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संपूर्ण विश्व में भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था की अपनी प्रतिष्ठाः श्री तोमर

 

पंडित कुंजीलाल दुबे राष्ट्रीय संसदीय विद्यापीठ पुरस्कार वितरण समारोह

 

                                                                                                                                                                                                                       भोपाल, 23 जुलाई 2024

पंडित कुंजीलाल दुबे राष्ट्रीय संसदीय विद्यापीठ द्वारा मंगलवार को विधानसभा के मानसरोवर सभागार में पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने की। मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादवविशिष्ट अतिथि प्रदेश के नगरीय विकास एवं संसदीय कार्य मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीयसंसदीय कार्य विभाग के अपर मुख्‍य सचिव श्री के.सी. गुप्‍ताविधानसभा के प्रमुख सचिव श्री ए.पी.सिंहबरकतउल्‍ला विश्‍वविद्यालय के कुलगुरू डॉ. एस. के. जैन एवं पंडित कुंजीलाल दुबे संसदीय विद्यापीठ की संचालक डॉ. प्रतिमा यादव उपस्थित थीं।

कार्यक्रम के अध्यक्षीय संबोधन में श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हमारा देश दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। इस लोकतांत्रिक व्यवस्था पर निश्चित तौर पर हम सभी को गर्व होना चाहिए। इतने बड़े देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था को संचालित करने में अनेक प्रकार की कठिनाइयां होती हैं। लेकिन उन कठिनाइयों को पार करते हुए हम सफलता के सौपान तक पहुंचेंयह दृढ़ संकल्प हम लोगों का सदैव रहेतो निश्चित तौर पर भारत उत्तरोत्तर प्रगति भी करेगा और हमारे लोकतंत्र को पूरी दुनिया में जो प्रतिष्ठा प्राप्त है उसमें उत्तरोत्तर बढ़ोत्तरी ही होगी।

श्री तोमर ने कहा कि नई पीढ़ी को संसदीय ज्ञानसंसदीय परंपराओं का निकटता से ज्ञान होना जरूरी है। इसके लिए प्रतिस्पर्धा है जो संसदीय विद्यापीठ द्वारा आयोजित कराई जाती रहती हैं। लेकिन आवश्यक्ता यह भी है कि युवाओं के प्रवास विधानसभालोकसभा और राज्यसभा में करवाएं ताकि उन्हें प्रत्यक्ष रूप से भी संसदीय प्रक्रिया को देखने समझने का अवसर मिले।

श्री तोमर ने कहा कि हमारी विधानसभा बहुत समृद्ध है। इसकी परंपराओं ने सदैव नई उचांईयों को छुआ है। यहां विशाल लाइब्रेरी है और विधानसभा को डिजिट्लाइज्ड करने का कार्य भी चल रहा है। तो विद्यार्थी विधानसभा परिसर को देखें यह ही काफी नहीं हैअपितु विधानसभा की प्रक्रिया को भी समझना चाहिए।

श्री तोमर ने कहा कि हम सभी के मन में यह भाव रहना चाहिए कि हम जिस देश में रहते हैं वह दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। आज हम सभी देखते हैं कि 5 वर्ष में नियत अवधि में निर्वाचन होता है और कुछ ही घंटों में उसके परिणाम आ जाते हैं। बहुत सारे देश एसे हैं जो प्रतिष्ठापूंजीतकनीक में अपने को अग्रणी मानते हैंलेकिन वहां चुनाव परिणामों की गिनती महीनोंमहीनों तक पूरी नहीं होती है। हमारे यहां एक महीने के भीतर चुनाव होता है और 8 घंटे में लोकतंत्र दोबारा आकार ले लेता है। यह इसलिए होता है क्योंकि लोकतंत्र हमारी रगों में बसा हुआ है।

श्री तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में लगातार यह प्रयास किए जा रहे हैं कि भारत का गौरव पूरी दुनिया में बढ़े। बहुत सारी मान्यताएं ऐसी हैं जिनके कारण लोग पश्चिमी देशों पर गर्व करते थे लेकिन 2014 में जब से मैक इन इंडिया कैंपेन” प्रारंभ हुआ हैतब से लगातार भारतीयता पर गर्व बढ़ रहा है। एक जमाना था जब यह सोचा जाता था कि विदेश में ही प्रतिभा का सम्मान होगा और विदेश में ही भारत के टेलेंट को नौकरी मिल सकती है। मैं दस साल तक केंद्र में मंत्री रहा हूं और दुनिया भर में मेरा प्रवास हुआ है। मोदी जी के नेतृत्व में दस साल में यह स्थिति निर्मित हुई है कि युवा वर्ग यह सोचने लगा है कि अपनी योग्यता का प्रदर्शन देश में ही करने से देश सेवा भी कर सकेंगे और हमारी प्रतिभा का सही मूल्यांकन भी हो पाएगा। सबका साथ सबका विकास का मंत्र देने वाले हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की दृढ़ इच्छा है कि भारत के सभी लोग एक साथ आगे बढ़ें और देश का गौरव बढ़ाएं।

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि 2047 में विकसित भारत के रूप में राष्ट्र फिर से विश्वगुरू बने इसकी दिशा में हम सभी आगे बढ़ रहे हैं। मुझे यह पूरा विश्वास है कि यहां बैठे सभी विद्यार्थी 2047 को देखेंगे। 2047 की एक ईंट भी किसी स्थान पर रखी जा रही है तो उसमें हमारी युवा पीढ़ी का हाथ हो यह संकल्प आप सभी के मन में होना चाहिए।

श्री तोमर ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव बहुत कल्पनाशील मस्तिष्क के धनी हैं। मध्यप्रदेश आर्थिकसामाजिकआध्यात्मिकराजनैतिक रूप से समृद्ध हो और प्रदेश की आय कैसे बढ़ेप्रदेश का शैक्षणिक स्तर कैसे सुधरे इसके लिए वे लगातार कार्य कर रहे हैं। प्रधानमंत्री जी ने जब नई शिक्षा नीति को लांच किया तो पूरे देश में उसे डॉ. मोहन यादव के उच्च शिक्षा मंत्री के रूप सबसे पहले लागू करने वाला राज्य मध्यप्रदेश ही था।