मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
जुलाई-अगस्त, 2025 सत्र
गुरुवार, दिनांक 31 जुलाई, 2025
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
कालाखेत
शॉपिंग कॉम्प्लेक्स
को अतिक्रमण
मुक्त कराया
जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
1. ( *क्र. 208 ) श्री विपीन जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर स्थित कालाखेत शॉपिंग कॉम्प्लेक्स पर साठीया समुदाय द्वारा कितनी दुकानों पर कब से अतिक्रमण कर रखा है? जानकारी देवें। (ख) कालाखेत शॉपिंग कॉम्प्लेक्स से अतिक्रमण को हटाकर अन्य जगह परिवारों को पट्टा प्रदाय कर विस्थापित करने की कार्यवाही कब तक की जायेगी? इस संबंध में अभी तक क्या-क्या प्रयास किये गए हैं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) मंदसौर स्थित कालाखेत शॉपिंग कॉम्पलेक्स की दुकानों में नहीं अपितु दुकानों के बाहर साठिया समुदाय के लोगों द्वारा वर्ष 2002 से अतिक्रमण किया गया है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्टि अनुसार है।
मेट्रो रेल परियोजना अंतर्गत भोपाल मेट्रो की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
2. ( *क्र. 247 ) श्री आरिफ मसूद : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश मेट्रो रेल परियोजना के अंतर्गत ऑरेंज मेट्रो लाइन (AIIMS से करोंद) का निर्माण कार्य कब प्रारंभ किया गया एवं कार्य पूर्ण करने की नियत तिथि क्या थी? प्रारंभ में कार्य की कुल कीमत क्या थी तथा वर्तमान में कार्य की लागत क्या है? समय-समय पर परिवर्तन प्लान के साथ मय मानचित्र एवं सर्वे की जानकारी सहित दस्तावेज उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या अभी भी भूमि अधिग्रहण एवं पुनर्स्थापन से जुड़े अनेक मुद्दे लंबित हैं? यदि हाँ, तो अब तक कुल कितनी जमीन का अधिग्रहण किया गया एवं कितनी जमीन का अधिग्रहण शेष है? पुनर्स्थापन के सर्वे सहित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या ब्लू लाइन (भदभदा से रत्नागिरी) का कार्य प्रारंभ किया गया है? यदि हाँ, तो कार्य की कुल लागत क्या है एवं कार्य किन-किन कंपनियों को दिया गया है, उनके साथ हुए अनुबंध, राशि की जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में ब्लू लाइन (भदभदा से रत्नागिरी) के कार्य के संपूर्ण मानचित्र, भूमि अधिग्रहण एवं पुनर्स्थापन के सर्वे एवं परियोजना के दौरान किन मार्गों को बंद किया जावेगा? समस्त जानकारी मय दस्तावेजों के साथ उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) मेट्रो रेल परियोजना के अंतर्गत ऑरेंज मेट्रो लाइन का कार्य 2 चरणों में प्रारंभ हुआ, जिसकी विस्तृत जानकारी निम्न है :-
चरण |
प्रारंभ |
पूर्ण होने का अनुमानित समय |
चरण-1 AIIMS से सुभाष नगर |
नवम्बर-2018 |
नवम्बर-2025 |
चरण-2 सुभाष नगर से करोंद |
मार्च-2024 |
जून-2028 |
ऑरेंज लाइन की प्रारंभ में कुल लागत रू. 4406.57 करोड़ थी। वर्तमान में परियोजना के लागत राशि में वृद्धि का मूल्यांकन कार्य किया जा रहा है। परियोजना का मानचित्र, राजपत्र अधिसूचना का. आ.3587 (अ) दिनांक 22.08.2024 के आधार पर संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) भोपाल मेट्रो रेल परियोजना के लिए कुल 3.2 हेक्टेयर निजी भूमि के अधिग्रहण हेतु प्रस्ताव, जिला प्रशासन को भेजा गया है, जिसकी कार्यवाही प्रचलित है। (ग) ब्लू लाइन (भदाभदा से रत्नागिरी) का कार्य प्रगति पर है, जिसके सिविल पैकेज का अनुबंध M/S AFCONS को प्रदान किया गया है एवं अनुबंध राशि रू. 1006.74 करोड़ है। (घ) परियोजना का मानचित्र, राजपत्र अधिसूचना का.आ. 3587 (अ) दिनांक 22.08.2024 के आधार पर संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। भूमि अधिग्रहण संबंधित जानकारी उत्तरांश (ख) अनुसार है। वर्तमान में ब्लू लाइन पर भू एवं मिट्टी परीक्षण का कार्य चल रहा है। वास्तविक निर्माण कार्य प्रारंभ होने से पूर्व, विभिन्न चरणों में यातायात परिवर्तन की योजना यातायात पुलिस के समन्वय से तैयार की जायेगी। इसके उपरांत, यातायात विभाग से अनुमोदन प्राप्त कर एवं परिवर्तित मार्ग में आवश्यक सुधार करते हुए मार्ग परिवर्तन लागू किया जायेगा। समय-समय पर इस संबंध में जानकारी विभिन्न संवाद माध्यमों से आम जनता को चरणबद्ध तरीके से प्रदान की जायेगी।
नाले के घटिया निर्माण की शिकायत
[नगरीय विकास एवं आवास]
3. ( *क्र. 358 ) श्री रमेश प्रसाद खटीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर परिषद नरवर जिला शिवपुरी में वर्ष 2024-25 में लोड़ी माता मंदिर से धुवाई दरवाजे से होते हुए तालाब तक नाले के निर्माण कार्य कितनी राशि का स्वीकृत हुआ था? उक्त कार्य की निर्माण एजेंसी कौन है? (ख) क्या उपरोक्त नाला निर्माण में स्टीमेट के मुताबिक कार्य न कराकर गुणवत्ताहीन कार्य कराने की शिकायत स्थानीय निवासियों द्वारा क्षेत्रीय विधायक को की गयी? उक्त शिकायत के आधार पर प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 639, दिनांक 25.03.2025 को मान. मंत्री जी को उक्त कार्य की जांच हेतु पत्र दिया था? (ग) उपरोक्त निर्माण कार्य की शिकायत पत्र पर क्या विभाग द्वारा उक्त घटिया निर्माण कार्य की जांच कराकर दोषी अधिकारी/कर्मचारियों पर कोई कार्यवाही की है? उक्त गुणवत्ताहीन कार्य की जांच कब तक कराई जावेगी तथा की गई कार्यवाही से कब तक अवगत कराया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर परिषद नरवर को एस.डी.एम.एफ. योजनान्तर्गत लोड़ी माता मंदिर से धुवाई दरवाजे से होते हुए तालाब तक नाला निर्माण कार्य रू. 214.00 लाख का स्वीकृत हुआ था। कार्य का निर्माण एजेन्सी मेसर्स फिरोज खान, नरवर है। (ख) माननीय विधायक जी द्वारा पत्र क्र. 640, दिनांक 25.03.2025 से आयुक्त को पत्र लिखा गया है। (ग) संचालनालय के पत्र क्र. 6069, दिनांक 02.06.2025 से संभागीय अधीक्षण यंत्री, ग्वालियर-चंबल संभाग को शिकायत पत्र में उल्लेखित बिंदुओं की जांच की जाकर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने हेतु पत्र प्रेषित किया गया, जिसके अनुक्रम में संभागीय अधीक्षण यंत्री, नगरीय प्रशासन एवं विकास, ग्वालियर-चंबल संभाग द्वारा शिकायत पत्र में उल्लेखित बिंदुओं की जांच की जाकर, जांच प्रतिवेदन पत्र क्र. 998, दिनांक 26.06.2025 से प्रस्तुत किया है। जांच प्रतिवेदन में गुणवत्ताविहीन कार्य का उल्लेख नहीं है। संचालनालय के पत्र क्र. 7268, दिनांक 02.07.2025 से जांच प्रतिवेदन के संबंध में माननीय विधायक को अवगत कराया गया है।
ट्रांसफार्मर/डी.पी. से घटित विद्युत दुर्घटनाएं
[ऊर्जा]
4. ( *क्र. 1555 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष जनवरी 2024 से प्रश्न दिनांक तक भोपाल शहर के किन-किन क्षेत्रों में विभाग द्वारा स्थापित ट्रांसफार्मरों में से कितने ट्रांसफार्मर/डी.पी. किन कारणों से क्षतिग्रस्त अवस्था में हैं? जोनवार, क्षेत्रवार क्षतिग्रस्त ट्रांसफार्मर/डी.पी. की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश "क" के परिप्रेक्ष्य में क्या क्षतिग्रस्त ट्रांसफार्मर/डी.पी. की चपेट में आने/दुर्घटना से जान माल की हानि/मृत्यु हुई? यदि हाँ, तो कब-कब तथा किस-किस क्षेत्र में किन कारणों से कितने व्यक्तियों की मृत्यु/जानमाल की हानि हुई? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में ट्रांसफार्मर/डी.पी. से घटित दुर्घटनाओं से हुई जान माल की हानि/मृत्यु के लिए दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों पर शासन द्वारा किस-किस धारा अंतर्गत प्रकरण पंजीबद्ध कर कब तथा क्या-क्या कार्रवाई की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के शहर वृत्त भोपाल क्षेत्रान्तर्गत स्थापित कोई भी वितरण ट्रांसफार्मर/डी.पी. (डबल पोल) क्षतिग्रस्त अवस्था में नहीं है, अपितु कतिपय स्थलों पर वितरण ट्रांसफार्मरों के डिस्ट्रीब्यूशन बॉक्स के ढक्कन चोरी हुए हैं अथवा क्षतिग्रस्त अवस्था में हैं। उल्लेखनीय है कि असामाजिक तत्वों द्वारा वितरण ट्रांसफार्मरों के डिस्ट्रीब्यूशन बॉक्स के ढक्कन बेचने की मंशा से चोरी किये जाने एवं तोड़फोड़ कर नुकसान पहुँचाने की अनैतिक गतिविधि के कारण वितरण ट्रांसफार्मरों के डिस्ट्रीब्यूशन बॉक्स क्षतिग्रस्त/खुले रह जाते हैं, जिसकी जानकारी प्राप्त होने पर संबंधित जोन कार्यालय द्वारा सुधार कार्य की कार्यवाही सुनिश्चित करते हुए संबंधित पुलिस थाने में भी समय-समय पर सूचना दी जाती है। शहर वृत्त भोपाल अंतर्गत स्थापित वितरण ट्रांसफार्मरों हेतु माह फरवरी, 2025 में किये गये सर्वे के अनुसार कुल 1451 वितरण ट्रांसफार्मरों के डिस्ट्रीब्यूशन बॉक्स के ढक्कन क्षतिग्रस्त अथवा चोरी हुए पाये गये। उक्त सर्वे के अनुसार क्षतिग्रस्त/चोरी हुए डिस्ट्रीब्यूशन बॉक्स के ढक्कनों के विरूद्ध दिनांक 12.07.2025 की स्थिति में बदले गये/लगाये गये डिस्ट्रीब्यूशन बॉक्स के ढक्कनों की संख्या एवं शेष डिस्ट्रीब्यूशन बॉक्स के ढक्कनों की संख्या जिनमें ढक्कन लगाने का कार्य प्रगतिरत है, की प्रश्नाधीन चाही गयी जोनवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में दिनांक 01 जनवरी, 2024 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में क्षतिग्रस्त ट्रांसफार्मर/डी.पी. (डबल पोल) की चपेट में आने/दुर्घटना से जान-माल की/मृत्यु की कोई घटना घटित नहीं हुई है। तथापि दिनांक 30.05.2025 को भोपाल शहर अंतर्गत वितरण ट्रांसफार्मर के क्षतिग्रस्त डिस्ट्रीब्यूशन बॉक्स की चपेट में आने से एक दुर्घटना घटित हुई है। शहर संभाग पश्चिम अंतर्गत शाहपुरा जोन में बूटी मैदान लाला लाजपत राय, ई-7 में बालक वंश जोगी की क्रिकेट खेलने के दौरान मैदान की बाउण्ड्री के बाहर स्थापित ट्रांसफार्मर के डिस्ट्रीब्यूशन बॉक्स के समीप से क्रिकेट बॉल उठाते समय क्षतिग्रस्त डिस्ट्रीब्यूशन बॉक्स के संपर्क में आने से घातक विद्युत दुर्घटना घटित हुई। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में घटित दुर्घटना की जांच में पाया गया है कि शाहपुरा जोन जहां उक्त दुर्घटना घटित हुई, सहित संपूर्ण भोपाल शहर में डिस्ट्रीब्यूशन बॉक्स के क्षतिग्रस्त ढक्कन को बदले जाने की कार्यवाही प्रगतिरत थी, परंतु ढक्कन बदले जाने के पूर्व ही उक्त दुर्घटना घटित हो गई। इसके अलावा उल्लेखनीय है कि म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा समय-समय पर दैनिक समाचार पत्रों, सोशल मीडिया एवं अन्य माध्यमों से नागरिकों से विद्युत संस्थापनाओं से दूरी बनाये रखने की अपील की जाती है। प्रश्नाधीन दुर्घटना में कोई भी अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं पाया गया है। उक्त घटना की पृथक से जाँच संबंधित थाना द्वारा की जा रही है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
प्रधानमंत्री आवास योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
5. ( *क्र. 128 ) श्री अशोक ईश्वरदास रोहाणी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर केंट विधानसभा अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना के कुल कितने हितग्राहियों के आवास निर्माण पूर्ण हो चुके हैं? (ख) प्रधानमंत्री आवास योजना के वर्तमान में कितने हितग्राहियों के आवेदन लंबित हैं? (ग) प्रधानमंत्री आवास योजना के लंबित आवेदन कब तक स्वीकृत होंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जबलपुर केंट विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी अंतर्गत 3124 हितग्राहियों के आवास निर्माण पूर्ण हो चुके हैं। (ख) प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के बी.एल.सी. घटक अंतर्गत कुल 1792 आवेदन लंबित हैं। विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश ''ख'' में उल्लेखित जानकारी अनुसार लंबित आवेदनों का कारण भूमि संबंधी दस्तावेज न होना है। भूमि संबंधित दस्तावेज के संबंध में राज्य के दिशा-निर्देश दिनांक 17.03.2025 के प्रावधान एवं पात्रतानुसार विहित प्रक्रिया अपनाकर आवास स्वीकृत कराया जा सकेगा। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जलपूर्ति पर व्यय
[नगरीय विकास एवं आवास]
6. ( *क्र. 262 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम जबलपुर द्वारा शहर की जनता को शुद्ध पेय जल की आपूर्ति व्यवस्था पर जलस्त्रोतों, जलाशयों, कुओं, बावड़ियों, नलकूपों का रख-रखाव सुधार मरम्मत कार्य, सफाई, पाइप लाइनों का विस्तार, लीकेज सुधार पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई है? वर्ष 2020-21 से 2025-26 तक की वर्षवार पृथक-पृथक जानकारी दें। (ख) जबलपुर शहर की कितनी आबादी को किन-किन माध्यमों से कितनी-कितनी मात्रा में पेयजल की आपूर्ति की जा रही है? किन-किन क्षेत्रों में पेयजल की समस्या बनी हुई है एवं क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) में किन-किन जल संशोधन संयंत्रों, तलीय जलाशयों की कब-कब कराई गई साफ-सफाई व्यवस्था पर एवं उनकी सुरक्षा रख-रखाव, सुधार मरम्मत कार्य पर तथा सामग्री आदि के क्रय पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई है? भोंगाद्वार जल शोधन संयंत्र एवं अन्य किन-किन संयत्रों से प्रदूषित, मटमैला पेयजल आपूर्ति करने का क्या कारण है? (घ) क्या शासन जबलपुर शहर की जनता को प्रदूषित, मटमैला पेय जल की आपूर्ति की जाने, पेय जल व्यवस्था में किये गये भ्रष्टाचार की जांच कराकर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जबलपुर शहर में 171228 घरेलू कनेक्शन के माध्यम से 271 एम.एल.डी. पानी की आपूर्ति प्रतिदिन प्रात: एवं सायंकाल 5 जलशोधन संयंत्रों के माध्यम से की जा रही है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जलशोधन संयंत्रों की साफ-सफाई का कार्य नियमित रूप से किया जाता है। साफ-सफाई व्यवस्था पर प्रतिवर्ष लगभग रू. 23 लाख का व्यय होता है। भोंगाद्वार जलशोधन संयंत्र या अन्य किसी जलशोधन संयंत्र से प्रदूषित पेयजल की आपूर्ति नहीं की जा रही है। (घ) उत्तरांश 'ग' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय सर्किट/रेस्ट हाऊस निर्माण
[लोक निर्माण]
7. ( *क्र. 1755 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ विधानसभा के नगर खुजनेर में आने वाले वी.आई.पी. के विश्राम के लिये कोई शासकीय रेस्ट हाऊस या सर्किट हाउस है? (ख) यदि हाँ, तो कहाँ पर? (ग) यदि नहीं, तो क्या नगर खुजनेर में रेस्ट हाउस या सर्किट हाउस बनाया जाना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) इसके निर्माण के लिये क्या लोक निर्माण विभाग द्वारा एस्टीमेट तैयार किया गया है? यदि हाँ, तो कब तथा कितनी राशि का?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश 'क' के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं, प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश 'ग' अनुसार। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वित्तीय अनियमितताओं की शिकायतों की जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
8. ( *क्र. 1673 ) श्री बृज बिहारी पटैरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र देवरी जिला सागर की नगर पालिका परिषद देवरी के अध्यक्ष पर वित्तीय अनियमितताओं की शिकायतों की जांच उपरांत आरोप सिद्ध पाये गये हैं? यदि हाँ, तो आर्थिक अनियमिततायें सिद्ध, प्रमाणित हो जाने के उपरांत भी आज दिनांक तक शासन के द्वारा क्या कार्यवाही की है? यदि कोई कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों? (ख) क्या न.पा. देवरी के अध्यक्ष के विरूद्ध एवं पद से पृथक की कार्यवाही हेतु मान. उच्च न्यायालय जबलपुर के द्वारा भी निर्देशित किया गया है? यदि हाँ, तो मान. न्यायालय के निर्देशन में अभी तक कार्यवाही क्यों नहीं की गई? यदि की गई है तो प्रमाणित विवरण उपलब्ध करायें। (ग) वर्तमान में नगरपालिका देवरी के अध्यक्ष के पास बहुमत भी नहीं है। प्रश्न दिनांक तक किन-किन मदों में राशि का आहरण वितरण किया गया है? क्या शासन/विभाग द्वारा जानकारी/प्रमाण होने के उपरांत भी पद से पृथकता की कार्यवाही में विलम्ब किया जा रहा है? (घ) नियम विरुद्ध अध्यक्ष पद पर पदस्थ को कब तक पद से पृथक करते हुये किसी अन्य को पदस्थ किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। विभाग द्वारा मध्यप्रदेश नगरपालिका अधिनियम, 1961 की धारा 41-क में वर्णिंत प्रावधानों के अंतर्गत अध्यक्ष, नगरपालिका परिषद, देवरी के विरूद्ध कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है, जिस पर सुनवाई की कार्यवाही प्रचलित है। (ख) जी नहीं। (ग) मदवार राशि आहरण वितरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं। (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विद्युतीकरण व्यवस्था
[ऊर्जा]
9. ( *क्र. 1407 ) श्री साहब सिंह गुर्जर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा प्रधानमंत्री जनमन योजना के अंतर्गत गैर विद्युतीकृत ग्रामों, मजरों, टोलों के विद्युतीकरण के संबंध में क्या कार्य योजना बनाई गई है? क्या उक्त योजना के अंतर्गत ऐसे ग्रामों एवं मजरों, टोलों का ही विद्युतीकरण किया जाता है, जहां प्रधानमंत्री/मुख्यमंत्री आवास योजना के अंतर्गत निर्मित घर हैं एवं राजस्व ग्राम होना आवश्यक है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार ऐसे ग्रामों एवं मजरों, टोलों में विद्युतीकरण कार्य कब तक किया जावेगा? (ग) ग्रामीण क्षेत्र में कृषकों एवं ग्रामीणों द्वारा बिल की राशि जमा करने के बाद खराब ट्राँसफार्मर के स्थान पर नया ट्राँसफार्मर स्थापित कराये जाने की क्या समय-सीमा विभाग द्वारा निर्धारित की गई है और यदि निर्धारित नहीं की गई है तो कब तक की जावेगी? (घ) क्या ग्रामीण क्षेत्र में आबादी क्षेत्र के ऊपर से निकाली गई 11 K.V.A. लाईन के शिफ्टिंग कार्य में होने वाला व्यय वहां रहने वाले कृषकों से विभाग द्वारा लिया जाता है, जबकि उक्त कार्य की जिम्मेदारी विभाग की है? इस संबंध में विभागीय उत्तरदायित्व संबंधी क्या कार्य योजना बनाई गई है और यदि नहीं, बनाई गई तो कब तक बनाई जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) भारत सरकार द्वारा विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों की सामाजिक-आर्थिक स्थितियों में सुधार के लिए प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान (पी.एम.जनमन) की शुरूआत की गई है। अभियान का उद्देश्य विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पी.वी.टी.जी.) को उनके मूलभूत अधिकारों और उनकी बस्तियों को पूरी तरह से बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराना है। उक्त अभियान के अंतर्गत अन्य महत्वपूर्ण गतिविधियों के साथ-साथ पी.वी.टी.जी. समूहों की बस्तियों/घरों का विद्युतीकरण भी सम्मिलित है। प्रदेश की 3 जनजातियां, यथा-भारिया, बैगा एवं सहरिया को पी.वी.टी.जी. समूह में शामिल किया गया है। उक्त योजना के तहत कुल 26998 अविद्युतीकृत घरों के विद्युतीकरण का कार्य स्वीकृत किया गया है। जी नहीं। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित योजना के तहत म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत स्वीकृत समस्त 12180 अविद्युतीकृत घरों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है एवं म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत उक्त योजना के तहत स्वीकृत 14818 घरों में से कुल 11700 घरों को विद्युतीकृत किया जा चुका है तथा शेष अविद्युतीकृत घरों के विद्युतीकरण की कार्यवाही प्रगतिरत है, जिसे यथाशीघ्र पूर्ण कर लिया जायेगा। (ग) वितरण ट्रांसफार्मर के जलने/खराब होने के उपरान्त संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि का 10 प्रतिशत जमा करने अथवा 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा बकाया राशि जमा करने पर संभागीय मुख्यालय में 12 घंटे एवं अन्य शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे तथा ग्रामीण क्षेत्रों में शुष्क मौसम में 3 दिवस तथा मानसून के मौसम के दौरान माह जुलाई से सितंबर तक 7 दिवस में जला/खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदलने अथवा विद्युत प्रदाय पुनर्स्थापित करने के प्रावधान हैं। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (घ) पूर्व से विद्यमान विद्युत लाइनों के नीचे/निकट कालांतर में अनाधिकृत तौर पर घरों का निर्माण किया गया है, जो कि केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण (सुरक्षा तथा विद्युत आपूर्ति संबंधी उपाय) विनियम-2010 एवं तत्पश्चात संशोधित किये गए विनियम के अन्तर्गत निहित प्रावधानों का उल्लंघन है। उल्लेखनीय है कि विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 177 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण द्वारा विद्युत आपूर्ति और सुरक्षा से संबंधित उपाय के लिये विनियम दिनांक 20.09.2010 को अधिसूचित एवं तत्पश्चात संशोधित किये गये हैं, जिनके अनुसार विद्युत लाइनों के नीचे एवं लाइनों से असुरक्षित दूरी पर निर्माण करना अवैधानिक है। केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण के उक्त विनियमों के अनुसार विद्युत लाइनों के समीप निर्माण के पूर्व निर्माणकर्ताओं को इसकी जानकारी विद्युत आपूर्तिकर्ता को देना आवश्यक है। लाईन में फेरबदल की आवश्यकता होने तथा तकनीकी रूप से विस्थापन साध्य पाए जाने एवं मार्ग के अधिकार (आर.ओ.डब्ल्यू.) की आवश्यकता पूरी होने की स्थिति में फेरबदल की आपूर्तिकर्ता द्वारा आंकी गई लागत की राशि आवेदक द्वारा जमा करने पर अथवा आवेदक द्वारा लाईन विस्थापित करने हेतु स्वीकृत प्राक्कलन की 5 प्रतिशत राशि सुपरविजन चार्ज के रूप में वितरण कंपनी में जमा करते हुए स्वयं 'अ' श्रेणी के ठेकेदार से, इन विद्युत लाइनों के विस्थापन हेतु कार्यवाही की जा सकती है। उपरोक्तानुसार औपचारिकताएं पूर्ण करने पर उक्त विद्युत लाइनों के विस्थापन की कार्यवाही की जा सकती है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता है।
गौशालाओं में सोलर प्लांट स्थापित किया जाना
[पशुपालन एवं डेयरी]
10. ( *क्र. 1397 ) श्रीमती छाया गोविन्द मोरे : क्या राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्य प्रदेश में गौशालाओं में रोशनी हेतु सोलर प्लांट लगाने की कोई योजना है? (ख) पंधाना विधानसभा में सुचारु रूप से कार्यरत 7 गौशालाओं जैसे माँ भगवती देवी गौशाला समिति, ग्राम सिरसौद, नवीन सुरभि गौशाला, ग्राम देशगाँव, माँ गंगा गौशाला, ग्राम धनगाँव, श्रीचंद गौशाला, ग्राम निहालवाड़ी, नर्मदा गौशाला, ग्राम पछाया, श्री कृष्ण गोपाल गौशाला, ग्राम घाटाखेड़ी, श्री संत सिंगाजी गौशाला पीपलोद खास में रोशनी हेतु सोलर प्लांट लगाने की कोई कार्य योजना है? यदि हाँ, तो कब तक स्थापित हो जायेगा?
राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
11. ( *क्र. 1279 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिला अंतर्गत लोक निर्माण विभाग द्वारा वर्ष 2021-22, 2022-23, 2023-24 एवं 2024-25 में कितनी सड़कें स्वीकृत की गई हैं? सड़क के नाम, स्वीकृत राशि सहित जानकारी उपलब्ध करायें। कितनी सड़कों का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है? कितनी सड़कें अपूर्ण हैं? कितनी सड़कों का निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है? अपूर्ण सड़कों को कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? कितनी सड़कों का निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है? कब तक प्रारंभ किया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में मझौली बायपास, खाम्हघाटी, पथरौला, टिकरी, गिजवार सड़क का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? सीधी-टिकरी, पथरौला, फोरलेन सड़क एवं तिलवारी-हर्दी (जनकपुर) मार्ग का निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ किया जावेगा? (ग) सिंगरौली जिला अंतर्गत लोक निर्माण विभाग द्वारा वर्ष 2021-22, 2022-23, 2023-24 एवं 2024-25 में कितनी सड़कें स्वीकृत की गई हैं? सड़क के नाम, स्वीकृत राशि सहित जानकारी उपलब्ध करायें। कितनी सड़कों का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है? कितनी सड़कें अपूर्ण हैं? कितनी सड़कों का निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है? अपूर्ण सड़कों को कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? कितनी सड़कों का निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है? कब तक प्रारंभ किया जावेगा? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में गीढ़ा-धौहनी मार्ग एवं हर्दी तेंदूपत्ता गोदाम से गोतरा गोपद पुल पहुँच मार्ग का निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ किया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) मझौली बायपास एवं खाम्हघाटी पथरौला, टिकरी, गिरजार सड़क मार्ग निर्माण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। सीधी-टिकरी, पथरौला फोरलेन सड़क एवं तिलवारी-हर्दी (जनकपुर) मार्ग निर्माण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। शेष तिलवारी-हर्दी (जनकपुर) मार्ग वर्ष 2025-26 के मुख्य बजट में प्रावधानित है। मार्ग निर्माण हेतु डी.पी.आर. कार्य प्रगतिरत है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। (घ) गीढ़ा-धौहनी मार्ग एवं हर्दी तेंदूपत्ता गोदाम से गोतरा गोपद पुल पहुँच मार्गों के कार्य मुख्य बजट वर्ष 2025-26 में सम्मिलित है। सक्षम वित्तीय समिति से स्वीकृति उपरांत निर्माण कार्य प्रारंभ किया जा सकेगा।
हितग्राहियों को आवास भवन का प्रदाय
[नगरीय विकास एवं आवास]
12. ( *क्र. 1549 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अगस्त 2022 को विधान सभा पटल में तत्कालीन मंत्री नगरीय प्रशासन ने नगर निगम छिंदवाड़ा के इमलीखेड़ा में निर्मित आवास में प्रति आवास की कीमत 31 लाख और 32 लाख बताई है? यदि हाँ, तो निगम आयुक्त क्यों हितग्राहियों से तीन लाख पचास हजार की अतिरिक्त मांग कर रहे हैं? (ख) क्या उक्त कॉलोनी परिसर में अधोसंरचना के कार्य अपूर्ण हैं व नगर निगम द्वारा हितग्राहियों से तीन लाख पचास हजार की अतिरिक्त मांग के साथ आवास की रजिस्ट्री कराए जाने हेतु दबाव बनाया जा रहा है? (ग) उक्त आवास भवन हितग्राहियों को कब तक प्रदान किये जाने थे व हितग्राहियों को आवास भवन प्रदाय किये जाने में विलंब हुआ, उसका जिम्मेदार कौन है? क्या विभाग दोषियों पर कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी अंतर्गत ईमलीखेड़ा के एम.आई.जी. भवनों की क्रमांकवार कीमत राशि रू. 31.00 लाख, 32.00 लाख एवं 33.00 लाख पूर्व में निर्धारित किये जाने की जानकारी विधानसभा प्रश्न क्रमांक 496, सत्र दिसंबर 2024 के परिप्रेक्ष्य में दी गई थी। टेण्डर में सम्मिलित कार्यों के अतिरिक्त अन्य आवश्यक कार्य संपन्न कराने से निर्माण लागत में वृद्धि हुई है। लागत वृद्धि की प्रतिपूर्ति हेतु निर्धारित मूल्य के अतिरिक्त राशि रू. 3.50 लाख प्रति इकाई की वृद्धि सक्षम प्राधिकारी आयुक्त द्वारा स्वीकृत की गई है। तद्नुसार बढ़ी हुई लागत की राशि रूपये तीन लाख पचास हजार के मांग पत्र जारी किये गये हैं। (ख) जी नहीं। अधोसंरचना कार्य पूर्ण है। ऐसी स्थिति में हितग्राहियों को बकाया राशि जमा कर रजिस्ट्री कराकर आधिपत्य प्राप्त करने के सूचना पत्र दिये गये हैं। (ग) निविदा के अनुबंध अनुसार कार्य पूर्ण होने की तिथि 30.06.2021 थी। कोरोना महामारी के कारण समयवृद्धि स्वीकार की गई। आवंटियों द्वारा समय पर राशि जमा न करने से योजना की वित्तीय साध्यता प्रभावित होने से भी कार्य में विलंब हुआ है, जिससे शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सड़कों का उन्नयन/पुननिर्माण
[लोक निर्माण]
13. ( *क्र. 1440 ) श्री नारायण पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या संत सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना दोंगालिया वर्ष 2014 में प्रारंभ हुई थी, परियोजना में 660 मेगावाट क्षमता की 3 और 4 नंबर यूनिटें भी शामिल हैं? जो वर्तमान में 2520 मेगावाट बिजली का उत्पादन करती है, के पहुंच मार्ग के रूप में संत बुखारसाद बाबा मूंदी से परियोजना तक की सड़क और बीड़-मूंदी सड़क संत सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना के भारी वाहनों की आवाजाही के कारण अत्यंत खराब अवस्था में है? क्या विभाग द्वारा इन दोनों सड़कों के पुनर्संधारण और उन्नयन कार्य के लिए कोई कार्ययोजना बनाई गई है? कब तक सड़क का पुनर्संधारण और उन्नयन कार्य पूर्ण होने की संभावना है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : जी हाँ, मूंदी से बीड़ मार्ग लंबाई 6.40 कि.मी. लोक निर्माण विभाग संभाग खंडवा के अंतर्गत है। मार्ग की कुल लंबाई 6.40 कि.मी. में से लंबाई 3.08 कि.मी. परफॉरमेंस गारंटी के अंतर्गत है। मार्ग के इस भाग पर ठेकेदार द्वारा आवश्यकतानुसार मरम्मत कार्य किया जा रहा है। शेष लंबाई 3.32 कि.मी. विभागीय संधारण के अंतर्गत है, जिसका संधारण कार्य समय-समय पर आवश्यकता अनुसार किया जा रहा है। संत सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना के भारी वाहनों के यातायात दवाब एवं आवाजाही के कारण ग्राम मोहद में लंबाई 0.46 कि.मी. मार्ग ध्वस्त अवस्था में है। मार्ग का यह भाग न तो किसी योजना में स्वीकृत है और न ही बजट में सम्मिलित है। अतः निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
स्वीमिंग पूल निर्माण की खामियों की सूक्ष्म जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
14. ( *क्र. 850 ) श्रीमती अर्चना चिटनीस : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर निगम बुरहानपुर के लिये स्वीमिंग पूल निर्माण स्वीकृत किया गया था? यदि हाँ, तो स्वीकृत वर्ष, कुल लागत तथा लागत के विरूद्ध किया गया? व्यय, निर्माण राशि किन-किन योजना से स्वीकृत की गई? (ख) पूल लोकार्पण दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कितने दिनों, कितने माह व कितने वर्षों तक उपयोग किया गया? यदि नहीं, तो क्या कारण है? (ग) क्या पूल निर्माण विशिष्ट प्रकृति का निर्माण होकर अनुभवी ठेकेदार से बनवाया गया? क्या निर्माण टेंडर की शर्तों में से पूल निर्माण गैर अनुभवी ठेकेदार होने की शर्त को हटाकर गैर अनुभवी ठेकेदार को कार्य दिया गया? यदि हाँ, तो टेंडर की शर्तों को परिवर्तन के लिए उत्तदायित्व निर्धारित करते हुए दोषियों पर कार्यवाही सुनिश्चित की गई? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (घ) क्या पूल निर्माण के लिए चयनित स्थान पर पानी का कोई स्त्रोत नहीं है? बिना जल स्त्रोत के स्वीमिंग पूल का संचालन कैसे होगा? ऐसे अदूरदर्शी निर्णय के लिए कौन उत्तरदायी है? क्या उत्तदायित्व तय कर कार्यवाही की जायेगी? (ड.) क्या इस दोषपूर्ण स्वीमिंग पूल निर्माण हेतु राज्य शासन पूल निर्माण में हुई अनियमितता की सूक्ष्म जांच शासन के वरिष्ठ अधिकारियों की एक विशेषज्ञ समिति का गठन कर दोषी के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। स्वीकृत वर्ष 2011, कुल लागत राशि 135.49 लाख। निविदा उपरांत राशि 149.69 लाख। लागत के विरूद्ध व्यय राशि 151.06 लाख। स्वीमिंग पूल निर्माण का कार्य बी.आर.जी.एफ. योजना, स्कूल शिक्षा विभाग एवं निकाय निधि से स्वीकृत हुआ है। (ख) स्वीमिंग पूल के लोकार्पण दिनांक से प्रश्न दिनांक तक पूल का उपयोग नहीं हुआ, पूल के टैंक में लीकेज होने से पानी न रूकने के कारण उपयोग नहीं हुआ है। (ग) जी नहीं। जी हाँ। जी हाँ। संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास के आदेश क्र./या.प्र./07-03/2025/3617, दिनांक 27.03.2025 से जांच समिति का गठन किया गया है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) स्वीमिंग पूल निर्माण के लिये चयनित स्थान पर पानी का स्थाई स्त्रोत नहीं है। उक्त त्रुटि के लिए उत्तरदायित्व का निर्धारण किये जाने हेतु संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास के आदेश क्र./या.प्र./07-03/2025/3617, दिनांक 27.03.2025 से जांच समिति का गठन किया गया है। जांच प्रतिवेदन समय-सीमा में प्रस्तुत नहीं करने के संबंध में संबंधितों को एवं उत्तरदायियों के विरूद्ध समय-सीमा में कार्यवाही नहीं करने के संबंध में आयुक्त नगर पालिक निगम बुरहानपुर को कारण बताओ सूचना पत्र, पत्र क्र./या.प्र./07-03/2025/8412-14, दिनांक 22.07.2025 से जारी किया गया है। (ड.) जी हाँ। संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास के आदेश क्र./या.प्र./07- 03/2025/3617, दिनांक 27.03.2025 से जांच समिति का गठन अधीक्षण यंत्री, नगरीय प्रशासन एवं विकास उज्जैन संभाग की अध्यक्षता में किया गया है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सोलर पार्क की स्थापना
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
15. ( *क्र. 1471 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न क्रमांक 1667, दिनांक 17 मार्च, 2025 के प्रश्नांश (ड.) में जिला मुरैना में प्रस्तावित सोलर पार्क की निविदा की शर्तें पूछी गई थी, जो प्रश्नकर्ता को उपलब्ध नहीं करायी गयी। निविदा की शर्तें उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार अपूर्ण उत्तर के लिए किस की जिम्मेदारी तय की जायेगी एवं क्या कार्रवाई की जायेगी? (ग) प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न क्रमांक 1667, दिनांक 17 मार्च, 2025 प्रश्नांश (ड.) के उत्तर अनुसार जिला मुरैना सोलर पार्क के फेस 1 एवं फेस 2 हेतु क्रमशः दिनांक 25 सितंबर, 2024 एवं दिनांक 24 दिसंबर, 2024 को निविदा जारी की जा चुकी है। उक्त निविदाओं में किस-किस फर्म या कंपनी द्वारा भाग लिया गया एवं किस कंपनी या फर्म का चयन किया गया? चयन हेतु क्या मापदंड निर्धारित किये गए? संपूर्ण दस्तावेज उपलब्ध कराएं एवं उक्त सोलर पार्क परियोजना का विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन उपलब्ध कराएं। (घ) क्या उक्त परियोजना के फेस 1 एवं फेस 2 का कार्य प्रारंभ हो चुका है? यदि हाँ, तो कितने व्यक्तियों को रोजगार प्राप्त हो रहा है?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री राकेश शुक्ला ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में ग्लोबल इन्वेस्टर समिट 2025 में परियोजना की प्री बिड मीटिंग एवं निवेशकों/विकासकों के प्राप्त सुझावों के परिप्रेक्ष्य में निविदा शर्तों में परिवर्तन, विद्युत विक्रय अनुबंध एवं कार्यान्वयन समर्थन समझौता को अंतिम रूप दिया जाना अपेक्षित एवं विचारणीय होने से निविदा की शर्तें अनंतिम थी। (ग) निविदा की कार्यवाही प्रचलन में है। अतएव निविदाओं में भाग लेने वाली फर्म/कंपनी चयन के मापदण्ड, विश्लेषण इत्यादि जैसी जानकारी वर्तमान में निविदा के निराकरण होने तक उपलब्ध कराना अपेक्षित नहीं है। जारी की गई निविदा की प्रति (टेंडर फॉर्म) एवं विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (घ) उक्त परियोजना की निविदा प्रचलन में है।
नावदाखेड़ी-बराय रोड का निर्माण
[लोक निर्माण]
16. ( *क्र. 625 ) श्री मनोज नारायण सिंह चौधरी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र का नावदाखेड़ी-बराय रोड कब स्वीकृत हुआ था और उक्त निर्माण कार्य की समय-सीमा क्या थी? वर्तमान में क्या कार्य पूर्ण हो चुका है? यदि निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हुआ है तो कब तक पूर्ण होगा? सड़क अधूरी बनने से क्षेत्रवासियों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है? वस्तुस्थिति से अवगत कराने का कष्ट करें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : नावदाखेड़ी बराय रोड दिनांक 12.06.2020 को स्वीकृत हुआ था, उक्त मार्ग के निर्माण की समय-सीमा दिनांक 17.06.2021 से 06 माह वर्षाकाल सहित थी। वर्तमान में कार्य अधूरा है। उक्त मार्ग निर्माण के अधूरे कार्य को पूर्ण किये जाने हेतु निविदा आमंत्रित की गई है, अतः पूर्णता की तिथि बताई जाना संभव नहीं है। वस्तुस्थिति यह है कि उक्त कार्य की एजेन्सी के द्वारा समय पर कार्य न किये जाने से कार्य अधूरा है, ठेकेदार द्वारा कार्य न किये जाने पर दिनांक 23.10.2024 को अनुबंध निरस्त किया। तत्पश्चात अधीक्षण यंत्री मण्डल उज्जैन के द्वारा दिनांक 15.03.2025 तक कार्य पूर्ण करने हेतु समय-सीमा दी गई, परन्तु ठेकेदार के द्वारा उक्त अवधि में कार्य पूर्ण न किये जाने के कारण दिनांक 09.04.2025 को ठेका निरस्त कर ठेकेदार के पंजीयन को कालीसूची में दर्ज करने की कार्यवाही की जा रही है। शेष कार्य को पूर्ण किये जाने हेतु निविदा आमंत्रित की गई है जो दिनांक 01.08.2025 को खोली जावेगी, तत्पश्चात नियमानुसार कार्यवाही कर कार्य कराया जावेगा।
जबलपुर, अमरकंटक एवं मण्डला डिण्डौरी मार्ग निर्माण
[लोक निर्माण]
17. ( *क्र. 1511 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण के क्या नियम हैं? जबलपुर अमरकंटक एवं मण्डला, डिण्डौरी मार्ग की मूल प्राक्कलन एवं ड्राईंग की प्रति देवें तथा निर्माण के समय स्वीकृत ड्राईंग एवं प्राक्कलन की प्रति देवें। (ख) जबलपुर अमरकंटक एवं मण्डला डिण्डौरी मार्ग निर्माण का प्राक्कलन एवं ड्राईंग किस एजेंसी ने बनाया है? क्या एजेंसी ने सही प्राक्कलन एवं ड्राईंग बनाया है? क्या डिण्डौरी बायपास नर्मदा ब्रिज आदि स्थलों की ड्राईंग एवं प्राक्कलन सही है, अगर नहीं तो प्राक्कलन एवं ड्राईंग सही नहीं बने इसके लिए कौन-कौन जिम्मेदार है? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा जन मांग पर आधारित माननीय नितिन गडकरी जी को प्रेषित आवेदन में क्या कार्यवाही हुई है? (घ) उक्त मार्ग निर्माण हेतु कौन-कौन से कृषक की कितनी-कितनी जमीन किस-किस खसरा नंबर से अधिग्रहित की गई तथा कितना-कितना मुआवजा दिया गया? कृषक के पतों सहित जानकारी दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) राष्ट्रीय राजमार्ग में दो लेन मय पेव्हड शोल्डर के निर्माण का कार्य आई.आर.सी.एस.पी. 73-2018 (मैन्युअल ऑफ स्पेसिफिकेशन एवं स्टैंडर्ड फॉर टू लेनिंग ऑफ हाइवेज विथ पेव्हड शोल्डर) में दिये गये प्रावधान के अनुसार किया जाता है। जबलपुर-अमरकंटक एवं मण्डला-डिण्डोरी मार्ग की मूल प्राक्कलन एवं ड्राइंग की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है तथा निर्माण के समय स्वीकृत ड्राइंग की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) जबलपुर-अमरकंटक एवं मण्डला-डिण्डोरी मार्ग का प्राक्कलन एवं ड्राइंग डी.पी.आर. कन्सल्टेंट मेसर्स एल.एन. मालवीय इन्फ्रा प्रोजेक्ट प्रा. लिमिटेड भोपाल द्वारा बनाया गया है। जी हाँ, जी हाँ। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय श्री नितिन गडकरी जी, मंत्री सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार को जन मांग पर आधारित पत्र दिनांक 30.01.2024 (पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार) जिसमें प्रश्नकर्ता द्वारा जबलपुर अमरकंटक रा.रा. मार्ग में जनता एवं उनके सुझाव पर विचार करने हेतु एन.एच. के वरिष्ठ अधिकारियों को आदेश प्रदान करने बावत है। उक्त मार्ग का निर्माण कार्य स्वीकृत प्रावधान अनुसार कराया जा रहा है एवं प्रश्नकर्ता माननीय विधायक जी को समय-समय पर निर्माण कार्य की पूर्ण जानकारी दी जाती रही है। (घ) उक्त मार्ग निर्माण में कृषकों की अधिगृहित की गई भूमि एवं मुआवजे संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
भिण्ड नगर पालिका परिषद को विशेष अनुदान दिलाया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
18. ( *क्र. 1639 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भिण्ड जिला मुख्यालय की नगरपालिका परिषद भिण्ड जो कि उच्च प्रथम श्रेणी में सम्मलित है, शहर में ढाई लाख के लगभग आबादी है, वर्ष 2023 से उचित वित्तीय कारणों से विभिन्न वार्डों व मुख्य शहर के विकास में कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं, शहर की सीमा निरंतर बढ़ रही है, उसके समुचित विकास के लिए विभाग द्वारा विशेष अनुदान दिया जाना सुनिश्चित किया जावेगा? (ख) भिण्ड नगर पालिका परिषद हेतु आवश्यक मशीनरी, हाईड्रोलिक लाईट मशीन स्वच्छता संबंधित सामग्री व विभिन्न प्रमुख मार्गों व वार्डों की छोटी-छोटी गलियों में जो पूर्णत: जर्जर हो चुकी हैं, विभिन्न पार्कों का पुनर्निर्माण, विभिन्न मार्गों में स्ट्रीट लाईट व हाईमास्क स्वागत द्वार की आवश्यकता फण्ड की अनुपलब्धता के कारण नहीं हो पा रही है? क्या नगर पालिका परिषद भिण्ड को आवश्यकता अनुरूप वित्तीय सहायता प्रदान की जावेगी? यदि हाँ, तो समयावधि बताने का कष्ट कीजिए।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास, म.प्र. भोपाल के पत्र क्रमांक/या.प्र./07-3/2023/8511, दिनांक 14.07.2023 से मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना (चतुर्थ चरण) में राशि रू. 600.00 लाख एवं कायाकल्प योजना के अन्तर्गत पत्र क्रमांक या.प्र./07/2023/10512, दिनांक 05.09.2023 से राशि रू. 230.00 लाख तथा पत्र क्रमांक/या.प्र./07-3/2023/1881, दिनांक 18.02.2023 से राशि रू. 301.46 लाख की सैद्धान्तिक स्वीकृति नगर पालिका परिषद भिण्ड को विकास कार्यों के लिए दी गई है, जिसके अन्तर्गत नगर पालिका परिषद भिण्ड में विकास कार्य कराये गये हैं। (ख) नगर पालिका परिषद भिण्ड को स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास, म.प्र. भोपाल के निम्नानुसार पत्रों से कचरा वाहन एवं राशि उपलब्ध करायी गई है :-
क्र. |
पत्र क्रमांक |
दिनांक |
कचरा वाहन |
राशि (रू.लाख में) |
(1) |
(2) |
(3) |
(4) |
(5) |
1. |
6030 |
29.03.2022 |
02 |
12.00 |
2. |
1930 |
02.02.2022 |
12 |
72.00 |
3. |
25882 |
06.12.2017 |
10 |
60.00 |
4. |
1354 |
18.01.2018 |
03 |
18.00 |
5. |
14231 |
10.08.2022 |
09 |
54.00 |
6. |
22166 |
17.12.2018 |
08 |
48.00 |
7. |
11417 |
21.10.2015 |
10 |
60.00 |
8. |
4751 |
10.03.2023 |
10 |
60.00 |
वर्तमान में निकाय के पास 02 जे.सी.बी. मशीन, 04 डम्पर, 05 ट्रैक्टर ट्रॉली, 05 फायर वाहन, 01 कॉम्पेक्टर, 01 हॉईड्रोलिक वाहन उपलब्ध है, जिससे आवश्यकतानुसार कार्य कराया जा रहा है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत आवास आवंटन
[नगरीय विकास एवं आवास]
19. ( *क्र. 1645 ) डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम सतना के अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना एवं अन्य योजना के तहत उतैली में प्रश्न तिथि तक किस-किस श्रेणी के आवास कितनी संख्या में किस प्रकार के एवं किस श्रेणी के लोगों को देने हेतु बनाये गए हैं? श्रेणीवार/संख्यावार/योजनावार विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित किस श्रेणी के कितने घर पूरी तरह तैयार हैं/कितने घर किस श्रेणी के कितने प्रतिशत अपूर्ण हैं? योजनावार संख्या दें। अपूर्ण होने के कारण क्या हैं? कब तक पूर्ण कर लिए जायेंगे या निगम आधे-अधूरे हालात में ही इन्हें बेचने की योजना बना रहा है या बेच दिया है? किसको किस आधार पर अथवा नियम के तहत बेचा है, उसका नाम, पता, बेचने की दर की जानकारी दें। (ग) प्रश्न तिथि तक उतैली में कुल कितने आवेदन किस-किस श्रेणी के मकानों के आवंटन के लिए किस-किस नाम और पते के लोगों के आए हैं/थे? किस-किस को आवंटन पत्र प्राप्त हुआ? जारी सभी आवंटन पत्रों की एक-एक प्रति उपलब्ध करायें। (घ) उक्त स्थान पर रिक्त भवनों को कब तक आवंटित किया जायेगा और किस आधार पर?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर पालिक निगम सतना में प्रश्न दिनांक तक प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के तहत उतैली स्थल पर विभिन्न श्रेणियों के आवास की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) पूर्ण/अपूर्ण/अपूर्णतः के प्रतिशत की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। हितग्राही अंश समय पर जमा न करने तथा एल.आई.जी. आवासों के निर्माण की लागत राशि की समय पर व्यवस्था न होने से योजना की वित्तीय साध्यता बाधित होने से, कोविड महामारी एवं उपरोक्त कारणों से निविदाकार की निर्माण गति बाधित हुई है। शेष ई.डब्ल्यू.एस. 222, दिनांक 31.11.2025 तक पूर्ण हो सकेंगे। शेष 168 एल.आई.जी. आवास संचालनालय के आदेश दिनांक 11.11.2021 के प्रावधान अनुसार "जहां है-जैसा है" की स्थिति में व्ययन किया जाना प्रस्तावित है। प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) प्रश्न तिथि तक उतैली में ई.डब्ल्यू.एस. श्रेणी के 2696 आवेदन प्राप्त हुये हैं, जिनमें से 1984 आवेदकों को पात्रतानुसार आवंटन दिया गया है। आवंटित भवनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। 1457 आवंटन पत्रों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। (घ) पात्रतानुसार पात्र हितग्राहियों द्वारा हितग्राही अंश की 100 प्रतिशत राशि पूर्ण जमा करने पर म.प्र. शासन द्वारा दिनांक 11.11.2021 को जारी निर्देश के प्रावधान अनुसार रिक्त भवनों का आवंटन किया जायेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
स्वीकृत सड़क मार्ग पर कार्य प्रारंभ किया जाना
[लोक निर्माण]
20. ( *क्र. 1793 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले की जतारा-चंदेरा, तिगेला-चंदेरा-स्यावनी खरो मार्ग क्या महाराज छत्रसाल जन्मभूमि मोर पहाड़ी के पास से निकलने वाला मार्ग है? अगर है तो क्या उपरोक्त सड़क विभाग द्वारा बनाए जाना अति आवश्यक है या नहीं? (ख) प्रश्न (क) के आधार पर बताएं कि उपरोक्त मार्ग स्वीकृत कराने विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई थी? उसकी पूर्व की लागत क्या-क्या थी और वर्तमान में क्या आ रही है? (ग) प्रश्न (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि महाराज छत्रसाल की जन्मभूमि मोर पहाड़ी को जोड़ने वाली उपरोक्त सड़क बजट में कब और कितनी लागत से बनाने हेतु शामिल की गई थी? बजट में स्वीकृत सड़क की प्रशासनिक स्वीकृति जारी क्यों नहीं की जा रही है? क्या बजट में स्वीकृत सड़क निरस्त कर दी जाती है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएं कि जनहित में 10 मीटर चौड़ा मार्ग प्रशासनिक स्वीकृति जारी कराने, विभाग द्वारा बनाने हेतु प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? निश्चित समय-सीमा सहित बताएं कि उपरोक्त स्वीकृत सड़क की प्रशासनिक स्वीकृति जारी कर दी जावेगी? कब तक? कितने वर्षों से उपरोक्त सड़क की प्रशासनिक स्वीकृति कितनी लागत की नहीं हो पाई है, क्यों? क्या जनहित में उपरोक्त सड़क पुनः अनुपूरक बजट जुलाई 2025 में जोड़कर स्वीकृत की जावेगी और कब तक उसकी प्रशासनिक स्वीकृति जारी कर दी जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ, जी हाँ। (ख) मार्ग को वर्ष 2021-22 के मुख्य बजट में सम्मिलित किया गया। दिनांक 04.04.2025 को संपन्न वित्तीय व्यय समिति की 109वीं बैठक में स्वीकृति हेतु अनुशंसा की गई। पूर्व लागत राशि रू. 3733.12 लाख एवं वर्तमान लागत राशि रू. 4389.70 लाख है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 एवं 2 अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन मार्ग को वर्ष 2021-22 के मुख्य बजट में प्रावधानित राशि रू. 2125.00 लाख की लागत से बनाने हेतु शामिल की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है। वित्तीय व्यय समिति की बैठक दिनांक 04.04.2025 में लिये गये निर्णय अनुसार आगामी बजट में सम्मिलित करने हेतु प्रस्तावित किया गया है। बजटीय प्रक्रिया के उपरांत स्वीकृति जारी की जा सकेगी। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) मार्ग 7 मीटर की चौड़ाई में निर्माण हेतु वित्तीय व्यय समिति से अनुमोदित। वित्तीय व्यय समिति की बैठक दिनांक 04.04.2025 में लिये गये निर्णय अनुसार आगामी बजट में सम्मिलित करने हेतु प्रस्तावित किया गया है। बजटीय प्रक्रिया के उपरांत स्वीकृति जारी की जा सकेगी। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
टीकमगढ़ जिले में जलाशय की भूमि को खुर्द-बुर्द किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
21. ( *क्र. 59 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टाउन एण्ड कंट्री प्लानिंग की गाईड लाईन वर्ष 2011 से वर्ष 2031 तक कार्य योजना हेतु स्वीकृत है? जिसमें जलाशय पार्क आदि के लिए भूमि सुरक्षित रखी गई है? (ख) क्या मौजा टीकमगढ़ नगर में खसरा नं. 1035 एवं खसरा नं. 1136 लगायत 1140 एवं 2040 जलाशय एवं पार्क हेतु आरक्षित भूमि है? उक्त संदर्भ में प्रश्नकर्ता द्वारा कलेक्टर टीकमगढ़ को लिखे गये पत्र क्र. 935/2025, दिनांक 19.06.2025 में क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित भूमि का विक्रय कब-कब किन-किन के द्वारा किया गया और भू-खण्डों में किसने बांटा? वर्तमान में उक्त खसरा नं. पर किन-किन के नाम दर्ज हैं? (घ) क्या प्रश्नांश (ख) में वर्णित खसरा नंबरों पर अवैध कॉलोनी का निर्माण हो गया है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई है? कब तक भूमि को संरक्षित कर लिया जायेगा।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) म.प्र. शासन नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा टीकमगढ़ विकास योजना 2031 अनुमोदित की जाकर मध्य प्रदेश राजपत्र में प्रकाशन दिनांक 08.09.2017 से प्रभावशील है। टीकमगढ़ विकास योजना में जलाशय भूमि उपयोग एवं आमोद-प्रमोद भूमि उपयोग के अंतर्गत उद्यान/खेल मैदान प्रस्तावित है। (ख) अंशत: हाँ। टीकमगढ़ विकास योजना 2031 में खसरा नंबर 1035 एवं खसरा नंबर 1136 लगायत 1140 एवं 2040 का भूमि उपयोग मुख्यत: आमोद-प्रमोद के अंतर्गत उद्यान/खेल मैदान तथा जलाशय निर्दिष्ट है। प्रश्नकर्ता द्वारा कलेक्टर टीकमगढ़ को लिखे पत्र दिनांक 19.06.2025 पर कार्यवाही कलेक्टर टीकमगढ़ के स्तर पर प्रचलन में है। उक्त प्रकरण अतिक्रमण/अवैध कॉलोनी से संबंधित होकर रिट पिटिशन क्रमांक-3546/2025, गिरधारीलाल कोरी विरूद्ध म.प्र. शासन व अन्य में माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा पारित आदेश दिनांक 03.04.2025 के परिपालन में प्रतिवादी क्रमांक-6 आयुक्त सह संचालक, नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा दिनांक 21.07.2025 को आदेश पारित कर कलेक्टर टीकमगढ़, सहायक संचालक, नगर तथा ग्राम निवेश टीकमगढ़ एवं नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद, टीकमगढ़ को नियमानुसार कार्यवाही करने हेतु आदेशित किया गया है। (ग) तहसीलदार टीकमगढ़ के प्रतिवेदन अनुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (घ) जी हाँ। उक्त प्रकरण अवैध कॉलोनी से संबंधित होकर अवैध कॉलोनी के विरूद्ध कार्यवाही हेतु म.प्र. नगर पालिका (कॉलोनी विकास) नियम 2021 के अंतर्गत सक्षम प्राधिकारी प्राधिकृत है। प्रकरण न्यायालय कलेक्टर टीकमगढ़ में प्रचलित है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विद्युतीकरण योजनाओं का क्रियान्वयन
[ऊर्जा]
22. ( *क्र. 1607 ) श्री विश्वामित्र पाठक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा सिहावल क्षेत्रान्तर्गत आने वाले विकासखण्ड सिहावल, जिला सीधी एवं विकासखण्ड देवसर, जिला सिंगरौली में विद्युतीकरण से वंचित ग्रामों, टोले-मजरों एवं बसाहटों में विद्युतीकरण के लिये क्या कार्य योजना है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित विद्युतीकरण विहीन स्थानों को विद्युतीकरण हेतु संचालित योजनाओं में शामिल कर स्वीकृति प्रदान की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) में यदि नहीं, तो कब तक विद्युतीकरण विहीन बसाहटों में विद्युतीकरण पूर्ण कराया जायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) वर्तमान में विधानसभा क्षेत्र सिहावल अंतर्गत आने वाले विकासखण्ड सिहावल, जिला सीधी के 13 ग्रामों के मजरों/टोलों/बसाहटों में अवस्थित जनजातीय वर्ग के कुल 234 आवासों तथा विकासखण्ड देवसर जिला सिंगरौली के 13 ग्रामों के मजरों/टोलों/बसाहटों में अवस्थित जनजातीय वर्ग के कुल 375 आवासों के विद्युतीकरण हेतु केन्द्र शासन के धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान अंतर्गत कार्य योजना स्वीकृत है। उक्त के अतिरिक्त प्रश्नाधीन क्षेत्रांतर्गत शेष ग्रामों के मजरों/टोलों/बसाहटों में अवस्थित अविद्युतीकृत घरों के विद्युतीकरण हेतु म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत सर्वे कार्य प्रगतिरत है। सर्वे उपरांत कार्य योजना तैयार कर नोडल एजेंसी मेसर्स पी.एफ.सी., विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली को प्रेषित किया जाना है। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र के मजरों/टोलों/बसाहटों में अवस्थित जनजातीय वर्ग के कुल 609 आवासों के विद्युतीकरण हेतु कार्य योजना को उत्तरांश (क) में उल्लेखानुसार स्वीकृति प्रदान की गई है। प्रश्नाधीन क्षेत्र के शेष अविद्युतीकृत घरों के विद्युतीकरण हेतु उत्तरांश (क) में उल्लेखानुसार सर्वे कार्य उपरान्त कार्य योजना प्रेषित की जानी है। (ग) वर्तमान में धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान अंतर्गत स्वीकृत जनजातीय आवासों के विद्युतीकरण का कार्य माह मार्च 2026 तक पूर्ण किये जाने का लक्ष्य है। उक्त के अतिरिक्त शेष अविद्युतीकृत घरों के विद्युतीकरण हेतु सर्वे उपरांत कार्य योजना नोडल एजेंसी मेसर्स पी.एफ.सी., नई दिल्ली को प्रेषित किया जाना है। तदोपरान्त कार्य योजना की स्वीकृति प्राप्त होने पर विद्युतीकरण हेतु आगामी कार्यवाही की जा सकेगी। अतः वर्तमान में उक्तानुसार शेष विद्युतीकरण के कार्य पूर्ण किये जाने हेतु समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
माड़ियादोह से राजपुरा मार्ग का चौड़ीकरण
[लोक निर्माण]
23. ( *क्र. 312 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले की हटा विधानसभा क्षेत्र क्र. 57 अंतर्गत माड़ियादोह से राजपुरा मार्ग का चौडीकरण कार्य कब स्वीकृत किया गया? (ख) यदि स्वीकृत किया गया तो अभी तक कार्य प्रारंभ क्यों नहीं किया गया? (ग) उपरोक्त मार्ग के निर्माण में वन विभाग की कितनी आपत्तियां कब-कब प्राप्त हुई हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में प्राप्त आपत्तियों का क्या निराकरण दिया गया? जानकारी उपलब्ध करायेंI
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) दिनांक 25.05.2023 को। (ख) वन विभाग से अनुमति न होने के कारण। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड के कर्मचारियों की सेवा समाप्ति
[नगरीय विकास एवं आवास]
24. ( *क्र. 1423 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 39वीं बोर्ड बैठक में जिस कर्मचारी की सेवा समाप्ति का निर्णय लिया गया वह आज भी बी.सी.एल.एल. या नगर निगम में कार्यरत है? हाँ अथवा नहीं। यदि हाँ, तो उसकी नियुक्ति एवं प्रक्रिया की छायाप्रति प्रदान करें। यदि नहीं, तो वह व्यक्ति किस आधार पर नगर निगम के CM Helpline तथा Revenue Commission एवं Collecter Bhopal की मीटिंग में नगर निगम की तरफ से उपस्थित हो रहे हैं? (ख) क्या बी.सी.एल.एल. में संविदा कर्मचारियों की सैलरी मध्यप्रदेश शासन द्वारा जारी निर्देश/कानून के आधार पर वर्षवार वेतन वृद्धि नियुक्ति दिनांक से की गई? हाँ अथवा नहीं। यदि हाँ, तो वर्षवार संविदा नियम दर्शाते हुए गौशवारा बनाकर प्रदाय करें। (ग) पत्र क्रमांक बी.सी.एल.एल./2025/6735-3736, भोपाल दिनांक 16.05.2025 पर क्या जवाब समय-सीमा में प्रेषित किया? हाँ अथवा नहीं। यदि हाँ, तो जवाब एवं पत्र की छायाप्रति प्रदान करें। पत्र क्रमांक बी.सी.एल.एल./2025/6863-6864, भोपाल दिनांक 19.06.2025 के पत्र एवं जवाब की छायाप्रति प्रदान करें। (घ) क्या आई.एस.बी.टी. प्रभारी कोई पद है? हाँ अथवा नहीं। दिनांक 10.05.2025 को इस पद पर कौन पदस्थ था, नाम बताएं नियुक्ति किस श्रेणी में है? नियुक्ति पत्र एवं आदेश की छायाप्रति प्रदान करें। क्या इनके द्वारा जारी 06 प्रमाण पत्र दिनांक 10.05.2025 को वैध है? यदि हाँ, तो इन प्रमाण पत्रों की नोटशीट की छायाप्रति प्रदान करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा दिनांक 22 जुलाई, 2023 को जारी दिशा-निर्देशानुसार भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड कंपनी में कार्यरत संविदा कर्मचारियों की वर्ष 2020 से वेतन वृद्धि की गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जी नहीं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय संस्थानों में नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा संचालित परियोजनाएं
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
25. ( *क्र. 1771 ) श्रीमती रीती पाठक : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में अब तक कुल कितने शासकीय संस्थानों (जैसे शासकीय कार्यालय, स्कूल, अस्पताल, छात्रावास, पंचायत भवन आदि) में नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा स्रोतों (विशेष रूप से सौर ऊर्जा) का उपयोग प्रारंभ किया जा चुका है? (ख) प्रदेश में कितने ऐसे शासकीय संस्थान अभी शेष हैं, जहाँ नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा के माध्यम से कार्य प्रारंभ किया जाना प्रस्तावित या लंबित है? (ग) सीधी जिले में अब तक कितने शासकीय संस्थानों में नवकरणीय ऊर्जा परियोजनाएं संचालित की जा रही हैं और कितने संस्थान ऐसे हैं, जहाँ यह कार्य अभी तक प्रारंभ नहीं हो सका है? (घ) विशेष रूप से सीधी विधानसभा क्षेत्र में कितने शासकीय भवनों, विद्यालयों, अस्पतालों आदि में सौर ऊर्जा संयंत्र लगाए जा चुके हैं? स्थानवार विवरण प्रदान करें। (ड.) क्या विभाग द्वारा शेष संस्थानों में सौर ऊर्जा अथवा अन्य नवकरणीय ऊर्जा स्रोतों की स्थापना हेतु कोई कार्ययोजना या समय-सीमा निर्धारित की गई है?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री राकेश शुक्ला ) : (क) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में मध्यप्रदेश में अब तक लगभग 4000 शासकीय संस्थानों में सोलर संयंत्रों (सौर ऊर्जा) का उपयोग किया जा रहा है। (ख) प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजनांतर्गत शासकीय भवनों के सौर ऊर्जीकरण करने के प्रथम चरण में लगभग 1300 शासकीय संस्थानों को सौर ऊर्जीकृत करने का लक्ष्य है। प्रथम चरण में विद्युत वितरण कंपनियों में प्राप्त डाटा के आधार पर 20 किलोवॉट से अधिक क्षमता के भवन लिये गये हैं। (ग) सीधी जिले में संचालित सोलर रूफटॉप परियोजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जिन संस्थानों में सोलर रूफटॉप संयंत्र लगाया जाना है, उनकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) सोलर रूफटॉप की सीधी जिले की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ड.) भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजनांतर्गत शासकीय संस्थानों को सौर ऊर्जा प्रदाय करने हेतु विभाग द्वारा रेस्को मोड अंतर्गत सभी 55 जिलों के लिये निविदा जारी की गई है। इसके अतिरिक्त, कैपेक्स मोड हेतु दरों का मानकीकरण किया जा चुका है।
भाग-2
नियम 46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
नवीन सर्किट
हाउस का निर्माण
[लोक निर्माण]
1. ( क्र. 37 ) श्री अरूण भीमावद : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक निर्माण विभाग के मुख्य बजट वर्ष 2023-24 में शाजापुर में नवीन सर्किट हाउस निर्माण हेतु रू.10.00 करोड़ की राशि का प्रावधान किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो अब तक उक्त कार्य के लिए प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदाय क्यों नहीं की गई? (ग) उक्त स्वीकृति किन कारणों से लंबित है इसका उत्तरदायित्व किस स्तर का है? (घ) शाजापुर में लोक निर्माण विभाग के मुख्य बजट वर्ष 2023-24 में अंकित भवन कार्य की स्वीकृति अब तक लंबित है, जबकि उसके पश्चात के वार्षिक या अनुपूरक बजट में सम्मिलित समान अन्य भवन कार्यों की स्वीकृति पूर्व में जारी कर दी गई है? (ड.) यदि हाँ, तो कृपया स्पष्ट किया जाये की पूर्ववर्ती बजट के कार्य को प्राथमिकता न देते हुए पश्चात्वर्ती बजट के कार्यों को स्वीकृति प्रदान किये जाने के कारण नियम सहित बतावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं, अपितु बजट वर्ष 2022-23 में राशि रूपये 10.00 करोड़ के प्रावधान के साथ सम्मिलित है। (ख) प्रस्ताव परीक्षणाधीन है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। (ड.) बजट में सम्मिलित शेष कार्यों के प्रस्ताव परीक्षणाधीन है।
विद्युत वितरण की समस्याओं का निराकरण
[ऊर्जा]
2. ( क्र. 40 ) श्री अरूण भीमावद : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र 167 शाजापुर में कुल कितने 33/11 के.व्ही. के विद्युत सब स्टेशन विद्यमान है? क्षेत्र के कितने ऐसे स्थान जहां क्षमता से कम के वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित है? जिससे वॉल्टेज की कमी, ट्रांसफार्मर जल जाना आदि की समस्या से ग्रामीणों को घरेलू बिजली एवं खेतों में सिंचाई का कार्य प्रभावित हो रहा है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्षेत्र के कितने ग्रामों में विगत डेढ़ वर्ष से लेकर प्रश्न दिनांक तक कितने ट्रांसफार्मर जले कितनों को पुनर्स्थापित किया तथा कितने आवेदन संबंधित मैदानी अभियंताओं को वितरण ट्रांसफार्मर क्षमता वृद्धि प्राप्त हुई? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार कंपनी द्वारा विधानसभा क्षेत्र 167 शाजापुर के ग्रामीण क्षेत्रों जहां क्षमता से कम ट्रांसफार्मर है, उन ग्रामों का सर्वे कर क्षमता वृद्धि की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) शाजापुर अंतर्गत शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में वर्तमान किन योजनाओं के विद्युत संबंधित निर्माण कार्य की सम्पूर्ण जानकारी दी जावे।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-167 शाजापुर अंतर्गत 33/11 के.व्ही. के कुल 32 विद्युत उपकेन्द्र (सबस्टेशन) विद्यमान हैं। प्रश्नाधीन क्षेत्रान्तर्गत वर्तमान में स्थापित वितरण ट्रांसफार्मरों में से 111 वितरण ट्रांसफार्मर रबी सीजन के दौरान अल्पावधि हेतु अतिभारित हो जाते हैं। कतिपय प्रकरणों में वोल्टेज की कमी अथवा वितरण ट्रांसफार्मर के जलने संबंधी सूचना म.प्र. पश्िचम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को प्राप्त होने पर इसका समय-सीमा में निराकरण कर दिया जाता है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नाधीन क्षेत्रान्तर्गत माह जनवरी, 2024 से माह जून, 2025 (लगभग डेढ़ वर्ष की अवधि) तक की अवधि में कुल 291 वितरण ट्रांसफार्मर जले/खराब हुये हैं। उक्त सभी जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों को बदल दिया गया है। संबंधित मैदानी अधिकारियों को वितरण ट्रांसफार्मर क्षमतावृद्धि का कोई भी आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नाधीन क्षेत्र अंतर्गत सर्वे कर 111 अतिभारित वितरण ट्रांसफार्मरों को चिन्हित कर क्षमतावृद्धि हेतु प्रस्तावित किया गया है। वर्तमान में इनकी कार्यपूर्णता की निश्िचत समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) प्रश्नाधीन क्षेत्रांतर्गत वर्तमान में एस.एस.टी.डी. एवं आर.डी.एस.एस. योजना के तहत विद्युत अधोसंरचना के निर्माण कार्य किये जा रहे हैं, जिसकी प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार है।
नगर पालिका परिषद् टीकमगढ़ में निर्माण कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
3. ( क्र. 60 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर पालिका परिषद् टीकमगढ़ में विगत 15 वर्षों के निर्माण कार्यों की फाईलें अप्राप्त है, यदि नहीं तो बतावें प्रधानमंत्री आवास का स्थल चयन किसके द्वारा किया गया? (ख) क्या 45 करोड़ की लागत से बनने वाले आवास अधूरे छोड़ दिये गये और नव निर्माण खंडहर बनकर रह गये, ऐसा क्यों? इसके लिए कौन दोषी है? (ग) क्या विगत 15 वर्षों में निर्माण कार्य उन्हीं एजेंसियों को दिये गये जो मैनेजिंग कर सके, यदि नहीं तो 15 वर्ष के निर्माण कार्य एवं उन एंजेसियों के नाम बतावें? (घ) 586 अधूरे प्रधानमंत्री आवासों को कब तक पूर्ण करा लिया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं। प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के AHP घटक अंतर्गत परियोजना हेतु कार्यालय, नगर पालिका परिषद् टीकमगढ़ के पत्र क्रमांक 9295/न.पा./प्र.आ.यो/2016 टीकमगढ़ दिनांक 22.07.2016 की मांग पर आवास के प्रस्तावित स्थल का चयन कलेक्टर जिला टीकमगढ़ के आदेश क्रमांक प्रकरण क्रमांक 165/बी-121/ 2015-16 दिनांक 12.09.2016 द्वारा भूमि खसरा क्रमांक 76, 78, 93, 98 से 103 रकवा 11.486 हेक्टेयर स्थित ढोगा मैदान क्षेत्र में बीड़ी मजदूर कॉलोनी तथा टावर लाई के पास उपलब्ध कराई गई। (ख) प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी ए.एच.पी घटक अंतर्गत मैसर्स सत्यम कंस्ट्रक्शन कम्पनी एच के इन्फाकोन प्रा.लि. मेहसाना गुजरात (जेबी) द्वारा कार्य किया जा रहा था जिनको चतुर्थ रनिंग देयक का भुगतान किया गया एवं पंचम रनिंग बिल देयक का भुगतान नहीं किया जाने से ठेकेदार द्वारा कार्य स्थल पर काम बंद कर दिया गया। ठेकेदार को समय-समय पर कार्य प्रारंभ करने के नोटिस दिये गये परन्तु ठेकेदार द्वारा कार्य प्रारंभ न कर आर्बिट्रेशन कोर्ट में नगर पालिका के विरूद्ध पिटीशन दायर की गई। वर्तमान में पी.आई.सी संकल्प क्रमांक 57 दिनांक 19.01.2024 द्वारा अनुबंध निरस्त कर शेष अधूरे निर्माण कार्य की पुनः निविदा कर दिनांक 09.04.2025 को डिवाईन इन्फ्रास्ट्रक्चर को कार्यादेश क्रमांक 2033 दिनांक 09.04.2025 द्वारा शेष कार्य पूर्ण कराया जा रहा है। अनुबंध अनुसार कार्य पूर्ण कराने की तिथि 08.10.2026 हैं। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) शासन निर्देशानुसार नगर पालिका परिषद् टीकमगढ़ में MP E-Tender पर Online Tender जारी कर न्यूनतम निविदाकार को कार्य सौंपे गये हैं। कार्यालय में उपलब्ध अभिलेख अनुसार विगत 15 वर्षों की निर्माण कार्यों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रधानमंत्री आवास योजना ए.एच.पी घटक 288 ई.डब्ल्यू.एस. आवासीय प्रकोष्ठ एवं 288 एल.आई.जी. स्वीकृति किये गये थे जिसमें पुनरीक्षित डी.पी.आर. अनुसार 288 ई.डब्ल्यू.एस. आवासीय प्रकोष्ठ एवं 288 एल.आई.जी. भूखण्ड हेतु अधोसरंचना निर्माण दिनांक 08.10.2026 तक पूर्ण करना लक्षित है।
पुरा नदी पर पुल निर्माण हेतु स्वीकृत राशि
[लोक निर्माण]
4. ( क्र. 83 ) श्री महेंद्र रामसिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा कोलारस में ग्राम मैघोनाबड़ा से अमरोद सड़क मार्ग पर पुरा नदी पर क्या कोई नवीन पुल निर्माण की स्वीकृति जारी की गयी है? यदि हाँ तो इस हेतु कितनी राशि की स्वीकृति जारी की गयी है स्वीकृति आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या उक्त पुल निर्माण हेतु राशि रू. 13.60 करोड़ की स्वीकृति के स्थान पर 03.06 करोड़ की स्वीकृति जारी की गयी है? यदि हाँ तो कारण स्पष्ट करें यदि नहीं तो विवरण दें। (ग) क्या उक्त पुल का निर्माण कार्य हेतु प्रारंभ किया जा चुका है यदि हाँ, तो निर्माण कार्य की अद्यतन स्थिति से अवगत करावें? यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें? निर्माण कार्य कब से प्रारंभ कर दिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। स्वीकृत राशि 1366.76 लाख। प्रशासकीय स्वीकृति की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। निविदा की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, अत: निश्िचत समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
इटारसी एवं नर्मदापुरम के नालों पर अतिक्रमण
[नगरीय विकास एवं आवास]
5. ( क्र. 97 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदापुरम विधानसभा की इटारसी एवं नर्मदापुरम तहसीलों में कितने नाले, कितनी चौड़ाई के है, ये किस तरफ प्रारंभ होकर किन-किन मार्गों से होते हुए आगे कहाँ जाते है? (ख) राजस्व अभिलेखों में इन नालों पर किन-किन स्थानों पर किसके द्वारा दुकान-मकान बनाये गये है। नाम सहित जानकारी देते हुए बतावें कि इनमें से किस-किस के द्वारा नगरपालिका/राजस्व/नजूल से कब अनुमति ली गयी है? (ग) क्या जनहित में नालों पर किये गये अतिक्रमणों को हटाया जावेगा। यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? (घ) विगत दस वर्षों में नालों की दिशा परिवर्तन की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई एवं इस संबंध में की गयी कार्यवाही की जानकारी दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नर्मदापुरम विधानसभा अन्तर्गत तहसील नर्मदापुरम नगर में कुल नाले 67, तहसील नर्मदापुरम ग्रामीण में कुल नाले 191, तहसील इटारसी में 118, राजस्व अभिलेख में अभिलिखित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) नर्मदापुरम विधानसभा अन्तर्गत तहसील नर्मदापुरम नगर, नर्मदापुरम ग्रामीण, इटारसी में राजस्व अभिलेखों में दर्ज नालो का विस्तृत सर्वे/सीमांकन किये जाने के पश्चात ही अतिक्रमित मकान, दुकानों की जानकारी एवं अतिक्रमणकारियों के नाम बताया जाना संभव होगा। (ग) नर्मदापुरम विधानसभा अन्तर्गत तहसील नर्मदापुरम नगर, नर्मदापुरम ग्रामीण, इटारसी में नालों के विधिवत सीमांकन व सर्वेक्षण उपरान्त नालों पर यदि अतिक्रमण के प्रकरण संज्ञान में आते है तो म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 के विधिक प्रावधानों के तहत अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जिला कलेक्टर कार्यालय, नर्मदापुरम में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नर्मदापुरम विधानसभा क्षेत्र की सड़कों की जांच
[लोक निर्माण]
6. ( क्र. 98 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदापुरम विधानसभा क्षेत्र की कतिपय सड़कों (1) रैसलपुर- रिधौड़ा-बम्हनगांव (2) रैसलपुर-पांजराककॉ (3) सतरास्ता बी.टी.आई. (4) ब्यावरा रोहना (5) निटाया-निमसाडिया के निर्माण की गुण गुणवत्ता की जाँच सीटीई से कराने हेतु कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग, प्रमुख सचिव, लोक निर्माण विभाग एवं नर्मदापुरम जिले के प्रभारी सचिव (अपर मुख्य सचिव) को प्रश्नकर्ता द्वारा वर्ष 2025 में लिखे पत्र किन तारीखों में प्राप्त हुए? (ख) पत्रों में उल्लेखित सड़कों का निर्माण कब, किन ठेकेदारों द्वारा कितनी राशि से कराया गया? (ग) सड़कों की जांच में कौन से तथ्य प्रकाश में आये? प्रकाश में आये तथ्यों पर क्या कार्यवाही की गयी? (घ) जांच कब तक हो सकेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) प्रश्नांकित पत्र विभाग में अप्राप्त है, जिसे कार्यपालन यंत्री, लो.नि.वि. नर्मदापुरम संभाग, नर्मदापुरम द्वारा माननीय विधायक जी के स्थानीय कार्यालय से दिनांक 14-07-2025 को प्राप्त किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) प्रश्नांकित मार्गों की जांच संबंधी जानकारी अप्राप्त है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) वर्तमान में निश्िचत समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नाले/नालियों पर अतिक्रमण की जांच हेतु कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
7. ( क्र. 99 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नर्मदापुरम के जयस्तम्भ क्षेत्र में आई बाढ़ के संबंध में प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र.76 दिनांक 17.03.2025 के उत्तर में शासन द्वारा जानकारी दी गयी है कि "जयस्तम्भ चौक के पास स्थित नाले एवं नालियों पर किए गए अतिक्रमण का नजूल अधिकारी, तहसीलदार एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा संयुक्त रूप से निरीक्षण उपरांत सीमांकन का निर्णय लिया गया है।" (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रश्न के उत्तर उपरांत उक्त सीमांकन के संबंध में कलेक्टर, नर्मदापुरम को प्रश्नकर्ता के पत्र किन-किन तारीखों में प्राप्त हुए? (ग) उक्त सीमांकन प्रतिवेदन की जानकारी देते हुए बतावें कि सीमांकन कब, किनके द्वारा कराया गया? यदि सीमांकन नहीं कराया गया तो इसके क्या कारण है? (घ) सीमांकन प्रतिवेदन के आधार पर अतिक्रमण कब तक हटाया जा सकेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। (ख) जिला कलेक्टर, नर्मदापुरम को पत्र क्रमांक वि/हो/क्र. 7664/2025 दिनांक 27.04.2025 एवं वि/हो/क्र.7802/2025 दिनांक 27.05.2025 प्राप्त हुए। (ग) परियोजना अधिकारी, जिला शहरी विकास अभिकरण, नर्मदापुरम द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार नर्मदापुरम में तत्समय नर्मदा जंयती, रामजीबाबा मेले का धार्मिक आयोजन एवं माननीय मुख्यमंत्री महोदय का रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में नगर पालिका अमला एवं प्रशासनिक अमला व्यस्त होने के कारण सीमांकन कार्य पूर्णं नहीं हुआ है। वर्षाकाल समाप्त होने के उपरांत शीघ्र संयुक्त दल गठन कर सीमांकन कार्य कराया जावेगा। (घ) सीमांकन पश्चात अतिक्रमण पाए जाने पर हटाने की कार्यवाही की जायेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सड़कों का निर्माण एवं रख-रखाव
[लोक निर्माण]
8. ( क्र. 142 ) श्री प्रहलाद लोधी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2023 से प्रश्न दिनांक तक पन्ना जिला अंतर्गत कौन-कौन से नवीन रोड निर्माण/मजबूतीकरण एवं उन्नयन के कार्य स्वीकृत किए जाने हेतु प्रस्ताव शासन को प्राप्त हुए हैं? मार्गवार विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने मार्गों की प्रशासकीय स्वीकृति जारी हो चुकी है एवं कितने मार्गों को स्वीकृति होना शेष है? (ग) विधानसभा क्षेत्र पवई अंतर्गत कौन-कौन से मार्ग गारंटी अवधि में है मार्ग का नाम ठेकेदार/कंपनी का नाम सहित जानकारी देवें, गारंटी अवधि की कितनी सड़कों का निर्माण/मरम्मत कार्य 2024-25 में किया गया? (घ) पवई से सलेहा मार्ग का कार्य पूर्ण होने की समयावधि क्या थी क्या ठेकेदार द्वारा समयावधि के अंदर सड़क का निर्माण कराया जा रहा है यदि नहीं तो क्यों नहीं? समयावधि में कार्य न करने पर दोषी ठेकेदार के खिलाफ क्या कार्यवाही की जा रही है? (ङ) वित्तीय वर्ष 2024-2025 एवं 2025-26 में विभाग द्वारा कितनी राशि कौन-कौन सी सड़कों की मरम्मत हेतु निकाली गई? इस दौरान सड़कों की मरम्मत या रखरखाव में हुए खर्च का संपूर्ण विवरण बिल वाउचर सहित उपलब्ध करावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब एवं 'ब-1' अनुसार है। (घ) पवई से सलेहा मार्ग का कार्य पूर्ण की समयावधि 18 माह थी। जी नहीं। भूमि विवाद/भू-अर्जन के कारण सड़क निर्माण समय-सीमा में नहीं कराया जा सका। लम्बाई 12.49 कि.मी. को भारत सरकार सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा DESCOPE (निरस्त) कर अनुबंध समाप्त कर दिया गया है। अतः संविदाकार के खिलाफ कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स, 'स-1' एवं परिशिष्ट 1, 2, 3 अनुसार है।
रेल्वे ओव्हर ब्रिज का निर्माण
[लोक निर्माण]
9. ( क्र. 161 ) श्री निलेश पुसाराम उईके : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे किक्या जिला-पांढुर्ना मुख्यालय में अमरावती रेल्वे मार्ग में ओव्हर ब्रिज निर्माण की तकनीकी स्वीकृति प्राप्त हुए 02 वर्ष व्यतीत हो चुके हैं? यदि हाँ तो उपरोक्त वर्ष जून 2023 से जून 2025 के मध्य तक विभाग द्वारा तकनीकी स्वीकृति प्राप्त रेल्वे ओव्हर ब्रिज निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदेश के किसी भी स्थान के लिए नहीं दी गई? यदि दी गई है तो जिला पांढुर्ना में दिनांक 28.06.2023 को तकनीकी स्वीकृति प्राप्त रेल्वे ओव्हर ब्रिज निर्माण के लिए विभाग/शासन द्वारा कब तक प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान कर निर्माण कार्य प्रारम्भ कर दिया जावेगा? यदि नहीं तो क्यों? क्या जनजातीय विधानसभा क्षेत्र मुख्यालय में कार्य कराने के लिए शासन/विभाग के पास राशि उपलब्ध नहीं है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : जी हाँ। जी नहीं। उक्त आर.ओ.बी. का निर्माण सक्षम वित्तीय समिति से अनुमोदन उपरान्त प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जा सकेगी, जिसकी निश्िचत समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सोलर पंप हेतु आमंत्रित निविदा
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
10. ( क्र. 169 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019 से 2024 तक म.प्र. ऊर्जा विकास निगम भोपाल ने 1 एच.पी. से 10 एच.पी. तक के सोलर पंप हेतु किस-किस दिनांक को निविदा आमंत्रित की, किस-किस ने किस दर पर निविदा डाली, किसकी निविदा स्वीकृत, निविदा के आधार पर किसे आदेश जारी किया? (ख) मार्च 2025 से प्रश्नांकित दिनांक तक ऊर्जा विकास निगम भोपाल के पास किस जिले के किस किसान ने 10 एच.पी. के सोलर पंप हेतु कितनी राशि अग्रिम रूप से जमा करवाई, इस राशि को जमा करवाए जाने के लिए निगम ने किस-किस दिनांक को पत्र या विज्ञापन जारी किया? (ग) वर्ष 2019 से वर्ष 2024 तक ऊर्जा विकास निगम को कितने किसानों ने सोलर पंप हेतु कितनी राशि जमा करवाई, इसमें से कितने किसानों को सोलर पंप दिया, कितने किसानों को पंप किन कारणों से नहीं दिया, जिन्हें पंप नहीं दिया उनकी जमा राशि कब वापस की गई? (घ) 10 एच.पी. सोलर पंप के किसानों को कितनी सब्सिडी केंद्र के द्वारा एवं कितनी सब्सिडी राज्य के द्वारा दी जाती है, वर्तमान में 90 प्रतिशत सब्सिडी का भुगतान किए जाने की कार्यवाही किस आधार पर की जा रही है? (ङ) 15 जनवरी 2025 को बोर्ड क्रमांक 193, 16 फरवरी 2025 को बोर्ड क्रमांक 194 की बैठक में लिए गए निर्णय की प्रति उपलब्ध करवाएं।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री राकेश शुक्ला ) : (क) वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में कुसुम-बी योजनान्तर्गत नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE), भारत सरकार, द्वारा EESL के माध्यम से 1 एच.पी. से 7.5 एच.पी. तक के सोलर पंप हेतु दिनांक 21.08.2019 को निविदा आमंत्रित की गई थी। (MNRE) द्वारा उपलब्ध कराई पैनलबद्ध इकाइयों को कार्यादेश जारी किये गये थे जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। म.प्र. ऊर्जा विकास निगम भोपाल द्वारा वर्ष 2021-22 में कुसुम-बी योजना अन्तर्गत नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE), भारत सरकार, द्वारा EESL के माध्यम से 1 एच.पी. से 7.5 एच.पी. तक के सोलर पंप हेतु दिनांक 14.01.2021 को निविदा आमंत्रित की गई थी। (MNRE) द्वारा उपलब्ध कराई पैनलबद्ध इकाइयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है म.प्र. ऊर्जा विकास निगम भोपाल द्वारा कार्यादेश जारी किये गये थे। वर्ष 2022-23 में कुसुम-बी योजनान्तर्गत नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE), भारत सरकार, द्वारा SECI के माध्यम से सोलर पंप स्थापना हेतु दिनांक 31.12.2022 को निविदा आमंत्रित की गई थी, जिसमें मध्यप्रदेश के लिये केवल 10 एचपी के सोलर पम्प हेतु दर प्राप्त हुई थी। (MNRE) द्वारा उपलब्ध कराई पैनलबद्ध इकाइयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। म.प्र. ऊर्जा विकास निगम द्वारा लेटर ऑफ अवार्ड जारी किये गये थे। वर्ष 2023-24 में कुसुम-बी योजनान्तर्गत नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE), भारत सरकार, के निर्देशानुसार म.प्र. ऊर्जा विकास निगम द्वारा 1 से 7.5 एच.पी. क्षमता तक के सोलर पंप हेतु दिनांक 11.12.2023 को निविदा आमंत्रित की गई थी, जिसमें एल-1 (न्यूनतम दर वाली) इकाई द्वारा अनुबंध नहीं किये जाने के कारण निविदा निरस्त कर दी गई। वर्ष 2024-25 में कुसुम-बी योजनान्तर्गत नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE), भारत सरकार, के निर्देशानुसार म.प्र. ऊर्जा विकास निगम द्वारा 1 से 7.5 एच.पी. क्षमता तक के सोलर पंप हेतु दिनांक 05.08.2024 को निविदा आमंत्रित की गई थी, जिसमें 36 पैनलबद्ध इकाई के साथ अनुबंध किया गया जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। सोलर पम्प स्थापना हेतु पोर्टल के माध्यम से पूर्व में पंजीकृत हितग्राहियों द्वारा आवेदनों को अद्यतन कर हितग्राहियों के यहां सोलर पम्प की स्थापना की जा रही है। (ख) 10 एच.पी. क्षमता के पंप हेतु किसानों द्वारा आनलाईन पोर्टल के माध्यम से निगम के खाते में राशि 5,000/- के साथ पंजीयन किया गया है। 10 एचपी क्षमता के पम्प हेतु लगभग 33000 कृषकों द्वारा राशि जमा कराई गई है। आवेदन प्राप्त करने हेतु व निगम के जिला अधिकारियों, सभी जिलों के कलेक्टर के माध्यम से कृषि विभाग व अन्य संबंधित विभागों को सूचित किया गया। वर्ष 2019 से वर्ष 2014 तक ऊर्जा विकास निगम लगभग 15,631 किसानों द्वारा सोलर पम्प स्थापना हेतु पंजीयन राशि जमा करवाई गई है। इसमें से 7131 किसानों के सोलर पम्प स्थापित किए गए हैं। (ग) वर्ष 2019 से वर्ष 2024 तक ऊर्जा विकास निगम लगभग 15,631 किसानों द्वारा सोलर पम्प स्थापना हेतु पंजीयन राशि जमा करवाई गई है। इसमें से 7131 किसानों के सोलर पम्प स्थापित किए गये। 8500 किसानों को कोविड-19 महामारी के कारण बजट अनुपलब्धता होने व बाद में दरों की अनुपलब्धता के कारण सोलर पम्प का लाभ नहीं दिया जा सका था। तथापि पूर्व में पंजीकृत हितग्राही, जिन्होंने रू. 5000/- पंजीयन राशि जमा कराई गई है, उनके पात्र पाये जाने पर पंप लगाने की कार्यवाही वर्तमान निविदा के तहत की जा रही है। अपात्र पाये जाने पर उनकी राशि उन्हें वापस की जायेगी। जिन कृषकों द्वारा राशि वापसी की मांग की गई है उन्हें निगम द्वारा राशि वापस कर दी गई है। (घ) ''प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना'' के अन्तर्गत केन्द्र शासन द्वारा 10 एच.पी के सोलर पम्प के लिए 7.5 एच.पी. पम्प के मूल्य पर 30 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है। राज्य शासन द्वारा शेष अनुदान प्रावधान है, जिसमें कृषक अंश 10 प्रतिशत है। तथापि मंत्री परिषद् के निर्णय अनुसार राज्यांश के अनुदान को भुगतान की प्रतिपूर्ति कृषक ऋण के माध्यम से होगी, जिसके भुगतान का पूरा दायित्व राज्य शासन का होगा। (ड.) 15 जनवरी 2025 की बोर्ड बैठक क्रमांक 193, 16 फरवरी 2025 को बोर्ड बैठक क्रमांक 194 की बैठक में लिए गए निर्णय की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई अनुसार है।
राजधानी भोपाल अंतर्गत शासकीय आवास की जानकारी
[लोक निर्माण]
11. ( क्र. 175 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजधानी भोपाल अंतर्गत ए, बी, सी, डी, ई और एफ टाईप कितने शासकीय आवास हैं, कौन-कौन आवास किस-किस दिनांक को किस-किस को कितने-कितने शुल्क पर आवंटित किया गया? नाम-पदनाम सहित बताएं। कौन-कौन से आवास किन कारणों से किस दिनांक से रिक्त है? प्रति सहित बताएं। (ख) प्रश्नांश (क) के किन-किन आवासों में वर्ष 2023 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि के क्या-क्या मरम्मत कार्य निर्माण कार्य किए गए? आवासवार, राशिवार निर्माण/मरम्मतवार प्रति सहित बताएं। (ग) किस टाईप के शासकीय आवास किस योग्यता किस आधार पर किस नियम के तहत किसके द्वारा किस-किस को आवंटित करने का प्रावधान है? नियम की प्रति सहित बताएं। (घ) किस टाईप के शासकीय आवास में कितनी-कितनी राशि के निर्माण/मरम्मत कार्य वर्षवार करने का प्रचलन है, नियम है? आवासवार प्रति सहित बताएं। किस टाईप के शासकीय आवास में शासन द्वारा किस क्वालिटी के क्या-क्या सुविधा/सामग्री कितने दिनों के लिए किस शुल्क पर उपलब्ध कराया जाता है? इसके क्या नियम प्रचलित हैं? (ङ) किस-किस को आवंटित किस टाईप के किस शासकीय आवास में वर्तमान में शासन द्वारा किस दर पर क्या-क्या सुविधा क्या-क्या सामग्री कितने दिनों के लिए उपलब्ध करवाई गई है? प्रति सहित बताएं।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। म.प्र. शासन, गृह (सामान्य) विभाग के पत्र क्रमांक एफ-01-25/2013/दो-ए (3) भोपाल, दिनांक 11.09.2014 के अनुसार किराया वसूल किया जाता। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''1'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार। (ग) राजधानी भोपाल स्थित शासकीय आवासों को संपदा संचालनालय गृह (सामान्य) विभाग भोपाल द्वारा आवंटित किये जाते है एवं अन्य विभाग के आवासों का आवंटन एवं निरसन संबंधित विभाग द्वारा किया जाता है। (घ) आवास गृहों में कार्य की आवश्यकतानुसार उपलब्ध आवंटन को देखते हुये कार्य कराया जाता है। वर्षवार एवं आवास गृहों के टाईप के अनुसार आवास में व्यय करने का कोई नियम नहीं है। (ड.) इस संबंध में कोई नियम प्रचलित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विद्युत सप्लाई के बिल परिवर्तन
[ऊर्जा]
12. ( क्र. 180 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) यह कि विकासखण्ड जवा अंतर्गत ग्राम पंचायत लोहगढ़ एवं नगर परिषद् डभौरा की बस्तियों में विद्युत सप्लाई केबिल अत्यंत खराब स्थिति में हैं। खराब केबल को बदलने के संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही प्रस्तावित की गई है? (ख) ग्राम पंचायत लोहगढ़ एवं नगर परिषद् डभौरा की बस्तियों में नवीन केबलीकरण कार्य कब तक कराया जा सकेगा? (ग) यह कि विकासखण्ड जवा के डभौरा अंचल में अत्यधिक विद्युत दबाव है जिस कारण लो वोल्टेज की समस्या निर्मित हो रही है, कब तक डभौरा नगर परिषद् में पृथक विद्युत सब स्टेशन स्थापित कराया जा सकेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं। प्रश्नाधीन क्षेत्रान्तर्गत स्थापित विद्युत अधोसंरचना से विद्युत प्रदाय सुचारू रूप से किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि विद्युत केबिल के खराब होने की सूचना प्राप्त होने पर शीघ्रातिशीघ्र आवश्यक सुधार कार्य कर न्यूनतम समय में विद्युत प्रदाय सुचारू कर दिया जाता है एवं आवश्यकता होने पर केबल बदल दी जाती है। नगर परिषद् डभौरा एवं ग्राम पंचायत लोहगढ़ क्षेत्रांतर्गत प्रश्न दिनांक की स्थिति में खराब केबिल के कारण विद्युत प्रदाय बाधित होने संबंधी कोई भी शिकायत लंबित नहीं है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता है। (ख) ग्राम पंचायत लोहगढ़ एवं नगर परिषद् डभौरा की बस्तियों में नवीन केबिलीकरण का कार्य प्रस्तावित नहीं है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में पूर्व से केबिलीकरण है तथा क्षेत्रांतर्गत विद्युत प्रदाय वर्तमान में सुचारू रूप से चालू हैं। (ग) विकासखड जवा के डभौरा क्षेत्रांतर्गत विद्युत भार में वृद्धि के दृष्टिगत म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की वार्षिक कार्य योजना 2025-26 में 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र पंवार में स्थापित पावर ट्रांसफार्मर की क्षमता 3.15 एम.व्ही.ए. से बढ़ाकर 5 एम.व्ही.ए. किये जाने का कार्य सम्मिलित किया गया है। वर्तमान में प्रश्नाधीन क्षेत्र में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र का निर्माण किया जाना विचाराधीन नहीं हैं। अत: प्रश्न नहीं उठता।
मार्ग के मरम्मतीकरण कार्यों की जाँच
[लोक निर्माण]
13. ( क्र. 181 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कारण है कि सिरमौर से डभौरा तक प्रस्तावित राष्ट्रीय राजमार्ग 135 बी के मरम्मतीकरण का कार्य अभी तक नहीं कराया जा सका है? उक्त मार्ग मरम्मतीकरण का भुगतान निर्माण एजेंसी को नियमित तौर पर क्यों किया जा रहा है? जबकि उक्त मार्ग अभी भी जीर्णशीर्ण अवस्था में है। विगत 03 वर्षों में आमंत्रित निविदाएं तथा भुगतान विवरण उपलब्ध करावें। (ख) यह कि सिरमौर से क्योटी होते हुए कटरा पहुंच मार्ग की मरम्मत कब-कब की गई? इस मार्ग का मरम्मतीकरण कार्य कितनी बार एवं किन किन विभागों के द्वारा कराया गया है? तिथिवार,विभागवार विवरण उपलब्ध करावें। (ग) यह कि उक्त उल्लेखित मार्गों का भौतिक परीक्षण कब कराया जावेगा? उक्त मार्ग मरम्मतीकरण कार्यों में किये गए घोटाले में संलिप्त अधिकारी/कर्मचारियों के विरुद्ध क्या कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी? उक्त मार्गों का नवीन मरम्मतीकरण कार्य कब तक कराया जा सकेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) सिरमोर से डभौरा मार्ग के मरम्मतीकरण का कार्य राशि रू 9.65 करोड़ की स्वीकृति दिनांक 22.01.2025 को प्रदान की गई है। जिसकी निविदा की कार्यवाही प्रचलन में है। उक्त मार्ग के मरम्मतीकरण का भुगतान नियमित तौर पर नहीं किया जा रहा है, वर्ष 2023-24 में स्वीकृत साधारण संधारण कार्य के अंतर्गत कराये गए मरम्मतीकरण कार्य हेतु राशि रू. 1.85 करोड़ का भुगतान किया गया है। उक्त मार्ग जीर्ण-शीर्ण अवस्था में नहीं है। विगत तीन वर्ष में आमंत्रित निविदाएं तथा भुगतान का विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सिरमौर से कोल्हा, राजगढ़, क्योटी, बगहैया, लालगॉव, पनगढी, राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 30 के कलवारी स्थान तक राष्ट्रीय राजमार्ग 135BD की कुल लम्बाई 35.00 कि.मी. है, जिसमें से 10.00 कि.मी. सड़क मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम रीवा के अधीन है तथा शेष 25.00 कि.मी. लोक निर्माण विभाग (भ/स) संभाग रीवा द्वारा रा.रा. संभाग रीवा को हस्तांतरित किया गया है। अत: उक्त खण्ड के संधारण के कार्य हेतु वर्ष 2023-24 में OR-DPP के तहत कार्य हस्तांतरण के बाद किया गया है। भारत सरकार सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की वार्षिक कार्य योजना 2024-25 में STMC योजनान्तर्गत प्रशासकीय स्वीकृति राशि रू. 4.13 करोड़ दिनांक 11.10.2024 को प्राप्त हुई है, निविदा कार्य लागत राशि रू. 3.39 करोड़ थी जिसमें मेसर्स संजीव कन्स्ट्रक्शन को ठेके की राशि रू. 1.80 करोड़ का अनुबंध क्र. 01/DL/2025-26 दिनांक 14.05.2025 को किया गया है। अत: मरम्मत कार्य प्रगति पर है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। सिरमौर से क्योटी मार्ग का निर्माण म.प्र. सड़क विकास निगम अंतर्गत एडीबी 6/7 पैकेज-7 योजना अंतर्गत दिनांक 03.06.2024 अंतर्गत पूर्ण किया गया है। मार्ग निवेशकर्ता के संचालन एवं रख-रखाव की अवधि वर्ष-2034 तक है। अत: विभागीय मरम्मत कराये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) संपादित कार्य का परीक्षण भी विभागीय अधिकारियों द्वारा किया गया है। मरम्मतीकरण कार्य के संबंध में किसी भी प्रकार के घोटाले की कोई शिकायत संज्ञान में न होने के कारण विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। सिरमौर-क्योटी-कलवारी मार्ग 25 कि.मी. भाग का मरम्मत कार्य प्रगति पर है तथा सिरमौर डभौरा मार्ग का मरम्मतीकरण कार्य की निविदा कार्यवाही पूर्ण होने के उपरान्त किया जाना है। सिरमौर से क्योटी मार्ग 10 कि.मी. के उन्नयन कार्य का स्वतंत्र अभियंता द्वारा अनुबंधानुसार परीक्षण उपरांत कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र जारी किया गया है, अत: भौतिक परीक्षण का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। मार्ग वर्ष 2034 तक संचालन एवं रख-रखाव के अधीन है, अत: नवीन मरम्मतीकरण का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नियम विरूद्ध तरीके से किए गए भुगतान
[लोक निर्माण]
14. ( क्र. 190 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले की तहसील विजयराघवगढ़ के ग्राम कारीतलाई में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का निर्माण, लोक निर्माण विभाग (भवन) के माध्यम से कराया जा रहा है? यदि हाँ तो उक्त स्वीकृत भवन संबंधित ग्राम के किस खसरे नंबर पर निर्मित किया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में संबंधित भवन निजी भूमि/शासकीय भूमि अथवा लीज भूमि का विवरण उपलब्ध करावें? क्या भवन निर्माण से पूर्व उक्त भूमि के भूमि स्वामी द्वारा सहमति अथवा दानपत्र कराया गया है? यदि हाँ, तो सहमति/दानपत्र की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) क्या उक्त भवन के निर्माण में भूमि स्वामी द्वारा तहसीलदार विजयराघवगढ़ के समक्ष आपत्ति किए जाने पर तहसीलदार द्वारा क्या कोई प्रतिबंधित कार्यवाही की गई थी? यदि हाँ तो बतायें? प्रतिबंधित किए जाने की कार्यवाही के दौरान संबंधित कार्य एजेंसी द्वारा ठेकेदार को अवैध निर्माण कार्य किए जाने के पश्चात भुगतान किया गया है? यदि हाँ, तो कितना एवं कब बतायें? इस किए गए अवैध भुगतान के लिए दोषी कौन है? क्या दोषियों के विरूद्ध वसूली की कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। तहसील विजयराघवगढ़ के ग्राम कारीतलाई में खसरा नम्बर 455/1 (s) में निर्मित किया जा रहा है। (ख) प्रश्नांश "क" के परिप्रेक्ष्य में भवन शासकीय भूमि पर निर्माणाधीन है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। ग्राम पंचायत का पंचनामा एवं बी.एम.ओ. विजयराघवगढ़ द्वारा अनुमोदित साईट प्लान पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) जी हाँ। राजस्व न्यायालय तहसीलदार द्वारा दिनांक 03/10/2023 को कार्य स्थगन हेतु आदेशित। जी नहीं। न्यायालय तहसीलदार विजयराघवगढ़ जिला कटनी के स्थगन आदेश के पूर्व किये गये वैध निर्माण कार्य का ठेकेदार को दिनांक 10.08.2024 को राशि रू. 36.14 लाख का भुगतान किया गया। व्यवहार न्यायालय विजयराघवगढ़ जिला कटनी द्वारा स्थगन की पुष्टी की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। अतः शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही नहीं उठता।
टोल प्लाजा पर मूल-भूत सुविधाएं
[लोक निर्माण]
15. ( क्र. 213 ) श्री जगन्नाथ सिंह रघुवंशी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना-अशोकनगर-ईसागढ़ स्टेट हाईवे पर टोल वसूली किस कंपनी द्वारा एवं किस दिनांक से प्रारंभ किया गया है और कब तक वसूली की जायेगी। अनुबंध की प्रतिलिपि देवें। प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि टोल के माध्यम से कंपनी द्वारा कलेक्ट कर ली गई है? (ख) वर्तमान में गुना-अशोकनगर-ईसागढ़ स्टेट हाईवे पर किस कंपनी द्वारा टोल वूसली की जा रही है। अनुबंध की प्रतिलिपि देवें। (ग) क्य गुना-अशोकनगर-ईसागढ़ स्टेट हाईवे पर टोल वसूली के उपरांत भी कंपनी द्वारा मेंटेनेंस का कार्य नहीं किया जा रहा हैं? सड़क पर जगह-जगह गड्ढे बने हुए हैं क्या टोल प्लाजाओं पर पेयजल, सार्वजनिक शौंचालयों, एंबूलेंस एवं क्रेन जैसी मूलभूत सुविधायें है? (घ) क्या मूल भूत सुविधायें एवं सड़क का मेंटेनेंस कार्य न करने पर कंपनी पर जुर्माना लगाया जायेगा? अथवा नहीं, यदि हाँ तो कब तक यदि नहीं तो क्यों नहीं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार। अनुबंध की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -'क' अनुसार। (ग) जी नहीं। यूजर फी योजना अंतर्गत अनुबंधित टोल ठेकेदार द्वारा मार्ग का संधारण नहीं किया जाता है। मार्ग का रखरखाव एवं संधारण का कार्य विभागीय रूप से म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा किया जाता है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
टोल प्लाजा से टोल मुक्त वाहनों की जानकारी
[लोक निर्माण]
16. ( क्र. 214 ) श्री जगन्नाथ सिंह रघुवंशी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश स्टेट हाईवेस पर किन-किन व्यक्तियों, शासकीय कर्मचारियों/अधिकारियों एवं पुलिस कर्मचारियों/अधिकारियों को टोल मुक्त रखने का नियम है। टोल मुक्त रखने की नियमावली प्रदाय करें। (ख) गुना-अशोकनगर-ईसागढ़ स्टेट हाईवे पर विगत दो वर्षों में किन-किन वाहनों को टोल मुक्त किया गया है। सभी वाहनों के रजिस्ट्रेशन नं. उपलब्ध करावे। साथ ही किस कारण से टोल मुक्त किये गये हैं। यदि आई.डी. कार्ड से टोल मुक्त किये गये हैं तो समस्त आई.डी. कार्ड की फोटो उपलब्ध करावे। (ग) प्रश्नांश (ख) में आई.डी. कार्ड देखकर बतायें कि किन-किन व्यक्तियों को टोल मुक्त की पात्रता थी? (घ) गुना-अशोकनगर-ईसागढ़ स्टेट हाईवे पर अवस्थित टोल पर कितने कर्मचारी कार्य करते है समस्त कर्मचारियों की पुलिस सत्यापन रिपोर्ट की छायाप्रति उपलब्ध करावे और देखकर बतावे कि कितने कर्मचारियों पर पुलिस प्रकरण पंजीबद्ध है। पुलिस सत्यापन किये बिना नौकरी पर रखने एवं पुलिस प्रकरण पंजीबद्ध होने पर कर्मचारियों के नौकरी पर रखने पर कंपनी पर क्या कार्यवाही की जायेगी और कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 'क' अनुसार। (ख) अनुबंध में पथकर से छूट प्राप्त वाहनों के रजिस्ट्रेशन नम्बर संधारित किये जाने का प्रावधान नहीं होने के कारण रजिस्ट्रेशन नम्बर उपलब्ध कराना संभव नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 'क' में उल्लेखित श्रेणी के वाहनों को टोल मुक्त किया जाता है। अनुबंध में पथकर से छूट प्राप्त वाहनों के आई.डी. कार्ड संधारित किये जाने का प्रावधान नहीं होने के कारण आई.डी. कार्ड की फोटो उपलब्ध कराना संभव नहीं है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट (ख) अनुसार। पुलिस सत्यापन रिपोर्ट अनुबंधानुसार आवश्यक नहीं होने के कारण म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा उक्त जानकारी संधारित नहीं की जाती है। टोल पर नियुक्त कर्मचारी ठेकेदार के कर्मी होते है। यदि कोई टोल कर्मी विशेष के संबंध में कोई शिकायत निगम के संज्ञान में आती है तो निगम अनुबंध के प्रावधानुसार कार्यवाही करता है। उक्त टोल मार्ग पर ऐसी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ड्रेनेज सिस्टम प्रोजेक्ट की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
17. ( क्र. 263 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तारांकित प्रश्न क्रमांक 213, दिनांक 19/12/2024 के उत्तर में जबलपुर शहर की जल प्लावन की समस्या से निजात दिलाने हेतु ड्रेनेज सिस्टम की मूल लागत राशि 374.99 करोड़ रूपये के स्थान पर राशि 364.07 करोड़ रूपये व्यय हुई है? यदि हाँ तो मूल योजना के तहत कितने प्रतिशत कार्य कब से अपूर्ण, निर्माणाधीन है तथा किन-किन बड़े नालों का कितने प्रतिशत कार्य कब से पूर्ण नहीं कराया गया है एवं क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) में किन-किन बड़े नालों की मूल चौड़ाई से कितनी-कितनी चौड़ाई के पक्के कवर्ड सीमेंटेड कराया गया है। इससे शहर के जल प्लावन वाले किन-किन क्षेत्रों की जल प्लावन की समस्या हल हुई है एवं किन-किन क्षेत्रों में पहले की अपेक्षा जल प्लावन की समस्या विकराल हुई है एवं क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) में शहर के 5 बड़े कवर्ड सीमेंटेड पक्के नालों की मानीटरिंग एवं साफ-सफाई कराने की किस स्तर पर क्या व्यवस्था की गई है। किन-किन नालों की वर्षवार कब से कब तक कितने बार सफाई कराई गई है एवं इस पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? शहर के बड़े नालों एवं अन्य छोटे बड़े नालों की साफ-सफाई व्यवस्था पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई। वर्ष 2020-21 से 2025-26 तक की जानकारी दें। (घ) वर्ष 2025-26 में जल प्लावन की समस्या का निराकरण उपाय व सुरक्षा के क्या प्रबंध किये गये हैं एवं इस पर कितनी राशि व्यय हुई। क्या शासन अपूर्ण आधे-अधूरे गुणवत्ताविहीन निर्माण कार्य में राशि का अपव्यय, भ्रष्टाचार व नाले-नालियों की कागजी साफ-सफाई व्यवस्था पर करोड़ों रूपये व्यय करने की जांच कराकर निर्माण एजेंसी एवं दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा? बतलायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। शहर के बडे नालों को पक्का कवर्ड करने से आसपास के क्षेत्रों में जलभराव की समस्या हुई है। परन्तु वर्षा रूकने पर नाले/नालियों के माध्यम जल का निकास हो पाता है। (ग) नगर पालिक निगम जबलपुर द्वारा नालों का मॉनीटरिंग एवं साफ–सफाई कार्य समय-समय पर किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। जल प्लावन की समस्या गुणवत्ताविहीन कार्यों से नहीं अपितु अतिवृष्टि से होती है। वर्षा रूकने पर नाले एवं नालियों के माध्यम से जल का निकास हो जाता है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
33/11 के.व्ही. नवीन उपकेन्द्र की स्वीकृति
[ऊर्जा]
18. ( क्र. 409 ) डॉ. चिंतामणि मालवीय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ऊर्जा मंत्रालय द्वारा आलोट विधानसभा क्षेत्र के ग्राम कसारी चौहान में 33/11 केवी के ग्रीड के प्रस्ताव को साध्य पाए जाने पर वित्तीय वर्ष 2024-25 के राज्य बजट से राशि स्वीकृत की गई है। यदि हाँ तो कितनी राशि स्वीकृत की गई है? (ख) राशि स्वीकृत होने के पश्चात क्या फील्ड अधिकारियों ने कसारी चौहान में नवीन ग्रीड की स्थापना के लिए कार्य शुरू कर दिया है। यदि नहीं तो कब तक कार्य शुरू होगा? (ग) कब तक कसारी चौहान की नवीन ग्रीड से विद्युत वितरण शुरू होगा। क्या राज्य सरकार के बजट से स्वीकृत होने के उपरान्त फील्ड अधिकारियों द्वारा कसारी चौहान में ग्रीड स्थापित करने को लेकर कोई नकारात्मक रिपोर्ट दी है। (ड.) बजट से स्वीकृत ग्रीड के लिए नकारात्मक रिपोर्ट देकर किसी योजना को निरस्त करा देने का अधिकार फील्ड अधिकारियों को है यदि नहीं तो नकारात्मक रिपोर्ट देने वाले अधिकारियों के विरुद्ध क्या कार्यवाही की जा रही है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) से (ग) जी हाँ। रू. 3 करोड़। जी नहीं। समस्या के निराकरण हेतु विभिन्न विकल्पों के वित्तीय साध्यता आंकलन में यह पाया गया कि 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र भैसोला से निर्गमित होने वाले नवीन 11 के.व्ही. कसैरा फीडर के निर्माण का व्यय, नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र के व्यय से कमतर होने के दृष्टिगत उपरोक्तानुसार नवीन फीडर निर्माण का कार्य स्वीकृत किया गया है, जिसकी छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उक्त कार्य की लागत रू. 15.77 लाख है एवं उक्त कार्य शीघ्र ही पूर्ण किया जाएगा, जिससे प्रश्नाधीन क्षेत्र में विद्युत प्रदाय की गुणवत्ता में सुधार होगा। तदुपरांत भविष्य की भार वृद्धि का आंकलन एवं ग्राम कसारी चौहान में विद्युत आपूर्ति की गुणवत्ता का परीक्षण कर आवश्यक होने पर 33/11 के.व्ही. नवीन उपकेन्द्र की स्वीकृति दी जाएगी। (ड.) उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
विभाजित भूखंडों की अनुज्ञा
[नगरीय विकास एवं आवास]
19. ( क्र. 410 ) डॉ. चिंतामणि मालवीय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. भूमि विकास नियम 2012 के अंतर्गत विभाजित आवासीय भूखंडों की अनुज्ञा देने पर रोक लगाई गई है? (ख) 13 अप्रैल 2012 के पश्चात दिसंबर 2023 तक उज्जैन नगर निगम क्षेत्र की समस्त कालोनियों में विभाजित भूखंडों के निर्माण की अनुज्ञा जारी की गई है? (ग) 13 अप्रैल 2012 के पश्चात दिसंबर 2023 तक उज्जैन नपानि क्षेत्र की समस्त वैध कालोनियों में विभाजित भूखंडों के निर्माण की अनुज्ञा के लिए प्राप्त आवेदनों में से कितने आवेदन निरस्त किए गए है? (घ) क्या अधिकारी स्तर पर मनमाने तरीके से अनुज्ञा देने और आवेदन निरस्त करने की प्रक्रिया की जा रही है। (ड.) 13 अप्रैल 2012 के पूर्व जिन विभाजित भूखंडों को भू-तल निर्माण की अनुज्ञा दी गई थी। क्या निर्मित भू-तल भवन को विभाजित भूखंड मानकर उन पर प्रथम तल अथवा द्वितीय तल की अनुज्ञा के आवेदन निरस्त किए जा रहे हैं। जबकि नियमों में विभाजित भूखंडों की अनुज्ञा के लिए प्रतिबंध है। निर्मित भवन के लिए नहीं। (च) अप्रैल 2012 से 31 मार्च 2025 तक के विभाजित भूखंडों की अनुज्ञा निरस्त करने से शासन को राजस्व की कितनी हानि हुई है? क्या सरकार विभाजित भूखंडों को अनुज्ञा देने के लिए नियमों में संशोधन करेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, नगर निगम उज्जैन द्वारा प्रश्नांकित अवधि में 131 अनुज्ञाएं जारी की गई है। (ग) प्रश्नांकित अवधि में विभाजित आवासीय भूखण्ड पर भवन निर्माण अनुज्ञा के लिए प्राप्त कोई भी आवेदन नगर निगम उज्जैन द्वारा निरस्त नहीं किए गए है। (घ) जी नहीं, शासन के नियमों का पालन करना बन्धनकारी है। नगर निगम उज्जैन के अधिकारियों द्वारा उत्तरांश (ख) अनुसार नियम के विपरीत भवन निर्माण अनुज्ञा जारी करने वाले दोषी सेवकों का उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए, तथ्यात्मक प्रतिवेदन प्रेषित करने के लिए आयुक्त, नगर पालिक निगम, उज्जैन को निर्देश दिए गए है। (ड.) उत्तरांश (क) एवं (घ) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (च) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अविद्युतीकृत मजरा टोलों में विद्युतीकरण की स्वीकृति
[ऊर्जा]
20. ( क्र. 493 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रहली विधान सभा क्षेत्र के 110 मजरा टोलों में विद्युतीकरण किये जाने के लिए माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा दिनांक 28 फरवरी, 2025 को गढ़ाकोटा प्रवास पर स्वीकृति प्रदान करने की घोषणा की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो इस संबंध में विभाग द्वारा अब तक क्या कार्यवाही की गई है, का पूर्ण विवरण दिया जावे। (ग) माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा का क्रियान्वयन अब तक नहीं किये जाने के लिए क्या संबंधित के विरूद्ध उत्तरदायित्व निर्धारित किया गया है तथा उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? (घ) रहली विधान सभा क्षेत्र के अविद्युतीकृत 110 मजरे टोलों में विद्युतीकरण कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्न में उल्लेखित घोषणा के क्रियान्वयन हेतु म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा 110 मजरों/टोलों के विद्युतीकरण हेतु सर्वे कार्य किया गया। वर्तमान में प्रचलित केन्द्र शासन के धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के तहत 1 मजरे/टोले के विद्युतीकरण का कार्य प्रस्तावित है एवं उक्त कार्य माह मार्च, 2026 तक पूर्ण किया जाना है। एक अन्य मजरा/टोला पूर्व से पूर्णत: विद्युतीकृत है। 110 मजरों/टोलों की प्राप्त सूची में 5 मजरों/टोलों के नाम की पुनरावृत्ति है। राज्य शासन के पत्र दिनांक 05.05.2025 के द्वारा अविद्युतीकृत घरों/बसाहटों/मजरों/टोलों के विद्युतीकरण के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किये गये थे, जिनका विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उक्त निर्देशों के तारतम्य में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत शेष 103 मजरों/टोलों के विद्युतीकरण कार्य हेतु विस्तृत सर्वे कार्य किया जा रहा है। सर्वे उपरान्त उक्त शेष मजरों/टोलों सहित जिला सागर के अविद्युतीकृत मजरों/टोलों/बसाहटों के विद्युतीकरण के कार्य हेतु विस्तृत कार्य योजना तैयार कर नोडल एजेंसी मेसर्स पी.एफ.सी., विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार को प्रेषित की जानी है। उक्त कार्य योजना की स्वीकृति उपरान्त विद्युतीकरण के कार्य प्रारंभ किये जाने हेतु कार्यवाही प्रचलन में आवेगी। (ग) उत्तरांश (ख) में उल्लेखानुसार प्रश्नाधीन घोषणा के तारतम्य में की जा रही कार्यवाही के परिप्रेक्ष्य में किसी अधिकारी/कर्मचारी के दोषी होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता। (घ) उत्तरांश (ख) में उल्लेखानुसार मजरों/टोलों के विद्युतीकरण के कार्य पूर्ण किये जाने हेतु वर्तमान में निश्िचत समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सागर-दमोह 2 लेन मार्ग को 4 लेन किया जाना
[लोक निर्माण]
21. ( क्र. 494 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 28 फरवरी, 2025 को माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा गढ़ाकोटा प्रवास पर सागर दमोह मार्ग को 4 लेन किये जाने तथा गढ़ाकोटा रहली-देवरी मार्ग को नवीन 2 लेन मार्ग घोषित किये जाने के लिए घोषणा की गई थी? (ख) यदि हाँ तो घोषणा के क्रियान्वयन के लिए अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? पूर्ण विवरण दिया जावे। (ग) माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा प्रश्नांश (क) के बारे में की गई घोषणा के क्रियान्वयन में हो रहे विलम्ब के लिए कौन उत्तरदायी है तथा उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही विभाग द्वारा की गई? सागर-दमोह मार्ग को 4 लेन करने तथा गढ़ाकोटा रहली-देवरी मार्ग को नवीन 2 लेन मार्ग घोषित किये जाने के लिए कार्यवाही कब तक पूर्ण की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) सागर-दमोह मार्ग को 4 लेन किये जाने का प्रस्ताव HAM योजना अंतर्गत एसएलईसी से स्वीकृत हो गया है। प्रशासकीय अनुमोदन हेतु कार्यवाही प्रचलित है। वर्तमान में गढ़ाकोटा-रहली-देवरी मार्ग बीओटी (एन्युटी) योजना अंतर्गत वर्ष 2027 तक कंसेशन अवधि में है। मार्ग को 2 लेन विथ पेव्हड शोल्डर्स के रूप में विकसित करने हेतु फिजीबिलिटी/डी.पी.आर. बनाने की कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) कार्यवाही प्रचलन में है, अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
इनडोर स्टेडियम का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
22. ( क्र. 527 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले में जिला न्यायालय के सामने स्थित ए.बी.एम. मैदान पर इनडोर स्टेडियम निर्माण कार्य को कब स्वीकृति दी गई और वर्तमान में इसकी क्या स्थिति है? (ख) हरदा के ए.बी.एम. मैदान पर इनडोर स्टेडियम निर्माण कार्य स्वीकृत होने के उपरांत भी प्रश्न दिनांक तक स्टेडियम का निर्माण कार्य शुरू क्यों नहीं किया गया है? स्टेडियम के निर्माण कार्य में देरी होने का क्या कारण है और कब तक कार्य शुरू किया जावेगा। (ग) इनडोर स्टेडियम निर्माण कार्य को रोकने में किन लोगों की लापरवाही रही एवं उन पर शासन स्तर से क्या कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) हरदा में इंडोर स्टेडियम निर्माण कार्य की सैद्धांतिक स्वीकृति संचालनालय के पत्र क्र. 6550 दिनांक 23.05.2022 से जारी की गई है। वर्तमान में 0.903 हेक्टेयर भूमि खेल प्रयोजन हेतु उपांतरण हो गई है, शेष 0.38 हेक्टेयर भूमि का भू-उपयोग खेल प्रयोजन हेतु उपांतरण की कार्यवाही प्रचलित होने से कार्य अप्रारंभ है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अनियमितताओं पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
23. ( क्र. 640 ) श्री महेश परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) HR Assistant पद की भर्ती किस आधार पर की गई? भर्ती दस्तावेज, नोटशीट और अनुमोदन की प्रमाणित प्रतियां प्रदान करें। (मध्यप्रदेश नगरपालिका अधिनियम, 1961, धारा 55; स्मार्ट सिटी मिशन दिशा-निर्देश 2015, खंड 4.1) (ख) HR Assistant की नियुक्ति हेतु दस्तावेज, नोटशीट और आधिकारिक मंजूरी की प्रमाणित प्रतियां दें। क्या पारदर्शिता बरती गई? (मध्यप्रदेश शासकीय सेवक (आचरण) नियम 1965, नियम 3) (ग) HR Assistant को HR Officer पद पर पदोन्नति हेतु नोटशीट, अनुमोदन और स्वीकृति की प्रतियां दें। क्या यह प्रक्रिया नीतियों के अनुरूप थी? (मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील) नियम 1966, नियम 5) (घ) उज्जैन स्मार्ट सिटी की अनुमोदित HR नीतियों, विशेषकर पदोन्नति संबंधी दस्तावेज प्रदान करें। क्या इनका पालन हुआ? (स्मार्ट सिटी मिशन दिशा-निर्देश, 2015, खंड 4.2) (ड.) HR Officer के अतिरिक्त अन्य कर्मचारियों की पदोन्नति यदि हुई, तो नाम, पद और दस्तावेज (नोटशीट, अनुमोदन) दें। (मध्यप्रदेश सिविल सेवा (पदोन्नति) नियम, 2002, नियम 4) (च) वर्ष 2020 से पूर्व और वर्तमान में वेतन अनुपालन कार्य किसके द्वारा किए गए? दस्तावेज और स्वीकृति दें। क्या अनियमितताएं हैं? (मध्यप्रदेश वित्तीय संहिता, 1955, नियम 12) (छ) पिछले छह माह की बायोमेट्रिक उपस्थिति रिकॉर्ड की प्रमाणित प्रति दें। क्या नियमों का पालन हुआ? (मध्यप्रदेश शासकीय सेवक (आचरण) नियम, 1965, नियम 7) (ज) कार्यकारी अभियंता (इलेक्ट्रिकल) को सौंपे गए कार्यभार/अतिरिक्त प्रभार के आदेश, नोटशीट और अक्टूबर 2024 से अब तक सुधारी गई LED स्ट्रीट लाइटों का ब्यौरा दें। (मध्यप्रदेश नगरपालिका अधिनियम, 1961, धारा 58; तबादला नीति-2025, कंडिका 9.4)
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) HR Assistant पद की भर्ती Fixed Term Contract के आधार पर की गई थी। भर्ती दस्तावेज, नोटशीट और अनुमोदन की प्रमाणित प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–अ अनुसार है। (ख) HR Assistant की नियुक्ति हेतु दस्तावेज, नोटशीट एवं अधिकारिक मंजूरी की प्रमाणित प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट– अ अनुसार है। जी हाँ। (ग) HR असिस्टेंट को HR ऑफिसर पद पर पदोन्नति नहीं की गयी है अपितु प्रशासकीय कार्य सुविधा की दृष्टि से HR असिस्टेंट का पदनाम परिवर्तन कर HR ऑफिसर किया गया। पदनाम परिवर्तन के उपरांत कोई भी वेतन या सुविधा में परिवर्तन नहीं किया गया। पदनाम परिवर्तन से संबंधित नोटशीट, अनुमोदन और स्वीकृति की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट– ब अनुसार है। जी हाँ। (घ) उज्जैन स्मार्ट सिटी लिमिटेड की कोई पृथक से स्वीकृत HR Policy विशेषकर पदोन्नति संबंधी नीतियां नहीं है, स्मार्ट सिटी मिशन की गाइड-लाइन के अंतर्गत गठित कंपनी के बोर्ड के द्वारा समस्त निर्णय लिए जाते है। (ड.) HR असिस्टेंट को HR ऑफिसर पद पर पदोन्नति नहीं की गयी है अपितु प्रशासकीय कार्य सुविधा की दृष्टि से HR असिस्टेंट का पदनाम परिवर्तन कर HR ऑफिसर किया गया एवं अन्य कर्मचारियों की भी पदोन्नति नहीं हुई है, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (च) उज्जैन स्मार्ट सिटी लिमिटेड में प्रारंभ से ही वेतन अनुपालन का कार्य लेखा शाखा द्वारा किया जाता है, दस्तावेज की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–स अनुसार है। जी नहीं। (छ) पिछले छह माह की बायोमेट्रिक उपस्थिति रिकार्ड की प्रमाणित प्रतियाँ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–द अनुसार है। जी हाँ। (ज) कार्यकारी अभियंता (इलेक्ट्रिकल) को सौंपे गए कार्यभार/अतिरिक्त प्रभार के आदेश, नोटशीट, दस्तावेज, नोटशीट एवं अधिकारिक मंजूरी की प्रमाणित प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–ई अनुसार है और LED स्ट्रीट लाइट संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–फ अनुसार है।
स्वीकृत निशान जानोजी-उमरहड़ मार्ग पूर्ण किया जाना
[लोक निर्माण]
24. ( क्र. 681 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निशान जानोजी-उमरहड़ मार्ग का स्वीकृत वर्ष, स्वीकृत राशि एवं पूर्ण होने की तिथि दी जावे। (ख) उपरोक्त मार्ग का कार्य पुल पुलिया सहित पूर्ण हो चुका है यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या समयावधि में कार्य पूर्ण न होने पर संबंधित ठेकेदार पर कार्यवाही की जावेगी? (घ) उपरोक्त कार्य कब तक पूर्ण हो जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) :(क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कार्य प्रगति पर है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) अनुबंध के प्रावधान अनुसार कार्यवाही की जाती है। (घ) दिनांक 31.12.25 तक कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य है।
जनप्रतिनिधियों/विधायक का प्रोटोकॉल
[नगरीय विकास एवं आवास]
25. ( क्र. 691 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जनप्रतिनिधियों विधायकों को शासकीय सार्वजनिक समारोह/कार्यक्रम एवं भूमि पूजन उद्घाटन एवं अन्य आयोजनों में उपस्थिति के लिए कोई पत्र जारी किया गया? यदि हाँ, तो पत्र की प्रति उपलब्ध करावे? (ख) नगर पालिका श्योपुर द्वारा दिनांक 15 मई 2025 को ऐतिहासिक श्री हजारेश्वर महादेव मेला 2025 का शुभारम्भ कार्यक्रम के आमंत्रण पत्र में मुख्य अतिथि एवं अध्यक्षता किन के द्वारा की गई तथा और कौन-कौन जनप्रतिनिधियों को स्थान दिया गया अवगत करावे? क्या क्षेत्रीय विधायक होने के नाते प्रश्नकर्ता को आमंत्रण कार्ड में प्रोटोकॉल के तहत सम्मान जनक स्थान न देते हुए आमंत्रित भी नहीं किया गया जिससे सामान्य प्रशासन विभाग के उक्त पत्र का जानबूझकर खुला उल्लंघन किया गया है? यदि हाँ, तो उक्त उल्लंघन करने वाले अधिकारियों एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर परिषद् श्योपुर के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? अवगत करावें। यदि नहीं तो क्यों कारण बतावें। आमंत्रण कार्ड की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) भविष्य में जनप्रतिनिधियों/विधायकों के साथ इस प्रकार की अपमान जनक पुनरावृत्ति न हो इसके लिए जिला श्योपुर के जिला प्रशासन को निर्देश किया जावेगा यदि हाँ तो अवगत करावे? यदि नहीं तो कारण बतावे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) उक्त कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष एवं सांसद माननीय श्री शिवमंगल सिंह तोमर, संसदीय क्षेत्र 01, मुरैना-श्योपुर एवं अध्यक्षता श्रीमती रेनू सूजीत गर्ग, अध्यक्ष, नगर पालिका श्योपुर द्वारा की गई। उक्त कार्यक्रम में सांसद वर्तमान विधायक, पूर्व विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष, जनपद अध्यक्ष, नगरपालिका अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं मेलाध्यक्ष व पार्षद गण तथा जन प्रतिनिधियों को आमंत्रित कर सुरक्षित स्थान दिया गया। माननीय क्षेत्रीय विधायक को आमंत्रित पत्र एवं दूरभाष पर सूचना दी जाकर सुरक्षित स्थान रखा गया। सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र का उल्लंघन नहीं हुआ है। आमंत्रण कार्ड की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सड़क दुर्घटना रोकने हेतु निर्माण
[लोक निर्माण]
26. ( क्र. 751 ) श्री सुनील उईके : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी छिंदवाड़ा से होकर बैतूल जाने वाले नेशनल हाईवे पर बसे हुए ग्रामों में सड़क परिवहन यातायात के दबाव के कारण बहुत सी वाहन दुर्घटनाएं होती हैं। क्योंकि उक्त सड़क गांव के बीच से होकर निकली है सड़क बनाते समय गांवों को बायपास किया जाना चाहिए था। लेकिन ऐसा नहीं किया गया। इस कारण ग्राम वासियों को बहुत समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। (ख) क्या छिंदवाड़ा नागपुर नरसिंहपुर नेशनल हाईवे में ग्रामों के बाहर से बायपास बनाकर सड़क बनाई गई है? यदि हाँ तो क्या इसी तर्ज पर छिंदवाड़ा सिवनी बैतूल नेशनल हाईवे में बायपास बनवाने हेतु कार्यवाही करने की कृपा करेंगे एवं होने वाली सड़क दुर्घटनाओं से ग्राम वासियों को बचाने के लिए कोई नीति या कोई योजना बनाने हेतु विचार करने की कृपा करेंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) प्रश्नांकित मार्ग लोक निर्माण विभाग के अधीन न होकर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधीन है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त उत्तर संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार।
जिला बुरहानपुर सद् भावना मंडप का निर्माण
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
27. ( क्र. 872 ) श्रीमती अर्चना चिटनीस : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मा. प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना सद् भावना मंडप (प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम) के अंतर्गत बुरहानपुर हेतु सद-भावना मंडप निर्माण स्वीकृत किया गया था? यदि हाँ तो भवन की लागत, निर्माण एजेंसी, निर्माण पूर्णता दिनांक बताएं व प्राप्त आवंटन के विरूद्ध व्यय की स्थिति? (ख) क्या भवन निर्माण के तहत भूमि चयन निरीक्षण के समय भवन के आवागमन के लिए पहुंच मार्ग उपलब्ध था? यदि नहीं तो भवन निर्माण के लिए पहुंच मार्ग की वर्तमान स्थिति क्या है? क्या पूर्णता की समय-सीमा समाप्त हो चुकी है? यदि हाँ तो भवन निर्माण की प्रश्न दिनांक तक की वर्तमान स्थिति से अवगत कराएं। (ग) क्या भवन निर्माण कार्य एजेंसी विभाग या विभागीय के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा भवन निर्माण निरीक्षण किया गया है? यदि हाँ तो निरीक्षण दिनांक व अधिकारियों द्वारा पूर्णताः हेतु दिए गए निर्देशों की प्रति उपलब्ध कराए। (घ) क्या भवन निर्माण हेतु पुनः समय-सीमा निर्धारित की जाएगी? यदि हाँ तो समय-सीमा बताए व पूर्णता हेतु निर्माण एजेंसी के अधिकारियों के लिए उत्तरदायी निर्धारित करेगा?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती कृष्णा गौर ) : (क) जी हाँ। भवन की लागत रूपये 269.80 लाख एवं निर्माण एजेंसी मध्यप्रदेश गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल, उपसंभाग बुरहानपुर है। निर्माण पूर्णता का दिनांक अनुबंध के अनुसार दिनांक 01.10.2023 है किंतु निर्माण एजेंसी के अनुसार दिनांक 31.12.2025 तक पूर्ण करा लिया जावेगा व प्राप्त आवंटन के विरूद्ध राशि रूपये 138.69 लाख व्यय हुई है। (ख) जी हाँ। कच्चा मार्ग उपलब्ध था जो वर्तमान में यथा स्थिति में है। जी हाँ। भवन दिनांक 31.12.2025 तक पूर्ण करा लिया जायेगा। (ग) जी हाँ। भवन निर्माण का विभागीय सहायक संचालक, निर्माण एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा समय-समय पर एवं भारत सरकार, अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के अधिकारियों की टीम द्वारा दिनांक 10.01.2025 को निरीक्षण किया गया है। (घ) जी हाँ। भवन निर्माण कार्य दिनांक 31.12.2025 तक पूर्ण करा लिया जावेगा। बजट विलंब से प्राप्त होने एवं अन्य कारणों से कार्य समय-सीमा में पूर्ण नहीं किया जा सका है।
विद्युत उत्पादन की जानकारी
[ऊर्जा]
28. ( क्र. 908 ) श्री अजय अर्जुन सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पावर जनेटिंग कंपनी लिमिटेड के सभी ताप विद्युत गृहों का वर्ष 2018-19 से 2024-25 तक वार्षिक पी.एल.एफ. एवं विद्युत उत्पादन पावर हाउसवार मिलियन यूनिट में वर्षवार बतायें एवं अप्रैल 2025 से प्रश्न दिनांक तक माहवार विद्युत उत्पादन पावर हाउसवार मिलियन यूनिट में बतायें एवं पी.एल.एफ. बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) की अवधि का वर्षवार समस्त ताप विद्युत गृहों में बिजली उत्पादन हेतु कुल कितना कोयला खपत हुआ एवं प्रति विद्युत इकाई उत्पादन में कोयला खपत हुआ? क्या वर्ष 2018-19 के बाद वर्ष 2019-20 से वर्तमान एम.डी. पदस्थ होने के पश्चात विद्युत ताप उत्पादन प्रतिशत पी.एल.एफ. में गिरावट आयी है एवं इकाई विद्युत उत्पादन हेतु कोयला खपत वर्षवार बढ़ी है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के सभी ताप विद्युत गृहों का वर्ष 2018-19 से 2024-25 तक की वार्षिक पी.एल.एफ. एवं विद्युत उत्पादन तथा अप्रैल, 2025 से जून, 2025 तक की माहवार पी.एल.एफ. एवं विद्युत उत्पादन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-1', 'अ-2', 'ब-1' एवं 'ब-2' अनुसार है। (ख) मध्य प्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के सभी ताप विद्युत गृहों का वर्ष 2018-19 से 2025-26 (अप्रैल से जून) तक के वार्षिक कोयला खपत एवं विशिष्ट कोयला खपत (प्रति विद्युत इकाई कोयला खपत) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स-1' एवं 'स-2' अनुसार है। वर्तमान प्रबंध संचालक की पदस्थापना मई, 2020 (वर्ष 2020-21) में हुई थी। प्रबंध संचालक की पदस्थापना के पूर्व एवं उपरान्त के वित्तीय वर्षों में कंपनी के विद्युत उत्पादन (मिलियन यूनिट), पी.एल.एफ (प्रतिशत) एवं प्रति इकाई कोयला खपत (किलोग्राम) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' में उल्लेखित जानकारी में प्रबंध संचालक की पदस्थापना उपरान्त कंपनी के विद्युत उत्पादन, पी.एल.एफ. एवं प्रति इकाई कोयला खपत में वर्षवार लगातार सुधार परिलक्षित होने के दृष्टिगत यह कथन कि प्रबंध संचालक की पदस्थापना उपरान्त पी.एल.एफ. में वर्षवार गिरावट आई है, उचित नहीं है। उल्लेखनीय है कि कंपनी के ताप विद्युत संयंत्रों द्वारा वर्ष 2024-25 में कुल 28,789.8 मिलियन यूनिट (MU) बिजली का उत्पादन किया गया, जो अब तक का सर्वाधिक वार्षिक उत्पादन है। साथ ही वर्ष 2019-20 में कंपनी के ताप विद्युत गृहों की प्रति विद्युत इकाई कोयला खपत 0.70 किलोग्राम थी, जो कि वर्ष 2024-25 में 0.67 किलोग्राम प्रति इकाई रही है। अतः इस दौरान प्रति विद्युत इकाई कोयला खपत में वृद्धि नहीं हुई है, अपितु इसमें गिरावट आयी है।
चुरहट विधानसभा क्षेत्र में बिजली कटौती
[ऊर्जा]
29. ( क्र. 909 ) श्री अजय अर्जुन सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक तक विगत तीन माह में चुरहट विधानसभा क्षेत्र में कितने कितने घंटे घोषित और अघोषित विद्युत कटौती की गई? (ख) क्या विद्युत कटौती करने से विद्युत उपभोक्ताओं को इसकी सूचना एसएमएस द्वारा तथा सार्वजनिक सूचना जारी करके की गई है? (ग) यदि हाँ तो किस-किस दिनांक को एसएमएस द्वारा तथा सार्वजनिक सूचना जारी करके की गई है? (घ) सीधी जिले के चुरहट विधानसभा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर की जा रही बिजली कटौती का क्या कारण है? (ड.) क्या चुरहट विधानसभा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर की जा रही बिजली कटौती की जांच कराकर इस क्षेत्र में पूरे समय बिजली सप्लाई सुनिश्िचत करेंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) सीधी जिले के चुरहट विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत प्रश्नाधीन अवधि में किसी भी प्रकार की घोषित/अघोषित विद्युत कटौती नहीं की गई है। उल्लेखनीय है कि विद्युत लाईनों/अद्योसंरचना के रख-रखाव हेतु पूर्व निर्धारित शट-डाउन लेने तथा तकनीकी कारणों/प्राकृतिक आपदा से आये आकस्मिक व्यवधानों जैसी अपरिहार्य स्थिति के कारण कतिपय अवसरों पर विद्युत प्रदाय बाधित होता है, जिसमें आवश्यक रख-रखाव/सुधार कार्य कर विद्युत प्रदाय शीघ्र ही सुचारू कर दिया जाता है। (ख) से (ड.) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
लोक निर्माण विभाग से स्वीकृत राशि
[लोक निर्माण]
30. ( क्र. 924 ) सुश्री रामश्री (बहिन रामसिया भारती) राजपूत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर की विधान सभा बड़ामलहरा में सड़कों और पुल निर्माण पर सरकार ध्यान नहीं दे रही है? बंधा तिगड्डा से टीकमगढ़ दूरी मात्र 60 किलोमीटर पूरी की पूरी सड़क गड्ढों में बदल गई गई है? क्या इस वर्ष उक्त रोड की मरम्मत या पुनर्निर्माण के लिये राशि स्वीकृत कर रही है? यदि हाँ तो कितनी? (ख) इस वर्ष में बड़ामलहरा विधान सभा क्षेत्र की सड़कों के लिये या मरम्मत के लिये राशि स्वीकृत की जा रही है? यदि हाँ तो किस-किस सड़क को कितनी-कितनी राशि दी जा रही है? (ग) क्या विकासखण्ड वकस्वाहा के ग्राम वीरमपुरा का पुराना पुल जो स्वीकृत बांध निर्माण होने पर डूब क्षेत्र में आने के कारण अनुपयोगी हो रहा है। आवागमन की सुविधा के लिये नवीन पुल निर्माण की राशि उपलब्ध कराई जा रही है? यदि हाँ तो कब तक कितनी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं। बंधा तिगड्डा से टीकमगढ़ तक की संपूर्ण लंबाई 58.10 कि.मी. में बी.टी. नवीनीकरण का कार्य प्रगतिरत है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। विधानसभा क्षेत्र बड़ामलहरा में वर्ष 2025-26 के बजट में कोई कार्य स्वीकृत नहीं है एवं न ही कोई निर्माणाधीन कार्य है। (ग) जी हाँ, किन्तु बांध निर्माण न होने से वर्तमान में विद्यमान पुल से आवागमन चालू है। वर्तमान में नवीन पुल निर्माण कार्य किसी भी योजना में स्वीकृत नहीं है। अत: निश्िचत समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नगरपालिका परिषद् मैहर के गन्दी बस्ती वार्डों का उन्मूलन
[नगरीय विकास एवं आवास]
31. ( क्र. 946 ) श्री श्रीकान्त चतुर्वेदी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि नगरीय क्षेत्रों में स्थित नगरपालिकाओं, नगर पंचायतों के गन्दी बस्ती के वार्डों के विकास हेतु क्या विशेष अनुदान नगरीय प्रशासन द्वारा स्वीकृत किये जाने की नीति है? यदि हाँ तो मैहर नगरपालिका परिषद् को क्या ऐसी बस्तियों के सर्वे कराकर उनके उन्मूलन किये जाने हेतु शासन स्तर में कोई कार्ययोजना स्वीकृति हेतु प्रचलित है? यदि हाँ तो वह कब तक स्वीकृत की जावेगी? समयावधि बताई जावे। यदि नहीं तो क्यों? कारण सहित जानकारी दी जावे।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : जी नहीं। नगर पालिकाओं, नगर पंचायतों के गन्दी बस्ती के वार्डों के विकास हेतु नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. भोपाल में कोई पृथक से नीति/योजना स्वीकृत नहीं है, जिससे शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड में मेंटनेंस कार्य
[ऊर्जा]
32. ( क्र. 964 ) श्री नीरज सिंह ठाकुर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड जबलपुर में मेंटनेंस का कार्य किसके द्वारा देखा जाता है? विगत 4 वर्षों में (संचा/संधा.) वृत्त जबलपुर अंतर्गत किन-किन उपकरणों को बदला गया? या मेंटनेंस किया गया? उक्त समस्त मेंटनेंस पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गयी? (ख) क्या मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड जबलपुर में मेंटनेंस कार्य आउटसोर्स कम्पनी द्वारा किया जाता है? (संचा.-संधा.) वृत्त जबलपुर में कौन-कौन सी कम्पनी द्वारा किस-किस क्षेत्र में क्या-क्या रिपेयर एवं मेंटनेंस कार्य किया जाता है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर अंतर्गत संचालन/संधारण, वृत्तों के संचालन/संधारण संभागों एवं एस.टी.एम.-एस.टी.सी. संभागों के द्वारा मेंटेनेंस का कार्य कराया जाता है। विगत 04 वर्षों में संचालन/संधारण, वृत्त जबलपुर अंतर्गत वितरण ट्रांसफार्मर, व्ही.सी.बी., ए.बी. स्विच, इंसुलेटर, केबल, कंडक्टर, एल.ए., ट्रिप/क्लोज क्वाइल, रिले इत्यादि उपकरणों को बदलने एवं मेंटेनेंस का कार्य किया गया। उक्त समस्त मेंटेनेंस कार्यों पर विगत 04 वर्षों में राशि रूपये 703.42 लाख व्यय हुई है, जिसका वर्षवार विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। मेंटेनेंस कार्यों पर होने वाले व्यय की उपकरणवार जानकारी संधारित नहीं की जाती है। (ख) जी नहीं। म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर क्षेत्रान्तर्गत मेंटेनेंस का कार्य विभागीय स्तर से किया जाता है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता है।
पनागर के अंतर्गत वार्ड 73 में भू-धारण प्रमाण पत्र का प्रदाय
[नगरीय विकास एवं आवास]
33. ( क्र. 965 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर निगम वार्ड क्र. 73 पुरानी बस्ती करमेता के लगभग 54 भूमिहीन परिवार विगत 20 वर्षों से कच्चे मकानों में बांस, बल्ली, तिरपालों के सहारे गुजर बसर कर रहे हैं? (ख) क्या ऐसे भूमिहीन परिवारों को भू-धारणाधिकार प्रमाण पत्र दिये जायेंगे? ताकि वे प्रधानमंत्री आवास योजना से अपना घर बना सके। (ग) यदि हाँ तो कब तक दिये जायेंगे? (घ) यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं। नगर निगम वार्ड क्रमांक 73 पुरानी बस्ती करमेता में निवासरत 54 परिवारों में से 45 परिवार कच्चे आवास तथा 09 परिवार पक्के आवासों में निवासरत पाए गए। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 के बीएलसी घटक के संबंध में नगरीय विकास एवं आवास विभाग के पत्र क्रमांक FUDH/9/0009/2025/18-2 दिनांक 17.03.2025 द्वारा जारी दिशा निर्देशों में धारणाधिकार का प्रावधान है, जो पात्रतानुसार आवेदक RCMS पोर्टल पर आवेदन कर नियमानुसार लाभ प्राप्त कर सकते है। भूमि स्वत्व दस्तावेज प्राप्त करने के उपरांत पात्र हितग्राही भारत सरकार, आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के एकीकृत वेब पोर्टल पर योजना अवधि माह सितंबर 2029 तक आवेदन करने पर पात्रता अनुसार लाभ प्राप्त कर सकते है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार विहित प्रक्रिया अनुसार आवश्यक दस्तावेज के साथ योजना अवधि में पोर्टल पर आवेदन प्रस्तुत करने एवं परीक्षण में पात्र पाये जाने पर प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित किये जाते है। अंतिम स्वीकृति भारत सरकार द्वारा प्रदान की जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जानकारी उत्तरांश (ग) अनुसार है।
नये वार्डों के वर्ष 2014 के पूर्व के अभिलेख का प्रदाय
[नगरीय विकास एवं आवास]
34. ( क्र. 970 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत नगर निगम नये वार्डों के वर्ष 2014 के पूर्व के नक्शे, पट्टे, जन्म मृत्यु संबंधी अभिलेख जरूरतमंदों को नहीं मिल रहे हैं? (ख) प्रश्न क्र. 853 दिनांक 17 मार्च 2025 के उत्तरांश (क) में बताया गया है कि यह अभिलेख उपलब्ध नहीं हैं? (ग) उत्तरांश (ख) से (घ) में बताया गया है कि जानकारी संकलित की जा रही है? (घ) क्या जानकारी संकलित हो गई है? यदि नहीं तो कब तक उपलब्ध होगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत नगर निगम नये वार्डों के वर्ष 2014 के पूर्व के नक्शे, पट्टे, जन्म मृत्यु संबंधी अभिलेख के संबंध में कार्यालय अधीक्षक भू-अभिलेख जबलपुर, तहसीलदार जबलपुर, एस.डी.एम.आधारताल, जिला पंचायत जबलपुर आदि को अभिलेख उपलब्ध कराने पत्राचार किया गया है। उनके द्वारा प्रति उत्तर में अभिलेख न होने का उल्लेख किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। तत्संबंध में संबंधित कार्यालयों से अभिलेख उपलब्ध कराने हेतु संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास का पत्र क्रमांक 14960, दिनांक 22/07/2025 से जानकारी चाही गई है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विद्युत विभाग के उप महाप्रबंधक के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई
[ऊर्जा]
35. ( क्र. 1059 ) श्री मुकेश मल्होत्रा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उपमहा प्रबंधक मध्य प्रदेश म.क्षेत्र वि.वि.कंपनी लिमिटेड वितरण केंद्र विजयपुर गसवानी विद्युत क्षेत्र केंद्र द्वारा प्रतीक टुण्डेलकर महाप्रबंधक के संरक्षण में विद्युत कर्मचारियों द्वारा 124 ट्यूबवेल मोटर विद्युत से अवैध चलाई गई जिसका पैसा 124 किसानों से वसूलकर विद्युत विभाग के कर्मचारी हड़प गए जब विद्युत का भार ओवरलोड हुआ तो गसवानी क्षेत्र के 184 से अधिक विद्युत कनेक्शन धारी किसानों से 6-6 हजार रुपए का नोटिस जारी कर अवैध वसूली की गई? (ख) क्या प्रतीक टुण्डेलकर उपमहाप्रबंधक विद्युत द्वारा ग्रामीण अंचलों में खराब विद्युत ट्रांसफार्मर डीटीआर को नहीं बदलते हैं 10% से अधिक राशि की मांग की जा रही है? (ग) क्या सरकार व विभाग ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई करेगा? यदि हाँ तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं। श्योपुर वृत अंतर्गत सतर्कता अनुभाग एवं वितरण केन्द्र विजयपुर एवं गसवानी में पदस्थ अधिकारियों के द्वारा अवैध रूप से चलते हुये पाये जाने पर, विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135 के अंतर्गत कुल 67 पंप संयोजनों एवं स्वीकृत भार से अधिक भार का उपयोग पाये जाने पर, विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 126 अंतर्गत कुल 32 पंप संयोजनों पर इस प्रकार कुल 99 पंप संयोजनों पर प्रकरण दर्ज किये गये हैं। दर्ज किये गये प्रकरणों की बिलिंग कर, राशि जमा करने हेतु विद्युत कनेक्शन धारी एवं अवैध रूप से विद्युत का उपयोग करने वाले संबंधित व्यक्तियों/किसानों को नोटिस जारी किये गये है। (ख) वितरण ट्रांसफार्मर के जलने/खराब होने के उपरान्त संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि का 10 प्रतिशत जमा करने अथवा 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा बकाया राशि जमा करने पर ट्रांसफार्मर बदलने का प्रावधान हैं। प्रश्नाधीन क्षेत्र में जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों से संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा उपरोक्त नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा करने के उपरांत, जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदलने की कार्यवाही की जाती है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
मुख्य नगर पालिका अधिकारी को संरक्षण प्रदान किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
36. ( क्र. 1069 ) श्री कालु सिंह ठाकुर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्य प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस नीति पर कार्यरत है और भ्रष्ट अधिकारियों/कर्मचारियों को किसी प्रकार का संरक्षण प्रदान नहीं करती? (ख) क्या लोकायुक्त की अनुशंसा पर भ्रष्टाचार के मामलों में प्राथमिकी प्रकरण दर्ज होने पर संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों को उनके पद से हटाकर सामान्यतः स्थानांतरित किया जाता है? (ग) यदि हाँ, तो धामनोद जिला धार के मुख्य नगर पालिका अधिकारी के विरुद्ध लोकायुक्त पुलिस, इंदौर द्वारा कितनी प्राथमिकियाँ दर्ज की गई हैं, इनकी प्रतिलिपि उपलब्ध कराएँ। लोकायुक्त के पत्रों पर विभाग द्वारा क्या कार्रवाई की गई, कार्रवाई का पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करें। (घ) क्या नगरीय प्रशासन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी/कर्मचारी धामनोद नगर परिषद् जिला धार के भ्रष्टाचार में संलिप्त हैं? यदि हाँ? तो संचालनालय और मंत्रालय स्तर पर संलिप्त अधिकारियों/कर्मचारियों के नाम बताएँ। (ङ) यदि नहीं, तो भ्रष्ट सीएमओ को प्राथमिकी के पश्चात भी धामनोद नगर परिषद् के सीएमओ पद पर क्यों रखा गया? क्या यह साक्ष्य नष्ट करने का अवसर प्रदान करता है? स्पष्ट अभिमत दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। (ख) भ्रष्टाचार के मामलों में मात्र प्राथमिकी प्रकरण दर्ज होने पर सामान्यत: किसी अधिकारी/कर्मचारी को स्थानांतरित नहीं किया जाता है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। (ङ) मुख्य नगरपालिका अधिकारी, नगर परिषद्, धामनौद एवं अन्य के विरूद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध होकर विवेचनाधीन है एवं भ्रष्टाचार के मामलों में मात्र अपराध पंजीबद्ध होने पर सामान्यत: किसी अधिकारी/कर्मचारी को स्थानांतरण नहीं किया जाता है।
झील का उन्नयन एवं सौन्दर्यीकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
37. ( क्र. 1143 ) श्री शैलेन्द्र कुमार जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर नगर स्थित सागर तालाब लाख बंजारा झील के उन्नयन एवं सौन्दर्यीकरण हेतु स्मार्ट सिटी अंतर्गत कितनी राशि व्यय किये जाने का प्रावधान था तथा अब तक कितनी राशि से कौन-कौन से कार्य पूर्ण कर लिये गये है तथा कितने शेष है? शेष कार्य कब तक पूर्ण करा दिये जायेंगे? (ख) क्या सागर तालाब लाखा बंजारा झील में मनोरंजन एवं पर्यटन की दृष्टि से म्यूजिकल फाउंटेन लगाये जाने का प्रावधान था? यदि हाँ तो क्या इसको स्थापित कर विधिवत संचालन किया जा रहा है? यदि नहीं तो इसका क्या कारण है एवं इसके लिये कौन दोषी है? (ग) क्या सप्लायर एजेंसी द्वारा स्थापित किया गया म्यूजिकल फाउंटेन विधिवत क्रियाशील नहीं है, जिस कारण इसकी उपयोगिता सिद्ध नहीं हो पा रही है? यदि हाँ तो सप्लायर एजेंसी के विरूद्ध अब तक क्या कार्यवाही की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) स्मार्ट सिटी योजनांतर्गत लाखा बंजारा उन्नयन एवं सौंदर्यीकरण हेतु 95.93 करोड़ की राशि (GST रहित) प्रावधान था तथा दिनांक 24.12.2024 को सम्पूर्ण कार्य पूर्ण किया गया है। (ख) जी हाँ। संचालन के कार्य में तकनीकी समस्या होने से एजेंसी को नोटिस जारी किया गया है एवं परीक्षण हेतु समिति का गठन किया गया है। (ग) जी हाँ। लाखा बंजारा झील में स्थापित किया गया म्यूजिकल फाउंटेन तकनीकी समस्या होने से वर्तमान में सुधार प्रक्रिया में है। तकनीकी समस्या होने से एजेंसी को नोटिस जारी किया गया है एवं परीक्षण हेतु समिति का गठन किया गया है।
सिटी बस सेवा का संचालन एवं द्वितीय चरण में ई-बस सेवा प्रारंभ की जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
38. ( क्र. 1145 ) श्री शैलेन्द्र कुमार जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर नगर में सिटी बस सेवा कब शुरू की गई थी एवं कितनी बसों का संचालन किये जाने का प्रावधान था? वर्तमान में कितनी बसों का संचालन किया जा रहा है? (ख) क्या अब तक शुरू की गई सिटी बस सेवा का संचालन विधिवत एवं सुचारू रूप से किया जा रहा है? यदि नहीं तो इसका क्या कारण है? (ग) क्या सागर नगर में सिटी बस सेवा संचालन के साथ किये गये अनुबंध के अनुसार भरपाई नहीं हो पा रही है, जिस कारण सिटी बसों का संचालन विधिवत नहीं हो पा रहा है? यदि हाँ तो क्या शासन सागर नगर में सिटी बसों का संचालन विधिवत एवं सुचारू रूप से होना सुनिश्िचत करेगा और कब तक? (घ) क्या सागर में नगर यातायात सेवा हेतु द्वितीय चरण में ई-बस सेवा शुरू कराये जाने का कोई प्रस्ताव शासन के समक्ष विचाराधीन है? यदि हाँ तो प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही प्रचलन में है तथा सागर में ई-बस सेवा कब तक शुरू की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) सागर नगर में सिटी बस सेवा दिनांक 20/10/2022 को अनुबंध निष्पादित कर सिटी बसों का संचालन किया प्रारंभ किया गया एवं 26 सिटी बसों का प्रावधान रखा गया था। वर्तमान में अनुबंध अनुसार सिटी बसों का संचालन किया जा रहा है। (ख) जी हाँ। अनुबंध अनुसार सिटी बसों का संचालन किया जा रहा हैं। (ग) जी हाँ। निविदा की शर्तों के अधीन कार्यवाही की गई है। सागर सिटी ट्रांसपर्ट सर्विसेस लिमिटेड के बोर्ड में निर्णय उपरांत विधिवत एवं सुचारू सिटी बस संचालन किया जाएगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जी नहीं। द्वितीय चरण में 14 अंतर्शहरी ई-बसें स्वीकृत की गई हैं, जिनकी निविदा जारी की गयी एवं निविदा अनुसार कार्यवाही की जारही हैं। अनुबंध उपरांत ई-बस सेवा का संचालन किया जाना है।
मैहर विधान सभा क्षेत्र के स्वीकृत निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
39. ( क्र. 1147 ) श्री श्रीकान्त चतुर्वेदी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में शासन द्वारा मैहर क्षेत्र के लिए स्वीकृत तथा बजट में प्रावधान किये गये निर्माण कार्यों को प्रारंभ कब तक कराया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में क्या मैहर क्षेत्र के लिए स्वीकृत निर्माण कार्यों के प्रारंभ न होने से क्षेत्र के जनसामान्य में असंतोष व्याप्त हो रहा है? यदि हाँ तो लोक निर्माण विभाग के द्वारा निर्माण कराये जाने वाले कार्यों के संबंध में अभी तक क्या-क्या प्रक्रियाएं पूर्ण करायी जा चुकी है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में शासन द्वारा मैहर क्षेत्र के लिए स्वीकृत तथा बजट में प्रावधान किये गये निर्माण कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ख) जी नहीं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है।
प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा वित्तीय अनियमितताएं
[नगरीय विकास एवं आवास]
40. ( क्र. 1155 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. भोपाल के पत्र क्रमांक/स्था./शा-1/निलंबन/1013/2024/11494 भोपाल, दिनांक 16-06-2024 के द्वारा तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर परिषद् कैलारस जिला मुरैना एवं वर्तमान प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी, मुख्य नगर पालिका परिषद्, लहार, जिला भिण्ड को गंभीर वित्तीय अनियमितताओं एवं भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित किया गया था। यदि हाँ तो श्री शर्मा के भ्रष्टाचार के विरूद्ध कोई कार्यवाही न कर विभागीय जांच का बहाना बनाकर दिनांक 21/06/2024 को निलंबन से बहाल कर पुनः नगर पालिका परिषद् लहार में प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी के पद पर पदस्थ करने का कारण स्पष्ट करें। (ख) विभागीय जांच का आदेश दिनांक 21.06.2024 को देने के बाद अभी तक किस अधिकारी द्वारा कब जांच की गई? जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करें। क्या वित्तीय अनियमिततायें एवं भ्रष्टाचार के आरोपी को एक वर्ष से अधिक समय होने के बाद भी श्री शर्मा के विरूद्ध कार्यवाही न करने का कारण स्पष्ट करें। (ग) नगरीय विकास एवं आवास विभाग मंत्रालय, वल्लभ भवन, भोपाल के आदेश दिनांक 16 मई 2023 को नियम में संशोधन आदेश के विपरीत नियम विरूद्ध श्री रमाशंकर शर्मा (मूल पद सहायक ग्रेड-1) (दो) सहायक ग्रेड-1 मुख्य लिपिक-सह-लेखापाल के पद पर कम से कम 7 वर्ष से कम अनुभव होने के बाद भी प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद्, लहार के पद पर पदस्थ करने वाले अधिकारी के विरूद्ध जांच कर दण्डित किया जायेगा? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। निलंबन के समय श्री रमाशंकर शर्मा तत्समय सहायक परियोजना अधिकारी जिला शहरी विकास अभिकरण मुरैना में पदस्थ थे, संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. भोपाल के आदेश क्रमांक/स्था.-01/1013/2024/11917 भोपाल दिनांक 21.06.2024 के द्वारा निलंबन से बहाल कर प्रशासनिक कार्य दृष्टि से स्थानांतरण कर प्रभारी मुख्य नगरपालिका अधिकारी नगरपालिका परिषद् लहार जिला भिण्ड में पदस्थापना की गई है। (ख) श्री रमाशंकर शर्मा के विरूद्ध विभागीय जांच संस्थित किये जाने का आदेश संचालनालय के आदेश क्रमांक/24115-24116 दिनांक 18.11.2024 के द्वारा जारी किया गया था, प्रकरण में विभागीय जाँच के दौरान दिनांक 30.12.2024, 14.01.2025, 28.01.2025, 21.02.2025, 07.04.2025, 15.04.2025 तथा दिनांक 30.05.2025 को नियमित सुनवाई की जाकर विभागीय जाँच की कार्यवाही पूर्ण हो चुकी है। मात्र अपचारी सेवक से अंतिम प्रतिवाद उत्तर दिनांक 25.07.2025 से पूर्व चाहा गया है। तद् नुसार जाँच पूर्ण कर गुण-दोषों एवं जाँच प्रतिवेदन के आधार पर अनुशासनिक प्राधिकारी द्वारा कार्यवाही की जायेगी। (ग) जी नहीं। मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) दिनांक 16.05.2023 में संशोधित नियम की कंडिका (2) में सहायक ग्रेड-1 को कम से कम 07 वर्ष का अनुभव रखने वाले नगर पालिका परिषद् के कर्मचारियों को पदोन्नति कर मुख्य नगरपालिका अधिकारी के पद पर पदस्थ किये जाने का प्रावधान है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
न.प. मानपुर में किये गये भुगतान की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
41. ( क्र. 1156 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उमरिया जिला अंतर्गत नगर परिषद् मानपुर में दिनांक 1 जनवरी 2024 से 15 जून 2025 तक निर्माण कार्य, सामग्री क्रय सहित संपूर्ण प्रत्येक भुगतान की राशि, भुगतान दिनांक, भुगतान प्राप्तकर्ता, फॉर्म या अन्य का नाम, भुगतान बिल या माप पुस्तिका का विवरण, कार्यवाही नस्ती की छायाप्रति सहित भुगतानकर्ता अधिकारी व पदाधिकारी के नाम सहित संपूर्ण जानकारी देवें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अवधि में 01 लाख से माप के प्रत्येक व्यक्ति, स्वीकृति दिनांक, भुगतान, प्राप्तकर्ता का नाम, राशि व दिनांक से जानकारी देते हुए बताएं कि एक माह में लेखा नियम व शासन के दिशा निर्देश आदेश का अक्षरशः पालन किया गया है? यदि नहीं? तो विशेष जांच दल गठित कर अपव्यय/भ्रष्टाचार पर समय-सीमा में कार्यवाही जनहित में की जाएगी? यदि नहीं तो क्यों? (ग) नगर परिषद् मानपुर में 01 जनवरी 2024 से 15 जून 2025 तक उपयोग में लाए गए समस्त शासकीय एवं निजी वाहनों की लॉग बुक की छायाप्रति उपलब्ध कराई जाए तथा लॉग बुक में दर्ज किलोमीटर विभिन्न वाहनों से मिलान करके सत्यापन प्रस्तुत करें यदि कोई भिन्नता पाई गई हो तो संबंधित अधिकारी/कर्मचारियों के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई है या की जाएगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है, माप पुस्तिका की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब एवं कार्यवाही नस्ती की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। जी नहीं। जी हाँ। संभागीय संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास, शहडोल संभाग का पत्र क्रमांक 1600 दिनांक 19-07-2025 द्वारा जांच समिति गठित की गई है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) लॉग बुक की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार है। उत्तरांश (ख) अनुसार लॉग बुक सत्यापन हेतु जांच समिति गठित की गई है, उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
केन नदी पर पुल निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
42. ( क्र. 1185 ) श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा (ए प्लस मॉनिट) पत्र क्रमांक 637/CMS/CSW/2025 दिनांक 08.04.2025 द्वारा ग्राम दसईपुरा से ललार के बीच केन नदी पर पुल निर्माण कार्यं के संबंध में प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग को पत्र प्रेषित किया गया था? यदि हाँ तो उक्त संबंध में क्या कार्यवाही की गई? कब तक कार्यवाही पूर्ण कर निर्माण कार्य प्रारंभ कराया जावेगा? (ख) क्या अप्रैल 2025 में आयोजित ईएफसी की बैठक में केन नदी पर बंधा बरियारपुर के नीचे पुल निर्माण की स्वीकृति प्रदाय की गई थी? यदि हाँ तो क्या उक्त निर्माण कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी गई है? यदि नहीं तो क्यों कारण बतावे? कब तक प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जाकर निर्माण कार्य प्रारंभ कराया जावेगा? (ग) पन्ना विधानसभा अंतर्गत कितने पुल निर्माण कार्य स्वीकृत है एवं उनकी कार्य प्रगति क्या है? क्या उक्त निर्माण कार्य बजट के अभाव में बंद हो गये है? यदि हाँ, तो कब तक बजट उपलब्ध कराकर निर्माण कार्य पूर्ण कराया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। बजट में सम्मिलित न होने से कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। बजट में सम्मिलित न होने के कारण निश्िचत समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं। जी नहीं। उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
किलकिला नदी पर वाटर ट्रीटमेन्ट प्लांट
[नगरीय विकास एवं आवास]
43. ( क्र. 1186 ) श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा (ए मॉनिट) पत्र क्रमांक 1483/CMS/CSW/ 2025 दिनांक 14.05.2025 द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 अन्तर्गत प्रस्तावित 15 करोड़ के निर्माण कार्यों में आशिंक संशोधन विषयक प्रमुख सचिव नगरीय विकास विभाग को पत्र प्रेषित किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हाँ तो उक्त संबंध में क्या कार्यवाही की गई? अवगत करावें। यदि नहीं तो कब तक कार्यवाही पूर्ण की जावेगी? (ग) क्या विधानसभा सत्र मार्च 2025 में प्रश्नकर्ता द्वारा पन्ना नगर में किलकिला नदी पर वाटर ट्रीटमेन्ट प्लांट बनाये जाने के सबंध में प्रश्न पूछा गया था, जिसके उत्तर में माननीय मंत्री जी द्वारा संलग्न परिशिष्ट (ब) अनुसार पूर्व में तैयार डी.पी.आर. की राशि में आवश्यक संशोधन उपरांत संचालनालय को स्वीकृति हेतु प्रेषित किये जाने से अवगत कराया था? यदि हाँ, तो क्या संचालनालय द्वारा उक्त संबंध में क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों? कारण बतावें। वाटर ट्रीटमेन्ट प्लांट के निर्माण की कार्यवाही कब तक प्रारंभ की जावेगी? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रस्ताव का परीक्षण किया जा रहा है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। नगर पालिका परिषद् पन्ना द्वारा स्वच्छ भारत मिशन 2.0 अंतर्गत उपयोगित जल प्रबंधन की DPR राशि रू. 19.83 करोड़ की तैयार की गई थी। सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट हेतु प्रस्तावित भूमि की लोकेशन में परिवर्तन होने से निकाय द्वारा पुनरीक्षित DPR राशि रू. 22.42 करोड़ की तैयार कर संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास को संभागीय कार्यालय के माध्यम से दिनांक 23/01/2025 को प्रेषित की गई है। जिला स्तरीय समीक्षा एवं निगरानी समिति (DLRMC) के पत्र दिनांक 23/05/2025 द्वारा परियोजना की अनुशंसा की गई है। संचालनालय द्वारा DPR में Population Forecast, Drain wise discharge Calculation, Design of Trunk main, Drawings, भू-स्वामित्व दस्तावेज इत्यादि के संबंध में जानकारी प्रस्तुत कराने हेतु निकाय को निर्देशित किया गया है।
आदिवासी महिला डेयरी विकास परियोजना हेतु राशि स्वीकृति
[पशुपालन एवं डेयरी]
44. ( क्र. 1188 ) श्री संजय उइके : क्या राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग को जनजातीय कार्य विभाग द्वारा आदिवासी महिला डेयरी विकास परियोजना हेतु वित्तीय वर्ष 2015-16 में धार, बड़वानी, छिन्दवाड़ा, बालाघाट, सिवनी हेतु 4458.98 लाख रूपये की योजना स्वीकृत की गई थी? (ख) यदि हाँ तो योजना प्रारम्भ से प्रश्न दिनांक तक जिलेवार, समितिवार संकलित दुग्ध की मात्रा, दुग्ध से प्राप्त आय, माहवार एवं समिति अध्यक्ष/सचिव के नाम, पता, सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) आदिवासी महिला डेयरी विकास परियोजना के क्रियान्वयन हेतु खरीदी किये गये उपकरण सामग्री के क्रय आदेश की प्रति, क्रय करने हेतु कितने प्रतिशत राशि अग्रिम सम्बधित एजेंसी को दी गई? उसकी नोटशीट की प्रति, सामग्री/उपकरण क्रय हेतु भंडार क्रय नियम की प्रति, सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) क्या परियोजना प्रस्ताव के पूर्व विभाग द्वारा संभाव्यता आंकलन (फिजी बिलटी स्टडी) किया गया था? तो उसकी प्रति उपलब्ध करावें।
राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
गौ-अभयारण्य अनुसंधान एवं उत्पादन केन्द्र की स्थापना
[पशुपालन एवं डेयरी]
45. ( क्र. 1224 ) श्री विष्णु खत्री : क्या राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गौ अभयारण्य अनुसंधान एवं उत्पादन केन्द्र की स्थापना के संबंध में विभाग के क्या मापदण्ड हैं? (ख) बैरसिया विधानसभा के ग्राम जमूसर कला में गौ-अभयारण्य अनुसंधान एवं उत्पादन केन्द्र की स्थापना के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा विभाग से जो पत्राचार किया गया, उन पत्राचारों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है?
राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) गौ-अभयारण्य अनुसंधान एवं उत्पादन केन्द्र स्थापना नाम की योजना संचालित नहीं है, शासन द्वारा ''मध्यप्रदेश राज्य में स्वावलंबी गौशालाओं (कामधेनु निवास) की स्थापना नीति 2025'' जारी की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) बैरसिया विधानसभा के ग्राम जमूसरकलां में स्थिति भूमि खसरा क्रमांक 171/1/1 (एस) 68.50 एकड़ है। ''मध्यप्रदेश राज्य में स्वावलंबी गौशालाओं (कामधेनू निवास) की स्थापना की नीति 2025'' के अनुसार 130 एकड़ भूमि का प्रावधान है। ग्राम जमूसरकलां में कलेक्टर भोपाल द्वारा 130 एकड़ भूमि पशुपालन एवं डेयरी विभाग को आवंटित किये जाने पर नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी।
ऊर्जा विभाग अंतर्गत बाह्य स्त्रोत कर्मचारी नियोजन के देयक
[ऊर्जा]
46. ( क्र. 1234 ) श्री भैरो सिंह बापू : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पश्िचम क्षेत्र विद्युत विरण कंपनी अंतर्गत आगर जिले में संचालन संधारण वृत्त में माह अक्टूबर 2024 से प्रश्न दिनांक तक बाह्य स्त्रोत के माध्यम से कितने कर्मचारी नियोजित करने हेतु विद्युत विरण कंपनी द्वारा निविदा टेंडर जारी किया गया है? ठेका कंपनी को कुल कितनी राशि का टेंडर जारी किया गया है एवं प्रति माह कितनी राशि के देयक पारित किये जाते है? कितने कर्मचारी माह अक्टूबर 2024 से प्रश्न दिनांक तक बाह्य स्त्रोत के माध्यम से कार्यरत है? माहवार जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में माह अक्टूबर 2024 से प्रश्न दिनांक तक बाह्य स्त्रोत के माध्यम से नियोजित कर्मचारियों के विरूद्ध ठेका कंपनी द्वारा कितने कर्मचारियों का लेबर लाइसेंस लिया गया है? प्रश्नाधीन अवधि में बाह्य स्त्रोत के माध्यम से नियोजित कर्मचारियों के विरूद्ध जारी लेबर लाइसेंस एवं कार्यादेश की सूचीबद्ध जानकारी दस्तावेज सहित उपलब्ध कराएं। (ग) क्या ठेका कंपनी द्वारा अधिक कर्मचारियों के विरूद्ध कम लोगों का लेबर लाइसेंस लिया गया है? यदि हाँ तो कंपनी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्या श्रम नियमों का उल्लंघन अधिकारी/कर्मचारी की मिलीभगत से हो रहा है? दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (घ) बाह्य स्त्रोत के माध्यम से कर्मचारी नियोजन हेतु जारी टेंडर अनुसार बाह्य स्त्रोत कर्मचारियों को क्या-क्या सुविधाएं प्रदान किया जाना है? कर्मचारियों को क्या-क्या सुविधाएं प्रदान की गई है? वह सुविधाएं जो प्रदान नहीं की गई है उनके लिए कंपनी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ड.) प्रश्नांश (क) अनुसार बाह्य स्त्रोत के माध्यम से नियोजित कितने कर्मचारियों को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, ईएसआईसी में परिवार पंजीयन आदि समस्त श्रम सुविधाओं का लाभ प्रदान किया गया है? जब उक्त सभी लाभ आवश्यक रूप से कर्मचारी को प्रदान किया ही जाना है तो कर्मचारियों को लाभ नहीं मिलने पर भी फर्म के देयक क्यों पारित किये जाते रहे? क्या निविदा टेंडर का पालन अथवा श्रम नियमों का पालन नहीं करने पर भी फर्म के देयक पारित करने हेतु कोई बाध्यता है? यदि हाँ तो साक्ष्य उपलब्ध कराएं। (च) टेंडर में उल्लेखित सुविधा को उपलब्ध कराएं बिना फर्म के देयक पारित करने हेतु किस व्यक्ति द्वारा दबाव बनाया जाता है? संबंधित व्यक्ति के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो कार्यवाही कब तक की जावेगी? बिना किसी जांच के देयक पारित करने पर संबंधित प्रभाग के कार्यालय सहायक को आज दिनांक तक निलंबित कर उनके विरूद्ध सख्त वैधानिक कार्यवाही क्यों नहीं की गई? क्या बिना किसी जांच के देयक पारित करने का मतलब यह समझा जाए कि विभाग के अधिकारी/कर्मचारी द्वारा टेंडर राशि का गबन किया जा रहा है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पश्िचम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत आगर जिले में संचालन-संधारण वृत्त आगर में प्रश्नाधीन अवधि में बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता एजेंसी के माध्यम से 524 कार्मिक नियोजित करने हेतु निविदा जारी की गई थी। निविदा के तहत प्राथमिक रूप से कुल 532 कार्मिक नियोजन हेतु कुल राशि रुपये 14,91,70,980/- (जीएसटी के बिना) का कार्यादेश बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता फर्म को दिनांक 29.08.2024 को जारी किया गया है। माह अक्टूबर,2024 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता फर्म के कुल 08 देयक पारित किये गए हैं, जिसकी प्रश्नाधीन चाही गई माहवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। प्रश्नाधीन अवधि में बाह्य स्त्रोत के माध्यम से कार्यरत कर्मचारियों की माहवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में नियोजित बाह्य स्त्रोत कार्मिकों के विरुद्ध बाह्य स्त्रोत फर्म द्वारा कुल 535 कार्मिकों हेतु लेबर लाइसेंस लिया गया है। उल्लेखनीय है कि, विद्युत वितरण कंपनी की सेवाएं अतिआवश्यक के साथ-साथ आकस्मिक श्रेणी की होने के कारण सक्षम प्राधिकारी द्वारा कार्य की अतिआवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए आकस्मिकता मद में समय–समय पर अतिरिक्त कार्मिक संयोजित करने हेतु पृथक–पृथक अनुमोदन प्रदान किया गया, जिसके परिणाम स्वरुप सेवा प्रदाता फर्म को कार्य की आवश्यकता अनुसार निर्धारित अल्प समयावधि हेतु अतिरिक्त कार्मिक प्रदान करने हेतु कार्यादेश जारी किये गए। अतिरिक्त प्रदान किये गए कार्मिकों के लिए लेबर लाइसेंस प्राप्त करने हेतु संचालन-संधारण वृत्त आगर कार्यालय द्वारा बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता फर्म को लेख किया गया है, जिसके तारतम्य में सेवा प्रदाता फर्म अंतर्गत अतिरिक्त कार्मिकों हेतु लेबर लाइसेंस की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। प्रश्नाधीन अवधि में नियोजित कार्मिकों के विरुद्ध जारी लेबर लाइसेंस एवं कार्यादेश की सूचीबद्ध जानकारी दस्तावेज सहित पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। अत: अन्य किसी कार्यवाही का प्रश्न नहीं उठता। (घ) आगर वृत्त अंतर्गत बाह्य स्त्रोत के माध्यम से नियोजित कार्मिकों हेतु निविदा/कार्यादेश अनुसार एवं श्रमायुक्त द्वारा समय–समय पर जारी अधिसूचना अनुसार वेतन भुगतान, ईपीएफ, ईएसआईसी, ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना इत्यादि अतिआवश्यक सुविधाएँ बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता फर्म से प्रदान करवाया जाना आदेशित है। उक्त के अतिरिक्त सेवा प्रदाता फर्म द्वारा ड्रेस (यूनिफार्म), परिचय पत्र, मानदेय एवं 15 दिवस की छुट्टी टेंडर की शर्तों के अनुसार प्रदान की जा रही है। उक्त सुविधाएं आगर वृत्त अंतर्गत बाह्य स्त्रोत के माध्यम से नियोजित कार्मिकों को दी जा रही है। अतः शेष प्रश्न नहीं उठता है। (ड.) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में बाह्य स्त्रोत के माध्यम से नियोजित कार्मिकों को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, ईएसआईसी में परिवार पंजीयन का लाभ प्रदान किया जा रहा है। बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता फर्म द्वारा अवगत कराया गया है कि प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना अंतर्गत 435 कार्मिकों को बीमाकृत किया जा चुका है एवं शेष कार्मिकों को बीमाकृत किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। तत्संबंध में बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता फर्म द्वारा आश्वासित किया गया है कि दिनांक 31.07.2025 तक शेष बचे बाह्य स्त्रोत कार्मिकों को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना एवं प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना अंतर्गत बीमाकृत कर दिया जावेगा। दिनांक 31.07.2025 की स्थिति में समस्त कार्मिकों के बीमा कराये जाने के प्रमाणित दस्तावेज कार्यालय अधीक्षण यंत्री (संचा./संधा.) वृत्त आगर में प्राप्त नहीं होने की स्थिति में माह जुलाई-2025 के देयक से नियमानुसार राशि का कटौत्रा कर लिया जावेगा। पूर्व में फर्म की अनियमितता प्रमाणित होने पर माह मई-2025 के देयक से राशि रू. 5,00,500/- का अवधारण किया जा चुका है तथा माह जून-2025 के देयक से राशि रू. 4,00,000/- का अवधारण किया जा रहा है। (च) जी नहीं। आगर वृत्त अंतर्गत बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता फर्म द्वारा निविदा की शर्तों अनुसार बाह्य स्त्रोत कार्मिकों को सुविधाएं दी जा रही है एवं नियमानुसार ही बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता फर्म के देयक पारित किये जा रहे है। अतः शेष प्रश्न नहीं उठता है।
प्रधानमंत्री आवास योजना के नियमों का सरलीकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
47. ( क्र. 1237 ) श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रधानमंत्री आवास जो हितग्राहियों को नगरीय क्षेत्रों में दिये जा रहे है उन आवासों को पाने हेतु शासन के इतने जटिल नियम बनाये गये है कि भूखण्डों की रजिस्ट्री मांगी जाती है यदि हितग्राही इतना बड़ा पैसे वाला होगा जो भूखण्ड खरीद सकेगा तो फिर वह प्रधानमंत्री आवास क्यों लेगा वह स्वयं की राशि से मकान निर्माण कर लेगा इसलिये शासन स्तर से नियमों का सरलीकरण किया जाये जिससे गरीब परिवारों के हितग्राही शासन की योजना लाभ ले सकें। (ख) क्या खरगापुर विधान सभा के नगर बल्देवगढ़, खरगापुर, पलेरा में जो प्रधानमंत्री आवासों की सूची तैयार की गई है उसमें पलेरा नगर परिषद् में कितने नामों पर दावा आपत्ति की गई तथा नगर परिषद् बल्देवगढ़ में कितने नामों पर दावा आपत्ति की गई तथा नगर परिषद् खरगापुर में कितने नामों पर दावा आपत्ति की गई फिर उसके निराकरण के बाद कितने हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास का लाभ दिया गया सम्पूर्ण जानकारी से अवगत कराते हुये समस्त पत्रावली की प्रमाणित प्रतियां उपलब्ध करायें। (ग) क्या बहुत से हितग्राहियों के पास अपनी जमीनों के पट्टे भी नहीं है, नगर परिषदों द्वारा विभाग में दर्ज भी नहीं है और गरीबी हालत में हैं निवास की कोई व्यवस्था नहीं झोपड़ी बनाकर रह रहे है ऐसे हितग्राही दस्तावेजों के अभाव में आवास का लाभ नहीं ले पा रहे है, पूरे प्रदेश सहित टीकमगढ़ जिले का आंकड़ा लाभान्वित हितग्राहियों का सबसे कम है इसलिये जनहित में इसका सरलीकरण नियमों में किया जायेगा। यदि हाँ तो कब तक यदि नहीं तो क्यों? कारण स्पष्ट करें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 के संबंध में भारत सरकार, आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के दिशा-निर्देश एवं मप्र शासन, नगरीय विकास एवं आवास विभाग के पत्र क्रमांक FUDH/9/0009/2025/18-2 दिनांक 17.03.2025 अनुसार पात्र हितग्राहियों को भारत सरकार के एकीकृत वेब पोर्टल पर आवेदन करने पर पात्रतानुसार आवास का लाभ दिये जाने का प्रावधान है। (ख) नगर परिषद् बल्देवगढ़, खरगापुर एवं पलेरा में प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के संबंध में आवेदकों की सूची संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। सूचियों के अनुमोदन के संबंध में विधानसभा क्षेत्र की तीनों निकायों के प्रकरण एवं पत्रों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ग) उत्तरांश-''क'' के प्रावधान अनुसार ही लाभ दिया जा सकता है। मप्र के नगरीय क्षेत्रों में पट्टाधृति नियम 1984 के प्रावधान अनुसार आवासहीन भूमिहीन पात्र हितग्राहियों को पट्टा दिये जाने की योजना तथा अन्य प्रकरणों में धारणाधिकार दिये जाने का प्रावधान भी है। तदानुसार लाभ सुनिश्िचत हो सकेगा। योजना के प्रथम चरण में टीकमगढ़ जिले की निकायों में लाभांवित परिवारों की कुल जनसंख्या अनुपात राज्य के औसत से अधिक है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नवीन लाईन स्थापित किया जाना
[ऊर्जा]
48. ( क्र. 1238 ) श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगापुर विधान सभा-47 के कई स्थानों पर बिजली की नई लाइनें स्थापित किये जाने विभागीय मद से विद्युतीकरण किये जाने के प्रस्ताव ऊर्जा विभाग को कई बार पत्रों के माध्यम से अवगत कराया गया। (ख) प्रश्नांश (क) सन्दर्भ में माननीय मंत्री जी द्वारा पत्र क्र. 2197 A/मंत्री/ऊर्जा/20 दिनांक-7/11/2024 एवं पत्र क्र. 2552A/मंत्री/ऊर्जा/20 दिनांक 27/12/2024 के अनुसार प्रश्नकर्ता को सूचित किया गया कि विधान सभा खरगापुर के अंतर्गत विभिन्न स्थानों पर विभागीय मद से विद्युतीकरण करने एवं नवीन खंबे स्थापित किये जाने हेतु प्रस्तावों के परीक्षण उपरांत समुचित कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या विभाग द्वारा प्रस्तावों के अनुसार क्या परीक्षण किया गया तथा प्राक्कलन तैयार किये गये यदि हाँ तो सम्पूर्ण जानकारी से अवगत कराये? यदि नहीं तो क्यों? (घ) क्या खरगापुर विधान सभा के क्षेत्रवासियों द्वारा बार-बार माँग की जा रही है कि विद्युतीकरण कराया जाना अति आवश्यक है और काफी लम्बे समय के व्यतीत हो जाने के बाद भी प्रश्नकर्ता प्रस्तावों के अनुसार विभागीय मद से विद्युतीकरण नहीं हो पा रहा है क्या जनहित को ध्यान में रखते हुये अतिशीघ्र विद्युतीकरण कराये जाने के आदेश जारी करेगे? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) जी हाँ। माननीया प्रश्नकर्ता विधायक महोदया के पत्र दिनांक 10.10.2024 एवं पत्र दिनांक 23.12.2024 में उल्लेखित प्रस्तावों का परीक्षण म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा किया गया है एवं परीक्षण उपरान्त की गई कार्यवाही का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उल्लेखनीय है कि म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत समय-समय पर प्राप्त विद्युतीकरण संबंधी मांगों/प्रस्तावों का परीक्षण कर, तकनीकी/वित्तीय साध्यता अनुरूप, कार्यों को कार्य योजना अथवा संचालित योजनाओं में निहित प्रावधानों के अनुसार प्रस्तावित कर पूर्ण करवाये जाते है। उत्तरांश (ख) में उल्लेखित पत्रों के माध्यम से प्राप्त मांगों/प्रस्तावों पर वर्तमान में विभागीय मद से कार्य करवाया जाना प्रस्तावित नहीं है। तथापि राज्य शासन के पत्र दिनांक 05.05.2025 के द्वारा अविद्युतीकृत बसाहटों/मजरों/टोलों/घरों के विद्युतीकरण के संबंध में जारी दिशा-निर्देशों के तारतम्य में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत शेष अविद्युतीकृत घरों के विद्युतीकरण कार्य हेतु विस्तृत सर्वे कार्य किया जा रहा है। सर्वे उपरान्त अविद्युतीकृत मजरों/टोलों/बसाहटों के विद्युतीकरण के कार्य हेतु विस्तृत कार्य योजना तैयार कर नोडल एजेंसी मेसर्स पी.एफ.सी., विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार को प्रेषित की जाएगी।
नगर पालिका द्वारा किए गए विकास कार्यों में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
49. ( क्र. 1252 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा हरदा कलेक्टर सहित विभागीय उच्च अधिकारियों प्रेषित किए गए पत्र क्रमांक/410/विधायक हरदा/21/2024 हरदा दिनांक 23/05/2024, पत्र क्रमांक/412/विधायक हरदा/21/2024 हरदा दिनांक 23/05/2024 एवं पत्र क्रमांक/414/विधायक हरदा/21/2024 हरदा दिनांक 23/05/2024 पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) क्या हरदा कलेक्टर द्वारा उक्त शिकायतों के संबंध में शिकायत दल गठित कर कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा हरदा एवं महाप्रबंधक ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण हरदा को गहनता से जाँच किए जाने एवं गुणवत्ता/तकनीकी बिन्दुओं पर जाँच रिपोर्ट मांगी गई थी। जिसके लगभग 05 स्मरण पत्र संबंधित अधिकारियों को प्रेषित किए जा चुके है? (ग) यदि हाँ तो जाँच दल के अधिकारियों को स्मरण दिए जाने के पश्चात भी प्रश्न दिनांक तक जाँच अधिकारियों द्वारा जाँच रिपोर्ट प्रस्तुत क्यों नहीं की गई? (घ) क्या नगर पालिका हरदा द्वारा वास्तविकता में उपरोक्त कार्यों में भ्रष्टाचार किया गया है? यदि हाँ तो दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) कार्यालयीन आदेश क्रमांक 10704/मंसावि/मॉनी/2024 हरदा दिनांक 25/07/2025 के द्वारा दल गठित कर कार्यपालन यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, हरदा एवं महाप्रबंधक, ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण, हरदा को गहनता से जांच किए जाने एवं गुणवत्ता/तकनीकी बिंदुओं पर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने हेतु आदेशित किया गया है एवं रिपोर्ट प्राप्त नहीं होने की दशा में संबंधित अधिकारियों को 06 स्मरण पत्र जारी किए जा चुके हैं। (ख) जी हाँ। प्रश्न दिनांक तक इस कलेक्टर कार्यालय द्वारा संबंधित अधिकारियों, कार्यपालन यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, हरदा एवं महाप्रबंधक, ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण, हरदा को 06 स्मरण पत्र जारी किये जा चुके हैं। (ग) शिकायत के संबंध में जांच दल के अधिकारियों से प्रतिवेदन दिनांक 17/07/2025 को प्राप्त हुआ। प्राप्त प्रतिवेदन में स्पष्ट अभिमत अंकित नहीं होने एवं अपूर्ण प्रतिवेदन होने से कार्यालयीन पत्र क्रमांक 6526/मंसावि/मॉनी/2025 के द्वारा पुनः स्पष्ट अभिमत सहित पूर्ण प्रतिवेदन प्रस्तुत करने हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया। (घ) शिकायत अंतर्गत जांच की कार्यवाही प्रचलित है।
हरदा रेलवे स्टेशन की दुकानों की तोड़-फोड़
[नगरीय विकास एवं आवास]
50. ( क्र. 1253 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले में रेलवे स्टेशन के पास स्थित दुकानें जिन्हें नगर पालिका हरदा व जिला प्रशासन द्वारा तोड़ा गया है। उन दुकानों पर किसका स्वामित्व था? (ख) जो दुकानें तोड़ी गई हैं क्या वह विगत 60-65 वर्षों से लीज पर आवंटित थी? यदि हाँ तो दुकानों को तोडे़ जाने का क्या कारण है? (ग) क्या दुकानों की लीज निरस्त किए बिना दुकानें तोड़ी जा सकती है? (घ) तोड़ी गई दुकानों का लीज आवंटन किस आधार पर था व दुकानों को तोड़ने का क्या आधार है? (ड.) जिन लीज धारकों की दुकानें तोड़ी गई हैं, उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने व उनके व्यवस्थापन की क्या योजना है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) भूमि पर स्वामित्व म.प्र. शासन का है। दुकानों पर आधिपत्यधारियों का अनाधिकृत आधिपत्य था। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। (घ) तोड़ी गई 32 दुकानें अस्थायी वार्षिक लायसेंस पर तथा चार दुकानें तीन वर्षीय लीज पर थी। लायसेंस अवधि एवं लीज अवधि समाप्त हो जाने से सभी दुकानों पर अनाधिकृत आधिपत्य होने से कब्जा हटाया गया है। (ड.) अनाधिकृत कब्जा हटाये जाने से रोजगार उपलब्ध कराने एवं व्यवस्थापन के संबंध में कार्ययोजना बनाये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विद्युतीकरण की जानकारी
[ऊर्जा]
51. ( क्र. 1257 ) श्री मधु भगत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र 110 परसवाड़ा में ऐसे कितने ग्रामों/टोलो/मजरों आदि में घरेलू विद्युत कनेक्शन के आवेदन प्राप्त हुए एवं जिन आवेदकों से समस्त औपचारिकताएं पूर्ण कर ली है ऐसे कितने स्थायी कनेक्शन जारी कराना बाकी है। जिनके घरों में स्थायी कनेक्शन नहीं है वितरण केन्द्रवार संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करावे। (ख) उपरोक्तानुसार स्थायी विद्युत कनेक्शन किये जाने का कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? क्या सैकड़ों लोगों के आवेदन किये जाने के बावजूद स्थायी विद्युत कनेक्शन शासन के विद्युत पोल कनेक्टिविटी न होने से हो रही है? यदि हाँ तो शेष स्थानों पर विद्युत पोल सहित विद्युतीकरण कार्य कब तक किया जायेगा? (ग) समस्त बालाघाट जिले में कौन लोक सेवक किस कार्यालय में कब से पदस्थ हैं? नामवार,कार्यालयवार पदनाम सहित वर्तमान पदस्थापना एवं कार्यरत स्थान की जानकारी कॉलमवार उपलब्ध करावें। (घ) विगत 6 माह में विधानसभा क्षेत्र परसवाड़ा में समस्त फीड़रों पर औसतन प्रतिदिन कितने घण्टे विद्युत प्रदाय किया गया तथा विद्युत प्रदाय अवरूद्ध होने के क्या कारण थे? कुल प्रतिदिन कितने घण्टों विद्युत सप्लाई किया जाना प्रस्तावित है। कृषकों एवं घरेलू उपभोक्ताओं का पृथक-पृथक जानकारी देवें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) विधानसभा क्षेत्र परसवाड़ा अंतर्गत ग्रामों/टोलों/मजरों आदि में निवासरत परिवारों/आवेदकों से स्थायी विद्युत कनेक्शन हेतु प्राप्त आवेदनों जिनमें समस्त औपचारिकताएं पूर्ण हैं, के विरूद्ध स्थायी कनेक्शन दिया जाना शेष नहीं है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (ग) बालाघाट जिले में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत पदस्थ लोक सेवकों की प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) विगत 06 माह में परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 11 के.व्ही. गैर कृषि फीडरों पर प्रतिदिन औसतन 22:53 घंटे एवं 11 के.व्ही. कृषि फीडरों पर 09:22 घंटे विद्युत प्रदाय किया गया है। उल्लेखनीय है कि विद्युत लाईनों/अद्योसंरचना के रख-रखाव हेतु पूर्व निर्धारित शट-डाउन लेने तथा तकनीकी कारणों/प्राकृतिक आपदा से आये आकस्मिक व्यवधानों जैसी अपरिहार्य स्थिति के कारण कतिपय अवसरों पर विद्युत प्रदाय बाधित होता है, जिसे आवश्यक रख-रखाव/सुधार कार्य कर शीघ्र ही सुचारू कर दिया जाता है। विद्युत अद्योसंरचना के आवश्यक रखरखाव कार्य हेतु लिए जाने वाले शटडाउन की सूचना विद्युत उपभोक्ताओं को अखबार एवं अन्य माध्यमों से दी जाती है। प्रदेश के समस्त घरेलू सहित सभी गैर कृषि उपभोक्ताओं को 24 घंटे एवं कृषि उपभोक्ताओं को 10 घंटे विद्युत प्रदाय किये जाने का प्रावधान है।
प्रस्तावित कार्यों की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
52. ( क्र. 1259 ) श्री मधु भगत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में लोक निर्माण विभाग द्वारा विगत तीन वर्षों में किन-किन निर्माण कार्यों के प्रस्ताव जिला प्रशासन द्वारा राज्य शासन को प्रेषित किये गए तथा वर्तमान में कितने प्रस्ताव जिला स्तर पर प्रस्तावित हैं, जो कि शासन को नहीं भिजवाये गए? विकासखण्डवार, ग्रामवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) राज्य स्तर पर भेजे गए निर्माण कार्य के प्रस्तावों में कितने पद स्वीकृत हुए तथा कितने बाकी हैं? कार्यवार कारण स्पष्ट करें। (ग) जिले में कुल कितने लोक सेवकों के पद स्वीकृत हैं तथा कितने पद रिक्त हैं? पदनाम सहित कार्यालयवार जानकारी देवें। रिक्त पदों की पूर्ती कब तक की जावेगी? (घ) समस्त विधानसभा क्षेत्र में सेतु संभाग से विगत तीन वर्षों में राज्य शासन को भेजे गए कार्यों की सूची उपलब्ध करायें। उक्त कार्य कब तक पूर्ण होंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) लोक निर्माण विभाग द्वारा प्रेषित निर्माण कार्यों के प्रस्तावों में पद स्वीकृति का कोई प्रावधान नहीं रहता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-1' एवं 'ब' अनुसार है। समय-सीमा बताना संभव नहीं। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
ऑडिटोरियम भवन निर्माण कार्य की स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
53. ( क्र. 1262 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्र में ऑडिटोरियम भवन नहीं होने के कारण सभी वर्गों के लोगों को अनेक प्रकार के कार्यक्रम आयोजित करने में बहुत अधिक असुविधाओं व परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऑडिटोरियम भवन निर्माण कार्य में लगभग 5.00 करोड़ रूपये की लागत राशि लगेगी। परासिया विधानसभा क्षेत्र के नगर चांदामेटा में ऑडिटोरियम भवन निर्माण कार्य हेतु पर्याप्त शासकीय भूमि भी उपलब्ध है। नगर चांदामेटा में ऑडिटोरियम भवन निर्माण कार्य की स्वीकृति के सम्बंध में विभाग द्वारा कब तक कार्यवाही की जायेगी? (ख) ऑडिटोरियम भवन निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान किये जाने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा मान. मुख्यमंत्री महोदय जी को अनुस्मरण 01 पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2025/317 दि. 02.06.2025 व मान. विभागीय मंत्री महोदय को अनुस्मरण 03 पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2025/135 दि. 10.03.2025 को प्रेषित किये गये हैं, उन पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई है? कब तक कार्यवाही व विभिन्न औपचारिकताओं को पूर्ण करते हुए, नगर चांदामेटा में ऑडिटोरियम भवन निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान कर दी जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. भोपाल के पत्र क्रमांक - 7995 दिनांक 15.07.2025 द्वारा मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद् चांदामेटा, जिला छिन्दवाड़ा को लिखा गया है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार कार्यवाही की गई है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विद्युत योजनाओं की जानकारी
[ऊर्जा]
54. ( क्र. 1265 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक सिवनी विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में विभाग व कंपनी द्वारा किन-किन योजनाओं के माध्यम से क्या-क्या कार्य कराये गये? सूची उपलब्ध करावें तथा इन योजनाओं में वर्षवार स्वीकृत किये गये बजट की जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) अवधि में सिवनी विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत नवीन विद्युत उपकेन्द्र, नवीन ट्रांसफार्मर, ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि आदि कार्य शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में किस-किस फर्म/एजेन्सी/ठेकेदारों को करने के आदेश दिये गये तथा कितने कार्य पूर्ण हुये? कितने अपूर्ण हैं? वर्षवार सूची उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) अवधि तक सिवनी विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जर्जर एवं क्षतिग्रस्त विद्युत पोल, एल.टी. लाइन आदि के कारण दुर्घटना में मृत्यु की कौन-कौन सी शिकायत कब-कब प्राप्त हुई है? मृतक का नाम एवं पता सहित जानकारी देवें। उक्त प्रकरणों में कौन-कौन से प्रकरण में कितनी-कितनी राशि संबंधित हितग्राही हेतु स्वीकृत की गई है एवं कितने प्रकरण लंबित है? लंबित होने के कारण सहित जानकारी देवें। (घ) सिवनी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कौन-कौन से ग्राम में कितने-कितने ट्रांसफार्मर आबादी हेतु स्वीकृत किये गये है? ग्रामवार, स्थानवार जानकारी देवें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में सिवनी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में संचालन-संधारण, वृत्त सिवनी द्वारा विभिन्न योजनाओं के माध्यम से कराये गये कार्यों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-(क) अनुसार है। म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर अंतर्गत प्रश्नाधीन अवधि में विभिन्न योजनाओं में आवंटित बजट की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'क-1' अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में प्रश्नाधीन क्षेत्र में नवीन विद्युत अधोसंरचना निर्माण कार्यों से संबंधित क्रियान्वयन एजेंसी एवं कार्यों की स्थिति की प्रश्नाधीन चाही गई वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-(ख) अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में प्रश्नाधीन क्षेत्रान्तर्गत शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जर्जर एवं क्षतिग्रस्त विद्युत पोल, एल.टी. लाइन आदि के कारण घटित घातक विद्युत दुर्घटनाओं से संबंधित प्रश्नाधीन चाही गयी दुर्घटना दिनांक, मृतक का नाम, पता, प्रदाय की गई आर्थिक सहायता राशि इत्यादि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-(ग) अनुसार है। प्रश्नाधीन क्षेत्रान्तर्गत घातक विद्युत दुर्घटनाओं के सभी प्रकरणों में पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता राशि प्रदान कर दी गयी है एवं कोई भी प्रकरण लंबित नहीं है। (घ) प्रश्नाधीन अवधि में प्रश्नाधीन क्षेत्रान्तर्गत ग्रामों में आबादी हेतु स्वीकृत ट्रांसफार्मरों की ग्रामवार, स्थानवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'घ' अनुसार है।
पावर प्लांट उद्योगों में कोयला भंडारण से उत्पन्न जोखिम
[ऊर्जा]
55. ( क्र. 1268 ) श्री महेश परमार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पावर प्लांट उद्योगों में बिजली उत्पादन हेतु कच्चे माल (कोयला) भंडारण की नियमावली क्या है? नियमों की प्रमाणित प्रति उपलब्ध कराएं। (पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986, धारा 3 केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड दिशा-निर्देश) (ख) क्या कोयला भंडारण रिहायशी क्षेत्रों में किया जा सकता है? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत? नियमों की प्रति एवं भंडारण हेतु जारी सक्षम अधिकारी की अनुमति उपलब्ध कराएं। (म.प्र. भू-राजस्व संहिता, 1959, धारा 108; पर्यावरण प्रभाव आकलन अधिसूचना, 2006). (ग) उज्जैन जिले के नागदा में ग्रासिम उद्योग द्वारा विद्युत उत्पादन हेतु कोयला भंडारण कहाँ किया जा रहा है? भंडारण क्षेत्र से निकटतम रिहायशी क्षेत्र की दूरी कितनी है? प्रमाण सहित विवरण दें। (घ) क्या ग्रासिम उद्योग द्वारा कोयला भंडारण रिहायशी क्षेत्र के पास किया जा रहा है, जिससे गंभीर दुर्घटना एवं जानमाल का जोखिम और कोयले की गैस/पाउडर से जनमानस को गंभीर बीमारियां हो रही हैं? यदि हाँ, तो इसके लिए दोषी कौन हैं? दोषियों के विरुद्ध क्या कार्यवाही, कब तक होगी? समयावधि बताएं। (वायु प्रदूषण निवारण अधिनियम, 1981, धारा 21; आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005, धारा 36). (ड.) उपरोक्त अनियमितताओं के लिए उद्योग विभाग द्वारा क्या कदम उठाए गए हैं? यदि नहीं, तो लापरवाही के लिए जिम्मेदार कौन हैं? (म.प्र. औद्योगिक नीति, 2018; म.प्र. सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965, नियम 3).
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) पावर प्लांट उद्योगों में बिजली उत्पादन हेतु कच्चे माल (कोयला) के भंडारण के लिए केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण द्वारा दिनांक 26.11.2021 को एक कैलेण्डर वर्ष के प्रत्येक माह हेतु कोयले के भंडार की मात्रा को दिनों की संख्या के रूप में निर्धारित कर निर्देश जारी किए गए थे। उक्त निर्देश की प्रमाणित छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। पावर प्लांट उद्योगों में बिजली उत्पादन के लिए कच्चे माल (कोयला) के भंडारण हेतु उक्त निर्देशों के अतिरिक्त कोई अन्य नियमावली की जानकारी उपलब्ध नहीं है। म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से प्राप्त जानकारी के अनुसार मेसर्स ग्रेसिम इंडस्ट्रीज लिमिटेड द्वारा पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार से पर्यावरण प्रभाव आकलन (ई.आई.ए.) अधिसूचना, 2006 के प्रावधानों के अंतर्गत पर्यावरणीय स्वीकृति प्राप्त की गई है। पर्यावरण प्रभाव आकलन (ई.आई.ए.) अधिसूचना, 2006 एवं पर्यावरणीय स्वीकृति की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' एवं 'स' अनुसार है। प्रश्नांश में उल्लेखित पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश में उल्लेखित भू-राजस्व संहिता, 1959, धारा 108 एवं पर्यावरण प्रभाव आकलन अधिनियम, 2006 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'इ' एवं 'ई' अनुसार है। (ग) म.प्र. इण्डस्ट्रियल डेव्हलपमेंट कॉर्पोरेशन से प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्रेसिम उद्योग द्वारा विद्युत उत्पादन हेतु कोयला भंडारण ग्रेसिम उद्योग परिसर, बिरलाग्राम, नागदा में किया जा रहा है, जो कि रिहायशी क्षेत्र से पृथक है। (घ) मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से प्राप्त जानकारी के अनुसार मेसर्स ग्रेसिम इंडस्ट्रीज लिमिटेड को जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1974 एवं वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के प्रावधानों के अंतर्गत जारी संचालन सम्मति तथा परिसंकटमय एवं अन्य अपशिष्ट (प्रबंधन एवं सीमापार संचालन) नियम 2016 के प्रावधानों के अंतर्गत प्राप्त प्राधिकार की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'फ' एवं पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 के अंतर्गत ताप विद्युत गृहों हेतु निर्धारित मानकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ज' अनुसार है। म.प्र. इण्डस्ट्रियल डेव्हलपमेंट कॉर्पोरेशन से प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्रेसिम उद्योग द्वारा कोयला भंडारण कारखाना परिसर में किया जाता है, जो कि रिहायशी क्षेत्र से पृथक है। कारखाना परिसर में उद्योग के उपयोग हेतु भण्डारित कोयले से जनमानस को किसी भी प्रकार की बीमारियों की शिकायत नहीं है। कोयला भंडारण से दुर्घटनाएं घटित न हो इस हेतु ग्रेसिम उद्योग द्वारा सुरक्षात्मक तरीके से कोयले का भंडारण किया जाता है। साथ ही फायर टेण्डर/अग्निशमन यंत्र/समुचित मात्रा में पानी/प्रशिक्षित फायरमैन की उपलब्धता निरन्तर सुनिश्चित की जाती है। उक्त के दृष्टिगत आज दिनांक तक कोई दुर्घटना घटित नहीं हुई है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ड.) उत्तरांश (ग) एवं (घ) में उल्लेखित जानकारी के दृष्टिगत शेष प्रश्न नहीं उठता।
नगर निगम द्वारा भवन स्वीकृति एवं पूर्णता प्रमाण पत्र का प्रदाय
[नगरीय विकास एवं आवास]
56. ( क्र. 1285 ) श्री अजय विश्नोई : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृपया नगर निगम जबलपुर ने वर्ष 2015 से 2025 तक कितने भवन को भवन स्वीकृति प्रदान की है और कितने भवन को भवन पूर्णता प्रमाण पत्र प्रदान किया है? (ख) क्या नगर निगम भवन निर्माण की स्वीकृति तो प्रत्येक भवन के लिये देता है परन्तु भवन निर्माण की पूर्णता का प्रमाण पत्र देने में ढिलाई करता है? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) हाँ है तो जिस भवन का निर्माण वर्षों पहले पूरा हो चुका है परन्तु आज तक उन्हें भवन पूर्णता प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं कराया गया है, अब उसके एक अंश के लिये फायर NOC देते समय भवन पूर्णता प्रमाण पत्र की शर्त क्यों और कैसे जोड़ रहे हैं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर निगम जबलपुर द्वारा 2015 से 30.06.2025 तक प्रस्तावित प्रकरणों में कुल 23, 047 भवनों को भवन अनुमति प्रदान की गयी है। ABPAS पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन भवन स्वामी द्वारा म.प्र. भूमि विकास नियम, 2012 के अंतर्गत नियम 31 (2) च एवं 31 (2) छ के अनुसार आवेदन प्रस्तुत करने पर वर्तमान तक 29 भवनों को कार्य पूर्णत प्रमाण पत्र दिया गया है। (ख) जी नहीं। नियमानुसार आवेदन प्राप्त होने पर भवन कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र दिया जाता है। निगम में वर्तमान में कोई भी आवेदन लंबित नहीं है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जर्जर विद्युत तार बदलने की योजना
[ऊर्जा]
57. ( क्र. 1286 ) श्री अजय विश्नोई : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग इस तथ्य से अवगत है कि प्रदेश के विद्युत वितरण व्यवस्था में लगे तार पुराने और अत्यधिक जर्जर हो चुके हैं, जब-तब टूटते रहते हैं। विद्युत लॉस होता है। विद्युत प्रदाय में व्यवधान होता है और दुर्घटना भी होती है? (ख) क्या विभाग इन पुराने जर्जर हो चुके तारों को बदलने की कोई योजना बना रहा है? यदि हाँ तो योजना का स्वरूप क्या होगा और योजना पर काम कब से प्रारम्भ होगा? (ग) क्या विभाग ने सर्वे कराकर यह पाया है कि सिंचाई पंप अपनी स्वीकृत क्षमता से ज्यादा विद्युत का उपयोग कर रहे हैं? तदानुसार विभाग ने अब किसानों से बढ़े हुये विद्युत भार के अनुसार बिल वसूलना प्रारम्भ कर दिया है। (घ) कृपया विभाग सिंचाई पंपों के बढ़े हुये विद्युत भार के अनुरूप ट्रांसफार्मरों को भी अधिक क्षमता के लगाने की योजना का स्वरूप और टाइम लाइन बतलाने का कष्ट करें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रदेश में स्थापित विद्युत अधोसंरचना कतिपय स्थलों पर कई वर्ष पूर्व से स्थापित होने के कारण विद्युत प्रदाय कर रहे तार पुराने हैं, जिनका प्रणाली सुदृढ़ीकरण हेतु समय-समय पर प्रचलित योजनाओं के तहत उन्नयन का कार्य किया जाता है, जो कि एक सतत् प्रक्रिया है। साथ ही स्थानीय विद्युत उपभोक्ताओं द्वारा तार खराब होने अथवा टूटने की शिकायत प्राप्त होने पर यथाशीघ्र सुधार कार्य कर विद्युत प्रदाय सुचारू कर दिया जाता है। उल्लेखनीय है कि स्थापित विद्युत अधोसंरचना के रख-रखाव का कार्य मानसून पूर्व एवं मानसून अवधि के पश्चात करने के अलावा विद्युत व्यवधानों/दुर्घटनाओं को कम करने के उद्देश्य से पूरे वर्ष सतत रूप से किया जा रहा है। (ख) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार पुराने तार, प्रणाली सुदृढ़ीकरण योजनाओं में सतत् रूप से बदले जाते हैं तथा वर्तमान में केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना के तहत स्वीकृत निम्नदाब लाइनों के केबलीकरण, 11 के.व्ही. लाइनों के इंटरकनेक्शन तथा कण्डक्टर क्षमता वृद्धि के कार्यों से विद्युत लाइनों को बदलने/सुदृढ़ीकरण का कार्य किया जा रहा है। उक्त स्वीकृत कार्यों का कंपनीवार विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विद्युत वितरण कंपनियों के क्षेत्रान्तर्गत कृषि पंप उपभोक्ताओं के पंप कनेक्शनों के भार का मापन कराया गया है एवं कुछ कृषि पंप उपभोक्ताओं का संबद्ध भार स्वीकृत भार से अधिक एवं कुछ प्रकरणों में भार स्वीकृत भार से कम भी पाया गया है। उपभोक्ताओं को विदयुत भार के अनुरूप बिल जारी किये जा रहे हैं। (घ) वितरण ट्रांसफार्मर अतिभारित पाये जाने की स्थिति में समय-समय पर नियमानुसार प्रणाली सुदृढ़ीकरण योजना अथवा सामान्य विकास योजना के तहत तकनीकी साध्यता अनुसार क्षमता वृद्धि अथवा अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर की स्थापना के प्रस्ताव पर सक्षम स्वीकृति उपरांत वितरण ट्रांसफार्मर स्थापना की कार्यवाही की जाती है, जो कि एक सतत् प्रक्रिया है। समस्त विद्युत वितरण कंपनियों की वार्षिक कार्ययोजना अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2025-26 में वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि के प्रस्तावित कार्यों का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
कर्मचारियों का नियमितीकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
58. ( क्र. 1321 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. भोपाल के पत्र क्रमांक एक/05/284/2025/10187 भोपाल दिनांक 19.05.2025 को दैनिक वेतन भोगी, अस्थाई कर्मचारियों की जानकारी चाही गई थी किन्तु प्रश्न दिनांक तक नियमितीकरण करने के निर्देश जारी नहीं किये गये हैं? कब तक निर्देश प्रसारित किये जायेंगे? समय-सीमा सुनिश्चित की जाये? (ख) मध्यप्रदेश की नगर परिषदों, नगर पालिकाओं एवं नगर निगमों में 10 वर्षों से अधिक समय से निरंतर कार्यरत दैनिक वेतन भोगी/मस्टर कर्मचारियों को स्वीकृत पदों के विरूद्ध नियमितीकरण की कार्यवाही कब तक की जायेगी? समय-सीमा बतावें। (ग) निकायों में कार्यरत स्थाई कर्मी जिस पद की योग्यता रखते हैं, उस रिक्त पद में नियमितीकरण की कार्यवाही के निर्देश कब तक प्रसारित किये जायेंगे? समय-सीमा बतायें। (घ) क्या निकायों में कार्यरत स्थाई कर्मी, दैनिक वेतन भोगी, मस्टर कर्मचारियों से निकायों के महत्वपूर्ण कार्य कराये जाते हैं किन्तु रिक्त पदों के विरूद्ध नियमितीकरण की कार्यवाही नहीं जा रही है, पूर्व में मध्यप्रदेश शासन, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग मंत्रालय के पत्र क्रमांक एफ 4-143/2007/18-1 भोपाल दिनांक 18 जून 2010 के द्वारा नगरीय निकायों में नियमितीकरण की कार्यवाही की गई थी, क्या उसी आदेश के तारतम्य में पुन: नियमितीकरण के आदेश प्रसारित किये जायेंगे? यदि नहीं तो क्यों? यदि हाँ तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। शेष प्रश्नांश की कार्यवाही सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा इस संबंध में निर्देश जारी होने के बाद की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) उतरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उतरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
राशि वसूली के साथ आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
59. ( क्र. 1329 ) श्री अभय मिश्रा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा प्रश्न क्रमांक 848 उत्तर दिनांक 13.02.24 के प्रश्नांश (ख) में जी हाँ राशि रूपये 10, 26, 776/- नहीं जमा किये गये जाने की जानकारी दी गई एवं प्रश्नांश (घ) के उत्तर में संचालनालय द्वारा पत्र क्रमांक 02/2024 दिनांक 03.02.2024 से संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन रीवा संभाग को लिखा गया राशि वसूली एवं पत्र पर कार्यवाही की स्थिति बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में नगर परिषद् सेमरिया द्वारा अवैध निर्माण पर पत्र कमांक 61 सेमरिया दिनांक 10.1.22 के द्वारा भवन अनुज्ञा के संबंध में जारी पत्र पर क्या कार्यवाही की गई? प्रति देवे। अगर नहीं की गई तो क्यों? बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तारतम्य में नगर परिषद् सेमरिया में बाजार बैठकी, सामग्री सप्लाई एवं निर्माण कार्यों में संविदाकारों द्वारा जमा की गई अरेन्टमनी एवं सिक्योरिटी मनी/एफ.डी.आर. व बैंक गारंटी की प्रति निर्माण कार्यवार, अनुबंधवार वर्ष 2020 से प्रश्नांश दिनांक तक की देवें। इनकी जांच राज्य स्तर से करावेंगे। नहीं तो क्यों? कितने कार्य हैं जिनसे बैंक गारंटी/एफ.डी.आर. नहीं ली गई, तो क्यों? जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ख) के नगर परिषद् के नगर पालिका अधिकारी, जिनके पास तीन परिषदों का प्रभार है, पृथक से मुख्य नगरपालिका अधिकारी बाबत् क्या निर्देश देंगे? बतावें। नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास, म.प्र. भोपाल का पत्र क्रमांक/शाखा-02./वि.स./2024/2289, भोपाल, दिनांक 03.02.2024 के माध्यम से जाँच हेतु निर्देशित किया गया है। संभागीय संयुक्त संचालक को स्मरण कराते हुये यथाशीघ्र जांच कर जांच प्रतिवेदन प्रेषित करने निर्देशित किया गया है। (ख) कार्यवाही संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। जाँच की कार्यवाही प्रचलित है। नगर परिषद् सेमरिया, जिला-रीवा (म.प्र.) द्वारा शासन नियमानुसार संविदाकारों से सिक्योरिटी मनी जमा कराई जाती है। (घ) नगरीय निकायों में प्रशासनिक आवश्यकता एवं विभाग में अधिकारियों की उपलब्धता के आधार पर मुख्य नगरपालिका अधिकारी के रिक्त पदों पर अन्य नगरीय निकायों के मुख्य नगरपालिका अधिकारियों अथवा प्रभारी मुख्य नगरपालिका अधिकारियों को अपने कार्य के साथ-साथ रिक्त मुख्य नगरपालिका अधिकारी के पदों का प्रभार दिया जाता है। मुख्य नगरपालिका अधिकारी के रिक्त पद पर पदस्थापना होने पर अतिरिक्त प्रभार स्वमेव समाप्त हो जाता है। अतः किसी प्रकार के निर्देश दिये जाने के आवश्यकता नहीं है।
राशि वसूली के साथ अन्यत्र स्थानांतरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
60. ( क्र. 1330 ) श्री अभय मिश्रा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा पत्र क्रमांक 653/2024 दिनांक 28.10.24, पत्र क्र. 664/2024 दिनांक 06.11.24, पत्र क्र. 655/2024 दिनांक 28.10.24 एवं पत्र क्र. 656/2024 दिनांक 28.10.24, पत्र क्र. 663/2024 दिनांक 06.11.24, पत्र क्र. 654/2024 दिनांक 28.10.2024, पत्र क्र. 652/2024 दिनांक 28.10.24 के संबंध में मुख्य सचिव म.प्र. भोपाल को लिखे गये कार्यवाही का विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में म.प्र. शासन नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा पत्र क्रमांक 4371 दिनांक 02.12.24 एवं पत्र क्रमांक 4368 दिनांक 02.12.24 के द्वारा आयुक्त नगरीय विकास को पत्रों का परीक्षण कर कार्यवाही का लेख किया गया था, जिस पर कार्यवाही अप्राप्त है, तो क्यों? बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार रीवा/मऊगंज जिले में नगरीय निकायों में कितने अधिकारी/कर्मचारी कब से पदस्थ हैं का विवरण पदनाम सहित देवें। इन पर विभागीय जांच/आपराधिक प्रकरण की जानकारी पृथक से देवें। श्री हरी शंकर मिश्र प्रभारी कार्यपालन यंत्री नगरीय प्रशासन विभाग रीवा संभाग में 15 वर्षों से एक ही पद एवं जगह पर पदस्थ है, जो स्थानीय निवासी हैं। इनके स्थानांतरण के साथ अवैधानिक तरीके से अर्जित संपत्ति की जांच उच्च समिति/लोकायुक्त/ई.ओ.डब्ल्यू. से कराने बाबत् क्या निर्देश देंगे? बतावें। नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में उल्लेखित अनुसार कार्यवाही बाबत् क्या निर्देश देंगे? बतावें। अगर नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) माननीय विधायक महोदय द्वारा प्रस्तुत पत्रों के संदर्भ में कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) संदर्भित पत्रों के अनुक्रम में अमृत मिशन अंतर्गत क्रियान्वित योजनाओं एवं मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना की अद्यतन स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। जी नहीं। श्री हरिशंकर मिश्रा, प्रभारी कार्यपालन यंत्री के पद पर दिनांक 29.07.2020 से संभागीय संयुक्त संचालक कार्यालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास, रीवा संभाग में पदस्थ है। पूर्व में श्री हरिशंकर मिश्रा उपयंत्री एवं सहायक यंत्री के पद पर पदस्थ थे। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। उपरोक्त के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सिहोरा नगर पालिका क्षेत्र के नाले पर अतिक्रमण
[नगरीय विकास एवं आवास]
61. ( क्र. 1371 ) श्री संतोष वरकड़े : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग अंतर्गत सिहोरा नगर पालिका क्षेत्र में एक प्रमुख नाला बहता है जो समय के साथ संकीर्ण हो गया है तथा उस पर अनेक लोगों द्वारा अतिक्रमण कर लिया गया है? (ख) क्या शासन ने उक्त नाले के रख-रखाव सीमांकन एवं अतिक्रमण हटाने के संबंध में अब तक कोई कार्रवाई की है? यदि हाँ, तो विवरण देवें। यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या शासन इस नाले का विधिवत सीमाकंन कराकर अतिक्रमण हटवाने एवं नाले को उसकी मूल स्थिति में लाकर वर्षा ऋतु में जल भराव से बचाने हेतु कोई ठोस योजना बना रहा है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर पालिका परिषद् सिहोरा क्षेत्र में प्रमुख बाह्य नाला बहता है, जिसमें स्थायी अतिक्रमण नहीं है। नाले के आस-पास मिट्टी पूरकर अतिक्रमण करने की शिकायत प्राप्त होने पर नगर पालिका परिषद् द्वारा संबंधितों को पत्र क्र. 1390 दिनांक 16/5/24 से नोटिस दिया गया तथा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सिहोरा को रोक लगाने व संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही हेतु पत्र क्र. 1404 दिनांक 17/5/24 दिया गया। नगर पालिका परिषद् सिहोरा द्वारा अस्थायी अतिक्रमण हटाये गये हैं तथा वर्तमान में वर्षा ऋतु में जल भराव न हो इस हेतु नाले की समय-समय पर सफाई कराई गई है। (ख) जी हाँ, उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) नगर पालिका परिषद् सिहोरा द्वारा उत्तरांश अनुसार समय-समय पर कार्यवाही की गई है, जिसमें शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अंतर्राज्यीय मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
62. ( क्र. 1390 ) श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र कसरावद के ग्राम खलबुजुर्ग से बन्हेर भगवानपुरा अंतर्राज्यीय मार्ग का निर्माण किया गया है? अगर हाँ तो कब पूर्ण हुआ? उक्त मार्ग में कितने कि.मी. डामरीकृत है और कितने कि.मी. सीमेंट कंक्रीट रोड है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त मार्ग निर्माण के प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नकर्ता द्वारा घटिया निर्माण और गुणवत्ता को लेकर शिकायतें की गई है? अगर हाँ तो कब-कब और उन पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) वर्तमान में उक्त मार्ग की क्या स्थिति है? क्या कार्य एजेन्सी द्वारा डामरीकृत और कंक्रीट मार्ग क्षतिग्रस्त होने के बाद मार्ग का रिनिवल न करते हुए पेंचवर्क करने के कारण राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है? अगर हाँ तो जिम्मेदारों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की गई है? नहीं तो क्यों नहीं? कारण बताएं।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं, राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 347सी के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र कसरावद के ग्राम खलबुजुर्ग (NH-52 जंक्शन) से कसरावद-खरगोन-बिस्टान-बन्हेर-सरवरदेवला मार्ग का निर्माण किया गया है। उक्त मार्ग का निर्माण कार्य 15 मार्च 2023 को पूर्ण किया गया है। उक्त मार्ग में 41.68 कि.मी. डामरीकृत मार्ग है एवं 37.91 कि.मी. सीमेंट कंक्रीट मार्ग है। उक्त 37.91 कि.मी. कंक्रीट मार्ग में से 27.95 कि.मी. मार्ग में व्हाइट टॉपिंग की गयी है। (ख) जी हाँ। प्रश्नकर्ता माननीय विधायक श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव जी द्वारा दिनांक 20.03.2025 को मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग राष्ट्रीय राजमार्ग परिक्षेत्र भोपाल को गुणवत्ता को लेकर पत्र प्रेषित किया गया है। उक्त पत्र के सबंध में मुख्य अभियंता द्वारा ठेकेदार मे. बंसल कंस्ट्रक्शन वर्कस प्रा.लि. भोपाल को अनुबंध की धारा 14 के अंतर्गत दिनांक 27 मार्च 2025 को नोटिस जारी किया गया है। सुधार कार्य प्रगति पर है। (ग) वर्तमान में मार्ग परफॉरमेंस गारंटी में है। मार्ग की स्थिती संतोषप्रद है। ठेकेदार द्वारा डामरीकृत एवं कंक्रीट मार्ग का संधारण किया जा रहा है। वर्तमान में मार्ग पर रिनिवल की आवश्यक्ता नहीं है। मार्ग पर यातायात सुगमतापूर्वक संचालित है ठेकेदार को अनुबंध अनुसार सुधार कार्य करने हेतु निर्देशित किया गया है।
सड़कों की मरम्मत एवं नई स़ड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
63. ( क्र. 1391 ) श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र कसरावद में किन-किन स़ड़कों की मरम्मत/नई सड़कें बनाये जाने के प्रस्ताव प्रश्नकर्ता द्वारा दिए गए हैं? कितनी सड़कों की स्वीकृति प्रदान की गई? कितनी शेष हैं? शेष सड़कों की कब तक स्वीकृति प्राप्त होगी? (ख) विधानसभा क्षेत्र कसरावद के ग्राम अवरकच्छ और विधानसभा क्षेत्र खरगोन के ग्राम बीड़ को जोड़ने वाली सड़क को डामरीकृत करने का कोई प्रस्ताव है? अगर हाँ तो कब तक पूर्ण किया जाएगा? नहीं तो क्यों? कारण बताएं। (ग) विधानसभा क्षेत्र कसरावद के कसरावद मण्डलेश्वर महू राजमार्ग से सनावद खरगोन मुख्य जिला मार्ग को जोड़ने वाले महत्वपूर्ण मार्ग बामखल से बीजलगांव और माकड़खेड़ा से दोगावां मार्ग को टू-लेन करने का कोई प्रस्ताव प्राप्त हुआ है? अगर हाँ तो कब तक स्वीकृति प्रदान की जाएगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जी नहीं। यह मार्ग किसी भी योजना में न तो स्वीकृत है और न ही बजट में सम्मिलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
कायाकल्प योजनांतर्गत नियम विरूद्ध सी.सी. सड़क का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
64. ( क्र. 1393 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कायाकल्प योजना क्या है? योजना का स्वरूप क्या है? चयन की जाने वाली सड़कों के मापदण्ड क्या है? निकायवार कार्ययोजना (CARP) कैसे तैयार की जाती है? विस्तृत रूप से अवगत करावें। (ख) क्या न.पा.प. श्योपुर द्वारा प्रस्तावित सी.सी. रोड कायाकल्प योजना के नियम, निर्देश, शर्तों के तहत ही स्वीकृत है? यदि हाँ तो क्या सड़क बस-स्टैण्ड, रेल्वे - स्टेशन, हॉस्पिटल तक का आम रास्ता है या पूर्व से निर्मित जनोपयोगी सड़क है? यदि नहीं तो फिर कायाकल्प योजना कैसे? (ग) क्या उक्त सड़क भू-माफिया कॉलोनाईजर को लाभ पहुँचाने हेतु मुख्य नगर पालिका अधिकारी श्योपुर द्वारा नियम-निर्देशों को ताक पर रखकर मनमर्जी से षड़यंत्रपूर्वक यह कृत्य निर्वाचित पार्षदों को गुमराह कर किया गया है? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार न.पा.प. श्योपुर आव्हान पत्र क्र. 08 दि. 20.03.2025 के क्र. 7 पर प्रकरण का सम्पूर्ण विवरण एवं क्रमांक का उल्लेख क्यों नहीं किया गया? अवगत करावें। टेण्डर प्रक्रिया में समान दर 02 ठेकेदारों द्वारा मिलीभगत कर समान दर पर टेण्डर लगाये गये जो नियमानुसार निरस्त क्यों नहीं किये गये? स्पष्टीकरण प्रस्तुत करें। बिना परिषद् बैठक ठहराव अनुमोदन के टेण्डर क्यों स्वीकृत किये गये? (ड.) क्या न्यायालय तहसीलदार श्योपुर के अंतरिम आदेश प्रकरण क्रमांक 0001/अ-3/2025-26 दि. 26.04.2025 से रोक लगाई गई थी? रोक लगाने का क्या कारण था? अवगत कराएं। आदेश का पालन क्यों नहीं हुआ?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नागरिकों को मूलभूत सुविधायें उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सड़कों के निर्माण/उन्नयन एवं मजबूतीकरण हेतु शासन की महत्वाकांक्षी योजना है। योजना में शहरों के मुख्य मार्ग, बस स्टेण्ड और रेल्वे स्टेशन/अस्पताल आदि के पहुंच मार्ग एवं मुख्य बाजार की सड़कों को स्वीकृत किया जाता है। निकाय द्वारा स्थानीय आवश्यकतानुसार सिटी रोड एक्शन प्लान (C-RAP) तैयार कर एम.आई.सी./पी.आई.सी. के अनुमोदन उपरांत संचालनालय को प्रेषित किये जाते हैं। स्वीकृति उपरांत विधिवत निविदा आमंत्रित कर निर्माण कार्य कराये जाते हैं। (ख) जी हाँ। जी हाँ। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। (घ) जी नहीं। पी.आई.सी. से प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। निकाय द्वारा विधिवत ई-निविदा आमंत्रित की गई, जिसमें 15 निविदाकारों द्वारा भाग लिया गया, जिनकी वित्तीय बिड खोली गई, जिसमें न्यूनतम दर (24.55 प्रतिशत कम एस.ओ.आर. से) दो संविदाकार के समान प्राप्त हुई। एक संविदाकार द्वारा कार्य न करने की लिखित सहमति प्रदान करने एवं प्राप्त निविदा दर तुलनात्मक एवं कम होने से निरस्त नहीं किये गये। निकाय द्वारा द्वितीय संविदाकार को पी.आई.सी. संकल्प क्रमांक 31 दिनांक 09/06/2025 द्वारा न्यूनतम दर स्वीकृत किया गया है। (ड.) जी हाँ। कलेक्टर द्वारा निकाय को आवंटित निर्माणाधीन भू्मि का राजस्व विभाग द्वारा खसरे में अमल नहीं किये जाने से शिकायतकर्ता श्री सोहन मुदगल, जिला परियोजना प्रबंधक, म.प्र. , राज्य ग्रामीण आजिविका मिशन की शिकायत पर न्यायालय तहसीलदार, श्योपुर द्वारा रोक लगाई गई थी, जिसका नगर पालिका द्वारा कलेक्टर, श्योपुर को सूचना दिये जाने पर राजस्व विभाग द्वारा नगर पालिका को आवंटित भूमि को खसरे में अमल किया गया, तदोपरांत न्यायालय तहसीलदार, श्योपुर के आदेश दिनांक 04/06/2025 को उक्त रोक संबंधित पारित आदेश को निरस्त किया जा चुका है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है।
कायाकल्प योजनांतर्गत निर्माण कार्यों की जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
65. ( क्र. 1394 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कायाकल्प योजना के तहत न.पा.प. श्योपुर द्वारा नियम विरूद्ध स्वीकृत सी.सी. सड़क बायपास से शिवपुरी रोड तक निर्वाचित पार्षदों द्वारा संयुक्त रूप से उक्त सड़क स्वीकृति के संबंध में कलेक्टर जिला श्योपुर को लिखित शिकायती पत्र दिया गया है? यदि हाँ तो उस पर क्या कार्यवाही हुई? विस्तृत जांच प्रतिवेदन उपलब्ध करावें। (ख) क्या उक्त नियम विरूद्ध स्वीकृत सड़क को निरस्त किये जाने की कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ तो कब तक? अवगत कराएं। यदि नहीं तो क्यों कारण बताएं। (ग) न.पा.प. श्योपुर द्वारा उक्त नियम विरूद्ध स्वीकृत सड़क एवं अन्य समस्त निर्माण कार्यों की जांच निर्माण कार्य नस्ती एवं निर्माण कार्यों की भौतिक स्थिति की जांच स्थल पर जाकर राज्य स्तर से जांच दल गठित कर कराई जावेगी? यदि हाँ तो कब तक? जिससे अन्य समस्त कार्यों में की गई अनियमितताएं भी सामने आ सके? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? (घ) क्या यह सत्य है कि प्रश्नकर्ता द्वारा विगत सत्र में पूछे गये विधानसभा अतारांकित प्रश्न क्रमांक 1420 दिनांक 13.02.2024 के उत्तर में मंत्री महोदय द्वारा यह स्वीकार किया कि प्रदेश में नगरीय निकाय के अध्यक्ष को आवास आवंटन किये जाने हेतु शासन के कोई आदेश नहीं है फिर भी आज तक न.पा.प. श्योपुर की अध्यक्षा न.पा. द्वारा निर्मित शासकीय आवास में किस नियम/निर्देश/आदेश के तहत निवास कर रही है? शासकीय आवास कब तक खाली करा लिया जावेगा? यदि नहीं तो क्यों? कारण बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) कायाकल्प योजना अंतर्गत समस्त निर्माण कार्यों की जांच अधीक्षण यंत्री, नगरीय प्रशासन एवं विकास, ग्वालियर-चम्बल संभाग, ग्वालियर द्वारा कराई जा रही है। गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जायेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ। नगर पालिका श्योपुर में नगर पालिका निधि से निर्मित आवास जो कि रिक्त था, कार्य सुविधा की दृष्टि एवं पार्षदों की मांग के आधार पर पी.आई.सी./परिषद् की पुष्टि में निर्धारित दर के आधार पर किराये पर आवंटित किया गया है, जिसका विधिवत किराया जमा कराया जा रहा है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ठोस अपशिष्ट प्रबंधन सेवाओं का संचालन
[नगरीय विकास एवं आवास]
66. ( क्र. 1395 ) श्री
सोहनलाल बाल्मीक
: क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे कि
(क) छिंदवाड़ा
जिले के नगरीय
निकायों (नगर
निगमों,
नगर
पालिकाओं, नगर
परिषदों) में
ठोस अपशिष्ट
प्रबंधन
सेवाओं का
संचालन व रख-रखाव
हेतु
उपभोक्ता
प्रभार किस
वित्तीय वर्ष
से लिया जाना
प्रारंभ किया
गया है? (ख) विगत
वर्ष 2023-24
एवं 2024-25
में
छिंदवाड़ा
जिले के नगरीय
निकायों (नगर
निगमों,
नगर
पालिकाओं, नगर
परिषदों) में
ठोस अपशिष्ट
प्रबंधन
सेवाओं का
संचालन व रख-रखाव
हेतु
उपभोक्ता
प्रभार व
गार्बेज कर, कचरा
शुल्क की
क्या-क्या
दरें (आवासीय
व व्यवसायिक) निर्धारित
की गई थी?
निकायवार
जानकारी
उपलब्ध
करायें। चालू
वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए
प्रदेश के
नगरीय
निकायों में
ठोस अपशिष्ट
प्रबंधन
सेवाओं का
संचालन व रख-रखाव
हेतु
उपभोक्ता
प्रभार व
गार्बेज कर, कचरा
शुल्क की
क्या-क्या
दरें (आवासीय
व व्यवसायिक) निर्धारित
की गई है?
(ग)
एक
वित्तीय वर्ष
में ठोस
अपशिष्ट
प्रबंधन सेवाओं
का संचालन व रख-रखाव
हेतु
उपभोक्ता
प्रभार
गार्बेज कर, कचरा
शुल्क में
अधिकतम कितने
प्रतिशत तक की
वृद्धि की जा
सकती है?
उक्त
संबंध में
शासन/विभाग के
आदेशों/निर्देशों
की प्रति
उपलब्ध
करायें।
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री ( श्री
कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) एवं (ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''अ'' अनुसार
है। (ग) मध्यप्रदेश
नगर पालिका (जलप्रदाय
जल-मल तथा ठोस
अपशिष्ट
प्रबंधन
सेवाओं के
लिये उपभोक्ता
प्रभार) नियम, 2020 में
दिनांक 29.12.2021 को म.प्र.
राजपत्र (असाधारण
में प्रकाशित
संशोधित
प्रावधान अनुसार
''ठोस
अपशिष्ट
प्रबंधन
सेवाओं का
संचालन व रख-रखाव
हेतु आवासीय
इकाइयों के
संबंध में
उपभोक्ता
प्रभारों की
प्रचलित दरें
किसी भी वित्तीय
वर्ष में 15
प्रतिशत से
अधिक नहीं
बढाई जायेंगी।
यदि गैर
आवासीय
औद्योगिक तथा
शासकीय/अर्धशासकीय
इकाइयों के
संबंध में
उपभोक्ता
प्रभार की
प्रचलित दरों
में 100
प्रतिशत से
अधिक की
वृद्धि,
चरणों
में ऐसी रीति
में लागू की
जाएगी, कि
तीसरे वर्ष के
अंत तक सेवाओं
पर उपगत
वार्षिक व्यय
शत्-प्रतिशत
वसूल हो जावे।'' शासन/विभाग
के
आदेशों/निर्देशों
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''ब'' अनुसार
है।
छैगाँव माखन का नगर पंचायत में उन्नयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
67. ( क्र. 1398 ) श्रीमती छाया गोविन्द मोरे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंधाना विधानसभा अंतर्गत इंदौर इच्छापुर हाईवे स्थित ग्राम पंचायत छैगाँव माखन की बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए समुचित विकास हेतु कब तक नगर पंचायत में उन्नयन किया जायेगा? (ख) मध्यप्रदेश में नगर पंचायत बनाने की क्या तय नीति नियम हैं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) विधानसभा पंधाना के ग्राम छैगांव माखन को नगर पंचायत बनाने का प्रस्ताव वर्तमान में प्रचलित नहीं है। (ख) नीति नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
शिवना नदी पर चल रहे निर्माण कार्य में अनियमितता
[लोक निर्माण]
68. ( क्र. 1400 ) श्री विपीन जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पी.आई.य. द्वारा मंदसौर स्थित शिवना नदी पर 29 करोड़ की लागत से हो रहे निर्माण कार्य में बन रहे सीवरेज चैंबर योजना शुरू होने से पहले ही क्षतिग्रस्त हो गए हैं। क्षतिग्रस्त होने के क्या कारण है? (ख) सीवरेज चैंबर की ड्राइंग की प्रति देवें और बताएं की प्रगतिरत कार्य का निरीक्षण कब-कब, किस स्तर के अधिकारी, इंजीनियर के द्वारा किया गया है? क्या उनके द्वारा निर्माणाधीन कार्य की गुणवत्ता की जांच नहीं की गई थी? सीवरेज चेंबर का निर्माण ड्राइंग में सीमेंट क्रंक्रीट के बनना थे या ईंट के? अनुबंध में योजना के मेंटेनेंस की अवधि कितनी है? उसकी प्रति देवें। (ग) योजना अंतर्गत अभी तक संपूर्ण राशि में से कितनी राशि ठेकेदार को प्रदाय की जा चुकी है वर्तमान में कार्य किस कारण से रुका हुआ है? कार्य पूर्ण होने की समय-सीमा क्या थी? क्या समय अवधि का एक्सटेंशन किया गया है? (घ) योजना के निर्माण में कार्य के सुचारू रूप से संचालन हेतु अभी तक जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ कितनी बैठकें कब-कब आयोजित की गई है? बैठक की प्रोसीडिंग देवें। (ड.) योजना के निर्माण कार्य में हुए भ्रष्टाचार पर दोषी अधिकारियों, ठेकेदारों पर कार्रवाई हेतु समिति गठित कर कार्यवाही कब तक की जाएगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं, सीवरेज चैंबर क्षतिग्रस्त नहीं हुआ, अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'ब' एवं 'स' अनुसार है। सीवरेज चेम्बर का निर्माण ईंट से बनने का प्रावधान है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई अनुसार है। (ड.) कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ है, अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मार्ग के निर्माण कार्य में अनियमितता
[लोक निर्माण]
69. ( क्र. 1405 ) श्री राजेश कुमार वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पन्ना जिले की गुनौर विधानसभा में गुनौर अमानगंज मार्ग के कि.मी.5/10 से तुन्ना-मेहदंवा मार्ग वाया मढिया टौराह पुरवा मार्ग के निर्माण कार्य का कार्यादेश लोक निर्माण विभाग पन्ना दिनांक 11.12.2020 द्वारा जारी कर कार्य अनुबंधित अवधि दिनांक 10.02.2022 तक, कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिये गये थे? यदि हाँ तो यह निर्माण कार्य अनुबंधित अवधि के 03 वर्ष बाद भी पूर्ण क्यों नहीं कराया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लिखित कार्य पूर्ण न होने के लिये विभागीय अधिकारियों का कोई उत्तरदायित्व निर्धारित किया गया है? इस कार्य को पूर्ण करने की कोई व्यवस्था लोक निर्माण विभाग द्वारा की जा रही है? यदि हाँ तो कब तक इस कार्य को पूर्ण किया जावेगा? क्या उक्त मार्ग को 05 वर्ष तक खराब करके छोड़ना उचित है? (ग) क्या इस मार्ग का निर्माण कार्य लगभग 01 वर्ष से पूर्णत: बंद है? यदि हाँ तो इस मार्ग के निर्माण कार्य में शासकीय राशि का उपयोग करने के पश्चात मार्ग के कार्य को अधूरा छोड़ना शासकीय राशि का दुरूपयोग नहीं है? क्या वर्षा काल में इस मार्ग से लोगों का निकलना मुश्किल हो जाता है और आये दिन इस मार्ग में दुर्घटनाएं होती है? इस असुविधा के लिये कौन दोषी है? दोषियों पर कब तक और क्या कार्यवाही की जावेगी तथा इस मार्ग का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण किया जावेगा? समय-सीमा बतावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। अनुबंधित कार्य से संबंधित ठेकेदार द्वारा संपादित कराये गये कार्य में गुणवत्ता में कमी होने एवं तदुपरांत कार्य में कमियों को ठीक न कराये जाने के कारण। (ख) जी नहीं, अपितु गुणवत्तापूर्ण कार्य संपादन में बरती गयी लापरवाही हेतु संबंधित अधिकारियों का उत्तरदायित्व निर्धारित किया गया है। वर्तमान में कार्य से संबंधित अनुबंध प्रभावशील है, अनुबंध में निहित प्रावधान अनुसार कार्य पूर्ण कराये जाने का लक्ष्य है, अतः निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। कार्य निर्माणाधीन है, अतः प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। जी नहीं, कार्य निमार्णाधीन है, अतः शासकीय धनराशि के दुरूपयोग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जी हाँ, निर्माणाधीन मार्ग पर किसी भी प्रकार की दुर्घटना घटित होने संबंधी जानकारी विभाग के संज्ञान में नहीं है। कार्य निर्माणाधीन है, अतः कोई अधिकारी दोषी नहीं है। अतः कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित ही नहीं होता।
नगर परिषद् के निर्माण कार्यों की जाँच
[नगरीय विकास एवं आवास]
70. ( क्र. 1406 ) श्री राजेश कुमार वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) गुनौर जिला पन्ना द्वारा दिनांक 03/03/2025 को नगर परिषद् अमानगंज एवं गुनौर में निर्माण कार्यों में गंभीर अनियमितता एवं गुणवत्ताहीन कार्य के संबंध में शिकायतें प्राप्त होने पर संयुक्त टीम गठित कर निर्माण कार्यों की जाँच कराये जाने के आदेश दिये गये थे? यदि हाँ तो क्या जाँच पूर्ण हो चुकी है? यदि जाँच पूर्ण हो चुकी है तो उसकी प्रति उपलब्ध करावें। कौन-कौन से निर्माण कार्यों में अनियमितता पाई गई है? उसका ब्यौरा देवें और यदि जाँच पूर्ण नहीं हुई है तो विलम्ब के लिये कौन दोषी है? कब तक जाँच पूर्ण कर ली जाएगी? (ख) क्या मध्यप्रदेश विधानसभा सचिवालय के पत्र क्रमांक 8954/वि.स./प्र.स./ 2025 दिनांक 06/05/2025 द्वारा अपर मुख्य सचिव महोदय नगरीय विकास एवं आवास विभाग मध्यप्रदेश शासन को पत्र भेजकर नगर परिषद् ककरहटी एवं अमानगंज जिला पन्ना में निर्माण कार्यों में अनियमितता के संबंध में वस्तुस्थिति से अवगत कराने हेतु निर्देशित किया गया था? यदि हाँ तो क्या उक्त अनियिमतताओं की जाँच करा ली गई है? यदि हाँ तो जाँच प्रतिवेदन उपलब्ध करावें तथा पाई गई अनियमितताओं में क्या कार्यवाही की गई है? यदि कार्यवाही या जाँच अभी तक नहीं हो पाई है तो इसके लिये कौन दोषी है? दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी तथा यह जाँच कब तक पूर्ण की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) अनुविभाग गुन्नौर द्वारा दिनांक 03.03.2025 समिति गठित की गई है। समिति द्वारा प्रकरण की जांच की जा रही है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। जी नहीं। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. भोपाल के पत्र क्र. 7258 दिनांक 02.07.2025 से प्रकरण की जांच के लिए संभागीय कार्यपालन यंत्री, सागर संभाग को निर्देशित किया गया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अवैध कॉलोनियों को रेरा की अनुमति
[नगरीय विकास एवं आवास]
71. ( क्र. 1412 ) श्री कालु सिंह ठाकुर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धरमपुरी विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत अवैध कॉलोनियों ने कहाँ-कहाँ रेरा की अनुमति ली गई है? छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) किन-किन विभागीय कर्मचारी/अधिकारी पर विभागीय जाँच चल रही है? यदि हाँ तो विस्तृत ब्यौरा पेश कर कार्यवाही से अवगत करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) अनधिकृत रूप से निर्मित अर्थात अवैध कॉलोनियों में विकासकर्ताओं द्वारा रेरा की अनुमति प्राप्त नहीं की जाती है। उत्तरांश (क) परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) धरमपुरी विधानसभा के अंतर्गत नगरीय निकायों के किसी भी विभागीय कर्मचारी/अधिकारी पर वर्तमान में विभागीय जाँच नहीं चल रही है।
भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड की बोर्ड बैठक
[नगरीय विकास एवं आवास]
72. ( क्र. 1424 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या महापौर कार्यालय की नोटशीट जावक क्रमांक-424 दिनांक 28/05/2025 एवं क्रमांक 436 दिनांक 19/06/2025 पर समय-सीमा में कार्यवाही कर प्रस्तुत की गयी? हाँ अथवा नहीं? यदि हाँ तो जवाब प्रदाय करें। यदि नहीं तो क्यों? कारण बताएं। नोटशीट क्रमांक 424 में जिन बिन्दुओं पर स्पष्टीकरण मांगा है उन बिन्दुओं पर भी मय दस्तावेज जवाब प्रदाय करें। (ख) भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड के पत्र क्रमांक-6414 दिनांक 10/01/2025 में एक एनेक्सचर संलग्न है, जिसमें दिनांक 01/09/2021 से लेकर 01/09/2025 के अंतर्गत माहवार 2.33 करोड़ की पेनल्टी आरोपित है। क्या इससे संबंधित इसी समयावधि में ऑपरेटर से इस पेनल्टी के लिये किया गया पत्राचार विभाग में उपलब्ध (रूपये. 2.33 करोड़) है? हाँ अथवा नहीं? यदि हाँ तो इस समयावधि में पूर्ण राशि का माहवार ऑपरेटर को जारी पत्राचार प्रदाय करें। (ग) बी.सी.एल.एल. की 40वीं बी.ओ.डी. बैठक के एजेन्डा बिन्दु क्रमांक-(8) में क्या बोर्ड द्वारा सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि अनुबंध अनुसार बस ऑपरेटर को भुगतान किये जाने संबंधी कार्यवाही 15 दिवस में प्रस्तुत करने हेतु बी.सी.एल.एल. अधिकारियों को निर्देशित किया गया? हाँ अथवा नहीं? (घ) क्या महापौर Chair Person के द्वारा किए गए पत्राचार/नोटशीट का आयुक्त एवं सी.ई.ओ. की कार्यशैली में महत्व है? हाँ अथवा नहीं? यदि हाँ तो जवाब तय समय-सीमा में क्यों नहीं दिए गए?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं। महापौर कार्यालय की नोटशीट पर कार्यवाही प्रचलन में हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं, अपितु प्रश्नांश अवधि में बस ऑपरेटर को पेनल्टी से संबंधित किये गए पत्राचार की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) जी हाँ। महापौर कार्यालय से प्राप्त नोटशीट पर कार्यवाही प्रचलन में हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु प्रजाति हेतु प्रदाय बजट
[विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु कल्याण]
73. ( क्र. 1441 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या राज्य मंत्री, विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि भीकनगाँव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कितने ग्रामों में विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु प्रजाति के व्यक्ति निवासरत हैं? उनकी परिवार संख्या क्या है? कृपया ग्रामवार, विकासखण्डवार परिवार की जानकारी प्रदाय करें। उक्त ग्राम पंचायतों में विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु प्रजाति के विकास एवं बस्तियों में मूलभूत व्यवस्थाओं हेतु शासन द्वारा कितना बजट प्रदाय किया गया है? कृपया ग्राम पंचायतवार जानकारी प्रदान करें तथा वर्तमान तक किसी भी ग्राम में बजट नहीं उपलब्ध कराया गया है, तो क्या कारण है? क्या वित्तीय वर्ष में उक्त ग्रामों में विकास कार्यों हेतु बजट उपलब्ध कराया जायेगा? हाँ तो कब तक तथा नहीं तो क्या कारण है?
राज्य मंत्री, विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु कल्याण ( श्रीमती कृष्णा गौर ) : सर्वे पूर्ण होने तक ग्रामवार, विकासखडवार परिवार की जानकारी दी जाना संभव नहीं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वित्तीय वर्ष में विकास कार्यों हेतु बस्ती विकास योजना अंतर्गत नियमानुसार जिला कलेक्टर की अनुशंसा से प्रस्ताव प्राप्त होने पर सीमित बजट संसाधनों अंतर्गत बजट उपलब्ध कराया जाता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विधायक निधि से स्वीकृत कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
74. ( क्र. 1443 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत नगर पंचायत भीकनगांव में विधायक निधि से कितने कार्य स्वीकृति उपरांत अपूर्ण हैं? उक्त अपूर्ण कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति कब जारी हुई है तथा वर्तमान तक अपूर्ण रहने का क्या कारण है? (ख) उक्त स्वीकृत कार्यों को पूर्ण कराने हेतु समयावधि क्या निर्धारित थी? उक्त समयावधि में कार्य पूर्ण न कराने के संबंध में कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं तथा इन पर क्या कोई कार्यवाही प्रस्तावित की जायेगी? हाँ तो कब तक? नहीं तो क्या कारण है तथा उक्त कार्यों को कब तक पूर्ण किया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर परिषद् भीकनगांव में विधायक निधि से स्वीकृत दो कार्य अपूर्ण हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) नगर परिषद् भीकनगांव के वार्ड क्रमांक 9 में विधायक निधि से सामुदायिक भवन निर्माण कार्य के लिए प्रस्तावित भूमि विवादित होने से अनुबंध सम्पादित नहीं हुआ है। वार्ड क्रमांक 11 में अम्बेडकर भवन के पास टीन शेड निर्माण कार्य के लिए अनुबंध उपरांत 3 माह समयावधि निर्धारित थी। नगर परिषद् भीकनगांव द्वारा जानकारी संलग्न परिशिष्ट में उल्लेखित अनुसार कार्यवाही की गई है, जिससे शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
दुग्ध उत्पादकों के भुगतान में विलंब
[पशुपालन एवं डेयरी]
75. ( क्र. 1446 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सांची दुग्ध संघ जबलपुर द्वारा सौंसर विधानसभा क्षेत्र के दुग्ध उत्पादकों को पिछले वर्ष अप्रैल मई जून 2024 का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है? (ख) यदि हाँ तो इन दुग्ध उत्पादकों को किस दिनांक तक भुगतान हो जाएगा?
राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जी नहीं। जबलपुर दुग्ध संघ द्वारा सौंसर विधानसभा क्षेत्र के दुग्ध उत्पादकों को पिछले वर्ष अप्रैल, मई, जून 2024 का पूर्ण भुगतान किया जा चुका है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कॉम्पलेक्स के निर्माण कार्य में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
76. ( क्र. 1451 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिंदवाड़ा शहर के मध्य बस स्टैंड स्थित उक्त मानसरोवर कॉम्पलेक्स का नक्शा (मानचित्र) तत्कालीन नगर पालिका परिषद् छिंदवाड़ा (वर्तमान नगर पालिक निगम छिंदवाड़ा) से स्वीकृत करवाकर निर्माण की अनुमति ली गई है? यदि हाँ तो उसकी कॉपी उपलब्ध करवाने का कष्ट करेंगे। (ख) यदि निर्माण के संबंध में कोई अनुमति नगर पालिका परिषद् छिंदवाड़ा (वर्तमान नगर पालिक निगम छिंदवाड़ा) से नहीं ली गई है, मानचित्र वगैरह पास नहीं करवाया गया है तो इस क्या इस अवैध निर्माण के संबंध में नगर पालिका परिषद् छिंदवाड़ा या वर्तमान नगर पालिक निगम छिंदवाड़ा द्वारा कोई नोटिस, कोई सूचना पत्र संबंधितों को जारी किया गया है? यदि हाँ तो उसकी छायाप्रति उपलब्ध कराने का कष्ट करेंगे? (ग) यह उक्त मानसरोवर कॉम्पलेक्स निर्माण के संबंध में सभी आवश्यक अनुमतियां जैसे कम्प्लीशन सर्टिफिकेट, फायर एन.ओ.सी. वगैरह ली गई है? यदि हाँ तो उसकी प्रति भी उपलब्ध कराने का कष्ट करेंगे।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अमृत मिशन अंतर्गत शासकीय धन का अपव्यय
[नगरीय विकास एवं आवास]
77. ( क्र. 1472 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले में अमृत मिशन एक तथा दो में वाप्कोस लिमिटेड को पी.डी.एम.सी. केंद्र द्वारा नियुक्ति संबंधी समस्त दस्तावेज की प्रति देवें। पी.डी.एम.सी. के कार्य, जिम्मेदारी, जवाबदेही क्या है? वाप्कोस के साथ अनुबंध की प्रति दें। (ख) क्या (कुछ या सभी) नगरीय निकाय ने अमृत मिशन एक में वाप्कोस के अलावा अन्य को भी पी.डी.एम.सी. नियुक्त किया है? यदि हाँ उसके अनुबंध की प्रति दें तथा भुगतान राशि एवं तारीख बताएं। (ग) अमृत मिशन एक तथा दो में वाप्कोस को किस नगरीय निकाय द्वारा कितना भुगतान किया गया या किया जाएगा? यदि नहीं किया जाएगा तो क्यों नहीं किया जाएगा? बिल वाप्कोस लिमिटेड द्वारा बनाकर क्यों दिये गए तथा भुगतान वाप्कोस को क्यों किया गया? (घ) अमृत मिशन एक तथा दो में सीवरेज योजना के लिए किस निकाय में किस कंसल्टेंट का चयन किस प्रक्रिया से किया तथा कितना भुगतान किसके द्वारा किया गया? सारे अनुबंध एवं दिए गए बिलों की प्रति देवें। (ङ) प्रश्नांश (घ) में उल्लेखित कंसल्टेंट द्वारा डी.पी.आर. में दी प्रक्रिया तथा आंकड़ों के प्रति जवाबदेही क्या है? यदि कार्य उस अनुसार नहीं होते, तो किसकी जवाबदेही है? लाखों के भुगतान का क्या लाभ, कंसल्टेंसी के नाम पर शासकीय धन के अपव्यय के लिए कौन जिम्मेदार?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) अमृत 1.0 एवं 2.0 मिशन अंतर्गत मुरैना जिले के किसी भी नगरीय निकाय में परियोजना विकास एवं प्रबंधन परार्मशदाता (पी.डी.एम.सी.) के रूप में वाप्कोस लिमिटेड की नियुक्ति नहीं की गई है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जी नहीं, अमृत 1.0 मिशन अंतर्गत पी.डी.एम.सी. की नियुक्ति निकाय स्तर पर नहीं की गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) अमृत 1.0 मिशन अंतर्गत पी.डी.एम.सी. के रूप में नियुक्त वाप्कोस लिमिटेड को निकायों द्वारा भुगतान नहीं किया गया है, जबकि अमृत 2.0 मिशन अंतर्गत नगर पालिक निगम भोपाल द्वारा वाप्कोस लिमिटेड को डी.पी.आर. कंसल्टेंट के रूप में नियुक्त कर राशि रु. 1.15 करोड़ का भुगतान किया गया है। अमृत 1.0 के अनुबंधों में पी.डी.एम.सी. के रेसीडेंट इंजीनियर को इंजीनियर-इंचार्ज का दायित्व होने के कारण, वाप्कोस लिमिटेड द्वारा बिल बनाकर दिये गये। परियोजनाओं के बिलों का भुगतान वाप्कोस लिमिटेड को नहीं किया गया है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' एवं 'स' अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्कालय में रखे परिशिष्ट-स' अनुसार अनुबंधों में प्रक्रिया तथा आंकड़ों के प्रति जवाबदेही तथा कार्य निर्धारित मापदंड अनुसार नहीं होने पर उत्तरदायित्व के संबंध में दांडिक प्रावधानों का उल्लेख किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वितरण ट्रांसफार्मरों की गुणवत्ता की जांच
[ऊर्जा]
78. ( क्र. 1498 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना विधानसभा क्षेत्र सहित संपूर्ण जिला मुरैना में वर्तमान वित्तीय वर्ष में नवीन लगाए गए ट्रांसफार्मरों की गुणवत्ता की जांच किस प्रक्रिया के तहत की गई है? क्या हाल ही में इनकी गुणवत्ता को लेकर कोई निरीक्षण किया गया है? यदि हाँ तो गुणवत्ता मानकों (जैसे IS 1180 या CPRI टैस्ट) के अनुसार जांच रिपोर्ट उपलब्ध कराएं। (ख) बार-बार ट्रांसफार्मर जलने या विद्युत लाइनों में खराबी की मुख्य वजह क्या है और विभाग ने इन्हें सुधारने के लिए अब तक क्या कदम उठाए हैं? (ग) क्या विद्युत विभाग द्वारा ठेकेदारों को ट्रांसफार्मर और लाइनें लगाने में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए कोई मानक दिशा-निर्देश (guidelines) दिए गए हैं? यदि हाँ, तो उनका अनुपालन कैसे सुनिश्चित किया जाता है? (घ) मुरैना जिले में वर्तमान वित्त वर्ष में विद्युत खंभों की स्थापना किस सामग्री से की गई थी और क्या वे टिकाऊ तथा मौसम प्रतिरोधी हैं? यदि हाँ तो हल्की हवा-बारिश में क्यों टूट रहे हैं? क्षेत्रीय विद्युत लाइनों में बार-बार टूट-फूट या ढीलापन क्यों आ रहा है? क्या कारण है कि घटिया सामग्री, खंभों की जगह पर ग़लत गणना या रख-रखाव की कमियाँ हैं? यदि हाँ तो इसकी उच्च स्तरीय जांच कराई जाएगी? कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) मुरैना जिले में वर्तमान वित्तीय वर्ष 2025-26 में नवीन लगाए गए वितरण ट्रांसफार्मरों की गुणवत्ता की जांच हेतु यह प्रक्रिया निर्धारित की गई है कि म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा क्रय किये गये एवं आर.डी.एस.एस योजना के अंतर्गत टर्न-की ठेकेदार एजेंसी द्वारा प्रदाय किये गये कुल वितरण ट्रासंफार्मरों का 20 प्रतिशत रेण्डम सेंपल चयन कर ग्वालियर में स्थापित विभागीय परीक्षण प्रयोगशाला (एन.ए.बी.एल. मान्यता प्राप्त) में टेस्ट कराया जाये। साथ ही आर.डी.एस.एस. योजना में नोडल एजेंसी पावर फाईनेंस कार्पोरेशन लिमि. द्वारा नियुक्त थर्ड पार्टी क्वालिटी मॉनिटरिंग एजेंसी (TPQMA) द्वारा भी समय समय पर सेंपल चयन कर एन.ए.बी.एल मान्यता प्राप्त लैब में परीक्षण कराया जाता है। 03 प्रतिशत सुपरविजन योजना के अन्तर्गत ठेकेदार द्वारा किये जा रहे कार्यों में ठेकेदारों द्वारा जो सामग्री लगाई जा रही है, उसे वितरण कम्पनी के अंतर्गत एप्रूव्ड वेण्डरों से ही खरीदने हेतु निर्देश दिये गये हैं एवं 5 प्रतिशत सुपरविजन योजनांतर्गत ठेकेदार द्वारा कार्य पूर्णता रिपोर्ट के साथ वितरण ट्रांसफार्मर की एन.ए.बी.एल. लैब की टेस्ट रिपोर्ट, जी.एस.टी. देयक के साथ लगाई जानी अनिवार्य है। उक्त के अतिरिक्त ठेकेदारों द्वारा किये जा रहे कार्यों की गुणवत्ता एस.टी.सी.-एस.टी.एम. संभाग/उपसंभाग द्वारा नियमित रूप से सुनिश्चित की जाती है। वितरण ट्रांसफार्मर की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिये म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के पत्र दिनांक 02/04/2025 के द्वारा कार्य पूर्ण होने के पश्चात औचक रीसेम्पलिंग के निर्देश भी दिये गये हैं। वर्तमान वित्तीय वर्ष में आर.डी.एस.एस. योजना के कुल 21 वितरण ट्रांसफार्मर एवं थर्ड पार्टी क्वालिटी मॉनिटरिंग एजेंसी (TPQMA) द्वारा 01 वितरण ट्रांसफार्मर के आई.एस. 1180 मानकों के अनुरूप परीक्षण किये गये, जिसकी जांच रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वितरण ट्रांसफार्मर, विभिन्न बाह्य जनित कारणों एवं तकनीकी खराबी आने से खराब होते हैं, जिनमें मुख्यत: आकाशीय बिजली गिरने, विद्युत का अवैधानिक उपयोग, विद्युत लाइन में फॉल्ट होने से, ट्रांसफार्मर का तेल चोरी होने के कारण अथवा तेल का रिसाव एवं ट्रांसफार्मर में आंतरिक खराबी आने इत्यादि कारण प्रमुख हैं। स्थापित वितरण ट्रांसफार्मर अतिभारित पाये जाने की स्थिति में समय-समय पर नियमानुसार प्रणाली सुदृढ़ीकरण योजना अथवा सामान्य विकास योजना के तहत तकनीकी साध्यता अनुसार क्षमता वृद्धि अथवा अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर की स्थापना के प्रस्ताव पर सक्षम स्वीकृति उपरांत वितरण ट्रांसफार्मर स्थापना की कार्यवाही की जाती है, जो कि एक सतत् प्रक्रिया है। साथ ही ऑयल चोरी की घटनाओं को कम करने हेतु सतत निगरानी की जाती है तथा एफ.आई.आर. दर्ज करवाई जाती है। प्रश्नाधीन क्षेत्रान्तर्गत ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में विद्युत लाइनों/अधोसंरचना के रख-रखाव हेतु पूर्व निर्धारित शट-डाउन लेने तथा तकनीकी कारणों/प्राकृतिक आपदा से आये आकस्मिक व्यवधानों जैसी अपरिहार्य स्थिति के कारण कतिपय अवसरों पर विद्युत प्रदाय बाधित होता है, जिसमें आवश्यक रख-रखाव/सुधार कार्य कर विद्युत प्रदाय शीघ्र ही सुचारू कर दिया जाता है। उल्लेखनीय है कि म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा समस्त स्थापित विद्युत अधोसंरचना के रख-रखाव का कार्य मानसून पूर्व एवं मानसून अवधि के पश्चात करने के अलावा विद्युत व्यवधानों/दुर्घटनाओं को कम करने के उद्देश्य से पूरे वर्ष सतत रूप से किया जा रहा है। (ग) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा ठेकेदारों को वितरण ट्रांसफार्मर और लाइनें स्थापित करने में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सामग्री वितरण कम्पनी के अंतर्गत एप्रूव्ड वेण्डरों से ही खरीदने एवं एन.ए.बी.एल. लैब में टेस्ट उपरांत सामग्री लगाये जाने हेतु निर्देश दिये गये हैं। ठेकेदारों द्वारा किये जा रहे कार्यों की गुणवत्ता एस.टी.सी./एस.टी.एम. संभाग/उप संभागों द्वारा सुनिश्चित की जाती है। (घ) ग्रामीण क्षेत्रों में पी.सी.सी. पोलों को बोल्डर एवं शहरी क्षेत्र में एच.बीम. एवं आर.एस. ज्वाइस्ट पोलों के लिये मानक स्तर की कंक्रीटिंग कर लगाया जाता है एवं आवश्यकतानुसार/मोड पर स्टे सेट खंभों पर मजबूती के लिए लगाया जाता है। साथ ही लाइन डी.पी. को कंक्रीटिंग एवं मफिंग कर लगाया जाता है। हल्की हवा-बारिश में विद्युत खम्बे नहीं टूटते है, अपितु आँधी, बारिश, तूफान, प्राकृतिक आपदा, पेड़ की डालियों का टूटकर विद्युत लाइनों पर गिरना, अनियंत्रित वाहनों द्वारा विद्युत खम्बों में टक्कर मारने के कारण विद्युत खम्बे टूटते हैं। उल्लेखनीय है कि म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा समस्त स्थापित विद्युत अधोसंरचना के रख-रखाव का कार्य मानसून पूर्व एवं मानसून अवधि के पश्चात करने के अलावा विद्युत व्यवधानों/दुर्घटनाओं को कम करने के उद्देश्य से पूरे वर्ष सतत रूप से किया जा रहा है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता है।
भ्रष्टाचारियों को संरक्षण
[नगरीय विकास एवं आवास]
79. ( क्र. 1500 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर परिषद् जैतहरी, जिला अनूपपुर के अध्यक्ष द्वारा अपनी फर्म श्रीराम इन्फ्रा. के खाते में दिनांक 18/09/2023 को ₹2, 64, 330 एवं ₹2, 74, 700 का भुगतान लिया गया तथा स्वच्छता मद एवं 15वे वित्त मद की राशि का दुरुपयोग किया गया है जिसकी जांच हेतु उच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 17/05/2025 को आयुक्त, नगरीय प्रशासन को उक्त प्रकरण की चार सप्ताह में जाँच कर कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया था? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक इस आदेश के अनुपालन में क्या कार्यवाही की गई है? (ख) क्या मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम के अंतर्गत कोई अध्यक्ष बिना सक्षम अधिकारी या परिषद् की स्वीकृति के अपनी ही फर्म को भुगतान कर सकता है? यदि नहीं, तो उक्त प्रकरण में शिकायत होने के बावजूद अब तक कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (ग) क्या यह भुगतान अध्यक्ष द्वारा अपने पद का दुरुपयोग नहीं है? यदि है, तो अध्यक्ष को पद से हटाने की कार्यवाही अब तक क्यों नहीं की गई एवं यह कब तक की जाएगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ, परन्तु उक्त कार्य उनकी फर्म श्रीराम इन्फ्रा. द्वारा तब किया गया था, जब वे नगर परिषद्, जैतहरी के अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित नहीं हुए थे तथा अध्यक्ष द्वारा स्वच्छता मद एवं 15वे वित्त मद की राशि का दुरूपयोग नहीं किया गया है। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा रिट याचिका क्रमांक 34221/2024 में दिनांक 17.05.2025 को आयुक्त, नगरीय प्रशासन एवं विकास को उक्त प्रकरण की चार सप्ताह में जांच करने के निर्देश नहीं दिए गए हैं बल्कि प्रकरण में उत्तरदायी पाए गए व्यक्तियों को सुनवाई का अवसर दिए जाने के उपरांत उचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। (ख) जी हाँ, यदि अध्यक्ष की फर्म द्वारा उक्त कार्य अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित होने के पूर्व ही पूर्ण किया जा चुका हो। उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सम्पत्ति नामांतरण प्रक्रिया के लंबित प्रकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
80. ( क्र. 1502 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम द्वारा फ्लेट/मकान/जमीन का नामांतरण कराने हेतु शासन द्वारा क्या प्रक्रिया एवं समय-सीमा निर्धारित है? नियम सहित आदेश उपलब्ध कराई जावे। (ख) नामांतरण की प्रक्रिया शासन द्वारा ऑनलाइन की गई है? क्या ऑनलाइन प्रक्रिया के बाद भी आवेदक को मूल रूप से दस्तावेजों के साथ नगर निगम कार्यालय जाना होता है? यदि हाँ तो ऑनलाइन प्रक्रिया की क्या आवश्यकता है। (ग) वर्ष 2023-24 एवं वर्ष 2024-25 की अवधि के मध्य नगर निगम ग्वालियर में फ्लैट/मकान/जमीन के नामांतरण हेतु कितने आवेदन प्राप्त हुये? क्षेत्रीय कार्यालयवार एवं संख्यावार जानकारी दी जावे। (घ) प्रश्नांश (ग) की अवधि में प्राप्त आवेदनों में से कितने आवेदन लंबित है? संख्यावार एवं कारण सहित जानकारी दी जावे। (ड.) नामांतरण की प्रक्रिया तय समय-सीमा में पूर्ण न होने पर संबंधित अधिकारी/कर्मचारी के खिलाफ कार्यवाही का नियम है तो प्रश्नांश (घ) की अवधि में लंबित आवेदनों के संबंध में किन-किन अधिकारी/कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही की गई? नाम सहित जानकारी दी जावे।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) विभागीय पत्र क्रमांक 2702/2269539/18-3 एवं दिनांक 09.09.2024 के माध्यम से नगरीय निकायों के अभिलेखों में संपत्ति नामांतरण की ई-नगरपालिका पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन प्रक्रिया विहित की गई है। संपत्ति नामांतरण हेतु 45 दिवस की समय-सीमा निर्धारित है। नामांतरण प्रक्रिया एवं समय-सीमा संबंधी विभागीय पत्र एवं राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं। (ग) नगरपालिक निगम ग्वालियर में वर्ष 2023-24 में 15140 एवं वर्ष 2024-25 में 15094 नामांतरण हेतु आवेदन प्राप्त हुये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (घ) वर्ष 2023-24 का कोई प्रकरण लंबित नहीं है। वर्ष 2024-25 के 09 प्रकरण लंबित हैं, जो कि स्वामित्व विवाद, आपत्ति एवं न्यायालयीन विवाद के कारण लंबित है। प्रकरणों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। (ड.) अविवादित नामांतरण की प्रक्रिया निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण नहीं होने पर मध्यप्रदेश लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम, 2010 के प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जाती है। उत्तरांश (घ) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्मार्ट विद्युत मीटर की स्थापना
[ऊर्जा]
81. ( क्र. 1504 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड भोपाल द्वारा पुराने मीटर हटाकर स्मार्ट मीटर शहरी क्षेत्रों में लगाये जा रहे हैं, उक्त मीटर लगाये जाने के शासन आदेश प्रति सहित जानकारी दी जावे। (ख) शहरी क्षेत्रों में स्मार्ट विद्युत मीटर क्यों लगाये जा रहे हैं? स्मार्ट मीटर की क्या आवश्यकता है? कारण सहित जानकारी दी जावे। (ग) स्मार्ट मीटर क्रय करने हेतु क्या प्रक्रिया अपनाई गई है? म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड भोपाल द्वारा किस कम्पनी को स्मार्ट मीटरों का कार्यादेश जारी किया गया है? कम्पनी का नाम एवं राशि सहित जानकारी दी जावे। (घ) पुराने विद्युत मीटर बदलकर स्मार्ट मीटर लगाये जाने पर हितग्राहियों से राशि लेने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो कितनी राशि ली जायेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) वर्तमान में विद्युत उपभोक्ताओं के परिसरों में पुराने मीटरों को बदलकर स्मार्ट मीटर लगाये जाने का कार्य म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत शहरी क्षेत्रों में किया जा रहा है। केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण, विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार की अधिसूचना दिनांक 23.12.2019 के विनियम-4 एवं केन्द्र सरकार की आर.डी.एस.एस. योजना के अंतर्गत पावर फायनेंस कॉर्पोरेशन, विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार के पत्र क्रमांक-76020, दिनांक 17.03.2022 द्वारा म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को प्रदत्त स्वीकृति के तहत विद्युत उपभोक्ताओं के लिए स्मार्ट मीटर लगाये जाने का कार्य किया जा रहा है। उक्त आदेशों/निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा शहरी क्षेत्रों में उत्तरांश (क) में दर्शाए गये आदेशों/निर्देशों के तहत स्मार्ट मीटर लगाये जाने का कार्य किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि विद्युत खपत एवं बिलों में पारदर्शिता, रियल टाइम खपत की निगरानी, लाइन हानियों एवं विद्युत चोरी का पता लगाने में अधिक उपयुक्त होने आदि के दृष्टिगत स्मार्ट मीटर स्थापित किये जा रहे हैं। (ग) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा ऑनलाइन निविदा प्रक्रिया के माध्यम से OPEX मॉडल के आधार पर ए.एम.आई.एस.पी. (एडवांस मीटरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर सर्विस प्रोवाइडर) के द्वारा मीटर क्रय करवाकर लगवाये जा रहे हैं। म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा मेसर्स अल्फनार पावर प्रायवेट लिमिटेड को 11, 42, 040 स्मार्ट मीटर लगाने हेतु राशि रू. 1163.4 करोड़ का एवं मेसर्स अप्रावा एनर्जी पावर प्रायवेट लिमिटेड को 9, 57, 758 स्मार्ट मीटर लगाने हेतु राशि रू. 896.16 करोड़ का कार्यादेश जारी किया गया है। (घ) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
नवीन एवं अधूरी सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
82. ( क्र. 1506 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2025-26 में प्रदेश में नवीन सड़कों के निर्माण, अधूरी सड़कों को पूर्ण करने के लिए कितना बजट प्रावधान किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) में प्रावधानित राशि में ग्वालियर जिले की कौन-कौन सी सड़कों को पूर्ण करने एवं नवीन सड़क निर्माण को शामिल किया गया है? सड़कवार जानकारी दें। (ग) ग्वालियर जिले की भितरवार विधानसभा क्षेत्र में सड़कों के निर्माण हेतु प्रश्नकर्ता पत्र क्रमांक 96 दिनांक 03.02.2025, 640 दिनांक 31.05.2025 द्वारा प्रस्ताव शासन/विभाग को प्रस्तुत किये गए हैं। यदि हाँ तो प्रस्तावित सड़कों में से कितनी एवं कौन-कौन सी सड़कों का निर्माण कार्य इस वित्तीय वर्ष में स्वीकृत कर प्रारंभ किया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) वर्ष 2025-26 में लोक निर्माण विभाग को सड़क एवं सेतु निर्माण कार्य हेतु राशि रू. 10629 करोड़ का बजट प्रावधान है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) पत्र क्रमांक 96 दिनांक 03.02.2025 एवं पत्र क्रमांक 640 दिनांक 31.05.2025 में उल्लेखित मार्ग वर्तमान में न तो किसी योजना में स्वीकृत है और न ही प्रस्तावित है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हितग्राहियों को आवासीय भूमि पट्टे का प्रदाय
[नगरीय विकास एवं आवास]
83. ( क्र. 1508 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में निवासरत आवास विहीन हितग्राहियों को आवासीय भूमि के पट्टे देने की क्या योजना/नियम है? प्रति उपलब्ध करायें। (ख) क्या प्रधानमंत्री आवास स्वीकृती हेतु हितग्राही के पास आवासीय भूमि का पट्टा होना अनिवार्य है? यदि हाँ तो भितरवार विधानसभा क्षेत्र की नगर परिषदों में ऐसे कितने हितग्राही हैं, जिनके पास आवासीय भूमि के पट्टे नहीं होने से अभी तक आवास स्वीकृत नहीं किये गए हैं? नगर परिषद्वार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित स्थिति में हितग्राहियों को आवासीय भूमि का पट्टा देने के लिए कोई कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ तो क्या? आवासीय पट्टे देकर कब तक आवास स्वीकृत किये जायेंगे? समय-सीमा बताएं। यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) मप्र के नगरीय क्षेत्रों में पट्टाधृति नियम 1984 के प्रावधान अनुसार आवासहीन भूमिहीन पात्र हितग्राहियों को पट्टा दिये जाने की योजना है। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 के मप्र शासन, नगरीय विकास एवं आवास विभाग, मंत्रालय भोपाल के आदेश क्रमांक यू.डी.एच./9/0009/2025/18-2 दिनांक 17.03.2025 में जारी दिशा-निर्देश के अनुसार पात्रता हेतु हितग्राही के पास भूमि का पट्टा/रजिस्ट्री/धारणाधिकार अथवा राजस्व विभाग द्वारा मान्य अन्य दस्तावेज होना आवश्यक है। भारत सरकार के एकीकृत वेब पोर्टल पर प्राप्त आवेदनों के आधार पर भितरवार विधानसभा क्षेत्र की नगर परिषदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) जी हाँ। नगर परिषद् भीतरवार विधानसभा क्षेत्रांतर्गत नगर परिषद् भितरवार, आंतरी एवं मोहना में सर्वेक्षित पात्र परिवारों के पट्टे वितरण की कार्यवाही प्रचलन में है। पट्टे प्रदान होने पर पात्रतानुसार विहित प्रक्रिया अपनाकर आवास स्वीकृत किया जाना प्रावधानित है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
डबरा शहर की सडकों का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
84. ( क्र. 1510 ) श्री सुरेश राजे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डबरा शहर स्थित अग्रसेन चौराहा से पुराना गाड़ी अड्डा रोड तथा अग्रसेन चौराहा से ठाकुर बाबा रोड (ग्वालियर झाँसी मार्ग तक), पिछोर तिराहा से जेल रोड से डबरा चीनोर मुख्य मार्ग तक की सड़कें पूर्णतः क्षतिग्रस्त हैं, इनमें गहरे गड्ढे होने के कारण क्षेत्रवासियों को आवागमन में अत्यंत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इन मार्गों पर आय दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं। नगर पालिका डबरा द्वारा शहर में सीवर लाइन डालने का बहाना लेकर मुख्यत: गाड़ी अड्डा रोड एवं ठाकुर बाबा रोड बनाने को एक लम्बे समय से टाला जा रहा है, जिससे वर्तमान स्थिति अत्यधिक गंभीर हो चुकी है। शहर में सीवर लाइन तथा उल्लेखित सड़कों का निर्माण कब तक किया जायेगा? कार्य प्रारंभ की समयावधि बतावें। यदि नहीं तो कारण सहित पूर्ण जानकारी देवें। (ख) वर्ष 2014 से डबरा नगर पालिका क्षेत्र में कौन-कौन सी ग्राम पंचायत शामिल की गई? इनके शामिल होने के बाद प्रश्न दिनांक तक इनमें किस स्थान पर कितनी-कितनी राशि के क्या कार्य किस स्थान पर किस दिनांक में हुए? प्रत्येक कार्य पर अभी तक कुल कितनी राशि व्यय की गयी? कार्य पूर्ण/अपूर्ण की कारण सहित वर्षवार पूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं, प्रश्नांकित मार्ग वर्तमान में मोटरेबल है, नागरिकों का आवागमन सुचारू रूप से हो रहा है। नगर पालिका डबरा में सीवर का कार्य अमृत 2.0 योजना के अंतर्गत स्वीकृत है, जिसको LOA दिनांक 09.07.2025 को जारी किया गया है। कार्यादेश उपरांत शहर की जिन सड़कों में सीवर योजना का कार्य स्वीकृत है, उन सड़कों का कार्य सीवर लाइन लाइन लगाने के उपरांत ही कराया जाता है। सीवर योजना की समयावधि 02 वर्ष निर्धारित है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) सिमरियाताल, अर्रु, इटायल, बरोठा, कर्रा, गेंड़ोलकला, बरगवां (निभेरा), सुल्तानपुर, मगरौरा, चांदपुर, डबरागांव, रामगढ़ (ग्रामीण) एवं बुर्जुग कुल 13 ग्राम पंचायत शामिल हुईं हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
कचरा निष्पादन, विकास कार्य एवं पी.एम. आवास की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
85. ( क्र. 1512 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डिण्डौरी नगर पंचायत के कचरा का निष्पादन कहाँ पर किया जाता है? जमीन का खसरा नं., रकबा, पता बतावें। उक्त जमीन नगर पंचायत को कब आवंटित हुई? आवंटन आदेश की छायाप्रति दें। क्या कचरा निष्पादन सही हो रहा है? (ख) क्या कचरा निष्पादन केन्द्र के समीप नवोदय विद्यालय है तथा नर्मदा परिक्रमा मार्ग है एवं जबलपुर अमरकंटक मार्ग से लगा हुआ है? कचरे के प्रदूषण एवं मक्खियों से छात्र/छात्राएं एवं परिक्रमावासी तथा ग्रामवासी परेशान है? (ग) म.प्र. शासन द्वारा नगर पंचायत डिण्डौरी को विकास कार्य हेतु जनमांग अनुसार राशि क्यों नहीं दी जाती है? वर्ष 2023, 2024, 2025 में म.प्र. सरकार द्वारा प्रदेश की सभी नगर पंचायत को विकास कार्य हेतु दी गई राशि की जानकारी नगर पंचायतवार दें। (घ) डिण्डौरी नगर पंचायत के पात्र आवासहीनों को पी.एम. आवास मिल गया है? अगर हाँ तो अधिकतर आवासहीन योजना से वंचित क्यों है? अगर नहीं तो पात्र आवासहीनों को कब तक आवास दिया जावेगा? समय-सीमा बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जिले की नगर परिषद् डिण्डौरी अंतर्गत कचरे के निष्पादन हेतु कलेक्टर महोदय द्वारा आवंटित भूमि खसरा क्र. 146 रकबा 5.65 हे. ग्राम जोगी टिकारिया प.ह.न. 42 रा.नि.म. डिण्डौरी में किया जाता है। उक्त भूमि दिनांक 31.12.2021 को आवंटित की गयी है, आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। कचरा निष्पादन हेतु SBM 2.0 योजना अंतर्गत आधारभूत संरचना का निर्माण कार्य प्रगतिरत है। प्रारंभिक तौर पर मानव श्रम से कचरा निष्पादन का कार्य किया जाता है। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश (ख) संबंधित कोई शिकायत इस निकाय को प्राप्त नहीं हुयी है, परन्तु नगर परिषद् अपने सीमित संसाधनों के माध्यम से कचरे का प्रदूषण न हो तथा आम नागरिकों को कोई असुविधा न हो इसका निरंतर प्रयासरत है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब एवं 'स' अनुसार है। (घ) डिण्डौरी नगर परिषद् क्षेत्रांतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत प्रथम चरण में कुल 809 हितग्राहियों के स्वीकृत किये गये। इसके साथ ही AHP घटक अंतर्गत 348 आवास बनाये जाने का कार्य प्रगतिरत है। शेष पात्र हितग्राहियों को PMAY-2.0 योजनांतर्गत दस्तावेजों के परीक्षण एवं कलेक्टर अनुमोदन उपरांत आवास योजना का लाभ दिये जाने का कार्य प्रगतिरत है।
विद्युत ट्रांसफार्मर एवं विद्युत लाइनों की जानकारी
[ऊर्जा]
86. ( क्र. 1518 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले में 1 जनवरी 2023 से 31 मार्च 2025 तक कौन-कौन से कब से फेल ट्रांसफार्मर कब-कब, किस-किस क्षमता के बदले गये? ट्रांसफार्मर बदलने की दिनांक को बदले गये ट्रांसफार्मर पर कितनी राशि बकाया थी? बकाया राशि में से कितनी राशि कब जमा कराकर ट्रांसफार्मर बदले गये? उक्त अवधि में ट्रांसफार्मर बदलने के क्या नियम थे? उसकी प्रति संलग्न कर जानकारी दें। क्या ट्रांसफार्मर बदलने में उक्त नियमों का पालन किया गया? यदि नहीं तो क्यों? (ख) शिवपुरी जिले में 01 जनवरी 2024 से प्रश्न दिनांक तक वितरण केन्द्रवार किस-किस योजना अंतर्गत, किस-किस क्षमता के नवीन ट्रांसफार्मर एवं कितनी 11 के.व्ही. एवं एल.टी. लाइन स्वीकृत कर स्थापित किये गये? संख्यात्मक विवरण देवें। उक्त ट्रांसफार्मर किस उद्देश्य के लिए स्थापित किये गये? उक्त ट्रांसफार्मरों पर कितने-कितने विद्युत कनेक्शन प्रदाय किये गये? यदि कनेक्शन प्रदाय नहीं किये गये तो ट्रांसफार्मर क्यों स्थापित किये गये? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी दें। (ग) शिवपुरी जिले में जुलाई 2023 से 30 जून 2025 तक पंजीकृत ठेकेदारों द्वारा OYT 3% एवं 5% सुपरवीजन योजना अंतर्गत कौन-कौन से कार्य किन-किन के कहाँ-कहाँ पर, कब-कब किये गये? किये गये कार्यों की कितनी-कितनी राशि कब-कब जमा करायी गयी? उक्त कार्यों की गुणवत्ता की जांच किस स्तर के अधिकारी द्वारा कब की गई एवं उक्त कार्य कंपनी द्वारा ठेकेदारों से कब हैण्ड ओवर लिये गये? संख्यात्मक विवरण देवें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) शिवपुरी जिले में प्रश्नाधीन अवधि में जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों से संबंधित प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। वितरण ट्रांसफार्मर के जलने/खराब होने के उपरांत संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि का 10 प्रतिशत जमा करने अथवा 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा बकाया राशि जमा करने पर संभागीय मुख्यालय में 12 घंटे एवं अन्य शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे तथा ग्रामीण क्षेत्रों में शुष्क मौसम में 3 दिवस तथा मानसून के मौसम के दौरान माह जुलाई से सितंबर तक 7 दिवस में जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदलने अथवा विद्युत प्रदाय पुर्स्थापित करने के प्रावधान/नियम हैं। उक्त नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्रांतर्गत प्रश्नांश में उल्लेखित अवधि में विभिन्न योजनाओं के तहत नवीन वितरण ट्रांसफार्मर, 11 के.व्ही. विद्युत लाइन एवं एल.टी. लाइन को स्थापित किये जाने संबंधी कार्यों की स्वीकृति एवं उक्त स्वीकृत कार्यों के विरूद्ध किये गये कार्यों की प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। उक्त वितरण ट्रांसफार्मरों के स्थापित किये जाने के उद्देश्य एवं प्रदाय किये गये विद्युत कनेक्शनों की प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता है। (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र में प्रश्नांश में उल्लेखित अवधि में स्वयं का ट्रांसफार्मर (OYT) 3% एवं सुपर विजन योजना 5% के अंतर्गत किये गये कार्यों से संबंधित प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है।
कार्यों का गुणवत्ता परीक्षण
[नगरीय विकास एवं आवास]
87. ( क्र. 1520 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पंचायत पोहरी/मगरौनी/नरवर में अप्रैल 2024 से 30 जून 2025 तक कौन-कौन से निर्माण कार्य कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत कर कराये गये? उक्त कार्यों की प्राक्कलन, टेंडरों का तुलना-पत्रक, टेंडर स्वीकृत पत्र एवं अनुबंध की प्रति संलग्न कर जानकारी दें कि उक्त कार्य किस एजेंसी को दिये गये? (ख) नगर पंचायत पोहरी में अप्रैल 2024 से 30 जून 2025 तक क्या-क्या सामग्री कितनी-कितनी, कहाँ-कहाँ से कितनी-कितनी राशि में कब-कब खरीदी गई? क्रय की गई नोटशीट के आधार पर क्या-क्या कार्य, कितनी-कितनी राशि के कहाँ-कहाँ पर किसके द्वारा कराये गये? समस्त बिल सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या नगर पंचायत पोहरी में कृष्णगंज स्कूल के समीप पुलिया निर्माण कराया जा रहा है? यदि हाँ तो उक्त कार्य की डी.पी.आर., अनुमान, डिजाइन, ड्राइंग, निविदा प्रक्रिया के निविदा, निविदा तुलना-पत्रक, स्वीकृत पत्रक एवं अनुबंध की प्रति संलग्न कर जानकारी दें। (घ) क्या प्रश्नांश (ग) के क्रम में स्वीकृत नक्शे, डिजाइन एवं इंजीनियरिंग मानकों के अनुरूप किया जा रहा है? यदि हाँ तो ड्राइंग में उल्लेखित सरिया सामग्री आदि मानक अनुसार डाली जा रही है? यदि हाँ तो किस अधिकारी की देख-रेख में मानक सामग्री का उपयोग हो रहा है? यदि अमानक स्तर का गुणवत्ताविहीन कार्य हो रहा है तो इसकी जांच कराकर कार्यवाही की जाएंगी? क्या निर्माण कार्य की जांच अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों के समक्ष करायी गई? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर पंचायत पोहरी/मगरौनी/ नरवर में अप्रैल 2024 से 30 जून 2025 तक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" अनुसार है। कार्यों का प्राक्कलन निविदा का तुलनात्मक पत्रक, निविदा स्वीकृत पत्र एवं अनुबंध की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "ब" अनुसार है। (ख) नगर पंचायत पोहरी में अप्रैल 2024 से 30 जून 2025 तक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "स" अनुसार है एवं बिल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "द" अनुसार है। (ग) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "ई" अनुसार है। (घ) जी हाँ, निकाय में पदस्थ उपयंत्री नगर परिषद् पोहरी द्वारा कराये जा रहे कार्यों में प्रयुक्त सामग्री का परीक्षण एवं कराये गये कार्यों का गुणवत्ता परीक्षण भी समय-समय पर कराया गया है, जिससे शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
रेल्वे गेट पर आर.ओ.बी. निर्माण कार्य की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
88. ( क्र. 1522 ) श्री इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नरयावली विधानसभा क्षेत्र स्थित रेल्वे गेट समपार क्रमांक-32 पर आर.ओ.बी. निर्माण कार्य की शासन द्वारा स्वीकृति प्रदान की है? यदि हाँ तो विस्तृत जानकारी देवें। (ख) क्या स्वीकृति उपरांत विभाग द्वारा निर्माण कार्य के संबंध में शासन स्तर से प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? जानकारी देवें तथा आर.ओ.बी. निर्माण कार्य में यदि कोई रूकावट/आपत्ति दर्ज की गई है? (ग) क्या विभाग द्वारा बीना-कटनी रेल्वे सेक्शन के कि.मी. 1059/2-3 गुड़ा-लिधौरा-डुंगासरा मार्ग पर समपार क्रमांक-32 पर आर.ओ.बी. निर्माण कार्य के लिए आ रही रूकावट/आपत्ति के निराकरण पर कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ तो जानकारी देवें। (घ) समपार क्रमांक-32 पर गुड़ा-लिधौरा-डुंगासरा मार्ग पर आर.ओ.बी. निर्माण कार्य के संबंध में विभाग द्वारा कब तक निविदा जारी की जाएगी/कार्य प्रारंभ किया जाएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के स्तम्भ 10 एवं 11 अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के स्तम्भ 10 अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के स्तम्भ 5 के अनुसार दिनांक 25.01.2023 को कार्यादेश जारी किया गया। रेल्वे विभाग से सहमति उपरांत ही कार्य प्रारंभ किया जावेगा, अत: निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शासकीय एवं निजी विद्युत ट्रांसफार्मरों की स्थापना
[ऊर्जा]
89. ( क्र. 1523 ) श्री इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर पालिका क्षेत्र मकरोनिया विभाग द्वारा कितने विद्युत ट्रांसफार्मर शासकीय/निजी स्थापित किये गये हैं? विस्तृत जानकारी देवें तथा निजी विद्युत ट्रांसफार्मर कहाँ-कहाँ स्थापित किये गए हैं? नाम/स्थान सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत निजी विद्युत ट्रांसफार्मर स्थापित करने के लिए अनापत्ति/नक्शा/स्वयं की भूमि आदि अन्य प्रावधानों का अध्ययन/अवलोकन/ स्थल निरीक्षण किया गया था? यदि हाँ तो जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) में निजी विद्युत ट्रांसफार्मर स्थापित करने के समय विभाग को कोई आपत्ति/शिकायतें दर्ज कराई गई थीं? यदि हाँ तो जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) में निजी विद्युत ट्रांसफार्मर स्थापित करते समय विभाग/ कार्य एजेन्सी ने शासकीय भूमि पर या सड़क मार्ग पर स्थापित कर दिये गये हैं? यदि इससे अतिक्रमण को प्रोत्साहन एवं सड़क मार्ग में आवागमन में आमजनता को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है तो क्या विभाग इसकी उच्च स्तरीय जांच कराएगा? यदि हाँ तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के नगर संभाग सागर अंतर्गत नगर पालिका मकरोनिया में विभागीय योजनाओं के अंतर्गत कुल 263 वितरण ट्रांसफार्मर एवं जमा योजना में कुल 64 वितरण ट्रांसफार्मर (निजी ट्रांसफार्मर नहीं), इस प्रकार कुल 327 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये गये हैं, जिसकी प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, जमा योजना के अंतर्गत किये गये उक्त कार्य, म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता, 2021 में निहित प्रावधान अनुसार आवेदक द्वारा आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराने के उपरांत नवीन विद्युत कनेक्शन हेतु वितरण ट्रांसफार्मर की आवश्यकता का आकलन कर, म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी विनियम आरजी-31, 2022 में निहित प्रावधानों के तहत निर्धारित राशि का भुगतान किए जाने पर समक्ष तकनीकी सुपरविजन (निरीक्षण) में कराए गए थे। (ग) प्रश्नाधीन वितरण ट्रांसफार्मर (निजी ट्रांसफार्मर नहीं) स्थापित करते समय कार्य एजेंसी के विरूद्ध शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (घ) प्रश्नाधीन वितरण ट्रांसफार्मरों को कार्य एजेंसी द्वारा सड़क/मार्ग के किनारे सुरक्षित तौर पर नियमानुसार स्थापित किया गया है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
लोक निर्माण विभाग कटनी संभाग में अनियमितता
[लोक निर्माण]
90. ( क्र. 1526 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग (भवन) कटनी संभाग के अंतर्गत दिनांक 01.04.2023 से आज दिनांक तक पूर्ण किये गये कार्यों एवं उक्त कार्यों के अंतिम भुगतान की जानकारी उपलब्ध करायें। कार्य पूर्ण होने के बाद कितने दिन में अंतिम भुगतान किया जाता है? अंतिम भुगतान की लंबित राशि को बिल-फार्म सहित उपलब्ध करावें एवं किस दिनांक से लंबित है? विलंब का कारण क्या है और कौन-कौन जिम्मेदार हैं? (ख) लोक निर्माण विभाग (भवन) कटनी संभाग के अंतर्गत दिनांक 01.04.2023 से आज दिनांक तक अपूर्ण कार्यों की जानकारी एवं उनके भुगतान की स्थिति के साथ-साथ, कार्य अपूर्ण रहने के कारण क्या हैं? कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार हैं? (ग) लोक निर्माण विभाग (भवन) कटनी संभाग के अंतर्गत दिनांक 01.04.2023 से आज दिनांक तक फर्नीचर क्रय किये जाने हेतु आमंत्रित किये गये निविदा की जानकारी एवं बिना निविदा के क्रय किये गये फर्नीचर की जानकारी बिल की प्रति सहित उपलब्ध करावें। बिना निविदा के फर्नीचर किस नियम के तहत क्रय किया गया है? आदेश एवं निर्देश की कॉपी उपलब्ध करावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 एवं 3 अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्मार्ट सिटी योजनांतर्गत विकास कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
91. ( क्र. 1530 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंडला जिले की स्मार्ट सिटियों में केंद्र व राज्य से प्राप्त राशि से कौन कौन से कार्य कितनी लागत से किये गए हैं? विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न क्रमांक 1462 दिनांक 19.12.2024 के प्रश्नांश (ख) में जबलपुर स्मार्ट सिटी के उल्लेखित कार्यों में से प्रत्येक के एस.ओ.आर., बी.ओ.क्यू., एल.ओ.ए. एवं एन.आई.टी. से संबंधित जानकारी दस्तावेजों सहित उपलब्ध कराएं। इन कार्यों के तकनीकी प्राक्कलन की प्रतियां भी उपलब्ध कराएं। इन कार्यों में अब तक भुगतान किये गए बिलों की छायाप्रतियां एवं एम.बी. की छायाप्रतियां उपलब्ध कराएं। (ग) जबलपुर स्मार्ट सिटी अंतर्गत अब तक किये गए कार्यों में हुई अनियमितताओं व शिकायतों की जाँच विभाग द्वारा उच्च स्तर से टीम गठन कर करवाई जाएगी? यदि हाँ तो कब तक एवं किन के द्वारा? (घ) स्मार्ट सिटी भोपाल अंतर्गत प्रोजेक्ट आई.डी. MAD-BHO-004, MAD-BHO-015, MAD-BHO-046, MAD-BHO-063, MAD-BHO-068, MAD-BHO-073, MAD-BHO-075, MAD-BHO-077 के कार्यों में से प्रत्येक कार्य के एस.ओ.आर., बी.ओ.क्यू. एल.ओ.ए. एवं एन.आई.टी. से संबंधित जानकारी दस्तावेजों सहित उपलब्ध कराएं। इन कार्यों के तकनीकी प्राक्कलन की प्रतियां भी उपलब्ध कराएं। इन कार्यों में अब तक भुगतान किये गए बिलों की छायाप्रतियां एवं एम.बी. की छायाप्रतियां उपलब्ध कराएं। (ङ) भोपाल स्मार्ट सिटी अंतर्गत अब तक किये गए कार्यों को लेकर प्राप्त शिकायतों की प्रतियां उपलब्ध कराएं। इन शिकायतों में जाँच कार्यवाही से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) स्मार्ट सिटी मिशन अंतर्गत मंडला जिले की कोई भी सिटी शामिल नहीं है, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी संकलित की जा रही है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) एवं (ड.) जानकारी संकलित की जा रही है।
जबलपुर विकास प्राधिकरण के सी.ई.ओ. की जाँच
[नगरीय विकास एवं आवास]
92. ( क्र. 1531 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर विकास प्राधिकरण अंतर्गत योजना क्रमांक 6 व 41 से संबंधित भूमियों के आवंटन आदेश, लीजडीड, एन.ओ.सी. आदि उपलब्ध कराएं। (ख) योजना क्रमांक 6 में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ द्वारा जो एफ.आई.आर. दर्ज की गई है, उसकी प्रति एवं ई.ओ.डब्ल्यू. द्वारा प्रश्न दिनांक जो पत्र लिखे गए हैं, उनकी प्रतियां उपलब्ध कराएं। ई.ओ.डब्ल्यू. को विभाग द्वारा जो दस्तावेज उपलब्ध कराये गए हैं, उनकी प्रतियां उपलब्ध कराएं। (ग) प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न क्रमांक 1463 सदन दिनांक 19/12/2024 के प्रश्नांश (क) में पूछा गया था कि वर्तमान सी.ई.ओ. के विरुद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं की गई तो कब तक की जाएगी? इसका जबाब नहीं दिया गया है। कृपया नोटिस जवाब सहित उत्तर उपलब्ध कराएं। (घ) सी.ई.ओ. दीपक वैद्य के कार्यकाल में जबलपुर विकास प्राधिकरण के संबंध में की गई विभिन्न शिकायतों एवं उनमें की गई जाँच व प्रतिवेदन की प्रतियों सहित विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जबलपुर विकास प्राधिकरण की योजना क्रमांक-6 का कुल क्षेत्रफल 53.635 हेक्टेयर है जिसमें 1031 लीजडीड का संपादन किया गया है। इसी प्रकार योजना क्रमांक-41 का कुल क्षेत्रफल 45.870 है जिसमें 789 लीजडीड का संपादन किया गया है। आवंटन आदेश, लीजडीड, एन.ओ.सी. संबंधी प्रपत्र वृहद स्वरूप के होने से पृथक से प्रेषित किये जाएंगे। (ख) प्रश्नांश (ख) में चाही गई जानकारी पुस्कालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विधानसभा तारांकित प्रश्न क्रमांक 1463 का उत्तर मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जबलपुर विकास प्राधिकरण द्वारा उपलब्ध नहीं कराया गया, जिसके कारण विधानसभा को पूर्ण उत्तर प्रेषित नहीं किया जा सका था। इस संबंध में मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जबलपुर विकास प्राधिकरण को दिनांक 22/07/2025 को कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर आयुक्त सह संचालक, नगर तथा ग्राम निवेश भोपाल से जांच कराई जा रही है। (घ) उत्तराशं (ग) अनुसार।
नगर वासियों को पट्टे का प्रदाय
[नगरीय विकास एवं आवास]
93. ( क्र. 1534 ) श्रीमती अनुभा मुंजारे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर पालिका परिषद् बालाघाट द्वारा वर्ष 2007-08 में भाजपा नेता के नाम पर गौरीशंकर नगर को बसाया गया है? उक्त नगर में शासन की योजनानुसार लागत राशि 55 लाख की सी.सी. सड़क का निर्माण कराया जा चुका है? यदि हाँ तो नगर में निवासरत निवासियों को भू-अधिकार पत्र (पट्टा) प्रश्न दिनांक तक प्रदान किया गया है या नही? यदि नहीं तो निवासियों को पट्टा कब तक प्रदान किया जाएगा? (ख) उक्त नगर वासियों को पट्टा न मिलने से उन्हें किसी भी शासकीय योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है, इसमें जिम्मेदार व्यक्ति/अधिकारी/कर्मचारी पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) उक्त नगर को किस मद की भूमि पर वर्ष 2007-08 में बसाया गया है? उक्त भूमि के समस्त दस्तावेजों की प्रति एवं सम्बंधित विभाग के अनापत्ति प्रमाण पत्र की प्रति उपलब्ध करवाएं। (घ) क्या उक्त नगर वासियों को उनकी मूलभूत सुविधाएं जैसे सड़क, बिजली, पानी दी जा चुकी है? यदि हाँ तो संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाएं। (ङ) उक्त नगर में वर्ष 2007- 08 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस निधि से कौन-कौन से निर्माण कार्य कराए गए हैं? सूची उपलब्ध करवाते हुये निर्माण कार्यों के टेंडर प्रक्रिया के संपूर्ण दस्तावेजों की जानकारी उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं। जी हाँ। जी नहीं, प्रश्नांकित भूमि अनुविभागीय अधिकारी, अनुविभाग बालाघाट के प्रतिवेदन अनुसार मौजा बूढी प.ह.न.13/1 तहसील बालाघाट में स्थित गौरीशंकर नगर खसरा नं. 56/1 रकवा 4.4403 हे. मद घांस जो औदयोगिक प्रशिक्षण संस्था आई.टी.आई. को आवंटित है, जिसका अधिकार अभिलेख 1954/55 में मद छोटे झाड़ का जंगल व घांस के होने से निवासियों को पट्टा दिया जाना संभव नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी के पत्र क्रमांक 855 दिनांक 14.07.2025 अनुसार उक्त गौरीशंकर नगर को बूढी स्थित प.ह.न. 13/1 तहसील बालाघाट में खसरा नं. 56/1 रकवा 4.4403 हे. मद घांस जो औदयोगिक प्रशिक्षण संस्था आई.टी.आई. के नाम दर्ज है। भूमि के खसरा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। (1) वार्ड क्र. 01 में नगर पालिका निधि से भारत विकलांग स्कूल हैण्डपम्प से गौरीशंकर नगर तक डब्ल्यू.बी.एम. रोड लम्बाई 900 मी. तक लागत राशि रू. 788500.00 का निर्माण कराया गया है। (2) वार्ड क्र. 01 में विशेष निधि से गौरीशंकर नगर में सी.सी. रोड निर्माण कार्य कुल लम्बाई 1118 मीटर लागत राशि रू. 4596556.00 रूपये का निर्माण कार्य कराया गया है। (3) यू.आई.डी.एस.एस.एम.टी. योजनान्तर्गत गौरीशंकर नगर में कुल 970 मीटर जल प्रदाय पाइप लाइन विस्तार कार्य किया गया है। (ड.) उत्तरांश (घ) अनुसार निर्माण कार्य कराये गये हैं। टेण्डर प्रक्रिया के संपूर्ण दस्तावेजों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है।
सिवनी/बालाघाट जिले में रीजनल ऑफिस का पुन: संचालन
[ऊर्जा]
94. ( क्र. 1537 ) श्रीमती अनुभा मुंजारे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पूर्वी क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी जबलपुर के बिजली विभाग का रीजनल एकाउंट ऑफिस जिला सिवनी में था? उसे किस कारण से बंद किया गया है? (ख) रीजनल एकाउंट ऑफिस बंद कर जिला छिंदवाड़ा क्यों शिफ्ट किया गया? विस्तृत जानकारी देवें। रीजनल ऑफिस छिंदवाड़ा में होने के कारण जिला बालाघाट की बिजली विभाग के राजस्व से संबंधित कार्यों के लिए छिंदवाड़ा जाना न्याय उचित नहीं होता है। इसको ध्यान में रखते हुए कब तक पुनः रीजनल ऑफिस सिवनी या बालाघाट में पुन: शुरू किया जावेगा? (ग) रीजनल ऑफिस सिवनी से छिंदवाड़ा होने से शासन को प्रति वर्ष कितना अनावश्यक वितीय भार आ रहा है? (घ) क्या रीजनल ऑफिस छिंदवाड़ा होने से बालाघाट जिले के सेवानिवृत कर्मचारियों को समस्त दस्तावेज सत्यापन हेतु जिला छिंदवाड़ा जाना पड़ता हैं? कर्मचारियों के साथ क्या न्याय संगत है? रीजनल ऑफिस सिवनी या बालाघाट में कब तक खोला जाएगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत सिवनी वृत्त में पूर्ववर्ती मध्यप्रदेश राज्य विद्युत मंडल के समय रीजनल अकाउंट ऑफिस संचालित था। म.प्र. शासन द्वारा वर्ष 2002 में म.प्र. राज्य विद्युत मंडल को 05 स्वतंत्र कंपनियों में पुनर्गठित किये जाने के पश्चात म.प्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा प्रशासनिक आवश्यकता एवं वित्तीय प्रबंधन के दृष्टिगत उक्त कार्यालय को वर्ष 2006 में वरिष्ठ लेखाधिकारी, कार्यालय छिन्दवाड़ा में समाहित कर दिया गया। (ख) प्रश्नांश में उल्लेखित कार्यालय को शिफ्ट किये जाने की जानकारी उत्तरांश (क) अनुसार है। वर्तमान में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत राजस्व संग्रहण संबंधी सभी कार्य एवं कार्मिकों के वेतन आदि के समस्त भुगतान ऑनलाइन प्रणाली के माध्यम से निष्पादित किये जा रहे हैं, जिस हेतु उपभोक्ता अथवा कार्मिक को संबंधित वरिष्ठ लेखाधिकारी कार्यालय जाना आवश्यक नहीं होता है। (ग) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत अधिकांश कार्य उत्तरांश (ख) में उल्लेखानुसार ऑनलाइन प्रणाली के माध्यम से किये जा रहे हैं। अतः सिवनी रीजनल अकाउंट ऑफिस को छिन्दवाड़ा रीजनल ऑफिस में समाहित किये जाने के कारण विद्युत कंपनी पर वित्तीय भार कम हुआ है। (घ) म.प्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत सेवानिवृत्त कार्मिकों को पेंशन प्रारंभ होने से पूर्व एक बार दस्तावेजों/पहचान के सत्यापन हेतु संबंधित क्षेत्रीय लेखाधिकारी कार्यालय में जाना पड़ता है। तत्पश्चात् समस्त कार्य ऑनलाइन माध्यम से किये जा सकते हैं।
नगर पालिक निगम अंतर्गत क्रय सामग्री एवं कचरा वाहनों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
95. ( क्र. 1538 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला रतलाम में वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक नगर पालिक निगम में विगत वर्षों में विभिन्न विभागों द्वारा सामग्री, उपकरण, सेवाएं अथवा निर्माण कार्यों में सामग्री की खरीदी की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित विगत वर्षों में नगर पालिक निगम रतलाम के अंतर्गत विभिन्न विभागों द्वारा की गई समस्त खरीदी का विवरण देवें तथा प्रत्येक खरीदी में प्रयुक्त बजट राशि, खरीदी की गई वस्तु/सेवा/कार्य का नाम, आपूर्तिकर्ता का नाम तथा चयन की प्रक्रिया (निविदा/कोटेशन/अन्य) का विवरण की जानकारी बतावें। (ग) क्या जिला रतलाम के नगर पालिक निगम द्वारा सभी खरीदी में से किसी भी प्रक्रिया में अनियमितता, भ्रष्टाचार तथा शासन के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन पाया गया है? यदि हाँ, तो उसके संबंध में की गई जाँच और कार्यवाही की जानकारी वर्षवार बतावें। (घ) क्या नगर पालिक निगम रतलाम को स्वच्छ व सुंदर रखने में कितने कचरा वाहनों का उपयोग किया जाता है? निगम में कुल वाहनों की संख्या कितनी है? कितने वाहन चालू एवं बंद स्थिति में हैं? निगम में किराए के वाहन कितने हैं? प्रतिदिन वाहनों में कितना डीजल खर्च होता है? कितने टन कचरा प्रतिदिन एकत्रित होता है? एक वाहन पर कितने कर्मचारी कार्यरत हैं? क्या सभी वाहनों की लॉग बुक पूर्ण है अथवा नहीं? वाहन नंबर सहित जानकारी वर्षवार बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ पर है। (ग) जी नहीं। (घ) जी हाँ। निगम में वर्तमान में वाहनों की कुल संख्या 142 हैं, जिसमें से 134 वाहन चालू स्थिति में एवं 8 वाहन बन्द स्थिति में है। निगम में किराये के 2 सवारी वाहन एवं 5 से 7 आवश्यकतानुसार ट्रेक्टर लगाये जाते हैं। समस्त वाहनों में प्रतिदिन औसतन 950 से 1050 लीटर डीजल खर्च होता है। निकाय द्वारा प्रतिदिन 110 से 125 टन कचरा एकत्रित होता है। एक वाहन पर 2 कर्मचारी कार्यरत हैं। जी हाँ, सभी वाहनों की लॉगबुक पूर्ण है, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब पर है।
मजरों-टोलों एवं बस्तियों का विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
96. ( क्र. 1539 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला रतलाम के सैलाना विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक ऊर्जा विभाग अंतर्गत सैलाना विधानसभा क्षेत्र में आजादी के लगभग 77 वर्षों बाद भी अनेक मजरे-टोले/बस्तियां ऐसी हैं जहाँ अब तक विद्युत सुविधा उपलब्ध नहीं हो सकी है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित विधानसभा क्षेत्र सैलाना अंतर्गत आज दिनांक तक विद्युत विहीन मजरा-टोला/बस्तियों की कुल संख्या, विद्युत विहीन मजरा-टोला/बस्तियों का नाम, ग्राम पंचायत, जनसंख्या तथा दूरी, मुख्य ग्राम से इन क्षेत्रों में अब तक विद्युत प्रदाय हेतु विभाग द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी देवें। विद्युत विहीन क्षेत्रों में बिजली पहुँचाने की आगामी योजना, समय-सीमा एवं बजट की जानकारी पृथक-पृथक वर्षवार उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित कितने मजरे-टोले विद्युत विहीन हैं तथा इन्हें विद्युत सुविधा प्रदान करने हेतु विद्युत वितरण कंपनी के पास क्या कार्ययोजनाएं हैं? संपूर्ण जानकारी वर्षवार पृथक-पृथक उपलब्ध करावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) विद्युतीकरण हेतु निर्धारित नीति अनुसार सर्वप्रथम प्रदेश के सभी आबाद ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य एवं तदुपरांत आबाद ग्रामों के चिन्हित मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य वित्तीय उपलब्धता अनुसार क्रमश: केन्द्र शासन की विभिन्न विद्युतीकरण की योजनाओं यथा राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना एवं दीनदयाल उपध्याय ग्राम ज्योति योजना में किया गया। तदुपरांत सौभाग्य योजना के प्रावधानों के अंतर्गत शत्-प्रतिशत घरों के विद्युतीकरण का कार्य किया गया, किन्तु इस योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार खेतों में दूर-दूर अवस्थित घरों को तकनीकी एवं वित्तीय साध्यता नहीं होने के कारण योजना में सम्मिलित नहीं किया गया। तद्नुसार सैलाना विधानसभा क्षेत्र सहित रतलाम जिले के समस्त राजस्व ग्रामों एवं चिन्हित मजरों/टोलों/ बस्तियों का विद्युतीकरण किया गया है। (ख) एवं (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्रान्तर्गत कई आदिवासी परिवार मुख्य ग्राम से दूर-दूर निवास करते हैं और रोजगार के लिए पलायन करते रहते हैं। इस कारण समय-समय पर नये मजरे/टोले/फलिये का सृजन होता रहता है, जो कि एक सतत् प्रक्रिया है। म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत वर्तमान में किये गए सर्वेक्षण अनुसार प्रश्नाधीन क्षेत्र अन्तर्गत 432 मजरा/टोला/फल्यों अविद्युतीकृत पाए गए हैं, जिसकी प्रश्नाधीन चाही गयी पंचायतवार, ग्रामवार एवं फल्योंवार संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। उक्त 432 फल्यों/मजरों/टोलों/बस्तियों में से 250 फल्यों/मजरों/टोलों/बस्तियों को धरती आबा-जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के अंतर्गत विद्युतीकरण हेतु चिन्हित कर कार्ययोजना तैयार की गई है। उक्त कार्ययोजना की स्वीकृति केन्द्र शासन से प्राप्त हो चुकी है, जिसके अनुसार उक्त 250 मजरों/टोलों/फल्यों हेतु राशि रू. 1265.23 लाख की स्वीकृति प्राप्त हुई है। उक्त कार्यों को आगामी एक वर्ष में पूर्ण किया जाना है। शेष 182 मजरों/टोलों के विद्युतीकरण के कार्य हेतु विस्तृत सर्वे कार्य किया जा रहा है। सर्वे उपरांत पात्रता अनुसार उक्त शेष मजरों/टोलों/बसाहटों/फल्यों के विद्युतीकरण के कार्य हेतु विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर नोडल एजेंसी मेसर्स पी.एफ.सी., विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार को प्रेषित की जानी है। उक्त कार्ययोजना की स्वीकृति उपरांत विद्युतीकरण के कार्य प्रारंभ किये जाने हेतु कार्यवाही प्रचलन में आवेगी।
सड़क एवं पुलिया निर्माण कार्य की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
97. ( क्र. 1543 ) श्री सुनील उईके : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जुन्नारदेव विधानसभा के अल्प पिछड़े आदिवासी अंचलों की सड़क ग्राम गारादेही (बिलावरखुर्द) से सांगाखेडा, नांदिया होते हुये हीवर (पचमढ़ी) तक नवीन सड़क निर्माण कार्य, वार्ड नं 13 सिद्धबाबा दमुआ से गोरखघाट (छाबडा) तक नवीन सड़क निर्माण कार्य, डोरली (रिछेडा) से बिछुआ (केवलारी) तक 1 कि.मी सड़क निर्माण, मोरछी से पुलिया तक 1 कि.मी सड़क निर्माण प्रश्नकर्ता द्वारा मुख्यमंत्री महोदय को पत्र क्र. 6460/02.06.2025, प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग में दिये गये पत्र क्रं. 6463/02.06.2025 एवं प्रबंध संचालक म.प्र. सड़क विकास निगम लिमिटेड भोपाल को दिये गए पत्र क्रं. 6458/02.06.2025 को इस वर्ष की कार्ययोजना में शामिल कर निर्माण कार्य स्वीकृत करने पर विचार करेंगे? (ख) विधानसभा जुन्नारदेव की निम्न पुलिया निर्माण कार्य ग्राम हिरदागढ़ से कन्हान नदी पर लोहे की पुलिया, ग्राम दातला से सरेखाढाना मार्ग में टांकिया नदी पर पुलिया, ग्राम डोरली से केवलारी बिछुआ मार्ग पर पुलिया, ग्राम डेहरी प्रा.शा. मतदान केन्द्र मार्ग पर पुलिया, ग्राम भावईखुर्द में बस्ती से हिरदागढ़ रोड में नैंदना नदी पर पुलिया निर्माण कार्यों की उक्त संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा पूर्व में माननीय मुख्यमंत्री महोदय एवं विभाग प्रमुख को पत्र क्रं. 6461, 6465/02.06.2025 के माध्यम से पत्र दिया गया था, तो क्या इन पुलिया निर्माण कार्यों की स्वीकृति प्रदान करने पर विचार करेंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। ग्राम गारादेही (बिलावरखुर्द) से सांगाखेड़ा, नांदिया होते हुये हीवर (पचमढ़ी) तक नवीन सड़क निर्माण के संबंध में म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा प्रथम स्तरीय निरीक्षण के दौरान पाया गया कि उक्त संपूर्ण मार्ग वनक्षेत्र सतपुड़ा टाईगर रिजर्व की बफर जोन में आता है जिसकी लंबाई लगभग 31.0 कि.मी. है। वर्तमान में यह मार्ग प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अधीन है। अत: उपरोक्त संपूर्ण मार्ग की लंबाई वनक्षेत्र सतपुड़ा टाईगर रिजर्व की बफर जोन में होने के कारण म.प्र. सड़क विकास निगम अंतर्गत किसी भी योजना में लिया जाना संभव नहीं है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। सूची में उल्लेखित कार्य किसी भी योजना में न तो प्रस्तावित है एवं न ही स्वीकृत है। अत: कार्यवाही किया जाना संभव नहीं।
रेरा की अनुमति के बिना कॉलोनी का विकास
[नगरीय विकास एवं आवास]
98. ( क्र. 1545 ) श्री सुनील उईके : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा एवं बैतूल जिले के अन्तर्गत किस-किस नगरीय सीमा में एवं किस-किस ग्रामीण सीमा में रेरा का पंजीयन एवं अनुमति के बिना ही गत पांच वर्षों में किस-किस के द्वारा कॉलोनी का विकास किया है या आवासीय योजना बनाई है? (ख) रेरा का पंजीयन करवाए बिना या रेरा से अनुमति प्राप्त किए बिना कॉलोनी का विकास करने या आवासीय योजना बनाए जाने पर किस-किस के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही प्रश्नांकित दिनांक तक की गई है? यदि नहीं की गई हो तो कारण बताने का कष्ट करें एवं कब तक क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) विगत पांच वर्षों में विकसित किस कॉलोनी में सीवेज ट्रीटमेन्ट प्लांट भी तैयार किया गया है या प्रस्तावित किया गया है? किस कॉलोनी में सीवेज ट्रीटमेन्ट प्लांट नहीं बनाया गया?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) कॉलोनी के विकास के लिए रेरा की अनुमति आवश्यक नहीं है, बल्कि सक्षम प्राधिकारी से कॉलोनी की विकास अनुमति प्राप्त करने के बाद कॉलोनी का विकास किया जा सकता है, परन्तु कॉलोनाईजर द्वारा कॉलोनी के भूखण्ड/भवन का विक्रय करने या विक्रय हेतु विज्ञापन जारी करने के पूर्व रेरा में कॉलोनी (प्रोजेक्ट) का पंजीयन कराया जाना आवश्यक है। छिन्दवाड़ा एवं बैतूल जिले के नगरीय क्षेत्र में विकास अनुमति प्राप्त कॉलोनियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' एवं ग्रामीण क्षेत्र की जानकारी परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ख) उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में छिन्दवाड़ा एवं बैतूल जिले में रेरा का पंजीयन कराए बिना कॉलोनी (प्रोजेक्ट) का संचालन करने की जानकारी संज्ञान में आने पर रेरा द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है।
पशुपालन विभाग द्वारा संचालित कल्याणकारी योजनाएं
[पशुपालन एवं डेयरी]
99. ( क्र. 1547 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में पशुपालन विभाग द्वारा पशुधन विकास, दुग्ध उत्पादन वृद्धि और ग्रामीण आजीविका सुधार आदि अन्य के लिए प्रभावी योजनाएं चलाई जा रही हैं? यदि हाँ, तो योजनाओं का नाम, योजनाओं के नियम सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में माननीय मुख्यमंत्री महोदय की घोषणानुसार पंजीकृत गौशालाओं के गौवंश को प्रतिदिन प्रति गाय 20 रूपये से बढ़ाकर 40 रूपये अनुदान किया गया है, इससे कितनी गौशालाओं को एवं कितने गौवंश को लाभ हुआ है? 1993-2003 तक कितना अनुदान दिया जाता था तथा 2003 से प्रश्नांकित अवधि तक कितना अनुदान दिया जाता है? तुलनात्मक जानकारी वृद्धि दर सहित जिलेवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में डॉ. भीमराव अम्बेडकर कामधेनु योजना क्या है? इसके नियम/निर्देश हैं? यदि हाँ तो नियम/निर्देश/आदेशों की छायाप्रति उपलब्ध करावें तथा योजना प्रारंभ से प्रश्नांकित अवधि तक कितने हितग्राहियों ने योजना का लाभ लेने हेतु आवेदन प्रस्तुत किए तथा कितने हितग्राहियों को योजना का लाभ दिया गया? जिलेवार, विकासखण्डवार हितग्राहियों के नाम सहित जानकारी देवें। (घ) वर्तमान में कितने गौ-अभयारण्य संचालित हैं? बतावे एवं कौन-कौन से जिले में गौ-अभयारण्य प्रस्तावित है? (ङ) प्रश्नकर्ता के कितने पत्र सिरोंज में पशु चिकित्सा महाविद्यालय/डिप्लोमा कॉलेज की स्थापना करने हेतु मान. मंत्री महोदय, प्रमुख सचिव पशुपालन विभाग आदि को प्राप्त हुए? उन पर क्या कार्यवाही की गई? क्या विभाग की सिरोंज में पशु चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना करने की योजना हैं? यदि हाँ, तो कब तक स्वीकृत कर पशु चिकित्सा महाविद्यालय/डिप्लोमा कॉलेज की स्थापना की जावेगी?
राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ, पंजीकृत गौशालाओं के गौवंश के लिए चारा भूसा अनुदान की राशि प्रति दिन रू. 20 से बढ़ाकर रू. 40 किए जाने पर 2215 गौशालाओं में उपलब्ध 398057 गौवंश को लाभ प्राप्त हुआ है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) डॉ. भीमराव अम्बेडकर कामधेनु योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। डॉ. भीमराव अम्बेडकर कामधेनु योजना अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक 634 हितग्राहियों द्वारा पोर्टल के माध्यम से योजना का लाभ लेने हेतु आवेदन प्रस्तुत किए गए। वर्तमान में किसी भी हितग्राही को योजना का लाभ नहीं दिया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रदेश में एक मात्र गौ-अभयारण्य अनुसंधान एवं उत्पादन केन्द्र, सालरिया, तहसील सुसनेर जिला आगर मालवा में संचालित है। जी नहीं, राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में ''मध्यप्रदेश राज्य में स्वावलंबी गौशालाओं (कामधेनु निवास) की स्थापना की नीति 2025'' लागू की गई है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है। नवीन शासकीय पशु चिकित्सा पशुपालन डिप्लोमा महाविद्यालय नगर सिरोंज, तहसील सिरोंज जिला विदिशा (म.प्र.) संचालित करने के संबंध में प्रकरण परीक्षणाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विद्युत उपकरण खरीदी में अनियमितता
[ऊर्जा]
100. ( क्र. 1548 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड भोपाल के द्वारा 01 अप्रैल 2024 से प्रश्नांकित अवधि तक विभाग द्वारा कितने ट्रांसफार्मर, केबल, विद्युत पैनल एवं मीटर का क्रय कब-कब, किस-किस कंपनी/एजेन्सियों के माध्यम से किया गया? विद्युत उपकरण का नाम, प्रशासकीय स्वीकृति, निविदा प्रक्रिया, अनुबंध की शर्तें, चयन प्रक्रिया का विवरण, फर्म/संस्था/ कम्पनी/एजेंसी का नाम, पता सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या उपकरणों की खरीदी में गुणवत्ता मानकों का परीक्षण किया गया? कितने उपकरण खराब पाए गए? उन पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या किसी आपूर्तिकर्ता पर पेनल्टी या ब्लैक लिस्टिंग की गई है? यदि हाँ, तो बतावें। यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या कुछ खरीदी कार्य बिना टेंडर के सीधे क्रय आदेश देकर किए गए हैं? यदि हाँ, तो उसकी संख्या, उपकरण का नाम, किसके आदेश पर क्रय किए गए? उपकरण का नाम, लागत सहित जानकारी देवें तथा इसके लिए उत्तरदायी अधिकारी कौन है? नाम, पदनाम सहित बतावें तथा क्या विभाग द्वारा खरीदे गए संयंत्रों या उपकरणों में समय पर आपूर्ति न होने या तकनीकी त्रुटियों के कारण किसी परियोजना में देरी या वित्तीय हानि हुई है? यदि हाँ, तो इसके लिए दोषी कौन है? दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या विद्युत उपकरणों की खरीदी में वित्तीय या अन्य अनियमितताओं की शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ तो उन पर क्या कार्यवाही की गई? कौन-कौन दोषी पाये गये? कितनी जांच की गई? जांच प्रतिवेदन की छायाप्रति उपलब्ध करावें तथा यदि जांच नहीं की गई तो कब तक की जावेगी? शिकायती आवेदन की छायाप्रति उपलब्ध करावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत विद्युत उपकरणों की खरीदी हेतु सक्षम अनुमोदन प्राप्त कर, स्टेन्डर्ड बिड डॉक्यूमेंट (SBD) के तहत एम.पी. टेन्डर पोर्टल पर ऑनलाइन निविदा जारी कर क्रय करने की कार्यवाही की जाती है। जारी निविदा के विरूद्ध तकनीकी-वाणिज्यिक मूल्यांकन में योग्य पाये गये प्रतिभागियों की मूल्य बोली खोली जाती है, जिसमें प्राप्त न्यूनतम दर पर निविदा में निहित नियम एवं शर्तों के अनुरूप क्रय आदेश जारी किये जाते हैं, जिसमे पृथक से अनुबंध निष्पादित करने का प्रावधान नहीं है। म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अंतर्गत प्रश्नाधीन अवधि में क्रय किए गए ट्रांसफार्मर, केबल, विद्युत पैनल एवं मीटर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के संदर्भ में उपकरणों की खरीदी में गुणवत्ता मानकों का परीक्षण किया गया। परीक्षण में कोई उपकरण खराब नहीं पाया गया है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता है। (ग) उत्तरांश (क) के संदर्भ में किसी भी प्रकार की सामग्री को बिना टेंडर के सीधे क्रय आदेश जारी कर क्रय नहीं किया गया। सभी सामग्री एम.पी. टेंडर पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन निविदा प्राप्त कर नियमानुसार क्रय आदेश जारी किये गये। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता है। (घ) उत्तरांश (क) के संदर्भ में विद्युत उपकरणों की खरीदी में किसी भी प्रकार की वित्तीय या अन्य अनियमितताओं की शिकायतें प्राप्त नहीं हुई हैं। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता है।
नगर परिषद् छपारा में वित्तीय अनियमितता की जाँच
[नगरीय विकास एवं आवास]
101. ( क्र. 1550 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले के नगरीय निकाय नगर परिषद् छपारा में वर्ष 2023 को टॉयलेट क्लीनर के नाम पर फर्जी बिल लगाकर 19, 99, 970/- रूपये की राशि का आहरण किया गया जबकि उस समय नगर परिषद् क्षेत्र में सुलभ शौचालय नहीं थे। चूंकि फर्जी बिल लगाकर भारी भ्रष्टाचार किया गया, क्या विभाग इसकी सूक्ष्मता से जांच करायेगा? (ख) नगर परिषद् छपारा में लाखों रूपयों के मुरम के नाम पर फर्जी बिल लगाया गया, जिसमें 300/- रूपये प्रति घन मीटर के हिसाब से 142 घन मीटर मुरम खरीदी गई, जिसका कुल भुगतान 42600/- रूपया हुआ चूंकि नगर परिषद् के द्वारा 89755/- रूपये का भुगतान कर भारी भ्रष्टाचार किया गया? (ग) वहीं एक और 900/- से 1000/- रूपये मार्केट दर से स्ट्रीट लाइट नगर परिषद् द्वारा ली गयी, जिसमें 4000/-, 5000/- व 7000/- की दर से खरीदी के बिल लगाकर भारी भ्रष्टाचार किया गया? (घ) क्या विभाग द्वारा भारी भ्रष्टाचार की जांच कराकर दोषियों पर कठोर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ तो कब? नहीं तो क्यों नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं, निकाय क्षेत्र में तत्समय सार्वजनिक शौचालय निर्मित थे। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं, मुरम का कार्यादेश 142 घन मीटर का था परन्तु स्थल पर मांग के अनुरूप 23 घनमीटर अतिरिक्त मुरम डलवाई गई, इस प्रकार 165 घनमीटर के लिए ₹ 300.00 प्रति घनमीटर के हिसाब से कुल राशि ₹ 49, 500.00 का भुगतान किया गया है। यह कि लिपिकीय त्रुटि के कारण अनुबंध में राशि ₹ 89, 775.00 दर्ज है किन्तु स्वीकृति के अनुरूप ही भुगतान की कार्यवाही की गई है। (ग) जी नहीं, निकाय क्षेत्र में सार्वजनिक मार्गों की प्रकाश व्यवस्था के अंतर्गत वार्ड पार्षदों एवं नागरिकों की मांग के अनुरूप स्ट्रीट लाईट GeM के माध्यम से क्रय की जाकर भुगतान की कार्यवाही गई है। (घ) उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति उपादान का भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
102. ( क्र. 1557 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के दैनिक वेतनभोगी (स्थाई कर्मी) कर्मचारियों को मृत्यु-सह-उपादान (ग्रेच्युटी) का भुगतान अधिनियम 1972 की धारा 4 की उप धारा (3) के अंतर्गत किए जाने हेतु शासन द्वारा आदेश जारी किए गए थे? यदि हाँ तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में दैनिक वेतनभोगी (स्थाई कर्मी) मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति उपादान भुगतान हेतु शासन द्वारा कब-कब आदेश जारी किए गए? शासन/वित्त विभाग के पत्र क्रमांक एफ-9-4/2018/नियम/चार दिनांक 27 अगस्त 2018 द्वारा जारी आदेशों के परिपालन में प्रदेश के नगरीय आवास एवं विकास विभाग के अधीन नगर निगम/नगर पालिकाओं/नगर परिषद् में कार्यरत दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को उपादान भुगतान किए जाने का लाभ दिया जा रहा है अथवा नहीं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में यदि नहीं तो नगरीय विकास एवं आवास विभाग के अधीन नगर निगम/नगर पालिका/नगर परिषद् में कार्यरत दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को उपादान भुगतान किए जाने का लाभ न दिए जाने के क्या कारण है तथा नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा इस योजना को कब तक लागू किया जाएगा? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। वित्त विभाग द्वारा जारी आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। मध्यप्रदेश शासन, वित्त विभाग द्वारा जारी किये गये परिपत्र क्रमांक एफ-9-4/2018/नियम/चार दिनांक 27.08.2018 के अनुक्रम में विभाग के अधीनस्थ नगरीय स्थानीय निकायों में कार्यभारित एवं आकस्मिकता सेवा तथा दैनिक वेतन भोगी स्थाई कर्मियों को मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति उपदान का लाभ प्रदान किये जाने के संबंध में कार्रवाई परीक्षणाधीन है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
झाबुआ, अलिराजपुर, रतलाम जिले में 100% विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
103. ( क्र. 1560 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या झाबुआ जिला (100%) शत प्रतिशत बिजली की उपलब्धता वाला जिला हैं? कितने गाँव और फाल्या, टोले, बस्ती में अभी विद्युत सुविधा नहीं है? पंचायतवार, ग्रामवार संख्यात्मक जानकारी देवें। (ख) झाबुआ जिला अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 से जून 2025 तक विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभागीय बजट से कितने गांवों, फाल्यों, टोले, बस्तियों तक बिजली पहुंचाए गई कि वर्षवार संख्यात्मक जानकारी देवें। प्रश्नाधीन अवधि में झाबुआ जिले में कितने नवीन विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये गये एवं इस हेतु कितनी राशि व्यय की गई कि वर्षवार संख्यात्मक जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में 100% विद्युतीकरण हेतु विभाग की क्या कार्य योजना है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) विद्युतीकरण हेतु निर्धारित नीति अनुसार सर्वप्रथम प्रदेश के सभी राजस्व ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य एवं तदुपरांत राजस्व ग्रामों के चिन्हित मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य वित्तीय उपलब्धता अनुसार क्रमश: केन्द्र शासन की विभिन्न विद्युतीकरण की योजनाओं यथा राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना एवं दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में किया गया। तदुपरांत सौभाग्य योजना के प्रावधानों के अंतर्गत शत-प्रतिशत घरों के विद्युतीकरण का कार्य किया गया, किन्तु इस योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार खेतों में दूर-दूर अवस्थित घरों को तकनीकी एवं वित्तीय साध्यता नहीं होने के कारण योजना में सम्मिलित नहीं किया गया। तदनुसार झाबुआ जिले के समस्त राजस्व ग्राम शत प्रतिशत विद्युतीकृत हैं। प्रश्नाधीन क्षेत्रान्तर्गत कई आदिवासी परिवार मुख्य ग्राम से दूर-दूर निवास करते हैं और रोजगार के लिए पलायन करते रहते हैं। इस कारण समय-समय पर नये मजरे/टोले/फलिये का सृजन होता रहता है, जो कि एक सतत् प्रक्रिया है। म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत वर्तमान में किये गए सर्वेक्षण अनुसार झाबुआ जिले के 448 फलियों में 2590 घर अविद्युतीकृत पाए गए हैं, जिसकी प्रश्नाधीन चाही गयी पंचायतवार, ग्रामवार संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -''अ'' अनुसार है। (ख) वित्तीय वर्ष 2023-24, 2024-25 एवं 2025-26 (माह जून, 2025 तक) की अवधि में म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा झाबुआ जिले के क्रमश: 41, 40 एवं निरंक, इस प्रकार कुल 81 गाँवों/फाल्यों/टोलों/बस्तियों में वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित कर विद्युतीकरण का कार्य विभिन्न मदों से प्राप्त राशि से किया गया है। प्रश्नाधीन अवधि में म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा झाबुआ जिला अंतर्गत 199 नवीन वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किए गए हैं। उक्त कार्य हेतु राशि रू. 805.91 लाख का व्यय किया गया। झाबुआ जिले में प्रश्नाधीन अवधि में स्थापित किये गये वितरण ट्रांसफार्मरों एवं व्यय की गई राशि की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -''ब'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में झाबुआ जिले के 448 फलियों के अविद्युतीकृत पाए गए 2590 घरों को धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के अंतर्गत विद्युतीकरण हेतु चिन्हित कर कार्य योजना तैयार की गई है। उक्त कार्य योजना की स्वीकृति केन्द्र शासन से प्राप्त हो चुकी है।
4 लेन हाईवे रोड का निर्माण
[लोक निर्माण]
104. ( क्र. 1561 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में झाबुआ-पेटलावाद-रतलाम 2 लेन हाईवे रोड की हालत जर्जर है, यह संकीर्ण रोड है जिसके पुल जर्जर हो चुके। क्या इस रोड को उन्नत करने की विभाग की किस प्रकार की योजना है, क्योंकि वर्ष 2018 NHAI ने उक्त रोड को 4 लेन बनाने की मंजूरी दी थी, जिसका वर्ष 2024 राज्य शासन ने भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी थी, परंतु अज्ञात कारण से NHAI ने यह प्रक्रिया रोक दी गई है। (ख) प्रश्नांश (क) के सबंध में राज्य शासन की यह जिम्मेदारी नहीं है, की झाबुआ जैसे आदिवासी जिले के विकास हेतु 2 लेन रोड को उन्नत करके 4 लेन रोड बनाया जाए, जिससे की जिले का विकास हो।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) झाबुआ-पेटलावाद-रतलाम मार्ग की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। एन.डी.बी. योजना अंतर्गत रतलाम-झाबुआ मार्ग लंबाई 99.82 कि.मी. विथ पेव्हड शोल्डर का निर्माण कार्य किया जा रहा है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण परियोजना क्रियान्वयन इकाई रतलाम से प्राप्त जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''1'' अनुसार है। (ख) वर्तमान में झाबुआ-पेटलावद-रतलाम मार्ग को 2 लेन से 4 लेन में विकसित करने की कोई योजना प्रस्तावित नहीं है।
अमृत मिशन-1 की सीवरेज योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
105. ( क्र. 1564 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के पत्र 41/2025 दिनांक 03.01.2025 तथा 200/2025 दिनांक 09.06.2025 के उत्तर उपलब्ध कराएं। मंत्रालय द्वारा 25/02/25, 11/6/25 तथा 19/06/25 को आयुक्त भोपाल को पत्र के बाद भी आज तक उत्तर नहीं मिलने की जिम्मेदारी तय कर कार्यवाही कर सूचित करें। (ख) नगर निगम रतलाम में अमृत मिशन एक की सीवरेज योजना के मेजरमेंट बुक की प्रति देवें। हाउस सर्विस चैंबर तथा सर्कुलर टाइप मैनहोल किस-किस वार्ड के किस मोहल्ले में कितने बनाए गए तथा उस मोहल्ले में कितने मकानों को फ्रंटलेन तथा बेकलेन से जोड़ा गया। (ग) क्या योजना में छ: के स्थान पर दो एसटीपी बनाए जाने की स्वीकृति राज्य स्तरीय तकनीकी समिति की 61वीं बैठक में दिनांक 21/10/2022 को दी गई। ठेकेदार ने दो एसटीपी बनाकर किस दिनांक तक सारा भुगतान प्राप्त किया। (घ) क्या प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित बैठक में स्थानीय तकनीकी समिति द्वारा अनुशंसा के लिए भेजे गए बेकलेन से 7500 मकान जोड़ने के ठेकेदार के अनुरोध पर कोई टिप्पणी न कर उसे स्वीकार किया गया। स्थानीय तकनीकी समिति द्वारा अनुशंसा के लिए भेजे गए पत्र तथा 61वीं बैठक की प्रति देवें। (ड.) प्रश्नाधीन योजना का कार्य किस दिनांक को पूर्ण हुआ। डिफेक्ट लायबिलिटी पीरियड कब से कब तक का है? संचालन एवं संधारण किस दिनांक से प्रारंभ हुआ। नगर निगम रतलाम को एसटीपी आदि के बिजली के बिलों का भुगतान किस दिनांक से करना है।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) माननीय सदस्य के पत्रों के उत्तर कार्यालय, नगर पालिक निगम, रतलाम के पत्र क्रमांक 114 एवं 115, दिनांक 18.07.2025 के माध्यम से प्रेषित किये गये हैं। चाही गई जानकारी वृहद स्वरूप की होने के कारण प्रेषित करने में विलंब हुआ, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) अमृत मिशन 1.0 अंतर्गत किये गये सीवरेज कार्य की मेजरमेंट बुक की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। योजना का कार्य रतलाम शहर को छः जोन में विभक्त कर करवाया गया है, उक्त कार्य वार्डवार/मोहल्लावार नहीं किया गया है। हाउस सर्विस चेंबर एवं सर्कुलर टाईप मेनहोल की जोनवाइज जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। फ्रंट एवं बैकलेन कनेक्शन की वार्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। (ग) जी नहीं, अपितु राज्य स्तरीय तकनीकी समिति की बैठक दिनांक 08.03.2019 में भूमि अनुपलब्धता के कारण 06 नग एस.टी.पी. के स्थान पर समान क्षमता के 02 नग एस.टी.पी. का निर्माण पर सहमति प्रदान करते हुये, लागत विश्लेषण अनुसार कैपिटल कॉस्ट तथा संचालन-संधारण में Suitable Deduction हेतु निर्देशित किया गया है। उक्त एस.टी.पी. का अंतिम भुगतान दिनांक 01.11.2021 को किया गया है। (घ) नगर पालिक निगम, रतलाम द्वारा ठेकेदार के अनुरोध के आधार पर पी.डी.एम.सी. वाप्कोस से तकनीकी परीक्षण कराया गया तथा परीक्षण उपरांत प्रस्ताव को पत्र दिनांक 22.08.2022 से विभाग को प्रेषित किया गया। प्रस्ताव पत्र तथा राज्य स्तरीय तकनीकी समिति की 61वीं बैठक का कार्यवाही विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''द'' अनुसार है। (ड.) योजना का फिजिकल कंप्लीशन सर्टिफिकेट दिनांक 25.09.2023 को जारी किया गया है। योजना का डिफेक्ट लायबिलिटी पीरियड 25.09.2023 से 24.09.2028 तक है। संचालन-संधारण दिनांक 01.06.2024 से प्रारंभ हुआ है। योजना अंतर्गत निर्मित दोनों एस.टी.पी. व सीवेज पंपिंग स्टेशन माह सितंबर 2021 से ही फंक्शनल हो गए थे। नियमानुसार विद्युत देयकों का भुगतान भी निकाय द्वारा सितंबर 2021 से ही किया जाना था, परंतु निकाय द्वारा विद्युत देयकों का भुगतान अप्रैल 2022 से किया जाना प्रारंभ किया गया है।
धरती आबा जनजाति उत्थान योजना एवं अन्य योजनाएं
[ऊर्जा]
106. ( क्र. 1566 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सरदारपुर अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 से जून 2025 तक धरती आबा जनजाति उत्थान योजना एवं आर.डी.एस.एस. योजना एवं एस.एस.टी.डी. योजना के अंतर्गत 24 घण्टे विद्युत प्रदाय करने हेतु कितनी राशि के कार्य स्वीकृत किये गये हैं? कार्यवार एवं राशिवार पृथक-पृथक बतावें। उक्त कार्य हेतु प्रदान की गई प्रावधिक कार्य स्वीकृति की प्रमाणित प्रति देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार विद्युत पोल सहित विद्युतीकरण कार्य किए जाने हेतु किस तिथि को विज्ञापन जारी हुआ? जारी निविदा की प्रति उपलब्ध करावें। प्रश्न दिनांक तक एजेंसियों को भुगतान किए गये राशि का विवरण सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित कार्यों का अवलोकन निरीक्षण किया गया था जिसमें निम्न स्तर की सामग्री का उपयोग एवं एस्टीमेट के अनुसार कार्य करना नहीं पाया गया। क्या जिला स्तर, राज्य स्तर पर जांच कमेटी गठित कर उच्च स्तरीय जांच कराई जावेगी? यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता या उनके द्वारा नामित व्यक्ति को शामिल किया जाएगा? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) विद्युत पोल की लंबाई, तार की गुणवत्ता, क्लेम की गुणवत्ता तथा समस्त सामग्रियों को निम्न स्तर का लगाए जाने के कारण धन की सरकार को हानि हुई शासन की राशि का दुरूपयोग हुआ। क्या समस्त दोषियों पर दंडात्मक कार्रवाई की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक एवं यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) उक्त योजना में एजेन्सी द्वारा किन-किन कार्यों को समय-सीमा में पूर्ण नहीं किया गया? जानकारी देवें। समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं करने पर एजेन्सी पर क्या कार्यवाही की गई? समस्त जानकारी देवें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) उल्लेखनीय है कि एस.एस.टी.डी. एवं आर.डी.एस.एस. योजना अंतर्गत प्रश्नाधीन क्षेत्र में 24 घंटे विद्युत प्रदाय किये जाने से संबंधित कार्य नहीं किये गये हैं, अपितु प्रश्नाधीन क्षेत्र में उक्त योजनाओं के अंतर्गत विद्यमान विद्युत अधोसंरचना के सुदृढ़ीकरण के कार्य किए गए हैं। धरती आबा-जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान अंतर्गत अनुसूचित जनजाति के मजरों/टोलों/फल्यों/घरों के विद्युतीकरण का कार्य कर 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जाना है। योजनांतर्गत प्रश्नाधीन क्षेत्र में कुल राशि रू. 222.75 लाख के कार्य स्वीकृत हैं। योजनांतर्गत स्वीकृत कार्यों का कार्यवार एवं राशिवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -''अ'' अनुसार है। धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान में प्रदान की गई प्रावधिक कार्य की स्वीकृति की प्रमाणित प्रति की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -''ब'' अनुसार है। (ख) धरती आबा-जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान अन्तर्गत उत्तरांश (क) में उल्लेखित कार्यों हेतु दिनांक 25.06.2025 को निविदा/विज्ञापन जारी किया गया है। जारी निविदा की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -''स'' अनुसार है। वर्तमान में निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अतः शेष प्रश्न नहीं उठता है। (ग) से (ड.) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता है।
नवीन बस स्टैंड को प्रारंभ किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
107. ( क्र. 1571 ) डॉ. तेजबहादुर सिंह चौहान : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा नगर में पिछले सिंहस्थ में पूर्ण, सिंहस्थ मद से बस स्टैंड का निर्माण किया गया था जिसको लगभग 10 वर्ष पूरे हो चुके हैं लेकिन आज दिनांक तक भी वह बस स्टैंड अभी प्रारंभ नहीं किया गया है इसे कब से प्रारंभ किया जाएगा? (ख) इस सारे मामले में दोषी कौन है क्या भविष्य में इस बस स्टैंड को मरम्मत व जन सुविधा की दृष्टि से व्यवस्थित कर शीघ्र चालू किया जाएगा और यदि किया जाएगा तो कब? (ग) पिछले विधानसभा सत्र में भी प्रश्नकर्ता द्वारा यह प्रश्न उठाया गया था कि नागदा में बंद पड़े नए बस स्टैंड को कब तक शुरू किया जाएगा? जिसके जवाब में स्थानीय अनुविभागीय अधिकारी श्री बृजेश सक्सेना और सी.एम.ओ. नगर पालिका पी.के. सुमन द्वारा विधानसभा को गलत जानकारी प्रदान कर गुमराह किया गया, जिसमें यह कहा गया कि यह बस स्टैंड विगत दो दिन पूर्व ही चालू किया जा चुका है लेकिन वास्तविकता में बस स्टैंड आज भी बंद है इन अधिकारियों के खिलाफ भी क्या कोई कार्रवाई की जाएगी यदि की जाएगी तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) बस स्टैण्ड निर्माण का कार्य दिनांक 14.11.2017 को पूर्ण किया जा चुका है। बस स्टैण्ड का संचालन दिनांक 22.02.2025 से प्रारंभ कर दिया गया है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में स्पष्ट है कि बस स्टैण्ड का संचालन प्रारंभ है। यद्यपि, बस स्टैण्ड शहर के वार्ड क्र. 21 में बायपास रोड पर स्थित है, जो कि शहर की बसाहट से दूर होने से बस स्टैण्ड का सीमित उपयोग किया जा रहा है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बंद पड़े रेलवे ब्रिज का कार्य प्रारंभ कराया जाना
[लोक निर्माण]
108. ( क्र. 1573 ) डॉ. तेजबहादुर सिंह चौहान : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा रतलाम रेलवे लाइन पर स्वीकृत नागदा नगर में गवर्नमेंट कॉलोनी में स्थित रेलवे फाटक पर ब्रिज का काम कई वर्षों से बंद पड़ा है, प्रश्नकर्ता द्वारा बार-बार माननीय मंत्री महोदय का ध्यान इस और आकर्षित भी किया गया साथ ही विगत विधानसभा के दो सत्रों में भी प्रश्नकर्ता द्वारा ब्रिज के कार्य प्रारम्भ के सम्बन्ध में प्रश्न के माध्यम से जानना चाहा कि यह काम कब शुरू होगा? इस विषय पर प्रश्नकर्ता आश्वस्त भी किया गया कि पुराना टेंडर और अनुबंध समाप्त कर दिया गया है एवं नए अनुबंध का टेंडर और अनुबंध होने के पश्चात कार्य को प्रारंभ कर दिया जाएगा? (ख) लेकिन आज दिनांक तक लगभग डेढ़ वर्ष पूर्ण हो चुके हैं इतने समय होने के बाद भी अभी तक कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है कब तक टेंडर और अनुबंध से सम्बंधित प्रक्रिया पूर्ण कर ली जाएगी और कार्य कब तक प्रारंभ किया जाएगा समय-सीमा बताने की कृपा करें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं। दिनांक 05.06.2025 से कार्य प्रारंभ किया गया है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
क्षेत्रीय विभागीय कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
109. ( क्र. 1575 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन/विभाग द्वारा जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सड़क, भवन एवं ब्रिज निर्माण के कार्यों को स्वीकृति दी जाकर कार्य किया जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ तो जावरा-सीतामऊ रोड अंतर्गत आने वाले ब्रिज निर्माण कार्य कब तक पूर्ण किए जा सकेंगे? साथ ही पिपलोदा एवं जावरा तहसील अंतर्गत स्वीकृत एवं निर्माणाधीन सड़कों एवं भवनों के कार्य कब तक पूर्ण किए जा सकेंगे? (ग) प्रस्तावित 1- रियावन- कंसेर- कालूखेड़ा मार्ग 2- मावता- रियावन- चिपीया- माउखेड़ी- राकोदा-बडायला माताजी मार्ग 3- काकरवा -मेहंदी -पिपलिया- तरास्या-अकोली- गोंदीशंकर -मिडा जी पहुंच मार्ग तथा 1- उणी-मिंडा जी ब्रिज निर्माण 2- भैसाना रेलवे ओवरब्रिज तथा 3- जावरा नगर चौपाटी फोरलेन पर ब्रिज निर्माण की स्वीकृति कब तक दी जा सकेगी? (घ) फोर लेन बरगढ़ फंटा से भैसाना बायपास (रिंग रोड) का कार्य कितना पूर्ण होकर कितना अपूर्ण रहा? कुल कितना कार्य स्वीकृत होकर उनमें से कौन-कौन से कार्य पूर्ण रहे? कितने अपूर्ण रहे? यह कब पूर्ण होंगे? उक्त कार्य हेतु कुल कितना-कितना बजट स्वीकृत होकर कितना-कितना व्यय होकर भुगतान हुआ? कार्य प्रगति से अवगत कराएं।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। म.प्र. सड़क विकास निगम अंतर्गत उज्जैन-जावरा 4-लेन मार्ग निर्माण की स्वीकृति प्राप्त है, जिस हेतु निविदा कार्य प्रगतिरत् है। (ख) जावरा-सीतामऊ रोड अंतर्गत आने वाले 03-ब्रिजों का निर्माण कार्य मार्च 2026 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है। निविदा कार्य प्रगतिरत् है। अत: वर्तमान में कार्य पूर्णता की तिथि बताई जाना संभव नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' एवं ''अ-1'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश में उल्लेखित सड़क एवं ब्रिज कार्य विभाग की बजटीय प्रक्रिया में सम्मिलित होने के उपरांत ही स्वीकृति की कार्यवाही की जाती है, निश्चित तिथि बताना संभव नहीं है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है।
नगरीय कॉलोनियों के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
110. ( क्र. 1576 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जावरा नगरीय निकाय क्षेत्र एवं पिपलोदा नगरीय निकाय क्षेत्र अंतर्गत आने वाली अवैध एवं विकसित कॉलोनियों में विकास कार्य करवाये जाने की लगातार मांग की जा रही है? (ख) यदि हाँ तो विगत कई वर्षों से उपरोक्त उल्लेखित दोनों नगरीय निकाय के सीमा क्षेत्र एवं मास्टर प्लान अंतर्गत चिन्हित सीमा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली कॉलोनियों में भी मूलभूत आवश्यकताओं के कार्यों की मांग लगातार की जा रही है? (ग) यदि हाँ तो उल्लेखित दोनों निकायों के अंतर्गत आने वाली उल्लेखित आशय की कॉलोनियों के कॉलोनाइजरों के विरुद्ध किस-किस प्रकार की कार्यवाही की? क्या मॉर्टगेज प्लाटों को राजसात कर एवं उनकी खुली नीलामी में विक्रय कर विकास कार्यों को किए जाने की कार्य योजना भी बनाई? (घ) यदि हाँ तो दोनों नगरीय क्षेत्र की उक्ताशय की कॉलोनियों के मॉर्टगेज प्लाटों को चिन्हित किया जाना, कॉलोनाइजर द्वारा बगीचा, ऑडिटोरियम, गरीब वर्ग हेतु छोड़ी गई भूमि इत्यादि भी चिन्हित कर कॉलोनी के स्वीकृत नक्शें एवं क्षेत्रफल का पुनः सीमांकन एवं स्थल भौतिक परीक्षण वर्ष 2020-21 से लेकर प्रश्न दिनांक तक कहां-कहां किया गया तथा क्या कार्यवाही की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) नगर पालिका जावरा एवं नगर परिषद् पिपलोदा क्षेत्रांतर्गत निर्मित अनधिकृत कॉलोनियों के विकासकर्ताओं एवं विकास अनुमति प्राप्त कॉलोनियों में की गई अनियमितताओं पर कॉलोनाईजर्स के विरूद्ध निकाय स्तर पर की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। नगर पालिका जावरा एवं पिपलोदा क्षेत्रांतर्गत विकास अनुमति प्राप्त कॉलोनियों के बंधक रखे गए भूखण्डों को कॉलोनाईजर द्वारा बेचे जाने की शिकायत की जांच उपरांत संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास उज्जैन संभाग के जांच प्रतिवेदन अनुसार जिन कॉलोनियों में बंधक रखे गए भूखण्डों को नियम के विपरीत विक्रय किया गया है उनके विरूद्ध कार्यवाही करने एवं कॉलोनियों का भौतिक सर्वेक्षण कराया जाकर, शेष विकास कार्यों को पूर्ण किये जाने के लिए कार्ययोजना तैयार करने के लिए सक्षम प्राधिकारी, कलेक्टर जिला रतलाम को निर्देश दिये गये हैं। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार कार्यवाही के लिए जिला कलेक्टर को निर्देश दिये गये हैं।
धतुरिया-चोमहला चंबल नदी पर पुलिया निर्माण
[लोक निर्माण]
111. ( क्र. 1579 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धतुरिया-चोमहला चंबल नदी पर पुलिया किस वर्ष क्षतिग्रस्त हुई थी जानकारी देवें? (ख) उक्त पुलिया के निर्माण हेतु किस वर्ष बजट में सम्मिलित किया गया था? (ग) उक्त पुलिया के निर्माण हेतु जारी प्रशासकीय स्वीकृति, अंतिम निविदा दिनांक एवं निविदा राशि, कार्य आदेश की दिनांक, प्रथम ठेकेदार (कार्य एजेन्सी) एवं वर्तमान में किस ठेकेदार (कार्य एजेन्सी) द्वारा कार्य किया जा रहा है नाम सहित जानकारी देवें। (घ) पुलिया की वर्तमान स्थिति की जानकारी देवें तथा कब तक पुलिया का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) प्रश्नाधीन पुल दिनांक 14.09.2019 को अतिवृष्टि के कारण क्षतिग्रस्त हुआ। (ख) बजट वर्ष 2022-23 में सम्मिलित किया गया। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उक्त स्थल पर पुल निर्माण का कार्य प्रगतिरत् है। अनुबंधानुसार कार्य दिनांक 26.06.2027 तक पूर्ण किये जाने का लक्ष्य है।
नगर परिषद् सुवासरा को राशि की स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
112. ( क्र. 1580 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्य अभियंता नगरीय प्रशासन एवं विकास भोपाल के द्वारा जारी पत्र क्र./यां.प्र./07/2023/7085 दिनांक 21/06/2023 के द्वारा कितनी राशि नगर परिषद् सुवासरा को स्वीकृत की गई थी? जानकारी देवें। (ख) उपरोक्त राशि में किन-किन कार्यों हेतु निर्देश दिए जाकर राशि जारी की गई थी कार्यों के नाम एवं राशि सहित जानकारी देवें? (ग) उपरोक्त राशि हेतु विभाग द्वारा किन-किन कार्यों की स्वीकृति देते हुए कार्य पूर्ण कर लिए गए है कार्य का नाम एवं राशि व उपरोक्त राशि में होने वाले प्रस्तावित कार्यों की जानकारी देवें तथा विगत दो वर्षों में प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा पूर्ण राशि जारी क्यों नहीं की गई की जानकारी देवें? (घ) उपरोक्त कार्यों को पूर्ण करने हेतु विभाग द्वारा निर्देशित कार्यों की बकाया कब तक राशि जारी कर नगर परिषद् द्वारा कार्य पूर्ण कर लिए जाएंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) वित्तीय वर्ष 2023-24 में विशेष निधि मद से नगर परिषद् सुवासरा को राशि रू. 200.00 लाख की स्वीकृत दी गई। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) नगर परिषद् सुवासरा द्वारा स्वीकृत कार्यों को पूर्ण नहीं कराया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। नगर परिषद् सुवासरा से उपयोगिता प्रमाण-पत्र प्राप्त न होने के कारण शेष राशि जारी नहीं हो सकी है। (घ) नगर परिषद् सुवासरा को उपलब्ध कराई गई राशि का उपयोगिता प्रमाण-पत्र प्राप्त होने पर शेष राशि उपलब्ध करायी जा सकेगी।
फोरलेन सड़क पर एग्रीमेंट के विरुद्ध रेलवे क्रॉसिंग
[लोक निर्माण]
113. ( क्र. 1587 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता विधायक के तारांकित प्रश्न क्रमांक 1508 दिनांक 17.03.2025 के खण्ड (क) के उत्तर में बताया गया कि अनुबंध अनुसार नयागांव फोरलेन सड़क पर रेलवे क्रॉसिंग प्रावधानित नहीं थी। रेलवे क्रॉसिंग विक्रम सीमेंट फैक्ट्री की निजी भूमि है तथा यातायात सुगमता सुनिश्िचत करना सीमेंट फैक्ट्री का कार्य है। यदि अनुबंध में फोरलेन सड़क क्रॉसिंग प्रावधानित नहीं थी, तो एग्रीमेंट के विरुद्ध सीमेंट फैक्ट्री को निजी भूमि पर अनुमति देने के क्या कारण थे? वर्तमान में भारी टोल चुकाने के बावजूद उक्त रेलवे क्रॉसिंग पर 30 मिनट वाहनों को रोकने के कारण आमजन को परेशानी से राहत दिलाने के लिए विभाग की क्या नीति है? (ख) लेवड़-नयागांव फोरलेन सड़क पर, सड़क निर्माण के पश्चात भी, पूर्व से ही उपयोग में आ रही टू-लेन सकरी पुलिया को एग्रीमेंट के विरुद्ध चौड़ीकरण नहीं करने के क्या कारण हैं? क्या इसके लिए विभाग ने कंसेशनेयर के खिलाफ कोई कार्यवाही की है? क्या यह भी सही है कि कार्यवाही में विभाग ने राशि का दंड लगाया है? क्या राशि दंड लगाने से इन पुलियों पर दुर्घटनाएँ बंद हो गई हैं? यदि नहीं, तो पुलिया चौड़ीकरण की समय-सीमा क्या है? (ग) उक्त सड़क प्रारंभ से 1 जुलाई 2025 तक लेवड़ से जावरा तथा जावरा से नयागाँव पूर्ण सड़क पर विभिन्न टोल पर कुल कितनी राशि प्राप्त हुई है? टोल-वार कुल जानकारी तथा कुल प्राप्त राशि बताएँ।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। अनुमति 4-लेन निर्माण के पूर्व जारी की गई थी। सीमेंट फैक्ट्री में रेल्वे यातायात अत्याधिक कम है। औसतन 2 रेक दोनों और से कुल 4 से 5 रेक उक्त रेल्वे लाईन से गुजरतें है। 4 लेन मार्ग से वाहनों को 30 मिनट रूकने की स्थिति नहीं है। एक बार रेक रेल्वे लाईन से गुजरने पर औसतन 8 से 10 मिनट के लिए ही मार्ग से यातायात रोका जाता है। वर्तमान में मार्ग बीओटी योजना अंतर्गत है। अत: रेल्वे ओवरब्रिज की निर्माण की कोई योजना प्रचलित नहीं है। (ख) मार्ग निर्माण के समय सभी पुल–पुलियों का निर्माण इंडिपेंडेन्ट इंजीनियर तथा तत्समय एम.पी.आर.डी.सी. के अधिकारियों द्वारा स्थल आवश्यकता अनुसार किया गया था अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। संबंधित पुलिस अधीक्षकों से प्राप्त दुर्घटनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''1'' अनुसार है। मार्ग पर 12 पुलियों के चौड़ीकरण के संबंध में परीक्षण कर कार्यवाही प्रचलित है। पुलिया चौड़ीकरण की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''2'' अनुसार है।
फोरलेन सड़क पर दुर्घटनाओं के ब्लैक स्पॉट
[लोक निर्माण]
114. ( क्र. 1588 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लेवड़ से नयागांव फोरलेन सड़क प्रारंभ होने से 1 जुलाई 2025 तक ऐसे कितने स्थान (स्पॉट) हैं जहाँ सड़क दुर्घटनाओं में 5 से अधिक व्यक्तियों की मृत्यु हुई है? यह भी बताएं कि इस अवधि में पूरी सड़क पर सड़क दुर्घटनाओं में कुल कितनी मौतें हुई हैं। (ख) क्या वर्ष 2012-13 में तत्कालीन लोक निर्माण मंत्री और क्षेत्रीय विधायकों के साथ विधानसभा की निर्वाचित समिति के दौरे के दौरान, ब्लैक स्पॉट पर सुरक्षा उपाय करने के लिए निर्माणकर्ता कंपनी को विधानसभा से निर्देश जारी किए गए थे? कंपनी ने पिछले 10 वर्षों में कहाँ-कहाँ अंडरब्रिज/ओवरब्रिज या अन्य सुरक्षा कार्य किए हैं? कृपया सम्पूर्ण सूची उपलब्ध कराएं। (ग) प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा नीमच विधानसभा में दुर्घटना के प्रमुख स्थानों, जेतपुरा चौराहा और भाटखेड़ा तिराहा पर ओवरब्रिज निर्माण के लिए माननीय मुख्यमंत्री जी को पत्र सौंपकर मांग की गई थी। इसकी वर्तमान स्थिति क्या है? क्या इस संबंध में कोई कार्यवाही प्रचलन में है? यदि हाँ, तो अवगत कराएं।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''1'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''2'' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''3'' अनुसार है। (ग) मार्ग वर्तमान में बीओटी योजनांतर्गत है, म.प्र. सड़क विकास निगम अंतर्गत जेतपुरा चौराहा और भाटखेड़ा तिराहा पर ओवरब्रिज निर्माण के संबंध में कोई योजना प्रचलन में नहीं है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
NH- 552 सड़क निर्माण की जांच
[लोक निर्माण]
115. ( क्र. 1591 ) श्री मुकेश मल्होत्रा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग द्वारा जो सड़क निर्माण का कार्य किया जा रहा है वह गुणवत्ता विहिन है? क्या श्योपुर जिले के पाली से कलमी मार्ग का निर्माण 1500 करोड़ रुपये की अधिक राशि से किया जा रहा है जो की पहली बारिश में ही पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है? उक्त सड़क निर्माण के दौरान क्या निर्माणकर्ता कंपनी और विभाग के अधिकारियों द्वारा कई करोड़ रुपयों का भ्रष्टाचार किया गया है? (ख) उक्त मार्ग के रख-रखाव व गुणवत्ता के निर्धारण की समुचित जिम्मेदारी किन-किन अधिकारियों पर है? (ग) गुणवत्ता निर्धारण की उच्च स्तरीय जांच व निर्माण के दौरान हुए आर्थिक भ्रष्टाचार की जांच क्या निर्धारित समयावधि में की जावेगी? (घ) सड़क निर्माणकर्ता कंपनी व संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कब तक कार्रवाई होगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं, मार्ग निर्माण का कार्य गुणवत्तापूर्वक किया जा रहा है। मार्ग निर्माण हेतु प्रशासकीय स्वीकृति की राशि रू 1500 करोड़ न होकर रू. 483.21 करोड़ है। जी नहीं, मार्ग कहीं भी ध्वस्त नहीं हुआ है निर्मित मार्ग की स्थिति अच्छी है। भ्रष्टाचार का कोई प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उक्त मार्ग के रख-रखाव एवं गुणवत्ता का निर्धारण नियुक्त कंस्लटेंसी (अर्थारिटी इंजीनियर) मैसर्स सेप्टागोन एशिया प्रा.लिमि. जे.वी. विथ एफपी प्रोजेक्ट मैनेजमेंट एसोसिएशन विथ सिविल मंत्रा गुरूग्राम हरियाणा की सतत् निगरानी एवं विभाग के यंत्रियों के द्वारा किया जाता है। (ग) कार्य की गुणवत्ता के परीक्षण निर्धारित मापदण्ड अनुसार कराये गये है। म.प्र. शासन लोक निर्माण विभाग मंत्रालय भोपाल के आदेश दिनांक 18.06.2025 कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्िचत करने हेतु निर्माण कार्य का निरीक्षण करने के संबंध में श्योपुर जिले हेतु गठित मुख्य अभियंता स्तर के दल द्वारा दिनांक 20.06.2025 को उक्त कार्य एवं गुणवत्ता का निरीक्षण किया गया गुणवत्ता उचित पाई गई है। अतः भ्रष्टाचार का कोई प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) एजेन्सी एवं सम्बंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कच्चे मार्गों का डामरीकरण
[लोक निर्माण]
116. ( क्र. 1600 ) श्री हरिबाबू राय [इंजीनियर] : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा अशोकनगर के 162 कच्चे मार्गों को पक्का करने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा पिछले सत्र में प्रश्न क्रमांक 334 द्वारा अनुरोध किया था। इन 162 कच्चे मार्गों में से कितने और कौन-कौन से मार्ग निर्माण हेतु आपके विभाग ने शामिल किये है? जानकारी दें। (ख) विधानसभा अशोकनगर के ऐसे कितने ग्राम है जहां अभी पक्की सड़क का पहुंच मार्ग नहीं? ग्रामों के नाम की सूची प्रदान करें। (ग) प्रश्नांश (ख) वर्णित पहुंच विहीन ग्रामों में कब तक पक्के मार्गों को निर्मित करने की कार्य योजना है और आपके विभाग के अनुसार अभी तक कुल कितने कच्चे मार्ग कौन-कौन से ग्रामों के बीच शेष बचे है। (घ) जिला अशोकनगर में पिछले बजट में केवल चंदेरी विधानसभा में केवल एक कांक्रीट की सड़क को बजट में जोड़ा गया था लोक निर्माण विभाग का बजट प्रस्ताव 02 करोड़ से कम रहा है। ऐसा भेदभाव जिले के साथ क्यों हो रहा है। जबकि जिले में अभी भी पहुंच मार्गों का बहुत अभाव है। 169 कच्चे मार्गों पर कब तक कार्यवाही करेंगे। जानकारी दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) विधानसभा अशोकनगर में पिछले सत्र में प्रश्न क्रमांक 334 में वर्णित सूची अनुसार 162 सड़कों में से कोई भी मार्ग वर्तमान में विभाग की किसी भी योजना में न तो स्वीकृत एवं न ही प्रस्तावित है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। ग्रामों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वर्तमान में कोई कार्य योजना नहीं है, लोक निर्माण विभाग जिला अशोकनगर की पुस्तिका में कोई कच्चा मार्ग नहीं है किन्तु म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के अनुसार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) कार्य की आवश्यकता एवं बजट की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए बजट में प्रावधान किया जाता है। अत: भेदभाव का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। वर्णित कच्चे मार्गों पर वर्तमान में विभाग की कोई योजना प्रस्तावित नहीं है। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
गौशालाओं की जानकारी
[पशुपालन एवं डेयरी]
117. ( क्र. 1601 ) श्री हरिबाबू राय [इंजीनियर] : क्या राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा अशोकनगर में कितनी गौशालाएं निर्मित हैं? कौन-कौन सी पंचायत में है? प्रत्येक गौशाला में कितने पशु हैं? गौशालावार स्पष्ट रूप से आंकड़े देवें। (ख) क्या इन गौशालाओं का निर्माण पूर्णतः सही एवं गुणवत्तापूर्ण हुआ है? यदि नहीं हुआ है तो किस-किस अधिकारियों पर कौन सी गौशालाओं के गुणवत्ता विहीन निर्माण कार्यों पर क्या कार्यवाही की है? क्या उन गौशालाओं की मरम्मत करवा दी है या नहीं? क्या सभी गौशालाओं में विद्युत ट्रांसफार्मर रखे हैं? यदि नहीं तो कितनी गौशालाओं में विद्युत ट्रांसफार्मर हैं और कितनी गौशालाओं में विद्युत ट्रांसफार्मर नहीं है? पंचायत एवं गौशालाओं को सूचीबद्ध करके बताने की कृपा करें। यह भी बतावें कि कब तक विद्युत ट्रांसफार्मर रख दिये जावेंगे? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा भ्रमण के दौरान निरीक्षण किया है कि कई गौशालाओं की छतों में घटिया पुराने कबाड़े के टीन लगाये गये हैं। बारिश का पानी अंदर भर जाता है, निकल नहीं पाता है। कई गायों की मौत बारिश में अंदर रहते हुये हो गयी है। ऐसी घटनाएँ कौन-कौन सी पंचायत की गौशालाओं में हुई है तथा कितनी गायों की मौत हुई है और इस गैर जिम्मेदाराना कार्य में किसी अधिकारी पर क्या कार्यवाही की गई है? चूंकि बारिश आ चुकी है तो इनके छतों की मरम्मत कब तक करवा दी जायेगी और कौन इसे करेगा? (घ) विधानसभा की कितनी गौशालाओं का भुगतान नहीं हुआ है और कब से नहीं हुआ तथा क्यों नहीं हुआ? कब तक हो जावेगा?
राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) विधानसभा अशोकनगर अंतर्गत मनरेगा योजना से 30 गौशाला निर्मित की गई है। पंचायतवार सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। गौशालाओं का निर्माण प्राक्कलन अनुसार सही ढंग से किया गया है। पूर्व में 02 गौशालाओं में प्लाई-एश ईंट के कारण दीवार क्षतिग्रस्त हो गई थी। जिसकी मरम्मत ऐजेंसी द्वारा निजी व्यय से करा दी गई है। 30 गौशालाओं में से 11 गौशालाओं में बिजली की स्थाई व्यवस्था की जा चुकी है। शेष 19 गौशालाओं में अस्थाई बिजली की व्यवस्था की गई है, विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। पंचायत निधि में पर्याप्त राशि प्राप्त होते ही विद्युत ट्रांसफार्मर रखवा दिये जायेंगे। (ग) जी हाँ। वर्तमान में किसी गौशाला में पानी भरने जैसी कोई समस्या नहीं है। बारिश के कारण किसी गाय की मृत्यु की सूचना नहीं है। इस संबंध में किसी अधिकारी पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है। जिन गौशालाओं में तेज हवा एवं आंधी के कारण टीन शेड उड़ गये थे, उनको पुन: मरम्मत कराने की कार्यवाही एजेंसी द्वारा स्वयं के व्यय से की जा रही है। (घ) जनपद पंचायत अशोकनगर अंतर्गत 29 गौशालाओं में मूल्यांकन अनुसार पूर्ण भुगतान किया जा चुका है। शेष 01 (गताशाडोरा) गौशाला में एजेंसी द्वारा सत्यापित देयक प्रस्तुत न करने के कारण राशि रू. 3,57,410/- भुगतान हेतु शेष है। सत्यापित देयक प्राप्त होते ही भुगतान किया जावेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
एप्रोच रोड का निर्माण
[लोक निर्माण]
118. ( क्र. 1608 ) श्री विश्वामित्र पाठक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा सिहावल क्षेत्रांतर्गत ग्राम बारपान, जिला सीधी एवं भैसाहुड जिला सिंगरौली के मध्य गोपद नदी में लो.नि.वि. सेतु निगम द्वारा निर्मित पुल से भैसाहुड मुख्य मार्ग तक एप्रोच रोड निर्माण कार्य का पुल निर्माण की स्वीकृति के साथ कार्य आदेश जारी किया गया है? (ख) यदि हाँ तो एप्रोच रोड निर्माण कार्य का कार्य कब तक पूर्ण करा लिया जायेगा। समय-सीमा बतायें? (ग) प्रश्नांश (क) में यदि हाँ तो कब तक एप्रोच रोड की स्वीकृति प्रदाय की जाकर निर्माण कार्य पूर्ण कराकर जनमानस को सुचारू आवागमन उपलब्ध कराया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
प्रधानमंत्री सहज बिजली योजना
[ऊर्जा]
119. ( क्र. 1617 ) श्री उमंग सिंघार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) में बिजली वितरण कंपनियों ने समय पर काम पूरा नहीं किया तथा राशि 250.53 करोड़ रूपये का अतिरिक्त अनुदान लिया गया? यदि हाँ तो कब? विद्युत वितरण कंपनी के नाम सहित जानकारी दें। (ख) क्या राशि 118.01 करोड़ रूपये का कर्ज कंपनियों द्वारा लिया गया तो कब? (ग) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंध में महालेखाकार ने कब आपत्ति कर प्रतिवेदित किया? (घ) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं, अपितु केन्द्र शासन द्वारा दिनांक 25.09.2017 को आरंभ की गई प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) के अंतर्गत सभी घरों को दिसम्बर, 2018 तक विद्युतीकृत किया जाना था तथा प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा योजना अंतर्गत प्रदेश के 19.84 लाख घरों के विद्युतीकरण का कार्य दिनांक 22.10.2018 तक पूर्ण कर सूचित किया गया था। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ख) योजनान्तर्गत विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 60 प्रतिशत राशि अनुदान के रूप में दिये जाने तथा वितरण कंपनियों/राज्य शासन को 10 प्रतिशत राशि स्वयं के स्त्रोतों से तथा 30 प्रतिशत राशि वित्तीय संस्थाओं से ऋण के रूप में जुटाने का प्रावधान था। तद्नुसार योजना के दिशा-निर्देशों के अनुरूप वर्ष 2018 में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी, म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी एवं म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा क्रमश: राशि रूपये 395.72 करोड़, राशि रूपये 151.07 करोड़ एवं राशि रूपये 95.96 करोड़ का ऋण मेसर्स आर.ई.सी. से प्राप्त किया गया था। (ग) प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) के क्रियान्वयन पर भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक द्वारा दिनांक 31.03.2022 को समाप्त वर्ष के लिये निष्पादन लेखा परीक्षा प्रतिवेदन वर्ष 2024 का प्रतिवेदन संख्या 4 प्रस्तुत किया गया था जो कि दिसम्बर, 2024 में विधानसभा में रखा गया। (घ) उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। तथापि सौभाग्य योजनान्तर्गत अन्य अनियमितताओं हेतु म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी एवं म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत कुल 107 कार्मिकों के विरूद्ध म.प्र. सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के तहत कार्यवाही की गई है।
राजपुर वि.स. क्षेत्र में विद्युतीकरण कार्य
[ऊर्जा]
120. ( क्र. 1620 ) श्री बाला बच्चन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धरती आबा योजना के अन्तर्गत राजपुर विधानसभा क्षेत्र में विद्युतीकरण के कितने कार्य स्वीकृत किये गये है? इनकी सूची, लागत स्थान नाम सहित देवें। (ख) इन कार्यों के लिए क्या टेंडर प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है यदि हाँ तो विवरण देवें। यदि नहीं तो कब तक टेंडर प्रक्रिया पूर्ण कर ली जायेगी? राजपुर विधानसभा क्षेत्र के सभी ग्रामों एवं फलियों में 24 घण्टे विद्युतिकरण की व्यवस्था कब तक लागू की जाएगी? समय-सीमा देवें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत कार्य कब तक पूर्ण होंगे? इसकी समयावधि प्रत्येक कार्य के सन्दर्भ में देवें। क्या कारण है कि पूर्व के सत्रों में प्रश्नकर्ता द्वारा कई बार इस विषय को उठाने के बाद भी आज तक 24 घण्टे विद्युतीकरण प्रारंभ नहीं हो पाया है? (घ) कार्य प्रारंभ होने में विलम्ब के उत्तरदायी अधिकारियों पर विभाग कब तक कार्यवाही करेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) राजपुर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत केन्द्र शासन के धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के अंतर्गत 87 ग्रामों के 346 फलियों में राशि रू. 12.80 करोड़ के विद्युतीकरण के कार्य स्वीकृत किये गये है। उक्त कार्यों की लागत, स्थान सहित प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जी हाँ। प्रश्नाधीन क्षेत्र सहित बड़वानी जिले हेतु धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान अंतर्गत रेट कान्ट्रेक्टर हेतु निविदा (टेंडर) दिनांक 25.06.2025 को प्रकाशित की गयी है एवं वर्तमान में निविदा प्रचलन में है, जिसे यथाशीघ्र पूर्ण कर निविदा अंतर्गत समस्त कार्यों को आगामी 01 वर्ष में पूर्ण किया जाना संभावित है। प्रश्नाधीन क्षेत्रान्तर्गत समस्त राजस्व ग्रामों एवं उनके चिन्हित फाल्यों/मजरों/टोलों में घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को अपरिहार्य कारणों से आए आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर प्रतिदिन 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में राजस्व ग्रामों/आबादी क्षेत्रों से दूर अथवा खेतों में दूर-दूर छोटे-छोटे समूह में बसे 48 फल्यों/मजरों/टोलों में निवासरत परिवारों को समीपस्थ उपलब्ध विद्युत अधोसंरचना यथा कृषि श्रेणी के 11 के.व्ही. फीडरों से संबद्ध कर अपरिहार्य कारणों से आए आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर प्रतिदिन 10 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। उक्त 48 फल्यों में से 41 फल्यों को 24 घंटे विद्युत प्रदाय किये जाने हेतु नियमानुसार धरती आबा-जनजातीय उत्कर्ष ग्राम अभियान योजनान्तर्गत सम्मिलित कर लिया गया है, जिस हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष फल्यों/मजरों/टोलों को 24 घंटे वाले फीडरों से जोड़ने के लिए वित्तीय एवं तकनीकी साध्यता अनुसार वित्तीय उपलब्धता के अनुरूप विद्युत अधोसंरचना निर्माण का कार्य किया जा सकेगा, जिस हेतु वर्तमान में निर्धारित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) उत्तरांश (ख) एवं (ग) में उल्लेखानुसार प्रश्नाधीन क्षेत्र में विद्युतीकरण हेतु की जा रही कार्यवाही के परिप्रेक्ष्य में किसी अधिकारी/कर्मचारी के दोषी होने अथवा कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता है।
जल आवर्धन योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
121. ( क्र. 1621 ) श्री बाला बच्चन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013 के बाद स्वीकृत राजपुर जल आवर्धन योजना की लागत कितनी थी? इसका कार्य प्रारंभ दिनांक सहित देवें। इसकी निर्माण एजेंसी को कब-कब भुगतान किया गया राशि, दिनांक सहित देवें। राजपुर नगर परिषद् जिला बड़वानी के संदर्भ में देवें। (ख) योजना का कार्य अभी तक अपूर्ण रहने के क्या कारण है? इस अपूर्ण कार्य के कारण राजपुर नगर परिषद् क्षेत्र में कई स्थानों पर अधूरे कार्य जैसे खुदी हुई सड़कों की स्थिति बनी हुई है यह कब तक पूर्ण होगें? समय-सीमा देवें? अभी तक कितने प्रतिशत कार्य पूर्ण हुआ है की जानकारी भी देवें। (ग) जिम्मेदार निर्माणकर्ता एजेसियों एवं इससे सम्बंधित सभी अधिकारियों/कर्मचारियों के नाम, पदनाम देकर बतावें कि योजना पूर्ण नहीं होने के संबंध में विभाग इन पर कब तक कार्यवाही करेगा? (घ) योजना कब तक पूर्ण की जाकर जल आपूर्ति सुनिश्िचत की जायेगी, समय-सीमा देवें। अभी तक हुए कार्य की विस्तृत जानकारी निर्माणकर्ता फर्म द्वारा लगाये बिलों की छायाप्रति दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) वर्ष 2017 में राजपुर जल आवर्धन योजना हेतु लागत डिजाईन बिल्ड राशि रू. 27.31 करोड़ एवं संचालन-संधारण राशि रू. 9.33 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गयी थी। अब तक कुल राशि रू. 20.418 करोड़ का कार्य किया गया है। कार्य प्रारम्भ होने का दिनांक 07.04.2017 है। राजपुर नगर परिषद् के संदर्भ में भुगतान की गई राशि, दिनांक सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) कोविड-19 महामारी प्रथम लहर एवं द्वितीय लहर जैसे अपरिहार्य कारणों से कार्य बाधित रहा। संविदाकार द्वारा भी निर्माण कार्य करने में विलंब किया गया जिस हेतु संविदाकार के चलित देयक में से, अनुबंध के प्रावधानानुसार, लिक्विडिटी डेमैज की क्षतिपूर्ति अधिकतम राशि रू. 1.98 करोड़ अधिरोपित की गई है। जी नहीं। राजपुर नगर परिषद् क्षेत्र में टेम्परेरी रोड़ रेस्टोरेशन का कार्य पूर्ण हो चुका है एवं परमानेंट रोड़ रेस्टोरेशन का कार्य 1.30 कि.मी. शेष है। इस कार्य को दिनांक 15.08.2025 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। योजना की प्रगति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) निर्माणकर्ता एजेंसी के अधिकारी/कर्मचारी के नाम, पदनाम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। योजना के समय पर पूर्ण नहीं होने के कारण उतरांश (ख) अनुसार ठेकेदार पर पेनाल्टी अधिरोपित की गई है। (घ) नवीन जल आवर्धन योजना से राजपुर नगर परिषद् एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारी से समन्वय कर, दिनांक 15.09.2025 तक नवीन योजना से जल आपूर्ति की जाना लक्षित है। बिल की छायाप्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''द'' अनुसार है।
भ्रष्टाचार के आरोपियों को प्रभारी सीएमओ बनाए जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
122. ( क्र. 1635 ) श्री केशव देसाई : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कितने निकायों में भ्रष्टाचार के आरोपी अधिकारी/कर्मचारियों को मुख्य नगर पालिका अधिकारियों का प्रभार दिया गया है? निकायवार भ्रष्टाचार के आरोपी अधिकारी के नाम मूल पद सहित विवरण देवें। (ख) क्या भ्रष्टाचार के आरोपी अधिकारियों को नगर पालिका परिषद् गोहद, बदरवास, रामपुर बघेलान, मालनपुर का प्रभारी सीएमओ का प्रभार दिया गया है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार यदि हाँ तो, इनको हटाया जाकर इनके विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? समय-सीमा बतायें। (घ) क्या भ्रष्टाचार के आरोपी जिन्हें मुख्य नगर पालिका अधिकारी का प्रभार दिया गया है, उनका मूल पद राजस्व निरीक्षक है। यदि हाँ तब मूल पद राजस्व उपनिरीक्षक को दिये गये मुख्य नगर पालिका अधिकारी के प्रभार की निकायों की राजस्व वसूली की बकाया राशि वसूलने की जिम्मेदारी किसकी है? क्या जिम्मेदार राजस्व उपनिरीक्षक प्रभारी सीएमओ के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) नगरीय निकाय गोहद, मालनपुर की जानकारी उत्तरांश (क) में समाहित है। नगर परिषद् बदरवास एवं रामपुर बघेलान में पदस्थ मुख्य नगरपालिका अधिकारी के विरूद्ध कोई जांच प्रचलित नहीं है। (ग) नगर परिषद्, गोहद एवं मालनपुर सीएमओ के विरूद्ध विभागीय जांच संस्थित है। बदरवास एवं रामपुर बघेलान में पदस्थ मुख्य नगरपालिका अधिकारी के विरूद्ध कोई जांच प्रचलित नहीं है। जांच उपरांत निष्कर्ष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जी नहीं। प्रभारी सीएमओ बनाए जाने हेतु राजस्व निरीक्षक, राजस्व उपनिरीक्षक, अधीक्षक, मुख्य लिपिक सह लेखापाल, लेखापाल एवं सहायक ग्रेड-01 को प्रभारी सीएमओ बनाए जाने का प्रावधान किया गया है। राजस्व वसूली की जिम्मेदारी निकाय में पदस्थ मुख्य नगरपालिका अधिकारी एवं उनके अधीनस्थ कर्मचारियों द्वारा वसूली की जिम्मेदारी होती है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विधवा पेंशन का भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
123. ( क्र. 1636 ) श्री केशव देसाई : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका परिषद् गोहद में हितग्राही रामकली पत्नी बुद्धाराम समग्र आईडी 126511997 निवासी वार्ड नं. 8 नहर मोहल्ला गोहद क्या विधवा पेंशन योजना की लाभार्थी है अथवा नहीं? यदि लाभार्थी है तो इनके पेंशन स्वीकृति आदेश की सत्यापित छायाप्रति, पेंशन प्रारंभ होने का दिनांक, खाता क्रमांक एवं बैंक का नाम उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार हितग्राही रामकली पत्नी बुद्धाराम विधवा है तो इनके पति का मृत्यु प्रमाण पत्र की छायाप्रति उपलब्ध करायें। (ग) हितग्राही रामकली पत्नी बुद्धराम विधवा नहीं है इनके पति बुद्धाराम जीवित है तो अपात्र को पेंशन स्वीकृत कर शासकीय धन का दुरूपयोग कर भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारी/कर्मचारियों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी? समय-सीमा बताएं। यदि नहीं तो कारण बतायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उतरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक है। (ग) उतरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
दतिया जिले में खराब सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
124. ( क्र. 1649 ) श्री राजेन्द्र भारती : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2024-25 में बरसात एवं अन्य कारणों से दतिया जिले में खराब हुई सड़कों की मरम्मत में डामरीकरण एवं सुदृढ़ीकरण करने के लिये विभाग की कार्ययोजना है यदि हाँ तो दतिया जिले में कितनी-कितनी सड़कें खराब है। अलग-अलग जानकारी उपलब्ध करायें तथा क्या उक्त सड़कों के मरम्मत एवं सुदृढ़ीकरण के लिए प्रस्ताव बनाये गये है यदि हाँ तो क्या प्रशासनिक/तकनीकी स्वीकृति प्राप्त हो गई है यदि नहीं तो क्यों और यदि हाँ तो विभाग द्वारा कब से कार्य प्रारंभ किया जायेगा। (ख) प्रश्नकर्ता के तारांकित क्र. 4184 दिनांक 19.07.2024 एवं 174 (1930) दिनांक 17.03.2025 के परिप्रेक्ष्य में प्रस्तुत प्रस्तावों पर डी.पी.आर. तैयार कर अनुपूरक बजट वर्ष 2024-25 एवं 2025-26 के बजट में सम्मिलित किया गया है? यदि हाँ तो विभागवार प्रशासनिक स्वीकृति कर दी गई है यदि हाँ तो विभागवार जनहित में कब से कार्य प्रारंभ किया जायेगा। जानकारी प्रदान करें। (ग) क्या न.पा. द्वारा तरनतारन तालाब तोड़ने के कारण लोकनिर्माण विभाग की सड़क मत्स्य विभाग और खेरापति एवं ग्वालियर मार्ग दोनों सड़कें नष्ट हो चुकी है? क्या उक्त संबंध में न.पा. द्वारा पुलिस में थाना कोतवाली में FIR दर्ज कराई गई थी यदि हाँ तो पुलिस द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई। क्या मुख्य सचिव एवं सी.एम. मोनेट क्र.- 2320/CMS/MLA/C 22/2025/दिनांक 11.04.2025 एवं मुख्य सचिव के पत्र क्र.- 4682, 4678, दिनांक 28.03.2025 एवं 6564, दिनांक 06. 05.2025 के परिपालन में विभाग द्वारा कार्यवाही की गई है। यदि हाँ तो कृपया अवगत कराते हुए बताये कि पुनः वर्षा ऋतु होने की स्थिति में जनहानि/गंभीर घटना को रोकने के लिए शासन प्रशासन द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई और प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री और मुख्यसचिव को लिखे गये पत्रों क्र.- 1308, 1309, 2025 दिनांक 24.06.2025 के संदर्भ में दोषियों और सड़क निर्माण के लिए क्या कार्यवाही की गई? जानकारी दें। (घ) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा मा. मंत्री, मा. मुख्यमंत्री एवं अधिकारियों को जनसुविधा की दृष्टि से प्रश्नकर्ता द्वारा प्रस्तावित सड़कों के संबंध में पत्र क्रमांक 620/2025, 622/2025, 623/2025, दिनांक 11.01.2025, 932/2025 दिनांक 23.03.25 एवं सड़कों के निर्माण के संबंध में मुख्य अभियंता द्वारा पत्र क्रमांक 440/दतिया/सं./24/5194 ग्वालियर दिनांक 26.07.24 द्वारा मुख्य अभियंता को स्वीकृति हेतु भेजे गये है। यदि हाँ तो विभाग ने उक्त प्रस्तावों पर क्या कार्यवाही की है। क्या शासन जनहित में उक्त प्रस्तावों को स्वीकृत करेगा यदि नहीं तो क्यो? यदि हाँ तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। इसके अतिरिक्त इंदरगढ़-पिछोर मार्ग का इंदरगढ़ शहरी भाग का 01 किमी. खराब स्थिति में है। उक्त भाग के निर्माण हेतु प्रस्ताव स्वीकृत होकर प्रशासकीय/तकनीकी स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है तथा वर्तमान में उक्त खण्ड का निर्माण सी.सी. रोड़ (4-लेन) में मेसर्स हरदौल बिल्डर्स, ग्वालियर द्वारा किया जा रहा है। कार्य प्रगतिरत् है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। नगर पालिका से प्रेषित उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''1'' अनुसार है। पुलिस विभाग द्वारा की गई कार्यवाही पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''2'' अनुसार है। म.प्र. सड़क विकास निगम ग्वालियर से प्राप्त प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''3'' अनुसार है। मार्गों की लगातार मरम्मत की जा रही है एवं जनहानि न हो इसके लिये सतत् निगरानी की जा रही है। आवश्यकतानुसार स्थल पर बैरिकेटिंग की गई है चूंकि मार्ग अत्यधिक वर्षा के कारण क्षतिग्रस्त हुआ है इसलिये कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार उल्लेखित 16 मार्गों में से सरल क्रमांक 01 पर उल्लेखित मार्ग प्रथम अनुपूरक बजट वर्ष 2024-25 में शामिल है, सक्षम वित्तीय समिति से अनुमोदन अप्राप्त है। शेष 15 कार्य वर्तमान में न तो किसी योजना में स्वीकृत है एवं न ही प्रस्तावित है। बजट की उपलब्धता एवं प्राथमिकता के अनुसार प्रस्तावों की स्वीकृति की कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
शासकीय योजनाओं में अनियमितताओं की जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
125. ( क्र. 1650 ) श्री राजेन्द्र भारती : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा अमृत योजना 1 एवं 2 में कौन-कौन से कार्य प्रस्तावित है? जानकारी प्रदान करते हुये नियम/निर्देशों की प्रतियां उपलब्ध करायें। दतिया जिला के दतिया नगर पालिका एवं नगर पंचायत बड़ौनी/इंदरगढ़/सेवढ़ा/भाण्डेर की कार्यप्रगति की अद्यतन रिर्पोट सहित अलग-अलग सूचियाँ प्रदाय करें। (ख) क्या दतिया जिला के अंतर्गत नगर पालिका दतिया में कहाँ-कहाँ सीवर लाईन स्वीकृत की गई थी? उसकी लागत राशि सहित किस ठेकेदार/कार्य एजेंसी/फर्मों को ठेका दिया गया था? कृपया डी.पी.आर./अनुबंध पत्र/फर्मों को भुगतान की गई राशि सहित बतायें? क्या शहर में अपूर्ण अव्यवस्थित और गुणवत्ता विहीन सीवर लाईन होने के कारण प्रश्न दिनांक तक सीवर लाईन चालू/प्रारंभ नहीं हुई है। जिसके कारण आये दिन विशेषकर वर्षा ऋतु में मकानों में/बस्तियों में पानी भरने से जन जीवन संकट में बना रहता है। इस संबंध में क्या विभाग द्वारा जांच परीक्षण किया गया है? यदि नहीं तो क्यों? कारण सहित बतायें और यदि हाँ तो क्या शासन (CTE) से जांच कराई जायेगी? यदि नहीं तो क्यों और यदि हाँ तो कब तक? (ग) क्या जल आवर्धन योजना एवं अमृत योजना में दतिया बड़ौनी तथा अन्य नगर पंचायतों में गुणवत्ताविहीन, अनियमिततापूर्ण कार्य होने से आये दिन पाईप लाईनें टूटने के कारण पेयजल सप्लाई अव्यवस्थित और बाधित होने से आम जनता को पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है। क्या शासन उक्त कार्यों की (CTE) से जांच कराकर दोषियों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही करते हुये भुगतान की गई राशि की वसूली की जायेगी? यदि नहीं तो क्यों? कारण सहित बतायें? यदि हाँ तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) अमृत 1.0 एवं 2.0 मिशन के मार्गदर्शिका पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार हैं। मिशन अंतर्गत दतिया जिले के नगरीय निकायों की प्रगति की अद्यतन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ख) नगर पालिका परिषद्, दतिया की सीवरेज परियोजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। डीपीआर एवं अनुबंध की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''द'' अनुसार हैं। जी नहीं, नगर में स्वीकृत सीवर लाईन का कार्य दिशा-निर्देशों के अनुरूप पूर्ण किया जाकर मल-जल शोधन संयंत्र प्रारंभ किया जा चुका है, जिसमें घरेलू मलजल का दक्षता पूर्वक शोधन किया जा रहा है। योजना केवल घरेलू सीवर के प्रसंस्करण हेतु बनाई गई है, जिसमें वर्षा जल प्रसंस्करण सम्मिलित नहीं है। अतः बस्तियों में पानी भरने की समस्या का सीवर योजना से संबंध नहीं होने के कारण शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। दतिया जिला अंतर्गत नगर पालिका परिषद्/नगर परिषद् दतिया, भाण्डेर, इन्दरगढ़, बड़ौनी में जल आवर्धन योजना एवं अमृत योजना में दिशा-निर्देशों के अनुरूप कार्य पूर्ण किया जाकर नियमित जलप्रदाय किया जा रहा है। नगर परिषद्, सेवढ़ा में अमृत 1.0 एवं जलआवर्धन योजना स्वीकृत नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
तालाब का जीर्णोद्धार एवं उन्नयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
126. ( क्र. 1654 ) डॉ. अभिलाष पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा के अनुपालन में नगर निगम जबलपुर द्वारा आयुक्त नगरीय प्रशासन विभाग को प्रेषित पत्र क्रमांक 179 दिनांक 01.10.2024 पर क्या कार्रवाई की गई? (ख) माढ़ोताल तालाब के जीर्णोद्धार, उन्नयन कार्य की स्वीकृति प्रदान क्यों नहीं की जा रही है? इसे कब तक जनहित में स्वीकृत किया जाएगा? (ग) नगर पालिका निगम जबलपुर द्वारा तैयार की गई डीपीआर में अनुमानित लागत क्या है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) मान. मुख्यमंत्री जी की घोषणा के पालन में नगर निगम जबलपुर की 5 जलसंरचनाओं (हनुमान ताल, आधारताल, रानीताल, सूपाताल, गंगा सागर) के जीर्णोंद्धार हेतु अमृत 2.0 योजना से राशि रू. 13.80 करोड़ स्वीकृति का प्रावधान किया गया है। नगर निगम जबलपुर से प्राप्त माढ़ोताल के जीर्णोद्धार के प्रस्ताव का परीक्षण किया जा रहा है। (ख) बजट उपलब्धता होने पर विचार किया जा सकता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) नगर पालिक निगम जबलपुर द्वारा तैयार की गई डीपीआर की अनुमानित लागत रू. 8 करोड़ है।
व्यस्त चौराहों का चौड़ीकरण एवं सौन्दर्यीकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
127. ( क्र. 1655 ) डॉ. अभिलाष पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर शहर में बढ़ते ट्रैफिक को नियंत्रित करने और दुर्घटनाओं को कम करने के लिए उखरीचौक, दीनदयाल चौक, रानीताल, बलदेववाग एवं आई.टी.आई. चौराहों का चौड़ीकरण एवं सौंदर्यीकरण जैसे फव्वारे, हरियाली, LED लाइटिंग, स्थानीय कला से इन चौराहों को आकर्षक बनाकर शहर की पहचान और पर्यटन को बढ़ाया जा सकता है? यदि हाँ तो कब तक इनके चौड़ीकरण एवं सौंदर्यीकरण हेतु योजना बनाकर बजट स्वीकृत किया जायेगा? (ख) क्या उक्त चौराहों का सुव्यवस्थित विकास जैसे पैदल मार्ग, ट्रैफिक सिग्नल, CCTV लगा कर नागरिकों की सुविधा और सुरक्षा को बढ़ाया जायेगा? यदि हाँ तो इसकी कार्ययोजना कब तक तैयार की जा सकेगी? (ग) उक्त चौराहों पर तात्कालिक व्यवस्थाओं के मद्देनजर यहाँ कब तक ट्रैफिक सिग्नल ट्रैफिक पुलिस बल कब तक तैनात किया जायेगा? समय-सीमा बताएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर पालिक निगम जबलपुर द्वारा शहर में बढते ट्रैफिक को नियंत्रित करने के उद्देश्य से आवश्यकता अनुसार चौराहों का चौड़ीकरण एवं सौन्दर्यीकरण समय-समय पर किया जाता है। विभाग स्तर पर वर्तमान में प्रश्नांकित कार्यों के लिये कोई योजना नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) जबलपुर शहर में बढ़ते ट्रैफिक को नियंत्रित करने के उद्देश्य में आवश्यकता अनुसार पुलिस विभाग द्वारा समय-समय पर चौराहों पर पुलिस बल तैनात किया जाता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विधानसभा क्षेत्र देवरी के रोडों का निर्माण
[लोक निर्माण]
128. ( क्र. 1674 ) श्री बृज बिहारी पटैरिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवरी विधानसभा अंतर्गत फोर लाइन रेस्ट हाउस से सिद्धबाबा काली पहाड़ी होते हुये कोपरा पुराना मार्ग कितने कि.मी. लम्बा है? क्या इसके बनने से क्षेत्र के 25 ग्रामों के लोगों का आवागमन सुलभ होगा, साथ ही देवरी मुख्यालय की दूरी भी 10 कि.मी. कम हो जायेगी। कब तक निर्माण करा दिया जावेगा। (ख) देवरी से टिकरिया छदली, बिचुआ, होते हुये डोभी मार्ग जिसकी लम्बाई 12 कि.मी. है जो देवरी मुख्यालय को जोड़ेगा, इसकी वर्तमान में क्या स्थिति है, इसका निर्माण कब तक प्रारम्भ किया जायेगा? समय-सीमा बतायें। (ग) मुआर से केसली मार्ग का उन्नयन चौड़ीकरण, क्या मार्ग निर्माण की स्वीकृति प्राप्त है यदि हाँ तो कब तक निर्माण होगा यदि नहीं तो विभाग व्दारा क्या कार्यवाही की गई? क्या इस मार्ग के निर्माण से देवरी तहसील मुख्यालय की दूरी 15 कि.मी. कम हो जायेगी। (घ) देवरी पुराना बाईपास से सिलकुई बेरियल डबल लाईन उन्नयन डोगर सलैया से मोकला मार्ग उन्नयन, दुडरी से चदेना मार्ग जो 20 से अधिक ग्रामों को जोड़ेगा इसका निर्माण कब तक करा दिया जायेगा। क्या प्रदेश की आदर्श विद्यासागर गौशाला भी मार्ग पर है।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) देवरी विधानसभा अर्न्तगत फोर लाइन रेस्ट हाउस से सिद्धबाबा काली पहाड़ी होते हुये कोपरा पुराना मार्ग 10.00 कि.मी. लम्बा है। प्रश्नांकित मार्ग वर्तमान में न तो बजट में सम्मिलित है और न ही किसी अन्य योजना में स्वीकृत/प्रस्तावित है। अतः निश्िचत समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) देवरी से टिकरिया छिदली, बिचुआ, होते हुये डोभी मार्ग की कुल लंबाई 12.00 कि.मी. है। जिसमें से 2.069 किमी भाग का निर्माण पी.एम.जी.एस.वाय. द्वारा कराया गया है, वर्तमान में मार्ग उन्हीं के संधारण में है। (म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण, परियोजाना क्रियान्वयन इकाई-1 सागर से प्राप्त उत्तर संलग्न परिशिष्ट अनुसार है) शेष 9.931 किमी का भाग कच्चा गाड़ीदान मार्ग है जो लोक निर्माण विभाग की पुस्तिका में अंकित नहीं है। उक्त मार्ग वर्तमान में न तो बजट में सम्मिलित है और न ही किसी अन्य योजना में स्वीकृत/प्रस्तावित है। अतः निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) मुआर से केसली मार्ग कुल वास्तविक लम्बाई 21.95 कि.मी. में से 15.75 कि.मी. का भाग पी.एम.जी.एस.वाय. योजना अंतर्गत म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के अंतर्गत है। म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण से प्राप्त उत्तर संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। मार्ग की शेष 6.20 कि.मी. लम्बाई लोक निर्माण विभाग अंतर्गत है, जिसका पुनर्निर्माण 07.06.2024 को पूर्ण किया गया है। मार्ग का उन्नयन चौड़ीकरण कार्य वर्तमान में न तो बजट में सम्मिलित है और न ही किसी अन्य योजना में स्वीकृत/प्रस्तावित है। अतः निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) प्रश्नांकित (1) देवरी पुराना बायपास से सिलकुई बेरियल मार्ग की कुल लंबाई 11.78 किमी है इस मार्ग का निर्माण कार्य पी.एम.जी.एस.वाय. द्वारा कराया गया है। वर्तमान में मार्ग उन्हीं के संधारण में है। (2) छोगर सलैया से मोकला मार्ग लंबाई 7.41 किमी का निर्माण कार्य पी.एम.जी.एस.वाय. द्वारा कराया गया है वर्तमान में मार्ग उन्हीं के संधारण में है। (म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण, परियोजाना क्रियान्वयन इकाई-1 सागर से प्राप्त उत्तर संलग्न परिशिष्ट अनुसार है) (3) टुडरी से चदेना मार्ग लंबाई 1.00 किमी कच्चा गाड़ीदान मार्ग है, जो वर्तमान में न तो बजट में सम्मिलित है और न ही किसी अन्य योजना में स्वीकृत/ प्रस्तावित है। अतः निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। प्रदेश की आदर्श विद्यासागर गौशाला इसी मार्ग पर स्थित है।
बीसीसीएल एवं भवन अनुज्ञा शाखा के पत्रों पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
129. ( क्र. 1682 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता का पत्र क्र. 842, 843 एवं 852 दिनांक 24/06/25 एवं 01/07/25 जो पीएस नगरीय विकास को प्रेषित किया गया था प्राप्ति दिनांक से प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही सा.प्र.वि. के आदेश क्रमांक एफ 19-76/2007/1/4 भोपाल दिनाक 22.3.2011 में उल्लेखित पांचों बिन्दुओं एवं परिशिष्टों का पालन सुनिश्िचत कर किया गया है? कब-कब और क्या-क्या कार्यवाही सुनिश्िचत की गई? अधिकारी/कर्मचारी का नाम, पदनाम कार्यालयीन अभिलेखों/नोटशीटों/पत्रों/ नियमों की प्रति सहित बतायें? (ख) क्या पत्र पर कृत कार्यवाही से प्रश्नकर्ता को संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करा दी गई है? यदि नहीं तो सा.प्र.वि. के आदेश के बिन्दु क्र. 5 एवं सा.प्र.वि. के आदेश क्र. एफ 19-76/2007/1/4 दिनांक 19/07/2019 के अन्तर्गत संबंधित अधिकारी/कर्मचारी की जबावदेही निर्धारित करते हुये उनके विरूद्ध आचरण या सेवा के नियमों के अधीन अवचार समझा जाकर अनुशासनात्मक कार्यवाही कर निलंबन किया गया? (ग) एनआईटी 121, 122 में कैसे 80 लाख का व्ही.जी.एफ. जारी किया गया, जबकि ऑपरेटर की 149 बसें 01 साल से बंद है? क्या बंद बसों का व्ही.जी.एफ. दिया जा सकता है? एनआईटी 123 में ब्लैकलिस्ट एवं टर्मिनेट टिकटिंग एजेन्सी को 41वीं बैठक 04/04/25 में कैसे कार्यवाही को बदला गया, जबकि मा.उ.न्यायालय में प्रकरण प्रक्रियाधीन है? आदेश, निर्देश, एकलनस्ती सहित बतायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) अंशत: जी हाँ। (ख) पत्र क्र. 14941 के माध्यम से भोपाल शहर की परिवहन कंपनी भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड (BCLL), भोपाल को जानकारी हेतु पत्र प्रेषित किया गया है। (ग) बीसीएलएल द्वारा एनआईटी 121, 122 अंतर्गत वर्ष 2022 से 2024 तक 54 बसों हेतु किये गए संचालन के अनुक्रम में आंशिक राशि रु. 80 लाख का भुगतान व्ही.जी.एफ. मद में बस ऑपरेटर को किया गया था। शेषांश का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। निविदा क्र. 123 अंतर्गत बीसीएलएल द्वारा मेसर्स चलो मोबिलिटी का अनुबंध समाप्त किये जाने एवं ब्लैकलिस्ट के संबंध में चलो मोबिलिटी द्वारा माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष प्रकरण क्र.-WP 31595/2024, दायर किया गया था, जिसमें माननीय उच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 16/10/2024 को जारी आदेशानुसार ब्लैकलिस्टिंग के संबंध में स्थगन आदेश जारी किया गया था। परंतु माननीय जिला न्यायालय में दायर प्रकरण क्र. MIC AV/0043/2024 में पारित आदेश में प्रकरण का निराकरण आर्बिट्रेशन के माध्यम से किये जाने के फलस्वरूप आर्बिट्रेटर के रूप में नियुक्त जिला संभाग आयुक्त के समक्ष निराकरण हेतु प्रकरण प्रस्तुत किया गया। आर्बिट्रेटर महोदय के समक्ष हुई सुनवाई में एजेंसी चलो मोबिलिटी द्वारा बीसीएलएल को देय बकाया राशि रू. 1,20,70,854/- का भुगतान किये जाने एवं रेवेन्यु कलेक्शन कार्य पूर्व अनुबंधानुसार किये जाने की सहमति के अनुक्रम में एजेंसी द्वारा बीसीएलएल को उक्त बकाया राशि का भुगतान दिनांक 26.03.2025 को कर दिया गया है। तदोपरांत प्रकरण बीसीएलएल की 41वीं बैठक 04.04.2025 के एजेंडा बिन्दु क्र. 14 में लिये गए निर्णय अनुसार बीसीएलएल द्वारा पत्र दिनांक 11.04.2025 जारी कर पूर्व में ब्लैक-लिस्ट एवं टर्मिनेशन हेतु जारी पत्र निरस्त किया जाकर एजेंसी एवं बीसीएलएल के मध्य उत्पन्न विवाद का निराकरण किया जा चुका हैं।
लोकायुक्त प्रकरण पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
130. ( क्र. 1683 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय न.परि.सुठालिया का पत्र दिनांक 19.06.25 जो पीएस यूडी, पत्र दिनांक 11.6.25 जो डीएम, राजगढ़ को संबोधित होकर तहसीलदार सुठालिया दिनांक 12.6.25 जो थाना प्रभारी सुठालिया में प्राप्त शिकायत पर कब और क्या कार्यवाही की गई? पत्र की प्रति, संबंधितों द्वारा कृत कार्यवाही की प्रति सहित बतायें। यदि नहीं तो कारण सहित स्पष्ट करें क्यों? (ख) क्या वर्तमान सीएमओ, नगर परिषद् धामनोद, जिला धार के विरूद्ध लोकायुक्त प्रकरण पंजीबद्ध हुये है? लोकायुक्त से प्राप्त समस्त पत्रों एवं विभाग द्वारा लोकायुक्त कार्यालय को प्रेषित पत्रों की प्रति सहित बतायें। विभाग द्वारा सीएमओ के विरूद्ध कोई कार्यवाही अभी तक नहीं की है, तो किन नियमों के अंतर्गत? यदि की जायेगी तो कब तक निश्चित समय-सीमा बतायें। (ग) तारा.प्रश्न क्र. क्रमश: 1570, 1965 दिनांक 19.12.2024, 17.3.25 में उल्लेखित अधोहस्ताक्षरकर्ता के पत्रों पर सा.प्र.वि. के आदेश क्रमांक एफ 19-76/2007/1/4 दिनांक 22.3.2011 में उल्लेखित पांचों बिन्दुओं एवं परिशिष्टों का पालन सुनिश्िचत कर किया गया है? यदि नहीं तो सा.प्र.वि. के आदेश के बिन्दु क्र. 5 एवं सा.प्र.वि. के आदेश क्र. एफ 19-76/2007/1/4 दिनांक 19.07.2019 के अंतर्गत संबंधित अधिकारी/कर्मचारी की जवाबदेही निर्धारित करते हुये उनके विरूद्ध आचरण या सेवा के नियमों के अधीन अवचार समझा जाकर अनुशासनात्मक कार्यवाही कर निलंबन किया गया? (घ) नगर पालिका पंचमढ़ी, जिला होशंगाबाद में दिनांक 20 मार्च 2020 से प्रश्न दिनांक तक कितने वाहन शहर में प्रवेशित हुये, उनसे कितना शुल्क प्राप्त हुआ माहवार बतायें। उक्त अवधि में कितनी राजस्व प्राप्ति हुई, मदवार बतायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) कार्यालय नगर परिषद्, सुठालिया के पत्र दिनांक 19.06.2025 से प्राप्त शिकायत की जांच हेतु संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास, संभाग भोपाल को पत्र क्रमांक शि/6/टी.एल.-115/2025/13331 दिनांक 02.07.2025 प्रेषित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"अ" अनुसार है। (ख) मुख्य नगरपालिका अधिकारी, नगर परिषद्, धामनोद जिला धार के विरूद्ध लोकायुक्त कार्यालय, इंदौर द्वारा अपराध क्रमांक 25/2025, 24/2025 तथा 63/2025 पंजीबद्ध किया गया है, जिस पर कार्यवाही संचालनालय स्तर पर प्रचलित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–"ब" अनुसार है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) अंशत: जी हाँ, माननीय सदस्य द्वारा प्रेषित पत्रों पर कार्यवाही प्रचलन में है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) पचमढ़ी नगर पालिका न होकर पचमढ़ी विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण है। जिनके द्वारा किसी भी प्रकार का प्रवेश शुल्क नहीं लिया जाता है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
यू.एस. इन्फ्रा. फर्म द्वारा किये गये निर्माण
[लोक निर्माण]
131. ( क्र. 1690 ) श्री हेमंत सत्यदेव कटारे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग में ठेकेदारी फर्म के रजिस्ट्रेशन हेतु श्रेणीवार कौन-कौन सी अर्हताएं, अनुभव व दस्तावेजों की आवश्यकता होती है? नियमानुसार जानकारी देते हुए बताएं कि विभाग में रजिस्टर्ड फर्म यू.एस.इन्फ्रा. किस श्रेणी में, कब रजिस्टर्ड हुई? फर्म के प्रोपराइटर का नाम, पता व रजिस्ट्रेशन हेतु प्रस्तुत किये अनुभव व अर्हताओं संबंधी दस्तावेजों की छायाप्रतियां उपलब्ध कराएं। (ख) रजिस्ट्रेशन दिनांक से यू.एस.इन्फ्रा. को कौन-कौन से प्रोजेक्ट निर्माण की व कितने लागत की राशि के कार्यों की स्वीकृतियां प्रदान की गई? वर्षवार जानकारी देते हुए फर्म द्वारा पूर्ण किये गये कार्य? लंबित कार्यों की जानकारी सहित प्रत्येक कार्य हेतु जमा करायी गई प्रतिभूति राशि बताएं? क्या फर्म को किसी कार्य की जमा करायी प्रतिभूति राशि को समयपूर्व विभाग से रिलीज की? यदि हाँ तो पूर्ण जानकारी देकर रिलीज का कारण बताएं। (ग) क्या यू.एस.इन्फ्रा द्वारा निर्माण किये प्रोजेक्ट में गड़बड़ियों संबंधी शिकायतें विभाग को प्राप्त हुई है? यदि हाँ तो जानकारी सहित शिकायतों की छायाप्रतियां उपलब्ध कराएं? क्या फर्म के विरुद्ध अपराध अन्वेषण ब्यूरो अथवा लोकायुक्त में भी शिकायतें प्रचलित है? यदि हाँ तो पूर्ण जानकारी दी जाए। (घ) क्या विभाग के किसी वरिष्ठ अधिकारी पर यू.एस.इन्फ्रा. को नियम विरुद्ध तरीके से विभागीय प्रोजेक्ट दिलाकर शासकीय धनराशि में भ्रष्टाचार करने की शिकायतें शासन/आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो/लोकायुक्त में प्रचलित है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) म.प्र. शासन, लो.नि.वि. मंत्रालय, भोपाल के आदेश क्रमांक-एफ-17-1/19/बी/2010/643 -644, दिनांक 17/8/2016 जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''1'' अनुसार है। लोक निर्माण विभाग में ठेकेदारी फर्म के पंजीयन हेतु वर्तमान में केन्द्रीकृत पंजीयन व्यवस्था लागू है, जिसके अनुसार समस्त श्रेणियों को समाप्त किया जाकर समस्त ठेकेदारों को एक ही श्रेणी में पंजीकृत किये जाने का प्रावधान है। मैसर्स यू.एस. इन्फ्रा. प्रोजेक्ट विभाग में दिनांक 9/8/2021 को पंजीकृत हुई, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''2'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है एवं शिकायतों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''3, 4, 5, 6 एवं 7'' अनुसार है। जी हाँ, ई.ओ.डब्ल्यू. में शिकायत क्रमांक-प्रकोष्ठ/इ. भो/शिका/26 (25)/2025 प्रचलित है, जिसके संबंध में ई.ओ.डब्ल्यू. द्वारा विभिन्न पत्रों के माध्यम से वांछित जानकारी विभाग द्वारा पत्रों के माध्यम से ई.ओ.डब्ल्यू. को उपलब्ध करायी गयी है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''8'' अनुसार है। जांच प्रचलन में है। (घ) जी हाँ।
प्रदेश की सड़कों पर टोल वसूली
[लोक निर्माण]
132. ( क्र. 1691 ) श्री हेमंत सत्यदेव कटारे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र सड़क विकास निगम का वर्ष 2015-16 से वर्ष 2024-25 तक का आय-व्यय पत्रक उपलब्ध कराया जाये। उपरोक्त वित्तीय वर्षों में प्रत्येक वर्ष में 31 मार्च की स्थिति में कितनी फिक्सड डिपॉजिट, नकद राशि तथा रिजर्व फण्ड था दर्शाते हुए, कितनी राशि निगम के उद्देश्यों के अतिरिक्त अन्य कार्यों में व्यय की गई अथवा अन्य विभाग को दी गई? (ख) प्रदेश में समस्त बीओटी तथा ओएमटी रोड से, टोल प्रारम्भ होने की दिनांक से जून 2025 तक कितना टोल राशि वसूली गयी तथा निगम को कितना राजस्व किस मद में प्राप्त हुआ? सड़क मार्ग एवं वर्षवार जानकारी उपलब्ध करायी जाये। (ग) प्रदेश में समस्त बीओटी/फोरलेन तथा सिक्सलेन से किन नियमों के अनुरुप शर्तों के अधीन राजस्व प्राप्त करने का अनुबंध है? यदि हाँ तो सड़कवार/वर्षवार अनुबंध दिनांक/फर्म का नाम की जानकारी दी जाये। (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित सभी टोल रोड के अनुबंध भारत सरकार द्वारा जारी मॉडल कंसेशन एग्रीमेंट की शर्तों के अनुरुप किये गये है? यदि नहीं तो किस-किस अनुबंध में किन-किन शर्तों में परिवर्तन करने के क्या कारण है? परिवर्तन किये गये अनुबंधों की छायाप्रतियां सहित परिवर्तन की जानकारी दी जाये। (ड.) निगम को प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये का लाभ अर्जित होने के बावजूद भी कुछ सड़क मार्गों को चिन्हित कर ओएमटी बनाकर टोल क्यों वसूल किया जा रहा है? स्पष्ट करें क्या इससे मंहगाई में वृद्धि नहीं होगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) आय व्यय पत्रक पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''1'' अनुसार है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''2'' अनुसार है। निगम के उद्देश्यों के अतिरिक्त व्यय राशि की जानकारी निरंक। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''अ'' अनुसार है। निगम को प्राप्त राजस्व की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''1'' अनुसार है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ग) बीओटी मार्गों पर टोल राशि कंसेशनायर को अनुबंध की शर्तों अनुसार देय होती है। निगम को अनुबंध अनुसार प्रीमियम की राशि प्राप्त होती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। अनुबंध की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''3'' अनुसार है। (ड.) ओएमटी योजना अंतर्गत निवेशकर्ता द्वारा स्वयं के व्यय से मार्गों का रख-रखाव किया जाता है। योजना अंतर्गत शासन द्वारा मरम्मत एवं रख-रखाव हेतु अलग से कोई व्यय नहीं किया जाता है। ओएमटी योजना के कारण मंहगाई में वृद्धि होने का कोई कारण नहीं है।
हैदरगढ़ - सुल्तानगंज मार्ग का गुणवत्ताहीन निर्माण
[लोक निर्माण]
133. ( क्र. 1695 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 1567, दिनांक 19-12-2024 के उत्तर में माननीय विभागीय मंत्री जी द्वारा दिये आश्वासन अनुसार प्रश्नकर्ता की उपस्थिति में विभागीय अधिकारियों द्वारा किये गए निरीक्षण में बेगमगंज-सुल्तानगंज मार्ग के निर्माणाधीन मार्ग में गुणवत्ताहीन निर्मित मार्गों को तोड़कर पुनर्निर्माण किया जाना तय किया गया था? क्या उक्त चिन्हित मार्गों का संधारण/पुनर्निर्माण कर लिया गया है? नहीं तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) उल्लेखित सुधार कार्य न करने हेतु कौन-कौन उत्तरदायी है? इन पर कब तक, क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) उल्लेखित उक्त निर्माणाधीन मार्ग के ग्राम पांडाझिर के समीप निर्मित एप्रोच रोड के बह जाने/नष्ट हो जाने और निर्माण एजेंसी द्वारा सुधार न किये जाने से क्षेत्रीय आमजनता को हो रही अत्यधिक परेशानी हेतु कौन जिम्मेदार है? कब तक एप्रोच मार्ग को सुचारू कर दिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। चिन्हित कुल 09 कांक्रीट पेनल में से 03 पेनल का पुनर्निर्माण कार्य कर लिया गया एवं शेष 06 पेनल का पुनर्निर्माण कार्य यातायात के आवागमन की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुये वर्षाकाल उपरांत कर लिया जावेगा। शेष सुधार कार्य कर लिये गये है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) 03 कांक्रीट पेनल का पुनर्निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है एवं शेष 06 कांक्रीट पेनल का पुनर्निर्माण वर्षाकाल उपरांत कर दिया जावेगा। अतः किसी के उत्तरदायी होने अथवा कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) अत्याधिक वर्षा के कारण ग्राम पांडाझिर के समीप अस्थाई डायवर्जन मार्ग क्षतिग्रस्त हुआ था। चूंकि वर्तमान में मार्ग निर्माणाधीन है तथा वर्षाकाल में डायवर्जन पुलिया पर पानी आना स्वभाविक है। अतः किसी के जिम्मेदार होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। क्षतिग्रस्त डायवर्जन मार्ग वर्षा के जलभराव कम होने पर ठीक करवा कर यातायात हेतु सुचारु रुप से चालू कर दिया गया है।
ठेकेदार द्वारा विद्युतीकरण कार्यों में गुणवत्ताहीन कार्य
[ऊर्जा]
134. ( क्र. 1703 ) श्री प्रीतम लोधी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले में विद्युत ऊर्जा विभाग में कार्यरत ठेकेदार श्री अरविन्द सिंह लोधी (मे. ASL) द्वारा विगत पांच वर्षों में शिवपुरी जिले में विभाग के क्या-क्या कार्य, कितनी लागत के किये गये? संभागवार, योजनावार संख्यात्मक जानकारी देवें। इनमें से कितने कार्य पूर्ण, अपूर्ण, प्रगतिरत् है? संख्यात्मक जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) उल्लेखित निर्माण एजेंसी/ठेकेदार द्वारा विभाग के कार्यों को अत्यंत गुणवत्ताहीन किया जाता रहा है और विभागीय अधिकारियों से सांठगांठ कर विभाग से राशि प्राप्त कर चूना लगाया जा रहा है और कार्य अत्यंत घटिया किये जा रहे हैं? इस निर्माण एजेंसी और इन्हें संरक्षण देने वाले विभागीय अधिकारियों पर विभाग कब तक क्या कार्यवाही करेगा? नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) उल्लेखित विभागीय कार्यों की गुणवत्ता की जांच क्या विभाग किसी स्वतंत्र तकनीकी एजेंसी से कराकर उक्त ठेकेदार को दंडित करायेगा? नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत शिवपुरी जिले में ठेकेदार श्री अरविन्द सिंह लोधी (मे. ASL) द्वारा विगत पांच वर्षों में 116 कार्य किये गये हैं, जिनमें से 113 कार्य पूर्ण हो गए हैं एवं 3 कार्य प्रगति पर है। उक्त कार्यों की प्रश्नाधीन चाही गयी लागत राशि, कार्यों की वर्तमान स्थिति की संभागवार, योजनावार संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) उत्त्रांश (क) में उल्लेखित एजेंसी/ठेकेदार द्वारा किये गए कार्य गुणवत्ताहीन नहीं पाए गए हैं। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता है।
विकास कार्य एवं निर्माण कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
135. ( क्र. 1708 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर अंतर्गत विभाग में संचालित संस्थाओं के अनुसार 1 जनवरी, 2022 से प्रश्न दिनांक की अवधि तक कौन-कौन सी योजनाओं में, किन-किन निर्माण-विकास एवं अन्य निर्माण कार्य हेतु विभिन्न मदों से कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई? योजनावार, मदवार, कार्य के नाम, कुल स्वीकृत राशि, तकनीकी स्वीकृति, प्रशासकीय स्वीकृति, निविदा कार्यादेश सहित जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं में आवंटित राशि के विरूद्ध कितनी राशि व्यय की गई, कितनी शेष है. योजनावार, मदवार कार्य के नाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें? राशि का भुगतान चेक के माध्यम से हुआ है तो चेक का क्रमांक दिनांक की जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) अनूपपुर जिले में प्रश्नांकित अवधि में कौन-कौन सी सड़कों का निर्माण किया जा रहा है, सड़क का नाम, ठेकेदार का नाम पता की जानकारी, कुल स्वीकृत राशि, तकनीकी स्वीकृति, प्रशासकीय स्वीकृति, की छायाप्रति उपलब्ध करावें, यह भी जानकारी उपलब्ध करावें कि निर्माणाधीन सड़कें पूर्ण हो गई हैं या अपूर्ण हैं? यदि अपूर्ण हैं तो कब तक पूर्ण हो जायेंगी? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के संदर्भ में क्या गुणवत्ताविहीन निर्माण कार्य, अनियमितता एवं लापरवाही एवं विकास कार्यों तथा कार्य एजेंसियों, ठेकेदारों, फर्मों को किये गये भुगतान में अनियमितता संबंधी शिकायत प्राप्त हुई हैं? जांच उपरांत उनमें कौन दोषी पाया गया, क्या कार्यवाही की गई? जानकारी दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'', ''अ-1'', ''अ-2'' एवं ''अ-3'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'', ''अ-1'', ''अ-2'' एवं ''ब'' अनुसार है। विभाग द्वारा ठेकेदार को आर.टी.जी. के माध्यम से भुगतान किया गया है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' एवं ''ब-1'' अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ का विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
136. ( क्र. 1709 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ अंतर्गत क्या पंचायतों में विद्युतीकरण कार्य पूर्ण हो चुका है? यदि नहीं तो किन-किन पंचायतों, मजरे-टोलों में विद्युतीकरण का कार्य नहीं हो पाया है? विद्युतीकरण कार्य से उक्त बसाहट एवं पंचायतों में विद्युतीकरण कार्य स्वीकृत नहीं होने के क्या कारण हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विद्युतीकरण का कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? विद्युतीकरण पूर्ण करने की क्या योजना है? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विद्युतीकरण से वंचित रहे टोले-मजरों एवं जनजातीय बाहुल्य बसाहट में शत्-प्रतिशत विद्युतीकरण हेतु क्या जिला खनिज प्रतिष्ठान मद से स्वीकृति दी जा सकती है? (घ) पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ऐसे कितने ग्राम हैं जिसमें विद्युत खपत की अपेक्षा कम क्षमता के ट्रांसफार्मर स्थापित हैं? यदि हाँ तो ग्रामवार सूची उपलब्ध करावें। क्या पिछले दो वित्तीय वर्षों में पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत नवीन ट्रांसफार्मर स्वीकृत किये गये हैं? यदि हाँ तो ग्रामवार, पंचायतवार सूची उपलब्ध करावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ अंतर्गत समस्त राजस्व ग्रामों एवं ग्राम पंचायतों में विद्युतीकरण का कार्य पूर्व में प्रचलित विभिन्न विद्युतीकरण योजनाओं के अंतर्गत पूर्ण हो चुका है। तथापि प्रश्नाधीन क्षेत्र में वर्तमान में 181 मजरे/टोले/बसाहटें आंशिक रूप से अविद्युतीकृत है। आंशिक रूप से अविद्युतीकृत मजरों/टोलों/बसाहटों की ग्राम पंचायतवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -''अ'' अनुसार है। उक्त में से 61 मजरों/टोलों/बसाहटों के विद्युतीकरण का कार्य वर्तमान में संचालित धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान अंतर्गत स्वीकृत है। उक्त स्वीकृत कार्य माह मार्च-2026 तक पूर्ण किया जाना है। राज्य शासन के पत्र दिनांक 05.05.2025 के द्वारा अविद्युतीकृत मजरों/टोलों/बसाहटों के विद्युतीकरण के संबंध में जारी दिशा-निर्देशों के तारतम्य में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत शेष 120 मजरों/टोलों/बसाहटों के विद्युतीकरण कार्य हेतु विस्तृत सर्वे कार्य किया जा रहा है। सर्वे उपरान्त उक्त शेष मजरों/टोलों/बसाहटों के विद्युतीकरण के कार्य हेतु विस्तृत कार्य योजना तैयार कर नोडल एजेंसी मेसर्स पी.एफ.सी., विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार को प्रेषित की जानी है। उक्त कार्य योजना की स्वीकृति उपरान्त विद्युतीकरण के कार्य प्रारंभ किये जाने हेतु कार्यवाही प्रचलन में आवेगी। (ख) धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान अंतर्गत प्रस्तावित कार्य माह मार्च 2026 तक पूर्ण किये जाने का लक्ष्य है। उक्त विद्युतीकरण कार्यों को विभागीय स्तर पर पूर्ण किया जाना प्रावधानित है। उत्तरांश (क) में उल्लेखानुसार प्रश्नाधीन क्षेत्र में शेष बसाहटों/मजरों/टोलों/घरों के विद्युतीकरण हेतु कार्ययोजना तैयार कर स्वीकृति हेतु नोडल एजेन्सी मेसर्स पी.एफ.सी. को प्रेषित किया जाना है। उक्त कार्य योजना की स्वीकृति उपरान्त विद्युतीकरण के कार्य प्रारंभ किये जाने हेतु कार्यवाही प्रचलन में आवेगी। अत: वर्तमान में उक्त कार्यों की पूर्णता की अवधि बताया जाना संभव नहीं है। (ग) खनिज साधन विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार, जी हाँ, म.प्र. खनिज प्रतिष्ठान नियम-2016 यथासंशोधित राजपत्र दिनांक 30 मई 2023 के नियम-13 में अन्य प्राथमिकता कार्यों में कार्य किये जा सकते है। (घ) प्रश्नाधीन क्षेत्र अंतर्गत समस्त ग्रामों में वर्तमान विद्युत भार अनुसार पर्याप्त क्षमता के वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित हैं। अत: शेष प्रश्नांश नहीं उठता है। जी हां विगत दो वित्तीय वर्षों में प्रश्नाधीन क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न योजनाओं में 117 नवीन ट्रांसफार्मर स्वीकृत/स्थापित किये गये हैं, जिनकी प्रश्नाधीन चाही गई ग्रामवार, पंचायतवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–''ब'' अनुसार है।
नगरीय निकायों को प्राप्त राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
137. ( क्र. 1720 ) श्री संजय उइके : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग को अनुसूचित जनजाति/अनुसूचित जाति बजट प्रावधान में सामाजिक आर्थिक क्षेत्रों के योजनाओं अन्तर्गत प्रत्यक्ष लाभ पहुंचाने हेतु पृथक प्रावधान सब स्कीम में राशि प्राप्त होती है? (ख) यदि हाँ तो वित्तीय वर्ष 2022-23 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस योजना में कितनी-कितनी राशि किन-किन नगर निगम, नगर पालिका परिषद् एवं नगर परिषद् को जारी की गई? (ग) वित्तीय वर्ष 2023-24 में स्वच्छ भारत मिशन, नगरीय क्षेत्रों में अधोसंरचना निर्माण में कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई और कितनी-कितनी राशि, किन-किन नगरीय निकायों को जारी की गई? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रावधान अनुसार प्राप्त बजट राशि का नगरीय निकायों को आवंटन किस आधार पर किया जाता है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं। (ख) शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वित्तीय वर्ष 2023-24 में स्वच्छ भारत मिशन में नगरीय निकायों को जारी की गई राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। नगरीय क्षेत्रों में अधोसंरचना निर्माण योजना अंतर्गत आवंटन की राशि निरंक है। (घ) शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्मार्ट मीटरों की प्रतिस्थापना
[ऊर्जा]
138. ( क्र. 1735 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण क्षेत्रान्तर्गत बिजली उपभोक्ताओं के लिए स्मार्ट मीटर लगाया जाना अनिवार्य कर दिया गया है। यदि हाँ तो इस संबंध में जारी आदेश की छायाप्रति उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में कई जिलों में स्मार्ट मीटर लगाए जाने के बाद त्रूटिपूर्ण बिल आने के समाचार आ रहे हैं, इस संबंध में वितरण कंपनी द्वारा बिजली उपभोक्ताओं के हित में क्या-क्या प्रावधान किए गए हैं? (ग) स्मार्ट मीटर लगने के बाद बिजली की खपत अचानक बढ़ जाने की शिकायतें लगातार आ रही है, बिजली वितरण कंपनियों द्वारा लगाए जा रहे स्मार्ट मीटर कितने सुरक्षित हैं? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में स्मार्ट मीटरों की खरीदी किस रेट पर एवं किस आधार पर की जा रही है? क्या लगाए जा रहे स्मार्ट मीटर का पैसा उपभोक्ताओं से ही वसूला जाएगा? या इनका भुगतान बिजली कंपनी करेंगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत शहरी क्षेत्रों में स्मार्ट मीटर केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण, विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार की अधिसूचना दिनांक 23.12.2019 के विनियम-4 एवं विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार की अधिसूचना दिनांक 31 दिसम्बर, 2020 के विनियम-5 ''मीटरिंग'' तथा मध्यप्रदेश विद्युत प्रदाय संहिता-2021 के अध्याय-8 ''विद्युत मापन तथा बिलिंग'' के दिशा-निर्देशों के अनुपालन में आर.डी.एस.एस. योजना के अंतर्गत पारदर्शी बिलिंग, मीटर रीडिंग प्रणाली में सुधार और सटीक ऊर्जा लेखाकंन के लिए लगाए जा रहे हैं। उक्त नियमों/आदेशों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। विदयुत देयकों से संबंधित समस्या हेतु म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा उपभोक्ताओं की सुविधा हेतु शिकायत दर्ज कराने के लिये केन्द्रीय कॉल सेन्टर 1912, सी.एम. हेल्पलाईन 181, वॉइस बॉट, चेट बॉट एवं स्मार्ट बिजली ऐप के माध्यम से शिकायत दर्ज कराने की सुविधा प्रदान की गई है। शिकायत के परीक्षण उपरांत त्रुटि पाये जाने पर बिल में आवश्यक सुधार कर उपभोक्ता को उनके रजिस्टर्ड मोबाईल नंबर पर सूचित किया जाता है। इसके अतिरिक्त जिन उपभोक्ताओं के परिसर में स्मार्ट मीटर स्थापित कर दिये गये है उनमें से चिन्हित उपभोक्ताओं के यहां चेक मीटर भी स्थापित किये गये हैं। (ग) जी नहीं। स्थापित किये जा रहे स्मार्ट मीटर, भारतीय मानकों यथा आईएस 16444 एवं आईएस 15959 अनुसार है। आईएस 16444 एवं आईएस 15959 भारतीय मानक है, जो स्मार्ट ऊर्जा मीटरों की सुरक्षा और विश्वसनीयता सुनिश्िचत करते हैं। आई.एस. 16444 एसी स्टैटिक स्मार्ट मीटर के लिए सामान्य आवश्यकताओं और परीक्षणों पर केंद्रित है, जबकि आईएस 15959 बिजली मीटर रीडिंग, टैरिफ और लोड नियंत्रण के लिए डेटा एक्सचेंज प्रोटोकॉल को कवर करता है। ये मानक स्मार्ट मीटरिंग प्रणालियों में डेटा सटीकता, छेड़छाड़ का पता लगाने और सुरक्षित संचार सुनिश्िचत करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। (घ) आर.डी.एस.एस. योजनांतर्गत स्मार्ट मीटरों की स्थापना हेतु हाइब्रिड ओपेक्स मॉडल के अंतर्गत डिजाइन-निर्माण-वित्त-स्वामित्व-संचालन-हस्तांतरण (डीबीएफओओटी) आधार पर स्मार्ट मीटरिंग के लिए निविदा प्रक्रिया उपरांत चयनित उन्नत मीटरिंग अवसंरचना सेवा प्रदाता (एएमआईएसपी) को कार्यादेश जारी किये गये हैं, जिसके तहत संबंधित ए.एम.आई.एस.पी. को वितरण कंपनी द्वारा स्मार्ट मीटरिंग हेतु विक्रेता अनुमोदन प्राप्त कर चुके मीटर निर्माता कंपनियों से मीटर क्रय किया जाना निर्धारित किया गया है। क्रय किये गये स्मार्ट मीटरों की प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। आर.डी.एस.एस. योजनांतर्गत पुराने विद्युत मीटर बदल कर लगाए जा रहे स्मार्ट मीटरों हेतु विद्युत उपभोक्ताओं से शुल्क लेने का प्रावधान नहीं है। आर.डी.एस.एस. योजनांतर्गत विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाईन एवं अनुमोदन अनुसार योजनांतर्गत लगाये जा रहे स्मार्ट मीटरों के पूर्ण रूप से प्री-पेड होने के पश्चात आज की स्थिति में प्रति उपभोक्ता मीटर कुल रू. 900/- का अनुदान केन्द्र सरकार की ओर से प्राप्त होना है एवं शेष राशि विद्युत वितरण कंपनी द्वारा वहन किये जाने के प्रावधान है।
अपूर्ण कार्य एवं मुआवजा राशि का भुगतान
[लोक निर्माण]
139. ( क्र. 1747 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विगत 3 वर्षों में कितनी निर्माणाधीन सड़कें प्रश्न दिनांक तक अपूर्ण है एवं ठेकेदारों द्वारा निर्माण कार्य अधूरे छोड़े गए है जिस पर विभाग द्वारा की गई कार्यवाही का विवरण कार्य को पुनः प्रारंभ किए जाने हेतु क्या कार्यवाही की गई सम्पूर्ण विवरण देवें? (ख) अपूर्ण निर्माण कार्यों की कितनी राशि कब-कब आहरित की गई सम्पूर्ण विवरण देवें। ग्राम सगवाली से सिंगदेवला मार्ग विगत 2 वर्षों से अपूर्ण क्यों है? विभाग द्वारा कार्य पूर्ण किए जाने हेतु नवीन निविदा आमंत्रित की गई है? यदि नहीं तो क्यों। (ग) लोक निर्माण विभाग अंतर्गत ग्राम गेलाखेड़ी-छ्जूखेड़ी मार्ग में किसानों की भूमि के मुआवजे की राशि का भुगतान प्रश्न दिनांक तक क्यों नहीं किया गया है। कारण दें इसके लिए कौन जिम्मेदार है। क्या जिम्मेदारों द्वारा अनियमितता की गई है। कब तक किसानों को उनकी मुआवजा राशि का भुगतान कर दिया जाएगा।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) अपूर्ण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' एवं ''अ-1'' अनुसार है, अधूरे छोड़े गए कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे के परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ-2'' अनुसार है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''1'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार एवं आहरित राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। ग्राम सगवाली से सिंगदेवला मार्ग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ-2'' अनुसार है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''2'' अनुसार है। (ग) मुआवजा हेतु निर्धारित प्रक्रिया पूर्ण की जाने में समय लगने से आज दिनांक तक मुआवजा राशि के भुगतान की कार्यवाही प्रक्रियाधीन, वर्तमान में कलेक्टर उज्जैन द्वारा दिनांक 07.04.2025 को पारित किया जा चुका है। भुगतान की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से कोई जिम्मेदार नहीं है, जी नहीं कोई अनियमितता नहीं की गई। मुआवजा राशि का भुगतान संबंधित किसानों से आवश्यक जानकारी प्राप्त कर प्रक्रियाधीन है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''3'' अनुसार है।
विद्युत ट्रांसफार्मरों को बदलना एवं उसका परिवहन
[ऊर्जा]
140. ( क्र. 1749 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र महिदपुर अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 से प्रश्न दिनांक तक विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कितने विद्युत ट्रांसफार्मर खराब होने के कारण बदले गए हैं एवं कितनी-कितनी क्षमता के बदले गए हैं? कितने पुराने ट्रांसफार्मरों को रिपेयरिंग करके बदला गया हैं? ग्रामवार, स्थलवार, दिनांकवार सम्पूर्ण सूची देवें। (ख) किन-किन ग्रामों में नवीन विद्युतीकरण का कार्य चल रहा है एवं कहां प्रस्तावित है? कितने ग्रामों में लटकते हुए तारों के स्थान पर केबलों को बदलने का कार्य किया गया है? कितने ग्रामों में लटकते हुए तारों को बदलने का कार्य किया जाना बाकी है? सूची देवें। क्या यह सही है की विगत 10 वर्षों से ग्रामों में तार ऐसे ही लटक रहे हैं एवं दुर्घटनाओं का कारण बन रहे हैं। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार जिन ग्रामों में विद्युत ट्रांसफार्मर बदले गए हैं कितने ट्रांसफार्मरों का परिवहन किसानों द्वारा स्वयं के वाहन से किया गया है? ग्रामवार सूची उपलब्ध कराएं। जानकारी दें कि विभाग द्वारा कितने किसानों को ट्रांसफार्मर परिवहन हेतु किराये का भुगतान किया गया है? शासन द्वारा कितने किराए के भुगतान का प्रावधान है? प्रश्नांश दिनांक तक कितने ट्रांसफार्मरों को बदलने एवं क्षमता वृद्धि की शिकायतें कब से लंबित है? लंबित रहने के क्या कारण है? सम्पूर्ण विवरण देवें। (घ) प्रतिमाह कितने ट्रांसफार्मरों को बदला जाता है एवं कितने ट्रांसफार्मरों का किसानों द्वारा परिवहन किया जाता है? विभाग द्वारा किसानों को किराए का भुगतान न करने हेतु कौन जिम्मेदार है। प्रतिवर्ष कितनी राशि का आवंटन किसानों के परिवहन हेतु किया जाता है।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) महिदपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वित्तीय वर्षों यथा वित्तीय वर्ष 2023-24, वित्तीय वर्ष 2024-25 एवं वित्तीय वर्ष 2025-26 (दिनांक 01 अप्रैल, 2025 से प्रश्न दिनांक तक) में क्रमश: 577, 568 एवं 46 जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदले गये हैं। उक्त बदले गए जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता, बदले जाने की दिनांक की प्रश्नाधीन चाही गयी वित्तीय वर्षवार, ग्रामवार एवं स्थानवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ-1'', ''अ-2'' एवं ''अ-3'' अनुसार है। प्रश्नाधीन क्षेत्रांतर्गत प्रश्नाधीन अवधि में कुल 554 वितरण ट्रांसफार्मरों को एल.टी.आर.यू. में रिपेयरिंग कर के बदला गया है, जिसकी प्रश्नाधीन चाही गयी ग्रामवार, स्थानवार, दिनांकवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'', ''ब-1'' एवं ''ब-2'' अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्रान्तर्गत किसी भी ग्राम में नवीन विद्युतीकरण का कार्य प्रगतिरत/प्रस्तावित नहीं है। प्रश्न दिनांक तक 29 ग्रामों के विभिन्न स्थानों पर ढ़ीले/लटकते हुए विद्युत तारों से संबंधित शिकायतें प्राप्त हुई थी। उक्त समस्त शिकायतों को निराकृत कर ढ़ीले/लटकते हुए तारों के स्थान पर केबलीकरण का कार्य कर दिया गया है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। वर्तमान में प्रश्नाधीन क्षेत्र के ग्रामों में लटकते तारों को केबल से बदलने संबंधी किसी भी प्रकार का आवेदन/शिकायत लंबित नहीं है। ढ़ीले/लटकते तारों से संबंधित किसी भी प्रकार की शिकायत संज्ञान में आने पर त्वरित रुप से कार्यवाही करते हुए सुधार कार्य कर दिया जाता है। जी नहीं, प्रश्नाधीन क्षेत्रान्तर्गत ऐसा कोई भी प्रकरण संज्ञान में नहीं आया है। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में बदले गए जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों में से वित्तीय वर्षों यथा-2023-24, वित्तीय वर्ष 2024-25 एवं वित्तीय वर्ष 2025-26 (दिनांक 01 अप्रैल, 2025 से प्रश्न दिनांक तक) में क्रमश: 569, 560 एवं 46 वितरण ट्रांसफार्मरों का परिवहन किसानों द्वारा स्वयं के वाहन से किया गया है, जिनकी ग्रामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''द'', ''द-1'' एवं ''द-2'' अनुसार है। विद्युत वितरण कंपनी द्वारा परिवहन हेतु कृषकों से प्राप्त आवेदन अनुसार वित्तीय वर्ष 2023-24 में 08 किसानों को राशि रु. 8064/- एवं वित्तीय वर्ष 2024-25 में 08 किसानों को राशि रु. 8256/- का भुगतान आर.टी.जी.एस. के माध्यम से किया गया एवं 2025-26 में प्रश्न दिनांक तक निरंक किसानों को वितरण ट्रांसफार्मर परिवहन हेतु प्रतिपूर्ति राशि का भुगतान किया गया है। परिवहन खर्चे की प्रतिपूर्ति का भुगतान एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड भोपाल द्वारा जारी परिपत्र क्रमांक 158 दिनांक 05/03/2018 के अनुसार कृषकों को नियमानुसार किया जाता है, जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ई'' अनुसार है। प्रश्नाधीन क्षेत्र के, प्रश्न दिनांक की स्थिति में, किसी भी वितरण ट्रांसफार्मर को बदलने एवं क्षमता वृद्धि की शिकायतें लंबित नहीं है। अतः शेष प्रश्न नहीं उठता है। (घ) जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों की बदलने की संख्या प्रतिमाह परिवर्तनशील रहती है। अतः निश्चित संख्या बताई जाना सैद्धांतिक रुप से संभव नहीं है। सामान्यत: म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में संलग्न वाहनों से वितरण ट्रांसफार्मर का परिवहन किया जाता है, किंतु रबी सीजन में कृषि कार्य की आवश्यकता के तहत वितरण ट्रांसफार्मर के फेल होने पर कृषकों द्वारा अपनी सुविधा अनुसार वितरण ट्रांसफार्मर का परिवहन किया जाता है, जिसके एवज में परिवहन भत्ते का भुगतान कंपनी नियमानुसार आवेदक द्वारा दस्तावेज उपलब्ध कराये जाने पर किया जाता है। किसानों द्वारा वाहन स्वामित्व के दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराने के कारण भुगतान लंबित रहता है, जिस हेतु किसी की जिम्मेदारी तय नहीं की जा सकती। परिवहन शुल्क के भुगतान हेतु आवेदन आने पर नियमानुसार राशि का आवंटन वरिष्ठ कार्यालय द्वारा समय-समय पर किया जाता है।
आवासीय भवनों में व्यावसायिक गतिविधियां
[नगरीय विकास एवं आवास]
141. ( क्र. 1751 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या होशंगाबाद रोड स्थित भोपाल विद्यानगर फेस-1 भोपाल विकास प्राधिकरण द्वारा निर्मित रहवासी कॉलोनी है? (ख) क्या विद्यानगर में भोपाल विकास प्राधिकरण द्वारा व्यावसायिक गतिविधियों के लिए अनुमति दी गई है? यदि हाँ तो किन-किन अधिकारियों द्वारा एवं किन-किन आवास मालिकों को? (ग) यदि आवासीय अनुमति के विरुद्ध यदि आवासीय गृह में व्यावसायिक गतिविधियां की जा रही हैं तो भोपाल विकास प्राधिकरण एवं नगर निगम भोपाल द्वारा किन-किन के विरुद्ध एवं क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या लीज की शर्तों में आवासीय परिसर में व्यावसायिक गतिविधियां प्रतिबंधित हैं एवं उल्लंघन पर दंड का प्रावधान है? अभी तक किन-किन के विरुद्ध लीज उल्लंघन की कार्रवाई की गई? (ड.) विद्यानगर में चल रही आवासीय भवनों में व्यावसायिक गतिविधियों के विरुद्ध भोपाल विकास प्राधिकरण एवं नगर निगम, भोपाल को कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं एवं उनके विरुद्ध उनके द्वारा क्या कार्रवाई की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ, (ख) जी नहीं, (ग) आवासीय भवनों में व्यावसायिक गतिविधियां भवन अधिभोग में परिवर्तन से संबंधित है, लीज की शर्तों का उल्लंघन होने की स्थिति में प्राधिकरण द्वारा म.प्र. विकास प्राधिकरण की संपत्तियों का प्रबंधन तथा व्ययन नियम, 2018 में विहित प्रावधानों के अंतर्गत तथा नगरपालिका निगम द्वारा म.प्र. नगरपालिका निगम, अधिनियम 1956 में विहित प्रावधानों के अंतर्गत कार्यवाही की जाती है, (घ) जी हां, स्थल सर्वे के उपरांत लीज शर्तों के उल्लंघन होने पर म.प्र. विकास प्राधिकरण की संपत्तियों का प्रबंधन तथा व्ययन नियम 2018 में प्रावधान है, जिसके अनुसार प्राधिकरण द्वारा नियमानुसार कार्यवाही की जाती है, जो कि अस्थाई स्वरूप की होकर एक सतत् प्रक्रिया है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) उत्तरांश (घ) अनुसार।
ए.एच.पी. आवासों का आवंटन
[नगरीय विकास एवं आवास]
142. ( क्र. 1756 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ विधानसभा अंतर्गत शासन द्वारा नगरपालिका राजगढ़ में एएचपी के आवास स्वीकृत किये गये थे? यदि हाँ तो कब तथा कितने? बतावें। (ख) उक्त आवासों के आवंटित किये जाने के क्या नियम, निर्देश थे? निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) उक्त आवासों में से कितने हितग्राहियों को आवास आवंटित किये गये थे तथा कितने आवास सरेंडर किये गये थे? जिन हितग्राहियों को आवास आवंटित किये गये, उनके नाम, पिता/पति का नाम, निवास का पता और व्यवसाय की जानकारी दें तथा सरेंडर किये जाने का क्या कारण था? (घ) क्या शासन द्वारा उक्त सरेंडर किये गये आवासों का पुनः आवंटन किया जावेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों नहीं? कारण बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। राजगढ़ विधानसभा अंतर्गत नगर पालिका परिषद् राजगढ़ में प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के एएचपी घटक अंतर्गत सीएसएमसी बैठक दिनांक 21.12.2015 में ईडब्ल्यूएस श्रेणी के 575 आवासों की परियोजना स्वीकृत की गई। (ख) प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के एएचपी घटक अंतर्गत पात्र हितग्राहियों को आवास आवंटन के नियम/दिशा निर्देश की प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखें परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ग) उत्तरांश-''क'' अनुसार स्वीकृत 575 आवासों में से 279 आवास समर्पित किये गये हैं। शेष 296 आवासों का निर्माण पूर्ण किया गया है। आवंटन एवं समर्पण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। जिन हितग्राहियों को आवास आवंटित किये गये हैं, उनका नाम, पता एवं व्यवसाय सहित सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। समर्पित किये गये हितग्राहियों की कारण सहित सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखें परिशिष्ट-''द'' अनुसार है। (घ) जी नहीं। निकाय द्वारा पूर्ण आवासों का आवंटन पात्र हितग्राहियों को 100 प्रतिशत राशि जमा करने पर किया जाता है। निकाय में समर्पित आवास वाले हितग्राहियों के पुनः आवंटन हेतु कोई आवेदन उपलब्ध नहीं होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जिला बुरहानपुर में हुए प्लाटिंग की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
143. ( क्र. 1757 ) सुश्री मंजू राजेन्द्र दादू : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला बुरहानपुर में वर्ष 2020 से 2024 तक किन-किन स्थानों पर प्लाटिंग का कार्य हुआ है या वर्तमान में चल रहा है किसके द्वारा प्लाटिंग का कार्य किया जा रहा है? क्या प्लाटिंग करने वाले पंजीकृत हैं या नहीं? पंजीकरण की पूर्ण जानकारी देवें एवं बिना अनुमति/पंजीयन के जमीनों की प्लाटिंग के क्या नियम है? नियमों की प्रतियां उपलब्ध करावें। (ख) जिला बुरहानपुर में किन-किन स्थानों में प्लाटिंग कार्य की अनुमति किस प्राधिकारी से कब ली गई है? प्राधिकारी का नाम, पदनाम सहित अनुमति की प्रतियां देवें। (ग) नगरीय/ग्रामीण क्षेत्र में नवीन कॉलोनी विकसित करने के लिए क्या रेरा विभाग का पंजीयन आवश्यक है? यदि हाँ तो कितने कॉलोनाईजरों ने पंजीयन कराया है? क्या प्लाटिंग की अनुमति ली है? पूर्ण जानकारी अभिलेखों सहित देवें। (घ) नगरीय/ग्रामीण क्षेत्र में क्या कृषि भूमि पर प्लाटिंग कार्य किया जा रहा है? यदि हाँ तो किन नियम निर्देशों के तहत् प्लाटिंग का कार्य किया जा रहा है? पूर्ण जानकारी देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जिला बुरहानपुर के नगरीय क्षेत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार एवं ग्रामीण क्षेत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। बिना अनुमति/पंजीयन के जमीनों की प्लाटिंग के कोई नियम नहीं है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जिला बुरहानपुर के नगरीय क्षेत्र में विकास अनुमति प्राप्त कॉलोनियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार एवं ग्रामीण क्षेत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ग) नवीन कॉलोनी विकसित करने के लिए रेरा का पंजीयन आवश्यक नहीं है बल्कि म.प्र. भू-संपदा (विनियमन और विकास) अधिनियम 2016 के तहत विकास अनुमति प्राप्त कालोनी में भूखण्ड/भवन के विक्रय के पूर्व रेरा में कालोनी (प्रोजेक्ट) का पंजीयन कराया जाना आवश्यक है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जी हाँ, सक्षम प्राधिकारी से कॉलोनी विकास की अनुमति ली है। कॉलोनी विकास की अनुमति की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। (घ) जी हाँ, समय-समय पर सर्वेक्षण के दौरान जिले के कुछ स्थानों पर विकास अनुमति प्राप्त किये बिना अनधिकृत रूप से कृषि भूमि पर कॉलोनी का निर्माण होना पाया गया है। कृषि भूमि पर प्लाटिंग करना अथवा कॉलोनी का विकास अनधिकृत कॉलोनी निर्माण की श्रेणी में आता हैं ऐसे कॉलोनाईजर के विरूद्ध समय-समय पर जिला प्रशासन एवं नगर निगम द्वारा कार्यवाही की जाती है।
अवैध कॉलोनियों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
144. ( क्र. 1758 ) सुश्री मंजू राजेन्द्र दादू : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला बुरहानपुर में वर्ष 2020 से 2024 तक कितनी कॉलोनियाँ वैध रूप से निर्मित हो गई हैं तथा उनमें प्लाटों/भवनों की पृथक-पृथक संख्या कितनी है? प्लाटों को किस दर पर विक्रय किया गया है जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) जिला बुरहानपुर में कितनी कॉलोनियाँ अवैध है और कितने प्लाटों की रजिस्ट्रियां हुई, कितने में भवन निर्मित हुये है, कितनी कृषि भूमि पर प्लाटिंग की कार्यवाही चल रही है, प्लाटिंग किस आधार पर चल रही है। पूर्ण जानकारी देवें। (ग) क्या कृषि भूमि को प्लाटिंग के पूर्व डायवर्सन कराया गया था? यदि हाँ तो प्लाटिंग से पूर्व क्या संबंधित निकाय से अनुमति ली गई है? उपरोक्त प्रक्रिया पूर्ण नहीं की गई तो दोषियों के खिलाफ क्या कार्यवाहियां की गई? कौन-कौन इसके लिए जिम्मेदार है? उन पर क्या और कब तक कार्यवाही की जायेगी? (घ) वर्ष 2020 से 2024 तक हुए प्लाटिंग की पूर्ण जानकारी क्रमशः भूमि स्वामी का नाम, क्रय अनुबंध, कितने साईज का प्लाट कितने में विक्रय किया गया। क्या सरकारी दर से अधिक पर प्लाट विक्रय किया गया है यदि हाँ तो इसके लिए जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जिला बुरहानपुर के नगरीय क्षेत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार एवं ग्रामीण क्षेत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। कालोनी में प्लाटों को विक्रय करने की जानकारी निकाय में संधारित न होने से उपलब्ध कराया जाना संभव नहीं है। (ख) जिला बुरहानपुर के नगरीय क्षेत्र में अनधिकृत कॉलोनियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार एवं ग्रामीण क्षेत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''द'' अनुसार है। अवैध कॉलोनी में प्लाटिंग का कार्य भू-स्वामी/ विकासकर्ताओ द्वारा आवश्यक अनुमति प्राप्त किए बिना ही अनधिकृत रूप से किया गया है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' एवं -''द'' अनुसार है। जी नहीं। अनधिकृत कॉलोनी निर्माण के लिए भू-स्वामी/विकासकर्ता जिम्मेदार है। म.प्र. नगरपालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 292-ग, म.प्र. नगरपालिका अधिनियम की धारा 339-ग तथा म.प्र. पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 के उपबन्ध के तहत सक्षम प्राधिकारी द्वारा संबंधित भू-स्वामी/ विकासकर्ताओं के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जाती है। अनधिकृत रूप से प्लाटिंग करने के लिए सम्बन्धित भू-स्वामी/विकासकर्ता जिम्मेदार है। अनधिकृत रूप से कॉलोनी निर्माण के कारित अपराध के लिए अधिनियम के प्रावधान के अंतर्गत सक्षम प्राधिकारी द्वारा अनधिकृत रूप से कॉलोनी बनाने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई जाती है। वैधानिक प्रक्रिया होने के कारण समय-सीमा बताया जाना सम्भव नहीं है। (घ) अनधिकृत रूप से प्लाटिंग करने वाले भू-स्वामियों के नाम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' एवं ''द'' अनुसार है। क्रय अनुबंध, प्लाट के साईज एवं प्लाट कितने में विक्रय किया गया है, से संबंधित जानकारी निकाय में संधारित न होने से उपलब्ध कराया जाना संभव नहीं है। प्लाट विक्रय के दस्तावेज के पंजीयन हेतु स्टॉम्प शुल्क की प्रभार्यता कलेक्टर गाईड लाईन में दर्शित दर के आधार पर की जाती है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रधानमंत्री आवास योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
145. ( क्र. 1762 ) श्री राजन मण्डलोई : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2022-23 से प्रश्न दिनांक तक प्रधानमंत्री आवास योजना अन्तर्गत आशाग्राम ट्रस्ट बड़वानी में कितने पात्र हितग्राही को आवास स्वीकृत किये गए हितग्राही की सूची, स्वीकृत वर्षवार राशि विवरण हितग्राहीवार जानकारी दें। (ख) क्या उक्त स्वीकृत आवास की भूमि ट्रस्ट को आवंटित है? यदि हाँ तो ट्रस्ट को आवंटित भूमि का आवंटन पत्र की प्रति उपलब्ध करायें। (ग) उक्त हितग्राही को आवास उसके स्वयं मालिकाना हक है? यदि हाँ तो ट्रस्ट की भूमि में से संबंधित हितग्राही को कब उसके नाम पर आवंटित की गई? आवंटन की जानकारी देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) वर्ष 2022-23 से प्रश्न दिनांक तक प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी अंतर्गत आशाग्राम ट्रस्ट बड़वानी में 66 पात्र हितग्राहियों को बीएलसी घटक अंतर्गत स्वीकृति प्रदान की गई। हितग्राहियों की नामवार, वर्षवार, राशि वितरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"अ" अनुसार है। (ख) जी हाँ। राजस्व रिकार्ड में उक्त भूमि ट्रस्ट के नाम अंकित है। प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"ब" अनुसार है। (ग) उक्तरांश (क) अनुसार 66 हितग्राहियों को आशाग्राम ट्रस्ट की भूमि पर आवास निर्माण करने का अनापत्ति प्रमाण पत्र क्रमांक/AGT/BWN/256 दिनांक 29.01.2022 जारी किया गया है। प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"स" अनुसार है।
पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा संचालित योजनाएं
[पशुपालन एवं डेयरी]
146. ( क्र. 1772 ) श्रीमती रीती पाठक : क्या राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले में वर्ष 2022- 2023 से प्रश्न दिनांक तक पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के माध्यम से पशुपालकों को स्वरोजगार, दुग्ध उत्पादन, नस्ल सुधार, पशु स्वास्थ्य एवं बीमा सुरक्षा जैसी सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। इन योजनाओं के माध्यम से अब तक सीधी जिले में कितने हितग्राहियों को लाभ प्राप्त हुआ है? लाभान्वित हितग्राहियों का वर्षवार एवं जिला-वार विवरण प्रदान किया जाए। (ख) सीधी जिले में विभाग की वर्तमान में संचालित योजनाओं के अंतर्गत किन-किन विकासखंडों एवं ग्राम पंचायतों में क्रियान्वयन कार्य चल रहा है तथा अब तक योजना के माध्यम से कितने हितग्राही लाभान्वित हुए हैं? पंचायतवार जानकारी प्रस्तुत करें। (ग) विशेष रूप से प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र सीधी में योजनाओं के अंतर्गत लाभ प्राप्त करने वाले पशुपालकों, महिला स्व-सहायता समूहों एवं ग्रामीण हितग्राहियों की संख्या एवं उन्हें प्रदत्त सुविधाओं का विवरण ग्राम पंचायतवार उपलब्ध कराया जाए। (घ) योजनाओं की निगरानी हेतु नियुक्त नोडल अधिकारी/एजेंसियों का नाम, कार्यक्षेत्र एवं निरीक्षण प्रगति की जानकारी दी जाए।
राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (घ) योजनाओं की निगरानी संबंधित विकासखण्ड के खण्ड पशु चिकित्सा अधिकारी एवं उप संचालक, पशुपालन एवं डेयरी सीधी द्वारा की जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार हैं।
अवैध कॉलोनियों को वैध किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
147. ( क्र. 1792 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में अवैध कॉलोनियों को वैध किए जाने हेतु वर्तमान में शासन ने क्या-क्या नियम बनाए हैं? समय-समय पर शासन द्वारा जारी किए गए आदेशों की छायाप्रतियां उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि टीकमगढ़ जिले में कहां-कहां, किस खसरा नं. में कितने-कितने रकबा में, किस-किस के द्वारा वैध एवं अवैध कॉलोनियां बनवाई जा चुकी है? इन कॉलोनियों में किस-किस मालिक द्वारा कितने रकबा में भू-खण्ड या भवन किसके नाम क्रय किए गए थे? कॉलोनी मालिक का नाम, क्रय करने वालों का नाम, पूरा पता सहित सम्पूर्ण जानकारी प्रदाय करें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि जिले में जो अवैध कॉलोनी स्थित है, उनके ऐसे प्लॉट, मकानों एवं पूरी कॉलोनी को वैध करने हेतु वर्तमान में क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है? सम्पूर्ण जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर निश्चित समय-सीमा सहित बताएं कि उपरोक्त सभी कॉलोनियों को वैध किया जावेगा तो कब तक? निश्चित समय-सीमा सहित बताएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) अवैध कॉलोनियों को वैध किये जाने हेतु कोई नियम नहीं बनाये गये हैं, अपितु प्रदेश के नगरीय क्षेत्र में निर्दिष्ट दिनांक तक अस्तित्व में आईं अनधिकृत कॉलोनियों में नागरिक अधोसंरचना प्रदान करने के लिए म.प्र. नगरपालिका (कॉलोनी विकास) नियम, 2021 में प्रावधान किए गए हैं। यथासंशोधित नियम, 2021 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) टीकमगढ़ जिले के नगरीय क्षेत्र में विकास अनुमति प्राप्त कॉलोनियों की प्रश्नांकित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है एवं अनधिकृत रूप से निर्मित कॉलोनियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। कॉलोनियों में भूखण्डों या भवनों के क्रय-विक्रय की जानकारी नगरीय निकाय में संधारित न होने से उपलब्ध कराया जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार टीकमगढ़ जिले के नगर पालिका परिषद् टीकमगढ़ में 41 एवं नगर पालिका पलेरा में 14 अनधिकृत कॉलोनियाँ चिन्हित की गई हैं, जिनमें सक्षम प्राधिकारी अर्थात कलेक्टर, जिला टीकमगढ़ के माध्यम से म.प्र. नगरपालिका (कॉलोनी विकास) नियम, 2021 के नियम 23 में विहित प्रक्रिया अनुसार नागरिक अधोसंरचना एवं भवन निर्माण अनुमति प्रदान करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रक्रिया वैधानिक होने के कारण समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
रिक्त
सम्पत्ति की
जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
1. ( क्र. 6 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर विकास प्राधिकरण की विभिन्न योजनाओं में कुल कितनी रिक्त सम्पत्तियां है, जो विक्रय के लिए शेष है। योजनावार बतावें। क्या इनमें अजा/अजजा/स्वतंत्रता संग्राम सेनानी हेतु आरक्षित है। प्रॉपर्टीवार आरक्षण की स्थिति बतावें। (ख) इन्दौर नगर निगम एवं प्रधानमंत्री आवास योजना में कुल कितनी रिक्त सम्पत्तियां है जो विक्रय के लिए शेष है? आवासीय एवं व्यावसायिक अलग-अलग। योजनावार बतावें। इनमें से विक्रय हेतु आरक्षित राशि व आरक्षित वर्ग बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) इंदौर विकास प्राधिकरण की विभिन्न योजनाओं में कुल 2585 संपत्तियां रिक्त है जो विक्रय के लिए शेष है। योजनावार संपत्तियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। जी हां, अजा/अजजा/स्वतंत्रता संग्राम सेनानी हेतु आरक्षित है। अजा के लिए 139, अजजा के लिए 289 एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के लिए 95 संपत्ति आरक्षित है। (ख) इंदौर नगर पालिक निगम में विक्रय हेतु शेष आवासीय संपत्तियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''ब'' अनुसार है। विक्रय हेतु शेष व्यावसायिक संपत्तियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है।
बायपास निर्माण की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
2. ( क्र. 18 ) श्री वीरसिंह भूरिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र क्रमांक - 194 थांदला जिला झाबुआ के अंतर्गत मेघनगर एवं थांदला बायपास दोनों नगरों हेतु बायपास की मांग काफी लम्बे समय से चल रही है? (ख) यदि हां, तो बायपास की कार्यवाही होगी या नहीं? (ग) क्षेत्रवासियों के मांग अनुसार बायपास कब तक बनेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) मेघनगर बायपास निर्माण की कोई कार्य योजना प्रचलित नहीं है। बदनावर-थांदला राज्य मार्ग को सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जारी अधिसूचना दिनांक 01 मई 2025 में राष्ट्रीय राजमार्ग क्र.752डी घोषित किया गया है। एन.एच.ए.आई. द्वारा प्रस्तुत जानकारी अनुसार बदनावर-पेटलावद-थांदला-टिमरवानी NH-752D मार्गीय सड़क परियोजना के अंतर्गत थांदला बायपास प्रस्तावित है, वर्तमान में उक्त परियोजना का डी.पी.आर. कार्य प्रगतिरत है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 1 अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 1 अनुसार है।
विद्युत उपकेन्द्र का कार्य
[ऊर्जा]
3. ( क्र. 34 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र परासिया के अन्तर्गत ग्राम दमुआ में नवीन 33/11 के.व्ही. का विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना की स्वीकृति के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा विधानसभा सत्र मार्च 2025 में प्रश्न लगाया गया था, जिस प्रश्न के जबाव में सरकार द्वारा ग्राम दमुआ में नवीन 33/11 के.व्ही. के विद्युत उपकेन्द्र की स्वीकृति प्रदान कर दी गई है बताया गया था परन्तु अधीक्षण अभियंता वृत्त छिंदवाड़ा एवं मुझे स्वीकृति आदेश पत्र प्रेषित नहीं किया गया है? जिससे विद्युत उपकेन्द्र के कार्य को प्रारंभ कराने की कार्यवाही में काफी विलम्ब हो रहा है? स्वीकृति आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करायें। (ख) ग्राम दमुआ में स्वीकृत नवीन 33/11 के.व्ही. का विद्युत उपकेन्द्र का स्वीकृति आदेश पत्र की प्रति कब तक अधीक्षण अभियंता कार्यालय छिंदवाड़ा को प्रेषित करते हुए उपकेन्द्र के कार्य को शीघ्र अतिशीघ्र प्रारंभ करने हेतु निर्देशित कर दिया जायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। प्राप्त प्रस्ताव में ग्राम दमुआ में क्षेत्र को विद्युत प्रदाय करने वाले 11 के.व्ही. सिधौली फीडर के विभाजन का कार्य स्वीकृत होने एवं तकनीकी रूप से साध्य होने से तत्समय प्रश्नाधीन क्षेत्रांतर्गत नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र का निर्माण किया जाना तकनीकी रूप से साध्य नहीं पाये जाने के कारण तकनीकी स्वीकृति प्रदान नहीं की जा सकी थी। वर्तमान में फीडर विभाजन का कार्य पूर्ण हो चुका है एवं मैदानी कार्यालय से प्राप्त निष्कर्षों एवं तकनीकी प्रतिवेदन अनुसार ग्राम दमुआ-कोहका के मध्य ग्राम धमनिया में उपकेन्द्र का निर्माण कार्य किया जाना तकनीकी रूप से साध्य पाया गया। जिसे कार्य योजना 2025-26 में स्वीकृत किये जाने के प्रयास हैं। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र हेतु 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र निर्माण बावत् स्वीकृति पत्र माह अगस्त 2025 तक उपलब्ध कराया जाना संभावित है।
मार्ग निर्माण कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
4. ( क्र. 35 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत वर्ष 2023 से प्रश्न दिनांक तक जितने भी मार्ग निर्माण कार्यों की स्वीकृति शासन द्वारा प्रदान की गई है, उन सभी स्वीकृत मार्ग निर्माण कार्यों में से कौन-कौन से मार्गों के निर्माण कार्य पूर्ण किए जा चुके हैं और कौन-कौन से मार्गों के निर्माण कार्य अपूर्ण हैं? मार्गों के निर्माण कार्य को पूर्ण किए जाने की निर्धारित तिथि क्या है? क्या निर्धारित तिथि में संबंधित क्रियान्वयन एजेंसी द्वारा मार्गों के निर्माण कार्य को पूर्ण किया जा रहा है? अगर नहीं किया जा रहा है तो इसका क्या कारण है, अप्रारंभ व अपूर्ण मार्ग निर्माण कार्यों को विभाग द्वारा कब तक पूर्ण करा दिया जायेगा? (ख) विभिन्न मार्गों के निर्माण कराये जाने की स्वीकृति प्रदान किए जाने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा मान. मुख्यमंत्री महोदय जी को अनुस्मरण 04 पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2025/154 दिनांक 10.03.2025 व माननीय विभागीय मंत्री महोदय को अनुस्मरण 04 पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2025/155 दिनांक 10.03.2025 को प्रेषित किये गये हैं, जिन पत्रों पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? कब तक कार्यवाही व विभिन्न औपचारिकताओं को पूर्ण करते हुए, मार्ग निर्माण कार्यों की स्वीकृति प्रदान कर दी जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
उज्जैन सिंहस्थ 2028 में व्यस्त मार्ग का उन्नयन
[लोक निर्माण]
5. ( क्र. 46 ) श्री अरूण भीमावद : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शाजापुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत बेरछा- बर्डियासोन - रेल्वेस्टेशन - पलसावद -लालुपुरा-हनोती-झोंकर से जलालपुरा ए.बी. रोड नेशनल हाईवे क्र. 54 तक फोरलेन एवं एम.डी.आर. प्रस्ताव की स्वीकृति है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार आगामी सिंहस्थ 2028 एवं अत्यंत व्यस्त मार्ग होने के कारण मुख्य जिला मार्ग की श्रेणी में घोषित करने हेतु प्रस्ताव जिला कलेक्टर शाजापुर के माध्यम से प्राप्त हुआ है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार उक्त मार्ग की प्रशासनिक स्वीकृति कब तक प्राप्त होगी? (घ) यदि हाँ तो स्वीकृति प्रदाय कर उक्त मार्ग का उन्नयन किया जावेगा।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) शाजापुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत बेरछा-बर्डियासोन-रेल्वे स्टेशन-पलसावद-लालुपुरा-हनोती-झोंकर से जलालपुरा ए.बी. रोड नेशनल हाईवे क्र. 52 तक के नवीन घोषित एम.डी.आर. मार्ग को फोरलेन किए जाने की स्वीकृति प्राप्त नहीं है। (ख) जी हाँ, एम.डी.आर. घोषित किया जा चुका है। (ग) वर्तमान में बजट में सम्मिलित न होने से निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्राम पंचायत मो.बडोदिया को नगर परिषद बनाया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
6. ( क्र. 48 ) श्री अरूण भीमावद : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम पंचायत मो.बडोदिया वर्तमान में ग्राम पंचायत है जिसकी जनसंख्या लगभग 13 हजार है तथा दो कि.मी. के दायरे में लगभग 5 ग्रामों को सम्मिलित किया जाता है। जिनकी जनसंख्या लगभग 08 हजार के करीब है। कुल 21 हजार जनसंख्या होती है। (ख) क्या मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) प्राधिकार से प्रकाशित दिनांक 27 दिसम्बर 2011 में अधिसूचना क्रमांक 64-एफ-1-19-2009- अठारह-3 मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम, 1961 की धारा 05 में नगर परिषद के लिए संक्रमणशील क्षेत्र तथा नगर पालिका के लिए लघुत्तर नगरीय क्षेत्र एवं मध्यप्रदेश नगर पालिक अधिनियम 1956 की धारा 07 में नगर निगमों के लिए वृहत्तर नगरीय क्षेत्र के गठन के प्रावधान अनुसार - नगर परिषद की जनसंख्या 20 हजार से अधिक एवं 50000 हजार से कम होना चाहिए? (ग) क्या कलेक्टर (शहरी विकास) जिला शाजापुर के पत्र क्र/डुडा/नवीन.न.प.गठन/2023/120 शाजापुर दिनांक 19/06/2023 के अनुसार जनपद स्तर पर क्या कार्यवाही सम्पादित की गई। (घ) क्या नगर विकास एवं आवास विभाग के पत्र क्र. एफ-1-18/2021/18-3 दिनांक 06/09/2021 के परिप्रेक्ष्य ग्राम पंचायत मो.बडोदिया नगर परिषद गठित होने की पात्रता रखती है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नही। (ख) जी हाँ। (ग) कलेक्टर (शहरी विकास) जिला शाजापुर के पत्र क्र/डुडा/नवीन न.प.गठन 2023/120 शाजापुर दिनांक 19/06/2023 के द्वारा अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) शाजापुर को पत्र प्रेषित किया गया था। जनपद स्तर पर कोई कार्यवाही अपेक्षित नहीं है। (घ) जी नहीं।
होटल गिरी पैलेस के नाले पर अवैध निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
7. ( क्र. 67 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भूमि विकास निगम 2012 के नियम 50 के प्रावधान अनुसार जल स्त्रोत के लगभग 50 फीट की दूरी तक कोई निर्माण कार्य नहीं हो सकेगा। यदि हाँ तो क्या गिरी पैलेस होटल टीकमगढ़ को इस नियम में छूट दी गई है यदि हाँ तो कब किस अधिकारी द्वारा आदेश बतायें? टीकमगढ़ तहसील का टीकमगढ़ किला मौजा का खाता क्र. 2168 सर्वेक्षण संख्या 142/45 कृषि भूमि निर्धारित है? (ख) क्या होटल के चारों ओर दो मीटर की परिधि एवं होटल के सामने पार्किंग हेतु समुचित स्थान होना चाहिये और भूमि के रकबे का 33 प्रतिशत भूमि खुली होनी चाहिये यदि हाँ तो क्या इसका पालन किया गया है यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या होटल गिरी पैलेस के निर्माण में म.प्र. भूमि विकास अधिनियम 2012 के नियम 38 लगायत 46 का उल्लंघन कर शासन को करोड़ों रूपयों की क्षति पहुंचाई गई है इसके लिए कौन-कौन उत्तरदायी है? (घ) क्या अवैध निर्माण, अवैध निर्माणकर्ता तथा उत्तरदायी कर्मचारी अधिकारियों पर कोई कार्यवाही होगी? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) म.प्र. भूमि विकास नियम, 2012 के नियम 50 (ख) में प्रावधान है कि यदि स्थल जल निकाय/जल स्त्रोत के उच्चतम जल स्तर से 9.00 मीटर और नदी के मामले में 15.00 मीटर की दूरी के भीतर हो, भूमि के किसी हिस्से का उपयोग भवन निर्माण के रूप में नहीं किया जाएगा। जी नहीं, इस नियम से छूट नहीं दी गयी है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। टीकमगढ़ तहसील का टीकमगढ़ किला मौजा का खसरा क्रमांक 2168 सर्वेक्षण संख्या 142/45 का टीकमगढ़ विकास योजना 2031 में भूमि उपयोग-वर्तमान मार्ग, वर्तमान वाणिज्यिक, वर्तमान आवासीय दर्शित है। (ख) टीकमगढ़ विकास योजना-2035/म.प्र. भूमि विकास नियम, 2012 में होटल भवन हेतु सीमान्त खुला क्षेत्र, पार्किंग एवं खुले क्षेत्र के प्रावधान विहित है। नगर तथा ग्राम निवेश जिला कार्यालय टीकमगढ़ म.प्र. द्वारा प्रश्नाधीन होटल हेतु अनुज्ञा जारी नहीं की गई है। मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद टीकमगढ़ (म.प्र.) द्वारा भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) म.प्र. भूमि विकास नियम, 2012 के नियम-38 से 46 में शुल्क का प्रावधान नहीं है। मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद टीकमगढ़ (म.प्र.) द्वारा भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद टीकमगढ़ द्वारा नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय की विकास अनुज्ञा के बिना भवन निर्माण की अनुमति प्रदान की गई है। अत: नगर पालिका परिषद द्वारा जारी भवन निर्माण अनुमति की वैधानिकता की जांच कराने के उपरान्त त्रुटी पाई जाने पर संबंधित अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी।
प्रश्नकर्ता के पत्रों पर कार्यवाही न होना
[नगरीय विकास एवं आवास]
8. ( क्र. 68 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास भोपाल को पत्र क्रं./ एम.एल.ए./टी.के.जी./ 11-779/2025 दिनांक 05.04.2025 एवं पत्र क्र. 773/2025 दिनांक-07.04.2025 एवं संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास को पत्र क्रं./एम.एल.ए./टी.के.जी./11-770/2025 दिनांक 05.04.2025 दिये गये थे? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित पत्रों पर की गई कार्यवाही का विस्तृत विवरण दें? (ग) यदि कार्यवाही नहीं हुई तो उसके लिए कौन-कौन कर्मचारी दोषी है? उनका नाम, पद, पता सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) कब तक पत्रों पर कार्यवाही कर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित पत्रों के परिप्रेक्ष्य में नगर पालिका परिषद्, टीकमगढ़ में दुकानों के आवंटन में हुई अनियमितताओं की जांच के लिए गठित जांच समिति द्वारा दिनांक 18.07.2025 को जांच प्रतिवेदन प्रेषित किया गया है, जिसमें समिति द्वारा दुकानों के आवंटन एवं निर्माण प्रक्रिया में अनियमितताओं के लिए तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी, उपयंत्री एवं राजस्व प्रभारी को उत्तरदायी पाया गया। अतः उपरोक्त के दृष्टिगत जांच समिति द्वारा पृथक से विभागीय जांच किए जाने की अनुशंसा की गई है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जांच प्रतिवेदन परीक्षणाधीन है।
नगर पालिका टीकमगढ़ में भ्रष्टाचार
[नगरीय विकास एवं आवास]
9. ( क्र. 69 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा बजट सत्र 2025 में अतारांकित प्रश्न क्र. 1573 दिनांक 25.03.2025 को नगर पालिका परिषद टीकमगढ़ में भ्रष्टाचार के संबंध में किया था? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित प्रश्न में प्रश्नांश (ख) में 40 लाख का व्यय एवं संविदाकार द्वारा पुनः टंकी निर्माण का शपथ पत्र दिया था। यदि हाँ तो क्या टंकी निर्माण का कार्य प्रारंभ कर दिया यदि नहीं तो निकाय द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित प्रश्न व उत्तर में जांच समिति गठित करना उसके द्वारा जांच प्रतिवेदन न देना पुनः जांच कमेटी गठित करने का उत्तर दिया था। यदि हाँ तो जांच निष्कर्षों से अवगत कराते हुए की गई कार्यवाही का विवरण दें? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में वर्णित तथ्यों पर कार्यवाही न होने के लिए कौन-कौन कर्मचारी, अधिकारी दोषी है? नाम सहित बतायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, जी नही, नगर पालिका परिषद टीकमगढ़ द्वारा संबंधित संविदाकार को कार्य के लिये सूचना पत्र जारी किया गया परन्तु संविदाकार द्वारा कार्य नहीं प्रारंभ किये जाने से संविदाकार को ब्लैक लिस्ट किया जाना प्रस्तावित किया गया है, जिसके संबंध में संचालनालय स्तर पर कार्यवाही की जा रही है। (ग) जी हाँ, जांच प्रतिवदेन प्राप्त हुआ है। जिसके परिपालन में उत्तरदायी पाये गए श्री रामस्वरूप नायक, सेवानिवृत्त मुख्य नगर पालिका अधिकारी, श्री हरिहरगंधर्व, तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी, श्री विजय शंकर त्रिवेदी, तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी, श्री व्ही.के.चतुर्वेदी, उपयंत्री एवं श्री अनीश खरे, तत्कालीन उपयंत्री नगर पालिका परिषद टीकमगढ़ को आरोप पत्र जारी किया जा रहा है। (घ) प्रकरण में उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार कार्यवाही की गयी है, जिसमें शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
चंदेरी स्टेट हाईवे-10 के दो-लेन से चार-लेन में उन्नयन
[लोक निर्माण]
10. ( क्र. 84 ) श्री महेंद्र रामसिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र कोलारस अन्तर्गत देहरदा तिराहे ए.बी. रोड से चंदेरी तक स्टेट हाईवे-10 को दो लेन से चार लेन सड़क मार्ग बनाये जाने हेतु क्या कोई कार्यवाही प्रचलन में है? यदि हाँ तो उक्त सड़क मार्ग निर्माण हेतु स्वीकृत राशि, लंबाई आदि की विस्तृत जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या उक्त नवीन चार लाईन सड़क का निर्माण कार्य प्रारंभ किया जा चुका है? यदि हाँ तो निर्माण कार्य किस एजेंसी व ठेकेदार द्वारा किया जा रहा है निर्माण कार्य की अद्यतन स्थिति से अवगत करावें। (ग) क्या उक्त सड़क मार्ग पर अशोकनगर जिले में स्थित भाग में कार्य प्रारंभ कर दिया गया है यदि हाँ तो निर्माण कार्य की अद्यतन स्थिति से अवगत करावें एवं शिवपुरी जिले में स्थित भाग में कब से निर्माण कार्य प्रारंभ करने की समय अवधि बतावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) ए.बी. रोड से चंदेरी तक चार लेन सड़क निर्माण हेतु वर्तमान में कोई योजना प्रचलन में नहीं है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। अशोक नगर जिले में स्थित सड़क भाग में चार लेन का नहीं अपितु टू लेन मय पेव्हड शोल्डर्स (10 मी. चौड़ाई) का निर्माण कार्य प्रगतिरत है। विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शिवपुरी जिले अंतर्गत सड़क का भाग स्वीकृत नहीं है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
गौशालाओं का संचालन
[पशुपालन एवं डेयरी]
11. ( क्र. 87 ) श्री महेंद्र रामसिंह यादव : क्या राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोलारस विधाससभा क्षेत्र में वर्तमान में कौन-कौन से गौशालाएं किस-किस द्वारा कब से संचालित की जा रही है? उक्त गौशालाओं को कितनी-कितनी भूमि का आवंटन किया गया है व रकबा व खसरा नंबर सहित जानकारी उपलब्ध करावे? उनकी वर्तमान अद्यतन स्थिति क्या है पृथक-पृथक गौशालाओं की जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) उक्त गौशालाओं में वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस कार्य हेतु कितना-कितना आवंटन प्राप्त हुआ व आवंटन के विरूद्ध किस-किस कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि व्यय की गयी। किस फर्म को कितना-कितना भुगतान कब-कब किया गया? जानकारी गौशालावार, कार्यवार, भुगतानवार, फर्मवार, पृथक-पृथक उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार उक्त गौशालाओं की आय-व्यय हेतु कब-कब ऑडिट किया गया? उक्त ऑडिट रिपोर्ट में कौन-कौन से आक्षेप प्रस्तुत किये गये व उनके क्या निराकरण हुए? गंभीर प्रकृति के आक्षेपों की क्या स्थिति है वर्षवार ऑडिट रिपोर्ट उपलब्ध करावें?
राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) कोलारस विधानसभा में मनरेगा के अंतर्गत 23 गौशालाएं एवं अशासकीय स्वयं सेवी संस्थाओं द्वारा 05 गौशालाएं संचालित की जा रही है। उक्त 28 गौशालाओं में गौवंश का व्यवस्थापन किया जा रहा हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार। (ख) सभी गौशालाएं स्वयं सेवी संस्थाओं/स्व-सहायता समूह/ग्राम पंचायत द्वारा संचालित की जाती है तथा उनके द्वारा गौशालाओं का प्रबंधन किया जाता है। विभाग द्वारा वर्ष 2018 से 20/- प्रति गौवंश प्रतिदिवस के मान से तथा 01.04.2025 से रू. 40/- प्रति गौवंश प्रतिदिवस के मान से मध्यप्रदेश गौसंवर्धन बोर्ड, भोपाल द्वारा राशि अनुदान के रूप में प्रदाय की जाती है। विभाग द्वारा कोई भी सामग्री, चारा-भूसा का क्रय नहीं किया जाता है। संबंधित प्रबंधक द्वारा स्थानीय स्तर से चारा-भूसा, दाना खरीदा जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार। (ग) गौशालाओं का आय-व्यय हेतु ऑडिट प्रतिवर्ष 31 मार्च की स्थिति में चार्टर्ड एकांउटेंट द्वारा गौशाला प्रबंधन द्वारा कराये जाने का प्रावधान है। गौशालाओं से ऑडिट की प्रति उपलब्ध कराये जाने हेतु निर्देशित किया गया है। प्राप्त 08 गौशालाओं की ऑडिट रिपोर्ट में कोई भी आक्षेप नहीं पाए गए है। ऑडिट रिपोर्ट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार।
झंडा चौक इटारसी के आवासों की रजिस्ट्री
[नगरीय विकास एवं आवास]
12. ( क्र. 109 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर पालिका इटारसी के झंडा चौक स्थित 36 आवासों का निर्माण कराया जाकर आवंटितों को आधिपत्य पत्र दिये गये थे। यदि हाँ तो कब एवं किनको, नाम सहित जानकारी दें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आवंटितों के पक्ष में नगर पालिका द्वारा अभी तक सिर्फ दो आवंटितों की रजिस्ट्रियां की गयी यदि हाँ तो कब किसके द्वारा, किसकी अनुमति से? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अन्य आवंटितों के पक्ष में रजिस्ट्री नहीं की जा रही है। यदि हाँ तो इसके क्या कारण है? (घ) झंडा चौक के आवंटितों के पक्ष में रजिस्ट्री नगर पालिका द्वारा कब तक की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। इटारसी के झण्डा चौक में 36 एल.आई.जी. आवासों का निर्माण तत्कालीन नगर सुधार न्यास इटारसी द्वारा किया गया। आवंटितों को अधिकार पत्र वितरण का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। उत्तरांश-(क) के विवरण अनुसार आवंटियों में से केवल 01 आवंटी की रजिस्ट्री (लीजडीड) नगर पालिका परिषद इटारसी के तृतीय सम्मेलन दिनांक 14.02.1995 द्वारा प्रस्ताव क्र. 11 के अनुसार न्यास में पंजीकृत भवन एवं भूखण्डों की रजिस्ट्री (लीजडीड) किये जाने की स्वीकृति एवं परिषद बैठक दिनांक 18.07.1995 में की गई पुष्टि के आधार पर तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी इटारसी द्वारा की गई। (ग) तत्कालीन नगर सुधार इटारसी के झंडा चौक स्थित भूमि का अग्रिम अधिपत्य नगर सुधार न्यास को कार्यालय कलेक्टर-जिला होशंगाबाद के आदेश दिनांक 29.12.1982 के अनुसार नजूल अधिकारी इटारसी के द्वारा उप मुख्य कार्यपालन अधिकारी नगर सुधार न्यास इटारसी को नजूल शहर के शीट नं 15, 16, 19, 20 प्लाट नं 1/1, 3/1, 1 का 37000 वर्गफुट का अग्रिम अधिपत्य 28.08.1982 को दिया गया। वर्ष 1991 में हुडको द्वारा ऋण प्राप्त होने की प्रत्याशा में 36 एल.आई.जी. भवन निर्माण की कार्ययोजना नगर सुधार न्यास इटारसी द्वारा तैयार की गई। लेकिन हुडको से ऋण प्राप्त नहीं किया गया और न्यास निधि से भवन निर्माण भाड़ा क्रय योजना के आधार पर हितग्राहियों को प्रथम आओं - प्रथम पाओं के आधार पर भवन आवंटित किये गये। चूंकि उक्त भूमि नगर सुधार न्यास को अग्रिम अधिपत्य द्वारा प्राप्त हुई है और उक्त अग्रिम अधिपत्य वाली भूमि को नगर पालिका इटारसी के नाम राजस्व रिकार्ड में दर्ज नहीं किये जाने से रजिस्ट्री नहीं की जा सकी। निकाय द्वारा इस संबंध में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व इटारसी को इस कार्यालय के पत्र क्र. नपाई/21/63/इटारसी दिनांक 15.12.2021 तथा स्मरण पत्र नपाई/24/555/ इटारसी दिनांक 13.12.2024 द्वारा अनुरोध किया गया है। (घ) तत्कालीन नगर सुधार न्यास इटारसी का अग्रिम अधिपत्य द्वारा आवंटित झण्डा चौक स्थित भूमि जिसका नजूल शीट नं 15, 16, 19, 20 के प्लाट नं. 1/1, 3/1, 1 है जो कि नगर पालिका इटारसी के नाम नजूल रिकार्ड में दर्ज नहीं होने के कारण आवंटियों की रजिस्ट्री नहीं हो पा रही है। उक्त आवंटित अग्रिम अधिपत्य की भूमि का नजूल रिकार्ड में दर्ज होने उपरांत रजिस्ट्री की जा सकेगी। ऐसी स्थिति में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
केंट विधानसभा क्षेत्र के विकास कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
13. ( क्र. 130 ) श्री अशोक ईश्वरदास रोहाणी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम द्वारा जबलपुर केंट विधानसभा क्षेत्र के कितने विकास कार्य चल रहे हैं? स्थान एवं राशि सहित जानकारी दें। (ख) केंट विधानसभा के कितने विकास कार्य स्वीकृत हैं और कितने प्रारंभ नहीं हैं? (ग) केंट विधानसभा के स्वीकृत कार्य कब तक प्रारंभ होंगे? कृपया वार्डवार जानकारी दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर निगम जबलपुर केंट विधानसभा संभाग क्र. 07, 10 एवं 11 अंतर्गत 6 वार्डो में 15 विकास कार्य चल रहे है। स्थान एवं राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–''अ'' अनुसार है। (ख) नगर निगम जबलपुर केंट विधानसभा अंतर्गत 39 कार्य स्वीकृत है एवं 28 कार्य अप्रारंभ है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब'अनुसार है।
भवनों का निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
14. ( क्र. 140 ) श्री प्रहलाद लोधी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2022 से प्रश्न दिनांक तक पन्ना जिला की पवई विधानसभा अंतर्गत पी.आई.यू. द्वारा कौन-कौन से भवनों के निर्माण स्वीकृत किए गए? संपूर्ण जानकारी लागतवार एवं निर्माण एजेंसी सहित उपलब्ध करावे। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने भवनों के निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके हैं, कितने अपूर्ण हैं, इन भवनों के निर्माण कार्यों के गुणवत्ता की जांच एवं मूल्यांकन किन अधिकारियों के द्वारा किए गए, संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावे। (ग) क्या अधिकतर भवनों के निर्माण में गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा गया है यदि हाँ तो गुणवत्ताविहीन इन भवनों के ठेकेदारों के खिलाफ आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) पवई एवं शाहनगर में निर्माणाधीन सी.एम. राइज विद्यालयों के भवनों में घटिया पदार्थ का उपयोग एवं गुणवत्ताविहीन कार्य होने की शिकायत लगातार प्राप्त होती रही है, विभाग द्वारा इसकी जांच कब-कब किस-किस सक्षम अधिकारियों के द्वारा की गई? (ङ) पवई विधानसभा अंतर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं उप स्वास्थ्य केन्द्रों हेतु निर्माण अधीन भवनों में घटिया पदार्थ का उपयोग एवं गुणवत्ताविहीन कार्य होने की शिकायत लगातार प्राप्त होती रही है, विभाग द्वारा इसकी जांच कब-कब किस-किस सक्षम अधिकारियों के द्वारा की गई एवं गुणवत्ताविहीन होने की दशा में क्या-क्या कार्यवाहियां की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। प्रमुख अभियंता (भवन) लोक निर्माण विभाग भोपाल से कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ङ) जी नहीं। प्रमुख अभियंता (भवन) लोक निर्माण विभाग भोपाल से कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विद्युत ट्रांसफार्मर स्टॉक की निरंतर उपलब्धता
[ऊर्जा]
15. ( क्र. 145 ) श्री महेन्द्र नागेश : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गोटेगाँव विधानसभा कृषि प्रधान क्षेत्र है, जहाँ बड़ी संख्या में किसान कृषि कार्य हेतु विद्युत आपूर्ति पर निर्भर हैं? क्या गोटेगाँव विद्युत संभाग के कई ग्रामों में खराब ट्रांसफार्मरों को बदले जाने में विलंब होता है, जिसका प्रमुख कारण स्टॉक की अस्थायी कमी होती है? (ख) यह भी ज्ञात है कि शनिवार एवं रविवार को ट्रांसफार्मर उपलब्ध नहीं होते तथा जबलपुर से ट्रांसफार्मर बुलवाने में भी अत्यधिक समय लगता है, जिससे किसान वर्ग को भारी कठिनाई होती है। (ग) क्या विभाग द्वारा यह सुनिश्चित किया गया है कि ट्रांसफार्मर स्टॉक हमेशा उपलब्ध रहे तथा खराब ट्रांसफार्मर अधिकतम 3 कार्य दिवसों के भीतर बदले जाएं? यदि हाँ, तो विगत एक वर्ष में कितने ट्रांसफार्मर इस समय-सीमा में बदले गए और किन मामलों में देरी हुई तथा उसका कारण क्या था?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। प्रश्नाधीन क्षेत्रांतर्गत ग्रामों में वितरण ट्रांसफार्मर के जलने/खराब होने की सूचना प्राप्त होने पर तत्काल कार्यवाही करते हुए वितरण ट्रांसफार्मर को नियमानुसार पात्र होने पर निर्धारित समय-सीमा में बदला जाता है। (ख) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत आवश्यकता अनुरूप शनिवार एवं रविवार को भी वितरण ट्रांसफार्मर उपलब्ध होते हैं तथा क्षेत्रीय भण्डार कार्यालय जबलपुर से कार्यालयीन दिवसों में पर्याप्त मात्रा में वितरण ट्रांसफार्मर उपलब्ध कराये जाते हैं। (ग) जी हाँ, म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत वितरण ट्रांसफार्मरों की उपलब्धता (स्टॉक) की नियमित रूप से समीक्षा कर उपलब्धता सुनिश्चित की जाती है। जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर को नियमानुसार पात्र पाये जाने (संबद्ध उपभोक्ताओं में से 50 % द्वारा बकाया राशि जमा करने अथवा कुल बकाया का 10 % जमा होने) पर निश्चित समय-सीमा (ग्रामीण क्षेत्र में सूखे मौसम में 3 दिन एवं वर्षा ऋतु में 7 दिन) में बदले जाने की कार्यवाही म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा की जाती है। विगत एक वर्ष में गोटेगांव विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 939 जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर नियमानुसार पात्रता अनुरूप समय-सीमा में बदले गए एवं 11 जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर पात्रता की श्रेणी में नहीं आने अथवा पहुँच मार्ग उपलब्ध नहीं होने के कारण नहीं बदले गए हैं।
नगर पालिका भवन की जर्जर एवं क्षतिग्रस्त स्थिति
[नगरीय विकास एवं आवास]
16. ( क्र. 153 ) श्री महेन्द्र नागेश : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गोटेगाँव नगर पालिका परिषद का वर्तमान कार्यालय भवन अत्यंत जीर्ण-शीर्ण एवं क्षतिग्रस्त अवस्था में है, जिसके कारण न केवल शासकीय कार्यों के संचालन में बाधा उत्पन्न हो रही है, बल्कि कार्यालय में कार्यरत कर्मचारियों एवं आने वाले नागरिकों की सुरक्षा पर भी संकट बना हुआ है? (ख) यदि हाँ, तो क्या शासन द्वारा उक्त भवन के नवीनीकरण अथवा नवीन भवन निर्माण के संबंध में कोई योजना प्रस्तावित की गई है? (ग) यदि नहीं, तो क्या शासन इस संबंध में शीघ्र कोई ठोस निर्णय लेकर भवन की मरम्मत अथवा नवीन भवन निर्माण की दिशा में आवश्यक कार्यवाही करेगा, ताकि नगर परिषद के कार्य सुरक्षित एवं सुचारु रूप से संचालित हो सकें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ। नगर पालिका परिषद गोटेगांव द्वारा नवीन कार्यालय भवन निर्माण हेतु तकनीकी स्वीकृति प्राप्त कर राशि उपलब्ध कराये जाने का प्रस्ताव संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास को प्रस्तुत किया गया है। प्रस्ताव का परीक्षण संचालनालय स्तर पर किया जा रहा है।
गोटेगाँव नगर पालिका में रिक्त पदों की कमी
[नगरीय विकास एवं आवास]
17. ( क्र. 154 ) श्री महेन्द्र नागेश : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गोटेगाँव नगर पालिका परिषद में वर्तमान में बाबू, लेखापाल, उपयंत्री (इंजीनियर) एवं फायरमैन जैसे महत्वपूर्ण पद रिक्त हैं अथवा अस्थायी रूप से कार्यरत कर्मियों के भरोसे नगर परिषद का संचालन किया जा रहा है? (ख) क्या शासन के संज्ञान में यह तथ्य है कि उपरोक्त पदों की स्थायी नियुक्तियाँ न होने से नगर परिषद के दैनिक प्रशासनिक कार्य, विकास योजनाओं का क्रियान्वयन, लेखा परीक्षण एवं आकस्मिक अग्निकांड की स्थिति में राहत-बचाव कार्य गंभीर रूप से प्रभावित हो रहे हैं? (ग) क्या शासन द्वारा गोटेगाँव नगर पालिका में उपरोक्त रिक्त पदों पर शीघ्र नियुक्ति हेतु कोई कार्य योजना बनाई गई है? (घ) यदि नहीं, तो क्या शासन निकट भविष्य में इन आवश्यक पदों पर भर्ती/पदस्थापना कर नगरवासियों को प्रभावी सेवा एवं सुरक्षा सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में ठोस कदम उठाएगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं। कुछ पद रिक्त हैं, कुछ पदों पर नियमित/संविदा कर्मचारी तथा कुछ स्थाई कर्मियों से भी कार्य कराया जा रहा है। (ख) जी हाँ। कुछ कार्य प्रभावित हो रहे हैं। (ग) जी नहीं। केवल नगर पालिका परिषद, गोटेगांव के रिक्त पदों पर शीघ्र नियुक्ति के लिए पृथक से कोई कार्य योजना नहीं है परन्तु विभाग द्वारा समय-समय पर नगरीय निकायों के रिक्त पदों की पूर्ति म.प्र. कर्मचारी चयन मण्डल के माध्यम से कराई जाती है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निर्मित कार्य व फ्लाई ओव्हर/एलिवेटेड ब्रिज/मार्ग निर्माण
[लोक निर्माण]
18. ( क्र. 166 ) श्री निलेश पुसाराम उईके : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला-सिवनी में वार्षिक संधारण मद से निर्मित डामरीकृत/नवीनीकृत मार्ग बंडोल-कोहका CRIF से निर्मित मार्ग व डोभ-खरसारु निर्माणाधीन मार्ग में की गई/की जा रही तकनीकी/ गुणवत्ता में अनियमितता की जांच/सुधार हेतु मजदूर संघ द्वारा कोई पत्र शासन/विभाग को प्राप्त हुआ है? यदि हाँ तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो कब तक कि जावेगी? (ख) क्या जिला जबलपुर में निर्माणाधीन एलिवेटेड ब्रिज/फ्लाईओव्हर एवं भोपाल में निर्मित फ्लाईओव्हर के निर्माण में की गई/की जा रही तकनीकी/ड्राइंग-डिजाइन में गड़बड़ी की जांच हेतु शिकायत जनप्रतिनिधियों व मजदूर संगठन द्वारा की गई है? यदि हाँ तो इसकी जांच CTE व केंद्र सरकार के वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी से कराई जावेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या जिला सिवनी के सिवनी शहर में सेतु बंधन योजना के तहत निर्माणाधीन 4-लेन कार्य को केंद्र व राज्य शासन के आगामी 50 वर्षों के विकास के विजन को ध्यान में रखते हुये आधुनिकतम, निर्धारित चौड़ाई व तकनीकी रूप से व्यवस्थित ड्रेनेज सिस्टम वाले नाले/नाली बनाने हेतु प्रतिनिधियों व मजदूर संघ द्वारा पत्र शासन/विभाग को प्राप्त हुए हैं? यदि हाँ तो उसमें क्या कार्यवाही की गई? क्या सिवनी शहर क्षेत्र में 4-लेन निर्माण कार्य का रिवाईस एस्टिमेट स्वीकृति हेतु शासन/विभाग के पास लंबित है? यदि हाँ तो उसमें कब तक स्वीकृति प्राप्त हो जावेगा? क्या उक्त अधूरे निर्माणाधीन मार्ग/ROB के कारण नगर में वृहद स्तर में किचड़/गड्ढे के कारण नगरवासी पीड़ित हैं? यदि हाँ तो इसे कब तक सुधार दिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ, वार्षिक संधारण मद से निर्मित डामरीकृत/ नवीनीकृत मार्ग हेतु मजदूर संघ का पत्र प्राप्त हुआ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1, 2, 3 एवं प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी नहीं, प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। प्रतिनिधियों व मजदूर संघ के पत्रों पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-1' अनुसार है। जी हाँ, प्राप्त पुनरीक्षित प्राक्कलन का तकनीकी परीक्षण किया जा रहा है, अत: वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। जी नहीं। डायवर्सन मार्ग का संधारण ठेकेदार द्वारा निरंतर किया जाता है, अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
डभौरा से हरदोली मार्ग निर्माण की जाँच
[लोक निर्माण]
19. ( क्र. 183 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला रीवा के विकासखण्ड जवा अंतर्गत डभौरा से हरदोली मार्ग का निर्माण कब कराया गया था? उक्त मार्ग मरम्मतीकरण की अवधि विभाग के द्वारा क्या निर्धारित की गई थी? पृथक-पृथक विवरण उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मार्ग वर्तमान में उखड़ गया है तथा कई स्थानों में गड्ढे हो गए हैं, निर्माण एजेंसी एवं जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध विभाग के द्वारा क्या कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी? (ग) यह कि प्रश्नांकित मार्ग का पुनः मरम्मतीकरण कार्य कब तक करा लिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) से (ग) प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण परियोजना क्रियान्वयन इकाई रीवा से प्राप्त उत्तर संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
भूखंड का आवंटन
[नगरीय विकास एवं आवास]
20. ( क्र. 207 ) श्री विपीन जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश राज्य कर्मचारी आवास निगम भोपाल द्वारा ग्राम भून्याखेड़ी तहसील मंदसौर जिला मंदसौर में कुल कितने भूखंड की कॉलोनी तैयार की गई थी उसके नक़्शे, सीमांकन प्रक्रिया की प्रतिलिपि देवें। (ख) कुल भूखंडों में से कितने आवेदकों को पट्टा अभिलेख कर सुपुर्दगी दे दी गई है और कितने शेष हैं शेष रहने के क्या कारण रहे हैं? (ग) ऐसे कितने आवेदक है जिन्होंने संपूर्ण राशि जमा कर दी है परंतु उन्हें पट्टा अभिलेख सुपुर्द नहीं किया गया है इसके क्या कारण रहे हैं? (घ) ऐसे आवेदकों को राशि जमा करने के पश्चात अन्य जगह भूखंड खाली होने पर दिए जाने की कार्यवाही संपादित हैं अथवा नहीं यदि नहीं तो क्या कार्यवाही प्रचलित की जाएगी यदि हाँ तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) म.प्र. राज्य कर्मचारी आवास निगम, भोपाल द्वारा ग्राम भून्याखेड़ी तहसील मंदसौर में 518 भूखण्डों की योजना तैयार की गयी थी। तत्समय किये गये सीमांकन की प्रति अभिलेखों में नहीं होने से उपलब्ध कराया जाना संभव नहीं है। योजना से संबंधित नक्शे की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) आवासीय योजना में लॉटरी के माध्यम से कुल 515 भूखण्ड आवंटित किये गये थे, जिनमें से 417 आवंटियों को पट्टा विलेख कर सुपुर्दगी कर दी गई है एवं 98 आवंटियों का पट्टा विलेख होना शेष है। आवंटियों द्वारा आवास निगम को देय ड्यूस यथा प्रीमियम/भू-भाटक एवं अन्य चार्जेस जमा न करने के कारण पट्टा विलेख होना शेष है एवं उक्त योजना में 11 आवंटियों के भूखण्ड निजी भूमि में आने से पट्टा विलेख शेष है। (ग) वर्तमान में ऐसे कोई आवेदक नहीं है, जिन्होंने संपूर्ण राशि जमा करा दी है, परन्तु उन्हें पट्टा विलेख सुपुर्द नहीं किया गया है। (घ) ऐसे 13 आवेदकों जिनको आवंटित भूखण्ड निजी भूमि में आने से उनको अन्य जगह भूखण्ड दिये जाने की कार्यवाही प्रचलित है। पूर्व में 02 आवेदकों को रिक्त भूखण्ड आवंटित किये जा चुके हैं। शेष हेतु मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिक निगम, मंदसौर को योजना में उपलब्ध रिक्त भूमि पर आवासीय भूखण्ड विकसित करने हेतु प्रस्ताव कार्यालय को शीघ्र प्रस्तुत करने हेतु पत्र लिखे गये है। अतः प्रश्नांश का शेष भाग उपस्थित नहीं होता है।
नेमावर से प्रारंभ होने वाली पंचकोशी यात्रा का मार्ग
[लोक निर्माण]
21. ( क्र. 232 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खातेगांव विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत माँ नर्मदा किनारे पर नेमावर से प्रारंभ होकर 94 कि.मी. तक पंचकोशी की यात्रा का शिवरात्रि के दो दिवस पूर्व शुभारंभ होता है जो सतत 40 वर्षों चल रही है किन्तु विभाग द्वारा अभी तक कोई सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई है, क्यों? (ख) उक्त पंचकोशी यात्रा 05 दिवस तक चलती है एवं यात्रा पूर्ण रूप से पैदल यात्रियों के लिए है किन्तु कई बुजुर्ग ऐसे जो पैदल तो चलते है किन्तु उक्त मार्ग पर सुविधा नहीं होने से अपनी सुविधाओं के सामान के लिए वाहनों का उपयोग भी करते है। (ग) पंचकोशी यात्रा में लगभग प्रतिवर्ष 25 से 50 हजार तक यात्री 8-10 गांवों से होकर गुजरते है किन्तु सुविधाओं के अभाव में कई यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। क्या विभाग यात्रियों की सुविधा के लिए कोई कार्य योजना बनावेगा? (घ) क्या पंचकोशी यात्रा के लिए बजट का प्रावधान है अगर हाँ तो उक्त यात्रा में पांच पड़ाव (जहां लोग ठहरते) है क्या उन स्थानों पर यात्रियों को रूकने के लिए विभाग द्वारा धर्मशाला सामुदायिक भवन अथवा रैन बसेरा जैसे भवनों का निर्माण करावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) खातेगांव विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत माँ नर्मदा किनारे पर नेमावर से प्रारंभ होकर 94 कि.मी. नहीं अपितु 84 कि.मी. तक पंचकोषी की यात्रा का शिवरात्रि के दो दिवस पूर्व शुभारंभ होता है। 84.00 कि.मी. में से 52.50 कि.मी. का भाग देवास जिले अंतर्गत तथा 31.50 कि.मी. का भाग हरदा जिले अंतर्गत आता है। देवास जिले के 52.50 कि.मी. में से 5.00 कि.मी. नगर पंचायत, 13.00 कि.मी. पी.एम.जी.एस.व्हाय. तथा 12.00 कि.मी. एन.एच.ए.आई. के अधीन पक्का मार्ग है, शेष 22.50 कि.मी. कच्चा मार्ग है। 22.50 कि.मी. में से 3.50 कि.मी. (दावठा से राजोदा) की प्रशासकीय स्वीकृति राशि रू. 386.16 लाख की जारी की गई है, इसके निर्माण हेतु प्रक्रिया प्रचलन में है। शेष 19.00 कि.मी. वर्तमान में किसी भी योजना में स्वीकृत नहीं है। हरदा जिले के 31.50 कि.मी. में से भमौरी से हंडिया एवं हंडिया से सिगौन तक मार्ग लंबाई 17.50 कि.मी. पक्का मार्ग एवं शेष 14.00 कि.मी. मार्ग कच्चा है। हरदा जिले के चिचोट से हंडिया मार्ग लंबाई 28.20 कि.मी. जो कि बजट वर्ष 2021-22 में स्वीकृत है, जिसमें से नर्मदा पंचकोषी यात्रा का 14.00 कि.मी. का मार्ग आता है। (ख) जी हाँ। (ग) एवं (घ) कोई कार्य योजना प्रस्तावित नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नर्मदा परिक्रमा मार्ग की जानकारी
[लोक निर्माण]
22. ( क्र. 233 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश से होकर गुजरने वाला नर्मदा परिक्रमा मार्ग की वर्तमान में क्या स्थिति है, इस पथ में कहाँ-कहाँ पर एवं कहाँ से कहाँ तक पक्का मार्ग है? (ख) मध्यप्रदेश में जिन स्थानों पर नर्मदा परिक्रमा मार्ग का निर्माण अभी तक नहीं किया गया है अथवा जीर्ण-शीर्ण हो चुका है तो पुनः निर्माण कार्य कब से शुरू किया जावेगा। (ग) प्रतिवर्ष हजारों लाखों की संख्या में नर्मदा परिक्रमावासी पैदल या वाहनों से यात्रा करते है उन परिक्रमावासी यात्रियों की सुविधा हेतु शासन की क्या योजना है? (घ) क्या नर्मदा परिक्रमा मार्ग जो पूर्व में प्रस्तावित है इसके अलावा यात्रा की लम्बाई अथवा दूरी कम किये जाने हेतु कोई अलग से नर्मदा परिक्रमा मार्ग बनाये जाने हेतु विचार कर रहा है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) नर्मदा परिक्रमा का एकरेखण निर्धारित करना विभाग से सम्बंधित नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्तमान में विभाग के कार्य क्षेत्रांतर्गत कोई योजना नहीं है। (घ) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
डेयरी साइंस एवं फुड टेक्नोलाजी कॉलेज
[पशुपालन एवं डेयरी]
23. ( क्र. 282 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश शासन की डेयरी साइंस एवं फुड टेक्नोलाजी कॉलेज खोलने की मूल योजना है। इसके तहत शासन ने कहां-कहां पर खोलने हेतु कब क्या प्रस्ताव तैयार कर कब सैद्धांतिक/प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है। शासन ने इसके लिये कितनी-कितनी राशि आवंटित की है। वर्ष 2019-20 से 2025-26 तक की जानकारी दें। (ख) तत्कालीन कांग्रेस शासन काल में जबलपुर में आयोजित कबिनेट बैठक में जबलपुर में डेयरी साइंस कॉलेज की स्थापना हेतु कितनी बजट राशि का आवंटन किया गया था। शासन ने इसके लिये अपनी सैद्धांतिक/प्रशासनिक स्वीकृति कब प्रदान की इसके लिये कब कितनी राशि की डी.पी.आर. तैयार शासन को स्वीकृति हेतु कब भेजी गई। इस पर शासन ने कब क्या निर्णय लिया है? (ग) क्या नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर द्वारा जबलपुर में डेयरी साइंस कॉलेज खोलने हेतु 14 हेक्टर भूमि देने का प्रस्ताव एवं इसके लिये 41 पदों का सृजन करने बाबत् प्रस्ताव शासन को भेजा हैं? यदि हाँ तो इस सम्बंध में शासन ने कब क्या कार्यवाही की हैं? यदि नहीं तो क्यों? (घ) प्रदेश शासन ने उज्जैन में डेयरी साइंस इंस्टीट्यूट (कॉलेज) खोलने बाबत् कब निर्णय लिया। माननीय श्री लखन पटेल मंत्री पशुपालन एवं डेयरी विकास म.प्र. शासन जबलपुर प्रवास के अवसर पर जबलपुर में प्रस्तावित डेयरी साइंस इंस्टीट्यूट खोलने बाबत् क्या कहा था? क्या जबलपुर में प्रस्तावित डेयरी साइंस इंस्टीट्यूट को स्थानांतरित कर उज्जैन में जनवरी 2005 से डेयरी साइंस टेक्नोलॉजी कोर्स की कक्षाएं प्रारंभ कर दी गई है?
राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जी हाँ। विभागीय आदेश दिनांक 11 अगस्त 2023 द्वारा मंत्रि परिषद की बैठक दिनांक 02 अगस्त 2022 के निर्णय के पालन में पशुपालन एवं डेयरी विभाग अंतर्गत नवीन योजना में प्रदेश के पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय जबलपुर एवं महु में डेयरी साईंस एवं फूड टेक्नोलॉजी पाठ्यक्रम प्रारंभ करने की सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई है। बजट में प्रावधानित राशि वर्ष 2019-20 रूपये 2 करोड़, वर्ष 2020-21 रूपये 2 करोड़, वर्ष 2021-22 रूपये 2 करोड़, वर्ष 2022-23 में रूपये 1 हजार, वर्ष 2023-24 में रूपये 1 हजार, वर्ष 2024-25 में रूपये 1 हजार, वर्ष 2025-26 में रूपये 1 हजार। (ख) जबलपुर में आयोजित केबिनेट बैठक के अनुसार ''नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय जबलपुर के अंतर्गत रूपये 123.20 करोड़ की लागत से दुग्ध विज्ञान एवं खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय स्थापित किया जायेगा'' क्रमांक एन 0035 दिनांक 16.02.2019 घोषणा की गई थी न कि राशि का आवंटन। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। विभागीय आदेश दिनांक 11 अगस्त 2023 द्वारा मंत्रि परिषद की बैठक दिनांक 02 अगस्त 2022 के निर्णय के पालन में पशुपालन एवं डेयरी विभाग अंतर्गत नवीन योजना में प्रदेश के पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय जबलपुर एवं महू में डेयरी साईंस एवं फूड टेक्नोलॉजी प्राठ्यक्रम प्रारंभ करने की सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई। दिनांक 17.07.2023 को मुख्य सचिव महोदय की अध्यक्षता में आयोजित परियोजना परीक्षण समिति की बैठक में निर्देश दिये गये कि प्रस्ताव से फूड टेक्नोलॉजी पाठ्यक्रम वियोजित किया जावे तथा पाठ्यक्रम प्रारंभ करने हेतु तर्कसंगत व उचित वित्तीय अनुमान (आवर्ती एवं अनावर्ती) के अनुरूप नवीन प्राक्कलन प्रस्तुत किये जावें। विश्वविद्यालय से पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय जबलपुर एवं महू में डेयरी साईंस पाठ्यक्रम प्रारम्भ करने हेतु तर्कसंगत व उचित वित्तीय अनुमान (आवर्ती एवं अनावर्ती) के अनुरूप नवीन प्राक्कलन अपेक्षित है। (घ) मान. मुख्यमंत्रीजी द्वारा दिनांक 05.01.2025 को उज्जैन जिले में ''विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में इंस्टीट्यूट ऑफ डेयरी टेक्नालॉजी प्रारंभ की जायेगी'' (घोषणा क्रमांक डी 0460) की गई थी। घोषणा पर कार्यवाही उच्च शिक्षा विभाग द्वारा की जाना है। मान. मंत्री पशुपालन एवं डेयरी विभाग म.प्र. शासन के वक्तव्य के संबंध में अभिलेख उपलब्ध नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सफाई व्यवस्था, कचरा संग्रहण व परिवहन
[नगरीय विकास एवं आवास]
24. ( क्र. 283 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम जबलपुर द्वारा शहर की सफाई व्यवस्था, कचरा संग्रहण, परिवहन डस्टबिन, प्लास्टिक की बाल्टी, सोलर डस्टबिन, हैगिंग डस्टबिन, स्वीपिंग मशीन एवं अन्य सामग्री की खरीदी पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई है? कितनी-कितनी राशि के कितने-कितने डस्टबिन कब-कब क्रय किये गये हैं। वर्तमान में इन डस्टबिनों, स्वीपिंग मशीन की क्या स्थिति है। कितने-कितने डस्टबिन कबाड़, कूड़ेदान में तब्दील हो गये हैं एवं क्यों? वर्ष 2017-18 से 2025-26 तक की जानकारी दें। (ख) स्मार्ट सिटी योजना के तहत डोर टू डोर कचरा संग्रहण की मानीटरिंग करने हेतु हाउस होल्ड डस्टबिन योजना में इलेक्ट्रानिक डिवाइस पर कुल कितनी राशि व्यय की गई है। वर्तमान में इस योजना की स्थिति क्या है। इसके फेल होने का क्या कारण है? (ग) स्वच्छता अभियान के तहत सफाई व्यवस्था एवं सामग्री आदि की खरीदी पर वर्षवार कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? (घ) वर्तमान में शहर की साफ सफाई, कचरा संग्रहण, परिवहन की क्या स्थिति है। किन-किन वार्डों, कालोनियों की सफाई व्यवस्था, कचरा संग्रहण की स्थिति खराब है एवं क्यों? क्या शासन सफाई व्यवस्था, कचरा संग्रहण, परिवहन एवं सामग्री खरीदी में किये गये भ्रष्टाचार, अपव्यय की जांच कराकर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जबलपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा पी.पी.पी. मोड पर सोलर डस्टबिन supply, Installation, testing एवं commissioning किये जाने हेतु मेसर्स एस.एस.कम्युनिकेशन से अनुबंध किया गया था। एजेंसी द्वारा निविदा एवं अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन किये जाने पर दिनांक 23.11.2019 को अनुबंध समाप्त कर दिया गया था। एजेंसी द्वारा माननीय जिला न्यायालय जबलपुर में आर्बिट्रेशन एवं कैंसिलेशन अधिनियम 1996 की धारा 9 के अंतर्गत आवेदन प्रस्तुत किया जिसमें पारित अंतरिम आदेश दिनांक 10.12.2019 के द्वारा माननीय न्यायालय ने एजेंसी द्वारा स्थापित होर्डिंग्स को ना हटाने के निर्देश दिए, जिसके परिपालन में आज दिनांक तक डस्टबिन को हटाने की कार्यवाही नहीं की गई तथा उक्त प्रकरण वर्तमान में माननीय जिला न्यायालय में लंबित है। नगर पालिक निगम जबलपुर द्वारा शहर की सफाई व्यवस्था कचरा संग्रहण, परिवहन डस्टबिन, प्लास्टिक की बाल्टी, सोलर डस्टबिन, हेगिंग डस्टबिन, स्वीपिंग मशीन एवं अन्य सामग्री की खरीदी के संबंध में वर्ष 2017-18 से 2025-26 तक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-01 अनुसार है। (ख) स्मार्ट सिटी योजना के तहत डोर टू डोर कचरा संग्रहण की मॉनिटरिंग करने हेतु हाउस होल्ड डस्टबिन में RFID tag लगाने पर कुल राशि रू. 3.95 करोड़ (जी.एस.टी. सहित) का कुल व्यय किया गया। जबलपुर नगर निगम द्वारा कचरा संग्रहण हेतु अनुबंधित एजेंसी के द्वारा फील्ड पर RFID रीडर का उपयोग ना होने की दशा में परियोजना के उद्देश्य पूरा नहीं किया जा सका एवं वर्तमान में इस योजना से कचरा संग्रहण की मॉनिटरिंग प्रचलन में नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (घ) वर्तमान में शहर की साफ-सफाई, कचरा संग्रहण, परिवहन कार्य सुचारू रूप से किया जा रहा है। प्रश्नांश अनुसार शहर की समस्त कॉलोनियों में साफ-सफाई एवं कचरा संग्रहण कार्य नियमित रूप से किया जा रहा है।
दुग्ध संघों की जानकारी
[पशुपालन एवं डेयरी]
25. ( क्र. 432 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नेशनल डेयरी डेवलेपमेंट बोर्ड के साथ अनुबंध के बाद एम.पी. स्टेट को-ओपरेटिव डेयरी फेडरेंशन और प्रदेश के दुग्ध संघों में कौन-कौन से प्रशासनिक बदलाव किये गये है? (ख) क्या सहकारी दुग्ध संघों के लिए दुध कलेक्शन, दुध सप्लाई और दुग्ध उत्पादकों को जोड़ने के लिए लक्ष्य निर्धारित किये गये है? यदि हाँ तो उनका विवरण देवें। (ग) वर्तमान में प्रदेश के सभी छः दुग्ध संघों में अलग-अलग कितना-कितना दुध कलेक्शन एवं सप्लाई किया जाता है तथा कितने-कितने दुग्ध उत्पादक उनसे जुड़े है। जिलावार जानकारी देवें। (घ) उपरोक्त दुग्ध संघों में अलग-अलग पिछले वित्तीय वर्ष में लाभ हानि की क्या स्थिति है?
राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) म.प्र. शासन, एम.पी.सी.डी.एफ./संबद्ध सहकारी दुग्ध संघ एवं राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड, आणंद के मध्य निष्पादित सहकार्य अनुबंध में वर्णित प्रावधानों के अनुक्रम में एम.पी.सी.डी.एफ. एवं संबंधित दुग्ध संघों में प्रबंध संचालक/मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद तथा अन्य महत्वपूर्ण प्रबंधकीय पदों पर राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड द्वारा आवश्यकता अनुसार 26 अधिकारियों को सेकण्डमेंट (secondment) के आधार पर पदस्थ किया गया है, जिनके वेतन का भुगतान राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड द्वारा किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त प्रशासनिक आवश्यकता के दृष्टिगत 11 अधिकारियों का स्थानांतरण किया गया है। (ख) जी हाँ। प्रदेश के सहकारी दुग्ध संघों के लिये वर्ष 2025-26 के दौरान दूध कलेक्शन, दूध सप्लाई तथा दुग्ध उत्पादकों हेतु निर्धारित लक्ष्यों की जानकारी निम्नानुसार है :-
क्र. |
दुग्ध संघ |
दुग्ध संकलन की (प्रतिदिन ग्रा.) |
दुग्ध विक्रय (प्रतिदिन/लीटर) |
दुग्ध उत्पादक सदस्य संख्या |
1 |
भोपाल सहकारी दुग्ध संघ |
532000 |
351000 |
91000 |
2 |
इंदौर सहकारी दुग्ध संघ |
21000 |
57000 |
5000 |
3 |
उज्जैन सहकारी दुग्ध संघ |
411000 |
368000 |
73000 |
4 |
ग्वालियर सहकारी दुग्ध संघ |
70000 |
90000 |
28000 |
5 |
जबलपुर सहकारी दुग्ध संघ |
112000 |
64000 |
25000 |
6 |
बुंदेलखंड सहकारी दुग्ध संघ |
2,46000 |
73000 |
47000 |
कुल योग |
|
1392000 |
1003000 |
269000 |
(ग) वर्तमान में प्रदेश के दुग्ध संघों के दूध कलेक्शन, दूध सप्लाई तथा दुग्ध उत्पादकों की जानकारी निम्नानुसार है -
क्र. |
दुग्ध संघ |
दुग्ध संकलन की (प्रतिदिन ग्रा.) |
दुग्ध विक्रय (प्रतिदिन/लीटर) |
दुग्ध उत्पादक सदस्य संख्या |
1 |
भोपाल सहकारी दुग्ध संघ |
290260 |
302170 |
74321 |
2 |
इन्दौर सहकारी दुग्ध संघ |
255240 |
225690 |
61303 |
3 |
उज्जैन सहकारी दुग्ध संघ |
151260 |
47960 |
43002 |
4 |
ग्वालियर सहकारी दुग्ध संघ |
7960 |
13110 |
4682 |
5 |
जबलपुर सहकारी दुग्ध संघ |
22430 |
19100 |
18172 |
6 |
बुंदेलखंड सहकारी दुग्ध संघ |
56510 |
51460 |
21816 |
कुल योग |
|
783660 |
659490 |
223296 |
जिलेवार दुग्ध उत्पादकों की जानकारी -
स.क्र. |
जिला |
दुग्ध उत्पादकों की संख्या |
1 |
भोपाल |
4541 |
2 |
सीहोर |
19740 |
3 |
शजापुर |
10888 |
4 |
राजगढ़ |
12579 |
5 |
बैतूल |
18239 |
6 |
नर्मदापुरम |
2988 |
7 |
हरदा |
467 |
8 |
विदिशा |
4090 |
9 |
रायसेन |
2901 |
10 |
गुना |
1205 |
11 |
अशेक नगर |
377 |
12 |
देवास |
13158 |
13 |
दंदौर |
17929 |
14 |
धार |
11616 |
15 |
खरगोन |
5944 |
16 |
बुरहानपुर |
788 |
17 |
खंडवा |
4148 |
18 |
झाबुआ |
3762 |
19 |
बड़वानी |
3430 |
20 |
अलीराजपुर |
317 |
21 |
उज्जैन |
8254 |
22 |
रतलाम |
8835 |
23 |
मंदसौर |
12507 |
24 |
नीमच |
4820 |
25 |
आगर मालवा |
5103 |
26 |
ग्वालियर |
00 |
27 |
दतिया |
00 |
28 |
भिंड |
3375 |
29 |
मुरैना |
774 |
30 |
शिवपुरी |
533 |
31 |
श्योपुर |
00 |
32 |
जबलपुर |
1102 |
33 |
सिवनी |
4424 |
34 |
छिंदवाड़ा |
3980 |
35 |
बालाघाट |
4467 |
36 |
नरसिंहपुर |
704 |
37 |
मंडला |
108 |
38 |
शहडोल |
85 |
39 |
रीवा |
508 |
40 |
सीधी |
189 |
41 |
कटनी |
688 |
42 |
सतना |
311 |
43 |
उमरिया |
00 |
44 |
सिंगरौली |
778 |
45 |
अनूपपुर |
180 |
46 |
डिंडोरी |
00 |
47 |
मउगंज |
157 |
48 |
पान्ढुर्ना |
489 |
49 |
मैहर |
601 |
50 |
सागर |
7065 |
51 |
पन्ना |
580 |
52 |
छतरपुर |
3496 |
53 |
दमोह |
1844 |
54 |
टीकमगढ़ |
7532 |
55 |
निवाड़ी |
1300 |
कुल योग |
223296 |
(घ) दुग्ध संघों के पिछले वित्तीय वर्ष 2024-25 के वित्तीय पत्रक अंतिमिकरण प्रकियाधीन हैं।
पोल शिफ्टिंग की जानकारी
[ऊर्जा]
26. ( क्र. 433 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला ग्वालियर के वार्ड क्रमांक 1 के गुप्तेश्वर कालोनी जो तिघरा रोड बायपास से गिर्राजी मंदिर तक में विभाग द्वारा 11 के.वी. हाईटेंशन लाईन के शिफ्टिंग कार्य हेतु कार्य किया गया है। यदि हाँ तो। (ख) उपरोक्त शिफ्टिंग कार्य को करने हेतु विगत 8 माह पूर्व खम्बे लगने के बाद भी प्रश्न दिनांक तक उक्त कार्य पूर्ण नहीं किया गया है यदि हां तो कारण स्पष्ट करें। (ग) इस कार्य को अभी तक पूर्ण न करने के लिए दोषी अधिकारी एवं ठेकदार पर कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ तो कब तक सम्पूर्ण जानकारी देवें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्न में उल्लेखित 11 के.व्ही. उच्चदाब विद्युत लाईन के शिफ्टिंग कार्य हेतु कोई प्राक्कलन म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत स्वीकृत नहीं किया गया है। तथापि आर.डी.एस.एस. योजना के तहत 132/33 के.व्ही. अति उच्चदाब विद्युत उपकेन्द्र तिघरा से 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र सिकन्दर कम्पू तक नवीन 33 के.व्ही. विद्युत लाईन के निर्माण कार्य हेतु मेसर्स एम.डी.पी. इन्फ्रा प्रायवेट लिमिटेड को कार्यादेश जारी किया गया है एवं उक्त कार्य को अनुबंध की शर्तों के अनुसार माह अगस्त 2025 तक पूर्ण कराया जाना है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
पिपरसमा से बिलौआ व्हाया छर्च सड़क निर्माण
[लोक निर्माण]
27. ( क्र. 467 ) श्री देवेन्द्र कुमार जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला शिवपुरी अंतर्गत ग्राम पिपरसमा से बिलौआ व्हाया ग्राम छर्च हेतु सड़क निर्माण कार्य की स्वीकृति हुई है? यदि हाँ तो कब व कितनी राशि की स्वीकृति हुई है? प्राक्कलन अनुसार उक्त सड़क मार्ग की सम्पूर्ण लंबाई व चौड़ाई कितनी निर्धारित है तथा किस प्रकार की (सी.सी. रोड अथवा डामर रोड) सड़क का निर्माण कार्य किया जाना प्रस्तावित है? सड़क मार्ग के निर्माण से क्षेत्र के कौन-कौन से ग्राम प्रत्यक्ष व कौन-कौन से ग्राम अप्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित होंगे? (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में उक्त सड़क मार्ग के निर्माण हेतु निविदा आमंत्रण आदि कार्यवाही की अद्यतन स्थिति क्या है तथा निर्माण कार्य पूर्ण करने हेतु निविदा अनुसार कितनी व कब तक की समयावधि निर्धारित की गई है? प्रशासकीय स्वीकृति आदेश एवं निविदा शर्तों की स्वच्छ छायाप्रतियां उपलब्ध करावें? यदि निविदा संबंधी कार्यवाही पूर्ण हो चुकी है तो अभी तक निर्माण कार्य प्रारंभ क्यों नहीं किया गया तथा इसके विलंब हेतु क्या-क्या कारण हैं व इस हेतु कौन-कौन दोषी हैं? उक्त सड़क मार्ग का कब तक निर्माण कार्य प्रारंभ किया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। उक्त मार्ग को स्वीकृत योजना से पृथक किया गया है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
उज्जैन शहर में विद्युत व्यवस्था
[ऊर्जा]
28. ( क्र. 473 ) श्री अनिल जैन कालूहेड़ा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन शहर में बिगड़ी विद्युत व्यवस्था का क्या कारण है? (ख) वर्षाकाल के पहले क्या मेंटेनेंस कार्य पूर्ण किया गया था? यदि नहीं तो क्यों? यदि हाँ तो थोड़ी सी बूंदाबांदी होने पर विद्युत व्यवस्था क्यों ठप्प हो जाती है? (ग) आगामी सिंहस्थ महापर्व को लेकर विद्युत आपूर्ति के लिए क्या कार्य योजना बनाई गई है? (घ) शहर के बढ़ते क्षेत्र को लेकर नवीन विद्युत स्टेशन स्थापित करने हेतु क्या कार्य योजना बनाई गई है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) उज्जैन शहर में अपरिहार्य कारणों से आए आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर नियमानुसार 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि विद्युत लाईनों/अद्योसंरचना के रख-रखाव हेतु पूर्व निर्धारित शट-डाउन लेने तथा तकनीकी कारणों/ प्राकृतिक आपदा से आये आकस्मिक व्यवधानों जैसी अपरिहार्य स्थिति के कारण कतिपय अवसरों पर विद्युत प्रदाय बाधित होता है, जिसमें आवश्यक रख-रखाव/सुधार कार्य कर विद्युत प्रदाय शीघ्र ही सुचारू कर दिया जाता है। उज्जैन शहर में माह जून, 2025 में प्रतिदिन औसतन 23:50 घंटे विद्युत प्रदाय किया गया। (ख) वर्षाकाल के पूर्व मेंटेनेंस (रख-रखाव) का कार्य प्रक्रियाधीन था, किन्तु वर्ष 2025-26 में मानसून समय से पूर्व आने के कारण मेंटेनेंस का कार्य शतप्रतिशत पूर्ण नहीं किया जा सका था। प्राकृतिक कारणों जैसे-तेज आंधी, तूफान के दौरान पेड़ों की डालियाँ, होर्डिंग्स, टीन शेड आदि विद्युत लाईनों पर गिरने/टकराने के कारण विद्युत फीडरों में फाल्ट आ जाता है, जिससे विद्युत प्रदाय बाधित होता है, जिसमें त्वरित रुप से कार्यवाही करते हुए सुधार कार्य कर विद्युत व्यवस्था पुनः सुचारू की जाती है। (ग) आगामी सिंहस्थ महापर्व को लेकर विद्युत आपूर्ति हेतु म.प्र. पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी द्वारा उज्जैन सिंहस्थ मेला परिसर के समीप विद्यमान अतिउच्चदाब विद्युत उपकेन्द्रों में उन्नयन/सुदृढ़ीकरण का कार्य एवं 2 नवीन 132/33 के.व्ही. अतिउच्चदाब विद्युत उपकेन्द्रों के निर्माण का कार्य प्रस्तावित किया गया है। इसी प्रकार म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर द्वारा आगामी सिंहस्थ महापर्व को लेकर विद्युत आपूर्ति के लिए विद्युत अद्योसंरचना यथा 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र, 33 के.व्ही. विद्युत लाईन, 11 के.व्ही. विद्युत लाईन तथा अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर की स्थापना एवं क्षमता वृद्धि इत्यादि कार्य प्रस्तावित किये गये हैं। उक्त कार्यों का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ग) में उल्लेखित योजना बनाते समय सिंहस्थ महापर्व एवं उज्जैन शहर के बढ़ते हुए क्षेत्र की विद्युत आपूर्ति की आवश्यकता को भी ध्यान में रखा गया है।
माननीय मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा का क्रियान्वयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
29. ( क्र. 495 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 28 फरवरी, 2025 को माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा नगर पालिका परिषद गढ़ाकोटा की अधोसंरचना विकास के लिए विशेष निधि से 10 करोड़ रूपये स्वीकृत किये जाने तथा नगर पालिका परिषद रहली के नवीन भवन निर्माण के लिए 03 करोड़ रूपये स्वीकृत किये जाने की घोषणा की गई थी? (ख) यदि हाँ तो उक्त घोषणा के क्रियान्वयन के लिए अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? पूर्ण विवरण दिया जावे। (ग) माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा प्रश्नांश (क) के संदर्भ में की गई घोषणा का क्रियान्वयन समय पर नहीं किये जाने के लिए कौन उत्तरदायी है तथा संबंधित के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? (घ) नगर पालिका परिषद गढ़ाकोटा/रहली के लिए माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा का क्रियान्वयन कब तक पूर्ण किया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) नगर पालिका परिषद गढ़ाकोटा/रहली के लिए माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणा के परिपालन में विभाग में उपलब्ध बजट अनुसार स्वीकृतियां जारी की गई है, जिससे शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
दुग्ध समितियों का विस्तार
[पशुपालन एवं डेयरी]
30. ( क्र. 563 ) डॉ. तेजबहादुर सिंह चौहान : क्या राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश दुग्ध संघ उज्जैन सहित प्रदेश के समस्त दुग्ध संघ के अंतर्गत दुग्ध समितियों के विस्तार के संदर्भ में कार्यवाही कब तक प्रारंभ की जावेगी एवं इसकी प्रक्रिया क्या होगी? (ख) एक जिले में अधिकतम कितनी नई समितियों का गठन किया जा सकेगा और यह कब तक पूर्ण कर लिया जाएगा? (ग) दुग्ध उत्पादकों को पूर्व की तुलना में मिलने वाले लाभ क्या होंगे? (घ) क्या समितियां के गठन उपरांत क्या विधिवत दुग्ध संघ के चुनाव संपन्न किए जाएंगे और कब तक कर लिए जाएंगे?
राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) एम.पी.सी.डी.एफ. अंतर्गत उज्जैन सहित प्रदेश के समस्त दुग्ध संघ अंतर्गत दुग्ध समितियों के विस्तार हेतु कार्यवाही की जा रही है एवं इसके अंतर्गत बंद दुग्ध समितियों का पुनर्जीवन एवं दुग्ध संघ अंतर्गत ग्रामों का सर्वे कर नवीन दुग्ध समितियों के गठन का कार्य प्रगति पर है। (ख) दूध की उपलब्धता के आधार पर प्रत्येक ग्राम में एक दुग्ध समिति गठित की जा सकती है। जिलेवार अधिकतम दुग्ध समिति हेतु कोई संख्या निर्धारित नहीं है। दुग्ध समिति गठन एक सतत् प्रक्रिया है। (ग) दुग्ध संघों द्वारा क्षेत्र में प्रचलित दुग्ध क्रय दर के आधार पर दरें निर्धारित की गई है। पूर्व की तूलना में अप्रैल-मई में दुग्ध क्रय की दरों में वृद्धि की गयी है। भुगतान की तिथि निर्धारित कर दी गयी है, पारदर्शिता लाने हेतु मोबाईल आधारित एप द्वारा संकलन की पद्धति प्रक्रियाधीन है। दुग्ध संघों द्वारा दुग्ध उत्पादक जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है जिसके तहत दुग्ध समितियों के दुग्ध उत्पादक सदस्यों को संचालित योजनाओं एवं दुग्ध उत्पादन हेतु आधुनिक तकनीकी, दुग्ध उत्पादकों को नवीन तकनीक जैसे- साईलेज मेकिंग, गोबर गैस संयंत्र आदि के संबंध में जानकारी प्रदान की जायेगी।। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वित्तीय अनियमितताओं और लेखा परीक्षा की आपत्तियां
[नगरीय विकास एवं आवास]
31. ( क्र. 630 ) श्री महेश परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंहस्थ 2016 के लिए शासन द्वारा उज्जैन जिले के किन-किन विभागों को कितनी राशि स्वीकृत और जारी की गई? स्वीकृत राशि के आदेशों की प्रमाणित प्रतियां प्रदान करें। (ख) प्रधान महालेखाकार (लेखा परीक्षा-I),ग्वालियर द्वारा वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन विभागों की लेखा परीक्षा की गई और शासन को कब-कब प्रतिवेदन सौंपे गए? विभागवार, वर्षवार लेखा परीक्षा प्रतिवेदनों की प्रमाणित प्रतियां प्रदान करें। (ग) क्या सिंहस्थ 2016 के अंतर्गत लेखा परीक्षा में पाई गई गंभीर कंडिकाओं पर शासन द्वारा दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या दंडात्मक कार्यवाही की गई? आरोप पत्र, आधार पत्र, जांच प्रतिवेदन, अभिमत और दंड आदेशों की प्रमाणित प्रतियां प्रदान करें। (घ) सिंहस्थ 2016 की गंभीर अनियमितताओं के लिए नगर पालिका निगम, उज्जैन पर कंडिका 2 (अ),4 (अ), 5, 6, 8, 9, 15 (अ), 15 (ब), 15 (स), 13, 14 (अ), 14 (ब), 14 (स), 16 की आपत्तियों के आधार पर कितने अधिकारी दोषी पाए गए? आर्थिक अनियमितताओं के लिए कितने अधिकारियों को निलंबित किया गया? विवरण दें। (ड.) क्या दोषी अधिकारियों पर वसूली, निलंबन या प्राथमिकी दर्ज की गई? यदि हां, तो कार्यवाही का विवरण प्रदान करें। यदि नहीं, तो कारण बताएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ख) से (ड.) जानकारी संकलित की जा रही है।
शासकीय अधिकारियों/कर्मचारियों के लिये नवीन आवास का निर्माण
[लोक निर्माण]
32. ( क्र. 675 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिला मुख्यालय पर जी.ए.डी. द्वारा जिले के शासकीय अधिकारियों/कर्मचारियों के लिये शासकीय आवास बनाये हुये है? (ख) यदि हाँ तो क्या उक्त शासकीय आवास काफी पुराने होकर जीर्ण-शीर्ण स्थिति में है? (ग) क्या उक्त शासकीय आवासों के स्थान पर नवीन आवास अन्य शहरों एवं पुलिस विभाग की भांति मल्टी बनाया जाना प्रस्तावित है। यदि हाँ तो कब तक जानकारी दें। (घ) यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। राजगढ़ जिला मुख्यालय पर जी.ए.डी. के कुल 95 नग शासकीय आवास गृह है, जिनमें से 28 नग शासकीय आवास जीर्ण-शीर्ण अवस्था में थे, जिन्हें ध्वस्त कर दिया गया है। (ग) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विद्युत इकाइयों में उत्पादन
[ऊर्जा]
33. ( क्र. 910 ) श्री अजय अर्जुन सिंह [श्री दिनेश गुर्जर] : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग कम्पनी लिमि. की कुल उत्पादन क्षमता बतावें इनमें कितनी विद्युत इकाइयां म.प्र. में स्थापित है एवं कितनी प्रदेश से बाहर स्थापित हैं? म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड की सभी ताप विद्युत इकाइयों की क्षमता एवं पी.एल.एफ. का विवरण वर्ष 2018-2019 से 2024-2025 एवं अप्रैल 2025 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार बतावें। इसी अवधि में ताप विद्युत इकाइयों की उपलब्धता एवं इसके विरूद्ध कितनी राशि फिक्सड कास्ट प्राप्त हुई की जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) एम.पी. पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा कितनी प्राइवेट ताप विद्युत इकाइयों से कितने मेगावॉट बिजली खरीदी हेतु अनुबंध किये गये है। क्या एम.पी. पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड प्राइवेट ताप विद्युत इकाइयों से समस्त बिजली क्रय कर लेती है? साथ ही कितनी निजी ताप विद्युत कम्पनियों से बिजली क्रय नहीं करती है एवं फिक्स कास्ट अदा करती है उनकी सूची बतावें नहीं तो इनमें कितनी इकाइयों से प्रश्नांश (क) की अवधि अनुसार एम.पी. पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड को कितनी फिक्स कास्ट राशि चुकानी पड़ी है। वर्षवार एवं कुल राशि विवरण बतावें? (ग) वर्तमान में म.प्र.का सेन्ट्रल सेक्टर से एलोकेटिड कोटा, अनऐलोकेटिड एवं कुल कोटा कितना है। मेगावॉट में बतावें। क्या म.प्र.सरकार बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भर हो गया है। प्रश्नांश (क) अनुसार की अवधि में कितनी मिलियन यूनिट बिजली किस दर से कब-कब अन्य राज्यों को बेची गई अथवा कितनी किस दर से क्रय की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड की कुल विद्युत उत्पादन क्षमता 5492 मेगावाट है। म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड की वर्तमान में संचालित कुल 39 इकाइयों (12-ताप विद्युत, 26-जल विद्युत एवं 1-सौर ऊर्जा संयंत्र) में से 37 इकाइयाँ मध्यप्रदेश में स्थापित हैं तथा पेंच जल विद्युत गृह तोतलाडोह की 80 मेगावाट क्षमता की 02 इकाइयाँ मध्यप्रदेश के बाहर तोतलाडोह, नागपुर (महाराष्ट्र) में स्थापित है। मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड की समस्त ताप विद्युत इकाइयों की क्षमता एवं विद्युत गृहों का वर्ष 2018-19 से वर्ष 2024-25 एवं अप्रैल, 2025 से जून, 2025 तक के इकाईवार/वर्षवार पी.एल.एफ (%) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। साथ ही विद्युत गृहवार (नियामक आयोग द्वारा निर्धारित टैरिफ अनुसार) उपलब्धता (पी.ए.एफ.) एवं उक्त अवधि से संबंधित स्थाई प्रभार (फिक्स्ड कॉस्ट) का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा 9 निजी ताप विद्युत उत्पादन इकाइयों से 3313 मेगावॉट क्षमता के विद्युत क्रय अनुबंध निष्पादित किए गए हैं। जी नहीं, एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा विद्युत इकाइयों के साथ निष्पादित विद्युत क्रय अनुबंधों के आधार पर ही बिजली क्रय की जाती है। उल्लेखनीय है कि पारंपरिक विद्युत उत्पादन इकाइयों से विद्युत क्रय अनुबंध होने की दशा में विद्युत क्रय न किए जाने पर स्थायी प्रभार (फिक्स्ड कॉस्ट) का भुगतान विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी विनियमनों के आधार पर किया जाना होता है। विद्युत क्रय किए बिना ताप विद्युत इकाइयों को दिए गए स्थायी प्रभार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (ग) वर्तमान में मध्यप्रदेश को सेंट्रल सेक्टर से एलोकेटिड/अनएलोकेटिड/कुल कोटा का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है। विद्युत क्षेत्र में मध्यप्रदेश वर्ष 2013 में आत्मनिर्भर हुआ है। प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि में अन्य प्रदेशों को क्रय/विक्रय नहीं, अपितु पॉवर एक्सचेंज के माध्यम से क्रय/विक्रय की गई विद्युत की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'इ' अनुसार है।
नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड से अनुबंध की जानकारी
[पशुपालन एवं डेयरी]
34. ( क्र. 911 ) श्री अजय अर्जुन सिंह : क्या राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड के साथ अनुबंध के बाद एम.पी.स्टेट को-आपरेटिव डेयरी फेडरेशन और प्रदेश के सहकारी दुग्ध संघों में कौन-कौन से प्रशासनिक बदलाव किये गये हैं? (ख) क्या सहकारी दुग्ध संघों के लिए दूध कलेक्शन, दूध सप्लाई और दुग्ध उत्पादकों को जोड़ने के लिए नये लक्ष्य निर्धारित किये गये हैं? यदि हाँ तो उनका क्या विवरण है? (ग) वर्तमान में प्रदेश के सभी छह दुग्ध संघों में अलग-अलग, कितना-कितना दूध कलेक्शन और दूध सप्लाई किया जाता है तथा कितने-कितने दुग्ध उत्पादक उनसे जुड़े हैं? (घ) उपरोक्त दुग्ध संघों में अलग-अलग पिछले वित्तीय वर्ष में लाभ हानि की क्या स्थिति है?
राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) म.प्र. शासन, एम.पी.सी.डी.एफ./संबद्ध सहकारी दुग्ध संघ एवं राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड, आणंद के मध्य निष्पादित सहकार्य अनुबंध में वर्णित प्रावधानों के अनुक्रम में एम.पी.सी.डी.एफ. एवं संबंधित दुग्ध संघों में प्रबंध संचालक/मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद तथा अन्य महत्वपूर्ण प्रबंधकीय पदों पर राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड द्वारा आवश्यकता अनुसार 26 अधिकारियों को सेकण्डमेंट (secondment) के आधार पर पदस्थ किया गया है, जिनके वेतन का भुगतान राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड द्वारा किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त प्रशासनिक आवश्यकता के दृष्टिगत 11 अधिकारियों का स्थानांतरण किया गया है। (ख) जी हाँ। प्रदेश के सहकारी दुग्ध संघों के लिये वर्ष 2025-26 के दौरान दूध कलेक्शन, दूध सप्लाई तथा दुग्ध उत्पादकों हेतु निर्धारित लक्ष्यों की जानकारी निम्नानुसार है :-
क्र. |
दुग्ध संघ |
दुग्ध संकलन की (प्रतिदिन ग्रा.) |
दुग्ध विक्रय/सप्लाई (प्रतिदिन/लीटर) |
दुग्ध उत्पादक सदस्य संख्या |
1 |
भोपाल सहकारी दुग्ध संघ |
532000 |
351000 |
91000 |
2 |
इंदौर सहकारी दुग्ध संघ |
21000 |
57000 |
5000 |
3 |
उज्जैन सहकारी दुग्ध संघ |
411000 |
368000 |
73000 |
4 |
ग्वालियर सहकारी दुग्ध संघ |
70000 |
90000 |
28000 |
5 |
जबलपुर सहकारी दुग्ध संघ |
112000 |
64000 |
25000 |
6 |
बुंदेलखंड सहकारी दुग्ध संघ |
2,46,000 |
73,000 |
47,000 |
कुल योग |
1392000 |
1003000 |
2,69,000 |
(ग) वर्तमान में प्रदेश के दुग्ध संघों के दूध कलेक्शन, दूध सप्लाई तथा दुग्ध उत्पादकों की जानकारी निम्नानुसार है -
क्र. |
दुग्ध संघ |
दुग्ध संकलन की (प्रतिदिन ग्रा.) |
दुग्ध विक्रय/सप्लाई (प्रतिदिन/लीटर) |
दुग्ध उत्पादक सदस्य संख्या |
1 |
भोपाल सहकारी दुग्ध संघ |
2,90,260 |
302170 |
74321 |
2 |
इंदौर सहकारी दुग्ध संघ |
255240 |
225690 |
61303 |
3 |
उज्जैन सहकारी दुग्ध संघ |
151260 |
47960 |
43002 |
4 |
ग्वालियर सहकारी दुग्ध संघ |
7960 |
13110 |
4682 |
5 |
जबलपुर सहकारी दुग्ध संघ |
22430 |
19100 |
18172 |
6 |
बुंदेलखंड सहकारी दुग्ध संघ |
56510 |
51460 |
21816 |
कुल योग |
783660 |
659490 |
223296 |
(घ) दुग्ध संघों के पिछले वित्तीय वर्ष 2024-25 के वित्तीय पत्रक अंतिमिकरण प्रकियाधीन हैं।
अधीक्षण यंत्री पद मय स्टाफ की स्वीकृति
[ऊर्जा]
35. ( क्र. 953 ) श्री श्रीकान्त चतुर्वेदी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवगठित जिला मैहर में ऊर्जा विभाग के अधीक्षण यंत्री मय स्टॉफ पदस्थ कराये जाने तथा कार्यालय प्रारंभ कराये जाने की प्रक्रिया क्या शासन स्तर में प्रचलित है? यदि हां, तो कब तक पदस्थापना करा दी जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में यदि नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। वर्तमान में नवगठित जिला मैहर में नवीन अधीक्षण यंत्री (संचालन-संधारण) वृत्त कार्यालय प्रारंभ किये जाने एवं संबंधित स्टॉफ पदस्थ किये जाने की प्रक्रिया शासन स्तर पर प्रचलित नहीं है। वर्तमान में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर के संचालन-संधारण वृत्त सतना के अंतर्गत नवगठित जिला मैहर में कार्यपालन अभियंता, संचालन-संधारण संभाग मैहर कार्यालय संचालित है। उक्त संभाग कार्यालय के अंतर्गत 01 उपसंभाग कार्यालय मैहर एवं 06 वितरण केन्द्र यथा-मैहर शहर, मैहर ग्रामीण, भदेरा, धुनवारा, उचेहरा एवं नादन कार्यरत है।
नल-जल योजनाओं में 24 घंटे बिजली सप्लाई
[ऊर्जा]
36. ( क्र. 971 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र पनागर अंतर्गत नल-जल योजनाओं में 24 घंटे बिजली सप्लाई न होने के कारण पानी की समस्या रहती है? (ख) यदि हाँ तो क्या 24 घंटे बिजली सप्लाई के कनेक्शन दिये जायेंगे? (ग) यदि हाँ तो कब तक? (घ) यदि नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं। पनागर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत नल-जल योजनाओं के विद्युत कनेक्शन 11 के.व्ही. गैर कृषि फीडरों से प्रदाय किये गये हैं। उक्त फीडरों में आकस्मिक अवरोधों के कारण आए व्यवधानों को छोड़कर नियमानुसार गैर कृषि प्रयोजन हेतु प्रतिदिन 24 घंटे गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि विद्युत लाईनों/ अद्योसंचना के रख-रखाव हेतु पूर्व निर्धारित शट-डाउन लेने तथा तकनीकी कारणों/प्राकृतिक आपदा से आये आकस्मिक व्यवधानों जैसी अपरिहार्य स्थिति के कारण कतिपय अवसरों पर विद्युत प्रदाय बाधित होता है, जिसमें आवश्यक रख-रखाव/सुधार कार्य कर विद्युत प्रदाय शीघ्र ही सुचारू कर दिया जाता है। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
मृत्यु प्रमाण पत्र बनाये जाने के नियम
[नगरीय विकास एवं आवास]
37. ( क्र. 976 ) श्री फूलसिंह बरैया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 1960 से 1975 के मध्य किसी भी व्यक्ति की मृत्यु हो जाने पर उस वर्ष/ तिथि का, उस व्यक्ति के नाम से मृत्यु प्रमाण पत्र बनाये जाने के लिये कौन-कौन से दस्तावेजों की आवश्यकता होती है? (ख) वर्ष 1960 से 1975 के मध्य हुई व्यक्ति की मृत्यु का मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया क्या है? (ग) वर्ष 1960 से 1975 के मध्य हुई व्यक्ति की मृत्यु का मृत्यु प्रमाण पत्र कितने दिनों में बनाये जाने का प्रावधान है? समय-सीमा बतायें। (घ) वर्ष 1960 से 1975 के मध्य हुई व्यक्ति की मृत्यु प्रमाण पत्र किस सक्षम अधिकारी के हस्ताक्षर से जारी किये जाते है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) मृतक के परिवार से शपथपत्र के साथ आवेदन पत्र मृत्यु संबंधी दस्तावेज जैसे, मृत्यु सूचना फार्म पटवारी रिपोर्ट आदि जिसमें मृत्यु का स्थान एवं मृत्यु दिनांक का उल्लेख हो। (ख) जन्म-मृत्यु अधिनियम 1969 की धारा 13 (3) के अंतर्गत मृतक के परिवार से शपथपत्र एवं आवेदन पत्र, मृत्यु संबंधी दस्तावेज, मृत्यु सूचना फार्म, पटवारी रिपोर्ट जिसमें मृत्यु का स्थान एवं मृत्यु दिनांक का उल्लेख हो। उक्त दस्तावेज जन्म-मृत्यु कार्यालय में जमा करने पर कार्यालय द्वारा अप्राप्तयता प्रमाण पत्र जारी किया जाता है, उसके बाद लोक सेवा केन्द्र पर आवेदन जमा करने के पश्चात कार्यपालिक मजिस्ट्रेट की अनुमति के पश्चात मृत्यु पंजीयन कर आवेदक को मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया जाता है। (ग) (1) लोक सेवा गारंटी योजना अंतर्गत निगम को अप्राप्तयता जारी करने की समयावधि 07 कार्य दिवस निर्धारित की गई है। (2) कार्यपालिक मजिस्ट्रेट की अनुमति मिलने के पश्चात निकाय द्वारा मृत्यु पंजीयन कर मृत्यु प्रमाण जारी करने की समय-सीमा 30 कार्य दिवस निर्धारित है। (घ) जन्म-मृत्यु अधिनियम 1969 की धारा 13 (3) के अंतर्गत एक वर्ष पश्चात के पंजीयन की स्वीकृति कार्यपालिक मजिस्ट्रेट की अनुमति पश्चात संतुष्टि होने पर मृत्य प्रमाण पत्र नगरीय क्षेत्र में निकाय के अधिकृत अधिकारी के हस्ताक्षर से जारी किए जाते है।
अवैध कॉलोनियों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
38. ( क्र. 1003 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में शहरी क्षेत्रों में 3 जून 1998 के बाद कितनी अवैध कॉलोनियां चिन्हित की गई? नगर पालिकावार सूची उपलब्ध करायें। (ख) कितनी अवैध कॉलोनी काटने वालों पर वैधानिक कार्यवाहियां की गई है? कितनी चिन्हित अवैध कॉलोनियों के निर्माताओं पर अब तक कार्यवाही नहीं की गई? किस कारण? (ग) मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) 21 सितंबर अनुसार न.पा. अवैध कॉलोनी नियम 339 (छ) के आधार पर वे अधिकारी भी दण्ड के भागीदार है, जिन्होंने अवैध कॉलोनाईजर्स के विरूद्ध कार्यवाही नहीं की, तत्संबंध में अब तक कितने जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्यवाही की गई? नहीं तो किस कारण?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार अनाधिकृत कालोनियों के विकासकर्ताओं के विरूद्ध कार्यवाही किए जाने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अस्थायी, आउटसोर्स कर्मचारियों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
39. ( क्र. 1004 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन द्वारा दस वर्ष से अधिक समय से कार्यरत अस्थायी, आउटसोर्स कर्मचारियों की नगरीय निकायों में नियमितिकरण हेतु घोषणा की है? तत्संबंधी ब्यौरा क्या है? (ख) नगर पालिकाओं, नगर पंचायतों में उज्जैन व मंदसौर जिले में अब तक प्रश्नांश (अ) में उल्लेखित कर्मचारियों को नियमित करने की दिशा में क्या कार्यवाही की गई है? कब तक उन्हें शासन की घोषणा का लाभ दे दिया जायगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नगर पालिका नरसिंहगढ़ में जलावर्धन योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
40. ( क्र. 1044 ) श्री मोहन शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नरसिंहगढ़ विधानसभा अंतर्गत नगर पालिका नरसिंहगढ़ में विगत वर्षों में जलावर्धन योजना का कार्य किया गया है। (ख) यदि हाँ तो क्या योजना पूरी तरह से क्रियान्वित की गई है? (ग) यदि नहीं तो इस योजना के आधार पर नगर पालिका नरसिंहगढ़ द्वारा जल कर में ढाई गुना वृद्धि 80 रूपये से 200 रूपये की गई थी, परंतु 5 वर्ष पूर्ण होने के बाद भी योजना चालू नहीं हो पाई है तो क्या योजना चालू न होने के कारण जलकर में की गई अनैतिक वृद्धि कम की जाएगी यदि नहीं तो क्यों? (घ) यदि योजना चालू नहीं की गई है तो संबंधित ठेकेदार को किस आधार पर नगर पालिका द्वारा रख-रखाव का भुगतान किया गया है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) योजनान्तर्गत समस्त घटकों का कार्य दिनांक 15.02.2019 को पूर्ण हुआ है। तत्पश्चात निविदा की शर्तों एवं अनुबंध अनुसार संविदाकार द्वारा संचालन संधारण कार्य किया जा रहा है, जिसके आधार पर संधारण हेतु भुगतान किया जा रहा है।
टोल टैक्स की अनुमतियां
[लोक निर्माण]
41. ( क्र. 1051 ) श्री मोंटू सोलंकी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सेंधवा विधानसभा क्षेत्र 187 अन्तर्गत संचालित जामली टोल नाका प्रबंधन करने वाली एजेंसी के बीच स्थापित टोल नाका संग्रह के लिए अनुबंध समझौते की प्रमाणित प्रति तथा जामली टोल टेक्स की समस्त विभागीय अनुमतियों की प्रमाणित प्रति उपलब्ध करावें। (ख) सेंधवा विधानसभा अन्तर्गत-जामली टोल नाका पर गणना या अनुमान या मूल्याकंन दर्शाने वाले दस्तावेजों की प्रमाणित प्रति तथा जामली टोल-टैक्स पर कार्यरत कुशल/अकुशल कर्मचारियों की जानकारी तथा उन्हें दिये जाने वाले वेतन भत्तों एवं सुविधाओं की जानकारी की प्रमाणित प्रति कर्मचारी के नाम सहित उपलब्ध करावें। (ग) जामली टोल नाका का ग्राम पंचायत जामली द्वारा दिया गया अनापत्ति प्रमाण पत्र की प्रमाणित प्रति एवं भूमी डायवर्सन की प्रमाणित प्रति तथा केन्द्रीय सड़क विभाग द्वारा जारी निर्देशों के पालन में टोल-टैक्स के 20 कि.मी. के दायरे में आने वाले कितने ग्राम शहरों/ग्रामों के लोगों को टोल मुक्त किया गया है? ग्रामों/शहरों के नाम सहित प्रमाणित जानकारी उपलब्ध करावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) से (ग) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
जानकारी उपलब्ध कराई जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
42. ( क्र. 1064 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या हरदा जिले की नगर निगमों, नगर पालिका एवं नगर परिषदों में राशि रूपये 0 से 20 हजार तक एवं 20 हजार से 01 लाख तक की सीमा के कार्य एवं क्रय निकाय स्तर पर ही कराये जाते है? (ख) यदि हाँ तो प्रश्नांश (क) अनुसार 01 अप्रैल 2022 से प्रश्न दिनांक तक हरदा जिले की प्रत्येक नगर निगम, नगर पालिका एवं नगर परिषद में कितने कार्य एवं क्रय निकाय स्तर पर स्वीकृत किए गए है। कितने कार्यों का कार्यादेश जारी किया गया व कितने कार्य पूर्ण किए गए है? विस्तृत जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार जो कार्य पूर्ण हुए है उनमें से कितनों का भुगतान किया गया व नगर निगम, नगर पलिका एवं नगर परिषद के कार्य एवं क्रय की सूची उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
सी.एम.ओ. के विरूद्ध पंजीकृत शिकायतें
[नगरीय विकास एवं आवास]
43. ( क्र. 1070 ) श्री कालु सिंह ठाकुर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संयुक्त संचालक, नगरीय आवास एवं विकास विभाग, इंदौर संभाग, इंदौर के कार्यालय की आवक-जावक पंजी की स्थिति दिनांक 1-11-21 से प्रश्न की तिथि तक की प्रमाणित प्रति उपलब्ध करवाएं इसमें नगर परिषद धामनोद के सी.एम.ओ. के विरूद्ध पंजीकृत शिकायतों की संख्या और उनकी छायाप्रति देवें। (ख) लोकायुक्त कार्यालय, इंदौर द्वारा संयुक्त संचालक को उक्त अवधि में कितने पत्र प्रेषित किए गए? इन पत्रों पर की गई कार्यवाही, पालन प्रतिवेदन और संबंधित अभिलेखों की प्रमाणित प्रति देवें। (ग) संयुक्त संचालक कार्यालय में कितनी शाखाएं हैं, उनके नाम, प्रभारी अधिकारियों के नाम, पद और प्रभार का विवरण क्या है? शिकायत शाखा में नगर परिषद धामनोद से संबंधित कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं, कितनी नस्तीबद्ध हुईं, कितनी लंबित हैं और लंबित शिकायतों के कारण क्या हैं? इनके अभिलेखों की प्रमाणित प्रतियां देवें। (घ) संयुक्त संचालक का संपूर्ण सेवा रिकॉर्ड, उनकी नियुक्ति से प्रश्न की तिथि तक प्रस्तुत वार्षिक अचल संपत्ति घोषणा पत्रों का विवरण, नियुक्ति के समय की संपत्ति घोषणा पत्र की प्रति और उनके परिवार की अचल संपत्ति का विवरण (स्थान, प्रकार, मूल्य, प्राप्ति तिथि सहित) क्या है? इसकी प्रमाणित प्रति देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) कार्यालय संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास, इंदौर संभाग की दिनांक 01.11.2021 से वर्तमान तक आवक-जावक पंजी की प्रमाणित प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। प्रश्नाधीन अवधि में मुख्य नगर पालिका अधिकारी धामनोद के विरूद्ध कुल 14 शिकायतें पंजीकृत की गई है, जिनमें से 06 शिकायतों में प्रतिवेदन प्रेषित किया गया है, शिकायत की छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में लोकायुक्त कार्यालय इंदौर द्वारा संयुक्त संचालक कार्यालय इंदौर को प्रेषित पत्रों एवं उन पर की गई कार्यवाही, पालन प्रतिवेदन और संबंधित अभिलेखों की प्रमाणित प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। (ग) संयुक्त संचालक कार्यालय में संचालित शाखाओं के प्रभारी, अधिकारी के नाम, पद एवं प्रभार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है। शिकायत शाखा में नगर परिषद धामनोद से संबंधित प्राप्त शिकायतों, प्रेषित प्रतिवेदन एवं शिकायतों पर की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ध'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''न'' अनुसार है।
कार्यों की गुणवत्ता जांच और वसूली
[नगरीय विकास एवं आवास]
44. ( क्र. 1071 ) श्री कालु सिंह ठाकुर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धामनोद, जिला धार में मुख्यमंत्री नल-जल योजना के तहत बंसल कंस्ट्रक्शन कंपनी, गुड़गांव के साथ शासन द्वारा किए गए अनुबंध, डी.पी.आर., बिल, वाउचर और भुगतान नोटशीट की प्रमाणित प्रति उपलब्ध कराएं। प्रश्न दिनांक तक कंपनी को कुल कितना भुगतान किया गया और कितना शेष है? (ख) क्या अनुबंध के अनुसार धामनोद नगर में नल-जल योजना से जलापूर्ति शुरू हो गई है? यदि हां, तो नगरीय विकास विभाग के प्रमुख सचिव का शपथ पत्र प्रदान करें। यदि नहीं, तो भुगतान किस आधार पर किया गया? स्पष्टीकरण दें। (ग) कंपनी के कार्यों की गुणवत्ता निगरानी किस एजेंसी ने की? एजेंसी का नाम, भुगतान विवरण और गुणवत्ता प्रमाण पत्र की प्रति उपलब्ध कराएं। (घ) धामनोद नगर परिषद द्वारा बंसल कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा किए गए कार्यों के संबंध में विभाग को भेजे गए पत्रों की छायाप्रति, उन पर की गई कार्रवाई का प्रतिवेदन, अथवा कार्रवाई न होने का कारण और जिम्मेदार अधिकारी का नाम बताएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं, अपितु धामनोद नगर परिषद की योजना का क्रियान्वयन म.प्र. अर्बन डेवलपमेंट कंपनी (लि.), द्वारा एशियन डेवलपमेंट बैंक के म.प्र.अर्बन सर्विसेस के इम्प्रूवमेंट प्रोग्राम के वित्त पोषण से किया जा रहा है। अनुबंध की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ', डी.पी.आर. की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब', बिल वाउचर की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' एवं भुगतान नोटशीट की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है। प्रश्न दिनांक तक कंपनी को राशि रू. 37,04,09,025/- का भुगतान किया गया है। भुगतान योग्य शेष राशि की गणना हेतु अंतिम देयक की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) जी हाँ। किये गये कार्य की माप एवं निविदा में स्वीकृत दर अनुसार, भुगतान किया गया है। शपथ पत्र दिये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) कंपनी के कार्यों की गुणवत्ता निगरानी, म.प्र. अर्बन डेवलपमेंट कंपनी (शासकीय संस्था) की परियोजना क्रियान्वयन इकाई, इंदौर के मैदानी यंत्रियों एवं प्रोजेक्ट मेनेजमेंट कंसलटेंसी मेसर्स टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स एवं जे.पी.एस. एसोसिट्स प्राईवेट लिमिटेड के ज्वाइंट वेंचर तथा सामग्री की गुणवत्ता थर्ड पार्टी मेसर्स पी.डी.आई.एल. द्वारा किया गया है। प्रोजेक्ट मेनेजमेंट कंसलटेंसी का भुगतान विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ई' पर एवं गुणवत्ता प्रमाण पत्र की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'च' अनुसार है। (घ) धामनोद नगर परिषद द्वारा किये गये पत्राचार एवं कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'छ' अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भोपाल डीपियों के बाहर फैंसिंग कार्य
[ऊर्जा]
45. ( क्र. 1168 ) श्री आरिफ मसूद : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड के कार्यक्षेत्र भोपाल शहर वृत्त में कई डीपियों के बाहर फैंसिंग कार्य नहीं हुआ है? या फिर मेंटिनेंस के आभाव में खुला पड़ा है यदि हाँ तो पृथक-पृथक संख्या जोनवार उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या डीपियों के बाहर फैंसिंग करने के लिए बजट उपलब्ध नहीं है? यदि हां, तो कब तक बजट उपलब्ध कराया जाएगा यदि नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शहर वृत्त में कितने ट्रांसफार्मर के डिस्ट्रीब्यूशन बॉक्स बिना ढक्कन के लगे हुए हैं जोनवार जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में डिस्ट्रीब्यूशन बॉक्स में ढक्कन कब तक लगा दिए जावेंगे समय-सीमा बताने की कृपा करें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के क्षेत्रांतर्गत शहर वृत्त भोपाल में संधारण कार्य हेतु उपलब्ध राशि से समय-समय पर वितरण ट्रांसफार्मरों की फैंसिंग का कार्य किया जाता है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में प्रश्न दिनांक की स्थिति में स्थापित वितरण ट्रांसफार्मरों के फैंसिंग से संबंधित प्रश्नाधीन चाही गई जोनवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में वितरण ट्रांसफार्मरों (डीपीओ) के बाहर फेंसिंग करने के लिए पृथक से कोई योजना अथवा बजट नहीं है, अपितु कंपनी अंतर्गत इन कार्यों को समय-समय पर संधारण कार्य हेतु राशि उपलब्धता अनुसार चरणबद्ध तरीके से क्रियान्वित किया जा रहा है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ग) शहर वृत्त भोपाल अंतर्गत स्थापित वितरण ट्रांसफार्मरों हेतु माह फरवरी-2025 में किये गये सर्वे के अनुसार कुल 1451 वितरण ट्रांसफार्मर के डिस्ट्रीब्यूशन बॉक्स के ढक्कन क्षतिग्रस्त अथवा चोरी पाये गए। उक्त सर्वे के अनुसार डिस्ट्रीब्यूशन बॉक्स जिनके ढक्कन क्षतिग्रस्त/चोरी हुए पाये गये की संख्या, उक्त सर्वे के विरूद्ध प्रश्न दिनांक की स्थिति में बदले/ लगाये गये ढक्कनों की संख्या एवं शेष डिस्ट्रीब्यूशन बॉक्स की संख्या जिनमें ढक्कन लगाने का कार्य प्रगति पर है, की जोनवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में शहर वृत्त भोपाल में डिस्ट्रीब्यूशन बॉक्स के क्षतिग्रस्त/चोरी हुए पाये गये ढक्कनों की कुल संख्या 1451 में से 1060 स्थानों पर डिस्ट्रीब्यूशन बॉक्स के ढक्कन लगा दिये गये है एवं शेष 391 डिस्ट्रीब्यूशन बॉक्स में ढक्कन लगाये जाने का कार्य माह अगस्त-2025 के अंत तक पूर्ण कर लिया जावेगा।
नगर पालिका परिषद बालाघाट में किये गये कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
46. ( क्र. 1260 ) श्री मधु भगत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका बालाघाट में वर्ष 2023 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस मद की कितनी राशि नगर पालिका बालाघाट को प्राप्त हुई केश बुक सहित समस्त दस्तावेज उपलब्ध करावें? (ख) वर्ष 2023 से प्रश्न दिनांक तक नगर पालिका बालाघाट द्वारा प्राप्त राशि को किस-किस कार्य हेतु उपयोग किया गया कर्मचारियों के वेतन छोड़कर किये गये राशि उपयोग के निविदा प्रक्रिया के प्रशासकीय स्वीकृति समाचार पत्र, दर, बिड, तुलनात्मक चार्ट एवं कार्य आदेश सहित किये गये समस्त कार्यों के भुगतान के बिल बाउचर सहित समस्त दस्तावेज उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में परिशिष्ट 'ब' अनुसार है।
गौ संवर्धन विकास की योजना
[पशुपालन एवं डेयरी]
47. ( क्र. 1266 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में गौ संवर्धन एवं विकास के लिये क्या-क्या योजनाएं संचालित की जा रही है सिवनी जिले में कहां-कहां पर गौशालाएं स्थापित की गई है तथा कब-कब, किस-किस स्थान पर कार्यशालाओं का आयोजन कर बायोगैस, गौमूत्र औषधि एवं पंचगव्य आदि तैयार करने का प्रशिक्षण दिया गया? संचालित प्रत्येक गौशाला में कितनी -कितनी गाय है तथा उनमें से कितनी की मृत्यू हो चुकी है, मृत्यु होने का क्या कारण रहा है? (ख) प्रदेश में गौशाला खोले जाने की शासन की कोई योजना है? यदि हॉ, तो नियम/नीति बतलावें, यदि नहीं तो क्यों? (ग) सिवनी जिले में गौ पालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड भोपाल के माध्यम से कितनी पंजीकृत गौशालाओं को आर्थिक सहायता विगत 03 वर्ष में प्रश्न दिनांक तक उपलब्ध कराई गई है, प्रत्येक गौशालावार बतलावें। (घ) गौशाला खोले जाने हेतु राज्य शासन की ओर से स्वयं सेवी संस्थाओं को कितनी-कितनी भूमि किस दर पर अथवा नि:शुल्क उपलब्ध कराई गई है? भूमि आवंटन हेतु सक्षम अधिकारी कौन है? अभी तक जिले में गौशालाओं के लिये कुल कितनी भूमि उपलब्ध करायी गई है, स्थानवार एवं संस्थावार एवं संस्था प्रमुख का नाम पता सहित बतलावें?
राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) मध्यप्रदेश गौसंवर्धन एवं विकास हेतु विभाग द्वारा नवीन योजनाएं प्रारंभ की गई है। 1. डॉ. भीमराव अम्बेडकर कामधेनू योजना 2. स्वावलंबी गौ-शालाओं (कामधेनू निवास) की स्थापना नीति 2025, इसके अतिरिक्त विभाग में पूर्व से संचालित आचार्य विद्यासागर योजना मुख्यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय योजना तथा डेयरी प्लस योजना संचालित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है। (घ) सिवनी जिला अंतर्गत स्वयं सेवी संस्थाओं को गौशाला खोले जाने हेतु विभाग की ओर से वर्तमान तक कोई शासकीय भूमि उपलब्ध नहीं कराई गई। भूमि आवंटन हेतु सक्षम अधिकारी कलेक्टर है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ठेका नीलामी में भ्रष्टाचार व लापरवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
48. ( क्र. 1269 ) श्री महेश परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन, नगरीय विकास एवं आवास विभाग, भोपाल के पत्र क्रमांक 2445/1363069/2023/18-3, दिनांक 15/06/2023 की प्रमाणित प्रति उपलब्ध कराएं। (म.प्र. नगर पालिका अधिनियम,1961,धारा 323) (ख) वित्तीय वर्ष 2023-24 व 2024-25 में उज्जैन नगर निगम व जिले की नगर पालिकाओं द्वारा बाजार बैठक ठेका नीलामी हेतु जारी निविदा, प्राप्त निविदा, ठेके की राशि, अनुबंध, शर्तें, कार्यादेश की प्रमाणित प्रतिलिपि तथा ठेकेदार द्वारा वसूल व जमा राशि का वर्षवार, नगर निगम/नगर पालिकावार विवरण प्रस्तुत करें। (म.प्र. नगर पालिका (निविदा) नियम, 1999) (ग) प्रश्नांश (क) के आदेश के परिपालन में ठेका निरस्ती, MIC/PIC व परिषद में पारित संकल्प की प्रमाणित प्रति उपलब्ध कराएं। यदि आदेश का पालन न कर, नियमों के विरूद्ध अवैध रूप से ठेका नीलाम कर, वित्तीय वर्ष 2023-24 का ठेका निरस्त न करते हुए गरीबों से अवैध वसूली कर आर्थिक अपराध किया गया, तो दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं हुई, तो कारण बताएं। (म.प्र. नगर पालिका अधिनियम, 1961, धारा 326, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988, धारा 13) (घ) उपरोक्त अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के लिए जिम्मेदार दोषियों/अधिकारियों पर क्या कार्यवाही प्रस्तावित है? कार्यवाही की समय-सीमा और प्रक्रिया क्या होगी? क्या इसकी जाँच हेतु स्वतंत्र समिति गठित की गई है? (म.प्र. सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965, नियम 3. म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील) नियम, 1966, नियम 10)।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) प्रति पुस्तकालय रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार। (ख) उज्जैन जिले की नगर पालिक निगम उज्जैन तथा नगर पालिका/नगर परिषद बड़नगर, महिदपुर, नागदा, तराना, माकड़ोन एवं उन्हेल में वित्तीय वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में बाजार बैठक ठेका नीलामी की कार्यवाही नहीं की गई। अतः तत्संबंधी विवरण प्रस्तुत करने का प्रश्न नहीं है। नगर पालिका परिषद खाचरौद से संबंधित विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार। (ग) उज्जैन जिले के नगर पालिक निगम उज्जैन तथा नगर पालिका/नगर परिषद बड़नगर, महिदपुर, नागदा, तराना, माकड़ोन एवं उन्हेल की जानकारी निरंक है। नगर पालिका परिषद खाचरौद द्वारा शासन के निर्देश के विपरीत वर्ष 2024-25 के लिये बाजार बैठकी का ठेका दिया गया। जो कि प्रथम दृष्टया अनियमितता की श्रेणी में आने से जांच संस्थित की गई है। (घ) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। जांच के संबंध में जारी पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार।
स्वीकृत निर्माण कार्यों को शीघ्र प्रारंभ कराया जाना
[लोक निर्माण]
49. ( क्र. 1270 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01/04/2023 के बाद प्रश्न दिनांक तक दतिया जिले के विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कौन-कौन से निर्माण कार्य स्वीकृत हुये? कार्य का नाम, स्वीकृति दिनांक, स्थान, लागत राशि सहित जानकारी दी जाए। (ख) उक्त कार्यों का निर्माण शुरू हुआ अथवा नहीं? यदि नहीं तो क्या कारण हैं? किसके द्वारा इसमें विलंब हो रहा है? विभाग द्वारा इनके निर्माण प्रारंभ कराने हेतु क्या कार्यवाही की है? कृत कार्यवाही के प्रमाणिक दस्तावेजों की छायाप्रति के साथ जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) क्या यह सत्य है कि सेवढ़ा विधानसभा क्षेत्र में 2 रेस्ट हाऊस, गोरा - रठावली डामर रोड, परसौंदा गूजर-नयागांव डामर रोड, नीम डांढा - किटाना डामर रोड बहुत समय पूर्व स्वीकृत हुये हैं लेकिन इनके शीघ्र निर्माण हेतु विभाग द्वारा कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई है? यदि हाँ तो इसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार हैं? यदि नहीं तो जांच कराई जावे। (घ) क्या माननीय मंत्री महोदय विभाग को कंडिका 3 में वर्णित कार्यों को शीघ्र प्रारंभ किये जाने हेतु निर्देश देने की कृपा करेंगे? यदि हाँ तो कब तक कार्य प्रारंभ किये जायेंगे? जानकारी दी जाए।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'अ-1', 'अ-2' एवं 'अ-3' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'अ-1' एवं 'अ-2' तथा परिशिष्ट 1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। सेवढ़ा विधानसभा क्षेत्र में 2 रेस्ट हाउस (सेवढ़ा एवं इन्दरगढ़) निर्माण हेतु राशि रू. 182.62 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है। निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रचलन में है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। अनुबंध उपरान्त ही कार्य प्रारंभ किया जा सकता है। सेवढ़ा विधानसभा क्षेत्र में 02 रेस्ट हाऊस निर्माण हेतु प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 11.07.2025 को राशि रू. 182.62 लाख की जारी की गई है। निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रचलन में है।
जल आवर्धन योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
50. ( क्र. 1271 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले की सेवढ़ा तहसील के अंतर्गत आने वाले नगर परिषद सेवढ़ा में कितनी राशि की कितने एरिया के लिए जल आवर्धन योजना किस दिनांक को स्वीकृत की गई है, प्रोजेक्ट रिपोर्ट की छायाप्रति सहित जानकारी दी जाए। (ख) इस योजना का क्रियान्वयन किस ठेकेदार के माध्यम से कब प्रारंभ हुआ एवं कब तक कार्य पूर्ण होगा। इसकी मानीटरिंग एवं गुणवत्ता की जांच किन-किन अधिकारियों द्वारा की जा रही है। ठेकेदार का नाम/पता/संपर्क एवं जांचकर्ता अधिकारियों के नाम एवं पद एवं पदस्थी स्थल सहित जानकारी दी जाए। (ग) क्या इस योजना का कार्य बहुत धीमी गति के साथ-साथ गुणवत्ताविहीन एवं घटिया हो रहा है यदि नहीं तो इसकी गुणवत्ता की एक समिति बनाकर जांच की जावे, जांच पूर्ण होने तक भुगतान की कार्यवाही पर रोक लगाई जावे। यदि हाँ तो इसके लिये कौन-कौन दोषी हैं? (घ) क्या विधानसभा क्षेत्र सेवढ़ा की जल आवर्धन को शीघ्र एवं गुणवत्ता युक्त बनाये जाने हेतु निर्देश देने की कृपा करेंगे, यदि हाँ तो कब तक कार्य पूर्ण होगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) योजना राशि रू. 23.30 करोड़ एम.पी.यू.डी.सी. भोपाल द्वारा दिनांक 29.06.2018 को स्वीकृत की गई। नगर परिषद द्वारा तैयार प्रोजेक्ट रिपोर्ट की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) सेवढ़ा जलावर्धन योजना का क्रियान्वयन मेसर्स भुगन इन्फ्राकॉन प्रा.लि. अहमदाबाद (संविदाकार) के माध्यम से दिनांक 11.11.2020 को प्रारंभ हुआ तथा कार्य पूर्णता हेतु दिनांक 30.08.2025 निर्धारित की गई है। योजना का संचालन एवं संधारण का कार्य भी संविदाकार द्वारा ही आगामी 05 वर्ष तक किया जावेगा। संविदाकार फर्म का नाम:- मेसर्स भुगन इन्फ्राकॉन प्रा.लि. अहमदाबाद पता:- 201, द्वितीय तल, अर्थ रिटेल एन.आर.भड़ज-साइंस सिटी सरकल, एस.पी.रिंग रोड अहमदाबाद है। मानिटरिंग व जांचकर्ता अधिकारियों का विवरण पुस्तकाल में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) जी नहीं। सेवढ़ा जलावर्धन योजना का कार्य कोविड-19 महामारी, माह अगस्त वर्ष 2021 में सिंध नदी में आई अत्यधिक बाढ़ के कारण एच.एफ.एल. में वृद्धि, उसी बाढ़ में समीपस्थ एम.पी.आर.डी.सी. ब्रिज का क्षतिग्रस्त भाग एनिकट निर्माण स्थल पर गिर जाना एवं भूमि उपलब्धता में विलंब के कारण योजना की पूर्णता में अधिक समय लगा। ठेकेदार की ओर से हुए विलंब के लिए अनुबंध के प्रावधानों के तहत नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। योजना में निर्माण सामग्री की गुणवत्ता के लिए सामग्री का तृतीय पक्ष से परीक्षण कराया जाता है। निर्माण कार्यों की जांच हेतु एक स्वतंत्र जांच दल (IVT) नियुक्त है जो नियमित रूप से कार्यस्थल का दौरा कर गुणवता की जांच करते हैं। सभी गुणवत्ता मानकों को सुनिश्चित करने के उपरांत ही भुगतान किया जाता हैं। जांच एवं भुगतान रोकने का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता है। (घ) संविदाकार द्वारा सेवढ़ा जलावर्धन योजना के मुख्य घटकों का निर्माण कार्य पूर्ण किया जा चुका है। गुणवत्ता के सभी मानकों की पूर्ति की जा रही है। योजना का टेस्टिंग एवं प्रायोगिक परीक्षण प्रचलित है, जिसे पूर्ण किये जाने हेतु दिनांक 30.08.2025 निर्धारित की गयी है। पृथक से निर्देश देने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नगरीय क्षेत्र में जल कर का निर्धारण
[नगरीय विकास एवं आवास]
51. ( क्र. 1325 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले में नगर पालिकाओं एवं नगर परिषदों द्वारा संचालित पेयजल योजना के तहत किन-किन निकायों द्वारा किया जाता है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार नगर पालिकाओं एवं नगर परिषदों द्वारा माहवार वसूली की जा रही जल कर की राशि (आवासीय/ व्यवसायिक) प्रतिमाह की दर तथा जल प्रदाय दो टाइम या एक टाइम की जा रही है की जानकारी निकाय अनुसार देवें। (ग) अनूपपुर जिले में दोनों टाइम जल प्रदाय करते हुये सबसे कम राशि जलकर प्रतिमाह तथा सर्वाधिक राशि जल कर प्रत्येक माह निर्धारित निकायों के नाम सहित जानकारी देवें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर पालिका परिषद अनूपपुर, कोतमा तथा नगर परिषद जैतहरी द्वारा संचालित पेयजल योजना के तहत जलप्रदाय किया जाता है। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
अनियमित कार्यों के लिए जिम्मेदारों पर कार्यवाही
[ऊर्जा]
52. ( क्र. 1345 ) श्री अभय मिश्रा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा और मऊगंज जिले में आरडीएस योजना अंतर्गत कराये जाने वाले कार्यों हेतु तैयार कार्य योजना/डीपीआर की प्रति देते हुये बतावें की कार्य की भौतिक स्थिति विद्युत वितरण केन्द्रवार क्या है, कितने कार्य अपूर्ण हैं? के विवरण के साथ इनकी पूर्ण होने की अवधि क्या थी? कार्यादेश की अवधि किन शर्तों पर बढ़ाये गयी का विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा क्रमांक 578 दिनांक 12.02.24 के द्वारा प्रमुख सचिव ऊर्जा विभाग के पत्र क्रमांक 942 दिनांक 10.05.25 द्वारा अधीक्षण अभियंता म.प्र. विद्युत वितरण रीवा, पत्र क्रमांक 736 दिनांक 26.12.24 मुख्य अभियंता म.प्र. विद्युत रीवा एवं अन्य के द्वारा योजना अनुसार कार्य कराने का लेख किया गया। कार्यवाही की स्थिति का विवरण पत्रों सहित देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में विधान सभा प्रश्न क्रमांक 531 दिनांक 19.12.24 में आरडीएस योजना अंतर्गत कराये जा रहे कार्यों पर की गई अनियमितताओं पर पत्रों अनुसार कार्यवाही न करने के संबंध में जानकारी चाही गई जिसके उत्तर में उल्लेखित स्थानों पर प्रस्तावित कार्य न कराने की कार्यवाही की स्थिति क्या है? प्रतिवेदन देते हुये बतावें। (घ) प्रश्नांश (क) के स्वीकृत कार्य प्रश्नांश (ख) एवं (ग) में उल्लेखित पत्रों एवं डी.पी.आर. अनुसार कार्य न कराने पर कार्यवाही के क्या निर्देश देंगे? बतावें नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जिला रीवा सहित मऊगंज हेतु आर.डी.एस.एस. अंतर्गत प्रस्तावित कार्यों हेतु तैयार कार्य योजना/डीपीआर की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। कार्यों की भौतिक स्थिति, अपूर्ण कार्यों की जानकारी एवं पूर्ण होने की अवधि संबंधित वितरण केन्द्रवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। कार्यादेशों के अनुसार कार्य निर्धारित समय-सीमा में संपादित नहीं होने के पश्चात, शेष कार्यों को कार्यादेश एवं निविदा दस्तावेजों में निहित कण्डिकों के अनुरूप नव निर्धारित तिथि में पूर्ण किये जाने हेतु प्रत्येक चरण की निर्धारित समाप्ति तिथि से बिना दंड (LD) लगाए चरण-वार समय विस्तार प्रदान किया गया, जिससे संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा प्रेषित पत्रों सहित उक्त पर की गई कार्यवाही का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (ग) विधान सभा प्रश्न क्रमांक-531 दिनांक 19.12.2024, उत्तरांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में कराये जा रहे कार्यों की अनियमितताओं हेतु नहीं, अपितु आर.डी.एस.एस. योजना अंतर्गत ग्रामों, टोलों एवं मजरों में विद्युतीकरण के कार्य हेतु सर्वे नहीं कराए जाने से संबंधित था। माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा प्रश्न क्रमांक-531 दिनांक 19.12.2024 में उल्लेखित पत्रों के अनुसार उल्लेखित कार्य आर.डी.एस.एस. योजना के दिशा-निर्देशानुसार साध्य नहीं पाये जाने के कारण प्रस्तावित नहीं किये जा सके हैं। अत: उक्त के परिप्रेक्ष्य में अनियमितताओं हेतु जिम्मेदारों पर कार्यवाही कर प्रतिवेदन दिये जाने का प्रश्न हीं नहीं उठता है। (घ) उत्तरांश (क) के स्वीकृत कार्यों हेतु योजना के दिशा-निर्देशों एवं निविदा में उल्लेखित शर्तों के अनुरूप क्रियान्वयन किया जा रहा है तथा उत्तरांश (ख) में उल्लेखित पत्रों पर संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार कार्यवाही की गई है। उत्तरांश (ग) अनुसार कार्य आर.डी.एस.एस. योजना के दिशा-निर्देशानुसार साध्य नहीं पाये जाने के कारण प्रस्तावित नहीं किये जा सके थे। उक्त परिप्रेक्ष्य में कार्यावही हेतु निर्देशित किये जाने का प्रश्न ही नहीं उठता है।
जिम्मेदारों पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
53. ( क्र. 1346 ) श्री अभय मिश्रा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिक निगम रीवा अंतर्गत ईको पार्क के निर्माण बावत प्राप्त अनुमति एवं शर्तें क्या थी? अनुबंध की प्रति देते हुए बतावें। संविदाकार को किन शर्तों पर कार्यादेश दिये गये, प्रति के साथ बतावें? संविदाकार द्वारा बैंक गारंटी/अमानत राशि जो जमा की गई वो देंवे। इनका सत्यापन किन सक्षम अधिकारी द्वारा किया गया? निर्माण हेतु कितनी राशि कब-कब, किन-किन मदों से प्राप्त हुई? प्राप्त एवं व्यय राशि का विवरण प्रश्नांश दिनांक तक देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार निर्माण कार्य हेतु भूमि किस विभाग द्वारा किन शर्तों पर ली गई, की प्रति देते हुए बतावें। निर्माण हेतु शासन के निर्देश/शर्तें क्या हैं, प्रति के साथ जानकारी देवें? झूला पुल के निर्माण एवं सुधार में व्यय राशि का विवरण पृथक से देवें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार पार्क के निर्माण हेतु प्राक्कलन एवं तकनीकी स्वीकृति व मैप किन अधिकारियों द्वारा तैयार किया गया? इस हेतु शासन के निर्देश क्या थे, प्रति देते हुए बतावें? व्यय राशि की ऑडिट/अंकेक्षण कब कराई गई, प्रति देवें? निर्माण कार्य शासन के निर्देशों, प्राक्कलन व तकनीकी स्वीकृति नियम से हटकर जारी करते हुए कराए गए ऑडिट आपत्ति अनुसार वसूली नहीं की गई तो किन पर कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे पदनाम सहित जानकारी देवें, नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर पालिक निगम रीवा अंतर्गत ईको पार्क के निर्माण कार्य जन निजी भागीदारी (पी.पी.पी.) परियोजना के माध्यम से बीहर-रीवा ईको पर्यटन एवं एडवेंचर पार्क रीवा के विकास एवं संचालन हेतु निविदा आमंत्रित की गई थी, जिसमें सफल निविदाकार (संविदाकार) को अनुबंध (concession agreement) के तहत की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी म.प्र. ईको पर्यटन विकास बोर्ड एवं अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी संरक्षण) के पत्र क्रमांक/प्रोजेक्ट-1/276/2023/1314 दिनांक 14.08.2023, 1/27-8/2023/1349 दिनांक 21.08.2023 के द्वारा शर्ते अधिरोपित करते हुए ईको पर्यटन बोर्ड की कार्यवाही समिति की 51वीं बैठक में लिये गये निर्णय अनुसार तथा तथ्यों एवं अभिलेखों के परीक्षण उपरांत मेसर्स रीवा लीजर प्रायवेट लिमिटेड, मुंबई के मध्य किये गये अनुबंध अनुसार ईको पार्क रीवा के व्यवसायिक संचालन की अनुमति जारी करने हेतु वनमण्डलाधिकारी एवं क्षेत्रीय प्रबंधक म.प्र. ईको पर्यटन विकास बोर्ड, रीवा (म.प्र.) को अधिकृत किया गया, जिसके पश्चात व.म.अ. रीवा द्वारा पत्र क्रमांक ई.वि. बोर्ड/7664 दिनांक 23.08.2023 से अनुबंध की समस्त शर्तों का पालन प्रतिवेदन सफल निविदाकार (संविदाकार) को संचालन की अनुमति प्रदान की गई है। (संविदाकार) द्वारा दी गई बैंक गारंटी एवं अमानत राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। ईको पार्क के निर्माण हेतु वनमण्डल कार्यालय रीवा से कोई भी राशि खर्च नहीं की गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) नगर पालिक निगम रीवा की स्वामित्व एवं अधिपत्य की भूमि (पूर्व) एआर.टी.ओ. कार्यालय परिसर) में निर्माण कार्य किया गया है। 3.82 एकड़ (1.546 हेक्टेयर) भूमि वनभूमि है, जिसमें ईको टूरिज्म आईलैण्ड पार्क एडवेंचर (मनोरंजन) पार्क के रुप में विकसित किया गया है। निर्माण हेतु शासन के निर्देश/शर्तें क्या हैं, प्रति के साथ जानकारी का संबंध नगर निगम से संबंधित है। झूला पुल के निर्माण एवं सुधार का कार्य जन निजी भागीदारी (पी.पी.पी.) परियोजना के माध्यम से संविदाकार द्वारा स्वर्य के व्यय से किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) बीहर रीवा ईको पर्यटन एवं एडवेंचर पार्क की डिजाइन एवं ड्राइंग का परीक्षण श्री शैलेन्द्र बागरे, स्वतंत्र इंजीनियर, डॉ. अमित गजभिये, अपर संचालक Town & Country Planning रीवा/भोपाल द्वारा किया गया। ड्राइंग एवं डिजाईन, Town & Country Planning के प्लान अनुरुप पाये जाने पर ड्राइंग एवं डिजाईन को समिति द्वारा अनुमोदित किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। ईकोपर्यटन एवं एडवेंचरी पार्क में Town & Country Planning एवं (concession agreement) के अनुसार ही कार्य किया गया है। बीहर रीवा इंकोपर्यटन एवं एडवेंचर पार्क का कार्य जन निजी भागीदारी (पी.पी.पी.) परियोजना के माध्यम से मे. रीवा लीजर प्रायवेट लिमिटेड द्वारा स्वयं के व्यय से किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बैराज निर्माण में घटिया निर्माण कार्य पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
54. ( क्र. 1385 ) श्री मोहन शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 160 में मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना अंतर्गत बैराज निर्माण के लिए राशि स्वीकृत की गई थी? यदि हां, तो स्वीकृति किस वर्ष में दी गई थी एवं स्वीकृत राशि कितनी थी, कृपया विवरण सहित बताएं? (ख) क्या उक्त बैराज निर्माण कार्य में घटिया निर्माण कार्य किए जाने के संबंध में पूर्व में विधानसभा प्रश्न के माध्यम से ठेकेदार के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की गई थी? यदि हां, तो शासन द्वारा की गई जांच में किन-किन दोषियों को उत्तरदायी पाया गया और उनके विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई, कृपया स्पष्ट करें। (ग) क्या दोषी ठेकेदार एवं संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों पर अब तक कोई दण्डात्मक कार्यवाही नहीं की गई है? यदि नहीं, तो क्या कारण है एवं कार्यवाही कब तक की जावेगी? (घ) क्या विभाग द्वारा दोषियों से राशि वसूली (रिकवरी) के आदेश जारी किए गए हैं? यदि हां, तो अब तक की गई वसूली की स्थिति क्या है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। नगर पालिका परिषद नरसिंहगढ़ में मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजनान्तर्गत बैराज निर्माण कार्य के लिए वर्ष 2016-17 में राशि रू. 790.00 लाख स्वीकृत की गई थी। बैराज का कार्य पूर्ण हो चुका है। (ख) जी हाँ। बैराज निर्माण कार्य में की गई अनियमितता के संबंध में संभागीय अधीक्षण यंत्री, नगरीय प्रशासन एवं विकास, भोपाल संभाग द्वारा प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन के अनुक्रम में तत्कालीन मुख्य नगरपालिका अधिकारी एवं तत्कालीन उपयंत्री प्रथम दृष्ट्या दोषी पाये गये। जिनके आरोप पत्र जारी किए जा रहे है। (ग) संबंधित संविदाकार के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही किए जाने हेतु नगर पालिका नरसिंहगढ़ को पत्र क्र. 6560, दि. 12.06.2025 से पत्र लिखा गया है एवं उत्तरदायी पाये गये तत्कालीन मुख्य नगरपालिका अधिकारी एवं तत्कालीन उपयंत्री को आरोप पत्र जारी किए जा रहे है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जी नहीं। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
योजनाओं में शासन द्वारा स्वीकृत राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
55. ( क्र. 1389 ) श्री मोहन शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ के अंतर्गत नगर पालिका एवं नगर परिषद में वर्ष 2022 से कौन-कौन से योजनाओं से निर्माण कार्य हेतु शासन द्वारा राशि स्वीकृत की गई है? योजनावार राशि एवं योजना का नाम बताएं। (ख) यदि हाँ तो एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, अमृत, कायाकल्प एवं सी.एम.इन्फ्रा आदि योजनाओं में शासन द्वारा विधान सभा क्षेत्र के सभी निकायों में कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई हैं? वर्षवार, योजनावार बताएं। (ग) यदि हाँ तो एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, अमृत, कायाकल्प एवं सी.एम.इन्फ्रा आदि योजनाओं की राशि का उपयोग अन्य कार्यों में किया गया हैं? (घ) यदि हाँ तो योजनाओं की राशि का उपयोग अन्य कार्यों में नियम विरूद्ध किया गया हैं? यदि हाँ तो निकायों पर क्या कार्यवाही की जावेगी और कब तक यह भी बताएं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ, संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास के आदेश क्रमांक 7159 दिनांक 30/06/2025 से जांच समिति का गठन किया गया। जांच उपरांत गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अधोसंरचना विकास एवं कायाकल्प योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
56. ( क्र. 1392 ) श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में कायाकल्प योजनान्तर्गत कॉलोनियों को मुख्य सड़कों से जोड़ने के लिए नगरीय निकायों को कोई राशि आवंटित की गई है? यदि हाँ तो नगरीय निकायवार विवरण दें। (ख) क्या सड़कों के निर्माण में स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मांग के आधार पर स्वीकृत किये गये हैं? यदि हाँ तो किन-किन नगरीय निकायों में किन-किन जनप्रतिनिधियों से प्रस्ताव लिये गये? निकायवार विवरण दें। (ग) मुख्यमंत्री अधोसंरचना विकास योजना के तहत किन- किन नगरीय निकायों में मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद मंजूरी प्रदान की गई? (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार विगत वित्तीय वर्ष में राशि स्वीकृत की गई है? यदि हाँ तो किन-किन जिलों के किन-किन नगरीय निकायों में कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं, म.प्र. शासन, नगरीय विकास एवं आवास विभाग, मंत्रालय, भोपाल के आदेश क्रमांक एफ-2/1/11/0001/2023/18-2 दिनांक 06/09/2023 से कायाकल्प योजना नगरीय निकायों की सड़कों के उन्नयन/निर्माण के लिए स्वीकृत हुई है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) योजना का क्रियान्वयन म.प्र. नगर पालिका अधिनियम, 1956, म.प्र. नगर पालिका अधिनियम, 1961 तथा इसके तहत बनाये गये लेखा एवं वित्त नियम, 2018 के उपलब्धों एवं राज्य सरकार से प्रसारित दिशा-निर्देशों के अनुसार निकायों द्वारा किया जायेगा, प्रावधानित है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" एवं "ब" अनुसार है।
माननीय न्यायालय के आदेश का पालन
[नगरीय विकास एवं आवास]
57. ( क्र. 1399 ) श्री विपीन जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कॉलोनीवासियों द्वारा रिट पिटीशन क्रमांक डब्लूयूपी 24310/2019 माननीय उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर के क्रम में कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश दिनांक 19.03.2024 अनुसार कॉलोनी को हैंड ओवर कर विकसित करने हेतु आदेशित किया गया है? (ख) माननीय न्यायालय के आदेश का पालन अब तक क्यों नहीं किया गया है? कब तक आदेश का पालन कर कॉलोनी को परिषद में हैंड ओवर कर विकास कार्य किए जाएंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) प्रश्नांकित रिट पिटीशन के निर्णय में नगर पालिका परिषद मंदसौर क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 1993 में निर्मित अशोक नगर नामक कॉलोनी को नगर पालिका परिषद मंदसौर में हस्तांतरित मान्य किया गया है तथा जिला कलेक्टर, नगर पालिका परिषद अध्यक्ष एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारी को कॉलोनी के निवासियों की समस्या के निराकरण के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए निर्देशित किया गया है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार कॉलोनी नगर पालिका परिषद में हस्तांतरित मान्य की गई है तथा नगर पालिका परिषद द्वारा कॉलोनी में जनभागीदारी एवं विधायक निधि से सड़क का निर्माण तथा पानी एवं सफाई की व्यवस्था की गई है। नगर पालिका परिषद की वित्तीय स्थिति अनुसार कॉलोनी में शेष विकास कार्य भी कराये जायेंगे।
आवंटित दुकानों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
58. ( क्र. 1403 ) श्रीमती अनुभा मुंजारे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका परिषद बालाघाट में निर्मित शॉपिंग कॉम्प्लेक्स हनुमान मंदिर के पीछे (वार्ड नंबर 22) में कितनी दुकानों का निर्माण हुआ है? क्या दुकानों का आवंटन हो चुका है यदि हाँ तो किन-किन व्यक्तियों को दुकानें आवंटित हुई है आवंटन की दिनांक, आवंटित दुकानदार के नाम, पता एवं राशि की जानकारी प्रदान करते हुए किन-किन दुकानदारों पर कितनी राशि बकाया है? संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) उपरोक्त व्यक्ति आवंटित दुकानदार वर्तमान में क्या नगर पालिका परिषद बालाघाट में ठेकेदारी का कार्य कर रहे हैं या नहीं? यदि कर रहे हैं तो राशि उनके ऊपर कितनी बकाया हैं? उनसे वसूली क्यों नहीं की जा रही है? वर्तमान में उक्त व्यक्तियों के नाम से नगर पालिका में कितने कार्यों के कार्यादेश दिए गए हैं? संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) वर्तमान में परिसर के प्रथम तल का टेंडर किसके नाम से स्वीकृत हुआ है यदि आवंटित दुकानदार के नाम से कार्य स्वीकृत हुआ है तो उनके ऊपर बकाया राशि को वसूल क्यों नहीं की जा रही?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) 8 दुकानों का निर्माण कराया गया है। जी हां। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हां। आंवटित दुकानों में से श्री गजेन्द्र भारद्वाज एवं श्री रवि झा द्वारा नगर पालिका परिषद बालाघाट में ठेकेदारी कर रहे है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। संबंधितों को वसूली के संबंध में सूचना पत्र जारी किए गए है। संविदाकार श्री रवि झा को 02 कार्य आदेश एवं श्री गजेन्द्र भारद्वाज को 09 कार्यादेश नगर पालिका परिषद बालाघाट द्वारा दिया गया है। (ग) वर्तमान में परिसर के प्रथम तल का टेंडर ओम सांई कन्सट्रक्शन प्रो.श्री गजेन्द्र भारद्वाज को स्वीकृत है। दुकान के बकाया राशि वसूली के संबंध में नगर पालिका परिषद बालाघाट द्वारा संबंधितों को सूचना पत्र जारी किया गया है, प्रकरण पर निर्णय हेतु परिषद के समक्ष रखा जा रहा है।
जलभराव की समस्या
[नगरीय विकास एवं आवास]
59. ( क्र. 1404 ) श्रीमती अनुभा मुंजारे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका परिषद बालाघाट ने वर्ष 2009 से प्रश्न दिनांक तक हृदय स्थल हनुमान चौक में जलभराव की समस्या के निराकरण हेतु किस-किस निधि से कौन-कौन से नालों का कहां से कहां तक निर्माण कराया गया है? (ख) जलभराव की समस्या के निराकरण के लिए खर्च की गई राशि से जलभराव की समस्या का निराकरण न हो पाना दर्शाता है कि नगर पालिका द्वारा जो निर्माण कार्य कराए जा रहे हैं वह समस्या के निदान के लिए नहीं अपितु राशि खर्च करने के लिए कराये जा रहे हैं ऐसी स्थिति में शासन के करोड़ों रुपए खर्च होने पर समस्या का निदान न होने के कारण ऐसे कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही की गई है या की जाएगी? किस अधिकारी/ इंजीनियर जिनकी अनुशंसा पर शासन का करोड़ों रुपए खर्च हुआ है? नाम स्पष्ट करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार हैं। (ख) अतिवृष्टि से जलभराव होता है परन्तु वर्षा उपरान्त नालों के माध्यम से पानी का निकास शीघ्र हो जाता है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रश्नकर्ता के पत्रों पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
60. ( क्र. 1425 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरीय विकास एवं आवास विभाग में प्रमुख सचिव महोदय को 7 फरवरी, 2025 को प्रश्नकर्ता के द्वारा जमा पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई, कब किस अधिकारी को कार्यवाही के लिए आवंटित किया, क्या पत्रों पर जवाब प्रेषित किए गए, का गौशवारा बनाकर मय दस्तावेज प्रदाय करें। यदि जवाब प्रेषित नहीं किए गए तो क्यों नहीं किए गए, स्पष्ट कारण बताएं एवं कब तक किए जाऐंगे, समय अवधि बताएं। (ख) पत्र क्रमांक/137/शा-11/परिवहन/2025/10708 भोपाल दिनांक 27/05/2025 प्रति मुख्य कार्यपाल अधिकारी का बी.सी.एल.एल. विभाग द्वारा दिए गए जवाब की, इस पत्र में सभी आश्वासन के उत्तर एवं इसके अतिरिक्त जो आश्वासन एवं ध्यान आकर्षण लंबित है, की छायाप्रति प्रदान करें। (ग) बी.सी.एल.एल. के कार्यकलाप एवं फन्डिंग की मॉनीटरिंग हेतु नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक किन अधिकारियों को कार्य आवंटित किया, नाम, पद, कार्य एवं समय अवधि का गौशवारा बनाकर जानकारी प्रदाय करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) चाही गई जानकारी का गौशवारा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। बी.सी.एल.एल. कार्यालय द्वारा जवाब तैयार किया जा रहा है तथा निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) इस संबंध में संचालनालय द्वारा कोई आदेश जारी नहीं किया गया है।
विद्युत व्यवस्था एवं ट्रांसफार्मरों की जानकारी
[ऊर्जा]
61. ( क्र. 1426 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा कुक्षी में कई ग्रामीण क्षेत्रों व उनके मोहल्ले मजरे टोलों में आज भी विद्युत लाइन की अनुपलब्धता है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि हाँ तो इन ग्रामीणजनों को कब तक विद्युत व्यवस्था से लाभान्वित किया जाएगा? समय-सीमा बताएं। (ग) क्या शासन द्वारा ट्रांसफॉर्मरों को अनुदान के रूप में दिए जाने की पूर्व में कोई योजना संचालित थी यदि हाँ तो कौन सी योजना के तहत अनुदान सहायता से ट्रांसफार्मर रखवाए जा रहे थे यदि नहीं तो क्या इस प्रकार की कोई योजना शासन द्वारा तैयार की जाएगी जिससे समस्त ग्रामों के मजरे एवं टोलो व मोहल्लो में रह रहे ग्रामीणजनों को विद्युत का लाभ मिल सके? (घ) विधानसभा कुक्षी में पिछले 05 वर्षों में कुल कितने कार्य स्वीकृत हुए और कितने कार्य विभाग द्वारा पूर्ण किए गए और कितने आज दिनांक तक प्रारंभ भी नहीं किए गए जानकारी उपलब्ध करवाएं।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं, म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के धार जिले के विधानसभा क्षेत्र कुक्षी के समस्त राजस्व ग्राम एवं उनके चिन्हित मजरे/टोले विद्युतीकृत हैं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता है। (ग) जी हाँ। कृषकों को स्थायी कृषि पंप कनेक्शन प्रदाय करने हेतु राज्य शासन की अनुदान आधारित ''मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पंप कनेक्शन योजना'' (पूर्ववर्ती कृषक अनुदान योजना को समाहित करते हुए) दिनांक 31.03.2019 तक संचालित थी। उल्लेखनीय है कि विद्युतीकरण हेतु निर्धारित नीति अनुसार सर्वप्रथम प्रदेश के सभी आबाद ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य एवं तदुपरांत आबाद ग्रामों के चिन्हित मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य वित्तीय उपलब्धता अनुसार क्रमश: केन्द्र शासन की विभिन्न विद्युतीकरण की योजनाओं यथा राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना एवं दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में किया गया। तदुपरांत सौभाग्य योजना के प्रावधानों के अंतर्गत शत-प्रतिशत घरों के विद्युतीकरण का कार्य किया गया, किन्तु इस योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार खेतों में दूर-दूर अवस्थित घरों को तकनीकी एवं वित्तीय साध्यता नहीं होने के कारण योजना में सम्मिलित नहीं किया गया। तदनुसार विधानसभा क्षेत्र कुक्षी सहित धार जिले के समस्त राजस्व ग्राम एवं संसूचित मजरे/टोले शत-प्रतिशत विद्युतीकृत है। नवीन मजरों/टोलों/फल्यों का निर्माण होना एक सतत् प्रक्रिया है। वर्तमान में केन्द्र शासन की धरती आबा-जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र कुक्षी क्षेत्र सहित धार जिले हेतु कुल 3454 घरों के विद्युतीकरण हेतु लागत राशि रू. 2462.55 लाख की कार्य योजना की स्वीकृति हुई है। (घ) प्रश्नाधीन क्षेत्रान्तर्गत प्रश्नांश में उल्लेखित अवधि में एस.एस.टी.डी. योजना, आर.डी.एस.एस. योजना एवं जिला खनिज प्रतिष्ठान मद में स्वीकृत कार्य, पूर्ण किये गए कार्य, प्रगतिरत कार्य एवं प्रारंभ नहीं किये गए कार्यों का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
रेल्वे ओव्हर ब्रिज का जीर्णशीर्ण
[ऊर्जा]
62. ( क्र. 1438 ) श्री नारायण पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता विधानसभा क्षेत्र मांधाता में स्थित संत सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना के संचालन हेतु रेल्वे लाईन डालकर कोयले का परिवहन किया जाता है, ग्राम गोराडिया में रेल्वे लाईन पर ब्रिज का निर्माण कराया गया था जो लगभग 15 वर्ष पुराना हो चुका है, इस ब्रिज के दोनों ओर लगभग 460 मीटर ब्रिज एप्रोच रोड है जो वर्तमान में अत्यंत खराब अवस्था में है एवं आये दिन हादसे होते रहते है तथा किसी बड़ी दुर्घटना को कारण बन सकता है। (ख) उक्त ब्रिज का संधारण कार्य किस विभाग के पास है? ब्रिज के दोनों ओर के जीर्ण-शीर्ण एप्रोच रोड का पुनर्निर्माण अथवा मरम्मत कार्य किस विभाग द्वारा कब तक कराया जाएगा? क्या कोई कार्ययोजना बनाई गई है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। मंधाता विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना के संचालन हेतु आवश्यक कोयले के परिवहन के लिए रेलवे लाईन का उपयोग किया जाता है। उक्त क्रम में ग्राम गोराडिया में रेलवे लाईन पर ब्रिज का निर्माण कराया गया था, जो लगभग 15 वर्ष पुराना नहीं, अपितु 11 वर्ष पुराना हो चुका है। उक्त ब्रिज के दोनों ओर लगभग 460 मीटर ब्रिज एप्रोच रोड है, जो वर्तमान में मोटरबेल स्थिति में है। (ख) रेलवे लाईन का हिस्सा होने के कारण उक्त ब्रिज का संधारण मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के पास है। ब्रिज के दोनों ओर की 460 मीटर एप्रोच रोड, जो कि बीड से गोराडिया (कुल लंबाई 3.1 कि.मी.) मुख्य सड़क का ही भाग है, का वर्तमान में स्वामित्व लोक निर्माण विभाग के पास है। लोक निर्माण विभाग, म.प्र. शासन द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार, उक्त एप्रोच रोड का आवश्यकतानुसार समय-समय पर संधारण कार्य किया जा रहा है। वर्तमान में उक्त मार्ग के पुनर्निर्माण की स्वीकृति/प्रस्ताव किसी भी योजनान्तर्गत नहीं होने के दृष्टिगत समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सड़क का पुनर्निर्माण
[ऊर्जा]
63. ( क्र. 1439 ) श्री नारायण पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संत सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना दोंगालिया वर्ष 2014 में प्रारम्भ हुई थी परियोजना में 660 मेगावाट क्षमता की 3 और 4 नंबर यूनिटे भी शामिल हैं। जो वर्तमान में 2520 मेगावाट बिजली का उत्पादन करती है, के पहुंच मार्ग के रूप में पूर्व में संत बुखारदास बाबा मूंदी से स्ट्रीट लाईटो से सुसज्जित सड़क ताप विद्युत परियोजना तक और बीड़-मूंदी सड़क बनाई गई थी, जो वर्तमान में संत सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना के भारी वाहनों के यातायात दबाव एवं आवाजाही के कारण अत्यंत खराब अवस्था में होकर जीर्ण-शीर्ण हो चुकी है? (ख) क्या विभाग द्वारा इन दोनों सड़को के पुनर्संधारण और उन्नयन कार्य के लिए कोई कार्ययोजना बनाई गई है? यदि हाँ तो किस विभाग के द्वारा इन सड़को का पुनर्निर्माण/संधारण या उन्नयन किया जायेगा तथा कब तक सड़को का पुनर्संधारण और उन्नयन कार्य पूर्ण होने की संभावना है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी अंतर्गत श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना दोंगलिया से वर्ष 2014 में विद्युत उत्पादन प्रारंभ हुआ था एवं वर्तमान में उक्त विद्युत परियोजना की स्थापित क्षमता 2520 मेगावाट है। उक्त परियोजना के पहुंच मार्ग हेतु संत बुखारदास बाबा मंदिर, मूंदी से पुरनी फाटा तक की सड़क (कुल लंबाई 1.6 कि.मी.), पुरनी फाटा से ताप विद्युत परियोजना तक की सड़क (कुल लंबाई 4.8 कि.मी.) एवं बीड-मूंदी (व्हाया मोहद) सड़क की कुल लंबाई 6.4 कि.मी.) क्रमश: एन.एच.डी.सी., एम.पी.आर.डी.सी. एवं लोक निर्माण विभाग से संबंधित है। (ख) उपरोक्त सड़कों का स्वामित्व एवं आधिपत्य मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड का नहीं होने के दृष्टिगत उक्त सड़कों के पुनर्संधारण/उन्नयन कार्य हेतु कंपनी की कोई कार्य योजना नहीं है। म.प्र. रोड़ डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार पुरनी फाटा से ताप विद्युत परियोजना की सड़क (कुल लंबाई 4.8 कि.मी.) की स्थिति वर्तमान में अच्छी होने के दृष्टिगत उक्त सड़क के पुनर्संधारण/उन्नयन कार्य हेतु वर्तमान में कोई कार्य योजना नहीं है। लोक निर्माण विभाग, म.प्र. शासन द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार बीड-मूंदी (व्हाया मोहद) सड़क की कुल लंबाई 6.4 कि.मी. में से 3.08 कि.मी. सड़क परफार्मेंस गारंटी अंतर्गत है, जिस पर संबंधित ठेकेदार द्वारा आवश्यकतानुसार मरम्मत कार्य किया जा रहा है एवं शेष 3.32 कि.मी. सड़क विभागीय संधारण अंतर्गत है, जिसका संधारण कार्य आवश्यकतानुसार समय-समय पर किया जा रहा है। भारी वाहनों के दबाव एवं यातायात के कारण ग्राम मोहद में 0.46 कि.मी. की सड़क जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है। उक्त मार्ग का यह भाग किसी भी योजना एवं बजट में सम्मिलित नहीं होने के दृष्टिगत समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
वेदा नदी पर पुल निर्माण की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
64. ( क्र. 1442 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत भीकनगांव से झिरन्या मार्ग पर वेदा नदी पर सेतु निगम द्वारा पुल निर्माण कार्य प्रस्तावित किया गया है? हाँ तो कितनी लागत का प्राक्कलन बनाया गया है तथा शासन स्तर पर स्वीकृति हेतु कहां पर लंबित है? (ख) क्या उक्त पुल की प्रशासकीय स्वीकृति जारी हो गई है? नहीं तो क्या कारण है तथा कब तक प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। लागत राशि रूपये 3776.42 लाख। सक्षम समिति से अनुमोदन उपरान्त प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जायेगी। (ख) जी नहीं। सक्षम समिति से अनुमोदन उपरान्त प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जायेगी। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विभागीय योजनाओं की जानकारी
[पशुपालन एवं डेयरी]
65. ( क्र. 1444 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत पशुपालन विभाग द्वारा विगत 02 वर्षों से कौन-कौन सी योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है? कृपया योजनावार पात्रता की जानकारी प्रदान करें। (ख) उक्त योजनाओं में वर्ष 2023-24, 2024-25 एवं 2025-26 में कितना लक्ष्य प्राप्त हुआ है? विकासखण्डवार, योजनावार प्राप्त लक्ष्य की जानकारी प्रदान करें। (ग) क्या उक्त प्राप्त लक्ष्य की तुलना में शत-प्रतिशत लक्ष्य अनुसार लाभ प्रदान किया गया है? यदि हाँ तो योजनावार प्रदान लाभार्थियों की सूची एवं प्राप्त अनुदान की राशि सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) क्या विभागीय योजनाओं के संबंध में प्राप्त लक्ष्य की जानकारी क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों को उपलब्ध कराई गई है? नहीं तो क्या कारण है? क्या इस प्रकार पुनरावृत्ति न हो इसके लिए कोई कार्यवाही की जायेगी?
राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) विगत 02 वर्षों से विभागीय निम्नलिखित योजनाओं का क्रियान्वयन किया गया है:-1. आचार्य विद्यासागर गौसंवर्धन योजना 2. समुन्नतत मुर्रा पाड़ा प्रदाय योजना 3. नन्दीशाला योजना 4. बकरी इकाई (10+1) योजना, उक्त योजनाओं में सभी वर्ग के हितग्राही पात्रता की श्रेणी में आते है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हां। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हां। जनपद पंचायत एवं जिला पंचायत की विभिन्न बैठकों में जानकारी उपलब्ध कराई जाती है।
मार्केट की शिफ्टिंग
[नगरीय विकास एवं आवास]
66. ( क्र. 1458 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल के 5 नंबर स्थित रविशंकर शुक्ल (आर.एस.एस.) मार्केट को पास के ही रेसीडेंशियल इलाके के खेल मैदान में शिफ्ट किया जा रहा है? (ख) रविशंकर शुक्ल (आर.एस.एस.) मार्केट को पास के ही रेसीडेंशियल इलाके के खेल मैदान में स्थानांतरण के संबंध में स्थानांतरण की घोषणा दिनांक से प्रश्न दिनांक तक किस-किस से, किस दिनांक को, किन-किन विषयों के तहत आवेदन/प्रतिवेदन/पत्र प्रेषित किया? उस पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) स्थानांतरण की घोषणा दिनांक से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नकर्ता ने किन विषयों से संबंधित किस-किस को पत्र लिखे? उक्त पत्र पर की गई कार्यवाही की प्रति सहित जानकारी देवें। (घ) रविशंकर शुक्ल (आर.एस.एस.) मार्केट को रेसीडेंशियल इलाके में और बच्चों के खेलने के मैदान पर अतिक्रमण करके शिफ्ट करने का क्या कारण है? (ङ) मार्केट के शिफ्टिंग के लिए क्या रेसीडेंशियल इलाके के लोगों और बच्चों से सहमति ली गई? यदि हाँ तो उसकी प्रति देवें। यदि नहीं तो विधिसम्मत कारण बताएं। (च) क्या मार्केट की शिफ्टिंग उक्त रेसीडेंशियल इलाके में बच्चों के खेलने के मैदान पर न करते हुए किसी अन्यत्र जगह पर शिफ्टिंग करने की शासन की योजना है? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो विधिसम्मत कारण बताएं। (छ) बच्चों के खेलने के मैदान पर और रेसीडेंशियल इलाके में मार्केट नहीं बनाने के लिए क्या-क्या नियम और प्रावधान हैं? प्रति सहित बताएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। (ख) उक्त योजना के समीप अन्य कोई उचित स्थान न होने पर तथा दुकानदारों द्वारा उक्त स्थल पर अस्थायी दुकानें बनाने पर सहमति उपरान्त ही उक्त स्थल पर अस्थायी तौर पर दुकानों का निर्माण कार्य किया गया है। कलेक्टर भोपाल की अध्यक्षता में मान. विधायक एवं अन्य आर.एस.एस. मार्केट के प्रतिनिधि की उपस्थिति में बैठक दिनांक 08.08.2024 को सम्पन्न हुई, जिसका कार्यवाही विवरण दिनांक 23.08.2024 को जारी किया गया है, पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। उसके बिन्दु क्रमांक 6 में उल्लेख है कि "व्यवसायिक दुकानों के आवंटियों को मण्डल योजना स्थल के समीप व्यापारियों द्वारा बताये गये स्थल पर ही अस्थायी सर्वसुविधायुक्त दुकानें निर्मित कर उपलब्ध कराई जायें" का उल्लेख है। दुकानों के अस्थाई विस्थापन के संबंध में मानव अधिकार आयोग भोपाल के रजिस्ट्रार का पत्र क. 5316, दिनांक 28.02.2024 को प्राप्त हुआ है, पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है, जिसका प्रतिउत्तर आयुक्त, म.प्र. गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल के पत्र क्र. 490, दिनांक 13.03.2024 द्वारा दिया गया है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। माननीय विधायक श्री हिरालाल अलावा द्वारा लिखे गये पत्र क्र. 945, दिनांक 15.04.2025 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है एवं पत्र क्र. 1028, दिनांक 27.06.2025 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'इ' अनुसार है, का प्रतिउत्तर कार्यपालन यंत्री, संभाग कमांक-2 भोपाल के पत्र क्र. 2891, दिनांक 11.06.2025 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ई' अनुसार है एवं पत्र क्र. 3600, दिनांक 07.07.2025 द्वारा दिया गया है, पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'उ' अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार। (घ) रविशंकर शुक्ला (आर.एस.एस.) मार्केट की खुली भूमि पर अतिक्रमण नहीं किया गया अपितु कलेक्टर, भोपाल एवं स्थानीय विधायक की अध्यक्षता में संपन्न बैठक अनुसार अस्थाई रूप से खुली भूमि पर स्थानांतरित किया गया। (ड.) उत्तरांश (घ) के परिप्रेक्ष्य में अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। पृथक से अन्य रहवासी एवं बच्चों की सहमति की आवश्यकता नहीं है। (च) जी नहीं। रविशंकर मार्केट की व्यवसायिक दुकानों की शिफ्टिंग पूर्णतः अस्थाई है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (छ) उक्त दुकाने पूर्णतः अस्थाई है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बीआरटीएस को हटाने की प्रक्रिया
[नगरीय विकास एवं आवास]
67. ( क्र. 1459 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर के बीआरटीएस को हटाने के लिए माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा और हाईकोर्ट आदेश की प्रतियां देवें। किन कारणों से बीआरटीएस नहीं हटाया गया है? (ख) निगम ने बीआरटीएस का कौन सा हिस्सा हटाकर बीआरटीएस को हटाने की प्रक्रिया किस दिनांक को शुरू की, किन कारणों से आम जनता को बीआरटीएस में वाहन चलाने से प्रतिबंध किया हुआ है, क्या बीआरटीएस अपने मूल स्वरूप में बचा है? (ग) किस नाम/पदनाम के व्यक्तियों ने बीआरटीएस में आम जनता को वाहन चलाने की अनुमति जारी करने के आवेदन/शिकायत प्रस्तुत की है। आवेदनों/शिकायतों पर दिए प्रतिवेदनों की प्रतियां देवें। (घ) बीआरटीएस को हटाने के लिए किन शर्तों के साथ कितनी बार टेंडर जारी किए गए है, कितनी राशि में बीआरटीएस को हटाने के टेंडर प्राप्त हुए है, टेंडर स्वीकृत नहीं करने के कारण बतावें। (ङ) वर्तमान में बीआरटीएस में विज्ञापन सहित किस प्रकार के टेंडर, कितनी राशि में, किस अवधि तक के लिए स्वीकृत है, विवरण और आदेशों की प्रतियां देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) माननीय मुख्यमंत्रीजी मध्यप्रदेश शासन द्वारा इन्दौर बीआरटीएस के मूल स्वरूप को पूर्ण रूप से हटाने की घोषणा की गई है। मान. उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा बीआरटीएस को हटाने हेतु याचिका क्रमांक 36413/2024 में दिनांक 27/02/2025 को आदेश पारित किये गये है। माननीय उच्च न्यायालय आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–अ अनुसार है। बीआरटीएस हटाने हेतु निविदा प्रक्रिया प्रचलन में है, दो बार निविदा प्राप्त नहीं होने से तीसरी बार निविदा आमंत्रित की गई है। निविदा प्राप्त नहीं होने से बीआरटीएस नहीं हटाया गया है। (ख) नगर निगम, इन्दौर द्वारा दिनांक 28/02/2025 को बीआरटीएस कॉरिडोर पर जीपीओ से शिवाजी वाटिका तक रेलिंग हटाने हेतु कार्यवाही की गई है। तत्पश्चात संपूर्ण बीआरटीएस को हटाने हेतु निविदा आमंत्रित की गई है। वर्तमान में माननीय उच्च न्यायालय, खण्डपीठ, इन्दौर द्वारा याचिका क्रमांक 12234/2019 में दिनांक 02.07.2025 को आदेश पारित कर बीआरटीएस संचालित रहने तक केवल आई. बस, ऐंबुलेंस एवं पुलिस वाहन को ही बीआरटीएस उपयोग की अनुमति दी गई है। निजी वाहनों को बीआरटीएस कॉरिडोर उपयोग की अनुमति नहीं दी गई है। माननीय उच्च न्यायालय आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। (घ) बीआरटीएस को हटाने के लिए 03 बार निविदा आमंत्रित की गई। प्रथम निविदा विज्ञप्ति क्रमांक 04 दिनांक 17/04/2025 को जारी किये गये टेंडर की शर्तें पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। प्रथम बार निविदा प्राप्त नहीं होने से द्वितीय बार निविदा जारी की गई, जिसका निविदा विज्ञप्ति क्रमांक 18 दिनांक 22/05/2025 है। निविदा शर्तें पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। द्वितीय बार भी निविदा प्राप्त नहीं होने से तृतीय बार निविदा जारी की गई जिसका निविदा विज्ञप्ति क्रमांक 33 दिनांक 19/06/2025 है। जिसकी निविदा प्राप्ति की अंतिम दिनांक 18/07/2025 नियत है। निविदा शर्तें पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-तीन अनुसार है। (ड.) इन्दौर एस.पी.वी.ए.आ.ई.सी.टी.एस.एल. द्वारा वर्तमान में बीआरटीएस कॉरिडोर पर संचालित टेंडर के विवरण एवं आदेश की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार है। ए.आ.ई.सी.टी.एस.एल. द्वारा अनुबंधित विज्ञापन एजेन्सी का अनुबंध समाप्त किया गया है, वर्तमान में बीआरटीएस कॉरिडोर पर कोई भी विज्ञापन एजेन्सी अनुबंधानुसार प्रचलन में नहीं है।
पत्रों पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
68. ( क्र. 1465 ) श्री राकेश शुक्ला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अक्टूबर 2024 से जून 2025 तक प्रश्नकर्ता द्वारा आयुक्त नगर निगम इंदौर एवं उनके अधिकारियों को कितने पत्र लिखे गए और उन पर क्या कार्यवाही की गयी? (ख) यदि की गई तो की गई कार्यवाही का संपूर्ण ब्यौरा प्रदान करें। (ग) यदि नहीं की गई तो क्या कारण रहा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) कुल 46 पत्र प्राप्त हुए है, की गयी कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में समाहित है। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नगर परिषद कैलारस के विस्थापित दुकानदारों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
69. ( क्र. 1496 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2012 में नगर परिषद कैलारस अंतर्गत कितनी पक्की दुकानों एवं गुमटियों को किस आदेश के तहत तोड़ा गया? आदेश की प्रति एवं विस्थापित दुकानदारों व गुमटी संचालकों की सूची उपलब्ध कराएं। (ख) 2012 के पश्चात् नगर परिषद कैलारस द्वारा किस-किस स्थान पर कितनी लागत से कितनी दुकानों निर्माण कराया गया तथा किस दुकान का विक्रय किस प्रक्रिया के तहत किस व्यक्ति को कितनी कीमत पर कब-कब किया गया एवं वर्तमान में कितनी दुकानों अविक्रित है? सम्पूर्ण जानकारी दस्तावेजों सहित उपलब्ध कराएं। (ग) क्या 2012 में विस्थापित दुकानदारों को पूर्व से निर्मित दुकानों के आवंटन अथवा नवीन दुकान निर्माण कराया जाकर आवंटन हेतु माननीय न्यायालय/शासन द्वारा नगर परिषद कैलारस को आदेश दिया गया है एवं दुकानदारों को आवंटन हेतु नवीन दुकानों के निर्माण के लिए नगर परिषद कैलारस को भूमि आवंटित की गयी है? यदि हाँ तो क्या कार्यवाही प्रचलन में है? जानकारी दस्तावेज सहित प्रदान करें। (घ) नगर परिषद कैलारस में दुकान विक्रय में अनियमितताओं एवं भ्रष्टाचार के संबंध में आम जनता एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा क्या-क्या शिकायतें की गई है एवं उन पर क्या कार्यवाही हुई? दस्तावेज सहित जानकारी प्रदान करें। (ङ) नगर परिषद कैलारस विगत पांच वर्ष में कितने दै.वे.भो. कर्मचारियों की नियुक्तियां की गई है? वर्षवार सूची नाम,पता, वर्तमान दायित्व, नियुक्ति-दिनांक सहित प्रदान करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) वर्ष 2012 में राजस्व विभाग, लोक निर्माण विभाग तथा रेल्वे द्वारा संयुक्त अभियान चलाकर नगर पालिका स्वामित्व की 209 पक्की दुकानें तथा 200 से अधिक अस्थाई गुमठियों को तोडा गया था। प्रशासन द्वारा सीधे दुकानदारों को नोटिस जारी किये गये थे। निकाय स्वामित्व की दुकानों को तोड़ने का निकाय को तत्समय कोई भी आदेश प्रदाय नहीं किये जाने से आदेश की प्रति दी जाना संभव नहीं है। विस्थापित दुकानदारों एवं गुमठी संचालकों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) निकाय द्वारा वर्ष 2012 के पश्चात ट्रान्सपोर्ट नगर के पीछे 45 दुकानें लागत मूल्य राशि रूपये 4419948/- एवं बस स्टैण्ड के पीछे 30 दुकानें लागत मूल्य राशि रूपये 32,03,175/- में निर्माण कार्य कराया गया। उक्त निर्मित दुकानों में से 26 दुकानें मध्यप्रदेश नगरपालिका (अचल सम्पत्ति का अंतरण) नियम 2016 के प्रावधानों के अनुक्रम में ऑनलाईन विक्रय की गई है। विक्रय की गई दुकानों की सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। वर्तमान में 49 दुकानें विक्रय हेतु शेष है। (ग) जी नहीं। नगरपरिषद कैलारस को कलेक्टर जिला मुरैना द्वारा प्रकरण क्रमांक 67/2012-13/अ-19 (3) में पारित आदेश दिनाक 21.01.2013 के माध्यम से दुकान निर्माण एवं अन्य प्रयोजना हेतु भूमि आवंटित की गई। दुकानों के निर्माण हेतु दिनांक 08.07.2025 को समाचार पत्र में निविदा विज्ञप्ति जारी की गई है। आवंटन आदेश एवं विज्ञप्ति की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (घ) नगर परिषद कैलारस को कोई शिकायत प्राप्त न होने से जानकारी निरंक है। (ङ) निकाय द्वारा गत पाँच वर्षों में नियुक्ति किये गये अस्थाई दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है।
टोल वसूली की पिटीशन
[लोक निर्माण]
70. ( क्र. 1497 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कितनी टोल रोड फोरलेन तथा सिक्सलेन है? ग्रांट घटाने के बाद उनकी लागत कुल कितनी है? प्रारंभ से 30 जून, 2025 तक कुल तथा प्रत्येक सड़क अनुसार कितना टोल वसूल हो चुका है? वह लागत का कितना प्रतिशत है? (ख) क्या लेबड-जावरा तथा जावरा-नयागांव टोल रोड पर लागत से कई गुना अधिक टोल वसूली को लेकर उच्चतम न्यायालय में पिटीशन विचाराधीन है? यदि हाँ तो पिटीशन नंबर, वादी-प्रतिवादी का नाम, विभाग द्वारा पेश जवाब एवं जवाब की दिनांक, अंतिम सुनवाई की दिनांक, आगामी सुनवाई की दिनांक आदि पूर्ण जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित पिटीशन में वादी के द्वारा माननीय उच्चतम न्यायालय से क्या प्रार्थना (प्रेयर) की गई हैं? क्या इस विषय पर उच्च न्यायालय इंदौर ने पिटीशन खारिज कर दी थी? (घ) जनहित में लगाई गई पिटीशन का शासन द्वारा उच्चतम न्यायालय में विरोध करने का लीगल कारण क्या है? क्या शासन यह चाहता है कि टोल कंपनी अपनी लागत से 15 से 20 गुना टोल वसूल करें, जबकि डीपीआर तथा अनुबंध में प्रोजेक्टेड राशि से कई गुना ज्यादा टोल वसूली हो चुकी है? जनता के हित के स्थान पर कंशेसनर के हित का संरक्षण उच्चतम न्यायालय में शासन क्यों कर रहा है? पूर्ण जानकारी मय दस्तावेज प्रदान करें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–'अ' अनुसार। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–'ब' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–ब अनुसार। (घ) अनुबंध के प्रावधानों का पालन निगम द्वारा किया जाना है। जी नहीं। कंसेशन अनुबंध के प्रावधानुसार माननीय न्यायालय में शासन का पक्ष रखा जा रहा है।
जल भराव की स्थिति
[नगरीय विकास एवं आवास]
71. ( क्र. 1499 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुरैना नगर पालिका द्वारा मानसून पूर्व शहर के प्रमुख नालों की नियमित सफाई करवाई गई है? यदि हाँ, तो कब और किन-किन स्थानों पर यह कार्य हुआ? (ख) मुरैना शहर के किन क्षेत्रों में हर वर्ष जलभराव की गंभीर स्थिति बनती है और उन क्षेत्रों के स्थायी समाधान हेतु कौन-कौन से प्रस्ताव या योजनाएँ बनाई गई हैं? (ग) नालों की नियमित सफाई हेतु नगर पालिका को वित्तीय वर्ष 2023-24 में कितनी राशि आवंटित की गई थी और उसमें से कितनी राशि व्यय की गई? क्या कई नालों पर अतिक्रमण होने से जल निकासी बाधित हो रही है? यदि हाँ, तो अतिक्रमण हटाने हेतु प्रशासन द्वारा क्या कदम उठाए गए हैं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हां। मुरैना नगर पालिका द्वारा मानसून के पूर्व शहर के प्रमुख नालों की नियमित सफाई करवाई गई हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मुरैना शहर में कोई भी जलभराव की स्थिति निर्मित नहीं होती है। (ग) नालों की सफाई हेतु वित्तीय वर्ष 2023-24 में कोई राशि आवंटित नहीं की गई है। निकाय में न्यू हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी वार्ड क्र.- 46 में जल निकासी बाधित की समस्या बनी थी जिसमें निकाय द्वारा कार्यवाही करते हुये अतिक्रमण को तोड़कर जल निकासी का कार्य कराया गया है।
सड़कों की गुणवत्ता एवं बजट व्यय
[लोक निर्माण]
72. ( क्र. 1501 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुरैना जिले में पिछले तीन वर्षों में किसी नई सड़क, पुल एवं ओवर ब्रिज का निर्माण लोक निर्माण विभाग द्वारा किया गया है? यदि हाँ, तो उनकी पूरी सूची एवं वर्तमान स्थिति बताई जाए। आगामी दो वर्षों में कौन-कौन से सड़क निर्माण कार्य स्वीकृत करने की योजना बनाई है? सूची देवें। (ख) मुरैना जिले में किन-किन सड़कों, पुल व ओवरब्रिज की हालत अत्यंत खराब है और लोक निर्माण विभाग द्वारा उनके पुनर्निर्माण या मरम्मत के लिए क्या कार्ययोजना बनाई गई है? (ग) मुरैना जिले में लोक निर्माण विभाग को सड़क निर्माण/मरम्मत हेतु वित्तीय वर्ष 2023-24 में कितनी राशि स्वीकृत की गई थी और उसमें से कितनी राशि व्यय की गई? (घ) क्या मुरैना जिले में गत 4 वर्षों में लोक निर्माण विभाग द्वारा किए गए निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की जाँच गई है? यदि हाँ, तो किन एजेंसियों द्वारा और किन निर्माण कार्यों में दोष पाए गए हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। आगामी 02 वर्षों हेतु कोई योजना क्रियान्वयन में नहीं है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है, मार्ग को यातायात सुगम रखने हेतु उपलब्ध संसाधन अनुसार कार्यवाही की जा रही है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) जी हॉं, विगत 04 वर्षों में लोक निर्माण विभाग संभाग मुरैना द्वारा सम्पादित कार्यों की समय-समय पर मापदण्डानुसार गुणवत्ता की जांच की जाती है, जिस क्रम में निर्माण कार्य रिठौरा बिचौला मार्ग से छिछावली का पुरा व्हाया पिलुआ मार्ग लम्बाई 3.45 कि.मी. की म.प्र. शासन लोक निर्माण विभाग भोपाल के पत्र क्र. 2009/1798/क्यू.सी/2024/19/यो भोपाल दिनांक 04 जून, 2024 से श्री सियाराम हर्षाना एडवोकेट की शिकायत की जांच अधीक्षण यंत्री मण्डल ग्वालियर द्वारा की गई। जांच उपरांत दोषी पाए गये अधिकारियों के आरोप पत्र प्रमुख अभियंता, लो.नि.वि. भोपाल के पत्र क्रमांक 225 दिनांक 23-05-2025 द्वारा शासन को प्राप्त है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है।
स्वीकृत सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
73. ( क्र. 1503 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बजट 2024-25 में जिला ग्वालियर की सड़कों को सम्मिलित गया था? यदि हां तो विधानसभावार एवं स्वीकृति राशि सहित जानकारी दी जावे। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में स्वीकृत सड़कों में से किन-किन सड़को को प्रशासकीय स्वीकृति एवं निविदा आमंत्रित की गई है? यदि स्वीकृति एवं निविदा नहीं की गई तो क्या कारण रहे। सड़कों के नाम एवं स्थान सहित जानकारी दी जावे। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि में जिन सड़कों का निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है, उनका कार्य कब तक प्रारम्भ कर दिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
बिजली चोरी के दर्ज प्रकरण
[ऊर्जा]
74. ( क्र. 1505 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला ग्वालियर में 01 जनवरी, 2024 से 30 मई, 2025 तक हितग्राहियों के खिलाफ कितने बिजली चोरी के प्रकरण दर्ज किये गये? विद्युत फीडरवार संख्यात्मक जानकारी दी जावे। (ख) ग्वालियर शहर में विद्युत चोरी के रोकधाम के लिये विभाग द्वारा विद्युत पोल से तार हटाकार पी.बी.सी. युक्त केबलिंग का कार्य किस वर्ष में शुरू किया गया था? (ग) क्या ग्वालियर के संपूर्ण क्षेत्र में पी.बी.सी. युक्त केबलिंग का कार्य पूर्ण हो चुका है। यदि नहीं तो किन क्षेत्रों में अब तक कार्य पूर्ण नहीं हुआ? इन क्षेत्रों में कार्य कब तक पूर्ण हो जायेगा? स्थान सहित जानकारी दी जावे।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) ग्वालियर जिलान्तर्गत प्रश्नाधीन अवधि में कुल 18473 विद्युत चोरी के प्रकरण दर्ज किये गये हैं। उल्लेखनीय है कि म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत विद्युत चोरी के प्रकरणों की जानकारी फीडरवार नहीं, अपितु जोनवार/वितरण केन्द्रवार संधारित की जाती है। तदनुसार विद्युत चोरी प्रकरणों की वितरण केन्द्रवार/जोनवार संख्यात्मक जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र में विदयुत चोरी की रोकथाम के लिए एल.टी. लाईन के खुले तार हटाकर पी.बी.सी. युक्त केबलिंग का कार्य माह अगस्त, 2011 में प्रारंभ किया गया था। (ग) जी हाँ। ग्वालियर जिले के अंतर्गत सभी शहरी क्षेत्र तथा संसूचित विद्युतीकृत ग्रामों/मजरों/टोलों बसाहटों में पी.बी.सी. युक्त केबलिंग का कार्य पूर्ण हो चुका है।
संचालित योजनाओं की जानकारी
[पशुपालन एवं डेयरी]
75. ( क्र. 1507 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में पशुपालन विभाग की कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही है? योजनाओं की जानकारी दें एवं वर्ष 2024-25 एवं 2025-26 में कितना-कितना बजट प्रावधान रखा गया था/है? योजनावार, वर्षवार जानकारी दें। (ख) प्रदेश में पशु औषधालयों में पशुओं के इलाज हेतु दवा एवं उपकरण क्रय हेतु कितना बजट प्रावधान प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वर्षों में किया गया है? मदवार, वर्षवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) में प्रावधानित राशि से ग्वालियर जिले की भितरवार विधानसभा क्षेत्र में कौन-कौन सी योजनाओं में कितनी-कितनी राशि, किस-किस हितग्राही एवं औषधालयों में व्यय की गई है? जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वर्षों में दवा एवं उपकरण की खरीदी किन नियमों के अनुसार की गई है? नियमों की प्रति उपलब्ध करायें।
राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''इ'' अनुसार है।
नवीन एवं नवकरणीय उर्जा का लाभ
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
76. ( क्र. 1509 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में आमजन/कृषकों को नवीन एवं नवकरणीय उर्जा का लाभ दिलाने की कौन-कौन सी योजना संचालित है? (ख) ग्वालियर जिले की भितरवार विधानसभा क्षेत्र में योजनाओं का लाभ देने के लिए कोई कार्य योजना तैयार की गई है? यदि हां, तो क्या? (ग) प्रश्नांश (ख) का उत्तर यदि हां है तो कौन-कौन से ग्राम, हितग्राही योजना में शामिल किये गये है? ग्रामवार, हितग्राहीवार जानकारी दें। (घ) यदि प्रश्नांश (ख) का उत्तर नहीं है तो क्या भितरवार विधानसभा क्षेत्र के ग्रामों/हितग्राहियों को योजना का लाभ देने के लिए कार्य योजना तैयार की जायेगी? यदि हां तो कब तक?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री राकेश शुक्ला ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजनाओं का संपादन नियम एवं प्रक्रिया अनुसार प्रचलन में है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में पूरे प्रदेश में विभाग की योजनाएं प्रचलन में है। भीतरवार विधानसभा क्षेत्र के आम नागरिक भी योजनाओं का लाभ नियम-प्रक्रिया अनुसार प्राप्त कर सकते है।
निलंबन एवं बहाली की जानकारी
[लोक निर्माण]
77. ( क्र. 1513 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2023, 2024 एवं 2025 में शासन स्तर एवं विभाग प्रमुख (EINC) स्तर से किस-किस अधिकारी/कर्मचारी को कौन-कौन से कारण से कब-कब, किस-किस अधिकारी द्वारा निलंबित किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) द्वारा निलंबित अधिकारी को कब-कब बहाल किया गया? अधिकारी, कर्मचारीवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार किस-किस को बहाल नहीं किया गया है? क्यों बहाल नहीं किया गया? कारण बतावें। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार निलंबित अधिकारी किस-किस वर्ग के हैं? अधिकारी, कर्मचारीवार जानकारी दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-'अ' अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-'अ' के कॉलम-8 अनुसार। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-'अ' अनुसार। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-'अ' के कॉलम-4 अनुसार।
निलम्बन, बहाल एवं जांच की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
78. ( क्र. 1514 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2023-2024 में शासन स्तर से एवं विभाग प्रमुख स्तर से किस-किस अधिकारी/कर्मचारी को निलंबित किया गया, बहाल किया गया व जांच की गई? जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार निलंबन के कारण, निलंबन की दिनांक, निलंबित करने वाले अधिकारी का नाम, बहाल करने वाले अधिकारी का नाम एवं पद बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
पिछोर तिराहा से रेलवे अंडर ब्रिज के पास अपूर्ण रोड
[लोक निर्माण]
79. ( क्र. 1515 ) श्री सुरेश राजे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या डबरा शहर स्थित पिछोर तिराहा से जेल रोड पहुँच मार्ग लगभग 03 किलोमीटर रोड का निर्माण गत 05 वर्ष पूर्व लोक निर्माण विभाग द्वारा करवाया गया? इस मार्ग से प्रतिदिन हजारों वाहन गुज़र रहे हैं रेलवे अंडर ब्रिज के पास श्री मेहरबान सिंह कुशवाह के मकान (खसरा क्र 860) तथा यह पहुँच मार्ग खासरा क्र 861 है। इस मार्ग के निर्माण के दौरान चौड़ीकरण के नाम पर श्री मेहरबान कुशवाह का मकान नियम विरुद्ध तोड़ा गया जबकि खसरा 861 पहुँच मार्ग 30 फीट से अधिक चौड़ा है। श्री कुशवाह के मकान का कुछ भाग तोड़ने से माननीय न्यायालय द्वारा स्टे दिए जाने से लगभग 50-60 फीट रोड का निर्माण अभी तक नहीं किया गया है, जिससे गहरे गड्ढे हो जाने से दुर्घटना हो रही है। (ख) उक्त पहुँच मार्ग पर खसरा क्र 861 में न्यायालय का स्टे नहीं है। खसरा क्र. 860 पर स्टे है। न्यायलय के आदेश अनुसार इस बचे हुए मार्ग को जनहित में कब तक पूर्ण किया जायेगा? समयावधि बतावें। यदि नहीं तो क्यों? प्रमाण सहित अभिलेख उपलब्ध करवाएं।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। मार्ग निर्माण के चौड़ीकरण में श्री मेहरवान सिंह कुशवाह का मकान नियम विरूद्ध न तोड़ा जाकर संबंधित आर.आई. एवं पटवारी द्वारा खसरा क्रमांक 861 में किये गये अतिक्रमण के भाग को सीमांकन अनुसार प्रशासन द्वारा तोड़ा गया है। डब्ल्यू.पी.क्र. 5989/2018 में मान. न्यायालय ने आदेश जारी किया है "Parties Shall Maintain Status quo as it exists today" माननीय न्यायालय के आदेश से स्पष्ट है कि आदेश में खसरा नंबर उल्लेखित नहीं है। चूंकि प्रकरण में यथास्थिति बनाये रखना है। इसलिये मान. न्यायालय के आदेश के बाद कोई भी कार्य किया जाना संभव नहीं है। इसलिये काम अधूरा है। रोड में जो गड्ढे होते है वह निरंतर भरे जा रहे है एवं मार्ग को मोटरेबल बनाये रखा जा रहा है। मार्ग में किसी प्रकार की दुर्घटना अभी तक संज्ञान में नहीं आई है। (ख) मान. न्यायालय के द्वारा श्री मेहरवान सिंह कुशवाह के दायर किये गये डब्ल्यू पी.क्रं. 5989/2018 में Status quo को दिया गया है, जिसमें खसरा नंबर 861 अथवा 860 उल्लेखित नहीं है। बल्कि माननीय न्यायालय द्वारा आदेश में आदेशित किया है कि "Parties Shall Maintain Status quo as it exists today" अर्थात श्री मेहरवान सिंह कुशवाह के प्रकरण में स्टेटस quo है। माननीय न्यायालय के आदेशानुसार अभी कार्य किया जाना संभव नहीं है। माननीय न्यायालय के आदेश के अनुसार समय-सीमा बताना संभव नहीं है। माननीय न्यायालय के आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
किसानों के हित में विद्युत व्यवस्था
[ऊर्जा]
80. ( क्र. 1516 ) श्री सुरेश राजे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में ऊर्जा विभाग द्वारा प्रतिदिन संभाग/जिला/तहसील एवं ग्राम स्तर पर कितने-कितने घंटे विद्युत सप्लाई करने के निर्देश हैं? इनकी सत्यापित प्रति देवें तथा किसानों को कृषि पंप हेतु (प्रति) विद्युत पोल एवं 25 के.वी. विद्युत डीपी स्थापित करने हेतु कितनी-कितनी राशि का भुगतान के आदेश हैं? आदेश की प्रति देवें। (ख) न्यूनतम कितनी जनसंख्या के मजरा, टोला पर विद्युत पोल तथा विद्युत डीपी लगाने का प्रावधान है? नियम/आदेश की प्रति उपलब्ध करवाएं तथा जिला ग्वालियर में किस-किस ग्राम पंचायत क्षेत्र में ऐसे मजरा, टोला हैं जहाँ पर विद्युत व्यवस्था की जानी है? (ग) डबरा शहरी क्षेत्र का विस्तार एवं नवीन कॉलोनियों बनने से ऐसे क्षेत्र में अधिकांश व्यक्ति काफी दूर की डीपी से सीधे तार डालकर बिजली चोरी के प्रकरण बनायें जा रहे हैं जबकि उपभोक्ता विद्युत कनेक्शन लेने को तैयार है? क्या विद्युत विभाग ऐसी कॉलोनियों का सर्वे करवाकर विद्युत पोल एवं डीपी स्थापित कर घरेलू कनेक्शन देंगे? यदि नहीं तो कारण सहित बताएं।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) राज्य शासन द्वारा दिनांक 14 मई, 2010 को विधानसभा में संकल्प-2013 पारित किया गया था, जिसके तहत प्रदेश के संभाग/जिला/तहसील एवं ग्राम स्तर पर समस्त घरेलू सहित सभी गैर कृषि उपभोक्ताओं को 24 घंटे एवं कृषि उपभोक्ताओं को कृषि प्रयोजन हेतु 08 घंटे (वर्तमान में राज्य शासन की मंशानुसार 10 घंटे) विद्युत प्रदाय किये जाने का प्रावधान है, जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। कृषकों को कृषि पम्प हेतु प्रति विद्युत पोल एवं 25 के.व्ही.ए. वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित करने के लिये राशि भुगतान किये जाने हेतु पृथक से कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। (ख) वर्तमान में अविद्युतीकृत घरों के विद्युतीकरण के संबंध में पी.एम.जनमन एवं धरती आबा-जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के अंतर्गत चिन्हित बसाहटों के अतिरिक्त अन्य अविद्युतीकृत बसाहटों के विद्युतीकरण हेतु जारी दिशा-निर्देशों अनुसार 5 घरों से अधिक की अविद्युतीकृत एवं आंशिक रूप से विद्युतीकृत बसाहटों के विद्युतीकरण हेतु विस्तृत सर्वे कर कार्य योजना तैयार की जानी है। साथ ही ऐसी बसाहटों के विद्युतीकरण कार्य के कारण कृषि फीडर विभक्तिकरण योजना का उद्देश्य विफल न हो, इस शर्त पर बसाहटों को विद्युतीकरण हेतु शामिल किया जाना है। निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। जिला ग्वालियर अंतर्गत ग्राम पंचायतवार बसाहटों की सूची जिनमें विद्युतीकरण का कार्य किया जाना है, पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। उक्त बसाहटों हेतु विस्तृत सर्वे कार्य प्रगति पर है। (ग) वैध एवं अवैध कालोनियों में विद्युतीकरण एवं नवीन कनेक्शन के कार्य, म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता 2021 के अध्याय 4 एवं मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग (विद्युत प्रदाय के प्रयोजन से विद्युत लाईन प्रदान करने अथवा उपयोग किये गये संयंत्र हेतु व्ययों तथा अन्य प्रभारों की वसूली) (पुनरीक्षण द्वितीय) विनियम 2022, {आर.जी.-31 वर्ष 2022 (II) } में निहित प्रावधानों के अनुसार किया जाता है। उक्तानुसार डबरा शहर अंतर्गत कॉलोनियों में निवासरत व्यक्ति/व्यक्तियों के समूह द्वारा आवेदन किये जाने पर एवं निर्धारित राशि का भुगतान करने तथा वांछित औपचारिकताएं पूर्ण करने पर नियमानुसार घरेलू कनेक्शन दिये जाने की कार्यवाही की जाती है। केवल अनाधिकृत/अवैध रूप से विद्युत का उपयोग कर रहे एवं विद्युत चोरी करते हुये पाये जाने पर ही व्यक्ति/उपभोक्ता के विरूद्ध विद्युत अधिनियम, 2003 की धाराओं के अंतर्गत एवं म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता 2021 तथा म.प्र. नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश में दिये गये प्रावधानों के अनुसार नियमानुसार कार्यवाही की जाती है।
भूखंडों का नामान्तरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
81. ( क्र. 1517 ) श्री सुरेश राजे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरी क्षेत्र में क्रय-विक्रय के भूखण्ड तथा भवनों के नामांतरण सम्बन्धी शासन आदेश की सत्यापित प्रति उपलब्ध करवाएं। (ख) नगर पालिका डबरा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2020-21 से जून 2025 तक भूखण्ड (प्लाट) एवं भवनों के नामांतरण हेतु किस व्यक्ति का किस दिनांक को प्रकरण (आवेदन) प्राप्त हुआ? उसका आवक क्रमांक एवं दिनांक सहित हितग्राहियों की वर्षवार सूची उपलब्ध करवाएं। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार उक्त अवधि में नामांतरण हेतु प्राप्त आवेदनों में से किस-किस व्यक्ति का आवेदन किस दिनांक की बैठक में विचारार्थ रखा गया? इनमें से किस-किस का नामांतरण स्वीकार किया गया तथा किस-किस का नामांतरण किस कारण स्वीकार नहीं किया गया? कारण सहित सूची के साथ पूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) ''हरी क्षेत्र"-संबंधित नहीं। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
सड़क निर्माण कार्यों की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
82. ( क्र. 1519 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण संभाग शिवपुरी द्वारा उनके पत्र क्रमांक 222 दिनांक 29.01.2025 से जनप्रतिनिधियों से प्राप्त पत्रों में सड़कों की स्वीकृति के संबंध में प्रथम स्तरीय प्राक्कलन अधीक्षण यंत्री, लोक निर्माण विभाग मण्डल गुना को प्रेषित किये गये थे? यदि हाँ तो वह प्रस्ताव कौन-कौन से है? उन प्रस्तावों को स्वीकृत करने हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई? की गयी कार्यवाही की प्रति संलग्न कर जानकारी दें। (ख) क्या प्रश्नकर्ता ने अपने पत्र क्रमांक/2025/884 दिनांक 03/03/2025 से नयागांव से छिरारी सड़क निर्माण में तकनीकी मानको की अनदेखी एवं गुणवत्ताविहीन सामग्री का उपयोग किये जाने की शिकायत की थी तथा समस्त निर्माण सामग्री की गुणवत्ता मानक एवं परीक्षण रिपोर्ट कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग जिला शिवपुरी से चाही गई थी वह कब उपलब्ध करायी गई? यदि रिपोर्ट उपलब्ध नहीं करायी गयी तो क्यों? उक्त रिपोर्ट कब तक उपलब्ध करा दी जायेगी? (ग) विधानसभा क्षेत्र 24 पोहरी में अप्रैल 2021 से मार्च 2025 तक लोक निर्माण विभाग द्वारा कौन-कौन से कार्य कहां-कहां पर कितनी-कितनी राशि के कब-कब स्वीकृत किये गये? उक्त कार्यों की एजेंसी कौन-कौन है? कार्य कब तक पूर्ण किये जाने थे? कब पूर्ण किये गये? यदि नहीं किये गये तो कब तक पूर्ण किये जाएंगे? (घ) प्रश्नांश (ग) में वर्णित कार्यों में उपयोग की गई सामग्री की गुणवत्ता की जांच/परीक्षण कब कहां किसके द्वारा किया गया?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। प्रस्तावों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। परीक्षणाधीन है। (ख) जी हाँ। माननीय विधानसभा सदस्य द्वारा चाही गई जानकारी कार्यपालन यंत्री संभाग शिवपुरी द्वारा पत्र क्र. 2004 दिनांक 04.07.2025 से उपलब्ध करा दी गई है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ, 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ, 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार वर्णित कार्यों की गुणवत्ता की जांच/परीक्षण ठेकेदार के इंजीनियर, अनुविभागीय अधिकारी लोक निर्माण विभाग एवं उपयंत्री, लोक निर्माण विभाग द्वारा ठेकेदार की कार्यस्थल पर स्थापित लैब, लोक निर्माण विभाग मण्डल प्रयोगशाला तथा परिक्षेत्रीय प्रयोगशाला ग्वालियर में की गई है।
मुख्यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय योजना
[पशुपालन एवं डेयरी]
83. ( क्र. 1521 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय योजना सहरिया/जनजाति के अंतर्गत शिवपुरी जिले में वर्ष 2024-2025 में भैंसे प्रदाय की गयी थी यदि हाँ तो शिवपुरी जिले में किन-किन हितग्राहियों को कितनी-कितनी भैंसे कब-कब प्रदाय की गयी, उनके नाम, पिता का नाम, जाति, निवासी, ग्राम, तहसील, विधानसभा क्षेत्र सहित जानकारी दे। (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में आदिवासियों/जनजातियों के नाम पर अन्य वर्ग के दबंगों को प्रदाय कर दी गयी है तथा एक भी भैंस संबंधित अनुसूचित जनजाति के हितग्राहियों के यहां नहीं पहुंची है, यदि पहुंची है तो प्रदाय दिनांक के उपरांत हितग्राही के घर कब-कब, किस-किस अधिकारी के द्वारा भौतिक सत्यापन किया गया, उक्त प्रदाय की गई भैंसे किस-किस हितग्राही के पास वर्तमान में कितनी-कितनी है इसके वैध पंचनामा की प्रति संलग्न कर जानकारी दें। (ग) शिवपुरी जिले में मुख्यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय योजना के अंतर्गत प्रदाय की गई भैंसों के संबंध में समाचार पत्रों एवं अन्य माध्यमों से क्या-क्या शिकायतें प्राप्त हुई प्राप्त शिकायतों की जांच किसके द्वारा की गई क्या कार्यवाही की गई, शिकायतों के प्रति संलग्न कर जानकारी दें। (घ) क्या उक्त योजना अंतर्गत अनुसूचित जाति के हितग्राही की भैंसे अन्य वर्ग के बैनामी दबंग व्यक्तियों के यहां अधिकारियों की मिली भगत से बंधी हुई है ऐसे अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जाएंगी एवं संबंधित हितग्राही को भैंसे कब तक उपलब्ध करा दी जाएगी?
राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जी हां, जिले में कुल 75 हितग्राहियों को दो-दो भैंसे प्रदाय की गई है, 22.10.2024 को 25 हितग्राहियों को, 25.10.2024 को 26 हितग्राहियों को एवं 27.10.2024 को 24 हितग्राहियों को प्रदाय की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) विभागीय जांच समिति गठित कर जांच कराई गई, प्रदाय की गई भैंसों का भौतिक सत्यापन कराया गया। 6 दबंग लोगों के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (घ) जांच प्रक्रिया प्रचलन में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पुल निर्माण कार्य की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
84. ( क्र. 1524 ) श्री इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न नदी/नालों पर पुल निर्माण कार्य किये जाने हेतु विभाग द्वारा कोई प्राक्कलन तैयार किये गये हैं? तो जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में किये गये प्राक्कलनों के विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक स्वीकृति के संबंध में क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित नदी/नालों पर स्थित पुल निर्माण कार्य न होने के कारण वर्षाकालीन एवं अन्य समय में आमजनता को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यदि हाँ तो जानकारी देवें? (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित विभिन्न नदी एवं नालों पर स्थित पुल निर्माण कार्यों के प्राक्कलन विभाग द्वारा कब तक स्वीकृत किये जाएंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नगर पंचायत कर्रापुर में स्थाई पेयजल स्त्रोत
[नगरीय विकास एवं आवास]
85. ( क्र. 1525 ) श्री इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर पंचायत कर्रापुर के समस्त वार्डों में पेयजल आपूर्ति/ नलजल योजना कहां से संचालित की जा रही हैं? (ख) क्या नगर परिषद, कर्रापुर में योजना/अमृत 2.0 जल प्रदाय योजना स्वीकृत हुई है यदि हाँ तो विस्तृत जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) में स्वीकृत योजना में स्थाई पेयजल स्त्रोत के लिए क्या प्रावधान/प्राक्कलन तैयार किया गया है? (घ) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत योजना के संबंध में विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हां। नगर परिषद कर्रापुर के समस्त 15 वार्डों में पेयजल आपूर्ति निकाय के ट्यूबवेल के माध्यम से संचालित की जा रही है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हां। नगर परिषद कर्रापुर में अमृत 2.0 योजनान्तर्गत जल प्रदाय योजना का कार्य प्रस्तावित है, जिसका प्राक्कलन तैयार किया जा चुका है। अमृत 2.0 योजनांतर्गत जल प्रदाय योजना हेतु स्टेट वॉटर एक्शन प्लान (SWAP) राशि रु 25.70 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। राज्य स्तरीय तकनीकी समिति की बैठक दिनांक 07.06.24 द्वारा जल प्रदाय योजना हेतु राशि रु 25.69 करोड़ की तकनीकी स्वीकृति प्रदान की गई है। नगर परिषद कर्रापुर द्वारा निविदा के तृतीय आमंत्रण में न्यूनतम दर 0.80 प्रतिशत कम अनुसार राशि रु 216008000.00 (जी.एस.टी. रहित) की निविदा स्वीकृत की गई है। वित्तीय स्वीकृति प्रदान करने एवं कार्यादेश जारी करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) अमृत 2.0 योजनातंर्गत जलप्रदाय कार्य की डीपीआर में निर्माणाधीन उल्दन बांध से पेयजल स्त्रोत का चयन किया गया है। जो कि निकाय सीमा से लगभग 20 कि.मी. दूर है। बांध का निर्माण बण्डा सिंचाई परियोजना अंतर्गत जल संसाधन विभाग द्वारा धसान नदी पर किया जा रहा है, जिसकी क्षमता 301.51 मि.घ.मी. है। निकाय की पेयजल आपूर्ति हेतु 2 एम.सी. एम. प्रतिवर्ष की मांग जल संसाधन विभाग से नगर परिषद कर्रापुर पत्र क्र. 412, दिनांक 05.09.22 एवं पत्र क्र. 314, दिनांक 13.03.25 के माध्यम से की गई है। इसके अतिरिक्त नगर परिषद द्वारा पत्र क्र. 766, दिनांक 04.06.25 द्वारा निकाय से लगभग 4 कि.मी. स्थित बावर मटिया बांध से पेयजल पूर्ति हेतु मांग की है। जल आवंटन होना शेष है। (घ) निकाय के समस्त 15 बोर्डो में पेयजल की आपूर्ति निकाय के 10 ट्यूबवेल के माध्यम से संचालित की जा रही है। ग्रीष्मकाल में शासकीय बोरवेल में पानी कम होने पर निकाय द्वारा व्यक्तिगत बोरवेलों को अधिग्रहित कर जल आपूर्ति की जाती है। वर्तमान में शासकीय बोरवेल के माध्यम से पेयजल आपूर्ति सुचारू रूप से संचालित है। अमृत 2.0 योजनांतर्गत स्थाई जल स्त्रोत का निर्धारण किया जा कर जल प्रदाय योजना स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
विद्युत कम्पनी में कार्यरत संविदाकर्मियों के हितलाभ
[ऊर्जा]
86. ( क्र. 1529 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विद्युत विभाग में संविदा नीति 2023 के नियत प्रावधान जैसे कि एनपीएस आदि क्यों नहीं लागू किया गया है? साथ ही नीति अनुरूप एक नवीन भर्ती में 50% आरक्षण का प्रावधान होने के बावजूद भी वर्तमान में शुरू भर्ती प्रक्रिया में लाभ क्यों नहीं दिया जा रहा है? जैसा की ट्रांसको कंपनी में सहायक अभियंता को नीति का उल्लंघन करते हुए आरक्षण नहीं दिया गया है? क्या ये सही है कि पूर्व में विद्युत कंपनियों में कार्यरत संविदा कर्मियों को महंगाई भत्ता प्रदान किया जाता था उसको हटा दिया गया है? ऐसे में पदवार कर्मियों को वेतन में कितना नुकसान हो रहा है? विवरण देवें। विसंगति सुधार के लिए क्या प्रावधान है एवं कब तक संविदा कर्मियों के मंहगाई भत्ते के आदेश जारी होंगे? यदि नहीं तो क्यों? यदि हाँ तो कब तक? (ख) क्या वितरण कंपनियों का ऑर्गेनाइजेशन स्ट्रक्चर स्वीकृति हेतु शासन स्तर पर लंबित है? यदि हाँ तो अभी तक स्वीकृति नहीं किया गया क्यों? कब तक में स्वीकृत किया जाएगा? (ग) क्या 10 वर्ष से ज्यादा समय से कार्यरत संविदा कर्मियों के रिक्त पदों में डायरेक्ट भर्ती से शासन को अर्थिक लाभ मिलेगा? यदि हाँ तो शासन की क्या कार्य योजना है? अगर नहीं तो क्यों नहीं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के ज्ञाप दिनांक 22.07.2023 के परिप्रेक्ष्य में विभाग के पत्र दिनांक 27.06.2024 के माध्यम से विद्युत कंपनियों, जिसमें संविदा कार्मिक कार्यरत हैं, में ''संविदा सेवा (अनुबंध तथा सेवा की शर्तें) नियम, 2023'' लागू किये गये हैं। म.प्र. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के ज्ञाप दिनांक 22.07.2023 की कंडिका-8 के अनुसार राष्ट्रीय पेंशन योजना के लाभ के संबंध में पृथक से दिशा-निर्देश वित्त विभाग द्वारा जारी किए जाएंगे। वर्तमान में वित्त विभाग के अंतर्गत कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। ''संविदा सेवा (अनुबंध तथा सेवा की शर्तें) नियम, 2023'' की कंडिका-14.1.1 के अनुसार विद्युत कंपनी के सीधी भर्ती के नियमित पद के समकक्ष संविदा पदों पर 05 वर्ष की निरंतर सेवा पूर्ण करने वाले संविदा अधिकारियों/कर्मचारियों की कुल संख्या के 50% पद अथवा विद्युत कंपनी में सीधी भर्ती के रिक्त पद के 50% तक के पद (दोनों में से जो कम हो), संविदा अधिकारियों/कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए आरक्षित रखे जाने का प्रावधान है। उक्त के तारतम्य में लेख है कि म.प्र. पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड के संगठनात्मक संरचना में सहायक अभियंता के संविदा पद स्वीकृत नहीं होने के कारण सहायक अभियंता (पारेषण) पद के समकक्ष संविदा कार्मिकों हेतु आरक्षण का प्रावधान नहीं किया गया है। ''संविदा सेवा (अनुबंध तथा सेवा की शर्तें) नियम, 2023'' से पूर्व कंपनी में संविदा सेवा (अनुबंध तथा सेवा की शर्तें) संशोधित नियम, 2018 लागू थे। उक्त नियम की कंडिका-4.1.3 के अनुसार स्थिर राशि में, उस वर्ष के जनवरी माह से घोषित महंगाई भत्ते को जोड़कर संविदा पारिश्रमिक का प्रावधान था। ''संविदा सेवा (अनुबंध तथा सेवा की शर्तें) नियम, 2023'' में मंहगाई भत्ते का प्रावधान नहीं है। ''संविदा सेवा (अनुबंध तथा सेवा की शर्तें) नियम, 2023'' अंतर्गत कार्यरत संविदा कर्मियों को महंगाई भत्ते के स्थान पर, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक का लाभ प्रदान किये जाने का प्रावधान है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर संविदा कार्मिकों के सकल पारिश्रमिक में कोई नुकसान परिलिक्षित नहीं हो रहा है। अतः शेष प्रश्न नहीं उठता है। (ख) जी नहीं। राज्य शासन द्वारा विद्युत वितरण कंपनियों के नवीन ऑर्गेनाइजेशन स्ट्रक्चर (संगठनात्मक संरचना) की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। (ग) विद्युत कंपनियों में कार्यरत संविदा कार्मिक, ''संविदा सेवा (अनुबंध तथा सेवा की शर्तें) नियम, 2023'' से शासित होते हैं। उक्त नियम में संविदा कार्मिकों हेतु नियमितीकरण का प्रावधान नहीं है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता है।
निर्माण कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
87. ( क्र. 1532 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंडला जिला अंतर्गत विभाग द्वारा वर्ष 2023-24 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कार्य किये गए हैं या किये जा रहे हैं? कार्य का नाम, लागत राशि, स्वीकृति दिनांक पूर्णता-अपूर्णता की स्थिति सहित जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न क्रमांक 1593 दिनांक 17/03/2025 के उत्तर में विभाग द्वारा बिछिया बाईपास निर्माण हेतु डीपीआर एजेंसी नियुक्त कर 25/10/2025 के पत्र अनुसार कार्य प्रारम्भ किये जाने हेतु निर्देशित करने का लेख किया गया था, क्या उक्त एजेंसी द्वारा डीपीआर तैयार कर लिया गया है? यदि हाँ तो डीपीआर की प्रति उपलब्ध करावें? क्या इसके साथ ही अंजनियां, सेमरखापा, बिनेका, जंतिपुर क्रासिंग में अंडरपासेस/फ्लाईओवर हेतु डीपीआर तैयार करवाया जा रहा है? यदि हाँ तो इनके डीपीआर की भी प्रतियाँ उपलब्ध कराएं। (ग) क्या एनएच30 में जबलपुर से मंडला से चिल्पी तक फोरलेन सड़क निर्माण हेतु कोई स्वीकृति प्राप्त हुई है? यदि हाँ तो स्वीकृति संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराएं। क्या इस हेतु डीपीआर तैयार करने हेतु आदेश जारी किया गया है, उसकी प्रति उपलब्ध कराएं? यदि नहीं तो क्या भविष्य में इस निर्माण की कोई योजना है? इस संबंध में जनप्रतिनिधियों द्वारा विभाग को, केंद्रीय मंत्री जी को, कैबिनेट मंत्री लोक निर्माण विभाग म.प्र. को लिखे गए पत्रों की प्रतियाँ उपलब्ध कराएं? (घ) मंडला जिले में कितने सी.एम. राइज विद्यालय कितनी-कितनी लागत के स्वीकृत किये गए हैं? इनके निर्माण हेतु नियुक्त ठेकेदारो/फर्मो/कम्पनियों की जानकारी उपलब्ध कराएं? इनके द्वारा कितनी लागत से विद्यालयों का निर्माण करवाया जायेगा? सी.एम. राइज विद्यालय घुघरी का निर्माण कार्य अभी तक प्रारम्भ नहीं किये जाने के क्या कारण हैं? भूमि उपलब्धता होने के बाद भी विभाग द्वारा इसका कार्य प्रारम्भ क्यों नहीं कराया गया है? कब तक इसका निर्माण प्रारम्भ करवा दिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'अ-1', 'अ-2', 'अ-3' एवं 'अ-4' अनुसार है एवं भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण परियोजना क्रियान्वयन इकाई जबलपुर से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''2'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब एवं 'ब-1' अनुसार है। सी.एम. राईज विद्यालय घुघरी- प्रारंभ में निर्माण कार्य सी.एम. राईज स्कूल के खेल मैदान पर बनाया जाना प्रस्तावित था, निर्माण कार्य प्रारम्भ होने पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा विरोध कर कार्य बंद कराया गया था, उसके पश्चात स्कूल से लगभग 500 मीटर दूरी पर ग्राम सैलवारा में भूमि का चयन किया गया किन्तु चूंकि भूमि नदी के एच.एफ.एल. से निचला स्तर होने के कारण वास्तुविद द्वारा निर्माण हेतु भूमि उपयुक्त नहीं पाई गई। इसके पश्चात स्कूल से लगभग 5 कि.मी. दूर ग्राम पांडकला में भूमि का चयन किया गया किन्तु दूरी अधिक होने के कारण बच्चों की सुरक्षा एवं आवागमन में कठिनाई होने के कारण भूमि उपयुक्त नहीं पाई गई। वर्तमान में उपरोक्त स्कूल परिसर में ही जर्जर भवन को तोड़कर बनाया जाना प्रस्तावित है। जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संशोधित डीपीआर का अनुमोदन किया जा चुका है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई
[ऊर्जा]
88. ( क्र. 1533 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन की म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी के अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई में वर्ष 2024-25 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन कंपनी/फर्म/ठेकेदारों को ठेके पर कार्य आवंटित किये गए हैं, उक्त आवंटित ठेके में कुल कितने श्रमिक कार्य पर लगाए गए है? (ख) क्या आउटसोर्स में कार्यरत ठेका मजदूरों को श्रम आयुक्त म.प्र. शासन इंदौर के द्वारा जारी परिपत्र दिनांक 20/06/2025 एवं अधिसूचना दिनांक 06/02/2025 के अनुसार दिनांक 01/04/2024 से प्रभावशील पुनरीक्षित न्यूनतम दर के अनुसार श्रमिकों के न्यूनतम वेतन का दिनांक 01/04/2024 से 28/02/2025 तक 11 माह के एरियर्स राशि का भुगतान किया गया हैं? यदि हाँ तो संबंधित कंपनी/फर्म/ठेकेदार द्वारा श्रमिकों को उक्त राशि के भुगतान की प्रमाणित प्रति उपलब्ध कराई जाए, साथ ही प्रत्येक श्रमिक को किये गए भुगतान की जानकारी विवरण सहित उपलब्ध कराएं? यदि नहीं तो क्यों? उक्त राशि का भुगतान कराया जाएगा या नहीं यदि हाँ तो कब तक? (ग) जिन कंपनी/फर्म/ठेकेदारो द्वारा अभी तक श्रमिकों को उक्त एरियर्स की राशि का भुगतान नहीं किया गया है क्या उनको ब्लैक लिस्ट करने की कार्यवाही की गई है यदि हाँ तो सूची उपलब्ध कराई जाए यदि नहीं तो कब तक कार्यवाही की जाएगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. शासन, ऊर्जा विभाग अंतर्गत म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के अमरकंटक ताप विद्युत गृह, चचाई में वर्ष 2024-25 से प्रश्न दिनांक तक ठेके पर आवंटित कार्यों से संबंधित जानकारी यथा कंपनी/फर्म/ठेकेदारों का नाम एवं उक्त ठेकों में कार्यरत श्रमिकों की संख्या का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) श्रम आयुक्त, म.प्र. शासन, इन्दौर द्वारा जारी परिपत्र दिनांक 20.06.2025 नहीं, अपितु दिनांक 28.02.2025 एवं अधिसूचना दिनांक 06.02.2025 नहीं, अपितु दिनांक 06.03.2025 के द्वारा दिनांक 01 अप्रैल 2024 से प्रभावशील पुनरीक्षित न्यूनतम दर के अनुसार कुल 11 माह (दिनांक 01.04.2024 से 28.02.2025 तक) के एरियर्स राशि का भुगतान मेसर्स आशीष इन्टरप्राईज द्वारा किया गया है। उक्त ठेकेदार द्वारा श्रमिकों को किये गए भुगतान की प्रमाणित प्रति एवं प्रत्येक श्रमिक को किए गए भुगतान का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। श्रम आयुक्त, म.प्र. शासन, इन्दौर द्वारा जारी परिपत्र दिनांक 28.02.2025 एवं अधिसूचना दिनांक 06.03.2025 के द्वारा दिनांक 01 अप्रैल, 2024 से प्रभावशील न्यूनतम वेतन दरों में अप्रत्याशित बढोत्तरी (लगभग 20%) की गई है। न्यूनतम वेतन दरों में उक्त अप्रत्याशित बढोत्तरी के दृष्टिगत अधिकांश ठेकेदारों द्वारा पूर्ण एरियर राशि का भुगतान करने में असमर्थता व्यक्त की गई है। ऐसे ठेकेदार जिन्होंने एरियर्स राशि का भुगतान नहीं किया है, को भुगतान करने हेतु पत्र प्रेषित किया गया है। उक्त के अतिरिक्त, एरियर्स की राशि का भुगतान करने हेतु कंपनी द्वारा विशेष दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे। एरियर राशि के भुगतान हेतु अभी समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है, तथापि वर्तमान में सभी श्रमिकों को मासिक भुगतान पुनरीक्षित दरों से कराया जा रहा है। (ग) जी नहीं। वर्तमान में ठेकेदारों द्वारा श्रमिकों को एरियर्स की राशि का भुगतान नहीं किये जाने की स्थिति में म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी द्वारा जारी किए जाने वाले दिशा-निर्देशों के अनुसार श्रमिकों को एरियर राशि का भुगतान सुनिश्चित करने बाबत् कार्यवाही किया जाना प्रक्रियाधीन है। अत: समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
विभिन्न सड़कों, पुलों, भवनों व अन्य निर्माण कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
89. ( क्र. 1540 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला रतलाम के अंतर्गत लोक निर्माण विभाग द्वारा वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक में विभिन्न सड़कों, पुलों, भवनों व अन्य निर्माण कार्यों को स्वीकृत किया गया है? जानकारी पृथक- पृथक बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जिला रतलाम में लोक निर्माण विभाग द्वारा वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत कार्य सड़क, पुल-पुलिया, भवन निर्माण आदि की जानकारी नामवार, ग्रामवार, विधानसभा क्षेत्रवार संपूर्ण कार्यों कि जानकारी वर्षवार पृथक-पृथक बतावें। प्रत्येक निर्माण कार्य की लागत, कार्य प्रारंभ एवं पूर्णता की तिथि, कार्यकारी एजेंसी, ठेकेदार का नाम तथा वर्तमान में कार्य पूर्ण, अपूर्ण, प्रगतिशील, लंबित आदि कि भी जानकारी स्पष्ट रूप से वर्षानुसार पृथक-पृथक उपलब्ध करावें। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित कार्यों में से किसी निर्माण कार्य में गुणवत्ता, अनियमितता अथवा भ्रष्टाचार की शिकायत प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो उसकी जाँच रिपोर्ट एवं कार्यवाही की जानकारी पृथक-पृथक वर्षवार बतावें। (घ) जिला रतलाम के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्रों में आगामी वर्षों के लिए स्वीकृत प्रस्तावित निर्माण कार्यों की सूची तथा कार्यों कि अनुमानित लागत की जानकारी उपलब्ध करावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'अ-1', 'अ-2', 'अ-3' एवं 'अ-4' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''1'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब एवं 'ब-1' अनुसार है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब में प्रस्तावित वर्णित कार्य बजट में सम्मिलित होने के उपरान्त ही अग्रिम कार्यवाही की जाना संभव होगी।
संचालित योजनाओं की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
90. ( क्र. 1541 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला रतलाम के सैलाना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नगर परिषद सैलाना में वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक नगरीय विकास, सफाई व्यवस्था, निर्माण कार्य, जल आपूर्ति, स्ट्रीट लाइट, आवास योजना तथा अन्य योजनाओं का संचालन किया जा रहा है? समस्त कार्यों की जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक नगर परिषद सैलाना द्वारा किए गए समस्त विकास एवं निर्माण कार्यों का वार्षिक विवरण (कार्य का नाम, लागत, एजेंसी, ठेकेदार एवं वर्तमान स्थिति)। नगर परिषद सैलाना द्वारा संचालित प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी), अमृत योजना, स्वच्छ भारत मिशन आदि योजनाओं का लाभान्वित परिवारवार/हितग्राहीवार जानकारी देवें। सफाई कर्मचारियों की स्वीकृत पद संख्या, वर्तमान में कार्यरत संख्या तथा सफाई व्यवस्था का दैनिक प्रबंधन किस प्रकार किया जा रहा है? नगर परिषद सैलाना द्वारा राजस्व वसूली (संपत्ति कर, जल कर, बाजार शुल्क आदि) का विवरण वर्षवार अनुसार देवें। (ग) क्या नगर परिषद सैलाना में भ्रष्टाचार, अनियमितता अथवा किसी योजना में गड़बड़ी की शिकायत प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो किन-किन अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध जाँच एवं कार्यवाही की गई है? जानकारी पृथक-पृथक वर्षवार देवें। (घ) नगर परिषद सैलाना में कचरा संग्रहण, परिवहन, निस्तारण और सफाई हेतु उपयोग में लाई जा रही मशीनरी, वाहनों एवं संसाधनों की जानकारी देवें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" एवं "ब" अनुसार है। (ख) अमृत योजना, स्वच्छ भारत मिशन हितग्राही मूलक नहीं होने से जानकारी निरंक, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"अ", "ब", "स" एवं "द" अनुसार है। (ग) जी हाँ। जांच प्रतिवेदन पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "य" अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "र" अनुसार है।
स्मार्ट मीटरों की जानकारी
[ऊर्जा]
91. ( क्र. 1544 ) श्री सुनील उईके : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा मैन्युअल काम खत्म कर ऑटोमेशन करने की योजना के अंतर्गत स्मार्ट मीटर लगाया जा रहा है। यदि हाँ तो स्मार्ट मीटर लगाए जाने संबंधी जारी आदेश की प्रतिलिपि उपलब्ध कराने की कृपा करें। (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में मैन्युअल काम जैसे बिल वितरण करना, रीडिंग लेना, डिस्कनेक्शन करना आदि यदि स्मार्ट मीटर लगने के बाद पूरी तरह ऑटोमेशन हो जाता है तो कितने लोगों का रोजगार खत्म होने की संभावना है? क्या इस संबंध में कोई विचार विमर्श बिजली कंपनी द्वारा किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में कई जिलों से स्मार्ट मीटर लगाए जाने के बाद त्रुटिपूर्ण बिल आने के समाचार आ रहे हैं इस संबंध में बिजली वितरण कंपनी द्वारा बिजली उपभोक्ताओं के हित में क्या-क्या प्रावधान किए गए हैं? प्रश्नांश (क) के तारतम्य में स्मार्ट मीटर लगने के बाद बिजली वितरण प्रीपेड करने की भी योजना है? यदि हाँ तो कब तक प्रीपेड बिजली वितरण शुरू होने की संभावना है? (घ) स्मार्ट मीटर का लगाने का पैसा उपभोक्ता से वसूला जाएगा या बिजली कंपनियां वहन करेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत शहरी क्षेत्रों में स्मार्ट मीटर केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण, विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार की अधिसूचना दिनांक 23.12.2019 के विनियम-4 एवं विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार की अधिसूचना दिनांक 31 दिसम्बर, 2020 के विनियम-5 ''मीटरिंग'' तथा मध्यप्रदेश विद्युत प्रदाय संहिता-2021 के अध्याय-8 ''विद्युत मापन तथा बिलिंग'' के दिशा-निर्देशों के अनुपालन में आर.डी.एस.एस. योजना के अंतर्गत पारदर्शी बिलिंग, मीटर रीडिंग प्रणाली में सुधार और सटीक ऊर्जा लेखांकन के लिए लगाए जा रहे हैं। उक्त नियमों/आदेशों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में स्मार्ट मीटर की स्थापना के पश्चात रीडिंग लेना, बिल वितरण, डिस्कनेक्शन आदि कार्य ऑटोमेटिक हो जायेगें। स्मार्ट मीटरों की स्थापना से रोजगार खत्म होने संबंधी जानकारी दिया जाना वर्तमान में संभव नहीं है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता है। (ग) जी नहीं। तथापि विदयुत देयकों से संबंधित समस्या हेतु म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा उपभोक्ताओं की सुविधा हेतु शिकायत दर्ज कराने के लिये केन्द्रीय कॉल सेन्टर 1912, सी.एम. हेल्पलाईन 181, वॉइस बॉट, चेट बॉट एवं स्मार्ट बिजली ऐप के माध्यम से शिकायत दर्ज कराने की सुविधा प्रदान की गई है। शिकायत के परीक्षण उपरांत त्रुटि पाये जाने पर बिल में आवश्यक सुधार कर उपभोक्ता को उनके रजिस्टर्ड मोबाईल नंबर पर सूचित किया जाता है। इसके अतिरिक्त जिन उपभोक्ताओं के परिसर में स्मार्ट मीटर स्थापित कर दिये गये हैं, उनमें से चिन्हित उपभोक्ताओं के यहां चेक मीटर भी स्थापित किये गये हैं। जी हां, स्मार्ट मीटर स्थापना के पश्चात् म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी निर्देशानुसार प्रीप्रेड बिलिंग की योजना है, जिसे निकट भविष्य में आरंभ किया जाना संभावित हैं। (घ) आर.डी.एस.एस. योजनांतर्गत पुराने विद्युत मीटर बदलकर लगाए जा रहे स्मार्ट मीटरों हेतु विद्युत उपभोक्ताओं से शुल्क लेने का प्रावधान नहीं है। आर.डी.एस.एस. योजनांतर्गत विद्युत मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जारी की गई गाइड लाइन एवं अनुमोदन अनुसार योजनांतर्गत लगाये जा रहे स्मार्ट मीटरों के पूर्ण रूप से प्री-पेड होने के पश्चात आज की स्थिति में प्रति उपभोक्ता मीटर कुल रू. 900/- का अनुदान केन्द्र सरकार की ओर से प्राप्त होना है एवं शेष राशि विद्युत वितरण कंपनी द्वारा वहन की जाएगी।
आवासीय योजना की स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
92. ( क्र. 1546 ) श्री सुनील उईके : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल एवं छिन्दवाड़ा जिले में नगर एवं ग्राम निवेश विभाग द्वारा गत पांच वर्षों में किस-किस नगरीय निकाय की किस-किस कालोनी एवं आवासीय कालोनी को स्वीकृति प्रदान की है, किस-किस ग्रामीण क्षेत्र की कालोनी या आवासीय योजना को स्वीकृति प्रदान की है? पृथक-पृथक स्वीकृति दिनांक सहित बतावें। (ख) ग्रामीण क्षेत्रों की कालोनी या आवासीय योजना को स्वीकृति दिए जाने का क्या-क्या प्रावधान है, किस कानून की किस-किस धारा में दिया जाकर धारा में क्या क्या उल्लेख किया गया है। (ग) बैतूल एवं छिन्दवाड़ा जिले में गत पांच वर्षों में अनुमति हेतु प्रस्तावित किस-किस योजना के तकनीकी पहलुओ का परीक्षण नगर एवं ग्राम निवेश विभाग के किस-किस अधिकारी ने किस दिनांक को किया तकनीकी परीक्षण में किन-किन मापदण्डों का पालन किया गया? मापदण्डों की प्रति सहित बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर तथा ग्राम निवेश विभाग बैतूल एवं छिन्दवाड़ा द्वारा गत पांच वर्षों में स्वीकृत आवासीय कालोनियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) ग्रामीण क्षेत्रों की कालोनी या आवासीय योजना मध्य प्रदेश नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम, 1973 की धारा-16, 29, 29 (3), 30 एवं 30 (क) में उल्लेखित प्रावधान के अंतर्गत स्वीकृति प्रदान की जाती है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। (ग) बैतूल एवं छिन्दवाड़ा जिले में विगत पांच वर्षों में अनुमति हेतु प्रस्तावित योजनाओं की जानकारी उत्तरांश (क) अनुसार है। नगर तथा ग्राम निवेश जिला कार्यालय बैतूल में गत पांच वर्षों में पदस्थ अधिकारी, जिनके द्वारा तकनीकी परीक्षण किया गया निम्नानुसार है – 1. श्री ए.के.जैन, सहायक संचालक (दिनांक 09/11/2020 से 27/01/2021 तक) 2. स्व. श्री मनोज गहोदिया, सहायक संचालक (दिनांक 28/01/2022 से 01/06/2022 तक) 3. डॉ. विनीता वर्मा पैकरा, सहायक संचालक (दिनांक 02/06/2022 से 08/08/2023 तक) 4. श्री विनोद कुमार परस्ते, सहायक संचालक (दिनांक 09/08/2023 से निरन्तर) नगर तथा ग्राम निवेश जिला कार्यालय छिन्दवाड़ा में गत पांच वर्षों में पदस्थ अधिकारी, जिनके द्वारा तकनीकी परीक्षण किया गया निम्नानुसार है –
2. श्री विनोद कुमार परस्ते, सहायक संचालक (दिनांक 20/01/2021 से निरन्तर)
नगर तथा ग्राम निवेश विभाग जिला बैतूल द्वारा तकनीकी परीक्षण मध्य प्रदेश नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973, मध्य प्रदेश भूमि विकास नियम 2012, म.प्र. नगर पालिका (कालोनियों का विकास) नियम 2021, म.प्र. ग्राम पंचायत कालोनी विकास नियम 2014, बैतूल विकास योजना 2035, मुलताई विकास योजना 2021 के प्रावधानों के अंतर्गत तकनीकी परीक्षण कर मापदण्डों का पालन किया जाता है। नगर तथा ग्राम निवेश जिला छिन्दवाड़ा द्वारा तकनीकी परीक्षण मध्य प्रदेश नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973, मध्य प्रदेश भूमि विकास नियम 2012, म.प्र. नगर पालिका (कालोनियों का विकास) नियम 2014, छिन्दवाड़ा विकास योजना 2035, सिवनी विकास योजना 2035, बालाघाट विकास योजना 2035, पांढुर्णा विकास योजना 2035 के प्रावधानों के अंतर्गत तकनीकी परीक्षण कर मापदण्डों का पालन किया जाता है। मापदण्डों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है।
अघोषित विद्युत कटौती
[ऊर्जा]
93. ( क्र. 1551 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले अंतर्गत ऊर्जा, विभाग के अंतर्गत कौन से कार्य प्रस्तावित है व कौन से कार्य कार्यरत हैं व कहां-कहां कार्य पूर्ण कर दिया गया? पूर्णत: जानकारी देवें। (ख) केवलारी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत अघोषित बिजली कटौती एवं लो वोल्टेज की समस्या से निदान हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या कार्य किए जा रहे हैं व क्षेत्रीय अधिकारियों द्वारा कहां-कहां सब स्टेशन बनाएं जाने की मांग की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत सिवनी जिले में आर.डी.एस.एस. योजना एवं एस.एस.टी.डी. योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 एवं वित्तीय वर्ष 2025-26 में विद्युत अधोसंरचना के विभिन्न कार्य यथा-नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों की स्थापना, कैपेसिटर बैकों की स्थापना, 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों में स्थापित पावर ट्रांसफार्मर की क्षमतावृद्धि एवं अतिरिक्त पावर ट्रांसफार्मर की स्थापना, नवीन 33 के.व्ही. लाईन, 33 के.व्ही. लाईनों के कण्डक्टर की क्षमतावृद्धि, 11 के.व्ही. फीडर सेपरेशन कार्य, 11 के.व्ही. कण्डक्टर की क्षमतावृद्धि एवं अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर की स्थापना, स्मार्ट मीटर की स्थापना इत्यादि कार्य प्रस्तावित हैं। उक्त प्रस्तावित कार्यों में से प्रगतिरत एवं पूर्ण किये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है तथा पूर्ण किये गये कार्यों की स्थानवार एवं योजनावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) केवलारी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत किसी भी प्रकार की अघोषित विद्युत कटौती नहीं की गई है। उल्लेखनीय है की विद्युत लाईनों/अद्योसंरचना के रख-रखाव हेतु पूर्व निर्धारित शट-डाउन लेने तथा तकनीकी कारणों/प्राकृतिक आपदा से आये आकस्मिक व्यवधानों जैसी अपरिहार्य स्थिति के कारण कतिपय अवसरों पर विद्युत प्रदाय बाधित होता है, जिसमें आवश्यक रख-रखाव/सुधार कार्य कर विद्युत प्रदाय शीघ्र ही सुचारू कर दिया जाता है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में लो वोल्टेज की समस्या से निदान हेतु म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभिन्न विद्युत अधोसंरचना सुदृढ़ीकरण के कार्य यथा-33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों का निर्माण, पावर ट्रांसफार्मर की क्षमतावृद्धि, केपेसिटर बैंको की स्थापना के कार्य किये गये हैं/किये जा रहे हैं। केवलारी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेंद्र ग्राम जटलापुर एवं बर्रा (सुआखेड़ा) में ऊर्जीकृत किये गए हैं एवं 132/33 के.व्ही. अति उच्चदाब विद्युत उपकेन्द्र मलारा से 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र रायखेड़ा तक नवीन 33 के.व्ही. लाईन का निर्माण कार्य किया गया है। उक्त के अतिरिक्त 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र कान्हीवाड़ा, खैरापलारी एवं उगली में स्थापित पावर ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि की गई तथा कैपिसिटर बैंक स्थापना के कार्य कराये गये। म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संबंधित क्षेत्रीय अधिकारियों द्वारा ग्राम पलारी में नए 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेंद्र का प्रस्ताव भेजा गया था, जो कि तकनीकी साध्यता अनुरूप कार्ययोजना 2025-26 में सम्मिलित कर लिया गया है।
अलोनीखापा एवं गंगाटोला के मध्य पुल निर्माण
[लोक निर्माण]
94. ( क्र. 1552 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले के केवलारी विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत ग्राम अलोनीखापा एवं गंगाटोला के मध्य बैनगंगा नदी में उच्च स्तरीय पुल निर्माण कार्य हेतु क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के द्वारा लगातार मांग की जा रही है? विभाग द्वारा उक्त पुल निर्माण कार्य कराये जाने हेतु आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या ग्राम अलोनीखापा एवं गंगाटोला के मध्य बैनगंगा नदी में उच्च स्तरीय पुल निर्माण कार्य विभाग में विचाराधीन है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। वर्तमान में किसी योजना में न तो प्रस्तावित है और न ही स्वीकृत है। अतः कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं।
प्रधानमंत्री आवास योजना का क्रियान्वयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
95. ( क्र. 1553 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना 01 अप्रैल, 2018 से प्रश्नांकित दिनांक तक कितने हितग्राहियों के आवास स्वीकृत हुए? वर्षवार एवं जिलेवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भ में उक्त हितग्राहियों को कौन-कौन सी किश्तों का भुगतान कब-कब किया गया? कितने आवास पूर्ण हुए? कितने अधूरे है? कितने अप्रारंभ है? अप्रारंभ का क्या कारण है? हितग्राहियों के नाम, पता, सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) विदिशा जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना पोर्टल 2.0 (PMAY 2.0) में कितने हितग्राहियों के आवेदन प्राप्त हुए एवं भौतिक सत्यापन किन-किन अधिकारी/कर्मचारी द्वारा कब-कब किया गया? प्राप्त आवेदन, हितग्राहियों की सूची वार्डवार, विकासखण्डवार उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में उक्त हितग्राहियों के आवास की स्वीकृति हेतु भारत सरकार को कब प्रेषित किये गए? यदि स्वीकृति हेतु प्रस्ताव नहीं भेजे गए हैं तो कब तक भेजे जावेंगे? समय-सीमा बतावें। पात्र हितग्राहियों के आवास कब तक स्वीकृत कर दिये जावेंगे? (ङ) विभाग की शेष रह गये पात्र हितग्राहियों को आवास प्रदान करने की क्या योजना है? कब तक पात्र हितग्राहियों का सर्वे कराकर शेष हितग्राहियों को आवास दिया जावेगा तथा क्या नगर सिरोंज, जिला विदिशा में प्रधानमंत्री आवास कॉलोनी बनाकर आवास हितग्राहियों को प्रदान करने की योजना है? यदि हाँ तो कब तक स्वीकृति की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) दिनांक 01 अप्रैल, 2018 से प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत प्रधानमंत्री आवासों की वर्षवार, जिलेवार, घटकवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''एक पर है। (ख) उत्तरांश (क) के संदर्भ में किश्तों के भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''दो पर है। पूर्ण, अपूर्ण एवं अप्रारंभ आवासों की कारण सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''तीन पर है। अप्रारंभ आवासों के हितग्राहियों के नाम, पता की जानकारी भारत सरकार द्वारा विकसित भुवन पोर्टल- पर https://bhuvanapp1.nrsc.gov.in/hfa/housing_for_all.php उपलब्ध है। (ग) विदिशा जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 के अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक प्राप्त 11,306 आवेदनों की निकायवार, वार्डवार सूची भारत सरकार के एकीकृत वेब पोर्टल - https://pmaymis.gov.in/PMAYMIS2_2024/PmayDefault.aspx पर निकाय के लॉगईन पर है। भौतिक सत्यापन हेतु बनाये गये दलों के आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''चार' पर है। (घ) उत्तरांश (ग) में प्राप्त आवेदनों में से पात्रता परीक्षण एवं जिला कलेक्टर अनुमोदन उपरांत निकायवार निम्न तालिका अनुसार डीपीआर SLSMC (राज्य स्तरीय स्वीकृति एवं निगरानी समिति) बैठक दिनांक 15.06.2025 के अनुमोदन उपरांत भारत सरकार को प्रेषित की गई है। भारत सरकार, आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय की CSMC (केन्द्रीय स्वीकृति एवं निगरानी समिति) की बैठक स्वीकृति दिनांक 18.06.2025 में स्वीकृति प्रदान की गई है। नगर पालिका सिरोंज का प्रस्ताव CSMC बैठक दिनांक 18.06.2025 के पश्चात प्राप्त होने से आगामी बैठक में प्रेषित किया जा सकेगा। कलेक्टर द्वारा अनुमोदित सूची का विवरण निम्नानुसार है:- 1. नगर पालिका परिषद विदिशा पत्र क्र. 3143 दिनांक 02.05.2025, हितग्राही संख्या 202, स्वीकृत आवासों की संख्या 202, 2. सिरोंज, पत्र क्र. 631 दिनांक 03/07/2025 हितग्राही संख्या 107, स्वीकृत आवासों की संख्या 0, 3. समशाबाद, पत्र क्र. 521 दि. 30/05/25 हितग्राही संख्या 17, स्वीकृत आवास 17, 4. लटेरी पत्र क्र. 1263, दि. 19/05/2025, हितग्राही संख्या 496, स्वीकृत 342, 5. कुरवई, पत्र क्र. 523 दि. 30/05/25 हितग्राही संख्या 30, स्वीकृत आवास 29, 6. गंजबासौदा पत्र क्र. 525 दि. 30/05/25 हितग्राही संख्या 108, स्वीकृत आवास 108। (ड.) भारत सरकार के एकीकृत वेब पोर्टल pmay.urban.gov.in पर प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 के दिशा-निर्देश प्रदर्शित है। योजना अवधि में मध्यप्रदेश शासन, नगरीय विकास एवं आवास विभाग, मंत्रालय के आदेश क्रमांक/FUDH/9/0009/2025/18-2 दिनांक 17.03.2025 द्वारा जारी निर्देशानुसार योजना अवधि सितंबर 2029 में विहित प्रक्रिया अनुसार पोर्टल पर हितग्राहियों के प्राप्त आवेदनों में से पात्र हितग्राहियों की ऑनलाईन डीपीआर प्राप्त होने पर स्वीकृति प्रदान किये जाने का प्रावधान है। नगर सिरोंज जिला विदिशा में प्रधानमंत्री आवास प्रदान करने की कोई योजना प्राप्त नहीं हुई है।
सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना एवं उत्पादन
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
96. ( क्र. 1554 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल, ग्वालियर एवं इंदौर संभाग में सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापना के क्या नियम निर्देश आदेश हैं? नियम/निर्देश/आदेशों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। भोपाल, ग्वालियर एवं इंदौर संभाग में निजी कम्पनी, फर्म, व्यक्ति, संस्थाओं द्वारा सौर ऊर्जा संयंत्रों, सोलर पार्कों एवं अन्य योजनाओं के अंतर्गत शासकीय अथवा निजी भूमि पर कितने सोलर संयंत्र प्लांट, सोलर पार्क स्थापित हैं? सर्वे क्रमांक, भूमि स्वामी का नाम, कंपनी/एजेन्सी का नाम, पता, स्थित भूमिका हल्का, तहसील, जिला सहित जानकारी उपलब्ध करावें। विभाग द्वारा किन-किन संस्थाओं से कितनी-कितनी विद्युत क्रय की जा रही है? जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त सौर ऊर्जा संयंत्र, सोलर पार्क में कितना-कितना विद्युत उत्पादन हो रहा है एवं ऊर्जा विभाग को कितना-कितना विद्युत विक्रय किया जा रहा है? ऊर्जा विभाग द्वारा कितनी राशि का भुगतान किया जा रहा है? सौर ऊर्जा संयंत्रवार, तहसीलवार, जिलेवार जानकारी देवें। उक्त सौर ऊर्जा संयंत्र का निरीक्षण किन-किन अधिकारियों द्वारा कब-कब किया? निरीक्षण प्रतिवेदन की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में जांच में क्या कमियां पाई गई? यदि हाँ तो उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? जांच प्रतिवेदन उपलब्ध करावें तथा यदि कार्यवाही नहीं की गई? तो इसके लिए दोषी कौन है तथा कार्यवाही कब तक कर ली जावेगी तथा अनियमितताओं के कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? उन पर क्या कार्यवाही की गई? बतावें। (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रदेश एवं केन्द्र सरकार द्वारा सोलर प्लांट लगाने हेतु कितना अनुदान दिया जाता है? न्यूनतम एवं अधिकतम दिये जाने वाले अनुदान की जानकारी देवें।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री राकेश शुक्ला ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सोलर पंप के नाम पर गड़बड़ी
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
97. ( क्र. 1556 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. ऊर्जा विकास निगम भोपाल के पास वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक कितने एचपी मोटर हेतु सोलर पंप लगाने के लिए कितने किसानों ने कितनी-कितनी राशि जमा कर पंजीयन करवाया तथा किसानों द्वारा जमा राशि वर्तमान में निगम के किस-किस बैंक खाते में है? कितनी राशि की एफडी बनवाई गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में किसानों को भारत सरकार और राज्य सरकार द्वारा कितने एचपी सोलर पंप पर किस दर से सब्सिडी दी जाती है? वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक राज्य शासन और भारत सरकार ने कितने किसानों को सब्सिडी उपलब्ध करवाई? वर्षवार बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक सोलर पंप हेतु पंजीबद्ध करवाए गए प्रकरणों में से कितने एचपी के कितने सोलर पंप की सप्लाई का आदेश किस दिनांक को किस-किस कंपनी/फर्म को किन-किन मापदंडों के आधार पर तथा किसके द्वारा दिया गया है? सोलर पंप की सप्लाई किसानों को कब तक की जाकर सब्सिडी का भुगतान कर दिया जावेगा?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री राकेश शुक्ला ) : (क) कुसुम-ब योजनांतर्गत वर्ष 2019 के प्रश्न दिनांक तक 1 से 10 एचपी तक सोलर पंप लगाने हेतु राशि रू.5000/- जमा कर लगभग 42000 किसानों द्वारा पंजीयन किया गया है। सोलर पंप योजनातंर्गत किसानों द्वारा जमा की गई राशि निगम के आई.सी.आई.सी.आई. बैंक सोलर पंप के संबंधित खाते क्रमांक-656501700232 जमा हुई है। उक्त राशि की 30.06.2025 की स्थिति में कोई एफ.डी. नहीं बनाई गई है। (ख) प्रश्नांश (क) परिप्रेक्ष्य में किसानों को वर्तमान में भारत सरकार और राज्य सरकार द्वारा 1 से 3 के मध्य 95 प्रतिशत सब्सिडी एवं 3 से अधिक क्षमता के पंप के लिए 90 प्रतिशत सब्सिडी दिये जाने का प्रावधान है। वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक राज्य शासन और भारत सरकार ने 7131 किसानों को सब्सिडी पर सोलर पंप उपलब्ध कराये चुके है। वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक सोलर पंप हेतु पंजीबद्ध करवाए गए प्रकरणों के कार्यदिशा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। कार्यदिशा संबंधित निविदा के मापदण्डों के अनुसार कार्यक्रम प्रभारी द्वारा दिये गये थे। योजनांतर्गत किसानों की सब्सिडी का भुगतान नहीं किया जाता है, उनसे सोलर पंप लागत में सब्सिडी की राशि घटाकर मात्र हितग्राही अंश लिया जाता है। पूर्व से पंजीकृत किसानों से रू. 5000/- मात्र पंजीयन राशि ली गई है। पात्र पाये जाने पर हितग्राही अंश की शेष राशि उनसे प्राप्त की जायेगी। तत्पश्चात पंप स्थापना की कार्यवाही की जावेगी। अपात्र पाये जाने पर पंजीयन राशि किसानों को वापस कर दी जावेगी।
नगरीय क्षेत्रों में निर्माण कार्यों व उनका तकनीकी रूप से क्रियान्वयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
98. ( क्र. 1558 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल उत्तर विधानसभा में सड़कों, नाली, सीवर लाइन आदि को कायाकल्प योजना अंतर्गत व अन्य निर्माण कार्यों हेतु तकनीकी और प्रशासकीय स्वीकृति बाबत शासन/विभाग में कई प्रस्ताव लंबित/प्रक्रियाधीन है? यदि हाँ तो लंबित प्रस्तावों की स्वीकृति कब तक प्रदत्त कर दी जावेगी? (ख) क्या प्रदेश के जिला भोपाल, जबलपुर, इंदौर व सिवनी के नगरीय क्षेत्रों व जिले के मार्गों में गैर तकनीकी/IRC के मापदंडों के विपरीत गति अवरोध निर्मित है? यदि हाँ तो उक्त मार्गों को तकनीकी/IRC मापदंडों के अनुसार निर्मित करने हेतु नगर निगम/जिला प्रशासन को कोई पत्र प्राप्त हुआ है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में जिला भोपाल व सिवनी की नगरपालिका/नगर परिषद अंतर्गत निर्मित मार्ग अल्प अवधि में गुणवत्ताविहीन निर्माण की शिकायते संगठन/जनप्रतिनिधियों से प्रशासन/नगर पालिका को प्राप्त हुई है? यदि हाँ तो उस पर क्या कार्रवाई की गई? यदि नहीं तो क्योँ? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या जिला भोपाल, जबलपुर व सिवनी की नगरपालिका, परिषद के अंतर्गत शासकीय नहरों, नालों व मार्गों पर अतिक्रमण/स्थान परिवर्तित कर उक्त भूमि का व्यापारिक उपयोग किया जा रहा है? यदि हाँ तो उक्त उन्हें कब तक अतिक्रमण मुक्त करा दिया जावेगा? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। नगर पालिका परिषद, सिवनी अंतर्गत भारतीय मजदूर संघ, सिवनी के द्वारा प्रस्तुत शिकायती पत्र क्रमांक भा.म.संघ/सिवनी/610/सिवनी दिनांक 26/06/2025 निकाय को प्राप्त हुआ है। शिकायत के आधार पर निर्मित सीमेंट्रीकरण सड़कों में खराबी आने की स्थिति में सुधार कार्य किये जाने हेतु संबंधित ठेकेदार को नोटिस पत्र जारी किया गया है। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नगर पालिका में नज़ूल भूमि पर अवैध निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
99. ( क्र. 1559 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि झाबुआ नगर पालिका के वार्ड 18 में नजूल की भूमि और नाले के उपर जो दुकानों का निर्माण कर गया है, वो राजस्व अधिनियम की किस धारा और नियम के तहत नगर पालिका से स्वीकृत की गयी, यदि स्वीकृति नहीं दी गई, तब नियमानुसार किस प्रकार की कार्यवाही की गई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद झाबुआ द्वारा उक्त वेण्डर झोन निर्माण के संबंध में अनापत्ति प्रमाण-पत्र/अनुमति चाही गई थी, राजस्व विभाग झाबुआ द्वारा प्रदान नहीं की गई है। नजूल की भूमि होने से अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), अनुभाग झाबुआ के पत्र क्रमांक/6260/रीडर/2024 दिनांक 28/12/2024 द्वारा नगर पालिका परिषद झाबुआ को उक्त टीन-शेड तत्काल हटवाने के लिए पत्र जारी किया गया है। अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), अनुभाग झाबुआ द्वारा स्मरण पत्र क्रमांक/1112/रीडर/2025 दिनांक 28/02/2025 द्वारा उक्त टीन-शेड हटाये जाने हेतु पुन: पत्र जारी किया गया है। अतिक्रमित भूमि के चिन्हांकन हेतु राजस्व एवं नगर पालिका परिषद झाबुआ का संयुक्त सीमांकन दल गठन किया गया है।
प्रस्तावित निर्माण कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
100. ( क्र. 1562 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ-अलीराजपुर-रतलाम जैसे पिछड़े जिलों में दूरस्थ गाँव से आवागमन हेतु कितने पुल, अंडर पास पुल, फ्लाई ओवर कहां-कहां प्रस्तावित है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वर्ष 2020 से आज तक निर्माणधीन पुल, अंडर पास, फ्लाई ओवर की सूची, उनका कितना बजट है, निर्माण ठेकेदार, फर्म, कार्य पूर्ण अथवा अपूर्ण की विस्तृत जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में झाबुआ जिले के मेघनगर ब्लॉक में "सजेलि" गाँव पर निर्माणधीन रेलवे क्रॉसिंङ्ग "फ्लाई ओवर" पर वर्ष 2025 में दुर्घटना होने से 9 लोगो की मृत्यु हो गयी थी, जो कि निर्माण एजेंसी और ठेकेदार की सेफ्टी नजर अंदाज़ करने से हुई थी। क्या इस घटना पश्चात विभाग की जाँच समिति द्वारा किस प्रकार की जांच कर क्या कार्यवाही की गई? विस्तृत रिपोर्ट दें। (घ) क्या निर्माण करने वाली कंपनी पर कार्यवाही की गयी? संपूर्ण जानकारी दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) प्रश्नांकित घटना के संबंध में कलेक्टर जिला झाबुआ द्वारा जांच समिति का गठन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार किया गया है, जिसका जांच प्रतिवेदन अपेक्षित है। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नगर परिषद अध्यक्ष धामनोद के पत्रों पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
101. ( क्र. 1563 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 16.10.2024 से 04.11.2024 तक नगर परिषद धामनोद के समस्त खातों से आहरित कुल राशि कितनी है? आहरण हेतु किन-किन के हस्ताक्षर थे? आहरित राशि का संपूर्ण विवरण अभिलेख सहित प्रदान करें। (ख) उक्त अवधि में भुगतान की गई राशि के बिल, वाउचर, कैश बुक, लेजर और भुगतान नोटशीट के प्रमाणित अभिलेख प्रदान करें। (ग) उक्त अवधि में नगर परिषद धामनोद में मुख्य नगर पालिका अधिकारी (सीएमओ) के पद पर नियमानुसार कौन-कौन पदस्थ थे? राशि आहरण का अधिकार नियमानुसार किसके पास था? सीएमओ का नाम बताएँ। (घ) दिनांक 28.10.2024 से 31.10.2024 तक क्या श्रीमती माया मंडलोई ने बिना डिजिटल हस्ताक्षर के राशि आहरित की? यदि हाँ, तो किस नियम और किस अधिकारी के आदेश से? नियम और आदेश की प्रतिलिपि प्रदान करें। (ङ) नगर परिषद अध्यक्ष श्रीमती सीमा विष्णु पाटीदार द्वारा दिनांक 30.10.2024, 04.11.2024 और 19.11.2024 को प्रमुख सचिव, नगरीय प्रशासन को भेजे गए पत्रों की प्रमाणित प्रतियाँ, उन पर की गई कार्यवाही की नोटशीट और पालन प्रतिवेदन प्रदान करें। इन पत्रों पर प्रश्न दिनांक तक भ्रष्ट अधिकारी पर कार्यवाही क्यों नहीं हुई? संरक्षण देने वाले अधिकारी का नाम और पदनाम बताएँ। कार्यवाही की समय-सीमा बताएँ।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) दिनांक 16.10.2024 से दिनांक 04.11.2024 तक नगर परिषद धामनोद के समस्त खातों से 10612842/-राशि आहरित की गई है। आहरण पर सीएमओ/अध्यक्ष के हस्ताक्षर है। आहरित राशि के लिये पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) उक्त अवधि में भुगतान की गई राशि के वाउचर, केश-बुक, नोट-शीट की प्रमाणित प्रतियाँ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) उक्त अवधि में नगर परिषद धामनोद में श्रीमती माया मंडलोई मुख्य नगरपालिका अधिकारी एवं श्री बलराम भूरे प्रभारी मुख्य नगरपालिका अधिकारी पदस्थ थे। राशि आहरण के अधिकार नियमानुसार सीएमओं के पास था। सीएमओ के नाम श्रीमती माया मंडलोई मुख्य नगरपालिका अधिकारी एवं श्री बलराम भूरे प्रभारी मुख्य नगरपालिका अधिकारी। (घ) दिनांक 28.10.2024 से 31.10.2024 तक श्रीमती माया मंडलोई मुख्य नगरपालिका अधिकारी द्वारा शासन नियमानुसार डिजिटल हस्ताक्षर की कार्यवाही की गई। माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर की याचिका कमांक 32745/2024 के आदेश पर अधिवक्ता से विधिक अभिमत के आधार पर एवं म.प्र. शासन वित्त विभाग वल्लभ भवन भोपाल के पत्र क्रमांक 1890/र-3022/2024/नियम/चार भोपाल दिनांक 21.10.2024 में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। (ङ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है। श्रीमती माया मंडलोई के विरूद्ध कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
102. ( क्र. 1565 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बीओटी, बीओटी (टोल+एन्युटी ), बीओटी (एन्युटी) योजना में क्या अंतर है? तीनों कैटेगरी में कितनी पूर्ण परियोजना है? तीनों कैटेगरी की बीओटी योजना में कुल सड़कों की लंबाई, निर्माण लागत ( ग्रांट घटाने के बाद) तथा प्रारंभ से जून 2025 तक कुल कितना टोल वसूल हो चुका है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रत्येक टोल रोड की लागत ग्रांट घटाने के बाद, अनुबंध के अनुसार टोल प्रारंभ तथा अंतिम दिनांक, अंतिम दिनांक में वृद्धि की अवधि, वृद्धि के बाद अंतिम दिनांक, प्रारंभ से 30 जून, 2025 तक वसूली गई टोल राशि की जानकारी दें। (ग) भोपाल, देवास, लेबड जावरा, जावरा नयागांव, इंदौर उज्जैन, लेबड मानपुर, मऊ घाटाबिल्लोद, भोपाल बाईपास, चार लेन तथा देवास बायपास छ: लेन पर प्रारंभिक तथा वर्तमान कंसेशनर का नाम, जनवरी 2021 से जून 2025 तक वर्षवार, प्रतिमाह अनुसार टोल कलेक्शन तथा विभिन्न कैटेगरी के टोल देने वाले वाहन की संख्या की जानकारी प्रदान करें। कंसेशनर से हुए अनुबंध की प्रतियां देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित टोल रोड पर लागत (ग्रांट घटाने के बाद) का कितने प्रतिशत टोल, कितनी अवधि में, वसूल हो चुका है तथा कितने वर्ष, माह और दिन तक टोल और वसूला जाएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) बीओटी, बीओटी (टोल+एन्युटी), बीओटी (एन्युटी) योजना का संक्षिप्त विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स एवं 1, 2 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
सौर ऊर्जा केंद्र की जानकारी
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
103. ( क्र. 1572 ) डॉ. तेजबहादुर सिंह चौहान : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा नगर के ग्रामीण क्षेत्र हताई और मकला क्षेत्र में सौर ऊर्जा के प्लांट या केंद्र को स्थापित किया जा रहा है, वर्तमान में उसकी पूर्णता की स्थिति क्या है? (ख) सौर ऊर्जा के प्लांट के स्थापित होने का काम कब तक पूर्ण कर लिया जाएगा और पूर्ण किया जाकर सौर ऊर्जा से विद्युत का उत्पादन एवं वितरण कब-कब प्रारंभ हो जाएगा? (ग) इस प्लांट के संचालन की व्यवस्था क्या रहेगी? इसका संचालन निजी कंपनी के हाथों में रहेगा या इसका संचालन शासन द्वारा किया जाएगा एवं इसमें कितने अधिकारी एवं कितने कर्मचारी कार्य करेंगे? कृपया संख्या बताने की कृपा करें।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री राकेश शुक्ला ) : (क) मेसर्स पॉवर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (PGCIL) द्वारा जिला उज्जैन तहसील नागदा के ग्राम मकला एवं बनबना में 85 मेगावाट क्षमत की सौर ऊर्जा परियोजना वर्ष 2022 से पंजीकृत है। उक्त परियोजना वर्तमान में कार्यशील है। (ख) उक्त परियोजना स्थापित है। उक्त परियोजना से 85 मेगावाट क्षमता विद्युत का दिनांक 24.04.2025 से उत्पादन किया जा रहा है। विकासक द्वारा परियोजना से उत्पादित विद्युत का उपयोग स्वयं के लिए किया जा रहा है, शेष अतिरिक्त ऊर्जा को पॉवर एक्सचेंज में प्रदाय किया जा रहा है। (ग) परियोजना का संचालन मेसर्स पॉवर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (PGCIL) (भारत सरकार का उपक्रम) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी मेसर्स पॉवर ग्रिड एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। PGCIL से प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त परियोजना हेतु 07 अधिकारी/कर्मचारी एवं लगभग 20 संविदा कर्मी कार्य कर रहे है।
युवाओं को दी जा रही योजना की जानकारी
[पशुपालन एवं डेयरी]
104. ( क्र. 1574 ) डॉ. तेजबहादुर सिंह चौहान : क्या राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा इस विभाग के माध्यम से कौन-कौन सी योजना चलाई जाती है और संचालित योजना का लाभ कैसे लिया जा सकता है? (ख) नागदा खाचरौद विधानसभा में पिछले 2 वित्तीय वर्ष से अब तक कितने लोगों को इस विभाग कौन-कौन सी योजना का लाभ दिया गया? कृपया सूची हितग्राही के नाम, पिता का नाम, ग्राम के नाम सहित उपलब्ध करने की कृपा करें।
राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है।
नवकरणीय ऊर्जा कार्य
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
105. ( क्र. 1577 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन/विभाग द्वारा नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में अनेक उल्लेखनीय कार्य किये जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ तो रतलाम -मंदसौर एवं नीमच जिला अंतर्गत वर्ष 2020-21 से लेकर प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी भूमि पर कितनी-कितनी क्षमता के ग्रिड पावर संयंत्र एवं सोलर संयंत्रों की स्थापना हेतु स्वीकृति दी है? कितने कार्य पूर्ण हुए, कितने अपूर्ण रहे, कितने अप्रारंभ है तथा इन्हें कितनी शासकीय/निजी भूमि कितने वर्षों के लिए प्रदान की? (ग) विगत वर्षों में आवंटित शासकीय भूमियों के अनुबंध की अवधि समाप्त होने पर किन-किन स्थानों की भूमियां शासन को लौटाई गई? (घ) शासकीय एवं निजी भवनों पर लगने वाले सोलर यंत्र तथा कृषि सोलर पंप लगाए जाने के कितने प्रस्ताव प्राप्त होकर कितनों की स्वीकृतियां दी गई? कितने पूर्ण हुए? इसे कितनी ऊर्जा की बचत होगी। सोलर संयंत्र की स्थापना की प्रक्रिया से भी अवगत कराएं।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री राकेश शुक्ला ) : (क) जी हाँ। शासन/विभाग द्वारा नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में अनेक उल्लेखनीय कार्य किये जा रहे है। (ख) रतलाम-मंदसौर एवं नीमच जिला अंतर्गत चाही गई ग्रिड संयोजित पवन ऊर्जा परियोजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। ग्रिड संयोजित सौर ऊर्जा परियोजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है, कुसुम-अ, कुसुम-ब एवं कुसुम-स की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी निरंक है। (घ) शासकीय एवं निजी भवनों पर लगने वाले सोलर संयंत्र प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है एवं कृषि सोलर पंप की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
सिंहस्थ के लिये नगरीय क्षेत्र में विकास कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
106. ( क्र. 1578 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा आगामी वर्षों में आने वाले सिंहस्थ पर्व को दृष्टिगत रख नगरीय क्षेत्र हेतु सिंहस्थ कार्य योजना बनाई गई है? (ख) यदि हाँ तो नगर पालिका परिषद जावरा एवं नगर परिषद पिपलोदा अंतर्गत आने वाले अनेक कार्यों को किए जाने के प्रस्ताव अग्रेषित किए हैं? साथ ही प्रश्नकर्ता द्वारा भी एवं जिलाधीश रतलाम के द्वारा भी तदाशय के पत्र अग्रेषित किए हैं? (ग) यदि हाँ तो प्रश्नकर्ता द्वारा एवं नगरीय निकाय के साथ जिला प्रशासन द्वारा अग्रेषित प्रस्ताव को विभाग द्वारा कार्य योजना में सम्मिलित किया है? (घ) शासन/विभाग द्वारा प्रश्नांश (ग) अंतर्गत उल्लेखित व्यवस्थाओं के माध्यम से अग्रेषित किन-किन प्रस्तावों को सम्मिलित करते हुए किन-किन कार्यों की प्राथमिकता निश्चित कर संपूर्ण कार्य योजना को अंतिम रूप दिया जाकर सम्मिलित किया तो दोनों नगरीय क्षेत्र के कार्यों की स्वीकृति कब तक दी जा सकेगी? कार्य योजना सहित जानकारी दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) एवं (घ) संभाग स्तरीय समिति द्वारा प्रस्ताव का परीक्षण किया जा रहा है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
धर्मराजेश्वर लोक का निर्माण
[लोक निर्माण]
107. ( क्र. 1581 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 03 मई, 2025 को सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के नगर सीतामऊ प्रवास के दौरान माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा आवरा एवं आवरी के मध्य पुलियां निर्माण तथा धर्मराजेश्वर हेतु क्या घोषणा कि गई थी? जानकारी देवें। (ख) उपरोक्त घोषणा के संबंध में क्या मंदसौर कलेक्टर द्वारा कोई पत्र विभाग को अथवा मुख्यमंत्री कार्यालय को प्रेषित किया गया है? जानकारी देवें। (ग) आगामी सिंहस्थ 2028 को दृष्टिगत रखते हुए क्या उक्त घोषणा की स्वीकृति हेतु बजट में सम्मिलित कर लिया जाएगा? जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (क) वर्णित घोषणा के संबंध में प्रश्न दिनांक तक विभाग की ओर से क्या-क्या कार्यवाही की गई है? जानकारी देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा सीतामउ में की गई घोषणा क्रमांक डी0579 की प्रति संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) प्रथम अनुपूरक बजट वर्ष 2025-26 में सम्मिलित करने हेतु प्रस्तावित। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार।
मंदसौर-सुवासरा मार्ग का फोरलेन में उन्नयन
[लोक निर्माण]
108. ( क्र. 1582 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री द्वारा मंदसौर प्रवास के दौरान मंदसौर सुवासरा मार्ग फोरलेन निर्माण़ के लिए घोषणा की गई थी, दिनांक 12 मार्च 2025 को उक्त रोड को बजट में सम्मिलित करने के बाद विभाग या शासन द्वारा क्या आगामी कार्यवाही की गई है? जानकारी देवें। (ख) उक्त रोड के लिए क्या सर्वे एजेन्सी की नियुक्ति कर दी गई है, यदि हाँ तो एजेंसी ठेकेदार के नाम एवं मोबाईल नंबर सहित जानकारी देवें? (ग) आगामी सिंहस्थ को दृष्टिगत रखते हुए उक्त रोड की कब तक प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी जाएगी जानकारी देवें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। मंदसौर-सुवासरा मार्ग फोरलेन निर्माण कार्य वित्तीय वर्ष 2025-26 के मुख्य बजट में प्रावधानित है। उक्त कार्य हेतु डी.पी.आर. एजेंसी निर्धारित करने के उपरांत डी.पी.आर. का कार्य प्रगतिरत है। (ख) जी हाँ। उक्त कार्य हेतु डी.पी.आर. एजेंसी मेसर्स आईकॉन्स इंजीनियरिंग प्रा.लि. इन जे.वी. विथ मेसर्स एम.एस. पार्क फ्यूचरिस्टीक्स एण्ड एसोसिएट्स इन एसोसिएशन विथ केयूज़ कन्सलटींग प्रा.लि. भोपाल, अनुबंधानुसार अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता का नाम श्री सतीश कुमार दुबे एवं मोबाईल नं. 9009200088, लेंड लाईन नं. 0755-4004002 है। (ग) डी.पी.आर. कार्य पूर्ण होने के पश्चात ही प्रशासकीय स्वीकृति जारी करने से संबंधित कार्यवाही की जा सकेगी। अत: वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जीरन (बमोरा) क्षेत्र में 132/33 के.वी. उपकेंद्र की स्थापना
[ऊर्जा]
109. ( क्र. 1589 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता विधायक के तारांकित प्रश्न क्रमांक 1507 दिनांक 17.03.2025 के प्रश्नांश (ग) के उत्तर में बताया गया है कि विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा प्रश्नाधीन जीरन (बमोरा) क्षेत्र में 132/33 के.वी. उपकेंद्र की स्थापना हेतु गठित प्रदेश स्तरीय अंतर्कंपनी समिति के समक्ष प्रस्तुत किए जाने के लिए म.प्र. पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड को 28.02.2025 को पत्र प्रेषित किया गया है। इस पत्र पर विभाग द्वारा की गई कार्यवाही से अवगत कराएं। (ख) प्रश्नकर्ता विधायक के तारांकित प्रश्न क्रमांक 1507 दिनांक 17.03.2025 के प्रश्नांश (क) के उत्तर में बताया गया है कि तत्समय समिति द्वारा उक्त प्रस्ताव को तकनीकी रूप से असाध्य पाए जाने के कारण कार्यवाही नहीं की जा सकी। क्या समिति ने तकनीकी रूप से असाध्य पाए जाने के कारण स्पष्ट किए हैं? यदि हाँ, तो अवगत कराएं। (ग) नीमच विधानसभा में वर्तमान में प्रश्नकर्ता विधायक एवं अन्य जनप्रतिनिधियों ने ट्रांसफार्मर की क्षमता बढ़ाने हेतु विभाग को कब-कब और किस-किस दिनांक को पत्र दिए? विभाग द्वारा उन पर क्या कार्यवाही की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा पत्र दिनांक 28.02.2025 के माध्यम से प्रेषित पुनरीक्षित प्रस्ताव को दिनांक 16.04.2025 को आयोजित अति उच्च दाब विद्युत उपकेन्द्रों की स्थापना के संबंध में साध्यता/असाध्यता के निर्धारण हेतु गठित प्रदेश स्तरीय अंतर्कंपनी समिति की बैठक में प्रस्तुत किया गया। उक्त समिति द्वारा प्रश्नाधीन क्षेत्र की वर्तमान अद्योसंरचना व्यवस्था, विद्यमान भार, विद्युत प्रदाय की गुणवत्ता एवं भविष्य में विद्युत मांग में संभावित वृद्धि के दृष्टिगत जीरन (बमोरा) जिला नीमच में नवीन 132/33 के.व्ही विद्युत उपकेन्द्र के निर्माण हेतु स्वीकृति प्रदान की गई है। उक्त विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना के कार्य को फण्ड एवं भूमि की उपलब्धतानुसार आगामी वर्षों की पारेषण कार्य योजना में शामिल किया जा सकेगा। (ख) जी हाँ। तत्समय दिनांक 07.03.2022 को आयोजित अति उच्चदाब विद्युत उपकेन्द्रों की स्थापना के संबंध में साध्यता/असाध्यता के निर्धारण हेतु गठित प्रदेश स्तरीय अंतर्कंपनी समिति द्वारा प्रश्नाधीन क्षेत्र में 132/33 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र जीरन (बमोरा) के स्थान पर बमोरा क्षेत्र की विद्युत प्रदाय की गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु निकटस्थ अति उच्चदाब उपकेन्द्र नीमच एवं मल्हारगढ़ से अतिरिक्त 33 के.व्ही फीडर का निर्माण कर विद्यमान 33 के.व्ही. फीडरों के भार को विभक्त करने हेतु सुझाव दिया गया था। (ग) वित्तीय वर्ष 2024-25 एवं 2025-26 में (जून 2025 तक स्थिति में) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय एवं अन्य जनप्रतिनिधियों द्वारा विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि करने हेतु म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, नीमच कार्यालय को लिखे गए पत्रों तथा उन पर की गई कार्यवाही का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
नीमच नगर पालिका क्षेत्र की भूमि
[नगरीय विकास एवं आवास]
110. ( क्र. 1590 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नीमच नगर पालिका क्षेत्र में वर्तमान में नगर पालिका की कुल कितनी भूमि कहाँ-कहाँ पर है? उनके सर्वे नंबर/खसरा नंबर सहित जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में संदर्भित भूमि में से कितनी भूमि पर किन-किन व्यक्तियों का अतिक्रमण है? अतिक्रमण हटाने के लिए नगर पालिका नीमच ने 1 जनवरी 2020 से प्रश्न दिंनाक तक कब-कब जिला कलेक्टर एवं अन्य उच्च अधिकारियों को पत्र लिखे? यदि नगर पालिका ने स्वयं भी इस अवधि में कोई कार्यवाही की हो तो अवगत कराएं। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में संदर्भित नगर पालिका भूमि पर कौन-कौन से प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन हैं तथा किन-किन प्रकरणों में माननीय न्यायालय ने नगर पालिका के पक्ष में फैसला सुनाया है? क्या न्यायालय से जीत मिलने के बाद उक्त भूमि को अतिक्रमण मुक्त कर लिया गया है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट "अ" अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट "अ" अनुसार है। 01 जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक नगर पालिका परिषद नीमच के द्वारा उपरोक्त अतिक्रमण के सबंध में जिला कलेक्टर अथवा अन्य उच्च अधिकारियों को पत्र प्रेषित नहीं किये गये है। उल्लेखित अतिक्रमण हटाने के सबंध में प्रश्नाधीन अवधि में नगर पालिका परिषद नीमच के द्वारा स्वयं भी कोई कार्यवाही नहीं की गई है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट "ब" अनुसार है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट "अ" में क्रमांक 03 -बगीचा क्रमांक 12 तथा क्रमांक 17 में उल्लेखित ईट भट्टा क्षेत्र की भूमि के सबंध में माननीय न्यायालय के द्वारा नगर पालिका परिषद नीमच के पक्ष में निर्णय पारित किया गया। न्यायालयीन निर्णय के पालन में बगीचा नं.12 की भूमि से अतिक्रमण हटा कर आधिपत्य प्राप्त कर लिया गया है। ईट भट्टा क्षेत्र की भूमि का अतिक्रमण हटाना शेष है।
गोरस श्यामपुर मार्ग की जांच
[लोक निर्माण]
111. ( क्र. 1592 ) श्री मुकेश मल्होत्रा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर में लोक निर्माण विभाग द्वारा NH- 552 सड़क निर्माण गोरस से श्यामपुर मार्ग में घटिया निर्माण हो रहा है? इसमें बिना रॉयल्टी के और बिना पर्यावरण प्रदूषण की NOC के करोड़ों घन मीटर मुरुम का उपयोग किया जा रहा है? (ख) विजयपुर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत सड़क का निर्माण कार्य कितनी राशि का है एवं उनकी पूर्ण करने की समयावधि क्या है? (ग) वर्तमान में सड़क की अद्यतन स्थिति क्या है यह कब तक पूर्ण कर ली जाएगी? क्या सड़क का कार्य करने वाली निर्माण एजेंसी द्वारा मटेरियल संबंधी बिल एवं खनिज रॉयल्टी विभाग को दी है? यदि हाँ तो प्रति सहित बतावें और यदि नहीं तो दोषी कार्य एजेंसी, कर्मचारी के विरुद्ध कार्यवाही की जावे।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं। म.प्र. शासन खनिज साधन विभाग मंत्रालय के आदेश क्र. एफ-19-7/2010/12/1 भोपाल दिनांक 24-09-2019 द्वारा सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार द्वारा मध्यप्रदेश में निर्मित की जाने वाली परियोजनाओं के निर्माण कार्यों में उपयोग होने वाली साधारण मिट्टी तथा मुरूम पर राज्य सरकार रॉयल्टी से छूट प्रदान की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘’1’’ एवं ‘’2’’ अनुसार है। (ख) लागत रू. 209.18 करोड़ एवं पूर्ण करने की तिथि 29.12.2026 है। (ग) वर्तमान में पुल-पुलियां निर्माण कार्य एवं अर्थवर्क का कार्य प्रगति पर है। अनुबंधानुसार कार्य पूर्णता तिथि 29.12.2026 है। निर्माण कार्यों में उपयोग होने वाली साधारण मिट्टी तथा मुरम पर राज्य सरकार द्वारा रॉयल्टी से छूट प्रदान की गई है। गिट्टी एवं रेत की रॉयल्टी खनिज खपत अनुसार नियमानुसार जमा कराई जा रही है। ई.टी.पी. की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘’3’’ अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगरीय क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
112. ( क्र. 1602 ) श्री हरिबाबू राय [इंजीनियर] : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन में अभी तक कितने प्रधानमंत्री आवास निर्मित करवा दिए है। कितने निर्माणाधीन है कितने भविष्य में और निर्मित होना है। शहरी क्षेत्र में बगैर प्लाट/गैर-रजिस्ट्री वाले गरीब मजदूरों को भी आवास प्लस की सुविधा प्रदान करने बाबत नियम बनाकर इन सभी गरीबों को भी अन्य लोगों की तरह इनके परिवार को आशियाना मिल सके इस हेतु कृपया कब तक आदेशित करने की कृपा करेंगे। (ख) अभी भी बहुत सारे गरीब पात्र लोग आवास प्लस सर्वे में छूट गये है पुनः सर्वे करवाकर शामिल करवाने की कृपा करें। कब तक छूटे हुये पात्र लोगों को शामिल करवायेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) म.प्र. के नगरीय निकायों में निर्मित तथा निर्माणाधीन प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी आवासों की जानकारी निम्नानुसार है तथा प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 में 10.00 लाख आवासों का लक्ष्य निर्धारित हैं।
घटक का नाम |
स्वीकृत आवासों की संख्या |
निर्मित/पूर्ण आवासों की संख्या |
निर्माणाधीन/अपूर्ण आवासों की संख्या |
अप्रारंभ/निर्माण हेतु शेष आवासों की संख्या |
बीएलसी |
7,15,411 |
6,42,410 |
62,957 |
10,044 |
एएचपी |
57,600 |
40,851 |
16,749 |
- |
सीएलएसएस |
1,72,920 |
1,72,920 |
- |
- |
कुल |
9,45,931 |
8,56,181 |
79,706 |
10,044 |
शहरी क्षेत्र में आवास प्लस योजना नहीं है। प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 के अंतर्गत पात्र आवासहीनों को लाभ दिये जाने का प्रावधान है। (ख) शहरी क्षेत्र में आवास प्लस जैसी कोई योजना नहीं है न ही कोई सर्वे किया जा रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 के प्रावधान अनुसार भारत सरकार के एकीकृत वेब पोर्टल पर संबंधित को आवेदन करने पर पात्रतानुसार स्वीकृति प्रदान की जाती है। योजना अवधि माह सितंबर 2029 तक है।
विद्युत देयक भुगतान करने वाले उपभोक्ताओं के कनेक्शन नहीं काटे जाना
[ऊर्जा]
113. ( क्र. 1603 ) श्री हरिबाबू राय [इंजीनियर] : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जो उपभोक्ता विद्युत बिल नियमानुसार भुगतान कर रहे है उनकों विद्युत प्रदान की जावें और जो उपभोक्ता विद्युत बिल नहीं देते हो तो उनका कनेक्शन कांटा जावे, जबकि पूरे ट्रांसफार्मर को बंद कर दिया जाता है। इस कारण बिल चुकाने वाले उपभोक्ताओं को विद्युत प्रदाय नहीं होती है। ऐसा आदेश देवें कि बिल भुगतान करने वाले उपभोक्ताओं को लगातार बिजली, मिले और उनके कनेक्शन न कांटे जावें तथा जो नियमानुसार बिल जमा नहीं करते उनके ही कनेक्शन कांटे जावें। (ख) विद्युत विभाग के लाईनमैन प्रतिमाह विद्युत बिल नहीं लेते है और कई माह बाद बिल मांगते है। ऐसे में राशि अधिक हो जाने के कारण उपभोक्ता बिल नहीं दे पाते है। इसका क्या कारण है? (ग) क्या विद्युत विभाग अपने लाईनमैनों को/सुपरवाईजरों को/और अन्य अधिकारियों के संबंधित कार्य क्षेत्रों के लिए स्थायी मोबाईल नबंर देकर दिवालों पर लेख कराया जावेगा? स्थानांतरण होने पर समस्यां आती है। नियम बनाने की कृपा करें। (घ) कई बस्तियों में भार से कम क्षमता के डी.टी.आर. रखे है। जो महिना या दो महिना में जल जाते है। बदलने में महिने लगते है। कृपया सर्वे करवाकर अधिक भार क्षमता वाले डी.टी.आर. रखवाने की कृपा करें। विद्युत विभाग को आदेशित किया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) विद्युत उपभोक्ता जिनके द्वारा नियमित तौर पर विद्युत बिल की राशि जमा की जाती है, उनका विद्युत कनेक्शन विच्छेदित नहीं किया जाता है एवं ऐसे उपभोक्ताओं को सुचारू रूप से विद्युत प्रदाय किया जाता है। उल्लेखनीय है कि नियत दिनांक तक देयक का भुगतान प्राप्त नहीं होने की स्थिति में ''म.प्र.विद्युत प्रदाय संहिता-2021'' की कण्डिका-9.15 के अनुसार उपभोक्ता को संयोजन के अस्थाई विच्छेदन हेतु 15 दिवसीय नोटिस जारी करने का प्रावधान है। नोटिस अवधि समाप्ति पर भी यदि देयक का भुगतान उपभोक्ता द्वारा नहीं किया जाता है, तो ऐसी स्थिति में संयोजन को अस्थाई रूप से विच्छेदित किया जाता है। उक्त के अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर से संबद्ध शत-प्रतिशत उपभोक्ताओं पर विद्युत बिल की बकाया राशि होने पर ही वितरण ट्रांसफार्मर को बंद किया जाता है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ख) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के विधानसभा क्षेत्र से संबंधित म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के क्षेत्रान्तर्गत प्रत्येक माह, संबंधित क्षेत्र के मीटर रीडरों द्वारा पॉस मशीन से मीटर रीडिंग ली जाती है एवं रीडिंग लेते समय ही मौके पर पॉस मशीन के माध्यम से बिल जनरेट कर बिल की प्रति उपभोक्ता को उपलब्ध करा दी जाती है। उक्त के अतिरिक्त उपभोक्ता के पंजीकृत मोबाईल पर विद्युत देयक का मैसेज भेज दिया जाता है, तदानुसार नियत तिथि से पूर्व बिल भुगतान करने की जवाबदेही उपभोक्ता की स्वयं की होती है। साथ ही उपभोक्ताओं का बिल कंपनी बेवसाईट/पोर्टल https://portal.mpcz.in पर उपलब्ध रहता है। (ग) वर्तमान में म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी स्तर पर सभी संबंधित वितरण केन्द्रों/जोन के प्रभारियों के स्थाई मोबाईल नंबर कंपनी की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। प्रभारियों के स्थानांतरण होने पर मोबाईल नंबर नहीं बदलते हैं। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (घ) जी नहीं। म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के क्षेत्रान्तर्गत प्रचलित नियमों/दिशा-निर्देशों के अनुक्रम में समय-समय पर संबंधित क्षेत्र के प्रभारी अधिकारियों द्वारा वितरण ट्रांसफार्मर पर संबंद्ध स्वीकृत भार की समीक्षा कर स्थापित वितरण ट्रांसफार्मर अतिभारित पाये जाने की स्थिति में समय-समय पर नियमानुसार प्रणाली सुदृढ़ीकरण योजना अथवा सामान्य विकास योजना के तहत क्षमतावृद्धि अथवा अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर की स्थापना के प्रस्ताव पर सक्षम स्वीकृति उपरांत वितरण ट्रांसफार्मर स्थापना की कार्यवाही की जाती है, जो कि एक सतत् प्रक्रिया है। उल्लेखनीय है कि वितरण ट्रांसफार्मर, विभिन्न बाह्य जनित कारणों एवं तकनीकी खराबी आने से खराब होते हैं, जिनमें मुख्यत: आकाशीय बिजली गिरने, विद्युत का अवैधानिक उपयोग, विद्युत लाईन में फाल्ट होने से, ट्रांसफार्मर का तेल चोरी होने के कारण अथवा तेल का रिसाव एवं ट्रांसफार्मर में आंतरिक खराबी आने इत्यादि कारण प्रमुख हैं। वितरण ट्रांसफार्मर के जलने/खराब होने के उपरान्त संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि का 10 प्रतिशत जमा करने अथवा 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा बकाया राशि जमा करने पर संभागीय मुख्यालय में 12 घंटे एवं अन्य शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे तथा ग्रामीण क्षेत्रों में शुष्क मौसम में 3 दिवस तथा मानसून के मौसम के दौरान माह जुलाई से सितंबर तक 7 दिवस में जला/खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदलने अथवा विद्युत प्रदाय पुनर्स्थापित करने के प्रावधान हैं। तदनुसार वितरण कंपनी द्वारा पहुंच मार्ग की उपलब्धतानुसार उक्त निर्धारित समयावधि में जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदलने की कार्यवाही की जाती है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता है।
गौशाला निर्माण एवं संचालन
[पशुपालन एवं डेयरी]
114. ( क्र. 1613 ) श्री विश्वामित्र पाठक : क्या राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिहावल विधानसभा क्षेत्रांतर्गत विकासखण्ड सिहावल जिला सीधी एवं विकासखण्ड देवसर जिला सिंगरौली में कितने गौशालाओं की स्वीकृति प्रदान की गई है उसमें से कितनी पूर्ण/संचालित एवं कितनी अपूर्ण है सूची उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृति गौशालाओं का समय-सीमा में निर्माण कार्य पूर्ण न होने के क्या कारण है इसके लिये कौन जिम्मेदार है। क्या जिम्मेदारी तय कर कार्यवाही की जायेगी? (ग) मुख्य मार्गों में पशुओं का विचरण न हो एवं किसानों की फसलों का नुकसान न हो इसके लिये कब तक गौशालाओं का निर्माण पूर्ण कराकर संचालित कराई जायेगी?
राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) सिहावल विधानसभा क्षेत्रांतर्गत विकासखण्ड सिहावल जिला सीधी में 11 गौशालाओं की स्वीकृति प्रदान की गई है उनमें से 10 गौशालाओं का निर्माण पूर्ण तथा 1 गौशाला अपूर्ण है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''अ'' अनुसार। विकासखण्ड देवसर जिला सिंगरौली में 2 गौशालाओं की स्वीकृति प्रदान की गई एवं दोनों गौशालाओं का निर्माण पूर्ण है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''ब'' अनुसार। (ख) सिहावल विधानसभा क्षेत्रांतर्गत विकासखण्ड सिहावल जिला सीधी की ग्राम पंचायत लौआर पैपखार में निर्माणाधीन गौशाला का कार्य से अधिक राशि पंचायत द्वारा आहरित की गई है, जिसके संबंध में कार्यवाही की जा रही है। (ग) पूर्ण गौशलाओं के संचालन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विद्युत सुधार राशि में भ्रष्टाचार
[ऊर्जा]
115. ( क्र. 1616 ) श्री उमंग सिंघार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी इंदौर को केन्द्र की इंटीग्रेटेड पॉवर डेवलपमेंट स्कीम (IPDS) के तहत इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार के लिये 14 जिलों को कुल कितनी राशि कब प्राप्त हुई? (ख) क्या 14 जिलों के लिए 523 करोड़ राशि प्राप्त हुई, इसमें से इंदौर शहर के लिये 167 करोड़ रूपये की राशि थी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में क्या वर्ष 2017 से 2020 तक कार्य किया गया? (घ) क्या ठेकेदारों की मिलीभगत कर इस स्कीम में खरीदे गए ट्रांसफार्मर, खंभे, तारों के बायपास व अन्य जगह बन रही कालोनियों के निजी बिल्डरों को बेचे जाने की शिकायतें प्रकाश में आई यदि हाँ तो कब? इस पर क्या कार्यवाही की गई है? (ड.) उक्त प्रकरण में कितने दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही किस स्तर पर लंबित है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) एवं (ख) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर को केन्द्र शासन की इंटीग्रेटेड पॉवर डेवलपमेंट स्कीम (IPDS) अंतर्गत कुल राशि रु. 530.51 करोड़ प्राप्त हुई थी, जिसका विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। योजनांतर्गत इंदौर शहर हेतु कुल रूपये 236.62 करोड़ की राशि प्राप्त हुई, जिसमें योजनांतर्गत कार्य किये गये। (ग) जी हाँ। (घ) जी हाँ। शिकायत में विशिष्ट कॉलोनी/निजी बिल्डर का उल्लेख नहीं पाया गया तथापि प्रारंभिक स्तर पर शिकायत प्रमाणिक नहीं पाई गई है। (ड.) उत्तरांश (घ) के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक है। तथापि आई.पी.डी.एस. योजना से संबंधित अन्य शिकायतों में अनियमितता पाये जाने पर 24 कार्मिकों के विरूद्ध म.प्र. सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के तहत कार्यवाही की गई।
भोपाल एवं इंदौर मेट्रो की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
116. ( क्र. 1618 ) श्री उमंग सिंघार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल एवं इंदौर मेट्रो रेल परियोजनाएं पूरी तरह से कब तक पूर्ण की जाएगी? परियोजनाओं की वर्तमान अंतिम समय-सीमा बताएं? (ख) इन परियोजनाओं के लिए प्रारंभ में निर्धारित प्रथम समय-सीमा क्या थी और वर्तमान संशोधित समय-सीमा के अनुसार यह परियोजना कुल कितने वर्षों की देरी से संचालित हो रही है? (ग) मेट्रो परियोजनाओं के लिए राज्य सरकार द्वारा अब तक किन-किन संस्थाओं/एजेंसियों से कुल कितना ऋण प्राप्त किया गया है? संस्थानवार ऋण राशि, ब्याज तथा ऋण की अवधि का विवरण दें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) भोपाल एवं इंदौर मेट्रो रेल परियोजनाओं के संपूर्ण कॉरिडोर क्रमश: जून 2028 एवं दिसम्बर 2028 तक पूर्ण किये जाने का लक्ष्य है। (ख) भोपाल एवं इंदौर मेट्रो रेल परियोजनाओं के लिए प्रारंभ में निर्धारित समय-सीमा नवम्बर 2022 थी और वर्तमान में परियोजनाओं के प्राथमिक चरण का संचालन इंदौर में वर्ष 2025 से प्रारंभ किये जा चुका है तथा भोपाल में भी परियोजना के प्राथमिक चरण का संचालन वर्ष 2025 में प्रारंभ किया जाना लक्षित है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
मेट्रो परियोजना की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
117. ( क्र. 1619 ) श्री उमंग सिंघार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल और इंदौर मेट्रो परियोजनाओं के फेयर कलेक्शन सिस्टम के लिये मार्च 2024 में किसी विदेशी कम्पनी को टेंडर प्रदान किया गया है? यदि हाँ तो उस कंपनी का नाम एवं चयन प्रक्रिया का विवरण क्या है? (ख) क्या राज्य सरकार द्वारा उस कंपनी के पिछले कार्यों एवं संबद्ध संस्थाओं की पृष्ठ भूमि की जांच की गई थी, यदि हाँ तो कब? (ग) प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में क्या राज्य सरकार द्वारा उस टेंडर प्रक्रिया की पुन: समीक्षा की जा रही है? (घ) वर्तमान में उक्त टेंडर की स्थिति क्या है? क्या उसमें कोई संशोधन अथवा निरस्तीकरण की कार्यवाही की गई है? यदि हाँ तो कब? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) Automatic Fare Collection System का टेंडर तुर्की में पंजीकृत कंपनी ASIS ELEKTRONIK को दिया गया। यह टेंडर 19 जून 2024 को दिया गया। यह एक खुली अंतर्राष्ट्रीय निविदा थी और चयन, निविदा में पूर्व-निर्धारित पात्रता मानदंडों के अनुसार तकनीकी और वित्तीय मूल्यांकन के आधार पर किया गया था। (ख) Tender evaluation की प्रक्रिया के दौरान कंपनी के पिछले कार्यों की तकनीकी तथा वित्तीय स्थिति की जांच की जाती है, जो कि टेंडर के लिए की गई थी। (ग) MOHUA से AFC Tender को निरस्तीकरण करने के निर्देश प्राप्त हुए हैं। जिसके अनुसार कार्यवाही की जा रही है। (घ) MOHUA से AFC Tender को निरस्तीकरण करने के निर्देश प्राप्त हुए हैं। जिसके अनुसार कार्यवाही की जा रही है।
राजपुर वि.स. क्षेत्र R.D.S.S. व S.S.T.D. योजना
[ऊर्जा]
118. ( क्र. 1625 ) श्री बाला बच्चन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01/04/2022 से 30/06/2025 तक R.D.S.S. एवं S.S.T.D. योजना में बड़वानी जिले में कितनी राशि की स्वीकृति प्रदान की गयी विधानसभावार बतावें। इन कार्यों के स्थान नाम, लागत, निर्माणकर्ता फर्म सहित अद्यतन स्थिति देखें। (ख) जो कार्य विलम्ब से चल रहे हैं या अपूर्ण है वे कब तक पूर्ण होंगे समय-सीमा प्रत्येक कार्य के सन्दर्भ में देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार कार्य में विलम्ब एवं अपूर्ण रहने की स्थिति में उत्तरदायी अधिकारियों एवं निर्माणकर्ता फर्मों पर विभाग द्वारा कब तक कार्यवाही की जाएगी? (घ) राजपुर विधानसभा के कितने श्रम एवं फलिये 24 घंटे विद्युतीकरण व्यवस्था में नहीं जुड़े हुए हैं उनकी सूची देवें इन्हें कब तक 24 घण्टे विद्युतीकरण व्यवस्था से जोड़ दिया जायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) बड़वानी जिलांतर्गत प्रश्नाधीन अवधि में आर.डी.एस.एस. योजना एवं एस.एस.टी.डी. योजना के तहत स्वीकृत राशि की विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। एस.एस.टी.डी. योजनान्तर्गत स्वीकृत कार्यों से संबंधित प्रश्नाधीन चाही गई राशि, फर्म/एजेन्सी के नाम सहित कार्यवार एवं स्थानवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है तथा आर.डी.एस.एस. योजनान्तर्गत स्वीकृत कार्य की प्रश्नाधीन चाही गई राशि, फर्म/एजेन्सी के नाम सहित स्थानवार एवं कार्यवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के क्रमशः प्रपत्र-'स-1' से प्रपत्र-'स-7', प्रपत्र-'द-1' से प्रपत्र-'द-3' एवं प्रपत्र-'ई' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नाधीन जिलान्तर्गत आर.डी.एस.एस. योजना के तहत कैपेसिटर बैंक स्थापना के कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं एवं अन्य कार्य कार्यादेश की शर्तोंनुसार दो वर्ष में पूर्ण किया जाना है। उल्लेखनीय है कि जारी कार्यादेश अनुसार जो कार्य पूर्ण नहीं हुए हैं, उन्हें माह मार्च 2026 तक पूर्ण किया जाना संभावित है तथा एस.एस.टी.डी. योजना के तहत अपूर्ण एवं प्रगतिरत कार्यों की पूर्णता की संभावित दिनांक पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में आर.डी.एस.एस. योजनांतर्गत किये जा रहे कार्यों के विलंब एवं अपूर्ण पाये जाने पर निर्माणकर्ता फर्म के विरुद्ध निविदा के नियम-शर्तों के अनुसार लिक्विडेटेड डैमेज (एल.डी.) की राशि का कटोत्रा किया जाना है। इसके लिये संबंधित टी.के.सी. के विरुद्ध निविदा के नियम शर्तों के अनुसार एल.डी. का कटोत्रा किया जा रहा है। एस.एस.टी.डी. योजनांतर्गत अपूर्ण कार्य नियमानुसार प्रगतिरत है। अत: अधिकारियों पर कार्यवाही का प्रश्न नहीं उठता है। (घ) राजपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत समस्त राजस्व ग्रामों एवं उनके चिन्हित फाल्यों/मजरों/टोलों में घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को अपरिहार्य कारणों से आए आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर प्रतिदिन 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में राजस्व ग्रामों/आबादी क्षेत्रों से दूर अथवा खेतों में दूर-दूर छोटे-छोटे समूह में बसे 48 फल्यों/मजरों/टोलों में निवासरत परिवारों को समीपस्थ उपलब्ध विद्युत अधोसंरचना यथा कृषि श्रेणी के 11 के.व्ही. फीडरों से संबद्ध कर अपरिहार्य कारणों से आए आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर प्रतिदिन 10 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है, जिनकी फल्योंवार चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'फ' अनुसार है। उक्त 48 फल्यों में से 41 फल्यों को 24 घंटे विद्युत प्रदाय किये जाने हेतु नियमानुसार धरती आबा-जनजातीय उत्कर्ष ग्राम अभियान योजनान्तर्गत सम्मिलित कर लिया गया है, जिस हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष फल्यों/मजरों/टोलों को 24 घंटे वाले फीडरों से जोड़ने के लिए वित्तीय एवं तकनीकी साध्यता अनुसार वित्तीय उपलब्धता के अनुरूप विद्युत अधोसंरचना निर्माण का कार्य किया जा सकेगा, जिस हेतु वर्तमान में निर्धारित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
119. ( क्र. 1628 ) श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगापुर विधानसभा-47 में देवपुर तिगैला से वनपुरा सांपौन कोटरा खेरा से खुमानगंज मय पुल सहित डारगुंवा से हटा, चंदेरी मुख्य मार्ग से पुराने दोह होकर टीला, मचौरा पथरीगढ़ से देवराहा, जतारा बाईपास से बम्हौरी अब्दा, लारौन से टपरियन एवं सैपुरा से सतवारा, नयागांव से गड़रयाना होकर वखतपुरा सड़कों के निर्माण किये जाने हेतु विभागीय पुस्तिका में दर्ज करतें हुये विचाराधीन टेंडर का सुधार कर इन सड़कों का निर्माण अभी तक क्यों नहीं कराया गया कारण स्पष्ट करें। (ख) क्या इन सड़कों के निर्माण कराये जाने के संबंध में सदन में माननीय मंत्री जी से प्रश्नकाल के दौरान चर्चा भी की गई है मगर विभाग द्वारा कौन सी कठिनाई को उठाना पड़ रहा है जिससे इन सड़कों को जनहित में स्वीकृत नहीं किया जा रहा है। कारण स्पष्ट करें। (ग) क्या इन सड़कों के निर्माण किये जाने हेतु क्षेत्र के रहवासियों से आवागमन की कठिनाई के बारे में किसी प्रकार की कोई जानकारी करते हुये विभाग द्वारा सड़कों की नापतौल का कार्य किया गया है, क्या यदि हाँ तो संपूर्ण जानकारी से अवगत करायें। (घ) क्या विभाग को इन सड़कों के निर्माण कराये जाने हेतु अतिरिक्त व्यय उठाना पड़ सकता है जानकारी से अवगत करायें एवं जनहित में इन सड़कों को निर्माण किये जाने हेतु स्वीकृति आदेश कब तक जारी कर दिये जायेंगे स्पष्ट करें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) प्रश्नाधीन 09 मार्गों में से 01 मार्ग देवपुर तिगैला से वनपुरा सापौन मार्ग की निविदा कार्यवाही प्रचलन में है। शेष 08 मार्ग वर्तमान में न तो किसी योजना में स्वीकृत है एवं न ही प्रस्तावित है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। शेष जानकारी उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) जानकारी उत्तरांश (क) अनुसार। (घ) जी नहीं। शेष जानकारी उत्तरांश (क) अनुसार।
सड़कों एवं पुलियों का निर्माण
[लोक निर्माण]
120. ( क्र. 1631 ) श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगापुर विधान सभा क्षेत्र में सड़कों का निर्माण कराया जाना अतिआवश्यक है जिसमें बंधा तिगैला से टीकमगढ़-छतरपुर मुख्य मार्ग, वृषभानपुरा से सेवार तक, मलगुंवा से सरकर तक, मझगुंवा से जामुझोर होकर जरुवा मुख्य सड़क तक, सुजानपुरा तिगैला से बलवंतपुरा रेल्वे पुल तक, जतारा मुख्य मार्ग से बंड़वा मुहल्ला तक, पलेरा नगर में वाईपास निर्माण, आलमपुरा मुख्य मार्ग से झांड़ी मुहल्ला होकर करौला, मुख्य मार्ग तक, बल्देवगढ़ से सुजानपुरा मुख्यमार्ग एवं तिरछी पुलियों को सीधा निर्माण किया जाना आवश्यक है लोक निर्माण विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है, इनकी लम्बाई तथा मौके की स्थिति को विभाग द्वारा देखा गया या नहीं तथा क्या शासन के द्वारा इनको स्वीकृत किये जाने की क्या पहल की गई सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) वर्णित सड़कों पुलियों के संबंध में म.प्र. विधानसभा में याचिकाओं के माध्यम से एवं प्रश्नों के माध्यम से विभाग को अवगत कराया गया परन्तु प्रश्न दिनांक तक निर्माण कराये जाने के संबंध में कोई कार्यवाही नहीं की गई क्यों? (ग) क्या लोक निर्माण विभाग द्वारा प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्यों के निर्माण हेतु किसी प्रकार के प्राक्कलन या शासन को जानकारी दिये जाने संबंधी कोई कार्यवाही निष्पादित की गई हो जिससे कार्यों की स्वीकृति मिल सके सम्पूर्ण जानकारी दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। परीक्षणाधीन है। (ख) जी हाँ। बजट में सम्मिलित होने एवं स्वीकृति प्राप्त होने के पश्चात ही कार्यवाही किया जाना संभव होगा। (ग) प्रस्ताव परीक्षण में है।
आउटसोर्स कम्पनी द्वारा निर्धारित मानदेय का भुगतान
[ऊर्जा]
121. ( क्र. 1638 ) श्री केशव देसाई : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र गोहद अन्तर्गत म.प्र.म. क्षे. विद्युत वितरण लि. गोहद, मौ एवं मालनपुर में आउटसोर्स कम्पनी द्वारा किन-किन कर्मचारियों को लगाया गया है, नाम, पदनाम, शासन द्वारा निर्धारित मानदेय, कम्पनी द्वारा प्रदाय मानदेय की जानकारी सहित सूची उपलब्ध करायें। यदि कम्पनी द्वारा निर्धारित मानदेय से कम राशि कर्मचारियों को प्रदाय की जा रही है, तो इसका स्पष्ट कारण बतायें। कब से निर्धारित मानदेय प्रदाय किया जावेगा, समय-सीमा बतायें। (ख) क्या ग्वालियर चम्बल संभाग अन्तर्गत आउटसोर्स कम्पनी द्वारा शासकीय कार्यालयों में लगे कर्मचारियों को शासन द्वारा निर्धारित मानदेय प्रदाय किया जा रहा है। पदनाम, शासन से निर्धारित मानदेय, कम्पनी द्वारा प्रदाय मानदेय सहित जिलेवार जानकारी प्रदाय करें। यदि कर्मचारियों को शासन से निर्धारित मानदेय प्रदाय नहीं किया जा रहा है, तो इसका कारण बतायें। क्या संबंधित आउटसोर्स कम्पनी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी। क्या शासन से निर्धारित मानदेय प्रदाय किया जावेगा, समय-सीमा बतायें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) गौहद विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संचालन-संधारण संभाग गोहद (वितरण केन्द्र मौ की जानकारी सहित) एवं संचालन-संधारण संभाग मालनपुर में बाह्रय स्त्रोत प्रदाता फर्म द्वारा नियोजित कार्मिकों की प्रश्नाधीन चाही गयी नाम, पदनाम, शासन द्वारा निर्धारित वेतन, बाह्रय स्त्रोत प्रदाता फर्म द्वारा प्रदाय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। आउटसोर्स कार्मिकों को राज्य शासन द्वारा निर्धारित दरों के अनुरूप ही भुगतान किया जा रहा है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ख) जी हां, ग्वालियर एवं चबंल संभाग अंतर्गत बाह्रय स्त्रोत प्रदाता फर्मों/एजेंसियों द्वारा वृत्तवार नियोजित किये गये बाह्रय स्त्रोत कार्मिकों को शासन द्वारा निर्धारित दरों के अनुरूप ही भुगतान बाह्रय स्त्रोत प्रदाता फर्म द्वारा किया जा रहा है, जिसकी प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता है।
घुमन्तु परिवारों का पुनर्वास
[विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु कल्याण]
122. ( क्र. 1641 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या राज्य मंत्री, विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या भिण्ड जिला मुख्यालय भिण्ड शहर के मध्य में विमुक्त, घुमन्तु व्यक्ति/परिवारों का सर्वेक्षण कार्य किया गया है तो इनकी कुल संख्या कितनी तथा उक्त लोग किन-किन सार्वजनिक/शासकीय भूमि पर निवासरत है इनके कल्याण हेतु चलाई जा रही योजनाओं के नाम आवंटित राशि तथा लाभान्वित हितग्राहियों की संख्या समेत समस्त ब्यौरा उपलब्ध करावें? (ख) भिण्ड शहर में बड़ी संख्या में यह घुमन्तु लोग अलग-अलग स्थानों पर नरकीय जीवन यापन कर रहे है क्या विभाग द्वारा इनकी बसाहट, शिक्षा, स्वास्थ्य व रोजगार संबंधित कोई योजना बनाई गई है तो जानकारी उपलब्ध करावें।
राज्य मंत्री, विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु कल्याण ( श्रीमती कृष्णा गौर ) : (क) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रश्नांश के शेष भाग की जानकारी संलग्न परिशिष्ट- 'अ' अनुसार है। (ख) इन समुदायों की बसाहटों में आधारभूत संरचनाओं के लिए बस्ती विकास योजना के अन्तर्गत राशि प्रदान की जाती है। बच्चों को शिक्षा हेतु विभाग द्वारा प्राथमिक शिक्षा छात्रवृत्ति कक्षा 01 से 05 तक विभिन्न छात्रवृत्ति कक्षा 06 से 10 तक, पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति, कक्षा 11 से लेकर महाविद्यालयीन शिक्षा तक, कन्या साक्षरता प्रोत्साहन कक्षा 11वीं के लिए, सैनिक स्कूल में विद्यार्थियों के लिए शिक्षण शुल्क की प्रतिपूर्ति, सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना एवं विमुक्त जाति छात्रावास/आश्रम/सामुदायिक कल्याण केन्द्र संचालित है जानकारी संलग्न परिशिष्ट- 'ब' अनुसार है। विभाग द्वारा संचालित छात्रावासों में प्रवेशित विद्यार्थियों का स्वास्थ्य परीक्षण समय समय पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया जाता है। इन समुदायों के व्यक्तियों के रोजगार के लिए मुख्यमंत्री विमुक्त घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु स्वरोजगार योजना संचालित है।
पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक वर्ग के कल्याण की योजनाएं
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
123. ( क्र. 1642 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) म.प्र. में विभाग द्वारा पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक वर्ग के प्रतियोगी छात्र/छात्राओं के लिए कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही है, पाठ्यक्रम का नाम छात्र/छात्राओं की संख्या, आवासीय तथा गैर आवासीय योजना प्रति छात्र अनुमानित अनुदान तथा शैक्षणिक संस्थाओं के नाम सहित समस्त जानकारी दीजिए? (ख) भिण्ड जिले के भिण्ड विकासखण्ड अंतर्गत विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के नाम, प्रतियोगी छात्र/छात्राओं की संख्या, आवासीय बगैर आवासीय शिक्षण संस्थाओं के नाम, पता व छात्र संख्या समेत समस्त विवरण उपलब्ध करावें? (ग) क्या भारत सरकार वित्त पोषित विभागीय योजनाएं जिला भिण्ड के भिण्ड विकासखण्ड में संचालित की जा रही है, संबंधित से संस्थाओं को वित्तीय अनुदान व छात्रों की संख्या प्रशिक्षण दिये जा रहे पाठ्यक्रम की सम्पूर्ण ब्यौरा उपलब्ध कराएं।
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती कृष्णा गौर ) : (क) विभाग अंतर्गत प्रदेश के पिछड़ा़ वर्ग एवं अल्पसंख्यक वर्ग के युवाओं को विभिन्न रोजगारोन्मुखी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी हेतु सरदार पटेल कोचिंग प्रशिक्षण योजना का संचालन किया जाता है पाठ्यक्रम का नाम योजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। योजना अंतर्गत प्रतिवर्ष लक्ष्य निर्धारण उपलब्ध बजट प्रावधान एवं विषयवार अनुमोदित प्रशिक्षण शुल्क प्रति छात्र के आधार पर होता है। अत: प्रतिवर्ष लाभांवित छात्र/छात्राओं की संख्या परिवर्तनीय है। अनुमानत: विभिन्न पाठ्यक्रमों में लगभग 5000 से 6000 युवाओं को प्रतिवर्ष प्रशिक्षित करने का लक्ष्य होता है। यह योजना गैर-आवासीय योजना है। योजना नियम प्रावधान अंतर्गत विभिन्न प्रतियोगी परीक्षा समूह के लिए प्रति छात्र अधिकतम प्रशिक्षण शुल्क संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। विगत तीन वर्ष यथा 2023-2024, 2024-2025 एवं 2025-2026 में विभिन्न कारणों से योजना संचालित नहीं की जा सकी है। अत: शैक्षणिक संस्थाओं के नाम सहित जानकारी निरंक है। (ख) एवं (ग) योजना का संचालन संभागीय मुख्यालय स्तर पर किया जाता है। अत: जानकारी निरंक है।
नगर परिषद रामनगर में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
124. ( क्र. 1643 ) डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर परिषद न्यू रामनगर अमरपाटन विधान सभा के मैहर जिले नगरीय प्रशासन विभाग में हुई अनियमितताओं के कारण ई.ओ.डब्ल्यू. ने अपराध क्रमांक 1533/2016 दर्ज किया था? (ख) क्या ई.ओ.डब्ल्यू. सलाह देने वाली एजेंसी है? या जाँच कर आर्थिक अनियमितता पाए जाने पर प्रकरण दर्ज कर उस प्रकरण को न्यायालय में प्रस्तुत कर उस पर दंडनीय कार्रवाई न्यायालय द्वारा करवाने की ज़िम्मेदारी है? (ग) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1744, दिनाक 17-03-2025 के उत्तर में बताया गया है कि ई.ओ.डब्ल्यू. ने दोषी पाए गए व्यक्तियों के विरुद्ध वसूली की कार्यवाही की सलाह दी, जबकि आर्थिक अनियमितता साबित होने पर सभी के खिलाफ न्यायालय में चालान प्रस्तुत कर दिया जाना चाहिये? (घ) राज्य सरकार कब तक तत्कालीन अध्यक्ष से वसूली की कार्यवाही कब तक करेगी? शासन को किस नियम/अधिनियम के तहत दोषी को दोष मुक्त किये जाने एवं वसूली के आदेश निरस्त करने के अधिकार प्राप्त हैं? नियमों की एक प्रति दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं, स्वर्गीय श्री ब्रम्हानंद शुक्ला तत्कालीन प्रभारी मुख्य नगरपालिका अधिकारी (राजस्व उप निरीक्षक), नगर परिषद्, न्यू रामनगर के विरूद्ध अनियमितताओं की शिकायत के आधार पर ई.ओ.डब्ल्यू. द्वारा अपराध क्रमांक 1533/2016 दर्ज किया गया था। (ख) राज्य शासन द्वारा आर्थिक अपराध और भ्रष्टाचार के मामलों की जांच के लिए ई.ओ.डब्ल्यू. की स्थापना की गई है। तदनुसार ई.ओ.डब्ल्यू. द्वारा उक्त प्रकरणों में नियमानुसार कार्रवाई की जाती है। (ग) जी नहीं। (घ) वसूली की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
प्रधानमंत्री आवास की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
125. ( क्र. 1644 ) डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अमरपाटन विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत अमरपाटन नगरीय निकाय के अंतर्गत चेक आबादी में प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत नहीं हो पा रहे हैं? (ख) क्या राज्य सरकार चेक आबादी में निवास करने वाले लोगों को आवास का लाभ देने के लिए चेक आबादी के दस्तावेजों को सुलभ करने, उन्हें धारणाधिकार अधिनियम के अंतर्गत लाने और उन्हें आवास उपलब्ध कराने हेतु कार्यवाही करेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं। प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 के संबंध में भारत सरकार, आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के जारी दिशा-निर्देश तथा मप्र शासन, नगरीय विकास एवं आवास विभाग के पत्र क्रमांक FUDH/9/0009/2025/18-2 दिनांक 17.03.2025 द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के प्रावधान अनुसार चेक आबादी में निवास करने वाले पात्र परिवारों से पूर्ण आवेदन एकीकृत वेब पोर्टल पर प्राप्त होने के उपरांत विहित प्रक्रिया अपनाकर आवास स्वीकृत किये जा रहे है। प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 की तृतीय सी.एस.एम.सी. बैठक दिनांक 18-06-2025 में 16 आवासों की स्वीकृति प्रदान की गई है। (ख) जी नहीं। पात्रतानुसार धारणाधिकार के लाभ के संबंध में नजूल निर्वतन नियम 2020 में पूर्व से प्रावधान निहित है। आवासहीन आवेदक के पास भूमि स्वत्व के मान्य दस्तावेज होने पर योजना का लाभ दिये जाने का प्रावधान है। आवासहीन/भूमिहीन हितग्राही को धारणाधिकार अधिनियम अंतर्गत लाभ अर्जित करने हेतु प्रक्रियानुसार RCMS पोर्टल पर आवेदन करना होगा।
आर.डी.एस.एस. योजना का क्रियान्वयन
[ऊर्जा]
126. ( क्र. 1651 ) श्री राजेन्द्र भारती : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के दतिया जिले में आर.डी.एस.एस. योजना कब से संचालित है। यदि हाँ तो उक्त योजना के अंतर्गत कौन-कौन से कार्य किया जाना प्रस्तावित है। उक्त योजना के क्रियान्वयन हेतु अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है। क्या इसमें समय अवधि निश्चत की गई है यदि हाँ तो दतिया जिले की संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) दतिया जिले में आर.डी.एस.एस. योजनार्न्तगत अभी तक क्या-क्या कार्य हुए तथा उनकी क्या-क्या लागत है और वर्तमान में काम की अद्यतन स्थिति क्या है तथा कार्यरत कार्य एजेन्सी को कितना-कितना भुगतान किया गया है। सूची उपलब्ध करायें। (ग) दतिया जिले में विद्युत की आवश्यकता/मांग को देखते हुए कितने-कितने सब स्टेशन/पॉवर स्टेशन की आवश्यकता है तथा क्या विभाग द्वारा कितने-कितने, कहाँ-कहाँ पॉवर स्टेशन/सब स्टेशन स्वीकृत किये गये है तथा कितने पर कार्य प्रारंभ हुआ है और कितना कार्य प्रगतिशील है। जानकारी देते हुए बताये कि वर्तमान ट्रांसफार्मर जो लगे हुए है उनकी क्षमता वृद्धि हैं क्या प्रावधान और मापदण्ड है? जानकारी दें। दतिया जिला में कितने ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि प्रस्तावित है? कृपया स्थानवार जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (ग) यदि हाँ, तो क्या विभाग द्वारा विद्युतीकरण योजनान्तर्गत मजरा/टोले में विद्युतीकरण कार्य किया जाना प्रस्तावित है? यदि दतिया जिले में कितने मजरा/टोलों का चयन किया गया है तथा चयनित स्थानों की ग्रामवार सूची उपलब्ध कराये तथा प्रधानमंत्री जनमन योजना में कितने हितग्राहियों को नवीन विद्युत कनेक्शन प्रदाय किये गये है? जानकारी देते हुए बताये कि शासन द्वारा क्या-क्या रियायतें दी गई है।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के क्षेत्रान्तर्गत दतिया जिले में आर.डी.एस.एस. योजना दिनांक 17.03.2022 से संचालित है। उक्त योजना अंतर्गत स्मार्ट मीटरिंग एवं हानि कम करने के उद्देश्य से विभिन्न कार्यों यथा नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों के निर्माण, कैपेसिटर बैंक की स्थापना, पावर ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि, अतिरिक्त पावर ट्रांसफार्मरों की स्थापना, 33 के.व्ही. एवं 11 के.व्ही. लाईनों के इन्टरकनेक्शन, बायफरकेशन एवं कंडक्टर क्षमतावृद्धि के कार्य, 11 के.व्ही. मिश्रित फीडरों के विभक्तिकरण, निम्नदाब लाईंनों के केबलीकरण एवं केबलों की क्षमतावृद्धि इत्यादि कार्य मुख्यत: किये जाने प्रस्तावित हैं। उक्त योजना के क्रियान्वयन हेतु म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी स्तर पर निविदा जारी कर चयनित एल-1 एजेंसियों/फर्मों को टर्न-की के आधार पर कार्यादेश जारी किये गये हैं। निविदा की शर्तों के अनुरूप कार्यों का क्रियान्वयन प्रगतिरत है। जी हाँ, कार्यों के क्रियान्वयन हेतु स्मार्ट मीटरिंग के कार्यों को छोड़कर समस्त उल्लेखित कार्यों को पूर्ण करने हेतु 24 माह की समय-सीमा निर्धारित की गई है। स्मार्ट मीटरिंग के कार्यों हेतु ए.एम.आई.एस.पी. मैसर्स अल्फनार पॉवर प्रॉयवेट लिमिटेड को प्रश्नाधीन क्षेत्र में दतिया जिले में 58787 स्मार्ट मीटर लगाने के अनुबंध दिनांक 14.03.2024 अनुसार कार्य पूर्ण करने के लिये 27 माह की समय-सीमा निर्धारित की गई है एवं मैसर्स अप्रावा एनर्जी प्रा. लिमि. को 22263 स्मार्ट मीटर लगाने के अनुबंध दिनांक 24.10.2024 अनुसार कार्य पूर्ण करने के लिये 30 माह की समय-सीमा निर्धारित की गई है। आर.डी.एस.एस. योजनांतर्गत प्रस्तावित कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र में आर.डी.एस.एस. योजना के तहत किये जा रहे कार्यों, कार्यों की लागत राशि, प्रगतिरत कार्यों की अद्यतन स्थिति, एजेंसियों को किये गये भुगतान की कार्यवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। उक्त के अतिरिक्त दिनांक 15.07.2025 तक की स्थिति में 1212 स्मार्ट मीटर स्थापित किये जा चुके हैं एवं स्मार्ट मीटर कार्य हेतु कोई भी भुगतान कार्य एजेंसियों को नहीं किया गया है। (ग) प्रश्नाधीन जिले में वर्तमान में विद्युत की माँग की पूर्ति हेतु अति उच्चदाब के 05 विद्युत उपकेन्द्र एवं 33/11 के.व्ही. के 52 विद्युत उपकेन्द्र स्थापित हैं। दतिया जिले में वर्तमान एवं आगामी वर्षों की विद्युत की आवश्यकता/मांग के दृष्टिगत सेवढ़ा में 132 केव्ही से 220 केव्ही उपकेन्द्र उन्नयन का निर्माण कार्य प्रगतिरत है। साथ ही 132 के.व्ही. उपकेन्द्र भांडेर में अतिरिक्त 50 एमव्हीए के ट्रांसफार्मर की स्थापना का कार्य प्रस्तावित है। उक्त के अतिरिक्त प्रश्नाधीन क्षेत्र में प्रणाली सुदृढ़ीकरण योजना में 33/11 के.व्ही. का 01 विद्युत उपकेन्द्र ग्राम सालोन-बी में स्वीकृत है, जिसका कार्य प्रगतिरत है। उक्त के अतिरिक्त भविष्य की आगामी संभावित भारवृद्धि को दृष्टिगत रखते हुए प्रश्नाधीन क्षेत्र के लिये एस.एस.टी.डी. योजना में नवीन 33/11 के.व्ही. के 4 विद्युत उपकेन्द्र, 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों में स्थापित पॉवर ट्रांसफार्मर की क्षमतावृद्धि के 11 कार्य एवं अतिरिक्त पावर ट्रांसफार्मर स्थापना के 9 कार्य प्रस्तावित किये गये हैं, जो विवेचना में साध्य पाये जाने एवं फण्ड की उपलब्धता अनुसार स्वीकृत किये जा सकेंगे। पावर ट्रांसफार्मर पर 80 प्रतिशत से अधिक भार होने एवं तकनीकी रूप से साध्य पाये जाने पर नियमानुसार फण्ड की उपलब्धता अनुसार क्षमतावृद्धि करने का प्रावधान है। प्रणाली सुदृढ़ीकरण योजना में पूर्ण/प्रगतिरत एवं प्रस्तावित नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र, अतिरिक्त पावर ट्रांसफार्मर स्थापना तथा पावर ट्रांसफार्मर क्षमतावृद्धि के स्थानवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–'स' अनुसार है। (घ) राज्य शासन के पत्र दिनांक 05.05.2025 के द्वारा अविद्युतीकृत घरों/बसाहटों/मजरों/टोलों के विद्युतीकरण के संबंध में जारी दिशा-निर्देशों के तारतम्य में म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत अविद्युतीकृत मजरों/टोलों/बसाहटों/घरों के विद्युतीकरण कार्य हेतु विस्तृत सर्वे कार्य किया जा रहा है। सर्वे उपरान्त अविद्युतीकृत मजरों/ टोलों/बसाहटों/घरों के विद्युतीकरण के कार्य हेतु विस्तृत कार्य योजना तैयार कर नोडल एजेंसी मेसर्स पी.एफ.सी., विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार को प्रेषित की जानी है। उक्त कार्य योजना की स्वीकृति उपरान्त विद्युतीकरण के कार्य प्रारंभ किये जाने हेतु कार्यवाही प्रचलन में आवेगी। उक्त दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रश्नाधीन क्षेत्र में सर्वे किए गए मजरों/टोलों के अविद्युतीकृत घरों के विद्युतीकरण की ग्राम पंचायतवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है। पी.एम.जनमन योजना अंतर्गत प्रश्नाधीन क्षेत्र में कुल 431 हितग्राहियों को विद्युत कनेक्शन प्रदान किया गया है। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ई' अनुसार है। योजना अंतर्गत सम्मिलित हितग्राहियों को वांछित अधोसंरचना निर्माण कर विद्युत कनेक्शन दिए जाने के अलावा पृथक से कोई अन्य रियायत दिए जाने का प्रावधान उक्त योजना में नहीं है।
सौर ऊर्जा पैनल के संबंध में विभागों के निर्देश
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
127. ( क्र. 1653 ) श्री राजेन्द्र भारती : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा सभी विभागों के विद्युत संकट को दूर करने के लिए सोलर पैनल (सौर ऊर्जा पैनल) लगाये जाने के निर्देश दिये गये है? यदि हाँ तो उक्त निर्देश कब जारी किये गये है? आदेश की प्रतियां उपलब्ध करायें। (ख) उक्त निर्देशों के परिपालन में दतिया जिला के सभी विभागों में सौर ऊर्जा पैनल लगवाये गये है? यदि नहीं तो क्यों तथा आदेश की अवहेलना करने का क्या कारण है? जानकारी प्रदाय करें तथा अवहेलना करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध शासन द्वारा प्रश्न दिनांक तक कार्यवाही क्यों नहीं की गई है? कारण सहित बतायें। (ग) क्या पैनल शासन विद्युत की बढ़ती मांग को देखते हुये नगरीय क्षेत्र एवं ग्रामीण क्षेत्र में सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के लिये नगरीय संस्थाओं एवं ग्राम पंचायतों को अधिकृत किया जायेगा? यदि हाँ तो क्या बजट राशि भी आवंटित की जायेगी? यदि नहीं तो क्यों और यदि हाँ तो कब तक कार्य किया जायेगा? जानकारी दें। (घ) क्या विभाग द्वारा सौर ऊर्जा को विकसित और उन्नत करने के लिये निजी व्यक्तियों के लिये सौर ऊर्जा संयंत्र एवं पैनल लगाये जाने की योजना है? यदि हाँ तो विभाग द्वारा कौन-कौन सी सुविधाएं प्रदान की जा रही है? विस्तृत विवरण दें।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री राकेश शुक्ला ) : (क) जी हाँ। राज्य शासन द्वारा शासकीय भवनों की ऊर्जा की आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु सोलर रूफटॉप संयंत्रों की स्थापनाओं हेतु दिनांक 17.07.2025 को निर्देश जारी किये है। निर्देश की प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) दतिया जिले के शासकीय कार्यालयों को सौर ऊर्जा से ऊजीकृत करने के लिए निविदा दिनांक 11.07.2025 को जारी की गई है। दतिया जिले में 45 भवनों पर पूर्व में सोलर संयंत्र स्थापित किये गये है। RESCO Mode अंतर्गत सौर संयंत्र स्थापित करने की निविदा जारी की जा चुकी है। इसके अतिरिक्त CAPEX मोड पर सौर संयंत्र विभाग से प्रस्ताव प्राप्त होने, परियोजना लागत की राशि जमा करने एवं SLCC के अनुमोदन उपरांत लगाये जाते है। दतिया जिले में RESCO Mode में कुल 20 प्रस्ताव प्राप्त हुए है। (ग) प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के शासकीय भवनों के सौर ऊर्जीकरण घटक अनुसार निविदा के माध्यम से रेस्कों मोड़ में कार्य किया जाना प्रस्तावित है, जिसके क्रियान्वयन के लिये शासन द्वारा मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड को एजेंसी बनाया गया है। रेस्कों मोड में सौर ऊर्जा उपकरणों को लगाने के लिए निवेश की आवश्यकता नहीं है। निवेश रेस्कों विकासक द्वारा किया जायेगा, जिससे विद्युत क्रय शासकीय कार्यालयों नगरीय निकायों व ग्राम पंचायतों द्वारा किया जा सकेगा। RESCO विकासक के मासिक भुगतान के लिए मद खोला गया है। CAPEX Mode में संयंत्र लगाने के लिए म.प्र.ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड के पास दरें व विकासक उपलब्ध है। अत: लागत की एकरूपता व अच्छी गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए नोडल एजेंसी के माध्यम से सौर संयंत्र स्थापित किया जाना प्रस्तावित है। (घ) जी हाँ। प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना का कार्य किया जा रहा है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
गौ-माताओं के उत्थान हेतु योजनाएं
[पशुपालन एवं डेयरी]
128. ( क्र. 1656 ) डॉ. अभिलाष पाण्डेय : क्या राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश राज्य में स्वावलंबी गौ-शालाओं की स्थापना नीति-2025 क्या हैं? इसके तहत प्रत्येक गौ-शाला में न्यूनतम कितने गौवंश का पालन होना चाहिए? स्वावलंबी गौ-शालाओं में चारा अनुदान की क्या दर तय की गई है? यह नीति किन-किन संस्थाओं या संघों को गौ-शाला संचालित करने के लिए पात्र मानती है? (ख) मध्यप्रदेश को देश का "डेयरी कैपिटल" बनाने हेतु विभाग की क्या कार्य योजना है? (ग) मध्यप्रदेश सरकार ने गौ-शालाओं को मिलने वाले वित्तीय अनुदान की दर कब और कितनी बढ़ाई? (घ) वर्ष 2023 में मुख्यमंत्री गौ-रक्षा संकल्प सम्मेलन में कितनी चलित पशु-चिकित्सा (गौ-एम्बुलेंस) इकाईयां शुरू की गई? इससे प्रश्न दिनांक तक कितनी गौ माताओं को स्वास्थ्य लाभ प्रदान किया गया?
राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश को देश का डेयरी कैपिटल बनाने हेतु विभाग द्वारा नवीन योजनाएं प्रारंभ की गई हैं। 1. डॉ. भीमराव अम्बेडकर कामधेनू योजना 2. स्वावलंबी गौ-शालाओं की स्थापना (कामधेनू निवास) इसके अतिरिक्त विभाग में पूर्व से संचालित आचार्य विद्यासागर योजना मुख्यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय योजना तथा डेयरी प्लस योजना के माध्यम से भी पशु प्रदाय किए जा रहे है। (ग) गौ-शालाओं को मिलने वाली अनुदान राशि 20 रूपये से बढ़कर 40 रूपये की गई है, जो 01 अप्रैल, 2025 से प्रभावशील है। (घ) वर्ष 2023 में मुख्यमंत्री गौरक्षा संकल्प सम्मेलन में 406 चलित पशु चिकित्सा इकाईयां शुरू की गई है, जिसके माध्यम से 2,22,593 गौ-माताओं को स्वास्थ्य लाभ दिया गया है।
लीज होल्ड भूमि का फ्री होल्ड में परिवर्तन
[नगरीय विकास एवं आवास]
129. ( क्र. 1657 ) डॉ. अभिलाष पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर उत्तर मध्य विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सुभद्रा कुमारी चौहान वार्ड, भवानी प्रसाद वार्ड, दयानंद सरस्वती वार्ड और राम मनोहर लोहिया वार्ड की लीज होल्ड भूमि को फ्री होल्ड में परिवर्तित किए जाने के संबंध में मध्यप्रदेश विधानसभा 24 मार्च 2025 में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से सरकार द्वारा आश्वासन प्राप्त होने के पश्चात प्रश्न दिनांक तक कितनी लीज होल्ड भूमियों को फ्री होल्ड में परिवर्तित किया गया है? (ख) ध्यानाकर्षण के पश्चात भी लीज होल्ड भूमि को फ्री होल्ड में परिवर्तित किए जाने के कार्य को गति क्यों प्रदान नहीं की गई? (ग) उक्त वार्डों में वर्तमान में ऐसे कितने प्रकरण लंबित है? लंबित प्रकरणों का शीघ्र निराकरण क्यों नहीं किया गया? लंबित मामलों की सूची प्रस्तुत की जाए तथा कब तक निराकृत किया जाएगा? (घ) क्या विभाग द्वारा शिविर आयोजित कर नागरिकों को जागरूक कर लाभ पहुँचाया गया है? यदि नहीं, तो इस दिशा में कार्य कब तक प्रारंभ किया जाएगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी निरंक है (ख) कार्यवाही प्रचलित है। (ग) वर्तमान में 171 प्रकरण लंबित है। शेष उत्तरांश (ख) अनुसार। लंबित प्ररकणों की जानकारी पुस्तकालय रखे परिशिष्ट अनुसार है (घ) जी नहीं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सहायक अभियन्ता/कनिष्ठ अभियन्ताओं की जानकारी
[ऊर्जा]
130. ( क्र. 1663 ) श्री प्रणय प्रभात पांडे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश की विद्युत वितरण कम्पनियों में संविदा पर 10 वर्षों से अधिक समय से पदस्थ सहायक अभियन्ता/कनिष्ठ अभियन्ता को उच्च वेतनमान एवं पदोन्नति का लाभ दिया जा रहा है? उत्तर में यदि नहीं, तो इसके क्या कारण हैं? उन्हें कब तक इसका लाभ दिया जावेगा? (ख) क्या पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी में कनिष्ठ अभियन्ताओं को नियम विरूद्ध उच्च पद (सहायक/कार्यपालन अभियन्ता) का चार्ज दिया गया है? उत्तर में यदि हां, तो किस नियम के तहत बतलावें एवं क्या यह नियम ऊर्जा विभाग के अन्य कम्पनियों में लागू है तथा क्या उक्त कनिष्ठ अभियन्ता को उच्च पद पर पदोन्नति उच्च शिक्षा (विद्युत) विभाग से अनुमति लेकर की गयी है? (ग) क्या संविदा नियम 2023 के अनुसार संविदा पर पदस्थ सहायक अभियन्ता/कनिष्ठ अभियन्ता इत्यादि को 50 प्रतिशत का आरक्षण मिल रहा है? (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर में यदि हां, तो वर्तमान समय में विभिन्न ट्रांसमिशन कम्पनियों में निकली सीधी भर्तियों में इसका लाभ संविदा कर्मियों को क्यों नहीं दिया जा रहा? क्या दिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं। प्रदेश की विद्युत वितरण कंपनियों में संविदा कार्मिकों के लिए संविदा सेवा (अनुबंध तथा सेवा की शर्तें) नियम, 2023 लागू हैं, जिसमें संविदा कार्मिकों को उच्च वेतनमान एवं पदोन्नति का लाभ दिए जाने का प्रावधान नहीं है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ख) म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत विभिन्न कार्यालयों में रिक्त पदों पर कार्य के संचालन को ध्यान में रखते हुये कनिष्ठ अभियंताओं को प्रशासनिक आवश्यकता अनुसार सहायक अभियंता/कार्यपालन अभियंता के पदों का प्रभार दिया गया है। कंपनी अंतर्गत लागू अधिकार प्रत्यायोजन पुस्तिका के भाग-ए, सेक्शन-।।, सरल क्रमांक-6 में लेख अनुसार सहायक अभियंता एवं उच्च पदों का प्रभार प्रदान किये जाने हेतु प्रबंध संचालक, म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अधिकृत है। यह व्यवस्था अन्य विद्युत कंपनियों में भी लागू है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ग) ''संविदा सेवा (अनुबंध तथा सेवा की शर्तें) नियम, 2023'' की कंडि़का-14.1.1 के अनुसार विद्युत कंपनी के सीधी भर्ती के नियमित पद के समकक्ष संविदा पदों पर 05 वर्ष की निरंतर सेवा पूर्ण करने वाले संविदा अधिकारियों/कर्मचारियों के कुल संख्या के 50 प्रतिशत पद अथवा विद्युत कंपनी में सीधी भर्ती के रिक्त पद के 50 प्रतिशत तक के पद (दोनों में से जो कम हो), संविदा अधिकारियों/कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए आरक्षित रखें जाने का प्रावधान है। तदनुसार विद्युत कंपनियों द्वारा कार्यवाही की जाती है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में लेख है कि म.प्र. पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड के संगठनात्मक संरचना में सहायक अभियंता के संविदा पद स्वीकृत नहीं होने के कारण सहायक अभियंता (पारेषण) पद के समकक्ष संविदा कार्मिकों हेतु आरक्षण का प्रावधान नहीं किया गया है।
विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों के भारत में वृद्धि
[ऊर्जा]
131. ( क्र. 1664 ) श्री प्रणय प्रभात पांडे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा विधानसभा की बैठक दिनांक 04-07-2024 में पूछे गये प्रश्न क्रमांक 573 की प्रश्नांश (ग) के उत्तर में अतिभारित चिन्हित 229 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि के संबंध में केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना अंतर्गत स्वीकृति हेतु नई दिल्ली को प्रेषित किये जाये का उत्तर दिया गया था, तत्संबंध में कब क्या कार्यवाही हुई, जानकारी दें? यह भी जानकारी दें कि उल्लेखित-ट्रांसफार्मरों की भार क्षमता में कब तक वृद्धि की जावेगी? (ख) बहोरीबंद-विधानसभा क्षेत्र में भार क्षमता के अनुसार कहां-कहां पर 33/11 के.व्ही. के नये उपकेन्द्र बनाया जाना प्रस्तावित है तथा क्या विभाग रीठी तहसील की सुचारू विद्युत-व्यवस्था हेतु क्या तहसील-मुख्यालय-रीठी में 132 के.व्ही. का नया विद्युत सब स्टेशन बनायेगा? यदि हां, तो किस प्रकार से, यदि नहीं, तो क्यों नहीं? जानकारी दें। (ग) बहोरीबंद-विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत लाइनमैनों के कितने पद स्वीकृत हैं तथा इन पदों के अनुरूप कहां-कहां पर कितने लाइनमैन पदस्थ हैं तथा कितने लाइनमैनों की और आवश्यकता है एवं यह भी जानकारी दें कि प्रत्येक लाइनमैन मुख्यालय में क्या लाइनमैन पदस्थ हैं? यदि नहीं, तो क्या नये लाइनमैनों की व्यवस्था की जावेगी? (घ) प्रश्नांकित क्षेत्र अंतर्गत क्या विद्युत लोड के अनुसार जर्जर/क्षतिग्रस्त विद्युत लाइनों को बदला जावेगा या उनकी क्षमता वृद्धि की जावेगी? उत्तर में यदि हां, तो किस प्रकार से कब-तक, यदि नहीं, तो क्यों नहीं? जानकारी दें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। प्रश्नांश में उल्लेखित अतिभारित वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि सहित अन्य कार्यों हेतु प्रस्ताव आर.डी.एस.एस. योजना के द्वितीय चरण मॉर्डनाइजेशन अंतर्गत स्वीकृति हेतु नोडल एजेंसी मेसर्स पॉवर फाईनेंस कॉर्पोरेशन, नई दिल्ली को प्रेषित किया गया था, किन्तु योजनान्तर्गत द्वितीय चरण के प्रस्तावित कार्यों की स्वीकृति अप्राप्त है। आर.डी.एस.एस. योजनांतर्गत द्वितीय चरण के प्रस्तावित कार्यों की स्वीकृति प्राप्त होने के उपरांत वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि संबंधी कार्यों को क्रियान्वित किये जाने की कार्यवाही प्रचलन में आवेगी, जिस हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) वर्तमान में बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्रांतर्गत नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र का निर्माण किया जाना प्रस्तावित नहीं हैं। तहसील मुख्यालय रीठी में नवीन 132 के.व्ही. अतिउच्चदाब विद्युत उपकेन्द्र का निर्माण किया जाना तकनीकी रूप से साध्य नहीं पाया गया। तथापि रीठी क्षेत्र को विद्युत प्रदाय करने वाले 33 के.व्ही. देवगांव फीडर के विभक्तिकरण का प्रस्ताव तकनीकी रूप से साध्य पाया गया है, जिसे कार्य योजना वर्ष 2025-26 अंतर्गत शामिल किया गया है। (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र अंतर्गत 07 वितरण केन्द्रों में कुल 27 लाईन कर्मचारी के पद स्वीकृत है, जिसके विरूद्ध 24 नियमित लाईन कर्मचारी एवं 03 बाह्य स्त्रोत कार्मिक पदस्थ है। प्रश्नाधीन क्षेत्र अंतर्गत उपभोक्ताओं की समस्याओं के त्वरित निराकरण को ध्यान में रखते हुये स्थानीय स्तर पर बनाये गये लाइनमैन मुख्यालयों में पदस्थ लाईन कर्मचारियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत लाईन कर्मचारियों के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु सीधी भर्ती के माध्यम से नियुक्ति की कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) जी हाँ। प्रश्नाधीन क्षेत्र सहित राजस्व संभाग जबलपुर एवं शहडोल में निम्नदाब लाईनों के केबलीकरण, 11 के.व्ही. लाईनों के इंटर कनेक्शन एवं कंडक्टर की क्षमता वृद्धि के कार्य किये जाने हैं। उक्त कार्य हेतु मेसर्स रेल विकास निगम लिमिटेड, नई दिल्ली को कार्यादेश दिनांक 05/03/2024 को जारी किया गया है। उक्त कार्य हेतु कार्यादेश की शर्तों के अनुसार कार्य पूर्णता दिनांक 04/03/2026 प्रावधानित है।
सड़क मार्ग की स्वीकृति एवं पी.आई.यू. द्वारा किये जा रहे कार्य
[लोक निर्माण]
132. ( क्र. 1669 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर विधानसभा क्षेत्र क्र.01 के कई ग्रामों से मुख्य मार्गों तक आने हेतु सड़कों का अभाव होने के कारण आम जनता बरसात के समय में 15 से 20 किलोमीटर का चक्कर लगाकर विशेष रूप से परेशान होती रहती है? इसलिए सोठवा से रन्नोद तक की सड़क का निर्माण कार्य कराये जाने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा कई बार म.प्र. शासन को जिला प्रशासन श्योपुर को पत्र क्रमांक 416 लिखित रूप में अवगत कराया गया है? यदि हां, तो उक्त सड़क मार्ग की स्वीकृति हेतु अभी तक क्या कार्यवाही हुई है? उक्त सड़क मार्ग कब तक स्वीकृत कर दिया जावेगा? यदि नहीं तो क्यों? कारण बतावें। (ख) श्योपुर जिला अंतर्गत लोक निर्माण विभाग एवं पीआईयू में विगत वर्ष 2019-20 से वर्तमान तक विधानसभा श्योपुर एवं विजयपुर में कौन-कौन से निर्माण कार्य स्वीकृत है? (ग) प्रश्नांश (ख) के निर्माण कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति, वित्तीय स्वीकृति, निविदा की प्रति, कार्यादेश की प्रति एवं कार्य का मूल्याकंन किस आधार पर किया गया है? जानकारी दें। (घ) उपरोक्त कार्यों की भौतिक स्थिति क्या है? निविदा समयावधि समाप्त होने के पश्चात भी कार्य अपूर्ण क्यों है? संबंधित पर क्याकार्यवाही की गई? (ड.) निर्माणाधीन श्योपुर लॉ कॉलेज की भूमि का चयन कौन सी समिति द्वारा किया गया है? कार्य एजेंसी का नाम, कुल लागत, कुल व्यय किये गये मूल्यांकन की माप पुस्तिका की छायाप्रति उपलब्घ करावें। मूल्यांकनकर्ता एवं भौतिक सत्यपानकर्ता एवं निगरानी नियंत्रणकर्ता एवं निरीक्षणकर्ता का नाम, पद सहित जानकारी उपलब्ध करावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं। जी हाँ। प्रस्ताव परीक्षणाधीन। वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'अ-1', 'अ-2' एवं 1, 2, 3 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-1', 'अ-2' एवं ‘’ब’’ अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब-1' एवं 1, 2, 3 अनुसार है।
गांवों में विद्युतीकरण के नियम
[ऊर्जा]
133. ( क्र. 1670 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन द्वारा प्रदेश के हर गांव मजरा टोलों में विद्युत सप्लाई, विद्युतीकरण हेतु क्या नीति निर्धारण की है? क्या इस हेतु वर्तमान में कोई नवीन नीति बनाई गई है? यदि हां, तो उसकी प्रति उपलब्ध करायें? (ख) क्या नवीन नीति के तहत विधानसभा क्षेत्र श्योपुर के सभी ग्राम मजरों/टोलों में विद्युत सप्लाई हो रही है? यदि हां, तो वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक नवीन पोल वितरण ट्रांसफार्मर तथा विद्युतीकरण कार्य कितनी-कितनी राशि से किये गए? निविदाकारों को किए गए भुगतान तथा निविदा कार्य किये जाने सहित जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) क्या कुछ टोले मजरे तथा ग्रामों में विद्युतीकरण कार्य होना शेष है? वंचित स्थानों की सूची उपलब्ध करावें तथा यह बतावें कि कब तक विद्युतीकरण सहित पोल, ट्रांसफार्मर की व्यवस्था की जावेगी? (घ) टोले, मजरे ग्रामों में विद्युतीकरण कार्य न होने का कारण क्या है? इस के लिए कौन अधिकारी जिम्मेदार है? इस हेतु विभाग/शासन/प्रशासन उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही करेगा और कब तक? यदि नहीं तो क्यों? कारण बतावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) विद्युतीकरण हेतु निर्धारित नीति अनुसार सर्वप्रथम प्रदेश के सभी राजस्व ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य एवं तदुपरांत राजस्व ग्रामों के चिन्हित मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य वित्तीय उपलब्धता अनुसार क्रमश: केन्द्र शासन की विभिन्न विद्युतीकरण की योजनाओं यथा राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना एवं दीनदयाल उपध्याय ग्राम ज्योति योजना में किया गया। तदुपरांत सौभाग्य योजना के प्रावधानों के अंतर्गत शत-प्रतिशत घरों के विद्युतीकरण का कार्य किया गया, किन्तु इस योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार खेतों में दूर-दूर अवस्थित घरों को तकनीकी एवं वित्तीय साध्यता नहीं होने के कारण योजना में सम्मिलित नहीं किया गया। उल्लेखनीय है कि नवीन मजरों/टोलों/फल्यों/बसाहटों/घरों का निर्माण होना एक सतत् प्रक्रिया है। वर्तमान में ग्रामों/मजरों/टोलों के विद्युतीकरण हेतु राज्य शासन की कोई नवीन नीति/योजना प्रचलन में नहीं है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। तथापि भारत सरकार द्वारा विशेष रूप से असुरक्षित जनजातीय समूहों की सामाजिक-आर्थिक स्थितियों में सुधार के लिए प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान (पी.एम.-जनमन) की शुरूआत की गई है। उक्त अभियान के अंतर्गत अन्य महत्वपूर्ण गतिविधियों के साथ पी.वी.टी.जी. समूहों की बस्तियों/घरों का विद्युतीकरण भी सम्मिलित है। प्रदेश की 3 जनजातियां, यथा-भारिया, बैगा एवं सहरिया को पी.वी.टी.जी. समूह में शामिल किया गया है। उक्त योजना के तहत कुल 26998 अविद्युतीकृत घरों के विद्युतीकरण का कार्य स्वीकृत किया गया है। वर्तमान स्थिति में लगभग 24706 घरों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। इसी अनुक्रम में भारत सरकार की वित्त पोषित धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान अंतर्गत जनजातीय कार्य विभाग से आदिवासी बहुल ग्रामों की प्राप्त सूची अनुसार सर्वे कर कार्य योजना भारत सरकार को प्रेषित की गई थी। उक्त कार्य योजना को विद्युत मंत्रालय भारत सरकार द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है। योजना अंतर्गत कुल 55795 आदिवासी घरों के विद्युतीकरण का कार्य किया जाना है। विद्युत सप्लाई की नीति अनुसार गैर-कृषि उपभोक्ताओं को 24 घंटे तथा कृषि उपभोक्ताओं को 10 घंटे प्रतिदिन विद्युत प्रदाय किया जाना है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में समस्त राजस्व ग्रामों एवं उनके चिन्हित मजरों/टोलों में निर्धारित नीति अनुसार विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। श्योपुर विधानसभा क्षेत्र में शेष घरों के विद्युतीकरण कार्य केन्द्र शासन की पी.एम. जनमन योजना एवं धरती आबा-जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान अंतर्गत स्वीकृत/पूर्ण/प्रगतिरत है, जिनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ग) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रांतर्गत वर्तमान में कोई भी राजस्व ग्राम एवं संसूचित मजरे/टोले विद्युतविहीन नहीं है। उल्लेखनीय है कि नवीन मजरों/टोलों/फल्यों/बसाहटों/घरों का निर्माण होना एक सतत् प्रक्रिया है। अत: ऐसे मजरों/टोलों/बसाहटों/घरों हेतु विस्तृत सर्वे कार्य प्रक्रियाधीन है। सर्वे उपरान्त उक्त अविद्युतीकृत मजरों/टोलों/बसाहटों के विद्युतीकरण के कार्य हेतु विस्तृत कार्य योजना तैयार कर नोडल एजेंसी मेसर्स पी.एफ.सी., विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार को प्रेषित की जानी है। उक्त कार्य योजना की स्वीकृति उपरान्त विद्युतीकरण के कार्य प्रारंभ किये जाने हेतु कार्यवाही प्रचलन में आवेगी। प्रश्नाधीन क्षेत्रान्तर्गत अविद्युतीकृत बसाहटों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (घ) उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता है।
प्रभारी कार्यपालन यंत्री बड़वानी द्वारा भ्रष्टाचार
[लोक निर्माण]
134. ( क्र. 1675 ) श्री बृज बिहारी पटैरिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला बड़वानी अंतर्गत जेम पोर्टल के माध्यम से लोक निर्माण विभाग के द्वारा न्यूनतम दर होने पर कार्यादेश वैष्णवी ट्रेडर्स एवं जे.एम.डी. एसोसिएट को दिया गया था। यदि हां, तो विवरण देवें। (ख) क्या उक्त फर्म को ट्राईबल विभाग में फर्नीचर एवं इलेक्ट्रिकल सामग्री प्रदाय से संबंधित आदेश मुख्य अभियन्ता की स्वीकृति के पश्चात ही प्रदाय किया गया था? यदि हाँ तो सामग्री प्रदाय उपरांत संबंधितों वार्डनों एवं अन्य जिम्मेदार लोगों द्वारा गुणवत्ता, इंस्टालेशन के पश्चात ही पावती भी दी गई है। यदि हाँ तो जानकारी देवें। क्या प्रभारी कार्यपालन यंत्री एवं उपयंत्री द्वारा पावती देने वालों को पावती नहीं देने हेतु दबाव बनाया गया है। (ग) क्या नियमानुसार सभी पूर्तियों के उपरांत भी वर्तमान में पदस्थ प्रभारी कार्यपालन यंत्री द्वारा भुगतान नहीं किये गये है। यदि हाँ, तो कब तक करा दिये जायेंगे। विलम्ब के लिये एवं शासन की छवि धूमिल करने वाले जिला अधिकारी के विरूद्ध क्या निलम्बन की कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ तो कब तक।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी नहीं। अपितु सामग्री की मात्रा की प्राप्ति की पावती दी गई है। जी नहीं। (ग) जी नहीं। अपितु गुणवत्तायुक्त सामग्री का भुगतान की कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
सोलर प्लांट योजना
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
135. ( क्र. 1676 ) श्री बृज बिहारी पटैरिया : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र देवरी अंतर्गत नवीन एवं नवकरणीय योजना अंतर्गत सोलर प्लांट कहां-कहां स्थापित किया जाना प्रस्तावित है? ग्रामवार जानकारी देवें। (ख) कुसुम योजना के अंतर्गत किन लोगों के द्वारा कहां-कहां आवेदन दिये गये है? जानकारी नामवार, स्थानवार दें। (ग) सोलर प्लांट योजना में किसानों को क्या-क्या सुविधाएं हैं, योजना की विस्तृत जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) इस योजना में क्या-क्या लाभ किसानों को होगा? यदि व्यावसायिक तौर पर कार्य सहकारी समिति बनाकर किया जाये तो क्या योजना को अनुमति प्रदान कर दी जायेगी?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री राकेश शुक्ला ) : (क) विधानसभा क्षेत्र देवरी अंतर्गत नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग की सोलर प्लांट की कुसुम-अ के अंतर्गत आवेदकों की जानकारी एवं कुसुम-स की आवंटित सब स्टेशन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) कुसुम योजना के घटक-अ के आवेदन ऑनलाईन विभाग की वेबसाइट mpuvn.mp.gov.in पर कुसुम-स योजना में निविदा प्रक्रिया के माध्यम से आवेदन नियम प्रक्रिया अनुसार दिये जाते है। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) कुसुम-अ योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है एवं कुसुम स योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। विभाग की मध्यप्रदेश नवकरणीय ऊर्जा नीति-2025 के अंतर्गत सुविधाओं का प्रावधान है,जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) कुसुम-अ एवं कुसुम-स योजना में सहकारी समिति का प्रावधान है। मध्यप्रदेश नवकरणीय ऊर्जा नीति-2025 के अंतर्गत प्रावधान वर्णित है। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है।
नये विद्युत मीटर लगने से हो रही परेशानियां
[ऊर्जा]
136. ( क्र. 1684 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में विद्युत मीटर बदले जा रहे है? यदि हाँ तो पहले कौन से थे अब कौन से है? दोनों में क्या अंतर है? इससे विभाग और जनता को क्या लाभ होगा? मीटर लगाने में विभाग को कितनी राशि व्यय करना पड़ेगी? विभाग ने राशि की व्यवस्था कब और किस प्रकार की है? यह कब और किसके अनुमोदन से स्वीकृत हुये है? प्रदेश में इन्हें लगाने का क्या लक्ष्य है? समस्त जानकारी गौशवारा बनाकर आदेश नियम एवं एकल नस्ती की प्रति दें। (ख) नये मीटर का कार्य किस एजेन्सी/फर्म को किस प्रक्रिया, नियमों, निर्देशों के तहत किन शर्तों पर दिया गया है? संपूर्ण जानकारी मय दस्तावेजों के बतायें। (ग) नये मीटर लगने के उपरांत अधिक बिल आने की शिकायतें प्राप्त हुई है? शिकायतों की प्रति एवं उसके निराकरण हेतु विभाग द्वारा कृत कार्यवाही से अवगत कराये। (घ) नये मीटर में अधिक बिल आने की कितनी शिकायतें 181 एवं कलेक्टर जनसुनवाई के माध्यम से प्राप्त हुई है? समस्त मय दस्तावेजों के उपलब्ध कराये। (ड.) कितने प्रकार के मीटर है और किस लोड पर कौन सा मीटर? कब और कितने परीक्षण कराये गयें और उनका परिणाम क्या आया।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। तीनों विद्युत वितरण कंपनियों क्षेत्रांतर्गत आर.डी.एस.एस योजना के तहत पुराने विद्युत मीटर बदले जा रहे हैं। पूर्व में सामान्य इलेक्ट्रॉनिक (नॉन स्मार्ट) मीटर स्थापित थे, वर्तमान में स्मार्ट मीटर स्थापित किये जा रहे हैं। दोनों मीटरों में अन्तर एवं स्मार्ट मीटर के लाभ की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। विद्युत वितरण कंपनियों अन्तर्गत स्मार्ट मीटर क्रय किये जाने एवं संबंधित राशि इत्यादि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-1' अनुसार है। स्मार्ट मीटर केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण, विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार की अधिसूचना दिनांक 23.12.2019 के विनियम-4 एवं विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार की अधिसूचना दिनांक 31 दिसम्बर, 2020 के विनियम-5 ''मीटरिंग'' तथा मध्यप्रदेश विद्युत प्रदाय संहिता-2021 के अध्याय-8 ''विद्युत मापन तथा बिलिंग'' के दिशा-निर्देशों के अनुपालन में आर.डी.एस.एस. योजना के अंतर्गत पारदर्शी बिलिंग, मीटर रीडिंग प्रणाली में सुधार और सटीक ऊर्जा लेखाकंन के लिए लगाए जा रहे हैं। उक्त नियमों/आदेशों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-2' अनुसार है। आर.डी.एस.एस. योजना के तहत वितरण कंपनी अन्तर्गत कुल 5488019 स्मार्ट मीटरों को स्थापित किये जाने हेतु कार्यादेश जारी किये गये हैं। (ख) स्मार्ट मीटर क्रय किये जाने की विद्युत वितरण कंपनीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-3' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-4' अनुसार है। विदयुत देयकों से संबंधित समस्या हेतु म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा उपभोक्ताओं की सुविधा हेतु शिकायत दर्ज कराने के लिये केन्द्रीय कॉल सेन्टर 1912, सी.एम. हेल्पलाईन 181, वॉइस बॉट, चेट बॉट एवं ऐप के माध्यम से शिकायत दर्ज कराने की सुविधा प्रदान की गई है। शिकायत के परीक्षण उपरांत त्रुटि पाये जाने पर बिल में आवश्यक सुधार कर उपभोक्ता को उनके रजिस्टर्ड मोबाईल नंबर पर सूचित किया जाता है। इसके अतिरिक्त जिन उपभोक्ताओं के परिसर में स्मार्ट मीटर स्थापित कर दिये गये है उनमें से चिन्हित उपभोक्ताओं के यहां चेक मीटर भी स्थापित किये गये हैं। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-5' अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-6' अनुसार है।
ग्लोबल मीट के देयकों का भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
137. ( क्र. 1685 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) न.नि. भोपाल में परिषद की बैठक आहुत करने के क्या नियम है? नियम/निर्देश/आदेश की प्रति सहित बतायें। क्या निगम में परिषद की बैठके समय से संपन्न हो रही है? जुलाई 2022 से प्रश्न दिनांक तक कितनी बैठके कब, किस एजेण्डे पर आयोजित की गई? समस्त जानकारी का गौशवारा बनाकर आदेश/नियम/निर्देश, एजेण्डे की प्रति सहित बतायें। यदि समय से आहुत नहीं हो रही है तो किसकी जिम्मेदारी है और संबंधित पर कब और क्या कार्यवाही की जायेगी? बतायें। (ख) उपरोक्त अवधि में सरकार से कितनी राशि न.नि. भोपाल को कब और किस योजना में आवंटित हुई? उसमें से कितनी राशि किस प्रयोजन पर व्यय, व्यय राशि का देयक एवं उसका भुगतान कब और कितना किया गया है? संपूर्ण जानकारी का गौशवारा बनाकर, प्राप्त देयकों की प्रति, आदेश/निर्देश एकल नस्ती सहित बतायें। (ग) उपरोक्त अवधि में न.नि. भोपाल द्वारा कितना संपत्तिकर प्राप्त हुआ? उक्त प्राप्त राशि में से कितनी राशि किस वार्ड को कब जारी की गई? वार्डवार, वर्षवार, गौशवारा बनाकर बतायें। उक्त अवधि में कितनी राशि किन कार्यों में भुगतान की गई, कितनी राशि किन कारणों से कब से लंबित है? उसका कब तक भुगतान हो जायेगा निश्चित समयावधि बतायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।
नगर पालिक निगम ग्वालियर में नियम विरूद्ध प्रतिनियुक्ति
[नगरीय विकास एवं आवास]
138. ( क्र. 1692 ) श्री हेमंत सत्यदेव कटारे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के नगर पालिक निगम में स्वास्थ्य अधिकारी पद की शैक्षणिक एवं अनुभव संबंधी क्या-क्या अर्हताएं निर्धारित हैं? क्या यह पद सीधी भर्ती के लिये आरक्षित है एवं इस पद पर प्रतिनियुक्ति नहीं की जा सकती? पूर्ण जानकारी दी जाये। (ख) नगर पालिक निगम ग्वालियर में स्वास्थ्य अधिकारी के रूप में डॉ. अनुज शर्मा किस दिनांक से किस दिनांक तक प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत रहे? डॉ अनुज शर्मा की शैक्षणिक एवं अनुभव संबंधी अर्हताएं क्या है? पूर्ण जानकारी दी जायें। (ग) नगर निगम, ग्वालियर में पदस्थ रहे डॉ. अनुज शर्मा की शैक्षणिक अर्हता क्या स्वास्थ्य अधिकारी पद के अनुरूप थी? यदि नहीं तो स्वास्थ्य अधिकारी जैसे सीधी भर्ती के जिम्मेदार पद पर अपात्र व्यक्ति को नियमविरूद्ध तरीके से प्रतिनियुक्ति से किन परिस्थितियों में पदस्थ किया गया? इस हेतु कौन दोषी है व उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गयी। (घ) क्या डॉ. अनुज शर्मा की स्वास्थ्य अधिकारी, नगर निगम, ग्वालियर के पद पर प्रतिनियुक्ति से पदस्थ करने हेतु किसी के द्वारा अनुशंसा की गयी थी? अनुशंसा पत्र/नोटशीट सहित संपूर्ण प्रतिनियुक्ति संबंधी नकल नस्ती की छायाप्रति उपलब्ध करायी जाये।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) मध्यप्रदेश के नगर पालिक निगम दिनांक 28.02.2014 द्वारा आदर्श कार्मिक संरचना लागू की गई जिसमें स्वास्थ्य अधिकारी का पद स्वीकृत नहीं है तथा स्वीकृत कार्मिक संरचना अनुसार दिनांक 15.07.2015 के माध्यम से मध्यप्रदेश नगर पालिक निगम (अधिकारियों तथा सेवकों की नियुक्ति तथा सेवा की शर्ते) संशोधित नियम 2000 अनुसार स्वास्थ्य अधिकारी का पद स्वीकृत नहीं है। स्वच्छता अधिकारी के 02 पद स्वीकृत है। जिसे 100% पदोन्नति से भरे जाने का प्रावधान किया गया है। सेटअप में स्वच्छता अधिकारी पद के लिये कोई योग्यता का उल्लेख नहीं है किन्तु फीडर कैडर सहायक स्वच्छता अधिकारी हेतु "मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से MBBS योग्यता निर्धारित है।" तथा सहायक स्वच्छता अधिकारी से 05 वर्ष की सेवा उपरांत स्वच्छता अधिकारी के पद पर पदोन्नति का प्रावधान किया गया है। (ख) नगर पालिक निगम, ग्वालियर में डॉ. अनुज शर्मा दिनांक 21.08.2023 से 18.03.2025 तक कार्यरत रहे है। डॉ. अनुज शर्मा को शैक्षणिक योग्यता उपलब्ध रिकार्ड अनुसार B.V.Sc & A.H. है एवं डॉ. अनुज शर्मा पशु चिकित्सक सहायक शल्यज्ञ की प्रथम नियुक्ति 11.10.2013 को हुई। नियुक्ति दिनांक से 04.08.2023 तक इन्होंने अपनी सेवायें पैतृक विभाग पशु पालन एवं डेयरी मध्यप्रदेश शासन को दी है। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में विद्युत कनेक्शन
[ऊर्जा]
139. ( क्र. 1693 ) श्री हेमंत सत्यदेव कटारे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम बमोरा, तह. व जिला सागर स्थित होटल दीपाली पैलेस एवं मून मैरिज गार्डन में कितनी-कितनी भार क्षमता के व्यावसायिक विद्युत कनेक्शन किस दिनांक से प्रदाय किये गये? प्रत्येक प्रतिष्ठान के हितग्राही का नाम, विद्युत भार सहित कनेक्शन हेतु आवेदन किस दिनांक में प्राप्त हुए की पूर्ण जानकारी दी जायें। (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित प्रतिष्ठानों में कनेक्शन दिनांक से प्रतिमाह कितनी ऊर्जा की खपत हुई तथा प्रतिमाह कितनी राशि के देयक भुगतान किये गये? पृथक-पृथक प्रतिमाह की जानकारी दी जायें। (ग) प्रश्नांश (क) वर्णित प्रतिष्ठानों में कनेक्शन दिनांक से आज तक कब-कब अस्थायी कनेक्शन प्रदान किये गये? पृथक-पृथक की पूर्ण जानकारी दी जायें। (घ) क्या उक्त प्रतिष्ठानों द्वारा ऊर्जा के उत्पादन के वैकल्पिक व्यवस्था/जनरेटर आदि लगाये हुये है? यदि हाँ तो जनरेटरों की स्थापना हेतु कब अनुमति प्राप्त की गई तथा कितना-कितना शुल्क जमा कराया गया? पृथक-पृथक जानकारी दी जायें। (ड.) क्या उक्त प्रतिष्ठानों के विरूद्ध कनेक्शन दिनांक से आज तक विद्युत चोरी के संबंध में कार्यवाही की गई? यदि हाँ तो पूर्ण जानकारी दी जाये तथा विभाग द्वारा कब-कब नियमानुसार उक्त व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की जांच आदि की कार्यवाही की बताएं।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) सागर वृत्त के अधीन (संचा./संधा.) संभाग सागर के अंतर्गत ग्राम बमोरा, जिला सागर में होटल दीपाली पैलेस में 111.9 किलोवॉट भार क्षमता का व्यावसायिक विद्युत कनेक्शन दिनांक 30.06.2019 से स्थापित है, जिसका सर्विस क्र. 1193011561 (श्रीमति सरोज सिंह ठाकुर दीपाली होटल बमोरा) है एवं मून मैरिज गार्डन के नाम का कोई भी व्यावसायिक प्रतिष्ठान म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संज्ञान में नहीं है। तथापि ग्राम बमोरा में दीपाली मैरिज गार्डन में 111.9 किलोवॉट भार क्षमता का व्यावसायिक विद्युत कनेक्शन दिनांक 27.03.2017 से स्थापित है, जिसका सर्विस क्र. 1193008077 (श्रीमति सरोज सिंह ठाकुर C/O दीपाली मैरिज गार्डन बमोरा) है। (ख) उत्तरांश (क) के अनुसार (संचालन/संधारण) संभाग सागर के अंतर्गत ग्राम बमोरा में दीपाली पैलेस एवं दीपाली मैरिज गार्डन के व्यावसायिक विद्युत कनेक्शन हैं, जिनका उपभोक्ता वितरण पत्रक पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित प्रतिष्ठानों में कनेक्शन दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कोई भी अस्थाई कनेक्शन प्रदाय नहीं किये गये। (घ) उक्त प्रतिष्ठानों में 110 किलोवॉट के सोलर पावर प्लांट स्थापित हैं, जिस हेतु उपभोक्ता द्वारा क्रमश: दिनांक 05/11/2021 एवं दिनांक 05/11/2021 को म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में आवेदन प्रस्तुत किए गए तथा क्रमश: रू. 1180/- एवं रू. 1180/- की राशि जमा करने के उपरान्त उक्त कनेक्शनों में क्रमश: दिनांक 04/12/2021 एवं दिनांक 04/12/2021 को नेट मीटर स्थापित कर विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (ड.) जी नहीं। विदयुत चोरी का कोई प्रकरण नहीं बना है।
लोक निर्माण विभाग में श्रेणी परिवर्तन संबंधी आदेश
[लोक निर्माण]
140. ( क्र. 1697 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्र. F-5-1/2013/1/3 दिनांक 07/10/2016 के अनुसार विनियमितीकरण योजनांतर्गत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को स्थायी कर्मी कर तीन श्रेणियों में विभक्त किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कुशल स्थायी कर्मी बनाये गये दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को आदेशानुसार 10 वर्ष पूर्ण हो चुके है तथा क्या इन्हें श्रेणी परिवर्तन कर उच्च कुशल श्रेणी में परिवर्तन करने संबंधी कोई योजना/प्रस्ताव विचाराधीन है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार यदि उत्तर हाँ है तो योजना कब तक लागू की जाएगी? यदि नहीं तो क्या सामान्य प्रशासन विभाग से दैनिक वेतन भोगी कर्मियों को लगातार 10 वर्ष या उससे अधिक वर्षों तक एक ही पद एवं वेतन पर कार्य करने पर श्रेणी परिवर्तन करने का आदेश है? यदि हाँ तो उक्त आदेश की प्रति दें व बतावें कि इस आदेश का पालन कब तक कराया जावेगा? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार उक्त आदेश पर कब तक कार्यवाही की जाकर इसे लागू किया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हां। (ख) जी नहीं। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मास्टर प्लान लागू किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
141. ( क्र. 1704 ) श्री प्रीतम लोधी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकार/विभाग द्वारा भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर शहरों के मास्टर प्लान तैयार करा लिये गये है? (ख) प्रश्नांश (क) उल्लेखित नगरों के मास्टर प्लान कब तक लागू किये जायेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हां, भोपाल विकास योजना 2005, दिनांक 09/06/1995 से तैयार कर प्रभावशील है, इंदौर विकास योजना 2021 दिनांक 01/01/2008 से तैयार कर प्रभावशील है, ग्वालियर विकास योजना 2035 दिनांक 21/04/2023 से तैयार कर प्रभावशील है, जबलपुर विकास योजना 2021 दिनांक 01/10/2008 से तैयार कर प्रभावशील है। वर्तमान में उक्त नगरों में से भोपाल, जबलपुर एवं इंदौर नगरों की विकास योजनाओं के पुनर्विलोकन की प्रक्रिया प्रचलन में है। (ख) उत्तरांश '(क)' अनुसार विकास योजनाओं के पुनर्विलोकन की कार्यवाही म0प्र0 नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 के प्रावधानों के अंतर्गत प्रचलन में है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
लोकायुक्त प्रकरण में जांच व कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
142. ( क्र. 1710 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले की नगर परिषद् जैतहरी में भ्रष्टाचार के संबंध में जनवरी 2021 से दिसम्बर 2023 के मध्य कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं, पूर्ण विवरण देते हुये जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या वित्तीय अनियमितता के मामले में जनप्रतिनिधि दोषी पाये गये हैं? यदि हाँ तो नाम, पद व उनके विरूद्ध लगाये गये आरोपों की जानकारी करावें। प्रश्न दिनांक तक की गई कार्यवाही की जानकारी भी दें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में आरोप सिद्ध होने के उपरांत भी विभाग द्वारा तत्कालीन पदाधिकारी को अयोग्य घोषित न कर कार्यवाही नहीं किये जाने के क्या कारण हैं? विभाग उक्त संबंध में कब तक ठोस कार्यवाही करेगा? अवगत करावें। (घ) क्या शिकायतकर्ता भाजपा, पूर्व जिला महामंत्री व मंडी अध्यक्ष कैलाश सिंह मरावी ने लोकायुक्त प्रकरण क्रमांक 0081/2021-22 प्रकरण में राशि के दुरूपयोग व गैर भूमिस्वामी की भूमि पर शासकीय राशि व्यय करने की पूर्व जांच पर पुनर्विचार व पुन: जांच कराने हेतु विभागीय प्रमुख सचिव, लोकायुक्त तथा आयुक्त को तथ्य सहित पत्र माह मई 2025 में लिखा गया था, यदि हाँ तो उक्त पत्र की छायाप्रति उपलब्ध कराते हुये प्रकरण में की गई कार्यवाही की जानकारी दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय रखे परिशिष्ट- 'अ' अनुसार है। (ख) जी हां, जानकारी पुस्तकालय रखे परिशिष्ट- 'ब' अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय रखे परिशिष्ट-'स' अनुसार है, जो कि परीक्षणाधीन है।
केन्द्र/राज्य सरकार की योजना से प्राप्त राशि I
[नगरीय विकास एवं आवास]
143. ( क्र. 1719 ) श्री संजय उइके : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर संभाग के नगरीय निकायों में स्वयं के आय/पालिका निधि एवं केन्द्र/राज्य सरकार की योजना से वित्तीय वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक किनती-कितनी राशि प्राप्त हुई? (ख) जबलपुर संभाग के नगरीय निकायों द्वारा स्वयं के आय/पालिका निधि से वित्तीय वर्ष 2022-23 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन कार्यों/खरीदी में कितनी-कितनी राशि व्यय किया गया? (ग) वित्तीय वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक सम्पत्ति कर, समेकित कर, शिक्षा उपकर, जलकर, स्वच्छता कर, की प्रतिवर्ष कितनी-कितनी राशि की मांग के विरूध्द् कितनी-कितनी राशि वसूली की गई?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क)
जानकारी
संलग्न परिशिष्ट-'अ
अनुसार है। (ख)
जानकारी
संलग्न परिशिष्ट- 'ब' अनुसार
है। (ग)
जानकारी
संलग्न परिशिष्ट- 'स'अनुसार
है।
परिशिष्ट
- "तिरेसठ"
अधूरे सड़क मार्ग निर्माण
[लोक निर्माण]
144. ( क्र. 1725 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग द्वारा हरदा जिले में कितने व कौन-कौन से सड़क मार्गों का निर्माण कार्य किया जा रहा है व सड़क मार्गों की वर्तमान स्थिति क्या है? सूची उपलब्ध करावें। (ख) क्या समस्त सड़क मार्ग गांव से गांव तक जोड़े गए हैं? यदि नहीं तो वह कौन-कौन से सड़क मार्ग हैं, उनकी सूची उपलब्ध करावें और क्यों नहीं जोड़े गए हैं? (ग) जिस अधिकारी द्वारा सड़क मार्गों का सर्वे किया गया उसकी लापरवाही के कारण सम्पूर्ण सड़क मार्ग नहीं बना (गांव से गांव नहीं जुड़ पाए) और शासन के पैसों का दुरूपयोग हुआ। क्या शासन द्वारा इसकी जाँच कराई जावेगी? यदि हाँ तो दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें। (घ) क्या अधूरे छूटे सड़क मार्गों को पूर्ण कर गांव से गांव को जोड़ने की कोई योजना प्रचलन में है? यदि हाँ तो, कब तक? यदि नहीं तो इसका कारण स्पष्ट करें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘’अ’’ अनुसार है। (ख) गांव से गांव को जोड़ने की कोई योजना लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत नहीं है। अतः शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘’ब’’ अनुसार। कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) लोक निर्माण विभाग संभाग हरदा अंतर्गत स्वीकृत प्राक्कलन/प्रस्ताव अनुसार ही सड़क मार्ग का निर्माण किया जाता है। गांव से गांव को जोड़ने की कोई योजना प्रचलन में नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगरीय निकायों द्वारा जल कर की वसूली
[नगरीय विकास एवं आवास]
145. ( क्र. 1736 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिंदवाड़ा जिले के नगरीय निकायों (नगर निगमो, नगर पालिकाओं, नगर परिषदों) में विगत वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में जल कर (आधा इंची पाइप लाइन) की क्या-क्या दरें (आवासीय व व्यावसायिक) निर्धारित की गई थी? निकायवार जानकारी प्रदान करने की कृपा करेंगे? (ख) चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए छिंदवाड़ा जिले के नगरीय निकायों ( नगर निगमों, नगर पालिकाओं, नगर परिषदों) में जल कर (आधा इंची पाइप लाइन) की क्या-क्या दरें (आवासीय व व्यावसायिक) निर्धारित की गई है? (ग) क्या राज्य शासन के राजपत्र दिनांक 29 दिसंबर, 2021 के नियम 1 (चार) के अनुसार आवासीय इकाइयों के संबंध में जल उपभोक्ता प्रभारों की प्रचलित करें किसी भी वित्तीय वर्ष में 15% से अधिक नहीं बढ़ाई जाने के निर्देश हैं? शासन के नियमानुसार जल कर में एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम कितने प्रतिशत तक की वृद्धि की जा सकती है? (घ) क्या कोई नगरीय निकाय यदि 3 वर्षों तक जल कर की दरें नहीं बढ़ाता है तो एक ही वित्तीय वर्ष में 3 वर्ष की निर्धारित अधिकतम सीमा 15 प्रतिशत प्रतिवर्ष के मान से एक साथ 45 प्रतिशत तक जल कर की दरें बढ़ा सकता है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। 15 प्रतिशत। (घ) जी हाँ। जलप्रदाय सेवा के लिये उपयोगिता प्रभार की गणना ऐसी रीति में की जायेगी कि सेवाओं के प्रचालन एवं संधारण पर उपगत वार्षिक व्यय की शत-प्रतिशत वसूली की जा सके। राज्य शासन के राजपत्र दिनांक 28 सितंबर, 2020 के नियम 16 में प्रावधान है कि, इन नियमों की व्याख्या या निष्पादन में किसी संदेय या कठिनाई की स्थिति में मामला मुख्य नगर पालिका अधिकारी के समक्ष रखा जायेगा जिसका निर्णय उस मामले में अंतिम होगा।
एम.आई.जी. भवनों का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
146. ( क्र. 1737 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम छिंदवाड़ा की निर्मित इमलीखेड़ा एम.आई.जी. भवनों के कार्य हो गए हैं? क्या अधोसंरचना के कार्य अधूरे है तो निगम हितग्राहियों पर जबरन रजिस्ट्री का दबाव क्यों बना रहा है? (ख) तीन लाख पचास हजार रुपये जो लिये जा रहे है उन पैसों से हितग्राहियों के घरों में क्या काम किए गए है? प्रश्नकर्ता द्वारा पूर्व में विधानसभा के माध्यम से कॉलोनी निर्माण में क्या-क्या भुगतान किया, उसकी गलत जानकारी दी गई। उन अधिकारी पर क्या कार्यवाही करेंगे? (ग) निविदा के समय जो तकनीकी स्वीकृत भवन निर्माण का MOU था उससे हटकर क्यों निर्माण किया? टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग से कॉलोनी निर्माण का जो नक्शा स्वीकृत है, उससे हटकर क्यों निर्माण किए गए हैं? उक्त भवन हितग्राहियों को कब तक दिए जाने थे, किन कारणों से निर्माण में विलंब हुआ? दोषी अधिकारियों पर आप क्या कार्यवाही करेंगे? (घ) आज दिनांक तक कितने हितग्राहियों ने रजिस्ट्री नहीं करायी। सी.एम. हेल्प लाइन क्रमांक 17561156 का निराकरण कब किया गया, किस स्तर के अधिकारियों ने उक्त शिकायत का क्या निराकरण किया? उस निराकरण को वर्तमान के निगम आयुक्त क्यों नहीं मान रहे है? आप निगमायुक्त पर क्या कार्यवाही करेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी अंतर्गत ईमलीखेड़ा के एम.आई.जी. भवनों एवं अधोसंरचना कार्यों में सड़क, नाली, पेयजल एवं बाह्य विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण हो गया है। इस प्रकार अधोसंरचना कार्य पूर्ण हो चुका है। इस लिए सभी हितग्राहियों को बकाया राशि जमा कर रजिस्ट्री कराकर आधिपत्य प्राप्त किये जाने पत्र जारी किये गये है साथ ही 33 हितग्राहियों द्वारा रजिस्ट्रियां कराई जा चुकी है। (ख) प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी अंतर्गत ईमलीखेड़ा के एम.आई.जी. भवनों के टेण्डर में सम्मिलित कार्यों के अतिरिक्त अन्य आवश्यक कार्य जैसे डोर, विंडो, डिस्टेम्पर एवं फिटिंग आदि की स्पेसिफिकेशन बदलने से तथा एमआईजी आवास के क्षेत्रफल में वृद्धि होने से निर्माण लागत में वृद्धि हुई है। लागत में वृद्धि होने से निर्धारित मूल्य के अतिरिक्त राशि रू. 3.50 लाख की वृद्धि सक्षम प्राधिकारी आयुक्त द्वारा स्वीकृत है। तदानुसार लागत वृद्धि राशि के मांग पत्र जारी किये गये है। कॉलोनी निर्माण कार्य में किये गये भुगतान, कार्य के अनुसार ही किये गये है। उक्त परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। निविदा के समय स्वीकृत BOQ से अतिरिक्त कार्य सक्षम स्वीकृति अनुसार कराये गये है साथ ही निर्माण कार्य टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के स्वीकृत अभिन्यास के अनुसार ही किये गये है। आवास कार्य दिनांक 30.06.2021 तक पूर्ण किया जाना था। लागत राशि के अभाव में, हितग्राही अंश समय पर जमा न करने तथा कोविड महामारी होने से कार्य की गति बाधित हुई है। उक्त परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रधानमंत्री आवस योजना-शहरी अंतर्गत ईमलीखेड़ा के 78 एमआईजी भवनों में से 70 भवन आवंटित है, जिसमें 52 हितग्राहियों द्वारा संपूर्ण राशि (3.50) लाख रूपये सहित) जमा कर दिये है तथा 33 हितग्राहियों द्वारा रजिस्ट्री कराई जा चुकी है। साथ ही सी.एम. हेल्पलाईन क्रमांक 17561156 के संबंध में तत्कालीन आयुक्त द्वारा किसी प्रकार का लिखित आदेश पारित नहीं किया गया।
सेंधवा विधानसभा क्षेत्र में बिजली आपूर्ति
[ऊर्जा]
147. ( क्र. 1744 ) श्री मोंटू सोलंकी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सेंधवा विधानसभा क्षेत्र बड़वानी जिला के कितने ग्रामों में 24 घंटे की बिजली आपूर्ति उपलब्ध है? कृपया ग्रामों की संख्या और उनके नामों की सूची प्रदान करें। क्या उक्त ग्रामों में सभी मजरे टोले,फलियों में 24 घंटे की बिजली आपूर्ति उपलब्ध है? यदि नहीं तो क्यों नहीं बिजली आपूर्ति हो रही है? कारण सहित सूची उपलब्ध करावें। (ख) सेंधवा विधानसभा क्षेत्र के कितने ग्रामों में प्रतिदिन कम से कम 12 घंटे की बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है? कृपया ग्रामों की संख्या और उनके नामों की सूची प्रदान करें। उन ग्रामों की संख्या और नाम, जहाँ 24 घंटे या 12 घंटे की बिजली आपूर्ति उपलब्ध नहीं है और ऐसी स्थिति के कारण क्या हैं? कारण सहित सूची उपलब्ध करावें। (ग) सेंधवा विधानसभा क्षेत्र में नवीन ग्रिड स्थापित करने की क्या योजना है? कृपया उन स्थानों की सूची और प्रस्तावित ग्रिड की क्षमता (किलो वॉल्ट-एम्पीयर या मेगावॉट में) प्रदान करें। (घ) सेंधवा विधानसभा में नवीन ग्रिड स्थापना कहां-कहां की गई उक्त जगह पर कितना काम हो गया है? कब तक कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा समय-सीमा और बजट क्या है, क्या ग्राम रामगढ़ी विधानसभा क्षेत्र सेंधवा में नवीन ग्रिड का काम प्रारम्भ हो गया यदि नहीं हुआ तो कब तक काम प्रारम्भ होगा।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) बड़वानी जिलान्तर्गत सेंधवा विधानसभा क्षेत्र के समस्त 124 राजस्व ग्रामों में अपरिहार्य कारणों से आए आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर नियमानुसार कृषि प्रयोजन हेतु 10 घंटे एवं गैर कृषि उपभोक्ताओं को 24 घंटे विद्युत आपूर्ति की जा रही है। राजस्व ग्रामों की चाही गयी प्रश्नाधीन सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। प्रश्नाधीन क्षेत्र के 1921 मजरों/टोलों/फलियों में 24 घंटे विद्युत आपूर्ति की जा रही है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में मुख्य आबादी ग्राम से दूर स्थित 77 मजरों/टोलों/फलियों को निकटतम उपलब्ध विद्युत अधोसंरचना यथा सिंचाई फीडर से सम्बद्ध कर 10 घंटे विद्युत आपूर्ति की जा रही है, जिनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। प्रश्नाधीन क्षेत्रांतर्गत कोई भी मजरा/टोला/फलियां विद्युतविहीन नहीं है। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र के समस्त 124 राजस्व ग्रामों में अपरिहार्य कारणों से आए आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर नियमानुसार कृषि प्रयोजन हेतु 10 घंटे एवं गैर कृषि उपभोक्ताओं को 24 घंटे विद्युत आपूर्ति की जा रही है। ग्रामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। उक्त परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न नहीं उठता। (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र में केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना एवं राज्य शासन की वित्त पोषित एस.एस.टी.डी. योजना अंतर्गत नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र स्वीकृत/प्रस्तावित किये गये है, जिनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (घ) प्रश्नाधीन क्षेत्र अंतर्गत स्वीकृत नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों के कार्यों में से पूर्ण/प्रगतिरत, कार्य पूर्ण होने की संभावित समय-सीमा एवं लागत राशि की प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। सेंधवा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत ग्राम रामगढ़ी में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र का निर्माण कार्य एस.एस.टी.डी. योजनांतर्गत प्रस्तावित है, जिसकी स्वीकृति उपरांत आगामी कार्यवाही की जा सकेगी। अत: वर्तमान में कार्य प्रारंभ किये जाने हेतु समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा की परियोजनाएं
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
148. ( क्र. 1745 ) श्री मोंटू सोलंकी : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सेंधवा विधानसभा क्षेत्र बड़वानी जिला में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा (जैसे सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, बॉयोगैस) के तहत कितनी परियोजनाएं स्वीकृत और कार्यान्वित की गई हैं? कृपया परियोजनाओं की संख्या, प्रकार और स्थापित क्षमता (किलोवॉट या मेगावॉट में) का विवरण प्रदान करें। (ख) सेंधवा विधानसभा क्षेत्र के कितने ग्रामों में सौर ऊर्जा आधारित विद्युतीकरण (जैसे सोलर रूफटॉप, सोलर स्ट्रीट लाइट्स, या ऑफ-ग्रिड सोलर सिस्टम) उपलब्ध कराया गया है? ग्रामों की संख्या और नामों की सूची प्रदान करें। (ग) सेंधवा विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना या पीएम-कुसुम योजना के तहत कितने परिवारों और किसानों को लाभ मिला है? इन योजनाओं के तहत स्वीकृत सौर संयंत्रों की संख्या, क्षमता और वर्तमान प्रगति का विवरण प्रदान करें। (घ) सेंधवा विधानसभा क्षेत्र में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए स्वीकृत बजट और वर्तमान व्यय की स्थिति क्या है? यदि कोई परियोजना स्वीकृत नहीं हुई है, तो इसके कारण और भविष्य की योजनाएँ क्या हैं? (ङ) सेंधवा जैसे आदिवासी बहुल क्षेत्र में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए विभाग द्वारा क्या विशेष उपाय किए जा रहे हैं और इन योजनाओं को लागू करने की समय-सीमा क्या है?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री राकेश शुक्ला ) : (क) कुसुम-अ, सोलर रूफटॉप व प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सेंधवा विधानसभा क्षेत्र की कुसुम-अ की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के हितग्राहियों एवं ग्रामों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है एवं प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के प्रारंभ होने के पूर्व की भारत सरकार के MIS Portal पर उपलब्ध सूची एवं स्थापित सोलर पंप की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) सेंधवा विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है एवं कुसुम-ब योजनांतर्गत स्थापित सोलर पंप की लाभान्वित की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) विभाग की योजनाओं के अंतर्गत जिलेवार/विधानसभावार बजट आवंटन नहीं किया जाता है। विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन केन्द्र शासन के दिशा-निर्देश व नियम एवं शर्तों के अनुसार किया जाता है। (ड.) विभाग की विभिन्न योजनाओं क्रमश: प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना, कुसुम योजनाओं का क्रियान्वयन पूरे प्रदेश में केन्द्र शासन के दिशा-निर्देश व नियम एवं शर्तों अनुसार किया जाता है। उक्त योजनाएं वर्तमान में सतत् है।
सड़क और पुल निर्माण की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
149. ( क्र.
1746 ) श्री
मोंटू सोलंकी
: क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) सेंधवा
विधानसभा
क्षेत्र
बड़वानी जिला
के ग्राम
पांजरिया
ढाबा से
झिरीजामली
एवं ग्राम झिरीजामली
से पाड़छा तक
सड़क निर्माण
कार्य अभी तक
शुरू नहीं हुआ
है, जिसके
कारण
ग्रामीणों को
आवागमन में
दिक्कतों का
सामना करना
पड़ रहा है।
इस सड़क के
निर्माण के
लिए स्वीकृति
की स्थिति क्या
है? क्या
इसके लिए कोई
प्रस्ताव
विचाराधीन है
और यदि नहीं, तो
स्वीकृति
हेतु क्या
कार्यवाही की
जा रही है? (ख) सेंधवा
विधानसभा
क्षेत्र के
ग्राम झोपाली
से वागमारिया
होते हुए
टेमला तक सड़क
निर्माण के
लिए स्वीकृति
की स्थिति
क्या है? इस सड़क के
निर्माण के
लिए
प्रस्तावित
बजट, समय-सीमा
और कार्य योजना
का विवरण
प्रदान करें।
यदि स्वीकृति
नहीं हुई है, तो
इसके लिए क्या
कार्यवाही की
जा रही है? (ग) सेंधवा
विधानसभा
क्षेत्र के
ग्राम नक्टीरानी
में गोई नदी
पर पुल
निर्माण के
लिए क्या कोई
स्वीकृति
प्राप्त हुई
है? यदि
नहीं,
तो इस पुल के
निर्माण के
लिए विभाग की
क्या योजना है
और नहीं तो
इसे कब तक
स्वीकृति कर
निर्माण शुरू
किया जाएगा? (घ) उपरोक्त
सड़कों और पुल
के निर्माण के
लिए स्वीकृति
में देरी के
कारण क्या हैं? इन
परियोजनाओं
को शीघ्र
स्वीकृति और
कार्यान्वयन
के लिए सरकार
द्वारा क्या
उपाय किए जा रहे
हैं?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) : (क) एवं
(ख) जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है। (ग) जी
नहीं,
वर्तमान
में किसी
योजना में न
तो प्रस्तावित
है और न ही
स्वीकृत है।
अतः पुल निर्माण
की निश्चित
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है। (घ) उत्तरांश
(क) 'ख' एवं 'ग' के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
ओवरलोड ट्रांसफार्मरों का भार कम किया जाना
[ऊर्जा]
150. ( क्र. 1748 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित प्रश्न क्रमांक 1794, दिनांक 17/03/2025 में प्रश्नकर्ता द्वारा चाहा गया था कि कितने विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर ओवरलोड की श्रेणी में है, जिसके प्रतिउत्तर में जवाब दिया गया है, को विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कुल 996 वितरण ट्रांसफार्मर ओवरलोड की श्रेणी में है कि क्या विभाग द्वारा अतिभारित ट्रांसफार्मरों पर लोड को कम करने हेतु अतिरिक्त ट्रांसफार्मर या क्षमता वृद्धि की कार्यवाही की गई है? (ख) क्या महिदपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत अनेकों विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों के अतिभारित ओवरलोड होने के कारण एक से अधिक बार जलने की शिकायतें प्राप्त हो रही है? यदि हाँ तो ग्रामवार संख्यात्मक विवरण देवें। क्या अतिभारित ओवरलोड विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर जलने पर शीघ्र उसको न बदलकर पहले वसूली का कार्य किया जा रहा है जिसके अभाव में कई दिनों तक आमजनों को बिजली के बिना रहना पड़ रहा है। क्या कुछ उपभोक्ताओं द्वारा लंबे समय से बिजली बिल बकाया होने पर, प्रतिमाह समय पर बिजली बिल जमा करने वाले उपभोक्ताओं को भी विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर जलने पर अंधेरे में रहना पड़ता है? इस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। महिदपुर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत प्रश्नांश में उल्लेखित अतिभारित वितरण ट्रांसफार्मरों का भार कम करने हेतु म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत आर.डी.एस.एस. योजना के प्रथम चरण में 36 नवीन अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना के कार्य स्वीकृत किये गये हैं, जिनकी स्थापना संबंधी कार्यवाही वितरण कंपनी अंतर्गत प्रचलन में है तथा आर.डी.एस.एस. योजना के द्वितीय-चरण (सिस्टम मॉर्डनाईजेशन) के तहत नवीन अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना एवं वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि के कुल 960 कार्य प्रस्तावित किये गये हैं। उक्त के अतिरिक्त स्थापित वितरण ट्रांसफार्मर अतिभारित पाये जाने की स्थिति में समय-समय पर नियमानुसार प्रणाली सुदृढ़ीकरण योजना अथवा सामान्य विकास योजना के तहत तकनीकी साध्यता अनुसार क्षमतावृद्धि अथवा अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर की स्थापना के प्रस्ताव पर सक्षम स्वीकृति उपरांत वितरण ट्रांसफार्मर स्थापना की कार्यवाही की जाती है, जोकि एक सतत् प्रक्रिया है। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्रांतर्गत वितरण ट्रांसफार्मरों के अतिभारित होने के कारण एक से अधिक बार जलने/खराब होने की मात्र कुल 14 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनकी ग्रामवार सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उल्लेखनीय है कि वितरण ट्रांसफार्मर, विभिन्न बाह्य जनित कारणों यथा:- आकाशीय बिजली गिरना, विद्युत का अवैधानिक उपयोग, विद्युत लाईन में फाल्ट होना, ट्रांसफार्मर का तेल चोरी होने के कारण अथवा तेल का रिसाव एवं ट्रांसफार्मर में आंतरिक खराबी आने इत्यादि से फेल होते हैं। वितरण ट्रांसफार्मर जले/खराब होने से संबंधित शिकायत प्राप्त होने पर वितरण कंपनी के संबंधित कार्मिकों द्वारा नियमानुसार बकाया राशि जमा होने के उपरांत आवश्यक रख-रखाव एवं सुधार कार्य कर वितरण ट्रांसफार्मर को पुनः चालू कर दिया जाता है अथवा आवश्यकतानुसार बदल दिया जाता है।
लंबित निर्माण कार्यों की स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
151. ( क्र. 1760 ) श्री निलेश पुसाराम उईके : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के जिला-पांढुर्ना में स्थित नगर पालिका परिषद-पांढुर्ना में मार्ग, नाली, नाला, सीवर लाईन, कायाकल्प योजना अन्तर्गत व अन्य कार्यों के निर्माण हेतु तकनीकी व प्रशासकीय स्वीकृति हेतु शासन/विभाग में कोई प्रस्ताव लंबित/प्रक्रियाधीन हैं? यदि हाँ तो उनकी स्वीकृति कब तक प्रदत्त कर दी जावेगी? (ख) क्या प्रदेश के जिला-पांढुर्ना, छिंदवाड़ा व सिवनी के नगरीय क्षेत्रों व जिले के मार्गों में गैर तकनीकी/IRC के मापदंडों के विपरीत गति अवरोधक निर्मित है? यदि हाँ तो क्या इन्हें तकनीकी/IRC के मापदंडों के अनुरूप निर्मित करने हेतु नगर पालिका/जिला प्रशासन को कोई पत्र प्राप्त हुआ है? यदि हाँ तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो कब तक की जावेगी? (ग) क्या जिला-सिवनी की नगर पालिका परिषद-सिवनी के अंतर्गत निर्मित मार्ग अल्प अवधि में ही ऊपरी सतह उखड़ने, दरारें आने व मार्ग सोल्डर भरे नहीं होने के संबंध में कोई पत्र मजदूर संघ से जिला प्रशासन/नगर पालिका को प्राप्त हुआ है? यदि हाँ तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो कब तक की जावेगी? (घ) क्या जिला-सिवनी की नगर पालिका परिषद-सिवनी के अंतर्गत शासकीय नहर, नालों व मार्गों में अतिक्रमण/उनका स्थान परिवर्तित कर उनकी भूमि का व्यापारिक उपयोग किया जा रहा है? यदि हाँ तो उन्हें कब तक मुक्त किया जावेगा? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। संबंधित संविदाकार को सूचना पत्र जारी किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विद्युत ट्रांसफार्मरों का संधारण
[ऊर्जा]
152. ( क्र. 1794 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले के कार्यपालन अभियंता (संचा/संधा) म.प्र.पू.वि.वि.कं.लि. जतारा क्षेत्र में किस-किस ग्राम, मजरा-टोला एवं नगर के वार्डों में कहां-कहां प्रश्न दिनांक तक विद्युत ट्रांसफार्मर कितनी-कितनी क्षमता के लगे हुए हैं? इसमें कौन-कौन से जले हैं एवं कौन-कौन ठीक कार्य कर रहे हैं? विद्युत वितरण क्षेत्रवार, ग्राम पंचायत एवं नगरवार जानकारी प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर जानकारी दें कि ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों से लगातार दो माह से विद्युत व्यवस्था खराब आने की क्यों शिकायतें प्राप्त हो रही हैं? इन शिकायतों के विरूद्ध शासन ने क्या-क्या कार्यवाही की है? सम्पूर्ण जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी एवं अन्य कर्मचारी आउटसोर्स के कहां-कहां, कब से पदस्थ हैं? कृपया नाम, पद सहित सम्पूर्ण जानकारी प्रदाय करें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएं कि कब तक विद्युत व्यवस्था पूर्ण रूप से ठीक करा दी जावेगी एवं कब तक? वितरण क्षेत्र पलेरा, जतारा, चन्देरा, लिधौरा, बम्होरीकलां एवं दिगौड़ा में रिक्त कनिष्ठ अभियंताओं के पद कब तक भर दिए जावेंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) टीकमगढ़ जिलान्तर्गत संचा/संधा संभाग जतारा के ग्रामों/मजरों/टोलों एवं नगरों के वार्डों में प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में स्थापित वितरण ट्रांसफार्मरों की प्रश्नाधीन चाही गयी क्षमतावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। उक्त स्थापित वितरण ट्रांसफार्मरों में से प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। प्रश्नाधीन क्षेत्रान्तर्गत स्थापित शेष सभी वितरण ट्रांसफार्मर कार्य कर रहे हैं। (ख) उत्तरांश (क) के सन्दर्भ में लेख है कि वितरण ट्रांसफार्मर के जलने/खराब होने के उपरान्त संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि का 10 प्रतिशत जमा करने अथवा 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा बकाया राशि जमा करने पर संभागीय मुख्यालय में 12 घंटे एवं अन्य शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे तथा ग्रामीण क्षेत्रों में शुष्क मौसम में 3 दिवस तथा मानसून के मौसम के दौरान माह जुलाई से सितंबर तक 7 दिवस में जला/खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदलने अथवा विद्युत प्रदाय पुनर्स्थापित करने के प्रावधान हैं। उक्तानुसार उत्तरांश (क) में उल्लेखित ऐसे जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर जो कि नियमानुसार बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण अपात्र है, उन्हें बदला नहीं गया तथा ऐसे पात्र ट्रांसफार्मर, जो कि वर्षा ऋतु में पहुँच मार्ग उपलब्ध नहीं होने के कारण बदले नहीं जा सके हैं, उन्हें पहुँच मार्ग उपलब्ध होते ही बदल दिया जायेगा। उल्लेखनीय है कि प्रश्नाधीन क्षेत्रान्तर्गत ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में विद्युत लाईनों/अद्योसंरचना के रख-रखाव हेतु पूर्व निर्धारित शट-डाउन लेने तथा तकनीकी कारणों/प्राकृतिक आपदा से आये आकस्मिक व्यवधानों जैसी अपरिहार्य स्थिति के कारण कतिपय अवसरों पर प्रश्नाधीन अवधि में विद्युत प्रदाय बाधित हुआ है, जिसमें आवश्यक रख-रखाव/सुधार कार्य कर विद्युत प्रदाय शीघ्र ही सुचारू कर दिया गया है। (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्रान्तर्गत पदस्थ अधिकारी/कर्मचारी एवं आउटसोर्स कर्मचारियों की प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (घ) प्रश्नाधीन क्षेत्रान्तर्गत अपरिहार्य कारणों से आए आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर नियमानुसार विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत कनिष्ठ अभियंताओं के रिक्त पदों को सीधी भर्ती के माध्यम से भरे जाने हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। चयन उपरांत रिक्त पदों पर नियुक्ति की जावेगी, जिस हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा की योजनाओं का क्रियान्वयन
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
153. ( क्र. 1795 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा केन्द्र द्वारा प्रदेश में संचालित कौन-कौन सी योजनाएं है? कृपया सम्पूर्ण जानकारी प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि प्रदेश में जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक के मध्य कहां-कहां प्रोजेक्ट कितनी-कितनी लागत से लगाए जा चुके हैं और कहां-कहां प्रस्तावित हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि टीकमगढ़ जिले में इसका कार्य कौन-कौन फर्म द्वारा कहां-कहां करवाया जा रहा है? जिले में कहां-कहां कार्य पूर्ण एवं कहां अपूर्ण है? सम्पूर्ण जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएं कि उपरोक्त कार्य व्यक्तिगत रूप से कोई किसान अपने खेतों के पम्प ऊर्जीकरण हेतु या कोई व्यक्ति अपने घरेलू विद्युत कनेक्शन पर करना चाहता है तो उसके क्या-क्या नियम/आदेश हैं? छायाप्रतियां प्रदाय कर यह भी बताएं कि टीकमगढ़ जिले में इस विभाग का विस्तृत कार्य विस्तार कैसे होगा, जानकारी दें।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री राकेश शुक्ला ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) कुसुम-अ की स्थापित एवं प्रस्तावित परियोजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। कुसुम-स की स्थापित एवं प्रस्तावित परियोजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। राज्य में स्थापित सौर एवं पवन परियोजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) टीकमगढ़ जिले में प्रधानमंत्री कुसुम-अ के अंतर्गत स्थापित/ स्थापनाधीन संयंत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''द'' अनुसार है। प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना की वेडरों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-इ अनुसार है एवं स्थापित एवं पोर्टल पर दिये गये आवेदनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-फ अनुसार है। राज्य से कुल 54 फर्म द्वारा कार्य किया जा रहा है। टीकमगढ़ जिले में 285 उपभोक्ताओं के घरों में कार्य पूर्ण हो चुका है, जिसमें 991.76 किलोवॉट क्षमता के संयंत्र स्थापित किये जा चुके है। शेष 373 घरों में कार्य प्रक्रियाधीन है। शासकीय भवनों को सौर ऊर्जीकृत करने हेतु निविदा की जारी की गई है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ज अनुसार है। टीकमगढ़ जिले के साथ साथ पूरे प्रदेश में प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना अंतर्गत सोलर पंप एवं प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना अंतर्गत घरों में सोलर रूफटॉप लगाये जा रहे है। केन्द्र शासन के मार्गदर्शन एवं दिशा-निर्देश में योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है।