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मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. सुन्दर लाल पटवा जी की जयंती पर विधान सभा में पुष्पांजलि सभा

 

                                                                                            भोपाल, 11 नवंबर 2025

माननीय विधान सभा अध्यक्ष श्री नरेंद्र सिंह तोमर एवं माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. श्री सुन्दर लाल पटवा जी की जयंती पर मंगलवार को विधान सभा के सेंट्रल हॉल में उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस अवसर पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष  एवं विधायक श्री हेमंत खंडेलवाल, मंत्रीगण श्री इंदरसिंह परमार, राव उदय प्रताप सिंह, श्रीमती संपतिया उइके, राज्य मंत्रीगण श्री नारायण सिंह पवार, श्रीमती राधा सिंह, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्री गिरीश गौतम, भोपाल की महापौर श्रीमती मालती राय, विधायकगण श्री अजय विश्नोई, श्री जयंत मलैया, ओमप्रकाश धुर्वे, श्री हजारीलाल दांगी, श्री सतीश मालवीय, श्री भगवान दास सबनानी, श्रीमती मनीषा सिंह एवं अन्य विधायकगण, पूर्व विधायक श्री रामपाल सिंह, श्री पटवा जी के परिवारजन/शुभचिंतक, विधान सभा के प्रमुख सचिव श्री अरविंद शर्मा, विधान सभा के अधिकारी/कर्मचारी  सहित सैकड़ों की संख्या में अन्य गणमान्यजन उपस्थित रहे।

 

 

राजनीत‍ि के अजातशत्रु थे स्‍व. सुंदरलाल पटवा जी -नरेंद्र सिंह तोमर, अध्‍यक्ष, म.प्र. विधान सभा

 

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्‍व.श्री सुन्दरलाल पटवा जी की जन्म जयंती के अवसर पर आज विधान सभा में मीडिया से चर्चा करते हुए विधान सभा अध्यक्ष श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हम सभी आज 11 नवंबर 2025 को पद्मव‍िभूषण श्रद्धेय स्‍व. सुंदरलाल पटवा जी की 101वीं जन्‍म  जयंती मना रहे हैं। स्‍व. पटवा जी स्‍वतंत्रतोत्‍तर भारतीय राजनीत‍ि की दूसरी पीढ़ी के वे शलाका पुरुष थे, जिन्‍होंने संगठन के प्रत‍ि समर्पण, राष्‍ट्र प्रथम और समाज के अंतिम व्‍यक्‍त‍ि के कल्‍याण को अपने सामाजि‍क जीवन का सूत्र वाक्‍य बनाया। सही मायनों में स्‍व. पटवा जी मध्‍यप्रदेश की राजनीत‍ि में एक अजातशत्रु थे। वे पक्ष-विपक्ष की सरहदों से ऊपर हर दल, हर वर्ग और यहां से आगे जन-जन में लोकप्रिय थे। चुनौति‍यों को स्‍वीकार करना और उन पर वि‍जय को प्राप्‍त करने के लि‍ए स्‍व. पटवा जी की अपनी जमीनी रणनीत‍िक शैली होती थी।

पटवा जी संगठन के शिल्‍पी थे। वे कार्यकर्ताओं की क्षमताओं के अद्भुत पारखी थे। वे भारतीय जनता पार्टी में मेरे और मेरी आयु के कार्यकर्ताओं की श्रंखला के प्रमुख वाहक थे। मेरे राजनीतिक गुरू थे। वे सिर्फ 17 वर्ष की आयु में राष्‍ट्रीय स्‍वयं सेवक संघ से जुड़ गए थे और 6 साल प्रचारक भी रहे।

स्‍व. पटवा जी मौलिक चिंतन, तेजस्‍वी वक्‍ता और सृजनशील विचारधारा के धनी थे। उनका व्‍यक्‍त‍ित्‍व साहस से परिपूर्ण और समाज-राष्‍ट्र के प्रत‍ि प्रतिबद्धता से भरा हुआ था। मध्‍यप्रदेश विधान सभा साक्षी है उनके ओजस्‍वी और प्रेरक वक्‍तव्‍यों से जिनसे प्रदेश के विकास को नई द‍िशा मिली। मेरे राजनीतिक जीवन पर स्‍व. पटवा जी की गहरी छाप है, उनके अनुभवों से मैंने बहुत कुछ सीखा और उसे अपने सामाजिक जीवन में अपनाया है।

स्‍व. कुशाभाउ ठाकरे ने जिस जनसंघ के पौधे को रोपा मध्‍यप्रदेश में उसे अपने परि‍श्रम के पसीने से सींच कर बड़़ा करने वाले राजनेताओं में एक स्‍व. पटवा जी थे।

स्‍व. पटवा जी दूरदर्शी एवं कुशल प्रशासनिक क्षमता के धनी थे। उनका मुख्‍यमंत्र‍ित्‍व काल ऐसे सैकड़ों उदाहरणों से भरा हुआ है जहां सरकार ने विकास एवं जन कल्‍याण के प्रभावी कदम उठाएं हैं। अत‍िक्रमण मुक्‍त शहर और अपराध‍ियों मुक्‍त प्रदेश उनकी पहली प्राथम‍िकता थी। गुंडों के सरेआम जुलूस नि‍काल कर जनमानस में व्‍याप्‍त भय समाप्‍त करने जैसे नवाचार स्‍व. पटवा जी ने 90 के दशक के प्रारंभि‍क वर्षों में किए। वे दो बार प्रदेश के मुख्‍यमंत्री रहे, दो बार भारतीय जनता पार्टी के अध्‍यक्ष रहे और एक बार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे। स्‍व. पं. दीनदयाल उपाध्‍याय जी के अंत्‍योदय के मंत्र को सरकार के माध्‍यम से जन कल्‍याण के लिए सूत्रपात करने वाले वे अग्रणी नेता थे। किसानों का सशक्‍त‍िकरण और कृष‍ि कल्‍याण के प्रत‍ि भी वे समर्पि‍त रहे। उन्‍होंने किसानों के कर्ज माफ करके उन्‍हें संकट में संबल प्रदान किया।

वे लोकप्र‍िय सांसद और स्‍व. अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार में ग्रामीण विकास, रसायन एवं उर्वरक और खनिज जैसे महत्‍वर्पूण विभागों में केंद्रीय मंत्री भी रहे। पटवा जी ने प्रत्‍येक भूमि‍का वे उदाहरण स्‍थापित किए जो बाद की पीढ़ी के लिए अनुकरणीय बन गए।

स्‍व. सुंदरलाल पटवा जी को उनकी जन्‍म जयंती पर शत-शत नमन ।

 

 

विस/जसं/25

नरेंद्र मिश्रा

अवर सचिव