स्‍व. जोशी जी का जीवन राष्‍ट्र, विचारधाराईमानदारी और सादगी को समर्पित था: श्री तोमर

स्‍व. कैलाश जोशी की 96वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम राजनीति के संतमें मुख्‍य वक्‍ता के रूप में संबोधन

स्‍व. कैलाश जोशी के जीवन पर आधारित कॉफी टेबल बुक जोशी बाबाका वि‍मोचन

                                                                                                     भोपाल, 14 अप्रैल

पूर्व मुख्‍यमंत्री एवं वरिष्‍ठ भाजपा नेता स्‍व. कैलाश जोशी जी की 96वीं जन्‍म जयंती पर कैलाश जोशी फाउंडेशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम संत स्‍मरण दिवस- राजनीति के संतकार्यक्रम को मुख्‍य वक्‍ता के रूप में  संबोधित करते हुए माननीय विधान सभा अध्‍यक्ष  श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि‍ स्‍व. कैलाश जोशी जी का पूरा जीवन  राष्‍ट्र, विचारधारा, ईमानदारी एवं सादगी के लिए समर्पित था। वे  सदैव इस बात के लिए तत्पर रहते थे कि‍ जनकल्‍याण एवं संगठन का कार्य कैसे आगे बढ़े। वे देश की राजनीति में सादगी एवं सत्‍य के लिए जीने वाले नेता के रूप में सदैव स्‍मरण किए जाएंगे।

मध्‍यप्रदेश विधा नसभा के मानसरोवर सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्‍यक्ष श्री हेमंत खण्‍डेलवाल, उत्‍तरप्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री श्री महेंद्र सिंह, संसदीय कार्य एवं नगरीय विकास मंत्री श्री कैलाश वि‍जयवर्गीय, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल, लोक निर्माण मंत्री श्री राकेश सिंहपूर्व मंत्री डॉ नरोत्‍तम मि‍श्रा स‍हि‍त कई वरिष्‍ठ राजनेता उपस्‍थि‍त थे।

श्री तोमर ने इस अवसर पर कहा कि स्‍व. जोशी जी की यह विश्‍वसनीयता थी कि वे कह देते थे कि यह काम नहीं हो सकता तो कार्यकर्ता मान लेते थे कि यह काम नहीं हो सकता है और यदि‍ वे कह देते कि यह काम हो जाएगा तो वह कितना भी कठिन क्‍यों न हो, कार्यकर्ता यह मानकर ही आगे बढ़ते थे कि‍ यह काम जरूर हो जाएगा।

उन्‍होंने कहा कि वे बहुत स्‍पष्‍टवादी थे, लोगों कभी इस प्रकार का आश्‍वासन नहीं देते थे देख लेंगे। काम हो सकता है तो कर देते थे और नहीं हो सकता तो स्‍पष्‍ट कह देते थे कि‍  नहीं हो सकता है। सार्वजनिक जीवन में कार्य करने वाले नेताओं विशेषकर विधायकों को जरूर ही स्‍व. कैलाश जोशी का अनुगमन करना चाहिए।  स्‍व. जोशी जी का जीवन भी बहुत व्‍यवस्‍थि‍त था और उनका भाषण भी हमेशा व्‍यवस्‍थि‍त था।

श्री तोमर ने कहा कि‍ जब नेता में नैतिक ताकत होती है तो निश्‍च‍ित तौर पर जनता में स्‍वीकार्यता प्राप्‍त होती है। स्‍व. जोशी जी का विधान सभा क्षेत्र आदिवासी एवं विपन्‍न और दूरस्‍थ क्षेत्र था, लेकिन उनके एक-एक शब्‍द में, व्‍यवहार में जो नैतिकता  टपकती थी उसी के बल पर वे आठ-आठ बार बागली की जनता ने स्‍व. कैलाश जोशी जी को अपना विधायक चुना था।  

मध्यप्रदेश इस बात का साक्षी है कि जब-जब किसान, दलित, गरीब, आदि‍वासी पर अत्‍याचार हुआ था, स्‍व. जोशी जी ने तब की कांग्रेस सरकार के खि‍लाफ आमरण अनशन तक जाकर विरोध दर्ज कराया है।

श्री तोमर ने कहा कि स्‍व. कैलाश जोशी जी हमारी वय के कार्यकर्ताओं के साथ पि‍तृवत व्‍यवहार करते थे। यदि काम गलत हुआ तो वे हमें डांटते भी थे, लेकिन हमसे स्‍नेह भी करते थे और हमारी चिंता भी करते थे। कार्यकर्ताओं को लेकर उनका एक ही मार्गदर्शन रहता था कि शॉर्टकट राजनीति‍ मत करो।

इस अवसर पर स्‍व. कैलाश जोशी के जीवन पर आधारित कॉफी टेबल बुक जोशी बाबाका वि‍मोचन भी किया गया।