सबको मिलकर रखना है लोकतंत्र की मर्यादा का ध्यान
-भारतीय लोकतंत्र को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने बताया दुनिया में सशक्त
-संसदीय उत्कृष्टता सम्मान वितरण समारोह में हुए शामिल
-अध्यक्ष गिरीश गौतम के प्रयासों को मिली सराहना
भोपाल, 9 मार्च 2022 । भारतीय लोकतंत्र दुनिया का सबसे सशक्त लोकतंत्र है। दल से ऊपर उठकर इसकी मर्यादा बनाये रखने की हम सबकी जिम्मेदारी है। यह कहना है लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला का। वह मप्र विधानसभा द्वारा आयोजित संसदीय उत्कृष्टता सम्मान वितरण समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने उत्कृष्ट मंत्रियों, विधायकों और पत्रकारों के साथ विधानसभा कर्मचारियों को भी सम्मानित किया। इस दौरान उन्होंने मंच पर मौजूद विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के प्रयासों की सराहना की है। समारोह में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा, चयन समिति के अध्यक्ष डॉ सीताशरण शर्मा के साथ लोकसभा में महासचिव उत्पल सिंह प्रमुख रूप से मौजूद थे।
अपने उद्बोधन में श्री बिड़ला ने कहा कि बीते 75 वर्षों में देश की जनता का विश्वास लोकतंत्र पर बढ़ा है। दुनिया की सबसे सही व सशक्त पद्धति की विशेषता यह कहते हुए बताई कि 17 से ज्यादा लोकसभा और 300 से ज्यादा विधानसभा चुनाव के बाद भी आसान तरीके से सत्ता हस्तांतरण का सलीका इसे दुनिया में अलग खड़ा करता है। इस दौरान उन्होंने संसदीय संस्थाओं में आ रही गिरावट की ओर ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि बीते दिनों शिमला में हुए पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन में यह चिंता सामने आई है। लिहाजा इस बात की तरफ प्रमुखता से ध्यान देने की जरूरत है जिससे सदनों की शालीनता, मार्यादा न केवल कायम रहे बल्कि गरिमा भी बनी रहे। इसलिए सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है कि इस पर सब दलगत नीति से ऊपर उठकर विचार करें। यहां उन्होंने सदनों में अपनाये जाने वाले मौजूदा विरोध के तरीके को चिंता जनक मानते हुए कहा है कि लोकसभा इस विषय पर प्रमुखता से विचार करेगी। जबकि इसके पहले विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने पुरस्कारों की घोषणा की और विधायकों को विधानसभा की आत्मा बताते हुए कहा कि इनके द्वारा यहां जनता के कल्याण के निमित्त किया गया विमर्श अमृत के समान है। इसलिये जरूरत है कि अमृत मंथन में ध्यान दिया जाय। इसके साथ ही उन्होंने पुरस्कार पाने व्यक्तियों की जिम्मेदारी बताते हुए कहा कि सम्मान के बाद इसके सम्मान को बनाये रखने का भार आ जाता है। यहां उन्होंने बताया कि मैं इस पुरस्कार वितरण चयन समिति से अलग था। यहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना था कि विधानसभा ईंट गारे का भवन नहीं है। यह लोकतंत्र का मंदिर है और विधायक इसकी आत्मा है। इनकी जवाबदेही जनता व लोकतंत्र के प्रति है। आचरण व व्यवहार गरिमा के अनुरूप होना चाहिये। इस दौरान उन्होंने सभी मंत्रियों की सराहना भी की। जबकि इसके पहले संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने लोकसभा अध्यक्ष व विधानसभा अध्यक्ष से अनुरोध किया है कि जनहित की बात को सरकार तक पहुंचाने का यह सदन माध्यम है। बावजूद इसके विरोध के तरीके गलत होने से विधानसभा की आस्था को चोट पहुंचती है। इसलिये इस बात की आवश्यकता है कि इस पर भी गंभीरता से विचार किया जाय और कोई नियम तय किये जाएं।
इनका हुआ सम्मान
उत्कृष्ट मंत्री: चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग
संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा
नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह और वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा
विधायक: झूमा सोलंकी, यशपाल सिंह सिसोदिया और जयवर्धन सिंह
विशेष उत्कृष्ट श्रेणी: बहादुर सिंह चौहान
पत्रकारिता प्रिट: राकेश अग्रिहोत्री व धमेंद्र पैगवार
इलेक्ट्रानिक: प्रवीण दुबे और शैफाली पांडेय
विधानसभा: प्रमुख सचिव एपी सिंह, अवर सचिव नारायण गौर व अनुभाग अधिकारी रविंद्र दुबे, प्रवीण जानोरकर, डीलाराम भटराई, हरभजन अहिरवार
चयन समिति के फिर अध्यक्ष बने सीताशरण शर्मा
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीता शरण शर्मा को फिर से चयन समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने इसकी घोषणा की है। बता दें कि संसदीय उत्कृष्ट का सम्मान पुरस्कार वितरण का समारोह विधानसभा के मानसरोवर सभागार में आयोजित किया गया था। यहां 2008 से बंद रहे पुरस्कारों को एक बार फिर से शुरू किया गया है। बता दें कि प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री पं. रविशंकर शुक्ल, नेता प्रतिपक्ष सुंदरलाल पटवा व जमुना देवी के साथ पहले अध्यक्ष कुंजीलाल दुबे और माणिक चंद्र बाजपेयी की स्मृति में यह पुरस्कार प्रदान किये गये हैं।
“विधान सभा की एक शाम-विन्ध्य के नाम” मानसरोवर सभागार, मध्यप्रदेश विधानसभा में सम्पन्न हुआ । विधानसभा अध्यक्ष श्री गिरीश गौतम, मंत्री श्री विश्ववास सांरग, मंत्रीगण, विधानसभा सदस्यों के अलावा सचिवालय के अधिकारी-कर्मचारी एवं विंध्य क्षेत्र से आये विधानसभा अध्यक्ष के अतिथि रहे ।
छायाचित्र