मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-मार्च
2017 सत्र
शुक्रवार, दिनांक 31 मार्च 2017
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
प्रोटोकॉल
का पालन
[लोक निर्माण]
1. ( *क्र. 7492 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले के विकासखण्ड सिहावल अन्तर्गत नवनिर्मित विश्राम गृह बहरी एवं सिंगरौली जिले के विकासखण्ड देवसर अन्तर्गत नवनिर्मित मॉडल स्कूल का लोकार्पण किसके द्वारा किया गया? क्या प्रोटोकॉल का पालन करते हुये क्षेत्रीय विधायक को कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया था? (ख) क्या प्रोटोकॉल अन्तर्गत क्षेत्रीय विधायक, अध्यक्ष जनपद पंचायत एवं अन्य जनप्रतिनिधियों को नहीं बुलाया जाना सामान्य प्रशासन विभाग के नियमों का उल्लंघन नहीं है? यदि हाँ, तो दोषी कान्ट्रेक्टर व विभागीय अधिकारियों के विरूद्ध की गई कार्यवाही का विवरण दें? (ग) प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने वाले कौन-कौन दोषी हैं? दोषियों के प्रति क्या कार्यवाही की गई? नहीं की गई तो कब तक की जावेगी? भूमि पूजन एवं लोकार्पण हेतु शासन के क्या निर्देश हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) सीधी जिले के विकासखण्ड सिहावल के अंतर्गत नवनिर्मित विश्राम गृह बहरी का लोकार्पण माननीया सांसद श्रीमती रीती पाठक जी, लोक सभा क्षेत्र सीधी द्वारा किया गया है एवं सिंगरौली जिले के विकासखण्ड देवसर अंतर्गत नवनिर्मित मॉडल स्कूल का लोकार्पण जिला पंचायत अध्यक्ष सिंगरौली माननीय श्री अजय कुमार पाठक द्वारा किया गया है। जी नहीं। (ख) लोकार्पण में लोक निर्माण विभाग पी.आई.यू. की कोई भूमिका नहीं रही है। लोकार्पण संविदाकार द्वारा अपने स्तर पर किया गया था, जिसके परिप्रेक्ष्य में उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है। स्पष्टीकरण प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता। (ग) ठेकेदार दोषी है। स्पष्टीकरण प्राप्त किया जा रहा है। स्पष्टीकरण प्राप्त होने पर कार्यवाही की जावेगी। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
फसल बीमा राशि के गबन शिकायत की जाँच
[सहकारिता]
2. ( *क्र. 7691 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले के विकासखण्ड रीठी में कृषि साख सहकारी समिति बड़गांव में पूर्व समिति प्रबंधक द्वारा फसल बीमा राशि वर्ष 2014-15 की गबन की शिकायत की जाँच समिति द्वारा पत्र क्रमांक 1007, दिनांक 26.07.2016 के संदर्भ में सहायक आयुक्त सहकारिता कटनी को प्रेषित की गयी है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में प्रेषित जाँच प्रतिवेदन पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, की गई तो कब तक की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) के समिति प्रबंधक के विरूद्ध वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं? शिकायतवार, कार्यवाहीवार विवरण दें।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। (ख) जाँच प्रतिवेदन के आधार पर अधिक फसल बीमा राशि जमा होने वाले खातों से आहरण पर रोक लगाई गई, फसल बीमा क्लेम की राशि की त्रुटिपूर्ण प्रविष्टि का सुधार किया गया, ऐसे कृषक जिनकों फसल बीमा क्लेम की अधिक राशि का भुगतान किया गया था उनसे राशि वसूल कर ऐसे कृषक जिनको बीमा क्लेम की कम राशि का भुगतान किया गया था, भुगतान किया गया। जाँच में दोषी पाए गए तत्कालीन समिति प्रबंधक श्री राधेश्याम तिवारी को निलंबित किया गया, तत्कालीन शाखा प्रबंधक रीठी की विभागीय जाँच प्रक्रियाधीन है तथा श्री सोनेलाल पटेल सहायक समिति प्रबंधक को प्रभार से अलग किया गया है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
संतरों के लिए फूड प्रोसेसिंग प्लांट का निर्माण
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
3. ( *क्र. 1324 ) श्री अरूण भीमावद : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शाजापुर रसीले एवं मीठे संतरों का उत्पादन करने में प्रदेश एवं देश में अग्रणी होकर संतरा उत्पादन के लिए सुप्रसिद्ध है? (ख) क्या विगत वर्षों में जिले में प्राकृतिक प्रकोप से संतरे की फसलों का अधिक नुकसान होने के कारण संतरा उत्पादक किसानों को उचित दाम प्राप्त नहीं होने के कारण किसान कर्जे में हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार क्या जिले में फूड प्रोसेसिंग यूनिट खोलने की कोई कार्ययोजना है? (घ) यदि नहीं, है तो संतरा उत्पादन किसानों को उचित दाम प्राप्त होने के लिए क्या प्रावधान है?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) शाजापुर जिले में संतरे का बहुतायत उत्पादन होता है। (ख) शाजापुर जिले में प्राकृतिक प्रकोप से संतरा फसलों को नुकसान के कारण उचित दाम प्राप्त नहीं होने के संबंध में कोई शोध अथवा अध्ययन उपलब्ध नहीं होने से जवाब दिया जाना संभव नहीं है। किसानों के कर्ज में होने की जानकारी विभाग में संधारित नहीं है। (ग) फूड प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना राज्य शासन द्वारा नहीं की जाती है, अपितु निजी निवेशक द्वारा की जाती है। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए विभाग द्वारा विशिष्ट वित्तीय सहायताओं का प्रावधान किया गया है, जिसका लाभ निजी निवेशक ले सकते हैं। (घ) शासन द्वारा फल/सब्जियों के मूल्य निर्धारित किये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। बाजार की मांग एवं उत्पाद की गुणवत्ता अनुसार संतरा फल का मूल्य प्राप्त होता है। शाजापुर जिले में संतरा उत्पादक किसानों को संतरे का उचित मूल्य प्राप्त हो इस हेतु जिले में मालवा अग्रणी कृषक प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड का गठन किया गया है, जिसमें किसान पंजीयन कराकर अपना उत्पाद कंपनी के माध्यम से उचित मूल्य पर विक्रय कर सकते हैं।
विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा अंतर्गत नदी/नालों पर पुलिया निर्माण
[लोक निर्माण]
4. ( *क्र. 7548 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत ग्राम सलेहपुर स्थित पुटी नाले पर, ग्राम पीपल्यापैरात में स्थानीय नाले पर, ग्राम लालपुरिया-भगवानपुरा के मध्य मुख्य रास्ते पर स्थित नाले पर, ग्राम बरखेड़ी-नालबंदी के मध्य अजनार नदी पर, ग्राम गुर्जरखेड़ी-पडिया ग्राम के मध्य अजनार नदी पर, ग्राम बेरियाखेड़ी में स्थानीय नाले पर, ग्राम सागपुर-बमुलिया के मध्य अजनार नदी पर पुलिया, ग्राम बोरदा-बूढ़ाखेड़ा के मध्य नाले पर, ग्राम भगवतीपुर-मलावर के मध्य नाले पर, ग्राम बरखेड़ी नवीन के मध्य नाले पर तथा पीपल्याधाकड़-बंजारी के मध्य नाले पर पुलिया नहीं होने से ग्रामीणजनों के सामने आम आवागमन एवं कृषि कार्य करने में बेहद संकटजनक स्थिति बनी हुई है तथा उक्त सभी ग्रामों की हजारों की आबादी संबंधित नालों पर पुलिया बनाने की मांग लम्बे समय से कर रही है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या शासन की अन्य किसी मद से इन बड़ी पुलियों का निर्माण संभव नहीं है? यदि हाँ, तो व्यापक लोकहित में क्या शासन द्वारा इन पुलियों का निर्माण कराया जावेगा? यदि हाँ, तो विभाग कब तक सर्वेक्षण कार्य पूर्ण कर स्वीकृति जारी करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) प्रश्नांकित मार्ग विभाग द्वारा संधारित नहीं है। म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण एवं ग्रामीण यांत्रिकी सेवा से प्राप्त जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार।
राजगढ़ के पेटी बाजार सप्लाई निविदा की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
5. ( *क्र. 6673 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा जिला न्यायालय राजगढ़ के भवन को कण्डम घोषित किया गया है? यदि हाँ, तो फिर जिला न्यायालय में कौन-कौन से मरम्मत कार्य कराये गये तथा उन पर कितनी राशि व्यय की गई? जो कि व्यय किया जाना औचित्यपूर्ण नहीं है? उक्त राशि शासन हित में थी या नहीं? (ख) विभाग द्वारा दिनांक 01 जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक तक राजगढ़ संभाग में पेटी बाजार सप्लाई की कौन-कौन सी निविदा स्वीकृत की गई है? इसके लिये किन-किन वरिष्ठ अधिकारी से अनुमति प्राप्त की गई है? प्रश्न दिनांक तक किये गये निविदा स्वीकृत राशि एवं व्यय की गई राशि का विवरण उपलब्ध करायें। (ग) विभाग द्वारा दिनांक 01 जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक तक राजगढ़ संभाग में कौन-कौन से कार्यों के अंतिम देयकों का भुगतान किया गया है? इसमें कार्यपालन यंत्री द्वारा कौन-कौन से मापों को प्रमाणित किया गया है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। प्रश्नांश के शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
किसान मेले का आयोजन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
6. ( *क्र. 5044 ) श्री अजय सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले में किसानों की सहायता एवं मार्गदर्शन हेतु दिनांक 01.04.2014 से प्रश्नतिथि तक किन-किन स्थानों पर कृषि विज्ञान मेलों का आयोजन हुआ? उक्त आयोजनों में कितने किसानों के द्वारा रजिस्ट्रेशन करवाया गया? मेलावार कृषक संख्यावार/वर्षवार/स्थानवार सूची उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार आयोजित कृषि विज्ञान मेलों में कितने कृषकों को कितनी राशि की किस प्रकार की अनुदान/सहायता प्रदान की गयी? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समयानुसार उक्त मेलों के लिए कितनी राशि का आवंटन किस मद में व्यय करने हेतु प्राप्त हुआ था? कितनी राशि किस मद में कब व्यय की गयी? किस-किस को कितनी-कितनी राशि का भुगतान कब-कब किया गया?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। (ख) किसानों को कोई भी अनुदान की राशि/सामग्री प्रदाय नहीं की गई। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है।
सेवायुक्तों को वेतन का भुगतान
[सहकारिता]
7. ( *क्र. 2188 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक मर्या. (समस्त) के सेवायुक्तों को प्रतिमाह वेतन मिल रहा है? यदि नहीं, तो क्यों और कब से प्राप्त नहीं हो रहा है? जिला बैंकवार जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ख) शासन द्वारा जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों के सेवायुक्तों को वेतन भुगतान के संबंध में क्या आदेश किस दिनांक को जारी किये गये हैं? आदेश क्रमांक/दिनांक उपलब्ध करायें। (ग) क्या उक्त आदेश दिनांक के पूर्व का वेतन इन सेवायुक्तों को दे दिया गया है? यदि हाँ, तो किन-किन जिला बैंकों द्वारा दे दिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? इसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार हैं? (घ) क्या दिनांक 29.08.2016 को उक्त संस्थाओं के सेवायुक्तों के वेतन भुगतान के संबंध में शासन से आदेश जारी किये गये? यदि हाँ, तो इसके पूर्व का वेतन क्यों नहीं बांटा गया? इसके लिये कौन जिम्मेदार है? उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ख) जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों के सेवायुक्तों के वेतन भुगतान के संबंध में जारी पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश (क) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। परिसमापित जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों के सेवायुक्तों द्वारा वेतन प्राप्ति हेतु बैंक के कालातीत ऋणों की वसूली न करने के कारण वेतन भुगतान नहीं हो सका। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। प्रश्नांश (ग) के उत्तर अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सड़क मार्ग के निर्माण में विलंब
[लोक निर्माण]
8. ( *क्र. 3712 ) श्रीमती ममता मीना : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा गुना-अशोकनगर-ईसागढ़ सड़क मार्ग के निर्माण के अनुबंध एवं टेण्डर अनुसार विलंब हुआ है अथवा नहीं? उक्त मार्ग पूर्ण करने की नियत दिनांक क्या थी तथा उक्त कार्य किस दिनांक को पूर्ण हुआ है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि रोड निर्माण में विलंब हुआ है तो, संबंधित निविदाग्रहीता ठेकेदार/फर्म के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? कार्यवाही क्यों नहीं की गई है? टोल वसूली के अधिकार प्रदान करते समय शेष कार्य निर्धारित समयावधि में पूर्ण नहीं किये जाने के कारण संबंधित फर्म के विरूद्ध कितनी पेनल्टी लगाई गई है? क्या पेनल्टी की वसूली हो गई है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार यदि कार्यवाही नहीं हुई है तो शासन हित में कार्य न करते हुये संबंधित फर्म को लाभ पहुंचाने वाले दोषी अधिकारी कौन हैं? दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। विलंब हुआ है। अनुबंधानुसार इस कार्य को पूर्ण करने की दिनांक 30.08.2015 निर्धारित थी। मार्ग के प्रथम एवं द्वितीय सम खण्डों की अंतिम पूर्णता दिनांक 23.12.2014 एवं 22.03.2016 को जारी की गई है। वर्तमान में यह कार्य पूर्ण नहीं हुआ है। (ख) सड़क निर्माण में विलंब हेतु कंसेशनायर के विरूद्ध अनुबंध के प्रावधान अनुसार क्षतिपूर्ति राशि वसूली (पेनल्टी) प्रस्तावित की गई है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता। शेष कार्य निर्धारित समयावधि में पूर्ण नहीं किये जाने के कारण कंसेशनायर के विरूद्ध 3,31,37,800/- राशि की पेनल्टी प्रस्तावित की गई है। पेनल्टी राशि की वसूली वर्तमान में प्रक्रियाधीन है। (ग) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। फर्म (कंसेशनायर) को कोई अनुचित लाभ नहीं पहुंचाया गया है। कार्यवाही नियमानुसार प्रगति पर है। कोई दोषी नहीं है। अत: कार्यवाही का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
माइक्रो इरीगेशन योजना में अनियमितता पर कार्यवाही
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
9. ( *क्र. 7822 ) श्री आरिफ अकील : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वित्तीय वर्ष 2013-14 में मध्यप्रदेश उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग का पत्र क्र./उ/राउमि/शिका./एम-2/14-15/697 भोपाल दिनांक 04.08.2014 के परिपालन में रा.उ.मि. राष्ट्रीय उद्यानिकी मिशन घटक (यंत्रीकरण) व माईक्रो इरीगेशन योजना में हुई अनियमितता की जाँच प्रतिवेदन अनुसार किन-किन को, कितनी-कितनी राशि की हेराफेरी तथा पात्र हितग्राहियों की अपेक्षा भ्रष्टाचार के चलते अपात्र किसानों को लाभ पहुंचाने का दोषी पाया गया है? (ख) यदि हाँ, तो किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों को किन-किन गंभीर अनियमितता का दोषी पाया गया? नाम व पद सहित प्रश्न दिनांक की स्थिति में किन-किन के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ग्राम पलदुना से गुणावद मार्ग की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
10. ( *क्र. 7794 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में ग्राम पलदुना से गुणावद व्हाया पिरझलार असावता फतेहपुर मार्ग लम्बाई 15.85 कि.मी. जो वर्ष 2012-13 के बजट में शामिल किया गया था तथा जिसको मांग संख्या 64-2457 मद क्रमांक 21 व सरल क्रमांक 38 में निर्माण हेतु मंजूरी प्रदान की गई थी? (ख) विभागीय गलती के कारण स्वीकृत पत्र में पलदुना से पिरझलार, असावता फतेहपुर गुणावद मार्ग के स्थान पर पिरसापास से राजायपा व्हाया अमोदिया गुणावद मार्ग (लम्बाई 13.70 कि.मी.) अंकित हो गया जो त्रुटिपूर्ण था? इस त्रुटि को सुधारकर मार्ग निर्माण कराने हेतु जन प्रतिनिधि के द्वारा किस-किस दिनांक को पत्र जारी किये गये? (ग) जन प्रतिनिधि के पत्रों के संदर्भ में विभाग द्वारा कब-कब क्या कार्यवाही की गई? इस कार्य का प्रारंभ कब तक किया जावेगा? (घ) प्रश्न दिनांक तक इस कार्य के पूर्ण ना होने के लिये कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार हैं तथा किनकी लापरवाही से यह त्रुटि हुई उन अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। वर्ष 2012-13 के बजट में सरल क्र. 38 पर उज्जैन जिले में पिरसापास से राजायपा व्हाया अमोदिया गुणावद मार्ग लंबाई 13.70 कि.मी. व लागत रू. 340.78 लाख का नाम अंकित था। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) स्वीकृति प्राप्त न होने से कार्य नहीं किया जा सका। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मार्ग निर्माण की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
11. ( *क्र. 7844 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर में विगत दो वित्तीय वर्षों में कितने मार्ग निर्माण की स्वीकृति विभाग द्वारा जारी की गई है? कार्यवार एवं स्वीकृत राशि सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) विधानसभा क्षेत्र कोतमा, अनूपपुर एवं पुष्पराजगढ़ में उक्त अवधि में अति महत्वपूर्ण मार्गों के निर्माण हेतु स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा कब-कब, कौन-कौन से प्रस्ताव एवं पत्र दिये गये एवं विभाग द्वारा उन पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या उक्त प्रस्ताव शासन को स्वीकृति हेतु भेजे गये हैं? यदि हाँ, तो शासन द्वारा उक्त प्रस्तावों पर कब तक विचार किया जायेगा तथा मार्ग के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
मार्ग निर्माण
[लोक निर्माण]
12. ( *क्र. 7910 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्र.क्र. 3627, दिनांक 02.03.2017 के (क) उत्तर अनुसार मार्ग निर्माण अत्यंत धीमी गति से होने के कारण का उल्लेख करें? (ख) संदर्भित प्रश्न के प्रश्नांश (घ) के उत्तर में वर्णित मार्ग निर्माण एवं गुणवत्ता की जाँच हेतु इन प्रतिवेदनों पर अब तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की गई तो क्यों? (ग) मार्ग निर्माण कब तक पूरा होगा? समय-सीमा देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) प्र.क्र. 3627, दिनांक 02.03.2017 के (क) के उत्तर में अभी तक हुए कार्य का प्रतिशत भुगतान अनुसार जनवरी 2017 तक 26.60 प्रतिशत उल्लेख किया गया है। 18 मार्च, 2017 तक मार्ग की प्रगति 43.84 प्रतिशत पूर्ण हो गई है। अभी तक की प्रगति अनुपातिक रूप से धीमी नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) संदर्भित के प्रश्नांश (घ) के उत्तर में वर्णित मार्ग निर्माण एवं गुणवत्ता की जाँच स्वतंत्र सलाहकार मेसर्स इण्डियन टेक्नोक्रेट लि. द्वारा भूतल परिवहन मंत्रालय द्वारा जारी मेनूअल ऑफ स्पेसिफिकेशन के सेक्शन 900 अनुसार की गई। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) अनुबंधानुसार मार्ग निर्माण पूर्ण होने की निर्धारित तिथि 03.12.2017 है।
कृषि उपज मंडी खंडवा में व्याप्त अनियमितताओं की जाँच
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
13. ( *क्र. 7674 ) श्री सचिन यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि उपज मण्डी समिति, खण्डवा, जिला खण्डवा में विभिन्न अनियमितताएं किये जाने से संबंधित मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड, भोपाल के पत्र क्रमांक/सतर्कता/74-17/2014/खण्डवा /3565, भोपाल दिनांक 11.05.2015 एवं पत्र क्रमांक/सतर्कता/74-20/2014/खण्डवा/201, भोपाल दिनांक 20.10.2016 के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांकित दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? तत्संबंधी जाँच प्रतिवेदन सहित ब्यौरा क्या है? (ख) उक्त प्रकरण में शासन के बजट को गैर कानूनी ढंग से खर्च कर कृषि उपज मण्डी समिति को कुल कितनी राशि की आर्थिक क्षति पहुंचाई तथा संबंधित दोषी व्यक्ति को उक्त पद से राज्य शासन द्वारा पदमुक्त क्यों नहीं किया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) में दर्शित राशि की संबंधित दोषी व्यक्ति से वसूली की गई है? यदि हाँ, तो दिनांकवार बतायें? नहीं तो कारण सहित तत्संबंधी ब्यौरा क्या है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड, भोपाल के पत्र क्रमांक/सर्तकता/74-17/2014/खण्डवा/3565, भोपाल दिनांक 11.05.2015 के परिप्रेक्ष्य में कृषि उपज मंडी समिति खण्डवा द्वारा उनकी सेवा के कार्यालय अधीक्षक/प्रभारी लेखापाल एवं सहायक वर्ग-3/स्टोर प्रभारी के विरूद्ध वर्ष 2010-11 से 2012-13 तक की अवधि में मुद्रण लेखन सामग्री पर स्वीकृत बजट से अधिक व्यय करने के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही अंतर्गत कारणदर्शी सूचना पत्र जारी किये गये तथा संबंधितों से प्राप्त उत्तर पर मंडी समिति की बैठक दिनांक 06.10.2015 में लिये गये निर्णयानुसार दोनों कर्मियों को भविष्य के लिये सचेत करते हुए प्रकरण समाप्त किया गया है। मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड भोपाल के पत्र क्रमांक/सतर्कता/ 74-20/2014 /खण्डवा/201, भोपाल दिनांक 20.10.2016 से अध्यक्ष, कृषि उपज मंडी समिति, खण्डवा को म.प्र. कृषि उपज मंडी अधिनियम 1972 की धारा 55 एवं 58 के तहत कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है, जिसका संबंधित द्वारा उत्तर प्रस्तुत करने के साथ ही रिकॉर्ड अवलोकन की अनुमति चाही गई थी, तत्संबंध में म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड, भोपाल के पत्र दिनांक 19.01.2017 अनुमति प्रदान की गई है, जिसमें कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। प्रश्नाधीन प्रकरण में उप संचालक, मंडी बोर्ड इंदौर संभाग से प्राप्त प्रारंभिक जाँच प्रतिवेदन दिनांक 24.06.2015 एवं पूरक प्रतिवेदन दिनांक 03.08.2016 से अंतर्गत कृषि उपज मंडी समिति खण्डवा की वाहन में प्रथम दृष्टया मंडी अध्यक्ष के विरूद्ध दिनांक 01.03.2013 से 28.01.2015 तक की अवधि में डीजल एवं ऑईल पर रू. 1,66,850/- तीन तत्कालीन मंडी सचिवों के विरूद्ध दिनांक 01.03.2013 से 20.03.2014, दिनांक 05.04.2014 से 08.09.2014 तक दिनांक 09.09.2014 से 28.02.2015 तक की अवधि में क्रमश: रू. 2,21,332/- रूपये 1,15,899/- रूपये 1,80,405/- और कार्यालय अधीक्षक मंडी समिति खण्डवा के विरूद्ध रू. 1,44,890/- अनियमित व्यय करना प्रतिवेदित है। (ख) उत्तरांश (क) के अनुसार मंडी समिति खण्डवा की वाहन पर अनियमित व्यय संबंधी प्रकरण में अभी कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, जिसमें गुण-दोष के आधार पर निर्णय लिया जावेगा। (ग) उत्तरांश (क) के अनुसार मंडी समिति खण्डवा की वाहन पर अनियमित व्यय संबंधी प्रकरण अंतर्गत कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
नियम विरूद्ध पदोन्नति निरस्त की जाना
[जल संसाधन]
14. ( *क्र. 7627 ) श्री मुकेश नायक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रमुख अभियंता के आदेश क्रमांक 33161069/सर्त/2013, दिनांक 29.04.2013 के पालन में जाँचकर्ता अधिकारी के पत्र दिनांक 29.10.2013 द्वारा प्रस्तुत जाँच प्रतिवेदन में जाँच उपरांत यह पाया गया कि (1) श्री चन्द्रमणी मिश्रा 09.12.1988 से यथावत निम्न श्रेणी लिपिक हो गये (2) तदर्थ पदोन्नति कार्यकाल को दिनांक 09.12.1988 से आगे बढ़ाने के संबंध में मुख्य अभियंता गंगा कछार के पत्र दिनांक 25.07.2013 के आधार पर कोई आदेश अभिलेखों में नहीं पाया गया है (3) उसके विरूद्ध न्यायालय में डी.पी.सी. के पूर्व आपराधिक प्रकरण दर्ज थे? यदि हाँ, तो बतायें कि चन्द्रमणी मिश्रा की धोखा देकर सेवा पुस्तिका में गलत टीप ओवर राईटिंग कर, फर्जी दस्तावेज बनाकर और कार्यालय को गलत सूचना देने के आधार पर उसे दी गई प्रोफार्मा पदोन्नतियां और तत्पश्चात् की नियमित पदोन्नति निरस्त करते हुए निलंबित करने के साथ-साथ पुलिस में प्रकरण दर्ज कराया जायेगा? यदि हाँ, तो कब-कब? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या मुख्य अभियंता गंगा कछार के आदेश क्रमांक 7143/स्थापना/20-3 /का/83 (5) दिनांक 04.06.1990 द्वारा 52 से अधिक निम्न श्रेणी लिपिकों को उच्च श्रेणी लिपिक के पद पर पदोन्नत किया गया था, न कि उस श्रेणी लिपिक के पद पर की गई पदोन्नति का नियमितीकरण तथा चन्द्रमणी मिश्रा ने सेवा पुस्तिका में टीप दर्ज की या करवाई गई कि उसे मुख्य अभियंता के उक्त आदेश दिनांक 04.06.1990 तदर्थ पदोन्नति का नियमितीकरण किया गया? यदि हाँ, तो बतायें कि सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 12.05.1993 के पालन में श्री मिश्रा की उसके द्वारा दी गई गलत सूचना तथा सेवा पुस्तिका में की गई फर्जी प्रविष्टी के आधार पर प्राप्त की गई प्रोफार्मा पदोन्नतियां निरस्त कर और फर्जी दस्तावेज बनाने, उनका उपयोग करने के आरोप में निलंबित कर पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई जायेगी? यदि हाँ, तो कब-कब? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या श्री मिश्रा के विरूद्ध दिनांक 02.08.2011 से धारा 161, 166, 420 और 120 (बी) के अंतर्गत आपराधिक प्रकरण दर्ज थे लेकिन उसने पदोन्नति कक्ष का अधीक्षक होते हुये भी सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 06.11.2009 का उल्लंघन करते हुये दिनांक 20.12.2002 को 02 डी.पी.सी. हुई और 24.12.2012 को 01 डी.पी.सी. हुई, उसमें उपरोक्त आपराधिक प्रकरण दर्ज होने की जानकारी पदोन्नति समिति से छुपाकर वरिष्ठता तथा प्रोफार्मा पदोन्नतियां और उसके आधार पर नियमित पदोन्नतियां प्राप्त की? यदि हाँ, तो वरिष्ठता और पदोन्नति संबंधी आदेश दिनांक 21.12.2012 और 26.12.2012 निरस्त कर और उसके द्वारा किये गये कृत्य के आरोप में निलंबित कर पुलिस में रिपोर्ट दर्ज की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ग) श्री ए.के. शेण्डे, जाँच अधिकारी के जाँच प्रतिवेदन दिनांक 29.10.2013 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। श्री सुरेश प्रसाद शुक्ला सुपरवाईज़र द्वारा श्री बी.के. त्रिपाठी, मुख्य अभियंता, गंगा-कछार, रीवा श्री चंद्रमणी मिश्रा, प्रभारी अधीक्षक कार्यालय मुख्य अभियंता, गंगा-कछार रीवा एवं श्री महेन्द्रमणी मिश्रा, सहायक वर्ग-1 के विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता की धारा 161, 166, 420, 120 बी एवं दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 200 के अधीन मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी, रीवा के समक्ष परिवाद प्रस्तुत किया था, जिसमें मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी, रीवा ने आदेश दिनांक 02.08.2011 द्वारा प्रकरण क्रमांक 2310/11 पंजीबद्ध किया जाकर आरोपीगणों को उपस्थिति हेतु तलब किया। जिसके विरूद्ध श्री चंद्रमणी मिश्रा द्वारा अपर सत्र न्यायाधीश रीवा के समक्ष दाण्डिक निगरानी याचिका प्रस्तुत की, जिसमें पारित आदेश दिनांक 15.01.2013 द्वारा श्री मिश्रा की निगरानी याचिका निरस्त हुई। श्री चंद्रमणी मिश्रा द्वारा उच्च न्यायालय, जबलपुर के समक्ष M.Cr.C. 2347/2013 प्रस्तुत की, जिसमें पारित आदेश 25.02.2013 द्वारा मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी रीवा के प्रकरण क्रमांक 2310/11 में कार्यवाही पर स्थगन दिया गया एवं आदेश दिनांक 22.09.2015 द्वारा मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी, रीवा द्वारा भारतीय दण्ड संहिता की धारा 161, 166, 420, 120 बी के तहत की जा रही कार्यवाही को निरस्त कर दिया। उच्च न्यायालय के इस आदेश दिनांक 22.09.2015 के उपरांत इन प्रश्नांशों में उल्लेखित शेष तथ्यों का कोई औचित्य शेष नहीं है। (ख) जी हाँ। सेवा पुस्तिका में आदेश की सही प्रविष्टि करने का कार्य संबंधित कार्यालय प्रमुख द्वारा किया जाता है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
नयागांव से व्हाया चीनोर-करईया भितरवार रोड का निर्माण
[लोक निर्माण]
15. ( *क्र. 7462 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 13.02.2017 को ग्वालियर जिले के रोडों के लोकार्पण के समय, माननीय पंचायत मंत्री (भारत सरकार), म.प्र. के माननीय लोक निर्माण मंत्री, माननीय उच्च शिक्षा मंत्री, माननीय नगरीय प्रशासन मंत्री महोदया एवं प्रमुख अभियन्ता महोदय के समक्ष नयागांव से चीनोर-करईया-भितरवार के रोड निर्माण के लिये घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो क्या इसी बजट सत्र (फरवरी-मार्च 2017) में रोड की प्रशासकीय स्वीकृत जारी कर दी जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक टेण्डर कराकर रोड निर्माण करा लिया जावेगा? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के संबंध में प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न क्रमांक 2078, दिनांक 07 जुलाई, 2014 में तत्कालीन माननीय लोक निर्माण मंत्री एवं माननीय पंचायत मंत्री महोदय की आपसी सहमति से उक्त रोड का शीघ्र निर्माण का कथन किया गया है? यदि हाँ, तो इतने लम्बे समय तक भी उक्त कथन की पूर्ति न कराने के लिये कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं? उनके नाम स्पष्ट करें। क्या दोषियों के प्रति कोई दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित स्पष्ट करें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। बजट में सम्मिलित नहीं होने से स्वीकृति जारी करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांकित प्रश्न विभाग से संबंधित नहीं था। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। मार्ग का कुल हिस्सा 29.00 कि.मी. का भाग प्र.ग्रा.स.वि. प्राधिकरण के अधीन है एवं परफारमेंस गारंटी में होने से विभाग के द्वारा कोई कार्यवाही संभव नहीं है।
खेड़ी टेंक सिंचाई परियोजना अंतर्गत बांध/तालाब का निर्माण
[जल संसाधन]
16. ( *क्र. 7234 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा धार जिले के तिरला विकासखण्ड में खेड़ी टेंक सिंचाई परियोजना (बांध/तालाब) के निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति इस वित्तीय वर्ष में जारी की गई है? (ख) यदि हाँ, तो, उक्त सिंचाई परियोजना (बांध/तालाब) के निर्माण में कुल कितनी भूमि डूब में जा रही है, जिसमें कितनी भूमि शासकीय, कितनी वन भूमि तथा कितनी भूमि निजी भू-स्वामी की है? पृथक-पृथक बताते हुए निजी भूमि के ग्रामवार सर्वे नम्बर बतावें। (ग) क्या निर्माण हेतु वन विभाग से अनुमति प्राप्त हो चुकी है तथा डूब में आने वाली निजी भूमि के अधिग्रहण हेतु नियमानुसार प्रक्रिया अपना कर अवार्ड पारित करवा लिया गया है एवं अवार्ड अनुसार भू-स्वामियों को नियमानुसार मुआवजा दिया जा चुका है? यदि हाँ, तो मुआवजा किस-किस को दिया जा चुका है? सूची उपलब्ध करावें। (घ) यदि नहीं, तो डूब की भूमि का नियमानुसार अधिग्रहण व मुआवजा दिये बिना, कार्य प्रारंभ किया जाना नियम संगत है? यदि नहीं, तो गरीब आदिवासियों की भूमि का बिना मुआवजा दिये कार्य प्रारंभ करने की इस कार्रवाई हेतु किस का उत्तरदायित्व निर्धारित किया जावेगा तथा दोषियों के विरूद्ध क्या कार्रवाई की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 16.08.2016 को रू. 2937.54 लाख की प्रदान की गई है। (ख) खेड़ी टैंक परियोजना में कुल 84.053 हे. भूमि डूब में आ रही है, जिसमें 17.738 हे. शासकीय, 0.400 हे. वनभूमि तथा 65.915 हे. निजी भूमि है। ग्रामवार सर्वे न. की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वन विभाग से अनुमति प्राप्त करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। परियोजना के डूब में आने वाली निजी भूमि अधिग्रहण हेतु आपसी सहमति से क्रय नीति अंतर्गत प्रस्ताव अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) धार को दिनांक 23.09.2016 को प्रेषित किया जाना प्रतिवेदित है। अवार्ड पारित होना अपेक्षित होने से शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते हैं। (घ) परियोजना में नाला बंधान से पूर्व किए जाने वाले कार्यों में से वेस्टवियर का कार्य ग्राम जामनपाटी के शासकीय सर्वे क्र. 201 पर प्रारंभ किया गया था, जो वर्तमान में बंद है। इस स्थल तक पहुँच मार्ग के लिये एक किसान की निजी भूमि के कुछ भाग का उपयोग उसकी सहमति के उपरांत किया गया है। नाला बंधान का कार्य प्रारंभ नहीं किया जाना प्रतिवेदित है। निजी भूमि के मुआवजा भुगतान के पश्चात् ही कार्य को प्रारंभ किया जाएगा। अतः उत्तरदायित्व के निर्धारण का प्रश्न नहीं उठता है।
बालाघाट जिलान्तर्गत संचालित कृषि उपज मंडी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
17. ( *क्र. 7575 ) श्री मधु भगत : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में कृषि उपज मण्डी कहाँ-कहाँ हैं? उनमें वर्तमान में कौन-कौन किस-किस पद पर कब से पदस्थ हैं तथा उनके वर्ष 2014, 2015, 2016 की आय वर्षवार क्या है? (ख) मण्डी बोर्ड अथवा मण्डी समिति द्वारा शुल्क/फीस/जुर्माना इत्यादि के रूप में जो राशि प्राप्त की जाती है? वह किस-किस नाम से जानी जाती है एवं उसकी दरें क्या हैं? (ग) निराश्रित निधि के रूप में मार्च 2016 तक कितनी राशि प्राप्त हुई और उसे कहाँ-कहाँ किस कार्य में व्यय किया गया? (घ) जिले में उपरोक्त अवधि में कुल कितनी राशि में मरम्मत, निर्माण, विकास कार्य किस-किस मण्डी/कार्यालय और कहाँ-कहाँ क्या-क्या किये गये? क्या इनका औचित्य सही था?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) बालाघाट जिले में कृषि उपज मंडी समिति बालाघाट, वारासिवनी, कटंगी, लालबर्रा, खैरलांजी, मोहगांव, परसवाड़ा में स्थित है, इन मंडी समितियों में वर्तमान में पदस्थी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। उपरोक्त मंडी समितियों में वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 (अप्रैल से मार्च) में प्राप्त मंडी फीस की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) निराश्रित निधि के रूप में मार्च 2016 तक प्राप्त राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। कलेक्टर जिला बालाघाट के द्वारा निराश्रित निधि से किये गये व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ई'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''फ'' अनुसार है।
अमानक ड्रिप नमूनों पर कार्यवाही
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
18. ( *क्र. 7915 ) श्री बाला बच्चन : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्र.क्र. 1827, दिनांक 02.03.2017 में उल्लेखित/प्राप्त जानकारी अनुसार 30 फर्मों के 190 ड्रिप नमूने अमानक पाये गये? इन अमानक नमूने प्राप्त होने पर शासन द्वारा कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की? (ख) इन कंपनियों को ब्लैक-लिस्टेड क्यों नहीं किया गया? कारण बतावें व कंपनियों के नाम वर्तमान में भी पंजीकृत सूची में होने का कारण बतावें? (ग) यदि कोई कार्यवाही नहीं की गई तो ड्रिप नमूने की जाँच का क्या औचित्य है? कब तक कार्यवाही की जावेगी? (घ) ड्रिप पाइप के लिए पंजीकृत कंपनियों द्वारा कितनी अवधि की ग्यारंटी/वारंटी प्रदान करने का नियम है? नियम की सूची देवें। इंदौर संभाग में कितने प्रकरणों में विगत 3 वर्षों में ग्यारंटी/वारंटी प्रदान की गई? वर्षवार, जिलावार, प्रकरण संख्या सहित देवें।
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित अमानक पाये गये ड्रिप नमूनों के संबंध में संचालनालय उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के परिशिष्ट में वर्णित कार्यवाही संबंधित कंपनी एवं संचालक उद्यानिकी के मध्य हुए अनुबंध के तहत की गई है। अनुबंध अनुसार प्रथम बार अमानक सामग्री प्रदाय करने पर सामग्री बदलने एवं सचेत करने के प्रावधान के तहत कार्यवाही होने/प्रक्रियाधीन होने के कारण ब्लैक लिस्ट नहीं किया गया। दो अथवा अधिक बार अमानक सामग्री प्रदाय करने वाली कंपनी के विरूद्ध उनका पंजीयन निरस्त करते हुए आदेश दिनांक से एक वर्ष के लिए कार्य से पृथक कर बैंक गारंटी शासन पक्ष में राजसात की गई/काली सूची में डालने हेतु कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया। जिन कंपनियों का पंजीयन निरस्त किया गया था, उनकी दण्डावधि समाप्त होने पर पुन: पंजीकृत किया गया। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) अनुसार कार्यवाही की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) ड्रिप प्रतिस्थापन के लिए पंजीकृत कंपनियों द्वारा कोई भी गारंटी/वारंटी प्रदान नहीं की जाती, अपितु निर्धारित मानक स्तर की सामग्री प्रदाय करने की बाध्यता है एवं स्थापित ड्रिप संयंत्र को तीन वर्षों तक नि:शुल्क क्रियाशील रखने की अनिवार्यता नियम एवं शर्तों में है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। इन्दौर संभाग के सभी प्रकरणों में तीन वर्षों तक क्रियाशील रखने की अनिवार्यता है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
माइनरों का सीमेन्टीकरण
[जल संसाधन]
19. ( *क्र. 6230 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजीव गांधी सागर परियोजना कुड़वा जिला बालाघाट के केनालों एवं माइनरों से पानी सीपेज होता है? यदि हाँ, तो कौन-कौन माइनरों से पानी का रिसाव होता है। (ख) क्या राजीव गांधी सागर परियोजना के रिसाव होने वाले माइनरों के सीमेन्टीकरण के प्रस्ताव विभाग के पास स्वीकृति हेतु लम्बित हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन माइनरों के सीमेन्टीकरण के प्रस्ताव स्वीकृति हेतु लम्बित हैं।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। राजीव सागर परियोजना की गोरेघाट, संग्रामपुर, कुड़वा, कोडवी, कोसुंबा, सुकली, खरपड़िया, पुल-पुट्टा, सालेबर्डी, जामखारी, खड़गपुरबासी, बघोली, बोदलकसा एवं झालीवाड़ा माइनरें कच्ची होने के कारण फिलिंग रीचेज में पानी का रिसाव होना प्रतिवेदित है। (ख) जी नहीं। सीमेंटीकरण की स्वीकृति का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
मॉडल स्कूल भवन का निर्माण
[लोक निर्माण]
20. ( *क्र. 7716 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मॉडल स्कूल भवन डिण्डोरी, समनापुर करेनिया बनाग, मेहन्दवानी के निर्माण में कितनी संख्या में ईंट लगी, कितनी घनमीटर रेत लगी, कितनी बोरी सीमेंट लगी, कितने क्विंटल लोहा लगा, कितनी मात्रा में गिट्टी लगी, कितनी मात्रा में मुरूम लगी, कितने दरवाजे लगे, कितनी खिड़की लगी, कितने, मारबल-ग्रेनाइट एवं टाईल्स लगे, भवन की कुल लम्बाई चौड़ाई के आधार पर कितने घनमीटर दीवालें निर्माण की गईं? (ख) किस वस्तु के लिए कितना भुगतान किया गया? भवनवार बतावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
बाँधों के अमानक निर्माण की उच्चस्तरीय जाँच
[जल संसाधन]
21. ( *क्र. 5844 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिंगरौली जिले के तहसील सरई अंतर्गत ग्राम पंचायत साजापानी में सिंचाई विभाग द्वारा बाँध का निर्माण कराया गया है? यदि हाँ, तो किस ठेकेदार द्वारा, किस वर्ष एवं कितनी लागत का कार्य कराया गया है? प्रशासकीय स्वीकृति एवं व्यय की गई राशि सहित जानकारी देवें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित बाँध का निर्माण कार्य ठेकेदार द्वारा घटिया से घटिया कराया गया है? क्या उक्त बाँध को बरसात में फूटने से खतरा है तथा ग्रामीणों को सिंचाई हेतु जो माईनर नहर बनाई गई है, वह भी घटिया से घटिया बनाई गई है? (ग) क्या विकासखण्ड देवसर में कुचवाही से ताल मार्ग लगभग पाँच किलोमीटर मिट्टी एवं मुरुम कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति 44.25 लाख थी, जिसमे से 7.54 लाख व्यय किया गया है एवं कार्य नाम मात्र का कराकर अनियमितता की गई है? क्या उक्त कार्य में किये गए भ्रष्टाचार की उच्च स्तरीय जाँच कराकर दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों से राशि वसूली की कार्यवाही करते हुए दंडात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) क्या ग्राम निगरी के गोपद नदी में जे.पी. पावर प्लांट द्वारा बैराज डैम का निर्माण कराया गया है? यदि हाँ, तो क्या सिंचाई विभाग द्वारा उसकी अनुमति ली गई है? यदि हाँ, तो कितने मीटर ऊँचाई की अनुमति ली गई है? यदि नहीं, ली गई तो क्या प्रबंधन के खिलाफ कार्यवाही की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ, विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। बाँध एवं नहर का निर्माण कार्य तकनीकी मापदण्डों के अनुसार कराया गया है। बाँध के बरसात में फूटने का कोई खतरा नहीं होना प्रतिवेदित है। (ग) जी हाँ। प्रश्नाधीन कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति कलेक्टर सिंगरौली द्वारा मनरेगा के अंतर्गत दिनांक 05.11.2009 को प्रदान की गई थी। उक्त मार्ग का निर्माण कार्य लगभग 01 कि.मी. वन प्रभावित भूमि को छोड़कर शेष कार्य पूर्ण कर लिया गया है, जिसके लिये रू. 32.59 लाख व्यय किया जाना प्रतिवेदित है। कार्य के मूल्यांकन के अनुसार भुगतान व्यय किया गया है। कार्य में किसी प्रकार का भ्रष्टाचार नहीं होना प्रतिवेदित है। अतः शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं। (घ) जी हाँ। जी हाँ। मुख्य अभियंता, गंगा कछार, रीवा ने उनके पत्र दिनांक 09.02.2011 द्वारा बैराज की 11.50 मीटर ऊँचाई के लिये अनुमति प्रदान की थी। अतः शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
कालापीपल विधानसभा क्षेत्र की सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
22. ( *क्र. 7785 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कालापीपल विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत 01 जनवरी, 2014 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी नवीन सड़कों की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई? वर्षवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित क्षेत्र में क्या अलिसरिया से मैना, लसुड़ल्या मलक से हड़लायखुर्द, जाबड़िया घरवास से बेरछा दातार, बोल्दा से हड़लायकलां, ऊचौद से रानीबड़ौद, नीमखेड़ी से देवली, बांकाखेड़ी से डुगलाय, बावड़ीखेड़ा डोंगरी से हरुखेड़ी-रनायल, मोहम्मदपुर मछनाई से गणेशपुर, कालापीपल गाँव से तैलिया हनुमान मंदिर, ढाबला हुसेनपुर से ढबोटी, सेमला जोड़ से निपानिया, हिजामउदीन, बावड़ीखेड़ा से लोहरास पहाड़ी, जोगखेड़ी से गोंदी जोड़, टाण्डा से उमरोद तथा खजुरी अल्लाहदाद से फरड़ आदि सड़कें बनाने कि मांग की जा रही है? यदि हाँ, तो, क्या सभी के प्राक्कलन तैयार किये गये हैं? यदि हाँ, तो क्या प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की जाकर सड़कें बनाई जावेगी? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित महत्वपूर्ण मार्गों पर लोक निर्माण विभाग का कौन अधिकारी कब-कब सर्वे करने गया?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
बीज अनुदान की राशि का प्रदाय
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
23. ( *क्र. 6178 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले के सागर एवं राहतगढ़ विकासखण्ड अन्तर्गत सहकारी समितियों द्वारा वर्ष 2015-16 तथा 2016-17 में किसानों को वितरित बीज के अनुदान राशि (गेंहू, चना, सोयाबीन) प्रदाय की गई है? समितिवार जानकारी देवें। (ख) यदि नहीं, तो किसानों की सहकारी समितियों द्वारा बीज की अनुदान राशि वितिरत न करने का क्या कारण रहा है? (ग) सागर जिले में सहकारी समितियों को बीज की अनुदान राशि प्राप्त हुई है तो किन-किन समितियों को प्रदान की गई है? समितिवार जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार यदि कोई समितियों को राशि प्राप्त हुई है तो विकासखण्ड सागर एवं राहतगढ़ क्षेत्र की समितियों को राशि प्रदान न करने के क्या कारण हैं एवं कब तक प्रदान की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) सागर जिले में सागर एवं राहतगढ़ विकासखण्ड अंतर्गत सहकारी समितियों को कार्यालय उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला सागर द्वारा केन्द्रीय सहकारी बैंक मर्यादित सागर को अनुदान राशि प्रदाय की गई तथा तद्नुसार बैंक द्वारा कृषकों के खाते में अनुदान को समायोजित किया गया। समितिवार एवं वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) समितिवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (घ) उत्तरांश (क) एवं (ग) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रदेश में फसलों का उत्पादन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
24. ( *क्र. 7882 ) श्री जितू पटवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में फसलों का उत्पादन वर्षवार वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक जिलेवार प्रति हेक्टेयर Kg में एवं औसत मध्यप्रदेश का प्रति हेक्टेयर Kg में बतावें? फसल गेहूँ, धान, मक्का, ज्वारा, बाजरा, खाद्य फसलें, चना मसूर, उड़द, मूंग दल, दलहन फसल, सोयाबीन, सरसों, मूंगफली आदि की जानकारी देवें। (ख) इसी प्रकार प्रश्नांश (क) में वर्णित सभी फसलों का उत्पादन वर्षवार, जिलेवार प्रति हेक्टेयर प्रति क्विंटल/प्रति कि.ग्रा. एवं प्रदेश का सभी जिले का औसत निकालकर उत्पादन बतावें। फसल का नाम, जिले का नाम, प्रति हेक्टेयर उत्पादन क्विंटल Kg में अंत में औसत प्रदेश का उत्पादन क्विंटल Kg में बतावें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
प्रश्नकर्ता के पत्रों पर कार्यवाही
[जल संसाधन]
25. ( *क्र. 7767 ) पं. रमेश दुबे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता को डूब क्षेत्र से प्रभावित ग्राम धनोरा एवं बारहबरियारी से नागरिकों को मूलभूत सुविधाओं एवं अन्य विषयों से संबंधित आवेदन पत्र प्राप्त होने पर प्रश्नकर्ता ने पत्र क्रमांक 1468, 1466 दिनांक 23.09.2016 माननीय मुख्यमंत्री महोदय को पत्र क्रमांक 1464, 1468, 1467 दिनांक 23.09.2016 कलेक्टर छिन्दवाड़ा को प्रस्तुत किया है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के प्रकाश में प्रश्नकर्ता ने पत्र क्रमांक 1320, दिनांक 25.08.2016, पत्र क्रमांक 1463, दिनांक 23.09.2016 अनुविभागीय अधिकारी राजस्व चौरई जिला छिन्दवाड़ा को एवं पत्र क्रमांक 628, दिनांक 14.05.2016 कार्यपालन यंत्री पेंच व्यपवर्तन परियोजना चौरई को प्रस्तुत किया है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में प्रश्नकर्ता के पत्रों में एवं संलग्न आवेदनों में उल्लेखित बिन्दुओं का पत्रवार विवरण देते हुए यह बतावें कि इन बिन्दुओं पर किस स्तर से अब तक क्या कार्यवाही की गयी है और नहीं की गयी है तो क्यों? (घ) क्या शासन प्रश्नकर्ता के पत्रों में उल्लेखित बिन्दुवार समस्याओं को प्रश्नकर्ता की जानकारी में लाते हुए अथवा प्रश्नकर्ता की उपस्थिति में तत्परता से लोकहित में निराकरण करने का आदेश देगा? नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) एवं (घ) माननीय सदस्य से प्राप्त पत्रों पर की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ-1'' से ''अ-6'' अनुसार है। इस परिप्रेक्ष्य में पृथक से शासन आदेश प्रसारित करने की आवश्यकता नहीं है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
सनावद-खरगोन
मार्ग का उन्नयन
[लोक निर्माण]
1. ( क्र. 154 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बड़वाहा विधान सभा क्षेत्र के नगर, सनावद से जिला मुख्यालय खरगोन को जोड़ने वाले राज्य मार्ग के उन्नयन हेतु कार्य चल रहा है? यदि हाँ, तो उक्त मार्ग हेतु कितनी राशि स्वीकृत हुई है एवं किन-किन शर्तों के आधार पर यह कार्यादेश दिया गया है? निविदा की प्रति सहित कार्य पूर्ण करने की अवधि सहित जानकारी दी जावे। (ख) क्या उक्त कार्य के साथ-साथ ही पुल-पुलियाओं की स्वीकृति भी हुई है? यदि हाँ, तो उक्त मार्ग में कितनी-कितनी पुल-पुलियाओं का पुन: निर्माण हो रहा है एवं कितनी पुल-पुलियाओं का चौड़ीकरण हो रहा है एवं कितनी पुलियाओं का मात्र मरम्मत कार्य किया जा रहा है? उसकी सूची दी जावे। (ग) सनावद-खरगोन मार्ग पर ऐसी कितने रपटे थे, जिन्हें विगत 5 वर्षों के भीतर उन्नयन कर पुल निर्मित कराये गये हैं? उसकी सूची एवं स्थान की जानकारी सहित लागत की भी जानकारी दी जावे तथा कितनी राशि का खनिज उत्खनन करने से शासन पक्ष में खजाने में राशि जमा की गई? खनिज कहाँ से प्राप्त किया? उसकी अनुमति की प्रति। (घ) क्या यह सही है कि पिछले 5 वर्षों भीतर निर्मित पुल-पुलियाओं को नवीन मार्ग के निर्माण के समय पुन: चौड़ाई बढ़ाने का कार्य किया गया है? यदि हाँ, तो ऐसे कितने पुल पुलियाएं हैं, जिन्हें नवीन सड़क निर्माण के साथ-साथ चौड़ीकरण किया गया है, उसकी सूची दी जावे। क्या प्रश्नकर्ता द्वारा ग्राम बडूद एवं बैडिया की आबादी, मिर्ची मण्डी, स्कूल के बच्चों की संख्या आदि को दृष्टिगत रखते हुये बायपास हेतु प्रस्ताव शासन को प्रस्तुत किया गया था? यदि हाँ, तो प्रस्ताव पर क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्या कारण रहे हैं? उचित कारण सहित सड़क के निर्माण अवधि की जानकारी एवं विलंब के लिये दोषीकर्ता के विरूद्ध दण्ड सहित जानकारी दी जावे।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। इस मार्ग के निर्माण हेतु 122.60 करोड़ की राशि स्वीकृत शासन द्वारा स्वीकृत की गई है। शर्तों संबंधित अनुबंध क्रं. 145/2015 में उल्लेखित है। कार्य पूर्ण करने हेतु 21 माह की समय-सीमा निर्धारित है। निविदा की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। कुल 33 पुल-पुलियाओं का पुनर्निर्माण किया जा रहा है। 105 पुलियाओं का चौड़ीकरण किया जा रहा है एवं पुलिया की मरम्मत की जानी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। स्लेब कलवर्ट का निर्माण किया जाकर राशि रू. 227.67 लाख व्यय किया गया है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। खनिज उत्खनन पर शासन के खाते में रू. 4,09,161/- की राशि जमा की गई है शेष खनिज की जानकारी खनिज विभाग से संबंधित है। (घ) जी हाँ विगत 5 वर्षों में लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्मित 12 पुल पुलियाओं में से 8 पुल-पुलियाओं का चौड़ीकरण का कार्य किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। जी हाँ बडूद एवं बैडीया बायपास निर्माण हेतु वर्ष 2013-14 में विस्तृत प्रस्ताव पर जिले की योजना सीमा के अनुपात से अधिक कार्य स्वीकृत होने के कारण कार्यवाही नहीं की गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। कोई दोषी नहीं।
इंदौर इच्छापुर मार्ग का उन्नयन
[लोक निर्माण]
2. ( क्र. 367 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इंदौर से इच्छापुर राज मार्ग को बी.ओ.टी. के अंतर्गत १५ वर्षों के लिए दिया गया है यदि हाँ, तो इस राज मार्ग की ठेका अवधि कब खत्म हो रही है? ठेकेदार द्वारा ठेका अवधि समाप्त होने के पूर्व निविदा अनुसार यातायात सुगम बनाये रखने के लिए क्या-क्या कार्यवाही करना होगी? (ख) क्या प्रश्नकर्ता करता द्वारा पर उक्त मार्ग पर निविदा की शर्तों अनुसार उचित मरम्मत आदि न करने घटिया मरम्मत करने, के संबध में कब-कब पत्र जारी किये गए, प्राप्त पत्रों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई, क्या ग्राम नावघाट खेड़ी में पेट्रोल पंप से पास पुलिया बनाये जाने के लिए बार बार पत्र लिखने पर भी कार्यवाही न करने के क्या कारण रहे है जबकि वे पुलिया कभी भी टूट सकती है, (ग) क्या यह सही है की प्रश्नांश (क) उल्लेखित मार्ग को फोरलेन में उन्नयन हेतु शासन स्तर पर प्रक्रिया चल रही है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक उन्नयन में क्या प्रगति हुई, कब तक डी.पी.आर. तैयार होकर निविदा जारी हो जावेगी, कौन-कौन से ग्रामों से बाईपास होंगे एवं कहाँ-कहाँ ब्रिज आदि, होंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। ठेका मध्यरात्रि दिनांक 18.02.2017 को समाप्त हो चुका है। कंसेशनायर द्वारा ठेका अवधि समाप्त होने के पूर्व यातायात सुगम बनाये रखने हेतु रख-रखाव का कार्य पूर्ण कर दिया गया हैं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। निगम द्वारा प्रश्नकर्ता विधायक के पत्रों के आधार पर निवेशकर्ता से आवश्यकतानुसार मरम्मत एवं रख-रखाव कार्य कराया गया। ग्राम नावघाट खेडी में पेट्रोल पंप के पास पुलिया का संधारण कार्य करवा दिया गया हैं। पुलिया की स्थिति अच्छी हैं। (ग) इन्दौर-ईच्छापुर मार्ग को दिनांक 07.06.2016 को सैद्धांतिक रूप से राष्ट्रीय राजमार्ग में घोषित किया जा चुका है। इन्दौर-ईच्छापुर मार्ग कुल 203 कि.मी. का सैद्धांतिक रूप से नेशनल हाईवे घोषित होने के उपंरात फोरलेन मार्ग हेतु पुर्व में तैयार की जा रही फिजिबिलिटी रिपोर्ट आदि दस्तावेज भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण इकाई इन्दौर को दिनांक 06.10.2016 को हस्तांतरित किये जा चुके है। नवीन फोरलेन मार्ग निर्माण के संबंध में कार्यवाही भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण इकाई इन्दौर द्वारा की जानी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासन संचालित उद्यान
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
3. ( क्र. 1086 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगापुर विधानसभा क्षेत्र में उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण विभाग कार्यालय कहाँ-कहाँ संचालित हैं तथा इनके प्रभारी कौन हैं? नाम सहित एवं संचालित कार्यालयों के स्थान नाम सहित जानकारी उपलब्ध करायें? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें? (ख) क्या खरगापुर विधानसभा क्षेत्र में शासन से संधारित एवं संचालित उद्यान बल्देवगढ़ द्वारा वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक कितने कृषकों को किस-किस योजना के तहत क्या-क्या लाभ दिये गये? (ग) खाद्य प्रंसस्करण हेतु कितने किसानों के बीच जैविक खाद्य बनाये जाने के लिये कहाँ-कहाँ कार्यक्रम आयोजित किये गये तथा किस प्रकार से कृषकों को समझाया जाता है तथा इस योजना से कृषकों को लाभ देने या संयत्र देने हेतु शासन से 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि प्राप्त हुई? (घ) इसका किस प्रकार व्यय किया गया तथा परिणाम कैसे रहे? जानकारी योजनावार ग्रामवार कृषकों की संख्यावार सहित बतावें तथा कृषकों को लाभान्वित किये जाने वाली योजना की मॉनीटरिंग किस सक्षम अधिकारी द्वारा की गई तथा किन-किन जनप्रतिनिधियों को अवगत कराकर किस-किस आयोजन में किसे आमंत्रित किया गया?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) खरगापुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विकासखण्ड बल्देवगढ़ में शासकीय उद्यान बल्देवगढ़ स्थित है जिसके प्रभारी श्री अजय रोहित वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी है। विकासखण्ड पलेरा में शासकीय संजय निकुंज गोवा (पलेरा) है जिसके प्रभारी श्री पी.के. श्रीवास्तव वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में खाद्य प्रसंस्करण एवं जैविक खाद बनाने हेतु पृथक से कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं हुए हैं। विभागीय कृषक प्रशिक्षण एवं मेला प्रदर्शनी के माध्यम से विभाग की समस्त योजनाओं की जानकारी कृषकों को दी गई है। प्रश्नाधीन अवधि में खाद्य प्रसंस्करण, जैविक खाद बनाये जाने एवं संयंत्र हेतु विकासखण्ड बल्देवगढ़ एवं पलेरा में कोई राशि प्राप्त नहीं हुई है। (घ) उत्तरांश 'ग' अनुसार राशि प्राप्त न होने से जानकारी निरंक है। उत्तरांश 'ख' अनुसार उद्यानिकी फसल क्षेत्र विस्तार योजनाओं में संबंधित वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी द्वारा, यंत्रीकरण योजना में संयुक्त संचालक उद्यान, उप संचालक उद्यान, उप संचालक कृषि, वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केन्द्र एवं संबंधित वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी की संयुक्त समिति द्वारा और प्याज भण्डार गृह निर्माण योजना/माईक्रो इरीगेशन योजना में उप संचालक उद्यान वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी, ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी एवं ग्राम पंचायत के सरपंच/पंच के समक्ष भौतिक सत्यापन के माध्यम से मॉनिटरिंग की व्यवस्था है। विभागीय मेला प्रदर्शनी अंतर्गत अन्त्योदय मेला में माननीय विधायक खरगापुर, जिला पंचायत अध्यक्ष टीकमगढ़ एवं जनपद सदस्यगण को आमंत्रित किया गया। विभागीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम में अध्यक्ष कृषि स्थाई समिति जिला पंचायत टीकमगढ़ को आंमत्रित किया गया।
लघु सिंचाई योजनाओं की स्वीकृति
[जल संसाधन]
4. ( क्र. 1619 ) कुँवर हजारीलाल दांगी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र खिलचीपुर के अंतर्गत कौन-कौन सी लघु सिंचाई योजनाएं विभाग के पास साध्य होकर विचाराधीन हैं? अद्यतन स्थिति सहित बतावें। (ख) क्या विधानसभा क्षेत्र खिलचीपुर के अंतर्गत लघु सिंचाई योजना जिनमें शिवपुरा, तालाब, नभापुरा तालाब, सादलपुर-2 तालाब, भानपुरा बैराज, मोई बैराज ऐसी योजनाएं हैं, जो कि कम लागत में अधिक हेक्टेयर भूमि रकबा को सिंचित करने की क्षमता रखती हैं? यदि हाँ, तो क्या शासन किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उक्त योजनाओं की स्वीकृति के लिये कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो क्या और कब तक?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। परियोजनाओं की स्वीकृति उपलब्ध जलग्रहण क्षेत्र, जीवित जल क्षमता, डूब भूमि का प्रतिशत एवं वित्तीय मापदण्ड पर निर्भर है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
अंडर ब्रिज की ऊंचाई बढ़ाये जाने हेतु
[लोक निर्माण]
5. ( क्र. 1808 ) श्री रजनीश सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़ी रेल लाइन (ब्राडगेज) जो कि सिवनी से मंडला एवं मंडला से नैनपुर निर्माण हेतु प्रगतिरत है जिसके साथ-साथ अंडर ब्रिज का निर्माण कार्य भी प्रगतिरत है क्या अंडर ब्रिज की उंचाई (हाइट) बढ़ाने को लेकर जन प्रतिनिधियों एवं क्षेत्रीय जनों द्वारा डी.आर.एम. नागपुर एवं संबंधित विभाग के समक्ष आवेदन निवेदन किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कौन-कौन से ग्रामों के अंडर ब्रिज की हाईट बढ़ाने हेतु क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों द्वारा आवेदन कर मांग की गई है? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार बड़ी रेल लाइन निर्माण के अंतर्गत आने वाले उक्त ग्रामों के अंडर ब्रिज की उंचाई बढ़ाने हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो बताये। यदि नहीं, तो क्यों नहीं।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ, जनप्रतिनिधियों का पत्र डी.आर.एम. नागपुर को प्राप्त है। (ख) रेल्वे द्वारा पत्रों में की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) सिवनी से चिरईडोंगरी के मध्य दो रोड अंडर ब्रिज का निर्माण कार्य बड़ी रेल लाइन के निर्माण के दौरान रेल्वे के द्वारा किया जा रहा है। दोनों ब्रिजों का वर्टिकल क्लीयरेंस मापदण्ड के अनुसार 6.00 मी. की ड्रांइग का अनुमोदन MPRDCL के पत्र दिनांक 24.06.2016 के द्वारा किया गया है। चूंकि अण्डर ब्रिज की ऊँचाई मापदण्डानुसार अनुमोदित है, जिसके अनुसार ब्रिज का निर्माण रेल्वे विभाग द्वारा किया जा रहा है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
जर्जर सड़कों का बोर्ड निधि से निर्माण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
6. ( क्र. 2489 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म. प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड भोपाल के द्वारा बोर्ड निधि से पनागर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम मटामर से कैलाशधाम तक की जर्जर एवं गहरे गड्ढों की सड़क निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति प्रबंध संचालक द्वारा दिनांक 13-07-2016 को जारी की गई है एवं मुख्य अभियंता द्वारा दिनांक 13-07-2016 को ई-टेण्डर जारी किये गये? (ख) क्या कार्यपालन यंत्री म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड जबलपुर द्वारा नियमानुसार निविदायें प्राप्त कर स्वीकृति हेतु मुख्य अभियंता को दिनांक 17-08-2016 को भेजी गई एवं इस सड़क का भूमिपूजन वृहद स्तर पर विशाल जन समुदाय के बीच किया गया जो निरंतर इस सड़क का उपयोग कर रहे हैं? (ग) क्या मुख्य सचिव म. प्र. शासन भोपाल की नोटशीट दिनांक 15-09-2016 के द्वारा इस सड़क निर्माण पर माननीय मुख्यमंत्री जी के निर्देश का संदर्भ देकर रोक लगाई गई है? जबकि माननीय मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा लगातार तीन पत्र क्रमश: 2365 दिनांक 18.10.2016, 2419 दिनांक 22.10.2016, 2420 दिनांक 22.10.2016 भेजे गये हैं, जिन पर प्रबंध संचालक मण्डी बोर्ड द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई है? (घ) क्या इस जर्जर सड़क का रोका गया वर्क ऑर्डर जारी किया जायेगा या नहीं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ, अपितु ई-टेण्डर कार्यपालन यंत्री, म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड, तकनीकी संभाग, जबलपुर द्वारा जारी किया गया था। (ख) जी हाँ। जी हाँ, अपितु भूमि पूजन का कार्यक्रम स्थानीय स्तर पर प्रश्नकर्ता माननीय विधायक जी के माध्यम से आयोजित हुआ था, जो मंडी बोर्ड स्तर से नहीं किया गया है। (ग) जी हाँ। माननीय मुख्यमंत्री जी के कार्यालय से प्राप्त प्रश्नागत, पत्रों पर कार्यवाही के अनुक्रम में प्रश्नांश "क" में उल्लेखित सड़क कार्य की निविदाओं के संबंध में निर्णय की कार्यवाही विचाराधीन है। (घ) उत्तरांश "ग" अनुसार निविदाओं के संबंध में निर्णय के तहत आगामी कार्यवाही की जा सकेगी।
बीजों का वितरण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
7. ( क्र. 2599 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गोटेगाँव विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में कौन-कौन सी योजनाओं से बीजों का वितरण निशुल्क किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जिन हितग्राहियों को लाभ दिया गया उनकी संख्यात्मक जानकारी वर्षवार, योजनावार, जीन्सवार/फसलवार उपलब्ध करावें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) गोटेगाँव विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में नेशनल मिशन ऑन ऑयल सीड्स एण्ड आयल पॉम (एन.एम.ओ.ओ. पी.) तथा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (दलहन) अंतर्गत नि:शुल्क बीज मिनिकिट का वितरण किया गया है। (ख) उत्तरांश (क) के संदर्भ में लाभांवित हितग्राहियों की संख्यात्मक वर्षवार, योजनावार, फसलवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
सीताफल फूड प्रोसिसिंग यूनिट
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
8. ( क्र. 2654 ) श्री रजनीश सिंह : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर संभाग में कितनी फूड प्रोसेसिंग यूनिट संचालित हैं? विधानसभा क्षेत्र वार विवरण देवें। फूड प्रोसेसिंग यूनिट खोले जाने हेतु विभाग के क्या मापदंड निर्धारित हैं? (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा केवलारी विधानसभा के अंतर्गत छपारा विकासखंड में सीताफल फूड प्रोसेसिंग यूनिट खोले जाने हेतु पूर्व में किए गए विधानसभा प्रश्न पर विभाग द्वारा क्या कोई सकारात्मक कार्यवाही की गई है? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार विकासखंड छपारा में सीताफल यूनिट खोले जाने हेतु इसे बजट में शामिल किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जबलपुर संभाग में 320 फूड प्रोसेसिंग यूनिट संचालित है। विधानसभा क्षेत्रवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना निजी निवेशक द्वारा की जाती है। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए विभाग द्वारा विशिष्ट वित्तीय सहायताओं का प्रावधान किया गया है, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना हेतु विज्ञापन प्रसारित कर प्रस्ताव चाहे गये हैं। प्रश्नाधीन इकाई की स्थापना हेतु वर्तमान में निजी निवेशक से कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है। (ग) फूड प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना शासन द्वारा नहीं की जाती है, अपितु निजी निवेशक द्वारा की जाती है जिसके लिए उत्तरांश 'क' अनुसार विशिष्ट वित्तीय सहायताओं का प्रावधान किया गया है अत: पृथक से बजट में शामिल किये जाने की आवश्यकता नहीं है।
उद्हवन सिंचाई योजना
[जल संसाधन]
9. ( क्र. 2655 ) श्री रजनीश सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में कितनी उद्वहन सिंचाई योजनाएं विगत 10 वर्षों से निर्मित की गई है? विकासखण्डवार जानकारी दें। उक्त योजनाओं में से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी योजनाएं चालू हैं एवं कौन-कौन सी बंद हैं? विकासखण्डवार योजना का नाम, निर्माण का वर्ष, योजना कब से चालू हैं? यदि बंद हैं तो कब से? जानकारी दें। (ख) उक्त योजनाओं के बंद होने के क्या कारण हैं? योजनावार बताएं। उक्त योजना निर्माण में शासन की कितनी राशि का व्यय हुआ है और इन्हें चालू किये जाने के लिए क्या शासन विचार कर रहा है? क्या कोई प्रस्ताव शासन के समक्ष विचाराधीन है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) सिवनी जिले में विगत 10 वर्षों में कोई उद्वहन सिंचाई परियोजना निर्मित नहीं की गई है। अतः शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं।
लोक निर्माण विभाग अन्तर्गत स्वीकृत सड़कें
[लोक निर्माण]
10. ( क्र. 3568 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत लोक निर्माण विभाग द्वारा वर्ष 2013-14 से 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी सड़कें व पुल-पुलियाएं स्वीकृत की गईं। कार्य का नाम, स्वीकृति दिनांक, स्वीकृत राशि, व्यय की गई राशि, कार्य एजेन्सी के नाम, के साथ ही कार्य की वर्तमान स्थिति क्या है वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत कार्यों में से कौन-कौन से कार्य प्रश्न दिनांक तक पूर्ण हो गये हैं व कौन-कौन से कार्य अपूर्ण हैं व स्वीकृत कार्य प्रारंभ ही नहीं किये गये उसका क्या कारण है? (ग) स्वीकृत कार्य में देरी अथवा कार्य प्रारंभ नहीं किये जाने के लिये कौन जवाबदार है व जवाबदार के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) आगामी वर्षों में विभाग द्वारा हरदा जिले में कौन-कौन सी सड़कें अथवा पुल-पुलियाए आदि स्वीकृत किया जाना प्रस्तावित है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (घ) वर्तमान में कोई नहीं।
राजघाट बांध के डूब क्षेत्र में खेती की भूमि की नीलामी
[जल संसाधन]
11. ( क्र. 3927 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजघाट बांध हेतु आरक्षित डूब क्षेत्र में कितनी भूमि पर कौन-कौन सी फसलें बोई गयी है? क्या फसल बोने हेतु भूमि की नीलामी हेतु विज्ञप्ति जारी की गयी? यदि हाँ, तो कब एवं कितनी भूमि की नीलामी की गयी? इससे शासन को वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितनी आय प्राप्त हुई? (ख) क्या राजघाट बांध हेतु आरक्षित डूब क्षेत्र में अनाधिकृत रूप से मौन सहमति देकर सिंचाई सहित खेती करायी जा रही है? यदि हाँ, तो किस अधिकारी ने भूमि पर खेती करने की अनुमति दी है? नाम, पद बतायें। यदि नहीं, तो उक्त क्षेत्र के उपयोग पर कब-कब तथा क्या कार्यवाही की गयी? (ग) क्या शासन डूब क्षेत्र की भूमि पर खेती करने हेतु विधिवत नीलामी करके शासन/नगर निगम की आय बढ़ाकर लोगों को खेती करने का अवसर देगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सागर नगर में नवीन बायपास मार्ग निर्माण
[लोक निर्माण]
12. ( क्र. 3934 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर नगर के नवीन बायपास मार्ग निर्माण का प्रस्ताव शासन के समक्ष विचाराधीन है? यदि हाँ, तो कहाँ से कहाँ तक, कितनी लम्बाई एवं कितनी लागत का है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में बायपास मार्ग निर्माण में कितनी शासकीय एवं निजी भूमि का अधिगृहण किया जायेगा? (ग) क्या शासन सागर नगर में बढ़ती आबादी एवं यातायात के दबाव को देखते हुए नवीन बायपास मार्ग की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ, सागर नगर में बायपास निर्माण हेतु एकरेखण का प्रस्ताव भारत सरकार सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय नई दिल्ली को अनुमोदन हेतु प्रेषित किया गया, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) बायपास हेतु एकरेखण का अनुमोदन उपरांत डी.पी.आर. तैयार कर स्वीकृति हेतु भारत सरकार सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय नई दिल्ली को प्रेषित किया जावेगा। वर्तमान में समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
विधान सभा सदस्यों को उनके क्षेत्र में आवास आंवटन
[संसदीय कार्य]
13. ( क्र. 3944 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मा. मुख्य मंत्री महोदय, मध्य प्रदेश द्वारा यह घोषणा की गई थी कि म.प्र. विधानसभा के सभी सदस्यों को उनके विधान सभा क्षेत्र में आवास उपलब्ध कराया जावेगा? (ख) यदि हाँ, तो उक्त घोषणा के पालन में विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई है व वर्तमान में क्या स्थिति है? (ग) कब तक विधानसभा सदस्यों को उनके विधानसभा क्षेत्र में आवास उपलब्ध करा दिया जावेगा? (घ) क्या उक्त योजनान्तर्गत पूर्व से निर्मित शासकीय आवास उपलब्ध कराये जावेंगे अथवा नये आवासों का निर्माण किया जावेगा? यदि नये आवासों का निर्माण किया जावेगा तो उक्त योजना में कुल कितनी राशि व्यय होगी।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। संधारित अभिलेख के अनुसार प्रश्न में उल्लेखित घोषणा दर्ज होना नहीं पाई गई है। (ख) से (घ) प्रश्नांश के भाग (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नर्मदा नदी देवगांव मोहगांव में स्टॉप डेम निर्माण
[जल संसाधन]
14. ( क्र. 3954 ) श्री रामप्यारे कुलस्ते : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निवास विधानसभा क्षेत्रांतर्गत ग्राम देवगांव संगमघाट विकासखण्ड मोहगांव में नर्मदा नदी में क्षेत्रीय जनमांग है कि नर्मदा नदी में स्टॉप डेम का निर्माण कराया जावे जिससे पानी का रूकाव सिंचाई की सुविधा आदि की व्यवस्थायें हो जावेंगी. (ख) क्या यहां पर स्टॉप डेम निर्माण से कई ग्रामों की सैकड़ों एकड़ जमीन सिंचित होवेगी साथ ही इस क्षेत्र के लोगों को पीने के पानी उत्तम व्यवस्था हो जावेगी. (ग) यदि हाँ, तो इस स्टॉप डेम निर्माण की स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जावेगी, क्या स्टॉप डेम की स्वीकृति मिल जाने से इस सत्र में कार्य पूर्ण करा लिया जावेगा.
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जी हाँ। प्रश्नांकित स्थल पर प्राकृतिक रूप से जल भराव बना रहता है, जिससे कृषकों की जमीन सिंचित हो सकती है। उक्त स्थल पर पृथक से स्टॉप डेम बनाये जाने की आवश्यकता नहीं पाई गई। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
स्टॉप डेम निर्माण
[जल संसाधन]
15. ( क्र. 4946 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में नदी, खाल, नालों पर स्टॉप डेम के निर्माण प्रस्ताव वर्ष २०१५,२०१६ में कहाँ- कहाँ से प्रस्तावित किये गये? जिलेवार, तहसीलवार ब्यौरा दें. (ख) प्रस्तावित प्रश्नांश (क) के कितने प्रकरण अब तक स्वीकृत हुए एवं कितने, किस कारण लंबित है? (ख) रतलाम जिले के आलोट विधानसभा क्षेत्र के स्टॉप डेम स्वीकृतियों में विलंब का कारण व विलंब के लिए जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही की गई? स्वीकृतियां कब तक प्राप्त होगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' एवं ''2'' अनुसार है। (ख) 38 कार्यों की स्वीकृति प्रदान की गई है एवं 13 कार्यों के प्रस्ताव प्रक्रियाधीन हैं। शाजापुर जिले की अमस्याखेड़ी वियर, डाऊन स्ट्रीम में निर्माणाधीन बिनाया बैराज के डूब में आने के कारण असाध्य हो गया है। (ग) आलोट विधान सभा क्षेत्रांतर्गत किसी भी स्टॉप डेम की स्वीकृति लंबित नहीं है। 5 स्वीकृत कार्यों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
लेबड़-जावरा मार्ग का मेंटेनेंस कार्य
[लोक निर्माण]
16. ( क्र. 5048 ) श्री अजय सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एम.पी.आर.डी.सी. के बी.ओटी. प्रोजेक्ट वेस्टर्न एम.पी. इन्फ्रास्ट्रक्चर एण्ड टोन रोड प्रा.लि. ने रतलाम एवं धार जिलों के अंतर्गत लेबड़ जावरा मार्ग (स्टेट हाईवे-31) में 01.12.2015 से 31 अगस्त 2016 तक मेंटेनेंस का कार्य किस नाम/पते वाली कंपनी के द्वारा किया गया? (ख) वेस्टर्न एम.पी. इन्फ्रास्ट्रक्चर एण्ड टोन रोड्स प्रायवेट लिमिटेड के द्वारा प्रश्नांश (क) में वर्णित स्टेट हाईवे - 31 लेबड़ जावरा मार्ग के मेंटेनेंस का कार्य किस नाम/पते वाली कंपनी से कब से कब करवाया? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समयानुसार एवं वर्णित कंपनी के द्वारा कितनी क्वांटिटी में कितने रूपये मूल्य का कार्य लेबड़-जावरा मार्ग स्टेट हाईवे -31 पर किया गया? क्वान्टिटी एवं कुल राशि का बिन्दुवार विवरण दें। (घ) वेस्टर्न एम.पी. इन्फ्रास्ट्रक्चर एण्ड टोल रोड प्रा.लि. के द्वारा उक्त स्टेट हाईवे-31 लेबड़ जावरा मार्ग के मेंटेनेंस कार्य की क्या डिटेल रिपोर्ट (क्वान्टिटी स्टेटमेंट एवं कुल खर्च की गई राशि) एम. पी. आर. डी. सी. को भेजी? एक प्रति उपलब्ध करायें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) लेबड़-जावरा एस.एच.-31 बी.ओ.टी. मार्ग का मेंटेनेंस कार्य का दायित्व कन्सेशन अवधि तक अनुबन्धित निवेशकर्ता कम्पनी वेस्टर्न एम.पी. इन्फ्रास्ट्रक्चर एण्ड टोल रोड प्रा.लि., कोर्पो. ऑफिस-20 वी मंजिल, ए-विंग, मेराथन फ्यूचरेक्स एन.एम. जोशी मार्ग, लोअर परेल (पूर्व) मुम्बई 400013 का है। निवेशकर्ता कम्पनी द्वारा अवगत कराया है कि दिनांक 01.12.2015 से 31.10.2016 तक कम्पनी के वेन्डर मेसर्स मार्क-ओ-लाइन ट्राफिक कन्ट्रोल (पी) लि., ए-502, श्री नन्द धाम, सेक्टर 11, सीबीडी बेलापुर, नवी मुम्बई- 400614, एम.एस. इण्डिया के द्वारा मेंटेनेंस कार्य किया गया है। (ख) प्रश्नांश ''क'' में वर्णित स्टेट हाईवे-31 से अनुबंधित निवेशकर्ता कम्पनी द्वारा अवगत कराया गया है कि, कम्पनी के वेन्डर मेसर्स मार्क-ओ-लाइन ट्राफिक कन्ट्रोल (पी) लि., नवी मुम्बई द्वारा दिनांक 15.12.2015 से 31.08.2016 तक मेंटेनेंस कार्य करवाया गया है। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समयानुसार निवेशकर्ता कम्पनी मेसर्स वेस्टर्न एम.पी. इन्फ्रास्ट्रक्चर एण्ड टोल रोड प्रा.लि., मुम्बई के वेन्डर द्वारा लेबड़-जावरा मार्ग एस.एच.-31 पर किये गये कार्य की मात्रा एवं व्यय की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' एवं ''2'' अनुसार है। (घ) जी हाँ। निवेशकर्ता द्वारा प्रेषित दिनांक 15.12.2015 से 31.08.2016 तक किये गये मेंटेनेंस कार्य की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र''1'' एवं ''2'' अनुसार है।
उद्यान विभाग अंतर्गत संचालित योजना
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
17. ( क्र. 5089 ) श्री कमल मर्सकोले : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में उद्यान विभाग सिवनी के अंतर्गत वर्ष 2015-16 व 2016-17 में सब्जी क्षेत्र विस्तार, मसाला क्षेत्र विस्तार के लिए शासन से कितना आवंटन प्राप्त हुआ है? इन योजनाओं के तहत सिवनी जिले में कौन-कौन से कार्य किए जाकर राशि व्यय की गई, व्यय की गई राशि का विवरण तथा क्या सार्थक परिणाम सामने आए हैं। योजना अनुसार चयनित हितग्राहियों की संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करावे। (ख) सब्जी क्षेत्र विस्तार, मसाला क्षेत्र विस्तार योजना के तहत वर्ष 2015-16 व 2016-17 में क्रियान्वयन से पूर्व रकबा क्या था तथा योजना क्रियान्वयन के बाद दोनों वर्षों में कितना विस्तार हुआ है? इसकी तुलनात्मक जानकारी उपलब्ध करावें।
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) सिवनी जिले में सब्जी क्षेत्र विस्तार योजना अंतर्गत वर्ष 2015-16 में राशि रूपये 44,99,967/- एवं वर्ष 2016-17 में राशि रूपये 6,40,200/- का आवंटन प्राप्त हुआ है। मसाला क्षेत्र विस्तार योजना अंतर्गत वर्ष 2015-16 में राशि रूपये 26,13,625/- एवं वर्ष 2016-17 में राशि रूपये 1,72,520/- का आवंटन प्राप्त हुआ है। प्रश्नांश के शेष भाग की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
ग्रामीण भंडार योजना
[सहकारिता]
18. ( क्र. 5620 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्रामीण भंडारण योजनांतर्गत उज्जैन संभाग में जिलेवार वर्ष २०१२ से दिसम्बर २०१६ तक कितनी क्षमता के कितने गोदाम निर्माण का लक्ष्य था? (ख) प्रश्नांश (क) गोदाम निर्माण पर ऋण व अनुदान कितना-कितना स्वीकृत हुआ? गोदामवार ब्यौरा दें। (ग) कितने और कौन-कौन से स्वीकृत गोदामों का कार्य अपूर्ण है? सकारण ब्यौरा दें। लक्ष्य प्राप्ति की वास्तविक स्थिति की जानकारी दें?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'तीन' अनुसार है।
एन.एच.86 को फोरलेन करना
[लोक निर्माण]
19. ( क्र. 5716 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर से लेकर सांची तक के राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 86 को फोरलेन में तब्दील करने के लिए किसी प्रस्ताव को शासन द्वारा स्वीकृति दी गयी है? यदि हाँ, तो कहाँ से कहाँ तक का निर्माण प्रस्तावित है? इसकी लागत कितनी है तथा पूर्ण होने की समय-सीमा क्या है? (ख) क्या इस प्रस्ताव में सागर नगर से लेकर भोपाल के बीच का कुछ हिस्सा छोड़ दिया गया है? क्या शासन इस छूटे हुए हिस्से को शामिल करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) यदि नहीं, तो क्या शासन इस मार्ग को फोरलेन निर्माण हेतु अलग से स्वीकृत करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) फोरलेन हेतु नहीं, अपितु टू-लेन विथ पेव्हड शोल्डर्स हेतु भारत सरकार द्वारा स्वीकृति दी गई है। कि.मी. 81 से 175। रू. 287.23 करोड़। कार्यादेश जारी होने के दिनांक 02.01.2017 से दो वर्ष अर्थात 02.01.2019। (ख) जी हाँ। छूटे हुए भाग कि.मी. 176 से 187/6 हेतु प्रस्ताव भारत सरकार, सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय को प्रेषित। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश 'क' एवं 'ख' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
खाद्य प्रसंस्करण की प्रचलित इकाइयाँ
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
20. ( क्र. 5793 ) श्रीमती योगिता नवलसिंग बोरकर : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खाद्य प्रसंस्करण के अंतर्गत क्या योजनाए है? (ख) प्रश्नकर्ता की विधान सभा क्षेत्र पंधाना अन्तर्गत खाद्य प्रसंस्करण की कितनी इकाइयां वर्तमान में प्रचलित? इसमें सरकार की ओर से क्या सुविधायें दी जाती है?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) मध्यप्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण के अंतर्गत उद्योगों की स्थापना निजी निवेशकों द्वारा की जाती है। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए विभाग द्वारा विशिष्ट वित्तीय सहायताओं का प्रावधान किया गया है, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पंधाना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत खाद्य प्रसंस्करण की कुल 180 इकाइयाँ हैं, जिनमें निवेशकों ने विभाग से कोई वित्तीय सहायता प्राप्त नहीं की है। जिला व्यापार उद्योग केन्द्र खण्डवा द्वारा ग्राम सिल्टिया तहसील पंधाना में स्थापित खण्डवा ऑयल्स यूनिट-1 को ब्याज अनुदान एवं 5 वर्षों के लिए प्रवेश कर मुक्ति की सुविधाएँ दी गई हैं। खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को प्रोत्साहित करने हेतु उत्तरांश 'क' के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में उल्लेखित सुविधायें विभाग द्वारा दी जाती है।
दवा बीज तथा कृषि उपकरणों की खरीदी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
21. ( क्र. 6218 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एम.पी. एग्रो के माध्यम से दिनांक 01.04.2014 से दिनांक 15.02.2017 तक कितनी दवाएं, कृषि उपकरण खरीदे गये तथा एम.पी. एग्रो को कितनी राशि का भुगतान जिला बालाघाट द्वारा किया गया? (ख) एम.पी. एग्रो द्वारा कृषि विभाग जिला बालाघाट को 01.04.2014 से 15.02.017 तक आपूर्ति की गयी दवाएं, कृषि उपकरणों में कितनी कृषक अंश की राशि जमा की गयी? क्या कृषक अंश की राशि एम.पी. एग्रो के माध्यम से दवाएं तथा कृषि उपकरण सप्लायर्स कंपनियों द्वारा ही जमा की गयी? यदि नहीं, तो एम.पी. एग्रो को किस माध्यम से कृषक अंश जमा किया गया विवरण दें? (ग) एम.पी. एग्रो द्वारा कृषि विभाग जिला बालाघाट के माध्यम से किसानों को दवा तथा कृषि उपकरणों का वितरण दिनांक 01.04.2014 से 15.02.2017 तक किन कंपनियों को इस कार्य हेतु अधिकृत किया गया इन कंपनियों द्वारा कितनी दवा तथा कृषि उपकरण वितरित किये तथा इस हेतु कितना भुगतान प्राप्त किया? इन कंपनियों तथा एम.पी.एग्रो के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों की जानकारी दें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) 01.04.2014 से 1502.2017 तक एम.पी.एग्रो के माध्यम से बालाघाट जिले में दवाएं, कृषि उपकरण के भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) 01.04.2014 से 15.02.2017 तक आपूर्ति की गई दवायें, कृषि उपकरणों में कृषक अंश राशि एवं एम.पी.एग्रो को भुगतान की गयी राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। दवाओं की कृषक अंश राशि विकासखण्ड कार्यालय के माध्यम से दवा वितरण कर कृषकों से नगद प्राप्त कर एम.पी.एग्रो कार्यालय बालाघाट में जमा कराई गई कृषि यंत्र पर कृषक अंश राशि माह फरवरी 2016 के पूर्व कृषकों द्वारा एम.पी.एग्रो के माध्यम से नगद जमा करा दी गयी माह फरवरी 2016 से ऑनलाइन प्रक्रिया प्रारंभ होने से कृषकों से कृषक अंश राशि बैंकर्स चैक, बैंक ड्राफ्ट एवं आर.टी.जी.एस. के माध्यम से एम.पी.एग्रो बालाघाट ने प्राप्त की है। (ग) एम.पी.एग्रो द्वारा कृषि विभाग के माध्यम से किसानों को दवा तथा कृषि उपकरणों के वितरण की दिनांक 01.04.2014 से 15.02.2017 तक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। दिनांक 01.04.2014 से 15.02.2017 तक किसी भी प्रदाय कंपनी तथा एम.पी.एग्रो के विरूद्ध कोई शिकायत विभाग को प्राप्त नहीं हुई।
फसल बीमा राशि का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
22. ( क्र. 6367 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर के तहसील बड़ामलहरा की खरीफ फसल 2015 में फसल बीमा योजना के तहत किसानों को फसल नुकसान (क्षति) होने पर बीमा सहायता राशि प्राप्त कराने की कोई योजना है हाँ या नहीं? (ख) यदि हाँ, तो किन-किन एजेंसी द्वारा कितने कृषकों से कितनी राशि प्रीमियम के द्वारा किस अवधि में किस फसल के लिये ली गई थी। (ग) प्रश्नांश (क) बीमा योजना कौन सी फसलों एवं किन-किन क्षेत्रों पर लागू है, उल्लेख करें उक्त नियम/निर्देशों की प्रति उपलब्ध कराये। (घ) तहसील बड़ामलहरा के महराजगंज एवं बंधा चमरोई के कृषकों द्वारा प्रीमियम जमा करने पर भी फसल बीमा योजना का लाभ दिया गया था, हाँ/नहीं यदि हाँ, तो कृषकों की संख्या बताएं। यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बतायें। क्या शासन दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा। यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें? कब तक कृषकों को बीमा राशि प्रदान की जावेगी।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। जिला छतरपुर के तहसील बड़ामलहरा की मौसम खरीफ 2015 में राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना संचालित थी। (ख) एग्रीकल्चर इंश्यारेंस कंपनी ऑफ इंडिया लि. द्वारा राष्ट्रीय कृषि बीमा योजनांतर्गत कृषकों का फसल बीमा किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ग) राष्ट्रीय कृषि बीमा योजनांतर्गत खरीफ 2015 मौसम में छतरपुर जिले के बड़ामलहरा तहसील में पटवारी हल्का स्तर पर सोयाबीन फसल एवं तहसील स्तर पर तिल फसल अधिसूचित थी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। एवं नियम/निर्देशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (घ) तहसील बड़ामलहरा के महाराजगंज एवं बंधा चमरोई के खरीफ 2015 में मौसम हेतु जारी अधिसूचना अनुसार ग्राम महराजगंज के पटवारी हल्का नं. 28 तथा बंधा चमरोई का पटवारी हल्का नं. 6 सम्मिलित है। योजना के अनुसार यदि थ्रेशहोल्ड उपज से वास्तविक उपज कम पाई जाती है तो क्षतिपूर्ति देय होती है। फसल कटाई प्रयोगों से प्राप्त वास्तविक उपज के आंकड़ों के आधार पर उपरोक्त दोनों पटवारी हल्कों में उपज में कमी नहीं पाई गई। अत: योजना अनुसार क्षतिपूर्ति देय नहीं है।
मार्ग निर्माण की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
23. ( क्र. 6456 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम बासोंद से बिच्छुबावड़ी तक का मार्ग पहुँच विहीन व व्यस्ततम मार्ग है इस कारण बिच्छुबावड़ी सहित मार्ग पर पड़ने वाले अन्य ग्रामों के नागरिकों को बड़ौदा तहसील व जिला मुख्यालय सहित अन्यत्र जाने आने में बहुत कठिनाईयां आती हैं वर्षाकाल में इस मार्ग पर आवागमन बन्द ही हो जाता है। (ख) क्या उक्त मार्ग की डी.पी.आर. तैयार कर ई.ई. लो.नि.वि. श्योपुर द्वारा स्वीकृत हेतु शासन को भेजी है यदि नहीं, तो कब तक भेजी जावेगी। (ग) क्या शासन क्षेत्रीय नागरिकों को आवागमन में वर्तमान तक हो रही कठिनाईयों के मद्देनजर उक्त मार्ग की डी.पी.आर. शीघ्र तैयार करवाकर इसे बजट में शामिल करके शीघ्र स्वीकृत प्रदान करेगा व कब तक यदि नहीं, तो क्यों।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं, जी हाँ, जी नहीं, जी नहीं। (ख) जी नहीं, प्रश्नांकित मार्ग लोक निर्माण विभाग की पुस्तिका पर अंकित नहीं होने के कारण कार्यवाही संभव नहीं। (ग) उत्तरांश 'ख' अनुसार। मार्ग मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत निर्मित है।
मार्ग निर्माण की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
24. ( क्र. 6457 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम बगदरी से ढोढर तक का मार्ग कच्चा व पहुँच विहीन है मार्ग पर नागरिकों व कृषि परिवहन का आवागमन का दबाव हर समय बना रहता है वर्षाकाल में ये मार्ग बन्द हो जाता है इस कारण नागरिकों को प्रतिवर्ष कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। (ख) उक्त कठिनाईयों के निवारण हेतु उक्त मार्ग को डामरीकृत किये जाने की नितांत आवश्यकता हैं इस हेतु क्षेत्रीय नागरिक मांग भी कर रहे है। (ग) क्या ई.ई. लो.नि.वि. श्योजपुर द्वारा उक्त मार्ग की डी.पी.आर. तैयार कर स्वीकृति हेतु शासन को भेजी है यदि नहीं, तो कब तक भेजी जावेगी। (घ) इस संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा ई.ई. लो.नि.वि. श्योपुर को माह फरवरी 2017 में लिखे पत्र पर क्या कार्यवाही की गई यदि नहीं, तो क्यों, क्या शासन क्षेत्रीय नागरिकों को आवागमन में आ रही कठिनाईयों के निवारण हेतु उक्त मार्ग की डी.पी.आर. शीघ्र तैयार करवाकर इसे बजट में शामिल कर स्वीकृति प्रदान करेगा व कब तक यदि नहीं, तो क्यों।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ, जी हाँ, जी हाँ। (ख) जी हाँ, जी हाँ। (ग) जी नहीं, प्रश्नांकित मार्ग लोक निर्माण विभाग की पुस्तिका पर अंकित नहीं होने के कारण। (घ) मार्ग प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के पुनरीक्षित कोरनेटवर्क में शामिल है इसलिये लोक निर्माण विभाग द्वारा किसी भी प्रकार की कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
राजगढ़ संभाग में लघु गौण तथा विशेष मरम्मत कार्य की निविदा
[लोक निर्माण]
25. ( क्र. 6674 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा दिनांक 1 जनवरी 2015 के उपरांत राजगढ संभाग में लघु गौण कार्य एवं विशेष मरम्मत कार्य के नाम पर निविदायें आमंत्रित की गई हैं? (ख) यदि हाँ, तो कौन-कौन सी निविदायें कब-कब, कितनी-कितनी लागत की आमंत्रित की गई हैं? कार्य का नाम, निविदाकार का नाम, निविदा की राशि की वर्तमान स्थिति सहित बतावें? (ग) क्या निविदाओं को आमंत्रित करने से पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों से अनुमति ली गई है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से अधिकारियों से अनुमति ली गई है? (घ) उपरोक्त किये गये संपूर्ण भुगतानों का विवरण स्पष्ट रूप से उल्लेखित करते हुये जानकारी से अवगत करावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) से (घ) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
योजना आयोग द्वारा पारित प्रस्ताव अनुसार कार्यवाही
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
26. ( क्र. 6691 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के सभी जिलों के जिला योजना आयोग जिला कलेक्टर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत एवं जिले के विभागीय अधिकारी की सहमति से ही प्रत्येक वर्ष जिले की वार्षिक कार्ययोजना तैयार कर राज्य योजना आयोग में योजनावार क्या बजट प्रावधान अनुमोदित कराया गया है? जिलेवार एवं योजनावार विवरण दें? (ख) क्या जिलों के द्वारा राज्य योजना आयोग में योजनावार जो राशि स्वीकृत कराई जाती है उसे विभाग के उच्च अधिकारियों के द्वारा अपनी स्वेच्छा अनुसार योजनाओं की स्वीकृत राशि में कटौती/परिवर्तन कर दिया जाता है? जिससे जिलों के द्वारा प्रस्तावित वार्षिक कार्य योजना प्रभावित होती है तथा प्रदेश के लाखों किसान योजनाओं के लाभ से वंचित रह जाते है? (ग) जिला एवं राज्य योजना आयोग के द्वारा वर्ष 2017-18 हेतु उद्यानिकी विभाग की योजनाओं में जो राशि की स्वीकृति की गई है एवं उसके पश्चात् विभाग के उच्च अधिकारियों द्वारा जो राशि में कटौती की गई है उसका योजनावार तुलनात्मक विवरण दें? (घ) जब विभागीय उच्च अधिकारियों द्वारा अपनी स्वेच्छा अनुसार ही निर्णय लिया जाता है तो प्रश्नांश 'क' में उल्लेखित 51 जिलों के जिला अधिकारियों को बैठक बुलाने का क्या औचित्य है? क्या राज्य योजना आयोग का अस्तित्व उद्यानिकी विभाग की योजनाओं के लिए पूर्ण रूप से समाप्त हो चुका है? (ड.) प्रश्नांश (क), (ख), (ग), (घ) के परिप्रेक्ष्य में शासन जाँच कराकर राज्य योजना आयोग के प्राप्त प्रस्तावों के अनुसार किसानों की योजनाओं का लाभ दिलायेंगे?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जी हाँ। वित्तीय वर्ष 2017-18 की प्रश्नाधीन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी नहीं, अपितु वित्त विभाग द्वारा मान्य राशि अनुसार ही योजना क्रियांवित होती है। विभाग द्वारा वर्ष 2016-17 में समस्त कार्यक्रमों का क्रियान्वयन कृषकों के ऑनलाइन प्राप्त आवेदनों पर आधारित है और यह वास्तविक मांग के अनुरूप हो रहा है, जिसमें मुख्यालय स्तर से सम्पूर्ण लक्ष्य वितरित न करते हुए प्रारंभ में केवल न्यूनतम लक्ष्य जिलों को आवंटित किये गये एवं शेष लक्ष्य पूल में रखे गये हैं। जिन जिलों में किसी योजना में मांग अधिक होने पर उस जिले के अधिकारी द्वारा मांग अनुसार पूल से लक्ष्य आहरित कर स्वीकृतियाँ जारी करने की स्वतंत्रता है। इस प्रकार राज्य का आधा लक्ष्य पूल में रहने से लक्ष्य न होने की समस्या किसी जिले को नहीं हुई है। नवीन व्यवस्था से किसी जिले द्वारा लक्ष्य के अनुरूप प्रदर्शन नहीं होने पर जिन जिलों में मांग लक्ष्य से अधिक है, उस मांग की पूर्ति हो सकी है। यह ग्रास रूट प्लानिंग का एक उत्कृष्ट क्रियान्वयन है और इससे विकेन्द्रीकृत प्लानिंग को मजबूती मिली है। इस व्यवस्था में किसी जिले को लक्ष्य से कम स्वीकृति उसी स्थिति में मिली है जब वहाँ समय पर लक्ष्य से कम आवेदन प्राप्त हुए हैं। उक्त व्यवस्था से प्रदेश के किसान लाभांवित हुये हैं। (ग) विभाग के उच्च अधिकारियों द्वारा राशि में कटौती नहीं की गई है, अपितु वित्त विभाग द्वारा वर्ष 2017-18 की मान्य सीमा राशि रूपये 73215.66 लाख तक वार्षिक कार्य योजना संशोधित की गई है। राज्य योजना आयोग द्वारा अनुमोदित एवं वित्त विभाग द्वारा मान्य राशि का तुलनात्मक विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) विभाग के अधिकारियों द्वारा स्वेच्छा अनुसार राशि कटौती का निर्णय नहीं लिया जाता है। वित्त विभाग से राशि स्वीकृत कराने हेतु निर्धारित प्रक्रिया के तहत जिला अधिकारियों की बैठक बुलाकर प्रस्ताव प्राप्त करना आवश्यक है। जिलों के प्रस्ताव पर अनुमोदन हेतु राज्य योजना आयोग का महत्व है। (ड.) उत्तरांश ''ख'', ''ग'' एवं ''घ'' के तारतम्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
प्रश्नकर्ता को प्रेषित जानकारी
[सहकारिता]
27. ( क्र. 6793 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता को पंजीयक/आयुक्त कार्यालय भोपाल द्वारा दिनांक 28 जनवरी 2017 को मध्य प्रदेश लघु वनोपज संघ भोपाल, जिला वनोपज सहकारी यूनियन एवं प्राथमिक वनोपज समितियों से सम्बन्धित जानकारी प्रेषित की है। (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता ने अपने किस पत्र क्रमांक दिनांक से किस-किस प्रारूप में किस किस सम्बन्ध में किस-किस से सम्बंधित कौन-कौन सी जानकारी चाही थी व पूरी जानकारी उपलब्ध न करवाएं जाने का क्या कारण रहा है? (ग) पंजीयक/आयुक्त ने प्रश्नकर्ता को चाही गई पूरी जानकारी उपलब्ध करवाए जाने के सम्बन्ध में क्या कार्यवाही की है कब तक शेष जानकारी प्रश्नकर्ता को उपलब्ध करवा दी जावेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नकर्ता माननीय विधायक द्वारा अपने पत्र क्रमांक 3501 लगायत 3510 दिनांक 13.06.2016 द्वारा वर्ष 2000-01 से वर्ष 2012-13 तक की समस्त जिला वनोपज सहकारी यूनियनों एवं प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों की तथा पत्र क्रमांक 3511 लगायत 3520 दिनांक 13.06.2016 द्वारा वर्ष 1998 से 2015-16 तक की समस्त जिला वनोपज सहकारी यूनियनों एवं प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों से संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार चाही गई थी, चाही गई जानकारी अति विस्तृत प्रकृति की होने के कारण। (ग) कार्यालय पंजीयक/आयुक्त सहकारिता द्वारा संलग्न प्रपत्रों अनुसार चाही गई जानकारी निर्धारित प्रारूप में उपलब्ध कराने हेतु प्रबंध संचालक म.प्र. राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ मर्यादित भोपाल को क्रमश: पत्र क्रमांक/ विप./वनो./2016/1228, दिनांक 17.06.2016, पत्र क्रमांक 2642 दिनांक 01.09.2016, पत्र क्रमांक 2949 दिनांक 25.10.2016 एवं अर्द्ध शासकीय पत्र क्रमांक 26, दिनांक 04.01.2017 तथा संयुक्त आयुक्त सहकारिता, संभाग समस्त म.प्र., को क्रमश: पत्र क्रमांक/विप./वनो./2016/1234 लगायत 1243 दिनांक 20.06.2016, पत्र क्रमांक 2721 दिनांक 19.09.2016, पत्र क्रमांक 2950 दिनांक 25.10.2016 एवं अर्द्ध शासकीय पत्र क्रमांक 27 दिनांक 04.01.2017 प्रेषित किये गये तथा प्रश्नकर्ता माननीय विधायक को पत्र क्रमांक/विप./वनो./ 2221 दिनांक 30.06.2016 द्वारा वस्तुस्थिति से अवगत कराया गया एवं वनोपज संघ से प्राप्त जानकारी पंजीयक के कार्यालयीन पत्र क्रमांक 219 दिनांक 28.01.2017 द्वारा सीधे तथा पत्र क्रमांक 749 दिनांक 23.03.2017 के संलग्न प्रेषित की गई है, शेष जानकारी वनोपज संघ से प्राप्त होने पर उपलब्ध करा जा सकेगी, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
रेल्वे क्रासिंग क्रमांक 102 एवं 103 पर ओव्हर ब्रिज निर्माण
[लोक निर्माण]
28. ( क्र. 6947 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम उमरनी में नागदा-खाचरौद रेल्वे क्रासिंग क्रमांक 102 एवं नागदा में नागदा एवं औद्योगिक क्षेत्र बिरलग्राम को जोड़ने वाली रतलाम रेल्वे क्रासिंग क्रमांक 103 की फाटक जो की रेल्वे की मुम्बई-दिल्ली रेल्वें की व्यस्ततम लाइन है, जिससे इन फाटकों पर बन्द के समय वाहनों का जमावडा हो जाता है, जिससे आवागमन अवरूद्ध होकर समय की बर्बादी होती है। (ख) इन दोनों स्थानों पर कब तक रेल्वें ओव्हर ब्रिज का निर्माण हो जावेगा? यदि योजना नहीं बनी है तो कब तक बन जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) प्रश्नाधीन दोनों कार्य वित्तीय वर्ष 2017-18 के मुख्य बजट में सम्मिलित किये गये है। निर्माण की निश्चित तिथि बताना संभव नहीं है। शेष प्रश्न का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
लघु परियोजनाओं की स्वीकृति
[जल संसाधन]
29. ( क्र. 6972 ) श्री गोपाल परमार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र आगर में लघु परियोजना के तहत ग्राम हड़ाई 5.76 लाख, ग्राम भा.द.वा. में 5.94 लाख, ग्राम सिरपोई 6.33 लाख की स्वीकृति शासन द्वारा दी गयी है, यदि हाँ, तो कब, क्या स्वीकृति प्राप्त होने के बाद परियोजनाओं का कार्य प्रारंभ किया गया तो कब एवं कितना कार्य पूर्ण हो चुका है यदि कार्य अपूर्ण है तो कब तक पूर्ण कर दिया जायेगा? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार कार्य प्रारंभ है या नहीं, नहीं किया गया है तो शासन के द्वारा अभी तक क्या क्या कार्यवाही की गयी है? यदि नहीं, की गयी है तो क्यों। इसके लिए जिम्मेदार कौन है शासन क्या कार्यवाही करेगा? (ग) शासन उक्त लघु परियोजना कब तक प्रारंभ करेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) आगर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत हड़ाई जलाशय की प्रशासकीय स्वीकृति वर्ष 2007 में, भा.द.वा. जलाशय की वर्ष 2008 में एवं सिरपोई जलाशय की वर्ष 2000 में प्रदान की गई थी। जी नहीं। वर्तमान में इन परियोजनाओं की प्रति हे. लागत क्रमशः रू. 05.76 लाख, रू. 05.94 लाख एवं रू. 06.33 लाख होने से परियोजनाएं असाध्य हैं। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित परियोजनाओं के निर्माण कार्य में भू-अर्जन की लागत में अत्यधिक वृद्धि होने के कारण परियोजनाएं असाध्य हो गई हैं। परियोजनाओं के कार्य प्रारंभ न होने के लिए कोई अधिकारी जिम्मेदार नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
घटिया बीज उत्पादक समितियों की जाँच
[सहकारिता]
30. ( क्र. 6999 ) श्री के. के. श्रीवास्तव : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ता.प्र.सं. 2 (क्र. 2053) में प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा टीकमगढ़ जिले में कृषि बीज उत्पादक सहकारी समितियों की मनमानी तथा घटिया एवं गुणवत्ताहीन बीज प्रदाय के संबंध में उठाये गये प्रश्न पर सदन में चर्चा के दौरान प्रश्नकर्ता सदस्य को यह आश्वासन दिया था कि ऐसी घटिया बीज प्रदाय समितियों की सूची सदस्य उपलब्ध कराने एवं ऐसी सूची में आने वाली समिति की जाँचकर तत्काल समिति भंग कर दी जावेगी? (ख) यदि हाँ, तो अब तक कितनों की जाँच हुई कितनी भंग हुई? नाम एवं संख्या सहित अवगत करावें। यदि नहीं, तो कौन दोषी है और उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? यदि कार्यवाही की जायेगी तो कब तक?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) तारांकित प्रश्न संख्या 2 (प्रश्न क्रमांक 2053) में यह आश्वासन दिया गया था "1. जो अमानक पाये गये होंगे उनकी सदस्यता, पंजीयन रद्द किया जायेगा। 2. उनका उत्पादक बीज अमानक पाया जायेगा, मैंने कहा कि उसको निरस्त करने का काम करेंगे। 3. अगर कोई समितियां होंगी तो उनकी भी जाँच कराकर माननीय सदस्य के लिये अवगत करा दिया जायेगा, उनका पंजीयन निरस्त कर दिया जायेगा।" (ख) वर्ष 2013-14 से 2016-17 तक कुल 18 बीज समितियों के 29 बीज नमूनों की जाँच हुई, अमानक नमूनों पर बीज अधिनियम 1966 बीज नियम 1968 तथा बीज नियंत्रण आदेश 1983 के विहित प्रावधानों के तहत सक्षम प्राधिकारी अधिकारियों द्वारा एवं चार समितियों पर मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 49 (7) के तहत संचालक मंडल भंग कर प्रशासक नियुक्त किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
ककरवाहा पिक अप बियर के संबंध में सदन में दिये गये आश्वासन की प्रतिपूर्ति
[जल संसाधन]
31. ( क्र. 7000 ) श्री के. के. श्रीवास्तव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ में घसान नदी पर प्रस्तावित ककरवाहा पिक अप बियर के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा तारांकित प्रश्न संख्या 12 (क्र. 6652) में माननीय मंत्री महोदया द्वारा सदन में सदस्य जैसे चाहे वैसे सर्वे करा लिया जावेगा, उत्तर दिया गया था। यदि हाँ, तो कब तक सर्वे कराकर योजना को सकार रूप दिया जावेगा अवगत करावें? (ख) क्या शासन स्तर पर टीकमगढ़ के प्रचीन राजेन्द्र सागर बांध, (नगदा बंधा) महेन्द्र सागर तालाब, पठा तालाब, वृंदावन तालाब, पोखना तालाब, (बड़ागांव) सर्मरा तालाब, रईरा तालाब (मवई) दीपसागर तालाब, कारी को नदी तालाब जोड़ों जैसी महती योजना में शामिल कर इनके भरे जाने की कोई योजना प्रस्तावित है? यदि नहीं, तो क्यों? क्या इसके लिये सर्वे कराया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। सर्वेक्षण अनुसार परियोजना की जीवित जल संग्रहण क्षमता 20.4 मि.घ.मी. तथा प्रस्तावित सिंचाई क्षमता 3,400 हे. होकर लागत रू.209/- करोड़ आंकलित है। परियोजना की प्रति हे. लागत रू. 06.14 लाख होने से परियोजना वित्तीय मापदण्ड पर साध्य नहीं पाई गई है। (ख) वर्तमान में ऐसी कोई योजना प्रस्तावित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते हैं।
ग्रामों में पानी नहीं पहुँचना
[जल संसाधन]
32. ( क्र. 7150 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजीव सागर अन्तर्राज्यीय परियोजना कुड़वा जिला बालाघाट के कमान्ड क्षेत्र में ग्राम आंजन बिहरी, दिगधा, कोड़वी, मासुल खापा ग्राम आते है। (ख) यदि हाँ, तो क्या इन ग्रामों में राजीव सागर परियोजना का सिंचाई हेतु पानी कृषकों को नहीं मिल रहा है। यदि हाँ, तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। राजीव सागर परियोजना से मासूलखापा के कृषकों को सिंचाई हेतु पानी मिल रहा है, किन्तु ग्राम आंजनबिहरी, दिग्धा, कोड़वी के कृषकों को महकेपार वितरिका नहर की चैन क्रं. 264 पर रेलवे क्रासिंग निर्माणाधीन होने के कारण सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है।
लक्ष्मी नारायण शर्मा कृषि उपज मंडी की दुकानों की नीलामी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
33. ( क्र. 7162 ) श्री विष्णु खत्री : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2010 में भोपाल जिले के करोंद में स्थित लक्ष्मी नारायण शर्मा कृषि उपज मंडी में नीलाम हुई दुकानों के आवंटियों में से कितने व्यापारियों की दुकानों की रजिस्ट्री हो गई है एवं कितने व्यापारियों की रजिस्ट्रियां अभी तक किस कारण से शेष हैं? (ख) वर्ष 2010 एवं 2014 में दुकानों की नीलामी में सफल व्यापारियों को नीलामी अनुसार दुकान का मूल्य जमा करने एवं रजिस्ट्री कराए जाने हेतु कब कब कितनी-कितनी समय-सीमा बढ़ाई गई है? व्यापारीवार वर्षवार विवरण उपलब्ध करावें। (ग) क्या वर्ष 2014 की नीलामी में सफल व्यापारियों को दुकान का मूल्य जमा करने एवं रजिस्ट्री हेतु वर्ष 2010 की नीलामी में सफल व्यापारियों की तुलना में अपेक्षाकृत अधिक समयावधि समय-समय पर बढ़ाई गई है, तुलनात्मक विस्तृत विवरण सहित कारण स्पष्ट करें। (घ) क्या विभाग वर्ष 2010 को दुकानों की नीलामी में सफल व्यापारियों को नीलामी अनुसार दुकान का मूल्य जमा करा कर रजिस्ट्री कराए जाने का मौका देने पर विचार कर रहा है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) वर्ष 2010 में लक्ष्मीनारायण शर्मा, कृषि उपज मंडी समिति में नीलाम हुई 248 व्यापारियों की दुकानों की रजिस्ट्री/अनुज्ञप्ति विलेख रजिस्ट्रार कार्यालय में संपादन कराई गई है एवं 11 व्यापारियों ने रजिस्ट्री/अनुज्ञप्ति विलेख हेतु रजिस्ट्री शुल्क जमा नहीं किये जाने के कारण उनके अनुज्ञप्ति विलेख का पंजीयन नहीं हुआ है। (ख) वर्ष 2010 में मंडी समिति द्वारा कोई समय-सीमा नहीं बढ़ाई गई है एवं वर्ष 2014 में नीलामी बोली में सफल व्यापारियों को राशि जमा करने हेतु मंडी समिति में प्रस्ताव पारित कर समय-सीमा बढ़ाई गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। मंडी समिति द्वारा वर्ष 2014 में समय-समय पर व्यापारियों की मांग अनुसार मंडी समिति की बैठकों में प्रस्ताव पारित कर समयावधि बढ़ाई गई है। साथ ही वर्ष 2010 में कोई समयावधि नहीं बढ़ाई गई है, ऐसी स्थिति में शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं।
प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत कर्मचारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
34. ( क्र. 7192 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग में प्रतिनियुक्ति पर लिये जाने वाले अधिकारियों के लिए कितनी अवधि तक रखने का प्रावधान है? क्या कोई समय-सीमा नियत हैं? यदि हाँ, तो कितनी? (ख) विगत 03 वर्षों में आगर एवं शाजापुर जिला अंतर्गत कौन-कौन से कर्मचारी प्रतिनियुक्ति पर कार्य कर रहे हैं? (ग) क्या उपसंचालक मंडी बोर्ड जबलपुर में पदस्थ नागेश सिंह विगत कई वर्ष से पदस्थ हैं? क्या इन्हे मूल विभाग में वापिस भेजा जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत कर्मचारियों के संबंध में प्रश्नांश ''क'' में उल्लेखित प्रावधान अनुसार नियमों के पालन की मानीटरिंग की जाती है? यदि हाँ, तो किस प्रकार से, यदि नहीं, तो क्या इस ओर ध्यान दिया जावेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड में लागू "राज्य मंडी बोर्ड सेवा विनियम 1998" के विनियम 6 (2) (9) में प्रतिनियुक्ति की अवधि चार वर्ष निर्धारित है, जो कि दोनो विभागों/संगठनों की सहमति से कर्मी के उपयुक्त पाये जाने पर बढ़ाई जा सकती है। (ख) प्रश्नागत वांछित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) श्री नागेश सिंह (रा.प्र.से.) उपसंचालक म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड जबलपुर के पद पर दिनांक 21.10.2014 से प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत है म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड में प्रतिनियुक्ति संबंधी मामलों की समीक्षा हेतु गठित समिति द्वारा संबंधित अधिकारी की आवश्यकता का आंकलन कर उन्हें निरंतर रखने या वापस करने बाबत् निर्णय लिया जावेगा, जिसके लिये समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ, म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड के आदेश दिनांक 30.05.2014 से गठित समिति द्वारा समय-समय पर संस्था में पद की उपलब्धता, कार्य की आवश्यकता, प्रतिनियुक्ति अधिकारी/कर्मचारी की उपयोगिता आदि के आधार पर समीक्षा की जाती है। अत: शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
किसान क्रेडिट कार्ड में किसानों की साख का निर्धारण
[सहकारिता]
35. ( क्र. 7193 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत कितने किसानों के किसान क्रेडिट कार्ड बने हुए हैं? सहकारी साख संस्थावार सूची उपलब्ध करावें? (ख) किसान क्रेडिट कार्ड अंतर्गत किसानों की साख निर्धारण हेतु क्या मापदण्ड एवं प्रक्रिया नियत हैं? क्या कृषि भूमि का वेरिफिकेशन कर साख निर्धारण किया जाता है? (ग) प्रश्नांश ''ख'' में उल्लेखित मापदण्ड एवं प्रक्रिया के अनुरूप विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत क्या सभी साख संस्थाओं ने साख निर्धारण किया है? यदि हाँ, तो किन-किन जवाबदेह अधिकारियों द्वारा मानीटरिंग की गई? (घ) प्रश्नांश ''क'' में उल्लेखित प्रावधान अनुसार साख निर्धारण न करने संबंधी कितनी शिकायतें विगत 03 वर्षों में अनुभाग स्तर पर या जिला स्तर पर प्राप्त हुई हैं? प्राप्त शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई है? क्या राजस्व विभाग से समन्वय स्थापित कर साख निर्धारण में विसंगतियाँ न हो इस हेतु प्रभावी कार्यवाही की जाकर दोषियों पर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या व कब तक?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
म.प्र. राज्य सहकारी बैंक मर्या. भोपाल की शाखाओं में ऋणों व गबन संबंधी
[सहकारिता]
36. ( क्र. 7209 ) श्री रमेश पटेल : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. राज्य सहकारी बैंक मर्यादित भोपाल की शाखाओं द्वारा दिए गए ऋणों में से 10 लाख से अधिक कालातीत ऋणियों की जानकारी दी जाये जिसमें ऋणी का नाम, दिनांक 31.01.2017 की स्थिति में बकाया ऋण राशि, ऋण स्वीकृति दिनांक एवं स्वीकृत करने वाले शाखा प्रबंधक का नाम बतावें। (ख) क्या उक्त बैंक में मार्च 2011 तक लागू एक मुश्त समझौता योजना में गबन, धोखाधड़ी के प्रकरणों में भी समझौता किया जाने का प्रावधान था, क्या योजना-3 में जो प्रकरण गबन, धोखाधड़ी में वगीकृत नहीं है उन प्रकरणो में समझौता करने में कोई रोक थी। (ग) योजना-3 के तहत समझौते के कितने प्रस्ताव प्राप्त हुए थे तथा कितने प्रकरणों में समझौता हुआ? (घ) दिनांक 01.01.2014 से 31.12.2016 तक बैंक/बैंक शाखाओं में गबन, धोखाधड़ी में वर्गीकृत प्रकरणों की जानकारी प्रकरणवार वर्षवार, शाखावार एवं वर्गीकरण कार्यवाही के लिये किसकी-किसकी ड्यूटी होती है, का भी कर्मचारी/अधिकारीवार विवरण दें।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मुआवजा भुगतान बाबत्
[जल संसाधन]
37. ( क्र. 7265 ) श्री जय सिंह मरावी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनपद पंचायत बुढ़ार जिला शहडोल अन्तर्गत करछुल जलाशय का निर्माण कार्य कब प्रारम्भ एवं पूर्ण हुआ तथा जलभराव की एरिया कितनी है। (ख) क्या उक्त जलाशय निर्माण करते समय कृषकों की भूमि अधिग्रहित की गयी थी? यदि हाँ, तो अधिग्रहित भूमि का रकबा बतायें? (ग) क्या अधिग्रहण भूमि का मुआवजा या जमीन के बदले जमीन सम्बंधित (प्रभावित) कृषकों को दिया गया। यदि हाँ, तो कब, उन कृषकों का नाम, मुआवजें की राशि, जमीन के बदले दी गयी जमीन का रकबा यदि नहीं, तो मुआवजा न देने का क्या कारण है तथा मुआवजा वितरण न होने के लिये कौन अधिकारी दोषी है तथा उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) करचुल जलाशय का निर्माण कार्य वर्ष 1987 में प्रारंभ होकर वर्ष 2005 में पूर्ण हुआ। परियोजना का जल भराव क्षेत्र 26.708 हेक्टर है। (ख) एवं (ग) जी हाँ, विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ। कलेक्टर शहडोल द्वारा करचुल जलाशय से प्रभावित कृषकों को भूमि के बदले भूमि दिये जाने का प्रावधान किया गया था तथा भूमि के बदले भूमि कलेक्टर शहडोल के आदेशानुसार तहसीलदार जैतपुर द्वारा प्रदाय की गई थी। किन्तु प्रभावित कृषकों द्वारा उक्त भूमि स्वीकार नहीं की गई। इस स्थिति के युक्तियुक्त निराकरण के लिए कलेक्टर, शहडोल को निर्देश दिए गये हैं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते हैं।
निर्माणाधीन कार्यों की जानकारी
[जल संसाधन]
38. ( क्र. 7331 ) श्री रामपाल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले में जल संसाधन विभाग द्वारा वर्तमान में निर्माण कार्य कराये जा रहे हैं? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो प्रत्येक निर्माण कार्य की स्वीकृत राशि, दिनांक, कार्य प्रारंभ दिनांक, पूर्णता दिनांक क्या हैं? प्रत्येक कार्य में प्रश्न दिनांक तक किस कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि व्यय की गई है? कार्यों का सत्यापन कब-कब किस-किस अधिकारी द्वारा किया गया है? कार्यों में उपयोग की जाने वाली सामग्री के गुणवत्ता का सत्यापन कब और किस माध्यम से किया गया है? प्रत्येक कार्यों की भौतिक स्थिति क्या है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। विवरण संलग्न परिशिष्ट के ''प्रपत्र-अ'' एवं ''ब'' अनुसार है।
अतिरिक्त सत्र न्यायालय प्रारंभ किया जाना
[विधि और विधायी कार्य]
39. ( क्र. 7333 ) श्री रामपाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के जयसिंहनगर में अतिरिक्त सत्र न्यायालय प्रारंभ किये जाने के संबंध में स्वीकृति प्रदान की गयी है। (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो उक्त न्यायालय प्रारंभ किये जाने में कौन-कौन सी औपचारिकताएँ पूर्ण की जा चुकी है और प्रारंभ होने में शेष औपचारिकताएँ क्या हैं? उक्त न्यायालय के संचालन हेतु कौन-कौन से पद स्वीकृत किये गये हैं? न्यायालय संचालन हेतु कितनी राशि स्वीकृत की गई है। न्यायालय प्रारंभ करने में विलंब का कारण क्या है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) न्यायाधीश एवं स्टॉफ के पद स्वीकृत किये जा चुके है। न्यायालय संचालन हेतु अभी भवन की व्यवस्था नहीं हुई है। उक्त न्यायालय के संचालन हेतु निम्नलिखित पद स्वीकृत किये गये है:- 1. अपर जिला न्यायाधीश-01 पद, 2. प्रस्तुतकार-01 पद, 3. प्रवर्तन लिपिक-01 पद, 4. शीघ्रलेखक - 01 पद, 5. साक्ष्य लेखक - 01 पद, 6. आदेशिका लेखक - 01 पद, 7. कोर्ट प्यून/जमादार - 01 पद, 8. भृत्य - 02 पद, न्यायालय संचालन हेतु अभी कोई राशि स्वीकृत नहीं की गई है। मूलभूत सुविधाओं के अंतर्गत अभी न्यायालय भवन उपलब्ध न होने के कारण।
दो आव कैनाल एवं आर.वी.सी. कैनाल से सिंचाई
[जल संसाधन]
40. ( क्र. 7347 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले के सबडिवीजन नरवर में दो आव कैनाल आर.बी.सी. कैनाल से सिंचाई के लिये किस संस्था पर कितनी हेक्टर सिंचाई के लिये कितनी लागत के बरहा बताये गये। वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक जानकारियां दी जावे वर्तमान निर्माण किये गये बरहों की स्थिति क्या है। (ख) क्या दो आव कैनाल की मोहनगढ़ संस्था में शासन की स्वीकृति 1800 हेक्टर ऐरिया में बरहा बनाने की थी ताकि 2240 हेक्टर में सिंचाई के लिये बरहा बनाये गये इसकी स्वीकृति कब किस अधिकारी द्वारा दी गयी एवं इसकी लागत क्या थी एवं इसका भुगतान कब किया गया। (ग) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के संदर्भ में मोहिनी बांध सोनकिली दो आव कैनाल एवं आर.बी.सी.कैनाल में बरहा बनाने में अति भ्रष्टाचार की जाँच मेरे समक्ष या लोकायुक्त से कब तक करायी जावेगी नहीं तो क्यों।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक निर्मित/निर्माणाधीन बरहों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी नहीं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) 201.91 हे. अतिरिक्त क्षेत्र के लिए बरहों की प्रशासकीय स्वीकृति प्रक्रियाधीन है। निर्माण कार्य असंतोषजनक होने से शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
मणी खेरा बांध से निकली उकायला कैनाल की संख्या आमोल पठा में डाले गये कुलावों की जाँच
[जल संसाधन]
41. ( क्र. 7348 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आमोल पठा संस्था में उकायला कैनाल से सिंचाई के लिये कुलावे कहाँ-कहाँ, किस-किस स्थान पर डाले गये संख्या बतावे। (ख) क्या कुलावे डाले ही नहीं गये और भुगतान किया गया आमोल पठा संस्था की तरह अन्य संस्थाओं में भी इसी तरह की अनियमितताएं हुई हैं। (ग) आमोल पठा संस्था के अध्यक्ष एवं सक्षम अधिकारी द्वारा कितने कर्मकार मण्डल के कार्ड बनाने की अनुसंशा की गई। इनके पास अनुशंसा करने के अधिकार थे या नहीं तो अनुशंसा क्यों की गई? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) को संदर्भ इनकी अनियमितताओं की जाँच उच्च सदन या लोकायुक्त से करायी जावेगी कब तक।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। अतः शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं। (ग) प्रश्नांश विभाग से संबंधित नहीं हैं। (घ) अनियमितता नहीं होने से जाँच की स्थिति नहीं है। अतः शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
कृषि विभाग द्वारा मिनीकट वितरण से संबंधित
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
42. ( क्र. 7381 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वरिष्ठ कृषि विकास विस्तार अधिकारी कार्यालय करैरा एवं नरवर जिला शिवपुरी के अतंर्गत विगत 03 वर्ष में कितने मिनी कट किस-किस बीज एवं खाद के प्रदाय किये गये कि जानकारी कृषक की संख्या तथा प्रदाय किट की संख्या सहित जानकारी दें? (ख) क्या शासन के निर्देशानुसार बीज मिनिकिट को माननीय क्षेत्रीय विधायकों द्वारा प्रदाय किये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो कया इन शर्तों का पालन किया गया? यदि नहीं, तो क्यों इस हेतु कौन-कौन उत्तरदायी है? क्या शासन अनुशासनहीनता की कार्यवाही संबंधितों के विरूद्ध करेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) विकासखण्डवार एवं वर्षवार बीज मिनिकिट वितरण तथा कृषक संख्या की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्नांश अवधि में खाद मिनिकिट का वितरण नहीं किया गया है। (ख) नेशनल मिशन ऑन ऑयल सीड्स एण्ड आयल पॉम (एन.एम.ओ.ओ.पी.) तथा राष्ट्रीय खाद सुरक्षा मिशन के मार्गदर्शी निर्देशों में बीज मिनिकिट को माननीय क्षेत्रीय विधायकों द्वारा प्रदाय किये जाने का प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
सहकारी संस्थाओं के निरीक्षण/जाँच प्रक्रिया बाबत्
[सहकारिता]
43. ( क्र. 7390 ) श्री सुरेन्द्रनाथ सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सहकारी अधिनियम के तहत आयुक्त, पंजीयक एवं अन्य सहकारी अधिकारियों द्वारा सहकारी संस्थाओं व उनके पदाधिकारियों, सदस्यों के विरूद्ध कोई निरीक्षण/जाँच किये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो प्रावधान एवं प्रक्रिया की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) पंजीयक एवं आयुक्त व अन्य सहकारी अधिकारियों को कोई अन्य नियम के अंतर्गत जाँच व निरीक्षण सहकारी संस्थाओं का व उनके सदस्य व पदाधिकारियों के विरूद्ध किये जाने का अधिकार हैं? यदि हाँ, तो प्रावधान एवं प्रक्रिया की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार सहकारी संस्थाओं के जाँच व निरीक्षण के कितने प्रकरण भोपाल जिले में सहकारी नियमों के अलावा अन्य नियम के आधार पर विचाराधीन हैं और किस नियम के आधार पर लंबित हैं। उसकी सूचीवार जानकारी देवें? (घ) प्रश्नांश (ग) में सहकारी अधिकारियों, आयुक्त व पंजीयक को कोई शासन का आदेश व परिपत्र प्राप्त हुआ हैं? जिसमें यह उल्लेख हो कि सहकारी अधिनियम के अतिरिक्त अन्य नियम व प्रावधान के तहत सहकारी संस्थाओं व उनके पदाधिकारी सदस्यों की गैर सदस्यों की शिकायत पर जाँच किये जाने हेतु अधिकृत किया हो? यदि हाँ, तो क्रमांक/दिनांक उपलब्ध करावें?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। प्रावधान एवं प्रक्रिया की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्रावधान एवं प्रक्रिया की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (घ) जी नहीं।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में स्वीकृति
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
44. ( क्र. 7395 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना क्या है? कौन पात्रता रखता है? इसके क्या नियम एवं प्रावधान हैं? (ख) क्या छतरपुर जिले में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की कार्ययोजना बनाई गई है? यदि हाँ, तो कार्य योजना शासन को स्वीकृति हेतु कब भेजी गई? कार्य योजना में कौन-कौन से कार्य सम्मिलित किये गये हैं? विधानसभावार कार्य योजना बताई जावें। (ग) क्या महाराजपुर विधानसभा क्षेत्र में नवीन तालाबों के निर्माण के प्रस्ताव विभागीय कार्य योजना अथवा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में सम्मिलित किये गये हें? यदि हाँ, तो कौन-कौन से प्रस्ताव किस योजना में सम्मिलित किये गये हैं? प्रस्ताव शासन को स्वीकृति हेतु कब प्रस्तुत किये गये हैं? (घ) विगत तीन वर्षों में महाराजपुर विधानसभा क्षेत्र में तालाबों के रख-रखाव, गहरीकरण, जीर्णोद्धार एवं सुदृढ़ीकरण एवं नहरों के निर्माण की स्वीकृति के कितने प्रस्ताव, कब-कब जन प्रतिनिधियों द्वारा दिये गये हैं? प्रस्तावों में विभाग द्वारा कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का उदेद्श्य, प्रदेश में ग्राम स्तर तक सिंचाई क्षेत्र निवेश को बढ़ाकर हर खेत को पानी पहुँचाना तथा उपलब्ध जल का उचित प्रबंध कर ''पर ड्राप मोर क्राप'' के लक्ष्य को प्राप्त करना है। योजना में समस्त वर्ग एवं श्रेणी के कृषक पात्र है। भारत सरकार की गाइड-लाइन एवं दिये गये प्रावधान अनुसार योजना संचालित की जा रही है। (ख) जी हाँ। छतरपुर जिले में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनांतर्गत जिला सिंचाई योजना (डी.आई.पी.) तैयार की जाकर जिला योजना समिति से दिनांक 29.04.2016 को अनुमोदन पश्चात् दिनांक 18.05.2016 को संचालनालय में प्राप्त हो चुकी है। कार्य योजना में सम्मिलित किये गये कार्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। एवं विधानसभा क्षेत्रवार कार्य योजना जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) जी हाँ। महाराजपुर विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनांतर्गत मनरेगा योजना में 38 नवीन तालाब निर्माण के कार्य डी.आई.पी. में सम्मिलित होकर जिला योजना समिति से दिनांक 29.04.2016 को अनुमोदन पश्चात् दिनांक 18.05.2016 को संचालनालय में प्राप्त हुए है एवं दिनांक 22.12.2016 को राज्य स्तरीय मंजूरी समिति की बैठक में अनुमोदन प्राप्त हो चुका है। (घ) कार्यपालन यंत्री जल संसाधन संभाग नौगांव जिला छतरपुर द्वारा दी गई जानकारी अनुसार विगत तीन वर्षों में महाराजपुर विधानसभा क्षेत्र में तालाबों के रख-रखाव, गहरीकरण, जीर्णोद्धार, सुदृढ़ीकरण एवं नहरों के निर्माण हेतु एक प्रस्ताव माननीय विधायक महोदय विधान सभा क्षेत्र महाराजपुर द्वारा दिनांक 18.04.2016 को दिया गया था। जिसके परिपालन में जोरन तालाब के नहर में लाईनिंग का कार्य प्रगति पर है। कार्यपालन यंत्री जल संसाधन संभाग नौगांव जिला छतरपुर द्वारा दी गई जानकारी अनुसार विगत तीन वर्षों में महाराजपुर विधान सभा क्षेत्र में तालाबों के रख-रखाव, गहरीकरण, जीर्णोद्धार, सुदृढ़ीकरण एवं नहरों के निर्माण हेतु एक प्रस्ताव माननीय विधायक महोदय विधान सभा क्षेत्र महाराजपुर द्वारा दिनांक 18.04.2016 को दिया गया था। जिसके परिपालन में जोरन तालाब के नहर में लाईनिंग का कार्य प्रगति पर है।
उपायुक्त सहकारिता एवं अन्य के विरूद्ध कार्यवाही
[सहकारिता]
45. ( क्र. 7429 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय उपायुक्त सहकारिता मुरैना द्वारा नोटशीट दिनांक 29.10.2015 में नोटशीट कार्यवाही सम्पन्न होने के उपरांत नोटशीट कार्यवाही को काट कर सेवा सह संस्था रजौधा के फर्जी उपाध्यक्ष माताराम की उपस्थिति दर्शाकर और फर्जी तरीके से उसके संस्था द्वारा संस्था अध्यक्ष के कथित आवेदन पर हस्ताक्षर करवाकर नोटशीट को पुन: सम्पादित किया गया था? यदि हाँ, तो उक्त कृत्य में संलिप्त उपायुक्त/लिपिक कौन-कौन थे और उन पर कोई कार्यवाही की गई या की जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित किये गये कृत्य ही आदेश क्र./विधि/2016/454/मुरैना दिनांक 04.03.2016 जारी करने का एक आधार बना और संस्था एवं संस्था अध्यक्ष की साख को अपूर्णीय क्षति होकर सामाजिक प्रतिष्ठा धूमिल हुई? (ग) क्या उक्त प्रकरण में वर्तमान जाँचकर्ता ही तत्कालीन समय में उपायुक्त थे? यदि हाँ, तो यह नियम संगत है और निष्पक्ष जाँच संभव है? क्या संलिप्त अधिकारी को जाँचकर्ता बनाया जाना जाँच में विलम्ब का कारण है? यदि नहीं, तो जाँच अधिकरी बदलकर कब तक जाँच सम्पादित कर दोषियों के प्रति कार्यवाही की जा सकेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भुगतान के सम्बंध में माप पुस्तिका गायब करने पर कार्यवाही
[लोक निर्माण]
46. ( क्र. 7430 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक निर्माण विभाग संभाग मुरैना द्वारा वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक मुरैना बायपास मार्ग पर स्पेशल रिपेयर कार्य कराया गया था? यदि हाँ, तो उक्त कार्य करने वाली एजेन्सी का नाम, निविदा दिनांक, अनुबंध दिनांक और उसकी अनुमानित राशि क्या थी? (ख) उपरोक्त कार्यों के सम्बंध में मुख्य अभियंता उ.प्र. ग्वालियर द्वारा भुगतान के सम्बंध में क्या कोई आदेश पारित किया गया था? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही हुई? एजेंसी/ठेकेदार को कितना-कितना भुगतान किया गया और कितना भुगतान शेष है? यदि शेष है तो भुगतान न होने के क्या कारण रहे? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्य की माप पुस्तिका एवं बिल फार्म विभाग द्वारा गायब कर दिये गये हैं, जिससे संबंधित एजेंसी को भुगतान नहीं हो पा रहा है? यदि हाँ, तो सम्बंधित अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई या की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) स्पेशल रिपेयर का कार्य स्वीकृत था, परन्तु एजेन्सी द्वारा कार्य नहीं किया गया। एजेन्सी का नाम मेसर्स आर्यन कंस्ट्रक्शन कंपनी मुरैना को निविदा दिनांक 20.03.2012 अनुसार अनुबंध दिनांक 02.04.2012 को किया जाकर, दो कार्यादेश जिनकी लागत क्रमश: 450000/- एवं 450000/- है। (ख) जी नहीं। मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग उत्तर परिक्षेत्र ग्वालियर के आदेश पत्र क्रमांक 3909 दिनांक 26.03.16 एवं आदेश पत्र क्रमांक 7712 दिनांक 22.06.16 द्वारा अनुबंध के प्रावधानों अनुसार कार्यवाही किये जाने हेतु लेख किया गया है, एजेन्सी द्वारा अनुबंध अनुसार कार्य नहीं करने के कारण कोई भुगतान नहीं किया गया है, शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश 'क' अनुसार शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
तालाब निर्माण की स्वीकृति
[जल संसाधन]
47. ( क्र. 7549 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत ग्राम गांगाहोनी के पश्चिम दिशा में पहाड़ की तलहटी में बांसखों एवं झिरीखों नामक दो स्थल जो सिंचाई तालाब निर्माण हेतु अत्यंत उपयुक्त स्थल हैं तथा ग्राम गांगाहोनी एवं आसपास के ग्रामों में सिंचाई हेतु कोई भी जलसंरचना नहीं है, जिससें कृषकों की हजारों एकड़ भूमि सूखाग्रस्त है, क्षेत्र के कृषक सिंचाई तालाब के निर्माण की मांग को लेकर आंदोलनरत है? (ख) यदि हाँ, तो कृषकों की मांग एवं मध्यप्रदेश शासन की सिंचाई नीति के अनुरूप उपरोक्त स्थल का परीक्षण शीघ्र कराया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) गंगाहोनी के पास बांसखो में बाँध स्थल उपयुक्त नहीं होने तथा परियोजना की लागत निर्धारित मापदण्ड से अधिक होने के कारण परियोजना साध्य नहीं पाई गई है। चिन्हित झिरिखों तालाब का जलग्रहण क्षेत्र न्यूनतम होने तथा सिंचित क्षेत्र की तुलना में डूब क्षेत्र का प्रतिशत अत्यधिक होने के कारण परियोजना असाध्य है।
पूर्ण एवं अपूर्ण कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
48. ( क्र. 7564 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता पत्र क्र. 71/वि.दि./कार्य निर्माण/2017 दिनांक 14.01.2017 में द्वारा विधानसभा क्षेत्र-07 दिमनी जिला मुरैना में विगत तीन वर्ष में कराये गये निर्माण कार्यों की जानकारी चाही गई थी। PWD संभाग मुरैना से प्रस्तुत जानकारी में पूर्ण एवं अपूर्ण कार्यों की कुछ जानकारी असत्य एवं भ्रामक है। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में दी गई जानकारी की जाँच प्रश्नकर्ता के सक्षम संबंधित अधिकारी, कर्मचारी द्वारा जाकर जाँच करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? निश्चित दिनांक दी जावे।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
समान पद, समान कार्य एवं समान वेतनमान पर नियुक्ति
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
49. ( क्र. 7581 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन कृषि विभाग में क्या पांडेय वेतनमान 1972 में ग्राम सेवक पद में नियुक्ति के स्वीकृत वेतनमान 169-300 के प्रावधानानुसार स्नातक और गैर स्नातक दोनों तरह के योग्यताधारी समान पद, समान कार्य एवं समान वेतनमान पर नियुक्त किये गये थे? यदि हाँ, तो फिर उनमें से स्नातक और गैर स्नातक योग्यता पर पृथक-पृथक उच्चतर और निम्नतर वेतनमान क्यों स्वीकृत किये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में नियुक्त ग्राम-सेवकों में से नियुक्ति दिनांक से 12 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर क्या मात्र नियुक्ति के समय जो स्नातक थे, उनको ही केन्द्रीय वेतनमान में उच्चतर वेतनमान 1400-2340 का लाभ स्वीकृत किया गया है? यदि हाँ, तो गैर स्नातकों को क्यों नहीं स्वीकृत किया गया? इसके लिए कौन जिम्मेदार है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश वेतन पुनरीक्षण नियम 1983 के अनुसार चौधरी वेतनमान में गैर स्नातक ग्राम सेवकों का वेतनमान रूपये 575-880 एवं स्नातक एवं अन्य स्नातक ग्राम-सेवकों के नई भर्ती के लिये रूपये 635-950 का वेतनमान स्वीकृत किया गया है। (ख) जी हाँ। वेतन पुनरीक्षण नियम 1990 में गैर स्नातक ग्राम सेवकों के लिये वेतनमान 1150-1800 स्वीकृत किया गया है और सा.प्र.वि. के ज्ञाप क्र. एफ-1-1/1/विआप्र/99, दिनांक 19.4.1999 एवं दिनांक 17.5.2000 द्वारा क्रमोन्नति योजना के अंतर्गत इस वेतनमान में शासन द्वारा निर्धारित उच्चतर वेतनमान की पात्रता आती है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
दोषियों के खिलाफ कार्यवाही
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
50. ( क्र. 7607 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में किसानों को निजी पंजीकृत व्यापारियों द्वारा विगत 2 वर्षों से अमानक बीज बेचा जा रहा है? इसके लिये जिला कृषि अधिकारियों द्वारा क्या-क्या प्रयास किये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में विगत 2 वर्षों में कितने-कितने बीज नमूने लेकर प्रयोगशालाओं में परीक्षण हेतु भेजे गये? इनमें से कितने नमूने मानक व अमानक पाये गये? अमानक पाये गये फर्मों के नाम, पता सहित जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में अमानक बीज विक्रेता फर्मों के खिलाफ कोई अथवा किसी प्रकार की कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (ग) के प्रकाश में यदि हाँ, तो कार्यवाही की जानकारी फर्मवार दिनांकवार उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट करें? इसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार है? क्या उनके खिलाफ कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या बतावें? यदि नहीं, तो क्यों, कारण स्पष्ट करें? की जावेगी तो कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी नहीं। बीज अधिनियम 1966, बीज नियम 1968 तथा बीज (नियंत्रण) आदेश 1983 के तहत् विहित प्रावधानों अंतर्गत नियमानुसार की गई कार्यवाही संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) बीज नमूनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। जिन फर्मों के नमूने अमानक पाये गये हैं उनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) अमानक पाये गये नमूनों के विरूद्ध की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) अमानक बीज विक्रेता फर्मों के खिलाफ दिनांकवार की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित ही नहीं होता है।
सहकारी संस्थाओं का पुनः परिसीमन
[सहकारिता]
51. ( क्र. 7617 ) श्री भंवर सिंह शेखावत : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बदनावर अंतर्गत वर्तमान में वृहत्ताकार/आदिम जाति/सेवा सहकारी समिति मर्यादित नागदा, कानवन, पलवाडा, काछिबड़ोदा, संदला, केसूर, आहू अंतर्गत दूरस्थ अंचल के ग्राम 20 से 25 कि.मी. तक सम्मिलित हैं, जबकि अन्य मुख्यालय संस्था जो कि 4 से 5 कि.मी. की दूरी पर अवस्थित है, इससे जोड़ा जा सकता है, यथा केसूर संस्था का ग्राम रामपुर जो कि केसूर से 20 कि.मी. दूरी पर अवस्थित है। उल्लेखित ग्राम को 4 से 5 कि.मी. की दूर उमरिया/तीसगाँव में तथा संस्था नागदा का ग्राम खंडीगारा जो की वर्तमान में 8 से 10 कि.मी. दूर है। उपरोक्त ग्राम खंडीगारा को 2 कि.मी. दूर कानवन संस्था में जोड़ा जा सकता है। कृषक हित में उपरोक्त संस्थाओं में पुनः परिसीमन/सुधार की आवश्यकता है तथा स्थापित/मुख्यालय संस्था के समीपस्थ ग्रामों को जोड़ा जाना है? (ख) क्या शासन कृषक हित में पुनः परिसीमन की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं, संस्था मुख्यालय से कार्यक्षेत्र के ग्राम की अधिकतम दूरी 17 किलोमीटर है। केसूर संस्था का ग्राम रामपुर संस्था मुख्यालय से 12 किलोमीटर दूर है, ग्राम रामपुर की संस्था उमरियाबढ़ा से दूरी 6 किलोमीटर तथा संस्था तीसगाँव से दूरी 7 किलोमीटर है। यह सही है कि संस्था नागदा का ग्राम खंडीगारा संस्था मुख्यालय से 8 किलोमीटर दूर है जबकि अन्य संस्था कानवन से ग्राम खंडीगारा मात्र 2 किलोमीटर दूरी पर है। प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के गठन/पुनर्गठन/संविलियन करने हेतु नवीन मापदंड तैयार किये जा रहे हैं। मापदंड तैयार हो जाने के उपरांत प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के पुनर्गठन की कार्यवाही की जा सकेगी। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नवीन वृहत्ताकार/आदिम जाति/सेवा सहकारी समिति का गठन
[सहकारिता]
52. ( क्र. 7618 ) श्री भंवर सिंह शेखावत : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बदनावर अंतर्गत वर्तमान में क्या शासन स्तर पर कृषक हित में नवीन वृहत्ताकार/आदिम जाति/सेवा सहकारी समिति मर्यादित खोला जाना प्रस्तावित हैं? (ख) यदि हाँ, तो कितनी संस्थाएं खोली जाना हैं? संस्थावार सम्मिलित ग्राम सहित जानकारी उपलब्ध करवायें?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) आदिम जाति सेवा सहकारी संस्था मर्यादित, संदला जिला धार के ग्राम तिलगारा, रूपाखेड़ा, बोरदा, बोरदी, जाबड़ा तथा करणपुरा को पृथक कर नवीन संस्था तिलगारा गठित किये जाने का प्रस्ताव उपायुक्त सहकारिता, जिला धार को प्राप्त हुआ था। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित संस्था संदला के कार्यक्षेत्र का कुल कृषि रकबा 4038.880 हेक्टेयर है। प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के पुनर्गठन हेतु वर्तमान निर्धारित मापदंड अनुसार संस्था के गठन हेतु न्यूनतम कृषि रकबा 5000 हेक्टेयर होना चाहिये। अतः नवीन संस्था का गठन निर्धारित मापदंड पूर्ति नहीं करने से किया जाना संभव नहीं है।
न्यायालय भवन का निर्माण
[विधि और विधायी कार्य]
53. ( क्र. 7624 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला न्यायालय भवन सिंगरौली में बनाया जाना है? यदि हाँ, तो कब तक यह कार्य पूरा किया जावेगा? (ख) क्या जिला सत्र न्यायालय सिंगरौली (बैढ़न) द्वारा भवन निर्माण हेतु DPR/PIV द्वारा २४.२७ करोड़ रूपये का प्रस्तुत था? स्वीकृत किया गया है या कब तक स्वीकृति दी जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। निश्चित समयावधि बताया जाना सम्भव नहीं। (ख) जी हाँ। जी नहीं। निश्चित समयावधि बताया जाना सम्भव नहीं।
सेल्समैन की बर्खास्तगी
[सहकारिता]
54. ( क्र. 7650 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था मर्यादित मुरई तहसील पाटन जिला जबलपुर कब प्रारंभ/पंजीकृत की गई? संस्था में गत दस वर्षों में कौन-कौन सेल्समैन पद पर कब-कब तक पदस्थ रहे तथा वर्तमान में कौन-कौन कब से पदस्थ हैं? सूची देवें। (ख) सेवा सहकारी समितियों में कार्यरत सेल्समैन की नियुक्ती का अधिकार किसे है? किन नियमों एवं शर्तों के अधीन इनकी भर्ती की जाती है तथा सेवाकाल में कदाचार के किन आरोपों पर किसके द्वारा इन्हें सेवा से पृथक किया जा सकता है? नियमों की छायाप्रति देवें। (ग) प्रश्नांश में उल्लेखित सेवारत सेल्समैनों में से किस-किस को भारत दंड सहित की किस धारा के अतंर्गत कितने वर्ष की सजा हुई एवं कितना समय उन्होंने कारागार में व्यतीत किया? बतलावें एवं यह भी बतलावें की क्या उल्लेखित कृत्य के कारण प्राथमिक सेवा सहकारी समिति मर्यादित मुरई, तहसील पाटन, जिला जबलपुर द्वारा दिनांक 15.09.2016 को सेवा से पृथक करने का आदेश दिया था? (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर में यदि हाँ, तो सेवा सहकारी समिति के सेल्समैन अनिल कुमार उर्फ छोटा द्वारा दिनांक 01.01.1999 से 24.01.2001 तक कारावास काटने एवं प्रकरण क्रमांक 26/96 धारा 307/34 के तहत् सजा-याफ्ता होकर अपील में चलने के बावजूद अभी तक सेल्समैन के पद पर पदस्थ क्यों है उसे किस प्रकार से कब तक पद से पृथक कर दिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) दिनांक 07.02.1965 को पंजीकृत की गई, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) विक्रेता की नियुक्ति जिला स्तर पर गठित कमेटी जिसमें उप/सहायक आयुक्त सहकारिता अध्यक्ष, संबंधित संस्था का अध्यक्ष सदस्य तथा जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सदस्य सचिव होते हैं। नियुक्ति हेतु नियम शर्तें एवं प्रक्रिया तथा कदाचार के संबंध में कार्यवाही किये जाने के प्रावधानों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) संस्था में पदस्थ विक्रेता श्री अनिल कुमार को भारतीय दंड संहिता की धारा 307/34 के अंतर्गत 5 वर्ष का कारावास एवं रूपये 5,000/- के अर्थदंड से दंडित किया गया था। श्री अनिल कुमार द्वारा एक वर्ष से अधिक की अवधि कारागार में व्यतीत की है। प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था मुरई द्वारा सेवा से पृथक करने का आदेश जारी नहीं किया गया है। (घ) सजा-याफ्ता कर्मचारी श्री अनिल कुमार को मुरई संस्था द्वारा पद से पृथक नहीं करने के कारण उपायुक्त सहकारिता, जिला जबलपुर द्वारा श्री अनिल कुमार की सेवायें समाप्त करने हेतु प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था मुरई को निर्देश दिये गये हैं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विभाग के निर्माण कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
55. ( क्र. 7677 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वित्त वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन भवनों तथा मार्गों के निर्माण की स्वीकृति कब-कब प्रदान की गई? लागत सहित यह बतलावें की उपरोक्त निर्माण कार्य वर्तमान समय में किस स्थिति में है? कितने पूर्ण, कितने अपूर्ण हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित निर्माण कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि से कौन-कौन से निर्माण कार्यों हेतु प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई एवं उसके विरूद्ध प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि व्यय हुई? निर्माण कार्यवार सूची देवें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित निर्माण कार्यों की गुणवत्ता का निरीक्षण कब किसके द्वारा किया गया? निरीक्षण-परीक्षण रिपोर्ट क्या थी? निर्माण कार्यवार बतलावें एवं उल्लेखित निर्माण कार्यों में घटिया गुणवत्ताविहीन निर्माण कार्यों की कौन-कौन सी शिकायतें कब प्राप्त हुई एवं शासन स्तर पर उन पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कितनी लागत से कौन-कौन से मार्गों भवन तथा पुलों के निर्माण की विभाग द्वारा प्रस्तावना है? उल्लेखित निर्माण कार्यों के प्रस्ताव कहाँ किस स्तर पर लंबित हैं तथा इन्हें किस प्रकार से कब तक स्वीकृत कर बजट में शामिल कर निर्माण कार्यों की निविदा आयोजित की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) सड़क निर्माण से संबंधित विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार तथा भवन कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब', 'ब-2' अनुसार है। (ख) सड़क निर्माण से संबंधित विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-।' एवं भवन कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब', 'ब-2' अनुसार है। (ग) सड़क निर्माण से संबंधित विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'ब-1' एवं भवन कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं 'ब-2' अनुसार है। (घ) सिहोरा-मझौली-कटाव मार्ग अनुमानित लंबाई 18.50 कि.मी. (पाटन वि.स. के अंतर्गत लंबाई 12.50 कि.मी.) हेतु निविदा की कार्यवाही प्रचलित है। सेतु निर्माण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
सड़कों का नवीनीकरण
[लोक निर्माण]
56. ( क्र. 7685 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीहोर जिले में विगत 5 वर्षों में फास्ट ट्रैक योजना, केन्द्रीय सड़क निधि और एम.बी.आर. योजना के तहत् कौन-कौन सी सड़कें कितने-कितने किलोमीटर की कितनी-कितनी लागत की किस-किस निर्माण एजेंसियों द्वारा कब-कब बनाई गई? सड़कवार ब्यौरा दें? (ख) क्या विगत 5 वर्षों में फास्ट ट्रैक योजना और केन्द्रीय सड़क निधि से जिले में बनाई गई घटिया किस्म की सड़कें क्षमता से अधिक रेत के डम्परों/ट्रकों आदि के कारण खराब हो गई हैं? उन्हीं सड़कों का नवीनीकरण पुन: एम.बी.आर. योजना के तहत् किया जाना प्रस्तावित है? (ग) यदि हाँ, तो कौन-कौन सी सड़कों का नवीनीकरण किया जाना प्रस्तावित है? इस पर कुल कितनी राशि व्यय होना प्रस्तावित है? (घ) उपरोक्त सड़कों में से कौन-कौन सी सड़कें अनुबंध के अनुसार गारण्टी अवधि की थी? क्या संबंधित निर्माण एजेंसी द्वारा गारण्टी अवधि में क्षतिग्रस्त सड़कों को पुन: मरम्मत करायी गई? यदि नहीं, तो इसके लिए संबंधित अधिकारी/निर्माण एजेंसी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। जी नहीं, मात्र एक मार्ग का पूर्ण निर्माण किया जाना है। (ग) एवं (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
किसानों को अनुदान पर दी जाने वाली सामग्री
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
57. ( क्र. 7692 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में अ.जा./अ.ज.जा. एवं अन्य वर्ग के कृषकों को किन योजनाओं के तहत् कृषि कार्य हेतु कृषि यंत्र/उपकरण दिये जाने का प्रावधान है? योजनावार बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कटनी जिले के अ.जा./अ.ज.जा. एवं अन्य वर्ग के कितने प्रकरण हेतु ऑन-लाइन एवं ऑफ-लाइन पंजीकृत हुये? निर्धारित लक्ष्य अनुरूप कितने प्रकरण किस-किस योजनान्तर्गत स्वीकृत किये गये? स्वीकृत प्रकरणों में कितने यंत्र/उपकरण कृषकों को अनुदान पर उपलब्ध कराये गये? वर्ष 2014-15 से विकासखंण्डवार, वर्षवार, योजनावार पृथक-पृथक संख्या सहित विवरण दें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार ऑन-लाइन एवं ऑफ-लाइन पंजीकृत किन्तु लंबित एवं अस्वीकृत रहने का क्या कारण है? इन प्रकरणों को कब तक स्वीकृत किया जावेगा? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार लंबित प्रकरणों के लिये कौन दोषी है? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) योजनाओं में लक्ष्यानुसार ऑन-लाइन पंजीयन के उपरांत विकासखण्डवार कृषकों के प्रस्तुत आवेदन एवं पात्रता अनुसार प्रकरण स्वीकृत किये गये हैं। जिन कृषकों ने अभिलेख प्रस्तुत नहीं किये हैं, उनके प्रकरण स्वीकृत नहीं किये। शेष कृषकों के ऑन-लाइन पंजीयन है तथा सत्यापन हेतु प्रकरण प्रस्तुत नहीं किये उनके प्रकरण प्राप्त किये जाकर स्वीकृति की कार्यवाही की जा रही है। (घ) ऑन-लाइन पंजीयन में जो प्रकरण प्राप्त नहीं हुए है वही लंबित है। प्रकरण प्राप्त किये जाकर स्वीकृत किये जा रहे है। कार्यवाही का प्रश्न नहीं उठता है।
कृषकों सदस्यों को कर्ज वितरण
[सहकारिता]
58. ( क्र. 7697 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सेवा सहकारी समिति मर्यादित अमरपाटन जिला सतना द्वारा वित्तीय वर्ष २०१४-१५ एवं २०१५-१६ में कृषक सदस्यों को कर्ज का वितरण किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो वर्गवार कितने कृषकों को कितना-कितना कर्ज वितरित किया गया है? (ग) क्या समिति अमरपाटन के तत्कालीन प्रबंधक ने शाखा पर्यवेक्षक एवं शाखा प्रबंधक से मिलीभगत करने कालातीत ऋणी सदस्यों को भी वर्ष २०१४-१५ एवं २०१५-१६ में कर्ज का वितरण किया है? यदि हाँ, तो कितने सदस्यों को कितना कर्ज नियम के विरूद्ध २०१४-१५ एवं २०१५-१६ में वितरित किया गया है? (घ) नियम विरूद्ध कर्ज वितरण के लिए कौन-कौन दोषी है और उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्तमान समिति प्रबंधक को संस्था अमरपाटन का अभिलेख प्रभार में प्राप्त न होने से कर्ज वितरण की वास्तविक जानकारी प्राप्त नहीं हुई है, परन्तु जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या., सतना की शाखा अमरपाटन से प्राप्त ब्याज अनुदान पत्रक के आधार पर समिति अमरपाटन द्वारा वितरित किये गये ऋण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रकरण में उपायुक्त सहकारिता, जिला सतना द्वारा जाँच हेतु दल का गठन किया गया है। शेष जाँच निष्कर्षाधीन। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार।
समितिवार कर्ज एवं खाद्यान्न वितरण
[सहकारिता]
59. ( क्र. 7698 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में कितनी सेवा सहकारी समितियां कार्यशील हैं? (ख) उक्त समितियों पर क्या कैश क्रेडिट खाद्यान्न एवं खाद्य कर्ज दिनांक 31.03.2016 की स्थिति में बकाया है? (ग) यदि हाँ, तो समितिवार दिनांक 31.03.2016 पर बकाया खाद्यान्न एवं खाद कर्ज की कितनी-कितनी राशि शेष है और उसके विरूद्ध समितियों में दिनांक 31.03.2016 पर कितना-कितना स्कंध खाद्यान्न एवं खाद का शेष था? विवरण समितिवार देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में कवरेज में कमी के लिए कौन-कौन दोषी है? जानकारी समितिवार देवें और उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) 113 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियां। (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। दोषी कर्मचारियों के विरूद्ध राशि जमा करने हेतु जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित छतरपुर द्वारा सूचना पत्र जारी किये गये हैं।
सहायक समिति प्रबंधकों की नियुक्ति
[सहकारिता]
60. ( क्र. 7704 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के सेवा सहकारी समितियों में सहायक प्रबंधक के पद पर कब किसकी नियुक्ति किस सेवा नियम के तहत् की गई है? क्या जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को सहायक समिति प्रबंधक को नियुक्त करने का अधिकार है? यदि हाँ, तो नियम की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के सहायक समिति प्रबंधक की नियुक्ति का जिला उपायुक्त या आयुक्त सहकारिता से अनुमति/स्वीकृति प्राप्त की गई है? यदि हाँ, तो अनुमति की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) यदि हाँ, तो इस तरह अनियमित नियम विरूद्ध नियुक्त सहायक समिति प्रबंधकों के कार्यों को क्या सही माना जायेगा और अनियमित रूप से उनके वेतन भुगतान करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कब क्या कार्यवाही की जायेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कृषकों को बीमा लाभ
[सहकारिता]
61. ( क्र. 7705 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के नागौद विधान सभा क्षेत्र एवं कटनी जिले के विधान सभा क्षेत्र विजयराघवगढ़ के अंतर्गत कितने कृषकों द्वारा वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक रबी एवं खरीफ ऋतु में किन-किन फसलों का बीमा कराकर कितना-कितना प्रीमियम जमा किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कितने कृषकों को फसल बीमा का लाभ दिया गया? कृषक संख्यावार, राशिवार विवरण दें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में फसल बीमा राशि जिन कृषकों द्वारा जमा की गई है, उनमें से कितने कृषकों के बीमा क्लेम का भुगतान नहीं किया गया एवं क्यों? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में कौन दोषी है? उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) नागौद विधानसभा क्षेत्र की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार एवं विजयराघवगढ़ विधानसभा क्षेत्र की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) नागौद विधानसभा क्षेत्र की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार एवं विजयराघवगढ़ विधानसभा क्षेत्र की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) नागौद विधानसभा क्षेत्र की प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था बाबूपुर में खरीफ 2015 के बीमा क्लेम की राशि 268 कृषकों की बीमा कंपनी से प्राप्त हुई है, परन्तु संस्था का अभिलेख पूर्व समिति प्रबंधक से प्राप्त नहीं होने से कृषकों के खातों में जमा/समायोजन नहीं किया गया है। विजयराघवगढ़ विधानसभा क्षेत्र में खरीफ 2015 के 494 कृषकों को निर्धारित मापदंड के अंतर्गत पात्रता नहीं होने से बीमा क्लेम प्राप्त नहीं हुआ। (घ) प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था बाबूपुर के पूर्व समिति प्रबंधक श्री रामलोटन तिवारी दोषी है, श्री तिवारी एक अन्य प्रकरण में निलंबित है। श्री तिवारी के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराने के निर्देश दिये गये हैं।
सिंचाई की जानकारी
[जल संसाधन]
62. ( क्र. 7717 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डिण्डौरी जिले में वर्ष २०१४-१५ एवं २०१५-१६ में कौन-कौन से बांध से रबी, खरीफ की फसलों में कितनी सिंचाई हुई? कितने कृषकों ने कितने-कितने रकबा में सिंचाई की? कृषकों ने कितनी-कितनी राशि जमा की? कृषकों ने राशि नगद दी या बैंक में जमा की कृषकों से राशि लेने का क्या प्रावधान है? (ख) डिण्डौरी जिले में कौन-कौन से बांध डायवर्सन से सिंचाई नहीं हो रही है? सिंचाई नहीं होने के क्या कारण हैं? इसके लिये कौन दोषी है? कब तक सिंचाई होगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
गायमुख टैंक एवं लूद जलाशय से सिंचाई
[जल संसाधन]
63. ( क्र. 7723 ) श्री संजय उइके : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले की बैहर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत गायमुख टैंक एवं लूद जलाशय का कार्य कब पूरा किया गया? कितनी लागत लगी एवं कितनी सिंचाई क्षमता का बनाया गया? (ख) क्या लूद जलाशय एवं गायमुख टैंक से क्षमता से कम सिंचाई हो रही है, तो क्या कारण है? (ग) उक्त जलाशयों से कब-तक कृषकों को सिंचाई क्षमता के अनुसार पानी उपलब्ध कराया जायेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) लूद जलाशय के नहर का निर्माण नाबार्ड मद के अंतर्गत कुल लम्बाई 3480 मीटर में प्रस्तावित थी, परन्तु नाबार्ड योजना दिसम्बर 2010 में बंद होने के कारण नहर का निर्माण कार्य केवल 2250 मीटर तक ही किया गया। जिससे सिंचाई क्षमता 82 हेक्टर ही निर्मित हो सकी। नहर का विधिवत् संधारण न होने के कारण 82 हेक्टर के विरूद्ध भी मात्र 35 हेक्टर में सिंचाई किया जाना प्रतिवेदित है। गायमुख जलाशय के कमांड क्षेत्र में भूमि अत्यधिक असमतल होने के कारण लगभग 50 प्रतिशत भूमि में कृषकों द्वारा नहर से पानी लिफ्ट करके ही सिंचाई की जा सकती है। शेष क्षेत्र में बहाव से सिंचाई हो रही है। (ग) दोनों जलाशयों से कृषकों की मांग अनुसार क्षमता अनुरूप पानी उपलब्ध कराया जाएगा।
समितियों की राशि वसूली
[सहकारिता]
64. ( क्र. 7726 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि. अता. संख्या प्रश्न संख्या-148 (क्रं. 5209) दिनांक 10.03.2016 के उत्तर में समितिवार की गयी जानकारी में जिनकी विरूद्ध कार्यवाही एवं एफ.आई.आर. का आश्वासन दिया गया है, उनके विरूद्ध प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? कृत कार्यवाहियों की प्रतियों के साथ जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि हाँ, तो बताएँ कि उक्त समितियों के अधिकारियों/कर्मचारियों की बकाया राशि कब तक वसूल कर शासन के खजाने में जमा कराकर तथा जमा न करने की स्थिति में चल/अचल सम्पत्ति को कुर्क कराकर उससे प्राप्त राशि से वसूली कब तक करा ली जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में त्वरित कार्यवाही न करने के लिये कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार है? उन अधिकारियों के विरूद्ध कौन सी दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भवनों, सड़कों एवं पुल-पुलियाओं की जानकारी
[लोक निर्माण]
65. ( क्र. 7743 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम जिला अन्तर्गत जावरा विधानसभा क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग के अन्तर्गत विभाग की जिम्मेदारियों के अन्तर्गत कितने भवन, कितनी सड़कें एवं कितनी पुल-पुलियाएं हैं? संस्था एवं स्थान की जानकारी भवनों, मार्गों एवं पुल-पुलियाओं के स्थान सहित पूर्ण जानकारी दें? (ख) क्या विभागीय जिम्मेदारी अन्तर्गत इनकी समय-समय पर मरम्मत, रख-रखाव एवं नवीन निर्माण कार्य भी किये जाते हैं, तो वर्ष 2012-13 से लेकर प्रश्न दिनांक तक उल्लेखित कार्यों हेतु कितना-कितना बजट प्राप्त होकर कितना-कितना व्यय हुआ? (ग) अवगत कराएं कि उक्त वर्षों में स्वीकृत बजट के माध्यम से किन-किन स्थानों पर किस-किस प्रकार के कार्य स्वीकृत होकर किये गये? कितने कार्य पूर्ण हुए, कितने अपूर्ण रहे एवं कितने कार्य प्रगति पर हैं? (घ) साथ ही बताएं कि अनेक सड़कें प्रधानमंत्री सड़क योजना अंतर्गत आने से लोक निर्माण विभाग के अन्तर्गत आने वाली सड़कों की संख्या बुक पर कम होती जा रही है, तो क्या विभाग ग्रामीण क्षेत्रों के आवागमन की अन्य मुख्य सड़कों, पुल-पुलियाओं इत्यादि को अपनी विभागीय बुक पर लेकर जन आवश्यकताओं की पूर्ति की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1', 'अ-2' एवं '1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1', 'अ-2', 'ब' एवं 'स' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1', 'अ-2' तथा 'स' अनुसार है। (घ) वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
योजनाओं एवं प्रस्तावित कार्यों की जानकारी
[जल संसाधन]
66. ( क्र. 7744 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जावरा विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत शासन/विभाग किन-किन स्थानों पर डेम एवं तालाब होकर उनके माध्यम से कितनी भूमि की सिंचाई की जा रही है तथा इनके रख-रखाव, मरम्मत एवं उन्नयन के कार्यों हेतु क्या-क्या किया जा रहा है? (ख) वर्ष 2012-13 से लेकर प्रश्न दिनांक तक विभागीय अन्तर्गत आने वाले कितने स्थानों पर सिंचाई नहर समितियां गठित होकर उनकी कितनी बैंठकें किस-किस दिनांक को किस की उपस्थिति में किन-किन स्थानों पर की गई? (ग) साथ ही बताएं कि उपरोक्त वर्षों में उक्त कार्यों को किये जाने हेतु शासन/विभाग को कितना बजट प्राप्त होकर क्या-क्या कार्य किसकी अनुमति से किये गये? इनका भौतिक सत्यापन भी किया गया, तो कब-कब एवं किस प्रकार? (घ) कार्यरत सिंचाई सुविधाओं की व्यवस्थाओं के अतिरिक्त मांग अनुसार किन-किन स्थानों के तालाब निर्माण एवं छोटे-बड़े डेम निर्माण किये जाने के स्थान चिन्हित किये जाकर उन प्रस्तावों पर साध्यता होने डी.पी.आर. बनाई जाने एवं अपलोड किये जाने के पश्चात् किन-किन प्रस्तावों पर क्या-क्या कार्यवाही हुई?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जावरा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत 13 तालाब/बैराज निर्मित हैं। जिनसे 5,616 हेक्टर क्षेत्र में सिंचाई की जा रही है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-1'' अनुसार है। इन परियोजनाओं के रख-रखाव एवं मरम्मत के कार्य वार्षिक मरम्मत अंतर्गत समय-समय पर आवश्यकतानुसार कराये जाते हैं। परियोजनाओं के उन्नयन कराने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ख) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-2'' अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन वर्षों में प्राप्त बजट का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-3'' अनुसार है। आवश्यकतानुसार नहर साफ-सफाई एवं सुधार कार्य कार्यपालन यंत्री एवं जल उपभोक्ता संथा अध्यक्ष के मध्य अनुबंध के पश्चात् संथाओं द्वारा कराए गए हैं, जिनका भौतिक सत्यापन संबंधित उपयंत्री द्वारा किया जाना प्रतिवेदित है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-4'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-5, 6 एवं 7'' अनुसार है। परियोजनाओं की स्वीकृति उनकी तकनीकी एवं वित्तीय मापदण्ड पर निर्भर होती है।
संचालित सिंचाई योजना
[जल संसाधन]
67. ( क्र. 7750 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला ग्वालियर अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र भितरवार में कितने वृहद/मध्यम/लघु सिंचाई की योजनाएं संचालित हैं? नाम सहित जानकारी उपलब्ध कराएं। साथ ही इस क्षेत्र में क्या कोई नई सिंचाई परियोजना स्थापित करने संबंधी प्रस्ताव विचाराधीन है? यदि हाँ, तो बतावें? (ख) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में सिंचाई हेतु कितने तालाब हैं? सूची दें। उनमें से कौन-कौन से क्षतिग्रस्त हैं? क्या उनकी मरम्मत हेतु कोई कार्य योजना बनाई गई है? यदि हाँ, तो अवगत करावें। हिम्मतगढ़ तालाब, जिसमें पानी के अभाव में इस तालाब से होने वाली सिंचाई क्षेत्र में विगत 12-15 वर्षों से पानी न भरने के कारण इस क्षेत्र की फसलें असिंचित रह रही हैं? यदि हाँ, तो क्या सिंचाई विभाग इस तालाब में पानी भरने के लिए अपर ककेटो, ककेटो एवं पेहसारी से तालाब भरने की कोई योजना बना रहा है? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्या इस तालाब क्षेत्र की फसलों के लिए सिंचाई की कोई अन्य वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है? यदि हाँ, तो क्या और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) विभाग द्वारा सिंचाई हेतु भितरवार विधानसभा क्षेत्र में कितनी नहरें एवं उनकी डिस्ट्रीब्यूटरियों का सीमेन्टीकरण कर दिया गया है और कितनी नहरें एवं उनकी डिस्ट्रीब्यूटरियां सीमेन्टीकरण होने से वंचित रह गई हैं? उनके सीमेन्टीकरण के लिये विभाग द्वारा कोई कार्ययोजना बनाई गई है? 1 जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक तक सीमेन्टीकरण एवं तालाबों के मरम्मतीकरण हेतु कितनी राशि व्यय की गई है? किए गए कार्य का अलग-अलग भौतिक तथा वित्तीय स्थिति का पृथक-पृथक विवरण दें।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। विधानसभा क्षेत्र भितरवार अंतर्गत कोई नई सिंचाई परियोजना प्रस्तावित अथवा विचाराधीन नहीं है। (ख) विधानसभा क्षेत्र भितरवार अंतर्गत तालाबों की सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है तथा क्षतिग्रस्त बांधों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। जी नहीं। विभाग में जलाशयों के मरम्मत एवं रख-रखाव कराने की व्यवस्था है। अवर्षा के कारण हिम्मतगढ़ तालाब में पूर्ण जलभराव नहीं हो सका है। विगत कई वर्षों से मान. उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर के आदेशानुसार अपर ककेटो, ककेटो एवं पेहसारी बांध के पानी को ग्वालियर शहर की पेय-जल आपूर्ति हेतु संरक्षित किए जाने के कारण हिम्मतगढ़ तालाब को उक्त बांधों से पानी उपलब्ध कराना संभव नहीं है। हिम्मतगढ़ तालाब के कमांड क्षेत्र की सिंचाई के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था किया जाना वर्तमान में तकनीकी रूप से संभव नहीं है। (ग) भितरवार क्षेत्र अंतर्गत दो-आब नहर प्रणाली के सीमेंटीकरण का कार्य नहीं कराया गया है। हरसी उच्च स्तरीय नहर की आर.डी. कि.मी. 0 से 71.38 कि.मी. के मध्य मुख्य नहर/डिस्ट्रीब्यूटरियों के सीमेंटीकरण का कार्य पूर्ण करा लिया जाना प्रतिवेदित है, जिस पर रू. 4896.00 लाख व्यय किया गया है। हरसी नहर प्रणाली के सुदृढ़ीकरण का शेष कार्य की स्वीकृति प्रक्रियाधीन है। दिनांक 01.01.2015 से प्रश्न दिनांक तक तालाबों की मरम्मत पर कोई राशि व्यय नहीं की जाना प्रतिवेदित है। हरसी उच्च स्तरीय नहर प्रणाली के अतिरिक्त अन्य किसी परियोजना में नहरों की लाईनिंग भी नहीं कराया जाना प्रतिवेदित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते।
मण्डी निधि से सड़कों की स्वीकृति
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
68. ( क्र. 7755 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड की संचालक मंडल की बैठक दिनांक २३.२.२०१६ में किन-किन जिलों की सड़कों के लिए मंडी बोर्ड निधि से स्वीकृति जारी की गई? (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत सड़कों की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति किन-किन आदेशों से जारी की गई? स्वीकृत की गई सड़कों का विवरण एवं स्वीकृत की गई की राशि की जानकारी देवें? (ग) उपरोक्त स्वीकृत कार्यों में से कितनी सड़कों के कार्य प्रारंभ करा दिये गये एवं कितनी सड़कों के कार्य अभी तक प्रारंभ नहीं किये गये? (घ) क्या अप्रारंभ कार्यों की निविदा संबंधी कार्यवाही पूर्ण हो चुकी है? यदि हाँ, तो कार्य आदेश कब तक जारी होंगे? अभी तक कार्य आदेश न किये जाने के क्या कारण हैं? (ड.) किसी कारण से कार्य प्रारंभ नहीं किये गये, तो क्या कारण हैं? अन्य कार्य जो प्रारंभ हो गये हैं उन पर यह कारण लागू नहीं होगा? यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रश्नागत संचालक मण्डल की बैठक दिनांक 23.02.2016 में लिये गये निर्णय के अनुक्रम में क्रमश: रीवा, बालाघाट एवं नरसिंहपुर जिलों के अंतर्गत सड़कों की बोर्ड निधि से स्वीकृति जारी की गई। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी उत्तरांश "ख" में संलग्न परिशिष्ट के कॉलम क्र. 8 अनुसार है। (घ) नरसिंहपुर जिले के अंतर्गत स्वीकृत सड़क कार्य डमरूघाटी से प्रधानमंत्री सड़क तक की निविदाएं प्राप्त हो गई है, निर्णय की कार्यवाही विचाराधीन है, अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड़) उत्तरांश (घ) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
निर्माणाधीन सड़क की जानकारी
[लोक निर्माण]
69. ( क्र. 7756 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दुलहरा पिपरिया मार्ग से जैतहरी पहुँच मार्ग की लंबाई कितनी है तथा उक्त सड़क की प्रशासकीय स्वीकृति कब तक प्राप्त हुई है? स्वीकृत राशि के विरूद्ध कितनी राशि खर्च की जा चुकी है? संविदाकार का नाम विवरण सहित देवें। (ख) क्या उक्त सड़क प्राईवेट (निजी) भूमि पर बनी है? यदि हाँ, तो प्रभावित किसानों का नाम बतावें? सड़क निर्माण के पूर्व प्रभावित किसानों से सहमति ली गई थी? यदि हाँ, तो जानकारी प्रदान करें? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) वर्णित सड़क निर्माण में कब तक समय लगेगा? निर्माण न होने का कारण क्या है? शासकीय राशि दुरूपयोग करने पर विभाग कोई कार्यवाही करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) प्रश्नाधीन मार्ग लोक निर्माण विभाग की किसी भी योजना में स्वीकृति हेतु प्रस्तावित नहीं, अत: लंबाई एवं स्वीकृति की जानकारी वर्तमान में दिया जाना संभव नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) उत्तरांश (क) अनुसार।
पदस्थ अधिकारियों को सौंपे गये कार्य एवं जाँच की कार्यवाही
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
70. ( क्र. 7757 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर में उप संचालक कृषि के पद पर पदस्थ अधिकारी को उक्त पद के अतिरिक्त अन्य कौन-कौन से कार्य जिला स्तर पर सौंपा गया है? वर्ष २०१४ से अब तक का विवरण प्रदान करें। (ख) क्या उक्त अधिकारी के विरूद्ध किसी प्रकार की शिकायत शासन स्तर पर लंबित है? यदि हाँ, तो अब तक क्या कार्यवाही हुई है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जिला अनूपपुर में वर्ष 2014 से अब तक उप संचालक कृषि के पद पर पदस्थ अधिकारियों एवं उन्हें सौंपे गये कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में दिये गये संलग्न परिशिष्ट में श्री आशीष पाण्डे, उप संचालक कृषि आत्मा परियोजना शहडोल के विरूद्ध शिकायत प्राप्त हुई। उक्त शिकायत की जाँच के लिये संयुक्त संचालक कृषि शहडोल को जाँच अधिकारी नियुक्त किया गया है। जाँच की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
गबन की जाँच
[सहकारिता]
71. ( क्र. 7764 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके, श्री रामप्यारे कुलस्ते : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले की आदिम जाति सेवा सहकारिता समिति सालेटकरी पंजीयन क्रमांक 102/64 में पदस्थ लिपिक श्री सी.एल. मानेश्वर द्वारा खातेदार सुखु वल्द बिसराम जाति बैगा निवासी मधुरदा की मृत्यु उपरांत उसके खाते से निकासी फार्म पर फर्जी अंगूठा लगाकर बांस बोनस की राशि 4500 रूपये का आहरण कर गबन किया गया? (ख) यदि हाँ, तो संबंधित लिपिक द्वारा अभिलेखों में कांट-छांट एवं गबन के लिए श्री सी.एल. मानेश्वर को निलंबित किया गया है? (ग) संचालक मण्डल द्वारा प्रस्ताव पारित कर प्रबंधक को प्रथम सूचना रिपोर्ट हेतु अधिकृत किया गया है, तो प्रबंधक द्वारा थाने में प्रथम सूचना रिपोर्ट की गई है या नहीं? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी एवं रिपोर्ट नहीं करने का कारण बतावें? (घ) इस गबन प्रकरण की जाँच किनके द्वारा की गई एवं क्या जाँच अधिकारियों के द्वारा लिपिक को बचाने हेतु समस्त दस्तावेजों में कांट-छांट की गई है एवं सुखु वल्द बिसराम की जगह दैनिक स्क्राल में अपने भाई उमाशंकर/प्रितम मानेश्वर का नाम लिखा है?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सहकारी समितियों का संचालन एवं कार्यवाही
[सहकारिता]
72. ( क्र. 7779 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में कौन-कौन प्राथमिक उपभोक्ता सहकारी भंडार, विपणन सहकारी समितियां एवं प्राथमिक कृषि-साख सहकारी समितियां कहाँ-कहाँ कार्यरत हैं? इनके कार्यक्षेत्र एवं कार्य क्या हैं? संचालक मंडल के सदस्यों एवं कार्यरत कर्मचारियों के नाम, पदनाम सहित वर्ष-2010-11 से समितिवार बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) वर्ष 2010-11 से किन-किन समितियों एवं समितियों के कौन-कौन पदाधिकारियों तथा किन-किन कर्मचारियों पर किन अनियमितताओं के चलते क्या-क्या जाँच एवं कार्यवाही की गयी एवं वर्तमान में कौन-कौन जाँच एवं कार्यवाही प्रचलित है और कितनी-कितनी राशि की वसूली किन-किन आदेशों से कब-कब अधिरोपित की गयी थी? क्या राशि जमा करने की समयावधि निश्चित थी? हाँ, तो विवरण देवें? नहीं, तो कारण बतायें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनियमितताओं की जाँच किन-किन प्रकरणों में किन शासकीय सेवकों द्वारा कब से की जा रही है एवं जाँच की कार्यवाही कब तक पूर्ण की जायेगी? (घ) प्रश्नांश (ख) की किन-किन समितियों के किन पदाधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा अधिरोपित राशि कब-कब, कितनी-कितनी जमा की गयी एवं किन पदाधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा अधिरोपित राशि किन कारणों से अब तक जमा नहीं की गयी? क्या शेष राशि की वसूली के लिये प्रश्न दिनांक तक कार्यवाही की गयी? हाँ, तो विवरण देवें। नहीं, तो क्यों? (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) अनियमितताओं की जाँच एवं कार्यवाही में जानबूझकर विलंब करने और अधिरोपित राशि की वसूली लंबे समय से लंबित रखने का कौन-कौन जिम्मेदार है? क्या इसका संज्ञान लेते हुए शीघ्रता से कार्यवाही करने एवं नियत अवधि में राशि जमा वसूली के निर्देश दिये जायेंगे? हाँ, तो कब तक? नहीं, तो कारण बतायें।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) कटनी जिले में कार्यरत प्राथमिक उपभोक्ता सहकारी भण्डार, विपणन सहकारी समिति एवं प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियाँ इनके कार्यक्षेत्र एवं कार्य का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 (1), 1 (2), 1 (3) अनुसार है। वर्ष 2010-11 से उक्त समितियों में कार्यरत संचालक मण्डल के सदस्यों एवं कार्यरत कर्मचारियों के नाम पदनाम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 (1), 2 (2), 2 (3) एवं 3 (1), 3 (2), 3 (3) अनुसार है। (ख) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 04 एवं 05 अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 04 एवं 05 अनुसार है। निर्देश जारी किये गये हैं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विभागीय योजनाओं का अशासकीय संस्थाओं द्वारा संचालन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
73. ( क्र. 7780 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में कृषि विभाग की आत्मा योजनान्तर्गत गतिविधियों का संचालन/क्रियान्वयन अशासकीय संस्थाओं के द्वारा कराया जाता है? यदि हाँ, तो इसके लिये शासन के मार्गदर्शी निर्देश क्या है और जिले में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक किन अशासकीय संस्थाओं द्वारा योजनाओं/कार्यक्रमों गतिविधियों का आयोजन किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत् अशासकीय संस्थाओं द्वारा आयोजित गतिविधियों/कार्यक्रमों हेतु वर्षवार कितना बजट/राशि का आवंटन प्राप्त हुआ और कितनी राशि का भुगतान संस्थाओं को किस प्रकार (चैक/नगद) किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) के तहत् अशासकीय संस्थाओं द्वारा आयोजित गतिविधियों/कार्यक्रमों का किन शासकीय सेवकों द्वारा सत्यापन किया गया? क्या प्रतिवेदन दिये गये? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) व्यय की गई राशि के अनुपात में कटनी जिले के कृषि क्षेत्र में कृषकों को क्या लाभ हुआ एवं क्या यह निर्धारित मानकों के अनुरूप था? यदि हाँ, तो किस प्रकार? यदि नहीं, तो क्या कार्यवाही की जायेगी? (ड.) कटनी जिले में वर्ष 2014-15 से अब तक कृषि विभाग को कहाँ-कहाँ कितनी भूमि शासन द्वारा आवंटित की है? क्या वर्तमान में भूमि का उपयोग किया जा रहा है? यदि हाँ, तो किस कार्य में यदि नहीं, तो क्यों एवं आगामी समय में भूमि उपयोग की क्या योजना है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। मार्गदर्शी निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। योजनाओं/कार्यक्रमों/गतिविधियों जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (घ) आत्मा योजनांतर्गत विस्तार गतिविधियों के आयोजन से कृषकों के तकनीकी ज्ञान में वृद्धि हुई है। जिसका प्रभाव समग्र रूप से फसल उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि हुई है। शेष का प्रश्न नहीं है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। जी हाँ। भूमि का वर्तमान में मृदा परीक्षण प्रयोगशाला के रूप में उपयोग किया जा रहा है एवं आगामी समय में भी इसका उपयोग किया जाता रहेगा।
फसल बीमा योजना की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
74. ( क्र. 7786 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना क्या सभी जिलों में लागू कर दी गई है? यदि हाँ, तो कब से? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना में शाजापुर जिले में कौन-कौन सी फसलों को नोटिफिकेशन में सम्मिलित किया गया है? मसूर की फसल को क्यों सम्मिलित नहीं किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना में किस-किस प्रकार के नुकसान को प्राकृतिक आपदा में सम्मिलित किया गया है? क्या कोहरे अथवा ठण्ड से हुए नुकसान को प्राकृतिक आपदा माना गया है? यदि नहीं, तो, क्या राज्य सरकार द्वारा कोहरे अथवा ठण्ड से हुए नुकसान को प्राकृतिक आपदा में सम्मिलित करने के लिए कोई कार्यवाही की गई है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना खरीफ वर्ष 2016 से लागू है। (ख) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत जिला शाजापुर में मौसम खरीफ में सोयाबीन पटवारी हल्का स्तर पर एवं उड़द जिला स्तर पर तथा मौसम रबी में गेहूँ व चना पटवारी हल्का स्तर पर तथा मसूर फसल जिला स्तर पर अधिसूचित है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। योजना के प्रावधान केन्द्र शासन द्वारा तय किये गये हैं। तदानुसार राज्य सरकार द्वारा क्रियान्वयन किया जा रहा है।
सामग्री सप्लाय में अनियमितता
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
75. ( क्र. 7801 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में कृषि विभाग में 1 जनवरी 2015 के बाद कितनी निजी कम्पनियों ने शासन की कितनी सब्सिडी वाली पाइप-लाइन ड्रिप सामग्री कृषकों को किन जिलों में प्रदाय की व्यय राशि सहित बतावें? (ख) उक्त अवधि में क्या संभाग द्वारा हितग्राही को सामग्री उपलब्ध कराने हेतु निजी कम्पनियों के लिये विज्ञप्ती जारी कि गई थी? यदि हाँ, तो किस-किस समाचार पत्र में कब-कब? (ग) प्रश्न दिनांक तक जैन इरिगेशन सिस्टम लिमिटेड जलगांव, महाराष्ट्र द्वारा 1 जनवरी, 2015 से लेकर प्रश्न दिनांक तक कुल कितनी राशि की सब्सिडी दी गई है? जिलेवार जानकारी देवें। (घ) क्या मंदसौर, रतलाम, नीमच जिलों में जैन इरिगेशन अधिकारियों की लापरवाही के चलते विभाग में सामग्री वितरण में लगातार अनियमितता कर कृषकों को ज्यादा मूल्य में पाइप-लाइन, ड्रिप इरिगेशन एवं अन्य निम्न स्तर की सामग्री प्रदान कर रहा है? इसकी कितनी शिकायत उक्त जिलों में प्राप्त हुई एवं उन पर क्या कार्यवाही की गई बतायें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) उज्जैन संभाग में 1 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक किसी भी जिले में निजी कंपनियों द्वारा अनुदान वाली सामग्री कृषकों को वितरित नहीं की गई। (ख) उत्तरांश (क) के संदर्भ में निरंक। (ग) उज्जैन संभाग में 1 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक जैन इरिगेशन सिस्टम लिमिटेड जलगांव महाराष्ट्र को किसी भी प्रकार की राशि की सब्सिडी नहीं दी गई। (घ) उत्तरांश (ग) के संदर्भ में निरंक।
अनाज व्यापारियों के प्रतिष्ठान/गोदाम का निरीक्षण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
76. ( क्र. 7803 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2014 के बाद उज्जैन, इंदौर संभाग में किन-किन मंडी अधिकारियों ने, किस-किस अनाज व्यापारी, निजी मंडियों पर अनियमितता को लेकर छापे मारे? इनमें किस-किस प्रकार की अनियमितता कहाँ-कहाँ पाई गयी? उन पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) उपरोक्त अवधि में उपरोक्त संभाग की मंडियों में कुल आय हुई, उक्त अवधि में किन-किन मंडियों ने, विभिन्न मंडी सुविधाओं के लिए, कितनी-कितनी राशी खर्च की? (ग) उपरोक्त संभाग की मंडियों में उक्त अवधि में कितने-कितने इलेक्ट्रॉनिक तौल कांटे मंडी बोर्ड द्वारा लगाए गए? इनमें कितने कांटे कार्य कर रहे हैं कितने खराब हैं, कितने काँटों का उक्त अवधि में नाप तौल विभाग द्वारा कब-कब सत्यापन किया गया? (घ) उक्त मंडियों में किसानों के द्वारा कम तौलने की कितनी-कितनी शिकायत, कितने कृषकों से कहाँ-कहाँ प्राप्त हुई, उस पर बोर्ड द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रश्नांश (क) अनुसार उज्जैन, इंदौर संभाग अंतर्गत मंडी समितियों में 01 जनवरी 2014 के बाद अनाज व्यापारियों के प्रतिष्ठान/गोदाम पर निरीक्षण की कार्यवाही की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) उपरोक्त अवधि में उज्जैन तथा इंदौर संभाग अंतर्गत मंडी समितियों की कुल आय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है एवं उक्त संभागों की मंडियों में विभिन्न सुविधाओं के लिये खर्च राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) उक्त अवधि में उज्जैन संभाग की मंडियों में इलेक्ट्रॉनिक तौल कांटे लगाये गये, क्रियाशील तथा अक्रियाशील एवं सत्यापन संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। इंदौर संभाग की मंडियों में उक्त अवधि में इलेक्ट्रॉनिक तौल कांटे स्थापित नहीं किये गये। उक्त संभाग के संबंध में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उज्जैन इंदौर संभाग अंतर्गत मंडी समितियों में किसानों के द्वारा कम तौलने की शिकायत एवं कार्यवाही की स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है।
वृहत्ताकार सहकारी समिति की बैठक
[सहकारिता]
77. ( क्र. 7808 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वृहत्ताकार सहकारी समिति नौगाँव जिला छतरपुर का वर्तमान संचालक मंडल कब से कार्यरत हैं? कौन–कौन किस पद पर हैं? नाम एवं पता सहित जानकारी प्रदाय करें। संचालक मंडल के कार्य एवं अधिकार क्या हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में संचालक मंडल के गठन उपरांत प्रश्न दिनांक तक संचालक मंडल की कितनी बैठकें आहूत की गई? विगत 05 वर्षों से प्रश्न दिनांक तक आहूत की गई प्रत्येक बैठक की सूचना, बैठक एजेंडा की दिनांक एवं कार्यवाही विवरण की दिनांक की जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में क्या संचालक मंडल के किसी सदस्य ने उप पंजीयक छतरपुर को समिति की अनियमितताओं की शिकायत की थी? यदि हाँ, तो क्या शिकायत थी? क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या संचालक मंडल के सामान्य नियमों की अवहेलना होना या नियमों का पालन ना होना पाया जाता है, तो क्या मंत्री महोदय संचालक मंडल को भंग करने की कार्यवाही करेंगे?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वृहत्ताकार सहकारी समिति की जानकारी
[सहकारिता]
78. ( क्र. 7809 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वृहत्ताकार सहकारी समिति नौगाँव जिला छतरपुर का कार्य क्षेत्र कितना है? इसमें कितने गाँव सम्मिलित हैं? यह समिति किस प्रकार के कार्य करने हेतु अधिकृत है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में वृहत्ताकार सहकारी समिति नौगाँव जिला छतरपुर में गत 05 वर्षों में कौन–कौन समिति प्रबंधक के पद पर पदस्थ रहे? उनके नाम, मानदेय एवं कालावधि क्या रही? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में वृहत्ताकार सहकारी समिति नौगाँव जिला छतरपुर ने विगत 05 वर्षों में कितने ऋण माफी के प्रकरण बनाए, कितने ऋण माफ किए? जिनके ऋण माफ किए गये उनके नाम, पता, राशि एवं वर्ष की जानकारी प्रदाय करें। ऋण माफी के समय समिति प्रबंधक कौन थे?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) संस्था का कार्यक्षेत्र नौगांव के आस-पास के कुल 29 ग्राम तक सीमित है। संस्था का उद्देश्य अपने सदस्यों को कृषि कार्य हेतु नगद एवं वस्तु ऋण उपलब्ध कराने के साथ-साथ खाद, बीज उपलब्ध कराना, सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकान का संचालन, उपार्जन का कार्य करना आदि है। (ख) वृहत्ताकार सहकारी समिति मर्यादित, नौगांव में गत पाँच वर्षों से श्री अयोध्या प्रसाद मिश्रा समिति प्रबंधक के पद पर पदस्थ है। श्री मिश्रा को माह जून 2016 तक रूपये 8,000/- प्रतिमाह तथा जुलाई 2016 से वर्तमान तक रूपये 12,500/- प्रतिमाह वेतन भुगतान किया जा रहा है। भुगतान किये गये वेतन के संबंध में कर्मचारी सेवा नियम के प्रावधानों के अंतर्गत पंजीयक से अनुमति नहीं ली गई है, अधिक भुगतान किये गये वेतन की वसूली के निर्देश उप आयुक्त सहकारिता जिला छतरपुर द्वारा संस्था को दिये गये हैं। (ग) गत पाँच वर्षों में न तो ऋण माफी का प्रकरण बनाया गया है और न ही किसी सदस्य का ऋण माफ किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सड़क मुआवजे की जानकारी
[लोक निर्माण]
79. ( क्र. 7812 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीहोर जिले के बुधनी से खातेगांव तक बनाई गई सड़क शासन द्वारा किस योजना के तहत् निर्मित है? उक्त सड़क का निर्माण किस कंपनी द्वारा किया गया है और सड़क की कुल लागत कितनी है? (ख) क्या उक्त सड़क के निर्माण में किसानों की भूमि अधिग्रहीत की गई है? यदि हाँ, तो बुधनी, रेहटी और नसरूल्लागंज के कितने किसानों के कितनी कितनी भूमि किस वर्ष में अधिग्रहीत की गई? (ग) क्या सड़क निर्माण के लिए किए गए भू-अर्जन का मुआवजा किसानों को दिया गया है? यदि हाँ, तो भू-अर्जन मुआवजा प्रति एकड़ किस दर से किया गया है? क्या सभी किसानों को मुआवजा दिया जा चुका है? (घ) यदि नहीं, तो कितने किसानों को मुआवजा देना बाकी है? कारण सहित ब्यौरा दें। क्या बुधनी, रेहटी और नसरूल्लांगज के कुछ किसानों को मुआवजा नहीं मिला है? यदि हाँ, तो तहसीलवार कितने कृषकों का मुआवजा बकाया है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) बुधनी से खातेगांव मार्ग (संदलपुर जोड़ तक) लंबाई 87.40 कि.मी. मार्ग का निर्माण कार्य एम.पी.एस.आर.एस.पी.-II (ए.डी.बी.) परियोजना अंतर्गत कराया गया था। मेसर्स एन.के.जी. इन्फ्रास्ट्रक्चर गाजियाबाद द्वारा निर्माण कार्य किया गया। सड़क की कुल लागत 77.45 करोड़ है। (ख) जी हाँ। मात्र बुधनी तहसील अंतर्गत ग्राम ऊंचाखेड़ा में पुल निर्माण हेतु 5 किसानों की 0.374 हेक्टेयर भूमि का अर्जन वर्ष 2010 में किया गया। रेहटी एवं नसरूल्लागंज तहसील में कोई भूमि का अर्जन नहीं किया गया है। (ग) जी हाँ। बुधनी तहसील अंतर्गत ग्राम बीबदा में रू. 292662/- प्रति हेक्ट. तथा ग्राम ऊंचाखेड़ा में रू. 467608/- प्रति हेक्ट. की दर से मुआवजा दिया जा चुका है। जी हाँ। (घ) प्रश्नोत्तर (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांकित जानकारी का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अवैध रूप से संचालित दाल मिलों को राशि का वितरण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
80. ( क्र. 7823 ) श्री आरिफ अकील : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पं. लक्ष्मी नारायण शर्मा कृषि उपज मण्डी समिति करोद भोपाल के साधारण सम्मेलन दिनांक 30 जून 2014 को 15 दाल मिल में से 10 क्रियाशील एवं 5 दाल मिल निर्माणाधीन बताई गई? यदि हाँ, तो क्या जय लक्ष्मी दाल मिल उद्योग, सतगुरू सर्वानन्द दाल मिल, शहशाह दाल मिल, गोविन्दराम एण्ड कंपनी में ही दाल बनाने का कार्य किया जा रहा है और अन्य 11 दाल मिलों के द्वारा दाल का वर्ष 2008 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में कब-कब कितना-कितना मण्डी टैक्स दिया गया? वर्षवार फर्म/मिल का नाम सहित बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में 11 दाल मिलों को कितनी-कितनी भूमि कब-कब आवंटित की गई और कितनी-कितनी विस्थापन राशि मण्डी समिति द्वारा प्रदान की गई? फर्म/दाल मिलों द्वारा विस्थापन राशि का क्या उपयोग किया गया और उपयोगिता प्रमाण-पत्र मण्डी समिति के समक्ष कब-कब प्रस्तुत किया गया? यदि नहीं, तो राशि की वसूली करते हुए यह अवगत करावें कि शासन की राशि का दुरूपयोग करने वाले संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो कारण सहित बतावें। (ग) क्या भ्रष्टाचार के चलते कैलाश इण्डस्ट्रीज, शिवशक्ति दाल मिल, एस.एस. ट्रेडर्स, सिंघई महेश कुमार एण्ड कंपनी, सिंघई नवीन कुमार महेश कुमार एण्ड कंपनी, पवन इण्डस्ट्रीज, बद्रीलाल घनश्यामदास, मे. वैदेही इण्डस्ट्रीज को दाल मिल का लायसेंस प्रदान किया गया है? यदि नहीं, तो यह अवगत करावें कि यह दाल मिलों को लायसेंस प्रदान करने के पूर्व क्या दाल मिल थी? यदि नहीं, तो मण्डी अधिनियम में लायसेंस प्रदान करने के क्या नियम हैं? प्रति सहित यह अवगत करावें कि प्रावधान के विपरित लायसेंस जारी करने वालों के विरूद्ध क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। अन्य 11 अनुज्ञप्तिधारियों के द्वारा वर्ष 2008 से प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में दी गई मंडी फीस की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रश्नांक (क) के परिप्रेक्ष्य में 11 अनुज्ञप्तिधारियों को पृथक-पृथक 15 हजार वर्गफिट भूमि वर्ष 2007-08 में आवंटित की गई। जिसमें से 05 अनुज्ञप्तिधारी व्यापारियों को विस्थापन राशि वितरित की गई है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। म.प्र. शासन के ज्ञाप क्रमांक/डी/15/43/2006/14-3, दिनांक 04.06.2007 एवं समसंख्यक ज्ञाप दिनांक 12.02.13 में विस्थापन राशि के उपयोग का प्रमाण-पत्र प्राप्त करना उल्लेखित नहीं है। उक्तानुसार किसी कार्यवाही का प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) जी नहीं। कृषि उपज मंडी समिति भोपाल द्वारा फर्म कैलाश इण्डस्ट्रीज, शिवशक्ति दाल मिल, एस.एस.ट्रेडर्स, सिंघई नवीन कुमार महेश एंड कंपनी, पवन इण्डस्ट्रीज, मेसर्स वैदेही इण्डस्ट्रीज, को प्रसंस्करण का लायसेंस जारी किया गया है। फर्म सिंघई महेश कुमार एंड कंपनी तथा फर्म बद्रीलाल धनश्यामदास को मंडी समिति भोपाल द्वारा थोक व्यापारी अनुज्ञप्ति जारी की गई। उक्त फर्मों को मंडी अधिनियम 1972 में वर्णित प्रावधानों के अंर्तगत ही लायसेंस प्रदान किये गये हैं, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। नियम की प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई अनुसार है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
व्यवहार न्यायालय की स्थापना
[विधि और विधायी कार्य]
81. ( क्र. 7830 ) श्री कुंवर सिंह टेकाम : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले के अंतर्गत तहसील कुसमी से व्यवहार न्यायालय मझौली एवं सीधी की दूरी कितनी है? तहसील मुख्यालय में व्यवहार न्यायालय स्थापित किये जाने हेतु शासन के नियम क्या हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि प्रत्येक स्तर पर व्यवहार न्यायालय स्थापित किये जाने का नियम है, तो आदिवासी बाहुल्य तहसील कुसमी में व्यवहार न्यायालय स्थापित किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक स्थापित कर दिया जावेगा? समय-सीमा बतावें। (ग) क्या तहसील मुख्यालय कुसमी से मझौली की दूरी 75 कि.मी. एवं सीधी जिला मुख्यालय की दूरी 90 कि.मी. के लगभग है? यदि हाँ, तो तहसील कुसमी के गरीब आदिवासियों को न्याय दिलाने हेतु कुसमी में व्यवहार न्यायालय स्थापित किये जाने हेतु शासन क्या कार्यवाही कर रहा है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) तहसील कुसमी से मझौली (वाया महखोर) की दूरी 56 कि.मी. है। तहसील कुसमी से सीधी की दूरी 70 कि.मी. है। न्यायालय स्थापित किये जाने हेतु माननीय उच्च न्यायालय की न्यायालय स्थापना नीति, 2014 है जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। माननीय उच्च न्यायालय की न्यायालय स्थापना नीति, 2014 के अनुसार प्रत्येक स्तर पर न्यायालय स्थापित किये जाने का नियम नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में जी नहीं। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा तहसील कुसमी जिला सीधी में व्यवहार न्यायालय स्थापित किये जाने की मांग अस्वीकृत की है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अभिभाषकों के बिलों का भुगतान
[लोक निर्माण]
82. ( क्र. 7831 ) डॉ. मोहन यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में लोक निर्माण की ओर से न्यायालय में पैरवी करने वाले कितने अभिभाषकों के बिलों का भुगतान नहीं हुआ है? इस संबंध में अभिभाषकों द्वारा बिलों के भुगतान हेतु मुख्यमंत्री हेल्प लाइन में भी शिकायत की गई एवं विभाग में पत्र दिए गए हैं? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार विभाग की ओर से पैरवी करने पर अभिभाषकों के बिलों का भुगतान नहीं किया गया है एवं उन्हें जानबूझ कर परेशान किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों? अभिभाषकों के बकाया बिलों का भुगतान कब तक कर दिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) लोक निर्माण विभाग से संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार एवं परियोजना क्रियान्वयन इकाई लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत कोई भुगतान शेष नहीं है और न ही सी.एम. हेल्प लाइन पर शिकायत की गई है तथा म.प्र. सड़क विकास निगम से संबंधित जानकारी जी नहीं, नियमित भुगतान हुआ है। जी हाँ। (ख) विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सड़कों को नुकसान पहुँचाने वालों के विरूद्ध कार्यवाही
[लोक निर्माण]
83. ( क्र. 7832 ) डॉ. मोहन यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में विभाग की सड़कों को नुकसान पहुँचाने नियम विरूद्ध खोदने के संबंध में 1 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? तहसीलवार जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार क्या शासकीय संपत्ति को नुकसान पहुँचाने वाले के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध करवाये गये हैं अथवा नहीं? (ग) शासकीय संपत्ति को नुकसान पहुँचाने वालों के विरूद्ध कब तक प्रकरण दर्ज करवा दिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) कोई लिखित शिकायत प्राप्त नहीं। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
कृषक अनुदान राशि का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
84. ( क्र. 7839 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगरौली जिले के आदिवासी तथा अनुसूचित जन जाति के कृषकों द्वारा ट्रेक्टर, ट्रॉली कल्टीवेटर तथा कृषि यंत्रों की खरीदी हेतु वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक कितने कृषकों द्वारा एम.पी.एफ.एस.टी.एस. में पंजीयन कराया है? (ख) प्रश्नांश (क) के पंजीकृत कृषकों की चयनित सूची विभाग द्वारा कब-कब जारी की गई? जारी सूची अनुसार क्रय आदेश विभाग द्वारा कब जारी किए गए? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में जिन कृषकों द्वारा सामग्री क्रय हेतु 100 प्रतिशत राशि जमा की गई है, क्या उनके खाते में ई-पेमेंट के माध्यम से अनुदान की राशि जमा कर दी गई? यदि हाँ, तो कितने कृषकों की? यदि नहीं, की गई, तो कब तक जमा की जावेगी और अभी तक जमा न करने के लिये कौन दोषी है और उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में 26 कृषकों का ऑन-लाइन पंजीयन हुआ है। जिनमें से प्रश्नांश (ख) अनुसार 06 कृषकों के प्रकरण विकासखण्ड स्तर से जिले को प्राप्त हुये हैं और उनके स्वीकृति आदेश जारी किये गये हैं। शेष कृषकों के द्वारा प्रश्न दिनांक तक देयक प्रस्तुत नहीं किये हैं। इस कारण भुगतान नहीं हुआ है। देयक प्राप्त होते ही भुगतान किया जावेगा। शेष का प्रश्न नहीं है।
शासन की योजनाओं का क्रियान्वयन
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
85. ( क्र. 7845 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उद्यानिकी विभाग के माध्यम से अनूपपुर जिले में विगत तीन वित्तीय वर्ष में किस-किस कार्य हेतु कितना-कितना आवंटन प्राप्त हुआ तथा किस-किस कार्य पर कितना-कितना व्यय किया गया है? वर्षवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) उद्यानिकी विभाग के अंतर्गत शासन की किन-किन योजनाओं के अंतर्गत किसानों को कितना-कितना अनुदान दिया जाता है? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार उक्त वर्षों में हितग्राहियों को कितना अनुदान दिया गया? विकासखण्डवार एवं वर्षवार जानकारी उपलब्ध करायें।
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
अध्यक्ष के विरूद्ध प्राप्त शिकायत पर कार्यवाही
[सहकारिता]
86. ( क्र. 7854 ) श्री सुरेन्द्रनाथ सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल को-ऑपरेटिव सेन्ट्रल बैंक मर्या. भोपाल के अध्यक्ष के विरूद्ध बैंक के प्रबंध संचालक एवं संयुक्त आयुक्त भोपाल संभाग को दिनांक 01.04.2016 से प्रश्नांकित दिनांक तक क्या शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो प्रबंध संचालक द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो क्या? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत बैंक के एम.डी. को अध्यक्ष के विरूद्ध संचालकों द्वारा प्रस्तुत शिकायत को संचालक मण्डल की बैठक में रखने का निर्देश दिया था? यदि हाँ, तो क्या बैठक में रखा गया? यदि नहीं, तो क्यों और कब तक रखा जायेगा? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अंतर्गत एम.डी. को प्राप्त अध्यक्ष के विरूद्ध शिकायत का निराकरण करने का स्वयं अधिकार है या संचालक मण्डल में रखने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो प्रावधान क्या है और इसका पालन क्यों नहीं किया गया और कब तक पालन किया जायेगा? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) (ग) के परिप्रेक्ष्य में संयुक्त आयुक्त भोपाल संभाग भोपाल एवं बैंक एम.डी. को 29.12.2016 एवं 01.12.2016 को संचालकों द्वारा प्रस्तुत शिकायत को संचालक मण्डल के समक्ष नहीं रखने के लिये कौन अधिकारी दोषी है? क्या उन पर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
यातायात सुधार हेतु बायपास सड़क की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
87. ( क्र. 7855 ) श्री के. के. श्रीवास्तव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 3 वर्षों में टीकमगढ़ नगर में बायपास मार्ग के निर्माण हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा कितनी बार आवेदन मा. लोक निर्माण मंत्री एवं विभाग को (मंत्रालय स्तर) प्रेषित किये गये? (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा (1) स्वामी विवेकानंद प्रतिमा से सुभाष प्रतिमा तक (2.6 KM) एवं (11) गोंगा बेर मंदिर से डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी बस स्टैण्ड तक (किमी.) मार्ग की निर्माण की मांग की गई है? यदि हाँ, तो इस पर क्या कार्यवाही हुई? (ग) क्या उक्त बायपास लिंक मार्ग में से एक पार्ट (1) विवेकानंद प्रतिमा से सुभाष प्रतिमा तक के मार्ग की स्वीकृति हुई है? यदि हाँ, तो इससे यातायात व्यवस्था एवं सुधार संभव है? यदि नहीं,? तो क्या दूसरा भाग भी स्वीकृत करेंगे? हाँ, तो कब?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विभागीय माननीय मंत्री जी एवं एक बार विभाग को (मंत्रालय स्तर) पर। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 2 एवं 3 अनुसार है। (ख) जी हाँ। विभाग की स्थाई वित्तीय समिति की 156वीं बैठक में अनुमोदित, बजट में शामिल होने के उपरांत प्रशासकीय स्वीकृति जारी करने की अनुशंसा की गई है। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार।
सड़क एवं विश्राम गृह निर्माण की जानकारी
[लोक निर्माण]
88. ( क्र. 7856 ) श्री के. के. श्रीवास्तव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ विधान सभा क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग की कौन-कौन सी सड़के जर्जर अवस्था में हैं, जिनका रख-रखाव लगभग 5 वर्षों से नहीं हुआ? सूची लंबाई सहित अवगत करायें। (ख) मार्ग (1) हीरानगर तिगैला से बजरूआ वाया दुनातर होकर (2) पहाड़ी खुर्द से बड़ीराघाट मार्ग (3) कारी से मवई तिगैला (4) माडूमर से गुढ़ा (उ.प्र. की सीमा तक) वाया अस्तौन मार्ग को कब तक स्वीकृति देकर निर्माण करा लिया जायेगा? (ग) जिले की उप तहसील बड़ागांव (धसान) में कोई विश्राम गृह है अथवा नहीं? अवगत करायें। यदि नहीं, तो विश्राम गृह कब तक निर्मित करा लिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) कोई नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। स्वीकृति के अभाव में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मतदाता सूची में सुधार
[विधि और विधायी कार्य]
89. ( क्र. 7864 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश सरकार द्वारा मतदाता सूची तैयार कराने की जवाबदारी किस पर निहित की गई है? मतदाता सूची में मुद्रण के समय हुई त्रुटि (उम्र) को सुधारने की जवाबदारी एवं प्रक्रिया क्या है? मतदाता सूची में हुई त्रुटि बाबत् क्या कार्यवाही शासन द्वारा की जाती है? क्या मतदाता सूची के पुनरीक्षण के समय क्या संबंधितों के उम्र का सत्यापन मौके पर किया जाता है? अगर किया जाता है, तो रीवा जिले में उम्र की त्रुटि के सुधार कितने लोगों के किये गये की जानकारी वर्ष 2016 से प्रश्नांश दिनांक तक की देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में मतदाता सूची में नाम जोड़ने के समय उम्र संबंधी कौन-कौन से दस्तावेज लिये जाते हैं? उनमें जो पढ़े मतदाता नहीं हैं उनके उम्र के सत्यापन हेतु कौन से दस्तावेज मान्य हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के तारतम्य में शासन की किन-किन योजनाओं में उम्र के प्रमाणीकरण का आधार मतदाता सूची को माना जाता है? यदि माना जाता है, तो उम्र में हुई त्रुटि के सुधार हेतु सरल प्रक्रिया क्या सरकार द्वारा अपनाई जायेगी? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) की मतदाता सूची तैयार करते समय उम्र में हुई त्रुटि के साथ अन्य त्रुटियों के करने के जबावदारों के ऊपर क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम,1950 की धारा 13बी के प्रावधानुसार निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी राज्य के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के जिले निर्वाचक नामावली तैयार तथा पुनरीक्षण कार्य के लिए राज्य सरकार के परामर्श से अधिसूचित है। जो अनुविभागीय अधिकारी/तहसीलदार स्तर के अधिकारी है। राज्य में मतदाता सूची त्रुटिरहित तैयार की जाती है। किसी मतदाता के विवरण (नाम/उम्र/पते आदि) में यदि कोई त्रुटि हो तो त्रुटि सुधार हेतु संबंधित मतदाता से निर्धारित फार्म नम्बर 8 प्राप्त कर बूथ लेबल अधिकारी के माध्यम से सत्यापन के उपरांत निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा निराकरण किया जाता है। मतदाता सूची त्रुटिरहित तैयार की जाती है। यदि संबंधित मतदाता के विवरण में त्रुटि है तो संबंधित मतदाता के द्वारा फार्म 8 भरकर संबंधित मतदान केन्द्र के बूथ लेबल अधिकारी/मतदाता सहायता केन्द्र/ई.आर.ओ./ए.ई.आर.ओ. के कार्यालय में आवेदन जमा किया जाता है उसे ई.आर.ओ. द्वारा दी गई जानकारी की समीक्षा की जाकर संशोधन किये जाने के आदेश ई.आर.ओ. द्वारा पारित किये जाने के पश्चात त्रुटि सुधार की कार्यवाही सुनिश्चित की जाती है। आयोग द्वारा निर्धारित मतदाता सूची के पुनरीक्षण के लिये निर्धारित अर्हता तिथि के अनुसार नवीन मतदाता, जिनकी उम्र 18 वर्ष की पूर्ण होती है उन्हें फार्म-6 में समस्त प्रविष्टियाँ भरकर, आयोग द्वारा निर्धारित दस्तावेज संलग्न किये जाते है। दस्तावेजों के आधार पर नाम जोड़ने की प्रक्रिया अपनाई जाती है। सुसंगत अभिलेख जन्म प्रमाण-पत्र, अंक सूची, या अन्य दस्तावेज जो आयु को प्रमाणित करता हो, मतदाता द्वारा प्रस्तुत किये जाते है। रीवा जिले में वर्ष 2016 से प्रश्नांक दिनांक तक कुल 19714 त्रुटियों के सुधार हेतु प्रारूप-8 में आवेदन प्राप्त हुए थे। जिनमें उम्र की त्रुटि संबंधी आवेदन भी सम्मिलित है जिनका सुधार किया गया है। (ख) शिक्षित मतदाता का नाम जोड़ते समय अर्हक तारीख के आधार पर 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर फार्म नम्बर 6 के साथ आयु का प्रमाण एवं निवास से संबंधित दस्तावेज लिये जाते है। जिनमें निम्नानुसार दस्तावेज लिये जाते है:- 1. नगर पालिका प्राधिकारियों या जिला निबंधक, जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण द्वारा जारी किया गया जन्म प्रमाण-पत्र 2. आवेदक द्वारा दाखिला लिए गए अंतिम (सरकारी/मान्यता प्राप्त) विद्यालय अथवा अन्य मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थान से प्राप्त जन्म प्रमाण-पत्र या 3. यदि कोई व्यक्ति कक्षा-10 या अधिक कक्षा उत्तीर्ण है तो कक्षा-10 की मार्कशीट यदि उसमें जन्म तिथि का उल्लेख हो 4. कक्षा का अंक पत्र अथवा प्रमाण-पत्र 5. कक्षा-8 एवं कक्षा-5 की मार्कशीट यदि इसमें जन्मतिथि की उल्लेख हो 6. माता पिता की ओर से निर्धारित प्रपत्र पर दिया गया घोषणा पत्र यदि उसने कक्षा 10 तक शिक्षा प्राप्त नहीं की है। उपरोक्त दस्तावेज के सत्यापन उपरांत नाम जोड़ने की कार्यवाही की जाती है। 18 से 25 आयु वर्ग के ऐसे आवेदकों के अभिभावकों द्वारा जो पहली बार आवेदन कर रहे है तथा जिनके पास आयु प्रमाण-पत्र नहीं है। उनके ''शपथ अथवा घोषणा करने संबंधी प्रपत्र'' संलग्न किया जाता है। शपथ पत्र निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण/सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण के हस्ताक्षर एवं मोहर से सत्यापित किया जाता है। (ग) आयोग द्वारा तैयार मतदाता सूची को केवल निर्वाचन प्रक्रिया के लिये आधार माना जाता है। (घ) आयोग द्वारा त्रुटिरहित मतदाता सूची तैयार की जाती है। यदि मतदाता के विवरण में त्रुटि पाई जाती है तो निर्धारित फार्म-8 प्राप्त कर संशोधन किया जाता है। त्रुटियों के लिये जवाबदारों के ऊपर संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारियों द्वारा अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाती है।
बिना ई-टेण्डरिंग के कार्य कराया जाना
[लोक निर्माण]
90. ( क्र. 7880 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक निर्माण विभाग में दिनांक 30.05.2012 से समस्त निविदायें ई-टेण्डरिंग के माध्यम से आमंत्रित करने के आदेश जारी किये हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या नया भोपाल संभाग के डिवीजन क्रमांक 01 एवं 02 के अंतर्गत शासकीय आवास गृहों की मरम्मत/लघुमूलक कार्यों/सिविल और विद्युत संधारण कार्य वर्ष 2015 एवं 2016-17 में निजी कंपनी/ठेकेदार को दिया गया है। (ग) यदि हाँ, तो उक्त कार्य हेतु ई-टेण्डरिंग निविदाएं आमंत्रित की गई थी? यदि हाँ, तो किस कंपनी को किस दर, किन शर्तों के साथ कितनी राशि के कार्यादेश दिए गए हैं? यदि ई-टेण्डरिंग निविदाएं आमंत्रित नहीं की गई तो क्यों? (घ) क्या विभाग के उक्त कार्य निजी कंपनी को शेड्यूल ऑफ रेट (एस.ओ.आर. से 7.5 फीसदी से अधिक दर पर दिया है? यदि हाँ, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ वर्ष 2015 में तुलसीनगर भोपाल स्थित शासकीय आवासों में संधारण मरम्मत कार्य का ठेका श्री संजय व्यास ठेकेदार, राजगढ को 0.98 प्रतिशत एस.ओ.आर. से कम दर पर एवं वर्ष 2016-17 में संभाग क्रमांक-1 के कोटरा सुल्तानाबाद के शासकीय आवासों एवं संभाग क्रमांक-2 के चार इमली क्षेत्र एवं नया भोपाल संभाग के अंतर्गत आर.टी.सी. उपसंभाग के शासकीय आवासों की संधारण मरम्मत/विद्युत मरम्मत के कार्य की निविदा मेसर्स राघव कंस्ट्रक्शन भोपाल को 7.50 प्रतिशत अधिक एस.ओ.आर. दर पर निष्पादित अनुबंध 2.10 में निहित प्रावधानित शर्तों के साथ निविदा राशि रूपये 6.00-6.00 करोड़ के दो अलग-अलग कार्यादेश उक्त ठेकेदारों को दिया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। उक्त आमंत्रित निविदा में सम्मिलित कार्य क्षेत्र भोपाल शहर के लगभग 6-7 कि.मी. की परिधि में स्थित होने एवं इसके अतिरिक्त उक्त दोनों स्वीकृत निविदाओं में लगभग 1 वर्ष होने का अंतराल होने से बाजार दरों में वृद्धि होने के कारण।
नदी जोड़ो परियोजना का क्रियान्वयन
[जल संसाधन]
91. ( क्र. 7883 ) श्री जितू पटवारी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 3707, दिनांक 12.3.2015 के संदर्भ में पूछी गई योजनाओं में वर्तमान में क्या स्थिति है व 12.3.2015 को क्या स्थिति थी? परियोजनावार जानकारी, उसके प्रारंभ करने की दिनांक, कार्य पूर्ण होने की दिनांक, ठेकेदार का नाम, ठेका कम्पनी के संचालक का नाम टेबल में देंवे? (ख) नदी जोड़ो परियोजना में प्रदेश में किन-किन नदियों को जोड़ा जाना प्रस्तावित है? क्या सभी नदियों को एक ही चरण में जोड़ा जायेगा या कार्य फेसवार किया जायेगा? यदि हाँ, तो कौन सी परियोजना का कार्य कब किया जायेगा? परियोजना की लागत कितनी होगी व परियोजनाओं की वर्तमान स्थिति क्या है? (ग) किन-किन परियोजनाओं के लिए कंसलटेंटों की नियुक्त हो चुकी है? उनके कार्यदेश की छायाप्रति उपलब्ध करावें व बतायें कि उनके चुने जाने का आधार क्या-क्या था व उन्हें कितनी फीस पर फायनल वर्क-आर्डर दिया गया? (घ) प्रश्नांश (ख) के अन्तर्गत कितनी परियोजनाओं की डी.पी.आर. बन चुकी हैं? परियोजनावार बनी डी.पी.आर. की प्रति उपलब्ध करावें।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
फसलों का बीमा एवं योजना का प्रचार-प्रसार
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
92. ( क्र. 7902 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर, चंबल संभाग में वर्ष 2016 एवं फरवरी 2017 तक कितने रकबे में प्रधानमंत्री फसल बीमा के तहत् किसानों की फसलों के बीमा किये गये थे? खरीफ, रबी, फसलों सहित जिलावार वर्षवार जानकारी दी जावे। (ख) उक्त जिलों में खरीफ रबी फसलों का कितना रकबा में फसल बोई गई? उसका कितना प्रतिशत प्रधानमंत्री फसल बीमा कराया गया? ग्वालियर चंबल की मुख्य फसलें, धान बाजरा, अरहर, मंगूफली, सोयाबीन, गेहूँ, सरसों सहित जानकारी दी जावे। (ग) क्या प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का विभागों द्वारा जिस स्तर पर प्रचार-प्रसार होना चाहिये, वह नहीं हुआ, जिससे निर्धारित लक्ष्य कम रहा है, शासन इसके लिये अगले वर्ष क्या प्रयास करेगा? (घ) उक्त संभागों में कितनी राशि प्रधानमंत्री फसल बीमा से किसानों को प्राप्त हुई? खरीफ, रबी सहित जानकारी दी जावे।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) चंबल संभाग में वर्ष 2016 एवं फरवरी 2017 तक प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत खरीफ एवं रबी फसलों की जिलावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। ग्वालियर संभाग की जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) चम्बल संभाग की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। ग्वालियर संभाग की जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत कृषि विभाग एवं बीमा कंपनियों द्वारा योजना के प्रचार-प्रसार हेतु प्रत्येक जिले में जिला, तहसील एवं ग्राम स्तर पर कृषक/बैंक अधिकारियों/विभागीय अधिकारियों की उपस्थिति में गोष्टियां आयोजित कर योजना से संबंधित जानकारी के संबंध में विस्तृत चर्चा की गई एवं पत्रक, बैनर, पोस्टर सार्वजनिक स्थलों पर लगाये गये। साथ ही समय-समय पर समाचार पत्रों में विज्ञापन व चलचित्र वाहन के माध्यम से योजना का प्रचार-प्रसार किया गया है। (घ) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत ग्वालियर संभाग के दतिया जिले के खरीफ वर्ष 2016 हेतु मध्यावधि मौसम प्रतिकूलता के कारण फसलों को हुई हानि के फलस्वरूप 16293 कृषकों को रू. 9.41 करोड़ अग्रिम राशि का भुगतान किया गया।
कृषि यंत्रों पर अनुदान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
93. ( क्र. 7903 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले में कृषि कल्याण विभाग द्वारा कितने प्रकार के कृषि यंत्र अनुदान पर दिये जाते हैं? उनके प्रकार की जानकारी दी जावे। (ख) जिले में कृषि यंत्रों की क्या दर है? प्रत्येक कृषि यंत्रों की संपूर्ण दर अनुदान की दर सहित पूर्ण जानकारी दी जावे। (ग) क्या उक्त योजनाओं में दी जाने वाली छूट तथा कृषि विकास यंत्रों का प्रचार-प्रसार, विभाग द्वारा ठीक से नहीं किया जा रहा है, क्यों? (घ) जिले में वर्ष 2016, फरवरी 2017 में प्रचार-प्रसार पर कितनी राशि खर्च की गई तथा कहाँ-कहाँ प्रचार-प्रसार किया गया? स्थान, दी गई राशि, खर्च सहित जानकारी दी जावे।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी नहीं, योजनाओं में दी जाने वाली छूट तथा कृषि विकास यंत्रों का प्रचार-प्रसार विभाग द्वारा किसान संगोष्ठी एवं कृषि महोत्सव से प्रसार साहित्य वितरण आदि से किया जाता है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
भूमि संरक्षण कार्य
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
94. ( क्र. 7925 ) चौधरी चन्द्रभान सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में कृषि विभाग की स्थापना के पश्चात् से ही भूमि संरक्षण के उप संभागों द्वारा माईनर इरीगेशन टैंक, परकोलेशन टैंक एवं जलग्रहण क्षेत्र पर आधारित कार्य किये जाते हैं? (ख) यदि हाँ, तो अचानक लगभग ५० वर्षों पश्चात् यह निर्णय कैसे ले लिया गया कि कृषि विभाग का अमला भूमि संरक्षण कार्यों हेतु तकनीकी रूप से सक्षम नहीं है जबकि विभाग में बहुत बड़ी संख्या में कृषि अभियांत्रिकी स्नातक (कृषि अभियंता) भी कार्यरत हैं? (ग) क्या शासन तत्काल इस निर्णय को निरस्त करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) यह सही नहीं है कि वर्ष 2012 से तकनीकी रूप से अयोग्य के कारण भूमि संरक्षण का कार्य बंद कर दिया गया है अपितु वृहद स्तर के निर्माण कार्य हेतु सक्षम तकनीकी अमला नहीं होने से वर्तमान में उपसंभागों द्वारा बलराम ताल योजना के प्राक्कलन तैयार करना एवं तकनीकी मार्गदर्शन प्रदाय किये जाने के साथ ही केंद्र पोषित नेशनल मिशन फॉर सस्टेनेबल एग्रीकल्चर मिशन के आर.ए.डी. घटक में स्वीकृत भूमि संरक्षण कार्य संपादित किये जा रहे हैं। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
भूमि संरक्षण में कार्यरत अमला
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
95. ( क्र. 7926 ) चौधरी चन्द्रभान सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कृषि विभाग के भूमि संरक्षण अमले को तकनीकी रूप से अयोग्य कहकर समस्त भूमि संरक्षण कार्य विगत ३-४ वर्षों से बंद कर दिये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या वित्त विभाग के परामर्श से यह कार्यवाही की गई है? (ग) यदि हाँ, तो क्या वित्त विभाग किसी कैडर को तकनीकी रूप से अक्षम या सक्षम घोषित करने हेतु क्या अधिकृत है? यदि हाँ, तो उस नियम का उल्लेख करें, जिसके तहत् यह कार्यवाही की गई है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) यह सही नहीं है कि वर्ष 2012 से तकनीकी रूप से अयोग्य के कारण भूमि संरक्षण का कार्य बंद कर दिया गया है अपित वृहद स्तर के निर्माण कार्य हेतु सक्षम तकनीकी अमला नहीं होने से वर्तमान में उप संभागों द्वारा बलराम ताल योजना के प्राक्कलन तैयार करना एवं तकनीकी मार्गदर्शन प्रदाय किये जाने के साथ ही केन्द्र पोषित नेशनल मिशन फॉर सस्टेनेबल एग्रीकल्चर मिशन के आर.ए.डी. घटक में स्वीकृत भूमि संरक्षण कार्य संपादित किये जा रहे हैं। (ख) वित्त विभाग के परामर्श अनुसार वर्ष 2012-13 से परकोलेशन टैंक एवं लघुत्तम सिंचाई तालाब निमार्ण कार्य नहीं किये जा रहे हैं। (ग) मध्यप्रदेश कार्यपालक शासन के कार्य नियम अनुसार कार्यवाही की गई है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
शाखा
प्रबंधकों
एवं समिति
प्रबंधकों के
खिलाफ आर्थिक
अपराध शिकायत
[सहकारिता]
1. ( क्र. 223 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले में आदिम जाति सेवा सहकारी संस्थाओं में पदस्थ से कितने शाखा प्रबंधकों समिति प्रबंधकों, सचिवों के खिलाफ आर्थिक अपराध की शिकायतें 2010 से प्रश्न दिनांक तक की गई, समितिवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में कितने शाखा प्रबंधकों व अन्य कर्मचारियों को दोषी पाया गया, कितने प्रकरणों में प्रश्नांकित दिनांक तक कौन से स्तर पर जाँच चल रही है, कितनी लंबित है, लंबित होने के कारण पृथक-पृथक समितिवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) (ख) में प्रश्नांकित दिनांक अवधि तक बैलेंस शीट में समिति संख्या के समिति प्रबंधक एवं अन्य कर्मचारियों के ऊपर कितनी-कितनी राशि बकाया नामे बाधी गई? समितिवार जानकारी देवें? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) में कितने प्रश्नांकित कर्मचारियों के खिलाफ दण्डात्मक कार्यवाही की गई वर्तमान में आरोपित कर्मचारी कहाँ-कहाँ पदस्थ हैं। दोषी कर्मचारियों के खिलाफ क्या-क्या कार्यवाही होना है।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) आदिम जाति सेवा सहकारी संस्था मर्यादित, चन्दुपुरा के प्रकरण में तत्कालीन शाखा प्रबंधक श्री ध्यानसिंह मोर्य शाखा उदयनगर तथा आदिम जाति सेवा सहकारी संस्था मर्यादित, वागली के प्रकरण में तत्कालीन शाखा प्रबंधक श्री मदनलाल रैकवार शाखा वागली, संस्था सहायक स्व. श्री शिवनारायण राठौर एवं संस्थागत विक्रेता श्री योगेश शर्मा के विरूद्ध आर्थिक अपराध की शिकायतें वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त हुई। (ख) उत्तरांश 'क' में आदिम जाति सेवा सहकारी संस्था मर्यादित, चन्दुपुरा के प्रकरण में जाँच पूर्ण होकर तत्कालीन शाखा प्रबंधक श्री ध्यानसिंह मोर्य प्रथम दृष्टया दोषी पाये गये है। आदिम जाति सेवा सहकारी संस्था मर्यादित, वागली के प्रकरण में विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त कार्यालय की विवेचना अनुसार तत्कालीन शाखा प्रबंधक श्री मदनलाल रैकवार, संस्था सहायक स्व. श्री शिवनारायण राठौर तथा तत्कालीन विक्रेता श्री योगेश शर्मा को दोषी ठहराते हुये माननीय न्यायालय में चालान प्रस्तुत कर दिया गया है। (ग) आदिम जाति सेवा सहकारी संस्था मर्यादित, चन्दुपुरा के प्रकरण में तत्कालीन शाखा प्रबंधक श्री ध्यानसिंह मोर्य के विरूद्ध राशि रूपये दस लाख तथा आदिम जाति सेवा सहकारी संस्था मर्यादित, वागली के प्रकरण में तत्कालीन संस्था सहायक स्व. श्री शिवनारायण राठौर के विरूद्ध राशि रूपये 2,23,010/- संबंधित संस्थाओं की बेलेन्स शीट में लेना दर्शित है। (घ) तीन कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही की गई है। तत्कालीन शाखा प्रबंधक श्री ध्यानसिंह मोर्य को निलंबित कर उनका मुख्यालय शाखा विजयागंज मंडी, तत्कालीन शाखा प्रबंधक श्री मदनलाल रैकवार को निलंबित कर उनका मुख्यालय शाखा बरोठा तथा संस्थागत विक्रेता श्री योगेश शर्मा की सेवायें समाप्त की गई है।
हितग्राही मूलक विभिन्न विभागीय योजनाओं में प्रदत्त सामग्री
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
2. ( क्र. 355 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत दो वर्षों में विपणन संघ खरगोन द्वारा जिले में हितग्राही मूलक विभिन्न विभागीय योजनाओं में प्रदत्त सामग्री का योजनावार, सामग्री की दर, क्रय कंपनी, कितनी सब्सिडी कंपनी के खाते में प्रदान की गई तथा कितने हितग्राहियों के खाते में कितनी सब्सिडी प्रदान की गई जानकारी देवें? (ख) उक्त सामग्री में कृषक अंश कितना था? (ग) वर्तमान में विपणन संघ खरगोन जिला कार्यालय में कितने प्रकरण भुगतान वितरण हेतु लंबित है? कारण सहित बतायें। (घ) विगत दो वर्षों में विभाग में जिला स्तर पर कितनी शिकायतें विभिन्न माध्यमों से प्राप्त हुई तथा कितनी निराकृत हुई कितनी लंबित है? शिकायतकर्तावार सूची देवें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) योजनावार सामग्री की दर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। योजनावार सामग्रीवार कंपनी/प्रदाय को भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। हितग्राहियों के खाते में अनुदान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (ग) विपणन संघ खरगोन में कोई प्रकरण भुगतान हेतु लंबित नहीं हैं। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 4 अनुसार है।
हितग्राहियों को भुगतान, वितरण हेतु लंबित प्रकरण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
3. ( क्र. 356 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत तीन वर्षों में एमपी एग्रो खरगोन द्वारा जिले में हितग्राही मूलक विभिन्न विभागीय योजनाओं में प्रदत्त सामग्री का योजनावार सामग्री की दर क्रय कंपनी कितनी सब्सिडी कंपनी के खाते में प्रदान की गई तथा कितने हितग्राहियों के खाते में कितनी सब्सिडी प्रदान की गई जानकारी देवें? (ख) उक्त सामग्री में कृषक अंश कितना था? (ग) वर्तमान में एमपी एग्रो खरगोन जिला कार्यालय में कितने प्रकरण भुगतान, वितरण हेतु लंबित हैं? कारण सहित बतायें। (घ) विगत तीन वर्षों में विभाग में जिला स्तर पर कितनी शिकायतें विभिन्न माध्यमों से प्राप्त हुईं तथा कितनी निराकृत हुई, कितनी लंबित हैं। शिकायतकर्तावार सूची देवें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) योजनावार सामग्री की दर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। योजनावार, सामग्रीवार कंपनी/प्रदाय को भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। हितग्राहियों के खाते में अनुदान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (ग) एमपी एग्रो खरगोन में कोई प्रकरण भुगतान हेतु लंबित नहीं हैं। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 4 अनुसार है।
मार्ग निर्माण की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
4. ( क्र. 1067 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम बगदरी से खेरघटा तक का मार्ग वर्तमान में पहुंचविहीन मार्ग हैं? (ख) क्या उक्त मार्ग की सतह कई स्थानों पर मार्ग के दोनों ओर विद्यमान खेतों से नीची हैं इसी कारण मार्ग पर हमेशा कीचड़ विद्यमान रहता है एवं वर्षाकाल में नागरिकों को प्रतिवर्ष कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है? (ग) उक्त स्थिति के मद्देनजर क्या शासन उक्त मार्ग को डामरीकृत बनाने हेतु डी.पी.आर. तैयार करवाएगा व इसे बजट में शामिल कर डी.पी.आर. को स्वीकृति प्रदान करेंगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, जी हाँ। (ग) जी नहीं, जी नहीं। वर्तमान में सीमित वित्तीय संसाधन होने से। कोई कार्यवाही संभव नहीं।
पहुँचविहिन मार्ग की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
5. ( क्र. 1068 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्तमान में ग्राम ददुनी से चिमलकापुरा 12 एल डिस्ट्रीब्यूटरी तक का मार्ग पहुंचविहीन होकर आवागमन के लायक नहीं हैं? (ख) उक्त मार्ग की सतह मार्ग के दोनों ओर विद्यमान खेतों से कई जगह नीची हैं इसी कारण खेतों का पानी मार्ग पर जमा हो जाने के कारण हमेशा कीचड़ व्याप्त रहता हैं एवं आवागमन में नागरिकों को कठिनाई आती है तथा वर्षाकाल में प्रतिवर्ष आवागमन बन्द हो जाता हैं? (ग) उक्त कारणों से उक्त मार्ग पर डामरीकरण कार्य कराये जाने की आवश्यकता हैं इस हेतु नागरिक मांग कर रहे हैं? (घ) यदि हाँ, तो क्या शासन जन हित में उक्त मार्ग के डामरीकरण कार्य की डी.पी.आर. तैयार करवाकर डी.पी.आर. राशि का प्रावधान वर्ष 2017-18 के वार्षिक बजट में करके डी.पी.आर. को स्वीकृति प्रदान करेगा, यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ, जी हाँ, जी हाँ, जी नहीं। (ग) जी हाँ, जी हाँ। (घ) प्रश्नांकित मार्ग लोक निर्माण विभाग की पुस्तिका पर अंकित नहीं है। यह मार्ग डब्ल्यू.बी.एम. स्तर तक ग्राम पंचायत द्वारा निर्मित है। लोक निर्माण विभाग द्वारा किसी भी प्रकार की कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
कृषकों के फसल हेतु ऋण की अदायगी सीमा
[सहकारिता]
6. ( क्र. 1458 ) श्री प्रताप सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में कृषकों के लिए खरीफ एवं रबी की फसल हेतु ऋण अदायगी की समय-सीमा 31 मार्च नियत है? यदि हाँ, तो क्या उक्त तिथि के दौरान कौन-कौन सी फसलें आ जाती हैं, जिसकी आय से कृषक अपने ऋणों की अदायगी समय-सीमा में कर सके? यदि नहीं, तो कितनी अवधि तक बगैर ओवर ड्यू के ऋण जमा किया जा सकता है? (ख) क्या खरीफ एवं रबी की फसलों की ऋण अदायगी की समय-सीमा 31 मार्च में संशोधन कर 31 मई किये जाने पर कृषक हित में विचार किया जावेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतलावें? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रदेश सरकार कृषि को लाभ का धंधा बनाने के लिए अभी तक कौन-कौन सी योजना/नीतियां बनाई हैं?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं वर्ष 2016-17 में खरीफ फसल ऋण हेतु अदायगी तिथि 28 मार्च 2017 तथा रबी फसल ऋण हेतु 15 जून 2017 नियत है। खरीफ एवं रबी मौसम से संबंधित फसलों के आने की अवधि के आधार पर खरीफ एवं रबी फसल ऋण की अदायगी तिथि निर्धारित की गई है। अदायगी तिथि तक कृषक बगैर ओवरड्यू के ऋण जमा कर सकता है। (ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) कृषि को लाभ का धंधा बनाने हेतु सहकारिता विभाग स्तर से कृषकों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर अल्पावधि फसल ऋण योजना, प्राकृतिक आपदा से प्रभावित कृषकों के अल्पावधि फसल ऋण को मध्यावधि ऋण में परिवर्तन कर शून्य प्रतिशत ब्याज दर योजना तथा अल्पावधि ऋण के वस्तु भाग पर 10 प्रतिशत अनुदान हेतु मुख्यमंत्री कृषक सहकारी ऋण सहायता योजना संचालित है।
कृषकों को प्रदाय बीजों का दर निर्धारण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
7. ( क्र. 1464 ) श्री प्रताप सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कृषकों को प्रदाय किये जाने वाले बीज की दरों के निर्धारण के लिए शासन स्तर पर किस समिति का गठन किया गया है तथा समिति में कौन-कौन अधिकारी सम्मिलित हैं? क्या इस कमेटी में कृषकों को भी शामिल किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में क्या किसानों को रबी एवं खरीफ की फसलों के लिए बोनी के पूर्व प्रदान किये जाने वाले बीज की दरों के निर्धारण हेतु गठित समिति में लघु एवं सीमांत तथा बड़े वर्ग के कृषकों का प्रतिनिधित्व वर्गवार न होने से दरों का निर्धारण किसानों की क्रय क्षमता के आधार पर न होने पर अत्यधिक महंगा हो जाता है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार यदि हाँ, तो समिति में क्या प्रत्येक वर्ग के किसानों का वर्गवार प्रतिनिधित्व बनाया जावेगा, ताकि दरों का निर्धारण किसानों की क्रय क्षमता के आधार पर हो सके? यदि नहीं, तो शासन स्तर से बीज की दरें किसानों की क्रय क्षमता पर आधारित हो सके, इसके लिए स्थायी तौर पर कोई उपाय किये जावेंगे?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रदेश की शासकीय एवं सहकारी बीज उत्पादक संस्थाओं द्वारा उत्पादित बीज की प्रति वर्ष खरीफ एवं रबी में निर्धारित की जाने वाली विभिन्न फसलों के बीजों की उपार्जन एवं विक्रय दर निर्धारण के लिये शासन स्तर पर कृषि उत्पादन आयुक्त, मध्यप्रदेश शासन, मंत्रालय, म.प्र. भोपाल की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया है, जिसमें सदस्य के रूप में कृषक वर्तमान में शामिल नहीं है। समिति गठन संबंधी आदेश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) उत्तरांश (ख) के अनुक्रम में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
हितग्राहियों का भौतिक सत्यापन
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
8. ( क्र. 1826 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015 से 2017 तक बुरहानपुर एवं अलीराजपुर जिले में उद्यानिकी विभाग द्वारा ड्रिप पाइप से लाभांवित समस्त हितग्राहियों की संख्यात्मक जानकारी उन्हें देय सब्सिडी राशि सहित देवें। इसमें से एक हेक्टयर से अधिक ड्रिप लाईन से लाभांवित हितग्राहियों के द्वारा जमा कृषक अंश राशि की जानकारी देवें। (ख) उक्त अवधि में इन हितग्राहियों को किस-किस कंपनी के द्वारा ड्रिप संयंत्र लगाया गया तथा किन कंपनियों को कब-कब कितना भुगतान किया गया। (ग) उक्त हितग्राहियों का भौतिक सत्यापन कब-कब किसके द्वारा किया गया था, नाम व पद सहित सूची देवें।
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में बुरहानपुर जिले में 483 हितग्राहियों के प्रकरण में राशि रूपये 3,56,76,257/- एवं अलीराजपुर जिले में 1042 हितग्राहियों के प्रकरण में राशि रूपये 6,54,90,220/- सब्सिडी दी गई। एक हेक्टेयर से अधिक ड्रिप लाईन के लाभांवित हितग्राहियों द्वारा बुरहानपुर जिले में राशि रूपये 2,42,14,763/- एवं अलीराजपुर जिले में राशि रूपये 1,31,09,715/- कृषक अंश की राशि जमा की गई। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
ड्रिप सिंचाई योजना का प्रकरण
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
9. ( क्र. 2663 ) श्री रजनीश सिंह : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में वर्ष मार्च 2013 से मार्च 2016 तक ड्रिप सिंचाई योजना में कितने प्रकरण स्वीकृत किये गए? विधान सभा क्षेत्रवार जानकारी देवें। (ख) उपरोक्त प्रकरणों में कितना अनुदान दिया गया? क्या अनुदान राशि के प्रकरण लंबित हैं? यदि हाँ, तो लंबित प्रकरणों की संख्या तथा लंबित रहने के कारण सहित विधान सभावार क्षेत्रवार जानकारी देवें। (ग) जिले में विभाग की कौन-कौन सी योजनायें संचालित है? इन योजनाओं से कितने कृषक लाभांवित है?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी
एवं खाद्य
प्रसंस्करण (
श्री
सूर्यप्रकाश
मीना ) : (क) सिवनी
जिले में
प्रश्नाधीन
अवधि में कुल 275 प्रकरण
स्वीकृत किये
गये। प्रश्नांश
के शेष भाग की जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र-अ
अनुसार है। (ख)
जानकारी उत्तरांश
(क) के
परिशिष्ट के
प्रपत्र-अ
अनुसार है। उक्त
प्रकरणों में
राशि रूपये 2,36,50,373/- का
अनुदान दिया
गया। अनुदान
राशि के
प्रकरण लंबित
नहीं है। अत:
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र-ब
अनुसार है।
परिशिष्ट
- ''दो''
समितियों की शेष राशि
[सहकारिता]
10. ( क्र. 2664 ) श्री रजनीश सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में सहकारिता विभाग के अंतर्गत कितनी समितियां संचालित हैं? विधानसभा क्षेत्रवार विवरण देवें। इन समितियों में कितनी राशि मार्च 2016-17 तक जमा थी? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार समितियों के खातों में जिस-जिस मद की राशि भुगतान करने हेतु प्राप्त हुई थी? क्या उन मदों की सभी राशि का भुगतान किया जा चुका है? यदि नहीं, तो किसानों को भुगतान हेतु कितनी राशि किस-किस कारण से शेष है और कब तक इसका भुगतान किया जावेगा? किसानों की संख्या एवं ग्राम सहित जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार संचालित समितियों में से कितनी समितियों का विधिवत ऑडिट हुआ है? ऑडिट न कराने पर विभाग द्वारा कभी कोई कार्यवाही की जाती है? यदि हाँ, तो विगत 02 वर्षों में किस-किस समिति पर कब-कब क्या कार्यवाही की गई है?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) 680 समितियाँ। विधानसभा सिवनी क्षेत्र में 239, विधानसभा बरघाट क्षेत्र में 214, विधानसभा केवलारी क्षेत्र में 93, विधानसभा लखनादौन क्षेत्र में 134 कुल 680 समितियाँ संचालित है। दिनांक 03 मार्च 2017 तक उपरोक्त समितियों में कुल राशि रूपए 129 करोड़ जमा थी। (ख) जी हाँ। किसानों को भुगतान हेतु कोई राशि शेष नहीं है। (ग) 679 समितियों का ऑडिट दिनांक 10.03.2017 तक हुआ है। जिला सहकारी अंतव्यवसायी समिति सिवनी का ऑडिट शेष है। धारा 74, धारा 75, धारा 76 में वैधानिक कार्यवाही किये जाने हेतु पत्र जारी किया गया है। वर्ष 2017 में 3 समितियों पर धारा 74 के अंतर्गत कार्यवाही कार्यवाही के निर्देश दिये गये। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा किये गये कार्यों की जाँच
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
11. ( क्र. 2779 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले के सभी विकासखण्डों में 1 अप्रैल, 2014 से प्रश्न दिनांक तक बीज वितरण, खाद्य वितरण, फलदार-फूलदार पौधरोपण संबंधी योजनाओं में क्या-क्या सामग्री वितरित की गई? विकासखण्डवार वर्षवार जानकारी दें। (ख) रायसेन जिले में प्रश्नांश (क) अवधि में कितने उद्यान विकसित किए गये हैं तथा उनके विकास व विस्तार के लिये 1 अप्रैल, 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितना बजट उपलब्ध कराया गया? उद्यानवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं एवं उनके निराकरण हेतु क्या कार्यवाही की गई है? (घ) रायसेन जिले की नर्सरियों, उद्यानों व कृषकों को फलोद्यान हेतु वित्त वर्ष 2014-15 से प्रश्र दिनांक तक वर्षवार आवंटन बतावें? विकासखण्डवार जानकारी देवें।
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में एक शिकायत प्राप्त हुई है जिसकी जाँच प्रक्रियाधीन है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
उद्यानों एवं नर्सरियों पर व्यय
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
12. ( क्र. 2805 ) श्री अरूण भीमावद : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर जिले में स्थापित उद्यानिकी विभाग के उद्यानों, नर्सरियों को वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में आज दिनांक तक कितनी राशि दी गई? नर्सरी का नाम, राशि सहित पृथक-पृथक बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में आवंटित राशि के विरूद्ध खर्च की गई राशि का ब्यौरा बतायें। (ग) क्या विभाग द्वारा कृषकों को वृक्षों एवं बीजों का आवंटन किया गया है? (घ) यदि हाँ, तो हितग्राही किसानों की संख्या, वृक्ष, बीज की मात्रा सहित बतायें।
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) एवं (ख) विभाग द्वारा उद्यानवार/नर्सरीवार राशि का आवंटन नहीं किया जाता, अपितु जिलेवार किया जाता है। प्रश्नाधीन वर्षों में शाजापुर जिले को प्रदत्त आवंटन एवं व्यय की जानकारी निम्नानुसार है:-
वर्ष |
प्रदत्त आवंटन (राशि रूपये में) |
व्यय राशि (रूपये में) |
2014-15 |
25,74,000 |
25,72,447 |
2015-16 |
25,18,106 |
24,85,451 |
2016-17 (प्रश्न दिनांक तक) |
23,40,900 |
18,54,417 |
(ग) विभाग द्वारा कृषकों को पौधे एवं बीज का वितरण किया गया है। (घ) पौधा/बीज वितरण की जानकारी निम्नानुसार है:-
वर्ष |
पौधा वितरण |
बीज वितरण |
||
हितग्राही संख्या |
संख्या |
हितग्राही संख्या |
मात्रा (किलो ग्राम) |
|
2014-15 |
200 |
1,48,000 |
10,419 |
57,829.95 |
2015-16 |
21 |
1,63,980 |
19,004 |
53,177.09 |
2016-17 |
- |
- |
434 |
54,269.00 |
अपेक्स
सहकारी संस्थाओं
के निर्वाचन/
प्रशासक
[सहकारिता]
13. ( क्र. 2852 ) श्री सुरेन्द्रनाथ सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में आज दिनांक तक कुल कितनी अपेक्स सहकारी संस्थाए कार्यरत हैं और कितनों में निर्वाचन प्रक्रिया पूर्ण की गई है तथा कितनी शेष हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कितनी अपेक्स सहकारी संस्थाओं में प्रशासक नियुक्त हैं और प्रशासक की नियुक्ति की समय-सीमा और निर्वाचन नहीं किये गये तो कारण बतावे? प्रक्रिया में देरी होने के लिये कौन-कौन जिम्मेदार है? इन पर क्या कार्यवाही की गई है नहीं तो कब तक की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (ख) में क्या प्रशासक ही निर्वाचन में देरी करने का कारण है? यदि हाँ, तो किस-किस अपेक्स सहकारी संस्था में पृथक-पृथक संस्थावार कारण बतावें? (घ) प्रश्नांश (ग) में क्या प्रशासक ने निर्वाचन कराने के दायित्वों का निर्वहन किया है? यदि नहीं, तो प्रशासकों पर क्या कार्यवाही की गई, नहीं तो कब तक की जावेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सड़क एवं पुल-पुलिया निर्माण
[लोक निर्माण]
14. ( क्र. 4259 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक पनागर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत सड़क निर्माण हेतु दिये गये प्रस्तावों यथा बरेला लोकसागर तालाब से बल्हवारा-हिनौतिया-जमुनिया, बरेला से महगवां-हिनौतिया-पिण्डरई बारहा, बरेला से महगवां, बरेला से सिलपुरी-पहाड़ीखेड़ा, बरेला से कलगोड़ी एवं अन्य सड़कों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? प्रस्ताववार जानकारी देवें. (ख) यदि नहीं, तो कारण बतायें? (ग) वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा पनागर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कितने पुल, पुलिया एवं मार्ग स्वीकृत किये गये? कितने निर्मित हुये? कितने निर्माणाधीन हैं? कार्यवार विवरण देवे.
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। पनागर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत, प्रश्नांकित मार्गो के निर्माण हेतु म.प्र. रोड डेव्हलपमेंट कार्पो.लि. को वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कोई भी प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है। 14.05 कि.मी. लंबाई के पनागर-बेलखाडू मार्ग की स्वीकृति न्यू डेव्हलपमेंट बैंक के ऋण के अंतर्गत प्राप्त है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। प्रश्नांकित अवधि में पनागर विधानसभा क्षेत्र में पनागर-बेलखाडू मार्ग (मुख्य जिला मार्ग), अनुमानित लंबाई रू. 14.05 कि.मी. के निर्माण/उन्नयन हेतु निविदा की कार्यवाही प्रचलन में है।
क्षतिग्रस्त स्टॉप डेम की मरम्मत
[जल संसाधन]
15. ( क्र. 4260 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या क्षतिग्रस्त स्टॉपडेम की मरम्मत किये जाने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक पनागर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत कितने स्टॉप डेम की मरम्मत की गई? सूची देवें. (ग) कितने पुराने स्टॉप डेम उपलब्ध हैं? कितने में पानी रूकता है एवं कितने में नहीं रूकता है? स्टॉप डेमवार जानकारी देवें? (घ) क्या नये स्टॉप डेम चिन्हित किये गये हैं? यदि हाँ, तो सूची देवे.
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) क्षतिग्रस्त विभागीय संरचनाओं के सुधार कार्य कराये जाते हैं। (ख) एवं (ग) पनागर विधानसभा क्षेत्र में विभाग के अधीन कोई भी स्टॉप डेम नहीं है। अत: शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है। (घ) जी नहीं, शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है।
नर्मदा एवं टेमर नदी के संगम पर घाट निर्माण
[जल संसाधन]
16. ( क्र. 4479 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 3 वर्षों में बरगी विधान सभा क्षेत्र के ग्राम सालीवाड़ा विकासखण्ड जबलपुर के अंतर्गत आने वाले नर्मदा एवं टेमर नदी के संगम पर जन सुविधाओं एवं स्वच्छता हेतु घाट निर्माण कराने हेतु किन-किन जनप्रतिनिधियों द्वारा पत्र लिखे गये? (ख) क्या जि.यो. समिति जबलपुर की बैठक एजेन्डा दिनांक 23.07.2016 में दर्शित उक्त निर्माण कार्य कराने प्रभारी मंत्री द्वारा निर्देशित किया गया था? (ग) यदि हाँ, तो उक्त नर्मदा नदी के घाट निर्माण की जिला पंचायत शासन द्वारा कब तक स्वीकृति प्रदान की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) मा. मंत्रीजी किसान कल्याण तथा कृषि विकास (प्रभारी मंत्री जिला जबलपुर) की नोटशीट प्राप्त हुई थी। (ख) जी नहीं। (ग) जिला पंचायत विभाग के नियंत्रणाधीन नहीं होने से शेष प्रश्नांश का उत्तर दिया जाना संभव नहीं है।
सॉडखेड़ा-मझौला मार्ग की निविदाओं में पक्षपात
[लोक निर्माण]
17. ( क्र. 4690 ) श्रीमती ममता मीना : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सॉडखेड़ा-मझौला मार्ग की निविदा दरें प्रथम बार कम प्राप्त हुईं? यदि हाँ, तो निविदा दरें क्या प्राप्त हुईं थी? (ख) उक्त मार्ग की निविदा दरें निरस्ती के पूर्व पुनः निविदा दरें क्यों आमंत्रित की गई? (ग) उक्त मार्ग की प्रथम निविदा दरें क्या थी तथा पुनः निविदा दरें क्या प्राप्त हुई जो स्वीकृत की गई? (घ) क्या कम निविदा दरें बिना तथ्यात्मक कारणों के स्वीकृत न करते हुये पुनः निविदा दरें आमंत्रित की जाकर ठेकेदार से सांठ-गांठ कर पूर्व से अधिक निविदा दरें स्वीकृत कर अप्रत्यक्ष रूप से शामिल जवाबदेह अधिकारी के विरूद्ध आज दिनांक क्या कार्यवाही हुई? यदि नहीं, तो तत्काल कार्यवाही कर इस प्रकार के भ्रष्ट अधिकारी को निलंबित कर विभागीय जाँच कब तक प्रारम्भ की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। न्यूनतम निविदा दर 24.95 प्रतिशत एस.ओ.आर. दिनांक 15.04.09 से कम प्राप्त हुई थी। (ख) जी नहीं परिक्षेत्रीय कार्यालय के पत्र क्रमांक सा/401/कान/27 /11/5430 दिनांक 18.07.2011 से स्वीकृत की गई थी। (ग) उक्त मार्ग के प्रथम आमंत्रण की दर 24.95 प्रतिशत एस.ओ.आर. दिनांक 15.04.09 से कम थी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। उत्तरांश 'ख' अनुसार स्वीकृत की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सिचांई परियोजनाएं
[जल संसाधन]
18. ( क्र. 4947 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में कितनी एवं कौन-कौन सी वृहद, मध्यम तथा लघु सिंचाई परियोजनाएँ स्वीकृत/निर्माणधीन अथवा स्वीकृति अपेक्षा में है? जिलेवार ब्यौरा दें। (ख) कितनी परियोजनाएँ आधुनिकीकरण में सम्मिलित हैं? ब्यौरा दें। वर्तमान स्थिति का विवरण दें। (ग) प्रश्नांश (क) अंतर्गत कितना सिंचाई रकबा किस-किस योजना में बढ़ाने का लक्ष्य है? पूर्ण ब्यौरा दें।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। 2,05,242 हे. क्षेत्र में सिंचाई रकबा बढ़ाया जाना लक्षित है।
योजनांतर्गत निर्माण कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
19. ( क्र. 5051 ) श्री अजय सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले की सभी विधानसभा क्षेत्रों में विभाग द्वारा विभिन्न मदों/योजनाओं के द्वारा कितनी राशि के कितने-कितने कार्य 01 अप्रैल 2014 से प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत किये गये हैं वर्षवार, विधानसभावार, मद/योजनावार, कार्यवार, राशिवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत स्वीकृत कार्यों की निविदा कब स्वीकृत हुई? किस दर पर किस-किस फर्म की स्वीकृत हुई हैं? दरवार, विधानसभावार वर्षवार, कार्यवार, राशिवार, दिनांकवार, फर्म का नाम व पतावार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कार्य पूर्ण हो चुके है? कितना-कितना भुगतान किया गया है? कितना कार्य शेष है वर्षवार, विधानसभावार, मद/योजनावार, कार्यवार, राशिवार, पूर्ण कार्यवार, अपूर्ण कार्यवार, भुगतान राशिवार जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (क) के तहत किस विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा राशि के निर्माण एवं मेंटेनेंस के कार्य हुये व सबसे कम किस विधानसभा में हुए जानकारी दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'अ-1', 'अ-2' एवं एन.एच.ए.आई. से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'अ-1', 'अ-2' एवं एन.एच.ए.आई. से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'अ-1', 'अ-2' एवं एन.एच.ए.आई. से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1', 'ब' एवं एन.एच.ए.आई. से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है।
किसानों के ऊपर व्यय की गई राशि
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
20. ( क्र. 5058 ) श्री अजय सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंहस्थ 2016 के लिये विभाग को कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य को किये जाने हेतु किस मद में कब-कब आंवटित की गयी? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित आयोजन में कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य पर कब-कब व्यय की गयी? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित आयोजन में किस मद की कितनी राशि को दूसरे मद में किन कारणों से कब व्यय किया गया? (घ) एक मद में आवंटित राशि को दूसरे में व्यय किये जाने हेतु किस-किस सक्षम कार्यालयों की अनापत्ति (एन.ओ.सी.) ली जानी नियमानुसार अत्यावश्यक थी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) विभाग द्वारा सिंहस्थ 2016 के लिये कोई राशि आवंटित नहीं की गई। अतः जानकारी निरंक है। (ख) से (घ) निरंक।
मार्ग निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद भी लंबित देयकों का भुगतान
[लोक निर्माण]
21. ( क्र. 5065 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिंगरौली जिले के राष्ट्रीय राजमार्ग विस्तार के कि.मी. 124/2 नौआ नाला पुल एवं उसके बाद रिकान्सट्रक्शन ऑफ ड्रेनेज ब्रिज का कार्य अनुबंध क्रमांक 61/एन.एच./2007-08 संविदाकार के द्वारा जाब क्र. 0075 ई.एक्स./2006-07/एम.पी./521 का संपूर्ण कार्य दिनांक 31/03/2015 को पूर्ण कर दिया गया है? (ख) यदि हाँ, तो कार्य पूर्ण होने के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग संभाग सागर उप संभाग रीवा द्वारा ठेकेदार के बकाया देयक का भुगतान आज दिनांक तक नहीं किया गया और अब यह जानकारी दी जा रही है कि राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 75 विस्तार में स्थित नौआ नाला पुल एप्रोच निर्माण कार्य के अभिलेख अनुबंध माप पुस्तिकायें, पत्राचार नस्ती इत्यादि गुम हो गये हैं। दस्तावेजों के गुम होने का F.I.R. जी.आर.पी.एफ. थाना भोपाल में रीवा से भोपाल दस्तावेज लेकर जाने वाले विभाग के कर्मचारी द्वारा कराया गया है। विभागीय स्तर पर अनुविभागीय अधिकारी रा.रा.मार्ग उप संभाग रीवा एवं कार्यपालन यंत्री संभाग सागर द्वारा उच्च अधिकारियों अधीक्षण यंत्री, मुख्य अभियंता तथा प्रमुख अभियन्ता रा.रा. मार्ग एवं संविदाकार के बकाया भुगतान के संबंध में अनुरोध किया गया है। उच्च अधिकारी द्वारा रूचि नहीं लिये जाने से संविदाकार के अपूर्णनीय क्षति हो रही है। (ग) क्या गुम हुये अभिलेखों के द्वितीय प्रति निर्माण कराने एवं संविदाकार के भुगतान में विलंब करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी और संविदाकर के लंबित देयक का भुगतान अविलम्ब कर दिया जायेगा? (घ) यदि हाँ, तो किस दिनांक तक संविदाकार को संपूर्ण देयक का भुगतान बिना किसी शर्त और पेनाल्टी के करा दिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ, कार्य दिनांक 31.03.2015 को नहीं अपितु दिनांक 30.10.2015 को पूर्ण किया गया। (ख) जी हाँ, जी हाँ। दस्तावेजों के गुम होने की शिकायत जी.आर.पी. थाना भोपाल में संबंधित कर्मचारी द्वारा की गई है। जी हाँ। जी नहीं। (ग) माप पुस्तिका की द्वितीय प्रति बनाये जाने का शासकीय नियमों में कोई प्रावधान नहीं है। संविदाकार के भुगतान किये जाने के प्रस्ताव का परीक्षण किया जा रहा है, भुगतान में विलंब हेतु कोई अधिकारी जिम्मेदार नहीं है। शासकीय अभिलेखों के गुम होने की जाँच की जा रही है। ठेकेदार के देयक भुगतान किये जाने हेतु कार्यवाही की जा रही है। (घ) भुगतान की निश्चित तिथि बताना संभव नहीं है। भुगतान अनुबंध की शर्तों के अनुसार प्रकरण के गुणदोष के आधार पर नियमानुसार पेनाल्टी अधिरोपित कर किया जावेगा।
अशोक नगर जिले के स्वीकृत एवं लम्बित प्रस्ताव
[लोक निर्माण]
22. ( क्र. 5120 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग अशोकनगर के 2014 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से प्रस्ताव अशोकनगर जिले के मुख्य अभियंता व शासन को भेजे हैं तथा उनकी लागत क्या है? उनमें से कौन-कौन से स्वीकृत हो गये, कौन-कौन से लंबित हैं तथा कौन-कौन से अस्वीकृत हो गये हैं? (ख) प्रश्नकर्ता ने अशोकनगर जिलों के मुंगावली के डाक बंगले की 60 लाख रूपये की योजना, मुंगावली बायपास की 60 लाख रूपये की योजना, पिपरई अजलगढ़, सेहराई सड़क की मरम्मत तथा अशोकनगर बायपास की बजाय मतावली से कुम्हरा के बीच केन्द्रीय सड़क निधि से सड़क का सुझाव दिया है? उस बारे में कब तक कार्य प्रारंभ किया जायेगा तथा अशोकनगर बायपास के लिये कब तक बायपास की मरम्मत के लिये बजट दिया जायेगा तथा प्रश्नकर्ता प्रश्नों और सुझावों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। मनावली से कुम्हरी के बीच सी.आर.एफ. से जोड़ने के संबंध में ग्राम मनावली प्रस्तावित मुख्य जिला मार्ग से एवं कुम्हर्रा राज्य मार्ग से जोड़ने हेतु पी.एम.जी.एस.वाय. योजनांतर्गत निर्माणाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। मरम्मत हेतु राज्यमद के बजट की आवश्यकता नहीं होती है।
राशन की दुकानों का आवंटन
[सहकारिता]
23. ( क्र. 5121 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बिलाखेड़ा प्राथमिक सहकारी समिति के अध्यक्ष ओमप्रकाश यादव ने उनके अंतर्गत आने वाली बिलाखेड़ा, जसेया, गुपलिया, पिपलखेड़ा, केशलोन बीलाखड़ी, बीलाखेड़ा में राशन की दुकानें उनके निर्वाचित होने के बाद बार-बार अनुरोध के बाद भी उन्हें नहीं दी गई हैं तथा इन दुकानों को तथा टिटोर, केनवारा और मोलाडेम की राशन दुकानें भी दिनेश यादव अपने लोगों के बेनामी नाम से चला रहा है? यह शिकायतें पिछले तीन सालों से हो रही है लेकिन इन पर कार्यवाही क्यों नहीं हो रही है? जिन लोगों को राशन की दुकानें दी गईं उन्हें हटाकर अन्य लोगों को क्यों नहीं दी जा रही है? (ख) इसी प्रकार डोगर की राशन की दुकान डुगासरा, खोखसी की छैबलाई जो कि वहां से 10 किलोमीटर दूर है तथा बरखेड़ा पिपरई में अन्यत्र राशन की दुकान क्यों दी तथा जनप्रतिनिधियों की मांग पर उन्हें पूर्व की तरह डोगर ओर पिपरई सहकारी संस्थाओं में क्यों नहीं जोड़ा गया? (ग) मुंगावली व चंदेरी तहसीलों में कितनी ऐसी राशन की दुकानें हैं जो उन गांवों में सहकारी समिति होने के बावजूद अन्यत्र कब-कब, कहाँ-कहाँ पिछले 05 सालों में जोड़ी गईं तथा लगातार 03 वर्षों से शिकायतों के बावजूद भी राशन की दुकानों को मूल सहकारी समिति को क्यों नहीं दी जा रही हैं? सहकारी समितियों के नाम उनके अंतर्गत आने वाले गांवों की दुकानें वहां अन्यत्र किसके द्वारा क्यों जोड़ी गई? इसका पूरा विवरण मुंगावली तहसील का दें।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) खाद्य विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार उचित मूल्य दुकान बीलाखेड़ा, जसैया ग्राम पंचायत की दुकानें सेवा सहकारी संस्था खोरीबरी द्वारा संचालित की जा रही है तथा पीपलखेड़ा एवं केशलोन पंचायत की दुकानें महिला बहुउद्देशीय संस्थाओं द्वारा संचालित की जा रही है। गुपलिया और बीलाखेड़ी पंचायत में वर्तमान में कोई दुकान संचालित नहीं है। बीलाखेड़ा प्राथमिक सहकारी समिति के प्रबंधक के द्वारा लिखित रूप से दुकानें संचालन करने में असमर्थता व्यक्त करने के कारण सेवा संस्था बीलाखेड़ा को दुकानें आंवटित नहीं की गई है। दिनेश यादव द्वारा कोई दुकान संचालित नहीं की जा रही है। मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश 2015 के प्रावधान अंतर्गत उचित मूल्य दुकानों का आवंटन सहकारी संस्थाओं को किया जा सकता है। किसी व्यक्ति विशेष को नहीं किया जा सकता हैं। (ख) उचित मूल्य दुकान डोगर के प्रबंधक एवं विक्रेता की एफ.आई.आर. होने तथा डोगर संस्था के प्रबंधक द्वारा डोगर दुकान को संचालित करने में असमर्थता व्यक्त करने के कारण डुंगासरा संस्था की उचित मूल्य दुकान अमरोद से संबंध कर संचालित कराई जा रही है जो मात्र 04 किलोमीटर दूर है। इसी प्रकार छैवलाई संस्था के कार्यक्षेत्र की खोक्सी दुकान खोक्सी चक्क से संचालित हैं एवं बरखेड़ा पिपरई की उचित मूल्य दुकान शक्तिपुंज महिला बहुउद्देशीय संस्था बांसखेड़ी द्वारा पिपरई में संचालित है। (ग) उक्त पर संयुक्त आयुक्त सहकारिता, ग्वालियर द्वारा जाँच आदेशित किया गया है।
निविदा शर्तों का पालन
[सहकारिता]
24. ( क्र. 5125 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित में निविदा क्रमांक 1309 क्या वर्ष 2016 में जी.आर.जे. कंस्ट्रक्शन कंपनी के पक्ष में खुली थी? क्या उक्त कंपनी वर्ष 2010-2011 एवं 2013-14 की (ऑडिट बेलेंस सीट) पोर्टल पर संलग्न नहीं थी? क्या निविदा क्रमांक 1309 एक ही कंपनी द्वारा डाली गई एवं खरीदी भी एक कंपनी द्वारा की गई? क्या उक्त कंपनी को ही कार्य दिया गया? क्या इसमें निविदा नियमावली का पालन किया गया? (ख) निविदा क्रमांक 1310 में थी वल्लभ इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स द्वारा पोर्टल पर ऑडिट बेलेंस सीट विगत 5 वर्षों की संलग्न की गई थी यदि नहीं, तो क्या कारण है? इस निविदा का कार्य आदेश क्या श्री वल्लभ इन्फ्रास्ट्रक्चर को दिया गया? क्या निविदा नियमावली के बिन्दु क्रमांक 19.1 का पालन उक्त दोनों कंपनियों में किया गया? (ग) क्या निविदा क्रमांक 1312 का कार्योंदेश देते समय निविदा शर्तों के अनुसार निविदाकर्ता द्वारा सी.ए. द्वारा विगत पाँच वर्षों का टर्न ओव्हर का प्रमाणित, प्रमाण पत्र, वार्षिक ऑडिट बेलेंस शीट नेट में पोर्टल पर दर्शाई गई? (घ) क्या उक्त सभी निविदाओं में निविदा नियमावली के बिन्दु क्रमांक 19.1 की शर्तों का पालन किया गया? नहीं तो क्यों?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। निविदा क्रमांक 1309 वर्ष 2016 में जी.आर.जे. कंस्ट्रक्शन कंपनी के पक्ष में खुली थी एवं उक्त कंपनी की वर्ष 2010-11 एवं वर्ष 2013-14 की ऑडिटेड बैलेंस शीट पोर्टल पर संलग्न थी, निविदा क्रमांक 1309 एक ही कंपनी द्वारा डाली गई थी एवं खरीदी भी एक ही कंपनी द्वारा की गई थी एवं उसी कंपनी को कार्य दिया गया, परीक्षणाधीन। (ख) जी हाँ, निविदा क्रमांक 1310 वल्लभ इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स द्वारा पोर्टल पर ऑडिट बैलेंस शीट विगत 05 वर्षों की संलग्न की गई थी, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता, जी हाँ, परीक्षणाधीन। (ग) निविदा क्रमांक 1312 में कार्यादेश देते समय निविदा शर्तों के अनुसार निविदाकर्ता द्वारा सी.ए. द्वारा विगत पाँच वर्षों का टर्नओवर का प्रमाणित प्रमाण पत्र ऑनलाईन पोर्टल पर प्राप्त नहीं हुआ था एवं वार्षिक ऑडिट बैलेंसशीट ऑनलाईन पोर्टल पर प्राप्त हुई थी। (घ) परीक्षणाधीन।
उपयंत्रियों के पद (स्थाई/अस्थाई) की जानकारी
[लोक निर्माण]
25. ( क्र. 5425 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग में उपयंत्रियों के कुल कितने पद हैं? इनमें से कितने पद स्थाई व कितने अस्थायी है? (ख) विभाग में कितने स्थायी व अस्थायी उपयंत्री कार्यरत है? (ग) विभाग द्वारा अंतिमबार उपयंत्रियों का स्थायीकरण कब किया गया था, दिनांक आदेश क्रमांक सहित बतावें? (घ) प्रश्नांश भाग (क) के उत्तर में यदि स्थायी उपयंत्रियों की संख्या शून्य है तो उपयंत्रियों को स्थायी न करने के क्या कारण है? उन्हें कब तक स्थायी किया जावेगा, समयावधि सहित बतावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (घ) उपयंत्री संवर्ग की पदक्रम सूची समूह 'अ' एवं 'ब' अनुसार वरिष्ठता निर्धारण के संबंध में मान. न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन होने के कारण। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
विधानसभा क्षेत्र उदयपुरा में नहर की मरम्मत
[जल संसाधन]
26. ( क्र. 5514 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र उदयपुरा में कितने जलाशय हैं, तहसीलवार नहरों की जानकारी दें तथा उक्त नहरों के निर्माण के बाद से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार मरम्मत एवं अन्य कार्य में कितनी राशि स्वीकृत एवं व्यय की गई? पृथक-पृथक नहरवार विवरण दें? (ख) प्रश्नांश (क) के जलाशयों के निर्माण के बाद प्रश्न दिनांक तक सिंचित रकबा कितना है? कब-कब घटा-बढ़ा वर्षवार जलाशयवार विवरण दें? (ग) क्या विधानसभा क्षेत्र उदयपुरा में सिंचित रकबा बढ़ाए जाने हेतु शासन कोई विशेष कार्य योजना बनाएगा? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो कारण बताएं?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) रायसेन जिले में उदयपुरा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत 06 लघु जलाशय निर्मित हैं। वर्षवार, योजनावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ग) इस विभाग में प्रक्रियाधीन योजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत जिला सिंचाई आयोजना जिला योजना समिति द्वारा तैयार किए जाने की व्यवस्था है।
शासन की योजनाओं के प्रचार-प्रसार
[जनसंपर्क]
27. ( क्र. 5618 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सरकार की विभिन्न योजनाओं के प्रचार-प्रसार पर वर्ष 2015-19 एवं 2016-17 में किस-किस विभाग के लिए कितनी-कितनी राशि प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर व्यय की गई? पूर्ण ब्यौरा दें। (ख) किन-किन समाचार पत्रों, पत्रिकाओं एवं टी.वी.चैनल्स को उक्त विज्ञापन किस मापदंडानुसार उपरोक्त अवधि में कितनी-कितनी राशि के दिये? पूर्ण ब्यौरा दें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) प्रचार-प्रसार में उक्त अवधि में प्रसारण, प्रकाशन, भुगतान आदि में कोई त्रुटि/शिकायतें पाई? यदि हाँ, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है? शिकायतों पर हुई कार्यवाही का विवरण दें।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) वर्ष 2015-16 वर्ष 2016-17
समाचार पत्रों की संख्या एवं राशि रूपये करोड़ो में |
||||
दैनिक |
1186 |
65.19 |
1320 |
64.97 |
साप्ताहिक |
1216 |
7.44 |
1506 |
9.60 |
पत्रिकायें |
2453 |
17.80 |
2846 |
22.53 |
टी.व्ही.चैनल्स |
33 |
34.30 |
55 |
41.85 |
(ग) जी नहीं। शेषांष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सहकारिता समितियों को बीज एवं कीटनाशक के लाइसेंस का प्रदाय
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
28. ( क्र. 5666 ) श्री उमंग सिंघार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिलों में सहकारी समितियों को उर्वरक, बीज एवं कीटनाशक के विक्रय करने हेतु लाइसेंस लेना अनिवार्य है? (ख) यदि हाँ, तो प्रदेश में कितनी सहकारी समितियों को उर्वरक, बीज एवं कीटनाशक के विक्रय करने हेतु जिला स्तर से लाइसेंस जारी किये गये हैं? जिलावार जानकारी देवें? (ग) जिन सहकारी समितियों के पास लाईसेंस नहीं है उन समितियों को लाइसेंस प्राप्त करने हेतु सहकारिता विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
किसान
कल्याण
मंत्री ( श्री
गौरीशंकर
बिसेन ) : (क) जी
हाँ। जिलों
में सहकारी
समितियों को
उर्वरक, बीज एवं
कीटनाशक के
विक्रय करने
हेतु लाइसेंस
लेना
अनिवार्य है। (ख)
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (ग)
आयुक्त
सहकारिता एवं
पंजीयक, सहकारी
संस्थायें
म.प्र. भोपाल
के पत्र
क्रमांक/विप./उर्व./2017/752
दिनांक 23-03-2017 द्वारा
उर्वरक, बीज एवं
कीटनाशक का व्यवसाय
करने वाली
जिले की समस्त
सहकारी संस्थाओं
को
नियमानुसार
लाइसेंस
प्राप्त
करने एवं समय-समय
पर उसका नवीनीकरण
कराये जाने
हेतु संबंधित
अधिकारियों को
निर्देशित
किया गया है।
परिशिष्ट
- ''छ:''
दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के आदेश में सुधार
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
29. ( क्र. 5690 ) श्री प्रताप सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्री भुजबल सिंह ठाकुर की नियुक्ति कृषि उपज मंडी समिति दमोह के आदेश क्रमांक मण्ड़ी/स्था./91-92/558 दिनांक 21/12/91 से दैनिक वेतन भोगी लिपिक के पद पर की गई थी? (ख) क्या शासन के अद्यतन नियमों/नीतियों के पालन में प्रश्नांश (क) में पारित आदेश में हुई त्रुटि को संशोधित करते हुए आदेश जारी किये जाना थे, संशोधित आदेश जारी किये जाने का अनुमोदन म.प्र.राज्य कृषि विपणन बोर्ड के अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री किसान कल्याण द्वारा नोटशीट दिनांक 04/10/2013 को किया जा चुका था? यदि हाँ, तो किन कारणों से प्रश्न दिनांक तक कृषि विपणन बोर्ड/प्रबंध संचालक द्वारा आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है, कब तक संशोधित आदेश जारी किये जावेंगे?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी नहीं, कृषि उपज मंडी समिति दमोह के कार्यालय में उपलब्ध रिकार्ड अनुसार श्री भुजबल सिंह ठाकुर, को भृत्य के पद पर दैनिक वेतन पर नियुक्ति दी गई थी। (ख) जी हाँ। म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड के अंतर्गत कार्यरत दैनिक वेतनभोगी/अस्थायी कर्मचारियों के नियमितीकरण हेतु छानबीन समिति का गठन किया गया है। श्री भुजबल सिंह ठाकुर, भृत्य को लिपिक के पद पर नियमितीकरण के संबंध में प्रकरण गठित छानबीन समिति के समक्ष विचारार्थ रखा गया था। ततविषय में समिति द्वारा कृषि उपज मंडी समिति दमोह से प्राप्त अभिलेखों का पुन: परीक्षण/समीक्षा करने पर श्री भुजबल सिंह ठाकुर, की कृषि उपज मंडी समिति दमोह में दिनांक 01.01.92 से दैनिक वेतन पर भृत्य के पद पर नियुक्ति होना पाया गया। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सहकारी बैंक की संस्थाओं द्वारा उद्यानिकी फसलों की बीमा प्रीमियम की वसूली
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
30. ( क्र. 5693 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रबी 2016 अंतर्गत उज्जैन संभाग के कितने हेक्टेयर क्षेत्र में उद्यानिकी फसलों की बोवनी की गई? जिलेवार, फसलवार ब्यौरा दें। (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शाई गयी फसलों में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अंतर्गत कौन-कौन सी अधिसूचित फसलों का ऋणी एवं अऋणी किसानों का फसल बीमा कराया गया है तथा सहकारी बैंक की संस्थाओं द्वारा किसानों से कितनी-कितनी राशि बीमा प्रीमियम के रूप में वसूल की गयी है? फसलवार, क्षेत्रफलवार ब्यौरा दें। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में वसूल की गई फसल बीमा प्रीमियम की राशि संबंधित बीमा कंपनी को निर्धारित ऋणमान (Scale of finance) अनुसार ही भुगतान की गई है? यदि हाँ, तो, जमा कराई गयी बीमा प्रीमियम राशि का फसलवार, क्षेत्रफलवार ब्यौरा दें।
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) उज्जैन संभाग के अंतर्गत रबी 2016 में बोवनी की जिलेवार, फसलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत कंपनियों से प्राप्त ऋणी एवं अऋणी कृषकों के बीमित फसलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है तथा सहकारी बैंकों द्वारा किसानों के ऋण खातों से काटी गई प्रीमियम राशि की फसलवार, क्षेत्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) मौसम आधारित फसल बीमा योजना के क्रियान्वयन हेतु मध्यप्रदेश शासन उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार अधिसूचित फसलों की इकाई लागत को ही बीमित राशि निर्धारित किया गया है। इसी प्रकार कृषकों द्वारा देय निर्धारित प्रीमियम राशि का भुगतान बैंकों के माध्यम से बीमा कंपनियों को किया गया है। जिलेवार जमा कराई गई प्रीमियम राशि की फसलवार एवं क्षेत्रवार जानकारी उत्तरांश 'ख' के परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है।
पुल पुलिया का निर्माण
[लोक निर्माण]
31. ( क्र. 5748 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा मा. लोक निर्माण मंत्री महोदय, म.प्र.शासन भोपाल को लिखे कार्यालयीन पत्र दिनांक 07.12.2016 जिसमें नगर हरदा में टिमरन नदी पर मानपुरा हरदा से बिरजाखेड़ी पम्प हाउस रोड पर पुल निर्माण एवं ग्राम रन्हाई कलॉ से कुकरावत रोड पर रन्हाई कलॉ ग्राम के पास पुल निर्माण कराये जाने हेतु लेख किया गया था, पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों की वर्तमान स्थित क्या है? क्या विभाग द्वारा उक्त सम्बन्ध में कोई सर्वे कर प्राक्कलन आदि तैयार किया गया है? (ग) यदि नहीं, तो उसका क्या कारण है? (घ) क्या लोक निर्माण विभाग लोगों को आवागमन में हो रही परेशानियों को दृष्टिगत रखते हुये प्रश्नांश (क) में अंकित स्थलों पर पुल बनाये जाने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ, प्रश्नाधीन दोनों पुलों के निर्माण हेतु परीक्षण कराया जा रहा है। (ख) दोनों स्थानों पर पुल निर्माण हेतु परीक्षण प्रक्रियाधीन है, जी नहीं। (ग) स्थल परीक्षण प्रक्रियाधीन है। विस्तृत सर्वेक्षण एवं रूपाकंन के पश्चात् ही प्राक्कलन तैयार किया जाना संभव होगा। (घ) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। सीमित वित्तीय संसाधनों के दृष्टिगत वर्तमान में पुल बनाने की समय-सीमा बताना संभव नहीं।
दैनिक वेतन भोगियों को अकुशल श्रमिक का वेतन भुगतान
[जल संसाधन]
32. ( क्र. 5771 ) श्रीमती ममता मीना : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यपालन यंत्री जलसंसाधन गुना द्वारा दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों को कुशल श्रमिक का वेतन देकर कुछ माह पश्चात् फिर से अकुशल श्रमिक का वेतन भुगतान किया जा रहा है? (ख) कुशल-अकुशल एवं अर्द्ध कुशल दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों की भर्ती के लिये सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा क्या मापदण्ड बनाये गये हैं? साथ ही इनकी भर्ती हेतु निर्धारित नीति/निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) गुना जिले में जल संसाधन विभाग में हुई उक्त विसंगति को कब तक दूर किया जावेगा? साथ ही क्या राज्य स्तर पर इस हेतु कोई नीति निर्धारित की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जल संसाधन संभाग गुना अंतर्गत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को श्रम आयुक्त इंदौर से स्वीकृत दरों पर भुगतान किया जाता था। म.प्र.शासन सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक-एफ –5-1/2013/1/3 दिनांक 07.10.2016 के निर्देशानुसार दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को स्थाईकर्मी की श्रेणी दी गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। उक्त परिपत्र के तहत कार्यवाही करने के दौरान 47 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को त्रुटिवश कुशल श्रेणी का वेतन निर्धारण कर माह नवम्बर 2016 हेतु भुगतान कर दिया गया था, जिसका संज्ञान होने पर दिसंबर 2016 में सुधार कर दिया गया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
चयनित हितग्राहीयो के अनुमोदन संबंधी कार्य
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
33. ( क्र. 5811 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सत्र 2016-17 में खरगोन जिले के बड़वाह एवं महेश्वर विकासखण्ड में एक हेक्टर से अधिक रकबे वाले माइक्रोइरीगेशन सिंचाई अनुदान से लाभांवितों के कृषक अंश उल्लेखित (संचालनालय उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी, भोपाल के पत्र क्रमांक/उद्यान/ PMKSY/1/2016-17/1259, दिनांक 01 अगस्त 2016 में निर्देशित बिंदु क्रमांक 7 से संबंधित एवं संचालनालय उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी, भोपाल के पत्र क्रमांक/उद्यान/समन्वय/सामान्य निर्देश/ 2016-17/434, दिनांक 12 जनवरी 2017 में निर्देशित बिंदु क्रमांक 3 अनुसार) बैंक स्टेटमेंट की प्रतियां देवे, जिसे देखने के बाद अनुदान का भुगतान किया गया? (ख) सत्र 2016-17 में बड़वाह विकासखण्ड के अनुदान प्राप्त हितग्राहियों के ड्रिप के भौतिक सत्यापन पत्रक, किसान का सहमति पत्र की छायाप्रतियां देवे।
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) वर्ष 2016-17 में बड़वाह विकासखण्ड के अनुदान प्राप्त हितग्राहियों के ड्रिप के भौतिक सत्यापन पत्रक एवं किसान का संतुष्टि प्रमाण पत्र जिसमें उसकी सहमति है, की छायाप्रतियाँ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
स्कूल भवनों का गुणवत्तापूर्ण निर्माण
[लोक निर्माण]
34. ( क्र. 5820 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले के सिहावल विधानसभा क्षेत्र अंर्तगत शा. कन्या हा. से. स्कूल हिनौती, शा. बालक हा.से. स्कूल हिनौती, शा. उ. मा. विद्यालय पतुलखी तथा शा. हाई स्कूल लोहीडांड में भवन का किस मद से निर्माण कराया है और एजेंसी कौन है? भवन निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है या नहीं? (ख) क्या स्कूल भवनों के अब तक के निर्माण कार्य जो गुणवत्ताविहीन हैं उसकी जाँच करायी जाकर दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों? (ग) स्कूल भवनों का गुणवत्तापूर्ण निर्माण कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) शासकिय कन्या हायर सेकेण्डरी स्कूल हिनौती में एक कक्ष का निर्माण कराया जा रहा है, डिपाजिट मद में कराया जा रहा है, जिसकी निर्माण एजेंसी लोक निर्माण विभाग है। जी नहीं। (ख) उत्तरांश 'क' में लोक निर्माण विभाग (भ/स) अंतर्गत शासकीय कन्या हायर सेकेण्डरी हिनौती निर्माण कार्य गुणवत्तायुक्त कराया जा रहा है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
नहरों का रख-रखाव
[जल संसाधन]
35. ( क्र. 6120 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत विभाग द्वारा वित्त वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में किन-किन नहरों का मरम्मतीकरण कार्य किया गया वर्षवार सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कौन-कौन सी नहर का कब कितनी राशि से मरम्मत कार्य किया गया? व्यय राशि किस मद से खर्च की गई मदवार व्यय राशि का विवरण देवें। वर्तमान में विभाग द्वारा कितने हेक्टेयर भूमि पर सिचाई करने का लक्ष्य रखा गया था एवं वर्तमान में विभाग द्वारा कितने हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई की जा रही है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
अपूर्ण निर्माण कार्य एवं जाँच
[लोक निर्माण]
36. ( क्र. 6366 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में बड़ामलहरा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत लोक निर्माण विभाग छतरपुर द्वारा वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितने निर्माण कार्यों को पूर्ण किया जा चुका है और कितने निर्माण कार्य विभाग द्वारा पूर्ण नहीं किये जा सके हैं, की सूची उपलब्ध करायें और उनके लिये क्या समय-सीमा निर्धारित थी। (ख) क्या निर्माण कार्यों का सत्यापन व निरीक्षण, परीक्षण किसी कार्यपालन यंत्री/एस.डी.ओ. स्तर के अधिकारी से कराया गया है। निर्माण मटेरियल के कुल कितने सेंपलों का परीक्षण किस प्रयोगशाला में भेजकर कराया गया है? (ग) क्या बड़ामलहरा में निर्मित मॉडल स्कूल एवं बक्सवाहा में निर्मित छात्रावास का निर्माण घटिया सामग्री से कराये जाने की जाँच करायेंगे और दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही कर दंडित करेंगे। हां, तो कब तक।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ख) जी हाँ। म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा कुल 21,842 नग सेंपलों का परीक्षण अनुबंधानुसार कार्यस्थल पर स्थापित परीक्षण प्रयोगशाला में कराया गया है। इसके अतिरिक्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) मॉडल स्कूल बड़ामलहरा का निर्माण कार्य दिनांक 30.06.2014 को पूर्ण हो चुकने के बाद दिनांक 10.08.2015 को संबंधित विभाग को हस्तांतरण किया जा चुका है, उक्त अवधि में घटिया सामग्री से निर्माण कराये जाने संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। इसी प्रकार बक्सवाहा में निर्मित छात्रावास का कार्य प्रगति पर है एवं कार्य पूर्ण गुणवत्ता मटेरियल की जाँच कराकर कराया जा रहा है। अत: किसी भी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
उप संचालक कृषि द्वारा जारी नलकूप पंजीयन के आवेदन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
37. ( क्र. 6427 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले में वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में कितने नल कूप के आवेदन के पंजीयन उप संचालक कृषि द्वारा जारी किये गये तथा उनमें से कितने खनन हुये व कितने बाकी हैं, विकास खण्डवार जानकारी उपलब्ध कराये। (ख) क्या पंजीयन हेतु आवेदन वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी के माध्यम से स्थल निरीक्षण कर अनुशंसा करने पर ही पंजीयन किये जाने का प्रावधान है यदि हाँ, तो फिर पंजीयन होने के उपरांत वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी सेवढ़ा द्वारा नलकूप अनुदान भुगतान किस आधार पर रोका गया है। (ग) क्या कुछ ऐसे प्रकरण भी है जिनकी पंजीयन हेतु अनुशंसा करने के उपरांत वही वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी अनुदान भुगतान की अनुशंसा नहीं कर रहे हैं ऐसा क्यों? क्या भोगीराम शाक्य ग्राम चंगपुरा का नलकूप वरि. कृषि किवास अधिकारी सेवढ़ा द्वारा अमान्य किया गया परन्तु समिति द्वारा जाँच करने पर वह सही पाया गया और उसमें अनुदान का भी भुगतान हुआ ऐसा क्यों। (घ) क्या कुछ कृषक अनुदान के अभाव में विद्युत पंप स्थापित नहीं कर पाये हैं उन्हें अनुदान का भुगतान कराया जायेगा या नहीं तथा अनुदान में जानबूझ कर विलम्ब करने का वरि. कृषि विकास अधिकारी सेवढ़ा के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी या नहीं यदि हाँ, तो कब तक।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) दतिया जिले में वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में 180 नलकूपों के आवेदनों के पंजीयन उप संचालक कृषि द्वारा जारी किये गये। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। पंजीयन होने के उपरांत वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी के स्तर से अनुदान का आहरण नहीं किया जाता है। नलकूप के अनुदान भुगतान रोकने का प्रश्न ही नहीं उठता। (ग) प्रकरण की जाँच समिति गठित की गई है। भोगीराम शाक्य के प्रकरण में वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी को स्पष्टीकरण जारी किया गया है। (घ) विधिवत पंप स्थापना के पश्चात् अनुदान का भुगतान किया जाता है। पंप स्थापना के पूर्व अनुदान का भुगतान करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। जाँच समिति के प्रतिवेदन अनुसार गुणदोष के आधार पर संबंधित के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
सामूहिक कृषि सहकारी समितियों को भूमि का आवंटन
[सहकारिता]
38. ( क्र. 6610 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पंजीयक सहकारिता म.प्र. शासन भोपाल द्वारा वर्ष 1978-79 एवं वर्ष 1990-91 में दिए गए आदेशों के बाद भी बैतूल, हरदा एवं होशंगाबाद जिले में सामूहिक कृषि सहकारी समितियों को आवंटित भूमि समिति सदस्यों में वितरित नहीं करवाई जा सकी है। (ख) यदि हाँ, तो कितने सदस्यों की कौन सी समिति का किस दिनांक को पंजीयन कर उसे कितनी भूमि आवंटित की गई उसमें से कितनी भूमि प्रश्नांकित दिनांक तक भी समिति सदस्यों में किन-किन कारणों से वितरित नहीं की जा सकी। (ग) इन समितियों का पंजीयन निरस्त कर आवंटित भूमि समिति सदस्यों को वितरित किए जाने के संबंध में पंजीयक सहकारिता मध्यप्रदेश शासन भोपाल ने किस-किस दिनांक को पत्र, परीपत्र, आदेश, निर्देश जारी किए प्रति सहित बतावें। (घ) समितियों को आवंटित भूमि पंजीयक द्वारा जारी पत्रों के अनुसार सदस्यों को वितरित करवाए जाने के संबंध में विभाग क्या कार्यवाही कर रहा है कब तक जमीनों का वितरण करवा दिया जावेगा।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं, कलेक्टर भू अभिलेख बैतूल से प्राप्त जानकारी अनुसार बैतूल जिले की 33 सामूहिक कृषि सहकारी समितियों में से 17 समितियों के 229 सदस्यों को भूमि आवंटित की गई। शेष जिलों से जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) दिनांक 17.01.1979, दिनांक 07.06.1990, 30.10.2012 को पत्र/निर्देश जारी किए गए। पत्र/निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) सहकारिता विभाग स्तर से भूमि आवंटन की कार्यवाही अपेक्षित नहीं है अत: शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता।
उप संभाग भीकनगांव द्वारा प्राप्त इम्प्रेस्ट एवं भुगतान की गई राशि
[लोक निर्माण]
39. ( क्र. 6628 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष २०१०-११ से वर्ष २०१६-१७ तक अनुविभागीय अधिकारी उप संभाग भीकनगांव द्वारा इमप्रेस्ट कितनी-कितनी राशि ली गई है वर्षवार जानकारी देवे? (ख) वर्ष २०१०-११ से वर्ष २०१६-१७ तक अनुविभागीय अधिकारी उप संभाग भीकनगांव द्वारा पी.ओ.एल. की कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? कार्यपालन यंत्री द्वारा स्वीकृत आदेश क्रमांक एवं दिनांक का विवरण उपलब्ध करावें? (ग) वर्ष २०१०-११ से वर्ष २०१६-१७ तक अनुविभागीय अधिकारी भीकनगांव द्वारा पैक्ड ड्रम एवं इमलसन ड्रम कितनी-कितनी बार कार्यपालन यंत्री खरगोन से लिया गया इण्डेन दिनांक एवं किन-किन उपयंत्रियों को कौन-कौन से मार्ग मरम्मत हेतु कितना डामर दिया गया? विवरण देवें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) लोक निर्माण विभाग संभाग खरगोन के अंतर्गत अनुविभागीय अधिकारी लोक निर्माण विभाग उपसंभाग भीकनगांव को वर्ष 2010-11 से 2016-17 तक कोई भी इम्प्रेस्ट की राशि स्वीकृत नहीं की गई है। (ख) वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' तथा 'स' अनुसार है। पैक्ड बिटुमन/इमल्सन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। पैक्ड बिटुमन/इमल्सन ड्रम जिन उपयंत्रियों को एवं मार्गों पर प्रदाय किये गये है, उसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
बी.ओ.टी. आधार पर संचालित तौल कांटे
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
40. ( क्र. 6683 ) श्री कमल मर्सकोले : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले में कृषि उपज मण्डी समिति में बी.ओ.टी. आधार पर कितने तौल कांटे संचालित हैं? फर्मों के नाम सहित पूर्ण जानकारी दें? (ख) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में वर्ष 2011 से प्रश्न दिनांक तक तौल कांटा संचालकों द्वारा कब-कब किस-किस मनी रिसीट के माध्यम से किराया जमा किया गया एवं उसकी कैश बुक में किन-किन व्हाउचर नंबर से प्रविष्टि की गई? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में तौल चोरी के संबंध में विगत दो वर्षों में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? मूल शिकायत सहित विवरण दें? (घ) क्या तौल कांटे की वार्षिक किराए की राशि यदि किसी एजेंसी द्वारा समय पर जमा नहीं की जाती है तो डिफाल्टर एजेंसी से राशि वसूली का क्या प्रावधान है और यदि संबंधित एजेंसी द्वारा राशि जमा नहीं की तो क्या डिफाल्टर का अनुबंध निरस्त कर दिया जाएगा? यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) दतिया जिले में कृषि उपज मंडी समिति में बी.ओ.टी. आधार पर तौलकांटे की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश में चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विगत दो वर्ष में तौल चोरी के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश में चाही गई जानकारी संलग्न परिपत्र (दो) के अन्य शर्त 10 के तहत कार्यवाही प्रावधानित है जिसके तहत भाण्डेर मंडी द्वारा तौल कांटे की जमा धरोहर राशि राजसात किया जाकर दिनांक 20.03.2017 को अधिपत्य में लिया गया है।
क्षतिग्रस्त नहर (कमांड क्षेत्र का विकास) का जीर्णोद्धार
[जल संसाधन]
41. ( क्र. 6792 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा/अशोकनगर जिले की कितनी नहरें क्षतिग्रस्त हैं, जिनका जीर्णोद्धार होना है? (ख) क्या अशोकनगर जिले के कोचाबांध की नहर क्षतिग्रस्त है? यदि हाँ, तो इस नहर से विदिशा एवं अशोकनगर जिले के ग्रामों में सिंचाई नहीं हो रही है? (ग) प्रश्नांश (ख) का उत्तर हाँ है तो क्षतिग्रस्त नहर (कमांड क्षेत्र का विकास) का जीर्णोद्धार कराने की योजना है? यदि हाँ, तो कब तक सर्वे कराकर योजना तैयार की जा रही है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) कोई नहर क्षतिग्रस्त होना प्रतिवेदित नहीं हैं। कोचा बाँध एवं नहर से विदिशा एवं अशोकनगर जिले के टेल के ग्रामों तक सिंचाई हेतु पानी प्रदाय किया जाना प्रतिवेदित है। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते है।
नहरों के रख-रखाव की राशि बढ़ानें बाबत्
[जल संसाधन]
42. ( क्र. 6973 ) श्री गोपाल परमार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में सिंचाई हेतु नहरों के रख-रखाव के लिए प्रति वर्ष कितनी राशि प्रति हेक्टर दी जाती है एवं कब से दी जा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या यह राशि कितनी व किस वर्ष से दी जा रही है क्या इतनी राशि में नहरों का रख रखाव संभव है नहीं तो क्या इसमें राशि बढ़ानें का कोई प्रावधान है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) सिंचाई हेतु नहरों के रखरखाव के लिए वर्ष विभागीय आदेश दिनांक 27.08.2004 के अनुसार लघु सिंचाई परियोजनाओं की नहरों के लिए रू.80/- एवं मध्यम तथा वृहद परियोजनाओं की नहरों के लिए रू.90/- प्रति हे. की दर से राशि दी जा रही है। विभागीय आदेश दिनांक 20.03.2017 के द्वारा लघु सिंचाई परियोजनाओं की नहरों के लिए रू.120/-, मध्यम सिंचाई परियोजनाओं की नहरों के लिए रू.140/- तथा वृहद परियोजनाओं की नहरों के लिए रू.145/- प्रति हे. की दर से राशि बढ़ाई गई है। इसके अतिरिक्त कुशल प्रबंधन हेतु जल उपभोक्ता संथाओं के लिए रू.40/- प्रति हे. इसेंटिव स्वरूप अतिरिक्त अनुदान दिए जाने का भी प्रावधान किया गया है।
स्थानांतरित जगह के लिये कार्यमुक्त न करने के दोषियों पर कार्यवाही
[लोक निर्माण]
43. ( क्र. 7021 ) श्री
सुन्दरलाल
तिवारी :
क्या लोक
निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) रीवा
जिले के लोक
निर्माण
विभाग
उपसंभाग क्र. 01 में
कितने
उपयंत्री
पदस्थ हैं? पदस्थ
उपयंत्रियों
की पदस्थापना
कितने वर्ष
पूर्व हुई थी? (ख) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में पदस्थ
किन-किन
उपयंत्रियों
को दिनांक 28-12-2015 को किन
उपयंत्रियों
का स्थानांतरण
किस जगह के
लिये किया गया? स्थानान्तरित
जगह के लिये
उपयंत्रियों
को कब कार्यमुक्त
किया गया? (ग) प्रश्नांश
(क) उपयंत्रियों
में से
किन-किन को
प्रभारी
अनुविभागीय
अधिकारी लोक
निर्माण
विभाग के
दायित्व
सौंपे गये? इनमें
से किन-किन की
शिकायतें
विगत 2
वर्षों में
गुणवत्ताविहीन
कार्य किये
जाने की
प्राप्त हुई? उन पर क्या
कार्यवाही की
गई? (घ) प्रश्नांश
(क) के
उपयंत्रियों
के स्थानान्तरण
प्रश्नांश (ख) अनुसार
स्थानान्तर
किये गये
लेकिन
कार्यमुक्त
वरिष्ठ
अधिकारियों
द्वारा नहीं
किये गये तो
संबंधित
दोषियों के
विरूद्ध क्या
कार्यवाही
करेंगे,
बतावें? साथ ही
इनके द्वारा
कराये गये
गुणवत्ता
विहीन सड़कों
एवं रोडों के
कार्य की जाँच
कराकर इनके
विरूद्ध
कार्यवाही
करेंगे?
अगर
नहीं तो क्यों?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
रामपाल सिंह ) : (क)
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार। (ख) दिनांक
28/12/2015 को
किसी भी
उपयंत्रीगण
का
स्थानांतरण
नहीं किया गया
है। शेष का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) संलग्न परिशिष्ट
के कॉलम 5 अनुसार। किसी
भी उपयंत्री
की शिकायत
गुणवत्ताविहिन
कार्य किये
जाने के संबंध
में प्राप्त
नहीं हुई है। प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) प्रश्नांश
'ख'
एवं
'ग'
के
उत्तर के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
विभागीय योजनाओं में अनियमितताओं पर कार्यवाही
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
44. ( क्र. 7082 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 22/7/2016 को प्रश्न क्रमांक 1815 के प्रश्नांश (क) के उत्तर में जी हाँ कहा गया था? तो यह बतलावें की किन-किन शासकीय सेवकों को किस-किस आधार पर दोषी पाया गया है एवं किन-किन प्रकरणों में किसको जाँचकर्ता अधिकारी नियुक्त किया गया? नाम, पदनाम सहित सूची देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत यदि प्रकरणों में तत्कालीन उप संचालक दोषी पाये गये तो उनके अधिनस्त विकासखण्डों के अधिकारियों को सह-आरोपी न बनाने के कारण बतायें? क्या प्रकरणों में अन्य जिम्मेदार शासकीय सेवकों की भी जाँच की गई थी? यदि नहीं, तो क्या इसकी जाँच की जायेगी? (ग) प्रश्नांश (क) के तहत ऐसे कौन-कौन से प्रकरण हैं, जिनमें आरोपियों को प्रश्न दिनांक तक आरोप-पत्र नहीं दिये गये है इसके क्या कारण रहे है एवं कौन जिम्मेदार है, आरोप पत्र कब तक जारी किये जायेंगे? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या प्रकरणों में कार्यवाही पूर्ण होने के पूर्व ही निलम्बित शासकीय सेवकों को बहाल किया गया है? उत्तर में यदि हाँ, तो किस आधार पर एवं क्यों एवं प्रश्न दिनांक तक किन-किन प्रकरणों में जाँच पूर्ण कर किस पर क्या कार्यवाही कब की गई तथा शेष प्रकरणों में अब तक जाँच/कार्यवाही पूर्ण न होने के क्या कारण हैं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर के अनुसार तत्कालीन उप संचालकों के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित है उनके अधीनस्थ विकासखण्डों के कर्मचारियों के विरूद्ध जाँच प्रतिवेदन के आधार पर संबंधित संभागीय संयुक्त संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास को अपने स्तर से आरोप पत्रादि जारी कर विभागीय जाँच की कार्यवाही पूर्ण करने के निर्देश दिये गये हैं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार संबंधितों को आरोप पत्र जारी किये गये हैं। (घ) जी नहीं। श्री जे.आर.हेड़ाऊ तत्कालीन उप संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास कटनी वर्तमान में उप संचालक हरदा को शासन आदेश क्र.एफ4ए/55/2015/14-1, दिनांक 05.07.2016 द्वारा निलंबित किया गया है। वर्तमान में निलंबित हैं। श्री एम.एल.चौहान, तत्कालीन उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास सागर के पद पर पदस्थ अवधि में भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित योजनाओं में गंभीर वित्तीय अनियमितता के कारण शासन आदेश क्र.एफ4ए/22/2015/14-1 दिनांक 22.07.2016 द्वारा निलंबित किया गया तथा आदेश क्रमांक एफ4ए/ 22/2015/14-1 दिनांक 13.12.2016 द्वारा निलंबन से बहालकर परियोजना संचालक आत्मा समिति शाजापुर पदस्थ किया गया तथा श्री अमिताभ तिवारी, तत्कालीन उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला रीवा के विरूद्ध शासन के आदेश क्र.एफ4ए/59/2014/14-1 दिनांक 01.10.2014 द्वारा निलंबित किया गया एवं शासन आदेश क्रमांक एफ 4ए/59/2014/14-1 दिनांक 17.12.2015 द्वारा निलंबन से बहाल कर परियोजना संचालक आत्मा समिति जिला जबलपुर में पदस्थ किया गया। श्री तिवारी दिनांक 30.06.2016 को सेवानिवृत्त हो चुके हैं। श्री संजीव कुमार शाक्य, तत्कालीन प्रभारी उप संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला सतना के विरूद्ध संस्थित विभागीय जाँच में जाँच अधिकारी द्वारा प्रस्तुत जाँच प्रतिवेदन के आधार पर शासन आदेश क्र.एफ 4ए/12/ 2015/14-1 दिनांक 15.12.2016 द्वारा आरोप प्रमाणित नहीं पाये जाने के कारण प्रकरण बिना किसी दण्ड के समाप्त किया गया। शेष प्रकरणों में विभागीय जाँच की कार्यवाही प्रचलन में है।
प्रतिनियुक्ति एवं संविदा नियुक्ति
[लोक निर्माण]
45. ( क्र. 7092 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को अन्य विभागों में प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया है? यदि हाँ, तो विगत तीन (3) वर्ष के दौरान प्रतिनियुक्ति पर भेजे गए अधिकारियों का ब्यौरा मय नाम, पद एवं किस विभाग में किस पद पर भेजा गया का विवरण दें? भोपाल एवं होशंगाबाद संभाग का ब्यौरा दें। (ख) क्या शासन द्वारा अन्य विभागों से प्रतिनियुक्ति पर अधिकारियों को लोक निर्माण विभाग में प्रतिनियुक्ति पर लिया है? यदि हाँ, तो पूर्ण विवरण दें। (ग) क्या लोक निर्माण विभाग में अधिकारियों के पद खाली हैं? यदि हाँ, तो भोपाल संभाग में किन-किन खंडों में कितने पद रिक्त हैं? (घ) क्या अनियमितताओं के कारण लोक निर्माण विभाग में कुछ अधिकारी एवं कर्मचारी लंबे समय से सस्पेंड हैं? यदि हाँ, तो भोपाल संभाग में कितने कर्मचारी व अधिकारी सस्पेंड हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) जी हाँ। वित्तीय कार्यों के लिये वित्त विभाग और महालेखाकार, मध्यप्रदेश ग्वालियर से अधिकारियों की सेवायें प्रतिनियुक्ति पर ली गई है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (घ) जी हाँ। भोपाल संभाग में कोई कर्मचारी/अधिकारी लंबे समय से संस्पेंड नहीं है।
तुलसी नगर भोपाल के शास. आवासों की मरम्मत
[लोक निर्माण]
46. ( क्र. 7127 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल शहर के तुलसी नगर स्थित शासकीय आवासों की मरम्मत का कार्य लोक निर्माण विभाग द्वारा ऑनलाइन शिकायत पर किस एजेंसी द्वारा कार्य कराया जाता है? (ख) क्या यह सही है कि तुलसीनगर स्थित एफ 95 की लाईन पर बंद पड़े आवासों F 95/28, जी 95/32 में कार्य कराया जा रहा है और निवासरत कर्मियों के आवास में कार्य नहीं कराया जा रहा है? यदि नहीं, तो एफ 95/24 तुलसीनगर में कार्यों हेतु विगत एक वर्ष में कब-कब और किस-किस कार्य के लिए शिकायत की गई और कार्य नहीं कराये जाने पर कौन दोषी है? कार्य कब तक पूरा करा दिया जायेगा? (ग) एच 92/43 से 92/50 तुलसी नगर के किन-किन आवासों में विगत एक वर्ष में क्या कार्य कराये गये? एच 92/44 के रहवासी द्वारा दिनांक 4-2-17 शिकायत क्र. 11571 एवं दिनांक 23-2-17 शिकायत नं. 11179 शिकायत की गई थी? यदि हाँ, तो अभी तक कार्य न करने के लिए कौन जिम्मेदार है और कब तक कार्य कर दिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) भोपाल शहर के तुलसी नगर स्थित शासकीय आवासों की मरम्मत का कार्य ऑनलाइन शिकायत पर लोक निर्माण विभाग द्वारा अनुबंधित एजेन्सी श्री संजय व्यास ठेकेदार राजगढ़ से कार्य कराया जा रहा है। (ख) जी हाँ। शासकीय आवास क्रमांक एफ-95/28 एवं एफ-95/32, जो कि रिक्त आवास है जिनकी छत से पानी रिसकर नीचे के आवास क्रमांक जी-95/27 एवं जी 95/31, में टपकता था, उक्त दोनों आवासियों द्वारा संबंध में लिखित शिकायत विभाग में की गई थी, जिसके उपरांत उक्त आवासों में कार्य कराया गया है, जिससे नीचे रहने वाले आवासियों को होने वाली परेशानी से छुटकारा भी मिला है, निवासरत आवासियों से शिकायत प्राप्त होने पर ही नियमानुसार कार्य कराया जाता है। एफ-95/24 में लिखित में विभाग को कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है उक्त आवास में विगत एक वर्ष में ऑनलाइन की गई 6 शिकायतों में से 4 सिविल कार्य की विशेष मरम्मत कार्य के अंतर्गत है जो संबंधित एजेन्सी की कार्य सूची से बाहर होने के कारण अन्य विशेष मरम्मत कार्य की एजेन्सी से जल अवरोधक का कार्य कराया जा रहा है, शेष हेतु विशेष मरम्मत कार्य की स्वीकृति पश्चात् कार्य करवाया जावेगा एवं 2 शिकायते विद्युत कार्य से संबंधित है जो पंखे एवं स्विच में करेंट के संबंध में थी। दिनांक 13.08.2016 को विद्युतकर्मी को आवास में ताला मिला तथा शिकायत में अंकित मोबाईल नंबर बंद था। पुन: दिनांक 19.08.2016 को शिकायत पर विद्युतकर्मी के उपस्थित होने पर आवास आवंटी द्वारा कार्य कराने से मना कर दिया गया था। फलस्वरूप शिकायत बंद किये जाने हेतु डाटा सेंटर द्वारा तीन बार फोन किया गया था। आवंटी के अनुसार बताये गये कार्य कर दिये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) एच-92/43 से एच-92/50 तुलसी नगर के आवासों में विगत एक वर्ष में कराये गये कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं 'ब-1' अनुसार है। एच-92/44 के रहवासी द्वारा दिनांक 21.02.2017 को शिकायत क्रमांक-11179 एवं दिनांक 23.02.2017 को शिकायत क्रमांक 11571 ऑनलाइन की गई है शिकायतों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
राजीव सागर परियोजना कुड़वा जिला बालाघाट में अनुकम्पा नियुक्ति
[जल संसाधन]
47. ( क्र. 7151 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजीव सागर परियोजना कुड़वा जिला बालाघाट में शकील आत्मज गफ्फार खान अकुशल हेल्पर पद (कार्यभारित) पर कार्यरत थे जिनकी मृत्यु दिनांक 14-12-2012 में सेवा के दौरान हो चुकी है। (ख) यदि हाँ, तो क्या उनके आश्रित पुत्र सैफखान आत्मज शकील खान ने अनुकम्पा नियुक्ति हेतु जल संसाधन विभाग राजीव सागर परियोजना संभाग क्र. 3 कटंगी जिला बालाघाट में आवेदन किया है। (ग) यदि हाँ, तो क्या जल संसाधन विभाग में सेवारत अकुशल हेल्पर की मृत्यु उपरान्त उनके आश्रित पुत्र को अनुकम्पा नियुक्ति देनें का प्रावधान है। (घ) यदि हाँ, तो मृतक कर्मचारी के आश्रितों पुत्र को अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरण की स्थिति से अवगत करावें।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) एवं (घ) जी हाँ। म.प्र.शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक सी-5-1/2016/1/3 दिनांक 31.08.2016 द्वारा जारी निर्देश अनुसार कार्यभारित स्थापना में दिवंगत कर्मचारियों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति का प्रावधान किया गया है। उक्त आदेश दिनांक 31.08.2016 से ही प्रभावशील है। इसलिए आवेदक को अनुकंपा नियुक्ति की पात्रता नहीं है।
खाद, बीज, दवाइयों एवं मिट्टी के नमूनों की जाँच
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
48. ( क्र. 7165 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले में वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में उर्वरक, बीज एवं कीटनाशक दवाइयों के कितने नमूने जाँच के लिये प्रयोगशाला में भेजे गये? संख्या बतावें? भेजे गये नमूनों में से कितने नमूने मानक एवं अमानक पाये गये? अमानक पाये गये नमूनों के संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उर्वरक, बीज एवं कीटनाशक दवाइयों की जाँच रिपोर्ट कितने दिन में प्राप्त होने का प्रावधान है? जाँच रिपोर्ट शीघ्र प्राप्त हो इस हेतु शासन की क्या कार्ययोजना है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) हरदा जिले में वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में उर्वरक, बीज एवं कीटनाशक दवाइयों के कुल 674 नमूने जाँच के लिये प्रयोगशाला में भेजे गये। भेजे गये नमूनों में से 573 नमूने मानक एवं 90 नमूने अमानक पाये गये है। 11 नमूनों की जाँच रिपोर्ट अप्राप्त है। अमानक पाये गये समस्त विक्रेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी कर अमानक नमूनों के शेष स्कंध का विक्रय प्रतिबंधित किया गया एवं 12 विक्रेताओं के लाइसेंस निलंबित तथा 23 विक्रेताओं के लाइसेंस निरस्त किये गये। (ख) उर्वरक (नियंत्रण) आदेश 1985 के प्रावधान अनुसार उर्वरक का नमूना लेने के दिनांक से 07 दिवस के भीतर प्रयोगशाला में भेजे जाने का प्रावधान है। प्रयोगशाला में नमूना प्राप्ति के दिनांक से 30 दिवस के भीतर नमूने का परीक्षण कर संबंधित को रिपोर्ट भेजने का प्रावधान है। बीज (नियंत्रण) आदेश 1983 के अनुसार प्रयोगशाला में नमूना प्राप्त होने के 60 दिवस के भीतर नमूने का परीक्षण कर संबंधित को रिपोर्ट भेजने का प्रावधान है। कीटनाशी अधिनियम 1968 के अनुसार प्रयोगशाला में नमूना प्राप्त होने 30 दिवस के भीतर नमूने का परीक्षण कर संबंधित को रिपोर्ट भेजने का प्रावधान है।
रिक्त पदों की स्थिति
[जल संसाधन]
49. ( क्र. 7180 ) श्री मधु भगत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन जल संसाधन विभाग के पत्र क्रमांक एफ-22-9/2012/पी-1/इक्तीस/दिनांक 14.03.2012 के साथ संलग्न पत्रक (ब) में भेजी गई जानकारी सही और प्रमाणित है? (ख) क्या पत्रक (ब) में प्रमुख अभियंता तथा अन्य पदों की स्वीकृत संख्या आज की स्थिति में यथावत है? यदि नहीं, तो, कौन-कौन से पद, किस आदेश से समाप्त अथवा बढ़े आदेश क्रमांक, दिनांक, प्रति सहित बतावें? (ग) दिनाक 14/03/2012 से, पदोन्नति नियम पर उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा स्थगन/निरस्त किये जाने तक पत्रक (ब) में उल्लेखित कौन-कौन से राजस्तरीय पद कितनी संख्या पूर्व से रिक्त थे, पदोन्नति से और सेवानिवृत्ति से रिक्त हुए पदनाम सहित सिविल और विद्युत यांत्रिक संरचना के वर्षवार, पदनाम तथा संख्या बतावें? (घ) क्या यह सही है कि बैकलाग के भी पद रिक्त रहे?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) प्रश्न का आशय स्पष्ट न होने से जानकारी दी जाना संभव नहीं है।
प्रधानमंत्री सिंचाई योजना अंतर्गत किए गए/किए जाने वाले कार्य
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
50. ( क्र.
7194 ) श्री
मुरलीधर
पाटीदार :
क्या किसान कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
प्रधानमंत्री
सिंचाई योजना
अंतर्गत आगर
जिले को शामिल
किया गया है? यदि
हाँ,
तो जिले के
किन-किन
विकासखण्डों
को शामिल किया
है? (ख)
योजना
अंतर्गत
कौन-कौन से
कार्य नियत
हैं? नियत
कार्यों के
क्रियान्वन
हेतु क्या
प्रक्रिया
अपनाई जा रही
हैं? (ग)
विधानसभा
क्षेत्र
सुसनेर
अंतर्गत
प्रधानमंत्री
सिंचाई योजना
अंतर्गत
कौन-कौन से
कार्य
प्रस्तावित
हैं? कृपया
सूची उपलब्ध
करावे? (घ) प्रश्नांश
''ग'' में
उल्लेखित कार्यों
की स्वीकृति
कब तक होगी? क्या
योजना
अंतर्गत कार्यों
के शीघ्र
क्रियान्वन
हेतु कोई
प्रभावी कदम
उठाये जावेगे? यदि
हाँ, तो
क्या व कब तक?
किसान
कल्याण
मंत्री ( श्री
गौरीशंकर
बिसेन ) : (क) जी
हाँ। आगर जिले
में समस्त
विकासखण्ड
आगर, बड़ौद, सुसनेर, नलखेड़ा
को शामिल किया
गया है। (ख) योजना
अन्तर्गत
कार्य की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-एक
अनुसार है। नियत
कार्यों के
क्रियान्वयन
हेतु जिले की
जिला सिंचाई
योजना (डी.आई.पी.)
का जिला योजना
समिति से दिनांक
30.4.2016
को बैठक में
अनुमोदन
उपरांत दिनांक
22.12.2016
को राज्य स्तरीय
मंजूरी समिति
से अनुमोदन
प्राप्त हो
चुका है। कार्यवाही
प्रक्रियाधीन
है। (ग) विधानसभा
क्षेत्र
सुसनेर
अंतर्गत
प्रधानमंत्री
कृषि सिंचाई
योजना
अंतर्गत नाला
बंधान, कीटखेड़ी
टैंक, स्प्रिंकलर, ड्रिप, वाटर
हारवेस्टिंग
स्ट्रक्चर, बलराम
तालाब, आदि
कार्य प्रस्तावित
किये गये है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-दो
अनुसार है।
(घ) प्रश्नांश
''ग'' में
उल्लेखित
कार्य जिले की
डी.आई.पी. में
प्रस्तावित
होकर
संचालनालय को दिनांक
12.09.2016
को प्राप्त
हो चुकी है।
दिनांक 22.12.2016 को
राज्य स्तरीय
मंजूरी समिति
की बैठक में
जिला सिंचाई
योजना (डी.आई.पी.)
का अनुमोदन
प्राप्त हो
चुका है। आगामी
कार्यवाही
प्रक्रियाधीन
है।
नोटरी अधिवक्ता की नियुक्ति
[विधि और विधायी कार्य]
51. ( क्र. 7195 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तहसील स्तर पर विभाग के द्वारा नोटरी अधिवक्ता की नियुक्ति की जाती हैं? यदि हाँ, तो इसके लिए क्या मापदण्ड एवं प्रक्रिया नियत है? (ख) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत किन-किन तहसीलों में उक्तानुसार नियुक्तियाँ होनी हैं? (ग) उक्तानुसार लंबित नियुक्तियाँ कब तक होगी? इसके लिये कार्यवाही किस स्तर पर प्रचलित है? (घ) नोटरी अधिवक्ता की नियुक्ति हेतु किन-किन की अनुशंसायें मान्य की जाती हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। मार्गदर्शी सिद्धान्त संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) तहसील-सुसनेर, आगर, बड़ौद, शुजालपुर, अकोदिया, कालापीपल, नलखेड़ा, मोमन बड़ोदिया, गुलाना एवं मुख्यालय-शाजापुर में नियुक्तियाँ होना शेष है। (ग) उक्त सहसीलों में नियुक्ति की प्रक्रिया प्रारम्भ हो चुकी है। नियुक्ति की निश्चित समयावधि बताया जाना सम्भव नहीं है। (घ) नोटरी नियम, 1956 के नियम 6 एवं संशोधित नियम 7 (3) के प्रावधानों के अनुसार संबंधित जिला एवं सत्र न्यायाधीश से प्राप्त अधिवक्ताओं का अनुशंसित पैनल नोटरी अधिवक्ताओं की नियुक्ति हेतु मान्य किया जाता है।
प्रबंध संचालक का निलंबन
[सहकारिता]
52. ( क्र. 7210 ) श्री रमेश पटेल : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्री वकील शर्मा म.प्र. राज्य सहकारी उपभोक्ता संघ मर्यादित शाखा प्रबंधक ग्वालियर को गोडाउन के कपड़े के स्टॉक में कमी के मामले में प्रबंध संचालक श्री आर.आर. सिंह द्वारा निलंबित किया गया था? यदि हाँ, तो इस आदेश की क्रमांक/दिनांक बताएं। (ख) इन्हे बहार करने का कारण बतावें? इस आदेश का भी क्रमांक/दिनांक देवे। यह भी बतावें कि विगत 3 वर्षों से इस शाखा में कितने भुगतान किन-किन के लंबित है और क्यों वर्षवार बतावें ये भुगतान कब तक कर दिए जायेगें? (ग) इस प्रकरण की उच्च स्तरीय जाँच कब तक की जावेगी? तब तक संबंधित को अन्यत्र पदस्थ कब तक कर दिया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अधूरे जलाशय को पूर्ण कराये जाना
[जल संसाधन]
53. ( क्र. 7227 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला अनूपपुर अन्तर्गत ग्रा.प. मुडघोवा ज.प. अनूपपुर के गोड़हारी नदी में कैलासघाट के पास स्टॉपडेम कम रपटा निर्माण की स्वीकृत वर्ष 2011-12 में प्रदाय की गई थी? यदि हाँ, तो कार्य की लागत तथा कार्य की भौतिक स्थिति बतावें? (ख) क्या निर्माण कार्य पूरा न कर विभाग द्वारा शासकीय राशि का दुरूपयोग किया गया है? यदि हाँ, तो कार्य पूरा न करने का क्या कारण है तथा शासकीय राशि के दुरूपयोग में कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी है तथा उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) कलेक्टर एवं जिला कार्यक्रम समन्वय द्वारा महात्मा गाँधी ग्रामीण रोजगार गारंटी स्कीम अंतर्गत मनरेगा मद में वर्ष 2009-10 में प्रदान की गई थी। कार्य की लागत रू.49.48 लाख तथा भौतिक प्रगति 90 प्रतिशत है। (ख) विभागीय आदेश दिनांक 31.03.2011 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' तथा प्रमुख अभियंता के निर्देश दिनांक 31.08.2012 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' के अनुपालन में पूर्ण नहीं किया जा सका। कार्यपालन यंत्री के पत्र दिनांक 31.03.2015 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' शेष राशि का विवरण सारणीबद्ध कर मुख्य कार्यपालन अधिकारी, अनूपपुर को अवगत कराया गया। किए गये व्यय का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''द'' अनुसार है। परियोजना की राशि का दुरूपयोग नहीं किया गया। अत: शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं।
आगरा बाम्बे राष्ट्रीय राजमार्ग/एन.एच. 03 फोरलेन पर हुई दुर्घटनाएं
[लोक निर्माण]
54. ( क्र. 7239 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आगरा बाम्बे राष्टीय राजमार्ग/एन.एच. 03 फोरलेन पर ग्राम धानी के समीप होटल पलाश स्थित चौराहे पर फोरलेन निर्माण से अब तक कितनी दुर्घटनाएं हुई हैं वर्षवार जानकारी 3 वर्षों की देवे? (ख) विगत 3 वर्षों में ग्राम धानी के समीप होटल पलाश स्थित चौराहे पर हुई दुर्घटनाओं में अब तक कितने वाहन क्षतिग्रस्त हुए है? क्षतिग्रस्त वाहनों हेतु कितना बीमा क्लेम स्वीकृत किया गया है वर्षवार संख्यात्मक जानकारी देवें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) प्रश्नांकित मार्ग विभाग के कार्यक्षेत्र अंतर्गत नहीं है, अपितु भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधीन है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश 'क' के उत्तर अनुसार।
आगरा बाम्बे राष्ट्रीय राजमार्ग /एन.एच. 03 फोरलेन पर हुई दुर्घटनाएं
[लोक निर्माण]
55. ( क्र. 7240 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आगरा बॉम्बे राष्ट्रीय राजमार्ग/एन.एच. 03 फोरलेन पर ग्राम धानी के समीप होटल पलाश स्थित चौराहे की तकनीकी त्रुटियों के सुधार हेतु इसके निर्माण से प्रश्न दिनांक तक जन प्रतिनिधियों के द्वारा कितने प्रस्ताव विभाग को प्रेषित किये गये है? (ख) धामनोद के पास होटल पलाश चौराहे पर स्थित तकनीकी त्रुटियों के सुधार, ओव्हर ब्रीज व अन्डर पास मार्ग निर्माण हेतु प्रेषित प्रस्तावों पर अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) प्रश्नांकित मार्ग विभाग के कार्यक्षेत्र अंतर्गत नहीं है, अपितु भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधीन है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश 'क' के उत्तर अनुसार।
बुरहानपुर जिले में पिछले तीन वर्षों में निर्माण कार्यों की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
56. ( क्र. 7277 ) सुश्री मंजू राजेंद्र दादु : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बुरहानपुर जिले में प्रश्न दिनांक से पिछले 03 वर्षों में कितने भवन/सड़कों के निर्माण कार्य स्वीकृत हुये हैं वर्षवार कार्यवार लागत सहित सम्पूर्ण विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित कितने कार्य समय-सीमा में पूर्ण नहीं हुये हैं तथा इन्हें कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? (ग) विलंब से चल रहे कार्यों हेतु की गई कार्यवाही का विवरण देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) वर्षवार विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ख) एवं (ग) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है।
ठेकेदार के पंजीयन की काली सूची श्रेणी अवनत (डी ग्रेड) निलंबित करने का आधार
[लोक निर्माण]
57. ( क्र. 7280 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नवीन केन्द्रीयकरण पंजीयन व्यवस्था अंतर्गत ठेकेदारो का पंजीयन काली सूची में दर्ज होने के पश्चात् उक्त ठेकेदार को म.प्र. शासन के अंतर्गत विभागों को नयी निविदा प्रपत्र क्रय करने के लिए प्रतिबंधित रहेंगे एवं स्वीकृत निविदा विधि भी शून्य होगी? (ख) ठेकेदार को दोषी पाने के पश्चात् किस-किस आधार एवं मापदण्ड के अनुरूप पंजीयन निलंबित और श्रेणी अवनत (डी ग्रेड) किया जाता है? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के संदर्भ में नियमावली अंतर्गत हरदा जिले में विगत 5 वर्षों में प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से ठेकेदार को निलंबित एवं कितनी कंपनी ठेकेदार को श्रेणी अवनत (डी ग्रेड) किया गया है? नाम सहित जानकारी उपलब्ध करावे? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में हरदा जिले में विगत 5 वर्षों में काली सूची में दर्ज एवं निलंबित आदेश पश्चात् पूर्व में भरी गई निविदा प्रपत्र विधि शुन्य हुई है? यदि हाँ, तो नामवार जानकारी देवे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) म.प्र. शासन लो.नि.वि. मंत्रालय भोपाल के आदेश क्रमांक एफ-17-1/2010/19/बी/244 दिनांक 23.03.2015 के अनुसार ठेकेदार के पंजीयन को अवनत किये जाने की कार्यवाही की जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) प्रश्नांश 'क' एवं 'ख' के संदर्भ में निलंबन की सूची जिलेवार संधारित नहीं की जाती है। कुल 214 ठेकेदार निलंबित किये गये है एवं पूर्व में 03 ठेकेदारों को अवनत किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) प्रश्नांश 'ग' के संदर्भ में काली सूची में दर्ज ठेकेदारों की जानकारी जिलेवार संधारित नहीं की जाती है। अभी तक 127 ठेकेदारों को काली सूची में दर्ज किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। काली सूची में दर्ज अथवा निलंबित ठेकेदारों द्वारा भरी गई निविदा प्रपत्र विधि शून्य करने की कार्यवाही संबंधित विभाग द्वारा की जाती है।
जल उपभोक्ता संस्थाओं द्वारा किये गये कार्य
[जल संसाधन]
58. ( क्र. 7315 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले के जल उपभोक्ता संस्थाओं को जल संसाधान शाखा नहरों में क्या-क्या कार्य कराये जाने के व कितनी राशि तक व्यय किये जाने का प्रावधान है? नियम व निर्देशों की जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जिले में विगत 5 वर्षों तक जल उपभोक्ता संस्थाओं व कार्यपालन यंत्रियों द्वारा क्या-क्या निर्माण कार्य व विकास कार्य कराये गये हैं व किस कार्य में कितनी राशि व्यय की गई? मदवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) क्या नहरों की सुरक्षा दष्टि से नहरों के दोनों किनारों की ओर खाली जमीन छोड़ने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी जमीन छोड़ने का प्रावधान है? क्या वर्तमान समय में छोड़ी गई जमीन प्रावधान अनुरूप है? इसका निरीक्षण विभाग द्वारा कब-कब किस सक्षम अधिकारी द्वारा किया गया? यदि नहीं, तो विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? जानकारी उपलब्ध करावे?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जल उपभोक्ता संस्थाओं द्वारा नहरों के अनुरक्षण कार्य कराए जाते हैं जिसके लिए राशि का प्रावधान विभागीय आदेश दिनांक 27.08.2004 एवं नवीन विभागीय आदेश दिनांक 20.03.2017 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''1'' (पृ.1से2) एवं ''1/1'' (पृ.1 से 2) तथा नियम व निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''2'' (पृ.1से10) अनुसार है। (ख) जल उपभोक्ता संथाओं द्वारा कराये गये कार्यों एवं व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''3'' (पृ.1से 2) अनुसार है तथा कार्यपालन यंत्रियों द्वारा किए गये व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''4'' (पृ.1 से 2) अनुसार है। (ग) जी हाँ। वर्तमान में नहर की श्रेणी के अनुसार छोड़ी गई जमीनों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''5'' (पृ.1) अनुसार है। सारणी अनुसार छोड़ी गई जमीन सामान्यत: प्रावधान/आवश्यकता के अनुरूप है। नहरों का निरीक्षण विभागीय अधिकारियों द्वारा समय-समय पर किया जाता है। निरीक्षणकर्ता सक्षम उपयंत्रियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''6'' (पृ.1से 2) एवं ''7'' (पृ.1से 2) अनुसार है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते हैं।
निर्माण कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
59. ( क्र. 7332 ) श्री रामपाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले में लोक निर्माण विभाग द्वारा वर्तमान में निर्माण कार्य कराये जा रहे हैं। (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो प्रत्येक निर्माण कार्य की स्वीकृत राशि, दिनांक, कार्य प्रारंभ दिनांक, पूर्णता दिनांक क्या हैं? प्रत्येक कार्य में प्रश्न दिनांक तक किस कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि व्यय की गई है? कार्यों का सत्यापन कब-कब किस-किस अधिकारी द्वारा किया गया है? कार्यों में उपयोग की जाने वाली सामग्री के गुणवत्ता का सत्यापन कब और किस माध्यम से किया गया है? कार्यों की भौतिक स्थिति क्या है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है।
प्राथमिक सहकारी समितियों में व्यय राशि
[सहकारिता]
60. ( क्र. 7334 ) श्री रामपाल सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सहकारी केन्द्रीय मर्यादित बैंक शहडोल अन्तर्गत ब्यौहारी तथा जयसिंहनगर तहसील में संचालित आदिम जाति सेवा सहकारी समितियों को विभिन्न मदों से प्राप्त राशियों के आय एवं व्यय के संबंध में व्यय किये जाने की नियमावली प्रक्रिया सहित वर्ष 2013 एवं 2014 की समस्त जानकारी? (ख) क्या प्राथमिक सहकारी सामिति जयसिंहनगर द्वारा दुकानों के निर्माण कार्य सहित कार्यालय का निर्माण एवं साज-सज्जा की गयी है? यदि हाँ, तो उपरोक्त कार्यों हेतु किस मद से कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य हेतु व्यय की गई है? दुकान निर्माण के संबंध में भूमि अर्जन सहित निर्माण एजेंसी, दुकानों के वितरण की प्रक्रिया सहित समस्त जानकारी उपलब्ध करायी जावे। (ग) प्रश्नांश (क) के संबंध में इस प्रश्नांश में वर्ष 2013-14 से जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित शहडोल तथा उसके अधीनस्थ संचालित आदिम जाति सेवा सहकारी समितियों एवं जिले में संचालित अन्य बैंक शाखाओं में वर्ष 2013 एवं 2014 में कर्मचारियों की नियुक्ति की जानकारी एवं निर्धारित प्रक्रिया की जानकारी वर्षवार पदवार दी जावे? साथ ही यदि कर्मचारियों की नियुक्ति में किसी पद पर आक्षेपित किया गया है तो इस संबंध में संबंधित आपत्ति तथा की गई कार्यवाही से अवगत करायें? (घ) क्या कर्मचारियों के नियुक्ति में शासन स्तर पर आक्षेप किया गया है? यदि हाँ, तो समस्त जानकारी दी जावे।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
एक्जूकेटिव इंजीनियर द्वारा किराये से ली गई बोलोरो गाड़ी
[जल संसाधन]
61. ( क्र. 7351 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सब डिवजीन नरवर में पदस्थ सत्यकेतु भदौरिया के पास वर्ष 2014 से 2016 तथा जो हरियाणा पास गाड़ी बोलोरो थी वह किस रेन्ट पर थी एवं किस मालिक की थी एवं गाड़ी का उपयोग कौन करते थे? (ख) क्या जो गाड़ी एक्जूकेटिव इंजीनियर सत्यकेतु भदौरिया ने किराये पर ले रखी थी वह हरियाणा पास एवं उसके निजी रिश्तेदार या किसी ठेकेदार की थी तो क्या वह शासन की शर्तों के मुताबिक किराये पर ली गई? (ग) उक्त गाड़ी श्री भदौरिया के पास कितने दिन रही एवं उसका कितना किराया विभाग से दिया गया एवं कितना डीजल जलाया गया, कहाँ और कितने किमी. गाड़ी चली? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के संदर्भ में इसकी अनियमितताओं की जाँच उच्च सदन या लोकायुक्त से करायी जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के ''प्रपत्र-1'' अनुसार है। वाहन का उपयोग तत्कालीन कार्यपालन यंत्री, श्री एस.के.भदौरिया द्वारा किया जाना प्रतिवेदित है। (ख) जी हाँ वाहन हरियाणा पास थी। श्री भदौरिया के गाड़ी मालिक से निजी रिस्तों की जानकारी विभाग के संज्ञान में नहीं होना प्रतिवेदित है। जी हाँ, प्रमुख अभियंता, जल संसाधन विभाग के आदेश क्रं.-333/4/759/मु.अ./2011 दिनांक 02.08.2011 में उल्लेखित शर्तों के अनुसार किराए पर लगाई गई थी। (ग) वाहन श्री एस.के.भदौरिया के पास 03 वर्ष 05 माह 06 दिन तक रही। किराया राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार एवं डीजल खपत की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। वाहन कहाँ और कितने कि.मी. चली इस संबंध में तत्कालीन कार्यपालन यंत्री श्री भदौरिया द्वारा संबंधित कार्यालय में अभिलेख जमा न करने से जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (घ) उत्तरांश ''ग'' अनुसार श्री एस.के.भदौरिया तत्कालीन कार्यपालन यंत्री को अभिलेख जमा करने हेतु पत्र लिखा जाना प्रतिवेदित है। श्री भदौरिया द्वारा रिकार्ड उपलब्ध कराने पर अभिलेखों का परीक्षणोपरांत अनियमितता का निर्धारण किया जाना संभव होगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। वर्तमान में जाँच कराने की स्थिति नहीं है।
निर्माण कार्यों के शिलान्यास/लोकापर्ण
[लोक निर्माण]
62. ( क्र. 7382 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र 23 करैरा जिला शिवपुरी में जनवरी 2014 से जनवरी 2017 तक लोक निर्माण विभाग द्वारा कितनी किन-किन सड़कों व भवनों का निर्माण कराया गया? क्या सभी निर्माण कार्यों के लोकापर्ण की शिलापट्टिकाओं में क्षेत्रीय विधायक का नाम अंकित है? लोकार्पण दिनांक आदि सहित बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में शिलान्यास, लोकार्पण, शिलापट्टियों में प्रोटोकॉल के तहत क्षेत्रीय विधायक का क्या स्थान होकर उनका नाम कहाँ अंकित किया जाता है? की जानकारी दी जावें? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के अनुसार विधानसभा क्षेत्र 23 करैरा जिला शिवपुरी में शिलापट्टिकाओं में अंकित नाम क्या प्रोटोकाल के तहत दर्ज हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' 'अ-1' 'अ-2' एवं 'ब' अनुसार है। जी नहीं। (ख) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) उत्तरांश 'ख' के उत्तर अनुसार।
जिला आगर अंतर्गत स्वीकृत कार्य
[जल संसाधन]
63. ( क्र. 7512 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम विजनाखेड़ी तहसील आगर जिला आगर के अंतर्गत स्थित तालाब की वर्ष 2002-03 में स्वीकृत योजनानुसार नहर का कार्य पूर्ण कर लिया गया है? (ख) क्या ग्राम खेलागांव टोलक्याखेडी -सिंगलखेड़ा नहर का कार्य पूर्ण हो चुका है, नहीं तो क्यों नहीं? क्या नहर के सभी प्रभावित हितग्राहियों को शासन द्वारा मुआवजा दिया जा चुका है? नहर का कार्य पूर्ण न करने का क्या कारण है वर्तमान में नहर की क्या स्थिति है, यह कार्य कब तक पूर्ण करवा लिया जावेगा? (ग) क्या प्रश्नांकित नहर का कुछ भाग विगत वर्षों में निर्मित किया गया था वर्तमान में कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा एवं सड़क निर्माण ठेकेदार द्वारा नहर को क्षतिग्रस्त कर दिया गया है? यदि हाँ, तो शासन उनके विरूद्ध कार्यवाही करते हुये स्वीकृत नहर की योजनाएं कब तक पूर्ण करवायेगा ताकि उसका लाभ किसानों को मिल सके?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) जी नहीं, 03 कृषकों द्वारा पारित मुआवजा राशि प्राप्त न किए जाने के कारण। 03 कृषकों का पुन: भू-अर्जन प्रकरण तैयार कर अवार्ड हेतु भू-अर्जन अधिकारी के कार्यालय में प्रक्रियाधीन है। शेष कार्य हेतु निविदा आमंत्रित की गई है जिसके अनुसार अक्टूबर-2017 तक कार्य पूर्ण कराया जाना लक्षित है। जी हाँ। किसी भी असामाजिक तत्व द्वारा नहर क्षतिग्रस्त नहीं की गई है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत निर्माणाधीन सड़क के ठेकेदार द्वारा नहर क्षतिग्रस्त की गई है। विभाग द्वारा ठेकेदार को पत्र लिखा गया ठेकेदार द्वारा रबी फसल कटने के उपरांत क्षतिग्रस्त नहर का निर्माण कार्य कराया जाना प्रतिवेदित है। अत: वर्तमान में किसी कार्यवाही की आवश्यकता नहीं है। अक्टूबर-2017 तक लक्षित नहर कार्य पूर्ण कराये जाने के उपरांत आगामी रबी सिंचाई के लिए कृषकों को सिंचाई का लाभ मिल सकेगा।
ग्राम बैरसिया से खानपुरा व्हाया आंबापुरा 6 कि.मी. सड़क निर्माण स्वीकृति बाबत
[लोक निर्माण]
64. ( क्र. 7550 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत ग्राम बैरसिया से ग्राम खानपुरा तक लगभग 6 कि.मी. मार्ग वर्तमान में कच्चा होने से निरंतर मार्ग बाधित रहता है तथा ग्राम बैरसिया नरसिंहगढ़-बोड़ा मार्ग के मध्य डामरीकृत मार्ग पर बसा है तथा विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा का दूरस्थ ग्राम होने से शासकीय एवं विधायी कार्यों के लिये नरसिंहगढ़ होकर लगभग 45 कि.मी. चलकर ब्यावरा आना पड़ता है? (ख) यदि हाँ, तो जनसुविधा की दृष्टि से यदि बैरसिया से खानपुरा (ब्हाया आंबापुरा) के 6 कि.मी. कच्चे मार्ग को पक्की सड़क से जोड़ दिया जाता है उक्त दूरी घटकर 30 कि.मी. रह जाती है? (ग) यदि हाँ, तो क्या ऐसे अत्यंत उपयोगी मार्ग पर सड़क निर्माण की स्वीकृति प्रदान की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। (ख) जी हाँ। (ग) वित्तीय संसाधन की उपलब्धता सीमित होने से कोई कार्यवाही संभव नहीं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
इन्दिरा सागर बांध एवं नहर के लिये वर्षवार आवंटित राशि का विवरण
[जल संसाधन]
65. ( क्र. 7562 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदिरा सागर परियोजना के निर्माण की योजना किस वर्ष में बनी? इसकी तकनीकी व प्रशासकीय स्वीकृति किस दिनांक को जारी हुई? प्रश्न दिनांक तक योजना के निर्माण पर कितना राज्यांश व कितना केन्द्रांश स्वीकृत एवं व्यय हो चुका है इसकी जानकारी वर्षवार देवें? (ख) इंदिरा सागर बांध परियोजना की नहरों के निर्माण की योजना किस वर्ष में बनी? इनकी तकनीकी व प्रशासकीय स्वीकृति किस-किस दिनांक को जारी हुई? प्रश्न दिनांक तक नहरों के निर्माण पर कितना राज्यांश व कितना केन्द्रांश स्वीकृत एवं व्यय हो चुका है इसकी जानकारी वर्षवार देवें?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ख) नर्मदा घाटी विकास विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार योजना वर्ष 1984 में बनी। तकनीकी स्वीकृति टी.ए.सी. द्वारा दिनांक 22.03.1984 को एवं मूल प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 22.09.1984 तत्पश्चात दिनांक 05.11.1990, 16.03.2011 एवं दिनांक 19.12.2014 को पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति जारी हुई। प्रश्न दिनांक तक योजना के निर्माण पर राज्यांश व केन्द्रांश स्वीकृत एवं व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
प्रश्न क्र. 1493 दिनांक 21/07/2016 तारांकित के उत्तर से संबंधित
[लोक निर्माण]
66. ( क्र. 7573 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्र. 1493 तारांकित दिनांक 21/07/2016 में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट प्रपत्र (अ) के उत्तर स.क्र. 01 क्र. 24 तक प्रपत्र के कॉलम नं. 7 एवं 8 में जो विवरण दिया गया है। उसमें क्या प्रश्न प्रस्तुत दिनांक तक कॉलम नं. 7 एवं 8 की पूर्ति होकर कार्य स्वीकृत हो चुके है। (ख) यदि उत्तर हाँ में है तो प्रपत्र के उत्तर अनुसार परिशिष्ट के प्रपत्र (अ) के कार्यों की निविदा जारी होकर कार्य प्रारंभ कर दिये गये है। यदि नहीं, तो क्यों व जनहित इन रोड मार्गों के कार्य कब तक प्रारंभ कर दिये जायेगे। निश्चित अवधि बताई जाये।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) 01 कार्य स्वीकृत होकर कार्य प्रगति पर, शेष कार्यों की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) 01 कार्य की निविदा जारी कर कार्य प्रगति पर, विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सहकारिता विभाग द्वारा मूलधन जमा करने से संबंधित
[सहकारिता]
67. ( क्र. 7574 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सहकारिता विभाग द्वारा लंबी अवधि के ऋण फरवरी 2017 तक जमा करने पर ब्याज राशि से छूट दी जावेगी। (ख) यदि हाँ, तो ऋण प्रकरणों की छूट से संबंधित कौन-कौन सी बैंक शामिल होकर कितना ऋण व ब्याज छूट की श्रेणी में आयेगा। (ग) क्या सहकारिता विभाग फरवरी के अंत में जमा करने की अवधि में कृषकों के हित में उनकी फसल जो मार्च तक तैयार हो जायेगी। उसे विक्रय कर जमा कर सके उसे शासन फरवरी के स्थान पर मार्च 2017 तक की अवधि की जायेगी।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों के ऋणी सदस्यों के कालातीत ऋणों की वसूली हेतु लागू की गई एकमुश्त समझौता योजना के तहत ऋणी सदस्यों द्वारा मूलधन की राशि जमा किये जाने पर उसके ऊपर प्रभारित ब्याज एवं अन्य प्रभारों से छूट दिये जाने का प्रावधान है। योजना की अवधि 30 जून 2017 तक है। (ख) 38 जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक। मूलधन की राशि जमा किये जाने पर सम्पूर्ण ब्याज, दण्ड ब्याज एवं अन्य प्रभार। (ग) योजना की अवधि में 30 जून 2017 तक की वृद्धि की गई है।
जानकारी उपलब्ध करावें
[सहकारिता]
68. ( क्र. 7614 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि को लाभ का धंधा बनाने में सहकारिता विभाग का क्या योगदान होकर सहायता प्रदान करने हेतु क्या-क्या योजना/कार्यक्रम हैं एवं उनके संचालन की क्या प्रक्रिया हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में विगत 3 वर्षों में संबंधित विभाग को मध्यप्रदेश शासन द्वारा कितनी राशि का आवंटन किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में उपरोक्त आवंटन राशि में से जिला रीवा को कितनी राशि प्राप्त हुई और उसमें से विधानसभा क्षेत्र 71 मऊगंज में कृषि की आय में वृद्धि हेतु विगत 3 वर्षों में क्या-क्या गतिविधियां संचालित की गई? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) (ग) के प्रकाश में विधानसभा क्षेत्र 71 मऊगंज में विगत 3 वर्षों में विभाग द्वारा किस कार्य हेतु कितनी राशि कितनी दी गई?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) सहकारिता विभाग स्तर से सहकारी बैंकों के माध्यम से कृषकों को अल्पकालीन ऋण पर ब्याज अनुदान, प्राकृतिक आपदा से प्रभावित कृषकों के अल्पकालीन ऋण को मध्यकालीन ऋण में परिवर्तन पर ब्याज अनुदान तथा मुख्यमंत्री कृषक सहकारी ऋण सहायता योजना संचालित है। सहकारी बैंकों के माध्यम से कृषकों को अल्पकालीन ऋण पर ब्याज अनुदान योजना अंतर्गत ऋण वितरण दिनांक से ऋण वसूली की तिथि अथवा वसूली की देय तिथि जो भी पहले हो, की अवधि का ब्याज अनुदान दिया जाता है। प्राकृतिक आपदा से प्रभावित कृषकों के अल्पकालीन ऋण को मध्यकालीन ऋण में परिवर्तन पर ब्याज अनुदान योजना अंतर्गत परिवर्तित ऋण की देय किश्त का कृषक द्वारा समयावधि में भुगतान किये जाने पर ब्याज अनुदान दिया जाता है। मुख्यमंत्री कृषक सहकारी ऋण सहायता योजना में प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं द्वारा वितरित अल्पावधि फसल ऋण का शत-प्रतिशत एवं वस्तु भाग की 90 प्रतिशत राशि का भुगतान कृषक द्वारा देय तिथि तक कर दिये जाने पर वस्तु भाग का 10 प्रतिशत अधिकतम रूपये 10 हजार प्रतिवर्ष अनुदान दिया जाता है। (ख) सहकारिता विभाग को विगत तीन वर्षों में शून्य प्रतिशत ब्याज दर योजना के अंतर्गत राशि रूपये 3079.63 करोड़, प्राकृतिक आपदा से प्रभावित अल्पावधि फसल ऋण को मध्यावधि ऋण में परिवर्तन पर ब्याज अनुदान राशि रूपये 330.67 करोड़ तथा मुख्यमंत्री कृषक सहकारी ऋण सहायता योजना अंतर्गत राशि रूपये 217.75 करोड़ का आवंटन प्राप्त हुआ है। (ग) उत्तरांश 'ख' में उल्लेखित राशि में से रीवा जिले को शून्य प्रतिशत ब्याज दर योजना में राशि रूपये 14.67 करोड़, प्राकृतिक आपदा से प्रभावित अल्पावधि फसल ऋण को मध्यावधि ऋण में परिवर्तन पर ब्याज अनुदान राशि रूपये 0.17 लाख तथा मुख्यमंत्री कृषक सहकारी ऋण सहायता योजना अंतर्गत राशि रूपये 1.39 करोड़ की राशि प्राप्त हुई है। मऊगंज विधानसभा क्षेत्र में भी उपरोक्त योजनायें संचालित की गई है। (घ) विधानसभा क्षेत्र मऊगंज में विगत तीन वर्षों में शून्य प्रतिशत ब्याज दर योजना में राशि रूपये 1.76 करोड़ तथा मुख्यमंत्री कृषक सहकारी ऋण सहायता योजना अंतर्गत राशि रूपये 0.31 करोड़ की राशि प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के माध्यम से कृषकों को उपलब्ध कराई गई है।
जेनेटिक तकनीक के बीजों की बिक्री
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
69. ( क्र. 7668 ) श्री मुकेश नायक : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में जेनेटिक तकनीक से तैयार फल एवं सब्जी बीज की बिक्री के लिये अनुमति देने की प्रक्रिया क्या हैं और 1 अप्रैल, 2015 से दिसम्बर, 2016 तक जिला पन्ना में किन-किन कंपनियों को इन बीजों को किसानों को बेचने की अनुमति मिली हैं? (ख) क्या राज्य में शासन स्तर पर जेनेटिक इंजीनियरिंग अप्रूवल कमेटी जैसी संस्था कार्यरत है? यदि हाँ, तो उसके पदाधिकारियों के नाम और उसके कार्यकलापों की जानकारी दें। (ग) क्या जिला पन्ना में भारी मात्रा में नकली और घटिया बीज किसानों को बेचे जाते है? यदि हाँ, तो विगत तीन वर्षों में ऐसे कितने मामले पकड़ में आये और उन पर क्या कार्यवाही की गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश शासन उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग मंत्रालय भोपाल के आदेश दिनांक 15-09-2006 के द्वारा बीज उत्पादन, क्रय एवं वितरण पर सतत प्रभारी नियंत्रण रखने हेतु प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश राज्य कृषि उद्योग विकास निगम भोपाल की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया है, जिसमें विभागाध्यक्ष, प्लांट ब्रीडिंग एवं जेनेटिक्स तथा विभागाध्यक्ष सागभाजी फसलें जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर के वैज्ञानिकों को सदस्य नामांकित किया गया है। समिति गठन के आदेश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। गठित समिति बीज उत्पादन, क्रय एवं वितरण पर सतत प्रभावी नियंत्रण रखने की कार्यवाही सुनिश्चित करेगी। (ग) विभाग को इस प्रकार की कोई शिकायत प्राप्त होना नहीं पाया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नियम विरूद्ध पदोन्नति
[जल संसाधन]
70. ( क्र. 7670 ) श्री मुकेश नायक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जल संसाधन विभाग के पत्र क्रमांक २८५/आर-३४७/२०१३/पी-२ दिनांक ७.५.२०१३ के पालन में प्रमुख अभियंता कार्यालय में पदस्थ जाँच अधिकारी श्री ए.के.शेंडे द्वारा प्रस्तुत जाँच प्रतिवेदन दिनांक २९.१०.२०१३ के निष्कर्ष अनुसार कर्मचारी द्वारा गलत जानकारी देकर सेवा, प्रीतमा में असत्य अपूर्ण भ्रामक प्रविष्टि दर्ज कर / करवा कर, प्राप्त की गई प्रोफार्मा पदोन्नतियां / नियमित पदोन्नतियां निरस्त क्यों नहीं की गई? (ख) क्या मुख्य अभियंता गंगा कछार के आदेश दिनांक १९.११.८७ द्वारा चंद्रमणि मिश्रा को सशर्त ६ माह के लिये उच्च श्रेणी लिपिक के पद पर पदोन्नति किया गया था अत: वह जैसा कि उसका दावा था कि वह २८.११.८७ से उच्च श्रेणी लिपिक नियमित रूप से नहीं था? (ग) क्या यह भी सही है कि जाँच अधिकारी श्री शेंडे के प्रतिवेदन क्रमांक ०१ के निष्कर्षानुसार श्री मिश्रा दिनांक ९.१२.८८ से उच्च श्रेणी लिपिक नहीं रहे, अपत्ति मूल पद निम्न श्रेणी लिपिक हो गये थे? (घ) क्या यह भी सही है कि डी.पी.सी. की तिथि दिनांक २०.१२.२०१२ और दिनांक २४.१२.२०१२ के पूर्व दिनांक २.८.२०११ को थी चंद्रमणि मिश्रा के विरूद्ध न्यायालय में धारा १६६,४२०,१२० बी के अंतर्गत मामला पंजीबद्ध किया जाना आदेशित किया गया था? यदि हाँ, तो सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक ६.११.२००९ का उल्लंघन होने पर संबंधित के विरूद्ध (स्थापना शाखा) कार्यवाही क्यों नहीं की गई? पदोन्नति निरस्त क्यों नहीं की गई? (ड.) पदोन्नति आदेश दिनांक १९.११.८७ तथा ४.६.९० में उल्लेखित भाषा से हटकर, सेवा पुस्तिका के पेज क्रमांक २७ एवं ३७ तथा अन्य में भ्रामक प्रविष्टि दर्ज कर / करवा कर कार्यालय को गुमराह कर प्राप्त की गई पदोन्नति क्या निरस्त की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) श्री ए.के.शेण्डे, जाँच अधिकारी के जाँच प्रतिवेदन दिनांक 29.10.2013 जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) एवं (ड.) श्री सुरेश प्रसाद शुक्ला सुपरवाईज़र द्वारा श्री बी.के. त्रिपाठी, मुख्य अभियंता, गंगा-कछार, रीवा श्री चंद्रमणी मिश्रा, प्रभारी अधीक्षक कार्यालय मुख्य अभियंता, गंगा-कछार रीवा एवं श्री महेन्द्रमणी मिश्रा, सहायक वर्ग-1 के विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता की धारा-161, 166, 420, 120 बी एवं दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 200 के अधीन मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी, रीवा के समक्ष परिवाद प्रस्तुत किया था। जिसमें मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी, रीवा ने आदेश दिनांक 02.08.2011 द्वारा प्रकरण क्रमांक-2310/11 पंजीबद्ध किया जाकर आरोपीगणों को उपस्थिति हेतु तलब किया। जिसके विरूद्ध श्री चंद्रमणी मिश्रा द्वारा अपर सत्र न्यायाधीश रीवा के समक्ष दाण्डिक निगरानी याचिका प्रस्तुत की। जिसमें पारित आदेश दिनांक 15.01.2013 द्वारा श्री मिश्रा की निगरानी याचिका निरस्त हुई। श्री चंद्रमणी मिश्रा द्वारा उच्च न्यायालय, जबलपुर के समक्ष M.Cr.C.-2347/2013 प्रस्तुत की, जिसमें पारित आदेश 25.02.2013 द्वारा मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी रीवा के प्रकरण क्रमांक-2310/11 में कार्यवाही पर स्थगन दिया गया एवं आदेश दिनांक 22.09.2015 द्वारा मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी, रीवा द्वारा भारतीय दण्ड संहिता की धारा-161, 166, 420, 120बी के तहत की जा रही कार्यवाही को निरस्त कर दिया। सेवा पुस्तिका में आदेश की सही प्रविष्टि करने का कार्य संबंधित कार्यालय प्रमुख द्वारा किया जाता है। उच्च न्यायालय के इस आदेश दिनांक 22.09.2015 के उपरांत इन प्रश्नांशों में उल्लेखित शेष तथ्यों का कोई औचित्य शेष नहीं हैं।
शिकायत पर कार्यवाही
[सहकारिता]
71. ( क्र. 7675 ) श्री सचिन यादव : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सी.एम. हेल्पलाइन शिकायत विवरण क्रमांक 1911458, दिनांक 03 अप्रैल, 2016 को प्राप्त शिकायत पर सहकारिता विभाग द्वारा प्रश्नांकित दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? तत्संबंधी ब्यौरा दें। (ख) उक्त कार्यवाही में विलंब के क्या कारण है?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) सी.एम. हेल्पलाइन शिकायत विवरण क्रमांक 1911458 दिनांक 03 अप्रैल 2016 में जाँच प्रतिवेदन के परीक्षणोपरांत श्री सुरेन्द्र सिंह परमार, सहकारी निरीक्षक के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही अंतर्गत मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के नियम 14 अंतर्गत कारण बताओं सूचना पत्र जारी किया गया है। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण विभाग की योजनायें
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
72. ( क्र. 7678 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिला अंतर्गत उद्यानिकी विभाग द्वारा किसानों के लिए कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही हैं? इन योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिये वित्त वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन साधनों को इस्तेमाल कर कितनी राशि व्यय की गई वर्षवार विकासखण्डवार सूची देवें। (ख) वित्त वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक जबलपुर जिले के अन्तर्गत कितने ग्राम के कितने कृषकों को किस-किस योजना से क्या-क्या लाभ दिया गया? विकासखण्डवार वर्षवार बतलावें एवं किस-किस योजनान्तर्गत कितने कृषकों को कितना अनुदान/बीज/दवाईयाँ उपलब्ध कराई गई (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित योजनाओं के गलत क्रियान्वयन की कब-कब, कौन सी शिकायतें प्राप्त हुईं एवं उन पर शासन स्तर पर क्या कार्यवाही की गई? किसानों को योजनाओं का लाभ मिला या नहीं, इसका भौतिक सत्यापन किस-किस अधिकारी द्वारा कब किया गया?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ एवं ब अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र स अनुसार है। (ग) माह फरवरी 2016 में उप संचालक उद्यान, जिला जबलपुर के विरूद्ध श्री अर्जुन प्रसाद पटेल, कृषक ग्राम बरगवा दराची की ओर से ट्रैक्टर का अनुदान प्रकरण निरस्त करने संबंधी शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसकी जाँच उपरांत श्री व्ही.के. चौकसे, (सेवानिवृत्त) उप संचालक उद्यान, जबलपुर के विरूद्ध विभागीय जाँच पूर्ण कर अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु कारण बताओं सूचना पत्र जारी किया गया है। भौतिक सत्यापन संबंधित वर्षों में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र स में उल्लेखित अधिकारियों द्वारा किया गया है। भौतिक सत्यापन द्वारा किसानों को योजनाओं के लाभ मिलने की पुष्टि की गई है।
राजगढ़ विधानसभा में पुलिया निर्माण
[लोक निर्माण]
73. ( क्र. 7683 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 5 वर्षों में लोक निर्माण विभाग द्वारा राजगढ़ जिले की विधानसभा राजगढ़ के पड़ोसी जिले गुना तथा पड़ोसी राज्य राजस्थान सीमा को जोड़ने वाले मार्गों पर कहाँ-कहाँ पर कब-कब पुल-पुलियाओं का निर्माण किया गया है? उनकी वर्तमान स्थिति क्या हैं? (ख) क्या बरसात के मौसम में किला अमरगढ़ से राजस्थान सीमा की घोड़ा पछाड़ नदी, बगा से करणपुरा की नेवज नदी, सवांसड़ा से चॉचोड़ा राड़े पर जिला गुना घोड़ा पछाड़ नदी, गोरधनपुरा से राजस्थान सीमा को जोड़ने वाले ग्रामों में ग्रामीणों को आवागमन में कोई व्यवधान उत्पन्न होता है? क्या इन ग्रामों के ग्रामवासियों को 100-150 किलोमीटर ज्यादा चलकर नहीं जाना पड़ता है? यदि हाँ, तो बतावें? (ग) क्या विभाग विधानसभा राजगढ़ के पड़ोस के जिले गुना तथा पड़ोसी राज्य राजस्थान सीमा को जोड़ने वाले उक्त ग्रामों के बीच पड़ने वाले नदियों पर पुल-पुलियाओं का निर्माण करवायेंगा? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) और नहीं तो कारण सहित बतावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। वर्षाकाल में आवागमन बाधित होता है। (ग) वर्तमान में न तो प्रस्तावित और न ही स्वीकृत है वर्तमान में निश्चित तिथि बताना संभव नहीं है। (घ) वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता सीमित होने के कारण।
मण्डी बोर्ड द्वारा बनाये गये संभागीय जाँच दल
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
74. ( क्र. 7684 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा कृषि मण्डी बोर्ड द्वारा कृषि उपज मण्डी की जाँच किये जाने हेतु संभागीय जाँच दल बनाये जाते हैं? यदि हाँ, तो मध्यप्रदेश में कितने संभागीय जाँच दल कहाँ-कहाँ पर बनाये गये हैं? (ख) भोपाल संभाग के जाँच दल में 1 जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से अधिकारी कर्मचारी जाँच कर रहे हैं? उनके नाम, पदनाम एवं पदांकित दिनांक सहित बतावें। (ग) क्या उक्त जाँच दल में कोई ऐसे अधिकारी/कर्मचारी भी हैं जिनकी स्वयं की जाँच चल रही हो, उन्हें भी जाँच दल में रखा गया है? यदि हाँ, तो उनके नाम व किस मामले में जाँच चल रही है। क्या इससे शासन की छवि धूमिल नहीं हो रही है? (घ) क्या शासन ऐसे कर्मचारी को संभागीय जाँच दल से हटाकर अन्यत्र संभाग में भेजेगा? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी नहीं, मंडी बोर्ड व आंचलिक कार्यालयों द्वारा समय-समय पर नियमन प्रवर्तन हेतु निरीक्षण दल गठित किये जाते है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब अनुसार है। (ग) जी हाँ। श्री महादेव प्रसाद शर्मा, मंडी निरीक्षक के विरूद्ध मंडी समिति ओबेदुल्लागंज, विदिशा, खुजनेर एवं अन्य मंडी समितियों में की गई अनियमितता के संबंध में जाँच प्रक्रियाधीन है। श्री महादेव प्रसाद शर्मा, मंडी निरीक्षक को कार्यालयीन आदेश दिनांक 23.03.17 से जाँच दल के कार्य से मुक्त किया गया है, इसी प्रकार जाँच दल के एक अन्य सदस्य, श्री संजय राजवैद्य के विरूद्ध मंडी समिति ओबेदुल्लागंज की फर्म मेसर्स बंसल एक्सट्रेक्शन एंड एक्सपोर्टस प्रा.लि. मंडीदीप द्वारा विलम्ब से प्रस्तुत 135 अनुज्ञा पत्र पर मंडी फीस से अनियमित रूप से छूट दिये जाने के संबंध में विभागीय जाँच संस्थित की गई है। श्री राजवैद्य को भी कार्यालयीन आदेश दिनांक 31.12.2016 से जाँच दल के कार्य से मुक्त किया गया है, गंभीर प्रकृति नहीं होने से शासन की छवि धूमिल होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में जाँच प्रकियाधीन है। जाँच पूर्ण होने पर गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जा सकेगी।
सेवा सहकारी समिति में नियम विरूद्ध प्रबंधक प्रभार दिया जाना
[सहकारिता]
75. ( क्र. 7686 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर जिले की सेवा सहकारी समिति ऊजरा के संचालक मण्डल की बैठक दिनांक 22/1/2016 के प्रस्ताव क्रमांक 2 से विक्रेता प्रभारी समिति प्रबंधक को निलंबित कर पूर्व समिति प्रबंधक को प्रभार दिलाया गया था? (ख) यदि हाँ, तो निलंबित समिति प्रबंधक द्वारा शाखा महाराजपुर से दिनांक 18/3/2016 को मनी रसीद क्र. 1020 प्राप्त कर पिछली तारीखों से 24/1/2016 तीन रसीदें उपभोक्ता बिक्री व गेहूँ उपार्जन कर्मी कुल राशि 3,47,179/- रूपये की काट कर राशि संस्था/बैंक शाखा में जमा न कर गबन की गई? यदि हाँ, तो संबंधित कर्मचारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या आरोपी कर्मचारी द्वारा शाखा महाराजपुर में 2,30,457/- रूपये की खाद समायोजन डबल कराकर किसानों के ऊपर कर्ज बांधा गया? यदि हाँ, तो संबंधित शाखा प्रबंधक व आरोपी कर्मचारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? इसी प्रकार समिति ऊजरा के वर्ष 2015-16 के वित्तीय पत्रकों में विभिन्न संस्था के कर्मचारियों से कितनी-कितनी राशि वसूली योग्य निकल रही है और उक्त राशि वसूली के लिये संस्था द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की गई तो कब तक कार्यवाही की जावेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ, संस्था के संचालक मण्डल द्वारा प्रस्ताव पारित किया गया था। संस्था द्वारा समिति प्रबंधक के प्रभार से हटाया गया, परन्तु निलम्बन आदेश जारी नहीं किया गया। (ख) जी हाँ, पूर्व समिति प्रबंधक श्री आनंद प्रकाश पाठक द्वारा राशि रूपये 3,47,179/- का गबन किया गया है। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या., छतरपुर द्वारा दोषी के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराने एवं वसूली की कार्यवाही करने हेतु शाखा प्रबंधक, शाखा महाराजपुर को दिनांक 27.02.2017 को निर्देश दिये गये। (ग) जी हाँ, तत्कालीन समिति प्रबंधक, श्री आनंद प्रकाश पाठक से राशि वसूल करने एवं कर्मचारी सेवानियमों के अंतर्गत कार्यवाही हेतु प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था मर्या., उजरा के संचालक मंडल को निर्देश दिये गये है। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या., छतरपुर द्वारा शाखा महाराजपुर के तत्कालीन शाखा प्रबंधक श्री रामदास साहू से स्पष्टीकरण चाहा गया है। प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था मर्या., उजरा के वर्ष 2015-16 के अनअंकेक्षित वित्तीय पत्रक के अनुसार समिति के कर्मचारियों के विरूद्ध कुल राशि रू. 64,94,261.90 लेना निकल रही है। उक्त राशि की वसूली हेतु संस्था उजरा द्वारा संबंधितों को नोटिस जारी किये गये है।
विपणन समिति बिजावर, जिला छतरपुर द्वारा नियम विरूद्ध दुकान आवंटन
[सहकारिता]
76. ( क्र. 7688 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विपणन समितियों में शाखा प्रबंधक को प्रशासन बनाने के अधिकार मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 में डी.आर. को प्राप्त है? यदि हाँ, तो किस धारा/नियम में? (ख) विपणन समिति बिजावर, जिला छतरपुर को विगत 3 वर्षों में आई.सी.डी.पी. योजना से वर्षवार कितनी-कितनी राशि किस-किस मद में दी गई और उस राशि का क्या-क्या उपयोग किया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में जानकारी विपणन समिति में निर्माण कार्य की स्वीकृति व लागत किस विभागीय अधिकारी द्वारा दी गई और उक्त निर्माण कार्य के लिये कितनी-कितनी राशि खर्च की गई है तथा निर्माणधीन की गई दुकानें किन-किन को आवंटित की गई? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या दुकानें आवंटन में निर्धारित नियम प्रक्रिया का पालन किया गया है? यदि नहीं, तो नियम विरूद्ध दुकान आवंटन के लिए कौन-कौन दोषी हैं और उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 53 (1), 53 (12) एवं 49 (7) (ख) में डी.आर. को प्रशासक बनाने के अधिकार प्राप्त हैं, परन्तु दिनांक 13.04.2015 को मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 2 में अन्त: स्थापित "प्रशासक" की परिभाषा में तृतीय श्रेणी कार्यपालक से अनिम्न श्रेणी का कोई शासकीय सेवक प्रशासक नियुक्त नहीं किया जाना प्रावधानित है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '1' अनुसार है। (ग) आई.सी.डी.पी. योजना छतरपुर अन्तर्गत विपणन सहकारी समिति बिजावर को दुकान, बाउण्ड्रीवाल निर्माण एवं मार्जिन मनी हेतु स्वीकृति एवं लागत परियोजना प्रतिवेदन में प्रावधानित होने से विभागीय अधिकारी द्वारा पृथक से कोई स्वीकृति प्रदान नहीं की गई, उत्तरांश 'ख' के संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '1' अनुसार प्राप्त शत-प्रतिशत राशि खर्च की गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '2' अनुसार है। (घ) दुकानें आवंटन में निर्धारित नियम प्रक्रिया के पालन के संबंध में संयुक्त आयुक्त सहकारिता, संभाग सागर को परीक्षण कर प्रतिवेदन प्रेषित करने के निर्देश दिये गये है। प्रतिवेदन प्राप्त होने पर तदनुसार कार्यवाही की जा सकेगी।
म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड द्वारा कराये गये कार्य
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
77. ( क्र. 7695 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड द्वारा वर्ष २०१३-१४ से प्रश्न दिनांक तक बोर्ड निधि किसान सड़क निधि एवं कृषि अनुसंधान एवं अद्योसंरचना विकास निधि से किन-किन विभागों को मण्डी बोर्ड सहित किन-किन निर्माण कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई है? कार्यवार, राशिवार, स्थानवार, विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) के कार्यों में कौन-कौन विभाग निर्माण एजेंसी थे और हैं? निर्माण एजेंसियों द्वारा ठेकेदारों से संबंधित अनुबंध क्रमांक दिनांक एवं जारी कार्यादेश क्रमांक, दिनांक सहित विवरण दें? (ग) निर्माण एजेंसियों की ओर से कार्य का ले आऊट, निरीक्षण एवं मापांकन हेतु कार्यवार नियुक्त उपयंत्रियों, सहायक यंत्रियों के नाम तथा जिस आदेश से कार्य सौंपा है उनके आदेश क्रमांक दिनांक सहित बताएं? (घ) प्रश्नांश (ख) में यदि निर्माण एजेंसियों द्वारा स्वीकृत कार्यों के निरीक्षण एवं मापांकन हेतु अपने विभाग में पर्याप्त संख्या में उपलब्ध उपयंत्रियों को नियुक्त ही नहीं किया गया तो इसके लिये कौन दोषी है और यदि कार्य में अनियमितता पायी जाती है तो ऐसी स्थिति में कौन उत्तरदायी होगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जनसंपर्क विभाग अंतर्गत कराये गये कार्य
[जनसंपर्क]
78. ( क्र. 7696 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय गतिविधियों, नीतियों और उपलब्धियों के प्रचार-प्रसार हेतु जनसंपर्क विभाग से पोस्टर, पंपलेट, बुकलेट आदि मुद्रित कराये जाने का प्रावधान है? क्या राज्य शासन द्वारा सभी विभागों के शासकीय विज्ञापन विभाग द्वारा जारी किये जाते हैं? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि हाँ, तो कटनी जिले में जनसंपर्क विभाग द्वारा राज्य और ग्रामीण क्षेत्रों में आयोजित किये जाने वाले विशेष समारोह, सम्मेलन, शिविर, मेला, दृश्य, श्रव्य प्रचार संचार माध्यमों, जैसे प्रदर्शनी, दीवार लेखन होर्डिंग्स, सूचना शिविर एल.ई.डी. विशेष प्रचार रथ, सांस्कृतिक कार्यक्रम, आडियो वीडियो फिल्म के साथ ही शासन के विशेष अभियान, जैसे बेटी बचाओं, स्कूल चलें हम, नगरोदय, ग्रामोदय, आओ बनाये अपना मध्यप्रदेश, नमामि देवी नर्मदे यात्रा आदि के प्रदर्शन में प्रतिवर्ष कितना व्यय किस-किस गतिविधियों में हुआ है वर्ष २०१२-१३ से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार पृथक-पृथक विवरण दें? (ग) प्रदेश में माह मई २०१७ से पॉलीथीन, प्लास्टिक, थर्माकोल के बंद होने से क्या फ्लेक्स होर्डिंग्स आदि में भी प्रतिबंध लगाया जावेगा? यदि हाँ, तो शासन द्वारा इस आशय पर क्या कार्ययोजना बनाई गई है? कार्ययोजना की प्रति उपलब्ध करावें? (घ) प्रदेश के वरिष्ठ एवं बुजुर्ग पत्रकारों के लिये वर्ष २०१३ से प्रतिमाह श्रद्धा निधि देने की योजना संचालित है? यदि हाँ, तो कितने-कितने बुजुर्ग पत्रकारों को कितनी-कितनी राशि उपलब्ध कराई गई?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) सूचना शिविर, छायाचित्र प्रदर्शनी पर वर्षवार व्यय का विवरण निम्नानुसार है :- वर्ष 2012-13 में रूपये 6,473/- वर्ष 2013-14 में रूपये 17,835/- वर्ष 2014-15 में रूपये 3,453/- वर्ष 2015-16 में रूपये 7,680/-, (ग) माननीय मुख्यमंत्री, जी द्वारा की गई घोषणा अनुसार दिनांक 01 मई 2017 से पॉलीथीन की थैलियाँ एवं पन्नियॉ पूर्णत: बन्द की जावेगी। "शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। वर्ष 2013 से दिसम्बर 2016 तक 5 हजार रूपये प्रतिमाह श्रद्वानिधि दी जा रही थी। जनवरी 2017 से 126 बुर्जुग पत्रकारों को रूपये 6,000/- प्रतिमाह के मान से राशि उपलब्ध कराई जा रही है।
विपणन सहकारी समिति विदिशा द्वारा निर्वाचन
[सहकारिता]
79. ( क्र. 7703 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले की विपणन सहकारी समिति विदिशा द्वारा निर्वाचन हेतु मतदाता सूची का प्रथम प्रकाशन दिनांक 30.08.2014 को किया गया था? उप पंजीयक सहकारी समितियां विदिशा के न्यायालय में प्रकरण क्रमांक /06,07,08,09 दिनांक 30.08.2014 को दुग्ध समिति दीताखेडी, देवखजूरी, मत्स्य कार्य समिति कागपुर व सुनीता महिला बहुउद्देशीय समिति विदिशा ने मतदाता सूची में नाम जोड़ने हेतु बाद में पत्र प्रस्तुत किया था? (ख) क्या उप पंजीयक सहकारी समिति विदिशा ने दिनांक 02.09.2014 को उक्त प्रकरण क्रमांकों में एक पक्षीय स्टे आर्डर जारी किये गये हैं? (ग) क्या उन्हें चुनाव प्रक्रिया शुरू होने के बाद स्टे आर्डर जारी करने के अधिकार न होने के बाद भी विपणन सहकारी समिति के सदस्य न होते हुए भी राजनीतिक दबाव के कारण स्टे आर्डर जारी किये हैं?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं, अपितु रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा दिनांक 30.08.2014 को प्रथम सदस्यता सूची का प्रकाशन किया गया। जी नहीं, अपितु प्रश्नांश में दर्शित समितियों द्वारा मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 64 के अंतर्गत न्यायालय उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं, विदिशा के समक्ष सदस्यता संबंधी वाद प्रकरण प्रस्तुत किए गए थे। (ख) जी हाँ। (ग) राजनीतिक दबाव के कारण नहीं, मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 67 के अंतर्गत स्थगन आदेश जारी किए गए थे तथा इन न्यायालयीन प्रकरणों का दिनांक 03.01.2015 को निराकरण कर दिया गया है।
अधिवक्ताओं का पैनल
[सहकारिता]
80. ( क्र. 7706 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक प्रधान कार्यालय रीवा में न्यायालीन प्रकरणों की पैरवी हेतु किन-किन अधिवक्ताओं का पैनल बनाया गया है अधिवक्ताओं के नाम सहित विवरण दें तथा उक्त पैनल कब तक के लिए बनाया गया है? (ख) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक शाखा डभौरा गबन प्रकरण में किस-किस अधिवक्ता को प्रकरण पैरवी हेतु सौंपे गये हैं? उक्त प्रकरण में पैरवी हेतु क्या फीस निर्धारित की गई है? कितनी राशि अभी तक माहवार भुगतान की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में भुगतान की गई राशि के देयक किसके द्वारा स्वीकृत किये गये हैं और इसके लिये कौन सक्षम है? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) (ग) के परिप्रेक्ष्य में अधिवक्ताओं को भारी मात्रा में आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिय कौन दोषी है? क्या उसकी जाँच शासन करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो कारण बताएं?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) अधिवक्ताओं के पैनल की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र- 1 अनुसार है तथा अधिवक्ताओं का पैनल इस हेतु बुलाई गई संचालक मंडल की आगामी बैठक तक निर्धारित है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र- 1 अनुसार है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र- 3 अनुसार है। (ग) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, रीवा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा और वह उसके लिये सक्षम है। (घ) अधिवक्ताओं के शुल्क का निर्धारण बैंक की कामकाज कमेटी के द्वारा लिये गये निर्णय अनुसार निर्धारित है। निर्धारित शुल्क से अधिक का भुगतान मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा नहीं किया गया है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कार्यपालन यंत्री (वि/यां) ग्वालियर द्वारा की गई वित्तीय अनियमितताएं
[लोक निर्माण]
81. ( क्र. 7709 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय कार्यपालन यंत्री (वि./यां.) संभाग ग्वालियर द्वारा आदेश क्र. 8813/अंकेक्षक ग्वा.-2/2016-17 दिनांक 30.12.2016 तथा अर्द्धशासकीय पत्र क्र. 34 दिनांक 03.01.2017 को जील इलेक्ट्रॉनिक्स द्वारा किये गये कार्यों में माप अंकित एवं सत्यापित करने हेतु जारी किये गये थे? (ख) जील इलेक्ट्रॉनिक्स द्वारा वर्ष 2016-17 में किये गये जयारोग्य चिकित्सालय, ग्वालियर ओ.टी. में ए.सी. कार्यों का भुगतान दिनांक 31.12.2016 को कर दिया गया था? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में वर्णित पत्रों का औचित्य क्या था? (ग) क्या प्रश्नांश (क), (ख) में वर्णित कार्यों के लिये उपयंत्री अमित सक्सेना एवं सहायक यंत्री डी.पी. साहू पदस्थ थे? यदि हाँ, तो अनाधिकृत तरीके से मानचित्रकार से उपयंत्री का कार्य और उपयंत्री से सहायक यंत्री का कार्य क्यों लिया गया था? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) में कार्यपालन यंत्री (वि./यां.) द्वारा अपने अधिकारों का दुरूपयोग कर सक्षम/पदस्थ अधिकारी के सत्यापन के बिना भुगतान कर वित्तीय अनियमितता की गई? माप पुस्तिका क्र. 191 में कांट-छांट कर जील इलेक्ट्रॉनिक्स को भुगतान किया गया है? क्या उक्त कार्यों में उल्लेखित अधिकारी/कर्मचारियों से स्पष्टीकरण लिया जाएगा और कार्यपालन यंत्री के प्रति कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्नांश के संबंध में कार्यपालन यंत्री लो.नि.वि. वि/यां संभाग ग्वालियर से मुख्य अभियंता उत्तर परिक्षेत्र लो.नि.वि. ग्वालियर के पत्र क्रमांक सा/401/विधानसभा/अतारां/7709/17/2017/421 दिनांक 22.03.2017 में स्पष्टीकरण मांगा गया है। (ग) जी हाँ। प्रश्नांश 'ग' के संबंध में कार्यपालन यंत्री लो.नि.वि. संभाग ग्वालियर के परिक्षेत्र मुख्य अभियंता उत्तर परिक्षेत्र लो.नि.वि. ग्वालियर के पत्र क्रमांक सा/401/ विधानसभा/अतारां/7709/17/2017/421 दिनांक 22.03.2017 से स्पष्टीकरण मांगा गया है। (घ) प्रश्नांश के संबंध में कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग वि/यां संभाग ग्वालियर को शासन के आदेश दिनांक 23.03.2017 द्वारा परियोजना संचालक परियोजना क्रियान्वयन इकाई लोक निर्माण विभाग भोपाल में संलग्न किया गया। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
निविदा में स्वीकृत दर
[लोक निर्माण]
82. ( क्र. 7724 ) श्री संजय उइके : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा निर्माण कार्यों की निविदा दरें प्रचलित दर एवं निर्माण स्थल की भौगोलिक स्थिति एवं स्थल की आस-पास सामग्री उपलब्धता के आधार पर स्वीकृत किया जाता है? (ख) हाँ तो वित्तीय वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक बालाघाट जिले के निर्माण कार्यों की सूची, स्वीकृत दर, ठेकेदार का नाम, कार्य का नाम, पूर्ण-अपूर्ण एवं स्वीकृत कर्ता समिति/अधिकारी की जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) क्या निविदा दरें अव्यवहारिक होने पर अतिरिक्त परफार्मेंस गांरटी 15% ली जाती है? तो अव्यवहारिक दर किसे कहेंगे परिभाषित कर बतावें? (घ) निर्माण कार्यों की निविदा में अव्यवहारिक दरें प्राप्त होने पर भी ठेकेदार द्वारा गुणवत्ता पूर्वक कार्य पूर्ण किया जाता है तो एस.ओ.आर. से अधिक दर स्वीकृत करने का कारण क्या है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-। ', 'अ-2', 'अ-3' एवं 'अ-4' अनुसार है। (ग) जी नहीं, प्राप्त न्यूनतम दर एस.ओ.आर. से 10 प्रतिशत से अधिक नीचे होने पर निविदा दर को अव्यवहारिक दर माना गया है एवं तदनुसार सफलतम निविदाकार से प्राप्त निविदा दर अनुसार अनुबंधित राशि एवं एस.ओ.आर. से 10 प्रतिशत कम अंतर की राशि अतिरिक्त परफारमेंस गारंटी के रूप में ली जा रही थी। तत्पश्चात आदेश दिनांक 02.05.16 से आंशिक संशोधन करते हुये उक्त 10 प्रतिशत के स्थान पर 15 प्रतिशत प्रतिस्थापित किया गया है, जिसके अनुसार वर्तमान में अव्यवहारिक दरे प्राप्त होने पर सफलतम निविदाकार से प्राप्त निविदा दर अनुसार अनुबंधित राशि एवं एस.ओ.आर. से 15 प्रतिशत कम के अंतर की राशि अतिरिक्त परफारमेंस गारंटी के रूप में ली जाती है। (घ) जी हाँ, ठेकेदार द्वारा कार्य के स्वरूप, निर्माण स्थल की परिस्थितियों एवं निर्माण सामग्री की उपलब्धता के आधार पर निविदा दर दी जाती है, जिन पर विचार कर प्रतिस्पर्धात्मक दर उचित पाये जाने की स्थिति में शासन हित में स्वीकृत की जाती है। न्यूनतम दर एस.ओ.आर. से अधिक/कम हो सकती है।
सहकारी संस्था को आवंटित भूमि
[सहकारिता]
83. ( क्र. 7738 ) श्री रणजीतसिंह गुणवान : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 31 मार्च, 2016 के अता. प्रश्न संख्या 173 (क्र. 7898) के प्रश्नांश (ग) में बताया गया था कि अनियमितता के संबंध में कार्यवाही हेतु नगर एवं ग्राम निवेश विभाग को लेख किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो प्रेषित पत्र की छायाप्रति देते हुए यह बताये कि नगर एवं ग्राम निवेश विभाग ने प्रत्युत्तर क्या-क्या दिया है? यदि प्रत्युत्तर नहीं दिया तो विभाग ने कब-कब इस बाबत स्मरण कराया है? (ग) प्रश्नांकित सोसायटी ने यदि नियमों का उल्लंघन कर भूखण्ड का स्वामित्व तय नहीं किया है तो दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी क्रमशः पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' ''दो'' ''तीन'' एवं ''चार'' अनुसार है। (ग) अनियमित रूप से विक्रय किये गये भूखण्ड की रजिस्ट्री निरस्त कराने हेतु निर्देश दिये गये है।
प्रधानमंत्री सिंचाई योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
84. ( क्र. 7745 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या देश भर में लागू की गई प्रधानमंत्री सिंचाई योजना के क्रियान्वयन हेतु कार्ययोजना प्रदेश के साथ ही रतलाम जिले में भी प्रस्तावित होकर बनाई गई है? तो विकासखण्डवार बनाई गई प्रस्तावित कार्ययोजना से अवगत कराए। (ख) जिले के विकासखण्डों में किन-किन स्थानों से किस-किस प्रकार से असिंचित भूमि रकबे को सिंचित किये जाने हेतु सिंचाई की क्या कार्ययोजना बनाई जाकर उस पर कितना व्यय होने का अनुमान किया गया है तथा कार्ययोजना जिले में बनाई जाकर क्या इसे वरिष्ठ कार्यालय को अग्रेषित कर दिया गया है तो कब? (ग) क्या इसमें वर्गानुसार यथासामान्य, अजा.अजजा वर्गों के अन्तर्गत आने वाले कृषकों को पाइप, स्प्रिंकलर इत्यादि प्रकार के सिंचाई संसाधन भी उपलब्ध कराए जाकर उन पर अनुंदान भी दिया जाएगा तो क्या-क्या, किस-किस प्रकार से? (घ) रतलाम जिले की संपूर्ण कार्ययोजना कुल कितने बजट की बनकर उसके अन्तर्गत कितना असिंचित रकबा सिंचित होगा तथा विकासखण्डवार किन-किन क्षेत्रों में किस-किस स्थान पर क्या-क्या कार्य किया जाकर इसे किये जाने हेतु कितना व्यय होगा एवं यह कार्य कब प्रारंभ होगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के क्रियान्वयन हेतु कार्य योजना प्रदेश के साथ ही रतलाम जिले में भी प्रस्ताव अनुरूप बनाई गई है। जिले की विकासखण्डवार बनाई गई प्रस्तावित कार्य योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र एक अनुसार है। (ख) रतलाम जिले के 6 विकासखण्डों के प्रत्येक ग्रामों से विभिन्न प्रकार से असिंचित भूमि रकबे को सिंचित किये जाने हेतु वर्ष 2016-17 से 2021-22 तक की राशि रू.1650.35 करोड़ की जिला सिंचाई योजना (डी.आई.पी.) बनाई जाकर जिला योजना समिति से अनुमोदन उपरांत दिनांक 12.5.2016 को जिले से संचालनालय को प्राप्त हो चुकी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र दो अनुसार है। (ग) जी हाँ। वर्ष 2016-17 में रतलाम जिले को वर्गानुसार स्प्रिंकलर सेट-816, ड्रिप-200, रेनगन सेट-33, बलराम तालाब-45 लक्ष्य प्रदाय किया जा चुका है। अनुदान की पात्रता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र तीन अनुसार है। (घ) जिले की जिला सिंचाई योजना (डी.आई.पी.) राशि रू.1650.35 करोड़ की बनाई गई है। योजना अंतर्गत लगभग 178925 हेक्टेयर असिंचित रकबा सिंचित होगा। दिनांक 22.12.2016 को राज्य स्तरीय मंजूरी समिति से जिला सिंचाई योजना (डी.आई.पी.) का अनुमोदन प्राप्त हो चुका है। आगामी कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। विकासखण्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र दो अनुसार है।
फसल बीमा एवं किसान क्रेडिट कार्ड
[सहकारिता]
85. ( क्र. 7748 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों से संबद्ध प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं द्वारा किसान केडिट कार्ड बनाये जाते है तथा कृषकों का बीमा पुरानी एवं नयी फसल बीमा योजना के अन्तर्गत किया जाता है? (ख) यदि हाँ, तो रतलाम जिला अन्तर्गत प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं द्वारा वर्ष 2012-13 से कितने किसान केडिट कार्ड बनाये जाकर कितने कृषकों का फसल बीमा किया गया है? उक्त दोनों प्रकार के किसानों की संख्यात्मक जानकारी विधानसभावार उपलब्ध करावें? (ग) साथ ही वर्ष 2012-13 से लेकर प्रश्न दिनांक तक केन्द्र / राज्य प्रवर्तित योजनाओं का लाभ एवं समय-समय पर हुई फसलों की नुकसानी की क्षतिपूर्ति भी की गई, तो जिले भर में किन-किन वर्ष एवं माह में क्या-क्या क्षतिपूर्ति की जाकर किन-किन योजनाओं का लाभ दिया गया? (घ) उक्त वर्षों में पुरानी एवं नवीन फसल बीमा योजना अन्तर्गत कितने कृषकों को सम्मिलित कर प्रीमियम प्राप्त की गई, जमा प्रीमियम के विरुद्ध कृषकों को क्या-क्या राहत दी गई तथा किसान क्रेडिट कार्य योजना अन्तर्गत तदनुसार क्या-क्या किया गया?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ, प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं द्वारा अपने सदस्य कृषकों के किसान क्रेडिट कार्ड बनाये जाते है तथा 01 अप्रैल, 2016 के पूर्व राष्ट्रीय कृषि बीमा योजनांतर्गत एवं 01 अप्रैल, 2016 के बाद प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत अधिसूचित क्षेत्र में अधिसूचित फसल हेतु ऋण लिये जाने पर बीमा किया जाता है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
प्रचार-प्रसार कार्य हेतु आवंटित राशि
[जनसंपर्क]
86. ( क्र. 7753 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में जनसंपर्क विभाग में वर्ष २०१४-१५, २०१५-१६ एवं २०१६-१७ में क्षेत्रीय प्रचार-प्रसार हेतु कितनी राशि आवंटित हुई है? (ख) क्या जनसंपर्क विभाग को प्रचार-प्रसार कार्य हेतु शासन के अन्य संबंधित विभागों से राशि आवंटित की जाती है? यदि हाँ, तो १ अप्रैल २०१५ से प्रश्न दिनांक तक का ब्यौरा दें? (ग) ग्वालियर जिले में वर्ष २०१४-१५, २०१५-१६ एवं २०१६-१७ में आवंटित राशि में से किस-किस फर्म संस्थाओं को क्षेत्रीय प्रचार-प्रसार अंतर्गत कार्य दिया गया? उन फर्म संस्थाओं के नाम सहित बतावें उक्त अवधि में किस-किस दिनांकों में जनसंपर्क विभाग द्वारा ग्वालियर जिले में शासन की योजनाओं की प्रदर्शनी कहाँ-कहाँ पर लगाई गई? (घ) ग्वालियर जिले में जनसंपर्क विभाग में कौन कौन कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ हैं उनका नाम, पद, पदस्थापना दिनांक एवं मुख्यालय स्पष्ट करें?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) वर्ष 2014-15 में रूपये 2,29,110/- वर्ष 2015-16 में रूपये 1,96,455/- वर्ष 2016-17 में निरंक। (ख) जी नहीं। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
किसानों को केन्द्र पोषित एवं राज्य पोषित प्रदाय सामग्रियों की गुणवत्ता
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
87. ( क्र. 7754 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि विभाग मध्यप्रदेश शासन द्वारा केन्द्र पोषित एवं राज्य पोषित योजनाओं के अंतर्गत किसानों को कौन-कौन सी आदान सामग्रियां प्रदान की जाती हैं तथा इसका वितरण किसानों को किस माध्यम से किया जाता है? (ख) क्या ग्वालियर जिले में किसानों को वितरण की जाने वाली आदान सामग्रियों की गुणवत्ता की जाँच की जाने हेतु वर्ष २०१४-१५, २०१५-१६ एवं २०१६-१७ में कौन सी आदान सामग्रियों के नमूने लिये गये हैं? यदि नमूने लिये गये हैं तो कितने नमूने की विश्लेषण रिपोर्ट अमानक स्तर की पाई गई है? क्या अमानक स्तर के नमूने वाली सामग्रियों का भुगतान किया गया है? यदि हाँ, तो कौन-कौन अधिकारी दोषी है उनके नाम स्पष्ट करें? क्या दोषियों के प्रति कोई दण्डात्मक कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो स्पष्ट करें? (ग) ग्वालियर जिले में किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ हैं उनका नाम, पद पदस्थापना दिनांक तथा मुख्यालय स्पष्ट करें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। अमानक स्तर की सामग्रियों का कोई भुगतान नहीं किया गया है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है।
कृषि यंत्रो का वितरण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
88. ( क्र. 7759 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले में वित्तीय वर्ष 2014-15 से अब तक कितने किसानों को कृषि यंत्र वितरण किये गये है? यंत्रों का नाम, लाभान्वित किसानों की संख्या अनुदान की राशि का विवरण वर्षवार प्रदान करें? (ख) लाभांवित किसानों को किस कंपनी का कृषि यंत्र उपलब्ध कराया गया है एजेंसी का नाम, वितरण की व्यवस्था तथा लाभान्वित कृषकों की संख्या बतायें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ख) संचालक कृषि अभियांत्रिकी भोपाल से पंजीकृत डीलर/संस्था से कृषकों द्वारा अपनी इच्छानुसार किसी भी कंपनी का कृषि यंत्र योजना में प्रावधान अनुसार उठाये जाते है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है।
विधायक/सांसद प्रतिनिधि नियुक्ति निर्देश
[संसदीय कार्य]
89. ( क्र. 7769 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन के विभिन्न विभागों/निकायों में विधायक/सांसद प्रतिनिधि नियुक्त किये जाने में क्या दिशा-निर्देश हैं? दिशा-निर्देशों की प्रति देवें। (ख) क्या जनपद पंचायतों में सांसद प्रतिनिधि नियुक्त किये जा सकते हैं या नहीं? यदि हाँ, तो किस दिशा-निर्देशों के तहत निर्देशों की प्रति देवें। (ग) क्या किसी जनपद पंचायत क्षेत्र अंतर्गत एक से अधिक विधानसभा क्षेत्र आता है तो ऐसी स्तिथि में किस विधायक को अपना प्रतिनिधि नियुक्त्त करने का अधिकार है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बासौदा में बायपास रिंग रोड निर्माण
[लोक निर्माण]
90. ( क्र. 7771 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विदिशा संसदीय क्षेत्र की सांसद द्वारा प्रेषित पत्र 4414 दिनांक 11-07-2014 प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग को किस दिनांक को, किस विषय पर लिखा पत्र प्राप्त हुआ? क्या उक्त पत्र के साथ प्रश्नकर्ता का भी पत्र प्राप्त हुआ। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्र पर विभाग द्वारा अब तक किस-किस स्तर पर क्या कार्यवाही हुई? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्र सांसद के पत्र के क्रम में कब तक बासौदा में बायपास रिंग रोड बनाने की स्वीकृति जारी की जा रही है? यदि नहीं, तो कारण देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) माननीया सांसद महोदया का वर्णित पत्र माननीय मंत्री लोक निर्माण विभाग म.प्र. शासन को संबोधित किया गया, प्रमुख सचिव, लोक निर्माण विभाग को नहीं, गंजबासौदा नगर में रिंग रोड एवं बायपास का निर्माण कराया जावे। जी हाँ। (ख) कार्यपालन यंत्री स्तर पर डी.पी.आर. तैयार करने की कार्यवाही नियमानुसार की जा रही है। (ग) वर्तमान में निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं है। सक्षम वित्तीय समिति के अनुमोदन के पश्चात् बजट में सम्मिलित होने पर स्वीकृति जारी हो सकेगी।
इलेक्ट्रानिक तराजू, लिटरबार, धागा, फफूंद/किट नाशक आदि की खरीदी
[सहकारिता]
91. ( क्र. 7773 ) श्री संजय उइके : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले की सहकारी समितियों के द्वारा वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक इलेक्ट्रानिक तराजू, लिटरबार, धागा, फफूंद/किट नाशक आदि की खरीदी की गई है? (ख) यदि हाँ, तो सहकारी समितियों द्वारा खरीदी प्रक्रिया तथा व्यय राशि की जानकारी उपलब्ध करावें?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। (ख) खरीदी प्रक्रिया एवं व्यय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है, जिन समितियों द्वारा खरीदी प्रक्रिया का पालन किये बिना खरीदी की गई उनमें संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही के निर्देश दिये गये है।
सब्जियों /दालों का उत्पादन एवं फूड प्रोसेसिंग कार्य
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
92. ( क्र. 7777 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में विकासखण्डवार,कौन-कौन सब्जियों, दलहनों की खेती/उत्पादन कितने-कितने हेक्टेयर में कहाँ-कहाँ की जाती है? जिले में 7 क्लस्टर्स में उद्यानिकी के विकास की क्या योजना है? योजना का ब्यौरा बतायें। (ख) शासन/विभाग द्वारा वर्ष-2014-15 से प्रश्न दिनांक तक खाद्य प्रसंस्करण कार्यों को बढ़ावा देने हेतु किन-किन योजनाओं हेतु कब-कब प्रस्ताव चाहे/मंगाये गये एवं कटनी जिले से क्या-क्या प्रस्ताव कब-कब प्रेषित किये गये और किन-किन प्रस्तावों को स्वीकृत किया गया एवं किन प्रस्तावों को अब तक स्वीकृति क्यों प्राप्त नहीं हुई? (ग) कटनी जिले में खाद्य प्रसंस्करण की कितनी कौन-कौन सी औद्योगिक इकाइयां वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक स्थापित की गई है? इन इकाइयों का संचालन किन-किन के द्वारा किया जा रहा है और इन इकाइयों की वार्षिक उत्पादन क्षमता कितनी है? क्या प्रसंस्करण /उत्पादन किया जाता है? इकाईवार बतायें? (घ) प्रश्नांश (ग) की किन-किन खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को शासन द्वारा कितना-कितना अनुदान किस योजना के तहत वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक दिया गया और उक्त अवधि में जिले में संचालित खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को शासन द्वारा वर्तमान में क्या-क्या सहायता/सुविधायें उपलब्ध करायी जा रही है? (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में जिले में सब्जी, दलहन उत्पादन /खेती एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को आगामी समय में बढ़ावा देने के लिये शासन/विभाग की क्या योजना प्रस्तावित है?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब अनुसार है। (ग) कटनी जिले में खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों का संचालन निजी निवेशकों द्वारा किया जा रहा है। इकाइयों की वर्तमान वार्षिक उत्पादन क्षमता की जानकारी विभाग में संधारित नहीं है। प्रश्नांश के शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र स अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र द एवं इ अनुसार है। (ड.) कोई नवीन योजना प्रस्तावित नहीं है। खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए उत्तरांश घ के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र इ अनुसार विशिष्ट वित्तीय सहायताओं का प्रावधान है।
सिंचाई तालाबों की क्षमता एवं मरम्मत कार्य
[जल संसाधन]
93. ( क्र. 7778 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में कुल कितने सिंचाई तालाब एवं बैराज हैं? इनकी जल भराव क्षमता एवं क्षेत्रफल कितना है? कितने एवं कौन-कौन तालाब विभाग के अधिपत्य में हैं एवं कौन-कौन तालाब ग्राम पंचायतों के अधिपत्य में हैं और इन तालबों से कितनी हेक्टेयर भूमि में सिंचाई की जाती है? तालाबवार ब्यौरा देवें। (ख) प्रश्नांश (क) विभाग के अधिपत्य के तालाबों, बैराजों में विगत तीन वर्षों में रख-रखाव एवं मरम्मत के लिये कितनी-कितनी राशि शासन/विभाग से कब-कब प्राप्त हुई और किन-किन तालाबों, बैराजों में कितनी-कितनी लागत से क्या-क्या कार्य किसके द्वारा कब-कब कराये गये? (ग) विकासखण्ड कटनी अंतर्गत कितनी जल उपभोक्ता संस्थायें हैं? इनमें वर्तमान में कौन-कौन पदाधिकारी/सदस्य हैं और वर्ष-2014-15 से इन संस्थाओं द्वारा क्या-क्या कार्य, कितनी लागत से कब-कब एवं कहाँ-कहाँ, किसके द्वारा कराये गये? संस्थावार बतायें। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) कार्यों के कार्यादेश, भौतिक सत्यापन, निरीक्षण प्रतिवेदन एवं कार्य पूर्णता प्रमाण-पत्र कार्यवार बतायें एवं किस नाम/पदनाम के अधिकारियों द्वारा इन्हें कब-कब जारी किया गया? क्या किये गये कार्य शासन/विभाग के मापदण्डों के अनुरूप थे? यदि हाँ, तो कैसे? विवरण देवें। यदि नहीं, तो की गई कार्यवाहियों का विवरण बतायें।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''1'',''2'' एवं ''3'' अनुसार है। समस्त कार्य विभागीय मापदण्डों के अनुरूप कराये गये है एवं जल उपलब्धता तथा कृषकों की मांग अनुसार सिंचाई हेतु पर्याप्त जल प्रदाय किया गया है।
स्थानांतरण नीति
[लोक निर्माण]
94. ( क्र. 7787 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में कितने संभाग हैं? संभाग में कार्यपालन यंत्री, सहायक यंत्री, उपयंत्री कितने समय से पदस्थ हैं? अवधि बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अधिकारियों का एक ही स्थान पर कितने वर्ष तक पदस्थ रह सकते है? क्या इनकी स्थानांतरण की कोई नीति है? यदि हाँ, तो, क्या इसका पालन किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अधिकारियों की स्थानांतरण नीति क्या है? प्रति देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) सिविल संभाग-69, वि/यां संभाग-8 है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब अनुसार। (ख) सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी स्थानांतरण नीति 2015-16 अनुसार। जी हाँ। जी हाँ। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार।
तालाब निर्माण
[जल संसाधन]
95. ( क्र. 7788 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर जिले के ग्राम खड़ी के किसानों द्वारा क्या खड़ी खोयरी एवं खड़ी न्यू में तालाब निर्माण करने कि मांग की गई? यदि हाँ, तो, क्या दोनों स्थानों पर तालाबों के निर्माण हेतु सर्वे किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्थानों पर तालाब निर्माण हेतु क्या साध्यता दर्ज की गई? यदि हाँ, तो, दोनों से कितने-कितन हेक्टेयर भूमि सिचिंत हो सकेगी? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित दोनों स्थानों पर क्या तालाब निर्माण नहीं किये जा सकते हैं? यदि हाँ, तो, क्या कारण है वर्ष 2015-2016 में किस-किस कार्यपालन अधिकारी ने सर्वे का तकनीकी परीक्षण किया? क्या कार्यपालन यंत्री ने उक्त स्थलो तक भ्रमण किया?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। खड़ीखोयरी तालाब का प्रारंभिक सर्वे जून-2012 में किया गया किंतु खड़ी न्यू तालाब का प्रारंभिक सर्वे जून-2011 में प्रारंभ करने पर कृषकों के विरोध के कारण नहीं कराया जा सका। (ख) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ, परियोजना की लागत निर्धारित मापदण्ड से अधिक होने के कारण। श्री मुकुल जैन, कार्यपालन यंत्री द्वारा सर्वे का तकनीकी परीक्षण तथा स्थलों का भ्रमण किया गया।
दुर्घटना स्थलों का चिन्हांकन
[लोक निर्माण]
96. ( क्र. 7795 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाओं को लेकर दुर्घटना स्थल को चिन्हित करने की शासन की योजना है? यदि हाँ, तो यह योजना क्या है और क्या इस संदर्भ में केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने भी विभाग से प्रस्ताव मंगवाये हैं? (ख) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में विगत वर्षों से सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में निरंतर वृद्धि होती जा रही है, बड़नगर की कौन-कौन सी सड़कों पर निरंतर सड़क दुर्घटनाएँ हो रही हैं? (ग) सर्वाधिक दुर्घटना वाले स्थलों को चिन्हित करने वाली योजना में बड़नगर की कौन-कौन सी सड़कों को और किस-किस स्थल को चिन्हित किया गया? नहीं किया तो क्यों नहीं किया गया?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। प्रदेश के चिन्हित ब्लैक स्पाट का भौतिक सत्यापन कर दुर्घटना में कमी हेतु योजना है। जी हाँ। (ख) जी नहीं। बड़नगर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत देवास-उज्जैन बड़नगर-बदनावर मार्ग की लगभग 42.00 कि.मी. लंबाई इन्गोरिया-उन्हेल मार्ग की 24.00 कि.मी. लंबाई एवं बिरगोदा-इन्गोरिया मार्ग की 17.00 कि.मी. लंबाई आती है। यह तीनों मार्ग इंटरमीडियम श्रेणी के मार्ग है, जिन पर यदाकदा दुर्घटनाएँ होती है। (ग) कोई नहीं। क्योंकि वहां निरंतर दुर्घटना नहीं होती।
जनप्रतिनिधियों के पत्रों पर कार्यवाही
[लोक निर्माण]
97. ( क्र. 7796 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में विगत 2013 से प्रश्न दिनांक तक जनप्रतिनिधि द्वारा कुल कितने निर्माण कार्य हेतु विभाग को पत्र प्रेषित किये गये? वे पत्र विभाग में किस-किस दिनांक को प्राप्त हुए? (ख) इनमें से कितनें प्रस्तावों पर विभाग द्वारा आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ग) इनमें से कितने प्रस्ताव पर स्वीकृति प्रदान कर दी गई है तथा कितने प्रस्ताव स्वीकृति की प्रत्याशा में लम्बित हैं जनप्रतिनिधियों के द्वारा दिये गये पत्रों के साथ की गई कार्यवाही की जानकारी प्रदान करें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है।
निजी कम्पनियों द्वारा सामग्री सप्लाय में अनियमितता
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
98. ( क्र. 7800 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में उद्यानिकी विभाग में 1 जनवरी 2014 के बाद कितनी-कितनी निजी कम्पनियों ने शासन की सब्सिडी वाली सामग्री कहाँ-कहाँ, कितनी-कितनी राशि की, किस-किस अधिकारी के अनुमोदन से, कहाँ-कहाँ विक्रय की, सिर्फ कुल राशि स्थल सहित बतायें? (ख) उक्त अवधि में क्या विभाग द्वारा हितग्राही को सामग्री उपलब्ध कराने हेतु निजी कम्पनियों के लिए विज्ञप्ति जारी की गयी थी? यदि हाँ, तो किस-किस समाचार पत्र में, कब-कब? उक्त संभाग में उक्त अवधि में जैन इरिगेशन ने कितने-कितने पॉली हाउस कितनी-कितनी राशि के, कहाँ-कहाँ बनवाये? (ग) प्रश्न दिनांक तक जैन इरिगेशन सिस्टम लिमिटेड जलगॉव महाराष्ट्र द्वारा 1 जनवरी 2014 से लेकर प्रश्न दिनाक तक कुल कितनी-कितनी राशि की सब्सिडी वाली सामग्री कहाँ-कहाँ, किस-किस अनुभाग में दी? कुल राशि सहित जानकारी देवें? उक्त कम्पनी को उक्त अवधि में कुल कितनी सब्सिडी उज्जैन संभाग में दी गई? (घ) क्या मंदसौर, रतलाम, नीमच जिलो में जैन इरिगेशन अधिकारियों की लापरवाही के चलते विभाग में सामग्री वितरण में लगातार अनियमितता कर कृषकों को ज्यादा मूल्य में निम्न स्तर की सामग्री प्रदान कर रहा है, इसकी कितनी शिकायत कितने कृषकों से उक्त जिलों में प्राप्त हुई, उसकी कब-कब जाँच उच्च अधिकारयों द्वारा की गई?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) उज्जैन संभाग में उद्यानिकी विभाग में 1 जनवरी 2014 के बाद निजी कंपनियों ने कृषकों को शासन की अनुदान वाली योजनाओं में सामग्री संभाग के जिला उज्जैन, देवास, शाजापुर, आगर-मालवा, रतलाम, मंदसौर एवं नीमच में राशि रूपये 19199.01 लाख की विक्रय की गई। प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है। (ख) उक्त अवधि में विभाग द्वारा हितग्राही को सब्जी एवं मसाला बीज उपलब्ध कराने हेतु विज्ञप्ति संयुक्त संचालक उद्यान, उज्जैन संभाग एवं भोपाल संभाग द्वारा जारी की गई। शेष सामग्री जैसे ड्रिप, स्प्रिंकलर, पॉली हाउस, मल्चिंग इत्यादि के लिए संचालनालय स्तर से अधिकृत कंपनियों से हितग्राही द्वारा स्वयं क्रय की गई है। प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में प्रश्नाधीन कंपनी द्वारा उज्जैन संभाग में राशि रूपये 556.90 लाख की सामग्री प्रदान की है। विभाग में अनुभागवार जानकारी संधारित नहीं अपितु विकासखण्डवार संधारित है जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र स अनुसार है। (घ) उज्जैन संभाग के जिलों में जिन योजनाओं के अंतर्गत जैन इरीगेशन कंपनी द्वारा सामग्री उपलब्ध कराई गई है उनमें सामग्री का मूल्य हितग्राही एवं कंपनी द्वारा आपसी सहमति से निर्धारित होता है जिसमें विभाग के अधिकारियों की लापरवाही का प्रश्न निहित नहीं है। रतलाम जिले के ग्राम हरथली के कृषक श्रीमती रामकन्या बाई शर्मा द्वारा पॉली हाउस निर्माण संबंधी शिकायत दर्ज कराई थी, जिसकी जाँच दिनांक 11.08.2015 को एक उच्च स्तरीय समिति जिसमें डॉ. के.व्ही. रमनाराव, प्रिंसिपल सांईटिस्ट, पी.एफ.डी.सी. (सी.आई.ए.ई.) भोपाल, श्री आर.के. नामदेव उप संचालक उद्यान, संचालनालय भोपाल, श्री आर.एस. कटारा उप संचालक उद्यान, रतलाम श्री लवेश चौरसिया, उद्यानिकी वैज्ञानिक पीएफडीसी, भोपाल द्वारा की गई। सामग्री का नमूना परीक्षण सीपेट भोपाल द्वारा किया गया। जिला मंदसौर एवं नीमच में जैन इरीगेशन अधिकारियों की लापरवाही के चलते सामग्री वितरण की अनियमितता की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।
मंडियों में कृषकों से दुर्व्यवहार
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
99. ( क्र. 7802 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर उज्जैन सभाग की विभिन्न मंडियों में कृषकों से हम्माल एवं अन्य कर्मचारियों द्वारा मारपीट एवं दुर्व्यवहार की कितनी शिकायतें मंडी बोर्ड को कहाँ-कहाँ, किस-किस के द्वारा किस-किस के खिलाफ प्राप्त हुई? मंडी बोर्ड द्वारा उस पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रदेश की किन-किन मंडियों में शासन के आदेश के बावजूद 7 % आड़त किसानों से कुछ बड़ी मंडियों में वसूली जा रही है? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) गत 1 जनवरी 2010 के पश्चात् रतलाम मंदसौर नीमच की मंडियों में कितनी-कितनी मात्रा में अफीम खस-खस मंडियों में आई, इससे मंडी बोर्ड को अनुज्ञा अनुसार कितना-कितना राजस्व प्राप्त हुआ वर्षवार जानकारी देवें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रश्नांश "क" अनुसार इंदौर संभाग अंतर्गत कृषि उपज मंडियों में कृषकों से हम्माल एवं अन्य कर्मचारियों द्वारा मारपीट एवं दुर्व्यवहार की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। उज्जैन संभाग अंर्तगत कृषि उपज मंडी समिति सैलाना, जावरा, नीमच एवं रतलाम में कृषकों के साथ हम्मालों द्वारा मारपीट एवं दुर्व्यवहार की घटना की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड भोपाल के आदेश दिनांक 01.02.16 के द्वारा फल सब्ज़ी के विपणन के लिये उपविधि सन 2000 कंडिका (5) की उपकंडिका (4) विक्रय मूल्य का 2 प्रतिशत आढ़त जो कि नियोक्ता व्यापारी द्वारा देय होगी, प्रभावशील है। प्रदेश की किसी भी मंडी समितियों में किसानों से कोई कमीशन/आढ़त नहीं लिया जाता है। (ग) रतलाम, मंदसौर, नीमच की मंडियों में गत 01 जनवरी 2010 के बाद खसखस की आवक व मंडी शुल्क की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ब अनुसार है। अफीम नारकोटिक्स पदार्थ है, जिसकी मंडियों में आवक नहीं होती।
जिला सहकारी बैंक छतपुर के संबंध में
[सहकारिता]
100. ( क्र. 7810 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सहकारी बैंक छतरपुर की कुल कितनी शाखा जिले में कहाँ–कहाँ स्थित है? उपरोक्त शाखा में शाखा प्रबंधक के पद पर कौन? कब से कार्यरत हैं? इनका मूल पद क्या है? (ख) ऐसी कितनी शाखा हैं जहाँ शाखा प्रबंधक के पद पर प्रभारी कार्यरत हैं? इनको शाखा प्रबंधक के पद पर किस नियम के तहत पदस्थ किया गया? क्या प्रभार देने में योग्यता एवं वरिष्ठता का पालन किया गया? यदि नहीं, तो कहाँ इस नियम को शिथिल किया गया एवं क्यों? (ग) प्रभारी शाखा प्रबंधक नियुक्त करने के लिए क्या नियम एवं योग्यता है? शाखा प्रबंधक एवं प्रभारी शाखा प्रबंधक के क्या-क्या अधिकार हैं?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) कुल 20 शाखाएं है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) 09 शाखाएं। बैंक में शाखा प्रबंधक के पद स्टाफिंग पैटर्न के अनुसार भरे नहीं होने के कारण बैंकिंग कार्य सुचारू रूप से संचालन करने हेतु कर्मचारियों की कार्य क्षमता को ध्यान में रखते हुये अस्थायी तौर पर प्रभारी शाखा प्रबंधक का प्रभार दिया गया है। प्रभार देने में कर्मचारी की योग्यता तथा कार्यक्षमता का ध्यान रखा गया है वरिष्ठता के आधार पर प्रभार नहीं दिया गया है। प्रभार देने के संबंध में पृथक से कोई नियम नहीं होने से योग्यता एवं कार्यक्षमता के आधार पर प्रभार दिये गये है। (ग) प्रभारी शाखा प्रबंधक नियुक्त करने के लिये पृथक से कोई नियम नहीं है। शाखा प्रबंधक के समान ही प्रभारी शाखा प्रबंधक के उत्तरदायित्व बैंकिंग लेन-देन, कृषकों को अल्पकालीन फसल ऋण वितरण एवं वसूली तथा वरिष्ठ कार्यालय द्वारा बैंकिंग कार्य संबंधी चाही गई जानकारियों का समय-समय पर प्रेषण करना है।
तिलहन संघ के प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ सेवायुक्तों की सी.पी. एफ. राशि
[सहकारिता]
101. ( क्र. 7813 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. तिलहन संघ से शासन के विभिन्न विभागों में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ सेवायुक्तों का कन्ट्रीब्यूटरी प्रोविडेंट फंड नियोक्ता राशि एस.बी.आई. बैंक में चालान से जमा करने का प्रावधान था? (ख) क्या जिन नियोक्ताओं ने फंड की राशि कम जमा की है? उन्हें राशि जमा करने के संबंध में शासन संबंधित विभागों को निर्देशित करेगा?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। (ख) म.प्र. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र क्रमांक सी/3-5/07/3/1 दिनांक 15.06.2007 द्वारा पूर्व से ही कन्ट्रीब्यूटरी प्रोविडेंट फंड की राशि के भुगतान के निर्देश हैं।
अकृषि समिति की सदस्यता
[सहकारिता]
102. ( क्र. 7826 ) श्री आरिफ अकील : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 1-सुनिता महिला बहुद्देशीय सहकारी समिति मर्या. विदिशा, 2-मत्स्य सहकारी समिति मर्या. कागपुर, 3-दुग्ध सहकारी समिति मर्या. दीताखेडी, 4-दुग्ध सहकारी समिति मर्या. देवखपुरी विपणन सहकारी संस्था मर्यादित विदिशा के पत्र दिनांक 05/05/2015 के अनुसार सदस्य नहीं है और न ही इनके द्वारा कोई हिस्सा राशि जमा की गई? (ख) यदि हाँ, तो क्या परि.अता. प्रश्न संख्या 166 (क्र. 3617) दिनांक 29 जुलाई 2016 की कंडिका (ग) के अनुसार शिकायती पत्र में उल्लेखित 4 सदस्य न होते हुए संचालक है की सदस्यता की जाँच पृथक से कराई जा रही है और निष्कर्षों के आधार पर कार्यवाही की जावेगी से अवगत कराया गया है? यदि हाँ, तो जाँच विलंब के क्या कारण तथा कब तक पूर्ण हो जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्रानुसार विपणन सहकारी संस्था मर्यादित विदिशा के सदस्य न होना स्पष्ट होता है? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (ख) अनुसार जाँच प्रतिवेदन अस्पष्ट प्रस्तुत करने, पुन: जाँच में लापरवाही करने वालों के तथा अवैध संचालकों के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही करेगें? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो कारण सहित बतावें?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित तथ्यों की जाँच कराई जा रही है। (ख) जी हाँ, जाँच प्रतिवेदन प्राप्त, जो परीक्षणाधीन है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश 'क' अनुसार, जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने के उपरांत स्थिति स्पष्ट हो सकेगी, उत्तरांश 'ख' अनुसार परीक्षण उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आरोपी सहकारी संस्थाओं के विरूद्ध कार्यवाही
[सहकारिता]
103. ( क्र. 7827 ) श्री आरिफ अकील : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में कुछ भोपाल जिले की सहकारी हाऊसिंग सोसायटियों व उनके संचालक मण्डल के पदाधिकारियों की मनमानी के चलते वास्तविक पात्र हितग्राहियों की अपेक्षा अपात्र लोगों को प्लाट विक्रय करने के कारण आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किए गए हैं? यदि हाँ, तो किन-किनके विरूद्ध कब-कब प्रकरण पंजीबद्ध किए गए? प्रकरण की अद्यतन स्थिति से अवगत करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में किन-किन संस्थाओं व उनके पदाधिकारियों के विरूद्ध कब-कब, किस-किस धारा के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किए तथा किन-किन आरोपी संस्था के पदाधिकारियों को प्रश्न दिनांक की स्थिति में गिरफ्तार नहीं करने के क्या कारण तथा कब तक गिरफ्तार कर लिया जावेगा? (ग) क्या माह जुलाई 2016 में तथाकथित हाउसिंग सोसायटियों को आगामी 3 माह में बंद किए जाने के आदेश शासन द्वारा जारी किए गए थे? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक की स्थिति में कितनी व कौन-कौन सी हाऊसिंग सोसायटियों के रजिस्ट्रेशन निरस्त किये गए तथा यह भी अवगत करावें कि भोपाल में कितनी हाऊसिंग सोसायटियां पंजीकृत हैं एवं कितनी सोसायटियों में निर्वाचित संचालक मण्डल कार्यरत है?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। भोपाल जिले में 580 गृह निर्माण सहकारी समिति पंजीकृत है, जिनमें से 104 परिसमापनाधीन है, शेष 476 समितियों में से 272 गृह निर्माण सहकारी समितियों में निर्वाचित संचालक मण्डल कार्यरत है।
लोक निर्माण विभाग की सड़कों पर वृक्षारोपण
[लोक निर्माण]
104. ( क्र. 7835 ) डॉ. मोहन यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्मित की जाने वाली सड़कों के दोनों ओर वृक्षारोपण करने के संबंध में विभाग के क्या नियम हैं? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार उज्जैन जिले में वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितनी सड़कों का निर्माण किया गया है? निर्मित सड़कों पर नियमानुसार वृक्षारोपण किया गया है? तहसीलवार जानकारी प्रदान करें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) 41 सड़कों का निर्माण किया गया। तहसीलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है।
जर्जर सड़कों की मरम्मत
[लोक निर्माण]
105. ( क्र. 7838 ) डॉ. मोहन यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग की कितनी सड़कें वर्तमान में जर्जर हैं? सड़कवार ब्यौरा प्रस्तुत करें। (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार जर्जर सड़कों को दुरुस्त करने हेतु विभाग की क्या कार्य योजना है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विस्तृत जानकारी संलग्न अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न अनुसार है।
शासन की योजनाओं, कार्यों के प्रचार-प्रसार के संबंध में
[जनसंपर्क]
106. ( क्र. 7859 ) श्री के. के. श्रीवास्तव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन की योजनाओं, निर्माण कार्यों का उद्घाटन लोकार्पण आदि सरकार के काम काज लोक कल्याण कारी कामों की श्रेणी में नहीं आते हैं? यदि हाँ, तो उनके शिलान्यास/ लोकार्पण आदि के प्रचार-प्रसार की कोई योजना विभाग में क्यों नहीं है? (ख) उक्त कल्याण कारी कार्यों का शिलान्यास/सांसद, विधायक अथवा जिला पंचायत अध्यक्ष द्वारा कराया जाता है तो उनके प्रचार-प्रसार हेतु शासन जिलों को निर्देशित करेगा अथवा नहीं?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। शिलान्यास/लोकार्पण के कार्यक्रमों में अतिविशिष्ट व्यक्तियों, माननीय मुख्यमंत्री, मंत्रि परिषद के अन्य सदस्य और जिला कलेक्टर के शामिल होने पर कव्हरेज आदि की व्यवस्था की जाती है। (ख) प्रश्नांश "क" में उल्लेखित विवरण के अलावा प्रावधान नहीं है।
तालाबों की फीडर केनाल और अन्य केनालों का पक्का निर्माण
[जल संसाधन]
107. ( क्र. 7860 ) श्री के. के. श्रीवास्तव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ विधान सभा क्षेत्र में शासकीय तालाबों, बांधों की कितनी नहरें पक्की निर्मित करा ली गई हैं? कब-कब कराई गई, तालाबों, नहरों के नाम, लंबाई सहित अवगत करावें? (ख) वर्तमान में कितनी नहरें अथवा फीडर लाइन अभी भी कच्ची एवं जीर्ण-शीर्ण हैं? उनके नाम, लंबाई सहित अवगत करायें? (ग) विगत 3 वर्षों में प्रश्न दिनांक तक किन-किन नहरों अथवा फीडर लाइन के पक्का निर्मित कराये जाने हेतु प्रस्ताव विभाग द्वारा शासन को प्राप्त हुये हैं? नाम बतायें। साथ ही अवगत करायें कि उन्हें कब तक राशि स्वीकृत कर निर्मित करा लिया जायेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) 02 शासकीय तालाबों/बांधों की संपूर्ण नहरें पक्की करा ली गई है। 19 तालाबों/बांधों की नहरें आंशिक रूप से कच्ची एवं 05 तालाबों की संपूर्ण नहरें कच्ची है। नहरें जीर्ण-शीर्ण नहीं है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) शासन स्तर पर कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं होने से शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते है।
दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही बाबत
[लोक निर्माण]
108. ( क्र. 7865 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक निर्माण विभाग द्वारा सामग्री क्रय की जाती है? सामग्री क्रय आदेश जारी करने का अधिकार किसको प्रदत्त हैं? एक माह एवं एक वर्ष में कितनी राशि की सामग्री क्रय की जा सकती है? नियम की प्रति देते हुए बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में रीवा जिले में स्थित संभाग / उप संभागों के द्वारा वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में किन-किन अधिकृत विक्रेताओं से किन अधिकृत अधिकारियों के आदेश से कितनी लागत की सामग्री क्रय के आदेश जारी किये गये? क्रय आदेश के क्रमांक एवं दिनांक राशि सहित फर्म का नाम भुगतान की जानकारी बतावें? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित सामग्री के माप क्या माप पुस्तिका में दर्ज किये गये? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) अनुसार क्रय की गई सामग्रियां क्रय नियमों से हटकर घटिया एवं गुणवत्ता विहीन क्रय की गई तो क्रय आदेश जारी करने वाले संबंधितों के विरुद्ध क्या कार्यवाही करेंगे? क्या अनियमित क्रय आदेश जारी करने एवं अनियमित क्रय की जाँच करावेंगे? हाँ तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) उत्तरांश 'ख' एवं 'ग' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खाद बीज वितरण समय पर न करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही
[सहकारिता]
109. ( क्र. 7866 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में वर्ष 2014 से प्रश्नांश दिनांक तक में साख सहकारी संस्थाओं को कितनी-कितनी खाद एवं बीज किसानों को वितरण हेतु आवंटित किया गया? तहसीलवार एवं संस्थावार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के बीज एवं खाद की कीमत प्रति किलो शासन द्वारा क्या निर्धारित की गई? क्या नगद में भी किसानों को खाद एवं बीज देने के प्रावधान बनाये गये हैं? बटाईदार किसानों, जिनके नाम जमीन नहीं हैं उनको खाद एवं बीज देने की शासन की क्या योजना है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार किन-किन संस्थाओं ने खाद एवं बीज वितरण नहीं किया एवं कहाँ-कहाँ से खाद एवं बीज वितरण की अनियमितता की शिकायतें प्राप्त हुईं। उन पर की गई कार्यवाही का विवरण देवें? (घ) प्रश्नांश (क) की सहकारी साख संस्थाओं द्वारा खाद व बीज का वितरण किस मापदण्ड अनुसार किया गया? खराब खाद एवं बीज वितरण की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? उन पर क्या कार्यवाही की गई। इस बाबत् सी.एम. हेल्प लाइन में कितनी शिकायतें हुई। उनके निराकरण उपरांत क्या-क्या कार्यवाही की गई? इसके लिये दोषियों पर भी कार्यवाही की गई?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) साख सहकारी संस्थाओं को खाद एवं बीज उनकी मांग अनुसार उपलब्ध कराया जाता है। वर्षवार, मौसमवार, खाद एवं बीज की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 से 12 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-13 अनुसार है। जी हाँ, किसानों को नगद में भी खाद एवं बीज दिये जाने का प्रावधान है। बंटाईदार किसान जिनके पास जमीन नहीं है, उन्हें नगद में खाद एवं बीज दिया जा सकता है। (ग) उत्तरांश 'क' के अनुसार प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था सरैहा एवं सितलहा की साख सीमा अवरूद्ध होने के कारण खाद एवं बीज का वितरण नहीं किया गया। उनके किसान को निकटस्थ समिति से नगद में खाद बीज लेने की व्यवसथा की गई। खाद एवं बीज वितरण में अनियमितता की शिकायतें प्रश्नांश समय प्राप्त नहीं हुई है। अत: कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश 'क' की सहकारी साख संस्थाओं द्वारा खाद एवं बीज का वितरण किसानों की स्वीकृत साख सीमा की पात्रता के आधार पर किया जाता है। उप संचालक कृषि जिला रीवा द्वारा दी गई जानकारी अनुसार जिले में खराब खाद एवं बीज की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है एवं सी.एम. हेल्पलाइन के माध्यम से भी खराब खाद एवं बीज के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते।
सामग्री खरीदने हेतु निविदा प्रकाशित करना
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
110. ( क्र. 7877 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन के उद्यानिकी एवं खादय प्रसंस्करण विभाग के मंत्रालय भोपाल के पत्र क्र. 1984/2074/2016/SP दिनांक 1-9-2016 के कंडिका क्रमांक 6 के अनुसार एवं पत्र क्रमांक 119/1984/2016/58 दि. 13/1/2017 की स्थाई वित्तीय समिति की बैठक दि. 4/1/2017 हुई थी? (ख) क्या विभाग में नर्सरियों हेतु सामग्री क्रय एवं निर्माण हेतु करोड़ों लाखों रूपये का व्यय किया जाता है? जिसके लिए निविदा न बुलाकर क्या सीधे कोटेशनों के माध्यम से दरें प्राप्त कर मनमानी क्रय आदेश जारी कर सप्लायरों को अधिक लाभ पहुंचाया जाता है। (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हाँ, तो सामग्री क्रय हेतु कोटेशन पत्र बन्द कर ई-टेण्डरिंग प्रक्रिया के तहत प्रतिस्पर्धात्मक क्रय प्राप्त करने हेतु प्रक्रिया कब तक निर्धारित की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्ष 2016-17 में 20 नर्सरियों के उन्नयन हेतु रूपये 9.44 करोड़ की स्वीकृति जारी की गई है। स्वीकृति अनुसार मध्यप्रदेश भण्डार क्रय तथा सेवा उपार्जन नियम, 2015 के प्रावधानों अनुसार सामग्री क्रय एवं निर्माण कार्य पर आवश्यकता अनुसार जिला स्तर से व्यय किया जा रहा है। अत: मनमानी कर सप्लायर को अधिक लाभ पहुँचाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) मध्यप्रदेश भण्डार क्रय तथा सेवा उपार्जन नियम, 2015 के प्रावधान अनुसार रूपये 20 हजार से अधिक तथा रूपये 1 लाख तक की सामग्री विभागीय क्रय समिति द्वारा, रूपये 5 लाख तक की सामग्री का क्रय सीमित निविदा द्वारा तथा 5 लाख से अधिक की सामग्री ई-टेंडरिंग के माध्यम से क्रय करने की प्रक्रिया पूर्व से निर्धारित है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नया भोपाल संभाग अतंर्गत शासकीय आवास गृहों से अतिक्रमण हटाया जाना
[लोक निर्माण]
111. ( क्र. 7881 ) श्री रामनिवास रावत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अतारांकित प्रश्न संख्या 127 (क्रमांक 3416) दिनांक 28.07.2016 के उत्तर में जाँच कराई जा रही है कि जानकारी दी गई थी? यदि हाँ, तो जाँच किस अधिकारी से कराई जा रही है एवं अतिक्रमण हटाने हेतु किन-किन को कब-कब नोटिस दिया गया? (ख) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में अनुभाग क्रमांक 13 में उपयंत्री का कार्यालय में उपस्थित रहने का क्या समय निर्धारित है? क्या उक्त समय में उपयंत्री कार्यालय में बैठते हैं? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। अतिक्रमण हटाने हेतु समय-समय पर जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार अतिक्रमणकर्ताओं को अतिक्रमण हटाने हेतु नोटिस दिये गये है। (ख) उपयंत्री के कार्यालय में उपस्थित रहने का समय सामान्यतः प्रातः 9.00 बजे से सांय 6.00 बजे तक है, परंतु उपयंत्री के कर्तव्यों के अंतर्गत कार्यक्षेत्र में चल रहे कार्यों का पर्यवेक्षण किये जाने के कारण कार्यालय में निश्चित समय पर उपस्थित रहने की बाध्यता नहीं है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
किसानों को बीमा क्लेम राशि का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
112. ( क्र. 7886 ) श्री जितू पटवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सन् 2015 में राउ विधानसभा के अन्तर्गत आने वाली कौन-कौन सी ग्राम पंचायतों में रबी एवं खरीफ फसल हेतु सेवा सहकारी संस्थाओं द्वारा शून्य प्रतिशत ब्याज पर किसानों को लोन प्रदान किया गया है? फसल अनुसार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में क्या दिये गये लोन हेतु किसानों की फसल का बीमा किया गया है? यदि हाँ, तो इस हेतु कितनी प्रीमियम जमा की गई है? पटवारी हल्का एवं फसल अनुसार बीमा प्रीमियम की जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) के तारतम्य में सन् 2015 में खरीफ फसल खराब होने की दशा में बीमा कंपनी द्वारा किसानों को बीमा क्लेम का भुगतान किया गया है? यदि हाँ, तो पटवारी हल्का अनुसार कितने किसानों को कितनी राशि का बीमा क्लेम का भुगतान किया गया है? (घ) क्या सन् 2015 खरीफ फसल हेतु राउ ग्राम के 159 किसानों की फसल का बीमा किया जाकर उनसे 336244/- रुपये बीमा प्रीमियम वसूल की गई थी एवं फसल खराब होने की दशा में मात्र 13324/- का बीमा क्लेम का भुगतान किया गया है? (ड.) प्रश्नांश (घ) का उत्तर हाँ है तो क्या यह किसानों को हुए नुकसान की तुलना में पर्याप्त है? यदि नहीं, तो क्या किसानों को अतिरिक्त बीमा क्लेम प्रदान किया जावेगा? हाँ तो कब एवं कितना?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) सन 2015 में राउ विधानसभा के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायतों में रबी एवं खरीफ फसल हेतु सेवा सहकारी संस्थाओं द्वारा शून्य प्रतिशत ब्याज पर किसानों को लोन प्रदान किया गया है, जिसकी फसलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र एक अनुसार है। (ख) बीमित कृषकों के बीमा आवरण के पटवारी हल्का एवं फसलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र दो अनुसार है। (ग) सन 2015 खरीफ में किये गये भुगतान की पटवारी हल्कावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र दो पर है। (घ) खरीफ 2015 मौसम के अंतर्गत राज्य शासन द्वारा जारी अधिसूचना (संशोधित) के अनुसार ग्राम राउ का पटवारी हल्का नं. 18 तहसील इंदौर है एवं सोयाबीन फसल अधिसूचित है। कृषकों से प्राप्त प्रीमियम एवं बीमा क्लेम राशि भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र तीन अनुसार है। (ड.) बीमा क्लेम निर्धारण फसल कटाई प्रयोगों से प्राप्त आंकडों के आधार पर वास्तविक उपज थ्रेशहोल्ड उपज से कम आने पर देय होती है। पटवारी हल्का नं. 18 में थ्रेशहोल्ड उपज 721 किलोग्राम/हेक्ट. एवं वास्तविक उपज 720 किलोग्राम/हेक्ट. थी एवं उपज में कमी एक किलोग्राम प्रति हेक्ट.पाई गई थी। तदानुसार राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना के अंतर्गत क्षतिपूर्ति आंकलन कर कृषकों को बीमा क्लेम का भुगतान किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नाईट्रोजन, सुपरफास्फेट एवं पोटाश की खपत
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
113. ( क्र. 7887 ) श्री जितू पटवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में नत्रजन (एन),स्फुर (पी) एवं पोटाश (के) की कुल कितनी खपत हुई? प्रदेश में कुल खपत की जानकारी जिलेवार तथा वर्षवार बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसर नत्रजन (एन), स्फुर (पी) एवं पोटाश (के) की खपत कितने किलोग्राम प्रति हेक्टेयर है? जानकारी जिलेवार तथा वर्षवार देवें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रदेश में वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में नत्रजन (एन), स्फुर (पी) एवं पोटाश (के) की कुल खपत की जिलेवार एवं वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र एक अनुसार है। (ख) जिलेवार एवं वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र दो अनुसार है।
दोषी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही
[लोक निर्माण]
114. ( क्र. 7899 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगरौली जिले के विकासखण्ड देवसर अंतर्गत विभाग द्वारा ग्राम सरई के कोलान टोला में संकर्षण तिवारी के मकान तक सड़क निर्माण का प्राक्कलन तैयार किया गया था? यदि हाँ, तो प्राक्कलन राशि, स्वीकृत वर्ष सहित जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो क्या उक्त मार्ग का निर्माण न कराते हुए रूपयें 19.00 लाख निकाल ली गई है? क्या मौके से सत्यापन कराकर सड़क न बनाने वाले दोषियों के विरूद्ध गबन का प्रकरण तैयार कर राशि वसूली की कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या उपरोक्त विकासखण्ड देवसर के ही ग्राम निगरी में जगत चौराहा से अमहा टोला निवास होते हुए हर्दी रेल्वे स्टेशन पहुंच मार्ग का निर्माण वर्ष 2015-16 में विभाग द्वारा कराया गया था? यदि हाँ, तो क्या उक्त मार्ग पूरी तरह से मात्र 6 माह के अंदर ही उखड़ गई है, जो चलने योग्य नहीं है? क्या उक्त मार्ग में किये गये भ्रष्टाचार की जाँच भी कराते हुए दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार उपरोक्त मार्ग में किये गये भ्रष्टाचार की शिकायत, शिकायतकर्ता राममिलन तिवारी द्वारा कलेक्टर की जनसुनवाई में लगातार वर्ष 2014 से आज दिनांक तक की जा रही है, लेकिन विभाग के इंजीनियर के विरूद्ध कार्यवाही क्यों नहीं की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। प्राक्कलन की स्वीकृति राशि रू. 19.91 लाख एवं स्वीकृत वर्ष 2009-10 है। (ख) जी नहीं। जी नहीं, जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जी नहीं, अपितु प्रश्नांकित मार्ग के विभाग के अधीन भाग लंबाई 1.80 कि.मी. में डामर नवीनीकरण का कार्य दिनांक 07.3.2014 को पूर्ण किया गया। जी नहीं वर्तमान में मार्ग मोटरेबल है। कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। मार्ग के शेष भाग का निर्माण कार्य म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के अधीन है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) उत्तरांश 'ख' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में इंजीनियर के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का स्थाईकरण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
115. ( क्र. 7904 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले के कृषि कल्याण विभाग में मिट्टी परीक्षण में 1997 से कितने दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी पदस्थ हैं? इनके नाम पदस्थी का वर्ष सहित जानकारी दी जावे? (ख) उक्त विभाग में किस वर्ष तक के पदस्थ कर्मचारियों को स्थाई किया गया है वर्ष 2010 में कितने दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को स्थाई किया गया, उनके नाम पदस्थी का वर्ष सहित जानकारी दी जावे? (ग) क्या वर्तमान में मिट्टी परीक्षण विभाग में पदस्थ दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को कई महीनों से वेतन प्राप्त नहीं हुआ है जिससे उनके भरण-पोषण की स्थित काफी दयनीय हो गई, उन्हें कब तक वेतन दिया जायेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) मिट्टी परीक्षण प्रयोशाला, मुरैना में 1997 से कोई भी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी पदस्थ नहीं है। (ख) वर्ष 2009 की स्थिति में 10 वर्ष की सेवाअवधि पूर्णकर चुके 109 कर्मचारियों को वर्ष 2010 में नियमित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वर्तमान में मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला, मुरैना में कार्यरत श्रमिकों की मजदूरी का फरवरी 2017 तक का भुगतान किया जा चुका है।
ट्यूबेल खनन हेतु अनुदान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
116. ( क्र. 7905 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले में वर्ष 2015 -2016 में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अतंर्गत कितने सामान्य श्रेणी के किसानों को नलकूप खनन हेतु अनुदान दिया गया, तहसीलवार कृषक की संख्या, दिये गये अनुदान की राशि सहित जानकारी दी जावे? (ख) कृषकों को दी जाने वाली अनुदान प्रकरणों की संख्या क्या शासन द्वारा निर्धारित की गई? यदि हाँ, तो मुरैना जिले में नलकूप खनन की संख्या कितनी रही? (ग) क्या सफल नलकूपों पर पंप लगाने हेतु भी शासन द्वारा अनुदान दिया जाता है? प्रश्नांश अवधि में कितने सफल नलकूपों को पंप दिये गये एवं अनुदान राशि कितनी है? कृषकों संख्या तथा दी गई अनुदान की राशि सहित जानकारी दी जावे?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जिले में वर्ष 2015-16 में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत सामान्य श्रेणी के किसानों को नलकूप खनन हेतु अनुदान राशि सहित तहसीलवार एवं कृषक की संख्या, की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जिले में वर्ष 2015-16 में 44 नलकूप खनन कराये गये। (ग) जी हाँ। प्रश्नांश अवधि में सफल नलकूपों पर 44 कृषकों द्वारा स्थापित पंपों पर अनुदान राशि रू.6.60 लाख का भुगतान किया गया।
सड़क का निर्माण किये जाने
[लोक निर्माण]
117. ( क्र. 7909 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला आगर के ग्राम खेलागांव से नलखेड़ा एवं नलखेड़ा से लालूखेड़ी की दूरी लगभग २५ कि.मी. है? यदि हाँ, तो खेलागांव से गुराडियादेव जिसकी दूरी मात्र लगभग २ कि.मी. है जिस पर क्या शासन ग्रामीणों की सुविधा हेतु सड़क निर्माण करवाएगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ख) शासन द्वारा यदि अपेक्षित मार्ग का निर्माण किया जाता है तो क्या इसमें ग्रामीणों के परिवहन व्यय आदि में कमी आवेगी? यदि हाँ, तो ग्रामीणों को नलखेड़ा से लालूखेड़ी खेलागांव होते हुए गुराडियादेव लगभग २५ किमी. की दूरी परिवहन व्यय बढ़ाकर तय कर पंहुचाने का क्या औचित्य है? कारण सहित बतावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं, ग्राम खेलागांव से लालूखेडी व्हाया नलखेड़ा लंबाई 17.50 कि.मी. है। खेलागांव से गुराडिया देव की लंबाई 3.00 कि.मी., यह कच्चा मार्ग होकर लोक निर्माण विभाग के अधीन नहीं है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश 'क' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
मंडी निधि से सड़क निर्माण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
118. ( क्र. 7911 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि.अता.प्रश्न संख्या 127 (क्रमांक1171) दिनांक 05/12/2016 के (ग) उत्तर में बताया गया कि मंडियों एवं मंडी बोर्ड द्वारा स्वीकृत सभी निर्माण कार्यों का संपादन मंडी बोर्ड में पदस्थ तकनीकी अमले द्वारा किया जा रहा है लेकिन प्र.क्र. ३६२८ दिनांक २.३.२०१७ में बताया गया कि मंडी बोर्ड द्वारा मुख्य सचिव की नोट शीट क्रमांक ३४० दिनांक १५.९.२०१६ को मंडी बोर्ड के भवन व सड़क के कार्य लोक निर्माण विभाग व म.प्र. ग्रामीण सड़क प्राधिकरण के माध्यम से कराने का उल्लेख है? तो प्र.क्र. 3628 दिनांक 02.03.17 के परिप्रेक्ष्य में अन्य विभाग से कार्य कराने पर मंडी बोर्ड के तकनीकी अमले का क्या उपयोग किया जाएगा? (ख) इसका कारण बतावे कि मंडी बोर्ड के तकनीकी अमले के रहते हुए अन्य विभाग से कार्य क्यों कराया जा रहा है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। मंडी बोर्ड के तकनीकी अमले का उपयोग मंडी बोर्ड तथा मंडियों की विभिन्न संरचनाओं के निर्माण हेतु किया जावेगा। (ख) जी नहीं। अपितु मंडी बोर्ड के तकनीकी अमले द्वारा ही मंडी बोर्ड/मंडियों से स्वीकृत निर्माण कार्यों को कराया जा रहा है।
नमामि देवि नर्मदे यात्रा पर व्यय संबंधी
[जनसंपर्क]
119. ( क्र. 7918 ) श्री बाला बच्चन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि बड़वानी जिले में नमामि देवि नर्मदे यात्रा पर किए समस्त प्रचार प्रसार एवं व्यय तथा इसके भुगतान की जानकारी देवें?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : नमामि देवि नर्मदे यात्रा की प्रचार कार्य योजना राज्य स्तर पर बनाई गई थी, जिसके अनुसार यात्रा का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। जिला स्तर पर प्रचार की पृथक से कोई कार्य योजना नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शिकायतों की जाँच
[सहकारिता]
120. ( क्र. 7919 ) श्री बाला बच्चन : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संयुक्त आयुक्त सहकारिता भोपाल, भोपाल संभाग को विगत 2 वर्ष में कितनी शिकायतें मुख्यालय वरिष्ठ अधिकारियों, न्यायालय एवं अन्य माध्यमों से जाँच हेतु प्राप्त हुई हैं वर्षवार पृथक-पृथक बतावें। (ख) इनके द्वारा कितनी शिकायतों की जांचे पूर्ण कर प्रतिवेदन दिया जा चुका है एवं कितनी जांचें लंबित हैं? (ग) उपरोक्त लंबित जांचें कब तक पूर्ण कर ली जावेगी? उपरोक्त जाँच कितने समय से लंबित हैं? क्या एक अधिकारी को अन्य प्रभार भी देने से जांचों में विलंब हो रहा है? (घ) यदि हाँ, तो कब इनसे अन्य प्रभार लेकर चल रही जाँचों को गति दी जायेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) वर्ष 2015-16 में 45 शिकायतें तथा वर्ष 2016-17 में 49 शिकायतें। (ख) विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) यथा-शीघ्र। शिकायतें संलग्न परिशिष्ट में दर्शित शिकायत प्राप्त की तिथि से जाँच हेतु लंबित है। जी नहीं। (घ) जी नहीं। जाँच यथा-शीघ्र संपन्न कराई जायेगी।
सहकारिता संस्था के कार्यों के संबंध में
[सहकारिता]
121. ( क्र. 7922 ) श्री सचिन यादव : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बसंत बिहार गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्या. इंदौर द्वारा दिनांक 08.07.2011 सर्वप्रथम नक्शा (मानचित्र) स्वीकृति के समय कितने भू-खण्ड किस-किस वर्ग फीट के कुल कितने सदस्यों को दिया जाना था? प्रथम प्रक्रिया से प्रश्नांकित दिनांक तक की जानकारी दें। (ख) उक्त सर्वप्रथम नक्शा (मानचित्र) स्वीकृति में त्रुटि से उक्त संशोधित मानचित्र की अवधि में सर्वप्रथम भूखण्डों के आवंटन क्यों किए गए एवं कुल कितने भू-खण्डों को किस-किस के नाम आवंटित किए गए? क्या यह प्रक्रिया वैध थी? हां, तो किस नियम के अंतर्गत? नहीं तो कौन दोषी है और उसके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई/ की जायेगी? (ग) प्रश्नांश (ख) में दर्शित उक्त संशोधित मानचित्र की स्वीकृति दिनांक तक की अविध में विलंब के क्या कारण थे एवं उक्त अवधि में संस्था द्वारा कौन-कौन से निर्णय कब-कब लिए और क्या? (घ) उक्त संस्था के खिलाफ प्रश्नांकित दिनांक तक कितनी-कितनी शिकायतें किस-किस प्रकार की किस-किस के द्वारा कब-कब प्राप्त हुई और उस पर क्या कार्यवाही की गई? इस संबंध में ब्यौरावार जानकारी दें?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) नगर तथा ग्राम निवेश विभाग इंदौर द्वारा स्वीकृत प्रथम नक्शे अनुसार क्रमशः 1000 वर्गफीट के 37, 1200 वर्गफीट के 40, 1500 वर्गफीट के 129 एवं 2400 वर्गफीट के 36 कुल 242 भूखण्ड, 242 सदस्यों को दिया जाना था, संशोधित मानचित्र अनुसार दिनांक 11.01.2017 के उपरान्त 1000 वर्गफीट के 164, 1200 वर्गफीट के 108, 1350 वर्गफीट के 08 एवं 1500 वर्गफीट के 36 कुल 316 भूखण्ड, 316 सदस्यों को दिया जाना था। (ख) जाँच कराई जा रही है। शेष जाँच निष्कर्षाधीन। (ग) एवं (घ) उत्तरांश ''ख'' अनुसार।
शासकीय आवासों के मरम्म्त कार्य
[लोक निर्माण]
122. ( क्र. 7923 ) श्री रामनिवास रावत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक निर्माण विभाग में दिनांक ३०.५.२०१२ से समस्त निविदायें ई-टेण्डरिंग के माध्यम से नया संभाग भोपाल के डिवीजन १,२ चार इमली, शिवाजी नगर, कोटरा सुल्तानाबाद और प्रोफेसर कालोनी हेतु टेण्डर आमंत्रित करने हेतु ओदश जारी किये हैं? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांकित ठेके किन-किन एजेंसी को कितनी राशि के दिये गये हैं क्या विभाग द्वारा टोल फ्री नंबर जारी कर शिकायत किये जाने का प्रावधान किया गया है? यदि हाँ, तो किन-किन कार्यों के लिए शिकायतें वर्ष २०१६-१७ में प्रश्न दिनांक तक प्राप्त हुईं, उनके निराकरण की दिनांकवार सूची प्रदान करें? क्या प्रश्नांकित कार्यों में आवासों के पुताई के कार्य सम्मिलित है? (ग) क्या भोपाल में जिन बहुमंजिला शासकीय आवासों के निर्माण हुये ४०-५० वर्ष से अधिक हो चुके हैं, उन आवासों पर पूर्व से स्थापित स्ट्रक्चर अनुसार पानी के उपयोग हेतु टंकी स्थापित न कर जर्जर छतों पर एक एक भाग में ५०० से १००० लीटर की टंकी स्थापित किये जाना क्या औचित्यपूर्ण है? क्या संबंधित सब इंजीनियर ने छतों की स्थिति का भौतिक सत्यापन किया? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं, अपितु सम्पूर्ण प्रदेश के लिए दिनांक 03.05.2012 द्वारा समस्त निविदाएँ ई-टेण्डरिंग के माध्यम से आमंत्रित किये जाने का आदेश जारी किये गये, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) प्रश्नांश 'क' में उल्लेखित क्षेत्रों में से प्रोफेसर कालोनी को छोड़कर, ठेका मेसर्स राघव कंस्ट्रक्शन भोपाल को रूपये 6.00 करोड़ राशि का दिया गया। वर्ष 2016-17 में सीवर लाईन, जल प्रदाय लाईन, दरवाजे-खिडकी, नल, टोटी, पानी की टंकी, विद्युत मरम्मत कार्य इत्यादि की शिकायते प्राप्त हुई है। प्राप्त शिकायतों का दिनांकवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। इसमें पुताई कार्य सम्मिलित नहीं है। (ग) प्रश्नाधीन शासकीय आवासों की छतों पर आंवटिती की मांग अनुसार संबंधित सब इंजीनियर द्वारा आवास का आवश्यक परीक्षण किये जाने के पश्चात् ही छत पर टंकी स्थापित की जाती है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
नार्थ एवं साउथ टी.टी. नगर के शासकीय आवास गृह तोड़े जाने के संबंध में
[लोक निर्माण]
123. ( क्र. 7924 ) श्री रणजीतसिंह गुणवान : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नार्थ एवं साउथ टी.टी. नगर भोपाल के किन-किन अनुभाग के अंतर्गत किस-किस टाईप के शासकीय आवास गृह स्मार्ट सिटी बनाये जाने हेतु तोड़े जाना है? उनकी सूची दें। स्मार्ट सिटी से प्रभावित होने वाले शासकीय आवास गृहों के निवासियों को उनकी पात्रतानुसार अन्यत्र क्षेत्र में शासकीय आवास आंवटित किये जा चुके है? यदि नहीं, तो कब तक आवंटित किये जायेंगे? (ख) प्रश्नांकित आवंटितियों को क्या आवास रिक्त करने हेतु नोटिस जारी कर दिये हैं? यदि हाँ, तो किन-किन क्षेत्रों में शासकीय आवास आवंटित किये जाने हैं व कब तक किये जाना है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) भोपाल स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड भोपाल कार्यालय से प्राप्त प्रश्नाधीन क्षेत्र में श्रेणीवार तोड़े जाने वाले आवासों की सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। सम्पदा संचालनालय, भोपाल द्वारा स्मार्ट सिटी से प्रभावित होने वाले शासकीय आवास गृहों के निवासियों को उनकी पात्रतानुसार समान श्रेणी के अन्य क्षेत्र में शासकीय आवास निरंतर आवंटित किये जा रहे है। (ख) जी नहीं (सम्पदा संचालनालय, भोपाल से प्राप्त जानकारी के अनुसार)। सम्पदा संचालनालय, भोपाल द्वारा प्रभावित आवंटितियों को प्राथमिकता पर आवास परिवर्तन हेतु विकल्प प्रस्तुत करने हेतु सूचना पत्र दिये गये है। लोक निर्माण विभाग से प्राप्त रिक्त आवासों की सूची के आधार पर विभिन्न क्षेत्रों में रिक्त आवास निरंतर आवंटित किये जा रहे है।
भूमि संरक्षण अमले पर निष्फल व्यय
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
124. ( क्र. 7927 ) चौधरी चन्द्रभान सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2012 से कृषि विभाग में भूमि संरक्षण से संबंधित कार्य बंद कर दिये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो 81 भूमि संरक्षण उप संभाग के लगभग 1000 अधिकारियों एवं कर्मचारियों को बिना कार्य के वेतन किस आधार पर दिया जा रहा है एवं इसके लिये कौन उत्तरदायी है? (ग) कृषि विभाग में भूमि संरक्षण उप संभाग द्वारा निर्मित किये जा रहे माईनर इरीगेशन टैंक, परकोलेशन टैंक एवं अन्य भूमि संरक्षण कार्य बंद होने से किसानों को हो रही क्षति के लिये कौन उत्तरदायी है? क्या शासन उक्त अधिकारी के विरूद्ध इस अविवेक पूर्ण निर्णय के लिये अनुशासनात्मक कार्यवाही करेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) वर्ष 2012 से परकोलेशन टैंक एवं लघुत्तम सिंचाई तालाब के निर्माण कार्य बंद कर दिये गये हैं, अपितु वर्तमान में भूमि संरक्षण उप संभागों द्वारा बलराम ताल योजना के प्राक्कलन तैयार करना एवं तकनीकी मार्गदर्शन प्रदाय किये जाने के साथ ही केन्द्र पोषित नेशनल मिशन फार सस्टेनेवल एग्रीकल्चर मिशन के आर.ए.डी. घटक में स्वीकृत भूमि संरक्षण कार्य संपादित किये जा रहे हैं। (ख) प्रश्नांश "क" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (क) अनुसार विभाग द्वारा योजना अनुसार कार्य किये जा रहे हैं शेष का प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।