छतरपुर में वकालत करते रहे. सन् 1942 में
''क्विट इंडिया'' तथा ''करो या मरो'' आन्दोलन में भाग लिया. नौगांव से सिविल अस्पताल
हटाने के बाद वहां टी.बी. क्लीनिक की स्थापना कराने हेतु जन आन्दोलन का संचालन किया
तथा स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेते हुए जेल गये. छतरपुर जिला जनसंघ के 8 वर्ष तक
अध्यक्ष रहे. जुलाई 1955 से जुलाई 1964 तक म्युनिसिपल बोर्ड के सभापति रहे. कॉस्मोपालिटन
इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक अफेयर्स के मुख्य संरक्षक, अखिल भारतीय बैनर्जी मेमोरियल फुटबाल
टूर्नामेन्ट छतरपुर तथा अखिल भारतीय राजमाता बैडमिंटन टूर्नामेंट छतरपुर के संरक्षक,
नौगांव मेला सप्ताह, नौगांव के संरक्षक, मध्यप्रदेश
भोपाल में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी
की ओल्ड बॉयज एसोसिऐशन के अध्यक्ष. आपातकाल (1975-76) में मीसा के तहत गिरफ्तार होकर
छतरपुर जेल में 19 महिने 3 दिन रहे. सन् 1977 में विधान सभा सदस्य निर्वाचित हुए.
2 जुलाई 1977 को राज्यमंत्री बने. 15 जुलाई, 1977 से 2 जुलाई, 1980 तक मध्यप्रदेश
विधान सभा के अध्यक्ष रहे. |