मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-अप्रैल, 2016
सत्र
गुरूवार, दिनाँक 31 मार्च, 2016
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
(
वर्ग
1
: किसान
कल्याण तथा
कृषि विकास, पंचायत
और ग्रामीण
विकास,
सामाजिक
न्याय एवं
निःशक्त जन
कल्याण,
सहकारिता,
राजस्व,
पुनर्वास,
परिवहन, विज्ञान
एवं
प्रौद्योगिकी,
लोक सेवा प्रबंधन, जन
शिकायत
निवारण )
दिव्यांगों
को उपकरण का प्रदाय
1. ( *क्र. 6764 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले में विकलांगों की संख्या कितनी है, वर्ष 2014-2015 में क्या उक्त लोगों की गणना की गई थी? (ख) उक्त अवधि में कितने विकलांगों को उपकरण, यंत्र जीवन की सुगमता बनाने हेतु कार्यक्रमों में बांटे गये दिनांक, वर्षवार संख्या सहित जानकारी दी जावे? (ग) क्या शासन द्वारा विकलांगों, दिव्यांगों के जीवन को सुगम बनाने हेतु जो योजना चलाई गई है, जिला स्तर पर उनका क्रियान्वयन बहुत ही धीमी गति से किया जाता है? क्यों? (घ) उक्त अवधि में किये गये कार्यक्रमों की विकलांगों को सूचना देने का माध्यम क्या रहा था, क्या उक्त माध्यम से सभी विकलांगों को निश्चित दिनांक पर सूचना प्राप्त हुई थी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मुरैना जिले में वर्ष 2011-12 में स्पर्श अभियान के अन्तर्गत कराये गये सर्वेक्षण में 10,850 निःशक्तजन चिन्हित किये गये। जी नहीं। (ख) वर्ष 2014-15 में वित्तीय वर्ष के ज्यादातर समय में चुनाव आचार संहिता लागू रहने के कारण कार्यक्रम आयोजित नहीं होने से कृत्रिम अंग/सहायक उपकरण का वितरण नहीं किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शासन द्वारा निःशक्तजनों के जीवन को सुगम बनाने हेतु जिला स्तर पर योजनाओं का क्रियान्वयन निरन्तर किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश ‘‘ख‘‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना का क्रियान्वयन
2. ( *क्र. 7554 ) श्री मुकेश नायक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2014-15 तथा अप्रैल, 2015 से दिसम्बर, 2015 के बीच महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गांरटी योजना के अंतर्गत कितने जॉब कार्डधारियों के द्वारा जिलेवार कितने मानव दिवस श्रम कार्य किये गये और उनको कितनी राशि का भुगतान करना था? जिलेवार जानकारी प्रदान करें। (ख) उपरोक्त में से कितनी राशि का भुगतान किया गया है? यदि मजदूरी की राशि का भुगतान बकाया है, तो कितना है और शेष राशि का भुगतान कब तक करने की योजना है? जानकारी जिलेवार प्रदान करें। (ग) महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गांरटी योजना के क्रियान्वयन के लिए वित्तीय वर्ष 2014-15 तथा अप्रैल, 2015 से दिसम्बर, 2016 तक केन्द्र सरकार से कितनी राशि कब-कब प्राप्त हुई है और यदि शेष है तो उसको प्राप्त करने की क्या योजना बनायी गयी है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2014-15 तथा अप्रैल, 2015 से दिसम्बर, 2015 के बीच महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत जॉबकार्ड धारियों के द्वारा जिलेवार मानव दिवस श्रम कार्य किये गए और उनको राशि का भुगतान करना था, जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ख) उपरोक्त में से की गयी राशि का भुगतान एवं शेष मजदूरी की राशि के भुगतान की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (ग) महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी स्कीम के क्रियान्वयन हेतु वित्तीय वर्ष 2014-15 में राशि रु. 2451.63 करोड़ प्राप्त हुई माह अप्रैल, 2015 से वर्तमान दिनांक तक भारत सरकार से राशि रु. 2244.75 करोड़ प्राप्त हुई तथा शेष राशि हेतु भारत सरकार को पत्र प्रेषित किये गए हैं, पत्र की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है।
लोक सेवा ग्यारंटी केन्द्र के माध्यम से प्रमाणित प्रतिलिपियों का प्रदाय
3. ( *क्र. 3010 ) श्री सतीश मालवीय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में नकल की प्रति का पृष्ठ शासन द्वारा प्रति पृष्ठ क्या शुल्क निर्धारित किया गया है एवं लोक सेवा ग्यारंटी में किसान ऋण पुस्तिका प्राप्त करने हेतु कौन-कौन से दस्तावेज लिये जाने आवश्यक हैं एवं कितने समय में ऋण पुस्तिका दिये जाने का प्रावधान है? (ख) राजस्व न्यायालयों के प्रकरणों की प्रमाणित प्रतिलिपियों को लोक सेवा ग्यारंटी केन्द्र के माध्यम से प्रदाय किये जाने का प्रावधान है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो शासन नियम विरूद्ध राजस्व न्यायालयों के प्रकरणों की प्रतिलिपियाँ लोक सेवा ग्यारंटी से क्यों दी जा रही है? इस अवैध वसूली के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा? (ग) क्या उज्जैन जिले में प्रति पृष्ठ नकल के 40 रूपये लिये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो क्या एक पृष्ठ के 40 रूपये लिये जाना औचित्यपूर्ण है? यदि नहीं, तो नियम विरूद्ध 40 रूपये लिये जाने का क्या कारण है? शासन इस ओर क्या कार्यवाही करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘क’, ‘ख’ एवं ‘ग’ अनुसार। (ख) जी हाँ, प्रावधान है। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता। (ग) राजस्व विभाग की सेवा क्र. 4.10 के संबंध में जारी परिपत्र क्र. एफ 5-10/2014/ सात-1, भोपाल, दिनांक 28/01/2014 रिकार्ड रूम से अभिलेख प्रकोष्ठ में जमा भू-अभिलेखों/राजस्व प्रकरणों/नक्शों एवं अन्य अभिलेखों की सत्य प्रतिलिपि प्रदाय करने हेतु प्रति पृष्ठ मुद्रांक की राशि 20/- रूपये एवं देय प्रतिलिपि शुल्क 20/- रूपये कुल 40/- रूपये प्रति पृष्ठ प्रावधान अनुसार लिये जा रहे हैं। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता।
आवास संघ द्वारा अनुबंध का नवीनीकरण
4. ( *क्र. 7655 ) श्री प्रताप सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि.अता. प्रश्न संख्या-127 (क्र. 2962) दिनांक 02 मार्च, 2016 के उत्तरांश (क) (ख) एवं (ग) में उल्लेखित परिशिष्ट अनुसार कौन-कौन से अनुबंध कितने वर्ष के लिये किये गये थे? (ख) क्या आवास संघ द्वारा पहला अनुबंध दिनांक 14 फरवरी, 2001 दूसरा अनुबंध दिनांक 07 फरवरी, 2008 एवं तीसरा अनुबंध 09 जनवरी, 2014 को किया गया था? (ग) क्या आवास संघ द्वारा 02 अनुबंध नवीनीकरण दिनांक 03 फरवरी, 2014 को किये गये थे? (घ) प्रश्नांश (क) संदर्भित प्रश्न के भाग (घ) के उत्तर में उल्लेखित विज्ञापनों की प्रति उपलब्ध करावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ख) एवं (ग) जी हाँ। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 से 7 अनुसार है।
चुटका परमाणु विद्युत गृह निर्माण हेतु भूमि अधिग्रहण
5. ( *क्र. 2515 ) श्री रामप्यारे कुलस्ते : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले में चुटका परमाणु विद्युत गृह निर्माण हेतु परियोजना स्थापना, कॉलोनी विकास तथा अन्य कार्यों के निर्माण हेतु परियोजना क्षेत्र से कहाँ-कहाँ से और कितनी जमीन अधिग्रहण की जावेगी, की सूचना कब-कब दी गई थी? (ख) उक्त परियोजना में जमीन अधिग्रहण एवं अवार्ड पास करने के लिये प्रभावित ग्रामों में ग्राम सह ग्राम सभाओं का आयोजन तथा लोगों की सहमति ली गई है? यदि ग्राम सभा आयोजित की गई है तो कब-कब ग्रामसभा आयोजित की गई? (ग) अवार्ड कब घोषित किया गया? अवार्ड घोषित होने के बाद लोग अपने दावे आपत्ति कहाँ दे सकेंगे, जिससे लोगों की आपत्ति का निराकरण हो सके? उक्त परियोजना में विस्थापित लोगों को मुआवज़े का क्या मापदंड होगा तथा जमीन पुनर्वास हेतु क्या मापदंड तय किये गये, विस्थापित लोगों की सहमति एवं उनकी मूलभूत आवश्यकता की जानकारी प्रदान करें।
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) ग्राम चुटका में 111.81 हे., ग्राम टाटीघाट में 26.40 हे., ग्राम कुण्डा में 85.76 हे., ग्राम मानेगांव में 63.24 हे., कुल 287.21 हे., भूमि अधिग्रहीत की गई। भू-अर्जन अधिनियम के प्रावधानानुसार धारा 4 एवं 6 की अधिसूचना का प्रकाशन क्रमशः दिनांक 20.07.2012, एवं दिनांक 05.07.2013 को किया गया है। (ख) जी हाँ। ग्राम चुटका ग्राम पंचायत पाठा दिनांक 16.03.2012 को, ग्राम टाटीघाट में दिनांक 16.03.2012 को, कुण्डा में 17.03.2012 एवं ग्राम मानेगांव में दिनांक 17.03.2012 को ग्राम सभा की बैठक का आयोजन किया गया। (ग) अवार्ड दिनांक 27.6.2015 को एवं संशोधित अवार्ड दिनांक 11.12.2015 को पारित किया गया है। भू-अर्जन अधिनियम 2013 की धारा 51 से 64 के तहत घोषित सक्षम प्राधिकारी को अपील एवं दावे प्रस्तुत किये जा सकेंगे। निर्धारित मापदण्ड अनुसार प्रत्येक विस्थापित परिवार को पाँच लाख रूपये अनुदान, पचास हजार रूपये परिवहन भत्ता, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जन जाति के विस्थापित परिवारों को पचास हजार रूपये एकमुश्त अनुदान, कारीगर एवं छोटे व्यापारी एवं अन्य को पच्चीस हजार रूपये प्रति परिवार तथा प्रत्येक परिवार को पचास हजार रूपये, पुनर्व्यवस्थापन भत्ता के मापदण्ड से प्रदान किया गया है। उपरोक्तानुसार निर्धारित मुआवजा भुगतान किया जा चुका है, अतः शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता है।
मनरेगा योजनांतर्गत नीमच जिले में कराये गये कार्य
6. ( *क्र. 4622 ) श्री कैलाश चावला : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के मनरेगा योजनांतर्गत नीमच जिले में वर्ष 2013-14, 2014-15 में कितने कार्य पूर्ण करा लिये गये हैं व भुगतान नहीं हुआ पंचायतवार, कार्यवार, कार्य पूर्ण होने की दिनांक व बकाया राशि बतावें? (ख) भुगतान न किये जाने के क्या कारण हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मनरेगा योजना अंतर्गत नीमच जिले में वर्ष 2013-14, 2014-15 में 100 कार्य पूर्ण करा लिये गये हैं। पूर्ण कराये गये कार्यों में भुगतान लंबित न होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
सहकारी संस्थाओं द्वारा लाभांश का वितरण
7. ( *क्र. 7197 ) श्री माधो सिंह डावर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अलीराजपुर जिले में वित्तीय वर्ष 2014-15 के अंकेक्षण अनुसार कितनी सहकारी संस्थाएं लाभ में चल रही हैं? (ख) क्या संस्थाओं के सदस्यों को प्रतिवर्ष लाभांश वितरण करने का प्रावधान है? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) अनुसार किस-किस संस्था द्वारा सदस्यों को कितना-कितना लाभांश वितरण किया गया? संस्थावार सूची प्रदान करें। (घ) यदि नहीं किया तो कारण बताएं? (ड.) क्या लाभांश का वितरण किया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) 59. (ख) जी हाँ, मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 43 के प्रावधानांतर्गत। (ग) किसी भी संस्था के द्वारा नहीं। (घ) मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 49 (1) के अंतर्गत सहकारी संस्था की आम सभा को इस संबंध में अधिकारिता प्राप्त है। आमसभा द्वारा लाभांश वितरण का निर्णय नहीं लेने के कारण। (ड.) लाभांश वितरण के संबंध में निर्णय लेने की अधिकारिता सहकारी संस्था की आम सभा को ही प्राप्त है। अधिनियम की धारा 43 के प्रावधानों के अंतर्गत संबंधित सहकारी संस्थाओं की आमसभा की बैठक में इस बिन्दु पर विचार कर समुचित निर्णय लेने के लिये निर्देशित किया गया है।
पंचायत सचिवों का नियम विरूद्ध निलंबन
8. ( *क्र. 7003 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर जिले में वर्ष 2016 (01 जनवरी, 2016) से प्रश्न दिनांक तक में पंचायत सचिवों को निलंबित किया गया है? हाँ, तो उक्त अवधि में निलंबित सचिवों के नाम, ग्राम पंचायत का नाम, जनपद पंचायत क्षेत्र का नाम सहित प्रस्तुत करें? (ख) क्या उक्त सचिवों को निलंबित करने से पूर्व किसी प्रकार का नोटिस अथवा सक्षम अधिकारी के समक्ष में उपस्थित होकर अपना पक्ष समर्थन करने हेतु पत्राचार किया गया है? हाँ, तो उक्त आशय का विवरण प्रस्तुत करें? (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर में प्रस्तुत सचिवों की सूची में से किन-किन सचिवों को शासनादेशों के अनुसार निलंबन से पूर्व सुनवाई का अवसर नहीं दिया गया है? ऐसे सचिवों का नाम, ग्राम पंचायत का नाम, जनपद पंचायत का नाम उल्लेखित कर स्पष्ट करें कि उक्त निलंबन आदेश शासनादेशों के अनुकूल है या प्रतिकूल? (घ) यदि प्रतिकूल है तो शासन उक्त विसंगतिपूर्ण निलंबन आदेशों को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने के निर्देश जारी करेगा? हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। छतरपुर जिले में 15 पंचायत सचिवों को निलंबित किया गया। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ अनुसार। (ख) जी हाँ। उक्त 15 सचिवों में से 06 सचिवों को निलंबन के पूर्व कारण बताओ नोटिस एवं 02 सचिवों को जाँच उपरांत दोषी पाए जाने पर एवं शेष 07 सचिवों को गंभीर अनियमितता के आरोप में प्रथमदृष्टया दोषी पाए जाने पर कलेक्टर छतरपुर के अनुमोदन उपरांत निलंबित किया गया। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’ अनुसार। (ग) उत्तरांश ‘क‘ के परिपेक्ष्य में सभी सचिवों का निलंबन शासन आदेशों के अनुसार किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उपरोक्त सचिवों को गंभीर वित्तीय अनियमितता, शासन की महत्वपूर्ण योजनाओं के क्रियान्वयन में की गई गंभीर लापरवाही एवं अनुशासनहीनता के आरोपों के तहत् मध्यप्रदेश पंचायत सेवा (ग्राम पंचायत सचिव भर्ती एवं सेवा की शर्तें) अधिनियम 2011 के नियम 7 के प्रावधानों के तहत् निलंबन किया गया है। आरोप पत्र का जवाब प्राप्त होने के पश्चात जाँच उपरांत गुण दोष के आधार पर निर्णय लिया जाता है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शासकीय भूमि पर अवैध कब्जों को हटाया जाना
9. ( *क्र. 7620 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला कटनी अंतर्गत सभी जनपद पंचायत, नगर पंचायत एवं नगर निगम की कहाँ-कहाँ पर कितनी कितनी संपत्ति है? सम्पत्तिवार उसका विवरण दें तथा उस पर वर्तमान में काबिजवार कौन है? (ख) उक्त सम्पत्ति पर प्रारंभ से लेकर वर्तमान तक कौन-कौन कितने समय से काबिज हैं तथा कितना राजस्व इनसे प्राप्त हो रहा है? (ग) उक्त सम्पत्ति के संबंध में शासन के क्या निर्देश हैं? क्या शासन निर्देशों का उक्त सम्पत्ति के संबंध में पालन किया जा रहा है? यदि नहीं, तो पालन न करवाये जाने का क्या कारण है? (घ) क्या उक्त सम्पत्तियों पर किन्हीं के द्वारा अवैध कब्जा किया गया है? यदि हाँ, तो किसके द्वारा? अब तक उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? क्या अवैध कब्जे हटाये जावेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? (ड.) अवैध कब्जों को हटाये जाने के संबंध में कितने प्रकरण संबंधित पक्षकार द्वारा शासन की प्रश्नांश (क) में उल्लेखित संस्थाओं द्वारा न्यायालय में कब-कब दायर किये गये हैं? उन प्रकरणों के निपटारे हेतु शासन द्वारा क्या सक्षम प्रयास किये गये?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कृषि व्यवस्थापन भूमि का विक्रय
10. ( *क्र. 5053 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम कृपालपुर तहसील रघुराजनगर की आराजी नं. 1285/1 रकबा 15.14 एकड़ के अंश भाग तीन एकड़ दिनबंधा तनय बोडई चमार एवं छोटवा तनय डेलिया चमार निवासी कृपालपुर को दो एकड़ कलेक्टर सतना के आदेश प्र.क्र. 2अ19/74-75 दिनांक 12/07/1977 द्वारा कृषि हेतु व्यवस्थापन में दी गई थी? उक्त भूमि को तत्कालीन कलेक्टर सतना श्री जे.एल. बोस के प्र.क्र. 31अ19/80-81 के द्वारा एक वर्ष की अस्थाई लीज़ पर दिनबंधा एवं बोड्डा चमार को दी गई थी? उक्त लीज़ की अवधि किस आदेश के अंतर्गत बढ़ाई गई थी? (ख) तहसीलदार रघुराजनगर सतना के प्र.क्र. 17ए,6ए/2008/09 आदेश दिनांक 19/01/2009 के द्वारा प्रश्नांश (क) में वर्णित भूमि जो एक वर्षीय लीज़ पर कलेक्टर द्वारा कृषि कार्य हेतु दिनबंधा एवं बोड्डा चमार को दी गई थी, को तत्कालीन कलेक्टर जे.एल. बोस के द्वारा स्वीकृत एक वर्ष की अवधि किस अधिकारी द्वारा किस आदेश से बढ़ाई गई, इसकी विवेचना न करते हुए दिनबंधा एवं बोड्डा को लीज़ में स्वीकृत हुई आराजी पाँच एकड़ त्रुटि सुधार का आदेश देकर मुन्ना चमार तनय दीनबंधु चमार के नाम कर दिया? बोड्डा चमार के नाम की विवेचना ही नहीं की गई? क्या तहसीलदार द्वारा किसी व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने हेतु शासन की बेशकीमती भूमि अनाधिकृत खसरा के कालम नं. तीन में सुधार करा दिया? (ग) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) में वर्णित आराजी का आदेश दिनांक 19/01/2009 के बाद राजस्व अमले द्वारा तत्काल इत्तलाबी करना, ऋण पुस्तिका जारी करना तथा रजिस्ट्रार सतना द्वारा दिनांक 23/01/2009 को मुन्ना चमार द्वारा 35 लाख रू. में आनंद सिंह तथा विनया सिंह को चार दिन के अंदर बेच दी गई? यदि हाँ, तो क्या कृषि हेतु व्यवस्थापन भूमि को शासन के नियमानुसार विक्रय किया जा सकता है? यदि नहीं, तो उक्त प्रकरण में कलेक्टर सतना द्वारा दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (घ) खसरा पंचशाला 2015-16 में आराजी नं. 1285/1क रकबा 5.318 हेक्टेयर म.प्र. शासन दर्ज का उल्लेख है तो प्रश्नांश (क), (ख), (ग) में वर्णित भूमि का स्टेटस क्या है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बी.आर.जी.एफ. योजनातर्गत कराये गये कार्य
11. ( *क्र. 7719 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आयुक्त पंचायत राज संचालनालय मध्यप्रदेश भोपाल द्वारा अपने पत्र क्रमांक 1527/पं.राज/बी.आर.जी.एफ./2016 भोपाल दिनांक 09.02.2016 से मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत राजगढ़ को उनके पत्र क्रमांक 1484, दिनांक 06.02.2016 में प्रस्तावित तालिका के कार्य क्रमांक 1, 2, 6 एवं 9 को बी.आर.जी.एफ. योजना की शेष उपलब्ध राशि से कराये जाने हेतु अनुमति प्रदान कर संचालनालय को अंतरित शेष राशि रू. 159.00 लाख जिले के बी.आर.जी.एफ. योजनांतर्गत संचालित खाते में अंतरित की गई तथा शेष कार्य क्रमांक 3, 4, 5, 7, 8, 10, 11 एवं 12 कुल 8 कार्यों का विधिवत प्रस्ताव तैयार कर कार्य की लागत प्रस्तावित मद/योजना आदि की जानकारी सहित पूर्ण प्रस्ताव शासन के निर्णय हेतु पंचायत राज संचालनालय को प्रस्तुत करने हेतु दिनांक 11.02.2016 तक कार्यवाही सुनिश्चित करने हेतु निर्देशित किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो उपरोक्तानुसार जिले के बी.आर.जी.एफ. योजनांतर्गत संचालित खाते में संचालनालय द्वारा राशि अंतरित कर दी गई है? यदि हाँ, तो दिनांक सहित बतावें? यदि नहीं, तो कब तक राशि अंतरित की जावेगी तथा क्या शेष 8 कार्यों के विधिवत पूर्ण प्रस्ताव जिला पंचायत राजगढ़ द्वारा शासन के निर्णय हेतु पंचायत राज संचालनालय को निर्धारित तिथि को पहुंचा दिये गये हैं? यदि हाँ, तो शेष 8 कार्यों की स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार। (ख) जी हाँ। दिनांक 09.03.2016 को राशि हस्तांतरित की जा चुकी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार। जी नहीं। जिला पंचायत से प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुए हैं, कार्यवाही जिला पंचायत स्तर पर प्रचलित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्रामीण विकास योजनांतर्गत कराये गये कार्य
12. ( *क्र. 4401 ) कुमारी मीना सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम पंचायत ममान, विकासखण्ड पाली, जिला उमरिया में 01 अप्रैल, 2010 से प्रश्न दिनांक तक जिला पंचायत द्वारा संचालित विभिन्न ग्रामीण विकास की योजनाओं के तहत कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई तथा किन-किन कार्यों में राशि खर्च की गई? (ख) मानपुर विधानसभा क्षेत्र जिला उमरिया में 01 अप्रैल, 2013 से प्रश्न दिनांक तक इंदिरा आवास योजना, मुख्यमंत्री अन्त्योदय आवास योजना एवं मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन के तहत कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई? किन-किन कार्यों में खर्च की गई, इससे कितने हितग्राही लाभान्वित हुये? (ग) उमरिया जिले में मानपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत ममान, विकासखण्ड पाली में रोजगार गारन्टी योजना के अंतर्गत खेतों में मेड़बंधान योजना अंतर्गत, कपिलधारा योजना अंतर्गत कुएं निर्माण हेतु एवं गौशाला योजना अंतर्गत 01 अप्रैल, 2013 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि प्राप्त हुई? कितनी राशि खर्च की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) ग्राम पंचायत ममान, विकासखण्ड पाली, जिला उमरिया में 01 अप्रैल, 2010 से प्रश्न दिनांक तक जिला पंचायत द्वारा संचालित विभिन्न ग्रामीण विकास योजनाओं के तहत राशि रू. 310.39 लाख प्राप्त हुई तथा कार्यवार व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) 01 अप्रैल, 2013 से प्रश्न दिनांक तक मानपुर विधानसभा क्षेत्र, जिला उमरिया में इंदिरा आवास योजनान्तर्गत आवास निर्माण हेतु कुल 2589 हितग्राहियों को राशि 1186.15 लाख रू. तथा मुख्यमंत्री अन्त्योदय आवास योजनान्तर्गत कुल 70 हितग्राहियों को राशि 24.50 लाख उपलब्ध कराई गई तथा मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन के अन्तर्गत 1246 हितग्राहियों को बैंक के माध्यम से आवास निर्माण हेतु ऋण एवं अनुदान उपलब्ध कराया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ग) उमरिया जिले में मानपुर विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत ग्राम पंचायत ममान, विकाखण्ड पाली में रोजगार गारंटी के अन्तर्गत कपिलधारा मेढ़ बंधान हेतु राशि रू. 3.78 लाख स्वीकृत की जाकर राशि रू. 3.14 लाख का व्यय किया गया एवं कपिलधारा योजनान्तर्गत कुएं निर्माण हेतु राशि रू. 1.81 लाख स्वीकृत की गई थी, जिसमें से राशि रू. 1.80 लाख व्यय की गई। गौशाला योजना अन्तर्गत कोई राशि प्राप्त नहीं हुई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ग’ अनुसार है।
शौचालय निर्माण में अनियमितता
13. ( *क्र. 3560 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा चलाई जा रही शौचालय निर्माण की योजना किस वर्ष से एवं किन-किन नामों से प्रारंभ की गई? योजनावार, वर्षवार जानकारी देवें। क्या एक ही परिवार को एक ही शौचालय पर अलग-अलग नामों की योजना से लाभ दिया जाने का प्रावधान है? यदि नहीं, तो योजना प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक रायसेन जिले में कितने परिवारों को इन योजनाओं का लाभ दिया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में एक से अधिक बार एक ही शौचालय निर्माण पर अलग-अलग योजनाओं से लाभ नहीं दिया जाता है तो उक्त योजनाओं में लाभ देने वाले शासकीय सेवक पर क्या कोई कार्यवाही करने की शासन की योजना है? यदि हाँ, तो कब तक कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) शासन द्वारा शौचालय निर्माण हेतु वर्ष 1999-2000 से समग्र स्वच्छता अभियान, 01-4-2012 से निर्मल भारत अभियान एवं 02-10-2014 से स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) संचालित किया जा रहा है। जी नहीं। रायसेन जिले में अलग-अलग योजना के नामों से एक ही परिवार को शौचालय का लाभ नहीं दिया गया है। रायसेन जिले में योजना प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक 142573 परिवारों को लाभ दिया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
व्यवसायिक दुकानों की नीलामी
14. ( *क्र. 5900 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र के साईखेड़ा जो पूर्व में ग्राम पंचायत था, उसमें सन् 2003 से 2005 एवं 2011 से 2013 तक कितनी व्यवसायिक दुकानों का निर्माण कर नीलाम कराई गई? (ख) क्या इन दुकानों के लिए समय पर विभाग द्वारा विधिवत कार्यवाही करके भूमि का विधिवत आवंटन विभाग द्वारा पंचायत को किया गया है? (ग) क्या विभाग द्वारा निर्धारित राशि भू-भाटक एवं प्रीमियम पंचायत द्वारा जमा कराया गया। यदि नहीं, तो क्यों तथा इस हेतु शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? (घ) क्या दुकानों का निर्माण विधिवत कार्यवाही पूर्ण कर कराया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? यह अवैध नहीं कहलायेगा? क्या इस हेतु तत्कालीन सरपंच पर उचित दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी। यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) इसमें विभिन्न भू-भाटक प्रीमियम की कितनी राशि पंचायत पर लंबित है, उसकी वसूली हेतु विभाग क्या कार्यवाही करेगा तथा जिन सरपंचों ने धोखाधड़ी की है, उनके खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज कराई जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? क्या इस बेशकीमती भूमि से अतिक्रमण हटाया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) ग्राम पंचायत साईखेड़ा में वर्ष 2003 से 2005 के बीच कोई भी व्यवसायिक दुकान का निर्माण नहीं हुआ है एवं वर्ष 2011 से 2013 के बीच में एस.जी.एस.वाय. योजना मद की राशि से 5 दुकानों का निर्माण कराया गया। निविदा आमंत्रित कर 5 दुकानों की विधिवत निविदा राशि प्राप्त कर प्रति दुकान प्रति माह किराया 500/- रूपये दर से आवंटित कर दी गई है। (ख) इन दुकानों के लिये विभाग द्वारा कोई भूमि आवंटन नहीं की गई, ग्राम पंचायत से प्रस्ताव प्राप्त करने के उपरांत एस.जी.एस.वाय. योजना की 20 प्रतिशत राशि से ग्राम पंचायत साईखेड़ा को ही एजेन्सी बनाकर प्राप्त तकनीकी स्वीकृति के आधार पर प्रशासनिक स्वीकृति की सूची जारी की गई। ग्राम पंचायत साईखेड़ा द्वारा ही भूमि का चिन्हांकन कर दुकान निर्माण कार्य किया गया। (ग) ग्राम पंचायत साईखेड़ा द्वारा भू-भाटक की राशि शासन के पक्ष में जमा करने की एवं शासन द्वारा की गई कार्यवाही की कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है। (घ) दुकानों का निर्माण कार्य ग्राम पंचायत साईखेड़ा द्वारा विधिवत कार्यवाही करवाकर किया गया है। (ड.) पंचायत पर भू-भाटक की लंबित राशि की कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है और वर्तमान में ग्राम पंचायत साईखेड़ा वर्ष 2014 से 2015 में नगर पंचायत परिषद के रूप में गठित की जा चुकी है। प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजनांतर्गत मार्ग निर्माण
15. ( *क्र. 7842 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या डिण्डोरी जिले में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क का निर्माण अमानक स्तर का हुआ है? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं, तो समनापुर से नोंदर, बजाग सेजल्दा रुसा से गोपालपुर गोरखपुर से गोथलपुर, जाड़ा सुरुंग से गोपालपुर डिण्डोरी अझवार से उदरी, चौरा दादर से कबीर चबूतरा, घाटा से बोना, सरवर टोल से चौरा दादर, लातरम से घुरकुटा आदि मार्ग क्यों जर्जर स्थिति में हैं। (ख) इसके लिए जिम्मेदार कौन है? मार्ग का निर्माण अच्छी तरह से हो इसके लिए कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। प्रश्नांश में उल्लेखित सड़कों का निर्माण कार्य गुणवत्ता पूर्ण कराया गया था, जिनका निर्माणाधीन अवधि में निर्माण के विभिन्न स्तरों पर राष्ट्रीय गुणवत्ता नियंत्रक/राज्य गुणवत्ता नियंत्रक द्वारा गुणवत्ता परीक्षण किया गया एवं कार्यों की गुणवत्ता को संतोषप्रद श्रेणी में वर्गीकृत किया गया था। गारंटी अवधि में संबंधित ठेकेदार द्वारा सामयिक रख-रखाव नहीं करने के कारण उक्त सड़कों में से 5 सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं, जिस पर विभाग द्वारा संबंधित ठेकेदारों के विरूद्ध की गई कार्यवाही का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष सड़कों की स्थिति संतोषप्रद है एवं आवागमन सुचारू रूप से हो रहा है। (ख) उत्तरांश (क) के प्रकाश में 5 सड़कों के क्षतिग्रस्त होने का कारण संबंधित ठेकेदारों द्वारा सामयिक रख रखाव नहीं कराया जाना है, जिस पर विभागीय अधिकारियों द्वारा अनुबंधानुसार कार्यवाही की गयी है। अतः उक्त 5 सड़कों के क्षतिग्रस्त होने के लिये संबंधित ठेकेदार उत्तरदायी है। गुणवत्ता के अनुरूप कार्य कराये जाने का दायित्व प्रत्यक्ष रूप से निर्माण कार्य से संबंधित इकाई के महाप्रबंधक/सहायक प्रबंधक/उपयंत्री/कन्सलटेन्ट एवं ठेकेदार का है।
विकासखण्ड अधिकारियों की पदोन्नति
16. ( *क्र. 7746 ) श्री लोकेन्द्र सिंह तोमर ( श्री विष्णु खत्री ) : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में विकासखण्ड अधिकारियों को दिनांक 09.1.1997 को डी.पी.सी. आयोजित कर पदोन्नति दी गई थी? यदि हाँ, तो पदोन्नति के क्या प्रावधान रखे गये थे? कितने वर्ष की सेवा एवं कितनी वर्ष की सी.आर. का प्रावधान किया था? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार संपन्न डी.पी.सी. में तय किये गये प्रावधानों को बदल कर मार्च, 1997 को संपन्न होने वाली अवधि की गोपनीय चरित्रावली काल्पनिक आधार पर जोड़ी जाकर 9 विकासखण्ड अधिकारियों की रिव्यु डी.पी.सी. की जाकर पदोन्नति दिये जाने का प्रस्ताव विचाराधीन है? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार क्या डी.पी.सी. की दिनांक के बाद वाले मार्च 1997 वर्ष की सी.आर. का उपयोग किया जा सकता है? यदि नहीं, तो मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग और मध्यप्रदेश शासन को गुमराह कर मार्च, 1997 की सी.आर. जोड़कर 09.01.97 की डी.पी.सी. को रिव्यु किये जाने का प्रस्ताव तैयार करने वाले अधिकारी, कर्मचारी कौन से हैं? गलत जानकारी के साथ नस्ती संचालित करने वाले अधिकारी, कर्मचारी के नाम बतावें? (घ) क्या शासन एवं मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के सामने पदोन्नति के नियमों को तोड़-मरोड़कर प्रस्ताव प्रस्तुत करने वालों के विरूद्ध क्या प्राथमिकी दर्ज कराई जायेगी और धोखाधड़ी करने के लिये अनुशासनात्मक कार्यवाही करने की कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। नियमानुसार 05 वर्ष के गोपनीय प्रतिवेदन एवं 04 वर्ष का सेवा कार्यकाल। (ख) जी हाँ। शासन स्तर से सामान्य प्रशासन विभाग से अभिमत प्राप्त अनुसार कार्यवाही की जा रही है। (ग) प्रश्नांश ''ख'' अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) वर्तमान में मान. उच्च न्यायालय जबलपुर में दायर याचिका क्र. 13637/2014 (एस) में पारित निर्णय दिनांक 27.10.2014 एवं सी.पी.क्र. (अवमानना याचिका) 1561/2015 के अनुसरण में कार्यवाही प्रचलन में है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
डिण्डोरी जिलांतर्गत राजस्व ग्रामों का चयन
17. ( *क्र. 7369 ) श्री ओम प्रकाश धुर्वे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला डिण्डोरी के अंतर्गत 100 या 200 जनसंख्या के टोला मजरों को राजस्व ग्राम घोषित करने हेतु वर्ष 2012, 2013, 2014 या 2015 में जिले से कितने प्रस्ताव कब राज्य सरकार को भेजे गये? (ख) क्या विधायक शहपुरा द्वारा वर्ष 2013, 2014, 2015 में कलेक्टर डिण्डोरी एवं राजस्व मंत्री म.प्र.शासन को कोई पत्र जिले के अंतर्गत ग्रामों, टोला, मजरों को राजस्व ग्राम घोषित करने हेतु कब दिया गया, उस पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या कार्यवाही के संबंध में जानकारी संबंधित विधायक को देना आवश्यक है? यदि हाँ, तो कब दी गई?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) डिण्डोरी जिले में 200 जनसंख्या के टोलों मजरों को राजस्व ग्राम घोषित करने के लिये वर्ष 2012 में 01 एवं वर्ष 2015 में 03 प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजे गये। (ख) विधायक शहपुरा द्वारा वर्ष 2014 में कलेक्टर डिण्डोरी एवं राजस्व मंत्री म.प्र. शासन को जिले के अंतर्गत ग्रामों टोला मजरों को राजस्व ग्राम घोषित करने हेतु पत्र दिया गया है, जिसके तहत नियमानुसार कार्यवाही करते हुए जिले के 03 मजरे टोलों को म.प्र. भू-राजस्व संहिता की धारा 73 के अंतर्गत पृथक राजस्व ग्राम घोषित किया जाकर अधिसूचना प्रारूप संहिता की धारा 108 (2) एवं 2 (1) 4-5 एवं 68 के तहत राजपत्र में प्रकाशन हेतु कार्यवाही प्रचलित है। (ग) मान. विधायक महोदय को माह अक्टूबर, 2015 में कार्यवाही के संबंध में मौखिक जानकारी प्रदान की गई। पुन: कार्यालयीन पत्र क्रमांक 254 दिनांक 22.03.2016 को कार्यवाही की जानकारी दे दी गई है।
मध्यान्ह भोजन हेतु चावल का प्रदाय
18. ( *क्र. 6922 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले की सोसाइटियों में मध्यान्ह भोजन देने हेतु अलग से अच्छी क्वालिटी का चावल प्रदाय किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो क्या यह चावल मध्यान्ह भोजन बनाने वाले स्व-सहायता समूहों को दिया जाता है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) सभी योजनाओं में औसत अच्छी किस्म का चावल प्रदाय किया जा रहा है। मध्यान्ह भोजन योजना हेतु बालाघाट जिले की सोसाईटियों के लिये पृथक से कोई चावल उपलब्ध नहीं है। (ख) मध्यान्ह भोजन बनाने वाले स्व-सहायता समूहों को राशन दुकानों के माध्यम से औसत अच्छी किस्म का चावल प्रदाय किया जाता है। शेष जानकारी उत्तरांश (क) अनुसार।
गरोठ विधानसभा क्षेत्र में ए.आर.टी.ओ. कार्यालय की स्थापना
19. ( *क्र. 4461 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गरोठ विधानसभा क्षेत्र से परिवहन परमिट, ड्राइविंग लाईसेंस आदि के लिए लगभग 150 किलो मीटर की दूरी तय करके मंदसौर तक आवेदकों को जाना पड़ता है? यदि हाँ, तो ग्रामीणों, व्यापारियों, नागरिकों के साथ यह अन्याय क्यों? (ख) माननीय मुख्यमंत्री जी ने गरोठ में ए.आर.टी.ओ. कार्यालय स्थापना की जो घोषणा की है, उक्त घोषणा पर विभाग कब तक कार्यालय स्थापना व अमले की नियुक्ति करेगा?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय मंदसौर जिला मुख्यालय पर स्थित है, अतः परिवहन परमिट, ड्रायविंग लायसेंस संबंधी कार्य के लिये मंदसौर कार्यालय आना आवश्यक है। चूँकि प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर ही क्षेत्रीय/अतिरिक्त क्षेत्रीय एवं जिला परिवहन कार्यालय स्थापित हैं एवं जिला मुख्यालय से ही परिवहन विभाग का कार्य संपादित होता है, साथ ही विभाग की विभिन्न सेवाएं ऑनलाइन भी उपलब्ध हैं। अतएव ग्रामीणों, व्यापारियों एवं नागरिकों के साथ अन्याय होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) माननीय मुख्यमंत्री जी, की गरोठ में ए.आर.टी.ओ. कार्यालय स्थापना संबंधी घोषणा संधारित अभिलेखानुसार दर्ज होना नहीं पाई गई। अतएव शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
त्रुटिपूर्ण मुआवजा निर्धारण के दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
20. ( *क्र. 7767 ) पं. रमेश दुबे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के 31 जुलाई, 2014 सत्र के शून्यकाल की सूचना के उत्तर में यह बताया गया है कि श्री फरहतउल्ला खान, श्री दारासिंह ठाकरे, दोनों तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी चौरई को राष्ट्रीय राजमार्ग में अधिग्रहीत भूमियों का त्रुटिपूर्ण मुआवजा निर्धारण का दोषी पाये जाने पर उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही का प्रकरण आयुक्त जबलपुर संभाग के स्तर पर प्रचलन में है। जाँच निष्कर्ष अनुसार दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही कर अधिक मुआवजा भुगतान की राशि वसूली की कार्यवाही की जा सकेगी। (ख) यदि हाँ, तो क्या जाँच पूर्ण कर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की गयी? यदि नहीं, तो क्यों? लगभग 2 वर्ष से अधिक का समय व्यतीत होने के उपरान्त भी जाँच पूर्ण नहीं होने के क्या कारण हैं? कब तक दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही कर राशि वसूल की जावेगी? (ग) क्या उक्त मार्ग हेतु भूमियों का अधिग्रहण करते समय मौजा पिपरियालक्खा की भूमि खसरा न. 87/5 रकबा 0.370 हे. भूमि वर्तमान में निर्मित राष्ट्रीय राजमार्ग से बहुत दूर है, जिसका इस मार्ग हेतु कोई उपयोग नहीं है? फिर भी हल्का पटवारी ने इस भूमि को सड़क हेतु अधिग्रहण कराकर मुआवजा राशि भुगतान कराया है? (घ) यदि हाँ, तो क्या शासन ऐसी भूमि जिसका सड़क हेतु उपयोग नहीं हुआ, का मुआवजा निर्धारण कराने हेतु हल्का पटवारी को दोषी मानता है? यदि हाँ, तो क्या शासन इसकी जाँच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही का आदेश देगा? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
उज्जैन जिले में गौचर भूमि का संरक्षण
21. ( *क्र. 7490 ) डॉ. मोहन यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में गौचर भूमि संरक्षित करने के शासन के क्या निर्देश एवं मापदण्ड हैं? उज्जैन दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में कितनी-कितनी भूमि गौचर हेतु सुरक्षित है? (ख) उज्जैन दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में कितनी भूमि गौचर, कितनी बंजर, कितनी पठार, आबादी, कुम्हरगढ़ा, खादगढ़ा श्मशान/कब्रिस्तान आदि के लिये शासन ने सुरक्षित की है? (ग) क्या अधिकांश गौचर भूमि एवं शासकीय भूमि पर वर्षों से दबंग लोगों ने कब्जा कर लिया है? यदि हाँ, तो इसे अधोसंरचना विकास एवं गौवंश के पालन हेतु कब तक अतिक्रमण मुक्त करा लिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) राज्य शासन के निर्देश एवं मापदण्ड अनुसार ग्रामों में कुल खाते के रकबा का न्यूनतम दो प्रतिशत क्षेत्रफल गौचर हेतु सुरक्षित रखे जाने का प्रावधान है। उज्जैन दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में 1047.34 हे. भूमि गोचर हेतु सुरक्षित है। (ख) गोचर भूमि 1047.34 हे., बंजर भूमि 21.27 हे., आबादी 332.30 हे., कुम्हारगढ़ा 12.59 हे., खादगढ़ा 24.68 हे., श्मशान/कब्रस्तान हेतु 9.04 हे., भूमि सुरक्षित है। (ग) जी नहीं।
यात्री बसों के परमिट जारी किये जाने के नियम
22. ( *क्र. 4978 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में राज्य परिवहन निगम की कितनी यात्री बसें किन-किन जिलों में राज्य के अंदर एवं बाहर चल रही हैं अथवा अनुबंधित यात्री बसों को चलाया जा रहा है? (ख) क्या माननीय मंत्री जी ने 15 वर्ष पुराने वाणिज्यिक उपयोग अथवा अन्य वाहन प्रदेश में न चलने संबंधी कथन किया था? तत्संबंधी ब्यौरा क्या है एवं कथन के आधार पर क्या नीति निर्धारित की गई? (ग) प्रदेश में यात्री बसों के परमिट में क्या बड़े शहरों से संबद्ध मार्गों पर बड़े बस ऑपरेटर्स की मोनोपॉली हावी है? यदि हाँ, तो किस कारण एवं नहीं तो उज्जैन, रतलाम, मंदसौर, इन्दौर, देवास, भोपाल, जबलपुर आदि के संबद्ध मार्गों पर चल रही यात्री बसों की ऑपरेटर्स कंपनियों का वर्तमान ब्यौरा क्या है?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) वर्तमान में मध्यप्रदेश सड़क परिवहन निगम द्वारा अथवा इसके अंतर्गत अनुबंधित यात्री बसों का प्रदेश में एवं प्रदेश के बाहर संचालन पूर्णतः बंद कर दिया गया है, अतः जानकारी निरंक है। (ख) वस्तुस्थिति यह है कि 15 वर्ष पुराने वाणिज्यिक उपयोग के वाहन न चलने का कथन किया गया है, इसी अनुक्रम में अभी तक मध्यप्रदेश शासन परिवहन विभाग की अधिसूचना क्रमांक एफ 22-13/2016/आठ दिनांक 28.12.2015 शुद्धि पत्र दिनांक 12.02.2016 द्वारा मध्यप्रदेश मोटरयान नियम 1994 के नियम 77 के खण्ड (तीन) को संशोधित किया गया है। ‘‘उपनियम (1-क) में, खण्ड (तीन) में, अंक और शब्द 20 वर्ष के स्थान पर, अंक और शब्द 15 वर्ष स्थापित किये जाये।’’ साथ ही खण्ड (पाँच) में, उपनियम (1-ख) के स्थान पर निम्न उपनियम स्थापित किये गये हैं :- ‘‘(1-ख)’’ उपनियम (1-क) खण्ड (चार) द्वारा अभिरोपित निर्बंधन जहां तक कि उनका संबंध उक्त नियमों के प्रवृत्त होने के पूर्व रजिस्ट्रीकृत मंजिली गाड़ियों से है, उनके संबंध में लागू नहीं होगे।’’ (ग) जी नहीं, ऐसी कोई स्थिति प्रकाश में नहीं है। प्रदेश के मार्गों पर बस संचालन हेतु इच्छुक निजी बस संचालक द्वारा निर्धारित शुल्क सहित विधिवत आवेदन प्रस्तुत किये जाने पर बिना किसी निर्बंधन के मुक्त नीति से अर्द्धन्यायिक प्रक्रिया के अंतर्गत कार्यवाही करते हुए पात्र पाये जाने पर नियमानुसार परमिट जारी किये जाते हैं। वर्तमान में विभाग द्वारा सभी परमिट ऑनलाईन जारी किये जाने की व्यवस्था लागू है, जिनका ब्यौरा ऑनलाईन विभाग की वेबसाइट www.mptransport.org पर उपलब्ध है।
कृषि उपज मण्डी गोटेगांव/कटनी में शिकायतों की जाँच
23. ( *क्र. 7387 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि उपज मण्डी समिति गोटेगांव तथा कटनी मण्डी में अनियमितताओं की वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में किन-किन जनप्रतिनिधियों/व्यक्तियों द्वारा कब-कब शिकायतें किस-किस स्तर पर प्राप्त हुईं? (ख) उक्त शिकायतों की जाँच कब और किसको सौंपी गई? शिकायतवार की गई जाँच का निष्कर्षवार विवरण दें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
शांति धाम पर उपलब्ध मूलभूत सुविधाएं
24. ( *क्र. 7629 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विकासखण्डों में मनरेगा योजना से कितनी पंचायतों में महात्मा गांधी नरेगा की शांतिधाम उपयोजना के तहत वर्ष 2013-14 से प्रश्न तिथि तक कितने कार्य स्वीकृत किये हैं? ग्राम पंचायतवार, कार्य का नाम, स्वीकृत राशि सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों में चबूतरा निर्माण, शेड निर्माण एवं कूप निर्माण हेतु किन पंचायतों के किन ग्रामों में कितनी राशि स्वीकृत की गई है? उक्त कार्य की वर्तमान स्थिति क्या है? कितने कार्य पूर्ण हो चुके हैं, कितने शेष हैं अथवा अपूर्ण हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित कार्यों का मूल्यांकन कितनी राशि का किस अधिकारी द्वारा किया गया? शेष कार्यों का मूल्यांकन कब तक किया जावेगा? (घ) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ऐसे कितने ग्राम हैं, जहां शांतिधाम हेतु चबूतरा, शेड निर्माण एवं नलकूप खनन नहीं हुये हैं? विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करावें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) महात्मा गांधी नरेगा की शांतिधाम उपयोजना के तहत प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र बासोदा अंतर्गत वर्ष 2013-14 से प्रश्न तिथि तक विकासखण्ड बासोदा में 51 कार्य स्वीकृत किये गये तथा विकासखण्ड ग्यारसपुर में कोई कार्य स्वीकृत नहीं किया गया। वांछित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) ग्रामवार, पंचायतवार, स्वीकृत राशि तथा कार्यों की वर्तमान स्थ्िाति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उत्तरांश 'क' अनुसार 51 कार्यों में से 16 कार्य पूर्ण, 33 कार्य प्रगतिरत एवं 2 अप्रारंभ हैं। (ग) कार्यवार मूल्यांकन की राशि व मूल्यांकनकर्ता अधिकारी की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। किये गये कार्य का मूल्यांकन शेष न होने के कारण शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश 'ख' अनुसार पूर्ण कार्यों में चबूतरा निर्माण किया जा चुका है। शेड निर्माण व नलकूप खनन कार्य मनरेगा अंतर्गत स्वीकृत नहीं है। प्रगतिरत 33 कार्यों में कूप निर्माण एवं चबूतरा निर्माण जॉबकार्डधारी परिवारों की कार्य की माँग अनुसार ग्राम पंचायतों द्वारा कराया जा रहा है। विकासखण्डवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
सबलगढ़ तहसील को जिला घोषित किया जाना
25. ( *क्र. 3120 ) श्री रामनिवास रावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कौन-कौन से नवीन जिले गठित किए जाने के प्रस्ताव शासन के समक्ष विचाराधीन हैं। क्या मुरैना जिले की सबलगढ़ तहसील को जिला बनाए जाने हेतु प्रस्ताव शासन को प्राप्त हुआ था? यदि हाँ, तो उक्त प्रस्ताव किस स्तर पर किन कारणों से लंबित है? (ख) क्या शासन क्षेत्र की भौगौलिक संरचना एवं प्रशासनिक सुविधा की दृष्टि से मुरैना जिले की तहसील कैलारस, सबलगढ़ पहाड़गढ़ तथा श्योपुर जिले की विजयपुर एवं वीरपुर तहसील को मिलाकर सबलगढ़ तहसील को जिला घोषित कर अधिसूचना जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) राज्य शासन द्वारा सबलगढ़ तहसील को जिला बनाने के संबंध में अभी तक क्या कार्यवाही की गई है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। जी हाँ। प्रस्ताव पूर्ण विचारोपरान्त अमान्य किया गया। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश 'क' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
शासकीय
जमीनों पर
अतिक्रमण
1. ( क्र. 86 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोकनगर जिले के अथाईखेड़ा, पिपरई व अशोकनगर शहर के मध्य की भूमि अतिक्रमण के बारे में प्रश्नकर्ता के पूर्व प्रश्न संख्या 14 (क्र. 100) दिनांक 05.03.14 परिवर्तित प्रश्न संख्या 1 (क्रमांक 105) दिनांक 09.07.2014 व प्रश्न संख्या 7 (क्रं. 45) दिनांक 10.12.14 के उत्तर में अलग-अलग उत्तर दिये जा रहे हैं क्यों सही विवरण दें? (ख) क्या न्यायालय व म.प्र. राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 के तहत न्यायालयीन कार्यवाही प्रचलित है, यदि प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है, तो किस न्यायालय में कब से लम्बित है? न्यायालय का नाम व प्रकरण का नम्बर आदि दे तथा शासन की ओर से उक्त प्रकरणों में कौन-कौन अधिकारी व वकील कौन से प्रकरण में कब-कब कहाँ उपस्थित हुए? नाम व दिनांक सहित बतायें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ, प्रश्नाधीन सभी पूर्व प्रश्नों के उत्तर प्रश्नकर्ता मान. विधायक द्वारा चाही गई जानकारी अनुसार ही दिये गये हैं। (ख) जी हाँ, धारा 248 के तहत ग्राम पिपरई के अतिक्रमण के संबंध में प्रकरण क्रमांक- 7अ/68/ 15-16 म.प्र. शासन बनाम यादवेन्द्र सिंह, प्रचलित है। जिसमें राजस्व मण्डल ग्वालियर के निगरानी प्रकरण 22-11/14 में पारित आदेश दिनांक 06.01.2016 द्वारा नायब तहसीलदार वृत पिपरई तहसील मुगावली के आदेश दिनांक 5.7.2004 को अनावेदक के पक्ष में स्थिर रखे जाने के निर्देश दिये गये हैं। ग्राम अथाईखेड़ा तहसील मुगावली का प्रकरण क्रमांक 227 अ-68/2011-12 हरीशंकर विरूद्ध नरेश कुमार न्यायालय नायब तहसीलदार मुगावली में प्रचलित था जो माननीय राजस्व मण्डल ग्वालियर को उनके निगरानी प्रकरण क्रमांक 298/री-2/निगरानी/2015 में भेजा गया है। वर्तमान में द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अशोकनगर के न्यायालय में प्रकरण क्रमांक 80अ-15/अपील दीवानी विचाराधीन है, इस प्रकरण में श्री राजीव खैर शासकीय अधिवक्ता द्वारा पैरवी की जा रही है। जिला न्यायालय के प्रकरण में तहसीलदार अशोकनगर प्रभारी अधिकारी नियुक्त हैं आगामी पेशी दिनांक 04.04.2016 नियत है।
कृषि उपकरणों पर लगने वाला कर
2. ( क्र. 87 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य में कृषि हेतु उपयोग किये जाने वाले कृषि उपकरणों पर राज्य सरकार कौन-कौन से कर लेती है? राज्य के अन्दर निर्मित व राज्य के बाहर निर्मित लागत मूल्य पर आधारित कर का प्रतिशत उपकरणवार दें? (ख) राज्य में कृषि उपयोग में लाई जाने वाली कौन-कौन सी रासायनिक खाद एवं इन्सेक्टीसाइड व पेस्टीसाइड पर राज्य सरकार कौन-कौन से कर वसूलती है? इन्सटेक्टीसाइड व पेस्टीसाइड प्रति लीटर व खाद की प्रति बोरी पर कितना कर लेती है? पृथक-पृथक राशि बतावें? विगत 05 वर्षों में राज्य सरकार द्वारा खाद, बीज एवं कृषि दवाइयों पर कब-कब, कितना-कितना टैक्स बढ़ाया गया या कम किया गया व क्यों कारण सहित विवरण दें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) मध्यप्रदेश वेट अधिनियम 2002 की अनुसूची -1 की प्रविष्टि क्रमांक-एक- (अ),1 (ख) में उल्लेखित कृषि हेतु उपयोग किये जाने वाले कृषि उपकरण कर मुक्त है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है जो कृषि उपकरण अनुसूची -1 में सम्मिलित नहीं है उन के विक्रय मूल्य पर 5 प्रतिशत वेट एवं क्रय मूल्य पर 1 प्रतिशत से प्रवेश कर देय है। (ख) रासायनिक खाद एवं इन्सेक्टीसाइड व पेस्टीसाइड पर वेट की दर 5 प्रतिशत एवं प्रवेश कर की दर 1 प्रतिशत है। इन्सेक्टीसाइड व पेस्टीसाइड पर प्रति लीटर तथा खाद पर प्रति बोरी नहीं बल्कि इनके विक्रय मूल्य पर वेट देय होता है। कार्बनिक खाद एवं प्रमाणित अथवा सत्यरूप उपचारित सभी बीज कर मुक्त है, रासायनिक खाद एवं कृषि दवाइयों पर 01.08.2009 से आज दिनांक तक वेट कर की दर 5 प्रतिशत एवं प्रवेश कर की दर 1 प्रतिशत देय है।
आदिवासियों की जमीन पर अन्य वर्ग के लोगों का कब्जा
3. ( क्र. 111 ) श्री वेलसिंह भूरिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सरदारपुर विधानसभा अंतर्गत वर्तमान स्थिति में (जनवरी 2016) कितने आदिवासियों की जमीन पर सामान्य/अन्य वर्ग के लोगों ने कब्जा कर रखा है? कब्जाधारी का नाम, पता सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कितने आदिवासियों को विगत 5 वर्षों में उनकी जमीन का कब्जा वापस दिलवाया गया है? कितने सामान्य/अन्य वर्ग के लोगों के पास अभी भी आदिवासियों की जमीन का कब्जा बरकरार है? (ग) इस लापरवाही के लिये कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार है? इन पर क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, की गई तो कब तक की जावेगी। (घ) क्या शासन द्वारा वापस कब्जा दिलाने की कोई समय-सीमा निर्धारित की गई है? बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) न्यायालय में प्रस्तुत आवेदन अनुसार अनुविभाग सरदारपुर में माह जनवरी-2016 तक कुल-5 प्रकरण आदिवासी की भूमि पर गैर आदिवासी के कब्जे संबंधी विचाराधीन थे, जिनमें से 2 प्रकरणों का निराकरण माह फरवरी में किया जा चुका है। प्रश्नांश के शेष भाग का उत्तर संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित अवधि में अनुभाग सरदारपुर में कुल 8 प्रकरणों में आदिवासी को गैर आदिवासी से कब्जा दिलाने के आदेश पारित किये गये है। जिनमें से 3 प्रकरणों में कब्जा दिलवाया जा चुका है। शेष 5 प्रकरणों में कब्जा दिलवाने की कार्यवाही तहसील में प्रचलित है। (ग) इस हेतु किसी की लापरवाही नहीं होने से कार्यवाही की आवश्यकता नहीं है। (घ) म.प्र.भू-राजस्व संहिता -1959 की धारा 170 (ख) की उपधारा (2-क) अनुसार वापस कब्जा दिलाने की समय-सीमा का प्रावधान निम्नानुसार है :- यदि कोई ग्राम सभा संविधान के अनुच्छेद 244 के खण्ड (1) में निर्दिष्ट अनुसूचित क्षेत्र में यह पाती है कि आदिम जनजाति के सदस्य से भिन्न कोई व्यक्ति आदिम जनजाति के भूमिस्वामी की भूमि के कब्जे में बिना किसी विधिपूर्ण प्राधिकार के है, तो वह ऐसी भूमि का कब्जा उस व्यक्ति को प्रत्यावर्तित करेगी जिसकी कि वह मूलत: थी और यदि उस व्यक्ति की मृत्यु हो चुकी है तो उसके विधिक वारिसों को प्रत्यावर्तित करेगी। परन्तु यदि ग्राम सभा ऐसी भूमि का कब्जा प्रत्यावर्तित करने में असफल रहती है, तो वह मामला उपखण्ड अधिकारी की ओर निर्दिष्ट करेगी जो, ऐसी भूमि का कब्जा, निर्देश की प्राप्ति की तारीख से तीन मास के भीतर प्रत्यावर्तित करेगा।
ग्राम पंचायतों में प्रदाय पेयजल टैंकरों की जानकारी
4. ( क्र. 575 ) श्री हरवंश राठौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा बण्डा की ऐसी कोई ग्राम पंचायत है जहां पर एक भी टैंकर नहीं है? (ख) क्या कंडिका (क) जानकारी अनुसार सभी पानी के टैंकर वर्तमान में पंचायतों के आधिपत्य में है? यदि नहीं, तो किस स्थान के किस व्यक्ति या परिवार के पास हैं? यदि ऐसा है तो इसके लिए कौन जवाबदार है और कब तक पंचायतों को टैंकर वापिस दिलाए जाएंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। विधानसभा क्षेत्र बंडा के अंतर्गत जनपद पंचायत शाहगढ़ एवं बंडा की सभी ग्राम पंचायतों में पेयजल टैंकर है। (ख) जी नहीं। जनपद पंचायत शाहगढ़ की सभी 47 ग्राम पंचायतों में पेयजल टैंकर ग्राम पंचायत के आधिपत्य में है। जनपद पंचायत बंडा की 78 ग्राम पंचायतों में से 03 टैंकर क्रमशः (1) ग्राम पंचायत हनौता सहावन-श्री नारायण सिंह/गंर्धव सिंह लोधी, पूर्व सरपंच (2) ग्राम पंचायत हनौता पटकुई-श्री रमेश दुबे, पूर्व सरपंच (3) ग्राम पंचायत सहावन-श्री निरंजन सिंह, पूर्व सरपंचों के पास है। इसके लिये पूर्व सरपंच जिम्मेदार है। पेयजल टैंकर संबंधित ग्राम पंचायतों को शीघ्र सौंपे जाने हेतु अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) बंडा द्वारा संबंधितों को निर्देशित किया है।
प्राकृतिक प्रकोपों में सहायता राशि का प्रावधान
5. ( क्र. 585 ) श्री हरवंश राठौर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्राकृतिक प्रकोपों से सर्पदंश, मकान क्षति, पशु हानि, पानी में डूबने से मृत्यु, क्रेशर से दुर्घटना में मृत्यु अथवा घायल, अग्नि दुर्घटना, बिजली के तारों के टूटने से पशु हानि या मानहानि प्रकरणों में सहायता राशि के संबंध में विभाग के क्या-क्या निर्देश हैं? (ख) उक्त प्रकरणों में पीडि़त व्यक्तियों या उसके परिवार को तत्काल सहायता राशि प्रदान की जाती है? यदि नहीं, तो कारण बताएं? (ग) विधानसभा क्षेत्र बंडा/शाहगढ़ में विगत एक वर्ष में हुई दुर्घटनाओं की जानकारी, व्यक्ति का नाम, मृत्यु दिनांक एवं सहायता राशि, प्रदान की दिनांक की जानकारी दी जाए? (घ) क्या उक्त प्रकरण में पृथक-पृथक प्राकृतिक प्रकोपों से दुर्घटनाओं में सहायता राशि प्रदान करने के नियम क्या-क्या हैं जानकारी दी जाए?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) प्राकृतिक प्रकोपों से मकान क्षति, पशुहानि, जनहानि, अग्नि दुर्घटना से मृत्यु होने पर तथा सर्पदंश से एवं पानी में डूबने से मृत्यु होने पर राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के तहत मृतक के वारिसों को आर्थिक सहायता राशि देने का प्रावधान है। क्रेशर दुर्घटना से मृत्यु अथवा घायल होने पर, बिजली के तारों के टूटने से पशुहानि या जनहानि के मामलों में सहायता देने का राजस्व विभाग के अन्तर्गत राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 में प्रावधान नहीं है। (ख) जी हाँ। राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 में दिये गये प्रावधानों के तहत पात्रतानुसार तत्काल सहायता राशि प्रदान की जाती है। (ग) विधान सभा क्षेत्र बंडा/शाहगढ़ में विगत एक वर्ष में कुल 75 दुर्घटनायें हुई। जिसमें से सभी पीडि़त परिवारों को सहायता राशि प्रदान की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (घ) जी हाँ। नियम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है।
नंदन फलोउद्यान योजना
6. ( क्र. 853 ) श्री जतन उईके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिंदवाड़ा जिले की पांढुर्णा सौंसर में नंदन फलोद्यान उपयोजना में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कितने हितग्राहियों के प्रकरण स्वीकृत किये गये हैं? कितने हितग्राहियों के प्रकरण अस्वीकृत किये गये हैं? कारण बतायें? (ख) क्या सफल नंदन फलोउद्यान योजना में किनके द्वारा भौतिक सत्यापन किया गया है? कितने का भौतिक सत्यापन होना शेष है? शेष का कारण बतावें। (ग) क्या शासन द्वारा नंदन फलोद्यान उपयोजना में तार फेंसिंग करने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो कितने हितग्राहियों के खेतों में तार फेंसिंग का कार्य पूर्ण कर लिया गया है? कितने हितग्राहियों के खेतों में तार फेंसिंग का कार्य करना बाकी है? (घ) कितनी ग्राम पंचायतों ने तार फेंसिंग कार्य हेतु के लिये क्रय/आदेश जारी किये हैं? जनपद पंचायतवार संख्या बतायें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) छिंदवाडा जिले के जनपद पंचायत पांढुर्णा, सौंसर में नंदन फलोद्यान उपयोजना में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक 2068 हितग्राहियों के प्रकरण स्वीकृत किये गये। किसी भी हितग्राही का प्रकरण अस्वीकृत नहीं किये जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) नंदन फलोद्यान उपयोजना में ग्राम पंचायत के सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक तथा उपयंत्री द्वारा शत्-प्रतिशत एवं अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी जनपद पंचायत, सहायक यंत्री जनपद पंचायत एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत आदि द्वारा भी समय-समय पर भौतिक सत्यापन किया जाता है। भौतिक सत्यापन शेष नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) नंदन फलोद्यान उपयोजना में तार फेंसिंग करने का प्रावधान दिनांक 25.06.2010 तक था। 662 हितग्राहियों के खेतो में तार फेंसिंग का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। 1280 हितग्राहियों के खेतों में तार फेंसिंग का कार्य नहीं किया है। (घ) जनपद पंचायत पांढुर्णा की 40 एवं जनपद पंचायत सौंसर की 16 ग्राम पंचायतों के द्वारा तार फेंसिंग कार्य हेतु क्रय/आदेश जारी किये गये हैं।
हितग्राहियों को पेंशन भुगतान
7. ( क्र. 1023 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के जनपद पंचायत ब्यौहारी एवं जयसिंहनगर की विभिन्न ग्राम पंचायतों में सामाजिक सुरक्षा, विकलांग, वृद्धावस्था, विधवा पेंशन दी जा रही है? यदि हाँ, तो उक्त जनपद पंचायतों में कितने हितग्राही पेंशन प्राप्त कर रहे हैं? (ख) क्या पेंशनधारियों को प्रत्येक माह पेंशन का भुगतान किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों और कितना पेंशन भुगतान प्रश्न दिनांक तक लंबित है तथा लंबित पेंशन का भुगतान कब तक कराया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। शहडोल जिले के जनपद पंचायत ब्यौहारी की 67 ग्राम पंचायतों में 13,489 हितग्राही एवं जनपद पंचायत जैसिंहनगर की 87 ग्राम पंचायतों में 8,522 हितग्राहियों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय निःशक्त पेंशन, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्थ पेंशन, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन का लाभ दिया जा रहा है। विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) जी हाँ। जनपद पंचायत ब्यौहारी एवं जैसिंहनगर में माह फरवरी 2016 तक का पेंशन भुगतान किया जा चुका है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
दोषी पाये गये कर्मचारियों/अधिकारियों की जाँच
8. ( क्र. 1602 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में 1 जनवरी, 2012 से प्रश्न दिनांक तक सहकारिता विभाग के कितने अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध शिकायतें प्राप्त हुई है? (ख) उक्त शिकायतों की जाँच में कितने अधिकारी/कर्मचारी दोषी पाये गये तथा उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या कई कर्मचारियों के विरूद्ध विभाग द्वारा एफ.आई.आर.भी की गई है? यदि हाँ, तो विवरण दें? (घ) क्या कई कर्मचारियों के विरूद्ध FIR की गई? विवरण दें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विभाग के एक अधिकारी व चार कर्मचारियों के विरूद्ध शिकायतें प्राप्त हुई है। (ख) एक अधिकारी दोषी पाये गये हैं, जिनके विरूद्ध पेंशन रोकने की कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री सड़क योजना
9. ( क्र. 1603 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले की राजनगर विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत कितने रोडों की स्वीकृति वर्ष 2005-2006 से दी गई? उनके नाम बतायें? रनेफाल बेरियर से सपोहा पहारी तक सन्नी की भडि़या से टोरिया टेक तक सड़क निर्माण किया गया अथाव नहीं स्पष्ट करें? (ख) सपोहा से बेरियर तक न बनाये जाने के क्या कारण हैं? केन घडि़याल सेन्चुरी एवं ग्राम सपोहा, सूरजपुरा, धमना, अकौना धवाड़ के मजरों टोलों को जोड़ने हेतु पहुंच मार्ग की कार्ययोजना किन कारणों से लंबित है? (ग) कब तक स्वीकृत किया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) छतरपुर जिले की राजनगर विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत वर्ष 2005-2006 से 15.03.2016 तक 63 सड़कों की स्वीकृति दी गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। एन.एच.-75 से रनेहफाल (रनेफाल बेरियर) तक 16.15 कि.मी. सड़क निर्माण कार्य स्वीकृत हुआ था। इस सड़क का चैनेज 0 से 11.15 कि.मी. (टोरिया टेक से सपोहा पहाड़ी) तक निर्माण कार्य कराया जा चुका है, शेष भाग 11.15 कि.मी. से 16.125 कि.मी. तक (सपोहा पहाड़ी से रनेहफाल तक) केन घडियाल अभ्यारण्य (नेशनल पार्क) के अंतर्गत होने एवं नेशनल पार्क से निर्माण कार्य की अनुमति प्राप्त न होने के कारण कार्य नहीं कराया जा सका है। रनेहफाल बेरियर से सत्ती की मढ़िया (सन्नी की भढ़िया) तक जिला मुख्य मार्ग के अंतर्गत लोक निर्माण विभाग द्वारा सड़क निर्माण कार्य कराया गया है। (ख) उत्तरांश (क) के प्रकाश में सपोह पहाड़ी से रनेहफाल बेरियर तक की सड़क केन घडियाल अभ्यारण्य (नेशनल पार्क) में आने एवं नेशनल पार्क से सड़क निर्माण की अनुमति प्राप्त न होने से निर्माण नहीं कराया गया है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के मार्गदर्शी दिशा निर्देशों के अनुसार जनसंख्या के घटते क्रम में वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार सामान्य विकासखण्डों में 500 तक तथा आदिवासी विकासखण्डों में 250 तक की जनसंख्या वाली बसाहटों (राजस्व ग्राम) को जोड़ने का प्रावधान है, मजरे टोलों को जोड़ने का प्रावधान नहीं है। अतः मजरे टोलों को जोड़ने की कोई योजना नहीं होने से कार्य योजना लंबित होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कृषि महोत्सव 2014 की गलत जानकारी
10. ( क्र. 2167 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि महोत्सव 2014 में टेंट एवं खाना प्रदायकर्ताओं द्वारा, खरगोन विभागीय कार्यालय में कितने रूपये के बिल दिये गये थे? क्या बिलों में दर्ज राशि से कम राशि का भुगतान किया गया? यदि हाँ, तो कारण बतायें? कम भुगतान की कितनी शिकायतें विभाग को प्राप्त हुई? इस संबंध में जाँच की गई है तो जाँच का विवरण देवें? यदि जाँच नहीं की गई है तो कारण बतायें? (ख) अतारांकित प्रश्न क्रमांक 692, दिनांक 14/12/2015 के उत्तर में बिंदु (ग) में बताया गया है कि टेंट एवं खाना प्रदायकर्ता के बिलों का पूर्ण भुगतान कर दिया गया है तथा समस्त बिलों की राशि एवं भुगतान की गई राशि की सूची प्रदान की गई है? यह जानकारी के तथ्य इस प्रश्न के बिंदु (क) से कितने भिन्न है? कारण बतायें? (ग) वर्ष 2015 में भगवानपुरा विधायक को भेजे गये पत्रों का विवरण देवें? आपके द्वारा प्रेषित पत्र क्रमांक/आत्मा/स्था./2014-15/15, खरगोन दिनांक 14.01.2015 तथा पत्र क्रमांक/आत्मा/स्था./2015-16/917 दिनांक 07.09.2015 इन दोनों पत्रों द्वारा विधायक को आत्मा गर्वनिंग बॉडी की बैठक में आमंत्रित करने का आश्वासन दिया गया, परंतु वर्ष 2015 में संपन्न हुई बैठक में एक भी विधायक को आमंत्रित नहीं किया गया? कारण बतायें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) कृषि महोत्सव 2014 में टेंट एवं खाना प्रदायकर्ताओं द्वारा बिलों का सत्यापन कराये जाकर बिल की राशि रूपये 1747070/- भुगतान किया गया। श्री प्रवीण कुशवाह एवं पुनमचन्द कुशवाहा ग्राम नागझिरी, तहसील गोगांवा जिला खरगोन द्वारा भोजन/ नाश्ता बिलों के कम भुगतान के संबंध में शिकायत कलेक्टर महोदय को की गई थी। जिसकी जाँच कलेक्टर महोदय द्वारा गठित संयुक्त जाँच दल से कराई गयी थी। जाँच प्रतिवेदन कलेक्टर महोदय द्वारा आयुक्त इन्दौर संभाग इन्दौर को भेजा गया। जाँच प्रतिवेदन की छायाप्रति जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) अतारांकित प्रश्न क्रमांक 692 दिनांक 14.12.2015 के उत्तर बिन्दु (ग) में उत्तर अनुसार सत्यापित राशि को ही बिल की राशि मानी जाकर भुगतान किया गया। अत: बिल राशि रूपये 1747070/- के विरूद्ध राशि रूपये 1747070/- का पूर्ण भुगतान किया गया है। जानकारी के तथ्य इस प्रश्न के बिन्दु (क) से भिन्न नहीं है जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जिलें में वर्ष 2015-16 में आत्मा गवर्निंग बोर्ड की आज दिनांक तक आयोजित बैठकों में क्षेत्रीय विधायकों को आमंत्रित नहीं किया गया किन्तु आगामी बैठकों में माननीय क्षेत्रीय विधायकों को आमंत्रित किया जायेगा।
वाटर शेड समितियों की सूची
11. ( क्र. 2168 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एकीकृत जलग्रहण क्षेत्र प्रबंधन मिशन अन्तर्गत विगत 3 वर्षों में जिला स्तरीय वाटरशेड सलाहकार समिति की बैठक कब-कब कहाँ पर संपन्न हुई, उन बैठकों में कौन-कौन विधायक उपस्थित हुए? बैठकवार सूची देवें वर्तमान समिति सदस्यों की सूची देवें? (ख) जिला स्तरीय वाटरशेड तकनीकी समिति की बैठक वर्ष 2014 एवं 2015 में कब-कब कहाँ पर संपन्न हुई? इन बैठकों के कार्यवृत्त की एक प्रति देवें? (ग) खरगोन जिले की ग्राम स्तरीय वाटरशेड समिति की सूची देवें? भूमिहीन पंचायत के नामांकित सदस्य महिला सदस्य किन-किन समितियों में है? समितियों के इन सदस्यों की उपलब्धता सूची देवें? (घ) भगवानपुरा विधायक द्वारा कितने डेम की शिकायत कब की गई? इस शिकायत पर क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) राष्ट्रीय जलग्रहण क्षेत्र विकास योजना खरगोन जिलें में संचालित नहीं हैं और न ही जिला स्तरीय वाटरशेड सलाहकार समिति के गठन का प्रावधान हैं। जिले में आई.डब्ल्यु.एम.पी. योजना संचालित हैं, जिसमें जिला स्तरीय वाटरशेड समिति की बैठकें निम्नानुसार दिनांकों को आयोजित की गयी। 1. वर्ष 2013-14, दिनांक 22.04.2013 कलेक्टोरेट सभा कक्ष, खरगोन 2. वर्ष 2013-14, दिनांक 21.07.2014 कलेक्टोरेट सभा कक्ष, खरगोन 3. वर्ष 2013-14, दिनांक 21.10.2015 कलेक्टोरेट सभा कक्ष, खरगोन वर्तमान समिति सदस्यों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। जिला स्तरीय वाटरशेड समिति में माननीय विधायकगण सदस्य नहीं है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जिला स्तरीय वाटरशेड तकनीकी समिति का प्रावधान नहीं हैं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) दिनांक 16.08.2015 को 5 डेमों के निर्माण के संबंध में शिकायत की गयी थी। शिकायत की जाँच कराई गयी। शिकायत निराधार पायी गई।
सामाजिक सुरक्षा पेंशन
12. ( क्र. 2513 ) श्री रामप्यारे कुलस्ते : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मण्डला जिले में सामाजिक सुरक्षा पेंशन जैसे विधवा पेंशन, विकलांग पेंशन, वृद्धावस्था पेंशन का नियमित एवं विधिवत भुगतान नहीं किया जा रहा है? (ख) क्या नियमित भुगतान हो सके इसके लिये शासन की कोई योजना है कि भविष्य में मण्डला जिले में सामाजिक सुरक्षा पेंशन के हितग्राहियों को भटकना न पड़े? (ग) क्या सामाजिक सुरक्षा पेंशन के मण्डला जिले अंतर्गत विभिन्न जनपदों में स्वीकृति हेतु प्रकरण लंबित हैं, इन प्रकरणों को स्वीकृति कब तक मिलेगी? प्रकरण स्वीकृत होने के बाद क्या इन्हें तत्काल पेंशन भुगतान किया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। सामाजिक सुरक्षा, पेंशन के नियमित भुगतान हेतु जारी शासन निर्देंशो के तहत पेंशन का भुगतान प्रत्येक माह की आगामी 5 तारीख के पूर्व हितग्राहियों के बैंक/पोस्ट ऑफिस में खोले गये उनके खातों के माध्यम से नियमित रुप से कराया जा रहा है। (ग) जी हाँ। 01 अक्टूबर 2015 से वर्तमान दिनांक तक ’’साधिकार अभियान’’ के तहत 6805 के आवेदन प्राप्त हुए थे, जिसमें से 4774 पात्र पाये गये तथा 203 अपात्र पाये गये एवं शेष 1828 आवेदन पत्रों का परीक्षण किया जा रहा है। पात्र 4774 हितग्राहियों को पेंशन स्वीकृत की जाकर माह फरवरी 2016 तक की पेंशन राशि का भुगतान किया जा चुका है। परीक्षण के उपरान्त पात्र पाये जाने पर शेष हितग्राहियों को पेंशन की स्वीकृति दी जाकर पेंशन का लाभ दिया जायेगा।
कृषकों को ऋण भार पुस्तिका का प्रदाय
13. ( क्र. 2536 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यानसिंह सोलंकी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बडवाहा तहसील में कितने राजस्व ग्राम वन ग्राम हैं इसकी जानकारी दी जावे? क्या ग्राम कडियाकुण्ड (माण्डाझोल) राजस्व ग्राम है? यदि हाँ, तो क्या कारण है कि यहां किसानों को भूमि की ऋण भार पुस्तिका प्रदत्त नहीं की जा रही है? उक्त ग्राम के राजस्व अधिकार पत्र (ऋण भार पुस्तिका) के कितने आवेदन पत्र प्राप्त हुए है एवं उनका क्या निराकरण किया गया है? (ख) ग्राम कडियाकुण्ड (माण्डाझोल) के कृषकों को ऋणभार के लंबित आवेदन पत्रों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) खरगोन जिले के बडवाह तहसील में 181 राजस्व ग्राम एवं 09 वन ग्राम है, ग्राम कडियाकुण्ड (माण्डाझोल) राजस्व ग्राम है। वर्तमान में भू-अधिकार ऋण पुस्तिका का कोई आवेदन लंबित नहीं है। (ख) ग्राम कडियाकुण्ड (माण्डाझोल) के कृषकों का ऋण भार का कोई आवेदन पत्र लंबित नहीं है।
जनश्री एवं आम आदमी बीमा योजना
14. ( क्र. 2711 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनश्री बीमा तथा आम आदमी बीमा योजना प्रांरभ होने से वर्ष 2015-16 तक विभाग ने किस-किस कंपनी से किन-किन शर्तों पर बीमा करवाया? (ख) उक्त अवधि में विभाग ने बीमा कंपनी को वर्षवार कब-कब, कितनी राशि दी तथा बीमा कंपनी ने वर्षवार कितने हितग्राहियों को क्लेम भुगतान एवं उनके पुत्रों को शिष्यवृत्ति या अन्य कितनी राशि का भुगतान किया? (ग) उक्त योजनाओं में क्लेम भुगतान हेतु क्या-क्या प्रक्रियाएं तय की गई तथा उक्त प्रकरण तैयार करने हेतु किस-किस स्तर पर किस-किस अधिकारी को जवाबदार बनाया है? (घ) क्या विभाग के अधिकारियों तथा बीमा कंपनियों की सांठगांठ से हजारों प्रकरण निरस्त कर दिये तथा हजारों प्रकरण क्लेम भुगतान हेतु लंबित हैं? यदि हाँ, तो क्यों कारण बताइए तथा शासन ने क्या कार्यवाही की?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जनश्री बीमा योजना तथा आम आदमी बीमा योजना के तहत हितग्राहियों के बीमा हेतु योजनाओं के प्रारंभ होने से वर्ष 2015-16 तक विभाग द्वारा भारतीय जीवन बीमा निगम को अनुबंधित किया गया। भारत सरकार द्वारा भारतीय जीवन बीमा निगम के माध्यम से ग्रामीण मजदूरों के लिए आम आदमी बीमा योजना एवं नगरीय क्षेत्र के लिए जनश्री बीमा योजना प्रारंभ की गई है। भारत सरकार द्वारा योजना के क्रियान्वयन हेतु रु. 200/- प्रति सदस्य का वार्षिक प्रीमियम निर्धारित किया गया जिसमें रु. 100/- प्रति सदस्य भारत सरकार द्वारा तथा रु. 100/- प्रति सदस्य राज्य सरकार द्वारा जमा किये जाने का प्रावधान है, जिसके तहत योजना का संचालन किया जा रहा है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार। (ग) उक्त योजनाओं में दावा भुगतान हेतु निर्धारित प्रक्रिया एवं प्रकरण स्वीकृति हेतु विभिन्न स्तरों पर उत्तरदायी अधिकारी संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। (घ) जी नहीं। भारतीय जीवन बीमा निगम स्तर पर 375 प्रकरण स्वीकृति हेतु प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निजी यात्री बसों में ई-टिकिट की व्यवस्था
15. ( क्र. 2750 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यानसिंह सोलंकी : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश राज्य सरकार द्वारा राज्य परिवहन निगम को भंग कर यात्री परिवहन हेतु निजी यात्री बसों को नियम शर्तों के अधीन संचालन हेतु दिया गया है? यदि हाँ, तो किन शर्तों/नियम के अधीन दिया गया है? (ख) क्या इन नियम शर्तों में यह भी उल्लेख है कि यात्री सुविधा के लिये किन नियम के अंतर्गत दो सीटों के मध्य कितना अंतर होना चाहिये? वाहन चालक के लिये पृथक से केबिन होना चाहिये, जैसा कि महाराष्ट्र/राजस्थान बस परिवहन में है, जिससे वाहन चालन के दौरान यात्रियों के वार्तालाप से चालक को कोई परेशानी न हो? इसी प्रकार क्या यात्रियों को ई-टिकिट प्रदान किये जाने के संबंध में कोई प्रकरण विचाराधीन है? जिसमें कि यात्रियों को निर्धारित यात्री किराये से अधिक की वसूली न हो? क्या शासन ई-टिकिट की व्यवस्था करेगा, जिसमें कि बस क्रमांक, वाहन मालिक का पूर्ण पता, निर्धारित यात्री किराया, यात्रा की दूरी एवं टिकिट क्रमांक सहित उल्लेख हो? यह सुविधा कब तक उपलब्ध कराई जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) यात्री परिवहन के कर्मचारियों के द्वारा अधिक किराया लिये जाने की शिकायतें, वाहन संचालनकर्ताओं के द्वारा यात्रियों के साथ दुर्व्यवहार की शिकायत के चलते क्या शासन इस पर कोई कार्यवाही करेगा?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) यह सही है कि मध्यप्रदेश सड़क परिवहन निगम को राज्य शासन द्वारा बंद करने का निर्णय लिया गया है। मध्यप्रदेश सड़क परिवहन निगम द्वारा प्रदेश एवं प्रदेश के बाहर मार्गों पर बस संचालन दिनांक 01.10.2010 से पूर्णतः बंद कर दिया गया है। निगम के लिये प्रकाशित योजनाओं को मध्यप्रदेश शासन परिवहन विभाग की अधिसूचना दिनांक 15.05.2008 द्वारा रद्द कर दिये जाने के कारण निगम के लिये आरक्षित मार्गों पर जन सुविधा हेतु निजी प्रचालकों को मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 72 एवं 84 तथा मध्यप्रदेश मोटरयान नियम 1994 के नियम 77 में विहित शर्तों एवं प्रावधानानुसार वाहन संचालन हेतु परमिट दिये गये है। (ख) मध्यप्रदेश मोटरयान नियम 1994 के नियम 158 के अंतर्गत लोक सेवा यानों में यात्रियों के बैठने के लिये सीटों का माप निर्धारित है तथा वाहन चालक के बैठने हेतु मध्यप्रदेश मोटरयान नियम 1994 के नियम 163 के अनुसार यात्री बसों में चालक के लिये पृथक से केबिन होने का प्रावधान है। ई-टिकिट प्रदान किये जाने के संबंध में अभी कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) यात्रियों से अधिक किराये लिये जाने की शिकायत प्राप्त होने पर विभाग द्वारा यथोचित कार्यवाही की जाती है। साथ ही सतत् चलने वाली आकस्मिक जाँच के दौरान यह स्थिति पाये जाने पर बस संचालकों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाती है।
बलराम तालाबों का निर्माण
16. ( क्र. 2916 ) श्री राजेश सोनकर : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सांवेर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विगत 5 वर्षों से अब तक कहाँ-कहाँ पर बलराम तालाब निर्माण करने की स्वीकृति दी गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विगत 3 वर्षों में बलराम तालाबों के निर्माण में सांवेर विधानसभा क्षेत्र में कितनी-कितनी राशि कहाँ-कहाँ पर व्यय की गई? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में बलराम तालाब योजनांतर्गत कितने तालाबों का निर्माण पूर्ण किया गया व कितने तालाबों का निर्माण किया जाना शेष है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में कितने बलराम तालाब निर्माण शेष रहे हैं व किन कारणों से शेष हैं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) सांवेर विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2010-11 से अब तक स्वीकृत प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विगत तीन वर्षों में (2012-13 से 2014-15) स्वीकृत बलराम तालाब की कृषकवार/ग्रामवार सूची एवं वितरित अनुदान राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश "क" के अनुक्रम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार 638 बलराम तालाब का निर्माण कार्य पूर्ण किया गया है एवं 201 बलराम तालाब का निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है। (घ) कुल 201 बलराम तालाब का निर्माण कार्य शेष है। बलराम तालाब का निर्माण कृषकों द्वारा स्वयं अपने खेतों पर किया जाता है, कृषकों द्वारा बलराम तालाब निर्माण कार्य नहीं किये जाने के कारण शेष है।
लोकसेवा केन्द्रों पर अनियमितता
17. ( क्र. 2917 ) श्री राजेश सोनकर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में लोक सेवा प्रबंधन के तहत् नकल की प्रति प्राप्त करने हेतु प्रत्येक छायाप्रति हेतु शुल्क लिया जाना निर्धारित है? संबंधित नियम/शर्तों की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यह राशि प्रति एक पेज हेतु कितनी निर्धारित की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में शुल्क का निर्धारण किस नियम के तहत् किया गया है? नियम एवं शर्तें बतायें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’क’ अनुसार। (ग) संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’ख’ अनुसार।
पटवारियों के रिक्त पदों की पूर्ति
18. ( क्र. 3534 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खंडवा जिले में कुल कितने पटवारी कार्यरत हैं? तहसीलवार पटवारी हल्के एवं उनमें पदस्थ पटवारियों की संख्यात्मक जानकारी बतायें? (ख) क्या खंडवा विधानसभा क्षेत्र में पटवारी हल्कों के अनुपात में पदस्थ पटवारियों की संख्या अत्यंत कम हैं? यदि हो तो क्यों? क्या पटवारियों की कमी से ग्रामीण क्षेत्र में राजस्व के काम प्रभावित हो रहे हैं? (ग) वर्तमान में पटवारी पदों की पूर्ति किस प्रकार की जा रही है? क्या जिला स्तर से पटवारी चयन परीक्षा आयोजित किया जाना बन्द किया गया है? यदि हाँ, तो क्या अन्य माध्यम से पूर्ति की जाएगी यदि हाँ, तो कब तक? (घ) यदि नहीं, तो वर्तमान में जिले की प्रशिक्षित पटवारी प्रतिक्षा सूची में कितने नाम दर्ज हैं? खंडवा विधानसभा के पटवारी हल्कों पर पटवारियों की नियुक्ति/पदस्थापना कब तक पूर्ण कर ली जाएगी? (ड.) क्या विगत दिनों पटवारियों द्वारा अतिरिक्त हल्कों का प्रभार कम करने के लिए हड़ताल की गई थी? यदि हाँ, तो अतिरिक्त हल्कों के प्रभार के लिए क्या दिश निर्देश जारी किये गये है?
राजस्व
मंत्री ( श्री
रामपाल सिंह ) :
(क)
खण्डवा जिले
में कुल 158
पटवारी
कार्यरत है।
तहसीलवार
पटवारी हल्केवार
जानकारी
निम्नानुसार
हैः-
क्र. तहसील
का नाम स्वीकृत
पटवारी हल्कों
की संख्या
कार्यरत
पटवारियों की
संख्या
1 खण्डवा 72 45
2 पंधाना 29 28
3 पुनासा 36 45
4 हरसूद
47 24
5 खालवा 33 26
-------------------------------------------------------------------
कुल योग 217 158
-------------------------------------------------------------------
(ख) जी
हाँ, विधान
सभा क्षेत्र
खंडवा में
पटवारी
हल्कों के
अनुपात में
पदस्थ
पटवारियों की
संख्या कम है।
ग्रामीण
क्षेत्रों
में
पटवारियों की
कमी से कोई
कार्य
प्रभावित
नहीं हो रहे
है। (ग)
वर्तमान में 31/12/2015 तक
प्रदेश में
पटवारियों के
रिक्त 1376
पदों की
पूर्ति
व्यापम के
माध्यम से चयन
करने हेतु
प्रक्रियाधीन
है। (घ)
कंडिका ‘‘ग’’ अनुसार।
(ड.) जी हाँ। जी
नहीं।
किसान कल्याण की संचालित योजनाएं
19. ( क्र. 3539 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खंडवा जिले में किसान कल्याण विभाग की कौन-कौन सी योजनाएं संचालित है? बतायें? (ख) वर्ष 2013-2014 एवं 2014-2015 में कुल कितने किसान लाभांवित हुये? (ग) खंडवा विकासखंड में उक्त वर्षों में योजनाओं का लक्ष्य क्या रहा? किन-किन योजनाओं में शत्-प्रतिशत लक्ष्य पूर्ति की गई? (घ) किन-किन योजनाओं में लक्ष्य पूर्ति नहीं की जा सकी है, ऐसी कौन-कौन सी योजनाएं है? इसके लिए कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) मात्र बलराम तालाब योजना में वर्ष 2013-2014 में 7 कृषकों के आवेदन पंजीकृत हुये थे जिनकी तकनीकी स्वीकृति दी जाकर कार्य निर्माण की अनुमति भी दी गई थी जिसमें से 2 की पूर्ति की गई शेष 5 लक्ष्यों की पूर्ति कृषकों द्वारा रूचि न लेने के कारण संभव नहीं हो सकी जिसके लिये कोई अधिकारी जिम्मेदार नहीं है। वर्ष 2014-2015 में समस्त योजनाओं में लक्ष्य अनुसार शत्-प्रतिशत पूर्ति की गई है।
लोक कल्याण शिविर
20. ( क्र. 3561 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक कल्याण शिविरों में किन-किन विभागों के शासकीय सेवकों का आना अनिवार्य होता है? उन विभागों की सूची उपलब्ध करावें? उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत लोक कल्याण शिविर का आयोजन वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब कराया गया वर्षवार, दिनांकवार, स्थानवार जानकारी दें? उक्त शिविरों में किन-किन विभागों के प्रतिनिधि अनुपस्थित रहे? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के संदर्भ में लोक कल्याण शिविर में संबंधित विभागों के अनुपस्थित अधिकारियों पर कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो कब-कब किस-किस पर? यदि नहीं, तो क्यों? कार्यवाही कब तक की जायेगी? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उदयपुरा विधानसभा अन्तर्गत वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक शिविरों में कितने आवेदन प्राप्त हुये, व कितनों का निराकरण किया? शेष बचे आवेदनों का निराकरण कब तक किया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ एवं ‘‘ब‘‘ अनुसार। जनपद पंचायत बाडी के ग्राम हरडोब में दिनांक 10.12.2015 को आयोजित शिविर में महिला एवं बाल विकास के प्रतिनिधि अनुपस्थित रहे। (ख) उदयपुरा विकासखण्ड क्षेत्र अन्तर्गत जनपद पंचायत बाडी के ग्राम हरडोब में आयोजित लोक कल्याण शिविर में महिला एवं बाल विकास की परियोजना अधिकारी आई.सी.डी.एस. अनुपस्थित रहने से अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) बरेली द्वारा पत्र क्रमांक 9024 दिनांक 24-11-2015 से कारण बताओं सूचना पत्र जारी किया गया। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार।
गन्ना किसानों को भुगतान एवं गन्ना की विक्रय दर बढ़ाना
21. ( क्र. 3662 ) श्रीमती ममता मीना : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृपया नारायणपुर (राघौगढ़) गन्ना शक्कर सहकारी कारखाने में किसके द्वारा दिए गये गन्ने का गत पेराई वर्ष का भुगतान बकाया है? कितने किसानों की एवं कितनी राशि भुगतान हेतु बकाया हैं? (ख) यदि गत वर्ष का प्रश्नांश (क) में किसानों का भुगतान बकाया है तो कारण सहित बतायें कि कब तक भुगतान कर दिया जावेगा? क्या कर्मचारियों का वेतन भी बकाया है। (ग) क्या चालू वित्त वर्ष में गुना जिले के किसान गत वर्ष में भुगतान न होने से गुड़ (खाण्डसी) बनाकर बेच रहे है या उन्हें कम दर मिलने से गुड़ बनवा रहे हैं। क्या गत वर्ष की अपेक्षा चालू वर्ष में दर कम है? (घ) यदि प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के तथ्य सत्य हैं तो बतायें कि किसानों को कब तक सुविधा उपलब्ध करायेंगे यह भी बतायें कि चालू वर्ष में गन्ना की क्रय दर कब तक बढ़ाकर भुगतान करेंगे।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) शक्कर सहकारी कारखाने में कृषकों द्वारा दिये गए गन्ने का गत वर्ष का भुगतान बकाया है। पिराई सत्र 2014-15 में गन्ने का फेयर एण्ड रेम्यूनरेटिव प्राईज रूपये 220 प्रति क्विंटल अथवा इससे अधिक दर पर क्रय किया गया था। लगभग 19 लाख रूपये का भुगतान केवल उन कृषकों का बाकी है जो कि कारखाने में भुगतान लेने उपस्थित नहीं हुए है। कारखाने द्वारा भुगतान निरंतर जारी है। (ख) विगत पेराई सत्र 2014-15 के शक्कर के दाम अधिक गिर जाने के कारण कारखाने द्वारा कृषकों का भुगतान नहीं किया जा सका था, जो कि ब्याज सहित पेराई सत्र 2015-16 में किया जा रहा है। वर्तमान में केवल उन कृषकों का बाकी है जो कि कारखाने में भुगतान लेने उपस्थित नहीं हुये है। कारखाने द्वारा भुगतान निरंतर जारी है। कृषक कभी भी कार्यालयीन समय पर उपस्थित होकर भुगतान प्राप्त कर सकते है। कर्मचारियों के वेतन की बकाया राशि का भी भुगतान पेराई सत्र 2015-16 में किया गया है। (ग) जी नहीं, चालू पेराई सत्र 2015-16 में गन्ने का फेयर एंड रेम्नूनरेटिव प्राईज रूपये 230 प्रति क्विंटन है जो कि गत वर्ष से 10 रूपये प्रति क्विंटल अधिक है। (घ) कारखाने द्वारा कृषकों को गन्ने की बकाया राशि का भुगतान निरंतर किया जा रहा है। कृषक कभी भी कार्यालयीन समय पर उपस्थित होकर भुगतान प्राप्त कर सकते है। गन्ने की क्रय दर (फेयर एंड रेम्यूनरेटिव प्राईज) भारत सरकार द्वारा निर्धारित किया जाता है चालू वर्ष में गन्ने का फेयर एंड रेम्यूनरेटिव प्राईज गत वर्ष की तुलना में अधिक होने से प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
निविदाओं में फर्जी दस्तावेज लगाने विषयक
22. ( क्र. 3664 ) श्रीमती ममता मीना : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्री धर्मेन्द्र रघुवंशी ठेकेदार द्वारा निविदा क्र. 03/आर.ई.एस./ग्वा./ 2015-16 की निविदा के टेंडर नं. 6146 पेकेज नं. 0641 व टेंडर नं. 6147 पेकेज नं. 0642 ब्लॉक चांचोड़ा जिला गुना निर्माण कार्यों की निविदायें डाली गई थी? (ख) क्या श्री धर्मेन्द्र रघुवंशी ठेकेदार द्वारा ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग अशोकनगर का पत्र क्रं.1521/निविदा/ग्रा.यॉ.से./2013 दिनांक 30.12.2013 का फर्जी प्रमाण पत्र उक्त निविदाओं में लगाया गया था? (ग) क्या श्री धर्मेन्द्र रघुवंशी ठेकेदार का जब फर्जी प्रमाण पत्र विभाग के अधिकारियों द्वारा सत्यापित करा लिया है तो ऐसे फर्जी ठेकेदार पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो इसका जबावदार कौन है? (घ) क्या ऐसे ठेकेदार के विरूद्ध उसके ठेकेदार पंजीयन को ब्लैक लिस्ट किया जावेगा व ऐसे फर्जी ठेकेदार पर एफ.आई.आर. दर्ज करावेंगे समय-सीमा सहित बतावें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। प्रमाण पत्र त्रुटिपूर्ण पाया गया। (ग) श्री धर्मेन्द्र रघुवंशी ठेकेदार द्वारा निविदा प्रक्रिया में गलत प्रमाण पत्र लगाये जाने से उन्हें तकनीकी रूप से अयोग्य किया गया। (घ) ठेकेदार के विरूद्ध निविदा शर्तों के अंतर्गत कार्यवाही की गई है। ठेकेदारों के पंजीयन ब्लैक लिस्ट किया जाना विभाग के अधिकार क्षेत्र में नहीं है। निविदा शर्तों के अंतर्गत ठेकेदार को तकनीकी रूप से अयोग्य किया गया है अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
हीरापुर कौडि़या वृ.स. समिति का पुर्नस्थापन
23. ( क्र. 3826 ) श्री मोती कश्यप : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला व वि.ख. कटनी के ग्राम/ग्राम पंचायत, हीरापुर कौडि़या की वृहताकार सहकारी समिति में किन्हीं के द्वारा कोई गबन ओर अनियमितताओं के कारण कभी किन्हीं के विरूद्ध कोई कार्यवाही की गई है और किन्हीं कृषक हितग्राहियों को किसी प्रकार की राहत दी गई है, विवरण देवें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) समिति के कितने कि.मी. दूरी पर कौन-कौन से ग्राम आते हैं ओर कृषक हितग्राहियों की संख्या कितनी रही है तथा कौन-कौन सी गतिविधियां संचालित रही हैं? (ग) क्या प्रश्नांश (क) समिति को किन्हीं कारणों से किसी दूरी की किसी समिति संस्था से संबंद्ध व विलय किया गया है, जिससे ग्रामों की दूरी कितनी बन गई है और जिससे कौन सी गतिविधियों व योजनाएं प्रभावित हो रही है? (घ) क्या प्रश्नांश (क) को वृहत्ताकार सहकारी समिति के रूप में यथावत पुर्नस्थापित करने की दिशा में कभी कोई कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो कृषकों के हित में किन प्रकार की कार्यवाहियां कराई जाने पर प्रश्नांश (क) पुनर्गठित व पुर्नस्थापित हो सकेगी? (ड.) क्या विभाग प्रश्नांश (घ) हीरापुर कौडि़या की वृहत्ताकार सहकारी समिति के पुर्नस्थापन/पुनर्गठन हेतु किसी की नियुक्ति करेगी ओर किसी निश्चित अवधि में कार्यवाही संपादित करावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। वर्ष 1982-83 में वृहत्ताकार कृषि साख सहकारी समिति मर्यादित, हीरापुर कोडि़या में फर्जी ऋण वितरण किया गया था, जिसमें तत्कालीन समिति सहायक श्री मुन्नु सोनी, शाखा प्रबंधक श्री जगदीश प्रसाद विश्वकर्मा, सहायक मुख्य पर्यवेक्षक श्री शंकर प्रसाद विश्वकर्मा, पर्यवेक्षक श्री बृजभूषण दुबे, समिति प्रबंधक श्री विष्णुप्रसाद मिश्रा एवं श्री रामभाई कनोजिया तथा सहायक लेखापाल श्री किशोरी लाल यादव की सेवायें समाप्त की गई थी। प्रकरण की जाँच सी.बी.आई. द्वारा की जाकर चालान प्रस्तुत किया गया था जिसमें दोषियों को सजा दी गई थी। कृषकों को किसी प्रकार की राहत नहीं दी गई। (ख) समिति के ग्राम तथा उनकी समिति मुख्यालय से दूरी की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। समिति के सदस्यों की संख्या 669 है तथा समिति द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली एवं समर्थन मूल्य पर धान/गेंहूं खरीदी का कार्य किया जा रहा है। (ग) प्रश्नांश ‘क’ की समिति को किसी अन्य समिति से संबद्ध/विलय नहीं किया गया है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) वर्तमान में समिति कार्यरत है, किन्तु उसके द्वारा सदस्यों को ऋण वितरण का कार्य नहीं किया जा रहा है। प्रकरण में फर्जी ऋण वितरण के संबंध में परीक्षण किये जाने हेतु निर्देश दिये गये हैं। परीक्षणोपरांत कृषक सदस्यों को राहत देने एवं समिति से ऋण वितरण प्रारंभ किये जाने की कार्यवाही की जा सकेगी। (ङ) उत्तरांश ‘घ’ अनुसार परीक्षण हेतु संयुक्त आयुक्त, सहकारिता, जबलपुर संभाग, जबलपुर को निर्देश दिये गये। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना
24. ( क्र. 3921 ) कुमारी निर्मला भूरिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ जिले में मुख्यमंत्री आवास योजना अंतर्गत विगत तीन वर्ष में कितने प्रकरण स्वीकृत किये गये तथा कितने प्रकरण लंबित है? (ख) क्या मुख्यमंत्री आवास योजना अंतर्गत विभाग द्वारा प्रकरण स्वीकृत कर बैंक में भेज दिया जाता है किन्तु बैंक द्वारा अनावश्यक विलम्ब कर हितग्राहियों को परेशान किया जाता है? इसके लिये कौन जिम्मेदार है? (ग) प्रश्नांश (क) अवधि में मुख्यमंत्री आवास योजना अंतर्गत कितने हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) झाबुआ जिले में मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन के अंतर्गत विगत तीन वर्षों में 9923 आवासीय ऋण प्रकरण स्वीकृत किये गये एवं जिले में वर्तमान में 239 प्रकरण लंबित है। (ख) जी नहीं। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) विगत तीन वर्षों में मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन में 8712 हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया।
नलकूप खनन अनुदान में अनियमितता
25. ( क्र. 3922 ) कुमारी निर्मला भूरिया : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ-अलीराजपुर जिले में वर्ष 2013-14 से वर्तमान तक कितने नलकूप खनन कराए गए तथा उन पर कितना अनुदान दिया गया? (ख) प्रश्नांश (क) की अवधि में कुल कितने आवेदन प्राप्त हुए? इनमें से कितने स्वीकृत किए गए व कितने निरस्त किए गए व कितने लंबित हैं? (ग) क्या पूर्व में पंजीकृत कृषकों के नलकूप खनन पर अनुदान दिया गया तथा इसके लिए कोन जिम्मेदार हे? ऐसे प्रकरणों में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या विभाग लंबित प्रकरणों की स्वीकृति हेतु कोई कार्यवाही कर रहा है? यदि हाँ, तो इन प्रकरणों का कब तक निराकरण कर दिया जायेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मर्जर एग्रीमेंट के नाम पर भ्रमित एवं गलत जानकारी दिये से उत्पन्न स्थिति
26. ( क्र. 4015 ) श्री आरिफ अकील : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि प्रश्नकर्ता के प्रश्न 11 (क्र. 784) के उत्तर में मूल मर्जर एग्रीमेंट भारत सरकार के आधिपत्य में होने के कारण जानकारी देना संभव नहीं है का उत्तर दिया गया था? (ख) यदि हाँ, तो उक्त प्रश्न के उत्तर के बाद से प्रश्न दिनांक की स्थिति में मर्जर एग्रीमेंट की कितनी भूमियों के निराकरण जिला कलेक्टर कार्यालय भोपाल द्वारा निराकृत किए गए? नामवार निराकृत करने वाले अधिकारी का नाम व पद एवं वर्तमान पदस्थापना सहित यह भी अवगत करावें कि भोपाल में मर्जर एग्रीमेंट की भूमि कितनी व कहाँ-कहाँ पर स्थित है? (ग) क्या यह भी सही है कि विधान सभा के पूर्व सदस्य श्री जितेन्द्र कुमार डागा द्वारा दिनांक 02 जुलाई 2014 को माननीय मुख्यमंत्री, राजस्व मंत्री एवं मुख्य सचिव को पत्र लिखकर वर्ष 2008 से 2013 के मध्य 20 प्रश्न कलेक्टर भोपाल को लिखे पत्र पर कार्यवाही नहीं किए जाने संबंधी उल्लेख कर अवगत कराया था? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक की स्थिति में क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तों क्यों कारण सहित बतावें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) कोई कार्यवाही नहीं की गई है। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ उपयंत्री को सहायक यंत्री का प्रभार
27. ( क्र. 4156 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में मनरेगा के तहत कितने सहायक यंत्री एवं उपयंत्री पदस्थ है जनपद पंचायतवार,नामवार, सेक्टरवार जानकारी दें? (ख) क्या छतरपुर जिले की बड़ामलहरा जनपद पंचायत में जल संसाधन विभाग से मनरेगा में प्रतिनियुक्ति पद पदस्थ उपयंत्री को सेक्टर के साथ-साथ सहायक यंत्री का प्रभार दिया गया है? (ग) यदि हाँ, तो संबंधित उपयंत्री द्वारा अपने सेक्टर के किये गये मूल्यांकन का सहायक यंत्री की हैसियत से कब-कब सत्यापन किया गया, ग्राम पंचायतवार एवं एम.बी. विवरण सहित जानकारी उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो इस सेक्टर के कार्यों का सत्यापन किस सहायक यंत्री द्वारा किया गया? नाम सहित बतावें। (घ) क्या उपरोक्त प्रकार से सत्यापन किया जाना नियमों के अनुरूप है? यदि नहीं, तो दोषी को कब तक प्रभार से हटाया जावेगा एवं कब तक वैधानिक कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) छतरपुर जिले में मनरेगा के तहत 8 सहायक यंत्री के स्वीकृत पदों के विरूद्ध 5 सहायक यंत्री एवं उपयंत्री के स्वीकृत 56 पदों के विरूद्ध 33 उपयंत्री पदस्थ है। 09 सेक्टरों का प्रभार ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के उपयंत्रियों को दिया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जनपद पंचायत बड़ामलहरा में श्री एम.एल. अहिरवार, उपयंत्री जल संसाधन विभाग से प्रतिनियुक्ति पर ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, बडामलहरा में पदस्थ है, मनरेगा में प्रतिनियुक्ति में पदस्थ नहीं है। इन्हें सहायक यंत्री, मनरेगा, जनपद पंचायत बड़ामलहरा का अतिरिक्त प्रभार दिये जाने के पश्चात उपयंत्री सेक्टर जनपद पंचायत बड़ामलहरा के प्रभार से मुक्त कर दिया गया है। (ग) संबंधित उपयंत्री द्वारा अपने सेक्टर के किये गये कार्यों का मूल्यांकन का सत्यापन सहायक यंत्री की हैसियत से नहीं किया गया है। उस सेक्टर के कार्यों का सत्यापन श्री भवानी शंकर वर्मा अनुविभागीय अधिकारी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा उपसंभाग बड़ामलहरा द्वारा किया गया है। (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
रोजगार गारंटी योजनांतर्गत कुओं का निर्माण
28. ( क्र. 4157 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में रोजगार गारन्टी योजना के अंतर्गत वर्ष 2012-2013 तक स्वीकृत किए गए? कितने कुएं पूर्ण हो चुके हैं? इनमें से कितने कुंओं के पूर्णता प्रमाण पत्र जारी कर दिए हैं? कितने कुंओं का निर्माण पूरा नहीं हुआ है? (ख) वर्ष 2012-2013 तक रोजगार गारन्टी योजना के अंतर्गत स्वीकृत किस-किस ग्राम के किस हितग्राही का कुंआ किन-किन कारणों से प्रश्नांकित दिनांक तक भी पूरा नहीं हो पाया है? (ग) कुंओं को पूर्ण करवाए जाने के लिए शासन क्या कार्यवाही कब तक करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) छतरपुर जिले में रोजगार गारन्टी योजना के अंतर्गत वर्ष 2012-2013 तक 12,447 कुएं स्वीकृत किये गये हैं, जिनमें से 11,037 कूप पूर्ण हो चुके हैं, पूर्ण कूपों में से 11,031 कूपों के पूर्णता प्रमाण पत्र जारी किये जा चुके हैं। 1,272 कूप प्रगतिरत हैं एवं 138 परित्यक्त घोषित किये गये है। (ख) वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रगतिरत कूपों को पूर्ण कराये जाने हेतु विभाग के पत्र क्र. 5542 दिनांक 12.05.2013 एवं पत्र क्र. 8532 दिनांक 27.08.2015 के द्वारा रोजगार की मांग करने वाले जॉबकार्डधारी परिवारों को साध्य अपूर्ण कार्यों में प्राथमिकता से काम पर लगाकर पूर्ण कराये जाने के निर्देश सभी जिलों को जारी किये गये है।
इंदिया आवास योजना
29. ( क्र. 4213 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला पंचायत रीवा के पत्र क्रमांक 988/आई.ए.वाय./जिला पंयायत/2015 रीवा दिनांक 21.05.2015 के द्वारा ग्राम पंचायतों से 3 वर्षों के लिये 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 के लिए इंदिरा आवास योजना हेतु हितग्राहियों के प्रस्ताव जनपद प्रचायत से मगाएं गये थे? (ख) यदि हाँ, तो जिला पंचायत रीवा द्वारा आवंटित प्रतिग्राम पंचायत आरक्षण रोस्टर सहित इंदिरा आवास योजना का लाभ रीवा जिले के सम्पूर्ण्ा जनपद पंचायतों को प्रदान किया जा चुका है? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में प्रत्येक ब्लॉक के प्रतिग्राम पंचायत से मंगाएं गए हितग्राहियों की सूची से वर्ष 2015-16 की पात्रता रखने वाले हितग्राहियों को इंदिया आवास योजना का लाभ प्राप्त होने के उपरान्त शेष हितग्राहियों की सूची में ही वर्ष 2016-17 एवं वर्ष 2017-18 में जिला पंचायत द्वारा आरक्षित संख्या एवं रोस्टर अनुसार इसी शेष सूची से हितग्राहियों को इंदिरा आवास योजना का लाभ दिया जावेगा? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के संदर्भ में रीवा जिले के जनपद पंचायत मऊगंज एवं हनुमना के अन्तर्गत आने वाले प्रत्येक ग्राम पंचायतों द्वारा दिये गये इंदिया आवास योजना के हितग्राहियों की संख्या बातएं? (ड.) प्रश्नांश (क), (ख), (ग), (घ) के संदर्भ में क्या ग्राम पंचायत द्वारा प्राप्त प्रस्ताव में लाभांश से शेष रह गये हितग्राहियों को ही प्रतिक्षा सूची मानी जाती है? यदि हाँ, तो रीवा जिले में इसका पालन किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों कारण बतावें? भविष्य में इसका पालन किया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) वर्ष 2016-17 एवं वर्ष 2017-18 के लिए भारत शासन से निर्देश प्राप्त होने पर निर्देशानुसार कार्यवाही की जावेगी। (घ) जनपद पंचायत हनुमना एवं मऊगंज अंतर्गत आने वाली प्रत्येक ग्राम पंचायतों द्वारा दिए गये इंदिरा आवास योजना के हितग्राहियों की संख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ड.) जी हाँ। ग्राम पंचायत द्वारा प्राप्त प्रस्ताव में से लाभांश शेष रह गये हितग्राहियों की सूची को ही प्रतीक्षा सूची माना जावेगा। भविष्य में भारत सरकार के निर्देशानुसार कार्यवाही की जावेगी।
कृषकों को बीमा क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान
30. ( क्र. 4214 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले में किसानों की फसल बीमा राशि रबी एवं खरीफ की फसलों में खाद डालने हेतु के.सी.सी. द्वारा प्रदत्त ऋण/नगद खाद के मूल्य के अतिरिक्त बीमा की राशि भी जोड़कर सेवा/वृहताकार/कृषक/आ.जाति/सेवा सहकारी समितियों द्वारा कृषकों से राशि ले ली जाती है? (ख) प्रश्नांश ‘क’ के संदर्भ में यदि हाँ ? तो रीवा जिले में मऊगंज एवं हनुमना ब्लॉक अन्तर्गत स्थित सभी सहकारी समितियों के द्वारा वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में कितने किसानों से बीमा की राशि ली गई है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में कितने कृषकों को बीमा की क्षतिपूर्ति राशि का कितना भुगतान वर्ष 2013-14 एवं वर्ष 2014-15 में किया गया है? किस नियम से किया गया है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में यदि नहीं, तो क्यों? कारण बतावें। इस राशि का भुगतान कब तक कर दिया जावेगा? इसके लिये कौन दोषी है? दोषी के खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी? समय-सीमा बतावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना के अंतर्गत क्षतिपूर्ति का आकलन राज्य शासन के राजस्व विभाग द्वारा फसल कटाई प्रयोग के द्वारा प्राप्त उपज के आकड़ों के आधार पर बीमा कंपनी द्वारा दावा राशि की गणना (बीमित राशि × (थ्रेशहोल्ड उपज-वास्तविक उपज)/थ्रेशहोल्ड उपज) फार्मूले से की जाती है। (घ) उत्तरांश ‘ग’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
घरों में शौचालय निर्माण
31. ( क्र. 4403 ) कुमारी मीना सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय प्रधानमंत्री जी के स्वच्छ भारत अभियान जो 02 अक्टूबर, 2014 से प्रारंभ किया गया उसमें घरों में शौचालय निर्माण के लिये अनुदान राशि रूपये 12,000/- निर्धारित की गई है? इस योजना अंतर्गत अक्टूबर, 2014 से प्रश्न दिनांक तक मानपुर विधानसभा क्षेत्र जिला उमरिया अंतर्गत कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई, कितने शौचालयों का निर्माण पूर्ण हुआ कितने अपूर्ण है तथा अपूर्ण कब तक पूर्ण कर दिया जायेंगे? शौचालय निर्माण हेतु हितग्राहियों को राशि किसके माध्यम से प्राप्त हुई, क्या हितग्राहियों को पूरी राशि बांट दी गई अथवा उन्हें शौचालय बनाने हेतु कुछ सामग्री व शेष कितनी राशि दी गई? स्पष्ट विवरण दें? लाभांवित हितग्राहियों की नाम पता सहित जानकारी दें? (ख) क्या इस अभियान के लिये कोई मार्गदर्शिका बनाई गई है? प्रति उपलब्ध करावें। क्या ऐसे भी प्रकरण शासन के ध्यान में आये हैं, जिसमें खाते से राशि निकाल ली गई, मौके पर शौचालय नहीं है? (ग) क्या प्रश्न दिनांक तक उक्त निर्माण कार्य में अनियमितता बरती गई है तथा कुछ निर्माण कार्य किये बिना ही राशि का आहरण हो चुका है? यदि हाँ, तो संबंधितों के विरूद्ध शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों तथा कब तक कार्यवाही की जायेगी? (घ) क्या शासन यह भी सुनिश्चित करेगा कि संबंधित हितग्राही के यहां शौचालय निर्माण हो जाये?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। योजनांतर्गत राशि क्षेत्रवार प्राप्त नहीं होती है। शौचालय निर्माण में राशि रूपये 253.08 लाख व्यय की गई। मानपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 2109 शौचालय पूर्ण कराये गये, कोई भी शौचालय अपूर्ण नहीं है। निर्माण हेतु एजेंसी ग्राम पंचायत द्वारा हितग्राहियों के शौचालय निर्माण के देयक (सामग्री एवं मजदूरी) के परीक्षण उपरांत राशि श्रमिकों एवं बैण्डरों के खाते में तथा हितग्राहियों द्वारा निर्माण किये गये शौचालयों की संपूर्ण राशि परीक्षण उपरांत हितग्राहियों के खाते में राशि रूपये 253.08 लाख अंतरित की गई है। लाभान्वित हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। मार्गदर्शिका की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब अनुसार है। जी नहीं। (ग) जी नहीं। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश ‘ग’ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सूखा ग्रस्त घोषित करना
32. ( क्र. 4497 ) पं. रमाकान्त तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा वर्ष 2015-16 में रीवा जिले की किन-किन तहसीलों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है? (ख) रीवा जिले की त्यौंथर तहसील की कौन-कौन सी ग्राम पंचायतों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है एवं कौन-कौन सी ग्राम पंचायतों को नहीं घोषित किया गया? (ग) सूखाग्रस्त घोषित करने के लिये क्या मापदण्ड विभाग द्वारा अपनाये गये है? (घ) क्या जो ग्राम पंचायतें सूखाग्रस्त होने के बावजूद भी सूखाग्रस्त घोषित नहीं हुई है उन्हें दोबारा सर्वे कराकर सूखाग्रस्त घोषित किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) हुजूर, रायपुर कर्चुलियान, गुढ़, सिरमौर, सेमरिया, मनगवां, त्यौंथर, जवा, मऊगंज, नईगढ़ी एवं हनुमना सूखा घोषित किया गया है। (ख) रीवा जिले के तहसील त्यौंथर सूखा घोषित है। तहसील के अन्तर्गत सभी गाँव शामिल होते हैं। (ग) सूखा घोषित करने के मापदण्ड मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग 2007 सूखा के स्थाई निर्देश के अन्तर्गत अल्पवर्षा, फसल कटाई प्रयोगों के आधार पर आनावारी एवं रबी की बोनी के आधार पर सूखा घोषित किया जाता है। मापदण्डों का विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
बैंक खातों से फर्जी आहरण
33. ( क्र. 4505 ) पं. रमाकान्त तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनपद पंचायत त्यौंथर के पत्र क्र. 154/न.पं./2014 दिनांक 05.11.2014 से ग्राम पंचायत गंगतीरा कला के तत्कालीन सरपंच गुलाब कली एवं तत्कालीन सचिव अरविन्द सिंह द्वारा रू. 20,422280/- बैंक खातों से फर्जी आहरण के आरोप में थाना सोहागी में प्राथमिकी दर्ज करने हेतु लिखा गया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या प्राथमिकी दर्ज की गई है? यदि प्राथमिकी अब तक नहीं की गई तो कारण बतायें? कब तक प्राथमिकी दर्ज होगी? (ग) वित्तीय अनियमितता प्रमाणित होने के बाद तत्कालीन सरपंच, सचिव के विरूद्ध अब क्या कार्यवाही की गई? यदि अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों? कब तक कार्यवाही करेंगे? (घ) क्या तत्कालीन सरपंच एवं तत्कालीन सचिव के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करना सुनिश्चित करेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। परन्तु राशि रू. 2042280.00 (रूपये बीस लाख ब्यालीस हजार दो सौ अस्सी) की वित्तीय अनियमित्ता किये जाने के संबंध में जनपद पंचायत त्यौंथर द्वारा एफ.आई.आर. दर्ज किये जाने हेतु थाना सोहागी को लिखा गया है। (ख) जी नहीं, प्रश्नांकित दिनांक तक थाना सोहागी द्वारा प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है। शीघ्र प्राथमिकी दर्ज कराये जाने के लिये मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रीवा एवं पुलिस अधीक्षक रीवा को पत्र लिखा गया है। (ग) तत्कालीन सरपंच एवं सचिव के विरूद्ध म.प्र.पंचायतराज एवं ग्रामस्वराज अधिनियम 1993 की धारा 92 के तहत कार्यवाही हेतु जनपद पंचायत त्यौंथर के पत्र क्रमांक 257 दिनांक 29.03.2014 द्वारा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व त्यौंथर को लेख किया गया है। प्रकरण अनुविभागीय अधिकारी त्यौंथर के यहां प्रचलित है। सचिव श्री अरविंद कुमार सिंह को कार्यालय जिला पंचायत रीवा के आदेश क्रमांक 1540 दिनांक 12.06.2014 द्वारा निलंबित किया गया। अपचारी सचिव से प्राप्त उत्तर के आधार पर कार्यालय जिला पंचायत के आदेश क्रमांक 3022 दिनांक 18.07.2014 द्वारा निलंबन से बहाल किया जाकर आदेश क्रमांक 3022-ए दिनांक 18.07.2014 द्वारा विभागीय जाँच संस्थित की गई। विभागीय जाँच प्रचलित है। जाँच पूर्ण होने पर जाँच निष्कर्ष अनुसार गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जायेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तर प्रश्नांश ‘क’ एवं ‘ख’ अनुसार।
संस्था से सदस्यों के अवैध निष्कासन
34. ( क्र. 4595 ) श्री मधु भगत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 07/05/12 से प्रश्न दिनांक तक कामधेनु गृह निर्माण सहकारी समिति भोपाल डी.आर.बी. 296 के वर्तमान संचालक मण्डल द्वारा कुल कितने भूखण्ड किन-किन सदस्यों को विक्रय/पंजीकृत कराये हैं? सभी पंजीकृत भूखण्डों की जानकारी, सदस्यों के नाम तथा उनके द्वारा संस्था में जमा की गई राशि का संपूर्ण सदस्यतावार विवरण देवें? (ख) कामधेनु गृह निर्माण सहकारी समिति भोपाल में दिनांक 07/05/2012 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन सदस्यों को संस्था की सदस्यता से निष्कासित किया गया हैं? कृपया समस्त निष्कासित सदस्यों की सूची, उनके निष्कासन के कारणों तथा संचालक मण्डल की बैठकों में इस बाबत् लिए गए निर्णयों के संपूर्ण विवरण सदस्यतावार देवें? (ग) कामधेनु गृह निर्माण सहकारी समिति भोपाल में दिनांक 07/05/12 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन व्यक्तियों को नए सदस्य बनाये गये है? सदस्यों द्वारा संस्था में जमा की गई राशि के साथ संपूर्ण विवरण सदस्यतावार देवें? (घ) दिनांक 11 मार्च 2015 को अतारांकित प्रश्न क्रमांक 3991 के प्रश्नांश (ग) एवं (घ) की विभाग द्वारा जाँच का हवाला दिया गया था? उक्त जाँच किसके द्वारा की गई? जाँच अधिकारी का नाम, पद एवं जाँच प्रतिवेदन तथा उक्त जाँच प्रतिवेदन पर विभाग द्वारा की गई कार्यवाही का संपूर्ण विवरण देवें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) कामधेनु गृह निर्माण सहकारी समिति मर्यादित भोपाल द्वारा प्रश्नांकित जानकारी उपलब्ध नहीं कराये जाने के कारण सहकारी अधिनियम की धारा 57 के अंतर्गत रिकार्ड जब्त करने हेतु आदेश एवं सहकारी अधिनियम की धारा 56 (3) के अंतर्गत कार्यवाही हेतु कारण बताओं सूचना पत्र जारी किये गये है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश ’’क’’ अनुसार। (घ) जी हाँ, उक्त जाँच श्री विनोद कुमार गुप्ता, वरिष्ठ सहकारी निरीक्षक द्वारा की गई है जाँच प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जाँच प्रतिवेदन अनुसार कोई कार्यवाही अपेक्षित नहीं थी, किन्तु माननीय उच्च न्यायालय द्वारा याचिका क्रमांक 6318/2015 में पारित निर्णय दिनांक 01.05.2015 के अनुपालन में याचिकाकर्ता श्री एम.एल. गौड़ द्वारा की गई शिकायतों में प्रश्नांश का बिन्दु भी सम्मिलित होने से उक्त जाँच संयुक्त आयुक्त, सहकारिता भोपाल संभाग, भोपाल द्वारा की जा रही है।
मुख्य कार्यपालन अधिकारियों के विरूद्ध शिकायत
35. ( क्र. 4623 ) श्री कैलाश चावला : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर जिले में कितने मुख्य कार्यपालन अधिकारियों के विरूद्ध नियमों के विपरीत (फर्जी) नियुक्तियां देने की शिकायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत/कलेक्टर मंदसौर को वर्ष 2014-15 में प्राप्त हुई? (ख) उक्त शिकायतों की जाँच में क्या निष्कर्ष पाये गये व क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वर्ष 2014-2015 में शिकायत प्राप्त न होने से उत्तर निरंक है। (ख) प्रश्नांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
पटवारी हल्का क्र. 77 खसरा क्रमांक 280 सागर
36. ( क्र. 4966 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पटवारी हल्का नं. 77, खसरा क्रमांक 280, रकबा 0.37 डिसमिल जिला सागर में किसके नाम दर्ज हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त जमीन वास्तविक कब्जाधारी व्यक्ति काबिज है या नहीं? यदि नहीं, तो कारण सहित बतावें? (ग) यदि नहीं, तो संबंधित व्यक्ति को कब्जा न दिलाने में कौन दोषी है? (घ) क्या उक्त जमीन विक्रय की गयी है? यदि हाँ, तो कब व किसके नाम, पता सहित जानकारी उपलब्ध करावें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) सागर जिले में कुल 11 तहसील हैं। तहसील सागर एवं तहसील बण्डा में ही पटवारी हल्का नं. 77 खसरा क्रमांक 280 है, अन्य किसी तहसील में प्रश्नाधीन पटवारी हल्का नं. स्थित नहीं है। तहसील सागर के पटवारी हल्का नं. 77 बहेरिया गदगद स्थित खसरा नं. 280 रकबा 0.62 आरे की भूमि अनिलकुमार पिता बनारसी दास जिंदल निवासी 2640/198 ओमकार नगर, श्रीनगर दिल्ली के नाम पर दर्ज है। तहसील बण्डा के पटवारी हल्का नं. 77 खसरा नं. 280 रकबा 1.03 हे. की भूमि अनुरूद्ध प्रसाद पिता घासीराम के नाम पर दर्ज है। (ख) जी हाँ। (ग) उत्तरांश ‘‘ख‘‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (घ) जी नहीं।
दोषी अधिकारियों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही
37. ( क्र. 5052 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला पंचायत सतना में पदस्थ अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी को स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत प्रचार प्रसार सामग्री मुद्रण 30,04,281 रू. की वित्तीय अनियमितता किये जाने का दोषी माना गया है? यदि हाँ, तो अपचारी अधिकारी के विरूद्ध विभाग द्वारा आज दिनांक तक दण्डात्मक कार्यवाही क्यों नहीं की गई? क्या राज्य शासन में अपचारी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने की समय-सीमा निर्धारित की है? (ख) क्या अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सतना ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी की पदमुद्रा का दुरूपयोग करते हुए जिला पंचायत सतना के पत्र क्रमांक/जि.पं./2014/4041 दिनांक 20/02/2014 द्वारा सी.ई.ओ. समस्त जनपद पंचायत सतना को सौर ऊर्जा लैम्प (अक्षय ऊर्जा) खरीदने के लिए निर्देश देकर करोड़ों की खरीदी श्रीधर एनर्जी हाउस नं. 24 होशंगाबाद से कराई गई है? यदि हाँ, तो क्या उक्त निर्देश देने के अधिकार उन्हें राज्य शासन द्वारा दिया गया था? यदि नहीं, तो पद का दुरूपयोग माना जाकर दोषी मानते हुए उनके विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा सी.ई.ओ. जिला पंचायत को भ्रमित कर शासन के प्रतिबंध के बावजूद जिला पंचायत सतना के आदेश क्रमांक 1710 दिनांक 05/06/2015 द्वारा पुष्पेन्द्र नागर को लेखापाल, आदेश क्रमांक 1711 दिनांक 05/06/15 द्वारा अनिल कुमार शर्मा को सहायक मानचित्रकार तथा आदेश क्रमांक 2446 दिनांक 04/07/2015 द्वारा कमलेश सुमन को डाटा एन्ट्री ऑपरेटर के पद पर नियुक्ति दी गई है? यदि हाँ, तो क्या उक्त नियुक्ति नियम विरूद्ध किये जाने हेतु ए.सी.ई.ओ. को दोषी मानकर इनके विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) प्रश्नांश (ख) में वर्णित सौर ऊर्जा लैम्प खरीदी में भण्डार क्रय नियम का पालन न किये जाने के कारण अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी, सी.ई.ओ. जनपद पंचायत समस्त सहित दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही कब तक की जावेगी तथा राशि की वसूली कब तक कर ली जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत सतना को म.प्र.शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के आदेश क्र. 565/250/22/वि-5/स्था./2016 दिनांक 16/02/2016 द्वारा निलंबित किया जाकर मुख्यालय जिला पंचायत भिण्ड नियत किया गया है तथा विभागीय जाँच प्रारंभ की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) सतना जिले अंतर्गत सौर ऊर्जा लाईट क्रय में नियमों का पालन किया गया है अथवा नहीं की जाँच, राज्य स्तरीय समिति गठित कर की जा रही है। समिति की रिपोर्ट प्राप्त होने पर नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जावेगी। (ग) जी नहीं। युक्तियुक्तकरण किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश ‘ख’ अनुसार।
फसल अनावरी (तुजर्बा) के मापदण्ड
38. ( क्र. 5099 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में राजस्व विभाग द्वारा फसल आनावारी (तुजर्बा) का मापदण्ड किस आधार पर किया जाता हैं एवं उक्त नीति क्या राजा टोण्डरमल के समय से विभाग द्वारा लागू की गयी है? (ख) उक्त नियमों में शासन द्वारा कब-कब संशोधन किया गया है एवं किन-किन नियमों में संशोधन किया गया है? (ग) क्या वर्तमान में फसल आनावारी में धान के अनावरी 7 क्विंटल प्रति एकड़ उत्पादन को 100 प्रतिशत उत्पादन माना जाता है? यदि हाँ, तो क्या वर्तमान में धान का जीके में कृषि विभाग द्वारा कितना औसत उत्पादन माना गया है? (घ) क्या शासन स्तर पर फसल आनावारी मापदण्ड नीति में वर्तमान फसल उत्पादन को देखते हुए आनावारी नीति में परिवर्तन करने हेतु शासन स्तर पर विचार किया जा सकता है? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सीमांकन प्रकरणों का निराकरण
39. ( क्र. 5106 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र 112 अंतर्गत किन-किन ग्रामों में कितने हितग्राहियों के वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक सीमांकन तहसील कार्यालय में लंबित है? (ख) कितने सीमांकनों का निराकरण प्रश्न दिनांक तक नहीं किया गया है और क्यों? (ग) उक्त सीमांकन के संबंध में अधिकारी/कर्मचारी द्वारा उक्त सीमांकन का निराकरण कब तक करा लिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) तहसील वारासिवनी एवं खैरलांजी में कुल 23 सीमांकनों का निराकरण शेष है, लंबित सीमांकन आवेदन माह फरवरी 2016 के होने से निराकरण नहीं हो पाया है 15 दिवस में निराकरण कर लिया जावेगा। (ग) तहसीलदार वारासिवनी एवं खैरलांजी के कुल 23 सीमांकन प्रकरणों का निराकरण 15 दिवस के भीतर करा लिया जावेगा।
पंचायतकर्मी की शिकायत
40. ( क्र. 5188 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिले के जनपद पंचायत सोहागपुर में फर्जी प्रस्ताव से मंगलेश्वर मिश्रा पंचायत कर्मी की नियुक्ति कब की गई थी, तथा नियुक्ति से संबंधित कब-कब, किस-किसके द्वारा शिकायत की गई है? शिकायतवार, कार्यवाहीवार विवरण दें? (ख) प्रश्नांश (क) के कर्मचारी द्वारा कब-कब, कितनी-कितनी राशि गबन की गई? उक्त में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? बताएं? (ग) उक्त कर्मचारी के प्रकरण में माननीय उच्च न्यायालय के याचिका क्र. 10304/2014 में पारित आदेश दिनांक 10.09.2014 के परिपालन में क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही न करने के लिये कौन दोषी है और कब तक की जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं, फर्जी प्रस्ताव से नियुक्ति नहीं की गई है। शहडोल जिले से प्राप्त जानकारी अनुसार जनपद पंचायत सोहागपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत जोधपुर में ग्राम पंचायत के वैध प्रस्ताव दिनांक 30.12.2010 द्वारा दिनांक 30.12.2010 को श्री मंगलेश्वर मिश्रा पंचायत कर्मी की नियुक्ति की गई थी तथा कलेक्टर शहडोल के आदेश क्रमांक 7459 दिनांक 24.12.2011 से ग्राम पंचायत जोधपुर का सचिव घोषित किया गया था। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार। नियुक्ति से संबंधित प्राप्त शिकायत एवं कृत कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’ अनुसार। (ख) श्री मंगलेश्वर मिश्रा पंचायत सचिव द्वारा वित्तीय वर्ष 2012-13 से 2014-15 की अवधि में विभिन्न मद में कुल राशि रू. 1708871.00 की वित्तीय अनियमितता किये जाने के कारण कलेक्टर शहडोल के आदेश क्रमांक 1862 दिनांक 18.03.2016 द्वारा उसके सचिवीय अधिकार समाप्त किये गये हैं। (ग) मान. उच्च न्यायालय की याचिका क्रमांक 10304 (2014) में पारित आदेश दिनांक 10.09.2014 के संदर्भ में तीन सदस्यीय जाँच दल गठित कर जाँच प्रचलित है। जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर गुण-दोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। (घ) प्रश्नांश ‘क’ एवं ‘ख’ के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही की जा चुकी है। प्रश्नांश ‘ग’ के परिप्रेक्ष्य में जाँच प्रचलित है, जांचोपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। अतः प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वाटरशेड योजना के कार्य
41. ( क्र. 5225 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोकनगर जिले में वाटरशेड योजना में किन-किन गांवों में कितनी-कितनी लागत में क्या कार्य हुये तथा कितने कार्य चालू हैं? (ख) भविष्य में कौन-कौन से वाटरशेड कितनी लागत के कौन-कौन गांव में लेने की योजना है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) ऐसी योजना नहीं है, क्योंकि भारत सरकार, ग्रामीण विकास मंत्रालय, भूमि संसाधन विभाग ने नवीन परियोजनायें स्वीकृत करने के बजाय पूर्व में स्वीकृत परियोजनाओं को प्राथमिकता पर पूर्ण करने के निर्देश जारी किये हैं।
जलाशयों के पट्टा आवंटन प्रक्रिया में अनियमितता
42. ( क्र. 5409 ) श्री मोती कश्यप : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अशोकनगर जिला पंचायत की कृषि स्थायी समिति की बैठक दिनांक 18-08-2015 में किन्हीं विकासखण्डों के अधिकार क्षेत्र के किन्हीं हेक्टेयर से सिंचाई जलाशयों के पट्टे आवंटन में किन्हीं आवेदक समितियों में से किन्हीं समितियों के पट्टा आवंटन हेतु अनुमोदन किया गया है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) जलाशयों में मत्स्यपालन की मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास विभाग की कोई नीति प्रभावशील है और उसमें किन्हीं जाति/वर्ग के मछुआ को वरीयता व प्राथमिकता प्रदान की गई है और क्या उन जाति/वर्ग की पंजीयत मछुआ सहकारी समितियों को वरीयता व प्राथमिकता प्रदान की गई है? नहीं, तो कारण दर्शायें? (ग) क्या त्रिस्तरीय पंचायतराज अधिनियम और प्रश्नांश (क) नीति अनुसार जनपद पंचायतों के अधिकार क्षेत्र के जलाशयों पर जिला पंचायत की कृषि स्थायी समिति द्वारा पट्टा आवंटन का अनुमोदन करना जनपद पंचायतों के अधिकारों का अतिक्रमण करना तथा अधिनियम का उल्लंघन करना सिद्ध करता है और जो निरस्त किये जाने योग्य है? (घ) क्या प्रश्नांश (क) कार्यवाही को निरस्त कर प्रश्नांश (ख) नीति के अंतर्गत एक निर्धारित अवधि में जनपद पंचायतों की कृषि स्थायी समितियों से अनुमोदित कराया जावेगा और सक्षम अधिकारी से आदेश जारी कराकर अनुबंध निष्पादित कराया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) सहायक संचालक,मत्स्योद्योग अशोकनगर ने अपने पत्र क्र./74/संसम/वि.स./2015-16 अशोकनगर दिनांक 16.03.2016 के तहत् अवगत कराया है कि अशोकनगर जिला पंचायत की कृषि स्थायी समिति की बैठक दिनांक 18.08.2015 में निम्न समितियों के पट्टा आवंटन का अनुमोदन किया गया हैः-1.अमाही जलाशय-मांझी मछुआ सहकारी समिति मर्या. अशोकनगर। 2. कौचा जलाशय-केवट मांझी मछुआ सहकारी समिति कुम्हर्रा वि.खं. मुगावली। 3. साजन महू- प्रस्तावित आदिवासी मछुआ सहकारी समिति साजन महू वि.खं. मुगावली। 4.ढाकोनी जलाशय-मछुआ सहकारी समिति मर्या. ढकोनी वि.खं. ईसागढ़। 5.ज्माखेड़ी जलाशय-प्रस्तावित रायमीन मछुआ सहकारी समिति बरखेड़ा हेमराज वि.खं. अशोकनगर। 6.मौला जलाशय- प्रस्तावित आदिवासी मछुआ सहकारी समिति जसैया वि.खं. मुगावली। (ख) जलाशयों के प्रश्नांश ‘‘क‘‘ पट्टा आवंटन में मत्स्य विभाग के नियम निर्देश अनुसार वरीयता प्रदान की गई। (ग) प्रश्नांश ‘‘क‘‘ एवं ‘‘ख‘‘ के जलाशयों के पट्टा आवंटन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, जिला पंचायत अशोकनगर अधिकार क्षेत्र के उपरोक्त सिंचाई जलाशयों को लीज पर देने की अनुमति हेतु प्रस्ताव पत्र क्र./9459/मत्स्य/2015-16, दिनांक 11.12.2015 भेजा गया। आयुक्त ग्वालियर के पत्र क्रमांक/क्यू./विकास/सामान्य/30/ मत्स्य/पट्टा/2015/292 ग्वालियर, दिनांक 12.01.2016 द्वारा जिला पंचायत अशोकनगर के द्वारा चाहे गये अनुमोदन को अमान्य कर पुनः यथाशीघ्र स्वीकृति योग्य अनुमोदन ठहराव प्रस्ताव अभिमत सहित भेजने के निर्देश दिये गये है, जिसमें अगामी कार्यवाही जिला पंचायत अशोकनगर द्वारा की जा रही है। (घ) प्रश्नांश ‘‘क‘‘ एवं ‘‘ख‘‘ से संबंधित कार्यवाही जिला पंचायत अशोकनगर द्वारा कराई जाकर अनुबंध निष्पादन की कार्यवाही जारी कराकर अनुबंध निष्पादित कराया जावेगा।
कम्प्यूटर खरीदी में अनियमितता
43. ( क्र. 5576 ) श्री
अनिल
फिरोजिया :
क्या पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) जिला
सहकारी केन्द्रीय
बैंक
मर्यादित उज्जैन
द्वारा वर्ष 2012-13, 13-14 एवं 14-15 में
कितने कम्प्यूटर
किस दिनांक को
किस एजेन्सी
के माध्यम से
क्रय किये गये? क्या
उक्त खरीदी
हेतु कोई
विज्ञप्ति
जारी की गई थी? यदि हाँ, तो
किस-किस
समाचार पत्र
में? (ख) क्या
उक्त कम्प्यूटर
क्रय करने
हेतु किसी
तकनीकी
विशेषज्ञ की
सलाह ली गई थी? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या
क्रय किये गये
कम्प्यूटर
की गुणवत्ता
एवं बाजार
मूल्य का सत्यापन
कराया गया? यदि
नहीं, तो
क्यों?
(घ) क्या
उक्त खरीदी
की जाँच कराई
जाकर दोषियों
के विरूद्ध
कोई
कार्यवाही की
जावेगी?
यदि
हाँ, तो
कब तक?
पंचायत
मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव
) : (क)
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है।
जी नहीं। शेष
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ख)
जी नहीं। बैंक
द्वारा बताया
गया, कि
कम्प्यूटर
नाबार्ड
द्वारा दिये
गये स्पेसिफिकेशन
के अनुसार
क्रय किये
गये। प्रकरण में
जाँच आदेशित
की गई। शेष
जाँच
निष्कर्षाधीन।
(ग) जी नहीं।
प्रकरण में
जाँच आदेशित
की गई। शेष जाँच
निष्कर्षाधीन।
(घ) उत्तरांश ‘ख’ एवं
‘ग’
अनुसार
जाँच आदेशित
की गई है। शेष
जाँच निष्कर्षाधीन
समयावधि
बताया जाना
संभव नहीं है।
कोष एवं लेखा विभाग में L.D.C. के पद पर फर्जी पदोन्नति
44. ( क्र. 5587 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्री मुन्ना लाल बंसल नि. मोतीमहल गांधी बाजार विजयपुर ने शासन को श्री दिनेश बाथम उप संचालक कोष एवं लेखा ग्वालियर के L.D.C. पद पर पदोन्नति फर्जी होने की जाँच कराने के संबंध में शिकायत की थी? यदि हाँ, तो इस शिकायत के आधार पर म.प्र. शासन जनशिकायत निवारण विभाग ने PG/438771/2013/NA द्वारा आयुक्त कोष एवं लेखा को पत्र लिखा था इस पी.जी. कोड में प्राप्ती दिनांक 06.04.2013 लिखा था? (ख) क्या इस PG/438771/2013/NA की जाँच रिपोर्ट शिकायतकर्ता श्री बंसल को आज तक नहीं दी गई है ऐसा क्यों? (ग) क्या जाँच रिपोर्ट शिकायतकर्ता को प्रदाय नहीं करने से ऐसा प्रतीत नहीं हो रहा है कि उक्त फर्जी पदोन्नति के प्रकरण को रफा-दफा करने में बड़े-बड़े अधिकारी का ही हाथ है? यदि ऐसा नहीं है तो शिकायतकर्ता को एवं प्रश्नकर्ता को कब तक प्रश्नांश (क) में वर्णित अधिकारी के फर्जी पदों की जाँच रिपोर्ट प्रदाय कर दी जावेगी?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही हैं।
दुकानों की नीलामी
45. ( क्र. 5588 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कृषि उपज मण्डी समिति अम्बाह द्वारा अगस्त/सितम्बर 2012 में करोली माता रोड की तरफ दुकानों की नीलामी बोली लगवाई थी? यदि हाँ, तो किस-किस व्यक्ति को कौन से नंबर की दुकान कितनी राशि पर नीलाम की गई थी? (ख) नीलामी बोली किन-किन अधिकारियों की उपस्थिति में किस दिनांक को लगवाई गई थी? क्या नीलामी बोली समाप्त होने के बाद एक अधिकारी बोली से संबंधित कागजों पर हस्ताक्षर किये बगैर चले गये थे तथा अंत में उक्त नीलामी निरस्त करवा दी गई थी? यदि हाँ, तो शासन ऐसे अधिकारी को चिन्हित कर, कब तक उनके विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या शासन वर्ष 2012 में नीलाम की गई उक्त दुकानों को बोलीधारकों को दुकानें दिलवाने की कार्यवाही करेगा, यदि हाँ, तो कब तक, नहीं तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी नहीं। मंडी समिति अम्बाह द्वारा माह अगस्त/सितम्बर 2012 में करोली माता रोड की तरफ दुकानों की नीलामी बोली नहीं लगवाई गयी थी। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) मंडी समिति अम्बाह में प्रश्नांक-क में उल्लेखित माह अगस्त, सितंबर 2012 अनुसार दुकानों की नीलामी नहीं की जाने से किसी अधिकारी को चिन्हित कर उसके विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश-क अनुसार दुकानों की नीलामी की कार्यवाही नहीं होने से बोलीधारकों को दुकान दिये जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
सहकारी समितियों के ऑडिट में अनियमितता
46. ( क्र. 5718 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सहकारी समितियों के आय व्यय के ऑडिट करने के नियम है? यदि हाँ, तो कितने वर्ष के अंतराल से सहकारी समिति का ऑडिट किया जाता है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिला राजगढ़ में पंजीकृत सहकारी समितियों में से वर्ष 2013-14 एवं वर्ष 2014-15 में कितनी समितियों का अंकेक्षण किया गया तथा कितनी समितियां अंकेक्षण हेतु शेष है वर्गवार अंकेक्षण की जानकारी देवें (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार की गई ऑडिट रिपोर्ट में ली गई आपत्तियों का निराकरण किया गया है? यदि नहीं, तो शेष रही आपत्तियों का निराकरण कब तक कर लिया जावेगा? (घ) क्या राजगढ़ जिले की जिन सहकारी समितियों का पिछले 5 वर्षों से आज दिनांक तक ऑडिट नहीं कराया गया हो तो उन समितियों में कार्यरत कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, मध्यप्रदेश सहकारी सोसाइटी अधिनियम 1960 की धारा 58 के तहत सहकारी संस्थाओं की संपरीक्षा प्रति वर्ष करायें जाने का प्रावधान है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) ऑडिट रिपोर्ट में ली गई आपत्तियों का निराकरण समय-समय पर कराया जाता है, शेष आपत्तियों का निराकरण यथाशीघ्र करा लिया जावेगा, निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (घ) जी हाँ। जिले में पाँच से अधिक वर्षों से अंकेक्षण नहीं कराने वाली कुल 20 संस्थाओं में से पाँच सहकारी संस्थाओं के कर्मचारियों के विरूद्ध ऑडिट नहीं करायें जाने के कारण मध्यप्रदेश सहकारी सोसाइटी अधिनियम 1960 की धारा 56 (3) के तहत सूचना पत्र जारी किया गया है, शेष संस्थाओं पर भी कार्यवाही की जावेगी।
निर्माण कार्य में अनियमितता की जाँच
47. ( क्र. 5719 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले की विधान सभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत कार्यरत कृषि उपज मण्डी सारंगपुर, पचोर एवं उपमण्डियों में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक विभिन्न करों आदि से कितनी कितनी राजस्व आय प्राप्त हुई वर्षवार, मण्डीवार आय से अवगत करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार शासन द्वारा मण्डी निधि से किस-किस मण्डी में कौन-कौन से विकास कार्य किये गये वर्षवार, मण्डीवार, कार्यवार लागत राशि के विवरण से अवगत करावें? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार उत्तर में दर्शित कार्यों की भौतिक एवं वित्तीय स्थिति तथा उनके निर्माण एजेंसी के विवरण तथा कार्यपूर्ण करने की वास्तविक तिथि से अवगत करावें? (घ) प्रश्नांश (ग) में विलंब से कार्य पूर्ण करने वाले निर्माण एजेंसी के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार निर्माण कार्य समय-सीमा में कराये गये है। अत: एजेंसी के विरूद्ध कार्यवाही नहीं की गई।
परिवहन विभाग द्वारा जनता के हो रहे शोषण
48. ( क्र. 5731 ) श्री मधु भगत : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के परि. अता. प्रश्न संख्या-3 (क्रमांक 408), दिनांक 07.12.2015 के प्रश्नांश (क) में पूछा गया था कि बालाघाट सिवनी, आर.टी.ओ. कार्यालय के अन्तर्गत पिछले 2 वर्षों में कितनी शिकायतें जिला स्तर आयुक्त स्तर तथा शासन स्तर पर प्राप्त हुई उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई जिसके उत्तर में विभाग द्वारा मात्र कर्मचारियों से संबंधित शिकायतों का दिया गया है जबकि प्रश्न में मेरा आशय मात्र कर्मचारियों तक ही सिमित न होकर सभी प्रकार की शिकायतों से संबंधित था, अत: अपूर्ण एवं भ्रामक उत्तर क्यों दिया गया? क्या शासन स्तर पर, आयुक्त स्तर (विभागाध्यक्ष) पर, उक्त जिलों से संबंधित कोई भी शिकायत/प्रकरण विचाराधीन नहीं है? क्या किसी प्रकार की शिकायत/आपत्तियां प्राप्त नहीं हुई थी? (ख) उक्त जिले में वर्ष 2014-15 में पदस्थ कार्यपालिक, अधिकारियों/कर्मचारियों ने राजस्व वृद्धि शासन के निर्देशों का पालन, जनता को सुविधाएं उसकी सुरक्षा, निर्धारित किराया राशि लिये जाने हेतु कहाँ-कहाँ के दौरे, निरीक्षण कब-कब किये? (ग) भ्रामक अपूर्ण उत्तर के लिये कौन जिम्मेदार है? नाम, पद तथा प्रस्तावित कार्यवाही बतायें?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) मान. विधायक महोदय के पूर्व प्रश्न क्रमांक-408 में बालाघाट व सिवनी आर.टी.ओ. कार्यालय के अंतर्गत उल्लेख होने से उक्त प्रश्न की जानकारी कर्मचारियों से संबंधित प्रतीत होने के आशय अनुसार दृष्टिचूक के कारण दी गई थी। अपूर्ण एवं भ्रामक उत्तर दिये जाने का आशय बिल्कुल नहीं था। प्रश्नांश में उल्लेखित आशय अनुसार प्राप्त शिकायतों का विवरण निम्नानुसार है :-
1. जिला परिवहन कार्यालय बालाघाट में प्राप्त शिकायतें :- (अ) कर्मचारियों से संबंधित शिकायत-06, (ब) सी.एम. हेल्प लाइन की शिकायत-195, (स) जन सुनवाई में प्राप्त शिकायत-06, (द) अन्य शिकायतें-05 2. जिला परिवहन कार्यालय सिवनी में प्राप्त शिकायतें :-(अ) कर्मचारियों से संबंधित शिकायत-01, (ब) सी.एम. हेल्प लाइन की शिकायत-103, (स) जन सुनवाई में प्राप्त शिकायत - 08 (द) अन्य शिकायतें-02 शासन स्तर/परिवहन आयुक्त स्तर पर प्राप्त 08 शिकायतों में से दो शिकायतें निराकृत की गई है। शेष 06 शिकायतों पर जाँच की कार्यवाही प्रचलित है। (ख) बालाघाट जिले में वर्ष 2014-15 में विभिन्न दिनांकों को पदस्थ कार्यपालिक अधिकारियों/कर्मचारियों ने लालबर्रा, कनकी, बालाघाट नगर क्षेत्र, बोलेगाँव, बेहरई, गर्रा, सरेखा, रूपझर, बैहर रोड, बीजाटोला, बैहर, पौडी, मलाजखण्ड, बिरसा तथा अन्य स्थानों को दौरा किया गया है। वाहनों के जब्ती पत्रक की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। सिवनी जिले में वर्ष 2014-15 में पदस्थ कार्यपालिक अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा भोमा कान्हीवाडा पलारी केवलारी सिवनी क्षेत्र तथा अन्य स्थानों का दौरा किया गया है। शेषांश की जानकारी संकलित की जा रही है। (ग) जाँच कराई जा रही है। जाँचोंपरांत विधि अनुसार आगामी आवश्यक कार्यवाही की जायेगी।
सुखे से प्रभावित कृषकों प्रदान की जाने वाली आर्थिक अनुदान
49. ( क्र. 5744 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र गुनौर अंतर्गत वर्तमान कृषि वर्ष 2015-16 में कितने खाताधारी है? ग्रामवार बतावें। वर्ष 2015-16 में सूखा से प्रभावित रकबा व स्वीकृत आर्थिक अनुदान सहायता राशि ग्रामवार कृषकवार बतावें? आर्थिक अनुदान सहायता राशि प्राप्त करने हेतु कितने कृषक शेष है? (ख) क्या पटवारियों द्वारा कुछ किसानों से पैसा लेकर मनमानी आर्थिक अनुदान सहायता राशि के प्रकरण तैयार किये गये हैं तथा जिन किसानों द्वारा फसल नहीं बोई गई थी उन्हें भी आपदा राशि दी गई? क्या जाँच व सर्वे पुन: कराया जाकर जो किसान आर्थिक अनुदान सहायता राशि से वंचित रह गये हैं उन्हें मुआवजा दिया जायेगा? (ग) क्या किसानों के खाते अन्य बैंक होने के बाद भी सहकारी बैंक को सूखा राहत राशि दी गई तथा किसानों से कहा जा रहा है कि सहकारी बैंक में खाता खोलें तभी राशि दी जावेगी? क्या सहकारी बैंक में खाता होना आवश्यक है? यदि हाँ, तो नियम बतावें? (घ) क्या शासन की मंशा अनुसार उक्त आपदा राशि शीघ्र किसानों के खातों में अंतरित की जानी चाहिये? जिन कृषकों के खातों में प्रश्न दिनांक तक राशि अंतरित नहीं की गई है उनके खातों में राशि कब तक अंतरित कर दी जावेगी? क्या आज दिनांक तक राशि अंतरित न करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक बतावें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
घटिया आंगनवाड़ी और सड़क निर्माण
50. ( क्र. 5756 ) श्री हर्ष यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला रायसेन तहसील सिलवानी में वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा अंतर्गत मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना से निर्मित घटिया-अमानक सड़कों के संबंध में स्थानीय जनप्रतिनिधियों सहित अन्य स्त्रोतों से प्राप्त शिकायतों का ब्यौरा दें? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत किन शिकायतों की जाँच कराई गई, किनकी नहीं? जाँच हुई तो रिपोर्ट की प्रति दें एवं दोषियों के खिलाफ कार्यवाही/वसूली का ब्यौरा दें? जाँच नहीं हुई तो क्यों? (ग) प्रश्नाधीन अवधि में जिला रायसेन की तहसील सिलवनी अंतर्गत ग्रामीण यांत्रिकी सेवा को ग्राम पंचायतों में आंगनवाड़ी भवन निर्माण के लिये शासन से कितनी राशि किस-किस स्थान पर भवन निर्माण हेतु शासन से प्राप्त हुई? कहाँ-कहाँ भवन निर्माण किया गया? (घ) प्रश्नांश (ग) अतंर्गत प्राप्त राशि के विरूद्ध कहाँ-कहाँ भवन निर्माण नहीं हुआ? कहाँ पर कितनी राशि शेष है? कितनी राशि मनमर्जी से अन्य मदों पर खर्च कर दी गई? दोषियों के नाम व पद बतावें? इनसे वसूली कब तक की जावेगी? नहीं तो कारण बतावें? निर्माण कब प्रारंभ होगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) अंतर्गत सभी शिकायतों की जाँच कराई गई। जाँच प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। शेष विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। जाँच कराई गई अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में जिला रायसेन के तहसील सिलवानी अंतर्गत ग्रामीण यांत्रिकी सेवा को आंगनबाड़ी भवन निर्माण हेतु राशि प्राप्त नहीं होने से आंगनबाड़ी भवन का निर्माण कार्य नहीं कराया गया है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
साधारण सभा की अवहेलना
51. ( क्र. 5757 ) श्री हर्ष यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम पंचायत सरपंच को यह अधिकार प्राप्त है कि वह ग्राम पंचायत की साधारण सभा में सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव को स्वेच्छा से वापस ले सके? क्या सरपंच उस प्रस्ताव का पालन करने के लिये अबाध्य है? इसके विपरीत कार्य करने हेतु किस विधि द्वारा सरपंच को प्रतिपुष्ट किया गया है? (ख) क्या जिला रायसेन अंतर्गत ग्राम पंचायत कुचवाड़ा के ग्राम रोजगार सहायक को स्वेच्छाचारिता, अनुशासनहीनता, कर्तव्य में लापरवाही के चलते माह सितम्बर-अक्टूबर 2014 में सेवा से पृथक करने का निर्णय साधारण सभा में लिया गया था? पारित प्रस्ताव की प्रति दें? (ग) क्या इस मामले की शिकायत विभिन्न स्तरों पर होने के बावजूद आज तक उक्त कर्मचारी को सेवा से पृथक नहीं किया गया? (घ) साधारण सभा के आदेश का पालन कब तक कराया जावेगा? समय-सीमा बतावें? साधारण सभा का प्रस्ताव अपालन किन स्तरों पर हुआ है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। सरपंच साधारण सभा में सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव का पालन करने हेतु बाध्य है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। पारित प्रस्ताव की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) मामले में प्राप्त शिकायत असत्य पाये जाने के कारण सेवा से पृथक नहीं किया गया है। (घ) उत्तरांश ‘‘ग‘‘ अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सड़कों का गुणवत्ता परीक्षण
52. ( क्र. 5786 ) श्री विष्णु खत्री : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बैरसिया वित्तीय वर्ष 2010-11 से प्रश्नांश दिनांक तक कितने मार्ग प्रधानमंत्री सड़क योजनांतर्गत निर्मित किये गये हैं वर्षवार, मार्गवार, दूरी सहित सूची उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित मार्गों में से बेरावल से भाटनी मार्ग का गुणवत्ता परीक्षण किस एजेन्सी के माध्यम से किस अधिकारी द्वारा किया गया है? क्या विभाग उक्त मार्ग की गुणवत्ता से संतुष्ट है? (ग) प्रश्नांश (क) में दर्शित मार्गों का गुणवत्ता परीक्षण किस-किस एजेन्सी के कौन-कौन से अधिकारियों के माध्यम से किया गया है? मार्गवार, अधिकारीवार नाम सहित सूची उपलब्ध करावें? (घ) प्रश्नांश (क) में दर्शित मार्गों का गुणवत्ता परीक्षण नहीं हुआ है, तो ऐसे मार्गों के गुणवत्ता परीक्षण के लिये विभाग क्या कार्यवाही करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विधानसभा क्षेत्र बैरसिया में वित्तीय वर्ष 2010-11 से प्रश्न दिनांक तक 08 सड़कें प्रधानमंत्री सड़क योजनांतर्गत निर्मित की गई हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत बेरावल से भाटनी सड़क का निर्माण कार्य प्रगति पर है। अतः उक्त मार्ग उत्तरांश (क) में दर्शित नहीं है। इस सड़क का गुणवत्ता परीक्षण करने वाले एन.क्यू.एम./एस.क्यू.एम./इकाई के अधिकारियों/एस.क्यू.सी. के टीम लीडर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। उक्त सड़क के भुगतान किये गये कार्य की गुणवत्ता संतोषप्रद है। (ग) उत्तरांश (क) में दर्शित सड़कों की गुणवत्ता परीक्षण करने वाले विभाग के वरिष्ठ अधिकारी/एन.क्यू.एम/एस.क्यू.एम./इकाई के अधिकारी/एस.क्यू.सी. के टीम लीडर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ग) के प्रकाश में सभी सड़कों का गुणवत्ता परीक्षण किया गया है अतः प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कपिलधारा कूप निर्माण में फर्जी भुगतान
53. ( क्र. 5867 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर जिले की ग्राम पंचायत परापट्टी के कपिल धारा कूपन के निर्माण के मस्टर रोल की संख्या क्रमांक 259 के क्रमांक 2 पर नीलम पत्नी चरन सिंह का नाम अंकित है। यदि हाँ, तो श्रीमती नीलम सिंह शिक्षक होने के बावजूद किसकी लापरवाही से मस्टर रोल में उनका नाम अंकित किया गया? (ख) क्या कोई ग्राम पंचायत परापट्टी के मस्टर रोल संख्या 289 एवं 338 के क्रमांक 4 पर श्रीमती नीलम सिंह का नाम दर्ज है। यदि हाँ,तो उसकी राशि का भुगतान किसने प्राप्त किया? (ग) ग्राम पंचायत परापट्टी के आंगनबाड़ी केन्द्र क्रमांक 01 में पदस्थ श्रीमती रामा आंगनबाड़ी सहायिका के रूप में पदस्थ हैं। यदि हाँ, तो राजीव गांधी सेवा केन्द्र परापट्टी के निर्माण कार्य के मस्टर रोल संख्या 442 के क्रमांक 21 में जिस श्रीमती रामा का नाम दर्ज है वह कौन सी महिला है तथा इसका भुगतान किसने प्राप्त किया है? (घ) यदि प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) का उत्तर हां है तो इस गंभीर आर्थिक अनियमितता के लिए कौन जिम्मेदार है तथा उनके विरूद्ध क्या एवं कब तक कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। श्रीमती नीलम सिंह शिक्षक होने के बावजूद निर्माण एजेन्सी ग्राम पंचायत सरपंच एवं सचिव की लापरवाही से उनका मस्टर रोल में नाम अंकित किया गया है। (ख) ग्राम पंचायत परापट्टी के मस्टर रोल संख्या 289 जारी नहीं हुआ है। मस्टर रोल 338 के क्रमांक 4 पर श्रीमती नीलम सिंह का नाम दर्ज है। उक्त राशि का भुगतान नीलम सिंह के पति श्री चरन सिंह के खाते में किया गया है। (ग) जी हाँ। कार्य की मजदूरी का भुगतान श्रीमती रामा के पुत्र श्री लखन विश्वकर्मा के खाते में किया गया है। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में उल्लेखित अनियमितताओं के लिये ग्राम पंचायत परापट्टी के सरपंच एवं सचिव जिम्मेदार है। उक्त कारणों से श्री रवि कुमार मलिक, सचिव ग्राम पंचायत परापट्टी को निलंबित किया गया है तथा श्री मोती चढार, सरपंच ग्राम पंचायत परापट्टी के विरूद्ध पंचायतराज अधिनियम 1993 की धारा 40 के तहत पद से पृथक किये जोन हेतु प्रकरण सक्षम प्राधिकारी को प्रस्तुत किया गया है।
कृषकों को अनुदान वितरण
54. ( क्र. 5868 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर संभाग के अतंर्गत छतरपुर जिले एवं टीकमगढ़ जिले में बीज उत्पादन कार्यक्रम के लिए म.प्र. राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था में कितनी बीज उत्पादक संस्थाएं पंजीकृत/कार्यरत् है। (ख) वर्ष 2012-13 से 2014-15 एवं 2015-16 तक सीजनवार लिये गये बीज उत्पादन कार्यक्रम के अतंर्गत पंजीकृत कृषकों में से कितने कृषकों को कृषि विभाग द्वारा अनुदान वितरण किया गया? (ग) क्या कृषि विभाग द्वारा सीधे कृषकों के खाते में अनुदान की राशि नहीं दी जाती है? यदि हाँ, तो वो संबंधित अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की गई? (घ) कृषकों को वितरित अनुदान राशि की संख्यात्मक जानकारी दोनों जिले की उपलब्ध करायें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) सागर संभाग के अंतर्गत बीज उत्पादन कार्यक्रम के लिए म.प्र. राज्य बीज प्रमाणीकरण सस्था में छतरपुर जिले में 36 संस्थायें पंजीकृत जिसमें से 33 कार्यरत एवं टीकमगढ़ जिले में 90 संस्थायें पंजीकृत जिसमें से 78 कार्यरत है। (ख) वर्ष 2012-13 अंतर्गत मात्र रबी सीजन में लिये गये बीज उत्पादन कार्यक्रम के अंतर्गत पंजीकृत कृषकों में से जिला टीकमगढ़ में 111 कृषकों को तथा छतरपुर में 140 कृषकों को अनुदान वितरण किया गया है, जबकि वर्ष 2013-14 से 2015-16 तक की जानकारी निरंक है। (ग) म.प्र. शासन, किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग, मंत्रालय, भोपाल द्वारा सीजनवार जारी आदेश एवं बीज उत्पादन अनुदान भुगतान प्रावधान संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जिलों द्वारा शासन के निर्देशानुसार कार्यवाही की गई है, अत: कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) वर्ष 2012-13 में जिला टीकमगढ़ में 111 कृषकों को राशि रूपये 52.14 लाख तथा छतरपुर में 140 कृषकों को राशि रूपये 60.01 लाख अनुदान का वितरण किया गया है जबकि वर्ष 2013-14 से 2015-16 तक की जानकारी निरंक है।
इंदौर जिले में लीज पर दी गई संपत्तियां
55. ( क्र. 5880 ) सुश्री उषा ठाकुर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा विधानसभा क्षेत्र-3 इंदौर में कई संपत्तियां लीज पर दी हुई हैं? हाँ, तो (I) संपत्ति (II) किसे दी गई (III) कब से दी गई और कितने वर्षों के लिये (IV) क्या लीज अवधि समाप्त होने पर रिन्यू की गई अथवा नहीं? हाँ, तो रिन्यू कब तक के लिये (V) बदले में शासन को क्या मिला? (ख) क्या लीज डीड की शर्तों का कई स्थानों पर पालन नहीं हो रहा है और संपत्ति अन्य उपयोग में ली जा रही है? हाँ, तो किन-किन के द्वारा और उस पर 15.2.16 तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) दिनांक 15.2.16 की स्थिति में लीज निरस्ती के कुल कितने प्रकरण विचाराधीन हैं और किन-किन में लीज निरस्ती के नोटिस दिये गये अथवा शासन के उच्च अधिकारियों को लिखा गया? (घ) लीज निरस्त करने के कौन-कौन से प्रकरण विभिन्न न्यायालयों में 15.2.16 की स्थिति में लंबित हैं और वे किस स्टेज पर है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
इंदौर जिले में मण्डी टैक्स से सड़क निर्माण
56. ( क्र. 5883 ) सुश्री उषा ठाकुर : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इंदौर की मंडियों में विक्रय हेतु लाई गई कृषि उपज पर मूल्यांकन अनुसार 2% मंडी शुल्क लिया जाता है जिसका 50% भाग म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड भोपाल भेजा जाता है और इसका 0.85 प्रतिशत किसान सड़क निधि के लिये आरक्षित रहता है? हाँ तो वित्त वर्ष 2011-12 से 2014-15 तक वर्षवार, मंडीवार प्राप्त राशि बतावें? इसमें से कितनी राशि बोर्ड को भेजी गई और कितनी राशि सड़क निर्माण हेतु रखी गई? 2011 से पहले की कितनी राशि बची हुई थी? (ख) इंदौर जिले में सड़क निर्माण कहाँ-कहाँ कब-कब हुआ और प्रत्येक में कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? (ग) दिनांक 31.1.16 की स्थिति में मंडीवार कितनी-कितनी राशि 0.85% के हिसाब से सुरक्षित है? (घ) वित्त वर्ष 2016-17 में कितनी 0.85% वाली राशि अनुमानित प्राप्त होना है और कहाँ-कहाँ निर्माण कार्य प्रस्तावित है? उनकी लागत क्या होगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। निर्धारित 1 प्रतिशत राशि बोर्ड को भेजी गई, जिसमें किसान सड़क निधि की 0.85 प्रतिशत राशि सम्मिलित है। मंडी स्तर पर कोई राशि शेष नहीं है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) बोर्ड स्तर पर 0.85 प्रतिशत राशि समस्त प्रदेश के लिये सम्मिलित रूप से जमा रहती है। जो म.प्र. कृषि उपज मंडी (राज्य विपणन विकास निधि) नियम 2000 के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा विहित रीति से बोर्ड द्वारा व्यय की जाती है। (घ) वर्ष 2016-17 में 0.85 प्रतिशत की दर से किसान सड़क निधि मद से प्रदेश की समस्त मण्डियों में अनुमानित राशि रू. 410.00 करोड़ प्राप्त होना संभावित है। जिसे म.प्र. कृषि उपज मंडी (राज्य विपणन विकास निधि) नियम 2000 के अंतर्गत गठित "साधिकार समिति" द्वारा स्वीकृत कार्यों पर व्यय की जाती है।
शासकीय भूमि का रकबा
57. ( क्र. 5984 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर जिले के ग्राम क्रमश: पानखेड़ी, कालापीपल, भरदी, रोसी, चाकरोद, भीलखेड़ा एवं भान्याखेड़ी में सन् 1925 के जिल्द बंदोबस्त रिकार्ड में शासकीय भूमि का रकबा कितना था? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित गांवों में प्रश्न दिनांक तक शासकीय भूमि का कितना रकबा है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ग्रामों में सन् 1950 से प्रश्न दिनांक तक शासकीय भूमि का रकबा कम कैसे हुआ?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) शाजापुर जिले के प्रश्नांश में उल्लेखित ग्रामों में सन् 1925 क जिल्द बन्दोबस्त रिकार्ड में शासकीय भूमि का रकबा निम्नानुसार है :-
क्र. |
ग्राम का नाम |
शा.भूमि का रकबा (हे.में) सन् 1925 की स्थित में |
1. |
पानखेडी |
490.095 |
2. |
कालापीपल |
713.369 |
3. |
भरदी |
444.491 |
4. |
रोसी |
302.496 |
5. |
चाकरोद |
762.798 |
6. |
भीलखेडा |
406.923 |
7. |
भान्याखेडी |
635.182 |
(ख)
प्रश्न
दिनांक तक
शासकीय भूमि
का रकबा निम्नानुसार
है :-
क्र. |
ग्राम का नाम |
प्रश्न दिनांक तक शा.भूमि का रकबा (हे.में) |
1. |
पानखेडी |
99.265 |
2. |
कालापीपल |
106. |
3. |
भरदी |
84.694 |
4. |
रोसी |
124.288 |
5. |
चाकरोद |
196.339 |
6. |
भीलखेडा |
66.663 |
7. |
भान्याखेडी |
87.705 |
(ग) सन् 1950 से प्रश्न दिनांक तक भूमि का रकबा भूमि बंटन होने के कारण कम हुआ है।
फर्जी नियुक्ति पर कार्यवाही
58. ( क्र. 6017 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर जिले के सुरखी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत अनुभाग राहतगढ़ अंतर्गत जनपद कार्यालय में एक महिला को कलेक्टर सागर के फर्जी हस्ताक्षरयुक्त नियुक्ति का आदेश अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय में कार्य कर रहे एक कम्प्यूटर ऑपरेटर द्वारा दिया जाकर उसे ज्वाइन कराया गया था? (ख) यदि हाँ, तो क्या ज्वाइनिंग के बाद प्रश्नांश (क) में वर्णित फर्जी आदेश की जानकारी होने पर प्रकरण की पुलिस थाना राहतगढ़ में एफ.आई.आर. दर्ज करायी गयी थी? यदि हाँ,तो एफ.आई.आर. दर्ज कराने वाले अधिकारी का नाम, पदनाम एवं कार्यरत स्थान की जानकारी देते हुये एफ.आई.आर. की प्रति उपलब्ध करायें? (ग) यदि प्रश्नांश (क) एवं (ख) में वर्णित तथ्य सही हैं तो प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न संख्या 79 (क्रमांक 1876) दिनांक 16.12.2015 में प्रकरण के संबंध में संबंधित विभाग द्वारा निरंक जानकारी उपलब्ध कराये जाने के लिये कौन अधिकारी उत्तरदायी है? नाम, पदनाम एवं कार्यरत स्थान की जानकारी दी जाये? (घ) प्रश्नांश कंडिका (ग) के परिप्रेक्ष्य में स्पष्ट रूप से बताया जाये कि प्रश्नकर्ता के प्रश्न के संबंध में गलत जानकारी देने वाले अधिकारी के विरूद्ध कब तक अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? कारण बतावें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) कुमारी मनीषा पिता भारत सिंह निवासी वार्ड क्रमांक 6 राहतगढ़ द्वारा स्वंय की नियुक्ति आदेश कमांक 1329/स्थापना/2014 दिनांक 8/10/2014 की प्रति के साथ मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत राहतगढ़ में उपस्थिति प्रस्तुत की गई थी। अनुविभागीय अधिकारी राहतगढ़ कार्यालय में कार्यरत कम्प्यूटर ऑपरेटर द्वारा ज्वाइनिंग कराने संबंधी कोई तथ्य नस्ति पर उपलब्ध नहीं है। (ख) जी हाँ। श्री सिकन्दर खान मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत राहतगढ़ द्वारा पुलिस थाना राहतगढ़ में एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई थी। शेष प्रश्न की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। (ग) अतारांकित प्रश्न कमांक 1876 दिनांक 16.12.2015 के अनुसार अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) राहतगढ़ के अर्तगत तहसील कार्यालय में फर्जी आदेश के अनुसार किसी भी महिला की नियुक्ति नहीं की गई थी। शेष प्रश्नांष की जानकारी निरंक है। प्रश्न संख्या 79 क्रमांक 1876 दिनांक 16/12/2015 को प्रेषित उत्तर की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार। (घ) अनुविभागीय राहतगढ़ के अर्तगत तहसील कार्यालय राहतगढ़ में किसी भी महिला की फर्जी नियुक्ति नहीं होने के फलस्वरूप प्रश्न से संबंधित जानकारी गलत नहीं दी गई थी। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नि:शक्तजनों की सुविधा हेतु योजनाएं
59. ( क्र. 6043 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले में जिला पंचायतों, जनपद पंचायत एवं ग्राम पंचायतों द्वारा कौन-कौन सी योजनाएं निशक्तजनों एवं अन्य पिछड़े वर्ग के लोगों की सुविधा हेतु चलाई जा रही है? (ख) विभिन्न योजनाओं में हितग्राही की पात्रता क्या है यदि पात्रता की श्रेणी में हितग्राही नहीं आता और वह वास्तव में जरूरतमंद है तो विभाग पात्रता में शिथिलता करेगा? (ग) क्या विधवा एवं परिव्यक्त महिला को विभिन्न किस्म की पेंशनों में बी.पी.एल. के बंधन से मुक्त करने पर विभाग विचार करेगा? (घ) क्या मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में सम्मेलन की बाध्यता को समाप्त कर घर से विवाह करने या इस योजना में लाभ दिलाने हेतु विभाग विचार करेगा जिससे इस योजना का लाभ जन-जन तक पहुंच सके?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। जी नहीं। वर्तमान में पात्रता में शिथिलता संबंधी कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ग) जी नहीं। वर्तमान में विधवा एवं परित्यक्त महिलाओं हेतु विभिन्न पेंशन योजनाओं में बी.पी.एल. के बंधन से मुक्त करने संबंधी कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (घ) जी नहीं। वर्तमान में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अंतर्गत सामूहिक विवाह सम्मेलन की बाध्यता समाप्त करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। योजनांतर्गत सामूहिक विवाह के माध्यम से जन-जन को योजना का लाभ दिया जा रहा है।
सहकारी साख संस्थाओं एवं बैंकों में पदपूर्ति
60. ( क्र. 6073 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला आगर अंतर्गत सहकारी साख संस्थाओं एवं सहकारी बैंकों में कितने पद स्वीकृत हैं? इनमें से कितने भरे व कितने रिक्त हैं? भरे पदों पर कितने स्थाई व कितने अस्थाई कर्मचारी कार्यरत हैं? संस्थावार/बैंकवार सूची उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यरत पदों पर पदपूर्ति के लिए एवं प्रभार सौंपे जाने के संबंध में क्या प्रावधान निर्धारित हैं? निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें? विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत विगत 02 वर्षों में की गई पदपूर्ति या प्रभार के लिए प्रावधान अनुसार कार्यवाही की गई या नहीं? (ग) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत ग्राम पानखेड़ी एवं खैराना में विगत 02 वर्षों में संस्थाओं में की गई पदपूर्ति एवं प्रभार सौंपे जाने की कार्यवाही से संबंधित विवरण उपलब्ध करावें? उक्तानुसार कार्यवाही नियम अनुरूप है या नहीं? यदि नहीं, तो क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत ऐसे कितने शाखा प्रबंधक एवं लिपिक स्थाई हैं, जो लम्बे समय से एक ही स्थान पर कार्यरत है? क्या ऐसे कर्मचारियों के अन्यत्र स्थानांतरण का प्रावधान है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो स्वप्रेरणा से कब तक व क्या कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जिला आगर अंतर्गत प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं में स्वीकृत, भरे एवं रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार तथा बैंक की शाखाओं में स्वीकृत, भरे एवं रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के कर्मचारी सेवानियम में नियुक्ति संबंधी प्रावधानों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार तथा बैंक कर्मचारी सेवा नियम में नियुक्ति संबंधित प्रावधान की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। स्थानांतरण होने से पद रिक्त होने पर प्रशासनिक आधार पर प्रभार सौंपा जाता है। संस्था खैराना में 1 कम्प्यूटर ऑपरेटर/लिपिक की नियुक्ति की गई जो प्रावधान अंतर्गत नहीं की गई। संस्था खैराना में 1 कर्मचारी के सेवानिवृत्त होने के कारण तथा बैंक स्तर पर 3 लिपिक एवं 2 शाखा प्रबंधकों के स्थानान्तरण होने पर प्रभार सौंपा गया है। (ग) संस्था पानाखेड़ी में विगत 02 वर्षों में नियुक्ति/प्रभार सौंपे जाने की कार्यवाही नहीं की गई है तथा संस्था खैराना में 1 कम्प्यूटर ऑपरेटर/लिपिक की नियुक्ति की गई जो नियमानुसार नहीं है। संस्था खैराना में माह जून 2015 में प्रभारी संस्था प्रबंधक के सेवानिवृत्त हो जाने से संस्था के अन्य कर्मचारी को प्रभार सौंपा गया है, जो नियमानुसार है। संस्था खैराना में की गई नियुक्ति समाप्त कर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही के निर्देश दिये गये। (घ) शाखा प्रबंधक, सोयतकलां, शाखा प्रबंधक, सुसनेर तथा लिपिक, शाखा सुसनेर अपने पद पर 03 वर्षों से अधिक अवधि से कार्यरत है। जी हाँ। बैंक में स्टाफ की अत्यधिक कमी होने के कारण अत्यावश्यक होने पर स्थानांतरण किया जाता है। शाखा प्रबंधक सोयतकला माह अप्रैल 2016 में सेवानिवृत्त हो रहे हैं तथा शाखा प्रबंधक एवं लिपिक, सुसनेर के स्थानांतरण कर दिये गये है।
धारा 165 (6) में प्राप्त आवेदन पर अनुमति देने का अधिकार
61. ( क्र. 6243 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्ष 2010 से 2015 तक आदिवासी की जमीन गैर आदिवासी को विक्रय हेतु धारा 165 (6) में अनुमति दिये गये प्रकरणों की कुल संख्या की जिलेवार, वर्षवार सूची प्रस्तुत करें? (ख) क्या म.प्र. भू-राजस्व संहिता के अनुसार प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अनुमति देने का अधिकार जिला कलेक्टर को है? यदि हाँ, तो क्या जिला कलेक्टर इस अधिकारी को अतिरिक्त जिला कलेक्टर (ए.डी.एम.) या किसी अन्य अधिकारी को हस्तांतरित कर सकता है? यदि हाँ, तो बतावें कि वह किस धारा में यह अधिकार हस्तांतरित कर सकता है? (ग) कलेक्टर अथवा अतिरिक्त कलेक्टर द्वारा धारा 165 (6) में प्राप्त आवेदन को निरस्त करने के बाद उसे अपील में किस अधिकारी के सम्मुख पेश किया जा सकता है, उसका पद बतावे तथा यह अपील भू-राजस्व संहिता की किस धारा के तहत की जा सकती है? (घ) धारा 165 (6) में प्राप्त आवेदन पर अनुमति देते समय कलेक्टर को जिन बिंदुओं पर ध्यान देना जरूरी है उनकी सूची प्रस्तुत करे तथा बतावें कि क्या कलेक्टर को इसे बदलने का अधिकार है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आदिवासी की जमीन के विक्रय में नियमों की अवहेलना
62. ( क्र. 6246 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन्द्र सरकार की यह मंशा है कि आदिवासी की जमीन को गैर आदिवासी को विक्रय की विशेष परिस्थिति में ही बेचने की अनुमति दी जायें? यदि हाँ, तो राज्य शासन को इस संदर्भ में केन्द्र से क्या अधिकार प्राप्त है? (ख) क्या राज्य शासन ने भू-राजस्व संहिता में इस हेतु धारा 165 (6) निर्मित की है? यदि हाँ, तो इस धारा के पालन की जिम्मेदारी जिला कलेक्टर (DM) को किस अधिकार से प्रदान की गई? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित धारा 165 (6) में निर्णय करने का अधिकार कलेक्टर अन्य किसी अधिकारी को हस्तांतरित कर सकता है? यदि हाँ, तो किस नियम से? (घ) क्या धारा 165 (6) में कलेक्टर द्वारा निरस्त किये गये प्रकरणों की संभागायुक्त अनुमति प्रदान कर सकता है? यदि हाँ, तो नियम बतावें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) केन्द्र सरकार की मंशा के संबंध में राज्य सरकार की ओर से उत्तर दिया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता। (ख) जी हाँ। म.प्र.भू.राजस्व संहिता 1959 की धारा 165 (6) के अंतर्गत कलेक्टर को अधिकृत किया गया है। (ग) जी हाँ। कलेक्टर, म.प्र.भू.राजस्व संहिता 1959 की धारा 17 के अंतर्गत अपर कलेक्टर को कार्य आवंटन के आधार पर अधिकार दिये जा सकते हैं। (घ) कलेक्टर द्वारा निरस्त प्रकरण की अपील, म.प्र.भू-राजस्व संहिता 1959 की की धारा 44 के अंतर्गत संभागायुक्त को की जा सकती है। अपील आदेश में संभागायुक्त विधि अनुसार अनुमति दे सकते हैं।
गौचार भूमि को सुरक्षित एवं अतिक्रमण से मुक्त रखना
63. ( क्र. 6427 ) श्री राजकुमार मेव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भू-राजस्व संहिता के अंतर्गत ग्राम में गौचर (चरनोई भूमि) को सुरक्षित रखने के क्या प्रावधान हैं? प्रत्येक ग्राम में कितनी भूमि गौचर के लिए आरक्षित रखने का प्रावधान है? क्या उक्त नियम का पालन प्रत्येक ग्राम में किया जा रहा है? (ख) प्रश्न (क) के संदर्भ में विधानसभा क्षेत्र महेश्वर अंतर्गत ग्राम वार खातेदार, एवं गैर खातेदार कितनी-कितनी भूमि दर्ज है एवं कितनी-कितनी भूमि गौचर के लिए सुरक्षित रखी गई है? ग्रामवार बताया जावे? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या गौचर के लिए सुरक्षित रखी गई भूमि पर अतिक्रमण है? यदि हाँ, तो किस-किस ग्राम में कितनी-कितनी भूमि पर अतिक्रमण किया गया है? क्या इसे हटाने के लिए विभाग/शासन द्वारा कोई कार्रवाई की गई है? यदि नहीं, तो कब तक गौचर की सुरक्षित भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया जावेगा? (घ) क्या महेश्वर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत गैर खातेदार/शासकीय भूमि पर ग्राम वासियों द्वारा मकान बनाकर निवास कर रहे हैं यदि हाँ, तो कितनी ग्रामों में? उक्त भूमि का कब तक आबादी भूमि में परिवर्तन किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) ग्रामों में कुल खाते के रकबा का न्यूनतम दो प्रतिशत क्षेत्रफल गौचर हेतु सुरक्षित रखे जाने का प्रावधान है। राज्य शासन के निर्देश अनुसार गौचर हेतु आरक्षित भूमि को व्यपवर्तित कर किसी भी व्यक्ति को कृषि प्रयोजन के लिये आवंटित नहीं किया जा सकता है। जी हाँ, ग्राम में चरनोई भूमि की उपलब्धता के आधार पर नियम का पालन किया जा रहा है। (ख) ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (ग) जी हाँ। तहसील महेश्वर की 10.550 है. गौचर भूमि पर अतिक्रमण है। अतिक्रमण हटाने के लिये अतिक्रामकों के विरूद्ध न्यायालय में 96 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं, न्यायालयीन प्रक्रियानुसार कार्यवाही की जावेगी। (घ) जी हाँ, कुल 41 ग्रामों में। उक्त भूमि को आबादी भूमि घोषित करने हेतु नियमानुसार कार्यवाही प्रचलित है। वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
मार्ग एवं पुल, पुलिया निर्माण की स्वीकृति
64. ( क्र. 6434 ) श्री राजकुमार मेव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक खरगोन जिले में विधान सभा क्षेत्रवार मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क सड़क योजनांतर्गत कितने कार्य कितनी राशि के मार्ग, स्वीकृत किये गये है? कितने कार्य पूर्ण किये कितने कार्य अपूर्ण है? समयावधि के पश्चात् अपूर्ण रहने का क्या कारण है वर्षवार बताया जावे? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना अन्तर्गत खरगोन जिले में में ग्रेवल मार्गों के कितने कार्य कितनी राशि के एवं कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये गये है? कितने कार्य पूर्ण हुये कितने कार्य अपूर्ण है? कितने कार्य समयावधि के पश्चात भी अपूर्ण है? अपूर्ण रहने का क्या कारण है? कार्यवार जानकारी दी जावे? (ग) वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र महेश्वर के अंतर्गत मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क सड़क योजनांतर्गत पुल, पुलिया एवं ग्रेवल मार्ग निर्माण की स्वीकृति हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा कौन-कौन से कार्यों के लिए किस-किस दिनांक को प्रस्ताव भेजे गये? प्रस्तावों पर कब-कब क्या-क्या कार्यवाही की गई? कौन-कौन से मार्ग निर्माण के कार्यों के प्राक्कलन बनाने हेतु कनिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिये गये? (घ) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा दिये गये प्रस्तावों पर विभाग द्वारा विगत दो वर्षों से कोई भी विचार नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो क्या कारण है? क्या वर्ष 2016-17 के बजट में प्रश्नकर्ता द्वारा मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क सड़क योजनांतर्गत अतिमहत्वपूर्ण प्रस्तावित मार्गों एवं पुल-पुलियों एवं ग्रेवल मार्गों की स्वीकृति हेतु राशि का प्रावधान किया जावेगा? यदि हाँ, तो बतावे? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) माननीय विधायक महेश्वर द्वारा मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत प्रस्तावों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है उक्त प्रस्ताव मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के मापदण्डानुसार नहीं पाये जाने के कारण शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं, विभाग द्वारा माननीय विधायक से प्राप्त प्रस्तावों पर स्वीकृति की कार्यवाही हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत-खरगोन को लिखा गया। वर्ष 2016-17 हेतु मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना की कार्ययोजना तैयार नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अन्य खसरों की भूमि का नामांतरण कर कब्जा
65. ( क्र. 6455 ) श्री तरूण भनोत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर नगर के मौजा लक्ष्मीपुर नं.ब. 643 प.ह.न.4 राजस्व निरीक्षक म. जबलपुर स्थित खसरा नं. 220/2, 221 में कुल कितनी भूमि है? उक्त भूमि में से राजस्व विभाग द्वारा कितनी-कितनी भूमि का नामांतरण किन-किन व्यक्तियों के नाम किया गया? उक्त खसरों में आज दिनांक तक कितनी भूमि शेष है? (ख) उपरोक्त मौजा लक्ष्मीपुर के खसरा नं. 220/2, 221 में से वर्ष 2013 से अब तक कितनी कितनी भूमि का नामांतरण किन-किन के नाम किस आधार पर किया गया? प्रकरण क्र. दिनांक सहित बतायें? क्या उक्त अवधि में किये गये नामांतरण की भूमि राजस्व कर्मचारियों द्वारा खसरा नं. 220/2, 221 के स्थान पर खसरा नं. 223 के भाग पर कब्जे दिये गये हैं? यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त कार्य के लिए दोषी अधिकारी पर कार्यवाही कर रिकार्ड दुरूस्त कर गलत कब्जे हटायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) मौजा लक्ष्मीपुर नं.ब. 643 प.ह.नं. 4 रा.नि.मं. जबलपुर स्थित खसरा नं. 220/2,221 के जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है तथा 0.008 हेक्टेयर भूमि शेष बची है। (ख) मौजा लक्ष्मीपुर के खसरा नं. 220/2,221 में से वर्ष 2013 में नामांतरित भूमि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। खसरा नं. 220/2,221 के स्थान पर 223 के कब्जे नहीं दिये गये है।
दोषी कर्मचारियों पर कार्यवाही
66. ( क्र. 6506 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उपसंचालक म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड जबलपुर के पत्र क्रमांक 7197 दिनांक 01.12.2015 से दोषी कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही हेतु सचिव कटनी मंडी को लिखा था? यदि हाँ, तो अभी तक कार्यवाही क्यों नहीं हुई? कब तक होगी और अब तक कार्यवाही न करने के लिए कौन दोषी है? (ख) क्या बहोरीबंद के विधानसभा सदस्य द्वारा प्रमुख सचिव किसान कल्याण तथा कृषि विकास को पत्र क्रमांक 2859 दिनांक 15.01.2016 एवं दिनांक 11.02.2016 से दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करने हेतु लिखा था? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) यदि हाँ, तो अब तक दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी? (घ) दिनांक 01.10.2015 से 30 जनवरी 2016 की अवधि में जिन जांचों में कर्मचारी/अधिकारी दोषी पाए गए हैं उनके विरूद्ध शासन/मंडी कटनी द्वारा क्या कार्यवाही की गई बताएं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। जिसके अनुक्रम में श्री आर.पी.खम्परिया (निलंबित) सहायक ग्रेड 3, श्री मुकेश राय (निलंबित) सहायक ग्रेड-3 एवं श्री जगदीश नंदनवार सहायक ग्रेड-3 कृषि उपज मंडी समिति कटनी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अत: शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (ख) प्रश्नाधीन पत्र म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड को प्राप्त नहीं हुआ है। (ग) उत्तरांश (क) में वर्णित तीनों कर्मचारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही अंतर्गत कारण बताओं सूचना पत्र जारी किये गये जिनके उत्तर प्राप्त हुये है, उन पर निर्णय लिये जाने हेतु प्रकरण मंडी समिति कटनी की आगामी बैठक में रखा जावेगा। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
इलेक्ट्रानिक टोटल स्टेशन मशीन
67. ( क्र. 6572 ) श्री संजय शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013-14 से फरवरी 16 तक वर्षवार विभाग द्वार कितनी इलेक्ट्रॉनिक टोटल स्टेशन मशीन कहाँ-कहाँ से किस-किस दर पर कितनी संख्या में क्रय की गई? (ख) मशीन क्रय हेतु विभाग द्वारा कब-कब निविदा जारी की गई, किन-किन संस्थाओं, फर्मों द्वारा किस-किस दर पर निविदायें प्रस्तुत की गई। उक्त मशीन का बाजार मूल्य क्या है? (ग) इलेक्ट्रानिक टोटल स्टेशन मशीन क्रय करने से पूर्व कब-कब मान मंत्री जी ने अनुमोदन किया? यदि नहीं, तो क्यों कारण बताये इसके लिए कौन-कौन जवाबदार है? (घ) क्रय समिति में कौन-कौन सदस्य है? क्या क्रय की गई सभी मशीनों का उपयोग हो रहा है? यदि नहीं, तो कारण बतायें तथा इसके लिए कौन-कौन जवाबदार है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) वर्ष 2012-13 से वर्ष 2014-15 तक (वर्ष 2015-16 में कोई इलेक्ट्रॉनिक टोटल स्टेशन मशीन का क्रय नहीं किया गया है ) भारत सरकार का उपक्रम राष्टीय सूचना विज्ञान केन्द्र सेवा संस्थन के माध्यम से कुल 443 इलेक्ट्रॉनिक टोटल स्टेशन मशीन दर प्रति यूनिट रू.6,82,654/- (वेटकर अतिरिक्त) के मान से क्रय की गई है। (ख) इलेक्ट्रॉनिक टोटल स्टेशन मशीन का क्रय भारत सरकार का उपक्रम राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र सेवा संस्थना से क्रय की गई है। NICSI भारत सरकार द्वारा स्थापित संस्था है जो सूचना प्रौद्योगिकी से सम्बन्धित हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर एवं उससे सम्बन्धित सेवा देने हेतु अधिकृत है। म.प्र.लघु उद्योग निगम की भांति इस संस्था से सामाग्री क्रय डिपाजिट वर्क के द्वारा कराया जाता है। इस कार्यालय द्वारा कोई निविदा आमंत्रित नहीं की गई है NICSI द्वारा निविदा आमंत्रित की जा कर दरें निर्धारित की जाती है। (ग) इलेक्ट्रॉनिक टोटल स्टेशन मशीन का क्रय 2012-13 से निरंतर किया गया है। म.प्र. शासन द्वारा सीमांकन का कार्य लोक सेवा गारण्टी में शामिल किया गया है। तदनुसार इलेक्ट्रॉनिक टोटल स्टेशन मशीन से सीमांकन का कार्य करने हेतु मान. मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित राजस्व विभाग की समीक्षा बैठक दिनांक 21/10/2011 के कार्यवाही विवरण में लिए गये निर्णय अनुसार प्रदेश की प्रत्येक तहसील में 2-2 यूनिट इलेक्ट्रॉनिक टोटल स्टेशन मशीन उपलब्ध कराए जाने का निर्णय लिया गया। प्रत्येक तहसील में 2-2 इलेक्ट्रॉनिक टोटल स्टेशन मशीन प्रदाय करने के प्रस्ताव 12 वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृति हेतु प्रशासकीय विभाग के माध्यम से प्रेषित किया गया,जिसका अनुमोदन मान.मुख्य सचिव महोदय की अध्यक्षता में आयोजित साधिकार समिति की बैठक दिनांक 24/01/2013 में लिया गया है। (घ) क्रय समिति में निम्नांकित सदस्य है :- 1.संयुक्त संचालक (वित्त) 2. उपआयुक्त (लेखा) 3.सहायक भू-मापन अधिकारी 4.सहायक प्रोग्रामर समिति की अनुशंसा का अनुमोदन आयुक्त महोदय द्वारा किया जाता है, जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभागों में ई-मेल से पत्राचार
68. ( क्र. 6601 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा (श्री गोपालसिंह चौहान, डग्गी राजा) : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि मध्यप्रदेश के समस्त विभागों में ई-मेल की सुविधा है व किसी भी प्रकार का पत्राचार ई-मेल द्वारा किया जा सकता है यदि हाँ, तो क्या अधिकारियों द्वारा रोज ई-मेल चेक किये जाएं ऐसे निर्देश शासन के हैं? (ख) विगत दो वर्ष में प्रश्नकर्ता द्वारा अशोकनगर जिला योजना अधिकारी, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, जिलाधीश को भेजे गये ई-मेल पर किस-किस पर क्या-क्या कार्यवाही की गई यदि नहीं, की गई तो क्यों?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ, ब, स, अनुसार है।
अपात्र हितग्राहियों को पशुशेड प्रदाय
69. ( क्र. 6631 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम पंचायत भिलसैया तह. कैलारस जिला मुरैना में पशुशेड हितग्राहियों से मार्जिन मनी रू. 20,000/- ग्राम पंचायत द्वारा लिए जाकर उनको कोई भी रसीद प्राप्ति नहीं दी गई? ऐसा तकरीबन 90 हितग्राहियों के साथ नियम विरूद्ध व्यवहार कर ग्राम पंचायत के पदाधिकारी, उनका पैसा हड़पना चाहते हैं? यदि हाँ,तो क्यों? यदि नहीं, तो उनको रसीद पावती प्रश्न दिनांक तक क्यों नहीं दी गई? (ख) वर्ष 2015-2016 में ग्राम पंचायत के बाहर के निवासी मनीष पुत्र महेश उपाध्याय एवं सोनू पुत्र सतीश शर्मा को दो-दो पशुशेड स्वीकृत कर दिये गये? क्या यह नियम संगत है? जबकि उपरोक्त व्यक्ति ग्राम सुजर्मा एवं ग्राम कोटरा के मूल निवासी होकर नगर पंचायत के कैलारस के वार्ड क्रमांक 14 एवं 11 में निवासरत हैं? (ग) ग्राम पंचायत भिलसैया द्वारा वास्तविक पात्र हितग्राहियों को छोड़कर अपात्र व्यक्तियों को दो-दो पशुशेड स्वीकृत करने पर एवं संलिप्त पंचायत पदाधिकारियों एवं अपात्र हितग्राहियों पर दण्डात्मक कार्यवाही कर प्रदाय राशि की वसूली की जा सकेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। 90 हितग्राहियों में से 72 हितग्राहियों को उनसे प्राप्त राशि रू. 20,000/- की रसीद प्रदाय की गई है। शेष 18 हितग्राहियों द्वारा नगद राशि न दी जाकर सामग्री के रूप में स्वयं टीन शेड लगाने की सहमति पत्र दिये जाने के कारण उनसे नगद राशि जमा नहीं करायी गई। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। वस्तुत: प्रश्नाधीन व्यक्तियों के नाम से एक-एक पशुशेड ही स्वीकृत किये गये है किंतु तकनीकि त्रुटिवश इन कार्यों के वर्ककोड दो बार फीड हो गये थे, वर्तमान में सुधार कर लिया गया है। जी हाँ। दोनों हितग्राहियों के नाम ग्राम पंचायत की विधानसभा निर्वाचन नामावली 2016 की मतदाता सूची में दर्ज है साथ ही उनके नाम से ऋण पुस्तिका एवं जॉबकार्ड बनाये गये है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
समितियों में विधायक प्रतिनिधि की नियुक्ति
70. ( क्र. 6722 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधायक अपनी विधानसभा क्षेत्र की किसी एक मण्डी में ही अपना प्रतिनिधि नियुक्त कर सकता है? (ख) यदि हाँ, तो अन्य मण्डी समितियों में विधायक प्रतिनिधि नियुक्ति के संबंध में शासन स्तर से कोई कार्यवाही की जावेगी? (ग) यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो उसका क्या कारण है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश कृषि उपज मंडी अधिनियम, 1972 की धारा-11 (1) (घ) एवं मध्यप्रदेश कृषि उपज मंडी (लोक सभा तथा विधानसभा सदस्य की मंडी समिति में सदस्यता तथा प्रतिनिधि का नाम निर्देशन) नियम, 2010 में विहित प्रावधान अनुसार विधायक प्रतिनिधि नियुक्त कर सकते है। (ख) जी नहीं। उत्तरांश "क" में वर्णित नियमों के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश "क" में वर्णित नियमों के अंतर्गत विधानसभा सदस्य के निर्वाचन क्षेत्र में स्थित एक ही कृषि उपज मंडी समिति में प्रतिनिधि के नाम निर्देशन का प्रावधान होने से अन्य कृषि उपज मंडी समितियों में प्रतिनिधि के नाम निर्देशन का प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
पटवारियों की नियुक्ति
71. ( क्र. 6744 ) श्रीमती अर्चना चिटनिस : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बुरहानपुर जिले में कुल कितने पटवारी हल्के हैं? कितने पटवारी हल्कों में पटवारी पदस्थ हैं एवं कितने पद रिक्त हैं तथा ये पद कब से रिक्त है? इन पदों के रिक्त रहने का क्या कारण है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित रिक्त पदों की स्थिति केवल बुरहानपुर जिले में ही है या प्रदेश के अन्य जिलों में भी हैं, यदि हाँ, तो जिलेवार रिक्त पटवारी हल्कों की संख्या बतावें? (ग) रिक्त पटवारी हल्कों पर पटवारियों की नियुक्ति किये जाने की क्या प्रक्रिया है? इसकी वर्तमान स्थिति क्या है? यह प्रक्रिया कब तक पूर्ण की जा सकेगी? (घ) क्या पटवारियों के पद रिक्त होने से किसानों के कामकाज निरंतर प्रभावित हो रहे है? इस संबंध में मैदानी स्तर पर क्या व्यवस्था की गई है तथा इससे कृषकों को होने वाले नुकसान की जवाबदेही किसकी है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) बुरहानपुर जिले में कुल 70 पटवारी हल्के है। 57 पटवारी हल्कों में पटवारी पदस्थ है। कुल 13 पद रिक्त है तथा पटवारी पद वर्ष 2014 से दिसम्बर 2015 तक पटवारियों के पदोन्नति/स्थानान्तरण एवं मृत्यु होने से रिक्त है। (ख) बुरहानपुर जिले में रिक्त पदों की स्थिति प्रश्नांश ’’क’’ अनुसार है। प्रदेश के 51 जिले में पटवारी हल्कावार स्वीकृत न होकर जिलेवार स्वीकृत है, जिसकी कुल संख्या 11,622 है। प्रदेश में कुल पटवारी हल्कों की संख्या 22,771 है। विभागीय समीक्षा बैठक में दिये गये निर्देशों के अनुसार पंचायतों के अनुरूप पटवारी हल्कों का गठन होने से पटवारी के 6128 पदों के सृजन के प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजे गए थे सृजन हेतु प्रस्ताव प्रक्रियाधीन है। जिलेवार पटवारियों के स्वीकृत, भरे,रिक्त पदों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) जिले में रिक्त पटवारी हल्कों पर नियुक्ति की कार्यवाही जिला कलेक्टर के स्तर से की जाती हैं। शेष प्रश्नांश ’’ख’’ अनुसार (घ) जी नहीं। मैदानी स्तर पर पटवारियों को अतिरिक्त प्रभार देकर व्यवस्था की गई है।
अविवादित नामान्तरण एवं बटवारा प्रकरणों का निराकरण
72. ( क्र. 6745 ) श्रीमती अर्चना चिटनिस : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 के अतंर्गत अविवादित नामांतरण एवं बंटवारा प्रकरणों के निराकरण के अधिकार किस प्राधिकारी/निकाय को प्रदान किये गये है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अधिकार कब से कब तक किस प्राधिकारी/निकाय को प्रदान किये गये हैं तथा उल्लेखित अधिकार वर्तमान में किस प्राधिकारी/निकाय को प्रदान किये गये हैं? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्राधिकारी/निकायों के बार-बार परिवर्तन किये जाने का क्या कारण है? (घ) बुरहानपुर जिले में प्रश्नांश (क) से संबंधित कितने प्रकरण लंबित है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) म.प्र.भू-राजस्व संहिता 1959 के अंतर्गत अविवादित नामांतरण एवं बंटवारा के प्रकरणों के निराकरण के अधिकार तहसीलदारों को प्रदत्त किये गये है। (ख) 28 जुलाई 1975 में राजस्व निरीक्षक को 21 अक्टूबर 1994 में राजस्व निरीक्षक से यह शक्तियां वापिस लेकर ग्राम पंचायतों को सौंपी गई थी, 26 जनवरी 2001 को ग्राम पंचायतों से यह शक्तियां ग्राम सभाओं को सौंपी गई थी। 4 मई 2011 में ग्राम सभाओं को अविवदित नामांतरण के प्रकरणों के निराकरण के लिए अधिकतम 45 दिन की समय-सीमा निर्धारित की गई थी। 20 मार्च 2013 में ग्राम सभाओं से अविवादित नामांतरण बंटवारे की शक्तियां वापिस लेकर तहसीलदारों को सौंपी गई है। (ग) शासन द्वारा तत्समय परिस्थितियों का आंकलन कर नीतिगत निर्णय में परिर्वतन/संशोधन किया जाता है। (घ) बुरहानपुर जिले में अविवादित नामांतरण एवं बंटवारे के कोई प्रकरण लंबित नहीं है।
नि:शक्तजन हेतु प्राप्त आवंटन एवं व्यय
73. ( क्र. 6761 ) श्री तरूण भनोत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर स्थित सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग को शासन द्वारा वर्ष 2014-2015 को कितना आवंटन किन-किन हितग्राही मूलक योजनाएं एवं अन्य मदों में व्यय करने हेतु प्राप्त हुआ? (ख) उक्त आवंटन में से अंधमूक बधिरों को वृत्तियां व स्कूलों को अनुदान विधवा पेंशन, वृद्धावस्था पेंशन, मजदूर सुरक्षा योजना अंशदायी पेंशन योजना, कन्यादान योजना एवं अन्य लाभकारी योजनाओं हेतु उक्त आवंटन में कितना-कितना व्यय हुआ? (ग) क्या आंवटन राशि से आधी राशि विभाग की लापरवाही से व्यय नहीं की गई, जिसके फलस्वरूप गरीब पीडि़त शासन के लाभ से वंचित हो गये? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन अधिकारी दोषी हैं एवं विभाग उन पर क्या दण्डात्मक कार्यवाही करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वर्ष़ 2014-15 में हितग्राही मूलक योजनाओं के लिये केन्द्रीयकृत आहरण (ग्लोबल) व्यवस्था लागू होने से हितग्राहियों के अनुपात में राशि का आहरण एवं अन्य मदों में प्राप्त एवं व्यय संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ एवं ’’ब’’ अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’’स’’ अनुसार। मुख्यमंत्री मजदूर सुरक्षा योजना अंतर्गत प्रसूति सहायता लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को तथा छात्रवृत्ति स्कूल शिक्षा विभाग को वर्ष 2013 से हस्तांतरित की गई है। अंशदायी पेंशन योजना विभाग अंतर्गत संचालित नहीं है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
फसल बीमा योजना के मापदंड
74. ( क्र. 6782 ) श्री सचिन यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के क्या मापदण्ड हैं? इस योजना अतंर्गत किसानों की फसल खराब होने के बाद बीमा के लिए दावा करने की प्रक्रिया क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित योजना के पूर्व जारी फसल बीमा योजना अतंर्गत योजना प्रांरभ से प्रश्न दिनांक तक कितने-कितने किसानों को बीमा राशि किस प्रक्रिया के अतंर्गत वितरित की गई? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में दर्शित फसल बीमा योजना में क्या अतंर है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का क्रियान्वयन खरीफ 2016 मौसम से किया जाना प्रस्तावित है। योजना में दावा प्रक्रिया एवं मापदण्ड निम्नानुसार है :-1. योजना ऋणी कृषकों के लिये अनिवार्य एवं अऋणी कृषकों के लिये ऐच्छिक है। 2. बीमित राशि ऋणी एवं अऋणी कृषकों के लिये एक समान रहेगी जो कि जिला स्तरीय तकनीकी समिति द्वारा निर्धारित फसलवार जिले में लागू ऋणमान के आधार पर रहेगी। 3. योजना में ओलावृष्टि भूस्खलन एवं जल-प्लावन होने पर बीमित किसानों को व्यक्तिगत क्षतिपूर्ति का प्रावधान है। 4.योजना के अन्तर्गत बुवाई के दौरान प्रतिकूल मौसम परिस्थितियों एवं कम बारिश से बुवाई नहीं होती है तो बीमित राशि का 25 प्रतिशत दावा राशि तुरन्त देय होगी व इसके बाद आवरण समाप्त। 5.मौसम के मध्य में प्रतिकूल मौसम परिस्थितियों में भी संभावित दावा राशि का 25 प्रतिशत दावा भुगतान। 6.मौसम के अंत में औसत पैदावार आंकड़ों के आधार पर दावा भुगतान। 7. फसल कटाई के बाद भी चक्रवात एवं बे-मौसम बारिश का जोखिम भी 14 दिनांक तक आवरित। (ख) राष्ट्रीय कृषि बीमा योजनांतर्गत क्षतिपूर्ति का आंकलन फसल कटाई प्रयोगों के द्वारा प्राप्त उपज के आंकड़ों के आधार पर किया जाता है। योजना प्रावधानों के अनुसार जिन अधिसूचित क्षेत्र की अधिसूचित फसल हेतु उपज में कमी पाई जाती है वहां क्षतिपूर्ति देय होती है अर्थात थ्रेश होल्ड उपल से वास्तविक उपज कम पाई जाती है तो उस कमी के लिये क्षतिपूर्ति देय होती है अन्यथा नहीं। इस प्रक्रिया के अलावा योजना के तहत कोई अन्य क्षतिपूर्ति प्रक्रिया मान्य नहीं है। योजनान्तर्गत रबी 1999-2000 से खरीफ 2014 मौसम तक की मध्यप्रदेश की बीमा आवरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
योजनांतर्गत निर्माण कार्य
75. ( क्र. 6783 ) श्री सचिन यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कसरावद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना अतंर्गत कौन-कौन सी सड़कों के निर्माण कार्य पुल-पुलिया सहित कहाँ-कहाँ किये जा रहे हैं? कितने अधूरे एवं प्रस्तावित हैं और कितने ग्रामों की बारहमासी सड़कों का डामरीकरण किया जा रहा है तथा कितनी सड़कों का किया जाना प्रस्तावित है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त क्षेत्र में योजनान्तर्गत कौन-कौन से निर्माण कार्य कहाँ-कहाँ किस किस स्थान पर किये जा रहे हैं? (ग) उक्त क्षेत्र में विगत तीन वर्षों में मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजनान्तर्गत किने परिवारों को लाभान्वित किया गया?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) कसरावद विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत कोई भी सड़क वर्तमान में निर्माणाधीन नहीं है। वर्तमान में कोई भी निर्माण कार्य न तो अपूर्ण है और न ही प्रस्तावित है। वर्तमान में 02 सड़कों की स्वीकृति प्राप्त हुई है जिसके निर्माण कार्य कराये जाने हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। वर्तमान में किसी भी सड़क पर डामरीकरण कार्य नहीं कराया जा रहा है। उपरोक्तानुसार वर्तमान में स्वीकृत 02 सडकों पर डामरीकरण कार्य कराया जाना प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत कोई भी सड़क वर्तमान में निर्माणाधीन नहीं है। कोई भी निर्माण कार्य अपूर्ण नहीं है। 04 सडकों के निर्माण कार्य प्रस्तावित है। वर्तमान में किसी भी सड़क पर डामरीकरण का कार्य नहीं कराया जा रहा है, 18 सड़कों पर डामरीकरण का कार्य स्वीकृति हेतु प्रस्तावित है। (ख) उत्तरांश (क) के प्रकाश में कोई भी सड़क निर्माणाधीन नहीं है। अतः प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उक्त क्षेत्र में विगत तीन वर्षों में मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन के अंतर्गत 2656 परिवारों को लाभान्वित किया गया है।
स्वीकृत पदों के विरूद्ध कार्यरत कर्मचारी
76. ( क्र. 6801 ) श्री गोपाल परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आगर-मालवा के अंतर्गत जिला, तहसील, अनुभाग, तहसील टप्पा के अंतर्गत कितने अधिकारी एवं कर्मचारियों के पद स्वीकृत हैं एवं स्वीकृत पद के मान से कितने कर्मचारी कार्यरत है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि अधिकारी/कर्मचारियों के पद रिक्त है तो शासन इन रिक्त पदों की पूर्ति कब तक करेगा? (ग) क्या रिक्त पद के विरूद्ध संविदा कर्मचारी या दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी कार्यरत हैं? यदि हाँ, तो कब से पदस्थ है? क्या इन संविदा/दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित करने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) पद पूर्ति सतत् प्रक्रिया है, समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (ग) उत्तरांश ''क" के अनुसार जिला आगर-मालवा में राजस्व विभाग के स्वीकृत सेटअप अनुसार रिक्त पदों के विरूद्ध कोई संविदा अथवा दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी पदस्थ नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कृषि महोत्सव आयोजन पर व्यय राशि
77. ( क्र. 6814 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले में कृषि महोत्सव आयोजनों बाबत् शासन से कितनी राशि का आवंटन प्राप्त हुआ वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में प्राप्त आवंटन की जानकारी विकास खण्डवार उपलब्ध करायें? (ख) कृषि महोत्सव के अंतर्गत 2014-15, 2015-16 में किन-किन दिनांकों को किस-किस स्थान पर क्या-क्या कार्यक्रम कराये गये विकास खण्डवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) शासन से प्राप्त राशि का दतिया जिले द्वारा किस-किस मद में व्यय किया गया मदवार जानकारी दें। (घ) आवंटित राशि में से कितनी राशि खर्च की गई तथा कितनी राशि शेष रही?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) वर्ष 2014-15 में परियोजना संचालक आत्मा दतिया को 49.20 लाख रूपये तथा 2015-16 में उप संचालक कृषि दतिया को 28.30 लाख रूपये का आवंटन प्राप्त हुआ था। आवंटन विकास खण्डवार प्राप्त नहीं हुआ। (ख) वर्ष 2014-15 में (25 सितम्बर से 20 अक्टूबर 2014 तक) के दौरान तीनों विकासखण्डों में दिनांक 25.09.2014 को कृषक संगोष्ठि का आयोजन कर माननीय विधायकों के माध्यम से कृषि रथ का शुभारंभ किया गया। जिला स्तर पर दिनांक 17,18 एवं 19 अक्टूबर 2014 में मेला आयोजित किया गया है। ग्राम स्तरीय कार्यक्रम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। वर्ष 2015-16 में (25 मई से 25 जून 2015 तक) के दौरान तीनों विकासखण्डों में क्रमंश: दतिया में दिनांक 27.05.2015 को माननीय मंत्रीजी, भाण्डेर में दिनांक 30.05.2015 की माननीय विधायक जी तथा सेवढ़ा में दिनांक 04.06.2015 को माननीय विधायक जी की अध्यक्षता में कृषक संगोष्ठि का आयोजन किया गया तथा जिला स्तर पर 13 एवं 14 जून 2015 में माननीय सांसद जी, माननीय मंत्रीजी एवं माननीय विधायक जी की अध्यक्षता में मेला का आयोजन किया गया। ग्रामीण स्तरीय कार्यक्रम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 3 एवं 4 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है।
सड़क स्वीकृत
78. ( क्र. 6815 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दतिया जिले की तहसील इन्दरगढ़ के अंतर्गत आने वाले ग्राम वागुर्दन में पी.एम.जी.एस.वाई. योजनान्तर्गत कोई सड़क स्वीकृत की गई है, यदि हाँ, तो कब इसकी लंबाई, चौड़ाई, कार्य की लागत, निर्माण एजेंसी का नाम तथा कार्यपूर्ण होने की अवधि सहित जानकारी उपलब्ध कराई जावें? (ख) क्या कंडिका (क) में वर्णित सड़क का निर्माण पूर्ण हो चुका है यदि नहीं, तो कार्य की प्रगति की जानकारी उपलब्ध करायें प्रश्न दिनांक तक कितना कार्य किया गया, निर्माण एजेंसी को कितना भुगतान किया गया? (ग) क्या उक्त मार्ग पर निर्माण कार्य बंद है? अभी तक सिर्फ सड़क पर मात्र मिट्टी डालने का कार्य हुआ है यदि हाँ, तो इस विलंब के लिये कौन-कौन उत्तरदायी है, उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी। (घ) उक्त मार्ग में विलंब होने से ग्रामीणों को आवागमन में परेशानी हो रही है? कार्य किस दिनांक से पुन: चालू किया जायेगा तथा किस दिनांक तक पूर्ण किया जावेगा
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, दतिया जिले की तहसील इंदरगढ़ में पडरी रोड (बार्गुदन फिरोज) से बार्गुदन सिद्धी सड़क की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 11.09.2012 को लागत रूपये 316.31 लाख की जारी की गई, इस सड़क की लंबाई 8.10 कि.मी. ऊपरी सतह की चौड़ाई 6.00 मीटर तथा डामरीकरण सतह की चौड़ाई 3.75 मीटर है। इस कार्य की निर्माण एजेंसी मैसर्स सिंह एण्ड सिंह ग्वालियर को अनुबंधानुसार उक्त कार्य दिनांक 18.12.2013 तक पूर्ण करना था। (ख) जी नहीं। प्रश्न दिनांक तक 4 पुलियों एवं सड़क के जी.एस.बी. लेवल तक का कार्य पूर्ण कराया गया है एवं निर्माण एजेंसी को रूपये 64.54 लाख का भुगतान किया जा चुका है। (ग) जी हाँ। उत्तरांश (ख) अनुसार सड़क पर जी.एस.बी. लेवल तक का कार्य हुआ है। विलंब के लिये ठेकेदार उत्तरदायी है। विलंब के लिये अनुबंधानुसार कार्यवाही की जा रही है। (घ) सड़क का निर्माण कार्य पूर्ण न होने से ग्रामीणों को आवागमन में कुछ असुविधा होना स्वाभाविक है। कार्य को शीघ्र पुनः प्रारंभ कराये जाने की कार्यवाही की जा रही है। निश्चित दिनांक बताना संभव नहीं है।
स्वच्छता अभियान के तहत शौचालय निर्माण
79. ( क्र. 6823 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2014-15, 2015-16 में स्वच्छता अभियान के तहत एवं योजनाओं के माध्यम से किन-किन ग्रामों के कितने हितग्राहियों के यहां शौचालय बनवाए गयें तथा उक्त शौचालय का सत्यापन किस अधिकारी द्वारा किया गया है? (ख) शेष कितने हितग्राहियों के यहाँ शौचालय नहीं बनवाएं है। कब तक बनाए जावेंगे।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। निर्मित शौचालयों का सत्यापन संबंधित ग्राम पंचायत के पंचायत समन्वयक अधिकारी एवं सहायक विकास विस्तार अधिकारी द्वारा किया गया है। (ख) सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जनपद पंचायत सोनकच्छ में 17528 एवं जनपद पंचायत टोकखुर्द में 12845 शौचालय निर्मित होना शेष है। माह अक्टूबर 2019 के पूर्व शौचालय बनाये जाने का लक्ष्य है।
सौर ऊर्जा लाईट
80. ( क्र. 6850 ) श्री वीरसिंह पंवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले की कुरवाई विधानसभा क्षेत्र की किन-किन ग्राम पंचायतों में कहाँ-कहाँ सौर ऊर्जा की लाईट 01 अप्रैल 2014 से 20 फरवरी 2016 तक की अवधि में कब लगवाई कितनी राशि का भुगतान कब किया? (ख) उक्त सौर ऊर्जा लाईट का बाजार मूल्य क्या है? उक्त ग्राम पंचायतों द्वारा किस-किस एजेन्सी से लाईट क्रय की? गांरटी अवधि क्या है? (ग) गांरटी अवधि में किस-किस ग्राम पंचायत की सौर ऊर्जा लाईट बंद/खराब हुई? उनकों क्यों नहीं सुधरवाया गया? (घ) बंद सौर ऊर्जा लाईटें कब तक सुधरवाई जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम नम्बर 4, 6,7,9 एवं 10 के अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम नम्बर 8, 11 एवं 12 के अनुसार। (ग) किसी भी ग्राम पंचायत की सौर ऊर्जा लाईट बंद/खराब होने की सूचना नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश ‘‘ग‘‘ अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भूमि का डिजीटल नक्शा
81. ( क्र. 6851 ) श्री वीरसिंह पंवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आधुनिक तकनीक से नगरीय एवं नगरेत्तर क्षेत्र की भूमि का सर्वे कर डिजिटल नक्शा एवं अधिकार अभिलेख तैयार करने हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है? (ख) उक्त कार्य हेतु कितनी राशि का प्रावधान है उक्त कार्य किस एजेन्सी के माध्यम से करवाया जा रहा है एजेन्सी का चयन कब तथा कैसे किया गया? (ग) 25 फरवरी 16 तक कितनी राशि व्यय की गई तथा किस किसको कितनी राशि का भुगतान किया गया। (घ) उक्त कार्य कब तक पूर्ण होगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) आधुनिक तकनीक से सर्वे कर नगरीय एवं नगरेत्तर क्षेत्र की भूमि का डिजिटल नक्शा एवं अधिकार अभिलेख तैयार कराने का कार्य तीन चरणों में कराया जा रहा है। प्रथम चरण-कन्ट्रोल प्वाइन्ट्स की स्थापना 42 जिलों(ग्वालियर, मुरैना, भिण्ड, दतिया, शिवपुरी, श्योपुर, गुना, अशोकनगर, विदिशा, भोपाल, रायसेन, राजगढ, सीहोर, शाजापुर, आगर मालवा, उज्जैन, देवास, रतलाम, मन्दसौर, नीमच, इन्दौर, झाबुआ, अलीराजपुर, बडवानी, धार, बुरहानपुर, खरगोन, खण्डवा, बैतूल, जबलपुर, हरदा, होशंगाबाद, नरसिंहपुर, कटनी, छिन्दवाडा, दमोह, उमरिया, सिवनी, सागर, छतरपुर, डिण्डोरी व मण्डला) में प्राइमरी सेकण्ड्री एवं टर्शियरी कन्ट्रोल प्वाइन्ट्स की स्थापना का कार्य पूर्ण शेष जिलों में कन्ट्रोल प्वाइन्ट्स की स्थापना का कार्य प्रगति पर है। द्वितीय चरण-नगरेत्तर क्षेत्र का डिजिटल नक्शा एवं अधिकार अभिलेख तैयार कराना पॉयलट जिला ग्वालियर के 3 ग्राम (ककरारी, हिमायापुरा एवं सुनारपारामाफी) तथा मुरैना जिले के 3 ग्राम (जतवारकापुरा, सिरमिति एवं डोंगरपुरलोधा) के नक्शा एवं अभिलेख तैयार कराने का कार्य प्रारम्भ है। तृतीय चरण- नगरीय क्षेत्र का डिजिटल नक्शा एवं अधिकार अभिलेख तैयार कराना डबरा, जिला ग्वालियर नगरपालिका क्षेत्र की भूमि का नक्शा एवं अभिलेख तैयार करने का कार्यादेश जारी कर दिया गया है। (ख) नगरेत्तर क्षेत्र के सर्वे हेतु राशि रू. 12760.16 लाख प्राप्त हुई है। खुली निविदा द्वारा प्रथम चरण (कन्ट्रोल प्वाइन्ट्स की स्थापना) के लिए में.सतरा इंफरास्ट्रेक्चर मेंनेजमेट सर्विसेज प्रा.लि., नगरेत्तर क्षेत्र के सर्वे के लिए दो कम्पनी में.सतरा इंफरास्ट्रेक्चर मेंनेजमेट सर्विसेज प्राईवेट लिम. में.ई.आई.टेक्नोलोजिस प्रा. लि.तथा नगरीय क्षेत्र के सर्वे के लिए में जी.आई.एस. कन्सोरशियम इंडिया प्रा. का चयन दिनांक 22/02/2014 को किया गया है। (ग)
(रू. लाखो में ) |
|
25 फरवरी 2016 तक भुगतान की गई कुल राशि |
9392.897 |
भारतीय सर्वेक्षण विभाग,देहरादून |
36.375 |
नेशनल रिमोट सेंसिग हैदराबाद |
6603.55 |
M/S SATRA Infrastructure Management Services Pvi.Lid |
2752.972 |
(घ) योजना के प्रथम चरण का कार्य जून 2016 तक पूर्ण हो जायगा। नगरीय एवं नगरेत्तर क्षेत्र का कार्य कार्यादेश जारी करने के दिनांक से 85 सप्ताह में पूर्ण किया जा है। कार्य के लिए वेण्डर कम संख्या में होने से यह कार्य 5 वर्ष में पूर्ण होने की सम्भावना है।
किसानों को खसरा, खतौनी की नकल
82. ( क्र. 6860 ) श्री संजय शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन एवं नरसिंहपुर जिले में किसानों को खसरा, खतौनी नक्शा की नकल प्राप्त करने हेतु क्या कार्यवाही करना पड़ती है, कितना शुल्क देना पड़ता है? इस संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश है? (ख) उक्त जिलों में इस हेतु कहाँ -कहाँ पर केन्द्र स्थापित किये गये है इनका संचालन कौन कर रहा है? केन्द्र के बाहर शुल्क विवरण का बोर्ड क्यों नहीं लगवाया? (ग) उक्त जिलों में 01 अप्रैल 13 से 25 फरवरी 16 तक जिला ई गवर्नेंस सोसायटी द्वारा तहसील कार्यालयों को स्टेशनरी कम्प्यूटर ऑपरेटर के वेतन आदि व्यय के लिए कितनी राशि दी? (घ) यदि नहीं, तो क्यों? कारण बताये इस संबंध में शासन के क्या निर्देश है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’क’ एवं ’ख’ अनुसार। (ख) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ग’ अनुसार। जिलों के सभी लोक सेवा केन्द्रों के बाहर शुल्क विवरण का बोर्ड लगा हुआ है। (ग) रायसेन जिले में कोई राशि प्रदाय नहीं की गई है। नरसिंहपुर जिलें में स्टेशनरी/कार्यालयीन रख-रखाव एवं सुदृढ़ीकरण के लिए 3,38,000/- रूपये की राशि दी गई। (घ) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’घ’ अनुसार।
पंचायत राज संचालनालय में प्राप्त शिकायतों पर कार्यवाही
83. ( क्र. 6898 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंचायतराज संचालनालय के द्वारा खण्ड पंचायत अधिकारी की पदस्थापना में परेशान करने के संबंध में जिला अनूपपुर से कितनी शिकायतें संचालनालय को प्राप्त हुई एवं उक्त शिकायतों में पंचायत संघ के पदाधिकारी द्वारा राशि लेने का उल्लेख किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्राप्त शिकायत के साथ संलग्न दस्तावेजों के आधार पर विभाग द्वारा दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो इसका क्या कारण? (ग) प्राप्त शिकायतों में जिनके विरूद्ध आरोप लगाये गये है? प्रमाणों के आधार पर कब तक संबंधित के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जाँच के आदेश दिनांक 24.04.2015 को दिये गये थे, जाँचकर्ता अधिकारी सेवा निवृत्त हो जाने से पुनः जाँच के आदेश दिनांक 18.03.2016 को दिये गये है। (ग) जाँच उपरांत परीक्षण कर गुण दोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी।
जनपद पंचायत रायपुर कर्चुलियान में स्वान कनेक्टविटी
84. ( क्र. 6902 ) श्री
गिरीश गौतम :
क्या परिवहन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
जनपद पंचायत
रायपुर
कर्चुलियान
जिला रीवा में
स्वान
कनेक्टिविटी
बंद है? यदि
हाँ, तो
कब से बंद है
एवं क्यों
बंद है? (ख) क्या
जनपद पंचायत
रायपुर
कर्चुलियान
जिला रीवा
द्वारा
कनेक्टिविटी
बंद होने के
संबंध में
कार्यालय
द्वारा कोई
पत्राचार
संबंधित
विभाग को किया
गया है? यदि
हाँ, तो
कब, किस
अधिकारी को
पत्राचार
किया गया? (ग)
संबंधित
अधिकारियों
द्वारा
कनेक्टिविटी
शुरू करने के
लिए क्या
कार्यवाही की
गयी तथा
कनेक्टिविटी
कब तक शुरू कर
दी जायेगी? कनेक्टिविटी
चालू नहीं
रखने के दोषी
कौन अधिकारी
है? उनके
विरूद्ध क्या
कार्यवाही की
जायेगी?
परिवहन
मंत्री ( श्री
भूपेन्द्र
सिंह ठाकुर ) : (क)
जनपद पंचायत
रायपुर
कर्चुलियान
में पूर्व में
स्वान
कनेक्टिविटी
भूमिगत केबल
के माध्यम से
दी गई थी।
खुदाई
इत्यादि के
कारण केबल के
माध्यम से
कनेक्टिविटी
कई बार दूरस्त
करने के बाद
भी बाधित हुई।
इस कारण विगत
लगभग दो माह
से कनेक्टिविटी
बंद रही। जनपद
पंचायत को RF के
माध्यम से
कनेक्ट कर
सुचारू किया
गया। वर्तमान
में स्वान
कनेक्टिविटी
कार्यरत है। (ख)
जी हाँ। जनपद
पंचायत
रायपुर
कर्चुलियान
के माननीय
अध्यक्ष
द्वारा मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी, मैप-आईटी, भोपाल
को अपने पत्र
दिनांक 27.01.2016 के
द्वारा सूचित
किया गया। (ग)
पत्र
प्राप्ति के
तुरंत बाद RF कनेक्टिविटी
हेतु सर्वे
एवं टावर
स्थापना की
जाकर
कनेक्टिविटी
स्थापित की गई
एवं वर्तमान
में सुचारू
रूप से कार्यरत
है। खुदाई
होने से
भूमिगत केबल
आकस्मिक रूप
से
क्षतिग्रस्त
हुई थी।
कनेक्टिविटी
बाधित होने का
कारण, स्टेट
वाईड एरिया
नेटवर्क से
संबंधित नहीं
है, अत:
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
कोलारस कृषि उपज मण्डी के कबाड़े को अवैधानिक तरीके से विक्रय
85. ( क्र. 6907 ) श्री रामसिंह यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कोलारस कृषि उपज मण्डी द्वारा जून 2015 में मण्डी के कबाड़े को विक्रय किया गया है? यदि हाँ, तो क्या-क्या कबाड़ा कितनी राशि का किसकों विक्रय किया गया है? विक्रय किए गए कबाड़े का न्यूनतम मूल्य का आंकलन/मूल्यांकन किसके द्वारा कब किया गया? यदि कबाड़े का विक्रय से पूर्व मूल्यांकन नहीं कराया गया तो क्यों? (ख) क्या कार्यालय कृषि उपज मण्डी समिति कोलारस के पत्र क्रमांक 258 दिनांक 28.05.2015 द्वारा दिनांक 19.06.2015 को उपस्थित होकर बोली लगाने की 25 प्रतिशत राशि धरोहर के रूप में जमा कराने की सूचना जारी की गई थी? यदि हाँ, तो किन-किन बोलीदारों द्वारा कितनी-कितनी धरोहर राशि किस रसीद क्रमांक, दिनांक से या बैंक ड्राफ्ट से जमा की गई? (ग) क्या जब कबाड़े के सामान का न्यूनतम मूल्य निर्धारित नहीं था एवं बोली की न्यूनतम राशि निर्धारित नहीं थी तथा किसी भी बोलीदार द्वारा न तो कोई धरोहर राशि जमा की और न ही किसी ने बोली लगाई? यदि हाँ, तो एस.डी.एम. कोलारस द्वारा प्रस्तुत जाँच प्रतिवेदन क्रमांक 422-424 दिनांक 18.08.2015 पर क्या कार्यवाही किसके द्वारा की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों? (घ) क्या कोलारस कृषि उपज मण्डी के द्वारा अवैधानिक रूप से लाखों रूपये का सामान कबाड़े में बेचने वालों के विरूद्ध कोई ठोस एवं प्रभावी वैधानिक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक क्या कार्यवाही की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। अनुपयोगी सामग्री नीलामी में अधिकतम बोलीदाता श्री हजारीलाल राठौर कोलारस को राशि रूपयें 34,000/- में विक्रय की गई है। अनुपयोगी सामग्री जीर्णशीर्ण होने से मंडी समिति कोलारस द्वारा नीलामी के पूर्व मूल्यांकन नहीं किया गया है। (ख) जी हाँ। कृषि उपज मंडी समिति कोलारस जिला शिवपुरी द्वारा अनुपयोगी सामग्री के विक्रय हेतु कार्यालयीन पत्र क्रमांक 258 दिनांक 28.05.2015 द्वारा दिनांक 19.06.2015 द्वारा नीलामी विज्ञप्ति जनपद पंचायत/नगर पालिका एवं एस.डी.एम. कार्यालय कोलारस के नोटिस बोर्ड पर चस्पा की गई थी। विज्ञप्ति में नीलामी बोलीदाताओं को 25 प्रतिशत राशि धरोहर के रूप में जमा कराने का उल्लेख किया गया था, अनुपयोगी सामग्री के क्रय दिनांक से अवक्षयण की गणना करने पर उसकी कीमत शून्यवत होने से उसकी कीमत का मूल्यांकन नहीं कराया गया। कीमती का मूल्यांकन नहीं होने से नीलामी कार्यवाही के दौरान बोलीकर्ताओं से धरोहर राशि मंडी समिति कोलारस द्वारा जमा नहीं कराई गई। (ग) कृषि उपज मंडी समिति कोलारस द्वारा नीलाम की गई अनुपयोगी सामग्री का न्यूनतम मूल्य निर्धारित नहीं होने से नीलामी बोलीदाताओं द्वारा धरोहर राशि मंडी में जमा नहीं कराई गई। उक्त नीलामी कार्यवाही की शिकायत एस.डी.एम. कोलारस को प्राप्त होने पर शिकायत की जाँच कार्यवाही एस.डी.एम. कोलारस द्वारा जाँच प्रतिवेदन क्रमांक 422-424 दिनांक 18.08.2015 की प्रति आंचलिक कार्यालय ग्वालियर को प्राप्त नहीं हुई है। इस संबंध में अनुपयोगी सामग्री नीलामी दिनांक 19.06.2015 की एक शिकायत श्री सुशील काले नीवासी कोलारस द्वारा आंचलिक कार्यालय ग्वालियर को प्रेषित की गई थी, जिसके संलग्न एस.डी.एम. कोलारस द्वारा जाँच प्रतिवेदन क्रमांक 422-424 दिनांक 18.08.2015 की प्रति भी संलग्न थी। जो कलेक्टर शिवपुरी को संबोधित होकर आंचलिक कार्यालय ग्वालियर को पृष्ठांकित है। संयुक्त संचालक ग्वालियर द्वारा उक्त संबंध में प्रस्तुत जाँच प्रतिवेदन के साथ अनुविभागीय अधिकारी परगना कोलारस के पत्र क्रमांक 422-424 दिनांक 18.08.2015 से कलेक्टर शिवपुरी को प्रेषित प्रतिवेदन की छायाप्रति प्राप्त हुई है। जिसका नियमानुसार परीक्षण किया जाकर, कार्यवाही की जा रही है। (घ) जी हाँ। शिकायत मूलत: आंचलिक कार्यालय, ग्वालियर को प्राप्त हुई जिसका जाँच प्रतिवेदन पत्र क्रमांक 12493 दिनांक 10.02.2016 मंडी बोर्ड मुख्यालय भोपाल को प्राप्त हुआ है। जाँच प्रतिवेदन का परीक्षण किया जा रहा है। परीक्षण उपरांत गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी।
मुख्यमंत्री आवास योजना में बैंकों द्वारा एक लाख रूपये पर ब्याज लिए जाने विषयक
86. ( क्र. 6923 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लांजी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत मुख्यमंत्री आवास योजना में बैंक ऑफ महाराष्ट्र द्वारा हितग्राहियों से एक लाख रूपये पर ब्याज वसूला जा रहा है, जबकि योजनानुसार पचास हजार रूपये पर ही बैंको द्वारा ब्याज लिया जाना है? (ख) क्या शासन बैंकों में अनुदान की राशि देरी से तथा किश्तों में जमा करने के कारण हितग्राहियों को पचास हजार से अधिक राशि पर ब्याज देना पड़ता है? (ग) अनुदान की राशि समय पर जमा न करने के कारण हितग्राहियों को जो आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है उस कारण क्या इस योजना को अपना टारगेट पूरा करने में दिक्कतें आ रही है? (घ) क्या हितग्राहियों से एक लाख रूपये पर वसूले जा रहे ब्याज की राशि उन्हें वापिस की जाएगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र लांजी में बैंक ऑफ महाराष्ट्र की मात्र कारंजा शाखा में हितग्राहियों से ऋण राशि रू. 100000/- पर मय ब्याज के किश्त लिये जाने की जानकारी प्राप्त हुई थी। वर्तमान में उक्त बैंक शाखा में मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन के दिशा निर्देशानुसार हितग्राहियों से ऋण राशि रू. 50000/- पर मय ब्याज के प्रतिमाह किश्त का निर्धारण कर, ऋण का पुर्नभुगतान कराया जा रहा है। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश ''क'' के संदर्भ में बैंक ऑफ महाराष्ट्र, शाखा कारंजा द्वारा राशि का समायोजन किया जा रहा है।
विधवा महिलाओं को दी जा रही पेंशन में आयुबंधन समाप्त करने एवं राशि बढ़ाना
87. ( क्र. 6939 ) श्री कल्याण सिंह ठाकुर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में विभाग द्वारा पात्र विधवा महिलाओं को विधवा पेंशन दिये जाने की आयु 60 वर्ष निर्धारित है एवं कितने रूपयें प्रतिमाह पेंशन दी जाती? (ख) क्या शासन मानवीय आधार पर मंहगाई को ध्यान में रखते हुये आयु सीमा बंधन को समाप्त कर किसी भी उम्र में विधवा हुई प्रत्येक पात्र महिला को कम से कम 500 रूपयें से 1000/- रूपये के बीच प्रतिमाह पेंशन दिये जाने की सुविधा पर विचार करेगा? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) के क्रम में हाँ तो शासन कब तक विधवा महिलाओं के हित में निर्णय लेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। भारत सरकार की इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजनान्तर्गत विधवा महिलाओं हेतु न्यूनतम आयु सीमा 40 वर्ष निर्धारित है, जो बी.पी.एल.परिवार से हों तथा उन्हें इस योजना के अन्तर्गत राशि रूपये 300/- प्रतिमाह तथा राज्य शासन की सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनान्तर्गत बी.पी.एल. विधवा महिलाओं की आयु सीमा 18 से 39 वर्ष निर्धारित है, जिन्हें राशि रूपये 150/- प्रतिमाह प्रदाय की जा रही है। (ख) वर्तमान में आयु सीमा बंधन समाप्त किये जाने तथा राशि में वृद्धि का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ग) उत्तरांश ’’ख’’ के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विदिशा नवीन कृषि उपज मण्डी के निर्माण कार्य के संबंध में
88. ( क्र. 6940 ) श्री कल्याण सिंह ठाकुर : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विदिशा नवीन कृषि उपज मण्डी परिसर का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है? (ख) यदि हाँ, तो नवीन कृषि उपज मण्डी परिसर में रबी फसल की उपज खरीदी प्रक्रिया की जायेगी? (ग) यदि नहीं, तो नवीन कृषि उपज मण्डी में खरीदी कार्य कब से प्रारंभ किया जायेगा? खरीदी नहीं किेये जाने के कारण सहित जानकारी उपलब्ध करायें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी नहीं। अभी नवीन कृषि उपज मण्डी परिसर (मिर्जापुर) विदिशा में कुछ अधोसंरचनाओं के कार्य निर्माणाधीन है, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं नवीन मण्डी प्रागण विदिशा में अधोसंरचनाओं के निर्माण पूर्ण होने तथा व्यापारियों को भूखण्ड आदि सुविधाओं की उपलब्धता के पश्चात कृषि उपज विपणन गतिविधियां प्रारंभ हो सकेगी। (ग) उत्तरांश ‘ख’ में वर्णित कारणों के नवीन मण्डी प्रागण विदिशा में कृषि उपज की विपणन शुरू नहीं हो सकी है, इसको प्रारंभ करने हेतु अभी समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लीज नवीनीकरण
89. ( क्र. 6942 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या फर्जी दस्तावेजों के आधार पर शासन से लीज नवीनीकरण के संबंध में तत्कालीन विधायक होशंगाबाद द्वारा दिनांक 21.10.2009 को की गई शिकायत दिनांक 18.11.2009 को कलेक्टर कार्यालय, होशंगाबाद में प्राप्त हुई थी? (ख) उक्त शिकायत की जाँच किस अधिकारी द्वारा की गई? (ग) यदि जाँच पूरी हो गई हो, तो जाँच की जानकारी उपलब्ध करावें तथा यह भी बतावें कि प्रतिवेदन के आधार पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई? (घ) यदि जाँच अपूर्ण है, तो इसका कारण क्या है? क्या इस संबंध में शासन जबावदेही सुनिश्चित करेगा? (ड.) जाँच कब तक पूर्ण होगी?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी इटारसी द्वारा की गई। (ग) तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी इटारसी के द्वारा दिनांक 08.02.2010 को भेजे गये प्रतिवेदन पर कलेक्टर, होशंगाबाद के रा.प्र. क्र. 2बी/121 वर्ष 2010-11 में पारित आदेश दिनांक 02.05.2011 द्वारा अनुविभागीय अधिकारी इटारसी के जाँच प्रतिवेदन दिनांक 08.02.2010 के संबंध में पुनः जाँच कर प्रकरण का निराकरण किये जाने के निर्देश दिये गये थे, उक्त आदेश के परिपालन में आगामी कार्यवाही अनुविभागीय अधिकारी इटारसी द्वारा निरंतर विधिवत प्रक्रिया जारी है। प्रकरण दिनांक 29.03.2016 को संबंधित की उपस्थिति एवं फ्रेन्डस स्कूल प्राचार्य से अभिलेख सहित जबाव हेतु नियत है, कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) उत्तरांश ‘ग‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) प्रकरण की जाँच एक सतत् प्रक्रिया है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जनप्रतिनिधियों द्वारा आवंटित राशि के निर्माण कार्य
90. ( क्र. 6945 ) श्री लखन पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनपद पंचायत पथरिया एवं बटियागढ़ में बी.आर.जी.एफ/परफारमेंस ग्रांट मद से वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में अब तक कितने निर्माण कार्यों की सी.सी.जारी की जा चुकी है? यदि नहीं, तो कब तक जारी की जावेगी? (ख) क्या इनको पूर्ण करने की समय-सीमा शासन से निर्धारित है? यदि हाँ, तो निर्धारित समय में पूर्ण न होने के क्या कारण है? क्या कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं तो उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही हुई? (ग) यदि प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में सी.सी. जारी हुई है तो क्या स्वीकृत राशि से कम मूल्यांकन आने पर शेष राशि वसूली हेतु सी.सी. जारी हुई है? यदि हाँ, तो कब-कब हुई और इसमें अभी तक क्या कार्यवाही हुई वसूली कब तक की जावेगी? (घ) ग्राम पंचायत एजेंसी से वसूली की जाना हैं? ग्राम पंचायतवार जानकारी बतावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। समय-सीमा में कार्य पूर्ण न होने के कारण संबंधित ग्राम पंचायत की उदासीनता है, जिसने कार्यकारी एजेंसी को चेतावनी पत्र जारी किया गया है। जिससे उनके द्वारा कार्य कराये गये हैं। (ग) कार्यों के मूल्यांकन अनुसार वसूली की स्थिति निर्मित नहीं है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश ‘ग’ के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सचिव को एक से अधिक पंचायतों में पदस्थापना
91. ( क्र. 6946 ) श्री लखन पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले में ग्राम पंचायतों एवं ग्राम पंचायत के सचिव की संख्या कितनी है? जनपद पंचायतवार जानकारी बतायें? कितने सचिव को एक से अधिक ग्राम पंचातयों का प्रभार है? विकासखण्डवार बतायें? (ख) कितने ग्राम पंचायत के सचिव निलंबित हैं या उन्हें सचिवीय अधिकार नहीं है प्रत्येक का अलग-अलग कारण विवरण सहित बतायें? (ग) यदि सचिवों की संख्या कम है तो प्रत्येक ग्राम पंचायत में स्वतंत्र रूप से प्रभार के रूप कब तक व्यवस्था बनायेंगे? सचिव के रिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब‘ अनुसार। (ग) रिक्त पदों की पूर्ति तक। रिक्त पदों को भरने की कार्यवाही प्रचलन में है। यह एक निरंतर प्रक्रिया है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
गृह मंडी में पदस्थ कर्मचारियों की जानकारी
92. ( क्र. 6980 ) श्री मेहरबान सिंह रावत : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश की समस्त कृषि उपज मण्डी समितियों में उनकी गृह मण्डी में पदस्थ सचिव, प्रभारी सचिव, मण्डी निरीक्षक, सहायक उप निरीक्षक की जानकारी बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) में क्या पदस्थ कर्मचारियों को गृह मण्डी में पदस्थ करना नियमानुसार है? यदि हाँ, तो नियम प्रस्तुत करें? (ग) यदि नहीं, तो गृह मण्डी में पदस्थ कर्मचारियों को उनकी गृह मण्डी से कब तक हटाया जाएगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रश्नागत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है। (ख) म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड में प्रचलित स्थानांतरण नीति में कार्यपालिक पद अंतर्गत सचिव/प्रभारी सचिव, मंडी निरीक्षक को साधारणत: गृह मंडी क्षेत्र में पदस्थ करने का नियम नहीं है। सहायक उपनिरीक्षक बड़ा संवर्ग है, जिनकी पूर्व वर्षों में कृषि उपज मंडी समितियों द्वारा स्थानीय स्तर पर नियुक्तियां की गई थी, इनमें से गृह मंडी में पदस्थ कर्मचारियों को चरणबद्ध रूप से अन्यत्र स्थानांतरण किया जा रहा है। स्थानांतरण नीति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) उत्तरांश "ख" के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
खिलचीपुर अंतर्गत मुख्यमंत्री सड़कों व पुल पुलिया
93. ( क्र. 6994 ) कुँवर हजारीलाल दांगी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के विधान सभा क्षेत्र खिलचीपुर में मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना अंतर्गत प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय चरणों में कौन-कौन सी सड़कों की स्वीकृति कब-कब कितनी लागत से प्रदान की गई वर्षवार बतावे तथा उक्त स्वीकृत किन-किन मार्गों पर पुल पुलिया निर्माण कार्य कराया जाना था एवं निर्माण हेतु क्या समय-सीमा निर्धारित थी? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत किन-किन मार्गों का निर्माण कार्य पूर्ण तथा किन-किन मार्गों का निर्माण किस-किस कारण से अपूर्ण हैं तथा उक्त मार्गों पर पुल पुलिया निर्माण की अद्यतन स्थिति सहित बतावें? (ग) क्या विधानसभा क्षेत्र खिलचीपुर में उक्त योजनान्तर्गत आधे से अधिक मार्गों का निर्माण कार्य अपूर्ण है और उक्त मार्गों पर पुल पुलिया का निर्माण कार्य भी नहीं कराया गया है? यदि हाँ, तो क्या शासन सड़क की पुल पुलिया निर्माण कार्य समय-सीमा में पूर्ण नहीं करने वाले संबंधित दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो क्या और कब तक? (घ) इन पुलिया के निर्माण की स्वीकृति कब तक हो जावेंगी तथा निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ हो जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। मार्गों का कार्य पूर्ण कराया गया। इन स्वीकृत मार्गों में 406 पुलियों का कार्य भी पूर्ण किया गया है। 10 मी. से अधिक स्पान की 11 पुलियों की पृथक से स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलन में है अत: अधिकारी व कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (घ) उक्त पुलियों की प्रशासकीय स्वीकृति की कार्यवाही प्रलचन में है, प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त होने के 02 माह के अन्दर कार्य प्रारंभ करा लिया जावेगा।
गलत जानकारी देने वालों के विरूद्ध कार्यवाही
94. ( क्र. 7010 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नोत्तरी दिनांक 09.12.2015 में मुद्रित प्रश्न संख्या 22 (क्रमांक 296) के उत्तरांश अनुसार आयुक्त रीवा संभाग द्वारा प्रश्नकर्ता को उपलब्ध कराई गई? जानकारी भ्रामक एवं असत्य है? रीवा नगर निगम अंतर्गत कितनी जमीन किस-किस ठेकेदार को शॉपिंग मॉल एवं दुकान निर्माण बाबत् कब-कब एवं कितनी-कितनी लागत पर कितनी-कितनी अवधि तक के लिए आवंटित की गई है? इसका कहीं भी उल्लेख नहीं किया गया, बल्कि नालों, नहरों, रोडों के लिए शासकीय एवं निजी जमीनों के अधिग्रहित करने का उल्लेख किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कितनी शासकीय एवं प्राइवेट जमीनें नगर निगम सहित ग्रामों की रीवा संभाग अंतर्गत बिल्डरों/ठेकेदारों को दुकान एवं शॉपिंग मॉल/गोदाम निर्माण बाबत् दी गई? उनके पट्टे एवं शर्तें शासन की नीति के साथ रकबा की जानकारी देवें? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) की जमीनें नियम विरूद्ध तरीके से बिल्डरों को आवंटित की गईं तो दोषियों की पहचान कर क्या कार्यवही कब तक करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
किसानों/भूमि स्वामियों के भू-अधिकार पत्र (ऋण पुस्तिकाओं) के वितरण
95. ( क्र. 7038 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. सरकार द्वारा किसानों/भूमि स्वामियों को ऋण पुस्तिकाओं/ भू-अधिकार पत्र का वितरण किया जाता है? हाँ तो वर्ष 2012 से प्रश्नांश तक में रीवा जिले के अंतर्गत कितनी ऋण पुस्तिकाओं का वितरण किया गया? उनमें से कितनी ऋण पुस्तिकाओं का वितरण लोक सेवा गांरटी के माध्यम से एवं कितने सीधे किसानों को वितरित की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के ऋण पुस्तिकाओं का रीवा संभाग के तहसीलों में कितनी संख्या में उपलब्ध कराई गई तथा उनमें से कितनी ऋण पुस्तिकाएं का वितरण किसानों को किया गया? प्राप्त ऋण पुस्तिकाओं में से हल्का पटवारियों के पास कितनी ऋण पुस्तिकाएं शेष बची हैं? ऋण पुस्तिकाओं के शेष बचे होने का कारण देवें? (ग) प्रश्नांश (क) के संबंध में तहसीलों में कितने अविवादित नामान्तरण एवं कितने बारिसाना नामान्तरणों के प्रकरण लंबित हैं तथा उनमें से कितने आदेश जारी कर किसानों को ऋण पुस्तिकाओं का वितरण कर राजस्व अभिलेखों में सुधार की कार्यवाही की गई? इनमें से कितनी ऐसी शिकायतें एवं प्रकरण प्रकाश में आये हैं जिनकी ऋण पुस्तिका जारी होने के बाद भी राजस्व अभिलेखों में सुधार नहीं किया गया? (घ) यदि प्रश्नांश (ख) एवं (ग) अनुसार ऋण पुस्तिकाएं पटवारियों के पास शेष बची हुई हैं, उनका वितरण नहीं किया गया, अविवादित एवं बारिसाना की कार्यवाही कर ऋण पुस्तिकाएं किसानों/भूमि स्वामियों को वितरित नहीं की गई तथा राजस्व अभिलेखों में सुधार नहीं किया गया तो इसके लिए किसको दोषी मानते हुए कार्यवाही करेंगे? अगर फर्जी तरीके से तैयार कर ऋण पुस्तिकाओं का वितरण किया गया, राजस्व अभिलेखों में सुधार नहीं किया गया तो इसके लिए संबंधितों के विरूद्ध क्या धोखाधड़ी का मामला पंजीबद्ध करायेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ, रीवा जिला अंतर्गत 492235 ऋण पुस्तिकाओं का वितरण किया गया है। उनमें से 10950 ऋण पुस्तिकाओं का वितरण लोक सेवा गारंटी के माध्यम से एवं 481285 सीधे किसानों को वितरण की गई। (ख) रीवा संभाग की तहसीलो में 1326059 ऋण पुस्तिकाएं उपलब्ध कराई गई है। जिनमें से 1238258 वितरण की गई एवं 87801 शेष है जो बैकों से ऋण, जमानत एवं ग्राम के बाहर किसानों के निवास करने के कारण वितरण नहीं किया जा सका है। (ग) रीवा संभाग में अविवादित नामांतरण एवं बारिसाना नामातंरणों के कोई प्रकरण लंबित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के अनुसार कृषकों के बैकों से ऋण लेने के कारण बैकों में जमा, न्यायालयीन जमानतों के कारण न्यायालयों में जमा होने तथा कृषकों के ग्राम से बाहर होने के कारण वितरण नहीं किया जा सका है जिसके लिये किसी को दोषी मानते हुये कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता है।
जबलपुर-लखनादौन फोरलेन के भू-अर्जन का मुआवजा
96. ( क्र. 7052 ) श्री दिनेश राय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवीन भू-अर्जन अधिनियम के अंतर्गत डायवर्टेड भूमि एवं कृषि भूमि के भू-अर्जन के मुआवजा राशि की दर क्या है, किस मान से दिया जावेगा? (ख) क्या सिवनी जिले में (लखनादौन-जबलपुर प्रगतिरत फोरलाईन सड़क निर्माण कार्य) के लिए अधिग्रहित भूमि का मुआवजा पुराने भू-अर्जन अधिनियम से दिया जायेगा या नवीन भू-अर्जन अधिनियम से दिया जायेगा अथवा दिया गया है, कारण सहित उत्तर दें? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के लिए ली गई भूमि के अधिग्रहण का मुआवजा डायवर्टेड भूमि के अर्जन का अनडायवर्टेड भूमि के मुआवजा के समान ही देने का प्रावधान हैं? यदि नहीं, तो डायवर्टेड भूमि अधिग्रहण का मुआवजा सिवनी जिले के लखनादौन विधानसभा में क्यों नहीं दिया? (घ) प्रश्नांश (ख) निर्माण कार्य के लिए अधिग्रहित की गयी भूमियों का खसरा नं., रकबा, भूमिस्वामियों के नाम, पता सहित जानकारी दें तथा बतावें कि अधिग्रहित डायवर्टेड एवं मुक्त भूमि का जिला सिवनी में मुआवजा नये भू-अर्जन अधिनियम के तहत कब और किस रीति से दिया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) भूमि अर्जन, पुनर्वासन एवं पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम, 2013 में भूमि के अर्जन के मामलों में प्रतिकर निर्धारण के लिये उक्त अधिनियम की धारा 26 से 30 सहपठित पहली अनुसूची के प्रावधान प्रभावशील है। (ख) प्रश्नाधीन सड़क के लिये भूमि का अधिग्रहण राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम 1966 के अंतर्गत किया गया है। अतः भू-अधिनियम लागू होने का प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (ग) उत्तरांश ‘‘ख‘‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (घ) सर्वे नंबर, रकबा, भूमिस्वामी का नाम पता सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है।
भरण मुक्ति एवं ऋण माफी में अनियमितता
97. ( क्र. 7075 ) श्री रामनिवास रावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला सहकारी बैंक शिवपुरी में वर्ष 2006 से 2011 की अवधि में मृत व्यक्तियों को ऋण प्रदाय करने एवं ऋण मुक्त करने तथा कर्ज माफी में अनियमितताओं की शिकायतें प्राप्त होने पर जाँच कराई गई थी? यदि हाँ, तो किस अधिकारी द्वारा जाँच की गई? जाँच में किस-किस को दोषी पाया गया? दोषियों में से अभी तक किस-किस के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) की अवधि में उक्त बैंक में कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी किस-किस पद पर पदस्थ थे? इनमें से कौन-कौन दोषी थे वर्तमान में उक्त अधिकारी कर्मचारी कहाँ पदस्थ हैं? (ग) क्या दोषी कर्मचारी/अधिकारियों को प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पदस्थापना में दोषी पाए जाने पर पुन: समान पदस्थापना पर पदस्थ किया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? (घ) वर्तमान में जिला सहकारी बैंक जिला शिवपुरी में मुख्य कार्यपालन अधिकारी (महाप्रबंधक) पद पर कौन पदस्थ हैं व कब से हैं? क्या उक्त महाप्रबंधक पूर्व में भी इस जिले में पदस्थ रहे हैं? यदि हाँ, तो कब से कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जाँच कमेटी द्वारा कराई गई थी जिसमें श्री पी.बी. मुचरीकर अंकेक्षण अधिकारी, श्री ए.के. पाराशर वरिष्ठ सहकारी निरीक्षक, श्री रमेश जैन सहकारी निरीक्षक तथा श्री पी.के. गुप्ता सहकारी निरीक्षक सम्मिलित थे। जाँच में प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था मर्यादित, करही शाखा करैरा के तत्कालीन समिति प्रबंधक श्री शहजाद अहमद कुरैशी, सहायक समिति प्रबंधक श्री मदन तिवारी, तत्कालीन शाखा प्रबंधक श्री अब्दुल शहजाद खान, श्री मुन्नालाल राठौर एवं तत्कालीन लेखापाल श्री प्रभात भार्गव को दोषी पाया गया। दोषी कर्मचारियों में से श्री मुन्नालाल राठौर, श्री अब्दुल शहजाद खान तथा श्री मदन तिवारी के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई, श्री शहजाद अहमद कुरैशी को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई, श्री प्रभात भार्गव के विरूद्ध कर्मचारी सेवा-नियम अंतर्गत विभागीय जाँच प्रक्रियाधीन है, श्री मदन तिवारी की मृत्यु हो चुकी है तथा श्री अब्दुल शहजाद खान एवं श्री मुन्नालाल राठौर को निलंबित किया गया था, अधिवार्षिकी आयु पूर्ण होने से निलंबित रहते हुये सेवानिवृत्त हो चुके है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश ‘क’ की अवधि में बैंक में पदस्थ कर्मचारियों/अधिकारियों की वर्षवार/शाखावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार तथा शाखाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। दोषियों की जानकारी उत्तरांश ‘क’ अनुसार है। उक्त दोषी कर्मचारियों में से केवल श्री प्रभात भार्गव वर्तमान में कार्यरत है जो बैंक प्रधान कार्यालय में पदस्थ है। (ग) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) श्री ए.एस. कुशवाह दिनांक 21.08.2015 से पदस्थ हैं। जी हाँ। दिनांक 01.12.2006 से 22.06.2012 तक।
जमा राशि का दुरूपयोग
98. ( क्र. 7084 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित भिण्ड में 01 अप्रैल 2014 से 20 फरवरी 2016 तक किन-किन सेवा सहकारी समितियों में वर्षवार कितनी-कितनी राशि जमा की गई? (ख) उपरोक्त अवधि में अमानत में खयानत के रूप में जमा की गई राशि किन-किन मदों में खर्च की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्न में उल्लेखित अवधि में अनियमितता व अन्य में संलिप्त राशि के विरूद्ध जमा राशि किसी भी मद में खर्च नहीं की गई।
बीज उर्वरक एवं पौध संरक्षण दवाओं का परीक्षण
99. ( क्र. 7086 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या परि. अता. प्रश्न संख्या-21 (क्रमांक 374) दिनांक 24 फरवरी, 2016 में प्राप्त उत्तर के अनुसार बीज उर्वरक एवं पौध संरक्षण दवाओं के परिणाम प्राप्त होने के पूर्व, किसानों द्वारा आदान सामग्री का संपूर्ण उपयोग कर लिया गया था? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के अधीन किसानों से शिकायत प्राप्त नहीं होने के कारण नुकसान का आंकलन विभाग द्वारा नहीं किया गया है? (ग) क्या नमूनों के अमानक होने की स्थिति में उत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता हैं? यदि हाँ, तो परिणामों की जानकारी बोनी के पूर्व किसानों को क्यों नहीं दी जाती है? (घ) यदि उत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है, तो नमूनों की जाँच का क्या औचित्य हैं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) नमूनों के अमानक होने की स्थिति में उत्पादन प्रभावित होना संभावित है। बीज अधिनियम 1966, बीज नियम 1968 एवं बीज (नियंत्रण) आदेश 1983, उर्वरक (नियंत्रण) आदेश 1985, कीटनाशी अधिनियम 1968 में निहित प्रावधान अनुसार प्रयोगशाला से प्राप्त परिणामों की जानकारी संबंधितों को बीज, उर्वरक एवं कीटनाशी संबंधी नियमानुसार यथासमय प्रसारित की जाती है। (घ) गुणवत्ता परीक्षण हेतु नमूनों की जाँच आवश्यक है।
जैविक खेती
100. ( क्र. 7092 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता सुधारने का एक मात्र तरीका जैविक खेती है? (ख) क्या जैविक खेती के प्रोत्साहन के लिए कार्य किए गये हैं? (ग) यदि हाँ, तो गत तीन वर्षों में विधान सभा क्षेत्र पनागर जिला जबलपुर में क्या कार्य किये गये हैं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जैविक खेती का उपयोग खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता बनाये रखने में सक्षम है। (ख) जी हाँ। (ग) हाँ, पनागर विधान सभा क्षेत्र में गत तीन वर्षों में किये गये कार्य बायोगैस संयंत्र-98, बर्मी पिट-1769 एवं कल्चर पैकेट वितरण- 175000 किये गये हैं।
अनुदान राशि की वापसी
101. ( क्र. 7121 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रवी 2015-16 में जबलपुर जिला में सूरजधारा, अन्नपूर्णा योजना में किस आदेश के तहत शत्-प्रतिशत राशि, कृषकों से लेकर बीज का वितरण किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) में कितना बीज पूरी राशि प्राप्त कर वितरण किया गया, कितना बीज 25 प्रतिशत राशि लेकर, कृषकों को वितरित किया गया? (ग) प्रमुख सचिव अथवा संचालक किसान कल्याण और कृषि विकास ने किस दिनांक की विडियो कान्फ्रेंसिंग में 25 प्रतिशत राशि लेकर बीज वितरण के निर्देश दिये? उक्त दिनांक के पूर्व वितरित बीज के अनुदान की 75 प्रतिशत राशि, कितने किसानों के खाते में जमा की गई? कितनों के खाते में जमा करना शेष है? (घ) प्रश्नांश (क) से (ख) में क्या कृषकों से पूरी राशि ली गई? यदि हाँ, तो विभागीय अधिकारियों ने किस आदेश के तहत 25 प्रतिशत राशि के चालान जमा किये गये और उक्त राशि, कितने किसानों को नगद वापस की गई? इसका कौन-कौन जिम्मेदार हैं? इन पर क्या कार्यवाही की जायेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) वर्ष 2015-16 में जबलपुर जिले में सूरजधारा एवं अन्नपूर्णा योजनान्तर्गत 75 प्रतिशत अनुदान पर 25 प्रतिशत कृषक अंश लेकर कृषकों को बीज का वितरण किया गया। (ख) वर्ष 2015-16 में जबलपुर जिले में अन्नपूर्णा एवं सूरजधारा योजनान्तर्गत क्रमश: 2506 क्विंटल एवं 1299 क्विंटल बीज का 25 प्रतिशत कृषक अंश राशि लेकर बीज का कृषकों वितरण किया गया। (ग) जबलपुर जिले में अन्नपूर्णा एवं सूरजधारा योजनान्तर्गत म.प्र. शासन कृषि विभाग के मार्ग-दर्शन निर्देशानुसार 25 प्रतिशत कृषक अंश राशि लेकर कृषकों को बीज का वितरण किया गया है। इसलिये कृषकों के खाते में राशि जमा करने का प्रश्न ही नहीं उठता है। (घ) जी नहीं। जबलपुर जिले में योजनान्तर्गत कृषकों से शत्-प्रतिशत राशि नहीं ली गई है। अत: कृषकों को नगद राशि वापिस करने का प्रश्न ही नहीं उठता।
किसानों को अनुदान
102. ( क्र. 7155 ) श्री रामसिंह यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले में किसानों को वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 में अनुदान दिया गया है? यदि हाँ, तो कितने किसानों को अनुदान दिया गया है? (ख) क्या उक्त अवधि में कुछ किसानों को अनुदान राशि का भुगतान किया जाना लंबित है? यदि हाँ, तो कितने किसानों का कितना-कितना अनुदान किस-किस प्रयोजन का कब से लंबित है? किसानों को लंबित भुगतान कब तक कर दिया जाएगा? (ग) विभाग की किन-किन योजनाओं में किसानों को कितना-कितना अनुदान दिया जाता है? (घ) क्या शिवपुरी जिले में अनेक किसानों ने अनुदान योजनाओं का लाभ लेने के लिए वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 में आवेदन प्रस्तुत किए थे? परंतु संबंधित किसानों के प्रकरण स्वीकृत नहीं हुए? यदि हाँ, तो ऐसे कितने किसान हैं जिनके आवेदन स्वीकृत नहीं किए गए हैं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2014-15 में 318 किसानों को एवं वर्ष 2015-16 में दिनांक 18.03.016 तक 587 किसानों को अनुदान दिया गया है। (ख) वर्ष 2014-15 में किसी भी किसान का अनुदान लंबित नहीं है। वर्ष 2015-16 अंतर्गत प्रकरण प्राप्त हो रहे है। यंत्र उठाव हेतु स्वीकृति जारी की जा रही है। देयक प्राप्त होते ही इस वित्तीय वर्ष में कोषालय द्वारा भुगतान किये जाने तक अनुदान का भुगतान कर दिया जावेगा। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) वर्ष 2014-15 में किसी भी किसान का आवेदन प्रकरण लंबित नहीं है। वर्ष 2015-16 में 7 नवंबर 2015 के पश्चात राज्य शासन द्वारा कृषकों के आवेदन ऑन-लाईन प्रक्रिया से पंजीकृत करने की प्रक्रिया निर्धारित की गई है। अत: उक्तानुसार स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
भूमि का सीमांकन
103. ( क्र. 7190 ) श्री महेन्द्र केशर सिंह चौहान : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भूमि का सीमांकन किया जाकर सीमांकन रिपोर्ट कितने दिनों में प्रस्तुत किए जाने का क्या प्रावधान है, निश्चित समयावधि में सीमांकन न किए जाने के लिए क्या जिम्मेदारी निर्धारित की गई है? (ख) बैतूल तहसील के ग्राम टिकारी के खसरा नंबर 215 के सीमांकन हेतु गत तीन वर्षों में किस-किस दिनांक को किस-किस भू-स्वामी ने सीमांकन का आवेदन दिया उस आवेदन पर किस दिनांक को किस-किस की उपस्थिति में सीमांकन किया गया? (ग) माह फरवरी 2016 में दिए गए सीमांकन के आवेदन पर किस दिनांक को किस-किस को सीमांकन के निर्देश दिए गए, किस दिनांक को सीमांकन किया गया, यदि सीमांकन नहीं किया गया तो उसका कारण बतावें? (घ) कब तक 11 फरवरी 2016 के दिए आवेदन के आधार पर सीमांकन कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) भूमि का सीमांकन किया जाकर रिपोर्ट तीस दिनों में प्रस्तुत किये जाने का प्रावधान है। निश्चित समयावधि में सीमांकन न किये जाने के लिए म.प्र. लोक सेवाओं के प्रदाय की गारन्टी अधिनियम 2010 की धारा 3 के तहत अपील करने का प्रावधान है। (ख) बैतूल तहसील के ग्राम टिकरी के खसरा नम्बर 215 के सीमांकन हेतु आवेदन गत तीन वर्षों से प्राप्त नहीं हुआ है। (ग) माह फरवरी 2016 में दिए गए सीमांकन के आवेदन पर 11/02/2016 को रा.नि. के सीमांकन के निर्देश दिए गए दिनांक 05/03/16 को सीमांकन किया गया शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही नहीं उठता। (घ) प्रश्नांश ''ग'' में कार्यवाही पूर्ण होने के कारण प्रश्न नहीं उठता।
सहकारिता बैंकों का ऑडिट
104. ( क्र. 7198 ) श्री माधो सिंह डावर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अलीराजपुर जिले में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक की कितनी शाखाएं हैं? (ख) इनमें विगत 5 वर्षों में कब-कब ऑडिट हुए एवं कितनी आपत्तियां प्राप्त हुईं? कितनी आपत्तियों का निराकरण किया गया तथा कितनी लंबित हैं? (ग) क्या किसी कर्मचारी की आपत्तियों के विरूद्ध विभागीय एवं लोकायुक्त की जाँच चल रही है? यदि हाँ, तो किन-किन कर्मचारियों के विरूद्ध?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) अलीराजपुर जिले में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या., झाबुआ की 07 शाखायें हैं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सूखा राहत वितरण
105. ( क्र. 7215 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजस्व पुस्तक परिपत्र खण्ड छ: क्रमांक 4 सरल क्रमांक 14 में राजस्व अधिकारियों को प्राकृतिक प्रकोपों से हुई हानि का आंकलन करने व पीडि़तों को सहायता उपलब्ध कराने की कार्यवाही में जनप्रतिनिधियों को अधिक से अधिक विश्वास में लेना चाहिए? यदि हाँ, तो भिण्ड विधान सभा के अंतर्गत 2015-16 में किस स्थान पर किस जनप्रतिनिधि को सर्वेक्षण में सम्मिलित किया गया? (ख) परि. अता. प्रश्न संख्या-54 (क्रमांक 844) दिनांक 24.2.2016 में भिण्ड में 417.3 औसत वर्षा से कम अंकित होने के उपरान्त फसल की क्षति आंकलन का प्रतिशत कम क्यों दर्शाया गया? आंकलन कम दर्शाने के क्या कारण हैं? (ग) प्रश्नांश ख के अंतर्गत कम वर्षा होने के कारण फसल की पैदावार कम हुई? पीडितों को क्षति कम देने के क्या कारण हैं? क्षतिग्रस्त फसलों का आंकलन मापदण्डों के अनुसार नहीं किया गया? कौन दोषी हैं? (घ) भिण्ड विधान सभा में वर्ष 2015-16 में सबसे कम वर्षा होने के उपरान्त पीडि़तों को समुचित क्षतिपूर्ति न मिलने के क्या कारण हैं? क्या उचित मुआवजा देने के लिए कार्यवाही की जायेगी यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 सरल क्रमांक 14 में निहित प्रावधानों के परिप्रेक्ष्य में प्राकृतिक प्रकोपों से हुई हानि का आंकलन करने के लिए जनप्रतिनिधियों को विश्वास में लिया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में भिण्ड में 417.3 मिलीमीटर औसत वर्षा से कम अंकित होने के उपरांत फसल की हानि का आंकलन का प्रतिशत कम नहीं दर्शाया गया उतनी ही क्षति दर्शायी गई है। (ग) जी हाँ प्रश्नांश (ख) के अन्तर्गत फसल की क्षति के आंकलन अनुसार ही नियमानुसार ही राहत निर्धारित मापदण्डों के अनुसार ही प्रभावित कृषकों को दी गई है। इस कारण कोई दोषी नहीं है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (घ) भिण्ड विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2015-16 में कम वर्षा होने से प्रभावित कृषकों को फसल हानि की क्षति के वास्तविक आकलन अनुसार आर.बी.सी. 6-4 के प्रावधानों के तहत ही राहत राशि वितरित की गई है। वर्तमान में राहत राशि वितरण हेतु कोई कृषक शेष नहीं है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
रिक्त पदों की पूर्ति
106. ( क्र. 7216 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के जिला पंचायत अन्तर्गत कितने पद स्वीकृत हैं कितने पद रिक्त हैं कौन से पद विकलांग के आरक्षित किए गए हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में विगत तीन वर्ष के अन्तर्गत किस श्रेणी के विकलांग व्यक्तियों की भर्ती की गई? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में चतुर्थ श्रेणी भृत्य के पद पर विगत तीन वर्ष में विगलांग आरक्षित वर्ग से पद पूर्ति की गई? (घ) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में 2015-16 में चतुर्थ श्रेणी भृत्य की पद पूर्ति की कया कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) जानकारी निरंक है।
मुख्यमंत्री हाट बाजार
107. ( क्र. 7225 ) श्री के. के. श्रीवास्तव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न संख्या-6 (क्र. 1192) दिनांक 24.2.16 के संदर्भ में विधान सभा क्षेत्र टीकमगढ़ में कौन कौन से हाट बाजार पंचायत राज मार्ग दर्शिका के मापदण्डों के अनुसार बनाये गये, जिनमें भण्डार गृह कार्यालय प्रसाधन व्यवस्था, विद्युत एवं पेय-जल व्यवस्था के साथ ही एम.फी. थियेटर की स्थापना की गई? नाम सहित बतायें। (ख) 16 हाट बाजारों के निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति, तकनीकी स्वीकृति एवं भुगतान के बाद भी मात्र 3 हाट बाजार पूर्ण हैं, शेष अप्रारंभ एवं निर्माणाधीन क्यों हैं? कौन दोषी हैं? इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ग) हाट बाजार के स्थल चयन की जिम्मेदारी किसकी होती है? गलत एवं अनुपयोगी स्थल चयन कर निर्माण कराने वाली पंचायत के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? क्या ऐसी अपव्यय की गई राशि की वसूली सुनिश्चित करेंगे? हाँ तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विधान सभा क्षेत्र टीकमगढ़ में समस्त हाट बाजार मुख्यमंत्री ग्राम हाट बाजार योजना की मार्गदर्शिका की कंडिका-11 के अनुसार छोटे ग्रामों में कम लागत के हाट-बाजार निर्माण कार्य कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा टीकमगढ़ द्वारा जारी तकनीकी स्वीकृति एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत टीकमगढ़ द्वारा जारी प्रशासकीय स्वीकृति पश्चायत निर्मित किये गये हैं। कार्यपालन यंत्री द्वारा जारी की गई तकनीकी स्वीकृति एवं प्राक्कलन अनुसार कार्य की लागत राशि रू. 15.00 लाख है, जिसमें विद्युत एवं एम.फी. थियेटर की व्यवस्था नहीं की गई। उल्लेखनीय है कि वे हाट बाजार जिनकी इकाई लागत राशि रूपये 50.00 लाख है। उनमें वि़द्युत एवं एम.फी. थियेटर की व्यवस्था की गई है। पेय-जल की व्यवस्था पूर्व से स्थापित संसाधनों से की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) टीकमगढ़ विधान सभा क्षेत्र में 16 हाट बाजार स्वीकृत किये गये हैं। 03 हाट बाजार पूर्ण हैं। 11 प्रगतिरत् कार्यों को दिनांक 30.04.2016 तक पूर्ण किये जाने के निर्देश मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत द्वारा जारी किये गये हैं। 02 कार्य अप्रारंभ होने से संचालनालय द्वारा निरस्त किये गये हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) स्थल चयन का उत्तरदायित्व ग्राम पंचायत का है। ग्राम पंचायत जशवंतनगर में परंपरागत रूप से लगने वाले स्थल पर जगह की कमी होने से ग्रामसभा में पारित प्रस्ताव अनुसार नवीन स्थल का चयन पगारा में किया गया है, जो कि मुख्य मार्ग पर स्थित है। शेष समस्त ग्राम पंचायतों में परंपरागत रूप से लगने वाले हाट स्थल को ही निर्माण स्थल के रूप में चयन किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्प्रिंकलर एवं ड्रिप सिस्टम का वितरण
108. ( क्र. 7227 ) श्री के. के. श्रीवास्तव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में विगत 05 वर्षों में कितने स्प्रिंकलर एवं ड्रिप सिस्टम पर कितने किसानों को वित्तीय वर्ष वार कितना अनुदान दिया गया? (ख) वर्तमान में कितने स्प्रिंकलर एवं ड्रिप भौतिक रूप से क्रियाशील है? (ग) क्या शासकीय अनुदान प्राप्त योजनाओं की निगरानी समय-समय पर शासन द्वारा की जाती है? यदि नहीं, तो क्या शासन योजनाओं के क्रियान्वयन एवं संचालन हेतु ऐसी कोई योजना पर विचार करेगा? हाँ तो कब तक? (घ) पूर्व में अनुदान से लाभांवित कृषकों के सिंचाई सिस्टम का भी भौतिक सत्यापन कराया जायेगा? हाँ तो कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा टीकमगढ जिले में विगत 5 वर्षों में 6366 स्प्रिंकलर पर किसानों को राशि रूपये 771.294 लाख का अनुदान दिया गया है। वित्तीय वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। ड्रिप सिस्टम वितरण न होने से किसानों को अनुदान नहीं दिया गया। (ख) सभी 6366 स्प्रिंकलर भौतिक रूप से क्रियाशील है। (ग) जी हाँ। (घ) वितरित स्प्रिंकलर सिस्टम का जिले के उप संचालक क़ृषि द्वारा 5 प्रतिशत अनुविभागीय कृषि अधिकारियों द्वारा 10 प्रतिशत एवं वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी/ग्रा.कृषि विस्तार अधिकारियों द्वारा 100 प्रतिशत भौतिक सत्यापन कर लिया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है।
परफॉरमेंस ग्रांट फन्ड के कार्यों का अनुमोदन
109. ( क्र. 7299 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला पंचायत परफॉरमेंस ग्रांट फण्ड मद से किये जाने वाले कार्यों का अनुमोदन जिला पंचायत के सामान्य प्रशासन स्थायी समिति द्वारा किया जाना आवश्यक है? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2013-14 एवं 14-15 में परफॉरमेंस ग्रांट फण्ड मद की राशि से जिला पंचायत सिंगरौली द्वारा स्वीकृत कार्यों का अनुमोदन जिला पंचायत के सामान्य प्रशासन स्थायी समिति से नहीं कराया गया है? (ग) यदि कराया गया है तो दिनांक एवं कार्यों का नाम बतायें? जिला पंचायत सिंगरौली के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के विरूद्ध क्या दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी और कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) योजनान्तर्गत वर्ष 2013-14 में परफॉरमेंस ग्रान्ट मद की राशि से स्वीकृत कार्यों का जिला पंचायत सिंगरौली द्वारा सामान्य प्रशासन समिति से अनुमोदन कराया गया है वर्ष 2014-15 में कोई कार्य स्वीकृत नहीं कराये। (ग) वर्ष 2013-14 में सामान्य प्रशासन समिति द्वारा अनुमोदित कार्यों की स्वीकृति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। वर्ष 2014-15 में प्राप्त राशि के विरूद्ध स्वीकृति जारी नहीं की गई है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
किसानों को मुआवजा वितरण
110. ( क्र. 7300 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश का अन्नदाता किसान इस समय काफी परेशानी एवं संकट के दौर से गुजर रहा है। सूखा, ओला, अतिवृष्टि से किसानों की बड़े पैमाने पर फसलें बर्बाद हुई हैं? इस विपदा के समय किसानों की बर्बाद फसलों का सर्वे समय पर नहीं कराया है जिसके कारण आज तक किसानों को मुआवजा राशि का वितरण नहीं हो पाया है? (ख) क्या किसानों की रबी फसल की खरीदी 15 मार्च, 2016 से प्रारंभ की जा रही है जिसका समर्थन मूल्य रूपये 1525 घोषित किया है जो कि बहुत ही कम है? साथ ही बोनस की राशि की घोषणा भी नहीं की है। साथ ही खरीदी केन्द्रों पर तुलाई में व्यापक धांधली एवं भ्रष्टाचार होता है तथा प्रासांगिक व्यय की राशि भी किसानों से वसूली की जाती है? (ग) किसानों की समय पर तुलाई न होने एवं उनके द्वारा विक्रय करने हेतु लाया जाने वाला गेहूँ की क्वालिटी को जानबूझकर अमानक बताकर वापस कराना, ऐसी अनेक समस्याओं से किसानों को जूझना पड़ता है? यदि हाँ, तो शासन द्वारा समस्या निवारण हेतु किये जा रहे प्रयासों का विवरण दें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सरपंचों के मानदेय/भत्तों का भुगतान
111. ( क्र. 7327 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक सीधी जिले के सरपंचों एवं पूर्व सरपंचों को मानदेय/भत्तों का भुगतान नहीं दिया गया है? यदि हाँ, तो इसके लिए दोषी उत्तरदायी अधिकारी कौन है? इनके विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी? साथ ही लंबित भत्तों का भुगतान कब तक कर दिया जायेगा? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में सीधी जिले के अंतर्गत वर्ष 2013 से वर्तमान तक किन किन सरपंचों एवं पूर्व सरपंचों को भुगतान की राशि अप्राप्त है? स्पष्ट विवरण सूची सहित दिया जाये?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। सीधी जिले की जनपद पंचायत सिहावल एवं कुसमी के सरपंचों एवं पूर्व सरपंचों के मानदेय/भत्तों का फरवरी, 2016 तक का भुगतान किया जा चुका है, शेष जनपद पंचायत सीधी रामपुर नेकिन एवं मझौली के अंतर्गत सरपंचों एवं पूर्व सरपंचों के शेष मानदेय/भत्तों के लिये जाँच कर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। लंबित मानदेय/भत्तों का भुगतान आगामी वित्तीय वर्ष के बजट से कर दिया जावेगा। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
जिला पंचायत ग्वालियर को प्राप्त राशि
112. ( क्र. 7348 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला पंचायत ग्वालियर को वर्ष 2013-14 से 2015-16 तक की अवधि में भारत सरकार तथा राज्य सरकार से किस-किस मद/योजना में कितनी राशि प्राप्त हुई? उक्त राशि से क्या-क्या कार्य, कितनी राशि के स्वीकृत किये, सूची देवें। (ख) उक्त अवधि में ग्वालियर जिले के विकासखण्ड भितरवार एवं घाटीगाँव (बरई) की ग्राम पंचायतों को भारत सरकार तथा राज्य सरकार से कितनी राशि किस योजना में सीधे प्राप्त हुई ग्राम पंचायतवार बतायें? (ग) उक्त स्वीकृत कार्यों में से कौन-कौन से कार्य अपूर्ण तथा अप्रांरभ हैं, कार्यवार कारण बतायें? उक्त कार्य कब तक पूर्ण होंगे? (घ) जिला पंचायत/जनपद पंचायत/ग्राम पंचायत को दी गई राशि की जानकारी विभाग संबंधित जिले के सांसद/विधायकों को क्यों उपलब्ध नहीं कराता? क्या अब जानकारी से अवगत कराया जावेगा, यदि हाँ, तो कब से? यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट करें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जिला पंचायत ग्वालियर को वर्ष 2013-14 से 2015-16 तक की अवधि में प्राप्त राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार। प्राप्त राशि से स्वीकृत कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स‘‘ अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘द‘‘ के कॉलम नम्बर 6,7 एवं 8 अनुसार। (घ) ग्राम पंचायतों को सीधे अंतरित की जा रहीं राशि की जानकारी माननीय सांसद एवं माननीय विधायक, को उपलब्ध कराने के नियम नहीं है। जिला योजना समिति के समक्ष जिले के विकास कार्यों का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जाता है। माननीय सांसद एवं माननीय विधायक, जिला योजना समिति के सदस्य होते हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पंचायत को दी गई राशि का दुरूपयोग
113. ( क्र. 7388 ) डॉ.
कैलाश जाटव :
क्या पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क)
नरसिंहपुर
जिले में
विकासखण्ड
गोटेगाँव के
ग्राम पंचायत
दोन में राशि 25 लाख
रूपये स्व-कराधान
के रूप में स्वीकृत
की गयी थी। (ख)
प्रश्नांश (क)
यदि हाँ, तो
उक्त कार्य
कब कराए गए
तथा क्या-क्या
कार्य हुए? (ग) क्या
प्रश्नांश (क)
एवं (ख) के
कार्यों से
संबंधित अभिलेखों
को किसी
गोटेगाँव के
नागरिक द्वारा
सूचना के
अधिकार में
चाहे गए थे।
यदि हाँ, तो
उसे क्यों
निर्धारित
समय-सीमा में
प्रदाय नहीं
किए गए। कब तक
प्रदाय किए
जायेंगे और अब
तक न देने के
लिए कौन दोषी
है?
पंचायत
मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव
) : (क) जी हाँ। (ख)
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट अनुसार। (ग)
जी नहीं।
जिला पंचायत
नरसिंहपुर से
सूचना के अधिकार
के तहत
जानकारी नहीं
मांगी गई है।
ग्राम पंचायत
द्वारा
जानकारी नहीं
दी जाने पर प्रथम
अपीलीय
अधिकारी के
यहां अपील की
जानी थी जो
नहीं की गई।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना
114. ( क्र. 7396 ) श्री कुंवर सिंह टेकाम : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिंगरौली जिले के जनपद पंचायत देवसर के अंतर्गत ग्राम पंचायत निगरी से धनवाही होते हुए कछरा पहुँच मार्ग प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत स्वीकृत थी? यदि हाँ, तो इसकी प्रशासकीय स्वीकृति एवं मार्ग की लम्बाई सहित बतायें। (ख) क्या उक्त मार्ग के ठेकेदार द्वारा स्वीकृत स्थान प्रारम्भ में निगरी मेन चौराहा में मात्र 10 फिट पी.सी.सी. बनाकर बीच में 500 मी. छोड़कर इसके आगे प्रधानमंत्री सड़क बनाई गई है, जिस कारण छोड़े गये स्थल में बरसाती पानी भरने से पूरी तरह तीन गाँव जोबा, धनवाही व निगरी का आवागमन पूरी तरह बंद हो जाता है। (ग) क्या उक्त ठेकेदार को छोड़े गये स्थान में पी.सी.सी. रोड बनाये जाने के निर्देश दिये जायेंगे या विभाग द्वारा स्वयं उक्त स्थल का निर्माण कराया जायेगा? (घ) क्या उक्त मार्ग में करौंदिया नदी धनवाही में पुलिया का भी निर्माण किया गया था जो वर्तमान में क्षतिग्रस्त हो जाने से पूरी तरह आवागमन अवरूद्ध हो गया है? उक्त पुलिया का निर्माण कब तक करा दिया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, सिंगरौली जिले की जनपद पंचायत देवसर में ग्राम पंचायत नीगरी से कुचवाही तक सड़क निर्माण कार्य प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत स्वीकृत है। सड़क की प्रशासकीय स्वीकृति की राशि रूपये 381.75 लाख तथा लंबाई 12.80 कि.मी. है। (ख) जी नहीं, ठेकेदार द्वारा सड़क के प्रारंभ स्थान से सीमेंट कांक्रीट पेवमेंट का कार्य प्रारंभ किया गया था किंतु विवाद पूर्ण स्थिति उत्पन्न होने से 4.00 मीटर से अधिक लंबाई में कार्य नहीं कराया जा सका, जिससे वर्तमान में 500 मीटर लंबाई में सी.सी. पेवमेंट का कार्य नहीं हो सका है। वर्षाकाल में 15 से 20 मीटर लंबाई में 2 से 4 इंच तक पानी भर जाने से जन सामान्य को कुछ असुविधाएं हो सकती है, किंतु तीन ग्रामों का आवागमन पूरी तरह बंद हो जाता है सही नहीं है। (ग) उक्त सड़क पर शेष सी.सी. पेवमेंट का निर्माण किये जाने हेतु संविदाकार को निर्देश दिये गये है। विभाग द्वारा स्वयं उक्त निर्माण कार्य नहीं कराया जावेगा। (घ) जी हाँ, वैकल्पिक मार्ग से आवागमन हो रहा है। वर्तमान में उक्त स्थल पर पुल निर्माण करने हेतु डी.पी.आर. तैयार कराया जा रहा है, अतः निर्माण कार्य पूर्ण कराने की निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
राजस्व भूमि एवं तालाब पर अतिक्रमण
115. ( क्र. 7399 ) श्री कुंवर सिंह टेकाम : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिंगरौली जिले के तहसील सरई के अंतर्गत राजस्व ग्राम निगरी के आदिवासी बस्ती का गेरमानी नाला वाला तालाब व ग्राम पंचायत की तीन सड़कें व कई एकड़ शासकीय जमीन व कई शासकीय नाले बिना शासन के आवंटन के ही जे.पी.पावर प्लांट निगरी द्वारा अवैध अतिक्रमण करते हुए अपने बाउण्ड्री के अंदर कर ली गई है, जिससे शासन को करोड़ों रूपये की राजस्व हानि हुई है? (ख) यदि हाँ, तो अतिक्रमणकर्ता प्रबंधन के खिलाफ राजस्व विभाग द्वारा एफ.आई.आर. करायी गयी? यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बतायें? (ग) क्या ग्राम निगरी की आम जनता द्वारा 2 अक्टूबर को अतिक्रमण के विरोध में शान्तिपूर्वक धरना प्रदर्शन करते हुए जिला प्रशासन के नाम ज्ञापन मौके पर उपस्थित तहसीलदार को दिया गया था? (घ) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित प्रबंधन से ग्राम पंचायत निगरी का तालाब व तीनों सड़कों व शासकीय जमीन व शासकीय नाले को मुक्त कराया जायेगा या इसके बदले कंपनी द्वारा ग्राम पंचायत में सड़क व तालाब का निर्माण कराने हेतु निर्देशित किया जायेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। जे.पी.पावर प्लांट निगरी का कोई अवैध अतिक्रमण प्रश्नाधीन भूमि पर नहीं पाया गया है। (ख) जी नहीं। उत्तरांश ‘‘क ‘‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (ग) जी नहीं। (घ) उत्तरांश ‘‘क ‘‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
तहसील भाण्डेर में लंबित राजस्व मामले
116. ( क्र. 7402 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तहसील भाण्डेर में नामांतरण/बंटवारे/सीमांकन आदि के कितने प्रकरण लंबित हैं (ख) विगत वर्ष 2013-14 से 29 फरवरी 2016 तक कितने नामांतरण बंटवारे, सीमांकन के प्रकरण दर्ज हुऐ और कितनों का निराकरण किया गया और कितने प्रकरण लंबित हैं? (ग) क्या लंबित प्रकरणों में आवश्यक कार्यवाही होने के बावजूद जानबूझकर तारीखें बढ़ाने की कार्यवाही की जाकर प्रकरण उलझाकर रखे गये हैं? जबकि कई समान प्रकरण निराकृत किये जा चुके हैं? (घ) क्या तहसीलदार लीना जैन का स्थानांतरण होने के बाद भी चार वर्षों से भाण्डेर में पदस्थ हैं और कार्यों को लंबित किए हुए हैं? उनकों कब तक स्थानांतरित/कार्यमुक्त कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) तहसील भाण्डेर में 29 फरवरी 2016 तक की स्थिात में नामांतरण के 79 बंटवारे के 63 तथा सीमांकन निरंक के प्रकरण लंबित है पक्षकारों एवं उनके अभिभाषकों द्वारा प्रकरणों में आवश्यक साक्ष्य, दस्तावेज, जबाव एवं तर्क तथा पटवारी रिपोर्ट के कारण लंबित है। (ख) तहसील भाण्डेर में दर्ज एवं निराकरण की जानकारी निम्नानुसार है :-
वर्ष |
नामांकरण |
बंटवारा |
सीमांकन |
|||
दर्ज |
निरा. |
दर्ज |
निरा. |
दर्ज |
निरा. |
|
13-14 |
192 |
161 |
104 |
72 |
01 |
01 |
14-15 |
168 |
113 |
60 |
24 |
02 |
02 |
15-16 |
79 |
14 |
37 |
03 |
निल |
निल |
हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जिन प्रकरणों में कार्यवाही पूर्ण हो चुकी है उन प्रकरणों का निराकरण कर दाखिल दफ्तर किया जा चुका है। शेष लंबित प्रकरण पक्षकारों एवं उनके अभिभाषकों द्वारा प्रकरणों में आवश्यक साक्ष्य, दस्तावेज जबाव एवं तर्क तथा पटवारी रिपोर्ट के कारण लंबित है। कोई भी प्रकरण लाभ की प्रत्याशा में जानबूझकर तारीख बढ़ाकर एवं उलझाकर नहीं रखे गये है क्यों कि समस्त प्रकरणों में अभिभाषकों द्वारा पैरवी की जा रही है। उन्ही के द्वारा तारीख पेशी जवाब साक्ष्य एवं दस्तावेज पेश करने हेतु तरीख ली जाती है। (घ) म.प्र.शासन राजस्व विभाग के आदेश क्रमांक एफ-10-3/2015/सात/4ए दिनांक 19.05.2015 के द्वारा श्रीमती लीना जैन, तहसीलदार भाण्डेर का स्थानान्तरण दतिया से जिला अशोकनगर किया गया था, जिसके विरूद्ध श्रीमती जैन द्वारा मा. उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर में याचिका क्र.3410/15 प्रस्तुत की गई। मा.उच्च न्यायालय द्वारा आदेश दिनांक 11.06.2015 से स्थानान्तरण पर स्थगन जारी कर याचिकाकर्ता को शासन के समक्ष अभ्यावेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये। शासन द्वारा अभ्यावेदन का निराकरण करते हुए आदेश क्र.एफ-1-93/स्था/प्र.रा.आ./2015/5242 दिनांक 14.09.2015 के द्वारा स्थानान्तरण निरस्त करते हुये यथावत जिला दतिया किया जाकर अभ्यावेदन स्वीकार किया गया है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
बम्हनी बंजर को पूर्ण तहसील का दर्जा दिया जाना
117. ( क्र. 7472 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मण्डला जिले का बम्हनी बंजर नगर पंचायत एवं हवेली क्षेत्र का केन्द्र बिंदु है तक यहां शिक्षा स्वा. एवं राजस्व संबंधी कार्यों के लिये आमजन का आवागमन होता है? क्या प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री महोदय को जारी पत्र क्र. 593 दिनांक 6/12/14 की कण्डिका 10 में बम्हनी बंजर को पूर्ण तहसील का दर्जा देने की मांग की थी एवं कण्डिका 22 में नैनपुर विकासखण्ड का पिण्डरई ग्राम जो आसपास के 40-50 ग्रामों का बाजार केन्द्र है जहां ग्रामीण अपने दैनिक जीवन के कार्यों के लिये आते हैं उनकी जन भावनाओं के अनुरूप उप तहसील का दर्जा देने की मांग है? (ख) यदि हाँ, तो आज दिनांक तक विभाग द्वारा क्या क्या कार्यवाही की गयी? कब तक बम्हनी बंजर को पूर्ण तहसील एवं पिण्डरई को उप तहसील का दर्जा दे दिया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) मण्डला जिले के बम्हनी बंजर कस्बे के हवेली क्षेत्र का केन्द्र बिन्दु होने संबंधी कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं है। जी हाँ। (ख) जी हाँ। बम्हनी बंजर को तहसील का दर्जा दिये जाने के संबंध में कलेक्टर, मण्डला से प्रस्ताव प्राप्त होने पर आगामी कार्यवाही की जावेगी। जहाँ तक पिण्डरई को उप तहसील का दर्जी दिए जाने का प्रश्न है, इस संबंध में राजस्व विभाग के परिपत्र क्र.एफ 1-3/2016/ सात/शा-6 दिनांक 16 जनवरी 2015 द्वारा समस्त कलेक्टरों को अधिकृत किया गया है।
जनजाति बस्ती में पहुँच मार्ग निर्माण
118. ( क्र. 7487 ) श्री मनोज कुमार अग्रवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर अतंर्गत कोतमा विधान सभा क्षेत्र अतंर्गत थान गाँव ग्राम पंचायत के पहुँच विहीन ग्राम बैगाडबरा जहां संरक्षित जाति बैगा के लोग निवासरत है, उक्त बस्ती में पहुँच मार्ग बनाये जाने हेतु शासन की क्या योजना है? (ख) पहुँच मार्ग किसी भी योजना के अतंर्गत कब तक निर्मित करवा दिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों तथा क्या शासन इस संबंध में शीघ्र विचार करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जिला अनूपपुर अंतर्गत कोतमा विधान सभा क्षेत्र में थान गाँव ग्राम पंचायत अंतर्गत बैगाडबरा एक मजरा है। प्रश्नांकित मजरे तक पहुँच मार्ग बनाये जाने हेतु शासन द्वारा वर्तमान में कार्ययोजना स्वीकृत नहीं है। (ख) कार्य स्वीकृत नहीं होने से निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। बैगाडबरा से डोंगरी टोला की 7 कि.मी. लंबाई में वन भूमि है। जिसके कारण स्वीकृति पर विचार नहीं किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पटवारी अभिलेखों की कम्प्यूटर रिकार्ड में अद्यतन प्रविष्टि
119. ( क्र. 7491 ) डॉ. मोहन यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पटवारी अभिलेखों की कम्प्यूटर में अद्यतन प्रविष्टी के संबंध में विभाग के क्या नियम है? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार उज्जैन जिले की तहसीलों के अतंर्गत आने वाले गांवों में किन-किन गांवों की कम्प्यूटर रिकार्ड में अद्यतन प्रविष्टि कर दी गई? तहसीलवार, ग्रामवार जानकारी प्रदान करें? (ग) जिन गांवों की कम्प्यूटर रिकार्ड में अद्यतन प्रविष्टि नहीं की गई है उन गांवों में किस वर्ष तक की प्रविष्टि कम्प्यूटर रिकार्ड में दर्ज की गई है? इसके लिये कौन दोषी है? (घ) वहां के पटवारी के विरूद्ध विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की गई है तो कब तक कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) पटवारी अभिलेखों की कम्प्यूटर में अद्यतन प्रविष्टि शासन नियमानुसार आयुक्त भू-अभिलेख एवं बन्दोबस्त मध्यप्रदेश द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों के अनुरूप की जाती है। (ख) उज्जैन जिले की तहसीलों के कुल 1138 ग्रामों में से 1137 ग्रामों के पटवारी के अभिलेखों की कम्प्यूटर रिकार्ड में अद्यतन प्रविष्टि कर दी है। तहसीलवार व ग्रामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) जिले की तहसील उज्जैन के कस्बा उज्जैन में अद्यतन प्रविष्टि का कार्य प्रचलित है। भू-अभिलेखों के अद्यतन एवं संशोधन एक सतत् प्रक्रिया है। भू-अभिलेखों के अद्यतन एवं प्रविष्टियों में नियमानुसार संशोधन हेतु आयुक्त भू-अभिलेख एवं बन्दोबस्त के माध्यम से तहसीलदार द्वारा हल्के के पटवारियों को पासवर्ड उपलब्ध कराये गये है। जिसके माध्यम से संबंधित हल्के के पटवारी द्वारा संशोधन नियमानुसार प्रमाणित होने पर संशोधित प्रविष्टियों का इंद्राज कम्प्यूटर पर किया जाता है। कम्प्यूटर रिकार्ड में अकारण अद्यतन प्रविष्टि दर्ज न किये जाने की कोई शिकायत संज्ञान में न होने से दोषी पर कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं हुआ है। (घ) उत्तरांश ’’ग’’ के परिप्रेक्ष्य में निरंक। परन्तु पटवारी के द्वारा कम्प्यूटर रिकार्ड की प्रविष्टियों में नियमानुसार संशोधन एवं अद्यतन नहीं किये जाने की जानकारी संज्ञान में आने पर संबंधित पटवारी के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
राजस्व प्रकरण
120. ( क्र. 7545 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला रीवा तहसील सेमरिया ग्राम क्लोरा की भूमि नंबर 10/3 एवं 6/1 के संबंध में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) तहसील सेमरिया राजस्व प्रकरण क्रमांक 9/अ-70 अपील 2013-14 में दिनांक 30.12.2014 को आदेश पारित किया था। (ख) क्या विधान सभा आश्वासन क्रमांक 10 चतुर्दश विधान सभा के तृतीय प्रतिवेदन में विभागीय जानकारी में बताया गया था कि आराजी नं. 10-3 रकबा 0.31 का कब्जा दे दिया गया है। यदि हाँ, तो किस अधिकारी की उपस्थिति में किस दिनांक को कब्जा दिलाया गया है, के संबंध में भू-स्वामी द्वारा कलेक्टर, रीवा के उक्त प्रश्न सदन में लगने के पूर्व दिनांक 1.11.2014 को लिखित में फैक्स पत्र द्वारा भेजकर अवगत कराया था कि एस.डी.ओ. सिरमौर अप्रत्यक्ष रूप से पैसे की मांग कर रहे हैं। इस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के संबंध में राजस्व मंत्री जी द्वारा सदन में यह बताया गया था कि पूर्व के सभी अभ्यावेदन दिनांक 28.1.2013 को कलेक्टर रीवा को भेजा गया था तो तत्कालीन तहसीलदार सेमरिया एवं एस.डी.एम. के खिलाफ क्या क्या कार्यवाही विभाग द्वारा की गई है। यदि नहीं, की गई, तो क्यों? (घ) क्या प्रश्नांश 'ख' के संबंध में तहसीलदार एवं अन्य के खिलाफ काफी शिकायत करने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की गई है। ऐसा विभाग के समस्त अधिकारियों की मिलीभगत होने के कारण हो रहा है। कार्यवाही कब तक की जाएगी।
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नियमित डिग्री हासिल की जाना
121. ( क्र. 7580 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय सेवा में कार्यरत अधिकारी/कर्मचारी किसी अन्य जिले में स्थापित किसी महाविद्यालय में नियमित रूप से एडमीशन लेकर स्नातकोत्तर डिग्री/एमएस.सी. की डिग्री हासिल कर सकता है? क्या यह नियमानुकूल है? (ख) क्या यह सही है कि कुमारी ऋचा सिंह सेंगर पुत्री वीरेंद्र सिंह सेंगर निवासी पुष्पराज नगर रीवा द्वारा शासकीय सेवा में रहते हुए शासकीय कृषि महाविद्यालय रीवा एवं जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर से स्नातकोत्तर डिग्री एवं एम.एस.सी. की डिग्री हासिल किए जाने संबंधी शिकायतें माननीय कृषि मंत्री, प्रमुख सचिव, कृषि विभाग एवं संचालक कृषि विकास विभाग, मध्यप्रदेश शासन को प्राप्त हुई है? (ग) यदि हाँ, तो उन शिकायतों पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) एवं (ख) जी हाँ, (ग) आयुक्त जबलपुर संभाग जबलपुर से जाँच प्रतिवेदन प्राप्त हो गया है। परीक्षण उपरान्त आगामी कार्यवाही की जावेगी।
सूखा राहत राशि वितरण
122. ( क्र. 7630 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले में सूखा राहत राशि नवम्बर 2015 में स्वीकृत राशि में से कितने किसानों को राहत राशि वितरित की जा चुकी है, कितने शेष है, ग्रामवार, राहत राशि कृषक संख्या सहित तहसीलवार, विधान सभा क्षेत्रवार सूची उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र बासौदा अंतर्गत कितने किसानों द्वारा दिनांक 01 जनवरी 2016 से प्रश्नांश तिथि तक राहत राशि प्राप्त न होने, नाम छोड़ने, सर्वे नहीं करने, या अन्य आपत्ति दर्ज करते हुये शिकायत/ज्ञापन प्रस्तुत किये गये है? किसानों की मांगवार सूची उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित कितने किसानों को राहत राशि का वितरण कर दिया गया है, कितने किस कारण से शेष है? शेष प्रकरणों का कब तक निराकरण किया जाकर भुगतान कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विदिशा जिले में सूखे की राहत राशि कुल 255258 कृषकों को वितरित की जा चुकी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में समस्त किसानों को राहत राशि का वितरण कर दिया गया है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
नियम विरूद्ध कार्यवाही
123. ( क्र. 7663 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तहसीलदारों कृषि को भूमियों के वास्तविक भू-स्वामियों के विरूद्ध उनके अवैध कब्जादार को भी भूमि स्वामी मानकर बटवारे में भूमियां दिये जाने की शक्तियां प्राप्त है? (ख) क्या तहसीलदार अम्बाह द्वारा प्रकरण क्रमांक 02/2014-15/अ-127) के आदेश दिनांक 29.4.15 से ग्राम कुथियाना की भूमि सर्वे क्रमांक 218, 420, 723, 728, 729, 801, 802, 1290 के बंटवारे में अवैध कब्जेदार रामनाथ के वंशजों को भूमि स्वामी मानकर उन्हें भूमियों का परीक्षण कराया गया है? (ग) तहसीलदार के उक्त आदेश की अपील क्रमांक 96/2015-16 आ.या. में पारित आदेश दिनांक 4.1.16 के बिन्दु क्रमांक 8, 9, 12 एवं 13 में रेस्टो. के साथ तहसीलदार द्वारा पूर्व नियोजित दुर्भावना पूर्वक, चपलता एवं अस्थिरता की परिधि में होकर तहसीलदार द्वारा पत्र का खुला दुरूपयोग किया जाना घोषित किया गया है? (घ) यदि हाँ, तो तहसीलदार को इस कदाचार के लिए निलंबित कर दंडित क्यों नहीं किया गया है? (ड.) क्या ऐसे तहसीलदार की राजस्व प्रकरणों के निराकरण की शक्तियां समाप्त नहीं कर दिया जाना चाहिए? यदि हाँ, तो कब तक? ऐसे तहसीलदार के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज कर तत्तकाल पद से पदच्युत कर उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी? क्या एस.डी.एम. अम्बाह द्वारा तहसीलदार को पूर्ण रूप से दोषी पाया गया है? यदि हाँ, तो इसकी जाँच भी कराई जाएगी?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) तहसीलदार अम्बाह द्वारा प्रकरण क्रमांक 0/2014-15अ-27 आदेश दिनांक 29.4.2015 ग्राम कुथियाना के सर्वे क्रमांक 718,720,723,728,729,801,802,1290 का बंटवारा किया गया जिसकी अपील अनुविभागीय अधिकारी अम्बाह के प्रकरण क्रमांक 8/2015-16 अपीलमाल में आदेश दिनांक 14.1.2016 से निरस्त होकर निष्प्रभावी हो चुका है। वर्तमान में अपर आयुक्त चम्बल संभाग मुरैना के प्रकरण क्रमांक 142/2015-16 अपील विचाराधीन है जिसमें आगामी पेशी दिनांक 31.03.2016 तक यथा स्थिति बनाये जाने का आदेश दिया गया है। (ग) तहसीलदार द्वारा पारित आदेश न्यायालयीन कार्यवाही के तहत प्रकरण वर्तमान में प्रकरण अपर आयुक्त चम्बल संभाग के यह प्रकरण क्रमांक 144/2014-15 अपील के रूप में विचाराधीन होकर स्थगन दिया गया है। (घ) प्रकरण न्यायालयीन स्क्रूटनी में है। अत: अभी दोष प्रमाणित नहीं। (ड.) वरिष्ठ न्यायालय/अपर आयुक्त चम्बल संभाग के प्रकरण क्रमांक 144/2014-15 अपील के निर्णय के आलोक में अग्रिम कार्यवाही की जावेगी। पृथक से जाँच का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
सूखा प्रभावित क्षेत्रों में ऋण वसूली
124. ( क्र. 7664 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2015-16 में सूखा प्रभावित क्षेत्रों में पीडि़त कृषकों से कर्ज वसूली स्थगित रखने की घोषणा की थी? (ख) यदि हाँ, तो जबलपुर जिला अंतर्गत कौन-कौन सी तहसीले सूखा प्रभावित घोषित की गई? क्या प्रदेश सरकार की मंशा के विपरीत तहसीलदार मझौली द्वारा दिनांक 12 फरवरी 2016 को ग्राम पोला तहसील मझौली के कुछ कृषकों को ऋण वसूली हेतु कुर्की की कार्यवाही हेतु नोटिस जारी किये थे? (ग) यदि हाँ, तो उक्त तिथि को किन-किन कृषकों को कितनी राशि की ऋण वसूली हेतु नोटिस दिये गये? क्या शासन अपनी मंशा अनुरूप तत्काल वसूली की कार्यवाही स्थगित करेगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं, मध्यप्रदेश शासन, सहकारिता विभाग के ज्ञाप दिनांक 29.10.2015 द्वारा खरीफ 2015 में सूखे की स्थिति से प्रभावित कृषकों के अल्पकालीन फसल ऋण को मध्यकालीन ऋण में परिवर्तन करने के संबंध में निर्देशित किया गया है। (ख) जिला जबलपुर की तहसील पनागर, जबलपुर, सिहोरा, मझौली, पाटन, शहपुरा तथा कुंडम सूखे से प्रभावित घोषित की गई है। जी नहीं, अल्पकालीन फसल ऋण की वसूली के नोटिस जारी नहीं किये गये अपितु मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के बिलों की वसूली हेतु नोटिस जारी किये गये। (ग) उत्तरांश ‘ख’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पंचायत सचिव के विरूद्ध जाँच
125. ( क्र. 7665 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनपद पंचायत मझौली जिला जबलपुर में पदस्थ सचिव श्री संतोष जैन के विरूद्ध अनेक शिकायतें लगातार शासन स्तर पर प्राप्त होती रही हैं? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो यह बतलावें की उनके विरूद्ध शासन स्तर पर कब-कब, किस-किस के द्वारा कौन-कौन की शिकायतें प्राप्त हुई एवं शासन द्वारा उन पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित शिकायतों की जाँच हेतु जनपद पंचायत मझौली द्वारा एक जाँच दल गठित कर जाँच कराई गई थी? यदि हाँ, तो जाँच दल द्वारा दिनांक 15.07.2015 को अपने जाँच प्रतिवेदन पत्र क्र. 1118/ज.प./2015 में क्या उल्लेखित किया? (घ) क्या जिला पंचायत जबलपुर द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी मझौली द्वारा प्रेषित रिपोर्ट का अनुमोदन कर श्री संतोष जैन सचिव जनपद पंचायत मझौली का अन्यंत्र स्थानांतरण शासन स्तर पर प्रस्तावित किया है? यदि हाँ, तो इनका स्थानांतरण अभी तक न किये जाने का क्या कारण है? इनका स्थानांतरण किस प्रकार से कब तक कर दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) शासन स्तर पर कोई शिकायत प्राप्त नहीं, किन्तु शिकायत जनपद पंचायत स्तर पर प्राप्त हुई हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार। (ख) शिकायत शासन स्तर पर प्राप्त नहीं हुई। जनपद पंचायत स्तर पर प्राप्त शिकायत की जाँच जनपद पंचायत स्तर पर दल गठित कर कराई गई। (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार। (घ) जी हाँ। श्री संतोष जैन सचिव का अन्यत्र स्थानान्तरण विचाराधीन है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
जमा राशि का अवैध तरीके से आहरण
126. ( क्र. 7673 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सुमावली विधान सभा क्षेत्र मुरैना की ग्राम पचांयत गुढ़ा आसन द्वारा 2015-16 में वरिष्ठ अधिकारियों से शिकायत की है कि उन्हें दिनांक 25 फरवरी 2016 तक पंचायत का विधिवत् चार्ज न देकर बैंक खाते तक में उनके प्रमाणित हस्ताक्षर नहीं भेजे गये हैं? क्यों? (ख) अभी तक वर्तमान सरपंच द्वारा किन-किन अधिकारियों को अवैध तरीके से कराये जा रहे निर्माण कार्यों की शिकायत की है? अधिकारियों के नाम तथा की गई कार्यवाही की जानकारी दी जावे? (ग) उक्त पंचायत के सचिव एवं पूर्व सरपंच द्वारा कराये गये कार्यों पर मार्च 2015 से फरवरी 2016 तक कितना खर्च हुआ है? क्या उसमें वर्तमान सरपंच की सहमति के बिना राशि जारी की गई है? क्यों? राशि जारी करने वालों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या सचिव, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं मृतक रामहेत पुत्र करन सिंह, रामगिरि पुत्र मौजगिर, जण्डेल पुत्र कुन्जलाल सहित करीब एक दर्ज से अधिक लोगों के मनरेगा के खातों में पैसा जमा कर सचिव व पूर्व सरपंच द्वारा निकाला गया है, जिसकी शिकायत की गई हैं तथा अनेक लोगों के नाम से खातों में जमा राशि का आहरण स्वयं सचिव व पूर्व सरपंच द्वारा किया गया है? क्या इसकी जाँच कर कार्यवाही की जावेगी? कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। सुमावली विधान सभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत गुढाआसन द्वारा वर्ष 2015-16 में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व अनुभाग जौरा, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत जौरा, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत मुरैना एवं कलेक्टर मुरैना को शिकायत की है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत जौरा के पत्र क्रमांक/पंचा/2015/1 दिनांक 21.10.2015 से शाखा प्रबंधक सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया की शाखा जौरा को श्रीमती रामरती सरपंच एवं श्री नारायण सिंह सचिव ग्राम पंचायत गुढाआसन का खाता क्रमांक 1983396450 के संचालन करने हेतु नमूना हस्ताक्षर प्रेषित किया गया है। इनके संयुक्त हस्ताक्षर से खाते का संचालन किया गया। माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के खण्डपीठ ग्वालियर की डब्ल्यू.पी.क्र. 7471/15 के स्थगन आदेश दिनांक 31.10.2015 को तत्कालीन सचिव श्री बैजनाथ कुशवाहा द्वारा प्रस्तुत किया गया है। वर्तमान में न्यायिक हस्तक्षेप होने से खाते का संचालन नहीं हो रहा है। (ख) वर्तमान सरपंच द्वारा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व अनुभाग जौरा, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत जौरा, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत मुरैना एवं कलेक्टर मुरैना को शिकायत की गई है। जिला पंचायत मुरैना के पत्र क्रमांक 1996 दिनांक 11.02.2016 से 03 सदस्यीय जाँच दल को संयुक्त रूप से जाँच करने हेतु निर्देशित किया गया है। जाँच प्रचलन में है। शेष जानकारी निरंक। (ग) जी हाँ। जाँच प्रचलन में होने से शेष जानकारी निरंक। (घ) जाँच प्रचलन में है शेष जानकारी निरंक।
पंचायत सचिव की शिकायत पर कार्यवाही
127. ( क्र. 7675 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पूर्व सरपंच ग्राम रावसर जागीर जिला अशोकनगर द्वारा वहां के पंचायत सचिव की शिकायत विभाग को प्राप्त हुई? यदि हाँ, तो उन शिकायतों पर अब तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या सचिव को मुख्यालय अटैच किया गया अथवा किया जायेगा? जिससे जाँच निष्पक्ष तरीके से हो सकें? (ग) क्या कई शिकायतों के बाद भी कार्यवाही नहीं हो रही? क्या कारण है? चार्ज कब तक दे दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। शिकायत की जाँच कार्यालय जिला पंचायत अशोकनगर में पदस्थ सहायक परियोजना अधिकारी से कराई गई। संबंधित के विरूद्ध निलम्बन की कार्यवाही की गई है। (ख) जी हाँ। जाँच प्रतिवेदन के आधार पर कार्यालय जिला पंचायत अशोकनगर के आदेश क्रमांक 13012 दिनांक 17.03.2016 द्वारा ग्राम पंचायत रावसर जागीर के सचिव को निलंबित किया जाकर निलंबन अवधि में श्री हरिओम शर्मा सचिव का मुख्यालय कार्यालय जनपद पंचायत अशोकनगर में किया गया है। (ग) जी नहीं, कार्यवाही की गई है। संबंधित ग्राम पंचायत का चार्ज देने के लिए मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत ईसागढ़ को संबंधित ग्राम पंचायत के निकट के 03 सचिवों के नाम का पेनल 07 दिवस में उपलब्ध कराने हेतु निर्देशित किया गया है, पैनल प्राप्त होते ही सचिव का प्रभार प्रदाय कर दिया जायेगा। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गांरटी कानून
128. ( क्र. 7677 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2014-15 तथा अप्रैल 2015 से दिसम्बर 2015 के बीच महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गांरटी कानून के अंतर्गत कितने जॉब कार्डधारियों के द्वारा जिलेवार कितने मानव दिवस श्रम कार्य किये गये और उनको कितनी राशि का भुगतान करना था? जिलेवार जानकरी प्रदान करें? (ख) उपरोक्त में से कितनी राशि का भुगतान किया गया है? यदि मजदूरी की राशि का भुगतान बकाया है तो कितना है और शेष राशि का भुगतान कब तक करने की योजना है? इसकी जानकारी जिलावार प्रदान करें? (ग) महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गांरटी योजना के क्रियान्वयन के लिए वित्तीय वर्ष 2014-15 तथा अप्रैल 2015 से दिसम्बर 2016 तक केन्द्र सरकार से कितनी राशि कब-कब प्राप्त हुई है और यदि शेष है तो उसको प्राप्त करने की क्या योजना बनायी गयी है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2014-15 तथा अप्रैल 2015 से दिसम्बर 2015 के बीच महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत जॉब कार्डधारियों के द्वारा जिलेवार मानव दिवस श्रम कार्य किये गए और उनको राशि का भुगतान करना था, जिलावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) उपरोक्त में से की गयी राशि का भुगतान एवं शेष मजदूरी की राशि का भुगतान की जिलावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी स्कीम के क्रियान्वयन हेतु वित्तीय वर्ष 2014-15 में राशि रु 2451.63 करोड़ प्राप्त हुई माह अप्रैल 2015 से वर्तमान दिनांक तक भारत सरकार से राशि रु 2244.75 करोड़ प्राप्त हुई तथा शेष राशि हेतु भारत सरकार को पत्र प्रेषित किये गए है पत्र छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना
129. ( क्र. 7703 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सीधी में मुख्य मंत्री कन्यादान योजनान्तर्गत सामूहिक विवाह कराने के लिये कौन अधिकृत है? क्या कलेक्टर के बगैर अनुमोदन के कोई अशासकीय संस्था विवाह कराने के लिए अधिकृत हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सीधी जिले में कलेक्टर के बिना अनुमोदन के अशासकीय संस्था गुरूकुल शिक्षण समिति सीधी द्वारा वर्ष 2013 एवं 2014 में सामूहिक विवाह का आयोजन किया गया था? यदि हाँ, तो क्या स्थानीय विधायक को आमंत्रित किया गया था? यदि नहीं, तो क्यों एवं अन्य कौन-कौन सामजिक जन प्रतिनिधि बुलायें गये थे जानकारी देंवे? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में सामूहिक विवाह हेतु सामग्री क्रय करने के लिए रूपये 560000/- अध्यक्ष गुरूकुल शिक्षण समिति सीधी के नाम से सक्षम अधिकारी के बिना अनुमति के अग्रिम राशि प्रदान की गई थी? संस्था द्वारा बिना टेण्डर/कोटेशन बुलाए सामग्री क्रय करके हितग्राहियों को सामग्री देने से वंचित रखा गया जिसके कारण हितग्राही उक्त संस्था का तथा विभाग का चक्कर काट रहे हैं? यदि हाँ, तो उक्त नियम विरूद्ध कार्य में कौन-कौन दोषी हैं? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) यदि हाँ, तो तत्कालीन समय में उपसंचालक सामाजिक न्याय सीधी श्री संतोष कुमार शुक्ला इसके जिम्मेदार हैं? यदि हाँ, तो उनके विरूद्ध निलंबन राशि वसूली की कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मुख्यमंत्री कन्या विवाह (पूर्व में कन्यादान) सहायता योजना अंतर्गत जिला सीधी में जिला पंचायत, जनपद पंचायतें, नगरीय निकाय एवं शासकीय संस्थाऐं जिन्हें जिले के कलेक्टर द्वारा अधिकृत किया गया हो, सामूहिक विवाह हेतु अधिकृत हैं। जी नहीं। (ख) जी नहीं। सामूहिक विवाह कार्यक्रम में माननीय सांसद, स्थानीय विधायक, जनप्रतिनिधियों, समाज सेवी कार्यकर्ताओं, गणमान्य नागरिकों एवं समस्त विभागों के जिला अधिकारियों को आमंत्रित किया गया था। (ग) जी हाँ। योजनांतर्गत पंजीकृत अशासकीय संस्थाएं सामूहिक विवाह कार्यक्रम संबंधित निकायों के माध्यम से ही आयोजित कर सकती है। ऐसी संस्थाओं को सामूहिक विवाह कार्यक्रम हेतु राशि देने का प्रावधान नहीं है। योजनांतर्गत सामूहिक विवाह कार्यक्रम के लिए आवंटन केवल निकायों को ही दिया जा सकता है। सामूहिक विवाह हेतु सामग्री क्रय करने के लिए राशि रु. 5,60,000/- स्वयंसेवी संस्था अध्यक्ष, गुरुकुल शिक्षण समिति सीधी को जिला उप संचालक, सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण की अनुशंसा के आधार पर जिला कलेक्टर के निर्देशों एवं अनुमोदन के उपरांत ही दी गई थी। मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत सीधी द्वारा अनुमोदित दर अनुसार ही उक्त संस्था द्वारा सामग्री क्रय की गई, अतः पृथक से संस्था द्वारा टेण्डर/कोटेशन नहीं बुलाये गये। जी नहीं, हितग्राहियों को सामग्री एवं विवाह प्रोत्साहन राशि का प्रदाय विवाह स्थल पर ही किया गया तथा किसी भी हितग्राही को सामग्री एवं राशि से वंचित नहीं रखा गया, अतः हितग्राहियों के संस्था एवं विभाग में चक्कर काटने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। उक्त नियम विरुद्ध कार्य हेतु तत्कालीन उप संचालक, सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण, जिला सीधी दोषी हैं। (घ) जी हाँ। श्रीसंतोष कुमार शुक्ला, उप संचालक, सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण जिला सीधी को नियम विरुद्ध कार्य करने हेतु विभागीय आदेश क्रमांक/वि.जा./16/259 भोपाल दिनांक 24.03.2016 द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है।
मुख्यमंत्री सड़कों पर पुल-पुलिया निर्माण
130. ( क्र. 7720 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की विधान सभा क्षेत्र ब्यावरा के अतंर्गत ऐसे कौन-कौन से ग्रामीण मार्ग हैं जो मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत निर्मित कराये गये हैं तथा इनमें ऐसे कितने मार्ग हैं जो प्रश्न दिनांक तक किन कारणों से अपूर्ण हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त अपूर्ण मार्गों में जिस निर्माण एजेंसी द्वारा कार्य किया गया, उसका नाम तथा छोड़े गये अपूर्ण कार्य को लेकर विभाग द्वारा संबंधित निर्माण एजेन्सी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई तथा ऐसे कार्य कब तक पूर्ण करा लिये जावेंगे? (ग) निर्मित मार्गों पर कुल कितनी पुल-पुलियों का निर्माण कार्य शेष है? किस-किस मार्ग पर कितनी-कितनी लागत की पुल-पुलियों के प्राक्कलन विभाग द्वारा तैयार किये गये है तथा उनके लिये क्या तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृतियां प्राप्त कर ली गई है यदि हाँ, तो ऐसी सभी पुल-पुलियों के निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ कर दिये जावेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
निजी टूरिस्ट बसों के छत पर सामान
131. ( क्र. 7729 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में टूरिस्ट परमिट पर चलने वाली निजी बसों की छत पर कैरियर लगाकर माल बेचने से सरकार को विभिन्न करों का नुकसान होता है? यदि हाँ, तो इन्दौर, उज्जैन संभाग में 1 जनवरी 2014 के पश्चात् किस-किस बस कंपनी/ मालिक के खिलाफ क्या कार्यवाही की गयी? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित उक्त बसों पर किस साईज का कैरियर लगाने की अनुमति है, क्या निजी वाहनों में अत्यधिक मात्रा में सामान भरने से जन-हानि की संभावना बनी रहती है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा इस संबंध में क्या कार्यवाही करना प्रस्तावित है? (ग) क्या उक्त निजी बसों को परिवहन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से किसी प्रकार की रोकटोक करने के साथ चैकपोस्ट पर भी चैकिंग नहीं की जाती है, जबकि चैक पोस्ट पर लगे कैमरे उनकी गतिविधि का सबूत होता है ऐसे कैमरों के माध्यम से उक्त अवधि में कब उनकी जाँच की गयी?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) मोटरयान अधिनियम 1988 एवं मोटरयान नियम 1994 के नियम 78 अनुसार मंजिली गाड़ी पर माल ले जाये जाने बाबत् प्रावधान है। मोटरयान नियम 1994 के नियम 80 अनुसार मंजिली गाड़ी में व्यक्तिगत सामान ले जाये जाने हेतु नगर पालिका क्षेत्रों के भीतर अन्य रूप से प्रचलित की जाने वाली मंजिली गाडी सेवा के अतिरिक्त मंजिली गाडी का यात्री 15 किलो ग्राम से अनाधिक सामान और व्यक्तिगत चीज वस्तु, नि:शुल्क ले जाने के लिये हकदार होगा। केन्द्रीय मोटरयान नियम 1989 के नियम 128 के उपनियम 09 में सामान परिवहन हेतु आवश्यक निर्देश प्रदान किये गये है। नियमों में टूरिस्ट परमिट पर चलने वाली निजी बसों की छत पर कैरियर लगाकर माल बेचने संबंधी कोई प्रावधान नहीं है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) केन्द्रीय मोटरयान नियम 1989 के नियम 128 के उपनियम 09 में सामान परिवहन हेतु आवश्यक निर्देश प्रदान किये गये है, जो निम्नानुसार है :- (1) पर्यटन यान की पिछली तरफ अथव किनारे पर अथवा दोनों तरफ सामान के लिये होल्ड होंगे, जो पर्याप्त स्थान और आकार वाले होंगे खड़खड़ाहट रहित धूलिरोधी और जल सह्य होंगे तथा उसमें सुरक्षा के पर्याप्त प्रबंध होंगे। (2) पर्यटन यान के दोनो तरफ यात्री कक्ष के अंदर मजबूत ब्रेकेटों पर बनाया गया हल्के सामान के लिये रैक होगा, सिवाय वहाँ के जहाँ, नायलॉन, नैट प्रयोग की गई हो, रैकेट निचली तरफ गद्दे लगे होगें ताकि यात्रियों को आकस्मिक चोट से बचाया जा सकें। रैक के साधारण डिजाईन और बनावट इस तरह की होगी कि उसके किनारे नुकीले न हो। प्रश्नांश (क) के संदर्भ में टूरिस्ट परमिट पर चलने वाली बसों पर माल बेचने हेतु कैरियर लगाने का प्रावधान नियमों में नहीं है। यह सही है कि निजी वाहनों में अत्याधिक मात्रा में सामान भरने से दुर्घटना की संभावना बनी रहती है। सतत् चलने वाली आकस्मिक चेकिंग के दौरान सीमा से अधिक माल परिवहन पाये जाने पर नियमानुसार चालानी कार्यवाही की जाने के प्रावधान है। (ग) जी नहीं, ऐसी कोई शिकायत अथवा प्रकरण प्रकाश में नहीं है। परिवहन चैक पोस्टों से गुजरने वाली प्रत्येक वाहन की विभाग में प्रचलित नियमों के प्रावधानों के अंतर्गत जाँच की जाती है, तथा नियम विरूद्ध पाये जाने पर चालानी कार्यवाही की जाती है। एकीकृत परिवहन चैक पोस्टो की गतिविधियों के विरूद्ध शिकायत प्राप्त होने पर वहाँ पर संबंधित ऐजन्सी के लगे कैमरों की रिकार्डिंग के आधार पर जाँच कर कार्यवाही की जाती है। विभाग द्वारा वर्ष 2014 से अब तक सभी प्रकार के ओव्हर लोडिंग पर कार्यवाही करते हुए 581941 चालान बनाये जाकर रूपये 444181607/- का शमन शुल्क वसूला गया है।
आबादी, धर्मशाला, खलियान की जमीन पर कब्जा
132. ( क्र. 7747 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कस्बा जौरा जिला मुरैना में भूमि सर्वे क्र. 441 रकबा 02 विस्वा 442 रकबा 06 विस्वा खसरा सन् 2007 में आबादी, धर्मशाला खलिहान के रूप में दर्ज थी? यदि हाँ, तो वर्तमान में निजी भूमि पुख्ता खाते में तब्दील कैसे हो गई, सम्पूर्ण प्रक्रिया से अवगत करावें? (ख) उपरोक्त भूमि सन् 2007 से पूर्व शासकीय होकर आबादी, धर्मशाला, खलियान के रूप में दर्ज थी? तो उसे तत्कालीन समय में किस आधार पर निजी भूमि में तब्दील किया गया और किसके नाम कर दी गई हैं? (ग) क्या उक्त भूमि को पुन: जाँच कर पूर्व में हुयी रिकार्ड विसंगतियों को दूर कर शासन अपने हित में ले सकेगा? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्या कारण है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। अतः शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ख) वर्ष 2007 में प्रश्नाधीन भूमि शासकीय दर्ज नहीं थी। अभिलेख में वर्ष 2003 से 2007 तक कोई तब्दीली नहीं की गई है। (ग) जी नहीं। उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
टप्पा तहसील कार्यालयों के संबंध में
133. ( क्र. 7753 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा एवं पिपलौद तहसीलें काफी बड़ी होकर इसमें बड़े नगरीय, शहरी एवं बड़े ग्रामीण क्षेत्र के सैकड़ों गाँव आते हैं, जिसमें लाखों शहरी व ग्रामीण जनता निवास करती है? (ख) यदि हाँ, तो राजस्व विभाग से संबंधित कार्यालयीन कार्यों हेतु आम जनता को कई स्थानों से काफी दूर से बार-बार आना जाना पड़ता है? (ग) यदि हाँ, तो क्या पिपलौदा तहसील अंतर्गत सुखेड़ा, कालूखेड़ा, बडायला माताजी, हसन पालिया तथा जावरा तहसील के ढोढर, रिंगनोर, माण्डवी इत्यादि बड़ी संख्या में लगने वाले ग्रामों के केन्द्र स्थान है? (घ) यदि हाँ, तो क्या जनसुविधा/जन आवश्यकताएं एवं कार्यों का निष्पादन समयानुसार सरलता से किये जाने हेतु उपरोक्त टप्पा-स्थल जैसे स्थानों पर टप्पा तहसील की स्वीकृति दी जाकर निरंतर कार्यों हेतु व्यवस्था की जाएगी, यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) सुविधा अनुसार तहसीलें हैं तथा टप्पा तहसील उपलब्ध है। (ग) पिपलौदा तहसील के ग्राम सुखेडा, बडायला माताजी, हसनपालिया तथा जावरा तहसील के रिंगनोद, माण्डवी आस-पास के ग्रामों के केन्द्र स्थान नहीं हैं। कालुखेड़ा तथा ढोढर पूर्व से ही टप्पा तहसील के रूप में है। (घ) जनसुविधा को दृष्टिगत रखते हुए बडावदा टप्पा तहसील घोषित करने की कार्यवाही की जावेगी।
मुख्यमंत्री ग्राम सड़क एवं खेत सड़क योजना
134. ( क्र. 7754 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा मुख्यमंत्री ग्राम सड़क एवं खेत सड़क योजना के माध्यम से अनेक सड़क मार्गों के निर्माण कार्यों को किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो जावरा एवं पिपलौदा ब्लाक अंतर्गत विगत पाँच वर्ष में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के माध्यम से किन-किन ग्रामों की सड़कों का निर्माण कार्य किया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) अंतर्गत किये गये कार्यों पर कितना-कितना व्यय होकर कितना शेष रहा तथा कितने कार्य पूर्ण हुए एवं कितने कार्य अपूर्ण रहे? (घ) प्रश्नांश (ख) अंतर्गत योजना के प्रारंभ दिनांक से प्रश्न दिनांक तक के पूर्ण व अपूर्ण कार्यों के साथ ही आगामी समय में किये जाने वाले लंबित प्रस्तावों एवं कार्यों की स्थिति से अवगत कराएं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) अंतर्गत किये गये कार्यों पर भुगतान रू.1506.88 लाख का किया जा चुका है। सभी 50 कार्य पूर्ण हो चुके हैं अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। आगामी समय में किये जाने वाले कार्यों की कार्य योजना नहीं बनी है अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मण्डी निधि से निर्मित सड़क
135. ( क्र. 7761 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में नीमच विधान सभा क्षेत्र में मण्डी निधि से किन किन मार्गों पर पक्की सड़क बनाने के संबंध में प्रस्ताव जन प्रतिनिधियों के माध्यम से प्राप्त हुए हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में प्राप्त प्रस्तावों पर किन-किन मार्गों की शासन स्वीकृति प्राप्त होकर सड़क निर्माण कार्य प्रारंभ किया जा चुका है? (ग) ऐसे कौन कौन से सड़क मार्ग शासन के पास स्वीकृति हेतु लंबित हैं जो जनप्रतिनिधियों द्वारा प्रस्तावित किये हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) में प्रस्तावित सड़क मार्गों की कब तक शासन स्वीकृति प्राप्त होकर कार्य प्रारंभ किये जा सकेंगे?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में नीमच विधान सभा क्षेत्र के लिये किसान सड़क निधि से ग्रामीण क्षेत्रों की सड़क कार्यों के प्राप्त प्रस्तावों का जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्तमान तक किसी भी मार्ग की स्वीकृति प्राप्त नहीं हुई है। अत: कार्य प्रारंभ होने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में वर्णित अनुसार सड़क कार्यों के प्रस्ताव किसान सड़क निधि से स्वीकृति के निर्णयार्थ साधिकार समिति के एजेण्डे में शामिल है। साधिकार समिति की बैठक की तिथि नियत नहीं है। (घ) उत्तरांश "ग" के तारतम्य में स्वीकृति की तिथि बताना संभव नहीं है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
शिकायत की जाँच और कार्यवाही
136. ( क्र. 7768 ) पं. रमेश दुबे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंचायतों में निर्वाचित सरपंच तथा नियुक्त सचिवों के क्या क्या अधिकार हैं? इनके कर्तव्य क्या हैं? नियम-निर्देश की प्रति सहित जानकारी दें? (ख) मार्च 2010 से मार्च 2015 के मध्य ग्राम पंचायत जमुनिया, जनपद पंचायत चौरई, जिला-छिन्दवाड़ा में कौन-कौन से हितग्राही मूलक कार्य एवं अन्य निर्माण कार्य कराये गये और इस संबंध में तत्समय शासनादेश/नियम/निर्देश क्या थे? (ग) प्रश्नांश 'क' के प्रकाश में प्रत्येक हितग्राहीमूलक कार्यों एवं अन्य निर्माण कार्यों को तत्समय प्रभावशील नियम-निर्देश के परिप्रेक्ष्य में क्या कार्य कराया गया है? (घ) क्या प्रश्नकर्ता ने उक्त अवधि में पदस्थ सरपंच के विरूद्ध उपरोक्त हितग्राहीमूलक कार्यों, निर्माण कार्यों, मस्टर रोल में गड़बड़ी, इत्यादि के संबंध में शिकायत प्राप्त होने पर कलेक्टर छिन्दवाड़ा, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत छिन्दवाड़ा, एस.डी.एम. चौरई को समय-समय पर पत्र प्रेषित किये गये हैं यदि हाँ, तो क्या शासन/जिला प्रशासन, प्रश्नकर्ता द्वारा नियुक्त प्रतिनिधि की उपस्थिति में उक्त शिकायत की जाँच करवाकर कार्यवाही का आदेश देगा यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) पंचायतों में निर्वाचित सरपंच एवं नियुक्त सचिवों के कर्तव्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब‘ एवं ‘स‘ अनुसार। (ग) उत्तरांश ‘ख‘ अनुसार। (घ) जी हाँ। नियमानुसार जाँच कर कार्यवाही की जा सकेगी।
आवासों की स्वीकृति
137. ( क्र. 7789 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले में वर्ष 2012 से 2014 तक कितने वनाधिकार आवास/इंदिरा आवास/अन्त्योदय आवास योजना अंतर्गत आवेदन प्राप्त हुए, कितने स्वीकृत किये गये? हितग्राही को प्रश्न दिनांक तक प्रथम किश्त भुगतान न करने का क्या कारण है? कब तक भुगतान किया जावेगा? (ख) क्या वर्ष 2014-2015 में जिला पंचायत अध्यक्ष, कलेक्टर एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी को आवास योजना में 3 प्रतिशत तक हितग्राहियों को आवंटन करने का अधिकार दिया गया हैं? यदि हाँ, तो वर्ष 2014-2015 में योजना में 3 प्रतिशत निर्धारित लक्ष्य पूर्ण किये गये, लाभान्वित हितग्राहियों की सूची उपलबध करावें? (ग) हरदा जिले में वर्ष 2015-16 में इन्द्रा आवास/अन्त्योदय आवास योजना अंतर्गत कितना बजट प्राप्त हुआ। क्या योजना का निर्धारित लक्ष्यपूर्ण किया गया है? (घ) क्या हरदा जिलें में इन्द्रा आवास योजनान्तर्गत हितग्राहियों को द्वितीय किश्त भुगतान नहीं मिल पा रहा है? यदि हाँ, तो इस हेतु जिला/जनपद पंचायत द्वारा क्या कार्यवाही की गई? क्या द्वितीय किश्त के अभाव में संबंधित हितग्राही आवास निर्माण कार्य पूर्ण नहीं करवा पा रहे हैं तथा योजना के लाभ से वंचित है, लक्ष्य पूर्ति बाधित हो रही है, यदि हाँ, तो जिले के हितग्राहियों को द्वितीय किश्त कब तक उपलब्ध करवा दी जायेगी।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) हरदा जिले में वर्ष 2012 से वर्ष 2014 तक वनाधिकार आवास/इंदिरा आवास/अंत्योदय आवास योजनान्तर्गत 2944 आवेदन प्राप्त हुये। जिसमें से 2829 आवास स्वीकृत किए गये। प्रश्नांश दिनांक तक 2829 हितग्राहियों को प्रथम किश्त जारी की जा चुकी है। (ख) जी हाँ। वर्ष 2014-15 में 3 प्रतिशत के अंतर्गत 31 आवास स्वीकृत किये गये हैं। सूची की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) हरदा जिले को वर्ष 2015-16 में इंदिरा आवास योजनान्तर्गत भौतिक लक्ष्य 952, वित्तीय लक्ष्य 666.40 लाख एवं मुख्यमंत्री अंत्योदय आवास योजनान्तर्गत भौतिक लक्ष्य 150, वित्तीय 105.00 लाख का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उपरोक्त में से इंदिरा आवास योजनान्तर्गत 952 हितग्राहियों को एफ.टी.ओ. के माध्यम से प्रथम किश्त का भुगतान किया जा चुका है। मुख्यमंत्री अंत्योदय आवास योजनान्तर्गत लक्ष्य के विरूद्ध स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) वर्ष 2012-13 एवं वर्ष 2013-14 में इंदिरा आवास योजनान्तर्गत जिन हितग्राहियों के उपयोगिता प्रमाण पत्र प्राप्त हुये हैं तथा जिन हितग्राहियों द्वारा दरवाजा स्तर तक आवास पूर्ण कर लिए हैं, उन्हें जिला स्तर से द्वितीय किश्त का भुगतान कर दिया गया है। वर्ष 2014-15 के 322 हितग्राहियों को द्वितीय किश्त का भुगतान किया जा चुका है। शेष हितग्राहियों को प्रथम किश्त के उपयोग उपरांत आवास साफ्ट में दरवाजा स्तर तक के निर्धारित मापदण्ड के फोटो अपलोड करने एवं हितग्राही से उपयोगिता प्रमाण पत्र प्राप्त करने के उपरांत राशि जारी करने की कार्यवाही प्रचलन में है।
सुवासरा नगर में अतिक्रमण
138. ( क्र. 7807 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा नगर में अतिक्रमणकारियों के नाम एवं अतिक्रमण किये गये स्थान की सूची उपलब्ध करावें। (ख) किन-किन अतिक्रमणकारियों पर प्रकरण दर्ज कर पुलिस कार्यवाही की गई है? (ग) किन-किन व्यक्तियों के खिलाफ पुलिस कार्यवाही लंबित है? (घ) ऐसे कितने व्यक्ति हैं जिनके नाम पर एक से अधिक स्थानों पर अतिक्रमण प्रकरण दर्ज हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) सुवासरा में 308 अतिक्रमण पाये गये है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) थाना प्रभारी सुवासरा को शासकीय भूमि पर अतिक्रमण रोकने बाबत् प्रकरण क्रमांक 163/अ-68/15-16 शासन विरूद्ध मुर्तजा पिता अब्बास अली बोहरा निवासी सुवासरा के विरूद्ध पत्र क्रमांक 221/री-1/16 दिनांक 11.03.2016 से कार्यवाही हेतु लिखा गया। (ग) मुर्तजा पिता अब्बास अली बोहरा निवासी सुवासरा के विरूद्ध पुलिस कार्यवाही के लिए पत्र लिखा गया है। (घ) 6 व्यक्तियों के नाम पर एक से अधिक स्थानों पर अतिक्रमण प्रकरण दर्ज है।
गबन व भ्रष्टाचार के प्रकरण में कार्यवाही
139. ( क्र. 7813 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में वर्ष 2012-13 में मनरेगा योजना अंतर्गत पदस्थ लेखाधिकारी (संविदा) द्वारा फर्जी यात्रा देयक के भुगतान लेने के कारण जिला पंचायत द्वारा की गई जाँच में दोषी पाये जाने के कारण पत्र क्रमांक 208 दिनांक 07.01.2015 से आयुक्त मनरेगा को भेजा गया था? प्रश्न दिनांक तक दोषी पर कार्यवाही क्यों नहीं की गई? विलंब के लिए कौन अधिकारी दोषी है, उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित तत्कालीन संविदा लेखाधिकारी द्वारा सेवा में प्रथम नियुक्ति के समय प्रस्तुत अनुभव प्रमाण पत्र तथा पी.जी.डी.सी.पी.ए. प्रमाण पत्र में कार्यावधि की तिथि एवं प्राप्त स्नातकोत्तर उपाधि प्रमाण पत्र के नियमित अध्ययन की अवधि एक ही है? क्या एक व्यक्ति एक ही समय में नियमित रूप से तीन स्थानों पर कार्य कर सकता है? यदि नहीं, तो क्या तत्कालीन लेखाधिकारी द्वारा किये गये कृत्य से इन्हें सेवा से बर्खास्त कर इनके विरूद्ध कानूनी कार्यवाही की जावेगी? (ग) मनरेगा परिषद् द्वारा वर्ष 2007 में संविदा लेखाधिकारी के पद की पूर्ति हेतु प्रकाशित विज्ञापन में अर्हता कम्प्यूटर एप्लीकेशन टेली एकाउंट चाही गयी थी जो तत्कालीन संविदा लेखाधिकारी द्वारा सेवा में प्रथम नियुक्ति के समय नहीं प्रस्तुत कर पी.जी.डी.सी.ए. कम्प्यूटर प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया गया है? क्यों यू.जी.सी. से मान्यता प्राप्त नहीं होने पर भी अपात्र को नियुक्ति प्रदान की गई? क्या इस कृत्य के लिए दोषी लेखाधिकारी को बर्खास्त कर सेवा अवधि में प्राप्त किये गये वेतन की वसूली भी की जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। वस्तुत: पत्र क्रमांक 208 दिनांक 07.01.2015 द्वारा प्रेषित प्रतिवेदन में यात्रा देयक प्रथम दृष्ट्या फर्जी पाये जाने संबंधी प्रतिवेदित किया गया, जिसके अनुक्रम में म.प्र. राज्य रोजगार गारंटी परिषद् के पत्र क्र. 2829 दिनांक 18.03.2016 से संबंधित के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही के लिये कलेक्टर जिला रायसेन को लेख किया गया है। (ख) जी हाँ। जी नहीं। आयुक्त भोपाल संभाग भोपाल से जाँच करायी गयी। जाँच प्रतिवेदन कार्यालय कमिश्नर भोपाल संभाग, भोपाल के पत्र क्रमांक 1590/विकास-मनरेगा/विधान सभा/479/2016 दिनांक 04.03.2016 से प्राप्त हुआ है। म.प्र. राज्य रोजगार गारंटी परिषद् के पत्र क्र. 3060 दिनांक 26.03.2016 से कलेक्टर राजगढ़ को प्रकरण में दोषी पायी गई संबंधित लेखाधिकारी सुश्री निगार सुल्तान खान के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करने हेतु लेख किया गया। म.प्र. राज्य रोजगार गारंटी परिषद् के पत्र क्र. 3062 दिनांक 26.03.2016 से आयुक्त भोपाल संभाग भोपाल को पत्र लिख कर प्रकरण में नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही करने हेतु लेख किया गया है। (ग) जी नहीं। प्रकाशित विज्ञापन में कम्प्यूटर एप्लीकेशन टेली अकाउन्ट के लिये वरीयता निर्धारित थी। कार्यवाही उत्तरांश ‘ख’ अनुसार की जा रही है।
ग्राम पंचायत छान के संदर्भ में
140. ( क्र. 7830 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल की हुजूर तहसील के पटवारी हल्का नं. 25 के ग्राम पंचायत छान में बंटवारे के कितने प्ररकण तहसील न्यायालय में लंबित है? (ख) क्या इस वजह से भूमि स्वामियों के नाम राजस्व पुस्तिका में अभी तक अंकित नहीं हुए हैं? इसके लिए कौन जिम्मेदार हैं एवं उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या एक निश्चित समय-सीमा में इन प्रकरणों का निराकरण कर समस्त भूमि स्वामियों के नाम राजस्व पुस्तिका में दर्ज कर दिए जाएंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) भोपाल जिले में तहसील हुजूर के पटवारी हल्का नंबर 25 के ग्राम पंचायात छान में बंटवारे का मात्र एक प्रकरण वर्ष 2015-16 का लंबित है। (ख) आवेदित बंटवारे के प्रकरण में पूर्व से ही सभी सह खातेदारों के नाम अंकित है। बंटवारा स्वीकृत होने के पश्चात बंटवारा आदेशानुसार अन्य नाम दर्ज किये जायेंगे। (ग) प्रकरणों में भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 178 के तहत समस्त पूर्तियां होने के पश्चात प्रावधान अनुसार प्रकरणों का निराकरण कर दिया जाता है।
जमीन बिक्री की जानकारी
141. ( क्र. 7843 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में वर्ष 2011, 2012, 2013, 2014, 2015 में कौन-कौन आदिवासियों ने गैर-आदिवासियों को जमीन बिक्री किये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार विक्रय की गई जमीनों की रजिस्ट्री हेतु आदिवासी विक्रेताओं के शासन के पास अनुमति हेतु कब (किस दिनांक को) आवेदन दिया तथा जमीन के रजिस्ट्री की अनुमति कब प्रदान किया गया? (ग) विक्रय की गई प्रत्येक जमीन की वर्तमान में क्या प्रयोजन में उपयोग किया जा रहा है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भोपाल में स्थित निष्क्रांत/शत्रु सम्पत्ति
142. ( क्र. 7847 ) श्री आरिफ अकील : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल में निष्क्रांत/शत्रु सम्पत्ति है? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ, कितनी-कितनी भूमि शासन के आधिपत्य में है और कितनी-कितनी भूमि किन-किन को, किन-किन आधारों पर आवंटित की गई खसरे नम्बर सहित वार्डवार मोहल्लेवार बतावें? (ख) क्या उक्त सम्पत्ति को शासन के अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध रूप से औने-पौने दामों पर किन-किन अधिकारियों के द्वारा किन-किन को, कब-कब आवंटित किये जाने का मामला प्रकाश में आया है? यदि हाँ, तो शासन द्वारा किन-किन के विरूद्ध कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई तथा आवंटित भूमि वर्तमान में किसके आधिपत्य में है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) भोपाल जिले में निष्क्रान्त/शत्रु संपत्ति के संबंध में भारत के शत्रु संपत्ति अभिरक्षक का कार्यालय का पत्र क्रमांक 1903 दिनांक 22/11/2011 के अनुसार भोपाल जिले से संबंधित निष्क्रान्त/शत्रु संपत्ति की जानकारी उपलब्ध कराई गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जिसकी अद्यतन स्थिति ज्ञात की जा रही है। प्रश्नांश के शेष भाग के संबंध में जानकारी संकलित की जा रही है। (ख) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
निराश्रित, विधवा, विकलांग एवं वृद्धों की पेंशन रोका जाना
143. ( क्र. 7848 ) श्री आरिफ अकील : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2012 तक निराश्रित, विधवा, विकलांग, वृद्धा आदि सामाजिक सुरक्षा पेंशन जाँच में पाये गये पात्र हितग्राहियों को बी.पी.एल. कार्ड के बिना कोई बंधन के दी जाती रही है? (ख) यदि हाँ, तो माह जून 2013 से उक्त पेंशन मात्र बी.पी.एल. कार्डधारियों को ही दिये जाने का प्रावधान लागू किया गया है? यदि हाँ, तो जो निराश्रित, विधवा, विकलांग, वृद्ध लोगों बी.पी.एल. कार्ड नहीं बनवा पाये हैं उनको किस नियम/प्रावधान के अनुसार सामाजिक सुरक्षा पेंशन नहीं दी जा रही है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में मानवीय आधार पर जिन निराश्रित, विधवा, विकलांग, वृद्ध लोग के पास बी.पी.एल. कार्ड नहीं हैं, उन्हें भी प्रश्नांश (क) के अनुसार सामाजिक सुरक्षा पेंशन दी जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बतावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। मध्यप्रदेश शासन सामाजिक न्याय विभाग के आदेश क्रमांक/एफ 2-87/2010/26-2 दिनांक 25.06.2013 के परिपालन में जून 2013 के बाद से नवीन हितग्राहियों हेतु बी.पी.एल. की पात्रता अनिवार्य की गई है, उक्त आदेश के अनुसार बिना बी.पी.एल. की पात्रता की विधवा तथा विकलांगजनों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन नहीं दी जा रही है, परन्तु 60 वर्ष एवं अधिक आयु के निराश्रित, वृद्धों हेतु बी.पी.एल.का बंधन नहीं है। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) इस प्रकार का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सेवा पुस्तिका में छेड़छाड़
144. ( क्र. 7855 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर जिले के सहकारिता विभाग में 01 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक उप अंकेक्षक पदस्थ हैं? यदि हाँ, तो उक्तावधि में पदस्थ उप अंकेक्षकों के नामों की सूची प्रस्तुत करें? (ख) क्या उक्त सूची में किसी ऐसे उप अंकेक्षक का नाम सम्मिलित है, जिसके विरूद्ध स्थापना लिपिकों को प्रलोभन देकर सेवा पुस्तिका में लगी सेलोटेप से छेड़छाड़ कर सेवा अवधि बढ़ाने, सेवा अभिलेख से अंक सूचियां गुम कराने की शिकायत की गई है? (ग) क्या उक्त सूची में दर्ज उक्त उप-अंकेक्षक की जन्म तिथि व सेवा पुस्तिका में वर्तमान में दर्ज जन्म तिथि में असमानता है? हाँ तो उक्त गंभीर कृत्य में संलिप्त दोषियों के विरूद्ध प्रश्न दिनांक तक एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई है, यदि नहीं, तो उक्त कार्यवाही को विराम देने के लिए कौन-कौन दोषी हैं? (घ) शासन उक्त गंभीर कृत्य/घोर अनियिमतताओं को देखते हुए उक्त दोषियों के विरूद्ध तत्काल एफ.आई.आर दर्ज कराने के निर्देश जारी करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। श्री डी.के. सेतिया, श्री चतुरेश तिवारी एवं श्री डी.के. चौधरी। (ख) जी नहीं, इस प्रकार की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (ग) जी हाँ, माह दिसम्बर 2015 में जिला कोषालय छतरपुर से कोषालय में कर्मचारियों की दर्ज जन्मतिथि एवं उपस्थिति दिनांक से मिलान करने के निर्देश प्राप्त होने पर श्री चतुरेश तिवारी उप अंकेक्षक की जन्मतिथि में असमानता का प्रकरण संज्ञान में आया है। प्रकरण संज्ञान में आने के पश्चात् श्री तिवारी से स्पष्टीकरण पूछा गया, श्री तिवारी से प्राप्त उत्तर एवं उनकी हायर सेकण्डरी बोर्ड से जारी अंक सूची के मूल से मिलान के आधार पर श्री तिवारी के सेवा अभिलेखों में सही जन्म तिथि अंकित की गयी है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश ‘‘ग’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नजूल की जमीन निजी नाम से करना
145. ( क्र. 7856 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम और मंदसौर जिले में नजूल की जमीन को निजी नाम से करने (मा.उच्च न्यायालय इंदौर के आदेश अथवा राजस्व न्यायालय ग्वालियर के आदेश अनुसार) के कितने प्रकरण हैं उनकी सूची प्रस्तुत करें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरणों में से कितने प्रकरण में मा. उच्चतम न्यायालय अथवा मा. उच्च न्यायालय में शासन की ओर से वाद दायर कर दिया गया है या वाद दायर करने की कार्यवाही प्रचलन में है सूची देंवे? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कितने प्रकरण विधि विभाग में राय लेने हेतु भेजे गये है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
किसानों के कमीशन में कटौती किया जाना
146. ( क्र. 7870 ) श्री जितू पटवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के परि.अता. प्रश्न संख्या 186 (क्र. 4093) दिनांक 2 मार्च 2016 के खण्ड (क) के संदर्भ में बतावें कि कृषि मंथन के दौरान मुख्यमंत्री ने कमीशन 8 से 2 प्रतिशत करने का निर्देश किस आधार पर दिया जबकि किसी भी अधिसूचित मंडी में कृषक से कोई कमीशन नहीं लिया जाता है उस मंथन की बैठक की संपूर्ण कार्यवाही का विवरण उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नकर्ता के उपरोक्त प्रश्न के खण्ड 'ख' के संदर्भ में जानकारी दें कि कृषि विपणन बोर्ड द्वारा जारी आदेश से क्या अब कृषकों से 2 प्रतिशत कमीशन लिया जायेगा? यदि हाँ, तो क्या यह मंडी कानून के अनुकूल होगा? (ग) प्रदेश में फूल की खेती को प्रोत्साहित करने के लिये कृषि मंडी फूलों की बिक्री के लिये अधिसूचित क्यों नहीं किया जा रहा है? (घ) वर्तमान में किन-किन मंडियों में कमीशन एजेन्टों द्वारा हड़ताल किन बिन्दुओं पर की गई है, उसकी जानकारी दें तथा बतावें कि उन पर क्या निर्णय लिया गया?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। मध्यप्रदेश में कृषि उपज का अधिसूचित मंडी प्रांगण में विक्रय होने पर कृषकों से कोई कमीशन नहीं लिया जाता है। (ग) प्रदेश में विक्रय हेतु फूलों की आवक/उपलब्धता के आधार पर फूल मंडी अधिसूचित की जाती है। वर्तमान में इंदौर में अधिसूचित फूल मंडी स्थापित है। शीघ्र ही भोपाल में भी फूल मंडी स्थापित करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष स्थानों पर फूलों की आवक का आंकलन करवाया जा रहा है। (घ) लहसुन की बिक्री की वैकल्पिक व्यवस्था को कमीशन एजेंट के माध्यम से संपादित करने की प्रक्रिया को राज्य शासन के आदेश दिनांक 24.02.2016 से निरस्त किया गया था। इससे असंतुष्ट होकर देवी अहिल्या बाई होल्कर फल एवं सब्जी मंडी इंदौर के विभिन्न एसोसिएशनों के द्वारा क्रय-विक्रय बंद कर दिनांक 01.03.2016 से 08.03.2016 तक हड़ताल की गई थी। इस मामले में राज्य शासन के उक्त आदेश दिनांक 24.02.2016 पर माननीय उच्च न्यायालय इंदौर द्वारा स्थगन आदेश दिनांक 21.03.2016 पारित किया गया है, और अभी प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है।
इंदौर, खरगोन की मंडियों के संबंध में
147. ( क्र. 7874 ) श्री बाला बच्चन : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर, खरगोन की मंडियों में वर्ष 2011 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश के बाहर से दलहन कितनी मंडियों से कितने व्यापारियों/प्रसंस्करणकर्ताओं से कितनी मात्रा में क्रय किया विवरण दें? (ख) प्रश्नांश (क) की अवधि में प्रदेश में बाहर से प्रसंस्करणकर्ता से मंडी शुल्क भुगतान करने में कब-कब छूट नहीं रही है अवधिवार विवरण दें क्या उक्त अवधि जिसमें छूट नहीं रही प्रसंस्करणकर्ताओं द्वारा दलहन प्रसंस्करण करने के बाद मंडी शुल्क जमा किया है यदि हाँ, तो किस मंडी से कौन प्रसंस्करणकर्ता बतायें? (ग) प्रदेश के बाहर से प्रसंस्करणकर्ता से दलहन पर मंडी शुल्क पर छूट थी किन्तु निर्धारित शुल्क पर छूट नहीं की? फिर भी उक्त मंडियों में निर्धारित शुल्क की छूट दी गई है? किन-किन मंडियों में कितनी-कितनी निर्धारित शुल्क कर छूट किन प्रसंस्करणकर्ताओं को दी गई? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में अवैधानिक रूप से मंडी शुल्क एवं निर्धारित शुल्क की छूट देने वाले मंडी अधिकारियों को जाँच कराकर दोषियों पर क्या और कब कार्यवाही की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मुख्यमंत्री सड़क योजना
148. ( क्र. 7880 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री सड़क योजनान्तर्गत मुलताई वि.स. क्षेत्र के विकासखण्ड मुलताई प्रभात पट्टन में कितनी सड़कें कब स्वीकृत हुई और इनकी लागत कितनी थी? (ख) इन सड़कों की वर्तमान स्थिति क्या है, यदि सड़कें पूर्ण हो गई तो कब और कौन-कौन सी हुई? यदि नहीं, तो क्यों नहीं हुई? इसके लिए दोषी किसे माना जावेगा? (ग) अपूर्ण मुख्यमंत्री सड़कों में कितनी राशि निकाली गई कितनी राशि शेष है और कितना कार्य शेष है? क्या शेष राशि में कार्य पूर्ण हो जावेगा? यदि नहीं, तो अतिरिक्त राशि जो लगेगी वह किससे ली जावेगी लगने वाली अतिरिक्त राशि के लिये दोष किसे माना जावेगा और इस पर क्या कार्य होगा? (घ) अपूर्ण सड़कें पूरी होने का समय बतायें क्या इतने वर्षों तक सड़कों का निर्माण हो जाना चाहिये था?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) अंतर्गत अपूर्ण सड़कों की स्वीकृत राशि रू. 417.09 लाख के विरूद्ध राशि रू. 207.39 लाख का व्यय किया गया है। इस प्रकार इन मार्गों पर रू. 209.70 लाख शेष है। इस शेष राशि से कार्य पूर्ण हो जायेगा अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
राजीव गांधी जलग्रहण मिशन की जानकारी
149. ( क्र. 7882 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एकीकृत जलग्रहण क्षेत्र प्रंबधन कार्यक्रम के अंतर्गत मुलताई विकासखण्ड में वर्ष 2010-11 तथा 2011-12 तथा 2012-13 तथा 2013-14 किस ग्राम में वाटर शेड का कार्य कराया गया? (ख) इसकी प्रशासकीय स्वीकृति किस वर्ष प्राप्त हुई? कार्य प्रांरभ करने का दिनांक तथा कार्य पूर्ण करने का दिनांक बताएं? (ग) इन वर्षों में कौन से कार्य कराये गये? कार्य की गुणवत्ता की जाँच किसके द्वारा कराई गई? (घ) क्या निर्माण कार्यों में हुई अनियमितता की जाँच कराई जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम 4 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम 6, 8 एवं 9 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम 5 एवं 10 अनुसार है। (घ) परियोजना क्र. 2 में वाटरशेड समिति घाट पिपरिया तथा सोनेगाँव में स्टॉप डेम निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति नहीं लिये जाने की जाँच अनुविभागीय अधिकारी, जल संसाधन विभाग से करायी गई। जाँच प्रतिवेदन अनुसार निष्पादित कार्य तकनीकी आधार पर उपयुक्त पाए गए। अतः अनियमितता की शास्ती स्वरूप टीम लीडर का 15 दिवस का मानदेय कटौत्रा किया गया एवं चेतावनी पत्र जारी किया गया।
वाहनों की जानकारी के विषय में
150. ( क्र. 7884 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में चलने वाली धार से बड़वानी, इंदौर, आलीराजपुर, रतलाम, झाबुआ चलने वाली बसों की संख्या देवें। इनसे (क) व (ख) अनुसार विगत 3 वर्षों में कितनी दुर्घटनाएं हुई, घायल/मृतक संख्या सहित बतावें। (ख) जिन बसों से दुर्घटनाए हुई उनके वाहन क्रमांक स्वामी नाम बतावें। यह भी बतावें कि इन्हें फिटनेस प्रमाण-पत्र जारी करने वाले अधिकारी कौन थे? इनकी अनुबंध अवधि बताएं?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) धार जिलान्तर्गत, धार से बड़वानी, इन्दौर, अलीराजपुर, रतलाम, झाबुआ तक 125 बसें संचालित हैं। पुलिस अधीक्षक धार अनुसार विगत 03 वर्षों में कुल 216 दुर्घटनाएं हुई, जिसमें घायलों की संख्या 131 व मृतकों की संख्या 486 है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
मंडी शुल्क एवं निराश्रित शुल्क
151. ( क्र. 7885 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार एवं उज्जैन जिले कि मंडियों में वर्ष 2009 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश के बाहर से दलहन किन किन मंडियों के किन किन व्यापारियों, प्रसंस्करणकर्ता से कितनी मात्रा में क्रय किया फर्मवार मंडीवार विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) की अवधि में प्रदेश के बाहर से प्रसंस्करणकर्ता को मंडी शुल्क भुगतान करने में कब-कब छूट नहीं रही है अवधिवार विवरण दें। क्या उक्त अवधि जिसमें छूट नहीं रही प्रसंस्करणकर्ताओं द्वारा दलहन प्रसंस्करण करने के बाद मंडी शुल्क जमा किया है यदि हाँ, तो किस मंडी का कौन प्रसंस्करणकर्ता बतायें? (ग) प्रदेश के बाहर से प्रसंस्करणकर्ता को मंडी शुल्क पर छूट थी, किंतु निराश्रित शुल्क पर छूट नहीं थी फिर भी उक्त मंडियों में निराश्रित शुल्क की छूट दी गई है। किन किन मंडियों में कितनी निराश्रित शुल्क की छूट किन किन प्रसंस्करणकर्ताओं को दी गई है? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में अवैधानिक रूप से मंडी शुल्क एवं निराश्रित शुल्क की छूट देने वाले मंडी अधिकारियों को जाँच कराकर दोषियों के विरूद्ध क्या और कब कार्यवाही की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्र की जा रही है।
अतिक्रमित भूमि का आवंटन
152. ( क्र. 7891 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कलेक्टर नीमच के प्रतिवेदन के आधार पर दिनांक 4.8.2010 को शासन की नीति के अंतर्गत अतिक्रमित भूमि का आवंटन किस किस को किया गया था एवं किन किन कारणों से उक्त आवंटन निरस्त किया गया? (ख) क्या शासन द्वारा पुनर्विचार कर पुन: भूमि आवंटन कर संबंधितों को पट्टा प्रदाय किया जाएगा। (ग) क्या नीमच कलेक्टर द्वारा संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास भोपाल को तांगा अड्डा नीमच में निवासरत 45 परिवारों को पट्टा दिए जाने संबंधी स्पष्ट अभिमत प्रेषित किया गया था, यदि हाँ, तो इस संबंध में आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? (घ) कब तक प्रभावित 45 परिवारों को पट्टे प्रदाय कर दिए जावेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विभाग के आदेश क्रमांक एफ 22-72/06/28 भोपाल दिनांक 04/08/2010 से श्रीमती सुषमा रामनानी, श्री महेश मोटवानी एवं श्री शिव आहूजा को भू-खण्ड का आवंटन किया जाकर अनुमोदन किया गया। विभाग के आदेश क्रमांक एफ 22-72/2006/28 दिनांक 03/03/2012 से विधि संगत नहीं होने से निरस्त किया गया। (ख) जी, नहीं। (ग) एवं (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कृषि उपज मण्डी समितियों के प्रांगणों पर अतिक्रमण
153. ( क्र. 7908 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में कुल कितनी कृषि उपज मंडी समितियां हैं, इनके कितने प्रागंण है? प्रांगणवार कितनी-कितनी भूमि है? सूची देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रांगणों में से कितने प्रांगणों में कितने वर्षों से नियम विरूद्ध अनुज्ञप्धिारियों एवं बगैर अनुज्ञप्धिारियों का अतिक्रमण है? (ग) क्या मंडी प्रांगणों के अनुज्ञप्तिधारियों को कृषि उपज क्रय विक्रय निवास या अन्य व्यवसाय करने हेतु पात्रता दी गई है? (घ) प्रश्नांश (क) उल्लेखित मंडी प्रांगणों में यदि अतिक्रमण है तो क्या अतिक्रमण हटाया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) उज्जैन संभाग में कुल 42 मंडी समितियां है, इन मंडियों के पास 100 प्रांगण हैं। प्रांगणवार मंडी/उपमंडी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखानुसार अतिक्रमण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) मंडी प्रागंण में अनुज्ञप्तिधारी व्यापारियों को कृषि उपज के क्रय विक्रय की ही पात्रता दी गई है। (घ) प्रश्नांश (क) अंतर्गत 06 मंडी समितियों में अतिक्रमण है,अतिक्रमण हटाये जाने हेतु सूचना पत्र दिये गये है, समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है।
पुलिया निर्माण में अनियमितता
154. ( क्र. 7917 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अध्यक्ष जनपद पंचायत नरसिंहपुर द्वारा ग्राम पंचायत अमोदा, बंदरोहा, डोंगरगाँव के निर्माण कार्य एवं शौचालयों ग्राम पंचायत सिंहपुर, बचई, गोरखपुर, ऊसरी में स्व-कराधान राशि, ग्राम पंचायत बकोरी के ग्राम भंडारदेव में पुलिया निर्माण में अनियमितताएं होने की जाँच किये जाने के संबंध में अक्टूबर से दिसम्बर, 2015 की तिथि में कलेक्टर एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत नरसिंहपुर को शिकायती पत्र प्रेषित किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो पत्र के संबंध में बिन्दुवार क्या कार्यवाही की गई है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ अधिकारी
155. ( क्र. 7918 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग में लेखाधिकारी के कितने पद स्वीकृत हैं और उन पदों के विरूद्ध कौन-कौन अधिकारी कब-कब से पदस्थ हैं? किन-किन पदों पर विभागीय अधिकारी पदस्थ हैं एवं किस-किस पद पर प्रतिनियुक्ति के माध्यम से किस-किस सेवा के अधिकारी कब-कब से पदस्थ हैं, नामवार जानकारी दें? (ख) प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ अधिकारियों की पदस्थापना कितनी अवधि के लिए की गई थी एवं बाद में कब-कब उसमें कितनी-कतनी वृद्धि किन-किन कारणों से की गई है? (ग) प्रतिनियुक्ति पर वित्त सेवा के कार्यरत ऐसे कितने अधिकारी है, जिनका वेतन आहरण पदस्थी कार्यालय से न किया जाकर अन्यत्र कार्यालय से किया जा रहा है? अधिकारियों के नाम, पदस्थी स्थान, वेतन आहरण कार्यालय एवं कारण सहित पूर्ण ब्यौरा दें? (घ) क्या विभागीय मंत्री जी द्वारा वित्त सेवा के अधिकारियों को वापस उनके मूल विभाग को भेजने हेतु नोटशीट पर निर्देश प्रदान किए गए थे, यदि हाँ, तो उक्त निर्देशों के तहत क्या कार्यवाही की गई है? (ड.) उक्त अधिकारियों को कौन-कौन से कार्य आवंटित हैं एवं उनके विरूद्ध कौन-कौन से कार्य संपादित किए जा रहे हैं?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (ग) परिवहन विभाग में मध्यप्रदेश वित्त सेवा से लेखाधिकारी का एक संवर्गीय पद परिवहन आयुक्त कार्यालय में स्वीकृत है। जिसके विरूद्ध श्री यशवंत कुमार जैन सहायक संचालक (वित्त) दिनांक 15-12-2014 से पदस्थ है। इसके अतिरिक्त श्री गुणवंत सेवतकर, सहायक संचालक (वित्त) लेखाधिकारी के रूप में क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय, भोपाल में दिनांक 03-06-2013 से पदस्थ है। लेखाधिकारी का पद मध्यप्रदेश वित्त सेवा का संवर्गीय पद होने से विभागीय अधिकारी एवं प्रतिनियुक्ति के माध्यम से विभाग में कोई भी लेखाधिकारी पदस्थ नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। श्री गुणवंत सेवतकर, मध्यप्रदेश वित्त सेवा, लेखाधिकारी कार्यालय क्षेत्रीय परिहन अधिकारी, भोपाल का वेतन परिवहन आयुक्त मध्यप्रदेश ग्वालियर में सांख्यिकी अधिकारी के रिक्त पद के विरूद्ध आहरण किया जा रहा है। विभागीय आवश्यकता एवं मध्यप्रदेश सड़क परिवहन निगम के परिसमापन की कार्यवाही में लेखाधिकारी की सेवाओं की आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुये इनकी पदस्थापना की गई है। (घ) पूर्व में लेखाधिकारी श्री गुणवंत सेवतकर की सेवाएं वित्त विभाग को वापस लौटाने का लेख किया गया था, किन्तु गुणवंत सेवतकर सहायक संचालक वित्त का कार्यालय संचालक कोष एवं लेखा में किया गया स्थानांतरण आदेश निरस्त कर पूर्ववत् क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय, भोपाल में यथावत पदस्थ करने का अनुरोध किया गया है। (ड.) 1. श्री यशवंत कुमार जैन सहायक संचालक (वित्त) को कार्यालय क्रय समिति की अध्यक्षता, स्थापना नस्तियों पर अभिमत एवं परीक्षण संबंधी कार्य, विभागीय आंतरिक लेखा परीक्षण पर कार्यवाही/निराकरण, समयमान समिति की अध्यक्षता, सांख्यकीय शाखा, कर शाखा, उप सचिव राज्य परिवहन प्राधिकार एवं लोकसूचना अधिकारी का कार्य आवंटित है। 2. श्री गुणवंत सेवतकर लेखाधिकारी को निम्नांकित कार्य आवंटित है :- (I) क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय भोपाल का समस्त लेखा संबंधी कार्य, क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय भोपाल से संबंधित सी.ए.जी./पी.ए.सी. की लंबित कंडिकाओं के निराकरण संबंधी कार्य। (II) राज्य परिवहन निगम मध्यप्रदेश का समस्त लेखा एवं परिसमापन संबंधी कार्य। (III) मध्यप्रदेश इंटरसिटी ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी का लेखा कार्य। (IV) संभागीय उप परिवहन आयुक्त के निर्देश में संभाग अंतर्गत जिलों की सी.ए.जी./पी.ए.सी. कंडिकाओं के निराकरण हेतु समन्वय कार्य। (V) कार्यालय प्रमुख द्वारा समयानुसार सौंपे गये अन्य कार्य। दोनों अधिकारी उनको सौंपे गये कार्य संपादित कर रहे हैं।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
अधूरे
निर्माण
कार्य
1. ( क्र. 156 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोकनगर जिले में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा अन्तर्गत विगत 03 वर्षों में स्वीकृत कितनी सड़के व निर्माण कार्य अधूरे पड़े हैं? उनकी स्वीकृति की तिथि व अधूरे रहने के कारण बताएं तथा ठेकेदार यदि कार्य छोड़कर चले गये तो कब तक अधूरी सड़कें पूरी होने की संभावना हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अन्तर्गत अशोकनगर जिले में सड़कों व निर्माण कार्यों की पिछले 3 वर्षों में कितनी शिकायतें मिली तथा कितनी शिकायतों की जाँच पूरी की व कितनी जाँच बाकी है व क्या जाँच के बाद कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश 'क' अंतर्गत उल्लेखित अवधि में 06 शिकायतें प्राप्त हुई, जिनमें से 05 जाँच पूर्ण की गई एवं कार्यवाही की गई 01 शिकायत की जाँच प्रक्रियाधीन होने से कार्यवाही नहीं की गई।
किसान अनुदान योजना क्रियान्वयन
2. ( क्र. 746 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग अंतर्गत वर्ष 2013 से दिसम्बर 2015 तक रतलाम जिले में अनुसूचित जाति वर्ग एवं अनुसूचित जन जाति वर्ग के किसानों के लिये लिए कौन-कौन सी अनुदान योजनायें प्रारंभ की गई हैं वर्षवार लाभान्वित कृषक संख्यावार ब्यौरा क्या है? (ख) शासन द्वारा घोषित किसान हित की अनुदान योजनाओं में से किस योजना का लाभ जिले को अथवा किस तहसील के किसानों को नहीं मिला? (ग) अनुदान योजना का लाभ कृषकों को देने के संबंध में क्या प्रावधान है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) रतलाम जिले में वर्ष 2013 से दिसंबर 2015 तक अ.जा. एवं अ.ज.जा. वर्ग के लिये विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। संचालित विभिन्न अनुदान योजनांतर्गत वर्ष 2013-14 में 33439 कृषकों को वर्ष 2014-15 में 32814 कृषकों को एवं वर्ष 2015-16 में दिसंबर 2015 तक 29342 कृषकों को लाभान्वित किया गया है। (ख) जिले में संचालित सभी योजनाओं से पात्र कृषकों को लाभ मिला है। (ग) अनुदान योजनाओं के मार्गदर्शी निर्देश/गाईडलाइन अनुसार कृषकों को लाभ देने का प्रावधान है।
सहकारिता केन्द्रों का संचालन
3. ( क्र. 1050 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिले के ब्यौहारी एवं जयसिंहनगर जनपद पंचायत अंतर्गत सहकारिता विभाग द्वारा कितने केन्द्र कहाँ-कहाँ संचालित हैं? (ख) योजना क्रियान्वयन के उद्देश्य क्या है, तथा उन केन्द्रों में किनकी पदस्थापना है और उनके दायित्व तथा केन्द्र संचालन का समय इत्यादि क्या है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) ब्यौहारी जनपद पंचायत अंतर्गत आदिम जाति सेवा सहकारी संस्था मर्यादित, मऊ में बहुउद्देश्यीय वाणिज्यिक कृषक सेवा केन्द्र का कार्य निर्माणाधीन है तथा जयसिंह नगर जनपद पंचायत में ऐसे किसी केन्द्र का निर्माण प्रस्तावित नहीं है। (ख) योजनान्तर्गत प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों की महत्वपूर्ण भूमिका, व्यापक नेटवर्क एवं वृहद सदस्यता को दृष्टिगत रखते हुये कृषक सुविधा केन्द्र के रूप में विकसित कर इन केन्द्रों के माध्यम से कृषकों एवं ग्रामीणजनों को बहुआयामी सेवाएं, सुविधाएं एवं परामर्श उपलब्ध कराने के साथ-साथ शासन की विभिन्न हितग्राही मूलक योजनाओं का क्रियान्वयन किये जाने के प्रावधान है। उक्त केन्द्र निर्माणाधीन होने से केन्द्र में किसी कर्मचारी की पदस्थापना नहीं की गई है तथा वर्तमान में उनके दायित्व तथा केन्द्र संचालन का समय निर्धारित नहीं हुआ है।
समिति की अनुशंसा पर अमल
4. ( क्र. 1290 ) डॉ. मोहन यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ब्रम्हस्वरूप समिति, सचिव स्तरीय समिति एवं मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति की अनुशंसा पर विचार करते हुए सामान्य प्रशासन द्वारा जारी आदेश क्र.एफ2-6/1/वे.आ प्र/96 दिनांक 05.10.2006 के पालन में राजस्व विभाग द्वारा आयुक्त भू-अभिलेख, संभागायुक्त एवं जिला कलेक्टर कार्यालयों में पदस्थ संबंधित शासकीय सेवकों को उसका लाभ प्रदान किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या सामान्य प्रशासन विभाग के उक्त आदेश दिनांक 05.10.2006 के अनुपालन में राजस्व विभाग द्वारा अपने विभागीय भर्ती नियमों में संशोधन कर लिया गया है? यदि नहीं, तो कब तक कर लिया जावेगा? उपरोक्त आदेशानुसार संबंधित शासकीय सेवकों को किस दिनांक से वित्तीय लाभ प्रदाय किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। संभाग आयुक्त एवं कलेक्टर कार्यालयों में पदस्थ सहायक अधीक्षकों को लाभ प्रदान करने हेतु म.प्र. राजस्व (तृतीय श्रेणी लिपिक वर्गीय) सेवा भरती नियम 1985 में संशोधन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
निर्माण कार्यों का भौतिक सत्यापन
5. ( क्र. 1647 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग छतरपुर में वर्ष 2012 से स्वीकृत विभागीय कार्य तथा प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत कार्यों का जिनके पूर्णत: प्रमाण पत्र जारी किये गये उनका भौतिक सत्यापन किया गया? (ख) यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो कार्यों का नाम स्थान विकासखण्ड तथा अधिकारी का पदनाम सहित विवरण दें? (ग) क्या कार्यों की गुणवत्ता खराब है? जो खराब हो गये इन कार्यों की मॉनिटरिंग किन अधिकारियों ने की? उनके नाम बतायें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) पूर्ण कार्यों के पूर्णता प्रमाण पत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
संविलियन आदेश लंबित रखना
6. ( क्र. 1954 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तिलहन संघ के कर्मचारियों में से कितने कर्मचारियों की मंत्री परिषद् की बैठक दिनांक 7 जुलाई, 2015 में निर्णय उपरांत अन्य विभागों में संविलियन की प्रक्रिया जारी की गई थी और इनमें कितने कर्मचारियों का संविलियन आदेश जारी किया गया एवं कितने शेष कर्मचारियों का कब तक संविलियन की कार्यवाही की जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित कर्मचारी की लिखित परीक्षा, साक्षात्कार पश्चात् ही चयनित हुए थे, स्पष्ट करें? (ग) प्रश्नांश (क) में सम्मिलित कर्मचारियों की नियुक्ति चयन प्रक्रिया अनुसार की गई थी अथवा नहीं? (घ) प्रश्नांश (क) कर्मचारियों के साथ में चयनित कितने कर्मचारी सेवानिवृत्ति हो गये हैं? बतायें? यदि सेवानिवृत्त कर्मचारियों की चयन प्रक्रिया सही नहीं थी, तो क्या विभाग अनुशासनात्मक कार्यवाही करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) तिलहन संघ द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार वाणिज्यिक कर विभाग में 23 कर्मचारियों की संविलियन की प्रक्रिया जारी की गई थी, 5 कर्मचारियों का आदेश जारी किया गया, 2 कर्मचारी सेवानिवृत्त, शेष कर्मचारियों के संबंध में कार्रवाई प्रक्रियाधीन, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (ख) तिलहन संघ द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार जी हाँ, 9 कर्मचारी लिखित परीक्षा एवं साक्षात्कार से, 10 कर्मचारी साक्षात्कार से, 4 कर्मचारी आवश्यकतानुसार दैनिक वेतन भोगी से नियमित किये गये। (ग) तिलहन संघ द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार जी हाँ, सेवा नियमों में वर्णित प्रक्रियानुसार। (घ) कुल 6 कर्मचारी सेवानिवृत्त, उत्तरांश 'ग' के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
तिलहन संघ के सेवायुक्तों का संविलियन
7. ( क्र. 1955 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. राज्य तिलहन संघ से प्रतिनियुक्ति पर ग्रामीण विकास में पदस्थ कितने सेवायुक्तों को संविलियन किया गया? शेष सेवायुक्तों के लिए संविलियन प्रक्रिया में है अथवा नहीं? (ख) मध्यप्रदेश राज्य तिलहन संघ के ग्रामीण विकास विभाग में संविलियन एवं प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ सेवायुक्तों से संबंधित विभिन्न न्यायालयों में कितने याचिकाएं/अवमानना कब से चल रहे हैं? इन पर कितना व्यय कब-कब, किन-किन वकीलों/न्यायालयीन व्यय किया गया? बतावें? (ग) प्रश्नांश (क) अंतर्गत न्यायालय संबंधित प्रकरणों के संचालन हेतु अधिकारियों/कर्मचारियों पर विभाग द्वारा यात्रा व अन्य व्यय किया गया? प्रवास, स्थान, दिनांक, अधिकारियों के नाम, पद राशि प्रयोजन का उद्देश्य आदि स्पष्ट करें एवं ब्यौरा दें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विभाग में तिलहन संघ के प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ 119 सेवायुक्तों का संविलियन किया गया। शेष सेवायुक्तों की प्रकिया विभाग में प्रचलित नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' पर है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' पर है।
जिला समन्वयकों की नियुक्ति
8. ( क्र. 1994 ) श्री संजय उइके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या समग्र स्वच्छता निर्मल भारत स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत वर्ष 2008-10 से वर्ष 2014-15 के मध्य जिला समन्वयकों की संविदा पर भर्ती की गई है? यदि हाँ, तो भर्ती हेतु जारी सभी विज्ञापन एवं चयनित तथा नियुक्त समन्वयकों की जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) क्या भर्तियों में 100 बिन्दु आरक्षण रोस्टर संधारित करने के प्रावधान हैं? यदि हाँ, तो क्या उक्त भर्ती में 100 बिन्दु आरक्षण रोस्टर संधारित किए गए हैं? यदि हाँ, तो उपलब्ध करावें? (ग) नियुक्त किए गए समन्वयकों के शैक्षिक एवं अनुभव प्रमाण पत्रों के सत्यापन कराने के क्या नियम हैं और कितने समय के भीतर उपरोक्त नियुक्त समन्वयकों के शैक्षिक एवं अनुभव प्रमाण पत्रों का सत्यापन कराया गया है? यदि नहीं, तो कितने समय में कराया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र (अ) एवं (ब) अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र (स) अनुसार है। (ग) समन्वयकों के शैक्षणिक एवं अनुभव प्रमाण पत्रों के सत्यापन के पृथक से कोई नियम नहीं है। शैक्षणिक एवं अनुभव प्रमाण पत्रों का सत्यापन, साक्षात्कार के समय किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुसूचित जनजाति की भूमि का विक्रय
9. ( क्र. 2009 ) श्री संजय उइके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि अनुसूचित जनजाति अधिसूचित क्षेत्र बैहर जिला बालाघाट की पटवारी हल्का नं. 18,1920 तथा 24 में अनुसूचित जनजाति की भूमि वित्तीय वर्ष 2005 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन अनुसूचित जनजाति के किन-किन व्यक्तियों को कितनी-कितनी भूमि कब-कब विक्रय किया गया? रकबा एवं खसरा नं. सहित बतावें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आई.डब्ल्यू.एम.पी. योजना में केम्पस सिलेक्शन
10. ( क्र. 2014 ) श्री संजय उइके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा वर्ष 2010-11 से वर्ष 2013-14 के दौरान आई.डब्ल्यू.एम.पी. योजना अंतर्गत विभिन्न पदों पद कैम्पस सिलेक्शन के माध्यम से भर्ती की गई? यदि हाँ, तो किन-किन पदों पर कब-कब भर्ती की गई? पदवार चयनित एवं नियुक्त अभ्यार्थियों की जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) क्या प्रदेश में शासकीय पदों पर भर्ती हेतु विज्ञापन जारी करने आरक्षण नियमों का पालन करने एवं 100 बिन्दु आरक्षण रोस्टर संधारित करने के प्रावधान हैं? क्या उक्त भर्ती में इनका पालन किया गया है? यदि नहीं, तो इसके लिए दोषी कौन है और क्या इन पर कार्यवाही की जावेगी और कब तक? (ग) क्या कैम्पस सिलेक्शन के माध्यम से की गई इस भर्ती के कारण प्रदेश के वे युवा जो इन पदों के लिए आवश्यक योग्यता रखते थे, किन्तु वे अपनी शिक्षा पूर्ण कर विश्वविद्यालय छोड़ चुके थे, उन्हें संविधान द्वारा प्रदत्त लोक नियोजन में अवसर की समानता के अधिकार का हनन हुआ है? यदि हाँ, तो इसके लिए दोषी पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) कैम्पस साक्षात्कार से विषय विशेषज्ञों का चयन कर उनको आई.डब्ल्यू.एम.पी. योजना की स्वतंत्र एवं एकल स्वरूप की सीमित अवधि की परियोजनाओं की वाटरशेड डेवल्पमेंट टीम के गठन हेतु टीम सदस्य का संविदा दायित्व सौंपा गया था, जिनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। आरक्षण रोस्टर नियमित पदों हेतु संधारित करने का प्रावधान है। आई.डब्ल्यू.एम.पी. योजना की प्रत्येक परियोजना की वाटरशेड डेवल्पमेंट टीम एकल स्वरूप की तथा अपने आप में स्वतंत्र होती है, अतः इसमें शामिल कृषि, समाज कार्य, सिविल अभियांत्रिकी तथा भू-विज्ञान विषय के विशेषज्ञों का संविदा दायित्व एकल स्वरूप का होने के कारण अनारक्षित रहता है। तदानुसर कार्यवाही की गई, अतः किसी के दोषी नहीं होने से कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। विज्ञापन प्रकाशित कर भी वाटरशेड डेवल्पमेंट टीम के गठन के लिए विषय विशेषज्ञों को संविदा दायित्व सौंपा गया।
अधिकारियों की मांगें
11. ( क्र. 2439 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पंचायत राज संचालनालय द्वारा पत्र क्रमांक 3620 दिनांक 18/4/13 को समस्त मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं कि संचालनालय के अधीन सभी वित्त पोषित योजनाओं की नस्तियों का प्रचलन खण्ड पंचायत अधिकारियों के माध्यम से सुनिश्चित किया जावे? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कौन-कौन सी नस्तियों का प्रचलन खण्ड पंचायत अधिकारियों के माध्यम से कराया जा रहा है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) उत्तरांश ‘क‘ अनुसार निर्देशित किया गया है। नस्ती विशेष का उल्लेख नहीं किया गया है।
नंदन फल उद्यानों की स्थापना एवं लाभान्वित हितग्राही
12. ( क्र. 2522 ) श्री रामप्यारे कुलस्ते : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले के निवास विधान सभा क्षेत्रांतर्गत योजना प्रारंभ से लेकर अभी तक कितने नंदन फलोउद्यान लगाये गये हैं? विकासखण्डवार ग्रामपंचायतवार सार्वजनिक नंदन फलोउद्यान की संख्या देवें? (ख) उक्त फलोद्यान कार्यों की वर्तमान प्रगति पूर्ण, अपूर्ण तथा अप्रारम्भ संख्या बतायें, जो फलोद्यान पूर्ण हो चुके हैं उनमें जीवित पौधों का रख-रखाव किया जा रहा है या नहीं? (ग) उक्त कार्यक्रम में योजना प्रारंभ से लेकर अभी तक कुल कितनी राशि खर्च हुई एवं खर्च उपरांत इसका क्या लाभ जन सामान्य में दिख रहा है? (घ) प्रशिक्षण उपरांत कितने हितग्राहियों को स्वरोजगार से जोड़ने का काम किया गया है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मण्डला जिले के निवास विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत प्रश्नाधीन अवधि में 273 नंदन फलोद्यान लगाये गये हैं। सार्वजनिक नंदन फलोद्यान की संख्या शून्य है। (ख) नंदन फलोद्यान (हितग्राही मूलक) कार्यों की वर्तमान प्रगति पूर्ण 169, अपूर्ण 102 तथा अप्रारम्भ 02 हैं। जी हाँ, रख-रखाव संबंधित हितग्राहियों द्वारा किया जा रहा है। (ग) उक्त कार्यक्रम में उपयोजना प्रारम्भ से लेकर अभी तक कुल राशि रू. 117.267 लाख खर्च हुई एवं खर्च उपरांत इसका लाभ जन सामान्य में दिख रहा है। (घ) प्रशिक्षण उपरांत 99 हितग्राहियों को स्वरोजगार से जोड़ने का काम किया गया है।
परिवार कल्याण योजना के हितग्राही
13. ( क्र. 2651 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परिवार कल्याण योजना अंतर्गत खरगोन जिले में विगत 3 वर्षों में कितने हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया? (ख) विभागीय खरगोन जिला कार्यालय में अभिलेखों का निरीक्षण जिला उप-संचालक, पंचायत एवं समाज सेवा तथा संभागीय संयुक्त संचालक, पंचायत एवं समाज सेवा द्वारा कब-कब किया गया? यदि नहीं, किया गया है तो कारण बतायें? विभागीय खरगोन जिला कार्यालय में कब-कब ऑडिट कराया गया है? (ग) विभागीय योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए किये गये प्रयासों का विवरण देवें? (घ) भगवानपुरा विधान सभा क्षेत्र के सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के वर्तमान में लाभान्वित हो रहे हितग्राहियों की संख्या श्रेणीवार देवें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) परिवार कल्याण योजना इस विभाग से संबंधित नहीं है। भारत सरकार द्वारा संचालित राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना के अंतर्गत खरगोन जिले में विगत 03 वर्षों में निम्नानुसार हितग्राहियों को लाभांवित किया गया हैः-
क्रमांक |
वर्ष |
लाभांवित हितग्राही |
1 |
2012-13 |
1230 |
2 |
2013-14 |
1722 |
3 |
2014-15 |
414 |
कुल योग |
3366 |
(ख) उप संचालक, सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण, जिला खरगोन द्वारा दिनांक 01.04.2014 एवं 15.04.2015 द्वारा जिला कार्यालय का निरीक्षण किया गया। संभागीय संयुक्त संचालक, इंदौर संभाग इंदौर में विगत तीन वर्षों से प्रभारी अधिकारी उप संचालक स्तर का होने के कारण जिला कार्यालय खरगोन का निरीक्षण नहीं किया गया। विभागीय खरगोन जिला कार्यालय का संयुक्त संचालक, कोष एवं लेखा दल द्वारा दिनांक 19.11.2015 से 1.12.2015 तक ऑडिट किया गया तथा महालेखाकार ग्वालियर के ऑडिट दल द्वारा दिनांक 23.05.2013 से 28.05.2013 तक जिला कार्यालय खरगोन का ऑडिट किया गया। (ग) विभागीय योजनाओं के व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु खण्ड स्तरीय, जिला स्तरीय लोक कल्याण शिविर एवं अन्त्योदय मेलों/वॉल पेंटिंग/पोस्टर आदि के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जाकर हितग्राहियों को लाभांवित किया जाता है। (घ) जिला खरगोन की विधान सभा क्षेत्र भगवानपुरा में सामाजिक सुरक्षा पेंशन के हितग्राहियों की श्रेणीवार संख्या निम्नानुसार है :-
निराश्रित वृद्ध |
1777 |
विधवा/परित्यक्ता |
358 |
निःशक्त हितग्राही |
144 |
कुल योग |
2279 |
लीज
पर दी गई भूमि
की सूची
14. ( क्र. 2653 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में अनुविभागीय अधिकारी द्वारा अंतिम 10 लीज हेतु शासकीय भूमि कब-कब किस व्यक्ति/संस्थान को किन शर्तों पर प्रदान की गई? भूमिवार सूची देवें? (ख) खरगोन जिले में कितनी तहसीलों में तहसीलदार नियमित/प्रभारी कब से पदस्थ हैं? (ग) विगत 2 वर्षों में अतिक्रमण की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? शिकायतकर्ता नाम, पता, विषय, अतिक्रमण स्थल सहित सूची देवें? (घ) विगत 2 वर्षों में डायवर्सन रद्द करने हेतु आवेदन प्राप्त हुए, कितने डायवर्सन रद्द किये गये? प्रकरणवार बतायें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) खरगोन जिले में अनुविभागीय अधिकारी द्वारा अंतिम 10 लीज हेतु शासकीय भूमि नहीं दी गई है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ख) जानकारी निम्नानुसार हैः- 5 तहसील गोगावां में दिनांक 10.11.14 से वर्तमान तक। 5 तहसील भीकनगांव में दिनांक 10.11.14 से वर्तमान तक। 5 तहसील सेगावां में दिनांक 30.10.14 से वर्तमान तक। (ग) 53 अतिक्रमण की शिकायते प्राप्त हुई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार है। (घ) कुल 05 आवेदन प्राप्त हुए है। जिनके डायवर्सन रद्द किये गये है। प्रकरणवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार है।
फेब्रीकेट्स कक्ष/भवन निर्माण
15. ( क्र. 2720 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ई-पंचायत फेब्रीकेट्स भवन/कक्ष धार जिले में बनाये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो कितने भवन/कक्ष किस किस कंपनी द्वारा तैयार किये गये हैं? क्या कंपनी को तैयार भवन/कक्ष की राशि का भुगतान कर दिया गया है? (ग) यदि हाँ, तो क्या उनका मूल्यांकन करवाया गया है? क्या पूर्णता प्रमाण-पत्र प्राप्त किये गये है? क्या फिटनेस प्रमाण-पत्र कंपनी से प्राप्त किए गए हैं? (घ) यदि नहीं, तो किस आधार पर राशि जारी की गई है तथा इस प्रकार की अनियमितता के लिये कौन अधिकारी/कर्मचारी उत्तरदायी है? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) 49 कक्ष का निर्माण म.प्र. लघु उद्योग निगम द्वारा उनके वेंडर मेसर्स सेटेक इन्वायर इंजीनियरिंग इंडिया प्रा.लि. द्वारा किया गया है। जिसमें 02 पूर्ण एवं 47 प्रगतिरत् है। अभी मात्र 02 कक्षों का भुगतान LUN द्वारा किया गया है। (ग) 02 कक्षों का मूल्यांकन/पूर्णतः प्रमाण-पत्र एवं फिटनेस, LUN से प्राप्त किए गए है। (घ) जो कार्य पूर्ण किए गए है मात्र उनका ही प्रमाण-पत्र प्राप्त कर, नियमानुसार भुगतान LUN द्वारा किया गया है। राशि भुगतान में कोई अनियमितता नहीं हुई है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
वाटरशेड मिशन के कार्य
16. ( क्र. 2722 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013 से 31 जनवरी 2016 तक धार जिले में वाटरशेड योजनान्तर्गत (जलग्रहण) के कार्य जिले के कौन-कौन से विकासखण्ड में कब-कब स्वीकृत किये गये हैं? स्वीकृति कार्यों के नाम क्रियान्वयन एजेंसी का नाम स्वीकृत राशि सहित ग्रामवार विवरण दें? (ख) वाटरशेड योजनान्तर्गत किए गए कार्यों का मूल्यांकन कौन करता है? उपरोक्त अवधि में स्वीकृत कार्यों के मूल्यांकन किन-किन अधिकारियों द्वारा कब-कब किया गया है, दिनांकवार विवरण दें? (ग) धार जिले के कितने विकासखण्डों में वाटरशेड योजनान्तर्गत कितनी राशि स्वीकृत है, कौन-कौन से विकासखण्ड में किये गये कार्यों का मूल्यांकन किसने किया है? निर्माण कार्य की एजेंसी कौन है? निर्माण कार्य किस आधार पर किये जा रहे है? टेण्डर या समितियों के माध्यम से?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन निर्माण कार्यों का क्रियान्वयन जलग्रहण समितियों द्वारा कराया जाता है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है।
ग्रामीण क्षेत्र में खेल भूमि की उपलब्धता
17. ( क्र. 2755 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यानसिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य शासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में खेल मैदान के लिये कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई है? खरगोन जिले के जनपद पंचायत, बड़वाहा में खेल मैदान के लिये कितनी राशि का आवंटन कब प्राप्त हुआ है? ग्राम खेल मैदान के लिये जनपद पंचायत, बड़वाहा द्वारा कौन से ग्राम की भूमि, सर्वे नंबर, एवं कुल रकबा सहित खेल मैदान के लिये प्रस्तावित की गई है? उसकी जानकारी दी जावे? (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा ग्राम खेल मैदान के लिये कस्बा पंचायत, बड़वाहा क्षेत्र अधीन शासकीय महाविद्यालय, बड़वाहा के खेल मैदान को ही विकसित करने हेतु राशि की स्वीकृति की मांग की गई? क्या पिछले 25 वर्षों में उच्च शिक्षा विभाग द्वारा महाविद्यालय, परिसर के लिये खेल मैदान विकसित करने के लिये कोई राशि उपलबध नहीं कराई गई है? जिससे खेल मैदान की स्थिति काफी खराब होने से खिलाड़ी खेल से वंचित हो रहे हैं? (ग) यदि शासकीय महाविद्यालय के खेल मैदान को आपसी शर्तों के अनुसार खेल मैदान विकसित करने के लिये ग्राम पंचायत क्षेत्र में सहमति प्राप्त हो जावे तो इन्दौर-खण्डवा मार्ग पर होने से हर खिलाड़ी के पहुंच के करीब होने से सुविधा को देखते हुये क्या शासन महाविद्यालय, बड़वाहा का भवन (कस्बा, पंचायत, बड़वाहा पंचायत के क्षेत्र में होने से) खेल मैदान विकसित करने के संबंध में निर्णय लेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) राज्य शासन द्वारा प्रत्येक ग्रामीण विधान सभा क्षेत्र हेतु रू. 80.00 लाख की लागत से ग्रामीण खेलकूद मैदान (स्टेडियम) स्वीकृत किये गये है। बड़वाह विधान सभा क्षेत्र में रू. 80.00 लाख की राशि जिला पंचायत खरगोन को वर्ष 2014 में प्रदाय की गई है। खेलकूद मैदान हेतु जनपद पंचायत बड़वाह द्वारा ग्राम बड़वाह कस्बा की भूमि सर्वे नं. 320 एवं कुल रकबा 3.812 हेक्टेयर सहित खेल मैदान के लिए प्रस्तावित की गई है, इसके अतिरिक्त मनरेगा अंतर्गत जनपद पंचायत बड़वाह द्वारा विभिन्न ग्रामों में 65 खेलकूद मैदान स्वीकृत किये गये है। (ख) जी हाँ बड़वाह विधान सभा क्षेत्र में ग्रामीण खेलकूद मैदान हेतु राशि रू. 80.00 लाख जिला पंचायत को प्रदाय की जा चुकी है। जी नहीं। जी नहीं। (ग) ग्राम पंचायत से प्रस्ताव पारित होने के उपरांत उच्च शिक्षा विभाग की सहमति पश्चात् नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी।
कृषि भूमि का अवैध विक्रय
18. ( क्र. 2904 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम मुरैना एवं जिले की अन्य नगर निकायों, भूमाफियाओं द्वारा कृषि भूमि पर शासन से बिना अनुमति, डायवर्सन किये बिना टाऊन एण्ड कंट्री प्लानिंग के बिना कालोनियों का निर्माण एवं भूखण्ड बिक्री किये जा रहे है? इस पर जिला प्रशासन द्वारा अब तक की गई कार्यवाहियों से अवगत कराया जावेगा? (ख) क्या कालोनाइजरों द्वारा कृषि भूमि का अवैध तरीके से छोटे-छोटे भूखण्डों में सरेआम विक्रय कर आये दिन रजिस्ट्रियां संपादित करायी जा रही है? उक्त रजिस्ट्रियों को जिला प्रशासन ने कभी अपने संज्ञान में लिया है? यदि हाँ, तो किस-किस कालोनाईजरों/भूमाफियाओं पर क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या नगर निगम मुरैना में कालोनाईजरों भूमाफियाओं द्वारा विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 138 (सी) का सरेआम उल्लंघन कर बिना अनुमति के कृषि भूमियों में तार लगाकर प्लाट काटे जा रहे हैं? इस संबंध में पटवारी एवं विद्युत विभाग द्वारा संबंधित कालोनाइजरों के प्रति कार्यवाही करने हेतु जिला प्रशासन को अवगत कराया गया हैं? यदि नहीं, तो संबंधित पटवारियों के विरूद्ध भूमाफियाओं से सांठ गांठ करने पर कार्यवाही की जाएगी? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के परिप्रेक्ष्य में जिला प्रशासन कोई जाँच दल गठित कर भूमाफियाओं एवं संलिप्त अधिकारियों/कर्मचारियों पर दण्डात्मक कार्यवाही कर नगर विकास में बाधक हो रही अवैध कालोनियों के भूखण्डों को विक्रय से रोका जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) अनुविभागीय अधिकारी मुरैना द्वारा 09 प्रकरणों में वर्ष 2011 से प्लाट विक्रय पर रोक लगाइ गई है। अनुविभागीय अधिकारी अनुविभाग अम्बाह में 10 प्रकरणों में अनुविभागीय अधिकारी अनुविभाग कैलारस एवं सबलगढ़ में 06 प्रकरण इस प्रकार कुल 25 प्रकरण दर्ज किये जाकर प्लाट विक्रय पर रोक लगाई गई है। जिले में वर्ष 2016 में अवैध कॉलोनी के निर्माण के विरूद्ध राजस्व निरीक्षक एवं पटवारियों के प्रतिवेदन के आधार पर 11 प्रकरण अवैध कॉलोनी के पंजीबद्ध किये गये है। (ख) रजिस्ट्रियों के भू-अभिलेख में नामान्तरणों पर पत्र दिनांक 15.12.2010 एवं 22.12.2010 से रोक लगाई गई है। प्रश्नांश ‘‘क‘‘ अनुसार पंजीबद्ध किये गये प्रकरणों की जाँच कर विधि अनुसार कार्यवाही की जावेगी। (ग) मुरैना जिले में विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 138 (सी) कें उल्लंघन का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। (घ) प्रश्नांश (क) (ख) (ग) के परिप्रेक्ष्य में जिला प्रशासन द्वारा अनुविभागीय अधिकारी का जाँच दल गठन कर कार्यवाही हेतु निर्देश दिये गये हैं।
तहसील कार्यालयों में सीमांकन, बटांकन व अवैध कब्जे के प्रकरण
19. ( क्र. 2926 ) श्री राजेश सोनकर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सांवेर विधान सभा क्षेत्र में विगत 2 वर्षों में तहसील सांवरे तहसील इन्दौर एवं तहसील हातोद में कितने नामान्तरण, सीमांकन, बटांकन, कब्जा एवं अवैध कब्जे के आवेदन पंजीकृत हुये? तहसीलवार/ग्रामवार जानकारी उपलब्ध कराये? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने प्रकरण का निराकरण आज दिनांक तक किया गया व कितने किन-किन कारणों से लंबित है? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने प्रकरण का निराकरण तहसील न्यायालयों में हुआ व कितने प्रकरण ग्राम सभाओं द्वारा निराकृत किये गये? (घ) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में लंबित प्रकरणों के पीछे क्या कारण था व लंबित प्रकरण के लिये कौन-कौन दोषी है क्या दोषियों पर कोई कार्यवाही की जायेगी व लंबित प्रकरणों का निराकरण कब तक कर दिया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ई-गवर्नेंस योजना में पंचायतों को शामिल करना
20. ( क्र. 2927 ) श्री राजेश सोनकर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कुल कितनी पंचायतों को ई-गवर्नेंस हेतु कम्प्यूट्रीकृत किया गया है एवं इन्दौर जिला अन्तर्गत ई-गवर्नेंस योजना में कितनी पंचायतों को शामिल किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या इन्दौर जिले में पंचायतों को लेपटॉप, कम्प्यूटर आवंटित किये गये हैं? यदि हाँ, तो किन-किन पंचायतों व कहाँ-कहाँ दिये गये है? या दिये जा रहे है? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या भवष्यि में प्रदेश की सभी पंचायतों को ई-गवर्नेंस योजना में शामिल करने हेतु कोई विशेष कार्य योजना है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रदेश की कुल 23006 ग्राम पंचायतों को ई-गवर्नेंस हेतु कम्प्यूटरीकृत किया गया है। इन्दौर जिला अन्तर्गत ई-गवर्नेंस योजना में जिले की समस्त 312 पंचायतों को शामिल किया गया है। (ख) जी हाँ, इन्दौर जिले में समस्त 312 ग्राम पंचायतों को कम्प्यूटर हार्डवेअर एवं अन्य सामग्री (लेपटॉप को छोड़कर) आवंटित की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) प्रदेश की सभी पंचायतों को ई-गवर्नेंस हेतु ई-पंचायत अन्तर्गत कम्प्यूटर प्रदाय किए गए है। ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी की उपलब्धता सभी पंचायतों हेतु भारत सरकार के नोफन प्रोजेक्ट अन्तर्गत प्रथम चरण में 10520 ग्राम पंचायतो को जोड़ने की कार्य योजना प्रचलन में है।
लोक सेवा केन्द्रों पर आवेदन शुल्क की वसूली
21. ( क्र. 3543 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभिन्न विभागों की योजनाओं एवं सेवाओं के आवेदन पत्रों को सीधे कार्यालयों में लिया जाना प्रतिबंधित किया गया है? यदि नहीं, तो क्या कार्यालय द्वारा आवेदक से सीधे आवेदन प्राप्त किये जा सकते है? (ख) प्रदेश के लोक सेवा केन्द्रों पर कौन-कौन से विभागों की कितनी सेवाओं के आवेदन लिये जा रहे हैं? आवेदन पत्रों का निर्धारित शुल्क क्या है? खंडवा जिले के लोकसेवा केन्द्रों को विगत तीन वर्षों में कितनी राशि का भुगतान किया गया है? जनपदवार बतायें? (ग) क्या विभाग द्वारा लिये जाने वाले नि:शुल्क आवेदनों के स्थानपर आवेदकों को अनावश्यक रूप से लोक सेवा केन्द्रों पर आवेदन शुल्क का भुगतान करना पड़ रहा है? क्या आवेदकों के आवेदन का निराकरण सम्बधित विभाग द्वारा ही किया जाता है? (घ) यदि हाँ, तो मात्र आवेदन पत्र प्राप्त करने का शुल्क लिया जाना न्यायोचित है? यदि नहीं, तो क्या ऐसी समस्त योजनाओं एवं सेवाओं के आवेदनों को शुल्क व्यापक जनहित में जमा किया जाना स्वेच्छिक किया जायेगा?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। जी हाँ। (ख) प्रदेश के लोक सेवा केन्द्रों में विभिन्न विभागों द्वारा दी जा रही सेवाओं की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। आवेदन पत्र का निर्धारित शुल्क 30/- है। खण्डवा जिले की गत तीन वर्षों में जनपदवार भुगतान की गई राशि का विवरण इस प्रकार है खण्डवा 10,775/- पुनासा 86,375/- पंधाना 85,050 खालवा 2,08,025/- किल्लोद 9,94,025/- छैगावमाखन 1,71,300/- हरसूद 3,21,175/- (ग) जी नहीं, जी हाँ। लोक सेवा केन्द्र पर प्रोसेस फीस 25/- रूपये प्रति आवेदन, ई-गवर्नेंस शुल्क 05/- इस प्रकार कुल 30/- रूपये प्रति आवेदन शुल्क लिया जाता है, जोकि विभागीय आवेदन शुल्क से पृथक है। (घ) प्रश्नांश 'ग' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रायसेन जिले में निर्माण कार्यों में अनियमितता
22. ( क्र. 3565 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में वर्ष 2012 से पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अन्तर्गत कितने अधिकारी/कर्मचारियों की अनियमितताओं हेतु शिकायत की गई, कितनी शिकायत सही पाई गई, कितनी शिकायतों पर कार्यवाही की गई, किन-किन शासकीय सेवक को निलंबित किया गया? विकासखण्डवार, नामवार जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने निलंबित शासकीय सेवकों को पुन: बहाल कर दिया गया है? निलंबित शासकीय सेवक को बहाल किस आधार पर किया गया है? आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (क) अवधि से उदयपुरा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत किन-किन सचिव की निर्माण कार्यों में अनियमितता की जाँच की गई है? क्या अधिकारी द्वारा जाँच में दोषी सचिव से राशि वसूल करने तथा उसके विरूद्ध प्राथमिकी पुलिस में दर्ज करने के निर्देश दिये थे? यदि नहीं, तो कब तक दोषी सचिव पर कार्यवाही होगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) कुल 37 अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध अनियमितता की शिकायत प्राप्त हुई। विकासखंड नामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' पर है। (ख) 13 सचिवों को बहाल किया गया। आदेशों की प्रतियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ''-1 पर है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' पर है।
कृषि जिन्सों का घोषित मूल्य से कम दर पर क्रय
23. ( क्र. 3667 ) श्रीमती ममता मीना : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. में गत दो वर्षों में कृषि जिन्सों का उत्पादन कम हो रहा है एवं जिन्सों को कम उत्पादन के बाद भी घोषित मूल्य से कम दर पर क्रय किया जा रहा है? यदि हाँ, तो उत्पादन एवं क्रय दर का विवरण प्रस्तुत करें। (ख) यदि प्रश्नांश (क) के तहत एक जिन्स गन्ना जिसका उत्पादन पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष कम है और क्रय की दर भी गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष 40 रूपये प्रति क्विंटल कम है तो इसका क्या कारण है, कौन उत्तरदायी है? (ग) म.प्र. में गत तीन वर्षों के दौरान कर्मचारी अधिकारियों की वेतन वृद्धि में कितने प्रतिशत वृद्धि हुई है और किसानों के जिन्सों में भाव कितने प्रतिशत कम हुए और लागत खर्च कितने प्रतिशत बढ़े हैं? (घ) क्या प्रश्नांश (क), (ख) और (ग) के तथ्यों का औसत अनुसार किसानों का अवमूल्यन हुआ है, इसके लिए कौन उत्तरदायी है? क्या किसानों को शासन और विभाग विशेष राहत पैकेज देंगे?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी नहीं। मध्य प्रदेश में गत दो वर्षों की कृषि जिन्सों के उत्पादन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। प्रदेश की कृषि उपज मंडी समितियों के वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में प्रमुख कृषि जिन्सों की आवक की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है तथा भारत शासन द्वारा घोषित समर्थन मूल्य की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है। (ख) गन्ना की क्रय की दर शक्कर कारखानों हेतु भारत सरकार द्वारा एफ.आर.पी. (Fair and remunerative price) निर्धारित की जाती है। पेराई सत्र 2014-15 हेतु रूपये 220 प्रति क्विंटल 9.5 प्रतिशत रिकवरी पर तथा प्रत्येक 0.1 प्रतिशत रिकवरी वृद्धि पर रूपये 2.32 प्रति क्विंटल का अतिरिक्त प्रिमियम एफ.आर.पी. घोषित की गई थी वर्ष 2015-16 के पेराई सत्र हेतु रूपये 230 प्रति क्विंटल निर्धारित की गई है। अत: इसके लिए कोई उत्तरदायी होने का प्रश्न नहीं उठता। (ग) मध्य प्रदेश में विगत तीन वर्षों के दौरान अधिकारी/कर्मचारियों की सामान्य स्थिति में नियमानुसार वृद्धि की गई है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है। (घ) क्या उत्तरांश (क), (ख) और (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कारखानें में हो रही अनियमितताएं
24. ( क्र. 3668 ) श्रीमती ममता मीना : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुना जिले में सहकारी शक्कर कारखाना नारायणपुर राघौगढ़ में संचालित है। यह किस दिनांक से निर्माणाधीन हुआ था। उस समय कितनी लागत और अंशपूंजी तथा ऋण लिया था। कार्यशील पूंजी क्या थी? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के अन्तर्गत सहकारी शक्कर कारखाना की वर्तमान स्थिति लाभप्रद है यदि हाँ, तो बतायें अन्यथा यह बतायें कि कितने वर्षों से शक्कर कारखाना में लिये गये ऋण पर कितना बकाया है। कितने किसानों की राशि देना है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के कारखाने में संचालन दिनांक एवं प्रश्न दिनांक तक कितने कर्मचारी एवं अधिकारी कार्यरत हैं? उन पर कितना खर्च वार्षिक किया जाता है और शक्कर विक्रय से कितना लाभ होता है, हानि किसलिए होती है? विवरण दें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) कारखानों के घाटे के लिए उत्तरदायी कौन है? विभाग आर्थिक मदद करेगा या संचालक मण्डल को हटायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। दिनांक 02.11.1997. तत्समय संभावित लागत रू.4300.00 लाख थी, दिनांक 31.03.1997 पर अंशपूंजी रू.102.07 लाख, ऋण निरंक एवं कार्यशील पूंजी रू.115.78 लाख थी। (ख) जी नहीं, कारखाना हेतु वर्ष 2001 से लिये गये ऋणों पर 31.03.2015 पर रू.2979.11 लाख बकाया है, 299 किसानों की राशि रू.19.62 लाख देना शेष है। (ग) संचालन दिनांक पर 263 कर्मचारी, प्रश्न दिनांक तक 343 कर्मचारी एवं अधिकारी कार्यरत है, राशि मात्र रू.336.71 लाख, व्यापारिक लाभ की गणना शक्कर एवं उसके सह उत्पादों के व्यापार से प्राप्त आय व व्यय के आधार पर की जाती है, मात्र शक्कर विक्रय पर नहीं, कारखाने की क्षमता अनुरूप गन्ना उपलब्ध न होना, गन्ने के भाव में वृद्धि के अनुपात में शक्कर की कीमत में वृद्धि न होने से कारखाना हानि में है। (घ) उत्तरांश 'ग' अनुसार, विभाग की ऐसी कोई योजना नहीं है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
किसानों को दिये जाने वाले अनुदान
25. ( क्र. 3771 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-15 में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन में पर्याप्त धनराशि होने के कारण कृषकों को दिये जाने वाले अनुदान में बढ़ोत्तरी की गयी थी? क्या मण्डला जिले में कृषकों को बढ़ी हुई दर से अनुदान दिया गया? (ख) क्या अनुदान राशि बीज प्रदायक संस्था को न देकर सीधे किसानों के खाते में दिये जाने के निर्देश हैं, जिसके लिये उप संचालक कृषि जिम्मेदार हैं? मण्डला जिले में रबी वर्ष, 2014-15 में कितने-कितने बीज का वितरण किया गया और किस दर पर और शासन की मंशानुरूप किसानों को बीज अनुदान उपलब्ध कराया गया? (ग) प्रश्नांश (क) की अवधि में मण्डला जिले के विधान सभा मण्डला के अंतर्गत विकासखण्ड मण्डला एवं नैनपुर में बीज प्रदायक संस्था का नाम, बीज क्रेता किसानों के नाम, पता, अनुदान राशि, खाता क्रमांक, बैंक का नाम, जिसमें अनुदान राशि जारी की गयी, विकासखण्डवार बतावें? (घ) क्या यह सही है कि प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्र. 290, दिनांक 30.7.2015 से उप संचालक कृषि विभाग मण्डला से जानकारी चाही गयी थी? यदि हाँ, तो जानकारी आज दिनांक तक उपलब्ध क्यों नहीं करायी गयी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) वर्ष 2014-15 में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजनांतर्गत पर्याप्त आवंटन (धनराशि) उपलब्ध था, एवं कृषकों को अनुदान शासन द्वारा निर्धारित दर पर ही दिया गया। (ख) जी हाँ अनुदान राशि बीज प्रदायक संस्था को न देकर सीधे किसानों को ही दिये जाने के निर्देश है। जिले में रबी वर्ष 2014-15 में राखासुमि योजनांतर्गत कुल 711.60 क्विं. दलहन बीज वितरण शासन की निर्धारित दर पर किया गया है, किसानों को 10 वर्ष से कम अवधि की नई किस्मों पर 2500/- रू. तथा 10 वर्ष से अधिक अवधि किस्मों पर 2200/- रू. प्रति क्विं. बीज अनुदान पर उपलब्ध कराया गया। (ग) वर्ष 2014-15 में जिले के विधान सभा मंडला के अंतर्गत विकासखंड मंडला में 84.10 क्विं. बीज वितरण किया गया है। एवं विकासखंड नैनपुर में 11.10 क्विं. बीज अनुदान पर वितरित किया गया। किन्तु किसानों के कोर-बैंकिंग खाते उपलब्ध न होने के कारण अनुदान राशि आहरित नहीं की गयी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (घ) जी हाँ, प्रश्नकर्ता द्वारा क्रं. 290 दिनांक 30.07.15 से जानकारी चाही गई थी। जिसे कार्यालयीन पत्र क्रं. 988 दिनांक 10.03.16 द्वारा माननीय विधायक महोदय जी को जानकारी प्रेषित की गई है। पत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है।
हाट बाजार योजना अन्तर्गत निर्माण कार्यों की स्वीकृति
26. ( क्र. 4040 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिला अन्तर्गत मुख्यमंत्री हाट बाजार योजना अन्तर्गत वर्ष 2014-15, 2015-16 में कितनी राशि स्वीकृत की गई, कितनी राशि का प्रावधान किया गया? (ख) कितने कार्य पूर्ण हो चुके हैं, कितने अपूर्ण हैं, कितने कार्य प्रारंभ नहीं हुए हैं और कार्य पूर्ण एवं प्रारंभ नहीं कराए जाने के क्या कारण हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) हरदा जिले में मुख्यमंत्री ग्राम हाट बाजार योजनान्तर्गत वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में जिले से राशि की स्वीकृति हेतु कोई प्रस्ताव प्राप्त न होने से, राशि स्वीकृत नहीं की गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) वर्ष 2013-14 में योजनान्तर्गत 10 कार्य स्वीकृत किये गये थे, जिनमें से 07 कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं शेष 03 कार्य प्रगतिरत हैं। कोई भी कार्य अप्रारंभ न होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
साख समितियों की दुकान
27. ( क्र. 4158 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में साख समितियों के द्वारा कितनी उचित मूल्य की दुकानें संचालित की जा रही हैं? फरवरी 2013 की स्थिति में किस दुकान पर कौन-कौन विक्रेता नियुक्त था? दिसम्बर 2015 तक किस उचित मूल्य की दुकान पर किस विक्रेता को नियुक्त किया गया? (ख) क्या समिति में नियुक्त विक्रेता पेक्स सेवा नियम फरवरी 2010 के अनुरूप उनकी नियुक्ति की गई है? यदि हाँ, तो किसके आदेश/प्रस्ताव से नियुक्ति प्रदान की गई व उन विक्रेताओं की कितनी वेतन नगद अथवा बैंक शाखा से प्राप्त की जा रही है? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) में नियम विरूद्ध नियुक्ति प्रदान की गई तो नियुक्तिकर्ता अधिकारी कर्मचारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी और कब तक समय-सीमा सहित बतावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश की जाँच आदेशित की गई है। जाँच उपरांत स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। (ग) उत्तरांश ‘ख’ अनुसार।
चैरिटी शो का आयोजन
28. ( क्र. 4326 ) श्री रजनीश सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी जिले में आशादीप विशेष विद्यालय संचालित है? जिसकी समिति का नाम आशादीप विकलांग विकास एवं कल्याण संगठन सिवनी है? यदि हाँ, तो क्या इस विद्यालय के विकास हेतु 14 नवम्बर 2015 को चैरिटी शो का आयोजन कराया गया था? जिसमें विधायकों एवं सांसदों की निधि एवं अन्य विभागों एवं लोगों से आयोजन हेतु राशि ली गई थी? यदि हाँ, तो विभागवार जानकारी देवें? (ख) यदि हाँ, तो राशि एकत्रित करने हेतु 20000, 10000, 5000 एवं 1000 रूपये की कितनी टिकटे एवं रसीदें मुद्रित की गई थी संख्या बतावें? उक्त मुद्रित कराई गई रसीदें व टिकटे कितनी बिकी एवं उनमें से कितनी बची हैं? संख्या बतावें जितनी रसीदें या टिकटे बची हैं उनमें किन लोगों ने दान दिया है? दानदाताओं के नाम एवं दानदाताओं की सूची प्रदान करें? (ग) उक्त चैरिटी शो के आयोजन में कुल कितनी राशि व्यय हुई उनकी मदवार जानकारी उपलब्ध करावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ। सांसद निधि एवं अन्य विभाग से राशि नहीं ली गई। विधायक निधि एवं लोगों से प्राप्त राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार है। (ख) जी नहीं, टिकट एवं रसीद मुद्रित नहीं कराई गई है, अपितु दानपत्र मुद्रित कराएं गये है। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार है। दानदाताओं की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’स’’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’द अनुसार है।
मुख्यमंत्री सड़क योजना
29. ( क्र. 4327 ) श्री रजनीश सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले के विकासखण्ड केवलारी में मुख्यमंत्री सड़क योजना के अंतर्गत प्रथम चरण में कितनी सड़कें हैं? कहाँ से कहाँ तक किस-किस मद की राशि से स्वीकृत हैं? उनकी पूर्णता की अवधि क्या है? (ख) उक्त सड़कों का निरीक्षण किस इंजीनियर/अधिकारी द्वारा किया गया? नाम, पदनाम बतायें? (ग) उक्त सड़कों के निर्माण में कितना भुगतान M.B. अनुसार किया गया? (घ) उक्त सड़कों के निर्धारित अवधि में पूर्ण न होने हेतु कौन उत्तरदायी हैं? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) सिवनी जिले के विकासखण्ड केवलारी में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत प्रथम चरण की 11 सड़कें स्वीकृत थी जो कि पूर्ण हो चुकी है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत प्रथम चरण के मार्गों में एम्बैकमेंट, सबग्रेड एवं शोल्डर का कार्य मनरेगा के जॉबकार्डधारी श्रमिकों के द्वारा पूर्ण किया जाना प्रावधानित था, मनरेगा योजना श्रममांग आधारित योजना होने से जॉबकार्डधारी श्रमिक समय पर उपलब्ध नहीं होने से निचली स्तर की सतहों का कार्य समय पर पूर्ण नहीं हो सका, परिणामस्वरूप ग्रेवल का कार्य समय पर पूर्ण नहीं हुआ। अत: इसमें किसी का उत्तरदायित्व नहीं होने से उनके विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
शासकीय योजनाओं का लाभ
30. ( क्र. 4380 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले की तहसील लहार के मजरा/ग्राम बरोई, मजरा खोड़ (बरेई), बरहा एवं ग्राम फरदुआ की नवीन बस्तियां सहित वर्षों से निवास कर रहे अनेक निवासियों की आवासीय भूमि घोषित नहीं होने से अनेक शासकीय योजनाओं का लाभ गरीब व्यक्तियों को नहीं मिल पा रहा है? (ख) क्या उपरोक्त ग्रामों सहित संपूर्ण लहार, मिहोना एवं रौन तहसील के ग्रामों की नवीन बस्तियों का परीक्षण कराकर शासकीय योजनाओं का लाभ दिया जाएगा? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या भिण्ड जिले की लहार, मिहोना एवं रौन तहसील के 300 से लेकर 1000 की जनसंख्या वाले मजरों को ग्राम घोषित करने की कोई येाजना है? यदि हाँ, तो परीक्षण कराकर कब तक ग्राम घोषित किया जाएगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) तहसील लहार के ग्राम बरोई, बरहा एवं फरदुआ राजस्व ग्राम है, ग्राम बरेई का मजरा खोड़ है। राजस्व ग्राम एवं उनके क्षेत्रान्तर्गत निवासियों को उनकी पात्रतानुसार शासकीय योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। (ख) पात्रतानुसार शासकीय योजनाओं का लाभ दिया जाता है (ग) जी नहीं। निर्धारित मापदण्डों की पूर्ति होने पर राजस्व ग्राम घोषित किया जाता है।
कृषकों को मुआवजा राशि का प्रदाय
31. ( क्र. 4510 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले के हनुमना तहसील अंतर्गत पटवारी हल्का बिलौंही के ग्राम पंचायत घरभरा के ग्राम गजरहा, सूहा, क्लिौंही रामशरण पटेहरा, पतेर, कोटवरवा, वरिया, गढपेला, बिलौंही कुवरान, खुटेहा, बेलहा, शिवरिहा, डाबर, चमडौरी, दुधमनिया, जगहत, विलौंही कला एवं ग्राम पंचायत लोड़ी तथा बेलहा के किसानों को सूखा राहत मद से क्षतिपूर्ति मुआवजा प्रदाय किया गया है? यदि हाँ, तो संबंधित पटवारियों द्वारा कब-कब सर्वे किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में क्या उक्त जानकारी वर्ष 2004 के बी 1 से तैयार की गई है? यदि नहीं, तो वर्ष 2015 के पट्टेदारों का नाम इस सूची में क्यों नहीं है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में क्या निर्दोष किसानों के साथ छल करने वाले दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही कर समस्त कृषकों (वर्ष 2015 के पट्टेदारों) को उनकी क्षतिपूर्ति मुआवजा राशि प्रदाय की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? कारण स्पष्ट बतावें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। रीवा जिले के हनुमना तहसील अन्तर्गत प्रश्नांश में उल्लेखित ग्रामों के किसानों को सूखा मद से क्षतिपूर्ति मुआवजा प्रदाय नहीं किया गया है। प्रश्नांश में उल्लेखित ग्रामों के किसानों को सूखा से हुई फसल क्षति के लिए आर्थिक अनुदान सहायता राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के अन्तर्गत प्रदाय की गई है। फसल क्षति का सर्वेक्षण पटवारी, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, सचिव/रोजगार सहायक, कोटवार द्वारा पटवारी हल्का बिलोही के ग्रामों में 05.10.2015 से 17.10.2015 तक, प.ह. लोड़ी के ग्रामों में 10.10.2015 से 20.10.2015 तक एवं प.ह. बेलहा के ग्रामों में 07.10.2015 से 12.20.2015 तक सर्वे किया गया। (ख) यह कहना सही नहीं है कि वर्ष 2004 की बी-1 से सर्वेक्षण सूची तैयार की गई, सर्वे सूची वर्ष 2015-16 की बी-1 से तैयार की गई है। सर्वेक्षण उपरांत राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के प्रावधानानुसार 25 प्रतिशत से अधिक क्षति वाले कृषकों का ही नाम सर्वे सूची में अंकित किया गया है। (ग) जी नहीं। सर्वेक्षण उपरांत समस्त प्रभावित पात्र कृषकों को राहत राशि प्रदाय की गई है।
उदयपुरा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत भूमि पूजन एवं लोकार्पण
32. ( क्र. 4520 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक उदयपुरा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत कौन-कौन से कार्यों का भूमि पूजन एवं लोकार्पण किया गया, ग्रामवार, दिनांकवार, विकासखण्डवार बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) के कार्यों की प्रशासकीय एवं तकनीकी स्वीकृति कब-कब प्रदान की गई, कार्यवार स्वीकृत का क्रमांक दिनांक बतायें? (ग) उक्त कार्यों का भूमि पूजन एवं लोकार्पण किस-किस जनप्रतिनिधि के द्वारा किया गया और कौन-कौन जनप्रतिनिधि उपस्थित थे, नाम, पदनाम सहित बतायें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम 05, 08, 09, 10 एवं 11 अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम 14 अनुसार।
सदस्यों की पात्रता का सत्यापन
33. ( क्र. 4598 ) श्री मधु भगत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कलेक्टर भोपाल के निर्देश पर उपायुक्त सहकारिता जिला भोपाल द्वारा अपने आदेश क्रमांक/गृ.नि./2011/1265 दिनांक 01/04/11 के द्वारा कामधेनु गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित भोपाल के सदस्यों के पक्ष में भूखण्डों की रजिस्ट्री कराये जाने बाबत् सदस्यों की पात्रता के सत्यापन के लिये श्री वृंदावन सिंह नजूल अधिकारी एम.पी. नगर भोपाल एवं श्री.आर.एस. विश्वकर्मा, सहायक आयुक्त जिला भोपाल को अधिकृत किया गया था? (ख) क्या उक्त जाँच में अजय पाठक, पी.के.नंदी, नवलसिंह, जावेद अख्तर, सतीश प्रजापति, राहुल सिंह, एम.पाठक समेत कुल 13 सदस्यों को संस्था द्वारा सदस्यता से निष्कासित/अस्वीकृत करना तथा उन्हें न्यायालय से स्थगन प्राप्त करना बताया गया है? उक्त सभी 13 सदस्यों को किस न्यायालय से किस बाबत् स्थगन प्राप्त था? (ग) क्या उपायुक्त सहकारिता द्वारा जाँच में पाये गये उपरोक्त तथ्यों एवं सभी 13 सदस्यों के प्रकरण न्यायालय उप पंजीयक सहकारिता में विचाराधीन होने के बावजूद भी पत्र क्रमांक/गृ.नि./2011/4957 दिनांक 28/11/11 द्वारा उक्त सभी 13 सदस्यों को पात्र घोषित किया गया था? क्या सदस्यता से निष्कासित/अस्वीकृत व्यक्तियों के पक्ष में भूखण्डों का पंजीयन कराने एवं उन्हें पात्र घोषित करने हेतु उक्त पत्र जारी किया जा सकता था? (घ) क्या उपायुक्त सहकारिता का किसी भी संस्था के सदस्यों को पात्र या अपात्र घोषित करने के प्रशासनिक अधिकार हैं? यदि हाँ, तो संबंधित नियम की जानकारी दें? यदि नहीं, तो उक्त अवैध एवं अधिकारविहीन पत्र जारी करने पर क्या उक्त पत्र को निरस्त करते हुए तत्कालीन उपायुक्त श्री के.के.द्विवेदी एवं तत्कालीन सहायक आयुक्त श्री आर.एस. विश्वकर्मा के खिलाफ क्या एवं कब तक दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) कलेक्टर, भोपाल के आदेश अनुसार उपायुक्त, सहकारिता, जिला भोपाल द्वारा पत्र क्रमांक/गृ.नि./2011/1265, दिनांक 01.04.2011 के द्वारा कामधेनु गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित, भोपाल के सदस्यों को भूखण्ड की पात्रता के सत्यापन के लिये श्री वृन्दावन सिंह, नजूल अधिकारी, एम.पी.नगर, भोपाल एवं श्री आर.एस. विश्वकर्मा, सहायक आयुक्त, सहकारिता, जिला भोपाल को अधिकृत किया गया था। (ख) जी नहीं। उक्त जाँच में 13 सदस्यों के प्रकरण न्यायालय उप पंजीयक में प्रचलित बताए गये है। उक्त जाँच में 13 सदस्यों को न्यायालय से स्थगन प्राप्त किया जाना नहीं बताया गया था। (ग) उपायुक्त, सहकारिता द्वारा संस्था की सूची के परीक्षण में पाये गये तथ्यों के आधार पर पात्र मानते हुये प्रश्नांकित पत्र के द्वारा 19 सदस्यों को आवंटित भूखंडों की रजिस्ट्री कराने के निर्देश एवं अनुमति दी गयी थी। जी नहीं। (घ) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। कारण बताओं सूचना पत्र जारी किया जा रहा है। कार्यवाही की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कस्टम हायरिंग केन्द्र योजना का संचालन
34. ( क्र. 4759 ) श्री अनिल जैन : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले में भी किसानों को किराये पर कृषि उपकरण उपलब्ध कराये जाने हेतु कस्टम हायरिंग सेंटर संचालित करने की कोई योजना लागू की गई है? यदि हाँ, तो चालू वित्तीय वर्ष में योजनान्तर्गत कितने आवेदन स्वीकृत किये गये हैं? विकासखण्डवार तथा सेंटरवार जानकारी दी जावें। (ख) प्रश्नांश (क) के स्वीकृत आवेदनों में से कितने केन्द्रों के प्रकरण बैंकों द्वारा स्वीकृत कर ऋण वितरण कर दिया गया है? बैंक के नाम सहित जानकारी देवें। जो प्रकरण बैंकों में लंबित हैं उनके लंबित रहने का कारण तथा स्वीकृति की संभावित समयावधि बतायी जावें? (ग) प्रश्नांश (क) के स्वीकृत आवेदनों में से कितने कस्टम हायरिंग केन्द्रों में कृषि उपकरण एवं ट्रैक्टर क्रय कर लिये गये हैं? केन्द्रवार उपकरणों के नाम एवं संख्या बतायी जावें? इनमें से विभाग द्वारा कितने प्रकरणों में अनुदान जारी किया जा चुका है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। चालू वित्तीय वर्ष 2015-16 में टीकमगढ़ जिले के 17 हितग्राहियों के कस्टम हायरिंग सेंटर स्थापित करने के आवेदन स्वीक़त किये गये। विकासखंडवार तथा सेंटरवार विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के स्वीकृत आवेदनों में से 02 केंद्रों के प्रकरण बैंकों द्वारा स्वीकृत किये गये है। विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। शेष प्रकरण बैंको की निर्धारित प्रक्रिया पूर्ण न होने के कारण वर्तमान में लंबित है। स्वीकृति की संभावित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रश्नांश (क) के स्वीकृत आवेदनों में से 01 कस्टम हायरिंग केंद्र द्वारा कृषि उपकरण एवं ट्रेक्टर क्रय कर लिया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है। विभाग द्वारा 2 प्रकरणों में अभी तक बैंक को अनुदान जारी किया गया है।
किसान मित्र एवं किसान दीदी का चयन
35. ( क्र. 4761 ) श्री अनिल जैन : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में होने वाली 26 जनवरी 2016 की ग्रामसभा की बैठकों में किसान मित्र एवं किसान दीदी के 3 नामों का अनुमोदन कराये जाने के निर्देश ग्राम पंचायतों को दिये गये थे तथा यह भी बताया जावे कि अनुमोदन नामों की सूची एवं रिकार्ड किसके द्वारा प्राप्त किये जाने का प्रावधान रखा गया है? (ख) टीकमगढ़ जिले की किन-किन ग्राम पंचायतों की किन-किन ग्राम सभाओं के द्वारा उक्तानुसार नामों का अनुमोदन कर 31 जनवरी 2016 के पूर्व यह सूचियां विभाग को प्राप्त हुई और कितनी 10 फरवरी 2016 तक प्राप्त हुई है? उनके द्वारा अनुमोदित नामों की सूची उपलब्ध कराई जाये और कितनी ग्राम सभाओं के द्वारा 10 फरवरी 2016 तक काई अनुमोदन नहीं किये गये? (ग) अनुमोदित नामों की सूची में से किसान मित्र एवं किसान दीदी के चयन की क्या प्रक्रिया निर्धारित की गई है, विवरण देवें तथा यह भी बताया जाये कि टीकमगढ़ जिले के किसान मित्रों की चयन प्रक्रिया कब तक पूर्ण कर ली जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ, शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। प्रत्येक गाँव के तीन कृषकों के नाम ग्राम से अनुमोदित कराया जा कर जिला स्तर पर प्रत्येक दो आवाद ग्राम पर एक किसान मित्र को आत्मा गवर्निंग बोर्ड से अनुमोदन उपरांत चयन प्रक्रिया पूर्ण करने का प्रावधान रखा गया है। (ख) 31 जनवरी 2016 तक अनुमोदित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। 1 फरवरी 2016 से 10 फरवरी 2016 तक अनुमोदित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। जिले की 324 ग्राम सभाओं द्वारा 10 फरवरी 2016 तक के प्रस्तावों का अनुमोदन नहीं किया गया है। (ग) चयन प्रक्रिया की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 के पृष्ठ क्र. 2 एवं 3 अनुसार है। टीकमगढ़ जिले के किसान मित्रों की चयन प्रक्रिया दिनांक 31 मार्च 2016 तक पूर्ण किये जाने की संभावना है।
ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क निर्माण
36. ( क्र. 4763 ) श्री अनिल जैन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र निवाड़ी अंतर्गत प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना व मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत विगत तीन वित्तीय वर्ष से अब तक कौन-कौन सी सड़कें स्वीकृत की गई हैं? इनके नाम, सड़कों की लम्बाई तथा स्वीकृत लागत राशि की जानकारी दी जाये? (ख) प्रश्नांश (क) के स्वीकृत कार्यों में कितनी सड़कें निर्मित हो चुकी हैं, कितनी अपूर्ण हैं अपूर्ण सड़कों के कार्यों को पूर्ण कराने की क्या समय-सीमा थी एवं ऐसी सड़कें जिनमें कार्य प्रारंभ नहीं कराया गया उसका कारण भी बताया जाये? (ग) प्रश्नांश (ख) की निर्मित सड़कों में से किन-किन सड़कों का निरीक्षण किन अधिकारियों के द्वारा कब-कब किया गया? इनकी गुणवत्ता कैसी पाई गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विधान सभा क्षेत्र निवाड़ी में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत विगत तीन वित्तीय वर्ष में कोई सड़क स्वीकृत नहीं हुई है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत स्वीकृत सड़कों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित सड़कों में से 19 सड़कें निर्मित हो चुकी है, शेष 6 सड़कों की निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से निर्माण कार्य अप्रारंभ है। किसी भी सड़क का निर्माण कार्य अपूर्ण नहीं है अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
बिक्रीत भूमियों का विक्रय पत्र निष्पादन
37. ( क्र. 5066 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के अंतर्गत जिले के समस्त तहसीलों में क्या बीस सूत्रीय कार्यक्रम के अंतर्गत भूमिहीन कृषकों को भूमि का व्यवस्थापन किया गया था? यदि हाँ, तो कितने कृषकों कोकितनी भूमि का व्यवस्थापन कृषकों के नाम किया गया था? (ख) तहसील रघुराजनगर के अंतर्गत ग्राम सोनौरा, उतैली चेक, कृपालपुर, रामटेंकरी, घूरडॉग, बरदाडीह, अमौधा, बगहा एवं डेलौरा ग्राम में बंदोबस्ती जमीनों की अद्यतन स्थिति क्या हैं? (ग) क्या व्यवस्थापन की प्रश्नांश (ख) की भूमियों को भूमाफिया एवं राजस्व अमले के द्वारा बिक्री कर प्लाटिंग कराई गई है तथा हजारों प्लाट बिक्री किये जा चुके है? यदि हाँ, तो व्यवस्थापन की भूमियों के अपग्रेडेशन संबंधी नियम क्यों नहीं लागू किये गये? विक्रित भूमियों को विक्रय पत्र निष्पादन क्या अवैधानिक माना जावेगा? यदि हाँ, तो वैधानिक कार्यवाही कब तक की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (ख) के वर्णित ग्रामों में व्यवस्थापन की भूमि का विक्रय पत्र का दाखिल खारिज (नामान्तरण) पटवारी एवं तहसीलदार द्वारा किया गया है? क्या राज्य शासन भूमाफिया एवं राजस्व अमले के विरूद्ध कार्यवाही करेंगा? यदि हाँ, तो विवरण देते हुए समयावधि बताई जावें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जाँच का विस्तृत विवरण
38. ( क्र. 5067 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के तहसील रघुराजनगर अंतर्गत कृपालपुर नई बस्ती में क्या ईश्वर प्रताप सिंह/लखन सिंह, रामनरायण विश्वकर्मा/श्यालाल बढ़ई, सीताराम विश्वकर्मा/ पिता रामसहाय, बद्री प्रसाद/रामप्रसाद, गोरेलाल/विशेषर रैकवार, लक्ष्मीनारायण/भागवत प्रसाद, रामनरेश/रामावतार ब्राम्हण, रामकृपाल/रामदीन एवं रामसिरोमण/विशेषर काछी नाम के कृषक निवास करते हैं? यदि हाँ, तो कृषकों की असली आई.डी. के साथ निवास का प्रमाण देवें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित किसानों की ग्राम सोनौरा तहसील रघुराजनगर में क्रमश: आराजी नं. 329, 342 का जुज रकबा 1.30 एकड़ 329/2, 342/2 रकबा 5.00 एकड़, 309/4 रकबा 5.00 एकड़, 44 रकवा 3.38 एकड़, 329, 342 रकबा 21.00 एकड़ 89/3 का जुज रकबा 2.50 एकड़ एवं 104/1 का रकबा 1.50 एकड़ तथा 131/2 रकबा 1.00 एकड़ (कुल पाँच एकड़), 135/1/2 रकबा 5.00 एकड़, 40/1 40/2 रकबा 9.89 एकड़ राजस्व भूमि है? यदि हाँ, तो उक्त भूमि की वर्तमान स्थिति क्या है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में वर्णित भूमियों की बिक्री या अनुबंध पत्र निष्पादित किया गया है? यदि हाँ, तो क्रेता/विक्रेता/अनुबंधकर्ता के संबंध में विवरण देवें? (घ) क्या उक्त प्रकरण के संबंध में जिला स्तर पर कोई जाँच प्रक्रियाधीन है? यदि हाँ, तो जाँच का विस्तृत विवरण अधिकारी के नाम सहित देवें? क्या राजस्व विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध पाई गई है? यदि हाँ, तो उनके विरूद्ध की गई कार्यवाही की अद्यतन स्थिति क्या है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कृषि उपज मण्डी में कृषक भोजनालय की निविदा
39. ( क्र. 5115 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र 112 की कृषि उपज मण्डी वारासिवनी में वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 एवं 2015-16 में कृषकों के भोजनालय (कैंटीन) की निविदा कब-कब निकाली गई? किन-किन ठेकेदारों द्वारा निविदा दी गई? (ख) क्या वर्ष 2015-16 में उक्त ठेकेदार के ऊपर 10 लाख की रिकवरी निकाली गई? यदि हाँ, तो उक्त ठेकेदार के खिलाफ मण्डी सचिव द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या मण्डी सचिव द्वारा उक्त ठेकेदार के खिलाफ पुलिस में एफ.आई.आर. दर्ज करायी गयी? यदि नहीं, तो क्यों? क्या मण्डी सचिव भी उक्त ठेकेदार से मिला हुआ है? तो विभाग उक्त ठेकेदार एवं अधिकारी/कर्मचारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही करेगा और कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तर (क) में उल्लेखित किसी ठेकेदार के खिलाफ रिकवरी न होने से पुलिस में एफ.आई.आर. दर्ज नहीं करायी गई है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है
तालाबों की स्वीकृति
40. ( क्र. 5116 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में ग्राम पंचायतों के पुरानें तालाबों के सौंदर्यीकरण या विस्तारीकरण की तकनीकी स्वीकृति एवं प्रशासकीय स्वीकृति का अधिकार संबंधी क्षेत्र किसका होता है? (ख) क्या ग्राम पंचायतों के सरपंचों को पुराने तालाबों की प्रशासकीय स्वीकृति जारी करने के अधिकार है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या शासन द्वारा पुराने तालाबों की तकनीकी स्वीकृति एवं प्रशासकीय स्वीकृति का कोई आदेश हैं? आदेश की छायाप्रति देवें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) ग्राम पंचायतों अंतर्गत पुराने तालाबों के सौंदर्यीकरण या विस्तारीकरण के ग्रामीण विकास की विभिन्न योजनाओं में तकनीकी स्वीकृति के अधिकार सहायक यंत्री, कार्यपालन यंत्री, अधीक्षण यंत्री एवं मुख्य अभियंता को हैं। इन कार्यों के प्रशासकीय स्वीकृति के अधिकार ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत, जिला पंचायत, कलेक्टर, आयुक्त एवं विकास आयुक्त को है। (ख) जी हाँ। ग्राम पंचायतों को पुराने कार्यों की विशेष मरम्मत की प्रशासकीय स्वीकृति जारी करने के अधिकार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
प्रचार-प्रसार सामग्री मुद्रण में अनियमितता
41. ( क्र. 5194 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला पंचायत सतना में पदस्थ अति. मुख्य कार्यपालन अधिकारी को स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत प्रचार-प्रसार सामग्री मुद्रण रू. 30,04,281 की वित्तीय अनियमितता किये जाने का दोषी माना गया है यदि हाँ, तो अपचारी अधिकारी के विरूद्ध विभाग द्वारा आज दिनांक तक दण्डात्मक कार्यवाही क्यो नहीं की गई? (ख) क्या अति. मुख्य कार्यपालन अधि.जि.पं. सतना ने मुख्य कार्यालय अधिकारी की पदमुद्रा का दुरूपयोग करते हुये जि.प.सतना के पत्र क्र./जि.पं. 2014/4041 दिनांक 20.02.14 द्वारा CEO समस्त जनपद पंचायत सतना को सौर ऊर्जा लैम्प (अक्षय ऊर्जा) खरीदने के लिये निर्देश देकर करोड़ों की खरीदी श्रीधर एनर्जो हाउस नं. 24 होशंगाबाद से कराई गई है? यदि हाँ, तो क्या उक्त निर्देश देने के अधिकार उन्हें राज्य शासन द्वारा दिया गया था? यदि नहीं, तो पद का दुरूपयोग माना जाकर दोषी मानते हुए उनके विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन द्वारा C.E.O. को भ्रमित कर शासन के प्रतिबंध के बावजूद जिला पंचायत सतना के आदेश क्र. 1710 दि. 05.06.15 द्वारा पुष्पेन्द्र नागर को लेखापाल आदेश क्र. 1711 दि. 05.06.2015 द्वारा अनिल कुमार शर्मा को सहायक मानचित्रकार तथा आदेश क्र. 2446 दि. 04.07.2015 कमलेश सुमन को डाटा एन्ट्री आपरेटर के पद पर नियुक्ति दी गई है? यदि हाँ, तो क्या उक्त नियुक्ति नियम विरूद्ध किये जाने हेतु ACEO को दोषी मानकर उनके विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (ख) में वर्णित सौर ऊर्जा लैम्प खरीदी में भण्डार क्रय नियम का पालन न किये जाने के कारण अति. मुख्य कार्यपालन अधिकारी C.E.O. जनपद पंचायत सहित समस्त सहित दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही तथा राशि की वसूली कब तक कर ली जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत सतना को म.प्र.शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के आदेश क्र. 565/250/22/वि-5/स्था./2016 दिनांक 16/02/2016 द्वारा निलंबित किया जाकर मुख्यालय जिला पंचायत भिण्ड नियत किया गया है तथा विभागीय जाँच प्रारंभ की गई है। (ख) सतना जिले अंतर्गत सौर ऊर्जा लाईट क्रय में नियमों का पालन किया गया है अथवा नहीं की जाँच, राज्य स्तरीय समिति गठित कर की जा रही है। समिति की रिपोर्ट प्राप्त होने पर नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जावेगी। (ग) जी नहीं। युक्तियुक्तकरण किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ख) अनुसार।
रोजगार सहायक/सचिव के विरूद्ध कार्यवाही
42. ( क्र. 5196 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के जनपद पंचायत रामपुर बघेलान की ग्राम पंचायत खरवाही के रोजगार सहायक एवं सचिव के विरूद्ध सरपंच द्वारा वर्ष 2015 में मुख्य कार्यपालन अधिकारी रामपुर बघेलान को एवं कलेक्टर सतना को उक्त के विरूद्ध अपात्र लोगों को बी.पी.एल. कार्ड बनाना, इन्द्रा आवास स्वीकृत कराकर शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाने की गम्भीर शिकायतें वर्ष 2015 में की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंधित कर्मचारियों के विरूद्ध की गई शिकायतों के परिप्रेक्ष्य में क्या-क्या कार्यवाही की गई है? शिकायतवार कार्यवाहीवार विवरण दें? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न दिनांक तक संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही न करना, प्रकरण को दबाना और शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाने में सहयोग करने के लिये उत्तरदायी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जिला पंचायत सतना द्वारा कार्यालयीन पत्र क्रमांक 7700 दिनांक 24.11.2015 के द्वारा सचिव एवं ग्राम रोजगार सहायक ग्राम पंचायत खरवाही को दिनांक 02.12.2015 को समक्ष में उपस्थित होकर जवाब प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया। किन्तु संबंधित उक्त दिनांक को उपस्थित नहीं हुये। सचिव एवं ग्राम रोजगार सहायक द्वारा दिनांक 15.12.2015 को अपना जवाब प्रस्तुत किया। प्रकरण की जाँच जनपद पंचायत रामपुर बाघेलान के पी.सी.ओ., श्री बीरभद्र द्विवेदी द्वारा करायी गई, जाँच प्रतिवेदन अनुसार सचिव, श्री रामपाल सिंह को अपात्र लोगों के बी.पी.एल. कार्ड बनाने का दोषी पाया गया है। जिला पंचायत के पत्र क्रमांक 10656 दिनांक 11.03.2016 द्वारा सचिव एवं पत्र क्रमांक 10657 दिनांक 11.03.2016 से रोजगार सहायक के विरूद्ध कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। (ग) जी नहीं। उत्तरदायी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही प्रचलन में है।
समिति के पारित प्रस्तावों का परिपालन
43. ( क्र. 5331 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. पंचायत राजग्राम स्वराज अधिनियम की धारा 47 के तहत गठित स्थाई सामान्य प्रशासन समिति को अधिनियम के तहत सौंपे गये कर्तव्य एवं अधिकारों से संबंधित विषयों पर बैठक में लिये गये निर्णयों से संबंधित पारित प्रस्तावों पर पालन प्रतिवेदन तैयार कर उन पर कार्यवाही की जाने की व्यवस्था है? यदि हाँ, तो उन पारित प्रस्तावों पर आदेश प्रसारित करने जवाबदेही संबंधित जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी की है अथवा जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी की है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि हाँ, तो पारित प्रस्तावों के अमल करने के संबंध में शासन द्वारा जारी आदेश क्र. व दिनांक बतायें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार नवीन जनपद पंचायत गठन, पंचायत चुनाव 2015 के उपरांत जनपद पंचायत गुनौर जिला पन्ना में स्थाई सामान्य प्रशासन समिति की कितनी बैठकें किस दिनांक को आयोजित की गईं? किस बैठक में कौन-कौन से प्रस्ताव पारित हुए व संबंधित प्रस्तावों पर अमल संबंधी क्या आदेश किसके हस्ताक्षर से जारी हुए? (घ) क्या जनपद पंचायत गुनौर में सामान्य प्रशासन समिति की बैठकों में कितने अधिकारी संबंधित विभागों के अनुपस्थित रहे तथा कितने उपस्थित रहे? क्या-क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। संबंधित जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों की है। (ख) जिला एवं जनपद पंचायतों की स्थायी समितियों के नियम जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार। (ग) जनपद पंचायत गुनौर में प्रश्नांश ‘‘क‘‘ एवं ‘‘ख‘‘ के नवीन जनपद पंचायत गठन, पंचायत चुनाव 2015 के उपरांत जनपद पंचायत गुनौर जिला पन्ना में स्थायी सामान्य प्रशासन समिति की 04 बैठकें दिनांक 21.08.2015, 18.09.2015, 06.11.2015 एवं 30.01.2016 को आयोजित की गई। बैठकों में पारित प्रस्तावों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार। (घ) सामान्य प्रशासन समिति की बैठकों में 7 अधिकारी संबंधित विभागों के अनुपस्थित रहे तथा 6 अधिकारी उपस्थित रहे। अनुपस्थित अधिकारियों को उनकी अनुपस्थिति के संबंध में नोटिस जारी किया गया है।
नजूल पट्टों के नवीनीकरण
44. ( क्र. 5632 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मण्डला जिले के जिला मुख्यालय मण्डला में नजूल पट्टों के नवीनीकरण की अवधि 31 मार्च 1996 को 30 वर्ष पूर्ण हो चुकी है? (ख) यदि हाँ, तो इन पट्टों का नवीनीकरण कार्यालय कलेक्टर (नजूल) को वर्ष 1997 में प्रचलित नियमों के आधार पर करना था जो कि नहीं किये जाने पर शासन को राजस्व की हानि हुई? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) का उत्तर हां, है तो क्या राजस्व विभाग मण्डला नगर में 31 मार्च 1996 को नजूल पट्टों की नवीनीकरण अवधि समाप्त होने पर नवीनीकरण की कार्यवाही तत्कालीन प्रचलित नियमों के आधार पर करने की योजना बनायेगा? जिससे यह कार्यवाही यथाशीघ्र पूर्ण हो सके यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों? (घ) शासन उपरोक्त प्रश्नों से सहमत हो तो राजस्व की हानि भविष्य में न हो इसके लिये कोई योजना बनायेगा? इसकी मॉनीटरिंग की क्या व्यवस्था होगी?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) पट्टों की लीज अवधि समाप्ति के पश्चात् नवीनीकरण कार्यालय कलेक्टर नजूल से वर्ष 1997 में प्रचलित नियमों के आधार पर नवीनीकरण हेतु संबंधित पक्षकारों को नोटिस जारी कर शर्त उल्लंघन/अपालन के मामलों को निराकरण कर पट्टों का नवीनीकरण किया गया है। प्रश्न दिनांक तक 13547870/- रूपये शासन को राजस्व की आय हुई है। (ग) राजस्व विभाग मण्डला नगर में 31 मार्च 1996 को नजूल पट्टों की नवीनीकरण की अवधि समाप्त होने पर शेष प्रकरणों में पक्षकारों से आवश्यक दस्तावेज प्राप्ति उपरांत त्वरित गति से नवीनीकरण की कार्यवाही की जा रही है। (घ) उत्तरांश ‘ख‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना
45. ( क्र. 5679 ) श्रीमती ममता मीना : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुना जिला प्रधानमंत्री सिंचाई योजना में शामिल है? यदि हाँ, तो इस योजना को कौन संचालित कर रहे है? इसमें कौन-कौन सी योजनाएं शामिल है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) में वर्णित तथ्य सत्य है तो क्या गुना जिले के राजस्व और वन भूमि पर भौगोलिक क्षेत्र अनुसार तालाब, नहरें एवं नदियों को जोड़ने तथा उन पर बांध बनाने तथा जिले के सभी गांवों में सिंचाई योजनाओं के प्राक्कलन बनेंगे की नहीं, विवरण दें। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में वर्णित सिंचाई योजनाएं बनाई जावेगी या अन्य कोई योजनाएं? क्या इस योजना में छोटी सिंचाई योजनाएं बनेगी या बड़ी सिंचाई योजनाएं विवरण दे? (घ) क्या प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में वर्णित तथ्यों की जानकारी एवं प्राक्कलन बनाने की कार्य योजना में विधायकों को शामिल किया है? क्या जिले में कोई स्पेशल कार्य योजना बनाने हेतु निर्धारित लक्ष्य और निर्धारित अधिकारी नियुक्त करेंगे, विवरण दें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ, किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग इस योजना अंतर्गत नोडल एजेन्सी है, सिंचाई विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, कृषि एवं उद्यानिकी विभाग इस योजना को संचालित कर रहे हैं इसमें वृहद एवं मध्यम परियोजनाओं को पूर्ण करना हर खेत को पानी, पर ड्राप मोर क्राप एवं जलग्रहण क्षेत्र का विकास घटक शामिल है। (ख) गुना जिले का जिला सिंचाई प्लान तैयार किया जा रहा है उसके अनुसार कार्य किया जावेगा। (ग) जिले में सिंचाई प्लान अनुसार क्रियान्वयन किया जावेगा। (घ) जी हाँ, माननीय विधायक महोदय के सुझाव लिये जावेंगे। "क" के उत्तर अनुसार अधिकारी नियुक्त किये गये है।
कृषि महाविद्यालय एवं धनिया अनुसंधान केन्द्र की स्थापना
46. ( क्र. 5680 ) श्रीमती ममता मीना : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. में धनिया उत्पादन सबसे अधिक चांचौड़ा विधान सभा क्षेत्र में होता है? यदि हाँ, तो क्या धनिया अनुसंधान केंद्र स्थापित कराने की कोई योजना के साथ नवीन कृषि महाविद्यालय इस क्षेत्र में खोलने की कार्ययोजना है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) के तथ्यों का अनुमान सत्य है तो बतायें कि गुना जिले के 200 कि.मी. की दूरी पर कोई भी कृषि महाविद्यालय नहीं है और म.प्र. में एक भी धनिया अनुसंधान केन्द्र नहीं है तो क्या शासन इस हेतु स्वीकृति प्रदान करेंगा? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के अनुसार शासन किसानों के उत्थान और विकास में नई पीढ़ी को कृषि अनुसंधान में रोजगार और प्रगति कराने हेतु प्रदेश के कमजोर क्षेत्रों को कृषि विकास योजना में जोड़कर इस क्षेत्र को शामिल करेंगे? (घ) क्या प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के तथ्यों पर शासन चांचौड़ा विधान सभा क्षेत्र एवं पिछड़े और कमजोर क्षेत्र को विकसित करने एवं किसानों और उनकी अगली पीढ़ी को रोजगार हेतु इस क्षेत्र में धनिया अनुसंधान केन्द्र एवं कृषि महाविद्यालय स्थापित करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) मध्यप्रदेश में धनिया का उत्पादन मुख्यत: गुना, राजगढ़, शाजापुर एवं मन्दसौर जिलों में किया जाता है। धनिया पर अनुसंधान के लिए परियोजना प्रस्ताव सुपारी एवं मसाला विकास निदेशालय कृषि सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग, कोलिकट, केरल को भेजे गये हैं तथा चाचौड़ा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत नवीन कृषि महाविद्यालय के खोलने की कार्ययोजना से महाविद्यालय के खोलने की कार्ययोजना से संबंधित कोई भी प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है। (ख) यह सत्य है कि गुना जिले के 200 कि.मी. की दूरी पर कोई भी कृषि महाविद्यालय नहीं है। नवीन कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र खोले जाने का प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ग) विभागीय कृषि विकास की योजनाएं समस्त जिलों में संचालित है। (घ) धनिया अनुसंधान केन्द्र स्थापना हेतु कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। कृषि महाविद्यालय का प्रस्ताव प्राप्त होने पर आवश्यकता व संसाधनों को दृष्टिगत रखते हुये निर्णय लिया जायेगा।
बिना जाँच कराये बी.पी.एल. सूची से नाम काटना
47. ( क्र. 5737 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले की विधान सभा क्षेत्र चंदला के अंतर्गत वर्ष 2015-16 तहसील लवकुशनगर, गौरिहार, चंदला में कितने नाम गरीबी रेखा में से काटे गये तहसीलवार, ग्रामवार, हितग्राहीवार कारण सहित सूची उपलब्ध करावें? (ख) क्या बगैर जाँच दल बनाये बिना जाँच किये हुये गरीबी के नाम काट दिये गये हैं? यदि हाँ, तो नाम काटने वाले अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी? (ग) प्रश्न (ख) हाँ तो जाँच दल में कौन-कौन से अधिकारी/कर्मचारी द्वारा मौके पर जाकर जाँच की? (घ) यदि नहीं, तो गरीबी रेखा में नाम काटने वाले अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) छतरपुर जिले की विधान सभा क्षेत्र चंदला अंतर्गत वर्ष 2015-16 तहसील लवकुशनगर, चंदला एवं गौरिहार अंतर्गत कुल 4319 व्यक्तियों के नाम अपात्र पाये जाने के कारण बी.पी.एल. सूची से काटे गये हैं। तहसीलवार, ग्रामवार, हितग्राहीवार कारण सहित सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विधिवत जाँच दल का गठन कर जाँच के आधार पर गरीबी रेखा से नाम काटे गए हैं। प्रश्न का शेष भाग उपस्थित नहीं होता। (ग) गरीबी रेखा से नाम काटे जाने हेतु दलों का गठन संबंधित तहसील के तहसीलदार द्वारा किया गया, जाँच दल में संबंधित क्षेत्र के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, हल्का पटवारी एवं ग्राम पंचायत सचिव को शामिल किया गया। इसी दल द्वारा मौके पर जाकर जाँच की गई। (घ) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
केसली विकासखंड में फर्जी पट्टा वितरण
48. ( क्र. 5764 ) श्री हर्ष यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विकासखंड केसली जिला सागर में वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में मुख्यमंत्री आवास मिशन योजनांतर्गत कितने फर्जी आवासीय पट्टे के मामले सामने आये? नाम-ग्राम सहित जानकारी दें? (ख) कितने फर्जी आवासीय पट्टों पर बैंकों से ऋण अनुदान स्वीकृत कर भुगतान करने की बात शासन-प्रशासन के ध्यान में आई है? नाम, ग्राम, ऋण अनुदान राशि सहित जानकारी दें? (ग) फर्जी पट्टे जारी करने की कार्यवाही में संलिप्त अधिकारियों-कर्मचारियों के नाम, पद बतावें? इनमें से किन-किन पर अपराधी प्रकरण दर्ज किये गये? नहीं तो क्यों? कब तक किये जावेंगे? मामले की विभागीय स्तर पर जाँच किससे कराई गई? (घ) क्या पट्टे जारी करने से पहले तहसीलदार से सत्यापन कराया गया? यदि हाँ, तो रिपोर्ट दें? नहीं तो इसके दोषियों के नाम-पद बतावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विकासखण्ड केसली जिला सागर में वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन के अंतर्गत फर्जी पट्टे की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (ख) जी नहीं। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) एवं (घ) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
अवन्ति सूत मिल सनावद में हुई अनियमितता
49. ( क्र. 5774 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यानसिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा नगर सनावद की अवन्ति मिल वर्क्स इण्ड्रस्ट्रीयल को-ऑपरेटिव मर्यादित की अनियमितताओं को लेकर की गई शिकायत की जाँच संयुक्त आयुक्त उज्जैन द्वारा की गई थी? शिकायत की जाँच में पूर्व अध्यक्ष/प्रबंध संचालक एवं संचालक मण्डल के विरूद्ध गंभीर आर्थिक एवं प्रशासनिक अनियमितताओं का प्रतिवेदन आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयन भोपाल को दिनांक 04.12.2015 को प्रस्तुत किया गया था? उक्त प्रतिवेदन के परिप्रेक्ष्य में आयुक्त द्वारा पत्र क्रमांक विविध/02.2015/02 दिनांक 17.12.2015 एवं क्रमांक विविध /02/2015 दिनांक 11.01.2016 को कार्यवाही के आदेश दिये गये थे? प्रतिवेदन में कौन-कौन से संचालक एवं अधिकारी दोषी पाये गये हैं? (ख) प्रश्नांश के उत्तर में आरोपित संचालक एवं अधिकारियों पर आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक भोपाल द्वारा दिये गये निर्देश के अनुरूप अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? क्या किसी संचालक एवं अधिकारियों के ऊपर कोई अपराधिक प्रकरण दर्ज हुआ है? यदि हाँ, तो किन धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया है? आरोपित संचालक एवं अधिकारियों के विरूद्ध जाँच में कुल कितनी राशि का संस्था में गबन आरोपित हुआ है एवं उसकी वसूली हेतु विभाग क्या कार्यवाही कर रहा है? (ग) संस्था के विभिन्न देनदारों एवं पूंजी निवेशकों के बकाया भुगतान हेतु क्या कोई नीति निर्धारित की है? यदि हाँ, तो विवरण दिया जावे। यदि नहीं, तो क्यों एवं कब तक किया जावेगा? (घ) संस्था द्वारा संचालित मिल को सुचारू रूप से चलाने हेतु प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है जिससे मिल में कार्यरत कर्मचारी एवं मजदूरों के हितों की रक्षा हो सकें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ। प्रबंध संचालक/ पूर्व अध्यक्ष श्री राजेन्द्र सांकलिया एवं तत्कालीन संचालक मंडल के सदस्य क्रमशः श्री मनोज परमार, सीताराम सोनी, दीनदयाल सूरजमल, राहुल कुमार, राकेश रामनारायण, ओमप्रकाश बृजमोहन, श्रीमति नम्रता कुमार एवं श्रीमति वैशाली कुमार दोषी पाये गये है। (ख) श्री राजेन्द्र सांकलिया प्रबंध संचालक को निलंबित किया गया है तथा उनके विरूद्ध दिनांक 11.03.2016 को थाना सनावद जिला खरगोन में अपराधिक प्रकरण दर्ज कराया गया है। भा.द.सं. 1860 की धारा 409, 420, 467, 468 एवं 471 में। अपराध अनुसंधान विभाग (पुलिस मुख्यालय) भोपाल के अनुसार प्रकरण विवेचनाधीन है, अतः वर्तमान स्थिति में गबन की राशि की जानकारी दी जाना संभव नहीं है एवं अभी तक प्रथम दृष्टया प्रमाणित रू.22 लाख की वसूली हेतु सहकारी अधिनियम की धारा 64 के अंतर्गत प्रकरण सक्षम न्यायालय में प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये है। (ग) संस्था में विभिन्न देनदारों और निवेशकों की धन राशि लौटाने की कोई निर्धारित विशेष नीति नहीं है। वर्तमान में सामान्य व्यवसायिक निर्णय और सिद्धान्तों के अनुसार नियमित देनदारों को उनके भुगतान नियत दिनांक को नियमित रुप किये जा रहे हैं। देनदारों और निवेशकों को जिनके किसी प्रकार के कानूनी विवाद नहीं है, उन्हें उनकी धनराशि वापसी के आवेदन आने पर संस्था के पास अतिशेष धनराशि उपलब्धता के अनुसार होने पर भुगतान किया जाता है। वर्तमान में किसी निवेशक का आवेदन भुगतान हेतु लंबित नहीं है एवं कानूनी विवाद को छोड़कर किसी भी देनदार का भुगतान लंबित नहीं है। संस्था द्वारा नीति नहीं बनाए जाने के कारण। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) वर्तमान में संस्था द्वारा संचालित मिल प्रशासक के नियंत्रणाधीन एवं अतिरिक्त प्रशासकीय दायित्व में संचालित है, मिल में उत्पादन कार्य, यार्न का विक्रय, कपास खरीद आदि सभी कार्य सुचारु रुप से संचालित हो रहे है। मिल के सभी खर्च, वेतन मजदूरी, विद्युत बिल, बैंक ब्याज, ऋण किश्तें आदि का समय पर भुगतान किया जा रहा हैं और मिल का संचालन सुचारु रुप चल रहा है तथा मिल में कार्यरत कर्मचारी एवं मजदूरों के हितों के प्रति प्रशासकीय दायित्वाधीन नियमानुसार कार्यवाही जारी है।
कैलारस सहकारी शक्कर कारखानें की जमीन
50. ( क्र. 5781 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना द मुरैना मण्डल सहकारी शक्कर कारखाना लि. कैलारस जिला मुरैना के संबंधित कृषि भूमि का कितने रकबे में खेती की जा रही है उनके सर्वे नं. सहित पूर्ण रकबे की जानकारी दी जावे? (ख) वर्ष 2012 से 2015 तक उक्त भूमि पर खेती हेतु किन-किन लोगों को कितनी भूमि दी गई? दी गई भूमि की क्या प्रक्रिया अपनाई गई? (ग) उक्त भूमि से वर्ष 2012 से 2015 तक कितनी राशि प्राप्त हुई राशि, वर्ष सहित जानकारी दी जावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) संस्था रेकार्ड अनुसार कारखाना फार्म के 10 हेक्टेयर में एवं लील्हेरपुरा फार्म के 25.689 हेक्टेयर में खेती की जा रही है, कार्यालय तहसीलदार कैलारस की जानकारी अनुसार लील्हेरपुरा फार्म का रकबा 25.687 हेक्टेयर है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है, संस्था एवं तहसीलदार कैलारस की जानकारी में अंतर का परीक्षण कराया जा रहा है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार, भूमि को किराये पर देने हेतु सर्वप्रथम दैनिक समाचार पत्रों में प्रकाशन कर निविदा आमंत्रित की जाती है, संचालक मण्डल द्वारा नियुक्त की गई कमेटी द्वारा निर्धारित प्रपत्र में कृषि फार्मों को किराये पर दिये जाने के संबंध में निर्धारित शर्तों के साथ टेंडर प्राप्त किये जाते है, कमेटी के समक्ष निविदा को खोला जाता है, उच्चतम दर दाता को कृषि फार्म एक वर्ष के लिये किराये पर दिये जाने हेतु पूर्ण राशि जमा कराई जाकर अनुबंध निष्पादित किया जाता है। (ग) रू.27,33,877.00, जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
मनरेगा के तहत रोजगार सहायकों की नियुक्ति
51. ( क्र. 5839 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मनरेगा के अंतर्गत प्रदेश की ग्राम पंचायतों में संविदा कर्मचारी एवं ग्राम रोजगार सहायकों की भर्ती की गई है? (ख) यदि हाँ, तो प्रदेश के किन-किन जिलों में अभी तक ग्राम रोजगार सहायकों की नियुक्ति किन कारणों से नहीं की जा रही है और कब तक भर्ती की जाएगी? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में संविदा कर्मचारी एवं ग्राम रोजगार सहायकों के कार्य का मूल्यांकन किया जाकर उन्हें नियमित करने की दिशा में शासन शीघ्र कार्यवाही करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) ग्राम रोजगार सहायक की नियुक्ति प्रक्रिया में आपत्तियों का संकलन, परीक्षण तथा निराकरण की कार्यवाही शामिल होने से निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। संविदा नीति में नियमित किये जाने का प्रावधान नहीं होने से, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
स्लीपर कोच बसों के परमिट व किराया निर्धारण
52. ( क्र. 5873 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले से भोपाल, इंदौर, जबलपुर और रीवा की ओर चलने वाली स्लीपर कोच बसों के परमिट जारी हुए है तो कितने किस-किस को नाम, पता सहित जानकारी देवें? (ख) यदि परमिट जारी नहीं हुए है तो इन बसों के विरूद्ध आर.टी.ओ. छतरपुर द्वारा क्या कार्यवाही की गई। यदि नहीं, की गई तो कब की जावेगी? (ग) उपरोक्त बसों का किराया निर्धारण शासन द्वारा किया गया है या बस ऑपरेटर अपनी मर्जी से किराया निर्धारण करने के लिए अधिकृत है? (घ) यदि शासन द्वारा किराये की राशि निर्धारित नहीं की गई है तो सक्षम प्राधिकारियों के विरूद्ध तथा बस ऑपरेटरों के विरूद्ध क्या एवं कब तक कार्यवाही की जावेगी?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) एवं (ख) जी हाँ, जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) एवं (घ) विभिन्न प्रकार की यात्री बसों का किराया मध्यप्रदेश शासन परिवहन विभाग की अधिसूचना क्रमांक एफ 22-142/2004/आठ भोपाल दिनांक 22.04.2015 द्वारा निर्धारित किया गया है। जिसकी प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। बस ऑपरेटर अपनी मर्जी से किराया निर्धारण करने के लिए अधिकृत नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पंचायत में रोजगार सहायक का नियमितीकरण
53. ( क्र. 5927 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा पंचायती राज अधिनियम की धारा 69 (1) के तहत पंचायत में ग्राम रोजगार सहायक को सहायक सचिव घोषित किया गया है या नहीं? (ख) प्रदेश शासन के द्वारा संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण हेतु जून 2013 में कोई नीति लागू की गई थी? यदि हाँ, तो जानकारी देवें? (ग) पंचायतों में सहायक लेखा अधिकारी जनपद पंचायतों में मनरेगा के सहायक लेखा अधिकारियों के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु क्या व्यवस्था की गई है? (घ) उपरोक्त (ग) में दर्शाएं गए पदों पर रोजगार सहायकों की नियुक्ति की जा सकती है या नहीं? यदि हाँ, तो कब तक की जावेगी एवं यदि नहीं, तो कारण बतावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। सामान्य प्रशासन विभाग के माध्यम से वर्ष 2013 में संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के संबंध कोई नीति कार्यालय में प्राप्त नहीं हुई है। (ग) मनरेगा योजनान्तर्गत जनपद पंचायतों में सहायक लेखाधिकारी के अतिरिक्त लेखापाल एवं सहायक ग्रेड-2 केशियर के पद भी स्वीकृत हैं। इस प्रकार कार्य के दृष्टिगत पर्याप्त संख्या में सहायक लेखाधिकारी पदस्थ हैं। अतः सहायक लेखा अधिकारी के रिक्त पदों हेतु कोई व्यवस्था नहीं की गई है। (घ) जी नहीं। दोनों पदों की शैक्षणिक योग्यता भिन्न-भिन्न हैं। दोनों पदों पर निर्धारित प्रक्रिया के तहत् चयन किया जाता है।
नरसिंहपुर जिले में बंदोबस्त कार्य
54. ( क्र. 6046 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में बंदोबस्त किस सन् में हुआ था तथा उसके बाद कुछ जिलों में पुन: बंदोबस्त कार्य कराया गया जिसमें कितने जिलों में हुआ है एवं कितने जिले शेष रह गये हैं? (ख) क्या बंदोबस्त से छूटे हुये जिलों में पुन: बंदोबस्त कराया जायेगा? अगर हाँ तो कब तक और नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों में प्रचलित अधिनियमों के तहत पूर्व में बन्दोबस्त हुआ था। मध्यप्रदेश के गठन के बाद भू-राजस्व संहिता 1959 के प्रावधान अनुसार 1975 से बन्दोबस्त प्रारम्भ किया गया। 09 जून 2000 तक संक्रियायें चलीं, शासन द्वारा बन्दोबस्त समाप्त करने की अधिसूचना जारी करने के दिनांक से बन्दोबस्त बन्द हो गया। इस अवधि में प्रदेश के 17 जिलों का राजस्व सर्वेक्षण (बन्दोबस्त) का कार्य पूर्ण किया गया व 10 जिलों का कार्य अपूर्ण रह गया, शेष 24 जिलों में बन्दोबस्त का कार्य प्रारम्भ नहीं हो पाया। (ख) जी हाँ। मध्यप्रदेश के सभी जिलों में आधुनिक तकनीक से री-सर्वे कराये जाने की योजना है, जिसके अन्तर्गत सभी जिलों का बन्दोबस्त कराये जाने की योजना है। कार्य वृहद स्वरूप का होने के कारण समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
दलहन एवं तिलहन की बोनी
55. ( क्र. 6047 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नरसिंहपुर जिले में दलहन एवं तिलहन की बोनी में विगत 3 से 4 वर्षों में कमी आई है? यदि हाँ, तो उसके क्या कारण हैं? (ख) क्या दलहन तिलहन का रकबा बढ़ सके इस हेतु विभाग कोई योजना पर विचार कर रहा है? (ग) क्या जिले में सोयाबीन फसल की बोनी से किसानों का मोह भंग हुआ है उसके स्थान पर कोई अन्य फसल की बुआई की जा सके इस हेतु विभाग की योजना विचाराधीन है? अगर नहीं तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। विगत तीन वर्षों में जिले में दलहन/तिलहन के रकबे में कमी आई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। कमी के कारण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है। (ख) जी हाँ। दलहन के क्षेत्र विस्तार हेतु राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन तथा तिलहन के क्षेत्र विस्तार हेतु राष्ट्रीय तिलहन एवं ऑयल पॉम मिशन क्रियान्वित की जा रही है। (ग) जिले में विगत तीन चार वर्षों में सोयाबीन की उत्पादकता में कमी तथा प्राकृतिक आपदाओं (अतिवृष्टि अल्पवर्षा) कीट व्याधि के प्रकोप के कारण कृषकों द्वारा सोयाबीन फसल के स्थान पर अन्य फसलें जैसे अरहर, धान, उड़द एवं गन्ना की फसल ली जा रही है। फसल प्रतिस्थापना हेतु विभाग द्वारा प्रचार-प्रसार के प्रयास किये जाने की योजना है।
मनरेगा अंतर्गत कार्यरत कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति
56. ( क्र. 6077 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला आगर अंतर्गत मनरेगा में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत कर्मचारियों की सूची उपलब्ध करावें? नियमानुसार प्रतिनियुक्ति कितने वर्षों के लिए की जाती है एवं प्रतिनियुक्ति अवधि में स्थानांतरण का प्रावधान है या नहीं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार निर्धारित प्रतिनियुक्ति अवधि पूर्ण होने के उपरांत भी अद्यतन स्थिति में कौन-कौन से अधिकारी/कर्मचारी प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत है? संबंधितों की प्रतिनियुक्ति समाप्त क्यों नहीं की गई? क्या शीघ्र प्रतिनियुक्ति समाप्त कर मूल विभाग में भेजा जावेगा यदि हाँ, तो कब तक? (ग) मनरेगा अंतर्गत संविदा पर जिला आगर में कौन-कौन उपयंत्री कार्यरत है? इनमें से कितने के विरूद्ध शिकायतों के आधार पर कार्यवाही की गई? स्व-प्रेरणा से या शिकायत के आधार पर की गई? जाँच का विवरण व कार्यवाही उपलब्ध करावें? (घ) विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत विगत 02 वर्षों में मनरेगा अंतर्गत कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कितनी शिकायतें प्राप्त हुई है? प्राप्त शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जिला पंचायत आगरमालवा में श्री एस.एस. सिसोदिया, सहायक यंत्री जनपद पंचायत बड़ोद, श्री सतीश पाठक, सहायक यंत्री, जनपद पंचायत नलखेड़ा एवं श्री रामदास उच्चारिया, अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी, जनपद पंचायत सुसनेर में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ है। सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 29.2.08 के अनुसार विभागों की आपसी सहमति होने पर प्रतिनियुक्ति अवधि निर्धारित नहीं है। जी हाँ, प्रतिनियुक्ति अवधि में सामान्य प्रशासन विभाग के नियमानुसार स्थानांतरण का प्रावधान है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। श्री महेश कटारे एवं श्री जयनारायण भारती के विरूद्ध शिकायत संज्ञान में आने पर कार्यक्षेत्र परिवर्तन किया गया है। जाँच कार्यवाही प्रचलित है। (घ) श्री रामदास उच्चारिया, अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी की शिकायत संज्ञान में आने पर उन्हें जिला पंचायत आगरमालवा में कार्य करने हेतु आदेशित किया गया है। जाँच कार्यवाही प्रचलित है।
शौचालय निर्माण
57. ( क्र. 6078 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निर्मल भारत अभियान/भारत स्वच्छता अभियान अंतर्गत आगर जिला अंतर्गत विगत 02 वर्षों में कितने निजी व सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण कराया गया? निर्माण एजेंसीवार सूची उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार निर्मित शौचालयों के लिए कितनी राशि व्यय की गई? ठेकेदार/निर्माण एजेन्सीवार राशि भुगतान की जानकारी उपलब्ध करावें? शौचालय निर्माण हेतु हितग्राहियों से प्राप्त राशि की जानकारी भी देवें? (ग) विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत विगत 02 वर्षों में शौचालय निर्माण हेतु किए गए व्यय की जानकारी पंचायतवार उपलब्ध करावें? निर्माण कार्यों की मानिटरिंग/निरीक्षण कब-कब, किन-किन के द्वारा किया गया? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार मॉनिटरिंग/निरीक्षण या शिकायतों के आधार पर कितने प्रकरणों में कार्यवाही की गई व क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) निजी शौचालय निर्माण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है। सार्वजनिक शौचालय निर्माण की जानकारी निरंक है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। शौचालय हेतु हितग्राहियों से कोई राशि प्राप्त नहीं की गई। (ग) विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत जनपद पंचायत सुसनेर एवं नलखेड़ा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। निर्माण कार्यों की मानिटरिंग/निरीक्षण संबंधित मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत, पी.सी.ओ., ए.डी.ई.ओ., उपयंत्री एवं ब्लाक समन्वयक द्वारा समय-समय पर किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) मानिटरिंग/निरीक्षण के दौरान ग्राम पंचायत बराई में वर्ष 2014-15 में निर्मित 300 शौचालय निर्माण कार्य में अनियमितता पाई गई थी। जिसके विरूद्ध वसूली प्रकरण तैयार कर अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) अनुभाग-सुसनेर को प्रेषित किया। ग्राम पंचायत बराई के पूर्व सरपंच एवं सचिव के विरूद्ध थाना सोयतकला में प्राथमिकी दर्ज कराई गई।
नजूल कार्यालय एवं तहसील हुजूर/बैरसिया में 10 वर्ष से पदस्थ अमला
58. ( क्र. 6126 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय कलेक्टर भोपाल अंतर्गत स्थित नजूल कार्यालय एवं तहसील हुजूर/ बैरसिया में सुपरवाईजर /जमादार /दफ्तरी/भृत्य एवं चतुर्थ श्रेणी/ चेनमेन/ दैनिक वेतन भोगी /चेनमेन/दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी एक ही कार्यालय में विगत लगभग 15 वर्षों से लगातार पदस्थ है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कर्मचारियों के एक ही स्थान पर लगातार 15 वर्षों से, लम्बे समय तक पदस्थ रहने के क्या कारण है? (ग) क्या उक्त कर्मचारियों में से जो श्रमिक हैं एवं जिन्हें अतिक्रमण हटाने हेतु नियुक्त किया है उनसे तहसीलदार/नायब तहसीलदार न्यायालय के प्रवाचक/रीडर का कार्य लिया जा रहा है? श्रमिकों से उनका मूल कार्य ना करवारकर प्रवाचक/रीडर या उनके सहायक का कार्य लेने हेतु कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं नाम बतावें एवं उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या एक ही कार्यालय में लम्बे समय से पदस्थ कर्मचारियों को जिले में अन्यत्र पदस्थ/स्थानांतरण/संलग्न किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) कार्यालय कलेक्टर भोपाल अन्तर्गत स्थित नजूल कार्यालय एवं तहसील हुजूर/बैरसिया में कोई भी सुपरवाईजर पदस्थ/कार्यरत नहीं है, शेष जी हाँ। (ख) प्रश्नांश "क" में उल्लेखित कर्मचारी चतुर्थ श्रेणी के होने के कारण निरन्तर पदस्थ हैं। (ग) कार्यालय कलेक्टर भोपाल में लिपिकों के अमले की कमी के कारण योग्य पढ़े लिखे श्रमिकों से रीडर के सहायक का कार्य लिया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) कोई आश्वासन या समय-सीमा दी जाना संभव नहीं।
फल एवं फूल की निजी मंडियों में किसान का शोषण
59. ( क्र. 6248 ) डॉ.
गोविन्द सिंह
:
क्या किसान
कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) 1 फरवरी, 2016 की कृषि
विभाग की
समीक्षा के
दौरान मा.
मुख्यमंत्री
के निर्देश पर
मंडियों में
फल-फूल एवं
सब्जी पर 2% कमीशन
के आदेश किस
विभाग द्वारा
किस दिनांक को
जारी किये, उसकी
प्रति देवें
तथा बतावें कि
इसे सख्ती से
लागू करने
हेतु क्या
कदम उठाये गये
हैं? (ख)
प्रश्नांश (क) के
संदर्भ में
बतावें कि
प्रदेश की
किन-किन मंडियों
में प्रश्न
दिनांक का
फल-फूल एवं
सब्जी पर
कितना
प्रतिशत
कमीशन कृषकों
से लिया जा रहा
है? शासकीय
एवं निजी
मंडियों सहित
जानकारी
प्रस्तुत
करें तथा
बतावें कि मा.
मुख्यमंत्री
के निर्देश
निजी मंडियों
पर लागू होंगे
या नहीं?
(ग) क्या
मंडी अधिनियम
की धारा 6 के
अनुसार मंडी
समिति को निजी
फल-फूल-सब्जी
मंडी में
विक्रय
प्रणाली तथा
कमीशन वसूली से
हस्तक्षेप
का वैधानिक अधिकार
नहीं है? यदि
हाँ, तो निजी
मंडियों में
किसानों से 10
प्रतिशत
कमीशन वसूली
को कैसे रोका
जायेगा? (घ) जिस शहर में
फल एवं फूल की
नीलामी
शासकीय मंडियों
में न होने से
निजी मंडियों
में कृषक से 10
प्रतिशत
कमीशन, भाव
तथा तौल में
हेराफेरी, समय
पर भुगतान न
देना आदि के
कारण किसान के
होने वाले
शोषण को कैसे
रोका जायेगा?
किसान
कल्याण
मंत्री ( श्री
गौरीशंकर
बिसेन ) : (क) माननीय
मुख्यमंत्री
जी द्वारा
दिनांक 03.11.2015 को
कृषि मंथन के
दौरान फल एवं
सब्जी पर 02
प्रतिशत
कमीशन किये
जाने के
निर्देश के
अनुपालन में
म.प्र. राज्य
कृषि विपणन
बोर्ड भोपाल
के आदेश
दिनांक 01.02.2016 से
फल सब्जी के
विक्रय पर
नियोक्ता
व्यापारी से
कमीशन एजेण्ट
द्वारा लिये
जाने हेतु 02
प्रतिशत
कमीशन
निर्धारित
किया गया है, जो कि
दिनांक 01.03.2016 से
लागू हुआ है। इसे
प्रदेश की
अधिसूचित
फल-सब्ज़ी मंडी
प्रांगणों
में कड़ाई से
लागू करने
हेतु विडियो
कान्फ्रेंस
दिनांक 15.02.2016
में समस्त
मण्डी सचिवों
को तथा दिनांक
19.02.2016 में मंडी
बोर्ड के
संभागीय
अधिकारियों
की समीक्षा
बैठक अन्तर्गत
निर्देश दिये
गये है। उक्त
आदेश दिनांक 01.02.2016 की
प्रति संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'अ'
अनुसार है। (ख)
प्रदेश में
अधिसूचित
फल-सब्जी
मण्डी प्रांगणों
में अधिसूचित
फल-सब्जी के
विक्रय पर
कृषकों से किसी
भी प्रकार का
कमीशन नहीं
लिया जाता है।
प्रदेश की 137
अधिसूचित
फल-सब्जी
मण्डी की सूची
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'ब'
अनुसार है। म.प्र.
कृषि उपज मण्डी
अधिनियम,
1972 की
धारा 6 के
अन्तर्गत
अधिसूचित
मण्डी
प्रांगण के
बाहर फल-सब्जी
(केले को
छोड़कर) का क्रय-विक्रय
नियंत्रण से
मुक्त होने के
कारण निजी मण्डियों
में इस
कार्यालय के
आदेश दिनांक 01.02.2016 से
निर्धारित 02
प्रतिशत
कमीशन के
निर्देश लागू
नहीं है। (ग) जी
हाँ। कृषक/विक्रेताओं
के स्व-निर्णय
द्वारा
फल-सब्जी
उत्पादों का
मण्डी प्रांगणों
में विक्रय
करने पर
प्रश्नागत
स्थिति पर रोक
लग सकती है। (घ)
जिन स्थानों
पर अधिसूचित
फल सब्जी
मण्डियां नहीं
है वहाँ
किसानों को
संगठित होकर
प्रश्नगत
अव्यवस्थाओं
पर रोक लगाना
होगी और
फल-सब्जी
विपणन में
अवैधानिक
गतिविधियों
पर अंकुश
लगाने हेतु
प्रभावित
पक्षकार के स्तर
से कानूनी
कार्यवाही का
विकल्प
उपलब्ध है।
चार्टर्ड बसों की अनियमितता
60. ( क्र. 6410 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में चार्टर्ड बस चलाये जाने हेतु क्या नियम मापदंड तय किये हैं। इनमें यात्री बस किराया निर्धारण हेतु क्या नियम अपनाये जाते हैं? किराया नियम निर्धारण किस कमेटी ने किया। कमेटी के सदस्यों के नाम सहित जानकारी देवें। (ख) 1 जनवरी 2015 के पश्चात् प्रदेश में चल रही किस-किस कंपनी की चार्टर्ड बसें किस-किस स्थल के बीच संचालित हैं? कंपनी का नाम, बस मालिक का नाम एवं बस में दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी उपलब्ध करायें? (ग) क्या उक्त चार्टर्ड बसें प्रारंभ स्थान से अंतिम स्थान तक कही भी सवारी नहीं लेती? यदि हाँ, तो पूर्ण राशि लेकर विभिन्न बस स्टेण्ड पर सवारी उतारने व चढ़ाने के क्या कारण है, क्या नीति अनुरूप इन बसों को बस स्टेण्ड पर जाने की अनुमति है। यदि नहीं, तो इसकी जाँच कब-कब, किस-किस सक्षम अधिकारी ने की।
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) मोटरयान अधिनियम 1988, केन्द्रीय मोटरयान नियम 1989, मध्यप्रदेश मोटरयान नियम 1994 में चार्टर्ड बस श्रेणी के कोई मापदण्ड व किराया तय नहीं है। परिवहन नीति 2010 की कंडिका 5 (10) अनुसार किराया निर्धारण समिति की बैठक प्रत्येक वर्ष आयोजित की जाती है। विगत बैठक दिनांक 10.02.2015 को संपन्न हुई थी। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय भोपाल द्वारा चार्टर्ड स्पीड प्रा.लि. कंपनी मार्ग भोपाल से इन्दौर, भोपाल से उज्जैन, जबलपुर से इन्दौर, इन्दौर से रीवा एवं सागर से भोपाल पर बस संचालन हेतु परमिट जारी किये गये है जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है एवं इन्दौर में अटल इन्दौर सिटी ट्रांसपोर्ट ए.सी. बसों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है। (ग) बसों का नॉन स्टॉप संचालन हेतु परमिट जारी किये गये है। पूर्ण राशि लेकर विभिन्न स्टेण्ड पर सवारी उतराने एवं चढ़ाने के संबंध में किसी प्रकार की शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। नॉन स्टाप सेवा हेतु जारी परमिट वाली वाहनों को प्रारंभिक बस स्टेण्ड एवं अंतिम बिन्दु के बस स्टेण्ड पर सवारी उतारने चढ़ाने की अनुमति है। इसके अतिरिक्त एक टेक्निकल स्टाफ होता है। जहाँ पर सवारी उतारी एवं चढाई नहीं जाती है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत कार्य प्रगति
61. ( क्र. 6514 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्वच्छ भारत मिशन की कार्य एवं प्रगति के लिये केवल जिला/जनपद पंचायतों में पदस्थ जिला समन्वयक/ब्लॉक समन्वयक (संविदा) ही जिम्मेदार है और पिछले 02 वर्षों में जबलपुर संभाग के कितने संविदा कर्मचारियों को कम प्रगति का आधार मानकर सेवा समाप्त की गई है? (ख) राज्य कार्यक्रम समन्वयक, इस मिशन में कितने वर्षों से लगातार पदस्थ हैं? क्या कम प्रगति के लिये इनकी कोई जिम्मेदारी नहीं है? (ग) स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत कार्य एवं कम प्रगति के लिये उक्त संभाग के कितने मिशन लीडर को दोषी बनाया गया? कितने जिला कलेक्टर/मुख्य कार्यपालन अधिकारी/जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही प्रस्तावित की गई? (घ) क्या 10 वर्षों से अभियान में पदस्थ जिला समन्वयक/ब्लॉक समन्वयक की सेवा लेकर प्रशासनिक अधिकारियों की प्रशासनिक क्षमता एवं समन्वय की कमी से संविदा कर्मचारी को नौकरी से हटा देना न्यायोचित है? क्या संविदा कर्मचारी को प्रशासनिक अधिकार दिये गये है? यदि नहीं, तो उन्हें दोषी क्यों बनाया जा रहा है? उन्हें कब तक पुन: सेवा में वापस ले लिया जायेगा, यदि नहीं, क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जबलपुर संभाग में पिछले 02 वर्ष में 04 ब्लाक समन्वयक (संविदा) की सेवा कम प्रगति के कारण एवं 02 ब्लाक समन्वयक की संविदा सेवा अनाधिकृत रूप से लगातार अनुपस्थित/कम प्रगति के कारण समाप्त की गई है। (ख) स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) अंतर्गत राज्य कार्यक्रम समन्वयक का पद स्वीकृत नहीं है। मिशन अंतर्गत राज्य कार्यक्रम अधिकारी का पद स्वीकृत है। वर्तमान राज्य कार्यक्रम अधिकारी मिशन में जून 2013 से पदस्थ है। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) अंतर्गत कम प्रगति के लिए जिला समन्वयक एवं ब्लाक समन्वयक पूर्णत: जिम्मेदार है। शासन स्तर/विभाग स्तर से समय-समय पर लक्ष्य पूर्ति हेतु जिला/जनपद पंचायत स्तर पर पदस्थ अमले को लिखित में एवं बैठकों के माध्यम से निर्देश दिये गये हैं। (ग) स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत कार्य एवं कम प्रगति के लिये मिशन लीडर प्रत्यक्ष रूप से दोषी नहीं है। समस्त संभाग आयुक्तों/कलेक्टर को मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत/जनपद पंचायत से कम प्रगति के लिए प्रतिवेदन प्राप्त करने का लेख किया गया है। (घ) स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) अंतर्गत जिला समन्वयक/ब्लाक समन्वयक की नियुक्ति योजना के क्रियान्वयन हेतु की गई है। जिला/जनपद पंचायत में निर्धारित लक्ष्य के विरूद्ध 30 प्रतिशत से भी कम प्रगति होने के कारण एवं कलेक्टर/मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत की अनुशंसा के आधार पर संविदा सेवा समाप्त की गई है। जी नहीं। जिला समन्वयक/ब्लाक समन्वयक का दायित्व योजना का क्रियान्वयन किया जाना है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हितग्राहियों को पेंशन राशि का भुगतान
62. ( क्र. 6584 ) श्री वीरसिंह पंवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी, 2014 से दिसम्बर 2015 तक की अवधि में जिला सतर्कता एवं मूल्यांकन समिति रायसेन की बैठक में विभिन्न योजनाओं में पेंशन प्राप्त कर रहे हितग्राहियों को प्रतिमाह एवं समय पर पेंशन भुगतान के संबंध में क्या क्या निर्देश दिये गये तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) रायसेन जिले में हितग्राहियों को प्रतिमाह पेशन भुगतान पत्र मान.मंत्री, कलेक्टर, सी.ई.ओ., जिला पंयायत रायसेन को 1.1.14 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में कब-कब प्राप्त हुए? (ग) उक्त पत्रों पर आज दिनांक तक क्या क्या कार्यवाही की गई यदि नहीं, तो क्यों कारण बतायें? (घ) विकासखण्ड सिलवानी की ग्राम पंचायत देवरी (मढि़या) करतौव, कोलुआ, कुण्डाली, साईंखेड़ा, तिनधरा, अमगंवा, चैनपुर, चंदपुरा पोनार के हितग्राहियों को किस माह तक की पेंशन का भुगतान हुआ तथा नवम्बर 15 से अभी तक किन-किन दिनांकों में कितनों को हुआ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) 1 जनवरी, 2014 से दिसम्बर 2015 तक की अवधि में जिला सतर्कता एवं मूल्यांकन समिति रायसेन की बैठक में विभिन्न पेंशन योजनाओं में पेंशन प्राप्त कर रहे हितग्राहियों को समय पर पेंशन भुगतान करने एवं जिन व्यक्तियों को 4 से 6 माह की पेंशन का भुगतान नहीं किया गया है, उन्हें ऐरियर के साथ भुगतान कराये जाने के निर्देश दिये गये, साथ ही ऐसी व्यवस्था बनाई जाये कि किसी भी हितग्राही को पेंशन भुगतान में विलंब न हो। जिस प्रकार अधिकारी/कर्मचारियों को वेतन प्रतिमाह प्राप्त होता है, ऐसी व्यवस्था पेंशनधारियों के लिए भी की जावे। उक्त निर्देशों के परिपालन में समस्त जनपद पंचायतों के माध्यम से पेंशन हितग्राहियों को प्रतिमाह समय पर पेंशन का भुगतान किया जा रहा है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के पत्रक ’’अ’’ अनुसार। (ग) प्राप्त पत्रों में दिये गये निर्देशानुसार हितग्राहियों को पेंशन प्रतिमाह समय पर पेंशन भुगतान की समुचित व्यवस्था करने हेतु संबंधित जनपद पंचायत/नगर निकायों को जिला स्तर से जारी किए गये निर्देश/ कार्यवाही विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के पत्रक ’’ब’’ अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश ’’घ’’ अंतर्गत विकासखण्ड सिलवानी की उल्लेखित ग्राम पंचायतों के हितग्राहियों को माह फरवरी 2016 तक की पेंशन का भुगतान किया जा चुका है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के पत्रक ’’स’’ अनुसार।
साधिकार योजना व रतलाव व अशोक नगर जिले में बी.पी.एल. कार्ड
63. ( क्र. 6594 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम जिले में साधिकार योजना प्रारंभ की गई है व इसे सम्पूर्ण म.प्र. में लागू किया जा रहा है? यदि हाँ, तो उक्त योजना के संबंध में सम्पूर्ण विवरण देवें? साथ ही उक्त योजना अंतर्गत रतलाम जिले के जावरा एवं पिपलोदा विकासखण्ड में कितने हितग्राहियों को किस-किस योजना का लाभ दिया गया है? (ख) अशोक नगर जिले के मुगावली एवं रतलाम जिले के जावरा एवं पिपलोदा विकासखण्ड के किस-किस ग्राम पंचायत में कितने बी.पी.एल. अपात्र हितग्राहियों के नाम हटायें गये व कितने पात्र हितग्राहियों के नाम जोड़े गये है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। रतलाम जिले के जावरा एवं पिपलौदा विकासखण्ड में हितग्राहियों को योजनाओं का लाभ देने संबंधी जानकारी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार। (ख) अशोकनगर जिले के मुगावली विकासखण्ड में साधिकार अभियान के अंतर्गत कोई भी अपात्र व्यक्ति नहीं पाये जाने से बी.पी.एल. सूची में से किसी भी हितग्राही का नाम नहीं काटा गया एवं जिला रतलाम के जावरा एवं पिपलौदा विकासखण्ड में भी पूर्व में बी.पी.एल. में दर्ज किसी हितग्राही को अपात्र किया जाकर नाम नहीं हटाया गया है। मुगावली, जावरा एवं पिपलौदा विकासखण्डों की ग्राम पंचायतों में बी.पी.एल. पात्र हितग्राहियों के नाम जोड़ने संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार।
किसानों के बीमा राशि जिला सहकारी बैंक द्वारा प्रीमियम
64. ( क्र. 6595 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश राजपत्र दिनांक 15.05.15 एवं 04.06.15 में राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना अन्तर्गत तहसील स्तर पर मौसम खरीफ 2015 की फसलों के लिये परिभाषित क्षेत्र घोषित किये गये थे जिसमें तहसील पिपलौदा जिला रतलाम के पटवारी हल्का नं. 17 ग्राम बरखेड़ी का उल्लेख नहीं होने से जिला सहकारी बैंक रतलाम द्वारा ऋण कृषकों की प्रीमियम नहीं ली जिससे ग्राम बरखेड़ी के किसानों को बीमा क्लेम नहीं मिल पाया क्यों? (ख) क्या पटवारी हल्का नं. 17 बरखेड़ी तहसील पिपलोदा जिला रतलाम के जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के ऋणी किसानों की फसल बीमा प्रीमियम लेने हेतु शासन जिला सहकारी बैंक को निर्देश देगा या गांव का नाम जोड़ने हेतु पुन: राजपत्र में जोड़ने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना केन्द्र एवं राज्य सरकार के सहयोग से तथा केन्द्र द्वारा प्राप्त दिशा निर्देशों के आधार पर एग्रीकल्चर इन्श्योरेन्स कम्पनी आफ इण्डिया लिमिटेड द्वारा क्रियान्वित की जा रही है। जिला कलेक्टरों द्वारा अधिसूचना जारी करने हेतु पटवारी हल्कावार 100 हेक्टर से अधिक बोये गये रकबों की जानकारी आयुक्त भू-अभिलेख ग्वालियर को प्रेषित की जाती है। उक्त जानकारी उनके अनुमोदन होने के पश्चात् अधिसूचना में प्रकाशित की जाती है। यदि उक्त जारी अधिसूचना में किसी प्रकार का संशोधन किया जाना हो तो निर्धारित तिथि के पूर्व प्राप्त होने पर संशोधित अधिसूचना जारी की जाती है। 15 मई 2015 एवं 04.06.15 में प्रकाशित रतलाम जिले की जारी अधिसूचना में किसी भी प्रकार का संशोधन प्राप्त न होने से संशोधित अधिसूचना जारी नहीं की गई है। (ख) अधिसूचना का प्रकाशन संबंधित जिले के अधीक्षक भू-अभिलेख द्वारा प्राप्त प्रस्ताव के आधार पर किया जाता है। अधीक्षक भू-अभिलेख जिला रतलाम द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव में तहसील पिपलोदा पटवारी हल्का नंबर 17 बरखेडी का प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ। जिसके कारण उक्त पटवारी हल्का अधिसूचित नहीं किया जा सका। संशोधित अधिसूचना का समयावधि निकल जाने से संशोधित अधिसूचना जारी किया जाना संभव नहीं है।
शासकीय भूमि व भवनों पर अतिक्रमण
65. ( क्र. 6598 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुगावली के विधायक ने अशोकनगर के कम्युनिस्ट पार्टी के नेता बाबूलाल यादव एडवोकेट के एक पत्र को गतवर्ष अग्रेषित किया था, जिसमें शासकीय भूमि पर अतिक्रमण का विवरण दिया था? इस संबंध में क्या कार्यवाही की गई? (ख) मुगावली के विधायक ने एस.डी.ओ. मुगावली चंदेरी जिलाधीश अशोकनगर व आयुक्त ग्वालियर तथा प्रमुख सचिव राजस्व को अशोकनगर जिले में शासकीय भूमि व भवनों पर अतिक्रमण को हटाने के बारे में पिछले 2 वर्ष में कितने पत्र कब-कब लिखे? उनका विवरण देते हुए बताएं कि शासन ने उन पत्रों पर क्या कार्यवाही किन-किन प्रकरणों में की, अतिक्रमण भवन व भूमि का नाम देते हुए बतावें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जिसके संबंध में तहसीलदार अशोकनगर से जाँच करायी गई, कस्बा अशोकनगर के शासकीय सर्वे नं. 497/1 मिन रकबा 0.011 हे. खाना नंबर 3 में शिवाजीराव भालचंद राव लीला आत्मज केशवराव मराठा के नाम दर्ज है एवं खाना नं. 12 में तहसीलदार अशोकनगर द्वारा प्र.क्र. 32 अ 6 /2008-09 आ. दि. 08.07.2009 से शासकीय दर्ज है। सर्वे नंबर 501/1 रकवा 0.366 हे., 505/1 रकवा 0.418 हे., 518/1 रकवा 0.010 हे., 520, 521 रकवा 0.806 हे., 530 मिन, 531 मिन, 532, 533 मिन, 534 मिन 2, 535/2, 538 मिन रकवा 1.432 हे. सर्वे नं. 555/2 मिन 1 रकवा 1.045 हे., 507/2 रकवा 0.188 हे., 564/1 मिन 2 रकवा 0.094 हे., 572/2 मिन 1 रकवा 1.077 हे., 582/3 रकवा 0.026 हे., 583/1 रकवा 0.104 हे., 584/2 मिन 1 रकवा 0.175 हे., 585/1 मिन 2 रकवा 0.264 हे., 586 मिन 1, 587 मिन, 589, 590 मिन, 591 मिन, 592 मिन, 594 मिन, 595 रकवा 0.063 हे., वर्तमान अभिलेख में खाना नंबर 3 में भालचंदराव, शिवाजीराव, लीला आत्मज केशवराज मराठा के नाम एवं खाना नंबर 12 में तहसीलदार अशोकनगर के प्र.क्र. 32 अ 6/2008-09 आ. दिनांक 08.07.2009 से शासकीय घोषित दर्ज है। इन्ही नंबरों में कॉलोनी बनी है। जिसमें करीबन 5000 मकान बने हुये है। सर्वे नं. 555/2 मिन 1 रकवा में बाउन्ड्रीवाल है। जिस पर तहसीलदार अशोकनगर द्वारा स्थगन दिया जा चुका हैं। इन सभी नंबरों पर प्रकरण ग्वालियर के उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। सर्वे नं. 556 रकवा 369 हे. वर्तमान अभिलेख में तालाब तुलसी सरोबर दर्ज है। सर्वे नंबर 581 रकवा 0.021 हे. आनंदपुर ट्रष्ट के नाम दर्जे है। प्र.क्र. 8 अ 68/2013-14 आदेश दिनांक 10.12.2014 द्वारा अतिक्रमक गजराज सिंह पुत्र आलोल सिंह यादव निवासी खानपुर तहसील चंदेरी को म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 के तहत 10000/- रूपये का अर्थदण्ड आरोपित कर बेदखल करने का आदेश पारित किया गया तथा अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जा रही थी। आवेदक द्वारा मान. उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर के प्रकरण क्र. डब्ल्यू.पी. 8034 आदेश दिनांक 22.12.2014 द्वारा न्यायालय के विरूद्ध स्थगन प्राप्त कर लिया गया। इस कारण माननीय न्यायालय के आदेश के परिपालन में प्रकरण में आगामी आदेश तक कार्यवाही स्थगित की गई थी। वर्तमान में सत्र न्यायाधीश अशोकनगर के न्यायालय में प्रकरण क्र. 80 अ 15 अपील दीवानी विचाराधीन है एवं स्थगन जारी है। अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही माननीय न्यायालय में विचाराधीन प्रकरण के निराकरण पश्चात् ही की जा सकती है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
विकलांग व्यक्तियों का पेंशन का प्रदाय
66. ( क्र. 6633 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र जौरा में कितने विकलांग व्यक्ति पंजीकृत हैं और उन्हें क्या-क्या सुविधा दी जा रही है? पंचायतवार जानकारी दी जा सकेगी? (ख) क्या विकलांग पेंशनधारियों की पेंशन प्रतिमाह नहीं दी जा रही है? पेंशन अवरूद्धता के क्या कारण हैं? (ग) वर्ष 2013-14, 2014-15 में विकलांगों की सुविधा पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई और की गई राशि लक्ष्य पूर्ति से कम थी या अधिक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विधान सभा क्षेत्र जौरा में 1311 निःशक्तजन पंजीकृत है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ एवं ‘‘ब‘‘ अनुसार है। (ख) जी नहीं। समग्र पोर्टल पर पंजीकृत समस्त पेंशनधारियों को प्रतिमाह उनके बैंक/ पोस्ट आफिस खाते में राशि का भुगतान नियमित रूप से किया जा रहा है। (ग) उत्तरांश ‘क‘ में उल्लेखित पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के पत्रक ‘अ‘ एवं ‘ब‘ में योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2013-14 में निःशक्तों की सुविधा पर रु.21.70 लाख एवं वित्तीय वर्ष 2014-15 में रु.23.81 लाख की राशि व्यय की गई। समस्त पात्र निःशक्तजनों को योजनान्तर्गत नियमानुसार लाभान्वित किया जाता है, राशि व्यय करने का लक्ष्य निर्धारित नहीं है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क निर्माण
67. ( क्र. 6717 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शाजापुर जिले से कालापीपल-अमलाय रोड़ से कुमेर तक एवं पिपलिया नगर से बावड़िया मैना तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत सड़क का निर्माण किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कार्य की प्रशासकीय/तकनीकी स्वीकृति की प्रति देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मार्गों के निर्माण कार्य के कार्यादेश की प्रति देवें। कार्यादेश अनुसार कार्य पूर्ण करने की अवधि कब तक है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मार्गों का निर्माण स्वीकृत प्राक्कलन के अनुसार कराया जा रहा है? प्राक्कलन में सड़कों का निर्माण कितनी लंबाई में होना है। सड़कवार कि.मी में लंबाई बतायें? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सड़कों का निर्माण कब तक पूर्ण हो जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत शाजापुर जिले में कालापीपल-अमलाय रोड से कुमेर तक एवं पिपलिया नगर से बावडि़या मैना तक सड़क निर्माण कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति पैकेज क्रमांक एम.पी. 39-81 के अंतर्गत प्रशासकीय स्वीकृति आदेश की तालिका के सरल क्रमांक 166 के अनुसार जारी की गयी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। कार्यादेश अनुसार प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सड़कों का निर्माण कार्य को पूर्ण कराने की अवधि दिनांक 15.09.2014 तक थी। (ग) जी हाँ, प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सड़कों का निर्माण कार्य स्वीकृत डी.पी.आर. एवं कार्य स्थल की आवश्यकतानुसार कराया जा रहा है। डी.पी.आर. के अनुसार कालापीपल अमलाय रोड से कुमेर तथा पिपलिया नगर से बावड़िया मैना सड़क का निर्माण कार्य क्रमशः 2.29 कि.मी. एवं 3.50 कि.मी. लंबाई में कराया जाना है। (घ) निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
मण्डी निधि से सड़क निर्माण कार्य
68. ( क्र. 6730 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2015-16 में प्रश्न दिनांक तक मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड द्वारा सड़क निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो किस-किस जिले में कौन-कौन सी सड़क निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई है? (ख) राजगढ़ जिले की सारंगपुर विधान सभा क्षेत्र अतंर्गत कौन-कौन सी सड़क निर्माण हेतु अधोहस्ताक्षरकर्ता द्वारा माननीय मंत्री महोदय किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग म.प्र. शासन भोपाल एवं प्रबंध संचालक, म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड, भेापाल को पत्र लिखा? (ग) क्या अधोहस्ताक्षरकर्ता द्वारा प्रेषित किये गये पत्रों में उल्लेखित सड़कों में से कितनी सड़क निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई है? (घ) क्या विधान सभा क्षेत्र सारंगपुर के दुर्लभ मार्ग ग्राम दुग्या से पाड़ल्यामाता तक सड़क एवं ग्राम दोबड़ाजमीदार से खुजनेर तक निर्माण की स्वीकृति मण्डी निधि से प्रदान की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। किसान सड़क निधि से स्वीकृत सड़क कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) वर्तमान तक प्रेषित कोई सड़क कार्य की स्वीकृति प्रदान नहीं की गई है अपितु किसान सड़क निधि की साधिकार समिति की बैठक में रखे जाने वाले एजेंडा में सम्मिलित किया गया है। वर्तमान में समिति की बैठक की तिथि निर्धारित नहीं है। (घ) किसान सड़क निधि की साधिकार समिति की बैठक में रखे जाने वाले एजेण्डा में सम्मिलित किया गया है, समिति की बैठक निर्धारित नहीं होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मीनियल पद का नियमितीकरण
69. ( क्र. 6739 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के प्रत्येक विभाग में मीनियल के कितने-कितने पद स्वीकृत हैं तथा उस पर कितने-कितने कार्यरत हैं? (ख) क्या प्रत्येक विभाग में मीनियल के पद पर कार्यरत कर्मचारियों को नियमित स्थापना पद से वेतन का भुगतान किया जा रहा है? (ग) प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में यदि हाँ, तो मीनियल के पद को नियमित स्थापना का पद मान्य कर अन्य चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भांति क्रमोन्नति, पदोन्नति एवं अन्य भत्तों का लाभ दिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ग) के प्रकाश में यदि हाँ, तो इस तरह का शासनादेश कब तक प्रसारित किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) कार्यालय कलेक्टर जिला रीवा के राजस्व स्थापना के अंर्तगत मीनियल का पद स्वीकृत नहीं है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) से (घ) प्रश्नांश ‘‘क’’ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्य फसलों के रूप में विनिर्दिष्ट फसलें
70. ( क्र. 6748 ) श्रीमती अर्चना चिटनिस : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में कौन-कौन सी फसलें मुख्य फसलों के रूप में विनिर्दिष्ट की गई हैं? विगत पाँच वर्षों में फसलवार उत्पादन की जानकारी प्रदान करें? (ख) क्या मान. मुख्यमंत्री द्वारा कृषि आधारित उद्योगों की स्थापना करने के निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं? किस जिले में कब-कब और कितने कृषि आधारित उद्योगों की स्थापना की जा सकी है? (ग) क्या कृषि विभाग के द्वारा कृषि आधारित उद्योगों की स्थापना के लिए इससे संबंधित अन्य विभागों से समन्वय स्थापित कर कोई कदम उठाया जा रहा है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश में उद्योगों की स्थापना हेतु उद्योग संवर्धन नीति 2014 लागू की गई है, जो कृषि आधारित उद्योगों को बढावा देने के लिए भी है। कृषि आधारित उद्योगों की स्थापना की जिलेवार जानकारी संकलित की जा रही है। (ग) उत्तरांश 'ख' अनुसार।
अनुदान योजनाओं का क्रियान्वयन
71. ( क्र. 6754 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा संचालित सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर मैकेनाईजेशन में हितग्राहियों के लक्ष्य अनुरूप चयन की क्या व्यवस्था है? क्या प्रावधान अनुसार कृषि समिति एवं क्षेत्रीय विधायक का अनुमोदन आवश्यक है? चयन प्रक्रिया से संबंधित शासनादेश/निर्देश उपलब्ध करावें? (ख) क्या विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत 2015-16 में कितने कृषकों को अनुदान पर कृषि यंत्रों का वितरण किया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) में वितरित यंत्रों के लिये, क्या समारोह किया गया? यदि नहीं, तो विभाग के इस संबंध में क्या निर्देश है, कृपया निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत 2015-16 में 202 कृषकों को अनुदान पर कृषि यंत्रों का वितरण किया गया। (ग) जी नहीं। कृषि यंत्र वितरण हेतु समारोह आयोजित करने के कोई निर्देश नहीं है।
जिला मुरैना में जन शिकायत निवारण शिविरों की संख्या
72. ( क्र. 6772 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले में वर्ष 2014, 2015 में कितने जन शिकायत निवारण शिविर, सम्मेलन किये गये वर्ष दिनांक, स्थान सहित पूर्ण जानकारी दी जावे? (ख) उक्त शिविरों में कितने प्रकरणों का निराकरण हुआ वर्षवार संख्या सहित जानकारी दी जावें? (ग) उक्त शिविरों में किस स्तर के अधिकारी रहे क्या सभी विभागों के अधिकारियों के आने की अनिवार्यता की सूचना दी गई थी?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही हैं।
जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों द्वारा ऋण वितरण
73. ( क्र. 6789 ) श्री सचिन यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों द्वारा खरीफ 2015 में कितना ऋण वितरित किया गया एवं वितरित ऋण के विरूद्ध कितनी ऋण राशि को फसल बीमा एवं मौसम आधारित बीमा किया गया जिलेवार जानकारी दें? (ख) क्या खरगोन जिला सहकारी बैंक द्वारा खरगोन एवं बड़वानी जिले के अधिसूचित फसलों के वितरित ऋण का बीमा नहीं कराया गया? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है और उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? (ग) खरीफ 2015 में सूखे के कारण आर.बी.सी. के नियमों के तहत खरगोन एवं बड़वानी जिलों में कितने प्रतिशत फसल राशि का आंकलन किया गया? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या आर.बी.सी. के प्रावधानों के तहत राहत राशि वितरण के लिए तथा अनावरी प्रमाण पत्रों में बतायी गयी राशि में अंतर है? यदि हाँ, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) खरीफ 2015 में अधिसूचित क्षेत्र में अधिसूचित फसल हेतु खरगोन जिले में 46163 कृषकों को वितरित अल्पावधि कृषि ऋण राशि रूपये 710.14 करोड़ तथा बड़वानी जिले में 35220 कृषकों को वितरित अल्पावधि कृषि ऋण राशि रूपये 601.09 करोड़ का फसल बीमा प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों द्वारा नहीं कराया गया है। प्रथम दृष्टया संबंधित समितियों के प्रबंधक, संचालक मण्डल तथा जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, खरगोन के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं अन्य अधिकारी। दोषियों के विरूद्ध उत्तरदायित्व निर्धारण कर कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए गए। (ग) खरगोन जिले में खरीफ 2015 में सूखे के कारण फसल क्षति नहीं हुई थी। वायरस जनित रोग से मिर्च फसल में 25 से 33 प्रतिशत तक एवं 33 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति का आंकलन किया गया था। बड़वानी जिले में खरीफ 2015 में सूखे के कारण हुई फसल क्षति के लिए आर.बी.सी. 6-4 के नियमों के तहत 25 से 33 प्रतिशत तक एवं 33 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति का आंकलन किया गया था। (घ) प्रश्नांश ‘ग’ के परिप्रेक्ष्य में आर.बी.सी. 6-4 के प्रावधानों के तहत प्राकृतिक आपदाओं से हुई फसल क्षति के लिए प्रभावितों को राहत राशि का वितरण किया जाता है, आनावारी के आधार पर नहीं किया जाता। अतः राशि में अंतर का प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
किसानों को रियायती ब्याज दर पर योजनाओं का संचालन
74. ( क्र. 6790 ) श्री सचिन यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किसानों को दी जा रही मध्यप्रदेश सरकार की रियायती ब्याज दर पर कितनी योजनाओं पर सहकारी संस्थाओं के माध्यम से क्रियान्वित की जा रही है? (ख) विगत पाँच वर्षों में दर्शायी गई योजनाओं के लिए मध्यप्रदेश में कार्यरत सहकारी संस्थाओं के माध्यम से जो कृषि साख उपलब्ध करायी गयी है कितने कृषकों को कितनी राशि की सुविधा दी गई है? (ग) शीर्ष सहकारी संस्थाओं के द्वारा शासन की योजनाओं के लिए दी गई छूट की कितनी राशि मध्यप्रदेश सरकार से लेना शेष है? छूट की राशि प्राप्त न होने से क्या सहकारी समितियों को हानि नहीं हो रही है? यदि हाँ, तो मध्यप्रदेश सरकार इन समितियों के लिए किस प्रकार भरपाई की योजना बना रही है? हाँ तो बतायें नहीं तो कारण दें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) कृषकों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर अल्पावधि कृषि ऋण, प्राकृतिक आपदा की स्थिति में अल्पावधि ऋणों को मध्यावधि ऋणों में परिवर्तन एवं मछुआरों हेतु मछली पालन (फिशरमैन) क्रेडिट कार्ड योजना क्रियान्वित की जा रही है। (ख) वर्षवार एवं योजनावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) शून्य प्रतिशत ब्याज दर योजना में राज्य शासन से कोई राशि लेना शेष नहीं है एवं प्राकृतिक आपदा के फलस्वरूप अल्पावधि कृषि ऋणों को मध्यावधि ऋणों में परिवर्तन करने पर ब्याज अनुदान योजना की राशि रूपये 27,62,70,498/- राज्य शासन से प्राप्ति योग्य है। जी नहीं। बजट में प्रावधान कर प्राप्ति योग्य राशि उपलब्ध कराई जा रही है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर के वैज्ञानिकों का स्थानान्तरण
75. ( क्र. 6803 ) श्री गोपाल परमार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजमाता विजियाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर के अंतर्गत कृषि विज्ञान केन्द्रों के कौन-कौन से अधिकारियों एवं वैज्ञानिकों के स्थानांतरण दिनांक 01/03/2013 से 01/04/2014 के मध्य किये गये हैं? इनमें से किन-किन अधिकारियों एवं वैज्ञानिकों के विरूद्ध शिकायत की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या इनके खिलाफ कोई विभागीय जाँच थी जो प्रबंध मण्डल द्वारा अनुशंसित थी? (ग) क्या विश्वविद्यालय की ऐसी कोई नीति है जिसमें दोषी अधिकारी को पुन: उसी स्थान पर अथवा प्रशासनिक आधार पर स्थानांतरित किये गये कर्मचारी को अल्प समय में पुन: मूल स्थान पर पदस्थ किया जाए।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) विश्वविद्यालय अंतर्गत कृषि विज्ञान केन्द्रों में दिनांक 01.03.2013 से 01.04.2014 के मध्य स्थानांतरित किये गये अधिकारियों एवं वैज्ञानिकों की जानकारी परिशिष्ट अनुसार है। डॉ.ए.के.दीक्षित, वरिष्ठ वैज्ञानिक, उज्जैन एवं डॉ. विनोद राजपूत वैज्ञानिक,कृषि विज्ञान केन्द्र, खंडवा के विरूद्ध शिकायत की गई थी। (ख) जी नहीं, विभागीय जाँच प्रबंध मण्डल द्वारा अनुशंसित नहीं थी। (ग) जी नहीं, ऐसी कोई नीति नहीं है।
कृषि विज्ञान केन्द्र उज्जैन
76. ( क्र. 6805 ) श्री गोपाल परमार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले की सोयाबीन का औसत उत्पादन पिछले पाँच वर्षों के आधार पर, अवगत करायें एवं कृषि विज्ञान केन्द्र, उज्जैन का औसत सोयाबीन उत्पादन पिछले पाँच वर्षों के आधार पर अवगत करावें? (ख) कृषि विज्ञान केन्द्र, उज्जैन के सोयाबीन उत्पादन में आई कमी के लिये जवाबदार प्रभारी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की गई की नहीं? यदि हाँ, तो कब तक की जावेगी? (ग) क्या प्रभारी अधिकारी, कृषि विज्ञान केन्द्र, उज्जैन ने दिनांक 23/07/2014 को कृषक से सामान्य सोयाबीन भी खरीदकर, उसके उत्पादन को प्रजनक बीज घोषित किया है क्या यह सही है तो ऐसे अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी तो कब तक? (घ) विगत पाँच वर्षों में, कृषि विज्ञान केन्द्र, उज्जैन पर डायरेक्टर रिसर्च एवं एक्सटेंशन के निरीक्षण में उपरोक्त बिंदुओं पर प्रकाश डाला गया। यदि हाँ, तो कृषि विज्ञान केन्द्र प्रभारी पर कार्यवाही की गई की नहीं तो कब तक कर दी जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सोयाबीन के प्रजनक बीज का उत्पादन कार्यक्रम भारत सरकार की मांग के अनुसार चिन्हित किस्मों को ही शामिल किया जाता है जिसमें शीघ्र मध्यम एवं विलम्ब से पकने वाली प्रजातियों का समावेश होता है। प्रजनक बीज उत्पादन कार्यक्रम में उत्पादकता की अपेक्षा अनुवांशिक शुद्धता एवं उच्च गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाता है और उत्पादन कार्यक्रम भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के मापदण्डों के अनुसार किया जाता है। जिसके लिए निर्धारित पृथक्करण दूरी एवं रोगिंग इत्यादि महत्वपूर्ण क्रियायें हैं। सोयाबीन उत्पादन में कमी वातावरणीय परिस्थितियों (जैसे-अतिवर्षा एवं फूल एवं फली बनने की अवस्था में पानी की कमी या वर्षा या अधिक तापमान) में बदलाव के कारण उत्पन्न कृषि उत्पादन परिस्थितियों के कारण हुआ है। अत: प्रभारी अधिकारी के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई है। (ग) कृषि विज्ञान केन्द्र उज्जैन द्वारा किसी प्रकार का सामान्य सोयाबीन का प्रजनक बीज उत्पादन में उपयोग नहीं किया गया है। विश्वविद्यालय द्वारा आवंटित बीज का ही उपयोग किया गया है। इसलिए कार्यवाही का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता। (घ) विगत पाँच वर्षों में डायरेक्टर रिसर्च द्वारा क्षेत्रीय कृषि अनुसंधान केन्द्र/कृषि विज्ञान केन्द्र उज्जैन पर चल रही गतिविधियों एवं बीज उत्पादन में सुधार हेतु प्रक्षेत्रों की वार्षिक एवं छमाही समीक्षा बैठक एवं भ्रमण के दौरान सुधार हेतु मौखिक रूप से आवश्यकता अनुसार उचित निर्देश एवं सुझाव दिये गये। केन्द्र पर कोई गंभीर अनियमितता नहीं पाई गई।
शासकीय भूमि पर अतिक्रमण
77. ( क्र. 6810 ) श्री गोपाल परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आगर जिले में कितने उच्चतर माध्यमिक विद्यालय/हाईस्कूल विद्यालय हैं? क्या इन विद्यालयों को शासकीय भूमि आवंटित की गई है? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी जमीन आवंटित है खसरा बी-1 एवं क्षेत्रफल बतावे। क्या इनका सीमांकन किया गया है तो कब? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त भूमि पर अवैध रूप से अतिक्रमण किया गया है? यदि हाँ, तो किन-किन के द्वारा किया गया है? अतिक्रमण हटाने के लिये शासन ने क्या-क्या कार्यवाही की है? अतिक्रमण हटाने के लिये कौन विभाग जिम्मेदार है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही जिम्मेदार विभाग द्वारा कब तक कर दी जावेगी? यदि नहीं, की जाती है तो इसके लिये कौन अधिकारी जिम्मेदार है शासन उक्त दोषी अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जिला आगर मालवा अंतर्गत 19 उच्चतर माध्यमिक विद्यालय एवं 31 हाईस्कूल विद्यालय है इस प्रकार कुल 50 विद्यालय में से 18 विद्यालय भवनविहीन है तथा 38 विद्यालय को भूमि आवंटित की गई है। जमीन आवंटन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। सीमांकन की मांग न होने से सीमांकन नहीं किया गया। (ख) एवं (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
चरनोई भूमि
78. ( क्र. 6817 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले के किस ग्राम में चरनोई की कितनी-कितनी भूमि है, ग्रामवार सर्वे क्रमांक एवं रकबा सहित सूची उपलब्ध कराई जावें? (ख) कंडिका (क) में वर्णित चरनोई की भूमि किस उपयोग में ली जा रही है, क्या उक्त भूमि पर गायें चरती है या उन पर लोगों ने कब्जे कर रखे हैं, यदि कब्जे हैं तो किन के हैं उनकी सूची ग्रामवार उपलब्ध करायें। शासन द्वारा कब्जे हटाने बावत् कब-कब एवं क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या प्रत्येक ग्राम में चरनोई की भूमि है उन पर लोगों के अवैध कब्जे है गायों को चरने के लिये कोई स्थान नहीं है परिणाम स्वरूप गायें आवारा पशुओं की श्रेणी में आ गई है? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन-कौन उत्तरदायी है उनके खिलाफ अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (घ) क्या शासन द्वारा इन चरनोई की भूमियों पर पशुओं की व्यवस्था स्वरूप कोई योजना बनाई गई है? यदि नहीं, तो क्या भविष्य में बनायी जायेगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक बनाई जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ग्राम पंचायतों में अपूर्ण तथा अप्रारंभ कार्य
79. ( क्र. 6830 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सोनकच्छ विधान सभा क्षेत्र की पंचायतों में वर्ष 2014-15, 2015-16 में कितने निर्माण कार्य स्वीकृत हुए है? (ख) स्वीकृत निर्माण कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण हो चुके है कितने पर कार्य प्रगति पर है तथा कितने कार्य अप्रारंभ है। (ग) अपूर्ण तथा अप्रारंभ कार्यों को कब तक पूर्ण कराया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) सोनकच्छ विधान सभा क्षेत्र की जनपद पंचायत सोनकच्छ एवं टोंकखुर्द अंतर्गत ग्राम पंचायतों में वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में कुल 3661 निर्माण कार्य स्वीकृत हुये है। (ख) कुल स्वीकृत 3661 निर्माण कार्यों में से 2207 कार्य पूर्ण, प्रगतिरत कार्य 1413 एवं अप्रारंभ कार्य 41 है। (ग) अपूर्ण तथा अप्रारंभ कार्यों को शीघ्र ही पूर्ण किया जायेगा।
ग्राम पंचायतों के अंतर्गत मार्ग एवं पुल-पुलियों का निर्माण
80. ( क्र. 6833 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सोनकच्छ विधान सभा क्षेत्र में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा अंतर्गत वर्ष 2014-15, 2015-16 में कितने मार्ग एवं पुल-पुलिया कौन-कौन से मद से स्वीकृत किये गये है? (ख) प्रश्नांश (क) के अन्तर्गत सोनकच्छ विधान सभा क्षेत्र में मार्ग एवं पुल पुलिया के निर्माण हेतु कुल कितनी-कितनी राशि वर्ष 2014-16 व 2015-16 में स्वीकृत की गई। (ग) प्रश्नांश (क) के अन्तर्गत स्वीकृत मार्ग, पुल-पुलियों में से कितनों पर निर्माण कार्य चल रहा है व कितने निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके है।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) सोनकच्छ विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2014-15 में सांसद क्षेत्र विकास निधि मद से 01 पुलिया स्वीकृत की गई है एवं वर्ष 2015-16 में मुख्यमंत्री सड़क योजना अंतर्गत 01 ग्रेवल सड़क मार्ग मय 03 पुल-पुलिया स्वीकृत की गई। (ख) सोनकच्छ विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2014-15 में 01 पुलिया के लिए कुल राशि रू. 5.00 लाख एवं वर्ष 2015-16 में ग्रेवल सड़क मय 03 पुल-पुलिया हेतु राशि रू. 43.08 लाख स्वीकृत की गई। (ग) स्वीकृत मार्ग पुल-पुलिया में से 01 ग्रेवल सड़क मार्ग मय पुलिया सहित पर निर्माण कार्य चल रहा है। कोई भी निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हुआ है।
सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों को बंद करना
81. ( क्र. 6836 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन के निर्णय अनुसार क्या समस्त जिलों की जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों को बंद कर इनके कर्मचारियों को अन्य विभागों में विलय किया जाना है? यदि हाँ, तो कर्मचारियों का विलय कब तक और कौन से विभाग में किया जा रहा है? (ख) बैंक बंद करने एवं कर्मचारियों के अन्य विभागों में विलय करने के संबंध में समय पर शासन एवं सहकारिता विभाग द्वारा किन दिनांकों को क्या आदेश जारी किए गये है उनके पालन में क्या कार्यवाही की गई है? (ग) कर्मचारियों के संविलियन के संबंध में शासन द्वारा क्या प्रक्रिया बनाई गई है, यदि बनाई गई है तो उपलब्ध कराये। यदि नहीं, की गई तो क्यों और कब तक बनाई जायेगी? (घ) क्या 30 जून 2016 तक बैंको को बंद कर इनके कर्मियों को अन्य विभागों में संविलियन करने का निर्णय म.प्र. केबिनेट ने दिया, किन्तु आज दिनांक तक संविलियन की प्रक्रिया नहीं बनाई गई? यदि हाँ, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) सभी 38 जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों के ऋण व्यवसाय बन्द हो जाने से इन संस्थाओं को परिसमापन में लाये जाने हेतु मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 69 के अंतर्गत कार्यवाही किए जाने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही इन बैंकों के सेवायुक्तों को राज्य शासन के अन्य विभागों में नहीं, अपितु प्रदेश के सहकारी बैंकों/सहकारी संस्थाओं में संविलियन किए जाने हेतु संविलियन योजना लागू की गई है। संविलियन की कार्यवाही 31.07.2016 तक पूर्ण किए जाने के निर्देश हैं। (ख) बैंकों को परिसमापन में लाए जाने एवं बैंकों के सेवायुक्तों को प्रदेश के सहकारी बैंकों/सहकारी संस्थाओं में संविलियन किए जाने संबंधी राज्य शासन (सहकारिता विभाग) द्वारा जारी निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘एक’’ एवं ‘‘दो’’ अनुसार है। कर्मचारियों का शासन के अन्य विभागों में विलय किए जाने के संबंध में कोई निर्देश जारी नहीं किये गये हैं, की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘तीन’’ एवं ‘‘चार’’ अनुसार है। (ग) संविलियन की योजना विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘एक’’ अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) 30 जून 2016 तक बैंकों को बन्द कर इनके कर्मियों को अन्य विभागों में संविलियन किए जाने का निर्णय नहीं लिया गया है अपितु बैंकों को परिसमापन में लाया जाकर इनके कर्मचारियों को प्रदेश के सहकारी बैंकों/सहकारी संस्थाओं में संविलियन किए जाने हेतु संविलियन योजना लागू की गई है। संविलियन योजना में संविलियन की प्रक्रिया निर्धारित है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विभाग द्वारा संचालित योजनाएं
82. ( क्र. 6858 ) श्री वीरसिंह पंवार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के लिए वर्ष 2013-2014 से फरवरी 16 तक रायसेन एवं विदिशा जिले में किस योजना में कितना लक्ष्य निर्धारित था? किस योजना मं लक्ष्य की पूर्ति नहीं हुई तथा क्यों कारण बतायें इसके लिए कौन जवाबदार है? (ख) उक्त योजनाओं में कितने व्यक्तियों को लाभांवित किया गया? (ग) वर्ष 2013-14 से फरवरी 16 तक उक्त जिलों में किस योजना में कितनी राशि प्राप्त हुई? उक्त राशि किन कार्यों में व्यय की गई? (घ) उक्त अवधि में उक्त जिलों में किस-किस योजना में कितनी राशि लैप्स हुई तथा क्यों कारण बतायें इसके लिए कौन-कौन जवाबदार है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ख) उक्त योजनाओं में विदिशा जिले के 1,23,221 व्यक्तियों (कृषकों) एवं रायसेन जिले के 1,49,232 कृषकों को लाभांवित किया गया। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है।
समेकित वॉटर शेड प्रबंधन कार्यक्रम
83. ( क्र. 6861 ) श्री संजय शर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) समेकित वाटर शेड प्रबंधन कार्यक्रम (I.W.M.P.) में वर्तमान में रायसेन जिले में संचालित 9 परियोजनाओं में क्या-क्या कार्य कहाँ-कहाँ करवाये जा रहे है? व्यय राशि सहित पूर्ण विवरण दें? (ख) नवीन स्वीकृत 5 परियोजनाओं में किन-किन ग्रामों का चयन किस आधार पर किया गया? इसमें जनप्रतिनिधियों की क्या-क्या भूमिका है? उक्त ग्रामों में क्या-क्या कार्य करवाये जावेंगे? (ग) रायसेन जिले में किन-किन जल ग्रहण समितियों के वाटरशेड विकास निधि के खाते में फरवरी 16 की स्थिति में कितनी राशि उपलब्ध है? उक्त राशि से क्या कार्य कराये जा सकते हैं? उक्त राशि व्यय क्यों नहीं की जा रही है? (घ) उक्त राशि कब तक व्यय की जावेगी तथा इस संबंध में सी.ई.ओ. को किन विधायकों के पत्र प्राप्त हुए? उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) चयनित ग्रामों व चयन के आधार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। स्वीकृत परियोजनाओं में वॉटरशेड समिति का गठन किया जाता है, जिसके पदेन अध्यक्ष संबंधित ग्राम पंचायत के सरपंच होते है। स्वीकृत ग्रामों में आस्थामूलक कार्य, वाटरशेड विकास कार्य, आजीविका विकास कार्य, कृषि उत्पादन एवं लघु उद्यम तथा संस्थापन एवं क्षमता निर्माण के कार्य कराये जाते है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। विकास निधि के खाते की राशि स्व-सहायता समूहों को परिक्रामी निधि की राशि प्रदाय करने एवं शासकीय व सामुदायिक भूमि पर किये गये कार्यों/निर्मित संरचनाओं व परिसम्पत्तियों की मरम्मत/अनुरक्षण के लिए व्यय की जाती है। चूंकि परियोजनाओं के अंतर्गत स्व-सहायता समूहों को परिक्रामी निधि की राशि अभी प्रदाय नहीं की गई है एवं परियोजनाओं का द्वितीय चरण समाप्त नहीं हुआ है, अतः विकास निधि के खाते की राशि प्रावधानित कार्यों हेतु व्यय नहीं की गई है। (घ) स्व-सहायता समूहों को परिक्रामी निधि की राशि प्रदाय किये जाने पर तथा परियोजनाओं के द्वितीय चरण के पश्चात् प्रश्नाधीन राशि व्यय की जावेगी। आई.डब्ल्यू.एम.पी. योजना अंतर्गत विकास निधि के व्यय हेतु माननीय विधायकगणों के पत्र प्राप्त नहीं हुए है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नायब तहसीलदार के रिक्त पदों की पूर्ति
84. ( क्र. 6862 ) श्री संजय शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में नायब तहसीलदार के कुल कितने पद स्वीकृत हैं? फरवरी 16 की स्थिति में कितने पद रिक्त हैं उक्त रिक्त पदों की पूर्ति हेतु विभाग ने क्या-क्या प्रयास/कार्यवाही की? (ख) राजस्व निरीक्षक, पटवारी, लिपिकीय संवर्ग से नायब तहसीलदार के पद हेतु विभागीय परीक्षा के संबंध में क्या निर्देश हैं इस हेतु कितने पद रिक्त हैं? (ग) सीधी भर्ती तथा विभागीय परीक्षा के माध्यम से उक्त रिक्त पदों को क्यों नहीं भरा जा रहा है? (घ) उक्त रिक्त पदों हेतु शीघ्र विभागीय परीक्षा तथा लोक सेवा आयोग के माध्यम से सीधी भर्ती हो इस हेतु विभाग क्या कार्यवाही कर रहा है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) प्रदेश में नायब तहसीलदारों के कुल 620 पद स्वीकृत है। फरवरी 2016 की स्थिति में 348 पद रिक्त है। सीधी भर्ती के माध्यम से नायब तहसीलदारों की भर्ती का प्रस्ताव/मांग पत्र लोक सेवा आयोग को भेजा गया है (ख) राजस्व निरीक्षक, पटवारी, लिपिकीय संवर्ग से नायब तहसीलदार के 93 पद पर विभागीय परीक्षा की कार्यवाही प्रचलित है इस हेतु 93 पद रिक्त है। (ग) एवं (घ) कार्यवाही प्रचलित है।
म.प्र. राज्य परिवहन निगम द्वारा पुन: बसे संचालित किया जाना
85. ( क्र. 6879 ) श्री राजकुमार मेव : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा म.प्र. राज्य परिवहन निगम बंद करते हुये निगम की बसें संचालित करना बंद कर दिया गया है? यदि हाँ, तो किस आदेश एवं दिनांक से? (ख) क्या मान. सर्वोच्च न्यायालय द्वारा भी म.प्र. राज्य परिवहन निगम बंद नहीं किये जाने के आदेश दिये गये है? यदि हाँ, तो किस आदेश एवं दिनांक से? (ग) क्या म.प्र. राज्य परिवहन निगम द्वारा संचालित बसे बंद किये जाने से तथा निजी बस मालिक/ऑपरेटरों की मनमानी से आम जनता एवं गरीब परिवारों को तथा कम दूरी की यात्रा करने वाले यंत्रियों को कई कठिनाइयां एवं परेशानियां आ रही है? (घ) प्रश्न (ग) के संदर्भ में यदि हाँ, तो शासन द्वारा क्या पुन: राज्य परिवहन निगम की बसे संचालित किये जाने हेतु विचार करेगा या कोई नीति बनाई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) मंत्रि परिषद निर्णय दिनांक 18.02.2005 द्वारा मध्यप्रदेश सड़क परिवहन निगम को बंद करने का सैद्धांतिक निर्णय लिया गया है। तद्नुसार दिनांक 30.09.2010 से मध्यप्रदेश सड़क निगम द्वारा संचालित यात्री बसों का संचालन बंद कर दिया गया है। (ख) जी नहीं, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) एवं (घ) जी नहीं, ऐसी कोई स्थिति निर्मित नहीं है और न ही ऐसी कोई शिकायत प्रकाश में आई है। ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सहकारी सोसायटियों में धान खरीदी
86. ( क्र. 6924 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र लांजी अंतर्गत सहकारी सोसायटियों में खरीफ फसलों की खरीदी जो 03 नवम्बर, 2015 से 25 जनवरी 2016 तक की गयी है, में कितने किसानों से कितनी-कितनी धान खरीदी गयी है? (ख) उनके खातों में इस खरीदी के एवज में धान की कीमत की कितनी राशि जमा की गयी है या जमा की जाएगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) 9818 किसानों से 347550 क्विंटल। (ख) धान खरीदी की संपूर्ण राशि रू. 49,00,45,500/- (उन्चास करोड़ पैंतालीस हजार पाँच सौ) संबंधित किसानों के खातों में जमा की गयी है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
व्यापारियों को प्लाट उपलब्ध कराना
87. ( क्र. 6941 ) श्री कल्याण सिंह ठाकुर : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विदिशा कृषि उपज मण्डी में नवीन निर्माणाधीन परिसर में व्यापारियों को प्लाट उपलब्ध कराये गये? (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में नहीं तो कारण सहित जानकारी दें कि व्यापारियों को अभी तक नवीन मंडी में खरीदी केन्द्र हेतु प्लाट (दुकान गोदाम) क्यों आवंटित नहीं किये गये? (ग) क्या नवीन कृषि उपज मंडी परिसर में विभाग द्वारा अत्यधिक दरों पर प्लाट विक्रय किये जाने से व्यापारियों द्वारा उक्त प्लाट क्रय नहीं किये जा रहे हैं? (घ) यदि हाँ, तो क्या शासन नवीन कृषि उपज मण्डी परिसर विदिशा में खरीदी शीघ्र प्रारंभ हो इस बाबत् व्यापारियों को कम कीमत पर प्लाट विक्रय करने के निर्देश देगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी नहीं। (ख) मंडी समिति विदिशा द्वारा 03 बार भू-खंडों की खुली नीलामी हेतु विज्ञप्ति जारी की गई किंतु किसी भी अनुज्ञप्तिधारी व्यापारी द्वारा खुली नीलामी में भाग नहीं लिया गया। इस कारण व्यापारियों को भू-खंड आवंटित नहीं किये जा सके है। (ग) जी नहीं। (घ) प्रश्नांश "ग" के उत्तर अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी स्कीम
88. ( क्र. 6957 ) श्रीमती अर्चना चिटनिस : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी स्कीम म.प्र. के अंतर्गत मजदूरी का भुगतान कितने दिनों में किये जाने का प्रावधान है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार जिला बुरहानुपर में मजदूरी का भुगतान निर्धारित समय-सीमा में किया जा रहा है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार यदि नहीं, तो बुरहानुपर जिले में मजदूरी का भुगतान कितने समय से लंबित है और कब तक कर दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत मजदूरी का भुगतान 15 दिवस में किये जाने का प्रावधान है। (ख) जी नहीं। (ग) महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत जिला बुरहानपुर में मध्य नवम्बर, 2015 से मजदूरी का भुगतान लंबित है। भारत शासन से राशि अप्राप्त है। राशि प्राप्त होने के उपरांत लंबित मजदूरी का भुगतान शीघ्र कर दिया जावेगा।
भूमि का व्यपवर्तन
89. ( क्र. 6969 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता के अंतर्गत जो भूमि कृषि प्रयोजन के लिए निर्धारित की गई हैं, एवं नगर तथा ग्राम निवेश मास्टर प्लान (विकास योजना) की परिधि में नहीं आती है, क्या भूमि-स्वामी अपनी भूमि का उपयोग होटल/रिसोर्ट के लिए करना चाहता है, तो उसे व्यपवर्तन (डायवर्सन) लेना अनिवार्य है, या नहीं? यदि हाँ, तो दिशा निर्देशों की प्रति देवें? (ख) होशंगाबाद जिले के सोहागपुर तहसील अंतर्गत ग्राम कामती, टेकापार, सारंगपुर, घोघरी, बीजाखारी, रैनीपानी, श्रीरंगपुर, क्षेत्र पर विगत 5 वर्षों में भूमि के कुल कितने व्यपवर्तन जारी किये गये, कौन-कौन होटल/रिसोर्ट/कॉलोनाईजर/ संचालक ने भूमि का व्यपवर्तन (डायवर्सन) किए गए? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) ग्रामों में व्यपवर्तन (डायवर्सन) करने पूर्व नगर तथा ग्राम निवेश विभाग का निवेश/विकास अनुज्ञा लेना अनिवार्य है? यदि हाँ, तो विगत 3 वर्षों में कितनी होटल/रिसोर्ट/कालोनाइजर/ संचालक ने नगर तथा ग्राम निवेश का विकास अनुज्ञा/अभिमत पश्चात् डायवर्सन किए गए, सूची उपलब्ध करावें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। दिशा-निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) होशंगाबाद जिले की सोहागपुर तहसील के ग्राम कामती, टेकापारा, सारेगपुर, घोघरी, बीजाखारी, रैनीपानी, श्रीरंगपुर क्षेत्र अंतर्गत विगत 5 वर्षों में 10 व्यपवर्तन आदेश जारी किये गये जिनमें से 09 व्यपवर्तन होटल/रिसोर्ट हेतु व्यवसायिक प्रयोजन हेतु एवं 1 व्यपवर्तन आवासीय प्रयोजन हेतु जारी किया गया। (ग) प्रश्नांश (ख) ग्रामों में व्यपवर्तन के पूर्व नगर तथा निवेश विभाग की अनुज्ञा लेना आवश्यक है। तहसील सोहागपुर के अंतर्गत विगत 3 वर्षों में नगर तथा निवेश की अनुज्ञा उपरांत जारी डायवर्सन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
शासन की रोक के बावजूद भूमि का विक्रय
90. ( क्र. 6973 ) श्री रामनिवास रावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला अनूपपुर स्थित अमर कंटक ताप विद्युत ग्रह चचाई के समीप पटवारी हल्का कैल्होरी अंतर्गत ग्राम देवरी की भूमि खसरा नं. 392 रकबा 40 एकड़ जो कि पूर्व में नाकाबिल काश्त जंगल दर्ज रही को वर्ष 1998 में म.प्र. विद्युत मंडल में कार्यरत सुरक्षा सैनिक स्व. रामलाल शर्मा पुत्र श्री दीनबंधु शर्मा ने राजस्व अधिकारियों से सांठ-गांठ कर अपने नाम पट्टा करवा लिया? क्या श्री रामलाल शर्मा की मृत्यु के उपरांत उसके पुत्र द्वारा भूमियों को 70-80 हजार प्रति डिसमिल के हिसाब से प्लाट बनाकर विक्रय कर दिया गया? यदि हाँ, तो अभी तक कितनी भूमि विक्रय की गई? (ख) क्या प्रश्नांश (क) की भूमि में से कुछ प्लाट पॉवर जनरेटिंग कंपनी के अमर कंटक ताप विद्युत ग्रह के कार्यपालक निदेशक श्री डी.एन. राय द्वारा वर्ष 2013 में क्रय कर रजिस्ट्री कराई गई? यदि हाँ, तो कब-कब, कितनी-कितनी भूमि क्रय की गई? (ग) क्या वर्ष 2010 में राजस्व विभाग, म.प्र. शासन द्वारा उक्त जमीन के क्रय एवं विक्रय पर रोक लगा दी थी? साथ ही प्रश्नांश (क) की भूमि जो कि नाकाबिल काश्त जंगल दर्ज थी, को राजस्व विभाग के किस आदेश से परिवर्तित की गई? (घ) क्या शासन विभाग द्वारा रोक लगाने के बाद प्रश्नांश (क) की भूमि के क्रय/विक्रय की जाँच कराकर रजिस्ट्रियों को निरस्त करने के आदेश जारी करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) ग्राम देवरी खसरा नं.392/3झ के रकबा 1.241 है. की भूमि म.प्र. विद्युत मंडल में कार्यरत सुरक्षा सैनिक श्री रामलाल पिता दीनबंधु शर्मा की मृत्यु के बाद वर्तमान अभिलेख में रामबाई बेवा रामलाल, रजनीकांत, रामभरत, दिलीपकुमार, तीनों पुत्र स्व. रामलाल के नाम दर्ज है। रामलाल एवं उसके वारिसों के द्वारा उक्त भूमि जुज रकबा कुल 0.956 है., का विक्रय किया गया है। (ख) जी हाँ, प्रश्नांश (क) की भूमि में से रकबा 0.101 है. भूमि वर्ष 2013 में क्रय की गई है। (ग) जी नहीं। तहसीलदार अनूपपुर के पत्र क्रमांक क्यू/प्रवाचक/2013 दिनांक 21.5.2013 द्वारा खसरे में व्यवस्थापन की भूमियों पर अहस्तांतरणीय दर्ज करने का आदेश जारी किया जाकर क्रय विक्रय पर रोक लगाई गई है। उक्त नाकाबिल काश्त जंगल दर्ज, भूमि को परिवर्तित किये जाने का कोई आदेश दर्ज नहीं हुआ है। (घ) उत्तरांश (ग) के आदेश दिनांक 21.5.2013 के बाद से क्रय -विक्रय नहीं किया गया है। राजस्व न्यायालय को रजिस्ट्री निरस्त किये जाने की अधिकारिता नहीं है।
सबलगढ़ तहसील अंतर्गत लंबित प्रकरण
91. ( क्र. 6986 ) श्री मेहरबान सिंह रावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सबलगढ़ विधान सभा अंतर्गत नामांतरण, फोती नामांतरण, बँटवारा एवं डायवर्सन के कितने प्रकरण कब से लंबित हैं? पृथक-पृथक जानकारी बतावें? पटवारी हल्कावार जानकारी बतावें? (ख) प्रश्न (क) के अनुसार ऐसे कितने प्रकरण हैं जो विगत 6 माह से लंबित हैं? प्रश्न (क) के अनुसार पूर्ण जानकारी देवें? उपरोक्त लंबित प्रकरणों के लिए दोषी कर्मचारी/अधिकारी का नाम बतावें? (ग) उपरोक्त लंबित प्रकरणों को कब तक निराकृत किया जाएगा एवं दोषियों पर क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) सबलगढ़ विधान सभा अंतर्गत तहसील कैलारस/सबलगढ़ में फौती नामांतरण एवं डायवर्सन के लम्बित प्रकारणों की तहसीलवार स्थिति इस प्रकार है :-
क्र. |
तहसील का नाम |
नामांतरण |
फौती |
वंटवारा |
डायवर्सन |
1. |
कैलारस |
01 |
03 |
05 |
01 |
2. |
सबलगढ़ |
32 |
01 |
27 |
09 |
योग |
33 |
04 |
32 |
10 |
विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) समस्त प्रकरण 06 माह से कम अवधि के होने से कोई भी दोषी नहीं है। (ग) उपरोक्त लंबित प्रकरणों का समय-सीमा में निराकरण किया जावेगा। दोषियों पर कार्यवाही का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
आपातकालीन क्षति में राहत राशि के भुगतान
92. ( क्र. 6987 ) श्री मेहरबान सिंह रावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले में प्राकृतिक प्रकोप से मकान क्षति, अग्नि दुर्घटना से मकान क्षति एवं अतिवृष्टि एवं ओलावृष्टि से मकान क्षति के जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितने प्रकरण स्वीकृत किए गए? (ख) उक्त पीडि़त व्यक्तियों को कितनी राशि का भुगतान किस माध्यम से हुआ? (ग) कितने पीडि़त व्यक्तियों को राशि का भुगतान क्यों नहीं हुआ? इसके लिए कौन जवाबदार है? शासन ने क्या-क्या कार्यवाही की? (घ) पीडि़त व्यक्तियों को कब तक राशि का भुगतान करवा दिया जाएगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) मकान क्षति के कुल 480 प्रकरण स्वीकृत किये गये जो निम्नानुसार हैः- 1. अग्नि दुर्घटना से 237, 2. अतिवृष्टि से 225, 3. ओलावृष्टि से 18 कुल 480 (ख) पीडि़त व्यक्तियों को कुल राशि 32,57,745/- रूपये का भुगतान ई-पेमेंट के माध्यम से किया गया है। (ग) उपरोक्त अवधि में कोई व्यक्ति भुगतान हेतु शेष नहीं है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
पूर्व सरपंच के विरूद्ध कार्यवाही
93. ( क्र. 7008 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले की जनपद पंचायत गुनौर की ग्राम पंचायत सहिलवारा के पूर्व सरपंच के विरूद्ध दिनांक 16.04.15 एवं 12.05.15 से शिकायत निवारण प्रकोष्ठ म.प्र. शासन को पी.जी. कोड 337813/2015 से एवं दूसरी शिकायत पी.जी. क्रमांक 343609, दिनांक 16.07.15 को की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी मनरेगा जनपद पंचायत गुनौर जिला पन्ना द्वारा जाँच की गई थी? जाँच प्रतिवेदन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत गुनौर जिला पन्ना द्वारा कार्यालयीन पत्र क्रमांक 818, दिनांक 08.06.2015 से जाँच प्रतिवेदन अनुविभागीय अधिकारी राजस्व गुनौर जिला पन्ना को तत्कालीन सरपंच/सचिव एवं उपयंत्री के विरूद्ध कार्यवाही किया जाना प्रस्तावित किया गया था? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, की गई तो कब तक की जायेगी और अब तक न करने के लिये कौन उत्तरदायी है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी हाँ। (ग) प्रश्नांश ‘क’ एवं ‘ख’ के परिप्रेक्ष्य में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व गुनौर के पंजीबद्ध राजस्व प्रकरण क्र. क/48/बी-121/2014-15 पर पारित आदेश दिनांक 28.07.15 द्वारा तत्कालीन सरपंच श्रीकांत पाण्डेय ग्राम पंचायत सहिलवारा एवं तत्कालीन सचिव, अजित कुमार मिश्रा ग्राम पंचायत सहिलवारा, द्वारा वित्तीय अनियमितता किये जाने से ऊपर वर्णित अनुसार राशि रू. 725000/- (सात लाख पच्चीस हजार मात्र) की वसूली एवं पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 40 के अंतर्गत सरपंच को 6 वर्ष की समयावधि के लिये निर्वाचन निर्हरित किये जाने एवं तत्कालीन उपयंत्री श्री श्रीरंग सोनी को अपने कर्तव्यों में लापरवाही पूर्ण व्यवहार करने के आधार पर संविदा से पृथक किये जाने हेतु प्रकरण पंजीबद्ध करने के लिये आदेशित किया गया था। इसके अतिरिक्त सेवा सहकारी समिति कचनारा के विक्रेता श्री अवधेश कुमार शर्मा एवं स्टाम्प वेण्डर श्री मिथलेश कुमार को गलत तरीके से मजदूरी का भुगतान प्राप्त करने के आधार पर पद से पृथक करने एवं स्टाम्प वेण्डर का पंजीयन निरस्त करने हेतु प्रकरण दर्ज करने हेतु आदेशित किया गया। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व गुनौर के पंजीबद्ध राजस्व प्रकरण क्र. क/48/बी-121/2014-15 पर पारित आदेश दिनांक 28.07.15 के विरूद्ध अनावेदकों द्वारा न्यायालय अपर कलेक्टर, पन्ना में अपील प्रस्तुत की गई तथा दर्ज प्रकरण क्र.147/अपील/2014-15 में दिनांक 07.08.15 को अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व गुनौर के पारित आदेश के क्रियान्वयन पर अपर कलेक्टर महोदय द्वारा रोक लगाई गई। उपरोक्त प्रकरण में अपर कलेक्टर महोदय द्वारा दिनांक 17.12.15 को पारित आदेश में अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व गुनौर के आदेश दिनांक 28.07.15 को निरस्त कर गुणदोष के आधार पर निर्णय हेतु पुनः अनुविभागीय अधिकारी राजस्व गुनौर को प्रत्यावर्तित किया गया। जो अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व गुनौर के न्यायलय में विचाराधीन है। निर्णय उपरांत कार्यवाही प्रचलन में लाई जायेगी।
कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर नियुक्ति पाने वालों पर कार्यवाही
94. ( क्र. 7017 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले के विकासखण्ड विजयराघवगढ़ के अमिलिया टो ग्राम रोहनिया में शिक्षा गारंटी शाला में द्वितीय गुरूजी के पद पर कूट रचित अभिलेखों फर्जी ग्राम सभा पंचायत के सरपंच का नियुक्ति पत्र के आधार पर श्रीमती अल्का मिश्रा पति प्रमोद कुमार मिश्रा निवासी नदीपार विजयराघवगढ़ की नियुक्ति पाकर कार्यरत रहने की शिकायत नागरिकों द्वारा दिनांक 17.11.2012 को मुख्य कार्यपालन अधिकारी विकासखण्ड वियजराघवगढ़ को की गयी तथा कार्यवाही न होने पर पुन: एक पत्र कलेक्टर जिला कटनी को लिखा था तथा प्रतिलिपि मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत कटनी एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत कटनी एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत विजयराघवगढ़ को दी थी? (ख) प्रश्नांश (क) हाँ तो क्या श्रीमती अल्का मिश्रा वर्तमान में सहायक अध्यापिका ग्राम टीकर में कार्यरत को सेवा से पृथक किया? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों उन्हें कब तक सेवा से पृथक किया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में क्या फर्जी नियुक्ति पाकर कार्यरत रहने के दोषी के विरूद्ध पुलिस थाना में आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जावेगा तथा क्या वेतन तथा भत्तों के रूप में प्राप्त संपूर्ण राशि ब्याज सहित वसूली की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में क्या दोषी को सेवा से पृथक न करने तथा दण्डात्मक कार्यवाही न करने के दोषी कौन-कौन मुख्य कार्यपालन अधिकारी हैं तथा अपने दायित्वों की घोर अपेक्षा करने फर्जीवाड़ा को प्रोत्साहित करने पर उनके विरूद्ध क्या दण्डात्मक कार्यवाही करेगें? यदि हाँ, तो क्या और कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। संबंधित के विरूद्ध शिकायत प्राप्त होने पर जाँच में प्रथम दृष्ट्या दोषी पाये जाने के फलस्वरूप मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत विजयराघवगढ़ द्वारा आदेश क्रमांक 1159, दिनांक 15.03.2016 के माध्यम से विभागीय जाँच संस्थित की गई है। (ग) विभागीय जाँच प्रतिवेदन के गुण दोषो के आधार पर प्रकरण के संबंध में कार्यवाही का निर्णय तद्नुसार लिया जावेगा। (घ) संबंधित के विरूद्ध विभागीय जाँच कार्यवाही प्रचलन में है इसलिये किसी के विरूद्ध कोई कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
फर्जी नामांतरण
95. ( क्र. 7027 ) श्री अजय सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्री अमरचंद पिता श्री रामकिशन निवासी रहमानपुरा थाना नेपानगर जिला बुरहानपुर तथा तीन अन्य द्वारा दिनांक 28 जनवरी 2016 को कलेक्टर बुरहानपुर को जन-सुनवाई में ऋण पुस्तिका जारी किये जाने हेतु आवेदन दिया गया था? (ख) क्या आवेदकों द्वारा ग्राम रहमानपुरा की कृषि भूमि खसरा नं. 251/1 का फर्जी सौदा चिट्ठी दिखाकर फर्जी नामांतरण किये जाने संबंधित शिकायत की गई थी? (ग) यदि हाँ, तो फर्जी नामांतरण प्रकरण में किस-किस पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या आवेदकों को ऋण पुस्तिका जारी कर दी गई है? यदि हाँ, तो कब? यदि जारी नहीं की गई तो इसका क्या कारण हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जाँच प्रचलन में है। (घ) जी हाँ। तहसीलदार नेपानगर के पत्र क्रमांक वाचक/1/तह.नेपा./2016/184 नेपानगर दिनांक 16.02.16 के अनुसार आवेदक अमरचंद पिता रामकिशन एवं अन्य तीन को ऋण पुस्तिका जारी कर दी गई है।
ई-कक्ष की स्थापना एवं क्रियान्वयन
96. ( क्र. 7057 ) श्री दिनेश राय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में कितनी ग्राम पंचायतों में ई-कक्ष की स्थापना की जा चुकी है तथा कितनी पंचायतों में करना शेष है? ई-कक्ष में क्या-क्या सुविधाएँ प्रदान की जाएंगी, जानकारी ग्राम पंचायतवार, विधान सभावार दें? (ख) क्या ई-पंचायतों के माध्यम से शासन की सेवाएँ, नागरिक सेवाएँ तथा अन्य सेवाएँ संचालित की जाएगी? इस हेतु क्या समस्त ई-कक्षों में कम्प्यूटर कर्मचारी की नियुक्ति कर दी गई है? यदि नहीं, तो इन्हें कौन संचालित करेगा? (ग) ई-कक्ष निर्माण में कौन-कौन सी कंपनियों के कौन-कौन से उपकरण दिए गए हैं? यह किस फर्म ने उपलब्ध कराए हैं? क्या सिवनी जिले में ई-कक्षों में विद्युत संयोजन किया जा चुका है? क्या इन कक्षों में ऊर्जा के लिए इनवर्टर एवं अन्य सुविधाएँ भी होंगी? (घ) वर्तमान में संचालित ई-कक्षों में कहाँ-कहाँ कार्य हो रहा है? कहाँ नहीं, कारण सहित अवगत करावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) सिवनी जिले की समस्त 645 ग्राम पंचायतों में ई-कक्ष की स्थापना की जा चुकी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार। (ख) जी हाँ। ई-पंचायत कक्ष हेतु कम्प्यूटर ऑपरेटर की नियुक्ति नहीं की गई है, वर्तमान में पदस्थ ग्राम पंचायत सचिव/ग्राम रोजगार सहायक को बेसिक कम्प्यूटर का प्रशिक्षण दिया जाकर संचालन किया जा रहा है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार। जानकारी पुस्कालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार सिवनी जिले में विद्युत संयोजन किया गया है। ई-कक्षों के लिए इनवर्टर की सुविधा नहीं है, किन्तु ऊर्जा हेतु पावर यू.पी.एस. मय 02 बैटरी के साथ उपलब्ध कराया गया है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार।
जाति प्रमाण-पत्र जारी किया जाना
97. ( क्र. 7061 ) श्री दिनेश राय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी जिले में बागरी समाज के लोगों को अनुसूचित जाति का प्रमाण-पत्र नहीं बनाया जा रहा है, जिससे इनके परिवार को अनु. जाति के आधार पर शासन की सुविधाओं का लाभ नहीं दिया जा रहा है, यदि हाँ, तो यदि हाँ, तो क्यों? (ख) मध्यप्रदेश के अन्य जिलों में बागरी समाज के लोगों के जाति प्रमाण-पत्र बनाये जा रहे हैं, परन्तु सिवनी जिले में नहीं, ऐसा क्यों? (ग) क्या सिवनी जिले में बागरी समाज के लोगों को अनु. जाति का लाभ देने की कोई योजना नियम/निर्देश बनाये जावेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। राज्य स्तरीय छानबीन समिति के द्वारा सिवनी में निवासरत बागरी जाति के लोगों को राजपूत की उपजाति में पाया गया है जिससे सिवनी जिला के बागरी अनुसूचित जाति का अंग न होने के कारण उन्हें अनुसूचित जाति का प्रमाण-पत्र जारी नहीं किया जा रहा है। (ख) सिवनी जिले में उपरोक्त कारणों से बागरी जाति को अनुसूचित जाति का जाति प्रमाण-पत्र जारी नहीं किया जा रहा है। (ग) जी नहीं।
पी.एम.जी.एस.वाय. की सड़कों का अधूरे निर्माण
98. ( क्र. 7076 ) श्री रामनिवास रावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नांकित दिनांक की स्थिति में जिला श्योपुर अंतर्गत कौन-कौन सी सड़क स्वीकृत होकर निर्माणाधीन हैं? उक्त सड़के कितनी-कितनी राशि की कब-कब स्वीकृत की जाकर किसे निर्माण एजेंसी नियुक्त किया गया? कौन-कौन से ऐसे सड़क निर्माण कार्य हैं जो पूर्व से स्वीकृत हैं किन्तु अभी तक निर्माण कार्य प्रांरभ नहीं किए हैं? ऐसे कौन-कौन से कार्य हैं, जो पूर्व में स्वीकृत होने के पश्चात् निरस्त होकर पुन: स्वीकृत किए गए हैं एवं इसके क्या कारण हैं? सड़क निर्माण कार्यों के नाम वर्षवार, विकासखण्डवार, स्वीकृत राशि, व्यय राशि, कार्य एजेंसी का नाम एवं वर्तमान भौतिक स्थिति सहित बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत सड़क निर्माण कब तक पूर्ण की जाना थी? समय-सीमा में कार्य पूर्ण न करने वाली एजेंसियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही किए जाने का प्रावधान है? समय-सीमा में कार्य पूर्ण करने वाली एजेंसियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या समय-सीमा में कार्य पूर्ण न होने के कारण कार्यों की लागत में वृद्धि हुई है? यदि हाँ, तो लागत राशि में हुई वृद्धि की वसूली किससे की जावेगी? क्या कार्य निर्माण एजेंसी के साथ-साथ संबंधित अधिकारियों का उत्तरदायित्व निर्धारित कर राशि वसूली की कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) विजयपुर विधान सभा क्षेत्र की निर्माणाधीन सड़कों पिपरवास से बेचाई, कराहल से करियादेह, बुढेरा से झरेर, झरेर से पातालगढ़ सहित अपूर्ण/अप्रारंभ सड़कों का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण करा दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं करने वाले ठेकेदारों के विरूद्ध अनुबंधानुसार नोटिस जारी करने, विलंब के दण्ड हेतु अधिरोपित करने एवं अनुबंध निरस्त करने का प्रावधान है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। ठेकेदार को दी गई समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं करने पर अर्थदण्ड के साथ समय वृद्धि दिये जाने का अनुबंध में प्रावधान है इसके कारण लागत में कोई वृद्धि नहीं होती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (घ) में उल्लेखित सड़कें निर्माणाधीन है इन्हें शीघ्र पूर्ण कराये जाने का प्रयास किया जा रहा है। पूर्णता की निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय में निर्माण कार्य
99. ( क्र. 7078 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यपालन यंत्री जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर के कार्य क्षेत्र में विगत 3 वर्षों में क्या-क्या कार्य कितनी-कितनी राशि से स्थानवार कराये गये? (ख) उक्त कार्यों पर मदवार आयटमवार कितना-कितना भुगतान किन-किन ठेकेदारों को किया गया? कार्यों का मूल्यांकन, मापन, सत्यापन एवं गुणवत्ता परीक्षण किन-किन अधिकारी/कर्मचारियों ने किया? कार्यवार वर्षवार विवरण दें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) कार्यपालन यंत्री जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर के कार्य क्षेत्र में विगत 3 वर्ष में स्थानवार कराये गये कार्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) उक्त कार्यों में मदवार, आयटमवार विभिन्न चयनित निविदाकारों को किये गये भुगतान की राशि का वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। समस्त कार्यों का मूल्यांकन, मापन, सत्यापन एवं गुणवत्ता परीक्षण उपयंत्री, सहायक यंत्री एवं कार्यपालन यंत्री द्वारा किया गया।
सीमांकन की समय-सीमा
100. ( क्र. 7079 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उप पंजीयक/प्रशासन सहकारी संस्थाएं, जबलपुर के आवेदन पर राजस्व विभाग द्वारा शास. शिक्षक कर्मचारी/गृह निर्माण समिति जबलपुर की ग्राम लक्ष्मीपुर प.ह.न. 25 नं.ब. 643 की ख.न.225/2, 223/1 की 4.5 एकड़ (196020 वर्ग फीट) भूमि का कम्प्यूटर डिजिटल सीमांकन दिनांक 13/2/2016 को किया गया था? यदि हाँ, तो उक्त सीमांकन किन-किन अधिकारी/कर्मचारी द्वारा किया गया? सीमांकन की रिपोर्ट क्या है एवं उप पंजीयक को कब तक दी जावेगी? (ख) राजस्व विभाग द्वारा सीमांकन करने के पश्चात् रिपोर्ट तैयार करने में कितना समय लगता है? क्या शासन उपरोक्त (क) में वर्णित रिपोर्ट शीघ्र देने निर्देश देगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कृषि उपज मंडियों की निधि का संधारण
101. ( क्र. 7080 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में कार्यरत कृषि उपज मंडियों की समस्त निधियों के बैंक खाते सहकारी बैंकों में संधारित हो रहे हैं? क्या कृषि उपज मंडियों के बैंक खाते सहकारी क्षेत्र की बैंकों में होने एवं वहां पर्याप्त सुविधाएं नहीं होने से मंडियों के अधिकारी एवं प्रदेश के किसानों को असुविधा होती है? (ख) क्या शासन द्वारा प्रदेश की कृषि उपज मंडियों की समस्त निधियों के खाते सहकारी बैंकों में संधारित करने का कोई नियम/ परिपत्र जारी किया गया है? क्या शासन प्रदेश की कृषि उपज मंडियों की निधियों के बैंक खाते राष्ट्रीय बैंकों में संधारित करने की अनुमति देगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। (ख) जी हाँ। जी नहीं। म.प्र. कृषि उपज मंडी अधिनियम 1972 की धारा 38 (2) के प्रावधान अनुसार मंडी समिति निधि के समस्त धन उपधारा (1) में विनिर्दिष्ट की गई अन्य राशियां जिला केंद्रीय सहकार बैंक में या म.प्र. राज्य सहकारी बैंक में या म.प्र. राज्य सहकारी बैंक मर्यादित में या डाकघर बचत बैंक में या राज्य सरकार के पर्सनल डिपाज़िट खाते में निक्षिप्त की जायेगी।
ग्रामीण क्षेत्रों में कॉलोनी निर्माण
102. ( क्र. 7129 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा बजट सत्र 2013 में ग्राम पंचायत क्षेत्रों में कॉलोनी निर्माण के संबंध में अधिनियम पारित किया गया था एवं शासन/विभाग द्वारा जिलों के कलेक्टरों को इस संबंध में कार्यवाही हेतु लिखा गया था? यदि हाँ, तो जिला कलेक्टरों को क्या आदेश दिये गये थे? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत कटनी जिले के ग्राम पंचायत क्षेत्रों में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस के द्वारा कहाँ-कहाँ कॉलोनी निर्माण की संबंधित विभागों से अनुमति प्राप्त की गई एवं कहाँ-कहाँ, किन-किन के द्वारा, बिना अनुमति कॉलोनी का निर्माण कराना पाया गया, क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) से (ख) के तहत जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में निर्मित कॉलोनियों के निर्माणकर्ताओं द्वारा नियमानुसार आश्रय शुल्क जमा किया गया एवं कमजोर आय वर्ग हेतु भूमि छोड़ी गई है? यदि हाँ, तो विवरण देवें, यदि नहीं, तो क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। शासन निर्देश दिनांक 06.05.2013 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) (1) मौजा बिछिया काप ब.नं. 543 प.ह.नं. 28/18 खसरा नं 9/3 रकबा 1.17 है, भूमि पर आवेदक द पाव लैंड बैक पार्टनर अंशुल गुप्ता को कार्यालय नगर तथा ग्राम निवेश जिला कार्यालय कटनी के पत्र क्रमांक 255 कटनी, दिनांक 16.05.2013 को विकास अनापत्ति जारी की गई थी। जिसमें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग हेतु भू-खंड का प्रावधान रखा गया था। (2) मौजा कछगवां नं.ब 46 प.ह.नं. 45 खसरा नं 603 रू. 6603/7 रकबा 0.10 है, भूमि पर श्री पवन कुमार मुरारका एवं श्रीमती अनीता मुरारका को ग्रुप हाउसिंग भवन निर्माण हेतु कार्यालय नगर तथा ग्राम निवेश जिला कार्यालय कटनी के पत्र क्रमांक 956, दिनांक 09.12.2014 द्वारा विकास अनुज्ञा जारी की गई थी, जिसमें आश्रय शुल्क का प्रावधान आवेदक द्वारा चुना गया था। (ग) केवल 01 कॉलोनाईजर श्री पवन कुमार मोरारका द्वारा कॉलोनाईजर के रूप में रजिस्ट्रेशन हेतु दिनांक 12.10.2015 को आश्रय शुल्क जमा किया गया है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना
103. ( क्र. 7159 ) श्री रामसिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले के विकासखण्ड बदरवास के ग्राम पंचायत मुख्यालय ग्राम तरावली वर्तमान में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से कहीं से भी नहीं जोड़ा गया है? यदि हाँ, तो क्यों तथा उक्त ग्राम डामरीकृत सड़क से कब तक जोड़ दिया जावेगा? (ख) क्या ग्राम पंचायत मुख्यालय तरावली के ग्राम गुहांसा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क से जुड़ा हुआ है तथा ग्राम गुहांसा पंचायत मुख्यालय तरावली से डामरीकृत सड़क से नहीं जुड़ा है? यदि हाँ, तो ग्राम गुहांसा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से ग्राम पंचायत मुख्यालय तरावली से कब तक जोड़ दिया जावेगा? यदि नहीं, जोड़ा जाएगा तो क्यों? (ग) क्या देहरदा-र्इसागढ़ मार्ग से ग्राम तरावली के मुख्य स्थल, गुफा मंदिर आदि की दूरी लगभग 01 कि.मी. है एवं ग्राम तरावली में अन्य ग्रामों के विद्यार्थी अध्ययन हेतु आते हैं? यदि हाँ, तो ग्राम तरावली को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के माध्यम से डामरीकृत सड़क से कब तक जोड़ दिया जावेगा? (घ) क्या ग्राम तरावली वर्तमान में कहीं से भी डामरीकृत मार्ग से नहीं जुड़ा है? यदि हाँ, तो ग्राम तरावली डामरीकृत मार्ग से कब तक जोड़ दिया जावेगा? मुख्य मार्ग से ग्राम तरावली की दूरी कितनी है? उक्त दूरी की सड़क कब तक बना दी जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) शिवपुरी जिले के विकासखण्ड़ बदरवास के ग्राम पंचायत मुख्यालय तरावली म.प्र. राज्य सड़क विकास निगम द्वारा निर्मित सड़क ए.बी.रोड के देहरदा तिराहे से ईशागढ़ मुख्य सड़क से 500 मीटर से कम दूरी पर स्थित होने के कारण प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के मार्गदर्शी दिशा निर्देशों के अन्तर्गत स्वीकृत कोर-नेटवर्क के अनुसार जुड़े हुए ग्रामों की श्रेणी में आता है। अतः ग्राम तरावली को उक्त योजनान्तर्गत जोड़ा जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ, उत्तरांश (क) के प्रकाश में ग्राम पंचायत मुख्यालय तरावली जुड़े हुए ग्रामों की श्रेणी में होने से ग्राम गुहांसा से जोड़ना, द्वितीय सड़क सम्पर्क सुविधा के अन्तर्गत आयेगा जिसे प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के मार्गदर्शी दिशा निर्देशों के अन्तर्गत द्वितीय सड़क सम्पर्क सुविधा प्रदान नहीं की जा सकती है। (ग) जी हाँ। जी हाँ। उत्तरांश (क) के प्रकाश में ग्राम तरावली पक्के मार्ग से 500 मीटर से कम दूरी पर स्थित होने से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत जोड़ा जाना संभव नहीं है। (घ) उत्तरांश (क) के प्रकाश में ग्राम तरावली पक्के मार्गों से जुड़े हुए ग्रामों की श्रेणी में है। ग्राम तरावली को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत पक्के मार्ग से जोड़ना संभव नहीं है। देहरदा-ईशागढ़ मार्ग से ग्राम तरावली की दूरी 410 मीटर है। उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से 500 मीटर से कम लम्बाई की सड़क बनाना संभव नहीं है।
माननीय न्यायालय में चल रहे प्रकरण
104. ( क्र. 7171 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि उपज मंडी समिति कटनी में प्रश्न दिनांक तक कितने प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में चल रहे हैं? प्रकरण क्रमांक वादी, प्रतिवादी सहित विवरण दें? (ख) प्रश्नांश (क) के किन-किन प्रकरणों में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा किस दिनांक को स्थगन दिया गया है तथा उक्त स्थगन को रिक्त कराने हेतु किस-किस दिनांक को किस अधिवक्ता के माध्यम से आवेदन प्रस्तुत किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकरणों में किन-किन अधिवक्ताओं को कितनी-कितनी राशि फीस के रूप में भुगतान की गई है तथा फीस भुगतान के संबंध में प्रबंध संचालक के क्या दिशा-निर्देश हैं एवं दिशा-निर्देश के अनुसार भुगतान की गई है या नहीं? दिए गए दिशा-निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें? क्या अधिवक्ता को कुल फीस का 50 प्रतिशत ही भुगतान करना है? शेष निर्णय होने पर पूरी फीस भुगतान करना था किंतु एक ही बार में पूरी फीस का भुगतान कर दिया गया है? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में की गई अनियमितताओं की जाँच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। कृषि उपज मंडी कटनी में दिनांक 28.02.2016 तक माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में 24 प्रकरण विचाराधीन है। प्रकरण क्रमांक, वादी, प्रतिवादी सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) उत्तर "क" के परिशिष्ट एक में उल्लेखित 24 प्रकरणों में से 07 प्रकरणों में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा स्थगन दिया गया है। स्थगन रिक्त कराने हेतु नियुक्त किये गये अधिवक्ता का नाम एवं उन्हें जारी पत्र क्रमांक व दिनांक का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट एक कालम न. 5 पर है। (ग) उत्तर "क" एवं "ख" के प्रकरणों में नियुक्त अधिवक्ताओं को भुगतान की गई फीस की विवरण पुस्तकायल में रखे परिशिष्ट एक कालम न. 7 पर है। फीस भुगतान के संबंध में प्रबंध संचालक महोदय मंडी बोर्ड, भोपाल के आदेश क्रमांक बी/3/1/लेखा/3263 दिनांक 10.02.2009 द्वारा संशोधित प्रत्यायोजित प्रशासनिक एवं वित्तीय अधिकारों के अनुसार अधिवक्ताओं को फीस का भुगतान किया गया है। आदेश की छायाप्रति (परिशिष्ट दो अनुक्रमांक -16 पर) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। अधिवक्ताओं को उनके द्वारा प्रस्तुत देयकों का भुगतान मंडी समिति, कटनी की बैठक में अनुमोदन प्राप्त कर, देयकों का भुगतान किया जाता है। माननीय श्रम न्यायालय, उच्च न्यायालय एवं सर्वोच्च न्यायालयों में प्रकरणों की महत्वता को देखते हुए फीस तय कर पूर्ण अथवा अग्रिम के रूप में कुछ राशि का भुगतान किया जाता है, इस संबंध में कोई दिशा-निर्देश नहीं है। (घ) उत्तर "क" एवं "ख" के जिन प्रकरणों में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा स्थगन दिया गया है। स्थगन रिक्त कराने के लिये मंडी समिति कटनी द्वारा अधिवक्ता नियुक्त कर पत्र जारी किया गया है। अनियमितता न होने से दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
खसरों को कम्प्यूटराईज्ड किया जाना
105. ( क्र. 7174 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले की तहसील गोटेगाँव में खसरा बी-1 खतौनी हेतु कम्प्यूटर इत्यादि सामग्री खरीदते हुए डॉटा एन्ट्री ऑपरेटर की नियुक्ति की जा चुकी है या नहीं, यदि नहीं, तो क्यों तथा बिना ऑपरेटर के यह कार्य कैसे संभव हो सकेगा? (ख) क्या विगत पाँच वर्षों से प्रश्न दिनांक तक के खसरों को कम्प्यूटराईज्ड किया जा चुका है? यदि नहीं, तो कब तक किया जायेगा और अब तक न करने के लिए कौन उत्तरदायी है? यदि शासन किसी को उत्तरदायी नहीं मानता है तो फिर यह कार्य हुआ क्यों नहीं? (ग) वर्ष 1 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितने कृषकों द्वारा खसरा तथा बी-1 की नकल हेतु आवेदन दिया गया तथा उन्हें कब नकल प्रदान की गई तथा कितने आवेदन अभी भी लंबित हैं? इस तरह के आवेदनों के निराकरण की समय-सीमा क्या है? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में समय से नकल न देना, परेशान करने संबंधी किस-किस के द्वारा शिकायतें की गई हैं तथा उन शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई है, क्या इसकी जाँच करवाई जाकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) श्रीमति भावना गोतम के द्वारा उक्त कार्य किया जा रहा था पर श्रीमती भावना गोतम का स्थानान्तरण होने से माह अगस्त 2015 से पटवारी यश्वती राठौरिया के द्वारा यह कार्य संपन्न किया जा रहा है। श्रीमति भावना गौतम जूनियर डॉटा एन्ट्री ऑपरेटर के पद पर पदस्थ थी। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्ष 01 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक 13470 आवेदन पत्र प्राप्त हुए। जिनका निराकरण समय-सीमा में किया गया है। (घ) तहसीलदार गोटेगाँव से प्राप्त जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ताओं के द्वारा मोखिक रूप से शिकायतें की गई है नाम का उल्लेख नहीं है। उक्त शिकायतों का त्वरित रूप से निराकरण संबंधितो को नकल की प्रतिलिपि प्रदान की गई है।
पंचायत सचिवों को वेतन का भुगतान
106. ( क्र. 7181 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में पंचायत सचिवों के वेतन हेतु संपूर्ण बजट आवंटित करने के बावजूद पंचायत सचिवों का वेतन क्यों रूका हुआ है? (ख) पंचायत सचिवों के वेतन का बजट कहाँ खर्च कर दिया गया है? क्या शासन इसकी पूरी जाँच कराएगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) बालाघाट जिले की समस्त 10 जनपद पंचायतों में पंचायत सचिवों के माह फरवरी, 2016 तक के वेतन का भुगतान किया जा चुका है। (ख) पंचायत सचिवों के वेतन का बजट पंचायत सचिवों के वेतन भत्तों हेतु खर्च किया जा चुका है। अतः जाँच कराये जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय तालाब पर अवैध कब्जा
107. ( क्र. 7186 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के थाना कोतवाली (शहडोल) विकासखण्ड एवं तह. सोहागपुर में आराजी नं. 697 रकबा 2.99 के शासकीय तालाब की मेड़ में श्रीमती शकीला पति स्व. जलील खाँ अवैध कब्जा कर घर बनाकर रह रही है? (ख) क्या म.प्र. शासन (राजस्व विभाग) के आदेश क्र. एफ 2-9/2010/सात/6 भोपाल दिनांक 25.03.10 को क्या शासकीय तालाबों की भूमियों को अतिक्रमण मुक्त किए जाने के आदेश हैं? (ग) क्या न्यायालय तहसीलदार (नजूल) जिला शहडोल (म.प्र.) द्वारा राजस्व प्रकरण क्र. 62/अ-68/2002-03 के तहत श्रीमती शकीला खाँ पति स्व. जलील खाँ के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया था? (घ) क्या न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी सोहागपुर जिला शहडोल राजस्व आदेश अनुवृत्ति पत्र के मामला क्र. 01/अ-68/13-14 हटाने के आदेश दिए गए हैं? क्या उक्त कब्जा हटाने के लिए मा. उच्च न्यायालय ने भी शासन को आदेश दिए हैं? उक्त अवैध कब्जा अभी तक क्यों नहीं हटाया गया? कब तक अवैध कब्जा हटा दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) तहसील सोहागपुर जिला शहडोल की शासकीय भूमि खसरा नं. 697 रकबा 2.99 एकड़ के अंशभाग 37X18=666 वर्गफिट पर शकीला पत्नी स्व. जलील खाँ के द्वारा अतिक्रमण कर घर बनाकर निवास किया जा रहा है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ घ) जी हाँ। मा. उच्च न्यायालय के WRP/No-6723/2015 (PIL) आदेश दिनांक 4/8/2015 द्वारा विधि अनुसार कार्यवाही करने के आदेश दिए गये। अतिक्रमण हटाने के लिए तहसीलदार सोहागपुर (नजूल) द्वारा न्यायालयीन प्रकरण क्रमांक 62/अ68/2002-03/130 सोहागपुर दिनांक 4/2/2016 को बेदखली हेतु वारंट जारी किया गया है। तहसीलदार द्वारा अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जा रही है। शीघ्र ही अतिक्रमण हटा दिया जायेगा।
भू-खण्डों का नामांतरण
108. ( क्र. 7191 ) श्री महेन्द्र केशर सिंह चौहान : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि. अता. प्रश्न संख्या - 98 (क्रमांक 1441) दिनांक 24 फरवरी 2016 के उत्तरांश (क) में उपलब्ध करवाई गई सूची में बताए गए भू-खण्डों के नामांतरण प्रकरणों में बताई गई किस-किस भूमि पर विक्रेता के द्वारा कॉलोनी विकसित किए जाने का लाईसेंस किस दिनांक को लिया था, कॉलोनी का नक्शा किस दिनांक को किसके द्वारा अनुमोदित एवं स्वीकृत किया गया था? (ख) किस विक्रेता द्वारा बिना कॉलोनी लाईसेंस के विक्रय किए गए कितने भू-खण्डों का नामांतरण किया गया इसमें से किस-किस कॉलोनी का प्रावधान किस दिनांक को किसके द्वारा लिया गया? (ग) अवैध कॉलोनियों के विक्रय किए गए भू-खण्डों का नामांतरण किए जाने का क्या कारण रहा है इन नामांतरणों में भूमि का नक्शा किस आधार पर किसके आदेश से किसने संशोधित किया गया है? (घ) अवैध कॉलोनियों में विक्रय किए गए भू-खण्डों के नामांतरण के लिए कौन-कौन जिम्मेदार है? पद व नाम सहित बतावें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
खेती में जीवाश्म कार्बन की कमी
109. ( क्र. 7209 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर, उज्जैन संभाग में कौन कौन से जिलों में जीवाश्म कार्बन (ह्युमस) की मात्रा न्यूनतम स्तर तक पहुंच गयी है। जिलेवार व क्षेत्रवार जानकारी देंवे। (ख) क्या नेश्नल मिशन फॉर सस्टेनेबल एग्रीकल्चर के अंतर्गत परम्परागत कृषि विकास योजना के तहत जीवाश्म कार्बन की मात्रा बढ़ाने हेतु विभाग ने कोई योजना बनाई है, यदि हाँ, तो उसका क्रियान्वयन कब से किया जाएगा। (ग) क्या गेंहू की फसल के पश्चात् शेष अवशिष्ट को जलाने से रोकने के लिए विभाग के पास कोई नीति है, यदि हाँ, तो उसका क्रियान्वयन कब तक कर दिया जाएगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) इन्दौर एवं उज्जैन संभाग के जिलों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। परम्परागत कृषि विकास योजनान्तर्गत जीवाश्म कार्वन की मात्रा बढ़ाने हेतु भारत सरकार द्वारा वर्ष 2015-16 से 2017-18 तक कार्य योजना का अनुमोदन किया गया है। (ग) विभाग द्वारा ऐसी कोई नीति अलग से निर्धारित नहीं है अपितु भारत सरकार कृषि सहकारिता एवं सहकारिता विभाग के द्वारा राष्ट्रीय फसल अवशेष प्रबंधन नीति-2014 (एन.पी.एम.एल.आर.) निर्धारित है तदानुक्रम में कार्यवाही की जा रही है।
पंचायत स्तर पर प्रति सप्ताह जन-सुनवाई
110. ( क्र. 7232 ) श्री के. के. श्रीवास्तव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंचायत स्तर पर पदस्थ शासकीय लोक सेवकों का मुख्यालय (हेड क्वार्टर) कहाँ माना जाता? क्या वे अपने मुख्यालय पर ही निवास करते हैं? यदि नहीं, तो इस संबंध में शासन के क्या निर्देश है बतावें? (ख) पंचायत स्तर पर कोई एक दिवस जन-सुनवाई हेतु निश्चित किया गया है? जब सारे पदस्थ लोक सेवक एक ही स्थान पर पीडि़त हितग्राही को एक साथ मिल सकें? (ग) यदि नहीं, तो क्या शासन के समक्ष बेहतर लोक सेवा प्रबंधन हेतु ऐसी कोई योजना विचाराधीन है हाँ तो कब तक लागू कर लिया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) पंचायत स्तर पर पदस्थ लोक सेवकों का मुख्यालय ग्राम पंचायत माना गया है। जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। अधिकांश पंचायत स्तर पर प्रति मंगलवार का दिन जन-सुनवाई हेतु निश्चित किया गया है। (ग) उत्तरांश-‘‘ख‘‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सेनेटरी इंस्पेक्टर की भर्ती
111. ( क्र. 7257 ) श्री कमल मर्सकोले : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वि.वि. का विज्ञापन क्र./स्था.दो./आई.पी.आर.ओ./विज्ञा.1/183 दिनांक 6.5.2010 में राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर में सेनेटरी इंस्पेक्टर की भर्ती हेतु विज्ञापन जारी किया गया था? यदि हाँ, तो किस किस वर्ग के कितने पद हेतु विज्ञापन जारी किया गया एवं इस पद के लिये क्या-क्या आर्हता निर्धारित थी एवं भर्ती हेतु क्या नियम प्रक्रिया एवं मापदंड थे? (ख) उक्त पदों हेतु सामान्य/अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के कितने-कितने आवेदन प्राप्त हुये उनमें से कितने अभ्यार्थी मुख्य परीक्षा में उत्तीर्ण हुये व वरीयता क्रमानुसार कितने उत्तीर्ण अभ्यार्थियों को साक्षात्कार हेतु कब बुलाया गया वरीयता क्रम सहित उनके नाम पते बतावें? (ग) उक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में यदि नियुक्ति आदेश जारी नहीं किये गये तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। विश्वविद्यालय का विज्ञापन क्र./स्था.दो/आई.पी.आर.ओ./विज्ञा.-1/183 दि. 06.05.2010 एवं नवीन पात्र अभ्यर्थियों को अवसर देने के लिए विश्वविद्यालय का विज्ञापन क्र./स्था.दो/ आई.पी.आर.ओ./विज्ञा.-2/2330 दि. 11.01.2012 के द्वारा अनारक्षित वर्ग हेतु 01 पद के लिये विज्ञापन जारी किया गया था एवं इस पद के लिये निर्धारित अर्हता हायर सेकण्डरी के साथ सेनेटरी इंस्पेक्टर में डिप्लोमा/प्रमाण-पत्र रखी गई थी। भर्ती हेतु नियम प्रक्रिया एवं मापदंड की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार है। (ख) उक्त पद हेतु दिनांक 06.05.2010 के विज्ञापन के तहत सामान्य वर्ग के 31 अनुसूचित जाति के 05 अनुसूचित जनजाति के निरंक एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के 05 कुल 41 आवेदन प्राप्त हुए तथा दिनांक 11.01.2012 के विज्ञापन के तहत सामान्य वर्ग के 19 अनुसूचित जाति के 04 अनुसूचित जनजाति के निरंक एवं पिछड़ा वर्ग के 08 कुल 31 आवेदन प्राप्त हुए इस प्रकार कुल सामान्य वर्ग के 50 अनुसूचित जाति के 09 अनुसूचित जनजाति के निरंक एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के 13 कुल 72 आवेदन प्राप्त हुए। इनमें से लिखित परीक्षा में 30 अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए। वरीयता क्रम अनुसार 12 अभ्यर्थियों को साक्षात्कार हेतु दिनांक 17.12.2015 को बुलाया गया वरीयता क्रम सहित उनके नाम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार है। (ग) नियुक्ति आदेश जारी किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ग अनुसार है।
बसों का संचालन
112. ( क्र. 7261 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नीमच जिले में 1.1.2014 के पश्चात् कितनी यात्री बसों के विरूद्ध अवैध परिवहन के अंतर्गत किस-किस प्रकार की कार्यवाही की गई तथा उससे कितनी राशि जुर्माना के रूप में वसूल की गई। (ख) क्या परमिट शुदा यात्री बसें अपने निर्धारित रूट पर न चलकर अपनी मन मर्जी से निर्धारित मार्ग पर चल रही हैं? (ग) यदि नहीं, तो क्या प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में कोई शिकायत प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो उस पर अब तक क्या कार्यवाही की गई और यदि नहीं, तो क्यों? इसके लिये कौन उत्तरदायी है?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) नीमच जिले में 01.01.2014 के पश्चात् प्रश्न दिनांक तक नियम विरूद्ध संचालित पाई गई 3183 बसों के विरूद्ध चालानी कार्यवाही कर समझौता शुल्क के रूप में रूपये 6328400/- कर के रूप में रूपये 29716605/- इस प्रकार कुल राजस्व रूपये 36045005/- वसूल किया गया। (ख) ऐसे कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं है। नियमित आकस्मिक जाँच के दौरान यात्री बसों का अपने निर्धारित मार्ग पर संचालन न पाये जाने की दशा में नियमानुसार चालानी कार्यवाही की जाती है। (ग) इस प्रकार की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।
मनरेगा की अनियमितता की जाँच
113. ( क्र. 7264 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शहडोल के जनपद पंचायत बुढ़ार में केन्द्र परिवर्तित योजना मनरेगा की अनियमितता की शिकायत कमिश्नर संभाग शहडोल से की गई है? यदि हाँ, तो की गई कार्यवाही से अवगत करावें? (ख) क्या कमिश्नर कार्यालय के पत्र क्रमांक/फा.20 विकास-06/शिकायत (मनरेगा)/13/1229 शहडोल दिनांक 18.3.13 स्मरण पत्र क्र. 1605 दिनांक 12.4.2013 एवं स्मरण पत्र क्र. 2184 दिनांक 31.5.2013 तथा क्र./फा. 20/विकास-06/शिकायत (मनरेगा) /13/4192 शहडोल दिनांक 29.8.13 पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है? यदि हाँ, तो कारण बतायें? यदि की गई है तो विवरण उपलब्ध करावें? (ग) क्या उक्त अनियमितता की जाँच की गई है? यदि हाँ, तो दोषी अधिकारी का नाम एवं पद तथा कब से पदस्थ हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जिला पंचायत शहडोल के आदेश क्रमांक 2526 दिनांक 25.04.2013 द्वारा कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग शहडोल, कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग एवं कार्यपालन यंत्री जल संसाधन संभाग क्रमांक 02 का तीन सदस्यीय दल गठित किया जाकर शिकायत की जाँच करायी गयी। कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग शहडोल के पत्र क्रमांक 1660 दिनांक 05.09.2013 से जाँच प्रतिवेदन प्राप्त हुआ। जाँच में शिकायती बिन्दु क्रमांक 01 से 05 तक असत्य व निराधार होना प्रतिवेदित है। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश-ख में अंकित पत्रों को संज्ञान में लिया गया है। शेष जानकारी उत्तरांश-क अनुसार। (ग) जी हाँ। शेष जानकारी निरंक है।
सूखा मुआवजा वितरण
114. ( क्र. 7292 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले के गोटेगाँव विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत 38 पंचायतें सूखा प्रभावित हैं। जिले में सबसे कम वर्षा हुई है, किसानों को जो मुआवजे का भुगतान किया गया है वह निर्धारित मापदण्ड के आधार पर नहीं है। लगभग 8000 किसानों को गोटेगाँव तहसील के अंतर्गत सूखे के मुआवजे का भुगतान नहीं किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जाएगी और कब तक की जावेगी बतायें? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में विगत दो माहों में मुआवजा भुगतान एवं सूखा राहत राशि न मिलने के कितने आवेदन प्राप्त हुए और उन पर क्या कार्यवाही की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। यह सही है कि नरसिंहपुर जिले की गोटेगाँव तहसील सूखाग्रस्त घोषित तहसील है। जिले की औसत वर्षा 1117 मिलीमीटर तथा वास्तविक वर्षा 817 मिलीमीटर है। किसानों को कोई मुआवजा का भुगतान नहीं किया गया है, किन्तु पीला मोजेक रोग एवं सूखा से हुई फसल क्षति के लिए राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के निर्धारित मानदण्ड अनुसार आर्थिक अनुदान सहायता राशि का वितरण किया गया है। यह कहना सही नहीं है कि लगभग 8000 किसानों को गोटेगाँव तहसील के अन्तर्गत सूखे का भुगतान नहीं किया गया है। (ख) सभी पात्र किसानों को राहत राशि स्वीकृत की गई है। शेष 1676 कृषकों को 1,25,00,000/- (राशि रूपये एक करोड़ पच्चीस लाख) की राहत राशि शीघ्र प्रदाय की जायेगी। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में विगत 2 माह में सूखा राहत राशि न मिलने के कारण 545 आवेदन पत्र प्राप्त हुये। जिसमें से असफल ट्रांजेक्शन के लगभग 355 आवेदन पत्र थे जिनका निराकरण किया जा चुका है, शेष 190 आवेदन पत्र राहत राशि न मिलने के थे, जिनका निराकरण शीघ्र कर दिया जावेगा।
मुख्यमंत्री आवास योजना का क्रियान्वयन
115. ( क्र. 7351 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले के विकासखण्ड भितरवार एवं घाटीगाँव (बरई) में 1 अप्रैल 2013 से प्रश्न दिनांक तक मुख्यमंत्री आवास योजना के अंतर्गत किस-किस ग्राम में कितने हितग्राहियों को मुख्यमंत्री आवास योजना के अंतर्गत कितने आवास स्वीकृत किये गये हैं व उनमें से कितने हिग्राहियों द्वारा निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है व उनमें से कितनों को समस्त राशि का भुगतान कर दिया गया है व कितनों का भुगतान लंबित है? (ख) विकासखण्ड भितरवार एवं घाटीगाँव (बरई) में मुख्यमंत्री आवास योजना के अंतर्गत किस-किस ग्राम पंचायत को किस-किस बैंक शाखा से जोड़ा गया है? पंचायतवार, विकासखण्डवार बैंक शाखावार जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार क्या उक्त योजना के अंतर्गत ऐसी भी ग्राम पंचायतें हैं जिन्हें अभी तक किसी भी बैंक से नहीं जोड़ा जा सका है इस कारण उन पंचायतों में मुख्यमंत्री आवास योजना का कोई प्रकरण स्वीकृत नहीं हो सका है? यदि हाँ, तो शेष पंचायतों को कब तक बैंकों से जोड़ दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) ग्वालियर जिले के विकासखण्ड भितरवार एवं घाटीगाँव (बरई) में 1 अप्रैल 2013 से प्रश्न दिनांक तक मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन के अंतर्गत ग्रामवार, कुल आवसीय ऋण स्वीकृत किये गये हितग्राहियों की संख्या, उनमें से जिनके द्वारा आवास निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है तथा उनमें से जिनको समस्त राशि का भुगतान कर दिया गया एवं जिनका भुगतान लंबित है की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) विकासखण्ड भितरवार एवं घाटीगाँव (बरई) में मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन अंतर्गत जिन ग्राम पंचायतों को जिस बैंक शाखा से जोड़ा गया है उनकी ग्राम पंचायतवार, बैंक शाखावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
सचिवों के रिक्त पद
116. ( क्र. 7378 ) श्री ओम प्रकाश धुर्वे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला डिण्डौरी के अंतर्गत कितनी ग्राम पंचायतों में सचिव एवं रोजगार सहायकों के कितने पद कब से रिक्त हैं। (ख) यदि रिक्त पद नहीं भरे जा रहे हैं तो इसके लिए जिम्मेदार कौन है? (ग) कितने ग्राम पंचायतों में सचिवों के प्रभार में पी.सी.ओ नियुक्त हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) में यदि हाँ, तो क्या नियमानुसार हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जिला डिण्डौरी अंतर्गत ग्राम पंचायत सचिवों के 25 तथा ग्राम रोजगार सहायकों के 19 पद वर्तमान में रिक्त है। (ख) पदों को भरने की कार्यवाही जिला स्तर पर की जाती है। वर्तमान में कार्यवाही प्रचलित होने के कारण कोई जिम्मेदार नहीं है। (ग) 06 ग्राम पंचायतों में सचिवों का प्रभार पंचायत समन्वय अधिकारी को दिया गया है। (घ) स्थानीय प्रशासनिक व्यवस्था एवं कार्य प्रभावित न हो, को बनाये रखने हेतु संबंधित जिले द्वारा उक्त निर्णय लिया गया है। सचिवो की भर्ती उपरांत उक्त व्यवस्था स्वतः समाप्त होनी है।
पद अनुसार कार्य नहीं कराया जाना
117. ( क्र. 7382 ) श्री कमल मर्सकोले : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगरीय क्षेत्र भोपाल के अंतर्गत नगरीय सर्कल (हल्कों) को निर्मित होने से कलेक्टर जिला भोपाल के आदेश क्रमांक 2372/नजूल/01 भोपाल दिनांक 29.01.2001 द्वारा कुल 55 राजस्व निरीक्षक (नजूल) वृत्त/नजूल संधारण आपरीक्षक वृत्तों का गठन किया गया है? (ख) उक्त राजस्व निरीक्षक (नजूल) वृत्तों में वर्तमान में कितने राजस्व निरीक्षक पदस्थ हैं एवं कौन-कौन से वृत्त क्रमांक पर राजस्व निरीक्षक पदस्थ नहीं हैं? वृत्त क्रमांक सहित जानकारी दें। (ग) क्या राजस्व निरीक्षक (नजूल) वृत्तों एवं नजूल संधारण आपरीक्षक का कार्य पटवारियों से कराया जा सकता है? (घ) क्या भोपाल जिले में राजस्व निरीक्षक (नजूल) वृत्तों/नजूल संधारण आपरीक्षक का कार्य पटवारियों से कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या वे उक्त कार्य के लिये नियमानुसार पात्र नहीं हैं? क्या नजूल वृत्तों में पटवारियों द्वारा किये जाने वाले कार्य विधि अनुसार सही हैं? यदि नहीं, तो क्या उनके द्वारा किये गये सभी कार्य शून्य माने जावेंगे? (ड.) क्या पटवारियों को राजस्व निरीक्षक (नजूल) वृत्तों/नजूल संधारण आपरीक्षक वृत्तों से हटाकर मूल कार्य हेतु तहसील-हुजूर/बैरसिया में पदस्थ किया जावेगा? (च) नजूल संधारण आपरीक्षक वृत्तों से हटाकर मूल कार्य हेतु तहसील-हुजूर/बैरसिया में पदस्थ किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्तमान में 25 राजस्व निरीक्षक कार्य कर रहे हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) भोपाल जिले में राजस्व निरीक्षकों की कमी के कारण आवश्यकता अनुसार नजूल वृत्तों में पटवारियों से उक्त कार्य कराया जा रहा है। (घ) भोपाल जिले में राजस्व निरीक्षकों के पद रिक्त होने के नजूल वृत्तों में पटवारियों से उक्त कार्य कराया जा रहा है। (ड.) एवं (च) नियमानुसार राजस्व निरीक्षकों की पूर्ती होने के पश्चात् पदस्थ किया जावेगा।
जनपद पंचायत भाण्डेर में कर्मचारियों का स्थानांतरण
118. ( क्र. 7403 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनपद पंचायत भाण्डेर में तृतीय श्रेणी के कर्मचारी एवं द्वितीय श्रेणी के कर्मचारी दस वर्षों से अधिक पदस्थ हैं यदि हाँ, तो उन कर्मचारियों के नाम पद सहित बतायें? (ख) क्या एक ही स्थान पर जमे कर्मचारियों की मोनोपॉली चल रही है और वह मनमर्जी से कार्य कर रहे हैं इससे हितग्राही परेशान हैं? (ग) क्या कई कर्मचारियों के स्थानांतरण हो चुके हैं एवं कई के ऊपर गंभीर शिकायतों के आरोप हैं फिर भी वह जनपद पंचायत भाण्डेर में पदस्थ हैं? ऐसे कर्मचारियों की जानकारी दी जावे? (घ) क्या दस वर्ष से जमे कर्मचारियों को स्थानांतरण करने की काई कार्ययोजना है? यदि नहीं, तो आम नागरिकों को हो रही परेशानी और शासन की विभिन्न योजनाओं का ठीक ढ़ंग से क्रियान्वयन न हो पाने के लिए कौन जिम्मेदार होगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। तृतीय श्रेणी के कर्मचारी दस वर्षों से पदस्थ है। शेष, जी नहीं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। शासन के नियमानुसार कार्य कर रहे है, मनमानी से कार्य करने की कोई स्थिति नहीं है। अतः कोई हितग्राही परेशान नहीं है। (ग) किसी भी कर्मचारी के स्थानांतरण नहीं हुई है और न ही गंभीर शिकायतों के आरोप है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) जिले/जनपद पंचायत के कर्मचारियों के स्थानांतरण नीति प्रक्रियाधीन है। स्थानांतरण नीति को अंतिम रुप दी जाने के पश्चात् नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना
119. ( क्र. 7404 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.राज्य बीज विकास निगम द्वारा R.K.Y. योजना के अंतर्गत वर्ष 2011 से 2016 तक किन किन कार्यों में कितनी राशि व्यय की गई? मदवार जानकारी दी जावें। दिये गए कार्य आदेश उपलब्ध कराई जावे। (ख) उपरोक्त स्वीकृत आदेश के विरूद्ध कितनी राशि भुगतान की गई और कितनी राशि का भुगतान किया जाना है? (ग) प्रबंध संचालक म.प्र.राज्य बीज विकास निगम द्वारा वर्ष 2009 से 29 फरवरी 2016 तक कितने उत्पादन कार्यक्रम एवं कितना उपार्जन एवं कितना पैक्ड बीज किया गया वर्षवार जानकारी दी जावे। (घ) क्या गुना प्रक्षेत्र/बीज प्रक्रिया केन्द्र एवं शिवपुरी बीज प्रक्रिया केन्द्र में पदस्थ रहते हुए वी.के.गुप्ता के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज हुई? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई और ऐसे दोषी अधिकारी को कैसे क्षेत्रीय प्रबंधक बना दिया गया? उनके ऊपर निकली रिकवरी राशि को जमा कराया गया अथवा नहीं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) बीज निगम द्वारा राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2011 से फरवरी 2016 तक विभिन्न कार्यों के लिए प्राप्त हुई राशि में से व्यय की गई राशि का मदवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। निगम द्वारा दिए गए कार्य आदेशों की प्रमाणित छाया प्रतियां पृ.क्र. 01 से 250 तक पर संलग्न है। (ख) उपरोक्त स्वीकृत आदेश के विरूद्ध राशि रू. 2352.21 लाख का भुगतान किया गया तथा राशि रू. 120.42 लाख का भुगतान किया जाना शेष है। (ग) वर्ष 2009 से 29 फरवरी 2016 तक की अवधि में लिए गए बीज उत्पादन कार्यक्रम से प्राप्त उपार्जन एवं किए गए पैक्ड बीज की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (घ) निगम के पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार श्री बी.के.गुप्ता के विरूद्ध कोई एफ.आई.आर. दर्ज नहीं हुई है और न ही इनके विरूद्ध कोई रिकवरी आदेश जारी किया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रतिनियुक्त अवधि समाप्त होने के बाद भी पदस्थी
120. ( क्र. 7422 ) पं. रमाकान्त तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि श्रीमती हेमवती वर्मन, राज्य समन्यक, समग्र स्वच्छता अभियान एवं संचालक राजीव गांधी जल ग्रहण क्षेत्र प्रबंधन मिशन, भोपाल में प्रतिनियुक्त पर पदस्थ हैं? यदि हाँ, तो कब से पदस्थ हैं? दिनांक एवं वर्ष सहित बतायें? श्रीमती वर्मन का मूल विभाग कौन सा है। (ख) प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ रहने के लिये निर्धारित समयावधि के संबंध में मध्यप्रदेश शासन के क्या दिशा-निर्देश हैं? क्या श्रीमती वर्मन के प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ रहने की समयावधि पूर्ण हो चुकी है? (ग) यदि हाँ, तो प्रतिनियुक्ति अवधि पूर्ण होने के बाद भी श्रीमती वर्मन को प्रतिनियुक्त्िा पर क्यों पदस्थ रखा गया हैं। श्रीमती वर्मन की प्रतिनियुक्ति समाप्त कर मूल विभाग में कब तक वापस कर दिया जावेगा? समयावधि सहित बतायें। (घ) प्रतिनियुक्ति समयावधि पूर्ण होने के बाद भी श्रीमती वर्मन को उनके मूल विभाग में वापस न हो पाने में दोषी कौन हैं एवं दोषियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी एवं कब तक समयावधि सहित बतायें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। म.प्र. शासन, वन विभाग के आदेश क्रमांक-एफ-10/17/2013/10-1 दिनांक 30 मई 2013 के द्वारा श्रीमती हेमवती वर्मन (भा.व.से.) मुख्य वन संरक्षक की सेवाएं राज्य प्रतिनियुक्ति के अंतर्गत पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को सौंपे जाने के फलस्वरूप वे दिनांक 5/6/2013 को अपरान्ह से पदस्थ है। श्रीमती वर्मन का मूल विभाग वन विभाग है। (ख) म.प्र. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के ज्ञापन क्रमांक /सी/3-7/95/3/एक दि. 05/06/1995 की कंडिका में एक (3) में दिये गये प्रावधानानुसार कम से कम दो वर्ष के लिये सेवाएं प्रतिनियुक्ति पर लिये जाने का प्रावधान है। राज्य प्रतिनियुक्ति में पदस्थिति हेतु दिशा-निर्देश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उक्त प्रावधान अनुसार श्रीमती वर्मन की प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ रहने की समयावधि पूर्ण होने की स्थिति नहीं है। (ग) श्रीमती वर्मन को कार्य की आवश्यकता अनुसार प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ किया गया है। उन्हें विभाग में वापस किये जाने के संबंध में निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (घ) उपरोक्त प्रश्नांश (ख) व (ग) के परिप्रेक्ष्य में कोई दोषी नहीं होने से कार्यवाही का प्रश्न नहीं है।
बलराम तालाब योजना
121. ( क्र. 7473 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक हलधर योजना, बलराम तालाब योजना से कितने किसानों को लाभांवित किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) की अवधि में जैविक कृषि हेतु शासन से कितना आवंटन प्राप्त हुआ और कितना किया गया तथा कितने हितग्राहियों को लाभांवित किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अनुसूचित जन जाति एवं अनुसूचित जाति के कृषकों को उन्नत कृषि के लिये कहाँ-कहाँ प्रशिक्षण शिविर आयोजित किये गये? कहाँ-कहाँ भ्रमण कराया गया कितना आवंटन प्राप्त हुआ और कितना व्यय हुआ बतावें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) मंडला जिले में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक हलधर योजना से कुल 1174 किसानों को तथा बलराम तालाब योजना से कुल 136 किसानों को लाभांवित किया गया (ख) प्रश्नांश (क) की अवधि में जैविक कृषि हेतु शासन से कुल आवंटन राशि रूपयें 561.90 लाख प्राप्त हुआ और 441.98 लाख का व्यय किया गया तथा 39540 हितग्राहियों को लाभांवित किया गया। (ग) प्रश्नांश (क) के संदंर्भ में अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति के कृषकों को उन्नत कृषि के लिये हलधर योजना, बलराम तालाब योजना अंतर्गत प्रशिक्षण शिविर तथा भ्रमण कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जाता। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सहकारी बैंकों के संबंध में
122. ( क्र. 7498 ) डॉ. मोहन यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में कितनी सहकारी बैंक कार्यरत हैं? उक्त बैंक कब से कार्यरत है? उक्त बैंकों को किन-किन शर्तों के अधीन कार्य करने की अनुमति प्रदान की गई है? मय दस्तावेज के तहसीलवार जानकारी प्रदान करें? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार कार्यरत सहकारी बैकों द्वारा नियमों का पालन किया जा रहा है अथवा नहीं? कितनी सहकारी बैंकों द्वारा लायसेंस प्राप्त करने के उपरांत भी कार्य नहीं किया जा रहा है? ऐसी बैंकों के विरूद्ध क्या कार्यवाही किये जाने के प्रावधान है? किन-किन बैंकों पर कार्यवाही की गई है? (ग) क्या सहकारी बैंकों द्वारा नियमों का पालन नहीं करते हुए मनमाने रूप से कार्य कर आम जनता के साथ ठगी की जा रही है? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन दोषी है? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) उज्जैन जिले में 6 सहकारी बैंक कार्यरत हैं। उक्त बैंकों के कार्य करने की तिथि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। कोई नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना
123. ( क्र. 7499 ) डॉ. मोहन यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उज्जैन दक्षिण विधान सभा क्षेत्र में वर्तमान में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत निर्मित गारंटी अवधि की कितनी एवं कौन-कौन सी सड़के वर्षाकाल में अथवा नियत अवधि से पूर्व यातायात से क्षतिग्रस्त हुई? तहसीलवार, सड़कवार ब्यौरा क्या है? (ख) ग्यारंटी अवधि में सड़के क्षतिग्रस्त होने पर निर्माण एजेंसियों/ठेकेदारों पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) कितनी क्षतिग्रस्त सड़के पुननिर्मित की गई एवं कितनी रिपेयर हुई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित सड़कें गांरटी अवधि में वर्षाकाल में सामान्य क्षतिग्रस्त हुई है जिसे ठेकेदार के द्वारा अनुबंधानुसार ठीक करवाया गया है। अतः ठेकेदार के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (क) में उल्लेखित कोई भी सड़क पुर्ननिर्मित नहीं की गई है, केवल आवश्यकतानुसार सभी सड़कें रिपेयर की गयी है।
समितियों की शिकायतों पर कार्यवाही
124. ( क्र. 7555 ) श्री मुकेश नायक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जवाहर विपणन सहकारी समिति देवेन्द्रनगर जिला पन्ना में किन-किन प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के संचालक निर्वाचित हैं एवं संबंधित कितनी सहकारी समितियां महालेखाकार, ग्वालियर के विशेष ऑडिट में मार्च 2015 के विशेषकर 12 माह से ज्यादा डिफॉल्टर पाई गई हैं? (ख) समितियों के डिफॉल्टर होने पर सहकारिता अधिनियम के अनुसार जवाहर विपणन सहकारी समिति देवेन्द्रनगर के अधिकतर पदाधिकारी एवं संचालक अपात्र हो गये हैं? अगर हाँ तो कौन-कौन? नाम/पदनाम दें। (ग) क्या राजनैतिक दबाव में अपात्र पदाधिकारियों एवं संचालकों पर कार्यवाही नहीं की जा रही है? अगर की गई हैं तो समितिवार/डिफॉल्टरवार विवरण दें। अगर कार्यवाही नहीं की गई है तो कारण दें। नियमों का उल्लेख दें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘एक’’ अनुसार, महालेखाकार ग्वालियर के द्वारा बैंक के विशेष ऑडिट में प्रश्नांकित संस्था की 07 सदस्य प्राथमिक कृषि साख संस्थाएं बैंक की 12 माह से ज्यादा की डिफॉल्टर पाई गई थीं। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘दो’’ अनुसार है। (ग) जी नहीं, प्रश्न उपस्थित नहीं होता। मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 50-ए (2) तथा मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी नियम 1962 के नियम 45 (3) के तहत प्रश्नांकित संस्था के संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "दो" में दर्शित 07 संचालकों की संबंधित प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियां, जिनका वे प्रतिनिधित्व करते हैं, के जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक पन्ना का 12 माह से अधिक की कालावधि के लिये व्यतिक्रमी होने की दिनांक से ऐसे संचालक धारित पद पर कार्य करने से प्रविरत हो गये हैं और इनके द्वारा स्वयं संचालक पद के दायित्व का निर्वहन/पद धारण करना बंद कर देना अपेक्षित होता है एवं ऐसे संचालक के पद को रिक्त घोषित करने हेतु जानकारी पंजीयनकर्ता अधिकारी को भेजने तथा इन्हें संचालक मंडल की आगामी बैठक में आमंत्रित नहीं करने का दायित्व संबंधित संस्था के प्रबंधक का होता है। सहकारी अधिनियम की धारा 50-ए (2) के अंतर्गत उक्त संचालकों द्वारा धारित पद को रिक्त घोषित करने की कार्यवाही संयुक्त पंजीयक सहकारी संस्थाएं, सागर संभाग के स्तर पर प्रक्रियाधीन है।
सहकारी समितियों की ऑडिट
125. ( क्र. 7556 ) श्री मुकेश नायक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पन्ना जिले के सहकारी बैंक शाखा सिमरिया, अमानगंज, शाहनगर, रैपुरा का अंकेक्षण विगत 04 वर्षों का किया गया है? यदि हाँ, तो उक्त अवधि के वर्षवार अंकेक्षण की तिथि, अंकेक्षणकर्ता का नाम तथा अंकेक्षण वर्ष में पदस्थ शाखा प्रबंधक के नाम सहित अंकेक्षण प्रतिवेदन का विवरण उपलबध करायें। (ख) क्या यह सही है कि महालेखा परीक्षक ग्वालियर द्वारा प्रश्नांश (क) में उल्लिखित बैंक के अंकेक्षण के दौरान अनियमितताओं के संबंध में पंजीयक सहकारी संस्थायें भोपाल को कार्यवाही हेतु लेख किया गया था? यदि हाँ, तो तत्समय पदस्थ शाखा प्रबंधक का नाम एवं महालेखा परीक्षक द्वारा दिये गये पंजीयक के प्रतिवेदन में शाखा प्रबंधक के ऊपर कौन से आरोप लगाये गये। (ग) प्रश्नांश (ख) के संबंध में महालेखा परीक्षक ग्वालियर द्वारा लेख के अनुरूप क्या पंजीयक सहकारी संस्थायें भोपाल द्वारा विधिसम्मत कार्यवाही संपादित की गई? यदि नहीं, तो इसके लिये मूल रूप से दोषी अधिकारी का नाम तथा उस पर क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या अंकेक्षण का पालन प्रतिवेदन भेजना सुनिश्चित होता है? यदि हाँ, तो यह पालन प्रतिवेदन कितनी समय-सीमा में किस कार्यालय को निराकरण हेतु भेजा जाता है? सहकारी बैंक सिमरिया, शाहनगर, रैपुरा द्वारा प्रेषित पालन प्रतिवेदन निर्धारित समय-सीमा में नहीं भेजा गया तो इसके लिये दोषी व्यक्ति का नाम तथा उस पर की गई कार्यवाही से अवगत करायें। यदि कार्यवाही नहीं की गई तो कारण स्पष्ट करें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी नहीं। माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर महालेखाकार म.प्र. द्वारा जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित पन्ना के किये गये अंकेक्षण का प्रतिवेदन माननीय सर्वोच्च न्यायालय को प्रस्तुत किया गया। उक्त प्रतिवेदन में ली गई आपत्तियों के संबंध में पंजीयक द्वारा पन्ना बैंक को पालन प्रतिवेदन प्रेषित करने के निर्देश दिये गये। जारी निर्देश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। महालेखाकार म.प्र. द्वारा बैंक शाखा में अंकेक्षण के दौरान पायी गई त्रुटियों/आपत्तियों का उल्लेख अपने प्रतिवेदन में किया गया, किसी शाखा प्रबंधक विशेष पर कोई आरोप नहीं लगाये गये, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक द्वारा किये गये वैधानिक अंकेक्षण का पालन प्रतिवेदन मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 61 के तहत 60 दिवस के भीतर संभागीय संयुक्त आयुक्त, सहकारिता कार्यालय को भेजा जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। समयावधि में पालन प्रतिवेदन प्राप्त नहीं होने के कारण बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को नोटिस जारी किया गया है। कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्टेडियम निर्माण
126. ( क्र. 7566 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. सरकार की प्रत्येक विधान सभा क्षेत्र में स्टेडियम बनाने की योजनांतर्गत कितने विधान सभा क्षेत्रों में स्टेडियम हेतु भूमि उपलब्ध करा दी गई है? बाकी बची विधान सभाओं में कब तक जमीन उपलब्ध करा दी जावेगी? विधान सभवार ब्यौरा दें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) हेतु कब्जे वाली व ऊबड़-खाबड़ जमीन स्टेडियम निर्माण हेतु दी गई है? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन जिम्मेदार हैं? (ग) स्टेडियम निर्माण कार्य सभी विधान सभाओं में कब तक पूरा कर लिया जाएगा? विधान सभावार ब्यौरा दें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रदेश में 145 विधान सभा क्षेत्रों में ग्रामीण खेल मैदान (स्टेडियम) हेतु भूमि उपलब्ध हो चुकी है। शेष विधान सभा क्षेत्रों में भूमि आवंटन की प्रक्रिया प्रचलन में है। भूमि आवंटन वैधानिक राजस्व प्रक्रिया होने से भूमि उपलब्धता की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। विधान सभावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) आवंटित जमीन ऊबड़-खाबड़ होना प्रतिवेदित नहीं है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) स्टेडियम निर्माण हेतु सभी विधान सभा क्षेत्रों में भूमि आवंटन नहीं होने से एवं निविदा प्रक्रिया प्रचलन में होने से कार्य पूर्णता की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। विधान सभावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
सुप्रभात गृह निर्माण सहकारी समिति
127. ( क्र. 7612 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सुप्रभात गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित शिवपुरी जिसका पंजीयन क्रमांक AR/SHPR/85/153 है द्वारा नगरीय क्षेत्र शिवपुरी के ग्राम राजपुरा के सर्वे क्रमांक 163 मिन रकबा 0.329 हेक्टेयर है उक्त भूमि में से 448 वर्ग मीटर भूमि पार्क के निर्माण हेतु आरक्षित की गयी थी जो कि दिनांक 17.06.1994 को नगर पालिका शिवपुरी को समर्पित कर दी गयी थी? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या नगर पालिका शिवपुरी द्वारा उक्त पार्क की भूमि का सीमांकन कराया गया है? यदि हाँ, तो विवरण दें? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में क्या पार्क हेतु आरक्षित उक्त भूमि में से अनाधिकृत रूप से 02 भू-खण्डों का विक्रय कर दिया गया है? यदि हाँ, तो इसके लिये नगर पालिका ने क्या कार्यवाही की है व इसके लिये दोषियों पर शासन क्या कार्यवाही करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, नगर एवं ग्रामीण निवेश विभाग से स्वीकृत अभिन्यास मानचित्र में 448 वर्ग मीटर भूमि पार्क के निर्माण हेतु आरक्षित थी जिसे नगर पालिका परिषद् शिवपुरी के पत्र क्र. 1151 दिनांक 6.4.2015 में पार्क की भूमि को उनके अधीन लिये जाने का उल्लेख है। (ख) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। नगर पालिका परिषद् शिवपुरी द्वारा सीमांकन नहीं होने के कारण विधिवत् हैन्ड ओवर नहीं होना बताया गया है साथ ही पार्क हेतु आरक्षित भूमि 448 वर्ग मीटर सुरक्षित होना तथा दोनों ओर सीमा रेखा हेतु मुड़िया गड़ी होना बताया गया है। (ग) पार्क हेतु आरक्षित भूमि के सीमांकन पश्चात् स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। नगर पालिका परिषद् शिवपुरी द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी नहीं है किन्तु विभाग द्वारा सोसायटी अध्यक्ष के विरूद्ध मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 76 (2) के अंतर्गत कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
नियम विरूद्ध भूखंडों का विक्रय
128. ( क्र. 7613 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले में सुप्रभात गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित शिवपुरी जिसका पंजीयन क्रमांक AR/SHPR/85/153 दिनांक 05.11.1985 सहकारिता विभाग शिवपुरी में पंजीकृत है? (ख) क्या उक्त संस्था द्वारा नगरीय क्षेत्र शिवपुरी के ग्राम राजपुरा के सर्वे क्रमांक 163 मिन रकबा 0.329 हेक्टेयर भूमि गोविन्द सिंह पुत्र घमंडी सिंह से क्रय की गई है? क्या उक्त भूमि पर नगर एवं ग्रामीण निवेश (TNCP) से स्वीकृत मानचित्र अनुसार 22 भू-खण्ड स्वीकृत थे जिसमें 448 वर्ग मीटर भूमि पार्क के निर्माण हेतु आरक्षित की गई थी जो कि दिनांक 17.06.1994 को नगर पालिका शिवपुरी को समर्पित कर दी गई थी तथा कुल रकबे में से 15 प्रतिशत भूमि EWS (गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले) हेतु आरक्षित की गई थी? (ग) क्या संस्था द्वारा नगर एवं ग्रामीण निवेश (TNCP) से स्वीकृत मानचित्र अनुसार 22 भू-खण्ड के स्थान पर नियम विरूद्ध 24 भू-खण्डों का विक्रय कर दिया गया है? उक्त संस्था द्वारा पार्क हेतु आरक्षित भूमि में से 02 भू-खण्डों का विक्रय कर दिया गया है श्रीमती सुमन शाक्य एवं श्रीमती मुन्नी शाक्य को अनाधिकृत रूप से किए गये है जिसकी शिकायत संस्था के सदस्यों द्वारा दिनांक 04.09.2012 को कलेक्टर शिवपुरी को की गई व उक्त शिकायत की जाँच श्री व्ही.डी. अग्रवाल सहकारिता विस्तार अधिकारी शिवपुरी से कराई गई? यदि हाँ, तो क्या उक्त जाँच में पार्क की जमीन से 02 भू-खण्ड विक्रय किया जाना सिद्ध पाया गया है? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार यदि हाँ, तो क्या ऐसा करना म.प्र. सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 72 (घ) की उपधारा (5) के प्रावधान अनुसार सोसायटी की अनुमोदित अभिन्यास ले-आउट योजना के अतिक्रमण में भूमि का आवंटन या विक्रय धारा 74 के अधीन अपराध है? यदि हाँ, तो क्या उक्त अपराध को म.प्र. सहकारी सोसायटी अधिनियम की धारा 76 (2) के तहत कार्यवाही हेतु सहकारिता आयुक्त म.प्र. भोपाल से अनुमति ली गई है? यदि हाँ, तो क्या उक्त प्रकरण में संबंधित संस्था को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया था? यदि हाँ, तो सहकारिता अधिनियम की धारा 76 (1) के अनुसार प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट के न्यायालय में संस्था के विरूद्ध अभियोजना लगाया गया है यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें व प्रकरण की अद्यतन स्थिति से अवगत करावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। नगर एवं ग्रामीण निवेश विभाग से स्वीकृत अभिन्यास मानचित्र में 22 भू-खंड, 448 वर्गमीटर भूमि पार्क के निर्माण हेतु एवं 15 प्रतिशत भूमि ई.डब्लू.एस. के लिये अनुमोदित थी, नगर पालिका परिषद् शिवपुरी के पत्र क्र. 1151 दिनांक 6.4.2015 में पार्क की भूमि को उनके अधीन लिये जाने का उल्लेख है। (ग) जी हाँ। संस्था के सदस्यों द्वारा की गई एक शिकायत दि. 08.01.2011 को उपायुक्त, सहकारिता शिवपुरी को जाँच हेतु प्रेषित की गई थी, जिसकी जाँच उपायुक्त, सहकारिता, शिवपुरी द्वारा श्री व्ही.डी. अग्रवाल, सहकारिता विस्तार अधिकारी से कराई गई। जाँच अधिकारी द्वारा अपने प्रतिवेदन दि. 16.10.2014 में ’’शिकायत सही प्रतीत होती है’’ उल्लेखित किया है। (घ) सहकारी अधिनियम की धारा-72 (घ) की उपधारा-(5) के प्रावधान अनुसार सोसायटी द्वारा अनुमोदित अभिन्यास के अतिक्रमण में भूमि का आवंटन या विक्रय सहकारी अधिनियम की धारा- 74 के अंतर्गत अपराध है। सहकारी अधिनियम की धारा 76 (2) के अन्तर्गत कार्यवाही हेतु सहकारिता आयुक्त, मध्यप्रदेश से अनुमति की आवश्यकता नहीं है। जी हाँ। स्वीकृत ले-आउट के अतिरिक्त 2 भू-खंड सोसायटी द्वारा विक्रय करने के कारण सहकारी अधिनियम की धारा 76 (2) अंतर्गत कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। सोसायटी की सुनवाई करने के उपरांत प्रकरण प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट के न्यायालय में अभियोजन हेतु प्रस्तुत किये जाने के संबंध में अंतिम निर्णय लिया जा सकेगा।
विशेष ग्रामों हेतु पंजीयन शुल्क एवं मुआवजा
129. ( क्र. 7621 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में किस किस विधान सभा क्षेत्र के किस किस ग्राम पंचायत के अंतर्गत किस किस ग्राम (गाँव) को कब-कब विशेष ग्राम किस प्रावधान के अंतर्गत बनाया गया? सूची सहित विवरण दें? (ख) प्रश्नांश (क) के ग्राम को क्या क्या विशेष सुविधायें शासन की ओर से हैं, सुविधावार विवरण दें? (ग) क्या विशेष ग्राम (गाँव) को कृषि/व्यवसायिक भूमि विक्रय करने पर सामान्य ग्राम (गाँव) की तुलना में अधिक पंजीयन अर्थात रजिस्ट्री शुल्क अधिक लगता है? यदि हाँ, तो इसके क्या कारण हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) के ही भॉति जब शासन विशेष ग्राम की भूमि किसी प्रयोजन के तहत अधिग्रहण करता है तब उसे सामान्य ग्राम (गाँव) की भॉति मुआवजे का वितरण किया जाता है? ऐसा क्यों? (ड.) क्या विशेष ग्राम की भूमि विक्रय में जिस तरह विशेष गाइड-लाइन के तहत पंजीयन शुल्क लगता है उसी तरह मुआवजा भी दिया जाना चाहिए?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) भारतीय स्टाम्प अधिनियम, 1899 (1899 का 2) के अधीन बनाये गये म.प्र.बाजार मूल्य मार्गदर्शक सिद्धांतों का बनाया जाना और उनका पुनरीक्षण नियम, 2000 के नियम 4 (2) के अतर्गत गठित उप जिला मूल्यांकन समिति के प्रस्ताव पर, नियम 4 (1) के अंतर्गत गठित जिला मूल्यांकन समिति के द्वारा अनंतिम प्रस्ताव, नियम 3 (1) के अंतर्गत गठित केन्द्रीय मूल्यांकन बोर्ड को प्रेषित किये जाते है और केन्द्रीय मूल्यांकन बोर्ड के अनुमोदन के पश्चात् विकसित कतिपय ग्रोमों को विशेष ग्राम के रूप में लेकर उनके लिये बाजार मूल्य पृथक से जिला कलेक्टर द्वारा प्रतिवर्ष जारी की जाने वाली बाजार मूल्य मार्गदर्शिका (कलेक्टर गाइड-लाइन ) में रखे जाते है। कटनी जिले की गाइड-लाइन में वर्ष 2015-16 तक सम्मिलित किये गये विशेष ग्रामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश 'क' के उत्तर अनुसार विशेष ग्रामों के लिये बाजार मूल्य का निर्धारण केवल स्टाम्प शुल्क की संगणना के लिये होता है। (ग) जी नहीं (घ) एवं (ड.) बाजार मूल्य मार्ग-दर्शिका में रखे गये विशेष ग्रामों के लिये निर्धारित बाजार मूल्य केवल स्टाम्प शुल्क की संगणना के लिये होता है। भूमि अधिग्रहण के तहत मुआवजे का निर्धारण भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुर्नव्यस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम, 2013 के अतंर्गत किया जाता है।
फौती नामांतरण, बंटवारा सीमांकन के प्रकरणों का निराकरण
130. ( क्र. 7635 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले अन्तर्गत तहसीलों/अनुविभागीय अधिकारी कार्यालयों में विगत 02 वर्षों में फौती नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन के कुल कितने प्रकरण प्राप्त हुये, उनमें से समय-सीमा में कितने प्रकरणों का निराकरण कर दिया गया है? तहसीलवार विधान सभा क्षेत्रवार जानकारी देवे? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्ज प्रकरणों में कितने प्रकरण क्यों लम्बित है? तहसीलवार विधान सभावार सूची उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत लम्बित प्रकरणों का निराकरण कब तक कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) लंबित प्रकरणों का निराकरण लोक सेवा गारंटी अधिनियम की निर्धारत समय-सीमा अनुसार सुनवाई उपरांत निराकरण कर दिया जावेगा।
मुख्यमंत्री ग्राम हाट बाजार योजना
131. ( क्र. 7636 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के ग्यारसपुर, बासौदा, कुरवाई, विदिशा एवं नटेरन विकासखंडों में 01.01.13 से 31.01.15 तक मुख्यमंत्री ग्राम हाट बाजार योजना के तहत किन-किन ग्राम पंचायतों को कितने कार्य के लिए कितनी राशि स्वीकृत की गई? ग्राम पंचायत विधान सभावार जानकारी देवे? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उनमें से कितने कार्य पूर्ण हो चुके हैं? भुगतान हेतु शेष राशि कितनी है? अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण किया जावेगा? समय-सीमा बतावें? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित किस-किस ग्राम पंचायतों का ऑडिट हुआ है, ऑडिट में वित्तीय अनियमितता परिलक्षित हुई है या नहीं? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? शेष रही पंचायतों का ऑडिट कब तक करा लिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) पूर्ण एवं अपूर्ण कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के कॉलम नं.-8 अनुसार, भुगतान हेतु शेष राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के कॉलम नं.-7 अनुसार एवं अपूर्ण कार्यों के पूर्ण किये जाने की समय-सीमा की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के कॉलम नं.-9 अनुसार। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। ऑडिट में वित्तीय अनियमितता परिलक्षित न होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। शेष रही पचायतों का ऑडिट अगले वित्तीय वर्ष में करा लिये जाने की योजना है।
संयुक्त आयुक्त सहकारिता ग्वालियर द्वारा अनाधिकार चेष्टा
132. ( क्र. 7643 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में पदस्थ संयुक्त आयुक्त ग्वालियर श्री सिंघल की ग्वालियर में पदस्थापना संबंधी आदेश की प्रति उपलब्ध कराई जावें? (ख) क्या श्री सिंघल की पदस्थापना ग्वालियर के लिये ही संयुक्त आयुक्त पद हेतु की गई है, चम्बल संभाग के संयुक्त आयुक्त सहकारिता के पद हेतु नहीं की गई है? यदि हाँ, तो क्या श्री सिंघल को केवल ग्वालियर सं.आ. सहकारिता के पद पर ही पदस्थ किया गया है, संयु. आयु. सहकारिता (न्यायिक) के पद पर नहीं? (ग) यदि हाँ, तो फिर श्री सिंघल द्वारा क्षेत्राधिकार में न होने के बावजूद भी चंबल संभाग के प्रकरणों का न्यायिक रूप से फैसला देने का क्या औचित्य है? क्या यह अनाधिकार चेष्टा नहीं की गई है? इसके लिये संबंधित अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? चंबल संभाग में किये गये निराकृत प्रकरणों की संख्या उपलब्ध करावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, संयुक्त आयुक्त, सहकारिता चंबल संभाग का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। जी हाँ संयुक्त पंजीयक (न्यायिक) सहकारी संस्थायें, ग्वालियर संभाग का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। (ग) चंबल संभाग हेतु पृथक से संयुक्त पंजीयक (न्यायिक) सहकारी संस्थायें का कोई पद नहीं होने से संयुक्त आयुक्त सहकारिता चंबल संभाग द्वारा ही न्यायिक प्रकरणों का निराकरण किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। चंबल संभाग में श्री सिंघल की कार्यावधि में निराकृत प्रकरणों की संख्या 20 है।
जिला पंचायत के निर्माण कार्य
133. ( क्र. 7646 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला पंचायत ग्वालियर में कौन-कौन कर्मचारी कब से पदस्थ हैं वर्ष 2014-15 में पंचायत विभाग में कौन-कौन से मद से कितना बजट एवं किस-किस जनप्रतिनिधि की अनुशंसा पर कहाँ-कहाँ निर्माण कराये गये? (ख) जिला पंचायत ग्वालियर द्वारा किस-किस विभाग को कौन-कौन से मद का बजट किन वार्डों में दिया गया? (ग) क्या जिला पंचायत ग्वालियर में अधिकारी एवं कर्मचारी अध्यक्ष एवं सदस्यों को कोई महत्व न देकर अपने मर्जी से पूरी जिला पंचायत चलाते है जिसमें अध्यक्ष एवं सदस्य अपने आपको उपेक्षित महसूस करते हैं।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार एवं वर्ष 2014-15 में जिला पंचायत ग्वालियर को परफारमेंस ग्राण्ट में रुपये 100.00 लाख, सामुदायिक भवन निर्माण हेतु रुपये 190.00 लाख की राशि प्राप्त हुई है। जिसकी स्वीकृति सामान्य प्रशासन समिति से अनुमोदन उपरांत जारी की गई जिला पंचायत ग्वालियर 03 खेल मैदान हेतु राशि रुपये 150.00 लाख प्राप्त हुए जिसकी स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलित है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ के कॉलम 2, 3, एवं 4 अनुसार। (ग) जी नहीं।
जिला सहकारी बैंकों में कार्यरत कर्मचारी
134. ( क्र. 7657 ) श्री प्रताप सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के जिला सहकारी बैंकों में कितने कर्मचारी सेवारत रहे हैं? जिन्हें न्यायालय द्वारा आपराधिक प्रकरणों में सजा दी गई है? बैंकवार जानकारी दें? (ख) न्यायालय द्वारा सजा सुनाये जाने के बाद भी सेवायें समाप्त न करने पर कौन-कौन उत्तरदायी हैं? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) माननीय न्यायालय द्वारा सजा सुनाने के पश्चात् सेवारत कर्मचारियों के वेतन एवं निलंबन भत्ते के रूप में कितनी राशि भुगतान की गई? क्या उत्तरदायी अधिकारियों से यह राशि वसूल की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रथम दृष्ट्या संबंधित जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक का प्रबंधन उत्तरदायी है। प्रकरण का परीक्षण कर नियमानुसार कार्यवाही के निर्देश दिये गये है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वसूली की कार्यवाही उत्तरांश 'ख' के परीक्षण के निष्कर्षाधीन। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पाटन विधान सभा क्षेत्र में मार्ग एवं पुलिया निर्माण
135. ( क्र. 7667 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या R.E.S विभाग द्वारा पाटन विधान सभा क्षेत्र अतंर्गत ब्यौहारी कॉलोनी से मुसकुरा पहुंच मार्ग एवं ननवारा से खैरा मार्ग का निर्माण किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो यह बतलावें की योजना अंतर्गत प्रश्नांश (क) में उल्लेखित दोनों मार्गों पर कितनी लागत से किस प्रकार की कितनी पुलियों का निर्माण होना था? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित पुलियों के निर्माण में अनियिमतताओं की कितनी शिकायतें शासन स्तर पर प्राप्त हुई एवं उन पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या शासन पिलर के स्थान पर पाइप पुलिया के निर्माण की जाँच कराकर दोषियों पर कार्यवाही करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) उक्त दोनों मार्गों पर 11 पुलिया स्वीकृत है जिसमें 09 पुलिया पाइप पुलिया है, जिनकी लागत रू. 12.50 लाख है। 01 पुलिया स्लेब पुलिया है, जिसकी लागत 17.83 लाख है, एवं 01 पाइप वेन्टेड कॉजवे है, जिसकी लागत रू. 14.22 लाख है। (ग) उत्तरांश (ख) में उल्लेखित पुलियाओं के निर्माण अनियमितता की शिकायत प्रकाश में नहीं आने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उक्त मार्गों में पाइप पुलियों का निर्माण स्थल की आवश्यकता के अनुसार किया जाना प्रतिवेदित है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सिघांड़ा उत्पादन करने वालों को मुआवजा वितरण
136. ( क्र. 7668 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पाटन विधान सभा क्षेत्र अतंर्गत किन-किन क्षेत्रों के कितने-कितने रकबे में कृषकों द्वारा सिंघाड़ा फसल का उत्पादन किया जाता है? ग्रामवार कृषकों के नाम सहित सूची देवें। (ख) क्या इस वर्ष सूखे की स्थिति उत्पन्न होने से मझौली तहसील के ग्राम दर्शनी, हटोली, खभरा, नंदग्राम मुडिया, मड़ोद, खाँड़, पोरा हरदुआ, अमोंदा, दुहतरा-दुहतरी तागबैहर, अमाना, खितौला, पड़वार, जौली, नयेगाँव, बिछिया, उमरधा, चरगवां, डुगरिया, रौसरा तलाड बंधा, हरदुआ, बरगी, गौरहा पोड़ा भिटोनी, नोंदघाट सहित सैकड़ों ग्रामों के जलाशयों में रोपित सिघांड़ा की फसल नष्ट हो गई व उत्पादन प्रभावित हुआ। (ग) यदि हाँ, तो क्या सिंघाड़ा उत्पादन करने वालों ने मुआवजा प्रदान करने की मांग शासन स्तर पर की? यदि हाँ, तो शासन द्वारा इस पर क्या कार्यवाही की? क्या शासन इन सिंघाड़ा उत्पादन करने वाले कृषकों को फसल नुकसानी का आकलन कर उचित मुआवजा प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित ग्रामों में सूखे से सिंघाड़ा की फसल का उत्पादन प्रभावित हुआ है। (ग) जी हाँ। सिंघाड़ा उत्पादन करने वालों ने राहत राशि प्रदाय करने की माँग की है। राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 में सिंघाड़ा की फसल के संबंध में कोई प्रावधान नहीं होने से कार्यवाही नहीं की जा सकी। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
क्रय-विक्रय विपणन एवं भण्डारण संख्या
137. ( क्र. 7670 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चंबल क्रय विक्रय विपणन एवं भण्डारण सहकारी समिति मर्या. भिण्ड का पंजीयन क्रमांक क्या है? इसके कार्यक्षेत्र में कौन-कौन से जिले आते हैं? कौन प्रवर्तक सदस्य हैं? क्या संस्था उप पंजीयक सहकारी संस्था भिण्ड के अंतर्गत पंजीयत नहीं हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित संस्था जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या. भिण्ड की सदस्य है? यदि हाँ, तो किस नियम के अंतर्गत सदस्यता दी गई है? सदस्यता देने के लिए कौन उत्तरदायी है? क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत संस्था को जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक भिण्ड की सदस्यता नियमानुसार न होने के कारण कब तक समाप्त हो जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जे.आर./एन.एम.ए./01 दिनांक 24.01.2012 कार्यक्षेत्र संपूर्ण चंबल संभाग है जिसके अंतर्गत मुरैना, भिण्ड एवं श्योपुर जिले आते हैं। प्रवर्तक सदस्यों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। संस्था संयुक्त पंजीयक सहकारी संस्थाएं चंबल संभाग में पंजीकृत है। (ख) जी हाँ। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्या. जिला भिण्ड की उपविधि क्रमांक 7 (क), (ख) के प्रावधान अनुसार। बैंक का संचालक मण्डल। सदस्यता नियमानुसार दिये जाने से कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश 'ख' अंतर्गत सदस्यता नियमानुसार होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालय निर्माण
138. ( क्र. 7679 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में निर्मल भारत अभियान/मर्यादा अभियान और स्वच्छ भारत अभियान के लिए वित्तीय वर्ष 2014-15 के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालयविहीन घरों में शौचालय निर्माण के लिए जिलावार क्या लक्ष्य निर्धारित किये गये? इस लक्ष्य के विरूद्ध क्या उपलब्धि जिलावार रही? (ख) मध्यप्रदेश में स्वच्छ भारत अभियान के लिए वित्तीय वर्ष 2015-16 के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालयविहीन घरों में शौचालय निर्माण के लिए जिलावार क्या लक्ष्य निर्धारित किये गये? दिसम्बर 2015 तक इस लक्ष्य के विरूद्ध जिलावार क्या उपलब्धि रहीं? (ग) उपरोक्त अवधि में बनाये गये शौचालयों में कई अधूरे बनाये गये है उनकों पूर्ण कराने के लिए क्या योजना बनायी गयी है? उमरिया जिले के तिवनी पंचायत के चंदलिया गाँव में बनाये गये अधूरे शौचालय को कब तक पूर्ण कराया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। उमरिया जिले के तिवनी पंचायत के चंदलिया गाँव में बनाये गये अधूरे शौचालय को अप्रैल 2016 तक पूर्ण कराये जाने का लक्ष्य है।
महात्मा गांधी रोजगार गांरटी योजना के कार्य
139. ( क्र. 7682 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले के विकासखण्ड घाटीगाँव के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायतों में महात्मा गांधी रोजगार गांरटी योजना के तहत वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक ग्राम पंचायतवार कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी लागत के स्वीकृत किये गये हैं? कितने कार्य पूर्ण हो चुके हैं कितने कार्य अपूर्ण हैं, कितने अप्रारंभ हैं? अपूर्ण एवं अप्रांरभ रहने का कारण स्पष्ट बतावें? (ख) म.गा.रो.गा. योजना के तहत विगत दो वर्षों के वर्षवार किस-किस ग्राम पंचायत में कितने कार्य अपूर्ण हैं? अपूर्ण रहने के कारण बतावें? कब तक कार्यों को पूर्ण कराया जावेगा? (ग) क्या मनरेगा में ग्राम पंचायतों में कार्य अपूर्ण रहने से नये कार्यों की स्वीकृति पर प्रतिबंध लगाया गया है? क्या ग्राम पंचायत में पूर्व वर्षों के अपूर्ण कार्य नहीं होने के उपरांत भी नये कार्य स्वीकृत किये जा रहे हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) ग्वालियर जिले के विकासखण्ड घाटीगाँव के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायतों में महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत प्रश्नाधीन अवधि में कुल 1545 कार्य, राशि रू. 1961.72 लाख के स्वीकृत किये गये। जिनमें पूर्ण कार्य 309, अपूर्ण 572, अप्रारम्भ 664 हैं। ग्राम पंचायतवार कार्यों की वांछित जानकारी वेबसाइट www.nrega.nic.in पर उपलब्ध है। मनरेगा मांग आधारित योजना होने के कारण कार्यों का पूर्ण एवं प्रारम्भ होना जॉबकार्डधारियों द्वारा कार्य की मांग किये जाने पर निर्भर है। (ख) महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत विगत दो वर्षों के 572 कार्य अपूर्ण हैं। वांछित जानकारी वेबसाइट www.nrega.nic.in पर उपलब्ध है। मनरेगा मांग आधारित योजना होने के कारण कार्यों का पूर्ण एवं प्रारम्भ होना जॉबकार्डधारियों द्वारा कार्य की मांग किये जाने पर निर्भर है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना सम्भव नहीं है। (ग) जी नहीं, यह निर्देश दिये गये हैं कि किसी भी समय ग्राम पंचायत अंतर्गत प्रगतिरत कार्यों की संख्या 5 सामुदायिक एवं 25 हितग्राही मूलक कार्यों से अधिक न रहे। यह कार्यक्रम अधिकारी द्वारा सुनिश्चित किया जावे। जी हाँ। जॉबकार्डधारी परिवारों की काम की मांग की पूर्ति अपूर्ण कार्यों से न हो पाने पर नये कार्य स्वीकृत किये जा सकते हैं।
केन्द्रीय सहकारी बैंक में पदों की स्थिति
140. ( क्र. 7687 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सहकारिता विभाग अंतर्गत मध्यप्रदेश में कौन-कौन से बैंक संचालित हैं? (ख) जिला केन्द्रीय बैंक राजगढ़ अंतर्गत किस-किस श्रेणी के कितने-कितन पद स्वीकृत है? (ग) जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक राजगढ़ अंतर्गत जिले में कौन-कौन से पद कब से रिक्त है? (घ) जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक राजगढ़ अंतर्गत जिले व अन्य विकासखण्डों में किन-किन पदों पर कौन-कौन कब से कार्यरत हैं? विकासखण्डवार बतावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
अध्यक्ष एवं उपाध्यक्षों का मानदेय
141. ( क्र. 7689 ) श्री रामप्यारे कुलस्ते : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड भोपाल द्वारा कृषि उपज मंडी में निर्वाचित अध्यक्ष, उपाध्यक्षों का मानदेय एवं सत्कार भत्ता मंडियों की श्रेणी अ, ब,स, द, के अनुसार कितना-कितना दिया जा रहा है? (ख) क्या निर्वाचित प्रतिनिधियों की तुलना की दृष्टि से त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधि, जिला पंचायत सदस्य का क्षेत्र एवं कृषि उपज मंडी सदस्य का क्षेत्र लगभग समतुल्य होता है? (ग) क्या कृषि उपज मंडी अध्यक्ष, उपाध्यक्षों का मानदेय सत्कार भत्ता बढ़ाते हुए प्रदेश के सभी कृषि उपज मंडी अध्यक्ष, उपाध्यक्षों का मानदेय सत्कार भत्ता में एकरूपता करेंगे?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जी नहीं।
दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
142. ( क्र. 7695 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले के तहसील गुढ़ के नायब तहसीलदार के न्यायालय में हीरालाल पटेल के द्वारा धारा 129 के तहत सीमांकन का आवेदन दिया गया था। जिसमें न्यायालय द्वारा 3-8-2012, 17.08.12, 23.08.12, 31.08.12 की तिथियां नियत की जाकर प्रकरण की सुनवाई की जाती रही? दिनांक 31.08.12 को आपत्तिकर्ता श्री रामस्वरूप वगैरह का अवलोकन न्यायालय द्वारा करने के उपरांत आवेदन के जबाव हेतु अगली तिथि 06.09.12 नियत की गई? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो 06.09.12 को आवेदक हीरालाल पटेल द्वारा पेश आपत्ति के जबाव के साथ अनावेदकगणों के विरूद्ध एक पक्षीय कार्यवाही न्यायालय द्वारा विशेष रूचि लेते हुये अंतिम आदेश के लिये 07.09.12 को नियत किया? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में तत्कालीन नायब तहसीलदार गुढ़ का स्थानातंरण राजस्व आयुक्त म.प्र. भोपाल के आदेश क्रमांक एफ-3-51/स्थापना/प्र;रा;अ/2012/2169 भोपाल दिनांक 12.07.2012 के पालन में कलेक्टर रीवा द्वारा पत्र क्रमाक 322/3/स्था/2012 दिनांक 06.09.2012 को संबंधित को नवीन पदस्थापना के लिये भार मुक्त किया गया? (घ) यदि प्रश्नांश (ग) हाँ तो क्या तत्कालीन नायब तहसीलदार (श्री वंश) द्वारा क्या दिनांक 07.09.12 को कार्य से मुक्त होने के बाद प्रकरण क्रमांक 24/अ 12/2011-12 में संलग्न राजस्व निरीक्षक द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन प्रदर्श-पी-1 पंचनामा पी-2 एवं सूचना पत्र पी-3 की पुष्टि की गई? (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) के संबंध में कानूनगो एवं पटवारी द्वारा दिनांक 26.06.12 को ही नक्शा तरमीम की कार्यवाही कर सीमांकन होने का प्रतिवेदन दिया गया जबकि मौके पर सीमांकन की कार्यवाही भी नहीं की गई? तत्कालीन नायब तहसीलदार द्वारा पद का दुरूपयोग करते हुये दिनांक 07.09.12 को पद में न रहते हुये आदेश जारी करने के लिये दोषी के विरूद्ध क्या धोखाधड़ी का अपराध पंजीबद्ध कराते हुये विधि विरूद्ध किये गये आदेश (प्रकरण क्रमांक 24/अ12/2011-12) को निरस्त करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक, अगर नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) न्यायालयीन प्रक्रिया के तहत कार्यवाही की गई। (ग) जी नहीं। अनुविभागीय अधिकारी गुढ़ के आदेश क्रमांक 275/एसडीएम/2012/गुढ दिनांक 13/9/2012 को दोपहर बाद नवीन पदस्थापना के लिये भार मुक्त किया गया। (घ) भार मुक्त होने के पूर्व 7/9/2012 को सीमांकन की पुष्टि की गई। (ड.) 25/6/2012 के पंचनामा पर सीमांकन किया गया एवं भार मुक्ति के पूर्व दिनांक 7/9/2012 को सीमांकन की पुष्टि की गई।
खसरे में हेराफेरी
143. ( क्र. 7704 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले की नईगढ़ी तहसील के कनूनगो सर्किल रामपुर पटवारी हल्का बंधवा भई बांट की आराजी नं. 573, 579/1 के खसरे में वर्ष 2013 से 2015 तक श्री रामनाथ कोल बगैरह का नाम दर्ज है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वर्ष 2015 के पश्चात् श्री रामनाथ कोल के स्थान पर अन्य किस व्यक्ति का नाम दर्ज हो गया है, दर्ज नाम के साथ खसरे में नाम दर्ज करने वाले अधिकारी का नाम व आदेश की प्रति देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में नाम की हेराफेरी करने वाला दोषी अधिकारी कौन है जब कि आदिवासी की जमीन बिना कलेक्टर की अनुमति से अन्य व्यक्ति के नाम नहीं की जाती है तथा मौके पर किसका कब्जा है? पंचनामा के साथ जानकारी देवें? (घ) प्रश्नांश (क) की भूमि श्री रामनाथ कोल बगैरह के नाम कब तक दर्ज कर मौके पर आदिवासी की जमीन वापस कर दी जावेगी तथा दोषी अधिकारी को क्या दंडित किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पदोन्नति एवं पदस्थापना की जाँच
144. ( क्र. 7707 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 15.04.2013 की स्थिति में विकास आयुक्त कार्यालय भोपाल की स्थापना शाखा-2 में मुख्य कार्यपालन एवं विकासखंड अधिकारी की स्थापना एवं अनुशासनात्मक कार्यवाही से संबंधित समस्त कार्य कौन कर्मचारी संपादित कर रहे थे नाम एवं पदनाम बतायें? क्या इन कर्मचारियों के सहयोग के लिए डॉटा एंट्री ऑपरेटर भी पदस्थ थे? (ख) वर्तमान में विकास आयुक्त कार्यालय की स्थापना शाखा-2 में मुख्य कार्यपालन एवं विकासखंड अधिकारी की स्थापना एवं अनुशासनात्मक कार्यवाही से संबंधित समस्त कार्य कौन कर्मचारी संपादित कर रहे हैं? नाम, पदनाम बताये जाये? क्या इन कर्मचारियों के लिए डॉटा एंट्री ऑपरेटर भी पदस्थ हैं? (ग) क्या पूर्व में जो कार्य मात्र दो कर्मचारियों द्वारा संपादित किया जा रहा था अब उसी कार्य को कराने के लिए कई कर्मचारियों जिनमें आउट-सोर्स से डॉटा एंट्री ऑपरेटर भी सम्मिलित हैं को लगाया जाकर शासकीय धन का अपव्यय क्यों एवं किस नियम/निर्देश के आधार पर किया जा रहा है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) जी नहीं, पूर्व में जितने कर्मचारियों द्वारा कार्य संपादित किया जा रहा था, उतने ही कर्मचारियों द्वारा अब भी कार्य संपादित किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लक्ष्मणबाग संस्थान की भूमि की जाँच
145. ( क्र. 7708 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लक्ष्मणबाग संस्थान रीवा जिला रीवा की भूमि खसरा नं. 01 से 08 ग्राम ढेरा तह. मऊगंज की भूमि काश्तकारी हेतु वर्ष 2015-16 की नीलामी द्वारा प्रशासक/कलेक्टर रीवा द्वारा जमा की गई नीलामी राशि रू. 5000/- रसीद क्रमांक 1222 दिनांक 30.06.2015 के द्वारा श्री भगवनादीन साकेत के नाम नीलामी की गई है। यदि हाँ, तो आदेश की प्रति देंवे? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अंकित भूमि के बेजा कब्जा हटाने के लिये कार्यपालन अधिकारी/एस.डी.एम. के आदेश क्रं. 304 दिनांक 04.07.2015 एवं कलेक्टर/प्रशासक का पत्र दिनांक 29.07.2015 के द्वारा निर्देशित किया गया किन्तु आज दिनांक तक सरहंग व्यक्ति द्वारा कब्जा बेदखल नहीं हुआ है? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हाँ, तो अवैध कब्जाधारी व्यक्ति के विरूद्ध क्या पुलिस एफ.आई.आर. दर्ज कर भूमि के अवैध कब्जे से भूमि को मुक्त कराकर कराया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के संदर्भ में कार्यवाही न कराने में कौन अधिकारी दोषी है, दोषी अधिकारी के विरूद्ध कब क्या और कब तक दण्डात्मक कार्यवाही करेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार। (ख) जी हाँ। जिसके पालन में दिनांक 30.11.2015 को नीलामीदार भगवानदीन की उपस्थिति में नोटिस से कब्जा दिला दिया गया हैं तथा कब्जा प्राप्ति में भगवानदीन के द्वारा हस्ताक्षर अंगूठा उपस्थित पंचों के समक्ष किया गया था कब्जा पंचनामा संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब' अनुसार। (ग) एवं (घ) उत्तरांश ‘ख‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सोसायटियों के गबन अनियमितता की जाँच
146. ( क्र. 7716 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले में वर्तमान में कुल कितनी सोसायटियां संचालित हैं? (ख) प्रश्नांश की कण्डिका (क) की उपलब्ध जानकारी अनुसार सोसायटियों में वर्ष 2013-14 एवं वर्ष 2014-15 में किन-किन सोसायटियों में गबन अनियमितता की जाँच की गई है? (ग) प्रश्न की कण्डिका (ख) की उपलब्ध्ा जानकारी अनुसार जो जाँच की गई उन सोसायटी अधिकारियों/कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही की गई? अगर कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों नहीं की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) 1199 पंजीकृत। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। उक्त सभी प्रकरणों में कार्यवाही की गई है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अवैध वाहनों पर कार्यवाही
147. ( क्र. 7725 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्तमान में राजगढ़ जिले में जिला परिवहन अधिकारी का पद रिक्त होने से जिला परिवहन अधिकारी सीहोर को राजगढ़ जिले का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है? (ख) क्या राजगढ़ जिले में हजारों की संख्या में छोटे-बड़े वाहन संचालित हैं तथा सूक्ष्म परीक्षण के अभाव में बिना परमिट वाहन दौड़ रहे हैं एवं दर्जनों वाहन परमिट नवीनीकरण की अवधि समाप्त हो जाने तथा फिटनेस के अभाव में संचालित हो रहे हैं? जिले में ओव्हर लोडिंग की भी भारी समस्या है जिसके कारण आऐ दिन दुर्घटनाएं घटित हो रही है तथा शासन को भी बड़ी मात्रा में राजस्व हानि हो रही है? यदि हाँ, तो क्या शासन राजगढ़ जिले में जिला परिवहन अधिकारी के रिक्त पद पर पदस्थापना करेगा? ताकि उपरोक्त वर्णित अवैध गतिविधियों को नियंत्रण किया जा सकें? (ग) उपरोक्तानुसार एक जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा राजगढ़ जिले में कितने बिना परमिट संचालित वाहनों एवं ओव्हर लोडिंग वाहनों के विरूद्ध कार्यवाही कर कितनी राशि के दण्ड आरोपित किये गये? ऐसे वाहनों के प्रकार, रजिस्ट्रेशन नंबर व कार्यवाही दिनांक सहित बतावें?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) वस्तुस्थिति यह है कि राजगढ़ जिले में बडी संख्या में छोटे बड़े वाहन संचालित होते है, जिनका परीक्षण नियमित चलने वाली आकस्मिक जाँच के दौरान किया जाता है, तथा जाँच में बिना वैध परमिट, बिना वैध फिटनेस तथा वाहनों में ओव्हर लोडिंग की स्थिति पाये जाने पर नियमानुसार चालानी कार्यवाही कर शासकीय राजस्व वसूल किया जाता है। आये दिन दुर्घटना घटित होने व शासन को राजस्व हानि की स्थिति नहीं है। वर्तमान में जिला परिवहन अधिकारी सीहोर के पास जिला परिवहन अधिकारी राजगढ़ का प्रभार है। अधिकारियों की उपलब्धता के आधार पर रिक्त पदों पर पदस्थापना की जाती है। (ग) प्रश्नांकित अवधि जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक जिले में चैकिंग कर 112 वाहनों पर बिना परमिट एवं ओव्हर लोडिंग के प्रकरण बनाये जाकर, रूपये 1957553/- की दण्ड राशि वसूल हुई तथा परिवहन चैक पोस्ट खिलचीपुर द्वारा 16925/- वाहनों के विरूद्ध कार्यवाही की जाकर 12129000/- की राजस्व वसूली की गई। वाहन क्रमांक सहित विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है।
लोक सेवा केन्द्रों पर समय-सीमा में आवेदनों का निराकरण
148. ( क्र. 7726 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में लोक सेवा प्रबंधन के अंतर्गत लोक सेवा केन्द्रों का संचालन निविदाएं आमंत्रित कर ठेका पद्धति से कराया जाता है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में लोक सेवा केन्द्र के संचालन हेतु संबंधित एजेन्सी के लिये शासन द्वारा क्या-क्या नियम व मापदण्ड निर्धारित है तथा लोक सेवा केन्द्र में कार्य करने हेतु रखे जाने वाले कर्मियों की योग्यता के तय मापदण्ड क्या है तथा लोक सेवा प्रदाय गांरटी अधिनियम के तहत शासन द्वारा किन-किन सेवाओं को सम्मिलित किया गया है तथा किस-किस सेवा के लिये क्या-क्या समय-सीमा तय है? निर्धारित समय-सीमा से अधिक समय तक लंबित आवेदनों के लिये शासन द्वारा संबंधितों के विरूद्ध क्या कार्यवाही के प्रावधान है? (ग) क्या राजगढ़ जिले के अंतर्गत संचालित समस्त लोक सेवा केन्द्रों पर बड़ी मात्रा में तय समय-सीमा के बाद भी आवेदन लंबित रहने एवं संचालकों द्वारा अवैध धन वसूली की भी निरंतर शिकायतें प्राप्त हो रही है? यदि हाँ, तो ऐसे केन्द्र की विरूद्ध जाँच कराकर उचित कार्यवाही की जावेगी?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) लोक सेवा केन्द्र के संचालन हेतु नियम एवं मापदण्ड आर.एफ.पी की कण्डिका 3 में उल्लेखित है। आर.एफ.पी की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। लोक सेवा केन्द्र में कार्य करने हेतु रखे जाने वाले कर्मियों की योग्यता के मापदण्ड पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र की कण्डिका 3.1 (सी) पृष्ठ 25 में उल्लेखित है। लोक सेवा प्रदाय गारंटी अधिनियम के तहत सम्मिलित सेवाओं तथा इन सेवाओं के प्रदाय की समय-सीमा संबंधी विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। यदि पदाभिहित अधिकारी अथवा प्रथम अपीलीय अधिकारी बिना पर्याप्त तथा युक्तियुक्तकरण से निश्चित समय-सीमा में सेवा प्रदान करने में विलंब करता है अथवा अपील का विनिश्चय करने में असफल होता है तो उसके विरूद्ध 250/- से 5000/- तक शास्ति अधिरोपित करने का प्रावधान है। (ग) जिला राजगढ़ के अन्तर्गत संचालित लोक सेवा केन्द्रों में सें मात्र एक लोक सेवा केन्द्र नरसिंहगढ़ की शिकायत प्राप्त होने पर जाँच उपरांत रूपये 25000/- का अर्थदण्ड लगाया एवं लोक सेवा केन्द्र नरसिंहगढ़ के अनुबंध को निरस्त करने की कार्यवाही की गई है।
कीटनाशक के नमूनों की जाँच
149. ( क्र. 7734 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में कृषि कार्य में काम आने वाले कीटनाशकों के नमूनों की गुणवत्ता जाँच हेतु प्रयोगशाला स्थापित है? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ पर, तथा 1 जनवरी 2013 से प्रश्न दिनांक तक कितने नमूनों की जाँच की गई? (ख) प्रदेश में 1 जनवरी 2014 के पश्चात् कितने निर्माता कीटनाशक विक्रय करने हेतु सरकार द्वारा अधिकृत किये गये, इनमें से कितने कीटनाशक निर्माताओं के नमूने जाँच हेतु भेजे गये, नमूनों में कितने अमानक पाये गये, कितनों को काली सूची में डाला गया, तथा क्या-क्या कार्यवाही की गयी? काली सूची में डाली गयी फर्मों के नाम सहित विवरण देवें? (ग) क्या अनेक कीटनाशक निर्माताओं के नमूने अमानक पाये जाने पर भी उक्त निर्माता एवं विक्रेताओं के विरूद्ध कार्यवाही नहीं की गयी, यदि हाँ, तो क्यों तथा कीटनाशक निर्माताओं को कीटनाशक विक्रय के लिए पुन: अधिकृत किये जाने का क्या कारण है? क्या कीटनाशक के नमूने अमानक पाये जाने पर कानूनी कार्यवाही की जाने की समय-सीमा तय हुई है? यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ, जबलपुर में स्थित है। प्रश्न अवधि में 4365 नमूनों की जाँच की गई। (ख) प्रश्न अवधि में 975 निर्माताओं के कीटनाशक विक्रय करने हेतु अधिकृत किया गया। कीटनाशक निर्माताओं के 4365 नमूने जाँच हेतु भेजे गये, जाँच में 265 नमूने अमानक पाये गये। अमानक पाये गये नमूनों से संबंधित निर्माता विक्रेता के विरूद्ध कीटनाशी अधिनियम 1968 में निहित प्रावधान के तहत कार्यवाही की गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं, मानक पाये गये नमूनों संबंधित निर्माता/विक्रेता के विरूद्ध कीटनाशी अधिनियम 1968 में निहित प्रावधान के तहत कार्यवाही की गई। अमानक कीटनाशक विक्रय के लिये पुन: अधिकृत नहीं किया गया। अमानक नमूने पर की गई कार्यवाही की फर्मवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
वैध एवं अवैध कॉलोनियां
150. ( क्र. 7755 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम जिले में अनुमति एवं बिना अनुमति प्राप्त किये नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में अनेक वैध एवं अवैध कॉलोनियां विकसित होकर अनेक लायसेंसी कॉलोनाईजर एवं व्यक्ति तथा संस्थाओं के द्वारा कॉलोनियां विकसित की जा रही हैं? (ख) यदि हाँ, तो रतलाम जिला अंतर्गत किन किन नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में किन किन स्थानों पर वैध एवं अवैध कॉलोनियां होकर कितने लायसेंसी कॉलोनाईजर एवं कितने अलायसेंसी व्यक्ति/समूह, संस्थाएं उक्त कार्य कर रहीं है? (ग) विगत वर्षों में कितनी कॉलोनियों की वैद्यता का प्रमाण-पत्र देकर हस्तांतरित कर वैध किया गया, कितनी कॉलोनियां प्रश्न दिनांक तक अवैध है? (घ) कॉलोनियों को वैध किये जाने हेतु शासन/विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई एवं इन्हें कब तक वैध कर राजस्व कर वसूली एवं जनता की मूलभूत आवश्यकता, कठिनाईयों की पूर्ति कब तक की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जिले के नगरीय क्षेत्र क्रमशः नगरपालिक निगम रतलाम, नगरपालिका जावरा एवं नगर परिषद् आलोट, ताल तथा सैलाना क्षेत्रान्तर्गत म.प्र. नगरपालिका (कॉलोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण, निर्बधन एवं शर्तें) नियम 1998 के तहत रजिस्ट्रीकृत कॉलोनाईजर द्वारा कॉलोनी विकसित की जा रही है। (ख) जानकारी निम्नानुसार हैः-
क्र.
निकाय का नाम वैध
कॉलोनी अवैध/अविकसित
कॉलोनी रजिस्ट्रीकृत
कॉलोनाईजर
1. नपानि
रतलाम 117 102 34
2. नपा जावरा 16 52 12
3. नप आलोट 07 10 08
4. नप ताल 00 00 01
5. नप सैलाना 03 00 03
योग 143 164 58
(ग) नगरपालिक
निगम रतलाम क्षेत्रान्तर्गत
69
वैध कॉलोनी की
वैधता का
प्रमाण-पत्र
जारी कर निगम
के अधीन
हस्तांतरित
किया गया है।
जिले में
प्रश्नांश (ख)
में उल्लेखित
अनुसार नगरीय
क्षेत्रों
में कुल 164
अवैध/अविकसित कॉलोनियां
है। (घ) जिले
के नगरीय
क्षेत्रों की
अवैध कॉलोनियों
के
नियमितिकरण
हेतु म.प्र.
नगरपालिका
(कॉलोनाईजर का
रजिस्ट्रीकरण, निर्बधन
एवं शर्तें) नियम
1998
के नियम 15 (क)
अनुसार
कार्यवाही
प्रचलित है।
नियमानुसार
नियमितीकरण
की प्रक्रिया
पूर्ण होने पर
कॉलोनियों के
रहवारियों को
मूलभुत
सुविधाएं
उपलब्ध कराई
जावेगी।
कार्य योजना के कार्य
151. ( क्र. 7756 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम सभाओं, ग्राम पंचायतों, जनपद पंचायतों, के माध्यम से वार्षिक एवं पंचवर्षीय कार्यों को किये जाने की प्राथमिकताओं को सुनिश्चत किया जाता है? साथ ही जिला पंचायत द्वारा भी उपरोक्तानुसार कार्ययोजना बनाई जाती है? (ख) यदि हाँ, तो रतलाम जिले में वर्ष 2013-14 से लेकर प्रश्न दिनांक तक जावरा एवं पिपलौदा तहसील अंतर्गत ग्रामीण सड़क, तालाब, छोट-बड़े डेम तथा छोटी-बडी पुल-पुलियाओं एवं रपटों के कितने प्रस्ताव आए? (ग) उपरोक्त वर्षों में बनाई गई कार्य योजनाओं में उपरोक्तानुसार उल्लेखित कार्यों में से कितने कार्य किन योजनाओं के माध्यम से पूर्ण हुए? कितने अपूर्ण रहें? (घ) उपरोक्त वर्षों के पूर्ण एवं अपूर्ण कार्यों पर कितना व्यय होकर अपूर्ण कार्य कब पूर्ण होगें तथा कार्ययोजना से वंचित शेष रहे प्राथमिकताओं की सूची के कार्यों से ग्राम पंचायतों के नाम सहित अवगत कराएं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक जनपद पंचायत जावरा में 1975 एवं जनपद पंचायत पिपलौदा में 1662 कार्यों के प्रस्ताव प्राप्त हुए। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ के कॉलम नम्बर 6, 7, 11, 12, 16 एवं 17 अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ के कॉलम नम्बर 4, 9, 14, एवं 18 अनुसार। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब‘ अनुसार।
पंचायत सचिवों के विरूद्ध कार्यवाही
152. ( क्र. 7773 ) पं. रमेश दुबे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन में बरती गयी अनियमितता एवं ग्रामीणों के शोषण के संबंध में ग्राम पंचायत घोराड़, पनियारी, मोया, लोहांगी विकासखण्ड विछुआ, ग्राम पंचायत हलालखुर्द विकास खण्ड चौरई जिला-छिन्दवाड़ा के विरूद्ध शिकायतें व शपथ-पत्र प्राप्त होने पर जुलाई 2015 से प्रश्न दिनांक के मध्य प्रश्नकर्ता ने कलेक्टर छिन्दवाड़ा और मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत छिन्दवाड़ा, को जाँच कर कार्यवाही करने हेतु पत्र प्रेषित किया है? (ख) यदि हाँ, तो पत्र और उसके साथ संलग्न शिकायत पत्र एवं शपथ पत्र में किन किन बिंदुओं पर शिकायत की गयी है? (ग) प्रश्नकर्ता के पत्रों पर किस स्तर से क्या कार्यवाही की गयी है? क्या जाँच की गयी है? यदि हाँ, तो किस अधिकारी के द्वारा जाँच की गयी? (घ) क्या शासन/जिला प्रशासन प्रश्नकर्ता के पत्रों पर त्वरित कार्यवाही नहीं करने समयावधि में जाँच कर संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही नहीं करने के लिए जाँच एवं कार्यवाही हेतु सक्षम अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही तथा प्रश्नकर्ता के पत्रों पर तत्काल जाँच कर संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही का आदेश देगा यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम 5 अनुसार। (ग) प्रश्नकर्ता के पत्रों पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम 6 एवं 8 अनुसार। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम 7 अनुसार। (घ) प्राप्त शिकायतों पर जिला स्तर से त्वरित कार्यवाही की गई है। दोषी पाये गये कर्मचारियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की गई है। प्रचलित प्रकरणों में गुणदोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला पंचायत पन्ना वाटर शेड में शिकायत
153. ( क्र. 7774 ) श्री मुकेश नायक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला पंचायत पन्ना के वाटर शेड मिशन में विगत 5 वर्षों में संबंधित अधिकारियों द्वारा कार्य निवर्तन हेतु परिवहन के लिये जिन टैक्सियों को किराये पर लगाया गया था क्या वे वित्त विभाग के निर्देशों के पालन में टैक्सी कोटे में पंजीकृत एवं आर.टी.ओ. से प्राधिकृत ट्रेवल्स संचालक से ही वाहन लिये गये हैं? (ख) क्या स्कार्पियो, एस.यू.व्ही. वाहन पंजीयन क्रमांक एम.पी. 21, सी.ए. 3201 वाहन को वाटर शेड मिशन के कार्यों हेतु किराये पर लिया था क्या उक्त वाहन ट्रेवल्स टैक्सी के अंतर्गत पंजीकृत होकर नियमानुकूल था? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में उल्लेखित वाहन शासन की शर्तों का पालन नहीं करता है तो नियम विरूद्ध किराये पर लिये वाहन में हुई वित्तीय अनियमितता के लिये दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कब-तक कार्यवाही की जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वित्त विभाग के परिपत्र क्रमांक/एफ11-16/2012/नियम/चार, दिनांक 06 अक्टूबर 2012 द्वारा मासिक आधार पर वाहन किराये पर लिये जाने के निर्देश प्रसारित किये गये हैं। पन्ना जिले में वाटर शेड परियोजनाओं के अंतर्गत मासिक आधार पर वाहन किराये पर नहीं लिये गये है, अपितु परियोजना कार्यान्वयन की तत्कालीन आवश्यकता हेतु दैनिक उपयोग हेतु समय-समय पर वाहन किराये पर लिये गये हैं, जिनमें ऐसे वाहन भी है, जो आर.टी.ओ. में टैक्सी कोटे में पंजीकृत नहीं है। (ख) जी हाँ। प्रश्नाधीन वाहन, ट्रेवल्स टैक्सी के अंतर्गत पंजीकृत नहीं था। (ग) ट्रेवल्स एजेंसी द्वारा उक्त वाहन किरायें पर उपलब्ध कराया गया था, जबकि ट्रेवल्स संचालक का यह कर्तव्य है कि, वह टैक्सी परमिट में पंजीकृत वाहन ही उपलब्ध करायें। अतः संबंधित ट्रेवल्स एजेंसी के विरूद्ध आवश्यक कार्यवाही किये जाने हेतु अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, जिला कटनी को पत्र द्वारा लेख किया गया है।
संलग्नीकरण को समाप्त करना
154. ( क्र. 7781 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले में संचालित उपसंचालक कृषि जिला श्योपुर के कार्यालय में वर्तमान में कितने मैदानी कर्मचारी कब से व किस आदेश के तहत संलग्न हैं उनके नाम व पदनाम बतावें? (ख) क्या विगत 10-15 वर्षों में लगभग आधा दर्जन मैदानी कर्मचारी नियम विरूद्ध तरीके से उक्त कार्यालय में संलग्न है इस कारण मैदानी कार्य प्रभावित हो रहा है? साथ ही विभागीय योजनाओं का भी ठीक प्रकार से क्रियान्वयन संभव नहीं हो पा रहा है? योजनावार लक्ष्य प्राप्ति में भी बाधा उत्पन्न हो रही है? (ग) यदि हाँ, तो इस हेतु कौन दोषी है के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए क्या शासन शीघ्र मैदानी अमले को उनके मूल स्थान पर वापस पदस्थ करने के निर्देश विभाग को जारी करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) श्योपुर जिले में संचालित उप संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला श्योपुर के कार्यालय में वर्तमान में कोई मैदानी कर्मचारी संलग्न नहीं है। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्न ही नहीं उठता।
होटल/रिसोर्ट संचालन हेतु अनुमति
155. ( क्र. 7793 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मढ़ई क्षेत्रों के आस-पास राजस्व भूमि में होटल/रिसोर्ट लॉज निर्माण/संचालन करने के पूर्व आयुक्त नर्मदापुरम संभाग (होशंगाबाद) द्वारा गठित स्थानीय सलाहकार समिति की अनुमति/अनापत्ति ली जाना आवश्यक हैं? यदि हाँ, तो निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) विगत दो वर्षों से प्रश्न दिनांक तक किन-किन होटल/रिसोर्ट/कॉलोनाईजर/लॉज हैं, जो आयुक्त नर्मदापुरम संभाग की अनुमति पश्चात् निर्माण संचालित हैं? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) क्या आयुक्त नर्मदापुरम संभाग (होशंगाबाद) स्थानीय सलाहकार समिति द्वारा मढ़ई/सांरगपुर/बफर क्षेत्रों के आस-पास होटल/रिसोर्ट/निर्माण करने के संबंध में (नार्म्स) मापदण्ड निर्धारित किए गए हैं? मापदण्ड निर्धारण में नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा आयुक्त नर्मदापुरम संभाग स्थानीय सलाहकार समिति को छूट/अधिकार दिये गये हैं? यदि हाँ, तो मापदण्ड निर्धारण किसके आदेश से किये गये हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
राजस्व अभिलेखों में गैर खाते की भूमि
156. ( क्र. 7801 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर संभाग के किस जिले के राजस्व अभिलेखों में वर्तमान में गैर खाते की किस मद में कितनी भूमि दर्ज होना राजस्व विभाग प्रतिवेदन कर रहा है? यह भूमि राजस्व अभिलेखों में किन-किन अधिकारों एवं किन-किन प्रयोजनों के लिए दर्ज है? (ख) राजस्व अभिलेखों में दर्ज किन-किन मदों की भूमियों को वन विभाग के द्वारा भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 29 एवं धारा 34 के तहत राजपत्र में अधिसूचित किया है? (ग) राजस्व अभिलेखों में दर्ज भूमियों को धारा 29 धारा 4 एवं धारा 34 के तहत राजपत्र में अधिसूचित किए जाने का प्रावधान मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की किस-किस धारा में दिया गया है? यदि संहिता में कोई प्रावधान नहीं हो तो स्पष्ट जानकारी दें? (घ) राजस्व अभिलेखों में दर्ज भूमियों का धारा 29 धारा 4 एवं धारा 34 के अनुसार अधिसूचित किए जाने पर राजस्व विभाग ने अधिसूचनाओं को रद्द करवाए जाने के संबंध में कब और क्या कार्यवाही की? यदि नहीं, की तो कारण बतायें? कब तक की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
योजनांतर्गत प्राप्त आवंटन
157. ( क्र. 7805 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिंगरौली जिले के जनपद पंचायत देवसर की ग्राम पंचायत जियावन में विगत 5 वर्षों में शासन की विभिन्न योजनाओं के तहत आवंटन दिया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) में प्राप्त आवंटन की जानकारी योजनावार, कार्यवार एवं वर्षवार दें। (ग) प्रश्नांश (क) में कितने कार्य पूर्ण हो चुके हैं? कितने अपूर्ण हैं? (घ) यदि अपूर्ण हैं तो लंबित कार्यों के दोषी कौन है और उन पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार है। (ग) जिला सिंगरौली अंतर्गत जनपद पंचायत देवसर में वित्तीय वर्ष 2010-11 से 2014-15 तक कुल 81 कार्य स्वीकृत किये गये थे, जिनमें से 67 कार्य पूर्ण तथा 14 कार्य अपूर्ण है। अपूर्ण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब‘ अनुसार है। (घ) 14 अपूर्ण कार्यों में से 13 कार्य मनरेगा एवं 01 कार्य परफॉरमेंस ग्रान्ट का है, जो कि स्टेट के नोडल खाते में राशि न होने के कारण सामग्री का भुगतान न होने से लंबित है। अतः शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र
158. ( क्र. 7833 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन के सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 24.04.2013 सम परिपत्र क्रमांक सी/3-2/2013/1/3 भोपाल दिनांक 03.07.2014 के द्वारा शासन के सभी विभागों को वर्ष में दो बार विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं? यदि हाँ, तो क्या पंचायत विभाग को इससे मुक्त रखा गया है? आदेशों की प्रति उपलब्ध कराएं? विभागांतर्गत पदोन्नति से भरे जाने वाले रिक्त पद जिला पंचायत राज अधिकारी/प्राचार्य/सहायक संचालक बी.पी.ओ., पी.सी.ओ.का विवरण प्रवर्गवार दें? (ख) 09.01.2015 से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नांश (क) अनुसार कब-कब विभागीय पदोन्नति समिति की बैठकें पदों की पूर्ति हेतु आयोजित की गईं? उक्त रिक्त पदों की पूर्ति हेतु विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक कब तक की जावेगी तथा जिला पंचायतों में जिला पंचायत राज अधिकारी जनपद पंचायतों में खण्ड पंचायत अधिकारी पदोन्नति कर भरे जावेंगे? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अतंर्गत कार्यवाही नहीं होने के कारण कितने पात्र खण्ड पंचायत अधिकारियों पी.सी.ओ. को पदोन्नति के लाभ से वंचित होना पड़ा तथा कितने अधिकारी लाभ से वंचित होकर? सेवानिवृत्त हो गए हैं? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) की कार्यवाही समय-सीमा में नहीं होने के लिए कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार है एवं इन पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी नहीं जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) प्रशासनिक कारणों से प्रश्नांश अवधि में पदोन्नति समिति की बैठक आयोजित नहीं हो सकी। पदोन्नति समिति की बैठक हेतु तैयारी की जा रही है। (ग) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) यह प्रशासनिक प्रक्रिया का अंग है जानकारी प्रश्नांश ‘‘ग‘‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सहकारी विपणन समितियों के संदर्भ में
159. ( क्र. 7834 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश सरकार द्वारा सहकारी विपणन और प्रक्रिया सहकारी समितियों को बंद करने का कोई प्रस्ताव अमल में लाया जा रहा है? यदि हाँ, तो प्रस्तावित प्रक्रिया का संपूर्ण ब्यौरा दें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार सहकारी विपणन सहकारी समितियों के कार्यों में कटौती की गई है? यदि हाँ, तो किन कार्यों को कटौती की गई और अब वह कार्य किन संस्थाओं से कराया जा रहा है? (ग) सीहोर जिले में कितनी विपणन सहकारी समितियां कार्यरत हैं और उनके निर्वाचन कब कराए गए थे? क्या किसी संस्था में प्रशासक द्वारा व्यवस्थाएं देखी जा रही हैं? यदि हाँ, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार समितियों में कितने कर्मचारी स्थाई और कितने कर्मचारी अस्थाई रूप से कार्यरत हैं उन्हें किस मान से वेतन दिया जा रहा है? संस्थावार जानकारी दें? जिले की संस्थाओं की आर्थिक स्थिति का ब्यौरा दें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के आदेश क्रमांक एफ 7-19/2014/29-1 दिनांक 25.03.2015 से म.प्र. सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश 2009 को निरसित कर दिये जाने से विपणन सहकारी संस्थाओं से लीड का कार्य समाप्त हो गया है, अब यह कार्य एम.पी.स्टेट सिविल सप्लाईज़ कार्पोरेशन लिमि. द्वारा किया जा रहा है। (ग) 05, विपणन सहकारी समिति सीहोर, आष्टा, इछावर एवं शाहगंज के निर्वाचन दिनांक 03.03.2013 को तथा नसरूल्लागंज का निर्वाचन दिनांक 07.03.2013 को कराये गये थे, जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
कृषि उपकरणों का वितरण
160. ( क्र. 7836 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-15 में जिला अनूपपुर में कितने किसानों को कृषि उपकरण उपलब्ध कराया गया है? लाभांवित कृषक की संख्या प्रदत्त उपकरण का नाम तथा अनुदान की राशि का विवरण देवें? (ख) विकासखण्डवार आदिवासी, (अनुसूचित जनजाति) एवं अनुसूचित जाति वर्ग के किसानों की संख्या बतावें? जिन्हें विभाग ने वित्तीय वर्ष 2014-15 में लाभान्वित किया है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) वर्ष 2014-15 में लाभान्वित कृषकों की संख्या 4208 है। प्रदत्त उपकरण का नाम तथा अनुदान की राशि की विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) वित्तीय वर्ष 2014-15 में लाभान्वित विकासखण्डवार आदिवासी (अनुसूचित जनजाति) एवं अनुसूचित जाति वर्ग के किसानों की संख्या 184 है। विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
अनुशासनात्मक कार्यवाही लम्बित रहने बाबत्
161. ( क्र. 7845 ) श्री विष्णु खत्री : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विकास आयुक्त कार्यालय के पत्र क्रमांक 17112 दिनांक 24.11.2009 के द्वारा तत्कालीन मुख्यकार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत लांजी जिला बालाघाट एवं पत्र क्रमांक 6294 दिनांक 28.09.2010 द्वारा तत्कालीन मुख्यकार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत राजगढ़ जिला राजगढ़ को अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु कारण बताओ सूचना पत्र/आरोप पत्र जारी किये गये हैं? (ख) क्या सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 30.06.1994 के अनुसार प्रश्नांश (क) में उल्लेखित श्रेणी के कर्मचारियों के सम्बंध में समिति की अनुशंसा बंद लिफाफे में रखने के निर्देश हैं? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरण किस आदेश क्रमांक/दिनांक से समाप्त किये गये हैं? पत्र की प्रति उपलब्ध कराई जावे? (घ) क्या उक्त प्रकरण लम्बित रहते सम्बंधित अधिकारियों को वरिष्ठ पद पर पदोन्नत कर दिया गया है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विकास आयुक्त कार्यालय में 28 नवम्बर 2013 की मध्य रात्रि में हुई अग्नि दुर्घटना में अभिलेख नष्ट होने से पत्र क्रमांक 17112 दिनांक 24.11.2009 के द्वारा तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत लांजी जिला बालाघाट एवं पत्र क्रमांक 6294 दिनांक 28.09.2010 द्वारा तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत राजगढ़ जिला राजगढ़ को अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु कारण बताओ सूचना पत्र/आरोप पत्र जारी किये जाने की जानकारी ज्ञात नहीं है। (ख) से (घ) जानकारी प्रश्नांश ''क'' अनुसार।
पदोन्नति नियम का पालन न किया जाना
162. ( क्र. 7851 ) श्री आरिफ अकील : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामाजिक न्याय संचालनालय के अंतर्गत कार्यरत चतुर्थ श्रेणी, तृतीय श्रेणी एवं तृतीय श्रेणी कार्यपालिक कर्मचारियों के कितने पद स्वीकृत है एवं क्या उन सभी सेवाओं के सेवा भर्ती एवं पदोन्नति नियम विभाग द्वारा बनाये गये है? यदि हाँ, तो कब से प्रभावशील है? (ख) क्या संचालनालय एवं मैदानी स्तर के सामाजिक न्याय विभाग के चतुर्थ श्रेणी, तृतीय श्रेणी एवं द्वितीय श्रेणी कार्यपालिकों को विगत 15 वर्षों से पदोन्नति का लाभ विभाग द्वारा नहीं दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो इस लापरवाही के लिए कौन-कौन जिम्मेदार है तथा कब तक दिया जावेगा बतावें? (ग) संचालनालय स्तर पर कार्यरत उल्लेखित कर्मचारियों के पदोन्नति हेतु प्रचलित विभागीय भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के अनुसार कब तक पदोन्नति का लाभ संबंधितों को दिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों इस लापरवाही के क्या कारण तथा इसके लिए कौन-कौन उत्तरदायी है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) पदोन्नति के पद रिक्त होने पर पात्रतानुसार कार्यवाही की जाती है। यह एक सतत् प्रक्रिया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उपायुक्त भोपाल के विरूद्ध कार्यवाही न किया जाना
163. ( क्र. 7852 ) श्री आरिफ अकील : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अता. प्रश्न संख्या -152 (क्रमांक 2460) दिनांक 27 जुलाई 2015 की कण्डिका (क) के उत्तर में अवगत कराया गया कि वर्ष 2013 से 2015 तक प्राप्त अधिकांश शिकायतें तथ्यहीन होने, दस्तावेजी साक्ष्य नहीं होने के कारण निराधार पाई गई और नस्तीबद्ध कर दी गई तथा प्रश्न की कण्डिका (ख) में उत्तर दिया गया कि प्रशासकीय आवश्यकता अनुसार स्थानान्तरण की कार्यवाही की जाती है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में अवगत करावें कि विभाग को एक ही अधिकारी के विरूद्ध शिकायतें मिलने तथा जाँच प्रतिवेदन भी संबंधित अधिकारी के पक्ष में आने के क्या कारण है? क्या शासन संबंधित अधिकारी को अन्यत्र स्थानान्तरित कर शिकायतों की पुन: जाँच करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बतावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, जी हाँ। (ख) 05 शिकायतों के प्राप्त जाँच प्रतिवेदन में शिकायतों के संबंध में कोई दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किये जाने के कारण शिकायत निराधार एवं तथ्यहीन होने से नस्तीबद्ध की अनुशंसा जाँचकर्ता अधिकारी द्वारा की गई है। शेष जाँच परीक्षणाधीन है। शासन द्वारा संबंधित अधिकारी को अन्यत्र स्थानान्तरित कर दिया गया है एवं 06 शिकायतें परीक्षणाधीन होने से उनके प्राप्त निष्कर्ष अनुसार आवश्यक कार्यवाही की जावेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
धारा 165 (6) की अनुमति में भारी भ्रष्टाचार
164. ( क्र. 7859 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम मंदसौर जिले में पिछले 7 वर्षों से धारा 165 (6) के कितने आवेदनों को स्वीकृति प्रदान की गई है? (ख) रतलाम जिले में पिछले 7 वर्षों में धारा 165 (6) के आवेदनों पर दी गई स्वीकृति की जाँच किस-किस के द्वारा की गई? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित प्रकरणों पर विधान सभा में दिये गये आश्वासन अनुसार आयुक्त उज्जैन द्वारा जाँच की गई है यदि हाँ, तो उसके अंतिम प्रतिवेदन का विवरण देवें तथा उन प्रकरणों की अद्यतन स्थिति क्या है? (घ) क्या रतलाम जिले में कलेक्टर/अपर कलेक्टर द्वारा अस्वीकृत सौ से अधिक धारा 165 (6) के आवेदन को पिछले पाँच साल में आयुक्त उज्जैन द्वारा स्वीकृत किया गया हैं, यदि हाँ, तो उन स्वीकृत आवेदनों की सूची प्रदान करें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भूमि के क्रय-विक्रय की जानकारी
165. ( क्र. 7865 ) श्री जितू पटवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर जिले में सन् 2010 से प्रश्न दिनांक तक कितनी कृषि भूमि का विक्रय किया गया है एवं क्रय विक्रय से राज्य शासन को कितना राजस्व प्राप्त हुआ है वर्षवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में, विक्रय की गई भूमि में से कितनी भूमि का नामांतरण क्रेताओं के पक्ष में किया जाकर ऋण पुस्तिका बनाई गई है, क्या विभाग द्वारा नामांतरण अनुसार क्रेताओं का रिकार्ड ऑन-लाईन कम्प्यूटराईज्ड किया गया है? यदि हाँ, तो सन् 2010 से कितने क्रेता एवं विक्रेताओं का रिकार्ड कम्प्यूटराईज्ड हो चुका है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या भूमि का नामांतरण क्रेताओं के पक्ष में होने, ऋण पुस्तिका बनने एवं जानकारी ऑन-लाईन कम्प्यूटराईज्ड किये जाने के पश्चात् भी रिकार्ड में विक्रेता का नाम चला आ रहा है? ऐसी कोई शिकायत विभाग के संज्ञान में आई है? यदि हाँ, तो कितनी? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में विभाग द्वारा ऐसी शिकायतों को कब तक ऑन-लाईन कम्प्यूटराईज्ड कर सुधार लिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
किसानों से ली गई जमीन का मुआवजा
166. ( क्र. 7866 ) श्री जितू पटवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले के पीथमपुर में ऑटो टेस्टिंग ग्राऊंड के निर्माण हेतु विभाग द्वारा कितनी सरकारी भूमि एवं कितनी निजी भूमि अधिग्रहित कर संबंधित विभाग को दी गई? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में निजी अधिग्रहित भूमि कितने गाँव के कितने किसानों की है? (ग) प्रश्नांश (क) में निजी अधिग्रहित भूमि में सारे किसानों का कितना मुआवजा अधिकारी द्वारा तय किया गया था? (घ) क्या किसानों ने उचित मुआवजा न मिलने के कारण जिला, उच्च एवं उच्चतम कोर्ट में शासन विरूद्ध केस लड़े यदि हाँ, तो सुप्रीम कोर्ट का क्या निर्णय आया और उसमें क्या कार्यवाही की गई या की जा रही है? (ड.) प्रश्नांश (घ) के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट के द्वारा कुल कितना मुआवजा एवं किस तारीख तक देने का आदेश दिये हैं? प्रमाणित प्रति देवें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) कुल 270.979 हेक्टेयर शासकीय भूमि, एवं कुल 1495.432 हेक्टेयर निजी भूमि अधिग्रहित कर हस्तांतरित की गई है। (ख) तहसील धार के कुल 10 ग्रामों के 1026 कृषकों की भूमि है। (ग) मुआवजा राशि कुल रूपये 1,04,85,975/- एवं अनुग्रह राशि रूपये 45,74,43,31,274/- का निर्धारण किया गया। (घ) जी हाँ। माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा दिनांक 17.09.2015 को एवं पश्चात् में अलग-अलग तिथियों में निर्णय पारित करते हुए सिंचित भूमि दर रूपये 60,00,000/-प्रति हेक्टेयर एवं असिंचित की दर रूपये 45,00,000/-प्रति हेक्टेयर निर्धारित की गई है। मान. उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार मुआवजा भुगतान की प्रक्रिया प्रचलित है। (ड.) सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार सिंचित एवं असिंचित भूमि के मुआवजे की प्रति हेक्टेयर दर निर्धारित की गई है। आदेश पारित दिनांक से 04 माह की अवधि में भुगतान किया जाना है।
जनकपुरी गृह निर्माण सहकारी समिति की जानकारी
167. ( क्र. 7871 ) श्री कमल मर्सकोले : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनकपुरी गृह निर्माण सहकारी समिति का पंजीयन क्र. डी.आर.सी./113 दिनांक 1.9.1987 द्वारा पंजीयन किया गया है? यदि हाँ, तो बतायें कि समिति के वर्तमान अध्यक्ष कौन हैं तथा समिति के कितने तथा कौन-कौन सदस्य हैं? (ख) क्या गृह निर्माण सहकारी समितियों को भवन निर्माण कराकर विक्रय करने का अधिकार हैं? यदि हाँ, तो संस्थाओं से भवन निर्माण कराये जाने के पूर्व नियमानुसार क्या अनापत्ति/अनुमति प्राप्त करना अनिवार्य है? यदि हाँ, तो नियम की विस्तृत जानकारी दें? (ग) क्या जनकपुरी गृह निर्माण सहकारी समिति द्वारा भवन निर्माण संस्था वंदना होम्स (बिल्डर्स) के माध्यम से बैरागढ़, चीचली, कोलार रोड पर भवन निर्माण कराकर विक्रय किये जा रहे है? यदि हाँ, तो क्या संस्था द्वारा भवन निर्माण कराये जाने के पूर्व नियमानुसार सभी अनापत्ति/अनुमतियां प्राप्त की गई है? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी अनापत्ति/अनुमतियां प्राप्त की गई है? (घ) क्या भवन निर्माण संस्था वंदना होम्स (बिल्डर्स) द्वारा ऐसे व्यक्तियों को भवन निर्माण कर बेचे जा रहे हैं, जो जनकपुरी गृह निर्माण सहकारी समिति के सदस्य नहीं है? क्या इस संबंध में उक्त समिति की विभागीय अधिकारियों द्वारा जाँच कराई गई है तथा दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, किन्तु पंजीयन क्र.डी.आर.बी/513 दिनांक 01.09.1987 है। श्री राजीव अग्रवाल, दि. 31.03.2015 की स्थिति में 68 सदस्य, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) जी हाँ, जी हाँ, नियमों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 एवं 03 अनुसार है। (ग) जी नहीं, प्रश्न उपस्थित नहीं होता, प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश ’’ग’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कटनी में दारका सिटी कॉलोनी
168. ( क्र. 7877 ) श्री बाला बच्चन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा दारका सिटी कॉलोनी को भूमि विकास की अनुमति कब दी गई कॉलोनाईजर का नाम, भूमि रकबा, सहित बतावें? (ख) प्रश्नांश के कॉलोनाईजर द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर एवं निम्न वर्ग के लिये आरक्षित किए गए भू-खण्डों के सर्वे नम्बर देंवे? इनके विलेखों के पंजीयन हेतु कितना शुल्क जमा किया गया? (ग) यदि ये शुल्क नहीं जमा किया गया तो इसका कारण बतायें क्या प्रश्नांश (ख) के अनुसार भू-खण्ड खाली नहीं छोड़े गए यदि हाँ, तो इसके लिए कॉलोनाईजर पर कठोर कार्यवाही की जावेगी? (घ) विलेखों के पंजीयन शुल्क न जमा करने पर ये प्रकरण संग्राहक को कब तक सौंपा जाकर वसूली कर ली जावेगी समय-सीमा बताए? उक्त कॉलोनी में किन-किन को बिजली कनेक्शन दिए गए?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बैतूल जिले में चैक पोस्ट की जानकारी
169. ( क्र. 7883 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में परिवहन विभाग के कितने चैक पोस्ट हैं? (ख) मुलताई विधान सभा क्षेत्र में ससुन्द्रा चैक पोस्ट तथा पट्टन चैक पोस्ट जो कि महाराष्ट्र जाने वाली सभी गाडि़यां इसी मार्ग से जाती हैं। तो महाराष्ट्र जाने हेतु दो चैक पोस्ट बनाने का क्या कारण हैं? (ग) दोनों चैक पोस्ट की दूरी कितने किलोमीटर है। कम दूरी पर चैक पोस्ट बनाने से आय अधिक होगी? (घ) इस चैक पोस्ट बनाने का सर्वे किसके द्वारा किया गया है?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) बैतूल जिले में वर्तमान में परिवहन विभाग के निम्न चैक पोस्ट संचालित हैः- 1. परिवहन चैक पोस्ट अदना नाका (तहसील भैंसदेही) 2. एकीकृत परिवहन चैक पोस्ट ससुन्द्रा (मुलताई-वरूड मार्ग पर) तहसील मुलताई 3. अस्थाई चैक पोस्ट सांवगी (मुलताई-आठनेर मार्ग पर) तहसील मुलताई 4. अस्थाई परिवहन चैक पोस्ट चिखलीकला (मुलताई-छिंदवाडा मार्ग पर) तहसील मुलताई उपरोक्त परिवहन चैक पोस्ट के अलावा मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम द्वारा इन्टीग्रेटेड चैक पोस्ट प्रभात पट्टन का मुलताई वरूड मार्ग पर निर्माण किया गया है, जिसे प्रारंभ किया जाना शेष है। (ख) औबेदुल्लागंज-नागपुर राष्ट्रीय राजमार्ग-12 पर एकीकृत चैक पोस्ट ससुन्द्रा में स्थापित है। जबकि नागपुर से आकर अमरावती की ओर जाने वाली गाडियां वर्तमान में नवनिर्मित एकीकृत परिवहन चैक पोस्ट पट्टन से होकर जा रही है। यह चैक पोस्ट प्रारंभ होने पर उक्त गाडि़यों की चैकिंग की जा सकेगी। (ग) एकीकृत परिवहन चैक पोस्ट ससुन्द्रा (मुलताई) से नवनिर्मित इन्टीग्रेटेड चैक पोस्ट प्रभात पट्टन तहसील की दूरी 38 किलोमीटर है। नागपुर से आकर अमरावती की ओर जाने वाली गाडि़यों को चेक करने से विभाग की आय में वृद्धि संभावित हैं। (घ) चैक पोस्ट हेतु सर्वे फिजीबिलिटि रिपोर्ट लायन इंजिनियरिंग कन्सलटेन्ट्स द्वारा किया गया है।
नामांतरण की जानकरी
170. ( क्र. 7887 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कुक्षी वि.स. क्षेत्र में नामांतरण, फौती नामांतरण एवं बंटवारे के कितने प्रकरण लंबित हैं? उनकी सूची देवें? दिनांक भी बतावें? (ख) जो प्रकरण 3 माह से अधिक लंबित हैं, उसके क्या कारण है? प्रकरणवार जानकारी देंवे? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) अनुसार लंबित प्रकरणों का निराकरण कब तक होगा? (घ) अविवादित प्रकरणों के निराकरण की देरी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार है। (ख) आवेदक/अनावेदकों के साक्ष्य, विज्ञप्ति का प्रकाशन, बंटवारा फर्द, पटवारी रिपोर्ट आदि हेतु प्रकरण लंबित है। प्रकरणवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) अनुसार लंबित प्रकरणों का निराकरण न्यायालयीन प्रक्रिया की पूर्ति व पक्षकारों से अपेक्षित आवश्यक साक्ष्य प्रस्तुत किये जाने पर किया जावेगा। (घ) अविवादित नामांतरण, अविवादित बंटवारा प्रकरण लंबित नहीं होने के फलस्वरूप कार्यवाही की आवश्यकता नहीं है।
सी.एम. हेल्प-लाईन पर प्राप्त शिकायतें
171. ( क्र. 7896 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के कन्नौद जनपद पंचायत में रोजगार सहायक की फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर नियुक्ति पाने की शिकायत सी.एम. हेल्प-लाईन पर दिनांक 29.4.2015 को कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? (ख) प्राप्त शिकायतों पर विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) केवल 01, शिकायत क्रमांक 934973, आवेदक श्री अनूप पिता बण्डू नायक से प्राप्त हुई है। (ख) शिकायत क्रमांक 934973 के निराकरण हेतु शिकायतकर्ता श्री अनूप पिता बण्डू नायक के दूरभाष क्रमांक 9717755252 पर निराकरण स्तर 1, 2, 3 व 4 पर अधिकारियों द्वारा 5 से अधिक बार पर संपर्क करने के प्रयास किया गया, किन्तु कोई प्रतिक्रिया प्राप्त न होना प्रतिवेदित है। इस तथ्य को स्वीकार करते हुये उपरोक्त शिकायत दिनांक 08.08.2015 को बंद की गई।
कॉलोनी का विकास कार्य न होना
172. ( क्र. 7897 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आधुनिक गृह निर्माण संस्था मार्यादित भोपाल पंजीयन क्रमांक डी.आर.बी. 686 दिनांक 06/03/1996 पटवारी हल्का नम्बर 40 बरखेड़ी कला भोपाल में पंजीबद्ध है? यदि हाँ, तो इस संस्था के पूर्व अध्यक्ष एवं वर्तमान अध्यक्ष एवं संचालक मण्डल के नाम, पते दें? (ख) क्या प्रश्नांकित संस्था नगर निगम भोपाल की सीमा क्षेत्र में है तथा क्या उक्त कॉलोनी को विकास एवं प्रबंधन के लिए नगर निगम को सौंपा जा चुका है? (ग) क्या प्रश्नांकित संस्था ने अपने सदस्यों को जो भू-खण्ड आवंटित किये हैं उन्हें विकसित करने, मूलभूत सुविधायें उपलब्ध कराये जाने कॉलोनी से मुख्य सड़क मार्ग से जोड़े जाने हेतु सड़क मार्ग का निर्माण, विद्युत, पीने के पेयजल आदि विकास कार्य पूर्व अध्यक्ष मण्डल अथवा वर्तमान अध्यक्ष मण्डल ने विकास शुल्क लेकर किये हैं? (घ) यदि नहीं, तो वर्तमान स्थिति में भू-खण्डों पर आवास निर्मित कर रहवासीजनों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित करने वाले दोषी अध्यक्ष मण्डल पर विभाग क्या कार्यवाही करेगा तथा उक्त कॉलोनी को कब तक नगर निगम भोपाल को सुपुर्द किया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01, 02, 03 एवं 04 अनुसार है। (ख) जी हाँ, जी नहीं। (ग) जी हाँ, किंतु कॉलोनी से मुख्य सड़क मार्ग जोडे़ जाने हेतु सदस्यों से शुल्क नहीं लिया गया है। (घ) सदस्यों को मूलभूत सुविधा से वंचित नहीं किया जा रहा है। अध्यक्ष/संचालक मंडल दोषी प्रतीत नहीं होता। अतः कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। शासन के नियमानुसार समस्त औपचारिकता पूर्ण करने के पश्चात् कॉलोनी नगर निगम को हस्तातंरित की जा सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
सहकारी संस्था को आवंटित भूमि
173. ( क्र. 7898 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल की अशोका गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित ई-7, अरेरा कॉलोनी के कुल कितने सदस्य वर्तमान में पंजीबद्ध है? (ख) प्रश्नांकित सदस्यों में से कितने सदस्यों को, किस-किस क्षेत्रफल के भू-खण्ड आवंटित किये गये नामवार सूची दें? (ग) क्या प्रश्नांकित क्षेत्र में भू-खण्ड क्रमांक 143 की भूमि अशोका गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्या. की है यदि नहीं, तो भू-खण्ड क्रमांक 143 का स्वामित्व बतायें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) 142. (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) सोसायटी द्वारा अनुमोदित अभिन्यास मानचित्र का उल्लघंन कर कथित भू-खंड क्र. 143 का विक्रय श्रीमती प्रेमलता अग्रवाल पत्नी श्री गोपी कृष्ण अग्रवाल एवं श्रीमती प्रेमलता अग्रवाल पत्नी श्री जे.सी.अग्रवाल को किये जाने से प्रश्नांकित भू-खण्ड का स्वामित्व तय किया जाना संभव नहीं है। इस अनियमितता के संबंध में कार्यवाही हेतु नगर एवं ग्राम निवेश विभाग को लेख किया गया है।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के कार्य
174. ( क्र. 7899 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल जिला अंतर्गत प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना अंतर्गत ग्राम नाथू बरखेड़ा से कलखेड़ा मार्ग कब स्वीकृत हुआ था? (ख) क्या प्रश्नांकित मार्ग अनेक वर्ष पूर्व स्वीकृत हुआ था परंतु विभाग की अनदेखी से आज दिवस तक उक्त मार्ग का निर्माण कार्य प्रारंभ ही नहीं हुआ? क्या कारण है? (ग) उपर्युक्त लापरवाही व उदासीनता के लिए कौन कौन अधिकारी दोषी हैं? क्या शासन प्राथमिकता से उक्त कार्य प्रारंभ कराये गए? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) भोपाल जिले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत ग्राम नाथू बरखेड़ा से कलखेड़ा सड़क स्वीकृत नहीं हुआ है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शिकायतों के निराकरण की स्थिति
175. ( क्र. 7907 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मैहर विधान सभा क्षेत्र से संबंधित क्या-क्या शिकायतें विगत 8 माह में विभाग को विभिन्न माध्यमों से प्राप्त हुई हैं? प्राप्त शिकायतों पर अब तक क्या-क्या कार्यवाही विभाग द्वारा की गई है? (ख) उक्त अवधि में प्राप्त शिकायतों की प्रति उपलब्ध कराते हुए उनके निराकरण की वर्तमान स्थिति का विवरण दें व बतावें कि अंतिम कार्यवाही के लिए शिकायत को किस विभाग/अधिकारी को भेजा गया है?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही हैं।
तारांकित प्रश्न क्रं. 1129 का उत्तर
176. ( क्र. 7911 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित प्रश्न क्रं. 1129 के उत्तर के परिशिष्ट (अ) में 20 निर्माण कार्यों की स्वीकृति 17.11.15 को दी गई है, परंतु निर्माण कार्यों की सूची पंचायत राज संचालनालय द्वारा जारी पत्र के साथ 20 निर्माण कार्य की सूची पर जारी करने वाले अधिकारी के हस्ताक्षर नहीं है, क्यों? जबकि जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के हस्ताक्षरयुक्त सूची क्यों दी गई है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रश्न के परिशिष्ट (क) में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला शाजापुर द्वारा आयुक्त पंचायत राज संचालनालय म.प्र. भोपाल को प्रेषित पत्र क्रं./जि.प.2015/3117 दिनांक 16.11.15 संदर्भ में संचालनालय का पत्र क्रं. 16410 दिनांक 10.11.15 का उल्लेख किया गया है। इस पत्र की छायाप्रति दी जावे? (ग) मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला शाजापुर के पत्र क्रं./जि.प./2015/3117, दिनांक 16.11.15 संचालनालय भोपाल को कब प्राप्त हुआ? क्या पत्र डाक से प्राप्त हुआ अथवा ई-मेल से यदि डाक से प्राप्त हुआ तो पंचायत राज संचालनालय भोपाल के कार्यालय पर क्या आवक रजिस्टर में दर्ज है? यदि पत्र ई-मेल के माध्यम से प्राप्त हुआ है तो प्राप्त मेल की डिलेवरी रिर्पोट की छायाप्रति उपलब्ध कराए? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित उत्तर के परिशिष्ट (क) परिशिष्ट (ब) एवं परिशिष्ट (ग) पर अवर सचिव अथवा अनुभाग अधिकारी म.प्र. शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग किसी के हस्ताक्षर एवं पदमुद्रा क्यों नहीं लगाई गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) पंचायत राज संचालनालय द्वारा जारी पत्र के साथ 20 निर्माण कार्यों की सूची जिला पंचायत शाजापुर द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत के हस्ताक्षर से प्रेषित की गई थी जिसे मूलतः पत्र के साथ संलग्न कर उन्हें प्रेषित की गई। चूंकि जिला पंचायत शाजापुर की सामान्य प्रशासन समिति को ही 13वां वित्त आयोग की मार्गदर्शिका अनुसार कार्यों की स्वीकृति के संबंध में अंतिम रूप से निर्णय लिया जाना था। अतः कार्यों की सूची पर पृथक से हस्ताक्षर करनें की आवश्यकता नहीं थी। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ग) जिला पंचायत शाजापुर द्वारा प्रेषित पत्र दिनांक 16.11.2015 विशेष वाहक के हस्ते पंचायत राज संचालनालय में प्रस्तुत किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (घ) प्रश्नांश 'क' में उल्लेखित परिशिष्टों पर अनुभाग अधिकारी, म.प्र.शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के हस्ताक्षर एवं पदमुद्रा अंकित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार।
लोक सेवा प्रबंधन अंतर्गत प्रकरण
177. ( क्र. 7919 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिलान्तर्गत लोक सेवा प्रबंधन अंतर्गत कितने प्रकरण विगत 1 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक पंजीबद्ध किए गए हैं? (ख) उपरोक्त में से कितने प्रकरणों का निराकरण समय-सीमा में कर दिया गया है एवं कितने किन कारणों से लंबित हैं, पूर्ण ब्यौरा दें?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) नरसिंहपुर जिला अन्तर्गत लोक सेवा प्रबंधन के अन्तर्गत 01 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक पंजीकृत किये गये कुल आवेदनों की संख्या 4,30,207 है। (ख) प्रश्नांश ‘’ क ’’ के परिप्रेक्ष्य में 3,98,517 आवेदन पत्रों का निराकरण समय-सीमा में कर दिया गया है एवं 14,973 प्रकरण लंबित है जिसमें से 14,961 प्रकरण समय-सीमा के अन्दर लंबित है एवं 12 प्रकरण समय-सीमा बाहय लंबित है। समय-सीमा बाहय लंबित 12 प्रकरण पदाभिहित अधिकारी कार्यालयों में नेटवर्क कनेक्टिविटी एवं डिजीटल हस्ताक्षर एक्सपायर हो जाने के कारण प्रश्न दिनांक की स्थिति में लंबित प्रदर्शित हो रहे हैं।