पिता
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स्व. श्री सिद्धनाथ शुक्ल
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जन्मतिथि |
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10.फरवरी, 1930 |
जन्म स्थान
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बिलासपुर |
वैवाहिक स्थिति
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विवाहित
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शैक्षणिक योग्यता
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एम.ए., एल.एल.बी. |
पत्नी का नाम
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श्रीमती लीलावती शुक्ला |
संतान
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पुत्र 3, पुत्री 3 |
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सार्वजनिक एवं राजनैतिक
जीवन का संक्षिप्त विकास क्रम : |
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छात्र जीवन से गांधीवादी सिद्धान्तों के प्रति समर्पित. भूमिदान
आंदोलन में सक्रिय सहभाग तथा बिलासपुर जिले के एक हजार गांवों की पदयात्रा. भारत युवक
समाज के संभागीय संगठक एवं जिला हरिजन सेवक संघ के संगठक. सन् 1958 में बिलासपुर सहकारी
गृह निर्माण संस्था के सचिव तत्पश्चात् अध्यक्ष. सन् 1958-1964 में सागर विश्वविद्यालय
की व्यवस्थापिका के सदस्य. बिलासपुर सहकारी केन्द्रीय बैंक के निदेशक. जिला थोक
उपभोक्ता सहकारी स्टोर बिलासपुर के अध्यक्ष तथा अनेक महाविद्यालयों के प्रशासी मंडलों
के सदस्य. सन् 1964 में रविशंकर विश्वविद्यालय की व्यवस्थापिका परिषद के सदस्य.
सन् 1967 में चौथी विधान सभा तदनंतर, सन् 1972 में पांचवी विधान सभा के सदस्य निर्वाचित
एवं मुख्यमंत्री के संसदीय सचिव रहे. म.प्र. राज्य परिवहन निगम की जांच समिति के
सदस्य. विधान सभा की अनेक समितियों के सदस्य. स्कूल शिक्षा विधेयक पर निर्मित प्रवर
समिति के सभापति. म.प्र. राज्य सहकारी आवास संघ के अध्यक्ष. म.प्र. शासन द्वारा गठित
पुलिस नागरिक संबंध समिति के सदस्य. म.प्र. राज्य सहकारी गृह निर्माण फेडरेशन के
अध्यक्ष. भारत कला परिषद के सभापति. राष्ट्रीय सहकारी गृह निर्माण फेडरेशन के निदेशक.
सन् 1972 में इंग्लैंण्ड तथा अन्य देशों की यात्रा तथा मास्को सम्मेलन में भारत
का प्रतिनिधित्व. सन् 1984 में प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री. सन् 1985 में आठवीं
विधान सभा के सदस्य निर्वाचित तथा 25 मार्च, 1985 से मार्च, 1990 तक मध्यप्रदेश विधान
सभा के अध्यक्ष रहे. सन् 1985-86 तथा 1987 में क्रमश: कनाडा, इंग्लैण्ड तथा मलेशिया
में आयोजित राष्ट्रकुल संसदीय सम्मेलनों में भाग
लिया तथा जापान, अमेरिका, फ्रांस,
नीदरलैण्ड्स, स्वीडन, जर्मनी, इटली, हांगकांग, होनोलूलू, द.कोरिया, फिलीपीन्स, इंडोनेशिया,
सऊदी अरब आदि देशों की यात्राएं की.
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विधान सभा अध्यक्ष के रूप में अखिल भारतीय पीठासीन
अधिकारी सम्मेलन का भोपाल में आयोजन. प्रक्रिया और कार्य संचालन नियमों में एकरूपता
विषयक पीठासीन अधिकारियों की अखिल भारतीय समिति के सदस्य. सन् 1990 में नौवीं विधान
सभा के सदस्य निर्वाचित एवं
प्राक्कलन समिति तथा 'विधायिनी' संपादक मंडल के सदस्य
रहे. सन् 1993 में दसवीं विधान सभा के सदस्य निर्वाचित एवं मंत्री, जल संसाधन, विधि
एवं विधायी तथा संसदीय कार्य विभाग रहे. कांग्रेस विधायक दल के मुख्य सचेतक रहे. लीक
से हटकर, धरती की बात (निबंध संग्रह), गमक (काव्य संग्रह) एवं प्रश्नकाल से शून्यकाल
(संसदीय पुस्तक) का प्रकाशन. सन् 1998 में छठवीं बार विधान सभा सदस्य निर्वाचित एवं
मंत्री, संसदीय कार्य, विधि और विधायी कार्य
रहे.
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छत्तीसगढ़ राज्य गठन के पश्चात् आप छत्तीसगढ़ विधान सभा के सदस्य और विधानसभा
अध्यक्ष रहे. |
दिनांक 20.08.2006 को आपका देहावसान हो गया.
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