मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
दिसम्बर, 2020 सत्र
मंगलवार, दिनांक 29 दिसम्बर, 2020
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
प्रतिनियुक्ति
अवधि के
पांचवे
वेतनमान की स्वीकृति
[सामान्य प्रशासन]
1. ( *क्र. 93 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. राज्य तिलहन संघ से सामान्य प्रशासन विभाग में कौन-कौन कर्मचारी प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत थे? (वर्ष 2000 से 2012 तक) नाम, पद, अवधि बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत क्या कर्मचारियों को पांचवा वेतनमान का लाभ स्वीकृत किया है? किन-किन कर्मचारियों का स्वीकृत हेतु लंबित है? कारण स्पष्ट करें। क्या इन्हें पात्रता है? यदि हाँ, तो कब तक स्वीकृत करेंगे? यदि नहीं, है तो क्यों नहीं? (ग) म.प्र. राज्य तिलहन संघ के कितने सेवायुक्तों ने राज्य स्तरीय मुकदमा प्रबंधन नीति अंतर्गत शिकायत दर्ज की है? नाम, पद, विभाग, दिनांक शिकायत विवरण बतायें एवं इन शिकायतों पर क्या कार्यवाही अब तक की गई है? (घ) म.प्र. राज्य तिलहन संघ के कर्मियों को अतिशेष आदेश क्रमांक एफ.सी. 3-15/1/99, दिनांक 07.07.2019 घोषित की गई है? क्या अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक दिनांक 30.11.1998 एवं दिनांक 19.05.2016 की कार्यवाही में तिलहन संघ सेवायुक्तों को पांचवा वेतनमान का लाभ स्वीकृत करने का निर्णय हुआ है? यदि हाँ, तो क्या शासन इस आशय का स्पष्ट आदेश जारी करेगा? नहीं तो क्यों नहीं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
डबरा विधानसभा क्षेत्र में जिगनियां-बारकरी नहर का निर्माण
[जल संसाधन]
2. ( *क्र. 807 ) श्री सुरेश राजे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विषयांकित निर्माण कार्य कब एवं कितनी वित्तीय राशि से स्वीकृत हुआ? क्या बजट आवंटन हो चुका है? यदि हाँ, तो कब व कितना? (ख) क्या टेंडर हो चुके हैं? यदि हाँ, तो किस एजेंसी/ठेकेदार को? पूर्ण विवरण दें। (ग) क्या प्रश्नाधीन कार्य में वर्क ऑर्डर जारी हुये हैं? यदि हाँ, तो किस दिनांक को? क्या कुछ कार्य प्रारंभ किया गया था? यदि हाँ, तो कितना-कितना कार्य किया गया था? यदि नहीं, तो उस स्थान पर किसके द्वारा कार्य कराया गया था? यदि कराया गया है तो उसकी भौतिक तथा वित्तीय स्थिति स्पष्ट करें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) विधान सभा क्षेत्र डबरा अंतर्गत जिगनियां-वारकरी नहर का निर्माण कार्य टर्नकी पद्धति से कराये जाने वाले माँ रतनगढ़ बहुउद्देशीय परियोजना में शामिल है एवं इस नहर का कार्य माँ रतनगढ़ परियोजना के निर्माणाधीन कार्यों के लिए निर्धारित निर्माण कार्यक्रम के अंतर्गत कार्य कराया जाना है। अत: प्रश्नाधीन कार्य के संबंध में पृथक से वांछित विवरण दिया जाना संभव नहीं है।
मोहनपुरा बांध से पानी वितरण की व्यवस्था
[जल संसाधन]
3. ( *क्र. 479 ) श्री लक्ष्मण सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले में मोहनपुरा बांध से पानी वितरण की व्यवस्था निजी कंपनियों को सौंपी गई है? (ख) अगर हाँ तो यह निजी कंपनियां जलकर किस दर से वसूल करेंगी? (ग) जब निजी कंपनियां जल वितरण करेंगी तो जल संसाधन विभाग के कर्मचारी क्या करेंगे? (घ) चाचौड़ा विधानसभा की कितनी सिंचाई योजनाएं शासन के पास लंबित हैं? उनकी स्वीकृति की अनुमानित तारीख बतावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते हैं। (घ) चाचौड़ा विधान सभा क्षेत्र की कोई परियोजना शासन स्तर पर लंबित नहीं होने से शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
अपना घर अपना दफ्तर खाते में जमा राशि का विवरण
[वित्त]
4. ( *क्र. 17 ) श्री संजीव सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भिण्ड जिले में तत्कालीन कलेक्टर छोटे सिंह के द्वारा स्टेट बैंक ऑफ इंडिया शाखा कलेक्ट्रेट में अपना घर अपना दफ्तर नाम से कोई शासकीय खाता खोला गया है? क्या खाता खोलने की अनुमति मध्यप्रदेश शासन से ली गई है? यदि ली गई है तो किन नियमों एवं प्रावधानों के तहत यह खाता खोला गया? इस खाते में कितने पैसे किस-किस मद के जमा किये गये? विस्तार से बताएं। (ख) क्या उक्त खाते में जो पैसा रेड क्रॉस के खाते में जमा होना था, उस पैसे को इस खाते में जमा किया गया है? यदि हाँ, तो कितना पैसा जमा किया गया है? जमा किए गए पैसे की रसीद दी गई है अथवा नहीं? क्या इस मद से कोई खर्चा भी किया गया है? यदि हाँ, तो किस कार्य के लिए और कहां-कहां किया गया है?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : कलेक्टर कार्यालय भिण्ड से प्राप्त जानकारी के अनुसार स्थिति निम्नानुसार है :- (क) जी हाँ। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। खाते में दानदाताओं द्वारा स्वेच्छा से कुल राशि 18,81,000/- जमा की गई। संबंधित खाते में जमा/व्यय राशि से संबंधित बैंक खाते का विवरण पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' पर अवलोकनीय है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। उक्त खाते से व्यय की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' पर अवलोकनीय है।
विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत पट्टा वितरण में अनियमितता
[राजस्व]
5. ( *क्र. 6 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पटवारी हल्का नं. 02/04 के ग्राम जैतना खसरा क्रमांक 47 की 1.30 एकड़ जमीन में ग्राम के आसपास के लोगों ने कब्जा किया है? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत क्या उन कब्जाधारी व्यक्तियों को पट्टे दिये गये हैं, जिनके परिवार में ट्रैक्टर, मोटर साईकिल एवं मकान हैं? (ग) क्या ग्राम कालाडूमर एवं जैतना तहसील पनागर जिला जबलपुर के लगभग 17 भूमिहीन गरीब परिवार पट्टे के लिये भटक रहे हैं? (घ) यदि हाँ, तो क्या इन 17 गरीब भूमिहीन परिवारों को पट्टे दिये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जबलपुर जिले के पनागर तहसील अंतर्गत पटवारी हल्का नंबर 02/04 के ग्राम जैतना की भूमि खसरा नंबर 47 आबादी मद की भूमि पर लोग मकान बनाकर निवासरत हैं। (ख) जी नहीं। पटवारी हल्का नंबर 02/04 के ग्राम जैतना की आबादी भूमि में निवासरत पात्र हितग्राहियों को भू-खण्ड धारक प्रमाणपत्र जारी किये गये हैं। पट्टे जारी नहीं किये गये हैं। (ग) ग्राम-कालाडूमर एवं जैतना के पात्र हितग्राहियों को आबादी भूमि के भू-धारक प्रमाण पत्र जारी किये गये हैं। 17 भूमिहीन परिवार नहीं हैं। उक्त 17 व्यक्ति अपने परिवार के साथ निवासरत हैं। (घ) जी नहीं। उक्त 17 व्यक्ति मूल परिवार के साथ निवासरत होने के कारण वर्तमान में पात्रता की श्रेणी में नहीं आते हैं।
मंत्री स्वेच्छानुदान मद से स्वीकृत राशि का भुगतान
[सामान्य प्रशासन]
6. ( *क्र. 828 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय कलेक्टर जिला सीधी द्वारा मंत्री स्वेच्छानुदान मद वर्ष 2019-20 में कब-कब कितनी-कितनी राशि की आर्थिक सहायता स्वीकृत की गई है? संख्यात्मक जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में स्वीकृत सहायता राशि में से कितने व्यक्तियों को कितनी राशि का भुगतान किया जा चुका है, कितना भुगतान किया जाना शेष है? पृथक-पृथक नाम सहित सूची उपलब्ध करायें। (ग) यदि राशि आवंटन के अभाव में भुगतान नहीं किया गया है तो कब तक आवंटन जारी किया जाकर शेष रहे व्यक्तियों का भुगतान कराया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) वित्तीय वर्ष 2019-20 में मंत्री स्वेच्छानुदान मद के अंतर्गत क्रमश: दिनांक 06.02.2020 को ₹42,39,000/-, दिनांक 22.02.2020 को ₹10,000/-, दिनांक 25.02.2020 को ₹43,92,000/-, दिनांक 26.02.2020 को ₹6,14,000/- एवं दिनांक 16.03.2020 को ₹7,35,000/- राशि की आर्थिक सहायता स्वीकृत की गई। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार स्वीकृत राशि में से भुगतान की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है तथा भुगतान हेतु शेष राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) वित्तीय वर्ष समाप्त हो चुका है, विगत वित्तीय वर्ष की लेप्स हुई राशि आगामी वित्तीय वर्ष में दिये जाने के कोई नियम/प्रावधान नहीं हैं।
भोपाल शहर में कोरे एवं हस्ताक्षरित राशन कार्ड की जप्ती
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
7. ( *क्र. 359 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल शहर में माह नवम्बर 2020 में किस-किस दिनांक को किन-किन व्यक्तियों के आधिपत्य से खाद्य विभाग के अधिकारियों द्वारा कथित हस्ताक्षरित कितनी संख्या में कोरे राशन कार्ड जप्त किये गये? इन व्यक्तियों के नाम, पिता का नाम, पूर्ण पता एवं व्यवसाय सहित जप्त राशन कार्ड के सरल क्रमांक एवं श्रेणी बतायी जाये? (ख) प्रश्नांश (क) में की गई जप्ती की कार्यवाही के लिये कौन-कौन से कर्मचारी शामिल थे? उनके नाम, पद एवं विभाग बताया जाये। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में घटित घटना की जाँच किन-किन अधिकारी/अधिकारियों द्वारा की गई अथवा की जा रही है? उनके नाम एवं पद बताते हुये जाँच प्रतिवेदन अथवा अन्तरिम जाँच प्रतिवेदन की प्रतिलिपि दी जाये। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित राशन कार्ड पर किस अधिकारी के हस्ताक्षर पाये गये हैं? उसका नाम एवं पद बताते हुये यह बताया जाये कि क्या अग्रिम रूप से कोरे राशन कार्ड पर हस्ताक्षर करना अपराधिक कृत्य नहीं है? यदि हाँ, तो उसके विरूद्ध पुलिस में एफ.आई.आर. क्यों नहीं की गई? इसके लिये कौन जिम्मेदार है?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) दिनांक 09.11.2020 को पुलिस विभाग एवं खाद्य विभाग के संयुक्त दल द्वारा म.नं. 283, विजय नगर पुलिस चौकी के पीछे चाँदबड़ स्थित रमेश गौतम पुत्र श्री रामबाबू अहिरवार के निवास से 75 बी.पी.एल. एवं 06 ए.ए.वाय. कोरे राशन कार्ड जप्त किये। जिन व्यक्तियों से कोरे राशन कार्ड जब्त किये गये उनका विवरण इस प्रकार है :-
क्र. |
नाम/पिता का नाम |
पूर्ण पता |
व्यवसाय |
1. |
श्री रमेश गौतम पुत्र श्री रामबाबू अहिरवार |
मकान नं. 283, विजय नगर पुलिस चौकी के पीछे, चाँदबड़, जिला भोपाल |
बेरोजगार |
2. |
श्रीमती सावित्री गौतम पत्नि श्री रमेश गौतम |
मकान नं. 283, विजय नगर पुलिस चौकी के पीछे, चाँदबड़, जिला भोपाल |
गृहणी |
राशन कार्ड के सरल क्रमांक एवं श्रेणी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जाँच के समय पुलिस विभाग से थाना प्रभारी थाना रातीबड़ श्री अभिषेक आनंद, थाना प्रभारी थाना स्टेशन बजरिया श्री उमेश यादव तथा खाद्य विभाग से सहायक आपूर्ति अधिकारी श्री संतोष उईके एवं श्री राजू कातूलकर उपस्थित थे। (ग) उक्त घटना की जाँच श्री दिलीप यादव, आई.ए.एस. अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी जिला भोपाल के नेतृत्व में गठित जाँच दल द्वारा की गई। जाँच दल में श्री मनोज वर्मा, अनुविभागीय अधिकारी गोविन्दपुरा एवं श्री राजीव नन्दन श्रीवास्तव, संयुक्त कलेक्टर भोपाल सम्मिलित थे। जाँच प्रतिवेदन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जाँच दल द्वारा प्रस्तुत प्रतिवदेन अनुसार राशन कार्डों पर श्री दिनेश अहिरवार, सहायक आपूर्ति अधिकारी, श्री मयंक द्विवेदी, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी एवं श्री प्रताप सिंह, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी के हस्ताक्षर पाये गये हैं। पृथम दृष्ट्या संबंधित अधिकारियों के हस्ताक्षर पाये जाने के कारण संबंधितों का निलंबन कर उनके विरूद्ध विभागीय जाँच की कार्यवाही प्रचलित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पार्वती परियोजना की नहरों से वंचित ग्रामों की सिंचाई
[जल संसाधन]
8. ( *क्र. 551 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत एक लम्बे अरसे से सिंचाई हेतु स्थाई स्त्रोत न होने एवं सिंचाई जल समस्या का दंश झेल रहे किसानों की पुरजोर मांग अनुरूप उक्त समस्या के स्थाई निदान हेतु पार्वती परियोजना की संकल्पना ने धरातल पर आकार लिया था? यदि हाँ, तो क्या जल संसाधन संभाग नरसिंहगढ़ अंतर्गत पार्वती परियोजना की नहरों के माध्यम से सिंचाई हेतु क्षेत्रांतर्गत कुल 310 राजस्व ग्रामों में से केवल 94 ग्रामों को ही कमाण्ड क्षेत्र में सम्मिलित किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 819, दिनांक 15.10.2019 से कमाण्ड क्षेत्र से वंचित बड़ा कृषि रकबा रखने वाले ग्रामों को कमाण्ड क्षेत्र में सम्मिलित करने हेतु मुख्य अभियंता, चंबल बेतवा कछार जल संसाधन विभाग भोपाल को आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित किया गया था? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक उक्त संबंध में क्या कार्यवाही विभाग द्वारा की गई? (ग) उपरोक्तानुसार क्या शासन विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ के समस्त ग्रामों में योजना की संकल्पना अनुरूप सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कमाण्ड क्षेत्र से वंचित ग्रामों को भी सम्मिलित कर सिंचाई समस्या का स्थाई निराकरण करेगा? (घ) यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों तथा वर्तमान में विभाग द्वारा शेष सभी ग्रामों को कमाण्ड क्षेत्र में सम्मिलित किए जाने हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ, पार्वती वृहद परियोजना निर्माणाधीन है। जी नहीं, विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत 133 ग्राम सम्मिलित हैं। (ख) से (घ) जी हाँ। जल की उपलब्धता अनुसार उत्तरांश (क) अनुसार ग्राम सम्मिलित हैं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
आदिवासी स्वत्व की भूमि विक्रय पर कार्यवाही
[राजस्व]
9. ( *क्र. 103 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या न्यायालय कलेक्टर कटनी के प्रकरण क्रमांक 25/अ/21/17-1 में पारित निर्णय दिनांक 16.07.2018 में आदिवासी भूमि छल कपट एवं धोखाधड़ी कर सामान्य वर्ग को विक्रय किये जाने पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कटनी को निर्देश दिये थे कि आदिवासी स्वत्व की भूमि मेहरूनिशा के नाम पर कैसे आई, जांच कर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करें तथा रजिस्ट्री शून्य किये जाने हेतु भी प्रकरण सिविल न्यायालय में एस.डी.एम. कटनी को ही दायर करना था, क्योंकि भूमि शासन मद में दर्ज हुई है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो उक्त पर कार्यवाही करने एवं पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज करने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा पुलिस अधीक्षक को पत्र दिनांक 19.09.2020 लिखा जाकर पावती 21.09.2020 को प्राप्त की गई थी तथा पत्र क्रमांक 777, दिनांक 14.10.2020 कलेक्टर कटनी पुलिस अधीक्षक कटनी एवं एस.डी.एम. कटनी को पुन: पत्र लिखकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करने हेतु आग्रह किया था? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या आदिवासियों की जमीन को सामान्य व्यक्ति को धोखाधड़ी पूर्वक विक्रय करने के अपराध में लिप्त साजिशकर्ता दोषियों के विरूद्ध पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई? यदि नहीं, तो कारण बताएं तथा कब तक दर्ज की जावेगी? (घ) एस.डी.एम. कटनी के न्यायालय कलेक्टर के आदेश दिनांक 16.07.2018 में विगत दो वर्षों में क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की गई तो कब तक की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) न्यायालय कलेक्टर कटनी के प्रकरण क्रमांक/25/अ-21/17-18, पारित आदेश दिनांक 16.07.2018 में आदिवासी भूमिस्वामी श्री संतराम के स्वत्व की भूमि मेहरूनिशा के नाम पर कैसे आई इस संबंध में जांच कर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही हेतु अनुविभागीय अधिकारी कटनी को निर्देशित किया गया था। प्रश्नांश में रजिस्ट्री शून्य किये जाने हेतु सिविल न्यायालय में प्रकरण दायर करने हेतु एस.डी.एम. कटनी को निर्देश नहीं दिये गये हैं। (ख) माननीय विधायक महोदय विधानसभा बड़वारा द्वारा दिनांक 14.10.2020 को प्रेषित पत्र कलेक्टर कार्यालय से अनुविभागीय अधिकारी कटनी को कार्यवाही हेतु प्रेषित किया गया है। माननीय विधायक महोदय का पत्र अनुविभागीय अधिकारी कटनी द्वारा अपने जावक क्रमांक 3898, दिनांक 19.10.2020 के संबंध में तहसीलदार बड़वारा को जांच हेतु प्रेषित किया गया है। पुलिस अधीक्षक कटनी को प्राप्त पत्र जांच कार्यवाही हेतु थाना बड़वारा को प्रेषित किया गया, वर्तमान में जांच लंबित है। जांच लंबित होने से प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) न्यायालय कलेक्टर द्वारा पारित आदेश के पालन में अनुविभागीय अधिकारी कटनी द्वारा दिये निर्देश पर न्यायालय तहसीलदार बड़वारा में प्रकरण क्रमांक/0203/बी-121/2020-21 दर्ज कर लिया गया है, जिसका सम्यक सुनवाई उपरान्त समुचित निराकरण किया जावेगा।
भारतीय एवं राज्य सेवा अधिकारियों के स्थानांतरण
[सामान्य प्रशासन]
10. ( *क्र. 879 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 23 मार्च, 2020 से 31 अगस्त, 2020 तक की अवधि में भारतीय प्रशासनिक सेवा/भारतीय पुलिस सेवा/राज्य प्रशासनिक सेवा/राज्य पुलिस सेवा के 680 से अधिक अधिकारियों के स्थानांतरण किये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो 01 सितम्बर, 2020 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में प्रश्नांश (क) के अनुसार किन-किन अधिकारियों के कितनी-कितनी संख्या में कब-कब, कहां-कहां से स्थानांतरण किये गये हैं तथा कौन-कौन के स्थानांतरण किन-किन कारणों से निरस्त किये गये तथा किन-किन के स्थानांतरण किन-किन कारणों से संशोधित किये गये हैं? (ग) क्या उपरोक्त किये गये स्थानांतरण प्रशासनिक न होकर राजनीति से प्रेरित हैं? यदि नहीं, तो क्या इतनी बड़ी संख्या में अधिकारियों के स्थानांतरण किये जाने से उन अधिकारियों की कार्यक्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है तथा उनका परिवार प्रभावित नहीं होता है? ऐसी स्थिति में बड़ी संख्या में स्थानांतरण किये जाने का औचित्य क्या है? (घ) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या अधिकारियों के स्थानांतरण किये जाने के लिए कोई रोस्टर/नीति है? यदि हाँ, तो उसके अनुरूप उक्त स्थानांतरण किये गये हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) उक्त अवधि में 681 अधिकारियों के स्थानांतरण किए गए हैं। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में प्रश्नांश (क) में उल्लेखित भारतीय प्रशासनिक सेवा तथा राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के स्थानांतरण, निरस्तीकरण एवं संशोधन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। भारतीय प्रशासनिक सेवा एवं राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के स्थानांतरण आदेश को निरस्त एवं संशोधन प्रशासकीय कारणों से किये गए हैं। भारतीय पुलिस सेवा एवं राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों की जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) जी नहीं। जी नहीं। अधिकारियों के स्थानांतरण नियमानुसार प्रशासकीय आधार पर किये जाते हैं। (घ) भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के स्थानांतरण सिविल सेवा बोर्ड से प्राप्त अनुशंसा के आधार पर प्रशासकीय आधार पर किये जाते हैं एवं तद्नुसार ही स्थानांतरण किये गए हैं। राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी स्थानांतरण नीति लागू है एवं तद्नुसार स्थानांतरण किये गए हैं।
विवाह सहायता राशि के वितरण में विलंब
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
11. ( *क्र. 352 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैना की जनपद पंचायत पहाड़गढ़, कैलारस, नगर परिषद जौरा, नगर परिषद कैलारस में मुख्यमंत्री विवाह सहायता योजनान्तर्गत लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2010 के तहत सेवा 2.2 विवाह सहायता योजना के लिये कितने हितग्राहियों द्वारा आवेदन प्रस्तुत किये गये, उनमें से कितने आवेदन स्वीकृत एवं कितने अस्वीकृत किये गये? मय मूल नस्ती की छायाप्रति सहित जानकारी दी जावे। (ख) वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितने प्रकरणों का निराकरण निर्धारित समय-सीमा के उपरांत किया गया है? यदि समय-सीमा उपरांत निराकरण किया गया है तो इसके लिये कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? पदनाम सहित जानकारी दी जावे। उक्त समय समस्त नस्ती कार्यालय में अवलोकन हेतु किस-किस कर्मचारी के प्रभार में थी, ऐसे कितने प्रकरण हैं, जिन्हें भुगतान हो गया है, मगर कार्यालय में नस्ती उपलब्ध नहीं है एवं शासन नियमानुसार शाखा का प्रभारी लिपिक होना चाहिये, उसके विपरीत शाखा का प्रभार समग्र सामाजिक विस्तार अधिकारी, पी.सी.ओ. एवं अन्य कर्मचारियों को क्यों दिया गया? कारण स्पष्ट करें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) की समयावधि में कितने प्रकरण स्वीकृत किये गये, जिनमें से कितने हितग्राहियों के खाते में राशि डाली जा चुकी है और कितने हितग्राहियों के खातों में राशि डाली जाना शेष है? स्वीकृत प्रकरणों में आज दिनांक तक राशि का भुगतान क्यों नहीं किया गया है? इसके लिये कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं? (घ) विवाह सहायता राशि में भ्रष्टाचार एवं अनियमितताओं की अब तक कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं? उन पर क्या-क्या कार्यवाहियां सम्पादित की गईं हैं? अद्यतन जानकारी देवें। (ड.) प्रश्नांश (क), (ख), (ग), (घ) के परिप्रेक्ष्य में लाखों रूपये की अनियमितताओं, भ्रष्टाचार एवं संबंधित रिकॉर्ड को खुर्द-बुर्द करने में एवं मनमाने तरीके से फर्जी दस्तावेज तैयार करने, जैसे कि भवन संनिर्माण कार्य एवं अन्य दस्तावेज तैयार कर राशि को खुर्द-बुर्द करने में मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद अध्यक्ष, संबंधित शाखा प्रभारी एवं अन्य दोषियों के विरूद्ध उच्च स्तरीय जांच समिति बनाकर जांच संस्थित की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जिला मुरैना की जनपद पंचायत कैलारस में स्वीकृत विवाहों की संख्या 1544 अस्वीकृत 44, नगर परिषद कैलारस में स्वीकृत 4 अस्वीकृत 02, जनपद पंचायत पहाड़गढ़ में स्वीकृत विवाहों की संख्या 1738 अस्वीकृत 355 एवं नगर परिषद जौरा में स्वीकृत 138 अस्वीकृत 26 लंबित 2 हितग्राही। मूल नस्ती सहायक श्रमायुक्त चंबल संभाग मुरैना द्वारा उपलब्ध नहीं कराई गई है। (ख) जिला मुरैना की जनपद पंचायत कैलारस, नगर परिषद कैलारस, ज.पं. पहाड़गढ़ एवं नगर परिषद जौरा में वर्ष 2018 से आज दिनांक तक विवाह सहायता राशि के प्रकरणों का समय-सीमा में निराकरण किया गया। इन निकायों में समग्र सामाजिक सुरक्षा विस्तार अधिकारी नोडल अधिकारी के रूप में नियुक्त। (ग) जिला मुरैना की जनपद पंचायत कैलारस, नगर परिषद कैलारस, ज.पं. पहाड़गढ़ एवं नगर परिषद जौरा में समस्त स्वीकृत प्रकरणों में हितग्राहियों के खातों में राशि तत्समय डाली गई है तथा 16 प्रकरण सत्यापन में अपात्र पाये जाने से निरस्त किये गये। (घ) जिला मुरैना की जनपद पंचायत कैलारस, नगर परिषद कैलारस, ज.पं. पहाड़गढ़ एवं नगर परिषद जौरा में भ्रष्टाचार एवं अनियमितताओं से संबंधित कोई प्रकरण प्राप्त नहीं हुआ। (ड.) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) के परिप्रेक्ष्य में कोई अनियमितता एवं कोई रिकॉर्ड खुर्द-बुर्द करने वाली कोई शिकायत नहीं होने के कारण कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सहा. यंत्री, सिविल उपखण्ड भोपाल के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
12. ( *क्र. 906 ) श्री अर्जुन सिंह काकोडि़या : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सहायक यंत्री सिविल उपखण्ड भोपाल के विरूद्ध वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं तथा उन शिकायतों की जांच में कौन-कौन दोषी पाया गया तथा दोषियों पर आज पर्यन्त तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) श्री हेमन्त कश्यप, सहायक यंत्री, सिविल उपखण्ड भोपाल की शिकायत की जांच प्रश्न दिनांक तक हुई या नहीं? (ग) वित्तीय अनियमितताओं की जांच में अभी तक कौन-कौन दोषी पाया गया है तथा दोषियों के विरूद्ध प्रश्न दिनांक तक क्या अनुशासनात्मक कार्यवाही की गई है? जन प्रतिनिधियों की बार-बार शिकायतों के बाद भी प्रश्न दिनांक तक उक्त अधिकारी का अन्यत्र स्थानांतरण किया गया या नहीं? (घ) हाँ तो कब? नहीं तो क्यों नहीं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) सहायक यंत्री, सिविल उपखण्ड भोपाल संभाग भोपाल के विरूद्ध 2013 से प्रश्न दिनांक तक प्रमुख अभियंता कार्यालय को कुल 08 शिकायत प्राप्त हुईं हैं। शिकायत की जांच प्रक्रियाधीन है, इस कारण दोषी एवं दोषियों पर आज तक कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) शिकायत की जांच प्रक्रियाधीन है। (ग) वित्तीय अनियमितताओं की जांच की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। जांच पूर्ण होने के पश्चात दोषियों के विरूद्ध आवश्यकता अनुसार अनुशासनात्मक एवं स्थानान्तरण की कार्यवाही की जावेगी। (घ) उत्तरांश (ग) के अनुसार।
मान. संसद सदस्यों एवं विधायकों के पत्रों पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
13. ( *क्र. 512 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन के पत्र क्रमांक एफ 19/76/2007/1/4, भोपाल दिनांक 06 अगस्त, 2012 एवं समय-समय पर जारी अन्य पत्रों द्वारा मान. संसद सदस्यों एवं विधायकों के पत्रों पर कार्यवाही एवं आमंत्रण के संबंध में निर्देश एवं निर्देशों की अवहेलना पर अवचार समझे जाने, निलंबन एवं अनुशासनात्मक कार्यवाही किए जाने के निर्देश जारी किए गए थे? वर्तमान में इस संबंध में शासन के नवीनतम निर्देश क्या हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अन्तर्गत संपूर्ण मध्यप्रदेश की किस-किस विधान सभा में इन निर्देशों का पालन हो रहा है एवं जिन विधान सभाओं में पालन नहीं हो रहा है तो क्यों? निर्देशों की अवहेलना पर क्या कार्यवाही की गई है तथा कब एवं किस प्रकार इन निर्देशों का पालन सुनिश्चित किया जावेगा? (ग) मुड़वारा विधानसभा में जिला प्रशासन, नगर पालिक निगम कटनी, महाविद्यालयों तथा अन्य सभी विभागों द्वारा जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक कौन- कौन से कार्यक्रम एवं बैठक आयोजित किए गए एवं प्रश्नांश (क) अन्तर्गत उल्लिखित निर्देशों के अनुसार किस अधिकारी/कर्मचारी द्वारा स्थानीय विधायक को आमंत्रण प्रदान किया गया एवं क्या बैठक व्यवस्था गरिमा के अनुकूल वारंट ऑफ प्रेसीडेंट के आधार पर की गई? पूर्ण विवरण प्रदान करें? यदि नहीं, तो, कारण बतायें एवं जवाबदार अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। नवीनतम निर्देश क्रमांक एफ 19-76/2007/1/4, दिनांक 11 दिसम्बर, 2019 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्रों में शासन निर्देशों का पालन किया जाता है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) कटनी जिले के अंतर्गत जिला प्रशासन, नगर पालिका निगम कटनी, महाविद्यालयों एवं अन्य सभी विभागों द्वारा जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक आयोजित कार्यक्रम एवं बैठक तथा उपरोक्त शासनादेश के परिपालन में माननीय स्थानीय विधायक को आमंत्रण प्रदान किये जाने संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
किसानों द्वारा विक्रय की गई उपज का भुगतान
[सहकारिता]
14. ( *क्र. 507 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कोलारस विधानसभा क्षेत्र में सभी शासकीय कृषि उपार्जन केन्द्रों पर वर्ष 2018, 2019 एवं 2020 में विभिन्न सोसायटियों के अंतर्गत पंजीकृत किसानों के द्वारा विक्रय की गई चना, उड़द सहित अन्य सभी कृषि उपजों के विक्रय मूल्य का लंबित भुगतान कर दिया गया है? क्या प्रश्न दिनांक की स्थिति में किसी भी किसान का भुगतान शेष नहीं है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि उपज के विक्रय मूल्य का भुगतान लंबित है, तो कितने किसानों का कौन-कौन सी उपज का कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया जाना शेष है? सोसायटीवार, उपजवार किसानों की संख्या व राशि सहित लंबित भुगतान की सूची उपलब्ध करावें। किसानों की उपज के मूल्य का भुगतान अब तक क्यों नहीं किया जा सका? कारण बताएं। इस हेतु कौन-कौन से अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? उनके नाम बताएं। (ग) यदि किसानों का भुगतान फसल के विक्रय होने के वर्षों बाद भी प्रश्न दिनांक तक लंबित है, तो इस हेतु दोषी व्यक्तियों पर क्या कार्यवाही कब-तक की जावेगी, किसानों का लंबित भुगतान उन्हें कब तक कर दिया जावेगा?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
मुरैना जिलांतर्गत स्वीकृत कार्यों को पूर्ण किया जाना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
15. ( *क्र. 257 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैना में दिनांक 01 अप्रैल, 2019 से प्रश्न दिनांक तक कितने नवीन हैण्डपम्प, स्कीम बोर एवं नल-जल योजना स्वीकृत की गई हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत कार्यों में से मुरैना जिले की किस-किस विधान सभा में उक्त कार्य हुए? विधान सभावार सूची उपलब्ध करावें। (ग) विधान सभा क्षेत्र सबलगढ़ में स्वीकृत एवं प्रश्नकर्ता द्वारा मांगे गए उक्त कार्य कब तक शुरू किये जावेंगे एवं विधान सभा में खनित नवीन हैण्डपम्पों में सामान कब तक डाला जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में 2563 हैण्डपंप तथा 65 नल-जल योजनाएं स्वीकृत की गयीं, इस अवधि में कोई स्कीम बोर स्वीकृत नहीं किये गये हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 एवं 2 के अनुसार है। (ग) कार्य प्रगति पर है, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
दिमनी विधान सभा क्षेत्र में शासकीय महाविद्यालय की स्थापना
[उच्च शिक्षा]
16. ( *क्र. 599 ) श्री रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैना की दिमनी विधान सभा क्षेत्र में छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए कुल कितने शासकीय महाविद्यालय कब-कब स्थापित किये गये हैं? यदि नहीं, किये गये तो इसके लिये कौन दोषी है एवं दिमनी विधान सभा क्षेत्र में शासकीय महाविद्यालयों की स्थापना हेतु क्या कार्ययोजना एवं प्रस्ताव उच्च शिक्षा विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक तैयार की गई है? स्पष्ट जानकारी संक्षेपिका सहित देवें। (ख) क्या दिमनी विधान सभा क्षेत्र में विगत कई वर्षों से छात्र-छात्राओं द्वारा शासकीय महाविद्यालय, शासकीय आई.टी.आई. खोले जाने की मांग की जा रही है, जिस पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा शासकीय महाविद्यालय खोले जाने की घोषणाएं की गईं हैं? यदि हाँ, तो कब तक दिमनी विधानसभा क्षेत्र में नवीन शासकीय महाविद्यालय खोले जाने संबंधी प्रस्ताव विभाग द्वारा तैयार किया जाकर इस हेतु बजट निर्धारित कर शासकीय महाविद्यालय कब तक खोल दिया जाएगा? (ग) दिमनी विधान सभा क्षेत्र के छात्र-छात्राएं उच्च अध्ययन के लिए विशेष रूप से कहां जाते हैं एवं कैसे उच्च शिक्षा ग्रहण करते हैं? (घ) क्या माननीय मंत्री महोदय उक्त दिमनी विधान सभा में छात्र-छात्राओं एवं जनप्रतिनिधि की मांग के आधार पर शासकीय महाविद्यालय खोले जाने की घोषणा करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) दिमनी विधानसभा क्षेत्र में कोई शासकीय महाविद्यालय स्वीकृत नहीं है। वर्तमान में नवीन महाविद्यालय प्रारंभ करने हेतु निर्धारित मापदण्डों की पूर्ति नहीं होने से उन्हें स्वीकृत नहीं किया जा सका है। (ख) जी हाँ। दिमनी में नवीन शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ करने संबंधी कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) दिमनी विधानसभा क्षेत्र के छात्र-छात्राएं निकटतम शासकीय कन्या महाविद्यालय, मुरैना एवं शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, मुरैना तथा अशासकीय सी.पी.एस. महाविद्यालय, बड़गांव में अध्ययन कर रहे हैं। (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जल जीवन मिशन अंतर्गत स्वीकृत योजनाएं
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
17. ( *क्र. 544 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में जल जीवन मिशन के अंतर्गत कौन-कौन सी योजनाएं स्वीकृत की गई हैं? योजनाओं के नाम, लागत, निर्माण ऐजेन्सी सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विदिशा जिले में जल जीवन मिशन के अंतर्गत कौन-कौन सी योजनाएं स्वीकृत की गई हैं? कौन-कौन सी योजनाएं प्रस्तावित हैं? वर्तमान में विदिशा जिले में कौन-कौन सी नल-जल योजनाएं संचालित हैं? कितनी बंद हैं? योजनावार जानकारी देवें। (ग) मध्यप्रदेश में 01 जनवरी, 2019 से प्रश्नांकित दिनांक तक विदिशा जिले में कितने हैण्डपंप स्वीकृत किये गये तथा किस-किस विकासखण्ड में कितने-कितने हैण्डपंप खनन कौन-कौन सी शासकीय एजेन्सी या निजी एजेन्सी द्वारा कराये गये? विकासखण्डवार, ग्रामवार जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में विदिशा जिले में 01 अप्रैल, 2016 से प्रश्नांकित अवधि तक कितने-कितने हैण्डपंपों में मोटर डाली गई हैं? कितनी मोटर चालू हैं? कितनी मोटर बंद हैं? कितनी मोटर खराब हैं? ग्राम पंचायतवार, स्थलवार सूची उपलब्ध करावें। 01 जनवरी, 2019 से विभाग द्वारा कितनी सिंगल फेस की मोटर क्रय की गई हैं एवं किस विकासखण्ड को मोटर दी गई है? जिलेवार जानकारी उपलब्ध करावें। मोटर किसके द्वारा क्रय की गई एवं उस पर कितनी राशि व्यय की गई? (ड.) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में किन-किन नल-जल योजनाओं का अधिकारियों द्वारा मौके पर जाकर निरीक्षण किया गया है? निरीक्षण के दौरान क्या-क्या कमियाँ पाई गईं? कमियाँ दूर करने के लिए उन पर क्या कार्यवाही की गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
खण्डवा में शासकीय लीज़ भूमि का दुरुपयोग
[राजस्व]
18. ( *क्र. 731 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा नगरीय क्षेत्र में शिक्षा एवं अन्य व्यवसायिक उपयोग के लिये किन-किन व्यक्ति/संस्थाओं को पिछले 10 साल में कितनी शासकीय भूमि लीज़ पर दी गई है? (ख) क्या लीज़ की शर्तों के अनुसार भूमि का उपयोग किया जा रहा है? यदि नहीं, तो वर्तमान में उस भूमि का क्या उपयोग किया जा रहा है? (ग) क्या खण्डवा नगर में शासकीय लीज़ भूमि का मद परिर्वतन किया जाकर अन्य व्यवसाय जैसे :- होटल, कॉलोनी निर्माण इत्यादि कार्य किये जा रहे हैं, जिससे शासन को करोड़ों रुपये की राजस्व हानि हो रही है? इसके लिये कौन अधिकारी जिम्मेदार है? (घ) क्या शासकीय लीज़ भूमि का मद परिवर्तन करने वाले ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों के विरुद्ध निलंबन एवं विभागीय जाँच की कार्यवाही तथा लीज़ धारकों की लीज़ निरस्त कर भूमि को शासकीय अधिपत्य में लिये जाने की कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) खण्डवा नगरीय क्षेत्र शहर में नजूल ब्लॉक नं. 16 के प्लाट नं. 14/2 क्षेत्रफल 23376 वर्गफिट भूमि अध्यक्ष श्री बाल कल्याण समिति खण्डवा को शिक्षा उपयोग हेतु दी है। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) निमाड़ एजुकेशन सोसायटी खण्डवा को खण्डवा शहर में स्थित नजूल भूमि ब्लॉक नं. 70 प्लाट नं. 17 क्षेत्रफल 2,18,210 वर्गफीट तथा ब्लॉक नं. 73 प्लाट नं. 1 क्षेत्रफल 34,834 वर्गफीट भूमि शून्य भू-भाटक पर अनुकूल शर्तों पर 5 वर्ष की अवधि के लिए प्ले ग्राउण्ड हेतु 1953 तक की अवधि के लिए लीज़ पर दी गई थी। निमाड़ एजुकेशन सोसायटी द्वारा शासकीय लीज़ भूमि को फ्री-होल्ड में समपरिवर्तन कराया जाकर तत्पश्चात रेस्टोरेंट का निर्माण किया गया। उक्त फ्री-होल्ड के आदेश को जिला कलेक्टर द्वारा पुनर्विलोकन में लिया जाकर उक्त भूमि एवं उस पर निर्मित परिसम्पत्तियों को शासन में वेष्ठित करने की कार्यवाही की गई। वर्तमान में माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में प्रकरण प्रचलित होकर यथास्थिति के आदेश होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। न्यायालयीन प्रकरण के तहत यथास्थिति के आदेश होने के कारण न्यायालय के निर्णय के अधीन कार्यवाही की जावेगी।
विभागीय योजनाओं का क्रियान्वयन
[पशुपालन]
19. ( *क्र. 280 ) श्री संजय उइके : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा विभाग को आदिवासी हितग्राहियों हेतु डेयरी विकास परियोजना एवं बैकयार्ड पोल्ट्री फार्म योजना अंतर्गत राशि प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस योजना में कितनी-कितनी राशि कब-कब प्राप्त हुई, कब कितनी राशि समर्पित की गई कब कितनी राशि पुनरावंटन में प्राप्त हुई? (ख) डेयरी विकास परियोजना में किन-किन जिलों में कितनी राशि कब आवंटित की गई, आवंटन के विरूद्ध कौन-कौन सी सामग्री/उपकरण कितनी-कितनी राशि के कब खरीदे गए, योजनानुसार कितनी समितियों का गठन किया गया एवं कितनी समितियों का नहीं किया गया, योजनानुसार प्रत्येक समिति को कितनी मात्रा का दुग्ध एकत्रीकरण/उत्पादन किया जाना था, उसके विरूद्ध कितना किया गया? समिति द्वारा प्रति माह कितनी राशि का दुग्ध एकत्रीकरण/उत्पादन किया गया? जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) बैकयार्ड पोल्ट्री फार्म योजना में किन-किन जिलों में कितनी राशि किन कार्यों/प्रशिक्षण/खरीदी में व्यय की गयी? योजनावार समिति/हितग्राहियों के खातों में कितनी राशि कब डाली गई एवं कितनी राशि शेष है? योजनानुसार प्रश्न दिनांक तक कितना कार्य पूर्ण हो चुका है? किए गए व्यय की जानकारी देवें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) महिला आदिवासी डेयरी विकास परियोजना वर्ष 2015-16 में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा स्वीकृत की गई। प्रदेश के 06 जिलों में परियोजना क्रियान्वयन हेतु वर्ष 2015-16 की स्वीकृत राशि रूपये 2668.66 लाख माह दिसम्बर 2016 में तथा वर्ष 2016-17 की स्वीकृत राशि रूपये 1078.62 लाख माह मार्च 2017 में एम.पी.सी.डी.एफ. को प्राप्त हुई। परियोजना के अधीन सम्पूर्ण विमुक्त राशि रूपये 3747.28 में से कुल राशि रूपये 3722.28 लाख का उपयोग किया गया। शेष राशि रूपये 25.00 लाख जिला बालाघाट में ई.टी.पी. संयंत्र अन्य परियोजना के तहत स्वीकृत करने का निर्णय लिया गया है। वर्तमान में राशि समर्पित करने की कार्यवाही प्रचलन में है। परियोजना का क्रियान्वयन धार, झाबुआ, बड़वानी, छिंदवाड़ा, बालाघाट, सिवनी, जिलों में किया गया 240 दुग्ध समिति गठन का लक्ष्य था, जो शत-प्रतिशत किया गया। जिलेवार आवंटित राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। आवंटित राशि से खरीदी गई सामग्री/उपकरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। संकलित/एकत्रित दूध तथा दुग्ध उत्पादों की भुगतान की गई राशि की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ई'' अनुसार है।
पात्र हितग्राहियों को राशन पर्ची का प्रदाय
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
20. ( *क्र. 284 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिला अंतर्गत शासन द्वारा निर्धारित 23 पात्रताधारी श्रेणी के अंतर्गत कितने हितग्राही शा.उ.मू. दुकानों से राशन सामग्री प्राप्त करने हेतु पात्रता श्रेणी में है? इनमें से कितनों को राशन पर्ची प्रदाय की गई एवं कितनों को राशन पर्ची प्रदाय की जाना शेष है? शेष रहने के कारण सहित हितग्राहियों की संख्यात्मक जानकारी जनपदवार, नगरीय निकायवार उपलब्ध करायें। (ख) विगत चार माह में पात्रता की 23 श्रेणियों के निर्धारित मापदण्डों के अंतर्गत कितने हितग्राहियों ने जनप्रतिनिधियों के माध्यम से अथवा स्वयं के द्वारा विभाग में राशन पर्ची प्रदाय किये जाने हेतु आवेदन दिये? दिये गये आवेदनों के क्रम में अभी तक राशन पर्ची नहीं दिये जाने के विलम्ब के कारण सहित जानकारी उपलब्ध करायें एवं कब तक राशन पर्ची दी जायेगी? (ग) जिला अंतर्गत ऐसे कितने हितग्राही हैं, जिनको अंत्योदय या अन्य योजना की राशन पर्ची दी गई थी, किन्तु वर्तमान में विभाग द्वारा राशन पर्ची का सत्यापन नहीं होने से पात्रता श्रेणी से बाहर होने के कारण राशन सामग्री प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं, के कारण सहित जानकारी दें कि ऐसे हितग्राहियों की राशन पर्ची का सत्यापन कब तक किया जायेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) विदिशा जिले में N.F.S.A. अंतर्गत पात्रता श्रेणियों में कुल 207616 पात्र परिवार शासकीय उचित मूल्य दुकानों से राशन सामग्री प्राप्त करने हेतु सम्मिलित हैं। इनमें से 205526 हितग्राहियों को पात्रता पर्ची प्रदाय की जा चुकी है तथा इन परिवारों की मासिक राशन की पात्रता पी.ओ.एस. मशीन पर प्रदर्शित करायी गयी है। माह नवम्बर-दिसम्बर में 3377 पात्र परिवारों हेतु जारी पात्रता पर्ची में से 1287 का वितरण स्थानीय निकायों के माध्यम से किया जा चुका है। हितग्राहियों को राशन मित्र पोर्टल से स्वयं पात्रता पर्ची डाउनलोड करने की सुविधा भी उपलब्ध करायी गयी है। शेष 2090 पात्रता पर्चियों के वितरण की कार्यवाही प्रचलित है, जिनकी जनपदवार, नगरीय निकायवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विगत चार माह में जन प्रतिनिधियों के माध्यम से 55 एवं 228 स्वयं व अन्य माध्यम से कुल 283 आवेदन पात्रता पर्ची हेतु प्राप्त हुए, इनमें से 194 को पात्रता पर्ची जारी कर वितरित की जा चुकी है। 33 आवेदनों की स्वीकृति की कार्यवाही माह दिसम्बर में पूर्ण कर ली गयी है, 43 आवेदकों के दस्तावेज परीक्षण, सत्यापन की कार्यवाही पंचायत/वार्ड कार्यालय द्वारा की जा रही है। 13 आवेदन अपात्र पाए जाने से निरस्त किए गए हैं। नवीन आवेदकों द्वारा स्थानीय निकाय कार्यालयों के माध्यम से आवेदन करना, उनकी पात्रता व दस्तावेज का परीक्षण, सत्यापन व स्वीकृति की कार्यवाही एक सतत् प्रक्रिया है। पात्र पाए गए लाभार्थियों को मासिक आवंटन के समय पात्रता पर्ची जारी की जाती है। (ग) विदिशा जिले में विवाह हो जाने से परिवार से पृथक हुई महिला सदस्य/मृत्यु/दोहरे होने आदि कारण से स्थानीय निकाय के द्वारा चिन्हांकित किये जाने से 14502 अपात्र परिवारों की पात्रता पोर्टल से अस्थायी रूप से रोकी गयी, जिसमें से कुल 506 परिवारों के द्वारा पुन: पात्रता पर्ची हेतु स्थानीय निकायों में आवेदन किये गए। इन 506 परिवारों में से 101 परिवारों के द्वारा वैध दस्तावेजों के साथ किये गए आवेदन अनुसार इनकी पात्रता पर्ची जारी की गई है तथा 405 परिवारों के आवेदनों का परीक्षण व सत्यापन किया जा रहा है, आवेदक परिवारों को पात्र पाए जाने पर मासिक आवंटन के साथ पात्रता पर्ची जारी करने की व्यवस्था है।
न्यायालय में चल रहे प्रकरण की अद्यतन स्थिति
[सहकारिता]
21. ( *क्र. 674 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्र. 527, दिनांक 22.09.2020 के (ख) उत्तर अनुसार चल रहे प्रकरण की चार तारीखों में अलग-अलग अधिवक्ता उपस्थित हुए, ऐसा क्यों? क्या कारण है कि विभाग इस प्रकरण में गंभीरता नहीं बरत रहा है? क्या यह भ्रष्टाचार व सांठ-गांठ का संकेत नहीं है? (ख) किस कारण इस प्रकरण में दिनांक 12.04.2019 से आज तक कोई तारीख नहीं लगी? (ग) इसके जिम्मेदार अधिकारी का नाम, पदनाम देकर बतावें कि शासन उन पर कब तक कार्यवाही करेगा? (घ) शासन कब तक स्थायी अधिवक्ता इस प्रकरण में नियुक्त कर इसके निराकरण की दिशा में आगे बढ़ेगा?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) प्रकरण में न्यायालयीन कार्य सुविधा की दृष्टि से महाधिवक्ता कार्यालय द्वारा समय-समय पर शासकीय अधिवक्ता परिवर्तित किये जाते हैं। इसी तारतम्य में अलग-अलग तिथियों पर अलग-अलग शासकीय अधिवक्ता पैरवी हेतु न्यायालय के समक्ष उपस्थित हुये। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता, कारण प्रकरण में माननीय उच्च न्यायालय के सम्मुख प्रतिरक्षण महाधिवक्ता कार्यालय द्वारा नियुक्त शासकीय अभिभाषक करते हैं, अतः विभाग स्तर से, सांठ-गांठ का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) चूंकि प्रकरण दिनांक 12.04.2019 से अंतिम सुनवाई हेतु नियत है और जिसकी आगामी सुनवाई की तारीख माननीय उच्च न्यायालय की रजिस्ट्री द्वारा ही नियत की जायेगी, इस हेतु कोई तारीख न लगने का कारण बताना संभव नहीं है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) महाधिवक्ता कार्यालय से इस संबंध में निवेदन किया गया है।
मण्डला व बालाघाट जिले में गुणवत्ताहीन चावल का वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
22. ( *क्र. 528 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केंद्र सरकार की टीम के द्वारा 30 जुलाई से 2 अगस्त 2020 के बीच एवं माह सितम्बर 2020 में किन-किन वेयरहाउस/राशन दुकानों से चावल के सैंपल लिए गए थे? (ख) क्या उपरोक्त सैम्पलों की रिपोर्ट में उक्त चावल पोल्ट्री ग्रेड का बताया गया था? यदि हाँ, तो मण्डला व बालाघाट जिले में किन-किन राइस मिल मालिकों व विभागीय अधिकारियों को इसमें दोषी पाया गया एवं उनके विरुद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? इस तरह का कुल कितना चावल गरीबों में वितरण किया गया? (ग) क्या गुणवत्ताहीन चावल मिल मालिकों को वापस कर गुणवत्तापूर्ण चावल प्रदाय करने एवं वेयरहाउसों में जमा कराने के दौरान उसकी वीडियोग्राफी की प्रक्रिया निर्धारित की गई थी? यदि हाँ, तो क्या मण्डला जिले में चावल जमा कराने के दौरान सभी वेयरहाउसों में वीडियोग्राफी कराई गई? यदि नहीं, तो इसमे कौन-कौन दोषी हैं व उनके विरुद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी? (घ) इस मामले में किस-किस के विरुद्ध एफ.आई.आर. दर्ज की जा चुकी है? क्या राइस मिल मालिकों द्वारा प्रदाय उपरोक्त घटिया चावल अन्य राज्यों से लाया गया था? यदि हाँ, तो क्या इस मामले की सी.बी.आई. से जांच कराई जाएगी?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। बालाघाट जिले के प्रभारी जिला प्रबंधक एवं 3 कर्मियों तथा मण्डला जिले के जिला प्रबंधक एवं एक कनिष्ठ सहायक के विरूद्ध आरोप पत्र जारी किए गए हैं। विभागीय जांच की कार्यवाही प्रचलन में है। चावल का वितरण नहीं किया गया। (ग) गुणवत्ताहीन चावल मिल मालिकों को वापस कर गुणवत्ताहीन चावल प्रदाय करने एवं वेयरहाउसों में जमा कराने के दौरान उसकी वीडियोग्राफी की प्रक्रिया निर्धारित नहीं की गई थी, जिस कारण मण्डला जिले में चावल जमा कराने के दौरान वीडियोग्राफी नहीं कराई गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रकरण में EOW द्वारा जांच की कार्यवाही प्रचलन में है। जांच प्रक्रियाधीन होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बैकलॉग के रिक्त पदों की पूर्ति
[सामान्य प्रशासन]
23. ( *क्र. 760 ) श्री सीताराम : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सहरिया (आदिवासी) पढ़े लिखे युवा बेरोजगार बच्चों के लिये बैकलॉग भर्तियां निकालने की कार्यवाही कब तक की जावेगी? (ख) क्या ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, श्योपुर तथा दतिया में जिलेवार बैकलॉग के खाली पद रिक्त हैं? यदि हाँ, तो जिलेवार सूची उपलब्ध करायें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) सहरिया जनजाति का पृथक से बैकलॉग नहीं होता। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्याज खरीदी में अनियमितता
[सहकारिता]
24. ( *क्र. 590 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 455, दिनांक 22.09.2020 खण्ड (क) के सन्दर्भ में प्रमुख सचिव को लिखे गए पत्र का उत्तर प्रश्नकर्ता को क्यों नहीं दिलाया जा रहा है? पत्र का तत्काल उत्तर दिलाया जाकर प्रश्नकर्ता की मांग पर की गई जांच की अनुशंसा से प्रश्नकर्ता को क्यों नहीं अवगत कराया गया तथा जांच आठ माह बाद क्यों की गई, इस विलम्ब का कौन जिम्मेदार है? (ख) उपरोक्त संदर्भित प्रश्न के खण्ड (ख) और (ग) के सन्दर्भ में बतावें कि जिला स्तरीय दोनों पत्रों के संज्ञान में लिये बिना निर्णय क्यों लिये तथा खण्ड (द) के सन्दर्भ में बतावें की खराब प्याज उठाने वाली समिति के कौन-कौन से दस्तावेज देखे गये, उनकी सबकी प्रति देवें तोल कांटे की रसीद भी उपलब्ध कराएं तथा वीडियो रिकार्डिंग की सी.डी. उपलब्ध कराएं। (ग) क्या प्रश्नाधीन प्रश्न के खण्ड ''घ'' से स्पष्ट है कि 23.07.2017 को 1500 मेट्रिक टन प्याज अच्छी स्थिति का था, तभी वह पूर्व से 45 प्रतिशत अधिक दर पर नीलाम हुआ? यदि हाँ, तो पूर्व की नीलामी से इस प्याज के खराब होने का क्या सम्बन्ध है? (घ) क्या अगर 23.07.2019 को नीलाम किया प्याज खराब होता तथा मात्रा में 1500 मेट्रिक टन नहीं होता तो 06 अधिकारियों की उपस्थिति में 05 बड़े व्यापारी पहले से 50 प्रतिशत अधिक मूल्य की बोली नहीं लगाते? (ड.) क्या 1500 मेट्रिक टन प्याज नीलाम करने के बाद उसकी सारी जिम्मेदारी नीलामकर्ता और खरीददार की होना चाहिये? यदि नहीं, तो उसे नीलाम क्यों किया गया?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) प्रश्नकर्ता माननीय सदस्य द्वारा प्रमुख सचिव, सहकारिता विभाग को पत्र क्र./एस.सी.एस.सी./76/2020, दिनांक 31.01.2020 प्रेषित किया गया था, यही पत्र प्रमुख सचिव म.प्र. शासन, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग को पत्र क्र./एस.सी.एस.सी./19/1276, दिनांक 29.11.2019 को प्रेषित किया गया था। वर्ष 2017 में प्याज नीलामी का कार्य एम.पी. स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन लिमिटेड भोपाल द्वारा किया गया था, जिसका प्रशासकीय विभाग खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग है। अत: माननीय सदस्य द्वारा प्रमुख सचिव सहकारिता को प्रेषित पत्र विभागाध्यक्ष के स्तर से म.प्र. स्टेट सिविल सप्लाईज कॉर्पोरेशन को की गई कार्यवाही से अवगत कराने हेतु प्रेषित किया गया है। प्रमुख सचिव, म.प्र. शासन खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग को प्रेषित किये गये पत्र की जांच पश्चात खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा पत्र क्र./1567/1860/2020/29-1, दिनांक 22 सितम्बर, 2020 से माननीय सदस्य को वस्तुस्थिति से अवगत करा दिया गया है, तदनुसार आयुक्त सहकारिता के कार्यालय स्तर से भी माननीय सदस्य को पत्र क्र./विप./विप.संघ./2020/2559, दिनांक 21.12.2020 से अवगत कराया गया है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते। (ख) जिला प्रबंधक रतलाम द्वारा मेसर्स बागबान ट्रेडिंग कंपनी के पत्र दिनांक 07.09.2017 एवं स्मरण पत्र दिनांक 15.09.2017 का उत्तर अपने पत्र क्र. 576 रतलाम दिनांक 04.10.2017 से देते हुए विनिष्टीकरण की राशि वसूली की कार्यवाही किये जाने का उल्लेख किया गया है। संपूर्ण प्रकरण जिला स्तरीय समिति के संज्ञान में लिया गया। जिला स्तरीय उपार्जन समिति के समक्ष खराब प्याज के निराकरण के संबंध में प्रस्तुत किये गये दस्तावेजों, तौल कांटा पर्ची एवं वीडियो रिकार्डिंग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1, 2 एवं 3 अनुसार है। (ग) रतलाम मण्डी में लगभग 34,500 मे.टन प्याज सेवा सहकारी संस्था धराड़ द्वारा उपार्जित कर रखी गयी। मेसर्स बागवान ट्रेडिंग कम्पनी द्वारा दिनांक 14.07.2017 को 2500 मे.टन प्याज रूपये 2040 प्रति टन नीलामी में क्रय किया, किन्तु मात्र 872.53 मे.टन का ही उठाव किया गया। शेष मात्रा का उठाव न करने के कारण पुनः नीलामी की कार्यवाही की गयी। दिनांक 23.07.2017 को 145.62 मे.टन ही बाजार में प्रचलित दर के अनुरूप रू. 2920/- प्रति मे.टन की दर पर विक्रय हो सका। बाकी मात्रा को पुनः नीलाम करने पर मात्र 122.125 मे.टन ही रू. 2020/- प्रति मे.टन की दर पर नीलाम हो सका। सूखत एवं सड़न पश्चात शेष मात्रा 1232.25 मे.टन अत्यंत खराब होने के कारण किसी क्रेता द्वारा नहीं ली गई तथा अंततः उसके विनिष्टीकरण की कार्यवाही सेवा सहकारी संस्था धराड़ द्वारा की गई। (घ) दिनांक 23.07.2017 को कृषि उपज मण्डी रतलाम के विभिन्न शेड्स में लगभग 1500 मे.टन अनुमानित प्याज उपलब्ध था। बागवान ट्रेडिंग कंपनी द्वारा समय-सीमा में प्याज नहीं उठाने एवं छटाई के दौरान फैलाने के कारण, प्याज बारिश में भीग गया। उस समय खराब प्याज भी अच्छी दर पर बिक रही थी, इसलिए 145.62 मे.टन रू. 2920/- प्रति मे.टन दर पर मेसर्स आर.एम. ट्रेडर्स को विक्रय हुआ। इसके पश्चात 400 मे.टन प्याज को रू. 2020/- प्रति मे.टन की दर से रतलाम ओनियन कंपनी को नीलाम किया गया, किन्तु रतलाम ओनियन कंपनी द्वारा अनुबंध नहीं करने एवं प्याज न उठाने के कारण उनकी जमा राशि जप्त कर दिनांक 04.08.2017 को शेष मात्रा की नीलामी की गयी, किन्तु मेसर्स ओमबना ट्रेडर्स द्वारा 400 मे.टन राशि रू. 2020/मे.टन पर क्रय हेतु ऑफर दिया, किन्तु 122.125 मे.टन का ही उठाव किया गया। शेष मात्रा 1232.255 मे.टन अत्यंत खराब होने के कारण किसी क्रेता द्वारा नहीं ली गई तथा अंततः उसके विनिष्टीकरण की कार्यवाही सेवा सहकारी संस्था धराड़ द्वारा की गई। (ड.) मेसर्स बागवान ट्रेडिंग कम्पनी द्वारा पूरी मण्डी में छांट-छांट कर प्याज लेने एवं पूरी मण्डी में प्याज को फैला दिया था, फलस्वरूप दिनांक 21.07.2017 को एस.डी.एम. रतलाम द्वारा भी समक्ष में निर्देश दिये कि क्रेता 24 घंटे में मण्डी समिति एवं जिला प्रबंधक से संपर्क कर पूरी मात्रा की डिलेवरी प्राप्त करें, किन्तु उनके द्वारा उठाव न किये जाने की स्थिति निर्मित होने के कारण विभिन्न दिनांकों में हानि को सीमित करने हेतु प्याज की नीलामी करने का निर्णय जिला उपार्जन समिति द्वारा लिया गया। अंततः जो प्याज नीलाम नहीं हो सकी, उसका संबंधित सेवा सहकारी समिति धराड़ द्वारा विनिष्टीकरण कराया गया।
सहा. प्राध्यापक/प्राध्यापकों की विशेष कर्तव्यस्थ के रूप में पदस्थापना
[उच्च शिक्षा]
25. ( *क्र. 770 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन आयुक्त उच्च शिक्षा कार्यालय में कितने सहायक प्राध्यापक/प्राध्यापक विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी के रूप में तथा कब से पदस्थ हैं? म.प्र. शासन उच्च शिक्षा विभाग के द्वारा सहायक प्राध्यापक तथा प्राध्यापक के सेवा भर्ती नियमों में इनका कार्य क्या बताया गया है? (ख) क्या उच्च शिक्षा संचालनालय में कार्यालयीन कर्मचारी पदस्थ नहीं है, जो एक विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी द्वारा विगत दो वर्षों से दसों (more than 10) सहायक प्राध्यापक तथा प्राध्यापकों को विभिन्न कार्यालयीन कार्यों हेतु आसंजित किया जाता है, जिससे हजारों छात्रों को अध्ययन का नुकसान होता है? (ग) क्या विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी डॉ. धीरेन्द्र शुक्ला विगत दो वर्षों से शासकीय पी.जी. महाविद्यालय इटारसी में भी एन.सी.सी. अधिकारी हैं तथा विगत 2017 से पी.जी. कॉलेज इटारसी से इस बाबत मानदेय प्राप्त कर रहे हैं? क्या शासन इन्हें प्रति शनिवार, रविवार, इटारसी जाने हेतु भत्ता या पेट्रोल की राशि देता है? यदि हाँ, तो ऐसे सक्षम प्रोफेसर को उसका मूल कार्य क्यों नहीं करने दिया जा रहा है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। सहायक-प्राध्यापक/प्राध्यापक के पद शैक्षणिक सेवा के हैं। (ख) जी नहीं, है। सहायक-संचालक/उप-संचालक/अतिरिक्त-संचालक के पद रिक्त होने के कारण कार्य की आवश्यकता के अनुसार विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी को संचालनालय में अस्थायी रूप से पदस्थ किया गया है। (ग) जी हाँ। जी नहीं। जी नहीं।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
विधानसभा
क्षेत्र
पनागर के
अंतर्गत
ग्राम पंचायत
कालाडूमर की
नलजल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
1. ( क्र. 7 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम पंचायत कालाडूमर की नलजल योजना जुलाई 2019 में स्वीकृत हुई, जनवरी 2020 में टेंडर स्वीकृत हुये एवं मार्च 2020 में वर्क ऑर्डर जारी किये गये? (ख) यदि हाँ, तो क्या योजना के अनुसार ओवर हेड टैंक निर्माण हेतु स्वीकृत स्थल पर निजी व्यक्ति का कब्जा होने के कारण निर्माण नहीं हो रहा है? (ग) यदि हाँ तो विभाग ने अब तक कब्जा क्यों नहीं हटाया? (घ) यदि नहीं तो 1 वर्ष व्यतीत हो जाने के बावजूद ओवर हेड टैंक का निर्माण क्यों नहीं प्रारंभ हुआ?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) योजना फरवरी 2018 में तथा टेंडर दिसम्बर 2019 में स्वीकृत हुए, मार्च 2020 में वर्कआर्डर जारी किये गये। (ख) जी हाँ। (ग) भूमि पर निजी व्यक्ति का कब्जा हटाने के कार्य हेतु तहसीलदार पनागर के माध्यम से कार्यवाही की जा रही है। (घ) प्रस्तावित स्थल पर भूमि विवादित होने के कारण।
ई-टेंडर घोटाले में कार्यवाही
[विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी]
2. ( क्र. 19 ) श्री विनय सक्सेना : क्या सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में हुए ई-टेंडर घोटाले में आज दिनांक तक हुई कार्यवाही का ब्यौरा दें। (ख) उक्त घोटाले के मुख्य आरोपी कौन-कौन हैं? (ग) क्या ई-टेंडर घोटाले को लेकर तत्कालीन प्रमुख सचिव सूचना प्रौद्योगिकी ने म.प्र.शासन को पत्र लिखा था? यदि हाँ, तो पत्र की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) क्या उक्त घोटाले को शासन के संज्ञान में लाने वाले तत्कालीन प्रमुख सचिव सूचना प्रौद्योगिकी को जाँच में शामिल किया गया है?
सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) के द्वारा प्रकरण दर्ज कर 07 आरोपीगण के विरूद्ध विवेचना उपरान्त अभियोग पत्र माननीय सक्षम न्यायालय में प्रस्तुत किये गये है। वर्तमान में धारा 173 (8) दण्ड प्रक्रिया संहिता अंतर्गत विवेचना जारी है। (ख) सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) में प्रकरण विवेचनाधीन है। जानकारी दी जाना विधिसम्मत नहीं है। (ग) जी नहीं। (घ) सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) में प्रकरण विवेचनाधीन है। उनके द्वारा सम्यक कार्यवाही की जा रही है।
भू-माफिया के विरुद्ध अभियान अंतर्गत हुई कार्यवाहियां
[राजस्व]
3. ( क्र. 23 ) श्री विनय सक्सेना : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत एक वर्ष में जबलपुर जिले में भू-माफिया के विरुद्ध अभियान अंतर्गत (अवैध प्लाटिंग, शासकीय जमीन पर कब्ज़ा/विक्रय करने वाले) किन-किन व्यक्तियों को नोटिस दिए गये? तहसीलवार जानकारी सहित जारी किये गये नोटिस तथा प्रति उत्तर की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में किन-किन भू माफियाओं के विरुद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गयी? (ग) जबलपुर जिले में अवैध प्लाटिंग की कितनी शिकायतें विगत एक वर्ष में प्रशासन को प्राप्त हुई? तहसीलवार बतावें (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में हुई शिकायतों पर क्या-क्या कार्यवाही हुई? तहसीलवार/प्रकरणवार बतावें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) विगत एक वर्ष में जबलपुर जिले में भू-माफिया, अवैध प्लाटिंग, शासकीय भूमि पर अतिक्रमण एवं विक्रय के विरूद्ध अभियान अंतर्गत जबलपुर जिले की तहसील जबलपुर के 09 पनागर के 07 तहसील कुण्डम के 04 तहसील आधरताल के 20 तहसील सिहोरा के 12 तहसील गोरखपुर के 14 तहसील रांझी के 06 जिले में कुल 67 व्यक्तियों को भूमाफिया के विरूद्ध अभियान अंतर्गत नोटिस जारी किए गए। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। तहसीलदार द्वारा दिए गए नोटिस के प्रति उत्तर प्राप्त हुआ है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार (ख) प्रश्नांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में संलग्न सूची अनुसार तहसील जबलपुर में 04 तहसील गोरखपुर में 06 पनागर के 07 तहसील कुण्डम के 04 भूमाफियों के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई गई तथा सूची अनुसार तहसील आधारताल में 15 तहसील रांझी में 04 व्यक्तियों के अतिक्रमण हटाये गए एवं आधारताल में 05 प्रकरणों में रोक लगाई गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार शेष प्रकरणों में कार्यवाही प्रचलित है। (ग) जबलपुर जिले में अवैध प्लांटिंग की प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार तहसील गोरखपुर में 04 शिकायतें तहसील जबलपुर में 09 तहसील पनागन में 07 तहसील कुण्डम में 04 शिकायतें प्राप्त हुई। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में संलग्न सूची अनुसार तहसील जबलपुर में 04 गोरखपुर में 06 तहसील पनागर में 07 तहसील कुण्डम में 04 भू माफियों के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई गई तथा सूची अनुसार तहसील आधारताल में 15 तहसील रांझी में 04 व्यक्तियों के अतिक्रमण हटाये गए एवं आधारताल में 05 प्रकरणों में रोक लगाई गई। शेष प्रकरणों में कार्यवाही प्रचलित है।
कन्या विवाह एवं निकाह योजना की अनुदान राशि
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
4. ( क्र. 24 ) श्री विनय सक्सेना : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पूर्व सरकार द्वारा जो कन्या विवाह एवं निकाह योजना की अनुदान राशि 28 हजार रू. से बढ़ाकर 51 हजार रू. की गई थी उसे पुन: 28 हजार रू. कर दिया गया है? यदि हाँ, तो इसका क्या कारण है? (ख) पिछले 8 माह में उक्त योजना अंतर्गत प्रदेश में कितने परिवारों को कुल कितनी राशि प्रदाय की गयी?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी हाँ। पूर्व सरकार द्वारा मुख्यमंत्री कन्या विवाह एवं निकाह योजनान्तर्गत सहायता राशि 28,000/- से बढ़ाकर 51,000/- की गई थी जो कि वर्तमान सरकार द्वारा यथावत रखी गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) कोविड 19 महामारी होने के कारण विगत 8 माह में प्रदेश में मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजनान्तर्गत कोई भी सामूहिक विवाह सम्पन्न नहीं किये गये है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रदेश में वर्ष 2019-20 में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजनान्तर्गत लगभग 16000 हितग्राहियों को राशि रूपये 8006.49 लाख एवं निकाह योजनान्तर्गत लगभग 1300 हितग्राहियों को राशि रूपये 644.89 लाख का भुगतान विगत 8 माह में किया गया है।
कबूलपुर सिंचाई परियोजना में विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर के ग्रामों को सम्मिलित किया जाना
[जल संसाधन]
5. ( क्र. 48 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शाजापुर जिले अंतर्गत प्रस्तावित कबूलपुर सिंचाई परियोजना से सिंचाई के लिए लाभान्वित किये जाने हेतु सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र के ग्रामों को सम्मिलित किये जाने हेतु माननीय मुख्यमंत्री जी की नोटशीट या निर्देश विभाग को प्राप्त हुए है? प्राप्त हुए निर्देश के परिपालन में क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या अधोहस्ताक्षरकर्ता द्वारा भी समय-समय पर विगत 2 वर्षों से विधानसभा प्रश्न एवं पत्राचार के माध्यम से भी कबूलपुर सिंचाई परियोजना से सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र के ग्रामों को भी लाभान्वित किए जाने हेतु लेख किया गया है? यदि हाँ, तो उन पर भी क्या कार्यवाही की गई है? (ग) सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र के कौन-कौन से ग्रामों को कितने-कितने हेक्टेयर में कबूलपुर सिंचाई परियोजना द्वारा सिंचाई से लाभान्वित किए जाने हेतु प्रस्तावित किए गए हैं? यदि नहीं किए गए तो, कब तक प्रस्तावित किए जावेंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जी हाँ, शाजापुर जिले अंतर्गत प्रस्तावित कबूलपुर मध्यम सिंचाई परियोजना से सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र के ग्रामों को सम्मिलित किए जाने हेतु नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश हैं। जी हाँ। मूल परियोजना प्रतिवेदन में तहसील मोमन बड़ोदिया के 11 ग्रामों की 3,100 हेक्टर एवं स्वयं के साधनों से गुलाना, मोमन बड़ोदिया एवं सारंगपुर तहसील की 990 हेक्टर सहित कुल 4,090 हेक्टर क्षेत्र में सिंचाई प्रस्तावित है। परियोजना का निर्माण कार्य अपरिहार्य कारणों से प्रारंभ नहीं हुआ है। नर्मदा घाटी विकास विभाग द्वारा क्रियान्वित नर्मदा कालीसिंध लिंक परियोजना फेस-2 एवं प्रस्तावित कबूलपुर मध्यम परियोजना के कमाण्ड क्षेत्र आपस में ओव्हरलेप होने के कारण शाजापुर जिले के 11 ग्रामों को नर्मदा घाटी विकास विभाग द्वारा क्रियान्वित लिंक परियोजना में शामिल कराने का प्रयास जारी है। यदि शाजापुर जिले के 11 ग्रामों के कमाण्ड क्षेत्र नर्मदा घाटी विकास विभाग द्वारा क्रियान्वित लिंक परियोजना में शामिल करने की सहमति प्राप्त हो जाती है तो सारंगपुर विधान सभा क्षेत्र के संलग्न परिशिष्ट अनुसार 13 ग्रामों को जोड़ने की कार्यवाही किया जाना संभव होगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
शासकीय भूमि खसरा क्र. 82 से कब्जा हटाना
[राजस्व]
6. ( क्र. 54 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मंडला जिले में ग्राम पंचायत ग्वारी के पटवारी हल्का न. 22 राजस्व निरीक्षक मंडल के शासकीय भूमि खसरा क्र.82 एवं इसके आसपास की भूमि पर कब्जा/अतिक्रमण कर अवैध कब्जा कर गोदाम/भवन निर्माण कराया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो उक्त शासकीय भूमि से अतिक्रमण/कब्जा हटाने हेतु जनहित याचिका नं.1338/2016 दिनांक 08/08/2016 के अनुसार माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा अतिक्रमण/कब्जा हटाने का फैसला सुनाया जाकर प्रमुख सचिव राजस्व विभाग, म.प्र. शासन भोपाल एवं कलेक्टर मंडला को आदेशित किया गया था। (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त शासकीय भूमि खसरा क्र. 82 से अभी तक अतिक्रमण/कब्जा क्यों नहीं हटाया गया। विलम्ब का कारण बतावे। कब्जा/अतिक्रमण कब तक हटाया जायेगा। (घ) प्रश्नांश (ग) क्या कलेक्टर मंडला द्वारा कब्जा हटाने हेतु कोई कार्यवाही की गई है। यदि नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
पेड सीनियर सिटीजन होम का निर्माण
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
7. ( क्र. 58 ) श्री तरूण भनोत : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर में सामाजिक न्याय विभाग द्वारा पेड सीनियर सिटीजन होम के निर्माण के लिए निर्णय लिया गया है तथा क्या इस प्रयोजन के लिए शासकीय भूमि आरक्षित कर ली गई है? यदि हाँ, तो पूर्ण ब्यौरा प्रस्तुत करें। (ख) पेड सीनियर सिटीजन होम, जबलपुर कितने लाभार्थियों के उपयोग हेतु बनेगा तथा इस कार्य के लिए कितनी धनराशि स्वीकृत की गई है तथा क्या राशि का आवंटन कर दिया गया है? (ग) भूमि आवंटन होने के उपरांत भी अभी तक कार्य प्रारंभ न होने का क्या कारण है तथा इस विलंब के लिए क्या उत्तरदायित्व निर्धारित किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी हाँ। ग्राम भटोली प.ह.न. 16 तिलहरी रा.नि.म. जबलपुर दो स्थित भूमि खसरा नंबर 112/3 रकवा 41.6190 हेक्टेयर में से 5 एकड़ भूमि सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग को आवंटित की गई है। (ख) 100 लाभार्थियों हेतु। इस कार्य हेतु रूपये 10.83 करोड़ राशि प्रस्तावित। जी नहीं। (ग) वित्तीय प्रावधान उपलब्ध न होने के कारण। वित्तीय प्रावधान न होने के कारण बिलंब हेतु उत्तरदायित्व निर्धारण किया जाना संभव नहीं।
दुग्ध विज्ञान एवं खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय की स्थापना
[पशुपालन]
8. ( क्र. 59 ) श्री तरूण भनोत : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर में पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय के अंतर्गत दुग्ध विज्ञान एवं खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय की स्थापना के लिये बजट में प्रावधान किया गया है? यदि हाँ, तो पूर्ण विवरण प्रस्तुत किया जाये। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित महाविद्यालय के लिये क्या प्रशासनिक एवं वित्तीय आदेश जारी कर दिये गये हैं? यदि हां तो उनकी प्रति उपलब्ध कराई जाये। (ग) उक्त महाविद्यालय के अभी तक प्रारंभ न हो सकने का क्या कारण है तथा बजट में प्रावधान होने के बावजूद अब तक हुये विलम्ब के लिये कौन उत्तरदायी है? (घ) क्या राज्य शासन उत्तरदायित्व निर्धारित करेगा? यदि हां तो कब तक?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी हाँ। रूपये 200 लाख का बजट प्रावधान है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रक्रिया विचाराधीन है।शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लंबित सिंचाई योजना की स्वीकृति
[जल संसाधन]
9. ( क्र. 68 ) श्री
रामपाल सिंह : क्या
मुख्यमंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) दिसम्बर
2020 की
स्थिति में
रायसेन जिले
में स्वीकृत
किन-किन
सिंचाई
योजनाओं का
कार्य क्यों
अप्रारंभ है? किन-किन
सिंचाई
योजनाओं की
निविदा
आमंत्रित नहीं
की गई है तथा
क्यों?
योजनावार
कारण बतायें। (ख) रायसेन
जिले में
कौन-कौन सी
सर्वेक्षित
सिंचाई
योजनाएं तथा
बैराज स्वीकृति
हेतु कब से
किस स्तर पर
क्यों लंबित
है? उनको
कब तक स्वीकृत
किया जायेगा? (ग) अप्रैल
2020 से
प्रश्न
दिनांक तक
माननीय
मंत्री जी, प्रमुख
सचिव एवं
प्रमुख
अभियंता जल
संसाधन विभाग
को रायसेन
जिले के
किन-किन विधायकों
के पत्र कब-कब
प्राप्त हुए
तथा उन पर
माननीय
मंत्री जी तथा
प्रमुख सचिव
एवं प्रमुख
अभियंता जल
संसाधन विभाग
ने किन-किन
अधिकारियों
को क्या-क्या
कार्यवाही के
निर्देश दिये? पत्रवार
जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश
(ग) के
निर्देशों के
पालन में
संबंधित
अधिकारियों द्वारा
क्या-क्या
कार्यवाही की
गई? प्रश्नकर्ता
विधायकों को
पत्रों के
जवाब क्यों
नहीं दिये? पत्रों
में उल्लेखित
किन-किन समस्याओं
का निराकरण
हुआ? किन-किन
समस्याओं का
निराकरण क्यों
नहीं हुआ?
मुख्यमंत्री
( श्री शिवराज
सिंह चौहान ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-''अ''
अनुसार
है। (ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-''ब''
अनुसार
है। डीपीआर
प्राप्त
होने पर
गुणदोष के
आधार पर
निर्णय लिया
जाता है।
निश्चित
समय-सीमा
बताना संभव
नहीं है। (ग) एवं
(घ) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-''स''
अनुसार
है।
जल जीवन मिशन के माध्यम से पेयजल सुविधा
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
10. ( क्र. 69 ) श्री रामपाल सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भारत सरकार द्वारा वर्ष 2024 तक हर घर में नल-जल योजना के माध्यम से पेयजल सुविधा उपलब्ध कराने का लक्ष्य तय किया है? इस संबंध में रायसेन जिले में क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) दिसम्बर 2020 की स्थिति में रायसेन जिले में कहाँ-कहाँ समूह जल प्रदाय योजना का कार्य चल रहा है? उक्त कार्य कब तक पूर्ण होगा तथा ग्रामवासियों को कब तक पीने का पानी मिलेगा? (ग) नर्मदा नदी से समूह जल प्रदाय योजना के माध्यम से विकासखण्ड बेगमगंज एवं सिलवानी के ग्रामों में पेयजल की योजना बनाने के संबंध में मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को प्रश्नकर्ता विधायक के प्राप्त पत्रों पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) दिसम्बर 2020 की स्थिति में रायसेन जिले के किन-किन ग्रामों में नल-जल योजना कब से एवं क्यों बंद है? योजनावार कारण बतायें उक्त नल जल योजना कब तक प्रारंभ होगी? इस हेतु विभाग के अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। विभाग द्वारा 254 ग्रामों हेतु नल-जल योजनाएं तैयार की गई हैं जिनमें से 92 स्वीकृत योजनाओं को क्रियान्वित करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) कुल 96 ग्रामों की बेगमगंज-गैरतगंज समूह जलप्रदाय योजना का कार्य म.प्र.जल निगम द्वारा किया जा रहा है। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (ग) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा प्राप्त पत्रों पर की गई मांग के अनुसार नर्मदा नदी स्त्रोत से विकासखण्ड बेगमगंज एवं सिलवानी के ग्रामों के लिये समूह जलप्रदाय योजना तैयार करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
मा. मुख्यमंत्री जी के विमान में व्यय
[विमानन]
11. ( क्र. 80 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्यमंत्री जी की यात्राओं के लिए राज्य शासन ने हवाई जहाज खरीदा है? इसकी कीमत कितनी है? (ख) 23 मार्च, 2020 से आज दिनांक तक मुख्यमंत्री ने किन-किन जिलों के कौन-कौन से कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए इस विमान का इस्तेमाल किया? इस पर कितना व्यय हुआ?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) राज्य शासन के लिये हवाई जहाज खरीदा है, जिसकी कीमत रूपये 63,20,15,987/- (कस्टम डयूटी, जीएसटी, आईजीएसटी आदि समस्त खर्चों सहित) है। (ख) 23 मार्च 2020 से आज दिनांक तक मुख्यमंत्री ने प्रदेश के जिला उमरिया एवं नागदा (जिला उज्जैन) में शासकीय कार्यक्रमों भाग लेने के लिये इस विमान का इस्तेमाल किया, जिस पर कुल रूपये 60465/- का व्यय हुआ।
माननीय मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं का क्रियान्वयन
[सामान्य प्रशासन]
12. ( क्र. 81 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 23 मार्च 2020 से 30 नवम्बर 2020 तक मुख्यमंत्री जी द्वारा कौन-कौन सी घोषणाएं की गई है? (ख) उपरोक्त घोषणाओं के क्रियान्वयन के लिये अलग-अलग कितनी-कितनी राशि का व्यय अनुमानित है तथा किस-किस मद से व्यय किया जाएगा? (ग) क्या मुख्यमंत्री जी कोई भी घोषणा करने से पहले उस पर होने वाले व्यय की राशि की व्यवस्था करने के लिये वित्त विभाग से परामर्श लेते हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
महेश्वरम कॉलोनी का सीमांकन
[राजस्व]
13. ( क्र. 90 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मनासा नगर पंचायत को दिनांक 10/07/2019 को महेश्वरम कॉलोनी की शिकायत की गई थी। जिसमें नगर पंचायत द्वारा तहसीलदार को दिनांक 26/07/2019 पत्र द्वारा मनासा में सर्वे क्रमांक 160 (शासकीय), 161/2,162,163,164 का सीमांकन करने को कहा गया था। क्या इन सभी सर्वे नंबर का सीमांकन कर दिया गया यदि हाँ, तो कब और नहीं तो क्यों? क्या सरकारी नंबर 160 का सम्पूर्ण सीमांकन कर उस पर अतिक्रमण पाया गया अगर हां तो क्या कार्यवाही की गई? अगर नहीं की गयी तो इसके लिये कौन जवाबदार उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी और कब तक सीमांकन की कार्यवाही पूर्ण कर ली जाएगी? (ख) मनासा में सर्वे क्रमांक 160,161/2,162,163,164 के सीमांकन के सम्बन्ध में कब-कब क्या कार्यवाही की उसकी जानकारी मय दस्तावेज (पंचनामा) सहित प्रदान करे।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हां। शासकीय भूमि सर्वे नं. 160 आबादी (गांवठान) का सीमांकन किया गया। सर्वे नं. 161/2, 162, 163, 164 का सीमांकन निजी भूमि होने से नहीं किया गया। सर्वे नं. 160 का सीमांकन दिनांक 15/10/2019 एवं 13 दिसंबर 2019 को राजस्व निरीक्षक मनासा द्वारा मौके पर सीमांकन दल के साथ किया गया। मौके पर आवेदक एवं उनके प्रतिनिधियों को मौके पर सीमा का ज्ञान करवाया गया तथा मौके पर पत्थर रखवा कर चूने की लाइन डाली गई। तहसीलदार मनासा द्वारा उक्त सीमांकन कार्यवाही को प्रकरण क्रमांक 140/अ-12/2019-20 में दर्ज कर मान्य किया गया। सीमांकन के उक्त आदेश के विरूद्ध अपील में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) उपखण्ड मनासा का प्रकरण क्रमांक 42/अपील/2019-20 द्वारा निरस्त कर अधीक्षक भू-अभिलेख नीमच को सर्वे नं. 160, 161/2, 162, 163, 164 की भूमियों का नवीन गठित सीमांकन दल द्वारा सीमांकन कराने हेतु नियत है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) सीमांकन के संबंध में की गई कार्यवाही प्रश्नांश (क) अनुसार ही है। पंचनामा कार्यवाही संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
जांच कमेटियों की रिपोर्ट के बाद भी कार्यवाही न होना
[राजस्व]
14. ( क्र. 94 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तत्कालीन कलेक्टर सतना द्वारा पत्र क्र.87 दिनांक 22.03.2016 को पत्र जारी कर वर्णित प्रकरणों की पतासाजी पूर्व बन्दोबस्त एवं वर्ष 1959 की भूस्वामी शासकीय स्थिति के आधार पर कार्यवाही करते हुए जांच हेतु जिले के समस्त अनुविभागों के संबंधिति अनुविभागीय अधिकारियों की अध्यक्षता में एक विशेष जांच समिति गठित की गयी थी कमेटी गठित हुए चार वर्ष से अधिक हो गए? उक्त चार वर्षों में पूरे जिले के तहसीलों में कितने एकड़ जमीन शासकीय घोषित की गई कितने प्रकरणों में संबंधित थाने में एफ.आई.आर. कराई गई है? प्रकरणवार तहसीलवार बतायें? अगर एफ.आई.आर. नहीं करायी गयी तो कब तक करा दी जायेगी तथा राजस्व विभाग के पटवारी एवं तहसीलदारों जो शासकीय जमीन को खुर्द बुर्द करने में शामिल रहे उन पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई उसे भी तहसीलवार बतायें? (ख) तहसील रघुराजनगर ने पत्र क्र.112 दिनांक 04.04.2016 के जरिये नायब तहसीलदार एवं राजस्व निरीक्षकों को उपरोक्त जांच की जानकारी निर्धारित प्रपत्र पर प्रदाय करने के आदेश दिये थे तो फिर मौजा मझबोगवा की आराजी नं. 11 रकबा 8.55 उक्त मौजा मझगंवा की आराजी क्रमांक 39/2/क रकबा 0.0970.40/2 रकबा 0.0360, 42/2 रकबा 0.2390 उक्त आराजी वर्ष 1958-59 में शासकीय दर्ज थी वर्तमान में निजी स्वत्व में दर्ज है. ग्राम बम्हनगवां पटवारी हल्का बरदाडीह की आराजी नं.32 रकबा 3.22 एकड़ ग्राम सतना की आराजी न. 138 रकबा 1.92 एकड़ 91 डि.सन. 1992, 1993 के बीच 751/1 अ और 751/5/1 को शामिल नंबर बनाया गया उसी साल लाल स्याही से गोला लगाकर 35.72 एकड़ औश्र 35.66 कर दिया गया है ग्राम लिलौरी/पतौड़ा की शासकीय आराजी 307 के 18 बटांक हो चुके है इसी तरह मौजा डिलौरा की आराजी नं.775/1 रकबा 14-1 एकड़ उक्त आराजी सन् 1966-67 में कालम नं.12 में महंत बद्रीदास फौत 30 धि.प्रबंधक चेला जगन्नाथ दास काबिज दर्ज दर्शित है उक्त आराजी के 94 बटांक हो गये हैं चेला मतलब मंदिर की आराजी है उसका क्रय विक्रय नहीं हो सकता है? (ग) तहसील रघुराजनगर के अंतर्गत आने वाले पटवारी हल्का चाहे शहर के हो या ग्रामीण के उन हल्कों में कितनी आराजी 1958-59 में शासकीय थी कि कितनी आवंटित हुई एवं आवंटित आराजी बिना कलेक्टर के मंजूरी के कितनी बिक गई हल्कावार बताये तथा कितनी शासकीय आराजियों में भू-माफियों का आज भी कब्जा है रिकार्ड में म.प्र.शासन है और कब्जा दूसरों का है उक्त तहसील में कितनी शासकीय आराजियों में भू माफियों का आज भी कब्जा है रिकार्ड म.प्र.शासन है और कब्जा दूसरों का है उक्त तहसील में कितनी आवंटित आराजियों के नामंतरण हो गये कितने प्रकरण पटवारियों द्वारा रोके गये है तथा कितने ऐसे प्रकरण है जिसमें पटवारी ने अपने प्रतिवेदन में कहा हो कि उक्त आराजी 1958-59 में शासकीय है उसे बाद भी तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार ने नामंतरण कर दिये हो? (घ) (क) (ख) (ग) अगर सही है तो शासकीय जमीन को खुर्द बुर्द करने वाले भू-माफिया एवं राजस्व विभाग के पटवारी एवं तहसीलदारों पर कब तक एफ.आई.आर. करा दी जायेगी। (ख) में उल्लेखित आराजियों को कब तक शासकीय घोषित कर दिया जायेगा तहसील रघुराजनगर के शहर एवं ग्रामीण में काफी आराजियों को खुर्द बुर्द किया है उक्त तहसील में पदस्थ पटवारी स्वयं भू-माफिया है काफी वर्षों में उक्त तहसील में पदस्थ है इन्हें कब तक हटाकर दूसरी तहसील में पदस्थ किया जायेगा नहीं किया जायेगा तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ, न्यायालय कलेक्टर सतना के विभिन्न न्यायालयीन प्रकरणों के माध्यम से तहसील रघुराजनगर अंतर्गत मौजा रामस्थान में कुल रकबा 212.50 एकड़ मौजा सोनौरा में कुल रकबा 18.38 एकड़ मौजा कृपालपुर में कुल रकबा 19.14 एकड़ मौजा सोनौरा चेक उतैली में कुल रकबा 2 एकड़ भूमि भू-स्वामी स्वत्व से म.प्र. शासन घोषित की जा चुकी है परित आदेशों में किसी अधिकारी कर्मचारी को दोषी नहीं माना गया है जिससे किसी के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज नहीं कराई गई। मौजा रामस्थान एवं सोनौरा की आराजियो की जांच आयुक्त रीवा संभाग रीवा द्वारा गठित दल द्वारा की जा चुकी है। (ख) जी हां। प्रश्नांश अनुसार मौजा मझबोगवा:- की आराजी न. 11 रकवा 8.55 एकड़ वर्ष 1958-59 की खतौनी में शासकीय एवं खतौनी के कालम नं. 04 में बाबूलाल तनय वंशी महापात्र दर्ज अभिलेख है उक्त आराजी वर्तमान समय में 10 बटांकों में स्थापित है जिसमें आराजी नं. 11/1 रकबा 1.214, आराजी 11/2/1 रकबा 0.302 एकड़ तथा आराजी नं. 11/2/2 रकबा 0.565 म.प्र. शासन दर्ज की जा चुकी है शेष 7 बटांकों का जांच प्रचलन में है। आराजी नं. 39/2/क रकबा 0.86, वर्ष 1958-59 में म. प्र. शासन दर्ज अभिलेख है। आराजी नं. 40 रकबा 0.38 एवं आराजी नं. 42 रकबा 1.79 एकड़ लाला वल्द जानकी महापात्र वर्ष 1958-59 कि खतौनी में दर्ज है आराजी नं. में लाल स्याही से गोला लगा है। जिसकी जांच पृथक से गठित दल द्वारा की जा रही है। मौजा बम्हनगंवा पट.हल्का-बरदाडीह :- कि आराजी नं. 32 रकबा 3.22 एकड़ प्रारंभिक खसरा वर्ष 1963-64 में म.प्र. शासन दर्ज अभिलेख है। वर्तमान समय पर 33 बटांकों पर स्थापित है आराजी नं. 32/1 रकबा 0.129 शासकीय डायवर्सन रोड शेष बटांक निजी भूमिस्वामी स्वत्व में विभिन्न न्यायालयीन प्रकरणों के माध्यम से स्थापित हुए है जिसकी जांच गठित दल द्वारा की जा रही है मौजा सतना- की आराजी नं. 138 रकबा 1.92 एकड़ वर्ष 1958-59 कि खतौनी में म.प्र. शासन दर्ज अभिलेख है वर्तमान कि स्थिति में आराजी नं. 138/1 रकबा 1.41 एकड़ म.प्र. शासन आबादी दर्ज अभिलेख है आराजी नं. 138/2 रकबा 0.51 एकड़ विभिन्न न्यायालयीन डिग्रियों एवं न्यायालय कलेक्टर सतना के न्यायालयीन प्रकरणों में पारित आदेशों से कई बटांकों में भूमि स्वामी स्वत्व में दर्ज है। मौजा अमौधाकलां- आराजी नं. 751/1/अ एवं 751/5/1 की जांच गठित दल द्वारा की जा रही है मौजा ग्राम लिलौरी पट.हल्का पतौडा- आराजी नं. 307 रकबा 73.54 एकड़ वर्ष 1958-59 की खतौनी में दर्ज अभिलेख है वर्तमान समय में 18 बटांकों पर भूमि स्वामी स्वत्व में दर्ज है उक्त आराजी कि जांच गठित दल द्वारा की जा रही है ग्राम मौजा डिलौरा - आराजी 775/1 रकबा 14.01 एकड़ वर्ष 1958-59 की खतौनी में श्री महन्त बद्रीदास जी सा. इटौरा दर्ज अभिलेख है उक्त आराजी वर्तमान समय पर कई बटांकों पर भूमि स्वामी स्वत्व में दर्ज है। उपरोक्त जिन आराजियों कि जांच गठित दल द्वारा की जा रही है शीघ्र पूर्ण कर सक्षम अधिकारी के न्यायालय में प्रस्तुत किया जावेगा। (ग) तहसील रघुराजनगर अर्तगत आने वाले पटवारी हल्का शहरी/ग्रामीण के जिन हल्कों में वर्ष 1958-59 में म.प्र. शासन शासकीय दर्ज थी के उपरांत भूमि स्वामी स्वत्व में नियमों के विपरीत दर्ज होना पाया गया था उन भूमियों कि जांच कराते हुए निम्नानुसार ग्रामों कि आराजियों को पुनः म.प्र. शासन दर्ज किया जा चुका है जो निम्नानुसार है- क्रमांक ग्राम का नाम शासकीय घोषित आराजी का रकबा 1 रामस्थान 212.50 एकड़ 2 सोनौरा 18.380 एकड़ 3 कृपालपुर 19.140 एकड़ 4 सोनौरा चेक उतैली 2.000 एकड़ 5 मझबोगवा 5.142 एकड़ 6 रामपुर चैरासी 0.202 एकड़ शेष पटवारी हल्कों की जांच प्रचलित है। जांच पूर्ण कर हल्कावार जानकारी दी जा सकेगी। (घ) उत्तरांश (क) के आधार पर आयुक्त रीवा संभाग रीवा द्वारा प्राप्त निर्देशों के अनुसार कार्यवाही की जावेगी (ख) में अंकित बिन्दुओं की जांच पूर्ण नहीं हुई है, अतः किसी अधि./कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही नहीं की जा सकती है।
शासकीय भूमि का निजी हक में दर्ज करने की जांच
[राजस्व]
15. ( क्र. 106 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले में शासकीय भूमि को निजी हक में दर्ज करने की अनेकों शिकायतें जांच में प्रचलन में है तथा सतना कलेक्टर न्यायालय द्वारा अनेकों निजी भूमियों को शासकीय मद में दर्ज करने के निर्णय दिए है? क्या शासकीय भूमि को निजी स्वत्वों में दर्ज करने में रघुराजनगर तहसील के पटवारियों की मिलीभगत और भूमाफियाओं से सांठ-गांठ प्रमाणित हुई है? क्या कई पटवारियों को निलंबित किया गया, कई के विरूद्ध पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज कर जेल भी भेजे गये? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो रघुराजनगर तहसील में पदस्थ सभी पटवारियों को जिले की ही दूसरी तहसील में पदस्थ किया जावेगा, यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं तो क्यों? (ग) कटनी जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में प्रश्न दिनांक तक किन-किन को कितनी-कितनी भूमि लीज पर कब-कब किस-किस प्रयोजन के लिए कितनी अवधि के लिए आवंटित की गई, पृथक-पृथक विवरण दें तथा भूमि आवंटित आदेशों की प्रतियां उपलब्ध करावें। कटनी के बरगंवा में चूना भट्टे के लिए जिनकों भूमि लीज पर दी गई थी उसमें वर्तमान में कौन काबिज है और भट्टे की जगह पर क्या निर्मित है? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) के कई ऐसे पट्टाधारी है जिनके आवंटन स्थल का पता भी स्पष्ट नहीं है दस्तावेज भी गायब है इस संबंध में श्री चन्द्रशेखर अग्निहोत्री राजगुरू कटनी द्वारा शिकायत दिनांक 04.11.2020 को कलेक्टर कटनी को की गई है। यदि हाँ, तो उक्त शिकायत पर क्या कार्यवाही की गई संबंधी दस्तावेज उपलब्ध करावे। यदि नहीं तो कब तक की जावेगी तथा प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा भी कलेक्टर कटनी को पत्र क्रमांक 797 दिनांक 09.11.2020 को शिकायत की जाकर दिनांक 12.11.2020 को पावती प्राप्त की गई? उस पर क्या कार्यवाही की गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। सतना जिले के तहसील रघुराजनगर अंतर्गत वर्तमान समय में शासकीय भूमि को निजी हक में दर्ज करने की शिकायतों की जांच प्रचलन में नहीं है। न्यायालय कलेक्टर सतना के द्वारा मौजा रामस्थान, मौजा सोनौरा की कुछ आराजियों का जो वर्ष 1958-59 में शासकीय दर्ज थी किन्तु न्यायालयीन प्रकरणों माध्यम से निजी भूमि स्वामी स्वत्व में दर्ज हो चुकी थी उन्हें जांच के दौरान पुनः म.प्र. शासन दर्ज किये जाने के आदेश दिये गये है। पारित निर्णय में किसी भी अधिकारी/कर्मचारी को दोषी नहीं माना गया है। जांच के दौरान प्रथम दृष्टया दो पटवारियों को मौजा रामस्थान से तथा एक पटवारी को मौजा ग्राम सोनौरा में तत्समय पदस्थ रहने/प्रतिवेदन के कारण निलंबित किया गया था। किसी कर्मचारी/अधिकारी के विरुद्ध पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज नहीं करायी गई न ही जेल भेजे गये। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (ग) कटनी जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में प्रश्न दिनांक कुल 51 व्यक्तियों एवं संस्थाओं को भूमि लीज पर दी गई है। लीज पर दी भूमि का प्रयोजन व्यवसाय, शैक्षणिक संस्था निवासार्थ, कार्यालय पुस्तकालय, ट्रांसपोर्ट नगर, कब्रस्तान, स्वास्थ विभाग, प्रशिक्षण केन्द्र, विकास प्राधिकरण एवं गृह निर्माण तथा सड़क हेतु आवंटित की गई है। आवंटित भूमियों के व्यक्तियों एवं संस्थाओं तथा रकबा एवं प्रयोजनार्थ तथा अवधि का विवरण सहित आदेशों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। कटनी केबरगंवा चूना भट्टे के लिये जिनको भूमि लीज पर दी गई थी उसमें वर्तमान में कुछ भूमि पर जिन्हें लीज दी गई थी उनका कब्जा है तथा कुछ रकवा पर आबादी निर्मित है एवं मौके पर खदान भी है। भट्टे की जगह खाली पडी है। (घ) प्रश्नांश (ग) के 51 पट्टेधारियों के आवंटन आदेश में उनका पता दर्शित है। कार्यालय में उपलब्ध पंजियों में पट्टेधारी का विवरण दर्ज है। श्री चन्द्रशेखर अग्निहोत्री राजगुरू कटनी के द्वारा शिकायत दिनांक 04-11-2020 की जांच की जा रही है। प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा भी पत्र क्रमांक 797 दिनांक 09-11-2020 की शिकायत की जांच की जा रही है।
पटवारी हल्का खिलचीपुर के सर्वे क्रमांक 1127 में पट्टा वितरण
[राजस्व]
16. ( क्र. 117 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खिलचीपुर पटवारी हल्का खिलचीपुर में स्थित सर्वे क्रमांक 1127 में विगत 05 वर्षों में कब-कब किस-किस को शासकीय पट्टा वितरित किया गया? सूची प्रदान करें। में कितनी पट्टेधारी अनुसूचित जाति, जनजाति के हैं, संख्या एवं रकबा बतायें? (ख) इनमें कितने पट्टेधारियों द्वारा शासन द्वारा प्रदाय पट्टे का विक्रय किया गया? क्या क्रय विक्रय के समय पर भू-राजस्व संहिता 1959 का पालन किया गया? यदि नहीं तो किन पट्टे में पालन नहीं हुआ। (ग) पट्टे जारी होने बाद क्या इस भूमि में पट्टाधारियों की भूमि पर कब्जा दिलाने का कार्य किया गया एवं पटवारी द्वारा नक्शे में तरमीम उठाई गई? (घ) क्या इस सर्वे क्रमांक में राजस्व अधिकारियों द्वारा हेराफेरी एवं नक्शे में कूट रचना करने की शिकायत प्राप्त हुई है? यदि हाँ तो किन-किन के द्वारा की गई व उन पर क्या कार्यवाही की गई? (ड.) क्या कलेक्टर राजगढ़ द्वारा सर्वे क्रमांक 1127 में भू-माफिया द्वारा मिलीभगत और कूट रचना से हेराफेरी व भू-माफिया की कथित भूमिका के बारे में कोई जांच प्रारंभ की गई थी? यदि हाँ, तो किन अधिकारियों को जांच सौंपी गई थी? उनके द्वारा क्या प्रतिवेदन दिया गया व किन-किन को दोषी पाया गया? प्रतिवेदन सहित जानकारी उपलब्ध करायें। प्रतिवेदन पर क्या कार्यवाही की गई है? यदि जांच प्रक्रियाधीन है तो कब से व कब तक इसके पूर्ण होने की संभावना है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) तहसील खिलचीपुर पटवारी हल्का खिलचीपुर में स्थित सर्वे क्रमांक 1127 में विगत 10 वर्षों यानि वर्ष 2009-10 से आज दिनांक तक कोई भी पट्टा वितरण नहीं हुआ है। अतः शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (घ) जी हाँ। हेराफेरी या कूट रचना के संबंध में कोई प्रमाण न होने से किसी अधिकारी/कर्मचारी पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है। (ड.) जी हाँ। श्री सुरेश पिता स्व. बद्रीलाल गुप्ता एवं माननीय श्री प्रियव्रत सिंह द्वारा शिकायत प्राप्त हुई थी। जाँच तहसीलदार खिलचीपुर एवं SDO खिलचीपुर द्वारा किया गया है। इन शिकायतों के आधार पर कलेक्टर राजगढ़ द्वारा स्वप्रेरणा में निगरानी प्रकरण लिये जाकर पट्टे एवं तरमीम की कार्यवाही निरस्त की गई। 6 प्रकरण स्वप्रेरणा से निगरानी में लेकर वर्तमान में प्रकरण न्यायालय तहसीलदार खिलचीपुर में विचाराधीन है। न्यायालयीन कार्यवाही होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। जाँच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
स्थानांतरण आदेश में सिविल सेवा नियमों का उल्लघंन करने पर कार्यवाही
[राजस्व]
17. ( क्र. 118 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय प्रक्रिया में राजनीतिक दबाव से आदेश प्रसारित करना कदाचार की श्रेणी में आता है? (ख) यदि हाँ, तो कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, खिलचीपुर-जीरापुर द्वारा हल्का पटवारी के स्थानान्तरण आदेश क्रमांक 1148/स्टेनो/2020, दिनांक 04/09/2020 में पूर्व विधायक के प्रस्ताव का उल्लेख कर पटवारियों के स्थानांतरण आदेश पारित किये गये हैं? (ग) उक्त आदेश कलेक्टर द्वारा भी अनुमोदित नहीं होना एवं पूर्व विधायक का आदेश में उल्लेख होना सिविल सेवा नियमों का सरासर उल्लंघन किये जाने पर दोषी अधिकारी/कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही की जायेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) विभागीय स्थानांतरण प्रशासनिक व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए किये जाते है। (ख) (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) अनुविभाग अन्तर्गत पटवारी हल्का के आवंटन हेतु अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) सक्षम अधिकारी होते है। अत: शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
अतिवृष्टि से फसलों को हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति
[राजस्व]
18. ( क्र. 132 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र लांजी के अंतर्गत अतिवृष्टि तथा बाढ़ से नदी किनारे बसे ग्रामों की फसले बर्बाद होने पर RBC 6 (4) के तहत जो सर्वे करवाया गया था उनका मुआवजा अब तक नहीं मिलने का कारण बताएं। (ख) उक्त मुआवजा कब तक दे दिया जाएगा? (ग) मुआवजा देने में हुई देरी का कारण स्पष्ट करते हुए इसके लिए दोषियों पर क्या कार्यवाही की जाएगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) मुआवजा वितरण की कार्यवाही प्रारम्भ की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राजस्व विभाग के अभिलेखागार
[राजस्व]
19. ( क्र. 141 ) श्री धरमू सिंग सिरसाम : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कलेक्टर खरगोन ने बड़वाह तहसील के ग्राम मोयदा से संबंधित अभिलेखागारों में वर्ष 1928-29 से उपलब्ध निजी भूमि के उपलब्ध अभिलेखों के आधार पर श्री राजेश ओझा शंकर नगर बैतूल द्वारा गत तीन माह में की गई शिकायत का सत्यापन एवं जांच प्रश्नांकित दिनांक तक भी नहीं करवाया। (ख) श्री राजेश ओझा द्वारा प्रस्तुत शपथपत्र, आवेदन पत्र, प्रश्नोत्तरी कलेक्टर खरगोन, अनुविभागीय अधिकारी एवं तहसीलदार बड़वाह को किस-किस दिनांक को प्राप्त हुए उनमें किस-किस अभिलेख, दस्तावेज एवं अभिलेखागार में उपलब्ध जानकारी का उल्लेख किया उसका सत्यापन एवं जांच किसके द्वारा की गई प्रतिवेदन सहित बतावें। (ग) ग्राम मोयदा के किस खसरा नम्बर के कितने रकबे को आरक्षित वन भूमि बताकर किस किसान को किस दिनांक को बेदखल किया उस किसान को भूमि का कब्जा दिलवाए जाने के संबंध में किस राजस्व अधिकारी ने किस दिनांक को क्या कार्यवाही की है। (घ) कब तक बेदखल किए किसानों को भूमि का कब्जा दिलवा दिया जावेगा।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। (ख) श्री राजेश ओझा के पत्र द्वारा दिनांक 22.10.2020 को कलेक्टर खरगोन को संबोधित करते हुए शपथ पत्र, आवेदन पत्र, प्रश्नोत्तरी प्रेषित कर, जिले में दिनांक 03.11.2020 को प्राप्त हुआ है। अनुविभागीय अधिकारी (रा.) बड़वाह को दिनांक 22.10.2020, 27.10.2020 एवं 04.11.2020 कुल तीन आवेदन पत्र प्राप्त हुए तथा तहसीलदार बड़वाह को दिनांक 22.10.2020, 27.10.2020 एवं दिनांक 04.11.2020 तीन आवेदन पत्र प्राप्त हुए। सत्यापन एवं जांच के संबंध में जिला लोक अभियोजन अधिकारी खरगोन से अभिमत लिया गया है। उनके व्दारा बताया गया कि पूर्व में की गई जांच के तथ्यों की पुनः उन्हीं तथ्यों की जांच की आवश्यकता नहीं है। अभिमत में यह भी लेख किया गया है कि शिकायतकर्ता श्री राजेश ओझा मामले में पक्षकार भी नहीं है एवं उक्त प्रकऱण के संबंध में श्री कुलदीप भाटिया निवासी बड़वाह व्दारा माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर में याचिका क्रमांक/डब्ल्यू पी/19170/2019 दायर याचिका जो अभी माननीय न्यायालय में विचाराधीन होने से प्रकरण में आगामी कार्यवाही माननीय उच्च न्यायालय के आदेशानुसार ही किया जाना उचित होगा के संबंध में अभिमत दिया गया है। प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पत्रों पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
20. ( क्र. 149 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रायसेन तथा अधीक्षण यंत्री मध्यक्षेत्र विदयुत वितरण कंपनी रायसेन को किन-किन सांसद तथा विधायकों के पत्र कब-कब प्राप्त हुए? (ख) उक्त पत्रों पर संबंधित अधिकारियों द्वारा किन-किन को क्या-क्या कार्यवाही के निर्देश दिये? संबंधितों द्वारा उक्त निर्देशों के पालन में क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) के अधिकारियों द्वारा सांसद तथा विधायकों से प्राप्त पत्रों के जवाब कब-कब दिये? यदि नहीं तो क्यों तथा पत्रों में उल्लेखित किन-किन समस्याओं का निराकरण हुआ तथा किन-किन समस्याओं को अभी तक निराकरण नहीं हुआ? कारण बतायें। कब तक निराकरण होगा? (घ) क्या सांसद/विधायक से प्राप्त पत्रों पर जिला पंचायत एवं अधीक्षण यंत्री के कार्यालय में पदस्थ कर्मचारियों द्वारा जवाब दिये जा रहे है कि पत्रों पर कार्यवाही प्रचलन में है? यदि हाँ, तो क्यों तथा पत्रों में उल्लेखित समस्याओं का सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशों के अनुरूप समय-सीमा में निराकरण क्यों नहीं हो रहा है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) 01 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक जिला पंचायत रायसेन के कार्यालय में प्राप्त पत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है एवं अधीक्षण यंत्री, मध्यप्रदेश विद्युत वितरण कम्पनी, रायसेन के कार्यालय में प्राप्त पत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) से (घ) जानकारी प्रश्नांश (क) के उत्तर में उल्लेखित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' में दर्शाई गई है।
मान. मुख्यमंत्री जी की घोषणा का क्रियान्वयन
[सामान्य प्रशासन]
21. ( क्र. 150 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नवम्बर 2017 में मान. मुख्यमंत्री जी ने रायसेन जिले की ग्राम पंचायत देवरी को नगर परिषद् बनाने की घोषणा की थी? यदि हाँ, तो ग्राम पंचायत देवरी को नगर परिषद् क्यों नहीं बनाया जा रहा है? (ख) ग्राम पंचायत देवरी को नगर परिषद् का दर्जा कब तक दिया जायेगा? (ग) रायसेन जिले में प्रश्नांश (क) अवधि में मान. मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई किन-किन घोषणाओं का क्रियान्वयन नहीं हुआ तथा क्यों? घोषणावार कारण बतायें। (घ) रायसेन जिले में मान. मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणाओं पर कब तक क्रियान्वयन होगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा दिनांक 04/12/2017 को रायसेन जिले की ग्राम पंचायत देवरी के कार्यालय पूर्ण होने के पश्चात ग्राम पंचायत देवरी के पास के ग्रामों को मिलाकर नगर पंचायत का दर्जा दिये जाने की घोषणा की गई थी। ग्राम पंचायत देवरी को नगर पंचायत का दर्जा दिये जाने के संबंध में ग्राम पंचायत देवरी में निर्धारित जनसंख्या का मापदण्ड पूर्ण नहीं होने के नगर पंचायत का गठन करना संभव नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न (ग) उपस्थित नहीं होता है। (घ) घोषणाओं का क्रियान्वयन निहित प्रावधान/प्रक्रियाओं के तहत किया जाता है। यह एक सतत् प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना सम्भव नहीं है।
अपूर्ण जानकारी देने वालों के विरूद्ध कार्यवाही
[महिला एवं बाल विकास]
22. ( क्र. 172 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दिनांक 17.07.2019 अता.प्रश्न क्र. 1569 में प्रस्तुत अपूर्ण जानकारी के संबंध में तारांकित प्रश्न क्र. 777 दिनांक 19.03.2020 के उत्तर अनुसार विधानसभा को अपूर्ण जानकारी प्रस्तुत करने पर लेखा शाखा के प्रभारियों की गम्भीर लापरवाही के कारण कलेक्टर जिला उज्जैन द्वारा जारी कारण बताओं सूचना पत्र के विरूद्ध संबंधितों पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार लापरवाही करने वाले कर्मचारी वर्तमान में कौन सी शाखा कब से निर्वहन कर रहे हैं और उक्त कर्मचारियों की मूल पदस्थापना कहां है? क्या इन कर्मचारियों को मूल पदस्थापना वाले स्थान पर आवश्यकता नहीं है? यदि नहीं तो इनके पद समाप्त किये जाकर इन्हें अन्यत्र जिले में समायोजित किया जा रहा है? यदि नहीं तो कारण बतावें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) विधानसभा को अपूर्ण जानकारी प्रस्तुत करने पर लेखा शाखा प्रभारी श्री सुरेश जीनवाल, सहायक ग्रेड-3 एवं श्री गुंजन मिश्रा सहायक ग्रेड-3 को क्रमशः कलेक्टर जिला उज्जैन के आदेश क्रमांक 3761-62 दिनांक 16.12.2020 एवं 3763-64 दिनांक 16.12.2020 द्वारा एक वेतनवृद्धि रोकी जाने तथा मूल स्थान पर भारमुक्त किये जाने हेतु आदेश दिया गया। (ख) संबंधित कर्मचारियों द्वारा दिनांक 22.11.2017 से लेखा शाखा का कार्य निर्वहन किया जा रहा है। श्री सुरेश जीनवाल, सहायक ग्रेड-3 की मूल पदस्थापना कार्यालय परियोजना अधिकारी, एकीकृत बाल विकास परियोजना तराना जिला उज्जैन तथा श्री गुंजन मिश्रा, सहायक ग्रेड-3 की मूल पदस्थापना कार्यालय परियोजना अधिकारी, एकीकृत बाल विकास परियोजना उज्जैन शहर क्र.- 3 जिला उज्जैन में है। इन कर्मचारियों की पदस्थापना स्थान पर आवश्यकता है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
उज्जैन जिले में नलजल योजना की स्वीकृती
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
23. ( क्र. 174 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक कहाँ-कहाँ और कितनी कितनी लागत की नलजल योजनाओं की स्वीकृति दी गई है? आज दिनांक तक कौन-कौन सी नलजल योजना का कार्य पूर्ण हो चुका है? कौनसी नल-जल योजना का कार्य अपूर्ण है तथा कौनसी नल-जल योजना का कार्य अप्रारंभ है? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी देवें। (ख) कार्य पूर्ण होने के उपरांत भी कौनसी नलजल योजना बन्द है? बन्द होने का क्या कारण है? बन्द नलजल योजना को चालू कराने के क्या प्रयास किये जा रहे है? कब तक चालू कराली जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार अपूर्ण नलजल योजना का कार्य कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा तथा जो नलजल योजना का कार्य अप्रारंभ है उसका कार्य कब तक प्रारंभ करा कर कब तक कार्य पूर्ण करा लिया जावेगा? (घ) नलजल योजनाओं के कार्य में विलम्ब व कार्य प्रारंभ नहीं करने के लिए कौन जिम्मेदार/दोषी है? दोषियों पर कब तक और क्या कार्यवाही की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के अनुसार है। (ग) निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है। (घ) विलम्ब के लिये कोई अधिकारी अथवा कर्मचारी जिम्मेदार/दोषी नहीं है, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
नल-जल योजनाओं का संधारण
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
24. ( क्र. 209 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर अन्तर्गत विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ के लिए कार्यपालन यंत्री खण्ड अनूपपुर द्वारा दिनांक 1.4.2016 से किन-किन समूह नल-जल योजनाओं की तकनीकी स्वीकृति प्रदान कर प्रशासकीय स्वीकृत हेतु राज्य शासन को भेजी गई? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रत्येक नल-जल योजना की लागत राशि क्या थी तथा योजना से कितने ग्रामवासी शुद्ध पेयजल प्राप्त कर सकेंगे। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार किन-किन नल-जल योजनाओं की प्रशासकीय स्वीकृत राज्य शासन द्वारा दे दी गई है, कितनी लंबित है तथा लंबित योजनाओं की प्रशासकीय स्वीकृति कब तक जारी कर दी जायेगी।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में कार्यपालन यंत्री द्वारा किसी भी समूह योजना की तकनीकी स्वीकृति नहीं प्रदान की गई है, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की पदोन्नति
[सामान्य प्रशासन]
25. ( क्र. 213 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी संवर्ग के अधिकारियों की पदोन्नति की जा रही है? यदि हाँ, तो क्यों? (ख) क्या पदोन्नति से संबंधित कोई प्रकरण माननीय उच्चतम न्यायालय में लंबित है? यदि हां तो इसके निराकरण हेतु पूर्व सरकार द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? क्या प्रदेश सरकार जनहितैषी कार्यवाही कर पदोन्नति से वंचित कर्मचारी/अधिकारियों की पदोन्नति करेगी। (ग) माननीय उच्चतम न्यायालय में प्रकरण पहुँचने के बाद से आज दिनांक तक प्रदेश में जो कर्मचारी पदोन्नति से वंचित रहते हुये सेवानिवृत्त हुये है? इसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारी हैं? क्या दोषियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की जायेगी? (घ) क्या माननीय न्यायालय में प्रकरण के निर्णय आने तक क्या शासन कर्मचारियों को माननीय न्यायालय के निर्णय के अध्याधीन मानने की शर्त पर कर्मचारियों को पदोन्नति प्रदान करने के आदेश जारी किये जायेगें? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। प्रकरण मान. सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नहरों के लाईनिंग का कार्य गुणवत्ताहीन होना
[जल संसाधन]
26. ( क्र. 214 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सोहागपुर के अंतर्गत वर्ष 2013 से अभी तक कितने वृहद/मध्यम/लघु सिंचाई (दांई तट/बाई तट) परियोजनायें संचालित है नाम सहित जानकारी देवें? (ख) इन दोनों तटों की परियोजनाओं में जो लाईनिंग एवं पक्कीकरण का कार्य हुआ है वह अत्यन्त ही गुणवत्ताहीन है? इस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा नहरों का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं होने एवं गुणवत्ताहीन कार्य होने के संबंध में विभाग को पत्र प्रेषित किये गये थे? यदि हाँ, तो कब-कब तथा प्रश्नकर्ता के पत्र पर विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक की स्थिति में कब-कब और क्या-क्या कार्यवाही की गई? सम्पूर्ण विवरण सहित बतावें? (घ) दांई एवं बांयी तट नहरों का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं तथा गुणवत्ताहीन कार्य होने कौन-कौन अधिकारी एवं एजेन्सी जिम्मेदार है? अधिकारी एवं ठेकेदार का नाम बताते हुये क्या विभाग द्वारा उनके विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सोहागपुर के अंतर्गत तवा वृहद परियोजना की दांयी तट नहर 0 से 7.10 कि.मी., पिपरिया शाखा नहर 0 से 28.29 कि.मी., बागरा शाखा नहर की 0 से 23.59 कि.मी. एवं बांयी तट नहर की 0 से 23.47 कि.मी. तथा गुड्डीखेड़ा लघु सिंचाई परियोजना संचालित है। (ख) नहर लाईनिंग एवं पक्कीकरण का कार्य गुणवत्ता पूर्वक कराया जाना प्रतिवेदित है। जिस स्थान पर गुणवत्ताहीन कार्य हुआ, वहां लाईनिंग के कार्य को तोड़कर ठेकेदार के व्यय पर पुन: लाईनिंग कार्य कराया गया। (ग) अभिलेखों में मान. सदस्य का कोई पत्र प्राप्त होना नहीं पाया गया। अत: जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (घ) बांयी तट नहर का कार्य पूर्ण होना प्रतिवेदित है। बांयी तट नहर की आर.डी. 6,523 मीटर से 23,470 मीटर तक लाईनिंग कार्य में कुछ स्थानों पर गुणवत्ता अनुसार कार्य नहीं पाए जाने पर उक्त स्थानों की लाईनिंग को तोड़कर संबंधित ठेकेदार मेसर्स सोरठिया बेलजी रत्ना एण्ड कम्पनी के व्यय पर गुणवत्ता पूर्वक कार्य संपादित कराया जाना प्रतिवेदित है। कार्य में लापरवाही बरतने वाले निम्नलिखित अधिकारियों पर प्रमुख अभियंता के आदेश क्रमांक 3328500/23/17 दिनांक 08.02.2018 द्वारा एक-एक वेतन वृद्वि असंचयी प्रभाव से रोकी गई है:- (1) श्री अरविन्द कुमार यादव, सहायक यंत्री (2) श्री एम.एल.चन्द्रोल, उपयंत्री (3) श्री बी.के.उपाध्याय, उपयंत्री (4) श्री एन.के.सुर्यवंशी, उपयंत्री। ठेकेदार द्वारा स्वयं के व्यय पर पुन: कार्य करने से उनके विरूद्ध कार्यवाही किए जाने की स्थिति नहीं है।
बैराजों का निर्माण
[जल संसाधन]
27. ( क्र. 225 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत सुकलाना बैराज लागत 260.52 लाख स्वीकृत होकर निविदा सूचना क्र. 664 दिनांक 25.02.2019 को निविदा आमंत्रित की गई थी उक्त बैराज के निर्माण कार्य कब प्रारंभ कर दिया जावेगा। (ख) ग्राम धुरेरी में चम्बल नदी पर बनने वाले धुरेरी बैराज की स्वीकृति कब तक प्रदान की जावेगी इस बैराज का निर्माण किस स्तर पर लंबित है प्रश्नकर्ता द्वारा समय समय पर शासन का ध्यान इस ओर स्वीकृति हेतु आकर्षित कराया था, परन्तु इस बैराज में कौन- कौन अधिकारी दोषी है दोषी अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी। (ग) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत बलोदा हसन बैराज, चिचोडिया बैराज, चामलेश्वर बैराज की ऊंचाई बढ़ाने का प्रस्ताव शासन के किस स्तर पर विचाराधीन है इनकी स्वीकृति कब प्रदान की जावेगी।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। सुकलाना बैराज की निविदा प्रथम बार दिनांक 25.02.2019 को एवं द्वितीय बार निविदा दिनांक 18.03.2020 को आमंत्रित की जाना प्रतिवेदित है। निविदा की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) चंबल नदी पर धुरेरी बैराज की साध्यता स्वीकृति दिनांक 24.07.2018 को प्रदान की गई। डीपीआर अंतिम नहीं हुई है। तकनीकी बिन्दुओं का निराकरण मैदानी कार्यालयों में प्रचलन में होने से किसी अधिकारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते हैं। (ग) बालोदाहसन बैराज की साध्यता स्वीकृति दिनांक 16.01.2020 को प्रदान की गई। डीपीआर तैयार करने की कार्यवाही मैदानी कार्यालयों में प्रचलन में होना प्रतिवेदित है। चिचौडिया बैराज एवं चामलेश्वर बैराज की ऊँचाई बढ़ाने के संबंध में कोई प्रस्ताव शासन स्तर पर विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
विपणन सहकारी संस्था में की गई अनियमितता
[सहकारिता]
28. ( क्र. 309 ) श्री संजीव सिंह : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विपणन सहकारी संस्था भिण्ड में कितने संचालक निर्वाचित किए गए थे? , उन संचालकों में कितने संचालक अयोग्य घोषित हो चुके हैं? (ख) क्या विपणन सहकारी संस्था में विधिवत कोरम का अभाव होते हुए भी विधिवत संचालक मण्डल की बैठके हो रही हैं जिसमें संस्था के हित में अथवा अहित निर्णय लिए गए हैं? (ग) क्या कोरम के अभाव में संचालक मण्डल को अपने पूर्ण अधिकार के साथ कार्य करने का अधिकार है? यदि हाँ, तो किस नियम अंतर्गत यदि नहीं तो इनके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) विपणन सहकारी संस्था मर्यादित भिण्ड में दिनांक 01.02.2016 को 11 संचालक निर्वाचित हुए थे। इनमें से दिनांक 28.02.2020 को 05 संचालकों को अपात्र घोषित किया गया है। (ख) जी हाँ, दिनांक 05.06.2020 एवं 15.09.2020 को गणपूर्ति के अभाव में संचालक मण्डल की बैठक सम्पन्न हुई है जो विधिवत न होने से उक्त बैठकों की कार्यवाही को म.प्र. सहकारी सोसाइटी अधिनियम 1960 की धारा 80-क के अंतर्गत बातिल कराने के निर्देश दिये गये है। (ग) जी नहीं, म.प्र. सहकारी सोसाइटी अधिनियम 1960 की धारा 53 (12) के अंतर्गत दिनांक 11.12.2020 को संचालक मण्डल के स्थान पर अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) भिण्ड को प्रशासक नियुक्त कर दिया गया है।
शेष विधायक निधि, स्वे.राशि का प्रदाय
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
29. ( क्र. 324 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सत्र 2020-21 में मध्यप्रदेश के विधान सभा सदस्यों को कितनी-कितनी विधायक विकास निधी एवं स्वेच्छानुदान राशि प्रदाय की गई है? (ख) क्या प्रति विधानसभा स्वेच्छानुदान मद प्रदाय की जावेगी? यदि हाँ, तो समय-सीमा सहित जानकारी उपलब्ध करावें।
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना के अंतर्गत राशि रुपये 1.48 करोड़ एवं विधायक स्वेच्छानुदान योजना के अंतर्गत राशि रुपये 12.00 लाख माह नवम्बर 2020 तक आवंटित की गई है। (ख) आवंटन उपलब्ध होने पर प्रदाय की जा सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पंचम नगर परियोजना का विस्तार
[जल संसाधन]
30. ( क्र. 325 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह में पंचम नगर परियोजना कब कितनी राशि से स्वीकृत हुई थी प्रशासकीय स्वीकृति की छायाप्रति सहित जानकारी उपलब्ध करावे साथ ही उक्त योजना का कार्य किस कार्य एजेंसी के द्वारा कराया जा रहा है एवं इस योजना से कितने किसान लाभांवित होंगे। (ख) पंचम नगर परियोजना से हटा विधानसभा के किन-किन ग्रामों को लाभ प्राप्त होगा एवं कितने किसानों की भूमि सिंचित होंगी क्या क्षेत्रीय भ्रमण उपरांत किसानों के द्वारा प्रदाय किये गये ज्ञापनों के माध्यम से उक्त योजना का विस्तार हटा व पटेरा विकासखण्ड के ग्रामों में भी किये जाने का लेख विभाग को किया गया था यदि हां, तो हटा एवं पटेरा विकासखण्ड के किसानों को लाभ दिये जाने के उद्देश्य से योजना का विस्तार कब तक किया जावेगा।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) पंचमनगर मध्यम परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 31.03.2012 को रू.263.10 करोड़ की 12,000 हेक्टर सैच्य क्षेत्र एवं पंचमनगर सिंचाई काम्पलेक्स की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 03.01.2017 को रू. 674.90 करोड़ की सैच्य क्षेत्र 25,000 हेक्टर के लिए प्रदान की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। कार्य एवं एजेंसी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। परियोजना से लगभग 59,500 कृषक लाभांवित होना प्रतिवेदित है। (ख) परियोजना प्रतिवेदन में विधानसभा क्षेत्र हटा के कोई भी ग्राम सम्मिलित नहीं है। जी हाँ, मान. सदस्य का पत्र प्राप्त हुआ था। परियोजना के मूल प्रस्ताव में सम्मिलित ग्रामों की सिंचाई एवं पेयजल हेतु जल आवंटन के उपरांत शेष जल उपलब्ध नहीं होने के कारण हटा एवं पटेरा विकासखण्ड के किसानों को लाभ दिए जाने की स्थिति नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
जनहित में भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही
[राजस्व]
31. ( क्र. 332 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा नगर आसपास के सैकड़ों गांवों का एक मात्र व्यापारिक केन्द्र होकर निरंतर बढ़ता हुआ विकसित हो रहा है? (ख) यदि हां, तो संपूर्ण नगरीय क्षेत्र में सर्वे नं. 224, 225 एवं 226 चौपाटी स्थित बस स्टेण्ड के पीछे विगत कई वर्षों से विवादित रिक्त भूमि होकर किसी का भी स्वामित्व नियमानुसार सिद्ध नहीं पाया गया है? (ग) यदि हां, तो पूर्व में बस स्टैण्ड हेतु उक्त सर्वे नं. की रिक्त भूमि शासन द्वारा जनहित में एक पक्षीय अधिग्रहण करते हुए बस स्टैण्ड का निर्माण किया था जो कि निरंतर रूप से संचालित हो रहा है? (घ) क्या बढ़ती जनसंख्या के कारण जनकार्यों को सुगमता से किये जाने में काफी कठिनाईयां आ रही हैं तथा कई भू-माफिया कूट रचित भ्रामक दस्तावेजों के माध्यम से षडयंत्रपूर्वक उक्त सर्वे नं. की रिक्त भूमियों पर अधिपत्य करना चाहते हैं, यदि हां, तो रोका उसे जाकर एवं जनहित में एक पक्षीय अधिग्रहण कर जनसुविधाओं का विस्तार करने की कार्यवाही की जावेगी।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जी हाँ। (घ) माननीय व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2 जावरा में प्रकरण प्रचलित है
विभागीय योजनाओं की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
32. ( क्र. 333 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन्द्र/राज्य शासन प्रवर्तित योजना अन्तर्गत पिपलौदा तहसील में पायलेट प्रोजेक्ट तथा जावरा एवं पिपलौदा तहसील में समूह जल प्रदाय योजना की स्वीकृति होकर कार्ययोजनाएं बनाई गई हैं? (ख) क्या पायलेट प्रोजेक्ट का प्रारंभिक सर्वेक्षण का कार्य विभिन्न विभागों द्वारा किया गया। यदि हाँ, तो वह कौन-कौन से कार्य किये गये? उन पर कितनी राशि स्वीकृत होकर किन-किन कार्यों पर कितना व्यय हुआ? (ग) समूह जल प्रदाय योजना जो कि उपरोक्त दोनों तहसीलों के समस्त ग्रामों हेतु होगी तो इस हेतु मुख्य जल स्रोत माही डेम या गांधी सागर डेम दोनों में से किससे जोड़ा जाएगा? (घ) उपरोक्त दोनों कार्य योजनाओं की सम्पूर्ण स्वीकृति कब तक दी जा सकेगी। मूल कार्य कब से प्रारंभ किये जा सकेंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। समूह योजना की डी.पी.आर. बनाई जा रही है। (ख) जी हाँ। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। दोनों स्त्रोतों से जोड़ने की कोई योजना नहीं है। (घ) निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है।
माफी की भूमि को खुर्द-बुर्द कर संलिप्त भू-माफियाओं एवं अधिकारियों पर कार्यवाही
[राजस्व]
33. ( क्र. 353 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जौरा तहसील के ग्राम भूपतपुर एवं कस्बा जौरा में माफी की कुल कितनी भूमि है और कितनी भूमि को अवैध तरीके से विक्रित कर दिया गया है एवं कितनी भूमि पर अवैध अतिक्रमण है? सर्वे नंबर अनुसार कुल रकबा सहित पृथक-पृथक जानकारी दी जावेगी? (ख) क्या वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक भूमाफियाओं द्वारा पदस्थ राजस्व अधिकारी/कर्मचारियों की मिलीभगत से माफी की जमीन को खुर्दबुर्द कर विक्रय कर दिया गया है? उक्त अवधि में माफी की भूमि का क्रय-विक्रय चरम पर पहुंच गया था? संलिप्त भू-माफियाओं एवं अधिकारियों/कर्मचारियों पर दण्डात्मक कार्यवाही की जा सकेगी? (ग) वर्तमान की स्थिति में उक्त ग्रामों में कितनी भूमि पर अतिक्रमण प्रशासन के संज्ञान में आया है और अतिक्रमण हटाने के लिये क्या-क्या कार्यवाहियां की गई है? कितने अतिक्रमण हटा दिये गये हैं? अद्यतन जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में कस्बा जौरा एवं भूपतपुर की माफी की जमीन को खुर्दबुर्द करने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों के प्रति कब तक दण्डात्मक कार्यवाही की जा सकेगी एवं भूमि को सुरक्षित रखने हेतु उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित कर जांच करवाई जा सकेगी? यदि हां, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जौरा तहसील के ग्राम भूपतपुर में माफी की कोई भूमि नहीं है। कस्बा जौरा में शासकीय अभिलेख मुताबिक माफी/औकाफ भूमि के कुल सर्वे नम्बर 110 हैं जिनका कुल रकवा 25.769 है. है, जिसकी सर्वे नम्बरवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। उक्त भूमि अभिलेख मुताबिक खुर्दबुर्द नहीं की गई है एवं माफी औकाफ की भूमि में से जिन नम्बरों एवं रकबा पर अतिक्रमण है जिसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है। (ग) वर्तमान स्थिति में कस्बा जौरा की माफी औकाफ की भूमि पर जो अतिक्रमण है उसकी सर्वे नम्बरवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। कुल किता 29 सर्वे नम्बर अनुसार कुल रकवा 6.665 हे. में से अतिक्रमित कुल रकवा 4.834 हे. है। समय-समय पर पटवारी द्वारा अतिक्रमण की जानकारी दिये जाने के उपरान्त अतिक्रमणकर्ताओं के विरूद्ध धारा 248 की कार्यवाही प्रचलित की जाती है। न्यायालय तहसीलदार द्वारा अतिक्रमण हटाने के कुल 18 प्रकरणों में विधिवत बेदखली के आदेश दिये गये हैं तथा शेष प्रकरणों में कार्यवाही प्रचलित है। (घ) कस्बा जौरा एवं भूपतपुर में माफी की जमीन का किसी भी प्रकार से खुर्दबुर्द नहीं किया गया है।अतः शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है।
स्वीकृत सिंचाई योजनाओं की निविदा
[जल संसाधन]
34. ( क्र. 387 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में विभाग की वर्ष 2019-20 में कितनी सिंचाई योजनाओं को विभाग से स्वीकृति प्राप्त हुई थी? (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत योजनाओं में किन-किन सिंचाई योजनाओं की निविदा विभाग द्वारा जारी की गई/आमंत्रित की गई? आमंत्रित उपरांत किन-किन योजनाओं में कार्य एजेंसी द्वारा अनुबंध किये गये? (ग) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत जसराज जलाशय, टिपरिया जलाशय भी वर्ष 2019-20 में स्वीकृत हुई थी, विभाग को केवल निविदा जारी करना था/आमंत्रित करना था तो विभाग द्वारा इन सिंचाई योजनाओं के निविदा जारी करना/आमंत्रित क्यों नहीं की गई? (घ) जसराज जलाशय एवं टिपरिया जलाशय सिंचाई योजनाओं की निविदा जारी करने/आमंत्रित न करने के लिए कौन उत्तरदायी है? इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? निविदा कब तक जारी होगी/आमंत्रित की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) मात्र एक। निवोदिया वियर। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार स्वीकृत परियोजना की निविदा आंमत्रित नहीं की जाना प्रतिवेदित है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) एवं (घ) जी नहीं। जसराज जलाशय तथा टिपारिया जलाशय का नाम बजट में सम्मिलित न होने तथा वर्तमान में वित्तीय संसाधनों की सीमित उपलब्धता एवं निविदा सूचकांक अधिक्रमित होने के कारण उक्त सिंचाई परियोजनाओं की निविदा आमंत्रित नहीं की गई है। निविदा आमंत्रित न करने के लिए किसी अधिकारी पर उत्तरदायित्व निर्धारित करने अथवा कार्यवाही करने की स्थिति नहीं है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
देशी/विदेशी मदिरा दुकानों में शराब बिक्री एवं अहाता
[वाणिज्यिक कर]
35. ( क्र. 388 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लॉकडाउन/कोविड-19 के चलते देशी एवं विदेशी मदिरा दुकानों का संचालन विभाग द्वारा कब से कब तक किया गया एवं शासन के क्या दिशा निर्देश थे? देशी एवं विदेशी शराब दुकानों में कब से अहाता संचालन की अनुमति प्रदान की गई? अहाता के खोलने के क्या नियम शासन ने निर्धारित किये हैं? (ख) लॉकडाउन/कोविड-19 के चलते सागर जिले में देशी एवं विदेशी मदिरा दुकानों का संचालन विभाग द्वारा किया गया, उस समय किन-किन दुकानों से कितना माहवार राजस्व प्राप्त हुआ तथा विभाग द्वारा किस दर से देशी/विदेशी मदिरा विक्रय की गई? विक्रय के समय विभाग ने निर्धारित दरों पर विक्रय हो रहा है इसके लिए क्या उपाय/सावधानियां/निरीक्षण किये गये? (ग) सागर जिले में वर्तमान में कितने देशी/विदेशी मदिरा दुकानों में अहाता संचालित हैं? नाम, स्थान एवं स्वीकृत दर एवं पूर्व वर्ष 2019-20 की दरों सहित जानकारी देवें। (घ) वर्ष 2020-21 में नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने अवैध शराब के प्रकरण विभाग द्वारा पंजीकृत किये गये? माहवार, ग्रामवार, प्रकरण की संपूर्ण जानकारी देवें एवं किन-किन प्रकरणों में विभाग द्वारा कार्यवाही की गई?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) लॉकडाउन/कोविड-19 के चलते देशी एवं विदेशी मदिरा दुकानों का पुर्ननिष्पादन होने के कारण विभिन्न जिलों की विभिन्न मदिरा दुकानों का संचालन विभाग द्वारा दिनांक 09.06.2020 से दिनांक 15.07.2020 तक की अवधि में किया गया। मदिरा दुकानों का विभागीय संचालन किये जाने संबंधी दिशा निर्देश, विधानसभा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। वर्ष 2020-21 में देशी एवं विदेशी मदिरा की फुटकर बिक्री की दुकानों के निष्पादन की व्यवस्था, मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 77 दिनांक 25.02.2020 की कंडिका क्रमांक 2 में प्रावधानित व्यवस्था के अनुक्रम में, देशी एवं विदेशी मदिरा की फुटकर बिक्री की दुकानों के परिसर में मदिरा उपभोग की दिनांक 01.09.2020 से अनुमति संबंधी जारी नियम/निर्देश दिनांक 31.08.2020 विधानसभा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ख) लॉकडाउन/कोविड-19 उपरांत सागर जिले की देशी एवं विदेशी मदिरा दुकानों का संचालन लायसेंसी द्वारा छोड़ दिये जाने से दिनांक 09.06.2020 से दिनांक 26.06.2020 तक विभाग द्वारा संचालन किये जाने पर रूपये 10,59,50,040/- का राजस्व प्राप्त हुआ, जिसका दुकानवार विवरण विधानसभा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। शासकीय राजस्व को दृष्टिगत रखते हुये, देशी/विदेशी मदिरा का विक्रय निर्धारित न्यूनतम विक्रय दर (M.S.P.) पर किया गया है। मदिरा दुकानों के संचालन दौरान निर्धारित दर पर मदिरा का विक्रय हो, इस हेतु सागर जिले में पदस्थ सहायक जिला आबकारी अधिकारी/आबकारी उपनिरीक्षकों को प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया जाकर, मदिरा दुकानों पर प्रभावी नियंत्रण रखा गया। (ग) वर्ष 2020-21 में सागर जिले अंतर्गत किसी भी ऑफ श्रेणी की मदिरा दुकानों में अहाता लायसेंस स्वीकृत नहीं किया गया है। वर्ष 2019-20 में मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 454 दिनांक 07.11.2019 अनुसार शॉपबार का वार्षिक मूल्य निर्धारित किया गया है, जो विधानसभा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है। वर्ष के दौरान शॉपबार स्वीकृत किये जाने पर वर्ष की शेष अवधि के लिये समानुपातिक मूल्य देय होगा। वर्ष 2020-21 में देशी एवं विदेशी मदिरा की फुटकर बिक्री की दुकानों के निष्पादन की व्यवस्था, मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 77 दिनांक 25.02.2020 की कंडिका क्रमांक 2 में प्रावधानित व्यवस्था अनुसार, वर्ष 2020-21 हेतु शॉपबार लायसेंस हेतु वार्षिक लायसेंस फीस मदिरा दुकान के वार्षिक मूल्य का 2 प्रतिशत रखा जायेगा। (घ) वर्ष 2020-21 में नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत माह अप्रैल 2020 से माह नवम्बर 2020 तक 238 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं। महावार, ग्रामवार कायम प्रकरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-पांच अनुसार है।
खाद्यान्न पर्ची के संबंध में
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
36. ( क्र. 403 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उचित मूल्य की दुकानों से खाद्यान्न पर्ची के माध्यम से राशन उपलब्ध कराया जाता है? यदि हां, तो खाद्यान्न पर्ची किस नियम से बनती है तथा हितग्राही को खाद्यान्न पर्ची कौन शासकीय सेवक उपलब्ध कराता है? (ख) यदि हां, तो मार्च 2020 की स्थिति में राजगढ़ विधानसभा में खाद्यान्न पर्ची से राशन लेने वाले कितने हितग्राही थे? (ग) माह अप्रैल 2020 से माह अक्टूबर 2020 तक प्रति माह कितने हितग्राही को खाद्यान्न पर्ची के माध्यम से राशन उपलब्ध कराया गया? (घ) प्रश्न कंडिका (ख) द्वारा बताई गई हितग्राही की संख्या तथा प्रश्न कंडिका (ग) में बताए गये हितग्राही की संख्या में यदि अंतर है तो कारण बताएं?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हां। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत अंत्योदय अन्न योजना/प्राथमिकता परिवार श्रेणी अंतर्गत पात्रताधारी परिवार द्वारा अपने वैध दस्तावेजों के साथ ग्राम पंचायत/वार्ड कार्यालय में राशन मित्र पोर्टल पर आवेदन किया जाता है। आवेदनों व दस्तावेजों का सत्यापन, परीक्षण किए जाने के उपरांत पात्र पाए गए हितग्राहियों हेतु मासिक आवंटन के समय, राशन मित्र पोर्टल पर ऑनलाइन पात्रता पर्ची जारी की जाती है। हितग्राहियों को पात्रता पर्ची का वितरण जिला खाद्य कार्यालय व स्थानीय निकाय के द्वारा किया जाता है। हितग्राहियों को राशन मित्र पोर्टल से स्वयं भी पात्रता पर्ची डाउनलोड करने की सुविधा भी उपलब्ध करायी गयी है। (ख) माह मार्च 2020 की स्थिति में राजगढ़ विधानसभा में पात्रता पर्चीधारी 53051 परिवारों द्वारा उचित मूल्य दुकान से राशन प्राप्त किया गया। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) विवाह हो जाने से परिवार से पृथक हुई महिला सदस्यों/मृत्यु/दोहरे होने के कारण अपात्र हुए हितग्राहियों को स्थानीय निकाय के द्वारा चिन्हांकित करने के उपरांत, नवीन हितग्राहियों को जोड़े जाने के अभियान के दौरान इन अपात्र हितग्राहियों को माह सितम्बर, 2020 में पोर्टल से अस्थायी रूप से पृथक किया गया, जिसके कारण प्रश्नांश (ख) एवं (ग) में माह मार्च व सितम्बर-अक्टूबर 2020 में हितग्राहियों की संख्या में भिन्नता है।
मोहनपुरा वृहद सिंचाई परियोजना का कार्य
[जल संसाधन]
37. ( क्र. 404 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ में निर्मित मोहनपुरा वृहद सिंचाई परियोजना से नहरों में किस-किस माह में किस-किस कार्य के लिए पानी छोड़ा जाता है? माह का नाम दर्शाते हुए जानकारी दें। (ख) प्रश्न कंडिका (क) अनुसार जिन माहों में मोहनपुरा वृहद सिंचाई परियोजना से नहरों में पानी नहीं छोड़ा जाता उन महिनों में ग्रामीण व मवेशियां के पेयजल आदि के लिए शासन की क्या कार्य योजना होती है? (ग) क्या जिस समय मोहनपुरा सिंचाई परियोजना की नहरों से पानी नहीं छोड़ा जाता है तो क्षेत्र में पानी की समस्या के निराकरण हेतु क्या शासन जल संसाधन विभाग राजगढ़ द्वारा साध्यता प्राप्त छोटे निस्तारी तालाब के निर्माण की स्वीकृति देगा? हां, तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) मोहनपुरा वृहद सिंचाई परियोजना के पाइप लाईन प्रणाली से सिंचाई कार्य हेतु माह नवम्बर से माह मार्च तक पानी छोड़ा जाना प्रतिवेदित है। (ख) मोहनपुरा परियोजना के डीपीआर में पेयजल हेतु 10.36 मि.घ.मी., पर्यावरणीय उपयोग हेतु 52 मि.घ.मी. एवं औद्योगिक उपयोग हेतु 05 मि.घ.मी. जल आरक्षित है। (ग) निस्तारी तालाबों का निर्माण जल संसाधन विभाग द्वारा नहीं किया जाता है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
लहार एवं सुमावली विधानसभा क्षेत्र में हैण्डपंप खनन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
38. ( क्र. 456 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 अप्रैल 2020 से 30 नवम्बर 2020 तक भिण्ड एवं मुरैना जिले के किस-किस विधानसभा क्षेत्र में कितने हैंण्डपंप स्वीकृत किये गये तथा कितने खनन किये गये तथा कितनी-कितनी राशि का किन-किन एजेंन्सियों को भुगतान किया गया है एवं कितना-कितना शेष है? विधानसभा क्षेत्रवार अलग-अलग विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) की अवधि में मुरैना जिले की सुमावली विधानसभा क्षेत्र के किस-किस गाँव में कहाँ-कहाँ पर कितने हैण्डपंप खनन कब-कब कराये गये? स्वीकृत एवं व्यय की गई राशि का विवरण दें। (ग) वर्तमान में भिण्ड जिले के लहार विधानसभा क्षेत्र में कौन-कौन सी पेयजल योजना कहाँ-कहाँ पर स्वीकृत है? दिनांक 01 अप्रैल, 2020 से प्रत्येक योजना में अभी तक किस-किस निर्माण एजेंन्सी को किस-किस कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? (घ) क्या लहार क्षेत्र में निर्माण एजेन्सियों ने नगरों एवं ग्रामों में पेयजल की लाईन बिछाकर खोदी गई सड़कों की मरम्मत नहीं करने से आवागमन अवरूद्ध हो रहा है? यदि हाँ, तो सड़कों की मरम्मत कब तक करा दी जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। राशि विधानसभा क्षेत्रवार स्वीकृत नहीं की जाती है, अपितु जिलेवार स्वीकृत की जाती है, व्यय की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (घ) लहार क्षेत्र के ग्रामों में विभाग की निर्माण एजेंसियों द्वारा पाईप लाइन के कार्य कराये जा रहे हैं तथा पाईप लाइन हेतु खोदी गयी सड़कों की मरम्मत का कार्य उक्त एजेंसियों द्वारा कराया जा रहा है।
कुम्भराज वृहद सिंचाई परियोजना
[जल संसाधन]
39. ( क्र. 480 ) श्री लक्ष्मण सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कुंभराज वृहद सिंचाई परियोजना शासन के पास स्वीकृत हेतु लंबित है? (ख) अगर हां, तो इसकी स्वीकृति कब तक दी जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
राशन की पात्रता पर्ची का वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
40. ( क्र. 494 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 16 ग्वालियर पूर्व विधानसभा क्षेत्र में नागरिक खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा खाद्यान्न वितरित करने वाली खाद्य पात्रता पर्ची माह सितम्बर 2020 से माह दिसम्बर में दिनांक 03.12.2020 तक उपभोक्ताओं को वितरित नहीं हो सकी है, यदि हां तो कारण सहित जानकारी दी जावें। (ख) उक्त विधानसभा क्षेत्र में ऐसे कितने परिवार हैं, जिन्हें खाद्य पात्रता पर्ची नहीं प्राप्त हो सकी है, उपभोक्ताओं को कब तक पात्रता पर्ची उपलब्ध करा दी जावेगी? (ग) क्या विगत् चार माह से परिवारजनों के सभी आधारकार्ड एवं 24 श्रेणी में से पात्र योजना के कार्ड राशन मित्र वेबसाईट पर अपलोड होने के बावजूद भी उक्त परिवारों की खाद्यान्न पात्रता पर्ची उपलब्ध नहीं हो सकी है? क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) 16 ग्वालियर, पूर्व विधानसभा क्षेत्र में माह सितम्बर 2020 से 3 दिसम्बर, 2020 तक नवीन पात्र लाभार्थियों हेतु 4199 पात्रता पर्चियां जारी की गयी, जो हितग्राहियों को वितरित की जा चुकी हैं तथा हितग्राहियों को राशन मित्र पोर्टल से स्वयं भी पात्रता पर्ची डाउनलोड करने की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) 16 ग्वालियर पूर्व विधानसभा क्षेत्र में स्थानीय निकाय द्वारा पोर्टल पर सत्यापित एवं पात्र पाए गए वैध लाभार्थियों की पात्रता पर्ची जारी की जा चुकी हैं। नवीन आवेदकों द्वारा स्थानीय निकाय कार्यालयों के माध्यम से आवेदन करना, उनकी पात्रता व दस्तावेज का परीक्षण, सत्यापन व स्वीकृति की कार्यवाही एक सतत प्रक्रिया है। पात्र पाए गए लाभार्थियों को मासिक आवंटन के समय पात्रता पर्ची जारी की जाती हैं। (ग) माह सितम्बर 2020 से प्रश्न दिनांक तक उक्त विधानसभा क्षेत्र में चरणवार रूप से 4199 पात्र लाभार्थियों हेतु पात्रता पर्ची जारी कर वितरित की गयी हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सीमांकन, बंटवारा एवं नामांतरण
[राजस्व]
41. ( क्र. 496 ) श्री बाबू जण्डेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र श्योपुर में कितने प्रकरण नामांकन, बंटवारा एवं सीमांकन हेतु प्राप्त हुये, कितने निराकृत हुए तथा कितने प्रकरण लम्बित है? समस्त प्रकरणों की पृथक-पृथक सूची नामवार, पटवारी हल्कावार एवं प्रकारणों के लम्बित रहने के कारण सहित उपलब्ध करावें। (ख) क्या सीमांकन, बंटवारा एवं नामांतरण के प्रकरणों में अनावश्यक रूप से लम्बित रखे जाने की शिकायतें प्रश्नांश (क) अवधि में प्राप्त हुई हैं? यदि हां, तो प्राप्त शिकायतों का विवरण एवं उन पर की गई कार्यवाही का ब्यौरा देवें। (ग) क्या श्योपुर शहर मुख्यालय के शासकीय नालों की शासकीय भूमि पर अतिक्रमण है? यदि हां तो किन-किन व्यक्तियों द्वारा शासकीय नालों की भूमि पर अतिक्रमण कर रखा है? सूची उपलब्ध करावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) विधानसभा क्षेत्र श्योपुर में जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक नामांतरण के प्रकरण-5847, बंटवारा प्रकरण- 1855 एवं सीमांकन प्रकरण- 275 प्राप्त हुये हैं। इनमें से निराकृत प्रकरण- 6007, लम्बित प्रकरण- 1329 हैं। समस्त प्रकरणों की पृथक-पृथक सूची संलग्न है। उक्त लम्बित प्रकरण लॉक डाउन के दौरान न्यायालयीन कार्य बंद रहने एवं तत्पश्चात कोविड 19 के प्रोटोकाल के पालन में सीमित संख्या में सुनवाई होने के कारण लम्बित रहे है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) श्योपुर शहर मुख्यालय के शासकीय नालों पर अतिक्रमण की शिकायत प्राप्त होने पर अतिक्रमण हटाने के कार्यवाही नियमानुसार की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सूक्ष्म सिंचाई परियोजना
[जल संसाधन]
42. ( क्र. 498 ) श्री बाबू जण्डेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत निर्माणाधीन सूक्ष्म सिंचाई परियोजना 35 गांव नहर का निर्माण कार्य धीमी गति से चलने का क्या कारण है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त कार्य पर अभी तक कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य पर व्यय की जा चुकी है? कार्य की भौतिकी स्थिति क्या है? उक्त कार्य कब तक पूर्ण करा लिया जायेगा? (ग) क्या उक्त सिंचाई परियोजना का कार्य एजेंसी द्वारा घटिया स्तर का कराये जाने से राज्य स्तरीय विभागीय अधिकारियों द्वारा अप्रसन्नता जाहिर करते हुये संबंधित कार्य एजेन्सी को नोटिस देकर कार्य सुधार कराया गया है? यदि हां, तो किन कार्यों में सुधार किया गया? जारी किये गये पत्रों/आदेशों/सूचना पत्रों की कॉपी उपलब्ध कराएं? (घ) शासन द्वारा उक्त परियोजना के तहत कराये जा रहे घटिया निर्माण कार्य की जांच किसी निष्पक्ष जांच एजेन्सी से करायेगा? यदि हां, तो कब तक? (ड.) क्या यह भी सत्य है कि लघु सिंचाई परियोजना मूंझरी बांध श्योपुर स्वीकृत किया गया है? यदि हाँ, तो उक्त परियोजना की निविदायें अभी तक आमंत्रित न करने का क्या कारण है? उक्त परियोजना की निविदायें कब तक आमंत्रित की जायेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) सूक्ष्म सिंचाई परियोजना अंतर्गत नहर निर्माण का कार्य धीमा न होकर सामान्य गति से चलना प्रतिवेदित है। लॉक डाउन के समय कार्य की प्रगति अवश्य धीमी थी। (ख) परियोजना पर अभी तक कुल रू. 8817.00 लाख व्यय किए गए हैं, जिसमें सामग्री प्रदायगी पर रू.7801.82 लाख एवं निर्माण कार्यों पर रूपये 1015.18 लाख शामिल है। कार्य की भौतिक प्रगति 50 प्रतिशत है। अनुबंध अनुसार निर्माण कार्य मार्च 2023 तक पूर्ण होना लक्षित है। (ग) जी नहीं। ऐसा कोई नोटिस जारी करना शासन के संज्ञान में नहीं है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) मैदानी कार्यालय द्वारा उपलब्ध कराई गई सूचना अनुसार घटिया निर्माण कार्य का कोई प्रकरण परिलक्षित नहीं होने से जांच कराने की स्थिति नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ड.) जी हाँ। मुझरी सिंचाई परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 04.10.2018 को रू. 414.79 करोड़ की 11,575 हेक्टर हेतु प्रदान की गई। उपलब्ध वित्तीय संसाधन निर्माणाधीन परियोजनाओं के लिए आबद्ध होने से वर्तमान में नवीन परियोजनाओं की निविदा आंमत्रित किया जाना संभव नहीं है। अत: निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
शासकीय महाविद्यालय बदरवास एवं रन्नौद हेतु भूमि आवंटन एवं भवन निर्माण
[उच्च शिक्षा]
43. ( क्र. 508 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कोलारस विधानसभा क्षेत्र में शासकीय महाविद्यालय बदरवास एवं रन्नौद हेतु नवीन भवन के निर्माण की स्वीकृत हो चुकी है? क्या उक्त दोनों महाविद्यालयों हेतु भवन निर्माण की आवश्यकता नहीं है? (ख) यदि आवश्यकता है तो क्या शासकीय महाविद्यालय रन्नौद के भवन निर्माण हेतु भूमि का आवंटन हो चुका है? यदि हां तो भूमि आवंटन आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) यदि नहीं तो किन-किन कारणों से शासकीय महाविद्यालय रन्नौद के भवन निर्माण हेतु भूमि का आवंटन नहीं हो सका है व इसके बिलंव हेतु कौन-कौन उत्तरदायी हैं? कब तक शासकीय महाविद्यालय रन्नौद हेतु भूमि आवंटित कर उक्त दोनों महाविद्यालयों के भवन निर्माण की स्वीकृति जारी कर दी जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। दोनों महाविद्यालयों (बदरवास एवं रन्नौद) में भवन निर्माण की आवयश्यकता है। (ख) जी नहीं। (ग) जिला कलेक्टर, शिवपुरी को भूमि आवंटन हेतु कार्यालयीन अर्द्धशासकीय पत्र/कार्यालयीन पत्र लिखे गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
शासकीय सेवकों के कार्य और विभागीय योजनाओं का क्रियान्वयन
[राजस्व]
44. ( क्र. 513 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा प्रश्न क्रमांक-1481,दिनांक-19/12/2019 के प्रश्नांश- (ग) के उत्तरानुसार कटनी जिले में कार्यरत शासकीय सेवकों के जनवरी 2019 से अपने अधिकारिता/कार्यक्षेत्र में किए गए निरीक्षण के रोस्टर और अनुमोदित भ्रमण डायरी से अवगत कराएं और दस्तावेज़ उपलब्ध कराएं। (ख) राजस्व अभिलेखों की सत्यप्रतिलिपि प्राप्त करने हेतु आवेदकों को क्या प्रक्रिया अपनानी होती हैं एवं किन-किन दस्तावेजों की नकल किस प्रकार प्राप्त की जा सकती हैं और नकलों का एक या अधिक पृष्ठों का शुल्क किस आधार पर नियत हैं तथा एक पृष्ठ की नकल तैयार करने में कितनी लागत आती हैं और कितनी राशि प्रति पृष्ठ प्राप्त की जाती हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत प्राप्त की जाने वाली राशि किस प्रकार उचित हैं और क्या प्रतिलिपियों के प्रभारित शुल्क की समीक्षा कर उचित दर निर्धारित की जायेंगी? यदि हाँ,तो किस प्रकार और कब तक? नहीं तो कारण स्पष्ट करें। (घ) कटनी जिले में कितने और कहाँ-कहाँ राजस्व अभिलेखागार हैं? अभिलेखागारों में क्या-क्या सुविधायें/संसाधन उपलब्ध हैं और कौन-कौन से राजस्व अभिलेख किस रूप/स्वरूप में संधारित हैं? (ङ) प्रश्नांश (ग) क्या सभी राजस्व अभिलेखों को डिजिटल तौर पर संधारित किया जा चुका हैं, यदि हाँ, तो किस प्रकार एवं कब? नहीं तो किन-किन दस्तावेजों का डिजिटलाइजेशन किन कारणों से नहीं हो सका एवं शेष दस्तावेजों का डिजिटलाइजेशन कब तक किस प्रकार किया जायेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग मंत्रालय भोपाल के परिपत्र क्रमांक एफ 5-2/2014/सात- (एक) दिनांक 13.07.2020 में वर्णित निर्देशों के अनुरूप शुल्क एवं सेवायें प्रदाय की जा रही है। परिपत्रों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब'' अनुसार है। (ग) मध्यप्रदेश शासन, राजस्व विभाग की अधिसूचना क्रमांक एफ 2-7/2020/सात/शाखा-7 भोपाल दिनांक 06.07.2020 (मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 संशोधित 2018) की धारा 256 के अंतर्गत मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता (भू-सर्वेक्षण तथा भू-अभिलेख नियम 2020 के नियम 94 तथा 105) के अनुसार कम्प्यूट्रीकृत प्रतिलिपियों के लिए प्रभारित शुल्क निर्धारित किया गया है। जो तकनीकों में बदलाव होने से व्यावहरिक एवं सुगम्य होने से उचित है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (घ) कटनी जिले में एक स्थाई अभिलेखागार कलेक्टर कार्यालय में स्थित है। जहां मिसल बंदोबस्त, 1958-59, खसरा पांचशाला, बी-1, नामांतरण पंजी, समस्त राजस्व प्रकरण, दायरा पंजी मूल स्वरूप में संधारित है, जिसकी प्रतिलिपि नियमानुसार संबंधितों को प्रदाय की जाती है। मानव संसाधन के तौर पर 05 कर्मचारी कार्यरत है एवं 02 कम्प्यूटर, 01 प्रिंटर एवं 01 स्कैनर उपलब्ध है। (ङ) जी नहीं, पटवारी अभिलेख जैसे खसरा, बी -1 एवं नक्शों को डिजिटल रूप में संधारित किया गया है। वर्तमान में webgis software लागू है, जिसमें उपरोक्त पटवारी अभिलेख डिजिटल डाटा के रूप में संधारित है। शेष दस्तावेजों का डिजिटलाइजेशन प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
विधानसभा क्षेत्र लांजी अंतर्गत लाईनिंग के कार्य
[जल संसाधन]
45. ( क्र. 520 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विषयांकित विधानसभा क्षेत्र लांजी में महाराष्ट्र शासन के साथ अंर्तराज्यीय बाघ परियोजना में मुख्य नहर में लाइनिंग के कार्य हेतु म.प्र.को जो 25 प्रतिशत राशि देना है उसके संबंध में क्या कोई प्रस्ताव शासन के लंबित हैं? (ख) उक्त के संबंध में दोनो राज्यों के बीच जो सचिव स्तर की वार्ता होनी थी क्या वह वार्ता हो चुकी है? यदि नहीं हुई तो कब तक करा ली जायगी? (ग) विषयांकित विधानसभा में खराड़ी जलाशय की नहर में लाईनिंग कार्य का प्रस्ताव क्या शासन अथवा विभाग के पास लंबित है इस हेतु बनाए गए प्राक्कलन की जानकारी दें तथा इसे कब तक स्वीकृत कर दिया जाएगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) तकनीकी बिन्दुओं के निराकरण हेतु प्रस्ताव मुख्य अभियंता स्तर पर प्रचलन में होना प्रतिवेदित है। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं तथा म.प्र.शासन द्वारा लिये गये कर्ज की जानकारी
[वित्त]
46. ( क्र. 521 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में चल रही केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं में केन्द्र तथा राज्यों के अंश की जानकारी योजना अनुसार देवें? (ख) केन्द्र प्रवर्तित ऐसी कितनी योजनाएं हैं जिनमें 1 जनवरी 2019 से लेकर अब तक राज्य का अंश न दे पाने के कारण प्रदेश की जनता को इन योजनाओं का लाभ नहीं मिल सका? (ग) 17 दिसम्बर 2018 से अब तक राज्य शासन ने कब-कब कितना कितना कर्ज लिया? (घ) वर्तमान में प्रदेश की GSDP कितनी है तथा GSDP के कितने प्रतिशत का कर्ज लेने के प्रावधान है क़पया अब तक लिया गया कर्ज GSDP का कितना प्रतिशत हो चुका है? यह भी बताएं कि कर्ज की सीमा बढ़ाने हेतु राज्य शासन द्वारा केन्द्र सरकार से अनुरोध किया गया है?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) प्रदेश में चल रही केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं में केन्द्र तथा राज्यों के अंश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर अवलोकनीय है। (ख) राज्य के बजट में केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं के लिए केन्द्रांश एवं राज्यांश को मिलाकर बजट प्रावधान एक मुश्त किए जाते है। अत: योजनान्तर्गत केन्द्र एवं राज्य अंश की राशि समानुपातिक रूप से उपलब्ध होती है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) बाजार ऋण एवं नाबार्ड से प्राप्त ऋण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर अवलोकनीय है। शेष ऋणों के संबंध में उक्त अवधि के वित्त लेखे नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के द्वारा जारी नहीं किये गये है। (घ) वित्तीय वर्ष 2020-21 में वित्त सचिव के स्मृति पत्र के उल्लेख अनुसार वर्ष 2020-21 हेतु राज्य की जीडीपी 949103 करोड़ आकलित है। मध्यप्रदेश राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन (संशोधन) अधिनियम 2015 की धारा 9.2 (दो) अनुसार पिछले वित्तीय वर्ष में कुल परादेय ऋण जीएसडीपी अनुपात का 25 प्रतिशत या उससे कम होने का प्रावधान है। वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 अवधि के वित्त लेखे नियंत्रक तथा महालेखा परीक्षक के द्वारा जारी नहीं होने से कर्ज जीएसडीपी का प्रतिशत उपलब्ध नहीं है। जी हाँ, कर्ज की सीमा बढ़ाने हेतु राज्य शासन द्वारा केन्द्र से अनुरोध किया गया है।
मण्डला जिले के शासकीय महाविद्यालय में विद्यार्थियों के प्रवेश एवं संकाय
[उच्च शिक्षा]
47. ( क्र. 529 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले के शासकीय महाविद्यालयों में संकायवार प्रतिवर्ष कितने विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जाता है? क्या संकायवार सीटों की संख्या कम होने के कारण प्रतिवर्ष हजारों विद्यार्थी प्रवेश से वंचित रह जाते हैं? यदि हाँ, तो जिले के महाविद्यालयों में संकायवार सीटों की संख्या बढ़ाने को लेकर क्या योजना है? कब तक सीटों की संख्या बढ़ा दी जाएगी? (ख) क्या यह सही है कि जिले में शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय मण्डला एवं बिछिया में ही विज्ञान संकाय अध्ययन की सुविधा है एवं अंजनियाँ महाविद्यालय, मवई महाविद्यालय, महिला महाविद्यालय मण्डला, नैनपुर महाविद्यालय, बम्हनी महाविद्यालय में नहीं है जिसके कारण इन क्षेत्रों के विद्यार्थी विज्ञान संकाय अध्ययन हेतु उपरोक्त दो महाविद्यालय में ही जाने के लिए विवश हो जाते हैं? यदि हाँ, तो जिले के अन्य शासकीय महाविद्यालयों में विज्ञान संकाय प्रारंभ करने को लेकर शासन की क्या योजना है? कब तक अन्य महाविद्यालयों में विज्ञान संकाय प्रारम्भ करवा दिया जाएगा? (ग) शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय मण्डला में विधि संकाय की कक्षाएं कबसे संचालित हैं? प्रथम सेमेस्टर की कक्षाओं हेतु कब से एवं क्यों प्रवेश नहीं लिया जा रहा है? विधि महाविद्यालय की मान्यता के लिए वर्तमान में क्या समस्या है एवं इसके निराकरण के लिए क्या कार्यवाही की जा रही है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं, मण्डला जिले के 04 शासकीय महाविद्यालयों में विज्ञान संकाय संचालित है एवं 04 महाविद्यालयों में विज्ञान संकाय संचालित नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) सत्र 1981-82 से संचालित है। शैक्षणिक सत्र 2017-18 से बार काउंसिल आफ इंडिया के निर्धारित मापदण्डों की पूर्ति न होने के कारण विद्यार्थियों को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। विधि महाविद्यालय की मान्यता के लिए जिला प्रशासन द्वारा भूमि आवंटित की जा चुकी है, नियमित प्राध्यापकों की नियुक्ति हो चुकी है तथा बार काउंसिल आफ इंडिया को इस संबंध में अवगत कराते हुए महाविद्यालय की सम्बद्धता/मान्यता हेतु अनुरोध किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
ग्राम मोहगॉव में जलाशय निर्माण
[जल संसाधन]
48. ( क्र. 537 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम मोहगॉव (कातलबोडी) जलाशय निर्माण के संबंध में विभागीय स्तर पर पूर्व में सर्वे का कार्य किया जा चुका है? यदि हाँ, तो उक्त जलाशय निर्माण से इस क्षेत्र के कितने हेक्टर भूमि सिंचित हो जायेगी एवं क्षेत्र के कितने किसानों को जलाशय निर्माण से लाभ होगा? (ख) क्या प्रश्नांश (क) जलाशय निर्माण हेतु विभाग द्वारा जिला कलेक्टर सिवनी की माध्यम से अपर मुख्य सचिव, म.प्र. शासन जल संसाधन विभाग भोपाल को पत्र क्र 4068 दिनांक 28/11/2020 के माध्यम से जलाशय की स्वीकृति हेतु प्रेषित किया गया है? यदि हाँ, तो प्रेषित पत्र की छायाप्रति उपलब्ध कराते हुये बतावें की विभाग द्वारा उक्त जलाशय की साध्यता विभागीय पोर्टल पर कब दर्ज हुई है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में विभागीय स्तर से जलाशय की स्वीकृति कब तक प्रदाय कर निविदा की कार्यवाही पूर्ण करते हुये निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कर दिया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं, सर्वे का कार्य पूर्ण किया जाना प्रतिवेदित नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। पत्र की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। मैदानी अधिकारियों के अनुसार चिन्हित परियोजना की जानकारी विभागीय पोर्टल पर दिनांक 06.10.2020 को दर्ज किया जाना प्रतिवेदित है। (ग) परियोजना का जल ग्रहण क्षेत्र कम होने तथा प्रति हेक्टर लागत निर्धारित मापदण्ड से अधिक होने के कारण परियोजना साध्य नहीं पाई गई है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
माचागौरा बांध पेंच परियोजना
[जल संसाधन]
49. ( क्र. 538 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी जिले की विधानसभा क्षेत्र सिवनी में माचागौरा बांध (पेंच परियोजना) से निकलने वाली नहरों से लालमाटी (गोपालगंज) क्षेत्र के 37 गांव सिंचाई सुविधा से वंचित रह गये हैं जिसके कारण लगभग 02 हजार हेक्टेयर भूमि सिंचित होने से वंचित होगी? यदि हाँ, तो इसके प्रस्तावित एवं लाभन्वित तथा शेष रह गये गांव की सूची लालमाटी क्षेत्र सहित दी जाये। साथ ही बतावें कि शेष रह गये गांव में नहरों के निर्माण कार्य को अंतिम रूप कब तक दिया जा सकेगा? यदि नहीं, तो उन गांवों में नहर का निर्माण क्यों नहीं किया जा सकेगा? (ख) प्रश्नांश (क) में प्रश्नगत गांव में सिंचाई सुविधा हेतु नहर विस्तार के लिये क्या कोई सर्वेक्षण किया गया है? यदि नहीं, तो इन गांवों का सर्वेक्षण कब तक पूर्ण कर निर्माण कार्य शुरू किया जा सकेगा? (ग) क्या यह सही है कि प्रश्नांश (क) परियोजना का निर्माण कार्य पूर्व में प्रस्तावित प्राक्कलन के आधार पर न किया जाकर राजनैतिक दबाब के चलते संशोधित कर निर्माण कार्य कराया गया?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। लाभान्वित ग्रामों की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार एवं वंचित ग्रामों की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। लालमाटी (गोपालगंज) क्षेत्र के सिंचाई से वंचित ग्राम, निर्माणाधीन सिवनी शाखा नहर से लगभग 8 से 10 कि.मी. दूरी पर दांयी ओर स्थित है एवं ग्रामों का भू-तल नहर तल से 15-20 मी. ऊंचाई पर स्थित होने के कारण तकनीकी दृष्टि से इन ग्रामों में नहर द्वारा जल प्रदाय किया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं, परियोजना का निर्माण कार्य पूर्व प्रस्तावित प्राक्कलन एवं तकनीकी स्वीकृति के आधार पर ही किया जाना प्रतिवेदित है।
अधिकारियों से सांसद/विधायकों की सौजन्य भेंट का समय एवं पत्रों पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
50. ( क्र. 545 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2019 से प्रश्नांकित अवधि तक राजस्व,पंचायत एवं ग्रामीण विकास, ऊर्जा, जल संसाधन, शिक्षा नगरीय विकास एवं आवास, वन, लोक निर्माण विभाग, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण एवं खेल एवं युवा कल्याण विभागों में प्रश्नकर्ता के विभाग प्रमुखों, आयुक्तों, प्रमुख अभियंताओं, कलेक्टर विदिशा एवं विदिशा जिला के विभाग प्रमुख अधिकारियों को कौन-कौन से पत्र प्राप्त हुए हैं? पत्रों की पावती से प्रश्नकर्ता को किस दिनांक को अवगत कराया गया तथा पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? की गई कार्यवाही तथा पत्रों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। यदि पत्रों पर कार्यवाही नहीं की गई तो इसके लिए उत्तरदायी कौन है तथा उत्तरदायी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? पत्रों पर कार्यवाही कब तक की जावेगी? (ख) मध्यप्रदेश शासन के मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव, आयुक्तों, प्रमुख अभियंताओं आदि से विकास योजनाओं एवं निर्माण कार्यों के संबंध में चर्चा के लिए क्या कोई समय निश्चित किया गया है? यदि हां, तो निर्देशों, आदेश, नियमों की छायाप्रति प्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या विधायकों/सांसदों के पत्रों पर कार्यवाही करने के लिए अधिकारियों को कोई समय-सीमा का निर्धारण किया गया है? यदि हां, तो निर्देशों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। यदि अधिकारीगण समय पर विधायकों/सांसदों के पत्रों पर कार्यवाही नहीं करते तथा पत्र प्राप्ति की सूचना नहीं देते हैं, तो उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जाती है? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में 1 जनवरी 2019 से अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव, आयुक्तों, प्रमुख अभियंताओं, आयुक्त भोपाल संभाग, कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक विदिशा, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिलापंचायत विदिशा को प्रश्नकर्ता द्वारा प्रेषित पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? कार्यवाही की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ङ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि विधायकों/सांसदों को अधिकारियों से क्षेत्र की समस्याओं एवं विकास कार्यों के संबंध में चर्चा के लिए समय निश्चित किया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मुआवजा हेतु विशेष पैकेज की स्वीकृति
[जल संसाधन]
51. ( क्र. 552 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र.1710 उत्तर दिनांक 20/12/2019 के अनुसार राजगढ़ जिले के अंतर्गत मोहनपुरा एवं कुण्डालिया परियोजना के लिये मंत्रि-परिषद से विशेष पुनर्वास पैकेज की स्वीकृति दी गई थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या इसी भांति उक्त योजनाओं की तुलना में पार्वती परियोजना डूब क्षेत्र की भूमि अधिक उपजाऊ एवं सिंचित होने से क्षेत्र के किसानों की पुरजोर मांग एवं प्रश्नकर्ता के माननीय मुख्यमंत्री एवं माननीय जल संसाधन मंत्री जी को प्रेषित मांग-पत्र के आधार पर प्रभावित किसानों को राशि रूपये 20.00 लाख प्रति हेक्टेयर मुआवजा राशि का विशेष पैकेज स्वीकृत किया जायेगा? (ग) यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जी हाँ। मोहनपुरा एवं कुण्डालिया परियोजना के लिए मंत्रि-परिषद से विशेष पुनर्वास पैकेज की स्वीकृति क्रमश: दिनांक 13.06.2016 एवं 19.01.2018 को प्राप्त की गई। पार्वती परियोजना के लिए वर्तमान में कोई स्पेशल पैकेज दिए जाने का प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
भीकनगाँव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत फसल क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान
[राजस्व]
52. ( क्र. 557 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गत वर्ष फसलों के नुकसान होने से फसल क्षतिपूर्ति राशि की स्वीकृति शासन द्वारा जारी की गई थी? यदि हाँ, तो भीकनगाँव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कुल कितने किसानों की कुल कितनी राशि की स्वीकृति प्रदाय की गई थी? किसानों की संख्या, ग्राम सहित स्वीकृत राशि की जानकारी प्रदाय करें। क्या स्वीकृत राशी की 25 प्रतिशत राशि का भुगतान शासन द्वारा किया गया था? यदि हॉ तो उक्त राशि में से कितने किसानों को 25 प्रतिशत राशि का भुगतान हो गया है तथा कितने किसानों को भुगतान करना शेष है तथा शेष रहने का क्या कारण है? भुगतान की गई राशि का विवरण किसानों की संख्या, ग्राम, भुगतान राशि, की जानकारी उपलब्ध करायें तथा 25 प्रतिशत राशि वर्तमान तक भुगतान न होने से शेष किसानों की संख्या, ग्राम, स्वीकृत राशि की जानकारी प्रदाय करें। (ख) क्या 1 वर्ष व्यतीत होने के उपरान्त भी किसानों को स्वीकृत राशि का 25 प्रतिशत प्रदाय न करने के दोषी अधिकारियों पर कोई कार्यवाही प्रस्तावित की जायेगी? यदि नहीं तो क्यों नहीं? यदि हाँ, क्या कार्यवाही की जायेगी? यह भी बतायें की शेष लंबित राशि स्वीकृत राशि का 75 प्रतिशत कब तक भुगतान शासन द्वारा किया जायेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। फसल क्षतिपूर्ति की स्वीकृति के अधिकार RBC 6-4 में दिये मापदण्ड अनुसार वित्तीय सीमा के आधार पर कमिश्नर, कलेक्टर, उपखण्ड अधिकारी (राजस्व), तहसीलदार को है। जिले की भीकनगाँव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत तहसील भीकनगाँव एवं झिरन्या में फसल क्षतिपूर्ति हेतु 64656 किसानों को 1,24,00,69,840/- रूपये की राहत राशि स्वीकृत की गई। कुल 287 ग्रामों के कुल 64656 किसानों को 1,24,00,69,840/- रूपये की राहत राशि स्वीकृत की गई। जी हाँ। सभी 64656 किसानों को 25 प्रतिशत के मान से राशि रूपये 31,00,17,460/- मात्र का भुगतान किया जा चुका है। 25 प्रतिशत राशि भुगतान से कोई भी प्रभावित किसान शेष नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। सभी प्रभावित कृषकों को स्वीकृत राशि का 25 प्रतिशत के मान से राहत राशि का वितरण किया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अनुसुचित जनजाति के छात्रों की आय सीमा में वृद्धि
[उच्च शिक्षा]
53. ( क्र. 558 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उच्च शिक्षा विभाग अन्तर्गत अनुसूचित जनजाति के छात्रों को छात्रवृत्ति एवं आवास सहायता हेतु परिवार की कुल आय 6 लाख रूपये से कम होनी चाहिए? यदि हाँ, तो क्या नवीन आर्थिक आधार पर आरक्षण नियम अन्तर्गत प्रमाण पत्र धारी बच्चों को आय की अधिकतम सीमा 8 लाख रूपये निर्धारित है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो क्या कारण है कि अनुसुचित जनजाति के परिवार की आय 2 लाख रूपये कम निर्धारित की गई है? क्या यह नीति अनुसुचित जनजाति के परिवार के बच्चों के साथ भेदभाव पूर्ण नहीं है? है तो क्या कारण है और नहीं तो क्यों नहीं? (ग) क्या सभी छात्रों को समान आय का निर्धारण तय करते हुए अनुसूचित जनजाति परिवार को भी अधिकतम आय 6 लाख रूपये के स्थान पर 8 लाख रूपये निर्धारित किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो क्यों नहीं?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। अनुसूचित जनजाति छात्रवृत्ति एवं आवास सहायता हेतु परिवार की कुल आय रूपये 6 लाख निर्धारित है। जी हाँ। (ख) आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को 10% आरक्षण हेतु आठ लाख की आय सीमा निर्धारित की गई है। अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति, आवास सहायता एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को 10% आरक्षण पृथक-पृथक विषय हैं। अत: भेदभाव का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) परीक्षण किया जा रहा है।
राजगढ़ जिला धार की राजेन्द्रसूरी साख समिति पर कार्यवाही
[सहकारिता]
54. ( क्र. 565 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिला धार की राजेन्द्रसूरी साख समिति किस दिनांक को बंद की गई? उस दिनांक को समिति में जमाकर्ताओं की संख्या एवं ऋण धारकों की संख्या कितनी कितनी थी तथा कुल जमा राशि तथा दी गई राशि कितनी कितनी थी? (ख) समिति में किस प्रकार का कितनी राशि का घोटाला पाया गया? समिति की क्या कोई अचल सम्पत्ति भी है? क्या वर्तमान स्थिति में सभी जमा कर्ताओं को उनकी राशि प्राप्त हो जायेगी या नहीं? यदि नहीं तो वर्तमान स्थिति में जमा कर्ताओं को कितने प्रतिशत राशि प्राप्त होगी। (ग) ऋण धारकों की सूची, ऋण प्राप्त करने की दिनांक, ली गई कुल ऋण राशि, सहित बतावें की ऋण वसूल करने हेतु क्या प्रयास किये जा रहे हैं? (घ) साख समिति बंद होने के बाद अभी तक जमाकर्ताओं को कितना भुगतान किया गया? यदि नहीं तो क्यों? बतावें की जमाकर्ताओं की राशि के भुगतान हेतु अन्तिम रूप से क्या योजना बनाई गई तथा भुगतान कब तक होगा?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) राजगढ़ जिला धार की राजेन्द्र सूरी साख समिति बन्द नहीं की गयी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते। (ख) अनियमित ऋण वितरण करना, ऋण स्वीकृति के समय बंधक सम्पत्ति का मूल्यांकन नहीं कराना, सक्षम ऋण स्वीकृति प्राप्त किए बिना ऋण वितरण करना, कालातीत सदस्यों से वसूली के लिए वाद दायर नहीं करना, ऋण वसूली की कार्यवाही न की जाना, कर्मचारियों से ऋण वसूली के प्रकरणों में वेतन से कटौती न करना, तरल पूंजी का अभाव होते हुए भी बड़े ऋण स्वीकृत कर संस्था की आर्थिक स्थिति को कमजोर करना, लेखा पुस्तकों का उचित संधारण न करना, संस्था द्वारा केश-बुक तारीख नहीं रखना, वर्ष 2018-19 के वित्तीय पत्रक तैयार नहीं करना, अंकेक्षण नहीं कराना, आमसभा का आयोजन नहीं होना, संस्था के सदस्यों को अमानत राशि परिपक्वता के उपरांत भी भुगतान नहीं किया जाना, संस्था की अधिकृत अंशपूंजी से अधिक अंशपूंजी जमा करना इत्यादि अनियमिततायें निरीक्षण प्रतिवेदन में उल्लेखित है, जिसके आधार पर पुलिस में प्राथमिकी पंजीबद्ध करायी गयी है। संस्था के दोषी पदाधिकारी/अधिकारियों के विरूद्ध आर्थिक उत्तरादायित्व निर्धारित कर म.प्र. सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 58-बी के तहत कार्यवाही किए जाने के निर्देश भी दिए गए हैं। इस कार्यवाही के उपरांत उक्त अनियमितताओं में अंतर्ग्रस्त वास्तविक राशि का निर्धारण हो सकेगा। जी हाँ। ऋणों की वसूली कर जमाकर्ताओं की राशि प्रदाय किये जाने के प्रयास किये जा रहे है। (ग) कालातीत ऋणों की वसूली हेतु म.प्र. सहकारी सोसायटी अधिनियम, 1960 की धारा 64 के तहत कार्यवाही के निर्देश दिए गए है। शेष जानकारी संकलित की जा रही है। (घ) अप्रैल 2018 के बाद राशि रूपये 31,18,10,502.62 का भुगतान अमानतदारों को किया गया है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। ऋण वसूली की जाकर प्रथमत: छोटे जमाकर्ताओ को अमानत राशि भुगतान किया जावेगा। ऋणी सदस्यों की चल-अचल संपत्तियों से भी ऋण राशि की वसूली करने के बाद अमानतदारों को भुगतान किया जा सकेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
नर्मदा माइक्रो सिंचाई योजना में सरदारपुर तहसील के ग्रामों को शामिल किया जाना
[नर्मदा घाटी विकास]
55. ( क्र. 567 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के तत्कालीन मंत्री को लिखे पत्र क्र. 1383/2019 दिनांक 28.12.2019 के अनुसार नर्मदा झाबुआ, पेटलावद, थांदला, सरदारपुर माइक्रो सिंचाई योजना में सरदारपुर तहसील के कितने ग्रामों को जोड़ा गया एवं पत्र क्र. 1384/2019 दिनांक 28.12.2019 के अनुसार नर्मदा नालछा मांडू माइक्रो सिंचाई योजना में सरदारपुर तहसील के 24 ग्रामों को जोड़ने की मांग की गई थी? (ख) उपर्युक्त दोनों योजना में सरदारपुर तहसील के कितने एवं कौन-कौन से ग्रामों को शामिल किया गया एवं कितनी हेक्टेयर भूमि को सिंचाई के लिये पानी उपलब्ध करवाया जावेगा? (ग) उपर्युक्त दोनों योजना के प्रस्ताव पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई एवं प्रत्येक ग्राम की कुल कितनी हेक्टेयर भूमि ली जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) दो ग्रामों को। जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ग) नर्मदा-झाबुआ-पेटलावद-थांदला-सरदारपुर उद्वहन माइक्रो सिंचाई परियोजना निर्माणाधीन एवं प्रस्तावित माण्डू लिफ्ट माइक्रो सिंचाई परियोजना का डी.पी.आर. परीक्षणाधीन है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है।
प्रदेश के 89 ट्राईबल विकासखंडों के रजिस्टर्ड व्यापारी
[वाणिज्यिक कर]
56. ( क्र. 574 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के 89 ट्राईबल ब्लॉकों में कितने व्यापारी/व्यवसायी क्या-क्या बेचने-खरीदने, किन व्यवसाय/व्यापारिक प्रक्रिया के लिए किन शर्तों-नियमों के तहत किस दिनांक से किस दिनांक तक के लिए पंजीकृत हैं? (ख) मनावर एवं उमरबन विकासखंड अंतर्गत कितने स्थानीय, कितने बाहरी व्यापारी/व्यवसायी किन-किन व्यवसायों के लिए रजिस्टर्ड हैं? व्यापारियों के नाम, व्यवसाय एवं रजिस्टर्ड पता सहित ब्यौरा दें। (ग) मनावर एवं उमरबन विकासखंड अंतर्गत किन ग्राम-पंचायतों एवं नगर निगमों में किन-किन नियमों-शर्तों के तहत किससे कितना राजस्व वसूल करने का प्रावधान है? मनावर एवं उमरबन विकासखंड अंतर्गत किन-किन हाट-बाजारों, व्यवसायों से कितना राजस्व किन-किन ग्राम-पंचायतों एवं नगर निगमों को माहवार-वर्षवार प्राप्त होता है? कितना राजस्व सरकार को टैक्स के रुप में प्राप्त होता है? जनवरी 2018 से प्रश्न-दिनांक तक का माहवार, वर्षवार, ब्यौरा दें। (घ) मनावर विधानसभा क्षेत्र एवं कुक्षी विधानसभा क्षेत्र में जनवरी 2016 प्रश्न-दिनांक तक कितने गैर-पंजीकृत व्यवसायी उपज खरीदने, शराब एवं मादक पदार्थ तथा अन्य चीजों की व्यवसाय करते पकड़े गए? उन पर किन नियमों के तहत क्या कार्यवाही की गई? प्रकरणवार ब्यौरा दें। यदि कार्यवाही नहीं की गई तो विधिसम्मत कारण बताएं।
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जीएसटी के अंतर्गत पंजीयन लेने की अनिवार्यता माल और सेवाओं के कारोबार के लिए रूपये 40 लाख से अधिक वार्षिक टर्नओवर तथा केवल सेवाओं से संबंधित कारोबार के लिए रूपये 20 लाख अधिक वार्षिक टर्नओवर की सीमा निर्धारित है। इससे कम वार्षिक टर्नओवर वाले करदाताओं को जीएसटी के अंतर्गत पंजीयन लेने की बाद्धयता नहीं है। जीएसटी के अंतर्गत समस्त कार्य जीएसटी नेटवर्क द्वारा विकसित पोर्टल पर संपादित किया जाता है। जीएसटी के अंतर्गत करदाता केन्द्रीय कर के अधिकारियों के लिए निर्धारित रेंज तथा राज्य कर के अधिकारियों के लिए निर्धारित वृत्त के अंतर्गत पंजीयत होते हैं। जीएसटी के अंतर्गत जीएसटी नेटवर्क द्वारा विकसित पोर्टल पर पंजीयत करदाताओं की जानकारी ट्रायबल ब्लाक अनुसार संधारित नहीं होती है। (ख) जीएसटी का क्रियान्वयन पूर्णत: कम्प्यूट्रीकृत है। इस हेतु जीएसटी नेटवर्क द्वारा विकसित सॉफ्टवेयर पर जीएसटी का कार्य संपादित किया जाता है। जीएसटी नेटवर्क द्वारा उपलब्ध कराई गई रिपोर्ट्स में जीएसटी के तहत पंजीयत करदाताओं की विकासखण्डवार जानकारी नहीं है। तदनुसार प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार जीएसटी के तहत विकासखंडवार पंजीयत करदाताओं की जानकारी संधारित नहीं हैं। (ग) प्रावधान पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार एवं ग्राम पंचायतों को माहवार/वर्षवार प्राप्त राजस्व की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जीएसटी के अंतर्गत माल और सेवाओं से संबंधित कारोबार के लिए रूपये 40 लाख से कम वार्षिक टर्नओवर होने पर तथा केवल सेवाओं का व्यवसाय करने वाले करदाताओं के लिए रूपये 20 लाख से कम वार्षिक टर्नओवर होने पर पंजीयन लेने की बाद्धयता नहीं है। अत: गैर पंजीकृत व्यवसाइयों की चाही गई जानकारी निरंक है। धार जिले में विधान सभा क्षेत्र मनावर एवं कुक्षी में जनवरी, 2016 से प्रश्न दिनांक 2014 तक अवैध मदिरा के निर्माण, विक्रय एवं परिवहन के विरूद्ध आबकारी अधिनियम, 1915 (संशोधित 2000) की धारा 34 (1) , 34 (2) के अंतर्गत क्रमश: कुल 2308 एवं 2234 प्रकरण पंजीबद्ध किए गए तथा मनावर एवं कुक्षी में पंजीबद्ध प्रकरणों में से क्रमश: 1743 एवं 1831 आरोपियों के विरूद्ध कार्यवाही की गई जिनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
लोकोपयोगी पारदर्शी प्रशासनिक व्यवस्था के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर जांच
[सामान्य प्रशासन]
57. ( क्र. 581 ) श्री महेश परमार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या निर्धारित कलेक्टर मेन्यूअल व सामान्य परिपत्रों का पालन कराना, कानून व्यवस्था बनाए रखना कलेक्टर की ज़िम्मेदारी है? यदि है तो, उज्जैन जिंझर कांड, नकली देशी घी, कोरोना काल में सर्वाधिक मृत्युदर, नकली मिर्च का निर्माण, सूदखोरों से आत्महत्याएं, निर्माणाधीन पुल का गिरने जैसी गंभीर घटनाओं पर, क्या कलेक्टर के जॉब चार्ट व निरीक्षण रोस्टर व उत्तरदायित्व में सम्मिलित नहीं है? सजग पारदर्शी, प्रशासनिक व्यवस्था नहीं मिलने पर क्यों कार्यवाही नहीं की गयी? (ख) दिनांक 04/05/2020 से प्रश्न दिनांक तक ज़िला कलेक्टर के कार्यों की समीक्षा, कमिश्नर द्वारा कितनी बार की गयी? समीक्षा रिपोर्ट देवें। (ग) कार्य निष्पादन मूल्यांकन रिपोर्ट के सभी परिपत्र उपलब्ध करावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) कलेक्टोरेट मैन्युअल, सामान्य परिपत्रों का पालन कराना, कानून व्यवस्था बनाये रखने हेतु समुचित व्यवस्था कराना कलेक्टर की जिम्मेदारियों में सम्मिलित है। प्रश्नांश में वर्णित घटनाओं के संबंध में कलेक्टर द्वारा प्रभावी कार्यवाहियां की गई हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) समय-समय पर आवश्यकता अनुसार संभागायुक्त द्वारा प्रति सप्ताह वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से कलेक्टर एवं विभागीय अधिकारियों की समीक्षा की जाती है एवं दिशा निर्देश दिये जाते हैं। उज्जैन जिले की समीक्षा संभागायुक्त द्वारा दिनांक 04.05.2020 से प्रश्न दिनांक तक दिनांक 08.07.2020, 10.08.2020, 19.08.2020 एवं 18.11.2020 को की गई। इसके अतिरिक्त आयुक्त, उज्जैन द्वारा विभिन्न योजनाओं/कार्यक्रमों की समीक्षा उपरांत जारी पत्रों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) कार्य निष्पादन मूल्यांकन (रिपोर्ट) नियम, 2007, संशोधित नियम, 2017 की मुद्रित पुस्तिका पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
पट्टा वितरण की जानकारी
[राजस्व]
58. ( क्र. 594 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 614 के खण्ड (क) में उल्लेखित 2222 पट्टे जिन्हें दिये गये है उनका नाम पिता/पति का नाम पता आवंटीत की गई जमीन की लम्बाई चौड़ाई तथा क्षेत्र सहित सूची देवें। (ख) सैलाना विधानसभा क्षेत्र में 2008 से 2013 तक कुल कितने पट्टे दिये गये उनका नाम, क्षेत्र जमीन की साईज सहित देवें। (ग) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 614 दिनांक 23.09.2020 में उल्लेखित स्थगन आदेश एवं सीमांकन की प्रति देवे तथा बतावें कि शिकायत पर अभी तक क्या-क्या कार्यवाही हुई. क्या जनपद पंचायत बाजना द्वारा शिव मन्दिर से लगी हुई भूमी के सर्वे न. पर कोई पट्टे दिये गये है यदी हां तो उसकी सूची देवें। (घ) खण्ड (क) में उल्लेखित प्रश्न के (ग) भाग का स्पष्ट उत्तर दिलाया जाय की रावटी की सिंचाई कालोनी में दिये गये पट्टे धारक क्या पात्र थे? बतावें की किस-किस अधिकारी द्वारा पात्रता तय की गई।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 614 के खण्ड (क) में उल्लेखित 2222 पट्टे की जानकारी दी गई थी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार है। (ख) सैलाना विधानसभा क्षेत्र जनपद बाजना में 2008 से 2013 तक कुल 27 पट्टे वितरित किये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार है। (ग) रावटी के शिव मंदिर की जमीन के पट्टे की शिकायत पर जांच हेतु अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सैलाना द्वारा स्थगन आदेश जारी किया गया एवं 14.09.2020 को सीमांकन की कार्यवाही की गई, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ग अनुसार है। उक्त शिकायत पर अवैध अतिक्रमण का प्रकरण 25/अ-68/2020-21 तहसीलदार रावटी न्यायालय में दर्ज किया गया है। जनपद पंचायत बाजना द्वारा बताया गया कि शिव मंदिर से लगी हुई भूमि पर ग्राम पंचायत रावटी द्वारा कोई पट्टा प्रदत्त नहीं किया गया। (घ) रावटी की सिंचाई कालोनी में दिये गये भू-धारक प्रमाण-पत्र (पट्टा) की पात्रता ग्राम पंचायत के ठहराव प्रस्ताव अनुसार ग्राम पंचायत रावटी द्वारा तय की गई।
चंबल संभाग में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा की गई घोषणाओं का क्रियान्वयन
[सामान्य प्रशासन]
59. ( क्र. 597 ) श्री रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चंबल संभाग में दिनांक 01 जनवरी 2008 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा उक्त क्षेत्र का भ्रमण करने के दौरान एवं विभिन्न सभाओं में या भोपाल राजधानी से उपचुनाव 2020 की घोषणा के पूर्व जो घोषणाएं की गई? उक्त प्रत्येक की गई मुख्यमंत्री की घोषणाओं की जानकारी पृथक-पृथक वर्षवार उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मुख्यमंत्री की घोषणाओं के क्रियान्वयन के लिए स्वीकृत बजट की जानकारी एवं उक्त घोषणाओं के क्रियान्वयन के लिए जारी किये गये समस्त आदेशों के छायाप्रतियां उपलब्ध करावें एवं उक्त घोषणाओं के क्रियान्वयन के लिए निर्धारित एवं आवंटित बजट राशि एवं व्यय की गई राशि की जानकारी प्रश्न दिनांक तक की पृथक-पृथक उपलब्ध करावें एवं उक्त घोषणाओं के क्रियान्वयन हेतु संबंधित विभाग एवं विभिन्न जन प्रतिनिधि, मुख्यमंत्री, मंत्री द्वारा किये गये भूमिपूजन एवं लगाई गई शिलापट्टिका की जानकारी पृथक-पृथक उपलब्ध करावें। (ग) क्या म.प्र. के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा उपचुनाव 2020 के पूर्व दिमनी, अम्बाह, श्योपुर, विधानसभा क्षेत्र में कई चुनावी वादे एवं घोषणाएं उपचुनाव 2020 के पूर्व एवं चुनाव आचार संहिता लगने के पूर्व की गई थी? यदि हां, तो उक्त संपूर्ण घोषणाओं की जानकारी की छायाप्रति एवं उनके क्रियान्वयन के अद्यतन स्थिति की जानकारी उपलब्ध करावें। उक्त संपूर्ण घोषणाओं को पूर्ण नहीं करने वाले दोषी अधिकारियों के विरूद्ध प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या माननीय मुख्यमंत्री महोदय उक्त दिमनी विधानसभा क्षेत्र की घोषणाओं को पूर्ण करने के लिए आगामी बजट सत्र में संपूर्ण घोषणाओं के क्रियान्वयन के लिए बजट का आवंटन पृथक-पृथक रूप से कराये जाने संबंधी प्रस्ताव पर अपनी स्वीकृति जारी करते हुए उसकी स्वीकृति वित्त विभाग से भी कराकर धरातल पर घोषणाओं को पूर्ण करने हेतु कार्य करेंगे। यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जल समस्या के संबंध में
[जल संसाधन]
60. ( क्र. 603 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले के करैरा विधानसभा क्षेत्र में दिनांक 01.04.2014 से प्रश्न दिनांक तक किसानों के जल की समस्या को दूर करने के लिए जल संसाधन विभाग द्वारा क्या कार्य किये गए है। (ख) प्रश्नांश (क) क्या दिनारा क्षेत्र सरकार द्वारा सूखा ग्रस्त घोषित है। यदि नहीं तो सूखाग्रस्त इलाके में लोन की आवश्यकता नहीं है। जल समस्या को दूर करने के लिए कितनी नहरों का निर्माण किया गया है। यदि नहीं किया गया तो क्यों? (ग) करैरा क्षेत्र में ग्राम सम्मोहा डेम तथा ग्राम नावली डेम जब से बना है। उसकी सफाई कितनी बार हुई है। क्या उसकी सफाई की आवश्यकता है। यदि हाँ, तो सफाई कब एवं कैसे की जावेगी। (घ) करैरा नगर में रियान वॉटर टैंक प्राइवेट लिमिटेड के कार्य से कितने लोग लाभार्थी होंगे तथा कितनी राशि का प्रोजेक्ट है एवं इनके द्वारा जो सी.सी. तोड़ा गया है और आये दिन एक्सीडेंट हो रहे है उसकी क्या व्यवस्था की गई है और कितने फीट तक पाइप डालने का नियम है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) करैरा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत दिनांक 01.04.2014 से प्रश्न दिनांक तक महुअर जलाशय की नहरों एवं बरहों का निर्माण कार्य कराया गया तथा बिलरऊ दिनारा फीडर नहर का कार्य प्रगतिरत है। इसी प्रकार सिंध परियोजना द्वितीय चरण के अंतर्गत दांयी तट नहर की वितरिका डी-2 से 3-एल माइनर का कार्य किया गया। इसके अतिरिक्त कमाण्ड क्षेत्र विकास एवं जल प्रबंधन कार्यक्रम के अंतर्गत 28,100 हेक्टर क्षेत्र में फील्ड चैनल का निर्माण कार्य कराया जाना प्रतिवेदित है। (ख) वर्तमान में दिनारा क्षेत्र सूखाग्रस्त घोषित नहीं है। शेष प्रश्नांश विभाग से संबंधित नहीं है। जल की समस्या दूर करने हेतु विभाग द्वारा उत्तरांश (क) अनुसार कार्य कराए गए हैं। (ग) प्रश्नाधीन जलाशयों में आवश्यकता नहीं होने के कारण सफाई के कार्य नहीं कराया जाना प्रतिवेदित है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) परियोजना प्रबंधक, एम.पी.यू.डी.सी. ग्वालियर द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी अनुसार प्रोजेक्ट से लाभान्वित लोगों की संख्या 40,000 है। प्रोजेक्ट की लागत रू.48 करोड़ एवं पाइप डालने की निर्धारित गहराई औसतन 01 मीटर है। तोड़ी गई सी.सी.पर रेस्टोरेशन का कार्य शीघ्र करा लिया जाना प्रतिवेदित है।
भूमि बंदोबस्ती में अनियमितताएं
[राजस्व]
61. ( क्र. 608 ) श्री कुँवर विक्रम सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पन्ना जिले की तहसील पन्ना के ग्राम इटवांखास के नवीन बन्दोबस्ती रिकार्ड के संबंध में मा.व्यवहार न्यायालय पन्ना के प्रकरण क्र. 1251/2007 निर्णय दिनांक 14.08.2012 में अपराध प्रमाणित न होने एवं जप्तशुदा अभिलेख जिला मजिस्टेट पन्ना को निराकरण कर वापिस कर का आदेश दिया गया है? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं तो क्यों? (ख) क्या ग्राम इटवांखास के नवीन बन्दोबस्ती रिकार्ड के अनुसार कुछ भूमि स्वामियों के अभिलेख अद्यतन किये गये है? यदि हाँ, तो क्या स्वप्रेरणा/आवेदकों के आवेदन पर शेष किसानों के भी अभिलेख अद्यतन किये जाये गये? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या म.प्र. भू राजस्व संहिता 1959 की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत अभिलेख अद्यतन रखना राजस्व अधिकारियों की जवाबदारी है, यदि हाँ, तो स्वप्रेरणा में लेकर नवीन बन्दोबस्ती रिकार्ड के साथ अभिलेख अद्यतन क्यों नहीं किया गया? क्या जब तक रिकार्ड अद्यतन नहीं होता तब तक सीमांकन को रोका जावेगा? (घ) क्या ग्राम इटवांखास के किसानों को शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ रिकार्ड विवादित बताकर नहीं दिया जा रहा है? क्या किसानों का अभिलेख नवीन बन्दोबस्ती रिकार्ड के अनुसार अद्यतन कराया जाकर लागू किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : क) जी हाँ। कार्यालय कलेक्टर भू-अभिलेख जिला पन्ना के आदेश क्र. 102 दिनांक 21.11.2014 द्वारा माननीय न्यायालय से जप्तसुदा प्राप्त अभिलेख के संबंध में आदेश जारी किया गया कि अभिलेख की सूची तैयार की जाकर नवीन अभिलेखागार में सुरक्षित रखा जावे। (ख) जी हाँ। जी नहीं। चूकि ग्राम इटवाखांस का नवीन बन्दोबस्ती अभिलेख अंतिम रूप से प्रकाशित नहीं हुआ है जिससे वर्ष 1955-56 के अभिलेख अनुसार आवेदक के आवेदन पत्र पर अभिलेख सुधार की कार्यवाही होती है। नवीन बन्दोबस्ती प्रचलन में नहीं है जिससे नवीन बन्दोबस्ती के अनुसार कार्यवाही नहीं होती है। (ग) जी हाँ। ग्राम इटवांखास का नवीन बन्दोबस्ती अभिलेख अंतिम रूप से प्रकाशित नहीं हुआ है जिससे वर्ष 1955-56 के अभिलेख अनुसार आवेदक के आवेदन पत्र पर अभिलेख सुधार की कार्यवाही होती है। नवीन बन्दोबस्त के अनुसार कोई सुधार/कार्यवाही नहीं होती। जी नहीं। (घ) जी नहीं। शेष उत्तर (ख) अनुसार।
म.प्र. शासन के नियमों की अवहेलना
[सामान्य प्रशासन]
62. ( क्र. 610 ) श्री कुँवर विक्रम सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र राजनगर अंतर्गत ज.पं. लवकुशनगर के प्रशासक/अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व)/ज.प.सी.ई.ओ. द्वारा 12.09.2020 को ग्राम पंचायत खपटया में अनाधिकृत व्यक्ति से गौशाला निर्माण का भूमि पूजन कराया गया था, क्या लिखित में भी आमंत्रित किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो क्या यह म.प्र. शासन के नियमों के विरूद्ध कार्य जानबूझकर प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा किया गया है? (ग) क्या शासन के आदेश हैं कि गौशालाओं एवं शासन की योजनाओं के उद्घाटन एवं भूमि पूजन निर्वाचित प्रतिनिधि/विधायक को अनिवार्य रूप से आंमत्रित किया जावे? क्या उक्त कार्यक्रम में क्षेत्रीय विधायक को आमंत्रित किया गया था? यदि हाँ तो प्रमाण देवें। नहीं तो क्यों? (घ) जनपद पंचायत लवकुशनगर के प्रशासक/अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) द्वारा जानबूझकर शासन के अतिमहत्वपूर्ण नियमों की अवहेलना की है। यदि हाँ, तो इन पर अब तक क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जनपद पंचायत लवकुशनगर अंतर्गत ग्राम पंचायत खपटया में दिनांक 12.09.2020 को गौशाला निर्माण का भूमि पूजन किसी भी अनाधिकृत व्यक्ति द्वारा नहीं कराया गया है एवं न ही आमंत्रण पत्र जारी किया गया है। (ख) जी नहीं। (ग) गौशाला एवं शासन की योजनाओं के उदघाटन एवं भूमि पूजन में निर्वाचित प्रतिनिधि/विधायक को आमंत्रित किया जाता है। परंतु ग्राम खपटया में गौशाला का भूमि पूजन नहीं कराया गया है। इस कारण से क्षेत्रीय विधायक को आमंत्रित नहीं किया गया है। (घ) जी नहीं, नियमों की अवहेलना न होने के कारण लवकुशनगर के प्रशासक/अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) पर कार्यवाही करने का प्रश्न ही नहीं उठता है।
स्वास्थ बीमा के बढ़ते प्रकरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
63. ( क्र. 614 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश की उपभोक्ता अदालतों में प्रश्न दिनांक तक कुल कितने स्वास्थ बीमा के प्रकरण चल रहे हैं? (ख) प्रदेश की उपभोक्ता अदालतों में गत 5 वर्षों में कितने % प्रकरणों की वृद्धि हुई? वर्षवार तुलनात्मक जानकारी देवें। प्रदेश में वर्तमान में कुल कितनी निजी स्वास्थ बीमा कम्पनियां कार्य कर रही हैं? सूची उपलब्ध करायें। (ग) क्या प्रदेश में कार्यरत विभिन्न स्वास्थ बीमा कम्पनियां प्रदेश के नागरिकों को आकर्षक प्लान बताकर उनसे 4 गुना ज्यादा राशि वसूल कर राशि भुगतान के समय अनावश्यक कारण बताकर उपभोक्ताओं को भुगतान नहीं करती और प्रदेश में लागातार स्वास्थ बीमे के प्रकरण बढ़ रहे हैं? ऐसे प्रकरणों के लिए विभाग के क्या निर्देश हैं? क्या प्रदेश की जिला उपभोक्ता न्यायालयों में प्रकरणों की संख्या अधिक होने के कारण समय पर उपभोक्ताओं को न्याय देरी से मिल पा रहा है? क्या विभाग तहसील स्तर पर 3 दिन उपभोक्ता न्यायालय का विचार कर रही है? यदि हाँ तो कब तहसील स्तर पर उपभोक्ता न्यायालय प्रारम्भ किये जायेंगे?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रदेश के जिला उपभोक्ता आयोगों में प्रश्नाधीन अवधि में स्वास्थ्य बीमा के 762 प्रकरण विचाराधीन हैं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्न का शेष भाग राज्य शासन के अधीन न होने से जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। (ग) राज्य शासन के अधीन न होने जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। प्रदेश के सभी जिला उपभोक्ता आयोगों में 30 नवम्बर 2020 की स्थिति में 28490 प्रकरण लम्बित हैं। प्रकरणों के शीघ्र निराकरण का प्रयास किया जा रहा है। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 में जिला स्तर पर आयोग के गठन की व्यवस्था है। जी नहीं।
चल-अचल संपत्ति का मुआवजा
[जल संसाधन]
64. ( क्र. 621 ) श्री तरबर सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बण्डा वृहद बांध परियोजना जो ग्राम उल्दन में धसान नदी पर बनाई जा रही है उसमें प्रभावितों को उनकी चल-अचल संपत्ति के मुआवजे का क्या निर्धारण किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) प्रभावित कई ग्राम इस प्रकार है कि ग्राम की 90 प्रतिशत आवादी डूब क्षेत्र में आ रही है और उन्हीं को विस्थापित किया जा रहा हैं, बाकी 10 प्रतिशत क्या वहां निवास कर पायेंगे? क्या वह बांध के जलीय जीवों से सुरक्षित रह पायेंगे? (ग) प्रश्नांश (क) डूब क्षेत्र के किसानों की संपूर्ण भूमि को सिंचित मानते हुये वर्तमान में भूमि का जो शासकीय मूल्य है उसका चार गुना मुआवजा दिया जाना क्या उचित है? यदि हाँ तो किसानों को मुआवजा कब तक प्रदान किया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। अचल सम्पत्ति का मुआवजा निर्धारण प्रचलन में होना प्रतिवेदित है। (ख) जी नहीं, प्रारंभिक सर्वेक्षण उपरांत परियोजना के डूब क्षेत्र में 15 ग्रामों की आबादी प्रभावित हो रही है, जिसमें 05 ग्रामों की आबादी पूर्ण एवं शेष 10 ग्राम की आबादी 90 प्रतिशत से कम प्रभावित होना प्रतिवेदित है। ग्रामों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। मुआवजा भूमि अर्जन, पुनर्वास और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार अधिनियम, 2013 के अनुसार अवार्ड पारित होने के उपरांत निर्धारित होता है। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लोगों को पट्टे का प्रदाय
[राजस्व]
65. ( क्र. 622 ) श्री तरबर सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में वर्ष 1998 और 2000 में अनुसूचित एवं अनुसूचित जनजाति के कितने लोगों को मध्यप्रदेश शासन द्वारा पट्टे प्रदान किये गये थे? (ख) प्रश्नांश (क) प्रदान किये पट्टों में से कितने पट्टों की कम्प्यूटर फीडिंग हो गई है और कितने पट्टे फीडिंग हेतु शेष है? (ग) यदि फीडिंग हेतु शेष हैं तो फीडिंग कब तक कर दी जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) सागर जिले में वर्ष 1998 और 2000 में अनुसूचित एवं अनुसूचित जनजाति के 3419 लोगों को मध्यप्रदेश शासन द्वारा पट्टे प्रदान किए गए थे। (ख) प्रदान किये पट्टों में से 3300 पट्टों की कम्प्यूटर फीडिंग हो गई है। तहसील बंडा में 119 पट्टे फीडिंग हेतु शेष है। (ग) शेष पट्टों की फीडिंग की कार्यवाही न्यायालयीन स्तर पर जारी है। शीघ्र किये जायेंगे। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा
[राजस्व]
66. ( क्र. 627 ) श्री मनोज चावला : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र.170 दिनांक 23/09/20 के खंड (ग) के संदर्भ में तहसीलदार आलोट के न्यायालय प्रकरण के समस्त नोटशीट, आदेश एवं दस्तावेज के प्रकरण जो दर्ज कराए तथा खंड (घ) के संदर्भ में न्यायालयीन प्रकरण क्रमांक जो प्रचलन में है, उपलब्ध कराएं। (ख) बतावें कि प्रश्नाधीन भूमि में 1345/7 रकबा 0.379 हेक्टेयर किसके नाम से किस दिनांक को किसके आदेश से दर्ज हुआ था तथा क्या यह भूमि सर्वे नंबर 1351 में दर्शाई गई थी या किस सर्वे नंबर में दर्शाई गई थी? (ग) क्या इस प्रकरण की विभागीय स्तर पर जांच नहीं की गई है? यदि नहीं तो क्यों? विभागीय स्तर पर जांच किए बिना न्यायालयीन प्रकरण क्यों दर्ज किया गया? इस संदर्भ में प्रशासनिक स्तर पर हुआ पत्राचार एवं नोटशीट की प्रतियां उपलब्ध कराएं (घ) क्या कूट रचित षड़यंत्र तहसील स्तर के अधिकारियों की मिलीभगत से हुआ है? यदि हाँ तो तहसील स्तर पर इसकी जांच करना कैसे न्यायोचित है? क्या भोपाल स्तर के उच्च अधिकारी इस प्रकरण की जांच करेंगे ताकि 10 करोड रूपये से अधिक की संपत्ति की हेरा-फेरी का पर्दाफाश हो सके।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन भूमि उपलब्ध रिकार्ड के अनुसार सर्वे क्रमांक 1345/7 गंगाराम पिता रूपा खारोल के नाम न्यायालयीन तहसीलदार आलोट प्रकरण क्रमांक 23/अ-6-अ/2011-12 आदेश के परिपालन में दर्ज है। उक्त नम्बर को तहसीलदार आलोट के प्रकरण क्रमांक 149/बी -121/2019-20 के द्वारा सर्वे नम्बर 1345/7 को आदेश दिनांक 28/12/2019 के द्वारा विलोपित कर दिया। उक्त भूमि सर्वे क्रमांक 1351 में दर्शाई थी या किस सर्वे नम्बर में दर्शाई इसकी जांच प्रकरण क्रमांक 0056/बी-121/ 2020-21 प्रचलित है। (ग) जी नहीं। शिकायतकर्ता श्रवणसिंह पिता नागूसिंह द्वारा की गई शिकायत पर तहसीलदार आलोट द्वारा प्रकरण क्रमांक 149/बी-121/2019-20 में जांच कर सर्वे क्रमांक 1345/7 रकबा 0.379 हे. त्रुटिवश दर्ज होने से विलोपित किये जाने के आदेश पारित किये गये व थाना प्रभारी, पुलिस थाना आलोट को दोषियों के विरूद्ध विधिसम्मत कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया है। (घ) जी नहीं। उक्त संबंध में थाना प्रभारी आलोट को दोषियों के विरूद्ध विधिसम्मत कार्यवाही हेतु लिखा गया है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता हैं।
आंगनवाड़ी केन्द्रों में अनियमितता
[महिला एवं बाल विकास]
67. ( क्र. 635 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बड़नगर तहसील एवं नगरीय क्षेत्र में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं? शहरी परियोजना के समस्त आंगनवाड़ी केन्द्र में सांझा चू्ल्हा कार्यक्रम अन्तर्गत किस समूह द्वारा नाश्ता व भोजन प्रदान किया जाता है (ख) प्रश्नांश (क) के सन्दर्भ में समूह द्वारा प्रदाय नाश्ता व भोजन की गुणवत्ता परीक्षण हेतु शासन द्वारा क्या व्यवस्था नियत है? यदि हाँ तो समूह द्वारा केन्द्र में प्रदाय नाश्ता, भोजन की गुणवत्ता का परीक्षण कब किस समिति द्वारा कराया गया? वर्ष 2018-2019 से वर्ष 2020-2021 तक की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) समस्त आंगनवाड़ी केन्द्रों में नाश्ता व भोजन कब तैयार किया जाता है एवं केन्द्रों पर कब वितरण किया जाता है? नाश्ता एवं भोजन गुणवत्ताहीन स्थिति में वितरण होता है इससे बच्चों के खाने योग्य न होने के बाद भी निरन्तर प्रदाय किया जा रहा है। इस स्थिति के लिए कौन अधिकारी जिम्मेदार है? इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) उज्जैन जिले अन्तर्गत शहरी क्षेत्र में वर्ष 2016-2017 से 2020-2021 प्रश्न दिनांक तक समूह को भुगतान की गई राशि का विवरण उपलब्ध करावें। यदि समूह द्वारा अनियमितता पाई जाती है तो समूह के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) बड़नगर-1 तहसील क्षेत्र में 154 एवं नगरीय क्षेत्र में 41, बड़नगर-2 तहसील क्षेत्र में 148, आंगनवाड़ी केन्द्र/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''1''अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''2'' एवं-''3''अनुसार है। (ग) नाश्ता प्रातः 9.30 से 10.30 के मध्य तथा भोजन 12.30 से 1.30 के मध्य वितरण किया जाता है। इसके पूर्व संबंधित समूहों द्वारा नाश्ता व भोजन तैयार किया जाकर केन्द्रों पर प्रदाय किया जाता हैं। जी नहीं। प्रतिदिन सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पोषण आहार की गुणवत्ता के संबंध में उपरोक्तानुसार पंचनामा तैयार किये जाने एवं संबंधित आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिकाओं के द्वारा पूरक पोषण आहार चखने तथा गुणवत्तापूर्ण होने पर हितग्राहियों को वितरण किया जाता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''4'' अनुसार है। अनियमितता की प्रकृति अनुसार समूह के विरूद्ध आवश्यक कार्यवाही की जाती है।
शासकीय जमीनों को खुर्द-बुर्द करने वालों पर कार्यवाही
[राजस्व]
68. ( क्र. 643 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सन् 1958-59 में सतना वर्तमान नगरपालिक निगम एवं रैगांव विधानसभा क्षेत्र में कौन-कौन सी कितनी क्षेत्रफल की भूमि शासकीय दर्ज थी और अब कितनी शासकीय भूमि बची है, जैसे मझवोगवां की आराजी क्रमांक 39-45 सोहौला में 30-31-32-33-35 आदि? पटवारी हल्कावार, तहसीलवार ऐसी आराजियों की पूर्ण जानकारी एवं शासकीय से निजी करने के आदेश की प्रति देवें। (ख) सन् 1958-59 की शासकीय भूमि जो निजी भूमि में परिवर्तित की गई है वह किसके आदेश की गई है तथा वैधानिक/अवैधानिक परिवर्तन की सूची उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के लिये कौन सा अधिकारी जवाबदार है? उनके खिलाफ क्या और कब तक कार्यवाही की जावेगी? क्या इनके विरूद्ध पुलिस में प्रथम सूचना दर्ज कराई जावेगी? यदि हाँ तो कब तक? नहीं तो स्पष्ट कारण बतावें। (घ) उपरोक्त शासकीय भूमि को जो म.प्र.शासन से निजीकरण किया गया है, कब तक पुन: शासकीय भूमि में पूर्ववत दर्ज कर शासन के कब्जे में लाया जावेगा? यदि नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) वर्ष 1958-59 में नगर पालिका निगम सतना एवं रैगांव विधानसभा क्षेत्र के ग्राम मझवोगवां की आराजी नं. 39 एवं 45 म.प्र. शासन दर्ज थी इसके उपरांत उक्त दोनों आरजियों भूमि स्वामी स्वत्व में दर्ज हो गई थी। वर्ष 2020 में उक्त दोनों आराजियों की जांच की गई जिसमें आ.नं. 45 कुल रकवा 2.806 हे. को म.प्र. शासन दर्ज किया जा चुका है। आ.नं. 39 रकवा 0.348 हे. में से 0.174 हे. वर्तमान में म.प्र. शासन दर्ज तथा 0.174 हे. भूमि स्वामी स्वत्व में दर्ज है जिसकी जांच की जा रही है। इसी तरह ग्राम सोहोला की आ.न. 30,31,32,33 एवं 35 वर्ष 1958-59 में म.प्र. शासन दर्ज रही है तथा वर्तमान राजस्व अभिलेख में भी म.प्र. शासन दर्ज है। इसी क्रम में निम्न ग्रामों की जो अराजियां 1958-59 में म.प्र. शासन दर्ज थी उनमें से जांच उपरांत म.प्र. शासन दर्ज की जा चुकी है, जो निम्नानुसार है:-
क्रमांक |
ग्राम का नाम |
शासकीय घोषित आराजी का रकबा |
1 |
रामस्थान |
212.50 एकड़ |
2 |
सोनौरा |
18.380 एकड़ |
3 |
कृपालपुर |
19.140 एकड़ |
4 |
सोनोरा चेक उतैली |
2.000 एकड़ |
5 |
मझवोगवां |
5.142 एकड़ |
6 |
रामपुर चौरासी |
0.202 एकड़ |
शेष ग्रामों की जांच प्रचलित है, पूर्ण होने पर जानकारी भेजी जा सकेगी। (ख) वर्ष 1958-59 में दर्ज शासकीय भूमि को विभिन्न न्ययालयों के आदेशों के माध्यम से बंटन व्यस्थापन के तहत व्यपक पैमाने पर निजि भूमि में परिवर्तित हुई है जिसकी वैधानिकता की जांच एक विस्तृत प्रक्रिया है जिसकी जांच पूर्ण होने के उपरांत भेजी जा सकेगी। (ग) उत्तरांश (ख) के आधार पर जांच पूर्ण होने के उपरांत जवाबदारी तय की जा सकेगी। (घ) उत्तरांश (क) के आधार पर जांच पूर्ण होने के उपरांत जांच में पाये जाने वाले तथ्यों के आधार पर म.प्र. शासन से निजी स्वामित्व में दर्ज भूमियों को पुन: म.प्र. शासन दर्ज किये जाने की कार्यवाही की जा सकेगी।
गौ-अभयारण्य की स्थापना
[पशुपालन]
69. ( क्र. 652 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में आवारा पशुओं की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है, जिससे सड़कों पर दुर्घटनाएं एवं पशुओं की अकाल मृत्यु हो रही है? क्या शासन ने इस हेतु कोई नीति बनाई है? यदि हाँ तो इसका विवरण देवें। यदि नहीं तो क्या शासन कोई नीति बनाये जाने पर विचार करेगा तथा कब तक? (ख) क्या सागर नगर में हजारों की संख्या में आवारा पशु सड़कों पर विचरण करते है, जिससे अनेक दुर्घटनायें भी होती रही हैं एवं यातायात बाधित होता है? क्या शासन व्यवस्थित यातायात एवं पशुओं/गायों के उचित संरक्षण एवं विचरण हेतु सागर में गौ-अभयारण्य की स्थापना कराये जाने हेतु कार्यवाही करेगा और कब तक?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी नहीं। शासन द्वारा निराश्रित गौवंश के व्यवस्थापन हेतु प्रदेश में 1000 नवीन गौशालाओं का निर्माण कराया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। गायों के उचित संरक्षण हेतु जिला सागर में गौ-शालाएं संचालित हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भू-अर्जन में अधिग्रहित मकानों का मुआवजा
[राजस्व]
70. ( क्र. 657 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा जलाशय निर्माण हेतु अधिग्रहित निजी स्वामित्व की भूमि पर बने मकानों का मुआवजा (अवार्ड) देने का प्रावधान/नियम है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो कटनी जिले के बहोरीबंद तहसील अंतर्गत जलसंसाधन विभाग के अधीन निर्माणाधीन कलरहाई जलाशय खम्हरिया हेतु अधिग्रहित की गई निजी स्वामित्व की भूमि पर निर्मित मकानों का मुआवजा (अवार्ड) प्रदान न करने के क्या कारण हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित जलाशय के निर्माण हेतु भूमि पर किन-किन कृषकों के अधिग्रहित मकानों के मुआवजा (अवार्ड) प्रकरण शासन स्तर पर कहाँ-कब से लंबित हैं? इन लंबित प्रकरणों का किस प्रकार से कब तक निराकरण कर मुआवजा (अवार्ड) वितरित कर दिया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) कटनी जिले के अनुभाग बहोरीबंद अंतर्गत जलसंसाधन विभाग द्वारा निर्माणाधीन कलरहाई जलाशय हेतु ग्राम खम्हरिया की भूमियां जो जलाशय निर्माण क्षेत्र में आ रही है, के अर्जन का प्रकरण आपसी सहमति से भूमि क्रय करने की नीति के तहत प्रस्तुत किये गये थे, जिनमें कार्यवाही पूर्ण की जाकर संबंधित भूमियों का क्रय, रजिस्टर्ड विक्रय पत्र के माध्यम से किया जाकर भूमि की राशि संबंधित भूमि स्वामियों को प्रदाय की जा चुकी है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बरगी दांयीं तट नहर का निर्माण
[नर्मदा घाटी विकास]
71. ( क्र. 659 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदा समझौते के तहत म.प्र. के हिस्से में आये 1825 मिलियन एकड़ फुट पानी में से अभी तक कितना पानी लिया जा रहा है? (ख) समझौते के तहत निर्धारित अवधि 2024 तक क्या प्रदेश सम्पूर्ण जल राशि के दोहन की स्थिति में होगा? यदि हाँ, तो इस लक्ष्य की पूर्ती के लिए क्या प्रयास किये जा रहे हैं? इसकी क्या कार्ययोजना है? शासन की अन्य विभिन्न योजनायें कौन-कौन सी हैं और उनके क्रियान्वयन की क्या स्थिति है? (ग) मुख्यमंत्री जी की मंशानुरूप बरगीबांध दांयी तट नहर में निर्माणाधीन अंडर ग्राउंड कैनाल निर्माण के स्थान पर लिफ्ट कर पानी ले जाने की योजना वर्तमान समय पर किस स्तर पर विचाराधीन है एवं इस योजना से क्या बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नर्मदा जल प्रदाय किया जावेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) 18.25 मिलियन एकड़ फीट में से वर्तमान तक लगभग 8.23 मिलियन एकड़ फीट पानी का उपयोग किया जा रहा है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) WAPCOS द्वारा डी.पी.आर. बनाने का कार्य प्रचलन में है। WAPCOS द्वारा डी.पी.आर. प्रस्तुत करने के उपरांत साध्य पाये जाने पर ही वैकल्पिक योजना हेतु निर्णय लिया जा सकेगा। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आहरण पर प्रतिबंध होने से लेप्स आवंटन
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
72. ( क्र. 672 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वित्तीय वर्ष 2019-20 में दिनांक 28 मार्च, 2020 से आहरण पर प्रतिबंध होने के कारण जिला कोषालयों में देयक स्वीकार नहीं होने के कारण विधायक निधि में उपलब्ध आवंटन लेप्स हो गया तथा जो राशि आहरित हुई वह भी क्रियान्वयन एजेंसी (बी.सी.ओ. टू बी.सी.ओ.) को आज दिनांक तक भुगतान नहीं हो पाई है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नाधीन अवधि में कितनी राशि लेप्स हुई है और कितनी राशि क्रियान्वयन एजेंसी (बी.सी.ओ. टू बी.सी.ओ.) को भुगतान नहीं हो पाई है? जिलेवार जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में दर्शाई गई राशि वित्तीय वर्ष 2020-21 में उपलब्ध कराई जावेगी? यदि हाँ हो कब तक?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। राशि लेप्स हो जाने के कारण भुगतान नहीं हो सकी। (ख) राशि रुपये 59,18,76,513/- लेप्स हुई है। जिसमें से राशि रुपये 2,97,54,733/- बी.सी.ओ. टू बी.सी.ओ. प्रक्रिया के तहत भुगतान नहीं हो सकी। जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जिला सहकारी केन्द्रीय मर्या. बैंकों का गठन
[सहकारिता]
73. ( क्र. 673 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 1998-99 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में किन-किन नवगठित जिलों से जिला सहकारी केन्द्रीय मर्या. बैंकों का पृथक से गठन किये जाने बाबत् प्रस्ताव शासन को प्राप्त हुए हैं? जिलेवार जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ख) प्रश्नांश (क) में प्राप्त प्रस्तावों में किन-किन नव गठित जिलों के लिये पृथक से जिला सहकारी केन्द्रीय मर्या. बैंक का गठन किया गया जाकर पृथक से संचालक मण्डल का गठन किया जा चुका है? जिलेवार जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ग) प्रश्नांश (क) में प्राप्त प्रस्तावों में नीमच जिले से भी प्रस्ताव शासन को प्राप्त हुए हैं? यदि हाँ तो शासन उस पर कब तक कार्यवाही कर नीमच जिले के लिये पृथक से जिला सहकारी केन्द्रीय मर्या. बैंक का गठन करते हुए संचालक मण्डल का गठन करायेगा? समय-सीमा बतायें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) किसी भी नवगठित जिले में पृथक जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक का गठन नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ, नाबार्ड के दिशा-निर्देश जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर है, के अनुसार प्रस्ताव न होने से विचार किया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला पंजीयक सागर द्वारा आरोपित स्टाम्प ड्यूटी
[वाणिज्यिक कर]
74. ( क्र. 684 ) श्री महेश राय : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला पंजीयक अधिकारी श्री भदौरिया का गृह जिला क्या है? क्या यह सागर के मूल निवासी है? यदि हाँ तो क्या मध्यप्रदेश शासन के नियमानुसार महत्वपूर्ण पद पर पदस्थ रहने का नियम है अथवा नहीं? (ख) यदि नहीं तो श्री भदौरिया का अन्यत्र जगह पर स्थानांतरण कब तक कर दिया जायेगा? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा जिला स्तर/संभाग स्तर के अधिकारियों एवं मंत्री महो. को भी शिकायत की है कि जिला पंजीयक सागर भदौरिया द्वारा द्वेष भावना से विधानसभा बीना क़े शास्त्री वार्ड के खसरा नंबर 408/1 के रकवा 0.729 हेक्टेयर भूमि पर आवेदकों पर भारी भरकम स्टाम्प ड्यूटी आरोपित की हैं जिसकी आज तक कोई जाँच नहीं की गयी है। यदि हाँ तो क्या कार्यवाही की गयी? यदि नहीं तो क्यों? (घ) दोषी अधिकारी के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जायेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जिला पंजीयक श्री भदौरिया का गृह जिला जबलपुर है। वे सागर के मूल निवासी नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) स्थानांतरण नीति अंतर्गत स्थानांतरण की कार्यवाही की जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) शिकायत की जांच उप महानिरीक्षक पंजीयन परिक्षेत्र ग्वालियर द्वारा की गई है। (घ) जांच प्रतिवेदन में प्रकरण आयुक्त सागर संभाग के समक्ष विचाराधीन होना दर्शाया गया है प्रकरण सब ज्यूडिस होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
संयुक्त कलेक्टर कार्यालय के भवन का निर्माण
[राजस्व]
75. ( क्र. 688 ) श्री अनिल जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नवीन जिला निवाड़ी का संयुक्त कलेक्टर कार्यालय वर्तमान में शिक्षा विभाग के अस्थाई भवन में संचालित है और पूर्व में शिक्षा विभाग के द्वारा भवन को खाली करने हेतु नोटिस जारी किया गया था? यदि हाँ, तो संयुक्त कलेक्टर कार्यालय का स्थाई भवन निर्माण कब तक किया जायेगा? (ख) नवीन सृजित जिला निवाड़ी में संयुक्त कार्यालय में विभिन्न विभागों के संचालन हेतु पदों के प्रस्ताव भेजे गए हैं, यदि हाँ तो कुल कितने पद स्वीकृति हेतु भेजे गए हैं तथा इनमें से किन-किन पदों की स्वीकृति जारी हो चुकी है एवं किन-किन पदों की स्वीकृति जारी होना शेष है? (ग) जिला निवाड़ी के संयुक्त कार्यालय में कौन-कौन से विभाग संचालित है एवं शेष कितने विभाग प्रश्न दिनांक तक टीकमगढ़ जिले से संचालित हैं? टीकमगढ़ जिले से संचालित शेष विभागों को निवाड़ी जिले में कब तक प्रारम्भ कर दिया जायेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ शासकीय मॉडल स्कूल में संचालित है। जी नहीं भवन को खाली करने हेतु लोक शिक्षण संचालनालय से अर्द्धशासकीय पत्र प्राप्त हुआ था। भवन निर्माण की स्वीकृत की कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जिला निवाड़ी में विभागों के संचालन हेतु समस्त विभागों के पद पूर्ति हेतु प्रस्ताव भेजे गये हैं। उक्त प्रस्ताव विभागों के सेटअप अनुसार पदों की पूर्ति हेतु भेजे गए हैं। इनमें से 11 विभागों की पद स्वीकृति शासन स्तर से जारी हो चुकी है एवं 29 विभागों के पदों की स्वीकृति जारी होना शेष है। उक्त विभागों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जिला निवाड़ी के संयुक्त कार्यालय में 11 विभाग संचालित है एवं 29 विभागों के द्वारा टीकमगढ़ जिले से ही निवाड़ी जिले का कार्य संचालित किया जा रहा है। उक्त विभागों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र की स्थापना
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
76. ( क्र. 689 ) श्री अनिल जैन : क्या सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निवाड़ी जिले में जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र के अंतर्गत औद्योगिक क्षेत्रों में किन-किन कम्पनियों, संस्थानों, फर्मों एवं व्यक्तियों को वर्तमान में कितनी-कितनी भूमि आवंटित है? यह भूमि कब किस कार्य हेतु आवंटित की गई थी? औद्योगिक क्षेत्रवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जिस-जिस कार्य के लिये अनुबंध कर भूमि/शेड आवंटित किये गये थे, वहां पर प्रश्न दिनांक की स्थिति में क्या कार्य किया जा रहा है? कौन-कौन सी इकाइयां चालू हैं? कौन-कौन सी बंद या निर्माणाधीन हैं? (ग) क्या विगत 10 वर्षों में निवाड़ी जिले में नवीन औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने हेतु भूमि का चयन किया गया था? यदि हाँ, तो किस-किस ग्राम में कौन-कौन से खसरा नम्बर में कितनी-कितनी भूमि का चयन कर जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र के लिये आरक्षित की गई थी? इनमें से किन-किन स्थानों पर कौन-कौन से उद्योग/व्यापार/अन्य कार्य हेतु आवंटित की गई है? (घ) क्या यदि औद्योगिक क्षेत्रों में स्थित भू-खण्डों के आवंटन के उपरान्त यदि निर्धारित समय-सीमा में कम्पनियों, संस्थानों, फर्मों एवं व्यक्तियों के द्वारा इकाइयां स्थापित नहीं की जाती है तो उक्त कम्पनियों, संस्थानों, फर्मों एवं व्यक्तियों के आवंटित भूखण्डों को निरस्त करने की कार्यवाही की जाती है? यदि हाँ तो प्रश्न दिनांक तक कितने भूखण्ड निरस्त किये गये हैं? बताया जावे। यदि नहीं तो कारण सहित बतावें।
सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) से (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ग) जी हाँ। नवीन औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने हेतु ग्राम असाटी जंगल, देवेन्द्रपुरा एवं निवाड़ी-भाटा में भूमि का चयन किया गया था। खसरा क्रमांक एवं भूमि के क्षेत्रफल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। उक्त औद्योगिक क्षेत्रों में विकास कार्य पूर्ण नहीं होने से किसी उद्योग को भूमि आवंटित नहीं की गई है। (घ) जी हाँ। 4 इकाइयों के प्रकरण निरस्त किये गए है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है।
प्रोटोकॉल का उल्लंघन
[सामान्य प्रशासन]
77. ( क्र. 700 ) श्री बाला बच्चन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कारण है कि दि. 27-11-2020 को बड़वानी जिले के राजपुर वि.स. क्षेत्र के ग्राम ऊँची में मा. मुख्यमंत्री जी के कार्यक्रम में प्रश्नकर्ता को व जिले के अन्य विधायकों तथा जिला पंचायत अध्यक्ष बड़वानी को आमंत्रित नहीं किया गया? (ख) उपरोक्तानुसार लोकार्पण व शिलान्यास पत्थर पर प्रश्नकर्ता व जिले के अन्य विधायकों/जिला पंचायत अध्यक्ष का नाम न अंकित करने का कारण भी स्पष्ट करें। क्या आदिवासी वर्ग के विधायकों तथा जिला पंचायत अध्यक्ष बड़वानी को आमंत्रित न करने का निर्णय मा. मुख्यमंत्री कार्यालय या शासन स्तर से लिया गया? यदि नहीं तो ऐसा निर्णय लेने वाले अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देवें। (ग) प्रोटोकॉल उल्लंघन से इस प्रकरण में कब तक कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं तो क्यों? (घ) प्रोटोकॉल उल्लंघन के ऐसे प्रकरणों पर कार्यवाही के नियम/आदेश की प्रमाणित जानकारी देवें। इस अनुसार कब तक कार्यवाही होगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) माननीय मुख्यमंत्री, मध्यप्रदेश शासन का ग्राम ऊंची तहसील राजपुर में दिनांक 27/11/2020 को आयोजित कार्यक्रम जनजाति विभाग की ओर से आयोजित किया गया था। सहायक आयुक्त, जनजाति विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार उनके द्वारा कोई आमंत्रण कार्ड नहीं छपवाये गये हैं। जिले के सभी जनप्रतिनिधियों को मौखिक रूप से आमंत्रित किया गया था। (ख) नाम अंकित किये गये हैं। फोटो की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
धरोहर राशि का भुगतान
[लोक सेवा प्रबन्धन]
78. ( क्र. 712 ) श्री सुनील सराफ : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कारण है कि उज्जैन जिले में लोक सेवा केन्द्रों को नवंबर 2017 से प्रश्न दिनांक तक V.G.F. का भुगतान नहीं किया गया है जबकि शासन द्वारा समय-समय पर यह राशि उज्जैन जिले के लिये जारी की जाती रही है? नवंबर 2017 से प्रश्न दिनांक तक उज्जैन जिले को दी गई V.G.F. राशि की जानकारी दिनांक सहित वर्षवार देवें। (ख) जिन संचालकों की टेंडर अवधि समाप्त हुये 9 माह से अधिक हो गया है उनकी धरोहर राशि वापस क्यों नहीं की जा रही? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के संदर्भ में शासन से हुये समस्त पत्राचार की प्रमाणित प्रति देवें। उपरोक्तानुसार राशियां कब तक प्रदान कर दी जाएंगी? (घ) क्या जिला प्रबंधक सुमित शर्मा के निजी हित पूरे न होने के कारण उन्होंने प्रश्नांश (क) व (ख) अनुसार भुगतान अटका रखा है? यदि हाँ तो इस कदाचार के लिये इनकी सेवाएं कब तक समाप्त कर दी जाएंगी या इन्हें दंडित किया जाएगा?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" एवं "ब" अनुसार है। (ख) संचालक, लोक सेवा केन्द्र उज्जैन शहरी, बड़नगर, महिदपुर एवं उज्जैन ग्रामीण को धरोहर राशि का भुगतान किया जा चुका है। शेष लोक सेवा केन्द्र खाचरोद, नागदा एवं घट्टिया को Agreement की कण्डिका 9. Performance Security-9.2 The Performance Security shall be released by the Secretary to the Operator after upon satisfactory complition of the agreement के अनुसार VGF की जानकारी प्रस्तुत न किये जाने के कारण धरोहर राशि स्थगित की गई है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "स" अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रवासी श्रमिकों की वापसी पर व्यय
[राजस्व]
79. ( क्र. 713 ) श्री सुनील सराफ : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोरोना महामारी के दौरान श्रमिकों को लाने के लिए शासन ने कितनी बसें लगाई गई थी? कुल संख्या बतायें। (ख) अब तक कितना भुगतान किया जा चुका है, कितना लंबित है? (ग) रेल्वे को कितना भुगतान किया गया?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) कोरोना महामारी के दौरान श्रमिकों के परिवहन हेतु लगभग 29 हजार बस लगाई गई थी। (ख) प्रवासी श्रमिकों के परिवहन पर राशि लगभग 75.00 करोड रूपये (पिचहत्तर करोड रूपये मात्र) का भुगतान किया गया है तथा लगभग राशि 2.80 करोड रूपये (दो करोड अस्सी लाख रूपये मात्र) का भुगतान लंबित है। (ग) रेल्वे को लगभग 7.00 करोड रूपये (सात करोड रूपये मात्र) राशि का भुगतान किया गया है।
जय किसान फसल ऋण माफी योजना
[सहकारिता]
80. ( क्र. 724 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगोन जिले में जय किसान फसल ऋण माफी योजना अंतर्गत जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के द्वारा केवल खरगोन विधानसभा के कृषकों का ऋण माफ नहीं किया गया है एवं जिले में अन्य विधानसभा क्षेत्रों के कृषकों का ऋण माफ कर दिया गया है, यदि ऐसा हुआ तो क्यों? (ख) उक्त परिप्रेक्ष्य में योजना के द्वितीय चरण में खरगोन जिले कि जिन विधान सभाओं के कृषकों की ऋण माफी की गई, क्या शासन से उनका आवंटन प्राप्त हुआ था? विधान सभावार जानकारी देवें। (ग) खरगोन जिले में योजना अंतर्गत द्वितीय चरण में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक को शासन से सभी विधानसभाओं के लिए ऋण माफी हेतु आवंटन प्राप्त हुआ था या नहीं हुआ था यदि सभी विधानसभाओं हेतु आवंटन प्राप्त नहीं हुआ था तो उन विधानसभा में ऋण माफी किस आधार पर की गई एवं खरगोन विधानसभा के कृषकों की ऋण माफी क्यों नहीं की गई? इसके लिए कौन दोषी है? शासन दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई करेगी? यदि हाँ तो कब और नहीं तो क्यों? (घ) उक्त योजना अंतर्गत द्वितीय चरण में खरगोन विधानसभा के शेष ने किसानों की ऋण माफी जिला सहकारी केंद्रीय बैंक खरगोन द्वारा कब तक की जाएगी और नहीं की जाएगी तो क्यों?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग से निर्देश प्राप्त होने पर की जायेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जल जीवन मिशन योजना का उन्नतिकरण
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
81. ( क्र. 729 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले में प्रधानमंत्री जल जीवन मिशन अंतर्गत नल-जल प्रदाय योजनाओं का उन्नतिकरण के तहत कितनी-कितनी योजनायें तैयार कर तकनीकी एवं प्रशासनिक स्वीकृति हेतु प्रस्तुत की गई? जानकारी योजनावार, विकासखंडवार, विधानसभावार देवें। (ख) यदि प्रश्नाश (क) हाँ तो किस-किस विधानसभा क्षेत्र की कितनी प्राप्त योजनायें प्रश्न दिनांक तक स्वीकृति हेतु लंबित है? शेष योजनाओं को स्वीकृत कर योजनाओं का क्रियान्वयन कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है, निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
हैंडपंपों में लोहे के पाइप के स्थान में पी.बी.सी पाइप का उपयोग
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
82. ( क्र. 730 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिला में भूमिगत पानी में लोहा एवं चूने की मात्रा जल में अधिक होने के कारण हैंडपंपों में लोहे के पाइप एक साल के अंदर ही जंग लगने के कारण खराब होने लगते है और तीन से चार साल के अंदर उन हैडपंपो के पाईपों को बदलना पड़ता है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो क्या लोहे के पाइप की जगह पी.बी.सी (प्लास्टिक) के पाइप लगाने की योजना शासन स्तर पर क्रियान्वयन हेतु प्रक्रियाधीन है? यदि हाँ तो जिला एवं प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र को कब तक पी.बी.सी पाइप उपलब्ध कराये जायेंगे? यदि नहीं तो लोहे के पाइप लगाकर शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाने वाले प्रदायकर्ता और कौन-कौन अधिकारी दोषी है? दोषियों के ऊपर क्या कार्यवाही कब तक की जायेगी? यदि नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भगवंत सागर तालाब में मछली पालन
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
83. ( क्र. 732 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खण्डवा जिले के भगवंत सागर तालाब में मत्स्य पालन का प्रतिवर्ष ठेका दिया जाता है? यदि हाँ तो विगत 3 वर्षों में किस व्यक्ति अथवा संस्था को कितनी-कितनी राशि पर दिया गया? (ख) क्या इस जलाशय में कागजों पर साधारण मछली पालन दिखाया जाकर वास्तव में समुद्री मछली (बड़े झींगे) का उत्पादन अवैध रूप से कराया जाकर लाखों रूपयो की अवैध कमाई की जा रही है? (ग) क्या जिला मत्स्य पालन अधिकारी का पद रिक्त होने से प्रभारी मत्स्य पालन अधिकारी के सरंक्षण में होने वाले मछली के अवैध पालन एवं व्यवसाय से विभाग को लाखों रूपयों के राजस्व की हानि हो रही है? (घ) यदि हाँ तो प्रभारी मत्स्य पालन अधिकारी की विवादास्पद कार्यप्रणाली के कारण स्थानीय मछुआरों में उत्पन्न रोष को दूर करने के लिए उच्च स्तरीय जांच कराई जाकर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ तो कब तक? (ङ) क्या जांच में दोषी पाए जाने पर संबंधित अधिकारी को निलंबित कर उनसे शासन को हुई लाखों रु. की राजस्व हानि की वसूली की जाएगी? यदि हाँ तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। शेष का प्रश्न ही नहीं उपस्थित होता। (ख) जी नहीं। (ग) जिला अधिकारी का पद रिक्त नहीं है और न ही किसी प्रकार की राजस्व हानि हो रही है। (घ) जी नहीं। विवादास्पद कार्यप्रणाली की शिकायत प्राप्त न होने से उच्च स्तरीय जांच एवं अनुशासनात्मक कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ड.) प्रश्नांश (घ) अनुसार।
मंत्री परिषद् द्वारा जिला बनाने हेतु किए गए प्रस्ताव
[राजस्व]
84. ( क्र. 735 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा बागली को जिला बनाने की घोषणा की गयी है? यदि हाँ तो जिला बनाने हेतु क्या कार्यवाही की गई है? बागली नगर की जनसंख्या कितनी है? (ख) सन् 2004 से 30 नवंबर 2020 तक मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई मंत्री परिषद् की विभिन्न बैठकों में कौन-कौन से स्थानों को जिला बनाने का प्रस्ताव पास किया गया है? प्रस्ताव क्रं., प्रस्ताव का विवरण, पृथक-पृथक दिनांकवार, वर्षवार विवरण दें। (ग) मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के दिनांक 26/11/2020 को नागदा आगमन पर विभिन्न द्वारा क्या-क्या ज्ञापन व मांग-पत्र सौंपे गये हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। बागली नगर की जनसंख्या 10311 है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रधानमंत्री/मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि योजनाओं का लाभ
[राजस्व]
85. ( क्र. 737 ) श्री राकेश गिरि : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले में प्रधानमंत्री/मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि योजनाएं लागू हैं? यदि हाँ तो जिले की टीकमगढ़ एवं बड़ागांव धसान तहसीलों में उक्त योजनाओं में पात्र किसानों की संख्या बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार पात्र किसानों में से कितने किसानों के खातों में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि प्रदाय की गई है, कितने किसानों को सम्मान निधि दी जाना शेष है? संख्या बतायें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार शेष किसानों के खातों में राशि प्रदाय न करने के क्या कारण हैं? मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि प्रदाय करने हेतु कितने किसानों का सत्यापन शेष हैं? संख्या बतायें। इसके लिए कौन दोषी है? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार शेष किसानों के खातों में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि कब तक भेजी जायेगी एवं मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि का सत्यापन कार्य कब तक पूरा कर लिया जायेगा? विलंबकर्ता व दोषियों के विरुद्ध कब तक और क्या कार्यवाही की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जिला टीकमगढ़ तहसील टीकमगढ़ एवं बड़ागांव धसान में दिनांक 16/12/2020 की स्थिति में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि एवं मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना हेतु चिन्हित पात्र किसानों की संख्या 31694 है। (ख) जिला टीकमगढ़ तहसील टीकमगढ़ एवं बड़ागांव धसान में दिनांक 16/12/2020 की स्थिति में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत 31694 पात्र हितग्राहियों को भुगतान किया जा रहा है। शेष किसानों की संख्या परिवर्तनशील होने के कारण शेष संख्या बताया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। दिनांक 16/12/2020 की स्थिति में मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के तहत जिला टीकमगढ़ तहसील टीकमगढ़ में 2723, तहसील बड़ागांव धसान में 1557 किसानों के सत्यापन की कार्यवाही शेष है, जो लगातार जारी है। वर्तमान परिस्थिति में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) पी.एम. किसान पोर्टल चिन्हित पात्र किसानों को प्रत्येक 04 माह में राशि 2000/- लगातार प्रदाय की जाती है। मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के तहत सत्यापन की कार्यवाही सतत् जारी है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शिकायत की जांच
[उच्च शिक्षा]
86. ( क्र. 742 ) श्री संजय उइके : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्त्ता के पत्र क्रमांक/1733/2019-20 दिनांक 03/12/2019 में उल्लेखित शिकायत की जांच हेतु विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी उच्च शिक्षा, म.प्र. शासन के पत्र क्रमांक/983/36/भोपाल दिनांक, 03/07/2020 के अनुसार जांच हेतु आदेशित किया गया था? (ख) यदि हाँ तो जांचकर्त्ता अधिकारी का नाम, पदनाम, जांच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या जांचकर्त्ता अधिकारी के द्वारा वित्तीय अनियमितता/गबन पाया गया है? हाँ तो दोषी अधिकारी के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) डॉ. सरिता कोल्हेकर, प्रभारी प्राचार्य, शासकीय एस.एस.पी. महाविद्यालय वारासिवनी, जिला बालाघाट। जांच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। प्रकरण में वित्तीय अनियमितता होने के कारण दोषी अधिकारी के विरूद्ध नियमानुसार (मध्यप्रदेश सिविल सेवा - वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 में दिये गये प्रावधान के तहत विभागीय जांच संस्थित किए जाने की कार्यवाही प्रकियाधीन है।
गौ माता पर लगाया जाने वाला कर
[पशुपालन]
87. ( क्र. 750 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकार गाय पर कर लगाने जा रही है? अगर लगा रही है तो क्यों? क्या इससे पूर्व कभी गौ माता के लिए किसी सरकार ने कर लगाया है? (ख) अगर गाय के ऊपर कर लगाया जा रहा है, तो कितना और यह पैसा कहॉ खर्च होगा?
शुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। मध्यप्रदेश सरकार ने गौ माता के लिए कोई कर नहीं लगाया है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भू-अभिलेख के संदर्भ में
[राजस्व]
88. ( क्र. 754 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल मेन स्टेशन के सामने खसरा नं.675/1/2 श्री जितेन्द्र कुमार डागा के परिवार के नाम से भू-अभिलेख में दर्ज है जिसकी एन.ओ.सी./नामांतरण/100 साल का एडवांस प्रापर्टी टैक्स एवं 68 साल से कब्जा होने के बावजूद किस आधार पर इनको जमीन से बेदखल किया जा रहा है? क्या इनको जमीन का मुआवजा पूर्व में दिया गया है? यदि नहीं तो किस आधार पर कार्यवाही की जा रही है? . (ख) संबंधित को पूर्व में रोड में गई जमीन के बदले में जमीन देने के संबंध में कार्यवाही प्रचलित थी, उस पर आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों? (ग) किस आधार पर प्रशासन द्वारा जमीन को सरकारी घोषित कर दिया गया है जबकि राजस्व विभाग के पास भोपाल की जमीनों के मर्जर दस्तावेज भी उपलब्ध नहीं है जब प्रशासन को ही नहीं मालूम कि शासकीय जमीन कौन सी है एवं व्यक्तिगत कौन सी, जब कागज ही नहीं हैं तो जमीनों के फैसले किस आधार पर होते हैं? यदि दस्तावेज उपलब्ध हैं तो पटल पर प्रस्तुत करें। (घ) मेसर्स प्रदीप अग्रवाल कुनाल अग्रवाल द्वारा मर्जर की शासकीय भूमि सेवनियां गौड एवं लीज की सरकारी भूमि की हेराफेरी कर इनके व्यक्तियों के नाम नामांतरण एन.ओ.सी. रजिस्ट्री कराकर हेराफेरी की गई है एवं की जा रही है। नजूल अधिकारी टी.टी.नगर को पत्र क्र.एमएलए/डीपीबी/321 दिनांक 09.11.2020 को दिया गया उस पर आज दिनांक तक क्या कार्यवाही हुई? यदि नहीं तो अधिकारी द्वारा कार्यवाही क्यों नहीं की गई। (ड.) सेवनियां गौड़ की मर्जर भूमि पर किन-किन लोगों द्वारा निर्माण किया जा रहा है, सूची उपलब्ध करायें। (च) सेवनियां गौड़ में मर्जर की भूमि पर टी. एण्ड सी.पी. की एन.ओ.सी. नामांतरण/बटान की कार्यवाही अधिकारियों की निगरानी में क्या की जा रही है? लिप्त अधिकारियों पर दण्डात्मक कार्यवाही कब तक की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) भोपाल मेन स्टेशन के सामने खसरा नम्बर 675/1/2 रकवा 0.069 हेक्टर भूमि निशि डागा पति जितेन्द्र डागा के नाम से राजस्व अभिलेख में दर्ज है। नगर निगम के रिकार्ड अनुसार सम्पत्तिकर खाता क्रमांक 18/305 पर श्री मिश्रीलाल डागा आत्मज तेजमल डागा के नाम पर सम्पत्तिकर 2908 वर्गफिट पर जमा किया गया है। सम्पत्तिकर में नामांतरण जितेन्द्र डागा आत्मज श्री मिश्रीलाल डागा के नाम पर नामांतरण किया गया है। उक्त प्रकरण में सम्पत्तिकर की अधिक राशि 1,31,143/- को वर्ष 19-20 से आगामी वर्ष तक के लिए समायोजन किया जा रहा है। तत्कालीन अपर आयुक्त राजस्व के द्वारा दिनांक 05.11.2018 के अनुसार श्री डागा की आपत्ति के आधार पर समायोजन अगामी वर्ष तक के लिए किये जाने की स्वीकृति दी गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। सम्पत्तिकर 100 वर्ष के लिए एडवांस जमा करने का कोई प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) संबंधित श्री जितेन्द्र कुमार डागा की शहर भोपाल का कुल रकवा 4688 वर्गफुट जमीन के बदले में अनुविभागीय अधिकारी शहर वृत्त भोपाल में प्रकरण क्रमांक 90/बी-121/17-18 दर्ज किया गया था। आवेदक श्री जितेन्द्र कुमार डागा द्वारा भूमि ग्राम बावड़िया कलां खसरा नबंर 356/1 या 427/1/1 चाही गई थी इस कारण से अनुविभागीय अधिकारी शहर द्वारा उक्त प्रकरण को अनुविभागीय अधिकारी टी.टी.नगर के द्वारा कार्यवाही कर दिनांक 13.07.2018 को भेजा गया था। अनुविभागीय अधिकारी टी.टी.नगर के द्वारा कार्यवाही कर दिनांक 06.09.2018 को प्रभारी अधिकारी भू-अर्जन शाखा को प्रकरण भेजा गया। भू-अर्जन शाखा से प्रकरण पुनः पूर्तियों हेतु वापस अनुविभागीय अधिकारी टी.टी.नगर वृत्त को दिनांक 19.09.2018 को भेजा गया। अनुविभागीय अधिकारी टी.टी.नगर ने तहसीलदार टी.टी.नगर को पूर्तियों के लिए भेजा गया। तहसीलदार टी.टी. नगर के द्वारा ग्राम बावड़िया कलां नवीन तहसील कोलार में आने से प्रकरण दिनांक 25.01.2019 को तहसील कोलार को प्रेषित किया गया। तहसील कोलार में पूर्तियों की कार्यवाही के दौरान दिनांक 10.12.2020 आवेदक श्री जितेन्द्र डागा द्वारा आवेदन प्रस्तुत किया गया कि वह ग्राम बावड़िया कलां की भूमि खसरा नंबर 356/1 या 427/1/1 रकवा क्रमशः 0594 हेक्टर एवं 0.704 हेक्टर नहीं चाहते है। उसके स्थान पर अब ग्राम मेंडोरा तहसील हुजूर की भूमि खसरा क्रमांक 204 रकवा 4.800 हेक्टर भूमि का विनिमय किया जावे। आवेदक के उपरोक्त कारणों से उक्त प्रकरण को आवश्यक कार्यवाही हेतु अनुविभागीय अधिकारी कोलार द्वारा अनुविभागीय अधिकारी हुजूर को दिनांक 18.12.2020 को आवश्यक कार्यवाही हेतु भेजा गया। म.प्र. नजूल भूमि निर्वतन निर्देश 2020 के अध्याय-9 कण्डिका-144 में प्रावधानित हैं कि विनिमय के प्रकरण पर विचार तभी किया जायेगा जब संबंधित विभाग द्वारा यह प्रमाणित किया जाए कि योजना/परियोजना हेतु भू-अर्जन किए जाने के लिए राशि का प्रावधान नहीं है तथा निजि भूमि के बिना योजना का क्रियान्वयन संभव नहीं है। आवेदन प्राप्त होने पर कलेक्टर प्रकरण जांच हेतु नजूल अधिकारी को भेजेगा। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता है। (घ) ग्राम सेवनियां गौड़ स्थित शासकीय भूमि खसरा क्रमांक 104 रकवा 8.053 हेक्टर आर.एम. गोकलदास आ. मथरा को लीज पर दी गई थी, जो आज भी इन्हीं के नाम पर है। किसी प्रकार का नामांतरण या हेरा-फेरी नहीं की गई है। (ड.) म.प्र. शासन राजस्व विभाग के ज्ञाप क्रमांक एफ-06/16/2018/सात/नजूल दिनांक 19.9.2018 न्यायालय कलेक्टर भोपाल के पत्र क्रमांक 619/री-कलेक्टर/2018 दिनांक 11.05.2018 एवं माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के प्रकरण क्रमांक डब्लू.पी.नम्बर 6054/2001 के कम्पलायंस में प्रमुख सचिव म.प्र.शासन राजस्व विभाग (श्रीमती माला श्रीवास्तव) द्वारा जो रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है, उसकी कंडिका 4.6 (ब) 7.1 एवं 8 के अनुसार वर्ष 1959 में ग्राम सेवनियां गौड़ की प्रश्नाधीन खसरा नम्बर सहित कुल किता 43 रकवा 184.50 एकड़ भूमि नवाबजादा अमीनुल मुल्क रशीदुल जफर खान साहब बहादुर पुत्र अबेदुल्ला खान (नवाब के बड़े भाई) के नाम दर्ज थी। इससे स्पष्ट है कि ग्राम सेवनियां गौड की भूमि तत्समय नवाब के नाम पर दर्ज नहीं थी। धारकों द्वारा अपनी-अपनी भूमि पर निर्माण कार्य किया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (च) प्रश्नांश (ड़) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
चेटीखेड़ा डेम की जानकारी
[जल संसाधन]
89. ( क्र. 761 ) श्री
सीताराम : क्या
मुख्यमंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) विजयपुर
विधानसभा
क्षेत्र क्र. 2 में चेटीखेड़ा
डेम के लिये
प्रश्नकर्ता
द्वारा कई बार
पत्र लिखा जा
चुका है,
अभी
तक चेटीखेड़ा
डेम का शासन द्वारा
कोई प्रस्ताव
पास नहीं किया
गया है? महोदय
यह बतायें कि चेटीखेड़ा
डेम की मंजूरी
कब तक मिलेगी
या नहीं?
कब
तक प्रस्ताव
पास किया
जायेगा?
(ख)
इस
प्रकार से
छोटे डेम भी
हैं, जिनसे
किसानों की
परेशानी दूर
हो सकती है जैसे कि
लोढ़ी डेम
कदवार नवीन
डेम, गोरस
झुमकीकलां
देहरदा डेम, कंकरदा
डेम, कर्राई
डेम की स्वीकृति
दी जाये।
मुख्यमंत्री
( श्री शिवराज
सिंह चौहान ) : (क) चेटीखेड़ा
बांध की डी.पी.आर.
अभी अंतिम
नहीं होने से
शेष
प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होता है। (ख) प्रश्नांश
में उल्लेखित
परियोजनाओं
की जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है।
नवीन
परियोजनाओं
की स्वीकृति
वित्तीय
संसाधनों की
उपलब्धता पर
निर्भर होती
है। वर्तमान
में उपलब्ध
वित्तीय
आवंटन
निर्माणाधीन
एवं
प्रशासकीय स्वीकृति
प्राप्त
परियोजनाओं
के लिए आबद्ध
होने से नवीन
परियोजनाओं
की स्वीकृति
दी जाना संभव
नहीं है।
वक्फ सम्पत्ति की जानकारी
[राजस्व]
90. ( क्र. 771 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. में भू-अभिलेखों के कम्प्यूटरीकरण में राजस्व रिकार्ड जैसे खसरा आदि में वक्फ सम्पत्ति अहस्तांतरणीय के स्थान पर म.प्र. शासन तथा अन्य भू-स्वामियों के नाम दर्ज हो गये हैं? (ख) क्या इसमें संशोधन हेतु मंत्रालय में आयोजित दिनांक 28/01/2020 की बैठक में हुये निर्णय अनुसार सुधार हेतु वक्फ बोर्ड द्वारा रिकार्ड राजस्व विभाग को सौंपा जा चुका है? (ग) यदि हाँ, तो प्रदेश में कुल कितनी प्रविष्टियों में यह त्रुटियां पाई गई हैं? शासन द्वारा इस दिशा में क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों? कार्यवाही में विलम्ब के लिये कौन-कौन दोषी है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। (ख) बैठक दिनांक 28.01.2020 का कार्यवाही विवरण राजस्व विभाग को प्राप्त नहीं हुआ है। वक्फ बोर्ड द्वारा त्रुटि सुधार हेतु प्रस्तुत आवेदनों की प्रतिलिपियां राजस्व विभाग में जमा कराई गई थी, जिन पर संबंधित जिलों में विधिनुसार कार्यवाही की जा सकेगी। (ग) भू-अभिलेखों में त्रुटि सुधार हेतु म.प्र. राजस्व संहिता की धारा 115 के तहत कार्यवाही की जाती है। न्यायालयीन कार्यवाही होने के कारण समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नवीन शासकीय महाविद्यालयों की वित्तीय एवं प्रशासकीय स्वीकृति
[उच्च शिक्षा]
91. ( क्र. 778 ) श्री संजय यादव : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2019-20 के बजट के मांग संख्या लेखा शीर्ष 2202 की मद क्रमांक 2 में रू. 3,0139200/- में प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र के चरगवां एवं शहपुरा में शासकीय महाविद्यालय खोलने का प्रस्ताव शामिल किया गया था? यदि हाँ तो अभी तक प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति जारी नहीं करने के लिये कौन उत्तरदायी है? (ख) विभाग कब तक चरगवां एवं शहपुरा में शासकीय महाविद्यालय खोले की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति जारी करेगा? यदि नहीं तो कारण देवें। विभाग द्वारा आज तक उक्त संबंधी की गई कार्यवाही की जानकारी उपलब्ध करायें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। निर्धारित मापदण्डों की पूर्ति नहीं होने के कारण चरगवां एवं शहपुरा में नवीन शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ करना संभव नहीं है।
पायली प्रोजेक्ट में हो रही अनियमितताओं की जांच
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
92. ( क्र. 779 ) श्री संजय यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बरगी विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत जल निगम द्वारा पायली प्रोजेक्ट में पाइप लाइन बिछाने में कहीं-कहीं पाइप की गुणवत्ता बहुत ही खराब है तथा मापदण्ड अनुरूप पाइप नहीं डाले जा रहे हैं? क्या अनेकों ग्राम-पंचायतों एवं ग्रामों में पाइप लाइन बिछाने हेतु पूर्व से निर्मित अच्छी गुणवत्ता की सड़क/रोड को खोदा जा रहा है किन्तु कंपनी द्वारा पुनर्निर्माण नहीं किया जा रहा है? यदि हाँ तो जांच कर कार्यवाही की जाये? यदि नहीं तो प्रमाण देवें। (ख) उक्त पायली प्रोजेक्ट हेतु शासन एवं एल.एण्ड टी. कम्पनी के मध्य हुये अनुबंध की क्या शर्तें हैं? सत्यापित प्रति उपलब्ध करायें। (ग) अभी तक 194 ग्रामों में से कितने ग्रामों का कार्य पूर्ण किया गया है तथा कितने ग्रामों का कार्य शेष है? सूची देवें। पूर्ण किये कार्यों में पाइप की गुणवत्ता आंकलन विभाग द्वारा किस प्रकार से किया गया है? क्या कंपनी द्वारा किये गये सभी कार्य गुणवत्ता को पूरा करते हैं? यदि हाँ तो क्षेत्रीय ग्राम पंचायतों/ग्रामों के निवासियों के द्वारा की गई शिकायतें क्या तथ्यहीन हैं? यदि नहीं तो उक्त प्रोजेक्ट में की गई अनियमितताओं के लिये कौन-कौन दोषी है? अभी तक विभाग द्वारा किन-किन दोषियों पर कार्यवाही की गई है? प्रोजेक्ट के कार्यों से ग्रामीण क्षेत्रों की क्षतिग्रस्त/खराब हुई सड़कों/रोड का निर्माण कार्य कौन-कौन और कब तक करेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। जी नहीं। प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) बरगी विधानसभा के 187 ग्राम योजना में सम्मिलित हैं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। तृतीय पक्ष, विशेषज्ञ एजेन्सी से परीक्षण कराकर। जी हाँ। जी हाँ। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत, पाइप लाइनों की टेस्टिंग उपरांत, ठेकेदार द्वारा की जायेगी।
मुख्यमंत्री की घोषणा का क्रियान्वयन
[सामान्य प्रशासन]
93. ( क्र. 788 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी एवं सिंगरौली जिले के अंतर्गत जनदर्शन कार्यक्रम के अंतर्गत वर्ष 2017-18 में माननीय मुख्यमंत्री जी के द्वारा कितनी घोषणायें की गई थीं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में माननीय मुख्यमंत्री जी के द्वारा पुलिस चौकी मड़वास एवं पुलिस चौकी निवास का उन्नयन कर थाना का दर्जा दिये जाने, उप तहसील मड़वास को तहसील का दर्जा एवं कॉलेज ग्राउण्ड मझौली में स्टेडियम का निर्माण किया जाना घोषणा में शामिल है? यदि हाँ तो जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा का क्रियान्वयन कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में मड़वास, टिकरी एवं गिजवार के लिये महाविद्यालय की स्वीकृति के संबंध में घोषणा की गई थी? यदि हाँ तो माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा का क्रियान्वयन कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रश्नांश अवधि में माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा सीधी एवं सिंगरौली जिले में 18 घोषणाएं की गई हैं। (ख) मान. मुख्यमंत्री जी द्वारा प्रश्नांश अवधि में पुलिस चौकी मडवास को पुलिस थाना में उन्नयन करने की घोषणा की गई है। पुलिस चौकी निवास का उन्नयन एवं उप तहसील मडवास को तहसील का दर्जा और कालेज ग्राउण्ड मझौली में स्टेडियम के निर्माण घोषणा में शामिल नहीं है। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में घोषणाओं के क्रियान्वयन निहित प्रावधान/प्रक्रियाओं के तहत किया जाता है। यह एक सतत् प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना सम्भव नहीं है। (घ) जी नहीं, प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निर्माण कार्य की जांच
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
94. ( क्र. 789 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले के अंतर्गत बनास नदी आधारित समूह नल-जल योजना मझौली की स्वीकृति कब प्रदान की गई थी तथा आज दिनांक तक इस मद में कुल कितनी राशि व्यय की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उपरोक्त नल-जल योजना कब तक पूर्ण कर लेनी थी? समूह नल-जल योजना आज दिनांक तक पूर्ण क्यों नहीं की गई? यदि नहीं की गई तो इसके क्या करण हैं? (ग) क्या प्रश्नांश (क) के संदर्भ में समूह नल-जल योजना के निर्माण में घटिया निर्माण की शिकायतें प्राप्त हुई हैं? क्या गुणवत्ताविहीन निर्माण कार्य की जांच कराकर गुणवत्तायुक्त निर्माण कार्य, पाइप लाइन एवं नल कनेक्शन का कार्य कराया जायेगा? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में नल-जल योजना से सभी टोले-मोहल्ले के साथ सभी घरों में नल कनेक्शन के माध्यम से आम जनता को कब तक शुद्ध पेयजल उपलब्ध करा दिया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) दिनांक 19.07.2013। प्रश्न दिनांक तक रूपये 57.40 करोड़। (ख) दिनांक 31.01.2016। योजना में प्रस्तावित कार्य सोन घड़ियाल वन्य प्राणी अभयारण्य एवं संजय दूबरी टाईगर रिजर्व अंतर्गत होने के फलस्वरूप कार्यों की अनुमति विलम्ब से प्राप्त होने के कारण कार्य में विलम्ब हुआ है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
चिनकी उद्वहन योजना
[नर्मदा घाटी विकास]
95. ( क्र. 795 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रं. जे.एस.पी./एन.एस.पी./7210 दिनांक 09.11.2020 चिनकी बांध जिला नरसिंहपुर को निरस्त करने के संबंध में प्रेषित किया गया था? यदि हाँ तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) कांग्रेस सरकार के शासन काल में चिनकी बहुउद्देशीय परियोजना नर्मदा नदी पर बांध निर्माण के लिए क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या उक्त पत्र द्वारा चिनकी बांध को निरस्त कर उद्वहन परियोजना लागू करने हेतु निवेदन किया गया था? यदि हाँ तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) भाजपा सरकार के शासनकाल में चिनकी उद्वहन योजना को अमलीजामा पहनाने हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। बांध बनाने का कार्य निरस्त कर नर्मदा नदी पर चिनकी बैराज एवं बौरास बैराज का निर्माण प्रस्तावित किया गया है। शक्कर-पेंच लिंक संयुक्त परियोजना हेतु प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 05.02.2020 को जारी की गई है। (ख) बांध निर्माण के स्थान पर दो बैराज निर्माण एवं उद्वहन द्वारा सिंचाई हेतु दिनांक 05.02.2020 को प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है। (ग) उत्तरांश (क) अनुसार। (घ) प्रशासकीय स्वीकृति जारी हो चुकी है। निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
पानी से उत्पन्न बीमारियों की रोकथाम
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
96. ( क्र. 803 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला धार अंतर्गत धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र में ऐसे कितने क्षेत्र एवं पंचायतें हैं जिनमें पानी में फ्लोरईड कि मात्रा कम ज्यादा है? क्षेत्रवार, पंचायतवार जानकारी देवें। (ख) किन-किन क्षेत्रों में जिला प्रशासन द्वारा डी-फ्लोराईडेशन मशीन लगाई गई है और किन क्षेत्रों में लगाई जाना है? पंचायतवार क्षेत्रवार जानकारी देवें। (ग) लंबे समय से इस क्षेत्र में पानी में फ्लोराईड की वजह से गंभीर बीमारियों से क्षेत्रवासी परेशान हैं। प्रशासन द्वारा कब तक पानी को शुद्ध करने की व्यवस्था की जायेगी? (घ) प्रशासन द्वारा अब तक इस समस्या पर कार्यवाही/ध्यान नहीं दिया गया, इसके लिए संबंधित अधिकारी पर क्या कार्यवाही होगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) 87 ग्राम पंचायतें, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी नहीं, फ्लोराईड प्रभावित ग्रामों में शुद्ध पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था की जा चुकी है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश ''ख'' एवं ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सिंचाई योजनाओं की स्वीकृति
[जल संसाधन]
97. ( क्र. 804 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धरमपुरी विधान सभा क्षेत्रांतर्गत कौन-कौन सी सिंचाई योजनाएं वर्ष 2015 से अब तक प्रस्तावित हैं? क्षेत्रवार जानकारी देवें। (ख) विधान सभा क्षेत्र धरमपुरी की कौन सी सिंचाई योजनाओं की डी.पी.आर. तैयार कर स्वीकृति की कार्यवाही की जा रही है? (ग) क्या सिंचाई योजनाओं को इस वित्तीय वर्ष में स्वीकृति प्रदान की जावेगी? यदि हाँ तो कौन सी योजनाओं को स्वीकृति प्रदान की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) धरमपुरी विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2015 से अब तक चिन्हित 03 योजनायें विभागीय मापदण्डों के अनुरूप नहीं होने के कारण असाध्य पायी गयी है। नाहरखोदरा तालाब की डी.पी.आर. उपलब्ध होने पर निर्णय लिया जाना संभव होगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
कर्मचारियों/अधिकारियों हेतु पुरानी पेंशन योजना
[वित्त]
98. ( क्र. 818 ) श्री सुनील उईके : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2005 से भर्ती युवा कर्मचारी, अधिकारियों द्वारा पुरानी पेंशन योजना पुन: लागू करने हेतु लगातार मांग एवं आंदोलन किया जा रहा है? (ख) क्या कर्मचारियों, अधिकारियों के हित में पुरानी पेंशन योजना जो बंद की गई है उसे पुन: चालू करने हेतु राज्य सरकार इस पर पुन: विचार करेगी? अगर विचार कर रही है तो कब तक यह योजना पुन: चालू हो जायेगी? (ग) राज्य शासन में वर्ष 1998 से 2004 तक नियुक्त संविदा एवं शिक्षाकर्मी को पुरानी पेंशन योजना की तो पात्रता है फिर इन्हें सरकार इस पुरानी पेंशन योजना से क्यों वंचित रख रही है? क्या राज्य शासन कर्मचारियों के हित में 2005 से बंद की गई पुरानी पेंशन योजना लागू करने पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्तमान में कोई प्रस्ताव शासन में विचाराधीन नहीं है। (ग) म.प्र.सिविल सेवायें (पेंशन) नियम 1976 के नियम 2 के अनुसार राज्य शासन में संविदा एवं शिक्षाकर्मी को पेंशन नियम लागू नहीं है। अत: पुरानी पेंशन योजना लागू करने पर विचार का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सांसदों/विधायकों के पत्रों पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
99. ( क्र. 819 ) श्री सुनील उईके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय सांसदों/विधायकों के पत्रों पर समय-सीमा में कार्यवाही किये जाने के संबंध में एवं प्राप्त पत्रों की अभिस्वीकृति दिये जाने के संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग के कोई निर्देश हैं? यदि हाँ तो निर्देशों का विवरण और प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) का यदि हाँ तो छिन्दवाड़ा जिले में कलेक्टर छिन्दवाड़ा को 01 मई 2020 से अब तक माननीय सांसदों, स्थानीय विधायकों के कुल कितने पत्र डाक अथवा उनकी शासकीय ई-मेल आई.डी. के माध्यम से प्राप्त हुये हैं? (ii) कलेक्टर छिन्दवाड़ा द्वारा क्या माननीय सांसदों/विधायकों के पत्रों पर सामान्य प्रशासन विभाग के नियमानुसार पत्र प्राप्ति की अभिस्वीकृति प्रदान की गई? यदि हाँ तो प्रति उपलब्ध कराए और यदि नहीं तो क्यों नहीं? (ग) कलेक्टर छिन्दवाड़ा को माननीय सांसदों, विधायकों से 01 मई 2020 से प्राप्त विभिन्न पत्रों पर विषयवार क्या कार्यवाही की गई एवं पत्रों का क्या निराकरण विषयवार किया गया? प्राप्त पत्रों की सूची एवं प्रत्येक पत्र पर क्या कार्यवाही की गई एवं निराकरण की स्थिति से अवगत कराएं। (घ) क्या कलेक्टर कार्यालय द्वारा सामान्य प्रशासन के पत्र क्र. एफ 19-76/2007/1/4 भोपाल, दिनांक 22 मार्च 2011 के बिन्दु क्र. 01 एवं 02 का पालन किया जा रहा है? यदि हाँ तो 01 मई 2020 से अब तक जारी की गई प्रतियां बिन्दु क्र. 02 के अनुसार सांसद/विधायकों से प्राप्त पत्रों के लिये पृथक संधारित पंजी की प्रति एवं बिन्दु क्र.3 के अनुसार पत्रों पर की गई कार्यवाही एवं दिए गए उत्तर की प्रति उपलब्ध करावें। यदि जवाब न है तो कलेक्टर छिन्दवाड़ा द्वारा शासन के नियमों का पालन क्यों नहीं किया जा रहा है? नियमों का पालन न किये जाने पर क्या शासन द्वारा संबंधित अधिकारी के विरूद्ध कोई कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ तो क्या और कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार है। (ख) माननीय सांसद महोदय से 322 पत्र एवं स्थानीय माननीय विधायक महोदय से 141 पत्र प्राप्त हुए हैं। जी हाँ। अभिस्वीकृति की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ख'' अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) माननीय सांसद/विधायकों से 01 मई 2020 से प्राप्त विभिन्न पत्रों पर विषयवार कार्यवाही एवं निराकरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ग'' अनुसार है। (घ) जी हाँ। बिन्दु क्रमांक 02 के अनुसार सांसद/विधायकों से प्राप्त पत्रों की संधारित पंजी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''घ'' एवं बिन्दु क्रमांक 03 के अनुसार कार्यवाही एवं दिये गये उत्तर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ड'' अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बहरी में महाविद्यालय की स्थापना
[उच्च शिक्षा]
100. ( क्र. 829 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले के सिहावल विकासखण्ड अन्तर्गत तहसील बहरी में बच्चों के शिक्षा प्राप्त करने हेतु 30-40 कि.मी. का सफर करना पड़ता है। क्या बहरी में महाविद्यालय खोले जाने की मांग शासन स्तर को भेजी गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में बहरी में महाविद्यालय की स्वीकृत कब तक दी जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। जी हाँ। (ख) समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
गौ अभयारण्य सालरिया में गौवंश की मृत्यु तथा जांच
[पशुपालन]
101. ( क्र. 834 ) श्री विपिन वानखेड़े : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गौ-अभयारण्य, सालरिया में स्थापना से लेकर अब तक, लाये गये गौवंश यहां गर्भधारण करने वाली गायों व जन्म लेने वाले गौवंश की संख्या व जानकारी देवें। क्या अभयारण्य में वृद्ध, बीमार, गंभीर बीमार दुर्बल, कमजोर गौवंश का लाने के पूर्व व पश्चात परीक्षण किया जाता है? यदि हाँ तो विगत 2 वर्ष की परीक्षण रिपोर्ट व उनकी उक्तानुसार संख्या व जानकारी सहित इनकी किस अनुसार देखभाल की जाती है व इन्हें कितना और क्या पोषण-आहार व उपचार दिया जा रहा है? जानकारी देवें। (ख) अभयारण्य में कितने गौवंश की मृत्यु किन कारणों से हुई थी? यह कारण जानने के लिये गठित जांच समितियों की जानकारी व जांच रिपोर्ट क्या है? क्या इन जांचों से गौ-अभयारण्य में ऐसा कार्य होना पाया गया जिससे जीवित अथवा मृत गौवंश को नुकसानी, क्षति कारित हुई हो? यदि हाँ तो क्या कार्यवाही की गई? वर्ष 2017 में अभयारण्य में गायों की मौत के कारणों को देखते हुए गायों की बेहतर देखभाल व उपचार के लिए क्या प्रबंध और उपाय किये गये थे और ऐसे प्रबंध और उपाय करने के उपरांत भी गायों की मौत होने के क्या कारण है? (ग) क्या अभयारण्य में मृत गौवंश की मृत्यु के कारण जानने के लिये उनका पोस्टमार्टम किया जाता है? यदि हाँ तो वर्ष 2017 से अब तक किए गए पोस्ट मार्टम की संख्या देवें। गायों की मृत्यु उपरांत समाधि देने की प्रक्रिया क्या है व कितने गौवंश को अभयारण्य में समाधि दी गई है? जानकारी देवें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) गौ-अभयारण्य, सालरिया में स्थापना से लेकर अब तक, लाए गए गौवंश, यहां गर्भधारण करने वाली गायों व जन्म लेने वाले गौवंश की संख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। जी हाँ। अभयारण्य में लाये गये गौवंश को दो सप्ताह पृथक से रखकर चिकित्सीय दल द्वारा परीक्षण कर बीमार गौवंश का प्राथमिक उपचार किया जाता है। परीक्षण रिपोर्ट का प्रावधान नहीं हैं। समयानुसार टीकाकरण एवं पौष्टिक-आहार, सुदाना, हरा चारा, खनिज मिश्रण, गुड़ और चोकर आवश्यकता अनुसार दिया जाता हैं। प्रतिदिन, लक्षण अनुसार बीमारियों का उपचार, चिकित्सीय दल द्वारा किया जाता हैं। (ख) अभयारण्य में गौवंश की हुई मृत्यु की संख्या एवं कारणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। कलेक्टर, आगर मालवा के द्वारा वर्ष 2017 में जांच समिति गठित की गई थी। जांच प्रतिवेदन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार। गौ-अभयारण्य प्रबंधन में लापरवाही पाए जाने के लिए दोषी अधिकारियों को दण्डित किया गया है। गायों की मृत्यु के कारणों को देखते हुए, गौवंश को सुदाना पशु आहार प्रारंभ किया गया तथा सर्दी में ठंडी हवा से बचाव के लिए सभी गौवंश शेडों की खुली खिड़कियों में लोहे की चद्दरें लगवाई गई। गौवंश की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक उपाय किये गये हैं। गौ-अभयारण्य में सामान्यत: वृध्द, बीमार, कमजोर गौवंश आता है, जो अक्सर पॉलीथिन खाया हुआ भी होता हैं। (ग) जी हाँ। मृत गौवंश की मृत्यु के कारण जानने के लिए उनका पोस्टमार्टम किया जाता है। वर्ष 2017-18 में 227, वर्ष 2018-19 में 453, वर्ष 2019-20 में 671 तथा वर्ष 2020-21 में नवबंर 2020 तक 248 मृत गौवंश का पोस्टमार्टम किया गया। मृत गौवंश की समाधि प्रक्रिया के अंतर्गत खुले मैदान में जे.सी.बी. से गड्ढे कर उसमें चूने की परत व खडा नमक बिछा कर मृत गौवंश की समाधि दी जाती हैं। गायों की मृत्यु उपरांत वर्ष 2017-18 में 227, वर्ष 2018-19 में 453, वर्ष 2019-20 में 671 तथा वर्ष 2020-21 में नवंबर 2020 तक 248 गौवंश को अभयारण्य में समाधि दी गई है।
गौ-अभयारण्य अनुसंधान एवं उत्पादन केन्द्र ग्राम सालरिया की जानकारी
[पशुपालन]
102. ( क्र. 835 ) श्री विपिन वानखेड़े : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गौ-अभयारण्य अनुसंधान एवं उत्पादन केन्द्र, ग्राम सालरिया की स्थापना का मूल उद्देश्य तथा परियोजना क्या है? वर्ष 2017 से नवम्बर 2020 तक गौ-अभयारण्य, सालरिया में गायों से कितना गोबर, गौ-मूत्र, दूध इत्यादि प्राप्त हुआ? गौ-अभयारण्य में वर्ष 2017 से नवम्बर 2020 तक कितनी गायें दूध देने के लिये सक्षम थीं? गौ-वंश से प्राप्त हुए गोबर, गौ-मूत्र, दूध इत्यादि का क्या उपयोग किया गया? यदि गोबर, गौ-मूत्र, दूध का विक्रय किया गया तो किसे, कितनी मात्रा में विक्रित की गई है तथा उससे कितनी राशि प्राप्त हुई व राशि का क्या उपयोग किया गया? (ख) गौ-अभयारण्य सालरिया के लिये कितनी राशि आवंटित की गई? उसकी वर्षवार जानकारी देवें। गौ-अभयारण्य में भूसे, पोषण-आहार, औषधी, दवाईयां, पानी, अभयारण्य के रख-रखाव, गौ-वंश की देखभाल, कल्याण, उपचार आदि सहित अन्य समस्त व्यय जो भी अभयारण्य की स्थापना से लेकर मार्च-2020 तक तथा अप्रैल-2020 से लेकर नवम्बर-2020 तक किये गये हैं, उसकी जानकारी देवें। गौ-अभयारण्य में स्थापना उपरांत से नवम्बर-2020 तक कितना भूसा व पशु आहार क्रय किया गया? अभयारण्य में प्रतिदिन गौ-वंश को कितना-कितना पोषण-आहार, भूसा इत्यादि दिया जाता है? (ग) गौ-अभयारण्य में स्थापना दिनांक के पश्चात से नवम्बर-2020 तक किये गये व्यय का भुगतान किस फर्म, संस्था, व्यक्ति, एजेंसी को किया गया? गौ-अभयारण्य के विभिन्न कार्यों, सेवाओं या अन्य किसी भी आवश्यकता के लिये कब-कब निविदा आमंत्रित की गई? निविदा की प्रक्रिया क्या रही? निविदा में सफल निविदाकार कौन थे? (घ) क्या गौ-अभयारण्य में गायों के गोबर, गौ-मूत्र आदि पर अनुसंधान किया जाना था तथा आयुर्वेदिक उत्पाद बनाने थे? क्या इस अनुसार अनुसंधान तथा उत्पादन हो रहा है? यदि हो रहा है तो अभी तक किये गये अनुसंधानों एवं आयुर्वेदिक उत्पादों की जानकारी देवें। यदि उपरोक्तानुसार अनुसंधान एवं उत्पादन नहीं किया जा रहा है तो उसका क्या कारण है?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) गौ-अभयारण्य अनुसंधान एवं उत्पादन केन्द्र, ग्राम सालरिया की स्थापना का मूल उद्देश्य भारतीय गौवंशीय नस्लों का संवर्धन संरक्षण एवं उन पर अनुसंधान, पंचगव्य आधारित गौ-उत्पादों पर शोध कर औषधि निर्माण मानकीकरण एवं उनका विपणन, जैविक खाद, जैविक कीट नियंत्रण आदि पर शोध एवं उनका उत्पादन, चारागाह विकास व अनुसंधान हैं। गौ-अभयारण्य की परिधि में ही गौवंश को चरने भेजा जाता है। रात्रि में गौवंश शेड में रहते हैं। जिनका गोबर लगभग 2 से 3 किलो प्रति गौवंश प्रतिदिन प्राप्त होता है। अभयारण्य में गौवंश के गौ-मूत्र का संकलन नहीं किया जा रहा है। अभयारण्य में निराश्रित गौवंश जो बाहरी क्षेत्रों से आता हैं, ज्यादातर कमजोर, अशक्त, असहाय रहता हैं। जिनके दूध की मात्रा, केवल उनके वत्स की ही पूर्ति कर पाती है, इस वजह से दूध का विक्रय नहीं किया जाता हैं। गोबर एवं गौ-मूत्र, इत्यादि का उपयोग खाद, बायोगैस, जैविक खाद बनाने में किया जाता हैं। गोबर, गौ-मूत्र, दूध का विक्रय नहीं किया गया है। गोबर की खाद तथा गौकाष्ठ के विक्रय तथा उससे प्राप्त राशि एवं उसके उपयोग का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) गौ-अभयारण्य सालरिया के लिए आवंटित राशि की वर्षवार जानकारी तथा गौ-अभयारण्य में भूसे, पोषण आहार, औषधी, दवाईयां, पानी, अभयारण्य के रख-रखाव एवं अन्य समस्त व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार हैं। गौ-अभयारण्य में स्थापना उपरांत से नवम्बर 2020 तक भूसा व पशु आहार के क्रय का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार। प्रतिदिन गौवंश को औसतन 4 से 6 किलोग्राम भूसा एवं 250 ग्राम सुदाना पशु आहार दिया जाता हैं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार। (घ) जी हाँ। अनुसंधान नहीं किया जा रहा है किन्तु गौ-अभयारण्य के उत्पादन केन्द्र में गोबर खाद एवं गौकाष्ठ का उत्पादन प्रारंभ हो गया हैं। नानाजी देशमुख पशुपालन एवं पशुचिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय को अनुसंधान कार्य के लिए संलग्न किया गया हैं।
चुरहट विधानसभा के गांवों में पेयजल हेतु योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
103. ( क्र. 838 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीधी जिले की चुरहट विधानसभा क्षेत्र के सभी ग्रामों में पीने का पानी पहुंचाने के लिए जलजीवन मिशन के तहत योजना तैयार कर ली गई है? यदि हाँ तो योजना का पूरा विवरण दें। यदि नहीं तो कब तक यह योजना तैयार कर ली जाएगी? (ख) चुरहट विधानसभा के अंतर्गत प्रस्तावित नल जल योजनाएं कितनी है एवं इन योजनाओं की प्रगति की विस्तृत जानकारी दें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं, कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (ख) 268 ग्रामों की योजनाएं बनायी जाना प्रस्तावित की गयी, जिनमें से 9 ग्रामों की योजनाएं स्वीकृत की गयी हैं, 259 ग्रामों की योजनाओं की डी.पी.आर. तैयार करने की कार्यवाही प्रगतिरत है। स्वीकृत की गयी 09 योजनाओं में से 03 के कार्य प्रारंभ, 03 के एल.ओ.ए. जारी एवं शेष 03 के कार्य हेतु निविदाएं आमंत्रित की गयी हैं।
वित्तीय वर्ष 2018-19 की विधायक निधि
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
104. ( क्र. 839 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विषयान्तर्गत वित्तीय वर्ष में मध्यप्रदेश विधान सभा के कितने विधायकों के द्वारा 31 मार्च 2019 के पूर्व विधायक मद की पूर्ण राशि के संबंध में पत्र कलेक्टर को भेज दिया गया था? विधायक के क्षेत्र क्रमांक के अनुसार विस्तृत जानकारी दें। (ख) सही समय पर पत्र प्राप्त हो जाने के बावजूद किन-किन क्षेत्रों में विधायक मद से होने वाले विकास कायों की राशि आज दिनांक तक नहीं दी गई है? विधान सभा क्षेत्रवार, राशिवार कारण सहित जानकारी देवें। (ग) चुरहट विधान सभा क्षेत्र की विधायक निधि के विकास कार्यों की कितनी राशि रूकी है एवं इन कार्यों को पूर्ण करने के लिये राशि कब तक उपलब्ध करा दी जाएगी? (घ) उक्त संबंध में जिम्मेवार कर्मचारियों/अधिकारियों के विरूद्ध क्या कोई कार्यवाही प्रस्तावित की गई है? यदि नहीं तो क्यों?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) चुरहट विधानसभा क्षेत्र की राशि रुपये 12,07,323/- अप्राप्त है। आवंटन प्राप्त होने पर राशि उपलब्ध कराना संभव है। (घ) सेग्मेन्ट कोड 0101 में आवश्यक राशि उपलब्ध न होने के कारण पूरी राशि आवंटित नहीं की जा सकी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भावान्तर/समर्थन मूल्य खरीदी में अनियमितता
[राजस्व]
105. ( क्र. 842 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पटवारियों द्वारा प्रति वर्ष रबी व खरीफ एवं अन्य फसलों की गिरदावरी मौके पर जाकर ऑनलाइन (सारा एप) के माध्यम से की जाती है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ है तो वर्ष 2018 में तहसील जौरा अंतर्गत ऐसे कितने सर्वे नंबर हैं, जो पटवारियों द्वारा असत्यापित किये गये थे, उन्हीं नंबर को तत्कालीन तहसीलदार द्वारा सत्यापित किये गये? जानकारी उपलब्ध कराई जावें। (ग) तत्कालीन तहसीलदार द्वारा सत्यापित किये गये नंबरों में कितने भूमि स्वामी व कितने शिकमी व कितनी शासकीय भूमि व वन भूमि है? (घ) क्या जब पटवारियों द्वारा गिरदावरी की गई थी तब फसल थी एवं तहसीलदार द्वारा जब सत्यापन किया गया था तब फसल कट गई थी तो फिर तहसीलदार द्वारा किन दस्तावेजों के आधार पर फसल का सत्यापन किया गया? (ड.) क्या उक्त फर्जी सत्यापन की कोई शिकायत प्राप्त हुई? यदि हाँ तो उसमें क्या कार्यवाही हुई? यदि कोई जांच हुई है तो जांच प्रतिवेदन की प्रति प्राप्त नहीं हुई तो क्यों? जांच वर्तमान में किस स्तर पर लंबित है और क्यों? (च) उक्त संपूर्ण प्रकरण की जांच कब तक किस अधिकारी द्वारा पूर्ण कर ली जावेगी? संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें एवं दोषी अधिकारी एवं कर्मचारी के प्रति क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' एवं ''दो'' अनुसार है। (ग) वर्ष 2018-19 मौसम खरीफ में कुल किसान पंजीयन 7749 हुये थे, जिसमें से तत्कालीन तहसीलदार एवं पटवारियों द्वारा सारा एप पर 6914 भूमि स्वामी/शिकमी किसानों का पंजीयन सत्यापित/असत्यापित किये गये है। वर्ष 2018-19 मौसम रबी में कुल किसान पंजीयन 5775 हुये थे जिसमें से तत्कालीन तहसीलदार द्वारा सारा एप पर 632 भूमि स्वामी/शिकमी किसानों का पंजीयन सत्यापित/असत्यापित किये गये हैं। शासकीय भूमि व वन भूमि के पंजीयन का सत्यापन/असत्यापन तत्कालीन तहसीलदार द्वारा नहीं किया गया है। (घ) जी हाँ। पटवारियों द्वारा त्रुटिपूर्ण गिरदावरी कार्य के अंदेशे को दृष्टिगत रखते हुए जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''तीन'' अनुसार निर्देशों की कण्डिका 09 (ए) (बी) से प्रदेश के समस्त तहसीलदारों को उक्त त्रुटि सुधार किये जाने हेतु अधिकृत किया गया था। तत्कालीन तहसीलदार द्वारा ग्राम पटवारी/राजस्व निरीक्षक एवं ग्राम पंचायत सचिव/संरपच तथा शपथ पत्र के आधार पर परीक्षण उपरान्त सत्यापन का कार्य किया गया है। (ड.) जी हाँ। एक शिकायत जिला कार्यालय से अनुविभागीय अधिकारी जौरा में प्राप्त हुई जिसकी तत्समय जांच की जाकर प्रतिवेदन जिला कार्यालय को प्रेषित किया गया, पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' चार'' अनुसार शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (च) तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी द्वारा जिला कार्यालय को प्रेषित प्रतिवेदन में किसी भी अधिकारी/कर्मचारी के दोषी सिद्ध न होने से कार्यवाही का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता है।
सूखा ग्रसित ग्रामों में पानी की व्यवस्था
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
106. ( क्र. 844 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा सूखा ग्रसित ग्रामों का सर्वे किया गया है? यदि हाँ तो इसके निराकरण की क्या व्यवस्था की गई है? (ख) जल जीवन मिशन योजना की खातेगांव क्षेत्र के कार्य की क्या स्थिति है? (ग) क्या नर्मदा नदी से खातेगांव विधानसभा क्षेत्र को पानी उपलब्ध कराने की कोई योजना प्रस्तावित है? यदि हाँ तो कार्य कब प्रारंभ होगा? (घ) क्या नेमावर नर्मदा नदी से देवास जा रही पाइप लाइन से हाटपिपल्या को पानी देने का कार्य प्रस्तावित है? यदि हाँ तो खातेगाँव विधानसभा के ग्रामों को इससे पानी दिया जायेगा? यदि नहीं तो क्या भविष्य में इस पर विचार किया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) 21 ग्रामों में रेट्रोफिटिंग नलजल योजनाएं स्वीकृत की गई हैं जिनमें से 06 योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु कार्यादेश जारी किये जा चुके हैं तथा 15 योजनाओं की निविदा आमंत्रित की गई है। (ग) जी हाँ। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ। जी नहीं। जी नहीं, खातेगांव विधानसभा क्षेत्र के लिये पृथक व्यवस्था की गई है।
पोषण आहार का प्रदाय
[महिला एवं बाल विकास]
107. ( क्र. 857 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) ग्वालियर जिले में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में जिन संस्थाओं/समूहों द्वारा पोषण आहार प्रदाय किया जा रहा है उनके लिये टेंडर की क्या कोई प्रक्रिया है? यदि हाँ तो उन संस्थाओं/समूहों को पोषण आहार प्रदाय करने का कार्य देने में क्या टेंडर प्रक्रिया पूरी की गई है और यदि नहीं तो उनको यह जिम्मेदारी कब से किस आधार पर एवं शासन के किस नियम के तहत दी गई है? (ख) ग्वालियर जिले में पिछले 07 वर्षों से पोषण आहार प्रदाय करने के लिये क्या कोई टेंडर प्रक्रिया पूरी की गई है? यदि नहीं तो क्यों? टेंडर प्रक्रिया नहीं होने की स्थिति में किस आधार पर संस्थाओं/समूहों को आंगनवाड़ियों में पोषण आहर प्रदाय करने की जिम्मेदारी दी गई है? (ग) ग्वालियर में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों द्वारा आम जनता को वार्षिक मासिक, साप्ताहिक एवं प्रतिदिन चलाये जाने वाले कार्यक्रमों के अन्तर्गत क्या-क्या सुविधायें एवं सेवायें प्रदान की जाती है? अथवा क्या-क्या योजनाएं चलाई जाती है? (घ) ग्वालियर जिले के संदर्भ में शहरी क्षेत्र 17 ग्वालियर दक्षिण विधान सभा में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों द्वारा पंजीकृत हितग्राहियों (महिलाओं एवं बच्चों) को 01 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में किन-किन योजनाओं के तहत श्रेणी के हितग्राहियों को, क्या-क्या सुविधायें उपलब्ध करायी गई है? प्राप्त सुविधाओं (सामग्री/राशि/ टीकाकरण) सहित जानकारी प्रदान की जावे।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) जी नहीं, आंगनवाड़ी केन्द्रों में संस्थाओं/समूहों द्वारा पोषण आहार प्रदाय किये जाने के लिये टेण्डर किये जाने का प्रावधान नहीं है, शासन निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'', ''2'' एवं ''3'' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश 'क' उत्तर अनुसार। (ग) ग्वालियर जिले में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों द्वारा आम जनता को वार्षिक, मासिक, साप्ताहिक एवं प्रतिदिन चलाये जाने वाले कार्यक्रमों के अंतर्गत प्रदान की जाने वाली सुविधाएं एवं सेवाओं के विवरण की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''4'' अनुसार है। (घ) सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''5'' अनुसार है।
खाद्यान्न सामग्री का वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
108. ( क्र. 858 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में कोविड-19 संक्रमण के दौरान गरीब बेसहारा एवं जरूरतमंद अन्य मध्यम वर्गीय परिवारों को क्या कोई खाद्यान्न वितरण किया गया? यदि हाँ, तो विधानसभा क्षेत्रवार सूची उपलब्ध करावें कि किस-किस को, क्या-क्या खाद्यान्न सामग्री का वितरण किया गया एवं इसका मापदण्ड क्या था? (ख) खाद्यान्न/आटा की आपूर्ति करने वाले संस्थाओं को किस प्रक्रिया के तहत कार्य दिया गया? अनंबुध के अनुसार वितरण किये गये पैकेट की मात्रा कितनी निर्धारित की गई थी और क्या निर्धारित मात्रा के पैकेट वितरण किये गये? (ग) कोविड-19 संक्रमण के दौरान सरकार द्वारा गरीबों को प्रदाय किये गये आटे के पैकेट में निर्धारित मात्रा से कम मात्रा पाये जाने पर इस ''निर्धन निवाला घोटाला'' की प्रश्नकर्ता द्वारा पुलिस महानिदेशक आर्थिक अपराध प्रकोष्ट म.प्र. शासन भोपाल को पत्र क्र. 195/विधा./17 द.वि./2020-21 ग्वालियर दिनांक 21.04.2020 एवं अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ग्वालियर संभाग को पत्र क्र. 194/विधा./17 द.वि./2020-21 ग्वालियर दिनांक 21.04.2020 को की गई शिकायत पर आज दिनांक तक की गई कार्यवाही के कार्य विवरण की जानकारी उपलब्ध करायें।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) ग्वालियर जिले में नगर निगम क्षेत्रान्तर्गत संचालित शासकीय उचित मूल्य दुकानों के माध्यम से पात्र हितग्राहियों से भिन्न गरीब, बेघर एवं बेसहारा परिवारों को आटा के पैकेट वितरित किया गया। विधानसभा क्षेत्र ग्वालियर पूर्व-15878, ग्वालियर दक्षिण-13008, ग्वालियर-31859 एवं ग्वालियर ग्रामीण-5442 पैकेट वितरित। इस प्रकार, कुल 66187 पैकेट वितरित कराए गए हैं। आटा पैकेट वितरण हेतु प्रशासन द्वारा जनप्रतिनिधियों से सम्पर्क कर सार्वजनिक वितरण प्रणाली के पात्र परिवारों से भिन्न जरूरतमंद परिवारों का चिन्हांकन किया गया एवं प्रशासनिक अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में वितरण कराया गया। (ख) कलेक्टर, ग्वालियर द्वारा जनप्रतिनिधियों की बैठक में लिए गए निर्णयानुसार ''नो प्रोफिट नो लॉस'' के आधार पर गेहूँ को आटा में परिवर्तित करके पैकिंग सहित आटा उपलब्ध कराने वाली संस्था से काम कराया गया, इसी क्रम में जिला कार्यालय नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा 03 आटा मिल्स के माध्यम से आटे के पैकेट उपलब्ध कराये गये। अनुबंध के अनुसार 10 किलो ग्राम गेहूं प्रति परिवार के मान से आटा फॉरमेशन, पैकिंग, परिवहन एवं अन्य व्यय में समायोजित मात्रानुसार 90 प्रतिशत आटा निर्धारित किया गया एवं तदानुसार ही निर्धारित मात्रा में पैकेट वितरण किए गए। (ग) कोविड-19 संक्रमण के दौरान गरीब परिवारों को प्रदाय किये गये आटे के पैकेट में निर्धारित मात्रा से कम मात्रा पाये जाने की माननीय प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ग्वालियर संभाग को दिनांक 21.04.2020 को प्रेषित शिकायत खाद्य विभाग से संबंधित होने के कारण तथ्यों का परीक्षण करने हेतु जिला कलेक्टर ग्वालियर को प्रेषित की गई। माननीय विधायक द्वारा आटे के पैकेट कम मात्रा के होने के संबंध में की गई शिकायत की जांच में यह तथ्य सामने आया कि आटा पैकेट की मात्रा जिला प्रशासन द्वारा निर्धारित मात्रा अनुसार ही है, जिस संबंध में स्थिति तत्समय स्पष्ट कर दी गई थी। पुलिस महानिदेशक आर्थिक अपराध भोपाल एवं अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ग्वालियर संभाग को प्रेषित शिकायत दिनांक 05.07.2020 को आर्थिक अपराध द्वारा खाद्य विभाग को प्रेषित की गई। विभाग अन्तर्गत इस पर कलेक्टर का प्रतिवेदन प्राप्त कर आगामी कार्यवाही की जा रही है।
राष्ट्रीय राजमार्गों का उन्नयन
[राजस्व]
109. ( क्र. 865 ) श्री हर्ष यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्गों के उन्नयन एवं उनके बायपास मार्ग निर्माण हेतु भू-अर्जन करने हेतु क्या अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को भू-अर्जन अधिकारी (सीएएलए) अधिकृत किया गया है? (ख) भारत के राजपत्र सं.1489 का.आ. 2099 (अ) दिनांक 14 जून 2016 द्वारा प्रदेश के नवीन घोषित राष्ट्रीय राजमार्गों के उन्न्यन और उनके बाय पास मार्ग निर्माण हेतु क्या भू-अर्जन की प्रक्रिया अन्तर्गत धारा 3 (ए), 3 (डी), 3 (जी) की कार्यवाही पूर्ण कर अवार्ड पारित किये जा चुके हैं? यदि हाँ तो क्या समस्त हितग्राहियों को भू-अर्जन अधिकारी द्वारा मुआवजा राशि का भुगतान कर दिया गया है? भू-अर्जन किये गये सभी मार्गों के नाम, ग्राम का नाम, ग्रामवार हितग्राहियों की संख्या पारित अवार्ड की कुल राशि अवार्ड पारित की तारीख एवं भू-अर्जन अधिकारी द्वारा मुआवजा भुगतान की राशि एवं दिनांक सहित सम्पूर्ण विवरण देवें। यदि नहीं तो कौन-कौन से मार्गों के भू-अर्जन के भुगतान भू-अर्जन अधिकारी द्वारा नहीं किये गये हैं? कारण सहित बतायें। कब तक भुगतान कर दिये जावेगा? (ग) राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम (1956 का 48) के अन्तर्गत भू-अर्जन की धारा 3 (डी) के गलत नोटिफिकेशन उपरांत कितने दिनों के अन्दर धारा 3 (जी) की सम्पूर्ण कार्यवाही सम्पन्न कर अवार्ड पारित किये जाने का प्रावधान है? (घ) क्या भू-अर्जन हेतु नियुक्त भू-अर्जन अधिकारी (सी.ए.एल.ए.) द्वारा नियमों का उल्लंघन कर धारा 3 (ए) के गजट नोटिफिकेशन के बाद निर्धारित समयावधि के अन्दर धारा 3 (जी) की कार्यवाही पूर्ण कर अवार्ड पारित नहीं किये जा रहे हैं जिससे कि अवार्ड पारित में हुए विलम्ब के कारण अतिरिक्त ब्याज की राशि का भुगतान होने के कारण शासन को हानि हो रही है? ऐसे कौन-कौन से मार्गों के भू-अर्जन के प्रकरण हैं? उनके भू-अर्जन अधिकारी के नाम सहित सम्पूर्ण विवरण देवें। शासन ऐसे भू-अर्जन अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही करेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ (ख) भारत के राजपत्र 1489 का.आ. 2099 (अ) दिनांक 14 जून 2016 द्वारा प्रदेश के नवीन घोषित राष्ट्रीय राजमार्गों के उन्नयन और उनके बायपास निर्माण हेतु भू-अर्जन की प्रकिया के अंतर्गत धारा 3 (ए), 3 (डी), 3 (जी) में निहित प्रावधानों के अनुसार अधिसूचना जारी कर अर्वाड पारित कर प्रभावितों को भुगतान की प्रकिया की जा रही है। प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार हे। (ग) जी नहीं। राष्ट्रीय राजर्माग अधिनियम (1956 का 48) के अतंगत भू-अर्जन की धारा 3 (डी) के गलत नोटिफिकेशन के उपरांत अर्वाड पारित करने का कोई उल्लेख नहीं है। (घ) भू-अर्जन हेतु नियुक्त भू-अर्जन अधिकारी द्वारा नियमों के उल्लघंन की कोई जानकारी प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अपर कलेक्टर के विरूद्ध कार्यवाही
[राजस्व]
110. ( क्र. 873 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय कलेक्टर जिला छतरपुर के पत्र क्रमांक/260/नजूल/दिनांक 17/11/2017 के संबंध में अपर कलेक्टर छतरपुर के द्वारा उक्त आदेश के विरुद्ध सक्षम अधिकारी द्वारा प्रकरण सुनवाई में लिया जा चुका है तथा सम्यक सुनवाई उपरांत उचित आदेश पारित किया जाकर निरस्त किया जावेगा लेख किया था? यदि हाँ तो क्यों उक्त आदेश को निरस्त नहीं किया था? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या उक्त पत्र एवं आदेशों के संबंध में जिला छतरपुर पुलिस अधीक्षक को 1/12/2020 को लोक सेवक डी.के. मौर्य अपर कलेक्टर द्वारा क्षति कारित करने के आशय से अशुद्ध दस्तावेज रचकर साशय गलत जानकारी देकर अशुद्ध निर्णय पारित करने के कृत्य के लिए अपराध पंजीबद्ध किए जाने बाबत् आवेदन प्राप्त हुआ था? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार यदि हाँ तो क्या उक्त अधिकारी के विरुद्ध आई.पी.सी. की धारा 167 एवं अन्य धाराओं के तहत अपराधिक प्रकरण करना कायम प्रावधानित है? (घ) प्रश्नांश (ग) यदि हाँ तो उक्त अधिकारी के विरुद्ध अपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाएगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ, न्यायालय अपर कलेक्टर जिला छतरपुर म.प्र. के न्यायालयीन प्र.क्र. 64/अपील/अ-6/2016-17 में आदेश दिनांक 12/02/18 को पारित आदेश में सुनवाई के दौरान उभयपक्षों के तर्को/प्रस्तुत बहस एवं प्रकरण में प्रस्तुत दस्तावेजों के आधार पर अधीनस्थ न्यायालय का आदेश दिनांक 13/01/2017 त्रुटिकारित होना नहीं पाया गया, जिससे उक्त आदेश निरस्त नहीं किया गया। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
फौती नामांतरण
[राजस्व]
111. ( क्र. 874 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला तहसील हल्का मोजा छतरपुर का खसरा नंबर 155 एवं 156 हरि गिरि के नाम दर्ज है? (ख) यदि हाँ तो उक्त खसरा नंबरों का प्रकरण न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी छतरपुर में विचाराधीन है? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हाँ तो क्या उक्त प्रकरण का निराकरण कर दिया गया है? यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें। उक्त प्रकरण का निराकरण कब तक कर दिया जाएगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। तहसील छतरपुर के मौजा छतरपुर की भूमि खसरा नम्बर 155, 156 वर्तमान कम्प्यूटर खसरा में हरिगिरि जाति गोस्वामी के नाम दर्ज है। खसरा की नकल पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) तहसीलदार छतरपुर के राजस्व प्रकरण क्रमांक 45/अ-6/2010-11 में पारित आदेश दिनांक 30/07/2017 के विरूद्ध अपीलार्थी अरविन्द्र गिरि गोस्वामी द्वारा दिनांक 18/11/2020 को अपील प्रस्तुत की गई थी, जो परिसीमा अधिनियम 1963 की धारा 5 के अधीन ग्राह्यता संबंधी निराकरण हेतु आगामी तिथि दिनांक 22/12/2020 को नियत है। (ग) जी नहीं। प्रश्नाधीन अपीलीय प्रकरण परिसीमा अधिनियम,1963 की धारा 05 के अधीन विचारण में है। प्रकरण विधि अनुसार सुनवाई उपरांत निराकृत किया जाएगा
मुख्यमंत्री की घोषणाओं की पूर्ति
[सामान्य प्रशासन]
112. ( क्र. 880 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 23 मार्च 2020 से 30 नवम्बर 2020 की अवधि में प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा राजधानी भोपाल सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों में प्रवास के दौरान किन-किन दिनांकों को कहां-कहां पर किस-किस संबंध में क्या-क्या जन हितैषी घोषणाएं की गई थीं? उन घोषणाओं की जिलेवार सूची दें। (ख) माननीय मुख्यमंत्री के द्वारा उक्त की गई घोषणाओं में से कौन-कौन सी घोषणाओं का अक्षरश: पूर्ण क्रियान्वयन कर आदेश जारी कर दिये गये हैं? उनकी सूची दें। (ग) उपरोक्त किन-किन घोषणाओं पर क्रियान्वयन प्रश्न दिनांक तक किन कारणों से नहीं किया जा सका है तथा सभी घोषणाओं की पूर्ति करने के लिये क्या लक्ष्य रखा गया है एवं कब तक घोषणाएं पूर्ति हो जाएगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पुरानी पेंशन के संबंध में
[वित्त]
113. ( क्र. 884 ) श्री
सुरेन्द्र
सिंह हनी बघेल
: क्या
वित्त मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
मध्यप्रदेश
में 1
जनवरी 2005 के
बाद नियुक्त
कर्मचारियों
पर न्यू
पेंशन सिस्टम
लागू है?
(ख)
यदि
हाँ तो क्या
वर्ष 2019
एवं 2020
में
सेवानिवृत्त
हुए न्यू
पेंशन सिस्टम
के अंतर्गत
आने वाले
कर्मचारियों
को एक हजार रू.
से लेकर पांच
हजार रू.
महीना ही
पेंशन मिल रही
है? कुछ
कर्मचारियों
को एक हजार से
भी कम पेंशन
प्राप्त हो
रही है? (ग) कर्मचारियों
को सम्मानजनक
पेंशन प्राप्त
हो इसके लिए
सरकार क्या
उपाय कर रही
है? क्या
न्यू पेंशन
सिस्टम के
कर्मचारी
पुरानी पेंशन
की मांग कर रहे
हैं? यदि
हाँ तो उनकी
मांग पर सरकार
कब ध्यान
देगी?
वित्त
मंत्री ( श्री
जगदीश देवड़ा )
: (क) जी हाँ। (ख) सेवानिवृत्ति
के पश्चात्
पेंशन भुगतान ANNUITY PROVIDER के
माध्यम से
होने से आंकड़े
की पुष्टि
नहीं की जा
सकती है। (ग) सरकारी
कर्मचारी के
सम्मान का
सदैव ध्यान
रखती है। जी
हाँ। सरकार
अपने वित्तीय
संसाधनों के
आधार पर समय-समय
पर निर्णय
लेती है।
ग्रामों को पेयजल उपलब्ध करवाया जाना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
114. ( क्र. 885 ) श्री
सुरेन्द्र
सिंह हनी बघेल
: क्या
मुख्यमंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) धार
जिले के
कुक्षी तहसील
के विकासखंड
बाग के अंतर्गत
बाघनी नदी पर
निर्मित ''थाणे
डेम'' से
पेयजल हेतु
पानी किन-किन
ग्रामों में
प्रदाय किया
जावेगा तथा कब
तक यह कार्य
पूर्ण हो जाएगा? (ख) उक्त
थाणे डेम से
कुक्षी तहसील
के 46
ग्रामों में पेयजल
पाईप लाईन से
पहुँचाने
हेतु कितना
बजट स्वीकृत
हुआ है तथा
प्रश्न
दिनांक तक
कितना कार्य
पूर्ण हो चुका
है? (ग) प्रश्नांकित
ग्रामीण
क्षेत्रों
में पेयजल की
व्यवस्था
प्रश्न
दिनांक तक
नहीं होने के
लिए कौन सा
विभाग उत्तरदायी
है तथा उत्तरदायी
अधिकारियों
के विरूद्ध
मध्यप्रदेश
शासन द्वारा
क्या
कार्यवाही की
जावेगी?
मुख्यमंत्री
( श्री शिवराज
सिंह चौहान ) : (क) जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है।
मार्च 2021 तक
पूर्ण किया
जाना संभावित
है। (ख) थाना
डेम से 29
ग्रामों में
पेयजल
पहुंचाने
हेतु
अनुमानित राशि
रूपये 69.32
करोड़।
वर्तमान में 92.24
प्रतिशत
कार्य पूर्ण
हो चुका है। (ग) विभाग
द्वारा
ग्रामीण
क्षेत्रों
में अन्य
माध्यम से
पेयजल
व्यवस्था की
गई है, शेष
प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होता है।
गुना जिले में गेहूँ खरीदी में अनियमितता की जांच
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
115. ( क्र. 898 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले में इस वर्ष गेहूँ खरीदी हेतु किन-किन खरीदी केन्द्रों पर कितने-कितने किसान पंजीकृत किये गये थे? खरीदी केन्द्रवार कितनी-कितनी मात्रा में गेहूँ क्रय किया गया? तहसीलवार बतायें। (ख) क्या सभी किसानों को एस.एम.एस. द्वारा सूचित कर गेहूँ विक्रय हेतु समयावधि दी गई थी? यदि हाँ तो सभी किसानों के गेहूँ की तुलाई पूर्ण हो चुकी है? यदि नहीं तो जिन किसानों को एस.एम.एस. किये गये जाने के बावजूद किसानों के गेहूँ की तुलाई नहीं की जा सकी? उसका कारण स्पष्ट करें। इसके लिये कौन-कौन उत्तरदायी है और उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जा रही है?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) गुना जिले में रबी विपणन वर्ष 2020-21 में गेहूं उपार्जन हेतु तहसीलवार एवं केन्द्रवार पंजीकृत किसानों की संख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार एवं उपार्जन केन्द्रवार विक्रेता किसानों तथा उपार्जित मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) गुना जिले में समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन हेतु ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीकृत समस्त किसानों को एस.एम.एस. प्रेषित किये गये, जिनमें से जो कृषक अपनी उपज विक्रय करने हेतु उपार्जन केन्द्र पर उपस्थित हुए उनकी उपज की खरीदी की गई। जिले में उपार्जन केन्द्र पर उपज विक्रय करने हेतु उपस्थित कृषक अपनी उपज विक्रय करने से वंचित नहीं रहे हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कोविड-19 के नाम पर विभागीय बजट में कटौती
[वित्त]
116. ( क्र. 899 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कोविड-19 महामारी के कारण विभागों के बजट में कटौती कर यह राशि कोविड-19 के पीड़ितों के उपचार, प्रचार-प्रसार आदि के लिये आवंटित की गई है? यदि हाँ तो किस-किस विभाग से कितनी-कितनी राशि इस वित्तीय वर्ष में कटौती की गई है? किस-किस विभाग में बजट का उपयोग कोविड-19 के कारण नहीं हुआ है? (ख) क्या कोविड-19 महामारी के लिये प्रदेश के शासकीय, अर्द्धशासकीय अधिकारी/कर्मचारियों के वेतन से राशि काटी गई है? यदि हाँ तो कुल कितनी राशि शासकीय अधिकारी/कर्मचारियों की काटी गई है? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में राज्य सरकार पर वर्तमान में कितना कर्ज है? प्रदेश की जनसंख्या के अनुपात में प्रति व्यक्ति कितनी राशि का कर्जदार है? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में 23 मार्च 2020 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में राज्य सरकार ने किस-किस प्रयोजन के लिये किस-किस से कब-कब, कितनी-कितनी राशि का कर्ज किन शर्तों के आधार पर कितनी अवधि के लिये लिया है? ब्यौरा दें।
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। सभी विभागों द्वारा नियमानुसार बजट का समुचित उपयोग किया जा रहा है। (ख) जी नहीं। अधिकारी/कर्मचारियों के द्वारा स्वेच्छा से राशि मुख्यमंत्री सहायता कोष में जमा की गई है। (ग) प्रश्नाधीन अवधि के वित्त लेखे नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा वर्तमान में जारी नहीं किये गये हैं। अत: जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (घ) प्रश्नांश "घ" उत्तरांश "ग" के प्रकाश में उपस्थित नहीं होता है।
ग्वालियर-चंबल संभाग में संचालित गौ-शालाएं
[पशुपालन]
117. ( क्र. 902 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर-चंबल संभाग में किन-किन जिलों में गौशालाएं कहां-कहां पर कब-कब से संचालित हैं तथा किन-किन गौशालाओं में कितनी-कितनी संख्या में गाय बैल बछड़ा, बछिया वर्तमान में हैं? (ख) उक्त किन-किन गौशालाओं के पास कितनी-कितनी शासकीय एवं निजी भूमि है? (ग) उपरोक्तानुसार गौशालाओं के संचालकों के नाम पिता/पत्नि का नाम, पता सहित ब्यौरा दें। (घ) उक्त गौशालाओं को वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में कितनी-कितनी राशि का अनुदान किस-किस मद से किया गया? (ड.) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या गौ-कैबिनेट का गठन किया गया है? यदि हाँ तो गौ-कैबिनेट गठन का उद्देश्य क्या है तथा गौ-कैबिनेट की बैठकें कब-कब हुई हैं? इन बैठकों में क्या-क्या निर्णय लिये गये हैं तथा निर्णय के क्रियान्वयन की दिशा में शासन की कार्यवाही किस स्तर पर प्रचलित है तथा वर्तमान में प्रति गाय/पशुधन को भोजन के लिये कितनी राशि व्यय की जा रही है तथा इसके पूर्व में कितनी राशि व्यय किये जाने का प्रावधान था?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' के अंतिम कॉलम अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' के अंतिम कॉलम अनुसार। (ड.) जी हाँ। मध्यप्रदेश में औधन के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु समग्र रूप से योजना बनाने एवं निर्णय के उद्देश्य से मंत्रि परिषद् समिति (गौ केबिनेट) का गठन किया गया है। गौ केबिनेट की प्रथम बैठक दिनांक 22.11.2020 को ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से आहूत की गई। मंत्रि परिषद् बैठक का कार्यवाही विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। कार्यावाही विवरण संबंधित विभागों को प्रेषित किया गया है। वर्तमान में पंजीकृत गौशालाओं में उपलब्ध गौवंश के चारे भूसे के लिए राशि रू. 20.00 प्रतिगाय प्रति दिवस के मान से अनुदान प्रदान किया जा रहा है। इसके पूर्व रूपये 04 प्रति पशु अनुदान दिया जाता था, जिसे जनवरी 2019 में बढ़ाकर रूपये 20 प्रति पशु कर दिया गया है।
बाणसागर परियोजना द्वारा विस्थापित परिवारों एवं राजस्व की जानकारी
[जल संसाधन]
118. ( क्र. 909 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बाणसागर परियोजना द्वारा सतना रीवा, उमरिया, शहडोल, कटनी के जिन कृषकों की भूमि का अधिग्रहण किया गया है उससे प्रभावित/विस्थापित परिवारों की क्या-क्या सुविधाएं प्रदाय की गई हैं? (ख) बाणसागर परियोजना से सरकार को जो राजस्व प्राप्त होता है उसका कितने प्रतिशत हिस्सा परियोजना से विस्थापित परिवारों की सुविधाओं के लिये वर्तमान में खर्च किया जा रहा है तथा उनके हितों के प्रति सरकार की नीति क्या है? (ग) बाण सागर परियोजना द्वारा अधिग्रहित भूमि का एवार्ड पारित घोषित होने के उपरांत कुछ कृषकों को आज दिनांक तक मुआवजा का भुगतान नहीं किया गया है। इस संबंध में सरकार द्वारा लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई है तथा मुआवजा का भुगतान कब तक किया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) बाणसागर परियोजना से डूब प्रभावित परिवारों को पुनर्वास नीति वर्ष 1989 के प्रावधानों के तहत आवश्यक मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई गयी हैं। (ख) बाणसागर परियोजना से विभाग को जलकर के रूप में जो राजस्व राशि प्राप्त होती है, वह शासन के राजस्व मद में जमा किया जाता है तथा उसके किसी हिस्से को पृथक से विस्थापित परिवारों की सुविधाओं के लिए खर्च नहीं किया जाता है। पुनर्वास उपरांत संबंधित बस्तियां ग्राम पंचायत/नगरीय निकाय के अंग होने से शासन की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ विस्थापित परिवारों को भी प्राप्त होता है। (ग) बाणसागर परियोजना में अधिग्रहित 14 ग्रामों के भूमि एवं परिसंपत्ति (भवन/कूप/वृक्ष) का अवार्ड पारित घोषित होने के उपरांत 10 ग्रामों के 19 स्थलों की FRL एवं MWL के मध्य स्थित संरचनाओं को राजपत्र में शून्य घोषित करने के कारण इन प्रकरणों में मुआवजा भुगतान नहीं किया जाना प्रतिवेदित है। शेष चार ग्रामों के प्रकरणों के भौतिक सत्यापन कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने हेतु प्रमुख अभियंता द्वारा मुख्य अभियंता रीवा को निर्देशित किया गया है। रिर्पोट प्राप्त होने के उपरांत गुणदोष के आधार पर मुआवजा भुगतान के संबंध में निर्णय लिया जाना संभव होगा। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। किसी अधिकारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है।
प्रदेश के उपचुनाव में की गई घोषणाओं की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
119. ( क्र. 915 ) श्री जितू पटवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उन 28 विधानसभा क्षेत्रों में जिनमें हाल ही में उपचुनाव हुये हैं, अप्रैल 20 से उपचुनाव होने के पूर्व तक, किस-किस दिनांक को क्या-क्या शासकीय आयोजन किये गये, जिसमें मा. मुख्यमंत्री अथवा कोई माननीय केन्द्रीय मंत्री उपस्थिति हों कार्यक्रम का नाम, दिनांक, कार्यक्रम का समय सहित सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यक्रमों में जनता की सहभागिता एवं उपस्थिति के लिये कितनी-कितनी बस लगाई गई? यदि उपस्थित जनता के लिए भोजन, नाश्ता आदि की व्यवस्था की गई तो, व्यक्तियों की संख्या तथा खर्च बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यक्रम पर बस (वाहन) खर्च, डेकोरेशन खर्च, विविध खर्च सहित, प्रत्येक कार्यक्रम अनुसार बतावें, सारे कार्यक्रमों पर कुल खर्च कितना हुआ? (घ) मा. मुख्यमंत्री द्वारा 28 उपचुनाव वाली विधानसभा में, किस-किस विधानसभा हेतु क्या-क्या घोषणाएं प्रश्नाधीन अवधि में की गई? सूची देवें तथा बतावें कि सब मिलाकर कुल कितनी घोषणाएं की गई और कब तक पूर्ण कर ली जाएंगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रदेश में स्थानांतरण की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
120. ( क्र. 916 ) श्री जितू पटवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्तमान सरकार ने पिछले छ: माह में 5 हजार से अधिक कर्मचारियों/अधिकारियों के तबादले कर दिये? यदि हाँ तो बतावें कि क्या इसी कारण से प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था पंगू हो गई है? (ख) यदि नहीं तो बतावें कि किस-किस विभाग में कितने अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादले किये गये तथा वे तबादले किसकी अनुशंसा पर किये गये तथा तबादले पर कितना पैसों का खर्च हुआ? (ग) क्या कई जिलों में कलेक्टर की अनुशंसा पर बड़ी संख्या में तबादले कर दिये गये? क्या कलेक्टर को तबादले की अनुशंसा करने का अधिकार है? यदि नहीं तो बतायें कि इंदौर संभाग, ग्वालियर, सागर, खातेगांव आदि जिले में कलेक्टर ने किस अधिकार से तबादले किये? (घ) अप्रैल 2020 से सितम्बर 2020 तथा अक्टूबर से नवम्बर 2020 तक कितने क्लास-2 के अधिकारियों के तबादले किये गये तथा उस पर सरकार का कितना पैसा खर्च हुआ?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सिंहस्थ 2016 की जानकारी
[जनसंपर्क]
121. ( क्र. 923 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जुलाई 2019 के सत्र में तत्कालीन जनसंपर्क मंत्री द्वारा सिंहस्थ 2016 में मध्यप्रदेश माध्यम और जनसंपर्क द्वारा किए गए प्रचार-प्रसार कार्य की जांच की घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो उसकी अद्यन स्थिति से अवगत करावें। (ख) उक्त जांच हेतु क्या कोई समिति का गठन किया गया था? यदि हाँ, तो समिति के सदस्यों के नाम पद सहित बताएं तथा बतावे कि इस हेतु समिति की बैठक कब-कब आयोजित हुई? (ग) क्या समिति द्वारा जांच पूर्ण कर प्रतिवेदन राज्य शासन को प्रस्तुत कर दिया है? यदि हाँ, तो उसके निर्णय से अवगत करावें तथा प्रतिवेदन की प्रति देवें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जांच की कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) जी हाँ। श्री सुरेश गुप्ता, अपर संचालक, डॉ. एच.एल. चौधरी अपर संचालक, श्री महेश दुबे, सहायक सूचना अधिकारी। प्रश्न दिनांक तक जांच समिति की क्रमश: तीन बैठक 25.11.2019, 15.01.2020 एवं 14.02.2020 को आयोजित की जा चुकी है। (ग) जी नहीं।
हितग्राहियों को वितरण की गई सामग्री
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
122. ( क्र. 924 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लॉकडाउन अवधि में छिन्दवाड़ा, शिवपुरी, रतलाम, इंदौर आदि अनेक भण्डार गृह में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत हितग्राहियों को वितरित किया गया चावल, केन्द्रीय जांच एजेन्सी द्वारा अमानक एकदम निम्न गुणवत्ता का पशु के खाने लायक पाया गया? यदि हाँ तो बतायें कि किस-किस भण्डार गृह में कितना-कितना चावल अमानक पाया गया? जांच प्रतिवेदन की प्रति देवें। (ख) बतावें कि प्रश्नांश (क) अनुसार जो चावल अमानक पाया गया वह सप्लायर्स से कितनी मात्रा में प्राप्त हुआ था तथा उसमें से कितना वितरित कर दिया गया तथा कितना रोक दिया गया? जो चावल रोका गया उसकी अद्यतन स्थिति क्या है? कहां किस मात्रा में रखा है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अमानक चावल की सप्लाय फर्म का नाम, मानक/भागीदार का नाम सप्लायर्स की गई मात्रा, दिनांक, भाव कुल देय राशि भुगतान की दिनांक सहित सूची देवें एवं सप्लायर्स के बिल की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) बतायें कि शिवपुरी में अमानक पाये गये 46 हजार टन चावल को सप्लायर्स को बदलने हेतु किस नियम तथा आई.पी.सी. की धारा के तहत कहा गया, किस-किस सप्लायर्स ने कितना चावल बदला तथा उन पर प्रकरण दर्ज किया गया या नहीं?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) इन्दौर, छिन्दवाड़ा, शिवपुरी एवं रतलाम जिले में केन्द्रीय जांच ऐजेन्सी द्वारा जांच नहीं की गई है। अपितु केन्द्र सरकार के निर्देश के अनुक्रम में भारतीय खाद्य निगम द्वारा गठित संयुक्त जांच दल द्वारा इन्दौर, छिन्दवाड़ा, शिवपुरी एवं रतलाम जिलों में भण्डारित चावल की गुणवत्ता की जांच की गई है। जांच प्रतिवेदन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जिलों छिन्दवाड़ा, शिवपुरी, रतलाम एवं इन्दौर में अमानक चावल का विवरण निम्नानुसार है:-
मात्रा मेट्रिक टन में
क्र. |
जिला |
अमानक मात्रा |
अपग्रेडेशन उपरांत वितरित मानक चावल |
अद्यतन शेष मात्रा |
कहां रखा है |
01 |
छिन्दवाड़ा |
905 |
905 |
0.0 |
- |
02 |
शिवपुरी |
761 |
0.0 |
761 |
रातौर, गोदाम swc नरवर, करैरा |
03 |
रतलाम |
395 |
0.0 |
395 |
swc जावरा, सैलाना |
04 |
इन्दौर |
39 |
0.0 |
39 |
LRT गोदाम इन्दौर |
(ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। मिलर्स द्वारा कोई देयक प्रस्तुत नहीं किया गया। (घ) यह सही नहीं है कि शिवपुरी जिले में 46,000 टन चावल सप्लायर को बदलने के लिये कहा गया है। संचालनालय के पत्र क्र. 6451 भोपाल दिनांक 11.09.2020 एवं राज्य की कस्टम मिलिंग नीति क्रमांक एफ 5-9 (1-1ख)/2019/29-1 दिनांक 23.03.2020 के अनुसार अमानक चावल मिलर्स को वापस कर अपग्रेडेशन उपरांत मानक गुणवत्ता का चावल प्राप्त किये जाने के उल्लेखित प्रावधान अनुसार कार्यवाही किया जाना है। शिवपुरी जिले में किसी भी सप्लायर द्वारा अभी तक कोई चावल नहीं बदला गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दिव्यांगों को स्थायी प्रमाण-पत्र प्रदाय किया जाना
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
123. ( क्र. 930 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री द्वारा दिव्यांगों को प्रदाय किए जाने वाले दिव्यांग प्रमाण-पत्र को बार-बार नवीनीकरण से मुक्ति देने के उद्देश्य से स्थायी प्रमाण-पत्र प्रदाय करने की घोषणा की गई है? यदि हाँ, तो यह सुविधा कब से प्रदाय की जा रही है? (ख) यदि नहीं तो क्यों?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) दिनांक 29.04.2008 को दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण हेतु आयोजित पंचायत के आयोजन में माननीय मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शासन द्वारा ''एक बार जारी किया गया नि:शक्तता प्रमाण पत्र हमेशा के लिये मान्य होगा'' घोषणा की गई है। उक्त घोषणा का संबंध लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग से होने के कारण मध्यप्रदेश शासन सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग के पत्र क्रमांक एफ-3-38/2008/26-2 दिनांक 28.05.2008 द्वारा प्रमुख सचिव, मध्यप्रदेश शासन लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को उक्त घोषणा के अनुपालन में नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही किये जाने हेतु लेख किया गया है। उपरोक्त के क्रम में मध्यप्रदेश शासन सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग को संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें मध्यप्रदेश के पत्र क्रमांक अ.प्रशा./सेल-5/एफ-229/08/3089 दिनांक 06.08.2008 द्वारा निर्देश जारी करते हुए अवगत कराया गया कि यह प्रमाण पत्र उन व्यक्तियों के लिए पांच वर्ष तक वैध होगा, जो अस्थाई तौर पर अशक्त है स्थाई रूप से विकलांग व्यक्तियों के लिए यह वैधता स्थाई दर्शाई जा सकती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) शेष प्रश्न उपस्थित ही नहीं होता।
रिक्त पदों की पूर्ति
[राजस्व]
124. ( क्र. 934 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकगढ़ जिले में कितने पद तहसीलदारों, नायब तहसीलदारों, राजस्व निरीक्षकों एवं पटवारियों के सृजित हैं? तहसीलवार, राजस्व निरीक्षकवार, पटवारी हल्कावार जानकारी प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताये कि इसमें कौन-कौन अधिकारी एवं कर्मचारी कब से पदस्थ हैं? उनके नाम सहित जानकारी दें एवं यह भी बतायें कि कब से किस-किस के पद रिक्त हैं? इन रिक्त पदों का कार्य कौन-कौन देख रहा है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि इन रिक्त पदों को शासन कब तक भरेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) टीकमगढ जिले में तहसीलदार के 9 पद नायब तहसीलदार के 17 पद राजस्व निरीक्षक 45 पद (जिला निवाडी सहित) एवं पटवारी 345 पद स्वीकृत्त है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "1" अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार।। (ग) रिक्त पदों की पूर्ति स्थानान्तरण नीति एवं युक्तियुक्तकरण के द्वारा की जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बानसुजारा बांध की जानकारी
[जल संसाधन]
125. ( क्र. 935 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले की धसान नदी की वृहद सिंचाई परियोजना बान सुजारा बांध में पानी भण्डारण की वर्तमान में कितनी क्षमता है? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बतायें कि सिंचाई हेतु कितने ग्रामों के किसानों को कितने हजार कृषि भूमि सिंचित करने हेतु योजना बनाई गई थी और प्रश्न दिनांक तक इससे कितने हेक्टर भूमि वास्तव में सिंचित की जा रही है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताये कि वर्तमान में कितने पानी का वास्तव में सिंचाई हेतु उपयोग हो रहा है और पेयजल हेतु कितना पानी उपरोक्त बांध में बचेगा? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बतायें कि सम्पूर्ण टीकमगढ़ जिले को पेयजल हेतु कितने पानी की आवश्यकता है? विभाग द्वारा उपरोक्त बांध का 29 एम.सी.एम. पानी पेयजल हेतु प्रदाय कराने हेतु सहमति कब तक प्रदाय कर दी जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) बानसुजारा बांध की जीवित जल भण्डारण क्षमता 276 मि.घ.मी. है। (ख) परियोजना टीकमगढ़ जिले के 183 ग्रामों की 75,000 हेक्टर कृषि भूमि में रबी सिंचाई की सुविधा प्रदान करने हेतु निर्माणाधीन है। वर्ष 2020-21 के रबी फसल हेतु लक्षित 50,000 हेक्टर के विरूद्ध 26,603 हेक्टर क्षेत्र में प्रश्न दिनांक तक सिंचाई सुविधा प्रदान की जाना प्रतिवेदित है। (ग) से (घ) परियोजना निर्माणाधीन है। जलाशय में उपलब्ध 276 मि.घ.मी. जल में से प्रस्तावित सैच्य क्षेत्र 75,000 हेक्टर की सिंचाई पर लगभग 260.23 मि.घ.मी. जल का उपयोग होगा। जलाशय से 15.77 मि.घ.मी. जल, पेयजल हेतु आरक्षित है, जिसमें से जल निगम की मांग अनुसार टीकमगढ़ जिला हेतु 10 मि.घ.मी. एवं छतरपुर जिला हेतु 05.77 मि.घ.मी जल आरक्षित है। जलाशय में उपलब्ध जल का संपूर्ण उपयोग आबद्ध है। टीकमगढ़ जिले की पेयजल की आवश्यकता का संबंध जल संसाधन विभाग से संबंधित नहीं है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
प्रदेश
में रोड टैक्स
की विसंगति
[परिवहन]
1. ( क्र. 8 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर जिले सहित प्रदेश में वाहनों पर जीएसटी सहित समग्र कीमत पर रोड टैक्स लिया जा रहा है? (ख) यदि हाँ तो क्या वाहनों पर केन्द्रीय एवं राज्य द्वारा लिये जा रहे जीएसटी पर रोड टैक्स लेने का नियम है? (ग) यदि हाँ तो क्या टैक्स के ऊपर टैक्स लेना न्यायोचित है? (घ) क्या अन्य राज्यों यथा हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़ में वास्तविक कीमत पर ही रोड टैक्स लिया जाता है? यदि हाँ तो मध्य प्रदेश में क्यों नहीं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (घ) मध्यप्रदेश मोटरयान काराधान अधिनियम 1991 की द्वितीय अनुसूची में यानों के ''मानक मूल्य'' पर विभिन्न दरों तथा 5%, 6%, 7%, 8%, 10% कर लिये जाने का प्रावधान विहित है यान के ''मानक मूल्यों'' को मध्यप्रदेश मोटरयान कराधान संशोधन अध्यादेश 2014 की द्वितीय अनुसूची की धारा 10 (क) के स्पष्टीकरण क्र. 2 एवं 3 में इसे निम्नानुसार परिभाषित किया गया हैः- स्पष्टीकरण 2:- यान के मानक मूल्य से अभिप्रेत है, रजिस्ट्रीकरण के समय व्यापारी द्वारा वसूल किया गया मानक मूल्य या उस समय परिवहन विभाग द्वारा निश्चित किया गया उक्त यान का मानक मूल्य, जो भी उच्च हो। स्पष्टीकरण 3 :-यानों के उपरान्त वर्ग के मानक मूल्य के आधार पर जीवनकाल कर की संगणना करने के लिए यान स्वामी से यह अपेक्षा की जाएगी कि वह रजिस्ट्रीकरण के समय व्यापारी द्वारा जारी की गई विक्रय रसीद प्रस्तुत करे। यान का मानक मूल्य मध्यप्रदेश में देय मानक मूल्य होगा। चूकि वाहन की कीमत में व्यापारी द्वारा जीएसटी सम्मिलित कर बिल जारी किया जाता है। अतः बिल में अंकित कुल विक्रय मूल्य पर म.प्र. मोटरयान काराधान अधिनियम के प्रावधानों के तहत मोटरयान कर लिया जाता है। अन्य राज्यों की जानकारी विभाग के पास उपलब्ध नहीं है। मध्यप्रदेश में मोटरयान कराधान अधिनियम 1994 प्रावधानों के अनुरूप देय है।
पनागर के अंतर्गत हिनौतिया बारहा के आवासहीनों को पट्टा प्रदाय
[राजस्व]
2. ( क्र. 9 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनपद पंचायत जबलपुर के अधीन हिनौतिया बारहा के हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत राशि भुगतान नहीं की जा रही है? (ख) क्या हितग्राहियों को पट्टे न मिलने के कारण भुगतान नहीं हो रहा है? (ग) क्या ग्राम में आबादी भूमि न होने के कारण पट्टे नहीं दिये गये हैं? (घ) यदि हाँ तो क्या ग्राम पंचायत हिनौतिया बारहा द्वारा शासकीय भूमि को आबादी में परिवर्तित करने हेतु विभाग को प्रेषित प्रस्ताव पर निर्णय क्यों नहीं किया गया?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। जिले की जनपद पंचायत जबलपुर की ग्राम पंचायत हिनौतिया बारहा में आर्थिक जाति जनगणना 2011 के पात्रता सूची में से हितग्राहियों का चयन कर जिन हितग्राहियों के पास स्वयं की भूमि/पट्टे उपलब्ध हैं। उनके आवास स्वीकृत कर भुगतान कर दिया गया है। (ख) जिन हितग्राहियों के पास पट्टे एवं भू-अधिकार प्रमाण पत्र हैं उनके आवास स्वीकृत कर भुगतान कर दिया गया है। (ग) जी हाँ। (घ) ग्राम पंचायत हिनौतिया बारहा के आबादी में परिवर्तन के प्राप्त प्रस्ताव का निराकरण अब कर दिया गया है।
शासकीय उचित मूल्य की दुकान हेतु आवंटित अनाज का अन्यत्र विक्रय
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
3. ( क्र. 25 ) श्री विनय सक्सेना : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत एक वर्ष में जबलपुर संभाग में गरीबों को वितरण हेतु आवंटित अनाज को शासकीय राशन दुकान न भेज कर, अन्यत्र निजी गोदाम में भेजने व विक्रय किये जाने के कितने प्रकरण सामने आये हैं? प्रकरणवार विवरण उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में किन-किन व्यक्तियों पर क्या-क्या कार्यवाही की गयी? (ग) क्या सार्वजनिक वितरण प्रणाली आदेश अंतर्गत निर्दिष्ट स्थल से अन्यत्र परिवहन होने पर नियंत्रण अधिकारी जिम्मेदार होते हैं? यदि हाँ, तो ऐसे मामलों में किन-किन अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही की गयी है?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जबलपुर संभाग में गरीबों के वितरण हेतु आवंटित अनाज को शासकीय राशन दुकान में न भेजकर अन्यत्र निजी गोदाम में भेजने व विक्रय किये जाने के संबंध में जिला जबलपुर में 01 एवं जिला बालाघाट में 11 प्रकरण प्रकाश में आये हैं। जिला जबलपुर की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है एवं जिला बालाघाट की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) जिला जबलपुर में की गई कार्यवाही का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार एवं जिला बालाघाट में की गई कार्यवाही का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) प्रथम दृष्टया निर्दिष्ट स्थल से अन्यत्र परिवहन करने वाले तथा दोषी पाये जाने वाले व्यक्ति जिम्मेदार होते हैं। दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही किए जाने से नियंत्रणकर्ता अधिकारी के दोषी होने या उन पर कार्यवाही की स्थिति नहीं है।
कॉलेज प्रोफेसरों को यू.जी.सी. मापदंड अनुरूप वेतन भुगतान न किया जाना
[उच्च शिक्षा]
4. ( क्र. 26 ) श्री विनय सक्सेना : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिलें में स्थित अशासकीय महाविद्यालयों/अनुदान प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों में कितने प्राध्यापक कार्यरत हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कितने प्राध्यापक को यू.जी.सी. मापदंड अनुरूप वेतन भुगतान बैंक खाते में प्राप्त हो रहा है? प्रमाण उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में जो महाविद्यालय यू.जी.सी. मापदंड अनुरूप वेतनमान भुगतान नहीं कर रहें है? क्या वहां कार्यरत प्राध्यापक यू.जी.सी. द्वारा निर्धारित "प्राध्यापक" पद की परिभाषा को पूर्ण करते हैं? यदि नहीं, तो विभाग द्वारा ऐसे महाविद्यालयों के विरुद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) प्रदेश के किन-किन विश्वविद्यालयों के विभिन्न शिक्षण विभागों में डीन के पद पर आशासकीय संस्थाओं के प्राध्यापक को पदस्थ किया गया है? सूची देवें तथा उनको प्राप्त हो रहे यू.जी.सी. वेतनमान के प्रमाण उपलब्ध करावें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जबलपुर जिले में स्थित 51 अशासकीय महाविद्यालयों में कोई प्राध्यापक कार्यरत नहीं है एवं 12 अनुदान प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों में केवल 02 महाविद्यालयों में 03 प्राध्यापक कार्यरत हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में 03 प्राध्यापक को यू.जी.सी. मापदंड अनुरूप वेतन भुगतान बैंक खाते में प्राप्त हो रहा है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में 12 अनुदान प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों में से केवल 2 अनुदान प्राप्त अशासकीय महाविद्यालय में 03 प्राध्यापक ही कार्यरत हैं, जिन्हें यू.जी.सी. मापदंड अनुरूप वेतन भुगतान किया जा रहा है। जो यू.जी.सी. द्वारा निर्धारित प्राध्यापक पद की परिभाषा पूर्ण करते हैं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) मध्यप्रदेश के विश्वविद्यालयों के विभिन्न शिक्षण विभागों में डीन के पद पर अशासकीय संस्थाओं के प्राध्यापकों को पदस्थ नहीं किया गया है, अपितु मध्यप्रदेश विश्वविद्यालय अधिनियम, 1973 की धारा 27 (4) प्रावधान के परिप्रेक्ष्य में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर में डॉ. अशोक खण्डेलवाल, प्राध्यापक, कॉलेज ऑफ डेंटल साइंस एण्ड हॉस्पीटल, राऊ को संकायाध्यक्ष (डीन) रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर में प्रोफेसर अमित गुप्ता, प्रोफेसर श्री राम इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, जबलपुर को संकायाध्यक्ष (डीन) के पद पर मनोनयन किया गया है। यू.जी.सी. मापदण्ड अनुसार वेतन भुगतान नहीं हो रहा है।
पात्रता पर्ची का ऑनलाईन न होना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
5. ( क्र. 29 ) श्री गोपाल सिंह चौहान : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या चंदेरी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ईसागढ एवं चंदेरी जनपद में आने वाली सभी ग्राम पंचायतों में राशन हेतु पात्रता पर्ची ऑनलाईन करने के बाद एवं जनपद पंचायतो ने भी सत्यापन कर पोर्टल पर ऑनलाईन कर दिये है। यदि हाँ, क्या पात्रता पर्ची अभी तक नहीं आई है? (ख) क्या खाद्य विभाग अशोकनगर द्वारा राशन हेतु पात्रता पर्ची ऑनलाईन नहीं की जा रही है? (ग) पात्रता पर्ची नहीं आने के लिये दोषी अधिकारियों, कर्मचारियो पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हाँ, चंदेरी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ईसागढ एवं चंदेरी जनपद में आने वाली ग्राम पंचायतों अंतर्गत स्थानीय निकायों द्वारा नवीन आवेदकों के आवेदन पोर्टल पर अग्रेषित किए गए हैं। प्रश्न दिनांक तक ईसागढ जनपद में 1656 एवं चंदेरी जनपद में 1097 कुल 2753 नवीन वैध पात्र परिवारों की पात्रता पर्ची जारी कर वितरित की गई है। ईसागढ एवं चंदेरी जनपद में नवीन परिवारों सहित कुल 8611 लाभार्थी योजनांतर्गत लाभान्वित हो रहे हैं। (ख) जिले में वैध पात्रताधारी आवेदकों का सत्यापन, अनुशंसा, स्वीकृति एवं पर्ची ऑनलाईन की प्रक्रिया सतत है। (ग) पोर्टल पर दर्ज आवेदकों की पात्रता व दस्तावेज का परीक्षण, सत्यापन, स्वीकृति तथा वैध पात्रताधारी लाभार्थियों को पात्रता पर्ची जारी कर उनका वितरण करना एक सतत प्रक्रिया है। इस संबंध में कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी न होने से कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
हितग्राहियों को राशन का वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
6. ( क्र. 31 ) श्री गोपाल सिंह चौहान : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अशोकनगर के तहसील चंदेरी के अंतर्गत आने वाली रामनगर सोसाइटी का माह नवंबर 2020 का संपूर्ण खाद्यान्न हितग्राहियों को वितरण नहीं हुआ है इस संबंध में शासन ने क्या कार्यवाही की है यदि कोई कार्यवाही की है तो उससे अवगत करावें और यदि इस संबंध में कोई कार्यवाही नहीं की है तो दोषी कर्मचारियों/अधिकारियों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ख) जिला अशोकनगर की तहसील चंदेरी अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत टोडा में सहकारी समिति की दुकान का माह नवंबर 2020 का राशन हितग्राहियों में वितरण नहीं किया गया है इस संबंध में दिनांक 25.11.2020 को दुकान को सील भी कर दिया गया परंतु आज दिनांक तक शासन द्वारा दोषी व्यक्तियों पर किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं की गई है? क्या शासन द्वारा दोषी व्यक्तियों पर कार्यवाही की जावेगी यदि की जावेगी तो कब तक?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) अशोकनगर जिले की तहसील चंदेरी के अंतर्गत आने वाली उचित मूल्य दुकान रामनगर 4604003 पर संलग्न कुल 385 परिवारों में से माह नवम्बर, 2020 में 370 परिवारों को खाद्यान्न का वितरण किया गया है। दुकान से वितरण के संबंध में कोई मौखिक एवं लिखित शिकायत प्राप्त न होने के कारण कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जिला अशोकनगर की तहसील चंदेरी अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत टोडा में स्थित उचित मूल्य दुकान 4604040 पर कुल 372 पात्र परिवार संलग्न है, जिनमें से माह नवम्बर, 2020 में 325 परिवारों को खाद्यान्न का वितरण किया गया है। दिनांक 26.11.2020 को दुकान बंद पाये जाने के कारण सील की गई थी। दुकान खुलवाकर जांच करने पर रिकार्ड अनुसार दुकान में राशन का स्टॉक पाया गया। दुकान बंद होने के कारण निर्मित प्रकरण में राशि रू 5000/- अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
लोअर और परियोजना बांध निर्माण
[जल संसाधन]
7. ( क्र. 32 ) श्री गोपाल सिंह चौहान : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोअर और परियोजना अंतर्गत अशोकनगर एवं शिवपुरी जिले की सीमा पर बांध का निर्माण चल रहा है जिसमें कुछ ग्राम शिवपुरी जिले के एवं कुछ ग्राम अशोकनगर जिले के प्रभावित हुए हैं इसी में से अशोकनगर जिले के ग्राम बैरसिया रकतेरा की 90% भूमि प्रभावित हुई है केवल 10% भूमि ही शेष रही है? क्या बची हुई 10% भूमि जो है उसको प्रभावित भूमि में शामिल किया जावेगा यदि हां तो कब तक किया जावेगा? यदि नहीं तो क्यों नहीं। (ख) क्या लोअर और परियोजना अंतर्गत बनने वाले बांध में पेड़ों पौधों कुआं बावड़ी नलकूपों मंदिरों इत्यादि का मुआवजा नहीं दिया जा रहा है जबकि पूर्व में राजघाट बांध का निर्माण हुआ था उसमें इन सब का मुआवजा प्रदान किया गया था यदि हाँ तो क्या लोअर ओर परियोजना अंतर्गत बनने वाले बांध में इन सब का मुआवजा प्रदाय किया जावेगा यदि हाँ तो कब तक? (ग) लोअर और परियोजना अंतर्गत पुनर्वास देने का क्या नियम है एवं 18 वर्ष के अविवाहित पुत्र एवं पुत्रियों को किस आधार पर पुनर्वास नहीं दिया जा रहा है कारण स्पष्ट करें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ, अशोक नगर एवं शिवपुरी जिले की सीमा पर निर्माणाधीन लोअर ओर परियोजना से अशोकनगर जिले के 09 ग्राम एवं शिवपुरी जिले का 01 ग्राम की भूमि प्रभावित हो रही है। इनमें से अशोक नगर जिले के ग्राम डांग बेरसिया तथा ग्राम रकतेरा की 90 प्रतिशत भूमि प्रभावित नहीं हो रही है अपितु अशोक नगर जिले के ग्राम डांग बेरसिया की 74 प्रतिशत तथा ग्राम रकतेरा की 40 प्रतिशत भूमि प्रभावित हो रही है। इन दोनों ग्रामों की शेष बची हुई भूमि डूब में नहीं आने के कारण इनका मुआवजा प्रकरण बनाया जाना नियमानुकूल न होने के कारण इन्हे प्रभावित भूमि में शामिल करने का प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) लोअर ओर परियोजना के डूब प्रभावितों के लिए विशेष पुनर्वास पैकेज स्वीकृत किया गया है तथा उक्त विशेष पुनर्वास पैकेज में पक्का कुआं, चालू ट्यूबवेल एवं फलदार वृक्षों के बगीचे का मुआवजा प्रदान करने का प्रावधान है एवं उक्त प्रावधान अनुसार ही मुआवजा प्रदान किया जा रहा है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) लोअर ओर परियोजना अंतर्गत पुनर्वास के लिए शासन के पत्र क्रमांक-22 (ए)/337/एमपीएस/31/878 दिनांक 16.05.2018 द्वारा विशेष पुनर्वास पैकेज स्वीकृत में किया गया है। स्वीकृत पुनर्वास पैकेज में 18 वर्ष के अविवाहित पुत्र एवं पुत्रियों को पुनर्वास अनुदान दिए जाने का प्रावधान नहीं होने के कारण 18 वर्ष के अविवाहित पुत्र एवं पुत्रियों को पुनर्वास अनुदान नहीं दिया जा रहा है।
एन.पी.एस. में केंद्र सरकार की तरह 10 प्रतिशत के स्थान पर 14 प्रतिशत अंशदान
[वित्त]
8. ( क्र. 33 ) श्री महेन्द्र हार्डिया, श्री कुँवरजी कोठार : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कर्मचारियों के लिए केंद्र सरकार में 1 जनवरी, 2004 एवं मध्यप्रदेश सरकार में 1 जनवरी, 2005 से न्यू पेंशन सिस्टम लागू है? (ख) क्या केंद्र सरकार द्वारा न्यू पेंशन सिस्टम में सरकारी अंशदान 10 प्रतिशत के स्थान पर 14 प्रतिशत कर दिया गया है? (ग) यदि हाँ तो मध्यप्रदेश के न्यू पेंशन सिस्टम के अंतर्गत आने वाले कर्मचारियों के लिए मध्यप्रदेश सरकार का एन.पी.एस. में अंशदान 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत कब किया जावेगा? इस बाबत आदेश कब जारी किए जाएगें?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) नीतिगत निर्णय होने से आदेश जारी करने संबंधी समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
राजगढ़ जिले का गजेटियर उपलब्ध कराने
[राजस्व]
9. ( क्र. 35 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश के प्रत्येक जिले का गजेटियर का प्रकाशन सरकार द्वारा किया जाता है? (ख) यदि हाँ तो राजगढ (ब्यावरा) जिले का अभी तक के प्रकाशित गजेटियरों की प्रति उपलब्ध करावे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
बरगी बांध के गैलरी
[नर्मदा घाटी विकास]
10. ( क्र. 60 ) श्री तरूण भनोत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला जबलपुर स्थित बरगी बांध की गैलरी का कार्य जुगाड़ के कलपुर्जो से चल रहा है, जिसके फलस्वरूप कभी भी बड़ा हादसा होने की पूर्ण संभावना है? (ख) क्या विगत कई माहों से वर्णित (क) के कार्य के लिए आवश्यक सामग्री सप्लाई नहीं की गई, जिससे गैलरी के कई हिस्सों में अंधकार है एवं कर्मचारियों को टार्च से काम करना पड़ रहा है? (ग) वर्णित (क) की आपूर्ति एवं अन्य सामग्री के क्रय हेतु शासन द्वारा कितनी राशि का आवंटन किया गया है एवं उसमें क्या-क्या कार्य किये गये? (घ) कब तक वर्णित (क) का कार्य पूर्ण एवं नियमित रूप से कर दिया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। कार्य के लिए आवश्यक सामग्री समय-समय पर प्रदाय कराई गई है। गैलरी में स्थापित व्यवस्था अनुसार विगत वर्षों से ही प्रकाश व्यवस्था की जा रही है। प्रकाश व्यवस्था का आधुनिकीकरण प्रस्तावित है। (ग) गैलरी के लिये अलग से आवंटन प्राप्त नहीं होता है। गैलरी सुधार कार्य एवं जनरेटर के संचालन, संधारण तथा रख-रखाव का कार्य किया गया है। (घ) कार्य रख-रखाव से संबंधित है जिनका संधारण समय-समय पर आवश्यकतानुसार निरंतर कराया जाता है।
जबलपुर में ग्वारीघाट से तिलवाराघाट तक घाट निर्माण
[जल संसाधन]
11. ( क्र. 61 ) श्री तरूण भनोत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर में ग्वारीघाट से तिलवाराघाट तक घाट निर्माण एवं सौन्दर्यीकरण के लिए बजट में प्रावधान किया गया है? यदि हाँ, तो उसका विवरण दिया जाये। (ख) बजट में प्रावधान होने के बावजूद प्रश्नांश (क) में वर्णित घाट के लिए अभी तक धरातल पर कोई कार्य प्रारंभ नहीं होने का क्या कारण है तथा इस विलंब के लिए कौन अधिकारी उत्तरदायी है? (ग) ग्वारीघाट से तिलवाराघाट में प्रस्तावित घाट निर्माण में विलम्ब के लिए क्या राज्य शासन उत्तरदायित्व निर्धारित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) ग्वारीघाट से तिलवाराघाट तक घाट निर्माण के लिए मॉंग संख्या 23, लेखाशीर्ष 4711, बाढ़ नियंत्रण परियोजनांतर्गत वित्तीय वर्ष 2020-21 हेतु राशि रू.20 लाख का बजट प्रावधान किया गया है। (ख) एवं (ग) घाट निर्माण कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति विचाराधीन होने के कारण कार्य प्रारंभ नहीं किया जा सका है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पात्रता पर्ची का वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
12. ( क्र. 76 ) श्री रामपाल सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिसम्बर 2020 की स्थिति में रायसेन जिले में कितने पात्र परिवारों को पात्रता पर्ची का वितरण नहीं किया गया तथा क्यों? उनको कब तक पर्ची दी जायेगी? (ख) रायसेन जिले में कितने पात्र परिवारों को राशन वितरण बंद कर दिया है तथा क्यों? (ग) दिसम्बर 2020 की स्थिति में पात्र परिवार जिनका राशन बंद कर दिया गया है, उनके पुन: नाम जोड़ने के आवेदन किस स्तर पर कब से क्यों लंबित है? कारण बतायें तथा आवेदन पत्रों का कब तक निराकरण होगा? (घ) रायसेन जिले में पात्र परिवारों का राशन क्यों बंद किया गया? इसके लिए कौन-कौन जवाबदार है तथा उनके विरूद्ध विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की जायेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) रायसेन जिले में माह दिसम्बर 2020 तक 18694 नवीन वैध पात्र आवेदकों हेतु पात्रता पर्चियां जारी कर सभी का वितरण परिवारों को स्थानीय निकायों के माध्यम से कराया जा चुका है, प्रश्न दिनांक की स्थिति में कोई भी पात्रता पर्ची वितरित किए जाने हेतु शेष नहीं हैं। नवीन जोड़े गए परिवारों सहित जिले में 207210 पात्र परिवार योजना अंतर्गत लाभान्वित हो रहे हैं। नवीन परिवार द्वारा पोर्टल पर आवेदन प्रस्तुत करना, आवेदकों की पात्रता व दस्तावेजों का परीक्षण, सत्यापन तथा स्वीकृति एक सतत प्रक्रिया है। स्वीकृति उपरांत भारत सरकार द्वारा निर्धारित जनसंख्या सीमा तक वैध पात्रताधारी लाभार्थियों को मासिक आवंटन के समय पात्रता पर्ची जारी कर उनका वितरण किया जाता है। (ख) NFSA अंतर्गत पूर्व से लाभ ले रहे परिवारों की पात्रता के सत्यापन हेतु माह जनवरी एवं फरवरी 2020 में चलाए गए अभियान के दौरान घर-घर जाकर किए गए सर्वे में विभिन्न कारणों यथा विवाह हो जाने से परिवार से पृथक हुई महिला सदस्य/मृत्यु/दोहरे होने/पात्रता संबंधी वैध दस्तावेज उपलब्ध न होने आदि के फलस्वरूप चिन्हांकित 10446 परिवारों की पात्रता पोर्टल से अस्थायी रूप से रोकी गयी। पोर्टल पर पात्रता स्थगित किए गए परिवारों की सूची संबंधित उचित मूल्य दुकानों पर प्रदर्शित किए जाने के निर्देश थे। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार वे परिवार जिनकी पात्रता अस्थाई रूप से स्थगित की गयी है, उनमें से 240 परिवारों की पात्रता का पुन: सत्यापन कर पात्रता पर्ची एवं खाद्यान्न प्रदाय कराया गया है तथा 126 परिवारों द्वारा माह दिसम्बर 2020 में स्थानीय निकाय में दस्तावेजों सहित पुन: आवेदन प्रस्तुत किए गए हैं इनके परीक्षण उपरांत, पात्र पाए जाने पर परिवारों को मासिक आवंटन के साथ पात्रता पर्ची जारी करने की व्यवस्था है। (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के पात्र किसानों की संख्या
[राजस्व]
13. ( क्र. 77 ) श्री रामपाल सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिसम्बर 2020 की स्थिति में रायसेन जिले में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि हेतु पात्र किसानों की संख्या तहसीलवार बताये उनमें से कितने किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि मिल रही है? (ख) रायसेन जिले में कितने पात्र किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि क्यों नहीं मिल रही है? तहसीलवार संख्या बतायें। (ग) रायसेन जिले में सभी पात्र किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि मिले इस हेतु विभाग के अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है? (घ) प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में पात्रता की क्या शर्ते हैं तथा संबंधित किसानों को क्या दस्तावेज उपलब्ध कराना पड़ते हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) दिनांक 16/12/2020 की स्थिति में जिला रायसेन में पात्र किसानों की तहसीलवार संख्या क्रमश: रायसेन-23217, गैरतगंज-17031, बेगमगंज-20418, सिलवानी-18232, उदयपुरी+देवरी -21526, बरेली-15721, बाडी-11100, सुल्तानपुर-5211, गौहरगंज-15647 है। उपरोक्त उल्लेखित किसानों को प्रधानमंत्री किसान योजना का लाभ प्राप्त हो रहा है। (ख) प्रश्न (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना हेतु रायसेन जिले के सभी पात्र किसान परिवारों को लाभ दिलाए जाने हेतु साप्ताहिक समीक्षा/दस्तावेज एकत्रीकरण/डाटा अद्यतन एवं व्यापक प्रचार-प्रसार की कार्यवाही की जा रहीं है। (घ) प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि हेतु पात्रता की शर्तें पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में उपलब्ध है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ लेने हेतु योजनांतर्गत उच्च आर्थिक स्थिति श्रेणी में न होने का स्व-सत्यापित प्रमाण-पत्र, आधार नंबर का उपयोग योजना में किये जाने की सहमति, योजनांतर्गत अन्य अपात्रता न होने संबंधी स्व-सत्यापित प्रमाण-पत्र, आधार नंबर, बैंक खाता आदि जानकारी उपलब्ध कराना आवश्यक है।
चित्रकूट की मंदाकिनी पयस्वनी एवं सरयू नदियों का सीमांकन
[राजस्व]
14. ( क्र. 85 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या चित्रकूट में मंदाकिनी, सरयू व पयस्वनी जैसी पवित्र नदियों के संगम तथा नदियों पर आक्रमणकारियों ने अवैध तरीके से अपना अवैध निर्माण कर लिया है, यदि हाँ तो क्या ऐसे में नदियों के सीमांकन एवं उसे अतिक्रमण मुक्त करने के व्यापक अभियान की जरूरत नहीं है? (ख) यदि हाँ तो विगत 10 वर्षों में चित्रकूट की मंदाकिनी, सरयू एवं पयस्वनी नदी के सीमांकन हेतु कब-कब पहल की गई एवं उस पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) नदियों के संरक्षण संवर्धन के लिये शासन की नीति को स्पष्ट करते हुये यह बतावें कि विगत 10 वर्षों में चित्रकूट के धार्मिक व ऐतिहासिक महत्व की नदियों की सीमा को सुरक्षित रखने के लिये शासन स्तर पर कब-कब क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो कब तक करेंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) चित्रकूट में मंदाकिनी, सरयू व पयस्वनी नदियों में अतिक्रमण 18 लोगों द्वारा अवैध निर्माण कर लिया गया था और उन्हें कार्यालय नगर परिषद चित्रकूठ जिला-सतना (म.प्र.) के पत्र क्र/न.प/तक./2884/2020 चित्रकूट दिनांक 14/12/2020 द्वारा प्राप्त जानकारी अनुसार चिन्हित कर अतिक्रमण मुक्त किया गया है। (ख) विगत 10 वर्षों में चित्रकूट की मंदाकिनी, सरयू व पयस्वनी नदी के किनारे एन.जी.टी. का प्रकरण क्रमांक/2/2013 के अंतर्गत 18 अतिक्रमण चिन्हित किये गये थे, जिन्हें पूर्व में ही हटाया जा चुका है। अब वर्तमान में मंदाकिनी नदी के किनारे निर्माण कार्यों को पूर्ण रुप से प्रतिबंधित किया गया है। (ग) नदियों के संरक्षण, संवर्धन के लिये शासन की नीति का प्रश्न शासन से संबंधित है। कार्यालय नायब तहसीलदार चित्रकूट के पत्र क्रमांक 411/प्रव.ना.तह.चि./2020 चित्रकूट दिनांक 08.12.2020 के अनुसार एन.जी.टी. प्रकरण क्रमांक 673/2018 में पारित दिनांक क्रमांक 20/09/2018 के अनुसार मौजा नयागांव की आराजी नंबर 190 रकबा 1.494 है का अंश रकबा 0.418 हे. जो मंदाकिनी नदी के किनारें वृक्षारोपण हेतु प्रस्तावित की गई है।
सतना जिले के फैक्ट्रियों, संस्थानों में कार्यरत श्रमिकों
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
15. ( क्र. 87 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में कुल कितनी निजी औद्योगिक इकाइयाँ, प्रतिष्ठान, फैक्ट्री एवं संस्थाएं संचालित हैं, इनमें कुल कितने कर्मचारी/अधिकारी/श्रमिक/कार्यकर्ता कार्यरत हैं, संस्थावार पृथक-पृथक विवरण दें तथा मद भी बतायें कि इनमें से कितनों को शासन द्वारा अनुदान/सहायता दी जाती है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में इन संस्थाओं में कार्यरत कर्मचारियों में कितने कर्मचारी सतना जिले के स्थानीय निवासी है? (ग) इन संस्थानों के संचालन में गड़बड़ी एवं श्रमिकों की समस्या से संबंधित कितने मामले वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक शासन को प्राप्त हुए एवं कितने मामलों में कार्यवाही हुई, शिकायतवार कार्यवाही का विवरण भी देवें।
सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) सतना जिले में संबंधित निजी औद्योगिक इकाइयॉ, प्रतिष्ठान, फैक्ट्री एवं संस्थाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। उक्त इकाईयों में से 20 इकाईयों को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग द्वारा वित्तीय सहायता/अनुदान प्रदान किया गया है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है।
तिलहन संघ कर्मियों के पुनरीक्षित वेतनमानों का अनुमोदन
[वित्त]
16. ( क्र. 99 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. राज्य तिलहन संघ से प्रतिनियुक्ति पर विभिन्न विभागों में वर्ष 1998 से वर्ष 2012 तक कार्यरत सेवायुक्तों को पांचवा वेतनमान का लाभ स्वीकृत किया है? यदि हां तो आदेश/परिपत्र की प्रति उपलब्ध करावें और यदि नहीं तो क्यों नहीं? यदि पात्रता है तो इसका आधार क्या-क्या है? (ख) (अ) अंतर्गत सेवायुक्तों को पांचवा वेतनमान का लाभ राज्य शासन के कर्मचारियों को स्वीकृत किये अनुसार होना है अथवा संविलियन योजना की कंडिका 2.6 में वेतन निर्धारण के दिशा-निर्देश अनुसार होना है। कृपया स्पष्ट करें, क्या यह सही है कि वित्त विभाग मंत्रालय आदेश क्रमांक 496 दिनांक 23/3/2019 में न्यायालयीन आदेशों के परिपालन में प्रतिनियुक्ति वाले कर्मचारियों का संविलियन नीति अनुसार वेतन निर्धारण आदेश दिया है? क्या यह सही है? भ्रम की स्थिति दूर करेंगें? (ग) वित्त विभाग अंतर्गत कार्यरत प्रतिनियुक्ति/संविलियन तिलहन संघ सेवायुक्तों पुन:रीक्षित वेतनमान का लाभ/एरियर स्वीकृत किया है नाम, पद वेतनमान बतायें एवं कितनों का लम्बित है नाम, पद, कार्यालय का नाम बतायें? क्या सभी सेवायुक्तों को वेतनमान का लाभ एवं एरियर्स स्वीकृत करेंगे?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) म.प्र. राज्य तिलहन संघ से प्रतिनियुक्ति पर विभिन्न विभागों में पदस्थ कर्मियों को पांचवे एवं छटवे वेतनमान का लाभ देने हेतु म.प्र. शासन वित्त विभाग मंत्रालय के परिपत्र क्रमांक 496/2031/2018/नियम/चार,दिनांक 23.03.2019 से दिशा-निर्देश जारी किए गए है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ" अनुसार है। (ख) संविलियन योजना की कंडिका 2.6 एवं समय-समय पर शासन द्वारा जारी परिपत्र अनुसार। जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वित्त विभाग के अंतर्गत संस्थागत वित्त संचालनालय में 08 का संविलियन हो चुका है। स्थानीय निधि संचालनालय में 30 तिलहन संघ के पदस्थ सेवायुक्तों में से 26 का संविलियन हो चुका है। शेष 04 प्रतिनियुक्ति अवधि में सेवानिवृत्त/मृत हो चुके है। इसमें से 30 को पुनरीक्षण वेतनमान का लाभ दिया गया है एवं 08 का शेष है। प्रश्न दिनांक तक 12 को एरियर्स का भुगतान हो चुका है। शेष 26 के एरियर्स भुगतान की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। नाम व पद से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब" अनुसार है। प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
सर्मथन मुल्य पर गेहूँ, धान की खरीदी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
17. ( क्र. 110 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में विगत 3 वर्षों में कितना गेहूँ, धान एवं अन्य जिन्स सर्मथन मूल्य पर क्रय किया गया। वर्षवार, समितिवार जानकारी दें। रीवा, जबलपुर संभाग की राईस मिलों द्वारा विगत दो वर्षों से प्रश्न दिनांक तक किन-किन राइस मिलों द्वारा कितना धान प्राप्त किया गया? कितना-कितना चावल जमा किया, कितने-कितने लॉट/स्टेक अमानक पाए गए? (ख) प्रश्नांश (क) के जिन राईस मिलों के तीन लॉट अमानक पाए गए उन राईस मिलों को ब्लैक लिस्ट करने के प्रावधान अनुसार ब्लैक लिस्ट क्यों नहीं किया? अब कब तक किया जावेगा तथा अमानक चावल किन-किन राईस मिलों द्वारा उठाकर बदला गया? किन-किन के द्वारा नहीं पृथक-पृथक जिलेवार राईस मिलवार बताएं। (ग) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा क्या श्री चन्द्रशेखर अग्निहोत्री (राजगुरू) रचना नगर कटनी की शिकायत संलग्न कर पत्र क्रमांक 776 दिनांक 14.10.2020 से माननीय मंत्री प्रमुख सचिव खाद्य एवं मुख्य सचिव को जाँच हेतु भेजा गया था। उक्त शिकायत पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) श्री चन्द्रशेखर अग्निहोत्री राजगुरू कटनी द्वारा वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक खाद्य विभाग से संबंधित मुख्यमंत्री, प्रमुख सचिव खाद्य एवं मुख्य सचिव को जो शिकयतें की गई, उन शिकायतों पर कार्यवाहीवार का विवरण दें।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
चालान प्रस्तुत करने में विलंब
[सामान्य प्रशासन]
18. ( क्र. 111 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा, जबलपुर संभाग के अन्तर्गत अधिकारी/कर्मचारियों के आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने एवं रिश्वत लेने के ऐसे कितने प्रकरण है, जिनके चालान प्रश्न दिनांक तक माननीय न्यायालय में प्रस्तुत नहीं किए गए? पृथक-पृथक विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) के विरूद्ध चालान प्रस्तुत किए जाने हेतु किन-किन विभाग के सक्षम प्राधिकारी से अभियोजन स्वीकृत मांगी गई, जो विभाग द्वारा प्रदाय नहीं की गई, उनका विवरण व्यक्तिवार, विभागवार उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के जिन अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध जिन अधिकारियों ने अभियोजन स्वीकृत नहीं दी, उसके क्या कारण है, पृथक-पृथक बताएं। अभियोजन स्वीकृत न देने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कब कार्यवाही की जावेगी? (घ) ऐसे कितने अधिकारी/कर्मचारी है, जिनके विरूद्ध लम्बी अवधि से विवेचना के नाम से बचाने हेतु प्रकरण लम्बित रखे गये है, उन प्ररकणों के विवेचकों के विरूद्ध कब क्या कार्यवाही की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
उपयंत्री के विरूद्ध शिकायत की जांच
[जल संसाधन]
19. ( क्र. 114 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नोत्तरी दिनांक 21-09-2020 में मुद्रित प्रश्न संख्या 20, प्रश्न क्रमांक 118 के प्रश्नांश (ख) में प्राप्त 03 शिकायतों का विवरण पुस्तकालय में रखे प्रपत्र ''अ'' तथा परिशिष्ट ''1'' से ''6'' कुल पृष्ठ 10 अनुसार है, दिया गया है तो प्रपत्र ''अ'' में उल्लेखित शिकायत क्रमांक 1 जो आयुक्त शहडोल संभाग को प्राप्त हुई, उस शिकायत के संबंध में अधीक्षण यंत्री जल संसाधन मण्डल शहडोल ने पत्र क्रमांक 1452/स्था./2019, दिनांक 06-09-2019 से जो जानकारी आयुक्त संभाग शहडोल को सहपत्रों सहित भेजी है, उसकी एक प्रति उपलब्ध करावें। (ख) कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन विभाग उमरिया म.प्र. द्वारा दिनांक 25-07-2020 को जो जानकारी शिकायत क्रमांक 264/2019 के संबंध में एस.पी. ई.ओ.डब्ल्यू. रीवा को भेजी है, जिसके बिन्दु क्रमांक 5 में जो अचल संपत्ति क्रय की है, उसके लिए राशि की व्यवस्था कहाँ से कराना बताया है और कुल कितनी कीमत की भूमि, भवन, वाहन, रायफल क्रय करने के पूर्व स्वीकृति देने के पूर्व राशि उपलब्धता की जांच की गई थी? यदि नहीं तो क्यों? कारण बताएं तथा यह भी बताएं कि उक्त उपयंत्री द्वारा कुल कितनी कीमत की अचल संपत्ति क्रय किया है तथा उनको कुल कितना वेतन अचल संपत्ति क्रय दिनांक तक प्राप्त हुआ? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में संबंधित उपयंत्री को निलंबित कर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही की जावेगी? यदि हां तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कुण्डालिया वृहद सिंचाई परियोजना के डूब मुआवजा का भुगतान
[राजस्व]
20. ( क्र. 123 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ एवं आगर जिले की कुण्डालिया वृहद सिंचाई परियोजना के अंतर्गत ग्राम कायथा तहसील जीरापुर जिला राजगढ़ की 143.305 हेक्टर भूमि जो कि 27 कृषकों की होकर परियोजना में डूब क्षेत्र में प्रभावित हो रही है? इन कृषकों को वर्ष 1974 में पट्टे दिये गये थे व राजस्व रिकार्ड में भी भूमि कृषकों के नाम दर्ज है? इनका भू-अर्जन का कार्य अंतिम स्तर पर आकर रोक दिया गया है, कारण बतावें? (ख) क्या इसी परियोजना के डूब क्षेत्र में आने वाले आगर जिले के ग्राम गोठड़ा तह. नलखेड़ा में वन भूमि पर काबिज कृषकों को पुर्नविस्थापन में अवार्ड पारित कर मुआवजा वितरित किया गया है कितनी भूमि एवं कितने कृषकों को कितनी राशि का मुआवजा पुर्नविस्थापन में दिया गया? (ग) एक ही परियोजना में मुआवजे के दो मापदण्ड किस कारण से अपनाये गये एवं ग्राम कायथा तहसील जीरापुर जिला राजगढ़ की 143.305 हेक्टर प्रभावित भूमि का पुर्नविस्थापन में कब तक दिया जायेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) राजगढ़ जिले में कुण्डालिया वृहद सिंचाई परियोजना के अंतर्गत ग्राम कायथा तहसील जीरापुर जिला राजगढ़ की 164 कृषकों की 108.896 हेक्टर भूमि का रू .11,04,88,500/- रू का अवार्ड पारित कर भुगतान किया गया है। 28 कृषकों की 34.764 हेक्टर भूमि वनखण्ड कायथा में आने के कारण अवार्ड से पृथक की गई है। आगर मालवा जिले की जानकारी निरंक है। (ख) आगर मालवा जिले के उक्त परियोजना में गाम गोठडा, तहसील नलखेडा में वनखंड अधिसूचित होने के पूर्व के पट्टेधारी होने के कारण भू-अर्जन अधिकारी, सुसनेर द्वारा अवार्ड पारित कर मुआवजा वितरित किया गया है, अवार्ड अनुसार कुल 26 कृषकों की 55.57 हेक्टेयर भूमि की राशि रूपये 52007580/- (अक्षरी पांच करोड़ बीस लाख सात हजार पांच सौ अस्सी मात्र) का मुआवजा वितरित किया गया है। प्रश्नांश राजगढ़ जिले से संबंधित नहीं हैं। (ग) कृषकों की वन विभाग के नाम भूमि दर्ज होने से मुआवजा नहीं दिया गया है। वर्तमान में कुछ कृषकों द्वारा माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर में याचिका दायर होकर प्रकरण प्रचलित है। माननीय न्यायालय के आदेश एवं शासन के निर्देशानुसार कार्यवाही की जावेगी। आगर मालवा जिले की जानकारी निरंक है।
लिम्बोदा लघु सिंचाई परियोजना का कार्य
[जल संसाधन]
21. ( क्र. 124 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के अंतर्गत विकासखण्ड खिलचीपुर में लिम्बोदा लघु सिंचाई परियोजना कब स्वीकृत की गई थी? उक्त योजना का कार्य कब प्रारंभ हुआ है? दिनांक सहित उल्लेख करें। (ख) क्या उक्त योजना में डूब क्षेत्र में आ रही भूमि में भू-अर्जन की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है? प्रक्रिया कब प्रारंभ हुई? दिनांक सहित उल्लेख करें। कब पूर्ण की गई? दिनांक सहित उल्लेख करें। यदि नहीं तो प्रक्रिया किस स्तर से लंबित है व कब तक पूर्ण की जायेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) दिनांक 04.07.2018 को स्वीकृत। दिनांक 19.12.2019 से कार्य प्रारंभ। (ख) जी हाँ। दिनांक 19.06.2020 को धारा-11 का गजट में प्रकाशन कराया जाकर भू-अर्जन की प्रक्रिया प्रारंभ हुई। दिनांक 25.09.2020 को धारा-19 का प्रकाशन कराया गया। सीमाकंन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन तथा अवार्ड एवं भुगतान की कार्यवाही शेष होना प्रतिवेदित है। भू-अर्जन की कार्यवाही पूर्ण नहीं हुई है। प्रकिया भू-अर्जन अधिकारी, राजगढ़ स्तर पर लंबित है। प्रक्रिया पूर्ण किए जाने की तिथि बताया जाना संभव नहीं है।
उपार्जन की राशि का भुगतान
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
22. ( क्र. 130 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले में प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र रैगांव अंतर्गत उपार्जन केन्द्र रैगाँव (सोहावल), धौरहरा (निपनिया), शेरगंज (सोहावल) एवं कृषि उपज मंडी नागौद (विपणन संघ नागौद द्वारा खरीदी) में कृषकों द्वारा उपार्जन केन्द्रों में बिक्री किये गये गेहूँ का भुगतान पूर्ण रूप से नहीं किया गया है? कितने कृषकों की कितनी राशि वर्ष 2018-19 से भुगतान हेतु शेष है? (ख) क्या उपार्जन समिति द्वारा सहकारी समितियों के कर्जा की कृषकों से कटौती की गई है? क्या उक्त काटी गई राशि बैंक में जमा की गई है? यदि नहीं तो क्यों? यदि हाँ तो कृषकों से भी केसीसी की राशि दुबारा क्यों जमा कराई गई है? किन-किन कृषकों से केसीसी की राशि पुन: जमा कराई गई है एवं क्यों? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार ऐसे कृषक जिनसे दुबारा केसीसी की राशि जमा कराई गई है एवं उपार्जन के भुगतान में भी उक्त केसीसी राशि को काटकर भुगतान किया गया है, के लिये उत्तरदायी कौन है? उत्तरदायियों को कब तक निलंबित किया जावेगा एवं कृषकों को राशि का भुगतान कर दिया जावेगा? यदि नहीं तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) सतना जिले के विधानसभा क्षेत्र रैगांव अन्तर्गत रैगांव (सोहावल), धौरहरा (निपनिया), शेरगंज (सोहावल) एवं कृषि उपज मंडी नागौद (विपणन संघ नागौद द्वारा खरीदी) वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में कृषकों द्वारा उपार्जन केन्द्रों में बिक्री किये गए गेहूँ का भुगतान लंबित नहीं है। रबी विपणन वर्ष 2020-21 में विधानसभा क्षेत्र रैगांव के उपार्जन केन्द्र रैगांव (सोहावल) में 20 किसानों की रूपये 3,84,300.00, धौरहरा (निपनिया) में 07 किसानों की रूपये 2,06,098.75, शेरगंज (सोहावल) में 17 किसानों की 9,19,758.50 एवं कृषि उपज मंडी नागौद में 05 किसानों की राशि 80,500 कुल 49 किसानों की लिकिंग कटौती की कुल राशि रूपये 15,90,557.27 तथा विपणन समिति नागौद के 12 किसानों का रूपये 58,24,085.00 भुगतान हेतु लंबित है। इस प्रकार कुल 61 किसानों की कुल राशि रूपये 74,14,742.25 भुगतान किया जाना शेष है। (ख) जी हाँ। जो कृषक कालातीत नहीं होना चाहते थे, उनके द्वारा नगद राशि अपने डीएमआर खाते में समिति के माध्यम से जमा कराई गई। कृषकों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। रबी विपणन वर्ष 2020-21 में गेहूं उपार्जन के दौरान असामयिक वर्षा से गेहूं खराब होने के कारण किसानों का भुगतान लंबित रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) असामयिक वर्षा के कारण खराब हुए गेहूं का भुगतान नहीं किया जा सका है, जिसके लिए कोई उत्तरदायी नहीं है। शेष भुगतान की कार्यवाही प्रचलित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। गेहूं कृषकों द्वारा डीएमआर खाते में नगद ऋण राशि जमा कराई गई है, ऐसे कृषकों उपार्जन एजेंसी से राशि प्राप्त होने पर कृषकों के खाते में ही राशि जमा होती है।
डीनोटीफिकेशन की प्रविष्टि
[राजस्व]
23. ( क्र. 143 ) श्री धरमू सिंग सिरसाम : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्य सचिव के आदेश क्रमांक 230/सीएस/04 दिनांक 24 जुलाई, 2004 में दिए निर्देश के बाद भी भा.व.अ. 1927 की धारा 34अ के अनुसार 15 सितम्बर 1975 को बैतूल जिले के 829 ग्रामों की डीनोटीफाईड भूमियों की प्रविष्टि संशोधन पंजी, निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में प्रश्नांकित दिनांक तक भी दर्ज नहीं की गई? (ख) 829 ग्रामों में से कितने रकबे को संरक्षित वन सर्वे में शामिल किया इनमें से कितने रकबे को 15 सितम्बर 1972 को डीनोटीफाईड किया, डीनोटीफिकेशन की प्रविष्टि संशोधित पंजी, निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में किन कारणों से प्रश्नांकित दिनांक तक भी दर्ज नहीं की गई? (ग) डीनोटीफिकेशन की प्रविष्टि संशोधन पंजी, निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में कब तक दर्ज कर दी जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जिले के वनमण्डल उत्तर बैतूल (सा.) दक्षिण बैतूल (सा.) पश्चिम बैतूल (सा.) के अंतर्गत भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 34 (अ) के तहत निर्वनीकृत 829 ग्रामों की अधिसूचना में ग्रामों के नाम के समक्ष खसरा एवं रकबा का उल्लेख नहीं होने से प्रश्नांकित दिनांक तक प्रविष्टि नहीं की गई है। (ग) राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना में ग्रामों के नामों के समक्ष खसरा नम्बर एवं रकबे का उल्लेख नहीं होने से प्रश्नांकित दिनांक तक प्रविष्टि नहीं की गई है।
समर्थन मूल्य पर फसल क्रय
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
24. ( क्र. 155 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में वर्ष 2019-20 से अब तक समर्थन मूल्य पर गेहूँ, चना, मूंग एवं धान का किन-किन संस्थाओं के माध्यम से कब-कब और कितना-कितना उपार्जन किया गया तथा उपार्जित किये गये अनाज को किन-किन वेयरहाउसों में भंडारित किया गया? (ख) उक्त अवधि में किन-किन खरीदी केन्द्रों पर समय पर परिवहन तथा भण्डारण न होने के कारण कौन-कौन अनाज कितनी मात्रा में खराब हुआ? खराब अनाज का क्या उपयोग किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) के कितने किसानों को उनकी उपज का भुगतान क्यों नहीं किया गया तथा इसके लिये कौन दोषी है? (घ) संबंधित किसानों को ब्याज सहित राशि का भुगतान कब तक किया जायेगा तथा इस संबंध में माननीय मंत्री जी एवं विभाग के अधिकारियों को रायसेन जिले के किन-किन विधायकों के पत्र कब-कब प्राप्त हुये तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) रायसेन जिले में वर्ष 2019-20 से अब तक समर्थन मूल्य पर उपार्जित गेहूं, चना, मूंग एवं धान की संस्थावार तथा वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–अ अनुसार है। उपार्जित स्कंध के भण्डारण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–ब अनुसार है। (ख) रायसेन जिले में वर्ष 2019-20 में समर्थन मूल्य पर उपार्जित गेहूं एवं खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में उपार्जित धान परिवहन एवं भण्डारण न होने के कारण खराब नहीं हुआ है। वर्ष 2020-21 में निसर्ग तूफान के कारण असामयिक वर्षा होने एवं उपार्जन केन्द्रों पर अंतिम दिनों में अधिक मात्रा में गेहूं की आवक होने के कारण 1265.16 मे.टन गेहूं खराब हुआ है। खराब हुए गेहूं की उपार्जन केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। खराब गेहूं को निविदा के माध्यम से नीलाम किया गया है। (ग) रायसेन जिले में वर्ष 2019-20 एवं रबी विपणन 2020-21 में उपार्जित स्कंध का भुगतान लंबित नहीं है। खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में धान उपार्जन का कार्य प्रगतिरत है। दिनांक 17.12.2020 तक उपज विक्रय करने वाले 1645 किसानों को भुगतान योग्य राशि रू. 1942 करोड़ में से 1270 किसानों को रू. 12.30 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है शेष भुगतान की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) रायसेन जिले में वर्ष 2019-20 से अभी तक उपार्जित स्कंध का भुगतान लंबित नहीं होने से ब्याज के भुगतान का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जिला कार्यालय रायसेन में वर्ष 2019-20 से अभी तक उपार्जित स्कंध के लंबित भुगतान हेतु कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जनभागीदारी योजना का क्रियान्वयन
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
25. ( क्र. 156 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिसम्बर 2020 की स्थिति में रायसेन जिले में जनभागीदारी योजना के अंतर्गत स्वीकृत कौन-कौन से कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ हैं तथा क्यों? कार्यवार कारण बतायें। (ख) उक्त अपूर्ण तथा अप्रारंभ कार्य कब तक पूर्ण होंगे? (ग) वित्तीय वर्ष 2018-19 से दिसम्बर 20 तक की अवधि में जनभागीदारी योजना 25 प्रतिशत अंशदान राशि से स्वीकृत कार्यों में से कौन-कौन से कार्य कब-कब पूर्ण हुए तथा उक्त कार्यों का अंतिम मूल्यांकन कब-कब किस-किस ने किया? (घ) प्रश्नांश (ग) के स्वीकृत कार्यों में संबंधित ग्रामों में अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति वर्ग के व्यक्तियों की संख्या कितनी हैं? 25 प्रतिशत अंशदान राशि से कार्य स्वीकृति के संबंध में शासन क्या निर्देश हैं? उक्त निर्देशों का पालन क्यों नहीं किया गया?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) कार्य पूर्णता की निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (घ) स्वीकृत कार्यों में संबंधित ग्रामों में अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति वर्ग के व्यक्तियों की संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' के कॉलम 8 एवं 9 अनुसार है। म.प्र. शासन के निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। निर्देशों का पालन किया गया है।
आंगनवाड़ी केन्द्र लेकोड़ा में कार्यकर्ता की नियुक्ति में लापरवाही
[महिला एवं बाल विकास]
26. ( क्र. 173 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या उज्जैन जिले की ग्रामीण क्षेत्र के आंगनवाड़ी केन्द्र लेकोड़ा में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की नियुक्ति में लापरवाही हुई है? यदि हाँ तो यह लापरवाही किसके द्वारा की गई? नियुक्ति से लेकर आपत्ति के समाधान तक की सम्पूर्ण जानकारी का विवरण देवे। वर्तमान में यह प्रकरण किस स्तर पर है? (ख) उक्त आंगनवाड़ी केन्द्र पर कार्यकर्ता की नियुक्ति हेतु प्रस्तुत सम्पूर्ण आवेदकों की सूची तथा उनके द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों का विवरण देवें जिसमें मेरिट के आधार पर प्रदाय अंक प्रदर्शित हों। साथ ही इन्हें प्रस्तुत दस्तावेजों के विरूद्ध प्रदाय पावती की प्रमाणित प्रतियाँ देवें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। वर्तमान में यह प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय की खण्डपीठ इन्दौर में रिट पिटीशन क्र. 8469/2020 अनुसार प्रचलन में है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' एवं ''स'' अनुसार है।
उज्जैन जिले में हैण्डपम्प का खनन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
27. ( क्र. 175 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक किस ग्राम में कहाँ-कहाँ पर एवं कितनी-कितनी गहराई के, किस-किस से किसकी अनुशंसा पर नवीन हैण्डपम्प खनन कराये गये है? वर्तमान में नवीन खनन उक्त हैण्डपम्प की क्या स्थिति है? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी देवें। (ख) वर्ष 2018-19 से अब तक प्रश्नकर्ता के द्वारा नवीन हैण्डपम्प खनन हेतु प्रदाय अनुशंसा में से कहाँ-कहाँ पर हैण्ड पम्प खनन कराये जा रहे हैं और कब तक करा लिए जावेंगे।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) अनुशंसित हैंडपंपों का सर्वेक्षण कराया जा रहा है। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
परिवहन कार्यालय जबलपुर द्वारा की जा रही कार्यवाही
[परिवहन]
28. ( क्र. 183 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश शासन द्वारा परिवहन बसों की पूर्व में स्वीकृत सीट क्षमता को काम करने के क्या नियम कानून हैं, बतलावें नियमों की छायाप्रति देवें? (ख) परिवहन विभाग जबलपुर द्वारा वित्त वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन परमिट धारी यात्री वाहनों में कब-कब पूर्व से स्वीकृत वाहनों की यात्री परिवहन क्षमता (सीटों) में किन-किन नियमों का उल्लेख कर कितनी-कितनी कमी की गई, वर्षवार परमिट धारी वाहन नंबर, वाहन मालिक का नाम, परिवहन पथ विवरण तथा कम की गई सीटों की संख्या सहित सम्पूर्ण सूची देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित पूर्व से परमिट धारी यात्री वाहनों की सीटों का कम किया जाना क्या नियमानुसार है, क्या शासन इसकी जाँच कर दोषियों पर उचित कार्यवाही करेगा? उत्तर में यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक, यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) मध्यप्रदेश मोटरयान नियम 1994 के नियम 158 के अनुसार बसों की बैठक क्षमता का निर्धारण किए जाने का अधिकार पंजीयन प्राधिकारी को प्रदत्त है, नियमानुसार बसों की बैठक क्षमता में परिवर्तन किया जाता है। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर है। (ख) एवं (ग) वित्तीय वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक 40 बसों की बैठक क्षमता व्हीलबेस के आधार पर कम की गई है तथा 65 बसों की बैठक क्षमता साधारण श्रेणी से डीलक्स श्रेणी में परिवर्तन के आधार पर कम की गई हैं। इस प्रकार कुल 105 बसों की बैठक क्षमता कम की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। यात्री वाहनों की सीटों के बदलाव में कोई शिकायत प्राप्त होने पर जांचोपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जाती है।
अवैध तरीके से भूमि का विक्रय
[राजस्व]
29. ( क्र. 189 ) श्री मनोज चावला : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार शहर के ग्राम मगजपुरा प.ह.न.13/66 में स्थित भूमि सर्वे न.29/1 29/2 जो कि ईसाई समुदाय की होकर उक्त भूमि को ऐसे व्यक्ति द्वारा जो अनुसूचित जनजाति का है, ने बिना कलेक्टर की अनुमति के विक्रय कर दिया उस सम्बन्ध में शासन ने अभी तक प्राप्त विभिन्न शिकायत पर क्या कार्रवाई की है? (ख) क्या राजस्व मंडल के न्यायालय के रिवीजन प्रकरण क्रमांक 3966/पीबीआर/ 2014 में पारित आदेश दिनांक 10.03.2016 को सुधीर दास के पक्ष में जो नामांतरण आदेश दिया गया उस समय अन्य आवेदक जेपी नेल्सन के खिलाफ आदेश पारित हुआ जबकि उसकी मृत्यु वर्ष 2011 में ही हो चुकी थी तथा साथ ही राजस्व मंडल द्वारा एसडीओ धार के अंतरिम आदेश के खिलाफ रिवीजन में जो आदेश दिया है उसमें एसडीओ धार के अंतिम आदेश दिनांक 9/12/14 को भी निरस्त कर दिया गया है इस अनियमितता और अवैध आदेश को स्थानीय प्रशासन द्वारा नजर अंदाज कर सुधीर दास का नामांतरण क्यों किया गया इस आदेश के खिलाफ आगे कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (ग) क्या स्थानीय प्रशासन के पास रत्नाकर दास उनकी पत्नी इला पीटर दास उनके लड़के सुधीर दास के द्वारा ऐसा कोई न्यायालय का आदेश प्रस्तुत किया गया था कि उक्त भूमि का मालिक उन्हें ठहराया गया हो? आदेश की प्रति उपलब्ध कराएं।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) धार शहर के ग्राम मगजपुरा म.ह.न. 13/66 में स्थित भूमि सर्वे नम्बर 29/1, 29/2 जो कि राजस्व अभिलेख में यूनाईटेड चर्च ऑफ केनेडा मिशनरी इंडिया धार के नाम दर्ज होकर तहसीलदार धार के आदेश दिनांक 25.05.2016 अनुसार प्रार्थी सुधीरदास पिता रत्नाकर पीटरदास का नाम अंकित किया गया। इससे स्पष्ट है कि उक्त भूमि अनुसूचित जनजाति के नाम राजस्व अभिलेख में दर्ज नहीं रहीं है। उक्त संबंध में कोई शिकायत प्राप्त हुई हो ऐसा वर्तमान में अभिलेख उपलब्ध नहीं है। (ख) माननीय राजस्व मंडल म.प्र. ग्वालियर के निगरानी प्रकरण क्रमांक 3966/पीबीआर/2014 में पारित आदेश दिनांक 10.03.2016 में इस न्यायालय के प्रकरण क्रमांक 47/अपील/2011-12 में पारित आदेश दिनांक 09.12.2014 निरस्त किया जाने से, माननीय राजस्व मंडल जो कि राजस्व न्यायालयों का वरिष्ट न्यायालय होने से, उक्त न्यायालय के आदेश के विरूद्ध राजस्व विभाग द्वारा किसी प्रकार की अपील आदि नहीं की गई है। उक्त आदेश के पालन में तहसीलदार धार के न्यायालयीन प्र.क्र.114/अ-6/2015-16 सुधीरदास पिता रत्नाकर पीटरदास विरूद्ध जे.पी. नेल्सन पिता श्री अल्फ्रेड नेल्सन निवासी 71 पदमावति कालोनी, सेन्टपॉल हायर सेकेन्डरी स्कुल के पीछे इन्दौर में पारित आदेश दिनांक 25.05.2016 द्वारा यूनाईटेड चर्च ऑफ केनेडा मिशनरी इंडिया धार के साथ सुधीरदास पिता डॉ0 रत्नाकर पीटरदास का नाम अंकित किया गया है। उक्त आदेश के विरूद्ध मालवा चर्च कांसिल मसिह सेवा मंडल (केनेडीयन मिशन) पता खजानची लाईन सिहोर जिला सिहोर म.प्र. द्वारा सचिव रामस्वरूप शर्मा निवासी लाईन सिहोर जिला सिहोर म.प्र. में अनुविभागीय अधिकारी न्यायालय धार में म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 44 के अंतर्गत अपील प्रस्तुत की गई जो प्र.क्र. 04/अपील/2016-17 पर दर्ज होकर पारित आदेश दिनांक 09.02.2017 अनुसार तहसीलदार धार के आदेश दिनांक 25.05.2016 को निरस्त किया गया। उक्त अदेश के विरूद्ध प्रतिप्रार्थी सुधीरदास पिता डॉ. रत्नाकर पीटर दास सेंट टेरिसा स्कूल इन्दौर अहमदाबाद रोड़, धार द्वारा अपर आयुक्त इन्दौर संभाग इन्दौर के समक्ष अपील प्रस्तुत की गई जो क्र. 196/अपील/2016-17 पर संस्थित होकर प्रकरण में पारित आदेश दिनांक 22.05.2017 द्वारा दिनांक 09.02.2017 को निरस्त कर, उभयपक्षों के मध्य हुवे राजीनामे अनुसार पक्षकार अपना राजस्व अभिलेख में नामांतरण सक्षम अधिकारी से करा सकते है, का आदेश पारित किया गया होने से उक्त भूमि पर यूनाईटेड चर्च ऑफ केनेडा मिशनरी इंडिया धार सुधीरदास पिता डॉ रत्नाकर पीटर दास का नाम यथावत रखा गया है। (ग) माननीय राजस्व मंडल म.प्र. ग्वालियर के निगरानी प्रकरण क्रमांक 3966/पीबीआर/2014 में पारित आदेश दिनांक 10.03.2016 की प्रति एवं अपर आयुक्त इन्दौर, संभाग के प्र.क्र. 196/अपील/2016-17 में पारित आदेश दिनांक 22.05.2017 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
गांधी सागर डेम का विभाग द्वारा संधारण
[जल संसाधन]
30. ( क्र. 198 ) श्री देवीलाल धाकड़ (एडवोकेट) : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गांधी सागर डेम को जल संसाधन विभाग द्वारा संचालन किया जाता है व जल संसाधन विभाग द्वारा क्या-क्या कार्य गांधी सागर क्षेत्र में किए जाते हैं? (ख) विभाग द्वारा मरम्मत, संधारण व कार्यों के लिए वर्ष 2015 से लेकर प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि का बजट स्वीकृत किया गया है और कितनी राशि व्यय की जा कर क्या-क्या कार्य पूर्ण किया गया है व क्या-क्या कार्य लंबित है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। गाँधीसागर क्षेत्र में विभाग द्वारा गाँधी सागर बाँध, आवासीय कॉलोनी क्रमांक-03 एवं 08 में स्थित आवास गृहों तथा नावली एवं श्रीनगर लघु सिंचाई योजनाओं के रख-रखाव/मरम्मत का कार्य किया जाता है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
प्रधानमंत्री/मुख्यमंत्री सम्मान निधि का भुगतान
[राजस्व]
31. ( क्र. 215 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र सोहागपुर के अंतर्गत तहसील बाबई के ग्राम गूजरवाड़ा, जावली व ग्राम गोरा से एनआईसी के आफ लाइन साफ्टवयेर पर मजरे टोले से निर्मित नवीन राजस्व ग्राम क्रमश: सकतपुर, डूंडियाघाट, कीरपुरा बना दिये गये थे किन्त ग्राम गूजरवाड़ा, जावली व गोरा के नक्शे वेब साईट पर पूर्व के होने से गिरदावरी तथा अन्य राजस्व कार्यों का रिकार्ड अभी पोर्टल पर दर्ज क्यों नहीं हो पाया है? रिकार्ड कब तक संशोधित हो जायेगा? (ख) क्या उपरोक्त ग्रामों का रिकार्ड पोर्टल पर संशोधित न होने के कारण किसानों को प्रधानमंत्री/मुख्यमंत्री सम्मान निधि का भुगतान नहीं हो पाया है? यदि हाँ, तो इन किसानों को भुगतान कब तक हो जायेगा? (ग) प्रश्नांश (क) के संबंध में जब तक रिकार्ड संशोधन नहीं हो जाता तब तक किसानों को मिलने वाली सम्मान निधि के लिये वैकल्पिक व्यवस्था हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जायेगी? ताकि किसानों को नियमित लाभ मिल सके?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। उक्त ग्रामों के राजस्व अभिलेख पोर्टल पर उपलब्ध है जिन पर गिरदावरी एवं राजस्व रिकार्ड का अद्यतन का कार्य निरंतर जारी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। किसानों का नाम पोर्टल पर होने से प्रधानमंत्री/मुख्यमंत्री सम्मान निधि योजना का लाभ पात्रता अनुसार दिया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विधायक स्वेच्छानुदार की लैप्स राशि उपलब्ध कराई जाना
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
32. ( क्र. 218 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र सोहागपुर अंतर्गत वर्ष 2019-2020 में कुल कितनी स्वेच्छानुदान राशि दी गई? (ख) उक्त वित्तीय वर्ष में किन हितग्राहियों को कितनी-कितनी राशि वितरण की गई है, उसकी नामवार ग्रामवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) क्या क्षेत्रीय विधायक द्वारा जो प्रस्ताव दिये गये थे उनकी राशि लैप्स हो गई है? यदि हाँ, तो कितनी राशि लैप्स हुई है साथ ही लैप्स हुई राशि पुन: कब तक आवंटित कर दी जायेगी।
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सोहागपुर को स्वेच्छानुदान मद में वर्ष 2019-20 में राशि रुपये 1401745/- (रुपये चौदह लाख एक हजार सात सौ पैतालीस मात्र) आवंटित की गई थी। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। स्वीकृति के विरुद्ध पूरी राशि जारी कर दी गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
किसानों के धान का भुगतान
[सहकारिता]
33. ( क्र. 221 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) होशंगाबाद जिले के सोहागपुर विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2020 में समर्थन मूल्य पर सहकारी संस्थाओं के द्वारा कितना धान का उपार्जन हुआ? सोसायटीवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या जिन किसानों ने समर्थन मूल्य पर धान का विक्रय किया गया हैं? उनका अभी तक भुगतान नहीं हो पाया है। किस कारण से भुगतान नहीं हो पा रहा है? (ग) ऐसे कितने किसान हैं जिनका धान का भुगतान नहीं हो पाया है? किसानों का भुगतान कब तक हो जायेगा?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सोहागपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 14 धान उपार्जन केन्द्रों पर दिनांक 14.12.2020 तक 1536 कृषकों द्वारा धान विक्रय किया गया है, जिसमें से जेआईटी पोर्टल के माध्यम से दिनांक 14.12.2020 तक 1193 कृषकों को सीधे उनके खाते में भुगतान किया गया है। जेआईटी पोर्टल के माध्यम से अनवरत भुगतान की प्रक्रिया गतिशील है। (ग) सोहागपुर विधानसभा क्षेत्र के 343 कृषकों को दिनांक 14.12.2020 तक भुगतान शेष है, शेष कृषकों को जेआईटी पोर्टल के माध्यम से अनवरत भुगतान की प्रक्रिया गतिशील है।
प्रशासनिक स्थानान्तरण मामलों में भारमुक्त की कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
34. ( क्र. 234 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 जनवरी, 2018 से लेकर प्रश्न दिनांक तक की अवधि में नीमच जिले के अन्तर्गत विभिन्न विभागों के माध्यम से कुल कितने स्थानान्तरण प्रशासनिक तौर पर किये गये हैं? विभागवार संवर्गवार, संविदा अधिकारियों/कर्मचारियों की संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ख) नीमच जिले में ऐसे कौन-कौन से विभाग और कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी तथा संविदा अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ हैं जो स्थानान्तरण होने के उपरांत भी स्थानांतरित स्थल हेतु भारमुक्त नहीं किये गये है? कारण स्पष्ट करें। (ग) प्रश्नांश (ख) में स्थानान्तरित अधिकारियों/कर्मचारियों के द्वारा उनकी नवीन पदस्थापना स्थल पर कब तक भारमुक्त कर दिया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) कुल 484 अधिकारी/कर्मचारियों के स्थानांतरण प्रशासनिक तौर पर किये गये हैं। विभागवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार स्थानांतरित अधिकारी/कर्मचारियों की पूर्ति/वैकल्पिक व्यवस्था होने पर। समय-सीमा बताना संभव नहीं।
विधानसभा क्षेत्र विकास निधि की जानकारी
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
35. ( क्र. 248 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना एवं स्वैच्छानुदान निधि योजना में विधायक द्वारा कलेक्टर को अनुशंसा पत्र लिखने के अधिकतम कितने दिनों में प्रस्तावों को स्वीकृत कर निर्माण एजेंसी एवं हितग्राही को आर्थिक सहायता भुगतान करने की समय-सीमा क्या है? (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा 01 अप्रैल, 2020 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब उपरोक्त दोनों योजनाओं में कलेक्टर भिण्ड को पत्र लिखकर अनुशंसा की तथा कलेक्टर भिण्ड ने किस-किस दिनांक को अनुशंसित कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि निर्माण एजेंसियों को कब-कब स्वीकृतकर राशि भुगतान की गई तथा किन-किन हितग्राहियों को कब-कब आर्थिक सहायता के चैक दिये गये। (ग) प्रश्नकर्ता ने वर्ष 2019-20 में उपरोक्त दोनों योजनाओं में किन-किन कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि निर्माण कार्यों हेतु अनुशंसा की गई तथा मंत्री स्वैच्छानुदान निधि की अनुशंसा की राशि समयावधि में स्वीकृत करने के बाद भी लेप्स हुई? लेप्स हुई राशि हितग्राहियों को कब तक भुगतान कर दी जावेगी? (घ) वर्ष 2019-20 में मंत्री स्वैच्छानुदान एवं निर्माण कार्यों की समयावधि में राशि भुगतान न करने के दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) 1. विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना अनुशंसा पत्र प्राप्त होने के बाद सामान्यतः 30 दिनों के भीतर भुगतान करने का प्रावधान है। 2. इसी प्रकार विधायक स्वेच्छानुदान में अनुशंसा प्राप्त होने के 07 दिवस के भीतर भुगतान का प्रावधान है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वर्ष 2019-20 में विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना के अन्तर्गत राशि रुपये 185.00 लाख की निर्माण एजेन्सियों के लिए अनुशंसा की गई एवं विधायक स्वेच्छानुदान में 15.00 लाख की अनुशंसा की गई। स्वेच्छानुदान वर्ष 2019-20 में राशि रुपये 204000/- कलेक्ट्रेट वित्त शाखा से आहरण हेतु बैंक भेजा गया था बैंक द्वारा वित्तीय वर्ष में राशि आहरित नहीं हो सकी, इस कारण राशि लेप्स की स्थिति बनी। आवंटन प्राप्त होने पर भुगतान संभव है। (घ) वर्ष 2019-20 में स्वेच्छानुदान एवं निर्माण कार्यों की राशि भुगतान न करने पर कार्यालय कलेक्टर द्वारा भारतीय स्टेट बैंक शाखा, परेड चौराहा, भिण्ड को दिनांक 24.04.2020 को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण लिया गया। निर्माण कार्यों की राशि समय-सीमा में जारी की गई है।
भिण्ड जिले में नियम विरूद्ध की गई अनुकम्पा नियुक्ति की जांच
[राजस्व]
36. ( क्र. 249 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक कलेक्टर कार्यालय भिण्ड में किन-किन आवेदकों के अनुकम्पा नियुक्ति के आवेदन किस-किस दिनांक को किस-किस विभाग से प्राप्त हुये हैं? आवक क्रमांक सहित विस्तृत विवरण दें। (ख) क्या शासनादेश अनुसार वरिष्ठता के आधार पर अनुकम्पा नियुक्ति का प्रावधान है? यदि हाँ तो अनुकम्पा नियुक्ति के नियमों की प्रतियां दें। (ग) उपरोक्त अवधि में कलेक्टर भिण्ड द्वारा किन-किन की किस-किस विभागों में नियुक्तियां किस आधार पर की गई? आदेश की प्रतियां दें। (घ) क्या शासकीय विभागों में पदस्थ कर्मियों को स्थानीय संस्थाओं (नगर परिषदों एवं जनपदों) में नियुक्तियां निर्वाचित संस्थाओं की बिना सहमति के कलेक्टर भिण्ड को अनुकम्पा नियुक्ति करने का प्रावधान है? यदि हाँ तो नियमों की प्रति दें। (ड.) यदि नहीं तो उक्त अवधि में नियम विरूद्ध की गई अनुकम्पा नियुक्तियों की जांच कराई जाकर जांच निष्कर्षों के आधार पर संबंधितों, दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी? यदि हां तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"अ" अनुसार। (ख) जी हाँ। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार। (ग) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार। (घ) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"ब" अनुसार शासकीय विभागों में अनुकम्पा नियुक्ति मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी निर्देशों के अनुरूप की जाती है। नियमो की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"ब" अनुसार है। (ड.) प्रश्नांश (घ) के उक्त के परिप्रेक्ष्य में अनियमित नियुक्तियां होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
नहरों का निर्माण/मरम्मत
[जल संसाधन]
37. ( क्र. 260 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैना में जल संसाधन विभाग के अंतर्गत कितने तालाब, डेम एवं नहरें हैं? उनकी अद्यतन स्थिति क्या है एवं उनके जीर्णोद्धार की क्या योजना है? (ख) क्या एल.एम.सी. एवं ए.वी.सी. केनालों की साफ-सफाई विगत कई वर्षों से नहीं हुई है? यदि हाँ तो क्यों एवं वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक इस हेतु कितना बजट प्राप्त हुआ एवं कितना खर्च हुआ? समितिवार आय-व्यय का ब्यौरा दें एवं उनसे क्या कार्य कराये गये? बतावें। यदि नहीं तो साफ-सफाई हेतु क्या कार्ययोजना तैयार की गई एवं साफ-सफाई कब तक होगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। आवश्यकतानुसार प्रतिवर्ष नहरों का रख-रखाव कार्य कराया जाता है। वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त बजट, व्यय राशि की समितिवार जानकारी, कराये गए कार्य तथा साफ-सफाई हेतु कार्ययोजना का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है।
खाद्यान्न पर्चियों की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
38. ( क्र. 261 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुरैना जिले के सबलगढ़ विधानसभा क्षेत्र में पी.डी.एस. संचालकों द्वारा हितग्राहियों को समय पर खाद्यान्न नहीं दिया जा रहा है एवं कभी भी हितग्राहित को अपात्र घोषित कर खाद्यान्न पर्ची नहीं दी जाती? (ख) यदि हाँ, तो क्यों तथा इसके लिये दोषी अधिकारी/कर्मचारी एवं संचालकों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी नहीं, विधानसभा सबलगढ़ के अंतर्गत संचालित उचित मूल्य दुकान विक्रेताओं द्वारा प्रतिमाह सामान्यत: समय पर राशन वितरण किया जाता है। माह नवम्बर 2020 में सबलगढ़ विधानसभा क्षेत्र में 90.39 प्रतिशत परिवारों द्वारा राशन प्राप्त किया गया है। विवाह हो जाने से परिवार से पृथक हुई महिला सदस्य/मृत्यु/दोहरे होने के कारण अपात्र हितग्राहियों को स्थानीय निकाय के द्वारा चिन्हांकित करने के उपरांत इन हितग्राहियों को पोर्टल से अस्थायी रूप से पृथक करने की कार्यवाही की जाती है साथ ही उनके स्थान पर नवीन वैध पात्र हितग्राहियों का चिन्हांकन, पात्रता पर्ची एवं खाद्यान्न आवंटन प्रदान किया जाना एक सतत् प्रक्रिया है। अस्थायी रूप से हटाए गए हितग्राहियों द्वारा स्थानीय निकाय में पात्रता संबंधी वैध दस्तावेज प्रस्तुत करने एवं पात्र पाए जाने पर उनको पुन: जोड़कर राशन प्रदाय करने की व्यवस्था की गयी है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार किसी अधिकारी/कर्मचारी के दोषी न पाए जाने से कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बाजरा की खरीदी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
39. ( क्र. 263 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वित्तीय वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर बाजरा की खरीद की जा रही है? यदि हाँ तो मुरैना जिले में कितने खरीद केन्द्र बनाये गये, उन केन्द्रों के नाम, उन पर पदस्थ अधिकारी व कर्मचारियों के नाम व पद बतायें। (ख) क्या उक्त खरीद केन्द्रों पर केन्द्र प्रभारी द्वारा अधिक तौल एवं किसानों का माल ना तौलकर दलालों का बाजरा खरीदा जा रहा है? उक्त अनियमितताओं के दोषी अधिकारी व कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं तो क्यों एवं कार्यवाही कब तक की जावेगी? (ग) मुरैना जिले में खरीद केन्द्रों पर किन-किन किसानों का 40 क्विंटल से अधिक बाजरा क्रय किया गया है एवं उनका कृषि रकवा कितना है? केन्द्रवार सूची उपलब्ध करावें। (घ) मुरैना जिले में कुल बाजरा बुबाई का रकवा का लक्ष्य कितना था एवं अनुमानित कितनी बाजरा की पैदावार होना चाहिये? यदि उक्त अनुमानित पैदावार से अधिक बाजरा खरीद की गई है तो अधिक क्रय किया बाजरा कहॉ से आया?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी, हाँ। मुरैना जिले में 55 खरीदी केन्द्र बनाये गये हैं, उन केन्द्रों के नाम, उन पर पदस्थ अधिकारी व कर्मचारियों के नाम व पद की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी नहीं। खरीदी केन्द्रों पर केन्द्र प्रभारी द्वारा अधिक तौल एवं किसानों का माल न तौलकर दलालों का बाजरा नहीं खरीदा गया है, इस संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) मुरैना जिले में उपार्जन केन्द्रवार, किसानवार 40 क्विंटल से अधिक बाजरा विक्रय करने वाले किसानों एवं उनके रकबे की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार मुरैना जिले में 1,31,600 हेक्टेयर में बाजरा फसल बोई गई, जिसका कुल अनुमानित बाजरा उत्पादन 4,24,710 मे.टन है, जिसके विरूद्ध 1,42,983 मे.टन बाजरा का समर्थन मूल्य पर उपार्जन किया गया है, जो कि कुल अनुमानित उत्पादन का लगभग 66 प्रतिशत से कम है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
धान परिवहन में व्यय राशि
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
40. ( क्र. 268 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2018-19, 2019-2020 एवं 2020-21 की अवधि में मण्डला जिले में धान का भण्डारण हेतु कितने किन्टल धान का परिवहन कहाँ से कहाँ आयात-निर्यात किया गया है। वर्षवार पृथक-पृथक जानकारी प्रदान करें। (ख) धान का परिवहन के क्या नियम है, नियम की प्रति उपलब्ध करावे। प्रश्नांश (क) वर्णित अवधि में धान के परिवहन हेतु किस-किस ट्रांसपोर्ट कंपनी को टेंडर मिला है (कंपनी का नाम बतावे) निविदा तथा अनुबंध की वर्षवार जानकारी प्रदान करें। (ग) क्या धान का अनावश्यक परिवहन में होने वाली व्यय राशि को रोकने हेतु जिलों में ही धान का भंडारण हेतु पर्याप्त ओपन केप निर्माण किया जावेगा, जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) यदि हाँ तो धान का परिवहन के लिए किस किस ट्रांसपोर्ट कंपनी को कुल कितने राशि का भुगतान किया गया है। परिवहन में कुल कितने राशि का व्यय हुआ है? वर्षवार जानकारी प्रदान करें।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बालाघाट जिले में नल जल योजना का क्रियान्वयन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
41. ( क्र. 281 ) श्री संजय उइके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा नल जल योजनाओ के निर्माण हेतु निविदा आंमत्रित की जाती है? (ख) यदि हाँ तो वित्तीय वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक बालाघाट जिले में कितनी-कितनी, किस–किस लागत की योजनायें कहाँ-कहाँ स्वीकृत की गईं? (ग) नल जल योजनाओं की निविदा कब-कब आंमत्रित की गई? (घ) निविदाओ में सफ़ल निविदाकार कि किस दर निविदा किस अधिकारी द्वारा स्वीकृत की गई? सफ़ल निविदाकार द्वारा कब कार्य प्रारंभ किया गया और किस दिनांक को पूरा किया? किस निविदाकार द्वारा समय-सीमा पर कार्य किया गया और किसके द्वारा नहीं किया गया?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
सूक्ष्म लघु उद्योग संचालकों से दोहरा कर लिये जाने की जांच
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
42. ( क्र. 286 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. में सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग संचालकों को लीज की भूमि पर उद्योग संचालित करने वाले व्यवसायियों से वर्तमान में एक ही प्रोपर्टी पर उद्योग विभाग द्वारा संधारण शुल्क एवं स्थानीय निकाय द्वारा संपत्ति कर, विकास शुल्क, शिक्षा उपकर के रूप में दोहरा कर वसूला जा रहा है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) के क्रम में हाँ, तो क्या एक ही प्रोपर्टी पर दो संस्थाओं द्वारा कर वसूली न्यायोचित है? यदि नहीं तो शासन सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग व्यवसायियों से एक ही संस्था द्वारा कर वसूले जाने के संबंध में शीघ्र निर्णय लेगा? यदि नहीं तो क्यों? (ग) स्थानीय निकाय द्वारा उद्योग संचालको से बड़ी रकम कर के रूप में वसूली जाती है, जबकी उनके द्वारा औद्योगिक क्षेत्र में किसी प्रकार का भी अधोसंरचना निर्माण कार्य, मूलभूत सुविधाओं पर एक रूपये का कार्य भी नहीं किया जाता है, इसके बाद भी निकाय द्वारा कर वसूली न्यायोचित है? यदि नहीं तो शासन इस संबंध में कब तक कार्यवाही करेगा?
सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग द्वारा लीज की भूमि पर लीजरेंट और क्षेत्र के संधारण के लिये संधारण शुल्क लिया जाता है। नगरीय निकायों की सीमा में स्थित संपत्तियों पर स्थानीय निकायों द्वारा संपत्ति कर, समेकित कर, नगरीय विकास उपकर एवं शिक्षा उपकर वसूला जाता है। अत: दोहरे कर का प्रश्न नहीं उठता। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) निकाय द्वारा अधोसंरचना एवं मूलभूत सुविधाओं पर स्थानीय स्तर पर निर्णय लेकर कार्य किये जाते है, कर वसूली मध्यप्रदेश नगर पालिका निगम अधिनियम, 1956 व मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम, 1961 में वर्णित प्रावधानों के अंतर्गत की जाती है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विदिशा में स्वीकृत आदर्श महाविद्यालय भवन का निर्माण
[उच्च शिक्षा]
43. ( क्र. 287 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिला अंतर्गत केन्द्र सरकार द्वारा स्वीकृत आदर्श महाविद्यालय हेतु तहसील विदिशा के ग्राम भाटनी में केन्द्र सरकार से प्राप्त राशि के क्रम में आवश्यक शासकीय भूमि आवंटित किये जाने के बाद भवन निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया है। (ख) यदि प्रश्नांश (क) के क्रम में नहीं तो इस भवन निर्माण कार्य का भूमि पूजन पूर्व मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ जी द्वारा दिनांक 15.11.2020 को किये जाने के साथ ही निर्माण एंजेसी नियुक्त होने के बाद एवं भवन निर्माण कार्य स्थल तक शासन योजना से सड़क निर्माण कार्य होने के उपरांत कार्य अभी तक प्रारंभ नहीं किये जाने के कारण सहित जानकारी उपलब्ध कराये? (ग) क्या शासन जिले को उच्च शिक्षा क्षेत्र में प्राप्त आदर्श महाविद्यालय हेतु ग्राम भाटनी में उपलब्ध भूमि पर भवन निर्माण कार्य यथाशीघ्र प्रारंभ किये जाने के निर्देंश प्रदान करेगा यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। (ख) आवंटित भूमि मुख्य मार्ग से 2 कि.मी. कच्चे मार्ग पर स्थित होने से महाविद्यालय हेतु अनुपयुक्त होने के कारण वहाँ निर्माण कार्य आरंभ नहीं हुआ। (ग) जी नहीं। ग्राम-भाटनी में उपलब्ध भूमि की अनुपयुक्तता के आधार पर कलेक्टर, जिला-विदिशा द्वारा आदर्श महाविद्यालय हेतु भाटनी के स्थान पर ग्राम-जाफरखेड़ी में भूमि आवंटित की गई है। नवीन आवंटित भूमि पर महाविद्यालय निर्माण का कार्य प्रगति पर है।
विपणन सहकारी संस्था भिण्ड में खाद्य की कालाबाजारी
[सहकारिता]
44. ( क्र. 310 ) श्री संजीव सिंह : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विपणन सहकारी संस्था भिण्ड में खाद्य की कालाबाजारी में संस्था के प्रबंधक लिप्त पाए गए हैं? (ख) उनके विरूद्ध विपणन सहकारी संस्था भिण्ड ने क्या कार्यवाही की है?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) कलेक्टर भिण्ड के द्वारा कराई गई जांच में प्रबंधक, सहकारी विपणन संस्था मर्यादित गल्ला मण्डी भिण्ड द्वारा अभिषेक सिंह भदौरिया को यूरिया के 225 बैग अवैध रूप से दिया जाना पाया गया है। (ख) संस्था के प्रबंधक श्री रमेश कटारे एवं कंप्यूटर ऑपरेटर श्री अभिषेक सिंह भदौरिया के विरूद्ध दिनांक 07-09-2020 को प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। उपायुक्त सहकारिता द्वारा विपणन सहकारी संस्था भिण्ड के प्रशासक अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) भिण्ड को संबंधित कर्मचारियों के विरूद्ध विधि अनुरूप कार्रवाई करने हेतु लेख किया गया है।
महाविद्यालय भवन एवं आवश्यक संसाधनों की स्वीकृति
[उच्च शिक्षा]
45. ( क्र. 338 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम जिले के पिपलौदा नगर में शासन/विभाग द्वारा छात्र-छात्राओं की उच्च शिक्षा अध्ययन हेतु शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ किया गया था? (ख) यदि हाँ तो सैकड़ों की संख्या में छात्र-छात्राएं जिला शिक्षा व प्रशिक्षण केन्द्र (डाईट) के कक्षों में अध्ययनरत है, जिससे डाईट के कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं तथा छात्र-छात्राओं को भी काफी कठिनाइयां उठाना पड़ रही है? (ग) विगत वर्षों से शासकीय महाविद्यालय भवन स्वीकृति हेतु शासन/विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाहियां की गई? (घ) पिपलौदा में महाविद्यालय भवन के साथ ही स्वीकृत पदों की पदपूर्ति, आवश्यक उपकरण, संसाधन इत्यादि समस्त आवश्यकताओं की पूर्ति कब तक की जा सकेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) महाविद्यालय, डाईट के पुराने भवन में संचालित है। डाईट का कार्य प्रभावित नहीं हो रहा है, शेष प्रश्नांश के उत्तर का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) महाविद्यालय के स्वयं के भवन निर्माण हेतु 4 हेक्टेयर भूमि चिन्हांकित की जा चुकी है एवं भूमि आवंटन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) महाविद्यालय भवन तथा स्वीकृत पदों की पद पूर्ति की समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। महाविद्यालय के सुचारू संचालन के लिए आवश्यक संसाधन अग्रणी महाविद्यालय के माध्यम से उपलब्ध कराये गये हैं।
मचून एवं इन्द्रपुरी बांध
[जल संसाधन]
46. ( क्र. 339 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के द्वारा एवं प्रश्नकर्ता के क्षेत्र के कृषकों के द्वारा मचून एवं इन्द्रपुरी बांध बनाए जाने की स्वीकृति दिये जाने हेतु लगातार मांग की जा रही है? (ख) यदि हां तो क्या यह भी सही है कि दोनों कार्य योजनाएं साध्य पाई गई है तो शासन/विभाग द्वारा अब तक इस हेतु क्या-क्या किया गया है? (ग) बताएं कि दोनों कार्ययोजनाओं से कितना रकवा सिंचित होगा, इसमें जल की मात्रा कितनी होगी? (घ) अवगत कराएं कि क्षेत्रीय अत्यंत आवश्यक दोनों बांधों की स्वीकृति शासन/विभाग द्वारा कब दी जा सकेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ, प्रश्नकर्ता एवं प्रश्नकर्ता के क्षेत्र के कृषकों के द्वारा मचून तालाब क्रमांक-2 तथा इंद्रपुरी बैराज बनाए जाने की स्वीकृति दिए जाने हेतु मॉंग की गई। (ख) जी हाँ। मचून तालाब क्रमांक-2 का परियोजना प्रतिवेदन प्रमुख अभियंता स्तर पर परीक्षणाधीन है। शासन द्वारा इंद्रपुरी बैराज की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 02.03.2019 को दी जा चुकी है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) इंद्रपुरी बैराज की प्रशासकीय स्वीकृति शासन द्वारा दिनांक 02.03.2019 को दी जा चुकी है। मचून तालाब क्रमांक-2 के लिए निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शिल्पी गृह निर्माण समिति द्वारा भूखण्डों का प्रदाय
[सहकारिता]
47. ( क्र. 343 ) श्रीमती मनीषा सिंह : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम भोपाल के वार्ड क्रमांक 82-83 में स्थित शिल्पी गृह निर्माण समिति का पंजीयन किस वर्ष किया गया? उसका पंजीयन क्रमांक, दिनांक तथा समिति पंजीयन के कुल कितने सदस्य थे? क्या समिति द्वारा समस्त आवश्यक स्वीकृतियां प्राप्त करने के उपरांत ही सदस्यों को भूखण्ड उपलब्ध कराये गये हैं? क्या समिति द्वारा सदस्यों से ली गई विकास शुल्क के आधार पर बिजली, पानी सड़क जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं अथवा नहीं? यदि नहीं तो क्यों नहीं? कब तक मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जावेगी? (ख) समिति के पास विकास शुल्क की कितनी राशि जमा है? समिति का किस वर्ष तक सहकारी विभाग द्वारा अंकेक्षण किया गया है? यह अंकेक्षण किन-किन अधिकारियों द्वारा किया गया? समिति का नियमानुसार संचालक मण्डल हेतु निर्वाचन कब किया गया? वर्तमान में समिति के अध्यक्ष एवं संचालक मण्डल में कौन-कौन सदस्य हैं? उनके नाम व पद सहित विवरण उपलब्ध करायें। (ग) क्या संस्था द्वारा सहकारिता कर्मचारियों/उनके परिवारों को भी भूखण्ड उपलब्ध कराया गया है? उनका नाम, भूखण्ड क्रमांक उपलब्ध करायें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) नगर निगम भोपाल में स्थित शिल्पी गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्या. भोपाल का पंजीयन क्रमांक डी.आर.बी 383 दिनांक 12.12.83 है तथा पंजीयन के समय कुल 20 प्रवर्तक सदस्य थे। समिति द्वारा डायवर्सन, ग्राम एवं नगर निवेश विभाग की अनापत्ति, ग्राम पंचायत द्वारा कॉलोनी का स्वीकृत नक्शा एवं कोलोनाईजर प्रमाण पत्र प्राप्त किये गये थे, परन्तु कलेक्टर से फार्म 04 (विकास अनुज्ञा) प्राप्त नहीं की गई थी तथा सदस्यों को भूखण्ड आवंटन एवं विक्रय पत्र सम्पादित किये गये। अत: संस्था के संबधित के विरूद्ध अपराध दर्ज कराने हेतु उप पंजीयक सहकारी संस्थाऐं, भोपाल को निर्देश दिये गये हैं। संस्था के अनुसार आंशिक विकास व्यय राशि से वर्ष 1985 से 2000 तक कॉलोनी में डब्ल्यू.बी.एम. रोड, सीवेज लाईन तथा सेप्टीक टेंक का कार्य पूर्ण किया गया परन्तु सदस्यों से सम्पूर्ण विकास व्यय की राशि प्राप्त न होने से कॉलोनी में पानी एवं बिजली की सुविधायें उपलब्ध नहीं कराई गई है। संस्था के प्राकलन अनुसार विकास व्यय की राशि जमा होने पर संस्था द्वारा सम्पूर्ण विकास कार्य कराया जा सकेगा। (ख) समिति के पास उत्तरांश (क) अनुसार विकास शुल्क के रूप में 35.20 लाख रूपये जमा है। समिति का वर्ष 2017-18 तक का सहकारिता विभाग द्वारा अंकेक्षण किया गया, अंकेक्षकवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। संस्था के निर्वाचित संचालक मण्डल का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। अत: सहकारी अधिनियम की धारा 49 (7) , (क)/(ख) के अंतर्गत उप पंजीयक सहकारी संस्थाऐं, भोपाल के आदेश क्रमांक 3956 दिनांक 20.12.2020 से श्री आर.एस. उपाध्याय वरिष्ठ सहकारी निरीक्षक को संस्था का प्रशासक बनाया गया है। आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। अत: वर्तमान में संचालक मण्डल के नाम एवं पद का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) संस्था के अनुसार सहकारिता विभाग के कर्मचारियों व उनके परिवारों को भूखण्ड उपलब्ध नहीं कराया गया है।
औद्योगिक क्षेत्र गोविन्दपुरा भोपाल के संबंध में वांछित जानकारी का प्रदाय
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
48. ( क्र. 363 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा विभाग के प्रमुख सचिव को प्रेषित पत्र क्रमांक 2211 दिनांक 24/9/2020 जो औद्योगिक क्षेत्र गोविन्दपुरा के संबंध में है के बिन्दु क्रमांक 1 (एक) की जानकारी उपलब्ध नहीं कराये जाने के लिए कौन अधिकारी उत्तरदायी है? यह जानकारी कब तक उपलब्ध करा दी जायेगी? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्र के बिन्दु क्रमांक 2 (दो) एवं 3 (तीन) के संबंध में विभाग ने अभी तक क्या कार्यवाही की है? विवरण देते हुए दस्तावेज दिये जाये। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित बिन्दुओं में जो अनियमितता हो रही है, उन पर कब तक रोक लगा दी जायेगी?
सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक 2221, दिनांक 24.09.2020 से चाही गई जानकारी विभाग के जिला कार्यालय द्वारा संधारित नहीं की जाती है। जानकारी तैयार करने हेतु औद्योगिक क्षेत्र गोविन्दपुरा की इकाईयों का निरीक्षण किया जाना आवश्यक था, जिस हेतु पर्याप्त समय की आवश्यकता थी। जानकारी तैयार की जाकर पत्र विभाग द्वारा प्रश्नकर्ता को पत्र क्रमांक 1525/1074/2020/अ-73, दिनांक 18.12.2020 से उपलब्ध करा दी गई है। अत- शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) अवैध ट्रांसपोर्ट रोकने के लिये जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र, भोपाल द्वारा निरन्तर कलेक्टर, भोपाल, नगर निगम, भोपाल एवं ट्रेफिक पुलिस के साथ मिलकर आवश्यक कार्यवाही समय-समय पर की जाती है, जिससे ऐसी गतिविधियों पर नियंत्रण होता है। कुछ समय पश्चात् पुनः ये गतिविधियां प्रारंभ हो जाती है। उद्योगों की समस्या निराकरण के लिये विभाग द्वारा प्रत्येक जिले में जिला स्तरीय लघु उद्योग संवर्धन बोर्ड बनाये गये है, जिनमें यह मुद्दा उठाया जाता रहा है। समय-समय पर ट्रांसपोर्ट विभाग द्वारा अवैध ट्रांसपोर्ट के विरूद्ध कार्यवाही की गई है। दस्तावेजों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। गोविन्दपुरा औद्योगिक क्षेत्र में कथित ''सी'' एण्ड ''एफ'' और सप्लायर्स आदि की गतिविधियों की जानकारी जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र, भोपाल स्तर पर संधारित नहीं की जाती है। तथापि उल्लेखनीय है कि यदि किसी इकाई द्वारा औद्योगिक गतिविधि बंद की जाकर सिर्फ ''सी'' एण्ड ''एफ'' की गतिविधि की जाएगी तो, ये लीजडीड की कंडिकाओं का उल्लंघन होगा एवं उसके विरूद्ध नियमानुसार भूखण्ड निरस्तीकरण की कार्यवाही की जाएगी।
नरयावली में शासकीय महाविद्यालय भवन की स्वीकृति
[उच्च शिक्षा]
49. ( क्र. 394 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कया नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत शासकीय महाविद्यालय नरयावली भवन की उच्च शिक्षा विभाग द्वारा क्या स्वीकृति प्रदान की गई है? यदि हाँ तो कब? यदि नहीं तो कब तक प्रदान की जावेगी? (ख) क्या राजस्व विभाग द्वारा महाविद्यालय के भवन निर्माण हेतु भूमि आरक्षित कर दी गई है? स्थान, रकबा सहित जानकारी देवें। यदि नहीं तो भूमि आवंटन की प्रक्रिया कब तक पूर्ण हो जावेगी? (ग) क्या विभाग द्वारा महाविद्यालय भवन निर्माण हेतु आरक्षित भूमि का अधिग्रहण/अधिपत्य प्राप्त कर लिया गया है एवं आरक्षित भूमि जन भावनाओं एवं छात्र-छात्राओं के अनुरूप भूमि आरक्षित की गई है? (घ) क्या महाविद्यालय भवन निर्माण हेतु विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक कोई कार्यवाही की गई है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ, जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (घ) जी नहीं।
वेतन का निर्धारण
[सामान्य प्रशासन]
50. ( क्र. 421 ) श्री विपिन वानखेड़े : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दि. 05 जून, 2018 की कंडिका -1.14.5 में संविदा कर्मचारियों का मासिक पारिश्रमिक, समकक्ष नियमित पदों के वेतनमान के न्यूनतम का 90 प्रतिशत निर्धारित किया गया है? (ख) यदि किसी संविदा कर्मचारियों की उपर्युक्त परिपत्र की कंडिका-1.4 में 20 प्रतिशत आरक्षण के आधार पर अन्य पद पर नियमित नियुक्ति हो जाती है तो सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक-सी-3-13/2019/3/एक भोपाल दिनांक 12.12.2019 के क्रमांक- (ब) में परिवीक्षा अवधि में उस पद के वेतनमान के न्यूनतम का प्रथम वर्ष 70 प्रतिशत, द्वितीय वर्ष 80 प्रतिशत एवं तृतीय वर्ष 90 प्रतिशत राशि, स्टायपेट के रूप में देय होगी तथा परिवीक्षा अवधि सफलतापूर्वक पूर्ण करने पर वेतनमान में वेतन दिया जाना प्रारंभ किया जाएगा? (ग) उपर्युक्त दोनों आदेशों के परिप्रेक्ष्य में संविदा कर्मचारियों के 90 प्रतिशत वेतन प्राप्त करने के पश्चात् नियमति पद पर नियुक्ति होने पर 03 वर्ष की परिवीक्षा अवधि में वेतन निर्धारण किस प्रकार किया जायेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) राज्य शासन में नियमित नियुक्ति होने पर उन्हें पूर्व की संविदा सेवाओं का किसी भी प्रकार का लाभ प्राप्त नहीं हो सकेगा।
जिला बालाघाट के ग्राम भरवेली में बौद्ध विहार हेतु भूमि आवंटन
[राजस्व]
51. ( क्र. 460 ) श्री अर्जुन सिंह काकोडि़या : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक ग्राम भरवेली जिला बालाघाट में बौद्ध विहार हेतु भूमि आवंटन की मांग हेतु माननीय मुख्यमंत्री कार्यालय, सांसद बालाघाट, म.प्र. राज्य अल्पसंख्यक आयोग, अध्यक्ष/सदस्य, संभागीय कमिश्नर जबलपुर संभाग के द्वारा कलेक्टर बालाघाट को भूमि आवंटन के संबंध में अनुशंसा तथा अन्य शासकीय पत्र प्राप्त हुए? भूमि आवंटित कब तक की जावेगी? (ख) नवयुवक बौद्ध समिति भरवेली को भूमि आवंटन के संबंध में जिला प्रशासन द्वारा किसी प्रकार का पत्र व्यवहार किया गया? यदि हां तो जानकारी देवें। यदि नहीं तो कारण सहित स्पष्ट करें। (ग) ग्राम भरवेली जिला बालाघाट में माईन लीज की भूमि पर कितने धार्मिक स्थल स्थापित हैं एवं उक्त भूमि को किस सक्षम अधिकारी द्वारा आवंटित किया गया है? (घ) ग्राम भरवेली जिला बालाघाट में माईन लीज की भूमि पर बालाघाट तहसीलदार के द्वारा म.प्र. राज्य अल्पसंख्यक आयोग को जो जांच प्रतिवेदन संभागीय कमिश्नर जबलपुर संभाग के द्वारा दिनांक 26-03-2014 को प्रेषित किया गया है, उल्लेखित प्रतिवेदन अनुसार माईन लीज की भूमि को बौद्ध विहार निर्माण हेतु माईन लीज के प्रावधान सहित आवंटन करने का प्रावधान है। इस संबंध में प्रश्न दिनांक तक भूमि आवंटन नहीं करने के क्या कारण हैं? यदि हां तो कब तक भूमि आवंटित की जाएगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। भूमि पर Mining Lease 2020 तक होने से भूमि आवंटन किया जाना संभव नहीं है। (ख) नव युवक बौद्व समिति भरवेली से भूमि आबंटन के संबंध में जिला प्रशासन की ओर से कोई पत्र व्यवहार नहीं किया गया है। (ग) ग्राम भरवेली जिला बालाघाट में माईन लीज पर 04 धार्मिक स्थल स्थापित है। उक्त भूमि की किसी भी अधिकारी द्वारा आबंटन अथवा अनुमति जारी नहीं की गई है। (घ) ग्राम भरवेली जिला बालाघाट में माईन लीज की भूमि पर बालाघाट तहसीलदार के द्वारा म.प्र. राज्य अल्पसंख्यक आयोग के पत्र संबंध में जो जांच प्रतिवेदन संभागीय कमिश्नर जबलपुर संभाग के द्वारा दिनांक 26-03-2014 को पे्रषित किया गया है। उक्त प्रतिवेदन में तहसीलदार बालाघाट द्वारा लीज प्रावधानो के तहत कार्यवाही के संबंध में लेख किया गया था। जिसके आधार पर कार्यालय कमिश्नर जबलपुर संभाग जबलपुर के पत्र दिनांक 17-07-2014 के द्वारा माननीय अल्प संख्यक आयोग को प्रतिवेदन प्रेषित किया जा चुका है जिसमे बौद्व बिहार समिति को भूमि आबंटन किया जाना संभव नहीं होगा लेख किया गया है।
सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति
[उच्च शिक्षा]
52. ( क्र. 462 ) श्री सचिन बिरला : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति हेतु वर्ष 2017 में परीक्षा का आयोजन किया गया था? यदि हाँ तो कितने पदों पर नियुक्ति के लिये परीक्षा आयोजित की गई थी एवं अब तक कितने अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी गई है? (ख) क्या किसी पद हेतु वांछित विषय की डिग्री नहीं होने पर उसके समकक्ष विषय की डिग्री को मान्यता देकर अभ्यर्थियों को नियुक्ति प्रदान की गई है? यदि हाँ तो ऐसे अभ्यर्थियों के नाम बतावें। (ग) क्या ऐसे अन्य अभ्यर्थी भी हैं, जिनके पास वांछित विषय की डिग्री नहीं होकर उसके समकक्ष विषय की डिग्री है, किन्तु उनको नियुक्ति प्रदान नहीं की गई है? यदि हाँ तो ऐसे अभ्यर्थियों के नाम बतावें। (घ) क्या प्रश्नांश (ग) में दर्शित अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी जावेगी? यदि हाँ तो समय-सीमा बतावें यदि नहीं तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। सहायक प्राध्यापक के 3462 पदों के लिये परीक्षा आयोजित की गई थी। जिसमें से 3031 अभ्यार्थियों को नियुक्ति प्रदान की गई। (ख) जी हाँ। मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा जारी विज्ञापन क्रमांक 07/17 की टीप क्रमांक 02 में उल्लेखित मुख्य विषय के सह-विषयों की सूची अनुसार संचालनालय स्तर पर गठित समिति द्वारा परीक्षण कर समकक्ष विषय की डिग्री को मान्यता देकर अभ्यार्थियों को नियुक्ति प्रदान की गई। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) प्रश्न (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विधायकों के पत्रों पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
53. ( क्र. 469 ) श्री राकेश गिरि : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधायकों द्वारा जनहित व जनसुविधाओं सहित अन्य विषयों संबंधी पत्राचार पर कार्यवाही/पत्रोत्तर देने हेतु शासन द्वारा विभिन्न विभागों को निर्देश दिये गये हैं? यदि हाँ तो ऐसे आदेश की प्रति उपलब्ध कराये। (ख) विधानसभा क्षेत्र 43 टीकमगढ़ के विधायक द्वारा टीकमगढ़ जिले के विभिन्न शासकीय विभागो/निकायो को दिनांक 01.01.2019 से दिनांक 30.11.2020 तक की अवधि में जनहित व जनसमस्याओं से संबंधित पत्राचार किये गये है? यदि हाँ तो कुल कितने पत्र विभाग वार लिखे गये? ब्यौरा दें। (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित पत्रों में से कितने पत्रों पर संबंधित विभाग द्वारा कार्यवाही नहीं की गई? इसके क्या कारण हैं, स्पष्ट करें, इसके लिये कौन दोषी है? (घ) प्रश्नांश (ग) में शेष पत्रों पर कब तक कार्यवाही पूर्ण की जावेगी एवं दोषियो के विरूद्ध कब तक और क्या कार्यवाही की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) विभाग द्वारा जारी निर्देश क्रमांक 19-76/2007/1/4 दिनांक 11 दिसम्बर, 2019 की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ, जानकारी की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) प्राप्त सभी पत्रों का निराकरण किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता
[महिला एवं बाल विकास]
54. ( क्र. 481 ) श्री लक्ष्मण सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या आंगनवाड़ियों के माध्यम से बांटे जा रहे पोषण आहार की गुणवत्ता मानक स्तर की नहीं है जिसकी शिकायत ग्रामीणों द्वारा निरंतर की जा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) अगर हाँ तो उसमें सुधार लाने हेतु शासन स्व-सहायता समूह को मध्यान्ह भोजन का कार्य जिले स्तर पर देने हेतु कोई निर्णय ले रहा है जिससे इसकी गुणवत्ता में सुधार हो सके?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं।
विभिन्न शासकीय महाविद्यालयों में पदों की पूर्ति
[उच्च शिक्षा]
55. ( क्र. 488 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले के विभिन्न शासकीय महाविद्यालयों में स्थाई प्राचार्यों, प्रोफेसर, सहायक प्रोफेसर के किन-किन विषयों के कितने पद रिक्त हैं? दिनांक 3.12.2020 तक की स्थिति की जानकारी दी जावे। (ख) उक्त पद कितने समय से रिक्त हैं विषयवार, महाविद्यालयवार जानकारी दी जावें एवं कितने समय से रिक्त हैं? पूर्ण जानकारी दी जावे। (ग) क्या शासन द्वारा उक्त पदों को भरने हेतु कोई प्रक्रिया प्रारम्भ नहीं की है? यदि हाँ तो पदो को भरने की प्रक्रिया कब से प्रारम्भ की जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) ग्वालियर जिले के विभिन्न शासकीय महाविद्यालयों में स्थाई प्राचार्यों के 09, प्राध्यापकों के 15 एवं सहायक प्राध्यापकों के 98 पद दिनांक 03/12/2020 की स्थिति में रिक्त हैं। विषयवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। रिक्त पदों की पूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है।
शासकीय विमानों की मरम्मत पर व्यय राशि
[विमानन]
56. ( क्र. 489 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कितने विमान, हैलीकाप्टर है व कितने वर्ष पुराने है? उनकी मेक मॉडल की निर्मित वर्ष सहित जानकारी दी जावे। (ख) उक्त विमानों पर वर्ष 2020 में चलाने, मरम्मत कराने पर कितनी राशि खर्च की गई? (ग) प्रदेश में माननीय मुख्यमंत्री, मंत्रियों द्वारा विमानों, हेलीकाप्टर के शासकीय कार्यों हेतु जाने पर जून 2020 से नबंबर 2020 तक कितनी राशि खर्च की गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) राशि रूपये 3,16,95,897/- . (ग) राशि रूपये 4,44,40,286/- .
श्योपुर जिले को राशि का आवंटन
[महिला एवं बाल विकास]
57. ( क्र. 501 ) श्री बाबू जण्डेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भारत सरकार एवं म.प्र. शासन द्वारा संचालित किन-किन योजनाओं, कार्यक्रमों के तहत श्योपुर जिले में बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं स्तनपान कराने वाली महिलाओं में कुपोषण एवं अल्परक्तता रोकने के लिये वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार कितनी-कितनी राशि का आवंटन प्राप्त हुआ? (ख) प्रश्नांश (क) में कितनी-कितनी राशि किस योजना कार्यक्रम के अंतर्गत किस-किस कार्य, मद में व्यय की गई? (ग) श्योपुर जिले में बच्चों एवं महिलाओं के स्वास्थ्य सर्वेक्षण में वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या नतीजे रहे? वर्तमान में कुपोषित बच्चों और महिलाओं को स्वस्थ करने के लिये क्या-क्या नतीजे रहे? वर्तमान में कुपोषित बच्चों और महिलाओं को स्वस्थ करने के लिये क्या-क्या कार्य किये जा रहे हैं? जिले में पोषण पुनर्वास केन्द्र कहाँ-कहाँ संचालित हैं? इन केन्द्रों के प्रभारी एवं पदस्थ शासकीय सेवकों के नाम, पदनाम सहित बतावें तथा इन केन्द्रों में वर्तमान में क्या-क्या सुविधाएं एवं संसाधन उपलब्ध हैं? (घ) क्या कोविड-19 कोरोना महामारी में लॉकडाउन की प्रारंभिक अवधि 25 जून से 01 मार्च के दौरान श्योपुर जिले के आंगनवाड़ी केन्द्र बंद रहे? यदि हाँ तो उक्त अवधि में श्योपुर जिले की विकासखण्ड कराहल एवं विजयपुर में कुल कितने बच्चे कुपोषित एवं अतिकुपोषित पाए गए एवं प्रत्येक कुपोषित एवं अतिकुपोषित बच्चे पर कितनी-कितनी राशि किस-किस दवाई/मीनू पर खर्च की गयी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) श्योपुर जिले में बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं स्तनपान कराने वाली महिलाओं में कुपोषण एवं अल्परक्तता रोकने हेतु वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त आवंटन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'1' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) उत्तर के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'1' अनुसार है। (ग) विभाग द्वारा स्वास्थ्य सर्वेक्षण का कार्य नहीं किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। विभाग अन्तर्गत बच्चों एवं महिलाओं को दर्ज कर वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक विभागीय सेवायें प्रदान की जा रही है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'2' अनुसार है। जिले में श्योपुर जिला चिकित्सालय, कराहल एवं विजयपुर में पोषण पुनर्वास केन्द्र संचालित है। इन केन्द्रों में पदस्थ सेवकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'3' अनुसार है। (घ) जी हाँ। आंगनवाड़ी केन्द्रों का संचालन स्थगित रहा। उक्त अवधि में श्योपुर जिले के विकासखण्ड कराहल एवं विजयपुर में 8545 बच्चे कमवजन एवं 1729 बच्चे अति कमवजन के पाए गए तथा चिन्हित अतिकुपोषित बच्चो को स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित पोषण पुनर्वास केन्द्रों के माध्यम से दवाई/मीनू निःशुल्क प्रदाय किये गये। विभाग द्वारा किसी प्रकार की राशि दवाई/मीनू पर खर्च नहीं की गई है।
लिपिक वर्गीय कर्मचारियों की वेतन विसंगति
[सामान्य प्रशासन]
58. ( क्र. 506 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश सरकार के विभागों में कार्यरत लिपिक वर्गीय कर्मचारियों की वेतन विसंगति पर विचार हेतु रमेशचन्द्र शर्मा की अध्यक्षता में गठित समिति ने अपने प्रतिवेदन दिनांक 14.7.2017 के पृष्ठ क्रमांक 16 पर ड्राफ्ट अनुशंसा के बिन्दु 01 व 02 में क्रमशः सहायक ग्रेड 03 संवर्ग की ग्रेड पे रू. 2400 करने तथा प्रथम समयमान ग्रेड पे 2800, द्वितीय समयमान ग्रेड पे रू. 3200 एवं तृतीय समयमान की ग्रेड पे रू 3600 दिए जाने की अनुशंसा की है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या समिति द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन के पृष्ठ क्रमांक 24 में विभागीय अभिमत प्राप्त करने के उपरांत पृष्ठ 24 पर बने कॉलम के बिन्दु क्रमांक 01 में समिति ने अपने विचारण में विभागीय अभिमतों में ली गई आपत्तियों के जवाब देते हुए अंत में सहायक ग्रेड 03 का ग्रेड पे 1900 से स्थान पर 2400 किए जाने हेतु राजस्थान सरकार के वित्त विभाग का आदेश क्रमांक प.14 (88) वित्त (नियम)/2008 जयपुर, दिनांक 05 जुलाई, 2013 संलग्न किया है? यदि हां तो कब तक सहायक ग्रेड 03 को ग्रेड पे रू 1900 के स्थान पर रू 2400 दिए जाने के आदेश जारी कर दिए जाऐंगे? शासन द्वारा समिति से प्रतिवेदन प्राप्त होने के दिनांक से प्रश्न दिनांक तक उक्त प्रकरण में क्या-क्या कार्यवाही की गई है? समस्त अभिलेखों की स्वच्छ प्रति उपलब्ध करावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही हैं।
महिला सशक्तिकरण विभाग का महिला बाल विकास विभाग में संविलियन
[महिला एवं बाल विकास]
59. ( क्र. 510 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या महिला सशक्तिकरण विभाग का संविलियन महिला एवं बाल विकास विभाग में कर दिया गया है? यदि हां तो संविलियन कब हुआ? आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करावें। संविलियन उपरांत महिला सशक्तिकरण विभाग में पदस्थ अधिकारी एवं कर्मचारियों की क्या स्थिति है? क्या महिला सशक्तिकरण विभाग के सभी पदों का भी संविलियन कर दिया गया है? प्रश्न दिनांक की स्थिति में संविलियन उपरांत वे किस विभाग के अधिकारी/कर्मचारी हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या महिला सशक्तिकरण विभाग का महिला एवं बाल विकास में पूर्णतः संविलियन होने के उपरांत भी महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारियों तथा महिला सशक्तिकरण अधिकारियों (विकासखण्ड स्तरीय) की वरिष्ठता सूची पृथक-पृथक दर्शायी जाकर सूची का प्रकाशन किया गया है? यदि हाँ तो? कारण बताएं। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार क्या संविलियन उपरांत विकासखण्ड महिला सशक्तिकरण अधिकारियों के पद को बाल विकास परियोजना अधिकारी के पद के रूप में परिवर्तित कर दिया गया है? यदि हाँ तो वर्तमान में बाल विकास परियोजना अधिकारी के पद के पूर्व प्रभारी शब्द क्यों लिखा जा रहा है तथा इसका क्या औचित्य है? बाल विकास परियोजना अधिकारी के पूर्व लिखे जा रहे प्रभारी शब्द को विलोपित कर उपर्युक्त दोनों पदों की एकीकृत वरिष्ठता का निर्धारत कब तक किया जावेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) विभाग के आदेश क्रं-1 (ए) 32/2011/50-1 दिनांक 27.04.2018 अनुसार विभाग के समसंख्यक आदेश दिनांक 13/03/2012 द्वारा गठित '' एकीकृत बाल विकास सेवा, संचालनालय'' एवं ''महिला सशक्तिकरण, संचालनालय '' के स्थान पर ''संचालनालय, महिला एवं बाल विकास, मध्यप्रदेश'' गठित किया गया है। आदेश की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उपरोक्त आदेश अनुसार दोनों संचालनालयों के अधीनस्थ संचालनालय, संभाग, जिला, परियोजना एवं विकासखण्ड स्तर पर संचालित कार्यालय एवं उनमें पदस्थ अमला अब संचालनालय, महिला एवं बाल विकास के प्रशासकीय नियंत्रण के अधीन कार्यरत है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जी हाँ, वरिष्ठता सूची का पृथक-पृथक प्रकाशन किया गया है, क्योंकि बाल विकास परियोजना अधिकारी एवं विकासखण्ड महिला सशक्तिकरण अधिकारी पृथक-पृथक संवर्ग है। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष जानकारी का प्रश्न ही नहीं उपस्थित होता।
कटनी जिले में समर्थन मूल्य पर धान का उपार्जन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
60. ( क्र. 511 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरीदी केन्द्र एवं उनसे संलग्न क्षेत्र की स्थापना हेतु शासन के क्या प्रावधान/नियम/निर्देश हैं? वर्तमान में मुड़वारा विधानसभा क्षेत्र में किन-किन स्थानों पर कितने खरीदी केंद्र स्थापित/ संचालित हैं? इन केन्द्रों के खरीदी प्रभारी एवं कम्प्यूटर आपरेटर कौन-कौन हैं और किन सक्षम आदेशों से इन्हें नियुक्त किया गया हैं? क्या खरीदी केन्द्र एवं उनसे संलग्न क्षेत्र की स्थापना में शासन के नियमों/प्रावधानों/निर्देशों का पालन किया गया है? यदि हां तो प्रत्येक खरीदी केन्द्रवार विवरण बतायें एवं यदि नहीं तो कारण बतायें। (ख) खरीदी कार्य कब प्रारंभ हुआ? केंद्रों का संचालन किन दिनांकों से प्रारंभ हुआ? केंद्रों में वारदाना कब-कब पहुँचाया गया? केंद्रवार बतायें। (ग) कटनी जिले के खरीदी केंद्रों का चालू वर्ष में किस-किस शासकीय सेवकों द्वारा कब-कब निरीक्षण किया गया और क्या प्रतिवेदन किस सक्षम अधिकारी को प्रस्तुत किये गए और सक्षम प्राधिकारी द्वारा अब तक क्या कार्यवाही की गई? (घ) खरीदी कार्य में सम्मिलित सर्वेयरों की क्या भूमिका रहती हैं? अमानक खाद्यान्न की खरीद होने, भंडारित होने पर, किसकी जिम्मेदारी नियत हैं? क्या अमानक खाद्यान्न उपार्जित करने एवं भंडारित होना पाए जाने के लिए सम्बधित केंद्रों/भंडारगृहों पर नियुक्त सर्वेयर जिम्मेदार होते हैं? यदि हाँ, तो इन पर क्या कार्यवाही की जाती हैं? नहीं तो क्यों? (ड.) कटनी जिला सहित सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में जनवरी 2020 से किन-किन स्थानों पर अमानक चावल एवं धान भंडारित होना पाया गया? प्रश्न दिनांक तक की गई कार्यवाही से अवगत करायें।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी, हाँ। कटनी जिले के मुड़वारा विधानसभा क्षेत्र में धान उपार्जन हेतु स्थापित उपार्जन केन्द्रों के स्थान, उनके प्रभारी, कम्प्यूटर आपरेटरों के नाम एवं मोबाइल नंबर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। जिले में खरीदी केन्द्रों की स्थापना का कार्य जिला उपार्जन समिति की अनुशंसा अनुसार किया जाता है। खरीदी केन्द्र की स्थापना में शासन के नियम/निर्देशों का पालन किया गया है। (ख) कटनी जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन का कार्य दिनांक 16.11.2020 से प्रारम्भ हुआ है। मुड़वारा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत स्थापित केन्द्रों से उपार्जन कार्य प्रारम्भ करने का दिनांक एवं बारदाना प्रदाय की केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) कटनी जिले में धान खरीदी हेतु स्थापित खरीदी केन्द्रों का निरीक्षण करने वाले अधिकारी एवं निरीक्षण दिनांक एवं उनके द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) उपार्जन केन्द्र पर नियुक्त सर्वेयर द्वारा स्कन्ध की गुणवत्ता की जांच उपार्जन केन्द्र के प्रभारी की उपस्थिति में की जाती है। अमानक खाद्यान्न की खरीदी एवं भंडारण होने पर खरीदी प्रभारी एवं समिति प्रबंधक की संयुक्त जिम्मेदारी होती है। अमानक खाद्यान्न उपार्जन एवं भंडारण होने पर संबंधित सर्वेयर की सेवाऐं समाप्त करने की कार्यवाही की जाती है। (ड.) कटनी एवं प्रदेश के अन्य जिलों में माह जनवरी, 2020 से प्रश्न दिनांक तक पाए गए अमानक चावल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। माह जनवरी, 2020 से गोदामों में भंडारित पाए गए अमानक चावल की 83 प्रतिशत मात्रा राज्य की मिलिंग नीति में उल्लेखित प्रावधान अनुसार मिलर्स को वापस कर उनके व्यय पर अपग्रेड कराकर मानक गुणवत्ता का चावल प्राप्त किया गया है। शेष अमानक चावल के अपग्रेडेशन की कार्यवाही प्रचलित है। खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में उपार्जित धान में से 6,58,969 मे.टन धान केप एवं कवर्ड गोदाम में भंडारित है, जिसकी मिलिंग की प्रक्रिया प्रचलन में है। भंडारित धान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-इ अनुसार है।
भू-अर्जन मुआवजा के वितरण में अनियमितताओं की जांच
[जल संसाधन]
61. ( क्र. 514 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बाणसागर परियोजना के पशासक भू अर्जन एवं पुनर्वास अधिकारी रीवा द्वारा आदेश क्रमांक 1582 एवं 1584 दिनांक 20.03.2018 से किन-किन व्यक्तियों/किसानों की भूमियों के अधिगृहण का कितना कितना अवार्ड पारित किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) प्रशासन द्वारा आदेश किस शासकीय सेवक के पत्र के आधार पर किया गया था और इनमें किन माननीय न्यायालयों के उच्च आदेशों का उल्लेख था? (ग) प्रश्नांश (क) प्रशासक द्वारा आदेश पारित होने के पश्चात सम्बन्धितों को अवार्ड की राशि के भुगतान हेतु क्या-क्या कार्यवाही किन-किन शासकीय सेवकों के स्तर से की जानी थी तथा क्या सम्बन्धितों को राशि का भुगतान कर दिया गया है? (घ) प्रश्नांश (ग) यदि हाँ तो कब? यदि नहीं तो कारण बतायें कि पारित आदेश के पालन में भू-अर्जन अधिकारी यूनिट क्रमांक 6 द्वारा मांगपत्र सम्बन्धित कार्यपालन यंत्री को कब भेजा गया और कार्यपालन यंत्री द्वारा मांग अनुसार राशि किसको कब उपलब्ध कराई गई? (ड.) प्रश्नांश (ग) क्या सम्बन्धित अधिकारियों द्वारा पारित आदेश के पालन में निर्देशानुसार कार्यवाही अब तक पूर्ण नहीं की गई है? यदि हाँ तो क्यों? मुआवजा का वितरण कब तक किया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित आदेश क्रमांक-1582 एवं 1584 दिनांक 20.03.2018 को जारी नहीं किए गए थे अपितु आदेश क्रमांक-1582 एवं 1584, दिनांक 26.09.2018 को जारी किए गए थे। इन आदेशों से भूमियों का अवार्ड पारित नहीं किया गया है अपितु प्रशासक, भू-अर्जन एवं पुनर्वास, बाणसागर परियोजना, रीवा के आदेश क्रमांक-1582 एवं 1584 दिनांक 26.09.2018 द्वारा बाणसागर परियोजना से ग्राम सनगा, तहसील रामनगर, जिला सतना की डूब प्रभावित भूमि में स्थित वृक्षों हेतु मान. न्यायालय द्वारा निर्धारित दर के अनुसार मुआवजे की राशि के अवार्ड अनुमोदित किए गए थे। (ख) मान. द्वितीय जिला अपर न्यायाधीश, मैहर एवं श्रृंखला न्यायालय, अमरपाटन जिला सतना के प्रकरण क्रमांक-एमजेसी-10/2016 एवं 11/2016 में मान. न्यायालय द्वारा दिनांक 24.02.2018 को पारित निर्णय के परिपालन में वृक्षों की मुआवजा राशि के भुगतान के आदेश के संबंध में भू-अर्जन अधिकारी, यूनिट क्रमांक-6, बाणसागर परियोजना, रीवा के पत्र दिनांक 12.09.2018 द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव के परिप्रेक्ष्य में प्रशासक द्वारा अवार्ड आदेश पारित किया गया था। (ग) भू-अर्जन अधिकारी, यूनिट क्रमांक-6, बाणसागर परियोजना, रीवा द्वारा संबंधितों को मुआवजा भुगतान किए जाने की कार्यवाही की जानी थी। संबंधितों को मुआवजा भुगतान नहीं किया जा सका है। (घ) आवंटन उपलब्ध नहीं होने के कारण मुआवजा भुगतान नहीं किया जा सका है। भू-अर्जन अधिकारी द्वारा कार्यपालन यंत्री के स्थान पर मॉंग पत्र आयुक्त, भू-अर्जन एवं पुनर्वास, बाणसागर परियोजना रीवा को भेजा जाता है। भू-अर्जन अधिकारी द्वारा मांग पत्र दिनांक 17.10.2018 को आयुक्त, भू-अर्जन एवं पुनर्वास, बाणसागर रीवा को भेजा गया। वृक्षों के मुआवजे की राशि रू.141.72 लाख के विरूद्ध प्रमुख अभियंता द्वारा कार्यपालन यंत्री, पक्का बांध संभाग क्रमांक-3, देवलोंद जिला शहडोल के माध्यम से भू-अर्जन अधिकारी को दिनांक 17.10.2018 को राशि रू. 55.00 लाख का आवंटन उपलब्ध कराया गया। (ड.) पारित आदेश के पालन में निर्देशानुसार मुआवजा का भुगतान नहीं किया जा सका है। तत्समय विभागीय आवश्यकता के परिप्रेक्ष्य में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) तहसील रघुराजनगर जिला सतना को राशि अंतरित कराये जाने के कारण प्रश्नाधीन मुआवजे का भुगतान नहीं किया जा सका। कालांतर में उक्त मुआवजे के भुगतान हेतु बजट की अनुपलब्धता के कारण आयुक्त द्वारा भू-अर्जन अधिकारी को राशि उपलब्ध नहीं करायी जा सकी। बजट की उपलब्धता से आबद्ध होने के कारण मुआवजा राशि के वितरण की निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
PDS में घटिया चावल वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
62. ( क्र. 519 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा सहायक आयुक्त स्तर के अधिकारी द्वारा जांच करने पर बालाघाट तथा मंण्डला जिले में पाए गए अमानक स्तर के चावल मिलने पर राईस मिलर्स तथा म.प्र.नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारियो के विरूद्ध की गयी कार्यवाही की विस्तृत जानकारी दें। (ख) PMO भारत सरकार द्वारा उक्त के संबंध में राज्य शासन को क्या निर्देश दिये गये थे तथा उस पर राज्य सरकार ने क्या कार्यवाही की? (ग) क्या विभाग ने राईस मिलर्स को गोदामो से घटिया चावल वापिस ले जाकर उसके बदले में मानक स्तर का चावल वापिस देने हेतु क्या कोई आदेश जारी किया था? यदि हाँ तो आदेश की प्रति उपलब्ध कराएं। यदि नहीं तो घटिया चावल अभी कहाँ है? (घ) राईस मिलर्स द्वारा कस्टम मिलिंग हेतु दिये गये धान की मिलिंग न करते हुए उस धान को बेचने तथा म.प्र. तथा अन्य प्रदेश से PDS से रिसाईकल किया हुआ चावल वापस गोडाउन में जमा करने की प्रक्रिया में जो संगठित अपराध किया जा रहा है उससे निपटने हेतु सरकार ने क्या कदम उठाए हैं? मिलिंग नहीं करने से बिजली के बिलों में जो कमी आयी है, क्या उसकी जांच करायी जायेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
चावल एवं धान की जानकारी
[वित्त]
63. ( क्र. 522 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रथम लॉकडाउन के छ: माह पूर्व से प्रश्न दिनांक तक जो चावल बालाघाट जिले की सीमा में आया है, उसकी जानकारी चावल कहाँ से आया कहाँ भेजा गया तथा ट्रक के नंबर सहित देवें। (ख) प्रदेश से अन्य प्रदेशों में भेजे जा रहे माल तथा विभिन्न प्रदेशो से प्रदेश में आ रहे माल की जानकारी राज्य शासन को कैसे होती है, इसकी संपूर्ण प्रक्रिया बताएं। (ग) विगत एक वर्ष में बालाघाट जिले में GST चोरी के कुल कितने प्रकरण बनाऍ गए हैं, प्रकरण अनुसार जानकारी दे।
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
रियायती दरों पर उपलब्ध कराई गई शासकीय भूमि
[राजस्व]
64. ( क्र. 527 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले में पिछले 05 साल में ऐसी कौन-कौन सी संस्थाएं या व्यक्ति हैं जिन्हें रियायती दरों पर शासकीय भूमि उपलब्ध कराई गई है? (ख) उपरोक्त में से किन-किन संस्थाओं द्वारा अपने परिसर/भूमि का उपयोग व्यावसायिक उद्देश्यों जैसे दुकानें, मैरिज हॉल अथवा किराए पर देने के लिए किया जा रहा है? (ग) उपरोक्त में से किन-किन संस्थाओं द्वारा अपने परिसर/भूमि का उपयोग व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए करने की अनुमति ली गई है? जिन संस्थाओं/व्यक्तियों के द्वारा बिना अनुमति लिए व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए भूमि का उपयोग किया जा रहा है उनके विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई है तो कब तक की जाएगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रश्न अवधि में कोई भूमि आवंटित नहीं की गई है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मण्डला जिले में स्वीकृत पशु चिकित्सा डिप्लोमा पाठ्यक्रम
[पशुपालन]
65. ( क्र. 530 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले में पशु चिकित्सा डिप्लोमा पाठ्यक्रम पॉलीटेक्निक महाविद्यालय की स्वीकृति कब दी गई है एवं इसके प्रारंभिक संचालन हेतु कितनी राशि का प्रावधान किया है? क्या यह राशि विभाग को प्राप्त हो चुकी है? यदि हाँ तो तिथि बताएं एवं इस राशि का अब तक क्या उपयोग किया गया? (ख) क्या उपरोक्त के लिए भूमि आवंटन किया जा चुका है? यदि हाँ तो कहाँ और कितनी जमीन का आवंटन किया गया है? (ग) क्या महाविद्यालय हेतु भवन निर्माण होने तक कक्षाओं के संचालन व विद्यार्थियों के रहने हेतु शासकीय भवनों की व्यवस्था कर ली गई है? यदि नहीं तो कब तक कर ली जाएगी? (घ) क्या कक्षाओं का संचालन प्रारंभ कर दिया गया है? यदि नहीं तो क्यों? कब तक कक्षाओं का संचालन प्रारंभ कर दिया जाएगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी नहीं। वर्ष 2020-21 में प्रतीकात्मक बजट रूपये 100 लाख का प्रावधान किया गया है। (ख) जी हाँ। ग्राम माधोपुर तहसील बिछिया जिला मण्डला में 6.08 हेक्टयेर भूमि का आवंटन कलेक्टर मण्डला द्वारा किया गया। (ग) जी हाँ। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वेच्छानुदान राशि का प्रारूप
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
66. ( क्र. 535 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधायकों को प्रदत्त स्वेच्छानुदान राशि किन-किन प्रयोजनों से दी जा सकती है? इस संबंध में नियम कब-कब जारी किये गये? (ख) क्या विधायक स्वेच्छानुदान राशि सांस्कृतिक कार्यक्रम, खेदकूद प्रतियोगिता, आर्थिक सहायता जैसे प्रयोजन के लिये दी जा सकती है? नियम/निर्देशों की प्रति उपलब्ध कराते हुये दिनांक 01/04/2014 से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नकर्ता एवं सिवनी जिले के अन्य तीनों विधायक द्वारा प्रदत्त स्वेच्छानुदान राशि की सूची वर्षवार/विधानसभा क्षेत्रवार उपलब्ध करावें। (ग) क्या सिवनी जिले में सांस्कृतिक कार्यक्रम खेदकूद प्रतियोगिता, आर्थिक सहायता जैसे प्रयोजन हेतु दी गये प्रस्ताव अमान्य किये गये है जबकि अन्य जिलों में ऐसे प्रस्ताव स्वीकृत किये जा रहे हैं? (घ) क्या उक्त राशि सिर्फ बी0पी0एल0 कार्डधारियों को ही देने के नियम है? यदि हाँ, तो नियमों की जानकारी दें।
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) विधायक स्वेच्छानुदान योजना की राशि निम्न प्रयोजन के तहत दी जा सकती है :-1- व्यक्ति विशेष के मामले में :- चिकित्सा, शिक्षा, ईमानदारी एवं वीरतापूर्ण कार्य के लिये पुरुस्कार, पाठशाला के योग्य तथा निर्धन बच्चों को प्रोत्साहन स्वरूप पुरूस्कार, विधवा स्त्री एवं बन्धुआ मजदूर की लडकी की शादी के लिये आर्थिंक सहायता, अत्यन्त गरीब व्यक्ति अनाथ या अपंग व्यक्ति को सहायता दी जा सकती है। 2- संस्था के मामले में :- इसके प्रयोजन ऐसे सभी सार्वजनिक प्रयोजन शामिल होंगें जो जनहित के स्वरूप के हो। विधायक स्वेच्छानुदान योजना अन्तर्गत निम्नांकित तिथि अनुसार नियम/निर्देश जारी किये गये :- दिनांक 28-05-1982, 21-09-2007, 31-10-2007, 24-07-2009, 30-05-2018 (ख) जी हॉं। नियम-निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। विधानसभा सिवनी, बरघाट, केवलारी एवं लखनादौन की दिनांक 01-04-2014 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार स्वीकृत स्वेच्छानुदान की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अनुलग्नक '' 2 '' अनुसार है। (ग) जी नहीं। योजनान्तर्गत आर्थिक सहायता, शिक्षा, ईलाज हेतु, विधवा स्त्री , गरीबजन, दिव्यांग सहायता प्रयोजन के प्रस्ताव सिवनी जिले में प्राप्त हुये है, जिनकी स्वीकृति दी गई है। जिले में सांस्कृतिक कार्यक्रम, खेलकूद प्रतियोगिता से संबंधित वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कोई भी प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुये हैं। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सांसद/विधायक निधि के कार्यों की जानकारी
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
67. ( क्र. 543 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक विधायक निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना से विदिशा जिले में कौन-कौन से कार्य कितनी राशि से स्वीकृत किये गये है? कितने कार्य पूर्ण हो चुके है? कितने कार्य अधूरे हैं? कितने कार्य प्रगतिरत है? कितने कार्य अप्रारंभ हैं? कार्य के नाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें तथा कौन-कौन सी क्रियान्वयन ऐजेसियों द्वारा कार्य किये जा रहे हैं अथवा किये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त कार्यों का निरीक्षण कौन-कौन से अधिकारियों द्वारा किन-किन दिनांकों में किया गया है? कितने कार्य गुणवत्ताविहीन पाये गये हैं? गुणवत्ताविहीन कार्य करने वाली ऐजेंसियों पर क्या कार्यवाही की गई? बतावें? यदि नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उपरोक्त कार्यों का भुगतान किस ऐजेन्सी को प्रथम, द्वितीय एवं अंतिम किश्त का भुगतान किन-किन दिनांक में किया गया तथा उक्त कार्यों की स्वीकृत राशि में से कितनी राशि विभाग के पास अभी तक है? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अधूरे कार्यों को पूर्ण करवाने हेतु निर्माण ऐजेन्सियों के विरूद्ध किन-किन दिनांकों में क्या-क्या कार्यवाही की गई है? वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें एवं अधूरे निर्माण कार्य कब तक पूर्ण करा दिये जावेंगे?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
गरीबी रेखा में सर्वे सूची में नाम जुड़वाने हेतु निर्देश
[राजस्व]
68. ( क्र. 546 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के लटेरी एवं सिरोंज अनुविभाग कार्यालय एवं तहसील कार्यालय लटेरी एवं सिरोंज में 1 जनवरी, 2014 से प्रश्नांकित दिनांक तक कितने आवेदन गरीबी रेखा की सर्वे सूची में नाम जुड़वाने के लिए प्राप्त हुए? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में गरीबी रेखा की सर्वे सूची में नाम जोड़ने के लिए कुल प्राप्त आवेदनों में से कितने आवेदन पात्र पाये गये? कितने अपात्र पाये गये? अपात्रता का क्या कारण है? पात्र, अपात्रता के कारण सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या गरीबी रेखा की सर्वे सूची में नाम जोड़ने के लिए आवेदन की जांच फील्ड पर जाकर करवाई गई? यदि हाँ, तो किस अधिकारी/कर्मचारी के द्वारा जांच करवाई गई? यदि नहीं तो क्या कार्यालय में बैठकर ही आवेदक को पात्र या अपात्र कर दिया जाता है? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में गरीबी रेखा की सर्वे सूची में नाम जोड़ने के लिए क्या निर्देश/आदेश हैं? निर्देशों/आदेशों की छायाप्रति उपलब्ध करावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) विदिशा जिले के अनुविभाग लटेरी एवं सिरोंज के अंतर्गत प्रश्नांकित अवधि में अनुविभाग लटेरी एवं तहसील लटेरी में 01 जनवरी, 2014 से प्रश्नांकित दिनांक तक गरीबी रेखा में नाम जुड़वाने हेतु अनुविभागीय कार्यालय में 1669 आवेदन एवं तहसील कार्यालय में कुल 488 आवेदन पत्र प्राप्त हुए इस प्रकार लटेरी अनुविभाग अंतर्गत कुल 2157 आवेदन प्राप्त हुए। सिरोंज अनुविभाग अंतर्गत कुल 4756 आवेदन गरीबी रेखा की सर्वे सूची में नाम जुड़वाने के लिए प्राप्त हुए है। (ख) अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय लटेरी में प्राप्त आवेदन पत्र 1699 में से 226 पात्र एवं 1473 अपात्र पाये गए, इसी प्रकार तहसील कार्यालय में कुल 488 आवेदन पत्रों में से 252 पात्र एवं 236 अपात्र पाये गए। जांच कराने के उपरांत हितग्राहियों को निर्धारित अंक से अधिक अंक प्राप्त होने से पात्रता श्रेणी में नहीं होने से अपात्र किये जाते है। (ग) जी हाँ। लटेरी शहर के क्षेत्रान्तर्गत प्राप्त आवेदन पत्रों की जांच मुख्य नगर पालिका अधिकारी लटेरी से कराई गई एवं ग्रामीण क्षेत्रों से प्राप्त आवेदन पत्रों की हल्का पटवारीयों से जांच कराई गई। इसी प्रकार सिरोंज क्षेत्रान्तर्गत गरीबी रेखा की सर्वे सूची में नाम जोड़ने हेतु प्राप्त आवेदन पत्रों की जांच कस्वा पटवारी/मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर पालिका परिषद सिरोंज से करवाई गई। तहसील सिरोंज अंतर्गत गरीबी रेखा की सर्वे सूची में नाम जोड़ने हेतु प्राप्त आवेदन पत्र की जांच संबंधित हल्का पटवारियों से कराई गई। (घ) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
विकासखण्ड धनौरा की गुनगुच जलाशय की प्रशासकीय स्वीकृति
[जल संसाधन]
69. ( क्र. 553 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केवलारी विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत विकासखण्ड धनौरा की गुनगुच जलाशय की प्रशासकीय स्वीकृति हेतु शासन/विभाग के पास लंबित है? यदि हाँ तो शासन/विभाग के द्वारा कब तक प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की जावेगी? (ख) क्या धनौरा विकासखण्ड की गुनगुच जलाशय की प्रशासकीय स्वीकृति दिये जाने के उपरांत शासन/विभाग टेंडर की प्रक्रिया प्रारंभ करेगा? यदि हाँ तो कब तक निविदा प्रक्रिया प्रारंभ की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) परियोजना प्रतिवेदन प्रशासकीय स्वीकृति हेतु शासन स्तर पर प्राप्त है। परियोजनाओं की प्रशासकीय स्वीकृति बजट की उपलब्धता से आबद्ध होने के कारण निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) प्रशासकीय स्वीकृति उपरांत ही निविदा आमंत्रण की प्रक्रिया बजट की उपलब्धता के आधार पर संपन्न होती है। प्रकरण में अभी प्रशासकीय स्वीकृति नहीं हुई है अतएव शेषांश प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
सिवनी जिले की बिजना पिक वियर योजना की प्रशासकीय स्वीकृति
[जल संसाधन]
70. ( क्र. 554 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी जिले के विकासखण्ड छपारा की बिजना पिक वियर योजना की प्रशासकीय स्वीकृति हेतु शासन/विभाग के पास लंबित है? यदि हाँ तो शासन/विभाग के द्वारा कब तक प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की जावेगी? (ख) क्या छपारा विकासखण्ड की बिजना पिक वियर योजना की प्रशासकीय स्वीकृति दिये जाने के उपरांत शासन/विभाग निविदा की प्रक्रिया प्रारंभ करेगा? यदि हाँ तो कब तक निविदा प्रक्रिया प्रारंभ की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) परियोजना प्रतिवेदन मुख्य अभियंता बोधी स्तर पर परीक्षणाधीन है। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) प्रशासकीय स्वीकृति उपरांत ही निविदा आमंत्रण की प्रक्रिया बजट की उपलब्धता के आधार पर संपन्न होती है। प्रकरण में अभी प्रशासकीय स्वीकृति नहीं हुई है अतएव शेषांश प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
समूह नलजल योजना की प्रशासकीय स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
71. ( क्र. 556 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी जिले की विकासखण्ड केवलारी के ग्राम बोथिया एवं विकासखण्ड छपारा के ग्राम चण्डी समूह नल जल योजना के कोई प्रस्ताव विभाग के द्वारा प्रेषित किये गये है? यदि हाँ तो किस दिनांक को भेजे गये? क्या उक्त प्रस्ताव शासन की ओर अग्रिम कार्यवाही हेतु भेजे गये है? (ख) विधानसभा क्षेत्र केवलारी के ग्राम बोथिया समूह नलजल योजना एवं विकासखण्ड छपारा चण्डी समूह नलजल योजना के प्रस्ताव पर कार्यवाही उपरांत प्रशासकीय स्वीकृति शासन/विभाग के द्वारा कब तक प्रदान की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। सिवनी जिले से स्टेज-1 के प्रस्ताव दिनांक 04.10.2019 को प्रस्तुत किये गये। जी नहीं, जल जीवन मिशन के परिप्रेक्ष्य में निर्धारित मापदंडानुसार डी.पी.आर. तैयार किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
तहसील कार्यालय हेतु भवन की स्वीकृति
[राजस्व]
72. ( क्र. 561 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत तहसील भीकनगांव में वर्तमान तहसील कार्यालय कौन से भवन में संचालित किया जा रहा है? यह कितने वर्ष पुराना है? (ख) क्या यहां पर नवीन भवन की आवश्यकता है? यदि हाँ तो कब तक नवीन भवन की स्वीकृति प्रदाय की जावेगी तथा नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत तहसील भीकनगांव में वर्तमान तहसील कार्यालय तहसील भवन में ही संचालित हो रहा है उक्त भवन प्राप्त जानकारी अनुसार वर्ष 1905 से निर्मित है। (ख) जी हाँ, नवीन तहसील भवन के लिये कलेक्टर से प्राप्त प्रस्ताव अनुसार परीक्षण कर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नवीन शासकीय महाविद्यालय खोले जाना
[उच्च शिक्षा]
73. ( क्र. 566 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय आयुक्त, उच्च शिक्षा म.प्र. शासन भोपाल के आदेश क्र. 669/मंत्री/योजना/19 भोपाल दिनांक 05.08.2019 के अनुसार विधानसभा क्षेत्र सरदारपुर अंतर्गत ग्राम राजोद एवं दसाई में नवीन शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ किये जाने की अभिस्वीकृति प्रदान की गई थी? (ख) राजोद एवं दसाई में नवीन महाविद्यालय प्रारंभ किये जाने की अभिस्वीकृति प्रदान करने के पश्चात क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या कार्यालय आयुक्त, उच्च शिक्षा म.प्र. शासन भोपाल के आदेश क्र. 363/56/मंत्री/आउशि/योजना/2020 भोपाल दिनांक 05.03.2020 के अनुसार विधानसभा क्षेत्र सरदारपुर अंतर्गत ग्राम अमझेरा में नवीन शासकीय महाविद्यालय खोले जाने हेतु अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा इन्दौर संभाग से जानकारी चाही गई थी? (घ) यदि हाँ तो अमझेरा में नवीन शासकीय महाविद्यालय खोले जाने की जानकारी मंगाई जाने के बाद क्या कार्यवाही की गई?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। (घ) प्रकरण का परीक्षण किया गया। नवीन महाविद्यालय खोले जाने के मापदण्डों की पूर्ति नहीं होने के कारण अमझेरा में नवीन महाविद्यालय खोला जाना संभव नहीं है।
रतलाम में 23/07/2020 को 1500 मेट्रिक टन प्याज की निलामी
[सहकारिता]
74. ( क्र. 568 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम में दिनांक 23/07/2020 को 1500 मैट्रिक टन प्याज नीलाम किया गया था जो इसके पूर्व वाली नीलामी से 50 प्रतिशत अधिक में नीलाम हुआ। यदि हाँ तो बतावें कि पूर्व नीलामी से शासन को कितने का लाभ हुआ। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित नीलामी में नीलाम किया गया प्याज 1500 मैट्रिक टन नहीं था तथा मात्र 300 मैट्रिक टन था और इस कारण खरीदने वाले व्यापारियों ने पैसे नहीं जमा कराये तथा मात्र 145 टन माल उठाया। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में कुल कितना टन प्याज खराब हुआ तथा वह प्याज उठा कर कहा पर डंप किया गया? क्या प्याज पहले मंडी के पास गड्डे में डाला गया और बाद में वहा से उठाकर रतलाम से 07 कि.मी. दूर महू रोड पर नाले में फेंका गया? (घ) खराब प्याज पहले गड्डे में डालने और उसके बाद नाले में डालने के ट्रेक्टरों ने कितनी ट्रिप लगाई? दिनांक अनुसार खराब प्याज के तोल कांटे की रसीदों की प्रति उपलब्ध करावें तथा उस रजिस्टरों की प्रति उपलब्ध करवाएं जिसमें इस सन्दर्भ में लिखा पढ़ी की गई।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) रतलाम जिले में दिनांक 23.07.2020 को प्याज की कोई मात्रा नीलाम नहीं हुई है, किन्तु रतलाम जिले में दिनांक 23.07.2017 को 1500 मे.टन प्याज रूपये 2920/- प्रति मे.टन में नीलाम किया गया था, किन्तु 1500 मे.टन प्याज में से 145.62 मे.टन प्याज ही अच्छा निकला, जिसे आर.एम. ट्रेडर्स द्वारा उठाया गया। आर.एम. ट्रेडर्स द्वारा खरीदे गये प्याज की पूर्ण मात्रा नहीं उठाने पर नीलामी में जमा राशि रूपये 10,000 की जप्ती की कार्यवाही जिला स्तरीय समिति द्वारा की गई एवं दिनांक 04.08.2017 को पुन: शेष मात्रा की नीलामी की गई, किन्तु अनुमानित मात्रा 400 मे.टन की नीलामी हुई, जिसके विरूद्ध मात्र 122.125 मे.टन अच्छी प्याज निकली। 1500 मे.टन प्याज में से शेष मात्रा 1232.255 मे.टन प्याज बिलकुल खराब होने से इस प्याज का सेवा सहकारी संस्था धराड़ द्वारा विनिष्टीकरण किया गया। इस प्रकार 1500 मे.टन प्याज में 145.62 मे.टन एवं 122.125 मे.टन कुल मात्रा 267.745 अच्छी प्याज विक्रय हुई एवं शेष प्याज 1232.255 मे.टन खराब प्याज का विनिष्टीकरण किये जाने से शासन को लाभ नहीं हुआ। (ख) रतलाम जिले की मंडी के शेड क्रमांक 1,2,3 तथा 4 पर 1500 मे.टन अनुमानित प्याज उपलब्ध था। उक्त 1500 मे.टन प्याज में से 145.62 मे.टन एवं 122.125 मे.टन कुल मात्रा 267.745 मे.टन विक्रय हुई एवं शेष प्याज मात्रा 1232.255 मे.टन खराब प्याज का सेवा सहकारी संस्था धराड़ द्वारा विनिष्टीकरण किया गया। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में सेवा सहकारी समिति धराड जिला रतलाम के द्वारा कुल उपार्जित मात्रा 36444.42 मे.टन में से विक्रयोपरांत शेष रही मात्रा 1446.84 मे.टन का विनिष्टीकरण किया गया। दिनांक 23.07.2017 को धराड़ समिति की विभिन्न शेड्स में शेष बची मात्रा लगभग 1500 मे.टन में से 1232.255 मे.टन विनिष्टीकृत की गयी। उक्त मात्रा समिति द्वारा विनिष्टीकृत की गयी कुल मात्रा 1446.84 मे.टन में शामिल है। सेवा सहकारी संस्था धराड़ से प्राप्त जानकारी अनुसार रतलाम मंडी से कुल 1446.84 मे.टन खराब प्याज उठाकर महू रोड स्थित लगभग 5 कि.मी. दूर शासकीय सर्वे न. 250/1 एवं 267/1 में खोदे गये गड्ढे में डलवा कर विनिष्टीकरण कराया गया। (घ) प्याज के विनिष्टीकरण हेतु दिनांकवार ट्रेक्टर ट्रिप, मात्रा तौल कांटे की रसीद एवं रजिस्टर की प्रति संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
उज्जैन के वर्तमान कलेक्टर के कार्यकाल में की गयी कार्यवाहियां
[राजस्व]
75. ( क्र. 585 ) श्री महेश परमार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 04/05/2020 से अब तक ज़िला कलेक्टर महोदय द्वारा रसूखदार एवं अन्य लोगों के कब्जे से शासकीय भूमि को मुक्त कराया गया है? यदि हाँ, तो पटवारी हल्का नंबर एवं सर्वे नंबरवार जानकारी देवें। यदि नहीं तो कलेक्टर मेन्युअल एवं सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्रों के अनुसार क्या-क्या कर्तव्य पालन एवं उत्तरदायित्वों का निर्वाह किया गया? संक्षेपिका के साथ पूर्ण विवरण देवें। (ख) वर्तमान में उज्जैन कलेक्टर के अधीन कितनी शासकीय भूमि है? कितनी ज़मीनों पर अन्य लोगों का कब्जा है? कितने लोग शासकीय भूमि का उपयोग वैध एवं अवैध दोनों रूप से कर रहे हैं? पटवारी हल्का सर्वे नंबर सहित उन सभी खातेधारकों की नाम, पते, प्रयोजन सहित पूर्ण विवरण उपलब्ध करायेँ। (ग) क्या शासकीय भूमि से कब्जा हटाने के लिए कलेक्टर उज्जैन द्वारा बैठकें आयोजित कर अनुशासनात्मक कार्यवाही की गयी है? यदि हाँ, तो कलेक्टर का जॉब चार्ट, Charter of Accountibility एवं प्राप्त भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्यों के विवरण सहित प्रमाणित संक्षेपिका उपलब्ध कराएं। (घ) ज़िला कलेक्टर के जॉब चार्ट अनुसार पूर्व में अनुमोदित कार्य योजना क्या है? उनमें से कितने कार्य शेष है और कितने पूर्ण हो चुके हैं? सत्यापन रिपोर्ट पटल पर रखें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। पटवारी हल्कावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ख) वर्तमान में उज्जैन जिले में कलेक्टर के अधीन 76404 हैक्टेयर शासकीय भूमि है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (घ) जिला कलेक्टर मेनुअल में कलेक्टर के जॉब चार्ट का कोई उल्लेख नहीं है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आयकर-टीडीएस/टीसीएस में अनियमितताएं
[वित्त]
76. ( क्र. 586 ) श्री महेश परमार : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक क्या वित्त विभाग द्वारा शासकीय/उपक्रमों के डीडीओ की बैठक कितनी बार किन-किन एजेंडों पर आयोजित की गयी और क्या-क्या निर्देश दिये गए? (ख) आयकर-टीडीएस/टीसीएस के संबंध में टीडीएस काटने व जमा करने, त्रिमासिक रिटर्न फाइल करने, टीडीएस प्रमाण-पत्र जारी करने का कार्य निर्धारित दर एवं समयावधि का पालन करके किया गया है? यदि नहीं, तो लापरवाही उपरांत व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार किस-किस विभाग के किन-किन अधिकारियों पर क्या क्या कार्यवाही की गयी? (ग) उपरोक्त कार्यों में घोर लापरवाही बरतने वाले सभी विभागों के अधिकारियों पर कब-कब, क्या कार्यवाहियाँ हुई? उक्त कार्यवाहियों का समस्त लेखा-जोखा उपलब्ध कराएं। यदि नहीं हुई तो कार्यवाही नहीं करने के कारण स्पष्ट करें।
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में वित्त विभाग द्वारा डी.डी.ओ. के साथ कोई बैठक आयोजित नहीं की गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) आयकर-टीडीएस/टीसीएस के संबंध में टीडीएस काटने एवं जमा करने के निर्देश आयकर अधिनियम 1961 के प्रावधानों के तहत् आयकर विभाग भारत सरकार द्वारा जारी किये जाते है। आयकर विभाग द्वारा जारी निर्देशों का पालन आहरण संवितरण अधिकारियों द्वारा व्यक्तिश: किया जाना अपेक्षित है। निर्देर्शो का पालन नहीं किये जाने पर आयकर अधिनियम के तहत् कार्यवाही सीधे आयकर विभाग द्वारा की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (ग) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सहकारीता विभाग द्वारा प्याज खरीदी में अनियमितता
[सहकारिता]
77. ( क्र. 591 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम में दिनांक 23.07.2017 को 1500 मैट्रिक टन प्याज रूपये 2.92 में नीलाम किया गया था जो पूर्व में रूपये 02.04 से 45 प्रतिशत अधिक में बिका? यदि हाँ तो बतावें कि इसमें से कितना प्याज अच्छा निकला एवं कितना खराब निकला? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित खराब प्याज को सेवा सहकारी संस्था धराड़ द्वारा किस-किस दिनांक को कितनी-कितनी मात्रा में उठाया गया तथा वह खराब प्याज कहाँ डाला गया तथा इस कार्य के लिए समिति को कितनी राशि का भुगतान किया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित खराब प्याज किस-किस प्लेटफार्म से कितना-कितना उठाया गया? (घ) दिनांक 23.07.2017 के बाद से खराब प्याज उठाने वाले प्याज के वाहन क्रमांक, प्रत्येक वाहन की प्रतिदिन की ट्रिप संख्या तौल कांटे की रसीद, समिति को किया गया भुगतान, उस रजिस्ट्रार की प्रति जिसमें खराब प्याज उठाने के वाहन क्रमांक, उठाई गई मात्रा जिस शेड से उठाया गया उसका नम्बर तौल कांटे की रसीद नम्बर आदि सम्पूर्ण जानकारी की प्रतिलिपि देवें। (ड.) प्रश्नांश (ग) अनुसार भुगतान जिन दस्तावेजों के आधार पर किया गया, उसकी प्रति भी देवें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हां। रतलाम जिले में दिनांक 23.07.2017 को 1500 मे.टन प्याज पूर्व में नीलामी दर रू. 2040 प्रति मे.टन से अधिक रू. 2920 प्रति मे.टन में नीलाम किया गया था, किन्तु 1500 मे.टन प्याज में से 145.62 मे.टन प्याज ही आर.एम. ट्रेडर्स द्वारा उठाया गया। आर.एम. ट्रेडर्स द्वारा खरीदे गये प्याज की पूर्ण मात्रा नहीं उठाने पर नीलामी में जमा राशि रू. 10,000 की जप्ती की कार्रवाई जिला स्तरीय समिति द्वारा की गई। दिनांक 04.08.2017 को पुनः बची मात्रा लगभग 1354 मे.टन की नीलामी की गई, जिसमें मात्र 122.125 मे.टन प्याज जिसकी दर रू. 2020 प्रति मे.टन प्राप्त हुई, जो मेसर्स ओमबना ट्रेडर्स द्वारा ली गई है। शेष प्याज 1232.255 मे.टन बिलकुल खराब होने से उस प्याज का सेवा सहकारी संस्था धराड़ द्वारा जिला स्तरीय समिति के निर्देशानुसार विनिष्टीकरण किया गया। इस प्रकार 145.62 मे.टन दर रू. 2920 प्रति मे.टन से एवं 122.125 मे.टन दर रू. 2020 प्रति मे.टन से नीलाम की गई एवं शेष 1232.255 मे.टन प्याज का विनिष्टीकरण सेवा सहकारी संस्था धराड़ के द्वारा किया गया। (ख) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक से संबद्ध सेवा सहकारी संस्था धराड़ से प्राप्त जानकारी अनुसार विभिन्न दिनांकों में कुल मात्रा 1446.84 मे.टन प्याज उठाया गया, की दिनांकवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। खराब प्याज विनिष्टीकरण कमेटी द्वारा मंडी से उठाकर महू रोड स्थित लगभग 5 कि.मी. दूर शासकीय सर्वे नं 250/1 एवं 267/1 में खोदे गये गड्ढे में डलवाया गया। उक्त कार्य हेतु समिति को राशि रू. 3,40,915.00 का भुगतान दिनांक 27.10.2020 को प्राप्त हुआ। (ग) खराब प्याज प्लेटफार्म क्र. 1, 2, 3 एवं 4 प्लेटफार्म के साथ मंडी परिसर के मेन रोड के बाजू में लगे तौल कांटे के पास से विनिष्टीकरण हेतु कुल मात्रा 1446.84 मे.टन उठाया गया। (घ) पैक्स धराड़ से प्राप्त जानकारी अनुसार विनिष्टीकरण समिति द्वारा दिनांक 23.07.2017 के बाद से शेड क्र. 1, 2, 3, 4 एवं मंडी परिसर से खराब प्याज उठाने वाले वाहन क्रमांक, प्रत्येक वाहन की प्रतिदिन की ट्रिप संख्या, तौल कांटे की रसीद प्याज मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है तथा रजिस्टर की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। समस्त विनिष्टीकरण कार्य हेतु धराड़ समिति को राशि रू. 3,40,915.00 का भुगतान दिनांक 27.10.2020 प्राप्त हुआ। (ड.) विनिष्टीकरण हेतु उठाव किये गये कुल खराब प्याज की कुल मात्रा 1446.84 मे.टन के भुगतान संबंधी दस्तावेज की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
आदिवासियों की भूमि को गैर आदिवासियों की भूमि में परिवर्तन में अनियमितता
[राजस्व]
78. ( क्र. 593 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 613 दिनांक 23.09.2020 के खण्ड ''ख'' में उल्लेखित प्रकरणों में से स्वीकृत प्रकरणों के अनुमति दिये जाने के आदेश की प्रति देवें तथा म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 165/6 और 165/7 की प्रति देवें तथा बतावें कि इसमें निरस्त आवेदन पर अपर आयुक्त संभाग में अपील करने का उल्लेख कहां है? (ख) जनवरी 2020 से नवम्बर 2020 तक धारा 165/6 एवं 165/7 में कितने आवेदनों पर निर्णय हुआ उनके आदेश की प्रति देवे तथा बतावें कि 2014 से नवम्बर 2020 तक कितने आदीवासीयों ने अपनी जमीन के डायवर्जन हेतु आवेदन प्रस्तुत किया उनकी सूची देवें। (ग) रतलाम जिले में 2007 से 2013 तक आदिवासियों की जमीन गैर आदिवासियों की विक्रय की अनुमती धारा 165/6 कितने प्रकरणों में दी गई तथा उक्त अवधी में कितने आवेदन निरस्त किये गये दोनों की सूची देवें। (घ) क्या 165/6 में विक्रय की अनुमति देते वक्त इस बात का अध्ययन किया जाता है कि एक ही परिवार ने आदिवासियों कि कितनी जमीन खरीदी है यदि नहीं तो क्यों और यदी हां तो बतावे कि प्रश्नांश ''ख'' तथा ''ग'' में जितने प्रकरणों में अनुमति दी गई उनमें एक ही परिवार के लोगों ने कितनी-कितनी जमीन खरीदी।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रश्न क्रमांक 613 दिनांक 23.09.2020 के खण्ड ''ख'' में उल्लेखित प्रकरणों में से स्वीकृत प्रकरणों के अनुमति दिये जाने के आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 165/6 और 165/7 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 44 के तहत् आदेश के विरूद्ध अपील का प्रावधान है। (ख) जनवरी 2020 से नबम्बर 2020 तक धारा 165/6 एवं 165/7 में पारित आदेशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। डायवर्सन की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। (ग) रतलाम जिले में 2007 से 2013 तक आदिवासियों की जमीन गैर आदिवासियों की विक्रय की अनुमति धारा 165/6 में कुल 89 प्रकरणों में दी गई तथा उक्त अवधि में कुल 49 आवेदन निरस्त किये गये। दोनों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'य' अनुसार है। (घ) रतलाम जिले में वर्तमान में ऐसा प्रमाणित प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है।
सिंचाई एवं पीने के पानी हेतु लिफ्ट ऐरिगेशन की जानकारी
[जल संसाधन]
79. ( क्र. 600 ) श्री रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चंबल संभाग अंतर्गत सिंचाई एवं पीने के पानी हेतु लिफ्ट ऐरिगेशन योजना किस दिनांक से प्रारंभ की गई एवं उक्त लिफ्ट ऐरिगेशन योजना के अंतर्गत कौन-कौन से निर्माण कार्य कुल कितनी लागत के कराये गये। उनकी संपूर्ण जानकारी योजना दिनांक से प्रश्न दिनांक तक की अवधि की उपलब्ध करावें। उक्त लिफ्ट ऐरिगेशन योजना कब एवं क्यों बंद कर दी गई एवं लिफ्ट ऐरिगेशन योजना क्रियान्वयन हेतु वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक निर्धारित बजट की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित चंबल संभाग में कुल कितने क्षेत्रफल में एवं कुल कितने ग्रामों में कुल कितने रकबे पर सिंचाई वर्तमान में की जा रही है, उसकी जानकारी उपलब्ध करावें एवं कितने ग्रामों में पीने का पानी की व्यवस्था लिफ्ट ऐरिगेशन के माध्यम से की गई? दिमनी विधानसभा क्षेत्र में कुल कितने रकबे क्षेत्रफल पर किसानों को सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध नहीं है? (ग) क्या दिमनी विधानसभा क्षेत्र में किसानों के कृषि रकबे की सिंचाई एवं गांव-गांव पीने का पानी पहुंचाने हेतु विस्तृत कार्ययोजना लिफ्ट ऐरिगेशन योजना या अन्य योजना के अंतर्गत अन्य विभाग के कोआर्डिनेशन से पीने के पानी की समस्या एवं किसानों को उनकी फसल की सिंचाई हेतु पानी की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता चंबल नदी से कराएंगे। यदि हां तो कब तक? (घ) क्या दिमनी, अम्बाह विधानसभा क्षेत्र में लिफ्ट ऐरिगेशन योजना में हुई व्यापक गड़बड़ी एवं अनियमितता तथा जमीनी स्तर पर लिफ्ट ऐरिगेशन योजना का क्रियान्वयन नहीं होने संबंधी उच्च स्तरीय जांच के आदेश जारी कर प्रश्नकर्ता विधायक के समक्ष जांच कराएंगे। यदि हां तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) चंबल संभाग अंतर्गत सिंचाई हेतु लिफ्ट इरिगेशन योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। विभाग द्वारा पीने के पानी हेतु पृथक से लिफ्ट इरिगेशन योजना नहीं बनाई जाती है अपितु इन योजनाओं में सिंचाई के अतिरिक्त पेयजल आवंटन हेतु प्रावधान रखा जाता है। (ख) चंबल संभाग में वर्ष 2020-21 में रबी सिंचाई हेतु 1446 ग्रामों के कुल 3,90,013 हेक्टर रकबे में सिंचाई का लक्ष्य निर्धारित है। रबी सिंचाई का कार्य प्रगतिरत है। विभाग द्वारा चंबल संभाग में निर्मित लिफ्ट इरिगेशन योजनाओं से पीने के पानी की व्यवस्था नहीं की गई है अपितु ग्वालियर संभाग के दतिया जिले में निर्माणाधीन मॉं रतनगढ़ सूक्ष्म सिंचाई परियोजना से म.प्र. जल निगम को दतिया, ग्वालियर एवं भिण्ड जिले की मॉं रतनगढ़ समूह जल प्रदाय योजना हेतु 40 मि.घ.मी. जल आवंटित किया गया है। योजना से आवंटित पेयजल वितरण का कार्य जल संसाधन विभाग द्वारा नहीं किया जाता है। दिमनी विधान सभा क्षेत्र में शासकीय स्त्रोतों से सिंचित रकबा 35,804 हेक्टर है। शेष प्रश्नांश जल संसाधन विभाग से संबंधित नहीं है। (ग) विभाग द्वारा पीने के पानी हेतु लिफ्ट इरिगेशन योजना नहीं बनाई जाती है। अत: दिमनी विधान सभा क्षेत्र में जल संसाधन विभाग द्वारा स्वयं अथवा अन्य विभागों के कोआर्डिनेशन से पीने के पानी एवं सिंचाई हेतु किसी लिफ्ट इरिगेशन योजना का प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। दिमनी विधानसभा क्षेत्र के पेयजल संबंधी लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''1'' (पृ. 1 से 2) तथा नगरीय विकास एवं आवास विभाग से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''2'' (पृ. 1 से 2) अनुसार है। (घ) दिमनी एवं अम्बाह विधान सभा क्षेत्र में विभाग की कोई निर्मित/निर्माणाधीन लिफ्ट इरिगेशन योजना नहीं है। दिमनी विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2008 में स्वीकृत ऐसाह उद्वहन सिंचाई योजना का निर्माण भारत सरकार, से पर्यावरणीय स्वीकृति प्राप्त नहीं होने से योजना का कार्य अप्रारंभ है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अधिकारियों द्वारा लापरवाही एवं अनियमितता
[राजस्व]
80. ( क्र. 605 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शिवपुरी के विधान सभा क्षेत्र करैरा में रिक्त राजस्व एस.डी.एम. कार्यालय एवं तहसीलदार न्यायालय में अपीलों एवं राजस्व प्रकरण लंबित है, जिनका निराकरण समय निर्धारित नहीं है तथा उक्त कार्य समय-सीमा में क्यों नहीं हो रहा है? (ख) क्या उक्त प्रकरणों में निर्धारण के बाद उन्हें पंजीबद्ध किया जाता है? क्या यह विधि विरूद्ध है? (ग) एस.डी.एम. करैरा प्रभारी तहसीलदार जी.एस. वैरवा क्या न्यायालय में बैठते हैं तथा प्रकरणों पिछले 2 वर्षों में कितनी समस्याओं की सुनवाई हुई है? इसकी सूची उपलब्ध कराई जावे। (घ) वर्ष 2018 से नायब तहसीलदार जी.एस. वैरवा को तहसीलदार का चार्ज भी दिया गया है जबकि यह करैरा जिले की बड़ी तहसील है। यहां पर पूर्व में हमेशा एक तहसीलदार एवं एक एडीशनल तहसीलदार हमेशा रहता है। यदि हां तो ऐसी क्या वजह है कि एक नायब तहसीलदार पूरी तहसील चला रहा है? स्पष्ट करें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। प्रकरणों का निराकरण विधिवत सुनवाई उपरान्त समय-सीमा में किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। प्रकरणों को म.प्र. भू-राजस्व संहिता (राजस्व न्यायालयों की प्रक्रिया) नियम 2019 के अनुसार RCMS में विधिवत पंजीयन करके निराकरण किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। उनके पिछले दो वर्ष में सुनवाई किये गये प्रकरणों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ। जी हाँ। शिवपुरी जिले में 11 तहसील है जबकि 04 तहसीलदार ही पदस्थ है। अतः शिवपुरी जिले के शेष तहसीलों में नायब तहसीलदार को ही तहसीलदार के प्रभार दिये गये है। वर्तमान में करैरा तहसील में 03 नायब तहसीलदार पदस्थ है।
पटवारी की जांच
[राजस्व]
81. ( क्र. 606 ) श्री
प्रागीलाल
जाटव : क्या
मुख्यमंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) शिवपुरी
जिले के करैरा
विधानसभा
क्षेत्र में
करैरा में
वर्ष 2013 से
प्रश्न
दिनांक तक
पदस्थ आर.आई.
एवं कौन-कौन
रहे हैं अगर
एक ही पटवारी
रहा है तो सात
साल से अन्दर
पटवारी का स्थानान्तरण
क्यों नहीं
किया गया है? (ख) प्रश्नांश
(क) करैरा
आर.आई. एवं पटवारी
के विरूद्ध आय
से अधिक
संपत्ति की
जांच क्या
हुई है? अगर
नहीं हुई तो
क्या जांच की
आवश्यकता
नहीं है?
(ग)
दिनांक
01.04.2013 से
प्रश्न
दिनांक तक
करैरा पटवारी
द्वारा कितने
नामान्तरण, सीमांकन
किए गए हैं
तथा कितने शेष
है इनकी सूची
उपलब्ध
करायी जाये। (घ) क्या
करैरा पटवारी
द्वारा पिछले 7 वर्षों
में सरकारी
जमीन का पट्टा
किया गया है
यदि है तो
उनकी सूची
उपलब्ध
करायी जावें।
मुख्यमंत्री
( श्री शिवराज
सिंह चौहान ) : (क) जानकारी
निम्नानुसार
है:-
क्र |
वर्ष |
नाम |
1 |
वर्ष 2013-2015 तक |
श्री अशोक श्रीवास्तव आर.आई. |
2 |
2015-2018 तक |
श्री महेन्द्र कोरकू आर.आई. |
3 |
2018 अब तक |
श्री विनोद सोनी आर.आई. |
4 |
2013-2015 तक |
श्री रामवीर रावत पटवारी |
5 |
2015 अब तक |
श्री राकेश गुप्ता पटवारी |
कस्बा करैरा में विगत सात वर्षों से लगातार कोई भी आर.आई. व पटवारी पदस्थ नहीं रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) पटवारी को नामांतरण एवं सीमांकन करने के अधिकार नहीं होने से पदस्थ पटवारी द्वारा नामांतरण एवं सीमांकन नहीं किये गये। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) करैरा पटवारी को शासकीय भूमि का पट्टा आवंटन के अधिकार नहीं होने से पटवारी द्वारा कोई भी पट्टा नहीं किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वित्तीय वर्ष 2019-20 की विधायक निधि की जानकारी
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
82. ( क्र. 613 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2019-20 में प्रदेश के समस्त विधानसभा क्षेत्रों के लिए प्रति विधानसभा क्षेत्रवार कितनी राशि आवंटित की गयी? राशिवार प्रत्येक विधानसभा की जानकारी देवें। (ख) क्या कुछ विधानसभा क्षेत्रों में वित्तीय वर्ष 2019-20 में पूर्ण राशि आवंटित की गयी तथा कुछ विधानसभा क्षेत्रों में विधायक निधि 12,7,500 रु. तथा स्वेच्छा अनुदान 98.300 रु. कम आवंटित किया गया? यदि हाँ तो किस-किस विधानसभा क्षेत्रों में किस नियम अंतर्गत राशि वित्तीय वर्ष में कम आवंटित की गयी, कम राशि आवंटित करने वाली विधानसभाओं को किस नियम से अलग कर कम राशि आवंटित की गयी? समस्त जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) अंतर्गत जिन विधानसभाओं में कम राशि आवंटित की गयी क्या उन्हें वित्तीय वर्ष 2019-20 की शेष राशि वित्तीय वर्ष 20120-21 के बजट में से आवंटित की जायेगी? क्या इसके लिए विभाग ने कोई दिशा-निर्देश जारी किये है? यदि हाँ तो निर्देशों की प्रतिलिपि देवें? शेष राशि का आवंटन कब तक उपलब्ध करा दिया जाएगा? (घ) विधायक निधि के क्रियान्वयन हेतु विभाग द्वारा जारी निर्देशों की प्रतिलिपि उपलब्ध करायें।
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। सेग्मेन्ट कोड 0101 (अनारक्षित 149 विधानसभा क्षेत्र) में आवश्यक राशि उपलब्ध न होने के कारण पूरी राशि नहीं दी जा सकी। सेग्मेन्ट कोड 0102 (अनुसूचित जनजाति आरक्षित विधानसभा क्षेत्र 47) एवं 0103 ( अनुसूचित जाति आरक्षित विधानसभा क्षेत्र 35) में आवश्यक राशि प्राप्त होने से पूरी राशि जारी की गई। (ग) जी हाँ। पूर्व वर्षों के स्वीकृत कार्यों हेतु आवश्यक राशि वर्ष 2020-21 के आवंटन से दिये जाने के निर्देश किये गये हैं। निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना के क्रियान्वयन की मार्गदर्शिका वर्ष 2013 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
रजिस्टर्ड ट्रस्टों को विधायक निधि देने पर प्रतिबंध
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
83. ( क्र. 615 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में जनवरी 2020 में विधायक निधि का उपयोग सामाजिक, खेलकूद, विकलांग एवं अन्य संस्थाओं एवं रजिस्टर्ड ट्रस्टों को प्रदान करने पर रोक लगा दी गयी है? यदि हाँ तो रोक के क्या कारण रहे हैं? (ख) क्या शासन प्रदेश के विकास में जनभागीदारी बढ़ाने पर सामाजिक संस्थाओं को प्रोत्साहित करने की मंशा रखता हैं? क्या ऐसे निर्णय से प्रदेश की जनभागीदारी में कमी आएगी? यदि हाँ तो कब तक रजिस्टर्ड संस्थाओं एवं ट्रस्टों के प्रतिबंध के निर्णय को समाप्त कर पुन: अनुमति दी जायेगी? (ग) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) में प्रश्नकर्ता विधायक ने अपने पत्र क्रमांक 179 दिनांक 18 अगस्त 2020 को माननीय मुख्यमंत्री जी को पत्र प्रेषित किया था? यदि हाँ तो विभाग द्वारा उस पर क्या कार्यवाही की गयी?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। तत्समय शासन द्वारा निर्णय लिया गया था। (ख) जी हाँ। नीतिगत मामला होने के कारण निश्चयन व समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। नीतिगत बिन्दु होने से वर्तमान में अवगत कराना संभव नहीं है।
मजरे टोले को राजस्व ग्राम में सम्मिलित करने विषयक
[राजस्व]
84. ( क्र. 626 ) श्री मनोज चावला : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले के आलोट विधानसभा क्षेत्र में किन-किन ग्राम पंचायतों में मजरा टोला एवं राजस्व ग्राम हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मजरा टोला में से कौन-सा राजस्व ग्राम बनाने की पात्रता रखते हैं? (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र के माध्यम से जिला कलेक्टर को कुछ मजरा टोला को राजस्व ग्राम बनाने हेतु लिखा गया था? यदि हां तो बतावें कि उस संदर्भ में क्या कार्यवाही प्रचलन में है? (घ) मजरा टोला को राजस्व ग्राम होने की पात्रता के मापदंड क्या-क्या हैं तथा प्रश्नांश (क) के मजरा टोला में से किस-किस में राजस्व ग्राम बनने में पात्रता में क्या-क्या कमी हैं? विस्तृत जानकारी देवें? क्या इन कमियों को दूर करने हेतु कोई प्रयास किए गए हैं या किए जाएंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) तहसील आलोट के ग्राम कराडिया में सुखाखेड़ा एवं तालोद के तारागढ़ राजस्व ग्राम बनने की पात्रता रखते है। (ग) जी हाँ। नक्शा एवं मजरे टोले वाले ग्रामों की सूची तैयार कर ली गई है। (घ) मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता (भू-सर्वेक्षण तथा भू-अभिलेख) नियम, 2020 के नियम 43 के उप नियम (3) में ग्राम को विभाजन के मापदण्ड का प्रावधान है। उत्तरांश ''क'', संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लॉकडाउन अवधि में लाए गए प्रवासी मजदूर
[राजस्व]
85. ( क्र. 628 ) श्री मनोज चावला : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लॉकडाउन अवधि में रतलाम, मंदसौर तथा नीमच जिले में प्रवासी मजदूरों को लाने तथा ले जाने हेतु कब से कब तक कितनी बसें लगाई गई। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जिलों में प्रवासी मजदूरों के भोजन, दवा, बस भाड़ा एवं अन्य विविध खर्च मिलाकर कुल कितना खर्च हुआ? जिलेवार बताएं। (ग) आलोट विधानसभा क्षेत्र में लॉकडाउन अवधि में कितने श्रमिक वापस आए तथा उनके लिए कुल कितनी बसें लगाई गई व उन पर कितना-कितना पैसा खर्च हुआ तथा कितने प्रवासी मजदूरों को 1000 रू. की सहायता दी गई? शेष को सहायता कब तक दी जाएगी? (घ) प्रदेश स्तर पर प्रवासी मजदूरों को लाने एवं भेजने पर बस भाड़ा सहित अन्य मद में कुल कितना खर्च हुआ, कुल कितनी बसें लगाई गई। प्रदेश में कुल कितने प्रवासी श्रमिक वापस आए तथा कितनों को 1000 रू. की सहायता दी गई तथा शेष को क्यों नहीं दी गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) लॉकडाउन अवधि में माह मार्च 2020 के अंतिम सप्ताह से जून 2020 तक रतलाम जिले में 331 बस, जिला मंदसौर में 310 बस तथा जिला नीमच 379 बस इस प्रकार कुल 1020 बस प्रवासी मजदूरों को लाने एवं ले जाने हेतु लगाई गई। (ख) प्रवासी मजदूरों के भोजन, दवा, बस भाड़ा एवं अन्य विविध खर्च पर जिला रतलाम में कुल राशि 1,15,11,446/- रूपये, जिला मंदसौर में कुल राशि 1,05,97,048/- रूपये तथा जिला नीमच में कुल राशि 1,40,95,602/- रूपये इस प्रकार कुल 3,62,04,096/- (तीन करोड़ बासठ लाख चार हजार छियानवे मात्र) रूपये व्यय किये गये। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। मुख्यमंत्री प्रवासी मजदूर सहायता योजना के अंतर्गत पात्रता अनुसार प्रवासी मजदूरों को सहायता दी गई है। अत: शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (घ) प्रदेश स्तर पर लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों को लाने एवं भेजने हेतु लगभग 75.00 करोड़ रूपये बस भाड़ा एवं लगभग 7.00 करोड़ रूपये ट्रेन पर व्यय हुआ। प्रवासी मजदूरों हेतु लगभग 29 हजार बस लगाई गई थी। प्रदेश में लगभग 14 लाख प्रवासी श्रमिक वापस आये। मुख्यमंत्री प्रवासी मजदूर सहायता योजना के निर्धारित मापदण्डों अनुसार लगभग 1.55 लाख प्रवासी मजदूरों को 1000/- रूपये प्रति मजदूर की दर से आर्थिक सहायता प्रदाय की गई। जो श्रमिक योजना के निर्देशानुसार पात्र नहीं पाये गये उन्हें आर्थिक सहायता प्रदाय नहीं की गई।
नामांतरण एवं बंटवारे की शिकायतें
[राजस्व]
86. ( क्र. 633 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन के नियमानुसार सीमांकन, बंटवारा एवं नामांतरण आवेदन प्रस्तुत करने के उपरान्त कितनी समय-सीमा में प्रकरण के निराकरण करने का प्रावधान है? नियम की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र बड़नगर में कितने प्रकरण सीमांकन, बंटवारा एवं नामांकन हेतु प्राप्त हुए, कितने निराकृत हुए तथा कितने लंबित हैं? प्रकरणों की सूची लंबित रहने के क्या कारण हैं? (ग) क्या सीमांकन, बंटवारा एवं नामांतरण प्रकरण में संबंधित पटवारी के विरूद्ध प्रकरणों को लंबित रखे जाने की शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हां, तो प्राप्त शिकायतों का विवरण एवं उन पर की गई कार्यवाही की जानकारी उपलब्ध करावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता की धारा 110 अपधारा (4) नामांतरण अविवादित मामले में तीस दिवस विवादित मामले की दशा में पांच मास है। यद्यपि मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता में बंटवारा और सीमांकन की कोई समय-सीमा के प्रावधान नहीं है तथापि मध्यप्रदेश लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम 2010 (क्रमांक 24 सन 2010) की धारा 3 द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए लोक सेवा प्रबंधन विभाग की अधिसूचना क्रमांक एफ 2-13-2012-इकसठ-लोसेप्र-पी.एस.जी-04 दिनांक 26 मई 2014 जो कि मध्यप्रदेश राजपत्र दिनांक 26 मई 2014 में प्रकाशित की गई है जिसमें सेवा क्रमांक 4.15 सेवाएं-अविवादित बंटवारा करना सेवा प्रदान करने की निश्चित समय-सीमा 90 कार्य दिवस है। मध्यप्रदेश लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम 2010 (क्रमांक 24 सन् 2010) की लोक सेवा प्रबंधन विभाग की अधिसूचना क्रमांक ए।-2-13-2012/61/लोसेप्र/पी.एस.जी.-04 दिनांक 10 अप्रैल 2013 जो कि मध्यप्रदेश राजपत्र दिनांक 13 अप्रैल 2013 में प्रकाशित की गई है जिसमें सेवा क्रमांक 4.13 सेवाएं भूमि का सीमांकन करना सेवा प्रदान करने समय-सीमा 30 कार्य दिवस है। नियमों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विधानसभा क्षेत्र बड़नगर में सीमांकन, बंटवारा एवं नामांतरण के प्राप्त प्रकरणों का विवरण निम्नानुसार हैं :-
मद |
कुल दर्ज प्रकरण (प्राप्त) |
निराकृत |
शेष (लंबित) |
सीमांकन |
525 |
525 |
0 |
बंटवारा |
1035 |
742 |
293 |
नामांतरण |
5239 |
4590 |
649 |
प्रकरण प्रक्रियाधीन होने से लंबित है। (ग) सीमांकन, बंटवारा, नामांतरण प्रकरण लंबित रहने के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अत: शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
यूरिया खाद का प्रदाय
[सहकारिता]
87. ( क्र. 634 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत वर्ष 2020-2021 में कितना यूरिया खाद सहकारीता समिति को प्रदाय किया गया? (ख) पर्याप्त मात्रा में खाद आपूर्ति नहीं होने से किसानों में खाद की काला बाजारी रोकने हेतु शासन द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? समय पर खाद किसानों को उपलब्ध नहीं कराये जाने के क्या कारण हैं? इसमें कौन अधिकारी दोषी हैं? (ग) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में किन-किन सहकारी समितियों को कितना-कितना खाद उपलब्ध कराया गया? सोसायटीवार सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) सहकारी समिति द्वारा खाद कितने को किसानों को उपलब्ध करवाया गया? संस्थावार कृषक संख्या उपलब्ध करावें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) खरीफ सीजन में उपलब्ध कुल यूरिया 3280 मे.टन में से 2995 मे.टन किसानों को वितरित किया गया तथा 285 मे.टन स्कंध शेष रहा। रबी सीजन में कुल उपलब्ध यूरिया 6518 मे.टन में से दिनांक 08.12.2020 तक 6253 मे.टन वितरित किया गया तथा 265 मे.टन स्कंध शेष रहा। यूरिया के कालाबाजारी के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
उच्च न्यायालय के निर्णय का पालन
[राजस्व]
88. ( क्र. 644 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम करमउ तहसील रामपुरबाघेलान व्यवहारवाद क्रमांक 10200/2000 निर्णय दिनांक 15/2/2002 अपर जिला न्यायालय सतना के निर्णय 188/2000 आदेश दिनांक 28/10/2002 माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के अपील 2/69/2003 के प्रकरण के निर्णय दिनांक 10/2/2010 का पालन राजस्व विभाग द्वारा 10 वर्षों में नहीं किया गया है? अगर हॉं तो क्यों और कब तक पालन किया जावेगा? (ख) क्या उक्त निर्णय का पालन अपर कमिश्नर रीवा के न्यायालय में प्रकरण क्र.3083-1/12 में जनवरी 2019 से लम्बित है? अगर हाँ तो क्यों तथा कब तक निर्णय लिया जायेगा? (ग) क्या राजस्व विभाग माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय का पालन करने के लिए बाध्य नहीं है? अगर है तो पालन न करने वाले दोषी अधिकारियों का नाम बतावें तथा उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी? (घ) अगर न्यायालय के निर्णय पालन बाध्यकारी नहीं है, तो शासन की नियम एवं धारा की सत्यापित प्रतिलिपि उपलब्ध करावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रश्नाधीन मान. न्यायालयों के आदेशों का पालन सुनिश्चित करने संबंधी तहसीलदार तहसील रामपुर बाघेलान जिला सतना का मूल प्र.क्र. 364/अ-74/ 2009-10 मान. राजस्व मण्डल ग्वालियर को दिनांक 25.04.2017 को भेजा गया था, मान. राजस्व मण्डल ग्वालियर से दिनांक 17.10.2018 को मूल प्रकरण वापस प्राप्त होने पर अपर आयुक्त न्यायालय में प्रकरण प्रचलित है। (ख) जी हां। माननीय राजस्व मण्डल ग्वालियर के प्र.क्र. R-3083-1/12 आदेश दिनांक 17.10.2018 के अनुसार प्रश्नांकित प्रकरण न्यायालय अपर आयुक्त रीवा संभाग रीवा लिंक कोर्ट सतना/सीधी में दिगम्बर सिंह बनाम हीराबाई के नाम से प्रचलित है। प्रकरण तर्क हेतु दिनांक 28.10.2020 को नियत था, प्रकरण में सम्यक सुनवाई उपरान्त उचित आदेश पारित किया जावेगा। (ग) विभाग द्वारा माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय का पालन किया जाता है। प्रकरण में सुनवाई उपरांत शीघ्र कार्यवाही की जायेगी। शेषांश का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ग) के संबंध में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
आंगनवाड़ी केन्द्रों की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
89. ( क्र. 645 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रैगॉंव विधानसभा क्षेत्र में किन-किन ग्रामों में आंगनवाड़ी केन्द्र हैं तथा कौन-कौन कर्मचारी पदस्थ हैं? आंगनवाड़ी केन्द्रवार पूर्ण जानकारी देवें। यह भी बतावें कि इनमें से कितने आंगनवाड़ी केन्द्र स्वयं के भवन में संचालित हैं तथा कितनें भवनविहीन हैं? (ख) क्या आंगनवाड़ी महिलाओं की सहायिका पद पर पदस्थापना एवं शैक्षणिक योग्यता निर्धारित है तो क्या योग्यता निर्धारित है तथा पदस्थ आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं को नामवार योग्यतावार सूची देवें। (ग) इन आंगनवाड़ियों में क्या कार्य हैं तथा उनके दायित्वों का निर्वहन किया जाता है? नियमित रूप से आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हो रहे हैं या नहीं, नहीं तो कारण बतावें? (घ) आंगनवाड़ी अधिकारियों द्वारा किये गये वर्ष 2019-20 सत्र में निरीक्षण की जानकारी एवं कार्यवाही विवरण सहित देवें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। स्वयं के भवनों में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्र व भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। सहायिका पद पर पदस्थापना हेतु महिला का संबंधित ग्राम/नगरीय क्षेत्र के वार्ड का स्थायी निवासी न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता अन्तर्गत पांचवी कक्षा उत्तीर्ण होना आवश्यक है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) आंगनवाड़ी केन्द्रों में पदस्थ आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा निम्नानुसार 06 प्रकार की सेवायें प्रदान की जाती है:- 1. पूरक पोषण आहार का प्रदाय, 2. स्वास्थ्य जॉच, 3. संदर्भ सेवायें, 4. टीकाकरण, 5. पोषण एवं स्वास्थ्य शिक्षा, 6. स्कूल पूर्व अनौपचारिक शिक्षा प्रदान की जाती है। इसके अतिरिक्त आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा शासन की विभिन्न योजनाओं से हितग्राहियों को लाभान्वित करने के संबंध में कार्य सम्पादित किये जाते है। जी हाँ। अतः शेष का प्रश्न ही नहीं। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
समूह नल-जल योजना की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
90. ( क्र. 646 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन्द्र सरकार द्वारा वर्ष 2024 तक सभी ग्रामों के सभी घरों में नल के माध्यम से पेयजल प्रदाय हेतु निर्देश दिये गये हैं? यदि हां तो राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ के समस्त ग्रामों के घरों में कब तक नल के माध्यम से पेयजल प्रदाय कराया जावेगा? क्या इन सभी ग्रामों में पेयजल प्रदाय हेतु कोई डी.पी.आर. तैयार कराई गई है? यदि हां तो प्रश्न दिनांक तक उक्त डी.पी.आर. की क्या स्थिति है? (ख) क्या शासन केन्द्र सरकार की मंशानुरूप विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ के समस्त ग्रामों में नल के माध्यम से पेयजल प्रदाय हेतु योजना/डी.पी.आर. की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हां तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। जी नहीं। डी.पी.आर. तैयार कराई जा रही है। (ख) उत्तरांश-'क' अनुसार, निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
मंत्री महोदय के निर्देशों पर कार्यवाही
[उच्च शिक्षा]
91. ( क्र. 647 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के मांग पत्र पर माननीय उच्च शिक्षा मंत्री महोदय द्वारा पत्र क्र. 159/20 दिनांक 06/08/2020 से शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय नरसिंहगढ़ अंतर्गत महाविद्यालय भवन (अर्जुन महल) के जीर्णोद्धार, 6 अध्ययन/4 प्रयोगशाला कक्ष एवं 200 सीटर क्षमता वाले ओडिटोरियम निर्माण एवं महाविद्यालय परिसर में 100 सीटर कन्या छात्रावास तथा नगर नरसिंहगढ़ में नवीन कन्या महाविद्यालय की स्वीकृति हेतु प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा मध्यप्रदेश शासन मंत्रालय भोपाल को प्रकरण में परीक्षण कर शीघ्र कार्यवाही करने के निर्देश दिये थे? यदि हां तो प्रश्न दिनांक तक उक्त संबंध में क्या कार्यवाही की गई? प्रकरणवार बतावें। (ख) क्या शासन विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ के छात्र-छात्राओं को गुणवत्ता युक्त उच्च शिक्षा प्रदान करने के ध्येय से उपरोक्त प्रकरणों में आवश्यक स्वीकृतियां प्रदान करेगा? यदि हां तो कब तक?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। महाविद्यालय भवन (अर्जुन महल) के जीर्णोद्धार, 06 अध्ययन/4 प्रयोगशाला कक्ष एवं 200 सीटर क्षमता वाले ओडिटोरियम निर्माण की स्वीकृति हेतु पत्र क्र.159/2020 दिनांक 06/08/2020 प्राप्त हुआ। उक्त पत्र के संदर्भ में कार्यालयीन पत्र क्रमांक 628, दिनांक 20/11/2020 द्वारा प्रस्तावित निर्माण कार्यों के संबंध में निर्माण कार्यों की प्राथमिकता का आंकलन करते हुए आवश्यक प्रस्ताव प्राचार्य से चाहे गये। प्राचार्य द्वारा निर्माण कार्यों के लिए परियोजना अधिकारी लोक निर्माण विभाग पी.आई.यू. राजगढ़ से प्राक्कलन सहित पूर्ण प्रस्ताव चाहे गये हैं, जो अभी अप्राप्त हैं। प्रस्ताव में कन्या छात्रावास निर्माण का प्रस्ताव सम्मिलित नहीं था। शेष प्रश्नांश के उत्तर का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। नरसिंहगढ़ में पूर्व से एक शासकीय महाविद्यालय (सहशिक्षा) संचालित है। इस महाविद्यालय में छात्राएं अध्ययनरत हैं। वर्तमान में विभागीय निर्देशों के अनुसार नरसिंहगढ़ में महाविद्यालयीन छात्राओं के अध्ययन हेतु समुचित व्यवस्था है। (ख) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
सिंचाई परियोजना में कैंचमेट एरिया का विस्तार
[जल संसाधन]
92. ( क्र. 654 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत एक मात्र कनेरादेव जलाशय सिंचाई परियोजना का निर्माण कराया गया है? यदि हाँ तो क्या जलाशय के माध्यम से सिंचाई कार्य हो रहा है? यदि हाँ तो इससे कितने हेक्टेयर खेती सिंचित हो रही है? (ख) क्या इस जलाशय का निर्माण होने के बाद यह कभी भी पूर्ण भरा नहीं गया है? इसका क्या कारण है? (ग) क्या इसका कैचमेंट एरिया अत्यधिक कम होने के कारण जलाशय पूर्ण रूप से नहीं भर पा रहा है? यदि हाँ तो क्या कैचमेंट एरिया बढ़ाये जाने का प्रस्ताव शासन के समक्ष विचाराधीन है? यदि नहीं तो क्या शासन इसका सर्वे कराकर कैचमेंट एरिया बढ़ाये जाने की कार्यवाही करेगा तथा कब तक?
मुख्यमंत्री
( श्री शिवराज
सिंह चौहान ) : (क) जी
हाँ। जी हाँ।
सिंचाई की जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) जी
नहीं, जलाशय
का निर्माण
होने के बाद
वर्ष 2013-14 एवं
2019-20 में
जलाशय
शतप्रतिशत
तथा वर्ष 2016-17 में
जलाशय 83
प्रतिशत भरा
था। शेष
वर्षों में कम
वर्षा होने के
कारण जलाशय
पूर्ण क्षमता
तक नहीं भर
पाया।
(ग) जी
नहीं। शेषांश
का प्रश्न ही
उपस्थित नहीं
होता।
परिशिष्ट
- "तैंतीस"
भू-अर्जन में अधिग्रहित मकानों का मुआवजा
[राजस्व]
93. ( क्र. 658 ) श्री
प्रणय प्रभात
पाण्डेय : क्या
मुख्यमंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
शासन द्वारा
जलाशय
निर्माण हेतु
अधिग्रहित
निजी
स्वामित्व की
भूमि पर बनें
मकानों का
मुआवजा
(अवार्ड) देनें
का
प्रावधान/नियम
है? (ख) यदि
हाँ, तो
कटनी जिले के
बहोरीबंद
तहसील
अंतर्गत जलसंसाधन
विभाग के अधीन
निर्माणाधीन
कलरहाई जलाशय
खमरिया हेतु
अधिग्रहित की
गई निजी स्वामित्व
की भूमि पर
निर्मित
मकानों का
मुआवजा (अवार्ड)
प्रदान न करने
के क्या कारण
हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) में
उल्लेखित
जलाशय के
निर्माण हेतु
भूमि पर किन-किन
कृषकों के
अधिग्रहित
मकानों के
मुआवजा
(अवार्ड)
प्रकरण शासन
स्तर पर
कहाँ-कब से लंबित
हैं एवं यह कि
इन लंबित
प्रकरणों का
किस प्रकार से
कब तक निराकरण
कर मुआवजा
(अवार्ड)
वितरित कर
दिया जावेगा?
मुख्यमंत्री
( श्री शिवराज
सिंह चौहान ) : (क) जी
हां। (ख) कटनी
जिले के
अनुभाग
बहोरीबंद
अंतर्गत जलसंसाधन
विभाग द्वारा
निर्माणाधीन
कलरहाई जलाशय
हेतु ग्राम
खम्हरिया की
भूमियां जो
जलाशय
निर्माण
क्षेत्र में आ
रही है, के
अर्जन का
प्रकरण आपसी
सहमति से भूमि
क्रय करने की
नीति (Concent
land purchase policy) के तहत
प्रस्तुत
किये गये थे, जिनमें
कार्यवाही
पूर्ण की जाकर
संबंधित भूमियों
का क्रय,
रजिस्टर्ड
विक्रय पत्र
के माध्यम से
किया जाकर
भूमि की राशि
संबंधित
भूमिस्वामियों
को प्रदाय की
जा चुकी है।
संबंधित
भूमियों पर
निर्मित परिसम्पत्ति/भवनों
का आपसी सहमति
से क्रय किये
जाने का प्रस्ताव
विभाग द्वारा
पृथक से प्रस्तुत
किया गया है।
अनुविभाग स्तर
पर कार्यवाही
प्रचलित है। (ग) कलरहाई
जलाशय
निर्माण हेतु
निर्माण
क्षेत्र में आ
रही भूमि पर स्थित
मकानों के
कृषकों का
विवरण निम्नानुसार
है:- (1) मायाबाई
पति श्री
रामदास रजक (2) श्रीमति
लक्ष्मीबाई
पति श्री
सुहाग लोधी (3) श्री
राकेश पिता
अनार सिंह
लोधी उपरोक्त
कृषकों के
मकानों का
मुआवजा
निर्धारण की
कार्यवाही
प्रक्रियाधीन
है। समय-सीमा
बताई जाना संभव
नहीं है।
विस्थापित परिवार को 10 वर्षीय पट्टे का प्रदाय
[नर्मदा घाटी विकास]
94. ( क्र. 665 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरगी पुनर्वास योजना (कार्यक्रम) अंतर्गत बरगी बांध के डूब से खुलने वाली भूमि का किसानों को दस वर्षीय पट्टा दिया गया था। क्या उक्त दस वर्षीय पट्टे का नवीनीकरण किया जाना है। जिसका नवीनीकरण हेतु प्रकरण 4 वर्षों से लम्बित है। (ख) यदि हॉ तो दस वर्षीय पट्टे का नवीनीकरण किस कारण से लम्बित है तथा कब तक नवीनीकरण किया जावेगा।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जी हाँ, इसकी अवधि वर्ष 2009 में समाप्त हो चुकी है। विभाग के आदेश दिनांक 15/10/2003 द्वारा बरगी जलाशय के जल स्तर को 15 दिसम्बर तक 418.00 मीटर पर रखे जाने की बाध्यता को समाप्त किया जा चुका है। डूब से बाहर आने वाली भूमि पर कृषि करने से जलाशय के जल भराव क्षेत्र में गाद जमाव की स्थिति पर केन्द्रीय जल आयोग द्वारा आपत्ति उठाई गई है। अत: पट्टों का नवीनीकरण किया जाना संभव नहीं है।
वित्तीय अनियमितताओं की जांच
[सहकारिता]
95. ( क्र. 667 ) श्री आरिफ मसूद : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश राज्य सहकारी जनऔषधि विपणन संघ मर्यादित भोपाल के लेखा अंकेक्षण प्रतिवेदन वर्ष 2018-19 एवं 2019-2020 का वित्तीय पत्रक एवं अंकेक्षण प्रतिवेदन सहकारिता विभाग में प्रस्तुत कर दिया है? यदि हां, तो उसकी प्रति उपलब्ध कराएं, यदि नहीं तो क्या कार्यवाही की जाएगी? (ख) क्या वर्ष 2018-19 के आय व्यय पत्रक में आय मद के सामग्री विक्रय में अंकित राशि 8567947/- रूपये की राशि का काला धन निवेश किया गया है? यदि हां, तो निवेशकर्ता के नाम, पता व पैन कार्ड सहित उनके आय के स्त्रोत बताएं। क्या अंकेक्षण आक्षेप एवं सुझाव पत्र 18-19 के क्रमांक 7 में वित्तीय पत्र अनुसार विविध लेना राशि 1486211/-रूपये पारसमणि स्किल प्राइवेट लिमिटेड सेक्टर 49 गुड़गांव हरियाणा से वसूली हेतु के आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए है? यदि हां, क्या पारसमणि स्किल प्राइवेट लिमिटेड के निर्देशक प्रशांत झा एवं बेबी मनीला झा है यदि हां क्या प्रशांत झा जन औषधि संघ के मुख्य महाप्रबंधक के पद पर पदस्थ होते हुए अपने पद का दुरूपयोग कर वित्तीय घोटाला किया है? यदि हां, तो क्या प्रशांत झा को उनके पद से हटाया जाएगा? यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या पारसमणि स्किल प्राइवेट लिमिटेड के विरूद्ध जांच की जावेगी तथा ब्याज सहित विविध लेना राशि वसूली की जाएगी? यदि हां, तो आय के अधिक स्त्रोतों एवं आय की विस्तृत जानकारी नहीं होने के कारण पूंजी का विनियोग करने के संबंध में जांच कराई जाएगी? यदि हां, क्या संघ के अंकेक्षण अधिकारी नंदा श्रीवास्तव सहकारिता निरीक्षक भोपाल द्वारा दायित्व पूर्ण न करने के विरूद्ध विभागीय जांच की जायेगी? क्या संघ में कितना काला धन निवेश किया गया है उसकी जांच कराई जाएगी? यदि हां, तो जांच प्रवर्तन निदेशालय तथा मध्यप्रदेश ई.ओ.डब्ल्यू. से कराई जाएगी? यदि हां, तो कब प्रारंभ की जाएगी यदि नहीं तो क्यों? (घ) क्या बताना चाहेंगे जन औषधि संघ के द्वारा करोड़ों रूपए के नकली सेनेटरी पैड खरीदे गए और उनका 3466703/- का भुगतान भी कर दिया गया है? यदि हां तो उपरोक्त विषय में जन औषधि संघ के क्रय, विक्रय एवं भुगतान के संबंधित दोषी अधिकारियों के विरूद्ध जांच की जाएगी? यदि हां किन-किन अधिकारियों की जांच होगी नाम बताएं। क्या संघ के महाप्रबंधक दुर्गेश गौतम द्वारा की गई शिकायत दिनांक 23/11/2020 को शौर्य हाइजीन नई दिल्ली नैपकिन विक्रेता के विरूद्ध थाना बागसेवनिया में शिकायत की गई है? यदि हां, तो संघ के भी दोषी अधिकारियों के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध कराया जाएगा? यदि हां, तो कब तक कराया जाएगा? क्या जन औषधि संघ के विरूद्ध जांचकर्ता अधिकारी उपायुक्त सहकारिता मुख्यालय से शिकायकर्ता अजय आनंद ने उपरोक्त घोटाले की जांच सी.बी.आई. से कराने की मांग की है? यदि हां, तो आयुक्त सहकारिता द्वारा उस पर क्या कार्यवाही की गई है? क्या आयुक्त सहकारित के संज्ञान में जन औषधि संघ की निरंतर वित्तीय अनियमितता एवं नकली दवा वितरण एवं फर्जी औषधि अनुज्ञप्ति बनवाने के बाद भी आयुक्त कार्यालय द्वारा दिनांक 26/11/2020 को संघ 500000/- की अंश पूंजी सहायता स्वीकृत की गई? यदि हां, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है? क्या संघ में प्रशासक की नियुक्त करने की कार्यवाही की जावेगी? यदि हां, तो कब तक नियुक्ति की जावेगी?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हां। अंकेक्षण प्रतिवेदन वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) वर्ष 2018-19 के संपरीक्षा प्रतिवेदन के आय-व्यय पत्रक के आय पक्ष में सामग्री विक्रय मद में राशि रू. 85,67,947.50 दर्शायी गयी है, किन्तु कालाधन के संबंध में प्रतिवेदन में कोई जानकारी नहीं दी गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जी हां, संस्था द्वारा विविध लेनदारी की उक्त राशि रू. 14,86,211/- वसूल किये जाने की जानकारी दी गयी है। पद के दुरूपयोग के संबंध में मुख्य महाप्रबंधक एवं अन्य के विरूद्ध जांच संस्थित की गई है, जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर यथेष्ट कार्यवाही संभव है। (ग) जांच करायी जा रही है, जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर यथेष्ट कार्यवाही संभव है। जी हां। आय के अधिक स्त्रोतों एवं आय की विस्तृत जानकारी नहीं होने के कारण पूंजी विनियोग करने के संबंध में भी जांच आदेशित की गई है। जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर यथेष्ट कार्यवाही संभव है। (घ) जांच आदेशित की गई है। संघ स्तर पर अमानक सामग्री के संबंध में प्रदायक के भुगतान पर रोक लगायी गई है तथा कर्मचारियों पर कार्रवाई प्रक्रियाधीन है। प्रदायक के विरूद्ध संघ द्वारा पुलिस में प्राथमिकी दर्ज करने हेतु शिकायत किये जाने की जानकारी प्राप्त हुई है। जांच के आदेश दिये गये हैं, जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर पर यथेष्ट कार्यवाही संभव है।
जांच प्रकरण में कार्यवाही
[वाणिज्यिक कर]
96. ( क्र. 678 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शैलेंद्र दंडोतिया वरिष्ठ उप-पंजीयक उज्जैन से संबंधित कितने प्रकरणों में जांचें विचाराधीन हैं? सभी प्रकरणों की जानकारी देवें? (ख) कितने प्रकरणों में जांचें पूर्ण हो चुकी हैं? उनकी जानकारी प्रकरणवार देवें? (ग) इन पर अभी तक कितनी रिकवरी निकली है? इसमें कितनी वसूली हुई/कितनी शेष है की जानकारी देवें? ये वसूली कब तक होगी? समय-सीमा देवें। (घ) जांच की निष्पक्षता के लिए शासन कब तक इन्हें निलंबित करेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) श्री दंडोतिया से संबंधित 7 प्रकरणों में से 3 प्रकरणों में जांच विचाधीन है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) परिशिष्ट 'अ' में उल्लेखित 7 प्रकरणों में से 2 प्रकरणों में जांच पूर्ण 2 प्रकरणों में प्रतिवेदन प्राप्त। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक है। (घ) जांच में दोषी पाए जाने पर नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही कर दंडित किया गया। प्रथम दृष्टया राजस्व हानि प्रमाणित पाए जाने पर श्री दंडोतिया के विरूद्ध निलंबन की कार्यवाही की गई है।
राजस्व भूमि पर काबिज पट्टेधारियों की बेदखली
[राजस्व]
97. ( क्र. 681 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जीरन तहसील में रक्षित वन (रिजर्व फॉरेस्ट) भूमि के पास लगी हुई राजस्व भूमि पर किन-किन गांवों में कितनी-कितनी भूमि पर राजस्व विभाग द्वारा कृषि कार्य हेतु पट्टे आवंटित किये गये हैं। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में आवंटित पट्टे की भूमि को वन विभाग द्वारा खरमौर अभ्यारण नाम पर विकसित करने हेतु पत्थरों की कच्ची दीवार से सीमांकित किया जा रहा है? यदि हाँ तो इस संबंध में जारी शासन स्वीकृति की प्रति उपलब्ध कराई जावे। (ग) प्रश्नांश (ख) के संबंध में क्या शासन को कोई शिकायत प्राप्त हुई है, जिसमें राजस्व भूमि पर काबिज पट्टेधारियों को वन विभाग द्वारा उनकी भूमि को अनाधिकृत रुप से अतिक्रमित करते हुए उन्हें बेदखल किया जा रहा है? यदि हाँ तो विस्तृत ब्योंरा दें। (घ) क्या शासन राजस्व एवं वन विभाग का संयुक्त दल गठित कर विधिवत सीमांकन राजस्व भूमि पर काबिज पट्टेधारियों के द्वारा की गई शिकायतों का निराकरण करायेगा? यदि हाँ तो समय-सीमा बतायें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हां। ग्राम घसुण्डी जागीर एवं ग्राम हरवार में पट्टे जारी किए गए हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) जी नहीं। सीमांकन हेतु आवेदन प्राप्त हुए थे। मौके पर सीमांकन करा दिया गया है। राजस्व भूमि पर काबिज किसी भी पट्टेधारी को वन विभाग द्वारा बेदखल नहीं किया गया है। (घ) जी हां। समय-सीमा बताई जाना सम्भव नहीं है।
नवीन नल-जल योजना की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
98. ( क्र. 686 ) श्री महेश राय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बीना के ग्राम खिमलासा, मण्डीबमोरा की नल-जल योजना क्षतिग्रस्त हो गयी है? (ख) नवीन नल-जल योजना स्वीकृत करने का क्या प्रावधान है तथा कब तक स्वीकृत हो जायेगी? यदि नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जल जीवन मिशन कार्यक्रम अंतर्गत दिशा-निर्देशों के अनुसार नवीन नल-जल योजना स्वीकृत करने का प्रावधान है। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
स्वेच्छानुदान के चेकों में त्रुटि सुधार
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
99. ( क्र. 698 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य शासन द्वारा स्वेच्छानुदान राशि विधानसभा सदस्य की अनुशंसा पर ही संबंधित को देय होती है? (ख) प्रश्नांश (क) में राशि वर्ष 2019- 20 तक के वितरण में चेकों में त्रुटि हो जाने पर क्या संबंधित सदस्य द्वारा अवगत कराए जाने पर जिला योजना अधिकारी द्वारा सुधार कर दिया जाता था? (ग) यदि हां, तो जिला जबलपुर अंतर्गत प्रश्न करता द्वारा प्रशनांश (क) राशि के विवरण में हुई त्रुटि के सुधार हेतु जिला कार्यालय 1 अप्रैल 2020 के बाद सुधार हेतु जिला योजना अधिकारी जबलपुर को लिखे जाने के बाद भी प्रश्नांश दिनांक तक सुधार न किए जाने के कारण संबंधित को राशि का भुगतान नहीं हो पाया है कब तक सुधार कर चेक प्रदान कर दिया जावेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। स्वीकृति के अनुरूप नाम एवं बैंक खाता धारक के नाम में अंतर का निराकरण के उपरांत भुगतान की कार्यवाही संभव है।
अरुणाम घोष स्टेडियम का विस्तारीकरण
[राजस्व]
100. ( क्र. 699 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 929 दिनांक 17 जुलाई 2019 में अवगत कराया गया था कि अरुणाम घोष स्टेडियम के विस्तारीकरण के संबंध में कराए गए सर्वे में 75 परिवार प्रभावित पाये जाने से उनके विस्थापन की कार्रवाई प्रचलित है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रश्नांश दिनांक तक 18 माह बीत जाने के बाद भी विस्थापन की कार्रवाई क्यों नहीं की गई जिससे खेल प्रतिभाओं की मांग के अनुसार स्टेडियम का विस्तारीकरण नहीं हो पा रहा है? कब तक विस्थापन हो पाएगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। ग्राम सिहोरा प.ह.न.-6, रा.नि.मं. खितौला के विस्थापन हेतु शासकीय आबादी भूमि उपलब्ध न होने से ग्राम मनसकरा के मास्टर प्लान के की भूमि खसरा नंबर 522/1 मद-पहाड़-चट्टान जो नगर तथा ग्राम निवेश Master Plan के उपांतरण की कार्यवाही प्रचलन में होने से कार्यवाही पूर्ण नहीं हो पायी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अनियमितताओं पर कार्यवाही
[राजस्व]
101. ( क्र. 703 ) श्री बाला बच्चन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्र.क्र. 1722 दिनांक 24.02.2016 के (घ) उत्तर में बताया गया कि बड़वानी जिले में मुद्रांक संग्राहक असम्यक रूप से निष्पादित बंधक विलेखों पर भारतीय स्टाप अधिनियम 1899 की धारा 33 के तहत कार्यवाही प्रचलित है, तो प्रश्न दिनांक तक इस संबंध में हुई समस्त कार्यवाही की प्रमाणित प्रतिया देवें। यदि कार्यवाही नहीं की है, तो क्यों? (ख) उपरोक्तानुसार बंधक विलेखों की प्रमाणित प्रतियां भी कॉलोनीवार देवें। (ग) प्रश्न में उल्लेखित अवधि दिनांक 01.01.12 से 31.12.15 तक भूमि विकास की अनुमति प्राप्त कालोनियों में प्रश्न दिनांक तक कमजोर वर्गों व निम्न आय समूहों के जिन लोगों को भूखण्ड विक्रय किए गए उनके नाम, पता, भूखण्ड रकवा, क्रय राशि सहित कालोनीवार देवें। इन कालोनियों में इन वर्गों को भूखण्ड विक्रय नहीं किया उन्हें कब तक भूखण्ड विक्रय किए जाएंगे? (घ) उपरोक्तानुसार प्रत्येक कालोनी में ओपन स्पेस भूखण्ड रकवा की जानकारी दी देवें। प्रश्नांश (क) अनुसार कार्यवाही नहीं करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) विधानसभा प्र.क्र.1722 के परिप्रेक्ष्य में बड़वानी जिला अंतर्गत कुल 37 कालोनाईजरों को कॉलोनी विकास की अनुमति के प्रकरण जिला पंजीयक बड़वानी को प्रेषित किये गये थे। समस्त 37 प्रकरणों का परीक्षण कर उनका निराकरण किया जा चुका है। 37 कालोनाईजरों के विरूद्ध प्रचलित प्रकरणों में 33 प्रकरणों में मुद्रांक शुल्क राशि रूपये 15,11,111/- वसूल की गई है। शेष 4 प्रकरण जिसमें संबंधित कॉलोनाईजर द्वारा कॉलोनी का निर्माण नहीं करने से बंधक पत्र का निष्पादन नहीं कराया गया। इसलिये देय मुद्रांक शुल्क वसूली योग्य नहीं होने से प्रकरण समाप्त किये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "एक" अनुसार है। (ख) प्रश्नानुसार बंधक विलेखों की प्रमाणित प्रतियां जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "दो" अनुसार है। (ग) प्रश्न में उल्लेख्ति अवधि में नगर परिषद राजपुर अंतर्गत मंगलम् सिटी कॉलोनी पलसूद रोड तथा उत्कर्ष विहार कॉलोनी बड़वानी रोड राजपुर पर स्थित मानचित्र अनुसार कमजोर वर्ग हेतु आरक्षित जी-2 के स्थान पर आश्रय शुल्क म.प्र.नगरपालिका (कालोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण निर्बंधन तथा शर्तें) नियम 1998 के नियम 10 में हुई अद्यतन संशोधन दिनांक 06.11.2019 अनुसार नियम 10 के उपनियम 8 (1) एवं 9 (1) में उल्लेखित आर्थिक रूप से कमजोर एवं निम्न आय समूह के लिए भू-खण्ड आरक्षित रखने के स्थान पर आश्रय शुल्क नियमानुसार जमा किया गया है। विनायक हायटेक सिटी बड़वानी रोड राजपूर स्थित स्वीकृत मानचित्र अनुसार निम्न कमजोर/निम्न आय वर्ग हेतु आरक्षित कुल 115 प्लाटो में से 15 प्रतिशत भू-खण्ड की संख्या कुल 17 प्लाट निम्न कमजोर आय वर्ग हेतु आरक्षित होकर प्लाट नं. 117 पर रेखा पति राजेन्द्र मोरे निवासी को राशि 4.10 लाख में विक्रय किया गया है, शेष 16 प्लाट निम्न वर्ग हेतु सुरक्षित है। शेष निकायों की जानकारी निरंक है। (घ) बड़वानी जिला अंतर्गत, कालोनीवार, ओपन स्पेस, भूखण्ड तथा रकबा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "तीन" अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
संस्थाओं के कार्यक्रम में लोकार्पण, शिलान्यास
[सामान्य प्रशासन]
102. ( क्र. 705 ) श्री बाला बच्चन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 27.011.2020 को बड़वानी जिले के राजपुर विधान सभा क्षेत्र के ग्राम ऊंची में माननीय मुख्यमंत्री जी के कार्यक्रम की आयोजक संस्था का नाम, रजिस्ट्रेशन नंबर सहित देवें। (ख) क्या यह कार्यक्रम शासकीय था? यदि हां तो प्रश्नकर्ता को व जिले के अन्य विधायकों तथा अध्यक्ष जिला पंचायत बड़वानी को आमंत्रित क्यों नहीं किया गया? यदि नहीं तो माननीय मुख्यमंत्री जी ने अशासकीय कार्यक्रम में लोकार्पण व शिलान्यास कैसे किए? इससे संबंधित नियम की प्रमाणित प्रति देवें। (ग) दिनांक 01.01.16 से 30.10.18 व दिनांक 25.03.2020 से 30.11.2020 तक माननीय मुख्यमंत्री जी ने इन्दौर संभाग अन्तर्गत ऐसे कितनी अशासकीय/निजी संस्थाओं के कार्यक्रम में लोकार्पण, शिलान्यास किये? संस्था नाम, रजिस्ट्रेशन नंबर स्थान, नाम, कार्य नाम सहित वर्षवार देवें। (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार प्रोटोकाल उल्लंघन के इस प्रकरण पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जनजाति कार्य विभाग द्वारा। (ख) जी हाँ। माननीय मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शासन का ग्राम ऊंची तहसील राजपुर में दिनांक 27-11-2020 को आयोजित कार्यक्रम जनजाति विभाग की ओर से आयोजित किया गया था। सहायक आयुक्त, जनजाति विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार उनके द्वारा कोई आमंत्रण कार्ड नहीं छपवाये गये थे। जिले के सभी जनप्रतिनिधियों को मौखिक रूप से आमंत्रित किया गया था। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में इन्दौर संभाग अंतर्गत जिला बड़वानी की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। संभाग के शेष जिलों की जानकारी निरंक है। (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
यात्री प्रतिक्षालय को लीज पर दिया जाना
[परिवहन]
103. ( क्र. 707 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला जबलपुर अंतर्गत सिहोरा पुराने बस स्टैंड में निर्मित यात्री प्रतीक्षालय को लीज/किराए पर लेने के लिए दिनांक 01 जनवरी 2019 से प्रश्नांश दिनांक तक किन-किन लोगों ने आवेदन प्रस्तुत किये हे सूची उपलब्ध करावे? (ख) प्रश्नांश (क) सिहोरा में नई बस स्टैंड का निर्माण हो जाने से पुराने बस स्टैंड एवं यात्री प्रतीक्षालय की उपयोगिता पहले जैसी नहीं रही लीज/किराए पर दिए जाने से जहां शासन को आय होगी वही रखरखाव भी बना रहेगा? (ग) प्रश्नांश (क) यात्री प्रतीक्षालय को लीज/किराए पर दिए जाने के संबंध में प्रश्न करता के द्वारा भी पत्र लिखे गए हैं कंडिका (क) आवेदक को कब तक लीज/किराए पर दे दिया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जिला जबलपुर अंतर्गत सिहोरा, पुराने बस स्टैण्ड में निर्मित यात्री प्रतीक्षालय को लीज/किराये पर लेने के लिये दिनांक 01 जनवरी 2019 से प्रश्नांश दिनांक तक 01 आवेदन पत्र श्री संजीवधर दुबे, पुत्र श्री नरेन्द्रधर दुबे, वार्ड क्रमांक 08 ब्राम्हणपुरा सिहोरा जिला जबलपुर द्वारा केन्टीन (स्वल्पाहार) हेतु प्राप्त हुआ है। (ख) एवं (ग) प्रश्नाधीन बस स्टैण्ड/यात्री प्रतीक्षालय की भूमि मध्यप्रदेश शासन से लीज पर प्राप्त हुई थी। उक्त भूमि को मध्यप्रदेश शासन, परिवहन विभाग के नाम पर हस्तांतरित किये जाने हेतु दिनांक 16/12/2020 को कलेक्टर जबलपुर को लिखा गया है। मध्यप्रदेश सड़क परिवहन की अन्य अचल संपत्तियों की भॉति प्रश्नाधीन अचल संपत्ति का निवर्तन शासन के नव गठित विभाग लोक परिसम्मति प्रबंधन विभाग द्वारा किया जाना है। अत: प्रश्नाधीन बस स्टैण्ड/यात्री प्रतीक्षालय को वर्तमान में किसी को आवेदन के आधार पर लीज या किराये पर दिया जाना संभव नहीं है। शेष अंश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ब्लेक लिस्टेड किए गए लायसेंसियों से शुल्क की वसूली
[वाणिज्यिक कर]
104. ( क्र. 718 ) श्री सुनील सराफ : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आबकारी विभाग द्वारा वर्ष 2020-21 में ब्लेक लिस्टेड किए गए लायसेंसियों से घिसारा (शासन को हुए नुकसान की वसूली) वसूलने हेतु क्या कार्यवाही की गई? हाईकोर्ट जबलपुर के आदेश से कितने ठेकेदारों से इस संबंध में वसूली हुई/नहीं हुई की जानकारी नामवार, जिलेवार पृथक-पृथक देवें। (ख) वर्ष 2020-21 में जिन लायसेंसियों ने बैंक ग्यारंटी तय समय-सीमा में नहीं जमा कराई उन पर की गई कार्यवाही का जिलेवार विवरण दें। (ग) आबकारी कार्य हेतु शासन के द्वारा बनाए गए जिला समिति के द्वारा लिये गये निर्णय को परिवर्तन करने से क्या शासन के राजस्व को हानि नहीं होगी? यदि होगी तो इन प्रस्तावों में परिवर्तन क्यों किया गया? (घ) नये कारोबारियों/फर्मों द्वारा शराब के टेंडर लेने के लिए जो राशि जमा कराई गई है, क्या वह टैक्स पेड है? इसकी जांच की गई या नहीं? (ड.) क्या जिन कारोबारियों/फर्मों को ब्लेक लिस्टेड किया गया था, उन्हीं ने अपने कर्मचारियों व परिचितों के नाम से फर्म बनाकर आरक्षित मूल्य से 15 प्रतिशत कम पर लायसेंस प्राप्त किए हैं? क्या इसकी जांच की गई है? यदि नहीं तो कब तक की जाएगी?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) वर्ष 2020-21 में लायसेंसी द्वारा निर्धारित समय-सीमा में बैंक गारण्टी प्रस्तुत नहीं करने एवं मदिरा दुकानों को छोड़े जाने के कारण लायसेंसियों से (खिसारा) शासन को हुई हानि के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा पारित आदेश दिनांक 22.07.2020 के परिपालन में वसूली की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। इस संबंध में वसूली संबंधी कार्यवाही की नामवार, जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्ष 2020-21 में जिला रीवा, सतना, सिंगरौली, शहडोल, शिवपुरी, टीकमगढ़, खण्डवा एवं बुरहानपुर को छोड़कर, प्रदेश के शेष जिलों में बैंक गारण्टी नियत समय-सीमा में जमा कराई गई है। जिला रीवा, सतना, सिंगरौली, शहडोल, शिवपुरी, टीकमगढ़, खण्डवा एवं बुरहानपुर की मदिरा दुकानों का एक समूह बनाकर निष्पादन किया गया था, किन्तु लायसेंसी द्वारा निर्धारित समय-सीमा में बैंक गारण्टी प्रस्तुत नहीं करने के कारण संबंधित जिले के कलेक्टर द्वारा लायसेंस निरस्त किया जाकर, पुनर्निष्पादन की कार्यवाही की गई है। माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय दिनांक 22.07.2020 के परिपालन में शासन को हुई हानि (खिसारा) की वसूली प्रक्रियाधीन है। मदिरा दुकानों के पुनर्निष्पादन की कार्यवाही पश्चात् संबंधित लायसेंसियों द्वारा नियत समयावधि में ही बैंक गारण्टी जमा की गई है। जिला धार, झाबुआ, अलीराजपुर एवं बड़वानी के वर्ष 2020-21 में जिन लायसेंसियों द्वारा बैंक गारण्टी नियत समय-सीमा में जमा नहीं करने पर, उन्हें कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया। तदोपरान्त लायसेंसियों द्वारा बैंक गारण्टी जमा कराई दी गई है। (ग) आबकारी कार्य हेतु शासन द्वारा बनाई गई जिला समिति के द्वारा लिए गए निर्णयों को आबकारी आयुक्त कार्यालय या शासन स्तर से परिवर्तित नहीं किया गया है। अतएव शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) नये कारोबारियों/फर्मों द्वारा शराब के टेंडर लेने के लिए जो राशि जमा कराई गई है, क्या वह टैक्स पेड है इसकी जांच की गई या नहीं का परीक्षण आबकारी विभाग के क्षेत्राधिकार से संबंधित विषय नहीं है। (ड.) प्रदेश के जिलों में मदिरा दुकानों का निष्पादन मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 77 दिनांक 25.02.2020 में प्रकाशित अनुसार, देशी/विदेशी मदिरा की फुटकर बिक्री की दुकानों के समूह/एकल समूहों के निष्पादन की व्यवस्था वर्ष 2020-21 के प्रावधान अनुसार किया गया है। ब्लैक लिस्टेड किये गये फर्मों द्वारा अपने कर्मचारियों व परिचितों के माध्यम से फर्म बनाकर लायसेंस लेने संबंधी कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। इस संबंध में जांच हेतु आबकारी नीति में कोई प्रावधान नहीं है।
अंशदायी पेंशन योजना का लाभ
[वित्त]
105. ( क्र. 722 ) श्री विक्रम सिंह राणा : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में विभिन्न विभागों में वर्ष 2004 के बाद जिन कर्मचारियों की नियुक्ति की गई उनमें से कितने कर्मचारियों को अंशदायी पेंशन योजना से लाभांवित किया जा रहा है? जिलेवार विभागवार जानकारी देवें। (ख) क्या नवीन पेंशन योजना में वर्ष 2004 के बाद नियुक्त शासकीय सेवकों को सेवा के दौरान मृत होने पर परिवार पेंशन देने का प्रावधान है? यदि नहीं तो कब तक लागू होगा? (ग) चूंकि नवीन अंशदायी पेंशन योजना शेयर मार्केट के जोखिमों पर आधारित है जो कि शासकीय विभागों के कर्मचारियों एवं उनके परिवार के लिये लाभकारी नहीं हैं, क्या म.प्र.शासन कब तक शासकीय विभागों के समस्त कर्मचारियों को पुरानी पेंशन बहाल करेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) प्रदेश में वर्ष 2004 के बाद नियुक्त शासकीय सेवकों को (अंशदायी पेंशन योजना) राष्ट्रीय पेंशन योजना में वर्तमान में 432369 अभिदाता रजिस्टर्ड है। विभागवार जानकारी संधारित नहीं होती है। जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। राष्ट्रीय पेंशन योजना के अंतर्गत पेंशन निधि विनियामक प्राधिकरण द्वारा जारी अधिसूचना दिनांक 11.05.2015 के अनुसार सेवा के दौरान मुत्यु होने पर दो लाख या उससे अधिक संचित पेंशन धन होने पर कुल जमा राशि का 20 प्रतिशत राशि अभिदाता के नॉमिनी को एक मुश्त भुगतान की जाती है तथा शेष 80 प्रतिशत राशि से एन्युटी के रूप में मासिक पेंशन का भुगतान किये जाने के निर्देश है। (ग) वर्तमान में पुरानी पेंशन बहाल करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
शेष रही स्वेच्छा अनुदान की राशि का आंवटन
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
106. ( क्र. 725 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगोन विधानसभा क्षेत्र के विधायक स्वेच्छा अनुदान की वर्ष 2019-20 की राशि आना शेष है? यदि हां तो क्यों और कितनी राशि आना शेष है? (ख) क्या कारण रहा कि उक्त राशि अभी तक लंबित है जिन अधिकारियों के कारण राशि लंबित हुई? उन अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी? यदि हां तो कब तक और नहीं तो क्यों? (ग) माननीय विधायकों के द्वारा स्वेच्छा अनुदान राशि जारी करने के लिए वित्तीय वर्ष की राशि के लिए आखरी तारीख क्या है? (घ) उक्त शेष बची राशि कब तक जारी की जाएगी?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। वित्तीय वर्ष 2019-20 में वित्तीय वर्ष के अंतिम सप्ताह में तकनीकी समस्या के कारण राशि रुपये 5,81,900/- देयक पारित नहीं हो सके। तकनीकी समस्या के कारण स्थिति बनी है। (ख) किसी के विरुद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) माननीय विधायकों द्वारा की गई अनुशंसाओं पर स्वीकृति जारी होने के पश्चात उपलब्ध आवंटन से उस वित्तीय वर्ष के 31 मार्च तक जारी की जा सकती है। (घ) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जनसम्पर्क निधि की राशि बाबत
[सामान्य प्रशासन]
107. ( क्र. 726 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगोन विधानसभा क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2019-20 की जनसम्पर्क निधि की राशि जो की प्रभारी मंत्री जी की अनुशंसा से प्राप्त होती है अभी तक प्राप्त नहीं हुई प्राप्त नहीं होने का क्या कारण है पत्राचार सहित उत्तर देवें? (ख) उक्त राशि प्राप्त होगी या नहीं? यदि होगी तो कब तक और नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) वित्तीय वर्ष 2019-20 की जनसम्पर्क निधि की राशि रू. 2,00,000/- के देयक जिला कोषालय में दिनांक 28.03.2020 को प्रस्तुत किए गए। वित्तीय आहरण पर प्रतिबंध होने से तथा जनसम्पर्क निधि के आहरण पर वित्त विभाग द्वारा अनुमति न होने से देयक आपत्ति से जिला कोषालय द्वारा भुगतान नहीं किया गया। (ख) वित्तीय वर्ष समाप्त हो चुका है विगत वित्तीय वर्ष की लेप्स हुई राशि आगामी वित्तीय वर्ष में दिये जाने के कोई नियम/प्रावधान नहीं है।
जनसम्पर्क निधि से स्वीकृत राशि का भुगतान
[सामान्य प्रशासन]
108. ( क्र. 727 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र के लिए जनसम्पर्क निधि से स्वीकृत वर्ष 2019-20 की राशि का भुगतान प्रश्न दिनांक तक नहीं किया गया इस राशि का भुगतान कब तक किया जाएगा और नहीं तो क्यों? (ख) वर्ष 2020-21 के लिए जनसम्पर्क निधि से राशि स्वीकृत कराने के लिए क्या व्यवस्था है आज दिनांक तक इस विषय में कोई मार्गदर्शन प्राप्त नहीं हुआ है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विधवा की भूमि की नपती नहीं करने पर कार्यवाही
[राजस्व]
109. ( क्र. 734 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा-खाचरौद तहसील में नपती, बंटवारे, सीमांकन के कितने प्रकरण 1 जनवरी 2019 से 30 नवंबर 2020 तक लम्बित है? (ख) नागदा तहसील ग्राम डाबरी में अ.जा. वर्ग की विधवा निर्मला चौधरी की भूमि सर्वे क्रं. 291/2 मीन-1/3, 292, 293 के सीमांकन हेतु 2017 से 3 दिसम्बर 2020 तक कब-कब आवेदन दिया गया है? सीमांकन हेतु क्या कार्यवाही की गई है? दिनांकवार विवरण दें। (ग) अ.जा. वर्ग विधवा निर्मला चौधरी एवं अनुराग चौधरी द्वारा मुख्यमंत्री हेल्पलाईन में दिनांक 05/07/2018, 31/08/2018, 30/06/2020, 06/11/2020 को विगत दो वर्ष तक नपती नहीं किए जाने की शिकायत करने के बावजूद भी नपती क्यों नहीं की जा रही है? शासन के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद भी नपती नहीं करने वाले अधिकारियों, कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? (घ) ग्राम, खेत, खलिहान के नक्शा अक्श में हुई त्रुटि को दुरूस्त करने का अधिकार शासन द्वारा किस पद के अधिकारी को प्रदान किया गया है? पद सहित विवरण दें। (ड.) ग्राम डाबरी के तत्कालीन पटवारी विश्वेश्वर शर्मा के द्वारा विधवा निर्मला चौधरी की भूमि की नक्शा आकृति में परिवर्तन किस अधिकारी के आदेश से किया? यदि बिना किसी अधिकारी के आदेश के किया गया तो सम्बन्धित पटवारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) तहसील नागदा एवं खाचरौद में नप्ती, बंटवारे, सीमांकन के प्रकरण निम्नानुसार है:- तहसील-नागदा बंटवारा 272 सीमांकन 48 तहसील-खाचरौद बंटवारा 233 सीमांकन 11 (ख) नागदा तहसील ग्राम डाबरी में अ.जा. वर्ग की विधवा निर्मला चौधरी की भूमि सर्वे क्रमांक 291/2/मि.3 292, 293 के सीमांकन हेतु वर्ष 2017 से 2019 तक तहसील न्यायालय में कोई आवेदन दर्ज नहीं है तथा दिनांक 28.02.2020 को सीमांकन हेतु आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया था। सर्वे क्रमांक 291/2 मि. 3 का नक्शे में बटांकन नहीं होने से सीमांकन नहीं किया जा सका। दिनांक 30.06.2020 को सीमांकन दल मौके पर गया व नक्शे में त्रुटि होने से एवं मौके पर विवादित स्थिति निर्मित होने के कारण सीमांकन नहीं किया जा सका। (ग) सर्वे क्रमांक 291/2 मि. 3 का नक्शे में बटांकन नहीं होने से व नक्शा में त्रुटि व मौके पर विवादित स्थिति निर्मित होने के कारण सीमांकन नहीं किया जा सका व दिनांक 30.06.2020 को सीमांकन दल मौके पर गया था। चूंकि वर्तमान में नक्शा त्रुटि सुधार हेतु प्रकरण क्रमांक 0050/बी-121/20-21 से प्रचलित है इस हेतु आज दिनांक तक नप्ती नहीं की जा सकी। (घ) ग्राम खेत खलिहान के नक्शा अक्स में हुई त्रुटि को दुरस्त करने का अधिकार म.प्र.भू.रा.सं. 1959 की धारा 115 के अंतर्गत भू-अभिलेख में गलत या अशुद्ध प्रविष्टि का शुद्धिकरण 1-उपखण्ड अधिकारी स्वप्रेरणा से या व्यथित व्यक्ति के आवेदन पर भू-अधिकार पुस्तिका तथा अधिकार अभिलेख को छोड़कर धारा 114 के अधीन तैयार किये गए भू-अभिलेखों में अप्राधिकृत प्रविष्टियों को सम्मिलित करते हुए गलत या अशुद्ध प्रविष्टि को ऐसी जांच जैसी कि वह उचित समझे, करने के पश्चात् शुद्ध कर सकेगा और ऐसी शुद्धियां उसके द्वारा अधिप्रमाणित की जाएगी:-परन्तु कलेक्टर की लिखित मंजूरी के बिना पांच वर्ष की कालावधि के पूर्व की ऐसी प्रविष्टि को शुद्ध करने की कार्यवाही प्रारंभ नहीं की जाएगी। 2- उपधारा 1 के अधीन कोई आदेश- क- संबंधित तहसीलदार से लिखित रिपोर्ट प्राप्त किये: और ख- सभी हितबद्ध पक्षकारों को सुनवाई का अवसर दिये बिना पारित नहीं किया जाएगा, परन्तु यदि सरकार का हित निहित है तो उपखण्ड अधिकारी मामला कलेक्टर को प्रस्तुत करेगा। 3-उपधारा 2 के अधीन मामला प्राप्त होने पर कलेक्टर ऐसी जांच जैसी कि वह ठीक समझे करेगा और ऐसा आदेश पारित करेगा जैसा कि वह उचित समझे। (ड.) वर्तमान में नक्शा त्रुटि सुधार हेतु प्रकरण क्रमांक 0050/बी-121/20-21 से प्रचलित है जांच में जो भी दोषी पाया जायेगा उसके विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी।
लम्बित सिंचाई योजनाओं की स्वीकृति
[जल संसाधन]
110. ( क्र. 736 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 18/03/2020 को जल संसाधन विभाग द्वारा पाडसुत्या बैराज व बागेडी बैराज की निविदा आमंत्रित करने के पश्चात पुनः निविदा कब आमंत्रित की गई है? निविदा कब तक स्वीकृत कर दी जायेगी? यदि निविदा आमंत्रित नहीं की गई है तो? कारण सहित विवरण दें। (ख) विधानसभा प्रश्न संख्या 3 (क्रं. 17) दिनांक 21 सितम्बर 2020 के प्रश्नांश (ख) के उत्तर में बताया गया था कि साध्य राजगढ़ बैराज की ऊंचाई बढ़ाने की डी.पी.आर. तैयार की जा रही है? यदि हाँ तो क्या डी.पी.आर. बनाकर प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान कर दी गई है? यदि हाँ तो कब? यदि नहीं तो क्यों? कब तक स्वीकृति प्रदान कर दी जायेगी? (ग) संदर्भित प्रश्न के भाग (ग) के उत्तर में बनवाना, पाडल्या तालाब की विशेष मरम्मत का प्रस्ताव प्रमुख अभियंता स्तर पर परीक्षणाधीन है? क्या परीक्षण पूर्ण करके प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान कर दी गई है? (घ) कुडैल नदी पर बोरदिया बैराज की स्वीकृति व चंबल नदी नागदा चामुण्डा माता बैराज की स्वीकृति प्रदान करने हेतु शासन क्या कार्यवाही कर रहा है? यदि स्वीकृति प्रदान कर दी गई है तो कब? विवरण दें। (ड.) वाचाखेड़ी तालाब की डी.पी.आर. के अनुसार कौन-कौन से कार्य लम्बित व अधूरे है? उन्हें कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) निविदा पुन: आमंत्रित नहीं की गई है। निविदा स्वीकृति की कार्यवाही बजट की उपलब्धता से आबद्ध होने के कारण निविदा स्वीकृति की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। वित्त विभाग द्वारा नियत निविदा सूचकांक की सीमा अधिक्रमित होने के कारण निविदा स्वीकृति की अनुवर्ती कार्यवाही नहीं की जा सकी। (ख) विधानसभा प्रश्न संख्या-03 (क्र.-17) दिनांक 21 सितंबर 2020 के प्रश्नांश ''ख'' के उत्तर में साध्य राजगढ़ बैराज की ऊँचाई बढ़ाने की डी.पी.आर. तैयार किए जाने का उत्तर दिया गया था। राजगढ़ बैराज की ऊँचाई बढ़ाने के कार्य का सर्वेक्षण पूर्ण करने के पश्चात परीक्षण में पाया गया कि विभाग द्वारा वर्ष 2014 में निर्मित राजगढ़ बैराज विभागीय तकनीकी मापदण्डानुसार पूर्ण क्षमता हेतु किया गया था। इस बैराज की ऊँचाई बढ़ाने पर Afflux के बढ़ने से बैराज के बाएं किनारे पर लेवल कम होने से कटाव (Out Flanking) की संभावना के कारण बैराज की ऊँचाई बढ़ाया जाना तकनीकी दृष्टि से उचित नहीं है। अत: डी.पी.आर. को अंतिम करने एवं प्रशासकीय स्वीकृति का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) बनबना पाड़ल्या तालाब का विशेष मरम्मत का प्रस्ताव प्रमुख अभियंता कार्यालय से अभी शासन को प्राप्त न होने के कारण प्रशासकीय स्वीकृति की स्थिति नहीं है। (घ) बोरडिया बैराज तथा चामुण्डा माता बैराज की स्वीकृति का प्रस्ताव शासन स्तर पर अप्राप्त है। (ड.) बाचाखेड़ी तालाब की डी.पी.आर. के अनुसार पिचिंग का कुछ कार्य, डाउन स्ट्रीम एजिंग तथा स्पिल चैनल में आंशिक खुदाई का कार्य शेष है। शेष कार्य जनवरी 2021 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है।
राजस्व अभिलेखो में प्रविष्टि दर्ज करना
[राजस्व]
111. ( क्र. 741 ) श्री संजय उइके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट एवं बैतूल जिले में वर्ष 1980 तक भा.व.अ. 1927 की धारा 34अ के अनुसार डीनोटीफ़ाईड संरक्षित वन भुमियों के डीनोटीफिकेशन की प्रविष्टि निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी प्रश्नांकित दिनांक तक भी दर्ज नहीं की गई? (ख) यदि हां तो इन जिलो के कितने ग्रामों के पटवारी, मानचित्र, निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख, खसरा पंजी में दर्ज कितनी जमीनों को संरक्षित वन सर्वे में शामिल कर कितनी जमीन धारा 34अ के अनुसार किस-किस दिनांक को डीनोटीफ़ाईड की गई, कितनी जमीन वन खण्डों में अधिसूचित की गई? (ग) डीनोटीफिकेशन की प्रविष्टि निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख, खसरा पंजी में प्रश्नांकित दिनांक तक भी दर्ज नहीं किये जाने का क्या कारण रहा है, प्रविष्टि कब तक दर्ज की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हां। (ख) बालाघाट जिला अंतर्गत- बालाघाट जिले के अंतर्गत 495 ग्रामों के पटवारी मानचित्र निस्तार पत्रक अधिकार अभिलेख खसरा पंजी में दर्ज 127269.989 हेक्टेयर जमीन को संरक्षित वन सर्वे में 118.153 हेक्टेयर भूमि शामिल किया गया। दिनांक 23/07/1969 एवं 10/07/1972 को 22329.993 हेक्टेयर जमीन धारा 34अ के अनुसार डीनोटीफाईड की गई। 104821.838 हेक्टेयर जमीन वनखंडों में अधिसूचित की गई। बैतूल जिला अंतर्गत- धारा 34 (अ) के अनुसार संबंधित ग्रामों की समस्त भूमि धारा 29 के अन्तर्गत अधिसूचित संरक्षित वन भूमि को डीनोटीफाईड किया गया है, पूर्व में वर्ष 1962 से 1968 के बीच धारा 4 (1) की अधिसूचना द्वारा संयुक्त राजस्व/वन सर्वे में उपयुक्त पाई गई भूमि के वनखण्ड बनाये गये।धारा 34 (अ) के तहत डीनोटीफाईड भूमि में संरक्षित वन सर्वे एवं वनखण्ड में शामिल पाई गई भूमियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) बालाघाट जिले में डीनोटीफिकेशन की प्रविष्टि निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में दर्ज कर ली गयी है। जिला बैतूल की 829 ग्रामों की संरक्षित वन भूमि के संबंध में वन विभाग द्वारा भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 34 (अ) के अनुसार 10 जुलाई 1972 को राजपत्र में डीनोटीफाईड किये जाने की अधिसूचना का प्रकाशन किया गया है। परन्तु इस अधिसूचना में भूमियों का विवरण अंकित नहीं किया गया है, केवल ग्रामों के नाम एवं बन्दोबस्त नम्बर एवं पटवारी हल्का नम्बर प्रकाशित किये गये हैं। जिसके कारण अभिलेख संशोधन की कार्यवाही नहीं की गई है।
बाकपुरा नल-जल योजना का क्रियान्वयन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
112. ( क्र. 756 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की ब्यावरा विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत बाकपुरा नल-जल योजना अन्तर्गत कितने गांव जुड़े हैं व किसके माध्यम से योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है? (ख) उक्त योजना के तहत कितने कनेक्शन हुए व कितनी पानी की टंकियों का निर्माण कहां-कहां किया गया है? (ग) कनेक्शन के दौरान ग्राम में जो सी.सी. रोड खोदी गई है उसे कौन मरम्मत करेगा? (घ) उक्त योजना को पूर्ण हाने की समयावधि क्या है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) 125 ग्राम। मध्यप्रदेश जल निगम मर्यादित द्वारा मैसर्स द इंडियन ह्यूम पाइप कम्पनी लिमिटेड, मुम्बई के माध्यम से। (ख) 9390 नल कनेक्शन किये गये हैं। 56 पानी की टंकियों का निर्माण किया जा रहा है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) संबंधित निर्माण एजेन्सी। (घ) दिनांक 31.03.2021 तक पूर्ण होना संभावित है।
ग्रामीणों को सिंगल फेस मोटर उपलब्ध कराया जाना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
113. ( क्र. 766 ) श्री सीताराम : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला श्योपुर में ग्रामीण क्षेत्र में सिंगल फेस मोर्टरों की कमी के कारण पेयजल की समस्या अधिक हो रही है। यदि हाँ, तो विभाग द्वारा ग्रामीणों को सिंगल फेस मोटर उपलब्ध क्यों नहीं करवाई जाती है। (ख) क्या विभाग द्वारा मोटरों के लिए बजट नहीं दिया जाता है।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) विभाग के बजट में इस कार्य हेतु वित्तीय संसाधन उपलब्ध हैं।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
114. ( क्र. 772 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पूर्व सरकार द्वारा कन्या विवाह एवं निकाह योजना की अनुदान राशि 28 हजार रू. से बढ़ाकर 51 हजार रूपये की गई थी उसे पुन: 28 हजार रूपये कर दिया गया है? (ख) यदि हाँ तो अनुदान राशि कम किये जाने का क्या कारण है? पिछले 8 माह में योजना में कितने परिवारों को यह अनुदान राशि कितनी दी गई?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी हाँ। मुख्यमंत्री कन्या विवाह एवं निकाह योजनान्तर्गत सहायता राशि रू. 28,000/- से बढ़ाकर रू.51,000/- की गई थी जो कि वर्तमान सरकार द्वारा यथावत रखी गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्न उपस्थित नहीं होता। कोविड 19 महामारी होने के कारण विगत 8 माह में प्रदेश में मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजनान्तर्गत कोई भी सामूहिक विवाह सम्पन्न नहीं किये गये है। प्रदेश में वर्ष 2019-20 में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजनान्तर्गत लगभग 16000 हितग्राहियों को राशि रूपये 8006.49 लाख एवं निकाह योजनान्तर्गत लगभग 1300 हितग्राहियों को राशि रूपये 644.89 लाख का भुगतान विगत 8 माह में किया गया है।
उप तहसील कार्यालय के भवन का निर्माण
[राजस्व]
115. ( क्र. 780 ) श्री संजय यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा प्रश्न क्र. 664 दिनांक 23.09.2020 के उत्तर में उप तहसील पिपरियाकलां, तहसील शहपुरा, जिला जबलपुर के कार्यालय भवन का निर्माण ग्राम मनकेड़ी में कराये जाने की स्वीकृति प्रदान की गई थी एवं भवन निर्माण के लेआउट एवं नीव कार्य में राशि 1,38,485 रूपये व्यय करने की जानकारी दी गई थी? तो क्या यह भी सही है कि ग्राम मनकेड़ी, शहपुरा एवं बेलखेड़ा का मध्य क्षेत्र है? यदि हां तो पूर्व से स्वीकृत कार्यालय भवन निर्माण का कार्य प्रारंभ होने के बाद रोक क्यों लगा दी गई, जबकि शासन के उक्त कार्य को प्रारंभ करने पर राशि 1,38,485 रू. व्यय की जा चुकी है? (ख) क्या प्रदेश की बिगड़ती वित्तीय स्थिति को दृष्टिगत रखते हुये पूर्व से स्वीकृत ग्राम मनकेड़ी में ही कार्यालय भवन का निर्माण का कार्य पुन: प्रारंभ कराया जायेगा? यदि हां तो कब तक कार्य प्रारंभ होगा? (ग) यदि नहीं तो क्यों नहीं एवं व्यय हुई राशि के नुकसान के लिए कौन उत्तरदायी है एवं शासन को उक्त व्यय राशि की प्रतिपूर्ति किसके द्वारा वहन की जायेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ, जी हाँ, पूर्व से स्वीकृत कार्यालय भवन निर्माण की अनुमति माननीय जन प्रतिनिधिगण एवं जिला प्रशासन जबलपुर से प्राप्त मांग के आधार पर दी गई। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थिति नहीं होता। (ग) उत्तरांश 'क अनुसार नागरिकों के हित में स्थल परिवर्तन किया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बाल विकास परियोजना का कार्यालय बरगी में संचालन
[महिला एवं बाल विकास]
116. ( क्र. 781 ) श्री संजय यादव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जबलपुर जिले के बरगी विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत आंगनवाडि़यों को संचालित करने हेतु एकीकृत बाल विकास परियोजना बरगी के नाम से स्वीकृत कार्यालय शहर जबलपुर के यादव कालोनी में लगाया जा रहा है एवं बरगी क्षेत्र में कार्यरत आंगनवाड़ी सहायिकाओं/कार्यकर्ताओं को अपने छोटे-छोटे विभागीय कार्य हेतु जबलपुर स्थित परियोजना कार्यालय में अनावश्यक आवागमन करना पड़ता है जबकि एकीकृत बाल विकास परियोजना बरगी कार्यालय हेतु बरगी में ही पर्याप्त भूमि/भवन उपलब्ध है? यदि हां तो उक्त कार्यालय को अपने मूल स्वीकृत स्थान बरगी पर न लगाये जाने के कारण एवं जबलपुर में संचालित करने के आदेश क्यों दिये गये? (ख) क्या कलेक्टर जबलपुर द्वारा उनके पत्र क्रमांक/आईसीडीएस/2020/1619 जबलपुर दिनांक 15.06.2020 द्वारा आयुक्त महिला एवं बाल विकास संचालनालय म.प्र.भोपाल को पत्र प्रेषित करते हुये बाल विकास परियोजना बरगी के नाम से स्वीकृत परियोजना को जबलपुर के स्थान पर बरगी में संचालित करने का अनुरोध किया था? यदि हां तो आज दिनांक तक की गई कार्यवाही की समस्त नस्ती/पत्राचार/प्रस्ताव की सत्यापित प्रति उपलब्ध करायें। (ग) नियम विरूद्ध एकीकृत बाल विकास परियोजना बरगी का मुख्यालय जबलपुर में संचालित करने के लिये कौन-कौन अधिकारी दोषी है? दोषी अधिकारी पर कार्यवाही करते हुये कलेक्टर जबलपुर के पत्र दिनांक 15.06.2020 के क्रम में एकीकृत बाल विकास परियोजना कार्यालय बरगी को कब तक बरगी में संचालित करने की अनुमति जारी करेगा? यदि नहीं तो कारण बतावें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) जी हाँ। एकीकृत बाल विकास परियोजना बरगी जिला जबलपुर अन्तर्गत कुल 320 आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत है। मैपिंग अनुसार विधानसभा क्षेत्र पनागर अन्तर्गत कुल 156 तथा विधानसभा क्षेत्र बरगी अन्तर्गत 164 आंगनवाड़ी केन्द्र आते है। भौगोलिक दृष्टि से यदि परियोजना कार्यालय बरगी में संचालित होता है तो पनागर विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों की बरगी से दूरी लगभग 80 से 100 कि.मी. होगी जिससे पनागर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत आने वाले आंगनवाड़ी केन्द्रों में पदस्थ आंगनवाड़ी/ सहायिकाओं को आवागमन में परेशानी होगी। विभाग के पत्र दिनांक 16/04/1998 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार परियोजना कार्यालय विकासखण्ड मुख्यालय पर ही स्थापित किये जाने के निर्देश है, अतः निर्देशों के परिपालन में ही एकीकृत बाल विकास परियोजना कार्यालय बरगी, विकासखण्ड मुख्यालय जबलपुर से ही संचालित किया जा रहा है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार जानकारी होने से शेष का कोई प्रश्न ही नहीं।
शासकीय भूमि का पट्टा जारी किया जाना
[राजस्व]
117. ( क्र. 790 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले के तहसील मझौली एवं तहसील मड़वास के अंतर्गत वर्ष 2017-18 में म.प्र. शासन की भूमि कितनी थी? वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में म.प्र. शासन की भूमि कितनी शेष बची है? वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में म.प्र. शासन की चरोखर, वन भूमि एवं पोखर तालाब के लिये आरक्षित भूमियों का भूमि स्वामित्व प्रदान कर दिया गया है? यदि हां तो पूर्ण विवरण के साथ जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में राजस्व प्रकरण क्र. 117/अ-47/17-18 के द्वारा तहसीलदार के द्वारा शासकीय भवन का भूमि स्वामित्व जारी करने का आदेश जारी किया गया है? यदि हां तो पूर्ण विवरण आदेश की प्रति के साथ उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रकरण क्र. 0011/अ-74/17-18, दिनांक 14/12/2019 व राजस्व प्रकरण क्र. 0012/अ-74/17-18, दिनांक 14/12/2019 के द्वारा आरक्षित भूमियों का भूमि स्वामित्व प्रदान किया गया है? यदि हां तो पूर्ण विवरण आदेश की प्रति के साथ उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रकरण क्र. 23/ ए-74/17-18, क्र. 215/अ-74/19-20, क्र. 230/अ-74/19-20, क्र. 123/अ-74/19-20, क्र. 215/अ-74/19-20, क्र. 205/अ-74/19-20, क्र. 14-अ-74/17-18, क्र. 298/अ-74/19-20 एवं क्र. 293/अ-74/19-20 उक्त प्रकरणों के द्वारा शासकीय जमीनों का भूमि स्वामित्व प्रदान किया गया है? क्या आरक्षित जमीनों का पट्टा देने का अधिकार तहसीलदार को है? यदि नहीं तो किस नियम के तहत पट्टा दिया गया है? क्या नियम विरूद्ध पट्टा देने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी? यदि हां तो पूर्ण विवरण आदेश की प्रति के साथ उपलब्ध करायें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) सीधी जिले की तहसील मझौली एवं तहसील मडवास के अन्तर्गत वर्ष 2017-18 में 15296.27 है। शासकीय भूमि थी तथा वर्ष 2018-19 एवं वर्ष 2019-20 में भी 15296.27 हे. भूमि दर्ज है। जी नहीं, म.प्र. शासन की किसी भी चरोखर, वन भूमि एवं पोखर तालाब के लिए आरक्षित भूमि को उक्त अवधि में अभिलेख में निजी भूमि दर्ज नहीं किया गया है। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता। (ख) प्रकरण क्रमांक 117/अ-47/2017-18 न्यायालय तहसीलदार मझौली में दर्ज होना नहीं पाया जाता है। बल्कि प्रकरण क्रमांक 0117/अ-74/2017-18 दर्ज है, जिसमें तहसीलदार के द्वारा खसरे के कालम नम्बर 12 में कब्जा दर्ज किये जाने का आदेश पारित किया गया है। उक्त आदेश का अभिलेख अमल नहीं किया गया है। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार है। (ग) प्रकरण क्रमांक 0011/अ-74/2017-18 में तहसीलदार मझौली द्वारा प्रकरण क्रमांक 26/अ-19 (2)/1994-95 में पारित आदेश दिनांक 15.06.1995 के तहत ग्राम चमराडोल की भूमि खसरा क्रमांक 1070 रकबा 0.04 हे. एवं खसरा क्र. 1299 रकबा 0.22 हे. को मध्यप्रदेश शासन के स्थान पर पंचम पिता जगन्नाथ भुर्तिया निवासी ग्राम चमराडोल के भूमि स्वामित्व में का दर्ज करने का आदेश किया गया है, जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार है। उक्त भूमि के कम्प्यूटरीकृत खसरे में शासकीय दर्ज न होने के कारण आदेश का खसरे में अमल बिना कलेक्टर न्यायालय अनुमति के स्वतः ही तहसीलदार द्वारा किया जाना संभव है। राजस्व प्रकरण क्रमांक 0012/अ-74/2017-18 राजमणि बैगा पिता बलदेव बैगा सा. पोड़ी बनाम परदेश पिता भगन्ता कोल सा. पोड़ी से संबंधित था जिसमें तत्कालीन तहसीलदार मझौली के आदेश दिनांक 12.01.2018 द्वारा दावा अस्वीकार किया गया है। (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वर्णित प्रकरणों की स्थिति निम्नानुसार है:- 1. प्र.क्र. 23/अ-74/2017-18 में तहसीलदार मझौली द्वारा प्र.क्र. 16/अ-19 (2)/1995-96 पारित आदेश दिनांक 20.12.1995 के अनुसार शासकीय भूमि को निजी स्वत्व में दर्ज करने का आदेश पारित किया गया है। 2. प्र.क्र. 215/अ-74/2019-20 में तहसीलदार मझौली द्वारा बिना मूल प्रकरण तलब किये प्रकरण क्रमांक 78/अ-92 (2)/1999-2000 पारित आइश दिनांक 28.8.2000 पारित आदेश निजी स्वत्व में दर्ज करने का आदेश पारित किया गया है जिसका अभिलेख अमल नहीं किया गया है। 3. प्र.क्र. 230/अ-74/2019-20 में वर्णित भूमि स्वामित्व स्वत्व की भूमि है जिसमें भूमि स्वामी पवन द्विवेदी पिता मोहन लाल द्विवेदी दर्ज अभिलेख है। उक्त प्रकरण नक्शा तर्मीम से संबंधित होकर शासकीय भूमि से संबंधित नहीं है। 4. प्र.क्र. 123/अ-74/2019-20, में तहसीलदार मझौली द्वारा बिना मूल प्रकरण तलब किये, प्र.क्र. 1219/अ-74/2004-05 पारित आदेश दिनांक 03.09.2005 के अनुसार शासकीय भूमि निजी स्वत्व में दर्ज करने का आदेश पारित किया गया है। जिसका अभिलेख अमल नहीं किया गया है। 5. प्र.क्र. 205/अ-74/2019-20 में पक्षकार अखिलेश कुमार सोनी द्वारा आवेदन प्रस्तुत किया गया था कि ग्राम ताला की आराजी क्रमांक 1355 रकबा 0.097 हे. उसकी पैतृक भूमि है जो वर्तमान में मध्यप्रदेश शासन दर्ज अभिलेख है। तहसीलदार मझौली द्वारा पारित आदेश दिनांक 22.10.2019 द्वारा आवेदक के नाम अभिलेख सुधार का आदेश पारित किया गया है, जिसका अभिलेख अमल नहीं किया गया है। 6. प्र.क्र. 14/अ-74/2017-18 में पारित आदेश दिनांक 08.02.2018 के द्वारा आवेदक अधिवक्ता द्वारा प्रकरण वापस लिया गया है। 7. प्र.क्र. 298/अ-74/ 2019-20 में तहसीलदार मझौली द्वारा बिना मूल प्रकरण तलब किये प्र.क्र. 53/अ-74/2005-06 आदेश दिनांक 05.12.2005 के अनुसार शासकीय भूमि निजी स्वत्व में दर्ज करने का आदेश पारित किया गया है। जिसका अभिलेख अमल नहीं किया गया है। 8. प्र.क्र. 293/अ-74/2019-20 में तहसीलदार मझौली द्वारा मूल प्रकरण क्रमांक 60/अ- 19 (2)/1995-96 द्वारा पारित आदेश दिनांक 16.02.1996 के अनुसार शासकीय भूमि निजी स्वत्व में दर्ज करने का आदेश पारित किया गया है, जिसका अभिलेख अमल नहीं किया गया है। खसरे में दर्ज आरक्षित भूमि का पट्टा देने की अधिकारिता तहसीलदार को प्रदत्त नहीं है। अधिकांशतः प्रकरणों में मध्यप्रदेश कृषि प्रयोजन के लिए उपयोग की जा रही दखल रहित भूमि पर भूमिस्वामी अधिकारों का प्रदाय किया जाना (विशेष उपबन्ध) अधिनियम 1984 के तहत पट्टे प्रदान किये गये थे। जिनका अभिलेख अमल करने के लिए तत्कालीन तहसीलदार मझौली द्वारा उपरोक्त प्रकरणों में आदेश पारित किये गये है। पट्टा जारी होने के इतने वर्षों बाद अभिलेख अमल हेतु कार्यवाही किया जाना संदेहास्पद होने से जारी पट्टों की वैधता के परीक्षण हेतु कलेक्टर न्यायालय में कार्यवाही प्रचलनशील है। उपरोक्त में से प्रकरण क्रमांक 11/अ-74/2017-18 एवं प्रकरण क्रमांक 23/अ-74/2017-18 के आदेशों का अमल संबंधित भूमियां मूल खसरे में शासकीय दर्ज न होने के कारण बिना कलेक्टर न्यायालय की अनुमति के स्वतः ही किया जा चुका है तथा शेष प्रकरणों में अमल कलेक्टर लागइन आई.डी. से ही संभव होने के कारण अन्य किसी भी प्रकरण में अभिलेख अमल नहीं किया गया है। जांच में जारी पट्टे एवं अभिलेख सुधार की कार्यवाही अवैध पाये जाने की दशा में सर्व-संबंधित के विरूद्ध कार्यवाही कि जायेगी।
प्राध्यापकों की पदस्थापना
[उच्च शिक्षा]
118. ( क्र. 791 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीधी जिले के अंतर्गत शासकीय महाविद्यालय कुसमी में सहायक प्राध्यापक एवं प्राध्यापक की पदस्थापना की गयी है? यदि नहीं तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में शासकीय महाविद्यालय कुसमी में कुल कितने पद सहायक प्राध्यापक, प्राध्यापकों एवं कार्यालयीन स्टाफ के लिये कितने पद स्वीकृत हैं? कितने पद रिक्त हैं एवं कितने पद भरे हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर ली जावेगी? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या शासकीय महाविद्यालय कुसमी हेतु भवन का गुणवत्तायुक्त निर्माण नहीं किये जाने के संबंध में शिकायत की जांच एस.डी.एम. कुसमी के द्वारा कराई जा रही है? अभी तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं कराई गई तो कब तक कार्यवाही कर गुणवत्तायुक्त भवन का निर्माण कार्य पूर्ण कराया जायेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। नव नियुक्त सहायक प्राध्यापकों द्वारा च्वाईस फिलिंग न किये जाने के कारण शासकीय महाविद्यालय कुसमी में सहायक प्राध्यापकों की पदस्थापना नहीं की जा सकी। (ख) शैक्षणिक एवं अशैक्षणिक संवर्ग अंतर्गत स्वीकृत, कार्यरत एवं रिक्त पदों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) रिक्त पदों की पूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ। जांच की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
मुआवजा राशि का भुगतान
[राजस्व]
119. ( क्र. 797 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्र. जे.एस.पी./एन.एस.पी./7041, 7042 एवं 7043 कलेक्टर जिला छिन्दवाड़ा को प्रेषित किया गया था? यदि हां, तो उक्त पत्र में क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों? (ख) क्या माननीय न्यायालय द्वारा शेष मुआवजा राशि भुगतान हेतु आदेशित किया गया परंतु आज दिनांक तक भुगतान नहीं किया गया? (ग) क्या भुगतान किया जावेगा? यदि हां, तो समय-सीमा बतावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हां। उक्त पत्र को समय-सीमा के अंतर्गत लिया जाकर पत्र में उल्लेखित तथ्यों के संबंध में जानकारी कार्यपालन यंत्री पेंच व्यपवर्तन बांध जल संसाधन संभाग क्र.1 चौरई जिला छिंदवाड़ा से जानकारी प्राप्त की गई। (ख) माननीय न्यायालय द्वारा ग्राम सिहोरा मडका, तहसील व जिला छिंदवाड़ा के विविध सिविल भू-अर्जन रिफ्रेन्स प्रकरण क्रमांक क्रमश: 179/19, 180/19, 181/19, 182/19, 253/19 एवं 254/19 में अधिनिर्णय दिनांक 14-08-2019 के अनुसार आवेदकगण को उनकी अधिग्रहित की गई भूमि के लिये बाजार मूल्य एवं सोलेशियम में अंतर की राशि तथा उस पर अधिसूचना प्रकाशन दिनांक से अवार्ड दि.20-12-2013 तक अथवा भूमि का आधिपत्य लेने की दिनांक तक दोनों में से जो भी पहले हो 12 प्रतिशत वार्षिक दर से विशेष राशि तथा उपरोक्तानुसार वर्णित प्रतिकर राशि पर अधिग्रहित भूमि का आधिपत्य लिये जाने की दिनांक तक का ब्याज 9 प्रतिशत वार्षिक की दर से प्राप्त करने हेतु आदेशित किया गया है। माननीय न्यायालय के उक्त आदेश के विरूद्ध अपील प्रस्तुत करने का निर्णय शासन द्वारा लिये जाने के फलस्वरूप कार्यपालन यंत्री पेंच व्यपवर्तन बांध जल संसाधन संभाग क्र.1 चौरई जिला छिंदवाड़ा द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर मध्श्प्रदेश के समक्ष अपील क्रमांक क्रमश: 174/20, 175/20, 176/20, 177/20, 178/20 एवं 179/20 प्रस्तुत की गई है, जो कि माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष में प्रचलनशील है। जिससे आवेदकगण को अंतर की राशि एवं उस पर ब्याज भुगतान का निर्णय लंबित है। (ग) माननीय उच्च न्यायालय में प्रचलित अपील प्रकरणों में पारित अंतिम निर्णय के अनुसार ही आवेदकगण को अंतर की राशि एवं उस पर ब्याज भुगतान के संबंध में निर्णय लिया जा सकेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
ग्राम हथनापुर में बांध का निर्माण
[नर्मदा घाटी विकास]
120. ( क्र. 798 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम हथनापुर तहसील गाडरवारा जिला नरसिंहपुर में बांध बनाने हेतु सर्वे कार्य पूर्ण हुआ है? यदि नहीं तो क्यों, यदि हां, तो कब जानकारी दें। (ख) बांध का निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ किया जायेगा तथा कब तक बांध का कार्यपूर्ण हो जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2016-17 में। (ख) वित्तीय प्रबंधन एवं निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
योजनावार आय-व्यय की जानकारी
[पशुपालन]
121. ( क्र. 805 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा विभाग की किन-किन योजनाओं को कितना-कितना बजट प्राप्त होता है? योजनावार जानकारी देवें। (ख) इंदौर संभाग में किन-किन जिलों में कितनी-कितनी पंजीकृत गौशालाएं संचालित हैं? जिलेवार विवरण दिया जाए। (ग) प्रदेश सरकार द्वारा गौशालाओं के अनुदान हेतु प्रति गाय प्रतिदिन कितनी राशि निर्धारित की गई है? (घ) क्या गायों के रख-रखाव के लिए गौशालाओं में ग्वालों की नियुक्ति की जाएगी? इसके लिए विभाग के पास क्या प्रावधान है?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार हैं। (ख) इंदौर संभाग में कुल 159 गौशालाएं पंजीकृत संचालित हैं, जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) प्रदेश सरकार द्वारा वर्तमान में गौशालाओं को अनुदान हेतु राशि रू. 20.00 प्रति दिवस प्रति गौवंश निर्धारित की गई है। (घ) वर्तमान में गौशालाओं में गायों के रखरखाव के लिए ग्वालों की नियुक्ति का प्रावधान नहीं है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दिव्यांग हितग्राहियों को उपकरण का वितरण
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
122. ( क्र. 806 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 5 वर्षों में धरमपुरी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कितने दिव्यांग हितग्राहियों को आवश्यकतानुसार उपकरण वितरण किए गए हैं? सूची उपलब्ध करावें। (ख) शासन द्वारा दिव्यांग हितग्राहियों के लिए जिला धार से कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं योजनावार जानकारी उपलब्ध करावें एवं योजनावार कितना बजट का प्रावधान है? (ग) विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत 80 प्रतिशत से अधिक विकलांगता वाले कितने अस्थिबाधित दिव्यांग हैं? सूची उपलब्ध करावें। किन-किन हितग्राहियों द्वारा मोटरराईज्ड ट्राय साइकिल/तिपहिया वाहन की मांग की है? मांग के तारतम्य में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) विगत 5 वर्षों में धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 605 हितग्राहियों को आवश्यकतानुसार उपकरण वितरण किए गये विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' पर है। (ख) जिला धार में दिव्यांग हिग्राहियों के लिये शासन द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' पर है। (ग) विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 80 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता वाले 195 अस्थिबाधित दिव्यांग है जिन्हें मांग के आधार पर आवश्यकता अनुसार सामग्री उपलब्ध कराई गई विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' पर है, किसी प्रकार की कोई मांग प्राप्त नहीं हुई है।
शासन स्तर पर पेयजल हेतु लम्बित योजनाओं की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
123. ( क्र. 814 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जल जीवन मिशन योजनान्तर्गत नागदा-खाचरौद क्षेत्र में कितने गांवों की ग्रामीण नल, जल योजना की डी.पी.आर. बनाई गई है? उनमें से कितनी योजनाओं की स्वीकृति प्रदान की गई है? नाम सहित विवरण दें। (ख) जल जीवन मिशन अन्तर्गत ग्रामीण नल, जल योजना में दुपडावदा, बेहलोला, बरथुन, पानवासा, नरसिंहगढ़, नंदवासला आदि गांवों की तकनीकी स्वीकृति प्रदान कब कर दी गई? (ग) क्या मुख्य अभियंता इंदौर ने दिनांक 26.09.2020 को प्रमुख अभियंता भोपाल को पत्र क्र.5454 में बडनगर, खाचरौद के प्रस्ताव नल-जल योजना की प्रशासकीय स्वीकृति हेतु प्रेषित किए थे? यदि हां तो उक्त प्रस्तावों में खाचरौद, नागदा क्षेत्र के गांवों को प्रशासकीय स्वीकृति से क्यों वंचित किया गया? (घ) क्या प्रश्नकर्ता ने उक्त गांवों में नल, जल योजना की प्रशासकीय स्वीकृति हेतु मुख्य अभियंता व मंत्री महोदय को पत्र प्रेषित किया था? यदि हां तो क्या स्वीकृति प्रदान कर दी गई है? (ड.) जल निगम बोर्ड इंदौर द्वारा 22 गांवों की 21 करोड़ 85 लाख की बनाई गई पेयजल योजना प्रारंभ होने के पश्चात भी ग्रामीणों को पेयजल क्यों नहीं उपलब्ध हो पा रहा है? (च) नागदा-खाचरौद क्षेत्र अन्तर्गत मल्टी विलेज पाईप्ड वॉटर सप्लाय स्कीम फार इंदौर एण्ड उज्जैन डिस्ट्रिक्ट स्कीम-ए-41-पार्ट-ए के प्रोजेक्ट एंड ए प्लेस सोर्स गंभीर डेम के अन्तर्गत नर्मदा जल पर आधरित योजना बनाई गई है? यदि हाँ तो योजना की डी.पी.आर. कितनी लागत की है? क्या योजना की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान कर दी गई है? यदि हां तो विवरण दें। यदि नहीं तो क्यों? योजना कब तक स्वीकृत कर दी जायेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) 56 ग्रामों की। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 के अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी हाँ। प्रशासकीय स्वीकृति प्रक्रियाधीन है, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। जी नहीं। (ड.) 22 ग्रामों के ग्रामीणों को पेयजल जल प्रदाय हो रहा है। (च) जी हाँ। डी.पी.आर. की अनुमानित लागत रू. 1585.25 करोड़ है। जी नहीं। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है।
राज्य शासन द्वारा मक्का का समर्थन मूल्य पर उपार्जन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
124. ( क्र. 822 ) श्री सुनील उईके : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खाद्य विभाग द्वारा प्रदेश में खरीफ सीजन में पैदा होने वाली फसलों का उपार्जन समर्थन मूल्य पर किया जा रहा है? (ख) नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा किन-किन फसलों का उपार्जन समर्थन मूल्य पर किया जा रहा है? क्या विगत वर्षों में मक्के का उपार्जन समर्थन मूल्य पर किया जाता रहा है? वर्ष 2020 में मक्के का उपार्जन आज दिनांक तक समर्थन मूल्य पर क्यों नहीं किया जा रहा है? (ग) क्या मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य अंचल में पैदा होने वाली मक्के की फसल का उपार्जन एवं समर्थन मूल्य भी विभाग द्वारा घोषित कर दिया जायेगा? यदि जवाब नहीं है तो मक्के का उपार्जन क्यों नहीं किया जा रहा है? अगर उपार्जन एवं समर्थन मूल्य पर खरीदी की जायेगी तो कब तक? (घ) खाद्य मंत्री महोदय बताने का कष्ट करेंगे कि मक्के का समर्थन मूल्य पर उपार्जन न होने से किसानों को होने वाले नुकसान की पूर्ति के लिये विभाग की कोई योजना है?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हां। (ख) खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में धान, ज्वार एवं बाजरा का उपार्जन समर्थन मूल्य पर किया जा रहा है। खरीफ विपणन वर्ष 2016-17 में समर्थन मूल्य पर मक्का का उपार्जन किया गया था एवं वर्ष 2017-18 एवं वर्ष 2018-19 में मक्का उत्पादक किसानों को भावांतर भुगतान योजनांतर्गत लाभ दिया गया है। भारत सरकार के निर्देशानुसार प्रदेश में समर्थन मूल्य पर उपार्जित मक्का की संपूर्ण मात्रा को लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत पात्र परिवारों को वितरण कराए जाने की अनिवार्यता है। पात्र हितग्राहियों द्वारा मक्का का उपयोग कम करने के कारण लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली में वितरण किए जाने में कठिनाई होने से उपार्जन नहीं किया जा रहा है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार। (घ) जी नहीं।
पदोन्नति से परित्याग पर पूर्व स्वीकृत उच्चतर वेतनमान वापस लेना
[वित्त]
125. ( क्र. 823 ) श्री सुनील उईके : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन के शासकीय सेवकों को समान अवसरों का लाभ देने हेतु समयमान वेतनमान योजना लागू की गई है? (ख) क्या समयमान वेतनमान का लाभ देने हेतु वित्त विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 11/1/2008/नियम/चार दिनांक 24 जनवरी, 2008 एवं संचालनालय कोष एवं लेखा मध्यप्रदेश पर्यावास भवन भोपाल के पत्र क्रमांक/मद/2018 भोपाल 678, दिनांक 26.10.2018 के अनुसार यह स्पष्ट है कि पदोन्नति के परित्याग की स्थिति में पूर्व से स्वीकृत उच्चतर वेतनमान वापस नहीं लिया जाना है? (ग) क्या ऐसे प्रकरणों में जिनमें समयमान वेतनमान का लाभ वर्ष 2006 से स्वीकृत हुआ है, किंतु इसका आदेश बाद में जारी हुआ है और समयमान वेतनमान स्वीकृत होने की दिनांक तथा आदेश जारी होने की दिनांक के बीच में किसी शासकीय सेवक द्वारा पदोन्नति का लाभ लेने से इंकार किया गया है, तो क्या ऐसे प्रकरणों में समयमान वेतनमान का लाभ नहीं दिया जाना है और यदि लाभ दे दिया गया है तो क्या वसूली की कार्यवाही किया जाना उचित है? (घ) यदि समयमान वेतनमान की पात्रता पूर्व की दिनांक से आती है और इसका आदेश देरी से जारी किया जाता है तो इसमें शासकीय सेवक का दोष है अथवा राज्य शासन का यदि शासकीय सेवक का दोष नहीं है तो क्या उसे लाभ से वंचित किया जाना उचित है?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। इस संबंध में वित्त विभाग द्वारा आदेश क्रमांक 199/2593/2018/नियम/चार, दिनांक 17.10.2018 से निर्देश जारी किए है। प्रति संलग्न परिशिष्ट प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) वित्त विभाग द्वारा पत्र क्रमांक 560/1530/2020/ नियम/चार,दिनांक 08.12.2020 से स्पष्ट किया गया है। प्रति संलग्न परिशिष्ट प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) समयमान वेतनमान के आदेश सुस्पष्ट है। अत: किसी का भी दोष होने की स्थिति निर्मित नहीं होती है।
अतिथि विद्वानों के नियमितीकरण
[उच्च शिक्षा]
126. ( क्र. 830 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कांग्रेस सरकार द्वारा अतिथि विद्वानों के नियमितीकरण हेतु कैबिनेट में केटेगरी अनुसार प्रस्ताव लाया गया था, क्या वर्तमान सरकार द्वारा कोई कार्यवाही की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या अतिथि विद्वानों की नियमितीकरण की कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ तो कब तक नियमितीकरण की कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं तो क्यों? (ग) सभी फालेन आउट अतिथि विद्वानों को कब तक व्यवस्था में ले लिया जावेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) फालेन आउट अतिथि विद्वानों के संबंध में राज्य शासन द्वारा जारी नीति दिनांक 17.12.2019 के अनुसार कार्यवाही की जाती है।
नल-जल योजना की स्वीकृत एवं संधारण
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
127. ( क्र. 831 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले के सिहावल विकासखण्ड अंतर्गत नल-जल योजना एवं आवर्धन योजना के कितने प्रस्ताव स्वीकृत हेतु लंबित हैं? विवरण उपलब्ध करावें। कब तक उक्त प्रस्ताव स्वीकृत किया जावेगा? (ख) क्या सोन नदी एवं गोपद नदी से लगे ग्रामों में समूह नल-जल योजना ग्राम बहरी, पोंडी, खुटेली, तितली (सेहुड़ा) में प्रस्तावित थी? उक्त समूह नल-जल योजनाओं की स्वीकृति कब तक दी जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है। (ख) जी हाँ। उल्लेखित ग्रामों को समूह जलप्रदाय योजना में सम्मिलित करते हुए डी.पी.आर. बनाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
सहकारी समितियों को विभाजित करना
[सहकारिता]
128. ( क्र. 845 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खातेगांव विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कितनी सहकारी समितियां संचालित हैं? ग्रामवार संख्यात्मक जानकारी देवें? किन-किन (सोसायटी) सहकारी समितियों में कितने ग्राम सम्मिलित हैं? ग्राम के नाम सहित संख्यात्मक जानकारी देवें। (ख) क्या सहकारी समितियों को विभाजित करने की योजना प्रस्तावित है? यदि हां तो कब तक संचालित की जावेगी। (ग) क्या खातेगांव मुरझाल, अजनाम, कन्नौद को विभाजित करके अन्य समितियां बनाई जा सकेगी?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) खातेगांव विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कुल 305 सहकारी समितियां संचालित हैं। ग्रामवार समितियाँ एवं उनमें सम्मिलित ग्राम के नाम सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पैक्स समितियों को विभाजित करने की कोई योजना प्रस्तावित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप प्रस्ताव प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी।
दिव्यांगों को मोटर बाइक का प्रदाय
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
129. ( क्र. 846 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा दिव्यांगों को मोटर बाइक प्रदान करने हेतु क्या पात्रता/नियम निर्धारित किये गये हैं? (ख) खातेगांव विधानसभा क्षेत्र में विगत 3 वर्षों में कितने दिव्यांगों को मोटर बाइक प्रदान करने हेतु चिन्हित किया गया है, नाम एवं ग्रामवार सूची उपलब्ध करावे। (ग) चिन्हित दिव्यांगों को कब तक मोटर बाइक प्रदान की जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग द्वारा मोटर बाइक देने की कोई योजना नहीं है। अपितु मोटराइज्ड ट्रायसाईकिल देने हेतु मध्यप्रदेश शासन सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल के पत्र दिनांक 02.06.2013 द्वारा ''मुख्यमंत्री नि:शक्त शिक्षा प्रोत्साहन योजना 2013'' प्रारंभ की गई एवं संशोधन दिनांक 18.07.2018 में अस्थिबाधित दिव्यांग जो (दोनों पैरों से चलने में अक्षम) एवं 60 प्रतिशत नि:शक्तता है एवं कक्षा 10 में प्रथमबार अथवा स्नातक में प्रथमबार शासकीय/अशासकीय विद्यालय में प्रवेश लेने पर दिये जाने का नियम है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विभाग के नियम अन्तर्गत खातेगांव विधान सभा क्षेत्र में विगत 3 वर्षों में एक भी दिव्यांगों द्वारा मुख्यमंत्री शिक्षा प्रोत्साहन योजनांतर्गत आवेदन नहीं किये जाने से मोटराइज्ड ट्रायसाईकिल प्रदान करने हेतु चिन्हित नहीं किया गया है। (ग) प्रश्न उपस्थित ही नहीं होता।
अनियमितता करने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों की जांच
[राजस्व]
130. ( क्र. 855 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, राजपुर, जिला बड़वानी के राजस्व प्रकरण क्र. 44-अ-2/2016-17 में कलेक्टर जिला बड़वानी द्वारा म.प्र. भू-राजस्व संहिता के तहत नियमानुसार पुनर्विलोकन के आदेश जारी करते हुए व्यपवर्तन को निरस्त करने की कार्यवाही करने के लिए अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, राजपुर को आदेशित किया गया है? यदि हां तो उक्त आदेश की छायाप्रति देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में भूमि मालिक के अतिरिक्त क्रेतागण, तत्कालीन एस.डी.एम., राजस्व निरीक्षक, पटवारी के विरूद्ध गंभीर प्रशासनिक अनियमितता होने पर भी उनके विरूद्ध कारण बताओ सूचना पत्र जारी किये जायेंगे अथवा नहीं? यदि हां तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों नहीं? (ग) प्रश्नांश (क) में एस.डी.एम. राजपुर द्वारा कब तक अंतिम निराकरण प्रस्तुत करते हुए राजस्व विभाग के निर्देशानुसार निराकरण किया जायेगा? इस संबंध में म.प्र. भू-राजस्व संहिता में कितने दिनों की समयावधि निश्चित की गई है? (घ) प्रश्नांश (क) में दोषी अधिकारियों को आर्थिक अपराध में अपराधी मानते हुए अभियोजित करेगा या विभागीय स्तर पर विभागीय जांच संस्थित करने के आदेश जारी करेगा? (ड.) क्या म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 165 (6ड.ड.) में उल्लंघन के दोषी समस्त प्रकरणों की विभाग, लोकायुक्त जांच के आदेश जारी करेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। प्रकरण न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व राजपुर के यहाँ न्यायायिक प्रक्रिया के अध्याधीन प्रचलित है। (ग) कार्यालय कलेक्टर जिला बड़वानी के पत्र क्रं. 1300/रीडर/2020 बड़वानी दिनांक 02/3/2020 के परिपालन में न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, राजपुर द्वारा राजस्व प्रकरण क्रमांक 12/अ-74/2020-21 दर्ज किया जाकर प्रकरण बहस हेतु दिनांक 16/12/2020 नियत किया गया। बहस उपरान्त प्रकरण का नियमानुसार निराकरण किया जावेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है (घ) उत्तरांश ''ख'' के अनुक्रम प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (ड.) मध्यप्रदेश भू–राजस्व संहिता की धारा 165 की उप धारा (6ड.ड.) विभाग की अधिसूचना दिनांक 2 जनवरी 2020 जो कि मध्यप्रदेश राजपत्र प्रकाशन दिनांक 8 जनवरी 2020 द्वारा विलोपित किया गया। अत: कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
धान उपार्जन की हैंडलिंग एवं मूवमेंट
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
131. ( क्र. 856 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019-20 में समर्थन मूल्य पर गोदामों में धान उपार्जन की हैंडलिंग एवं मूवमेंट की दरें 0-200 मीटर तक 12 रूपये एवं 200-400 मीटर तक 16 रूपये निर्धारण कर परिदान का कार्य कराया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हां तो वर्तमान सत्र में कोरोना काल में श्रमिकों को भुगतान की जाने वाली दरों का निर्धारण कम किये जाने से उपार्जन के गोदामीकरण परिदान में खरीदी केन्द्रों को घटी हुई दरों के कारण अत्यन्त कठिनाइयां हो रही है, जिससे उपार्जन कार्य प्रभावित हो रहा है? (ग) प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में उपार्जनकर्ता समितियों द्वारा वर्ष 2019-20 अनुसार दरें निर्धारण हेतु दिये गये ज्ञापन पर समुचित उपार्जन कार्य संपादन की दृष्टि से त्वरित संशोधन आदेश जारी किये जावेंगे? यदि हाँ तो कब तक और नहीं तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हां। (ख) भारत सरकार के परिपत्र क्रमांक 191 (1) 2019FC A/cs part file 1 दिनांक 24.02.2020 के अनुसार वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर गोदामों में धान उपार्जन की हेंडलिंग एवं मूवमेंट की दर 0-200 मीटर तक 12 रूपय प्रति क्विं. निर्धारित है जिसमें से रू. 5 मंडी लेबर चार्जेस मद से एवं रू. 7 परिवहन मद से विकलनीय होगा एवं 200-400 मीटर की दूरी में रू.16 निर्धारित है जिसमें रू.5 मंडी लेबर चार्जेस मद से एवं रू. 11 परिवहन मद से विकलनीय होगा। इस व्यवस्था से गोदाम स्तरीय उपार्जन केन्द्रों पर धान के उपार्जन का कार्य प्रभावित होने जैसी स्थिति नहीं है। (ग) धान उपार्जन हेतु गोदाम स्तरीय केन्द्रों पर हेंडलिंग एवं मूवमेंट की दरें प्रश्नांश (ख) के अनुसार निर्धारित की गई है इस संबंध में मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज़ कार्पोरेशन के पत्र क्रमांक परिवहन/2020/996 दिनांक 09.12.2020 द्वारा स्पष्टीकरण जारी किया गया, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्रामीण क्षेत्र के नक्शे तैयार करना
[राजस्व]
132. ( क्र. 863 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र महाराजपुर-48 अंतर्गत किन-किन ग्रामों के नक्शा तैयार नहीं है? नक्शा विहीन ग्रामों की सूची दें व बतावें की इन ग्रामों के किसानों, रहवासियों की उक्त समस्या के समाधान हेतु क्या प्रयास किये गये हैं? यदि नहीं तो क्यों? (ख) कब तक लुगासी, बरट, सड़ेही, हीरापुर, पन्नपुरा व अन्य नक्शा विहीन ग्रामों के नक्शा तैयार कर लिये जावेंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) विधानसभा क्षेत्र महाराजपुर-48 अंतर्गत सभी ग्रामों के नक्शे मौजूद है। कोई भी ग्राम नक्शा विहीन नहीं है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ख) प्रश्नाधीन ग्रामों के नक्शे पहले से ही उपलब्ध है।
शासकीय भूमि लीज पर देने की प्रक्रिया
[राजस्व]
133. ( क्र. 868 ) श्री हर्ष यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक कितने लोगों/संस्थाओं/समितियों को शासकीय भूमि लीज पर देने हेतु प्रक्रिया प्रारंभ की गई? ग्राम/नगर व तहसीलवार बतायें। कितनी भूमि, किसे लीज पर किस दर पर, कितने वर्ष के लिये दी गई? ग्राम/नगर व तहसीलवार बतायें। (ख) क्या जिले से पूर्व राजस्व मंत्री के परिवार की शिक्षा से संबंधित समिति को सागर तहसील/सागर राजस्व निरीक्षक क्षेत्र में भूमि लीज पर देने की प्रक्रिया चल रही है? यदि हाँ तो कितनी भूमि देने की प्रक्रिया चल रही है? (ग) शासन निजी शिक्षण संस्था जो लाभ कमाने के लिए स्थापित है, को भूमि बाजार मूल्य पर क्यों नहीं दे रहा है? प्रतीकात्मक मूल्य पर जमीन देकर क्यों उपकृत कर रहा है? (घ) क्या शासन इस भूमि आवंटन को रोकेगा एवं दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा? यदि नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) सागर जिले में वर्ष 2019-20 में किसी व्यक्ति विशेष/ संस्थाओं/समितियों को शासकीय भूमि लीज पर आवंटन हेतु प्रक्रिया प्रारंभ नहीं की गई है। (ख) जी हाँ, सागर जिले की तहसील सागर के ग्राम अर्जुनी प.ह.नं. 53 में शासकीय भूमि खसरा नंबर 115 रकवा 10.00 हेक्टेयर ज्ञानवीर महाविद्यालय हेतु आवेदिका श्रीमती सविता सिंह पति गोविन्द सिंह राजपूत (मंत्री जी) निवासी सागर द्वारा भूमि आवंटन हेतु आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया प्र.क्र. 17/ अ-19/(3) वर्ष 2020-21 पंजीबद्ध किया जाकर दिनांक 27.08.2020 को अनुविभागीय अधिकारी सागर को जांच प्रतिवेदन हेतु भेजा गया है, जांच प्रतिवेदन अपेक्षित है। (ग) शासन द्वारा इस संस्था को कोई भूमि आवंटित नहीं करने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश 'ग' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राष्ट्रीय राजमार्ग क्र.75 हेतु भू-अर्जन
[राजस्व]
134. ( क्र. 872 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राष्ट्रीय राजमार्ग क्र.75 के निर्माण से महाराजपुर विधानसभा के कुल कितने ग्रामों की भूमि मकान प्रभावित हुई? प्रश्नांश (क) उल्लेखित मार्ग निर्माण से किन-किन कृषकों की भूमि/मकान प्रभावित हुए? इन प्रभावित लोगों को किस-किस मान से किस दर से कितने-कितने मुआवजे का भुगतान किया गया? (ख) प्रभावित/विस्थापित किन-किन कृषकों/भूस्वामियों को आज दिनांक तक किसी प्रकार का मुआवजा नहीं दिया गया? क्यों इस संबंध में भू-अर्जन अधिकारी व कलेक्टर छतरपुर का प्राप्त शिकायतों का किस प्रकार निराकरण किया गया? यदि नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 75 के निर्माण से महाराजपुर विधानसभा के कुल 16 ग्रामों की भूमि/मकानों का कृषकों की भूमि/मकान प्रभावित हुए है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम 1956 ( का 48) एवं भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 ( क्रमांक 30 महोदय की निर्धारित गाइड लाईन अनुसार पारित अवार्ड की राशि संलग्न गणना पत्रक अनुसार कृषकों को भुगतान किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01, 02, 03 एवं 04 अनुसार है। (ख) प्रश्नांश "क" अनुसार संलग्न गणना पत्रक सह अवार्ड मुताविक सभी प्रभावितों को भुगतान किया गया है। राजमार्ग में अधिगृहीत भूमि/परिसम्मपत्ति/भवन आदि की गणना एवं मूल्यांकन अनुसार भुगतान किया गया है। उपर्युक्तानुसार जिनका अधिगृहण हुआ है उन्हें नियमानुसार मुआवजा की राशि प्रदान की गयी है। कलेक्टर एवं भू-अर्जन अधिकारी छतरपुर को प्राप्त शिकायतों की जांच की जा रही है। जिन प्रकरणों में भूमि का अधिग्रहण किया जाना पाया जाता है नियमानुसार मुआवजा निर्धारण एवं भुगतान की कार्यवाही की जा रही है तथा जिन प्रकरणों में भुगतान नहीं हुआ है, उन्हें वैधानिक कारणों से उनका भुगतान रोका गया है।
सक्षम अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
135. ( क्र. 876 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 1286 दिनांक 19-12-2019 का खाद्य विभाग द्वारा उत्तर दिया था कि उक्त अधिकारी के विरुद्ध विभागीय जांच एवं कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है? तो शासन के नियम व निर्देशों के अनुसार कितने समय-सीमा में विभागीय जांच को पूर्ण कर कार्यवाही करने का प्रावधान है? उक्त नियम व निर्देशों की प्रति उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या उक्त विभागीय कार्यवाही करने वाले अधिकारी द्वारा कार्यवाही को पूर्ण कर लिया गया है? यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) खाद्य विभाग द्वारा उत्तर दिया गया था कि तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी पर सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा प्रकरण में विभागीय कार्यवाही की जा रही है। मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक सी 6-1-2017-3-एक, दिनांक 16 मार्च, 2017 के अनुसार मुख्य शास्ति हेतु नियम 14 के अंतर्गत एक वर्ष की समयावधि तथा लघुशास्ति हेतु नियम 16 के अंतर्गत 5 माह की समयावधि का प्रावधान है। निर्देशों की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। श्री बी.के.पाण्डेय, रा.प्र.से. तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) बिजावर जिला छतरपुर के विरूद्ध मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के नियम-14 के अंतर्गत विभागीय जांच संस्थित कर, ज्ञाप दिनांक 17.12.2019 द्वारा आरोप पत्रादि जारी किये गये। श्री पाण्डेय द्वारा प्रस्तुत उत्तर दिनांक 01.02.2020 पर आयुक्त, सागर संभाग, सागर का अभिमत पत्र दिनांक 03.03.2020 से चाहा गया है, जो अपेक्षित है। विभागीय जांच की कार्यवाही अर्द्ध न्यायिक स्वरूप की होने से तथा कोविड-19 संक्रमण से उत्पन्न स्थिति के कारण वर्तमान में कार्यवाही प्रचलित है।
दर्ज प्रकरणों में चालान प्रस्तुत किया जाना
[सहकारिता]
136. ( क्र. 883 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सहकारिता विभाग के किन-किन अधिकारियों के विरूद्ध लोकायुक्त संगठन एवं आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ई.ओ.डब्ल्यू.) में वर्तमान में किस-किस संबंध में किस नंबर से किस दिनांक को प्रकरण पंजीबद्ध होकर कार्यवाही प्रचलन में है? (ख) उपरोक्तानुसार किन-किन अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही पूर्ण कर चालान माननीय न्यायालय में प्रस्तुत कब-कब किये गये हैं तथा कितने प्रकरणों में कार्यवाही पूर्णोंपरांत चालान प्रस्तुत किया जाना है तथा किन-किन प्रकरणों में शासन द्वारा माननीय न्यायालय में चालान प्रस्तुत करने की अनुमति दे दी गई है तथा किन-किन मामलों में शासन स्तर से चालान प्रस्तुत करने की कार्यवाही लंबित है? (ग) उपरोक्त प्रश्न के परिप्रेक्ष्य में ई.ओ.डब्ल्यू. में पंजीबद्ध प्रकरण क्रमांक 38/11 किन-किन के विरूद्ध किस संबंध में पंजीबद्ध किया गया था तथा किन-किन को मुख्य आरोपी बनाया गया एवं 9 वर्ष के व्यतीत हो जाने के बावजूद भी न्यायालय में चालान प्रस्तुत करने की शासन से अनुमति नहीं लेने के लिये कौन-कौन जिम्मेदार है तथा कब तक इस प्रकरण में चालान प्रस्तुत कर दिया जायेगा?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ द्वारा ऋण माफी/ऋण राहत योजना 2008 में किये गये घोटाले/गबन पर प्रकरण क्रमांक 38/11, (1) श्री डी.आर. सरोठिया तत्कालीन महाप्रबंधक जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्या., होशंगाबाद (2) संस्था/क्रियान्वयन पदाधिकारी (3) श्री भूजराम जाट, प्रबंधक सेवा सहकारी समिति मर्या., अबगांवकलां, (4) श्री संतोष उपाध्याय, प्रबंधक सेवा सहकारी समिति मर्या., अबगांवखुर्द, (5) श्री गोपीकिशन यादव, प्रबंधक/पर्यवेक्षक, सेवा सहकारी समिति मर्या., बालागांव, (6) श्री रमेश कुमार ओझरे, प्रबंधक वृहत्ताकार सहकारी समिति मर्या., भुवनखेड़ी, (7) श्री पदम सिंह बघेल, सहायक प्रबंधक सेवा सहकारी समिति, धनगांव, (8) श्री रामनारायण शर्मा, प्रबंधक सेवा सहकारी समिति मर्या.,गहाल (9) श्री गोपीकिशन यादव, पर्यवेक्षक/प्रबंधक सेवा सहकारी समिति मर्या. हण्डिया (10) श्री रामनारायण चौहान, सहायक प्रबंधक सेवा सहकारी समिति, खेड़ा (11) श्री हरिप्रसाद गौर, सहायक प्रबंधक, वृहत्ताकार सेवा सहकारी समिति, कडोला उबारी (12) श्री प्रवीण कुमार कासिव, सहायक प्रबंधक, अ.जा.सेवा सहकारी समिति मर्या., मोहनपुर (13) श्री हरिप्रसाद बेडा, पर्यवेक्षक/प्रबंधक, सेवा सहकारी समिति मर्या., मसगगांव (14) श्री सुरेश विश्नोई, सहायक प्रबंधक, सेवा सहकारी समिति मर्या., नीमगांव (15) श्री निर्भयदास रायखेडे, सहायक प्रबंधक, सेवा सहकारी समिति मर्या., पलासनेर (16) श्री नारायण सिंह, सहायक प्रबंधक, सेवा सहकारी समिति मर्या., पीपलघटा (17) श्री एम.एल. बौरासी, प्रबंधक, सेवा सहकारी समिति मर्या., गौदागांव कलां (18) श्री देवेंद्र शर्मा, प्रबंधक, वृहत्ताकार, सेवा सहकारी समिति मर्या.,पोखरनी (19) श्री ओमप्रकाश बिश्नोई, सहायक प्रबंधक, सेवा सहकारी समिति मर्या., खमलाय (20) श्री सोहनलाल बघेल, शाखा प्रबंधक, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्या., हरदा (21) श्री हेमंत व्यास, शाखा प्रबंधक, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्या., टिमरनी (22) श्री प्रेमनारायण जाट, शाखा प्रबंधक, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्या.,खिरकिया (23) श्री रामदास शर्मा, पर्यवेक्षक, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्या., हरदा (24) श्री हरिप्रसाद वेडा, पर्यवेक्षक, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्या., हरदा (25) श्री सुरेश तिवारी, पर्यवेक्षक, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्या., टिमरनी, (26) श्री सेवाराम बछान, पर्यवेक्षक, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्या., खिरकिया (27) अन्य अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध किया गया। ई.ओ.डब्ल्यू. द्वारा विवेचना उपरांत उपरोक्त में से (1) श्री डी.आर. सरोठिया तत्कालीन महाप्रबंधक जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्या., होशंगाबाद, (2) श्री रामनारायण शर्मा, प्रबंधक सेवा सहकारी समिति मर्या.,गहाल, (3) श्री हरिप्रसाद वेडा, पर्यवेक्षक, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्या., हरदा, (4) श्री सोहनलाल बघेल, शाखा प्रबंधक, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्या.,हरदा (5) श्री सुनील धनगर, तत्कालीन प्रभारी शाखा प्रबंधक, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्या., शाखा-मुख्य हरदा, (6) श्री करण सिंह बादल, तत्कालीन समिति अध्यक्ष, सेवा सहकारी समिति मर्या. गहाल के विरूद्ध अभियोजन की स्वीकृति चाही गई। प्रथमतः ई.ओ.डब्ल्यू. द्वारा चाहे गए अनुसार उपरोक्त सभी 06 के विरूद्ध अभियोजन की स्वीकृति नियोक्ताओं/संस्था द्वारा प्रदान कर दी गई थी। परंतु श्री डी.आर. सरोठिया द्वारा अभियोजन की स्वीकृति देने के विरूद्ध याचिका क्र. 1374/19 माननीय उच्च न्यायालय में प्रस्तुत की गई, जिसमे पारित निर्णय दिनांक 16.10.2019 से नियोक्ता को निर्देशित किया गया कि अभियोजन की अनुमति पर पिटीशनर को सुनवाई का अवसर देते हुए, पुनः अभियोजन की स्वीकृति देने पर निर्णय लिया जावें। इस पर श्री सरोठिया के नियोक्ता म.प्र. राज्य सहकारी बैंक मर्या., भोपाल द्वारा संबंधित की सुनवाई पूर्ण की जा चुकी है तथा सुनवाई उपरांत यथाशीघ्र निर्णय किया जावेगा। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शिलान्यास एवं उद्घाटन संबंधी कार्य
[सामान्य प्रशासन]
137. ( क्र. 888 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 26.02.2020 को तत्कालीन मुख्यमंत्री माननीय कमलनाथ जी द्वारा कुक्षी विधानसभा के डही में कई निर्माण कार्यों एवं योजनाओं का शिलान्यास एवं उद्घाटन किया था लेकिन कार्य स्थल पर शिलान्यास एवं उद्घाटन के पत्थर अभी तक क्यों नहीं लगे है? कार्यों की सूची भी उपलब्ध करावें। (ख) शिलान्यास एवं उद्घाटन के पत्थर लगाने का कार्य कब तक पूर्ण हो जाएगा? (ग) इसके विलंब के लिए दोषी अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देकर बतावें कि शासन इन पर कब तक कार्यवाही करेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कुक्षी उद्वहन माइक्रो सिंचाई परियोजना
[नर्मदा घाटी विकास]
138. ( क्र. 889 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कुक्षी उद्वहन माइक्रो सिंचाई परियोजना जिसका स्वीकृति आदेश क्रमांक एफ/31/01/2020/ सत्ताईस-एफ दिनांक 14.01.2020 का है, के टेंडर कब तक जारी होंगे? (ख) इसका कार्य कब तक प्रारंभ होगा? (ग) टेंडर जारी होने में विलंब के कारण बतावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) निविदा हेतु वित्तीय प्रबंधन प्रक्रियाधीन है। (ख) एजेंसी निर्धारण उपरांत कार्य प्रारंभ होगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जन्म मृत्यु दर का आकड़ा
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
139. ( क्र. 900 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 23 मार्च 2020 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश में जन्म एवं मृत्यु का आंकड़ा क्या रहा? (ख) मृत्यु पंजीयन के आंकड़ों में मृत्यु के प्रमुख कारण क्या रहे हैं?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) प्रदेश में 01 मार्च, 2020 से 10 दिसम्बर, 2020 तक ऑनलाईन जन्म पंजीयन का आंकड़ा 12,14,489 एवं ऑनलाईन मृत्यु पंजीयन का आंकड़ा 3,98,567 रहा। (ख) चिकित्सकीय रूप से प्रमाणित मृत्यु पंजीयन के आंकड़ों में मृत्यु के प्रमुख कारणों में :- 1. सर्क्यूलेटरी सिस्टम, पल्मनरी सर्क्यूलेशन एण्ड अदर कॉसेज ऑफ हार्ट डिसीज 2. डिसीज ऑफ दा रेस्पेरेटरी सिस्टम 3. न्यूप्लाज्मस 4. ट्रांसपोर्ट एक्सीडेंट 5. अदर सरटेन इनफेक्सियस एण्ड पेरासेटिक डिसीज एंक्लेट इफेक्टस ऑफ इनफेक्सियस एण्ड पेरासेटिक डिसीज आदि रहे है।
लॉकडाउन में श्रमिक मजदूरों पर किया गया खर्च
[राजस्व]
140. ( क्र. 917 ) श्री जितू पटवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लॉकडाउन अवधि में प्रवासी मजदूरों को अन्य राज्यों से लाने, राज्य की सीमा से अपने शहर/गांव तक भिजवाने तथा अन्य राज्य के श्रमिकों को गंतव्य तक भिजवाने में कुल कितनी बसें, कुल कितने किराये पर ली गई? जिले अनुसार, दिनांक अनुसार, बस क्रमांक, मालिक का नाम तथा मार्ग तथा देय भाड़ा सहित सूची देवें। (ख) हाल ही में हुये 28 विधानसभा क्षेत्र जहां उपचुनाव हुआ है, वहां पर अप्रैल से अक्टूबर 2020 तक शासकीय आयोजनों में जनता को लाने के लिये कुल कितनी बसें अधिग्रहित की गई तथा कुल कितना किराया (भाड़ा) देय है तथा कितना दिया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित बसों की विधानसभा क्षेत्र अनुसार, कार्यक्रम अनुसार दिनांक अधिग्रहित बस क्रमांक, मालिक का नाम तथा मार्ग तथा देय भाड़ा सहित सूची देवें तथा बतावें कि प्रश्नांश (क) तथा (ख) में उल्लेखित राशि किस वित्तीय मद से भुगतान की जावेगी? (घ) शासकीय कार्य हेतु बसों का अधिग्रहण कर उनकी इन्ट्री जिस रजिस्टर में की जाती है उसकी अप्रैल 20 से अक्टूबर 20 तक की प्रत्येक पृष्ठ की प्रतिलिपि सत्यापित कर देवें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) लॉकडाउन अवधि में प्रवासी मजदूरों के परिवहन पर लगभग 29 हजार बसे लगाई गई, जिस पर लगभग 75 करोड़ रूपये व्यय किये गये। इस प्रकार की जानकारी संधारित नहीं की गई है। (ख) एवं (ग) जिला इन्दौर में सॉवेर में आयोजित सॉवेर माइक्रकों उदवहन सिंचाई परियोजना के शिलान्यास कार्यक्रम हेतु क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी द्वारा कुल 542 बसें तथा अनूपपुर विधानसभा क्षेत्र के शासकीय आयोजनों में कुल 24 बसों का अधिग्रहण किया गया था। जिला इंदौर द्वारा लगभग राशि 30.49 लाख रूपये देय है। जिसका भुगतान शेष है। जिला अनूपपुर में देयक प्राप्त नहीं हुआ है। जिला इन्दौर की अधिग्रहित बसों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है तथा जिला अनूपपुर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। प्रश्नांश (क) में उल्लेखित बसों का परिवहन व्यय का भुगतान मांग संख्या 58 योजना शीर्ष 5504 से किया गया है। प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित व्ययों का भुगतान संबंधित विभाग के विभागीय मद से किया जायेगा। (घ) शासकीय कार्य हेतु जिला इन्दौर एवं अनूपपुर जिले में अधिग्रहित बसों की Entry का कोई रजिस्टर संधारित नहीं है।
कर्ज की वर्तमान स्थिति
[वित्त]
141. ( क्र. 918 ) श्री जितू पटवारी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मार्च 2020 तक प्रदेश पर कुल कितना कर्ज था तथा वित्तीय वर्ष 20-21 में कर्ज की किश्त तथा ब्याज मिलाकर कुल कितना राशि देय थी? (ख) अप्रैल 2020 से नवम्बर 20 तक शासन ने कितना कर्ज किस-किस दिनांक को किस ब्याज दर से, किस संस्थान से, किन शर्तों पर लिया? उक्त कर्ज की किश्त किस वर्ष से कितनी-कितनी देय होगी? संस्थान तथा शासन के बीच कर्ज हेतु हुये अनुबंध की प्रतियां देवें। (ग) वित्तीय वर्ष 2021-22 से 2023-24 तक प्रतिवर्ष वर्तमान कर्ज की स्थिति में किश्त तथा ब्याज के रूप से कितनी राशि देय होगी तथा बतावे कि वर्तमान निर्देशों के अनुसार वर्ष 2021-22 से 2023 में हमारा कर्ज अधिकतम कितना हो सकता है तथा हम वर्ष 21-22 से कुल कितना कर्ज ले सकते है? (घ) क्या माननीय प्रधानमंत्री से माननीय मुख्यमंत्री ने कर्ज लेने की अनुमति मांगी? यदि हां, तो कितनी राशि का और कर्ज की अनुमति मांगी तथा कानूनन क्या प्रधानमंत्री की अनुमति से ही कोई राज्य कर्ज ले सकता है।
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि के वित्त लेखे नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा वर्तमान में जारी नहीं किए गए है। अत: जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (ख) बाजार ऋण एवं नाबार्ड से प्राप्त ऋण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष ऋणों के संबंध में प्रश्नाधीन अवधि के वित्त लेखे नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा वर्तमान में जारी नहीं किये गये है। अत: जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (ग) प्रश्नांश भविष्य के ऋणों के आंकलन से संबंधित है। अत: भविष्य के ऋणों का आंकलन कर आज की तिथि में जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ। सकल राज्य घरेलू उत्पाद के अनुपात के अतिरिक्त 1 प्रतिशत ऋण लेने की अनुमति पर विचार करने हेतु लेख किया गया है। राज्य शासन भारत शासन की अनुमति से ही कर्ज ले सकता है।
मुख्यमंत्री की घोषणाओं की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
142. ( क्र. 925 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय मुख्यमंत्री ने अप्रैल 20 से नवम्बर 20 तक कुल कितनी घोषणाएं की विधानसभावार घोषणा की? दिनांक, कार्य तथा अनुमानित राशि (यदि ज्ञात हो तो) की सूची देवें। (ख) हाल ही में जिन 28 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव हुये उनमें अप्रैल 20 से चुनाव तक मुख्यमंत्री जी ने कुल कितनी घोषणाएं की? विधान सभा क्षेत्रवार घोषणाओं की संख्या बतावें। (ग) मुख्यमंत्रीजी ने प्रश्नांश (ख) की विधानसभा क्षेत्रों में अप्रैल 20 से सितम्बर 20 तक कुल कितने शासकीय कार्यक्रमों में शिरकत की, इन कार्यक्रमों में जनता को लाने के लिये कुल कितनी बसें अधिग्रहित की तथा उनका कितना भाड़ा देय हुआ। (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित कार्यक्रम में कौन-कौन अतिथि मुख्यमंत्री के अलावा थे तथा उन्हें प्रोटोकॉल के किस नियम के तरह आमंत्रित किया गया?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पेट्रोल-डीजल के भाव में कमी की जानकारी
[वाणिज्यिक कर]
143. ( क्र. 926 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2009-10 से 2019-20 तक पेट्रोल डीजल तथा शराब पर प्राप्त राजस्व बतावें तथा प्रतिवर्ष कितने प्रतिशत वृद्धि या कमी हुई? (ख) वर्ष 2009-10 से 2019-20 तक प्रदेश का कुल राजस्व राज्य तथा केन्द्र से प्राप्त मिलाकर कितना था तथा प्रति वर्ष कितने प्रतिशत वृद्धि या कमी हुई? (ग) 1 दिसम्बर 20 को भोपाल में पेट्रोल-डीजल के भाव क्या थे तथा उसमें केन्द्र शासन तथा राज्य शासन का टैक्स कितना-कितना था? क्या पेट्रोल-डीजल पर टैक्स प्रदेश में देश का सबसे ज्यादा है? इसका कारण बतावें। (घ) बतावें कि प्रदेश में पेट्रोल डीजल अन्य राज्यों से महंगा होने के कारण प्रदेश में कृषि उत्पादन की लागत, औद्योगिक उत्पादन की लागत तथा सड़क से आने वाले माल की लागत नहीं बढ़ेगी तथा क्या इससे प्रदेश की जी.एस.डी.पी. कम नहीं होगी? (ड.) क्या शासन पेट्रोल-डीजल पर टैक्स घटा कर 20 प्रतिशत से 50 प्रतिशत कम करेगा? नहीं तो क्यों?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) वर्ष 2009-10 से 2019-20 तक पेट्रोल, डीजल तथा शराब पर प्राप्त राजस्व तथा प्रतिवर्ष राजस्व में वृद्धि/कमी की जानकारी निम्नानुसार है :- (राशि करोड़ में)
वर्ष |
पेट्रोल |
डीजल |
शराब |
प्रतिशत कमी/वृद्धि |
||
पेट्रोल |
डीजल |
शराब |
||||
2009-10 |
811.38 |
1804.84 |
2952.77 |
- |
- |
- |
2010-11 |
1113.51 |
2353.85 |
3604.20 |
37.24 |
30.42 |
22.06 |
2011-12 |
1416.84 |
2693.13 |
4317.77 |
27.24 |
14.41 |
19.80 |
2012-13 |
1569.17 |
3297.85 |
5083.19 |
10.75 |
22.45 |
17.73 |
2013-14 |
1820.87 |
3990.21 |
5908.05 |
16.04 |
20.99 |
16.23 |
2014-15 |
2062.68 |
4414.30 |
6697.42 |
13.28 |
10.63 |
13.36 |
2015-16 |
2480.63 |
4714.56 |
7926.29 |
20.26 |
6.80 |
18.35 |
2016-17 |
3199.25 |
5686.90 |
7519.42 |
28.97 |
20.62 |
-5.13 |
2017-18 |
3593.97 |
5619.17 |
8223.38 |
12.34 |
-1.19 |
9.36 |
2018-19 |
3779.06 |
5256.89 |
9506.98 |
5.15 |
-6.45 |
15.61 |
2019-20 |
4188.48 |
5635.36 |
10773.29 |
10.83 |
7.20 |
13.32 |
शराब पर वेट दिनांक 01.04.2013 से लागू किया गया है। दिनांक 01.04.2013 से शराब से प्राप्त वेट राजस्व की जानकारी निम्नानुसार है :- (रूपये करोड़ में)
क्र. |
वित्तीय वर्ष |
वेट अधिनियम के अंतर्गत शराब पर प्राप्त राजस्व |
प्रतिशत कमी/वृद्धि |
1 |
2 |
3 |
4 |
1 |
2013-14 |
316.28 |
- |
2 |
2014-15 |
367.60 |
16.23 |
3 |
2015-16 |
472.28 |
28.48 |
4 |
2016-17 |
493.11 |
4.41 |
5 |
2017-18 |
540.63 |
9.64 |
6 |
2018-19 |
633.27 |
17.14 |
7 |
2019-20 |
938.28 |
48.16 |
(ख) वर्ष 2009-10 से 2019-20 तक प्रदेश के कुल राजस्व राज्य तथा केन्द्र सहित राशि की जानकारी वर्षवार एवं वृद्धि एवं कमी का प्रतिशत सहित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रदेश में वर्तमान में डीजल पर वैट की दर 23 प्रतिशत, रूपये 3 प्रति लीटर अतिरिक्त कर एवं सकल विक्रय पर 1 प्रतिशत उपकर देय है। इसी प्रकार पेट्रोल पर वैट की दर 33 प्रतिशत 4 रूपये 50 पैसे प्रतिलीटर अतिरिक्त कर एवं सकल विक्रय पर 1 प्रतिशत उपकर देय है। प्रदेश में विक्रय होने वाले डीजल एवं पेट्रोल का प्रतिलीटर मूल्य निर्धारण विभिन्न पेट्रोलियम कंपनियों द्वारा निर्धारित किया जाता है। विभाग द्वारा प्रतिलीटर विक्रय मूल्य की जानकारी संधारित नहीं की जाती है। प्रदेश में विक्रय होने वाले डीजल एवं पेट्रोल पर केन्द्र सरकार द्वारा लगाये गये करों की निहित राशि की जानकारी विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है। राज्य शासन द्वारा राज्यहित में आवश्यक आर्थिक संसाधन जुटाने हेतु कर की दरों का निर्धारण किया जाता है। डीजल एवं पेट्रोल पर वर्तमान में प्रचलित वैट कर दर इस प्रश्नांश के उत्तर की उपरोक्त कंडिका में दी गई है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर अनुसार राज्य शासन द्वारा प्रदेश की वित्तीय आवश्यकताओं की पूर्ति व आवश्यक संसाधन जुटाने तथा आधारभूत संरचनाओं के विकास के लिए आवश्यक राजस्व संग्रहण की दृष्टि से कर की दरों का निर्धारण किया जाता है। संग्रहित किये जाने वाले राजस्व का उपयोग कृषि एवं औद्योगिक विकास के लिए आधारभूत संरचना विकसित करने हेतु भी किया जाता है। (ड.) पेट्रोल एवं डीजल पर वैट की दर में कमी किये जाने संबंधी नीतिगत निर्णय शासन स्तर पर लिया जाता है।
विभाग द्वारा निर्माण एजेंसी में शीघ्र राशि भेजना
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
144. ( क्र. 937 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कहां-कहां नवीन वृद्धाश्रम बनाये जा रहे हैं? प्रत्येक की लागत क्या-क्या है और वह किस विभाग द्वारा बनाये जा रहे हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताये कि इनके टेंडर, कब-कब बुलाये गये थे, इनकी लागत क्या थी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताए कि इनकी निर्माण एजेंसी क्या-क्या है और कितना-कितना कार्य कराया जा चुका है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताये कि विभाग द्वारा जो निर्माण कार्य जिस विभाग से कराये जा रहे हैं उस विभागों को प्रश्न दिनांक तक राशि क्यों नहीं भेजी गई है? उपरोक्त विभागों में इस विभाग से कब तक राशि भेज दी जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) से (घ) उतरांश (क) अनुसार।
भवनों के निर्माण हेतु राशि स्वीकृत करना
[उच्च शिक्षा]
145. ( क्र. 939 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले के शासकीय महाविद्यालय लिधौरा, जतारा एवं पलेरा वर्तमान में कहां-कहां और किस-किस के भवनों में संचालित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बतायें कि क्या उपरोक्त भवनों में छात्र-छात्राओं को बैठने हेतु कक्ष या हॉल पर्याप्त हैं और वर्तमान में क्या-क्या आवश्यकता है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताये कि प्रश्न दिनांक तक छात्र-छात्राओं के हित में पर्याप्त बैठक व्यवस्था सुदृढ करने हेतु संबंधित संस्था द्वारा जिले से एवं शासन के विभाग द्वारा क्या-क्या प्रयास किये गये हैं एवं कितनी-कितनी भवन राशि स्वीकृत कराने हेतु पहल की गई है? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) एवं (ग) के आधार पर बतायें कि उपरोक्त छात्र-छात्राओं की अति आवश्यकता के आधार पर भवन राशि स्वीकृत की जावेगी तो कब तक और नहीं तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ग) 1. शासकीय महाविद्यालय लिधौरा, जिला टीकमगढ़:- शासकीय महाविद्यालय लिधौरा, जिला टीकमगढ़ शासकीय उच्चतर माध्यमिक बालक विद्यालय लिधौरा में संचालित है, जिसमें 5 अध्ययन कक्ष एवं 1 हॉल छात्र-छात्राओं के बैठने हेतु उपलब्ध हैं। महाविद्यालय में पर्याप्त कक्ष नहीं हैं। महाविद्यालय के स्वयं के भवन निर्माण हेतु भूमि आवंटित हो चुकी है। 2. शासकीय महाविद्यालय जतारा, जिला टीकमगढ़:- महाविद्यालय स्वयं के भवन में संचालित है, जिसमें 6 अध्ययन कक्ष में अध्यापन कार्य किया जाता है। अध्ययन कक्ष अपर्याप्त हैं। महाविद्यालय के प्रथम तल पर 6 अध्ययन कक्ष, 2 हॉल एवं 4 प्रयोगशाला कक्षों के निर्माण हेतु राशि रूपये 124.25 लाख का प्रस्ताव प्रक्रियाधीन है। 3. शासकीय महाविद्यालय पलेरा, जिला टीकमगढ़:- महाविद्यालय स्वयं के भवन में संचालित है, जिसमें 20 अध्ययन कक्ष लेब सहित उपलब्ध है। महाविद्यालय में 5 अध्ययन कक्ष एवं 4 हॉल की आवश्यकता है। प्राप्त प्रस्तावों पर विभाग द्वारा संसाधनों की उपलब्धता अनुसार कार्यवाही की जाती है। (घ) महाविद्यालयों के निर्माण कार्यों की समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।