मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
दिसम्बर, 2020 सत्र
मंगलवार, दिनांक 29 दिसम्बर, 2020
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
प्रतिनियुक्ति
अवधि के
पांचवे
वेतनमान की स्वीकृति
[सामान्य प्रशासन]
1. ( *क्र. 93 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. राज्य तिलहन संघ से सामान्य प्रशासन विभाग में कौन-कौन कर्मचारी प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत थे? (वर्ष 2000 से 2012 तक) नाम, पद, अवधि बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत क्या कर्मचारियों को पांचवा वेतनमान का लाभ स्वीकृत किया है? किन-किन कर्मचारियों का स्वीकृत हेतु लंबित है? कारण स्पष्ट करें। क्या इन्हें पात्रता है? यदि हाँ, तो कब तक स्वीकृत करेंगे? यदि नहीं, है तो क्यों नहीं? (ग) म.प्र. राज्य तिलहन संघ के कितने सेवायुक्तों ने राज्य स्तरीय मुकदमा प्रबंधन नीति अंतर्गत शिकायत दर्ज की है? नाम, पद, विभाग, दिनांक शिकायत विवरण बतायें एवं इन शिकायतों पर क्या कार्यवाही अब तक की गई है? (घ) म.प्र. राज्य तिलहन संघ के कर्मियों को अतिशेष आदेश क्रमांक एफ.सी. 3-15/1/99, दिनांक 07.07.2019 घोषित की गई है? क्या अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक दिनांक 30.11.1998 एवं दिनांक 19.05.2016 की कार्यवाही में तिलहन संघ सेवायुक्तों को पांचवा वेतनमान का लाभ स्वीकृत करने का निर्णय हुआ है? यदि हाँ, तो क्या शासन इस आशय का स्पष्ट आदेश जारी करेगा? नहीं तो क्यों नहीं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
डबरा विधानसभा क्षेत्र में जिगनियां-बारकरी नहर का निर्माण
[जल संसाधन]
2. ( *क्र. 807 ) श्री सुरेश राजे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विषयांकित निर्माण कार्य कब एवं कितनी वित्तीय राशि से स्वीकृत हुआ? क्या बजट आवंटन हो चुका है? यदि हाँ, तो कब व कितना? (ख) क्या टेंडर हो चुके हैं? यदि हाँ, तो किस एजेंसी/ठेकेदार को? पूर्ण विवरण दें। (ग) क्या प्रश्नाधीन कार्य में वर्क ऑर्डर जारी हुये हैं? यदि हाँ, तो किस दिनांक को? क्या कुछ कार्य प्रारंभ किया गया था? यदि हाँ, तो कितना-कितना कार्य किया गया था? यदि नहीं, तो उस स्थान पर किसके द्वारा कार्य कराया गया था? यदि कराया गया है तो उसकी भौतिक तथा वित्तीय स्थिति स्पष्ट करें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) विधान सभा क्षेत्र डबरा अंतर्गत जिगनियां-वारकरी नहर का निर्माण कार्य टर्नकी पद्धति से कराये जाने वाले माँ रतनगढ़ बहुउद्देशीय परियोजना में शामिल है एवं इस नहर का कार्य माँ रतनगढ़ परियोजना के निर्माणाधीन कार्यों के लिए निर्धारित निर्माण कार्यक्रम के अंतर्गत कार्य कराया जाना है। अत: प्रश्नाधीन कार्य के संबंध में पृथक से वांछित विवरण दिया जाना संभव नहीं है।
मोहनपुरा बांध से पानी वितरण की व्यवस्था
[जल संसाधन]
3. ( *क्र. 479 ) श्री लक्ष्मण सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले में मोहनपुरा बांध से पानी वितरण की व्यवस्था निजी कंपनियों को सौंपी गई है? (ख) अगर हाँ तो यह निजी कंपनियां जलकर किस दर से वसूल करेंगी? (ग) जब निजी कंपनियां जल वितरण करेंगी तो जल संसाधन विभाग के कर्मचारी क्या करेंगे? (घ) चाचौड़ा विधानसभा की कितनी सिंचाई योजनाएं शासन के पास लंबित हैं? उनकी स्वीकृति की अनुमानित तारीख बतावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते हैं। (घ) चाचौड़ा विधान सभा क्षेत्र की कोई परियोजना शासन स्तर पर लंबित नहीं होने से शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
अपना घर अपना दफ्तर खाते में जमा राशि का विवरण
[वित्त]
4. ( *क्र. 17 ) श्री संजीव सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भिण्ड जिले में तत्कालीन कलेक्टर छोटे सिंह के द्वारा स्टेट बैंक ऑफ इंडिया शाखा कलेक्ट्रेट में अपना घर अपना दफ्तर नाम से कोई शासकीय खाता खोला गया है? क्या खाता खोलने की अनुमति मध्यप्रदेश शासन से ली गई है? यदि ली गई है तो किन नियमों एवं प्रावधानों के तहत यह खाता खोला गया? इस खाते में कितने पैसे किस-किस मद के जमा किये गये? विस्तार से बताएं। (ख) क्या उक्त खाते में जो पैसा रेड क्रॉस के खाते में जमा होना था, उस पैसे को इस खाते में जमा किया गया है? यदि हाँ, तो कितना पैसा जमा किया गया है? जमा किए गए पैसे की रसीद दी गई है अथवा नहीं? क्या इस मद से कोई खर्चा भी किया गया है? यदि हाँ, तो किस कार्य के लिए और कहां-कहां किया गया है?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : कलेक्टर कार्यालय भिण्ड से प्राप्त जानकारी के अनुसार स्थिति निम्नानुसार है :- (क) जी हाँ। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। खाते में दानदाताओं द्वारा स्वेच्छा से कुल राशि 18,81,000/- जमा की गई। संबंधित खाते में जमा/व्यय राशि से संबंधित बैंक खाते का विवरण पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' पर अवलोकनीय है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। उक्त खाते से व्यय की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' पर अवलोकनीय है।
विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत पट्टा वितरण में अनियमितता
[राजस्व]
5. ( *क्र. 6 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पटवारी हल्का नं. 02/04 के ग्राम जैतना खसरा क्रमांक 47 की 1.30 एकड़ जमीन में ग्राम के आसपास के लोगों ने कब्जा किया है? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत क्या उन कब्जाधारी व्यक्तियों को पट्टे दिये गये हैं, जिनके परिवार में ट्रैक्टर, मोटर साईकिल एवं मकान हैं? (ग) क्या ग्राम कालाडूमर एवं जैतना तहसील पनागर जिला जबलपुर के लगभग 17 भूमिहीन गरीब परिवार पट्टे के लिये भटक रहे हैं? (घ) यदि हाँ, तो क्या इन 17 गरीब भूमिहीन परिवारों को पट्टे दिये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जबलपुर जिले के पनागर तहसील अंतर्गत पटवारी हल्का नंबर 02/04 के ग्राम जैतना की भूमि खसरा नंबर 47 आबादी मद की भूमि पर लोग मकान बनाकर निवासरत हैं। (ख) जी नहीं। पटवारी हल्का नंबर 02/04 के ग्राम जैतना की आबादी भूमि में निवासरत पात्र हितग्राहियों को भू-खण्ड धारक प्रमाणपत्र जारी किये गये हैं। पट्टे जारी नहीं किये गये हैं। (ग) ग्राम-कालाडूमर एवं जैतना के पात्र हितग्राहियों को आबादी भूमि के भू-धारक प्रमाण पत्र जारी किये गये हैं। 17 भूमिहीन परिवार नहीं हैं। उक्त 17 व्यक्ति अपने परिवार के साथ निवासरत हैं। (घ) जी नहीं। उक्त 17 व्यक्ति मूल परिवार के साथ निवासरत होने के कारण वर्तमान में पात्रता की श्रेणी में नहीं आते हैं।
मंत्री स्वेच्छानुदान मद से स्वीकृत राशि का भुगतान
[सामान्य प्रशासन]
6. ( *क्र. 828 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय कलेक्टर जिला सीधी द्वारा मंत्री स्वेच्छानुदान मद वर्ष 2019-20 में कब-कब कितनी-कितनी राशि की आर्थिक सहायता स्वीकृत की गई है? संख्यात्मक जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में स्वीकृत सहायता राशि में से कितने व्यक्तियों को कितनी राशि का भुगतान किया जा चुका है, कितना भुगतान किया जाना शेष है? पृथक-पृथक नाम सहित सूची उपलब्ध करायें। (ग) यदि राशि आवंटन के अभाव में भुगतान नहीं किया गया है तो कब तक आवंटन जारी किया जाकर शेष रहे व्यक्तियों का भुगतान कराया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) वित्तीय वर्ष 2019-20 में मंत्री स्वेच्छानुदान मद के अंतर्गत क्रमश: दिनांक 06.02.2020 को ₹42,39,000/-, दिनांक 22.02.2020 को ₹10,000/-, दिनांक 25.02.2020 को ₹43,92,000/-, दिनांक 26.02.2020 को ₹6,14,000/- एवं दिनांक 16.03.2020 को ₹7,35,000/- राशि की आर्थिक सहायता स्वीकृत की गई। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार स्वीकृत राशि में से भुगतान की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है तथा भुगतान हेतु शेष राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) वित्तीय वर्ष समाप्त हो चुका है, विगत वित्तीय वर्ष की लेप्स हुई राशि आगामी वित्तीय वर्ष में दिये जाने के कोई नियम/प्रावधान नहीं हैं।
भोपाल शहर में कोरे एवं हस्ताक्षरित राशन कार्ड की जप्ती
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
7. ( *क्र. 359 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल शहर में माह नवम्बर 2020 में किस-किस दिनांक को किन-किन व्यक्तियों के आधिपत्य से खाद्य विभाग के अधिकारियों द्वारा कथित हस्ताक्षरित कितनी संख्या में कोरे राशन कार्ड जप्त किये गये? इन व्यक्तियों के नाम, पिता का नाम, पूर्ण पता एवं व्यवसाय सहित जप्त राशन कार्ड के सरल क्रमांक एवं श्रेणी बतायी जाये? (ख) प्रश्नांश (क) में की गई जप्ती की कार्यवाही के लिये कौन-कौन से कर्मचारी शामिल थे? उनके नाम, पद एवं विभाग बताया जाये। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में घटित घटना की जाँच किन-किन अधिकारी/अधिकारियों द्वारा की गई अथवा की जा रही है? उनके नाम एवं पद बताते हुये जाँच प्रतिवेदन अथवा अन्तरिम जाँच प्रतिवेदन की प्रतिलिपि दी जाये। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित राशन कार्ड पर किस अधिकारी के हस्ताक्षर पाये गये हैं? उसका नाम एवं पद बताते हुये यह बताया जाये कि क्या अग्रिम रूप से कोरे राशन कार्ड पर हस्ताक्षर करना अपराधिक कृत्य नहीं है? यदि हाँ, तो उसके विरूद्ध पुलिस में एफ.आई.आर. क्यों नहीं की गई? इसके लिये कौन जिम्मेदार है?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) दिनांक 09.11.2020 को पुलिस विभाग एवं खाद्य विभाग के संयुक्त दल द्वारा म.नं. 283, विजय नगर पुलिस चौकी के पीछे चाँदबड़ स्थित रमेश गौतम पुत्र श्री रामबाबू अहिरवार के निवास से 75 बी.पी.एल. एवं 06 ए.ए.वाय. कोरे राशन कार्ड जप्त किये। जिन व्यक्तियों से कोरे राशन कार्ड जब्त किये गये उनका विवरण इस प्रकार है :-
क्र. |
नाम/पिता का नाम |
पूर्ण पता |
व्यवसाय |
1. |
श्री रमेश गौतम पुत्र श्री रामबाबू अहिरवार |
मकान नं. 283, विजय नगर पुलिस चौकी के पीछे, चाँदबड़, जिला भोपाल |
बेरोजगार |
2. |
श्रीमती सावित्री गौतम पत्नि श्री रमेश गौतम |
मकान नं. 283, विजय नगर पुलिस चौकी के पीछे, चाँदबड़, जिला भोपाल |
गृहणी |
राशन कार्ड के सरल क्रमांक एवं श्रेणी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जाँच के समय पुलिस विभाग से थाना प्रभारी थाना रातीबड़ श्री अभिषेक आनंद, थाना प्रभारी थाना स्टेशन बजरिया श्री उमेश यादव तथा खाद्य विभाग से सहायक आपूर्ति अधिकारी श्री संतोष उईके एवं श्री राजू कातूलकर उपस्थित थे। (ग) उक्त घटना की जाँच श्री दिलीप यादव, आई.ए.एस. अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी जिला भोपाल के नेतृत्व में गठित जाँच दल द्वारा की गई। जाँच दल में श्री मनोज वर्मा, अनुविभागीय अधिकारी गोविन्दपुरा एवं श्री राजीव नन्दन श्रीवास्तव, संयुक्त कलेक्टर भोपाल सम्मिलित थे। जाँच प्रतिवेदन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जाँच दल द्वारा प्रस्तुत प्रतिवदेन अनुसार राशन कार्डों पर श्री दिनेश अहिरवार, सहायक आपूर्ति अधिकारी, श्री मयंक द्विवेदी, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी एवं श्री प्रताप सिंह, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी के हस्ताक्षर पाये गये हैं। पृथम दृष्ट्या संबंधित अधिकारियों के हस्ताक्षर पाये जाने के कारण संबंधितों का निलंबन कर उनके विरूद्ध विभागीय जाँच की कार्यवाही प्रचलित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पार्वती परियोजना की नहरों से वंचित ग्रामों की सिंचाई
[जल संसाधन]
8. ( *क्र. 551 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत एक लम्बे अरसे से सिंचाई हेतु स्थाई स्त्रोत न होने एवं सिंचाई जल समस्या का दंश झेल रहे किसानों की पुरजोर मांग अनुरूप उक्त समस्या के स्थाई निदान हेतु पार्वती परियोजना की संकल्पना ने धरातल पर आकार लिया था? यदि हाँ, तो क्या जल संसाधन संभाग नरसिंहगढ़ अंतर्गत पार्वती परियोजना की नहरों के माध्यम से सिंचाई हेतु क्षेत्रांतर्गत कुल 310 राजस्व ग्रामों में से केवल 94 ग्रामों को ही कमाण्ड क्षेत्र में सम्मिलित किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 819, दिनांक 15.10.2019 से कमाण्ड क्षेत्र से वंचित बड़ा कृषि रकबा रखने वाले ग्रामों को कमाण्ड क्षेत्र में सम्मिलित करने हेतु मुख्य अभियंता, चंबल बेतवा कछार जल संसाधन विभाग भोपाल को आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित किया गया था? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक उक्त संबंध में क्या कार्यवाही विभाग द्वारा की गई? (ग) उपरोक्तानुसार क्या शासन विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ के समस्त ग्रामों में योजना की संकल्पना अनुरूप सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कमाण्ड क्षेत्र से वंचित ग्रामों को भी सम्मिलित कर सिंचाई समस्या का स्थाई निराकरण करेगा? (घ) यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों तथा वर्तमान में विभाग द्वारा शेष सभी ग्रामों को कमाण्ड क्षेत्र में सम्मिलित किए जाने हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ, पार्वती वृहद परियोजना निर्माणाधीन है। जी नहीं, विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत 133 ग्राम सम्मिलित हैं। (ख) से (घ) जी हाँ। जल की उपलब्धता अनुसार उत्तरांश (क) अनुसार ग्राम सम्मिलित हैं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
आदिवासी स्वत्व की भूमि विक्रय पर कार्यवाही
[राजस्व]
9. ( *क्र. 103 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या न्यायालय कलेक्टर कटनी के प्रकरण क्रमांक 25/अ/21/17-1 में पारित निर्णय दिनांक 16.07.2018 में आदिवासी भूमि छल कपट एवं धोखाधड़ी कर सामान्य वर्ग को विक्रय किये जाने पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कटनी को निर्देश दिये थे कि आदिवासी स्वत्व की भूमि मेहरूनिशा के नाम पर कैसे आई, जांच कर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करें तथा रजिस्ट्री शून्य किये जाने हेतु भी प्रकरण सिविल न्यायालय में एस.डी.एम. कटनी को ही दायर करना था, क्योंकि भूमि शासन मद में दर्ज हुई है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो उक्त पर कार्यवाही करने एवं पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज करने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा पुलिस अधीक्षक को पत्र दिनांक 19.09.2020 लिखा जाकर पावती 21.09.2020 को प्राप्त की गई थी तथा पत्र क्रमांक 777, दिनांक 14.10.2020 कलेक्टर कटनी पुलिस अधीक्षक कटनी एवं एस.डी.एम. कटनी को पुन: पत्र लिखकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करने हेतु आग्रह किया था? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या आदिवासियों की जमीन को सामान्य व्यक्ति को धोखाधड़ी पूर्वक विक्रय करने के अपराध में लिप्त साजिशकर्ता दोषियों के विरूद्ध पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई? यदि नहीं, तो कारण बताएं तथा कब तक दर्ज की जावेगी? (घ) एस.डी.एम. कटनी के न्यायालय कलेक्टर के आदेश दिनांक 16.07.2018 में विगत दो वर्षों में क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की गई तो कब तक की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) न्यायालय कलेक्टर कटनी के प्रकरण क्रमांक/25/अ-21/17-18, पारित आदेश दिनांक 16.07.2018 में आदिवासी भूमिस्वामी श्री संतराम के स्वत्व की भूमि मेहरूनिशा के नाम पर कैसे आई इस संबंध में जांच कर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही हेतु अनुविभागीय अधिकारी कटनी को निर्देशित किया गया था। प्रश्नांश में रजिस्ट्री शून्य किये जाने हेतु सिविल न्यायालय में प्रकरण दायर करने हेतु एस.डी.एम. कटनी को निर्देश नहीं दिये गये हैं। (ख) माननीय विधायक महोदय विधानसभा बड़वारा द्वारा दिनांक 14.10.2020 को प्रेषित पत्र कलेक्टर कार्यालय से अनुविभागीय अधिकारी कटनी को कार्यवाही हेतु प्रेषित किया गया है। माननीय विधायक महोदय का पत्र अनुविभागीय अधिकारी कटनी द्वारा अपने जावक क्रमांक 3898, दिनांक 19.10.2020 के संबंध में तहसीलदार बड़वारा को जांच हेतु प्रेषित किया गया है। पुलिस अधीक्षक कटनी को प्राप्त पत्र जांच कार्यवाही हेतु थाना बड़वारा को प्रेषित किया गया, वर्तमान में जांच लंबित है। जांच लंबित होने से प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) न्यायालय कलेक्टर द्वारा पारित आदेश के पालन में अनुविभागीय अधिकारी कटनी द्वारा दिये निर्देश पर न्यायालय तहसीलदार बड़वारा में प्रकरण क्रमांक/0203/बी-121/2020-21 दर्ज कर लिया गया है, जिसका सम्यक सुनवाई उपरान्त समुचित निराकरण किया जावेगा।
भारतीय एवं राज्य सेवा अधिकारियों के स्थानांतरण
[सामान्य प्रशासन]
10. ( *क्र. 879 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 23 मार्च, 2020 से 31 अगस्त, 2020 तक की अवधि में भारतीय प्रशासनिक सेवा/भारतीय पुलिस सेवा/राज्य प्रशासनिक सेवा/राज्य पुलिस सेवा के 680 से अधिक अधिकारियों के स्थानांतरण किये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो 01 सितम्बर, 2020 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में प्रश्नांश (क) के अनुसार किन-किन अधिकारियों के कितनी-कितनी संख्या में कब-कब, कहां-कहां से स्थानांतरण किये गये हैं तथा कौन-कौन के स्थानांतरण किन-किन कारणों से निरस्त किये गये तथा किन-किन के स्थानांतरण किन-किन कारणों से संशोधित किये गये हैं? (ग) क्या उपरोक्त किये गये स्थानांतरण प्रशासनिक न होकर राजनीति से प्रेरित हैं? यदि नहीं, तो क्या इतनी बड़ी संख्या में अधिकारियों के स्थानांतरण किये जाने से उन अधिकारियों की कार्यक्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है तथा उनका परिवार प्रभावित नहीं होता है? ऐसी स्थिति में बड़ी संख्या में स्थानांतरण किये जाने का औचित्य क्या है? (घ) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या अधिकारियों के स्थानांतरण किये जाने के लिए कोई रोस्टर/नीति है? यदि हाँ, तो उसके अनुरूप उक्त स्थानांतरण किये गये हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) उक्त अवधि में 681 अधिकारियों के स्थानांतरण किए गए हैं। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में प्रश्नांश (क) में उल्लेखित भारतीय प्रशासनिक सेवा तथा राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के स्थानांतरण, निरस्तीकरण एवं संशोधन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। भारतीय प्रशासनिक सेवा एवं राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के स्थानांतरण आदेश को निरस्त एवं संशोधन प्रशासकीय कारणों से किये गए हैं। भारतीय पुलिस सेवा एवं राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों की जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) जी नहीं। जी नहीं। अधिकारियों के स्थानांतरण नियमानुसार प्रशासकीय आधार पर किये जाते हैं। (घ) भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के स्थानांतरण सिविल सेवा बोर्ड से प्राप्त अनुशंसा के आधार पर प्रशासकीय आधार पर किये जाते हैं एवं तद्नुसार ही स्थानांतरण किये गए हैं। राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी स्थानांतरण नीति लागू है एवं तद्नुसार स्थानांतरण किये गए हैं।
विवाह सहायता राशि के वितरण में विलंब
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
11. ( *क्र. 352 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैना की जनपद पंचायत पहाड़गढ़, कैलारस, नगर परिषद जौरा, नगर परिषद कैलारस में मुख्यमंत्री विवाह सहायता योजनान्तर्गत लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2010 के तहत सेवा 2.2 विवाह सहायता योजना के लिये कितने हितग्राहियों द्वारा आवेदन प्रस्तुत किये गये, उनमें से कितने आवेदन स्वीकृत एवं कितने अस्वीकृत किये गये? मय मूल नस्ती की छायाप्रति सहित जानकारी दी जावे। (ख) वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितने प्रकरणों का निराकरण निर्धारित समय-सीमा के उपरांत किया गया है? यदि समय-सीमा उपरांत निराकरण किया गया है तो इसके लिये कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? पदनाम सहित जानकारी दी जावे। उक्त समय समस्त नस्ती कार्यालय में अवलोकन हेतु किस-किस कर्मचारी के प्रभार में थी, ऐसे कितने प्रकरण हैं, जिन्हें भुगतान हो गया है, मगर कार्यालय में नस्ती उपलब्ध नहीं है एवं शासन नियमानुसार शाखा का प्रभारी लिपिक होना चाहिये, उसके विपरीत शाखा का प्रभार समग्र सामाजिक विस्तार अधिकारी, पी.सी.ओ. एवं अन्य कर्मचारियों को क्यों दिया गया? कारण स्पष्ट करें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) की समयावधि में कितने प्रकरण स्वीकृत किये गये, जिनमें से कितने हितग्राहियों के खाते में राशि डाली जा चुकी है और कितने हितग्राहियों के खातों में राशि डाली जाना शेष है? स्वीकृत प्रकरणों में आज दिनांक तक राशि का भुगतान क्यों नहीं किया गया है? इसके लिये कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं? (घ) विवाह सहायता राशि में भ्रष्टाचार एवं अनियमितताओं की अब तक कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं? उन पर क्या-क्या कार्यवाहियां सम्पादित की गईं हैं? अद्यतन जानकारी देवें। (ड.) प्रश्नांश (क), (ख), (ग), (घ) के परिप्रेक्ष्य में लाखों रूपये की अनियमितताओं, भ्रष्टाचार एवं संबंधित रिकॉर्ड को खुर्द-बुर्द करने में एवं मनमाने तरीके से फर्जी दस्तावेज तैयार करने, जैसे कि भवन संनिर्माण कार्य एवं अन्य दस्तावेज तैयार कर राशि को खुर्द-बुर्द करने में मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद अध्यक्ष, संबंधित शाखा प्रभारी एवं अन्य दोषियों के विरूद्ध उच्च स्तरीय जांच समिति बनाकर जांच संस्थित की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जिला मुरैना की जनपद पंचायत कैलारस में स्वीकृत विवाहों की संख्या 1544 अस्वीकृत 44, नगर परिषद कैलारस में स्वीकृत 4 अस्वीकृत 02, जनपद पंचायत पहाड़गढ़ में स्वीकृत विवाहों की संख्या 1738 अस्वीकृत 355 एवं नगर परिषद जौरा में स्वीकृत 138 अस्वीकृत 26 लंबित 2 हितग्राही। मूल नस्ती सहायक श्रमायुक्त चंबल संभाग मुरैना द्वारा उपलब्ध नहीं कराई गई है। (ख) जिला मुरैना की जनपद पंचायत कैलारस, नगर परिषद कैलारस, ज.पं. पहाड़गढ़ एवं नगर परिषद जौरा में वर्ष 2018 से आज दिनांक तक विवाह सहायता राशि के प्रकरणों का समय-सीमा में निराकरण किया गया। इन निकायों में समग्र सामाजिक सुरक्षा विस्तार अधिकारी नोडल अधिकारी के रूप में नियुक्त। (ग) जिला मुरैना की जनपद पंचायत कैलारस, नगर परिषद कैलारस, ज.पं. पहाड़गढ़ एवं नगर परिषद जौरा में समस्त स्वीकृत प्रकरणों में हितग्राहियों के खातों में राशि तत्समय डाली गई है तथा 16 प्रकरण सत्यापन में अपात्र पाये जाने से निरस्त किये गये। (घ) जिला मुरैना की जनपद पंचायत कैलारस, नगर परिषद कैलारस, ज.पं. पहाड़गढ़ एवं नगर परिषद जौरा में भ्रष्टाचार एवं अनियमितताओं से संबंधित कोई प्रकरण प्राप्त नहीं हुआ। (ड.) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) के परिप्रेक्ष्य में कोई अनियमितता एवं कोई रिकॉर्ड खुर्द-बुर्द करने वाली कोई शिकायत नहीं होने के कारण कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सहा. यंत्री, सिविल उपखण्ड भोपाल के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
12. ( *क्र. 906 ) श्री अर्जुन सिंह काकोडि़या : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सहायक यंत्री सिविल उपखण्ड भोपाल के विरूद्ध वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं तथा उन शिकायतों की जांच में कौन-कौन दोषी पाया गया तथा दोषियों पर आज पर्यन्त तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) श्री हेमन्त कश्यप, सहायक यंत्री, सिविल उपखण्ड भोपाल की शिकायत की जांच प्रश्न दिनांक तक हुई या नहीं? (ग) वित्तीय अनियमितताओं की जांच में अभी तक कौन-कौन दोषी पाया गया है तथा दोषियों के विरूद्ध प्रश्न दिनांक तक क्या अनुशासनात्मक कार्यवाही की गई है? जन प्रतिनिधियों की बार-बार शिकायतों के बाद भी प्रश्न दिनांक तक उक्त अधिकारी का अन्यत्र स्थानांतरण किया गया या नहीं? (घ) हाँ तो कब? नहीं तो क्यों नहीं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) सहायक यंत्री, सिविल उपखण्ड भोपाल संभाग भोपाल के विरूद्ध 2013 से प्रश्न दिनांक तक प्रमुख अभियंता कार्यालय को कुल 08 शिकायत प्राप्त हुईं हैं। शिकायत की जांच प्रक्रियाधीन है, इस कारण दोषी एवं दोषियों पर आज तक कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) शिकायत की जांच प्रक्रियाधीन है। (ग) वित्तीय अनियमितताओं की जांच की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। जांच पूर्ण होने के पश्चात दोषियों के विरूद्ध आवश्यकता अनुसार अनुशासनात्मक एवं स्थानान्तरण की कार्यवाही की जावेगी। (घ) उत्तरांश (ग) के अनुसार।
मान. संसद सदस्यों एवं विधायकों के पत्रों पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
13. ( *क्र. 512 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन के पत्र क्रमांक एफ 19/76/2007/1/4, भोपाल दिनांक 06 अगस्त, 2012 एवं समय-समय पर जारी अन्य पत्रों द्वारा मान. संसद सदस्यों एवं विधायकों के पत्रों पर कार्यवाही एवं आमंत्रण के संबंध में निर्देश एवं निर्देशों की अवहेलना पर अवचार समझे जाने, निलंबन एवं अनुशासनात्मक कार्यवाही किए जाने के निर्देश जारी किए गए थे? वर्तमान में इस संबंध में शासन के नवीनतम निर्देश क्या हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अन्तर्गत संपूर्ण मध्यप्रदेश की किस-किस विधान सभा में इन निर्देशों का पालन हो रहा है एवं जिन विधान सभाओं में पालन नहीं हो रहा है तो क्यों? निर्देशों की अवहेलना पर क्या कार्यवाही की गई है तथा कब एवं किस प्रकार इन निर्देशों का पालन सुनिश्चित किया जावेगा? (ग) मुड़वारा विधानसभा में जिला प्रशासन, नगर पालिक निगम कटनी, महाविद्यालयों तथा अन्य सभी विभागों द्वारा जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक कौन- कौन से कार्यक्रम एवं बैठक आयोजित किए गए एवं प्रश्नांश (क) अन्तर्गत उल्लिखित निर्देशों के अनुसार किस अधिकारी/कर्मचारी द्वारा स्थानीय विधायक को आमंत्रण प्रदान किया गया एवं क्या बैठक व्यवस्था गरिमा के अनुकूल वारंट ऑफ प्रेसीडेंट के आधार पर की गई? पूर्ण विवरण प्रदान करें? यदि नहीं, तो, कारण बतायें एवं जवाबदार अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। नवीनतम निर्देश क्रमांक एफ 19-76/2007/1/4, दिनांक 11 दिसम्बर, 2019 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्रों में शासन निर्देशों का पालन किया जाता है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) कटनी जिले के अंतर्गत जिला प्रशासन, नगर पालिका निगम कटनी, महाविद्यालयों एवं अन्य सभी विभागों द्वारा जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक आयोजित कार्यक्रम एवं बैठक तथा उपरोक्त शासनादेश के परिपालन में माननीय स्थानीय विधायक को आमंत्रण प्रदान किये जाने संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
किसानों द्वारा विक्रय की गई उपज का भुगतान
[सहकारिता]
14. ( *क्र. 507 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कोलारस विधानसभा क्षेत्र में सभी शासकीय कृषि उपार्जन केन्द्रों पर वर्ष 2018, 2019 एवं 2020 में विभिन्न सोसायटियों के अंतर्गत पंजीकृत किसानों के द्वारा विक्रय की गई चना, उड़द सहित अन्य सभी कृषि उपजों के विक्रय मूल्य का लंबित भुगतान कर दिया गया है? क्या प्रश्न दिनांक की स्थिति में किसी भी किसान का भुगतान शेष नहीं है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि उपज के विक्रय मूल्य का भुगतान लंबित है, तो कितने किसानों का कौन-कौन सी उपज का कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया जाना शेष है? सोसायटीवार, उपजवार किसानों की संख्या व राशि सहित लंबित भुगतान की सूची उपलब्ध करावें। किसानों की उपज के मूल्य का भुगतान अब तक क्यों नहीं किया जा सका? कारण बताएं। इस हेतु कौन-कौन से अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? उनके नाम बताएं। (ग) यदि किसानों का भुगतान फसल के विक्रय होने के वर्षों बाद भी प्रश्न दिनांक तक लंबित है, तो इस हेतु दोषी व्यक्तियों पर क्या कार्यवाही कब-तक की जावेगी, किसानों का लंबित भुगतान उन्हें कब तक कर दिया जावेगा?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
मुरैना जिलांतर्गत स्वीकृत कार्यों को पूर्ण किया जाना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
15. ( *क्र. 257 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैना में दिनांक 01 अप्रैल, 2019 से प्रश्न दिनांक तक कितने नवीन हैण्डपम्प, स्कीम बोर एवं नल-जल योजना स्वीकृत की गई हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत कार्यों में से मुरैना जिले की किस-किस विधान सभा में उक्त कार्य हुए? विधान सभावार सूची उपलब्ध करावें। (ग) विधान सभा क्षेत्र सबलगढ़ में स्वीकृत एवं प्रश्नकर्ता द्वारा मांगे गए उक्त कार्य कब तक शुरू किये जावेंगे एवं विधान सभा में खनित नवीन हैण्डपम्पों में सामान कब तक डाला जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में 2563 हैण्डपंप तथा 65 नल-जल योजनाएं स्वीकृत की गयीं, इस अवधि में कोई स्कीम बोर स्वीकृत नहीं किये गये हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 एवं 2 के अनुसार है। (ग) कार्य प्रगति पर है, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
दिमनी विधान सभा क्षेत्र में शासकीय महाविद्यालय की स्थापना
[उच्च शिक्षा]
16. ( *क्र. 599 ) श्री रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैना की दिमनी विधान सभा क्षेत्र में छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए कुल कितने शासकीय महाविद्यालय कब-कब स्थापित किये गये हैं? यदि नहीं, किये गये तो इसके लिये कौन दोषी है एवं दिमनी विधान सभा क्षेत्र में शासकीय महाविद्यालयों की स्थापना हेतु क्या कार्ययोजना एवं प्रस्ताव उच्च शिक्षा विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक तैयार की गई है? स्पष्ट जानकारी संक्षेपिका सहित देवें। (ख) क्या दिमनी विधान सभा क्षेत्र में विगत कई वर्षों से छात्र-छात्राओं द्वारा शासकीय महाविद्यालय, शासकीय आई.टी.आई. खोले जाने की मांग की जा रही है, जिस पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा शासकीय महाविद्यालय खोले जाने की घोषणाएं की गईं हैं? यदि हाँ, तो कब तक दिमनी विधानसभा क्षेत्र में नवीन शासकीय महाविद्यालय खोले जाने संबंधी प्रस्ताव विभाग द्वारा तैयार किया जाकर इस हेतु बजट निर्धारित कर शासकीय महाविद्यालय कब तक खोल दिया जाएगा? (ग) दिमनी विधान सभा क्षेत्र के छात्र-छात्राएं उच्च अध्ययन के लिए विशेष रूप से कहां जाते हैं एवं कैसे उच्च शिक्षा ग्रहण करते हैं? (घ) क्या माननीय मंत्री महोदय उक्त दिमनी विधान सभा में छात्र-छात्राओं एवं जनप्रतिनिधि की मांग के आधार पर शासकीय महाविद्यालय खोले जाने की घोषणा करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) दिमनी विधानसभा क्षेत्र में कोई शासकीय महाविद्यालय स्वीकृत नहीं है। वर्तमान में नवीन महाविद्यालय प्रारंभ करने हेतु निर्धारित मापदण्डों की पूर्ति नहीं होने से उन्हें स्वीकृत नहीं किया जा सका है। (ख) जी हाँ। दिमनी में नवीन शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ करने संबंधी कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) दिमनी विधानसभा क्षेत्र के छात्र-छात्राएं निकटतम शासकीय कन्या महाविद्यालय, मुरैना एवं शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, मुरैना तथा अशासकीय सी.पी.एस. महाविद्यालय, बड़गांव में अध्ययन कर रहे हैं। (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जल जीवन मिशन अंतर्गत स्वीकृत योजनाएं
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
17. ( *क्र. 544 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में जल जीवन मिशन के अंतर्गत कौन-कौन सी योजनाएं स्वीकृत की गई हैं? योजनाओं के नाम, लागत, निर्माण ऐजेन्सी सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विदिशा जिले में जल जीवन मिशन के अंतर्गत कौन-कौन सी योजनाएं स्वीकृत की गई हैं? कौन-कौन सी योजनाएं प्रस्तावित हैं? वर्तमान में विदिशा जिले में कौन-कौन सी नल-जल योजनाएं संचालित हैं? कितनी बंद हैं? योजनावार जानकारी देवें। (ग) मध्यप्रदेश में 01 जनवरी, 2019 से प्रश्नांकित दिनांक तक विदिशा जिले में कितने हैण्डपंप स्वीकृत किये गये तथा किस-किस विकासखण्ड में कितने-कितने हैण्डपंप खनन कौन-कौन सी शासकीय एजेन्सी या निजी एजेन्सी द्वारा कराये गये? विकासखण्डवार, ग्रामवार जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में विदिशा जिले में 01 अप्रैल, 2016 से प्रश्नांकित अवधि तक कितने-कितने हैण्डपंपों में मोटर डाली गई हैं? कितनी मोटर चालू हैं? कितनी मोटर बंद हैं? कितनी मोटर खराब हैं? ग्राम पंचायतवार, स्थलवार सूची उपलब्ध करावें। 01 जनवरी, 2019 से विभाग द्वारा कितनी सिंगल फेस की मोटर क्रय की गई हैं एवं किस विकासखण्ड को मोटर दी गई है? जिलेवार जानकारी उपलब्ध करावें। मोटर किसके द्वारा क्रय की गई एवं उस पर कितनी राशि व्यय की गई? (ड.) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में किन-किन नल-जल योजनाओं का अधिकारियों द्वारा मौके पर जाकर निरीक्षण किया गया है? निरीक्षण के दौरान क्या-क्या कमियाँ पाई गईं? कमियाँ दूर करने के लिए उन पर क्या कार्यवाही की गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
खण्डवा में शासकीय लीज़ भूमि का दुरुपयोग
[राजस्व]
18. ( *क्र. 731 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा नगरीय क्षेत्र में शिक्षा एवं अन्य व्यवसायिक उपयोग के लिये किन-किन व्यक्ति/संस्थाओं को पिछले 10 साल में कितनी शासकीय भूमि लीज़ पर दी गई है? (ख) क्या लीज़ की शर्तों के अनुसार भूमि का उपयोग किया जा रहा है? यदि नहीं, तो वर्तमान में उस भूमि का क्या उपयोग किया जा रहा है? (ग) क्या खण्डवा नगर में शासकीय लीज़ भूमि का मद परिर्वतन किया जाकर अन्य व्यवसाय जैसे :- होटल, कॉलोनी निर्माण इत्यादि कार्य किये जा रहे हैं, जिससे शासन को करोड़ों रुपये की राजस्व हानि हो रही है? इसके लिये कौन अधिकारी जिम्मेदार है? (घ) क्या शासकीय लीज़ भूमि का मद परिवर्तन करने वाले ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों के विरुद्ध निलंबन एवं विभागीय जाँच की कार्यवाही तथा लीज़ धारकों की लीज़ निरस्त कर भूमि को शासकीय अधिपत्य में लिये जाने की कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) खण्डवा नगरीय क्षेत्र शहर में नजूल ब्लॉक नं. 16 के प्लाट नं. 14/2 क्षेत्रफल 23376 वर्गफिट भूमि अध्यक्ष श्री बाल कल्याण समिति खण्डवा को शिक्षा उपयोग हेतु दी है। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) निमाड़ एजुकेशन सोसायटी खण्डवा को खण्डवा शहर में स्थित नजूल भूमि ब्लॉक नं. 70 प्लाट नं. 17 क्षेत्रफल 2,18,210 वर्गफीट तथा ब्लॉक नं. 73 प्लाट नं. 1 क्षेत्रफल 34,834 वर्गफीट भूमि शून्य भू-भाटक पर अनुकूल शर्तों पर 5 वर्ष की अवधि के लिए प्ले ग्राउण्ड हेतु 1953 तक की अवधि के लिए लीज़ पर दी गई थी। निमाड़ एजुकेशन सोसायटी द्वारा शासकीय लीज़ भूमि को फ्री-होल्ड में समपरिवर्तन कराया जाकर तत्पश्चात रेस्टोरेंट का निर्माण किया गया। उक्त फ्री-होल्ड के आदेश को जिला कलेक्टर द्वारा पुनर्विलोकन में लिया जाकर उक्त भूमि एवं उस पर निर्मित परिसम्पत्तियों को शासन में वेष्ठित करने की कार्यवाही की गई। वर्तमान में माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में प्रकरण प्रचलित होकर यथास्थिति के आदेश होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। न्यायालयीन प्रकरण के तहत यथास्थिति के आदेश होने के कारण न्यायालय के निर्णय के अधीन कार्यवाही की जावेगी।
विभागीय योजनाओं का क्रियान्वयन
[पशुपालन]
19. ( *क्र. 280 ) श्री संजय उइके : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा विभाग को आदिवासी हितग्राहियों हेतु डेयरी विकास परियोजना एवं बैकयार्ड पोल्ट्री फार्म योजना अंतर्गत राशि प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस योजना में कितनी-कितनी राशि कब-कब प्राप्त हुई, कब कितनी राशि समर्पित की गई कब कितनी राशि पुनरावंटन में प्राप्त हुई? (ख) डेयरी विकास परियोजना में किन-किन जिलों में कितनी राशि कब आवंटित की गई, आवंटन के विरूद्ध कौन-कौन सी सामग्री/उपकरण कितनी-कितनी राशि के कब खरीदे गए, योजनानुसार कितनी समितियों का गठन किया गया एवं कितनी समितियों का नहीं किया गया, योजनानुसार प्रत्येक समिति को कितनी मात्रा का दुग्ध एकत्रीकरण/उत्पादन किया जाना था, उसके विरूद्ध कितना किया गया? समिति द्वारा प्रति माह कितनी राशि का दुग्ध एकत्रीकरण/उत्पादन किया गया? जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) बैकयार्ड पोल्ट्री फार्म योजना में किन-किन जिलों में कितनी राशि किन कार्यों/प्रशिक्षण/खरीदी में व्यय की गयी? योजनावार समिति/हितग्राहियों के खातों में कितनी राशि कब डाली गई एवं कितनी राशि शेष है? योजनानुसार प्रश्न दिनांक तक कितना कार्य पूर्ण हो चुका है? किए गए व्यय की जानकारी देवें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) महिला आदिवासी डेयरी विकास परियोजना वर्ष 2015-16 में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा स्वीकृत की गई। प्रदेश के 06 जिलों में परियोजना क्रियान्वयन हेतु वर्ष 2015-16 की स्वीकृत राशि रूपये 2668.66 लाख माह दिसम्बर 2016 में तथा वर्ष 2016-17 की स्वीकृत राशि रूपये 1078.62 लाख माह मार्च 2017 में एम.पी.सी.डी.एफ. को प्राप्त हुई। परियोजना के अधीन सम्पूर्ण विमुक्त राशि रूपये 3747.28 में से कुल राशि रूपये 3722.28 लाख का उपयोग किया गया। शेष राशि रूपये 25.00 लाख जिला बालाघाट में ई.टी.पी. संयंत्र अन्य परियोजना के तहत स्वीकृत करने का निर्णय लिया गया है। वर्तमान में राशि समर्पित करने की कार्यवाही प्रचलन में है। परियोजना का क्रियान्वयन धार, झाबुआ, बड़वानी, छिंदवाड़ा, बालाघाट, सिवनी, जिलों में किया गया 240 दुग्ध समिति गठन का लक्ष्य था, जो शत-प्रतिशत किया गया। जिलेवार आवंटित राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। आवंटित राशि से खरीदी गई सामग्री/उपकरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। संकलित/एकत्रित दूध तथा दुग्ध उत्पादों की भुगतान की गई राशि की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ई'' अनुसार है।
पात्र हितग्राहियों को राशन पर्ची का प्रदाय
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
20. ( *क्र. 284 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिला अंतर्गत शासन द्वारा निर्धारित 23 पात्रताधारी श्रेणी के अंतर्गत कितने हितग्राही शा.उ.मू. दुकानों से राशन सामग्री प्राप्त करने हेतु पात्रता श्रेणी में है? इनमें से कितनों को राशन पर्ची प्रदाय की गई एवं कितनों को राशन पर्ची प्रदाय की जाना शेष है? शेष रहने के कारण सहित हितग्राहियों की संख्यात्मक जानकारी जनपदवार, नगरीय निकायवार उपलब्ध करायें। (ख) विगत चार माह में पात्रता की 23 श्रेणियों के निर्धारित मापदण्डों के अंतर्गत कितने हितग्राहियों ने जनप्रतिनिधियों के माध्यम से अथवा स्वयं के द्वारा विभाग में राशन पर्ची प्रदाय किये जाने हेतु आवेदन दिये? दिये गये आवेदनों के क्रम में अभी तक राशन पर्ची नहीं दिये जाने के विलम्ब के कारण सहित जानकारी उपलब्ध करायें एवं कब तक राशन पर्ची दी जायेगी? (ग) जिला अंतर्गत ऐसे कितने हितग्राही हैं, जिनको अंत्योदय या अन्य योजना की राशन पर्ची दी गई थी, किन्तु वर्तमान में विभाग द्वारा राशन पर्ची का सत्यापन नहीं होने से पात्रता श्रेणी से बाहर होने के कारण राशन सामग्री प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं, के कारण सहित जानकारी दें कि ऐसे हितग्राहियों की राशन पर्ची का सत्यापन कब तक किया जायेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) विदिशा जिले में N.F.S.A. अंतर्गत पात्रता श्रेणियों में कुल 207616 पात्र परिवार शासकीय उचित मूल्य दुकानों से राशन सामग्री प्राप्त करने हेतु सम्मिलित हैं। इनमें से 205526 हितग्राहियों को पात्रता पर्ची प्रदाय की जा चुकी है तथा इन परिवारों की मासिक राशन की पात्रता पी.ओ.एस. मशीन पर प्रदर्शित करायी गयी है। माह नवम्बर-दिसम्बर में 3377 पात्र परिवारों हेतु जारी पात्रता पर्ची में से 1287 का वितरण स्थानीय निकायों के माध्यम से किया जा चुका है। हितग्राहियों को राशन मित्र पोर्टल से स्वयं पात्रता पर्ची डाउनलोड करने की सुविधा भी उपलब्ध करायी गयी है। शेष 2090 पात्रता पर्चियों के वितरण की कार्यवाही प्रचलित है, जिनकी जनपदवार, नगरीय निकायवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विगत चार माह में जन प्रतिनिधियों के माध्यम से 55 एवं 228 स्वयं व अन्य माध्यम से कुल 283 आवेदन पात्रता पर्ची हेतु प्राप्त हुए, इनमें से 194 को पात्रता पर्ची जारी कर वितरित की जा चुकी है। 33 आवेदनों की स्वीकृति की कार्यवाही माह दिसम्बर में पूर्ण कर ली गयी है, 43 आवेदकों के दस्तावेज परीक्षण, सत्यापन की कार्यवाही पंचायत/वार्ड कार्यालय द्वारा की जा रही है। 13 आवेदन अपात्र पाए जाने से निरस्त किए गए हैं। नवीन आवेदकों द्वारा स्थानीय निकाय कार्यालयों के माध्यम से आवेदन करना, उनकी पात्रता व दस्तावेज का परीक्षण, सत्यापन व स्वीकृति की कार्यवाही एक सतत् प्रक्रिया है। पात्र पाए गए लाभार्थियों को मासिक आवंटन के समय पात्रता पर्ची जारी की जाती है। (ग) विदिशा जिले में विवाह हो जाने से परिवार से पृथक हुई महिला सदस्य/मृत्यु/दोहरे होने आदि कारण से स्थानीय निकाय के द्वारा चिन्हांकित किये जाने से 14502 अपात्र परिवारों की पात्रता पोर्टल से अस्थायी रूप से रोकी गयी, जिसमें से कुल 506 परिवारों के द्वारा पुन: पात्रता पर्ची हेतु स्थानीय निकायों में आवेदन किये गए। इन 506 परिवारों में से 101 परिवारों के द्वारा वैध दस्तावेजों के साथ किये गए आवेदन अनुसार इनकी पात्रता पर्ची जारी की गई है तथा 405 परिवारों के आवेदनों का परीक्षण व सत्यापन किया जा रहा है, आवेदक परिवारों को पात्र पाए जाने पर मासिक आवंटन के साथ पात्रता पर्ची जारी करने की व्यवस्था है।
न्यायालय में चल रहे प्रकरण की अद्यतन स्थिति
[सहकारिता]
21. ( *क्र. 674 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्र. 527, दिनांक 22.09.2020 के (ख) उत्तर अनुसार चल रहे प्रकरण की चार तारीखों में अलग-अलग अधिवक्ता उपस्थित हुए, ऐसा क्यों? क्या कारण है कि विभाग इस प्रकरण में गंभीरता नहीं बरत रहा है? क्या यह भ्रष्टाचार व सांठ-गांठ का संकेत नहीं है? (ख) किस कारण इस प्रकरण में दिनांक 12.04.2019 से आज तक कोई तारीख नहीं लगी? (ग) इसके जिम्मेदार अधिकारी का नाम, पदनाम देकर बतावें कि शासन उन पर कब तक कार्यवाही करेगा? (घ) शासन कब तक स्थायी अधिवक्ता इस प्रकरण में नियुक्त कर इसके निराकरण की दिशा में आगे बढ़ेगा?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) प्रकरण में न्यायालयीन कार्य सुविधा की दृष्टि से महाधिवक्ता कार्यालय द्वारा समय-समय पर शासकीय अधिवक्ता परिवर्तित किये जाते हैं। इसी तारतम्य में अलग-अलग तिथियों पर अलग-अलग शासकीय अधिवक्ता पैरवी हेतु न्यायालय के समक्ष उपस्थित हुये। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता, कारण प्रकरण में माननीय उच्च न्यायालय के सम्मुख प्रतिरक्षण महाधिवक्ता कार्यालय द्वारा नियुक्त शासकीय अभिभाषक करते हैं, अतः विभाग स्तर से, सांठ-गांठ का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) चूंकि प्रकरण दिनांक 12.04.2019 से अंतिम सुनवाई हेतु नियत है और जिसकी आगामी सुनवाई की तारीख माननीय उच्च न्यायालय की रजिस्ट्री द्वारा ही नियत की जायेगी, इस हेतु कोई तारीख न लगने का कारण बताना संभव नहीं है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) महाधिवक्ता कार्यालय से इस संबंध में निवेदन किया गया है।
मण्डला व बालाघाट जिले में गुणवत्ताहीन चावल का वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
22. ( *क्र. 528 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केंद्र सरकार की टीम के द्वारा 30 जुलाई से 2 अगस्त 2020 के बीच एवं माह सितम्बर 2020 में किन-किन वेयरहाउस/राशन दुकानों से चावल के सैंपल लिए गए थे? (ख) क्या उपरोक्त सैम्पलों की रिपोर्ट में उक्त चावल पोल्ट्री ग्रेड का बताया गया था? यदि हाँ, तो मण्डला व बालाघाट जिले में किन-किन राइस मिल मालिकों व विभागीय अधिकारियों को इसमें दोषी पाया गया एवं उनके विरुद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? इस तरह का कुल कितना चावल गरीबों में वितरण किया गया? (ग) क्या गुणवत्ताहीन चावल मिल मालिकों को वापस कर गुणवत्तापूर्ण चावल प्रदाय करने एवं वेयरहाउसों में जमा कराने के दौरान उसकी वीडियोग्राफी की प्रक्रिया निर्धारित की गई थी? यदि हाँ, तो क्या मण्डला जिले में चावल जमा कराने के दौरान सभी वेयरहाउसों में वीडियोग्राफी कराई गई? यदि नहीं, तो इसमे कौन-कौन दोषी हैं व उनके विरुद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी? (घ) इस मामले में किस-किस के विरुद्ध एफ.आई.आर. दर्ज की जा चुकी है? क्या राइस मिल मालिकों द्वारा प्रदाय उपरोक्त घटिया चावल अन्य राज्यों से लाया गया था? यदि हाँ, तो क्या इस मामले की सी.बी.आई. से जांच कराई जाएगी?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। बालाघाट जिले के प्रभारी जिला प्रबंधक एवं 3 कर्मियों तथा मण्डला जिले के जिला प्रबंधक एवं एक कनिष्ठ सहायक के विरूद्ध आरोप पत्र जारी किए गए हैं। विभागीय जांच की कार्यवाही प्रचलन में है। चावल का वितरण नहीं किया गया। (ग) गुणवत्ताहीन चावल मिल मालिकों को वापस कर गुणवत्ताहीन चावल प्रदाय करने एवं वेयरहाउसों में जमा कराने के दौरान उसकी वीडियोग्राफी की प्रक्रिया निर्धारित नहीं की गई थी, जिस कारण मण्डला जिले में चावल जमा कराने के दौरान वीडियोग्राफी नहीं कराई गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रकरण में EOW द्वारा जांच की कार्यवाही प्रचलन में है। जांच प्रक्रियाधीन होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बैकलॉग के रिक्त पदों की पूर्ति
[सामान्य प्रशासन]
23. ( *क्र. 760 ) श्री सीताराम : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सहरिया (आदिवासी) पढ़े लिखे युवा बेरोजगार बच्चों के लिये बैकलॉग भर्तियां निकालने की कार्यवाही कब तक की जावेगी? (ख) क्या ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, श्योपुर तथा दतिया में जिलेवार बैकलॉग के खाली पद रिक्त हैं? यदि हाँ, तो जिलेवार सूची उपलब्ध करायें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) सहरिया जनजाति का पृथक से बैकलॉग नहीं होता। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्याज खरीदी में अनियमितता
[सहकारिता]
24. ( *क्र. 590 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 455, दिनांक 22.09.2020 खण्ड (क) के सन्दर्भ में प्रमुख सचिव को लिखे गए पत्र का उत्तर प्रश्नकर्ता को क्यों नहीं दिलाया जा रहा है? पत्र का तत्काल उत्तर दिलाया जाकर प्रश्नकर्ता की मांग पर की गई जांच की अनुशंसा से प्रश्नकर्ता को क्यों नहीं अवगत कराया गया तथा जांच आठ माह बाद क्यों की गई, इस विलम्ब का कौन जिम्मेदार है? (ख) उपरोक्त संदर्भित प्रश्न के खण्ड (ख) और (ग) के सन्दर्भ में बतावें कि जिला स्तरीय दोनों पत्रों के संज्ञान में लिये बिना निर्णय क्यों लिये तथा खण्ड (द) के सन्दर्भ में बतावें की खराब प्याज उठाने वाली समिति के कौन-कौन से दस्तावेज देखे गये, उनकी सबकी प्रति देवें तोल कांटे की रसीद भी उपलब्ध कराएं तथा वीडियो रिकार्डिंग की सी.डी. उपलब्ध कराएं। (ग) क्या प्रश्नाधीन प्रश्न के खण्ड ''घ'' से स्पष्ट है कि 23.07.2017 को 1500 मेट्रिक टन प्याज अच्छी स्थिति का था, तभी वह पूर्व से 45 प्रतिशत अधिक दर पर नीलाम हुआ? यदि हाँ, तो पूर्व की नीलामी से इस प्याज के खराब होने का क्या सम्बन्ध है? (घ) क्या अगर 23.07.2019 को नीलाम किया प्याज खराब होता तथा मात्रा में 1500 मेट्रिक टन नहीं होता तो 06 अधिकारियों की उपस्थिति में 05 बड़े व्यापारी पहले से 50 प्रतिशत अधिक मूल्य की बोली नहीं लगाते? (ड.) क्या 1500 मेट्रिक टन प्याज नीलाम करने के बाद उसकी सारी जिम्मेदारी नीलामकर्ता और खरीददार की होना चाहिये? यदि नहीं, तो उसे नीलाम क्यों किया गया?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) प्रश्नकर्ता माननीय सदस्य द्वारा प्रमुख सचिव, सहकारिता विभाग को पत्र क्र./एस.सी.एस.सी./76/2020, दिनांक 31.01.2020 प्रेषित किया गया था, यही पत्र प्रमुख सचिव म.प्र. शासन, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग को पत्र क्र./एस.सी.एस.सी./19/1276, दिनांक 29.11.2019 को प्रेषित किया गया था। वर्ष 2017 में प्याज नीलामी का कार्य एम.पी. स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन लिमिटेड भोपाल द्वारा किया गया था, जिसका प्रशासकीय विभाग खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग है। अत: माननीय सदस्य द्वारा प्रमुख सचिव सहकारिता को प्रेषित पत्र विभागाध्यक्ष के स्तर से म.प्र. स्टेट सिविल सप्लाईज कॉर्पोरेशन को की गई कार्यवाही से अवगत कराने हेतु प्रेषित किया गया है। प्रमुख सचिव, म.प्र. शासन खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग को प्रेषित किये गये पत्र की जांच पश्चात खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा पत्र क्र./1567/1860/2020/29-1, दिनांक 22 सितम्बर, 2020 से माननीय सदस्य को वस्तुस्थिति से अवगत करा दिया गया है, तदनुसार आयुक्त सहकारिता के कार्यालय स्तर से भी माननीय सदस्य को पत्र क्र./विप./विप.संघ./2020/2559, दिनांक 21.12.2020 से अवगत कराया गया है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते। (ख) जिला प्रबंधक रतलाम द्वारा मेसर्स बागबान ट्रेडिंग कंपनी के पत्र दिनांक 07.09.2017 एवं स्मरण पत्र दिनांक 15.09.2017 का उत्तर अपने पत्र क्र. 576 रतलाम दिनांक 04.10.2017 से देते हुए विनिष्टीकरण की राशि वसूली की कार्यवाही किये जाने का उल्लेख किया गया है। संपूर्ण प्रकरण जिला स्तरीय समिति के संज्ञान में लिया गया। जिला स्तरीय उपार्जन समिति के समक्ष खराब प्याज के निराकरण के संबंध में प्रस्तुत किये गये दस्तावेजों, तौल कांटा पर्ची एवं वीडियो रिकार्डिंग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1, 2 एवं 3 अनुसार है। (ग) रतलाम मण्डी में लगभग 34,500 मे.टन प्याज सेवा सहकारी संस्था धराड़ द्वारा उपार्जित कर रखी गयी। मेसर्स बागवान ट्रेडिंग कम्पनी द्वारा दिनांक 14.07.2017 को 2500 मे.टन प्याज रूपये 2040 प्रति टन नीलामी में क्रय किया, किन्तु मात्र 872.53 मे.टन का ही उठाव किया गया। शेष मात्रा का उठाव न करने के कारण पुनः नीलामी की कार्यवाही की गयी। दिनांक 23.07.2017 को 145.62 मे.टन ही बाजार में प्रचलित दर के अनुरूप रू. 2920/- प्रति मे.टन की दर पर विक्रय हो सका। बाकी मात्रा को पुनः नीलाम करने पर मात्र 122.125 मे.टन ही रू. 2020/- प्रति मे.टन की दर पर नीलाम हो सका। सूखत एवं सड़न पश्चात शेष मात्रा 1232.25 मे.टन अत्यंत खराब होने के कारण किसी क्रेता द्वारा नहीं ली गई तथा अंततः उसके विनिष्टीकरण की कार्यवाही सेवा सहकारी संस्था धराड़ द्वारा की गई। (घ) दिनांक 23.07.2017 को कृषि उपज मण्डी रतलाम के विभिन्न शेड्स में लगभग 1500 मे.टन अनुमानित प्याज उपलब्ध था। बागवान ट्रेडिंग कंपनी द्वारा समय-सीमा में प्याज नहीं उठाने एवं छटाई के दौरान फैलाने के कारण, प्याज बारिश में भीग गया। उस समय खराब प्याज भी अच्छी दर पर बिक रही थी, इसलिए 145.62 मे.टन रू. 2920/- प्रति मे.टन दर पर मेसर्स आर.एम. ट्रेडर्स को विक्रय हुआ। इसके पश्चात 400 मे.टन प्याज को रू. 2020/- प्रति मे.टन की दर से रतलाम ओनियन कंपनी को नीलाम किया गया, किन्तु रतलाम ओनियन कंपनी द्वारा अनुबंध नहीं करने एवं प्याज न उठाने के कारण उनकी जमा राशि जप्त कर दिनांक 04.08.2017 को शेष मात्रा की नीलामी की गयी, किन्तु मेसर्स ओमबना ट्रेडर्स द्वारा 400 मे.टन राशि रू. 2020/मे.टन पर क्रय हेतु ऑफर दिया, किन्तु 122.125 मे.टन का ही उठाव किया गया। शेष मात्रा 1232.255 मे.टन अत्यंत खराब होने के कारण किसी क्रेता द्वारा नहीं ली गई तथा अंततः उसके विनिष्टीकरण की कार्यवाही सेवा सहकारी संस्था धराड़ द्वारा की गई। (ड.) मेसर्स बागवान ट्रेडिंग कम्पनी द्वारा पूरी मण्डी में छांट-छांट कर प्याज लेने एवं पूरी मण्डी में प्याज को फैला दिया था, फलस्वरूप दिनांक 21.07.2017 को एस.डी.एम. रतलाम द्वारा भी समक्ष में निर्देश दिये कि क्रेता 24 घंटे में मण्डी समिति एवं जिला प्रबंधक से संपर्क कर पूरी मात्रा की डिलेवरी प्राप्त करें, किन्तु उनके द्वारा उठाव न किये जाने की स्थिति निर्मित होने के कारण विभिन्न दिनांकों में हानि को सीमित करने हेतु प्याज की नीलामी करने का निर्णय जिला उपार्जन समिति द्वारा लिया गया। अंततः जो प्याज नीलाम नहीं हो सकी, उसका संबंधित सेवा सहकारी समिति धराड़ द्वारा विनिष्टीकरण कराया गया।
सहा. प्राध्यापक/प्राध्यापकों की विशेष कर्तव्यस्थ के रूप में पदस्थापना
[उच्च शिक्षा]
25. ( *क्र. 770 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन आयुक्त उच्च शिक्षा कार्यालय में कितने सहायक प्राध्यापक/प्राध्यापक विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी के रूप में तथा कब से पदस्थ हैं? म.प्र. शासन उच्च शिक्षा विभाग के द्वारा सहायक प्राध्यापक तथा प्राध्यापक के सेवा भर्ती नियमों में इनका कार्य क्या बताया गया है? (ख) क्या उच्च शिक्षा संचालनालय में कार्यालयीन कर्मचारी पदस्थ नहीं है, जो एक विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी द्वारा विगत दो वर्षों से दसों (more than 10) सहायक प्राध्यापक तथा प्राध्यापकों को विभिन्न कार्यालयीन कार्यों हेतु आसंजित किया जाता है, जिससे हजारों छात्रों को अध्ययन का नुकसान होता है? (ग) क्या विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी डॉ. धीरेन्द्र शुक्ला विगत दो वर्षों से शासकीय पी.जी. महाविद्यालय इटारसी में भी एन.सी.सी. अधिकारी हैं तथा विगत 2017 से पी.जी. कॉलेज इटारसी से इस बाबत मानदेय प्राप्त कर रहे हैं? क्या शासन इन्हें प्रति शनिवार, रविवार, इटारसी जाने हेतु भत्ता या पेट्रोल की राशि देता है? यदि हाँ, तो ऐसे सक्षम प्रोफेसर को उसका मूल कार्य क्यों नहीं करने दिया जा रहा है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। सहायक-प्राध्यापक/प्राध्यापक के पद शैक्षणिक सेवा के हैं। (ख) जी नहीं, है। सहायक-संचालक/उप-संचालक/अतिरिक्त-संचालक के पद रिक्त होने के कारण कार्य की आवश्यकता के अनुसार विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी को संचालनालय में अस्थायी रूप से पदस्थ किया गया है। (ग) जी हाँ। जी नहीं। जी नहीं।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
विधानसभा
क्षेत्र
पनागर के
अंतर्गत
ग्राम पंचायत
कालाडूमर की
नलजल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
1. ( क्र. 7 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम पंचायत कालाडूमर की नलजल योजना जुलाई 2019 में स्वीकृत हुई, जनवरी 2020 में टेंडर स्वीकृत हुये एवं मार्च 2020 में वर्क ऑर्डर जारी किये गये? (ख) यदि हाँ, तो क्या योजना के अनुसार ओवर हेड टैंक निर्माण हेतु स्वीकृत स्थल पर निजी व्यक्ति का कब्जा होने के कारण निर्माण नहीं हो रहा है? (ग) यदि हाँ तो विभाग ने अब तक कब्जा क्यों नहीं हटाया? (घ) यदि नहीं तो 1 वर्ष व्यतीत हो जाने के बावजूद ओवर हेड टैंक का निर्माण क्यों नहीं प्रारंभ हुआ?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) योजना फरवरी 2018 में तथा टेंडर दिसम्बर 2019 में स्वीकृत हुए, मार्च 2020 में वर्कआर्डर जारी किये गये। (ख) जी हाँ। (ग) भूमि पर निजी व्यक्ति का कब्जा हटाने के कार्य हेतु तहसीलदार पनागर के माध्यम से कार्यवाही की जा रही है। (घ) प्रस्तावित स्थल पर भूमि विवादित होने के कारण।
ई-टेंडर घोटाले में कार्यवाही
[विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी]
2. ( क्र. 19 ) श्री विनय सक्सेना : क्या सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में हुए ई-टेंडर घोटाले में आज दिनांक तक हुई कार्यवाही का ब्यौरा दें। (ख) उक्त घोटाले के मुख्य आरोपी कौन-कौन हैं? (ग) क्या ई-टेंडर घोटाले को लेकर तत्कालीन प्रमुख सचिव सूचना प्रौद्योगिकी ने म.प्र.शासन को पत्र लिखा था? यदि हाँ, तो पत्र की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) क्या उक्त घोटाले को शासन के संज्ञान में लाने वाले तत्कालीन प्रमुख सचिव सूचना प्रौद्योगिकी को जाँच में शामिल किया गया है?
सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) के द्वारा प्रकरण दर्ज कर 07 आरोपीगण के विरूद्ध विवेचना उपरान्त अभियोग पत्र माननीय सक्षम न्यायालय में प्रस्तुत किये गये है। वर्तमान में धारा 173 (8) दण्ड प्रक्रिया संहिता अंतर्गत विवेचना जारी है। (ख) सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) में प्रकरण विवेचनाधीन है। जानकारी दी जाना विधिसम्मत नहीं है। (ग) जी नहीं। (घ) सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) में प्रकरण विवेचनाधीन है। उनके द्वारा सम्यक कार्यवाही की जा रही है।
भू-माफिया के विरुद्ध अभियान अंतर्गत हुई कार्यवाहियां
[राजस्व]
3. ( क्र. 23 ) श्री विनय सक्सेना : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत एक वर्ष में जबलपुर जिले में भू-माफिया के विरुद्ध अभियान अंतर्गत (अवैध प्लाटिंग, शासकीय जमीन पर कब्ज़ा/विक्रय करने वाले) किन-किन व्यक्तियों को नोटिस दिए गये? तहसीलवार जानकारी सहित जारी किये गये नोटिस तथा प्रति उत्तर की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में किन-किन भू माफियाओं के विरुद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गयी? (ग) जबलपुर जिले में अवैध प्लाटिंग की कितनी शिकायतें विगत एक वर्ष में प्रशासन को प्राप्त हुई? तहसीलवार बतावें (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में हुई शिकायतों पर क्या-क्या कार्यवाही हुई? तहसीलवार/प्रकरणवार बतावें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) विगत एक वर्ष में जबलपुर जिले में भू-माफिया, अवैध प्लाटिंग, शासकीय भूमि पर अतिक्रमण एवं विक्रय के विरूद्ध अभियान अंतर्गत जबलपुर जिले की तहसील जबलपुर के 09 पनागर के 07 तहसील कुण्डम के 04 तहसील आधरताल के 20 तहसील सिहोरा के 12 तहसील गोरखपुर के 14 तहसील रांझी के 06 जिले में कुल 67 व्यक्तियों को भूमाफिया के विरूद्ध अभियान अंतर्गत नोटिस जारी किए गए। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। तहसीलदार द्वारा दिए गए नोटिस के प्रति उत्तर प्राप्त हुआ है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार (ख) प्रश्नांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में संलग्न सूची अनुसार तहसील जबलपुर में 04 तहसील गोरखपुर में 06 पनागर के 07 तहसील कुण्डम के 04 भूमाफियों के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई गई तथा सूची अनुसार तहसील आधारताल में 15 तहसील रांझी में 04 व्यक्तियों के अतिक्रमण हटाये गए एवं आधारताल में 05 प्रकरणों में रोक लगाई गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार शेष प्रकरणों में कार्यवाही प्रचलित है। (ग) जबलपुर जिले में अवैध प्लांटिंग की प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार तहसील गोरखपुर में 04 शिकायतें तहसील जबलपुर में 09 तहसील पनागन में 07 तहसील कुण्डम में 04 शिकायतें प्राप्त हुई। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में संलग्न सूची अनुसार तहसील जबलपुर में 04 गोरखपुर में 06 तहसील पनागर में 07 तहसील कुण्डम में 04 भू माफियों के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई गई तथा सूची अनुसार तहसील आधारताल में 15 तहसील रांझी में 04 व्यक्तियों के अतिक्रमण हटाये गए एवं आधारताल में 05 प्रकरणों में रोक लगाई गई। शेष प्रकरणों में कार्यवाही प्रचलित है।
कन्या विवाह एवं निकाह योजना की अनुदान राशि
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
4. ( क्र. 24 ) श्री विनय सक्सेना : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पूर्व सरकार द्वारा जो कन्या विवाह एवं निकाह योजना की अनुदान राशि 28 हजार रू. से बढ़ाकर 51 हजार रू. की गई थी उसे पुन: 28 हजार रू. कर दिया गया है? यदि हाँ, तो इसका क्या कारण है? (ख) पिछले 8 माह में उक्त योजना अंतर्गत प्रदेश में कितने परिवारों को कुल कितनी राशि प्रदाय की गयी?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी हाँ। पूर्व सरकार द्वारा मुख्यमंत्री कन्या विवाह एवं निकाह योजनान्तर्गत सहायता राशि 28,000/- से बढ़ाकर 51,000/- की गई थी जो कि वर्तमान सरकार द्वारा यथावत रखी गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) कोविड 19 महामारी होने के कारण विगत 8 माह में प्रदेश में मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजनान्तर्गत कोई भी सामूहिक विवाह सम्पन्न नहीं किये गये है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रदेश में वर्ष 2019-20 में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजनान्तर्गत लगभग 16000 हितग्राहियों को राशि रूपये 8006.49 लाख एवं निकाह योजनान्तर्गत लगभग 1300 हितग्राहियों को राशि रूपये 644.89 लाख का भुगतान विगत 8 माह में किया गया है।
कबूलपुर सिंचाई परियोजना में विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर के ग्रामों को सम्मिलित किया जाना
[जल संसाधन]
5. ( क्र. 48 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शाजापुर जिले अंतर्गत प्रस्तावित कबूलपुर सिंचाई परियोजना से सिंचाई के लिए लाभान्वित किये जाने हेतु सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र के ग्रामों को सम्मिलित किये जाने हेतु माननीय मुख्यमंत्री जी की नोटशीट या निर्देश विभाग को प्राप्त हुए है? प्राप्त हुए निर्देश के परिपालन में क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या अधोहस्ताक्षरकर्ता द्वारा भी समय-समय पर विगत 2 वर्षों से विधानसभा प्रश्न एवं पत्राचार के माध्यम से भी कबूलपुर सिंचाई परियोजना से सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र के ग्रामों को भी लाभान्वित किए जाने हेतु लेख किया गया है? यदि हाँ, तो उन पर भी क्या कार्यवाही की गई है? (ग) सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र के कौन-कौन से ग्रामों को कितने-कितने हेक्टेयर में कबूलपुर सिंचाई परियोजना द्वारा सिंचाई से लाभान्वित किए जाने हेतु प्रस्तावित किए गए हैं? यदि नहीं किए गए तो, कब तक प्रस्तावित किए जावेंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जी हाँ, शाजापुर जिले अंतर्गत प्रस्तावित कबूलपुर मध्यम सिंचाई परियोजना से सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र के ग्रामों को सम्मिलित किए जाने हेतु नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश हैं। जी हाँ। मूल परियोजना प्रतिवेदन में तहसील मोमन बड़ोदिया के 11 ग्रामों की 3,100 हेक्टर एवं स्वयं के साधनों से गुलाना, मोमन बड़ोदिया एवं सारंगपुर तहसील की 990 हेक्टर सहित कुल 4,090 हेक्टर क्षेत्र में सिंचाई प्रस्तावित है। परियोजना का निर्माण कार्य अपरिहार्य कारणों से प्रारंभ नहीं हुआ है। नर्मदा घाटी विकास विभाग द्वारा क्रियान्वित नर्मदा कालीसिंध लिंक परियोजना फेस-2 एवं प्रस्तावित कबूलपुर मध्यम परियोजना के कमाण्ड क्षेत्र आपस में ओव्हरलेप होने के कारण शाजापुर जिले के 11 ग्रामों को नर्मदा घाटी विकास विभाग द्वारा क्रियान्वित लिंक परियोजना में शामिल कराने का प्रयास जारी है। यदि शाजापुर जिले के 11 ग्रामों के कमाण्ड क्षेत्र नर्मदा घाटी विकास विभाग द्वारा क्रियान्वित लिंक परियोजना में शामिल करने की सहमति प्राप्त हो जाती है तो सारंगपुर विधान सभा क्षेत्र के संलग्न परिशिष्ट अनुसार 13 ग्रामों को जोड़ने की कार्यवाही किया जाना संभव होगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
शासकीय भूमि खसरा क्र. 82 से कब्जा हटाना
[राजस्व]
6. ( क्र. 54 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मंडला जिले में ग्राम पंचायत ग्वारी के पटवारी हल्का न. 22 राजस्व निरीक्षक मंडल के शासकीय भूमि खसरा क्र.82 एवं इसके आसपास की भूमि पर कब्जा/अतिक्रमण कर अवैध कब्जा कर गोदाम/भवन निर्माण कराया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो उक्त शासकीय भूमि से अतिक्रमण/कब्जा हटाने हेतु जनहित याचिका नं.1338/2016 दिनांक 08/08/2016 के अनुसार माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा अतिक्रमण/कब्जा हटाने का फैसला सुनाया जाकर प्रमुख सचिव राजस्व विभाग, म.प्र. शासन भोपाल एवं कलेक्टर मंडला को आदेशित किया गया था। (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त शासकीय भूमि खसरा क्र. 82 से अभी तक अतिक्रमण/कब्जा क्यों नहीं हटाया गया। विलम्ब का कारण बतावे। कब्जा/अतिक्रमण कब तक हटाया जायेगा। (घ) प्रश्नांश (ग) क्या कलेक्टर मंडला द्वारा कब्जा हटाने हेतु कोई कार्यवाही की गई है। यदि नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
पेड सीनियर सिटीजन होम का निर्माण
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
7. ( क्र. 58 ) श्री तरूण भनोत : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर में सामाजिक न्याय विभाग द्वारा पेड सीनियर सिटीजन होम के निर्माण के लिए निर्णय लिया गया है तथा क्या इस प्रयोजन के लिए शासकीय भूमि आरक्षित कर ली गई है? यदि हाँ, तो पूर्ण ब्यौरा प्रस्तुत करें। (ख) पेड सीनियर सिटीजन होम, जबलपुर कितने लाभार्थियों के उपयोग हेतु बनेगा तथा इस कार्य के लिए कितनी धनराशि स्वीकृत की गई है तथा क्या राशि का आवंटन कर दिया गया है? (ग) भूमि आवंटन होने के उपरांत भी अभी तक कार्य प्रारंभ न होने का क्या कारण है तथा इस विलंब के लिए क्या उत्तरदायित्व निर्धारित किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी हाँ। ग्राम भटोली प.ह.न. 16 तिलहरी रा.नि.म. जबलपुर दो स्थित भूमि खसरा नंबर 112/3 रकवा 41.6190 हेक्टेयर में से 5 एकड़ भूमि सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग को आवंटित की गई है। (ख) 100 लाभार्थियों हेतु। इस कार्य हेतु रूपये 10.83 करोड़ राशि प्रस्तावित। जी नहीं। (ग) वित्तीय प्रावधान उपलब्ध न होने के कारण। वित्तीय प्रावधान न होने के कारण बिलंब हेतु उत्तरदायित्व निर्धारण किया जाना संभव नहीं।
दुग्ध विज्ञान एवं खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय की स्थापना
[पशुपालन]
8. ( क्र. 59 ) श्री तरूण भनोत : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर में पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय के अंतर्गत दुग्ध विज्ञान एवं खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय की स्थापना के लिये बजट में प्रावधान किया गया है? यदि हाँ, तो पूर्ण विवरण प्रस्तुत किया जाये। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित महाविद्यालय के लिये क्या प्रशासनिक एवं वित्तीय आदेश जारी कर दिये गये हैं? यदि हां तो उनकी प्रति उपलब्ध कराई जाये। (ग) उक्त महाविद्यालय के अभी तक प्रारंभ न हो सकने का क्या कारण है तथा बजट में प्रावधान होने के बावजूद अब तक हुये विलम्ब के लिये कौन उत्तरदायी है? (घ) क्या राज्य शासन उत्तरदायित्व निर्धारित करेगा? यदि हां तो कब तक?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी हाँ। रूपये 200 लाख का बजट प्रावधान है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रक्रिया विचाराधीन है।शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लंबित सिंचाई योजना की स्वीकृति
[जल संसाधन]
9. ( क्र. 68 ) श्री
रामपाल सिंह : क्या
मुख्यमंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) दिसम्बर
2020 की
स्थिति में
रायसेन जिले
में स्वीकृत
किन-किन
सिंचाई
योजनाओं का
कार्य क्यों
अप्रारंभ है? किन-किन
सिंचाई
योजनाओं की
निविदा
आमंत्रित नहीं
की गई है तथा
क्यों?
योजनावार
कारण बतायें। (ख) रायसेन
जिले में
कौन-कौन सी
सर्वेक्षित
सिंचाई
योजनाएं तथा
बैराज स्वीकृति
हेतु कब से
किस स्तर पर
क्यों लंबित
है? उनको
कब तक स्वीकृत
किया जायेगा? (ग) अप्रैल
2020 से
प्रश्न
दिनांक तक
माननीय
मंत्री जी, प्रमुख
सचिव एवं
प्रमुख
अभियंता जल
संसाधन विभाग
को रायसेन
जिले के
किन-किन विधायकों
के पत्र कब-कब
प्राप्त हुए
तथा उन पर
माननीय
मंत्री जी तथा
प्रमुख सचिव
एवं प्रमुख
अभियंता जल
संसाधन विभाग
ने किन-किन
अधिकारियों
को क्या-क्या
कार्यवाही के
निर्देश दिये? पत्रवार
जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश
(ग) के
निर्देशों के
पालन में
संबंधित
अधिकारियों द्वारा
क्या-क्या
कार्यवाही की
गई? प्रश्नकर्ता
विधायकों को
पत्रों के
जवाब क्यों
नहीं दिये? पत्रों
में उल्लेखित
किन-किन समस्याओं
का निराकरण
हुआ? किन-किन
समस्याओं का
निराकरण क्यों
नहीं हुआ?
मुख्यमंत्री
( श्री शिवराज
सिंह चौहान ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-''अ''
अनुसार
है। (ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-''ब''
अनुसार
है। डीपीआर
प्राप्त
होने पर
गुणदोष के
आधार पर
निर्णय लिया
जाता है।
निश्चित
समय-सीमा
बताना संभव
नहीं है। (ग) एवं
(घ) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-''स''
अनुसार
है।
जल जीवन मिशन के माध्यम से पेयजल सुविधा
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
10. ( क्र. 69 ) श्री रामपाल सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भारत सरकार द्वारा वर्ष 2024 तक हर घर में नल-जल योजना के माध्यम से पेयजल सुविधा उपलब्ध कराने का लक्ष्य तय किया है? इस संबंध में रायसेन जिले में क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) दिसम्बर 2020 की स्थिति में रायसेन जिले में कहाँ-कहाँ समूह जल प्रदाय योजना का कार्य चल रहा है? उक्त कार्य कब तक पूर्ण होगा तथा ग्रामवासियों को कब तक पीने का पानी मिलेगा? (ग) नर्मदा नदी से समूह जल प्रदाय योजना के माध्यम से विकासखण्ड बेगमगंज एवं सिलवानी के ग्रामों में पेयजल की योजना बनाने के संबंध में मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को प्रश्नकर्ता विधायक के प्राप्त पत्रों पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) दिसम्बर 2020 की स्थिति में रायसेन जिले के किन-किन ग्रामों में नल-जल योजना कब से एवं क्यों बंद है? योजनावार कारण बतायें उक्त नल जल योजना कब तक प्रारंभ होगी? इस हेतु विभाग के अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। विभाग द्वारा 254 ग्रामों हेतु नल-जल योजनाएं तैयार की गई हैं जिनमें से 92 स्वीकृत योजनाओं को क्रियान्वित करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) कुल 96 ग्रामों की बेगमगंज-गैरतगंज समूह जलप्रदाय योजना का कार्य म.प्र.जल निगम द्वारा किया जा रहा है। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (ग) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा प्राप्त पत्रों पर की गई मांग के अनुसार नर्मदा नदी स्त्रोत से विकासखण्ड बेगमगंज एवं सिलवानी के ग्रामों के लिये समूह जलप्रदाय योजना तैयार करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
मा. मुख्यमंत्री जी के विमान में व्यय
[विमानन]
11. ( क्र. 80 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्यमंत्री जी की यात्राओं के लिए राज्य शासन ने हवाई जहाज खरीदा है? इसकी कीमत कितनी है? (ख) 23 मार्च, 2020 से आज दिनांक तक मुख्यमंत्री ने किन-किन जिलों के कौन-कौन से कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए इस विमान का इस्तेमाल किया? इस पर कितना व्यय हुआ?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) राज्य शासन के लिये हवाई जहाज खरीदा है, जिसकी कीमत रूपये 63,20,15,987/- (कस्टम डयूटी, जीएसटी, आईजीएसटी आदि समस्त खर्चों सहित) है। (ख) 23 मार्च 2020 से आज दिनांक तक मुख्यमंत्री ने प्रदेश के जिला उमरिया एवं नागदा (जिला उज्जैन) में शासकीय कार्यक्रमों भाग लेने के लिये इस विमान का इस्तेमाल किया, जिस पर कुल रूपये 60465/- का व्यय हुआ।
माननीय मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं का क्रियान्वयन
[सामान्य प्रशासन]
12. ( क्र. 81 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 23 मार्च 2020 से 30 नवम्बर 2020 तक मुख्यमंत्री जी द्वारा कौन-कौन सी घोषणाएं की गई है? (ख) उपरोक्त घोषणाओं के क्रियान्वयन के लिये अलग-अलग कितनी-कितनी राशि का व्यय अनुमानित है तथा किस-किस मद से व्यय किया जाएगा? (ग) क्या मुख्यमंत्री जी कोई भी घोषणा करने से पहले उस पर होने वाले व्यय की राशि की व्यवस्था करने के लिये वित्त विभाग से परामर्श लेते हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
महेश्वरम कॉलोनी का सीमांकन
[राजस्व]
13. ( क्र. 90 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मनासा नगर पंचायत को दिनांक 10/07/2019 को महेश्वरम कॉलोनी की शिकायत की गई थी। जिसमें नगर पंचायत द्वारा तहसीलदार को दिनांक 26/07/2019 पत्र द्वारा मनासा में सर्वे क्रमांक 160 (शासकीय), 161/2,162,163,164 का सीमांकन करने को कहा गया था। क्या इन सभी सर्वे नंबर का सीमांकन कर दिया गया यदि हाँ, तो कब और नहीं तो क्यों? क्या सरकारी नंबर 160 का सम्पूर्ण सीमांकन कर उस पर अतिक्रमण पाया गया अगर हां तो क्या कार्यवाही की गई? अगर नहीं की गयी तो इसके लिये कौन जवाबदार उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी और कब तक सीमांकन की कार्यवाही पूर्ण कर ली जाएगी? (ख) मनासा में सर्वे क्रमांक 160,161/2,162,163,164 के सीमांकन के सम्बन्ध में कब-कब क्या कार्यवाही की उसकी जानकारी मय दस्तावेज (पंचनामा) सहित प्रदान करे।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हां। शासकीय भूमि सर्वे नं. 160 आबादी (गांवठान) का सीमांकन किया गया। सर्वे नं. 161/2, 162, 163, 164 का सीमांकन निजी भूमि होने से नहीं किया गया। सर्वे नं. 160 का सीमांकन दिनांक 15/10/2019 एवं 13 दिसंबर 2019 को राजस्व निरीक्षक मनासा द्वारा मौके पर सीमांकन दल के साथ किया गया। मौके पर आवेदक एवं उनके प्रतिनिधियों को मौके पर सीमा का ज्ञान करवाया गया तथा मौके पर पत्थर रखवा कर चूने की लाइन डाली गई। तहसीलदार मनासा द्वारा उक्त सीमांकन कार्यवाही को प्रकरण क्रमांक 140/अ-12/2019-20 में दर्ज कर मान्य किया गया। सीमांकन के उक्त आदेश के विरूद्ध अपील में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) उपखण्ड मनासा का प्रकरण क्रमांक 42/अपील/2019-20 द्वारा निरस्त कर अधीक्षक भू-अभिलेख नीमच को सर्वे नं. 160, 161/2, 162, 163, 164 की भूमियों का नवीन गठित सीमांकन दल द्वारा सीमांकन कराने हेतु नियत है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) सीमांकन के संबंध में की गई कार्यवाही प्रश्नांश (क) अनुसार ही है। पंचनामा कार्यवाही संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
जांच कमेटियों की रिपोर्ट के बाद भी कार्यवाही न होना
[राजस्व]
14. ( क्र. 94 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तत्कालीन कलेक्टर सतना द्वारा पत्र क्र.87 दिनांक 22.03.2016 को पत्र जारी कर वर्णित प्रकरणों की पतासाजी पूर्व बन्दोबस्त एवं वर्ष 1959 की भूस्वामी शासकीय स्थिति के आधार पर कार्यवाही करते हुए जांच हेतु जिले के समस्त अनुविभागों के संबंधिति अनुविभागीय अधिकारियों की अध्यक्षता में एक विशेष जांच समिति गठित की गयी थी कमेटी गठित हुए चार वर्ष से अधिक हो गए? उक्त चार वर्षों में पूरे जिले के तहसीलों में कितने एकड़ जमीन शासकीय घोषित की गई कितने प्रकरणों में संबंधित थाने में एफ.आई.आर. कराई गई है? प्रकरणवार तहसीलवार बतायें? अगर एफ.आई.आर. नहीं करायी गयी तो कब तक करा दी जायेगी तथा राजस्व विभाग के पटवारी एवं तहसीलदारों जो शासकीय जमीन को खुर्द बुर्द करने में शामिल रहे उन पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई उसे भी तहसीलवार बतायें? (ख) तहसील रघुराजनगर ने पत्र क्र.112 दिनांक 04.04.2016 के जरिये नायब तहसीलदार एवं राजस्व निरीक्षकों को उपरोक्त जांच की जानकारी निर्धारित प्रपत्र पर प्रदाय करने के आदेश दिये थे तो फिर मौजा मझबोगवा की आराजी नं. 11 रकबा 8.55 उक्त मौजा मझगंवा की आराजी क्रमांक 39/2/क रकबा 0.0970.40/2 रकबा 0.0360, 42/2 रकबा 0.2390 उक्त आराजी वर्ष 1958-59 में शासकीय दर्ज थी वर्तमान में निजी स्वत्व में दर्ज है. ग्राम बम्हनगवां पटवारी हल्का बरदाडीह की आराजी नं.32 रकबा 3.22 एकड़ ग्राम सतना की आराजी न. 138 रकबा 1.92 एकड़ 91 डि.सन. 1992, 1993 के बीच 751/1 अ और 751/5/1 को शामिल नंबर बनाया गया उसी साल लाल स्याही से गोला लगाकर 35.72 एकड़ औश्र 35.66 कर दिया गया है ग्राम लिलौरी/पतौड़ा की शासकीय आराजी 307 के 18 बटांक हो चुके है इसी तरह मौजा डिलौरा की आराजी नं.775/1 रकबा 14-1 एकड़ उक्त आराजी सन् 1966-67 में कालम नं.12 में महंत बद्रीदास फौत 30 धि.प्रबंधक चेला जगन्नाथ दास काबिज दर्ज दर्शित है उक्त आराजी के 94 बटांक हो गये हैं चेला मतलब मंदिर की आराजी है उसका क्रय विक्रय नहीं हो सकता है? (ग) तहसील रघुराजनगर के अंतर्गत आने वाले पटवारी हल्का चाहे शहर के हो या ग्रामीण के उन हल्कों में कितनी आराजी 1958-59 में शासकीय थी कि कितनी आवंटित हुई एवं आवंटित आराजी बिना कलेक्टर के मंजूरी के कितनी बिक गई हल्कावार बताये तथा कितनी शासकीय आराजियों में भू-माफियों का आज भी कब्जा है रिकार्ड में म.प्र.शासन है और कब्जा दूसरों का है उक्त तहसील में कितनी शासकीय आराजियों में भू माफियों का आज भी कब्जा है रिकार्ड म.प्र.शासन है और कब्जा दूसरों का है उक्त तहसील में कितनी आवंटित आराजियों के नामंतरण हो गये कितने प्रकरण पटवारियों द्वारा रोके गये है तथा कितने ऐसे प्रकरण है जिसमें पटवारी ने अपने प्रतिवेदन में कहा हो कि उक्त आराजी 1958-59 में शासकीय है उसे बाद भी तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार ने नामंतरण कर दिये हो? (घ) (क) (ख) (ग) अगर सही है तो शासकीय जमीन को खुर्द बुर्द करने वाले भू-माफिया एवं राजस्व विभाग के पटवारी एवं तहसीलदारों पर कब तक एफ.आई.आर. करा दी जायेगी। (ख) में उल्लेखित आराजियों को कब तक शासकीय घोषित कर दिया जायेगा तहसील रघुराजनगर के शहर एवं ग्रामीण में काफी आराजियों को खुर्द बुर्द किया है उक्त तहसील में पदस्थ पटवारी स्वयं भू-माफिया है काफी वर्षों में उक्त तहसील में पदस्थ है इन्हें कब तक हटाकर दूसरी तहसील में पदस्थ किया जायेगा नहीं किया जायेगा तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ, न्यायालय कलेक्टर सतना के विभिन्न न्यायालयीन प्रकरणों के माध्यम से तहसील रघुराजनगर अंतर्गत मौजा रामस्थान में कुल रकबा 212.50 एकड़ मौजा सोनौरा में कुल रकबा 18.38 एकड़ मौजा कृपालपुर में कुल रकबा 19.14 एकड़ मौजा सोनौरा चेक उतैली में कुल रकबा 2 एकड़ भूमि भू-स्वामी स्वत्व से म.प्र. शासन घोषित की जा चुकी है परित आदेशों में किसी अधिकारी कर्मचारी को दोषी नहीं माना गया है जिससे किसी के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज नहीं कराई गई। मौजा रामस्थान एवं सोनौरा की आराजियो की जांच आयुक्त रीवा संभाग रीवा द्वारा गठित दल द्वारा की जा चुकी है। (ख) जी हां। प्रश्नांश अनुसार मौजा मझबोगवा:- की आराजी न. 11 रकवा 8.55 एकड़ वर्ष 1958-59 की खतौनी में शासकीय एवं खतौनी के कालम नं. 04 में बाबूलाल तनय वंशी महापात्र दर्ज अभिलेख है उक्त आराजी वर्तमान समय में 10 बटांकों में स्थापित है जिसमें आराजी नं. 11/1 रकबा 1.214, आराजी 11/2/1 रकबा 0.302 एकड़ तथा आराजी नं. 11/2/2 रकबा 0.565 म.प्र. शासन दर्ज की जा चुकी है शेष 7 बटांकों का जांच प्रचलन में है। आराजी नं. 39/2/क रकबा 0.86, वर्ष 1958-59 में म. प्र. शासन दर्ज अभिलेख है। आराजी नं. 40 रकबा 0.38 एवं आराजी नं. 42 रकबा 1.79 एकड़ लाला वल्द जानकी महापात्र वर्ष 1958-59 कि खतौनी में दर्ज है आराजी नं. में लाल स्याही से गोला लगा है। जिसकी जांच पृथक से गठित दल द्वारा की जा रही है। मौजा बम्हनगंवा पट.हल्का-बरदाडीह :- कि आराजी नं. 32 रकबा 3.22 एकड़ प्रारंभिक खसरा वर्ष 1963-64 में म.प्र. शासन दर्ज अभिलेख है। वर्तमान समय पर 33 बटांकों पर स्थापित है आराजी नं. 32/1 रकबा 0.129 शासकीय डायवर्सन रोड शेष बटांक निजी भूमिस्वामी स्वत्व में विभिन्न न्यायालयीन प्रकरणों के माध्यम से स्थापित हुए है जिसकी जांच गठित दल द्वारा की जा रही है मौजा सतना- की आराजी नं. 138 रकबा 1.92 एकड़ वर्ष 1958-59 कि खतौनी में म.प्र. शासन दर्ज अभिलेख है वर्तमान कि स्थिति में आराजी नं. 138/1 रकबा 1.41 एकड़ म.प्र. शासन आबादी दर्ज अभिलेख है आराजी नं. 138/2 रकबा 0.51 एकड़ विभिन्न न्यायालयीन डिग्रियों एवं न्यायालय कलेक्टर सतना के न्यायालयीन प्रकरणों में पारित आदेशों से कई बटांकों में भूमि स्वामी स्वत्व में दर्ज है। मौजा अमौधाकलां- आराजी नं. 751/1/अ एवं 751/5/1 की जांच गठित दल द्वारा की जा रही है मौजा ग्राम लिलौरी पट.हल्का पतौडा- आराजी नं. 307 रकबा 73.54 एकड़ वर्ष 1958-59 की खतौनी में दर्ज अभिलेख है वर्तमान समय में 18 बटांकों पर भूमि स्वामी स्वत्व में दर्ज है उक्त आराजी कि जांच गठित दल द्वारा की जा रही है ग्राम मौजा डिलौरा - आराजी 775/1 रकबा 14.01 एकड़ वर्ष 1958-59 की खतौनी में श्री महन्त बद्रीदास जी सा. इटौरा दर्ज अभिलेख है उक्त आराजी वर्तमान समय पर कई बटांकों पर भूमि स्वामी स्वत्व में दर्ज है। उपरोक्त जिन आराजियों कि जांच गठित दल द्वारा की जा रही है शीघ्र पूर्ण कर सक्षम अधिकारी के न्यायालय में प्रस्तुत किया जावेगा। (ग) तहसील रघुराजनगर अर्तगत आने वाले पटवारी हल्का शहरी/ग्रामीण के जिन हल्कों में वर्ष 1958-59 में म.प्र. शासन शासकीय दर्ज थी के उपरांत भूमि स्वामी स्वत्व में नियमों के विपरीत दर्ज होना पाया गया था उन भूमियों कि जांच कराते हुए निम्नानुसार ग्रामों कि आराजियों को पुनः म.प्र. शासन दर्ज किया जा चुका है जो निम्नानुसार है- क्रमांक ग्राम का नाम शासकीय घोषित आराजी का रकबा 1 रामस्थान 212.50 एकड़ 2 सोनौरा 18.380 एकड़ 3 कृपालपुर 19.140 एकड़ 4 सोनौरा चेक उतैली 2.000 एकड़ 5 मझबोगवा 5.142 एकड़ 6 रामपुर चैरासी 0.202 एकड़ शेष पटवारी हल्कों की जांच प्रचलित है। जांच पूर्ण कर हल्कावार जानकारी दी जा सकेगी। (घ) उत्तरांश (क) के आधार पर आयुक्त रीवा संभाग रीवा द्वारा प्राप्त निर्देशों के अनुसार कार्यवाही की जावेगी (ख) में अंकित बिन्दुओं की जांच पूर्ण नहीं हुई है, अतः किसी अधि./कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही नहीं की जा सकती है।
शासकीय भूमि का निजी हक में दर्ज करने की जांच
[राजस्व]
15. ( क्र. 106 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले में शासकीय भूमि को निजी हक में दर्ज करने की अनेकों शिकायतें जांच में प्रचलन में है तथा सतना कलेक्टर न्यायालय द्वारा अनेकों निजी भूमियों को शासकीय मद में दर्ज करने के निर्णय दिए है? क्या शासकीय भूमि को निजी स्वत्वों में दर्ज करने में रघुराजनगर तहसील के पटवारियों की मिलीभगत और भूमाफियाओं से सांठ-गांठ प्रमाणित हुई है? क्या कई पटवारियों को निलंबित किया गया, कई के विरूद्ध पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज कर जेल भी भेजे गये? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो रघुराजनगर तहसील में पदस्थ सभी पटवारियों को जिले की ही दूसरी तहसील में पदस्थ किया जावेगा, यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं तो क्यों? (ग) कटनी जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में प्रश्न दिनांक तक किन-किन को कितनी-कितनी भूमि लीज पर कब-कब किस-किस प्रयोजन के लिए कितनी अवधि के लिए आवंटित की गई, पृथक-पृथक विवरण दें तथा भूमि आवंटित आदेशों की प्रतियां उपलब्ध करावें। कटनी के बरगंवा में चूना भट्टे के लिए जिनकों भूमि लीज पर दी गई थी उसमें वर्तमान में कौन काबिज है और भट्टे की जगह पर क्या निर्मित है? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) के कई ऐसे पट्टाधारी है जिनके आवंटन स्थल का पता भी स्पष्ट नहीं है दस्तावेज भी गायब है इस संबंध में श्री चन्द्रशेखर अग्निहोत्री राजगुरू कटनी द्वारा शिकायत दिनांक 04.11.2020 को कलेक्टर कटनी को की गई है। यदि हाँ, तो उक्त शिकायत पर क्या कार्यवाही की गई संबंधी दस्तावेज उपलब्ध करावे। यदि नहीं तो कब तक की जावेगी तथा प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा भी कलेक्टर कटनी को पत्र क्रमांक 797 दिनांक 09.11.2020 को शिकायत की जाकर दिनांक 12.11.2020 को पावती प्राप्त की गई? उस पर क्या कार्यवाही की गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। सतना जिले के तहसील रघुराजनगर अंतर्गत वर्तमान समय में शासकीय भूमि को निजी हक में दर्ज करने की शिकायतों की जांच प्रचलन में नहीं है। न्यायालय कलेक्टर सतना के द्वारा मौजा रामस्थान, मौजा सोनौरा की कुछ आराजियों का जो वर्ष 1958-59 में शासकीय दर्ज थी किन्तु न्यायालयीन प्रकरणों माध्यम से निजी भूमि स्वामी स्वत्व में दर्ज हो चुकी थी उन्हें जांच के दौरान पुनः म.प्र. शासन दर्ज किये जाने के आदेश दिये गये है। पारित निर्णय में किसी भी अधिकारी/कर्मचारी को दोषी नहीं माना गया है। जांच के दौरान प्रथम दृष्टया दो पटवारियों को मौजा रामस्थान से तथा एक पटवारी को मौजा ग्राम सोनौरा में तत्समय पदस्थ रहने/प्रतिवेदन के कारण निलंबित किया गया था। किसी कर्मचारी/अधिकारी के विरुद्ध पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज नहीं करायी गई न ही जेल भेजे गये। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (ग) कटनी जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में प्रश्न दिनांक कुल 51 व्यक्तियों एवं संस्थाओं को भूमि लीज पर दी गई है। लीज पर दी भूमि का प्रयोजन व्यवसाय, शैक्षणिक संस्था निवासार्थ, कार्यालय पुस्तकालय, ट्रांसपोर्ट नगर, कब्रस्तान, स्वास्थ विभाग, प्रशिक्षण केन्द्र, विकास प्राधिकरण एवं गृह निर्माण तथा सड़क हेतु आवंटित की गई है। आवंटित भूमियों के व्यक्तियों एवं संस्थाओं तथा रकबा एवं प्रयोजनार्थ तथा अवधि का विवरण सहित आदेशों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। कटनी केबरगंवा चूना भट्टे के लिये जिनको भूमि लीज पर दी गई थी उसमें वर्तमान में कुछ भूमि पर जिन्हें लीज दी गई थी उनका कब्जा है तथा कुछ रकवा पर आबादी निर्मित है एवं मौके पर खदान भी है। भट्टे की जगह खाली पडी है। (घ) प्रश्नांश (ग) के 51 पट्टेधारियों के आवंटन आदेश में उनका पता दर्शित है। कार्यालय में उपलब्ध पंजियों में पट्टेधारी का विवरण दर्ज है। श्री चन्द्रशेखर अग्निहोत्री राजगुरू कटनी के द्वारा शिकायत दिनांक 04-11-2020 की जांच की जा रही है। प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा भी पत्र क्रमांक 797 दिनांक 09-11-2020 की शिकायत की जांच की जा रही है।
पटवारी हल्का खिलचीपुर के सर्वे क्रमांक 1127 में पट्टा वितरण
[राजस्व]
16. ( क्र. 117 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खिलचीपुर पटवारी हल्का खिलचीपुर में स्थित सर्वे क्रमांक 1127 में विगत 05 वर्षों में कब-कब किस-किस को शासकीय पट्टा वितरित किया गया? सूची प्रदान करें। में कितनी पट्टेधारी अनुसूचित जाति, जनजाति के हैं, संख्या एवं रकबा बतायें? (ख) इनमें कितने पट्टेधारियों द्वारा शासन द्वारा प्रदाय पट्टे का विक्रय किया गया? क्या क्रय विक्रय के समय पर भू-राजस्व संहिता 1959 का पालन किया गया? यदि नहीं तो किन पट्टे में पालन नहीं हुआ। (ग) पट्टे जारी होने बाद क्या इस भूमि में पट्टाधारियों की भूमि पर कब्जा दिलाने का कार्य किया गया एवं पटवारी द्वारा नक्शे में तरमीम उठाई गई? (घ) क्या इस सर्वे क्रमांक में राजस्व अधिकारियों द्वारा हेराफेरी एवं नक्शे में कूट रचना करने की शिकायत प्राप्त हुई है? यदि हाँ तो किन-किन के द्वारा की गई व उन पर क्या कार्यवाही की गई? (ड.) क्या कलेक्टर राजगढ़ द्वारा सर्वे क्रमांक 1127 में भू-माफिया द्वारा मिलीभगत और कूट रचना से हेराफेरी व भू-माफिया की कथित भूमिका के बारे में कोई जांच प्रारंभ की गई थी? यदि हाँ, तो किन अधिकारियों को जांच सौंपी गई थी? उनके द्वारा क्या प्रतिवेदन दिया गया व किन-किन को दोषी पाया गया? प्रतिवेदन सहित जानकारी उपलब्ध करायें। प्रतिवेदन पर क्या कार्यवाही की गई है? यदि जांच प्रक्रियाधीन है तो कब से व कब तक इसके पूर्ण होने की संभावना है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) तहसील खिलचीपुर पटवारी हल्का खिलचीपुर में स्थित सर्वे क्रमांक 1127 में विगत 10 वर्षों यानि वर्ष 2009-10 से आज दिनांक तक कोई भी पट्टा वितरण नहीं हुआ है। अतः शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (घ) जी हाँ। हेराफेरी या कूट रचना के संबंध में कोई प्रमाण न होने से किसी अधिकारी/कर्मचारी पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है। (ड.) जी हाँ। श्री सुरेश पिता स्व. बद्रीलाल गुप्ता एवं माननीय श्री प्रियव्रत सिंह द्वारा शिकायत प्राप्त हुई थी। जाँच तहसीलदार खिलचीपुर एवं SDO खिलचीपुर द्वारा किया गया है। इन शिकायतों के आधार पर कलेक्टर राजगढ़ द्वारा स्वप्रेरणा में निगरानी प्रकरण लिये जाकर पट्टे एवं तरमीम की कार्यवाही निरस्त की गई। 6 प्रकरण स्वप्रेरणा से निगरानी में लेकर वर्तमान में प्रकरण न्यायालय तहसीलदार खिलचीपुर में विचाराधीन है। न्यायालयीन कार्यवाही होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। जाँच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
स्थानांतरण आदेश में सिविल सेवा नियमों का उल्लघंन करने पर कार्यवाही
[राजस्व]
17. ( क्र. 118 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय प्रक्रिया में राजनीतिक दबाव से आदेश प्रसारित करना कदाचार की श्रेणी में आता है? (ख) यदि हाँ, तो कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, खिलचीपुर-जीरापुर द्वारा हल्का पटवारी के स्थानान्तरण आदेश क्रमांक 1148/स्टेनो/2020, दिनांक 04/09/2020 में पूर्व विधायक के प्रस्ताव का उल्लेख कर पटवारियों के स्थानांतरण आदेश पारित किये गये हैं? (ग) उक्त आदेश कलेक्टर द्वारा भी अनुमोदित नहीं होना एवं पूर्व विधायक का आदेश में उल्लेख होना सिविल सेवा नियमों का सरासर उल्लंघन किये जाने पर दोषी अधिकारी/कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही की जायेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) विभागीय स्थानांतरण प्रशासनिक व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए किये जाते है। (ख) (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) अनुविभाग अन्तर्गत पटवारी हल्का के आवंटन हेतु अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) सक्षम अधिकारी होते है। अत: शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
अतिवृष्टि से फसलों को हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति
[राजस्व]
18. ( क्र. 132 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र लांजी के अंतर्गत अतिवृष्टि तथा बाढ़ से नदी किनारे बसे ग्रामों की फसले बर्बाद होने पर RBC 6 (4) के तहत जो सर्वे करवाया गया था उनका मुआवजा अब तक नहीं मिलने का कारण बताएं। (ख) उक्त मुआवजा कब तक दे दिया जाएगा? (ग) मुआवजा देने में हुई देरी का कारण स्पष्ट करते हुए इसके लिए दोषियों पर क्या कार्यवाही की जाएगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) मुआवजा वितरण की कार्यवाही प्रारम्भ की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राजस्व विभाग के अभिलेखागार
[राजस्व]
19. ( क्र. 141 ) श्री धरमू सिंग सिरसाम : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कलेक्टर खरगोन ने बड़वाह तहसील के ग्राम मोयदा से संबंधित अभिलेखागारों में वर्ष 1928-29 से उपलब्ध निजी भूमि के उपलब्ध अभिलेखों के आधार पर श्री राजेश ओझा शंकर नगर बैतूल द्वारा गत तीन माह में की गई शिकायत का सत्यापन एवं जांच प्रश्नांकित दिनांक तक भी नहीं करवाया। (ख) श्री राजेश ओझा द्वारा प्रस्तुत शपथपत्र, आवेदन पत्र, प्रश्नोत्तरी कलेक्टर खरगोन, अनुविभागीय अधिकारी एवं तहसीलदार बड़वाह को किस-किस दिनांक को प्राप्त हुए उनमें किस-किस अभिलेख, दस्तावेज एवं अभिलेखागार में उपलब्ध जानकारी का उल्लेख किया उसका सत्यापन एवं जांच किसके द्वारा की गई प्रतिवेदन सहित बतावें। (ग) ग्राम मोयदा के किस खसरा नम्बर के कितने रकबे को आरक्षित वन भूमि बताकर किस किसान को किस दिनांक को बेदखल किया उस किसान को भूमि का कब्जा दिलवाए जाने के संबंध में किस राजस्व अधिकारी ने किस दिनांक को क्या कार्यवाही की है। (घ) कब तक बेदखल किए किसानों को भूमि का कब्जा दिलवा दिया जावेगा।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। (ख) श्री राजेश ओझा के पत्र द्वारा दिनांक 22.10.2020 को कलेक्टर खरगोन को संबोधित करते हुए शपथ पत्र, आवेदन पत्र, प्रश्नोत्तरी प्रेषित कर, जिले में दिनांक 03.11.2020 को प्राप्त हुआ है। अनुविभागीय अधिकारी (रा.) बड़वाह को दिनांक 22.10.2020, 27.10.2020 एवं 04.11.2020 कुल तीन आवेदन पत्र प्राप्त हुए तथा तहसीलदार बड़वाह को दिनांक 22.10.2020, 27.10.2020 एवं दिनांक 04.11.2020 तीन आवेदन पत्र प्राप्त हुए। सत्यापन एवं जांच के संबंध में जिला लोक अभियोजन अधिकारी खरगोन से अभिमत लिया गया है। उनके व्दारा बताया गया कि पूर्व में की गई जांच के तथ्यों की पुनः उन्हीं तथ्यों की जांच की आवश्यकता नहीं है। अभिमत में यह भी लेख किया गया है कि शिकायतकर्ता श्री राजेश ओझा मामले में पक्षकार भी नहीं है एवं उक्त प्रकऱण के संबंध में श्री कुलदीप भाटिया निवासी बड़वाह व्दारा माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर में याचिका क्रमांक/डब्ल्यू पी/19170/2019 दायर याचिका जो अभी माननीय न्यायालय में विचाराधीन होने से प्रकरण में आगामी कार्यवाही माननीय उच्च न्यायालय के आदेशानुसार ही किया जाना उचित होगा के संबंध में अभिमत दिया गया है। प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पत्रों पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
20. ( क्र. 149 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रायसेन तथा अधीक्षण यंत्री मध्यक्षेत्र विदयुत वितरण कंपनी रायसेन को किन-किन सांसद तथा विधायकों के पत्र कब-कब प्राप्त हुए? (ख) उक्त पत्रों पर संबंधित अधिकारियों द्वारा किन-किन को क्या-क्या कार्यवाही के निर्देश दिये? संबंधितों द्वारा उक्त निर्देशों के पालन में क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) के अधिकारियों द्वारा सांसद तथा विधायकों से प्राप्त पत्रों के जवाब कब-कब दिये? यदि नहीं तो क्यों तथा पत्रों में उल्लेखित किन-किन समस्याओं का निराकरण हुआ तथा किन-किन समस्याओं को अभी तक निराकरण नहीं हुआ? कारण बतायें। कब तक निराकरण होगा? (घ) क्या सांसद/विधायक से प्राप्त पत्रों पर जिला पंचायत एवं अधीक्षण यंत्री के कार्यालय में पदस्थ कर्मचारियों द्वारा जवाब दिये जा रहे है कि पत्रों पर कार्यवाही प्रचलन में है? यदि हाँ, तो क्यों तथा पत्रों में उल्लेखित समस्याओं का सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशों के अनुरूप समय-सीमा में निराकरण क्यों नहीं हो रहा है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) 01 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक जिला पंचायत रायसेन के कार्यालय में प्राप्त पत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है एवं अधीक्षण यंत्री, मध्यप्रदेश विद्युत वितरण कम्पनी, रायसेन के कार्यालय में प्राप्त पत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) से (घ) जानकारी प्रश्नांश (क) के उत्तर में उल्लेखित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' में दर्शाई गई है।
मान. मुख्यमंत्री जी की घोषणा का क्रियान्वयन
[सामान्य प्रशासन]
21. ( क्र. 150 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नवम्बर 2017 में मान. मुख्यमंत्री जी ने रायसेन जिले की ग्राम पंचायत देवरी को नगर परिषद् बनाने की घोषणा की थी? यदि हाँ, तो ग्राम पंचायत देवरी को नगर परिषद् क्यों नहीं बनाया जा रहा है? (ख) ग्राम पंचायत देवरी को नगर परिषद् का दर्जा कब तक दिया जायेगा? (ग) रायसेन जिले में प्रश्नांश (क) अवधि में मान. मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई किन-किन घोषणाओं का क्रियान्वयन नहीं हुआ तथा क्यों? घोषणावार कारण बतायें। (घ) रायसेन जिले में मान. मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणाओं पर कब तक क्रियान्वयन होगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा दिनांक 04/12/2017 को रायसेन जिले की ग्राम पंचायत देवरी के कार्यालय पूर्ण होने के पश्चात ग्राम पंचायत देवरी के पास के ग्रामों को मिलाकर नगर पंचायत का दर्जा दिये जाने की घोषणा की गई थी। ग्राम पंचायत देवरी को नगर पंचायत का दर्जा दिये जाने के संबंध में ग्राम पंचायत देवरी में निर्धारित जनसंख्या का मापदण्ड पूर्ण नहीं होने के नगर पंचायत का गठन करना संभव नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न (ग) उपस्थित नहीं होता है। (घ) घोषणाओं का क्रियान्वयन निहित प्रावधान/प्रक्रियाओं के तहत किया जाता है। यह एक सतत् प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना सम्भव नहीं है।
अपूर्ण जानकारी देने वालों के विरूद्ध कार्यवाही
[महिला एवं बाल विकास]
22. ( क्र. 172 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दिनांक 17.07.2019 अता.प्रश्न क्र. 1569 में प्रस्तुत अपूर्ण जानकारी के संबंध में तारांकित प्रश्न क्र. 777 दिनांक 19.03.2020 के उत्तर अनुसार विधानसभा को अपूर्ण जानकारी प्रस्तुत करने पर लेखा शाखा के प्रभारियों की गम्भीर लापरवाही के कारण कलेक्टर जिला उज्जैन द्वारा जारी कारण बताओं सूचना पत्र के विरूद्ध संबंधितों पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार लापरवाही करने वाले कर्मचारी वर्तमान में कौन सी शाखा कब से निर्वहन कर रहे हैं और उक्त कर्मचारियों की मूल पदस्थापना कहां है? क्या इन कर्मचारियों को मूल पदस्थापना वाले स्थान पर आवश्यकता नहीं है? यदि नहीं तो इनके पद समाप्त किये जाकर इन्हें अन्यत्र जिले में समायोजित किया जा रहा है? यदि नहीं तो कारण बतावें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) विधानसभा को अपूर्ण जानकारी प्रस्तुत करने पर लेखा शाखा प्रभारी श्री सुरेश जीनवाल, सहायक ग्रेड-3 एवं श्री गुंजन मिश्रा सहायक ग्रेड-3 को क्रमशः कलेक्टर जिला उज्जैन के आदेश क्रमांक 3761-62 दिनांक 16.12.2020 एवं 3763-64 दिनांक 16.12.2020 द्वारा एक वेतनवृद्धि रोकी जाने तथा मूल स्थान पर भारमुक्त किये जाने हेतु आदेश दिया गया। (ख) संबंधित कर्मचारियों द्वारा दिनांक 22.11.2017 से लेखा शाखा का कार्य निर्वहन किया जा रहा है। श्री सुरेश जीनवाल, सहायक ग्रेड-3 की मूल पदस्थापना कार्यालय परियोजना अधिकारी, एकीकृत बाल विकास परियोजना तराना जिला उज्जैन तथा श्री गुंजन मिश्रा, सहायक ग्रेड-3 की मूल पदस्थापना कार्यालय परियोजना अधिकारी, एकीकृत बाल विकास परियोजना उज्जैन शहर क्र.- 3 जिला उज्जैन में है। इन कर्मचारियों की पदस्थापना स्थान पर आवश्यकता है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
उज्जैन जिले में नलजल योजना की स्वीकृती
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
23. ( क्र. 174 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक कहाँ-कहाँ और कितनी कितनी लागत की नलजल योजनाओं की स्वीकृति दी गई है? आज दिनांक तक कौन-कौन सी नलजल योजना का कार्य पूर्ण हो चुका है? कौनसी नल-जल योजना का कार्य अपूर्ण है तथा कौनसी नल-जल योजना का कार्य अप्रारंभ है? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी देवें। (ख) कार्य पूर्ण होने के उपरांत भी कौनसी नलजल योजना बन्द है? बन्द होने का क्या कारण है? बन्द नलजल योजना को चालू कराने के क्या प्रयास किये जा रहे है? कब तक चालू कराली जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार अपूर्ण नलजल योजना का कार्य कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा तथा जो नलजल योजना का कार्य अप्रारंभ है उसका कार्य कब तक प्रारंभ करा कर कब तक कार्य पूर्ण करा लिया जावेगा? (घ) नलजल योजनाओं के कार्य में विलम्ब व कार्य प्रारंभ नहीं करने के लिए कौन जिम्मेदार/दोषी है? दोषियों पर कब तक और क्या कार्यवाही की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के अनुसार है। (ग) निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है। (घ) विलम्ब के लिये कोई अधिकारी अथवा कर्मचारी जिम्मेदार/दोषी नहीं है, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
नल-जल योजनाओं का संधारण
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
24. ( क्र. 209 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर अन्तर्गत विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ के लिए कार्यपालन यंत्री खण्ड अनूपपुर द्वारा दिनांक 1.4.2016 से किन-किन समूह नल-जल योजनाओं की तकनीकी स्वीकृति प्रदान कर प्रशासकीय स्वीकृत हेतु राज्य शासन को भेजी गई? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रत्येक नल-जल योजना की लागत राशि क्या थी तथा योजना से कितने ग्रामवासी शुद्ध पेयजल प्राप्त कर सकेंगे। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार किन-किन नल-जल योजनाओं की प्रशासकीय स्वीकृत राज्य शासन द्वारा दे दी गई है, कितनी लंबित है तथा लंबित योजनाओं की प्रशासकीय स्वीकृति कब तक जारी कर दी जायेगी।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में कार्यपालन यंत्री द्वारा किसी भी समूह योजना की तकनीकी स्वीकृति नहीं प्रदान की गई है, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की पदोन्नति
[सामान्य प्रशासन]
25. ( क्र. 213 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी संवर्ग के अधिकारियों की पदोन्नति की जा रही है? यदि हाँ, तो क्यों? (ख) क्या पदोन्नति से संबंधित कोई प्रकरण माननीय उच्चतम न्यायालय में लंबित है? यदि हां तो इसके निराकरण हेतु पूर्व सरकार द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? क्या प्रदेश सरकार जनहितैषी कार्यवाही कर पदोन्नति से वंचित कर्मचारी/अधिकारियों की पदोन्नति करेगी। (ग) माननीय उच्चतम न्यायालय में प्रकरण पहुँचने के बाद से आज दिनांक तक प्रदेश में जो कर्मचारी पदोन्नति से वंचित रहते हुये सेवानिवृत्त हुये है? इसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारी हैं? क्या दोषियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की जायेगी? (घ) क्या माननीय न्यायालय में प्रकरण के निर्णय आने तक क्या शासन कर्मचारियों को माननीय न्यायालय के निर्णय के अध्याधीन मानने की शर्त पर कर्मचारियों को पदोन्नति प्रदान करने के आदेश जारी किये जायेगें? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। प्रकरण मान. सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नहरों के लाईनिंग का कार्य गुणवत्ताहीन होना
[जल संसाधन]
26. ( क्र. 214 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सोहागपुर के अंतर्गत वर्ष 2013 से अभी तक कितने वृहद/मध्यम/लघु सिंचाई (दांई तट/बाई तट) परियोजनायें संचालित है नाम सहित जानकारी देवें? (ख) इन दोनों तटों की परियोजनाओं में जो लाईनिंग एवं पक्कीकरण का कार्य हुआ है वह अत्यन्त ही गुणवत्ताहीन है? इस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा नहरों का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं होने एवं गुणवत्ताहीन कार्य होने के संबंध में विभाग को पत्र प्रेषित किये गये थे? यदि हाँ, तो कब-कब तथा प्रश्नकर्ता के पत्र पर विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक की स्थिति में कब-कब और क्या-क्या कार्यवाही की गई? सम्पूर्ण विवरण सहित बतावें? (घ) दांई एवं बांयी तट नहरों का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं तथा गुणवत्ताहीन कार्य होने कौन-कौन अधिकारी एवं एजेन्सी जिम्मेदार है? अधिकारी एवं ठेकेदार का नाम बताते हुये क्या विभाग द्वारा उनके विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सोहागपुर के अंतर्गत तवा वृहद परियोजना की दांयी तट नहर 0 से 7.10 कि.मी., पिपरिया शाखा नहर 0 से 28.29 कि.मी., बागरा शाखा नहर की 0 से 23.59 कि.मी. एवं बांयी तट नहर की 0 से 23.47 कि.मी. तथा गुड्डीखेड़ा लघु सिंचाई परियोजना संचालित है। (ख) नहर लाईनिंग एवं पक्कीकरण का कार्य गुणवत्ता पूर्वक कराया जाना प्रतिवेदित है। जिस स्थान पर गुणवत्ताहीन कार्य हुआ, वहां लाईनिंग के कार्य को तोड़कर ठेकेदार के व्यय पर पुन: लाईनिंग कार्य कराया गया। (ग) अभिलेखों में मान. सदस्य का कोई पत्र प्राप्त होना नहीं पाया गया। अत: जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (घ) बांयी तट नहर का कार्य पूर्ण होना प्रतिवेदित है। बांयी तट नहर की आर.डी. 6,523 मीटर से 23,470 मीटर तक लाईनिंग कार्य में कुछ स्थानों पर गुणवत्ता अनुसार कार्य नहीं पाए जाने पर उक्त स्थानों की लाईनिंग को तोड़कर संबंधित ठेकेदार मेसर्स सोरठिया बेलजी रत्ना एण्ड कम्पनी के व्यय पर गुणवत्ता पूर्वक कार्य संपादित कराया जाना प्रतिवेदित है। कार्य में लापरवाही बरतने वाले निम्नलिखित अधिकारियों पर प्रमुख अभियंता के आदेश क्रमांक 3328500/23/17 दिनांक 08.02.2018 द्वारा एक-एक वेतन वृद्वि असंचयी प्रभाव से रोकी गई है:- (1) श्री अरविन्द कुमार यादव, सहायक यंत्री (2) श्री एम.एल.चन्द्रोल, उपयंत्री (3) श्री बी.के.उपाध्याय, उपयंत्री (4) श्री एन.के.सुर्यवंशी, उपयंत्री। ठेकेदार द्वारा स्वयं के व्यय पर पुन: कार्य करने से उनके विरूद्ध कार्यवाही किए जाने की स्थिति नहीं है।
बैराजों का निर्माण
[जल संसाधन]
27. ( क्र. 225 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत सुकलाना बैराज लागत 260.52 लाख स्वीकृत होकर निविदा सूचना क्र. 664 दिनांक 25.02.2019 को निविदा आमंत्रित की गई थी उक्त बैराज के निर्माण कार्य कब प्रारंभ कर दिया जावेगा। (ख) ग्राम धुरेरी में चम्बल नदी पर बनने वाले धुरेरी बैराज की स्वीकृति कब तक प्रदान की जावेगी इस बैराज का निर्माण किस स्तर पर लंबित है प्रश्नकर्ता द्वारा समय समय पर शासन का ध्यान इस ओर स्वीकृति हेतु आकर्षित कराया था, परन्तु इस बैराज में कौन- कौन अधिकारी दोषी है दोषी अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी। (ग) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत बलोदा हसन बैराज, चिचोडिया बैराज, चामलेश्वर बैराज की ऊंचाई बढ़ाने का प्रस्ताव शासन के किस स्तर पर विचाराधीन है इनकी स्वीकृति कब प्रदान की जावेगी।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। सुकलाना बैराज की निविदा प्रथम बार दिनांक 25.02.2019 को एवं द्वितीय बार निविदा दिनांक 18.03.2020 को आमंत्रित की जाना प्रतिवेदित है। निविदा की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) चंबल नदी पर धुरेरी बैराज की साध्यता स्वीकृति दिनांक 24.07.2018 को प्रदान की गई। डीपीआर अंतिम नहीं हुई है। तकनीकी बिन्दुओं का निराकरण मैदानी कार्यालयों में प्रचलन में होने से किसी अधिकारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते हैं। (ग) बालोदाहसन बैराज की साध्यता स्वीकृति दिनांक 16.01.2020 को प्रदान की गई। डीपीआर तैयार करने की कार्यवाही मैदानी कार्यालयों में प्रचलन में होना प्रतिवेदित है। चिचौडिया बैराज एवं चामलेश्वर बैराज की ऊँचाई बढ़ाने के संबंध में कोई प्रस्ताव शासन स्तर पर विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
विपणन सहकारी संस्था में की गई अनियमितता
[सहकारिता]
28. ( क्र. 309 ) श्री संजीव सिंह : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विपणन सहकारी संस्था भिण्ड में कितने संचालक निर्वाचित किए गए थे? , उन संचालकों में कितने संचालक अयोग्य घोषित हो चुके हैं? (ख) क्या विपणन सहकारी संस्था में विधिवत कोरम का अभाव होते हुए भी विधिवत संचालक मण्डल की बैठके हो रही हैं जिसमें संस्था के हित में अथवा अहित निर्णय लिए गए हैं? (ग) क्या कोरम के अभाव में संचालक मण्डल को अपने पूर्ण अधिकार के साथ कार्य करने का अधिकार है? यदि हाँ, तो किस नियम अंतर्गत यदि नहीं तो इनके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) विपणन सहकारी संस्था मर्यादित भिण्ड में दिनांक 01.02.2016 को 11 संचालक निर्वाचित हुए थे। इनमें से दिनांक 28.02.2020 को 05 संचालकों को अपात्र घोषित किया गया है। (ख) जी हाँ, दिनांक 05.06.2020 एवं 15.09.2020 को गणपूर्ति के अभाव में संचालक मण्डल की बैठक सम्पन्न हुई है जो विधिवत न होने से उक्त बैठकों की कार्यवाही को म.प्र. सहकारी सोसाइटी अधिनियम 1960 की धारा 80-क के अंतर्गत बातिल कराने के निर्देश दिये गये है। (ग) जी नहीं, म.प्र. सहकारी सोसाइटी अधिनियम 1960 की धारा 53 (12) के अंतर्गत दिनांक 11.12.2020 को संचालक मण्डल के स्थान पर अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) भिण्ड को प्रशासक नियुक्त कर दिया गया है।
शेष विधायक निधि, स्वे.राशि का प्रदाय
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
29. ( क्र. 324 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सत्र 2020-21 में मध्यप्रदेश के विधान सभा सदस्यों को कितनी-कितनी विधायक विकास निधी एवं स्वेच्छानुदान राशि प्रदाय की गई है? (ख) क्या प्रति विधानसभा स्वेच्छानुदान मद प्रदाय की जावेगी? यदि हाँ, तो समय-सीमा सहित जानकारी उपलब्ध करावें।
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना के अंतर्गत राशि रुपये 1.48 करोड़ एवं विधायक स्वेच्छानुदान योजना के अंतर्गत राशि रुपये 12.00 लाख माह नवम्बर 2020 तक आवंटित की गई है। (ख) आवंटन उपलब्ध होने पर प्रदाय की जा सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पंचम नगर परियोजना का विस्तार
[जल संसाधन]
30. ( क्र. 325 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह में पंचम नगर परियोजना कब कितनी राशि से स्वीकृत हुई थी प्रशासकीय स्वीकृति की छायाप्रति सहित जानकारी उपलब्ध करावे साथ ही उक्त योजना का कार्य किस कार्य एजेंसी के द्वारा कराया जा रहा है एवं इस योजना से कितने किसान लाभांवित होंगे। (ख) पंचम नगर परियोजना से हटा विधानसभा के किन-किन ग्रामों को लाभ प्राप्त होगा एवं कितने किसानों की भूमि सिंचित होंगी क्या क्षेत्रीय भ्रमण उपरांत किसानों के द्वारा प्रदाय किये गये ज्ञापनों के माध्यम से उक्त योजना का विस्तार हटा व पटेरा विकासखण्ड के ग्रामों में भी किये जाने का लेख विभाग को किया गया था यदि हां, तो हटा एवं पटेरा विकासखण्ड के किसानों को लाभ दिये जाने के उद्देश्य से योजना का विस्तार कब तक किया जावेगा।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) पंचमनगर मध्यम परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 31.03.2012 को रू.263.10 करोड़ की 12,000 हेक्टर सैच्य क्षेत्र एवं पंचमनगर सिंचाई काम्पलेक्स की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 03.01.2017 को रू. 674.90 करोड़ की सैच्य क्षेत्र 25,000 हेक्टर के लिए प्रदान की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। कार्य एवं एजेंसी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। परियोजना से लगभग 59,500 कृषक लाभांवित होना प्रतिवेदित है। (ख) परियोजना प्रतिवेदन में विधानसभा क्षेत्र हटा के कोई भी ग्राम सम्मिलित नहीं है। जी हाँ, मान. सदस्य का पत्र प्राप्त हुआ था। परियोजना के मूल प्रस्ताव में सम्मिलित ग्रामों की सिंचाई एवं पेयजल हेतु जल आवंटन के उपरांत शेष जल उपलब्ध नहीं होने के कारण हटा एवं पटेरा विकासखण्ड के किसानों को लाभ दिए जाने की स्थिति नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
जनहित में भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही
[राजस्व]
31. ( क्र. 332 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा नगर आसपास के सैकड़ों गांवों का एक मात्र व्यापारिक केन्द्र होकर निरंतर बढ़ता हुआ विकसित हो रहा है? (ख) यदि हां, तो संपूर्ण नगरीय क्षेत्र में सर्वे नं. 224, 225 एवं 226 चौपाटी स्थित बस स्टेण्ड के पीछे विगत कई वर्षों से विवादित रिक्त भूमि होकर किसी का भी स्वामित्व नियमानुसार सिद्ध नहीं पाया गया है? (ग) यदि हां, तो पूर्व में बस स्टैण्ड हेतु उक्त सर्वे नं. की रिक्त भूमि शासन द्वारा जनहित में एक पक्षीय अधिग्रहण करते हुए बस स्टैण्ड का निर्माण किया था जो कि निरंतर रूप से संचालित हो रहा है? (घ) क्या बढ़ती जनसंख्या के कारण जनकार्यों को सुगमता से किये जाने में काफी कठिनाईयां आ रही हैं तथा कई भू-माफिया कूट रचित भ्रामक दस्तावेजों के माध्यम से षडयंत्रपूर्वक उक्त सर्वे नं. की रिक्त भूमियों पर अधिपत्य करना चाहते हैं, यदि हां, तो रोका उसे जाकर एवं जनहित में एक पक्षीय अधिग्रहण कर जनसुविधाओं का विस्तार करने की कार्यवाही की जावेगी।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जी हाँ। (घ) माननीय व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2 जावरा में प्रकरण प्रचलित है
विभागीय योजनाओं की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
32. ( क्र. 333 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन्द्र/राज्य शासन प्रवर्तित योजना अन्तर्गत पिपलौदा तहसील में पायलेट प्रोजेक्ट तथा जावरा एवं पिपलौदा तहसील में समूह जल प्रदाय योजना की स्वीकृति होकर कार्ययोजनाएं बनाई गई हैं? (ख) क्या पायलेट प्रोजेक्ट का प्रारंभिक सर्वेक्षण का कार्य विभिन्न विभागों द्वारा किया गया। यदि हाँ, तो वह कौन-कौन से कार्य किये गये? उन पर कितनी राशि स्वीकृत होकर किन-किन कार्यों पर कितना व्यय हुआ? (ग) समूह जल प्रदाय योजना जो कि उपरोक्त दोनों तहसीलों के समस्त ग्रामों हेतु होगी तो इस हेतु मुख्य जल स्रोत माही डेम या गांधी सागर डेम दोनों में से किससे जोड़ा जाएगा? (घ) उपरोक्त दोनों कार्य योजनाओं की सम्पूर्ण स्वीकृति कब तक दी जा सकेगी। मूल कार्य कब से प्रारंभ किये जा सकेंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। समूह योजना की डी.पी.आर. बनाई जा रही है। (ख) जी हाँ। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। दोनों स्त्रोतों से जोड़ने की कोई योजना नहीं है। (घ) निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है।
माफी की भूमि को खुर्द-बुर्द कर संलिप्त भू-माफियाओं एवं अधिकारियों पर कार्यवाही
[राजस्व]
33. ( क्र. 353 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जौरा तहसील के ग्राम भूपतपुर एवं कस्बा जौरा में माफी की कुल कितनी भूमि है और कितनी भूमि को अवैध तरीके से विक्रित कर दिया गया है एवं कितनी भूमि पर अवैध अतिक्रमण है? सर्वे नंबर अनुसार कुल रकबा सहित पृथक-पृथक जानकारी दी जावेगी? (ख) क्या वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक भूमाफियाओं द्वारा पदस्थ राजस्व अधिकारी/कर्मचारियों की मिलीभगत से माफी की जमीन को खुर्दबुर्द कर विक्रय कर दिया गया है? उक्त अवधि में माफी की भूमि का क्रय-विक्रय चरम पर पहुंच गया था? संलिप्त भू-माफियाओं एवं अधिकारियों/कर्मचारियों पर दण्डात्मक कार्यवाही की जा सकेगी? (ग) वर्तमान की स्थिति में उक्त ग्रामों में कितनी भूमि पर अतिक्रमण प्रशासन के संज्ञान में आया है और अतिक्रमण हटाने के लिये क्या-क्या कार्यवाहियां की गई है? कितने अतिक्रमण हटा दिये गये हैं? अद्यतन जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में कस्बा जौरा एवं भूपतपुर की माफी की जमीन को खुर्दबुर्द करने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों के प्रति कब तक दण्डात्मक कार्यवाही की जा सकेगी एवं भूमि को सुरक्षित रखने हेतु उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित कर जांच करवाई जा सकेगी? यदि हां, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जौरा तहसील के ग्राम भूपतपुर में माफी की कोई भूमि नहीं है। कस्बा जौरा में शासकीय अभिलेख मुताबिक माफी/औकाफ भूमि के कुल सर्वे नम्बर 110 हैं जिनका कुल रकवा 25.769 है. है, जिसकी सर्वे नम्बरवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। उक्त भूमि अभिलेख मुताबिक खुर्दबुर्द नहीं की गई है एवं माफी औकाफ की भूमि में से जिन नम्बरों एवं रकबा पर अतिक्रमण है जिसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है। (ग) वर्तमान स्थिति में कस्बा जौरा की माफी औकाफ की भूमि पर जो अतिक्रमण है उसकी सर्वे नम्बरवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। कुल किता 29 सर्वे नम्बर अनुसार कुल रकवा 6.665 हे. में से अतिक्रमित कुल रकवा 4.834 हे. है। समय-समय पर पटवारी द्वारा अतिक्रमण की जानकारी दिये जाने के उपरान्त अतिक्रमणकर्ताओं के विरूद्ध धारा 248 की कार्यवाही प्रचलित की जाती है। न्यायालय तहसीलदार द्वारा अतिक्रमण हटाने के कुल 18 प्रकरणों में विधिवत बेदखली के आदेश दिये गये हैं तथा शेष प्रकरणों में कार्यवाही प्रचलित है। (घ) कस्बा जौरा एवं भूपतपुर में माफी की जमीन का किसी भी प्रकार से खुर्दबुर्द नहीं किया गया है।अतः शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है।
स्वीकृत सिंचाई योजनाओं की निविदा
[जल संसाधन]
34. ( क्र. 387 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में विभाग की वर्ष 2019-20 में कितनी सिंचाई योजनाओं को विभाग से स्वीकृति प्राप्त हुई थी? (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत योजनाओं में किन-किन सिंचाई योजनाओं की निविदा विभाग द्वारा जारी की गई/आमंत्रित की गई? आमंत्रित उपरांत किन-किन योजनाओं में कार्य एजेंसी द्वारा अनुबंध किये गये? (ग) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत जसराज जलाशय, टिपरिया जलाशय भी वर्ष 2019-20 में स्वीकृत हुई थी, विभाग को केवल निविदा जारी करना था/आमंत्रित करना था तो विभाग द्वारा इन सिंचाई योजनाओं के निविदा जारी करना/आमंत्रित क्यों नहीं की गई? (घ) जसराज जलाशय एवं टिपरिया जलाशय सिंचाई योजनाओं की निविदा जारी करने/आमंत्रित न करने के लिए कौन उत्तरदायी है? इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? निविदा कब तक जारी होगी/आमंत्रित की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) मात्र एक। निवोदिया वियर। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार स्वीकृत परियोजना की निविदा आंमत्रित नहीं की जाना प्रतिवेदित है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) एवं (घ) जी नहीं। जसराज जलाशय तथा टिपारिया जलाशय का नाम बजट में सम्मिलित न होने तथा वर्तमान में वित्तीय संसाधनों की सीमित उपलब्धता एवं निविदा सूचकांक अधिक्रमित होने के कारण उक्त सिंचाई परियोजनाओं की निविदा आमंत्रित नहीं की गई है। निविदा आमंत्रित न करने के लिए किसी अधिकारी पर उत्तरदायित्व निर्धारित करने अथवा कार्यवाही करने की स्थिति नहीं है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
देशी/विदेशी मदिरा दुकानों में शराब बिक्री एवं अहाता
[वाणिज्यिक कर]
35. ( क्र. 388 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लॉकडाउन/कोविड-19 के चलते देशी एवं विदेशी मदिरा दुकानों का संचालन विभाग द्वारा कब से कब तक किया गया एवं शासन के क्या दिशा निर्देश थे? देशी एवं विदेशी शराब दुकानों में कब से अहाता संचालन की अनुमति प्रदान की गई? अहाता के खोलने के क्या नियम शासन ने निर्धारित किये हैं? (ख) लॉकडाउन/कोविड-19 के चलते सागर जिले में देशी एवं विदेशी मदिरा दुकानों का संचालन विभाग द्वारा किया गया, उस समय किन-किन दुकानों से कितना माहवार राजस्व प्राप्त हुआ तथा विभाग द्वारा किस दर से देशी/विदेशी मदिरा विक्रय की गई? विक्रय के समय विभाग ने निर्धारित दरों पर विक्रय हो रहा है इसके लिए क्या उपाय/सावधानियां/निरीक्षण किये गये? (ग) सागर जिले में वर्तमान में कितने देशी/विदेशी मदिरा दुकानों में अहाता संचालित हैं? नाम, स्थान एवं स्वीकृत दर एवं पूर्व वर्ष 2019-20 की दरों सहित जानकारी देवें। (घ) वर्ष 2020-21 में नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने अवैध शराब के प्रकरण विभाग द्वारा पंजीकृत किये गये? माहवार, ग्रामवार, प्रकरण की संपूर्ण जानकारी देवें एवं किन-किन प्रकरणों में विभाग द्वारा कार्यवाही की गई?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) लॉकडाउन/कोविड-19 के चलते देशी एवं विदेशी मदिरा दुकानों का पुर्ननिष्पादन होने के कारण विभिन्न जिलों की विभिन्न मदिरा दुकानों का संचालन विभाग द्वारा दिनांक 09.06.2020 से दिनांक 15.07.2020 तक की अवधि में किया गया। मदिरा दुकानों का विभागीय संचालन किये जाने संबंधी दिशा निर्देश, विधानसभा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। वर्ष 2020-21 में देशी एवं विदेशी मदिरा की फुटकर बिक्री की दुकानों के निष्पादन की व्यवस्था, मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 77 दिनांक 25.02.2020 की कंडिका क्रमांक 2 में प्रावधानित व्यवस्था के अनुक्रम में, देशी एवं विदेशी मदिरा की फुटकर बिक्री की दुकानों के परिसर में मदिरा उपभोग की दिनांक 01.09.2020 से अनुमति संबंधी जारी नियम/निर्देश दिनांक 31.08.2020 विधानसभा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ख) लॉकडाउन/कोविड-19 उपरांत सागर जिले की देशी एवं विदेशी मदिरा दुकानों का संचालन लायसेंसी द्वारा छोड़ दिये जाने से दिनांक 09.06.2020 से दिनांक 26.06.2020 तक विभाग द्वारा संचालन किये जाने पर रूपये 10,59,50,040/- का राजस्व प्राप्त हुआ, जिसका दुकानवार विवरण विधानसभा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। शासकीय राजस्व को दृष्टिगत रखते हुये, देशी/विदेशी मदिरा का विक्रय निर्धारित न्यूनतम विक्रय दर (M.S.P.) पर किया गया है। मदिरा दुकानों के संचालन दौरान निर्धारित दर पर मदिरा का विक्रय हो, इस हेतु सागर जिले में पदस्थ सहायक जिला आबकारी अधिकारी/आबकारी उपनिरीक्षकों को प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया जाकर, मदिरा दुकानों पर प्रभावी नियंत्रण रखा गया। (ग) वर्ष 2020-21 में सागर जिले अंतर्गत किसी भी ऑफ श्रेणी की मदिरा दुकानों में अहाता लायसेंस स्वीकृत नहीं किया गया है। वर्ष 2019-20 में मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 454 दिनांक 07.11.2019 अनुसार शॉपबार का वार्षिक मूल्य निर्धारित किया गया है, जो विधानसभा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है। वर्ष के दौरान शॉपबार स्वीकृत किये जाने पर वर्ष की शेष अवधि के लिये समानुपातिक मूल्य देय होगा। वर्ष 2020-21 में देशी एवं विदेशी मदिरा की फुटकर बिक्री की दुकानों के निष्पादन की व्यवस्था, मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 77 दिनांक 25.02.2020 की कंडिका क्रमांक 2 में प्रावधानित व्यवस्था अनुसार, वर्ष 2020-21 हेतु शॉपबार लायसेंस हेतु वार्षिक लायसेंस फीस मदिरा दुकान के वार्षिक मूल्य का 2 प्रतिशत रखा जायेगा। (घ) वर्ष 2020-21 में नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत माह अप्रैल 2020 से माह नवम्बर 2020 तक 238 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं। महावार, ग्रामवार कायम प्रकरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-पांच अनुसार है।
खाद्यान्न पर्ची के संबंध में
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
36. ( क्र. 403 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उचित मूल्य की दुकानों से खाद्यान्न पर्ची के माध्यम से राशन उपलब्ध कराया जाता है? यदि हां, तो खाद्यान्न पर्ची किस नियम से बनती है तथा हितग्राही को खाद्यान्न पर्ची कौन शासकीय सेवक उपलब्ध कराता है? (ख) यदि हां, तो मार्च 2020 की स्थिति में राजगढ़ विधानसभा में खाद्यान्न पर्ची से राशन लेने वाले कितने हितग्राही थे? (ग) माह अप्रैल 2020 से माह अक्टूबर 2020 तक प्रति माह कितने हितग्राही को खाद्यान्न पर्ची के माध्यम से राशन उपलब्ध कराया गया? (घ) प्रश्न कंडिका (ख) द्वारा बताई गई हितग्राही की संख्या तथा प्रश्न कंडिका (ग) में बताए गये हितग्राही की संख्या में यदि अंतर है तो कारण बताएं?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हां। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत अंत्योदय अन्न योजना/प्राथमिकता परिवार श्रेणी अंतर्गत पात्रताधारी परिवार द्वारा अपने वैध दस्तावेजों के साथ ग्राम पंचायत/वार्ड कार्यालय में राशन मित्र पोर्टल पर आवेदन किया जाता है। आवेदनों व दस्तावेजों का सत्यापन, परीक्षण किए जाने के उपरांत पात्र पाए गए हितग्राहियों हेतु मासिक आवंटन के समय, राशन मित्र पोर्टल पर ऑनलाइन पात्रता पर्ची जारी की जाती है। हितग्राहियों को पात्रता पर्ची का वितरण जिला खाद्य कार्यालय व स्थानीय निकाय के द्वारा किया जाता है। हितग्राहियों को राशन मित्र पोर्टल से स्वयं भी पात्रता पर्ची डाउनलोड करने की सुविधा भी उपलब्ध करायी गयी है। (ख) माह मार्च 2020 की स्थिति में राजगढ़ विधानसभा में पात्रता पर्चीधारी 53051 परिवारों द्वारा उचित मूल्य दुकान से राशन प्राप्त किया गया। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) विवाह हो जाने से परिवार से पृथक हुई महिला सदस्यों/मृत्यु/दोहरे होने के कारण अपात्र हुए हितग्राहियों को स्थानीय निकाय के द्वारा चिन्हांकित करने के उपरांत, नवीन हितग्राहियों को जोड़े जाने के अभियान के दौरान इन अपात्र हितग्राहियों को माह सितम्बर, 2020 में पोर्टल से अस्थायी रूप से पृथक किया गया, जिसके कारण प्रश्नांश (ख) एवं (ग) में माह मार्च व सितम्बर-अक्टूबर 2020 में हितग्राहियों की संख्या में भिन्नता है।
मोहनपुरा वृहद सिंचाई परियोजना का कार्य
[जल संसाधन]
37. ( क्र. 404 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ में निर्मित मोहनपुरा वृहद सिंचाई परियोजना से नहरों में किस-किस माह में किस-किस कार्य के लिए पानी छोड़ा जाता है? माह का नाम दर्शाते हुए जानकारी दें। (ख) प्रश्न कंडिका (क) अनुसार जिन माहों में मोहनपुरा वृहद सिंचाई परियोजना से नहरों में पानी नहीं छोड़ा जाता उन महिनों में ग्रामीण व मवेशियां के पेयजल आदि के लिए शासन की क्या कार्य योजना होती है? (ग) क्या जिस समय मोहनपुरा सिंचाई परियोजना की नहरों से पानी नहीं छोड़ा जाता है तो क्षेत्र में पानी की समस्या के निराकरण हेतु क्या शासन जल संसाधन विभाग राजगढ़ द्वारा साध्यता प्राप्त छोटे निस्तारी तालाब के निर्माण की स्वीकृति देगा? हां, तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) मोहनपुरा वृहद सिंचाई परियोजना के पाइप लाईन प्रणाली से सिंचाई कार्य हेतु माह नवम्बर से माह मार्च तक पानी छोड़ा जाना प्रतिवेदित है। (ख) मोहनपुरा परियोजना के डीपीआर में पेयजल हेतु 10.36 मि.घ.मी., पर्यावरणीय उपयोग हेतु 52 मि.घ.मी. एवं औद्योगिक उपयोग हेतु 05 मि.घ.मी. जल आरक्षित है। (ग) निस्तारी तालाबों का निर्माण जल संसाधन विभाग द्वारा नहीं किया जाता है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
लहार एवं सुमावली विधानसभा क्षेत्र में हैण्डपंप खनन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
38. ( क्र. 456 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 अप्रैल 2020 से 30 नवम्बर 2020 तक भिण्ड एवं मुरैना जिले के किस-किस विधानसभा क्षेत्र में कितने हैंण्डपंप स्वीकृत किये गये तथा कितने खनन किये गये तथा कितनी-कितनी राशि का किन-किन एजेंन्सियों को भुगतान किया गया है एवं कितना-कितना शेष है? विधानसभा क्षेत्रवार अलग-अलग विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) की अवधि में मुरैना जिले की सुमावली विधानसभा क्षेत्र के किस-किस गाँव में कहाँ-कहाँ पर कितने हैण्डपंप खनन कब-कब कराये गये? स्वीकृत एवं व्यय की गई राशि का विवरण दें। (ग) वर्तमान में भिण्ड जिले के लहार विधानसभा क्षेत्र में कौन-कौन सी पेयजल योजना कहाँ-कहाँ पर स्वीकृत है? दिनांक 01 अप्रैल, 2020 से प्रत्येक योजना में अभी तक किस-किस निर्माण एजेंन्सी को किस-किस कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? (घ) क्या लहार क्षेत्र में निर्माण एजेन्सियों ने नगरों एवं ग्रामों में पेयजल की लाईन बिछाकर खोदी गई सड़कों की मरम्मत नहीं करने से आवागमन अवरूद्ध हो रहा है? यदि हाँ, तो सड़कों की मरम्मत कब तक करा दी जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। राशि विधानसभा क्षेत्रवार स्वीकृत नहीं की जाती है, अपितु जिलेवार स्वीकृत की जाती है, व्यय की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (घ) लहार क्षेत्र के ग्रामों में विभाग की निर्माण एजेंसियों द्वारा पाईप लाइन के कार्य कराये जा रहे हैं तथा पाईप लाइन हेतु खोदी गयी सड़कों की मरम्मत का कार्य उक्त एजेंसियों द्वारा कराया जा रहा है।
कुम्भराज वृहद सिंचाई परियोजना
[जल संसाधन]
39. ( क्र. 480 ) श्री लक्ष्मण सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कुंभराज वृहद सिंचाई परियोजना शासन के पास स्वीकृत हेतु लंबित है? (ख) अगर हां, तो इसकी स्वीकृति कब तक दी जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
राशन की पात्रता पर्ची का वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
40. ( क्र. 494 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 16 ग्वालियर पूर्व विधानसभा क्षेत्र में नागरिक खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा खाद्यान्न वितरित करने वाली खाद्य पात्रता पर्ची माह सितम्बर 2020 से माह दिसम्बर में दिनांक 03.12.2020 तक उपभोक्ताओं को वितरित नहीं हो सकी है, यदि हां तो कारण सहित जानकारी दी जावें। (ख) उक्त विधानसभा क्षेत्र में ऐसे कितने परिवार हैं, जिन्हें खाद्य पात्रता पर्ची नहीं प्राप्त हो सकी है, उपभोक्ताओं को कब तक पात्रता पर्ची उपलब्ध करा दी जावेगी? (ग) क्या विगत् चार माह से परिवारजनों के सभी आधारकार्ड एवं 24 श्रेणी में से पात्र योजना के कार्ड राशन मित्र वेबसाईट पर अपलोड होने के बावजूद भी उक्त परिवारों की खाद्यान्न पात्रता पर्ची उपलब्ध नहीं हो सकी है? क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) 16 ग्वालियर, पूर्व विधानसभा क्षेत्र में माह सितम्बर 2020 से 3 दिसम्बर, 2020 तक नवीन पात्र लाभार्थियों हेतु 4199 पात्रता पर्चियां जारी की गयी, जो हितग्राहियों को वितरित की जा चुकी हैं तथा हितग्राहियों को राशन मित्र पोर्टल से स्वयं भी पात्रता पर्ची डाउनलोड करने की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) 16 ग्वालियर पूर्व विधानसभा क्षेत्र में स्थानीय निकाय द्वारा पोर्टल पर सत्यापित एवं पात्र पाए गए वैध लाभार्थियों की पात्रता पर्ची जारी की जा चुकी हैं। नवीन आवेदकों द्वारा स्थानीय निकाय कार्यालयों के माध्यम से आवेदन करना, उनकी पात्रता व दस्तावेज का परीक्षण, सत्यापन व स्वीकृति की कार्यवाही एक सतत प्रक्रिया है। पात्र पाए गए लाभार्थियों को मासिक आवंटन के समय पात्रता पर्ची जारी की जाती हैं। (ग) माह सितम्बर 2020 से प्रश्न दिनांक तक उक्त विधानसभा क्षेत्र में चरणवार रूप से 4199 पात्र लाभार्थियों हेतु पात्रता पर्ची जारी कर वितरित की गयी हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सीमांकन, बंटवारा एवं नामांतरण
[राजस्व]
41. ( क्र. 496 ) श्री बाबू जण्डेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र श्योपुर में कितने प्रकरण नामांकन, बंटवारा एवं सीमांकन हेतु प्राप्त हुये, कितने निराकृत हुए तथा कितने प्रकरण लम्बित है? समस्त प्रकरणों की पृथक-पृथक सूची नामवार, पटवारी हल्कावार एवं प्रकारणों के लम्बित रहने के कारण सहित उपलब्ध करावें। (ख) क्या सीमांकन, बंटवारा एवं नामांतरण के प्रकरणों में अनावश्यक रूप से लम्बित रखे जाने की शिकायतें प्रश्नांश (क) अवधि में प्राप्त हुई हैं? यदि हां, तो प्राप्त शिकायतों का विवरण एवं उन पर की गई कार्यवाही का ब्यौरा देवें। (ग) क्या श्योपुर शहर मुख्यालय के शासकीय नालों की शासकीय भूमि पर अतिक्रमण है? यदि हां तो किन-किन व्यक्तियों द्वारा शासकीय नालों की भूमि पर अतिक्रमण कर रखा है? सूची उपलब्ध करावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) विधानसभा क्षेत्र श्योपुर में जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक नामांतरण के प्रकरण-5847, बंटवारा प्रकरण- 1855 एवं सीमांकन प्रकरण- 275 प्राप्त हुये हैं। इनमें से निराकृत प्रकरण- 6007, लम्बित प्रकरण- 1329 हैं। समस्त प्रकरणों की पृथक-पृथक सूची संलग्न है। उक्त लम्बित प्रकरण लॉक डाउन के दौरान न्यायालयीन कार्य बंद रहने एवं तत्पश्चात कोविड 19 के प्रोटोकाल के पालन में सीमित संख्या में सुनवाई होने के कारण लम्बित रहे है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) श्योपुर शहर मुख्यालय के शासकीय नालों पर अतिक्रमण की शिकायत प्राप्त होने पर अतिक्रमण हटाने के कार्यवाही नियमानुसार की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सूक्ष्म सिंचाई परियोजना
[जल संसाधन]
42. ( क्र. 498 ) श्री बाबू जण्डेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत निर्माणाधीन सूक्ष्म सिंचाई परियोजना 35 गांव नहर का निर्माण कार्य धीमी गति से चलने का क्या कारण है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त कार्य पर अभी तक कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य पर व्यय की जा चुकी है? कार्य की भौतिकी स्थिति क्या है? उक्त कार्य कब तक पूर्ण करा लिया जायेगा? (ग) क्या उक्त सिंचाई परियोजना का कार्य एजेंसी द्वारा घटिया स्तर का कराये जाने से राज्य स्तरीय विभागीय अधिकारियों द्वारा अप्रसन्नता जाहिर करते हुये संबंधित कार्य एजेन्सी को नोटिस देकर कार्य सुधार कराया गया है? यदि हां, तो किन कार्यों में सुधार किया गया? जारी किये गये पत्रों/आदेशों/सूचना पत्रों की कॉपी उपलब्ध कराएं? (घ) शासन द्वारा उक्त परियोजना के तहत कराये जा रहे घटिया निर्माण कार्य की जांच किसी निष्पक्ष जांच एजेन्सी से करायेगा? यदि हां, तो कब तक? (ड.) क्या यह भी सत्य है कि लघु सिंचाई परियोजना मूंझरी बांध श्योपुर स्वीकृत किया गया है? यदि हाँ, तो उक्त परियोजना की निविदायें अभी तक आमंत्रित न करने का क्या कारण है? उक्त परियोजना की निविदायें कब तक आमंत्रित की जायेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) सूक्ष्म सिंचाई परियोजना अंतर्गत नहर निर्माण का कार्य धीमा न होकर सामान्य गति से चलना प्रतिवेदित है। लॉक डाउन के समय कार्य की प्रगति अवश्य धीमी थी। (ख) परियोजना पर अभी तक कुल रू. 8817.00 लाख व्यय किए गए हैं, जिसमें सामग्री प्रदायगी पर रू.7801.82 लाख एवं निर्माण कार्यों पर रूपये 1015.18 लाख शामिल है। कार्य की भौतिक प्रगति 50 प्रतिशत है। अनुबंध अनुसार निर्माण कार्य मार्च 2023 तक पूर्ण होना लक्षित है। (ग) जी नहीं। ऐसा कोई नोटिस जारी करना शासन के संज्ञान में नहीं है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) मैदानी कार्यालय द्वारा उपलब्ध कराई गई सूचना अनुसार घटिया निर्माण कार्य का कोई प्रकरण परिलक्षित नहीं होने से जांच कराने की स्थिति नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ड.) जी हाँ। मुझरी सिंचाई परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 04.10.2018 को रू. 414.79 करोड़ की 11,575 हेक्टर हेतु प्रदान की गई। उपलब्ध वित्तीय संसाधन निर्माणाधीन परियोजनाओं के लिए आबद्ध होने से वर्तमान में नवीन परियोजनाओं की निविदा आंमत्रित किया जाना संभव नहीं है। अत: निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
शासकीय महाविद्यालय बदरवास एवं रन्नौद हेतु भूमि आवंटन एवं भवन निर्माण
[उच्च शिक्षा]
43. ( क्र. 508 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कोलारस विधानसभा क्षेत्र में शासकीय महाविद्यालय बदरवास एवं रन्नौद हेतु नवीन भवन के निर्माण की स्वीकृत हो चुकी है? क्या उक्त दोनों महाविद्यालयों हेतु भवन निर्माण की आवश्यकता नहीं है? (ख) यदि आवश्यकता है तो क्या शासकीय महाविद्यालय रन्नौद के भवन निर्माण हेतु भूमि का आवंटन हो चुका है? यदि हां तो भूमि आवंटन आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) यदि नहीं तो किन-किन कारणों से शासकीय महाविद्यालय रन्नौद के भवन निर्माण हेतु भूमि का आवंटन नहीं हो सका है व इसके बिलंव हेतु कौन-कौन उत्तरदायी हैं? कब तक शासकीय महाविद्यालय रन्नौद हेतु भूमि आवंटित कर उक्त दोनों महाविद्यालयों के भवन निर्माण की स्वीकृति जारी कर दी जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। दोनों महाविद्यालयों (बदरवास एवं रन्नौद) में भवन निर्माण की आवयश्यकता है। (ख) जी नहीं। (ग) जिला कलेक्टर, शिवपुरी को भूमि आवंटन हेतु कार्यालयीन अर्द्धशासकीय पत्र/कार्यालयीन पत्र लिखे गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
शासकीय सेवकों के कार्य और विभागीय योजनाओं का क्रियान्वयन
[राजस्व]
44. ( क्र. 513 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा प्रश्न क्रमांक-1481,दिनांक-19/12/2019 के प्रश्नांश- (ग) के उत्तरानुसार कटनी जिले में कार्यरत शासकीय सेवकों के जनवरी 2019 से अपने अधिकारिता/कार्यक्षेत्र में किए गए निरीक्षण के रोस्टर और अनुमोदित भ्रमण डायरी से अवगत कराएं और दस्तावेज़ उपलब्ध कराएं। (ख) राजस्व अभिलेखों की सत्यप्रतिलिपि प्राप्त करने हेतु आवेदकों को क्या प्रक्रिया अपनानी होती हैं एवं किन-किन दस्तावेजों की नकल किस प्रकार प्राप्त की जा सकती हैं और नकलों का एक या अधिक पृष्ठों का शुल्क किस आधार पर नियत हैं तथा एक पृष्ठ की नकल तैयार करने में कितनी लागत आती हैं और कितनी राशि प्रति पृष्ठ प्राप्त की जाती हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत प्राप्त की जाने वाली राशि किस प्रकार उचित हैं और क्या प्रतिलिपियों के प्रभारित शुल्क की समीक्षा कर उचित दर निर्धारित की जायेंगी? यदि हाँ,तो किस प्रकार और कब तक? नहीं तो कारण स्पष्ट करें। (घ) कटनी जिले में कितने और कहाँ-कहाँ राजस्व अभिलेखागार हैं? अभिलेखागारों में क्या-क्या सुविधायें/संसाधन उपलब्ध हैं और कौन-कौन से राजस्व अभिलेख किस रूप/स्वरूप में संधारित हैं? (ङ) प्रश्नांश (ग) क्या सभी राजस्व अभिलेखों को डिजिटल तौर पर संधारित किया जा चुका हैं, यदि हाँ, तो किस प्रकार एवं कब? नहीं तो किन-किन दस्तावेजों का डिजिटलाइजेशन किन कारणों से नहीं हो सका एवं शेष दस्तावेजों का डिजिटलाइजेशन कब तक किस प्रकार किया जायेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग मंत्रालय भोपाल के परिपत्र क्रमांक एफ 5-2/2014/सात- (एक) दिनांक 13.07.2020 में वर्णित निर्देशों के अनुरूप शुल्क एवं सेवायें प्रदाय की जा रही है। परिपत्रों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब'' अनुसार है। (ग) मध्यप्रदेश शासन, राजस्व विभाग की अधिसूचना क्रमांक एफ 2-7/2020/सात/शाखा-7 भोपाल दिनांक 06.07.2020 (मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 संशोधित 2018) की धारा 256 के अंतर्गत मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता (भू-सर्वेक्षण तथा भू-अभिलेख नियम 2020 के नियम 94 तथा 105) के अनुसार कम्प्यूट्रीकृत प्रतिलिपियों के लिए प्रभारित शुल्क निर्धारित किया गया है। जो तकनीकों में बदलाव होने से व्यावहरिक एवं सुगम्य होने से उचित है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (घ) कटनी जिले में एक स्थाई अभिलेखागार कलेक्टर कार्यालय में स्थित है। जहां मिसल बंदोबस्त, 1958-59, खसरा पांचशाला, बी-1, नामांतरण पंजी, समस्त राजस्व प्रकरण, दायरा पंजी मूल स्वरूप में संधारित है, जिसकी प्रतिलिपि नियमानुसार संबंधितों को प्रदाय की जाती है। मानव संसाधन के तौर पर 05 कर्मचारी कार्यरत है एवं 02 कम्प्यूटर, 01 प्रिंटर एवं 01 स्कैनर उपलब्ध है। (ङ) जी नहीं, पटवारी अभिलेख जैसे खसरा, बी -1 एवं नक्शों को डिजिटल रूप में संधारित किया