मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
नवम्बर-दिसम्बर, 2017
सत्र
बुधवार, दिनांक 29 नवम्बर, 2017
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
भू-जलस्तर
घटने से उत्पन्न
पेयजल संकट
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
1. ( *क्र. 1599 ) श्री अरूण भीमावद : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शाजापुर जिले में वर्ष 2015 से 2017 की अवधि में क्रमश: भू-जलस्तर कितना घटा है एवं इससे पेयजल पर क्या प्रभाव पड़ा है? (ख) जिला शाजापुर से विकासखण्डों के मैदानी एवं पहाड़ी क्षेत्रों में प्रश्नांश (क) अनुसार जलस्तर कितना घटा है तथा भू-जलस्तर निरंतर घटने के कौन-कौन से कारण हैं? (ग) शासन द्वारा शाजापुर जिले के कौन-कौन से विकासखण्डों को सूखाग्रस्त एवं जल अभाव क्षेत्र घोषित किया है? (घ) आगामी ग्रीष्मकाल में पेयजल को उपलब्ध कराने हेतु विभाग द्वारा क्या कार्य योजना बनाई गई है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में औसतन क्रमशः 3.43, 3.88 एवं 4.31 मीटर। नल-जल योजनाओं के पेयजल स्त्रोत सूखने एवं हैण्डपंपों का जलस्तर नीचे जाने से हैंडपंपों के बंद होने की संख्याओं में बढ़ोत्तरी हुई है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। भूजल स्तर घटने के मुख्य कारण अनियमित वर्षा का होना, किसानों द्वारा निजी जल स्त्रोतों के माध्यम से अत्यधिक भूजल का दोहन आदि है। (ग) सात तहसीलों (शाजापुर, मो.बड़ोदिया, शुजालपुर, कालापीपल, गुलाना, पोलापकला एवं अवंतीपुर बड़ोदिया) को सूखाग्रस्त एवं कलेक्टर शाजापुर द्वारा दिनांक 10.08.2017 को संपूर्ण जिले को जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित किया गया है। (घ) विभाग द्वारा आगामी ग्रीष्मकाल में पेयजल व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु अनुमानित लागत रूपये 250.88 लाख की कार्ययोजना बनाई गई है, जिसके अंतर्गत नवीन नलकूपों का खनन कर हैण्डपंप स्थापना का कार्य, स्थापित हैण्डपंपों में राइजर पाइप बढ़ाने का कार्य एवं सिंगलफेस मोटर पंप स्थापित करने, कम जल आवक क्षमता वाले नलकूपों में हाइड्रोफैक्चरिंग कार्य एवं पेयजल परिवहन आदि कार्य प्रस्तावित किये गये हैं।
गौशालाओं को अनुदान
[पशुपालन]
2. ( *क्र. 52 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल संभाग में किन-किन जिलों में कितनी-कितनी पंजीकृत गौशालाएं संचालित हैं? जिलेवार विवरण दिया जाए। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित गौशालाओं को वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 में गायों के भरण-पोषण एवं रख-रखाव हेतु कितना-कितना अनुदान दिया गया? (ग) प्रदेश सरकार द्वारा गौशालाओं के अनुदान देने हेतु क्या मापदण्ड/प्रक्रिया निर्धारित की गई है? (घ) प्रदेश सरकार द्वारा गौशालाओं को अनुदान हेतु प्रति गाय प्रतिदिन के मान से कितनी राशि निर्धारित की गई है? (ड.) क्या शासन द्वारा गौशालाओं के अनुदान में वृद्धि हेतु बजट में प्रावधान किया जाएगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) भोपाल संभाग में जिलेवार पंजीकृत गौशालाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (घ) कृषि केबिनेट बैठक में पशुपालन विभाग के अंतर्गत लिए गए निर्णय अनुसार गौशालाओं को दिए जा रहे अनुदान अधिकतम रू. 10/- प्रति गौवंश, प्रति दिवस किया गया है। अनुदान की राशि म.प्र.गौपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड द्वारा राशि की उपलब्धता के आधार पर विकलनीय होगी। (ड.) म.प्र.राज्य कृषि विपणन बोर्ड से राशि गौशालाओं को अनुदान प्रदाय करने हेतु म.प्र. गौपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड को प्राप्त होती है। गौशालाओं को अनुदान में वृध्दि हेतु प्रस्ताव म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड को भेजा गया है।
पाटन विधानसभा अंतर्गत संचालित नल-जल योजनाएं
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
3. ( *क्र. 1064 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पाटन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितनी नल-जल योजनाएं तथा हैण्डपंप योजनाएं स्वीकृत हैं? ग्रामवार सूची देवें एवं यह भी बतलावें कि वर्तमान समय में इन स्वीकृत नल-जल योजनाओं एवं हैण्डपंपों में से कितनी संचालित हैं एवं किन कारणों से बंद हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित बंद नल-जल योजनाओं एवं हैण्डपंपों को उन्हें चालू करने के संबंध में शासन स्तर पर क्या योजना है तथा इन्हें किस प्रकार से कब तक चालू कर दिया जायेगा? प्रश्नांश (क) में स्वीकृत नल-जल योजनाओं में से किन-किन नल-जल योजनाओं पेयजल भण्डारण हेतु पानी की टंकी का निर्माण किया गया तथा किन-किन जगहों पर पानी की टंकी का निर्माण किन कारणों से नहीं किया गया? यह भी बतलावें कि इन टंकी विहीन नल-जल योजनाओं में किस योजना मद से कब तक पानी की टंकियों का निर्माण कर दिया जावेगा? (ग) पाटन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वित्त वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नकर्ता द्वारा कहाँ-कहाँ पर नल-जल योजना स्वीकृत करने तथा कहाँ-कहाँ पर पेयजल हेतु हैण्डपंप खनन करने की अनुशंसाएं कब-कब शासन स्तर पर की गई? इन अनुशंसाओं के तहत कब-कब कहाँ-कहाँ पर नल-जल योजनाएं एवं हेण्डपंप स्थापित किये गये? जनप्रतिनिधियों की अनुशंसाओं पर विभाग द्वारा त्वरित कार्यवाही न करने के क्या कारण हैं? इनका दोषी कौन है, शासन दोषियों पर किस प्रकार से कब तक कार्यवाही करेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 के अनुसार है। (ख) विद्यमान संचालित नल-जल योजनाओं का संचालन तथा उन्हें चालू बनाये रखने का दायित्व संबंधित ग्राम पंचायतों का है। बंद नल-जल योजनाएं यथाशीघ्र चालू की जा सकें, इस हेतु शासन द्वारा प्रत्येक जिले में कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति गठित की है, जिसे रु. 20.00 लाख तक के स्वीकृति के अधिकार सौंपे गये हैं। विभाग द्वारा बंद हैण्डपंपों को सतत् संधारण प्रक्रिया के तहत् निरन्तर सुधारा जाता है, जिसमें हैण्डपंपों का लघु सुधार (धरातल से उपर) एवं दीर्घ सुधार (धरातल से नीचे) को क्रमशः 7 दिवस एवं 15 दिवस में सुधार किया जाता है। नियमानुसार स्वीकृत आवर्धन योजना अंतर्गत टंकी प्रस्तावित होने पर निर्माण किया जा सकेगा। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। आंशिकपूर्ण श्रेणी के ग्रामों में विभाग द्वारा निर्धारित मापदण्ड 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन के मान से पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु नलकूप खनन का कार्य करवाया जाता है। मान. विधायक महोदय द्वारा उनके विधानसभा क्षेत्र के अनुसंशित आंशिकपूर्ण श्रेणी के ग्रामों में प्राथमिकता से नलकूप खनन कर हैण्डपंप लगाये जाते हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना का क्रियान्वयन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
4. ( *क्र. 494 ) श्री मधु भगत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में कितने सदस्यों को पात्रता श्रेणी के तहत मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना का खाद्यान्न मिल रहा है? लाभार्थियों की संख्या श्रेणी की प्रोजेक्ट जनसंख्या का कितने प्रतिशत है? विकासखण्डवार बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितने-कितने नए परिवार जोड़े गये एवं कितने अपात्र परिवार घटाये गये? पृथक-पृथक बतायें। राशन दुकानवार, क्षेत्रवार पात्रता श्रेणी के कितने परिवार और सदस्य सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची से वंचित हैं और क्यों? (ग) क्या बी.पी.एल. कार्डधारियों को प्रधानमंत्री उज्जवला योजनांतर्गत गैस कनेक्शन प्रदान किये गये हैं? यदि हाँ, तो यह बतायें कि बालाघाट जिले में कितने हितग्राहियों को गैस वितरण कब किसके द्वारा किया गया? (घ) क्या शासन द्वारा विधानसभा क्षेत्रवार कोई लक्ष्य निर्धारित किया था? यदि नहीं, तो यह बतायें की परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में जिले के अन्य विधानसभा क्षेत्र की तुलना में गैस वितरण कम क्यों किया गया? इस हेतु दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना के तहत परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के 2,47,300 हितग्राहियों को खाद्यान्न सामग्री के वितरण हेतु सम्मिलित किया गया है। विकासखण्ड परसवाड़ा के 79,380, बालाघाट के 1,20,423, किरनापुर के 47,497 हितग्राही सम्मिलित हैं। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित 25 श्रेणियों के समस्त हितग्राहियों का विभाग द्वारा सर्वे नहीं कराए जाने के कारण श्रेणी की प्रोजेक्ट जनसंख्या की जानकारी दी जाना सम्भव नहीं है। (ख) जी हाँ। वर्ष 2015 से अभी तक परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के 2,505 परिवार जोड़े गए एवं 1,135 अपात्र परिवारों को हटाया गया। बालाघाट जिले में कुल 13,79,134 हितग्राहियों को पात्रता पर्ची जारी कर राशन सामग्री का वितरण किया जा रहा है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत पात्र परिवारों को स्थानीय निकाय द्वारा सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) जारी की जाती है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा निर्धारित आबादी की सीमा तक ही लाभ दिया जा सकता है। अधिनियम अंतर्गत राज्य के लिए हितग्राहियों की अधिकतम सीमा निर्धारित है। इस सीमा से अधिक हितग्राहियों को लाभांवित करने का प्रावधान अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत न होने के कारण शेष आवेदकों की पात्रता नहीं बनती है। वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्यु होने, विवाह होने से, अन्य स्थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्राही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। तद्नुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित सीमा में जारी की जा रही है। जिले में 01 मई, 2017 की स्थिति में जितने अपात्र परिवारों को पोर्टल से विलोपित किया जायेगा, उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित किया जा सकेगा। जुड़ने वाले नवीन परिवारों में बीपीएल एवं अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी को प्राथमिकता दी जा रही है। वर्ष 2017-18 में जिला बालाघाट में 464 परिवारों के 1887 हितग्राहियों के लिए नवीन पात्रता पर्ची जारी की गई है। (ग) प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजनांतर्गत सामाजिक-आर्थिक एवं जाति जनगणना, 2011 में सर्वेक्षित परिवारों में से ऐसे परिवार जो निर्धारित 7 श्रेणियों में से किसी भी एक वंचित श्रेणी के अंतर्गत आते हैं, को ही गैस कनेक्शन दिये जाने का प्रावधान है। बालाघाट जिले में 2,40,515 में से 1,00,016 परिवारों को गैस कनेक्शन एजेन्सियों के माध्यम से वितरण कराये गये है। (घ) भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजनांतर्गत गैस कनेक्शन जारी करने हेतु विधानसभा क्षेत्रवार लक्ष्य का निर्धारण नहीं किया गया। सामाजिक-आर्थिक एवं जाति जनगणना, 2011 में विधानसभा क्षेत्र के सर्वेक्षित परिवार में से ऐसे परिवार जो निर्धारित 7 श्रेणियों में से किसी भी एक वंचित श्रेणी के अंतर्गत आते हों उन्हें गैस कनेक्शन जारी किये जाने का प्रावधान है। बालाघाट जिले में तहसीलवार सर्वेक्षित परिवारों एवं जमा आवेदन की जानकारी पुस्तकालय में परिशिष्ट अनुसार है, जिससे स्पष्ट है कि विधानसभा क्षेत्र परसवाड़ा में न्यूनतम आवेदन जमा नहीं हुए हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पुलिस अभिरक्षा में कृषकों के साथ दुर्व्यवहार
[गृह]
5. ( *क्र. 1728 ) श्री बाला बच्चन : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ में पुलिस अभिरक्षा में किसानों के कपड़े उतारने का आदेश (मौखिक/लिखित) किन अधिकारियों द्वारा दिया गया? किस नियम के तहत कार्यवाही की गई? (ख) इस घटना के संबंध में कितनी शिकायतें, आवेदन, मा. मुख्यमंत्री मा. गृहमंत्री, D.G.P., I.G. एवं टीकमगढ़ जिला स्तर पर शासन को प्राप्त हुई? उन पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) इस घटना की जाँच किसके द्वारा की जा रही है? यह कब तक पूरी होगी? (घ) शासन अपमानित होने वाले इने किसानों को मुआवजा कब तक देगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) दिनांक 03.10.2017 को जिला टीकमगढ़ में हुए एक आन्दोलन के दौरान, आन्दोलनकारियों द्वारा उग्र प्रदर्शन करने के फलस्वरुप कानून-व्यवस्था की स्थिति नियंत्रित करने की प्रक्रिया में कुछ आन्दोलनकारियों को घटनास्थल से हटाकर थाना देहात टीकमगढ़ ले जाया गया था। घटना के संबंध में थाना देहात टीकमगढ़ में अपराध क्रमांक 0312/17 धारा 147, 148, 149, 353, 186, 332 भा.द.वि. के तहत् पंजीबद्ध किया गया। उक्त आन्दोलनकारियों को पुलिस अभिरक्षा में कपड़े उतारने का आदेश (मौखिक/लिखित) किसी अधिकारी द्वारा नहीं दिया गया था एवं न ही ऐसा कोई नियम है। (ख) इस घटना के संबंध में माननीय मुख्यमंत्री, गृहमंत्री, डी.जी.पी., आई.जी. एवं टीकमगढ़ जिला स्तर पर कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है। कार्यालय में प्राप्त दो शिकायतों की जाँच के पश्चात् पुलिस प्रक्रिया का पूर्णतः पालन न किये जाने के कारण 03 पुलिसकर्मियों को रक्षित केन्द्र टीकमगढ़ में सम्बद्ध किया गया है तथा उनके विरुद्ध विभागीय जाँच आदेशित की गई है। थाना प्रभारी निरीक्षक को अन्य जिले में स्थानांतरित किया गया है। (ग) इस घटना की जाँच उप पुलिस महानिरीक्षक छतरपुर रेंज द्वारा पूर्ण की गयी है। (घ) चूंकि किसी आन्दोलनकारी का अपमान नहीं हुआ, इसलिये प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जेल मैन्युअल का पालन
[जेल]
6. ( *क्र. 622 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विगत 03 वर्ष के दौरान प्रदेश में जेल तोड़ने की कितनी घटनाएं सामने आई हैं? वर्षवार, जेलवार घटनाओं का ब्यौरा दें। (1) कितने कैदी किन-किन जेलों से फरार हुए जेलवार ब्यौरा दें? (ख) जेल मैन्युअल के क्या-क्या प्रावधान हैं? भोपाल संभाग में कितने अधिकारियों द्वारा जेलों का निरीक्षण किया गया? जेलवार निरीक्षण करने वाले अधिकारियों का ब्यौरा तथा जेलवार निरीक्षण प्रतिवेदन का ब्यौरा दें? (ग) भोपाल संभाग में कुल कितनी जेलें हैं और उनकी कैदी क्षमता कितनी है तथा उनमें प्रश्न दिनांक को कितने कैदी निरूद्ध हैं, जेलवार क्षमता एवं निरूद्ध कैदियों का ब्यौरा दें? (घ) भोपाल जेल ब्रेक घटना के बाद जेलों में क्या-क्या सुधार किए गए, क्या-क्या बदलाव किए गए?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) निरीक्षण के संबंध में जेल मैन्युअल के प्रावधान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार तथा भोपाल संभाग की जेलों के निरीक्षण संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ई'' अनुसार है।
व्यापम घोटाले के आरोपियों पर एफ.आई.आर.
[गृह]
7. ( *क्र. 1550 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र सिरोंज एवं लटेरी क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2005 से अब तक किन-किन लोगों के नाम संविदा शाला शिक्षक वन विभाग, नापतौल विभाग आदि व्यापम घोटाले में दर्ज किये गये हैं, जिसमें से कितनों पर एफ.आई.आर. दर्ज हुई और किस-किस मामले में एफ.आई.आर. दर्ज हुई है? वर्षवार पृथक-पृथक जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार किन लोगों के माध्यम से संबंधित आरोपियों ने व्यापम परीक्षा में हेर-फेर की? क्या उन लोगों पर भी एफ.आई.आर. दर्ज हुई? यदि हाँ, तो किन-किन व्यक्तियों पर एफ.आई.आर. दर्ज हुई? यदि नहीं, तो उन पर किस कारण से एफ.आई.आर. दर्ज नहीं हुई?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) व्यापम द्वारा आयोजित विभिन्न व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की प्रवेश परीक्षाओं में अनियमितता, भ्रष्टाचार एवं गड़बड़ी से संबंधित अपराधों की विवेचना माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रिट याचिका क्रमांक 372/2015 निर्णय दिनांक 09.07.2015 के अनुसार सेन्ट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन (सी.बी.आई.) को हस्तान्तरित किये जाने हेतु आदेशित किया गया था। प्रश्नांकित जानकारी के संबंध में संविदा शाला शिक्षक के 07 व वन रक्षक भर्ती परीक्षा के 10 व नापतौल निरीक्षक परीक्षा के 01 मामले की विवेचना एस.टी.एफ. व एस.आई.टी. द्वारा की जा रही थी। उक्त प्रकरण अग्रिम विवेचना हेतु सी.बी.आई. को सौंपे जा चुके हैं। अतः प्रश्नांकित जानकारी एस.टी.एफ. द्वारा प्रदान करना संभव नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) की चाही गई जानकारी प्रश्नांश (ख) से ही संबंधित है। समस्त प्रकरण अग्रिम विवेचना हेतु सी.बी.आई. को सौंपे जा चुके हैं, अतः प्रश्नांकित जानकारी प्रदान करना संभव नहीं है।
राजस्व ग्राम की अधिसूचना जारी की जाना
[राजस्व]
8. ( *क्र. 1091 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र के ग्राम हिनोत्या क्रमांक 2 (भरतगढ़) को राजस्व ग्राम घोषित किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या राज्य शासन द्वारा इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई? अधिसूचना की प्रति उपलब्ध करावें? यदि अधिसूचना जारी नहीं की गई तो कब तक की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। अधिसूचना की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
आई.टी. केन्द्रों की स्थापना
[विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी]
9. ( *क्र. 777 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा किन-किन जिलों में आई.टी. केन्द्र/भवन स्थापित हैं? (ख) क्या विभाग द्वारा प्रत्येक जिले स्तर पर आई.टी. केन्द्र/भवन खोले जाने की योजना है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें। (ग) क्या सागर जिले में आई.टी. केन्द्र/भवन स्थापित किया जाना है? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा जिलों में आई.टी. केन्द्र/भवन की स्थापना नहीं की जा रही है। अपितु चयनित जिलों-भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर में स्थापित आई.टी. पार्क की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) सागर जिले में आई.टी. केन्द्र/भवन स्थापित नहीं किया जाना है।
खाद्यान्न की आपूर्ति
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
10. ( *क्र. 1074 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा संभाग में शासकीय उचित मूल्य की दुकानों में खाद्यान्न पहुँचाने हेतु किस कंपनी/सप्लायर को किस शर्त एवं अनुबंध पर कार्यादेश जारी किया गया है, की प्रति देते हुए बतावें कि अगर शर्तों के अनुसार खाद्यान्न दुकानों पर समय पर नहीं पहुँचाया जा रहा है तो इस पर क्या कार्यवाही की गई? खाद्यान्न दुकानों में पहुंचाने हेतु माह की कौन सी तिथि अंतिम नियत की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार खाद्यान्न दुकानों में शासन के निर्देशों के अनुसार नहीं पहुँचाया गया और उपभोक्ता खाद्यान्न से वंचित हुए तो इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों/कर्मचारियों पर कब-कब, कौन-कौन सी कार्यवाही प्रस्तावित की गई, की प्रति देते हुए बतावें कि अगर नहीं की गई तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार सप्लायर/कंपनी/ठेकेदार द्वारा खाद्यान्न का उठाव कर समय पर शासन के जारी निर्देशों और अनुबंध की शर्तों अनुसार समय पर खाद्यान्न दुकानों में न पहुंचाकर माह के अंत में खाद्यान्न का उठाव कर खाद्यान्न पहुँचाया गया, जिससे खाद्यान्न की कालाबाजारी को बढ़ावा मिला, जिसके सुधार व काला बाजारी के रोक पर कार्यवाही न करने वाले जिम्मेदार अधिकारियों/कर्मचारियों के ऊपर क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) रीवा संभाग के रीवा, सीधी, सिंगरौली एवं सतना जिले में उचित मूल्य दुकानों में खाद्यान्न पहुंचाने हेतु अनुबंधित मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन अधिकृत कंपनी है, जिसके द्वारा निविदा द्वारा परिवहनकर्ता को कार्यादेश दिया जाता है। परिवहनकर्ता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। अनुबंधित परिवहनकर्ताओं हेतु परिवहन निविदा की शर्तों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। कंपनी/सप्लायर (अनुबंधित परिवहनकर्ता) द्वारा खाद्यान्न उचित मूल्य दुकानों में समय पर नहीं पहुँचाये जाने की स्थिति में जिलेवार परिस्थितियों के अनुसार अनुबंध के प्रावधान के अन्तर्गत परिवहनकर्ताओं को नोटिस देकर दण्डात्मक कार्यवाही की गई है। जिला सतना द्वारा निविदा शर्त अनुसार पेनाल्टी अधिरोपित कर राशि वसूल की गई है। रीवा, सीधी, सिंगरौली एवं सतना जिले में वर्ष 2015 से जारी किये गए आवंटन एवं उसके विरूद्ध किये गए खाद्यान्न प्रदाय की तिथि एवं दुकानों में खाद्यान्न पहुँचाने के लिए माहवार निर्धारित की गई। अंतिम तिथि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ख) रीवा संभाग के जिलों में जारी किये गए माहवार आवंटन के विरूद्ध खाद्यान्न की उपलब्धता उचित मूल्य दुकानों में कराई गई है। समय पर खाद्यान्न न पहुंचाने पर नियमानुसार परिवहनकर्ता पर कार्यवाही की गई है। (ग) विलंब से खाद्यान्न पहुँचाने वाले परिवहनकर्ताओं से पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार पेनाल्टी वसूली की कार्यवाही की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जाँच अधिकारी द्वारा दिये गये जाँच प्रतिवेदन पर कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
11. ( *क्र. 919 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 1304, दिनांक 19.07.2017 में उत्तर दिया था कि तत्कालीन तहसीलदार छतरपुर द्वारा नियम व धारा का उल्लेख नहीं किया गया था? यदि हाँ, तो क्यों, कारण स्पष्ट करें। (ख) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न में उत्तर दिया गया था कि गेहूं कि संदिग्ध एवं गुणवत्ता पुरानी होने के कारण गेहूं जप्त किया गया था, तो तत्कालीन तहसीलदार द्वारा गेहूं की गुणवत्ता पुरानी किस आधार एवं तथ्य पर प्रतिवेदन में प्रतिवेदित की गयी थी? स्पष्ट उल्लेख करें। (ग) क्या प्रश्नकर्ता ने प्रश्नांश (ग) में पूछा था कि किन विशेष परिस्थितियों पर वाहन की जप्ती जाँचकर्ता अधिकारी कर सकता है? दिये गये उत्तर में उक्त परिस्थिति को परिभाषित नहीं किया गया था? कारण स्पष्ट करें। (घ) क्या प्रश्न के उत्तर में बताया गया कि शासन द्वारा जाँच अधिकारी को जाँच हेतु आदेश जारी किया गया है? तो शासन द्वारा जिन बिंदुओं पर जाँच अधिकारी को जाँच हेतु आदेश जारी किये गये थे? उक्त बिंदुओं पर ही जाँच अधिकारी द्वारा जाँच कर जाँच प्रतिवेदन दिया गया है। हाँ या नहीं? यदि हाँ, तो जाँच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध करायें? यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। तत्कालीन तहसीलदार छतरपुर द्वारा नियम व धारा का उल्लेख नहीं किया गया था। तत्कालीन तहसीलदार द्वारा मध्यप्रदेश शासन खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की गेहूं उपार्जन नीति के नियम एवं वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा दिये गये निर्देशों के क्रम में जाँच की जाकर वस्तुस्थिति का प्रतिवेदन कार्यवाही हेतु प्रेषित किया गया था। (ख) जी हाँ। गेहूं की गुणवत्ता देखने पर गेहूं पुराना होने का उल्लेख किया था। (ग) जी हाँ। दिये गये उत्तर में यह स्पष्ट किया गया है कि तत्कालीन तहसीलदार, छतरपुर के प्रतिवेदन अनुसार उपार्जन केन्द्र पर गेहूं बगैर पंजीयन के खरीदा जा रहा था, जिसमें गेहूं की गुणवत्ता पुराना प्रतीत होना पाया गया था। उपार्जन केन्द्र पर बारदाना नहीं होने के बावजूद उक्त गेहूं परिवहन हेतु लगाये गये ट्रक में लादा जाना संदिग्ध परिस्थितियों को स्वयं स्पष्ट करता है। (घ) जी हाँ। जाँच हेतु आदेश जारी किये गये थे। जाँच प्रतिवेदन की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
पेयजल योजना का क्रियान्वयन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
12. ( *क्र. 1471 ) श्री जसवंत सिंह हाड़ा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल हेतु जल प्रदाय किये जाने के लिये योजना संचालित है? (ख) यदि हाँ, तो योजना में शुजालपुर विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत वर्तमान में किन-किन ग्राम पंचायतों में पेयजल टंकी पाईप लाईन की स्वीकृति प्रदान की गई है? सूची प्रदान की जावे? (ग) प्रश्नांश (ख) अंतर्गत स्वीकृत योजना में से कितनी योजना का कार्य पूर्ण हो चुका है तथा कितनी योजनाओं का कार्य अपूर्ण है? सूची दी जावे। वर्तमान में कितने ग्रामों में ऐसी टंकियाँ हैं, जिनका निर्माण हो चुका है, किन्तु उपयोग में नहीं आ रही हैं? सूची दी जावे तथा उपयोग में न आने का कारण स्पष्ट किया जावे। (घ) प्रश्नांश (ग) अंतर्गत अपूर्ण योजना का कार्य कब तक पूर्ण कर दिया जावेगा तथा शेष नवीन ग्रामों को कब तक योजना में सम्मिलित कर लिया जावेगा।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार किसी भी योजना का कार्य पूर्ण नहीं है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। 5 ग्रामों की टंकियों का उपयोग नहीं हो पा रहा है, शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) वित्तीय वर्ष 2018-19 में संभावित है। वित्तीय संसाधन की उपलब्धता एवं प्राथमिकता के आधार पर नियमानुसार नवीन ग्रामों में नल-जल योजना की स्वीकृति हेतु संबंधित ग्राम पंचायतों से प्रस्ताव प्राप्त होने पर विचार किया जा सकेगा, निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है।
भूमि अधिग्रहण
[राजस्व]
13. ( *क्र. 212 ) श्री संजय उइके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खान प्रबंधक उकवा खान लिमिटेड उकवा तहसील परसवाड़ा द्वारा अनुसूचित क्षेत्र परसवाड़ा के अनुसूचित जनजाति सदस्यों की भूमि क्रय करने की अनुमति/भूमि अधिग्रहण बाबद कलेक्टर बालाघाट को वित्तीय वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक अनेकों पत्र लिखे गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो खान प्रबंधक को कब-कब एवं कौन-कौन सा पत्र प्राप्त हुआ है? पत्र प्राप्ति के उपरान्त क्या कार्यवाही की गई? (ग) केन्द्र या राज्य शासन के हित में आदिवासी अनुसूचित क्षेत्र के अनुसूचित जनजातीय सदस्यों की भूमि अधिग्रहण करने के अधिकार जिला कलेक्टर को है, तो खान प्रबंधक के पत्रानुसार कार्यवाही किन कारणों से नहीं की गयी? (घ) खान प्रबंधक के पत्रों पर कब तक कार्यवाही की जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। खान प्रबंधक उकवा खान मॉयल लिमिटेड उकवा, तहसील परसवाड़ा द्वारा अनुसूचित क्षेत्र परसवाड़ा के अनुसूचित जनजाति सदस्य श्री ओसराम मड़ावी, सुधा मड़ावी, राजेन्द्र मड़ावी, अशोक कुमार कोड़ापे, रूपलता मड़ावी की भूमि क्रय करने की अनुमति का आवेदन खान प्रबंधक द्वारा पत्र क्रमांक उ.खा./सर्वेक्षण/लिज/2017-18/2014 दिनांक 31.07.2017 के द्वारा कलेक्टर जिला बालाघाट को संबोधित प्राप्त हुआ है। (ख) खान प्रबंधक से उनके पत्र क्रमांक उ.खा./सर्वेक्षण/लिज/2017-18/1415, दिनांक 31.07.2017 प्राप्त हुआ है, जिसका परीक्षण किया जा रहा है। (ग) जी हाँ। केन्द्र या राज्य शासन के हित में आदिवासी अनुसूचित क्षेत्र के अनुसूचित जातीय सदस्यों की भूमि अधिग्रहित करने का अधिकार जिला कलेक्टर को भूमि-अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 के तहत है। खान प्रबंधक द्वारा भूमि क्रय करने की अनुमति का आवेदन प्रस्तुत किया गया है, जिसका परीक्षण किया जा रहा है। (घ) खान प्रबंधक उकवा खान मॉयल लिमिटेड द्वारा प्रस्तुत पत्र पर कार्यवाही गतिशील है। कार्यवाही पूर्ण कर भूमि क्रय किये जाने की अनुमति दी जावेगी। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नलकूप खनन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
14. ( *क्र. 1379 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सीधी एवं सिंगरौली जिले में विधायक निधि एवं राज्यसभा सदस्य निधि से कितने नलकूप स्वीकृत हैं? (ख) कितने नलकूपों का कार्य पूर्ण हो गया है एवं कितने अपूर्ण हैं? (ग) अपूर्ण नलकूपों का कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 277 नलकूप स्वीकृत हैं, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) 157 नलकूपों का कार्य पूर्ण किया गया है, 120 अपूर्ण हैं, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वर्ष 2017-18 में पूर्ण करने का प्रयास किया जा रहा है, निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
हत्या के अपराधियों पर कार्यवाही
[गृह]
15. ( *क्र. 139 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला राजगढ़ अंतर्गत थाना लीमाचैहान के ग्राम निपान्यातुला निवासी श्रीमती द्रोपदी बाई तंवर द्वारा अपने पति एवं पुत्र की दिनांक 24.08.2017 को हत्या करने वाले अपराधियों की नामजद रिपोर्ट थाना प्रभारी लीमाचैहान के समक्ष लिखित आवेदन प्रस्तुत कर की गई थी? यदि हाँ, तो प्रकरण में कब-कब क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या लीमाचैहान पुलिस द्वारा मृतकों का पी.एम. करवाया गया? यदि हाँ, तो पी.एम. रिपोर्ट में पिता-पुत्र की मृत्यु का क्या कारण है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में दर्शित हत्या की वरिष्ठ अधिकारियों से निष्पक्ष जाँच कराने हेतु पुलिस महानिदेशक, भोपाल को दिनांक 02.09.2017 को पत्र लिखा गया था? क्या पत्र के परिप्रेक्ष्य में वरिष्ठ अधिकारीयों द्वारा जाँच करायी गयी? यदि हाँ, तो जाँच में क्या पाया गया? यदि नहीं, तो, जाँच क्यों नहीं करायी गयी? (घ) क्या दिनांक 24.08.2017 को घटना स्थल के आसपास आकाशीय बिजली गिरने का रिकॉर्ड उपलब्ध है? यदि हाँ, तो उसका दिनांक एवं समय अवगत करावें एवं मृतकों की मृत्यु होने के समय से भी अवगत करावें? घटना स्थल के आसपास आकाशीय बिजली गिरने से किन-किन चीजों को क्या-क्या नुकसान हुआ है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। मृतक रामबाबू पिता पूरालाल तंवर एवं पूरालाल पिता रामचन्दर तंवर निवासी निपानियातुला का पी.एम. दिनांक 25.08.2017 को शासकीय अस्पताल सारंगपुर में कराया गया था। दोनों मृतकों की पी.एम. रिपोर्ट में पी.एम. कर्ता चिकित्सक ने मृत्यु का कारण निम्नानुसार लेख किया है :- ''Cause of death-coma due to injury to vital organ of body that is brain'' (ग) जी हाँ। जी नहीं। पत्र की जाँच इसलिए नहीं कराई गई थी चूंकि उक्त घटना आकाशीय बिजली के गिरने से मृत्यु होना प्रतीत हुई थी। (घ) दिनांक 24.08.2017 को घटना स्थल के आसपास बिजली गिरने के संबंध में स्वतंत्र साक्षियों के कथन लेख किये गये जिन्होंने घटना दिनांक की रात्रि में पानी बरसना व बिजली गिरना बताया है। घटना स्थल के आसपास टापरी की पॉलीथिन जली हुई है, बबूल के पेड़ की पत्तियां जली हुई हैं, टापरी में गढ़ी हुई खाखरा की लकड़ी फटी हुई है।
हैण्डपंप खनन एवं सुधार
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
16. ( *क्र. 1410 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत वर्ष 2017-18 में प्रश्न दिनांक तक कितने नलकूप खनन किये गये? माहवार संख्यात्मक जानकारी देवें। कितने हैण्डपंप स्थापित किये गये? कितने हैण्डपंप स्थापित करना शेष हैं? (ख) कितने पुराने हैण्डपंप अस्तित्व में हैं? इनमें कितने चालू हैं, कितने बंद हैं? (ग) एक मैकेनिक के पास कितने हैण्डपंप के संधारण का कार्य रहता है? चालू वर्ष में कितने हैण्डपंप सुधार न होने के कारण बंद पड़े हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) के अंतर्गत सुधार न करने के लिये कौन जवाबदार है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) वित्तीय वर्ष 2017-18 में प्रश्न दिनांक तक कुल खनित नलकूप 32, माहवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। हैण्डपंप हेतु खनित सभी 5 नलकूपों पर हैण्डपंप स्थापित किए गए हैं। (ख) विधानसभा क्षेत्र पनागर में 1986 हैण्डपंप स्थापित हैं, जिसमें से 1953 हैण्डपंप चालू हैं एवं 33 हैण्डपंप बंद हैं। (ग) औसतन 150 से 200 हैण्डपम्पों का संधारण कार्य रहता है। 7 हैण्डपंप जलस्तर नीचे जाने के कारण बंद हैं, जिनका सुधार कार्य नहीं किया जा सकता। (घ) बंद हैण्डपंप, सतत् हैण्डपंप संधारण प्रक्रिया के तहत विभाग द्वारा निरन्तर सुधारे जाते हैं। लघु सुधार (धरातल से उपर) एवं दीर्घ सुधार (धरातल से नीचे) वाले बंद हैण्डपंप क्रमशः 7 दिवस एवं 15 दिवस में सुधारे जाते हैं। स्थाई रूप से बंद होने वाले हैण्डपंपों को असुधार श्रेणी में डालकर विलोपित किये जाते हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पेयजल व्यवस्था हेतु कार्य योजना की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
17. ( *क्र. 591 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या श्योपुर जिले में औसत से आधी से भी कम वर्षा होने के कारण भू-जल स्तर 150 से 200 फिट नीचे जाने के कारण लगभग 200 हैण्डपंप सूख गये हैं? लाईन फंसने व भरे पटे एवं अन्य कारणों से भी 200 हैण्डपंप बंद पड़े हैं? नतीजन पेयजल समस्या गंभीर हो गई है तथा आगामी ग्रीष्मकाल आने तक ये अति गम्भीर हो जावेगी? (ख) क्या जिले में निरंतर गिर रहे भू-जल स्तर के कारण तीव्र गति से स्थापित हैण्डपंप भी पानी छोड़ते जा रहे हैं? इस स्थिति से निपटने हेतु ई.ई. पीएचई. श्योपुर ने 8.19 करोड़ की कार्ययोजना तैयार कर शासन को स्वीकृति हेतु भेजी है? इसमें किन-किन कार्यों को शामिल किया गया है? कार्ययोजना वर्तमान में किस स्तर पर परीक्षणाधीन है? परीक्षण कार्य पूर्ण करके इसे कब तक स्वीकृति प्रदान की जावेगी? (ग) क्या परीक्षण कार्य में विलम्ब के कारण जिलेवासियों को पर्याप्त पेयजल की उपलब्धता के अभाव में बहुत ही कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है? (घ) यदि हाँ, तो क्या शासन पेयजल की गंभीर समस्या के निदान हेतु उक्त कार्ययोजना को अविलम्ब स्वीकृत कर जिले में धरातल पर कार्ययोजना अनुसार आवश्यक कार्य प्रारंभ करवाएगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। जी नहीं। (ख) जी नहीं। ग्रीष्मकालीन संभावित पेयजल संकट के निवारण हेतु श्योपुर जिले के लिए रुपये 713.10 लाख की कार्ययोजना राहत आयुक्त को प्रस्तुत है। कार्ययोजना में जलस्तर की कमी वाले नलकूपों पर सिंगल फेस पंप स्थापना, आंशिक पूर्ण श्रेणी के ग्रामों में नवीन हैण्डपंप, पावर पंप एवं सोलर पंप स्थापना, पेयजल की अनुपलब्धता वाले ग्रामों में टेंकरों के माध्यम से पेयजल परिवहन आदि कार्यों का प्रावधान रखा गया है। राहत आयुक्त, भोपाल। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है। (ग) जी नहीं। (घ) गंभीर पेयजल समस्या नहीं है। योजना में प्रस्तावित कार्य उपलब्ध आवंटन एवं विभागीय कार्यक्रमों में जारी लक्ष्य के अंतर्गत आवश्यकतानुसार विभागीय मदों से कराये जा रहे हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
घायलों को मुआवजे का भुगतान
[गृह]
18. ( *क्र. 372 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 20 सितम्बर, 2017 को सायंकाल 7 बजे दतिया जिले के सेवढ़ा नगर में अंग्रेजी शराब की दुकान मुख्य बाजार बस स्टैण्ड, ज्वर मर्दन हनुमान मंदिर के पास हुये गैंगवार में कौन-कौन व्यक्ति घायल हुये तथा किन-किन व्यक्ितों की मृत्यु हुई? ये उस समय वहां क्या कर रहे थे, कहाँ के निवासी थे? (ख) उक्त गैंगवार में पुलिस द्वारा किस-किस को आरोपी बनाया है? घटना में नगरवासियों द्वारा बताया गया कि चार पहिया वाहन से गोलियां बरसाई गईं, जबकि पुलिस द्वारा सी.सी.टी.वी. कैमरे में कैद पैदल व्यक्तियों द्वारा वारदात होना बताया है? सही स्थिति क्या है, अवगत कराया जावे। (ग) उक्त शराब की दुकान मंदिर के पास से मुख्य बाजार स्कूल के पास से हटाये जाने बावत प्रश्नकर्ता ने आबकारी विभाग को कई बार पत्र लिखा, किंतु विनीत शर्मा आबकारी इंस्पेक्टर द्वारा सर्वे कर जाँच प्रतिवेदन देकर दुकान को हटने नहीं दिया, अत: क्या विनीत शर्मा को घटना क्रम की पृष्ठभूमि तैयार करने के आशय से उक्त गैंगवार में आरोपी बनाया जायेगा? (घ) क्या उक्त संपूर्ण घटनाक्रम की निष्पक्ष रूप से किसी ईमानदार अधिकारी, जो दतिया जिले से बाहर का हो से जाँच कराई जावेगी? साथ ही उक्त घटनाक्रम में मारे गये निर्दोष राहगीर अथवा व्यापारी बन्धुओं एवं घायलों को शासन से मुआवजा दिलाया जावेगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) उक्त घटना में पुलिस द्वारा अभी तक की विवेचना में निम्न को साक्ष्य के आधार पर आरोपी बनाया गया है :- 1. रामकिशोर यादव पुत्र बाबूलाल यादव निवासी वार्ड क्रमांक 05 सेवढ़ा, 2. गण्डोली यादव पुत्र हनुमंत सिंह निवासी अनुपगंज सेवढ़ा, 3. लला उर्फ राकेश पुत्र लक्ष्मीनारायन पचैरिया निवासी अस्पताल के सामने सेवढ़ा, 4. मन्नी उर्फ सनमान सिंह पुत्र सुघरसिंह यादव निवासी सेवढ़ा, 5. गिलोह उर्फ नेतसिंह पुत्र सुघरसिंह यादव निवासी सेवढ़ा, 6. शिवम पुत्र मन्नी यादव निवासी सेवढ़ा, 7. जगरूप पुत्र मूलचंद्र बघेल निवासी रसूल पुरा सेवढ़ा, 8. सोनू पुत्र सुल्तान यादव निवासी थाना के पीछे सेवढ़ा। प्रार्थी बंटी शर्मा पुत्र तुलसीराम शर्मा द्वारा प्रथम सूचना पत्र एवं अनुसंधान के कथन में लेख कराया है कि आरोपीगण एक चार पहिया वाहन से आये और वाहन से उतरकर गोलीबारी करने लगे। प्रकरण के आरोपी लला उर्फ राकेश ने गिरफ्तारी के समय पूछताछ पर बताया कि घटना कारित करने के बाद वे किस रास्ते से पैदल वापस गये। पुलिस ने अनुसंधान के दौरान उस राह में लगे सी.सी.टी.वी.कैमरा के फुटेज प्राप्त किये, जिसमें वे घटना कारित करने के पश्चात् पैदल वापस जाते देखे गये हैं। (ग) उक्त शराब की दुकान मध्यप्रदेश शासन द्वारा जारी मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 55 भोपाल दिनांक 06 फरवरी में उल्लेखित दुकानों की अवस्थिति संबंधी नियमों के अधीन स्थापित है। माननीय विधायक द्वारा आबकारी विभाग दतिया को प्रेषित समस्त पत्रों का उत्तर समय-समय पर भेजा गया है। विनीत शर्मा, आबकारी उपनिरीक्षक द्वारा की गई, जाँच के पश्चात्, उक्त्ा दुकान की अवस्थिति के संबंध में श्री के.एल. भगोरा, सहायक जिला आबकारी अधिकारी, विनीत शर्मा, आबकारी उपनिरीक्षक से संयुक्त रुप से जाँच कराई गई थी। विदेशी मदिरा दुकान सेवढ़ा सामान्य प्रयुक्त नियम अनुसार आपत्तिरहित स्थल पर संचालित होना पाये जाने के कारण अन्यत्र स्थल पर स्थापित नहीं किया जा सका। 20 सितम्बर, 2017 को हुये गैंगवार की पृष्ठभूमि में विनीत शर्मा, आबकारी उपनिरीक्षक की कोई संलिप्तता नहीं है। (संयुक्त जाँच प्रतिवदेन, पंचनामें की छायाप्रति, मंदिर के पुजारी का कथन एवं मध्यप्रदेश राजपत्र क्रमांक 55 दिनांक 2015) की जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) घटनाक्रम की निष्पक्ष विवेचना दतिया जिला पुलिस द्वारा की जा रही है। बाहर के जिले के अधिकारी से अनुसंधान कराये जाने का औचित्य नहीं है। मुआवजा संबंधी प्रश्नांश के संबंध में अपर जिला मजिस्ट्रेट द्वारा सूचित किया गया है कि आर.बी.सी. 6-4 में निहित प्रावधानों के तहत गोलीबारी में घायल एवं मृत व्यक्तियों को मुआवजा देने का प्रावधान नहीं है।
नौरादेही अभ्यारण के विस्थापितों को मुआवज़ा भुगतान
[राजस्व]
19. ( *क्र. 973 ) श्री प्रताप सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नौरादेही अभ्यारण में प्रश्न दिनांक तक कितने परिवार व्यवस्थापित किये? सूची उपलब्ध करावें। परिवार इकाई का विभाजन किस आधार पर तथा व्यवस्थापित परिवार के मुखिया को कितनी राशि का मुआवजा आवंटित किया गया है तथा मुआवजा का वितरण किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों की उपस्थिति में किया गया? उनके नाम, पदनाम सहित बतलावें? (ख) क्या व्यवस्थापन कार्य में संलग्न शासकीय अधिकारियों द्वारा तिंदनी ग्राम के हितग्राहियों से रूपये लेकर प्रकरण तैयार किये गये थे? क्या अनुविभागीय अधिकारी के तिंदनी ग्राम भ्रमण दिनांक 15 अप्रैल, 2017 के दौरान कतिपय अधिकारियों/कर्मचारियों के आर्थिक लेनदेन के आरोप लगाये जाने पर जाँच प्रारम्भ की गई थी? क्या प्रारम्भ जाँच नस्ती में संलग्न पंचनामा एवं आर्डरशीट की फोटो जो शासकीय गोपनीय दस्तावेज थे, समाचार पत्र दिनांक 18 अप्रैल में कैसे प्रकाशित हो गये, इसके लिए कौन दोषी है? (ग) क्या तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी डॉ. सी.पी. पटेल राजस्व प्रकरण की जाँच के लिए 8 अगस्त, 2017 को तेन्दूखेड़ा आये थे, तो आदेश एवं उक्त माह की भ्रमण दैनंदनी की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें? जांच के दौरान कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी मौके पर उपस्थित थे तथा जाँच नस्ती किसको वापिस दी गई? (घ) क्या राज्य शासन विवादित नस्ती को अपने संज्ञान में लेकर शासन स्तर के अधिकारियों से जाँच कराये जाने हेतु आदेश प्रदान करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) दमोह जिले में तेन्दूखेड़ा तहसील अंतर्गत नौरादेही अभ्यारण में प्रश्न दिनांक तक ग्राम तिंदनी के कुल 272 परिवार विस्थापित अवार्ड पारित हुआ एवं ग्राम लगरा एवं कुसमी कुल 100 परिवारों को विस्थापित अवार्ड पारित हुआ, जिन्हे मुआवजा ई-पेमेंट से कर दिया गया। परिवार इकाई का विभाजन का आधार मध्यप्रदेश शासन वन विभाग के पत्र क्रमांक/एफ 3-8/07/10-2/2129 भोपाल दिनांक 30.10.2008 एवं कार्यालय कलेक्टर दमोह के पत्र क्रमांक 109/अजाक/वन विस्थापन/2015 दमोह दिनांक 17.04.2017 द्वारा निर्देशानुसार विस्थापन किया गया एवं मुआवजा वितरण ई-पेमेंट द्वारा किया गया। (ख) से (घ) कलेक्टर दमोह से विस्तृत जाँच कराई जा रही है।
सीमांकन के लंबित प्रकरणों का निराकरण
[राजस्व]
20. ( *क्र. 1272 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में सीमांकन, नामांतरण, बंटवारा, फौती एवं अन्य के कितने-कितने प्रकरण किस-किस से कब से लंबित हैं? वर्ष 2014-15 से तहसीलवार, ग्रामवार बताएं। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार ग्राम देवगांव स्थित शासकीय भूमि पुराना खसरा नं. 93 वर्तमान 117 रकबा 0.93 हेक्टेयर घास मद में दर्ज तथा पुराना ख.नं. 92 के संबंध में प्राप्त शिकायत की जाँच कब-कब किस अधिकारी द्वारा की गई? जाँच में क्या तथ्य सामने आये। बन्दोबस्त 1980 के पूर्व दोनों खसरों की भूमि किसके नाम पर थी? बाद में किसके नाम पर कैसे आई? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रकरण अधिकाधिक लंबित रहने एवं प्रश्नांश (ख) अनुसार अभी तक जाँच न होने के लिये कौन दोषी है? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी? (घ) प्रश्नांकित मामले में प्रश्नकर्ता सदस्य एवं अन्य क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों तथा आम नागरिकों द्वारा कब-कब पत्र/शिकायतें प्रस्तुत की गई हैं? प्राप्त पत्रों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? पत्रवार, तिथिवार, कार्यवाहीवार पृथक-पृथक विवरण दें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) कटनी जिले में सीमांकन, नामांतरण एवं बंटवारा के लम्बित प्रकरणों का विवरण निम्नानुसार है :-
तहसील |
सीमांकन |
नामांतरण |
बंटवारा |
कटनी |
153 |
258 |
109 |
रीठी |
22 |
135 |
136 |
बड़वारा |
106 |
141 |
102 |
वि. गढ़ |
19 |
191 |
129 |
बरही |
32 |
39 |
130 |
बहोरीबंद |
53 |
83 |
129 |
ढीमरखेड़ा |
02 |
31 |
48 |
कुल |
387 |
878 |
783 |
(ख)
ग्राम देवगांव
स्थित शासकीय
भूमि पुराना ख.नं. 117 रकवा 0.93 हे.
घास मद में
दर्ज था। वर्ष
1974-75
से 1978-79
तक खसरा के कॉलम
नंबर 12
में कुंआ
पक्का, कब्जा जनपद
सभा मुड़वारा-1
कब्जा मुनीर
खान, चराई
के लिये
सुरक्षित
दर्ज होना लेख
पाया गया। 1977-78
से 1979-80
तक पुराना हस्तलिखित
खसरा के आधार
पर कॉलम नं. 3 में
जनार्दन
प्रसाद वल्द
रामाधीन
सरकारी पट्टेदार
को राजस्व
समिति द्वारा 20.01.1977
को प्रदाय
किया जाना लेख
है। बंदोबस्त
के बाद वर्ष 1987-88 ख.नं. 151 के
स्थान पर ख.नं. 117 बना
जो वर्ष 1987-88 मिसिल
अभिलेख में
आधार पर जनार्दन
प्रसाद वल्द
रामाधीन
भूमिस्वामी
दर्ज है। वर्तमान
कम्प्यूटर
खसरा अभिलेख ख.नं. 117/1
रकवा 0.06
हे. भूमि
जनार्दन वल्द
रामाधीन 117/2
रकवा 0.02 हे., शशांक
वल्द बालकिशन ख.नं. 117/3
रकवा 0.02
हे. शैलेन्द्र
वल्द शीतलचंद
के नाम दर्ज
है तथा पुराना
ख.नं. 92
रकवा 0.02
आबादी मद में
दर्ज था। उक्त
ख.नं. का नवीन
नंबर 118
बना जो कि आज
भी आबादी मद
में दर्ज है। नवीन
ख.नं. 118
के संबंध में
शिकायत की जाँच
राजस्व
निरीक्षक
बिलहरी
द्वारा दिनांक
09/02/2017
को की गई। जिसमें
मौके पर
अर्जुन वल्द
बट्टी लाल, राजकुमार
वल्द
प्यारेलाल जाति
चमार,
अंजू पति
स्व. संजय
मिश्रा काबिज
पाये गये। पुराना
ख.नं. 93
का नवीन खसरा नं. 117 के
संबंध में भी
राजस्व
निरीक्षक
बिलहरी द्वारा
दिनांक 31/01/2017 को जाँच
की गई। वर्ष 1980 के
पूर्व खसरा नं. 92 से
नवीन खसरा नं. 118 भूमि
मद आबादी में
दर्ज थी तथा
पुराना खसरा नं. 93 से
नवीन खसरा नं. 117 में
जनार्दन वल्द
रामाधीन के
नाम शासकीय
पट्टेदार के
रूप में दर्ज
थी। बंदोबस्त
में पुराना
खसरा नं. 92 का नवीन
खसरा नं. 118 वर्तमान
अभिलेख में
आबादी मद में
दर्ज भूमि है
तथा पुराना ख.नं. 93 से
नवीन ख.न. 117
में वर्तमान
अभिलेख
जनार्दन
प्रसाद वल्द
रामाधीन के
नाम से दर्ज भूमि
है। (ग) प्रश्नांश
(ख) के
अनुसार चूंकि जाँच
की गई है और जाँच
में कोई दोषी
नहीं पाया इस
कारण किसी के
विरूद
कार्यवाही
नहीं की गयी। (घ)
प्रश्नांकित
मामले में
कार्यालय
ग्राम पंचायत
देवगांव
द्वारा दिनांक
20/01/2017, संध्या
राय ग्राम
पंचायत
देवगांव
द्वारा जनसुनवाई
दिनांक 28/03/2017 को
शिकायत
प्रेषित की गई।
ग्राम पंचायत
द्वारा
प्रस्तुत
शिकायत की जाँच
दिनांक 24/01/2017 एवं
जनसुनवाई में
प्रस्तुत
शिकायत की जाँच
दिनांक 08/04/2017 को की गई।
खरीदी केन्द्रों द्वारा व्यय राशि
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
21. ( *क्र. 984 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के केन्द्रीय जिला सहकारी बैंक शाखा सिरमौर, त्योंथर, डभौरा, गढ़, चाकघाट, जवा, रीवा की किन-किन समितियों को धान, गेहूं तथा प्याज खरीदी केन्द्र बनायें गये हैं। इन समितियों के खरीदी केन्द्र संचालन हेतु वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक में वर्षवार, वस्तुवार प्रासांगिक व्यय हेतु कितनी-कितनी राशि दी गई है? समितिवार वस्तुवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) खरीदी केन्द्रों में प्रासंगिक व्यय जीन्सवार कितने रूपये प्रति क्विंटल करने का नियम है? नियम की प्रति के साथ समितियों को देय राशि अंकित कर जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के संबंध में क्या यह नियम है कि जिले की समितियों में संचालित खरीदी केन्द्रों द्वारा एक दर से प्रासंगिक राशि व्यय की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (ग) यदि हाँ, तो उक्त खरीदी केन्द्रों में प्रासंगिक राशि भिन्न-भिन्न राशि व्यय कर खर्च की गई? उक्त भिन्नता के लिए कौन अधिकारी दोषी है, उसके विरूद्ध कौन सी दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) रीवा जिले की जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक की शाखा सिरमौर, त्योंथर, डभौरा, गढ़, चाकघाट, जवा, रीवा में धान एवं गेहूं उपार्जन करने वाली समितियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। समितियों को वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार वस्तुवार, समितिवार प्रासंगिक व्यय के भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) धान एवं गेहूं पर उपार्जन समितियों को प्रासंगिक व्यय के रूप में समिति द्वारा व्यय की गई वास्तविक राशि अथवा शासन द्वारा निर्धारित राशि की सीमा तक जो न्यूनतम हो, भुगतान किया जाता है, नियम की प्रति एवं प्रासंगिक व्यय हेतु देय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। चूंकि वास्तविक दरों पर किए गए अंकेक्षित व्यय अनुसार भुगतान होता है। अत: नियमानुसार एक समान दर से लेबर व्यय आदि नहीं किया जाता है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रश्नकर्ता के पत्र पर कार्यवाही
[राजस्व]
22. ( *क्र. 1741 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 16.10.2017 को अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कुक्षी जिला धार को प्रश्नकर्ता के पत्र क्र. DM/524/MLA/KUKSHI/2017 पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या कारण है कि इससे संबंधित जानकारी प्रश्नकर्ता को उपलब्ध नहीं कराई गई? इस विलंब का कारण बतावें। (ग) यह जानकारी कब तक उपलब्ध करा दी जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) दिनांक 16.10.2017 को अनुविभागीय अधिकारी, (राजस्व) कुक्षी जिला धार को प्रश्नकर्ता के पत्र क्र. DM/524/MLA/KUKSHI/2017 पर दिनांक 17.11.2017 को वांछित जानकारी प्रश्नकर्ता को ईमेल के माध्यम से उपलब्ध करवाई गई। (ख) चाही गई वांछित जानकारी में विलंब, जानकारी संकलन की प्रक्रिया कठिन होने से हुआ है। जो निम्नानुसार है :- 1. कुक्षी विधानसभा के डूब प्रभावित प्रत्येक गांव में जहां पर डूब लेवल अस्पष्ट था, उसकी जानकारी प्राप्त करने में समय लगा। 2. कुक्षी विधानसभा के डूब प्रभावित क्षेत्र में निवासरत लोगों के पास रहने के लिये डूब क्षेत्र के बाहर स्वयं की कोई व्यवस्था है, यह जानने में समय लगा। 3. माननीय उच्चतम न्यायालय में पारित आदेश के पालन में डूब से प्रभावित पात्र हितग्राहियों को रूपये 15 लाख एवं 60 लाख प्रदाय करने की सूची एन.व्ही.डी.ए. कार्यालय से पृथक-पृथक समय पर प्राप्त हुई, जिससे जानकारी संकलन करने में समय लगा। 4. शासन द्वारा उदार पैकेज घोषित किये जाने के उपरांत वर्षों पहले डूब क्षेत्र से बाहर निवासरत लोगों द्वारा भी पैकेज का लाभ लेने की मंशा से पुनः लौटकर डूब क्षेत्र में वापस आ गये। ऐसे लोगों की छटनी करने में समय लगा। (ग) चाही गई वांछित जानकारी दिनांक 17.11.2017 को उपलब्ध करा दी गई है।
आरोपियों पर कार्यवाही
[गृह]
23. ( *क्र. 1356 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शाजापुर जिले के थाना कालापीपल के अंतर्गत अपराध क्रमांक 0260, दिनांक 04.10.2017 से प्रकरण पंजीबध्द किया गया है? यदि हाँ, तो किस किस धारा के अंतर्गत तथा आरोपी किस-किस को बनाया गया है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरण में आरोपियों को गिरफ्तार कर कार्यवाही की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरण में कालापीपल पुलिस द्वारा दिनांकवार क्या-क्या कार्यवाही की गई?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। जिला शाजापुर के थाना कालापीपल में दिनांक 04.10.2017 को अप. क्रमांक 260/17 धारा 363, 366 भा.द.वि. का प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है। भादर सिंह पुत्र करण सिंह निवासी भीलखेड़ा को आरोपी बनाया गया है। (ख) जी हाँ। प्रकरण में आरोपी भादर सिंह पुत्र करण सिंह उम्र 23 वर्ष निवासी भीलखेड़ा को, गिरफ्तार किया जाकर कार्यवाही की गई है। (ग) प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
पुलिस कर्मचारियों में बढ़ती अवसाद समस्या
[गृह]
24. ( *क्र. 10 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 जनवरीद, 2016 के पश्चात् प्रदेश में कितने पुलिसकर्मियों की सेवा अवधि में रहते हुए आत्महत्या एवं ह्द्यघात के कारण मृत्यु हुई? पुलिसकर्मियों की आत्महत्या 01 जनवरी, 2013 के पश्चात् प्रतिवर्ष प्रदेश में किस अनुपात में बढ़ी या घटी? (ख) विगत 5 वर्षों में उज्जैन, इंदौर संभाग में पुलिसकर्मियों के बेहतर स्वास्थ के लिए विभाग द्वारा कब-कब एवं क्या-क्या प्रयास किये गए? (ग) प्रश्नांश (क) अन्तर्गत क्या पुलिसकर्मियों में बढ़ती डिप्रेशन की समस्या का मुख्य कारण काम की अधिकता एवं क्षेत्र की आबादी के अनुपात में पुलिसकर्मियों की कमी है? यदि हाँ, तो इसकी रोकथाम के लिए विभाग द्वारा क्या प्रयास किये जा रहे हैं? ड्यूटी के दौरान कार्य करते हुये मृत पुलिसकर्मी के परिवार को विभाग द्वारा किस-किस प्रकार की मदद की जाती है? (घ) क्या गृह विभाग द्वारा पुलिसकर्मियों को आवश्यक छुट्टियों की स्वीकृति शीघ्र प्राप्त हो इस हेतु कोई नवीन दिशा-निर्देश प्रदान किये जा रहे हैं? क्या पुलिसकर्मियों में डिप्रेशन एवं आत्महत्याओं का मुख्य कारण पुलिसकर्मियों को समय पर अवकाश नहीं मिलना भी है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) 01 जनवरी, 2016 के पश्चात् प्रदेश में सेवा अवधि के दौरान आत्महत्या के कारण 29 अधि./कर्मचारियों की मृत्यु हुई है एवं हृदयघात के कारण 109 अधि./कर्मचारियों की मृत्यु हुई है। 01 जनवरी, 2013 से 2016 के अंत तक आंकड़ों के अनुसार आत्महत्या प्रतिवर्ष 30 प्रतिशत एवं हृदयघात से प्रतिवर्ष 81 प्रतिशत के हिसाब से बढ़ी है। (ख) 1. विगत पाँच वर्षों में पुलिस अधि./कर्मचारियों के बेहतर स्वास्थ्य हेतु इकाइयों में समय-समय पर स्वास्थ्य परीक्षण हेतु नि:शुल्क शिविरों का आयोजन कराया जा रहा है। 2. पुलिसकर्मियों के बेहतर स्वास्थ्य के लिय विगत पाँच वर्षों में पुलिस स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (स्थापना वर्ष-2019 अगस्त 2013) के अन्तर्गत उज्जैन एवं इंदौर जोन में पदस्थ 643 अधि./कर्मचारी को उक्त योजना का लाभ प्रदाय किया गया। 3. म.प्र. पुलिस की समस्त इकाइयों में विभिन्न गंभीर बीमारियों में 3047 अधि./कर्मचारियों को चिकित्सा सुविधा का लाभ प्रदान किया गया है। म.प्र. पुलिस की समस्त इकाइयों में 64 स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया गया। 4. म.प्र. पुलिस की समस्त इकाइयों में पुलिस अधि./कर्म. के बेहतर स्वास्थ्य हेतु प्रतिदिन योगा अभ्यास कराया जा रहा है, जिसके सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुये हैं। (ग) 1. पुलिसकर्मियों में कार्य की अधिकता एवं आबादी के अनुरुप पुलिसकर्मियों की कमी होने के कारण डिप्रेशन की समस्या बढ़ रही है। उक्त समस्या के निराकरण के हेतु पुलिस विभाग में वर्ष-2010 से निरंतर विभिन्न रैंकों के पदों में वृद्धि की जा रही है। वर्ष-2010 से अब तक कुल 45535 पदों पर भर्ती की जा चुकी है। 2. पुलिस स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के अन्तर्गत समस्त इकाइयों के अधि./कर्मचारी का स्वास्थ्य परीक्षण एवं गंभीर बीमारियों का निःशुल्क उपचार एवं प्रतिदिन योगा/व्यायाम कराया जा रहा है, जिसके सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुये हैं। 3. मृत-पुलिसकर्मियों के परिवार को विभाग द्वारा परोपकार निधि की आर्थिक सहायता राशि रु. 01 लाख तथा म.प्र. शासन द्वारा रु. 50 हजार अनुग्रह अनुदान राशि के रुप में प्रदान की जाती है तथा मृत कर्मचारी के परिवार को पेंशन, ग्रेच्युटी, अवकाश नगदीकरण, बीमा राशि का भुगतान एवं परिवार के पात्र सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति एवं शासकीय आवास आवंटित किया जाता है। (घ) 1. पुलिस अधि./कर्म. को वर्ष में 16 दिवस आकस्मिक अवकाश, 15 दिवस विशेष अवकाश, 30 दिवस अर्जित अवकाश, 10 दिवस लघुकृत अवकाश, प्रदान किये जाते हैं, उक्त अवकाशों का उपभोग समय-समय पर अधि./कर्म. द्वारा किया जाता है। 2. पु.मु. द्वारा थाने/चौकियों में कार्यरत् निरीक्षक से आरक्षक स्तर के अधि./कर्म. को माह में 01 दिवस अवकाश प्रदान करने हेतु निर्देश जारी किये गये हैं। पुलिसकर्मियों को 15 दिवस पितृत्व अवकाश एवं महिला कर्मियों को 06 माह प्रसूति अवकाश तथा 730 दिवस संतान पालन अवकाश की पात्रता है। यह सही नहीं है कि पुलिसकर्मियों में डिप्रेशन एवं आत्महत्याओं का मुख्य कारण पुलिसकर्मियों को समय पर अवकाश नहीं मिलना भी है, जबकि पुलिसकर्मियों को समस्त प्रकार के अवकाशों का लाभ प्रदाय किया जाता है।
मुलताई तहसील में नजूल के प्रचलित प्रकरण
[राजस्व]
25. ( *क्र. 1700 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुलताई तहसील में मुलताई शहर नजूल भूमि में किस वर्ष से अधिसूचित किया गया है? राजपत्र की प्रति उपलब्ध करायें। नजूल भूमि के पट्टेधारियों के पट्टे नवीनीकरण की क्या प्रक्रिया है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार कितने वर्षों में पट्टे नवीनीकरण की कार्यवाही की जाती है, वर्तमान में मुलताई शहर में नवीनीकरण हेतु कितने पट्टेधारियों का नवीनीकरण शेष है? सूची उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार नजूल की भूमि को फ्री-होल्ड की कार्यवाही की प्रक्रिया के कुल कितने प्रकरणों की स्वीकृति दी एवं कितने प्रकरण मुलताई तहसील के मुलताई शहर के लंबित हैं? सूची उपलब्ध करायें। फ्री-होल्ड हेतु पट्टेधारियों से कितने समय में कितना शुल्क लिया जाकर पट्टा फ्री-होल्ड किया जाता है? निर्देश/आदेश की प्रति उपलब्ध करायें। (घ) मुलताई शहर के समस्त पट्टेधारियों के पट्टे फ्री-होल्ड करने हेतु कोई समय-सीमा है? यदि नहीं, तो कारण बतायें। यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। मुलताई अनुभाग अंतर्गत आवेदक द्वारा पट्टा नवीनीकरण हेतु आवेदन दिये जाने पर राजस्व पुस्तक परिपत्र के खण्ड चार क्रमांक-1 में दिये गये प्रावधानों के अनुसार नवीनीकरण की कार्यवाही की जाती है। (ख) पट्टा अवधि समाप्त होने के पश्चात् आवेदक द्वारा पट्टा नवीनीकरण हेतु आवेदन दिये जाने पर नवीनीकरण की कार्यवाही की जाती है। 1202 पट्टेधारियों का नवीनीकरण शेष है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) कुल 55 पट्टेधारियों को फ्री-होल्ड किया गया है। कोई प्रकरण लंबित नहीं है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार। (घ) नियमानुसार कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं है, नियम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
भाग-2
नियम 46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
अपराधियों
की गिरफ्तारी
[गृह]
1. ( क्र.
25 ) श्री
जितेन्द्र
गेहलोत :
क्या गृह
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) उज्जैन
एवं रतलाम
जिले के समस्त
पुलिस थानों
में धारा 302,307
एवं अन्य
गंभीर
अपराधों में
विगत 2013
से अब तक फरार
अपराधियों व
उनकी
गिरफ्तारी के
लिए की गई
कार्यवाहियों
का थानावार ब्यौरा
क्या है? (ख) उज्जैन
एवं रतलाम
जिले में वर्ष
2014
से अब तक
कितने ऐसे प्रकरण
हैं, जिनमें
हत्या, हत्या का
प्रयास, जानलेवा
हमला चोरी, बलवा, मारपीट, महिला
उत्पीड़न
आदि मामले में
पुलिस ने
प्रकरण खत्मा
काटा?
कितने व कौन-कौन
से खात्मा
प्रकरणों की
शिकायतें व जाँच
हुई? प्रकरणवार
जाँच रिपोर्ट
व कार्यवाही
का ब्यौरा
दें। (ग) उज्जैन
व रतलाम जिले
के थानों में
वर्ष 2014
से अब तक
कितने व
कौन-कौन से
फरार
अपराधियों पर
किस-किस
प्रकरण पर
इनाम घोषित
किये गये? क्या
इनाम की घोषणा
राजनैतिक
दबावों में की
गई? यदि
नहीं,
तों गंभीर
अपराधों में
फरार
आरोपियों पर
अब तक किन-किन
पर इनाम घोषित
नहीं किये गये
एवं क्यों? दुर्भावना
से इनाम की
घोषणा करने पर
संबंधित अधिकारियों
पर क्या
कार्यवाही की
गई? यदि
नहीं,
तो क्यों
नहीं?
गृह मंत्री (
श्री
भूपेन्द्र
सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''अ'' अनुसार
है। (ख) जिला
उज्जैन में वर्ष
2014
से दिनांक 30.10.2017
तक 1494
खात्मा
प्रकरण एवं
रतलाम जिले
में 766
खात्मा
प्रकरण दर्ज
हुए हैं। इन
प्रकरणों के
संबंध में
शिकायत
प्राप्त नहीं
हुई हैं, अतः जाँच का
प्रश्न ही
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''ब'' अनुसार
है।
आर्थिक अपराध (सायबर सेल) के मामले
[गृह]
2. ( क्र. 28 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या "नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो" की रिपोर्ट अनुसार देश के साथ प्रदेश में भी आर्थिक अपराधों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है? यदि हाँ, तो 1 जनवरी 2014 के पश्चात प्रदेश में आर्थिक अपराध किस अनुपात में प्रतिवर्ष बढ़े या घटे हैं जानकारी कुल अपराध की संख्या जिले सहित देवें? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित आर्थिक अपराधों की श्रेणी में कौन-कौन से अपराध आते हैं वर्तमान में राज्य सरकार में कुल कितने अधिकारी, कर्मचारी सायबर सेल में प्रशिक्षित हैं? इनकी योग्यता क्या है? (ग) 1 जनवरी 2014 के पश्चात प्रदेश में हुए कुल आर्थिक मामलों में से कितनों में अपराधी को गिरफ्तार किया, कितने अपराधी गिरफ्त से बाहर है? क्या सायबर अपराधों को पकड़ने के मामलों में विभाग तकनीकी रूप से सक्षम नहीं है? यदि नहीं, तो कितने जिलों में सायबर अपराध को रोकने के लिए सायबर सेल खोले गये हैं क्या इस सम्बन्ध में विभाग द्वारा आ.ई.टी. इंजीनियरों की भी नियुक्ति की जाएगी? (घ) सायबर अपराध को रोकने के मामलों में गत 3 वर्षों में गृह विभाग द्वारा किये गये प्रयासों से अवगत करायें। इस विषय पर कब-कब गृह विभाग ने केन्द्रीय गृह विभाग के साथ संयुक्त बैठक आयोजित की उसमें क्या-क्या निर्णय रहे?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) वर्ष 2014 से 2015 में 4.96 प्रतिशत आर्थिक अपराध घटे है एवं 2015 से 2016 में 9.24 प्रतिशत आर्थिक अपराध बढ़े है। जानकारी पुस्तकालय में परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) आर्थिक अपराधों की श्रेणी में 1. धोखाधड़ी 2. अमानत में खयानत 3. छल 4. कूटरचना सम्मिलित है। वर्तमान में सायबर मुख्यालय में पदस्थ आरक्षक से निरीक्षक स्तर के कुल-146 अधि./कर्मचारियों को सायबर प्रशिक्षित किया जा चुका है। जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र “ब“ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र “स“ अनुसार है। सायबर अपराधियों को पकड़ने में सायबर सेल सक्षम है। सायबर अपराधों के त्वरित निराकरण हेतु सायबर मुख्यालय-भोपाल के साथ-साथ 04 सायबर जोनल कार्यालय-इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर एवं जबलपुर कार्यरत है। उक्त के अलावा सायबर अपराधों पर त्वरित कार्यवाही हेतु राज्य के 51 जिलों में प्रत्येक जिला मुख्यालय थाने को सायबर नोडल थाना घोषित किया गया है। भविष्य में आवश्यकता अनुसार आई.टी. विशेषज्ञों की नियुक्त की जावेगी। (घ) 01. सायबर अपराध अन्वेषण हेतु ’’ सायबर एवं उच्च तकनीकी अपराध पुलिस थाना भोपाल’’ में खोला गया। 02. सायबर अपराधों के त्वरित निराकरण हेतु भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, इन्दौर हेतु विशेष न्यायालय चिन्हित किये गये। 03. सभी जिलों में सायबर शिकायतों की त्वरित सुनवाई हेतु नोडल थाने घोषित किये गये। 04. समस्त नोडल थानों के कर्मचारियों की दक्षता बढ़ाने सायबर मुख्यालय भोपाल द्वारा 250 कर्मचारी प्रशिक्षण किये गये। वर्तमान में 500 कर्मचारियों हेतु प्रशिक्षण आयोजित किया जा रहा है। 05. किसानों के साथ वित्तीय धोखाधड़ी रोकने फसल उपार्जन के समय प्रदेश की सभी मण्डियों में किसान कनेक्ट कार्यक्रम आयोजित किये गये। 06. सायबर मुख्यालय के कर्मचारियों की दक्षता बढाने प्रशिक्षण दिलाये गये। 07. समस्त जिलों के थानों के विवेचकों की विवेचना दक्षता व मार्गदर्शन हेतु एस.ओ.पी. एवं चेक लिस्ट जारी की गई। 08. छात्रों में जागरूकता हेतु स्कूल कॉलेजों में सेमीनार वर्कशॉप आयोजित किये गये। 09. भविष्य में सायबर अपराधों से लड़ने की क्षमता विकसित करने छात्रों की मुख्यालय में इन्टर्नशिप की गई। 10. आम जनता में सायबर अपराधों के प्रति जागरूकता लाने विभिन्न सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार प्रसार करना। 11. नई अपराध कार्य प्रणाली के बचाव हेतु एडवाइजरी जारी की गई है। 12. ब्लूव्हेल गेम से संबंधित प्रकरणों में भारत सरकार के गृह मंत्रालय, नई दिल्ली में बैठक दिनांक 30.08.2017 को आयोजित की गई। 13. स्टेट सायबर फोरेंसिक लेबोरेटरी के विकास के संबंध में सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार में दिनांक 14-15.11.17 को मीटिंग आयोजित हुई।
सी.एस.बी. अनुदान
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
3. ( क्र. 49 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केन्द्रीय रेशम बोर्ड (सी.एस.बी.) के मानक अनुसार प्रति एकड़ प्रति वर्ष कितने डी.एफ.एल. पाले जाने चाहिए एवं उनसे कितना उत्पादन आना चाहिए। खरगोन जिले में प्रति एकड़ कितने डी.एफ.एल. पाले जा रहे हैं एवं उनसे कितना उत्पादन प्रति वर्ष आ रहा है। वर्ष 2014 से 2016 तक वर्षवार सूची देवें। (ख) सी.एस.बी. द्वारा धागाकरण इकाई की महिलाओं को प्रति किलो ककून/धागा क्रय विक्रय करने हेतु रेशम संचालनालय को प्रश्नांश (क) अवधि में कितना अनुदान वर्षवार दिया गया है? रेशम संचालनालय द्वारा खरगोन जिले में इस अनुदान को कितनी महिला/समूह को कितनी-कितनी राशि ककून क्रय/धागाकरण हेतु प्रदान की गई? (ग) खरगोन जिले में स्थापित रेशम धागाकरण इकाइयों के विगत 3 वर्ष में उत्पादन एवं ककून क्रय की जानकारी वर्षवार देवें। (घ) संचालनालय द्वारा स्वीकृत चॉकी कृमिपालन केन्द्र की स्थापना सहायता योजना अंतर्गत खण्डवा एवं खरगोन जिले हेतु 16 लाख रूपये राशि को किस कारण निरस्त किया गया। क्या इसी वित्तीय वर्ष में अन्य स्वीकृतियां भी निरस्त की गई हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी।
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) केन्द्रीय रेशम बोर्ड (सी.एस.बी.) के मानक अनुसार प्रति एकड़ प्रति वर्ष सिंचित क्षेत्र में बाई वोल्टाईन प्रजाति के स्वस्थ समूह 750 एवं मल्टी वोल्टाईन स्वस्थ समूह 850 तथा असिंचित क्षेत्र में मल्टी वोल्टाईन प्रजाति के 550 स्वस्थ समूह पाले जाने चाहिए। पालित स्वस्थ समूह से कोया उत्पादन सिंचिंत क्षेत्र बाई वोल्टाईन 420 किलोग्राम व मल्टी वोल्टाईन 468 कि.ग्रा. एवं असिचिंत क्षेत्र में मल्टी वोल्टाईन 300 किलोग्राम प्रति एकड़ उत्पादन आना चाहिए। खरगोन जिले में प्रति एकड़ पाले गये स्वस्थ समूह एवं ककून उत्पादन की वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) केन्द्रीय रेशम बोर्ड द्वारा धागाकरण हेतु प्रश्नांश (क) अवधि में अनुदान नहीं दिया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) खरगोन जिले में रेशम धागाकरण की कोई इकाई स्थापित नहीं है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। खण्डवा एवं खरगोन जिले चाकी कृमिपालन केन्द्र की स्थापना हेतु रूपये 16 लाख की स्वीकृति को रेशम संचालनालय के आदेश क्रमांक 3898 दिनांक 19/9/2016 से निरस्त करने का कारण नरसिंहपुर एवं छिन्दवाड़ा में क्लस्टर विकसित किया जा रहा है तथा एकीकृत प्रोजेक्ट के रूप में सहयोगी योजनाएं भी उन्हीं जिलों में दी जा रही थी। इसके अतिरिक्त खण्डवा एवं खरगोन जिले हेतु इस वित्तीय वर्ष में अन्य कोई भी स्वीकृतियां निरस्त नहीं की गई है।
पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञों की भर्ती
[पशुपालन]
4. ( क्र. 66 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2010-11 से आज दिनांक तक पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ पद पर म.प्र. लोक सेवा आयोग द्वारा कितनी भर्तियां की गई? क्या इस भर्ती में परिवीक्षा अवधि का प्रावधान था? यदि हाँ, तो कितने वर्षों की परिवीक्षा अवधि का प्रावधान था? (ख) आज दिनांक तक कितने लोगों की परिवीक्षा अवधि पूर्ण हो चुकी है एवं उन्हें परिवीक्षा अवधि उपरांत दिये जाने वाले लाभ दिये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो अवगत करावें। (ग) ऐसे कितने पशु चिकित्सक हैं, जिन्होने परिवीक्षा अवधि पूर्ण कर ली लेकिन उन्हें आज दिनांक तक इसके लाभ नहीं दिये जा रहे हैं इसका कारण क्या है?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) 353 पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञों की भर्ती की गई। जी हाँ। दो वर्ष। (ख) 353 पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञों की परिवीक्षा अवधि पूर्ण हो चुकी है। परन्तु आदेश जारी न होने के कारण परिवीक्षा अवधि पूर्ण उपरांत दिए जाने वाले लाभ नहीं दिए जा रहे है। (ग) प्रश्नांश ''ख'' अनुसार। कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने के कारण।
शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय की स्थापना
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
5. ( क्र. 69 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा नगर में विगत कई वर्षों से आसपास के क्षेत्र एवं प्रदेश के सैकड़ों छात्र एवं छात्राएं पॉलिटेक्निक कालेज में अध्ययनरत होकर तकनीकी शिक्षा प्राप्त करते हैं? किन्तु रतलाम, मन्दसौर, नीमच जिलों में शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय नहीं होने से उच्च अध्ययन की कठिनाइयां आती है? (ख) यदि हाँ, तो क्या पॉलिटेक्निक कालेज जावरा में पर्याप्त भूमि, बड़ा कॉलेज भवन, हॉस्टल एवं पर्याप्त तकनीकी मशीनरी उपकरण एवं स्टॉफ के साथ ही तकनीकी शिक्षा के आवश्यक संसाधन पूर्ण रूप से उपलब्ध हैं? (ग) यदि हाँ, तो क्या पॉलिटेक्निक कालेज परिसर में पर्याप्त भवन, बिल्डिंग, होस्टल्स के साथ-साथ पर्याप्त रिक्त भूमि भी उपलब्ध होकर खाली पड़ी है जो कि इंजीनियरिंग कालेज की आवश्यकताओं को पूर्ण करने में सहायक है? (घ) क्या विगत कई वर्षों से जावरा नगर में इंजीनियरिंग महाविद्यालय प्रारंभ किये जाने हेतु छात्र-छात्राओं, जनप्रतिनिधियों एवं जनता द्वारा भी लगातार मांग की जा रही है, यदि हाँ, तो शासन/विभाग द्वारा समस्त संसाधन उपलब्ध होने की स्थिति में इंजीनियरिंग महाविद्यालय नगर में कब तक प्रारंभ किया जाएगा?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। जावरा मुख्यालय से 100 कि.मी. की परिधि में 01 शासकीय, 02 स्ववित्तीय एवं 07 निजी क्षेत्र के इंजीनियरिंग महाविद्यालय एवं शासकीय क्षेत्र के 04 तथा निजी क्षेत्र के 03 पॉलिटेक्निक महाविद्यालय भी संचालित है। (ख) जावरा पॉलिटेक्निक महाविद्यालय में उपलब्ध संसाधन अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद्, नई दिल्ली के मापदण्डों के अनुरूप है। (ग) जी नहीं। इंजीनियरिंग महाविद्यालय प्रारंभ किये जाने हेतु अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद्, नई दिल्ली के मापदण्ड पृथक है। (घ) जी हाँ। वर्तमान में कोई योजना प्रस्तावित नहीं है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जनहित में भूमि अधिग्रहण
[राजस्व]
6. ( क्र. 70 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा नगर स्थित चौपाटी स्थल पर नगर पालिका परिषद् जावरा द्वारा बस स्टैण्ड संचालित होकर आवागमन यातायात के साथ ही लॉज, होटल अन्य व्यवसायिक दुकानें इत्यादि द्वारा क्षेत्रीय जनता की आवश्यकताओं की पूर्ति विगत वर्षों से की जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो क्या भूमि सर्वे क्र.224, 225 एवं सर्वे क्र.226 प्रारंभ से अंग्रेजों, नवाबों के शासन काल से लेकर आजादी के बाद तक शासकीय भूमि एवं निष्क्रांत सम्पत्ति (इवेक्यू प्रापर्टी) रही है? (ग) यदि हाँ, तो क्या नगर पालिका परिषद् जावरा द्वारा उक्त भूमि की मांग किये जाने पर विगत वर्षों में शासन द्वारा बस स्टैण्ड निर्माण हेतु नगर पालिका की मांग पर भूमि का जनहित में एक पक्षीय अधिग्रहण करते हुए बस स्टैण्ड एवं शापिंग परिसर निर्मित किया था? (घ) यदि हाँ, तो क्या विगत कई वर्षों से सर्वे क्र.224, 225 एवं 226 की शेष रिक्त पड़ी भूमि का जनहित में एक पक्षीय अधिग्रहण कर जनआवश्यकताओं को दृष्टिगत रख बढ़ती जनसंख्या, वाहन, जनकार्यों को पूर्ण किये जाने हेतु अधिग्रहण की मांग की जा रही है? यदि हाँ, तो एक पक्षीय अधिग्रहण कब तक किया जाएगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) केवल सर्वे न. 225,226 शासकीय भूमि है। सर्वे भूमि 224 निजी भूमि है। (ग) कलेक्टर रतलाम द्वारा दिनांक 11.02.1980 द्वारा नगर पालिका जावरा को सर्वे क्र. 226 रकवा 1.012 हेक्टर है। भूमि का आधिपत्य देने के निर्देश तहसीलदार को दिये गये थे तहसीलदार द्वारा 26.02.80 को अग्रिम आधिपत्य नगर पालिका जावरा को दिया गया है। उक्त भूमि पर बस स्टैण्ड भवन एवं शॉपिंग काम्पलेक्स का निर्माण किया गया है। (घ) सर्वे नम्बर 226/1 में सिविल न्यायालय द्वारा स्थगन दिया गया है। सर्वे नम्बर 224 के अधिग्रहण हेतु भू-अर्जन का प्रस्ताव कलेक्टर रतलाम को प्रस्तुत किया है। प्रकरण न्यायालय में होने से भूमि आवंटन की कार्यवाही रोक दी गई है।
उज्जैन संभाग में उद्योगों के प्रदूषण की जाँच
[पर्यावरण]
7. ( क्र. 81 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में किन-किन उद्योगों की चिमनियाँ पर्यावरण मापदंड के अनुरूप नहीं हैं इसकी जाँच 1 जनवरी 2015 के पश्चात कब-कब किस-किस सक्षम अधिकारी ने की? (ख) रतलाम, मंदसौर नीमच जिले में उद्योगों की चिमनियों को लेकर कब-कब किस-किस व्यक्ति संस्था द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई, उस पर विभाग के किस-किस अधिकारी द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? शिकायतकर्ता के नाम सहित जानकारी देवें? (ग) उक्त जिलों में एसे कितने उद्योग हैं जिनके समीप विद्यालय, बटालियन (पुलिस केम्प) या अन्य रिहाइशी इलाके 1 किलोमीटर के अन्तर्गत हैं? (घ) उक्त जिलो के एसे कितने उद्योग हैं जिनके द्वारा प्रदूषित पानी जमीन में उतारने के कारण आसपास के पेयजल स्त्रोतों का पानी दूषित हो गया है? इसकी जाँच पर्यावरण विभाग द्वारा कब-कब की गयी और उद्योगों पर क्या कार्यवाही की गई?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) प्रश्नाधीन जिलों में वर्तमान में कार्यरत सभी प्रमुख जल प्रदूषणकारी उद्योगों द्वारा दूषित जल उपचार संयंत्र स्थापित किये गये है। किसी भी उद्योग को प्रदूषित पानी जमीन में उतारने की अनुमति नहीं दी जाती है और न ही आस-पास के पेयजल स्त्रोत प्रदूषित होने की सूचना है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भूमिहीनों को आवासीय पट्टों का वितरण
[राजस्व]
8. ( क्र. 86 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के भूमिहीनों को म.प्र.शासन की भूमि में काबिज व्यक्तियों को आवासीय पट्टा दिये जाने का क्या प्रावधान है? (ख) क्या सिंगरौली जिले के तहसील चितरंगी के ग्राम खम्हरिया में म.प्र. शासन की भूमि में भूमिहीन कोल जनजाति के 70-75 लोग काबिज है? यदि हाँ, तो उक्त भूमिहीन जनजातियों को अभी तक आवासीय पट्टा नहीं मिलने का क्या कारण है? उक्त व्यक्तियों को कब तक आवासीय पट्टों का वितरण कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) म.प्र.शासन की भूमि में काबिज व्यक्तियों को आवासीय पट्टे दिए जाने के संबंध में निम्न प्रावधान है:- (1) मध्यप्रदेश ग्रामों में दखल रहित भूमि (विशेष उपबंध) अधिनियम 1990 (2) मध्यप्रदेश वास स्थान दखलकार (भूमिस्वामी अधिकारों का प्रदान किया जाना) अधिनियम 1980 (3) म.प्र.नगरीय क्षेत्रों के भूमिहीन व्यक्ति (पट्टाधृति अधिकारों का प्रदान किया जाना) अधिनियम 1984 (ख) सिंगरौली जिले के तहसील चितरंगी के ग्राम खम्हरिया में मध्यप्रदेश शासन की आराजी खसरा नं.174 रकवा 3.45 हे. पर 75 व्यक्तियों द्वारा अतिक्रमण करने की जानकारी प्राप्त हुई है। उन व्यक्तियों को आवासीय पट्टा प्राप्त करने की पात्रता की जाँच की जा रही है। जाँच उपरान्त पात्रता होने पर ही नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
आवासीय पट्टों का वितरण
[राजस्व]
9. ( क्र. 87 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगरौली जिले के चितरंगी विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कितने आवासीय भूमिहीनों को मध्यप्रदेश शासन दखल रहित व वास दखलकार अधिनियम के तहत आवासीय पट्टे प्रदान किये गये है? ग्रामवार नाम सहित विवरण देवें? (ख) क्या उक्त आवासहीनों को प्राप्त आवासीय पट्टा, खसरा, अभिलेख कम्प्यूटरीकृत करा दिये गये हैं? यदि हाँ, तो किस-किस दिनांक को इन्ट्री कराई गई है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) सिंगरौली जिले के चितरंगी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आवासीय भूमिहीनों को मध्यप्रदेश शासन दखल रहित के तहत 5669 पट्टे एवं वास स्थान दखलकार अधिनियम के तहत 247 पट्टे प्रदान किये गये है। ग्रामवार नाम सहित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) आवासहीनों को दखलरहित एवं वासस्थान दखलकार अधिनियम के तहत प्रदाय पट्टों को खसरा अभिलेख कम्प्यूटरीकृत की कार्यवाही कराई जा रही है।
मनासा विधानसभा क्षेत्र में 29 गाँवों की समूह पेयजल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
10. ( क्र. 115 ) श्री कैलाश चावला : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मनासा विधानसभा क्षेत्र में चम्बलेश्वर जलाशय में 29 गाँवों की समूह पेयजल योजना की स्वीकृति कब दी गई थी? किन-किन गाँवों को लाभांवित होना था, इसकी लागत कितनी थी? (ख) निविदा की शर्तों के अधीन कार्य को ठेकेदार द्वारा कब तक पूर्ण कर दिया जाना था? योजना का कार्य अभी तक पूर्ण न होने के क्या कारण हैं, विलम्ब हेतु ठेकेदार को क्या कोई पेनाल्टी लगाई गई है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें। (ग) क्या उक्त योजना में कुछ गाँवों के मोहल्ले मजरे में पाईप लाईन न डालने, गुणवत्ता पूर्ण कार्य न करने, कुछ क्षेत्रों में पानी न पहुंचने व चेम्बर गुणवत्ता पूर्ण न बनाने के कारण टूट जाने की शिकायत जन प्रतिनिधियों से विभाग को प्राप्त हुई हैं? उस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 30 गांवों की गंगाबावड़ी समूह योजना की दिनांक 5.7.2013 को रूपये 3887.62 लाख की स्वीकृति दी गई थी। योजना में सम्मिलित ग्रामों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) दिनांक 5.12.2016 को पूर्ण किया जाना था। ग्रामवासियों द्वारा निर्माण कार्य में व्यवधान उत्पन्न करने से। जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। योजना निर्माणाधीन है, टेस्टिंग कार्य प्रारंभ किया गया है, परियोजना क्रियान्वयन इकाई तथा सुपरविजन एवं क्वालिटी कंट्रोल कंसल्टेंसी के अधिकारियों द्वारा स्थल निरीक्षण किया गया, योजना की टेस्टिंग एवं ट्रायल रन के दौरान प्रश्नांश में उल्लेखित बिन्दुओं का निराकरण किया जा रहा है।
नीमच जिले के डायवर्सन प्रकरणों का निराकण
[राजस्व]
11. ( क्र. 117 ) श्री कैलाश चावला : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नीमच जिले में दिनांक 01-10-2015 से 30-09-2017 तक डायवर्सन के कितने प्रकरणों का निराकरण किया गया? इन में से कितने प्रकरण स्वीकृत हुए एवं कितने अस्वीकृत हुए? प्रकरणवार सूची प्रदान करें एवं आरोपित प्रीमियम, अर्थदण्ड परिवर्तित भू-राजस्व क्षेत्रफल की जानकारी प्रकरणवार, उपखण्डवार प्रदान करें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरणों में अस्वीकृति के क्या कारण है? प्रकरणवार विस्तृत जानकारी देवें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) दिनांक 01.10.15 से 30.09.17 तक उपखण्डवार जानकारी निम्नानुसार है:- उपखण्ड नीमच में कुल निराकृत प्रकरण 311, स्वीकृत प्रकरण 203, अस्वीकृत प्रकरण 108, उपखण्ड मनासा में कुल निराकृत प्रकरण 268, स्वीकृत प्रकरण 175, अस्वीकृत प्रकरण 93, उपखण्ड जावद में कुल निराकृत प्रकरण 191, स्वीकृत प्रकरण 182, अस्वीकृत प्रकरण 09, हुए एवं आरोपित प्रीमियम, अर्थदण्ड परिवर्तित भू-राजस्व क्षेत्रफल की जानकारी प्रकरणवार, उपखण्डवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) नीमच जिले के उपखण्ड नीमच में प्रश्नांक ‘क‘ में उल्लेखित प्रकरणों में से 34 प्रकरण में उपसंचालक नगर तथा ग्राम निवेश विभाग से प्रश्नाधीन भूमियों के संबंध में अवैध कॉलोनी का प्रतिवेदन/अभिमत प्राप्त होने पर अवैध कॉलोनी होने के कारण अस्वीकृत किया गया शेष 63 प्रकरण अदम पैरवी में एवं 11 प्रकरण अन्य कारण से अस्वीकृत किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। अनुभाग मनासा में प्रश्नांश ‘क‘ में उल्लेखित प्रकरणों में से 76 प्रकरणों में उप संचालक नगर तथा ग्राम निवेश विभाग से प्रश्नाधीन भूमियों के संबंध में अवैध कॉलोनी का प्रतिवेदन/अभिमत प्राप्त होने पर अवैध कॉलोनी होने के कारण अस्वीकृत किया गया। शेष 17 प्रकरणों को अदम पैरवी में एवं अन्य कारण से अस्वीकृत किये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। अनुभाग जावद में प्रश्नांश ‘क‘ में उल्लेखित प्रकरणों में से 09 प्रकरण अस्वीकृत किये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
शासकीय भूमि पर अतिक्रमण
[राजस्व]
12. ( क्र. 118 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 26 जुलाई 2017 को प्रश्न क्र. 2215 के प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के संदर्भ में उद्योग प्रबंधकों द्वारा किस-किस शासकीय भूमि पर अतिक्रमण किया है? पूर्ण ब्यौरा उद्योगवार दें। (ख) उद्योग प्रबंधकों के अतिक्रमण हटाने के लिए कब-कब, क्या-क्या कार्यवाहियां की गई? प्रकरणवार, कार्यवाहीवार पूर्ण विवरण दें? (ग) माननीय उच्च न्यायालय में किस भूमि के संबंध में कौनसा प्रकरण विचाराधीन है? उक्त प्रकरण (सी.ओ.एम.ए./०३/२०१६) में आवेदन, उत्तर, मान.न्यायालय द्वारा अब तक दिये आदेशों के समस्त दस्तावेज की छायाप्रति उपलब्ध करायें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) वर्ष 1943 व 1945 में तत्कालीन ग्वालियर रियासत द्वारा बिरला ब्रदर्स को उद्योग स्थापना हेतु भूमि आवंटित की गई थी। ग्राम पाडल्याकला की बिरला मंदिर एवं एयरपोर्ट के पास की भूमि सर्वे क्र. 1233, 1238, 1239, 1240, 1241, 1242, 1243, 1245, 1246, 1247, 1254 को अपर कलेक्टर के प्रकरण क्र. 1/अ-39/13-14 से शासकीय घोषित किया गया। प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर में प्रकरण COMA/03/2015 विचाराधीन है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार केमिकल डिवीजन, ग्रसिम उद्योग नागदा से अपर कलेक्टर उज्जैन के प्रकरण में पारित आदेश के परिपालन में कब्जा लिया गया। माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर में प्रकरण COMA/03/2015 विचाराधीन है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ग) माननीय उच्च न्यायालय में तहसील नागदा के ग्राम पाडल्याकला की बिरला मंदिर एवं एयरपोर्ट के पास की भूमि सर्वे क्र. 1233, 1238, 1239, 1240, 1241, 1242, 1243, 1245, 1246, 1247, 1254 के संबंध में प्रकरण COMA/03/2015 विचाराधीन है उक्त प्रकरण के समस्त दस्तावेजों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
नालछा विकास खण्ड में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
13. ( क्र. 131 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र के नालछा विकासखण्ड की 52 बसाहटें फ्लोराईड से प्रभावित हैं? क्या उपरोक्त फ्लोराईड प्रभावित 52 बसाहटों में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति हेतु विभाग द्वारा मानसरोवर तालाब नालछा में फिल्टर प्लांट स्थापित कर पेयजल पाईप लाईन के माध्यम से क्षेत्र के निवासियों को शुद्ध पेयजल की आपूर्ति किये जाने की योजना क्रियान्वित की जा रही है? (ख) शुद्ध पेयजल आपूर्ति योजना के माध्यम से अब तक किन-किन प्रभावित ग्रामों तक पेयजल आपूर्ति की जा रही है, ग्रामवार बतावें? क्या ग्राम पंचायत ईमलीपुरा का ग्राम पीरघाटपुरा भी फ्लोराईड प्रभावित ग्राम है? यदि हाँ, तो क्या उक्त ग्राम तक विभाग द्वारा शुद्ध पेयजल की आपूर्ति की जा रही है? (ग) यदि नहीं, तो उक्त ग्राम के निवासियों को कब तक उक्त योजना से लाभान्वित कर दिया जावेगा, समयावधि बतावें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) नालछा विकासखण्ड में 146 बसाहटें फ्लोराईड से प्रभावित हैं। मानसरोवर तालाब नालछा आधारित समूह नलजल योजना अंतर्गत 57 फ्लोराईड प्रभावित बसाहटों को शुद्ध पेयजल की आपूर्ति हेतु फिल्टर प्लांट सहित पाईप लाईन योजना क्रियान्वित की गई है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश ’’ख’’ अनुसार समयावधि आगामी एक माह संभावित है।
मुख्य बस स्टैण्ड सागर का जीर्णोद्धार
[परिवहन]
14. ( क्र.
161 ) श्री
शैलेन्द्र
जैन : क्या
गृह मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) सागर
नगर के मुख्य
बस स्टैण्ड
नवीनीकरण/जीर्णोद्धार हेतु शासन
द्वारा कब तथा
कितनी राशि स्वीकृत
की गयी थी एवं
कौन से कार्य
कराये जाना प्रावधानित
थे? कार्य
पूर्ण कराये
जाने की
समय-सीमा क्या
थी? (ख)
प्रश्नांश
(क) के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न दिनांक
तक कौन-कौन से
कार्य पूर्ण
कर लिये गये
हैं तथा
कौन-कौन से
कार्य पूर्ण
कराये जाना
शेष हैं? (ग) यदि
समय-सीमा में
कार्य पूर्ण
नहीं हुए हैं
तो, इसके
क्या कारण
हैं एवं इसके
लिए कौन दोषी
है? प्रावधानित
कार्य कब तक
पूर्ण करा लिए
जाएंगे?
गृह मंत्री (
श्री
भूपेन्द्र
सिंह ठाकुर ) : (क) सागर
के मुख्य बस
स्टैण्ड
नवीनीकरण जीर्णोद्धार
हेतु विभाग के
पत्र क्रमांक
एफ-8-03/2016/आठ
भोपाल दिनांक 22
अक्टूबर 2016
द्वारा राशि रू.
269.32
लाख की
स्वीकृति
प्रदान की गई
थी। इसके
अंतर्गत सीसी
रोड, सीसी
ड्रेनेज, शौचालय, वूम
बेरियर सहित
गेट निर्माण, पार्किग
रोड एवं
पार्किग
क्षेत्र का
निर्माण एवं
बसों के
प्लेटफार्म
का निर्माण
प्रस्तावित
है। कार्य
पूर्ण कराये
जाने हेतु
अनुबंधानुसार
10
माह की अवधि
निश्चित थी। (ख)
प्रश्नांश ''क’’ के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न दिनांक
तक सीसी
पेवमेंट का
निर्माण ड्रेनेज, शौचालय, दो नग
बसों के
प्लेटफार्मों
का निर्माण
कार्य हो चुका
है। गेट
निर्माण का
कार्य एवं एक
प्लेटफार्म
का कार्य
प्रगति पर है, इनको
कवर करने हेतु
स्पेसफ्रेम
एवं रूफिंग सीट
का कार्य शेष
है। (ग) उक्त
कार्य को
अनुबंधानुसार
दिनांक 11.12.2016 तक
पूर्ण किया जाना
था, परंतु
राशि आवंटन
में विलंब
होने से देर
हुयी है। कोई
दोषी नहीं है।
मार्च 2018 तक कार्य
पूर्ण होने की
संभावना है।
हैण्डपंप खनन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
15. ( क्र. 185 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत जनपद पंचायत गोटेगांव एवं जनपद पंचायत नरसिंहपुर में वित्त वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में कितने स्थानों पर हैण्डपम्प खनन किया गया? ग्रामवार, पंचायतवार, स्थान सहित सूची उपलब्ध करावें। (ख) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत वित्तवर्ष 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 में किन-किन ग्रामों में कितनी-कितनी राशि नलजल योजना हेतु स्वीकृत की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार ग्रामों में जो नलजल योजनाएं संचालित की जा रही हैं, उनमें से कितनी नलजल योजनाएं वर्तमान में सुचारू रूप से चालू हैं एवं कितनी बंद हैं? सूची उपलब्ध करावें। जो नलजल योजनाएं बंद हैं उनके बंद होने का कारण स्पष्ट करें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार जो नलजल योजनाएं बंद हैं उन्हें चालू करने हेतु शासन की ओर से क्या कार्यवाही की जा रही है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जनपद पंचायत गोटेगांव में वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में क्रमशः 32 एवं 25 तथा जनपद पंचायत नरसिंहपुर में क्रमशः 19 एवं 5 हैण्डपंपों हेतु नलकूप खनन किया गया। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) 4 नलजल योजनाएं स्वीकृत की गई, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अर्बन लेण्ड सीलिंग एक्ट के अधीन अधिग्रहीत भूमि की वापसी
[राजस्व]
16. ( क्र. 211 ) श्री मोती कश्यप : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर नगर सीमा के ग्रामों के कृषकों की कृषि प्रयोजन की भूमि के अधिग्रहीत किये जाने के उपरान्त भी आज दिनांक तक न तो कब्जा किया गया है और न ही उन्हें मुआवजा दिया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? (ख) क्या प्रश्नकर्ता ने किन्हीं दस्तावेजों सहित पत्र दिनांक 10-9-2017 द्वारा प्रश्नांश (क) भूमि को कृषकों को वापस करने की मांग पर मा. मुख्यमंत्री जी ने राज्य के अनेक नगरों की समस्या- होने पर मा. महाधिवक्ता उच्च न्यायालय से अभिमत प्राप्त कर उचित कार्यवाही करने का आश्वासन दिया है? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिपेक्ष्य में किस दिनांक को मा. महाधिवक्ता से अभिमत मांगा गया है और किस दिनांक को प्राप्त हुआ है? तदनुसार क्या कार्यवाही सुनिश्चित की गई है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जबलपुर जिले में अर्बन सीलिंग एक्ट के अन्तर्गत विधिक प्रक्रिया पूर्ण करते हुये भूमियां राजस्व विभाग में दर्ज की जाकर कब्जे में ली गई थी। (ख) सीलिंग अतिशेष घोषित व कब्जा प्राप्त भूमियों का मुआवजा सीलिंग एक्ट के अनुसार निर्धारित है, परन्तु उक्त राशि कम होने से संबंधितों द्वारा प्राप्त नहीं की जा रही है। (ग) एवं (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मुआवजा का भुगतान
[राजस्व]
17. ( क्र. 216 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा दिनांक 10.07.2017 को मुख्य सचिव म.प्र. एवं प्रमुख सचिव राजस्व को पत्र क्रमांक 3550 एवं 3551 लिखकर ललितपुर, सतना, रीवा, सिंगरौली, महोबा, खजुराहो 541 कि.मी. रेलमार्ग निर्माण हेतु भूमि अधिग्रहण हेतु भूमि स्वामियों को पात्रतानुसार चार गुना मुआवजा भुगतान किए जाने की कार्यवाही किए जाने हेतु लिखा गया था तथा दिनांक 16.10.2017 को उक्त दोनों अधिकारियों को स्मरण पत्र लिखकर की गई कार्यवाही से अवगत कराने का भी लेख किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो पत्रों में उल्लेखित तथ्यों पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई तथा अब तक की गई कार्यवाही से निर्धारित समय-सीमा में प्रश्नकर्ता को क्यों नहीं अवगत कराया गया? इसके लिए कौन उत्तरदायी है और उसके विरूद्ध कब क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) के रेलमार्ग हेतु अभी तक किन-किन भूमि स्वामियों को किस गाईड-लाईन से कितना-कितना मुआवजे का वितरण कर दिया गया? कितना शेष है? क्यों शेष हैं? बताएँ?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्र की प्रति मुख्य सचिव कार्यालय से प्राप्त होने पर संबंधित कलेक्टरों-रीवा, सतना, सिंगरौली, सागर एवं छतरपुर को पत्र की प्रति नियमानुसार कार्यवाही हेतु भेजी गई, जिसकी प्रतिलिपि माननीय सदस्य को दिनांक 17.11.2017 को भी अंकित की गई है। अत: शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ग) मुआवजे का भुगतान की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, भुगतान की शेष कार्यवाही शीघ्र ही पूर्ण कर ली जावेगी।
संनिर्माण कर्मकार की राशि वसूली
[श्रम]
18. ( क्र. 217 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नोत्तरी दिनांक 26.07.2017 में मुद्रित प्रश्न क्रमांक 2352 के प्रश्नांश (ख) का उत्तर म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत कटनी जिले में वर्ष 2012 में जिन भवन स्वामियों को उपकर राशि जमा करने हेतु कारणदर्शी पत्र जारी किया गया था उनमें से किसी के भी द्वारा उपकर राशि जमा नहीं की गई? उपरोक्त राशि की वसूली की कार्यवाही की जा रही है, दिया गया था तो वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक राशि वसूली हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई? कार्यवाही विवरण उपलब्ध करावें। विगत 6 वर्षों से वसूली नहीं करने पर रचना नगर निवासी ने दिनांक 18.07.2017 को मुख्य सचिव म.प्र. शासन एवं 18.07.2017 को कलेक्टर कटनी को उक्त के संबंध में शिकायत की गई थी? यदि हाँ, तो पूरे प्रकरण में उपकर की राशि न वसूलने कौन-कौन दोषी है? उनके विरूद्ध शासन द्वारा अब तक क्या कार्यवाही की गई? बताएं। (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा मुख्य सचिव को पत्र क्रमांक क्यू.3 दिनांक 19.06.2017 को डिप्टी कमिश्नर श्रम विभाग भोपाल को अतिरिक्त प्रभार से हटाकर विभागीय जाँच संस्थित किए जाने हेतु लिखा था, उस पर अब तक क्या कार्यवाही की गई? बताएं। यदि नहीं, की गई तो कब तक की जावेगी? (ग) विधानसभा प्रश्न संख्या 127 क्रमांक 7269 दिनांक 27 मार्च 2017 के प्रश्नांश (ख) के उत्तर में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। दिया गया है तो क्या अतिरिक्त पदों से हटाने की प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई? यदि नहीं, तो अब कब पूर्ण न करने के लिए कौन दोषी है? बताएं तथा कब तक अतिरिक्त पदों से हटाया जायेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण उपकर अधिनियम, 1996 के अंतर्गत कटनी जिले में वर्ष 2012 से पंजीकृत सभी प्रकरणों में उपकर राशि की वसूली हेतु कार्यालय द्वारा सूचना पत्र जारी किये गये हैं जिसके अनुक्रम में उक्त प्रकरणों में 20,55,079/- रू. उपकर राशि जमा हो चुकी है, जिसका प्रकरणवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। श्रमायुक्त द्वारा श्रम पदाधिकारी, कटनी को प्रकरणों में त्वरित कार्यावाही करते हुए उपकर राशि की वसूली हेतु निर्देशित किया गया है, जिसके अनुक्रम में उक्तानुसार उपकर राशि की वसूली की प्रक्रिया प्रचलित है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) शासन स्तर पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) शासन स्तर पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
फसल बीमा की राशि का भुगतान
[राजस्व]
19. ( क्र. 255 ) श्री रामनिवास रावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले की बडोदा तहसील में दि. 10.10.16 को चक्रवाती तूफान, तेज वर्षा व ओलावृष्टि से किन-किन ग्रामों में कितने कृषकों की कितने-कितने प्रतिशत, किन किन फसलों की क्षति का आंकलन राजस्व विभाग द्वारा कर किस किस ग्राम के किस-किस कृषक को कितनी कितनी राहत राशि एवं फसल बीमा राशि दी गयी? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या 12 ग्रामों में फसल बीमा धारक किसानों को 50 प्रतिशत से अधिक नुकसान मानते हुए राहत राशि दी गयी? जबकि बीमा कंपनी द्वारा मात्र 6 से 18 प्रतिशत तक ही नुकसान माना है? यदि हाँ, तो यह अंतर क्यों? ग्रामवार कृषक के नाम सहित बतावें। (ग) क्या ग्राम नयागांव ढोंढपुर पटवारी हल्का 17 व 18 के 199 किसानों की फसल का सहकारी संस्था नयागांव ढोंढपुर द्वारा फसल बीमा कराया गया एवं इन किसानों को फसल नुकसानी की राहत राशि तो मिल गयी किन्तु फसल बीमा की राशि नहीं मिलने के क्या कारण रहे? बीमा राशि के भुगतान हेतु क्या कलेक्टर द्वारा पत्र क्रमांक 4707 दिनांक 12.07.17 से बीमा कंपनी को दावा राशि के भुगतान हेतु लेख किया है? यदि हाँ, तो क्या कंपनी द्वारा राशि का भुगतान कर दिया है? यदि नहीं, तो क्यों एवं कब तक भुगतान कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) बडोदा तहसील में दिनांक 10.10.2016 को चक्रवाती तूफान, तेज वर्षा व ओलावृष्टि से राडेप, लात, नयागांव, चन्द्रपुरा, लूड, लाडपुरा, फिरोजपुर, तलावडा, डोंडपुर कुल 09 ग्रामों में फसलों की क्षति हुई। कृषकों को प्रदाय की गई राहत राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। कृषकों को प्रदाय की गई फसल बीमा राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र– ब अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश "क" के परिप्रेक्ष्य में 09 ग्रामों में राहत राशि दी गई है। खरीफ 2016 मौसम हेतु बडोदा तहसील में पटवारी हल्का नंबर 15, 16, 17, 18, 19, 12 में धान सिंचित फसल हेतु सूचनाएँ प्राप्त हुई थी एवं क्षतिपूर्ति निर्धारण हेतु प्रक्रियाधीन है, यदि उपरोक्त पटवारी हल्के में योजना अनुसार क्षतिपूर्ति देय होगी तो पात्र कृषकों के लिए नोडल बैंकों को भुगतान किया जावेगा। खरीफ 2016 मौसम हेतु औसत पैदावार व बोया गया रकवा तथा बैंक द्वारा बीमित किए गये रकवे के आधार पर जिन पटवारी हल्कों में उपज में कमी पाई गई थी वहां योजना के अनुसार क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान किया गया है। बैंकों से प्राप्त कृषकवार बीमा राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–ब अनुसार है। (ग) जी हाँ। इन किसानों को खरीफ 2016 की राहत राशि तो वितरण की गई है किन्तु फसल बीमा दावा राशि वितरण नहीं हुई। जी हाँ, कलेक्टर, जिला-श्योपुर द्वारा 199 कृषकों की सूची बीमादावा राशि के भुगतान हेतु ए.आई.सी.बीमा कंपनी को भेजी गई है। बीमा कंपनी द्वारा राशि का भुगतान नहीं किया गया है। कार्यवाही प्रचलन में है।
उपभोक्ताओं को राशन उपलब्ध कराने हेतु व्यवस्था
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
20. ( क्र. 285 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश शासन ने गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले गरीब उपभोक्ताओं को सस्ता राशन उपलब्ध कराने हेतु कब से कौन सी नई व्यवस्था लागू की है? क्या इस नई व्यवस्था से उपभोक्ताओं को सुगमता पूर्वक राशन उपलब्ध हो रहा है? इसकी मॉनीटरिंग की क्या व्यवस्था की गई है? (ख) जबलपुर शहर में ऐसे कितने गरीब उपभोक्ता है? जो शासन की नई व्यवस्था के कारण सस्ते राशन से वंचित हैं? वार्डवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (ख) में जिला प्रशासन ने गरीब उपभोक्ताओं को सुगमतापूर्वक सस्ता राशन उपलब्ध कराने हेतु पात्रता पर्ची बनवाने की क्या व्यवस्था की है? गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले कितने उपभोक्ताओं की अभी तक पात्रता पर्ची नहीं बनी है एवं क्यों? (घ) जिला प्रशासन जबलपुर ने पात्रता पर्ची के अभाव में सस्ते राशन से वंचित उपभोक्ताओं को सस्ता राशन उपलब्ध कराने की क्या व्यवस्था की है? यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 का क्रियान्वयन माह मार्च, 2013 से किया गया है, जिसके अंतर्गत बी.पी.एल. एवं अन्त्योदय परिवारों के साथ-साथ 23 अन्य श्रेणी के परिवारों को पात्र परिवार के रूप में सम्मिलित किया गया है। एण्ड-टू-एण्ड कम्प्यूटराईजेशन परियोजनांतर्गत लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली का कम्प्यूटराईजेशन किया जाकर राज्य स्तर से उचित मूल्य दुकानवार आवंटन एवं पात्र हितग्राहियों का स्थानीय निकाय द्वारा ऑनलाईन सत्यापन किया जाकर पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) जारी किए जाने की व्यवस्था की गई है, जिसमें प्रत्येक उचित मूल्य दुकान पर पी.ओ.एस. मशीन के माध्यम से राशन वितरण किया जा रहा है। इस व्यवस्था से उपभोक्ताओं को राशन प्राप्त करने में सुविधा हुई है तथा इसकी ऑनलाईन मॉनीटरिंग की भी व्यवस्था है। (ख) जबलपुर शहर में 1,64,480 पात्र परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की गई है उनको राशन सामग्री का वितरण किया जा रहा है। वैध पात्रता पर्चीधारी परिवार राशन सामग्री प्राप्त करने से वंचित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जबलपुर शहर में कुल 1,64,480 परिवारों (786956 हितग्राही) को पात्रता पर्ची का वितरण कर लाभ दिया जा रहा है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत पात्र परिवारों को स्थानीय निकाय द्वारा सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) जारी की जाती है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियिम, 2013 के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा निर्धारित आबादी की सीमा तक ही लाभ दिया जा सकता है। अधिनियम अंतर्गत राज्य के लिए हितग्राहियों की अधिकतम सीमा निर्धारित है। इस सीमा से अधिक हितग्राहियों को लाभांवित करने का प्रावधान अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत न होने के कारण शेष आवेदकों की पात्रता नहीं बनती है। वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्यु होने, विवाह होने से, अन्य स्थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्राही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। तदनुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित सीमा में जारी की जा रही है। जिले में 01 मई, 2017 की स्थिति में परिवारों की संख्या के विरू़द्ध जितने अपात्र परिवारों को पोर्टल पर विलोपित किया जायेगा, उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित किया जा सकेगा। जुड़ने वाले नवीन परिवारों में बी.पी.एल. एवं अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी को प्राथमिकता दी जा रही है। (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार। वर्ष 2017-18 में जबलपुर शहर में 302 परिवारों के 1153 हितग्राहियों के लिए नवीन पात्रता पर्ची जारी की गई है।
रेशम केन्द्र
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
21. ( क्र. 313 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले में कितने रेशम केन्द्र कहाँ-कहाँ संचालित हैं? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी प्रदान करें। (ख) नरसिंहपुर जिले में विगत 03 वर्षों में कितने किसानों को रेशम विभाग द्वारा अनुदान प्रदान किया गया है? विधानसभा क्षेत्रवार किसानों की संख्यावार जानकारी प्रदान करें। (ग) नरसिंहपुर जिले में रेशम का धागा बनाने के लिए कितने प्रकल्प संचालित हैं? (घ) किसानों द्वारा कितने रूपया प्रति किलो कुकून (रेशम की गांठ) खरीदी जाती है एवं विगत 03 वर्षों में कितने किसान इस योजना से लाभांवित हुए हैं? (ङ) क्या रेशम उत्पादक से खरीदे हुए कोषा का भुगतान किसानों के सीधे खातों में डाला जाता है? (च) रेशम उत्पादक किसान को प्लांट लगाने एवं रख-रखाव हेतु क्या क्या सुविधाएं दी जाती हैं?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' पर है। (ग) नरसिंहपुर जिले में 3 धागाकरण ईकाइयाँ मलबरी धागाकरण इकाई मुंगवानी, पनारी एवं टसर धागाकरण इकाई नरसिंहपुर में संचालित है। (घ) ) किसानों से मलबरी वायवोल्टाईन ककून शैल प्रतिशत के आधार पर 130 से 350 रूपये प्रति किलो तथा मलबरी मल्टीवोल्टाईन ककून शैल प्रतिशत के आधार पर 90 से 220 रूपये प्रति किलो खरीदा जाता है। विगत तीन वर्षों में 567 कृषको को लाभांवित किया गया है। (ड.) जी हाँ। आर.टी.जी.एस. के माध्यम से (च) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
पी.डी.पी.टी. हेतु सीट आरक्षित करते हुए वरीयता प्रदान किया जाना
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
22. ( क्र. 332 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला छिन्दवाड़ा के शासकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज खिरसाडोह (परासिया) में माईनिंग एंड माईनिंग सर्वेइंग ब्रांच में छात्रों को डिप्लोमा पूर्ण होने के पश्चात मिलने वाली पी.डी.पी.टी. में समस्त छात्रों को अनेक प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है? क्योंकि पी.डी.पी.टी. की लिस्ट आने में काफी समय लग जाता है और ना ही शासकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज खिरसाडोह (परासिया) के लिये सीट आरक्षित होती है? (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा मान.तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री जी को पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2017/685 दिनांक 16/10/2017 एवं प्रमुख सचिव महोदय जी को पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2017/686, दिनांक 16/10/2017 के माध्यम से शासकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज खिरसाडोह (परासिया) में अध्ययनरत माईनिंग एंड माईनिंग सर्वेइंग छात्रों का पी.डी.पी.टी. की सूची में चयन शीघ्र किया जाने एवं शासकीय संस्थान में अध्ययनरत छात्रों को पी.डी.पी.टी. हेतु सीट आरक्षित करते हुये वरीयता प्रदान किये जाने एवं गैस टेस्टिंग की सूची में शासकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज खिरसाडोह (परासिया) में अध्ययनरत छात्रों का नाम शामिल किये जाने के संबंध में आवश्यक कार्यवाही किये जाने हेतु निवेदन किया गया था? उक्त संबंध में अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ग) प्रश्नांश (ख) अंतर्गत किए गए निवेदन के संबंध में विभाग द्वारा कब तक निर्देश जारी कर दिये जायेंगे?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) जी नहीं। बोर्ड ऑफ अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग वेस्टर्न रीजन, मुम्बई के छात्रों द्वारा प्रस्तुत ऑनलाईन आवेदन की मेरिट में आने वाले छात्रों को समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है। मेरिट सूची में चयनित न होने वाले छात्रों को वेस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड, नागपुर से ऑफलाईन आवेदन जमा करना होता है, अतएव अतिरिक्त समय लगता है। पी.डी.पी.टी. के लिये वेस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड मुंबई के मेरिट के आधार पर छात्रों को ट्रेनिंग प्रदान करता है, किसी संस्था विशेष के लिये सीटे आरक्षित नहीं है। (ख) संचालनालय तकनीकी शिक्षा के पत्र दिनांक 21.11.2017 द्वारा डायरेक्टर बोर्ड आफ अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग, सियोन, मुंबई एवं डायरेक्टर जनरल माईन सेफटी, धनवाद झारखण्ड को लिखा गया है। (ग) डायरेक्टर बोर्ड आफ अप्रेंटिसशिप ट्रेंनिग, सियोन, मुंबई एवं डायरेक्टर जनरल माईन सेफ्टी, धनवाद झारखण्ड से जानकारी प्राप्त होने पर आगामी कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
किसानों की भूमि का मुआवजा
[राजस्व]
23. ( क्र. 333 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले में स्थित रिलायंस कम्पनी प्रा.लि. सियालघोघरी कोलमाईन्स में कोल खनन के लिये बनाई गई आर. एण्ड आर. पॉलिसी के अंतर्गत अधिग्रहित की गई किसानों की भूमि का मुआवजा मध्यप्रदेश शासन के द्वारा आंकलन की गई राशि के अनुसार भुगतान किया जा चुका है या नहीं? (ख) रिलायंस सीमेंट कम्पनी के द्वारा भूमि अधिग्रहित किये गये किसानों को आर. एण्ड आर. पॉलिसी के अंतर्गत क्या-क्या सुविधायें प्रदान की जा रही हैं? अगर सुविधायें प्रदान नहीं की जा रही हैं तो शासन द्वारा कम्पनी के मालिक/अधिकारियों के ऊपर क्या कार्यवाही की जायेगी? (ग) रिलायंस सीमेंट कंपनी में कोल खनन के लिये भारत सरकार के द्वारा बनाये गये कानून का पालन नहीं करना, जैसे माईन्स एक्ट 1952, माईन्स रूल्स 1955, कोलमाईन्स रेगुलेशन 1957 एवं खान सुरक्षा महा निदेशालय द्वारा कोल खनन की सुरक्षा संबंधी दिशा निर्देशों का पालन नहीं करने पर क्या दिनांक 23.10.2017 को डी.डी.एम.एस. परासिया द्वारा निरीक्षण के दौरान खनन कानून का उल्लंघन पाया गय? ऐसी परिस्थितियों में कम्पनी के मालिक/अधिकारियों के ऊपर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जायेगी और कब तक? (घ) क्या रिलायंस सीमेंट कम्पनी में जिन किसानों की भूमि अधिग्रहित की गई है, उन किसानों को कम्पनी के द्वारा नौकरी प्रदान की गई है? उन्हें वेतन अधिनियम 1936 के तहत प्रतिमाह कितना-कितना वेतन दिया जा रहा है एवं पी.एफ. पेन्शन, ग्रेच्युटी आदि की क्या सुविधा दी जा रही है एवं कितने कामगारों का पी.एफ. खाता खोला गया है? यदि नियमानुसार वेतन का भुगतान पी.एफ. पेन्शन की कटौती नहीं की गई है तो शासन के द्वारा संबंधित अधिकारी के ऊपर क्या कार्यवाही की जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) कोल खनन हेतु रिलायंस कंपनी प्रा.लि.के लिये भूमि का अधिग्रहण नहीं किया गया है। अत शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ख) भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही नहीं की गई है। अत: आर.एण्ड.आर. पॉलिसी का लाभ नहीं दिया गया है। (ग) रिलायंस सीमेंट कंपनी द्वारा कोल खनन के लिये भारत सरकार द्वारा बनाये गये कानून का उल्लंघन किये जाने पर भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय खान सुरक्षा महानिदेशालय नागपुर क्षेत्र संख्या 1 द्वारा पत्र क्रमांक 830 दिनांक 30.10.2017 द्वारा नियमानुसार कार्यवाही की गई है। (घ) उत्तरांश क के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
हैण्डपंप लगाया जाना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
24. ( क्र. 374 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दतिया जिले में 01 अप्रैल 2014 के उपरांत प्रश्न दिनांक तक कुल कितने नवीन हैण्डपंप लगाये जाने बाबत् लक्ष्य प्राप्त हुआ? उक्त लक्ष्य हेतु प्राप्त आवंटन को विकास खण्डवार कितने-कितने हैण्डपंप विभाग द्वारा स्वीकृत किये? (ख) उक्त अवधि में विधायकों द्वारा किन-किन ग्रामों में हैण्डपंप लगाये जाने बाबत् अनुशंसा पत्र दिये एवं विभाग द्वारा किन-किन ग्रामों में हैण्डपंप लगाये वर्षवार/विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) क्या विभाग द्वारा सेंवढ़ा विकासखण्ड में विधायक से हैण्डपंप ग्रामों में लगाये जाने बाबत् अनुशंसा ली और अनुशंसित ग्रामों स्थानों को छोड़कर अन्यत्र हैण्डपंप लगवाये है यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं, तो इस प्रकरण की जाँच कराई जावेगी। इसके लिये कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार हैं? उनके खिलाफ क्या एवं कब तक दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में कुल 280 ग्रामीण बसाहटों, 67 आंगनवाड़ियों तथा 57 ग्रामीण शालाओं में नवीन हैण्डपंप लगाने का लक्ष्य दिया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) विभागीय कार्यक्रम के अंतर्गत प्राप्त वार्षिक लक्ष्य के अंतर्गत आंशिकपूर्ण श्रेणी के ग्रामों में निर्धारित मापदण्ड 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन के मान से पेयजल व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु हैण्डपंप लगाये जाते हैं। विधानसभा क्षेत्र के आंशिकपूर्ण श्रेणी के ग्रामों की सूची में सम्मिलित ग्रामों में से संबंधित मान. विधायक महोदय द्वारा अनुशंसित ग्रामों को प्राथमिकता देकर नलकूप खनन कर हैण्डपंप लगाये जाते हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कौशल विकास परीक्षा की जानकारी
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
25. ( क्र. 392 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 26 जुलाई 2017 के प्रश्न क्रमांक 1263 के प्रश्न में प्रश्नांश (क) से (घ) में प्रोफेशनल एग्जाम बोर्ड द्वारा वर्ष 2016 में आयोजित कौशल विकास आई.टी.आई. परीक्षा में, वेल्डर ट्रेड की परीक्षा में पूछे गये प्रश्न के उत्तर को असत्य मानकर परीक्षार्थी को परीक्षा के कम अंक दिये जाने पर परीक्षा में पूछे गये प्रश्न क्रमांक 38 एवं 40 पर आपत्ति दर्ज कराई थी? (ख) साथ ही (घ) प्रश्न के उत्तर में भारत सरकार रोजगार एवं प्रशिक्षण महानिदेशालय, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय एवं Trade Theory and assignment/Test by G.S. Sethi द्वारा जारी पुस्तक में अंकित उत्तर को कुंजी समिति के विषय विशेषज्ञों ने उम्मीदवार द्वारा उपलब्ध कराये गये साक्ष्य, पाठ्यक्रम, पुस्तकों एवं आपत्तियों को अमान्य कर दिया गया? (ग) यदि हाँ, तो क्या कारण है कि जिस ट्रेड के लिये भारत सरकार द्वारा उपर्युक्त जिन पुस्तकों का निर्धारण एवं सर्व मान्य किया है उसे राज्य सरकार के प्रोफेशनल बोर्ड की कुंजी समिति के सदस्यों द्वारा किस आधार पर गलत निर्णय लेकर अमान्य किया गया? (घ) क्या जिस प्रकार गेट, केट या अन्य ऑनलाईन परीक्षाओं में परीक्षा परिणाम जारी करने के पूर्व जिस तरह की प्रक्रिया अपनाई जाती है उसी प्रकार की प्रक्रिया प्रोफेशनल बोर्ड द्वारा क्यों नहीं अपनाई जाती है? परीक्षार्थियों की वास्तविक आपत्तियों को नजर अंदाज कर कुंजी समिति के सदस्यों के निर्णय को किस आधार पर अंतिम निर्णय मानकर प्रकरणों को क्यों अमान्य किया गया? क्या इससे परीक्षार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं हुआ है? (ड.) क्या शासन प्रकरण में विभाग के उच्चाधिकारियों की एक समिति बनाकर जाँच कराकर प्रभावित परीक्षार्थियों के हित में निर्णय लेने की कार्यवाही करेगा?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) जी हाँ। कुंजी समिति द्वारा आपत्तियों को अमान्य किया गया। (ख) जी हाँ। (ग) कुंजी समिति के सदस्य संबंधित विषय के विशेषज्ञ होते है, इस आधार पर उनके निर्णय को अंतिम मान्य किया गया। (घ) पी.ई.बी. की परीक्षाओं में ''गेट'' ऑनलाईन परीक्षा के समान परीक्षा परिणाम जारी करने के पूर्व नार्मलाईजेशन की प्रक्रिया अपनाई जाती है। कुंजी समिति के सदस्यों के चयन हेतु महाविद्यालय स्तर पर कार्यरत योग्य एवं अनुभवी शिक्षकों का चयन किया जाता है। प्रत्येक परीक्षा हेतु विषयवार अलग-अलग विषय विशेषज्ञों का चयन किया जाता है। कुंजी समिति के सदस्यों हेतु शासकीय संस्था में कार्यरत शिक्षकों को प्राथमिकता दी जाती है अतएव इस प्रक्रिया में परीक्षार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होता है। (ड.) उत्तरांश ''घ'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं।
कैदियों हेतु आहार
[जेल]
26. ( क्र. 433 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) केन्द्रीय जेल सतना में छतरपुर जिले के कुल कितने सजायाफ्ता कैदी हैं? कौन कब से है? (ख) जेल में कैदियों के लिए भोजन या आहार के लिए व्यक्तिगत मानक क्या हैं?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) केन्द्रीय जेल सतना में छतरपुर जिले के कुल 298 सजायाफ्ता कैदी हैं। केन्द्रीय जेल सतना में छतरपुर जिले के सजायाफ्ता कैदियों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जेल में कैदियों के लिए भोजन संबंधी मानक का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
दिये
गये पत्र एवं
ज्ञापन की
जानकारी
[राजस्व]
27. ( क्र. 443 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पूर्व विधायक श्री दिलीपसिंह गुर्जर द्वारा नागदा को जिला बनाने के संबंध में वर्ष 2009 से अक्टूबर, 2013 तक कब-कब पत्र एवं ज्ञापन दिये गये थे? यदि हाँ, तो इनकी छायाप्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं, दिये गये तो अवगत करावें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
विभागीय कार्यों का लोकार्पण
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
28. ( क्र. 475 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्जैन जिले की बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में दिसम्बर 2015 से 31 अक्टूबर 2017 तक लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा विभिन्न मदों में कौन-कौन से कार्य किये गये हैं? किस-किस कार्य पर कितनी राशि व्यय की गई है? कितने कार्य पूर्ण हैं? कितने अपूर्ण हैं? (ख) कितने कार्य ऐसे हैं जो समय-सीमा में पूर्ण नहीं किये गये, उन पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई एवं कितने कार्य ऐसे हैं जो निम्न स्तर के पाए गये? उन पर विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या शासन द्वारा ऐसे कोई निर्देश दिये गये हैं कि जो कार्य पूर्ण हो चुके हैं उनका लोकार्पण नहीं किया जावेगा? यदि हाँ, तो नियमों की प्रति उपलब्ध करावें। अगर नहीं तो विभागीय अधिकारियों द्वारा बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में लोकार्पण नहीं कराने के पीछे विभाग की क्या मंशा है? क्या इससे शासन की छवि धूमिल नहीं हो रही है? ऐसे अक्षम अधिकारी पर शासन क्या कार्यवाही करेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1, 2, 3 एवं 4 अनुसार है। (ख) एक भी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। कोई भी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। बड़नगर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जनप्रतिनिधियों द्वारा किये गये लोकार्पण एवं भूमि पूजन की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पंजीबद्ध अपराध में कार्यवाही
[गृह]
29. ( क्र. 478 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़ जिले के अंतर्गत पुलिस थानों में 1 जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक कितने अपराध पंजीबद्ध हुए? थानावार जानकारी देवें। (ख) क्या छतरपुर जिले के पुलिस थाना नौगांव में दिनांक 27.10.2016 के अपराध क्र.381 एवं दिनांक 17.02.2017 के अपराध क्रं.0047 में दर्ज प्रकरण में किन-किन लोगों के खिलाफ, किन-किन भा.द.वि. संहिता के आधार पर अपराधिक प्रकरण दर्ज हुये? (ग) प्रश्नांकित (ख) अनुसार उक्त घटना में दर्ज प्रकरण अनुसार कितने आरोपियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है एवं कितने आरोपियों की गिरफ्तारी की जाना शेष है तथा शेष आरोपियों की गिरफ्तारी कब तक की जावेगी? प्रश्न दिनांक तक गंभीर आरोपों में सम्मिलित आरोपी की गिरफ्तारी क्यों नहीं की गई? (घ) क्या गंभीर अपराधों में संलिप्त मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया जायेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जी हाँ। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
वर्षों से निवासरत व्यक्तियों को आवासीय पट्टे जारी करना
[राजस्व]
30. ( क्र. 521 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा वर्षों से निवासरत व्यक्तियों को आवासीय पट्टा प्रदान करने हेतु क्या नियम बनाये गए हैं? (ख) सुवासरा नगर पंचायत के वार्ड 14 अंतर्गत भूमि सर्वे क्रं. 1035/1, 0.178 आरी तथा 1031 एक हेक्टेयर भूमि किस के अधीन है? (ग) सुवासरा नगर के वार्ड 14 सर्वे क्रं. 1035.1, 0.178 एवं 1031 एक हेक्टेयर भूमि पर कितने वर्षों से कितने व्यक्ति मकान, झोपड़ी बनाकर निवासरत हैं? मुखिया के नाम सहित जानकारी देवें। (घ) शासन की मंशा अनुसार राजस्व विभाग द्वारा उपरोक्त वर्षों से निवासरत व्यक्तियों को पट्टे देने हेतु क्या कार्यवाही की गई है? कब तक भूमि स्वामी प्रमाण पत्र विभाग या नगर पंचायत द्वारा प्रदान कर दिए जावेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) आवासहीनों को म.प्र. शासन की भूमि में काबिज व्यक्तियों को आवासीय पट्टे दिए जाने के संबंध में निम्न प्रावधान है:- 1. मध्यप्रदेश ग्रामों में दखल रहित भूमि (विशेष उपबंध) अधिनियम, 1990 2. मध्यप्रदेश वास स्थान दखलकार (भूमि स्वामी अधिकारों का प्रदान किया जाना) अधिनियम, 1980 3. मध्यप्रदेश नगरीय क्षेत्रों के भूमिहीन व्यक्ति (पट्टाधृति अधिकारों का प्रदान किया जाना) अधिनियम, 1984 (ख) कलेक्टर के प्रकरण क्र.1/अ-59/2006-07 आदेश दिनांक 12.12.2006 अनुसार सर्वे नं. 1035/1 रकवा 0.178 हेक्टेयर शासकीय नर्सरी व सर्वे नं. 1031 रकवा 1.00 हेक्टेयर शासकीय कार्यालय भवन हेतु सुरक्षित की गई है तथा आदेशानुसार उपरोक्तानुसार अभिलेख में दर्ज हैं। (ग) सुवासरा नगर वार्ड 14 सर्वे नंबर 1035/1 रकवा 0.178 आरी तथा 1031 रकवा 1.00 हेक्टर भूमि पर 2014 की पूर्व से 192 व्यक्ति (परिवार) मकान/झोपड़ी बनाकर निवासरत हैं। मुखिया के नाम की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) शासन की मंशानुसार राजस्व विभाग द्वारा उपरोक्त वर्षों से निवासरत व्यक्तियों को पट्टे देने हेतु सर्वे कराया जा रहा हैं एवं पात्रता होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
नवीन पुलिस चौकी स्वीकृत करना
[गृह]
31. ( क्र. 522 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत दो वर्षों में सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में नवीन पुलिस चौकी हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा दिये गये आवेदन एवं विधानसभा सत्र में प्रश्नों में नवीन पुलिस चौकी स्थापना हेतु कोई निर्देश मंत्री जी द्वारा दिए गए थे? (ख) क्या दिनांक 27 फरवरी 2017 प्रश्न क्र. 1900 में शासन द्वारा सबसे ज्यादा कंजर प्रभावित क्षेत्र सुवासरा विधान सभा क्षेत्र को बताया गया? (ग) यदि हाँ, तो उपरोक्त सब बिंदुओं को ध्यान में आने के उपरांत भी प्रश्न दिनांक तक नवीन पुलिस चौकी की स्थापना क्यों नहीं हो पाई है? सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में खेताखेड़ा, नकेड़िया व बापच्या (शामगढ़) में कब तक नवीन पुलिस चौकी की स्वीकृति प्रदान की जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। मंदसौर जिले में सबसे ज्यादा कंजर प्रभावित विधानसभा क्षेत्र सुवासरा बताया गया था। (ग) नवीन चौकियों के प्रस्ताव परीक्षणाधीन है।
नवीन जिला बनाये जाना
[राजस्व]
32. ( क्र. 529 ) श्री रामपाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के ब्यौहारी तहसील मुख्यालय को जिला बनाये जाने के लिये उस क्षेत्र के जन प्रतिनिधियों, समाज सेवियों, व्यवसायियों द्वारा प्रयास कर शासन स्तर पर मांग प्रस्तुत की गई है। (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो उक्त संबंध में शासन स्तर से क्या-क्या कार्यवाही की गई है। की गई समस्त कार्यवाहियों की विस्तृत जानकारी उपलब्ध करायी जावे।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) जिला स्तर पर परीक्षण किया जा रहा है।
आबकारी विभाग को भूमि का आवंटन
[राजस्व]
33. ( क्र. 533 ) श्री रामपाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के शहडोल नगर में पूर्व में संचालित पुलिस थाना व स्टॉफ निवास स्थल को वर्तमान में आबकारी विभाग को आवंटित कर दिया गया है। (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो उक्त भूमि व भवन को आबकारी विभाग को कब आवंटित किया गया तथा उक्त आवंटित भूमि का खसरा नंबर, रकवा क्या है। जानकारी आबकारी विभाग को आवंटन दिनांक सहित उपलब्ध करायी जावे।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तर (क) अनुसार प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता है।
सेल्स टैक्स कार्यालय को आवंटित भूमि
[राजस्व]
34. ( क्र. 534 ) श्री रामपाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिले के शहडोल नगर का पुराना सेल्स टैक्स कार्यालय भवन व स्टाफ निवास (परमट के पास) किस खसरा नंबर व कितने रकवे में संचालित था? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या उपरोक्त भूमि व भवन आबकारी विभाग को आवंटित कर दिया गया है? यदि हाँ, तो आवंटन की तिथि सहित समस्त दस्तावेजी जानकारी उपरोक्त संबंध में उपलब्ध करायी जावे।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) शहडोल जिले के शहर शहडोल नगर का पुराने सेल्स टैक्स कार्यालय भवन व स्टॉफ निवास परमट के पास कभी संचालित नहीं था। पुराना सेल्स टैक्स ऑफिस बडेरिया भवन के पास संचालित है जो कि परमट से बहुत दूर है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
बड़वारा में आई.टी.आई. भवन की स्वीकृति
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
35. ( क्र. 554 ) श्री मोती कश्यप : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्त्ता ने अपने पत्र दिनांक 16-8-2017 में अधीक्षक औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था कटनी एवं विभागीय किन्हीं पत्रों तथा खसरे की नकल आदि दस्तावेजों सहित कोई पत्र विभागीय मंत्रीजी को प्रस्तुत किया है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में संलग्न पत्रों के अनुसार तहसील मुख्यालय बड़वारा में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था स्वीकृत की जा चुकी है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) के अधीक्षक औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था कटनी के पत्र में कलेक्टर कटनी से भवन हेतु भूमि की अपेक्षा की है और तदनुसार कलेक्टर कटनी द्वारा किसी खसरे की किसी रकवे की भूमि आवंटित कर दी गई है? (घ) प्रश्नांश (क) (ख), (ग) के परिप्रेक्ष्य में कब तक भवन स्वीकृत कर औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था निर्माण एवं क्या प्रारंभ करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) जी हाँ। (ख) विभाग की नीति प्रत्येक विकासखण्ड में 01 आई.टी.आई. खोलने की है। विकासखण्ड बड़वारा के बरही में आई.टी.आई. सत्र अगस्त 2015 से स्वीकृत/संचालित है। (ग) जी हाँ। (घ) विभाग की नीति अनुसार विकासखण्ड बड़वारा में शासकीय आई.टी.आई. बरही स्वीकृत की जा चुकी है। अतएव पृथक से शासकीय आई.टी.आई. स्वीकृत करना नीति संगत न होने के कारण संभव नहीं है।
चकबन्दी के संबंध में
[राजस्व]
36. ( क्र.
592 ) श्री
दुर्गालाल
विजय : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क)
क्या श्योपुर
विधान सभा
क्षेत्रांतर्गत
ग्राम मेखड़ाहेड़ी, राजपुरा
उर्फ झुनझुनीपुरा, ललितपुरा
सहित 6
ग्रामों में 1960 में
चकबंदी लागू
करने उपरांत
तत्समय ही
राजस्व
अभिलखों में
तो नवीन
खातेदार के
नाम तो इन्द्राज
कर दिये गये
थे, किन्तु
मौके पर
अभिलेखों
अनुसार इन्हें
वर्तमान तक
काबिज नहीं
किया गया? नतीजन
कृषकों को
बहुत कठिनाइयां
आ रही हैं? (ख) क्या
प्रश्नकर्ता
की ध्यानाकर्षण
सूचना दिनांक 08.03.2016
पर सदन में
चर्चा के
दौरान आश्वासन
दिया था कि
मौके पर कब्जे
के आधार पर ही
कृषकों के नाम
राजस्व
अभिलेखों में
इन्द्राज
करके पूर्व की
भांति कृषकों
के नाम दर्ज
कर एक वर्ष
में राजस्व
अभिलेखों को
व्यवस्थित
करवाकर जो
किसान जहां
काबिज हैं के
अनुसार ही
अभिलेख बनवा
दिये जावेंगे? (ग) क्या
आश्वासनानुसार
उक्त
ग्रामों के
अधिकार
अभिलेख तैयार
कराये जा रहे
हैं? यदि
हाँ,
तो इस हेतु
अधिसूचना कब
जारी की गई, की
प्रति उपलब्ध
करावे? अधिकार
अभिलेख तैयार
कराने की
प्रचलित कार्यवाही
को कब तक
पूर्ण करके
उक्त आश्वासन
के मद्देनजर
यथाशीघ्र
वर्तमान की
राजस्व
अभिलेखों व
मौके की
स्थिति की
भिन्नता को
समाप्त कर
कृषकों को
वर्तमान तक आ
रही कठिनाईयों से निजात
दिला दी
जावेगी व कब
तक?
राजस्व
मंत्री ( श्री
उमाशंकर
गुप्ता ) : (क) एवं
(ख) जी हाँ (ग) जी
हाँ। नवीन
नक्शा एवं
अधिकार
अभिलेख बनाये
जाने हेतु
म.प्र.शासन
राजस्व विभाग
मंत्रालय
भोपाल द्वारा
म.प्र.भू-राजस्व
संहिता 1959 की धारा 108 (2) के
तहत अधिसूचना
क्रमांक एफ 15-8/2016/सात/शाखा-6/146
भोपाल दिनांक 7.2.2017
प्रकाशित की
गई है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट
अनुसार है जिसके
परिप्रेक्ष्य
में कार्यालय
भू-अभिलेख/भू-प्रबन्धन
जिला श्योपुर
द्वारा पत्र
क्रमांक 38/भू.प्रब./पे.नि./ग्राम
आबंटन/2017 श्योपुर दिनांक
16.5.2017
एवं संशोधित
पत्र क्रमांक 109/भू.प्रव./पे.नि./ग्राम
आवंटन/2017 श्योपुर दिनांक
31.08.2017
द्वारा तहसील
बड़ौदा जिला
श्योपुर के
चकबन्दी से
त्रुटिपूर्ण 06
ग्रामों का
नवीन नक्शा
एवं अधिकार
अभिलेख बनाये
जाने हेतु
राजस्व
निरीक्षक (नियमित)
एवं पटवारियों
को ग्राम आवंटित
किये गये है। जिसके
अन्तर्गत
उक्त
कर्मचारी
कार्यालयीन कार्य, अभिलेख
निर्माण,स्वच्छ
अभिलेख, प्रमाणीकरण, अभिलेख
का प्रथम
प्रकाशन, अंतिम
प्रकाशन कर
अभिलेख जिला
प्रशासन को हस्तान्तरित
करेंगे। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट
अनुसार है। अधिकार
अभिलेख
निर्माण
स्थायी
अभिलेख है जिसे
शुद्धता
पूर्वक अमले
द्वारा तैयार
किया जा रहा
है, यह
कार्य वृहद
स्वरूप का
होने से समय-सीमा
बताया जाना
सम्भव नहीं है।
पुलिसकर्मियों पर हमलों की घटना
[गृह]
37. ( क्र. 623 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में पुलिसकर्मियों पर हमले हुए हैं, यदि हाँ, तो विगत 3 वर्ष के दौरान किन-किन जिलों में पुलिसकर्मियों पर हमलों की घटना हुई? घटनावार कारण सहित ब्यौरा दें। (ख) क्या कोर्ट पेशी पर ले जाते समय पुलिसकर्मियों पर आरोपियों द्वारा हमले किए गए हैं? यदि हाँ, तो विगत 3 वर्ष के दौरान हुई घटनाओं का घटनावार ब्यौरा दें? क्या उक्त घटनाओं में शासन द्वारा जाँच उपरांत कार्यवाही की है, यदि हाँ, तो प्रकरणवार ब्यौरा दें? (ग) क्या सामान्य जनों द्वारा भी पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ मारपीट अथवा अभद्रता के मामले सामने आए हैं? यदि हाँ, तो विगत 3 वर्ष का ब्यौरा प्रकरणवार दें? (घ) क्या प्रकरणों में जाँच कराई गई है, यदि हाँ, तो पुलिस पर हमले के बढ़ते मामलों के कारण क्या सामने आए हैं, ब्यौरा दें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) पुलिसकर्मियों पर हमले की घटनाओं में प्रकरण दर्ज कर विधि अनुरुप विवेचना की गई है। पुलिस पर हमले के मामलों के कारण संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में समाहित है।
प्रधानमंत्री उज्जवला योजना का क्रियान्वयन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
38. ( क्र. 643 ) श्री हरवंश राठौर : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भारत सरकार द्वारा सामाजिक आर्थिक एवं जाति जनगणना 2011 में विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ऐसे कितने सर्वेक्षित परिवार जो निर्धारित श्रेणियों के अंतर्गत हैं जिनको प्रधानमंत्री योजनान्तर्गत गैस कनेक्शन प्रदान किए जाने का प्रावधान है? बण्डा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ग्रामपंचायतवार सर्वेक्षित परिवार की संख्या उपलब्ध कराई जाए। (ख) सर्वेक्षित सूची में से ग्रामपंचायतवार प्रधानमंत्री उज्जवला योजनान्तर्गत उपलब्ध कराए गए गैस कनेक्शन एवं शेष बचे ग्रामपंचयतवार परिवारों की संख्या उपलब्ध कराई जाए।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) बण्डा विधानसभा क्षेत्र के 51,803 परिवारों को प्रधानमंत्री उज्जवला योजना की अर्हताओं में पात्र पाने पर गैस कनेक्शन की पात्रता बनती है। पंचायतवार सर्वेक्षित परिवारों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उपलब्ध कराए गए गैस कनेक्शन एवं ऐसे सामाजिक आर्थिक एवं जाति जनगणना 2011 में सर्वेक्षित परिवारों की संख्या जिनका प्रधानमंत्री उज्जवला योजना की अर्हताओं का परीक्षण किया जाना है, की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
चिटफंड कंपनी जी.एन.गोल्ड/डेयरी पर कार्यवाही
[गृह]
39. ( क्र. 680 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या देवास जिले में संचालित चिटफंड कंपनी जी.एन.गोल्ड/डेयरी के खिलाफ आम जनता द्वारा शिकायत अथवा एफ.आई.आर दर्ज की गई है? प्रकरण माननीय जिला सत्र न्यायालय देवास में पंजीबद्ध होकर चल अचल संपत्ति की नीलामी व पीड़ितों को पैसा दिलाने हेतु आदेश प्रसारित किए गए हैं? (ख) उक्त चिटफंड कंपनी जी.एन.गोल्ड/डेयरी पर शासन द्वारा चल अचल संपत्ति की नीलामी व पीड़ितों को पैसा दिलाने हेतु कार्यवाही की गई है या नहीं? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई है और पीड़ितों को कब तक पैसा मिलना प्रारंभ हो जायेगा? (ग) देवास जिले में कुल ऐसे पीड़ित सदस्य हैं जिन्हें इस कंपनी के द्वारा पैसा दिया जाना है और कितनी कितनी राशि देना शेष है कुर्क की गई संपत्ति से सभी पीड़ितों की राशि का भुगतान किया जाना संभव होगा या नहीं? यदि हाँ, तो जानकारी दें, यदि नहीं, तो शासन चिटफंड कंपनी की बची हुई संपत्ति को कुर्क करेगा या नहीं? स्पष्ट करें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी, हां। देवास जिले में जी.एन.गोल्ड/डेयरी के विरूद्ध थाना सोनकच्छ एवं थाना हाटपिपल्या में क्रमशः अपराध क्रमांक- 848/15 एवं अपराध क्रमांक- 94/16 पंजीबद्ध किये गये हैं। प्रकरण माननीय विशेष सत्र न्यायालय, देवास में विचाराधीन होकर कंपनी की चल/अचल सम्पत्तियों की नीलामी के आदेश प्रसारित किये गये हैं। (ख) जी, हां। इन चिटफण्ड कंपनियों से जनता व पीड़ितों की राशि वापिस दिलाने हेतु नीलामी की कार्यवाही की गई है। संबंधित जिलों के जिला दण्डाधिकारियों को न्यायालय आदेश की प्रति प्रेषित करते हुए उन्हें कंपनी की सम्पत्ति नीलाम करने का अनुरोध किया गया है। उक्त सम्पत्तियां नीलाम होने व नीलामी का पैसा प्राप्त होने पर पीड़ितों को राशि का वितरण किया जायेगा। (ग) देवास जिले में कुल 20,000 (बीस हजार) के लगभग निवेशक/अभिकर्ता हैं जिन्हें कि इस कंपनी द्वारा पैसा दिया जाना है। कंपनी द्वारा पीड़ितों की 35 करोड़ के लगभग मूल राशि व लगभग इतनी ही राशि का ब्याज चुकाया जाना है। कुर्क की गई सम्पत्तियों की राशि आने पर ही यह ज्ञात हो सकेगा कि उक्त राशि से सभी पीड़ितों की राशि का भुगतान किया जाना संभव होगा या नहीं। अगर नीलामी से प्राप्त होने वाली राशि पीड़ितों का वितरित होने वाली राशि से कम होगी तो आरोपी कंपनी के कर्ताधर्ताओं को शेष बची राशि का जुर्माना अधिरोपित किये जाने का आवेदन विशेष न्यायालय में दाखिल किया जावेगा तथा अगर प्रशासन के संज्ञान में कंपनी की कोई अन्य सम्पत्ति संज्ञान में आती है तो उसे भी कुर्क किया जावेगा।
भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 190, 110 के तहत नामांतरण
[राजस्व]
40. ( क्र. 694 ) श्री गोपाल परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 3324 के प्रश्नांश (ग) के उत्तर में माननीय मंत्री महोदय द्वारा सदन में दिनांक 06.03.2017 को लिखित उत्तर में उल्लेख किया गया है कि धारा 190-110 के तहत किये गये नामांतरण में स्टाप ड्यूटी लिये जाने का कोई प्रावधान नहीं है? किन्तु धारा 190 के तहत किया गया नामांतरण अंतरण की श्रेणी में आता है। अत: इस पर देय स्टाप ड्यूटी वसूल करवाना राजस्व अधिकारी की जवाबदारी है। (ख) जब स्टाप ड्यूटी लिये जाने का कोई प्रावधान नहीं है, तो राजस्व अधिकारी किस नियत के तहत तथा किस दर से वसूली की कार्यवाही करेंगे? (ग) नियम नहीं होने के कारण राज्य सरकार द्वारा जो राजस्व की हानि हो रही है उसे रोकने के लिये क्या नियम बनाये जायेगे? यदि हाँ, तो नियम कब तक बनाये जायेगे तथा उन्हें कब से लागू किया जायेगा? (घ) यदि राज्य शासन इस संबंध में नियम बनाता है, तो क्या पुराने प्रकरण जिनमें राजस्व की हानि हो चुकी है, उसकी भी वसूली का प्रावधान उसमें रखा जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हां। धारा 190 के तहत किया गया नामान्तरण अंतरण की श्रेणी में आता है। स्टाम्प ड्यूटी की गणना तत्मसय प्रभावशील प्रावधानों के अंतर्गत की जाती है। (ख) से (घ) प्रश्नांश भाग (क) में दिये गये उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
हैंडपंप एवं बोर खनन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
41. ( क्र. 710 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दिनांक 01 अप्रैल 2015 से प्रश्न दिनांक तक सागर जिले के विधानसभा क्षेत्र सुरखी के किस-किस ग्राम पंचायत में कितनी नल-जल योजनायें कितने-कितने हैंडपंप और कितने-कितने बोर स्वीकृत किये गये? कितनों के कार्य पूर्ण हो चुके हैं तथा कितनों के कार्य आज दिनांक तक अपूर्ण हैं वर्षवार जानकारी देंवे। (ख) इनमें से जिन कार्यों को पूर्ण किया जा चुका है उनमें से प्रश्न दिनांक तक किस-किस ग्राम पंचायत की कौन-कौन सी नल-जल योजनायें, हैंडपंप और बोर कब से और किन कारणों से बंद हैं? (ग) क्या पी.एच.ई. विभाग के अलावा जनपद पंचायत राहतगढ़ में 1 अप्रैल 2017 से प्रश्न दिनांक तक 14 वें वित्त आयोग की राशि से भी हैंडपंपों एवं बोरों के कार्य किये गये हैं? यदि हाँ, तो कितने एवं कहाँ-कहाँ, कब-कब हैंडपंप एवं बोर किये गये? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में कराये गये कार्यों की तकनीकी स्वीकृति दिनांक प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक, मूल्यांकन दिनांक, मूल्यांकन पत्रक एवं मूल्यांकन करने वाले अधिकारी के नाम तथा पदनाम, भुगतान की गई राशि के विवरण सहित जानकारी देवें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) 14वें वित्त आयोग की राशि से विभाग द्वारा जनपद पंचायत राहतगढ़ में कोई बोर हैण्डपंपों के कार्य नहीं कराये गये हैं। जनपद पंचायत राहतगढ़ से प्राप्त जानकारी अनुसार 100 नलकूप खनन 14वें वित्त आयोग की राशि से जनपद पंचायत ने कराया है, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
महिला पुलिस के लिये कार्यस्थल पर शौचालय
[गृह]
42. ( क्र. 715 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले के अंतर्गत कुल कितने पुलिस कार्यालय, थाना क्षेत्र, महिला पुलिस थाना, यातायात पुलिस थाना, अजाक पुलिस थाना एवं पुलिस चौकियां हैं? जानकारी विधान सभा क्षेत्रवार स्थल के नाम सहित दी जावे। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार सागर जिले के पुलिस विभाग में कितनी और कौन-कौन सी महिलायें किस-किस संवर्ग में किस-किस स्थल पर सेवारत है? (ग) प्रश्नांश (क) में दर्शित पुलिस कार्यालयों, थानों एवं चौकियों में क्या महिला पुलिस अधिकारियों एवं आरक्षकों आदि के लिये पृथक से शौचालय की व्यवस्था है और किन-किन में शौचालय की पृथक से व्यवस्था नहीं है? (घ) क्या शासन महिला पुलिस अधिकारियों एवं आरक्षकों आदि के लिये पदस्थी स्थान पर पृथक से शौचालय की समुचित व्यवस्था बनाये जाने के लिये कार्यवाही अमल में लावेगा? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’स’ एवं ’द’ अनुसार। (घ) जी हाँ। प्रस्ताव तैयार कर उपलब्ध संसाधनों के आधार पर निर्माण कार्य प्रारम्भ कराया जायेगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं।
भूमि आवंटन एवं विनिमय
[राजस्व]
43. ( क्र. 736 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना नगर निगम एवं नगरीय सीमा क्षेत्र में वर्ष 2016-17 में कितनी भूमि आवंटित/विनिमय की गई है? उनके सर्वे नंबर, रकवा, नगरीय क्षेत्रों के नाम सहित पूर्ण जानकारी दी जावें? (ख) क्या उक्त प्रकरणों में भूमि आवंटन, विनिमय को शासन द्वारा अनुमोदित कराया गया है? यदि हाँ, तो किस-किस भूमि सर्वे का किस दिनांक, माह, सन् में अनुमोदन हेतु प्रस्ताव भेजे हैं? (ग) म.प्र. राजस्व विभाग के अतंर्गत नगर निगम सीमा, नगरीय सीमा क्षेत्र में भूमि बंटन/विनिमय के अधिकारी किस स्तर के अधिकारी को शासन द्वारा दिये गये हैं? (घ) क्या आवंटित भूमि/विनिमय भूमि का अनुमोदन सक्षम अधिकारी द्वारा नहीं किया है, तो क्या उक्त भूमि का बंटन/विनिमय शून्य घोषित किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) निरंक। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न ही उद्भूत नहीं होता। (ग) शासन स्तर पर। (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न ही उद्भूत नहीं होता।
ग्राम बीचकापुरा (अम्बाह) के चंबल नदी में डूबने पर सहायता हेतु
[राजस्व]
44. ( क्र. 737 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम बीचकापुरा तहसील अम्बाह जिला मुरैना में दिनांक 07.04.2017 को चंबल नदी में डूबने से हुई मृत्यु पर आर्थिक सहायता प्रदान करने में विलंब के क्या कारण रहे थे? तथ्यों सहित पूर्ण जानकारी दी जावें? (ख) क्या उक्त प्रकरण में हुए विलंब पर जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही न करते हुए अन्य अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई, जानकारी माह वर्ष सहित दी जावे? (ग) कीट काटने, पानी में डूबने पर होने वाली मृत्यु पर आर्थिक सहायता स्वीकृत अधिकारी जिले में किस अधिकारी को बनाया गया है? क्या इस घटना पर जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) ग्राम बीचकापुरा तहसील अम्बाह जिला मुरैना में दिनांक 07.04.2017 को पवन करौरिया पुत्र श्री मुन्नालाल करौरिया की चम्बल नदी में डूबने से मृत्यु हुई थी। जिसकी जानकारी पटवारी द्वारा विलम्ब से प्रस्तुत करने के कारण पीठासीन अधिकारी द्वारा प्रकरण में कोई कार्यवाही न किए जाने तहसीलदार अम्बाह के प्रवाचक द्वारा जाँच प्रतिवेदन पंचनामा एवं वारिसान सजरा तथा बैंक पासबुक की छायाप्रति पटवारी से मंगाई जाकर अपने पास रखकर कोई अग्रिम कार्यवाही न किया जाना मूलत: मृतक के वारिसानों को आर.बी.सी. 6-4 के तहत आर्थिक सहायता प्रदान किए जाने में विलम्ब का कारण है। (ख) उक्त प्रकरण में नायब तहसीलदार वृत्त -2 दिमनी को आयुक्त द्वारा आदेश क्रमांक स्था/6-2/वि.जा./12/2017/6041 मुरैना दिनांक 03.10.2017 से निलंबित किया गया तथा दोषी पटवारी को अनुविभागीय अधिकारी अम्बाह द्वारा दिनांक 29.07.2017 को निलंबित किया गया जो वर्तमान में निलंबित है तथा मूलत: दोषी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही किए जाने आयुक्त, चम्बल संभाग के पत्र क्रमांक स्था/6-2/राज.वि./12/2017/6550 दिनांक 31.10.2017 के द्वारा प्राप्त प्रतिवेदन के अनुसार कार्यालयीन सूचना पत्र क्रमांक स्था/01/6-2/100/2017/129 मुरैना दिनांक 13.11.2017 श्री रामनिवास शर्मा नायब तहसीलदार अम्बाह के विरूद्ध जाँच उपरान्त, दो वार्षिक वेतन वृद्धि रोके जाने के लिए कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। (ग) कीट काटने, पानी में डूबने पर होने वाली मृत्यु पर आर्थिक सहायता स्वीकृत करने के अधिकार जिला कलेक्टर को हैं। इस घटना के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की गई है।
असत्य व तथ्यहीन शिकायतों पर अपराध पंजीबद्ध कर प्रताड़ित करना
[गृह]
45. ( क्र. 755 ) श्री हेमन्त सत्यदेव कटारे : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधायक अटेर जिला भिण्ड द्वारा उनके विधान सभा क्षेत्र में उपचुनाव प्रक्रिया के समय से ही निरंतर क्षेत्र के थाना प्रभारियों द्वारा असत्य एवं तथ्यहीन शिकायतों पर बिना जाँच किये आम नागरिक एवं कार्यकर्ताओं के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर प्रताड़ित करने की शिकायतें वरिष्ठ अधिकारियों को की गई? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी शिकायतों पर जाँच की कार्यवाही की गई? पूर्ण विवरण दें। (ख) की गई शिकायतों में संलग्न किये आवेदनों में वर्णित समस्त बिन्दुओं की जाँच निष्पक्षता से किन अधिकारियों से करायी गई तथा जाँच में क्या पाया? शिकायतवार सभी प्रकरणों का पूर्ण विवरण दें? यदि जाँच नहीं करायी गयी तो क्यों इसके लिये दोषी कौन-कौन है? (ग) क्या थाना अटेर के अप.क्र. 107/17 में बनाये गये झूठे आरोपी के आवेदन पर कलेक्टर जिला भिण्ड द्वारा फरियादी का मेडिकल कराने के निर्देश दिये हैं? यदि हाँ, तो किस दिनांक को तथा आज तक फरियादी का मेडिकल नहीं कराने के क्या कारण हैं? क्या प्रकरण सामान्य चोट का होने से मेडिकल नहीं होना पुलिस की मिलीभगत को दर्शाता है? (घ) क्या सामान्य प्रशासन विभाग के स्थायी निर्देशों के उपरान्त भी विधायक द्वारा की गई शिकायतों के पत्रों पर विभाग द्वारा कोई उत्तर विधायक को नहीं देना निर्देशों का उल्लंघन है? यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता के ऐसे कितने पत्रों पर विभाग द्वारा किसी प्रकार का उत्तर नहीं दिया गया?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार है। (ख) जाँच उप पुलिस अधीक्षक स्तर के राजपतित्र अधिकारियों से करायी गयी। जाँच में पाये गये तथ्य पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ख'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। सिविल सर्जन सह-मुख्य अस्पताल अधीक्षक, जिला चिकित्सालय, भिण्ड के कार्यालय से पत्र दिनांक 19.07.17 को थाना प्रभारी अटेर को प्राप्त हुआ। जिसमें उक्त अपराध के फरियादी जिलेदार सिंह एवं घायल राजमान सिंह का पुनः मेडिकल परीक्षण कायम मेडिकल-बोर्ड से कराने हेतु उन्हे दिनांक 25.07.2017 जिला चिकित्सालय में उपस्थित कराने हेतु लेख किया गया था। जिसके संदर्भ में दिनांक 22.07.2017 को तथा पुनः नोटिस दिनांक 02.08.2017, 18.09.2017, 03.10.2017, 08.11.2017 को भेजे गये किन्तु फरियादी जिलेदार सिंह एवं घायल राजमान सिंह उपस्थित नहीं हुए। ये दोनों अपराध क्रमांक 108/17 धारा 323, 324, 504, 34 ताहि इजाफा धारा 326 ताहि में आरोपी है तथा फरार है। ये मेडिकल बोर्ड के समक्ष उपस्थित नहीं हुये जिससे उनका पुनः मेडिकल परीक्षण नहीं कराया जा सका। यह सही नहीं है कि चोट होने से मेडिकल परीक्षण पुलिस ने नहीं कराया। घटना दिनांक 09.07.2017 को ही फरियादी एवं आहत का मेडिकल परीक्षण जिला चिकित्सालय भिण्ड में कराया गया था। मेडिकल परीक्षण की सत्यापित छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ग'' अनुसार है। (घ) मान. विधायक द्वारा दिये गये शिकायती आवेदन पत्रों पर की गई कार्यवाही के संबंध में मान. विधायक को समय-समय पर उनकी उपस्थिति पर समक्ष में की गई कार्यवाही के संबंध में अवगत कराया गया है। संबंधित जानकारी लिखित रुप से भी माननीय विधायक को उपलब्ध कराई गई है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खाद्यान्न पर्चियों का क्रियान्वयन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
46. ( क्र. 778 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवीन श्रमिक वर्ग/अनु.जाति/जनजाति/गरीबी रेखा कार्ड धारी हितग्राहियों की खाद्यान्न पर्ची किस दिनांक से क्रियान्वयन/खाद्यान्न वितरण हेतु लंबित हैं? (ख) सागर जिले में कितनी खाद्यान्न पर्चियों प्रश्न दिनांक तक क्रियान्वयन (पोर्टल के माध्यम से जनरेट) होने के लिए लंबित? (ग) जिला सागर अंतर्गत उपरोक्त हितग्राहियों को खाद्यान्न पर्चियां कब तक प्रदाय की जावेंगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) सागर जिले में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित 25 श्रेणी के 17,93,883 हितग्राहियों को पात्रता पर्ची वितरण कर खाद्यान्न का वितरण किया जा रहा है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत पात्र परिवारों को स्थानीय निकाय द्वारा सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) जारी की जाती है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा निर्धारित आबादी की सीमा तक ही लाभ दिया जा सकता है। अधिनियम अंतर्गत राज्य के लिए हितग्राहियों की अधिकतम सीमा निर्धारित है। इस सीमा से अधिक हितग्राहियों को लाभांवित करने का प्रावधान अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत न होने के कारण शेष आवेदकों की पात्रता नहीं बनती है। वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्यु होने, विवाह होने से, अन्य स्थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्राही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। तदनुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित सीमा में जारी की जा रही है। जिले में 01 मई, 2017 की स्थिति में जितने अपात्र परिवारों को पोर्टल से विलोपित किया जाकर उतनी ही संख्या तक संबंधित जिले के नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित किया जा रहा है। जुड़ने वाले नवीन परिवारों में बी.पी.एल. एवं अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी को प्राथमिकता दी जा रही है। वर्ष 2017-18 में जिला सागर में 5275 परिवारों के 22828 हितग्राहियों के लिए नवीन पात्रता पर्ची जारी की गई है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार सतत प्रक्रिया होने से समय-सीमा निर्धारित नहीं की जा सकती है।
राजस्व ग्राम
[राजस्व]
47. ( क्र. 791 ) श्री मुकेश नायक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले की पवई विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कितने राजस्व ग्राम हैं इनमें से कितने ग्राम वीरान हैं, कितने ग्राम नगरीय सीमा में हैं, कितने रैयतवाड़ी हैं? इन ग्रामों में कितने खाते की भूमि एवं कितने गैरखाते की भूमि वर्तमान में किस-किस मद में दर्ज है? (ख) राजस्व ग्रामों के निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख, खसरा बंदी एवं पटवार मानचित्र में दर्ज कितनी भूमियों के भारतीय वन अधिनियम 1937 की धारा 29 एवं 4 के तहत अधिसूचित कर वर्किंग प्लान में शामिल कर लिया है, कितनी भूमि को वन विभाग असीमांकित वन, नारंगी वन तथा अवर्गीकृत वन बता रहा है? (ग) वन विभाग द्वारा प्रतिवेदित वन भूमियों की प्रश्नांकित दिनांक तक भी निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में संशोधित न किये जाने के क्या-क्या कारण रहे हैं? (घ) राजस्व विभाग कब तक राजस्व अभिलेखों में वन भूमि से संबंधित ब्यौरों को दर्ज कर लेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) पन्ना जिले की पवई विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 437 राजस्व ग्राम है इनमें से 21 ग्राम बीरान है, 01 ग्राम नगरीय सीमा में है तथा कोई भी ग्राम रैयतवाडी नहीं है। कुल राजस्व ग्रामों में खाते की 116899.31 हेक्टे. भूमि है तथा गैर खाते की 54251.911 हेक्टे. भूमि है। गैर खाते की 54251.911 हे. भूमि आबादी, अमराई एवं फलोद्यान, बड़े झाड का जंगल, झुडपी जंगल पहाड़ व चट्टान, चारागाह, इमारती लकड़ी व ईधन, कब्रिस्तान, श्मशान, गोठान, शिविर भूमि, खलिहान, बाजार, खाद के गड्ढे पाठशाला, खेल मैदान, उद्यान, सड़क, गलियों, खाल निकालने का स्थान तथा इसी प्रकार के अन्य प्रयोजनों के मद में दर्ज है। (ख) राजस्व ग्रामों के निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख, खसरा बंदी एवं पटवारी मानचित्र में दर्ज किसी भी भूमि को भारतीय वन अधिनियम 1937 की धारा 29 एवं 4 के तहत अधिसूचित नहीं किया गया है और न ही वन विभाग असीमांकित वन नारंगी वन तथा अवर्गीकृत वन बता रहा है। (ग) कोई कार्यवाही अपेक्षित नहीं। (घ) कोई कार्यवाही अपेक्षित नहीं। अत: समय-सीमा का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
लंबित प्रकरणों का निराकरण
[गृह]
48. ( क्र. 805 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर जिले के नौगांव थाना पुलिस में दिनांक 22/8/15 को वी.एस.एफ. के जवान के गुमशुदी की रिपोर्ट आवेदक श्री वृज गोयाल पाठक वार्ड N07 नौगांव द्वारा की गई तथा 2 वर्ष से लगातार वरिष्ठ अधिकारियों को शिकायते की? (ख) यदि हाँ, तो पुलिस विभाग द्वारा अब तक क्या कार्यवाही की गई? जाँच में क्या परिणाम प्राप्त हुए? (ग) श्री देवेन्द्र प्रताप सिंह परिहार उर्फ भवर सिंह निवासी अमिलिया थाना नागौद जिला सतना द्वारा कितने आवेदन पुलिस विभाग को दिये गये तथा पुलिस महानिरीक्षक रीवा संभाग रीवा को आवेदक ने अपने प्रार्थना पत्र में जाँच की मांग की? (घ) यदि हाँ, तो झूठी रिपोर्ट की जाँच कराकर आरोपियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। आवेदक श्री बृजगोपाल पाठक निवासी नौगांव द्वारा दिनांक 22.08.2015 को थाना नौगांव में अपने पुत्र उग्रसेन पाठक उम्र 52 साल, रिटायर्ड बी.एस.एफ. कर्मचारी के लापता होने संबंधी लिखित आवेदन पत्र प्रस्तुत किया था, जिस पर थाना नौगांव में गुमइंसान क्रमांक 36/15 पंजीबद्ध कर जांच में लिया गया है। गुमशुदा की पत्नी श्रीमती शीला पाठक द्वारा निष्पक्ष जांच कराने हेतु शिकायतें प्रस्तुत की है। (ख) प्रश्नांश (क) में की गई रिपोर्ट पर से जिला छतरपुर के थाना नौगांव में गुमइंसान प्रकरण पंजीबद्ध कर गुमइंसान की तलाश हेतु इकाई के समस्त थाना प्रभारियों को रेडियो मैसेज किया गया एवं संदेहियों से पूछताछ कर कथन लेख किये गये। गुमइसांन की बरामदगी के प्रयास हेतु एस.डी.ओ.पी नौगांव के नेतृत्व में विशेष टीम गठित की गई। गजट प्रकाशन, गुमइंसान के मोबाईल नम्बर की सी.डी.आर. प्राप्त की जाकर संदेही नम्बर धारकों से पूछताछ कर तलाश की गर्ई। गुमइंसान की फोटो के पम्पलेट छपवा कर बस स्टैण्ड, रेल्वे स्टेशन एवं महानगरों के मुख्य प्रदर्शित स्थानों में चस्पा कराया गया एवं दूरदर्शन प्रसारण कराया गया। गुमइंसान की तलाश हेतु हर संभव प्रयास किये गये। गुमइंसान की पतारसी के प्रयास जारी हैं। (ग) जी हाँ। देवेन्द्र प्रताप सिंह परिहार उर्फ भंवर सिंह निवासी अमलिया द्वारा दिनांक 13.08.2017 को पुलिस अधीक्षक सतना को, दिनांक 06.09.2017 को पुलिस महानिरीक्षक, रीवा जोन रीवा को तथा दिनांक 13.09.2017 को पुलिस उप महानिरीक्षक, रीवा संभाग रीवा को आवेदन प्रस्तुत कर जांच की मांग की है। (घ) आवेदक देवेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ भंवरजीत सिंह के आवेदन पत्र की जांच अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) मैहर से कराई गई है। आवेदक पक्ष द्वारा दर्ज कराए गए प्रकरण एवं आवेदक पक्ष के विरूद्ध दर्ज कराए गए प्रकरण थाना नागौद जिला सतना अंतर्गत विवेचना में है। विवेचना उपरांत विधि अनुरूप कार्यवाही की जावेगी।
सूखा पड़ने वाले क्षेत्रों में किसानों के बैंकों के कर्ज माफी
[राजस्व]
49. ( क्र.
821 ) श्रीमती
चन्दा
सुरेन्द्र
सिंह गौर :
क्या राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
खरगापुर विधान
सभा क्षेत्र
सहित पूरे
टीकमगढ़ जिले
में सूखा
पड़ने से
किसानों की
मुसीबत का
सामना करना
पड़ रहा है
तथा मध्यप्रदेश
के ऐसे और
कितने जिले
हैं जो सूखा
से प्रभावित
हैं। (ख) क्या
सूखा
प्रभावित
जिलों को एवं
टीकमगढ़ जिले सहित
खरगापुर
विधान सभा के
किसानों के
बैंकों के
कर्जे एवं
खाद-बीज के
कर्ज माफ किये
जाने का सरकार
के पास कोई
प्रावधान है? क्या
किसानों के
कर्ज माफ
करेंगे? यदि हाँ, तो
समयावधि
बतायें? यदि नहीं, तो
कारण सहित
बताये कि
किसानों के
कर्ज माफ क्यों
नहीं किये जा
सकते हैं? (ग) क्या
म.प्र. के ऐसे
कितने जिले/तहसील
हैं जो सूखा
से ग्रसित हैं
और उन क्षेत्रों
के किसानों
द्वारा
तहसीलदारों
के माध्यम से
ज्ञापन पत्र
देकर मांग की
गई है?
किसानों की
समस्याओं का
निराकरण तथा
सूखे से निजात
पाने हेतु सरकार
की कौन-सी
योजनायें हैं
जिससे सूखा की
मार झेलने
वाले किसानों
को राहत मिल
सके?
राजस्व
मंत्री ( श्री
उमाशंकर
गुप्ता ) : (क) जी
हाँ। वर्ष 2017-18
में टीकमगढ़
जिले सहित
प्रदेश के 18
जिलों की 133
तहसीलों को
सूखा
प्रभावित
घोषित किया
गया है। (ख) अल्पकालिक
ऋण को मध्यकालिक
ऋण में
परिवर्तित
करने तथा
भू-राजस्व के
संग्रहण को
निलंबित करने
का प्रस्ताव
परीक्षणाधीन
है। समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
(ग) मध्यप्रदेश
के 18
जिलों की 133
तहसीलों को
सूखा
प्रभावित
घोषित किया
गया है। सूखा
प्रभावित
किसानों को
राजस्व पुस्तक
परिपत्र 6-4 के
मापदण्डों
अनुसार
आर्थिक
अनुदान
सहायता राशि
तथा पेयजल
परिवहन हेतु
राशि आवंटित
की जाती है।
हैण्ड पंप/ट्यूबवेल खनन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
50. ( क्र. 884 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या बैतूल जिले में इस वर्ष कम वर्षा की स्थिति को देखते हुए ट्यूबवेल खनन एवं हैण्डपंप खनन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है? यदि हाँ, तो कितना-कितना? (ख) हैण्डपंप/ट्यूबवेल खनन का विगत वर्ष का क्या लक्ष्य था? क्या इस वर्ष लक्ष्य बढ़ाया गया है? यदि हाँ, तो कितना? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) हैण्डपंप/ट्यूबवेल खनन का कार्य कब से प्रारंभ कर दिया जाएगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) बैतूल जिले में विभागीय कार्यक्रम के अंतर्गत नलकूप खनन एवं हैण्डपंप हेतु लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं वर्षा की स्थिति के आधार पर लक्ष्य निर्धारित नहीं किये गये हैं। विभागीय कार्यक्रम अंतर्गत 275 बसाहटों में हैण्डपंपों के माध्यम से पेयजल व्यवस्था का लक्ष्य इस वर्ष हेतु निर्धारित है। (ख) 175 बसाहटों का। जी हाँ, 275 बसाहटों का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) हैण्डपंप/ट्यूबवेल खनन का कार्य पूर्व से प्रारंभ होकर प्रगतिरत है।
खण्ड लेखकों के सहायक ग्रेड-3 पद पर नियुक्ति
[राजस्व]
51. ( क्र. 920 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय उच्च न्यायालय के पालन में खण्ड लेखक नरेश कुमार याज्ञनिक को मंत्रालय राजस्व विभाग द्वारा दिनांक 28.08.2015 को सहायक ग्रेड-3 के पद पर नियुक्ति के लिये कलेक्टर अशोक नगर को अनुमति दी गई है, तो अन्य जिलों को क्यों नहीं दी जा रही है? (ख) माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर के अपील क्रमांक W.A.No. 1202/2010 में संलग्न 65 प्रकरणों में माननीय उच्च न्यायालय के SLA (Civil) 12439-12440/2012 आदेश दिनांक 17.08.2012 के पालन में किन-किन जिलों के खण्ड लेखक से सहायक ग्रेड-3 के पद पर नियुक्ति की गई है? (ग) प्रश्नांश (ख) से संबंधित मंत्रालय राजस्व विभाग से नोटशीट क्रमांक R-3276/07/4A/216 लगभग दो वर्षों से लंबित हैं तो अनुमति क्यों नहीं प्रदान की जा रही है? समस्त कलेक्टरों को आदेश जारी करने की समय-सीमा बतायें। (घ) खण्ड लेखक से सहायक ग्रेड-3 की नियुक्ति किन-किन कलेक्टरों द्वारा अभिमत चाहा गया है? अनुमति के लिये लंबित याचिकाओं के याचिका क्रमांक, आवेदक का नाम, जिलेवार जानकारी दी जावे।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। शेष कार्यवाही प्रचलित है। (ख) जी हाँ। अशोक नगर, दमोह, सतना, देवास, दतिया। (ग) न्यायालयीन प्रकरणों में वैधानिक स्थिति का परीक्षण करने के उपरांत ही कार्यवाही की जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) खण्ड लेखक से सहायक ग्रेड-3 के पद पर नियुक्ति हेतु निम्नानुसार कलेक्टरों द्वारा अभिमत चाहा गया है। जो जानकारी निम्नानुसार है:-
क्र. |
जिले का नाम |
याचिका क्रमांक |
आवेदक का नाम |
1 |
मुरैना |
5690/2015 |
कुमारी लीला शर्मा |
2427/2016 |
श्री राकेश अग्रवाल |
||
2 |
सतना |
5696/2014 |
श्री मिथलेश कुमार यादव |
3 |
सीधी |
181921/2016 |
श्री ओंकार शर्मा |
4 |
मंदसौर |
8535/2016 |
श्री केलाशचंद्र उपाध्याय |
5 |
आगर मालवा |
3686/2010 एवं रिव्यू याचिका 135/2010 |
श्री मनीष कुमार शर्मा |
2889/2014 |
श्री मुकेश कुमार गवली |
||
3142/2014 |
श्री रामचंद्र गायरी |
||
6 |
गुना |
1355/2015 |
श्री जगदीश प्रसाद शर्मा, श्री भूपद सिंह, लौधा, कुमारी शाहीन सिद्यीकी |
7 |
नरसिंहपुर |
12309/2016 |
बसंत कुमार यादव |
राजस्व प्रकरण में आदेश के विपरीत रास्ता बनाये जाना
[राजस्व]
52. ( क्र. 925 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कलेक्टर जिला हरदा राजस्व प्रकरण क्र. 129वी/1/2008 में आदेश दिनांक 31/12/2012 के बिन्दु क्र. 02 अनुसार राजस्व निरीक्षक के प्रतिवेदन एवं नक्शा के अनुसार वर्तमान में रास्ता 10/1 तक बना हुआ है व मूल क्षेत्रफल के अनुसार बताये जाने पर खसरा क्र. 10/2 ग तक दर्शित हो जावेगा, संबंधी आदेश जारी किये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में अंकित आदेश के विपरीत 10/2 ग तक रिकार्ड दुरूस्ती में निर्धारित सीमांकन से अधिक रास्ता बना दिये जाने का क्या कारण है जिससे आगे के मात्र 50 डिसमिल वाले भूमि स्वामी बदामी आ. घासीराम को लगभग 10-12 डिसमिल का नुकसान उठाना पड़ा जबकि उसे सीमांकन के समय भी सूचना नहीं दी गई इसके लिये कौन जबावदार है? (ग) प्रश्नांश (क) में अंकित प्रकरण में दिये गये आवेदन पर हुये आदेशानुसार पुन: सीमांकन की कार्यवाही कर आदेशानुसार नक्शा दुरूस्त कर ल.व.चौ. का उल्लेख किया जावेगा? (ड.) यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो उसका क्या कारण है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) त्रुटि अज्ञानतावश हुई है इसलिए किसी व्यक्ति विशेष को जिम्मेदार ठहराया जाना उचित नहीं होगा। (ग) जी हाँ। (ड.) कार्य पूर्ण हो चुका है।
निर्माण कार्यों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
53. ( क्र. 944 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, संभाग विदिशा द्वारा प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 में ग्रामीण क्षेत्रों में नवीन हैण्डपम्पों का खनन अन्तर्गत विभिन्न योजनाओं के तहत किये गये है, या किये जा रहे है? यह कार्य किस ग्राम के किस स्थान पर किया गया है? हैण्डपम्प की लागत, हैण्डपम्प का खनन सफल या असफल हुआ? हैण्डपम्प का फाउण्डेशन तैयार किया या नहीं? कार्य की वर्तमान स्थिति पूर्ण एवं अपूर्ण आदि की जानकारी उपलब्ध करावे? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वर्षों में प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत ऐसे कितने कार्य प्रस्तावित किये गये है जिनकी स्वीकृति अपेक्षित है? इन कार्यों की सूची कार्य का नाम, स्वीकृति हेतु भेजने का लागत लाभान्वित ग्रामों के नाम वर्तमान में उक्त प्रस्ताव किस अधिकारी के पास लम्बित हैं की जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित प्रस्तावित कार्यों की स्वीकृति कब जारी की जा रही है? समय-सीमा बतावें, यदि नहीं, तो लम्बित रहने का कारण बतावें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) विधानसभा क्षेत्र बासौदा अंतर्गत वर्ष 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 में ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न योजनाओं के तहत किये गये नवीन हैण्डपम्प खनन के कार्यों की ग्राम के स्थान की जानकारी, हैण्डपम्प की लागत, हैण्डपम्प का खनन सफल या असफल हुआ का विवरण, हैण्डपम्प का फाउण्डेशन तैयार करने की जानकारी, कार्यपूर्णता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विभागीय लक्ष्यों के अंतर्गत आंशिकपूर्ण श्रेणी की बसाहटों, पेयजल विहीन शालाओं एवं आंगनवाड़ियों में विभिन्न विभागीय कार्यक्रमों में विभाग द्वारा प्रस्तावित कार्यों की सक्षम स्तर से स्वीकृति प्राप्त की गई है वर्तमान में कोई प्रस्ताव स्वीकृति हेतु शेष नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तर ’ख’ अनुसार प्रश्न ही नहीं उठता।
खादयान्न कूपन/पर्ची वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
54. ( क्र. 966 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी विधानसभा क्षेत्र के ऐसे कितने हितग्राही है, जिन्हें आज दिनांक तक भी पात्रता पर्ची प्राप्त नहीं हुई है? जनपद पंचायतवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) क्या क्षेत्र में भ्रमण के दौरान लगातार पर्ची नहीं मिलने व परिवार में सदस्यों की संख्या एवं पात्रता पर्ची पर कम सदस्य संख्या होने की शिकायत प्राप्त हो रही है? क्या पात्रता पर्ची की ऑनलाईन एन्टी ग्राम पंचायत/जनपद पंचायत के द्वारा की जा चुकी है, किन्तु विभाग के द्वारा अपडेट नहीं करने से हितग्राहियों को पात्रता पर्ची प्राप्त नहीं हो पा रही है? क्या कारण है कि विभाग के द्वारा अपडेशन का कार्य नहीं किया जा रहा है? यह कार्य कब तक किया जायेगा? (ग) क्या खाद्यान्न सुरक्षा किसान पर्व के अंतर्गत अ.जा./अ.ज.जा. वर्ग के लोगों व अन्य व्यक्तियों का दिनांक 23 अगस्त, 2016 से खाद्यान्न पर्ची बंद कर दी गई है? यदि हाँ, तो कारण बतावें और कब तक पर्ची जारी की जायेंगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) सिवनी विधानसभा क्षेत्र में कुल 43,895 परिवारों को पात्रता पर्ची जारी कर राशन सामग्री का वितरण किया जा रहा है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत पात्र परिवारों को स्थानीय निकाय द्वारा सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) जारी की जाती है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा निर्धारित आबादी की सीमा तक ही लाभ दिया जा सकता है। अधिनियम अंतर्गत राज्य के लिए हितग्राहियों की अधिकतम सीमा निर्धारित है। इस सीमा से अधिक हितग्राहियों को लाभांवित करने का प्रावधान अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत न होने अंतर्गत न होने के कारण शेष आवेदकों की पात्रता नहीं बनती है। वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्यु होने, विवाह होने से, अन्य स्थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्राही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। तद्नुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित सीमा में जारी की जा रही है। जिले में 01 मई, 2017 की स्थिति में जितने अपात्र परिवारों को पोर्टल से विलोपित किया जाकर उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित किया जा रहा है। वर्ष 2017-18 में जिला सिवनी में 346 परिवारों के 1538 हितग्राहियों के लिए नवीन पात्रता पर्ची जारी की गई है। जुड़ने वाले नवीन परिवारों में बी.पी.एल. एवं अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी को प्राथमिकता दी जा रही है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के अनुसार (ग) जी नहीं। खाद्य सुरक्षा पर्व के अंतर्गत अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी के अंतर्गत पात्रता पर्ची बंद नहीं की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगर व पंचायतों में संचालित खाद्य दुकानें
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
55. ( क्र. 967 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा उपभोक्ताओं की सुविधा हेतु प्रत्येक नगर में वार्ड एवं ग्रामों में पंचायत स्तर पर खाद्य विभाग की शासकीय उचित मूल्य की दुकानें खोले जाने के निर्देश है? यदि हाँ, तो निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या उक्त निर्देश के पालन में सिवनी जिले की विधानसभा क्षेत्र सिवनी के नगर के सभी वार्डों एवं संभाग पंचायतों में शासकीय उचित मूल्य की दुकानें खोली गई है? यदि हाँ, तो बतावें जानकारी दें? (ग) सिवनी विधानसभा क्षेत्र में शासकीय उचित मूल्य की दुकानें किन-किन नगरों के वार्डो एवं ग्रामों की पंचायतों में कहाँ-कहाँ पर किस सेल्समेन के द्वारा कब से संचालित की जा रही हैं? उनके नाम, पता तथा उक्त दुकानों पर कितने कितने हितग्राहियों को कौन-कौन सी कितनी-कितनी सामग्री प्रतिमाह वितरित की जा रही है? (घ) सिवनी विधानसभा क्षेत्र की ऐसी कितने नगर के वार्ड एवं ग्राम पंचायतें हैं जिनमें शासकीय उचित मूल्य दुकानें संचालित नहीं हैं? उन नगर के वार्डों एवं पंचायतों में शासकीय उचित मूल्य दुकानें कब तक संचालित की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) प्रदेश के नगरीय क्षेत्र में 800 पात्र परिवारों की संख्या के आधार पर एक दुकान खोलने का प्रावधान है जबकि ग्रामीण क्षेत्र में प्रत्येक पंचायत में उचित मूल्य की दुकान खोलने का प्रावधान है। इस संबंध में मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश, 2015 की कंडिका 7 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) विधानसभा क्षेत्र सिवनी अंतर्गत सिवनी नगर के सभी वार्डों में उचित मूल्य की दुकानें संचालित है। वर्तमान में उक्त विधानसभा की 51 ग्राम पंचायतों में उचित मूल्य दुकानें संचालित नहीं हैं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) सिवनी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सिवनी नगर के समस्त वार्ड में उचित मूल्य दुकानें संचालित हैं। सिवनी विधानसभा के ग्रामीण क्षेत्र के अंर्तगत 51 ग्राम पंचायतों में उचित मूल्य दुकानें वर्तमान में संचालित नहीं हैं। उक्त ग्राम पंचायतों में दुकान आवंटन हेतु ऑनलाइन आवेदन के माध्यम से उचित मूल्य दुकान आवंटन की कार्यवाही नियमानुसार प्रचलित है।
अस्थाई रूप से बंद पात्रता पर्चियों की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
56. ( क्र. 993 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रबी विपणन वर्ष 2016-17 में समर्थन मूल्य पर 50 क्विंटल से अधिक गेहूँ विक्रय करने एवं आधार नंबर से लिंक न होने पर परिवारों को अनमेप कर अस्थाई रूप से खाद्यान्न पर्चिया बंद की गई थी? यदि हाँ, तो क्या अनमेप करने से पहले हितग्राहीयों की भौतिक पुष्टि की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विधानसभा क्षेत्र सुसनेर की जानकारी उपलब्ध करावे? (ग) क्या समग्र आई.डी. से राशन कार्ड/पात्रता पर्ची लिंक करने का कार्य विभाग द्वारा करवाया गया था? यदि हाँ, तो कार्य कब से कब तक किया गया एवं इसके लिये किस-किस स्तर पर जवाबदारिया दी गई? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंध में अस्थाई रूप से अनमेप परिवारों में कुछ ऐसे परिवार भी हो सकते हैं, जो वास्तव में सार्वजनिक वितरण प्रणाली से खाद्यान्न लेने हेतु पात्रता रखते हैं, परन्तु समग्र आई.डी. समान नाम होने से सम्पन्न हितग्राहीयों की लिंक होने से अनमेप हो गए हैं? क्या समीक्षा कर ऐसे हितग्राहियों की पात्रता पर्ची पुनः प्रदान की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। नगरीय क्षेत्र में आधार नंबर उपलब्ध न कराने वाले परिवारों को अस्थाई रूप से अनमैप किया गया था, इन परिवारों के परीक्षण उपरांत पात्र पाए जाने पर पुन: सम्मिलित करने का प्रावधान होने के कारण अनमैप करने से पहले हितग्राहियों की भौतिक पुष्टि की आवश्यकता नहीं थी। (ख) सुसनेर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 50 क्विंटल से अधिक गेहूं का विक्रय करने वाले 257 परिवारों एवं नगरीय क्षेत्र के आधारविहीन 814 परिवारों को अस्थाई रूप से अनमैप किया गया था, इनमें से 29 परिवारों को परीक्षण उपरांत पात्र पाए जाने पर पुन: सम्मिलित कर लिया गया है। (ग) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित 25 श्रेणी के परिवारों की पात्रता संबंधी सत्यापन का कार्य स्थानीय निकाय द्वारा माह अगस्त-सितम्बर, 2013 से प्रारम्भ किया गया है। पात्र परिवारों के सत्यापन का दायित्व स्थानीय निकाय के प्राधिकृत अधिकारी द्वारा किया जाता है। (घ) पात्र परिवारों का सत्यापन एवं अपात्र परिवारों का विलोपन करना एक सतत् प्रक्रिया है।
राजस्व मामलों के निराकरण हेतु
[राजस्व]
57. ( क्र. 994 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजस्व मामलों के त्वरित निराकरण हेतु विगत 02 वर्षों में जिला आगर एवं शाजापुर अंतर्गत कितने शिविर आयोजित किये गये? दिनांकवार, स्थानवार विवरण देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शिविरों में कुल कितने आवेदन आए एवं इनमें से कितने मौके पर निराकृत किए गए एवं कितने में बाद में कार्यवाही की गई? विधानसभा क्षेत्र सुसनेर के संदर्भ में प्रकरणवार पूर्ण विवरण देवें? (ग) क्षेत्रान्तर्गत विगत 01 वर्ष में कितनी शिकायतें सी.एम.हेल्पलाईन पर राजस्व संबंधी मामले के संबंध में दर्ज की गई हैं? सूची उपलब्ध करावे? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में की गई कार्यवाही का प्रकरणवार विवरण देवें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जिला शाजापुर में विगत् 02 वर्षों में राजस्व मामलों त्वरित निराकरण हेतु कुल 286 शिवर आयोजित किये गये है। दिनांक 14 अप्रैल 2016 से 31 मई 2016 ग्राम उदय अभियान में तथा विशेष राजस्व सेवा अभियान दिनांक 08/08/2017 से 14/08/2017 तक पंचायत मुख्यालय में शिवर आयोजित किये गये है। जिला आगर मलवा की चारों तहसील में कुल 31 राजस्व शिवर आयोजित किये गये है दिनांकवार स्थानवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जिला शाजापुर उल्लेखित 286 शिविरों में कुल 7200 आवेदन प्राप्त हुये जिनमें 363 आवेदनों का मौके पर निराकरण किया गया शेष 6837 आवेदनों पर वाद में कार्यवाही की गई। जिला शाजापुर, तहसील मो. बडोदिया के तहत वांछित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। जिला आगर मालवा में प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शिविरों में कुल 776 आवेदन आये जिनका मौके पर निराकृत किया गया है। विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत प्राप्त आवेदनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जिला शाजापुर क्षेत्रान्तर्गत विगत 01 वर्ष से कुल 36 शिकायतें सी.एम. हेल्प लाईन पर राजस्व संबंधी मामलों के संबंध में वांछित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। जिला आगर मालवा विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत विगत 01 वर्ष में सी.एम. हेल्प लाईन पोर्टल पर राजस्व संबंधी कुल 286 शिकायतें दर्ज है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जिला शाजापुर राजस्व प्रकरणवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। जिला आगर मालवा प्रकरणवार की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
शासकीय पॉलिटेक्नीक महाविद्यालय बालाघाट में परीक्षा की गोपनीयता भंग करना
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
58. ( क्र. 1013 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आर.जी.पी.वी. भोपाल के अंतर्गत आने वाले महाविद्यालयों में प्रायोगिक परीक्षा में एक्सटरनल एवं इंटरनल द्वारा दिये गये परिणाम को क्या प्राचार्य द्वारा परिवर्तित करने का कोई नियम है? (ख) क्या म.प्र. परीक्षा अधिनियम में परीक्षा परिणाम आने के पूर्व प्रायोगिक परीक्षा की उत्तर पुस्तिका का पुन:मूल्याकंन किया जा सकता है? यदि नहीं, तो शासकीय पॉलीटेक्निक महाविद्यालय, बालाघाट में तत्कालीन प्राचार्य आर.एम.सोनबे द्वारा प्रायोगिक परीक्षा के 40 दिन पश्चात अंतिम परिणाम के पूर्व बंद लिफाफे खुलवाकर इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग अंतिम सेमेस्टर की एक छात्रा एवं एक छात्र के परिणाम परिवर्तित किये गये? क्या यह नियम एवं कानून संगत हैं? यदि नहीं, तो उक्त संबंध में व्याख्याता श्रीमती दीप्ति हनवत द्वारा दिनांक 03/07/2017 को संचालक तकनीकी शिक्षा के समक्ष की गई शिकायत आर.एम.सोनबे तत्कालीन प्राचार्य को निलंबित क्यों नहीं किया गया? (ग) यदि इस संबंध में कोई जाँच कमेटी गठित की गई है, तो क्या कोई प्रतिवेदन शासन को प्राप्त हुआ है? यदि प्रतिवेदन में कमेटी ने माना कि यह विश्वविद्यालय के नियमों के अनुकूल नहीं है, तो तत्कालीन प्राचार्य को अब तक निलंबित क्यो नहीं किया गया एवं उनके विरूद्ध विभागीय जाँच क्यो नहीं करवाई गई? क्या उक्त प्राचार्य को निलंबित किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। जी हाँ। जी नहीं। संबंधित प्राचार्य को संचालनालय के पत्र दिनांक 21.11.2017 द्वारा चेतावनी पत्र जारी किया गया तथा विभागीय आदेश दिनांक 26.09.2017 के द्वारा श्री आर.एम.सोनवे के स्थान पर श्री अनिल कुमार सिंघई को प्रभारी प्राचार्य नियुक्त किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय भोपाल द्वारा जाँच समिति का गठन किया गया तथा समिति का जाँच प्रतिवेदन पत्र दिनांक 03.11.2017 द्वारा संचालनालय तकनीकी शिक्षा को भेजा गया है। जाँच प्रतिवेदन के आधार पर संचालक द्वारा श्री आर.एम.सोनवे को चेतावनी पत्र दिनांक 21.11.2017 को जारी किया गया है शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
पुलिस विभाग द्वारा की जा रही ई-नोटिस कार्यवाही
[गृह]
59. ( क्र. 1023 ) श्री राजेश सोनकर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस विभाग द्वारा मध्यप्रदेश के किन-किन शहरों में यातायात नियम के उल्लंघन पर वाहन चालक को ई-नोटिस भेजे जा रहे हैं? ई-नोटिस कार्यवाही प्रदेश में कब से प्रारंभ की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रदेश में पुलिस विभाग द्वारा कितने वाहन चालकों को ई-नोटिस भेजे गये है? ई-नोटिस किस नियम व आदेश के तहत भेजे गये स्पष्ट करें व किस सक्षम अधिकारी को ई-नोटिस पर हस्ताक्षर करके ई-नोटिस जारी करने के अधिकारी हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में ई-नोटिसों द्वारा प्रश्न दिनांक तक विभिन्न शहरों में कितनी राशि शमन शुल्क के रूप में वसूली गई? कितनी राशि वसूल की जाना शेष है वसूली के लिये न्यायालय में कितने प्रकरण प्रस्तुत किये गये व कितने ई-नोटिस न्यायालय में प्रस्तुत नहीं किये गये और क्यों नहीं किये गये कारण बतायें? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में ई-नोटिस कार्यवाही के लिये शासन द्वारा कब नोटिफिकेशन कराया गया एवं माननीय कोर्ट द्वारा क्या कोई आदेश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो नोटिफिकेशन व कोर्ट आदेश की प्रति उपलब्ध करायें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जिला भोपाल एवं जिला इन्दौर शहरों में यातायात नियमों के उल्लंघन पर ई-नोटिस भेजे जा रहे है। ई-नोटिस कार्यवाही जिला भोपाल में दिनांक 01.01.2013 एवं जिला इन्दौर में दिनांक 27.01.2015 से प्रारम्भ की गई। (ख) यातायात शाखा भोपाल में दिनांक 01.01.2013 से 14.11.2017 तक 1,51,325 एवं यातायात शाखा इंदौर में दिनांक 27.01.2015 से 09.11.2017 तक 5,71,799 वाहन चालकों को ई-नोटिस भेजे गये। ई-नोटिस मोटर व्हीकल एक्ट, 1988 की धारा 51/177, 119/177, 128/177, 129/177 के तहत भेजे जा रहे है। थाना प्रभारी यातायात के हस्ताक्षर उपरान्त ई-नोटिस जारी किये जा रहे है। (ग) यातायात शाखा भोपाल द्वारा ई-नोटिस से दिनांक 14.11.2017 तक कुल राशि रू. 1,95,11,450/- एवं यातायात शाखा इंदौर द्वारा ई-नोटिस से दिनांक 09.11.2017 तक कुल राशि रू. 7,79,68,750/- समन शुल्क प्राप्त किया गया। यातायात शाखा भोपाल द्वारा शेष 91,107 एवं यातायात शाखा इंदौर द्वारा शेष 2,94,068 ई-नोटिस पर निराकरण शेष है, इस संबंध में कार्यवाही की जा रही है। चूकि ई-नोटिस का निराकरण अंतिम रूप से माननीय न्यायालय द्वारा किया जाता है, अथवा यातायात थाने में समन शुल्क का भुगतान प्राप्त किया जाता है, अतः शेष ई-नोटिस से समन शुल्क के रूप में प्राप्त होने वाली राशि का आंकलन नहीं किया जा सकता। यातायात शाखा भोपाल द्वारा ई-नोटिस स्मरण की कार्यवाही किये जाने के कारण माननीय न्यायालय में प्रस्तुत नहीं किये गये है। यातायात शाखा इंदौर से वर्तमान में माननीय न्यायालय में ई-नोटिस संबंधी कोई प्रकरण लंबित नहीं है। यातायात शाखा इंदौर द्वारा 1,46,172 ई-नोटिस का समन शुल्क का भुगतान यातायात थाने में प्राप्त होने के कारण माननीय न्यायालय में प्रस्तुत नहीं किये गये है। (घ) ई-नोटिस कार्यवाही के संबंध में म.प्र.शासन द्वारा म.प्र. राजपत्र क्रमांक-100 दिनांक 03.03.2016 में उल्लेख है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। माननीय न्यायालय द्वारा कोई आदेश इस संबंध में नहीं है।
सांवेर विधानसभा क्षेत्र में स्थित सांवेर रोड जेल का अधूरा निर्माण कार्य प्रारंभ कराना
[जेल]
60. ( क्र. 1024 ) श्री राजेश सोनकर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) तारांकित प्रश्न (क्र.467) दिनांक 22.07.2015 के परिप्रेक्ष्य में राज्य शासन द्वारा सांवेर विधानसभा क्षेत्र में स्थित सांवेर रोड जेल को अधूरा निर्माण कार्य को पूर्ण कराये जाने हेतु पूर्व प्रश्न दिनांक से आज प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही कि गई? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या जेल विभाग द्वारा इन्दौर कि जेलों में कैदियों की अधिकता होने से जेल में बदं कैदियों को परेशानी के सम्बंध में जेलरों द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया गया? क्या इन्दौर की जेलों में क्षमता से अधिक कैदी परिरूद्ध है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में अधूरी पड़ी जेल के निर्माण कार्यों को कब तक पूर्ण कराया जायेगा व किस एजेन्सी द्वारा कार्य को फिर से प्रारंभ कराया जायेगा? समय-सीमा बतायें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) भारत सरकार द्वारा 14 वें वित्त आयोग में धनराशि की मांग अमान्य किये जाने के कारण अधूरे निर्माण कार्य को पूर्ण कराने हेतु राज्य योजना में धनराशि उपलब्ध कराने की मांग की जाती रही वर्ष 2017-18 के बजट में राशि रूपये 30.00 करोड़ का प्रावधान किया गया है, जिसके पश्चात् आधुनिक एवं सुरक्षित जेल भवन के नक्शे, विस्तृत प्राक्कलन लोक निर्माण विभाग (पी.आई.यू.) से तकनीकी स्वीकृति उपरांत प्राप्त किये गए, जिन्हें राज्य मंत्रि-परिषद् के अनुमोदन हेतु प्रस्तुत किया गया है। (ख) जी हाँ। इंदौर की जेलों में कैदियों की अधिकता विभाग के संज्ञान में है। (ग) निर्माण कार्य लोक निर्माण विभाग (परियोजना क्रियान्वयन इकाई) द्वारा किया जायेगा, जिसमें लगभग 03 वर्षों का समय लगना संभावित है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
उपनगरीय क्षेत्र गढ़ा में मिनी स्टेडियम एवं केन्द्रीय विद्यालय भवन निर्माण
[राजस्व]
61. ( क्र. 1043 ) श्री तरूण भनोत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अधोहस्ताक्षरी ने अपने पत्र क्र.2933 एवं 2934 दिनांक 23.10.2017 को कलेक्टर जबलपुर एवं प्रमुख सचिव राजस्व एवं आयुक्त नगर निगम जबलपुर को गढ़ा क्षेत्र जबलपुर में शासकीय रिक्त भूमि के संबंध में खसरा एवं नक्शा प्रदाय कर मिनी स्टेडियम एवं केन्द्रीय स्कूल भवन निर्माण हेतु लेख किया था? (ख) यदि हाँ, तो उप नगरीय क्षेत्र गढ़ा में स्थित शासकीय रिक्त भूमि पर शासन की मंशा अनुसार मिनी स्टेडियम एवं केन्द्रीय विद्यालय भवन निर्माण हेतु प्रकिया कब तक पूर्ण कर ली जावेगी? (ग) क्या वर्णित (क) हेतु उपलब्ध शासकीय भूमि पर भू-माफियों द्वारा कब्जा किया जा रहा है? क्या जिला प्रशासन उक्त भूमि को अतिक्रमणकारियों से मुक्त करवा कर वर्णित (क) का निर्माण कार्य सुनिश्चित करवायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। प्रथम पत्र में भूमि के खसरा नंबर इत्यादि का उल्लेख है परन्तु द्वितीय पत्र में किसी खसरे नंबर का उल्लेख नहीं है। प्रथम पत्र में दिये गये प्रस्ताव का परीक्षण किया जा रहा है। द्वितीय पत्र के संबंध में उल्लेखित भूमि पूर्व से आवंटित है, परन्तु मान. उच्च न्यायालय में प्रकरण प्रचलित है। (ख) मिनी स्टेडियम का प्रस्ताव अभी परीक्षणाधीन है। केन्द्रीय विद्यालय हेतु ग्राम गढ़ा स्थित भूमि खसरा नंबर 117/2 एवं खसरा नंबर 118 में से 2.9 हेक्टे. भूमि आवंटित की जा चुकी है। परन्तु माननीय उच्च न्यायालय में उक्त भूमि के संबंध में एक डब्ल्यू.पी. 618/2008 लंबित है। जिसमे माननीय न्यायालय द्वारा यथा स्थिति का आदेश दिया गया है। प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन होने से कार्यवाही पूर्ण होने में तिथि बतायी जाना संभव नहीं है। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित प्रथम पत्र में उल्लेखित भूमि के संबंध में परीक्षण कराया जा रहा है, जाँच उपरान्त अतिक्रमण पाये जाने पर मुक्त कराने की कार्यवाही की जावेगी। द्वितीय पत्र के संबंध में प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन होने से समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है।
असाधारण पारिवारिक पेंशन का पुनरीक्षण
[गृह]
62. ( क्र. 1044 ) श्री तरूण भनोत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश सरकार ने असाधारण पारिवारिक पेंशन के नियमों में बदलाव कर दिया है? अब शहीद की पत्नी को प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों की तर्ज पर समय-समय पर बढ़ने वाला मंहगाई भत्ता व वेतन पुनरीक्षण का लाभ प्राप्त होने का प्रावधान कर दिया है? (ख) यदि वर्णित (क) हाँ, तो क्या यह सही है कि पुलिस अधीक्षक कार्यालय जबलपुर में कार्यरत शहीद स्व. राजेश तिवारी प्र.आर. क्र. 298 की पत्नी सुनीता तिवारी निवासी 1517, नवनिवेश कालोनी, गढ़ा जबलपुर को असाधारण पारिवारिक पेंशन स्वीकृत की गई थी, जो आज दिनांक तक किसी भी वेतनमान आने पर पुनरीक्षण नहीं की गयी? (ग) क्या उक्त शहीद की पत्नी की असाधारण पारिवारिक पेंशन पुनरीक्षण हेतु अधोहस्ताक्षरी द्वारा मान. गृह मंत्री एवं पुलिस महानिदेशक भोपाल को भी पत्रों के माध्यम से अवगत कराया था? (घ) यदि वर्णित (क) से (ग) सही है तो कब तक शहीद की पत्नी को पाँचवे एवं छठवें वेतनमान के अनुसार असाधारण पेंशन का पुनरीक्षण कब तक कर दिया जावेगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। अब असाधारण परिवार पेंशन प्राप्त करने वाले कर्मचारियों के पीड़ित परिवार को समय-समय पर बढ़ने वाला मंहगाई भत्ता प्राप्त होने का प्रावधान वित्त विभाग की अधिसूचना दिनांक 29.09.2017 जारी कर शासकीय सेवकों के लिए स्वीकृत मंहगाई भत्ते का लाभ, समान रूप से प्रदान किये जाने का लाभ दिया गया है। वेतन पुनरीक्षण के संबंध में कोई प्रावधान नहीं किया गया है। (ख) वेतन पुनरीक्षण के संबंध में कोई प्रावधान न होने से कार्यवाही नहीं की गई। (ग) जी हाँ। (घ) प्रश्नांश (क) और (ख) के उत्तर के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
चाही गई जानकारी न देने के लिए दोषियों पर कार्यवाही
[राजस्व]
63. ( क्र. 1082 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा प्रश्न क्र. 94 (7010) दिनांक 31.03.2016, प्रश्न क्र. 71 (1399) दिनांक 22.07.2016, प्रश्न क्र.25 (436) दिनांक 19.07.2017 प्रश्न क्र. 74 (6264) दिनांक 27.03.2017 एवं ध्यानाकर्षण सूचना दिनांक 14.07.2017 के माध्यम से रीवा शहर की जमीनों से संबंधित जानकारियां चाही गई थी, जो अप्राप्त हैं? अगर जानकारी संकलित की जा चुकी हो तो जानकारी की प्रति देते हुए बतावें कि दिनांक 27.03.2017 के बाद नगरपालिका निगम रीवा की शासकीय एवं नजूल की भूमियों को किन-किन संविदाकारों/ठेकेदारों को किन शर्तों एवं अवधि के लिए आवंटित की गई प्रति पृथक से देते हुए बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी संबंधितों द्वारा बार-बार प्रश्न लगाने पर नहीं दी जा रही तो इसके लिए कौन-कौन जवाबदार है, जवाबदारों के ऊपर क्या कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे, अगर नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) 1- नगर पालिक निगम रीवा क्षेत्रान्तर्गत चूना भट्ठा, बस स्टैण्ड समान रकवा 5.97 एकड़ में शासन द्वारा स्वीकृत PPP- योजना के तहत 1.29 एकड़ भूमि व्यवसायिक कॉम्पलेक्स/मल्टीप्लेक्स निर्माण हेतु स्वीकृत निविदा के तहत प्रीमियम राशि रूपये 8,53,00,999=00 एवं रूपये 1.50 लाख मासिक किराया पर मे.समदडिया बिल्डर्स जबलपुर को दी गई है जिसमें व्यवसायिक काम्पलेक्स/मल्टीपलेक्स एवं आवासीय फ्लैट निर्मित किये गये है। उक्त योजना के तहत 30 वर्षों तक बस स्टैण्ड/व्यवसायिक कॉम्पलेक्स का रख-रखाव समदडिया बिल्डर्स द्वारा किये जाने का प्रावधान है। 2- नगर पालिका निगम रीवा क्षेत्रान्तर्गत म.प्र. शासन की पुर्नघनत्वीकरण योजना अन्तर्गत दो शासकीय भूमियों का व्ययन किया गया है। (i) बालभारती स्कूल के सामने स्थित 15000 वर्गमीटर शासकीय भूमि का व्ययन-योजना के बिड की स्वीकृति मध्यप्रदेश शासन की साधिकार समिति की बैठक दिनांक 13.06.12 से हुई। बिड मेसर्स समदडिया बिल्डर्स प्रा.लि. जबलपुर के पक्ष में स्वीकृत हुई। आफर राशि रूपये 36,99,99,999.00 है। योजना के अनुबंध का निष्पादन दिनांक 05.12.2012 को किया गया है। इसके तहत बिल्डर्स को 15000 वर्गमीटर भूमि व्यवसायिक उपयोग हेतु दिया जाना एवं बिल्डर्स द्वारा शासकीय संपत्ति के निर्माण के तहत नवीन कलेक्ट्रेट भवन, 54 शासकीय आवास सिविल लाईन एवं हाकर्स मार्केट का निर्माण किया जाना है। शासकीय निर्माण कार्य की लागत रूपये 18.60 करोड़ है। शेष राशि शासन के खाते में जमा किया जाना है। (ii) एस. पी. बंगले के सामने स्थित 4718.45 वर्गमीटर शासकीय भूमि का व्ययन-योजना के बिड की स्वीकृति मध्यप्रदेश शासन साधिकार समिति की बैठक दिनांक 04.04.15 से हुई। बिड मेसर्स समदडिया बिल्डर्स प्रा.लि. जबलपुर के पक्ष में स्वीकृत हुई। आफर राशि रूपये 24,23,99,999/- है। योजना के अनुबंध का निष्पादन दिनांक 27.05.2015 को किया गया है। इसके तहत बिल्डर को 471845 वर्गमीटर भूमि व्यवसायिक उपयोग हेतु दिया जाना एवं बिल्डर द्वारा शासकीय संपत्ति के निर्माण के तहत आडिटोरियम एवं कुलपति आवास का निर्माण किया जाना है। शासकीय निर्माण कार्य की लागत रूपये 18.38 करोड़ है। शेष राशि शासन के खाते में जमा किया जाना है। उक्त दोनों भूमियां 30 वर्षों की लीज पर दी जानी है। दोनों योजनाओं के तहत शासकीय संपत्ति का निर्माण प्रगति पर है। (ख) किसी प्रकार की कोई अनियमितता नहीं की गई है। अत: दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता।
मजरे टोलों को राजस्व ग्राम घोषित करना
[राजस्व]
64. ( क्र.
1092 ) श्री
गिरीश भंडारी
: क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) राजगढ़
जिले की नरसिंहगढ़
विधानसभा
क्षेत्र में
किन-किन ग्रामों
में मजरे
टोलों को
राजस्व
ग्राम घोषित
किये जाने की
प्रक्रिया
शासन द्वारा
की जा रही है? ग्राम
का नाम सहित
जानकारी
उपलब्ध
करावें? (ख) प्रश्न
की कंडिका (क) की
जानकारी
अनुसार जिन
ग्रामों में
मजरों टोलों
को राजस्व
ग्राम घोषित
करने की
प्रक्रिया चल
रही है, उनको कब तक
राजस्व
ग्राम घोषित
किया जावेगा?
राजस्व
मंत्री ( श्री
उमाशंकर
गुप्ता ) : (क) राजगढ़
जिले की
नरसिंहगढ़
विधानसभा
क्षेत्र में ग्राम-
हिनोत्या के
मजरे भरतगढ़
को राजस्व ग्राम
घोषित किया जा
चुका है। (ख) ग्राम
हिनोत्या के
मजरे भरतगढ़
को प्र.क्र. 013/बी-121/16-17
में आदेश
क्रमांक 27/प्रवा./2016 दिनांक
1.12.2016
से राजस्व
ग्राम घोषित
किया जा चुका
है। म.प्र.
शासन की
अधिसूचना दिनांक
24.10.17
को अधिकार
अभिलेख बनाने
हेतु आदेश
जारी किये गये
हैं।
सागर जिले में रतौना फार्म पर डेरी व्यवसाय का विस्थापन
[पशुपालन]
65. ( क्र. 1102 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर नगर से दुधारू पशुओं (डेरी विस्थापन) को रतौना कृषि फार्म विस्थापित किये जाने एवं गोकुल ग्राम बनाये जाने हेतु कोई कार्ययोजना बनायी गयी है? (ख) यदि हाँ, तो इस कार्ययोजना में कौन-कौन से कार्य किये जाना प्रस्तावित हैं? इस संबंध में शासन द्वारा अब तक क्या कार्यवाही की गयी है? (ग) प्रश्नाधीन कार्य योजना पर कब तक कार्य प्रारंभ किया जावेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) सागर नगर से दुधारू पशुओं (डेयरी विस्थापन) को रतौना कृषि फार्म विस्थापित किए जाने संबंधी पशुपालन विभाग की कोई कार्य योजना नहीं है। रतौना में गोकुल ग्राम स्थापना की राज्य शासन द्वारा कोई कार्य योजना नहीं बनाई गई है। इस संदर्भ में भारत सरकार से पत्राचार किया जा रहा है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला चिकित्सालय एवं मेडिकल कॉलेज के वेस्ट (कचरा) निष्पादन
[पर्यावरण]
66. ( क्र. 1103 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय चिकित्सालयों में मेडिकल वेस्ट को नष्ट करने का विशिष्ट प्रावधान है? (ख) जिला चिकित्सालय सागर एवं बुन्देलखण्ड मेडिकल कॉलेज सागर के मेडिकल वेस्ट को एकत्रित करने की क्या व्यवस्था, प्रक्रिया हैं? इस वेस्ट को नष्ट करने की प्रक्रिया से अवगत करायें। (ग) क्या उक्त चिकित्सालयों के मेडिकल कचरे को खुले में फेंके जाने से प्रदूषण एवं जन सामान्य के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर होने से जन असंतोष की स्थिति निर्मित हो रही है? इस गंभीर त्रुटि के लिए कौन उत्तरदायी है? विभाग इस संबंध में क्या कार्यवाही कर रहा है? (घ) विभाग इन चिकित्सालयों के मेडिकल वेस्ट को एकत्रित एवं नष्ट करने के लिये क्या व्यवस्था करेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी नहीं। (ख) चिकित्सालयों के मेडिकल वेस्ट के एकत्रीकरण एवं विनिष्टीकरण हेतु जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन नियम,2016 की अनुसूची-1 में प्रक्रिया निर्धारित की गई है तथा प्रश्नाधीन चिकित्सालयों द्वारा प्रक्रिया अनुसार वेस्ट का एकत्रण स्वतः तथा वेस्ट का विनिष्टीकरण साझा जैव चिकित्सा अपशिष्ट शोधन सुविधा (सी.बी.डब्ल्यू.टी.एफ.) के माध्यम से किया जाता है। (ग) प्रश्नाधीन चिकित्सालयों द्वारा मेडिकल कचरे को खुले में नहीं फेका जाता है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में व्यवस्था विद्यमान है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
संविदा कर्मचारियों को नियमितीकरण
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
67. ( क्र. 1162 ) श्री नारायण सिंह कुशवाह : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डॉ. भीमराव अम्बेडकर पॉलिटेक्निक महाविद्यालय ग्वालियर में कुल कितने अधिकारी/कर्मचारी स्थाई/अस्थाई व संविदा नियुक्ति पर विभिन्न प्रोजेक्ट के तहत कार्य कर रहे हैं? इन सबको कितना-कितना वेतन किस किस मद से मिलता है? क्रमानुसार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांकित कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी पिछले 10 वर्षों से संविदा नियुक्ति पर अनुबंध 03 माह, 06 माह में करके लगातार कार्य कर रहे हैं, उन्हें केवल 3000 हजार रुपये मासिक वेतन मिलता है? (ग) प्रश्नांकित में संविदा पर ऐसे पदस्थ कर्मियों को वेतन कलेक्टर वेतन दर पर किये जाने व शासन के नियम आदेश के अनुसार स्थाई नियुक्ति प्रदान करेंगे?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) डॉ.भीमराव अम्बेडकर पॉलिटेक्निक महाविद्यालय, ग्वालियर में ए.आई.सी.टी.ई. द्वारा स्वीकृत ई.एम.डी. परियोजना में पारिश्रमिक के रूप में अनुबंध के आधार पर ऑफिस अस्सिटेंट के रूप में श्रीमती संध्या शुक्ला एवं हेल्पर के रूप में श्री संजय पाल नियुक्त है। जिन्हें क्रमश: रूपये 3000/- एवं 2000/- प्रतिमाह पारिश्रमिक योजना की गाईड लाईन के अनुसार प्रदान किया जाता है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर में उल्लेखित श्रीमती संख्या शुक्ला (ऑफिस अस्सिटेंस) के अतिरिक्त इस तरह की कोई अन्य नियुक्ति संख्या में नहीं की गई है। (ग) परियोजना ई.एम.डी. भारत सरकार की वित्तीय सहायता एवं मार्गदर्शिका के अनुसार प्रारंभ की गई है। परियोजना के अन्तर्गत कार्यरत कर्मचारियों के लिए स्थायी नियुक्ति के राज्य शासन के कोई प्रावधान नहीं है।
मत्स्य बीज उत्पादन
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
68. ( क्र. 1163 ) श्री नारायण सिंह कुशवाह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर शहर में गोला का मंदिर भिंड रोड पर विभाग का कार्यालय व भूमि एवं मत्स्य बीज उत्पादन मछली पालने के कितने टेंक बने हैं वर्तमान में कितनी मछली व बीज का उत्पादन हो रहा है? (ख) क्या उपरोक्त सभी टेंकों में पानी भरने का पर्याप्त साधन है? अगर पानी का साधन नहीं है, तब पानी की व्यवस्था के लिए क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या उपरोक्त विभाग की भूमि पर अतिक्रमण है? अगर अतिक्रमण है तब हटाने की क्या कार्यवाही की गई?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) 10 नर्सरी पोण्ड एवं 02 ब्रीडर्स पोण्ड बने है। इस प्रक्षेत्र से मछली का उत्पादन नहीं होता। इस प्रक्षेत्र से मछली का बीज उत्पादन हो रहा है। चालू वित्तीय वर्ष में 1.35 लाख का उत्पादन किया गया है। (ख) जी हाँ। इस वर्ष पर्याप्त बारिश न होने के कारण उपयोगी टयूबवेल्स में पानी की उपलब्धता न होने से नवीन टयूबवेल्स का खनन कराया गया उसमें पानी उपलब्ध न होने से पानी की उपलब्धता हेतु हाईडो फेक्चरिंग की कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) जी नहीं। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
ग्रामीण पेयजल योजना स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
69. ( क्र. 1164 ) श्री अनिल जैन : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी की समस्त ग्राम पंचायतों में ग्रामीण पेयजल योजना स्वीकृत की गयी है, यदि हाँ, तो इस योजना में सम्मिलित ग्राम पंचायतों के नाम एवं स्वीकृत राशि बताई जावे? (ख) उक्त योजना के यदि कार्य आदेश जारी नहीं किये गये हैं, तो कब तक जारी किये जायेंगे तथा यदि कार्य आदेश जारी किये जा चुके हैं तो निर्माण कार्य कब तक प्रारम्भ हो सकेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। निवाड़ी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 34 ग्रामों की निवाड़ी समूह जल प्रदाय योजना लागत रू. 72.66 करोड़ एवं 145 ग्रामों की निवाड़ी-पृथ्वीपुर- (प्रथम) समूह योजना लागत रू. 194.20 करोड़ (जिसमें निवाड़ी विधानसभा के 128 ग्राम, शामिल हैं) की प्रशासकीय स्वीकृतियाँ प्रदान की गई हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) 34 ग्रामों की निवाड़ी समूह जलप्रदाय योजना के कार्यादेश जारी किये जाकर कार्य प्रगति पर है तथा 145 ग्रामों की निवाड़ी-पृथ्वीपुर (प्रथम) समूह जलप्रदाय योजना की निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, निर्माण कार्य प्रारंभ होने की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
हत्यारों एवं उनके आंतक के विरूद्ध कार्यवाही
[गृह]
70. ( क्र. 1173 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवकुमार कोल, ग्राम तेन्दुआ, पुलिस चौकी- जमोड़ी, थाना सीधी की हत्या दिनांक 05.07.2017 को की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित व्यक्ति हत्या से एक दिन पूर्व मजदूरी करने एवं अन्य मजदूरों के साथ शाम की छुट्टी के उपरांत किन-किन व्यक्तियों से मिला? क्या उसके मजदूर साथियों एवं अन्य साथियों से गहन पूछताछ की गई? यदि हाँ, तो हत्यारों के नाम बताएं? (ग) यदि नहीं, तो क्या उक्त हत्या का आज तक कोई सुराग नहीं मिला है? यदि हाँ, तो क्या इसकी सी.बी.आई. जाँच कराई जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री (
श्री
भूपेन्द्र
सिंह ठाकुर ) : (क) जी
हाँ। (ख) मृतक हत्या
से एक दिन
पूर्व कमलेश
उर्फ पोकवा
सेन, अरविन्द
उर्फ डब्बू, अर्जुन, चंदन, राजेश
तथा उसकी पत्नी
से मिला था। जी
हाँ, मजदूर
साथियों एवं
अन्य साथियों
से गहन पूछताछ
की गई है। उक्त
हत्या के
आरोपियों के
नाम अरविन्द
सिंह एवं
राजेश सिंह
हैं। (ग) प्रकरण
में पतारसी
उपरांत दोनों
आरोपियों की
गिरफ्तारी की
जा चुकी है, अतः
प्रकरण की
सी.बी.आई. जाँच
कराएं जाने की
आवश्यकता
नहीं है।
तहसीलों को सूखाग्रस्त घोषित करना
[राजस्व]
71. ( क्र. 1177 ) श्री रामनिवास रावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2017 में अल्पवर्षा एवं कीट प्रकोप के कारण खरीफ की फसलों में नुकसान हुआ है व रबी फसल की बोवनी के क्षेत्रफल में कमी आई है? यदि हाँ, तो खरीफ की फसलों के नुकसान व रबी की बोवनी के रकवे की कमी को जिलेवार बतावें? श्योपुर जिले की जानकारी तहसीलवार बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या श्योपुर जिले में फसलों को हुए नुकसान का सर्वे कराया गया है? यदि हाँ, तो कितने किसानों की कितनी फसल को कितना प्रतिशत नुकसान हुआ है? ग्रामवार, तहसीलवार बतावें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में फसलों को हुए नुकसान के आंकलन उपरांत नुकसानी का मुआवजा दिए जाने एवं फसल बीमा की दावा राशि वितरण के सम्बंध में अभी तक क्या कार्यवाही की है? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न दिनांक तक किन-किन जिलों की किन-किन तहसीलों को सूखाग्रस्त घोषित कर दिया है? किन-किन तहसीलों को जिला कलेक्टरों से प्रस्ताव प्राप्त होने के बावजूद सूखाग्रस्त घोषित नहीं किया है? कब तक शेष तहसीलों को सूखाग्रस्त घोषित कर दिया जायेगा? प्रदेश सरकार द्वारा सूखाग्रस्त जिलों में राहत पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार से कितनी राशि की मांग कब कब की है एवं मांग के विरुद्ध अभी तक कितनी राशि प्राप्त हुई है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। रबी फसल की बोवनी के क्षेत्रफल में कमी आई है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र – 1 व 2 अनुसार है। (ख) जी हाँ। श्योपुर जिले में फसलों को हुए नुकसान का सर्वे कराया गया है। फसलों की 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान हुआ है। जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 के कॉलम क्रमांक 19 के अनुसार राशि की मांग की गई है। खरीफ फसल बीमा 2017 के दावे अप्राप्त है। (घ) म.प्र. शासन राजस्व विभाग के पत्र क्रमांक एफ 6-2/2017/सात-3/1522 भोपाल दिनांक 02.11.2017 सूचना के तहत श्योपुर जिले की सभी तहसीले श्योपुर/बडौदा/कराहल/विजयपुर/ वीरपुर को मध्यम श्रेणी का सूखा ग्रस्त घोषित किया गया है। प्रदेश सरकार द्वारा सूखाग्रस्त जिलों हेतु राशि रू. 3705.95 करोड़ का मेमोरेण्डम दिनांक 02.11.2017 को भेजा गया हैं। अभी राशि प्राप्त होना शेष हैं।
न्यायिक जाँच आयोग की रिपोर्ट
[गृह]
72. ( क्र. 1178 ) श्री रामनिवास रावत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा प्रश्न क्र. 819 दि. 19-07-17 के प्रश्नांश (ख) के उत्तर में दी गयी जानकारी अनुसार मंदसौर गोलीकांड की जाँच हेतु न्यायिक जाँच आयोग का गठन क्या माननीय मुख्यमंत्री जी घोषणा पर किया गया? यदि हाँ, तो क्या मुख्यमंत्री जी द्वारा न्यायिक जाँच आयोग द्वारा जाँच पूर्ण करने की समयावधि की भी घोषणा की थी? यदि हाँ, तो कब तक की समयावधि निर्धारित की थी? यदि नहीं, तो क्यों? क्या जाँच पूर्ण कर रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी गयी? यदि हाँ, तो जाँच के क्या निष्कर्ष हैं? निष्कर्षों पर क्या कार्यवाही की गयी है? यदि नहीं, तो कब तक जाँच रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी जावेगी? (ख) प्रश्न क्र. 819, दि. 19-07-17 के प्रश्नांश (घ) के उत्तर अनुसार मृतक किसानों को राहत पहुँचाने के लिए क्या क्या घोषणायें की गयी? इन घोषणाओं की पूर्ति की क्या स्थिति है? साथ ही बतावें कि सामान्यत: प्रदेश के किसानों को राहत पहुँचाने के लिए माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा की गयी घोषणाओं में से कौन कौन सी पूर्ण हो चुकी हैं? कौन-कौन सी घोषणाओं पर कार्यवाही किया जाना शेष है? शेष घोषणाओं की अध्यतन स्थिति क्या है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 819 दिनांक 19.07.2017 के प्रश्नांश (ख) में मंदसौर जिले में माह जून 2017 को घटित गोली चालन की घटना की जाँच हेतु राज्य शासन द्वारा न्यायिक आयोग गठित करना प्रतिवेदित किया था। न्यायिक जाँच आयोग को अधिसूचना के मध्यप्रदेश राजपत्र में प्रकाशन की तारीख से तीन माह के भीतर जाँच रिपोर्ट राज्य शासन को प्रस्तुत करने हेतु लेख किया था। माननीय जाँच आयोग द्वारा जाँच की जा रही है। उक्त जाँच कब तक पूर्ण हो जोवगी इस संबंध में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है।
अपराध प्रकरण क्रमांक 169/17 में आरोपियों के नाम बढ़ाये जाना
[गृह]
73. ( क्र. 1188 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले के थाना सिटी कोतवाली में दर्ज अपराध क्रमांक 169/17 धारा 420,467,468,471,34 ता.हि. के प्रकरण में आवेदक अनीष टेकवानी पिता स्वर्गीय भारतभूषण टेकवानी, निवासी शास्त्री चौक सतना द्वारा अनावेदक रोहित जैन, रजनीश शर्मा, पटवारी शिवभूषण सिंह, रामानंद सिंह के विरुद्ध प्रेषित दस्तावेज/शिकायती आवेदन के आधार पर इन सभी को आरोपी बनाया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि नहीं, तो क्या इस संबंध में पुलिस अधीक्षक सतना ने पत्र क्रमांक 160 दिनांक 10/10/2017 के द्वारा नगर पुलिस अधीक्षक सतना को निर्देश दिए गए हैं कि प्रेषित दस्तावेज/शिकायती आवेदन के आधार पर सभी को आरोपी बनाये जाने व शिकायत के तथ्यों की जाँच कर रिकार्ड देखने के साथ अनुसंधान में सम्मलित कराकर जिला अभियोजन अधिकारी को भेजकर अभिमत सहित 15 दिन में वैधानिक कार्यवाही कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने को कहा गया है? (ग) क्या उपरोक्त पत्र के आधार पर नगर पुलिस अधीक्षक द्वारा दिए गए निर्देश के मुताबिक कार्यवाही, दी गई समयावधि में की गई? यदि नहीं, तो क्यों? इसी प्रकार दिनांक 09/10/17 को मनोज गुप्ता एवं दिनांक 29/10/17 को संजय गर्ग द्वारा पुलिस अधीक्षक सतना को रोहित जैन के विरुद्ध आवेदन दिया गया है? इन पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार दर्ज अपराध क्रमांकों में आवेदक द्वारा अनावेदको के विरुद्ध की गई शिकायत पर कब तक आरोपी बनाकर दंडात्मक कार्यवाही की जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। थाना सिटी कोतवाली सतना में दर्ज अप.क्र. 169/17 धारा 420, 467, 468, 471, 34, भा.द.वि. आवेदक अनीष टेकवानी पिता स्वर्गीय भारतभूषण टेकवानी के द्वारा नहीं बल्कि आवेदक जगदीश कुशवाहा के आवेदन पत्र के आधार पर आरोपी लक्ष्मी प्रसाद त्रिपाठी एवं 08 अन्य के विरुद्ध पंजीबद्ध किया गया है। (ख) पुलिस अधीक्षक सतना द्वारा पत्र क्रमांक 160/17 दिनांक 10.10.17 के माध्यम से नगर पुलिस अधीक्षक सतना को अपराध क्रमांक 169/17 में शिकायतकर्ता अनीष टेकवानी के आवेदन पत्र में दिये गये तथ्यों की जांच कर उपरोक्त अपराध के अनुसंधान में सम्मिलित करने हेतु जिला अभियोजन अधिकारी से अभिमत लेकर 15 दिवस में अभिमत प्राप्त कर प्रतिवेदन चाहा गया था। पुलिस अधीक्षक सतना द्वारा अपने उक्त पत्र में नगर पुलिस अधीक्षक सतना को यह निर्देश नहीं दिया गया है कि किसी भी व्यक्ति को आरोपी बनाया जाये। (ग) नगर पुलिस अधीक्षक सतना द्वारा उक्त आवेदन पत्र अपराध क्रमांक 169/17 की कार्यवाही में सम्मिलित कर साक्ष्य संकलन कर कार्यवाही करने के संबंध में अनुसंधानकर्ता/थाना प्रभारी कोतवाली सतना को वैधानिक निराकरण हेतु भेजा है। इसी प्रकार दिनांक 09.10.17 को मनोज गुप्ता एवं दिनांक 29.10.2017 को संजय गर्ग द्वारा पुलिस अधीक्षक सतना को शिकायत पत्र दिये हैं, जो अपराध क्रमांक 169/17 से संबंधित है। अनुसंधान के दौरान इनमें आये उल्लेखित तथ्यों पर साक्ष्य संकलन कर कार्यवाही की जा रही है। (घ) वर्तमान में प्रकरण अनुसंधान में है। प्राप्त साक्ष्यों के अनुरुप कार्यवाही की जाएगी।
प्रश्नकर्ता के पत्रों पर कार्यवाही
[राजस्व]
74. ( क्र. 1189 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के द्वारा 10 अक्टूबर 2017 को प्रमुख सचिव, राजस्व राज्य मंत्रालय भोपाल को लिखे गए पत्र क्रमांक 8122, 8123, 8124, 8134, 8135 एवं प्रमुख आयुक्त, राजस्व म.प्र. शासन भोपाल को दिनांक 21 जुलाई 2017 को लिखे पत्र क्रमांक 7110 से 7157 प्राप्त हुए है। (ख) प्रश्नकर्ता के किस पत्र क्रमांक पर प्रमुख सचिव, राजस्व म.प्र. शासन भोपाल एवं प्रमुख आयुक्त, राजस्व म.प्र. शासन भोपाल ने किस दिनांक को किस-किस को क्या-क्या आदेश, निर्देश दिए है, प्रति सहित बतावें। (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा चाही गई जानकारी प्रश्नकर्ता को कब तक उपलब्ध करवा दी जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रमुख सचिव राजस्व को संबोधित पत्रों पर आयुक्त, भू-अभिलेख एवं बन्दोबस्त से जानकारी हेतु दिनांक 17.11.2017 पत्र लिखे गये हैं, जिनकी प्रतिलिपि प्रश्नकर्ता को भी पृष्ठांकित की गई है। पत्रों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। प्रमुख राजस्व आयुक्त कार्यालय द्वारा अपने पत्र क्रमांक 4454 दिनांक 08.08.2017 के माध्यम से प्राप्त शिकायतों पर कार्यवाही करने हेतु संबंधित जिलों को निर्देशित किया गया है। पत्रों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्रों द्वारा चाही गई जानकारी अत्यंत विस्तृत स्वरूप की है। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
घायल व्यक्तियों को सहायता राशि
[राजस्व]
75. ( क्र. 1199 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आर.बी.सी. की धारा 6(4) में आकाशीय बिजली गिरने से मृत्यु होने पर उत्ताराधिकारी को सहायता राशि देने का क्या प्रावधान हैं? (ख) क्या विधानसभा क्षेत्र पिपरिया के वर्ष 2017-18 में ग्राम चंदन पिपरिया में आकाशीय बिजली से घायल दर्जनों व्यक्तियों को आर.बी.सी. की धारा 6(4) के तहत कोई भी आर्थिक सहायता प्रदान नहीं की गयी। क्यों? (ग) प्रश्नांश (ख) का उत्तर यदि हाँ, में है तो क्या शासन द्वारा आकाशीय बिजली गिरने से गंभीर रूप से घायल व्यक्तियों को सहायता राशि प्रदान किये जाने हेतु आर.बी.सी. की धारा 6(4) में आवश्यक संशोधन किया जावेगा? (घ) प्रश्नांश (ख) में घायल व्यक्तियों को क्या शासन आर्थिक सहायता प्रदान करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 की कण्डिका क्रमांक 5 के अनुसार आकाशीय बिजली गिरने के कारण मृत व्यक्ति के परिवार के निकटतम वारिस को 04 लाख रूपये प्रति व्यक्ति सहायता राशि दिए जाने का प्रावधान है। (ख) विधानसभा क्षेत्र पिपरिया में वर्ष 2017-18 में ग्राम कल्लूखापा में आकाशीय बिजली गिरने से ग्राम चंदन पिपरिया के 19 व्यक्तियों को राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 की कंडिका 6 नियम (1),(2) के तहत कोई भी आर्थिक सहायता प्रदान नहीं की गयी है। क्योंकि घायलों में कोई भी व्यक्ति नियमानुसार पात्र नहीं पाया गया तथा घायलों में कोई भी व्यक्ति गम्भीर रूप से घायल नहीं था। (ग) वर्तमान राजस्व पुस्तक परिपत्र 6 (4) के अनुसार पात्रता होने पर सहायता राशि दी जाती हैं। (घ) राजस्व पुस्तक परिपत्र 6 (4) के परिशिष्ट-1 कण्डिका (छ:) के तहत पात्रता अनुसार राशि दी जाती हैं।
शासकीय जमीनों को खुर्द-बुर्द
[राजस्व]
76. ( क्र. 1209 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तत्कालीन कलेक्टर सतना द्वारा पत्र क्रमांक 87 दिनांक 22/03/2016 जारी कर यह स्वीकार किया गया है की शासकीय जमीनों को खुर्द-बुर्द करने में राजस्व विभाग के अधिकारी/कर्मचारी शामिल हैं वर्णित प्रकरणों की पतासाजी पूर्व बंदोबस्त एवं वर्ष 1959 के भू-स्वामी की शासकीय स्थिति के आधार पर उनकी जाँच कर उक्त षड्यंत्रों से मुक्त कर पुनः शासकीय दर्ज करने तथा दोषियों के विरुद्ध एफ.आई.आर. करने के निर्देश दिए गए थे? (ख) क्या तहसीलदार रघुराज नगर ने अपने पत्र क्रमांक 600 दिनांक 11/03/2016 के जरिये चार फर्जी कृषकों को नोटिस जारी कर दिनांक 28/03/2016 को अपना पक्ष रखने हेतु दस्तावेज सहित उपस्थित होने का लेख किया गया था एवं पत्र में यह भी लिखा है कि आप लोगों द्वारा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर स्वत्व प्राप्त किया गया है क्यों न भूमियों को खुर्द-बुर्द करने एवं विक्रय करने के संबंध में आपके विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज कराया जाय? (ग) क्या तहसीलदार ने फर्जी कृषक स्वयं एवं उनके अभिभाषक उपस्थित नहीं हुए तब शासकीय दर्ज करने का प्रस्ताव अनुविभागीय अधिकारी के माध्यम से कलेक्टर को भेजा तथा तत्कालीन कलेक्टर ने 05/04/2016 को उक्त चारों कृषकों की आराजी को म.प्र. शासन दर्ज करने के निर्देश जारी कर दिए गए? पुलिस अधीक्षक सतना के द्वारा किस-किस दिनांक को नगर पुलिस अधीक्षक सतना एवं थाना प्रभारी सिटी कोतवाली को कार्यवाही करने के निर्देश दिए थे? बतायें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी नहीं, जी हाँ (ग) जी हाँ, पुलिस अधीक्षक सतना से प्राप्त जानकारी अनुसार पुलिस अधीक्षक सतना द्वारा नगर पुलिस अधीक्षक एवं थाना प्रभारी कोतवाली सतना को किस संबंध में अथवा कौन से आरजी के संबंध में कार्यवाही के निर्देश दिये गये है, प्रश्न में स्पष्ट नहीं है। ऐसी स्थिति में प्रश्नांश (ग) का उत्तर देना संभव नहीं है।
थाना अटेर में असत्य शिकायत पर अपराध पंजीबद्ध करना
[गृह]
77. ( क्र. 1215 ) श्री हेमन्त सत्यदेव कटारे : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पुलिस थाना अटेर, जिला भिण्ड में पंजीबद्ध अप.क्र39/17 का आरोपी जो कि रेत माफिया है की थाना स्टॉफ से सांठ-गांठ व संरक्षण होने से वह खुलेआम स्टाफ के साथ थाना परिसर में उपस्थित रहते हुये भी गिरफ्तार नहीं करने एवं अन्य शांति प्रिय नागरिकों के विरूद्ध झूठी व कूटरचित शिकायत पर थाना अटेर में ही अप.क्र.109/17 कायम करने की थाना अटेर के सी.सी.टी.व्ही. कैमरे के वीडियो सीडी के प्रमाण सहित शिकायत क्षेत्रीय विधायक द्वारा की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो दोनों प्रकरणों से संबंधित उक्त शिकायत के प्रमुख बिन्दु क्या-क्या थे? इसकी जाँच किस अधिकारी से करायी गई? जाँच में क्या पाया? जाँच प्रतिवेदन उपलब्ध कराया जाये। क्या झूठी शिकायत करने वाले के विरूद्ध नियमानुसार झूठी शिकायत करने के संबंध में अपराध पंजीबद्ध कर कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या प्रकरण के दोषी पुलिस अधिकारियों के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित कर दंडित किया गया है? यदि नहीं, तो कब तक दंडित किया जावेगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) माननीय विधायक श्री हेमन्त सत्यदेव कटारे के आवेदन पत्र दिनांक-03.08.2017 का मुख्य बिन्दु अप.क्र.-39/17, धारा 353, 332, 186, 294,147,148,149,506 भा.द.वि. के आरोपी रमन सिंह भदौरिया को दिनांक 15.07.2017 को थाना पर उपस्थित होने पर भी गिरफ्तार न करने के संबंध में है एवं आवेदन पत्र दिनांक 02.08.2017 का मुख्य बिन्दु अप0क्र0-109/17 धारा 452,323,294,506,34 भादवि में संतोष, बृज किशोर व सियाराम के विरूद्ध झूठा प्रकरण पंजीबद्ध करने के संबंध में दिया गया है। उक्त दोनों आवेदन पत्रों की जाँच श्री राजेन्द्र वर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, जिला भिण्ड द्वारा की गई है। जाँच में पाया गया कि अपराध क्रमांक-39/17 में दिनांक 15.07.2017 को आरोपी रमन सिंह भदौरिया थाना अटेर पर उपस्थित था, जिसकी गिरफ्तारी थाना पुलिस अटेर द्वारा नहीं की गई थी। इसी प्रकार अप.क्र.-109/17 में जाँच अधिकारी द्वारा थाना प्रभारी एवं अपराध के फरियादी हरिओम शर्मा की संदिग्ध कार्यवाही पाई गई। जाँच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। थाना अटेर के अप.क्र.-109/17 के फरियादी हरिओम शर्मा के विरूद्ध अभी कोई कार्यवाही नहीं की गई है, क्योंकि प्रकरण की विवेचना जारी है। (ग) दोषी पुलिस अधिकारी/कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। उत्तर प्राप्त होने के उपरांत अग्रिम कार्यवाही की जावेगी।
शिकायतों की जाँच एवं कार्यवाही
[गृह]
78. ( क्र. 1241 ) श्री जतन उईके : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) थाना अशोका गार्डन, जिला भोपाल में प्रकाश गृह निर्माण समिति में रहने वाले ओम प्रकाश, कुशवाह, गजेन्द्र सिंह कुशवाह और राजेन्द्र सिंह कुशवाह के विरूद्ध एक जनवरी 2010 में प्रश्न दिनांक तक प्राप्त शिकायतें और उस पर की गई कार्यवाही का विस्तृत विवरण दें। (ख) क्या इन तीनों के विरूद्ध थाना ऐशबाग, जिला भोपाल में भी ब्लैक मेलिंग की शिकायतें की गई थीं? उन शिकायतों की प्रति और उस पर की गई कार्यवाही का विस्तृत विवरण दें। (ग) इन तीनों के विरूद्ध कार्यवाही न करने के दोषियों के विरूद्ध विभाग क्या कार्यवाही करेगा और कब तक?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) थाना अशोका गार्डन में प्रकाश गृह निमार्ण समिति में रहने वाले ओमप्रकाश कुशवाहा, गजेन्द्र सिंह कुशवाहा एवं राजेन्द्र सिंह कुशवाहा के विरुद्ध 01 जनवरी, 2010 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त शिकायतें और उस पर की गई कार्यवाही का विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) आवेदक दिनेश शाक्य द्वारा वरिष्ठ कार्यालय में अनावेदक ओमप्रकाश कुशवाहा, राजेन्द्र कुशवाहा, राजेन्द्र सिंह कुशवाहा के विरुद्ध ब्लैक मेलिंग संबंधी आवेदन पत्र वर्ष 2017 में दिया गया था जिसकी जाँच थाना प्रभारी ऐशबाग द्वारा कराई गई। शिकायत पत्र में अंकित ब्लैक मेलिंग संबंधी एवं अन्य आरोप जाँच में प्रमाणित नहीं पाये गये है। अनावेदकगणों पर शांति व्यवस्था हेतु इस्तगासा क्रमांक 211,212/17 धारा 107, 116 (3) द.प्र.स. के अंतर्गत अनुविभागीय दण्डाधिकारी जहांगीराबाद संभाग, भोपाल के समक्ष प्रस्तुत किया गया है। जाँच प्रतिवेदन अनावेदक द्वारा दिये गये आवेदन पत्र की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) समय-समय पर अनावेदकगणों के विरुद्ध शांति व्यवस्था बनाये रखने हेतु प्रतिबंधात्मक कार्यवाही थाना अशोका गार्डन एवं थाना ऐशबाग द्वारा की गई है जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। अतः प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पशु चिकित्सालय
[पशुपालन]
79. ( क्र. 1242 ) श्री जतन उईके : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र पांढुर्णा के अंतर्गत कितने पशु चिकित्सालय कौन-कौन नगर/ग्रामों में स्वीकृत हैं? (ख) ऐसे कौन-कौन से ग्राम नगर हैं, जहां पर पशु चिकित्सालय हैं, किन्तु चिकित्सा अधिकारी, कार्यरत नहीं हैं? स्वीकृत पद एवं कार्यरत कर्मचारी की सूची देवें? (ग) ऐसे कौन-कौन से ग्राम/नगर है, जहां पर पशु चिकित्सालय का भवन निर्माण कार्य प्रगति पर है, या निर्माण कार्य बंद पड़े हुए है, अगर निर्माण कार्य बंद है, तो क्यों? (घ) ऐसे कौन-कौन से ग्राम/नगर है, जहां पर पशु चिकित्सालय भवन निर्माण की स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है, किन्तु प्रश्नांश दिनांक तक कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार। (ग) जानकारी निरंक है। (घ) उन्नयित पशु चिकित्सालय मारूढ़ के भवन निर्माण की स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है किन्तु निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है।
विधायक की अनुशंसा पर हैण्डपंप खनन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
80. ( क्र. 1306 ) श्री रजनीश सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला सिवनी अंतर्गत विधान सभा क्षेत्र केवलारी में विगत तीन वर्षों में (2014 से 2017) कितने हैण्डपंपों का खनन हुआ है? तहसीलवार सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार हैण्डपंपों के खनन हेतु ग्राम एवं जगह का चयन किस आधार पर किया जाता है? (ग) क्या विधायक की अनुशंसा/मांग के आधार पर भी हैण्डपंपों का खनन किया जाता है? यदि हाँ, तो केवलारी विधायक की अनुशंसा/मांग के आधार पर वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितने हैण्डपंपों का खनन कर स्थापित किया गया? सूची देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 303 हैण्डपंपों (नलकूपों) का खनन हुआ है। तहसीलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) आंशिक पूर्ण श्रेणी के ग्रामों में ग्राम पंचायत के सहमति एवं रजिस्ट्रीविटी सर्वे के आधार पर संभावित पेयजल उपलब्ध होने वाले स्थान पर हैण्डपंप लगाये जाने का स्थान का चयन किया जाता है। (ग) जी हाँ, माननीय विधायक महोदय के द्वारा अनुशंसित ग्राम जो आंशिक पूर्ण श्रेणी में सम्मिलित है उनमें प्रायः प्राथमिकता से नलकूप खनन कर हैण्डपंप स्थापित किये जाते है। 29 नलकूप खनन कर सफल नलकूपों पर हैण्डपंप स्थापित किये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पुलिस चौकी की स्थापना
[गृह]
81. ( क्र. 1307 ) श्री रजनीश सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर संभाग के अंतर्गत वर्ष 2015 से 2017-18 तक कितनी पुलिस चौकी की स्थापना की गई है? जिलेवार नवीन पुलिस चौकी स्थापना की जानकारी स्थान के नाम सहित देवें? (ख) क्या केवलारी विधान सभा क्षेत्रांतर्गत ग्राम पांडिया-छपारा में नवीन पुलिस चौकी स्थापना की स्वीकृति विभाग द्वारा दे दी गई है? यदि हाँ, तो उक्त स्थान में पुलिस चौकी कब से प्रारंभ हो जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) ग्राम पांडिया-छपारा में नवीन पुलिस चौकी का प्रस्ताव निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप नहीं पाये जाने के कारण अमान्य किया गया।
दुग्ध प्रशीतक केंद्र
[पशुपालन]
82. ( क्र. 1318 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बिजावर अंतर्गत बिजावर में स्थित दूध प्रशीतक केंद्र को पुनः प्रारंभ करने की सहमति क्या मिल चुकी है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो अभी तक क्या–क्या कार्य किए जा चुके हैं? प्रशीतक केंद्र पुनः कार्य करना शुरू कर दे इस हेतु और क्या–क्या कार्य शेष हैं? (ग) इस वर्ष विधानसभा क्षेत्र बिजावर में सूखे की स्थिति को देखते हुए दुग्ध प्रशीतक केंद्र में पशुपालकों से दुग्ध संग्रहण प्रारंभ हो सके क्या ऐसा प्रयास विभाग करेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) दुग्ध शीतकेन्द्र बिजावर को प्रारंभ करने हेतु दुग्ध संकलन मार्ग पाली, गुलगंज, बिजावर पर 10 दुग्ध समितियों का गठन किया जाकर इनके पंजीयन की कार्यवाही जारी है। इन दुग्ध समिति के सचिवों को प्रशिक्षण दिलवाया जा चुका है। बिजावर दुग्ध शीतकेन्द्र हेतु बल्क मिल्क कूलर आ चुका है। बिजावर शीतकेन्द्र पर बी.एम.सी. की स्थापना, अन्य आवश्यक संसाधन जैसे पानी, बिजली आदि की व्यवस्था एवं दूसरे प्रस्तावित दुग्ध संकलन मार्ग की दुग्ध समितियों के गठन की कार्यवाही की जाकर बल्क मिल्क कूलर प्रारम्भ कर दिया जावेगा। (ग) जी हाँ।
भिण्ड एवं मुरैना जिले में पदस्थ पुलिस निरीक्षक
[गृह]
83. ( क्र. 1332 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड एवं मुरैना जिले में पुलिस विभाग में कितने निरीक्षक, उपनिरीक्षक एवं सहायक निरीक्षक अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जाति के पदस्थ हैं? नाम एवं पदस्थापना का स्थान सहित जानकारी देवें। (ख) दोनों जिलों में कितने निरीक्षक एवं उपनिरीक्षक थाना प्रभारी के पद पर पदस्थ हैं एवं कितने सहायक उपनिरीक्षक चौकी प्रभारी के पद पर पदस्थ हैं? नाम सहित थाना एवं चौकी का उल्लेख करें। (ग) भिण्ड एवं मुरैना जिले में कितने थाना एवं चौकी हैं जिनमें किस वर्ग के प्रभारी हैं? दोनों जिलों की जानकारी पृथक-पृथक दी जावे। (घ) क्या चम्बल रेंज के भिण्ड मुरैना में पुलिस विभाग में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के अधिकारियों, कर्मचारियों की पदस्थापना में उपेक्षा की जाती है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जी नहीं।
दर्ज अपराधों पर कार्यवाही
[गृह]
84. ( क्र.
1363 ) श्रीमती
ममता मीना :
क्या गृह
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) गुना
जिले के
धरनावदा थाना
क्षेत्र में
वर्ष 2015
से 2017
के मध्य कितने
व्यक्तियों
के गुम एवं
अपहरण होने की
रिपोर्ट एवं
शिकायतें
पुलिस को
प्राप्त हुई
है? उन
पर क्या
कार्यवाही हुई? रिपोर्ट
एवं शिकायतों
में आरोपी
कौन-कौन हैं? नाम
बताएँ। (ख) थाना
धरनावदा के
अपराध
क्रमांक 64/17
में वर्णित
धारा बताएँ
एवं आरोपियों
के नाम एवं
उनकी आपराधिक
रिकार्ड क्या
है? आरोपियों
के विरूद्ध अब
तक क्या
कार्यवाही की
गई? यदि
नहीं,
की गई तो
क्यों एवं कब तक
कार्यवाही की
जाएगी। (ग) पुलिसकर्मियों
के विरूद्ध
अपराध दर्ज
होने एवं
संलिप्तता
पाई जाने पर
विभाग क्या
कार्यवाही
करता है? गुना जिले
में दिनांक 1.1.2015
से प्रश्न दिनांक
तक में कितने
पुलिस कर्मियों
पर अपराध दर्ज
होने या अपराध
में संलिप्त
होने के
प्रकरण प्रचलित
हैं? उन
पर क्या
कार्यवाही की
जा रही है। (घ) क्या
प्रश्नांश (ख) में
वर्णित अपराध
में शामिल
शासकीय
कर्मचारी
निष्पक्ष जाँच
हेतु निलंबित
किए जाकर जिले
से दूरस्थ
पदस्थ किये
जाऐंगे? यदि हाँ, तो कब
तक? यदि
नहीं,
तो क्यों?
गृह मंत्री (
श्री
भूपेन्द्र
सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे गये
परिशिष्ट के प्रपत्र
''अ'' अनुसार
है। (ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे गये
परिशिष्ट के प्रपत्र
''ब'' अनुसार
है। (ग) पुलिस
कर्मियों के
विरुद्ध
अपराध दर्ज
होने एवं
संलिप्तता
पायी जाने पर
विभाग अपराध
में अनुसंधान
कर विधि
अनुरुप
निराकरण करता
है। विभागीय
स्तर पर भी
प्रकरण की
गंभीरता
अनुरुप
दण्डात्मक
कार्यवाही की
जाती है। गुना
जिले में दिनांक
01.01.2015
से प्रश्न दिनांक
तक
पुलिसकर्मियों
पर दर्ज
प्रकरणों की
एवं की गयी
कार्यवाही की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र ''स'' अनुसार
है। (घ) प्रश्नांश
(ख) में
वर्णित अपराध
में शासकीय
कर्मचारी
शामिल नहीं है।
पुलिस कर्मियों पर कार्यवाही
[गृह]
85. ( क्र.
1364 ) श्रीमती
ममता मीना :
क्या गृह
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) जिला
गुना के थाना
धरनावदा में
दर्ज अपराध
क्रमांक 244/16
में क्या घटना
दर्ज की गई? (ख) साथी
पुलिसकर्मियों
को घटना स्थल
पर अपराधियों
से घिरा छोड़कर
भागने वाले
पुलिस
कर्मियों का
कृत्य किस
श्रेणी का
माना जाता है।
प्रश्नांश (क) वर्णित
घटना में
कौन-कौन
पुलिसकर्मी
या अधिकारी
घटनास्थल से
जान बचाकर
भागे थे? इस मामलें
में विभागीय जाँच
क्यों नहीं की
गई? क्या
विभागीय जाँच
होगी?
यदि नहीं, तो
क्यों? (ग) साथियों
को घायल
अवस्था में
घटना स्थल पर
छोड़कर भागने
वाले
तत्कालीन
थाना प्रभारी
को एस.आई.टी. का
जिला प्रभारी
बनाने का क्या
कारण है?
गृह मंत्री (
श्री
भूपेन्द्र
सिंह ठाकुर ) : (क) दिनांक
09.10.2016
को ग्राम
कनेरा में झगड़े
की सूचना
मिलने पर
पंहुचे जिला
गुना के थाना धरनावदा
अंतर्गत
पुलिसकर्मियों
पर बदमाशो
द्वारा जान से
मारने की नियत
से फायरिंग की
गयी एवं फर्सी
एवं लाठी से
हमला कर चोटें
कारित करने
एवं पुलिस
वाहन में
तोड़फोड़
करने की घटना
घटित की गयी
थी। घटना के
तारतम्य में
थाना धरनावदा
में अपराध क्रमांक
244/16
धारा 307,
294, 323, 147, 148, 149 भादवि (
इजाफा 427, 325 भादवि 25/27
आर्म्स एक्ट)
पंजीबद्ध
किया गया। (ख) कोई
भी
पुलिसकर्मी
जान बचाकर नहीं
भागा,
अतः
विभागीय जाँच
करने की
आवश्यकता
नहीं है। (ग) तत्कालीन
थाना प्रभारी
को एस.आई.टी. का
प्रभारी नहीं
बनाया गया है।
उप खाद्यान्न वितरण केन्द्र की स्थापना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
86. ( क्र. 1380 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीधी एवं सिंगरौली जिले अंतर्गत ग्राम पंचायत बघोर से बैगा बस्ती की दूरी 6 से 7 कि.मी., खोंचीपुर से मलखम की दूरी लगभग 7 कि.मी. समर्धा से वैसहिया की दूरी 7-8 कि.मी. एवं भरुही से बारपान की दूरी 7-8 कि.मी. है एवं नदी पार कर के हितग्राहियों को खाद्यान्न लेने जाना पड़ता है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार दूरी के आधार पर उप खाद्यान्न वितरण केन्द्र खोले जाने की व्यवस्था है? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) जैसे ग्रामों में कब तक उप खाद्यान्न वितरण केन्द्र खोल दिये जाएंगे?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी नहीं, सीधी जिले में प्रश्नांश में वर्णित ग्राम पंचायतों की उचित मूल्य दुकान से दूरी की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। इन पंचायत का कोई भी व्यक्ति नदी पार करके खाद्यान्न लेने उचित मूल्य दुकान पर नहीं जाता है। केवल भरूही पंचायत में छोटा नाला पुल के माध्यम से पार करना पड़ता है। (ख) मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश 2015 के अन्तर्गत दूरी के आधार पर उप खाद्यान्न वितरण केन्द्र खोले जाने का कोई प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
टप्पा सुठालिया को तहसील बनाया जाना
[राजस्व]
87. ( क्र. 1387 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1088 दिनांक 19 जुलाई 2017 के उत्तर में बताया गया था कि राजगढ़ जिले की तहसील ब्यावरा के टप्पा सुठालिया को माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणानुरूप तहसील बनाये जाने हेतु प्राप्त प्रस्ताव पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, तो क्या प्रश्न दिनांक तक समस्त कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है? यदि नहीं, तो उक्त प्रस्ताव पर क्या कार्यवाही किस स्तर पर किन कारणों से लंबित है? (ख) उपरोक्तानुसार क्या शासन माननीय मुख्यमंत्री जी घोषणा की पूर्ति करने हेतु उक्त प्रश्न के उत्तर में टप्पा सुठालिया को तहसील बनाये जाने के आदेश जारी करेगा? यदि नहीं, तो उक्त घोषणा की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। शासन स्तर पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
अस्थाई अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कार्यालय ब्यावरा को स्थाई घोषित करना
[राजस्व]
88. ( क्र. 1388 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1089 दिनांक 19 जुलाई 2017 के उत्तर में बताया गया था कि राजगढ़ जिले के अस्थाई अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कार्यालय ब्यावरा को स्थाई करने का प्रस्ताव शासन स्तर पर प्रक्रियाधीन है, तो क्या प्रश्न दिनांक उक्त अस्थाई अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कार्यालय ब्यावरा को स्थाई घोषित कर दिया गया है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो उक्त संबंध में अद्यतन स्थिति क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त संबंध में माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा दिनांक 31 जनवरी 2017 को की गई घोषणा के परिपालन में कब तक अस्थाई ब्यावरा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कार्यालय को स्थाई घोषित कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) शासन स्तर पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
टेंडर प्रक्रिया के कारण खनन में विलंब
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
89. ( क्र. 1411 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा प्रतिवर्ष नलकूप खनन के टेंडर जारी किये जाते हैं, जिसमें न्यूनतम एक माह से अधिकतम तीन माह तक का समय लगता है? (ख) क्या भीषण पेयजल संकट के समय नलकूप खनन कार्य न होकर टेंडर प्रक्रिया चलती रहती है, जिसके कारण पेयजल संकट और अधिक गहराता जाता है? क्या टेंडर प्रक्रिया सरलीकरण किया जायेगा? (ग) जबलपुर परिक्षेत्र में वर्ष 2017-18 के लिये कब टेंडर जारी किये गये? कब प्राप्त हुये? कब खोलना थे? कब खोले गये? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) के अंतर्गत न्यूनतम रेट के टेंडर रिजेक्ट किये गये हैं? यदि हाँ, तो क्यों? इसके लिये कौन जवाबदार है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी नहीं। जी हाँ, किया जा चुका है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) न्यूनतम दरें उपयुक्त न पाए जाने पर टेंडर रिजेक्ट किए गए हैं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विधायक निधि से अनुशंसित कार्यों की राशि जारी करना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
90. ( क्र. 1428 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा मुडवारा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2015-16 से हैण्डपंप एवं नलकूप खनन हेतु विधायक निधि से कब-कब एवं कितनी–कितनी राशि की अनुशंसा प्रदान की गई एवं इन कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति किस सक्षम अधिकारी द्वारा कब-कब प्रदान की गई? (ख) प्रश्नकर्ता सदस्य के विधानसभा प्रश्न क्रमांक 2731 दिनांक 28-02-2017 के प्रश्नांश (ग) के उत्तर अनुसार क्या राशि प्राप्त हो गयी है, यदि हाँ, तो अब तक कार्य न होने के कारण बतायें, यदि नहीं, तो अब तक राशि जारी न होने का कारण स्पष्ट करें? (ग) क्या कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी परियोजना खण्ड कटनी द्वारा प्रमुख अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को पत्र क्रमांक-1960 दिनांक 24-07-2017 पत्र क्रमांक-2560 दिनांक 21-09-2017 एवं पत्र क्रमांक-2807 दिनांक 17-10-2017 लिखे गये हैं? यदि हाँ, तो यह पत्र किन विषयों पर थे और क्या इन पत्रों का निराकरण कर राशि प्रदाय की गई? यदि हाँ, तो पत्रवार की गई कार्यवाही बतायें, यदि नहीं, तो कारण बतायें? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में लगभग डेढ़ वर्ष पश्चात् भी विधायक क्षेत्र विकास निधि से अनुशंसित कार्य न होने का संज्ञान लेते हुए इस कार्यशैली की शासन स्तर से जाँच करवाकर अनुशंसित कार्य कराये जायेंगे? यदि हाँ, तो किस प्रकार एवं कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) रुपये 13.90 लाख की अनुशंसा वर्ष 2015-16 में प्रदान की गयी। कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति कलेक्टर, (जिला योजना एवं सांख्यिकी) कटनी द्वारा आदेश क्रमांक 663 दिनांक 29.03.2016 प्रदान की गयी। (ख) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 2731 दिनांक 28.2.2017 योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग से संबंधित है। विभाग को वित्तीय वर्षान्त में दिनांक 29.03.2016 को प्रशासकीय स्वीकृति तथा विलंब से राशि प्राप्त होने के कारण राशि समर्पित की गई। चालू वित्तीय वर्ष में पुनः राशि की माँग की गई है। (ग) जी हाँ। यह सभी पत्र राशि उपलब्ध कराने के संबंध में थे। जी नहीं, प्रमुख अभियंता ने पत्र क्र. 6385 दिनांक 5.8.17 से पुनः आवंटन हेतु आर्थिक सांख्यिकी विभाग को लिखा गया है। (घ) उत्तरांश (क), (ख), (ग) अनुसार राशि प्राप्त कर अनुशंसित कार्य कराने हेतु कार्यवाही की जा रही है, कार्य कराये जाने की निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
राजस्व सर्किल का निर्धारण
[राजस्व]
91. ( क्र. 1429 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य के विधानसभा प्रश्न क्रमांक 1817 दिनांक 22/07/2016 एवं प्रश्न क्रमांक 2397 दिनांक 26/07/2017 की जानकारी एकत्रित की जा चुकी है? यदि हाँ, तो एकत्रित जानकारी क्या है? (ख) न्यायालय नायब तहसीलदार द्वारा पहाड़ी तहसील कटनी के क्षेत्र अंतर्गत कटनी नगर के कौन-कौन से वार्ड और ग्राम आते हैं? इन वार्डों की कार्यालय तहसीलदार कटनी एवं कार्यालय नायब तहसीलदार पहाड़ी से कितनी कितनी दूरी है? पृथक-पृथक बतायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत कटनी नगर के वार्ड, जो कार्यालय तहसीलदार कटनी के करीब हैं, इन्हें पहाड़ी सर्किल में जोड़े जाने का औचित्य बतायें और क्या इन वार्डों का अन्य सर्किल में शामिल किये जाने का प्रस्ताव है? यदि हाँ, तो यह प्रस्ताव क्या है और इस प्रस्ताव को कब तक स्वीकृत किया जायेगा? (घ) कटनी तहसील अंतर्गत पटवारियों के कुल कितने पद स्वीकृत हैं? वर्तमान में कितने एवं कौन-कौन पटवारी कहाँ-कहाँ कार्यरत हैं एवं कितने पद रिक्त हैं? क्या कोई पटवारी संलग्नीकरण में कार्यरत है? यदि हाँ, तो क्यों एवं कहाँ? क्या इन्हें इनकी मूल कार्य हेतु पदमुक्त कर हल्कों में पदस्थापना की जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। (ख) तहसील कटनी न्यायालय नायब तहसीलदार पहाड़ी के क्षेत्र अंतर्गत कटनी नगर के नगरीय सीमा अंतर्गत वार्ड क्र 45, 38, 39 ग्राम पडरवारा टिकुरी, टिकरिया आते हैं। इन ग्रामों की दूरी तहसील कार्यालय कटनी से 03 कि.मी. एवं न्यायालय पहाड़ी से लगभग 15 कि.मी. दूरी है। (ग) प्रश्नांश (ख) के संबंध में कटनी नगर में प्रचलित हल्काबंदी के अनुसार उल्लिखित वार्ड व ग्राम रा.नि.म. पहाड़ी व नायब तहसीलदार कार्यालय पहाड़ी से संबद्ध है, इन वार्डो व ग्रामों को अन्य सर्किल में सम्मिलित किये जाने का प्रस्ताव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) कटनी तहसील अंतर्गत पटवारियों के कुल 28 पद स्वीकृत हैं। वर्तमान में तहसील अंतर्गत कार्यरत एवं रिक्त पटवारी पदों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। तहसील कटनी में कोई पटवारी संलग्नीकरण में कार्यरत नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
माहू तथा अन्य कीट व्याधियों से फसलों को नुकसान
[राजस्व]
92. ( क्र. 1442 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र लांजी विशेषकर तहसील लांजी में माहू तथा अन्य कीट व्याधियों के प्रकोप से धान की खड़ी फसलें पूर्णत: बर्बाद हो चुकी हैं? यदि हाँ, तो क्या शासन द्वारा फसलों की नुकसानी का सर्वे कराया गया है? यदि हाँ, तो कब तक तथा किस दर से मुआवजे की राशि किसानों को प्रदान कर दी जाएगी? (ख) चूंकि चारों तरफ फसलों का नुकसान हुआ है, तो क्या प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ किसानों को दिया जाएगा? (ग) फसलों के खराब होने से कृषकों के सामने आजीविका के संकट को ध्यान में रखते हुए क्या तहसील लांजी को कीट व्याधि प्रभावित तहसील घोषित किया जाएगा तथा क्या यहाँ राहत कार्य खोले जाएंगे ताकि कृषकों को काम मिल सके?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) तहसील लांजी अंतर्गत 82 ग्राम प्रभावित हैं, सर्वे कराया जा चुका है। राहत राशि के आंवटन हेतु कार्यवाही प्रचलित है। राहत राशि राजस्व पुस्तक परिपत्र 6 (4) के तहत पात्रतानुसार दी जाती हैं। (ख) पात्रतानुसार एवं प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रावधान अनुसार बीमा का लाभ देय होगा। (ग) राजस्व पुस्तक परिपत्र 6 (4) में कीट व्याधि प्रभावित तहसील घोषित करने का प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हैण्डपंप खनन की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
93. ( क्र. 1443 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वित्तीय वर्ष 2015-16 में बालाघाट जिले में बसाहटों में पेयजल उपलब्ध कराने के लिए क्या हैण्डपंप खनन की निविदाएं स्वीकृत कर ली गयी हैं तथा किस दरों पर इसे स्वीकृत किया गया है? ब्लाक अनुसार जानकारी दें। (ख) ग्रीष्म काल में हैण्डपंप खनन न होने के लिए क्या जिम्मेदार अधिकारियों को दंडित किया जायेगा? (ग) सत्र २०१७-२०१८ में १ मार्च के पूर्व हैण्डपंप का खनन प्रारंभ हो जाये, इस हेतु क्या विभागीय समीक्षा कर निविदा संबंधी समस्त अधिकार पुन: कार्य पालन यंत्रियों को दिये जाने पर शासन विचार करेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 व 2 अनुसार है। (ख) ग्रीष्मकाल में हैण्डपंपों के लिए नलकूप खनन का कार्य प्रतिवर्ष कराया जाता है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) निविदा स्वीकृति संबंधी अधिकार मध्यप्रदेश कार्य विभाग मैन्युअल-1983 एवं वित्तीय अधिकार पुस्तिका के अनुसार निर्धारित है। शासन के आदेश क्रमांक एफ-11-03/2017/2/34 भोपाल, दिनांक 26.10.2017 द्वारा रूपये 1.00 करोड़ लागत तक की समस्त निविदाओं के आमंत्रण के अधिकार कार्यपालन यंत्री को दिये जा चुके हैं।
पुलिस अधीक्षक को लिखे गये पत्रों पर कार्यवाही
[गृह]
94. ( क्र. 1453 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस अधीक्षक, नरसिहंपुर के नाम (1) पत्र क्रमांक जेएसपी/2017/2570 दिनांक 21/08/17 (2) पत्र क्रमांक जेएसपी/2017/2663 दिनांक 23/10/17 (3) पत्र क्रमांक जेएसपी/2017/2644 दिनांक 09/10/17, (1) पत्र क्रमांक जेएसपी/2017/2570 दिनांक 21/08/17 (2) पत्र क्रमांक जेएसपी/2017/2663 दिनांक 23/10/17 दिये गये थे? (ख) क्या उक्त शिकायत पत्रों की जाँच की गई थी, अगर हाँ, तो क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या नरसिंहपुर जिले में स्मैक, अवैध शराब, बिक्री हो रही है? अगर हो रही है तो इसके लिये दोषी कौन है? दोषियों पर क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है? (घ) क्या जिले में सट्टा एवं जुआं का अवैध कारोबार चल रहा है? (ङ) क्या जिले में कबाड़ियों द्वारा अवैध चोरी का कबाड़ खरीदा जा रहा है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) पुलिस अधीक्षक, नरसिंहपुर को पत्र क्रमांक-जेएसपी/ 2017/2570 दिनांक 21.08.2017 एवं जेएसपी/2017/2663 दिनांक 23.10.2017 प्राप्त हुए हैं। तथा पत्र क्रमांक जेएसपी/2017/2644 दिनांक 09.10.2017 प्राप्त नहीं हुआ है। (ख) जी हाँ। जाँच उपरांत चौकी प्रभारी बरमान के विरुद्ध वर्णित आरोप प्रमाणित नहीं पाये गये। अतः कोई कार्यवाही नहीं की गई है। (ग) सूचना प्राप्त होने पर उचित वैधानिक कार्यवाही की जाती है। (घ) सूचना प्राप्त होने पर उचित वैधानिक कार्यवाही की जाती है। (ड.) जी नहीं।
प्रश्नकर्ता के पत्र पर कार्यवाही
[गृह]
95. ( क्र. 1456 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा धारा 307 के तहत झूठे प्रकरण अभिषेक पटेल एवं अन्य एवं शिवम् पटेल एवं अन्य थाना गोटेगांव जिला नरसिंहपुर के संबंध में पुलिस महानिदेशक को पत्र क्रं. जेएसपी/00398/BPL/17 दिनांक 12/09/17 एवं पुलिस अधीक्षक नरसिंहपुर को पत्र क्रं. जेएसपी/ 00399/BPL/17 दिनांक 12/09/17 को प्रकरण के संबंध में एवं अपराधियों के संबंध में तथ्यात्मक जाँच हेतु शिकायती पत्र लिखा गया था? (ख) यदि हाँ, तो उक्त संदर्भ में आज दिनांक तक क्या जाँच कार्यवाही की गई? (ग) यदि जाँच कार्यवाही नहीं की गई तो कारण बताएं? (घ) जाँच कार्यवाही कब तक पूर्ण कर ली जाएगी एवं दोषियों पर कब तक कार्यवाही की जाएगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) शिकायती पत्र की जाँच श्री अभिषेक राजन, अति. पुलिस अधीक्षक जिला नरसिंहपुर द्वारा की गई। प्रार्थी अभिषेक की रिपोर्ट पर थाना गोटेगांव में अपराध क्रमांक 546/17 धारा 294, 323, 307, 34 भा.द.वि. 25, 27 आर्म्स एक्ट के अंतर्गत आरोपियों - शिवम पटेल, जित्तू पटेल तथा कृष्ण पाल पटेल के विरुद्ध पंजीबद्ध किया गया है। प्रार्थी जितेन्द्र पटेल की रिपोर्ट पर अपराध क्रमांक 547/17 धारा 294, 323, 307, 365, 34 भा.द.वि. 25, 27 आर्म्स एक्ट के अंतर्गत आरोपीगण क्रमशः राजू राजपूत, अभिषेक पटेल एवं यशपाल पटेल के विरुद्ध पंजीबद्ध किया गया है। दोनों प्रकरण विवेचनाधीन है। आवेदन पत्र की जाँच के दौरान पाया गया कि अप.क्र. 547/17 के प्रार्थी एवं गवाहों के कथनों से राजेश राजपूत पिता सीताराम उम्र 39 वर्ष निवासी आजाद वार्ड, गोटेगांव एवं राजू पिता सीताराम राजपूत उम्र 32 साल निवासी आजाद वार्ड, गोटेगांव की घटना में शामिल होना प्रमाणित है। (ग) दोनों प्रकरणों में विधि अनुसार विवेचना की जा रही है। विवेचना में उपलब्ध हुए साक्ष्य के आधार पर वैधानिक कार्यवाही की गयी है। (घ) शिकायती आवेदन पत्र पर उल्लेखित पंजीबद्ध प्रकरण विवेचनाधीन है। प्रकरण में सामने आये साक्ष्य के अनुसार वैधानिक कार्यवाही की जावेगी।
मुख्यमंत्री ग्राम उदय योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
96. ( क्र. 1459 ) श्री संजय शर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री ग्राम उदय योजना के अंतर्गत कितने ग्रामों में कौन-कौन से कार्य कराये जा रहे हैं? (ख) क्या विधानसभा क्षेत्र के उत्तराखंड में जल स्त्रोत कम होने के कारण पेयजल की समस्या है? यदि हाँ, तो इससे निपटने के लिये विभाग द्वारा क्या योजना बनाई गई है? (ग) विभाग द्वारा नलों के उत्खनन पर रोक क्यों लगाई गई है? नलों का उत्खनन कब तक प्रारम्भ किया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री ग्राम उदय योजना के अंतर्गत ग्रामों में विभाग द्वारा कोई भी कार्य नहीं कराये जा रहे है, परंतु ’’मुख्यमंत्री ग्राम नल-जल योजना’’ के अंतर्गत 14 ग्रामों को चिन्हांकित किया गया है, सफल स्त्रोत उपलब्ध होने पर इन ग्रामों में नल-जल योजना की स्वीकृति दी जाकर कार्य कराया जाएगा। (ख) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) विभागीय तौर पर किये जाने वाले नलकूपों के उत्खनन कार्य किये जा रहे हैं।
रैन बसेरा निर्माण की जानकारी
[श्रम]
97. ( क्र. 1460 ) श्री संजय शर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा जिला श्रम अधिकारी नरसिंहपुर को तेंदूखेड़ा में रैन बसेरा निर्माण हेतु कोई पत्र लिखा गया है? (ख) यदि हाँ, तो उस पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही हुई? क्या रैन बसेरा की स्वीकृति प्रदान की गई है? (ग) यदि हाँ, तो रैन बसेरा निर्माण कार्य प्रारम्भ कब तक किया जावेगा? रैन बसेरा की लागत एवं निर्माण एजेंसी की जानकारी प्रदान करें।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी नहीं। अपितु मुख्य नगर पालिका अधिकारी, तेंदुखेड़ा एवं माननीय अध्यक्ष द्वारा नगर परिषद् तेंदुखेड़ा में योजनांतर्गत रैन बसेरा निर्माण हेतु जिला श्रम अधिकारी को पत्र लिखा गया एवं माननीय विधायक द्वारा जिला श्रम अधिकारी को कल्याणकारी शिविर में रैन बसेरा निर्माण हेतु निर्देश दिये गये थे। (ख) रैन बसेरा निर्माण के संबंध में मण्डल कार्यालय को कार्यालय श्रम पदाधिकारी नरसिंहपुर से पत्र क्रमांक/श्रम पदाधिकारी/श्रमउ.स/2016-17/ 892, दिनांक 15.03.2017 प्रेषित किया गया जिसमें योजनांतर्गत अनुमत राशि रू. 10 लाख निर्माण लागत के स्थान पर रू. 20 लाख स्वीकृत किये जाने हेतु (रैन बसेरा निर्माण बाबत्) पत्र प्रेषित किया गया था। मध्यप्रदेश भवन संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल भोपाल द्वारा पत्र क्रमांक 1672, दिनांक 01.04.2017 को प्रेषित कर योजनांतर्गत अनुमत राशि रू. 10 लाख उल्लेखित करते हुए शेष राशि नगरपालिका द्वारा वहन किये जाने की स्थिति में तद्नुसार योजना के प्रावधानों के अनुरूप प्रस्ताव प्रेषित किये जाने हेतु निर्देशित किया गया एवं नगरपालिका अधिकारी को पत्र का पृष्ठांकन किया गया। श्रम पदाधिकारी नरसिंहपुर को नगर परिषद् तेंदुखेड़ा से तद्नुसार रैन बसेरा निर्माण हेतु कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ। उक्त के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्तियों पर प्रतिबंधात्मक कानूनी कार्यवाही
[गृह]
98. ( क्र. 1461 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले के माण्डव में आपराधिक प्रवृत्ति वाले परिवार के सदस्य इन्द्रिया, विशम्भर, नानक्या, धीरज सिंह, रमेश, विक्रम पिता जामसिंह व उनके पुत्रों मिथुन, विष्णु, नाना, गुंगा पिता इन्द्रिया एवं रवि, पवन पिता विशम्भर द्वारा पुलिस थाना माण्डव क्षेत्र में वर्षों से खुलेआम गुण्डागर्दी लूटपाट, चोरी, डकैती, जबरन कब्जा आदि अनेकों आपराधिक गतिविधियां की जा रही हैं, जिन पर पुलिस थाना माण्डव में वर्ष 1981 से लेकर अब तक अनेकों अपराध दर्ज हैं, जिनके अपराध क्रं. इस प्रकार है:- 165/81, 44-144/82, 13-54/90 19/91, 80/92, 77/93, 10/97, 16-17-19/98, 94/01, 51/03, 09-40-44/06, 03-06-30/07, 10-28-29-44/08 57/09 49-59/10, 51/13, 04-05-08-36-65/15, 46-84/16 संबंधितों के विरूद्ध दर्ज प्रकरणों पर इन्हें कई बार सजा भी हो चुकी है? लेकिन सजा उपरांत वापस अपराध में लिप्त हो जाते हैं, जिससे क्षेत्र की जनता पुनः त्रस्त हो जाती हैं? (ख) क्या जिला/पुलिस प्रशासन द्वारा इनके हत्या आदि घोर संगीन अपराधों के बावजूद संबंधित आरोपियों के विरूद्ध रासुका एवं लम्बी अवधि के लिये स्थाई कड़ी प्रतिबंधात्मक कानूनी कार्यवाही अब तक नहीं की गई है? क्या शासन इनके अपराधों की समीक्षा कर क्षेत्र के आम नागरिकों को इनकी गुण्डागर्दी से मुक्ति दिलवाने संबंधी कोई कड़ी प्रतिबन्धात्मक कानूनी कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) यह सही है कि धार जिले के माण्डव में आपराधिक प्रवृत्ति वाले इन्द्रिया, विशम्भर, नानक्या, रमेश, विक्रम मिथुन, विष्णु, नाना, रवि, पवन के विरुद्ध आपराधिक रिकार्ड हैं किन्तु धीरज सिंह एवं गूंगा के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण नहीं है। (ख) इनके विरुद्ध समय-समय पर प्रतिबंधात्मक कार्यवाही धारा 107, 116 (3) जाफौ, 110 जाफौ, जिला बदर आदि की गई है। वर्ष 2016 में इन्दर सिंह, विशम्भर एवं नानक्या को जिलाधीश धार के माध्यम से ''जिला बदर'' भी कराया गया था। इन्द्रिया, विशम्भर, नानक्या, विक्रम मिथुन, विष्णु, नाना एवं रवि, के विरुद्ध दण्ड प्रक्रिया संहिता की धाराओं के अंतर्गत प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की गई है।
ग्राम पंचायतों में नल-जल योजना को प्रांरभ किया जाना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
99. ( क्र. 1465 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र 112 अंतर्गत कितनी नल-जल योजनाएं संचालित हो रही हैं? जिन योजनाओं में जल स्त्रोत सूख गया है, उनका संचालन कैसे होगा? इसके लिए नवीन योजनाएं कब तक स्वीकृत की जावेंगी? (ख) क्या विभाग द्वारा विधानसभा क्षेत्र 112 में नवीन योजनाओं में ग्रामों को जोड़ा गया है? ग्रामवार सहित जानकारी देवें। यदि नहीं, तो क्यों? (ग) विभाग द्वारा कब तक नवीन योजनाओं में ग्रामों को जोड़ कर नल-जल योजना स्वीकृत कर दी जायेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) कुल 62 नल-जल योजनाएं संचालित हैं। जिन योजनाओं में जल स्त्रोत सूख गये हैं, उनमें विभाग द्वारा नवीन पेयजल स्त्रोत करवाया जाकर योजना को चालू किया जाता है। इसके लिये नवीन योजना की स्वीकृति की आवश्यकता नहीं है। (ख) जी हाँ। मुख्यमंत्री ग्राम नल-जल योजना अंतर्गत 12 ग्रामों को चिन्हांकित किया गया है, ग्रामवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) मुख्यमंत्री ग्राम नल-जल योजना अंतर्गत चिन्हांकित किये गये 12 ग्रामों में सफल स्त्रोत प्राप्त होने के उपरांत योजना की डी.पी.आर. बनाकर स्वीकृति की कार्यवाही की जायेगी, निश्चित समय-सीमा नहीं बताई जा सकती।
राजस्व रिकार्ड में नाम दर्ज किया जाना
[राजस्व]
100. ( क्र. 1474 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर जिले की तहसील गुलाना के ग्राम पलसावद की भूमि सर्वे क्र. 408 के रकबे में से 20 बाय 40 फीट (800 वर्गफीट) भूमी का विक्रय पत्र रजिस्टार कार्यालय शाजापुर में दिनांक 11.08.2011 को हुआ था जिसके नामांतरण व कब्जे के संबंध में क्रेता श्रीमती डॉली, पति अचल सिहं मेवाड़ा का क्या कलेक्टर शाजापुर को जनसुनवाई दिनांक 19.09.2017 में शिकायती आवेदन प्राप्त हुआ? यदि हाँ, तो भूखण्ड का नामांतरण किस दिनांक को हुआ? नामांतरण होने के बाद क्या क्रेता को खसरा बी-वन एवं अक्स की प्रति प्रदाय कर दी गई थी? वर्तमान में क्या राजस्व रिकार्ड में भूखण्ड श्रीमती डॉली मेवाड़ा के नाम से दर्ज है? जिसका खसरा बी-वन एवं अक्स की प्रति उपलब्ध करावें। प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सर्वे नम्बर के भूखण्ड का नामांतरण क्रेता के नाम होने के बाद विक्रेता के नाम कितनी भूमी शेष बची थी? क्या विक्रेता ने भूखण्ड विक्रय करने के बाद भी विक्रीत भूमि का रकवा राजस्व रिकार्ड में कम नहीं किया? जिसके कारण विक्रेता ने जितनी भूमी का वह मालिक था उससे ज्यादा भूमि विक्रय कर दी गई? इसके लिए कौन-कौन राजस्व अधिकारी जवाबदार है? प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरण में क्या तत्कालीन पटवारी व तहसीलदार गुलाना के विरुद्ध कार्यवाही की जावगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) शाजापुर जिले की तहसील गुलाना के ग्राम पलसावद की भूमि सर्वे क्रमाक 408 के रकबे में से 20 बाय 40 फीट ( 800 वर्गफीट ) भूमि का विक्रय पत्र रजिस्ट्रार कार्यालय शाजापुर के रजिस्टर्ड क्रमांक 1985 दिनांक 11.08.2011 को पंजीकृत हुआ था। जिसमें क्रेता श्रीमति डॉली पति अचल सिंह मेवाड़ा का कलेक्टर शाजापुर की जनसुनवाई दिनांक 19.09.2017 में शिकायती आवेदन प्राप्त हुआ। उक्त आवेदन पत्र के परीक्षण उपरांत दिनांक 15.11.2017 को क्रेता के नामांतरण पंजी क्रमांक १७ में पारित आदेश दिनांक 15.01.2012 के अनुसार दिनांक 15.11.2017 को राजस्व रिकार्ड में अमल किया जाकर खसरा बी-वन की प्रतिलिपि क्रेता श्रीमति डॉली पति अचल सिंह मेवाड़ा को प्रदाय कर दी गयी है। भूमि सर्वे क्रमांक 408 के भूखण्ड का नामांतरण क्रेता के नाम से होने के बाद विक्रेता के संयुक्त खाते में हिस्सा 45 पैसे के मान से 0.063 हे. दर्ज था, जिसके आधार पर विक्रेता ने क्रेता को 800 वर्गफीट 0.007 हे. विक्रय किया गया। जिसके पश्चात शेष रकवा विक्रेता के हिस्से के मान से 0.056 हे. शेष बचा था। दिनांक 15.11.2017 तक क्रेता के नाम भूमि का नामांतरण होकर रकवा कम करने के पश्चात भी विक्रेता के हिस्से में उक्त भूखण्ड में शेष भूमि 0.003 हे. है। अतएव विक्रेता ने अपने हिस्से से अधिक भूमि का विक्रय नहीं किया है। दिनांक 15.11.2017 राजस्व रिकार्ड में अमल किया जाकर खसरा बी-वन की प्रतिलिपि क्रेता को प्रदाय कर दी गयी है।
क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय की जानकारी
[परिवहन]
101. ( क्र. 1479 ) श्री सतीश मालवीय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016-17, 2017-18 में उज्जैन क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में कुल कितना मोटरयान कर बकाया है? उनमें बकायादारों की सूची एवं उन पर की गई कार्यवाही की रिपोर्ट एवं परमिट निरस्ती एवं वाहन जप्ती की कार्यवाही की संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। बकायादार होने के उपरांत किन-किन वाहन स्वामियों को स्थाई/अस्थाई परमिट जारी किये गये? सूची उपलब्ध करावें। (ख) उज्जैन क्षेत्रिय परिवहन कार्यालय में ऐसे कितने कर्मचारी/अधिकारी हैं जो पिछले 03 वर्षों से अधिक समय से उज्जैन क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में पदस्थ हैं? स्थानांतरण किये जाने के उपरांत भी ऐसे कितने कर्मचारी/अधिकारी हैं, जिन्हें कार्यमुक्त नहीं किया गया है? कर्मचारी/अधिकारीवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) उज्जैन क्षेत्रीय कार्यालय में सभी वाहनों के फिटनेस प्रमाण-पत्र के पीछे फोटो प्रदर्शित किये जा रहे हैं अथवा नहीं? कितने वाहनों के फिटनेस प्रमाण-पत्र में फोटो नहीं हैं? उनके विरूद्ध विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है एवं ऐसे फिटनेस प्रमाण-पत्र क्यों जारी किये जा रहे हैं?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) प्रश्नांकित अवधि कार्यालयीन कम्प्यूटर रिकार्ड अनुसार क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय उज्जैन के अंतर्गत कुल 47 वाहनों पर कुल राशि रूपये 1,60,05,772/- बकाया है, जिसकी सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार है। ऐसे वाहनों जिन पर की मोटरयान कर की राशि बकाया है, का संचालन प्रतिबंधित किया जाकर वसूली हो सके इस हेतु उनके परमिट/फिटनेस एवं अंतरण, अनापत्ति संबंधी समस्त आगामी कार्यवाही बंद करने के लिये कम्प्यूटर रिकार्ड में लॉक कर दिया गया है एवं सभी बकायादारों को मोटरयान कराधान अधिनियम 1991 के अंतर्गत कार्यवाही करते हुये पूर्व में ही नोटिस जारी किये जा चुके हैं। वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में जिन वाहन स्वामियों पर मोटरयान कर की राशि बकाया थी, ऐसे वाहनों को प्रश्नांकित अवधि में स्थाई/अस्थाई परमिट जारी नहीं किये गये हैं। (ख) पिछले 3 वर्ष से क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय उज्जैन में जो-जो कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ हैं, उसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब‘ अनुसार है, ऐसा कोई कर्मचारी/अधिकारी नहीं है, जिसे स्थानान्तरण किये जाने के उपरांत भी कार्यमुक्त नहीं किया गया है। (ग) क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय उज्जैन से जारी वाहनों के सभी फिटनेस प्रमाण-पत्र के पीछे के भाग पर फोटो प्रदर्शित किया जा रहा है। किन्तु शासकीय प्रेस से मुद्रित फिटनेस प्रमाण-पत्र प्राप्त न होने के कारण दिनांक 01.07.2017 से मुद्रित फिटनेस प्रमाण-पत्र प्राप्त होने तक कुल 2293 फिटनेस प्रमाण-पत्र के पीछे के भाग पर फोटो प्रदर्शित नहीं हो सके।
अन्य प्रांतों के पशुओं को प्रवेश की अनुमति एवं उपचार
[पशुपालन]
102. ( क्र. 1490 ) श्री राजकुमार मेव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में कुछ समय के लिए अन्य प्रांतों से पशु या पशुओं के समूह जैसे भेड़ों, ऊंटों एवं बकरियों के समूह इत्यादि लाखों की संख्या में प्रवेश कर राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में विचरण करते हैं? यदि हाँ, तो क्या इनका प्रतिवर्ष पंजीयन किया जाता है? यदि हाँ, तो इसका विस्तृत विवरण दिया जावे? यदि नहीं, तो क्या कारण है? क्या इनके प्रदेश में प्रवेश के समय पंजीयन किये जाने एवं पशुओं के उपचार प्रमाण-पत्र लिये जाने का प्रावधान किया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रदेश में विभाग की कोई नियमावली, प्रवेश अनुमति, उपचार प्रमाण-पत्र एवं अन्य से संबंधित नियम बनाये गये हैं? यदि हाँ, तो उपलब्ध कराये जावे? यदि नहीं, तो शासन द्वारा इस संबंध में नियम बनाये जाने की कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंध में प्रदेश में प्रवेश करने वाले अन्य प्रांतों के पशु जैसे भेड़, ऊंट के समूह क्षेत्र में किसानों की फसलों वनों को नुकसान पहुंचाते हैं एवं क्षेत्र के पशुओं को विभिन्न प्रकार की बीमारियां भी फैलती हैं? यदि हाँ, तो इसके लिये शासन स्तर पर विभाग द्वारा क्या कार्ययोजना तैयार की जाती है एवं इसके क्या उपाय किये जाते हैं? (घ) इंदौर संभाग के जिलों में वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस प्रांत अथवा आस-पास के क्षेत्रों से संभाग में प्रवेश करने वाले भेड़ों, ऊंटों के समूह का पंजीयन किया गया है? यदि हाँ, तो किस-किस दिनांक को कितने-कितने पशुओं को किस-किस क्षेत्र से प्रवेश किया? प्रवेश के उपरांत उनके उपचार से संबंधित प्रमाण-पत्र प्राप्त किये गये? प्रमाण-पत्र की छायाप्रति उपलब्ध कराई जावे?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। जी नहीं विभाग द्वारा इनका पंजीयन नहीं किया जाता है। विभाग द्वारा पंजीयन करने का प्रावधान नहीं है। इस प्रकार का प्रावधान प्रस्तावित नहीं है। (ख) जी नहीं। प्रवेश अनुमति के विभाग में कोई नियमावली नहीं है तथापि अन्य राज्यों से प्रवेश करने वाले पशुओं में संक्रामक बीमारी की सूचना प्राप्त होने पर बीमारियों की रोकथाम हेतु भारत सरकार द्वारा अधिसूचित ''पशुओं में संक्रामक एवं संसर्गजन्य रोगों से बचाव और नियंत्रण अधिनियम 2009'' एवं उसके अन्तर्गत बनाये गये ''पशुओं में संक्रामक एवं संसर्गजन्य रोगों के नियंत्रण एवं रोकथाम (चेक-पोस्ट एवं संगरोग शिविर निरीक्षण की नीति आदि) नियम 20015 के अनुसार कार्यवाही की जाती है। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। विभाग में नियम बनाना प्रस्तावित नहीं है। (ग) पशुपालन विभाग को इस संबंध में कोई सूचना या शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। परन्तु इसकी संभावनायें रहती हैं। वर्तमान में ऐसी कोई कार्ययोजना नहीं है। पशुओं में होने वाले रोगों की रोकथाम हेतु रोग प्रतिबंधात्मक टीकाकरण हेतु उपाय किए जाते हैं। (घ) जी नहीं। जी नहीं। कोई प्रावधान नहीं है।
शासकीय भूमि/गैर खातेदार भूमि को आबादी भूमि में परिवर्तन किया जाना
[राजस्व]
103. ( क्र. 1491 ) श्री राजकुमार मेव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भू-राजस्व संहिता के अंतर्गत वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक शासकीय भूमि/गैर खातेदार भूमि को आबादी भूमि में परिवर्तन किये जाने के कितने आवेदन, कब-कब, किस-किस के द्वारा प्रस्तुत किये गये? तहसीलवार जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में वर्तमान में इंदौर संभाग की तहसीलवार कितनी भूमि शासकीय/गैर खातेदार भूमि दर्ज है? कितनी भूमि को आबादी व भूमि में परिवर्तन किया गया है एवं वर्तमान में कितनी शेष है? (ग) वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक खरगोन जिले में तहसीलवार कितने आवेदकों, नगर परिषदों, ग्राम पंचायतों एवं स्वयं प्रश्नकर्ता के द्वारा शासकीय भूमि/गैर खातेदार भूमि को आबादी भूमि में परिवर्तन करने हेतु आवेदन/प्रस्ताव प्रस्तुत किये गये? प्रस्तावों में कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई? किस ग्राम में किन-किन आवेदकों को आबादी भूमि घोषित कर पट्टे दिये गये एवं शेष रहे प्रस्तावों में कब तक कार्यवाही की जावेगी? कार्यवाही किस स्तर पर लंबित है? इसकी भी जानकारी दी जावे। (घ) क्या विधानसभा क्षेत्र महेश्वर की तहसील महेश्वर एवं तहसील बड़वाह क्षेत्रांतर्गत शासकीय/गैर खातेदार भूमि पर ग्राम वासियों द्वारा मकान बनाकर निवास कर रहे हैं? यदि हाँ, तो उन्हें कब तक उक्त भूमि को परिवर्तन कर आबादी भूमि में परिवर्तन कर आवासीय पट्टे स्वीकृत कर पट्टे आवंटित किये जावेंगे ताकि शासन की आवासीय योजनाओं का लाभ प्राप्त कर सकें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) भू-राजस्व संहिता के अंतर्गत वर्ष 2015-2016 से प्रश्न दिनांक तक इन्दौर संभाग में कुल 213 आवेदन प्राप्त हुए। इन्दौर संभाग के जिलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (ख) की जानकारी इन्दौर संभाग के जिलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक खरगोन जिले में कुल 84 प्रस्ताव आवेदक/ग्राम पंचायतों/तहसीलों से शासकीय भूमि/गैर खातेदार भूमि को आबादी भूमि में परिवर्तन करने हेतु प्राप्त हुए हैं। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। खरगोन जिले में वितरित किये गये पट्टों की विस्तृत सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है। (घ) जी हाँ। विधान सभा क्षेत्र महेश्वर के ग्राम बरझर तहसील बड़वाह में शासकीय/गैर खातेदार भूमि पर 65 ग्रामवासियों द्वारा मकान बनाकर निवास किया जा रहा है, जिन्हें पट्टों का वितरण किया जा चुका है। तहसील महेश्वर में ग्राम पंचायतों से ठहराव प्रस्ताव प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाकर 3717 पट्टे वितरित किये जा चुके हैं।
शासन की भूमि को व्यक्तिगत नाम से दर्ज किया जाना
[राजस्व]
104. ( क्र. 1502 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला छतरपुर की तहसील राजनगर सर्किल चन्द्रनगर के हल्का मौजा पीरा के खसरा नं. 1561 में बंदोबस्त के समय से एवं वर्ष 1990-91 में भी म.प्र. शासन दर्ज था? प्रश्नांश से संबंधित बन्दोबस्त से प्रश्न दिनांक तक संपूर्ण खसरा की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि हाँ, तो उक्त खसरा नम्बर 1561 को कब मध्यप्रदेश शासन हटाकर किन व्यक्तियों के नाम किस आधार पर एवं किस सक्षम अधिकारी के आदेश से दर्ज किया गया था? आदेश की सत्य प्रतिलिपि उपलब्ध करावें? (ग) क्या खसरा क्रमांक 1561 को वर्ष 1999-2000 में पुन: पट्टा निरस्त कर म.प्र. शासन दर्ज किया गया था, पट्टा निरस्तीकरण आदेश की सत्य प्रतिलिपि भी उपलब्ध करावें एवं सक्षम अधिकारी का नाम, पद सहित सूची भी उपलब्ध करावें? (घ) प्रश्नांश (ख) के अनुसार वर्ष 1990 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन आदेशों से म.प्र. शासन की भूमि से छेड़छाड़ कर किन-किन व्यक्तियों के नाम की गयी? उक्त नम्बर को पुन: मध्यप्रदेश शासन दर्ज कब तक कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ, प्रश्नांश से संबंधित छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी हाँ वर्ष 1999-2000 में तहसील राजनगर प्रभारी चन्द्रनगर के आदेश प्र.क्रं. 30/ अ-6-अ/99-2000 आदेश दि. 29.09.2000 द्वारा पट्टा निरस्त किया गया। तत्समय सक्षम अधिकारी श्री अशोक व्यास तहसीलदार राजनगर थे। प्र.क्रं. 30/अ-6-अ/99-2000 आदेश दि. 29.09.2000 अभिलेखागार छतरपुर में जमा किया गया है। अभिलेखागार में जमा प्रकरण की खोज की जा रही है। (घ) प्रश्नांश (ख) के अनुसार प्रश्न दिनांक तक पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार भूमि विभिन्न व्यक्तियों के नाम की गई। भूमि से कोई छेड़छाड़ नहीं की गई। उक्त नम्बर के संबंध में विभिन्न प्रकरणों में विधिवत् राजस्व प्रकरण पंजीबद्ध करके आदेश पारित किये गये हैं। शेषांश का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता।
गंभीर अनियमितताओं पर कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
105. ( क्र. 1503 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला छतरपुर में अनियमितताओं पर शासकीय उचित मूल्य की दुकानों की आवश्यक वस्तु अधिनियम (ई.सी.एक्ट 3/7) एवं चोर बाजार अधिनियम 1980 के तहत वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक कार्यवाही की गयी है? यदि हाँ, तो दुकानवार, दिनांकवार सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 3047 दिनांक 26 जुलाई 17 को माननीय मंत्री जी द्वारा उत्तर दिया गया था कि कालाबाजारी करने की गंभीर अनियमिततायें प्रतिवेदित की गयी थीं, तो क्या उक्त शासकीय उचित मूल्य के दुकानदारों के विरूद्ध भी आवश्यक वस्तु अधिनियम एवं चोर बाजार अधिनियम के तहत कार्यवाही की गयी थी? यदि हाँ, तो उक्त कार्यवाही की प्रति उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार यदि नहीं, तो क्यों? क्या शासन एक समान कार्यवाही न करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करने के आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। इन उचित मूल्य की दुकानों के विरूद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के अंतर्गत निर्मित नियंत्रण आदेश अंतर्गत कार्यवाही की गई। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के अन्तर्गत उल्लेखित कार्यवाही सक्षम अधिकारी द्वारा अर्द्धन्यायिक प्रक्रिया अंतर्गत की गई है। अत: किसी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वीकृत समूह जल प्रदाय योजना का कार्य प्रारंभ कराया जाना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
106. ( क्र. 1515 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मंत्रि-परिषद् की बैठक दिनांक 8.6.16 को प्रदेश में 47 समूह जल प्रदाय योजनाओं का प्रशासकीय अनुमोदन किया गया था जिससे खरगापुर विधान सभा क्षेत्र में रूपये 974,52 करोड़ सम्मलित ग्राम 155, बानसुजारा टीकमगढ़ एवं बल्देवगढ़ तथा रूपये 525,11 करोड़ सम्मलित ग्राम 59 का भी अनुमोदन शामिल था। (ख) क्या इस योजना के प्रारंभ हो जाने से बहुत बड़ी संख्या में कई ग्रामों को पेयजल उपलब्ध हो जायेगा और आम जनता को खरगापुर विधान सभा क्षेत्र में पेयजल का निराकरण भी हो जायेगा? उक्त योजना का जल निगम द्वारा निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ करा दिया जावेगा? (ग) क्या उक्त समूह जल प्रदाय योजना को जब प्रशासकीय स्वीकृति मंत्रि-परिषद् से प्राप्त हो चुकी है और राशि भी प्राप्त हो गई होगी फिर भी उक्त योजना का कार्य प्रारंभ क्यों नहीं किया जा रहा है? कब तक प्रारंभ करा दिया जावेगा जिससे क्षेत्रीय जनता को पेयजल आसानी से उपलब्ध हो सके?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ, प्रशासकीय अनुमोदन प्राप्त 47 योजनाओं में 526 ग्रामों की बानसुजारा (टीकमगढ़ एवं बल्देवगढ़) समूह जल प्रदाय योजना लागत रू. 974.53 करोड़ एवं 258 ग्रामों की परेला-गरौली समूह जल प्रदाय योजना लागत रू. 525.11 करोड़ का अनुमोदन भी शामिल है। (ख) जी हाँ। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (ग) वित्तीय संयोजन उपरांत प्रश्नांकित समूह योजनाओं के क्रियान्वयन की कार्यवाही की जा सकेगी। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
बंद पड़ी नल-जल योजनाएं
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
107. ( क्र. 1523 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अतारांकित प्रश्न क्र. 855 दिनांक 19 जुलाई, 2017 में तारांकित प्रश्न के (ग) भाग में सदन में माननीय मंत्री महोदया द्वारा मौखिक चर्चा के दौरान बंद पड़ी नल-जल योजनाओं की जाँच समिति गठित कर प्रश्नकर्ता क्षेत्रीय विधायक को भी साथ में रखने की घोषणा की गई थी, तो क्या यह सच है उत्तर दिनांक से पूर्व प्रश्न दिनांक तक क्या कोई समिति का गठन ही नहीं किया? इतनी बड़ी लापरवाही करने के लिये किस-किस स्तर के कौन-कौन अधिकारी दोषी है? क्या दोषियों के प्रति इस घोर लापरवाही करने के कारण कोई दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या अब बन्द पड़ी नल-जल योजनाओं की जाँच कराने के लिये जाँच समिति गठित की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? क्या प्रश्नकर्ता क्षेत्रीय विधायक को मिले आश्वासन अनुसार जाँच समिति के समक्ष बन्द पड़ी नल-जल योजनाओं की जाँच में सम्मिलित किया जावेगा? क्या सूखा ग्रस्त क्षेत्र में पेयजल से संबंधित समस्या को अनसुना करने वाले कार्यपालन यंत्री को हटाकर कोई वैकल्पिक व्यवस्था की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) भितरवार विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ऐसे कितने खनन किये हुए पॉइन्ट हैं, जहां प्रश्न दिनांक तक किस-किस दिनांक को खनन किये जा चुके हैं किन्तु उनमें न तो पेयजल की पूर्ति के लिये मोटर डाली गई है, न ही हैण्डपम्प सैट प्लेटफार्म तैयार कर लगाये गये हैं? इन नवीन खनन पॉइन्टों की ग्राम/मजरा/स्थान तथा पंचायतवार सूची उपलब्ध करावें। अब इन नवीन खनन पॉइन्ट में कब तक हैण्डपंप सेट या मोटर लगवादी जावेगी? एक निश्चित समय-सीमा बतावें? अभी तक न लगने का क्या कारण था? स्पष्ट करें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। सदन में मान. विधायक को आश्वासन दिया गया था कि हमारे अधिकारी जाँच करने जायेंगे और उनके साथ मान. विधायक भी जायेंगे और जो भी योजना चालू नहीं होगी हम उसको चालू करायेंगे। कार्यपालन यंत्री खण्ड ग्वालियर द्वारा पत्र दिनांक 7.11.2017 के माध्यम से मान. विधायक को नल-जल योजनाओं के संयुक्त निरीक्षण के लिये तिथि निर्धारित करने हेतु अनुरोध किया गया तथा समय-समय पर इस बाबत् मौखिक अनुरोध भी किया गया परन्तु मान. विधायक की व्यस्तताओं के कारण तिथि का निर्धारण एवं निरीक्षण नहीं हो सका है। मान. विधायक से पुनः अनुरोध कर संयुक्त निरीक्षण की कार्यवाही की जावेगी। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) के अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत प्रश्न दिनांक तक कुल खनित नलकूपों की संख्या 133 है, जिसमें नल-जल योजना हेतु 12 नलकूप खनन एवं हैण्डपंप स्थापना हेतु 121 नलकूपों का खनन किया गया है। सफल स्रोतों पर मोटरपंप/हैण्डपंप लगा दिये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कम्प्यूटर पर ऑनलाईन नाम न दर्ज होना
[राजस्व]
108. ( क्र. 1524 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तहसील घटीगांव के ग्राम पंचायत सिमरिया टांका के ग्राम ठाठी के अनुसूचित जाति के कृषक/श्री धनीराम/बंशी, धन्ना/गिरवर, अजमेर/नरेना, धीरन/देवीसिंह, राजकुमार/चिम्मन, उत्तर/उम्मेदा, हलुके/दौजी, कप्तान/उम्मेदा, सीताराम/छऊआ, रामहेत/बंशी, पातीराम/देवीराम, हरीराम/बिज्जू इत्यादि कृषकों को न्यायालय नायब तहसीलदार घाटीगांव जिला ग्वालियर के आदेश दिनांक 22.04.2002 के द्वारा अनु.जाति के गरीब, भूमिहीन व्यक्तियों को भूमि आवंटित की गई थी? क्या आवंटन दिनांक से भूमि पर वह खेती-किसानी कर रहे हैं एवं उनको भू-स्वामी की राजस्व पुस्तिका भी दी जा चुकी है, किन्तु कम्प्यूटर में (ऑनलाईन) उनके नाम दर्ज नहीं हैं? इस कारण गरीब अनु.जाति के कृषक शासन की किसी भी योजना का लाभ नहीं ले पा रहे हैं? क्या ऑनलाईन कम्प्यूटर पर नाम दर्ज कराने के नाम पर इस क्षेत्र में पदस्थ पटवारी श्री दिनेश भोज लगभग 10 माह पूर्व इन अनु.जाति के गरीब कृषकों से ढाई-ढाई हजार प्रति कृषक से कम्प्यूटर में नाम दर्ज कराने के नाम से रूपये ले चुका है किन्तु प्रश्न दिनांक तक भी उनके नाम दर्ज नहीं हैं? क्या इसके लिये संबंधित पटवारी श्री दिनेश भोज के प्रति कठोर दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक? यदि नहीं, तो कारण सहित स्पष्ट करें। (ख) क्या अब इन गरीब अनु.जाति के कृषकों की फाईल जो कलेक्टर कार्यालय ग्वालियर में फाईल क्र. 1/2016-2017/अ-19 (4) से लगातार फाईल क्र. 12/2016-17/अ-19 (4) तक लंबित हैं? यदि हाँ, तो कब तक इन भूमि स्वामी कृषकों का नाम कम्प्यूटर में ऑनलाईन दर्ज करा दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) हरीराम/बिज्जू को छोड़कर शेष जी हाँ। खेती कार्य कर रहे हैं। ऋण पुस्तिका वितरित की जा चुकी है। ऑनलाईन नाम दर्ज हैं। उक्त प्रकरणों के संबंध में क्षेत्रीय पटवारी द्वारा पैसे लेने के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (ख) जी नहीं, प्रकरण निराकृत हो चुके हैं।
राजस्व ग्राम घोषित किया जाना
[राजस्व]
109. ( क्र. 1534 ) श्री विष्णु खत्री : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र बैरसिया के कौन-कौन से ग्राम राजस्व ग्राम की पात्रता रखते हैं? सूची सहित विवरण उपलब्ध करावें। (ख) विभाग द्वारा बैरसिया से कौन-कौन से ग्राम को राजस्व ग्राम घोषित किये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है? सूची सहित विस्तृत विवरण उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में दर्शित पात्र ग्रामों को कब तक राजस्व ग्राम घोषित कर दिया जावेगा? समय-सीमा बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) विधानसभा क्षेत्र बैरसिया 149 के अन्तर्गत तहसील बैरसिया में ग्राम रमपुरा बालाचौन से बालाचौन, कोटरा चौपडा से पोलासगंज तथा हिरनखेडी से करोली राजस्व ग्राम की पात्रता रखते हैं। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार राजस्व ग्राम घोषित करने की कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, समय-सीमा दी जाना सम्भव नहीं है।
स्वीकृत एवं रिक्त पदों की पूर्ति
[राजस्व]
110. ( क्र. 1556 ) श्री सचिन यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कसरावद विधान सभा क्षेत्रांतर्गत अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय एवं कसरावद तहसील कार्यालय में कितने-कितने पद किस-किस श्रेणी के स्वीकृत एवं रिक्त हैं? क्या शासकीय कार्यों का निष्पादन करने हेतु सभी संसाधन उपलब्ध हैं? यदि हाँ, तो बतायें? नहीं तो क्यों? तत्संबंध में समीक्षा कर बतायें कि क्या शासकीय कार्य प्रभावित नहीं हो रहा है? (ख) कसरावद तहसीलदार को अन्यत्र तहसीलदार के पद का प्रभार दिये जाने के उपरांत क्या तहसील कार्यालय एवं क्षेत्रीय जनता के जनहित के कार्य प्रभावित हो रहे हैं? यदि हाँ, तो इस संबंध में राजस्व विभाग क्या कार्यवाही करेगा? तत्संबंध में की गई कार्यवाही से अवगत करावें। (ग) प्रश्नांश (क) में दर्शित कार्यालयों से संबंधित शासकीय कार्यों के साथ-साथ क्षेत्रीय जनता के जनहित के कार्यों का निष्पादन समय-सीमा में करने के लिये उक्त रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जायेगी? (घ) प्रश्नांश (घ) के संदर्भ में प्रश्नकर्ता द्वारा माह अक्टूबर, 2017 में राजस्व विभाग को कितने-कितने पत्र प्राप्त हुए और उस पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? कार्यवाही से अवगत नहीं कराये जाने के क्या कारण है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) कसरावद विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत स्थिति अनुविभाग कार्यालय में 01 पद अनुविभागीय अधिकारी का स्वीकृत है। तहसील कार्यालय कसरावद में स्वीकृत/कार्यरत/रिक्त पदों की स्थिति निम्नानुसार है:-
पदनाम |
स्वीकृत |
कार्यरत |
रिक्त |
तहसीलदार |
01 |
01 |
00 |
ना. तहसीलदार |
02 |
00 |
02 |
सहायक ग्रेड-2 |
03 |
00 |
03 |
सहायक ग्रेड-3 |
09 |
08 |
01 |
जमादार |
01 |
00 |
01 |
भृत्य |
10 |
08 |
02 |
शासकीय कार्य संपादन हेतु सभी संसाधन उपलब्ध है। अनुविभाग कार्यालय हेतु अन्य विभागों से कर्मचारियों को रिडिप्लायमेंट कर व्यवस्था की गई है। जिससे शासकीय कार्य प्रभावित नहीं हो रहा है। (ख) नहीं। तहसील कसरावद में तहसीलदार पदस्थ किया गया है। (ग) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) राजस्व विभाग में माह अक्टूम्बर 2017 में माननीय विधायकों से प्राप्त पत्रों का परीक्षण कर कार्यवाही प्रचलित है।
सूखाग्रस्त क्षेत्रों में राहत कार्य
[राजस्व]
111. ( क्र. 1557 ) श्री सचिन यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हाल ही में मध्यप्रदेश में कितने जिले व अन्य जिले की तहसीलों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के संदर्भ में केन्द्र सरकार से राज्य सरकार को सहायता राशि प्राप्त हुई? यदि हाँ, तो कितनी राशि एवं किस प्रकार? नहीं तो राज्य सरकार ने तत्संबंध में क्या कोई कार्यवाही की है? (ग) ) जिला पश्चिम निमाड़ खरगोन अन्तर्गत सूखाग्रस्त जिला व तहसीलों में शासन द्वारा कौन-कौन से राहत कार्य प्रारंभ किये गये? क्या खरीफ की फसल का सर्वे पूर्ण कर प्रभावित किसानों को फसल बीमा व मुआवज़ा राशि का वितरण कर दिया गया है? नहीं तो तत्संबंध में जानकारी दें? (घ) उक्त सूखाग्रस्त जिलों व तहसीलों में राज्य सरकार द्वारा कौन-कौन से राहत कार्य व अन्य कार्य किये जा रहे हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) वर्ष 2017-18 हेतु मध्यप्रदेश के 16 जिले एवं जिला शहडोल की दो तहसील एवं जिला उमरिया की एक तहसील को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है। इस प्रकार 16 जिले पूर्णत: तथा 2 जिले अशंत: सूखा घोषित किए गये हैं। (ख) राज्य सरकार द्वारा कुल 3,705.95 करोड़ की केन्द्रीय सहायता राशि प्राप्त किए जाने हेतु भारत सरकार को मेमोरेण्डम दिनांक 02.11.2017 को भेजा गया है। राशि प्राप्त नहीं हुई है। (ग) जिला-खरगोन सूखा ग्रस्त घोषित नहीं होने से प्रश्न उद्भूत नहीं होता। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत खरीफ वर्ष 2017 में सोयाबीन तथा मक्का की फसल कटाई प्रयोग का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। तथा ऑनलाईन डाटा इन्ट्री का कार्य शासन द्वारा प्राप्त निर्देशानुसार दिनांक 31 जनवरी 2018 तक पूर्ण कर लिया जावेगा। (घ) उक्त सूखा ग्रस्त जिलों में राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के तहत राहत राशि वितरण, पेयजल परिवहन का कार्य किया जाता है।
नल-जल योजनाओं के कार्य
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
112. ( क्र. 1640 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में ऐसे कितने गांव हैं जिसमें अभी तक कोई नल-जल योजना कार्यरत नहीं है? क्या प्रत्येक गांव में नल-जल योजना निर्माण हेतु विभाग का प्रस्ताव है? कब तक प्रत्येक ग्राम में नल-जल योजना संचालित कर दी जावेगी? (ख) विगत पाँच वर्षों से ऐसी कितनी नल-जल योजनाएं हैं जो अभी तक बंद पड़ी हैं? इनकों संचालित करने हेतु विभाग क्या कार्यवाही कर रहा है? (ग) प्रत्येक नल-जल योजना समय पर चालू हो जाये इसके लिए विभाग की क्या कार्ययोजना है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 83 ग्राम। जी नहीं। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (ख) एक भी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) बंद योजनाओं को समय पर चालू करने के लिए जिला स्तरीय समिति के अनुमोदन से रू. 20.00 लाख तक के कार्य ग्राम पंचायत स्तर से कराये जाने के प्रावधान है।
शासकीय भूमि के दुरूपयोग की शिकायत
[राजस्व]
113. ( क्र. 1656 ) पं. रमेश दुबे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016-17 के दौरान कितने प्रकरणों में मध्यप्रदेश शासन के नाम राजस्व अभिलेख में भूमि दर्ज करने के आदेश अपर आयुक्त नर्मदापुरम संभाग द्वारा दिए गये? उसमें कितनों का पालन हुआ? (ख) क्या इटारसी तहसील के ग्राम पीपलढाना में स्थित कृषि भूमि खसरा नं. 381/2 खसरा नं. 409 जुमला रकवा 2.257 हे. भूमि मध्यप्रदेश शासन के नाम राजस्व अभिलेख में दर्ज करने का आदेश दिया गया? यदि हाँ, तो किस अवधि में। (ग) प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में क्या अपर आयुक्त नर्मदापुरम संभाग के आदेश के बाद अनुविभागीय अधिकारी राजस्व पुनरावलोकन का आदेश दे सकता है? यदि हाँ, तो किस नियम के अंतर्गत? स्पष्ट करें। यदि नहीं, तो क्या संबंधित के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) वर्ष 2016-17 के दौरान किसी भी प्रकरण में मध्यप्रदेश शासन के नाम राजस्व अभिलेख में भूमि दर्ज करने के आदेश अपर आयुक्त नर्मदापुरम संभाग द्वारा नहीं दिये गये हैं। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता। (ख) अपर आयुक्त नर्मदापुरम संभाग द्वारा पारित आदेश में दोनों अधीनस्थ न्यायालयों क्रमशः अनुविभागीय अधिकारी राजस्व एवं तहसीलदार के आदेश निरस्त कर अपील स्वीकार की गई है किन्तु राजस्व अभिलेखों में म.प्र. शासन का नाम दर्ज करने के आदेश नहीं दिये गये है। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता। (ग) अपर आयुक्त नर्मदापुरम संभाग द्वारा पारित आदेश का पालन सुनिश्चित करने हेतु अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा न्यायालय नायब तहसीलदार केसला के राजस्व प्रकरण क्रमांक 5/अ-6 (अ) वर्ष 2016-17 पक्षकार रामसिंह वि. ऊषाबाई में तत्कालीन नायब तहसीलदार द्वारा पारित आदेश दिनांक 21.03.2017 में तत्कालीन नायब तहसीलदार केसला द्वारा लिपिकीय त्रुटि होने के कारण आदेश पत्रिका दिनांक 03.04.2017 के अनुसार प्रकरण में अपर आयुक्त नर्मदापुरम द्वारा पारित आदेश के पालन हेतु आदेश दिनांक 21.03.2017 में पुनर्विलोकन की अनुमति चाही गई थी। अनुविभागीय अधिकारी इटारसी द्वारा न्यायालय अपर आयुक्त नर्मदापुरम संभाग के आदेश दिनांक 29.06.2016 के पालन हेतु म.प्र.भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 51 के अंतर्गत पुनर्विलोकन की अनुमति दी गई। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता है।
प्लाटों का नामांतरण नहीं किया जाना
[राजस्व]
114. ( क्र. 1660 ) श्री आरिफ अकील : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल कलेक्टर द्वारा जिले में 2156 वर्गफीट या उससे कम भूमि के प्लाटों के नामांतरण नहीं किए जाने संबंधी आदेश क्रमांक 302/भू-अभिलेख-17 दिनांक 03 फरवरी 2017 को जारी किए गए हैं? यदि हाँ, तो किन उद्देश्य के तहत? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में यह अवगत करावें कि क्या पूर्व में कभी प्रदेश के किसी जिले में ऐसे आदेश जारी हुए हैं? यदि हाँ, तो किस-किस जिले में कब-कब जारी किए गए और उससे शासन व आमजन को क्या-क्या लाभ हुए? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में अवगत करावें कि प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आदेश से गरीबों को हो रही परेशानियों को दृष्टिगत रखते हुए शासन तत्काल प्रभाव से आदेश निरस्त करेगा? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) कार्यालय कलेक्टर भोपाल के पत्र क्रमांक 1921/ भू-अभि./2016 भोपाल दिनांक 30.08.2016 के द्वारा 2156 वर्गफीट या उससे कम भूमि के बिना डायवर्सन की अनुज्ञा के प्लाट काटकर बेचे जा रहे, प्लाटों के नामांतरण पर रोक लगाई गई थी, जिसके तारतम्य में आदेश क्रमांक 302/भू-अभिलेख/2017 दिनांक 03 फरवरी 2017 भी जारी किया गया है, जिसका उद्देश्य अनियोजित विकास एवं अवैध कालोनियों की संख्या में हो रही वृद्धि को रोकना था। (ख) ऐसी जानकारी उपलब्ध नहीं है। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
भू-स्वामियों के विरूद्ध पंजीबद्ध प्रकरण
[राजस्व]
115. ( क्र. 1661 ) श्री आरिफ अकील : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल कलेक्टर द्वारा जिले में 2156 वर्गफीट या उससे कम भूमि के प्लाटों के नामांतरण नहीं किए जाने संबंधी आदेश क्रमांक 302/भू-अभिलेख-17 दिनांक 03 फरवरी, 2017 को जारी किए गए हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्लाटों के संबंध में भोपाल जिले के विभिन्न थानों में एक-एक प्लाट एक से अधिक प्लाट स्वामियों के विवाद होने संबंधी प्रकरण पंजीबद्ध किए गए हैं? यदि हाँ, तो जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में किस-किस थानों में किन-किन भूमि/प्लाट स्वामियों के विवाद पंजीबद्ध किए गए? अद्यतन स्थिति से अवगत करावें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में भू-माफियाओं एवं अनियमितता को संरक्षण देने के लिए कौन-कौन दोषी है? उनके विरूद्ध शासन द्वारा क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) कोई दोषी नहीं है। अत: कार्यवाही का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
शासकीय भूमि पर किये गये अतिक्रमण की जानकारी
[राजस्व]
116. ( क्र. 1668 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 2985 दिनांक 01.12.2010 के उत्तर के परिशिष्ट (अ) में उल्लेखित भिण्ड जिले के ग्राम गोहदी के सर्वे क्रमांक 926, 988 ग्राम गोहद सर्वे क्र. 2521 ग्राम सिरसौदा के सर्वे क्रमांक 135, 140, 142 की लाखों रूपये मूल्य भूमि पर अतिक्रमण किये जाने की जानकारी दी थी? तो क्या उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न क्रमांक 2393 उत्तर दिनांक 8 मार्च 2013 में सदन में चर्चा के दौरान प्रश्नांश (क) के संबंध में तत्कालीन राजस्व मंत्री जी ने एक माह में अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही करने हेतु सदन को अवगत कराया था? (ख) क्या उक्त प्रश्न क्रमांक 2985 के संबंध में प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक 20 दिनांक 02.05.2010 को कलेक्टर भिण्ड को पत्र लिखकर जाँच कराने का अनुरोध किया था? यदि हाँ, तो जाँच किस स्तर के अधिकारी से कब करायी गयी एवं जाँच निष्कर्ष के आधार पर अभी तक अतिक्रमण न हटाने के क्या कारण हैं? कब तक अतिक्रमण हटा दिया जाएगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न 2985 दिनांक 01.12.2010 के परिप्रेक्ष्य में तहसील गोहद के ग्राम गोहदी के सर्वे नं. 926, रकवा 0.80 ग्यासो बेबा फुन्दी वगैरा के नाम पटवारी अभिलेख में भूमि स्वामी स्वत्व पर दर्ज है। ग्राम गोहदी की भूमि सर्वे नं. 988 रकवा 12.45 चरनोई पर कृष्णकांत, राघव पुत्रगण तेजनारायण रकवा 3.00 हे. पर, भगवान सिंह पुत्र रामनाथ बघेल 2.00 हे., शरद मुदगल पुत्र सुरेशचन्द्र 2.00 हे., मोहनलाल पुत्र पंछीपाल रकवा 0.80 हे., भीकाराम पुत्र रामस्वरूप बघेल रकवा 0.80 हे. पर सरसों की फसल बोकर अतिक्रमण किया गया है। उपरोक्त अतिक्रमणकर्ताओं के विरूद्ध न्यायालय में प्रकरण पंजीबद्ध किये जाकर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जा रही है। ग्राम सिरसौदा की भूमि सर्वे नं. 135 रकवा 0.12 अभिलेख में शासकीय का.का. भूमि के रूप में अंकित है। इस पर किसी का कोई अतिक्रमण नहीं है। यह भूमि मौके पर रिक्त पड़ी है। सर्वे नं. 140 रकवा 1.70 तथा सर्वे नंबर 142 रकवा 1.25 भूमि पर शासकीय का.का. भूमि पर कृष्णकांत राघव पुत्रगण तेज नारायण जाति ब्राम्हण निवासी गोहदीका अतिक्रमण है। उपरोक्त अतिक्रमणकर्ताओं के विरूद्ध न्यायालय में प्रकरण पंजीबद्ध किये जाकर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जा रही है। (ख) जी हाँ। कार्यवाही जारी है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शासकीय भूमि का पट्टा अपात्रों को दिये जाने की जाँच एवं कार्यवाही
[राजस्व]
117. ( क्र. 1670 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के गोहद तहसील में 1 जनवरी 1986 से दिसम्बर 2003 तक किन-किन व्यक्तियों/संस्थाओं आदि नाम से किन-किन ग्रामों में किस-किस सर्वे क्रमांक की कितनी शासकीय भूमि के कृषि कार्य एवं वृक्षारोपण हेतु कब-कब किस-किस अधिकारी द्वारा पट्टे स्वीकृत कर आवंटित किये गये? (ख) उक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में ग्राम गोहदी के सर्वे क्रमांक 989 ग्राम गोहद के सर्वे क्रमांक 2520, 2561 की भूमि के नियम विरूद्ध पट्टों के वितरण की जाँच कराकर दोषी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही कर पट्टा निरस्त किये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) ग्राम गोहदी के सर्वे क्रमांक 930, 937, 995, 998, 999 एवं ग्राम गोहद के सर्वे क्रमांक 2542/2 की तेजनारायण शुक्ला के परिवार द्वारा क्रय की गई भूमि के विक्रय पत्रों की फोटो प्रतियां दें एवं ग्राम सिरसौदा के सर्वे क्रमांक 137, 138 की भूमि किस नियम के अंतर्गत सहायक बन्दोबस्त अधिकारी के आदेश से हस्तांतरित की गई? (घ) उपरोक्त प्रश्नांश (क) में वर्णित अवधि में श्री बुद्धिराम तत्कालीन तहसीलदार के कार्यकाल के राजस्व दस्तावेजों/अभिलेखों की क्या उच्च स्तरीय जाँच करायी जाकर संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही कर पट्टे निरस्त किये जावेंगे? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) तहसील गोहद के अंतर्गत वर्ष जनवरी 1986 से दिसम्बर 2003 तक हितग्राहियों को कृषि हेतु स्वीकृत पट्टे से संबंधित जानकारी वृहद स्वरूप की होने के कारण उसके संकलन हेतु समय की आवश्यकता है। वृक्षारोपण हेतु विभिन्न अधिकारियों द्वारा स्वीकार किए गए पट्टों की जानकारी ग्रामवार, सर्वे नं. एवं रकवा सहित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्तमान कम्प्यूटरीकृत खसरा वर्ष 2017-18 में उक्त सर्वे नं.989 की भूमि शासकीय का.का. के रूप में दर्ज है तथा उक्त खसरा के खाना नं.12 में यह टीप अंकित है – न्याया.तह.गोहदके न्यायालयीन प्र.क्र.171/2008-09/बी-121 आदेश दिनांक 13.02.2009 के आ.क्र. 989 रकवा 2.09 हे. पर निर्मला देवी पुत्री देवी प्रसाद जाति ब्रा. का नाम निरस्त कर शासकीय का.का. घोषित की गई। तहसील गोहद के कम्प्यूटरीकृत खसरा वर्ष 2006-07 के अनुसार सर्वे नं.2520 रकवा 0.617 की भूमि शासकीय चरनोई के रूप में दर्ज है तथा कॉलम 12 में यह टीप अंकित है प्र.क्र.2/85-86/अ-74 श्री बी.आर. प्रसाद तहसीलदार के आदेश दिनांक 21.7.1986 के अनुसार भूमि क्र. 2520 रकवा 0.617 हे. आवेदक तेजनारायण पुत्र देवीप्रसाद जाति ब्रा.नि.ग्रा.को आम, इमली, जामुन, महुआ के वृक्ष लगाने की अनुमति दी गई है। डायरी क्र. 28 दिनांक 28.7.78 के अनुसार। तहसील गोहद के कम्प्यूटरीकृत खसरा वर्ष 2006-07 के अनुसार सर्वे नं. 2561 रकवा 2.602 की भूमि शासकीय चरनोई के रूप में दर्ज है तथा कॉलम नं. 12 में यह टीप अंकित है सड़क पुख्ता मौके पर रकवा 0.303 हे. भूमि क्र. 2561 रकवा 2.602 हे. में से रकवा 2.205 हे. पर आवेदक तेजनारायण को वृक्ष लगाने की अनुमति दी गई व.नं. 2520, पटवारी मौजा के प्रतिवेदनानुसार वर्तमान अभिलेख में कस्बा गोहद के सर्वे नं. 2520 रकवा 0.617 एवं सर्वे नं.2561 रकवा 2.602 की भूमि शासकीय चरनोई के रूप में दर्ज है। वर्तमान में उक्त सर्वे नं. 2520 एवं 2561 की भूमि पर दक्खिनी बबूल के पेड़ खडे हुए हैं। किसी व्यक्ति का कोई कब्जा नहीं है। उक्त सर्वे नं. की भूमि मौके पर रिक्त पडी हुई है। (ग) ग्राम गोहदी के सर्वे क्र.930,937,995,998 एवं 999 एवं ग्राम गोहद के सर्वे क्र.2542/2 की भूमि तेजनारायण शुक्ला के परिवार द्वारा विक्रय पत्रों के माध्यम से कब कब क्रय की गई यह विस्तृत जाँच का विषय है। ग्राम सिरसौदा के सर्वे क्रमांक 137,138 की भूमि किस नियम व प्रक्रिया के अंतर्गत सहायक बन्दोबस्त अधिकारी के आदेश से हस्तांतरित की गई है। इस संबंध में सहायक बन्दोबस्त अधिकारी के आदेश का शोध कराकर विधि अनुसार कार्यवाही की जावेगी। (घ) प्रकरण में विस्तृत जाँच कराकर यदि कोई अनियमितता पाई जायेगी तो संबंधित अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध विधि अनुसार कार्यवाही की जावेगी।
दोषी पर प्रकरण दर्ज कराया जाना
[गृह]
118. ( क्र. 1677 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कलेक्टर रीवा, संयुक्त संचालक लोक शिक्षण रीवा संभाग रीवा तथा जिला शिक्षा अधिकारी रीवा ने तत्कालीन प्राचार्य गोपाल शरण सिंह, शास. उ.मा.वि. पुरौना जिला रीवा को पूर्व प्राचार्य चन्द्रवली पाण्डेय से संस्था की कैशबुक, पासबुक एवं अन्य अभिलेख प्राप्त करने, थाना अतरैला जिला रीवा में अपराध पंजीबद्ध कराने हेतु आदेशित किया था? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में गोपाल शरण सिंह, प्राचार्य पुरौना द्वारा अपने पत्र दिनांक क्रमश: 18.03.2017 एवं 15.04.2017 थाना अतरैला में देकर पावती क्रमश: दिनांक 19.03.2017 एवं 16.04.2017 को प्राप्त की है? (ग) यदि प्रश्नांश (क), (ख) हाँ है तो थाना अतरैला में उक्त पत्रों के आधार पर अपराध दर्ज कर चन्द्रवली पाण्डेय से चाहा गया अभिलेख (प्रभार) संस्था के प्रभारी प्राचार्य को दिया गया? यदि हाँ, तो एफ.आई.आर. की प्रति के साथ प्रभार सूची की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) यदि प्रश्नांश (ख), (ग) के संबंध में यदि आज दिनांक तक अपराध पंजीबद्ध नहीं हुआ और उक्त अभिलेखों का प्रभार आज दिनांक तक संस्था को नहीं सौंपा गया तो कौन दोषी है? दोषी पर कब तक कार्यवाही कर उक्त दोषी के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कराते हुए कब तक प्रभार दिला देंगे?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। उक्त पत्र के आधार पर तत्कालीन प्रभारी प्राचार्य श्री चन्द्रबली पाण्डेय के विरुद्ध थाना अतरैला में प्रा.सू.प.क्र. 91/17 दिनांक 14.11.2017 को भा.द.वि. की धारा 409, 420 के तहत एफ.आई.आर. दर्ज करा दी गई है। एफ.आई.आर. की प्रति पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट अनुसार है। विद्यालयीन अभिलेख प्राप्त करने की कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दोषी को भार मुक्त किया जाना
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
119. ( क्र. 1679 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यलाय जिला शहडोल, उमरिया एवं अन्य जिलों के कॉलेजों में शक्ति सिंह खटीक को कब-कब प्रभारी प्राचार्य के पद पर रखा गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में प्रभारी प्राचार्य खटीक के खिलाफ कुल कितनी शिकायतें भ्रष्टाचार के प्रकरण व अन्य कार्यों के संबंध में विभाग में की गयी हैं? वर्षवार, कॉलेजवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में श्री खटीक को कितने प्रकरण में दोषी तथा कितने में दोषमुक्त पाया गया एवं कितने प्रकरण लंबित हैं? पृथक-पृथक प्रकरण की स्थितिवार सहपत्रों के साथ जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) में वर्णित प्राचार्य खटीक वर्तमान में कहाँ-कहाँ, किस-किस महाविद्यालय के प्रभारी हैं? इतनी शिकायतों के बावजूद भी विवादित व्यक्ति को ऐसे महत्वपूर्ण प्रभार में रखने का क्या औचित्य है? उक्त प्रभार से इन्हें कब तक हटा दिया जाएगा तथा इन्हें प्राचार्य बनाने वाले दोषी अधिकारी के विरूद्ध कब और क्या दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) श्री शक्ति सिंह खटीक के पास प्राचार्य, पॉलिटेक्निक महाविद्यालय, उमरिया का प्रभार दिनांक 18.07.2012 से 13.07.2016 तक था एवं पॉलिटेक्निक महाविद्यालय, शहडोल के प्राचार्य का प्रभार दिनांक 22.05.2017 से आज दिनांक तक है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) वर्तमान में पॉलिटेक्निक महाविद्यालय शहडोल का प्रभार है। शिकायत की जाँच उपरांत गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी।
मुलताई तहसील में आई.टी.आई. प्रारंभ की जाना
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
120. ( क्र. 1701 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र मुलताई के अंतर्गत स्वीकृत संचालित मुलताई एवं प्रभात पट्टन आई.टी.आई. को किन कारणों से बंद किया गया? (ख) बिन्दु (क) के अनुसार बंद किये इन आई.टी.आई. को कब तक प्रारंभ किया जायेगा? दिनांक से स्पष्ट करें एवं प्रारंभ करने के लिये विभाग द्वारा किये समस्त पत्राचारों की छायाप्रति दें। (ग) बिन्दु (ख) एवं (क) के अनुसार आई.टी.आई बन्द कराने में कौन-कौन से अधिकारी दोषी हैं? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी एवं कब तक?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) मुलताई एवं प्रभात पट्टन में शासकीय आई.टी.आई. स्वीकृत एवं संचालित नहीं है। अत: बंद किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भूमि अधिग्रहण की जानकारी
[राजस्व]
121. ( क्र.
1708 ) श्री
उमंग सिंघार :
क्या राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) धार
जिले में अल्ट्राटेक
सीमेंट
द्वारा शासन
से जमीन
अधिग्रहण
हेतु मांग की
गई है?
यदि हाँ, तो
उक्त कितनी
जमीन किसके
नाम से है तथा
उसका खसरा, खाता, रकवा
नंबर सहित
संपूर्ण ब्यौरा
उपलब्ध
करावें। (ख) उक्त
जमीन का
अधिग्रहण किन
शर्तों के
आधार पर किया
जा रहा है तथा
कितने और गांव
की जमीन
अधिग्रहित की
जावेगी? गांववार
विवरण प्रस्तुत
करें।
राजस्व
मंत्री ( श्री
उमाशंकर
गुप्ता ) : (क) एवं
(ख) धार जिले
में वर्तमान
समय में
अल्ट्राटेक
सीमेंट
प्लांट के लिए
निजी भूमि के
अधिग्रहण की
कोई
प्रक्रिया
प्रचलित नहीं
है।
सूखे से प्रभावित किसानों की जानकारी
[राजस्व]
122. ( क्र. 1709 ) श्री उमंग सिंघार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले अंतर्गत गंधवानी विधानसभा क्षेत्र में सूखे से प्रभावित किसानों के सर्वे हेतु विभाग द्वारा वर्तमान में क्या कार्यवाही की गई है? इस संबंध में की गई कार्यवाही की संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें जिसमें किसान का नाम, उसके खेत का ब्यौरा तथा आनावारी का ब्यौरा भी शामिल हो। (ख) क्या सर्वे के दौरान किसानों को पंचनामें की प्रतिलिपि दी जाती है? यदि हाँ, तो क्या सभी किसानों को पंचनामें की प्रतिलिपि उपलब्ध कराई गई है? यदि नहीं, तो इसके लिये कौन जवाबदार है? स्पष्ट करें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) धार जिले की तहसील गंधवानी में वर्ष 2016-17 में 1080 मि.मी. या 43.20 इंच वर्षा हुई जबकि वर्तमान वर्ष 2017-18 में 1032 मि.मी. या 41.62 इंच वर्षा हुई है। तहसील में फसलों के लिहाज से पर्याप्त वर्षा होने से फसलों की स्थिति अच्छी रही है एवं सूखे की स्थिति निर्मित नहीं हुई है। बोई गई फसलों के फसल कटाई प्रयोग के आधार पर फसलों की आनावारी ज्ञात की गई, जिसमें तहसील की आनावारी 50 से अधिक आई है, जो राजस्व पुस्तक परिपत्र 6 (4) के प्रावधान अन्तर्गत सूखा घोषित करने की श्रेणी में नहीं आती है। (ख) सर्वे नहीं होने से प्रश्नांश (ख) की जानकारी निरंक है।
बुंदेलखण्ड पैकेज की राशि से कराये गये कार्यों में अनियमितता
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
123. ( क्र. 1717 ) श्री हर्ष यादव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सागर जिले में बुंदेलखण्ड पैकेज की राशि से लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में कुल कितने कार्य कितनी राशि के कराये? (ख) क्या सागर जिले में बुंदेलखण्ड पैकेज की राशि से किये गये/कराये गये कार्यों में भारी गड़बड़ी होने की जाँच मुख्य तकनीकी परीक्षक ने की है? यदि नहीं, तो किस एजेंसी ने जाँच की है? कौन-कौन से कार्यों में गड़बड़ी और अनियमितता होने की बात सामने आई है? (ग) कौन-कौन अधिकारी दोषी पाये गये? उन पर क्या कार्यवाही की गई है? अब तक एफ.आई.आर. दर्ज क्यों नहीं कराई गई? क्या मामला ई.ओ.डब्लू. को सौंपा जायेगा? (घ) बुंदेलखंड पैकेज राशि के दुरूपयोग की राशि क्या दोषी अधिकारियों से वसूली जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? शासन को हुई आर्थिक हानि की भरपाई किससे कराई जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) सागर जिले में बुंदेलखण्ड पैकेज की राशि से लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के 350 कार्य रूपये 30.48 करोड़ के कराए गए। (ख) जी हाँ। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने जाँच की है एवं उस जाँच के निष्कर्षों का मुख्य तकनीकी परीक्षक (सतर्कता) द्वारा गठित समिति ने परीक्षण किया है। प्रथम दृष्ट्या पेयजल योजनाओं के अंतर्गत स्त्रोत निर्माण, कम आवक क्षमता, कूप निर्माण में स्टेनिंग कार्य की गुणवत्ता, स्त्रोत निर्माण हेतु गलत स्थल चयन, निम्न गुणवत्ता की सामग्री आदि कार्यों में गड़बड़ी एवं अनियमिततायें होने की बात सामने आई। (ग) सागर जिले से संबंधित प्रकरण में एक अधीक्षण यंत्री एवं दो कार्यपालन यंत्रियों के विरूद्ध आरोप-पत्र जारी किए गए हैं। जाँच उपरान्त निष्कर्षों के आधार पर कार्यवाही की जायेगी। विभाग के ज्ञाप क्रमांक 2940/2013/2/34 दिनांक 31.07.2015 द्वारा ई.ओ.डब्ल्यू. से जाँच कराने हेतु सामान्य प्रशासन विभाग को लिखा गया परन्तु सामान्य प्रशासन विभाग ने मुख्य तकनीकी परीक्षक (सतर्कता) से जाँच कराने का अभिमत दिया गया, तदुपरान्त मुख्य तकनीकी परीक्षक (सतर्कता) द्वारा जाँच की गई है, विभाग द्वारा एफ.आई.आर. दर्ज कराने का निर्णय नहीं लिया गया है। प्रकरण में अधीक्षण यंत्री एवं कार्यपालन यंत्रियों की विभागीय जाँच पश्चात् जाँच निष्कर्षों के आधार पर कार्यवाही की जायेगी। (घ) विभागीय जाँच के पश्चात जाँच निष्कर्षों के आधार पर कार्यवाही की जायेगी।
दर्ज मुकदमों की जानकारी
[गृह]
124. ( क्र. 1718 ) श्री हर्ष यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर विश्वविद्यालय में वर्तमान में कार्यरत कितने अधिकारियों के विरूद्ध एवं कितने शिक्षकों के विरूद्ध किस-किस अपराध की प्राथमिकी दर्ज है? कौन-कौन के खिलाफ न्यायालय में चालान पेश किया गया है? (ख) महिलाओं के विरूद्ध अपराध की कितने शिक्षकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज है प्राथमिकी के बाद पुलिस ने अब तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या विश्वविद्यालय के अधिकारियों/शिक्षकों के विरूद्ध महिला अपराध की प्राथमिकी दर्ज करने में पुलिस ने भारी विलम्ब एवं हीलाहवाली करके मामले को कमजोर करने की कोशिश की है? यदि नहीं, तो सूचना प्राप्ति के तत्काल बाद प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज क्यों नहीं की गई।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (प्रश्न में थानों/जिलों/प्रदेश/अवधि इत्यादि उल्लेख न होने से मात्र सागर जिले की वर्ष 2016 से अब तक की जानकारी प्रदाय की जा रही है। ) (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
महिदपुर थाने में दर्ज प्रकरण पर कार्यवाही
[गृह]
125. ( क्र. 1732 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर वि.स. क्षेत्र के महिदपुर थाना में दर्ज अपराध क्र.402 दिनांक 24.10.2017 में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) उपरोक्त घटना में किन धाराओं में कितने आरोपी बनाए गए हैं? इनमें कितने गिरफ्तार किए गए हैं? कितने गिरफ्तार नहीं किए जा सके हैं? (ग) इन्हें कब तक गिरफ्तार कर लिया जाएगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) थाना महिदपुर में पंजीबद्ध अपराध क्रमांक 402/17 धारा 209, 270, 272, 273, 337 भा.द.वि. में अनुसंधान कर 04 आरोपीगणों को गिरफ्तार किया गया है। प्रकरण में कथित दूषित खाद्य सामग्री जप्त की गई है। प्रकरण में खाद्य विभाग से कथित दूषित खाद्य सामग्री की परीक्षण रिपोर्ट प्राप्त होना शेष है। प्रकरण वर्तमान में विवेचना में है। (ख) उक्त अपराध में धारा 269, 270, 272, 273, 337 भा.द.वि. के अंतर्गत 04 आरोपी बनाए गये हैं। सभी आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है। अब और किसी आरोपी की गिरफ्तारी शेष नहीं है। (ग) प्रश्नांश का उत्तर बिन्दु क्रमांक (ख) में समाहित है।
प्रदूषण से हुई मौतों पर कार्यवाही
[पर्यावरण]
126. ( क्र. 1735 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खाचरौद वि.स. क्षेत्र के ग्राम परमारखेड़ी में माह अक्टूबर 2017 में ग्रेसिम इंडस्ट्रीज नागदा जं. के द्वारा प्रदूषण फैलाने के कारण हुई दो मौतों पर विभाग ने प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रदूषण विभाग की रिपोर्ट जिसमें उल्लेख है कि चंबल के डाउन स्ट्रीम में स्थित कई गांवों का भूजल दूषित हो चुका है की प्रमाणित प्रति देवें? (ग) प्रदूषण विभाग द्वारा N.G.T. में याचिका पर दि. 24/25.10.2017 को जो शपथ पत्र प्रस्तुत किया है उसकी छायाप्रति देवें। (घ) विभाग कब तक इस उद्योग द्वारा रसायन फैलाने पर रोक लगाकर प्रदूषित क्षेत्र के ग्रामों में शुद्ध पेयजल एवं प्रभावित के उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित करेगा? उपरोक्त स्थितियों को नजर अंदाज करने वाले विभागीय अधिकारियों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) ग्रेसिम इंडस्ट्रीज, नागदा द्वारा प्रदूषण फैलाने के कारण प्रश्नाधीन दो मौतों की पुष्टि नहीं होती है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) नागदा स्थित उद्योगों के रसायन प्रदूषण फैलाने संबंधी याचिका मा. अधिकरण के समक्ष विचाराधीन है, जिसमें मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा समुचित उत्तर प्रस्तुत किया गया है। नागदा विकासखंड के 22 ग्रामों की चंबल नदी पर आधारित समूह जल प्रदाय योजना लागत रूपये 29.29 करोड़ की तैयार की गई है, जिसका क्रियान्वयन मध्यप्रदेश जल निगम मर्यादित द्वारा किया जा रहा है। ग्राम परमारखेड़ी में बुखार, हाथ-पैर दर्द, ज्वाईंट में दर्द होने आदि की शिकायत ग्रामीणों से मिलने पर दिनांक 13/10/2017 से स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा निरंतर स्वास्थ्य शिविर आयोजित किये जा रहे हैं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
हैण्डपम्प व अन्य मेंटेनेंस पर व्यय राशि
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
127. ( क्र. 1743 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) धार जिले में हैण्डपम्प व अन्य मेंटेनेंस के कार्यों पर विगत 3 वर्षों में कितनी राशि व्यय की गई? विधान सभावार वर्षवार बतावें। (ख) कितनी नल-जल योजनाएं विद्युत बिलों के भुगतान न होने के कारण कितने समय से बंद रही? विधान सभावार बतावें। (ग) वर्ष 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 में ट्यूबवेल, हैण्डपम्प खनन के कितने टेंडर स्वीकृत किए? कितने सफल, असफल रहे, फर्म नाम, भुगतान राशि सहित जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार कितने कार्य प्रश्न दिनांक तक अपूर्ण हैं और क्यों? ये कब तक पूर्ण होंगे?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 के अनुसार है। (ख) ग्राम पंचायतों से प्राप्त जानकारी अनुसार विद्युत बिलों के भुगतान न होने के कारण कोई भी योजना बंद नहीं है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 के अनुसार है। (घ) कोई भी कार्य अपूर्ण नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्याज खरीदी के संबंध में
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
128. ( क्र. 1757 ) श्री जितू पटवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्टेट सिविल सप्लाई कार्पोरेशन द्वारा जून 2017 से अगस्त 2017 तक सभी केन्द्रों को मिलाकर कुल खरीदे गये? प्याज की मात्रा तथा कुल खर्च (बारदान, हम्माली मजदूरी, परिवहन किराया वेतन भत्ते इत्यादि सहित) बतावें तथा कुल बेचे गये प्याज की मात्रा तथा प्राप्त कुल राशि बतावें। औसत प्रति किलो प्याज किस भाव खरीदा और बेचा गया? जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) की प्याज खरीदी में कुल लागत राशि का मद अनुसार याने प्याज खरीदी की राशि, बारदान खर्च, हम्माली, मजदूरी खर्च, तुलावटी खर्च, परिवहन पर खर्च, किराया खर्च, दलाली खर्च, कर्मचारी के वेतन भत्ते पर खर्च, स्टेशनरी एवं अन्य विभिन्न खर्च बतावें तथा जानकारी दें कि प्याज खरीदी में शुद्ध हानि कितने हजार करोड़ हुई? (ग) रतलाम जिले में प्याज (ओपन सेल) सीधे विक्रय की अंतिम स्वीकृत बोली की निलामी वाला प्रपत्र खरीरदार से किये गये पत्र व्यवहार की प्रतियाँ अनुबंध की प्रतियाँ वेट चैक-मेमो, ट्रकचाक चालान मेमो की प्रतियां, अनुबंध निरस्त कर दूसरे व्यापारी को माल विक्रय करने पर वसूले गये भावांतर की राशि कुल खरीदे गये प्याज तथा कुल विक्रीत प्याज एवं कुल खराब हुए प्याज की मात्रा सहित जानकारी देवें।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सूखा प्रभावित जिलों की जानकारी
[राजस्व]
129. ( क्र. 2047 ) श्री रजनीश सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2017 में अल्प वर्षा से मध्यप्रदेश के कितने जिले एवं कितनी तहसील सूखा प्रभावित हुई हैं? सूची उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार सूखे से प्रभावित कितने जिलों एवं तहसीलों को सूखा प्रभावित घोषित किया गया है? उक्त सूखा घोषित जिलों में कौन-कौन सी फसलों पर कौन-कौन से मापदण्ड अनुसार सूखा राहत राशि निर्धारित की गई है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार क्या सूखा राहत राशि का वितरण सूखा प्रभावित जिलों में कर दी गई है? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी राशि का वितरण किया गया है? जिलेवार, तहसीलवार विवरण देवें। यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या सिवनी जिले में अल्प वर्षा से सोयाबीन एवं धान की फसल पूरी तरह नष्ट हो गई है? यदि हाँ, तो प्रभावित किसानों को सूखा राहत राशि कब तक वितरित कर दी जावेगी और सोयाबीन की फसल पर किस मापदण्ड के आधार पर राहत राशि दी जावेगी। यदि नहीं, तो क्यों? जबकि जिला सिवनी अंतर्गत विकासखण्ड केवलारी, धनौरा, सिवनी एवं अन्य सूखा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा स्वयं मान कृषि मंत्री जी के द्वारा किया गया है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) वर्ष 2017 हेतु मध्यप्रदेश के 16 जिले एवं जिला शहडोल की दो तहसील एवं जिला उमरिया की एक तहसील को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है। इस प्रकार 16 जिले पूर्णत: इस प्रकार कुल 133 तहसील सूखाग्रस्त घोषित किए गये हैं। सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) राजस्व पुस्तक परिपत्र 6 (4) के प्रावधान अनुसार निधार्रित फसलों पर मापदण्ड के अनुसार राहत राशि निर्धारित की गई है। (ग) प्रदेश सरकार द्वारा सूखाग्रस्त जिलों हेतु राशि रू. 3705.95 करोड़ का मेमोरेण्डम कृषि मंत्रालय भारत सरकार को दिनांक 02.11.2017 को भेजा गया है। अभी राशि प्राप्त होना शेष है। कार्यवाही प्रचलित है। (घ) जी नहीं। जिला सिवनी सूखा प्रभावित घोषित नहीं होने से प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। सूखा प्रभावित राशि वितरित नहीं की जानी है। सोयाबीन/धान की फसल पर नुकसानी के अनुसार आर.बी.सी. 6 (4) के तहत आर्थिक सहायता प्रावधान अनुसार दी जाती है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
आचार्य
विद्यासागर
गौ-संवर्धन
योजना में
हितग्राहियों
को ऋण
[पशुपालन]
1. ( क्र. 5 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम मंदसौर जिलों में आचार्य विद्यासागर गौ-संवर्धन योजना में कितने हितग्राहियों ने आवेदन किया तथा कितने हितग्राहियों को योजना का लाभ मिला? (ख) क्या उक्त योजना में 5 पशुओं हेतु ऋण प्राप्त करने हेतु न्यूनतम 1 एकड़ भूमि होना आवश्यक है? यदि हाँ, तो क्या इस नियम अन्तर्गत उक्त जिलों की सभी राष्ट्रीयकृत एवं सहकारी बैंकों में ऋण दिया जा रहा है? यदि नहीं, तो इस सम्बन्ध में विभाग के पास कितनी शिकायतें हितग्राही के पास 1 एकड़ जमीन होने के पश्चात भी बैंकों द्वारा ऋण नहीं देने की प्राप्त हुई? (ग) क्या उक्त योजना में उक्त नियम अंतर्गत जिला सहकारी बैंकों द्वारा कही भी कृषकों को ऋण नहीं दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतर कृषकों का लेनदेन सहकारी बैंकों से होता है? यदि सहकारी बैंकों में ऋण दिया जा रहा है तो योजना प्रारंभ से उज्जैन इंदौर संभाग में कहाँ-कहाँ किन-किन हितग्राहियों को ऋण दिया गया? हितग्राही के नाम सहित जानकारी देवें। (घ) उक्त योजना अन्तर्गत उक्त संभागों में कहाँ-कहाँ किन-किन हितग्राहियों ने योग्य होने के बाद भी ऋण नहीं मिलने की शिकायत विभाग को की गई तथा विभाग द्वारा उस पर क्या कार्यवाही की गई?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) आचार्य विद्यासागर योजना अन्तर्गत रतलाम जिले में 68 एवं मंदसौर जिले में 194 हितग्राहियों ने आवेदन किया तथा क्रमाश: 56 एवं 105 हितग्राहियों के ऋण प्रकरण बैंक द्वारा स्वीकृत किये गये। (ख) जी हाँ। राष्ट्रीयकृत एवं सहकारी बैंकों द्वारा ऋण स्वीकृत किये जा रहे है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं। (ग) जिला सहकारी बैंकों द्वारा ऋण स्वीकृत किये जा रहे है। प्रश्न उपस्थित नहीं। उज्जैन एवं इन्दौर संभाग में सहकारी बैंक द्वारा स्वीकृत ऋण प्रकरणों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) विभाग को योजना अन्तर्गत उक्त संभागों में ऋण न मिलने की शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।
प्रदेश की जेलों में मोबाईल नेटवर्क को नियंत्रित करना
[जेल]
2. ( क्र. 6 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रदेश की सेंट्रल जेलों के साथ सामान्य जेलों को तकनीकी रूप से सक्षम करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन है जिसमें जेलों में मोबाईल नेटवर्क को नियंत्रित करने के लिए जेमर लगाने का प्रस्ताव भी शामिल है? यदि हाँ, तो प्रस्ताव की वर्तमान स्थिति क्या है? (ख) गत 1 जनवरी 2015 के पश्चात प्रदेश की कितनी जेलों में कहाँ-कहाँ, किन-किन कैदियों के पास मोबाईल जब्त किये गये, जेलों में कैदियों के पास मोबाईल को लेकर किन-किन अधिकारी कर्मचारियों के खिलाफ क्या-क्या शिकायत प्राप्त हुई? उस पर क्या कार्यवाही विभाग द्वारा की गई? (ग) प्रदेश की जेलों में मोबाईल एवं अन्य तकनीक के लिए किन-किन प्रकरणों में कहाँ-कहाँ पुलिस विभाग के किस-किस अधिकारी की मदद उक्त अवधि में ली गई? (घ) क्या प्रदेश की जेलों में मा. न्यायालय में चल रहे कैदियों के प्रकरण में ऑनलाइन बयानों की व्यवस्था प्रारम्भ कर दी है? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ, कब से?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। प्रदेश की सेंट्रल जेलों के साथ ही 15 अन्य जेलों पर सी.सी.टी.व्ही. कैमरे एवं 05 जिला जेलों पर फायर फायटिंग उपकरणों की स्थापना का प्रस्ताव वित्तीय वर्ष, 2018-19 के बजट प्रस्ताव में भेजा जा रहा है। जैमर लगाने का प्रस्ताव विचाराधीन है। (ख) दिनांक 01/01/2015 के पश्चात् प्रदेश की जेलों में बंदियों से मोबाईल जप्त किये जाने संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जेलों में कैदियों के पास मोबाईल को लेकर किसी अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (ग) आवश्यकतानुसार मदद प्राप्त की जाती है। (घ) जी नहीं। जिन जेलों एवं जिला न्यायालयों के बीच वीडियो-कान्फ्रेंसिंग की सुविधा उपलब्ध है, उन में बंदियों की रिमान्ड पेशी ही कराई जाती है। केन्द्रीय जेल भोपाल में परिरूद्ध सिमी बंदियों के बयान दिनांक 08/01/2014 से वीडियो-कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से कराये जा रहे हैं।
प्रकरणों की विवेचना
[गृह]
3. ( क्र.
36 ) श्री
विजय सिंह
सोलंकी :
क्या गृह
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) डी.एस.पी.
(अ.जा.क), जिला खरगोन
द्वारा विगत 4
वर्षों में
कितने
प्रकरणों की
विवेचना की गई।
प्रकरणवार
अपराध
क्रमांक, धारा, कायमी
दिनांक, फरियादी का
नाम व पता, आरोपी
का नाम व पता, विवेचना
में लगे कुल
दिवस की
संख्या सहित
सूची देवें। इनमें
से जाति
प्रमाण पत्र
के कारण
कौन-कौन से
प्रकरण
कितने-कितने
दिवस लंबित
रहे। (ख) डी.एस.पी.
(अ.जा.क), जिला खरगोन
को वर्ष 2017 में कितने
आवेदन थाना, एस.पी.
कार्यालय, डी.आई.जी.
कार्यालय से
कब-कब प्राप्त
हुए। आवेदनकर्ता
के नाम व पता, आरोपी
के नाम व पता
सहित दिनांकवार
सूची देवें। इन
आवेदनों पर की
गई कार्यवाही
की जानकारी देवें।
यदि कोई आवेदन
लंबित है तो
कारण सहित
बतायें तथा
कारण दूर करने
के प्रयासों
की प्रमाणित
जानकारी
देवें। (ग) विगत
3
वर्षों में खरगोन
जिलान्तर्गत
अ.जा./अ.ज.जा.
फरियादी पर
अत्याचार से
हुए जीवन हानि, संपत्ति
हानि की सीमा
निर्धारण
हेतु किस-किस प्रकरण
में कौन-कौन
से अधिकारी
द्वारा कब-कब
स्थल
निरीक्षण
किया गया। निरीक्षण
अधिकारी
संबंधित
नीति/निर्देश
की प्रति
देवें। क्या एस.डी.ओ.पी.
द्वारा स्थल
निरीक्षण
किया जाना
नीति अनुरूप
है? (घ)
अन्वेषक
अधिकारी
द्वारा 30 दिन में
अन्वेषण कर
पुलिस
महानिदेशक को
रिपोर्ट
भेजने वाले
प्रकरण की
सूची फरियादी
के नाम सहित
देवें। 30 दिन से अधिक
समयावधि वाले
अन्वेषक
अधिकारियों
की सूची
अधिकारी के
नाम, पद, फरियादी
एवं आरोपी के
नाम सहित
देवें।
गृह मंत्री (
श्री
भूपेन्द्र
सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे गये
परिशिष्ट के प्रपत्र
''अ'' अनुसार
है। (ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे गये
परिशिष्ट के प्रपत्र
''ब'' अनुसार
है। (ग) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे गये
परिशिष्ट के प्रपत्र
''स'' अनुसार
है। निरीक्षण
अधिकारी
संबंधित नीति/निर्देश
की प्रति
बावत्
अनुसूचित
जाति और अनु.
जनजाति (अत्याचार
निवारण) नियम
के बिन्दु-6 की
प्रति
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''द'' अनुसार
है। जी हाँ, एस.डी.ओ.
द्वारा स्थल
निरीक्षण
किया जाना उक्त
नियम के
अनुरुप है। (घ) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''ई'' एवं ''एफ'' अनुसार
है।
ड्रिप बंडलों के प्रकरणों की स्थिति
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
4. ( क्र. 47 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2017 में निरीक्षक, नापतौल विभाग, खरगोन द्वारा जिन ड्रिप बण्डलों के प्रकरण बनाये गये थे, उन दुकानदारों के नाम, पता, दुकान का नाम, विभागीय नोटिस क्रमांक एवं दिनांक सहित सूची देवें। विभागीय नोटिस पर दुकानदार/कंपनी द्वारा देय जवाब का विवरण एवं जवाब उपरांत की गई कार्यवाही की जानकारी देवें। (ख) उक्त प्रकरणों में यदि समझौता हुआ है तो विवरण देवें। जमा पेनल्टी राशि की रसीद/चालान की प्रति देवें। लंबित प्रकरण की वर्तमान स्थिति सहित प्रकरणवार सूची देवें। (ग) प्रश्न दिनांक तक खरगोन जिले के कितने प्रकरण न्यायालय में प्रचलित हैं तथा कितने प्रकरण समझौता स्तर पर प्रचलित हैं। दुकान का नाम व पता, दुकानदार का नाम सहित सूची देवें।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' पर प्रकरणों के समझौते/लंबित रहने की स्थिति भी दर्शाई है, समझौते से निराकृत क्रमांक 13 में अंकित प्रकरण जमा राशि रूपये 5000/- का चालान पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) न्यायालय में 04 एवं समझौते हेतु 41 प्रकरण प्रचलित है। जिनका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -''स'' अनुसार है।
रेशम नीति का क्रियान्वयन
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
5. ( क्र. 48 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रेशम संचालनालय द्वारा विभिन्न योजनाओं में कीटपालकों को अनुदान संबंधी नीति/निर्देश की प्रति देवें। खरगोन जिले में विगत 3 वर्षों में कितने कीटपालकों को कितनी राशि का अनुदान दिया गया है? (ख) क्या रेशम संचालनालय द्वारा कीटपालकों को अनुदान देने से पूर्व प्रत्येक किसान से अनुबंध कराए गए थे? यदि हाँ, तो कोई भी 5 किसानों के साथ हुए अनुबंध की प्रति देवें। (ग) रेशम संचालनालय द्वारा रेशम किसानों, धागाकरण महिलाओं, रेशम धागाकरण उद्यमियों, व्यावसायिक चाकी उत्पादकों, नर्सरी उत्पादकों, ककून उत्पादन एवं विक्रय संबंधी विभागीय नीति की प्रति देवें। (घ) केन्द्रीय रेशम बोर्ड के मानक अनुसार प्रति एकड़ ककून उत्पादन कितना होना चाहिए, खरगोन जिले में प्रति एकड़ कितना उत्पादन हो रहा है। वर्ष 2013 से 2016 तक वर्षवार, जानकारी देवें।
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) रेशम संचालनालय द्वारा विभिन्न योजनाओं में कीटपालकों को अनुदान संबंधी नीति/निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। खरगोन जिले में विगत तीन वर्षों में 279 कृमपालकों को राशि रूपये 364.8525 लाख का अनुदान दिया गया। (ख) जी हाँ। पांच किसानों से कराये गये अनुबंध की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) रेशम संचालनालय द्वारा रेशम किसानों, धागाकरण, महिलाओं, रेशम धागाकरण उद्यमियों, व्यावसायिक चाकी उत्पादकों, नर्सरी उत्पादकों, ककून उत्पादन एवं विक्रय संबंधी विभागीय नीति की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) केन्द्रीय रेशम बोर्ड के मानक अनुसार ककून उत्पादन बाई वोल्टाईन स्वस्थ समूह का 420 किलोग्राम एवं मल्टीवोल्टाईन स्वस्थ समूह का 468 क्रिलोग्राम प्रति एकड़ होना चाहिए। खरगोन जिले में प्रति एकड़ उत्पादन की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है।
समूह जल प्रदाय योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
6. ( क्र. 75 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता हेतु ग्रामीण क्षेत्रों के लिये जल निगम द्वारा समूह जल प्रदाय योजनाएं पूरे प्रदेश भर में आवश्यकताओं को दृष्टिगत रख बनाई जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो क्या जावरा तहसील एवं पिपलौदा तहसील विगत कई वर्षों से जल अभावग्रस्त होकर जल स्तर 1000 से 1200 फीट नीचे चले जाने के कारण डार्क जोन भी घोषित की गई है? (ग) यदि हाँ, तो क्या पिपलौदा एवं जावरा तहसील को समूह जल प्रदाय योजना में लाबरिया डेम (धार) से जोड़ा गया था एवं कतिपय कारणों से पुन: दोनों तहसीलों को पृथक किया गया है? (घ) यदि हाँ, तो गांधी सागर डेम (नीमच) से बनने वाली योजना में दोनों तहसीलों को डेम नजदीक होने के कारण समूह योजना में जोड़े जाने हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) धार जिले के माही बांध आधारित 872 ग्रामों की माही समूह जल प्रदाय योजना अनुमानित लागत रु.1481.79 करोड़ की डी.पी.आर. तैयार की गई है, जिसमें पिपलोदा एवं जावरा तहसील के ग्रामों को जोड़ा गया है। वर्तमान में दोनों तहसीलों को पृथक नहीं किया गया है। (घ) वर्तमान में दोनों तहसीलों को गांधीसागर डेम से बनने वाली योजना में सम्मिलित करने का प्रस्ताव शासन के विचाराधीन नहीं है।
श्रमिक विद्यालय की स्थापना
[श्रम]
7. ( क्र. 76 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्रमिक, मजदूर परिवारों के नौनिहालों हेतु शासन/विभाग द्वारा उनके अध्ययन अध्यापन हेतु श्रमिक विद्यालय प्रदेश भर में प्रारंभ किये जाने का निर्णय लिया गया है? (ख) यदि हाँ, तो रतलाम जिलान्तर्गत क्या पूर्व में भी श्रमिक विद्यालय प्रारंभ किये गये थे? क्या वे संचालित हो रहे हैं अथवा बंद हो गये हैं या अन्य स्वयं सेवी संस्थाओं के माध्यम से संचालित किये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ, किन-किन स्थानों पर? (ग) अवगत कराए कि नवीन श्रमिक विद्यालय प्रारंभ किये जाने हेतु मापदण्ड क्या-क्या रखे गये हैं? इनमें छात्र-छात्राओं की संख्या कितनी रहेगी, भवन इत्यादि की व्यवस्था किस प्रकार सुनिश्चित होगी? एक स्थान के लिये बजट कितना रखा गया? (घ) जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत दो जनपद, एक नगर पालिका,एक नगर परिषद क्षेत्र होकर श्रमिक बाहुल्य क्षेत्र भी है तो क्या जावरा नगर मुख्यालय क्षेत्र एवं जिले का बड़ा केन्द्र होने से श्रमिक विद्यालय की स्थापना हेतु जावरा नगर को कार्य योजना में सम्मिलित किया गया है?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी, नहीं। म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चों के अध्ययन हेतु भोपाल, इंदौर, जबलपुर एवं ग्वालियर जिले में श्रमोदय विद्यालय प्रारंभ किये जाने का निर्णय लिया गया है। (ख) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत रतलाम जिले में कोई भी विद्यालय संचालित नहीं किया गया हैं। (ग) चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं।
राजस्व प्रकरणों का निराकरण
[राजस्व]
8. ( क्र. 83 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक तक रीवा जिले में राजस्व संबंधित नामांतरण एवं बंटवारे के कितने-कितने प्रकरण किस-किस राजस्व अधिकारी के कार्यालय में लंबित हैं? (ख) क्या दिनांक 7 सितम्बर 2017 को माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा समाधान ऑनलाईन के अंतर्गत रीवा जिले की नईगढ़ी तहसील के अंतर्गत ग्राम दुबहा के रहवासी के प्रकरण में राजस्व अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही करने एवं एफ.आई.आर. दर्ज करने के निर्देश दिये गए थे? (ग) माननीय मुख्यमंत्री महोदय के निर्देश के बाद क्या पीडि़त को भूमि का आधिपत्य प्रदान कर दिया गया है? (घ) माननीय मुख्यमंत्री महोदय के निर्देश के बाद रीवा जिले के नईगढ़ी तहसील के किन-किन अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई एवं किन-किन के विरूद्ध इस प्रकरण में एफ.आई.आर. दर्ज की गई? नाम, पदनाम सहित बताया जाए। (ड.) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित प्रकरण में किस अधिकारी द्वारा जाँच की गई है एवं जाँच में दोषी पाए गए अधिकारियों/कर्मचारियों एवं दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) प्रश्न दिनांक तक रीवा जिले में 2891 नामान्तरण एवं 3946 बंटवारा के प्रकरण विभिन्न न्यायालयों में प्रचलित हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) माननीय मुख्यमंत्री महोदय के निर्देश के बाद प्रकरण में निराकरण के पश्चात आवेदक सुमनधर शर्मा पिता प्रभुनाथधर शर्मा निवासी दुबहा के नाम आ.न. 148/1 रकवा 0.340,146/2 रकवा 0.046 हे. में आवेदक का नाम भू-अभिलेख में दुरूस्त कराकर खसरा नकल एवं ऋणपुस्तिका प्रदाय किया जा चुका है। (घ) माननीय मुख्यमंत्री महोदय के निर्देश के बाद श्री नन्हेलाल वर्मा तत्कालीन तहसीलदार नईगढ़ी एवं कृषक देवेन्द्रधर दुबे के विरुद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई है तथा ओंकारनाथ मिश्रा तत्कालीन पटवारी हल्का मुडिला एवं रामबहाल माझी पटवारी हल्का अकौरी को निलंबित किया गया है जिनके विरुद्ध विभागीय जाँच प्रचलित है। (ड.) प्रकरण में अनुविभागीय अधिकारी मउगंज दारा जाँच की गई तथा जाँच में दोषी पाये गये अधिकारी श्री नन्हेलाल वर्मा तत्कालीन तहसीलदार नईगढ़ी को शासन द्वारा निलम्बित किया गया। फलस्वरूप उनके विरुद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई एवं तत्कालीन पटवारी ओकारनाथ मिश्रा पटवारी हल्का मुडिला एवं रामबहाल माझी पटवारी हल्का अकौरी को निलंबित किया जाकर विभागीय जाँच संस्थित की गयी।
पुलिस कर्मचारियों/अधिकारियों का स्थानान्तरण
[गृह]
9. ( क्र. 114 ) श्री कैलाश चावला : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय गृह मंत्री जी द्वारा विधानसभा सत्र में 5 वर्ष से अधिक समयावधि में एक ही जिले में पदस्थ पुलिस कर्मचारी/अधिकारियों को अन्यत्र स्थानान्तरित किए जाने की घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो उक्त घोषणा के प्रकाश में गृह विभाग द्वारा आदेश किस दिनांक को जारी किए गए हैं? (ख) यदि आदेश जारी नहीं किए गए तो उसके क्या कारण हैं? उक्त आदेश जारी कर कब तक क्रियान्वित कर दिए जावेंगे?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) विधान सभा सत्र फरवरी 2017 में ध्यानाकर्षण सूचना क्रमांक 260 के परिप्रेक्ष्य में आश्वासन क्रमांक 336 सदन दिनांक 06.03.2017 गृह विभाग में प्राप्त हुआ था, जिसके अनुसार नीमच में पाँच वर्ष से एक ही स्थान पर पदस्थ पुलिस अधिकारियों/ कर्मचारियों का स्थानांतरण किया जाना था। आश्वासन के पालन के संबंध में नीमच जिले में पदस्थ अधिकारियों/कर्माचारियों की पदस्थापना के संबंध में दिनांक 30.06.2017 की स्थिति में समीक्षा की गई। जिले में उपनिरीक्षक आर.एस.बिलवाल थाना अ.जा.क. पर 05 वर्ष से अधिक अवधि से पदस्थ है, किन्तु उनकी सेवानिवृत्ति निकट होने से उन्हें अन्यत्र पदस्थ नहीं किया गया। इनके अतिरिक्त जिले में एक ही थाने पर 05 वर्ष से अधिक अवधि से कोई भी अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ नहीं है। (ख) उत्तरांश ''क’’ के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विशेष राजस्व अभियान में नामान्तरण बंटवारे के प्रकरणों का निराकरण
[राजस्व]
10. ( क्र. 116 ) श्री कैलाश चावला : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजस्व वर्ष 2015-16, 2016-17 व 2017-18 में नीमच जिले में विशेष राजस्व अभियान चलाकर नामान्तरण बंटवारे के कितने प्रकरणों का निराकरण किया गया है? (ख) नामान्तरण बंटवारे के कितने प्रकरण लंबित हैं? एक वर्ष से अधिक अवधि के प्रकरणों की संख्या कितनी है? लंबित प्रकरणों का निराकरण कब तक कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) नीमच जिले में राजस्व वर्ष 2015-16 में नामांतरण प्रकरण 6474 वर्ष 2016-17 में 10763 एवं 2017-18 में 352 नामांतरण प्रकरणों का निराकरण किया गया। वर्ष 2015-16 में बंटवारा प्रकरण 1067 वर्ष 2016-17 में 1301 व 2017-18 में 164 बंटवारा प्रकरणों का निराकरण किया गया। (ख) नीमच जिले में लंबित नामांतरण के कुल 428 प्रकरण तथा बंटवारे के 181 प्रकरण लंबित है। एक वर्ष से अधिक प्रकरणों की संख्या निरंक है। लंबित प्रकरणों का निराकरण शीघ्र किया जायेगा।
विभागीय योजनाओं के संबंधी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
11. ( क्र. 119 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष जनवरी 2015 से अक्टूबर 2017 तक विभाग द्वारा आलोट विधानसभा क्षेत्र में किस-किस योजना मद में कहाँ-कहाँ, कितनी-कितनी राशि व्यय कर कौन-कौन से कार्य स्वीकृत कर कार्य संपन्न कराए गए हैं? (ख) किस-किस योजना के कौन-कौन से कार्य संपन्न नहीं हो सके अथवा अब तक किस कारण से अधूरे हैं? पूर्ण जानकारी दें। (ग) कितनी योजनाओं की कितनी राशि लेप्स हुई अथवा अब तक व्यय नहीं की जा सकी वर्षवार ब्यौंरा दें तथा जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही की गई?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकाल में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) योजनाओं में कोई राशि लैप्स नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जिला राजगढ़ को सूखा ग्रस्त घोषित करना
[राजस्व]
12. ( क्र. 140 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला राजगढ़ में वर्ष 2017 के मानसून सत्र में सामान्य से कम वर्षा हुई है? यदि हाँ, तो जिला राजगढ़ को सूखाग्रस्त घोषित क्यों नहीं किया गया? यदि नहीं, तो, तहसीलवार प्रतिदिन वर्षा के आंकड़ों से अवगत करावें एवं राजगढ़ जिले के सामान्य वर्ष के विरुद्ध इस वर्ष की औसत वर्षा कितनी हुई? (ख) क्या जिला राजगढ़ में आने वाले ग्रीष्म ऋतु में जनसामान्य को पेयजल एवं रबी फसल को सिंचित करने हेतु पर्याप्त जल संसाधन उपलब्ध है? यदि हाँ, तो संसाधनों के विवरण से अवगत करावें एवं क्या कलेक्टर राजगढ़ द्वारा पेयजल की समस्या को देखते हुए नवीन नलकूप खनन पर रोक लगायी गयी है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति देवें? (ग) यदि प्रश्नांश (क) एवं (ख) का उत्तर जल संकट को दर्शाता है तो क्या शासन जिला राजगढ़ को सूखाग्रस्त घोषित करने पर विचार करेगा? यदि नहीं, तो क्यों नहीं, कारण से अवगत करावें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) संशोधित सूखा मेन्युल 2016 के अनुसार सामान्य वर्षा से कम वर्षा तथा सूखा अवधि होना अनिवार्य हैं। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार मध्यप्रदेश में वर्षा की जानकारी प्राप्त की गई हैं। जिसमें दिनांक 01.06.2017 से 30.09.2017 तक की अवधि में जिला राजगढ़ में वर्षा में विचलन (-7) हैं, जो कि भारतीय मौसम विभाग की सामान्य श्रेणी में सम्मिलित किया गया हैं तथा सूखा अवधि न होने से राजगढ़ जिला मापदण्ड पूर्ण नहीं करता हैं। राज्य स्तरीय सूखा मॉनिटरींग समिति द्वारा सभी वैज्ञानिक मापदण्डों के विवेचना के पश्चात जिला राजगढ़ के निर्धारित मापदण्ड पूरा नहीं करने से सूखा घोषित नहीं किया गया हैं। तहसीलवार जानकारी संलग्न हैं। (ख) जी हाँ। संशाधनों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’’ अनुसार है। जी हाँ। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’ब’’ अनुसार है। (ग) सूखा मैन्युल 2016 के अनुसार वैज्ञानिक मापदण्डों को पूर्ण करने के पश्चात ही जिले को सूखा घोषित किया जाता है।
योजनावार आय व्यय की जानकारी
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
13. ( क्र. 147 ) श्री संजय उइके : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन्द्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं में विभाग को बजट प्राप्त होता है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2008-09 से प्रश्न दिनांक तक योजनावार कुल कितनी राशि प्राप्त हुई एवं कुल कितना व्यय किया गया बतावें? (ग) बालाघाट जिले की प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में केन्द्र एवं राज्य सरकार की कौन-कौन सी योजना में कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई एवं कितनी राशि व्यय की गई? वित्तीय वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार जानकारी देवें?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है।
विभाग को प्राप्त आवंटन एवं व्यय
[पशुपालन]
14. ( क्र. 148 ) श्री संजय उइके : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन्द्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं में विभाग को बजट प्राप्त होता है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2008-09 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितनी राशि प्राप्त हुई एवं कुल कितना व्यय किया गया? योजनावार बतावें। (ग) बालाघाट जिले की प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में केन्द्र एवं राज्य सरकार की कौन-कौन सी योजना में कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई एवं कितनी राशि व्यय की गयी? वित्तीय वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार जानकारी देवें?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब‘ अनुसार है।
तालाबों का निर्माण
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
15. ( क्र. 184 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत वित्तवर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16,2016-17 एवं 2017-18 में कितने तालाब निर्माण स्वीकृत किये गये? सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या स्वीकृत समस्त तालाब निर्माण किये जा चुके हैं? यदि हाँ, तो सूची उपलब्ध करावें, यदि नहीं, तो इनके निर्माण पूर्ण किये जाने की समय-सीमा बतावें? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार जिन तालाबों का निर्माण किया जा चुका है, उन्हें नहरों से पानी उपलब्ध कराने हेतु कोई कार्ययोजना तैयार की गई? यदि हाँ, तो अवगत करावें, यदि नहीं, तो क्यों नहीं। (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत कितने तालाबों में मछली पालन किया जा रहा है? सूची प्रदान करें। क्या जिन तालाबों में मछली पालन किया जा रहा है उन तालाबों का ठेका नियमानुसार प्रदान किया गया? यदि हाँ, तो 2013 से वर्तमान तक किन-किन तालाबों का, कब-कब, किसे-किसे, कितने-कितने समय के लिए ठेका प्रदान किया गया? सूची प्रदान करें।
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) विधान सभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत वित्त वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 में कोई तालाब निर्माण स्वीकृत नहीं किये गये है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश "क" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश "ख" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
संनिर्माण कर्मकार मंडल में सेवा शर्तें
[श्रम]
16. ( क्र. 229 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 26-07-2017 के प्रश्न क्रमांक 2347 के प्रश्नांश (घ) का उत्तर जी हाँ दिया गया है। तो म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मंडल में संविदा में नियुक्त कर्मचारियों की जाँच हेतु कब और किसको जाँच अधिकारी नियुक्त किया गया? जाँच प्रतिवेदन कब प्राप्त हुआ? जाँच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध कराये तथा बताएं कि प्रतिवेदन अनुसार क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी और अब तक न करने के क्या कारण है? (ग) प्रश्नांश (क) के नियुक्त कर्मचारियों को मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल सेवा की अन्य शर्तें नियम 2011 के अनुरूप मंडल के अनुमोदन की प्रति तथा सेवा शर्तों की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) उपकर संग्रहण की राशि 25 बैंक में रखने का क्या औचित्य है? क्या यह सही है कि कई बैंक ऐसे हैं जिनमें ब्याज अधिक मिलती है फिर भी उसमें राशि जमा न कर पृथक-पृथक बैंकों में जमा की गई? इसके लिये कौन उत्तरदायी है? क्या शासन इसकी जाँच कराएगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो? कारण बताएं।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) दिनांक 26.07.2017 के प्रश्न क्रं. 2347 के प्रश्नांश ''घ'' के प्रत्युत्तर ''जी हाँ'' द्वारा मण्डल में नियुक्त कर्मचारियों को रखने में आरक्षण नियम एवं भर्ती नियम का पालन किये जाने की स्वीकारोक्ति दी गयी है। उक्त स्वीकारोक्ति के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश ''क'' में चाही गयी कार्यवाही की स्थिति उत्पन्न नहीं होती है। (ख) चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत विभिन्न राष्ट्रीकृत बैंकों में उपकर राशि जमा किये जाने का प्रावधान है। उपरोक्त बैंकों में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा समय-समय पर लागू ब्याज दरों पर राशि जमा की जाती है। अत: प्रश्नांश की शेष जानकारी का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अधिग्रहित भूमि की राशि का मुआवज़ा
[राजस्व]
17. ( क्र. 230 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 24 जुलाई 2017 के ता. क्रमांक 2348 के प्रश्नांश (ख) का उत्तर कलेक्टर पन्ना द्वारा भू-अर्जन अधिनियम 2013 की धारा 11 अंतर्गत अधिसूचना प्रकाशन की कार्यवाही की जा चुकी है। भू-अर्जन हेतु शासकीय औपचारिकताएं पूर्ण करने के पश्चात राशि भुगतान की कार्यवाही की जावेगी। अत: राशि भुगतान की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है, दिया गया है, तो पन्ना कलेक्टर द्वारा भू-अर्जन हेतु क्या-क्या औपचारिकताएं पूर्ण की गई? (ख) यदि नहीं, की गई तो अब तक न करने के लिए कौन दोषी है और कब तक पूर्ण कर ली जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग (भ/स) संभाग सतना सलैया से सलेहा मार्ग निर्माण हेतु ग्राम सलेहा तहसील गुनौर की 1.32 हे. निजी भूमि के अर्जन एवं रीछुल से तलैया मार्ग निर्माण हेतु ग्राम सलेहा तहसील गुनौर की 1.32 हे. निजी भूमि के अर्जन हेतु दो प्रस्ताव प्राप्त हुये थे जिस पर भू-अर्जन पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 की धारा 11 के अंतर्गत अधिसूचना का प्रकाशन म.प्र. राजपत्र में कराये जाने हेतु संबंधित विभाग के माध्यम से नियंत्रक म.प्र. शासन को भेजी गई थी एवं विभाग को भू अर्जन की राशि जमा करने हेतु कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग (भ/स) संभाग सतना को पत्र दिनांक 22/4/17 जारी किया गया था परंतु विभाग द्वारा आज दिनांक तक राजपत्र की प्रति सहित अधिनियम की धारा 19 का प्रस्ताव प्रस्तुत नहीं किया गया और न ही राशि जमा की गई। (ख) कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग (भ/स) संभाग सतना द्वारा अधिनियम की धारा 11 के राजपत्र में प्रकाशन की सूचना सहित अधिनियम की धारा 19 का प्रस्ताव प्रस्तुत नहीं किया और न ही राशि जमा की गई। संबंधित विभाग द्वारा प्रस्ताव प्रस्तुत करने एवं भू-अर्जन की राशि जमा करने पर समस्त औपचारिकतायें पूर्ण कर ली जावेगी।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा किए गए बोरिंग कार्य
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
18. ( क्र. 279 ) श्री पन्नालाल शाक्य : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या गुना जिले में पानी की काफी कमी है और जिले के कलेक्टर द्वारा बोरिंग कार्य पर प्रतिबंध भी लगाया गया है एवं इसके बावजूद बोरिंग कार्य करवाये जा रहे है? यदि हाँ, तो किस सक्षम अधिकारी के आदेश से बोरिंग कार्य करवाये जा रहे हैं? (ख) क्या जो सक्षम अधिकारी बगैर आदेश के बोरिंग कार्य करा रहे हैं ऐसे अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही करेंगे?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। कलेक्टर जिला गुना द्वारा दिनांक 23.09.2017 से पेयजल परिरक्षण अधिनियम लागू कर केवल निजी नलकूप खनन हेतु अस्थाई प्रतिबंध किया गया है। जी हाँ। निजी नलकूप खनन हेतु संबंधित सहायक यंत्री की सहमति पर संबंधित अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को अनुमति देने के लिये अधिकृत किया गया है। (ख) जी नहीं, प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
पेयजल समस्या के निदान हेतु कार्य योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
19. ( क्र. 291 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश शासन ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी खण्ड जिला जबलपुर को किस-किस योजना मद में कितनी-कितनी राशि आवंटित की है एवं कितनी-कितनी राशि व्यय हुई वर्ष 2015-16 से 2017-18 तक की जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) में कितने हैण्डपंप चालू, बंद, बेकार व बिगड़े पड़े हैं? कितने हैण्डपंपों का सुधार कार्य कराया गया? इस पर कितनी राशि व्यय हुई? उपखण्डवार जानकारी दें? (ग) वर्तमान में जबलपुर जिले का औसत जल स्तर कितना है? जलस्तर गिरने के कारण कितने हैण्डपंप बंद हो गये हैं? इन बंद हैण्डपंपों को चालू करवाने हेतु क्या कार्ययोजना बनाई गई है? (घ) जबलपुर जिले में कितनी नल-जल योजनाएं बंद हैं एवं क्यों? विभाग ने आगामी गर्मी में पेयजल समस्या के निदान हेतु क्या कार्ययोजना बनाई है? सबसे अधिक पेयजल समस्याग्रस्त कितनी ग्राम पंचायतें हैं? उपखण्डवार जानकारी दें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) औसत जलस्तर 30.5 मीटर है। 169 हैण्डपंप बंद हो गये हैं। इन बंद हैण्डपंपों को चालू करने हेतु राइजर पाइप बढ़ाने एवं हैण्डपंप निकालकर सिंगलफेस मोटरपंप स्थापित कर पेयजल उपलब्ध करवाने की कार्ययोजना है। (घ) 58 नल-जल योजनाएं विभिन्न कारणों जैसे 34 स्रोत असफल, 6 मोटरपंप खराब, 7 पाइप लाइन क्षतिग्रस्त, 8 विद्युत विच्छेद होने एवं 3 योजनाएं ग्राम पंचायत द्वारा नहीं चलाने से बंद हैं। आगामी ग्रीष्म ऋतु के दौरान जलस्तर नीचे जाने से बंद हैण्डपंपों में राइजर पाइप बढ़ाने एवं हैण्डपंप निकालकर सिंगलफेस मोटरपंप स्थापित कर पेयजल उपलब्ध करवाने की कार्ययोजना है। वर्तमान में कोई भी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पानी से उत्पन्न बीमारियों की रोकथाम किया जाना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
20. ( क्र. 292 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या किसी भी जल स्त्रोत के एक लीटर पानी में फ्लोराइड की मात्रा 0.6 मिलीग्राम से कम और 1.5 मिली ग्राम से अधिक होने पर वह पानी मानवीय स्वास्थ्य के लिये हानिकारक है? यदि हाँ, तो इससे मुख्य रूप से कौन सी बीमारियां होती हैं? (ख) जबलपुर शहर में व जिले की किन-किन ग्राम पंचायतों में फ्लोराइड की मात्रा निर्धारित सीमा से अधिक है? जिला प्रशासन व लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने पानी को साफ करने के लिये डी-फ्लोराइडेशन मशीन लगाने हेतु क्या कार्यवाही/व्यवस्था की है? बतलावें। (ग) क्या जबलपुर शहर की ऊंची बस्तियों में अभी भी बोरिंग का पानी टेंकर के माध्यम से सप्लाई हो रहा है? इसे डी फ्लोराइडेशन नहीं किया जाता है? यदि हाँ, तो क्यों? जिला प्रशासन व लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने वैकल्पिक पेय जल योजनाओं का क्रियान्वयन, फ्लोराइड को खत्म करने के लिये डीफ्लोराइडेशन संयंत्र लगाने के क्या प्रयास किये हैं? इसके लिये क्या योजना बनाई है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। फ्लोराइड की मात्रा 0.8 मिलीग्राम प्रति लीटर से कम होने पर डेन्टल केरीज एवं 1.5 मिलीग्राम प्रति लीटर से अधिक होने पर फ्लोरोसिस नामक बीमारी हो सकती है। (ख) जबलपुर शहर में फ्लोराइड निर्धारित सीमा के अंतर्गत है अतः डी-फ्लोरीडेशन प्लान्ट की आवश्यकता नहीं है। ग्राम पंचायतों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। ग्रामों में उपलब्ध अन्य सुरक्षित पेयजल स्रोतों के माध्यम से ग्रामवासियों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध होने के कारण डीफ्लोराइडेशन संयंत्र स्थापना हेतु अभी कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ग) जी हाँ। ऊंची बस्तियों में अभी भी बोरिंग का पानी टेंकर के माध्यम से पेयजल की सप्लाई की जाती है, जिसमें फ्लोराईड की मात्रा निर्धारित अधिकतम सीमा के अंदर है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
खाद्यान्न एवं केरोसिन तेल वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
21. ( क्र. 326 ) श्री संजय शर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय उचित मूल्य की दुकानों से राशन एवं केरोसिन तेल वितरण के संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश हैं? कितनी तारीख तक खाद्यान्न एवं केरोसिन तेल का वितरण होना चाहिए? (ख) परिवहनकर्ता ठेकेदार द्वारा दुकानों पर कितनी तारीख तक अनुबंध अनुसार खाद्यान्न एवं केरोसिन तेल पहुंचाना चाहिए? (ग) 1 जनवरी 16 से नवम्बर 17 तक रायसेन जिले में परिवहनकर्ता द्वारा प्रतिमाह किन-किन तारीखों में खाद्यान्न एवं केरोसिन तेल पहुंचाया। विलम्ब का क्या कारण है? शासन ने क्या-क्या कार्यवाही की? (घ) 1 जनवरी 16 से नवम्बर 17 की अवधि में रायसेन जिले की किन-किन दुकानों से उपभोक्ताओं को किन-किन तारीखों में खाद्यान्न एवं केरोसिन तेल दिया गया? विलम्ब का क्या कारण है? शासन ने क्या-क्या कार्यवाही की?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश 2015 की कंडिका 11 अनुसार प्रत्येक माह के प्रथम कार्य दिवस से राशन सामग्री वितरण का प्रावधान है। तकनीकी मापदंडो की अपेक्षाओं के लिये माह में आवश्यक दिनों (मशीन पर पात्रता डाउनलोड हेतु) को छोड़कर प्रत्येक कार्य दिवस में राशन सामग्री वितरण के निर्देश है। (ख) मध्यप्रदेश सिविल सप्लाइज कार्पोरेशन के परिवहनकर्ता ठेकेदार द्वारा परिवहन कार्यादेश में उल्लेखित अवधि के भीतर उचित मूल्य दुकानो पर सामग्री (खाद्यान्न एवं नमक) पहुँचाना चाहिए। केरोसिन का प्रदाय आयुक्त खाद्य द्वारा नियत की गई समयावधि के भीतर परिवहनकर्ता केरोसिन थोक विक्रेता द्वारा किया जाना चाहिए। (ग) रायसेन जिले में प्रश्नांकित अवधि में मध्यप्रदेश सिविल सप्लाइज कार्पोरेशन के परिवहनकर्ता द्वारा पहुँचाए गए खाद्यान्न की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार एवं केरोसिन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। जिले के रायसेन एवं बेगमगंज अनुविभाग में अनुबंधित परिवहनकर्ता द्वारा परिवहन हेतु पर्याप्त वाहन नहीं लगाये जाने से विलंब हुआ, जिसके फलस्वरूप उन्हे अनुबंधकर्ता अधिकारी द्वारा कारण बताओं सूचना जारी कर अनुबंध की शर्तों के अनुरूप कार्यवाही की जा रही है। (घ) प्रश्नांकित अवधि में उचित मूल्य दुकानों से वितरित खाद्यान्न की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार एवं वितरित केरोसिन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। उपार्जन अवधि में विक्रेताओं के उपार्जन कार्य में संलग्न होने से विलंब से उपभोक्ताओं को राशन एवं केरोसिन वितरण का तथ्य प्रकाश में आया था। अत: संबंधित समिति प्रबंधक/विक्रेताओं के विरूद्ध सक्षम न्यायालय में प्रकरण पंजीबद्ध किए गए एवं क्षेत्र के प्रभारी कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी/सहायक आपूर्ति अधिकारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की गई।
गैस कनेक्शन वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
22. ( क्र. 327 ) श्री संजय शर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के अंतर्गत गैस कनेक्शन वितरण हेतु क्या-क्या निर्देश हैं। रायसेन जिले में SECC 2011 सूची अनुसार कितने परिवारों को गैस कनेक्शन दिये गये? विकासखण्डवार संख्या बतायें। (ख) SECC 2011 में जिन परिवारों के नाम त्रुटिवश रह गये या गलत टाईप हो गये उनमें सुधार हेतु शासन के क्या-क्या निर्देश है? क्या प्रक्रिया है? (ग) नवम्बर 17 की स्थिति में रायसेन जिले में कितने परिवारों को गैस कनेक्शन दिये गये? विकासखण्डवार संख्या बतायें। कितने आवेदन पत्र स्वीकृति हेतु लंबित हैं, कब तक उनका निराकरण होगा? (घ) रायसेन जिले में SECC 2011 सम्मलित सूची में से कितने आवेदन पत्र निरस्त किये गये तथा क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) प्रधानमंत्री उज्जवला योजनांतर्गत सामाजिक-आर्थिक एवं जाति जनगणना, 2011 में सर्वेक्षित परिवार के अंतर्गत ऐसे परिवार जो निर्धारित 7 श्रेणियों में से किसी भी एक वंचित श्रेणी के अंतर्गत आने वाले परिवारों को ही गैस कनेक्शन दिये जाने का प्रावधान है। जारी किए गए गैस कनेक्शन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) एस.ई.सी.सी. डाटा में सम्मिलित होने से जिन परिवारों के नाम छूट गये उनके नाम जोडने तथा टंकण त्रुटि के कारण दर्ज गलत नामों में सुधार करने हेतु भारत सरकार द्वारा प्रक्रिया निर्धारित नहीं किया गया है। (ग) रायसेन जिले में माह नवम्बर, 2017 की स्थिति में 65,502 गैस कनेक्शन जारी किये गये है। विकासखण्डवार जारी गैस कनेक्शन एवं लंबित आवेदनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। योजनांतर्गत भारत सरकार के निर्देशों के अनुसार गैस कनेक्शन प्रदाय हेतु आवदेन प्राप्त करना एवं उनका निराकरण एक सतत् प्रक्रिया होने के कारण लंबित आवेदनों के निराकरण की समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (घ) रायसेन जिले में एस.ई.सी.सी. डाटा में दर्ज परिवारों में से 4,655 आवेदन निरस्त किये गये। ये आवेदन आवेदक का बैंक खाता नंबर गलत होने, ए.एच.एल. टिन नंबर गलत होने अथवा न होने, दोहरे आवेदन प्रस्तुत करने, परिवार के सभी सदस्यों द्वारा आधार नंबर उपलब्ध न कराने एवं हितग्राही के पास पूर्व से गैस कनेक्शन होने के कारण निरस्त किये गये है।
नवीन वेतन एवं भत्ते का निर्धारण किया जाना
[राजस्व]
23. ( क्र. 342 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा जुलाई सत्र 2017 में प्रश्न 135 (क्र. 3014), दिनांक 26.07.2017 के माध्यम से छिन्दवाड़ा जिले की विभिन्न तहसीलों में कार्यरत खण्ड लेखकों की जानकारी व खण्ड लेखकों को स्थायीकर्मी का पदनाम देकर नवीन वेतन एवं भत्ते का निर्धारण करने व वेतन संबंधी आवंटन प्राप्त न होने संबंधी प्रश्न पूछा गया था, जिस पर जानकारी एकत्रित की जा रही है, जबाव दिया था, तो अभी तक क्या-क्या जानकारी एकत्रित की जा चुकी है? कार्यवाही सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) अगर अभी तक जानकारी एकत्रित नहीं की गई है तो इसका क्या कारण है तथा कब तक जानकारी एकत्रित करते हुए, अवगत करा दिया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) छिन्दवाड़ा जिले की तहसीलों में कार्यरत खण्ड लेखकों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। राजस्व विभाग द्वारा खण्ड लेखकों को कुशल श्रमिक का पारिश्रमिक भुगतान किये जाने हेतु दिनांक 23.08.2012 के आदेश है। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
रावनवाड़ा थाना को अतिशीघ्र प्रारंभ किये जाने हेतु
[गृह]
24. ( क्र. 343 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत पुलिस चौकी रावनवाड़ा को थाने में उन्नयन की स्वीकृति शासन द्वारा लगभग एक वर्ष पूर्व प्रदान की जा चुकी है परंतु क्या कारण है कि प्रश्न दिनांक तक भी थाने के उन्नयन के लिये कोई बजट प्राप्त नहीं हो पाया है? कब तक बजट प्रदान कर दिया जायेगा? (ख) रावनवाड़ा थाने के सुचारू रूप से संचालन हेतु पुलिस बल व अन्य स्टॉफ एवं अन्य औपचारिकताओं को कब तक पूर्ण करते हुए रावनवाड़ा थाने का प्रारंभ कर दिया जायेगा? (ग) रावनवाड़ा थाने हेतु नवीन भवन निर्माण की स्वीकृति कब तक प्रदान करते हुए राशि आवंटित कर दी जायेगी और भवन निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ कर दिया जायेगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) नवीन थाना रावनवाड़ा के उन्नयन के अन्तर्गत सी.सी.टी.एन.एस. हेतु राशि रूपये 5,38,226/- का बजट दिनांक 19.7.2017 को आवंटित किया गया। स्वीकृत बजट का पूर्ण उपयोग किया जा चुका है। (ख) म.प्र.राजपत्र में अधिसूचना के प्रकाशन दिनांक 10.02.2017 से रावनवाड़ा चौकी का थाने में उन्नयन किया गया। वर्तमान स्वीकृत/रिक्त बल की जानकारी निम्नानुसार हैः-
|
निरीक्षक |
उप निरीक्षक |
सहायक उप निरीक्षक |
प्रधान आरक्षक |
आरक्षक |
योग |
स्वीकृत बल |
0 |
1 |
4 |
9 |
19 |
34 |
उपलब्ध बल |
- |
1 |
3 |
2 |
9 |
15 |
(ग) वित्तीय व्यय समिति से अनुमोदन तथा प्रशासकीय स्वीकृति जारी होने के उपरान्त उपलब्ध संसाधनों के आधार पर निर्माण कार्य प्रारम्भ कराया जायेगा।
मूल निवासी प्रमाण पत्र
[राजस्व]
25. ( क्र. 379 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले में मूल निवासी प्रमाण पत्र बनाये जाने बाबत् क्या नियम है, क्या ड्राइविंग लायसेंस अथवा किराये नामे के आधार पर मूल निवासी बनाया जा सकता है? (ख) 01 अप्रैल 2017 के उपरांत प्रश्न दिनांक तक ड्राइविंग लायसेंस अथवा किराये नामे के आधार पर किन-किन व्यक्तियों के मूल निवासी बनाये गये? सूची उपलब्ध करायें। (ग) क्या अन्य प्रदेश के बेरोजगार युवक-युवतियां दतिया आकर ड्राइविंग लायसेंस बनवाकर उसके माध्यम से फर्जी शपथ पत्र देकर मूल निवासी बनवाकर म.प्र. में रोजगार प्राप्त कर हमारे प्रदेश के नौजवानों के हकों को प्रभावित कर रहे हैं? यदि नहीं, तो इसकी जाँच कराई जाये। (घ) क्या ऐसे फर्जी मूल निवासी निरस्त करने के आदेश जारी करेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) म.प्र.शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय क्रमांक सी 3-7/2013/1/3, भोपाल दिनांक 20 मई 2015 एवं सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक 3-7/2013/3-1, भोपाल,दिनांक 25.09.2014 के अनुसार। (ख) जानकारी निरंक है। (ग) इस संबंध में कोई भी शिकायत/आपत्ति प्राप्त होने पर जाँच करायी जावेगी। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर अनुसार।
दतिया जिले में संचालित गौशालाएं
[पशुपालन]
26. ( क्र. 382 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले में कुल कितनी गौशालायें हैं? ये गौशालायें किन-किन समितियों द्वारा संचालित हैं? इन गौशालाओं में कितने-कितने जानवर (गायें) हैं विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) उक्त गौशालाओं को 01 अप्रैल 2014 के उपरांत प्रश्न दिनांक तक शासन के किस-किस विभाग से कितनी-कितनी राशि किस-किस दिनांक को उपलब्ध कराई गई? उक्त राशि को किस-किस मद में व्यय किया गया? (ग) उक्त गौशालाओं में किस-किस दिनांक को उक्त अवधि में किन-किन पशु चिकित्सकों द्वारा जानवरों का परीक्षण किया गया उनके नाम/पद के साथ-साथ उक्त गौ-शालाओं के ऑडिट नोटों (Notes) की छायाप्रति उपलब्ध करायें। (घ) क्या सेवढ़ा विकासखण्ड के ग्राम दोहर स्थित गौशाला में जानवर न होने के बावजूद फर्जी दस्तावेज तैयार कर शासन से लाखों रूपये अनुदान के रूप में लिया गया? साथ ही उक्त गौशाला को एवार्ड दिये जाने का प्रस्ताव विभागवार भेजा गया है? यदि नहीं, तो इसकी जाँच कराई जायेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) दतिया जिले में कुल 05 गौशालायें हैं। गौशालाओं की समितिवार, गौवंशवार एवं विकासखण्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। उक्त राशि का व्यय गौवंश के भरण-पोषण एवं अन्य व्यवस्था हेतु किया गया है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार। (घ) जी नहीं। आचार्य विद्यासागर जीवदया गौसेवा सम्मान हेतु जिले से श्री केशव गौशाला संस्थान, दोहर, इंदरगढ़ का नामांकन जिला पशु कल्याण समिति, जिला दतिया की अनुशंसा के आधार पर प्रेषित किया गया है।
म.प्र. मानव अधिकार आयोग की अनुशंसाओं पर विचार
[गृह]
27. ( क्र. 391 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या किरनापुर जिला बालाघाट में दिनांक 13/05/2017 का हुए पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट में यह देखते हुए कि विस्फोट का मुख्य कारण मूलत: प्रशासनिक लापरवाही है, प्रत्येक मृतक के परिवार को 5-5 लाख रूपये दिये जाने हेतु क्या अनुशंसा की गयी है? (ख) यदि हाँ, तो क्या शासन मृतकों के परिवार को 5-5 लाख रूपये देने पर विचार करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) किरनापुर जिला बालाघाट में दिनांक 13.05.2017 को पटाखा फैक्टी में विस्फोट की घटना घटित नहीं हुई है। अत: मृतक के परिवार को 05-05 लाख रूपये दिए जाने का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
शासकीय कार्यक्रमों हेतु भुगतान
[राजस्व]
28. ( क्र. 403 ) श्री शान्तिलाल बिलवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ जिले में शासकीय कार्यक्रमों में टेंट, माईक व कुर्सी हेतु विगत 04 वर्षों में किस-किस विभाग द्वारा शासकीय कार्यक्रमों हेतु निविदा जारी की गई? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार निविदा जारी हुई तो किस निविदा कार की दर न्यूनतम होने पर शासकीय कार्य किस टेंट व्यवसायी से करवाया गया? क्या झाबुआ में संक्षिप्त निविदा जारी होकर एक व्यक्ति को जिला प्रशासन द्वारा लाभ पहुंचाने का कार्य किया गया है? (ग) क्या शासकीय कार्यक्रमों की निविदा जारी नहीं हुई? अगर निविदा जारी की गई तो कब-कब जारी हुई, अवगत करावें और शासकीय कार्यक्रमों पर कब-कब कितना-कितना भुगतान टेंट व्यवसायी को किया गया?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) राजस्व विभाग के अंतर्गत विगत 4 वर्षों में जिला झाबुआ संबंधी कोई निविदा जारी नहीं की गई है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में निरंक।
माप पुस्तिका उपलब्ध कराने
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
29. ( क्र. 415 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न क्रमांक 882, उत्तर दिनांक 07.12.2016 के प्रश्नांश (क) में वर्ष 2010-11 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त विभिन्न मदों की राशि से कराये गये कार्यों के मूल्यांकन एवं प्रश्नांश (घ) के उत्तर में कार्यों की जारी उपयोगिता प्रमाण-पत्र एवं पूर्णता प्रमाण-पत्र उपलब्ध कराया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में क्या जारी (उपलब्ध) कराये गये उपयोगिता एवं पूर्णता के कार्यों का विवरण माप पुस्तिका में दर्ज किये गये हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में माप पुस्तिका में माप दर्ज यदि नहीं, किये गये तो इसके लिये कौन-कौन दोषी हैं? दोषी के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? नहीं, की गई तो क्यों? की जावेगी तो क्या एवं कब तक?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) उत्तरांश "क" एवं "ख" के प्रकाश में शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
लापरवाही के कारण दण्डित किया जाना
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
30. ( क्र. 416 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले को जलाशय एवं नदी विकास-लघु निर्माण के अंतर्गत वर्ष 2014-15 के तृतीय त्रैमास तथा वर्ष 2014-15 के चतुर्थ त्रैमास एवं 2015-16 के प्रथम त्रैमास में प्राप्त राशि से प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र मऊगंज-71 में स्थित गोरमा बांध के समीप पेरीफेरल पोन्ड के निर्माण हेतु राशि क्रमश: 25.68 लाख 04.12 लाख वर्ष 2014 तथा वर्ष 2015 में कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग रीवा को प्रदान की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या यह राशि संचालनालय मत्स्योद्योग भोपाल द्वारा सेंट्रल सर्वर के माध्यम से आयुक्त कोष एवं लेखा पर्यावास भवन भोपाल को आवंटन की गई थी? जिसकी प्रतिलिपि सहायक संचालक मत्स्योद्योग रीवा को दी गई थी? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के प्रकाश में यदि हाँ, तो पृष्ठांकित क्रमांक 3414/म/बजट/भोपाल दिनांक 05.12.2014 एवं पृष्ठांकित क्र./1417/म/बजट/भोपाल दिनांक 11.02.2015 द्वारा दी गयी प्रतिलिपि में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? कार्यवाहियों की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के प्रकाश में कार्यपालन यंत्री अपरपूर्वा नहर संभाग रीवा द्वारा अपने पत्र क्र. 1175 रीवा दिनांक 01.03.2016 को सहायक संचालक मत्स्योद्योग रीवा को लेख कर अवगत कराया गया कि उपरोक्त राशि उपलब्ध नहीं कराई गई? यदि हाँ, तो इस दिशा में क्या-क्या समुचित प्रयास किये गये? अगर नहीं किये गये तो क्यों कारण स्पष्ट करें? इसके लिये कौन-कौन दोषी है? दोषियों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? नहीं तो क्यों? की जावेगी तो क्या कब तक?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) पृष्ठांकित पत्रों के संदर्भ में की गई कार्यवाही पत्रों की छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ। प्रश्नांश "क" अनुसार राशि संचालनालय द्वारा बी.सी.ओ. टू.बी.सी.ओ. कमिश्नर कमाण्ड एरिया डब्लपमेंट को भेजी गई परंतु उक्त राशि बी.सी.ओ. से डी.डी.ओ. को अंतरित नहीं हो सकी, जिसके लिये मत्स्योद्योग विभाग का काेई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है। शेष कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उपस्थित नहीं होता।
पायली जल प्रदाय योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
31. ( क्र. 432 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत कितने ग्रामों में ग्रीष्म काल में पीने के पानी की सहज उपलब्धता नहीं हो पाती है? सूची प्रदान करें। (ख) जिन ग्रामों में ग्रीष्म काल में पीने के पानी की समस्या आती हैं वहां उक्त समस्या से निजात दिलाने हेतु क्या विभाग की ओर से कोई कार्ययोजना तैयार की गई है? यदि हाँ, तो अवगत करावें। (ग) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव में पायली जल प्रदाय योजना में कितने ग्रामों को शामिल किया गया है? सूची प्रदान करें। शामिल ग्रामों में से कितने ग्रामों में निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है एवं कितने ग्रामों में कार्य अपूर्ण है, की सूची प्रदान करें? (घ) दो वर्ष बीत जाने के बाद भी जिन ग्रामों में पायली जल प्रदाय योजना अंतर्गत निर्माण अपूर्ण/अप्रारंभ है का कारण स्पष्ट करें। कार्य अपूर्ण/अप्रारंभ होने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के विरूद्ध शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? (ड.) 1000 एवं 500 आबादी वाले ग्रामों को नल-जल योजना से जोड़े जाने हेतु ग्रामों का चयन का आधार क्या था? इस योजना में विधानसभा क्षेत्र के कितने ग्रामों को जोड़ा गया है? क्या इन ग्रामों में कार्य प्रारंभ हो चुका है? स्वीकृत राशि सहित ग्रामों की सूची प्रदान करें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं, विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत सभी ग्रामों में ग्रीष्मकाल में न्यूनतम आवश्यक मात्रा में पेयजल उपलब्ध होता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) ग्रीष्म ऋतु के दौरान जिन हैण्डपंपों में जलस्तर में गिरावट संभावित है उनमें विभाग द्वारा राइजर पाइप बढ़ाने एवं सिंगलफेस मोटरपंप डालने की कार्ययोजना बनाई गई है। (ग) पायली समूह जलप्रदाय योजना में विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव के 50 ग्रामों को सम्मिलित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 के अनुसार है। योजनांतर्गत ग्रामों में कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) पायली समूह जल प्रदाय योजना के क्रियान्वयन हेतु वित्तीय संयोजन सुनिश्चित न होने के कारण निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 के अनुसार है। विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव के 14 ग्रामों को चिन्हांकित किया गया है। जी नहीं। चिन्हांकित ग्रामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 के अनुसार है, इन ग्रामों में सफल स्रोत प्राप्त होने पर योजना की डी.पी.आर. तैयार कर राशि की स्वीकृति दी जा सकेगी।
श्रमकार्ड हेतु लंबित आवेदन
[श्रम]
32. ( क्र. 435 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बिजावर विधानसभा क्षेत्र की 03 तहसीलों में श्रम विभाग के कितने अधिकारी–कर्मचारी कार्यभार संभाल रहे हैं एवं कौन– कौन कब से पदस्थ हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में प्रश्न दिनांक तक कितने श्रम कार्ड विधानसभा क्षेत्र में बने हैं? पंचायतवार सूची उपलब्ध कराए। कितने श्रमिक ऐसे हैं जिनके आवेदन श्रम कार्ड हेतु लम्बित हैं? कितने श्रम कार्डधारियों के लाभार्थ प्रकरण लम्बित हैं पंचायतवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) छतरपुर जिले में जिला श्रम अधिकारी कौन हैं? वे कब से जिले में पदस्थ हैं?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) बिजावर विधानसभा क्षेत्र में तहसीलों स्तर पर श्रम विभाग के अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ नहीं है। (ख) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत विभिन्न स्थानीय निकायों द्वारा विधानसभा क्षेत्र बिजावर में कुल 1766 निर्माण श्रमिकों का पंजीयन कर कार्ड बनाये गये है। जिसकी पंचायतवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वर्तमान में विधानसभा क्षेत्र बिजावर में पंजीयन हेतु किसी भी निर्माण श्रमिक का आवेदन पत्र लंबित नहीं है एवं योजना में हितलाभ हेतु किसी भी पंजीकृत निर्माण श्रमिक का प्रकरण वर्तमान में लंबित नहीं है। (ग) छतरपुर जिले में जिला श्रम पदाधिकारी का पद रिक्त है। श्री शुभकरण सिंह चौहान, सहायक श्रमपदाधिकारी, दिनांक 05.07.2017 से पदस्थ है।
बी.पी.एल. राशन कार्ड जारी करने में अनियमितता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
33. ( क्र. 483 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों के राशन कार्ड 2011 की सर्वे सूची के आधार पर जारी किये जा रहे हैं? (ख) किसी भी ग्रामीण एवं नगरीय निकाय में आबादी में कितने प्रतिशत गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन के राशन कार्ड जारी करने का नियम है? क्या एक ही परिवार में एकाधिक राशन कार्ड जारी किये जा रहे हैं? (ग) क्या छतरपुर जिले में शासन के इन निर्देशों का पालन किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? खण्डवा नगर में वर्ष 2011 से 2016 तक वर्षवार जारी बी.पी.एल. राशन कार्डों की संख्यात्मक जानकारी दें। (घ) क्या वर्ष 2011 से 2016 की अवधि में कई परिवारों का जीवन स्तर गरीबी रेखा के ऊपर होने के बाद भी उनके द्वारा इसका लाभ लिया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या ऐसे परिवारों का पुन: सर्वे कर अपात्र होने पर उनके राशन कार्ड निरस्त कर पात्र गरीबों के नाम जोड़ने के आदेश जारी किये जाएंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी नहीं। (ख) ग्रामीण एवं नगरीय निकाय में आबादी के प्रतिशत के आधार पर गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन करने वालों को राशनकार्ड जारी करने का कोई प्रावधान नहीं है। एकल अथवा संयुक्त परिवार के आधार पर राशन कार्ड जारी किए जाते हैं। (ग) जी हाँ। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) गरीबी रेखा की सूची में नाम जोड़ना एवं गरीबी रेखा की सूची से नाम विलोपित करना एक सतत् प्रक्रिया होने से उक्त कार्यवाही सक्षम अधिकारियों द्वारा निरंतर की जाती है। जिसके आधार पर पात्रता पर्ची का संशोधन एक सतत प्रक्रिया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नल-जल योजनाओं का क्रियान्वयन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
34. ( क्र. 495 ) श्री मधु भगत : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बालाघाट जिले के अंतर्गत कितनी नल-जल योजनाएं एवं मुख्यमंत्री योजनाएं संचालित/ चिन्हित की गई हैं? कितनी योजनाएं प्रगतिरत हैं? विकासखण्डवार, ग्रामवार सूची प्रदाय करें? चिन्हित की गई योजनाओं का चयन किन आधारों पर किया गया है? क्या शासन से कोई दिशा-निर्देश हैं? यदि हाँ, तो प्रति बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार चिन्हित की गई योजनाएं कितनी-कितनी राशि की हैं? क्या उक्त योजनाओं को वर्तमान वित्तीय वर्ष में पूर्ण कर लिया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या परसावाड़ा विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम कुरेण्डा की नल-जल योजना प्रगतिरत है? यदि हाँ, तो बतायें कि उक्त योजना से ग्रामीणों को जल कब तक प्रदाय कर दिया जावेगा? (घ) जिले की अधिकतर व नल-जल योजनाएं किन-किन कारणों से बंद हैं? ग्रामवार विकासखण्डवार सूची उपलब्ध करावे और यह भी बतायें कि कब तक उक्त योजनाओं को प्रारंभ किया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) कुल 442 नल-जल योजनाएं एवं मुख्यमंत्री पेयजल योजनाएं संचालित हैं, ’’मुख्यमंत्री ग्राम नल-जल योजनाओं’’ हेतु 72 ग्राम चिन्हांकित किए गए हैं। 61 योजनाएं प्रगतिरत है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिषिष्ट के प्रपत्र-1, 2 एवं 3 के अनुसार है। जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिषिष्ट के प्रपत्र-4 के अनुसार है। (ख) चिन्हांकित ग्रामों में सफल स्त्रोत प्राप्त होने पर नल-जल योजनाओं की डी.पी.आर. तैयार होने पर लागत/राशि ज्ञात हो सकेगी। योजनाओं की सक्षम स्तर से स्वीकृति एवं आवंटन की उपलब्धता के अनुसार क्रियान्वयन किया जा सकेगा। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती। (ग) जी हाँ, योजना प्रगतिरत हैं। उक्त योजना से ग्रामीणों को मई 2017 से सीधे पंपिंग से जल प्रदाय किया जा रहा है। (घ) वर्तमान में 7 योजनाएं बंद हैं, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। बंद योजनाओं की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 के अनुसार है, बंद योजनाओं को शीघ्र चालू कराने का प्रयास किया जा रहा है, निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है।
नजूल भूमि का आवंटन
[राजस्व]
35. ( क्र. 504 ) श्री मधु भगत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला बालाघाट के अंतर्गत नजूल भूमि और निजी स्वामित्व की शहरी क्षेत्र में कौन-कौन सी भूमि अभिलेखों में किनके नाम से दर्ज हैं? खसरा की नकल सहित बतायें। (ख) बालाघाट नगर के अंतर्गत जो इलाका डॉक्टर कॉलोनी अथवा बूढ़ी अस्पताल बालाघाट हॉस्पिटल के पीछे का इलाका है, उस इलाके में कितनी नजूल की भूमि रिक्त है, कितनी भूमि पर अनाधिकृत अतिक्रमण है और कितनी भूमि अधिकृत कब्जें में है? भूमि का खसरा क्रमांक, रकवा एवं भूमिस्वामी का नाम बतायें? (ग) क्या बालाघाट नगर के अंतर्गत वर्ष 2011 से प्रश्न दिनांक की अवधि में कुछ व्यक्तियों को, संस्था/ट्रस्ट को भूमि आवंटित की गई है? यदि हाँ, तो उनके नाम पते, भूमि का खसरा क्रमांक और रकवा बतायें? (घ) बूढ़ी हॉस्पिटल के पीछे और बालाघाट हॉस्पिटल के पीछे जो इलाका है, उस इलाके में जो निजी स्वामी की भूमी कितनी रिक्त अथवा बाउण्ड्रीवॉल से घिरी हुई पड़ी है? भूमि स्वामी का नाम और भूमि का नक्शा खसरा, क्रमांक बतायें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जिला बालाघाट के अंतर्गत नजूल क्षेत्र में निम्नानुसार भूखण्ड है:-
नजूल क्षेत्र |
कुल भूखण्ड की संख्या |
निजि स्वामित्व भूखण्डों की संख्या |
शासकीय भूखण्डों की संख्या |
बालाघाट |
3587 |
3414 |
173 |
वारासिवनी |
2013 |
1170 |
843 |
बैहर |
220 |
31 |
189 |
कटंगी |
284 |
233 |
51 |
योग:- |
6104 |
4848 |
1256 |
(ख) जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''अ'' अनुसार।
(ग) नगर
बालाघाट
अंतर्गत वर्ष 2011 से
प्रश्न दिनांक
तक की अवधि
में किसी व्यक्ति, संस्था, ट्रस्ट
को नजूल भूमि
आवंटित नहीं
की गई है। (घ) जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''ब'' अनुसार।
मुख्यमंत्री पेयजल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
36. ( क्र. 523 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मुख्यमंत्री पेयजल योजना में सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में कौन-कौन सी ग्राम पंचायतों (ग्रामों) को शामिल किया गया है? ग्राम का चयन करने का मापदण्ड क्या रखा गया था? (ख) मुख्यमंत्री पेयजल योजना के तहत चयनित ग्रामों में विभाग द्वारा क्या कार्य कराये जावेंगे एवं एक ग्राम कि अनुमानित लागत बतावें। (ग) चयनित ग्रामों से भी ज्यादा कई ऐसे ग्राम हैं जहां पर्याप्त पेयजल प्राप्त नहीं हो रहा है, उन ग्रामों के लिए विभाग द्वारा क्या योजना बनाई जा रही है? (घ) विगत दो वर्षों में विभाग द्वारा सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में पानी सप्लाय हेतु पी.वी.सी./ एच.बी.ई.पी. पाईप किन-किन ग्रामों में कितने-कितने फिट एवं कितने नग उपलब्ध कराए गए?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। ग्राम चयन के मापदण्ड हेतु जारी पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) चयनित ग्रामों में योजनान्तर्गत पर्याप्त सफल स्रोत, मोटर पंप स्थापना विद्युत कनेक्शन, राईजिंग मेन, उच्चस्तरीय टंकी, डिस्ट्रीब्युशन पाईप लाईन, घरेलु नल कनेक्शन इत्यादि कार्य कराए जाऐंगे। वर्ष 2011 की जनगणना अनुसार प्रति व्यक्ति योजना की ईकाई लागत अनुमानित रु.4000/- के मान से ऑकी गई है। (ग) ऐसे ग्राम आंशिक पूर्ण श्रेणी के अंतर्गत सम्मिलित किये जाकर निर्धारित मापदण्ड 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन के मान से पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु नलकूप खनन कर हैण्डपंप स्थापना की योजना बनाई जाती है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 के अनुसार है।
श्रमिक कार्ड जारी करने वाले ठेकेदार
[श्रम]
37. ( क्र. 524 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत चार वर्षों में श्रम विभाग द्वारा कितने श्रमिक कार्ड जारी किये गये हैं? (ख) विगत चार वर्षों में श्रमिक कार्ड जारी करने से पहले सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में किन-किन ठेकेदारों द्वारा श्रमिक होने का प्रमाणीकरण प्रमाण पत्र जारी किया गया? साध्यता के हस्ताक्षर, सील से जारी किये गये ठेकेदारों के नाम, ग्राम का नाम, ठेकेदार के पंजीयन कि प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। (ग) वर्तमान में श्रमिकों हेतु श्रमिक डायरी बनाई जा रही है या नहीं? अगर बनाई जा रही है तो बनाने के नियम बतावें। (घ) वर्तमान में नवीन श्रमिक डायरी वाले व्यक्तियों को खाद्यान पर्ची जारी की जा रही है या नहीं?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) श्रमिक कार्ड श्रम विभाग के अधिकारियों द्वारा जारी नहीं किये जाते है, अपितु म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत विगत चार वर्षों में ग्रामीण क्षेत्र में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत तथा शहरी क्षेत्र में आयुक्त नगर निगम/मुख्यनगर पालिका अधिकारी/नगर पालिका/नगरपरिषद् के द्वारा पंजीयन की कार्यवाही की जाती है। पोर्टल के माध्यम से ऑनलाईन, कुल 9,65,996 (नौ लाख पैंसठ हजार नौ सौ छियानवे) निर्माण श्रमिक पंजीकृत है। (ख) चाही गई जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत निर्माण श्रमिकों के पंजीयन की कार्यवाही की जा रही है। निर्माण श्रमिकों के पंजीयन हेतु भवन एवं संनिर्माण कर्मकार (नियोजन तथा सेवा शर्तों का विनियमन) अधिनियम, 1996 की धारा-12 के अंतर्गत पंजीयन हेतु निर्माण श्रमिक की आयु 18 वर्ष से 60 वर्ष के बीच होना तथा पिछले 12 माहों में कम से कम 90 दिन निर्माण क्षेत्र में कार्य करना अनिवार्य हैं। प्रथम बार 5 वर्ष के लिए 5 रूपये नगद भुगतान कर पात्रता होने की स्थिती में पंजीयन किया जा सकेगा एवं निरंतरण हेतु 10 रूपये शुल्क निर्धारित किया गया है। (घ) प्रश्नांश की जानकारी श्रम विभाग से संबंधित नहीं है।
भू-अधिकार पट्टा का प्रदाय
[राजस्व]
38. ( क्र. 535 ) श्री रामपाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले में ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों में आवासीय भूमि का भू-अधिकार पट्टा प्रदान किया गया है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो ब्यौहारी तथा जयसिंहनगर तहसील के प्रत्येक ग्रामों एवं नगरीय क्षेत्रों में कितने आवास धारकों को भू-अधिकार पटटा प्रदाय किया गया है? (ग) क्या आवासीय भू खण्ड के भू-अधिकार धारकों का पट्टा राजस्व खसरे में दर्ज कराया गया है? यदि हाँ, तो कितने हितग्राहियों का दर्ज कराया गया है और कितनें का दर्ज करना लंबित है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) शहडोल जिला अन्तर्गत ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों में आवासीय भूमि का भू-अधिकार पट्टा प्रदान नहीं किया गया है। (ख) उत्तर (क) के अनुसार नहीं। (ग) उत्तर (क) एवं (ख) के अनुसार नहीं।
अविवाहित महिला कैदी द्वारा गर्भधारण
[जेल]
39. ( क्र. 536 ) श्री रामपाल सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जिला जेल शहडोल में निरूद्ध अविवाहित महिला कैदी के गर्भवती होने और गत महीने एक बच्चे को जन्म देने के उपरांत बच्चे की मृत्यु हुई है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो उक्त संबंध में विस्तृत जानकारी उपलब्ध करायी जाये। (ग) प्रश्नांश (क) के मुताबिक जेल प्रबंधन से संबंधित प्रत्येक गतिविधियों की उच्च स्तरीय जाँच कराकर दोषीजन के विरूद्ध कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो संपूर्ण कार्यवाही की दस्तावेजी जानकारी उपलब्ध करायी जावे।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश, शहडोल द्वारा नवजात शिशु की मृत्यु की न्यायिक जाँच आदेशित की गई है। जेल मुख्यालय स्तर से भी प्रकरण की सूक्ष्मता से जाँच करने हेतु अधीक्षक, केन्द्रीय जेल सतना को निर्देशित किया गया है।
मजरे-टोलों को राजस्व ग्रामों के रूप में अधिसूचित किया जाना
[राजस्व]
40. ( क्र. 555 ) श्री मोती कश्यप : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन के वर्ष 2014 से 2017 के किसी निर्देश के अनुसार ग्रामों की किसी जनसंख्या के मजरे-टोलों को पृथक राजस्व ग्राम बनाये जाने का सर्वे कराया गया है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में वि.स.क्षे. बडवारा की तहसील बडवारा, कटनी, ढीमरखेड़ा के कितनी जनसंख्या के किन ग्रामों के मजरे-टोलों को पृथक ग्राम के रूप में प्रस्तावित किया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) ग्रामों को कब तक राजस्व ग्रामों के रूप में अधिसूचित कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुरूप में कार्यवाही अपेक्षित नहीं।
जनभागीदारी की नल-जल योजनाएं
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
41. ( क्र. 557 ) श्री मोती कश्यप : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वि.स.क्षे. बड़वारा के विकासखण्ड बडवारा, कटनी एवं ढीमरखेड़ा के कितनी जनसंख्या के किन-किन ग्रामों में कब नल-जल योजनायें स्वीकृत हुई हैं और किन स्थितियों में संचालित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के किन-किन ग्राम पंचायतों ने वर्ष 2014 से 2017 की अवधि में नल-जल योजना की मांग की है और विभाग ने उनका सर्वे कर कितनी लागत की योजनायें बनायी हैं? (ग) क्या विभागीय कार्यपालन यंत्री ने अपने किन दिनांकों के पत्रों द्वारा किस श्रेणी की किन ग्राम पंचायतों से कितने प्रतिशत की कितनी राशि की जनभागीदारी की राशि जमा करने हेतु लेख किया है और किन दिनांकों को स्मरण पत्र जारी किया गया है? (घ) क्या जिन ग्राम पंचायतों ने प्रश्नांश (ग) राशि जमा कर दी है, उन ग्रामों में कब तक कार्य पूर्ण कर दिया जावेगा और शेष ग्रामों में कब तक प्रारंभ कर दिया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 90 नल-जल योजनाएं स्वीकृत हुई हैं, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 के अनुसार है। (ख) 12 नल-जल योजनाओं की मांग की गई, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 के अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 के अनुसार है। (घ) 11 ग्राम पंचायतों में वांछित अंशदान राशि जमा कर दी है, स्वीकृति एवं क्रियान्वयन हेतु कार्यवाही की जा रही है, कार्य पूर्ण करने की निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं है। शेष 21 ग्रामों की योजना हेतु ग्राम पंचायत से निर्धारित अंशदान राशि प्राप्त होने पर स्वीकृति उपरांत कार्य कराए जा सकेंगे।
मुख्यमंत्री मेघावी छात्रवृत्ति योजना
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
42. ( क्र. 579 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्तमान में माननीय मुख्यमंत्री महोदय की घोषणानुसार मुख्यमंत्री मेघावी छात्रवृत्ति योजना प्रारम्भ की गयी है? जिसमें चयनित परीक्षाओं एवं कक्षा 12वीं में 75 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्रों को इसका लाभ दिया जा रहा है? जिसमें तकनिकी एवं मेडिकल शिक्षा के अतिरिक्त बी.ए., बी.एस.सी., बी.कॉम. के छात्रों को भी इस योजना का लाभ दिया जा रहा है, किन्तु बी.फार्मा. के विद्यार्थियों को इस योजना से वंचित रखा गया है? (ख) यदि हाँ, तो मुख्यमंत्री मेघावी छात्रवृत्ति योजना का लाभ बी. फार्मा. के विद्यार्थियों को कब तक प्रदान कर दिया जावेगा?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जी नहीं, बी.फार्मा के विद्यार्थी भी इस योजना में शामिल है। (ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नल-जल योजनाओं को निविदाओं की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
43. ( क्र. 603 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) श्योपुर जिले में दिनांक 25.06.2017 को माननीय मुख्यमंत्री जी ने प्रवास के दौरान ढोढर से श्योपुर तक के रोड शो के दौरान मानपुर नल-जल योजना के विस्तार, ढोढर में बड़ी नल-जल योजना व बालापुरा में मुख्यमंत्री नल-जल योजना सहित बगदिया, माकड़ोद व धीरोली में स्पॉट सोर्स योजना स्वीकृत कर प्रारंभ कराये जाने की घोषणा की थी? (ख) मुख्यमंत्री नल-जल ग्रामीण योजनांतर्गत उक्त योजनाओं को स्वीकृत कर इनके निर्माण हेतु क्या निविदायें आमंत्रित कर ली गई हैं व कब? यदि हाँ, तो निविदाओं को कब तक स्वीकृति प्रदान कर दी जावेगी? (ग) वर्तमान में अल्प वर्षा के कारण श्योपुर जिले व क्षेत्र में गंभीर पेयजल संकट व्याप्त है, के मद्देनज़र क्या शासन उक्त निविदाओं को यथाशीघ्र स्वीकृति प्रदान करेगा व नियमानुसार अन्य कार्यवाहियां पूर्ण कराकर उक्त योजनाओं का निर्माण कार्य धरातल पर प्रारंभ करवाएगा व कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। ग्राम मानपुर, बालापुरा, बगदिया, माकडोद व धीरोली की निविदांए दिनांक 07.10.2017 को आमंत्रित कर स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। ग्राम ढोढर की निविदा आमंत्रित कर ली गई है, जो दिनांक 25.11.2017 को खोली जावेगी। स्वीकृति की समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं। (ग) जी नहीं। वर्तमान में गंभीर पेयजल संकट व्याप्त नहीं है। उत्तरांश-‘ख‘ अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नल-जल योजनाओं की डी.पी.आर. की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
44. ( क्र. 604 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या श्योपुर विधानसभा क्षेत्र के विकासखण्ड श्योपुर हेतु 08 बड़ी नल-जल योजनाओं की प्रशासकीय स्वीकृति शासन द्वारा जारी की गई है? की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या उक्त योजनाओं की ई.ई. पी.एच.ई. श्योपुर द्वारा डी.पी.आर. तैयार कर शासन को स्वीकृति हेतु भेज दी है व कब? यदि नहीं, तो क्यों एवं कब तक भेजी जावेगी? (ग) क्या उक्त डी.पी.आर. वर्तमान तक भेजने में विलम्ब के कारण इनकी प्रशासकीय स्वीकृति सहित नियमानुसार निविदा व अन्य कार्यवाही पूर्ण न होने के कारण उक्त स्वीकृत योजनाओं का धरातल पर क्रियान्वयन संभव नहीं हो पा रहा है? (घ) यदि हाँ, तो विभाग द्वारा यथाशीघ्र उक्त योजनाओं की डी.पी.आर. स्वीकृति हेतु शासन को भेजी जावेगी अथवा शासन इन्हें मंगवाकर स्वीकृति प्रदान करेगा, के उपरांत नियमानुसार इन योजनाओं की निविदायें बुलाने व स्वीकृत करने सहित अन्य आवश्यक कार्यवाहियां पूर्ण करवाकर उक्त योजनाओं का निर्माण कार्य अविलंब प्रारंभ करवाएगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। योजनाओं की डी.पी.आर. तैयार की जा रही है, डी.पी.आर. तैयार होने पर स्वीकृति हेतु सक्षम स्तर पर भेजी जायेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (ग) उत्तरांश-‘ख‘ अनुसार स्वीकृति प्राप्त होने पर नियमानुसार क्रियान्वयन की कार्यवाही की जायेगी। (घ) उत्तरांश-‘ख‘ एवं ‘ग‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वाहन ऑनरशिप ट्रांसफर टैक्स वसूली
[परिवहन]
45. ( क्र. 632 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा नए यात्री व व्यवसायिक हल्के माध्यम व भारी वाहनों के पंजीयन हेतु टैक्स वसूली की दरें संशोधित की हैं यदि हाँ, तो विगत 3 वर्ष के दौरान की गई संशोधनों का ब्यौरा दें? (ख) क्या शासन द्वारा परिवहन विभाग में पूर्व से पंजीकृत वाहनों के विक्रय उपरांत मालिक स्थानांतरण (ऑनरशिप ट्रांसफर) पर भी कर वसूली दर को पुनरीक्षित किया है? यदि हाँ, तो विगत 3 वर्ष के दौरान किए संशोधन का ब्यौरा दें? (ग) शासन द्वारा वाहन पंजीयन के समय लाइफ टाईम टैक्स लिया जाता है यदि हाँ, तो लाइफ टाइम टैक्स लेने के बाद स्वामी अंतरण (ऑनरशिप ट्रांसफर) पर एक प्रतिशत टैक्स वसूली का क्या कारण है? (घ) क्या शासन द्वारा वाहन पंजीयन के समय वसूले गए लाइफ टाइम टैक्स के बाद स्वामी अंतरण (ऑनरशिप ट्रांसफर) पर एक प्रतिशत टैक्स वसूली न्यायोचित है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। अधिसूचनाओं की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) वस्तुस्थिति यह है कि स्वामित्व अंतरण (ऑनरशिप ट्रांसफर) पर अंतरण कर का प्रावधान किया गया है। अधिसूचना की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) एवं (घ) जी हाँ। यानों की संख्या तथा प्रकार में अत्यधिक वृद्धि को ध्यान में रखते हुये, कर के उद्ग्रहण का युक्तियुक्त करण करने के लिये एक प्रतिशत स्वामित्व अंतरण (ऑनरशिप ट्रांसफर) पर अंतरण कर लिये जाने का प्रावधान विभागीय अधिसूचना दिनांक 10/01/2017 द्वारा किया गया है। जी हाँ।
पशु चिकित्सा शिविरों के संबंध में
[पशुपालन]
46. ( क्र. 633 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीहोर जिले में पशु चिकित्सा विभाग द्वारा पशु स्वास्थ्य परीक्षण व उपचार शिविरों का आयोजन किया है? यदि हाँ, तो विगत 3 वर्ष के दौरान आयोजित शिविरों का वर्षवार, ब्लॉकवार, शिविरवार ब्यौरा दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार शिविर में कितने पशुओं का पंजीयन किया गया तथा किस प्रकार के रोग पाए गए? क्या पशुओं में गंभीर रोग के लक्षण भी मिले हैं यदि हाँ, तो ब्यौरा दें? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार शिविरों में कितने प्रकार की दवाएं पशु मालिकों को उपलब्ध कराई गई? शिविरवार, वितरित दवाओं का ब्यौरा दें। (घ) सीहोर जिले की सभी पशु अस्पतालों में ओ.पी.डी. एवं आई.पी.डी. में कितने पशु दर्ज किए गए? विगत 3 वर्ष के दौरान दर्ज पशुओं का वर्षवार, माहवार, अस्पतालवार ब्यौरा दें?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) शिविरों में किए गए पशुओं के पंजीयन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार, पशुओं में सामान्य तौर पर अंतःपरजीवी, बाह्य परजीवी, बॉझपन की समस्या, चर्म रोग एवं खनिज लवण की कमी संबंधी रोग पाए गए। शिविरों में पशुओं में किसी प्रकार के गंभीर रोग के लक्षण देखने को नहीं मिले। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं। (ग) शिविरों में मुख्य रूप से कृमि नाशक, दर्द सूजन, बुखार की औषधि फीड सप्लीमेंट, बाह्य परजीवी नाशक, गर्मी पर आने की औषधि, पाचक पाउडर, दस्त निवारक, त्वचा रोग संबंधी औषधियाँ, पशु मालिकों को उपलब्ध कराई गई। शिविरवार वितरित दवाओं का ब्यौरा जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’स’’ अनुसार। (घ) सीहोर जिले के सभी पशु अस्पतालों में ओ.पी.डी. में विगत 03 वर्षों में कुल 189169 पशु दर्ज किए गए। आई.पी.डी. की संपूर्ण सुविधा उपलब्ध नहीं होने के कारण आई.पी.डी. में दर्ज पशुओं की संख्या निरंक है। ओ.पी.डी. में दर्ज किए गए पशुओं का वर्षवार माहवार व अस्पतालवार ब्यौरा जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’द’’ अनुसार।
गौशालाओं को राशि का आवंटन
[पशुपालन]
47. ( क्र. 641 ) श्री हरवंश राठौर : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बण्डा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कितनी गौशाला पंजीकृत हैं तथा कौन-कौन सी गौशाला को शासकीय मद से राशि आवंटन की जाती है। (ख) विगत दो वर्षों में विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत किस-किस गौशाला को कितनी राशि का आवंटन किया गया? (ग) वर्तमान में गौशाला संचालन हेतु शासन स्तर से जारी नियमों की जानकारी उपलब्ध कराई जाए।
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) बण्डा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत तीन गौशालाऐं पंजीकृत हैं तथा गौशाला को म.प्र.राज्य कृषि विपणन बोर्ड द्वारा म.प्र.गौपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड को प्रदाय राशि, जिला गौपालन एवं पशुधन संवर्धन समितियों के माध्यम से चारा-भूसा, अधोसंरचना निर्माण इत्यादि के लिए बजट की उपलब्धता तथा गौशालाओं की मांग के आधार पर राशि उपलब्ध कराई जाती है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार।
समयमान वेतनमान
[राजस्व]
48. ( क्र. 649 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजस्व विभाग अन्तर्गत भोपाल संभाग में कितने कर्मचारी तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के है, जिन्होंने प्रश्न दिनांक तक क्रमश 10वर्ष, 20वर्ष एवं 30वर्ष की सेवा पूर्ण कर ली है? इन सवंर्ग के कर्मचारियों के नाम, पदनाम, कार्यरत संस्था/कार्यालय, कार्यालय का दूरभाष क्रमांक, कर्मचारी द्वारा क्रमश: 10वर्ष, 20वर्ष एवं 30वर्ष सेवा पूर्ण करने का दिनांक सहित संख्यात्मक जानकारी देवें? (ख) क्या वित्त विभाग के आदेश के अनुसार प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कर्मचारियों को क्रमशः 10वर्ष, 20वर्ष एवं 30वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय समयमान वेतनमान स्वीकृत किये जाने के निर्देश है? यदि हाँ, तो शासन आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) का उत्तर हाँ तो प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कितने कर्मचारियों को प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय समयमान वेतनमान स्वीकृत कर दिये गये हैं, कितने कर्मचारी शेष है? शेष कर्मचारियों की सूची उपलब्ध करावे। (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित शेष कर्मचारियों को कब तक समयमान वेतनमान स्वीकृत किया जा रहा है? अभी तक लाभ नहीं दिये जाने के लिये कौन जिम्मेदार है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे अनुसार। (घ) कार्यवाही निरंतर प्रचलित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
समयमान वेतनमान
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
49. ( क्र. 650 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग अन्तर्गत भोपाल संभाग में कितने कर्मचारी तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के हैं, जिन्होंने प्रश्न दिनांक तक क्रमश 10वर्ष, 20वर्ष एवं 30वर्ष की सेवा पूर्ण कर ली है? इन संवर्ग के कर्मचारियों के नाम, पदनाम, कार्यरत संस्था/कार्यालय,कार्यालय का दूरभाष क्रमांक, कर्मचारी द्वारा क्रमश 10वर्ष, 20वर्ष एवं 30वर्ष सेवा पूर्ण करने का दिनांक सहित जानकारी देवें? (ख) क्या वित्त विभाग के आदेश के अनुसार प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कर्मचारियों को क्रमशः 10वर्ष, 20वर्ष एवं 30वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय समयमान वेतनमान स्वीकृत किये जाने के निर्देश हैं? यदि हाँ, तो शासन आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (ख) का उत्तर हाँ तो प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कितने कर्मचारियों को प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय समयमान वेतनमान स्वीकृत कर दिये गये हैं, कितने कर्मचारी शेष है? शेष कर्मचारियों की सूची उपलब्ध करावें? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित शेष कर्मचारियों को कब तक समयमान वेतनमान स्वीकृत किया जा रहा है? अभी तक लाभ नहीं दिये जाने के लिये कौन जिम्मेदार हैं?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नलकूप खनन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
50. ( क्र. 686 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मण्डला जिले में नलकूप खनन हेतु वित्तीय वर्ष 2015 से प्रश्नांश दिनांक तक विभाग द्वारा प्रतिवर्ष कब-कब निविदा आमंत्रित की गई है तथा सफल निविदाकारों के नाम तथा दर बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) की अवधि में मण्डला जिले के अंतर्गत कितने नलकूपों का खनन किया गया है? विकासखण्ड तथा विधान सभावार जानकारी देते हुए, प्रत्येक नलकूप की गहराई तथा किये गये भुगतान की जानकारी प्रदान करें। (ग) क्या मण्डला जिला फ्लोराइड प्रभावित जिला है तथा 150 फिट की गहराई के नीचे नलकूप खनन प्रतिबंधित है, इसीलिए साफ्टवेल के माध्यम से पेयजल हेतु खनन किया गया है, जिसकी गहराई 150 फिट के अन्दर है? कितने साफ्टवेल बनाये गये हैं, प्रत्येक साफ्टवेल की गहराई तथा किये गये भुगतान सहित ग्राम पंचायत, विकासखण्ड तथा विधान सभावार जानकारी उपलब्ध करावें? (घ) फ्लोराइड प्रभावित क्षेत्रों में नल-जल योजनायें क्यों नहीं बनाई गई हैं? जिन ग्राम पंचायतों में कुछ नल-जल योजनाएँ स्वीकृत हैं, वे भी बदहाल और अनुपयोगी साबित हो रही है, इस अदूरदर्शिता तथा अनियमितताओं के प्रति शासन का क्या दृष्टिकोण होगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 के अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित अवधि में 235 नलकूपों का खनन किया गया है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 के अनुसार है। (ग) जी हाँ, जी नहीं। सामान्यतः फ्लोराइड प्रभावित बसाहटों में जहां 150 फीट से अधिक गहरे नलकूप खनन करने पर नलकूपों में फ्लोराइड मिलता है वहां 150 फीट गहरे साफ्टवेल के कार्य कराए गए हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 के अनुसार है। (घ) जी नहीं, नल-जल योजनाएं बनाई गई हैं। फ्लोराइड प्रभावित क्षेत्रों में 168 ग्रामों में नल-जल योजनाएं स्वीकृत एवं संचालित होकर उपयोगी हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
उज्जवला योजना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
51. ( क्र. 687 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जवला योजना अन्तर्गत विधान सभा क्षेत्र मण्डला में कितने हितग्राहियों को योजना का लाभ योजना के प्रारंभ होने से प्रश्न दिनांक तक दिया गया है? हितग्राही संख्यावार, पंचायतवार एवं विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत किस-किस गैस ऐजेंसी को कितने-कितने कनेक्शन प्रदाय किये जाने का लक्ष्य दिया गया था तथा ऐजेंसी द्वारा उक्त लक्ष्य के विरूद्ध कितने कनेक्शन प्रदाय किये तथा कितने शेष हैं? कब तक पूर्ण हो जावेगें, एजेंसीवार, हितग्राही संख्यावार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या उज्जवला योजना नि:शुल्क ऋण योजना है तथा हितग्राही को 30 समान किस्तों में उक्त ऋण की अदायगी गैस सब्सिडी से की जाना है? यदि हाँ, तो, हितग्राहियों को नि:शुल्क योजना की गलत जानकारी देकर गुमराह करने वाले प्रशासन एवं गैस ऐजेंसियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) प्रधानमंत्री उज्जवला योजनांतर्गत मण्डला विधानसभा क्षेत्र के 21,904 परिवारों को गैस कनेक्शन जारी किये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एक ही क्षेत्र में अलग-अलग ऑयल कम्पनियों की गैस एजेंसी होने एवं हितग्राही को किसी भी गैस एजेंसी से गैस कनेक्शन प्राप्त करने की स्वतंत्रता होने के कारण गैस एजेंसीवार गैस कनेक्शन जारी करने के लिए लक्ष्य का आवंटन नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री उज्जवला योजनांतर्गत जारी गैस कनेक्शन पर सिलेण्डर की रू. 1250, रेग्यूलेटर रू. 150, सुरक्षा होज पाईप रू. 100, उपभोक्ता कार्ड रू. 25 एवं वितरक का प्रशासकीय शुल्क रू. 75 इस प्रकार कुल रू. 1600 का अनुदान दिया जा रहा है। जिन गैस कनेक्शनधारियों द्वारा प्रथम रिफिल एवं चूल्हे के मूल्य का लोन लिया गया है, उन्हें प्रति रिफिल प्राप्त होने वाली अनुदान राशि का समायोजन लोन की किश्त में किया जाता है एवं जिन हितग्राहियों द्वारा बगैर लोन (स्वयं के संसाधन से) के प्रथम रिफिल एवं चूल्हा लिया है, उन्हें अनुदान की राशि प्राप्त होती है।
निजी एवं शासकीय वाहन उपयोग की जानकारी
[राजस्व]
52. ( क्र. 704 ) श्री गोपाल परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आगर जिले के अंतर्गत प्रशासनिक अधिकारियों को कितने निजी एवं शासकीय वाहन पृथक-पृथक उपलब्ध कराये गये? (ख) प्रश्न (क) के अनुसार कितना मासिक किराया एवं पी.ओ.एल. खर्च दिया गया है? नियमानुसार जानकारी देंवे। (ग) प्रश्न (ख) अनुसार यदि पी.ओ.एल. नियम से ज्यादा खर्च किया गया तो, किस अधिकारी के हस्ताक्षर द्वारा स्वीकृति दी गई है? यदि नियम विरूद्ध खर्च हुआ है तो दोषी अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही होगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जिला आगर मालवा के राजस्व विभाग के कुल 6 प्रशासनिक अधिकारियों को शासकीय वाहन उपलब्ध कराये गये हैं एवं 3 तहसीलदारों को किराये के वाहन शासन निर्देशानुसार उपलब्ध कराये गये हैं। (ख) जिला आगर-मालवा में वाहन के किराये के व्यय 252000 रुपये हुआ है एवं ईंधन का व्यय 815612 रुपये हुआ है। (ग) उत्तर- ''क'' एवं ''ख'' के संदर्भ में किया गया व्यय प्रशासनिक कार्यों में उपयोग किया जाकर खर्च किया गया है।
अनुविभागीय अधिकारी नियुक्ति
[राजस्व]
53. ( क्र. 706 ) श्री गोपाल परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आगर जिले में राजस्व विभाग में राज्य प्रशासनिक सेवा के कितने अधिकारियों के पद स्वीकृत हैं एवं वर्तमान समय में कितने अधिकारी कार्यरत है? (ख) प्रश्न (क) के अनुसार आगर जिला मुख्यालय पर अनुविभागीय अधिकारी का पद कब से रिक्त है? इस पद पर शासन द्वारा कब तक नियुक्ति कर दी जायेगी? (ग) आगर जिला मुख्यालय पर ए.डी.एम. के कितने पद रिक्त हैं और इनकी पूर्ति कब तक की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) इस जिले में राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के 07 पद स्वीकृत है। वर्तमान में 04 अधिकारी कार्यरत है। (ख) इस जिले में अनुविभागीय अधिकारी के पद रिक्त नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) इस जिले में ए.डी.एम. का पद रिक्त नहीं है।
पटवारियों के रिक्त पद
[राजस्व]
54. ( क्र. 719 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिलों में अनेक पटवारियों के पद रिक्त होने से एक-एक पटवारी के पास एक से अधिक हल्कों के प्रभार हैं, अतिरिक्त प्रभार होने से उसे एवं आमजन को अत्याधिक परेशानी होती है तथा कार्य समय पर नहीं हो पाते हैं? (ख) यदि हाँ, तो बतावें कि सागर जिले में किस-किस हल्के के किस-किस पटवारी के पास कितने-कितने हल्कों का अतिरिक्त प्रभार हैं? (ग) यह भी बतावें कि मध्यप्रदेश के राजस्व विभाग में जिलावार कितने-कितने पटवारी के पद स्वीकृत हैं और इनमें से कितने पद भरे हुये हैं तथा कितने पद रिक्त हैं? सूची देवें। (घ) इन रिक्त पदों को भरे जाने के लिये शासन स्तर से कब तक और क्या कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। पटवारी के रिक्त पदों के कारण हल्कों के अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। पदों की पूर्ति की कार्यवाही की जा रही है। (ख) तहसीलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (घ) प्रदेश में पटवारी के स्वीकृत रिक्त 9235 पदों की पूर्ति हेतु प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड के माध्यम से पटवारी चयन परीक्षा आयोजित कराने हेतु दिनांक 28/10/2017 को विज्ञाप्ति चयन कार्यक्रम के साथ प्रकाशित की जा चुकी है। चयन परीक्षा के निर्धारित कार्यक्रम अनुसार चयन प्रक्रिया पूर्ण होते ही सभी जिलों के साथ सागर जिले में भी रिक्त पटवारी के पदों की पूर्ति की जावेगी।
खरीफ फसलों का बीमा
[राजस्व]
55. ( क्र. 720 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2016 में खरीफ फसलों में अफलन एवं अतिवृष्टि के कारण कितने प्रतिशत तक कृषकों की फसलें नष्ट हो गयी थीं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार फसलें नष्ट होने पर कृषकों को किस-किस फसल पर कितने रूपये एकड़ के मान से बीमा राशि का भुगतान किया जा रहा है? प्रति एकड़ के मान से भुगतान की जा रही बीमा राशि फसलों की क्षति एवं लागत के मान से कम तो नहीं है? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता द्वारा कलेक्टर सागर को माह अक्टूबर में दिनांक 14.10.2017 में लिखे गये पत्रानुसार पुन: जाँच करवायी जाकर बीमा राशि का निर्धारण कराया जाकर बीमा राशि का भुगतान किसानों को कराया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) वर्ष 2016 में खरीफ फसलों में अफलन एवं अतिव़ृष्टि के कारण जिला सागर में पटवारी हल्कावार फसल कटाई प्रयोगों के आधार पर हानि प्रतिशत की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अंतर्गत बीमा दावों की गणना जिले में अधिसूचित इकाईवार फसलों के निर्धारित ऋणमान प्रति हेक्टेयर पर की जाती है। सागर जिले हेतु खरीफ वर्ष 2016 फसल कटाई प्रयोगों से प्राप्त निष्कर्ष के आधार पर प्रति हेक्टेयर भुगतान की गई दावा राशि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) कलेक्टर जिला सागर द्वारा पत्र क्रमांक 13700/जन शिकायत/2017, सागर दिनांक 06/11/2017 के द्वारा उप संचालक कृषि जिला सागर को जाँच करवाये जाने हेतु प्रेषित किया गया है।
नाबालिग बच्चियों पर अपराध
[गृह]
56. ( क्र. 727 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नाबालिग बच्चियों पर घटित अपराधों में कौन-कौन से अपराध गंभीर श्रेणी में रखे गये है? आई.पी.सी. एवं सी.आर.पी.सी की धाराओं की जानकारी सहित विस्तृत विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में यह भी बतावें कि नाबालिग बच्चियों के हित संरक्षण, सुरक्षा और ऐसे प्रकरणों पर कार्यवाही के संबंध में शासन द्वारा कब-कब और कौन-कौन से निर्देश जिला पुलिस अधीक्षकों को जारी किये गये हैं? पत्रों की प्रतियां उपलब्ध करायी जावें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) नाबालिग बच्चियों पर घटित सभी प्रकार के अपराधों को गंभीर श्रेणी में रखा गया है। प्रत्येक अपराध के प्रति पुलिस विभाग अत्यंत संवेदनशील व गंभीर है। (ख) उक्त प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में नाबालिग बच्चियों के हित संरक्षण, सुरक्षा और ऐसे प्रकरणों पर कार्यवाही के संबंध में वर्ष 2013, 2014, 2015 में समय-समय पर दिशा-निर्देश जारी किये गये है। उक्त पत्रों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट अनुसार है।
पटवारी प्रशिक्षण केन्द्र
[राजस्व]
57. ( क्र. 746 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले की ग्राम पिपरई की पटवारी प्रशिक्षण केन्द्र के भवनों, टीन शेड़ों, आवासीय परिसर की क्या स्थिति है? आवासीय परिसर प्रशिक्षण भवनों की स्थितिवार नवम्बर, 2017 के अनुसार जानकारी दी जावे? (ख) उक्त प्रशिक्षण केन्द्र के निर्माण पर कितनी राशि, कब-कब खर्च की गई? भवनवार खर्च राशि की जानकारी वर्ष सहित दी जावे? (ग) क्या जिम्मेदार स्थाई कर्मचारियों की तैनाती नहीं होने के कारण समूचा प्रशिक्षण केन्द्र, बीरान, खण्डहर में तब्दील हो रहा है? इस हेतु कौन अधिकारी जिम्मेदार है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) मुरैना जिले के ग्राम पिपरई स्थित पटवारी प्रशिक्षण केंद्र भवन एवं चौकीदार आवास क्षतिग्रस्त स्थिति में है। (ख) उक्त प्रशिक्षण केंद्र के निर्माण हेतु रूपये 40.24 लाख का आवंटन वर्ष 2001-02 में उपलब्ध कराया गया था जिसके विरूद्ध रूपये 38,74,430.00 का व्यय किया गया है। वर्ष 2017-18 में उक्त भवन के उन्नयन, आधुनिकीकरण एवं अन्य निर्माण हेतु रूपये 10.64 लाख का आवंटन उपलब्ध कराया गया है। (ग) जी नहीं। कोई अधिकारी जिम्मेदार नहीं है।
कलेक्टर न्यायालयों में प्रवाचकों की नियुक्ति
[राजस्व]
58. ( क्र. 747 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन द्वारा कलेक्टर न्यायालयों में सेवानिवृत्त प्रवाचकों के पुन: नियुक्ति के प्रावधान किये गये हैं। यह आदेश कब प्रसारित किये गये? शासन के पत्र क्रमांक, दिनांक सहित पूर्ण जानकारी दी जावे। (ख) चम्बल संभाग में वर्ष 2016-2017 में कितने प्रवाचक सेवानिवृत्त हुये? उनमें से कितनों को पुन: नियुक्त किया गया? जिले का नाम, न्यायालय एवं व्यक्ति के नाम सहित पूर्ण जानकारी दी जावे। (ग) उक्त नियुक्ति के क्या कारण रहे? क्या योग्य प्रवाचकों की पदस्थापना नहीं होने के कारण इन्हें नियुक्ति दी गई है? क्या शासन युवा बेरोजगारों को इन पदों पर तदर्थ/दै.वे.भो. पर नियुक्त करने का प्रावधान करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। मध्यप्रदेश शासन द्वारा कलेक्टर न्यायालयों में प्रवाचकों की पुन: नियुक्ति के संबंध में कोई प्रावधान नहीं किये गये है। (ख) चंबल संभाग अंतर्गत वर्ष 2016-17 में जिला मुरैना दो लिपिक तथा जिला श्योपुर में दो लिपिक जो की प्रवाचक का कार्य कर रहे थे सेवानिवृत्त हुये है। इनमें से किसी की भी पुन: नियुक्ति नहीं की गई। (ग) प्रश्नांश 'क' एवं 'ख' के अनुसार जानकारी निरंक है। नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
नल-जल योजना का क्रियांवयन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
59. ( क्र. 783 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री द्वारा नरयावली विधानसभा के क्षेत्र कर्रापुर में नल-जल योजना की स्वीकृति की घोषणा की थी? (ख) यदि हाँ, तो उपरोक्त घोषणा को कार्यरूप में पर्णित करने में विभाग द्वारा इतना विलंब/समय क्यों लिया जा रहा है? कारण सहित जानकारी देवें। (ग) उपरोक्त कार्य की विभाग द्वारा निविदाएं आमंत्रित/स्वीकृति उपरांत उच्च अधिकारियों द्वारा इसे निरस्त करने का क्या कारण है? (घ) उपरोक्त कार्य की निविदा कब तक जारी की जावेंगी एवं इसकी स्वीकृति में कितना समय लगेगा एवं उक्त कार्य कब तक सम्पन्न होगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) योजना में सफल स्त्रोत विलंब से प्राप्त होने, परीक्षण उपरांत पुनरीक्षित प्राक्कलन तैयार किये जाने में विलंब होने के कारण तथा 2 बार निविदाऐं आमंत्रित की गई परंतु स्वीकृत नहीं हो पाने के कारण विलंब हुआ। (ग) प्रथम आमंत्रण में दरें अधिक आने और द्वितीय आमंत्रित निविदा में निविदा का प्रकाशन समाचार पत्रों में न होने से निविदा अस्वीकृत/निरस्त की गई। (घ) पुनः निविदा आमंत्रण की कार्यवाही की जा रही है, कार्य सम्पन्न होने की निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है।
कर्रापुर पुलिस चौकी का पुलिस थाना में उन्नयन
[गृह]
60. ( क्र. 784 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कर्रापुर पुलिस चौकी का गठन/स्थापित कब की गई थी? (ख) उपरोक्त चौकी में वर्तमान में कितना पुलिस बल कार्यरत है एवं कौन-कौन से ग्राम संलग्न है? (ग) क्या उपरोक्त पुलिस चौकी को थाना में उन्नयन हेतु विभाग द्वारा कोई कार्यवाही शासन स्तर पर की जा रही है? (घ) पुलिस चौकी कर्रापुर का पुलिस थाना में उन्नयन कब तक किया जावेगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) दिनांक 01.04.1962 को हुआ है। (ख) वर्तमान में 01-उप निरीक्षक, 01-सहायक उप निरीक्षक, 02-प्रधान आरक्षक एवं 05-आरक्षक कुल 09 का बल कार्यरत है। पुलिस चौकी अंतर्गत 16 ग्राम शामिल है। जो निम्नानुसार हैः- 1. कर्रापुर, 2. सिमरिया, 3. बारछा, 4. तिन्सुआ, 5. गोदई, 6. धारखेड़ी, 7. चटाई, 8. गोरा, 9. पथरिया व्यास, 10. लुहारी, 11. सडेरी, 12. लालई, 13. रानीपुरा, 14. पिपरिया चमारी, 15. मझगुवा6. चकेरी (ग) प्रस्ताव निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप नहीं पाये जाने के कारण अमान्य किया गया। (घ) उत्तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हितग्राही चयन
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
61. ( क्र. 797 ) श्री मुकेश नायक : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले की पवई विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा कितना लक्ष्य निर्धारित किया गया? (ख) विगत 2015 से प्रश्न दिनांक तक पवई एवं शाहनगर जनपद पंचायतों के कितने हितग्राहियों को कुटीर एवं ग्रामोद्योग योजना के तहत लाभांवित किया गया है? ग्रामवार, सूचीवार, वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) हितग्राहियों को चयन शासन द्वारा क्या नीति के तहत पात्रतानुसार किया गया है, चयनित हितग्राहियों की सूची, ग्रामवार, हितग्राहीवार वर्षवार उपलब्ध करावें?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) विधानसभा क्षेत्रवार लक्ष्यों का निर्धारण नहीं किया जाता। पन्ना जिले के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना एवं आर्थिक कल्याण योजनान्तर्गत वर्ष 2017-18 में 240 हितग्राहियों का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसमें पवई विधानसभा क्षेत्र के हितग्राही भी लाभान्वित हो सकेंगे। (ख) लाभान्वित हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' पर है। (ग) जी हाँ। चयनित हितग्राहियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' पर है।
हितग्राहियों का स्थाई पट्टों का वितरण
[राजस्व]
62. ( क्र. 798 ) श्री मुकेश नायक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले की पवई विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 01.01.2015 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस ग्राम में कितने-कितने हितग्राहियों को स्थाई पट्टे वितरित किये गये हैं तथा ऐसे कितने हितग्राही हैं जिन्हें स्थायी पट्टे दिये जाने हेतु चिन्हित किया गया है? (ख) कंडिका (क) में दर्शित चिन्हित हितग्राहियों को कब तक पट्टों का वितरण कर दिया जावेगा? (ग) कितने स्थाई पट्टेदार ऐसे हैं जिनके पट्टों के नवीनीकरण, शर्त उल्लंघन एवं अपालन के मामले लंबित हैं? ऐसे प्रकरणों पर कार्यवाही न होने से शासन को भू-भाटक के रूप में होने वाली आय में लगभग कितना नुकसान हुआ है और इसके लिये कौन दोषी है? (घ) प्रश्नांश कंडिका (ग) में दर्शित लंबित प्रकरणों पर कार्यवाही न करने के लिये दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो कारण बतायें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। किसी को स्थाई पट्टा वितरित नहीं किया गया है। न ही किसी हितग्राही को चिन्हित किया गया है। (ख) से (घ) उत्तरांश- ''क'' के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
दोषी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
63. ( क्र. 834 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दिनांक 26 जुलाई, 2017 के प्रश्न क्रमांक 1844 में उल्लेखित दोषी पाए गये अधिकारियों के विरूद्ध अब तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) क्या भ्रष्ट अधिकारियों को विभाग संरक्षण देने का कार्य कर रहा है? यदि हाँ, तो कारण बतावें? (ग) यदि नहीं, तो दोषी अधिकारियों को अनूपपुर में रखने का क्या कारण है? क्या समय-सीमा पर दोषी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए अन्यत्र स्थानांतरित किया जाएगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) दिनांक 26.07.2017 के प्रश्न क्रमांक-1844 में उल्लेखित दोषी पाये गए अधिकारियों में से शासन के आदेश क्रमांक-एफ-05-06/2017/1/34, दिनांक 08.08.2017 द्वारा श्री हीरासिंह धुर्वे, कार्यपालन यंत्री, श्री आर. पी. अहिरवार एवं श्री एस. पी. द्विवेदी, उपयंत्रियों के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित करने का निर्णय लिया जाकर अधीक्षण यंत्री, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, शहडोल को जाँचकर्ता अधिकारी तथा कार्यपालन यंत्री, खण्ड अनूपपुर को प्रस्तुतकर्ता अधिकारी नियुक्त किया गया। जाँच की कार्यवाही चल रही है। श्री के. के. गुप्ता, सेवानिवृत्त प्रभारी सहायक यंत्री के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु मंत्रि-परिषद आदेश प्राप्त करने के उपरांत दिनांक 30.06.2017 को आरोप पत्र जारी किये गए। शेष दोषी पाये गए अधिकारी श्री आर. वाय. तिवारी एवं श्री यू. एस. नामदेव, कार्यपालन यंत्री को सेवानिवृत्त हुए 04 वर्ष से अधिक की अवधि व्यतीत हो जाने के फलस्वरूप इनके विरूद्ध पेंशन नियमों के तहत कार्यवाही नहीं की जा सकती है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) श्री आर.पी. अहिरवार, उपयंत्री कार्यरत है जिनकी विभागीय जाँच प्रारंभ है। दोष सिद्ध पाए जाने पर नियमानुसार निर्णय लिया जा सकेगा।
समूह नल-जल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
64. ( क्र. 889 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या बैतूल जिले में पारसडोह डेम आधारित कोई समूह नल-जल योजना प्रस्तावित है? (ख) यदि हाँ, तो कितने ग्रामों की यह योजना है तथा इसकी प्रक्रिया कहाँ, तक पूर्ण हो गई है? (ग) इस योजना पर कब से कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) 220 ग्रामों की। योजना की डी.पी.आर. अनुमानित लागत रू. 346.89 करोड़ की तैयार की गई है, योजना के वित्तीय संयोजन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) वित्तीय संयोजन उपरांत क्रियान्वयन की कार्यवाही की जा सकेगी, निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
भूमि स्वामी का नाम सक्षम अधिकारी के आदेश से विलोपित करना
[राजस्व]
65. ( क्र. 924 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र.भू.रा. संहिता 1959 के तहत सक्षम अधिकारी के आदेश से ही रिकार्डेड भूमि स्वामी का नाम विलोपित करने के नियम व निर्देश है? (ख) क्या जिला छतरपुर तहसील छतरपुर प.ह.छतरपुर के नामांतरण पंजी क्रमांक 335 दिनांक 16.04.07 को क्रेता के नाम दर्ज करने आदेश जारी किये गये थे? यदि हाँ, तो क्या उक्त भूमि को क्रेता के नाम खसरा में भूमि स्वामी का नाम दर्ज कर दिया गया था? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार यदि हाँ, तो क्या उक्त भूमि स्वामी के रूप में उक्त नाम दर्ज कर उक्त नाम सक्षम अधिकारी के आदेश से विलोपित किया गया था? यदि हाँ, तो उक्त आदेश की प्रति उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार यदि नहीं, तो क्यों उक्त नाम को विलोपित किया गया था? क्या उक्त व्यक्ति का नाम खसरा पंजी में दर्ज किया जायेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें। (ड.) क्या शासन विधि सम्मत कार्यवाही न करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करने के आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बताये? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) हस्तलिखित खसरा वर्ष 2011-12 तक नाम दर्ज रहा विलोपित नहीं किया गया। वर्तमान में कम्प्यूटर रिकार्ड में भी दर्ज है। संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' पर है (घ) नाम विलोपित नहीं किया गया। वर्तमान में कम्प्यूटर रिकार्ड में भी दर्ज है। संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' पर है। (ड.) क्रेता का नाम विलोपित नहीं किए जाने से कार्यवाही का प्रश्न ही उदभूत नहीं होता है।
नलकूप खनन/हैण्डपम्प स्थापना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
66. ( क्र. 926 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) हरदा जिला अंतर्गत नवीन नलकूप खनन, हैण्डपंप स्थापना के कुल कितने व कहाँ-कहाँ के प्रस्ताव विभाग को प्राप्त हुये व किन-किन प्रस्तावों की वर्ष 2017-18 की कार्य योजना में शामिल किया गया है? विधान सभावार व तहसीलवार बतावें। (ख) कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग जिला हरदा के पृ. पत्र क्र. 1851 का.य./तक/लो.स्वा.या.वि./खंड/2017 दिनांक 16.02.2017 से हरदा जिले के अंतर्गत बसाहटों में नलकूप खनन हैंडपम्प स्थापना कार्य की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान किये जाने के बाद भी संबंधित ग्रामों में नलकूप खनन/हैण्डपंप स्थापना प्रश्न लगाये जाने की दिनांक तक नहीं किये जाने का क्या कारण है? (ग) प्रश्न (क) अनुसार प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त ग्रामों में कब तक नवीन नलकूप खनन/हैण्डपंप स्थापना कर दी जावेगी? (घ) तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति के बाद भी नवीन नलकूप खनन/हैण्डपंप स्थापना नहीं किये जाने के लिये कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी है? दोषी पाये जाने पर संबंधित पर कब तक कार्यवाही की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जिले में 23 नवीन हैण्डपंप के लिए प्रस्ताव प्राप्त हुए, 3 हैण्डपंपों के प्रस्ताव वर्ष 2017-18 की कार्ययोजना में शामिल किए गए, विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, प्रश्नांश में उल्लेखित पत्र से नलकूप खनन, हैण्डपंप स्थापना कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान नहीं की गई है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त ग्रामों में यथाशीघ्र नलकूप खनन/हैण्डपंप स्थापना के प्रयास किये जा रहे हैं, निश्चित समयावधि नहीं बतायी जा सकती। (घ) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
भू-राजस्व संहिता 1959 एवं राजस्व अभिलेख के संबंध में
[राजस्व]
67. ( क्र. 927 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भू-राजस्व संहिता 1959 के अध्याय 18 में गैर खातें की दखल रहित भूमि के संबंध में धारा में क्या प्रावधान दिये गये हैं, इन भूमियों को किस-किस राजस्व अभिलेख में राजस्व विभाग किस-किस मद में किस-किस प्रयोजन के लिये दर्ज करता है? (ख) गैर खाते की दखल रहित भूमियों को पटवारी मानचित्र, अधिकार अभिलेख एवं खसरा क्र. से पृथक किये जाने का प्रावधान किस धारा में दिया गया है। इन भूमियों की संरक्षित वन असीमांकित वन एवं नारंगी वन प्रतिवेदित किये जाने का प्रावधान किस-किस धारा में दिया गया है? (ग) गैर खाते की किस-किस मद में किस-किस प्रयोजन के लिये दर्ज भूमियों को निजी उद्योग निजि परियोजनाओं को आवंटित किये जाने का अधिकार भू-राजस्व संहिता 1959 की किस किस धारा में किसे दिया गया है। (घ) गैर खाते की दखल रहित भूमियों को संरक्षित वन असीमांकित वन, नारंगी वन प्रतिवेदित किये जाने, निजी उद्योगों, निजी परियोजनाओं को आवंटित किये जाने का अधिकार कलेक्टर को दिये जाने के संबंध में शासन क्या कार्यवाही? कब तक करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) प्रश्नाधीन धारा 233 में दखल रहित भूमि का अभिलेख तैयार किये जाने का प्रावधान है। दखल रहित भूमियों को खसरा, किस्तबंदी बी-1 निस्तार पत्रक में दर्ज किया जाता है। बड़े झाड़ का जंगल, पानी के नीचे, इमारत, सड़क प्रयोजन के लिये दर्ज होती है। (ख) म.प्र. भू-राजस्व संहिता संहिता 1959 की धारा 237 में इन भूमियों को संरक्षित वन, असीमांकित वन एवं नारंगी वन संबंधी कार्यवाही वन अधिनियम 1927 के तहत की जाती है। (ग) गैर खाते चरनोई मद की भूमि को निजी उद्योग परियोजनाओं के लिये भूमि आवंटन की शक्तियां कलेक्टर/राज्य शासन को राजस्व पुस्तक परिपत्र खण्ड-4 क्रमांक-1 के तहत निहित है। (घ) वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
किसानों द्वारा की गई आत्महत्या एवं दर्ज प्रकरण
[गृह]
68. ( क्र. 929 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले में वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितने किसानों ने आत्महत्या की है ? वर्षवार एवं जिलेवार बतायें। उपरोक्त अनुसार वर्षों के किसानों ने किन-किन कारणों से आत्महत्या की है वर्षवार बतायें। (ख) उपरोक्त के अनुसार वर्षों में कितने किसानों पर धरना प्रदर्शन आदि करने पर गोली चलाने से कितने किसान मृत हुए हैं और कितने किसान घायल हुए हैं? कुल कितने किसानों पर प्रकरण दर्ज किये गये हैं? वर्षवार एवं जिलावार बतायें। (ग) उपरोक्त (क) अनुसार कितने किसानों को कितना कृषि ऋण दिया गया? कितने किसानों पर ऋण वसूली के प्रकरण दर्ज किये गये हैं? कितने किसानों की जमीन नीलाम कर वसूली की गई है? वर्षवार एवं जिलावार बतायें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) गुना जिले में वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक कुल 55 किसानों ने आत्महत्या की है। आत्महत्या के कारणों की वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत नामांकन, बंटवारा, सीमांकन की जानकारी
[राजस्व]
69. ( क्र. 940 ) श्री हरवंश राठौर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विगत वर्ष 2015-16, 16-17 एवं 17-18 तक कितनी कृषि भूमि के सीमांकन, नामांतरण बंटवारे के आवेदन तहसील में प्राप्त हुए? तिथिवार पृथक-पृथक जानकारी दें? (ख) प्राप्त आवेदनों में से कितनी भूमि का सीमांकन किस दिनांक को किया गया? सीमांकन प्रतिवेदन तहसील में किस दिवस को जमा किया गया एवं कितने सीमांकन शेष है? कारण सहित जानकारी दी जाए? (ग) प्राप्त आवेदनों में कितने प्रकरणों का बंटवारा स्वीकृत उपरांत राजस्व रिकार्ड में दर्ज किया गया तथा पटवारी ने कितने प्रकरणों में बंटवारा पुर्द बनाकर पेश किया दिनांकवार विवरण दें तथा कितने प्रकरण प्रश्न दिनांक तक लंबित हैं कारण सहित जानकारी दी जाए?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कृषि भूमि के सीमांकन, नामांतरण, बंटवारे के आवेदन वर्षवार निम्नानुसार प्राप्त हुये हैं -
वर्ष |
मद |
दर्ज |
निराकृत |
शेष |
2015-16 |
नामांतरण |
272 |
272 |
0 |
|
बंटवारा |
324 |
324 |
0 |
|
सीमांकन |
316 |
315 |
1 |
2016-17 |
नामांतरण |
465 |
395 |
70 |
|
बंटवारा |
288 |
223 |
65 |
|
सीमांकन |
213 |
213 |
0 |
2017-18 |
नामांतरण |
29 |
0 |
29 |
|
बंटवारा |
14 |
0 |
14 |
|
सीमांकन |
64 |
60 |
4 |
(ख) कुल आवेदन 593 प्राप्त हुये है जिसमे से 588 सीमांकन आवेदन निराकृत किये जा चुके है, जिनकी तिथिवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं शेष 5 की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) बंटवारे के कुल आवेदन 626 प्राप्त हुये जिसमें से 547 निराकृत किये जा चुके है, शेष 79 विवादित प्रकरण न्यायालयों में प्रचलित है, जिनमें उभय पक्ष की सुनवाई की जाकर निराकरण की कार्यवाही जारी है।
लंबित राजस्व प्रकरणों के संबंध में
[राजस्व]
70. ( क्र. 968 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिला अंतर्गत वर्तमान में अनुविभागीय अधिकारी सिवनी, लखनादौन, के पास ऐसे कितने राजस्व प्रकरण चल रहे हैं? जिनमें दस या उससे अधिक बार पेशी की तारीखें दी गयी है? (ख) उक्त प्रकरणों की विस्तृत जानकारी तथा कितनी बार पेशी दी गई है, उनकी प्रकरण अनुसार संख्या बतायें? (ग) क्या राजस्व प्रकरणों में निपटारे में निर्णय करने से बचने के लिये अनावश्यक रूप से पेशी देकर लोगों को परेशान किया जाता है? (घ) क्या शासन की राजस्व प्रकरण अनुसार प्रकरणों का निराकरण करने हेतु समय-सीमा तय करने के लिये कोई गाइड लाईन है, या जारी करने पर विचार करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) अनुविभागीय अधिकारी सिवनी के 01 प्रकरण में एवं अनुविभागीय अधिकारी लखनादौन के 06 प्रकरण में, दस या उससे अधिक बार पेशी दी गई है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं (घ) जी नहीं। केवल लोक सेवा गारंटी अधिनियम अंतर्गत अधिसूचित सेवाओं संबंधी प्रकरणों में समय-सीमा रहती है।
खरीदी केन्द्रों की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
71. ( क्र. 969 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत स्थित समस्त समर्थन मूल्य से खरीदी केन्द्रो पर वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक में कितने किसानों ने किस-किस फसल के विक्रय हेतु पंजीयन कराया? खरीदी केन्द्रवार, फसलवार, किसान संख्यावार, पंजीयन के समय दर्शाये गये रकवावार जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत किस-किस खरीदी केन्द्र पर कितने किसानों ने किस-किस फसल का, कितनी-कितनी मात्रा में विक्रय किया? खरीदी केन्द्रवार, किसान संख्यावार बेची फसलवार, मात्रावार जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत ऐसे कितने किसान हैं, जिन्होंने सोयाबीन, मक्का, धान एवं गेहूं की फसल के विक्रय हेतु पंजीयन कराया था? ग्रामवार, किसान संख्यावार, फसल के विक्रय हेतु दर्शाये गये रकवावार जानकारी दें?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) सिवनी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत समर्थन मूल्य पर गेहूं विक्रय करने हेतु रबी विपणन मौसम 2016-17 में 16839 किसानों, 2017-18 में 11999 किसानों तथा खरीफ विपणन मौसम 2016-17 में धान विक्रय हेतु 3758 किसानों एवं मक्का हेतु 4092 किसानों एवं 2017-18 में धान हेतु 4669 विक्रय हेतु पंजीयन कराया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर में उल्लेखित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। खरीफ विपणन मौसम 2017-18 में सोयाबीन एवं मक्का का पंजीयन भावांतर भुगतान योजनांतर्गत पंजीयन किया गया है। कृषकों के द्वारा सोयाबीन एवं मक्का का विक्रय भावांतर भुगतान के तहत किया जा रहा है।
समूह जल प्रदाय योजनाएं.
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
72. ( क्र. 970 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र बिजावर में घरेलू नल कनेक्शन से पेय जल उपलब्ध कराने हेतु बक्स्वाहा समूह जल प्रदाय योजना, कूटने (राजनगर) समूह जल प्रदाय योजना, बिजावर समूह जल प्रदाय योजना प्रारंभ करने की योजना है? (ख) प्रश्नांश (क) हाँ है तो योजना की विस्तृत जानकारी प्रदाय करे? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुक्रम में योजना की वर्तमान में क्या स्थिति है? कब तक प्रारंभ होगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
साहूकारों के द्वारा कर्ज दिये जाने के संबंध में
[राजस्व]
73. ( क्र. 974 ) श्री प्रताप सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले में मध्यप्रदेश राज्य साहूकारी अधिनियम के तहत् शहर एवं ग्रामीण क्षेत्र में अभी तक कितने लायसेंस जारी किये गये हैं? उनकी सूची उपलब्ध करावें? लायसेंस जारी किये जाने हेतु शहर एवं ग्रामीण क्षेत्र में सक्षम अधिकारी कौन हैं? (ख) दमोह जिले के शहर एवं ग्रामीण क्षेत्र के साहूकारों द्वारा किन-किन कर्जदारों को किस ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जाता है? ऋण प्राप्तकर्ता में से कितने कृषक कितने भूमिहीन एवं कितने मजदूर वर्ग से हैं? (ग) साहूकारों द्वारा ऋण प्रदाय करने संबंधी अभिलेख तैयार किया जाता है, इस अभिलेख का निरीक्षण किये जाने हेतु कौन सक्षम हैं? क्या सक्षम अधिकारी द्वारा किन-किन साहूकारों का निरीक्षण कब-कब किया गया है तथा क्या कमियां पायी गई हैं? कमियों के शीघ्र निराकरण हेतु सक्षम अधिकारी द्वारा क्या कार्यवाही की गई हैं? (घ) विगत् 05 वर्षों में साहूकार लायसेंसधारियों द्वारा दिये गये कर्ज को न चुका पाने की स्थिति में कितने लोगों को आत्महत्या करने के लिए मजबूर होना पड़ा है? ऐसे कर्जदारों के नाम, पता, सहित सूची उपलब्ध करावें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) दमोह जिले में शहर एवं ग्रामीण क्षेत्रो में साहूकारी अधिनियम के लाइसेन्स के तहत 143 व्यक्तियों को जारी किए गए है। शहर में सक्षम अधिकारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं ग्रामीण क्षेत्र में सक्षम अधिकारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत है। साहूकारों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) दमोह जिले में नगर पालिका अधिकारी एवं जनपद पंचायत से प्राप्त जानकारी अनुसार साहूकारों के द्वारा 2% ब्याज की दर पर ऋणी व्यक्तियों को ऋण दिया जाता है। शेष जानकारी उपलब्ध नहीं है। (ग) साहूकारों के द्वारा रजिस्टर तैयार किया जाता है जिसका निरीक्षण मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत द्वारा समय-समय पर किया जाता है। (घ) जिले की जानकारी निरंक है।
अनुभाग सुसनेर राजस्व कार्यालय में पद स्वीकृति एवं पूर्ति
[राजस्व]
74. ( क्र. 992 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग अंतर्गत अनुभाग स्तरीय राजस्व कार्यालयों हेतु कितने पद स्वीकृत किए गए हैं? इनमें से कितने भरे हैं एवं कितने रिक्त हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अनुभागीय अधिकारी कार्यालय राजस्व सुसनेर की क्या स्थिति है? (ग) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 2746, दिनांक 06 मार्च 2017 पर चर्चा के दौरान माननीय राजस्व मंत्रीजी ने पद पूर्ति एवं अनुभाग के स्थायीकरण हेतु आश्वस्त किया था? इस हेतु क्या कार्यवाही की गई? (घ) अनुभाग स्थायीकरण एवं पदस्वीकृति व पदपूर्ति हेतु कोई प्रभावी कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या व कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) उज्जैन संभाग अंतर्गत अनुभाग स्तरीय राजस्व कार्यालयों हेतु स्वीकृत पदों की स्थिति अनुभागवार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) अनुभाग सुसनेर दिनांक 15 अगस्त 1978 से संचालित है। अनुभाग सुसनेर पृथक से स्वीकृत नहीं है। अनुभाग सुसनेर में तहसील कार्यालय से कर्मचारियों का संलग्नीकरण किया जाकर कार्य सम्पादित किया जा रहा है। (ग) जी हाँ। शासन स्तर पर प्रस्ताव परीक्षणाधीन है। (घ) प्रस्ताव परीक्षणाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
यात्री बसों के नियम विरूद्ध संचालन पर की गई कार्यवाही
[परिवहन]
75. ( क्र. 995 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) यात्री बसों के संचालन के संबंध में बस स्टेण्ड तक बसों के अनिवार्य रूप से जाने हेतु कोई नियम निर्धारित हैं? यदि हाँ, तो क्या? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में उज्जैन संभाग अंतर्गत नियम का पालन न करने या यात्रियों को परेशानी के संबंध में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई या मॉनीटरिंग के दौरान संज्ञान में आई? तद्संबंध में क्या कार्यवाही की गई? (ग) यात्री बसों के ओव्हरलोड होने, यातायात नियमों का पालन न करने/नियम विरूद्ध संचालन करने के संबंध में विगत 03 वर्षों में आगर जिला अंतर्गत क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में किन-किन यात्री बसों के परमिट रद्द किये गये?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। यात्रियों को निर्धारित बस स्टैण्ड से ही अनिवार्य रूप से ही चढ़ाया एवं उतारा जाता है। इस संबंध में मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 84 के अंतर्गत स्वीकृत परमिट की शर्तों का पालन अनिवार्य रूप से किया जावे इस हेतु प्रावधान निर्धारित है। (ख) उज्जैन संभाग के अंतर्गत आने वाले जिलो से नियमों का पालन न करने या यात्रियों को परेशानी संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। मॉनीटरिंग के दौरान उक्त विषयक तथ्य संज्ञान में नहीं आये है। (ग) यात्री बसों के ओव्हरलोड होने, यातायात नियमों का पालन न करने, नियम विरूद्ध संचालन करने के संबंध में विगत 03 वर्षों में आगर जिला अंतर्गत यात्री बसों के विरूद्ध 1402 चालान बनाकर रूपये 31,29,200/- का राजस्व वसूल किया गया है। (घ) कोई परमिट रद्द नहीं किये गये है।
कानून व्यवस्था हेतु पुलिस बल की पूर्ति
[गृह]
76. ( क्र. 996 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला आगर अंतर्गत कुल कितना पुलिस बल उपलब्ध हैं? थानेवार स्वीकृत एवं कार्यरत पुलिस बल की जानकारी देवें? (ख) विगत 03 वर्षों में प्रदेश में कितनी नवीन पुलिस चैकियॉ एवं थाने प्रारम्भ किए गए हैं? (ग) विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत नवीन पुलिस चौकी एवं थाने प्रारम्भ करने हेतु कोई मांग या प्रस्ताव प्राप्त हुए थे? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्या वृहद ग्रामों में कानून व्यवस्था के सुव्यवस्थापन हेतु पुलिस चौकी/थाने प्रारम्भ किए जावेगे? (घ) आगर जिला अंतर्गत एस.ए.एफ. की कम्पनी प्रदान करने हेतु कोई कार्यवाही प्रचलित हैं? यदि नहीं, तो क्या स्वप्रेरणा से नवगठित जिले में कानून व्यवस्था के सुव्यवस्थापन एवं कार्य सुविधा हेतु एस.ए.एफ. की कम्पनी प्रदान की जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) 62 नवीन पुलिस थानें एवं 47 नवीन पुलिस चौकिया प्रारम्भ की गई। (ग) जी हाँ। प्रस्ताव निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप नहीं पाये जाने के कारण अमान्य किया गया। (घ) जिलों में कानून व्यवस्था की आवश्यकता को ध्यान में रखकर वि.स.बल की कम्पनी प्रदाय की जाती है। जिला आगर में भी आवश्यकतानुसार बल उपलब्ध कराया जायेगा।
लंबित राजस्व प्रकरणों का निराकरण
[राजस्व]
77. ( *क्र. 1062 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत पाटन एवं मझौली तहसीलों में वित्त वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कहाँ-कहाँ से कौन-कौन कृषकों ने नामांतरण, सीमांकन, आपसी बंटवारा फौती उठाने बटांक के कितने आवेदन कब-कब कहाँ-कहाँ दिये? ग्राम का नाम एवं आवेदनकर्ता का नाम एवं आवेदन दिनांक सहित सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरणों में से किन-किन प्रकरणों का कब-कब किसके द्वारा निराकरण किया गया एवं कहाँ-कहाँ के किन-किन प्रकरणों का प्रश्न दिनांक तक किन कारणों से निराकरण नहीं हो सका? सूची दें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आवेदनों के निराकरण के संबंध में शासन के क्या दिशा-निर्देश एवं समय-सीमा निर्धारित है? प्रश्नांश (क) एवं (ख) में समय-सीमा के अंदर निराकरण न होने के क्या कारण हैं? इसका दोषी कौन है? क्या शासन प्रश्नांश (क) में उल्लेखित नामांतरण, सीमांकन, आपसी बंटवारा, फौती उठवाने बटांक के लंबित प्रकरणों की जाँच कराकर दोषियों पर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से एवं कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) पाटन विधानसभा क्षेत्रांतर्गत तहसील पाटन एवं मझौली में वित्त वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक नामांतरण व फौती के 8104, बंटवारा 1603, नक्शा बटांकन 708 व सीमांकन के 679 आवेदन दिये गये है। शेष जानकारी संकलित की जा रही है। (ख) लंबित प्रकरणों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आवेदनों के निराकरण की समय-सीमा 30 कार्य दिवस है। प्रायः प्रकरणों का निराकरण समय-सीमा में किया जा रहा है। अन्य प्रशासनिक कार्य, मतदाता सूची, निर्वाचन, कानून व्यवस्था में ड्यूटी व राजस्व निरीक्षक एवं पटवारियों की कमी से कई प्रकरणों में निराकरण में विलम्ब हो जाता है। अभियान चलाकर प्रकरणों का निराकरण किया जा रहा है।
समय पर प्रकरणों का निराकरण न करने के लिए दोषियों पर कार्यवाही
[राजस्व]
78. ( क्र. 1089 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले की तहसीलों में खसरा नामांतरण, खसरा सुधार वारिसाना एवं कम्प्यूटर में त्रुटि के कारण राजस्व अभिलेखों में हुई गड़बड़ी से संबंधित कितने प्रकरण तहसील न्यायालयों में लम्बित हैं का विवरण तहसीलवार प्रश्न दिनांक तक का देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के लम्बित प्रकरण कितने वर्ष पुराने हैं, इनके निराकरण की समयावधि क्या विधि एवं शासन द्वारा निर्धारित की गई है? शासन के आदेश की प्रति देते हुये बतावें कि प्रकरण समय पर निराकृत नहीं किये गये तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या तहसील सिरमौर के न्यायालय नायब तहसीलदार के प्रकरण क्र.36 अ 06 अ/2014-15 पर दिनांक 02.08.2017 को कम्प्यूटर के त्रुटि के सुधार करने के नाम पर भूमि स्वामियों प्रभाकर सुधाकर गोपाल नारायण की आरजी खसरा क्र. 675/1 एवं इसके अनुसार 10 नम्बरों को भूमि स्वामियों को सुनवाई का अवसर दिये बगैर श्री लक्ष्मीकान्त मिश्रा पिता द्वारिकाधीश मिश्रा के नाम राजस्व अभिलेखों में नाम दर्ज करने के निर्देश पारित किये गये जो त्रुटिपूर्ण एवं विधि विपरीत है? (घ) प्रश्नांश (क) के लम्बित प्रकरणों को प्रश्नांश (ख) अनुसार निर्धारित समय व अवधि पर निर्णित न करने एवं पक्षकारों को परेशान करने के लिए कौन-कौन जवाबदार हैं? इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगे तथा प्रश्नांश (ग) अनुसार नायब तहसीलदार सिरमौर के द्वारा दिनांक 02.08.2017 को विधि विरूद्ध पारित आदेश के लिए दोषी मानकर अनुशासनात्मक कार्यवाही करेंगे एवं राजस्व अभिलेखों में पूर्ववत सुधार हेतु अनुविभागीय अधिकारी सिरमौर के यहां लंबित अपील पर निर्णय हेतु निर्देशित करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) रीवा जिले की तहसीलों में खसरा नामान्तरण, खसरा सुधार, वारिसाना एवं कम्प्यूटर में त्रुटि के कारण राजस्व अभिलेखों में हुई गडबड़ी से संबंधित निम्नानुसार प्रकरण तहसील न्यायालयों में लम्बित हैं:-
क्र. तहसील लंबित प्रकरण
1 हुजूर 416
2 रायपुर कर्चु. 196
3 गुढ़ 304
4 सिरमौर 843
5 सेमरिया 199
6 मनगवां 484
7 मऊगंज 528
8 नईगढ़ी 136
9 हनुमना 221
10 त्योंथर 333
11 जवां 170
योग 3830
(ख) प्रश्नांश (क) के लंबित प्रकरण 01 वर्ष की अवधि के है। नामांतरण के अविवादित प्रकरणों में निराकरण हेतु 03 माह एवं विवादित नामांतरण प्रकरणों के निराकरण हेतु 06 माह की समय-सीमा शासन द्वारा निर्धारित सिटीजन चार्टर अनुसार है। खसरा सुधार प्रकरणों के लिये सिटीजन चार्टर अनुसार सेवा निश्चित नहीं है। (ग) नायब तहसीलदार वृत्त लालगांव के प्रकरण क्रमांक 36/अ-6अ/2014-15 द्वारा दिनांक 02.08.2017 को विधि अनुसार कार्यवाही कर निर्णय किया गया जिसकी अपील अनुविभागीय अधिकारी सिरमौर के न्यायालय में प्रचलित है। (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार नायब तहसीलदार लालगांव तहसील सिरमौर के आदेश के विरूद्ध अनुविभागीय अधिकारी सिरमौर के न्यायालय में अपील विचाराधीन है और अपीलीय न्यायालय के आदेश अनुसार विधि अनुसार कार्यवाही की जायेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने एवं दोषियों पर कार्यवाही
[गृह]
79. ( क्र. 1090 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के पैकेज क्र. एम.पी.1257 के निर्माण बाबत् श्री गिरिजेश कुमार पाण्डेय द्वारा ग्राम चकमी थाना करंजिया चौकी गोपालपुर जिला डिण्डौरी में कैम्प स्थापित कर कार्य किया जा रहा था, कैम्प में दिनांक 27.05.2017 को रात्रि लगभग 08:00 बजे अराजक तत्व प्रवेश कर ठेकेदार की मशीन बाव कैट लोडर जिसकी कीमत 40 लाख है, जबरन उठा ले गये? (ख) क्या प्रश्नांश (क) की सूचना डायल 100 में रात्रि 11:43 पर दर्ज करायी गई लेकिन यह कह कर कार्यवाही नहीं की गई की नक्सलाइट क्षेत्र होने के कारण कार्यवाही नहीं की जा सकती और न ही अपराध पंजीबद्ध किया गया तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार अपराध पंजीबद्ध न किये जाने के कारण दिनांक 10.06.2017 को पुलिस महानिरीक्षक शहडोल एवं दिनांक 07.10.2017 को पुलिस महानिर्देशक भोपाल को आवेदन देकर वास्तविक स्थिति से अवगत कराया गया लेकिन अपराध पंजीबद्ध कर कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) की घटना की शिकायत सी.एम. हेल्पलाइन पर दिनांक 05.06.2017 जिसका क्र.3976585 एवं दिनांक 08.07.2017 क्र.4190793 पर की गई फिर भी कार्यवाही न कर शेख हसन का वायकोटोलर का किराया न देने एवं आपसी लेन देन का मामला बताकर प्रकरण में लीपापोती की गई, जबकि प्रश्नांश (क) की मशीन शेख हसन एवं अन्य के पास है? (ड.) प्रश्नांश (क) की घटना पर (ख) (ग) अनुसार सूचना पर अपराध पंजीबद्ध न कर अपराधियों को खुली छूट देकर अपराध को बढ़ावा दिया जा रहा है? प्रश्नांश दिनांक तक मशीन वापस रिपोर्टकर्ता को नहीं दिलाई गई न ही अपराधियों पर अपराध पंजीबद्ध कर कार्यवाही की गई तो क्यों? अपराध पंजीबद्ध कराते हुये मशीन की वापसी एवं नुकसानी बाबत् क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) श्री गिरिजेश कुमार पाण्डे द्वारा ग्राम चकमी चौकी गोपालपुर थाना करंजिया जिला डिण्डौरी में कैम्प स्थापित कर कार्य किया जा रहा था। वस्तुस्थिति यह है कि दिनांक 27.05.2017 को श्री गिरिजेश कुमार पाण्डे का वाहन चालक रामजी निर्माण स्थल से मशीनरी ले जाने लगा। तब मजदूरों की मजदूरी का भुगतान ना होने के कारण एवं शेख हसन निवासी भानपुर के बाईको रोलर के किराए की राशि न दिये जाने के कारण वाहन चालक रामजी से मशीनों को उठाने पर प्रश्न किया गया, तब वाहन चालक रामजी ने श्री गिरिजेश कुमार पाण्डे से फोन पर बात की। तत्पश्चात श्री गिरिजेश कुमार पाण्डे द्वारा ही कहा गया कि आप कैट लोडर को जहॉ रखना चाहते हैं रख दो। इस पर वाहन चालक रामजी ने ही मशीन को ट्रक में लोड़ कराकर बटिया के क्रेशर प्लांट में रखवायी। इस बावकैट लोडर मशीन की चाबी श्री गिरिजेश पाण्डे के वाहन चालक रामजी के पास ही है। (ख) श्री गिरिजेश कुमार पाण्डे द्वारा दिनांक 27.05.2017 की रात्रि डायल-100 को सूचना दी गयी थी। इवेंट के बारे में आवेदक श्री पाण्डे को बताया गया था कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण सुरक्षा के दृष्टिकोण से एफ.आर.व्ही. वाहन का जाना उपयुक्त नहीं है। घटना आपसी लेनदेन की प्रकृति का होने से अपराध पंजीवद्ध नहीं किया गया। (ग) अपराध पुलिस हस्ताक्षेप योग्य न होकर आपसी लेनदेन की प्रकृति का होने से पंजीबद्ध नहीं किया गया। (घ) प्रकरण क्रमांक 397685, दिनांक 05.06.2017 सी.एम. हेल्पलाईन में दर्ज होने के पश्चात जाँच कराई जाकर जाँच में पाये गये तथ्य के आधार पर ही निराकरण सी.एम.हेल्पालाईन पोर्टल पर दर्ज किया गया है। प्रकरण में लीपापोती नहीं की गई है। शिकायत क्रमांक 4190793 दिनांक 08.07.2017 का प्रश्नांश ''क'' में उल्लेखित घटना से कोई संबंध नहीं है। (ड.) घटना का संबंध पुलिस हस्ताक्षेप योग्य अपराध से नहीं है। अतः अपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं किया जा सकता हैं।
नर्मदा यात्रा के समापन में लगाई गई बसों की जानकारी के संबंध में
[परिवहन]
80. ( क्र. 1093 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 15 मई 2017 को मध्यप्रदेश के अमरकटंक में नर्मदा यात्रा के समापन कार्यक्रम में परिवहन विभाग द्वारा मध्यप्रदेश के किस-किस जिले से कितनी-कितनी बसों का अधिग्रहण कर अमरकटंक के लिये लगाई गई थी? जिलेवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्न की कंडिका (क) की जानकारी अनुसार कितनी बसों का भुगतान कर दिया गया है? कितनी बसों का भुगतान बाकी है? किये गये भुगतान की राशि व बाकी भुगतान की राशि सहित पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
लोकार्पित भवन में परिवहन कार्यालय का संचालन
[परिवहन]
81. ( क्र. 1125 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर परिवहन कार्यालय का लोकार्पण किस दिनांक को हुआ है? लोकार्पित दिनांक से अब तक कार्यालय किस स्थान में संचालित हैं? (ख) क्या विभाग के पास स्वयं का भवन होने के बाद भी कार्यालय किराये के भवन में लगाया जा रहा है? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) दिनांक से अब तक कुल कितने किरायें की राशि दी जा चुकी है? (ग) क्या विभाग ने उक्त निर्मित भवन को खंडहर करने के लिये छोड़ा है? यदि नहीं, तो कार्यालय कब से संचालित होगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) नवनिर्मित जिला परिवहन कार्यालय भवन अनुपपुर का लोकार्पण दिनांक 24.09.2016 को हुआ। नवनिर्मित भवन में दिनांक 28.09.2017 से कार्यालय संचालित है। (ख) जी नहीं। नवीन कार्यालय भवन में लोकार्पण दिनांक 24.09.2016 को हुआ था। कार्यालय में मूलभूत सुविधाऐ जैसे, विद्युत कनेक्शन न होने, वाहन खडें होने के लिये जगह न होने, पानी की व्यवस्था न होने के कारण एवं किराये के भवन में संचालित वाहनों से संबंधित मूल अभिलेख एवं टेबल, कुर्सीया, अलमारिया आदि स्थानांतरण करने में 1 वर्ष 5 दिन का समय लगा। जिसके फलस्वरूप जिला परिवहन कार्यालय दिनांक 24.09.2016 से 28.09.2017 तक किराये के भवन में संचालित था,जिसका मासिक किराया रूपये 12500/- भुगतान किया जा रहा था। (ग) जी नहीं। दिनांक 28.09.2017 से नवीन भवन में कार्यालय संचालित है।
भूमि का मालिकाना अधिकार
[राजस्व]
82. ( क्र. 1130 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले के तहसील अनूपपुर, जैतहरी में कुल कितने दखल रहित भूमि एवं बास दखल कार के तहत पट्टा वितरण किया गया है? हितग्राही का नाम, पता, कुल रकवा का विवरण देवें। (ख) क्या अनूपपुर जिले में पात्र हितग्राहियों को मालिकाना हक प्रदान करने हेतु कोई अभियान चलाया जा रहा है? यदि हाँ, तो उसका समय-सीमा क्या है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जिला अनूपपुर तहत निम्नानुसार पट्टा प्रदाय किया गया हैं:-
तहसील |
दखल रहित के तहत संख्या |
रकवा |
संख्या |
रकवा |
अनूपपुर |
416 |
9.113 हे. |
12 |
0.422 हे. |
जैतहरी |
27 |
0.264 |
54 |
1.235 हे. |
योग |
433 |
9.377 हे. |
66 |
1.657 हे. |
हितग्राहियों के नाम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) हितग्राहियों को विधि अनुसार मालिकाना हक प्रदान करने हेतु कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नल-जल योजनाएं
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
83. ( क्र. 1132 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अनूपपुर जिले के विकास खण्ड जैतहरी-अनूपपुर में कुल कितनी नल-जल योजनाएं संचालित हैं? योजना का स्थापना वर्ष, कार्य की लागत, संविदाकार का नाम सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित नल-जल योजना में से कितनी चालू हैं तथा कितनी बंद हैं? बंद होने का कारण क्या है? (ग) क्या बंद नल-जल योजना चालू कराने का विभाग ने कोई निर्णय लिया है? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 96 नल-जल योजनायें संचालित हैं, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) 83 चालू तथा 13 बंद है, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। इस हेतु कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय समिति को रू. 20.00 लाख तक के सुधार प्राक्कलन स्वीकृत करने हतु शासन द्वारा अधिकार प्रत्यायोजित किए गए हैं। बंद नल-जल योजनाओं को चालू करने हेतु संबंधित पंचायतों से समन्वय कर चालू करवाने के प्रयास किये जा रहे हैं। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है।
भूमि विनिमय आदेश पालन संबंधी
[राजस्व]
84. ( क्र. 1136 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तहसीलदार मंदसौर द्वारा दिनांक ५-८-१९९८ को प्रकरण क्रमांक ४१/बी-१२१/९२-९३ गोरधनदास विरुद्ध म.प्र.शासन में भूमि विनिमय का आदेश पारित हुआ है? ब्यौरा दें. प्रकरण में वर्तमान स्थिति क्या है? (ख) वर्ष १९९८ के भूमि विनिमय आदेश पर अब तक क्या-क्या कार्यवाही हुई? (ग) भूमि विनियम के इस प्रकरण में देरी के क्या कारण हैं? कब तक प्रकरण में पालन होगा? क्या शासन भूमि अदला-बदली करेगा अथवा बाजार मूल्य से आवेदक को मुआवजा देगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) तहसीलदार मंदसौर द्वारा तहसील न्यायालय मंदसौर के प्रकरण क्रमांक 41/बी-121/1992-93 (गोरधनदास वि. म.प्र.शासन) में आवेदक गोरधनदास पिता पुरूषोत्तमदास बैरागी निवासी मंदसौर को कस्बा मंदसौर स्थित भूमि सर्वे नं. 1071 रकवा 0.383 हे. के स्थान पर ग्राम भून्याखेडी स्थित भूमि सर्वे नं. 214 में से रकवा 0.383 हे. विनिमय में दिये जाने हेतु प्रतिवेदन दिनांक 05.08.1998 को प्रतिवेदित किया गया था, जिस पर कलेक्टर न्यायालय मंदसौर में प्रकरण क्रमांक 24/अ-19 (4)/1997-98 दर्ज किया जाकर दिनांक 29/10/1998 को मूल भूमि स्वामी की मृत्यु हो जाने से एवं उसके वारिसान को रिकार्ड पर नहीं लिये जाने प्रकरण प्रचलन योग्य नहीं होने से निरस्त किया गया, पश्चात आवेदक गोरधनदास के वारिसान द्वारा म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 32, 51 के तहत आवेदन प्रस्तुत किये जाने पर कलेक्टर न्यायालय मंदसौर में प्रकरण क्रमांक 05/पुनर्विलोकन/2000-01 दर्ज किया जाकर दिनांक 15/05/2001 को प्रकरण प्रचलन योग्य नहीं होने से निरस्त कर दिया गया था। कलेक्टर न्यायालय मंदसौर के उक्त निर्णय दिनांक 15/05/2001 के विरूद्ध अपर आयुक्त न्यायालय उज्जैन संभाग उज्जैन के यहा निगरानी प्रस्तुत की गई। अपर आयुक्त उज्जैन संभाग उज्जैन के निगरानी प्रकरण क्रमांक 471/निगरानी/2001-02 में पारित निर्णय दिनांक 03/09/2002 द्वारा निगरानी अस्वीकार की जाकर कलेक्टर मंदसौर का आदेश दिनांक 15/05/2001 को स्थिर रखा गया है। उक्त तथ्यों के आधार पर आवेदक का आवेदन निरस्त किये जाने से प्रकरण में कोई कार्यवाही शेष नहीं होने से प्रकरण दाखिल रेकार्ड किया गया। आवेदक के पक्ष में विनिमय संबंधी कोई आदेश पारित नहीं किया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में निरंक। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में निरंक।
आई.टी.आई. या पॉलीटेक्निक खोले जाना
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
85. ( क्र. 1169 ) श्री अनिल जैन : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय प्रधानमंत्री की 15 अगस्त 2007 की घोषणा के फलस्वरूप देश के सभी ब्लॉक मुख्यालय पर आई.टी.आई. खोले जाने थे? (ख) क्या जिला टीकमगढ़ के अन्तर्गत निवाड़ी विधानसभा क्षेत्र के निवाड़ी मुख्यालय पर आई.टी.आई. या पॉलीटेक्निक आदि नहीं हैं? यदि हाँ, तो विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी में आई.टी.आई. खोले जाने के लिये क्या प्रयास किये जायेंगे? समयावधि बताये जावें।
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) जी नहीं। माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा 15 अगस्त 2007 को देश में 1500 आई.टी.आई. एवं 50000 स्किल डवलमेंट सेंटर खोलने की घोषणा की गई थी। (ख) जिला टीकमगढ़ के अंतर्गत विधानसभा निवाड़ी के औरछा में शासकीय आई.टी.आई. एवं शासन की नीति अनुसार टीकमगढ़ एवं जतारा में एक-एक पोलीटेकनिक महाविद्यालय संचालित है। पृथक से आई.टी.आई. या पोलीटेकनिक महाविद्यालय खोले जाने की कोई योजना नहीं है।
पदों की पूर्ति तथा स्थानांतरण
[परिवहन]
86. ( क्र. 1175 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्षेत्रीय परिवहन भोपाल में लेखा अधिकारी, कनिष्ठ लेखा अधिकारी, सहायक ग्रेड-2 तथा सहायक ग्रेड-3 के पद पर कितने कर्मचारी पदस्थ हैं तथा कितने-कितने वर्षों से पदस्थ हैं? स्पष्ट नाम/पद सहित पदस्थी दिनांक की सूचीवार जानकारी बतावें। (ख) क्या परिवहन विभाग (आर.टी.ओ.) भोपाल में शासन की स्थानान्तरण नीति का पालन किया जाता है? यदि हाँ, तो ऐसे कितने कर्मचारी हैं जिनका वर्ष 2015 से 2017 में शासन की नीति के तहत स्थानान्तरण किया गया है? नाम सहित सूची बतावें। (ग) क्या क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय भोपाल में सभी कर्मचारियों पर एक जैसी स्थानान्तरण नीति लागू नहीं होती है? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो 10-15 वर्षों से जमे कर्मचारियों का स्थानांतरण क्यों नहीं किया गया है? ऐसे कितने कर्मचारी हैं जिनका 10-15 वर्षों से स्थानान्तरण नहीं हुआ? नाम सहित स्पष्ट जानकारी दें। क्या इनका स्थानान्तरण किया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कर्मचारी क्या अपने मूल पद के अनुरूप ही कार्य कर रहे या उन्हें कोई विशेष (उच्च पद का) प्रभार दिया गया है? यदि हाँ, तो किस कर्मचारी को किस पद का प्रभार दिया गया है? क्या यह अधिकार विभागीय नियमावली के अनुसार है? यदि नहीं, तो तो किस आदेश के तहत उक्त कर्मचारियों को विशेष अधिकार सौंपा गया है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय भोपाल में लेखा अधिकारी, कनिष्ठ लेखा अधिकारी, सहायक ग्रेड-2 तथा सहायक ग्रेड-3 के कुल 28 कर्मचारी कार्यरत है। जिनकी सूची पदनाम पदस्थापना अवधि सहित संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। वर्ष 2015 से 2017 में स्थानांतरित कर्मचारियों की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) स्थानांतरण नीति 2016-17 क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय भोपाल, के सभी कर्मचारियों पर भी लागू होती है। कार्यालय में पदस्थ कर्मचारियों की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। शासन द्वारा जारी स्थानांतरण नीति के अनुसार ही कर्मचारियों के स्थानांतरण बावत् निर्णय लिए जाते है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। श्री वाय.के.सक्सेना वरिष्ठ सहायक ग्रेड-2 को आदेश क्रमांक 1348 दिनांक 30.06.2015 द्वारा प्रभारी अधीक्षक का प्रभार दिया गया है। आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
किसानों को आत्महत्या की घटनाएँ
[गृह]
87. ( क्र. 1179 ) श्री रामनिवास रावत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले में वर्ष 2015, 2016 एवं 2017 में दिनांक 01 जनवरी 17 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में आत्महत्या की कितनी घटनाएँ घटित हुई? इनमें से कितने कृषक, कृषि मजदूर एवं छात्र थे? जिलेवार वर्षवार जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) की घटनाओं में से 1 जनवरी 2017 से प्रश्न दिनांक तक कृषक, कृषि मजदूर एवं छात्रों द्वारा की गई आत्महत्या की घटनाओं की जानकारी नाम एवं पते सहित दें? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार आत्महत्या करने वाले कृषक एवं कृषि मजदूरों द्वारा आत्महत्या करने के प्रमुख कारण क्या थे? कितने कृषक एवं कृषि मजदूरों द्वारा कर्ज के बोझ से, विद्युत वसूली से तंग आकर, बेटी के विवाह के लिए पैसे न होने के कारण, साहूकारों का क़र्ज़ न चुका पाने से, बैंकों द्वारा क़र्ज़ वसूली के दबाब के कारण, प्राकृतिक आपदा के कारण फसल नष्ट हो जाने से, नष्ट हुई फसल का मुआवजा नहीं मिलने, भूमि विवादों का निपटारा नहीं होने आदि कारणों से आत्महत्या की? कितने किसानों एवं छात्रों ने सुसाईड नोट छोड़े उनमें आत्महत्या के क्या कारण बतायें? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में किसानों एवं कृषि मजदूरों द्वारा की जा रही आत्महत्या की घटनाओं को रोकने के लिए सरकार द्वारा क्या क्या प्रयास किये गए या किये जा रहे हैं?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ''क'' की घटनाओं में से 01 जनवरी 2017 से प्रश्न दिनांक तक की नाम, पते सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश ''क'' के अनुसार आत्महत्या करने के प्रमुख कारण निम्नानुसार है - 1. बीमारी से परेशान होने के कारण 2. पारिवारिक समस्याओं के कारण 3. शराब की लत के कारण 4. मानसिक संतुलन खराब होने के कारण 5. वैवाहिक समस्याओं के कारण 6. ससुराल में परेशानी होने के कारण 7. परीक्षा में पेपर खराब होने के कारण 8. प्रेम संबंधो के कारण 9. पढ़ाई में कमजोर होने के कारण कर्ज के बोझ से, विद्युत वसूली से तंग आकर, बेटी के विवाह के लिए पैसे न होने के कारण, साहूकारों का कर्ज न चुका पाने से, बैंकों द्वारा कर्ज वसूली के दबाव के कारण, प्राकृतिक आपदा के कारण फसल नष्ट हो जाने से, नष्ट हुई फसल का मुआवजा नहीं मिलने से, भूमि विवादों का निपटारा नहीं होने से किसी भी किसान ने आत्महत्या नहीं की है। आत्महत्या करने वाले किसी भी किसान व छात्र ने सुसाईड नोट नहीं छोडा है। (घ) आत्महत्या के परिपेक्ष्य में नहीं, अपितु कृषि उत्पादन एवं कृषि आय वृद्धि हेतु विभागीय योजानान्तर्गत कृषकों को दिये जाने वाली सुविधा विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
भूमि डायवर्सन के प्रकरण
[राजस्व]
88. ( क्र. 1180 ) श्री रामनिवास रावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 1 अप्रैल 2016 से 31 अक्टूबर 2017 तक तहसील मुख्यालय विजयपुर एवं वीरपुर में कितने लोगों को भूमि डायवर्सन के नोटिस कितनी कितनी राशि के दिए गए? नाम, पता एवं राशि सहित जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) के नोटिसों के विरुद्ध कितने लोगों द्वारा राशि जमा कराई गयी? कितने लोगों की कितनी कितनी राशि की रसीदें काटी गयी? इसमें से कितनी राशि कोषालय में जमा कराई गयी व किस मद में जमा कराई गयी? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार भूमि डायवर्सन के कितने प्रकरण लंबित हैं? इनके लंबित रहने के क्या कारण हैं? भूमि डायवर्सन शुल्क कराने वाले लोगों में से किस किस से कितनी राशि रोगी कल्याण समिति के खातों में जमा कराई गयी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जिला श्योपुर के अनुभाग विजयपुर में दिनांक 01 अप्रैल 2016 से अक्टूबर 2017 तक कुल 365 लोगों को भूमि डायवर्सन के नोटिस दिये गये। नोटिस में राशि का उल्लेख नहीं होता है। नामवार पता एवं जमा राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -1 अनुसार है। (ख) 265 लोगों द्वारा राशि जमा कराई गई। 265 लोगों की ही 32,49,551 रूपये की रसीदें काटी गई। उपरोक्त राशि 32,49,551/- अंकन बत्तीस लाख उनचास हजार पाँच सौ इक्यावन रूपये 0029 मद भू-राजस्व एवं अन्य वसूलियां शीर्ष अन्तर्गत बैंक चालान से कोषालय में जमा कराई गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) वर्तमान में अनुविभागीय अधिकारी न्यायालय में कुल 17 प्रकरण लंबित है। जो माह अक्टूबर 2017 में दर्ज किये गये है जिसमें अनावेदकों को कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर दिये गये है तथा प्रकियाधीन होने के कारण लम्बित है। डायवर्सन शुल्क जमा कराने वाले लोगों से रोगी कल्याण समिति के खाते में डायवर्सन कार्य हेतु कोई राशि जमा नहीं कराई गयी।
अपात्र हितग्राहियों को अनुदान
[पशुपालन]
89. ( क्र. 1187 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के अंतर्गत विकासखंड अमरपाटन में विभाग द्वारा वर्ष 2010-11 में नर बकरे अनुदान में विभाग द्वारा स्वीकृत सूची के क्रमांक 01 से 17 तक के हितग्राहियों को दिए गए नामवार जानकरी देवें। (ख) क्या उपरोक्त स्वीकृत सूची के सरल क्रमांक 01 से 03 जो घर से बहुत सम्पन्न थे तथा ये बकरी पालन नहीं करते लेकिन इन्हें नर बकरा अनुदान किन कारणों से दिया गया है, जबकि उक्त योजना बकरी पालन करने वाले हितग्राहियों के लिए है जिन्हें नस्ल बदलने के लिए दिए जाते हैं? (ग) क्या विकासखंड अमरपाटन में पदस्थ पशु चिकित्साधिकारी द्वारा अपनी सगी बहू को भी नर बकरा अनुदान में दिया गया है, जबकि ये भी बकरी पालन का कार्य नहीं करती जबकि इनके पास मकान एवं लगभग 25 एकड़ कृषि योग्य भूमि भी है? (घ) क्या वित्तीय वर्ष 2012-13 में अ.जा./अ.ज.जा. के किसानों को विभाग द्वारा निशुल्क वितरण हेतु दो ट्रक खाद बीज आया था, किन्तु इन अ.जा./अ.ज.जा. के किसानों को खाद बीज का वितरण न कर बेच दी गई? खाद बीज वितरण किये गए हितग्राहियों की सूची नामवार/जातिवार देवें। क्या उक्त सम्पूर्ण प्रकरण की जाँच कराकर दोषी पशु चिकित्साधिकारी के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश में स्वीकृत सूची के सरल क्रमांक 1 से 3 तक का उल्लेख किया गया है वास्तव में तीन सूची है जिसमें सामान्य में 02, अनुसूचित जन जाति में 06 तथा अनुसूचित जाति में 09 इस प्रकार कुल 17 हितग्राहियों को नर बकरा प्रदाय किया गया है। सामान्य हितग्राही की सूची में सरल क्रमांक 01 से 02 तक ही हितग्राही है जो वर्ष 2010-11 में बकरी पालन करते थे इस कारण नर बकरा प्रदाय किया गया है। (ग) पशु चिकित्सा विस्तार अधिकारी विकासखण्ड अमरपाटन की सगी बहू को बकरा प्रदाय नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) वित्तीय वर्ष 2012-13 में ए.एफ.डी.पी. योजनान्तर्गत समस्त वर्ग के किसानों के लिये नि:शुल्क वितरण हेतु मक्का 494 क्विंटल, पौस्टिक एजोस्पी 988 किलो, पौस्टिक फासपोफिक्स 988 किलो आया था एवं यूरिया 444 क्विंटल, 50 किलो, डी.ए.पी. 445 क्विंटल, जिला विपणन अधिकारी म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित सतना से क्रय किया गया था। जी नहीं खाद्य बीज बेची नहीं गई। खाद्य बीज वितरण किये गये हितग्राहियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं।
कूटरचित दस्तावेज से रजिस्ट्री
[गृह]
90. ( क्र. 1210 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय अपराध अनुसंधान विभाग मुख्यालय भोपाल द्वारा अपने पत्र क्रमांक 1632 दिनांक 04/11/2016 एवं पत्र क्रमांक 578 दिनांक 27/04/2016 के जरिये पुलिस अधीक्षक सतना को ईश्वर प्रताप सिंह, सविता गुप्ता, मीना गुप्ता, रोहित जैन, कृष्ण कुमार तिवारी के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के निर्देश दिए गए थे? उक्त पत्रों के परिपेक्ष में पुलिस अधीक्षक सतना ने अपने पत्र क्रमांक 28-1 दिनांक 23/07/2016 के जरिये विधानसभा सेल को यह आश्वस्त किया था कि यह प्रकरण पूर्णतः दस्तावेजी साक्ष्य पर आधारित है, अनुसंधान के दौरान जैसे-जैसे दस्तावेजी साक्ष्य उपलब्ध होगें तदनुसार आरोपी बनाए जायेंगे? (ख) क्या वर्तमान पुलिस अधीक्षक सतना द्वारा दिनांक 01/08/2017 को पत्र क्रमांक 08 एवं 12 के जरिये नगर पुलिस अधीक्षक एवं अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) सतना को पत्र जारी कर नगर पुलिस अधीक्षक सतना को निर्देश दिए कि ईश्वरप्रताप सिंह को आज दिनांक तक आरोपी क्यों नहीं बनाया गया? (ग) क्या ईश्वरप्रताप सिंह की आराजी की रजिस्ट्री मीना गुप्ता, सविता गुप्ता के नाम कराइ गई? रजिस्ट्री के फर्जी गवाह सीताराम को गवाही देने वाले कैलाश गुप्ता, संतोष शर्मा हैं? इस आराजी को कूटरचित दस्तावेज तैयार कर रजिस्ट्री कराने वाले लक्ष्मीप्रसाद त्रिपाठी, रजनीश शर्मा एवं उक्त आराजी के एग्रीमेंट करने वाले विनोद चंदानी, मनोज अवतानी, पटवारी द्वय शिवभूषण सिंह, रामानंद सिंह को पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश के बाद भी आज दिनांक तक मुलजिम क्यों नहीं बनाया गया? बिन्दुवार जानकारी देवें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। (ग) वर्तमान में प्रकरण अनुसंधान में है। प्राप्त साक्ष्य अनुसार अग्रिम वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।
राजस्व अभिलेख उपलब्ध कराना
[राजस्व]
91. ( क्र. 1223 ) श्री हेमन्त सत्यदेव कटारे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजस्व रिकार्ड की प्रतिलिपि चाहे जाने पर हितग्राही को 07 दिवस में प्रदाय करने के नियम हैं? यदि हाँ, तो आवेदक श्री राजे शर्मा पुत्र श्री रामजी शर्मा निवासी लश्कर रोड भिण्ड द्वारा दिनांक 17.06.2013 को मौजा कुरथरा, वृत्त पीपरी के राजस्व रिकार्ड की प्रतिलिपि हेतु राशि बुक नं. 40030/46, 40030/42, 40030/43, 40030/44, 40030/45 एवं 40115/31 जमा कराकर प्रतिलिपि चाही गई थी तथा पुन: दिनांक 24.06.2013 को नायब तहसीलदार को रिकार्ड की प्रतिलिपि देने हेतु आवेदन प्रस्तुत किया गया था, किन्तु रिकार्ड प्राप्त नहीं होने पर पुन: उनके पुत्र श्री चन्द्रेश शर्मा पुत्र श्री राजे शर्मा निवासी लश्कर रोड भिण्ड द्वारा दिनांक 24.08.2017 को समस्त रसीदों की छायाप्रति संलग्न कर कलेक्टर को आवेदन प्रस्तुत करने पर कलेक्टर द्वारा शीघ्र तत्परता से रिकार्ड देने के तहसीलदार भिण्ड को निर्देश देने के बावजूद भी आज दिनांक तक आवेदित राजस्व रिकार्ड की उपलब्ध नहीं कराये जाने हेतु कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार है? नाम व पदनाम सहित जानकारी दी जाये। क्या समय-सीमा में रिकार्ड की प्रतिलिपि उपलब्ध कराये जाने हेतु संबंधित के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ख) क्या आवेदक श्री राजे पुत्र श्री रामजी शर्मा की मौजा कुरथरा स्थित आराजी का बन्दोबस्त से पूर्व रकवा 971 आरे था वह बंदोबस्त के बाद वर्तमान में 827 आरे रह गया है? यदि हाँ, तो क्यों एवं कब तक ठीक कर दिया जायेगा? (ग) आवेदक राजे शर्मा पुत्र रामजी शर्मा बन्दोबस्त के बाद रकवा में आये परिवर्तन को दुरस्त कराने हेतु राजस्व अभिलेखों की प्रतिलिपि चाह रहे थे जो उन्हें समय-सीमा में उपलब्ध नहीं करायी गयी जिससे राजस्व अभिलेख की दुरूस्ती नहीं हो सकी? जिसके लिये कौन जिम्मेदार है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) राजस्व रिकार्ड की प्रतिलिपि चाहे जाने पर 07 दिवस में प्रदाय किये जाने का प्रावधान है। आवेदक राजे शर्मा पुत्र रामजी शर्मा निवासी लश्कर रोड भिण्ड द्वारा 17.06.2013 को मौजा कुरथरा वृत्त पीपरी के राजस्व रिकार्ड की प्रतिलिपि हेतु राशि बुक न.40030/46, 40030/42, 40030/43, 40030/44, 40030/45 एवं 40115/31 जमा कराकर प्रतिलिपि चाही गई थी तथा पुनः उनके पुत्र श्री चन्द्रेश शर्मा पुत्र श्री राजे शर्मा निवासी लश्कर रोड भिण्ड द्वारा दिनांक 24.08.2017 को समस्त रसीदों की छायाप्रति संलग्न कर कलेक्टर भिण्ड को आवेदन प्रस्तुत करने पर कलेक्टर भिण्ड द्वारा तत्परता से रिकार्ड देने के लिए तहसीलदार भिण्ड को निर्देश दिये गये थे। किंतु आवेदक द्वारा अपने आवेदन पत्र में किसी सर्वे नं. का उल्लेख नहीं किया गया था उसको किस सर्वे नं. की नकल लेनी है। आवेदक राजे शर्मा पुत्र रामजी शर्मा को दिनांक 10.11.2017 को नायब तहसीलदार वृत्त पीपरी द्वारा बुलाया गया एवं उससे सर्वे नंबर की जानकारी ली गई। आवेदक द्वारा बताया गया कि उसको बंदोबस्त के पूर्व सर्वे नं. 971 एवं बंदोबस्त के पश्चात् भूमि सर्वे न. 827 की आवश्यकता है। दिनांक 13.11.2017 को संवत् 1999, संवत् 2035, संवत् 1967-1971 तक चालू खसरा वर्ष 2017-18 प्रदाय की गई है। समय-सीमा में प्रतिलिपि उपलब्ध नहीं कराई जाने के कारण श्री योगेश गुप्ता सहा. ग्रेड-3 नकल शाखा लिपिक तहसील कार्यालय भिण्ड के विरूद्ध लापरवाही एवं कार्य के प्रति उदासीनता के कारण नोटिस जारी किये गये हैं। (ख) आवेदक राजे पुत्र रामजी शर्मा द्वारा ग्राम कुरथरा के बंदोबस्त के पूर्व के भूमि सर्वे नं. 971 एवं बंदोबस्त के बाद के भूमि सर्वे नं. 827 की नकल चाही गई थी। बंदोबस्त के पूर्व एवं बंदोबस्त के पश्चात् के रकबे में कोई अंतर नहीं है। बंदोबस्त के पूर्व भूमि सर्वे नं. 971 का रकवा 6 विस्वा अंकित है। और बंदोबस्त के पश्चात् नवीन भूमि सर्वे नं. 827 का रकवा 0.06 हेक्टेयर है। दोनों के रकबे में कोई अंतर नहीं है। इसलिये सुधार का कोई प्रश्न नहीं उठता है। तथा बंदोबस्त के पश्चात् उक्त सर्वे नंबर शासकीय होकर तलैया अंकित है। (ग) आवेदक राजे शर्मा पुत्र रामजी शर्मा बंदोबस्त के रकवा में आये परिवर्तन को दुरूस्त कराने हेतु राजस्व अभिलेख की प्रतिलिपि चाह रहे थे। उक्त भूमि सर्वे नं. शासकीय तलैया राजस्व अभिलेख में दर्ज है और बंदोबस्त के पूर्व एवं बंदोबस्त के पश्चात् रकबे में कोई अंतर नहीं होने के कारण दुरूस्ती की आवश्यकता नहीं है।
बिना टेण्डर प्रक्रिया अपनाये हैण्डपंपों का खनन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
92. ( क्र. 1225 ) श्री हेमन्त सत्यदेव कटारे : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र अटेर, जिला भिण्ड अंतर्गत विभाग द्वारा उप चुनाव के दौरान भारी संख्या में नियम विरूद्ध तरीके से हैण्डपंपों का खनन कर लगाये गये थे? यदि हाँ, तो किस नियम व किसके आदेश से? इन लगाये गये हैण्डपंपों की संख्या, व्यय हुई राशि, जहाँ-जहाँ हैण्डपंप लगाये गये उन स्थान आदि की पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायी जाये? (ख) क्या प्रदेश में दो लाख से अधिक राशि के कार्यों हेतु टेण्डर प्रक्रिया अपनाने के नियम हैं? यदि हाँ, तो कब खनन हेतु प्रस्ताव प्राप्त हुआ एवं पूरी टेण्डर प्रक्रिया की जानकारी उपलब्ध करायी जाये? (ग) यदि हैण्डपंप खनन हेतु टेण्डर प्रक्रिया नहीं अपनायी गयी तो इसके लिये जिम्मेदार कौन है? क्या इस संबंध में जाँच कराकर कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायी जाये?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र अटेर में उपचुनाव के दौरान नियम विरूद्ध तरीके से कोई भी हैण्डपम्प खनन नहीं कराया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। प्रश्नांकित अवधि में खनन हेतु कोई निविदा आमंत्रित नहीं की गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश-''क'' एवं ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नांदनवाड़ी पुलिस चौकी का उन्नयन
[गृह]
93. ( क्र.
1255 ) श्री
जतन उईके :
क्या गृह
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) विधान
सभा क्षेत्र
पांढुर्णा की
नांदनवाड़ी
चौकी के सीमा
क्षेत्र
अंतर्गत वर्ष 2013-14
एवं 2016-17
में आज दिनांक
तक किस-किस
प्रकार के
कितने-कितने
अपराध दर्ज
हुए? (ख)
पुलिस
चौकियों को
पुलिस थाने
में उन्नयन
के क्या
प्रावधान हैं? (ग) प्रश्नांश
(क) अनुसार
उल्लेखित
अपराधिक
मामलों के
दृष्टिगत
नांदनवाड़ी
पुलिस चौकी को
पुलिस थाने
में उन्नयन
किया जावेगा? यदि
हाँ,
तो कब तक?
गृह मंत्री (
श्री
भूपेन्द्र
सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी
निम्नानुसार
हैः-
वर्ष |
भा.द.वि. के अपराध |
लघु अधिनियम के अपराध |
योग |
2013 |
21 |
07 |
28 |
2014 |
15 |
10 |
25 |
2015 |
15 |
11 |
26 |
2016 |
26 |
05 |
31 |
2017 |
49 |
03 |
52 |
(ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी नहीं। निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप नहीं होने से नांदनवाड़ी पुलिस चौकी को पुलिस थाने में उन्नयन नहीं किया जा सकता।
कुटीर एवं ग्रामोद्योग की स्वीकृति
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
94. ( क्र. 1256 ) श्री जतन उईके : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन के निर्णयानुसार कुटीर एवं ग्रामोद्योग स्वीकृति हेतु क्या-क्या गाईड लाईन या नीति प्रचलन में है? (ख) मध्यप्रदेश शासन द्वारा विगत 03 वर्षों से कुटीर एवं ग्रामोद्योग हेतु कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई? जिलावार बतावें। (ग) प्रदेश को आवंटित राशि में से जिला छिन्दवाड़ा को कितनी राशि दी जाकर विकासखण्ड मोहखेड़ एवं पांढुर्णा को कितने-कितने कार्य कितनी-कितनी राशि से स्वीकृत हुये?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' पर है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' (1) (2) (3) (4) एवं (5) पर है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' पर है।
पेयजल योजनाएं
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
95. ( क्र. 1278 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कटनी जिले में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा विगत (03) वर्ष में कहाँ-कहाँ नल-जल योजनाओं की स्वीकृति एवं नवीन हैंडपंपों का खनन कराया गया है? इस हेतु जिले को कितना-कितना आवंटन कब-कब प्राप्त हुआ? प्राप्त आवंटन को कब-कब कहाँ-कहाँ खर्च किया गया? वर्षवार, कार्यवार पृथक-पृथक बताएं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार कौन-कौन सी नल-जल योजनाएं सफल एवं कितनी योजनाएं असफल हैं? हैंडपंप हेतु उत्खनित कितने बोर सफल एवं कितने बोर असफल हैं? विधानसभा क्षेत्र बहोरीबंद के रीठी एवं बहोरीबंद पठार क्षेत्र में पानी की व्यवस्था कैसे होगी, वर्षवार, पृथक-पृथक बताएं? (ग) प्रश्नांश (ख) के कार्यों का मूल्यांकन, सत्यापन कब-कब किस अधिकारी द्वारा किया गया है? अपूर्ण/अप्रारंभ कार्यों को कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा, कार्य अपूर्ण/अप्रारंभ होने के लिये कौन दोषी है? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही एवं कब तक की जावेगी? (घ) प्रमुख अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग भोपाल के पत्र क्रमांक 7171 दिनांक 08.09.2017 एवं 8071 दिनांक 10.10.2017 के संदर्भ में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? तिथिवार, कार्यवाहीवार विवरण दें? (ड.) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य एवं अन्य क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों तथा आम नागरिकों द्वारा कब-कब पत्र/शिकायतें प्रस्तुत की गई हैं? प्राप्त पत्रों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? पत्रवार, तिथिवार, कार्यवाहीवार पृथक-पृथक विवरण दें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) से (ड.) जानकारी विस्तृत स्वरूप की है, एकत्र की जा रही है।
म.प्र.भवन एवं संनिर्माण कर्मकार भवन अंतर्गत संचालित योजनाएं
[श्रम]
96. ( क्र. 1279 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल अंतर्गत ग्रामीण एवं नगरीय निकायों हेतु कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई है? विगत 03 वर्षों का पृथक-पृथक विवरण दें? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार आवंटित राशि से जनपद पंचायतों/नगर पालिक निगम कटनी एवं नगर पंचायतों द्वारा कितने हितग्राहियों को कितनी-कितनी राशि विवाह सहायता, प्रसूति सहायता, मृत्यु/अन्त्येष्टि सहायता, शिक्षा सहायता, मेघावी छात्र, चिकित्सा सहायता हेतु व्यय की गई वर्षवार विकासखण्डवार, ग्रामवार पृथक-पृथक बताएं? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार सहायतार्थ कितने-कितने प्रकरण कब से किस स्तर पर लंबित है? इन लंबित प्रकरणों का निराकरण कब तक किया जावेगा? प्रकरण अभी तक लंबित रहने का क्या कारण है? इसके लिये दोषी कौन है? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
खाद्य
मंत्री ( श्री
ओम प्रकाश
धुर्वे ) : (क) कटनी
जिले में
म.प्र. भवन एवं
अन्य
संनिर्माण
कर्मकार कल्याण
मण्डल के
अंतर्गत विगत
तीन वर्षों
में ग्रामीण एवं
नगरीय
निकायों हेतु पृथक-पृथक
आवंटित की गई
राशि की जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''अ''
अनुसार है।
(ख) कटनी
जिले की जनपद
पंचायतों, नगर
पालिक निगम
एवं नगर
पंचायतों
द्वारा प्रश्नांकित
योजनाओं में
गत तीन वर्षों
में व्यय की
गई राशि एवं
लाभांन्वित
हितग्राहियों
की योजनावार व
वर्षवार जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''ब''
अनुसार है। ग्रामवार
जानकारी विस्तृत
स्वरूप की
होने से
संबंधित
कार्यालयों
से संकलित की
जा रही है। (ग) लंबित
प्रकरणों
संबंधित
जानकारी
निरंक है। अत:
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
नल-जल योजनाओं के कार्य
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
97. ( क्र. 1310 ) श्री रजनीश सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) केवलारी विधान सभा क्षेत्र में वर्तमान में कितनी नल-जल योजनाएं सुचारू रूप से संचालित हैं तथा किन-किन कारणों से कितनी बंद हैं? वे कब तक शुरू हो जावेंगी? कितने हैण्ड पंप खराब है तथा कब तक सुधारे जायेंगे? (ख) केवलारी में विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत विकास खण्ड केवलारी, छपारा, घनोरा, सिवनी में कितने नलकूपों का निर्धारित नीति अनुसार वर्ष 2017-18 में खनन होना हैं? सूची उपलब्ध करायें? (ग) क्या विकास खंड केवलारी में ग्राम कोहका (वगलई) एवं वि.खण्ड छपारा अंतर्गत नल-जल योजना कोहमा एवं जलावर्धन (छपारा) योजना का कार्य अपूर्ण है? यदि हाँ, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 217 नल-जल योजनाऐं सुचारू रूप से संचालित तथा 33 योजनाऐं विभिन्न कारणों से बंद है जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है। 65 हैण्डपंप, साधारण खराबी से बंद हैण्डपंपों को सतत संधारण प्रक्रिया के तहत् लघु सुधार एवं दीर्घ सुधार अंतर्गत सामान्यतः क्रमशः 07 एवं 15 दिवस की समयावधि में सुधारे जाते हैं। (ख) वर्ष 2017-18 में सिवनी जिले को 225 आंशिक पूर्ण बसाहटों में नलकूप खनन का लक्ष्य प्राप्त है। लक्ष्य जिलेवार प्राप्त होते हैं, विधानसभावार नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) ग्राम कोहका (वगलई) की नल-जल योजना का कार्य पूर्ण है। विकासखण्ड छपारा अंतर्गत (छपारा) आर्वधन योजना का कार्य स्वीकृत कार्यों में परिवर्तन के कारण अपूर्ण है जिसकी पुनरीक्षित योजना तैयार कर स्वीकृति पश्चात् नियमानुसार कार्य पूर्ण कराया जाएगा तथा ग्राम कोहमा की कोई नल-जल योजना स्वीकृत नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गौचर एवं अन्य नोईयत की भूमि पर अतिक्रमण
[राजस्व]
98. ( क्र. 1313 ) श्री रजनीश सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केवलारी विधान सभा क्षेत्र में कुल शासकीय भूमि कितनी है, जिसमें गोचर एवं अन्य नौईयत की भूमि का कुल रकवा कितना है? क्या उक्त भूमि आज वर्तमान में अतिक्रमण से मुक्त है? (ख) जिन लोगों के द्वारा भूमि पर अतिक्रमण किया गया है? उनमें से कितने अतिक्रमणकर्ताओं पर क्या कार्यवाही की गई है? क्या उन लोगों से भूमि अतिक्रमण से मुक्त करा ली गई है? (ग) केवलारी विधान सभा क्षेत्र में कुल कितनी भूमि पर अतिक्रमण है तथा कितनी अतिक्रमण से मुक्त कराई गई है? इस संदर्भ में क्या कार्यवाही की गई? सत्र 2015-16 से 2017-18 तक अतिक्रमणकर्ताओं से अतिक्रमण मुक्त कराई गई भूमि की जानकारी प्रदान करें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) केवलारी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कुल शासकीय भूमि 26902.00 हे. है जिसमें से गोचर की भूमि 5726.00 हे. एवं अन्य नोईयत की भूमि 21176.00 हे. है। उक्त भूमि में से वर्तमान में 38.62 हे. भूमि पर अतिक्रमण है, जिसके प्रकरण न्यायालय में गतिशील है। (ख) 304 अतिक्रमणकर्ताओं के विरूद्ध कार्यवाही कर 47.11 हे. भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया जा चुका है। शेष 126 अतिक्रमणकर्ताओं से 38.62 हे. भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराये जाने की कार्यवाही गतिशील है। (ग) केवलारी विधानसभा क्षेत्र में कुल 85.73 हे. भूमि पर अतिक्रमण था। इस संदर्भ में सत्र 2015-16 से 2017-18 तक 47.11 हे. भूमि को अतिक्रमणकर्ताओं से अतिक्रमण मुक्त कराई गई।
अशासकीय कर्मचारियों से कार्य कराये जाने
[राजस्व]
99. ( क्र. 1334 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले की डबरा तहसील एवं अनुविभागीय कार्यालय में कितने-कितने कर्मचारी शासकीय एवं कितने-कितने कर्मचारी अशासकीय तौर पर कार्यरत हैं तथा शासकीय कर्मचारियों में किस विभाग के हैं और किस दिनांक से पदस्थ हैं? नाम एवं पदनाम सहित जानकारी देवें। क्या शासन के नियमानुसार एक स्थान पर तीन वर्ष से ज्यादा रखा जाना सही है? यदि नहीं, तो फिर एक ही स्थान पर क्यों पदस्थ रखे गये है? (ख) क्या डबरा तहसील एवं अनुविभागीय कार्यालय में अशासकीय तौर पर रखे गये कर्मचारियों से कार्य कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों, क्या इनको रख कर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है? यदि नहीं, तो इनको हटाने की कार्यवाही कब तक की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) ग्वालियर जिले की डबरा तहसील कार्यालय में कुल 20 शासकीय कर्मचारी एवं अनुविभागीय अधिकारी कार्यरत है। इन दोनों कार्यालयों में कोई भी कर्मचारी न तो अशासकीय है और न ही किसी दूसरे कार्यालय/विभागों से प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत है। तहसील कार्यालय डबरा एवं अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय डबरा में कार्यरत कर्मचारियों के नाम पदनाम एवं पदस्थापना दिनांक सहित सूची क्रमश: संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 पर है। म.प्र. सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक ए-6/2017/एक/9 भोपाल दिनांक 19 मई, 2017 से जारी राज्य एवं जिला स्तर पर अधिकारियों/कर्मचारियों की स्थानांतरण नीति वर्ष 2017-18 की कण्डिका 8.6 में वर्णित प्रावधान में यह लेख है कि कार्यपालिक अधिकारियों/कर्मचारियों को छोड़कर यह अनिवार्य नहीं है कि 3 वर्ष पूर्ण होने पर स्थानांतरण किया जाए। (ख) नहीं तहसील कार्यालय डबरा एवं अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय डबरा में कोई भी अशासकीय कर्मचारियों कार्य हेतु नहीं रखे जाने से शेष प्रश्न का उत्तर निरंक है।
हैंडपंप खनन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
100. ( क्र. 1381 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सीधी एवं सिंगरौली जिले में नलजल योजना के अंतर्गत कितने हैण्डपम्प खनन किये गये हैं? (ख) कितने हैण्डपम्प ड्राय निकल गये हैं या किसी और कारण कार्य नहीं कर रहे हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के हैण्डपम्पों का सर्वे करा कर नये हैण्डपम्प खनन की क्या नीति है? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) नलजल योजना के अंतर्गत हैण्डपंप हेतु कोई नलकूप खनन नहीं किये गये। (ख) इस वित्तीय वर्ष में कोइ हैण्डपंप ड्राय नहीं हुए हैं, बंद हैण्डपंपों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) स्त्रोत सूखने या अन्य कारणों से अनुपयोगी हुये हैण्डपंपों के स्थान पर नये हैण्डपंप लगाने की कोई नीति नहीं है, अपितु आंशिक पूर्ण श्रेणी की बसाहटों में जहाँ 55 लीटर प्रतिव्यक्ति, प्रतिदिन के मान से पेयजल उपलब्ध नहीं हो रहा है वहाँ पर विभागीय कार्यक्रम के अंतर्गत निर्धारित लक्ष्य एवं उपलब्ध आवंटन के अनुसार नवीन नलकूप खनन कर हैण्डपंप द्वारा पेयजल उपलब्ध कराने का कार्य कराया जाता है।
पशुचिकित्सकों की पूर्ति
[पशुपालन]
101. ( क्र. 1382 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी एवं सिंगरौली जिले में कितने पशु चिकित्सालय हैं एवं उनमें चिकित्सकों की क्या स्थिति है? चिकित्सालयवार बताएँ। (ख) पशु चिकित्सकों एवं सहायक पशु चिकित्सकों की कमी को पूर्ण करने हेतु क्या योजना है एवं कब तक पूर्ण होगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) सीधी एवं सिंगरौली जिले में क्रमश: 24 एवं 15 पशु चिकित्सालय है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) पदस्थापना निरंतर प्रक्रिया है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नक्शाविहीन ग्रामों के नक्शे तैयार करना
[राजस्व]
102. ( क्र. 1389 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1791, दिनांक 26 जुलाई, 2017 के उत्तर में बताया गया था कि विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा अंतर्गत कुल 12 ग्रामों के नक्शे विभागीय साईट पर उपलब्ध नहीं हैं, उक्त ग्रामों के नक्शे मैप आई.टी. से तैयार कराने की कार्यवाही की जा रही है? तो क्या प्रश्न दिनांक तक उक्त ग्रामों के नक्शे मैप आई.टी. से तैयार करा लिये गये हैं? यदि नहीं, तो उक्त संबंध में विलंब के क्या कारण हैं? (ख) उपरोक्तानुसार क्या शासन उक्त ग्रामों के नक्शे विभागीय साईट पर उपलब्ध कराने हेतु कोई त्वरित कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो क्या और कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) पत्र क्रमांक 2230 दिनाक 9.11.2017 से 10 ग्रामों के नक्शे डिजिटाइजेशन हेतु मेप आई.टी. को भेजे गये है। शेष 2 ग्रामों के नक्शे तैयार किये जाकर शीघ्र ही भेजे जायेगे। मेप आई.टी. से डिजिटाइज्ड नक्शे प्राप्त होते ही विभागीय वेबसाइट पर अपलोड कर दिये जायेगे। (ख) कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मजरा-टोला को राजस्व ग्राम बनाया जाना
[राजस्व]
103. ( क्र. 1390 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय कलेक्टर ( भू-अभिलेख ) जिला राजगढ़ के पत्र क्रमांक/2058-2059/17/भू-अभि./ रा.नि./2016 राजगढ़ दिनांक 29.12.2016 से विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा तहसील नरसिंहगढ़ के ग्राम बैरसिया के मजरा-टोला गोल्यापुरा एवं नई दिल्ली तथा ग्राम सोनकच्छ का मजरा-टोला पुरा को पृथक राजस्व ग्राम बनाने हेतु निर्धारित प्रपत्र में प्रस्ताव चाहा गया था? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक उक्त मजरा-टोला को राजस्व ग्राम बनाने हेतु क्या कार्यवाही की गई वर्तमान में उक्त संबंध में अद्यतन स्थिति क्या है? कब तक इनको राजस्व ग्राम बनाया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत ऐसे किन-किन मजरा-टोला के प्रकरण हैं जिनमें शासन नियम एवं मंशानुसार निर्धारित मापदण्ड़ से कुछ कमी रहने से शिथिलता प्राप्त करने हेतु प्रस्ताव शासन को प्रेषित किये गये हैं? प्रेषित प्रस्तावों पर शासन द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। प्रस्ताव परीक्षण में है। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा दी जाना सम्भव नहीं। (ख) कोई प्रस्ताव प्रेषित नहीं। शेष कार्यवाही अपेक्षित नहीं।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना अंतर्गत गैस कनेक्शन प्रदाय
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
104. ( क्र. 1412 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विकासखंड पनागर एवं विकासखंड जबलपुर के अंतर्गत बरेला क्षेत्र के समस्त चयनित हितग्राहियों को गैस कनेक्शन प्रदाय किये जा चुके हैं? यदि हाँ, तो पंचायतवार, वार्डवार सूची प्रदाय करें. (ख) यदि नहीं, तो किन्हें कनेक्शन नहीं दिये गये ऐसे हितग्राहियों की सूची कारण सहित प्रदाय करें? (ग) प्रश्नांश (ख) के अंतर्गत शेष चयनित हितग्राहियों को कब तक गैस कनेक्शन प्रदाय किये जायेंगे?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी नहीं। जबलपुर जिले के विकासखंड पनागर एवं विकासखंड जबलपुर बरेला क्षेत्र के एस.ई.सी.सी. डाटा में दर्ज समस्त पात्र हितग्राहियों को गैस कनेक्शन जारी नहीं किए गए हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) विकासखंड पनागर एवं विकासखंड जबलपुर के अंतर्गत जबलपुर क्षेत्र के 1,389 हितग्राहियों को गैस कनेक्शन जारी नहीं हुए हैं। हितग्राहियों के पास पूर्व से गैस कनेक्शन होना, आधार कार्ड एवं एस.ई.सी.सी. डाटा में नाम मिसमैच होना, परिवार में वयस्क महिला सदस्य न होना, हितग्राही द्वारा एक से अधिक गैस एजेंसियों में आवेदन प्रस्तुत करने के कारण गैस कनेक्शन जारी नहीं किए जा सके हैं। गैस कनेक्शन प्राप्त न करने वाले हितग्राहियों की ग्रामवार, संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजनांतर्गत गैस कनेक्शन जारी करना एक सतत् प्रक्रिया है। हितग्राहियों से प्राप्त आवेदनों पर एल.पी.जी. कनेक्शन समयबद्ध सीमा में जारी किए जाएगे। जिन हितग्राहियों द्वारा आवेदन प्रस्तुत नहीं किए गए हैं, उनके द्वारा आवेदन प्रस्तुत करने पर नियमानुसार कनेक्शन प्रदाय किए जाते हैं।
हितग्राहियों को राशन वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
105. ( क्र. 1413 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत राशन कार्ड धारक को मैपिंग मशीन में नाम न होने अथवा किसी अन्य जगह फीड हो जाने के कारण राशन नहीं दिया जाता है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के अंतर्गत विगत 01 वर्ष से ग्राम पंचायत सुंदरपुर, रिठौरी एवं अन्य स्थानों के 146 हितग्राहियों को इस त्रुटि के कारण राशन नहीं मिल रहा है? (ग) यदि हाँ, तो क्या पुनर्परीक्षण करके यह त्रुटि दूर कर राशन की पूर्ति सुनिश्चित की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) क्या प्रश्नांश (क) के अंतर्गत इस त्रुटि के लिये दोषी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के एण्ड-टू-एण्ड कम्प्यूटराईजेशन परियोजना के तहत पात्र हितग्राहियों का सत्यापन, पात्रता पर्ची जारी करना, राशन सामग्री के आवंटन, वितरण आदि कार्य कम्प्यूटराईज्ड किया जा रहा है एवं उचित मूल्य दुकानों पर पी.ओ.एस. मशीन लगाई जाकर उसके माध्यम से हितग्राहियों को राशन सामग्री का वितरण किया जा रहा है। पी.ओ.एस. मशीन में जिन पात्र परिवारों की हकदारी एवं दुकान को राशन सामग्री का आवंटन किया जाता है। उसी दुकान से हितग्राही को राशन सामग्री वितरण करने की व्यवस्था की गई है। (ख) ग्राम पंचायत सुन्दरपुर के 24 परिवार राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता भण्डार, ऐठाखेड़ा से मैप होने के कारण इन परिवारों को ऐठाखेड़ा की उचित मूल्य दुकान से राशन सामग्री का वितरण कराया गया है। अन्य स्थानों के पात्र परिवार अन्य दुकानों से मैप होने संबंधी जानकारी से मैप होने संबंधी जानकारी संज्ञान में नहीं आई है। (ग) ग्राम पंचायत रिठौरी के 24 पात्र परिवारों को उनकी पूर्व उचित मूल्य दुकान पनागर से संलग्न करने की कार्यवाही प्रचलित है। इन परिवारों को शीघ्र ही सुन्दरपुर की उचित मूल्य दुकान से राशन सामग्री वितरण कराई जाएगी। (घ) शासकीय उचित मूल्य दुकान, ऐठाखेड़ा से उक्त पात्र परिवारों को नियमित राशन सामग्री वितरण किये जाने से कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राजस्व विभाग की अधिसूचित सेवाएं
[राजस्व]
106. ( क्र. 1426 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. लोक सेवाओं के प्रदाय की गारंटी अधिनियम के तहत राजस्व विभाग की कौन-कौन सेवाएं कब-कब से अधिसूचित हैं एवं इनके क्रियानवयन के क्या शासनादेश हैं? (ख) क्या इन सेवाओं के आवेदनों को पदाभिहित अधिकारी के कार्यालय में भी जमा किया जा सकता है? यदि हाँ, तो कटनी जिले में वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन सेवाओं के कौन-कौन से आवेदन पदाभिहित अधिकारियों के कार्यालय में कब-कब प्राप्त हुये एवं इनके निराकरण की नियत तिथि क्या थी और किये गये आवेदनों की सेवायें कब-कब प्रदान की गई? आवेदनवार, कार्यालयवार बतायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत आवेदन के पंजीयन हेतु लोक सेवाओं के प्रदान की गांरटी नियम २०१० के तहत नियम 16 क्या है? क्या कटनी जिले में पदाभिहित अधिकारियों के कार्यालयों में निर्धारित पंजी का संधारण एवं पंजी में आवेदनों का इन्द्राज किया जा रहा है? यदि हाँ, तो वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि की पंजी का ब्यौरा उपलब्ध कराये? यदि नहीं, तो कारण बतायें एवं इस पर क्या कार्यवाही की जायेगी, यह भी बतायें। (घ) प्रश्नांश (ख) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में राजस्व विभाग की सेवाओं के क्रियान्वयन में अनियमितताओं और अधिनियम के प्रावधानों पर कार्यवाही की जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। सेवा क्रमांक. 4.1, 4.2, 4.11, 4.12, 4.13, 4.14, 4.15 एवं 4.16 के आवेदन लोकसेवा केन्द्र के साथ पदाभिहित अधिकारी के कार्यालय में लिये गये हैं। शेष चाही गई जानकारी विस्तृत स्वरूप की होने से संकलित की जा रही है। (ग) निराकृत प्रकरणों के अभिलेख का संधारण नियम 16 के तहत आता है। जी हाँ। शेष चाही गई जानकारी विस्तृत स्वरूप की होने से संकलित की जा रही है। (घ) शेष प्रश्नांश का प्रश्न उद्भुत नहीं होता है।
खाद्य सुरक्षा अधिनियम का क्रियान्वयन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
107. ( क्र. 1427 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य के विधानसभा प्रश्न क्रमांक-2242 दिनांक-27/02/2017 की जानकारी एकत्रित की जा चुकी हैं, यदि हाँ, तो यह जानकारी क्या है, बतायें और उप संचालक खाद्य द्वारा पत्र क्रमांक 2758/शिकायत/2015 दिनांक-22/09/2015 से किन शासकीय सेवकों को किस बावत आदेशित किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत संबंधित जाँचकर्ता अधिकारियों द्वारा क्या जाँच एवं कार्यवाही की गयी? किसी जाँच अधिकारी ने जाँच में क्या समस्या बतायी, क्या मार्गदर्शन मांगा? संचालनालय ने क्या कार्यवाही की? जाँच लंबित रहने हेतु कौन उत्तरदायी है, शासन इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही करेगा? (ग) कटनी जिले में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के परिवारों के कितने परिवार समग्र पोर्टल पर सत्यापित होकर दर्ज हैं, इनमे से कितने परिवारों को पात्रता पर्ची प्राप्त हैं, कितने परिवारों को पात्रता पर्ची जारी नहीं हैं,? (घ) प्रश्नांश (ग) के तहत मुडवारा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत संचालित राशन दुकानों में जाति के आधार पर किन-किन परिवारों को खाद्यान्न प्राप्त हो रहा हैं,राशन दुकान वार बताये? (ड.) प्रश्नांश (ग) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में क्या समग्र पोर्टल पर पात्र एवं अपात्र परिवारों की जाँच का कार्य करवा कर पात्रता पर्ची जारी की जायेगी यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
गौशालाओं को भूमि का आवंटन
[राजस्व]
108. ( क्र. 1435 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गौशालाओं को भूमि आवंटन किये जाने के संदर्भ में शासन की क्या योजना है? क्या इसके संदर्भ में कोई निर्देश जारी किये गये है? यदि हाँ, तो क्या? निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में कितनी गौशाला कार्यरत हैं तथा कितनी गौशालाओं को कितनी-कितनी भूमि का आवंटन किया गया है रजिस्टर्ड गौशालाओं को भूमि आवंटन की क्या प्रक्रिया है तथा कितने समय में भूमि का आवंटन किया जाता है? (ग) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में कार्यरत गौशाला से क्या भूमि आवंटन के संदर्भ में कोई आवेदन प्राप्त हुए हैं? यदि हाँ, तो क्या गौशालाओं को भूमि का आवंटन कर दिया गया है या अभी नहीं किया गया है और यदि नहीं, किया गया है तो क्यों नहीं किया गया और कब तक कर दिया जावेगा? (घ) निजी गौशालाओं और शासकीय गौशालाओं को शासन द्वारा क्या-क्या सुविधाएँ प्रदान की जा रही हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। गौशालाओं को भूमि आवंटन किये जाने के संबंध में म.प्र. शासन की भूमि आवंटन संबंधी नीति का परिपत्र दिनांक 4.9.2008 की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कुल 08 गौशाला कार्यरत हैं। किसी गौशाला को भूमि का आवंटन नहीं किया गया है। भूमि आवंटन की प्रक्रिया उत्तरांश (क) के संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। समय-सीमा निर्धारित नहीं है। (ग) जी नहीं। कोई आवेदन पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (घ) निजी गौशाला और शासकीय गौशालाओं को शासन द्वारा पशु उपचार टीकाकरण औषधि वितरण नि:शुल्क किया जाता है।
पुलिस थानों में रिक्त पदो की पूर्ति
[गृह]
109. ( क्र. 1437 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में कितने पुलिस थाने हैं? (ख) उपरोक्त थानों में कितने पद स्वीकृत हैं वर्तमान में इन पदों पर कितने पद भरे हुए हैं तथा कितने पद रिक्त हैं तथा कब से ये पद रिक्त हैं? थानेवार जानकारी प्रदान करें। (ग) इन रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जायेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) 03 पुलिस थाने हैं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) पुलिस विभाग में रिक्त पदों की पूर्ति पदोन्नति एवं सीधी भर्ती से की जाती है, जो निरन्तर चलने वाली प्रक्रिया है, अतः समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं।
श्रम विभाग द्वारा बनाये गये प्रकरणों की जानकारी
[श्रम]
110. ( क्र. 1439 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक ऐसे कितने प्रकरण बनाये गये जिनमें श्रम नियमों का उल्लंघन किया गया है वर्षवार तथा विधानसभा क्षेत्रवार दर्ज प्रकरणों की जानकारी प्रदान करें। (ख) इन प्रकरणों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) बाल श्रम के नियमों का उल्लंघन करने के संदर्भ में जिले में किन-किन लोगो के विरूद्ध प्रकरण बनाये गये हैं? (घ) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में श्रम विभाग द्वारा पिछले 2 वर्षों में कब-कब होटल फैक्ट्री और अन्य स्थानों पर निरीक्षण किया गया तथा क्या कार्यवाही की गई? पिछले 2 वर्षों में कितना जुर्माना बड़नगर विधानसभा से वसूल किया गया?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) प्रश्नांकित अवधि की सहायक श्रमायुक्त कार्यालय उज्जैन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है तथा उपसंचालक, औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा कार्यालय उज्जैन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) 1. सहायक श्रमायुक्त उज्जैन द्वारा न्यायालय में प्रस्तुत 55 प्रकरणों में न्यायालय द्वारा रूपये 54,000/- का अर्थदण्ड किया गया है। शेष प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है। 2. उपसंचालक औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा उज्जैन द्वारा न्यायालय में प्रस्तुत 10 में से 02 प्रकरणों में न्यायालय द्वारा रूपये 10,000/- का अर्थदण्ड किया गया है। शेष प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है। (ग) सहायक श्रमायुक्त उज्जैन द्वारा 17 नियोजकों के विरूद्ध प्रकरण बनाए गए है उनकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में सहायक श्रमायुक्त उज्जैन द्वारा विगत दो वर्षों में 05 निरीक्षण किए गए है जिनमें दो प्रकरण माननीय न्यायालय में दायर किये गये हैं, जो विचाराधीन हैं।
कस्टम मिलिंग हेतु दी गयी धान के बारदाने मिलर्स से वापसी लेने
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
111. ( क्र. 1444 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भारत सरकार द्वारा कस्टम मिलिंग हेतु दी गयी धान के बारदाने मिलर्स से वापसी लेने हेतु क्या कोई पत्र शासन को प्राप्त हुये हैं या इस संबंध में कोई दिशा-निर्देश भारतीय खाद्य निगम द्वारा प्राप्त हुए है? यदि हाँ, तो इसकी छायाप्रति उपलब्ध कराएं। (ख) क्या बारदाने वापिस करने संबंधी आदेश लागू नहीं होने से मिलर्स को वित्तीय नुकसान उठाना पड़ रहा है? क्या जान बूझकर बारदाने वापस लेने संबंधी आदेश लागू करने में देरी कर मिलर्स से विभागीय अधिकारी बारगेनिंग कर रहे हैं? (ग) छत्तीसगढ तथा महाराष्ट्र में पूर्व से बारदाने वापिस लिये जा रहे हैं तो म.प्र. में इसे लागू करने में क्या परेशानी है, जबकि इससे नए बारदानों की खरीदी न होने से भारत शासन की बचत होगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी नहीं, भारत सरकार द्वारा खरीफ विपणन मौसम 2017-18 में समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान के लिए 50 % मात्रा को एक बार उपयोग किये गये जूट के बारदानों में पैकिंग करने के निर्देश दिये गये है। निर्देश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, मध्यप्रदेश में 50% तक पुराने बारदाने उपयोग में लाए जाने के निर्देश हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कौशल उन्नयन हेतु उच्च तकनीकी शिक्षा अंतर्गत संचालित योजनाएं
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
112. ( क्र. 1464 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कौशल उन्नयन हेतु कक्षा 12वीं तक तो शासन द्वारा योजनाएँ बनाई हैं, लेकिन उच्च शिक्षा के विद्यार्थियों जैसे बी.ई., एम.ई., एम.टी. आदि तकनीकी शिक्षा प्राप्त करने वालों के लिये क्या कौशल उन्नयन/विकास के कार्यक्रम/योजनाएँ चलाई जा रही है? (ख) यदि कौशल उन्नयन उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले को प्रशिक्षण दिया जा रहा है तो किस योजना के तहत कितने विद्यार्थियों को आज तक कौशल उन्नयन किया गया है? (ग) कौशल उन्नयन प्राप्त उच्च शिक्षा प्राप्त कितनों को रोजगार प्राप्त हो सका है तथा कितनों को नहीं? जिन्हें रोजगार प्राप्त नहीं हुआ उनके लिये उच्च तकनीकी शिक्षा विभाग क्या विचार कर रहा है?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) से (ग) की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पेयजल पाईप लाईन की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
113. ( क्र. 1467 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र 112 अंतर्गत विभाग द्वारा विगत 05 वर्षों में ग्राम पंचायतवार कितनी-कितनी टंकियों की स्वीकृति दी गई है? सूची उपलब्ध करायी जावे? (ख) विधानसभा क्षेत्र 112 की ग्राम पंचायतों में प्रश्नकर्ता एवं सरपंचों द्वारा पेयजल की समस्या के निराकरण के लिए किन-किन ग्रामों में टंकियों की स्वीकृति के प्रस्ताव प्रेषित किये गये हैं एवं किन-किन ग्राम पंचायतों में पेयजल हेतु, पाईप लाईन की स्वीकृति हेतु प्रस्ताव प्रेषित किये गये है? अद्यतन कार्यवाही की जानकारी दी जावे। यदि कोई कार्यवाही नहीं की गई हो तो उसके क्या कारण रहे हैं? प्राप्त प्रस्तावों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ग) पंचायतवार पेयजल हेतु कितनी राशि की पाईप लाईन की स्वीकृति हुई है? क्या उक्त कार्य की निविदा जारी कर दी गई है? यदि हाँ, तो कब, यदि नहीं, तो निविदा कब तक जारी की जायेगी? निविदा जारी करने के पूर्व इस हेतु प्राप्त आवंटन में कितनी राशि व्यय की जा चुकी है? पाईप लाईन की स्वीकृति के साथ और क्या-क्या कार्य कराये जावेंगे?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में 3 टंकियाँ स्वीकृत की गई हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 के अनुसार हैं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 के अनुसार हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांकित अवधि में कुल रू. 74.76 लाख की। जी हाँ। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-3 के अनुसार हैं।
माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा का क्रियान्वयन
[राजस्व]
114. ( क्र. 1473 ) श्री जसवंत सिंह हाड़ा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र शुजालपुर अंतर्गत ग्राम राणोगंज में आवासहीनों को आवासीय पट्टे दिये जाने हेतु कोई घोषणा की गई हैं? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) अंतर्गत उक्त घोषणा के क्रियान्वयन हेतु शासन स्तर पर क्या कार्यवाही की जा रही है? माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा को कब तक पूरा कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) उक्त घोषणा अन्तर्गत ग्राम पंचायत खेडीनगर के ग्राम राणोगंज के तीन आवासहीन हितग्राही श्रीमती रामसभाबाई पति मोहन जाति भोई, श्रीमती नर्मदाबाई पति धन्नाजी जाति भोई, रामकिशन पिता बाबूलाल जाति भोई को आवासीय पट्टे वितरित कर दिये गये है। अतएव माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा का पालन किया जा रहा है।
उचित मूल्य की दुकानों का कमीशन निर्धारण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
115. ( क्र. 1505 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 3045 दिनांक 26 जुलाई, 2017 में उत्तर दिया गया था कि ग्रामीण क्षेत्र की उचित मूल्य दुकानों को 200 या 200 से अधिक राशनकार्ड वाली प्रत्येक दुकान को एक मुश्त प्रतिमाह 8400 रूपये खाद्यान्न पर कमीशन दिया जा रहा है? यह कमीशन पृथक विक्रेता रखने पर देय होगा अन्यथा एक विक्रेता द्वारा ही एक से अधिक दुकानों का संचालन करने पर अतिरिक्त दुकानों एवं 200 से कम राशनकार्ड वाली दुकानों के लिये 2400 रूपये प्रति दुकान कमीशन दिया जा रहा है, तो क्या उक्त कमीशन संस्था को दिया जा रहा है या विक्रेता को स्पष्ट करें। (ख) यदि उक्त कमीशन संस्था को दिया जा रहा हैं? हाँ एक विक्रेता द्वारा ही एक से अधिक दुकानों का संचालन करने पर अतिरिक्त दुकानों पर 2400 रू. प्रति दुकान कमीशन क्यों रखा गया है?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। उचित मूल्य दुकान संचालन करने वाली संस्थाओं को कमीशन दिया जाता है। (ख) जी हाँ। उचित मूल्य दुकान संचालन करने वाली संस्थाओं को दुकान संचालन में होने वाले व्यय की प्रतिपूर्ति हेतु खाद्यान्न, केरोसीन एवं नमक वितरण पर कमीशन दिया जाता है। एक विक्रेता द्वारा एक से अधिक उचित मूल्य दुकान संचालन करने पर दुकान संचालन करने वाली संस्था को विक्रेता पर स्थापना व्यय कम होने के कारण अतिरिक्त दुकान हेतु संस्था को रू. 2400 प्रति दुकान प्रतिमाह कमीशन दिये जाने का प्रावधान रखा गया है।
विधान सभा प्रश्न की गलत जानकारी देने
[पशुपालन]
116. ( क्र. 1506 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 3411 दिनांक 27 जुलाई, 2016 के तारतम्य में क्या संचालक पशुपालन म.प्र. भोपाल के द्वारा प्रकरण की जाँच संयुक्त संचालक पशु सेवायें सागर संभाग सागर से कराई गई? जाँचकर्ता अधिकारी द्वारा अपने जाँच प्रतिवेदन में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि डॉ. बघेल उपसंचालक छतरपुर के अभिकथन एवं उपलब्ध कराये गये अभिलेखों से शिकायत सत्य पाई गई? (ख) क्या छतरपुर जिले के उपसंचालक बघेल पशु चिकित्सा सेवायें द्वारा शासन के नियमों के विरूद्ध कर्मचारियों के संलग्नीकरण किये गये एवं विधान सभा प्रश्न के जवाब में संबंधित अधिकारी द्वारा लेख किया कि कोई संलग्नीकरण नहीं किये गये न ही संलग्नीकरण करने का कोई प्रावधान है जबकि जाँच में संलग्नीकरण पाया गया है? (ग) क्या विधान सभा को गुमराह व गलत जानकारी देने वाले ऐसे अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी या नहीं? यदि हाँ, तो कब तक?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) संयुक्त संचालक, पशु चिकित्सा सेवायें सागर संभाग सागर द्वारा अपने जाँच प्रतिवेदन के अभिमत में स्पष्ट किया गया है कि उप संचालक पशु चिकित्सा सेवायें जिला-छतरपुर द्वारा रिक्त संस्थाओं में कार्य करने हेतु निर्देश दिये गये न कि संलग्नीकरण किया गया है। जिले में शासकीय कार्य सुचारू रूप से सम्पादित हो इसलिए जहाँ अधिक अमला था वहाँ से जिले की जिन संस्थाओं में रिक्त पद है वहाँ पर आगामी आदेश तक कार्य करने हेतु निर्देशित किया गया था। इसी को आधार मानकर शिकायत सत्य पाई गई का लेख किया गया। जाँच में संलग्नीकरण करना नहीं पाया गया है। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
नवीन हैण्डपम्प खनन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
117. ( क्र. 1520 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या खरगापुर विधान सभा सूखे की चपेट में है और पेयजल की समस्या बनी हुई है? क्या ऐसी स्थिति में नवीन हैण्डपम्प खनन उन चिहिन्त स्थानों पर करायेंगे जहां पानी के स्त्रोत मिलने की उम्मीद है? इस प्रकार से कितने नवीन हैण्डपम्प खनन कराये जाने का लक्ष्य शासन स्तर पर विभाग को दिया गया है? (ख) क्या खरगापुर विधानसभा क्षेत्र में नवीन हैण्डपम्प खनन कराये जाने हेतु प्रस्तावों की सूची विभाग को दी गई थी, परंतु प्रश्नकर्ता के उन प्रस्तावों के अनुसार लगभग एक वर्ष से कोई हैण्डपम्प खनन नहीं कराये गये हैं? कारण स्पष्ट करें। (ग) क्या ग्राम पंचायतों में खराब नल जल योजनाओं के सुधार हेतु राशि जि.प. से प्राप्त हुई है? उनके सुधार में कितना समय लगेगा? आगामी गर्मी के समय तक ग्रामों की जनता को पेयजल उपलब्ध नल जल योजना से प्राप्त हो पायेगा या नहीं? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ, परन्तु वर्तमान में पेयजल की समस्या नहीं है। जी हाँ। वित्तीय वर्ष 2017-18 में 250 आंशिक पूर्ण श्रेणी की बसाहटों में 55 लीटर प्रतिव्यक्ति प्रतिदिन के मान से पेयजल उपलब्ध कराने हेतु नवीन नलकूप कर हैण्डपंप स्थापना का लक्ष्य दिया गया है। (ख) जी हाँ। जी नहीं, दिये गये प्रस्तावों के अंतर्गत मापदण्डानुसार पात्रता के आधार पर 21 हैण्डपंप विभागीय लक्ष्य अनुसार लगाये गये हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। खरगापुर विधानसभा क्षेत्र की 43 नलजल योजनाओं के सुधार हेतु राशि दी गई थी, जिससे नलजल योजनाओं में सुधार कर उन्हें चालू किया जाकर पेयजल उपलब्ध करवाया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। बंद नलजल योजनाऐं यथाशीघ्र चालू की जा सके इस हेतु शासन द्वारा प्रत्येक जिले में कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित जिलास्तरीय समिति को रू. 20.00 लाख तक के स्वीकृति के अधिकार सौंपे गये हैं। विद्यमान नलजल योजनाओं को चालू बनाये रखने का दायित्व संबंधित ग्राम पंचायतों का है।
तहसील चीनौर में नामांतरण प्रकरणों की प्रविष्टि
[राजस्व]
118. ( क्र. 1528 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्र. 6353, दिनांक 20 मार्च, 2017 के उत्तर में प्रकरण क्र. 17/14-15 अपील आदेश दिनांक 21/7/2016 के पालन में प्रश्न दिनांक 20 मार्च, 2017 से वर्तमान प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? क्या पूर्व में दिये आधे-अधूरे लंबित प्रकरणों का निराकरण करा लिया गया है? यदि हाँ, तो स्पष्ट करें? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) विधान सभा क्षेत्र भितरवार के अंतर्गत वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक कितने विवादित एवं अविवादित नामांकरण, बंटवारा व सीमांकन हेतु किन-किन व्यक्तियों के प्रकरण प्राप्त हुये? उनका नाम, ग्राम, ग्राम पंचायत का नाम बतावें। प्राप्त प्रकरणों में से प्रश्न दिनांक तक कितने प्रकरणों का निराकरण किया गया तथा कितने प्रकरणों का निराकरण किन कारणों से किया जाना शेष है? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या उपरोक्तानुसार प्रकरणों का निराकरण करने हेतु कोई समय-सीमा निर्धारित है? यदि हाँ, तो ऐसे कितने प्रकरण हैं जिनका निराकरण निर्धारित समय-सीमा उपरांत भी नहीं किया जा सकता है? इसके लिये कौन दोषी है? क्या शासन ऐसे दोषियों के विरूद्ध कोई दण्डात्मक कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक और क्या तथा लंबित प्रकरणों का निराकरण कब तक कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) प्रश्न क्रमांक 6353 दिनांक 20 मार्च, 2017 के उत्तर में प्रकरण क्र. 17/14-15 अपील आदेश दिनांक 21/07/2016 का आदेश त्रुटिपूर्ण होने से अनुविभागीय अधिकारी भितरवार द्वारा दिनांक 06/04/2017 को संशोधित आदेश किया गया जिसका अमल न्यायालय तहसीलदार तहसील चिनौर के आर.सी.एम.एस. प्रकरण क्रमांक 50/बी-121/2016-17 दिनांक 24/06/2017 को दर्ज कर दिनांक 13/07/2017 में पटवारी को अनुविभागीय अधिकारी महोदय के आदेशानुसार अमल करने का आदेश पारित किया गया। जिसका अमल राजस्व अभिलेख में दिनांक 05/08/2017 को करा दिया गया है। पूर्व में दिये गये विधानसभा उत्तर के परिपालन में सभी लंबित प्रकरणों का निराकरण करा लिया गया है। (ख) विधान सभा क्षेत्र भितरवार के अन्तर्गत वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक अविवादित नामांतरण के प्राप्त 5289 आवेदनों, अविवादित बटवारा के प्राप्त 130 आवेदनों का शत-प्रतिशत निराकरण किया गया है। सीमांकन के प्राप्त 511 आवेदनों में से 495 का निराकरण कराया गया है। सीमांकन के 16 प्रकरण निराकरण हेतु शेष है। विवादित नामांतरण के दर्ज 969 प्रकरण, विवादित बटवारा के दर्ज 138 प्रकरणों में से क्रमश: विवादित नामांतरण के 834 प्रकरणों एवं विवादित, बटवारा के 86 प्रकरणों का निराकरण किया गया है। विवादित नामांतरण के 135 प्रकरण एवं विवादित बटवारा के 52 प्रकरण शेष है। अविवादित नामांतरण, अविवादित बटवारा, सीमांकन के प्राप्त आवेदनों व निराकरण तथा विवादित नामांतरण एवं विवादित बटवारा के दर्ज प्रकरणों की सूची व निराकृत प्रकरणों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। निराकरण से शेष प्रकरण न्यायालयीन प्रक्रिया के अन्तर्गत प्रचलित है। (ग) हाँ, विवादित नामांतरण एवं विवादित बटवारा के निराकरण हेतु सिटीजन चार्टर में समय-सीमा तय है। विधान सभा क्षेत्र भितरवार के अन्तर्गत शेष सभी प्रकरण समय-सीमा के अन्तर्गत है समय-सीमा के अन्तर्गत होने से किसी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की आवश्यकता नहीं है।
हत्याओं, अपहरण तथा बलात्कार के मामलों में अपराधियों की गिरफ्तारी
[गृह]
119. ( क्र. 1529 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 अप्रैल, 2017 से प्रश्न दिनांक तक ग्वालियर जिले में किन-किन व्यक्तियों की हत्याओं, अपहरण, बलात्कार, लूट, डकैती एवं चोरी किन-किन दिनांकों में हुई है? उनका नाम, पिता/पति का नाम, जाति, पता, थाना सहित बतावें। क्या इन घटनाओं में संलिप्त अपराधी पकड़े गये हैं? यदि हाँ, तो उनके नाम, घटनावार स्पष्ट करें? यदि फरार हैं तो कब तक पकड़ लिये जावेंगे? (ख) 1 नवम्बर, 2017 की स्थिति में एस.डी.ओ.पी. कार्यालय भितरवार एवं घाटीगांव तथा थाना गिरवाई, माधौगंज, जनकगंज, पुरानी छावनी, इन्दरगंज, भितरवार विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले थानों में कौन-कौन पुलिस कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ हैं? अलग-अलग थाना वाईज उनका नाम, पद, बैज नं., पदस्थापना दिनांक स्पष्ट करें। (ग) उक्त थानों में 3 वर्ष से अधिक समय तक एक ही स्थान पर कौन-कौन पुलिस कर्मचारी पदस्थ हैं? उनका नाम, पद बतावें। क्या उनको अन्यत्र थानों में स्थानांतरण किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार है। भारतीय दण्ड विधान की धारा 228-ए तथा किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम, 2015 की धारा 74 के प्रावधान अनुसार महिलाओं एवं अवयस्क बालक/बालिकाओं के नामो का प्रकटन प्रतिषेध होने से पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ में दर्ज नहीं किये गये। प्रश्नांकित अपराध शीर्षों के तहत विवेचनाधीन प्रकरणों में आरोपीगणों की गिरफ्तारी हेतु हर संभव प्रयास किये जा रहे है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) एस.डी.ओ.पी. कार्यालय भितरवार एवं घाटीगांव तथा विभिन्न थानों के अधिकारी/कर्मचारियों की पदस्थापना से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार है। (ग) वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ में समाहित है।
अनुकंपा नियुक्ति
[राजस्व]
120. ( क्र. 1533 ) श्री विष्णु खत्री : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कुमारी दीपिका दांगी द्वारा अपने पिता श्री उमेद सिंह दांगी की मृत्यु हो जाने के फलस्वरूप अनुकंपा नियुक्ति हेतु आवेदन किया गया था? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा इस पर क्या कार्यवाही की गयी है? (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा विभागीय मंत्री एवं विभागीय प्रमुख सचिव को इस संबंध में दिये गये पत्र पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी है? (ग) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में कुमारी दीपिका दांगी द्वारा माह जून 2015 को अनुकंपा नियुक्ति हेतु आवेदन किये जाने के उपरांत लगभग तीन वर्ष व्यतीत हो जाने के बाद भी अनुकंपा नियुक्ति का लाभ नहीं दिये जाने के क्या कारण है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। कलेक्टर भोपाल के पत्र क्रमांक 1937/स्था./भू-अभि./2015 भोपाल दिनांक 29.09.2015 एवं पत्र क्रमांक 152 दिनांक 19.01.2016 द्वारा अनुशंसा सहित भेजा गया था। उक्त अनुकंपा नियुक्ती का प्रकरण आयुक्त, भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त ग्वालियर जहां से अग्रेषित होकर शासन स्तर पर परीक्षणाधीन है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार कार्यवाही प्रचलित है।
शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में रिक्त पदों की पूर्ति
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
121. ( क्र. 1562 ) श्री सचिन यादव : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र कसरावद में स्थित शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में कितने-कितने पद किस-किस श्रेणी के स्वीकृत हैं तथा कितने-कितने पद कितने समय से रिक्त हैं? पद नाम सहित जानकारी दें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में दर्शित रिक्त पदों के कारण संबंधित छात्रों का अध्ययन प्रभावित हो रहा है? यदि हाँ, तो शिक्षण सत्र की उक्त समयावधि में छात्रों को किस प्रकार शिक्षित एवं प्रशिक्षित किया गया? (ग) उक्त छात्रों के भविष्य को मद्देनज़र रखते हुए विभाग द्वारा उक्त पदों की पूर्ति के लिये क्या कार्यवाही की गई? उक्त सभी पदों की पूर्ति कब तक कर दी जायेगी? नहीं तो तत्संबंध में जानकारी दें? (घ) उक्त संस्थान में छात्रों के अध्ययन हेतु सभी प्रकार की सुख-सुविधाएं उपलब्ध है यदि हाँ, तो बतायें? नहीं, तो क्यों? तत्संबंध में जानकारी दें।
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र एक अनुसार है। (ख) जी नहीं। सत्र अगस्त 2017 से संस्था में 03 व्यवसायों क्रमश: इलेट्रीशियन, कोपा एवं वेल्डर में प्रशिक्षण संचालित किया जा रहा है, जिसमें प्रशिक्षकों की उपलब्धता का विवरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र दो अनुसार है। (ग) पदोन्नति पर आरक्षण के संबंध में प्रकरण माननीय सर्वोच्च न्यायालय में लंबित होने के कारण प्राचार्य एवं सहायक ग्रेड'1 के पद पदोन्नति के होने के कारण नहीं भरे गये है। संस्था में संचालित यूनिट की संख्या अनुसार प्रशिक्षण अधीक्षक का 01 पद पर्याप्त है जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र एक अनुसार है। सीधी भर्ती में प्रतिबंध होने के कारण कम्प्यूटर आपरेटर सह-लिपिक (संविदा) के पद नहीं भरे गये है। चतुर्थ श्रेणी के 03 कर्मचारी संस्था में पर्याप्त है। रिर्सोस पर्सन (संविदा) के पद पर मेहमान प्रवक्ता के आमंत्रण हेतु आवेदन पत्र आमंत्रित किये गये थे, किन्तु आवेदन पत्र प्राप्त न होने के कारण पद नहीं भरा गया है। वर्तमान में अन्य व्यवस्था होने तक निकट की संस्था के कर्मचारियों द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है। (घ) प्रशिक्षण के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध है। संस्था स्वयं के नवीन निर्मित भवन में संचालित हो रही है।
नल-जल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
122. ( क्र. 1563 ) श्री सचिन यादव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कसरावद विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक कितनी नल-जल योजनाएं स्वीकृत हैं, कितनी प्रस्तावित हैं, कितनी लंबित है और क्यों? इनकी अद्यतन स्थिति से अवगत करावें। (ख) वर्तमान में कितनी चालू अवस्था में हैं, कितनी बंद है और क्यों? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार बंद पड़ी नल-जल योजनाओं को पुन: कब तक चालू करने हेतु शासन की क्या योजनाएं हैं? (घ) उक्त क्षेत्रांतर्गत कितनी-कितनी नल-जल योजनाएं निर्माणाधीन हैं तथा इनका कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 148 नलजल योजनाएं स्वीकृत है, 08 नलजल योजनाएं प्रस्तावित हैं। 03 आर्वधन योजनायें क्रियान्वयन हेतु लंबित है, जिनमें से 02 योजनाओं की निविदायें आमंत्रित की गई है तथा एक की निविदा आमंत्रण प्रक्रियाधीन है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 2 एवं 3 के अनुसार है। (ख) सभी संचालित 148 नलजल योजनाएं चालू है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (क) अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
123. ( क्र. 1610 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले में कितने परिवारों के कितने सदस्यों को पात्रता श्रेणी के तहत मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना का खाद्यान्न मिल रहा है? लाभार्थियों की संख्या, श्रेणी की प्रोजेक्ट जनसंख्या का कितने प्रतिशत है? विधान सभा क्षेत्रवार, राशन दुकानवार बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) वित्तीय वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक कितने नये परिवार जोड़े गये एवं कितने अपात्र परिवार घटाये गये? पृथक-पृथक बतायें। विधान सभा क्षेत्रवार, राशन दुकानवार पात्रता श्रेणी के कितने परिवार और सदस्य, सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची से वंचित हैं और क्यों? (ग) क्या जनवरी, 2017 के बाद सत्यापित नये परिवारों के सत्यापन उपरांत भी पात्रता पर्चियां जनरेट नहीं हो रही हैं? क्या अनूपपुर जिले में समग्र पोर्टल में पात्रता श्रेणी परिवारों और सदस्यों का सत्यापन भी नहीं किया जा रहा है? यदि हाँ, तो सत्यापन कब तक कर दिया जायेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) अनूपपुर जिले में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना के तहत 1,52,078 परिवारों एवं 6,23,259 हितग्राहियों को खाद्यान्न का वितरण किया जा रहा है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित 25 श्रेणियों के समस्त हितग्राहियों का विभाग द्वारा सर्वे नहीं कराए जाने के कारण श्रेणी की प्रोजेक्ट जनसंख्या दी जाना सम्भव नहीं है। लाभार्थियों की संख्या, विधानसभा क्षेत्रवार, राशन दुकानवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वित्तीय वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक 247 नए परिवारों को जोड़ा जाकर योजना का लाभ दिया गया है एवं 2,371 अपात्र परिवार घटाए गए हैं। अनूपपुर जिले में कुल 6,23,259 परिवारों को पात्रता पर्ची का वितरण किया गया है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत पात्र परिवारों को स्थानीय निकाय द्वारा सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) जारी की जाती है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा निर्धारित आबादी की सीमा तक ही लाभ दिया जा सकता है। अधिनियम अंतर्गत राज्य के लिए हितग्राहियों की अधिकतम सीमा निर्धारित है। इस सीमा से अधिक हितग्राहियों को लाभांवित करने का प्रावधान अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत न होने के कारण शेष आवेदकों की पात्रता नहीं बनती है। वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्यु होने, विवाह होने से, अन्य स्थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्राही की पात्रता में परिवर्तन होना एक सतत प्रक्रिया है। तदनुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित सीमा में जारी की जा रही है। जिले में 01 मई, 2017 की स्थिति में जितने अपात्र परिवारों को पोर्टल से विलोपित कर उतनी ही संख्या तक संबंधित जिले के नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित किया जा रहा है। जुड़ने वाले नवीन परिवारों में बी.पी.एल. एवं अनुसूचित जाति/ जनजाति श्रेणी को प्राथमिकता दी जा रही है। वर्ष 2017-18 में जिला अनूपपुर में 257 परिवारों के 994 हितग्राहियों के लिए नवीन पात्रता पर्ची जारी की गई है। (ग) अनूपपुर जिले में समग्र सामाजिक सुरक्षा के पोर्टल पर स्थानीय निकाय द्वारा पात्रता श्रेणी वाले परिवारों एवं सदस्यों का सत्यापन किया जा रहा है। शेष प्रश्न का उत्तर प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार है।
भू-जल स्तर गिरने से उत्पन्न पेयजल संकट
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
124. ( क्र. 1611 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या अनूपपुर जिले में वित्तीय वर्ष 2016-17 की अवधि में भू-जल का स्तर क्रमश: कितने-कितने फुट घटा है और उसमें पेयजल पर क्या प्रभाव पड़ा है? (ख) जिला अनूपपुर के विधान सभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ के कितने मैदानी एवं पहाड़ी क्षेत्रों के ग्रामों में प्रश्नांश (क) के अनुसार जल स्तर कितना घटा है और विभाग को उक्त वर्षों में कितने हैण्डपंप व ट्यूबवेलों में अतिरिक्त राईजर पाइप जोड़ने पड़े और नये खनन किये गये? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र में भू-जल स्तर निरंतर घटने के कौन-कौन से कारण पाये गये और इनसे आगामी वर्षों में जल स्तर घटने की स्थिति क्या होना संभावित है? (घ) क्या विभाग द्वारा किन्हीं अन्य विभागों के समन्वय एवं योजनानुसार 10 वर्षों पूर्व की भू-जल स्तर की स्थिति बनाये जाने का किन्हीं प्रकार का प्रयत्न प्रारंभ किया गया है? यदि हाँ, तो बतायें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) अनूपपुर जिले में 2016-17 की अवधि में भू-जल स्तर औसतन 4 से 5 फिट तक घटा है। पेयजल पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। (ख) जिला अनूपपुर के विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ के प्रायः सभी ग्राम जलस्तर की कमी से प्रभावित हैं, विभाग द्वारा उक्त अवधि में 545 हैण्डपम्पों में 3270 मीटर राईजर पाईप बढ़ाये गये हैं तथा 33 नग नवीन नलकूप का खनन किया गया है। (ग) भू-जल स्तर गिरने के मुख्य कारण कम वर्षा है, अगामी वर्षों में जल स्तर घटने की स्थिति को बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जी नहीं।
आरोपियों पर कार्यवाही
[गृह]
125. ( क्र. 1614 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शाजापुर जिले के थाना कालापीपल के अंतर्गत अपराध क्र. 0260 दिनांक 04.10.2017 से प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है? यदि हाँ, तो किस-किस धारा के अंतर्गत तथा आरोपी किस-किस को बनाया गया है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरण में आरोपियों को गिरफ्तार कर कार्यवाही की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरण में कालापीपल पुलिस द्वारा दिनवार क्या-क्या कार्यवाही की गई?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ, जिला शाजापुर के थाना कालापीपल में दिनांक 04.10.17 को अप. क्रमांक 260/17 धारा 363,366 भादवि का प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है। भादर सिंह पुत्र करण सिंह निवासी भीलखेड़ा को आरोपी बनाया गया है। (ख) जी हाँ। प्रकरण में आरोपी भादर सिंह पुत्र करण सिंह उम्र 23 वर्ष निवासी भीलखेड़ा को, गिरफ्तार किया जाकर कार्यवाही की गई है। (ग) प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
खसरा रिकार्ड में संशोधन
[राजस्व]
126. ( क्र. 1619 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर नगर के ग्राम लक्ष्मीपुर नं.ब.643 ह.नं. 25/31 स्थित शास. शिक्षक, कर्म.सह.गृह निर्माण समिति के नाम ख.नं. 223/1क एवं 225/2 कुल रकवा 1.817 हे. भूमि वर्ष 2002-03 तक दर्ज थी? यदि हाँ, तो उक्त भूमि से ख.नं. 223/1क विलोपित कर नया ख.नं. 223/8 बना कर भूमि का रकवा 1.637 हे. कब, क्यों एवं किस अधिकारी के आदेश से किया गया? कम हुयी 0.18 हे. भूमि किस खसरे में जोड़ी गयी? पूर्ण जानकारी दें। (ख) शासन के नियमानुसार भूमि के रिकार्ड में संशोधन करने सुधार करने, खसरा नं. समाप्त करने एवं खसरे से बिना कारण भूमि कम करने का अधिकार किस स्तर के अधिकारी को है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) ग्राम लक्ष्मीपुर नं.ब. 643, प.ह.नं. 25/31 स्थित शासकीय शिक्षक कर्म. सह. गृह निर्माण् समिति के नाम वर्तमान खसरा में सर्वे क्रमांक 223/8 में शामिल नं. 223/9, 223/10, 223/11, 223/12, 223/13, 223/14, 223/15, 223/16, 223/17, 225/2, 225/5, 225/8, 225/9 का कुल रकवा में त्रुटि के संबंध में अनुविभागीय अधिकारी (रा.) कोतवाली से जाँच करायी जा रही है। जाँच अनुसार जानकारी प्राप्त होने पर कार्यवाही की जावेगी। (ख) शासन के नियमानुसार भूमि के रिकार्ड में संशोधन करने का अधिकार राजस्व अधिकारी का होता है। संशोधन किस प्रकार का है, यह जाँच उपरान्त ही स्पष्ट होगा कि वह किस राजस्व अधिकारी के अधिकारिता से सुधार किया जा सकेगा।
मजरे-टोलों की जानकारी
[राजस्व]
127. ( क्र. 1641 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में ऐसे कितने मजरे टोले हैं, जो राजस्व ग्राम बनने की पात्रता रखते हैं? क्या विभाग ने अभी तक इनका परीक्षण या सर्वे कराया है? (ख) क्या इन ग्रामों के मजरे टोले जैसे कुम्हार टोल, ग्राम अजंदा, कच्छवरा टोला तूमड़ा, टोला पडेला बम्होरी कला, डंगहया टोला चांदनखेड़ा, खिरिया टोला अर्जुन गांव, छेनाकछार, गांधी टोला रायपुर, सेमरा टोला कुड़ारी, उमरिया टोला मेहराखेड़ा का सर्वे कराकर राजस्व ग्राम बनाया जाएगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र में 02 मजरे-टोले पनागर का ढाना टोला, चांदनखेड़ा का घोघराटोला राजस्व ग्राम बनाये जाने की पात्रता रखने से राजस्व ग्राम घोषित किए जा चुके है। (ख) प्रश्नांश में उल्लेखित मजरे-टोले में से पनागर का ढाना टोला, चांदनखेड़ा का घोघराटोला को राजस्व ग्राम घोषित किया गया है एवं मेहराखेड़ा का उमरिया टोला पूर्व से राजस्व ग्राम घोषित है शेष वर्णित मजरे टोलों में राजस्व ग्राम बनने की नियमानुसार पात्रता नहीं होने से इन्हें राजस्व ग्राम घोषित नहीं किया जा सकता है।
गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में संचालित नल-जल योजनाएं
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
128. ( क्र. 1642 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में कितनी ग्राम पंचायतों को विगत वर्षों में 02 लाख या उससे कम राशि पेयजल योजना सुधार हेतु उपलब्ध करायी गई थी? उसमें कितनी ग्राम पंचायतों ने नल-जल योजना का सुधार कार्य पूरा किया है एवं कितनी ग्राम पंचायतों ने नहीं किया है? जिन पंचायतों ने सुधार कार्य नहीं किया, विभाग उनके खिलाफ क्या कार्यवाही कर रहा है? नाम सहित बतावें। (ख) इतने महत्वपूर्ण कार्य की राशि वसूली हेतु विभाग क्या कार्यवाही करेगा एवं नल-जल योजनाओं को किस तरीके से विभाग लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग से समन्वय बनाकर सुधार कार्य करेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 29 ग्राम पंचायतों को। 24 ग्राम पंचायतों के द्वारा कार्य पूर्ण, शेष 5 ग्राम पंचायतों में से 3 ग्राम पंचायतों में नलजल प्रदाय योजना के कार्य प्रगति पर हैं तथा 2 ग्राम पंचायतों, माल्हनवाड़ा एवं मोहपानी में सफल स्रोत प्राप्त नहीं होने के कारण सुधार कार्य नहीं करवाया जा सका। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नजूल भूमि पर काबिज रजिस्ट्री प्राप्त व्यक्तियों का नामांतरण
[राजस्व]
129. ( क्र. 1659 ) पं. रमेश दुबे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा प्रश्न क्रमांक 1248 दिनांक 19.07.2017 में पूछे गये प्रश्न के उत्तर में कि जानकारी एकत्र की जा रही है दिया गया है? क्या जानकारी एकत्र हो गयी है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में जानकारी किस स्तर पर विलंबित हुई तथा क्यों? कब तक पूर्ण जानकारी देकर लीज प्रकरण का नवीनीकरण कर निराकरण कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर में विविध याचिका दायर की गई है, जिसमें माननीय उच्च न्यायालय द्वारा स्थगन दिया गया है जिसके पालन में सभी प्रकरणों में कार्यवाही स्थगित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनियमितता के दोषी अधिकारी एवं संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
130. ( क्र. 1664 ) श्री आरिफ अकील : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कैरोसिन परिवहन में अनियमित्ता की वसूली किए जाने के संबंध में दिनांक 30 जून, 2014 को सहायक आपूर्ति अधिकारी कटनी ने पत्र लिखकर जिला आपूर्ति अधिकारी कटनी को अवगत कराने के बावजूद प्रश्न दिनांक की स्थिति में संबंधितों के विरूद्ध वसूली की कार्यवाही नहीं की? (ख) यदि हाँ, तो क्या संबंधित जिला आपूर्ति अधिकारी की सांठ-गांठ कैरोसिन डीलरों से होने के कारण जानबूझकर शासन को लाखों रूपये की वित्तीय हानि पहुंचाई गई है? (ग) यदि नहीं, तो एक वर्ष से अधिक समय व्यतीत हो जाने के पश्चात भी कार्यवाही नहीं किए जाने के क्या कारण हैं तथा जिला आपूर्ति अधिकारी द्वारा कार्यवाही में विलम्ब के कारण वसूली नहीं करने के लिए शासन द्वारा क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित बतावें।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी नहीं। कैरोसिन परिवहन में अनियमितता संबंधी सहायक आपूर्ति अधिकारी कटनी के जाँच प्रतिवेदन अनुसार थोक कैरोसिन डीलरों से वसूल किये जाने वाली राशि 36,11,016/- रूपये में से 32,31,682/- रूपये की वसूली की जा चुकी है। शेष राशि को थोक कैरोसिन डीलरों से वसूल किये जाने संबंधी कार्यवाही की जा रही है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार राशि की वसूली की जाने तथा शेष राशि पर कार्यवाही प्रचलित होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) विगत एक वर्ष में जिला आपूर्ति अधिकारी द्वारा गंभीरता पूर्वक कार्यवाही करते हुए 1,59,710/- रूपये की राशि थोक डीलरों से वसूल की गई है शेष राशि रूपये 3,79,334/- की वसूली करने हेतु पत्र जारी किए गये है।
बाल अपराध के संबंध में प्रशिक्षण पर व्यय
[गृह]
131. ( क्र. 1665 ) श्री आरिफ अकील : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या चाइल्ड लाईन इन्द्रपुरी भोपाल द्वारा करोड़ों रूपये व्यय कर भोपाल के समस्त थानों के अधिकारी/कर्मचारियों को बाल अपराध के संबंध में प्रशिक्षण दिया गया है? (ख) यदि हाँ, तो प्रशिक्षण उपरांत वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में किस-किस थाने में विशेष तौर पर कितने अधिकारी/कर्मचारियों को नियुक्त किया गया है जो बाल अपराध संबंधी कार्य संधारित करेंगे? उनके नाम व पद सहित वर्षवार बतावें! (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अग्रेषण में बाल अपराध के संबंध में वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में कितने कौन-कौन बच्चों के संबंध में क्या-क्या कार्यवाही की गई है? बच्चों के नाम, पता सहित बताया जावें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) भोपाल शहर के समस्त अधिकारी/कर्मचारियों को बाल अपराध के संबंध में आरम्भ संस्था (एन.जी.ओ.) इन्द्रपुरी द्वारा प्रशिक्षण दिया गया है। प्रशिक्षण पर पुलिस विभाग द्वारा किसी भी राशि का व्यय नहीं किया गया है। (ख) प्रशिक्षण उपरांत वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक भोपाल के सभी थानों में विशेष तौर पर बाल अपराध संबंधी कार्य संधारित करने हेतु अधिकारी/कर्मचारी नियुक्त किये गये हैं, नाम तथा पद की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार है। (ग) बाल अपराध के संबंध में वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक की गई कार्यवाही का जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार है।
अपात्रों को शासकीय भूमि के पट्टे जारी करने
[राजस्व]
132. ( क्र. 1672 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला श्योपुर के वृत 01 मानपुर में स्थित पटवारी हल्का ढोढर खोजीपुर में वर्ष 2002-03 के पश्चात किन-किन सर्वे नंबर में कितने-कितने लोगों को पट्टे प्रदाय किये गये? (ख) क्या एक ही परिवार को 80-90 बीघा के थोक अवैधानिक पट्टे जारी किए गये? यदि हाँ, तो किस नियम के अंतर्गत जारी किये गये? (ग) क्या उक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में वर्ष 2003-04 के बाद पट्टे वितरण प्रकिया/आदेश बंद होने के बाद भी अपात्र एवं बाहर के लोगों को भूमि के पट्टे जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो किस नियम के अंतर्गत? (घ) क्या उक्त प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में निष्पक्ष एवं उच्च स्तरीय जाँच करायी जाकर जिम्मेदार अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी एवं अवैधानिक रूप से जारी किये गये पत्रों को निरस्त करने की कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जिला श्योपुर के वृत-1 मानपुर में स्थित पटवारी हल्का ढोढर के ग्राम खोजीपुरा में वर्ष 2002-03 के पश्चात् संलग्न परिशिष्ट अनुसार पट्टे प्रदाय किये गये। (ख) जी नहीं। (ग) म.प्र. शासन राजस्व विभाग मंत्रालय के सर्कूलर क्रमांक एफ-4-4/03/सात/ 2ए भोपाल दिनांक 25.04.2003 कृषि प्रयोजन के लिए बेहड़ भूमि के आवंटन की पुनरीक्षित योजना के पालन में उपरोक्त प्रश्नांश (क) में दर्शाये ग्राम के निवासी भूमिहीन व्यक्तियों को बंटन किया गया है। ग्राम से बाहर के व्यक्तियों को भूमि का बंटन नहीं किया गया है। (घ) प्रश्नांश (ग) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पेयजल योजनाएं चालू करने एवं हैण्डपंप खनन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
133. ( क्र. 1674 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भिण्ड जिले में वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में किन-किन ग्रामों में पेयजल हेतु हैंण्डपंप का खनन किस-किस एजेंसी द्वारा किन-किन लोगों की अनुशंसा पर किया गया? विधान सभा क्षेत्रवार अलग-अलग पूर्ण विवरण दें। (ख) विधान सभा क्षेत्र लहार के अंतर्गत ग्राम बरहा, अधियारी नं. 2, बीसनपुरा, रावतपुराकलां, बिसवारी, रायपुरा नं. 1, रहावली उबारी, महुआ, बारहैट, असनेठ, काथा एवं असवार सहित किन-किन ग्रामों में पेयजल योजना हेतु पानी की टंकियां कितनी-कितनी लागत की निर्मित की गई? उक्त निर्मित पानी की टंकियों में से कौन-कौन सी टंकियों में पानी प्रदाय/सप्लाई किया जा रहा है? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में किन-किन ग्रामों की पेयजल योजनाओं पर कितनी-कितनी राशि संधारण पर व्यय की गई वर्षवार विवरण दें एवं कौन-कौन कर्मचारी कब-कब से किन-किन योजनाओं का संधारण कार्य कर रहे हैं? नाम, पता सहित बतायें। (घ) बंद पेयजल की योजनाएं कब तक लाईन बिछाकर चालू की जायेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 के अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 के अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार है। (घ) निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं।
ग्राम देवरी सेगरान नईगढ़ी का रास्ता खोलने
[राजस्व]
134. ( क्र. 1684 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला रीवा वि.ख. नईगढ़ी के ग्राम देवरी सेगरान खसरा नं. 179/1क 179/2ख में कितने वर्षों से कितने परिवार आबाद एवं निवासरत हैं? खसरा प्रति के साथ जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त बस्ती वासियों के आवागमन के लिए कौन-कौन सी प्रचलित रास्ता सड़क थी, जिसे किसके द्वारा जोत व खोद लिया गया है? ग्रामवासियों ने इसकी शिकायत कब और किस-किस से की है? शिकायतवार, अधिकारीवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में उक्त ग्रामवासियों को आवागमन के लिए कौन सी रास्ते की व्यवस्था दी गई है? यदि नहीं, तो कब रास्ते की व्यवस्था की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (ख), (ग) के लिए कौन व्यक्ति व अधिकारी दोषी है? उसके विरूद्ध कौन सी दण्डात्मक कार्यवाही कब तक करेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) तहसील नईगढ़ी अन्तर्गत ग्राम देवरी सेगरान शासकीय भूमि खसरा नम्बर 179/1/क जिसमें अर्सा 35-40 वर्ष से 56 परिवार निवासरत है। उक्त भूमि अभिलेख में आबादी गोठान दर्ज है। खसरा नम्बर 179/2ख में आबादी नहीं है। (ख) उक्त बस्ती के लिये आवागमन हेतु पट्टे की भूमि में बनी मेंड़ से पगडंडी रास्ता संचालित थी, जो पट्टेदार धमेन्द्र सिंह, अरूण सिंह जीतेन्द्र बहादुर सिंह पिता वंशनारायण सिंह द्वारा चैड़ी मेड़ को काट कर संकीर्ण कर दिया गया है। तत संबंध में शिकायती आवेदन तहसीलदार नईगढ़ी कमिश्नर महोदय रीवा के यहाँ प्रेषित किया गया था, जिसको कार्यवाही में लिया जाकर शिकायत वरिष्ठ न्यायालय कमिश्नर रीवा के न्यायालय में प्रचलित है जिसकी पेशी दिनांक 12.12.2017 नियत है। (ग) प्रश्नांश (ग) के संबंध में ग्रामवासियों के आवागमन के लिये ग्रामवासी के निवास से उत्तर की ओर पंचायत भवन से होकर पगडंडी रास्ता संचालित है। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के संबंध में प्रकरण कमिश्नर रीवा के न्यायालय में प्रचलित है। प्रकरण निराकरण पश्चात प्रश्नांश (ख) के विरूद्ध दोषी पाये जाने पर विधिक कार्यवाही की जायेगी एवं (ग) के संबंध में विचारण न्यायालय से प्राप्त निर्देशानुसार समुचित कार्यवाही की जावेगी।
बैतूल जिले में संचालित आचार्य विद्यासागर योजना
[पशुपालन]
135. ( क्र. 1704 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में क्या आचार्य विद्यासागर योजना संचालित की जा रही है? यदि हाँ, तो इसके नियमों की छायाप्रति दें, साथ ही यह भी बतायें कि इस योजनांतर्गत पशुपालन हेतु बैतूल जिले को कितना टारगेट दिया गया है? बैंकवार सूची उपलब्ध करायें। (ख) बिन्दु (क) के अनुसार कितने हितग्राहियों को जिला बैतूल में लाभांवित किया गया? लाभांवित हितग्राहियों की बैंकवार सूची उपलब्ध करायें। (ग) बिन्दु (ग) के अनुसार यदि बैंक को दिये गये टारगेट पूरे नहीं हुये तो इसके दोषी कौन-कौन से अधिकारी हैं? सूची दें। इनके विरूद्ध कब तक क्या-क्या कार्यवाही की जायेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। योजनान्तर्गत बैतूल हेतु वर्ष 2016-17 में 38 तथा 2017-18 में 45 का लक्ष्य प्रदाय किया गया। टारगेट जिलेवार प्रदाय किए जाते है बैंकवार नहीं। (ख) बैतूल जिले में वर्ष 2017-18 तक कुल 18 हितग्राहियों को। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) प्रभारी पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ द्वारा बैंकों को ऋण स्वीकृति हेतु प्रकरण निरंतर प्रेषित किए जा रहे हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं।
मुलताई विधानसभा क्षेत्र में संचालित योजनाएं
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
136. ( क्र. 1706 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मुलताई विधानसभा क्षेत्र में विभाग द्वारा विगत वर्ष 2015 से कौन-कौन सी नलजल योजनायें क्रियान्वित की जा रही हैं? कौन-कौन सी नलजल योजनायें प्रस्तावित की गई हैं? (ख) बिन्दु (क) के अनुसार प्रत्येक नलजल योजना की जानकारी ग्रामवार दें? साथ ही यह भी बतायें की यह योजनाएं चालू हैं या नहीं? योजनांतर्गत व्यय की गई राशि, कार्य पूर्णता दिनांक भी दें। (ग) बिन्दु (ख) के अनुसार कितनी नलजल योजनायें अपूर्ण हैं? इन योजनाओं को विभाग द्वारा कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? प्रत्येक योजना दिनांक से बतायें। (घ) अपूर्ण योजना को पूर्ण न करने के लिये कौन जिम्मेदार है? दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जायेगी।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) नवीन नलजल योजनाएं क्रियान्वित नहीं की जा रही हैं। विद्यमान नलजल योजनाएं संबंधित ग्राम पंचायतों द्वारा संचालित-संधारित की जा रही हैं। मुख्यमंत्री ग्राम नलजल योजनान्तर्गत, 16 ग्राम चिन्हांकित किये गये हैं, जिनमें स्रोत विकसित करने की कार्यवाही की जा रही है, जहाँ सफल एवं पर्याप्त जल आवक क्षमता के स्त्रोत प्राप्त होंगे उन ग्रामों की नलजल योजनाओं की डी.पी.आर. तैयार कर स्वीकृति एवं क्रियान्वयन किया जाएगा। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में वर्ष 2015 से कोई नई योजनाएं क्रियान्वित नहीं की गई हैं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार। (घ) उत्तरांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
खाद्य सुरक्षा अधिनियम का लाभ
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
137. ( क्र. 1710 ) श्री उमंग सिंघार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले के अंतर्गत गंधवानी विधानसभा क्षेत्र में किन-किन पंचायतों में कितने-कितने परिवारों को राशन दुकान से खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लाभ प्राप्त हो रहा है? (ख) गंधवानी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने परिवारों को खाद्य सुरक्षा पर्चियों का वितरण किया गया। कितने परिवारों का राशन कार्ड प्राधिकृत अधिकारियों द्वारा पंचायतवार जारी किये गये और कितने शेष हैं? परिवारों को उक्त पर्चियों का वितरण कब तक कर दिया जायेगा।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) धार जिले की गंधवानी विधानसभा क्षेत्र में कुल 146 ग्राम पंचायतों के कुल 69,388 पात्र परिवारों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत लाभ दिया जा रहा है। पंचायतवार लाभांवित परिवारों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर दर्शित है। (ख) धार जिले की गंधवानी विधानसभा क्षेत्र में कुल 69,388 परिवारों को पात्रता पर्ची का वितरण किया गया है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत पात्र परिवारों को स्थानीय निकाय द्वारा सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) जारी की जाती है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा निर्धारित आबादी की सीमा तक ही लाभ दिया जा सकता है। अधिनियम अंतर्गत राज्य के लिए हितग्राहियों की अधिकतम सीमा निर्धारित है। इस सीमा से अधिक हितग्राहियों को लाभांवित करने का प्रावधान अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत न होने के कारण शेष आवेदकों की पात्रता नहीं बनती है। वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्यु होने, विवाह होने से, अन्य स्थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्राही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। तदनुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित सीमा में जारी की जा रही है। जिले में 01 मई, 2017 की स्थिति में जितने अपात्र परिवारों को पोर्टल से विलोपित किया जाकर उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित किया जा रहा है। वर्ष 2017-18 में जिला धार में 732 परिवारों के 2742 हितग्राहियों के लिए नवीन पात्रता पर्ची जारी की गई है। जुड़ने वाले नवीन परिवारों में बी.पी.एल. एवं अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी को प्राथमिकता दी जा रही है।
मानदेय पाईप लाईन संबंधी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
138. ( क्र. 1711 ) श्री उमंग सिंघार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) धार जिला अंतर्गत गंधवानी विधानसभा क्षेत्र में निर्मित मानडेम परिक्षेत्र के 12 गांवों के लिये पेयजल हेतु डाली गई पाईप लाईन पर कितना व्यय हुआ? संपूर्ण ब्यौरा प्रस्तुत करें। (ख) क्या उक्त पाईप लाईन में बार-बार लीकेज सहित अन्य तकनीकी परेशानियां आ रही हैं? यदि हाँ, तो क्या ठेकेदार द्वारा उक्त कार्य ठीक ढंग से नहीं किया गया? इसके लिये विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) कुल रुपये 6,08,89,614/- व्यय किया गया है। विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 1 एवं 2 के अनुसार है। (ख) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आरोपियों की गिरफ्तारी
[गृह]
139. ( क्र. 1716 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या थाना एम.पी. नगर जिला भोपाल में प्राथमिकी क्र. 485 दिनांक 06 जुलाई, 2017 को दर्ज की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या आरोपियों की गिरफ्तारी कर ली गई है? यदि हाँ, तो गिरफ्तारी एवं जमानत संबंधी दस्तावेज उपलब्ध करावें। (ग) यदि नहीं, तो अब तक गिरफ्तारी किन कारणों से नहीं हो सकी है? कब तक गिरफ्तारी की जावेगी? गिरफ्तारी में विलम्ब हेतु कौन उत्तरदायी है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) प्रकरण विवेचनाधीन होकर साक्ष्य संकलन किया जा रहा है। तदानुसार अग्रिम वैधानिक कार्यवाही की जावेगी। गिरफ्तारी में विलंब हेतु कोई उत्तरदायी नहीं है।
कौशल विकास योजनांतर्गत प्रशिक्षण प्लेसमेंट पर व्यय राशि
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
140. ( क्र. 1719 ) श्री हर्ष यादव : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवरी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कौशल विकास योजना के अंतर्गत कितने प्रशिक्षण केन्द्र किस स्थान पर किस नाम से संचालित हैं? (ख) उक्त कौशल केन्द्र में वर्ष 2014-15 से 16-17 तक कितने प्रशिक्षणार्थियों को कौन सी ट्रेड में प्रशिक्षण देकर प्रशिक्षित किया गया है? केन्द्रवार बतायें। प्रशिक्षण लेने वालों को प्रति प्रशिक्षणार्थी को कितनी राशि दी गई है? (ग) प्रशिक्षण देने वाली संस्था ने कितने प्रशिक्षण प्राप्त लोगों को कहाँ-कहाँ प्लेसमेंट/रोजगार मुहैया कराया है (घ) प्रशिक्षण देने एवं प्लेसमेंट/रोजगार मुहैया कराने के बदले संस्था को प्रति प्रशिक्षणार्थी कितनी राशि भुगतान की गई है? प्रशिक्षण केन्द्रवार बताये। क्या केन्द्रों में फर्जी प्रशिक्षकों द्वारा फर्जी प्रशिक्षण कागजों में दिलाकर, फर्जी प्लेसमेंट दिखाकर शासन की राशि का गबन किया जा रहा है? क्या इसकी जाँच कराई जावेगी।
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) संलग्न परिशिष्ट अनुसार जानकारी निम्नानुसार है।
1 |
Electical Winder_68 |
2 |
Account Assistant Using Tally-208 |
3 |
Basic Tractor Servicing-63 |
|
Tailor (Basic Swing Operator) 76 |
|
कुल प्रशिक्षणार्थी-415 |
|
प्रति प्रशिक्षणार्थी 1000 रूपये के मान से छात्रवृति प्रदान की गई। |
(ग) एवं (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जल संसाधन विभाग की योजनाओं हेतु अधिग्रहित भूमि का मुआवजा
[राजस्व]
141. ( क्र. 1722 ) श्री हर्ष यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले की देवरी, केसली, राहतगढ़, सागर, बण्डा तहसीलों में वर्ष 12-13 से 15-16 तक जल संसाधन विभाग के बांध, नहर, तालाब निर्माण हेतु कितने किसानों की कितनी हेक्टेयर भूमि अर्जित की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने हेक्टेयर भूमि सिंचित कितने हेक्टेयर भूमि असिंचित राजस्व अभिलेखों में दर्ज थी? कितने किसानों की भूमि पहले राजस्व अभिलेखों में असिंचित दर्ज थी? बाद में मौके पर सिंचित दर्ज की गई, कितने किसानों की जमीन मौके पर जाँच उपरांत असिंचित दर्ज की गई? (ग) क्या अर्जित सिंचित भूमि में सभी कृषकों के खसरा नंबर में जल स्त्रोत स्वयं का दर्ज था (कूल, नलकूप आदि) यदि हाँ, तो ऐसे किसानों की संख्या तहसीलवार एवं योजनावार बतायें। (घ) क्या असिंचित भूमि को सिंचित बताकर एवं सिंचित भूमि को असिंचित बताकर शासन को एवं किसानों को आर्थिक हानि पहुंचाई गई है? क्या प्रश्नांश (क) योजनाओं में मुआवजा के लिये निर्धारित राशि से अधिक राशि खर्च की गई है? यदि हाँ, तो किन किन योजनाओं में? मुआवजा राशि निर्धारित राशि से अधिक राशि कितनी व्यय की गई? क्या इसकी जाँच कराई जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) सागर जिले की देवरी, केसली, राहतगढ, सागर, बण्डा तहसीलों में वर्ष 2012-13 से 2015-16 तक जल संसाधन विभाग के बांध, नहर, तालाब निर्माण हेतु 3444 किसानों की 2275.461 हे. भूमि अर्जित की गई हैं। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में 1663.568 हेक्टेयर भूमि सिंचित एवं 611.893 हेक्टेयर भूमि असिंचित राजस्व अभिलेखों में दर्ज थी। किसी भी किसान की भूमि जो पहले राजस्व अभिलेख में असिंचित दर्ज थी। बाद में मौके पर जाँच उपरांत सिंचित दर्ज नहीं की गई हैं। 301 किसानों की जमीन मौके पर जाँच उपरांत असिंचित दर्ज की गई हैं। (ग) अर्जित भूमि में सभी कृषकों के खसरा नंबरों में जल स्त्रोत (कूप, नलकूप आदि) स्वयं का दर्ज नहीं था। 568 कृषकों की अर्जित भूमियों पर कूप, नलकूप दर्ज था। इसके अतिरिक्त भूमियां नदी, नाला से भी सिंचित दर्ज थी। किसानों की संख्या तहसीलवार एवं योजनावार जानकारी निम्नानुसार है :-
स.क्र. |
तहसील |
योजना का नाम |
कृषकों की संख्या जिनकी भूमि पर कूप, नलकूप आदि दर्ज था। |
(1) |
(2) |
(3) |
(4)
|
1. |
सागर |
कंजेला जलाशय |
1 |
2. |
सागर |
तोडा तरफदार जलाशय |
2 |
3. |
सागर |
सूखा नाला जलाशय |
1 |
4. |
सागर |
खजुरिया जलाशय |
3 |
5. |
सागर |
हिलगन जलाशय |
2 |
6. |
सागर |
खमकुआ जलाशय |
6 |
7. |
बण्डा |
पंचमनगर परियोजना |
176 |
8. |
बण्डा |
खमाखेडा जलाशय |
10 |
9. |
बण्डा |
मंजली जलाशय |
8 |
10. |
बण्डा |
बकौरी जलाशय |
1 |
11. |
राहतगढ़ |
जलधर जलाशय |
1 |
12. |
देवरी |
रामनापुर जलाशय |
14 |
13. |
केसली |
सोनपुर जलाशय |
264 |
14. |
केसली |
बिलहरी जलाशय |
10 |
15. |
केसली |
जोलपुर योजना बांध |
10 |
16. |
केसली |
सूरजपुरा जलाशय |
60 |
|
|
योग |
568 |
(घ) असिंचित भूमि को सिंचित बताकर एवं सिंचित भूमि को असिंचित बताकर शासन को एवं किसानों को आर्थिक हानि नहीं पहुंचाई गई हैं। प्रश्नांश (क) योजनाओं में मुआवजा के लिये निर्धारित राशि से अधिक राशि खर्च नहीं की गई हैं।
फार्मों से दवाइयों का क्रय
[पशुपालन]
142. ( क्र. 1730 ) श्री बाला बच्चन : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.01.2015 से 31.10.2017 तक प्रदेश में किन-किन फर्मों से पशु चिकित्सा दवाएं, उपकरण व अन्य सामग्री क्रय की गई? फर्म नाम, भुगतान राशि सहित वर्षवार जानकारी देवें। (ख) क्या जिला स्तर पर भी उपरोक्त सामग्री की खरीदी की जाती है? यदि हाँ, तो बड़वानी, खरगोन, धार जिले के संदर्भ में भी प्रश्नांश (क) अनुसार जानकारी देवें? (ग) बड़वानी, खरगोन, धार जिले की पशु कल्याण समितियों की विगत 3 वर्ष में समस्त किए कार्यों की जानकारी जिलावार वर्षवार, कार्यनाम, व्यय राशि सहित देवें। (घ) यह भी बतावे कि (ग) अनुसार जिलों एवं समयावधि में कितने वाहन किराए पर लिए गए उन्हें कितना भुगतान किया गया?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार।
फर्जी जाति प्रमाण-पत्र से शासकीय सेवा प्राप्त करने पर कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
143. ( क्र. 1731 ) श्री बाला बच्चन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्री रमेशचंद्र मीणा, प्रभारी जिला आपूर्ति नियंत्रक इंदौर, अनु.जनजाति के प्रमाण-पत्र के आधार पर शासकीय सेवा में हैं? क्या इस संबंध में विभाग को कोई शिकायत प्राप्त हुई है कि ये फर्जी जाति प्रमाण-पत्र प्रस्तुत कर शासकीय सेवा में है? (ख) इनके द्वारा प्रस्तुत जाति प्रमाण-पत्र की छायाप्रति देवें। यह प्रमाण-पत्र कहाँ से जारी किया गया था? (ग) क्या भारत सरकार द्वारा जारी अधिसूचना दिनांक 18.12.2002 से कीर, मीणा एवं पारधी जातियों को अनु.जनजाति से विलोपित किया गया है? यदि हाँ, तो उक्त अधिसूचना के बाद भी किस आधार पर श्री मीणा को पदोन्नतियां दी गई? इसके दोषी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? (घ) फर्जी जाति प्रमाण-पत्र से शासकीय सेवा प्राप्त करने वाले ऐसे अधिकारी एवं इस संबंध में प्राप्त शिकायतों पर कार्यवाही न करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) श्री रमेशचंद्र मीणा, प्रभारी जिला आपूर्ति नियंत्रक इंदौर की नियुक्ति 22.12.1988 को कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी के पद पर अनुसूचित जनजाति श्रेणी में हुई है। जी हाँ। लोकायुक्त कार्यालय से शिकायत प्राप्त हुई है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जाति प्रमाण-पत्र जिला विदिशा से जारी हुआ है। (ग) जी हाँ। सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 7-18/2005/आ.प्र./1 दिनांक 17.08.2015 के प्रावधानांतर्गत कार्यवाही की गई है। विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक दिनांक 06.08.2014 में टंकण त्रुटि फलस्वरूप इनकी जाति अनुसूचित जनजाति उल्लेख होने के कारण जिला आपूर्ति अधिकारी के पद पर पदोन्नति हुई। संज्ञान में आने के फलस्वरूप उक्त पदोन्नति पर पुर्नविचार बैठक हेतु मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग को प्रस्ताव भेजा गया है। (घ) श्री रमेशचंद्र मीणा के जाति प्रमाण-पत्र की जाँच राज्य स्तरीय छानबीन समिति से जाँच कराये जाने हेतु प्रकरण दिनांक 08.08.2016 द्वारा अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग को प्रेषित किया गया है।
ग्रेसिम इंडस्ट्री के विरूद्ध चले प्रकरण
[पर्यावरण]
144. ( क्र. 1737 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्रेसिम इंडस्ट्रीज लि.नागदा जं. के विरूद्ध चल रहे प्रकरण क्र.11088/44 दि. 31.10.2014 एवं क्र. 8174/15 दि. 08.09.14 में दिनांक 01.07.2017 से 31.10.2017 तक कितनी तारीखें लगी? दिनांक 10.07.2017 में क्या आरोपीगण उपस्थित हुए? (ख) उपरोक्तानुसार तारीखों में विभाग की ओर से कौन अधिकारी/वकील नियुक्त किए गए। उनकी संबंधित तारीखों में उपस्थिति/अनुपस्थिति बतावें। (ग) प्रश्न क्र.1285, दि. 19.07.2017 के ''क'' उत्तर में विभाग ने ग्रेसिम उद्योग के N.G.T. में चल रहे प्रकरण की जानकारी क्यों नहीं दी? (घ) उपरोक्तानुसार जानकारी छुपाकर विधान सभा को गुमराह करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) प्रश्नाधीन प्रकरणों में दो तारीखें लगी थी। जी नहीं। (ख) मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से वाद दायरकर्ता अधिकारी क्रमशः श्री अरविंद केशवरे, मुख्य रसायनज्ञ एवं डॉ. प्रतिभा जोशी, वैज्ञानिक थे एवं अभिभाषक श्री बालकृष्ण उपाध्याय नियुक्त है। समस्त तारीखों में अभिभाषक उपस्थित हुए। (ग) विधानसभा प्रश्न क्रं. 1285 का सदन में उत्तर दिये जाने की नियत तिथि 19/7/2017 के पश्चात् माननीय राष्ट्रीय हरित अधिकरण द्वारा बोर्ड को दिनांक 28/07/2017 को सूचना पत्र जारी किये जाने के कारण प्रकरण को उत्तर में शामिल किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जाँच प्रकरण की अद्यतन स्थिति
[पर्यावरण]
145. ( क्र. 1745 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले के कितने उद्योगों पर कहाँ-कहाँ जाँच के प्रकरण चल रहे हैं? उद्योग के नाम, जाँच/ प्रकरण क्रं./प्रकरण दिनांक सहित बतावें। (ख) N.G.T. में चल रहे प्रकरणों की भी जानकारी देवें। प्रश्नांश (क) व (ख) के प्रकरणों की उद्यतन स्थिति बतावें। (ग) विगत 06 माह में विभागीय अधिकारियों ने किन-किन उद्योगों का दौरा किया। अधिकारी नाम, पदनाम, उद्योग नाम-स्थान, निरीक्षण टीप की प्रमाणित प्रति सहित देवें।
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) माननीय राष्ट्रीय हरित अधिकरण में चल रहे प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकरणों की अद्यतन स्थिति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
आंगनवाड़ी महिला पर्यवेक्षक परीक्षा
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
146. ( क्र. 1762 ) श्री जितू पटवारी : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या महिला पर्यवेक्षक (आंगनवाड़ी) परीक्षा 2017 में नार्मलाइजेशन के नाम विसंगति की खबरें प्रदेश के समाचार पत्रों में प्रमुखता से प्रकाशित हुई तथा व्यापम को कई शिकायतें भी मिली हैं? यदि हाँ, तो समाचार पत्रों की खबरों पर की गई कार्यवाही की नोटशीट तथा शिकायतों पर दिये गये उत्तर/कार्यवाही की प्रति देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित परीक्षा में नार्मलाइजेशन का प्रत्येक सत्र की परीक्षा में जो फार्मूला (सूत्र) लागू किया गया, उसकी उदाहरण सहित व्याख्या बतावें तथा आंगनवाड़ी महिला पर्यवेक्षक परीक्षा 2017 के प्रत्येक सत्र में ऑनलाइन परीक्षा में 120 से अधिक अंक लाने वाले परीक्षार्थी का नाम, दिनांक पता, रोल नम्बर परीक्षा के प्राप्तांक तथा नार्मलाइजेशन के उपरांत प्राप्तांक की सूची प्रस्तुत करें। (ग) प्रश्नांश (क) की परीक्षा में चयनित अभ्यार्थी के नाम पिता/पति का नाम, जन्म दिनांक, पता, परीक्षा केन्द्र का नाम, शहर, दिनांक ऑनलाईन परीक्षा के प्राप्तांक तथा नार्मलाइजेशन के उपरांत प्राप्तांक की केटेगरी अनुसार सूची देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) की सूची अनुसार चयनित में से किस-किस ने अपने निवास के शहर के परीक्षा केन्द्र को छोड़कर दूरस्थ परीक्षा केन्द्र से परीक्षा दी के नाम सहित विस्तृत सूची देवें तथा बतावे कि चयनित में से किस किस शहर के परीक्षा केन्द्रों से कितने-कितने चयनित हुये।
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 9 एवं 10 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 एवं 2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 एवं 4 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 5, 6, 7 एवं 8 अनुसार है।
जेल के नवीन भवन का निर्माण
[जेल]
147. ( क्र. 1766 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या कि राजगढ़ जिला मुख्यालय पर जिला जेल का भवन बना है जो कि वर्तमान में अत्यंत जीर्ण-शीर्ण हो रहा है? (ख) क्या उक्त जिला जेल वर्तमान में बीच बाजार में रहवासी क्षेत्र में है, जहां साप्ताहिक हाट बाजार एवं सब्जी मण्डी लगती है जिससे हमेशा कैदियों विशेषकर महिला कैदियों की सुरक्षा का खतरा बना रहता है तथा कैदियों हेतु स्थान कम पड़ता है। (ग) जिला जेल राजगढ़ में कितने बैरक हैं? उनमें कितने कैदियों के रखे जाने की क्षमता है तथा प्रश्न दिनांक को कितने कैदी जिला जेल में रखे हैं? (घ) क्या शासन वर्ष 2001 में नवीन जिला जेल हेतु 10 हेक्टेयर आवंटित भूमि पर जेल के निर्माण हेतु राशि स्वीकृत कर नवीन जिला जेल का निर्माण करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ, जिला जेल भवन बना हुआ है। वर्तमान में भवन की स्थिति ठीक है। (ख) जी हाँ। जिला जेल राजगढ़ में बंदियों हेतु आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था है। जेल में बंदियों के रहने हेतु स्थान की कमी है। (ग) जिला जेल राजगढ़ में 04 पुरूष बैरक एवं 01 महिला बैरक है, जिनमें 165 पुरूष एवं 05 महिला बंदियों को रखे जाने की क्षमता है। प्रश्न दिनांक 10/11/2017 को जिला जेल राजगढ़ में 306 पुरूष एवं 16 महिला बंदी परिरूद्ध हैं। (घ) जी हाँ, भूमि आवंटित है, जेल का निर्माण पुनर्घनत्वीकरण योजना में शामिल है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
राशन दुकानों पर खाद्यान्न वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
148. ( क्र. 1767 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में खाद्य विभाग द्वारा कहाँ-कहाँ पर खाद्यान्न वितरण हेतु राशन की दुकाने संचालित हैं? (ख) उक्त दुकानें किसके द्वारा संचालित की जा रही है उनके नाम व पता बतावें। (ग) उक्त दुकानों पर कितने-कितने हितग्राहियों को कितना-कितना राशन प्रतिमाह उपलबध कराया जा रहा है? विगत माह में बांटे गये राशन की जानकारी देवें। (घ) ऐसे कितने लोग हैं जो पूर्व में राशन प्राप्त कर रहे थे परंतु उन्हें अब राशन नहीं दिया जा रहा है? उनकी सूची उपलब्ध करावें तथा राशन नहीं दिये जाने का कारण बतावें।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र की दुकानों को अक्टूबर 17 में जारी किये गए आवंटन एवं वितरण की जानकारी क्रमश: पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है।
राजगढ़ विधानसभा के पुलिस चौकी का उन्नयन
[गृह]
149. ( क्र. 1768 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ में किन-किन स्थानों में पुलिस थाने एवं पुलिस चौकी हैं? (ख) उनमें कुल कितने पद स्वीकृत हैं। कितने पद रिक्त हैं? पदस्थ स्टॉफ की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ में जिला चिकित्सालय राजगढ़ एवं ग्राम चाटूखेड़ा में आये दिन मारपीट, चोरी और लूटपाट की घटनायें हो रही है। इसके लिये कई बार जनता द्वारा जिला चिकित्सालय राजगढ़ एवं ग्राम चाटूखेड़ा में पुलिस चौकी की मांग की जा रही है। पुलिस चौकी कब तक स्थापित की जावेगी? (घ) राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ में ग्राम पपड़ेल जो कि राजस्थान सीमा से लगा हुआ है और वहां पुलिस चौकी स्थापित है, उसके पास खिलचीपुर पुलिस थाना जो कि लगभग 30 कि.मी तथा भोजपुर पुलिस थाना जो कि लगभग 25 कि.मी. की दूरी पर पड़ता है, अधिक अपराध होने से पपड़ेल में स्थापित पुलिस चौकी को पुलिस थाने में परिवर्तित करने की मांग की जा रही है? पुलिस थाना कब तक स्थापित हो सकेगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-’अ’ अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-’ब’ अनुसार। (ग) प्रस्ताव निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप नहीं पाये जाने के कारण अमान्य किया गया। (घ) प्रस्ताव निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप नहीं पाये जाने के कारण अमान्य किया गया।
नवीन इंजीनियरिंग महाविद्यालय की स्वीकृति
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
150. ( क्र. 1769 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले में कोई इंजीनियरिंग महाविद्यालय संचालित है? यदि हाँ, तो स्थान का नाम बतावें। (ख) यदि नहीं, तो राजगढ़ जिले के आस-पास कितनी-कितनी दूरी पर कहाँ-कहाँ पर इंजीनियरिंग महाविद्यालय संचालित हैं? (ग) क्या राजगढ़ जिले के जिला मुख्यालय पर इंजीनियरिंग महाविद्यालय खोले जाने हेतु शासन द्वारा भूमि आरक्षित की गई है? यदि हाँ, तो कहाँ पर कब और कितनी? (घ) क्या राजगढ़ जिले के जिला मुख्यालय पर इंजीनियरिंग महाविद्यालय खोला जाना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो कब तक स्वीकृत किया जावेगा।
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) जी नहीं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के अंतर्गत प्रस्तावित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सूखा ग्रस्त उपरांत कृषकों के बिजली बिल माफ करने
[राजस्व]
151. ( क्र. 1973 ) श्री हरवंश राठौर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर जिले को अल्प वर्षा एवं खरीफ की फसल खराब होने के कारण सूखा ग्रस्त घोषित किया गया है? यदि हाँ, तो विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत किन-किन ग्रामों में कितने किसानों को किस-किस फसलों का नुकसान हुआ है? (ख) क्या फसलों से प्रभावित किसानों से बिजली बिल राशि की विभाग द्वारा कनेक्शन काटे जाने की वसूली की जा रही हैं? जबकि अल्प वर्षा एवं फसल खराब होने से कृषकों की स्थिति भरण पोषण करने के लायक भी नहीं रही है एवं कृषक कर्ज में डूबे हुए हैं? (ग) यदि हाँ, तो क्या ऐसी स्थिति में सूखा घोषित उपरांत कृषकों के बिजली बिल भी माफ किए जाएगें? यदि हाँ, तो शासन स्तर से क्या आदेश जारी किए गए हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ, प्रश्नांश की शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) संबंधित नहीं है।
कटनी जिले में धान का क्रय
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
152. ( क्र. 2796 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर एवं अन्य जिलों में 18 क्विंटल धान प्रति एकड़ के मान से ली जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो कटनी जिले में प्रति एकड़ 12 क्विंटल के मान से धान क्रय किये जाने का क्या कारण है? क्या कटनी की तुलना में जबलपुर एवं अन्य जिलों में अधिक पैदावार होती है? यदि हाँ, तो किस-किस जिले की उपज में कितना-कितना अंतर है? जिलेवार बताएं। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार अन्य जिलों की तुलना में क्या कटनी जिले में भी 18 क्विंटल धान प्रति एकड़ के मान ली जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? इसके लिये क्या प्रावधान बनाया जा रहा है? प्रति सहित बताएं। (घ) क्या प्रश्नांकित मामले में जिला स्तर पर कोई योजना, कार्यवाही या प्रस्ताव वरिष्ठ कार्यालय को प्रेषित किये गये हैं? यदि हाँ, तो कब-कब? तिथिवार, कार्यवाही विवरण दें।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी नहीं। जबलपुर व अन्य जिलों में तहसीलवार उत्पादकता के आधार पर धान क्रय के मापदण्ड निर्धारित है। (ख) खरीफ विपणन मौसम 2017-18 में कटनी जिले सहित प्रदेश के अन्य जिलों में भू-अभिलेख कार्यालय द्वारा तहसीलवार फसल कटाई प्रयोग के आधार पर धान के उत्पादकता के आकड़े अनुसार समर्थन मूल्य पर किसानों से धान का उपार्जन किया जाता है। प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में मौसम, भूमि की गुणवत्ता, सिंचाई के साधन वर्षा की स्थिति एवं धान के बीज की किस्म में भिन्नता होने से अलग-अलग उत्पादकता होने के कारण अधिकतम उपज मात्रा में भिन्नता है। प्रदेश में तहसीलवार धान की उत्पादकता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर में उल्लेखित आधार पर एकरूप उत्पादकता निर्धारित किया जाना संभव नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थिति नहीं होता। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।