयोगी बनाने के लिए क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के पास कोई योजना है? यदि नहीं तो पंचायत एवं ग्रामीण विकास के साथ मिलकर इन योजनाओं को कब तक चालू किया जाएगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी हाँ, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। जल संसाधन विभाग को प्रस्ताव प्रेषित किया गया है, निश्चित समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है। (ग) ग्रामों की नल-जल योजनाएं अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति की बस्तियों को सम्मिलित करते हुए लागू की जा रही हैं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। बंद योजनाओं को चालू करने का कार्य सतत् प्रक्रिया है।
स्टेडियम का विस्तारीकरण
[राजस्व]
108. ( क्र. 1275 ) श्रीमती
नंदनी मरावी : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) प्रश्नकर्ता
के प्रश्न
क्रमांक 929 दिनाँक 17 जुलाई 2019 में
अवगत कराया
गया था कि
अरूणाम घोष स्टेडियम
के विस्तारीकरण
के संबंध में
कराये गये
सर्वे में 75 परिवार
प्रभावित
पाया जाने से
उनके विस्थापन
की कार्यवाही
प्रचलित है? तो
प्रश्नांश दिनाँक
तक 6 माह
बीत जाने के
बाद भी विस्थापन
की कार्यवाही
क्यों नहीं
की गई,
जिससे खेल
प्रतिभाओं की मांग
के अनुरूप स्टेडियम
का विस्तारीकरण
नहीं हो पा
रहा है। (ख) विस्थापन
की कार्यवाही
की निश्चित समय-सीमा
बतायें।
राजस्व
मंत्री ( श्री जीतू
पटवारी ) : (क) जिला
जबलपुर
अन्तर्गत
नगरपालिका
सिहोरा के अधीन
अरूणाम घोष स्टेडियम
के
विस्तारीकरण
के अन्तर्गत
लगभग 75 प्रभावित
परिवारों का
व्यवस्थापन
किया जाना है।
ग्राम-सिहोरा
प.ह.न.-6, रा.नि.मं.-खितौला
में उक्त
प्रभावित 75 परिवारों
को विस्थापित
किये जाने
हेतु शासकीय
आबादी भूमि
उपलब्ध न होने
से ग्राम मनसकरा
की भूमि खसरा
नंबर 522/1 मद-पहाड़-चट्टान
जो नगर तथा
ग्राम निवेश
मास्टर प्लान
के अनुसार
सिहोरा विकास
योजनान्तर्गत
भूमि का उपयोग
कृषि भूमि
(ग्रीन बेल्ट)
दर्ज होने से
आवासीय उपयोग
में परिवर्तन
किये जाने का
प्रस्ताव
संचालक नगर
एवं ग्राम निवेश
मध्यप्रदेश
भोपाल को
प्रेषित किया
गया है। अत:
शासन से उपयोग
परिवर्तन की
कार्यवाही
पूर्ण होने पर
व्यवस्थापन
की कार्यवाही
की जा सकेगी। (ख) विस्थापन
की कार्यवाही
की निश्चित
समय-सीमा बताया
जाना संभव
नहीं है।
सिंहस्थ 2016 में हुए व्यय की जानकारी
[संस्कृति]
109. ( क्र. 1281 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016 में सिंहस्थ होने के तीन साल बाद भी सिंहस्थ पर हुए कुल खर्च की जानकारी क्यों नहीं दी जा रही हैं? प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1354 दिनाँक 19/12/19 के खण्ड (ख) का सारगर्भित उत्तर दिलाया जाए तथा बतावें कि जानकारी हेतु किस-किस दिनाँक को पत्र लिखे गये। उत्तर किस दिनाँक को प्राप्त हुये पत्र तथा उत्तर की समस्त प्रति दस्तावेज सहित देवें। (ख) वर्ष 2015 से 2019 तक वर्षवार बतावें कि किस-किस कार्यक्रम के लिये कौन कौन सा कार्य विभाग के अतिरिक्त शासन के किस-किस उपक्रम से कराया गया तथा उस हेतु उस उपक्रम को कितना भुगतान किया गया? उपक्रम द्वारा किये गये कार्य में आर्थिक अनियमितता, नियमों के विपरीत आवंटन तथा भुगतान की जिम्मेदारी किस विभाग की रहेगी? (ग) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1352 दिनाँक 19/12/19 के संदर्भ में बतावें कि किस वर्ष में कला मंडलियों को आवंटन किया गया तथा प्रश्न में वर्ष के उल्लेख को संशोधित कर (क) से (घ) का उत्तर दिलाया जाए। (घ) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1353 तथा 1354 दिनाँक 19/12/19 में उल्लेखित खर्च की राशि का कार्य अनुसार मदवार जानकारी देवें तथा बतावें कि किस-किस मद में किस-किस कार्य हेतु कितनी राशि खर्च की गई तथा कितनी राशि पुनर्विनीयोजन किसके आदेश से की गई?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1354 दिनाँक 19/12/2019 के खण्ड (ख) के संबंध मे अन्य विभाग से जानकारी प्राप्त की जा रही थी. इस संबंध में विभागीय पत्र क्रमांक एफ 18-42/2019/तीस दिनाँक 09.12.2019 एवं पत्र क्रमांक 18.02.2020/सी दिनाँक 29.02.2020 द्वारा सिहंस्थ के आयोजनकर्ता विभाग नगरीय विकास एवं आवास विकास विभाग से जानकारी चाही गई थी. नगरीय आवास एवं विकास विभाग द्वारा उनके पत्र क्रमांक 930/1282/2020/18-2 दिनाँक 11.03.2020 द्वारा सिहंस्थ 2016 के आयोजन पर कुल व्यय रूपये 243349.00 लाख दर्शाया गया है. मदवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ए' अनुसार। (ख) वर्ष 2015 से वर्ष 2019 तक विभाग के अतिरिक्त शासन के अन्य उपक्रमों से वर्षवार कराये गये कार्यक्रमों हेतु कुल रूपये 3,58,71,904/- का भुगतान अन्य उपक्रमों को किया गया है. विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'बी' अनुसार है. उपक्रम द्वारा किये गये कार्य में आर्थिक अनियमितता, नियमों के विपरित आवंटन तथा भुगतान की जिम्मेदारी संबंधित उपक्रम की रहेगी. (ग) वर्ष 2018-2019 में कलामंडलियों को राशि आवंटित की गई है. वर्ष 2016-2017 एवं 2017-2018 में कोई राशि आवंटित नहीं की गई. प्रश्न क्रमांक 1352 का उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'सी' अनुसार है. (घ) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1353 तथा 1354 दिनाँक 19.12.2019 में चाहे अनुसार विश्व हिन्दी सम्मेलन पर संस्कृति परिषद एवं अनुषंगों द्वारा कुल राशि रूपये 10,79,97,746/- का भुगतान किया गया. विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'डी' अनुसार. नर्मदा सेवा यात्रा में संस्कृति संचालनालय एवं संस्कृति परिषद द्वारा कुल राशि रूपये 1,55,73,196/- का व्यय किया गया. विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ई' अनुसार तथा एकात्म यात्रा पर राशि रूपये 8,90,14,868/- पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एफ' अनुसार तथा सिंहस्थ मेले पर संस्कृति विभाग में उपलब्ध जानकारी के आधार पर संस्कृति परिषद् एवं अनुषंगों द्वारा राशि रूपये 81,18,41,033/- एवं संचालनालय पुरातत्व द्वारा राशि रूपये 1,97,80,779/- का व्यय किया गया है. पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'जी' अनुसार. नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा सिहंस्थ में व्यय की गई राशि का विभागवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ए' अनुसार राशि का पुनर्विनियोजन विभागीय आदेश दिनाँक 03.11.2017 द्वारा किया गया है. पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एच' अनुसार.
फसल नुकसानी का आंकलन
[राजस्व]
110. ( क्र. 1293 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शाजापुर और आगर जिले में आर.बी.सी. 6-4 के लिए खरीफ फसल 2019 नुकसानी का आंकलन किया गया है? यदि हाँ, तो सर्वे में फसल नुकसानी का आंकलन कितना प्रतिशत आया है? तहसीलवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जिलों में आर.बी.सी. 6-4 के तहत राहत राशि देने हेतु सर्वे में नुकसानी का आंकलन कितने प्रतिशत आया है? तहसीलवार जानकारी देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) जी हाँ। राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के निर्धारित मापदण्डों के तहत खरीफ फसल वर्ष 2019 के नुकसानी का आंकलन किया गया है। तहसीलवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) तहसीलवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
शासन संधारित मंदिरों की भूमि पर अवैध कब्जा
[राजस्व]
111. ( क्र. 1294 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन संधारित मंदिरों की भूमि पर अवैध कब्जा एवं राजस्व रिकार्ड में हेरा-फेरी न हो उसके लिये क्या शासन ने किसी राजस्व अधिकारी की जवाबदारी तय की है? यदि हाँ, तो पद नाम बतावें। (ख) शाजापुर जिले के शुजालपुर शहर में स्थित गणेश मन्दिर की भूमि किस-किस गाँव में किस-किस पटवारी हल्के में कितनी-कितनी राजस्व रिकार्ड में दर्ज है? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित मन्दिर की भूमि पर किस-किस का कब्जा है? क्या कब्जा धारियों का कब्जा वैध है? यदि नहीं, तो कब्जा हटाने कि क्या कार्यवाही की गई है? (घ) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित भूमि के अकोदिया में कितने खाते हैं? एक से अधिक खाते क्यों हैं? क्या सर्वे नं 1224 माफी की भूमि है? खसरे में स्वामित्व के कालम से गणेश मन्दिर का नाम कैसे हटाया गया है? उक्त सर्वे की भूमि पर किन-किन का कब्जा है? क्या भू-माफियाओं के विरूद्ध कार्यवाही में उक्त भूमि को मुक्त करा दिया गया है?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) जी हाँ, संबंधित क्षेत्र के राजस्व अधिकारी की जवाबदेही है। (ख) जिला शाजापुर के शुजालपुर शहर में स्थित गणेश मंदिर की भूमि ग्राम अकोदिया में कुल किता 06 कुल रकबा 5.552 हेक्टेयर ग्राम पिपलोद में कुल किता 01 कुल रकबा 4.181 हेक्टेयर एवं ग्राम देहण्डी में कुल किता 2 कुल रकबा 5.225 हेक्टेयर राजस्व रिकार्ड में दर्ज है। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित मंदिर की भूमि पर कब्जाधारियों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। कब्जाधारियों का अवैध कब्जा है। अवैध कब्जाधारियों के मकान विगत 30-40 वर्षों से बने होने के कारण बेदखली की कार्यवाही नहीं की गयी। (घ्) ग्राम अकोदिया में माफी भूमि के 03, खाते हैं जो पूर्व से अलग-अलग कायम है। सर्वे नंबर 1224 माफी की भूमि है, पूर्व में गणेश मंदिर के नाम उक्त सर्वे नंबर दर्ज था। एन.आई.सी. सॉफ्टवेयर से ऑन-लाइन वेब जी.आई.एस. सॉफ्टवेयर में डाटा परिवर्तन होने पर तकनीकी त्रुटिवश खसरे के कॉलम नंबर 03 में रिक्त है एवं कॉलम नंबर 12 में माफी गणेश मंदिर दर्ज है। खसरा के कॉलम नंबर 03 में माफी ज्ञी गणेश मंदिर दर्ज करने की कार्यवाही की जा रही है। मौके पर लगभग 24 व्यक्तियों के रहवासी पक्के मकान विगत 30-40 वर्षों से काबिज है जिनकी सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं।
आंगनवाड़ी केन्द्रों के निर्माणाधीन भवनों की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
112. ( क्र. 1304 ) श्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता सदस्य की विधान सभा क्षेत्र जबेरा अंतर्गत कितने आंगनवाड़ी केन्द्र शासकीय तथा कितने आंगनवाड़ी केन्द्र निजी भवनों में संचालित है एवं कितने आंगनवाड़ी भवन निर्माणाधीन है? निर्माणाधीन भवनों का कार्य कब प्रारंभ किया गया था एवं कब तक पूर्ण किया जावेगा? (ख) कितने आंगनवाड़ी भवन ऐसे हैं जो विगत कई वर्षों से अधूरे निर्माणाधीन हैं एवं जिनकी राशि आहरित कर ली गई है? आहरित राशि के विरूद्ध निर्माण कार्य नहीं किया गया है तो शासन द्वारा निर्माण ऐजेन्सी व संबंधितों पर क्या कार्यवाही की गई है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( डॉ.विजय लक्ष्मी साधौ ) : (क) दमोह जिले के विधानसभा क्षेत्र जबेरा अंतर्गत कुल 413 आंगनवाड़ी केन्द्र शासकीय भवनों में एवं 77 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में संचालित है तथा 24 आंगनवाड़ी भवन निर्माणाधीन है। निजी भवनों में कोई आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित नहीं है। निर्माणाधीन भवनों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जिला स्तर पर आंगनवाड़ी भवन निर्माण हेतु ग्राम पंचायत निर्माण एजेंसी निर्धारित है। आंगनवाड़ी भवनों के लिये ग्राम पंचायत निर्माण एजेंसी होने से विभाग द्वारा नियत समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (ख) विधानसभा क्षेत्र जबेरा अंतर्गत 24 आंगनवाड़ी भवन निर्माणाधीन है, विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। आंगनवाड़ी भवन निर्माण के लिए निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत होने से आंगनवाड़ी भवन निर्माण पूर्ण करने का दायित्व निर्माण एजेंसी का है। आहरित राशि के विरूद्ध निर्माण न किए जाने संबंधित कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई, अत: कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
निरस्त डी.मेट प्रवेश परीक्षा में आवेदकों की जमा राशि
[चिकित्सा शिक्षा]
113. ( क्र. 1317 ) श्री रमेश मेन्दोला : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सन् 2016 में डी.मेट द्वारा 15.5.2016 को घोषित M.B.B.S. प्रायवेट कॉलेजों में प्रवेश हेतु आवेदकों से रू. 3000/- की फीस वसूली गई थी? यदि हाँ, तो आवेदकों की संख्या और जमा राशि बतावें। (ख) क्या उस वर्ष नीट द्वारा M.B.B.S. में प्रवेश हेतु अनिवार्य करने के कारण डी.मेट द्वारा परीक्षा आयोजन नहीं होकर केवल नीट द्वारा ही प्रवेश परीक्षा अयोजित की गई? यदि हाँ, तो डी.मेट द्वारा परीक्षा आयोजन नहीं करने के फलस्वरूप क्या आवेदकों को परीक्षा हेतु जमा राशि वापिस की गई? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी राशि वापिस की गई? नहीं तो क्यों? (ग) क्या विभाग आवेदकों की जमा राशि वापिस करने की मंशा रखता है? यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो क्यों नहीं? (घ) दिनाँक 29.2.2020 की स्थिति में डी.मेट का कार्यालय कहाँ कार्यरत है? उसके प्रधान का नाम व स्थान बतावें। इस संस्था में कुल कितनी राशि जमा है और कहाँ? बैक में या नगदी?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
लिपिक संवर्ग की विभागीय परीक्षा
[राजस्व]
114. ( क्र. 1335 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजस्व विभाग में लिपिक संवर्ग की विभागीय परीक्षा सितम्बर 2018 में आयोजित की गई थी जिसका परीक्षा परिणाम 2019 में घोषित हुआ था? इसमें किस-किस अभ्यर्थी का किस वर्ग का कितने पदों के लिए चयन हुआ था? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि सामान्य वर्ग के लिए न्यूनतम अनिवार्य अंक कितने निर्धारित किये गये थे जबकि पूर्व परीक्षा में 50 प्रतिशत अंकों के मापदण्ड से किये गए थे? किस-किस कारणों से अंकों की वृद्धि परीक्षा में की गई? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि सामान्य एवं पिछड़ा वर्ग के कितने परीक्षार्थियों का इसमें चयन किया गया था? क्या यह इन वर्गों के साथ अन्याय नहीं है? इन वर्गों के यह पद शासन कब तक रिक्त रखेगा? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएं कि इन वर्ग के परीक्षार्थियों की मेरिट बनाकर चयन कर परीक्षार्थियों को रिक्त पदों पर पूर्ति हेतु चयन कर परीक्षा परिणाम घोषित करेगा तो कब तक और नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) जी हाँ। अनारक्षित 01, अ.पि.वर्ग- निरंक, अ.जा.-10, अ.ज.जा. 04, (ख) मध्यप्रदेश जूनियर प्रशासकीय सेवा भर्ती नियम 2011 की अधिसूचना दिनाँक 30.07.2017 अनुसार अनारक्षित वर्ग के 65 प्रतिशत अंक निर्धारित किये गये है। जी हाँ, मध्यप्रदेश प्रदेश जूनियर प्रशासकीय सेवा भर्ती नियम 2011 की अनुसूचि पाँच के नियम 04 की कण्डिका (2) अनुसार लिखित परीक्षा में 02 प्रश्न पत्र होगें जो प्रत्येक 50 अंक का तथा 2.20 घन्टे की अवधि का होगा अभ्यर्थी का सफल होने के क्रम में प्रत्येक प्रश्न पत्र में पृथक-पृथक कम से कम 50 प्रतिशत अंक अवश्य ही प्राप्त करना होगा। मध्यप्रदेश जूनियर प्रशासकीय सेवा भर्ती नियम 2011 में संशोधन दिनाँक 30.07.2016 के आधार पर अंकों की वृद्धि परीक्षा में की गई थी। (ग) सीमित प्रतियोगिता परीक्षा वर्ष 2018 में लिपिक संवर्ग के अनारक्षित वर्ग से 01 एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के किसी भी अभ्यर्थी का चयन नहीं हुआ है। जी नहीं, मध्यप्रदेश जूनियर प्रशासकीय सेवा भर्ती नियम 2011 के तहत परीक्षा के द्वारा चयन किया गया है। (घ) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका एवं मिनी कार्यकर्ता की भर्ती
[महिला एवं बाल विकास]
115. ( क्र. 1343 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अटेर विधान सभा क्षेत्र में कुल कितने आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं? इनमें से कितने केन्द्र शासकीय भवन एवं कितने अशासकीय भवन में संचालित हैं? केन्द्रवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में इन आँगनवाड़ी केन्द्रों पर कौन-कौन आँगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका एवं मिनी कार्यकर्ता कब से पदस्थ हैं एवं इन पदस्थ आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका एवं मिनी कार्यकर्ता की नियुक्ति कब-कब की गई? नियुक्ति हेतु कब-कब क्या-क्या प्रक्रिया अपनाई गई? उनकी शैक्षणिक योग्यताएं क्या हैं? आँगनवाड़ी केन्द्रवार कार्यरत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका एवं मिनी कार्यकर्तावार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में कार्यरत आँगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका एवं मिनी कार्यकर्ता की अंकसूची, निवास प्रमाण-पत्र एवं अन्य दस्तावेज जिसके आधार पर अतिरिक्त अंक दिये गये हों की सत्यापित प्रति देते हुये बतावें। (घ) विगत पाँच वर्षों में कितने आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका एवं मिनी कार्यकर्ता की योग्यता एवं अन्य शिकायतें प्राप्त हुई एवं उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? जाँच प्रतिवेदन सहित जानकारी देवें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( डॉ.विजय लक्ष्मी साधौ ) : (क) अटेर विधानसभा क्षेत्रार्न्तगत कुल 446 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 94 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं। 289 आंगनवाड़ी केन्द्र तथा 20 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र शासकीय भवन में तथा 157 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 74 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र अशासकीय भवन में संचालित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में आंगनवाड़ी केन्द्रों में पदस्थ आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका तथा मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों में कार्यरत मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की केन्द्रवार पदस्थापना एवं शैक्षणिक योग्यता संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका तथा मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की नियुक्तियां विभागीय ज्ञाप..क्र./आईसीडीएस/ 15/5/94-95/471/456 दिनाँक 16.06.94, क्र./आईसीडीएस/94/632 दिनाँक 11..07.94, क्रमांक 1737/50/75 भोपाल, दिनाँक 28.04.95, क्र. एफ 8-3/95/50-2 दिनाँक 27.05.96 क्र. एफ 10-72/2000/50-2/दिनाँक 19.01.2001, एफ 8-3/95/50-2 दिनाँक 03.02.2002, क्र. एफ-3/25/2002/50-2 दिनाँक 12.09.2002, क्र. एफ-3-2/06/50-2/दिनाँक 27.05.2006, क्र. एफ-3-2/06/50-2 दिनाँक 10.07.2007 एवं समय-समय जारी किये संशोधनों के अनुसार निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुये नियुक्ति प्रक्रिया की गई है। (ग) एवं (घ) जानकारी एकत्र की जा रही है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
भवन विहीन
आंगनवाड़ी
केन्द्र
[महिला एवं बाल विकास]
1. ( क्र. 18 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) फरवरी 2020 की स्थिति में रायसेन जिले में कौन-कौन से आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन है? उनके भवन निर्माण की क्या योजना है? किन-किन आंगनवाड़ी केन्द्र भवनों के निर्माण का कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ है तथा क्यों? केन्द्रवार कारण बतायें। (ख) उक्त अपूर्ण एवं अप्रारंभ आंगनवाड़ी केन्द्र भवन का कार्य शीघ्र पूर्ण हो इस हेतु विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) फरवरी 2020 की स्थिति में रायसेन जिले में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के पद कहाँ-कहाँ कब से एवं क्यों रिक्त हैं? उक्त रिक्त पदों की पूर्ति हेतु विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) वचन पत्र में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका को क्या-क्या सुविधायें दिये जाने का उल्लेख किया गया था तथा उन पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( डॉ. विजय लक्ष्मी साधौ ) : (क) रायसेन जिलें में माह फरवरी 2020 तक 1244 आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन (किराये/अन्य शासकीय भवनों में संचालित) हैं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -'अ' अनुसार है। भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु विभाग अन्तर्गत वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा अभिसरण से तथा शहरी क्षेत्र में राज्य आयोजना अन्तर्गत आंगनवाड़ी भवन निर्माण कार्य उपलब्ध वित्तीय संसाधनों के आधार पर स्वीकृत किये जाते है। जिला अन्तर्गत 183 आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवनों का कार्य अपूर्ण तथा 218 आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवनों का निर्माण कार्य अप्रारंभ है, विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -'ब' एवं 'स' अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा जिला स्तर पर स्वीकृत आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण कार्य को पूर्ण करने हेतु पंचायतराज संचालनालय से समय-समय पर समन्वय किया गया है। प्रमुख सचिव एवं आयुक्त महिला एवं बाल विकास द्वारा निर्माण कार्य की सतत् समीक्षा की जाकर जिला कलेक्टर, सी.ई.ओ. जिला पंचायत एवं जिला कार्यक्रम अधिकारियों को निर्देशित किया जाता है। अपूर्ण/अप्रारंभ आंगनवाड़ी भवनों को पूर्ण कराये जाने हेतु समय-समय पर निर्माण एजेन्सियों को निर्देशित किया गया तथा जिला कलेक्टर एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रायसेन द्वारा निर्माण एजेन्सियों की समीक्षा बैठक आयोजित कर, आंगनवाड़ी भवनों को पूर्ण करने हेतु निर्देशित किया गया है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -'द' अनुसार है। (घ) महिला बाल विकास से संबंधित वचन पत्र बिन्दुओं में से बिन्दु क्रमांक 47.11 में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/आंगनवाड़ी सहायिका को उनके समर्पण भाव को देखते हुए रू. 2000/-प्रतिमाह बोनस का उल्लेख है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ड़'' अनुसार है। प्रस्ताव विचाराधीन है।
चालक परिचालक कल्याण योजना
[परिवहन]
2. ( क्र. 19 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चालक-परिचालक कल्याण योजना में पंजीयन तथा लाभ प्राप्त करने हेतु संबंधित हितग्राही को क्या-क्या करना पड़ता है? पूर्ण विवरण दें। (ख) चालक-परिचालक कल्याण योजना का लाभ देने के लिए किस-किस स्तर पर कौन-कौन सी समिति गठित की गई है, उनमें कौन-कौन सदस्य हैं। (ग) 15 अगस्त 2015 से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नांश (ख) योजनान्तर्गत रायसेन जिले में किन-किन को क्या-क्या लाभ मिला तथा किन-किन के प्रकरण किस स्तर पर कब से एवं क्यों लंबित हैं? (घ) लंबित प्रकरणों का निराकरण कब तक होगा?
परिवहन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) एवं (ख) चालक-परिचालक कल्याण योजना मध्यप्रदेश शासन परिवहन विभाग के आदेश क्रमांक एफ-22-13/14/आठ दिनांक 24.09.2014 के द्वारा लागू की गई है। उपरोक्त योजना में लाभ प्राप्त करने के लिये पृथक-पृथक योग्यता निर्धारित है। योजना की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। इस योजना में हितग्रहियों को लाभ उपलब्ध कराये जाने हेतु समस्त क्षेत्रीय उप-परिवहन आयुक्त की अध्यक्षता में संभागों में समिति का गठन किया गया है। जिसमें संबंधित संभाग के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी एवं जिला परिवहन अधिकारी सदस्य है। (ग) जिला रायसेन में उक्त योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु आज दिनांक तक कोई भी आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश 'ग' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के दिशा-निर्देश
[महिला एवं बाल विकास]
3. ( क्र. 65 ) श्री रामपाल सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में क्या-क्या दिशा-निर्देश है? उनकी प्रति दें। योजना प्रारंभ होने से फरवरी 2020 तक की अवधि में रायसेन जिले में कितने हितग्राहियों को उक्त योजना के तहत लाभ मिला जनपद पंचायतवार संख्या बतायें? (ख) फरवरी 2020 की स्थिति में कितने के आवेदन पत्र कब से क्यों लंबित है? प्रकरणवार बतायें? उनका कब तक निराकरण होगा? (ग) प्रश्नांश (क) की अवधि में किन-किनके आवेदन पत्र क्यों निरस्त किये गये, प्रकरणवार बतायें? (घ) प्रश्नांश (क) की अवधि में किन-किन माध्यमों से कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? उक्त शिकायतों पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? पूर्ण विवरण दें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( डॉ. विजय लक्ष्मी साधौ ) : (क) प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के दिशा निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। रायसेन जिले में योजना प्रारंभ से फरवरी 2020 तक की अवधि में रायसेन जिले में कुल 27,972 हितग्राहियों को उक्त योजना के तहत लाभ मिला है। जनपद पंचायतवार संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -ब अनुसार है। (ख) फरवरी 2020 की स्थिति में रायसेन जिले में कुल 708 प्रकरण लंबित है, जिनकी प्रकरणवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -स अनुसार है। प्रकरणों का निराकरण निरन्तर किया जा रहा है। (ग) प्रश्नांश ”क“ की अवधि में रायसेन जिले में कोई प्रकरण निरस्त नहीं किया गया है। जानकारी निरंक है। (घ) प्रश्नांश ”क“ की अवधि में रायसेन जिले में प्राप्त शिकायत एवं निराकरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -द अनुसार है।
शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही
[राजस्व]
4. ( क्र. 66 ) श्री रामपाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले के नगर पालिका क्षेत्र बेगमगंज, नगर परिषद क्षेत्र सिलवानी एवं उदयपुरा तथा तहसील सिलवानी के ग्राम साईखेड़ा, कुण्डाली, कस्बा बम्होरी, दिल्हारी, मदनपुर, मरदानपुर तहसील बेगमगंज के ग्राम सुल्तानगंज, करहोला, फतेहपुर, लखनपुर तिनघरा सानी, भोजपुर, मुडि़याचंपत तथा नयानगर में किस-किस मद में दर्ज कितनी-कितनी शासकीय भूमि है? पूर्ण विवरण दें। (ख) उक्त शासकीय भूमि पर कब से अतिक्रमण है? उक्त अतिक्रमण को हटाने हेतु विभाग के अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) तहसील बेगमगंज, सिलवानी एवं उदयपुरा में किन-किन ग्रामों में श्मशान हेतु कितनी-कितनी भूमि आरक्षित है? उक्त भूमि पर अतिक्रमण को हटाने हेतु विभाग के अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) तहसील बेगमगंज, सिलवानी एवं उदयपुरा में किन-किन ग्रामों में 2 प्रतिशत से ज्यादा कितनी-कितनी शासकीय भूमि है?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) मदवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) उक्त शासकीय भूमि में से जिस भूमि पर अतिक्रमण हैं उनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। उक्त अतिक्रमण को हटाने हेतु संबंधित तहसीलदार द्वारा अर्थदण्ड आरोपित कर बेदखली की कार्यवाही की जा रही है। (ग) तहसील बेगमगंज, सिलवानी एवं उदयपुरा में जिन जिन ग्रामों में श्मशान (मरघट) हेतु भूमि आरक्षित है उसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। तहसील सिलवानी के सोलह ग्रामों में मरघट भूमि पर अतिक्रमण है, जिसे हटाने हेतु नोटिस जारी कर वेदखली की कार्यवाही संबंधित तहसीलदार द्वारा की जा रही है। (घ) तहसील बेगमगंज, सिलवानी एवं उदयपुरा के जिन ग्रामों में 2 प्रतिशत से ज्यादा शासकीय भूमि हैं। उसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है।
चिकित्सकों की अनिवार्य ग्रामीण सेवा
[चिकित्सा शिक्षा]
5. ( क्र. 79 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में चिकित्सा महाविद्यालयों में वर्ष 2018-19 में कुल कितना व्यय किया गया? क्या विभाग द्वारा प्रति यूजी चिकित्सा छात्र एवं प्रति पीजी चिकित्सा छात्र औसत व्यय निकाला गया है? यदि हाँ, तो बतावें कि प्रति छात्र सरकार कितना व्यय कर रही है? (ख) क्या विभिन्न वर्षों में चिकित्सा महाविद्यालयों में यूजी/पीजी करने वाले छात्र/छात्राओं ने अनिवार्य ग्रामीण सेवा अवधि पूर्ण नहीं की है और न ही बांड की राशि भरी है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) कुल राशि रूपये 1938.24 करोड़ का व्यय हुआ है। जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ, विभाग द्वारा राज्य के शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों को ग्रामीण सेवा बाण्ड संबंधी निर्देश दिनांक 07 सितम्बर, 2019 की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार एवं दिनांक 15 नवम्बर, 2019 को जारी निर्देश एवं जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार कार्यवाही की जा रही है।
आयुर्वेदिक चिकित्सकों की जानकारी
[आयुष]
6. ( क्र. 82 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में बीएएमएस चिकित्सकों का रजिस्ट्रेशन, रजिस्ट्रार म.प्र. आयुर्वेद, यूनानी, प्राकृतिक चिकित्सा बोर्ड, भोपाल में किया जाता है? (ख) यदि हाँ, तो बोर्ड में पंजीकृत आयुर्वेद चिकित्सकों के नाम, रजिस्ट्रेशन नम्बर एवं पता उपलब्ध कराएं।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
मूलभूत सुविधाओं का प्रदाय
[राजस्व]
7. ( क्र. 126 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर के वार्ड क्र.74 के बर्रा गाँव में लगभग 50 वर्षों से 65 परिवार निवासरत हैं? जिनके पास न भू-स्वामी हक है न पट्टा हैं? (ख) क्या जबलपुर शहर से लगे हुये इस गाँव की स्थिति दयनीय है जहाँ न सड़क है, न नाली है, न पानी की व्यवस्था हैं? (ग) क्या शासन इन परिवारों को मूलभूत सुविधायें प्रदान करेगा? (घ) क्या इन्हें इनके कब्जे की जमीन के शासकीय पट्टे दिये जायेंगे या अन्य स्थान पर जमीन दी जावेगी? यदि हाँ, तो कब? नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) जबलपुर जिला अन्तर्गत नगर निगम क्षेत्र में वार्ड क्र. 74 ग्राम अमखेरा के अन्तर्गत स्थित बर्रा मोहल्ला के सर्वे में उक्त मोहल्ले में 32 मकान स्थित पाये गये जिसमें 32 परिवार संयुक्त रूप से निवासरत हैं एवं राजस्व अभिलेख में उक्त सभी परिवार भूमि स्वामी के रूप में खसरा नंबर 379 से 410 तक में दर्ज है। (ख) यह क्षेत्र विगत पाँच वर्ष पूर्व ही नगर निगम सीमा में शामिल हुआ है वर्तमान में इस बस्ती के मार्ग कच्चे हैं। कुछ हिस्सों में नालियों का निर्माण पूर्व ग्राम पंचायत द्वारा कराया गया है। नगर निगम जबलपुर द्वारा 250 मीटर लम्बाई में नाली का निर्माण कराया गया है। (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र में जलमल निकासी के लिए सीवरलाईन बिछाने का कार्य पूर्ण कर लिया गया है जिसे सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट कठौंदा से जोड़ने का कार्य प्रगति पर है वर्तमान में लगभग 250 मीटर नाली का निर्माण भी कराया गया है। पेयजल व्यवस्था पूर्व ग्राम पंचायत द्वारा किये गए ट्यूबवेल, पानी की टंकी तथा उपलब्ध हैण्डपम्प से किया जा रहा है। पेयजल व्यवस्था के उन्नयन के लिए प्रश्नाधीन क्षेत्र को ग्राम अमखेरा में नवनिर्मित ओवरहेड टैंक से जोड़ने हेतु जल वितरण पाइप लाइन बिछाने का कार्य प्रगति पर है। प्रश्नाधीन ग्राम में मुख्य मार्ग पर स्ट्रीट लाइट लगी हुई है जिसका नियमित संधारण नगर निगम द्वारा किया जाता है। (घ) जबलपुर जिले के नगर निगम क्षेत्र के वार्ड क्र. 74 ग्राम अमखेरा के अन्तर्गत स्थित बर्रा मोहल्ला में सभी 32 परिवार राजस्व अभिलेख में भूमि स्वामी के रूप में दर्ज हैं। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
आवासहीनों को पट्टा दिया जाना
[राजस्व]
8. ( क्र. 127 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत आबादी भूमि न होने के कारण लगभग 8480 आवासहीनों को पट्टे नहीं दिये गये हैं? (ख) क्या ग्राम पंचायत हिनौतिया बारहा के आवासहीन परिवारों के नाम प्रधानमंत्री आवास सूची में आने के बाद पट्टे नहीं दिये गये हैं? (ग) क्या इन्हें पट्टे दिये जावेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) क्या ग्राम पंचायत हिनौतिया बारहा द्वारा शासकीय भूमि को आबादी में परिवर्तित करने हेतु विभाग को प्रेषित प्रस्ताव पर निर्णय किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) जी नहीं। पात्र सभी आवासहीनों को पट्टे दिये हैं। (ख) जी नहीं। पात्र सभी को भूखण्ड धारक प्रमाण-पत्र दिये हैं। (ग) भविष्य में पात्र परिवारों को आवश्यकतानुसार भूखण्ड धारक प्रमाण-पत्र दिये जावेंगे। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) ग्राम पंचायत हिनौतिया बारहा की शासकीय भूमि को आबादी में परिवर्तन के प्रस्ताव पर निर्णय लिया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
गेहूँ खरीदी केन्द्रों की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
9. ( क्र. 162 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक मंदसौर जिले में कितने केन्द्रों पर गेहूँ खरीदी का कार्य किया गया था केन्द्रों के नाम सहित जानकारी देवें। (ख) शासन द्वारा गेहूँ खरीदी केन्द्रों पर किसानों हेतु क्या-क्या सुविधा उपलब्ध कराई गई थी सुविधाओं के नाम सहित जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) शासन द्वारा जिले को कितनी राशि उपलब्ध कराई गई थी तथा प्रत्येक खरीदी केन्द्र को उपलब्ध कराई गई राशि की केन्द्रवार जानकारी देवें। (घ) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में खरीदी केन्द्रों पर किसान की सुविधा हेतु समस्त मदों पर खर्च कि गई राशि का ब्यौरा, मद का नाम और खर्च की गई राशि की केन्द्रवार अलग-अलग जानकारी उपलब्ध करावें।
खाद्य मंत्री ( डॉ. गोविंद सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
संस्कृति संचालनालय में दस्तावेजों की जांच
[संस्कृति]
10. ( क्र. 184 ) श्री संजय उइके : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक/1451/2019 दिनांक 24/12/2019 के द्वारा जानकारी की प्रमाणित प्रति उपलब्ध कराने संचालक संस्क़ृति संचालनालय को लिखा गया था जिसके जवाब में उपसंचालक/कार्यालय प्रमुख संस्कृति संचालनालय भोपाल द्वारा शासकीय ललित कला महाविद्यालय इन्दौर में भौतिक सत्यापन में कम पाये गये बर्तनों की जांच की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने के कारण उपलब्ध कराया जाना संभव नहीं है, दिया गया है? (ख) जांच होने के कारण मांगे गए दस्तावेजों की जानकारी उपलब्ध नहीं कराने बाबत् कोई नियम/निर्देश शासन/ विभाग के हों तो स्वच्छ प्रति उपलब्ध करावें। (ग) यदि नियम/निर्देश/आदेश नहीं हो तो जानकारी कब तक उपलब्ध कराई जावेगी?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी हाँ (ख) जी नहीं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
11. ( क्र. 205 ) श्री विश्वास सारंग : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019-20 में प्रश्न दिनांक तक कितने किसानों से कितने टन धान समर्थन मूल्य पर खरीदी गयी? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत कितने किसानों की कितनी राशि का भुगतान प्रश्न दिनांक तक कर दिया गया है? कितने किसानों का कितनी राशि का भुगतान शेष है? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत अभी तक किसानों का भुगतान क्यों नहीं किया गया है? कारण दें। नियम बतायें? कब तक कर दिया जायेगा?
खाद्य मंत्री ( डॉ. गोविंद सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मोटर वाहन संशोधन अधिनियम-2019 को लागू न किया जाना
[परिवहन]
12. ( क्र. 209 ) श्री विश्वास सारंग : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मोटर वाहन संशोधन अधिनियम-2019 सम्पूर्ण देश में कब लागू हुआ है? मध्यप्रदेश में प्रश्न दिनांक तक कौन सा मोटर वाहन अधिनियम लागू है? अभी तक संशोधित अधिनियम लागू क्यों नहीं किया गया है? कारण दें। नियम बताएं। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत संशोधन अधिनियम-2019 में किस-किस यातायात नियमों के उल्लंघन पर कितना-कितना जुर्माने का प्रावधान किया गया है? मध्यप्रदेश में कितना-कितना वसूला जा रहा है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तहत प्रदेश में केन्द्रीय मोटर वाहन संशोधन अधिनियम-2019 को कब तक लागू कर दिया जायेगा? यदि नहीं, किया जायेगा तो क्यों नहीं किया जायेगा? कारण दें। नियम बतायें।
परिवहन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) मोटरयान (संशोधन) अधिनियम 2019 के दिनांक 09 अगस्त 2019 को भारत के राजपत्र में प्रकाशित होने के उपरान्त भारत सरकार, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की अधिसूचना क्रमांक का.आ.3110 (अ) दिनांक 28 अगस्त 2019 के द्वारा 01.09.2019 से प्रभावशील होने वाले प्रावधानों को सम्पूर्ण देश में लागू किया गया है। जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। उक्त अधिसूचना के अनुक्रम में मध्यप्रदेश में, मोटरयान (संशोधन) अधिनियम 2019 यथा संशोधित मोटरयान अधिनियम 1988 लागू है। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत संशोधन अधिनियम 2019 में यातायात नियमों के उल्लंघन पर जुर्माने के प्रावधान की जानकारी पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। मध्यप्रदेश में उपरोक्तानुसार जुर्माने का प्रावधान लागू है। मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 200 के प्रावधानों के तहत शमन शुल्क के निर्धारण का अधिकार राज्य शासन को है। उक्त अधिसूचनाओं की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। वर्तमान में शमन शुल्क की कार्यवाही उक्त अधिसूचना के प्रावधानों के अनुरूप की जा रही है। (ग) प्रश्नांश 'क' के अनुसार लागू है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रदेश में बच्चों की हो रही मौत
[महिला एवं बाल विकास]
13. ( क्र. 210 ) श्री विश्वास सारंग : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश में और भोपाल जिले में कितने बच्चों की मौत हुई है? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत प्रदेश और भोपाल में बच्चों की हो रही मौत का कारण क्या है? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत इतनी अधिक संख्या में हुई बच्चों की मौत के रोकथाम के लिए क्या-क्या उपाय किये गये है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( डॉ. विजय लक्ष्मी साधौ ) : (क) 01 जनवरी 2019 से 31 जनवरी 2020 तक प्रदेश में कुल 39,737 एवं भोपाल जिले में कुल 1868 बच्चों की मृत्यु हुई है। (ख) प्रदेश और भोपाल मे बच्चों की हो रही मृत्यु के प्रमुख कारण, समय पूर्व जन्म, कम वजन, आर.डी.एस. बर्थ एस्फिक्सिया, संक्रमण, जन्मजात विकृति, दस्तरोग, निमोनिया, बुखार आदि है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
हेराफेरी करने के जिम्मेदारों पर कार्यवाही
[राजस्व]
14. ( क्र. 319 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सिंगरौली के तहसील सरई के ग्राम पिडरवाह में स्थित आराजी खसरा क्र. 366 रकबा 2.02 हे. के भूमिस्वामी व्यवस्थापन के तहत श्री रामाधार पिता श्री कंचन साहू वर्ष 1975 से आज दिनांक तक घर मकान, बाग बगीचा लगाकर काबिज एवं भूमिस्वामी थे, बाद में वर्ष 2015 में राजस्व अधिकारियों की मिली भगत से श्री देवेन्द्र पाठक पिता श्री शंकराचार्य पाठक निवासी ग्राम बंधा द्वारा फर्जी तरीके से राजस्व अभिलेखों में सुधार कर श्री पाठक द्वारा अपना नाम दर्ज करा लिया गया वे भूमिस्वामी हो गये? क्या श्री पाठक द्वारा कोल माईन्स टी.एच.डी.सी. कंपनी द्वारा उपरोक्त आराजी पर मुआवजा भी प्राप्त कर चुके है जिनसे प्राप्त मुआवजे/प्रतिकर की राशि की वसूली प्रस्तावित कर इन पर अपराधिक प्रकरण दर्ज करावेंगे तो कब तक बतावें? नहीं तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जिन राजस्व अधिकारियों द्वारा राजस्व अभिलेखों में हेराफेरी कर श्री रामाधार पिता श्री कंचन साहू जो भूमिस्वामी थे का नाम विलोपित कर श्री देवेन्द्र पाठक का नाम राजस्व अभिलेखों में दर्ज करने वाले जिम्मेदार अधिकारियों के नाम पद व वर्तमान में कहा कार्यरत है की जानकारी के साथ इनको दोषी मानकर क्या कार्यवाही करेंगे बतावें? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आराजी में कूट रचित आधार पर दस्तावेजों में हेराफेरी करने वालों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने के साथ क्या पुन: श्री रामाधार पिता श्री कंचन साहू का नाम राजस्व अभिलेखों में दर्ज कराने बाबत् निर्देश जारी करेंगे।
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) जिला सिंगरौली के न्यायालय अतिरिक्त तहसीलदार वृत्त अमिलिया तहसील सिंगरौली जिला-सिंगरौली के प्रकरण क्रमांक 196/अ-6-अ/2007-08 में आदेश दिनांक 26/03/2008 द्वारा श्री देवेन्द्र कुमार पाठक पिता शंकराचार्य पाठक को भूमिस्वामी दर्ज किये जाने का आदेश किया गया था उक्त आदेश का क्रियान्वयन कराये जाने का आवेदन न्यायालय में आवेदक द्वारा प्रस्तुत किया गया था। न्यायालय तहसीलदार सरई के प्रकरण क्रमांक 0310/अ-6-अ/2014-15 में आदेश दिनांक 17/06/2015 द्वारा अभिलेख में क्रियान्वयन किये जाने का आदेश किया गया था जिसका क्रियान्वयन शासकीय अभिलेख में नहीं कराया गया है वर्तमान में ग्राम पिडरवाह की आराजी 366/1 रकवा 2.080 हे. म.प्र. शासन दर्ज अभिलेख है। श्री देवेन्द्र पाठक पिता शंकराचार्य पाठक को कोई प्रतिकर राशि नहीं दी गई है अत: वसूली कराने का कोई प्रश्न नहीं है। (ख) किसी राजस्व अधिकारी के द्वारा अभिलेख में कोई हेरा-फेरी नहीं की गई है। (ग) किसी राजस्व अधिकारी के द्वारा शासकीय अभिलेखों में कोई हेरा-फेरी नहीं की गई है। अत: अपराधिक प्रकरण दर्ज कराये जाने का कोई प्रश्न नहीं है। चूंकि रामाधार पिता कंचन शाहू का नाम राजस्व अभिलेख में दर्ज नहीं रहा है। भूमि म.प्र. शासन दर्ज अभिलेख है ऐसी स्थिति में राजस्व अभिलेख में श्री रामाधार पिता कंचन शाहू का नाम राजस्व अभिलेख में दर्ज कराया जाना संभव नहीं है।
रीवा संभाग में नलकूप खनन की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
15. ( क्र. 321 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा संभाग अंतर्गत आने वाले जिलों में वर्ष 2018 से प्रश्नांश दिनांक तक में कितने हैण्डपम्प/नलकूप खनन कराये गये जिलेवार, जनपदवार विवरण देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने नलकूप/नवीन हैण्डपम्प खनन किन-किन मदों से कराये गये मदवार जानकारी देवें? इनमें से कितनों का खनन का कार्य ठेकदारों द्वारा किया गया एवं कितने विभाग द्वारा कराये गये पृथक-पृथक विवरण देवें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के हैण्डपम्प/नलकूप खनन की औसत गहराई प्राक्कलन अनुसार क्या निर्धारित की गई? प्राक्कलन अनुसार निर्धारित गहराई के खनन कार्य किये गये अथवा मनमानी तरीके से कम खनन कर राशि फर्जी बिल व्हाऊचर तैयार कर आहरित की गई? क्या इनका सत्यापन जिम्मेदार अधिकारी द्वारा किया गया? अगर नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार विभाग द्वारा किये गये हैण्डपम्प/नलकूप खनन में कितना व्यय तेल/केसिंग में किया गया एवं कितनी केसिंग का उपयोग नलकूपों में किया गया रीवा संभाग की जानकारी उपरोक्त दिनांक अनुसार देवें? इनमें से कितने हैण्डपम्प/नलकूप पानी की कमी के कारण बन्द है एवं कितने धसने एवं पटने के कारण बंद है की जानकारी पृथक से उपरोक्तानुसार देवें? (ड.) क्या प्रश्नांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) के हैण्डपम्प/नलकूप खनन के कार्य प्राक्कलन एवं तकनीकी अनुसार न कराकर फर्जी बिल व्हाऊचर तैयार कराकर संबंधितों द्वारा राशि आहरित कर ली गई? क्या गहराई कम होने के कारण हैण्डपम्प/नलकूप सूखे है एवं शासकीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा फर्जी तरीके से तेल एवं केसिंग के नाम पर राशि का गबन फर्जी बिल व्हाऊचर तैयार कर किये गये? यदि हाँ, तो इनका सत्यापन व जांच करा कर संबंधित दोषियों पर राशि वसूली के साथ आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने के निर्देश जारी करेंगे तो कब तक? अगर नहीं करेंगे तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 के अनुसार है। (ग) साधारण नलकूप 90 मीटर, ग्रेवल पैक नलकूप 60 मीटर तथा नल-जल योजना के नलकूप 120 मीटर। स्वीकृत प्राक्कलन अनुसार कार्य कराया गया है। जी हाँ, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 के अनुसार है। (ड.) जी नहीं। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पटवारी हल्कों में कार्यालय संचालित करने के नियम
[राजस्व]
16. ( क्र. 356 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले की मऊगंज विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत किस-किस नाम के पटवारी हल्के हैं? इन पटवारी हल्कों में किस-किस नाम के पटवारी किस-किस दिनांक से पदस्थ है? तहसीलदार जानकारी देते हुए बताये कि पटवारी हल्कों में रहने एवं पटवारी हल्कों में कार्यालय संचालित करने के क्या नियम पटवारियों के लिए निर्धारित है? नियमों की एक प्रति दें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत किस-किस नाम के पटवारी हल्का के पटवारी अपने-अपने हल्कों में निवास करते है? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत आने वाले पटवारी हल्कों में कितने आवेदन पत्र दिए गए उनमें से कितने आवेदनों का निराकरण किया गया विषयवार जानकारी दें? (घ) क्या मऊगंज विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत पटवारी हल्कों में गलत नाम या अन्य गलत जानकारी खसरे में चढ़ जाने के प्रकरण लंबित हैं? प्रश्नतिथि तक बंटवारा, नामान्तररण, सीमांकन, फीडिंग, खसरा सुधार के लंबित प्रकरणों की जानकारी तहसीलवार दें?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' एवं 'दो'' अनुसार है। पटवारी हल्कों मे रहने एवं पटवारी हल्कों में कार्यालय संचालित करने हेतु म.प्र. भू-अभिलेख नियमावली में नियम पटवारी के लिए निर्धारित है। तद्नुसार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''तीन'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार। (ग) विधान सभा क्षेत्रार्न्तगत तहसीलवार पटवारी हल्कावार मदवार प्रश्न तिथि तक लंबित प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''चार'' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''पाँच'' अनुसार है।
सोम डिस्टलरीज को जारी नोटिस पर कार्यवाही
[वाणिज्यिक कर]
17. ( क्र. 357 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 31 के प्रावधानों के अनुसार दिनांक 16.10.2019 या अन्य दिनांकों को आबकारी आयुक्त ग्वालियर द्वारा सोम डिस्टलरीज या अन्य को कोई नोटिस जारी किया गया था? जारी सभी नोटिसों को एक प्रति उपलब्ध करायें। (ख) क्या सोम डिस्टलरीज लि. को जिला मुरैना के न्यायालय में दर्ज प्रकरण क्रमांक 1066/2006, 1070/2006 एवं 1079/2006 में दिनांक 27.09.2019 को सजा एवं अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है? प्रकरणवार विवरण उपलब्ध करायें? (ग) क्या 16.08.2019 को उक्त शराब कंपनी के सेंपल क्रमांक/68128 लेबोरेट्री जांच में फेल हो गये? उक्त सेंपल किसके द्वारा किस पदार्थ/लिक्विड या अन्य की जांच हेतु कब लिये गये थे? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जारी नोटिस के बाद सोम डिस्टलरीज का लायसेंस प्रश्न तिथि तक क्यों निरस्त नहीं किया गया है? प्रश्नतिथि तक उक्त जारी नोटिस के बाद किस-किस सक्षम कार्यालयों के द्वारा किन आदेश क्रमांकों एवं दिनांकों से कब व क्या कार्यवाही की? जारी सभी पत्रों एवं आदेशों की एक प्रति दें।
वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) जी हाँ, आबकारी आयुक्त कार्यालय के पत्र क्रमांक 5 (1) 2019-20/7395 दिनांक 16.10.2019, 5 (1) 2019-20/7397 दि. 16.10.2019 तथा 5 (1) 2019-20/7399 दिनांक 16.10.2019 द्वारा जारी कारण बताओ सूचना पत्रों की छायाप्रति विधानसभा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जी हाँ। कलेक्टर जिला मुरैना के पत्र क्रमांक/आब/न्याया./2019/2861 दिनांक 09.10.2019 एवं प्रभारी जिला आबकारी अधिकारी, जिला मुरैना के पत्र क्रमांक/आब/न्याया/2019/2279 दिनांक 14.10.2019 में उल्लेखित अनुसार माननीय न्यायालय, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी मुरैना द्वारा दिनांक 27.09.2019 को आपराधिक प्रकरण क्रमांक 1066/06, 1070/06 एवं क्रमांक 1079/06 में निर्णय पारित कर माननीय न्यायालय द्वारा श्री जगदीश अरोरा, चेयरमेन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर, सोम डिस्टलरी लिमिटेड सेहतगंज जिला रायसेन को भिन्न-भिन्न धाराओं में पृथक-पृथक रूप से न्यायालय उठने तक का कारावास तथा कुल रूपये 5,000/-प्रति प्रकरण अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है। (ग) कलेक्टर जिला रायसेन के पत्र कमांक/आब/मु.लि./वि.स./2019-20/529 दिनांक 08.03.2020 से प्राप्त जानकारी अनुसार अभिहित अधिकारी, खाद्य सुरक्षा प्रशासन जिला रायसेन से प्राप्त जानकारी अनुसार दिनांक 16.08.2019 एवं सैम्पल क्रमांक 68128 रायसेन जिले से संबंधित नहीं होने से जानकारी निरंक है। (घ) माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर में रिट Cr. R. No.208/2020, 209/2020, 210/2020 प्रस्तुत की गई है। उक्त प्रकरणों में माननीय न्यायालय द्वारा दिनांक 03.03.2020 को पारित आदेशानुसार स्थगन प्रदान किया गया है। अत: प्रकरण में आगे की कार्यवाही स्थगित है। जानकारी क्रमश: पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो, तीन एवं चार अनुसार है।
आंगनवाड़ी एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने के प्रस्ताव
[महिला एवं बाल विकास]
18. ( क्र. 382 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नरयावली विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत नगर पालिका क्षेत्र मकरोनिया/सागर एवं राहतगढ़ विकासखण्ड में कितने आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित किये जा रहे हैं? (ख) क्या उपरोक्त संचालित आंगनवाड़ी केन्द्र/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र जनसंख्या/शासन के मापदंड अनुसार संचालित किये जा रहे हैं? (ग) क्या नगर पालिका क्षेत्र मकरोनिया/सागर एवं राहतगढ़ विकासखण्ड में नवीन आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने के प्रस्ताव शासन स्तर पर लंबित है? वार्डवार/ग्राम का नाम/पंचायत/विकासखण्ड सहित जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) में प्रस्तावित नवीन आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र शासन द्वारा कब तक स्वीकृत किये जायेंगे?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( डॉ. विजय लक्ष्मी साधौ ) : (क) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नगर पालिक क्षेत्र मकरोनिया/सागर एवं राहतगढ़ विकासखण्ड में 260 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 22 मिनी आंगनवाड़ी संचालित किये जा रहे है। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं वर्तमान में भारत सरकार द्वारा नवीन आंगनवाड़ी केन्द्रों/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों की स्वीकृति प्रदान नहीं की जा रही है। अतः शेष का प्रश्न नहीं। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
राहतगढ़ विकासखण्ड में बोर खनन की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
19. ( क्र. 384 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरयावली विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत सागर एवं राहतगढ़ विकासखण्ड में वर्ष 2019-20 में कितने बोर खनन स्वीकृत किये गये हैं? कितने प्रस्तावित किये गये हैं? विकासखण्डवार जानकारी देवें। (ख) स्वीकृत एवं प्रस्तावित बोर खनन विभाग द्वारा कब तक किये जायेंगे? विभाग द्वारा इस संबंध में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की है? (ग) वर्ष 2019-20 में विभाग द्वारा सिंगल फेस मोटर/हैण्डपम्प संधारण/सुधार कार्य/प्लेट फार्म निर्माण किये जाने हेतु विभाग द्वारा प्रावधान/ प्राक्कलन तैयार किये गये हैं? विकासखण्डवार जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) में तैयार प्राक्कलन पर विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? उक्त प्राक्कलन को कब तक स्वीकृति प्रदान कर कार्य किया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में नरयावली विधान सभा अंतगत सागर विकासखण्ड में 47 एवं राहतगढ़ विकासखंड में 20 नलकूप खनन हेतु प्रस्तावित किये गये थे, इन सभी को स्वीकृत किया गया। (ख) 55 नलकूपों का खनन कार्य पूर्ण किया गया, शेष कार्य जून 2020 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। (ग) एवं (घ) जी हाँ, जानकारी संलग्न परिशिष्ट के अनुसार है।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका की नियुक्ति
[महिला एवं बाल विकास]
20. ( क्र. 397 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या बैतूल जिले में माह जुलाई 2015 से दिसम्बर 2017 तक की अवधि में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका एवं उप आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की नियुक्तियां की गई हैं। यदि हाँ, तो किस-किस पद के लिए किस-किस परियोजना अधिकारी के अधीनस्थ किस-किस की नियुक्ति की गई है। सूची उपलब्ध करायें। (ख) उपरोक्त अवधि में परियोजना अधिकारी आमला जिला बैतूल द्वारा की गई नियुक्तियों में अनियमितता की शिकायतें प्राप्त हुई थी? यदि हाँ, तो शिकायत का विवरण एवं कलेक्टर महोदय द्वारा की गई कार्रवाई का पूर्ण विवरण दें। (ग) क्या उपरोक्त शिकायत की जांच हेतु कलेक्टर महोदय द्वारा जांच कमेटी गठित की गई थी? यदि हाँ, तो क्या जांच में अनियमितता की शिकायत सही पाई गई है? यदि हाँ, तो दोषी अधिकारी का नाम बताएं एवं उसकी वर्तमान पदस्थापना बताएं। (घ) शासन द्वारा उक्त अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्रवाई की गई? यदि नहीं, तो क्यों एवं कब तक सिविल सेवा आचरण नियम एवं अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( डॉ. विजय लक्ष्मी साधौ ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। एकीकृत बाल विकास परियोजना आमला जिला बैतूल में परियोजना अधिकारी द्वारा की गई आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका की नियुक्ति में, अनियमितता, त्रुटिपूर्ण दस्तावेज एवं अनुभव के गलत अंक दिये जाने संबंधी शिकायत कलेक्टर, जनसुनवाई केन्द्र बैतूल को की गई। प्राप्त शिकायत की जांच कलेक्टर बैतूल के अनुमोदन उपरान्त कार्यालय मुख्य कार्यपाल अधिकारी, जिला पंचायत के आदेश क्रमांक 4382 दिनांक 06.11.2017 द्वारा जांच दल का गठन किया गया। (ग) जी हाँ। जी हाँ। श्री चयेन्द्र कुमार बुड़ेकर, बाल विकास परियोजना अधिकारी, आमला, जिला बैतूल के कार्यकाल में की गई आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका की नियुक्तियों में जांच समिति द्वारा अनियमितताएं पाई गई है वर्तमान में श्री बुड़ेकर एकीकृत बाल विकास परियोजना आमला जिला बैतूल में पदस्थ है। (घ) आयुक्त नर्मदापुरम संभाग होशंगाबाद द्वारा ज्ञाप क्र.102/स्थापना/राजस्व/2019 दिनांक 04.01.2019 से श्री चयेन्द्र कुमार बुड़ेकर, बाल विकास परियोजना अधिकारी आमला, जिला बैतूल के विरूद्ध आरोप पत्र इत्यादि जारी किये गये है, जिस पर कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
आयुष चिकित्सकों की भर्ती में अनियमितता
[आयुष]
21. ( क्र.
452 ) श्री
यशपाल सिंह
सिसौदिया : क्या
चिकित्सा
शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
प्रदेश सरकार
द्वारा 2013 में आयुष
जिला अधिकारी
की नियुक्ति
के लिए पी.एस.सी.
के द्वारा
विज्ञापन में
कम से कम 5 साल
सरकारी
डाक्टर होना
अनिवार्य
किया था, यदि हाँ, तो 2019 के
परीक्षा
परिणाम सूची
में चयनित
उम्मीदवारों
के अनुभव
प्रमाण की
प्रतिलिपि
उपलब्ध
करायें। (ख) प्रश्नांश
(क) के
सन्दर्भ में
क्या गजट
नोटिफिकेशन
में 2019
में बदलाव कर
अनुभव प्रमाण
प्रमाण पत्र
में निजी
डाक्टरों के
भी अनुभव
मान्य किये
गये? यदि
हाँ,
तो क्या
पी.एस.सी.
द्वारा निजी
चिकित्सालयों
के अनुभव
प्रमाण पत्र
की जांच की
गयी थी? यदि हाँ, जो
अनुभव प्रमाण
पत्र फर्जी
पाए गये उनके
खिलाफ क्या
कार्यवाही की
गयी? क्या
उन्हें चयन
सूची से बाहर
कर दिया गया
है? यदि
नहीं,
तो क्यों। (ग) जिला
आयुर्वेद
अधिकारी के पद
को आयुष
अधिकारी के पद
में किस नियम
के तहत
परिवर्तित
किया गया? नियम
की प्रतिलिपि
उपलब्ध करायें।
चिकित्सा
शिक्षा
मंत्री ( डॉ.
विजयलक्ष्मी
साधौ ) : (क) जी
नहीं।
राजपत्रित
सेवा भर्ती
नियम 2013
की प्रति संलग्न
परिशिष्ट
पर है।
शेष का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख) जी
नहीं। उक्त के
संदर्भ में
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) जी
नहीं। प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
अनुबंधित गोदमों की मिनिमम बिजनिस गारंटी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
22. ( क्र. 461 ) श्री अजय विश्नोई : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2017-18 तक प्रदेश में खाद्यान्न संग्रहण के लिये अनुबंधित गोदामों को शासन 135 दिन की मिनिमम बिजनिस गारंटी दी जाती थी। यह गारंटी क्यों समाप्त कर दी गयी है। (ख) क्या विभाग को यह जानकारी है कि जबलपुर जिले के गोदमों की मिनिमम बिजनिस गारंटी का वर्ष 2016-17 का भुगतान आज दिनांक तक नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो क्यों नहीं किया गया है और कब तक कर दिया जायेगा? (ग) क्या जबलपुर को छोड़ कर प्रदेश के सभी गोदामों को 2016-17 की मिनिमम बिजनिस गारंटी का भुगतान कर दिया गया है? यदि हाँ, तो किस-किस जिले के कौन से गोदामों का भुगतान बाकी है और कब तक कर दिया जायेगा?
खाद्य मंत्री ( डॉ. गोविंद सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आरक्षण नियमों का पालन
[चिकित्सा शिक्षा]
23. ( क्र. 476 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय ग्वालियर द्वारा एम.डी. कोर्स प्रवेश वर्ष 2018-19 में आरक्षण नियमों का पालन नहीं करते हुये ओ.बी.सी. नान क्रीमीलेयर के अभ्यर्थी आशीष विवेक को आवेदन दिनांक 7/5/19 के बावजूद प्रवेश से वंचित किया गया है। एम.डी. कोर्स काउन्सिलिंग, कार्यवाही विवरण, प्रवेश संबंधी अभिलेखों की प्रतियॉं दें? (ख) नान क्रीमीलेयर के प्रमाण पत्र के पश्चात अभ्यार्थियों से आय प्रमाण-पत्र पृथक से मांगनें के क्या नियम हैं, क्या बिना आय प्रमाण पत्र के नानक्रीमीलेयर के प्रमाण पत्र बनाये जाते हैं, क्या क्रीमीलेयर नियमों में यह स्पष्ट किया गया है कि तृतीय चतुर्थ वर्ग के कर्मचारियों के वेतन एवं कृषि से अर्जित आय को सकल आय में नहीं जोड़ा जायेगा। (ग) क्या प्रकरण की जाँच हेतु जाँच समिति का गठन आयुक्त ग्वालियर संभाग के आदेश क्रमांक 2020 द्वारा किया गया है जाँच समिति का प्रतिवेदन दें, क्या जाँच में अभ्यर्थी को पक्ष रखने का अवसर दिया गया, यदि नहीं, तो क्यों? पुन: पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जाँच कब तक कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? (घ) उपरोक्तानुसार अन्य पिछड़ा वर्ग नान क्रीमीलेयर अभ्यर्थी को प्रवेश से वंचित कर एम.डी. कोर्स की प्रवेश प्रक्रिया नियमानुसार नहीं किये जाने से अभ्यर्थी के नुकसान हुये समय की भरपाई कैसे की जावेगी, दोषियों को कब तक दण्डित किया जावेगा यदि नहीं, तो क्यों?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी नहीं। गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय, ग्वालियर में पोस्ट ग्रेजूएशन काउंसलिंग प्रवेश वर्ष 2018-19 की द्वितीय चरण की काउंसलिंग दिनांक 05 मई 2019 से 08 मई 2019 तक निर्धारित थी। एम.डी. कोर्स में ओ.बी.सी. कोटे से चयनित जिला सीधी निवासी डॉ. आशीष विवेक भारतीय दिनांक 08 मई, 2019 को एम.डी. में प्रवेश हेतु प्रवेश समिति के समक्ष उपस्थित हुए थे। स्क्रूटनी समिति द्वारा सूक्ष्म छानबीन उपरांत पाया कि अभ्यर्थी का संवर्ग प्रमाण पत्र वर्ष 2013 का है। अभ्यर्थी द्वारा नियमानुसार गत वर्ष 2018-19 का आय प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं किया गया इस कारण प्रवेश प्रक्रिया पूर्ण नहीं की जा सकी। एम.डी. कोर्स काउंसलिंग, कार्यवाही विवरण, प्रवेश संबंधी अभिलेख की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए क्रीमिलियर के मापदण्डों से संबंधित सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी किए गए निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी हाँ। आयुक्त, ग्वालियर संभाग ग्वालियर के आदेश दिनांक 18 फरवरी, 2020 द्वारा 03 सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। जांच प्रतिवेदन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। जांच प्रतिवेदन में अभ्यर्थी को पक्ष रखने का अवसर दिये जाने संबंधी उल्लेख नहीं है, अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश 'क', 'ख' एवं 'ग' के प्रकाश में प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
खाद्यान्न वितरण में की जा रही अनियमितताएं
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
24. ( क्र. 488 ) श्री राकेश गिरि : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला टीकमगढ़ के विकासखण्ड टीकमगढ़ में ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में क्षेत्रवार कितनी शासकीय उचित मूल्य की दुकानें संचालित हैं? सूची उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार संचालित दुकानों को विगत तीन वर्षों में कितना-कितना खाद्यान्न एवं कैरोसिन आवंटन किया गया है? दुकानवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) में संचालित दुकानों को प्राप्त आवंटन के वितरण में उनके सैल्समेनों द्वारा अनियमिततायें की गई है? यदि हाँ, तो उन पर क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो दुकानवार खाद्यान्न एवं कैरोसिन वितरण की विगत दो वर्षों की माहवार प्रतियाँ उपलब्ध करायें?
खाद्य मंत्री ( डॉ. गोविंद सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
गेहूँ एवं उड़द खरीदी में की गई अनियमितता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
25. ( क्र. 489 ) श्री राकेश गिरि : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिलें में वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में गेहूँ एवं उड़द खरीदी कार्य विपणन समितियों/ प्राथमिक कृषि साख समितियों के माध्यम से कराया गया है? यदि हाँ, तो ऐसी समितियों की खरीदी केन्द्रवार/समितियों के नामवार सूची उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश "क" अनुसार खरीदी केन्द्रों पर प्रत्येक समिति द्वारा प्रति कृषकवार कितना-कितना गेहूँ एवं उड़द खरीदा गया? केन्द्रवार/ समितिवार खरीदी गई मात्रा तथा भुगतान की गई राशि सहित सूची उपलब्ध करायें? (ग) क्या टीकमगढ़ जिले की विपणन सहकारी समिति मर्यादित टीकमगढ़ तथा प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति लार एवं दरगुवां खरीद केन्द्रों पर गेहूँ एवं उड़द खरीदी में किसानों के नाम दर्ज रकवे से अधिक रकवा दर्शाकर अनियमिततायें की गई? यदि हाँ, तो ऐसी अनियमितताओं की सूची एवं कृत कार्यवाही का ब्यौरा दें? (घ) यदि नहीं, तो उक्त केन्द्रों पर खरीदे गये गेहूँ एवं उड़द बावत् पंजीकृत किसानों की सूची रकवा, उपार्जित मात्रा एवं भुगतान की गई राशि, बैंक खातों सहित सूची उपलब्ध करायें?
खाद्य मंत्री ( डॉ. गोविंद सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
हैण्डपम्प खनन की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
26. ( क्र. 506 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के विधान सभा क्षेत्र सेमरिया अन्तर्गत विगत एक वर्ष में सांसद निधि, विधायक निधि, विभागीय कार्य योजना एवं अन्य मद से कितने हैण्डपम्प खनन हुए हैं? विवरण सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में स्वीकृत आदेश, की जानकारी देवें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) रीवा जिले के विधान सभा क्षेत्र सेमरिया अन्तर्गत विगत एक वर्ष में सांसद निधि, विधायक निधि, विभागीय कार्य योजना एवं अन्य मद से कुल 149 हैण्डपम्प खनन हुए हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
वाहनों के प्रदूषण जांच की जानकारी
[परिवहन]
27. ( क्र. 507 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन्द्रीय मोटरयान अधिनियम के अनुसार समस्त वाहनों का प्रदूषण जांच कराना व प्रमाण पत्र प्राप्त करना अनिवार्य होता है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में पुलिस विभाग (गृह) एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रयोग में लाई जाने वाले वाहनों के प्रदूषण जांच की जानकारी विवरण सहित देवें?
परिवहन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) जी हाँ, केन्द्रीय मोटरयान नियम 1989 के नियम 115 के अनुसार समस्त वाहनों की प्रदूषण जाँच करवाना तथा प्रमाण-पत्र प्राप्त करना अनिवार्य हैं। (ख) जानकारी संकलित की जा रही है।
म.प्र. के ग्रामीण स्थाई पटेलो को अधिकार
[राजस्व]
28. ( क्र. 554 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र.के ग्रामीण स्थाई पटेलों को छत्तीसगढ़/महाराष्ट्र/हरियाणा एवं अन्य राज्यों की तरह मानदेय एवं अन्य अधिकार प्रदाय किये जावेंगे यदि हाँ, तो कब तक? साथ ही पूर्व में ग्रामीण स्थाई पटेलों को 100/- प्रति वर्ष की दर से पारिश्रमिक मिलता था वर्ष 1995 से वर्तमान तक ग्रामीण स्थाई पटेलों को उक्त राशि नहीं दी गई क्यों और कब तक उक्त राशि ग्रामीण स्थाई पटेलों को भुगतान कर दी जावेगी? (ख) क्या पूर्व में म.प्र. के ग्रामीण स्थाई पटेलों से जो पूर्व में राजस्व वसूली के अधिकार प्राप्त थे, उन्हें म.प्र सरकार के द्वारा पुन: राजस्व वसूली के अधिकार दिये जावेंगे तो क्यों? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या ग्रामीण स्थाई पटेलों की नियुक्ति रिक्त पदों पर की जावेगी यदि हाँ, तो कब तक साथ ही समस्त अधिकारों के राजपत्रित आदेश कब तक जारी किये जावेंगे? (घ) क्या ग्राम पंचायत में ग्राम सुरक्षा समिति का अध्यक्ष ग्रामीण स्थाई पटेलों को नियुक्त किया जावेगा यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावे?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) जी नहीं। मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 224 (क) (एक) में यह प्रावधानित किया गया है की राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर अवधारित वसूली प्रभार की कटौती करने के पश्चात् भू-राजस्व तथा अन्य संबंधित करों और उपकरों के संग्रहण को, जो उसके मार्फत देय हैं, संग्रहीत करें तथा ग्राम कोष में जमा करें। अत: ग्राम पटेल को संग्रहीत कोष से वसूली प्रभार की कटौती का प्रावधान है जिससे द्वतीय प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता। (ख) मध्य प्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 224 (क) (एक) में यह प्रावधान किया गया है। (ग) मध्य प्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 222 तथा इसके अंतर्गत निर्मित नियमों में पटेल नियुक्ति का प्रावधान है तथा मध्य प्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 224 तथा इसके अन्तर्गत निर्मित नियमों में पटेल के कर्तव्यों का विवरण है। (घ) जी नहीं।
कृषि उपज का समर्थन मूल्य पर उर्पाजन एवं भडारण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
29. ( क्र. 575 ) श्री प्रह्लाद लोधी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी और पन्ना जिले में वर्ष 2017-18 से अब तक समर्थन मूल्य पर गेहूं एवं धान का किन-किन सहकारी समितियों के माध्यम से कब-कब और कितना-कितना उपार्जन किया गया और उपार्जित किए गए अनाज को किन-किन वेयर हाउसों में कब-कब भंडारित किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत कृषि उपज के उपार्जन में क्या अनियमितताओं के कौन-कौन से मामले किस प्रकार संज्ञान में आए और इन पर किस सक्षम अधिकारी द्वारा कब-कब जांच की गयी तथा प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गयी और क्या कार्यवाही किया जाना शेष है? (ग) प्रश्नांश (क) के तहत कृषि उपज के भंडारण में क्या अनियमितताओं के कौन-कौन से मामले किस प्रकार संज्ञान में आए और इन पर किस सक्षम अधिकारी द्वारा कब-कब जांच की गयी तथा प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गयी और क्या कार्यवाही किया जाना शेष है?
खाद्य मंत्री ( डॉ. गोविंद सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
खनिज पट्टो को खसरे में दर्ज करने के आदेश
[राजस्व]
30. ( क्र. 576 ) श्री प्रह्लाद लोधी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा प्रश्न क्रमांक 1481 दिनांक 19/12/2019 के प्रश्नांश (ग) का उत्तर सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशों के अनुक्रम में शासकीय सेवकों द्वारा निरीक्षक रोस्टर एवं भ्रमण डायरी सक्षम अधिकारी द्वारा अनुमोदित कराकर दौरा किया जाता है दिया गया है तो पन्ना एवं कटनी जिले में जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक विभाग के शासकीय सेवकों द्वारा कब-कब एवं क्या निरीक्षण रोस्टर तैयार किए गए और भ्रमण डायरी का कब-कब और किस सक्षम अधिकारी से अनुमोदन करवाकर अधिकारिता क्षेत्र में कब-कब दौरा किया गया है? (ख) क्या विधान सभा प्रश्न क्रमांक 1481 दिनांक 19/12/2019 के प्रश्नांश (घ) का उत्तर खनिज पट्टों को राजस्व अभिलेखों में दर्ज किए जाने के लिए सभी तहसीलदारों को विभागीय निर्देश है खसरा के कालम नंबर 12 में खनिज पट्टे दर्ज कराये गए है। दिया गया है जबकि कटनी जिले में पूर्व से स्वीकृत एवं संचालित अनेक खनिज पट्टे कालम-12 में दर्ज नहीं है और खनिज पट्टों को खसरा के कालम नंबर-12 में दर्ज करने हेतु खनिज अधिकारी द्वारा सूचित करने के पश्चात आज भी दर्ज नहीं किया जाता है? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या पन्ना और कटनी जिले में स्वीकृत एवं संचालित ऐसे सभी खनिज पट्टों को जो खसरा के कालम-12 में दर्ज नहीं है उनको समय नियत कर शीघ्रता से खसरा के कालम -12 में दर्ज करने के आदेश किए जायेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) जी हाँ। सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशों के अनुक्रम में शासकीय सेवकों द्वारा निरीक्षण रोस्टर एवं भ्रमण डायरी का सक्षम अधिकारी द्वारा अनुमोदित कराकर दौरा भ्रमण डायरी के अनुसार निर्धारित तारीखों एवं स्थानों पर किया गया हैं। अन्य जानकारी संकलित की जा रही है। (ख) जी हाँ। कटनी जिला अंतर्गत वर्तमान में क्रियाशील 36 खदानें दर्ज कराई गई हैं। पन्ना जिले में क्रियाशील 93 खदानों को नियमानुसार राजस्व अभिलेख में दर्ज कराया जा रहा हैं। (ग) सक्षम राजस्व न्यायालय के आदेश प्राप्त होने पर राजस्व अभिलेख में दर्ज करने की कार्यवाही की जाती है।
कैरोसिन विक्रय दर निर्धारण की जांच एवं कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
31. ( क्र. 577 ) श्री प्रह्लाद लोधी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा प्रश्न क्रमांक 3523 दिनांक 24/07/2019 के तारतम्य में क्या प्रश्नांकित जिलों में कैरोसिन विक्रय की दर के निर्धारण का परीक्षण किया जा चुका है? यदि हाँ, तो परीक्षण में क्या पाया गया? यदि नहीं, तो क्यों और दर निर्धारण के परीक्षण की प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही किस सक्षम प्राधिकारी द्वारा की गई? (ख) प्रश्न संदर्भित क्रमांक 3523 दिनांक 24/07/2019 के प्रश्नांश (ग) में उत्तरानुसार दोषी किन-किन अधिकारियों के विरूद्ध किस सक्षम अधिकारी के किन आदेशों से विभागीय जांच कब से प्रचलित है? (ग) प्रश्नांश (ख) प्रचलित जांच में प्रश्न दिनांक तक किस जांचकर्ता अधिकारी किन बिन्दुओं पर जांच की जा रही है अथवा की गई है और वर्षों से विभागीय जांच लंबित होने का क्या कारण है? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य मे क्या कैरोसिन विक्रय के दर निर्धारण की अनियमितता जांच में सिद्ध होने एवं मनमाने तरीके से कैरोसिन विक्रय की दर के निर्धारण का परीक्षण और दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही को जानबूझकर लंबित रखने का संज्ञान लेकर नियत अवधि में कार्यवाही पूर्ण करने के आदेश संबंधित शासकीय सेवकों को दिये जाएंगे? यदि हाँ, तो किस प्रकार और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( डॉ. गोविंद सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जाति एवं मूल निवास प्रमाण पत्र की जांच
[चिकित्सा शिक्षा]
32. ( क्र. 586 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या चन्द्रप्रकाश मीना पिता श्री रामनारायण मीना निवासी नलखेड़ा तह. बैरसिया जिला भोपाल द्वारा गांधी मेडिकल कालेज भोपाल में अनुसूचित जनजाति कोटे से एम.बी.बी.एस. प्रथम वर्ष में वर्ष 1998 में प्रवेश लिया है? (ख) यदि हाँ, तो उसके द्वारा जाति प्रमाण पत्र तथा मूल निवासी किस आधार पर किस प्रदेश से बनवाया गया है? क्या उसकी जांच आदिम जाति तथा अनुसूचित जन जाति विभाग से जांच कराई गई यदि नहीं, तो क्यों? कब तक जांच कराई जावेगी? (ग) उक्त प्रमाण पत्र की जांच उपरांत मीना के विरूद्ध समस्त प्रकरण की जांच एस.टी.एफ. से कराई जावेगी यदि हाँ, तो कब तक प्रकरण एस.टी.एफ. को सौंप दिया जावेगा यदि नहीं, तो क्यों कारण बतावें?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी हाँ। (ख) चन्द्रप्रकाश मीना द्वारा मूल निवासी प्रमाण-पत्र ग्राम जावती तहसील लटेरी जिला विदिशा मध्यप्रदेश से वर्ष 1997 में बनवाया गया था। जाति प्रमाण पत्र के सत्यापन हेतु अधिष्ठाता, चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल द्वारा तहसीलदार तहसील लटेरी जिला विदिशा को पत्र क्रमांक 7256 दिनांक 29 फरवरी, 2020 को सत्यापन हेतु पत्र लिखा गया है। (ग) जांच के उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।
योजनांतर्गत कराये गये कार्य
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
33. ( क्र. 596 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत किन-किन ग्रामों में जीर्णोद्वार योजना के तहत विगत 02 वर्षों में स्वीकृत योजनाएं एवं इनमें किस निर्माण एजेन्सी द्वारा कार्य कराया गया है? कार्य की लागत सहित बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना से कितने ग्रामों को पेयजल प्राप्त हो रहा है एवं कितनी योजनाएं बंद है व कार्य पूर्ण कराकर कितनी ग्राम पंचायतों को हैण्डओवर किया गया है एवं कितनी शेष है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के अनुसार है। (ख) सिवनी विधानसभा क्षेत्र में 101 ग्रामों में वर्तमान में योजना से पेयजल प्राप्त हो रहा है एवं 26 ग्रामों की योजनाएं बंद है। सभी 127 नल-जल योजनाएं पूर्व से ही ग्राम पंचायत को हस्तांतरित है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
सिवनी जिले में बालिका सुधार गृह
[महिला एवं बाल विकास]
34. ( क्र. 597 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा केन्द्र/राज्य प्रवर्तित योजनाओं के माध्यम से निराश्रित बालिकाओं एवं महिलाओं हेतु सिवनी जिले अंतर्गत किन-किन स्थानों पर कौन-कौन से केन्द्र शासनाधीन होकर संचालित किये जा रहे है? (ख) उक्त जिले के अंतर्गत शासनाधीन होकर केन्द्र किन-किन स्थानों पर कार्यरत है? पते सहित सक्षम अधिकारी/कर्मचारियों के नाम सहित एवं वहां पर रह रही बालिकाओं एवं महिलाओं सहित जानकारी दें। (ग) क्या शासन/विभाग के शासनाधीन केन्द्रों के अतिरिक्त निजी संस्थाओं, एन.जी.ओ., सामाजिक संस्थाओं अथवा अन्य किसी और किसी माध्यम से भी उक्ताशय के कार्य किये जाते रहे हैं? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क), (ख) अंतर्गत आने वाली समस्त गतिविधियों हेतु वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में केन्द्रों पर मारपीट, दुर्व्यवहार, यौन प्रताड़ना इत्यादि कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं? उन पर क्या कार्यवाही हुई, साथ ही केन्द्रों के संचालन हेतु उपरोक्त वर्षों में वर्षानुसार कितनी बजट राशि प्राप्त होकर कितना व्यय हुआ?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( डॉ. विजय लक्ष्मी साधौ ) : (क) निराश्रित महिलाओ/बालिकाओं हेतु जिला सिवनी में कोई भी गृह संचालित न होने से वन स्टॉप सेंटर (सखी) केंद्र को फिट फेसिलिटी घोषित किए जाने से इन महिलाओं/बालिकाओं को वन स्टॉप सेंटर सिवनी में अस्थाई आश्रय सेवाएँ उपलब्ध करवाई जाती हैI (ख) सिवनी जिले में वन स्टॉप सेंटर (सखी) महिला एवं बाल विकास विभाग जिला चिकित्सालय परिसर, बारापत्थर रोड सिवनी में स्थित हैIसक्षम अधिकारी/कर्मचारियों के नाम की पूरक जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार हैI वर्तमान में कोई भी निराश्रित महिलायें/ बालिकायें निवासरत नहीं हैI (ग) जानकारी निरंक हैI
प्रदेश में सिंचित तथा असिंचित जमीन का रकबा
[राजस्व]
35. ( क्र. 615 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में दिसम्बर 2019 के अनुसार खेती योग्य कुल जमीन, उसमें से सिंचित तथा असिंचित कुल जमीन तथा पड़त जमीन का रकबा बतावें तथा बतावें कि दिसम्बर 2004 की तुलना में किस-किस में कितने प्रतिशत की कमी तथा वृद्धि हुई? (ख) क्या विभाग द्वारा अनुसूचित जाति तथा जनजाति के कृषकों की खेती योग्य कुल जमीन सिंचित तथा असिंचित एवं पड़त के रकवे का आंकड़ा एकत्रित किया जाता है? यदि नहीं, तो बतावे कि उसके बिना उस वर्ग के कृषकों की आय बढ़ाने की प्रभावी योजना कैसे बनाई जाती है? (ग) प्रदेश में प्रति कृषक वार्षिक आय वर्ष 2004-2005, 2011-2012 तथा 2019-2020 अनुसार बतावें? (घ) वर्ष 2004-2005 से 2019-2020 में जिन पाँच फसलों, में सर्वाधिक प्रतिशत वृद्धि तथा कमी हुई उनके आंकड़े क्रमानुसार उपलब्ध कराये जाय?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) आयुक्त भू-अभिलेख एवं बन्दोवस्त मध्यप्रदेश द्वारा अनुसूचित जाति तथा जनजाति के कृषकों की खेती योग्य कुल जमीन सिंचित, असिंचित व पड़त की जानकारी तैयार नहीं की जाती है। कृषकों की आय बढ़ाने हेतु योजना राजस्व विभाग द्वारा नहीं बनाई जाती है। (ग) प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय (प्रति व्यक्ति शुद्ध राज्य घरेलू उत्पाद) निम्नानुसार है:- वित्तीय वर्ष 2004-05 - रुपये 14069 (वर्ष 2004-05 के स्थिर भावों पर) वित्तीय वर्ष 2011-12 - रुपये 38497 (वर्ष 2011-12 के स्थिर भावों पर) वित्तीय वर्ष 2019-20 (अग्रिम) - रुपये 99763 (वर्ष 2011-12 के स्थिर भावों पर) (जानकारी का स्त्रोत- योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग) (घ) वर्ष 2004-05 से 2018-19 में सर्वाधिक वृद्धि तथा कमी होने वाली पाँच फसलों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। वर्ष 2019-20 की जानकारी अभी उपलब्ध नहीं है।
ग्वालियर रायरू डिस्लरी में अनियमितता
[वाणिज्यिक कर]
36. ( क्र. 617 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 5 वर्षों में रायरू डिस्टलरी ग्वालियर के फैक्ट्री प्रबंधन के द्वारा घोर अनिमितता किये जाने की शिकायत मिलने पर कलेक्टर ग्वालियर द्वारा किस दिनांक को फैक्ट्री का निरीक्षण किया गया एवं प्रबंधन के खिलाफ क्या प्रकरण दर्ज कराया था? किस प्रमाणिकता के आधार पर प्रकरण दर्ज किया गया हैं? प्रकरण क्रमांक सहित विस्तार से बतायें। (ख) क्या यह सही है कि फैक्ट्री प्रबंधन के द्वारा मानकों अनुसार डिस्टलरी का संचालन नहीं किया जा रहा है? क्या फैक्ट्री प्रबंधन के खिलाफ जो प्रकरण दर्ज किया गया है व जनहित में (स्वास्थ्य कारणों) राजस्व चोरी या अन्य अनियमितताओं की वजह से किया गया है? (ग) क्या डिस्टलरी में अमानक स्तर की मदिरा पदार्थ बनाई जा रही है? यदि हाँ, तो क्या स्थानीय प्रशासन या विभाग द्वारा रायरू डिस्टलरी के सील्ड किया गया है? क्या फैक्ट्री प्रबंधन की लापरवाही के कारण फैक्ट्री से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थ प्रदुषण खुले में गंदा पानी खेतों में भरने से जीव जन्तुओं के द्वारा प्रदुषित जहरीला पानी पीने के उपरांत कितने राष्ट्रीय पक्षी जैसे मोरों की मृत्यु हुई थी तथा आसपास के हैण्डपम्पों में प्रदुषित जहरीला पानी का असर दिखाई दे रहा है। अमाजनों को प्रदुषित पानी पीने से विपरीत प्रभाव (बीमारियां) हो रही है। इस संबंध में फैक्ट्री प्रबंधन के खिलाफ क्या कार्यवाही हुई बतायें? क्या राष्ट्रीय पक्षी मोर के मरने का प्रकरण दर्ज किया गया है? (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 05/02/2020 को फैक्ट्री प्रबंधन की अनियमितताओं की जांच के लिये मान. मुख्यमंत्री जी को पत्र लिखा था? यदि हाँ, तो पत्र पर क्या कार्यवाही हुई।
वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) जिला मजिस्ट्रेट ग्वालियर द्वारा खाद्य एवं औषधि प्रशासन के दल के साथ दिनांक 30.04.2019 को रायरू डिस्टलरी का भ्रमण किया गया। खाद्य एवं औषधिक प्रशासन के दल प्रमुख श्री आनंद प्रकाश शर्मा आदि ने देशी मदिरा मसाला, राइस फ्लोर (लूज) कापी मीस्ट (पेक्ड) Novazyme Saczyme Plus (लूज) Mash of rice flour (लूज) के विहित विधि से 05 सेम्पल लिये गये उपरोक्त सेम्पल राज्य परीक्षण, प्रयोगशाला खाद्य एवं औषधिक प्रशासन भोपाल म.प्र. को प्रेषित किये गये। प्रयोगशाला से प्राप्त रिपोर्ट अनुसार देशी मदिरा मसाला मिथ्या छाप की बतायी गयी एवं राइस फ्लोर लूज अवमानक प्रतिवेदित की गई। इस आधार पर न्याय निर्णयन अधिकारी ग्वालियर के न्यायालय में प्रकरण दायर किया गया है। जो प्र.क्र. 50/2019 पर दर्ज होकर प्रचलित है। (ख) मानकों अनुसार डिस्टलरी का संचालन किया जा रहा है तथापि खाद्य एवं औषधिक प्रशासन के दल प्रमुख श्री आनंद प्रकाश शर्मा आदि ने देशी मदिरा मसाला, राइस फ्लौर (लूज) कापी मीस्ट (पेक्ड) Novazyme Saczyme Plus (लूज) Mash of rice flour (लूज) के विहित विधि से 05 सेम्पल लिये गये, उपरोक्त सेम्पल राज्य परीक्षण, प्रयोगशाला खाद्य एवं औषधिक प्रशासन भोपाल म.प्र. को प्रेषित किये गये। प्रयोगशाला से प्राप्त रिपोर्ट अनुसार देशी मदिरा मसाला मिथ्या छाप की बतायी गयी एवं राइस फ्लोर लूज अवमानक प्रतिवेदित की गई। इस आधार पर न्याय निर्णयन अधिकारी ग्वालियर के न्यायालय में प्रकरण दायर किया गया है। जो प्र.क्र. 50/2019 पर दर्ज होकर प्रचलित है। (ग) जी नहीं। ग्राम निरावली जिला ग्वालियर में दिनांक 23.04.2011 को 18 मोरों की मृत्यु हुई थी। प्रथम सत्र न्यायाधीश जिला ग्वालियर के आपराधिक पुनरीक्षण क्रमांक 317/11 में पारित आदेश दिनांक 18.08.2011 के अनुसार मोरों की मृत्यु किसी रासायनिक विष से नहीं हुई है इसी प्रकार Center for wildlife forensic and Health की रिपोर्ट दिनांक 20.05.2011 के द्वारा भी मोरों की मृत्यु रासायनिक विष से होना नहीं पाया गया है। आमजनों को प्रदूषित पानी पीने से बीमारियां होने सम्बन्धी कोई प्रमाणिक रिपोर्ट आबकारी आयुक्त कार्यालय को प्राप्त नहीं हुई है। (घ) प्रश्नांश 'घ' के संदर्भ में आबकारी आयुक्त कार्यालय के पत्र क्रमांक/5 (2)/2020-21/1473 दिनांक 28.02.2020 द्वारा फेक्ट्री प्रबंधन की अनियमितताओं के संबंध में मान. मुख्यमंत्री जी कार्यालय से प्राप्त शिकायती पत्र में उल्लेखित तथ्यों की जांच कर, जांच प्रतिवेदन अभिमत सहित प्रेषित करने हेतु उपायुक्त आबकारी संभागीय उड़नदस्ता ग्वालियर को पत्र लिखा गया है। जो संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
ग्रामीण परिवहन सेवाओं का संचालन
[परिवहन]
37. ( क्र. 643 ) श्री गिर्राज डण्डौतिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्रामीण जनों की सुविधा की दृष्टि से ग्रामीण परिवहन सेवा संचालित है, यदि हाँ, तो नियम अधिनियमों की जानकारी का फोटो प्रति उपलब्ध करावे? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित ग्रामीण परिवहन सेवा हेतु अनुज्ञापन प्रदाय हेतु जाति वर्ग, बी.पी.एल., ए.पी.एल., दूरी आदि का प्रावधान हों तो बताया जावे? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के प्रकाश में परिवहन सेवा प्रारंभ से मार्च 2020 तक जिला मुरैना में कितने अनुज्ञा पत्र स्वीकृत किये गये है अनुज्ञा पत्रों की फोटो प्रति संचालक का नाम, दूरी वर्ष, दिनांक आदि सहित जानकारी दी जावे?
परिवहन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) एवं (ख) हाँ ग्रामीण जनों की सुविधा की दृष्टि से ग्रामीण परिवहन सेवा संचालित है। ग्रामीण सेवा के संबंध में निर्धारित किये गये मापदण्डों एवं अधिसूचनाओं की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। यह मुक्त योजना है। किसी वर्ग विशेष के लिए कोई कोटा निर्धारित नहीं है। (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के प्रकाश में जिला मुरैना में परिवहन सेवा प्रारम्भ से मार्च 2020 तक कुल 3 स्थाई तथा 16 अस्थाई कुल 19 परमिट जारी किये गये है। जिसमें संचालक का नाम, दूरी वर्ष, दिनांक आदि का उल्लेख है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं 'ब-1' अनुसार है।
खाद्यान्न पर्ची प्रदाय के नियम
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
38. ( क्र. 644 ) श्री गिर्राज डण्डौतिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना में कुल कितने खाद्यान्न से संबंधित हितग्राही है, संख्या बतावें, उनमें से कितने हितग्राहियों के पास खाद्यान्न पर्ची है व कितनों के पास खाद्यान्न पर्ची न होने से उन्हें खाद्यान्न नहीं मिल पा रहा है व पर्ची प्रदाय हेतु किस स्तर पर कौन-कौन दोषी है? (ख) क्या विभाग द्वारा खाद्यान्न पर्ची प्रदाय हेतु नीति, नियम, निर्देश आदि जारी किये गए हैं यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध करावे? (ग) खाद्यान्न पर्ची प्रदाय हेतु शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में कौन-कौन अधिकारी अधिकृत है व साथ में क्या-क्या कागजात प्रस्तुत करने का प्रावधान है?
खाद्य मंत्री ( डॉ. गोविंद सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
किसान सम्मान योजना के तहत किसानों को प्राप्त राशि
[राजस्व]
39. ( क्र. 653 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केन्द्र सरकार की प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के तहत प्रदेश द्वारा अभी तक कितने किसानों का डाटा केन्द्र को भेजा गया है? शेष किसानों का डाटा कब तक भेज दिया जावेगा? विलम्ब के क्या कारण हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार योजनांतर्गत अभी तक प्रति किस्त कुल कितने किसानों के खातों में, कितनी राशि प्राप्त हुई? किस्तवार अलग-अलग बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार योजनांतर्गत भेजी गई सूची में लापरवाही के कारण वंचित हुए किसानों को शामिल कराने हेतु सरकार की क्या योजना है?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) केन्द्र सरकार की प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के तहत प्रदेश के द्वारा दिनांक 06/03/2020 तक की स्थिति में 6099655 किसानों की जानकारी आगामी कार्यवाही हेतु उपलब्ध है। शेष पात्रता परीक्षण एक सतत् प्रक्रिया है जिसके तहत जानकारी लगातार प्रेषित की जा रही है। अत: विलम्ब का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश (क) दिनांक 06/03/2020 की स्थिति में पी.एम. किसान पोर्टल पर उपलब्ध जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) कोई लापरवाही नहीं हुई है। पात्रता परीक्षण एवं त्रुटि सुधार एक सतत् प्रक्रिया है, जिसकी कार्यवाही लगातार की जा रही है।
राजस्व व नजूल भूमियों का सत्यापन
[राजस्व]
40. ( क्र. 678 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम जिला अंतर्गत शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में राजस्व एवं नजूल विभाग की सैकड़ों हेक्टेयर भूमियां खुली एवं रिक्त पड़ी है? (ख) यदि हाँ, तो क्या अनेक स्थानों पर भिन्न-भिन्न कार्य किये जाने हेतु अनुबंध कर लीज पर राजस्व भूमियां तथा नजूल भूमियों पर दुकान, मकान, गोडाउन इत्यादि स्थापित है? (ग) यदि हाँ, तो शासन/विभाग द्वारा अपनी राजस्व एवं नजूल संपत्तियों का संधारण समय-समय पर अपनी संधारण पंजियों में वर्षवार नियमानुसार स्थल निरीक्षण कर भौतिक सत्यापन किया जाकर सूचीबद्ध किया गया है? (घ) विगत वर्षों के शासन काल में विशेषकर जिनिंग फैक्ट्री कार्यों तथा ऑईल मिल इत्यादि जैसे औद्योगिक कार्यों हेतु भूमियां लीज पर दी गई थी जिन पर वर्तमान में उल्लेखित प्रकार के कार्य बंद होकर नहीं किये जा रहे एवं स्थलों पर कॉलोनी, मकान, दुकान इत्यादि अतिक्रमण कर लिये गये है शासन/विभाग ने क्या-क्या कार्यवाही की?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भुत नहीं होता है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विभागीय कार्यों में पंजीकृत वाहन
[परिवहन]
41. ( क्र. 679 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले में कुल कितने व्यवसायिक वाहन किन-किन कार्यों हेतु पंजीकृत होकर संचालित किये जा रहे है? संपूर्ण जिले की ब्लाकवार जानकारी दें। (ख) क्या व्यवसायिक वाहनों में यात्रियों के परिवहन वाहन एवं लोडिंग परिवहन वाहन पर अलग-अलग दरों से कर लागू होता है तो इस प्रकार के कार्यों हेतु कितने वाहन पंजीकृत होकर संचालित है? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) में उल्लेखित प्रकार के वाहनों के अलावा भी कोई पंजीयन किया जाता है तो बताएं तथा उक्त वाहनों पर वर्ष 2015-16 से लेकर प्रश्न दिनांक तक कुल कितना कर (राजस्व) बकाया है? संपूर्ण जिले में किस-किस प्रकार के पंजीकृत वाहनों पर कितना बकाया शेष होकर कितनी वसूली हुई साथ ही क्या यात्री परिवहन वाहन अनुबंधित निर्धारित मार्गों पर नियमानुसार संचालित किये जा रहे? ग्रामीण क्षेत्रों के नाम पर एक परमिट पर अन्य वाहन भी अन्य मार्गों पर संचालित हो रहे तो इस हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई?
परिवहन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।
नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाना
[महिला एवं बाल विकास]
42. ( क्र. 694 ) श्री शिवदयाल बागरी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पन्ना जिला में वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितने आंगनवाड़ी केन्द्र खोले गये है? नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने के क्या प्रावधान है? (ख) पन्ना जिले मे वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक किस आंगनवाड़ी केन्द्र में कितनी बच्चों की संख्या दर्ज थी आंगनवाड़ी केन्द्रवार बतावे? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा क्षेत्र में भ्रमण के दौरान यह पाया गया कि आंगनवाड़ी केन्द्रों में बच्चों की संख्या दर्ज बच्चों की संख्या की तुलना में नगण्य रहती है, इसके लिये कौन उत्तरदायी है? (घ) क्या अधिकारियों की मिली भगत से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को पोषण आहार न बांटने का संरक्षण प्राप्त है? यदि नहीं, तो जिले के प्रशासनिक अधिकारियों एवं विधायक के भ्रमण के दौरान आंगनवाड़ी केन्द्र न खुलने व बच्चों की उपस्थिति संख्या कम होने का क्या कारण है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( डॉ. विजय लक्ष्मी साधौ ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में पन्ना जिले में कोई नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र नहीं खोला गया है। नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने की स्वीकृति भारत सरकार द्वारा प्रदान की जाती है। भारत सरकार द्वारा निर्धारित जनसंख्या मापदण्डों के अनुसार ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में 400 से 800 की जनसंख्या पर 01 तथा आदिवासी क्षेत्रों में 300 से 800 की जनसंख्या पर 01 आंगनवाड़ी केन्द्र तथा इसके पश्चात प्रत्येक 800 की आबादी पर 01 आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने का प्रावधान है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-(अ) अनुसार है। (ग) पन्ना जिले में आंगनवाड़ी केन्द्रों में दर्ज एवं उपस्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-(ब) अनुसार है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र (ब) में उल्लेखित सर्वे के विरूद्ध लाभार्थी बच्चों की तुलनात्मक संख्या नगण्य न होने से शेष का प्रश्न नहीं। (घ) जी नहीं, किसी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालन के संबंध में शिकायत प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है तथापि किसी आंगनवाड़ी केन्द्र में अपरिहार्य परिस्थितियों (यथा-परिवारों का अस्थाई पलायन, सामाजिक उत्सव, बीमारी, मौसम आदि) के कारण बच्चों की उपस्थिति कम हो सकती है।
खाद्यान पर्ची का वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
43. ( क्र. 695 ) श्री शिवदयाल बागरी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नागरिकों की सुविधाओं एवं खाद्य आपूर्ति हेतु विभिन्न श्रेणी के उपभोक्ताओं को पर्ची जारी किये जाने का प्रावधान है? यदि बी.पी.एल. कार्ड धारक उपभोक्ता को किसी कारणवश खाद्यान पर्ची जारी नहीं की गई है, तो क्या उसे खाद्यान दिये जाने हेतु वैकल्पिक व्यवस्था बावत् विभाग द्वारा निर्देश जारी किये गये हैं? प्रावधनों की प्रतियां उपलब्ध करावें तथा किन-किन श्रेणी के उपभोक्ताओं को पर्ची जारी किये जाने के निर्देश हैं? (ख) खाद्यान्न गुनौर विधान सभा क्षेत्र में पूर्व वित्तीय वर्ष से प्रश्न दिनांक तक पर्ची जारी न करने के लिए कौन दोषी है? दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या विक्रेता राशन दुकान द्वारा पात्र बी.पी.एल.कार्ड धारक को कार्ड होने के बावजूद खाद्यान प्रदाय न करने पर विक्रेता के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी यदि हाँ, तो कब तक बतावे? (घ) प्रश्नांश ''ग'' के अनुसार विधान सभा क्षेत्र गुनौर में पूर्व वित्तीय वर्ष से प्रश्न दिनांक तक खाद्यान्न वितरण से संबंधित कितनी शिकायतें विभिन्न माध्यमों से प्राप्त हुई? प्राप्त शिकायत में से कितनी शिकायतों की जांच करवाई गई एवं कितने शिकायतें सही पाई गई एवं उन पर क्या कार्यवाही की गई? शिकायतवार बतावें।
खाद्य मंत्री ( डॉ. गोविंद सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
उपभोक्ता अदालतों में स्वास्थ बीमा के प्रकरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
44. ( क्र. 722 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2017 के पश्चात इंदौर, उज्जैन, भोपाल संभाग की उपभोक्ता अदालतों में स्वास्थ बीमा से सम्बन्धित कितने प्रकरण प्रकाश में आये, इन प्रकरणों में 2017 के पश्चात प्रतिवर्ष कितने-कितने प्रतिशत की वृद्धि हुई, कितने प्रकरणों में उपभोक्ता के पक्ष में माननीय न्यायालय द्वारा निर्णय दिया गया यह कुल दर्ज प्रकरण का कुल कितना प्रतिशत है? (ख) क्या गत 5 वर्षों में उपभोक्ता अदालतों में स्वास्थ बीमा कम्पनियों के खिलाफ 50% से ज्यादा की वृद्धि हुई है प्रदेश में विभिन्न निजी स्वास्थ बीमा कंपनियां प्रदेश के नागरिकों को आकर्षक प्लान बताकर उनसे 4 गुना ज्यादा पैसे वसूल रही है और राशि भुगतान के समय नियमों का बहाना बनाकर उपभोक्ताओं को राशि भुगतान नहीं करती जिससे उपभोक्ता ठगा महसूस करता है ऐसे प्रकरण में उपभोक्ता संरक्षण विभाग म.प्र. ने उपभोक्ताओं को न्याय दिलाने के लिए क्या कोई योजना तैयार की है क्या उक्त प्रकरणों में उपभोक्ताओं को न्याय दिलाने के लिए और कठोर नियम बनाए जाएंगे, यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या उक्त संभागों की उपभोक्ता प्रकरण अधिक होने से तहसील स्तर पर भी उपभोक्ता न्यायालयों की आवश्यकता महसूस की जा रही है यदि हाँ, तो कितने प्रकरणों के बाद नई न्यायालय खोले जाने का प्रावधान है क्या सप्ताह में 2 दिन तहसील स्तर पर न्यायालय खोले जाने का निर्णय विभाग के पास लंबित है?
खाद्य मंत्री ( डॉ. गोविंद सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
समूह नल जल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
45. ( क्र. 735 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में कितनी समूह पेयजल योजना है और ये किन-किन स्त्रोत पर बनाई गई है एवं कितनी योजनायें स्वीकृत हैं या डी.पी.आर. के लेविल पर विभाग के पास प्रस्तावित हैं? (ख) क्या विगत समय में विभाग द्वारा खातेगांव कन्नौद एवं सतवास तहसील के समस्त गांवों के लिये नर्मदा नदी से समूह पेयजल योजना की डी.पी.आर. तैयार करवाई गई थी? यदि हाँ, तो बतायें। (ग) इस योजना की स्वीकृति हेतु अनुमानित कितनी लागत आने की संभावना है? क्या वित्तीय अभाव के कारण यह योजना स्वीकृत नहीं हो पा रही है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जी हाँ, खातेगांव एवं कन्नौद विकासखण्ड के 324 ग्रामों हेतु नर्मदा नदी स्त्रोत आधारित योजना की डी.पी.आर. तैयार करवायी गयी है, इस योजना में सतवास तहसील के ग्राम सम्मिलित नहीं हैं। (ग) खातेगांव एवं कन्नौद विकासखण्ड के 324 ग्रामों हेतु नर्मदा स्त्रोत आधारित योजना की अनुमानित लागत रू. 480.81 करोड़ है। योजना हेतु वित्तीय संयोजन होने पर स्वीकृति जारी की जाती है वर्तमान में वित्तीय संयोजन अपेक्षित है।
खरीदी में अनियमितता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
46. ( क्र. 761 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2017 से प्रश्न दिनांक तक अनूपपुर जिले में धान खरीदी केन्द्रों की संख्या व स्थान कौन-कौन से हैं? कितने किसानों द्वारा धान क्रय किया गया, कितने को रसीद प्रदान की गई? कौन-कौन से खरीदी केन्द्रों पर खरीदी में अनियमितता संबंधी शिकायत मिली तथा संबंधितों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही हुई? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित धान खरीदी केन्द्रों के क्या कुछ धान खरीदी केन्द्रों के स्थान परिवर्तित किये गये हैं? यदि हाँ, तो स्थान परिवर्तन की वजह बतावें। शासन के खरीदी केन्द्र स्थापित करने के तथा उन्हें परिवर्तित करने के प्रचलित नियम क्या हैं? नियमों की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित खरीदी केन्द्र को परिवर्तित करने में क्या नियम का पालन किया गया है? यदि नहीं, तो उक्त अवधि में जो खरीदी केन्द्र परिवर्तित किये गये हैं उनकी जांच कराई जाकर पुन: पूर्व के स्थान पर खरीदी केन्द्र स्थापित किया जावेगा? (घ) क्या वर्ष 2017-18 में धान खरीदी केन्द्र, छिल्पा में कार्यरत सेल्समेन क्रांतिदास पटेल ने धान खरीदी में अनियमितताओं के चलते आत्महत्या की थी? यदि हाँ, तो मृतक के परिजनों को आज दिनांक तक क्या सरकारी सुविधा मुहैया कराई गई? क्या उक्त घटना की निष्पक्षता से जांच कराई जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
खाद्य मंत्री ( डॉ. गोविंद सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विभाग द्वारा किये जाने वाले कार्य
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
47. ( क्र. 778 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा उज्जैन जिले में विगत 1 जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक विभिन्न योजनाओं में किये गये कार्यों की सूची आवंटन/बजट एवं व्यय के साथ मदवार उपलब्ध कराई जावें। (ख) विगत 1 जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत कार्यों की प्रगति की वर्तमान स्थिति विधानसभा क्षेत्रवार एवं मदवार प्रस्तुत करें। (ग) विगत 1 जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक लंबित कार्यों की सूची लंबित रहने के कारणों सहित विधानसभा क्षेत्रवार एवं मदवार उपलब्ध कराए तथा उक्त अवधि में प्राप्त शिकायतों एवं उनके निराकरण की जानकारी भी उपलब्ध करावें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 एवं 10 के अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 एवं 11 के अनुसार है। (ग) लंबित कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-8, 9 एवं 11 के अनुसार है। कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
नवीन बी.पी.एल. राशन कार्डों की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
48. ( क्र. 780 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खुरई विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत खुरई एवं मालथौन तहसील में जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक कितने बी.पी.एल. श्रेणी के उपभोक्ताओं के नवीन राशन कार्ड बनाए गए? उक्त राशन कार्डों के आधार पर कितने उपभोक्ताओं को राशन पर्ची जारी कर दी गई? तहसील व पंचायतवार जानकारी दें। (ख) क्या शासन द्वारा समस्त बी.पी.एल. उपभोक्ताओं को नवम्बर, 2019 तक राशन पर्ची जारी करने का कार्य पूर्ण करने के निर्देश थे?
खाद्य मंत्री ( डॉ. गोविंद सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मुरूम, बोल्डर, पत्थर एवं रेत का अवैध उत्खनन
[राजस्व]
49. ( क्र. 782 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर जिले की खुरई तहसील अंतर्गत खुरई-पठारी मार्ग पर ग्राम महूनाजाट में विभागीय लापरवाही से करीब एक वर्ष से हैवी मशीनों के द्वारा अत्यधिक मात्रा में मुरूम, बोल्डर एवं पत्थर का अवैध रूप से उत्खनन लगातार जारी है? क्या उक्त अवैध उत्खनन के कारण करीब 20-22 हेक्टेयर में फैला पहाड़ी क्षेत्र मैदान में परिवर्तित हो चुका है? (ख) क्या सागर जिला अंतर्गत बीना तहसील के ग्राम सतौरिया एवं आस-पास के 4-5 किलोमीटर क्षेत्र में बीना नदी से हैवी मशीनरी के माध्यम से अवैध रूप से रेत खनन का कार्य भी अत्यधिक मात्रा में करीब एक वर्ष से लगातार जारी है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार यदि हाँ, तो इस संबंध में विभाग द्वारा अब तक की गई कार्रवाई का ब्यौरा दें?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) खुरई-पठारी मार्ग पर ग्राम जाट में रनगढ़ पहाड़ में स्थानीय लोगों द्वारा घरेलू कार्य एवं ग्राम पंचायत द्वारा पंचायती कार्य हेतु लंबे समय लगभग 15 वर्षों से मुरम, बोल्डर, पत्थर का उत्खनन कर प्रयोग में लाया जाता रहा है मौके पर लोगों द्वारा बताया गया कि इसके अलावा शासकीय निर्माण कार्यों में उक्त रनगढ़ पहाड़ की मुरम, बोल्डर, पत्थर को उपयोग किया गया है एवं मौके पर पटवारी द्वारा जांच करके बताया गया कि उक्त पहाड़ का खसरा क्रमांक-197/1 एवं 197/02 है। जिसमें न्यायालय कलेक्टर सागर के राजस्व प्रकरण क्रमांक-02/अ-19 (3) 2015-16 आदेश दिनांक 05/10/2015 के परिपालन में रकवा 4.30 हेक्टयर भूमि का उपयोग ईट-भट्टों/ईट निर्माण हेतु प्रजापति समाज के आरक्षित किया गया है। इसी प्रकार खसरा न. 197/1 में M/s VVC Real Infra Pvt Ltd कंपनी को रेलवे कार्य हेतु खनिज मुरम के उत्खनन हेतु आदेश क्रमांक 1573/खनिज/2019 सागर दिनांक 18/11/2019 के माध्यम से 1.00 हेक्टेयर क्षेत्र में अस्थायी अनुज्ञा भी जारी की गयी है। मौके पर जांच के दौरान यह तथ्य भी सामने आया है कि रनगढ़ पहाड़ के तलहटी में आंशिक उत्खनन है एवं 20-22 हेक्टेयर में फैला पहाड़ी क्षेत्र मैदान में परिवर्तित नहीं हुआ है। मौके पर वर्तमान में कोई भी उत्खनन करते हुये नहीं पाया गया है। (ख) जिला सागर की तहसील बीना के ग्राम सतौरिया के आस-पास के 4-5 किलोमीटर क्षेत्र में बीना नदी में रेत अवैध उत्खनन के 10 प्रकरण बनाये गये है। जिनमें नियमानुसार अर्थदण्ड एवं वाहन/मशीन राजसात की कार्यवाही की गई है। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार रेत के अवैध उत्खनन के 10 प्रकरणों में से 08 प्रकरणों का निराकरण कर लिया गया हैं। जिसमें 01 प्रकरण में शास्ति राशि 45000/- रूपये वसूल की गई है एवं शेष 07 प्रकरणों में 01 जे.सी.बी. मशीन, 02 पोकलेन मशीन, 05 वोट मशीन, 05 ड्रटूनल पाईप, 03 लोहा पाईप को राजसात किया गया है। शेष 02 प्रकरण न्यायालय कलेक्टर जिला सागर में प्रचलन में हैं।
अतिवृष्टी से नुकसान की खरीफ फसल का मुआवजा
[राजस्व]
50. ( क्र. 801 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2019-20 में अतिवृष्टि से खरीफ फसलों के हुये नुकसान का मुआवजा राशि का आंकलन किस दर से किया गया है? (ख) प्रश्नांश ''क'' में दर्शित मुआवजा राशि का मात्र 25 प्रतिशत का भुगतान कृषकों को किया गया है शेष राशि का भुगतान कब तक कर दिया जावेगा? (ग) क्या जिला आगर अंतर्गत अतिवृष्टि से किसानों की खरीफ फसल के नुकसान की मुआवजा राशि का 100 प्रतिशत भुगतान कर दिया गया है? यदि हाँ, तो मध्यप्रदेश के शेष जिलों का क्यों नहीं किया गया?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) वर्ष 2019-20 में अतिवृष्टि से खरीफ फसलों के हुये नुकसान का मुआवजा राशि का आंकलन मध्यप्रदेश राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 में निहित प्रावधानों के तहत किया गया है। (ख) प्रभावित कृषकों को 25 प्रतिशत मुआवजा राशि का भुगतान कर दिया गया है। बजट उपलब्ध होते ही शेष 75 प्रतिशत राशि का भुगतान कर दिया जावेगा। (ग) जिला आगर अंतर्गत अतिवृष्टि/बाढ़ से प्रभावित कुछ कृषकों को 100 प्रतिशत राहत राशि का भुगतान किया गया है। मानसून वर्ष 2019 में जिला आगर, मंदसौर एवं नीमच में प्रदेश की सर्वाधिक वर्षा दर्ज हुई एवं अतिवृष्टि से सर्वाधिक क्षति प्रतिवेदित हुई है। अत: उक्त तीनों जिलों में वृहद स्तर पर जनहानि/पशुहानि/फसल हानि आदि के कारण तत्काल सहायता राशि का वितरण प्रारम्भ किया गया था। कालांतर में बजट उपलब्धता के आधार पर यह निर्णय लिया गया कि वितरण हेतु प्रभावित जिलों में शेष बची राहत राशि के भुगतान की प्रक्रिया किस्तों में प्रथम किस्त 25 प्रतिशत के मान से की जाये।
दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
[महिला एवं बाल विकास]
51. ( क्र. 813 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला राजगढ़ अन्तर्गत किन-किन योजनाओं के तहत किस-किस मद में कितना- कितना आवंटन प्राप्त हुआ है? कितनी-कितनी राशि व्यय की गई तथा कितनी राशि का उपयोग नहीं किया गया कारण सहित वर्ष 2017-18 से 2019-20 में प्रश्न दिनांक तक की जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश ''क''अनुसार किन-किन योजनाओं के प्रचार-प्रसार में शिविरों के आयोजन, प्रशिक्षण कार्यक्रम तथा अन्य कार्यक्रमों में कितनी राशि व्यय की गई वर्षवार योजनावार गतिविधिवार व्यय राशि की जानकारी से अवगत करावें? (ग) प्रश्नांश ''क'' अनुसार हितग्राहीमूलक कौन-कौन सी योजनाओं के तहत कितने-कितने हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया, कितनी-कितनी अनुदान राशि प्रदाय की गई? कितनी अनुदान राशि का हितग्राहियों को भुगतान करना क्यों शेष है? (घ) प्रश्नांश ''क'' अनुसार वर्ष 2019-20 में प्रश्न दिनांक तक लाड़ली लक्ष्मी योजना अन्तर्गत कितने हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है? ग्रामवार, नगर में वार्डवार लाभान्वित हितग्राहियों की संख्यात्मक जानकारी देवें? यदि नहीं, तो शासन जनहितैषी योजना के बन्द करने के कारण से अवगत करावें? (ड़) प्रश्नांश''क'' अनुसार आंगनवाड़ी केन्द्रों पर गोदभराई कार्यक्रम, महिला सशक्तिकरण प्रशिक्षण, किशोर शक्ति योजना एवं जागरूकता आदि कार्यक्रमों में कितनी राशि व्यय की गई? माहवार, विकासखण्डवार जानकारी देवे? क्या योजनाओं में राशि के दुरूपयोग किये जाने पर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( डॉ. विजय लक्ष्मी साधौ ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -03 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-04 अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-05 अनुसार है। राशि के दुरूपयोग के संबंध में अभी तक कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अत: कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता है।
तहसील स्तर पर लंबित प्रकरण
[राजस्व]
52. ( क्र. 820 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तहसील छतरपुर अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक फौती नामांतरण, सीमांकन, अविवादित बंटवारे, नामांतरण, खसरा सुधार, बरिसाना आदि के कितने प्रकरण कब से लंबित है? लंबित होने के क्या कारण है? ग्रामवार संख्यात्मक जानकारी पृथक-पृथक प्रदाय करें। उपरोक्त सभी प्रकरण कितनी समय-सीमा में निराकृत किए जाने के निर्देश हैं? (ख) प्रश्नांश "क" के अनुक्रम में ऐसे कौन-कौन से प्रकरण हैं, जिनमे सक्षम अधिकारी के द्वारा आदेश करने के बाद भी निराकरण नहीं हुआ. ऐसा किस कारण हुआ? क्या यह विधि अनुरूप है?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) छतरपुर जिले की तहसील अंतर्गत फौती नामांतरण 212, अन्य नामांतरण 1688 सीमांकन 52, अविवादित बंटवारे निरंक, रिकार्ड सुधार के 25 प्रकरण लंबित है।
मद |
लंबित प्रकरणों की अवधि |
||||
3 माह |
3 से 6 माह |
6 माह से 1 वर्ष |
1 से 2 वर्ष |
2 से 3 वर्ष |
|
सीमांकन |
13 |
0 |
39 |
0 |
0 |
नामांतरण |
1765 |
0 |
135 |
0 |
0 |
रिकार्ड सुधार |
0 |
0 |
0 |
25 |
|
उपयुक्त प्रकरणों में साक्ष्य, सही पता न होने, आपत्ति प्राप्त होने पर अथवा जवाब प्राप्त न होने के कारण लंबित है। ग्रामवार संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। सीमांकन प्रकरण में 30 कार्य दिवस, अविवादित नामांतरण प्रकरण में 60 कार्य दिवस, विवादित नामांतरण प्रकरण में छ: माह, अविवादित बंटवारे प्रकरण में 30 कार्य दिवस की समय-सीमा निर्धारित है। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में सक्षम अधिकारी के द्वारा आदेश करने के बाद निराकरण नहीं हुआ ऐसा कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं का मानदेय
[महिला एवं बाल विकास]
53. ( क्र. 840 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश के सुदूर ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में कुल कितनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाएं कार्यरत हैं? क्या प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न विभागों की जनकल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन इन्हीं कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं के माध्यम से कराया जा रहा है? (ख) क्या विभाग के द्वारा इन आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं की सुविधा हेतु स्मार्ट फोन एवं साइकिल प्रदाय करने संबंधी कार्यवाही प्रस्तावित की गई है? यदि हाँ, तो क्या इस प्रकार यंत्र एवं उपकरण प्रदाय करने से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं की मानदेय संबंधी समस्या का निराकरण हो जावेगा? (ग) क्या प्रदेश सरकार ने इन आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं के सम्मानजनक मानदेय एवं रोजगार को स्थायी किये जाने संबंधी प्रावधान प्रस्तावित किया है? यदि हाँ, तो कब तक लागू किये जाने की संभावना है? यदि नहीं, तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( डॉ. विजय लक्ष्मी साधौ ) : (क) प्रदेश के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में कुल 96274 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/मिनी कार्यकर्ता तथा 83442 सहायिकायें कार्यरत है। प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न विभागों की जनकल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं के माध्यम से नहीं कराया जा रहा है। (ख) विभाग द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिये स्मार्ट फोन प्रदाय किये जाने संबंधी कार्यवाही प्रक्रियाधीन है तथा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं को साईकिल प्रदाय किये जाने की कार्यवाही प्रस्तावित की गई है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिकाओं को स्मार्ट फोन एवं साईकिल प्रदाय किये जाने का मानदेय संबंधी समस्याओं से कोई सबंध नहीं है। (ग) जी नहीं। अतः शेष का प्रश्न नहीं। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं को दिये जाने वाले मानदेय का निर्धारण भारत सरकार द्वारा किया जाता है तथा वर्तमान में भारत सरकार द्वारा निर्धारित मानदेय प्रदेश की आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं को प्रदाय किया जा रहा है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका का पद मानसेवी होने से इन्हें स्थायी कर्मचारी के रूप में मान्य नहीं किया जा सकता है।
आवासीय भूमि का डायवर्सन
[राजस्व]
54. ( क्र. 880 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भूमि स्वामी द्वारा अपनी आवासीय भूमि का डायवर्सन होने के उपरांत निर्मित सम्पत्ति का उपयोग व्यवसायिक उद्देश्य से होने पर किस दर से टेक्स जमा किया जावेगा नियम निर्देश की छायाप्रति प्रदान करने का कष्ट करें। (ख) भूमि स्वामी (पक्षकार) द्वारा टेक्स की राशि जमा करने के उपरांत भूमि स्वामी को कितने दिन के अंदर डायवर्सन आदेश की प्रति प्रदान किये जाने के नियम हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) आवासीय प्रयोजन से व्यावसायिक प्रयोजन में व्यपवर्तित होने पर भूमि पर भू राजस्व का निर्धारण नियम 3 एवं 5 तथा प्रीमियम का निर्धारण नियम 7 के अधीन निर्धारित दरों के अनुसार किया जाता है म.प्र. राजस्व संहिता (भू-राजस्व का निर्धारण तथा पुनर्निर्धारण) नियम 2018 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) टैक्स की राशि जमा करने के उपरांत नियम निर्देशों की कडिण्का 13 (2) के अनुसार कार्यवाही की जाएगी जिसमें डायवर्सन आदेश जारी किया जाना अपेक्षित नहीं है।
नक्शा विहीन ग्रामों की जानकारी
[राजस्व]
55. ( क्र. 884 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बिजावर विधानसभा क्षेत्र में कितने गांव है जिनका राजस्व अभिलेख में नक्शा उपलब्ध नहीं है सूची प्रदाय करे। (ख) प्रश्नांश "क" के अनुक्रम में उपरोक्त गांव कब से नक्शा विहीन हे. नक्शा बनाने हेतु शासन द्वारा क्या प्रयास किये गए? कब तक नक्शा बनाया जा सकेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) बिजावर विधानसभा के 02 ग्राम-पुरवा एवं हरपुरा के नक्शे जिला राजस्व अभिलेखागार में संधारित नहीं है। (ख) ग्राम पुरवा विगत 02 दशकों से नक्शा विहीन ग्राम था एवं ग्राम हरपुरा का नक्शा अति जीर्ण-शीर्ण स्थिति में होने के कारण कार्य योग्य नहीं था। उल्लेखनीय है कि ग्राम पुरवा का नक्शा निर्माण कर तहसील एवं हल्का पटवारी को सौंपा जा चुका है जबकि ग्राम हरपुरा के नक्शे का निर्माण/नवीनीकरण किया जा रहा है। ग्राम हरपुरा का नक्शा निर्माण कार्य पूर्ण करने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
राजस्व की भूमि का हस्तांतरण
[राजस्व]
56. ( क्र. 912 ) श्रीमती सुमित्रा देवी कास्डेकर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बुरहानपुर जिले के नेपा लिमिटेड, नेपानगर द्वारा नगर पालिका परिषद्, नेपानगर को 360 एकड़ जमीन हस्तांतरित की है? यदि हाँ, तो उक्त जमीन में राजस्व की कितनी जमीन नेपा लिमिटेड द्वारा नगर पालिका नेपानगर को हस्तांतरित की है? राजस्व भूमि के पटवारी हल्का नंबर सहित कितने एकड़ भूमि राजस्व की है? (ख) नेपा लिमिटेड नेपानगर के निर्माण के समय राजस्व विभाग द्वारा कितने एकड़ जमीन लीज पर दी गई थी? उसमें से वर्तमान में हस्तांतरित की गई 360 एकड़ जमीन में से कितने एकड़ राजस्व की हैं? क्या यह जमीन नियमानुसार राजस्व को दी जाना थी या नगर पालिका को स्पष्ट बतायें। (ग) क्या उक्त 360 एकड़ जमीन हस्तांतरण के संबंध में नेपा लिमिटेड नेपानगर एवं नगर पालिका परिषद, नेपानगर के बीच तथा मध्यप्रदेश सरकार एवं नेपा लिमिटेड के बीचे कोई ईकरारनामा (एग्रीमेंट) हुआ है? यदि हाँ, तो एग्रीमेंट की प्रति उपलब्ध करायें।
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ख) नेपा लिमिटेड, नेपानगर के निर्माण के समय ग्राम बीड रै. की राजस्व भूमि 189.058 एकड़ जमीन लीज पर दी गई है वर्तमान में उक्त भूमि नगर पालिका परिषद, नेपानगर को हस्तांतरित नहीं की गई है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आयुर्वेद महाविद्यालय में रीडर पद की नियुक्ति
[आयुष]
57. ( क्र. 913 ) श्रीमती सुमित्रा देवी कास्डेकर : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सत्य है कि आयुर्वेद महाविद्यालय में सी.सी.आई.एम. नियमों के अनुसार प्रोफेसर पद हेतु 10 वर्ष का अध्यापन अनुभव आवश्यक है, जिसमें 05 वर्ष का रीडर पद का अनुभव आवश्यक है? यदि हाँ, तो क्या बुरहानपुर जिले में पदस्थ डॉ. मिश्रा के पास 05 वर्ष का रीडर पद का अध्यापन अनुभव है, यदि हाँ, तो अनुभव प्रमाण पत्र की प्रति उपलब्ध कराई जाये और यदि अनुभव नहीं है तो क्या डॉ. मिश्रा को नियम के विरूद्ध सेवा में बने रहने का अधिकारी है? क्या डॉ. मिश्रा के विरूद्ध विभाग समय-सीमा में कार्यवाही करेगा? (ख) बुरहानपुर जिले में स्व. शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय बुरहानपुर की तत्कालीन प्राचार्य डॉ. रश्मि रेखा मिश्रा के विरूद्ध पैरामेडीकल छात्रों की फीस प्राप्त न कर दस्तावेज लौटाने संबंधी शिकायत की जांच क्या अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) द्वारा करायी गई थी? यदि हाँ, तो एस.डी.एम. जांच प्रतिवेदन में क्या सिद्ध हुआ है? जांच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध कराये। (ग) क्या प्रभारी प्राचार्य डॉ. दीपक कुलश्रेष्ठ द्वारा पुलिस थाना, लालबाग, बुरहानपुर में डॉ. मिश्रा के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज करने हेतु शिकायत पत्र दिया गया था? क्या थाना प्रभारी द्वारा एफ.आई.आर.दर्ज की गई थी? यदि नहीं, तो क्यों?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी हाँ, परन्तु जिस संस्था में रीडर का पद स्वीकृत नहीं हैं, उस स्थिति में व्याख्याता पद का 10 वर्ष का अध्यापन अनुभव मान्य किया गया है। जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। अनुभव प्रमाण-पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। डॉ. मिश्रा को निर्धारित नियम/प्रक्रिया के तहत नियुक्त किया गया है, अतः कार्यवाही का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ख) जी हाँ। जाँच प्रतिवेदन में शिकायत को एकपक्षीय रूप से सही ठहराया गया है। जाँच प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जी नहीं। पत्र परीक्षणाधीन है।
सूखा राहत राशि का भुगतान
[राजस्व]
58. ( क्र. 926 ) श्री नागेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले की तहसील नागौद एवं उचेहरा के कितने किसानों को वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 की सूखा राहत राशि प्रदाय की जा चुकी है और कितने किसानों का भुगतान अभी भी शेष है? तहसीलवार बतायें? (ख) भुगतान न होने का क्या कारण है? (ग) लंबित भुगतान कब तक कर दिया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) सतना जिले मे वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में तहसील नागौद में 27238 एवं तहसील उचेहरा में 16404 किसानों को सूखा राहत राशि प्रदाय की जा चुकी है। तहसील नागौद में 10660 एवं उचेहरा में 101 किसानों का भुगतान अभी शेष है। (ख) शेष प्रभावित किसानों के बैंक खाता विवरण प्राप्त न होने के कारण भुगतान नहीं हो सका है। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पेयजल की समस्या दूर करना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
59. ( क्र. 946 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रैगांव विधानसभा क्षेत्र में कितने हैण्डपम्प लगे हुये हैं इनमें से वर्तमान में कितने चालू एवं कितने बंद पड़े हैं? क्या बंद पड़े/बिगड़े हैण्डपम्पों/नलकूपों में जलस्तर नीचे चले जाने के कारण उसके अनुपात में पाईपे डाली गई हैं, यदि नहीं, तो क्यों? किन-किन ग्रामों में कितने ऐसे बिगड़े या खराब हैण्डपम्प हैं जिनमें पाइपों की कमी के कारण वह बंद पड़े हैं उनमें अतिरिक्त पाइप लाइनें कब तक डलवाई जाकर पुन: चालू करा दिया जावेगा? (ख) क्या बिगड़े या खराब हैण्डपम्पों के सुधार हेतु विभाग के पास कर्मचारी एवं सामाग्री नहीं हैं, क्या गर्मी के पूर्व क्षेत्र के बंद हैण्डपम्प, नलकूपों को चालू कराने की व्यवस्था की जावेगी अगर हाँ तो कब तक नहीं तो क्यों? (ग) विधानसभा क्षेत्र रैगॉंव में कितनी नल जल योजनायें कहाँ-कहाँ चालू हैं तथा कितनी कहाँ-कहाँ की किन कारणों से कब से बंद पड़ी हैं? ऐसी कितनी नल जल योजनायें हैं जहां पानी का स्रोत/स्तर कमजोर/नीचे होनें की बजह से गर्मी में पानी नहीं मिल पाता है इन जगहों में क्या अन्य विकल्प पर जल प्रदाय की योजना है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) रैगांव विधानसभा क्षेत्र में 3805 हैण्डपम्प लगे हुये हैं, जिनमें से 3642 चालू तथा 163 बंद हैं। जी हाँ, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) हैण्डपम्प संधारण हेतु सामग्री एवं मानव संसाधन उपलब्ध हैं, हैण्डपम्प संधारण की सतत् प्रक्रिया के अंतर्गत विभाग द्वारा साधारण खराबी से बंद हैण्डपम्पों को अधिकतम 7 दिवस में तथा वृहद सुधार कार्य वाले हैण्डपम्पों को अधिकतम 15 दिवस में मरम्मत कर चालू किया जाता है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) विधानसभा क्षेत्र रैगांव में 29 नल-जल योजनायें चालू तथा 15 योजनायें विभिन्न कारणों से बंद हैं, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। 5 नल-जल योजनायें जहां पानी का पर्याप्त स्त्रोत उपलब्ध न होने के कारण ग्रीष्मकाल में योजना से पानी नहीं मिल पाना संभावित है उन ग्रामों में जलप्रदाय व्यवस्था के अन्य विकल्प के रूप में हैण्डपम्पों से पेयजल व्यवस्था विद्यमान है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन एवं बुनियादि सुविधाएं
[महिला एवं बाल विकास]
60. ( क्र. 954 ) श्री अजय विश्नोई : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र पाटन जिला जबलपुर के तहत कितने आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं? इनमें से कितने-कितने आंगनवाड़ी केन्द्र भवनविहीन हैं? कितने आंगनवाड़ी स्वयं के तथा किराये के भवनों, में संचालित हैं? जनपद पंचायतवार सूची प्रदान करें? (ख) प्रश्नांश (क) में आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण कराने व आंगनवाड़ी केन्द्रों को किन-किन योजनान्तर्गत किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि प्रदाय की गई? कहाँ-कहाँ के आंगनवाड़ी केन्द्रों का निर्माण कब किस ऐजेन्सी से कितनी-कितनी राशि में कराया गया है तथा कहाँ-कहाँ के केन्द्रों के भवनों का निर्माण कराना स्वीकृत अथवा प्रस्तावित है? इसके लिये कितनी राशि का प्रावधान किया गया है वर्ष 2016-17 से 2019-20 की जनपद पंचायतवार जानकारी प्रदान करें? (ग) प्रश्नांकित कहाँ-कहाँ के आंगनवाड़ी केन्द्रों में बच्चों के लिये शुद्ध पेयजल, मनोरंजन के साधन, मैदान, शौचालय एवं अन्य बुनियादि सुविधाऍ नहीं है? इसके लिये जिला प्रशासन ने क्या प्रयास किये है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( डॉ. विजय लक्ष्मी साधौ ) : (क) जबलपुर जिले के विधानसभा क्षेत्र पाटन अन्तर्गत 511 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। इनमें से 246 आंगनवाड़ी केन्द्रों में विभागीय भवन नहीं है तथा 211 आंगनवाड़ी केन्द्र विभागीय भवनों में एवं 54 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में संचालित है। जनपद पंचायतवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) पाटन विधानसभा क्षेत्र में आंगनवाड़ी भवन निर्माण की योजनावार स्वीकृति संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। प्रस्तावित नवीन आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ग) विधानसभा क्षेत्र पाटन के सभी आंगनवाडि़यों के समस्त केन्द्रों में बच्चों के लिये शुद्ध पेयजल, मनोरंजन के साधन (खिलौने) बुनियादी सुविधायें उपलब्ध हैं। बच्चों के खेलने हेतु स्कूल मैदान का उपयोग किया जाता है। 24 आंगनवाड़ी भवनों में शौचालय सुविधा उपलब्ध नहीं है। शौचालय निर्माण हेतु कार्यवाही प्रचलन में है, जिसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। जिला प्रशासन के द्वारा जन-प्रतिनिधियों, समाज सेवकों एवं दानदाताओं के सहयोग से आंगनवाड़ी केन्द्रों में बच्चों के लिये आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के प्रयास किये गए है।
नल-जल योजना एवं हैण्डपम्प की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
61. ( क्र. 955 ) श्री अजय विश्नोई : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य जिला जबलपुर को किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं कितनी राशि व्यय हुई वर्ष 2017-18 से 2019-20 तक की जानकारी प्रदान करें? कितनी सामग्री की खरीदी की गई, कितनी सामग्री का उपयोग किया गया एवं कितनी सामग्री कब से बेकार पड़ी हुई है? (ख) जिला जबलपुर में भू-जल स्तर की क्या स्थिति है? भू-जल स्तर में पिछले पाँच वर्षों में वर्षवार कितनी गिरावट आयी है? गिरते भू-जल स्तर को बेहतर बनाने हेतु क्या उपाय किये जा रहे है एवं कितना सुधार हुआ है? जबलपुर जिले के विकासखण्डों की जानकारी पृथक-पृथक प्रदान करें? (ग) जबलपुर जिले में कुल कितनी नल-जल योजनायें चालू है? कितनी-कितनी किस कारण से बंद या बिगड़ी पड़ी है? कितने हैण्डपम्पों व नल-जल योजनाओं का सुधार व मरम्मत कार्य कितनी-कितनी राशि में कराया गया है वर्ष 2017-18 से 2019-20 तक की जानकारी विकासखण्डवार प्रदान करें? (घ) किन-किन विकासखण्डों में भू-जल स्तर के गिरने से कितने-कितने हैण्डपम्प सूख गये है अथवा बंद पड़े हैं? इनमें से कितनों का सुधार कार्य, प्लेटफार्मों का निर्माण व पाईप लाईनों का सुधार कार्य नहीं कराया गया है और क्यों? दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गई?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) भूजल स्तर की स्थिति तथा प्रश्नांकित अवधि में भूजल स्तर में गिरावट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3अ एवं 3ब अनुसार है। गिरते भूजल स्तर को बेहतर बनाने के लिए आवश्यक व्यापक पैमाने के कार्य विभाग द्वारा नहीं किये जाते हैं, अपितु पेयजल स्त्रोत की संवहनीयता के लिए स्थल की उपयुक्तता एवं आवश्यकता के अनुसार, उपलब्ध आवंटन के अंतर्गत चेकडेम, रिचार्ज सॉफ्ट, आदि के कार्य किये जाते हैं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जबलपुर जिले में कुल 343 योजनायें चालू हैं, 25 नल-जल योजनायें बंद हैं जिनमें स्त्रोत अनुपयोगी होने से-10, पाइपलाइन क्षतिग्रस्त होने से-8, विद्युत संबंधी कारणों से-4 एवं ग्राम पंचायत द्वारा न चलाये जाने से -3 बंद हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। इन भूजल स्तर से बंद हैण्डपम्पों में अंतिम गहराई तक पाइप लाइन डाली गयी है इन हैण्डपम्पों में कोई भी प्लेटफार्म क्षतिग्रस्त नहीं है, शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
पात्र हितग्राहियों को बगैर सर्वे के अपात्र घोषित करना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
62. ( क्र. 963 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा व खाचरौद तहसील में 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक कितने बी.पी.एल. के राशन कार्ड के आवेदन प्राप्त हुए है? तहसीलवार, संख्यावार विवरण दें। (ख) बी.पी.एल. राशन कार्ड हेतु कुल प्राप्त आवेदनों में से कितने आवेदन पात्र हुए और कितने अपात्र पाये गए हैं, अपात्रता का क्या कारण है? वार्डवार एवं गांववार विवरण दें। (ग) क्या बी.पी.एल. कार्ड हेतु दिए गए आवेदन की जांच फील्ड पर जाकर नहीं करते हुए ऑफिस में बैठकर अपात्र घोषित कर दिया जाता है? यदि हाँ, तो ऐसे अधिकारियों/कर्मचारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जा रही है? यदि नहीं, तो पात्रता रखने वाले आवेदनकर्ताओं के भी आवेदन क्यों अपात्र घोषित किए जा रहे है?
खाद्य मंत्री ( डॉ. गोविंद सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बंदोबस्त के दौरान शासकीय भूमियों को निजी भूमि किया जाना
[राजस्व]
63. ( क्र. 964 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन के आदेशानुसार खाचरौद तहसील के राजस्व रिकार्ड का बंदोबस्त सन् 1992 में किया गया था? (ख) सन् 1992 के बंदोबस्त के पूर्व खाचरौद तहसील में सभी प्रकार की कितनी शासकीय भूमियां थी? (ग) वर्तमान में नागदा-खाचरौद तहसील में कितनी सभी प्रकार की शासकीय भूमियां है विवरण दें? (घ) बंदोबस्त के पश्चात नागदा-खाचरौद तहसील में पटवारी हल्का पाडल्या कलां, मेहतवास, जुना नागदा, पारदी, कस्बा खाचरौद की सभी प्रकार की कितनी शासकीय भूमि अन्य प्रायवेट व्यक्तियों के नाम दर्ज कर दी गई है? विवरण दें। (ड.) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा तहसीलदार नागदा एवं खाचरौद से शासकीय भूमियों के सन् 1992 के बंदोबस्त के पूर्व तथा बंदोबस्त के पश्चात् सभी प्रकार की शासकीय भूमियों की जानकारी मांगी गई है? यदि हाँ, तो क्या जानकारी उपलब्ध करा दी गई है? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) कस्बा खाचरौद, नागदा, मेहतवास पडल्याकलां कस्बा उन्हेल को छोड़कर तहसील खाचरौद के समस्त गांवों का वर्ष 1992 में बन्दोबस्त किया गया है। (ख) सन 1992 के बन्दोबस्त के पूर्व खाचरौद तहसील की शासकीय भूमियों की पटवारी हल्का, सर्वे नंबर, रकबा सहित सम्पूर्ण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) वर्तमान में नागदा-खाचरौद तहसील की शासकीय भूमियों की पटवारी हल्का, सर्वे नंबर, रकबा सहित सम्पूर्ण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) कस्बा खाचरौद की वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। तहसील नागदा में स्थित पाडलिया कलां मेहतवास, जूना नागदा में 1992 में बन्दोबस्त नहीं हुआ है व केवल हल्का अजीमाबाद पादरी में सन 1992 में बन्दोबस्त हुआ है। बन्दोबस्त पूर्व शासकीय रकबा 69.907 हे. था, जो वर्तमान में बढ़कर 70.18 हे. हो गया है। (ड.) हां। तहसील खाचरौद तहसीलदार द्वारा पत्र क्रमांक 334 दिनांक 06.03.2020 से एवं तहसीलदार नागदा द्वारा पत्र क्रमांक 380 दिनांक 05.03.2020 से जानकारी उपलब्ध करा दी गई हैंl
राजस्व विभाग की अधिसूचित सेवाएं
[राजस्व]
64. ( क्र. 978 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत राजस्व विभाग की कौन-कौन सी सेवाएं अधिसूचित हैं और क्या सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध है? यदि हाँ, तो सेवाओं को नागरिक किस प्रकार प्राप्त कर सकते है? यदि नहीं, तो सभी सेवाएं को किस प्रकार एवं कब तक ऑनलाइन किया जायेगा? (ख) अशासकीय भूमि में मद परिवर्तन/डायवर्सन के क्या नियम वर्तमान में लागू है और क्या डायवर्सन का आवेदन ऑनलाइन होते है तथा डायवर्सन शुल्क आवेदन के साथ शुरुआत में ही जमा करना होता है? यदि हाँ, तो किस नियम एवं आदेश से? (ग) प्रश्नांश “ख” के तहत क्या डायवर्सन हेतु प्रस्तुत आवेदन के निरस्त होने पर आवेदन के साथ जमा किये गए डायवर्सन शुल्क जप्त कर ली जाती है? यदि हाँ, तो किस नियम एवं आदेश से, बिना अनुमति डायवर्सन किये डायवर्सन शुल्क की जप्ती किया जाता है? (घ) कटनी जिले में विगत एक वर्षों में किन –किन आवेदकों द्वारा डायवर्सन हेतु आवेदन प्रस्तुत किये गए, किन आवेदनों को स्वीकार कर डायवर्सन किया गया और किन आवेदनों को किन कारणों से अस्वीकार कर कितना डायवर्सन शुल्क जप्त किया गया? (ङ) प्रश्नांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में सेवा प्रदान करने में विसंगतियों और डायवर्सन किये बिना शुल्क जप्त करने का संज्ञान लेकर समुचित कार्यवाही किये जाने के आदेश प्रदान किये जाएगी, यदि हाँ, तो किस प्रकार एवं कब तक, यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत राजस्व विभाग की कुल 16 सेवाएं अधिसूचित एवं ऑनलाइन है। प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) निजी कृषि भूमि में भूमि उपयोग परिवर्तन/डायवर्सन के नवीन नियम मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता (भू-राजस्व का निर्धारण तथा पुनर्निर्धारण) नियम 2018 दिनांक 25 सितम्बर 2018 से प्रभावशील है। हाँ, डायवर्सन का आवेदन ऑनलाइन किया जा सकता है। आवेदन के साथ-साथ डायवर्सन शुल्क ऑनलाइन जमा करने की सुविधा प्रदान की गई है। उक्त नियम के नियम II में व्यपवर्तन की सूचना के साथ एक वर्ष के लिए प्रीमियम एवं पुनर्निर्धारण भू-राजस्व जमा करना अनिवार्य है। (ग) जी नहीं। अपूर्ण/त्रुटिपूर्ण आवेदन होने की स्थिति में पुन: संशोधित आवेदन किया जा सकता है। डायवर्सन शुल्क जप्त नहीं होती है बल्कि शासकीय खजाने में जमा रहती है। (घ) कटनी जिला अंतर्गत एक वर्ष में कुल 1369 आवेदन प्राप्त हुये। जिनका विवरण अनुभागवार निम्नानुसार है –
अनुभाग |
आवेदन |
||
प्राप्त |
स्वीकार |
अस्वीकार |
|
कटनी |
1038 |
1038 |
0 |
विजयराघवगढ़ |
191 |
191 |
0 |
बहोरीबंद |
108 |
108 |
0 |
ढीमरखेड़ा |
32 |
32 |
0 |
योग |
1369 |
1369 |
0 |
डायवर्सन शुल्क जब्त करने संबंधी नियमों में कोई उल्लेख नहीं है। (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) के अनुक्रम में विसंगति न होने से कोई कार्यवाही अपेक्षित नहीं है।
कटनी जिले में धान उपार्जन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
65. ( क्र. 982 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरीफ वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में कटनी जिला अंतर्गत कुल कितने कृषकों ने कितने हेक्टेयर क्षेत्र में बोई गई धान के विक्रय हेतु धान उपार्जन केन्द्रों में पंजीयन कराया एवं शासन द्वारा प्रति एकड़ कितने उत्पादन की दर से कितने कृषकों की कितने रकवे की कुल कितनी धान उपार्जन केन्द्रों द्वारा खरीदी गई? अलग-अलग वर्षवार सूची देवें I (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित धान खरीदी में वर्षवार अंतर का क्या कारण है, जबकि प्रति वर्ष प्रति एकड़ धान के उत्पादन में वृद्धि हो रही है? (ग) क्या बारदाने की कमी एवं अन्य तकनीकी कारणों से कटनी जिले के 15 उत्पादन केन्द्रों के 440 कृषकों की 23090 किवंटल धान उपार्जन केन्द्रों में प्रश्न दिनांक तक रखी हुई है तथा पोर्टल बंद होने से कृषक 4 करोड़ 21 लाख रुपये के भुगतान से वंचित हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) यदि हाँ, तो कृषकों को समय पर टोकन वितरण न करने तथा समय पर उच्च अधिकारियों को अवगत न करने का दोषी कौन है? क्या शासन इसकी जाँच कर दोषियों पर कार्यवाही कर प्रभावित कृषकों को शीघ्र राहत प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
खाद्य मंत्री ( डॉ. गोविंद सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
लोक सेवा गारंटी अधिनियम अंतर्गत राजस्व विभाग की सेवाएं
[राजस्व]
66. ( क्र. 984 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक सेवा गारंटी अधिनियम अंतर्गत राजस्व विभाग की नामांतरण, बंटवारा की सेवाएँ अधिसूचित हैं, यदि हाँ, तो लोक सेवा केंद्र/अधिनियम के तहत सेवा प्रदाय के परिपत्र कब-कब जारी किये गए और परिपत्र के अनुसार किन-किन कारणों से सेवा निरस्त की जा सकती है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में लोक सेवा केंद्र एवं कार्यालय में 01 मार्च 2019 से प्रश्न दिनांक तक ब्लाक कटनी एवं रीठी में किन-किन कारणों से सेवा निरस्त की गई या विवादित पाई गई, तदोपरांत पंजीबद्ध प्रकरण क्रमांक सहित आवेदनवार बतलावें? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के परिप्रेक्ष्य में लोक सेवा केंद्र द्वारा परिपत्र के अनुसार ऑनलाइन सभी दस्तावेजों को स्केन कर हार्ड कॉपी पदाभिहीत कार्यालय में प्रेषित कर दिया जाता है तो क्या पृथक से मूल दस्तावेज आवेदक को कार्यालय में प्रस्तुत करना अनिवार्य है, यदि हाँ, तो परिपत्र की जानकारी देवें? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में मूल दस्तावेजों एवं साक्ष्य के अभाव में लेख कर जो सेवाएँ निरस्त की गई हैं, क्या सही है, यदि नहीं, तो ऐसे आवेदकों को कब तक सेवा प्रदाय की जावेगी, बतलावें?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) जी हाँ। जारी की गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। जारी परिपत्र अनुसार पंजीयत दस्तावेज की अभिप्रमाणित प्रति, पक्षकारों को सूचना भेजने के लिए तलबाना एवं मूल दस्तावेज न्यायालय में नियत समय के अंदर प्रस्तुत नहीं करने आदि पर आवेदन निरस्त किये जाने का प्रावधान है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। लोक सेवा गारंटी अधिनियम के परिपत्र अनुसार पंजीयत दस्तावेज की अभिप्रमाणित प्रति, पक्षकारों को सूचना भेजने के लिए तलबाना एवं अन्य आवश्यक दस्तावेज न्यायालय में नियत समय के अंदर प्रस्तुत करना अनिवार्य है। उक्त अनिवार्यता की टीप आवेदक को प्रदाय की जाने वाली अभिस्वीकृति में अंकित रहती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (घ) जी हाँ। प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में मूल दस्तावेज एवं साक्ष्य के अभाव में लेख कर जो सेवाएं नामांतरण एवं बंटवारा के संबंध में निरस्त की गई है वह सही है उनकी अपील विधिसंगत सक्षम न्यायालय में की जाकर नियमानुसार सेवाएं प्राप्त की जा सकती है।
धान उपार्जन हेतु वारदाना आपूर्ति
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
67. ( क्र. 985 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले में समर्थन मूल्य पर धान खरीद 2019-20 में सिंगल यूज वारदाने का इस्तेमाल किया गया? यदि हाँ, तो इस हेतु किस-किस मिलर को कितनी-कितनी मात्रा में सिंगल यूज वारदाना सप्लाई करना था एवं सिंगल यूज वारदाना उपयोग के क्या नियम हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित किन-किन राईस मिलरों द्वारा किस-किस स्थान पर कब-कब कितना-कितना वारदाना प्रदाय किया गया उपार्जन केन्द्रवार सूची देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित राईस मिलरों द्वारा उपार्जन केन्द्रों में प्रदाय वारदानों में कितने कटे-फटे एवं अनुपयोगी तथा कितने दूसरे प्रदेशों के वारदाने प्रदाय किये गए? राईस मिलरवार एवं उपार्जन केंद्रवार सूची देवें तथा राईस मिलरों पर निर्धारित मात्रा में वारदाना प्रदाय नहीं करने पर किन-किन राईस मिलरों पर कितनी-कितनी पेनाल्टी अधिरोपित की गई, यदि नहीं, की गई तो इसका दोषी कौन है? दोषी पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या सिंगल यूज वारदाना प्रदाय में दूसरे प्रदेशों के वारदाना दिये जा सकते हैं, यदि हाँ, तो किस नियम के तहत, यदि नहीं, तो ऐसे मिलरों पर क्या कार्यवाही की गई?
खाद्य मंत्री ( डॉ. गोविंद सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कुपोषित बच्चों को आरोग्य बनाने में भूमिका
[महिला एवं बाल विकास]
68. ( क्र. 1009 ) श्री महेश परमार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अटल बिहारी वाजपेयी बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन के अंतर्गत योजना 1 जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितने अति कम वजन वाले, कम वजन वाले बच्चों को चिन्हांकित करने में सफलता प्राप्त की तथा चिन्हित गंभीर कुपोषित बच्चों को पोषण प्रबंध प्रदान कर आरोग्य बनाने में सफलता प्राप्त की। योजना दिनांक 1 जनवरी, 2015 से वर्षवार संख्यात्मक एवं मूल्यांकन प्रतिवेदन की स्थिति से दस्तावेज़ के साथ अवगत कराएं। (ख) उज्जैन ज़िले में कितने चिन्हित कुपोषित बच्चों को स्नेह सरोकार कार्यक्रम के डे केयर सेंटर का संचालन एवं थर्ड मील उपलब्ध कराकर देखभाल की गयी है और सामान्य स्तर पर लाया गया है? स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित पोषण पुनर्वास केंद्र में कितने कुपोषित बच्चों को संदर्भित किया गया है? उसका लेखा जोखा एवं वेरिफिकेशन रिपोर्ट उपलब्ध कराएं। (ग) अटल बिहारी वाजपेयी बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन में उज्जैन ज़िले द्वारा प्रश्नांकित अवधि से प्रश्न दिनांक तक कितने वित्तीय वर्ष से कार्ययोजना तैयार की जा रही है और शासन से उक्त कार्ययोजना पर कितना बजट प्रतिवर्ष स्वीकृत किया गया है तथा विभाग द्वारा प्रतिवर्ष प्रत्येक वित्तीय वर्ष में स्वीकृत बजट का मदवार कुपोषित बच्चो के हित में किन-किन प्रयोजनों से कहाँ-कहाँ खर्च किया गया है? पूर्ण ब्योरा देवें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( डॉ. विजय लक्ष्मी साधौ ) : (क) विभागीय एम.आई.एस. में उपलब्ध आंकड़ो के अनुसार 5 वर्ष तक के आयु वर्ग के बच्चों के पोषण स्तर अनुसार अतिकम वजन एवं कम वजन के बच्चों की जानकारी 1 जनवरी, 2015 से वर्तमान तक का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-3 (NFHS-III वर्ष 2005-06) एवं राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 (NFHS-IV वर्ष 2015-16) में प्रकाशित रिपोर्ट अनुसार कुपोषण के स्तर में हुए सुधार का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 (NFHS-IV वर्ष 2015-16) के बाद कोई सर्वेक्षण की रिपोर्ट उपलब्ध नहीं होने के कारण वर्ष 2015-16 से वर्तमान तक के आकड़े उपलब्ध नहीं है। (ख) स्नेह सरोकार कार्यक्रम में डे-केयर सेंटर एवं थर्ड मील का प्रावधान नहीं है। अतः शेष का प्रश्न ही नहीं है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित पोषण पुनर्वास केन्द्र में संदर्भित कुपोषित बच्चों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) अटल बिहारी बाजपेयी बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन अंतर्गत उज्जैन जिले हेतु प्रश्नांकित अवधि वर्ष 2015-16 से वर्ष 2018-19 तक वर्षवार कार्ययोजना तैयार की गई है वर्ष 2019-20 हेतु कोई कार्ययोजना तैयार कर स्वीकृति नहीं दी गई है वर्ष 2015-16 से वर्ष 2018-19 तक स्वीकृत बजट एवं मदवार विभिन्न प्रयोजनों में खर्च राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 (कुल 04 पृष्ठ) अनुसार है।
RTO की उदासीनता एवं लापरवाही की जाँच
[परिवहन]
69. ( क्र. 1010 ) श्री महेश परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उज्जैन नगर निगम एवं सिटी ट्रांसपोर्ट लिमिटेड कंपनी की परिवहन संबंधी मामलों में आर.टी.ओ. किसी भी समिति में सदस्य नहीं है? यदि है, तो शीतकालीन सत्र दिसंबर की बैठक दिनांक 19/12/2019 के तारांकित प्रश्न क्रमांक 1376 में इस संबंध में जानकारी क्यों नहीं दी गयी? (ख) क्या नगर निगम सिटी ट्रांसपोर्ट की बसों को लेकर नगर निगम की बैठक में परिवहन अधिकारी या उनका प्रतिनिधि सम्मिलित नहीं हुए? यदि हुए तो, पंजीकृत वाहन स्वामी के प्रस्तुत आवेदन पर धारा 48 के अंतर्गत नगर निगम से परामर्श किए बिना NOC जारी करना और बसों का चोरी हो जाना क्या आर.टी.ओ. को संदेह के घेरे में खड़ा नहीं करता? यदि हाँ, तो, लापरवाही और उदासीनता के लिए क्या अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी? (ग) आर.टी.ओ. द्वारा चोरी हुई बसों का एवं उक्त बसों के पंजीकृत वाहन स्वामी आर्या ई कनेक्ट इंटरसिटी प्राइवेट लिमिटेड का परमिट एवं NOC जारी करने से पूर्व बसों के फिटनस एवं अमृत मिशन के अंतर्गत नगर निगम से खरीदी गयी बसों का पंजीकृत वाहन स्वामी के लिए किसने अधिकृत किया? तत्संबंधी जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
परिवहन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अनुकंपा नियुक्ति के लंबित प्रकरण
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
70. ( क्र. 1019 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक की स्थिति में रायसेन और विदिशा जिले में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में अनुकंपा नियुक्ति के कितने प्रकरण निराकरण हेतु कब से लंबित हैं? मृत कर्मचारियों के नाम एवं उसके आश्रित आवेदक का विवरण बताया जावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरणों को निराकरण की समयावधि क्या है? इस संबंध में शासकीय परिपत्र की प्रति उपलब्ध कराई जायें। (ग) प्रश्नांश (क) के प्रकरणों का निराकरण कब तक कर लिया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये ग्रेडिंग प्रणाली
[महिला एवं बाल विकास]
71. ( क्र. 1020 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रदेश में कार्यरत आंगनवाड़ियों की व्यवस्था एवं सेवा में सुधार लाने के लिये राज्य शासन ने ग्रेडिंग प्रणाली लागू करने के लिये आदेश जारी किये हैं? यदि हाँ, तो शासन आदेश की प्रतियां एवं उसके अनुलग्नक उपलब्ध कराए जाये? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में गोविंदपुरा विधान सभा क्षेत्र में कार्यरत आंगनवाड़ियों की ग्रेडिंग किस तरह की गई है? इन आंगनवाड़ी केन्द्रों की वर्तमान स्थिति केन्द्रवार एवं ग्रेडवार बताई जाये। (ग) क्या आंगनवाड़ियों की ग्रेडिंग में सुधार लाने के दिशा-निर्देश भी जारी किये गये है? यदि हाँ, तो उसकी प्रति उपलब्ध कराई जाये?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( डॉ. विजय लक्ष्मी साधौ ) : (क) जी हाँ। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) आंगनवाड़ियों की ग्रेडिंग आई.सी. डी.एस सेवाओं के चिन्हित सूचकांकों के आधार पर की गई है। माह जनवरी 2020 की गोविन्दपुरा विधानसभा क्षेत्र में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों की ग्रेडिंग का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी हाँ। निर्देश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
निजी चिकित्सा महाविद्यालयों को प्राप्त फीस
[चिकित्सा शिक्षा]
72. ( क्र. 1029 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के निजी चिकित्सा महाविद्यालय में दिसम्बर 2019 की स्थिति में अध्यापन कार्य करने वाले विद्धान डॉक्टरों (शिक्षक) की संख्या देवें? (ख) प्रदेश के निजी चिकित्सा महाविद्यालय में दिसम्बर 2019 की स्थिति में कक्षावार अध्ययनरत विद्यार्थियों की संख्यात्मक जानकारी देवें? (ग) प्रदेश के निजी चिकित्सा महाविद्यालय को वर्ष 2018-19 तथा 2019-20 में अध्ययनरत विद्यार्थियों की कुल संख्या एवं वर्षवार उन्हें शुल्क के रूप में कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई वर्षवार महाविद्यालय अनुसार जानकारी दें?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
धारा 109 (3) का उल्लंघन दण्ड की कार्यवाही
[राजस्व]
73. ( क्र. 1045 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य के प्रश्न क्रमांक 1025 दिनांक 10/07/2019 को माननीय मंत्री जी द्वारा उत्तर दिया था कि प्रकरण क्रमांक 75/अ-6/2019-20 पंजीबद्ध कर दिनांक 24/06/2019 को नामांतरण आदेश पारित किया जा चुका हैं। उक्त प्रकरण में कब-कब पेशी दिनांक निर्धारित की गई? उक्त आदेश की प्रति उपलब्ध करायी जायें। उक्त प्रकरण में रजिस्टर्ड मोबाइल पर कब-कब पेशी दिनांक का मैसेज भेजा गया था? (ख) संदर्भित प्रश्न के उत्तरांश में बताया गया कि म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 के अनुसार धारा 109 (3) का उल्लंघन पाये जाने पर दण्ड की कार्यवाही की गयी हैं तो वर्ष 2018 से कितने नामांकन प्रकरणों में उक्त धारा का उल्लंघन पाया गया हैं? किन-किन प्रकरणों में कब-कब दण्ड की कार्यवाही की गयी हैं? उक्त आदेशों की प्रति उपलब्ध करायें। (ग) हल्का मौजा सौरा एवं देरी में बन्दों बस्त के समय में किस-किस खसरा नम्बरों में शासन दर्ज था? स्पष्ट सूची उपलब्ध करायें। उक्त खसरा नम्बरों में बन्दोबस्त से प्रश्न दिनांक तक कब-कब किस-किस के नाम निजी दर्ज किये गये हैं? सूची उपलब्ध करायें।
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) जी हाँ। आर्डर शीट एवं आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर पेशी दिनांक का मैसेज आर.सी.एम.एस. के माध्यम से स्वत: ही भेजे जाने की व्यवस्था है। (ख) वर्ष 2018 में 42 नामांतरण प्रकरणों में म.प्र. भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 109 (4) का उल्लंघन पाए जाने पर दण्ड की कार्यवाही की गई। आदेशों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) मौजा सौरा एवं देरी में बन्दोवस्त (क्रमश: वर्ष 1992-93 एवं 1943-44) के समय दर्ज शासकीय खसरा नंबरों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स (1) एवं स (2)'' अनुसार है। जिन शासकीय खसरा नंबरों को वन्दोबस्त से प्रश्न दिनांक तक निजी नाम से दर्ज किया गया की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''द (1) एवं द (2) ''अनुसार है।
भू-राजस्व संहिता 1959 के नियम/निर्देश
[राजस्व]
74. ( क्र. 1046 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1292 दिनांक 19/12/2019 को मौजा छतरपुर में बंदोबस्त के समय शासकीय खसरा नंबरों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' में स्पष्ट दी गई थी परन्तु मौजा पठापुर की जानकारी स्पष्ट नहीं दी गई थी। मौजा पठापुर की जानकारी को छतरपुर की जानकारी की तरह स्पष्ट दी जावे। (ख) हल्का मौजा बगौता एवं मौराहा में बंदोबस्त के समय किस-किस खसरा नंबरों में शासन दर्ज था? स्पष्ट सूची उपलब्ध कराएं। उक्त खसरा नंबरों में बंदोबस्त से प्रश्न दिनांक तक कब-कब, किस-किस के नाम शासन से निजी दर्ज किए गए हैं। सूची उपलब्ध कराएं। (ग) हल्का मौजा छतरपुर पठापुर, बगौता एवं मौराहा में जिन-जिन खसरा नंबरों में शासन दर्ज है। उक्त खसरा नंबरों में किन-किन निजी व्यक्तियों का कब्जा है? सूची उपलब्ध कराएं। क्या शासन कब्जेधारी से कब्जा मुक्त कराने के लिए कार्यवाही करेगा? हाँ या नहीं यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) हल्का मौजा पठापुर के खसरा नं. 788, 789 एवं 795 अधीक्षक भू-प्रबंधन के रा.प्र.क्र. 32/बी-121/2008-09 दिनांक 30/11/2009 एवं हल्का मौजा छतरपुर के खसरा नं. 3222/4/'ख' आ.रा.म. ग्वालियर द्वारा शासन से निजी दर्ज करने के आदेश जारी किये गये थे। हाँ या नहीं यदि हाँ, तो उक्त आदेश शासन के नियम व निर्देशों के तहत किये गये थें। हाँ या नहीं? यदि नहीं, तो क्या शासन उक्त खसरा नंबरों के विक्रय पत्र एवं नामांतरण पर रोक लगायेगा। हाँ या नहीं? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) मौजा पठापुर की संशोधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) हल्का मौजा बगौता एवं मौराहा में बंदोबस्त के समय शासकीय खसरा नंबरो की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब (1) एवं ब (2)'' अनुसार है। बन्दोबस्त से प्रश्न दिनांक तक जिन शासकीय खसरा नंबरों को निजी दर्ज किया गया, उनका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स (1) एवं स (2) '' अनुसार है। (ग) हल्का मौजा छतरपुर, पठापुर, बगौता एवं मौराहा में जिन शासकीय खसरा नम्बरों पर निजी व्यक्तियों का अनधिकृत कब्जा सम्बन्धी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द-1, द-2, द-3 व द-4 अनुसार है। जी हाँ, समस्त अनधिकृत कब्जा करने वालो के विरूद्ध म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 के तहत कार्यवाही की जा रही है। उक्त प्रक्रिया न्यायालयीन होने से समय-सीमा निर्धारित नहीं की जा सकती है। (घ) जी हाँ। प्रश्नाधीन न्यायालयीन प्रकरणों की जांच की जा रही है। जांच पश्चात विधिसंगत निर्णय लिया जाएगा।
जबलपुर जिले में किया गया शत्रु संपत्ति सर्वेंक्षण
[राजस्व]
75. ( क्र. 1047 ) श्री विनय सक्सेना : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में किये गये सर्वेंक्षण के अनुसार शत्रु संपत्ति अधिनियम 1968 में किये गये संशोधन के तहत निष्क्रांत संपत्ति को शत्रु संपत्ति घोषित करने के पश्चात कितनी शत्रु सम्पत्ति पायी गयी है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कहाँ-कहाँ पर कितनी-कितनी भूमि व अन्य सम्पत्ति राजस्व रिकार्ड में कब से किस-किस के नाम पर दर्ज है वर्तमान में इस पर किस-किस का अवैध कब्जा है? उक्त अवैध कब्जे को हटाने हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गयी है? तहसीलवार पृथक-पृथक जानकारी देवें। (ग) शासन द्वारा प्रश्नांकित शत्रु संपत्ति के उपयोग हेतु क्या योजना बनायी गयी है? शासन की गाइड लाइन के हिसाब से उक्त संपत्ति का मूल्य कितना है?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) जबलपुर जिले अन्तर्गत कुल 07 शत्रु सम्पत्ति पायी गयी है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वर्तमान में जो काबिज है उनका स्वामित्व किस प्रकार रिकार्ड में दर्ज है की जांच की जा रही है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) भारत सरकार से सम्बंधित। कलेक्टर गाइड लाइन के अनुसार सम्पत्ति का कुल मूल्य रुपये 1,25,61,520/- (एक करोड़ पच्चीस लाख इकसठ हज़ार पाँच सौ बीस रुपये मात्र) है।
प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ अधिकारी
[चिकित्सा शिक्षा]
76. ( क्र. 1048 ) श्री विनय सक्सेना : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उच्च शिक्षा विभाग, आयुष, लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण विभाग के कितने अधिकारी कब-कब से चिकित्सा शिक्षा विभाग में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ हैं? (ख) शासन के नियमानुसार एक शासकीय अधिकारी कितने वर्षों तक प्रतिनियुक्ति में अन्य विभागों में कार्य कर सकता है? (ग) उच्च शिक्षा विभाग द्वारा विगत दो वर्ष में कितने अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति समाप्त कर वापस मूल विभाग बुलाया गया था?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) चिकित्सा शिक्षा विभाग में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग से प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ अधिकारियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, जबलपुर में उच्च शिक्षा विभाग, आयुष एवं लोक स्वास्थ्य विभाग से प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ अधिकारियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। मध्यप्रदेश पैरामेडिकल कौंसिल, भोपाल में आयुष विभाग से प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ अधिकारी की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ख) सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक सी/3-14/06/3/एक, दिनांक 29 जनवरी, 2008 के बिन्दु क्रमांक-1 के उप नियम-तीन अनुसार कम से कम 02 वर्ष एवं बिन्दु क्रमांक-2 अनुसार 04 वर्ष से अधिक के लिए प्रतिनियुक्ति अवधि बढ़ाये जाने संबंधी प्रावधान है। (ग) 02 अधिकारियों को।
पात्र हितग्राहियों को खाद्यान्न पर्ची का प्रदाय
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
77. ( क्र. 1056 ) श्रीमती लीना संजय जैन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला विदिशा अंतर्गत तहसील बासौदा, त्योंदा एवं ग्यारसपुर में पिछले एक वर्ष 2019 में गरीबी रेखा में नाम जोड़ने हेतु कितने हितग्राहियों के आवेदन प्राप्त हुये? इनमें से कितनों के नाम गरीबी रेखा के बी.पी.एल. कार्ड जारी किये गये? पृथक-पृथक बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर में बी.पी.एल. कार्ड जारी किये गये उनमें से कितनो को खाद्यान्न पर्ची जारी कर दी गई? शेष हितग्राहियों को पर्ची जारी नहीं करने का क्या कारण रहा? (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर में शेष रहे हितग्राहियों को पर्ची कब तक जारी कर दी जावेगी? क्या पिछले वर्ष 2019 में गैर बी.पी.एल. कार्डधारी हितग्राहियों की खाद्यान्न पर्ची को अपात्र कर दिया गया है? यदि हाँ, तो इसका क्या कारण रहा? क्या ऐसे हितग्राहियों की जांचोपरांत पुन: पात्रता देकर पर्ची जारी की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( डॉ. गोविंद सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अविवादित नामांतरण, बटवारा एवं नक्शा सुधार के प्रकरण
[राजस्व]
78. ( क्र. 1057 ) श्रीमती लीना संजय जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के अंतर्गत तहसील बासौदा, त्यौंदा एवं ग्यारसपुर में पिछले एक वर्ष 01 जनवरी, 19 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितने-कितने आवेदन अविवादित नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन एवं नक्शा सुधार के प्राप्त हुये तहसीलवार अलग-अलग बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर में प्राप्त सभी प्रकार आवेदनों में से कितने-कितने प्रकरणों का निराकरण हो चुका है और कितने-कितने प्रकरणों का निराकरण होना शेष है? (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर में शेष बचे प्रकरणों का निराकरण कब तक कर दिया जावेगा? अभी तक इन प्रकरणों के निराकरण में विलंब का क्या कारण रहा? (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर में जिन प्रकरणों का निराकरण हो चुका है उनमें से पटवारी रिकार्ड में कितने प्रकरणों पर अमल हो चुका है एवं जो नहीं हुये उनका कारण बतावें?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) विदिशा जिले अंतर्गत तहसील बासौदा, त्योंदा एवं ग्यारसपुर में पिछले एक वर्ष 01 2019 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त आवेदनों की संख्या निम्नानुसार है:-
प्राप्त आवेदनों की संख्या |
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क्र. |
तहसील |
आविवादित नामांतरण |
बटवारा |
सीमांकन |
नक़्शा सुधार |
1 |
बासौदा |
3196 |
862 |
266 |
161 |
2 |
त्योंदा |
851 |
228 |
166 |
102 |
3 |
ग्यारसपुर |
892 |
365 |
389 |
109 |
(ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर में प्राप्त आवेदनों में से निराकृत एवं शेष प्रकरणों की संख्या निम्नानुसार है-
निराकृत आवेदनों की संख्या |
|||||
क्र. |
तहसील |
आविवादित नामांतरण |
बटवारा |
सीमांकन |
नक़्शा सुधार |
1 |
बासौदा |
2702 |
603 |
254 |
118 |
2 |
त्योंदा |
705 |
156 |
164 |
82 |
3 |
ग्यारसपुर |
786 |
227 |
339 |
91 |
निराकरण से शेष आवेदनों की संख्या |
|||||
क्र. |
तहसील |
आविवादित नामांतरण |
बटवारा |
सीमांकन |
नक़्शा सुधार |
1 |
बासौदा |
494 |
259 |
12 |
43 |
2 |
त्योंदा |
146 |
72 |
02 |
20 |
3 |
ग्यारसपुर |
106 |
138 |
50 |
18 |
(ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर में शेष बचे प्रकरणों का निराकरण एक माह के अंदर कर दिया जावेगा। उक्त प्रकरण को नोटिस तामिली, साक्ष्य आदि की प्रक्रिया कर अंतिम निराकरण किया जावेगा।
क्र. |
तहसील |
कुल निराकृत प्रकरण |
अमल किए गए प्रकरण |
अमल से शेष प्रकरण |
1 |
बासौदा |
3305 |
3208 |
97 |
2 |
त्योंदा |
861 |
775 |
86 |
3 |
ग्यारसपुर |
1013 |
980 |
33 |
योग |
5179 |
4963 |
216 |
(घ) नामांतरण एवं बटवारा के कुल निराकृत 5179 प्रकरणों में से 4963 प्रकरणों का पटवारी रिकॉर्ड में अमल हो चुका है । शेष 216 प्रकरणों में अमल होने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विदिशा जिले में लंबित राजस्व प्रकरण
[राजस्व]
79. ( क्र. 1072 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नांकित अवधि तक विदिशा जिले के अंतर्गत अनुविभागीय अधिकारी राजस्व न्यायालयों/ कार्यालयों एवं तहसीलदार न्यायालयों/कार्यालयों में राजस्व के कितने-कितने प्रकरण लंबित हैं? बंटवारे, नामांतरण, डायवर्सन, सीमांकन, राजस्व रिकार्ड सुधार, नक्शा सुधार, अनापत्ति प्रमाण-पत्र, आय, जाति आदि के कितने प्रकरण लंबित हैं? तहसीलवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या स्कूली विद्यार्थियों के जाति प्रमाण-पत्र विभिन्न शिक्षण संस्थाओं द्वारा प्रदत्त रिकार्ड अनुसार अनुविभागीय अधिकारी कार्यालयों द्वारा बनाये जाते हैं? यदि हां तो राजस्व अधिकारियों के कार्यालय में कितने-कितने आवेदन पत्र लंबित है उनके जाति प्रमाण-पत्र बना दिये गये है? यदि नहीं, तो क्यों? विलंब के लिए दोषी कौन है क्या कुछ विद्यालय द्वारा उपलब्ध कराये गये बच्चों का रिकार्ड चार-चार वर्ष से राजस्व कार्यालयों में जमा है तो भी जाति प्रमाण-पत्र नहीं बनाये गये है इसके लिए दोषी कौन है? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में 1 जनवरी, 2014 से प्रश्नांकित अवधि तक किन-किन व्यक्तियों के अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय सिंरोज एवं लटेरी में जाति प्रमाण-पत्र बनवाने हेतु कितने आवेदन प्राप्त हुए? कितने जाति-प्रमाण पत्र बनाये गये? कितने जाति प्रमाण-पत्र नस्तीबद्ध किये गये हैं? ग्राम बजीरपुर एवं मदागन के निवासियों के मोगिया जनजाति एवं शंकरगढ़, भूखरी के जनजाति के जाति प्रमाण-पत्र बनाये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो जानकारी देवे, यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में समस्त प्रकरणों का निराकरण कब तक कर दिया जावेगा? बतलावें।
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) प्रश्नांकित अवधि तक विदिशा जिले के अंतर्गत अनुविभागीय अधिकारी राजस्व न्यायालयों/कार्यालयों एवं तहसीलदार न्यायालयों/कार्यालयों में राजस्व के लंबित प्रकरणों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। बंटवारे, नामांतरण, डायवर्सन, सीमांकन, राजस्व रिकॉर्ड सुधार, नक्शा सुधार, अनापति प्रमाण-पत्र, आय, जाति आदि के लंबित प्रकरणों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 है। (ख) जी हाँ। स्कूली विद्यार्थियों के जाति प्रमाण-पत्र विभिन्न शिक्षण संथाओं द्वारा प्रदत्त रिकॉर्ड अनुसार अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय द्वारा बनाये जाते है। स्कूल शिक्षा अभियान अन्तर्गत वर्ष 2014-15 से वर्ष 2019-20 तक राजस्व अधिकारियों के कार्यालयों में उपलब्ध रिकार्ड की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। लोक सेवा गारंटी अधिनियम की समय-सीमा अनुसार जाति प्रमाण-पत्र बना दिये गए है। विद्यालयों के 4 वर्षों के कोई आवेदन पत्र लंबित नहीं है। (ग) 1 जनवरी, 2014 से प्रश्नांकित अवधि तक जाति प्रमाण-पत्र बनवाने हेतु तहसील सिरोंज में 55267 एवं लटेरी में 61870 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से सिरोंज में 47818 एवं लटेरी में 51476 जाति प्रमाण-पत्र बनाये गये है। सिरोंज के 5291 व लटेरी के 10394 आवेदन नस्तीबद्ध किए गए है। व्यक्तियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। तहसील सिरोंज के ग्राम यूसुफपुर उर्फ बजीरपुर के गोंड/ मोगिंया जनजाति के 02 आवेदन पत्र प्राप्त हुए थे, जिनमें जाति की पुष्टि न होने से आवेदन पत्र निरस्त किये गये है। ग्राम मदागन के गोंड/मोंगिया जनजाति के 02 आवेदन पत्र प्राप्त हुए थै, जो वर्ष 1950 की स्थिति में तहसील कुरवाई के निवासी होने से अनुविभागीय अधिकारी कुरवाई को स्थानांतरित किए गए है। ग्राम अमीरगढ़ उर्फ शंकरगढ़ के सहरिया जनजाति के 14 आवेदन पत्र प्राप्त हुए थे, जिनमें से 13 आवेदन पत्र जाति की पुष्टि न होने से निरस्त किए गए है एवं 01 आवेदन पत्र प्रक्रियाधीन है। ग्राम भूखरी के सहरिया जनजाति के कुल 116 आवेदन प्राप्त हुए जिनमें से 110 जाति की पुष्टि न होने से आवेदन पत्र निरस्त किए गए है एवं 6 आवेदकों के सहरिया जनजाति के जाति प्रमाण-पत्र जारी किए गए है। तहसील लटेरी अंतर्गत गोंड/मोंगिया/ सहरिया जनजाति के जाति प्रमाण-पत्र वर्ष 1950 के निवासी होने की पुष्टि होने पर एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के जाति प्रमाण-पत्र वर्ष 1984 के निवासी होने की पुष्टि होने पर बनाये जाते है। (घ) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
धारा 240 दिनांक 28 सितम्बर 1964 को अधिसूचित नियम
[राजस्व]
80. ( क्र. 1081 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 240 एवं इस धारा के तहत राजपत्र में दिनांक 28 सितम्बर 1964 को प्रकाशित नियम में क्या-क्या प्रावधान दिए गए? धारा 240 एवं नियम में किस-किस दिनांक को क्या-क्या संशोधन राजपत्र में अधिसूचित किए गए? (ख) संविधान की 11वीं अनुसूची, पेसा कानून 1996 एवं वन अधिकार कानून 2006 के अनुसार धारा 240 एवं दिनांक 28 सितम्बर 1964 को अधिसूचित नियम में प्रश्नांकित दिनांक तक भी संशोधन नहीं किए जाने का क्या कारण रहा है? (ग) पटवारी मानचित्र एवं निस्तार पत्रक में दर्ज संसाधनों पर ग्रामसभा एवं ग्राम पंचायत को कब तक कौन-कौन सा अधिकार सौंप दिया जाएगा?
राजस्व मंत्री (श्री जीतू पटवारी ) : (क) म.प्र. भू-राजस्व सहिता 1959 (क्रमांक-20 सन 1959) की धारा 240 एवं इस धारा के तहत राजपत्र दिनांक 30/10/64 में प्रकाशित नियम के प्रावधान पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार हैl इन नियमों में संशोधन अधिसूचना क्रमांक एफ-2 -39-04-सात-शा.-6 दिनांक 26 नवम्बर, 2007 एवं म.प्र. भू-राजस्व संहिता संशोधन अधिनियम 2018 से किये गये पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार हैl (ख) यथा स्थिति अध्यारोही प्रभाव होने के कारण। (ग) पेसा क़ानून व (वन अधिकारो की मान्यता) अधिनियम 2006 एवं नियम 2007 के तहत पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 व 4 अनुसार ग्राम सभा व ग्राम पंचायतों को अधिकार प्रदाय किये गये है l
दखल रहित भूमि को खसरे में दर्ज करने का प्रावधान
[राजस्व]
81. ( क्र. 1082 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1954 एवं भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 2 की किस उपधारा में “दखल रहित” भूमि की क्या परिभाषा दी गई है, दखल रहित भूमियों को पटवारी मानचित्र, निस्तार पत्रक एवं खसरा पंजी में दर्ज किए जाने के क्या प्रावधान संहिता की किस-किस धारा में दिए है। (ख) निस्तार पत्रक एवं खसरा पंजी में दखल रहित भूमियों को किन-किन मदों एवं किन-किन प्रयोजनों के लिए दर्ज किया जाता है, प्रयोजनों में परिवर्तन का किसे अधिकार है, मदों में परिवर्तन का किसे अधिकार हैं पृथक-पृथक धारा सहित बताएं। (ग) भू-राजस्व संहिता की किस धारा में दखल रहित भूमियों को संरक्षित वन अधिसूचित करने वर्किंग प्लान में शामिल करने एवं पटवारी मानचित्र और खसरा पंजी में पृथक करने का अधिकार किसे प्रदान किया है।
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) म.प्र. भू-राजस्व संहिता, 1954 वर्तमान में प्रभावशील नहीं है, इसे म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की अनुसूची-दो द्वारा निरसित किया जा चुका है। ''दखल रहित भूमि'' की परिभाषा म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 2 की उपधारा (1) के खण्ड (य-3) में दी गई है। दखल रहित भूमि के अभिलेख तैयार किये जाने के प्रावधान संहिता के अध्याय-18 में विहित है। (ख) म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 237 की उपधारा (1) (क) से (ट) तक निस्तार पत्रक में दखल रहित भूमि को निम्नलिखित के लिये पृथक रखें जाने का प्रावधान है:- (क) इमारती लकड़ी या ईधन के लिये आरक्षित क्षेत्र के लिये (ख) चारागाह, घास, बीड़ या चारें के लिये आरक्षित क्षेत्र के लिये। (ग) कब्रिस्तान तथा श्मशान भूमि के लिये। (घ) गोठान के लिये। (ड.) शिविर भूमि के लिये। (च) खलिहान के लिये। (छ) बाजार के लिये। (ज) खाल निकालने के स्थान के लिये। (झ) खाद के गड्ढों के लिये। (ञ) पाठशालाओं, खेल के मैदानों, उद्यानों, सड़को, गलियों, नालियों जैसे तथा उसी प्रकार के लोक प्रयोजनों के लिये। (ट) किन्ही अन्य प्रयोजनों के लिये जो निस्तार के अधिकार के प्रयोग के लिये विहित किये जायें। निस्तार पत्रक तैयार करने की शक्ति उप खण्ड अधिकारी तथा कतिपय परिस्थितियों में मदपरिवर्तन की शक्ति कलेक्टर को प्राप्त है संबंधित प्रावधान संहिता की धारा 233 से 237 में है। (ग) म.प्र. भू-राजस्व संहिता में दखल रहित भूमि को संरक्षित वन अधिसूचित करने वर्किगं प्लान में शामिल करने एवं पटवारी मानचित्र और खसरा पंजी में पृथक करने के अधिकार का कोई प्रावधान नहीं है।
नियम विरूद्ध पदस्थापना
[राजस्व]
82. ( क्र. 1087 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व अनुभाग नरसिंहगढ़ में कौन-कौन से पद स्वीकृत हैं तथा स्वीकृत पद के विरूद्ध कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी कब से पदस्थ है, बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या उक्त कार्यालय में स्टेनो पद के विरूद्ध कर्मचारी पदस्थ होने के बावजूद स्टेनों का कार्य अप्रशिक्षित सहायक ग्रेड-2 द्वारा किया जा रहा है तथा प्रशिक्षित स्टेनों से अन्य लिपिकीय कार्य कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या उक्त कृत्य विधिसंगत न होकर नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है तथा क्या उक्त सहायक ग्रेड-2 एक ही स्थान पर विगत 20 वर्षों से कार्यरत है जो कि सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी निर्देशों का भी उल्लंघन है? (ग) यदि हाँ, तो उक्त संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा जुलाई 2019 में कलेक्टर जिला राजगढ़ एवं अनुविभागीय अधिकारी राजस्व नरसिंहगढ़ को प्रशिक्षित व्यक्ति से कार्य लिये जाने का लेख किया गया एवं 20 वर्षों से एक ही स्थान पर कार्यरत उक्त सहायक ग्रेड-2 के अन्यत्र स्थानांतरण का भी लेख किया गया था? यदि हाँ, तो क्या प्रश्नकर्ता के पत्रों पर प्रश्न दिनांक तक कोई कार्यवाही की गई है, यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों तथा कब तक प्रशिक्षित स्टेनो को कार्यप्रभार प्रदान कर उक्त सहायक ग्रेड-2 का स्थानांतरण कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) जी नहीं। प्रशासकीय कार्य सुविधा की दृष्टि से एक सहायक ग्रेड-03 दिनांक 30.08.2016 एवं एक स्टेनोटायपिस्ट दिनांक 20.01.2019 से पदस्थ है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) कार्यालयीन कार्य एवं सुविधा की दृष्टि से कार्यालय में कार्यरत किसी भी तृतीय श्रेणी कर्मचारी से कार्यालय के किसी भी शाखा का कार्य कराया जा सकता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
फसल हानि मुआवजा राशि से वंचित किसान
[राजस्व]
83. ( क्र. 1088 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत वर्ष 2019-20 में अतिवर्षा/प्राकृतिक प्रकोप से हुई फसल हानि की कितनी-कितनी मुआवजा/राहत राशि कितने किसानों को स्वीकृत की गई है? तहसीलवार सूची सहित बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या फसल हानि से प्रभावित सभी पात्र किसानों को सर्वे में सम्मिलित कर मुआवजा राशि स्वीकृत कर दी गई? यदि नहीं, तो प्रश्न दिनांक तक कितने किसान किन कारणों से वंचित है तथा इनको कब तक पात्रता सूची में सम्मिलित कर लिया जावेगा? (ग) क्या शासन द्वारा फसल हानि हेतु स्वीकृत राशि की 25 प्रतिशत मुआवजा राशि किसानों के खातों जमा करने के निर्देश दिये गये है? यदि हाँ, तो कितने किसानों को मुआवजा की 25 प्रतिशत राशि का भुगतान उनके खातों में कर दिया गया है तथा प्रश्न दिनांक तक कितने किसान को भुगतान किया जाना किन कारणों से शेष है? (घ) उपरोक्तानुसार किसानों को फसल हानि मुआवजा की शेष 75 प्रतिशत राशि दिये जाने हेतु प्रश्न दिनांक तक शासन द्वारा क्या कोई कार्यवाही की गई है, यदि हाँ, तो क्या तथा कब तक शेष 75 प्रतिशत राशि का भुगतान किसानों को कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ तहसील अंतर्गत कुल 242 ग्रामों के 56434 कृषकों को कुल राहत राशि 89,62,50,079/- (नवासी करोड़ बासठ लाख पचास हजार उन्यासी मात्र) रूपये स्वीकृत की जा चुकी है। तहसील नरसिंहगढ अन्तर्गत प्रभावित कृषकों की संख्यात्मक सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। सभी पात्र कृषकों को सर्वे में सम्मिलित कर पात्रता अनुसार मुआवजा राशि स्वीकृत कर दी गई है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (ग) जी हाँ। राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ के अंतर्गत वर्ष 2019-20 में अतिवर्षा/प्राकृतिक प्रकोप से कुल 56434 किसानों को फसल राहत राशि स्वीकृत की जाकर 46982 किसानों को स्वीकृत मुआवजा राशि की 25 प्रतिशत राशि उनके बैंक खातो में जमा करा दी गई है तथा प्रश्न दिनांक तक शेष 9452 किसानों के बैंक खाते प्राप्त ना होने एवं संयुक्त खातेदार होने से किसानों के मध्य आपसी सहमति नहीं होने के कारण शेष किसानों को भुगतान नहीं किया जा सका है। (घ) जी हाँ। बजट प्राप्त होते ही शेष राशि जारी की जावेगी।
मध्यप्रदेश में रिवेन्यु कोर्ट मैनेजमेन्ट सिस्टम (RCMS)
[राजस्व]
84. ( क्र. 1093 ) डॉ. मोहन यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश में रिवेन्यु कोर्ट मैनेजमेन्ट सिस्टमम (RCMS) कब से लागू हुआ, नियम प्रावधान सहित सम्पूर्ण ब्यौरा उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार आर.सी.एम.एस. लागू होने के पश्चात उज्जैन जिले में कितने प्रकरणों में नियत समयावधि में आदेश पारित किये गये? पारित आदेशों में पटवारी मौजा द्वारा कितनी समयावधि में अमलदरामद किये गये? कितने आदेशों में पटवारी मौजा द्वारा आदेश के पालन में नियत समयावधि में अमलदरामद नहीं किये गये? अमलदरामद नहीं करने पर कितने पटवारी को कारण बताओं सूचना पत्र प्रेषित कर पटवारी के विरूद्ध कार्यवाही की गई? कितने प्रकरणों में प्रश्न दिनांक तक पटवारी द्वारा अमलदरामद नहीं किया गया है? पटवारी को प्रेषित सूचना पत्रों की प्रति एवं की गई कार्यवाही की प्रति उपलब्ध कराते हुए सम्पूर्ण जानकारी वर्षवार, तहसीलवार, ग्रामवार उपलब्ध करावें?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) मध्यप्रदेश में रिवेन्यु कोर्ट मैनेजमेन्ट सिस्टम (RCMS) 01/10/2016 से लागू हुआ। नियम प्रावधान पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) आर.सी.एम.एस. लागू होने के पश्चात जिला उज्जैन में कुल 118102 प्रकरण यथासंभव नियत समयावधि में पारित किये गये है। सभी तहसीलों में प्रकरण समय-सीमा में अमलदरामद किये जा रहे है। तहसील नागदा के 98 प्रकरणों को समय-सीमा में अमलदरामद नहीं किया गया है। तहसील नागदा में संबंधित 8 पटवारियों को कारण बताओं सूचना पत्र जारी किये गये है। वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
अविवादित नामांतरण, बंटवारा एवं अन्य प्रकरणों में नामांतरण पंजी
[राजस्व]
85. ( क्र. 1094 ) डॉ. मोहन यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कृषकों से संबंधित अविवादित नामांतरण, बंटवारा एवं अन्य प्रकरणों में नामांतरण पंजी को तहसीलदार द्वारा प्रमाणित करने पर पटवारी द्वारा राजस्व अभिलेखों में अमल दरामद किया जाता रहा है? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत नियमों की प्रति उपलब्ध करावे? यदि नहीं, तो नियमों के विपरीत नामांतरण पंजी के आधार पर 01 जनवरी, 2017 से प्रश्न दिनांक तक नामांतरण पंजी के आधार पर किये गये नामांतरण वैध माना जावेंगे अथवा अवैध? (ख) वर्तमान में नामांतरण पंजी के आधार पर अविवादित नामांतरण अथवा अन्य प्रकरण तहसीलदार द्वारा प्रमाणित किये जाने के उपरांत अमल दरामद किये जा सकते हैं अथवा नहीं? यदि नहीं, तो किस नियम के तहत नियमों की प्रति उपलब्धो करावें?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) जी हाँ। मध्य प्रदेश राजपत्र दिनांक 2 जुलाई, 1965 में प्रकाशित अधिसूचना क्रमांक 2498-सात-ना-1 दिनांक 10 जून, 1965 को जारी नियमों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। 1 जनवरी, 2019 से नवीन नियम प्रभावशील है। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है।
प्रदेश में कुपोषित बच्चो की संख्या
[महिला एवं बाल विकास]
86. ( क्र. 1103 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग के संधारित जानकारी अनुसार प्रदेश में वर्ष 2015-16 से वर्ष 2019-20 तक वर्षवार कुपोषित बच्चों की संख्या, वित्तीय वर्ष के प्रारम्भ तथा अन्त के अनुसार बतावें तथा यह भी बतावें कि कुपोषित बच्चें कुल बच्चों की संख्या का कितने प्रतिशत है? (ख) रतलाम जिले में विभाग में वर्ष 2014 से 2019 तक कितने आर्थिक अनियमितता एवं घोटाले पाए गये उनकी सूची देवे तथा बतावें कि कितने घोटाले की विभागीय जांच चल रही है? (ग) रतलाम जिले में दिसंबर 2019 को कितनी आंगनवाड़ी कार्यरत है तथा उसमें कुल बच्चों की संख्या कितनी है वर्ष 2015-2019 तक रतलाम तथा सैलाना विधान सभा क्षेत्र में वर्ष अनुसार कुपोषित बच्चों की संख्या बताएं? (घ) रतलाम में कुपोषण के निवारण हेतु पिछले पाँच वर्षों में किये गये कार्यों का उल्लेख करें तथा उससे प्राप्त परिणाम की संख्यात्मक जानकारी दें तथा बतावें की पिछले पाँच वर्षों में कुल बच्चों की तुलना में कुल कुपोषित बच्चों के प्रतिशत में कितनी कमी या वृद्धि हुई है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( डॉ. विजय लक्ष्मी साधौ ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) रतलाम जिले में प्रश्नांकित अवधि में आंगनवाड़ी भवन उन्नयन से संबंधित शिकायत की जांच ई.ओ.डब्ल्यू. (आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ) उज्जैन में प्रचलित है। विभागीय जांच प्रचलित नहीं है। (ग) रतलाम जिले में प्रश्नांकित अवधि में कुल 2124 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। जिनमें कुल 173199 बच्चे दर्ज है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (घ) विभाग द्वारा बच्चों के पोषण स्तर में सुधार हेतु अटल बिहारी बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन अंतर्गत कम वजन एवं अति कम वजन के बच्चों के परिवारों को प्रोटीन युक्त सोयाबड़ी का प्रदाय किया जा रहा है। राष्ट्रीय पोषण मिशन अंतर्गत आंगनवाड़ी केन्द्रों के संचालन की रियल टाइम मॉनिटरिंग, विभिन्न विभागों की योजनाओं के साथ अभिसरण, जन आंदोलन अंतर्गत पोषण जागरूकता हेतु समुदाय आधारित गतिविधियों का क्रियान्वयन किया जा रहा है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के पोषण संबंधित जानकारी सुदृढ़ करने हेतु इन्क्रीमेंटल लर्निगं प्रक्रिया के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जा रहा है। साथ ही कुपोषण मुक्त किये जाने हेतु रतलाम शहर में नवाचार के रूप में ''आकृति प्रोजेक्ट'' कार्यक्रम का क्रियान्वयन किया जा रहा है। कुपोषण निवारण हेतु किये जा रहे प्रयासों के परिणाम शनैः शनैः प्राप्त होते है। रतलाम जिले में मार्च 2015 में सामान्य से कम वजन के बच्चों का प्रतिशत 25.1 था जो कि माह जनवरी 2020 में घटकर 18.00 प्रतिशत रह गया है वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है।
राशन दुकानों पर कार्यवाही नहीं किया जाना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
87. ( क्र. 1106 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कलेक्टर रतलाम ने आदेश क्रमांक 786 दिनांक 06.04.2017 से रतलाम शहर की सभी उचित मूल्य दुकानों की दिनांक 15.05.2017 तक जांच करने के निर्देश दिये, यदि हाँ, तो जांच कब तक पूर्ण की गई? (ख) क्या डिप्टी कलेक्टर ने आदेश क्रमांक 256 दिनांक 22.05.2017 से दल गठित कर 12 दुकानों की पात्रता पर्ची की जांच हेतु निर्देश दिये? यदि हाँ, तो 12 दुकानों की जांच कब पूर्ण हुई है तथा शेष दुकानें कब आवंटित की गई? (ग) क्या प्रश्नांश (क) तथा (ख) के संदर्भ में मात्र 8 दुकानों पर कार्यवाही की गई तथा शेष 55 दुकानों को क्यों छोड़ दिया गया? इस संबंध में जारी आदेश की प्रति देवें, क्या शेष दुकानों की 75 करोड़ के घोटाले को बचाने के लिए अधिकारियों द्वारा आर्थिक लेन-देन हुआ? (घ) क्या 8 दुकानों में 2846 फर्जी, 55 दुकानों में 21202 फर्जी हितग्राही थे? इतनी बड़ी संख्या के बाद भी प्रकरण दर्ज न करने के कारण बतावें। क्या प्रकरण दर्ज न करने पर उच्च अधिकारियों या विधि विभाग से राय ली गई?
खाद्य मंत्री ( डॉ. गोविंद सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
व्यापम घोटाले की जांच
[चिकित्सा शिक्षा]
88. ( क्र. 1111 ) श्री मनोज चावला : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या व्यापम ने परीक्षा में गलत तरीके अपनाने पर वर्ष 2008 से 2011 की पी.एम.टी. परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों की पात्रता समाप्त करने संबंधित आदेश की प्रति विभाग को भेज कर कार्यवाही करने का अनुरोध किया था यदि हाँ, तो वर्षवार संख्या क्या थी तथा कितने अभ्यर्थी का प्रवेश निरस्त किया गया? (ख) शासकीय तथा निजी चिकित्सा महाविद्यालय में फर्जी भर्ती होने की शिकायत की जांच विभाग करेगा या प्रवेश एंड फीस विनियामक समिति करेगी। व्यापम घोटाले में फर्जी भर्ती की जांच विभागीय स्तर पर विभाग द्वारा की गई या AFRC द्वारा की गई। क्या शासकीय तथा निजी चिकित्सा महाविद्यालय प्रवेश संबंधित समस्त दस्तावेज तथा पत्राचार विभाग से करता है या AFRC करता है। (ग) क्या विभाग पी.एम.टी. के माध्यम से निजी चिकित्सा महाविद्यालय में भर्ती में घोटाले की 2009 से 2013 की जांच कर रहा है यदि नहीं, तो क्यों?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जानकारी एकत्रित की जा रहीं है। (ख) शासकीय तथा निजी चिकित्सा महाविद्यालय में फर्जी भर्ती होने की शिकायत की जांच सी.बी.आई. एवं एस.टी.एफ. द्वारा की जा रही है। शेष जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) जी नहीं। जांच सी.बी.आई. एवं एस.टी.एफ. द्वारा की जा रहीं है।
जिले में संचालित आंगनवाड़ी केंद्रों की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
89. ( क्र. 1114 ) श्री मनोज चावला : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रतलाम जिले में दिसंबर 2019 की स्थिति में कितने आंगनवाड़ी हैं तथा उन में कुल कितने बच्चे है? उनमें अनुसूचित जाति जनजाति तथा अल्पसंख्यक वर्ग के कितने-कितने बच्चे हैं? विधानसभा क्षेत्र अनुसार जानकारी दें। (ख) रतलाम जिले में वर्ष 2015 से वर्ष 2020 की जनवरी माह में कुपोषित बच्चों की संख्या क्या है तथा पिछले 5 वर्षों में कुपोषण रोकने के क्या प्रयास किए गए? (ग) रतलाम जिले की किन-किन आंगनवाड़ियों में जनवरी 2016 से जनवरी 2018 तक की अवधि में आयरन फेम बोर्ड लगाया गया, उक्त बोर्ड किस एजेंसी द्वारा किस दर से लगाया गया तथा एजेंसी का चयन किस प्रक्रिया से किया गया कितनी राशि का भुगतान किस-किस दिनांक को किया गया? (घ) रतलाम जिले में किस-किस प्रकरण में आर्थिक अनियमितता भ्रष्टाचार को लेकर वर्तमान में विभागीय जांच प्रचलन में है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( डॉ. विजय लक्ष्मी साधौ ) : (क) रतलाम जिले में कुल 2124 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है तथा इन आंगनवाड़ी केन्द्रों में अनुसूचित जाति, जनजाति तथा अल्पसंख्यक वर्ग के बच्चों की विधानसभावार जानकारी निम्नानुसार है:-
विधानसभा क्षेत्र का नाम |
कुल बच्चे |
वर्गवार बच्चों की संख्या |
||
अनुसूचित जाति |
अनुसूचित जनजाति |
अल्पसंख्यक |
||
219- रतलाम ग्रामीण |
32535 |
4775 |
14341 |
825 |
220-रतलाम शहर |
28625 |
3549 |
2025 |
8752 |
221-सैलाना (अजजा) |
46430 |
570 |
43768 |
91 |
222-जावरा |
38564 |
9058 |
3966 |
6363 |
223-आलोट |
27045 |
9436 |
574 |
2064 |
कुल |
173199 |
27388 |
64674 |
18095 |
(ख) रतलाम जिले में वर्ष 2015-से जनवरी 2020 तक कुल कुपोषित बच्चों की संख्या निम्नानुसार है:-
क्र. |
वर्ष |
कुपोषित बच्चों की संख्या |
||
(अति कम वज़न के बच्चें) |
( कम वज़न के बच्चें) |
कुल योग |
||
1 |
2015 |
5641 |
28423 |
34064 |
2 |
2016 |
3548 |
25733 |
29281 |
3 |
2017 |
4809 |
29555 |
34364 |
4 |
2018 |
3528 |
24025 |
27553 |
5 |
2019 |
3315 |
22695 |
26010 |
6 |
2020 (जनवरी तक) |
3381 |
22546 |
25927 |
(ग) प्रश्नांकित अवधि में रतलाम जिले की आंगनवाड़ी केन्द्रों में आयरन फ्रेम बोर्ड नहीं लगाये गये है। अतः शेष जानकारी का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) वर्ष 2013-14 के पश्चात आंगनवाड़ी भवन उन्नयन से संबधित शिकायत की जांच ई.ओ.डब्ल्यू. उज्जैन द्वारा प्रचलित है तथा कोई विभागीय जांच प्रचलित नहीं है।
परियोजनाओ की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
90. ( क्र. 1121 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में विभाग की कितनी परियोजनाएं किन-किन तहसीलों में संचालित की जा रही हैं? (ख) सीतामऊ की दो परियोजनाओं में से सुवासरा तहसील में एक परियोजना के संचालन हेतु कब तक स्वीकृति आदेश प्रदान कर दिये जावेंगे? (ग) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र की एक-एक परियोजना में कितने मुख्य एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित किये जा रहे है? (घ) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र बिना विभागीय भवनों के संचालित हो रहे है, स्थान के नाम सहित जानकारी देवें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( डॉ. विजय लक्ष्मी साधौ ) : (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत 04 बाल विकास परियोजनाए सीतामऊ क्र. 01 तथा सीतामऊ क्र. 02 सीतामऊ तहसील में एवं गरोठ क्र. 01 तथा गरोठ क्र. 02 गरोठ तहसील में संचालित की जा रही है। (ख) सीतामऊ तहसील में संचालित 02 बाल विकास परियोजनाओं में से बाल विकास परियोजना सीतामऊ क्र. 02 का कार्यालय सुवासरा मुख्यालय से संचालित किये जाने के संबंध में आदश जारी कर दिये गये है। (ग) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र की बाल विकास परियोजना सीतामऊ क्र. 01 में 214 आंगनवाड़ी केन्द्र तथा 20 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र, बाल विकास परियोजना सीतामऊ क्र. 02 में 142 आंगनवाड़ी केन्द्र तथा 34 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र, बाल विकास परियोजना गरोठ क्र. 01 में 189 आंगनवाड़ी केन्द्र तथा 39 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र तथा बाल विकास परियोजना गरोठ क्र. 02 में 67 आंगनवाड़ी केन्द्र तथा 17 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। (घ) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में कुल 302 आंगनवाड़ी केन्द्र बिना विभागीय भवन के संचालित हो रहे है। स्थान के नाम सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
मुख्यमंत्री नलजल योजना की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
91. ( क्र. 1122 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर जिले में कितने ग्रामो में मुख्यमंत्री नलजल योजना स्वीकृत की गई है स्वीकृति दिनांक, ग्राम का नाम एवं लागत सहित विधानसभावार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) कितने कार्य पूर्ण तथा कितने कार्य अपूर्ण एवं कितने कार्य प्रारम्भ नहीं हुए? कार्यों की वर्तमान स्थिति की जानकारी देवें। (ग) जनता की सुविधा हेतु उपरोक्त अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण तथा अप्रारम्भ कार्यों को कब तक प्रारम्भ कर दिया जावेगा? (घ) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में कहाँ-कहाँ जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक मुख्यमंत्री नलजल योजना के द्वितीय चरण में कितनी स्वीकृति प्रदान की गई है? सूची उपलब्ध कराते हुए जानकारी देवें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (घ) प्रश्नांकित अवधि में कोई योजना स्वीकृत नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
नवीन राजस्व ग्राम बनाये जाना
[राजस्व]
92. ( क्र. 1123 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोलारस विधानसभा क्षेत्र में ऐसे कौन-कौन से व कितने ग्राम हैं जो राजस्व ग्राम घोषित होने पात्रताओं की पूर्ति करते हैं? ऐसे सभी ग्रामों के नाम का उल्लेख कर पंचायतवार जानकारी उपलब्ध करावें? इस ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित किए जाने हेतु वर्तमान में क्या कार्यवाही प्रचलन में है? किसी ग्राम को राजस्व ग्राम बनाने हेतु शासन द्वारा क्या-क्या पात्रताऐं निर्धारित की गई हैं तथा नए राजस्व ग्राम बनाने की घोषणा किसके द्वारा की जाती है? नए राजस्व ग्राम बनाने संबंधी शासन के अद्यतन नियम, निर्देशों की छायाप्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या कोलारस विधानसभा क्षेत्र में राजस्व ग्राम की पात्रता रखने वाले ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित नहीं किए जाने से वहां के ग्रामजन राजस्व ग्रामों हेतु मिलने वाली किन-किन सुविधाओं से वंचित हैं? यदि हाँ, तो कोलारस विधानसभा क्षेत्र में पात्रता रखने वाले ग्रामों को कब तक राजस्व ग्राम घोषित कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) ग्राम बेहटा का मजरा धरमपुरा राजस्व ग्राम घोषित होने की पात्रताओं की पूर्ति करता है। जी हाँ, इस मजरा को राजस्व ग्राम बनाए जाने की कार्यवाही प्रचलन में है। राजस्व ग्राम बनाये जाने हेतु निम्न पात्रताऐं निर्धारित है:- 1. राजस्व ग्राम से मजरा टोला की दूरी 02 किलोमीटर या अधिक मजरे टोलों को हो। 2. मजरा टोला की जनसंख्या 200 से अधिक हो। 3. राजस्व क्षेत्रफल 2.00 एकड से अधिक हो। राजस्व ग्राम बनाने संबंधी घोषणा जिला कलेक्टर द्वारा की जाती है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। मूल राजस्व ग्राम में मिलने वाली सभी सुविधायें ग्रामजनों को मिलती हैं। शेष प्रश्नांश लागू नहीं होता।
विभिन्न विभागों के तकनीकी पदों की राजस्व के पदों से समानता
[राजस्व]
93. ( क्र. 1126 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन के विभिन्न विभागों के तकनीकी पद जैसे कनिष्ठ यंत्री, सहायक यंत्री, कार्यपालन यंत्री, सीई/सीजेएम तथा एमडी आदि राजस्व विभाग के पद पटवारी, राजस्व निरीक्षक, नायब तहसीलदार, तहसीलदार, डिप्टी कलेक्टर/एसडीएम, संयुक्त कलेक्टर, अतिरिक्त कलेक्टर, कलेक्टर, कमिश्नर आदि पदों में कौन-कौन से पद किसके समतुल्य होता है? (ख) राजस्व विभाग के कौन-कौन से अधिकारी, तकनीकी विभाग के किन अधिकारियों को निर्देश दे सकते हैं तथा कौन किसका निरीक्षण करने हेतु सक्षम होता है? (ग) पदों की समानता का पदवार विवरण एवं इस संबंध में शासन द्वारा समय-समय पर जारी नियम एवं निर्देशों की छायाप्रति उपलब्ध कराते हुए जानकारी उपलब्ध करावें।
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) राजस्व विभाग के अधिकारी प्रशासनिक कार्य के साथ-साथ न्यायालयीन कार्य भी करते हैं। अत: तकनीकी पदों से समतुल्यता नहीं हो सकती हैं। (ख) जिला कलेक्टरों के निर्देशों पर राजस्व विभाग के अधिकारी समन्वय की दृष्टि से अन्य विभागों के कार्यों का निरीक्षण कर सकते हैं। (ग) पदों की समानता के संबंध में कोई नियम निर्देश नहीं हैं।
विगत वर्षों में मध्यप्रदेश में वाणिज्यक करों की प्राप्ति
[वाणिज्यिक कर]
94. ( क्र. 1129 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश सरकार को वित्तीय वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 एवं चालू वर्ष 2019-20 में अब तक कुल कितनी राशि वाणिज्यक कर के रूप में किन-किन मदों से प्राप्त हुई है? क्या उक्त राशि वित्तीय वर्षों में निधारित किए गए लक्ष्यों के अनुरूप प्राप्त हुई है अथवा नहीं? (ख) यदि हाँ, तो उक्त वित्तीय वर्षों में सकल वाणिज्यक कर के रूप में कुल कितनी राशि की प्राप्ति के लक्ष्य निर्धारित किए गये थे? यदि निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप राशि प्राप्त नहीं हुई तो शासन के प्रयासों की किन-किन कमियों के कारण लक्ष्य पूर्ति नहीं हो सकी? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) अनुसार राज्य सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2020-21 हेतु सकल वाणिज्यक करों की प्राप्ति से कुल कितनी राशि प्राप्त किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है? वाणिज्यक करों के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा किन-किन मदों से कर की प्राप्ति की जाती है?
वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) मध्यप्रदेश सरकार को वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19 एवं चालू वित्तीय वर्ष 2019-20 (फरवरी तक) मदवार लक्ष्य एवं प्राप्त राजस्व की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर अवस्थित है वर्ष 2017-18 एवं वर्ष 2018-19 में राजस्व प्राप्ति दिये गये लक्ष्य के अनुरूप प्राप्त हुई है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार वाणिज्यिक कर राजस्व की प्राप्तियां निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप प्राप्त हुई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा वर्ष 2020-21 हेतु सकल वाणिज्यिक करों की संभावित प्राप्तियों के संबंध में अनुमानित प्राप्तियों का बजट अनुमान म.प्र. सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट अनुमान के माध्यम से प्रथमतया विधान सभा पटल में दर्शित होगा।
किसानों को गेहूँ के बोनस का वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
95. ( क्र. 1151 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला नरसिंहपुर में उपार्जन वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में गेहूँ का कितना बोनस कितने कृषकों को दिया गया? (ख) जिला नरसिंहपुर में उपार्जन वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में कितने-कितने धान खरीदी केन्द्र बनाए गये हैं? (ग) क्या वर्ष 2019-20 में धान खरीदी केन्द्रों की संख्या कम की गई यदि हाँ, तो क्यों? (घ) वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में प्रति हेक्टेयर कितने क्विंटल धान खरीदी की गई वर्ष 2018-19 में वर्ष 2019-20 की अपेक्षा कम खरीदी हुई, यदि हाँ, तो क्यों? (ड.) वर्ष 2019-20 में धान खरीदी का शत-प्रतिशत भुगतान कर दिया गया है यदि नहीं, तो क्यों? (च) वर्ष 2019-20 में धान खरीदी में कितनी राशि प्रति क्विंटल दी गई थी एवं 2019-20 में कितनी राशि दी गई है?
खाद्य मंत्री ( डॉ. गोविंद सिंह ) : (क) से (च) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सहायक सांख्यिकी अधिकारी के विरूद्ध जांच
[महिला एवं बाल विकास]
96. ( क्र. 1173 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अतारांकित प्रश्न क्र. 4055 दिनांक 24 जुलाई, 2019 के उत्तरांश अनुसार महिला एवं बाल विकास के तत्कालीन प्रभारी परियोजना अधिकारी श्री नरेन्द्रसिंह सेंगर के विरूद्ध पोषण आहार में अनियमितता के संबंध में आयुक्त उज्जैन संभाग द्वारा विभागीय जांच संस्थित कि गई हैं। (ख) क्या विभागीय जांच अधिकारी जिला उज्जैन के पत्र क्र. 2741/विजा/18 दिनांक 06.04.2018 से प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन वास्तविक तथ्यों के विपरीत पाये जाने से पूरा विषय जांच के लिए संभागयुक्त उज्जैन के द्वारा आदेश क्र. 4374/02-स्था/2018 दिनांक 11.06.2018 अनुसार श्रीमती शैली कनास, संयुक्त कलेक्टर उज्जैन को नियुक्त किया गया है वर्तमान में जांच की क्या स्थिति हैं? (ग) विगत 4 वर्षों से दोषी कर्मचारी पर कार्यवाही नहीं किए जाने का क्या कारण है? जांच में विलंब का क्या कारण है विभागीय जांच अधिकारी उज्जैन के पत्र क्र. 2741 दिनांक 06.04.2018 से प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन में वास्तविक तथ्यों को किस अधिकारों द्वारा और कौन-कौन से वास्तविक तथ्यो को छुपाया गया है? ऐसे अधिकारी पर क्या कार्यवाही की जावेगी तथा दोषी कर्मचारी पर कब तक कार्यवाही की जावेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( डॉ. विजय लक्ष्मी साधौ ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। विभागीय जांच अधिकारी श्रीमती शैली कनास, संयुक्त कलेक्टर उज्जैन द्वारा पत्र क्र. 13821/वि.जांच/19 उज्जैन, दिनांक 14.11.2019 से प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन अनुसार अपचारी अधिकारी के विरुद्ध अधिरोपित आरोप क्रमांक एक से चार प्रमाणित पाए जाने पर अपचारी अधिकारी को तर्कसंगत नियम के अधीन दंडित किये जाने हेतु नियम 17 अंतर्गत अंतिम सुनवाई का सूचना पत्र क्र. 6258-ए/एफ-1/20/14/दो-स्था/2019 उज्जैन, दिनांक 28.11.2019 जारी किया गया था, जिसका अपचारी अधिकारी द्वारा दिनांक 16.12.2019 को उत्तर प्रस्तुत किया गया है, जिसका परीक्षण प्रक्रियाधीन है। (ग) प्रकरण में विभागीय जांच कार्यवाही निरंतर प्रचलित है। अपचारी अधिकारी पर अधिरोपित आरोप गंभीर प्रकृति के होने के बावजूद भी श्री शोभाराम सोलंकी, संयुक्त कलेक्टर एवं विभागीय जांच अधिकारी, उज्जैन द्वारा पत्र क्र. 2741, दिनांक 06.04.2018 अनुसार प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन में तथ्यों का परीक्षण एवं निष्कर्ष अनुचित तरीके से निकाले गये थे। आरोप क्र. 01 में टेकहोम राशन माह अक्टूबर और नवम्बर 2013 का वितरण नहीं होना आरोपित है। उक्त आरोपित आरोप प्रमाणित होते हुए भी अप्रमाणित दर्शाया गया है। इसी प्रकार शेष आरोप क्र. दो से चार को शिथिल कर आंशिक रूप से प्रमाणित बताया गया है। इस प्रकार इस विभागीय जांच प्रकरण में विभागीय जांच अधिकारी के कर्तव्य के निर्वहन में गंभीर लापरवाही किये जाने के फलतः संभागायुक्त, उज्जैन द्वारा श्री शोभाराम सोलंकी, संयुक्त कलेक्टर एवं विभागीय जांच अधिकारी, उज्जैन को उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही का प्रस्ताव सामान्य प्रशासन विभाग, मंत्रालय भोपाल को प्रेषित किये जाने के संबंध में कार्यालयीन पत्र क्र. 4373/दो-स्थापना/2017, उज्जैन दिनांक 11.06.2018 से कारण बताओं सूचना पत्र प्रसारित किया गया था, जिसका उत्तर उनके द्वारा दिनांक 19.06.2018 को प्रस्तुत किया गया है, जिसका परीक्षण प्रक्रियाधीन है। प्रकरण में समस्त कार्यवाही आयुक्त उज्जैन संभाग के कार्यालय में प्रचलित है, उज्जैन आयुक्त को तत्काल कार्यवाही हेतु अर्द्ध शासकीय पत्र जारी किया गया। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
आयुर्वेदिक एवं होम्योपैथिक औषधालय में पदों की पूर्ति
[आयुष]
97. ( क्र. 1179 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आयुष विभाग द्वारा आयुर्वेदिक औषधालय एवं होम्योपैथिक का संचालन किया जाता है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में विधानसभा क्षेत्र विजयराघवगढ़ में ऐसे कितने औषधालय हैं और क्या उनमें स्वीकृत स्टॉफ पूर्ण है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में यदि नहीं, तो विजयराघवगढ़ के किस-किस औषधालय में कौन-कौन से पद रिक्त हैं? यदि हाँ, तो उन्हें कब तक भरा जायेगा? यदि नहीं, तो पद रिक्त होने के लिये विभाग के कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं और उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी हाँ। (ख) संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) संलग्न परिशिष्ट अनुसार। पदपूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। कोई नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आंगनवाड़ी केन्द्र में सहायिका की नियुक्ति
[महिला एवं बाल विकास]
98. ( क्र. 1188 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सीधी जिले में चुरहट विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कितने आंगनवाड़ी केन्द्रों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं आंगनवाड़ी सहायिका में से एक की या दोनों की नियुक्ति नहीं हुई? नियुक्ति न होने के क्या कारण हैं? कब तक सरकार इनकी नियुक्ति कर देगी? केन्द्रवार जानकारी देवें। (ख) सीधी जिले की चुरहट विधान सभा क्षेत्र में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र हैं, जहां अभी भवन नहीं हैं। केन्द्रवार जानकारी दें। सरकार कब तक सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों में भवन उपलब्ध करा देगी? (ग) चुरहट विधान सभा के अंतर्गत कितने आंगनवाड़ी केन्द्रों में पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है? कब तक सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों में पीने के पानी की व्यवस्था हो जाएगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( डॉ. विजय लक्ष्मी साधौ ) : (क) सीधी जिले के चुरहट विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 08 आंगनवाड़ी केन्द्रों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं आंगनवाड़ी सहायिका में से एक की नियुक्ति नहीं हुई है तथा दोनो की नियुक्ति नहीं होने वाले केन्द्रों की संख्या निरंक है। 02 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के पदों पर नियुक्ति के प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है तथा 05 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं 01 आंगनवाड़ी सहायिका के शेष रिक्त पदों पर पदपूर्ति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता तथा आंगनवाड़ी सहायिका की नियुक्ति कार्यवाही एक सतत प्रक्रिया है, अतः समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) सीधी जिले की चुरहट विधानसभा क्षेत्र में कुल 159 आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु विभागीय भवन उपलब्ध नहीं है। केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। आंगनवाड़ी केन्द्रों का भवन निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है सीमित वित्तीय संसाधन होने के कारण समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (ग) चुरहट विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत संचालित समस्त 489 आंगनवाड़ी केन्द्रों में पीने के पानी व्यवस्था उपलब्ध है। अतः शेष का प्रश्न नहीं होता।
जनप्रतिनिधियों को महत्व नहीं दिया जाना
[संस्कृति]
99. ( क्र. 1195 ) श्री कमल पटेल : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या हरदा जिले में भुआणा उत्सव क्षेत्रीय संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए किया जाता है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो भुआणा उत्सव में कार्यक्रम के बैनरों में स्थानीय जनप्रतिनिधियों के फोटो क्यों नहीं दिए गए? (ग) क्या भुआणा उत्सव में स्थानीय जनप्रतिनिधियों को नजरअंदाज किया गया? यदि नहीं, तो स्थानीय जनप्रतिनिधियों सांसद, विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष एवं जनपद अध्यक्ष को कार्यक्रम में महत्व क्यों नहीं दिया गया? जनप्रतिनिधियों को मंच पर भी नहीं बुलाया गया, इसके लिए कौन दोषी है? (घ) हरदा जिले में भुआणा उत्सव में स्थानीय सांसद विधायक जिला पंचायत अध्यक्ष, जनपद अध्यक्ष को महत्व नहीं देने वाले दोषी अधिकारियों के विरूद्ध विभाग/शासन द्वारा कार्यवाही क्यों नहीं की गई? इसके लिए कौन जिम्मेदार है?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी हाँ। (ख) भुआणा उत्सव 2020 जिला पुरातत्व एवं पर्यटन विकास परिषद की ओर से हरदा की संस्कृति को बढ़ावा देने हेतु किया गया था अत: साधारण सभा के निर्णय अनुसार भुआणा उत्सव संबंधी बैनर में सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं अन्य आयोजन की विषय वस्तु को समाविष्टी की गयी थी। (ग) जी नहीं। उत्सव में किसी स्थानीय जनप्रतिनिधियों को नजरअंदाज नहीं किया गया। स्थानीय जनप्रतिनिधियों सांसद, विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष एवं जनपद अध्यक्ष को कार्यक्रम हेतु आमंत्रित किया गया था एवं यथोचित सम्मान देकर मंच पर भी बुलाया गया था। (घ) कोई भी अधिकारी दोषी नहीं है। अत: कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बालिका समृद्धि योजना का सुचारू रूप से संचालन
[महिला एवं बाल विकास]
100. ( क्र. 1196 ) श्री कमल पटेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या म.प्र. में बालिकाओं के विकास हेतु बालिका समृद्धि योजना 2 अक्टूबर, 1997 से प्रारंभ की जा चुकी है? यदि हाँ, तो वर्तमान में यह योजना सुचारू रूप से संचालित है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) उपरोक्त योजनाओं में भोपाल एवं हरदा जिले की कितनी-कितनी बालिकाओं का चयन वर्षवार किया गया? जिलेवार वर्षवार सूची प्रदान करें। (ग) इस योजना में चयनित बालिकाओं को जिनकी आयु 20 वर्ष कम्पलीट हो गई है? उनकी ओरिजनल एफ.डी. हितग्राही को क्यों नहीं दी जा रही है? हितग्राहियों को ओरिजनल एफ.डी. प्राप्त नहीं होने के कारण बालिकाओं को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है, इसके लिए कौन दोषी है? (घ) बालिका समृद्धि योजना में बालिकाओं को समय पर ओरिजनल एफ.डी. प्रदान करने के लिए क्या नियम है? जिन बालिकाओं को 20 वर्ष कम्पलीट हो गये, उनके ओरिजनल एफ.डी. कब तक प्रदान कर दी जावेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( डॉ. विजय लक्ष्मी साधौ ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश में बालिकाओं के विकास हेतु बालिका समृद्धि योजना वर्ष अक्टूबर 1997 में प्रारंभ की गई थी। शासन द्वारा इस योजना को वर्ष 2006-07 से बंद किये जाने के कारण इस योजना का संचालन वर्तमान में नहीं किया जा रहा है। (ख) भोपाल एवं हरदा जिले में योजनान्तर्गत चयनित बालिकाओं की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) बालिका समृद्धि योजना अन्तर्गत लाभान्वित की गई बालिकायें जिनकी आयु 20 वर्ष पूर्ण हो चुकी है, उन्हें एफ.डी. वितरण की प्रक्रिया निरन्तर प्रारंभ है, हितग्राही के उपस्थित होने पर उन्हें एफ.डी. दी जा रही है। (घ) विभाग के ज्ञाप क्र./2904/2986/2016-50-2/दिनांक 22.11.2016 द्वारा जिन बालिकाओं की उम्र 18 वर्ष पूर्ण हो चुकी है उन बालिकाओं को जमा राशि प्रदान करने की कार्यवाही तदनुसार की जा रही है।
फर्जी वारिसाना की जांच एवं कार्यवाही
[राजस्व]
101. ( क्र. 1205 ) श्री कमलेश जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पटवारी हल्का, तेदनी, बसरेही, अतरेला, जोन्हा, गढ़ा, तह. जवा, जिला रीवा में जीवन लाल मिश्रा पिता श्री शंकर प्रसाद मिश्रा, निवासी ओझापूर्वा, थाना अतरैला की कितनी-कितनी भूमि है? खसरा नकल बी 1 नकल वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक की उपलब्ध कराये। (ख) प्रश्नांश (क) के भूस्वामी की क्या दो पत्नी थी जिनका नाम क्रमश: श्रीमती गुलाब एवं दूसरी पत्नी केकती बाई है? यदि हाँ, तो भूस्वामी के जीवित रहते पटवारी हल्का तेदनी ने अपने हल्के की भूमि दूसरी पत्नी केकती बाई के नाम वारिसाना कर दिया है तथा अन्य पटवारी हल्का द्वारा वारिसाना दर्ज नहीं किया गया है? क्या भूस्वामी के मृत्युपरांत सभी वारिसों को बराबर-बराबर भूमि का वारिसाना किया जावेगा? (ग) यदि प्रश्नांश (क) (ख) सही है तो जीवनलाल मिश्रा भूस्वामी की मृत्यु किस जगह में कब हुई है? सक्षम आधिकारी का शपथ पत्र, म़ृत्यु प्रमाण पत्र के साथ जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (क) (ख) (ग) के संबंध में यदि भूस्वामी का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार कर वारिसाना किया गया है तो पटवारी हल्का एवं अन्य दोषी पर पुलिस प्रकरण दर्ज कराते हुए उक्त समूचे प्रकरण की जांच पुलिस अधीक्षक रीवा से कराऐंगे? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) रीवा जिले के तहसील जवा अन्तर्गत पटवारी हल्का तेदुनी अन्तर्गत ग्राम ओझापुर्वा, परिहारिनपुर्वा, गंज व कछिगवां पटवारी हल्का बसरेही अन्तर्गत ग्राम भितरी, पटवारी हल्का अतरैला अन्तर्गत ग्राम नौवस्ता, पटवारी हल्का जोन्हा अन्तर्गत ग्राम मौहरिया में जीवनलाल पिता शंकर प्रसाद ब्रा0 सा0 ओझापुर्वा का नाम सहखातेदार के रूप में भूमिस्वामी दर्ज अभिलेख है। पटवारी हल्का गाढ़ा में कोई भूमि नहीं है। खसरा नकल बी 1 नकल वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। भूमिस्वामी जीवनलाल का ग्राम पंचायत परिहारिनपुर्वा जनपद पंचायत जवा द्वारा प्रमाणित सजरा आवेदक द्वारा प्रस्तुत शपथ-पत्र के आधार पर जीवनलाल मिश्रा की एक पत्नी केतकी एवं पुत्र आत्मेश, अंकित कुमार, नन्दलाल पुत्र का नाम उल्लेखित है। उक्त ग्राम पंचायत द्वारा प्रमाणित सजरा, सपथ-पत्र, सचिव/उपपंजीयक जन्म/मृत्यु ग्राम पंचायत परिहारिनपुर्वा जनपद पंचायत जवा द्वारा जारी मृत्यु प्रमाण-पत्र के आधार पर हल्का पटवारी तेदुनी द्वारा हल्का अन्तर्गत ओझापुर्वा, गंज की भूमियों का वारिसाना नामान्तरण कार्यवाही प्रस्तावित की जाकर नामान्तरण पंजी प्रस्तुत की गई थी। जिसका क्रमशः ग्राम ओझापुर्वा की नामान्तरण पंजी क्रमांक-1 वर्ष 2017-18 आदेश दिनांक 16-05-2018 व ग्राम गंज की नामान्तरण पंजी क्रमांक-1 वर्ष 2017&18 आदेश दिनांक 16-05-2018 के द्वारा भूमिस्वामी जीवनलाल पिता शंकर प्रसाद के वजाय मु0 केतकी वेवा जीवनलाल, आत्मेश, अंकित कुमार, नन्दलाल पिता जीवनलाल ब्रा0 सा0 ओझापुर्वा के नाम वारिसाना नामान्तरण प्रमाणित किया गया है तथा पटवारी हल्का तेदुनी अन्तर्गत ग्राम परिहारिनपुर्वा, कछिगवां तथा अन्य पटवारी हल्का के ग्रामों का वारिसाना आवेदन/दावा प्राप्त नहीं होने से नहीं किया गया है। सक्षम न्यायालय में दावा प्राप्त होने पर विचार किया जावेगा। (ग) भूमिस्वामी जीवनलाल मिश्रा की मृत्यु सचिव/उपपजीयक जन्म/मृत्यु ग्राम पंचायत परिहारिनपुर्वा जनपद पंचायत जवा द्वारा जारी मृत्यु प्रमाण-पत्र अनुसार ग्राम ओझापुर्वा में होना उल्लेखित है। मृत्यु प्रमाण-पत्र की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जन्म मृत्यु रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1969 की धारा 15 के तहत जारी मृत्यु प्रमाण-पत्र रजिस्टार द्वारा फर्जी पाया जाने पर अपास्त किये जाने की स्थिति में वैधानिक कार्यवाही की जा सकेगी।
शासकीय भूमि पर अतिक्रमणकारियों की जानकारी
[राजस्व]
102. ( क्र. 1218 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले अंतर्गत अनूपपुर विधान सभा क्षेत्र में ग्राम छिल्पा, बम्हनी, फुनगा में किन-किनके द्वारा शासकीय भूमि पर अवैध रूप से कब्जा किया गया है। अतिक्रमणकारी का नाम, पिता का नाम, पता सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या खसरा नंबर 1451, 1446, 1445 एवं 1279/1 (ग्राम छिल्पा), खसरा नंबर 178 एवं 2/1 (ग्राम बम्हनी), खसरा नंबर 441 एवं 27 (ग्राम फुनगा) तथा खसरा नंबर 475 (ग्राम तितरीपोड़ी) शासकीय भूमि दर्ज है तथा क्या उक्त अतिक्रमण को हटाने हेतु जनप्रतिनिधियों द्वारा शिकायत की गई थी? शिकायत पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) उक्त विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत गौचर, तालाब व बाजार हेतु कितनी भूमि आरक्षित है? क्या ग्राम छिल्पा के खसरा नंबर 2610 जिसका कुल रकबा 9500 हैक्टेयर है, उक्त भूमि को मेसर्स इस्पात मिनरल प्रा. लिमिटेड कंपनी को उत्खन्न हेतु आवंटित की गई है? यदि हाँ, तो किन शर्तों पर?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) अनूपपुर जिले के अनूपपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम बम्हनी, फुनगा में शासकीय भूमि पर अतिक्रमणकारियों का नाम, पिता का नाम व पता पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। ग्राम छिलपा की शासकीय भूमि खसरा न. 1451 रकवा 0.898 हे. के अंष भाग पर सत्येन्द्र पटेल पिता रामचरण पटेल सा. छिल्पा के द्वारा मकान व बाउन्ड्रीवॉल बनाकर अवैध रूप से कब्जा किया गया है। (ख) ग्राम छिल्पा स्थित आराजी ख.न. 1451, 1446, 1445, 1279/1, 2610 वर्तमान अभिलेख में शासकीय भूमि (म.प्र.शासन) दर्ज अभिलेख है। खसरा न.1451 रकवा 0.898 हे. के अंश भाग पर सत्येन्द्र पटेल पिता रामचरण पटेल सा. छिल्पा के द्वारा मकान व बाउन्ड्रीवॉल बनाकर अवैध रूप से कब्जा किया गया है। अतिक्रमण के संबंध में जनप्रतिनिधियों की शिकायत के आधार पर न्यायालय नायब तहसीलदार वृत्त फुनगा के रा.प्र.क्र.0002/अ-68/2018-19, आदेश दिनांक-15.02.2019 को बेदखली का आदेश पारित कर दिया गया था, लेकिन अतिक्रमणकर्ता सत्येन्द्र पटेल के इस न्यायालय में पारित आदेष के विरूद्ध में न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी अनूपपुर के न्यायालय में अपील क्रमांक-16/अपील/2019-20 में विचाराधीन है। ग्राम छिल्पा स्थित आराजी खसरा नं. 1446 एवं 1445 में किसी भी प्रकार का अतिक्रमण नहीं है। ग्राम छिल्पा की शासकीय भूमि ख.न.1279/1 पर बगीचा व निस्तार रास्ता है तथा इस भूमि पर किसी का अतिक्रमण होना नहीं पाया गया है। ग्राम बम्हनी तहसील-अनूपपुर की आराजी खसरा नं. 178 वर्तमान में रामदास, कतहुरी बाई, बूटी बाई, के नाम दर्ज अभिलेख है। जिस पर किसी प्रकार का अतिक्रमण नहीं है। ग्राम बम्हनी की भूमि खसरा नंबर 278 एवं 2/1 में कुल 25 अतिक्रामकों द्वारा अतिक्रमण किया गया है। जिसकी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। ग्राम फुनगा स्थित शासकीय आराजी खसरा नम्बर 441 एवं अन्य शासकीय नम्बरों सहित कुल 82 अतिक्रामकों के विरूद्ध नायब तहसीलदार वृत्त फुनगा तहसील अनूपपुर के न्यायालय में म.प्र. भू-राजस्व संहिता की धारा 248 के तहत कार्यवाही की जा चुकी है। अतिक्रामकों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। ग्राम फुनगा की आराजी नम्बर 27 पट्टे की आराजी है, जो वर्तमान में 3 बटांको में विभाजित है। खसरा नम्बर 27/1 रकवा 0.628 हेक्टेयर भैयालाल साहू पुत्र नकछेदी साहू एवं खसरा क्रमांक-27/2 रकवा 0.628 हेक्टेयर रामकिषोर पिता बिहारी लाल साहू एवं खसरा क्रमांक-27/3 रकवा 0.627 हेक्टेयर अमृतवा पिता मंगलिया कोल के नाम वर्तमान में दर्ज अभिलेख है। ग्राम तितरीपोडी की आराजी खसरा नम्बर 475/1/क रकवा 1.477 हेक्टेयर म.प्र.शासन खसरा क्रमांक-475/1 ख रकवा 0.202 हेक्टेयर म.प्र. शासन/खसरा क्रमांक-475/1/ग रकवा 0.036 हेक्टेयर म.प्र. शासन आंगनवाड़ी, खसरा क्रमांक-475/1/घ रकवा 0.106 हेक्टेयर शासकीय पंचायत भवन, सामुदायिक भवन तथा खसरा न. 475/2 रकवा 0.202 हेक्टेयर पप्पू, तीरथ, कमलेश, दिनेश पिता हरिराम, मन्ती, चमेलिया पति हरिराम के नाम दर्ज है। (ग) अनूपपुर जिले के विधानसभा क्षेत्र अनूपपुर अंतर्गत गोचर, तालाब व बाजार हेतु निम्नानुसार भूमि आरक्षित है :-
मद |
रकबा हेक्टेयर |
गोचर |
2132.261 |
तालाब |
368.181 |
बाजार |
3.440 |
जी हाँ। ग्राम छिल्पा तहसील अनूपपुर की आराजी खसरा नम्बर 2610 कुल रकवा 19.995 हेक्टेयर के अंशभाग 9.500 हेक्टेयर भूमि क्षेत्र पर मेसर्स स्पान मिनरल्स प्रा.लि. पता जी-3 वींग हेतु कुंज बी.पी. रोड फिदाई बघेलन अपोजिट वित्तल कुंल अंधेरी वेस्ट मुम्बई (महाराष्ट्र) को अवधि 30 वर्षों हेतु म.प्र. गौण खनिज नियमावली 1996 के संशोधित नियम 18 (5) तथा ग्रेनाईट विकास संरक्षण नियम-1999 के प्रावधानों के तहत उत्खनिपट्टा स्वीकृत किया गया है। संबंधित कंपनी को उत्खनन हेतु म.प्र. गौण खनिज नियम-1996 के नियम -26 में उल्लेखित उत्खनन पट्टा विलेख के भाग-सात में वर्णित शर्तों एवं कार्यालयीन पत्र क्रमांक-329 दिनांक 05.03.2019 में जारी स्वीकृति आदेश में उल्लेखित शर्तों पर किया जाना है।
आरक्षित गोचर भूमि को अवैध कब्जा से मुक्त कराया जाना
[राजस्व]
103. ( क्र. 1219 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता के तहत निस्तार पत्रक में गौवंश की चरनोई के लिये अनूपपुर जिले में कितनी भूमि गोचर के लिये आरक्षित की गई है? जिले के समस्त पटवारी हल्कों की गोचर भूमि की तहसीलवार पृथक-पृथक सूचियां रकबा सहित उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में अनूपपुर जिले में अब तक कितनी गोचर भूमि का निजी स्वामित्व की भूमि से तल बदल किया गया है? नामवार, तहसीलवार सूची उपलब्ध करावें। (ग) क्या अनूपपुर जिले में गौवंश की चरनोई के लिये आरक्षित गोचर भूमि पर क्या अब भी बेजा कब्जा है? यदि हाँ, तो जिले के सभी पटवारी हल्कों में बेजा कब्जाधारियों की तहसीलवार सूची उपलबध करावें। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुरूप तल बदल कर निजी स्वामित्व में परिवर्तित की गई गोचर भूमि को कब तक वापस कराया जावेगा? प्रश्नांश (ग) के अनुरूप यदि अनूपपुर जिले में कहीं भी गोचर भूमि पर कब्जा है तो अब तक गोचर भूमि मुक्त क्यों नहीं कराई गई? इसके लिये कौन दोषी है? दोषी के विरूद्ध कब तक और क्या कार्यवाही होगी और गोचर भूमि कब तक मुक्त कराई जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता के तहत निस्तार पत्रक में गौवंश की चरनोई के लिये अनूपपुर जिले में 11432.403 हेक्टेयर भूमि गोचर के लिये आरक्षित की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) अनूपपुर जिले में गोचर भूमि का निजी स्वामित्व की भूमि से तल बदल नहीं किया गया है। (ग) जी नहीं। गौवंश की चरनोई के लिये आरक्षित गोचर भूमि पर बेजा कब्जा नहीं है। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के उत्तर के अनुक्रम में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
चिकित्सकों एवं चिकित्सा तकनीकी विशेषज्ञों को नया वेतनमान
[चिकित्सा शिक्षा]
104. ( क्र. 1226 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वचन पत्र के बिन्दु क्र. 19.4 में चिकित्सकों एवं चिकित्सा तकनीकी विशेषज्ञों के लिये नया आयोग गठित कर नई सुविधाएं एवं नया वेतनमान हेतु 3 माह में आयोग गठित कर उसकी सिफारिशें लागू करने का उल्लेख किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या यह कार्य हो चुका है अथवा नहीं यदि नहीं? तो इस संबंध में कब तक कार्यवाही पूर्ण कर ली जाएगी। (ग) क्या महाविद्यालय में कार्यरत शैक्षणिक कैडर प्राध्यापक, सहा प्राध्यापक, सहायक प्राध्यापक एवं डेमोस्टेटर/ट्यूटर को सातवॉ वेतनमान दिनांक 01/01/2016 के स्थान पर दिनांक 01/04/2018 से दिया गया है? यदि हाँ, तो क्या यह विसंगति कब तक दूर कर ली जाएगी? (घ) वर्तमान में 13 महाविद्यालयों में कितने चिकित्सा शिक्षकों की कमी है एवं इसकी कब तक पूर्ति कर ली जाएगी।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ, शासनादेश अनुसार वेतनमान में दिनांक 01 जनवरी, 2016 से काल्पनिक रूप से वेतन निर्धारण करते हुए वास्तविक लाभ दिनांक 01 अप्रैल, 2018 से दिया गया है। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। आदेश में कोई विसंगति नहीं है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है, पदपूर्ति की कार्यवाही एक सतत् प्रक्रिया है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पटवारी के रिक्त पदों की पूर्ति
[राजस्व]
105. ( क्र. 1227 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में पटवारियों के कुल कितने पद स्वीकृत हैं? इनमें से कितने पद वर्तमान में रिक्त हैं? जिलेवार जानकारी दें। (ख) उक्त रिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जाएगी? (ग) क्या वर्ष 2019 में पटवारियों ने अपनी विभिन्न मांगों के समर्थन में प्रदेश व्यापी पड़ताल की थी, इससे पूरे प्रदेश में काम प्रभावित हुआ था? (घ) क्या इनकी मांगों की पूर्ति 6 माह में किए जाने को लेकर विभागीय मंत्री द्वारा आश्वासन भी दिया गया था? यदि हाँ, तो क्या इनकी मांगों की पूर्ति कर दी गई हैं? यदि नहीं, तो क्यों एवं कब तक पूर्ति कर दी जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) प्रदेश में पटवारियों के कुल स्वीकृत पद 19163 है एवं रिक्त पद 1174 है। जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (ग) जी हाँ, जी हाँ। (घ) जी हाँ, जी नहीं, कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
इंदौर में जमीन संबंधी धोखाधड़ी पर कार्यवाही
[राजस्व]
106. ( क्र. 1236 ) श्री सुनील सराफ : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर के तरणजीत होरा एवं हरमन सिंह होरा के विरूद्ध धोखाधड़ी की शिकायतें मिलने पर कलेक्टर इंदौर द्वारा एस.डी.एम. की अध्यक्षता में जो समिति बनाई गई है क्या उसने जांच पूर्ण कर ली है? यदि हाँ, तो जांच प्रतिवेदन की प्रमाणित प्रति देवें। यदि जांच अपूर्ण हैं तो कब तक पूर्ण कर ली जायेगी? (ख) इंदौर के तरणजीत होरा एवं हरमन सिंह होरा के विरूद्ध इंदौर के किस थाने में कब एफ.आई.आर. दर्ज की गई? इसकी छायाप्रति देवें। (ग) इंदौर के तरणजीत होरा एवं हरमन सिंह होरा के विरूद्ध कलेक्टर, एस.डी.एम., तहसीलदार एवं अन्य को कुल कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? (घ) कब तक इन्हें गिरफ्तार किया जावेगा एवं इनकी धोखाधड़ी के शिकार लोगों को उनकी राशि/प्लांट कब तक दिलाये जावेंगे।
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) जी हाँ। जाँच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) वर्ष 2016 में थाना बेटमा में एफ.आई.आर. दर्ज हुई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–ब अनुसार है। (ग) वर्ष 2016 में 85 शिकायते प्राप्त हुई थी एवं दिनांक 30.01.2020 को 5 शिकायतें प्राप्त हुई है। (घ) आरोपी तरणजीत होरा एवं हरमन सिंह होरा को गिरफ्तार किया गया है। शेष कार्यवाही न्यायिक प्रक्रिया के तहत की जा सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नर्मदा सेवा यात्रा परिवहन
[परिवहन]
107. ( क्र. 1243 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्र.क्र. 1093 दिनांक 29.11.2017 के (क) और (ख) में वर्णित नर्मदा सेवा यात्रा के लिये चम्बल, उज्जैन संभागों में जो बसे अनुबंधित की गई, उनके नंबर भुगतान/लंबित राशि, राशि प्राप्तकर्ता नाम, बैंक खाता नंबर, टी.डी.एस. कटोत्रा राशि सहित वाहनवार, जिलावार, संभागवार बतावें? (ख) जिन बसों का किराया भुगतान नहीं हुआ है उनके नंबर, वाहन स्वामी नाम, जिलावार, लंबित राशि सहित बतावें? (ग) क्या कारण है कि लगभग 2 वर्ष बाद भी यह किराया लंबित है? इसका भुगतान कब तक होगा? (घ) यह भी बतावें कि इन बसों की सूची क्यों नहीं दी जा रही है? इसके जिम्मेदार अधिकारियों के नाम, पद नाम सहित देकर बतावें कि यह सूची कब दी जायेगी?
परिवहन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आयरन फ्लेक्स बोर्ड की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
108. ( क्र. 1244 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भोपाल, रायसेन, राजगढ़ एवं भिण्ड जिले में प्रश्न दिनांक तक प्रधानमंत्री मातृ वंदना के कितने फ्लैक्स किन-किन स्थानों पर लगे हैं? जानकारी स्थान, नाम सहित जिलावार देवें। (ख) लालिमा योजना एवं मॉ का दूध है संजीवनी के फ्लैक्स की जानकारी भी उपरोक्त प्रश्नांश (क) अनुसार देवें? (ग) 01.09.2018 से 31.01.2020 उपरोक्त वर्णित जिलों में से कितने जिलों में फ्लैक्स चोरी होने की रिपोर्ट किन-किन थानों में दर्ज कराई है? थाने का नाम, जिले का नाम, दिनांक, रिपोर्ट की छायाप्रति सहित देवें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( डॉ. विजय लक्ष्मी साधौ ) : (क) विभाग द्वारा प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना से संबंधित फ्लेक्स निम्नानुसार वितरित किये गये हैं- भोपाल जिले में- 2416 फ्लेक्स, रायसेन जिले में - 2253 फ्लेक्स, राजगढ़ जिले में - 2911 फ्लेक्स, भिण्ड जिले में- 2906 फ्लेक्स वितरण सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जिलों में फ्लेक्स स्थापना की कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) जानकारी निरंक है। (ग) प्रश्नांश अवधि में फ्लेक्स चोरी होने का कोई प्रकरण भोपाल, रायसेन, राजगढ़ एवं भिण्ड जिले में दर्ज नहीं किया गया है। अतः जानकारी निरंक है।
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के पत्र पर कार्यवाही
[चिकित्सा शिक्षा]
109. ( क्र. 1252 ) श्री संजय यादव : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग द्वारा अपने पत्र क्र. 44/2019 दिनांक 13.01.2020 द्वारा विभागीय प्रमुख सचिव को गांधी चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल में अस्पताल प्रबंधक एवं अन्य पदों पर सीधी भर्ती में आरक्षण नियमों का उल्लंघन कर की जा रही कार्यवाही के संबंध में पत्र भेजकर प्रकरण पर सुस्पष्ट विस्तृत, पूर्ण तथा तथ्यात्मक प्रतिवेदन यथाशीघ्र आयोग को प्रेषित करने के निर्देश दिये गये थे। उक्त पत्र पर प्रमुख सचिव द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या उक्त पत्र में अस्पताल प्रबंधक एवं अन्य पदों में सीधी भर्ती रोस्टर संधारण कर अपडेट करवाकर प्रमाणित प्रतियां आयोग को भेजने के निर्देश किए गए थे? (ग) आयोग के पत्रों पर विभाग/शासन द्वारा कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई? रोस्टर संधारित कर अपडेट कराकर आयोग को प्रकरण प्रश्न दिनांक तक क्यों नहीं भेजा गया? (घ) उक्त कार्यवाही पूर्ण किये बगैर भर्ती क्यों कर दी गई? इस नियम विरूद्ध भर्ती के लिए कौन जिम्मेदार है जिम्मेदारों पर कब तक कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं, तो स्पष्ट कारण बतायें।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) विभाग में आयोग का पत्र अप्राप्त है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) आयोग के पत्र क्रमांक 44/2019 दिनांक 31.12.2019 के संदर्भ में अधिष्ठाता, चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल के पत्र क्रमांक 294.बी./एम.सी./13/2019, दिनांक 22.01.2020 द्वारा आयोग को अवगत कराया गया, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। आयोग का पत्र 44/2019 दिनांक 31.12.2019 शासन के पत्र क्रमांक 50/3512/2019/1/55, दिनांक 06.01.2020 के माध्यम से संचालनालय को प्रेषित किया गया था, जिसके संदर्भ में संचालनालय के पत्र क्रमांक 384 दिनांक 29.02.2020 द्वारा आयोग को वस्तुस्थिति से अवगत कराया गया, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) नियमानुसार कार्यवाही पूर्ण की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नियमों का उल्लंघन कर की गई भर्ती
[चिकित्सा शिक्षा]
110. ( क्र. 1253 ) श्री संजय यादव : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश अनुसूचित जाति, जनजाति अधिकारी एवं कर्मचारी संघ (अजाक्स) द्वारा विभागीय प्रमुख सचिव को भारतीय डाक स्पीड पोस्ट क्र. EI207152385IN द्वारा गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल में अस्पताल प्रबंधक एवं अन्य पदों पर सीधी भर्ती में आरक्षण नियमों का उल्लंघन करने की जानकारी दी गई? (ख) उक्त भारतीय डाक स्पीड पोस्ट विभाग को कब प्राप्त हुई एवं उक्त जानकारी/पत्र पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? पत्र में उल्लेखित 34 बिन्दुओं पर जांच हेतु किसे जांच अधिकारी बनाया गया एवं वर्तमान में जांच किस स्तर पर है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) उपरोक्तानुसार पत्र में उल्लेखित जानकारी के आधार पर विभाग उपरोक्त नियम विरूद्ध भर्ती को निरस्त कर संबंधित अधिकारी को बर्खास्त करने की कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) भारतीय डाक स्पीड पोस्ट क्रमांक EI207152385IN विभाग में प्राप्त नहीं हुआ है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
छिंदवाडा जिले को संभाग का दर्जा
[राजस्व]
111. ( क्र. 1268 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छिन्दवाड़ा को संभाग का दर्जा प्रदान किए जाने के संबंध में विभाग द्वारा अभी तक क्या-क्या कार्यावाही की गई हैं? (ख) क्या जिला छिन्दवाड़ा को संभाग बनाये जाने में विभाग द्वारा काफी विलम्ब किया जा रहा हैं यदि हाँ, तो विलम्ब का क्या कारण हैं? (ग) जिला छिन्दवाड़ा को संभाग का दर्जा कब तक प्रदान कर दिया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) प्रकरण में कलेक्टर, छिंदवाड़ा से प्राप्त प्रस्ताव/प्रतिवेदन के संबंध में आयुक्त, जबलपुर संभाग, जबलपुर का अभिमत चाहा गया है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्नांश लागू नहीं होता। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रस्तावित कार्यों की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
112. ( क्र. 1270 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में ग्रामीण क्षेत्रों में नवीन हैण्डपम्पों का खनन किन-किन योजनाओं के तहत किन-किन ग्रामों में किया गया है? हैण्डपंप की लागत, खनन, सफल या असफल हुआ एवं हैण्डपंप का प्लेटफार्म तैयार किया गया या नहीं? कार्यों की वर्तमान भौतिक स्थिति की जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) विधानसभा क्षेत्र परासिया अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में ऐसे कौन-कौन से कितने कार्य प्रस्तावित किये गये जिनकी स्वीकृति शासन/विभाग द्वारा अपेक्षित है? ऐसे कार्यों के नाम, लागत, कार्य से लाभान्वित ग्रामों के नाम की संपूर्ण जानकारी सूची सहित उपलब्ध करायें। ऐसे सभी प्रस्तावित कार्यों को अभी तक स्वीकृत नहीं किये जाने का क्या कारण है? कारण सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित वित्तीय वर्षों में विधानसभा क्षेत्र परासिया अंतर्गत ऐसे कार्य जो प्रस्तावित किये गये है, जिनकी स्वीकृति अपेक्षित है ऐसे कार्यों की स्वीकृति शासन/विभाग द्वारा कब तक प्रदान कर दी जायेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) परासिया विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वित्तीय वर्ष 2018-19 में ग्रामीण क्षेत्रों में 7 नलकूप खनित किये गये, जिसमें 05 सफल एवं 02 असफल रहे एवं वित्तीय वर्ष 2019-20 में ग्रामीण क्षेत्रों में 98 नलकूप खनित किये गये, जिनमें से 82 नलकूप सफल एवं 16 नलकूप असफल रहे, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) विधानसभा क्षेत्र परासिया अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2018-19 में प्रस्तावित कार्यों की कोई भी स्वीकृति शासन/विभाग स्तर पर लंबित नहीं है वर्ष 2019-20 में कुल 06 नलजल योजनाओं के कार्यों के प्रस्ताव तैयार किये गए है, स्वीकृत नहीं होने के कारणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है, निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है।
पात्र हितग्राहियों को पात्रता पर्ची का प्रदाय
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
113. ( क्र. 1271 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या परासिया विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत अनेकों बी.पी.एल. कार्डधारी एवं अन्य विभिन्न श्रेणी में पात्र हितग्राहियों की पात्रता पर्ची विभाग द्वारा समय पर जारी नहीं की जा रही हैं, जिससे हितग्राहियों को राशन नहीं मिल पा रहा हैं और उन्हें अनेक असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है? समय पर पात्र हितग्राहियों को पात्रता पर्ची प्रदान नहीं किये जाने का क्या कारण हैं? (ख) परासिया विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत ऐसे कितने बी.पी.एल. कार्डधारी एवं अन्य विभिन्न श्रेणी में पात्र हितग्राही हैं, जिन्हें पात्रता पर्ची प्रदान किया जाना शेष हैं? ऐसे हितग्राहियों की श्रेणीवार संख्यात्मक जानकारी ग्राम पंचायत एवं नगरीय निकायवार उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) की सूची अनुसार बी.पी.एल. कार्डधारी एवं अन्य विभिन्न श्रेणी में पात्र हितग्राहियों को कब तक पात्रता पर्ची प्रदान कर दी जायेगी?
खाद्य मंत्री ( डॉ. गोविंद सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सीधी जिले की बस सेवा की जानकारी
[परिवहन]
114. ( क्र. 1274 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी से रीवा, मऊगंज, खड्डी, पट परा, चुरहट, रामपुर की ओर से जाने वाली कुल कितनी बसें हैं एवं यह बसें किस-किस समय पर प्रारंभ होती हैं एवं अपने गंतव्य तक पहुँचती है? बस मालिक एवं वाहन नंबर के साथ विस्तृत जानकारी दें। (ख) पिछले 6 माह में कितनी बार चुरहट विधानसभा के अंदर से जाने वाली बसों की टाइमिंग में परिवर्तन किया गया है और क्यों? (ग) चुरहट विधानसभा के अंदर से होकर जाने वाली बसों के परमिट का मार्ग क्या है? प्रत्येक बस का परमिट मार्ग एवं उनके समय का विवरण दें।
परिवहन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) सीधी से रीवा वाया मऊगंज, रामपुर हो कर 49 बसें, सीधी से खड्डी, मार्ग पर 5 बसें तथा सीधी से चुरहट मार्ग पर 3 बसें संचालित हैं। इन बसों के प्रारम्भ एवं गंतव्य तक पहुँचने का समय, बस मालिक का नाम तथा वाहन नम्बर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) पिछले 06 माह में कुल 05 वाहनों के मार्ग पर संचालित अन्य वाहनों के साथ समयचक्र में टकराव होने के कारण परिवर्तन किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है।
आयरन फ्रेम बोर्ड लगाने में अनियमितता
[महिला एवं बाल विकास]
115. ( क्र. 1283 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्र.क्र. 1356 दिनांक 19/02/2019 के प्रश्नांश (घ) उत्तर में वर्णित परिशिष्ट के प्रपत्र के अनुसार भोपाल, रायसेन, राजगढ़, भिण्ड जिले में लालिमा योजना माँ का दूध है, संजीवनी एवं मंगल दिवस योजना के आयरन फ्रेम बोर्ड फ्लेक्स किन-किन स्थानों पर लगे हैं, स्थान नाम सहित जिलावार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) उपरोक्त वर्णित जिलों में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में लगे आयरन फ्रेम बोर्ड फ्लेक्स किन-किन स्थानों पर लगे हैं, स्थान नाम सहित जिलावार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्न क्र. (क) एवं (ख) में वर्णित जिलों के आयरन फ्रेम बोर्ड फ्लेक्स लगाने का भौतिक सत्यापन किन अधिकारियों द्वारा किया गया? उनके नाम, पदनाम सहित जिलावार बतावें। इन समस्त भौतिक सत्यापनों की प्रमाणित प्रति जिलावार देवें। (घ) जिन स्थानों पर बिना भौतिक सत्यापन के फ्लेक्स लगाने का प्रमाण पत्र संबंधित जिले के अधिकारियों द्वारा जारी किया गया है, उनके नाम, जिले का नाम, अधिकारी का नाम, पदनाम सहित देवें। इसके लिए शासन उन पर कब तक कार्यवाही करेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( डॉ. विजय लक्ष्मी साधौ ) : (क) भिण्ड जिले में लालिमा योजना, माँ का दूध है संजीवनी के आयरन फ्रेम बोर्ड फ्लेक्स वर्तमान में लगे हुए नहीं है। भोपाल, रायसेन, राजगढ़ जिले की जानकारी क्रमशः पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) भिण्ड जिले में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के आयरन फ्रेम बोर्ड फ्लेक्स वर्तमान में लगे हुए नहीं है। भोपाल, रायसेन, राजगढ़ जिले की जानकारी क्रमशः पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) भिण्ड जिले में सत्यापन प्रमाण-पत्र श्रीमती निशा शंखवार परियोजना अधिकारी, परियोजना भिंड के हस्ताक्षर से जारी किया गया था तथा जिला कार्यक्रम अधिकारी का प्रभार श्री रामनिवास बुधोलिया सहायक संचालक के पास था जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। राजगढ़ जिले में आयरन फ्रेम बोर्ड का तत्समय सत्यापन चन्द्रसेना भिड़े, जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा किया गया था। पृथक से कोई भौतिक सत्यापन रिपोर्ट तैयार नहीं की गई। भोपाल, रायसेन जिले की जानकारी क्रमशः पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (घ) आयरन फ्रेम बोर्ड की संख्या, स्थान और स्पेसिफिकेशन की जाँच प्रक्रिया में है।
अनुबंधित बसों का भुगतान न होना
[परिवहन]
116. ( क्र. 1284 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्र.क्र. 1093, दिनांक 29/11/17 के (क) व (ख) उत्तर में वर्णित नर्मदा सेवा यात्रा के लिए इंदौर, भोपाल एवं शहडोल संभाग में जो बसें अनुबंधित की गई थी उनके नंबर, भुगतान/लंबित राशि, राशि प्राप्तकर्ता का नाम, बैंक खाता नं. टी.डी.एस. कटोत्रा राशि सहित वाहनवार, जिलावार, संभागवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) जिन बसों का किराया भुगतान नहीं हुआ है, उनके नंबर, वाहन स्वामी का नाम, जिलावार लंबित राशि सहित देवें। (ग) यह भी बतावें कि इन बसों की सूची क्यों नहीं दी जा रही है? इसके जिम्मेदार अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देकर बतावें कि वह सूची कब दी जायेगी? (घ) क्या कारण है कि लगभग ढ़ाई वर्ष बाद भी यह किराया लंबित है? इसका भुगतान कब तक होगा?
परिवहन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
चिकित्सालयों में पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों की जानकारी
[आयुष]
117. ( क्र. 1285 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में आयुष विभाग द्वारा संचालित चिकित्सालयों की स्थानवार जानकारी एवं जिला आयुष कार्यालय/चिकित्सालयों में पदस्थ कर्मचारी/अधिकारियों की पदस्थापना अवधिवार सूची उपलब्ध करावें। (ख) सिवनी जिले में आयुष विभाग द्वारा संचालित चिकित्सालयों एवं जिला कार्यालय के लिए विभाग/शासन द्वारा वर्ष 2017 से आज दिनांक तक प्रदत्त बजट राशि मदवार व इसके विरूद्ध व्यय राशि का विस्तृत विवरण कार्यवार उपलब्ध करावें।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब'अनुसार।
दोषी पर कार्यवाही किया जाना
[परिवहन]
118. ( क्र. 1307 ) श्री कमलेश जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आर.टी.ओ. द्वारा नगर निगम मुरैना सिटी में आगरा, ग्वालियर मार्ग पर टोल टैक्स बैरियर लगाये गये हैं तथा अनावश्यक रूप से आने-जाने वाले वाहनों को घंटों रोककर जाम लगाते हैं जिस कारण 2016 से प्रश्न दिनांक तक में पचासों लोगों की जानें गई जिसकी शिकायत मरीज के परिजन एवं अन्य प्रबुद्ध वर्ग सामाजिक संगठनों द्वारा की गई है? यदि हाँ, तो उस पर कब क्या कार्यवाही की गई है? सहपत्रों के साथ जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) के बैरियर में असामाजिक तत्वों एवं विभागीय अधिकारियों के द्वारा अवैधानिक वसूली वसूलते समय बंदूक/कट्टे से फायरिंग की जा चुकी है? यदि हाँ, तो उक्त घटना पर क्या कार्यवाही हुई तथा इसमें कौन-कौन दोषी है? (ग) क्या शासन प्रश्नांश (ख) के बैरियर को जाम की स्थिति को देखते हुए मुरैना नगर निगम सीमा से बाहर स्थापित करायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के दोषी अधिकारी/कर्मचारियों पर कब, कौन सी कार्यवाही की जायेगी? साथ ही यह बतायें कि उक्त अवधि में बैरियर से कुल कितनी राशि किस मद से शासन/ विभाग को प्राप्त हुई है वर्षवार, मदवार जानकारी उपलब्ध करायें।
परिवहन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
आदिवासियों की भूमि क्रय
[राजस्व]
119. ( क्र. 1310 ) श्री संजय उइके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले की बैहर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ताम्र परियोजना (हिन्दुस्तान कॉपर लिमिटेड) मलाजखण्ड द्वारा आदिवासियों की भूमि का क्रय किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 1970-71 से 2013-14 तक किस-किस पटवारी हल्का के किस-किस ग्राम की किन-किन आदिवासियों की भूमि कब-कब क्रय की गयी? रकबा खसरा नम्बर एवं क्रय राशि सहित जानकारी उपलब्ध करावें।
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) जी हाँ। बालाघाट जिले की बैहर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ताम्र परियोजना मलाजखण्ड द्वारा आदिवासियों की भूमि क्रय की गई है। (ख) वित्तीय वर्ष 1970-71 से वर्ष 2013-14 तक पटवारी हल्का नंबर 43/19-20 के ग्राम पिण्डकेपार ठेकै पिण्डकेपार रै. जगताटोला. भिमजोरी खुर्सीपार पटवारी हल्का नंबर 43/11 के ग्राम कोल्हियाटोला छिन्दीटोला प.ह.न. 43/14 के ग्राम चारटोला तथा प.ह.न 41/17 के ग्राम करमसरा की भूमि क्रय की गई है। वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
नामांतरण, बटवारे में 1956-59 की मांगी जा रही नकलों के आदेश
[राजस्व]
120. ( क्र. 1339 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में ऐसी कौन-कौन सी तहसीले हैं जिनमें प्रश्न दिनांक तक नामांतरण एवं बटवारे के केस लंबित हैं? उपरोक्त कार्य के निराकरण हेतु शासन ने क्या-क्या नियम बनाएं हैं? ऐसे आदेशों की छायाप्रतियां प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि जिले के ऐसे कौन-कौन से तहसीलदार हैं जो उपरोक्त कार्य कराने में कृषक से सन् 1956-59 की एवं वर्षों पूर्व की जमीन की नकल मांग रहे हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि जिले में ऐसे तहसीलदार को शासन ने वर्षों पूर्व की नकलें मांगने उपरोक्त कार्य कराने कब-कब आदेश दिया था? (घ) क्या शासन इस प्रकार के आदेशों को निरस्त करेगा यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो क्यों? विभाग एस.एल.आर. (अधीक्षक भू-अभिलेख) कार्यालय टीकमगढ़ से पूर्व का रिकॉर्ड मांगकर अपडेट करवाएगा तो कब तक और नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) टीकमगढ़ जिले की तहसील टीकमगढ़, बड़ागांव धसान, बल्देवगढ़, खरगापुर, पलेरा, जतारा, मोहनगढ़ एवं लिधौरा में नामान्तरण एवं बटवारा के प्रकरण लंबित हैं। नामान्तरण के प्रकरण म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 109, 110 के प्रावधानों के अनुसार तथा बटवारा के प्रकरण धारा 178 के तहत बने नियमों के अनुसार निराकृत किये जाते हैं। म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 109, 110, 178 के प्रावधानों एवं नियमों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जिले के तहसीलदारों द्वारा नामान्तरण के कतिपय प्रकरणों में यह सुनिश्चित किये जाने हेतु कि विक्रीत भूमि पट्टे की भूमि तो नहीं है, बन्दोवस्त खतौनी अथवा अधिकार अभिलेख की नकल चाही जाती है। यदि आवेदक प्रकरण के साथ नकल प्रस्तुत नहीं करता है तो जिला अभिलेखागार से मंगाई जाती है। आवेदक को उक्त नकल पेश करना बंधनकारी नहीं है। (ग) शासन द्वारा नामान्तरण एवं बटवारा के प्रकरणों में वर्षों पूर्व की नकलें मांगने संबंधी कोई आदेश पृथक से जारी नहीं किया गया है। जिले के तहसीलदारों द्वारा म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 के नियमों के अनुसार ही प्रकरणों के निराकरण किये जा रहे हैं। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के अनुक्रम में शासन स्तर से कार्यवाही आवश्यक नहीं है।
नामांतरण एवं बंटवारा की जानकारी
[राजस्व]
121. ( क्र. 1347 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में दिनांक 01.3.16 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितने नामांतरण/बंटवारा के आवेदन कृषकों द्वारा प्रस्तुत किये गये हैं? विधानसभा क्षेत्रवार पृथक-पृथक जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नावधि में प्राप्त आवेदन पत्रों में कितने आवेदनों का निराकरण किया जाकर संपूर्ण प्रक्रिया पूर्ण कर कृषकों को भू-अधिकार एवं ऋण पुस्तिका एवं खसरा/खतौनी की प्रतिलिपि विभाग द्वारा प्रदान कर दी गई है? (ग) प्रश्नावधि में भिण्ड जिले की अटेर विधानसभा में निवासरत कृषकों के कुल कितने आवेदन पत्र नामांतरण/बंटवारा के तहसील/उप तहसीलों में प्राप्त हुए? विभाग द्वारा प्राप्त आवेदनों में कितने आवेदनों का निराकरण समयावधि में किया जाकर संपूर्ण प्रक्रिया पूर्ण कर कृषकों को भू-अधिकार एवं ऋण पुस्तिका एवं खसरा/खतौनी की प्रतिलिपि प्रदान कर दी गई है? कृषक संख्यावार पृथक-पृथक जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नावधि में प्राप्त आवेदन पत्रों में ऐसे कितने आवेदक हैं जिनके नामांतरण एवं बंटवारा के आवेदन पत्रों का निराकरण राज्य शासन द्वारा नियत समयावधि में नहीं किया गया? निराकरण न किये जाने का क्या कारण है? इसके लिये कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी है? दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ड.) प्रश्नावधि में शासन के निर्देशानुसार भू-अधिकार एवं ऋण पुस्तिका एवं खसरा खतौनी की प्रतिलिपि नि:शुल्क अभियान के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र अटेर में कब-कब, कहाँ-कहाँ शिविर आयोजित किये गये एवं कितने हितग्राहियों को प्रदान की गयी?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) भिण्ड जिले में दिनांक 01-03-2016 से प्रश्न दिनांक तक नामांतरण के कुल 25138 एवं बंटवारे के कुल 4190 आवेदन कृषकों द्वारा प्रस्तुत किये गये। विधानसभा क्षेत्रवार विवरण-
क्र. |
विधानसभा क्षेत्र |
नामांतरण के कुल प्राप्त आवेदन |
बंटवारे के कुल प्राप्त आवेदन |
1 |
लहार |
5053 |
850 |
2 |
मेहगांव |
5332 |
896 |
3 |
भिण्ड |
5579 |
709 |
4 |
अटेर |
5557 |
1058 |
5 |
गोहद |
3417 |
677 |
|
योग |
25138 |
4190 |
(ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्राप्त आवेदन पत्रों का निराकरण किया जाकर संपूर्ण प्रक्रिया पूर्ण कर कृषकों को भू-अधिकार एवं ऋणपुस्तिका और खसरा/खतौनी की प्रतिलिपि प्रदाय की जा रही हैं। विधानसभावार विवरण निम्नानुसार है -
विधान सभा क्षेत्र |
नामांतरण के कुल प्राप्त आवेदन |
कुल निराकृत |
शेष |
बंटवारा के कुल प्राप्त आवेदन |
कुल निराकृत |
शेष |
लहार |
5053 |
2839 |
2214 |
850 |
532 |
318 |
मेहगांव |
5332 |
3530 |
1802 |
896 |
606 |
290 |
भिण्ड |
5579 |
4431 |
1148 |
709 |
377 |
332 |
अटेर |
5557 |
3920 |
1837 |
1058 |
720 |
338 |
गोहद |
3417 |
2704 |
713 |
677 |
628 |
49 |
योग |
25138 |
17424 |
7714 |
4190 |
2863 |
1327 |
(ग) प्रश्नावधि में भिण्ड जिले की अटेर विधानसभा क्षेत्र में निवासरत कृषकों के नामांतरण एवं बंटवारे के आवेदन पत्रों का विवरण निम्नानुसार है -
नामांतरण के कुल प्राप्त आवेदन |
समय-सीमा में निराकृत आवेदन |
समय-सीमा से बाहर निराकृत आवेदन |
कुल निराकृत आवेदन |
शेष |
5757 |
2946 |
974 |
3920 |
1837 |
बंटवारे के कुल प्राप्त आवेदन |
समय-सीमा में निराकृत आवेदन |
समय-सीमा से बाहर निराकृत आवेदन |
कुल निराकृत आवेदन |
शेष |
1058 |
350 |
370 |
720 |
338 |
निराकरण यथासंभव समयावधि में किया जाकर संपूर्ण प्रक्रिया पूर्ण कर कृषकों को भू-अधिकार एवं ऋणपुस्तिका और खसरा/खतौनी की प्रतिलिपि प्रदाय की जा रही हैं। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नावधि में प्राप्त आवेदन पत्र में से नामांतरण के कुल 1837 आवेदनों का एवं बंटवारा के कुल 338 आवेदनों का निराकरण राज्य शासन द्वारा नियत समयावधि में नहीं किया जा सका है। इसका कारण विगत वर्षों में विधानसभा एवं लोकसभा चुनाव होने तथा तहसीलदारों एवं नायब तहसीलदारों की कमी होना है। उपरोक्त परिस्थितयों में कोई दोषी नहीं है। (ड.) प्रश्नावधि में विधानसभा क्षेत्र अटेर में निम्नानुसार शिविर (कैंप) आयोजित किये गये है:-
दिनांक |
आयोजित शिविर (कैम्प) |
25.05.2016 |
ग्रामोदय से भारत उदय अभियान जनपद पंचायत अटेर। |
01.06.2016 |
प्रत्येक ग्राम पंचायत |
30.06.2016 |
जवासा |
30.09.2016 |
प्रतापपुरा |
24.12.2016 |
अंत्योदय मेला |
30.12.2016 |
सुरपुरा |
31.12.2016 |
अंत्योदय मेला जगदीश मैरिज गार्डन भिण्ड |
03.05.2017 |
ग्राम पंचायत टीकरी |
24.05.2017 |
सिटी कोतवाली भिण्ड |
07.11.2017 |
तहसील कार्यालय भिण्ड |
30.05.2018 |
अम्बाह |
10.06.2018 |
जगदीश मैरिज गार्डन भिण्ड में कृषक समृद्धि मेला |
08.10.2019 |
सुरपुरा |
10.01.2020 |
अटेर |
उपरोक्त आयोजित शिविरों एवं तहसील अटेर, उपतहसील सुरपुरा एवं वृत पीपरी और वृत फूप में पटवारियों के माध्यम से कुल 11560 हितग्राहियों को खसरा/खतौनी तथा भू-अधिकार एवं ऋण-पुस्तिकाओं का वितरण प्रश्नावधि में किया गया है।
कृषि भूमि का सीमांकन
[राजस्व]
122. ( क्र. 1348 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में दिनांक 1.3.2016 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितने कृषि भूमि के सीमांकन के कितने कृषकों द्वारा तहसीलों में आवेदन पत्र प्राप्त हुए, प्राप्त आवेदनों में कितने आवेदनों का निराकरण समयावधि में किया जाकर सम्पूर्ण प्रकिया पूर्ण कर कृषकों की रिपोर्ट की प्रतिलिपि विभाग द्वारा प्रदान कर दी गई हैं? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नावधि में भिण्ड जिले की अटेर विधानसभा क्षेत्र में निवासरत कृषकों के कुल आवेदन पत्र कृषि भूमि के सीमांकन के तहसील/उप तहसीलों में प्राप्त हुए? विभाग द्वारा प्राप्त आवेदनों में कितने आवेदनों का निराकरण समयावधि में किया जाकर सम्पूर्ण प्रक्रिया पूर्ण कर कृषकों को रिपोर्ट की प्रतिलिपि विभाग द्वारा प्रदान कर दी गई हैं? पटवारी हल्कावार एवं कृषकवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नावधि में से प्राप्त आवेदन पत्रों में कितने आवेदन पत्रों का निराकरण कर राज्य शासन द्वारा नियत समयावधि में निराकरण नहीं किया गया? निराकरण न किये जाने का क्या कारण हैं? इसके लिये कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (घ) राज्य शासन की मंशानुसार सीमांकन के प्रकरणों में विवाद की स्थिति में जरीब के स्थान पर इलेक्ट्रॉनिक मशीन से किये जाने के निर्देशों के उपरांत भी प्रश्नांश अवधि में कितने सीमांकन जरीब से किये गये और क्यों? इसके लिये कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) भिण्ड जिलों की तहसीलों में दिनांक 01-03-2016 से प्रश्न दिनांक तक कृषि भूमि के सीमांकन के कुल 4442 आवेदन प्राप्त हुये। इनमें से कुल 3651 आवेदनों का समय-सीमा में एवं कुल 207 आवेदनों का समय-सीमा से बाहर निराकरण किया गया। कुल 584 आवेदनों का निराकरण किया जाना शेष है। विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी निम्नानुसार है–
विधान सभा क्षेत्र |
कुल प्राप्त आवेदन |
समय-सीमा में कुल निराकृत आवेदन |
समय-सीमा से बाहर कुल निराकृत आवेदन |
शेष कुल आवेदन |
भिण्ड |
677 |
589 |
0 |
88 |
अटेर |
831 |
414 |
207 |
210 |
लहार |
1041 |
993 |
0 |
48 |
गोहद |
701 |
588 |
0 |
113 |
मेहगांव |
1192 |
1067 |
0 |
125 |
योग |
4442 |
3651 |
207 |
584 |
निराकरण यथासंभव समयावधि में किया जाकर संपूर्ण प्रक्रिया पूर्ण कर कृषकों को रिपोर्ट की प्रतिलिपि विभाग द्वारा प्रदान प्रदान की जा रही है। (ख) भिण्ड जिले के अटेर विधानसभा क्षेत्र में निवासरत कृषकों के कुल 831 आवेदन सीमांकन हेतु तहसील/उपतहसील में प्राप्त हुये। जिसमें से कुल 414 आवेदनों का समयावधि में और समय-सीमा से बाहर कुल 207 आवेदनों को निराकरण कर संपूर्ण प्रक्रिया पूर्ण कर कृषकों को रिपोर्ट की प्रतिलिपि प्रदाय की गई है। पटवारी हल्कावार एवं कृषकवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नावधि में से प्राप्त आवेदन पत्रों में विधानसभा अटेर के अंतर्गत कुल 207 आवेदन पत्रों का निराकरण समयावधि में नहीं किये जाने का कारण विगत वर्ष में विधानसभा एवं लोकसभा चुनाव होना तथा तहसीलदारों एवं राजस्व निरीक्षकों की कमी होना है। उपरोक्त परिस्थितियों में कोई दोषी नहीं है। (घ) शासन मंशानुसार विवाद की स्थिति में सीमांकन ई.टी.एस. मशीन द्वारा किये जा रहै हैं। किंतु सीमांकनों के प्रकरणों की संख्या अधिक होने, निश्चित समय-सीमा होने और पक्षकारों की सहमति उपरांत ही सीमांकन प्रकरण के निराकरण हेतु जरीब को उपयोग किया जा रहा है। तहसील अटेर में 350 सीमांकन जरीब से पक्षकारों की सहमति से किये गये हैं। सीमांकन के प्रकरणों में आपत्ति होने पर पक्षकार संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को सीमांकन अपास्त करने हेतु आवेदन प्रस्तुत कर सकता है। ऐसी स्थिति में किसी अधिकारी कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
नामांतरण एवं बंटवारा
[राजस्व]
123. ( क्र. 1352 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) होशंगाबाद जिले में दिनांक 01.03.2016 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितने नामांतरण/बंटवारा के आवेदन कृषकों द्वारा प्रस्तुत किये गये हैं? विधान सभा क्षेत्रवार पृथक-पृथक जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नावधि में प्राप्त आवेदन पत्रों में कितने आवेदनों का निराकरण किया जाकर सम्पूर्ण प्रक्रिया पूर्ण कर कृषकों को भू-अधिकार एवं ऋण पुस्तिका एवं खसरा/खतौनी की प्रतिलिपि विभाग द्वारा प्रदान कर दी गई है? (ग) प्रश्नावधि में सिवनी मालवा विधान सभा क्षेत्र में निवासरत कृषकों के कुल कितने आवेदन पत्र नामांतरण/बंटवारा के तहसील/उप तहसीलों में प्राप्त हुए? विभाग द्वारा प्राप्त आवेदनों में कितने आवेदनों का निराकरण समयावधि में किया जाकर सम्पूर्ण प्रक्रिया पूर्ण कर कृषकों को भू-अधिकार एवं ऋणपुस्तिका एवं खसरा/खतौनी की प्रतिलिपि प्रदान कर दी गई है? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नावधि में प्राप्त आवेदन पत्रों में ऐसे कौन-कौन से आवेदक हैं जिनके नामांतरण एवं बंटवारा के आवेदन पत्रों का निराकरण राज्य शासन द्वारा नियत समयावधि में नहीं किया गया? निराकरण न किये जाने का क्या कारण है? (ड.) प्रश्नावधि में शासन के निर्देशानुसार भू-अधिकार एवं ऋण पुस्तिका एवं खसरा खतौनी की प्रतिलिपि नि:शुल्क अभियान के अन्तर्गत विधान सभा क्षेत्र सिवनी मालवा में कब-कब, कहाँ-कहाँ शिविर आयोजित किये गए एवं कितने हितग्राहियों को प्रदान किए गए?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) होशंगाबाद जिले में दिनांक 01.03.2016 से प्रश्न दिनांक तक 21117 नामांतरण के एवं 5279 बंटवारा के आवेदन पत्र कृषकों द्वारा प्रस्तुत किये गये हैं विधानसभावार जानकारी निम्नानुसार है:-
क्रमांक |
विधानसभा क्षेत्र |
नामान्तरण |
बंटवारा |
1 |
सिवनी मालवा |
5381 |
2039 |
2 |
होशंगाबाद |
4426 |
768 |
3 |
सोहागपुर |
5401 |
1288 |
4 |
पिपरिया |
5909 |
1184 |
योग |
21117 |
5279 |
(ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नावधि में प्राप्त नामान्तरण के 21117 में से 19469 तथा बटवारा के 5279 में से 4630 आवेदन पत्रों का निराकरण सम्पूर्ण प्रक्रिया पूर्ण कर कृषकों को भू-अधिकार एवं खसरा खतौनी की प्रतिलिपि प्रदान की गई है। (ग) प्रश्नावधि में सिवनी मालवा विधान सभा क्षेत्र में निवासरत कृषकों के कुल नामांतरण/बंटवारा के प्राप्त आवेदनों एवं निराकृत आवेदनों की तहसील उप तहसील की जानकारी निम्नानुसार है:-
क्रमांक |
तहसील उप तहसील |
प्राप्त आवेदन |
निराकृत आवेदन |
||
नामांतरण |
बंटवारा |
नामांतरण |
बंटवारा |
||
1 |
सिवनीमालवा |
2604 |
1387 |
2507 |
1324 |
2 |
डोलरिया |
774 |
234 |
711 |
202 |
3 |
इटारसी |
806 |
139 |
806 |
139 |
4 |
केसला |
1195 |
278 |
1195 |
278 |
5 |
रामपुर |
2 |
1 |
2 |
1 |
योग |
5381 |
2039 |
5221 |
1944 |
आवेदनों का निराकरण कर कृषकों को भू-अधिकार एवं खसरा खतौनी की प्रतिलिपि प्रदान की जा चुकी है। (घ) शेष रहे नामान्तरण/बटवारा प्रकरण नियत समयावधि के भीतर होकर प्रक्रियाधीन है। (ड.) विधानसभा क्षेत्र सिवनी मालवा में वर्ष 2016 से प्रश्नावधि दिनांक तक 26 जनवरी एवं 15 अगस्त एवं 2 अक्टूबर के समय आयोजित विशेष ग्राम सभाओं में तथा जिला एवं खण्ड स्तरीय लोक कल्याणकारी शिविर, समस्या निवारण शिविर, आपकी सरकार आपके द्वार शिविर, ग्राम स्तरीय चौपाल कार्यक्रमों एवं राजस्व लोक अदालत 16.2.2019 तथा 19.2.2020 में हितग्राहियों को खसरा खतौनी, भू-अधिकार पुस्तिका प्रदान की गई है।
टैक्स चोरी के प्रकरण
[वाणिज्यिक कर]
124. ( क्र. 1353 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. स्थित रेस्टारेंट/फास्टफूड रेस्टोरेंटो/होटलों पर कौन-कौन से टैक्स कितनी-कितनी दर से राज्य एवं केन्द्र सरकार के लगते हैं? (ख) होशंगाबाद जिले में दिनांक 1 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितने रेस्टोरेंट/फास्ट फूड रेस्टोरेंट/होटलों पर कुल कितने, किस-किस के विरूद्ध टैक्स चोरी के प्रकरण दर्ज हुये?
वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) म.प्र. स्थित रेस्टारेंट/फास्टफूड रेस्टोंरेंटो/ होटलों पर राज्य एवं केन्द्र सरकार द्वारा जी.एस.टी. की पृथक-पृथक दरें प्रचलित हैं। रेस्टारेंट पर भोजन एवं अन्य खाद्य एवं पेय पदार्थ पर 5 प्रतिशत की कर दर है जिसमें 2.5 प्रतिशत एस.जी.एस.टी. एवं 2.5 प्रतिशत सी.जी.एस.टी. है। इसके अन्तर्गत करदाता को इनपुट टैक्स क्रेडिट की पात्रता नहीं है। भोजन एवं अन्य पेय की सुविधा प्रदान करने वाले ऐसे होटल जिनका किराया 7500/- अथवा इससे अधिक किराया होने पर कर की दर 18 प्रतिशत रखी गई है। जिसमें 9 प्रतिशत एस.जी.एस.टी. एवं 9 प्रतिशत सी.जी.एस.टी. है। इसमें इनपुट टैक्स क्रेडिट की पात्रता दी गई है। किराया रूपये 1000 से अधिक किन्तु रूपये 7500/- से कम है पर 12 प्रतिशत एवं 7500/- से अधिक का किराया होने पर 18 प्रतिशत जी.एस.टी. की कर दर रखी गई है। 12 प्रतिशत कर दर में 6 प्रतिशत सी.जी.एस.टी. एवं 6 प्रतिशत एस.जी.एस.टी. है। इसी प्रकार 18 प्रतिशत कर दर में 9 प्रतिशत सी.जी.एस.टी. एवं 9 प्रतिशत एस.जी.एस.टी. है। (ख) होशंगाबाद जिला अन्तर्गत वृत्त कार्यालय द्वारा जी.एस.टी. के अन्तर्गत प्रस्तुत विवरण पत्रों की स्क्रूटनी में कम कर जमा करने तथा अधिक इनपुट टैक्स क्रेडिट लिये जाने की जानकारी होने पर कैटरिंग सर्विसेस के निम्नांकित दो करदाताओं को सूचना पत्र जारी किये गये हैं :- 1. मेसर्स उत्कर्ष केटर्स जी.एस.टी.एन. 23ARKPD4746R1ZB पर वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 की अवधि के प्रकरणों में कार्यवाही संस्थापित की है। 2. मेसर्स हेमन्त शुक्ला जी.एस.टी.एन. 23ADKPS8133K1Z6 पर वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 की अवधि के प्रकरणों में कार्यवाही संस्थापित की है।
गौचर, तालाब, श्मशान व कब्रिस्तान भूमि
[राजस्व]
125. ( क्र. 1468 ) श्री सुरेश धाकड़ : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले के पोहरी विधानसभा क्षेत्र में गौचर की कितनी-कितनी भूमि आरक्षित है? ग्राम, पंचायत व तहसीलवार बतायें। (ख) पोहरी विधानसभा में किन-किन स्थानों पर तालाब, श्मशान, कब्रिस्तान के नाम कितनी-कितनी भूमि दर्ज है? ग्राम, पंचायत व तहसीलवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में दर्शित भूमियों पर किन-किन का कब्जा कब से है? उक्त कब्जा कब हटा दिये जायेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) शिवपुरी जिले के पोहरी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत तहसील पोहरी, बैराढ,शिवपुरी व नरवर में गोचर की 9146.578 हैक्टर भूमि आरक्षित है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) शिवपुरी जिले के पोहरी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत तहसील पोहरी, बैराढ, शिवपुरी व नरवर में तालाब की 1000.34 हैक्टर, श्मशान की 178.32 हैक्टर, कब्रिस्तान की 18.17 हैक्टर भूमि दर्ज है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) दर्शित भूमियो पर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं स में दर्शित अनुसार कब्जा है। कब्जा हटाने हेतु संबंधित तहसीलदार न्यायालय में प्रकरण प्रचलित है। नियमानुसार बेदखली की कार्यवाही की जाती है।