शासकीय अधिकार जनसेवा के लिये होते हैं रौब के लिए नहीं-
श्री सिंह, प्रमुख सचिव, विधान सभा
भोपाल दिनांक 31मई, 2024
आर.सी.व्ही.पी. नरोन्हा प्रशासन अकादमी के माध्यम से लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित राज्य सेवा के अधिकारियों के 62+62 सदस्यीय बैच को श्री ए.पी.सिंह, प्रमुख सचिव विधान सभा द्वारा विधान सभा परिसर में संबोधित किया गया.
प्रमुख सचिव श्री ए.पी. सिंह द्वारा युवा अधिकारियों को विधान सभा की प्रक्रिया के संबंध में विधान निर्माण, बजट आदि की विस्तार से जानकारी देते हुये उल्लेख किया कि विधान सभा प्रदेश की जनता द्वारा निर्वाचित सर्वोच्च विधायी संस्था है इसी के माध्यम से शासन चलाने हेतु कार्यपालिका को जरूरी कानून व बजट उपलब्ध कराया जाता है तथा इसके द्वारा संवैधानिक व्यवस्था के तहत विभिन्न प्रक्रियाओं तथा सभा समितियों के माध्यम से कार्यपालिका पर नियंत्रण रखा जाता है. विधायिका एवं जनप्रतिनिधि सदस्यों का सम्मान व गरिमा रखना कार्यपालिका का दायित्व है.
प्रमुख सचिव द्वारा उल्लेगख किया गया कि शासकीय आधिकारियों को जो अधिकार प्राप्त होते हैं वह राष्ट्र, प्रदेश व जनता की सेवा में उपयोग के लिये हैं. इसलिये राज्य सेवा के लिये चयनित अधिकारी यह ध्यान रखें की अपने अधिकारों का उपयोग अहम या रौब दिखाने के लिये न करें। श्री सिंह द्वारा अधिकारियों को उनके व्यक्तित्व, कृतित्व के संबंध में वृक्ष का उदाहरण देते हुये नसीहत दी गई कि जैसे वृक्ष पहले अपने पत्तों के द्वारा छाया प्रदान करता है, जैसे-जैसे वृक्ष का कद बड़ा होता है उसकी छाया का दायरा भी बढ़ता चला जाता है और जब वृक्ष में फल लगते हैं तो वह झुक जाता है. इसी तरह शासकीय सेवकों को अपने व्यक्तित्व व कर्तव्य के विस्ताह से विकास में योगदान एवं आम जन का कल्याण करना चाहिये तथा उच्च पद या ओहदा बढ़ने पर फल लगे वृक्ष की भांति विनम्र होकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना चाहिये साथ ही आवश्यकतानुसार नवाचार भी अपने कार्य क्षेत्र में किये जायें इससे सेवा के क्षेत्र में बेहतर परिणाम दे सकेंगे.
उल्लेखनीय है कि राज्य प्रशासन अकादमी 112 व 113 वें क्षमता निर्माण संयुक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत बड़ी संख्या में मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित राज्य सेवा के अधिकारियों द्वारा विधान सभा भवन का अवलोकन कर विधान सभा प्रमुख सचिव श्री ए. पी. सिंह से भेंट की गई।