मध्यप्रदेश विधान सभा में उत्साहपूर्वक मनाया गया संविधान दिवस

 

संविधान निर्माण में हमारे प्रदेश का महत्वपूर्ण योगदान -प्रमुख सचिव, विधान सभा

 

संविधान को अंगीकार किये हुये 75 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर मध्यप्रदेश विधानसभा में उत्साहपूर्वक संविधान दिवस मनाया गया। कार्यक्रम का प्रांरभ श्री ए.पी. सिंह, प्रमुख सचिव, विधान सभा के साथ विधान सभा सचिवालय के अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा संविधान प्रारूपण समिति के अध्यक्ष भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनके प्रति कृतज्ञता के साथ हुआ। तत्पश्चात् विधान सभा के सभागार में प्रमुख सचिव, विधान सभा द्वारा संविधान के संबंध में तथ्य परक जानकारी देते हुये सामूहिक रूप से संविधान की उद्देशिका का वाचन कराया गया।

इस अवसर पर श्री सिंह ने उल्लेख किया कि अभी संविधान का अमृतकाल चल रहा है। हमारे प्रदेश के अनेक राजनेता संविधान सभा के सदस्य रहे हैं, हमारे देश में लोकतांत्रिक प्रणाली की सफलता का श्रेय मुख्य रूप से संविधान में निर्धारित सुदृढ़ व्यवस्था व संस्था्गत ढांचे को जाता है। हमारे संविधान निर्माताओं ने चुनौतीपूर्ण कार्य को कुशलतापूर्वक पूरा कर राष्ट्र  के करोड़ो देशवासियों की आकांक्षाओं एवं आशाओं के अनुरूप जो संविधान दिया वह हमारे राष्ट्र का पथ प्रशस्त कर रहा है।

प्रमुख सचिव ने कहा हमारे लिये विशेष गौरव का क्षण है कि संविधान की प्रारूप समिति के अध्यक्ष मध्य प्रदेश में जन्मे भारत के प्रथम विधि मंत्री, डॉ. भीमराव अम्बेडकर थे वहीं संविधान सभा में हमारे यहां से पं. रविशंकर शुक्ल, रत्न लाल मालवीय, विनायक सरवटे, डॉ. हरिसिंह गौर, शंभूनाथ शुक्ल, डॉ. लाल सिंह, रामसहाय तिवारी, सीताराम जाजू, सेठ गोविंद दास जैसे दिग्गज राजनेता इसके सदस्य थे। संविधान सभा द्वारा अंतिम रूप से पारित किये जाने के पश्चात् 26 नवम्बर, 1949 को अंगीकार किया गया। इसके निर्माण में 2 साल 11 माह और 18 दिन का समय लगा। हम देश के इस सर्वोच्च कानून को मूर्तरूप देने में अपना बहूमूल्य  योगदान देने वाले संविधान निर्माताओं के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं।

तदुपरांत श्री सिंह ने उल्लेख किया कि देश में संविधान को अंगीकार किये जाने के 75 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर ‘’हमारा संविधान हमारा अभिमान’’ के तहत आज राष्ट्रीय संविधान दिवस मानया जा रहा है। इसके दर्शन एवं संकल्‍प इसकी उद्देशिका में समाहित है। इसके साथ ही प्रमुख सचिव द्वारा  अधिकारी-कर्मचारियों को संविधान की उद्देशिका का सामूहिक वाचन कराया गया। कार्यक्रम राष्ट्रगान गायन के पश्चात् समाप्त हुआ।