मध्यप्रदेश विधान सभा


प्रश्‍नोत्तर-सूची
जुलाई-अगस्‍त, 2025 सत्र


मंगलवार, दिनांक 29 जुलाई, 2025


भाग-1
तारांकित प्रश्‍नोत्तर



कैलेण्‍डर वितरण में दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही

[महिला एवं बाल विकास]

1. ( *क्र. 579 ) श्रीमती अनुभा मुंजारे : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या जिला बालाघाट में मान. मुख्‍यमंत्री लाड़ली बहना योजना 2023 अंतर्गत पात्र हितग्राहियों के प्रथम/द्वितीय चरण के कैलेण्‍डर मध्‍यप्रदेश माध्‍यम, 40, प्रशासनिक क्षेत्र अरेरा हिल्‍स भोपाल के चालान क्रमांक 1388/23, दिनांक 29.08.2023 द्वारा प्राप्‍त कैलेण्‍डर का वितरण नहीं किया गया तो क्‍यों नहीं किया गया? कैलेण्‍डरों की संख्या, व्‍यय धनराशि व दिनांक का विवरण प्रस्‍तुत करें। (ख) क्‍या उक्‍त प्रकरण में समिति द्वारा जांच प्रतिवेदन दिनांक 07.05.2025 के अनुसार तत्‍कालीन भण्‍डार शाखा प्रभारी श्री योगेश खजरे, सहायक ग्रेड-3, सह डाटा एंट्री ऑपरेटर एवं तत्‍कालीन प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी, सुश्री वंदना धुमकेती, सहायक संचालक, महिला एवं बाल विकास द्वारा मान. मुख्‍यमंत्री लाड़ली बहना योजना 2023 (कैलेण्‍डर) का वितरण नहीं किये जाने के दोषी हैं, तो दोषियों पर क्‍या कार्यवाही की गई? क्‍या उन्‍हें सक्षम अधिकारी द्वारा निलंबित किया गया? यदि नहीं, तो क्‍यों? निलंबन के लिये सक्षम अधिकारी कौन हैं? समस्त अभिलेखों सहित की गई कार्यवाही से अवगत करायें। (ग) उक्‍त प्रकरण में दोषी कर्मचारियों/अधिकारियों द्वारा झूठी गलत जानकारी प्रमाण पत्र विभाग को प्रस्‍तुत कर शासकीय धन की हानि/अपव्‍यय किया गया है? उसकी भरपाई कौन करेगा? क्‍या दोषियों से शासकीय धन की पूर्ति की जायेगी? यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं? वर्तमान में कैलेंडर किस स्थिति में है?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी हाँ, प्राप्‍त कुल कैलेण्‍डर 3,61,832 में से 1,64,000 कैलेण्‍डर का वितरण नहीं किया गया है। वितरण नहीं किये जाने के संबंध में की गई जांच पर निर्णय की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। कैलेण्‍डर की दर राशि रूपये 6.27/- (कर सहित) प्रति कैलेण्‍डर है। मध्‍यप्रदेश माध्‍यम द्वारा दरों एवं चालान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। दोषी अधिकारी/कर्मचा‍री पर जांच कार्यवाही प्रचलन में है। जांच संबंधी अभिलेख पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।                              (ग) दोषी अधिकारी/कर्मचारी पर जांच कार्यवाही प्रचलन में है। वर्तमान में कैलेण्‍डर यथास्थिति          में है।

सहकारी सूत मिल मर्यादित, बुरहानरपुर के श्रमिकों का भुगतान

[सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम]

2. ( *क्र. 848 ) श्रीमती अर्चना चिटनीस : क्या सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा तारांकित प्रश्‍न क्र. 588, दिनांक 17.12.2024 के उत्तर में मिल के श्रमिकों के देयताओं के भुगतान पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है तथा प्रश्‍नांश (ग) व (घ) के उत्तर में श्रमिकों के देयताओं के तथ्य शासन के संज्ञान में है, इस पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो क्या विभाग द्वारा श्रमिकों के देयताओं के भुगतान पर किसी प्रकार की कार्यवाही सुनिश्चित की गई? यदि हाँ, तो क्‍या भुगतान हेतु कोई समय-सीमा निश्चि‍त की गई है?

सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्‍य कुमार काश्‍यप ) : (क) जी हाँ। प्रक्रियाधीन है। (ख) मिल के कर्मचारियों के स्वत्वों की गणना/निर्धारण हेतु निम्‍न कार्यवाही की गई है :-           1. परिसमापक द्वारा श्रमिक संघों के प्रतिनिधियों के सहयोग से गणना की कार्यवाही की जा रही है।              2. कलेक्टर, बुरहानपुर द्वारा गठित समिति ने कर्मचारी संघों से श्रमिकों की सूची प्राप्त की है।              3. 743 कर्मचारियों के पी.एफ. खाता नम्बर की जानकारी प्राप्त हुई है। 4. कर्मचारियों द्वारा प्रस्‍तुत देय राशि पत्रकों का नियमानुसार परीक्षण किया जा रहा है। 5. तत्‍समय कार्यरत कर्मचारियों की प्रमाणित सूची उपलब्‍ध नहीं होने से गणना में समय लग रहा है। वर्तमान परिसमापक द्वारा पूर्व परिसमापक तथा कार्यालय क्षेत्रीय भविष्‍य निधि, इंदौर से प्रमाणित सूची प्रदाय करने हेतु पत्र दिनांक 03.07.2025 एवं दिनांक 04.07.2025 लिखा गया है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' एवं '' अनुसार है। उक्‍त तथ्‍यों के दृष्टिगत, श्रमिकों के स्‍वत्‍वों का समय-सीमा में निर्धारण संभव नहीं है। श्रमिकों के स्‍वत्‍वों के अंतिम निर्धारण के बाद ही आगामी कार्यवाही की जावेगी।

परिशिष्ट - "एक"

संविदा नीति 2023 का पालन

[सामान्य प्रशासन]

3. ( *क्र. 313 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में विभिन्न विभागों एवं योजनाओ में कार्यरत संविदा कर्मियों हेतु वर्ष 2023 में संविदा नीति बनाई गयी है एवं नीति में अनुकंपा नियुक्ति का प्रावधान किया गया है?                                   (ख) यदि हाँ, तो संविदा नीति 2023 प्रश्‍न दिनांक तक कितने विभागों एवं योजनाओं में लागू की गयी? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ग) संविदा नीति 2023 बनने के पश्चात प्रश्‍न दिनांक तक                 किन-किन विभागों एवं योजनाओं में कितने संविदा कर्मियों की मृत्यु हुई? उनकी जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) मृत हुये संविदा कर्मियों के आश्रितों/परिवारों को नीति के तहत अनुकंपा नियुक्ति का लाभ मिलेगा या नहीं? (ड.) यदि हाँ, तो लाभ कब तक मिलेगा? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्‍य मंत्री (श्रीमती कृष्‍णा गौर) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

खण्डवा जिला न्यायालय को इंदौर खंडपीठ से जोड़ा जाना

[विधि एवं विधायी कार्य]

4. ( *क्र. 628 ) श्रीमती छाया गोविन्‍द मोरे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि खण्डवा जिला न्यायालय जबलपुर हाई कोर्ट के क्षेत्र अधिकार में अंतर्गत आता है, जिसकी दूरी जिला मुख्यालय खंडवा से 477 कि.मी. है एवं उच्च न्यायालय इंदौर खंडपीठ की दूरी मात्र 130 कि.मी. ही है और इस कारण पक्षकारों को याचिका दायर करने एवं कानूनी कार्यवाही में समय पर सम्मिलित होने में बहुत समस्याएं आती हैं, इसको देखते हुए क्‍या विधि एवं विधायी कार्य विभाग की खण्डवा को इंदौर हाई कोर्ट से जोड़ने की कोई कार्ययोजना है? यदि हाँ, तो कब तक जोड़ दिया जायेगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्‍य मंत्री (श्री गौतम टेटवाल) : जानकारी एकत्रित की जा रही है।

डूब क्षेत्र प्रभावितों को उनके आवंटि‍त भूखण्डों की रजिस्ट्री

[नर्मदा घाटी विकास]

5. ( *क्र. 113 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार तथा बड़वानी जिले के सरदार सरोवर के डूब प्रभावितों को पुनर्वास हेतु आवासीय भूखण्ड आवंटित किये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो कितने वर्ष पूर्व भूखण्ड आवंटित किये गये थे तथा क्या आवासीय भूखण्ड के अधिकार पत्र/अलॉटमेंट आर्डर ही प्रदान किये गये थे? भूखण्डों की संबंधितों को रजिस्ट्री नहीं करवाई गई थी? (ग) यदि हाँ, तो उक्त भूखण्ड अधिकार प्राप्तकर्ता की इतने वर्षों में मृत्यु होने पर उनके वारिसों को इन भूखण्डों का नामांतरण किये जाने की क्या व्यवस्था है तथा इस हेतु क्या कोई प्रावधान है? (घ) यदि नहीं, तो क्या प्रदेश के मुख्यमंत्री जी द्वारा सी.एम. हाउस पर डूब प्रभावितों की एक बैठक आयोजित करते हुए घोषणा की गई थी कि समस्त इस प्रकार के भूखण्ड धारकों को उनके आवंटि‍त भूखण्ड की रजिस्ट्री निःशुल्क बनवाकर दी जावेगी? (ड.) क्या भूखण्ड धारकों को निःशुल्क रजिस्ट्रि‍यां बनाकर प्रदान की गई हैं? यदि नहीं, तो क्या वर्तमान में विभाग इस हेतु पहल करेगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्‍य मंत्री (श्री धर्मेन्‍द्र भाव सिंह लोधी) : (क) जी हाँ। (ख) लगभग 20 से 24 वर्ष पूर्व। जी हाँ। (ग) भू-खण्‍ड आवंटन प्रमाण पत्र प्राप्‍तकर्ता की मृत्‍यु होने पर उनके वारिसों द्वारा आवेदन के साथ विधि मान्‍य वारिस प्रमाण पत्र प्रस्‍तुत करने पर नामांतरण की कार्यवाही की जाकर उन्‍हें आवंटन पत्र प्रदान किये जाते हैं। (घ) उत्‍तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में लागू नहीं। (ड.) जी नहीं। वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्‍ताव नहीं है।

 

नवीन आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण

[महिला एवं बाल विकास]

6. ( *क्र. 444 ) सुश्री रामश्री (बहिन रामसिया भारती) राजपूत : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) छतरपुर जिले के विधानसभा क्षेत्र बड़ामलहरा 53 अंतर्गत विकासखण्‍ड बड़ामलहरा एवं बकस्‍वाहा में भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्‍द्र कितने हैं? नाम सहित बतायें। (ख) भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्‍द्रों हेतु भवनों की स्‍वीकृति कब तक की जावेगी? (ग) यदि हाँ, तो इस सत्र 2025-26 में कितने एवं कौन-कौन से आंनगवाड़ी भवनों की स्‍वीकृति की जा रही है? (घ) यदि नहीं, तो कारण स्‍पष्‍ट करें।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) 127 विभागीय भवन विहीन केन्‍द्र हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) आँगनवाड़ी केन्द्रों के लिये भवन निर्माण शासकीय भूमि एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है, अत: समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (ग) एवं (घ) उत्‍तरांश '' के परिप्रेक्ष्‍य में शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

औद्योगिक क्षेत्र की स्‍थापना

[सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम]

7. ( *क्र. 918 ) श्रीमती रीती पाठक : क्या सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सीधी जिला जो कि प्राकृतिक खनिज संसाधनों से परिपूर्ण है, को ध्‍यान में रखते हुए वहां सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यमों (M.S.M.E.) के लिए उपयुक्‍त औद्योगिक क्षेत्र विकसित किये जाने की कोई कार्य योजना शासन के पास है? (ख) क्‍या शासन इस तथ्‍य से अवगत है कि सीधी जिले की सीमाएं दो अन्‍य राज्‍यों से मिलती हैं, जिससे अंतरार्ज्‍यीय व्‍यापार, कुटीर, उद्योग, कृषि आधारित प्रसंस्‍करण इकाइयों एवं स्‍थानीय संसाधनों पर आधारित लघु उद्योगों के विकास की व्‍यापक संभावनाएं हैं? (ग) क्‍या सीधी जिले के समीपवर्ती क्षेत्रों में विद्युत, जल एवं अन्‍य आधारभू‍त संरचनाएं पर्याप्‍त मात्रा में उपलब्‍ध है, जो लघु एवं मध्‍यम उद्योगों की स्‍थापना में सहायक हो सकती हैं? (घ) यदि हाँ, तो सीधी जिले में M.S.M.E. आधारित औद्योगिक विकास हेतु अब तक क्‍या कार्यवाही की गई है अथवा प्रस्‍ताव‍ित है?

सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्‍य कुमार काश्‍यप ) : (क) म.प्र. एम.एस.एम.. को औद्योगिक भूमि तथा भवन आवंटन एवं प्रबंधन नियम 2025 के अधीन औद्योगिक क्षेत्र विकसित कर भूमि आवंटन का प्रावधान है। ग्राम बाड़ीटोला तहसील गोपदबनास, जिला सीधी में विभाग को आवंटित 9.490 हेक्‍टेयर भूमि पर औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने की कार्ययोजना प्रस्‍तावित है।      (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। (घ) सीधी जिले में M.S.M.E. आधारित औद्योगिक विकास हेतु निम्‍न कार्यवाही की गई है :- 1. उत्तरी करौदिया, जिला-सीधी में ग्रामीण कर्मशाला स्थापित है, जिसमें 2 इकाइयां कार्यरत हैं। 2. ग्राम बाड़ीटोला तहसील गोपदबनास, जिला सीधी में विभाग को आवंटित 9.490 हेक्‍टेयर भूमि पर औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने की कार्ययोजना प्रस्‍तावित है। 3. मुख्‍यमंत्री उद्यम क्रांति योजना के तहत वर्ष 2024-25 में बैंकों द्वारा 122 युवाओं को कुल राशि रूपये 801.40 लाख का ऋण स्‍वीकृत किया गया है।

जनभागीदारी निधि‍ से कार्यों की स्वीकृति‍

[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]

8. ( *क्र. 864 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या उप मुख्‍यमंत्री, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत जनभागीदारी निधि‍ से कार्य स्वीकृति‍ हेतु प्रश्‍नकर्ता द्वारा माननीय वित्त मंत्री जी को आवेदन पत्र दिया गया था? उक्त पत्र पर वर्तमान तक क्या कार्यवाही की गई है? क्या कार्य स्वीकृति‍ हेतु कार्यों के प्रस्ताव की मांग जिले खरगोन से की गई है? हाँ तो क्या जिला योजना मण्डल खरगोन द्वारा प्रस्ताव स्वीकृति‍ हेतु प्रस्तुत किये गये हैं? यदि नहींतो क्या कारण है? (ख) क्या प्रश्‍नांश (क) में वर्णित कार्यों के प्रस्ताव मय आवश्यक दस्तावेज के जनपद पंचायत झिरन्या एवं भीकनगांव से योजना मण्डल खरगोन को प्राप्त हुए हैं? हाँ तो किस दिनांक को प्राप्त हुए थे तथा प्राप्त प्रस्ताव की स्वीकृति‍ हेतु वर्तमान तक योजना मण्डल खरगोन द्वारा क्या कार्यवाही की गई है तथा उक्त कार्यों की स्वीकृति‍ कब तक जारी की जायेगी?

उप मुख्‍यमंत्री, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। उक्‍त पत्र के संबंध में राशि आवंटित की जा चुकी है। जी हाँ। जिला योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय खरगोन द्वारा प्रस्‍ताव प्रेषित किये गये थे। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। उक्‍त प्रस्‍ताव जनपद पंचायत झिरन्‍या से दिनांक 28.02.2025 एवं भीकनगांव से दिनांक 19.02.2025 एवं 21.02.2025 को प्राप्‍त हुए थे। जिला योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय, खरगोन के पत्र कमांक 1330, दिनांक 04.06.2025 एवं पत्र क्रमांक 1668, दिनांक 04.07.2025 द्वारा तकनीकी स्‍वीकृति के प्रस्‍ताव आर्थिक एवं सांख्यिकी संचालनालय को प्रेषित किये गये। आदेश क्रमांक 1698, दिनांक 11.07.2025 एवं आदेश क्रमांक 1700, दिनांक 11.07.2025 के द्वारा प्राप्‍त आवंटन अनुसार प्रशासकीय स्‍वीकृति जारी की जा चुकी है।

कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा संचालित योजनाएं

[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]

9. ( *क्र. 840 ) श्रीमती कंचन मुकेश तनवे : क्या राज्‍य मंत्री, कुटीर एवं ग्रामोद्योग महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा वर्तमान में कौन-कौन सी योजनायें चलाई जा रही हैं एवं युवाओं, बेरोजगारों को लाभान्वित करने हेतु क्या प्रयास किये जा रहे हैं? विगत वर्षों में विभाग द्वारा किये गये कार्यक्रमों, अभियानों की जानकारी प्रदान की जावे। (ख) वित्तीय वर्ष     2022-23 से अब तक कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के लिए शासन द्वारा खंडवा जिले को कितनी राशि आवंटित की गई और विभाग द्वारा उनका उपयोग किस प्रकार किया गया? (ग) खंडवा जिले में कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा क्या प्रयास किये जा रहे हैं और उनके क्या परिणाम रहे हैं एवं कितने कुटीर और ग्रामोद्योग स्थापित किये गये? यदि नहीं, तो क्या कारण हैं? (घ) खंडवा जिले में कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा संचालित कौशल विकास और प्रशिक्षण कार्यक्रमों को लेकर आगामी क्या कार्ययोजना है, जो कुटीर और ग्रामोद्योगों को बढ़ावा और युवाओं को रोजगार प्रदान कर सकें?  

राज्‍य मंत्री, कुटीर एवं ग्रामोद्योग ( श्री दिलीप जायसवाल ) : (क) विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। उक्‍त योजनाओं के माध्‍यम से आवेदन प्राप्‍त होने पर युवाओं बेरोजगारों को लाभान्वित किया जाता है। विगत वर्षों में विभाग द्वारा राज्‍य स्‍तरीय, संभाग स्‍तरीय एवं जिला स्‍तरीय मेला प्रदर्शनी तथा रोजगार मेलों के माध्‍यम से युवाओं को योजनाओं की जानकारी का प्रचार-प्रसार किया जाता है। (ख) विभाग द्वारा वित्‍तीय वर्ष 2022-23 से वर्तमान तक खंडवा जिले को स्‍वीकृत की गई राशि एवं उपयोग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है। (ग) विभाग द्वारा प्रदेश में राज्‍य स्‍तरीय, संभाग स्‍तरीय, जिला स्‍तरीय मेला प्रदर्शनी एवं रोजगार मेलों के माध्‍यम से योजनाओं का               प्रचार-प्रसार किया जाता है। योजना अंतर्गत आवेदन प्राप्‍त होने पर नियमानुसार योजना में प्रावधानित सुविधाओं की सहायता प्रदान की जाती है। (घ) उत्‍तरांश '''' अनुसार सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। कौशल विकास एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम योजनांतर्गत वर्तमान में कोई कार्य योजना विचाराधीन नहीं है। युवाओं एवं बेरोजगारों द्वारा आवेदन प्राप्‍त होने पर योजना में प्रावधान अनुसार सहायता प्रदान की जा सकती है।

फरार आरोपी की गिरफ्तारी

[गृह]

10. ( *क्र. 886 ) श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता के तारांकित प्रश्‍न क्र. 1022, दिनांक 12.3.2025 के उत्‍तर में बताया गया कि सिविल लाईन थाना छतरपुर में 94/02 प्रथम सूचना रिपोर्ट प्रतिवेदन पर तत्‍कालीन मुख्‍यमंत्री जी के आदेशानुसार अपराधिक प्रकरण क्रमांक 1269/2010 पंजीबद्ध हुआ था, उसमें एक आरोपी आज दिनांक तक फरार है। पुलिस द्वारा इतने लम्‍बे समय से फरार आरोपी को क्‍यों नहीं पकड़ा गया, उस पर इनाम घोषित किया गया था या नहीं? समस्‍त जानकारी दें। (ख) क्‍या प्रश्‍नकर्ता को प्रश्‍न के उत्‍तर में यह भी बताया गया कि फरार आरोपी के गिरफ्तार करने के हर संभव प्रयास किये जा रहे हैंकौन-कौन से प्रयास किये जा रहे हैं कि जानकारी स्‍पष्‍ट करें। (ग) क्‍या स्‍थाई वारंट निकाला जाना ही समाधान हैइस प्रकार के अपराध करने वाले की 2010 से प्रश्‍न दिनांक तक गिरफ्तारी नहीं की गई तो इसका मूल कारण क्‍या है एवं पुलिस पर संदेह उत्‍पन्‍न होता है कि इस प्रकार कार्यशैली क्‍यों अपनाई जा रही है कि उक्‍त अपराधी पुलिस की पकड़ से बाहर है? उक्‍त अपराधी को कब तक गिरफ्तार किया जावेगा

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्‍य मंत्री (श्री नरेन्‍द्र शिवाजी पटेल) : (क) जी हाँ। फरार आरोपिया आशा दीक्षित के संदर्भ में संबंधित न्यायालय द्वारा स्थाई वारंट जारी किया गया है। आरोपिया के स्थाई वारंट की तामीली हेतु 8000/- रूपये का ईनाम घोषित है। (ख) समय-समय पर आरोपिया के मिल सकने के संभावित स्थानों पर आरोपिया की तलाश की गई एवं तलाशी पंचनामा तैयार किये गये। पुलिस द्वारा अपने मुखबिर तंत्र को सक्रिय कर आरोपिया आशा दीक्षित की गिरफ्तारी के हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। (ग) जी नहीं फरार आरोपिया की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमों द्वारा समय-समय पर दबिश देकर तलाश की जा रही है। पुलिस द्वारा आरोपिया की दस्तयाबी के हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं, जिसकी तलाश जारी है। आरोपिया की दस्तयाबी होने पर गिरफ्तारी की जावेगी।

अवैध वसूली व बलात्‍कार के आरोपी को छोड़ा जाना

[गृह]

11. ( *क्र. 1018 ) श्री केशव देसाई : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                    (क) क्‍या पुलिस थाना गोहद चौराहा अन्‍तर्गत ग्राम बिरखड़ी में दिनांक 16.03.2025 को दो गुटों द्वारा फायरिंग की घटना में आरोपी को पकड़ने के बाद थाने ले जाकर छोड़ा गया जो कि उसी थाने में गैंगरेप में फरार आरोपी था? जिसके संबंध में प्रश्‍नकर्ता द्वारा दोषी पुलिस अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही हेतु माननीय मुख्‍यमंत्री महोदय कार्यालय को प्रेषित पत्र जिसका पंजीयन क्रमांक 2056/सी.एम.एस./एम.एल.ए./013/2025, दिनांक 01.04.2025 से प्रेषित पी.एस. गृह विभाग उक्‍त संबंध में क्‍या-क्‍या कार्यवाही हुई है? यदि नहीं, हुई तो कब तक होगी? (ख) पुलिस अनुभाग गोहद अंतर्गत पुलिस थानों द्वारा प्राईवेट लोगों के माध्‍यम से अवैध वसूली करने के संबंध में प्रश्‍नकर्ता द्वारा एस.डी.ओ.पी. गोहद को पत्र क्रमांक 336, दिनांक 28.02.2025 दिया गया है? उक्‍त संबंध में क्‍या-क्‍या कार्यवाही हुई है? यदि नहीं हुई तो कब-तक होगी

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्‍य मंत्री (श्री नरेन्‍द्र शिवाजी पटेल) : (क) प्रश्‍नांश में उल्लेखित घटनाक्रम की शिकायत जांच हेतु पुलिस मुख्यालय शिकायत शाखा के द्वारा दिनांक 09.07.2025 को पुलिस अधीक्षक भिण्ड को भेजी गई है, शिकायत जांच जारी है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) अनुविभागीय अधिकारी, पुलिस अनुभाग गोहद की जांच रिपोर्ट के अनुसार कहीं भी पुलिस के द्वारा एवं किसी अन्य प्राईवेट व्यक्ति के माध्यम से अवैध वसूली नहीं कराई जा रही है। अतः कोई कार्यवाही नहीं की गई। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है।

औद्योगिक इकाइयों द्वारा कराये गये निर्माण कार्य

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

12. ( *क्र. 942 ) श्री श्रीकान्त चतुर्वेदी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) वर्ष 2021-22 से अब तक मैहर जिले में कार्यरत औद्योगिक इकाइयों द्वारा कौन-कौन से कार्य सी.एस.आर. मद से कराये गये हैं? औद्योगिक इकाइयों के नामवार, कार्य के नामवार, स्‍थानवार, लागत सहित वर्षवार पृथक-पृथक जानकारी दी जावे। (ख) प्रश्‍नांश (क) के प्रकाश में क्‍या जिस अनुपात में मैहर क्षेत्र में कार्यरत औद्योगिक इकाइयों द्वारा खनिज सम्‍पदा का उपयोग कर लाभ प्राप्‍त किया जाता है, उस अनुपात में ऐसे प्रभाव‍ित क्षेत्रों में जनहित के लिये सी.एस.आर. फण्‍ड से निर्माण कार्य नहीं कराये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो क्‍यों? क्‍या निकट भविष्‍य में इस विषय पर अधिक से अधिक जनहित में कार्य कराये गये हैं? यदि नहीं, तो क्‍यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्‍य मंत्री (श्री दिलीप अहिरवार) : (‍क) मैहर जिले में स्‍थापित एवं पात्र उद्योगों द्वारा प्रदत्‍त जानकारी अनुसार वर्ष 2021-22 से 2024-25 तक निम्‍नानुसार राशि सी.एस.आर. मद में व्‍यय की गई है :-

 

(1) मे. के.जे.एस. सीमेंट (आई) लिमिटेड मैहर

वित्‍तीय वर्ष

सी.एस.आर. मद में व्‍यय राशि

2021-22

172.25 लाख रूपये

2022-23

11.03 लाख रूपये

2023-24

8.77 लाख रूपये

2024-25

13.93 लाख रूपये

(2) मे. अल्‍ट्राटेक सीमेंट लिमिटेड (यूनिट मैहर सीमेंट वर्क्‍स) मैहर

वित्‍तीय वर्ष

सी.एस.आर. मद में व्‍यय राशि

2021-22

221.25 लाख रूपये

2022-23

107.21 लाख रूपये

2023-24

99.40 लाख रूपये

2024-25

187.40 लाख रूपये

 (3) मे. आर.सी.सी.पी.एल. प्राईवेट लिमिटेड मैहर

वित्‍तीय वर्ष

सी.एस.आर. मद में व्‍यय राशि

2021-22

242.50 लाख रूपये

2022-23

273.70 लाख रूपये

2023-24

168.00 लाख रूपये

2024-25

157.13 लाख रूपये

 

उपरोक्‍त कंपनियों द्वारा कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्‍व (सी.एस.आर.) मद अंतर्गत किये गये व्‍यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्‍व निर्वहन के संबंध में भारत सरकार द्वारा अधिसूचित कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 135 के अनुसार किसी वित्‍तीय वर्ष के दौरान पांच सौ करोड़ रूपये या अधिक के शुद्ध मूल्‍य वाली या एक हजार करोड़ रूपये या अधिक के आवर्त वाली या पांच करोड़ रूपये या अधिक के शुद्ध लाभ वाली प्रत्‍येक कंपनी द्वारा सी.एस.आर. नीति का पालन किया जाना अनिवार्य है। कंपनी अधिनियम अनुसार उक्‍त कंपनी का बोर्ड यह सुनिश्चित करेगा कि कंपनी प्रत्‍येक वित्‍तीय वर्ष में ठीक तीन पूर्ववर्ती वित्‍तीय वर्षों के दौरान किये गये कंपनी के औसत शुद्ध लाभों का कम से कम दो प्रतिशत निगमित सामाजिक उत्‍तरदायित्‍व नीति के अनुसरण में खर्च करें। साथ ही, C.S.R. गतिविधियों के चयन एवं कार्यान्वयन में कंपनी को अपने परिचालन स्थलों तथा संबंधित क्षेत्रों को प्राथमिकता प्रदान करना अपेक्षित होगा। भारत शासन कंपनी अधिनियम में वर्णित सी.एस.आर. (निगमित सामाजिक उत्‍तरदायित्‍व) का पालन कंपनी अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार संबंधित कंपनियों के द्वारा ही किया जाना होता है। कंपनी अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत सी.एस.आर. के अंतर्गत कार्यों के क्रियान्‍वयन हेतु राज्‍य शासन की भूमिका के संबंध में कोई व्‍यवस्‍था नहीं है। मध्यप्रदेश राज्य की कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (C.S.R.) वेबसाइट पर विभागवार एवं जिलावार 'शेल्फ ऑफ प्रोजेक्ट्स' प्रदर्शित किये गये हैं, जिनमें से कंपनी अपनी इच्छा एवं सुविधा अनुसार उपयुक्त परियोजनाओं का चयन कर सकती है। यह चयन कंपनी के लिए बाध्यकारी नहीं है, बल्कि एक सहयोगात्मक सुझाव के रूप में प्रस्तुत किया गया है।

आधुनिक आंगनवाड़ी केंद्रों की आवश्यकता और सुविधाएं

[महिला एवं बाल विकास]

13. ( *क्र. 714 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मुरैना जिले में वर्तमान आंगनवाड़ियों में बच्चों के लिए आकर्षक और सुरक्षित बैठक स्थान, फर्नीचर, खेलने के लिए विशेष इंतजाम और किचन गार्डन जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं या नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? क्‍या आधुनिक आंगनवाड़ियों की स्थापना की जायेगी? (ख) मुरैना जिला में आधुनिक आंगनवाड़ी केंद्रों की स्थापना के बारे में सरकार की क्या योजना है? क्या इन केंद्रों में बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के बेहतर पोषण, स्वास्थ्य और प्रारंभिक शिक्षा के लिए विशेष सुविधाएं प्रदान की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक इन केंद्रों की स्थापना की जायेगी? (ग) क्या आधुनिक आंगनवाड़ी केंद्रों में स्वच्छ वातावरण, स्वच्छ पेयजल,    साफ-सुथरे शौचालय और सौर ऊर्जा से विद्युत आपूर्ति जैसी मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने की योजना है? इससे बच्चों के लिये एक स्वस्थ और सुरक्षित वातावरण कैसे प्रदान किया जायेगा?             (घ) क्या आधुनिक आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों को आधुनिक शिक्षण सामग्री जैसे कि स्मार्ट टीवी, प्रोजेक्टर और चित्रयुक्त किताबें प्रदान करने की योजना है? क्‍या इससे बच्चों को खेल-खेल में सीखने और उनके मानसिक विकास में मदद मिलेगी?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) मुरैना जिले में संचालित 2609 आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में बच्चों के लिए आकर्षक और सुरक्षित बैठक स्थान, खेलने एवं सीखने के लिए 2607 केन्‍द्रों पर प्री स्‍कूल किट तथा 502 आंगनवाड़ी केन्‍द्रों पर किचन गार्डन उपलब्‍ध हैं। आधुनिक आंगनवाड़ि‍यों की स्‍थापना वित्‍तीय संसाधनों की उपलब्‍धता पर निर्भर है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को ''पढ़ाई भी और पोषण भी'' अन्‍तर्गत प्रशिक्षित किया गया है। सक्षम आंगनवाड़ी केन्‍द्रों की स्‍थापना भारत सरकार की गाईड-लाईन अनुसार की जाती है। (ख) 'सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0' अन्‍तर्गत आंगनवाड़ी केन्‍द्रों को भारत सरकार द्वारा सक्षम आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में उन्‍नत किये जाने की योजना है। जी हाँ। मुरैना जिले के 353 आंगनवाड़ी केन्‍द्रों को सक्षम आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में उन्‍नत किया जा रहा है। (ग) मुरैना जिले के समस्‍त आंगवाड़ी केन्‍द्रों में स्‍वच्‍छ वातावरण, पेयजल सुविधा एवं 1563 आंगवाड़ी केन्‍द्रों में शौचालय सुविधा उपलब्‍ध है। आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में सौर ऊर्जा से विद्युत आपूर्ति किये जाने की कोई योजना संचालित नहीं है। (घ) सक्षम आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में उन्‍नत किये जाने के लिए चयनित आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में एल.ई.डी. (स्‍मार्ट टी.वी.), वॉटर प्‍यूरीफायर तथा ई.सी.सी.ई. अन्‍तर्गत चित्रयुक्‍त किताबों का प्रावधान है।

लाड़ली बहना योजना की जानकारी

[महिला एवं बाल विकास]

14. ( *क्र. 711 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) ''मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना में दी जाने वाली राशि बढ़ाकर 3000 कर दी जायेगी।'' मान. मुख्यमंत्री जी की यह घोषणा किस क्रमांक पर दर्ज है? उसकी प्रति देवें। लाड़ली बहना योजना के लिए मान. मुख्यमंत्री जी द्वारा जून 2025 में इंदौर में की गई घोषणा किस क्रमांक पर दर्ज है? उसकी भी प्रति देवें। (ख) लाड़ली बहना योजना में 20 अगस्त, 2023 के बाद से 22 माह गुजर जाने के बाद भी नया पंजीयन क्यों नहीं किया जा रहा है? क्या निर्देश के बिना रुपए अतिरिक्त दिये जा रहे हैं? जिन बहनों के नाम काटे जा रहे हैं, उन्हें सूचना नहीं दी जा रही है तथा माह की निर्धारित दिनांक 10 को भुगतान नहीं हो रहा है? (ग) लाड़ली बहना योजना के सभी केटेगरी के विज्ञापन पर वर्ष 2023 से जून 2025 तक कितनी राशि खर्च की गई? वर्षवार जानकारी दें। (घ) जून 2023 से जून 2025 तक लाड़ली बहना योजना में हितग्राही की संख्या तथा भुगतान की गई कुल राशि की माह अनुसार जानकारी दें। (ड.) लाड़ली बहना योजना में रुपए 3000/- किये जाने की सरकार की क्या योजना है?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) घोषणा क्रमांक C-2393, दिनांक 10 जून, 2023 की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। जून 2025 में इंदौर में कोई घोषणा नहीं की गई। अत: शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन न होने के कारण पंजीयन नहीं किया जा रहा है। जी नहीं। जी नहीं। सूचना दी जा रही है। विभाग के परिपत्र क्रमांक/581/2023/50-2/1134838, दिनांक 01.03.2023 एवं पत्र क्रमांक/1893/1134836/ 2023/50-2, दिनांक 20.07.2023 द्वारा प्रतिमाह की 10 तारीख को राशि अंतरण करने के निर्देश हैं, परन्‍तु सुविधानुसार यह तिथि‍ आगे-पीछे होती रहती है। लाभार्थियों को प्रतिमाह नियमित रूप से राशि का भुगतान किया जा रहा है। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (ड.) वर्तमान में कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं है।

परिशिष्ट - "दो"

प्रमोशन के लिये निर्धारित समय-सीमा

[गृह]

15. ( *क्र. 426 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले पुलिस/सशस्त्र बल के कर्मचारी के प्रमोशन के लिए क्या समय-सीमा निर्धारित की गई है? यदि हाँ, तो उनको कब तक प्रमोशन मिल जायेगा?                     (ख) क्या कांग्रेस सरकार में पुलिस/सशस्त्र बल में डायरेक्ट नियुक्ति पाये कर्मचारियों को 6 वर्ष सेवा पूर्ण करने के उपरांत प्रमोशन का पात्र मान लिया जाता था? (ग) यदि हाँ, तो क्या सरकार में 10 वर्ष की सेवा पूर्ण करने के उपरांत भी पुलिस सशस्त्र बल के कर्मचारी प्रमोशन के लिए प्रतीक्षा ही करते रहेंगे? (घ) क्या सरकार द्वारा कुछ समय पूर्व ही कार्यवाहक पद देना भी बंद कर दिया गया है और 10 साल की सेवा पूर्ण करने के उपरांत भी पुलिस विभाग के कर्मचारियों को प्रमोशन का इन्तजार खत्म होगा? यदि हाँ, तो एक निश्चित तिथि की घोषणा सदन में करेंगे?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्‍य मंत्री (श्री नरेन्‍द्र शिवाजी पटेल) : (क) म.प्र. भर्ती नियम (राजपत्र) 1997, गृह विभाग, मंत्रालय, वल्लभ भवन, भोपाल के संशोधन राजपत्र दिनांक 05 मार्च, 2016 के बिन्दु क्रमांक 7, अनुसूची चार अनुसार गृह पुलिस विभाग के अंतर्गत जिला बल के कार्यपालिक बल को पदोन्नति हेतु समय-सीमा के निर्धारण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' एवं '' अनुसार है। पदोन्नति संबंधी याचिका वर्तमान में माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। (ख) वर्ष 1997 में कांग्रेस सरकार द्वारा म.प्र. भर्ती नियम (राजपत्र) 1997, गृह (पुलिस) विभाग मंत्रालय, वल्लभ भवन, भोपाल द्वारा जारी राजपत्र दिनांक 12 मई, 1997 के पृष्ठ क्रमांक 61, अनुसूची चार अनुसार गृह पुलिस विभाग के अंतर्गत जिला बल के कार्यपालिक बल को पदोन्नति हेतु समय-सीमा के निर्धारण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' एवं '' अनुसार है। (ग) पदोन्नति संबंधी याचिका वर्तमान में माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। (घ) जी हाँ। वर्तमान में सामान्य प्रशासन विभाग, मंत्रालय, वल्लभ भवन, भोपाल दिनांक 19 जून, 2025, मध्यप्रदेश लोक सेवा पदोन्नति नियम 2025 के तहत कार्यपालिक बल संवर्ग के अधिकारियों/कर्मचारियों को उच्च पद पर पदोन्नति दिये जाने हेतु निर्देश प्राप्त हुए हैं, जिसके तहत पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी जी.ओ.पी. क्र. 148/2021, दिनांक 10.02.2021 एवं समय-समय पर संशोधित पत्रों के तहत कार्यपालक तौर पर उच्च पद का प्रभार दिये जाने की कार्यवाही को पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी पत्र क्रमांक/पुमु/3/कार्मिक/सहा-12/1595/2025 भोपाल, दिनांक 20.6.2025 से आगामी आदेश तक स्थगित किया गया है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। नियमित पदोन्नति की कार्यवाही की जा सकेगी, जो कि एक सतत् प्रक्रिया है, निश्चित समय-सीमा से अवगत कराया जाना संभव नहीं है। पदोन्नति संबंधी याचिका वर्तमान में माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन है।

दोषियों पर कार्रवाई

[गृह]

16. ( *क्र. 708 ) श्री मुकेश मल्होत्रा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                     (क) क्‍या दिनांक 11.11.2024 उपचुनाव के दौरान थाना ढोढर के ग्राम धनायचा में रात्रि 9:00 बजे बंटी मीणा पुत्र नारायण मीणा, निवासी मडरायल करोली राजस्थान में उसके 7-8 अन्य साथियों के द्वारा निर्दोष ग्रामवासियों पर बंदूकों से गोलियां चलाकर कई आदिवासियों को घायल कर दिया गया था?               (ख) क्‍या बंटी मीणा को ग्रामीणों ने पड़कर पुलिस के हवाले कर दिया? बंटी मीणा पर अ.क्र. 144 दर्ज कर अन्य 7-8 गुण्डों को दबाव में पुलिस ने बचा दिया और हमीर आदिवासी व 7-8 अन्य लोगों पर पुलिस ने झूठा केस दर्ज कर दिया था? (ग) क्‍या शासन कि धनायचा के आदिवासियों पर दर्ज अ.क्र. को विलोपित करेगा और धनायचा में बंटी मीणा व उसके 7-8 अन्य साथियों की जांच कर मुकदमा दर्ज कर इस घटना को अंजाम दिलाने वालों की जांच कर उसके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही करेगा?  

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्‍य मंत्री (श्री नरेन्‍द्र शिवाजी पटेल) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

पुलिस थानों की शांति समिति के गठन की प्रक्रिया

[गृह]

17. ( *क्र. 785 ) डॉ. तेजबहादुर सिंह चौहान : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस थाना में शांति समिति गठित नामित सदस्यों का मापदंड एवं थाना क्षेत्र की शांति समिति में कितने सदस्य हो सकते हैं? इन्हें नामित कौन करता है और कितने समय से इनमें बदलाव नहीं किया गया? (ख) अलग-अलग त्योहारों की प्रकृति के अनुसार सदस्यों की श्रेणी निर्धारित कर बैठक में बुलाया जाता है या प्रत्येक बैठक में सभी सदस्यों को बिना त्योहारों की प्रकृति को ध्यान में रखकर सभी को बुला लिया जाता है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्‍य मंत्री (श्री नरेन्‍द्र शिवाजी पटेल) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

शराब की अवैध बिक्री

[वाणिज्यिक कर]

18. ( *क्र. 793 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला रतलाम के सैलाना विधानसभा क्षेत्र में दिनांक 01.01.2024 से प्रश्‍न दिनांक तक अवैध शराब विक्रय के कुल कितने केस पुलिस द्वारा बनाए बनाये गये हैं तथा कितनी कितनी अवैध शराब जप्त की गई है? शराब किस बैच नंबर की पाई गई व किस ठेकेदार को आवंटित की गई थी? सम्पूर्ण जानकारी पृथक-पृथक वर्षवार, थानेवार उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश "क" में उल्लेखित आबकारी नीति में पकड़ी गई अवैध शराब में किन-किन लोगों को आरोपी बनाए जाने का नियम है? नियमावली की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या प्रश्‍नकर्ता द्वारा सैलाना विधानसभा क्षेत्र में गाँव-गाँव में डायरी के माध्यम से अवैध शराब की बिक्री बंद कराने के आबकारी विभाग के अधिकारि‍यों सहित शासन प्रशासन को अपने पत्रों से अवगत कराया था? यदि हाँ, तो बतावें कि पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? यह भी जानकारी दें कि डायरी सिस्टम से अवैध शराब बिक्री करने वाले दोषी ठेकेदारों व उसमें लिप्त दोषी अधिकारि‍यों पर कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (घ) क्या विभाग द्वारा सैलाना विधानसभा क्षेत्र में अवैध शराब की बिक्री को रोकने के लिए ठेकेदारों पर कार्यवाही करने के निर्देश दिये जायेंगे?

उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जिला रतलाम के सैलाना विधानसभा क्षेत्र में दिनांक 01.01.2024 से प्रश्‍न दिनांक तक अवैध शराब विक्रय के संबंध में पुलिस विभाग के पत्रानुसार अवैध शराब विक्रय के कुल 63 प्रकरण पुलिस द्वारा बनाये गये हैं। प्रकरणों की जप्‍त की गयी अवैध शराब, बैच नम्‍बर व शराब किस ठेकेदार को आवंटित की गयी आदि की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। (ख) आबकारी नीति में पकड़ी गई अवैध शराब में मध्‍यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 34, 36, 49 क एवं सुसंगत नियमों के तहत कार्यवाही किये जाने का प्रावधान है, नियमावली की छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है। (ग) सैलाना विधानसभा क्षेत्र में गाँव-गाँव में डायरी के माध्यम से अवैध शराब की बिक्री बंद कराने संबंधी प्राप्‍त पत्रों पर पत्र क्रमांक/आब/शिका/2024/658, दिनांक 29.02.2024, पत्र क्रमांक/आब/शिका/2024/1916, दिनांक 05.06.2024, पत्र क्रमांक/आब/शिका/2024/3517, दिनांक 29.08.2024 द्वारा की गई कार्यवाही से उक्‍त पत्रों के माध्‍यम से माननीय विधायक महोदय को अवगत कराया गया है। छायाप्रतियां पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र 'तीन' अनुसार है।           (घ) आबकारी वृत्‍त सैलाना, जिला रतलाम द्वारा सैलाना विधानसभा क्षेत्र में अवैध शराब की बिक्री को रोकने के लिये मध्‍यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 की सुसंगत धाराओं के तहत कार्यवाही की जाती है। कायम अवैध शराब विक्रय के प्रकरणों में शराब ठेकेदारों की लिप्‍तता के साक्ष्‍य नहीं होने से संबंधित पर कार्यवाही नहीं की गई है।

शासकीय आवास की पात्रता और आवंटन

[गृह]

19. ( *क्र. 822 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) प्रदेश की राजधानी में कुल कितने शासकीय आवास हैं, कितने प्रकार के हैं, कितना किराया है, इनके आवंटन की क्या प्रक्रिया है? (ख) वर्ष 2020 से 2025 तक कितने अधिकारी, जनप्रतिनिधि, व्यक्ति, जिनकी पात्रता खत्म हो चुकी है और पात्रता नहीं है, फिर भी अभी तक शासकीय आवास में निवासरत हैं? (ग) उल्‍लेखित प्रश्‍नांश (ख) के संबंध में अपात्र व्यक्ति, अधिकारी को शासकीय आवास खाली करने हेतु किस प्रकार की कार्यवाही की जा रही है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्‍य मंत्री (श्री नरेन्‍द्र शिवाजी पटेल) : (क) प्रदेश की राजधानी भोपाल में "बी", "सी", "डी", "ई", "एफ", "जी", "एच" एवं "आई" श्रेणी के 12961 आवास हैं। प्रदेश की राजधानी में स्थित आवासों का आवंटन भोपाल स्थित शासकीय आवास आवंटन नियम, 2000 के प्रावधानों के अंतर्गत किया जाता है। पृथक-पृथक श्रेणीवार आवासों की संख्या, किराया तथा आवास आवंटन नियम, 2000 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।               (ख) माह जनवरी, 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में 333 अधिकारी, जनप्रतिनिधि, व्यक्ति आवास धारण की अनुमति का अवसान हो जाने के उपरांत भी निवासरत है। (ग) अपात्र व्यक्ति, अधिकारी को शासकीय आवास खाली कराये जाने के संबंध में भोपाल स्थित शासकीय आवास आवंटन नियम 2000 के नियम-29 में प्रावधान है। इस नियम के अंतर्गत नियमानुसार दाण्डिक किराये की वसूली तथा बेदखली की कार्यवाही की जाती है।

योजनाओं के प्रचार-प्रसार पर व्यय राशि

[जनसंपर्क]

20. ( *क्र. 766 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में लाड़ली बहना योजना के प्रचार-प्रसार पर अप्रैल 2023 से अक्टूबर 2023 तक कुल कितनी राशि व्यय की गई? (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में 15 दिसंबर, 2023 से 30 जून, 2025 की अवधि में लाड़ली बहना योजना के प्रचार-प्रसार पर कुल कितनी राशि व्यय की गई?                            (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना के प्रचार-प्रसार पर योजना प्रारंभ होने की दिनांक से 30 जून, 2025 तक की अवधि में कुल कितनी राशि व्यय की गई? इस योजना अंतर्गत प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, डिजिटल मीडिया एवं आउटडोर पब्लिसिटी के विभिन्न माध्यमों के द्वारा प्रचार-प्रसार पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? कुल व्यय राशि का महायोग बतावें? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में लाड़ली बहन योजना एवं मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना के प्रचार-प्रसार के लिए किस-किस फर्म/इवेंट कंपनी/व्यक्ति को कब-कब तथा कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? फर्म/इवेंट कंपनी/व्यक्ति के नाम/पता सहित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्‍य मंत्री (श्री धर्मेन्‍द्र भाव सिंह लोधी) : (क) जनसंपर्क विभाग द्वारा लाड़ली बहना योजना के प्रचार-प्रसार पर रूपये 79.23 करोड़ तथा मध्‍यप्रदेश माध्‍यम द्वारा 180.30 करोड़ व्‍यय किये गये। (ख) जनसंपर्क विभाग द्वारा रूपये 28.94 करोड़ तथा मध्‍यप्रदेश माध्‍यम द्वारा 28.40 लाख व्‍यय किये गये। (ग) मुख्‍यमंत्री सीखो कमाओ योजना के प्रचार-प्रसार पर रूपये 28.24 करोड़ व्‍यय किये गये। योजनांतर्गत जनसंपर्क विभाग द्वारा 1. प्रिंट मीडिया-2.14 करोड़, 2. इलेक्‍ट्रोनिक मीडिया-8.48 करोड़, 3. डिजिटल मीडिया-5.51 करोड़ तथा मध्‍यप्रदेश माध्‍यम द्वारा         1. इलेक्‍ट्रॉनिक/डिजि‍टल मीडिया-47.54 लाख, 2. आउटडोर-11.63 करोड़, कुल महायोग राशि 28.24 करोड़ व्‍यय की गयी। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है।

खनिज मद की राशि से विकास कार्य

[खनिज साधन]

21. ( *क्र. 727 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) खनिज मद से कितनी राशि वर्ष 2023-24 से 2025-26 तक ग्वालियर जिले को प्राप्त हुई है? वर्षवार विवरण दें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में उपलब्ध राशि से कौन-कौन से कार्य प्रश्‍नांश (क) वर्षों में स्वीकृत कर कराये गये हैं? कार्यवार, वर्षवार, स्थानवार जानकारी दें। कार्य स्वीकृत करने के क्या-क्या मापदण्ड हैं? क्या स्वीकृत कार्य निर्धारित मापदण्डों के अनुसार ही स्वीकृत किये गये हैं? यदि हाँ, तो स्पष्ट करें? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या प्रश्‍नकर्ता के पत्र क्रमांक 25, दिनांक 15.01.2025 द्वारा जिला कलेक्टर ग्‍वालियर को विषयांतर्गत मद से कार्य स्वीकृत करने हेतु प्रस्ताव दिया गया था? यदि हाँ, तो प्रस्तावित कार्यों में से कितने कार्य स्वीकृत किये गये हैं? यदि नहीं, तो क्यों?                     (घ) प्रश्‍नांश (क) अवधि में भितरवार विधानसभा क्षेत्र में कितने कार्य स्वीकृत किये गये हैं? वर्षवार, कार्यवार विवरण दें। क्या कार्य जिले की सभी विधान सभाओं में समान रूप से स्वीकृत किये गये हैं? यदि हाँ, तो विवरण दें? यदि नहीं, तो क्यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्‍य मंत्री (श्री दिलीप अहिरवार) : (क) प्रश्‍नाधीन जिले में प्रश्‍नाधीन अवधि में खनिज मद में निम्‍नानुसार राशि प्राप्‍त हुई है :-

क्र.

वर्ष

राशि (करोड़ में)

1.

2023-24

60.418

2.

2024-25

56.549

3.

2025-26 (प्रश्‍न दिनांक तक)

9.69

 

(ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित राशि राज्‍य की संचित निधि में जमा किये जाने के प्रावधान है। इस राशि से किसी प्रकार की कोई कार्य स्‍वीकृत किये जाने के प्रावधान नहीं है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्‍नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 25, दिनांक 15.01.2025 को डी.एम.एफ. (जिला खनिज प्रतिष्‍ठान मद) से कार्यों की स्‍वीकृति के संबंध में प्रस्‍ताव दिया गया था। प्रस्‍तावित कार्यों में से 01 कार्य यथा राम जानकी मंदिर सामुदायिक भवन ग्राम बरई जिला खनिज प्रतिष्‍ठान मद से स्‍वीकृत किया गया है। 02 कार्य यथा सर्किट हाउस निर्माण घाटीगांव, मीटिंग हॉल का निर्माण भितरवार जनपद पंचायत, राज्‍य निधि से स्‍वीकृति हेतु कलेक्‍टर, ग्‍वालियर द्वारा प्रस्‍तावित किये गये हैं। (घ) जिला खनिज प्रतिष्‍ठान अंतर्गत विधानसभा भितरवार में प्रश्‍नाधीन अवधि में स्‍वीकृत कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र 'एक' एवं 'दो' अनुसार है। जी नहीं, मध्‍यप्रदेश जिला खनिज प्रतिष्‍ठान नियम, 2016 में विधानसभावार कार्य स्‍वीकृत किये जाने के प्रावधान नहीं हैं।

शासकीय मदिरा विक्रय हेतु दुकान/गोदाम

[वाणिज्यिक कर]

22. ( *क्र. 847 ) श्री राजन मण्‍डलोई : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले में वर्ष 2023-24 से वर्तमान में कितनी शासकीय देशी/विदेशी मदिरा की दुकानें संचालित हैं एवं मदिरा स्टॉक हेतु कितने गोदाम स्थापित हैं? तहसीलवार दुकानों/गोदामों का पता, विवरण देवें। (ख) चालू वित्तीय वर्ष में आंवटित दुकानों के ठेकेदार के नाम बतायें एवं टेण्डर प्रक्रिया में तुलनात्मक पत्रक व आंवटित दुकान की दर बतायें। (ग) पृथक-पृथक शासकीय मदिरा दुकान व गोदाम में अधिकतम कितनी मात्रा में मदिरा रखे जाने का प्रावधान है? नियम सहित जानकारी दें। (घ) विभाग द्वारा वर्ष 2023-24 से वर्तमान तक कब-कब मदिरा दुकान/गोदाम का निरीक्षण किया गया? निरीक्षण प्रतिवेदन के आधार पर क्या कार्यवाही की गई? (ड.) वर्ष 2023-24 से प्रश्‍न दिनांक तक मदिरा निर्माण फैक्ट्री से मदिरा परिवहन, शासकीय दुकान/गोदाम पर भेजे जाने हेतु कितने ट्रांजिट पास (पार-पत्र) जारी किये गये? मदिरा मात्रा सहित ट्रांजिट पास की प्रति उपलब्ध करायें। (च) क्या स्थानीय जिला आबकारी कार्यालय द्वारा एक दुकान से अन्य मदिरा दुकान तक, मदिरा स्थानान्तरित हेतु पार-पत्र जारी किये जाते हैं? यदि हाँ, तो वर्तमान तक कितने पार-पत्र जारी किये गये? प्रति उपलब्ध करायें।

उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) बड़वानी जिले में वर्ष 2023-24,                2024-25 एवं 2025-26 में क्रमश: 50 देशी/विदेशी कम्‍पोजिट मदिरा दुकानें संचालित हैं। मदिरा स्‍टॉक हेतु 04 गोदाम स्‍वीकृत किये गये हैं। तहसीलवार दुकानें एवं गोदामों के पते सहित जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। (ख) वर्ष 2025-26 हेतु आवंटित दुकानों के अनुज्ञप्तिधारियों के नाम, टेण्‍डर प्रक्रिया की दुकानवार तुलनात्‍मक जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है। (ग) शासकीय मदिरा दुकान व गोदाम में अधिकतम मदिरा की मात्रा रखे जाने संबंधी कोई प्रावधान नहीं है। लायसेंसी आवश्‍यकता अनुसार मदिरा दुकान व गोदाम पर मदिरा रख सकता है। (घ) बड़वानी जिले में वर्ष 2023-24 से वर्तमान तक मदिरा/गोदाम के किये गये निरीक्षण एवं पाई गई अनियमितता के विरूद्ध की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र 'तीन' अनुसार है। (ड.) बड़वानी जिले में मदिरा निर्माण फैक्‍ट्री से शासकीय दुकान एवं लायसेंसी को मदिरा दुकान हेतु स्‍वीकृत गोदाम पर सीधे मदिरा का प्रदाय नहीं किया जाता है। किन्‍तु मदिरा निर्माण फैक्‍ट्री से शासकीय मदिरा मद्यभाण्‍डागार (गोदाम) पर मदिरा का प्रदाय किया जाता है, मदिरा निर्माण फैक्‍ट्री से शासकीय देशी मदिरा मद्यभाण्‍डागार (गोदाम) हेतु कुल 427 ट्रांजिट पास (पार-पत्र) जारी किये गये। देशी मदिरा की मात्रा का विवरण एवं ट्रांजिट पास की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र 'चार' अनुसार है। (च) जी हाँ, एक दुकान से अन्‍य मदिरा दुकान तक, मदिरा स्‍थानान्‍तरित हेतु पार-पत्र जारी किये जाते हैं। जिले में वर्तमान तक कुल 42 पार-पत्र जारी किये गये हैं, जिसकी जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-पांच अनुसार है।

उद्योग विभाग द्वारा जमीन आवंटन

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

23. ( *क्र. 384 ) श्री नितेन्‍द्र बृजेन्‍द्र सिंह राठौर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निवाड़ी जिले में उद्योग विभाग द्वारा आवंटित की जा रही जमीन में मध्यप्रदेश के उद्यमि‍यों की संख्या कितनी है तथा उत्तर प्रदेश के उद्यमियों की संख्या कितनी है? जानकारी दें।                                  (ख) जिस उद्योग के लिए जो जमीन आवंटित है, क्या वह उद्योग उस जमीन पर स्थापित किया गया है? (ग) उद्योग विभाग की नई जमीनों को कहां आवंटित किया जा रहा है? मध्य प्रदेश के कितने प्रतिशत उद्यमी लाभान्वित किये जा रहे हैं?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्‍य मंत्री (श्री दिलीप अहिरवार) : (क) निवाड़ी जिले में औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के अधीन एम.पी. इण्डस्ट्रि‍यल डेव्हलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड के 02 औद्योगिक क्षेत्र आई.आई.डी. प्रतापपुरा एवं औद्योगिक क्षेत्र प्रतापपुरा स्थापित एवं संचालित है। उक्त औद्योगिक क्षेत्रों में कुल 167 एम.एस.एम.ई. इकाइयों को भूखंड आवंटित किये गये हैं। इसके अतिरिक्त ग्राम सकेराभाटा, पपावनीखास, सुनरईभाटा जिला निवाड़ी में 01 वृहद उद्योग मेसर्स पैसाफिक मेटा स्टील प्रा.लि. पंजीकृत पता राजस्थान, को 158.7318 हेक्‍टे. शासकीय अविकसित भूमि आवंटित की गई है। मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश एवं अन्य राज्यों के उद्यमियों जिन्हें भूमि आवंटित की गई है, की जानकारी निम्नानुसार है :- (1.) मध्यप्रदेश-26 (2.) उत्तरप्रदेश-137 (3.) दिल्ली-02 (4.) राजस्थान-02 (5.) तेलांगाना-01 कुल योग - 168. सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम विभाग से प्राप्‍त जानकारी अनुसार जिला निवाड़ी में एम.एस.एम.ई. विभाग के अधीन विकसित औद्योगिक क्षेत्र-निवाड़ी भाटा में मध्‍यप्रदेश तथा उत्‍तर प्रदेश राज्‍य के निवासी उद्यमियों की क्रमश: संख्‍या 14 एवं 07 है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में औद्योगिक इकाइयों को आवंटित भूमि पर उद्योग स्थापना की अद्यतन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। उक्‍त के अतिरिक्‍त सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम विभाग से प्राप्‍त जानकारी अनुसार जिस उद्योग के लिये जो जमीन आवंटित है, वह उद्योग उस जमीन पर स्‍थापित किया गया। (ग) निवाड़ी जिले में पूर्व से स्थापित औद्योगिक क्षेत्रों में भूखंड की उपलब्धता के आधार पर आवंटन की कार्यवाही की जाती है। उक्त के अतिरिक्त औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के आधिपत्य में ग्राम-बबेडी जंगल तहसील-ओरछा जिला-निवाड़ी में 14.144 हेक्‍टे.भूमि पर औद्योगिक क्षेत्र प्रस्तावित है, उक्त औद्योगिक क्षेत्र में अधोसंरचना विकास होने के उपरांत प्रचलित मध्यप्रदेश राज्य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम 2019 (यथा संशोधित 2025) में उल्लेखित प्रावधान अनुसार भूमि आवंटन की कार्यवाही की जा सकेगी, जिससे प्रदेश के ही नहीं अपितु अन्य राज्यों के उद्यमी भी लाभान्वित होंगे। सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम विभाग से प्राप्‍त जानकारी ग्राम जेर, जिला-निवाड़ी में 27.00 हेक्‍टेयर भूमि पर नवीन औद्योगिक क्षेत्र का विकास किया जा रहा है। विकास कार्य पूर्ण होने के पश्‍चात मध्‍यप्रदेश एम.एस.एम.ई. को औद्योगिक भूमि तथा भवन आवंटन एवं प्रबंधन नियम 2025 के प्रावधानों अनुसार मध्‍यप्रदेश के उद्य‍म‍ी भी भूमि आवंटन हेतु आवेदन कर सकते हैं। इन नियमों के तहत नवीन विकसित किये जाने वाले औद्योगिक क्षेत्रों में मध्‍यप्रदेश के अनुसूचित जाति/जनजाति के उद्यमियों को 20 प्रतिशत भूखण्‍ड आरक्षित किये जाने का प्रावधान है।

थाना प्रभारियों की जानकारी

[गृह]

24. ( *क्र. 896 ) श्री हरिबाबू राय [इंजीनियर] : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा अशोकनगर में कितने नगर निरीक्षक वाले थाने हैं, कितनी चौकियां हैं? नगर निरीक्षक के थानों पर दो स्टार वाले थानेदार प्रभारी बनाये जाते हैं, जबकि तीन स्टार वाले थानेदारों को कार्यालयों में रखा जा रहा है, जो कि नियम विरूद्ध है, ऐसा क्यों किया जा रहा है? दो स्टार वाले थानेदारों को हटाकर तीन स्टार वाले थानेदारों की पदस्थापना कब तक कर दी जावेगी?                           (ख) क्‍या पुलिस विभाग द्वारा लगातार सड़कों पर खडे़ होकर वाहन चैकिंग के नाम पर चालानी वसूली की जा रही है, गरीब आदमियों के हजारों रूपये के चालान बनाये जाते हैं, अवैध वसूली भी की जाती है, इसको रोकने की कृपा करें? (ग) पुलिस विभाग के कर्मचारी खनिज वाहनों को रोककर वसूली कर रहे हैं, क्या नियमानुसार यह सही है अथवा नहीं?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्‍य मंत्री (श्री नरेन्‍द्र शिवाजी पटेल) : (क) विधानसभा अशोकनगर में नगर निरीक्षक के 05 थानें एवं 02 चौकियां हैं। जिला अंतर्गत थानों में थाना प्रभारियों की पदस्थापना निरीक्षक/उप निरीक्षक की योग्यता एवं प्रशासनिक दृष्टिकोण से की जाती है, जिसे प्रशासनिक सुविधा अनुसार समय-समय पर परिवर्तित किया जाता है। अन्य निरीक्षक/उप निरीक्षक आकस्मिक कानून व्यवस्था एवं अन्य शासकीय कार्य हेतु रक्षित केन्द्र में रिजर्व रहते हैं। (ख) विभाग द्वारा चालानी कार्यवाही माननीय न्यायालय तथा शासन नियमानुसार की जाती है। चालानी कार्यवाही का आधार "यातायात नियमों के उल्लंघन" पर आधारित है, जिसमें गरीब अथवा अमीर के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाता है और न ही किसी प्रकार की अवैध वसूली की जाती है। (ग) पुलिस अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा किसी खनिज वाहन को नहीं रोका जाता है, न कोई वसूली की जा रही है। अतः शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है।

अवैध बांग्‍लादेशी नागरिकों की जानकारी

[गृह]

25. ( *क्र. 997 ) डॉ. अभिलाष पाण्डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) केंद्र सरकार के आदेशों के अनुपालन में म.प्र. शासन द्वारा अवैध बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान हेतु अब तक क्या ठोस कार्रवाई की गई है? क्या प्रदेश सरकार द्वारा केंद्र को इस संदर्भ में कोई रिपोर्ट या स्थिति विवरण भेजा गया है? (ख) क्या शासन के पास यह आंकड़ा उपलब्ध है कि वर्तमान में कितने बांग्लादेशी नागरिक वैध एवं अवैध रूप से जबलपुर सहित संपूर्ण प्रदेश में निवास कर रहे हैं? इन नागरिकों की पहचान, निगरानी और निष्कासन के लिए क्या कोई विशेष अभियान या सर्वे कराया गया है? (ग) क्या प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों, विशेषकर शहरी इलाकों में झुग्गियों की संख्या में जो तेजी से वृद्धि हो रही है, उसका कोई संबंध अवैध विदेशी नागरिकों से है? यदि हाँ, तो क्या सरकार ने इस दिशा में संपूर्ण प्रदेश विशेषकर जबलपुर उत्तर मध्य विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कोई विशेष जांच या सर्वेक्षण कराया है, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि इन झुग्गियों में कौन-कौन नागरिक रह रहे हैं और उनकी नागरिकता क्या है? (घ) क्या इन झुग्गियों में रहने वाले लोगों के आधार कार्ड, राशन कार्ड, वोटर आई.डी. आदि दस्तावेजों की वैधता की कोई पुष्टि की गई है? क्या सुरक्षा एजेंसियों या स्थानीय प्रशासन को इस विषय पर विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिये        गये हैं?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्‍य मंत्री (श्री नरेन्‍द्र शिवाजी पटेल) : (क) अवैध बांग्लादेशी नागरिकों के संबंध में भारत सरकार, गृह मंत्रालय, नई दिल्ली से प्राप्त दिशा-निर्देशों को राज्य के पुलिस आयुक्त भोपाल/इंदौर एवं समस्त पुलिस अधीक्षकों को प्रेषित करते हुए वैधानिक कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया है। राज्य में अवैध रूप से रहने वाले विदेशियों की पहचान और निर्वासन के संबंध में मासिक जानकारी प्रतिमाह भारत सरकार, गृह मंत्रालय, नई दिल्ली प्रेषित की जाती है। (ख) जानकारी संकलित की जा रही है। बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान, निगरानी और निष्कासन के लिये भारत सरकार द्वारा दिनांक 02.05.2025 एवं 30.05.2025 को दिये गये दिशा निर्देशों को म.प्र. के पुलिस आयुक्त भोपाल, इंदौर एवं समस्त पुलिस अधीक्षकों को आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित करते हुए प्रदेश स्तर पर विशेष अभियान चलाया जाकर कार्यवाही सुनिश्चित की जा रही है। (ग) जी नहीं। (घ) उक्त संबंध में समस्त जिलों में एस.टी.एफ. का गठन किया जाकर संदिग्धों की पूछताछ, उनके दस्तावेजों की सत्यता की जांच उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। पुलिस आयुक्त भोपाल/इंदौर एवं समस्त पुलिस अधीक्षकों को विदेशी नागरिकों की पहचान कर वैधानिक कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया है।

 

 

 

 






भाग-2

नियम 46 (2) के अंतर्गत अतारांकित प्रश्‍नोत्तर के रुप में परिवर्तित तारांकित प्रश्‍नोत्तर


संदिग्‍ध परिस्थिति‍यों में हुई हत्याकांड की जाँच

[गृह]

1. ( क्र. 1 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 1997 में राजनैतिक कार्यकर्ता श्रीमती सरला मिश्रा की भोपाल में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। (ख) यदि हाँ, तो क्या उनके परिजनों ने श्रीमती सरला मिश्रा की मृत्यु की जाँच की मांग तत्कालीन सरकार से की थी और परिजनों की मांग पर तत्कालीन गृह मंत्री द्वारा इसकी जाँच सी.बी.आई. से कराए जाने की घोषणा की थी? (ग) यदि हाँ, तो परिजनों की मांग पर सी.बी.आई. जाँच का नोटिफिकेशन कब तक जारी किया जावेगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) :  (क) जी हाँ। (ख) प्रकरण में सी.बी.आई. से जांच कराने हेतु शासन द्वारा भारत सरकार, को प्रस्ताव भेजा था जो भारत सरकार, गृह मंत्रालय के द्वारा जांच योग्य प्रकरण न मानते हुये वापस कर दिया गया था, अतः इस संबंध में कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया। (ग) उत्‍तरांश (ख) अनुसार।

जल ट्रीटमेंट प्‍लांट की स्‍थापना

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

2. ( क्र. 16 ) श्री वीरसिंह भूरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र  क्रमांक 194 थांदला जिला झाबुआ के अंतर्गत औद्योगिक क्षेत्र मेघनगर में वर्षों से ट्रीटमेंट प्‍लांट की मांग की जा रही है परन्‍तु आज दिनांक तक ट्रीटमेंट प्‍लांट नहीं तैयार होने पर सारा औद्योगिक क्षेत्र का गंदा पानी नालों से बहकर नदी तक जा रहा है। जिससे जंगल में होकर जाने वाली नालियों के गंदे पानी को मोर, पशु, पक्षी पीकर मर रहे हैं और नदी पार्क में बहकर जाने से मछलियां मर रही है और उस पानी को मेघनगर को सप्‍लाय कर नगरवासियों को पिलाया जा रहा है जिससे जनजीवन पर काफी बुरा असर पड़ रहा है। (ख) यह ट्रीटमेंट प्‍लान बनेगा या नहीं? क्षेत्रवासियों के साथ न्‍याय होगा या नहीं?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विभाग के अधीन एमपी इण्‍डस्ट्रियल डेव्‍हलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा संधारित औद्योगिक क्षेत्र मेघनगर जिला झाबुआ में स्‍थापित औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले इफ्लुएंट हेतु 400 केएलडी क्षमता का सी.ई.टी.पी. निर्मित किया गया है जो कि दिनांक 24.07.2024 से संचालनरत है। औद्योगिक इकाइयों का इफ्लुएंट टैंकर के माध्‍यम से इकट्ठा कर उक्‍त सी.ई.टी.पी. में निस्‍तारण किया जा रहा है। म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से प्राप्‍त जानकारी अनुसार औद्योगिक क्षेत्र के उद्योगों द्वारा उनके परिसर में भी दूषित जल उपचार संयंत्र स्‍थापित किये गये है, जिससे औद्योगिक क्षेत्र में स्थित उद्योगों का दूषित जल नाले के माध्‍यम से नदी में नहीं पहुँच रहा है। कार्यालय उप संचालक पशुपालन एवं डेयरी विभाग, जिला-झाबुआ (म.प्र.) द्वारा प्रेषित जानकारी अनुसार नाले के पानी पीने से मोर, पशु, पक्षी के मरने एवं नदी में मछली के मरने से संबंधित जानकारी निरंक है। (ख) सी.ई.टी.पी. निर्मित किया गया है, जो कि संचालनरत है। अतएवं शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

पुलिस आवास निर्माण कार्य की स्वीकृति

[गृह]

3. ( क्र. 36 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) परासिया विधानसभा क्षेत्र में पुलिस विभाग में पदस्थ अधिकारी/कर्मचारी की आवास सुविधा हेतु आवास निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान किए जाने के संबंध में प्रश्‍नकर्ता द्वारा विधानसभा सत्र मार्च 2025 में तारांकित प्रश्‍न क्र.1136 दिनांक 21.03.2025 लगाया गया था, जिस प्रश्‍न पर प्रश्‍नकर्ता की सदन में विभागीय मंत्री जी से चर्चा हुई जिसमें उन्होंने जवाब दिया था कि मुख्यमंत्री आवास योजनान्तर्गत सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में पुलिस विभाग के लिए 25000 से अधिक आवासों का लक्ष्य तय किया गया है और बजट में भी 400 करोड़ रूपये का प्रावधान रखा गया है, लगभग 12000 आवास बन चुके हैं और शेष बचे आवास बनना है, प्रयास करेंगे कि परासिया में प्राथमिकता के आधार पर आवास निर्माण कार्य कराये जाये, उक्त संबंध में अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार सदन में दिये गये जवाब/आश्‍वासन के आधार पर परासिया विधानसभा क्षेत्र के पुलिस अधिकारी व कर्मचारियों के लिए कब तक प्राथमिकता तय कर आवास निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान कर दी जायेगी? (ग) आवास निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान किए जाने के संबंध में प्रश्‍नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री महोदय एवं विभागीय मंत्री महोदय जी को कई पत्र प्रेषित किये गये हैं, इन पत्रों पर क्या कार्यवाही हुई है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) :  (क) मुख्यमंत्री पुलिस आवास योजना अंतर्गत जिला छिंदवाड़ा में 458 आवासों के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई है जिसके विरूद्ध 356 का निर्माण कार्य पूर्ण किया जा चुका है शेष आवासों का निर्माण अधिकारी/कर्मचारियों की आवश्यकता के आधार पर स्थान का चयन कर आगामी चरणों में किया जायेगा। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार मुख्यमंत्री पुलिस आवास योजना अंतर्गत जिला छिंदवाड़ा में स्वीकृत आवासों में से शेष आवासों का निर्माण आगामी चरणों में किया जावेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) माननीय विधायक जी के पत्रों पर पुलिस मुख्यालय द्वारा आवश्यक कार्यवाही कर उत्तरांश (क) अनुसार जानकारी से अवगत कराया गया है।

अपराधियों पर कार्यवाही न होना

[गृह]

4. ( क्र. 56 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्‍नकर्ता के द्वारा पत्र क्र. 2024/टी.के.जी./एम.एल.ए./367 दिनांक 20.06.2024 के माध्यम से करोड़ों रूपये के भ्रष्टाचार की शिकायत माननीय प्रधानमंत्री भारत सरकार को करने पर उक्त शिकायत पुलिस अधीक्षक टीकमगढ़ ने अनुविभागीय अधिकारी पुलिस टीकमगढ़ को दिनांक 22.07.2024 को कार्यवाही हेतु दी थी? (ख) क्या  एस.डी.ओ.पी. टीकमगढ़ ने अपने जांच प्रतिवेदन पत्र क्र. अनु.अधि.पु./डिस्पेच/-88/24-25 दिनांक 05.02.2025 को मूलतः पुलिस अधीक्षक को वापिस कर जांच आर्थिक ब्यूरो से किया जाना उचित होगा, लेख किया था? (ग) यदि हाँ, तो एस.पी. टीकमगढ़  एवं आर्थिक ब्यूरो ने प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) में वर्णित शिकायत पर क्या कार्यवाही की? (घ) कार्यवाही न होने का क्या कारण है? कब तक कार्यवाही होगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ उक्त शिकायत पत्र की जाँच अनु. अधि.पु. टीकमगढ़ से कराई गई अनु.अधि.पु. टीकमगढ़ द्वारा अपने जाँच प्रतिवेदन न. अनु.अधि.पु./डिस्पेच/88/24-25 दिनांक 05.02.25 में लेख किया कि शिकायत जाँच के दौरान शिकायतकर्ता के कथन लेख किये गये जिन्होंने अपने कथन में आर्थिक अपराध ब्यूरो द्वारा जाँच कर कार्यवाही कर दोषियों दण्डित करना लेख कराया है। (ग) प्रश्‍नांश () एवं () में वर्णित शिकायत पत्र की जाँच अनु अधि. (पुलिस) टीकमगढ़ से करायी गई। अनु. अधि. (पुलिस) टीकमगढ़ द्वारा जांच प्रतिवेदन में उक्त शिकायत पत्र की जाँच आर्थिक अपराध ब्यूरो से कराई जाना उचित होगा लेख किया है। जिसके संबंध में जाँच प्रतिवेदन समस्त दस्तावेजों सहित कार्यालयीन पत्र क्र. पु. अधी. टीकम./शिका.जा./डिस्पेच-1252/2024 दिनाँक 29.04.25 एवं दिनाँक 17.06.25 के माध्यम से सहायक पुलिस आयुक्त (शिकायत) आर्थिक अपराध शाखा नई दिल्ली की ओर भेजा गया है। (घ) आवेदक के कथनानुसार उक्त शिकायत पर आर्थिक ब्यूरो द्वारा कार्यवाही कराना लेख करने पर जाँच प्रतिवेदन सम्पूर्ण दस्तावेजों सहित महायक पुलिस आयुक्त (पुलिस) आर्थिक अपराध शाखा नई दिल्ली की ओर भेजा गया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

प्रश्‍नकर्ता के पत्रों पर कार्यवाही न होना

[वाणिज्यिक कर]

5. ( क्र. 57 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्‍नकर्ता द्वारा जिला आयकर अधिकारी को दिनांक 17 जनवरी 2025 पत्र क्र. एम.एल.ए./टी.के.जी./।।-672/2025 दिनांक 17.01.2025 को लेख किया था यदि हाँ, तो पत्रोत्तर न देने एवं पत्र में चाही गई जानकारी न देने का क्या कारण है? (ख) क्या  पत्र में विधानसभा प्रश्‍न संख्‍या-119 (क्र.2499) दिनांक 09.07.24 का उल्लेख भी किया था फिर भी जानकारी नहीं  दी गई पत्र में चाही गई जानकारी का विस्तृत विवरण दें? (ग) क्या प्रश्‍नकर्ता एवं अनुविभागीय अधिकारी पुलिस टीकमगढ़ द्वारा चंद्रप्रकाश गिरी निवासी श्रीनगर जिला-टीकमगढ़ की जांच हेतु पत्र दिया था यदि हाँ, तो उस पर अब तक क्या कार्यवाही की गयी? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) में वर्णित तथ्यों पर कोई कार्यवाही की गई यदि हाँ, तो विवरण दें? यदि नहीं, तो क्यों?

उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) वाणिज्यिक कर विभाग से संबंधित नहीं है। (ख) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में वाणिज्यिक कर विभाग से संबंधित जानकारी निरंक है। (ग) श्री चंद्रप्रकाश गिरी निवासी श्रीनगर जिला-टीकमगढ़ की जांच हेतु पत्र विभाग में प्राप्‍त नहीं हुआ है। (घ) उत्‍तरांश (क), (ख) एवं (ग) में वर्णित तथ्यों के संबंध में वाणिज्यिक कर विभाग से संबंधित जानकारी निरंक है।

माखन नगर तहसील की सड़क दुर्घटनाएं

[गृह]

6. ( क्र. 94 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) नर्मदापुरम जिले की माखन नगर, तहसील में जनवरी 2015 से जून 2025 तक कितनी सड़क दुर्घटनाएं हुई? इनमें कितनी मृत्यु की घटनाएं हुई? वर्षवार, थानावार संख्यात्मक जानकारी दें।             (ख) प्रश्‍नांश (क) वर्णित कितनी घटनाएं रेत के डम्पर/ट्रकों/ट्रैक्‍टर ट्रॉलियों के कारण किन स्थानों पर हुई। (ग) प्रश्‍नांश (ख) में उल्लेखित घटना में वाहनों का क्रमांक, वाहन मालिक का नाम, पता, चालक का नाम/पता, मृतकों के नाम/पते सहित जानकारी देते हुए बतावें कि क्या मृतकों को शासन द्वारा सहायता राशि दी गयी? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी। (घ) प्रश्‍नांश (ग) वर्णित कौन-कौन वाहन परिवहन विभाग में पंजीकृत एवं बीमित नहीं थे। (ड.) क्या सड़क दुर्घटनाओं में मृतकों को सहायता राशि शासन द्वारा दिए जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो इसमें अधिकतम एवं न्यूनतम राशि की जानकारी देते हुए बतावें कि क्या सभी सड़क दुर्घटनाओं में शासन द्वारा सहायता राशि दी जाती है। (इस संबंध में निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें।) (च) यदि नहीं, तो सड़क दुर्घटनाओं में सहायता राशि देने या न देने के संबंध में निर्णय किसके द्वारा किस आधार पर किया जाता है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) नर्मदापुरम जिले की माखन नगर, तहसील में जनवरी 2015 से जून 2025 तक कुल 1041 सड़क दुर्घटनाएं हुई जिसमें कुल मृत्यु घटनाएं 237 हुई। वर्षवार एवं थानावार जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट  '' अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश () में वर्णित 02 दुर्घटनाएँ रेत के डम्पर के कारण से हुई है। 1-अपराध क्रमांक 449/18 का घटना स्थल ग्राम गूजरवाडा थाना माखन नगर जिला नर्मदापुरम। 2-अपराध क्रमांक 296/19 का घटना स्थल राजपूत ढाबा के आगे ग्राम आंचलखेडा थाना माखन नगर। (ग) अपराध क्रमांक 449/18 धारा 304-ए भादवि वाहन डम्पर क्रमांक MP 09 H H 3830 वाहन मालिक का नाम-संजय जिराती पिता केदार उम्र 42 साल निवासी पिपलदा थाना खुडेल जिला इंदौर। आरोपी चालक का नाम भीमसिंह पिता भानसिंह परमार उम्र 32 साल निवासी पिवडय थाना खुडेल जिला इंदौर। मृतक कृष्ण कुमार पिता रामनारायण यादव उम्र 22 साल निवासी ग्राम गूजरवाडा थाना माखन नगर जिला नर्मदापुरम। मृतक के परिवारजनों को शासन द्वारा 4,00,000/- रूपये की सहायता राशि प्रदान की गई। 2- अपराध क्रमांक 296/19 धारा 279 IPC इजाफा धारा 146/196 M.V.Act वाहन डम्पर कमांक CG-13D 5479 वाहन मालिक का नाम अर्पित पिता सतीश नारायण शुक्ला निवासी भोपाल। आरोपी चालक का नाम-वीर सिंह पिता-लखनलाल लोवंशी निवासी रायसेन। मृतक निरंक। (घ) वर्णित अपराध क्रमांक 296/19 धारा 279 IPC इजाफा धारा 146/196 M.V.Act में आरोपी वाहन CG-130 5479 वाहन का बीमा नहीं होने से प्रकरण में विवेचना के दौरान धारा 146/196 M.V.Act का इजाफा किया गया। (ड.) जी हाँ। सड़क दुर्घटना में प्रभावितों का सामान्य प्रशासन विभाग के ज्ञाप क्रमांक एफ 20-01/2012/1/4 दिनांक 16.07.2014 के तहत निम्नानुसार आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है: 1- सड़क दुर्घटना में मृतक के परिवार को अधिकतम रुपये 15,000/-                2- गंभीर रूप से घायल होने पर अधिकतम रूपये 7,500/- सामान्य प्रशासन विभाग के ज्ञाप की प्रति जानकारी  संलग्‍न परिशिष्ट '' अनुसार है। (च) प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

परिशिष्ट - "तीन"

शिकायत पर कार्यवाही

[गृह]

7. ( क्र. 95 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या अनुसूचित जाति/जनजाति के शासकीय अधिकारियों के प्रति अर्नगल, जाति सूचक टिप्‍पणी एवं आरोप लगाने के संबंध में श्री सौरभ मेहरा निवासी इटारसी की शिकायत पुलिस थाना, इटारसी को जून 2025 में प्राप्‍त हुई थी। (ख) क्‍या उक्‍त शिकायत के संबंध में क्‍या प्रकरण पंजीबद्ध किया गयायदि हाँ, तो किसके खिलाफ एवं किन धाराओं में?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। शिकायत जाँच उपरांत आरोपी सीतासरन पांडे आत्मज श्री विषम्भर दयाल पांडे, निवासी आई.टी.आई. रोड, नारायण नगर नर्मदापुरम के विरूद्ध थाना कोतवाली नर्मदापुरम में अप.क्र. 488/25 धारा 353 (2) बी.एन.एस. का पंजीबद्ध किया गया है।

एफ.आई.आर. को वापस लिया जाना

[गृह]

8. ( क्र. 115 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) सत्र मार्च 2025 में प्रश्‍नकर्ता विधायक द्वारा धार जिला मुख्यालय पर 10 दिसम्बर 2019 को सिटीजन अमेण्डमेंट के समर्थन में आयोजित जनजागरण रैली पर हुई एफ.आई.आर. के संबंध में तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 1202 दिनांक 21.03.2025 पूछा गया था तथा उसके प्रश्‍नांश (घ) के जवाब में बताया गया है कि उक्त प्रकरण जिला स्तरीय प्रत्याहरण समिति को प्रेषित किया गया है एवं प्रत्याहरण समिति की अद्यतन स्थिति अनुसार अग्रि‍म कार्रवाई की जावेगी? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त परिपालन में जिला स्तरीय प्रत्याहरण समिति द्वारा अपनी टीप सहित प्रकरण राज्य शासन को अग्रेषित कर दिया गया है? (ग) यदि हाँ, तो उक्त एफ.आई.आर. वापस लिये जाने के संबंध में क्या कार्रवाई की गयी है? (घ) यदि नहीं, तो पांच वर्ष पुराने प्रकरण, जिसमें अभी तक चालान न्यायालय में प्रस्तुत नहीं हुआ है प्रकरण को वापस लिये जाने में विलम्बता के क्या कारण रहे है? (ड.) क्या विभाग केन्द्र सरकार के देशहितेशी सीटीजन अमेण्डमेंट एक्ट के समर्थन में जनजागरण हेतु निकाली गई शांतिपूर्ण अनुशासित रैली में सम्मिलित जिले के प्रमुख राजनेता व गणमान्य नागरिकों पर धारा 188 के अंतर्गत की गई एफ.आई.आर. वापस लेगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) :  (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।  (घ) प्रकरण में आरोपी राधेश्याम यादव, देवकरण जाट, सोनिया राठौर, जयराम देवड़ा, नितेश अग्रवाल, सन्नी रीन को धारा 41 के द.प्र.सं. का सूचना पत्र तामील कराया गया शेष अन्य आरोपियों की तलाश कर सूचना पत्र तामील कराया जाकर प्रकरण में अग्रिम कार्यवाही की जावेगी। (ड.) वर्ष 2019 की नीति अनुसार यदि एफ.आई.आर कर्ता स्वयं आवेदन कर प्रकरण वापस लेने का अनुरोध करता है तो शासन द्वारा प्रकरण वापस लेने की नियमानुसार कार्यवाही की जा सकती है।

डम्‍प रेत की जप्‍ती

[खनिज साधन]

9. ( क्र. 117 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) क्या केवलारी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत ग्राम बागडोंगरी के प.ह.न. 72 रा.नि.मं. उगली तह. केवलारी के खसरा क्र. 251,  रकबा 10.28 हे.,  मद बड़े झाड़ के जंगल में रेत ठेकेदार के द्वारा अवैध रूप से 0.80 हे. भूमि में लगभग 6 से 8 फिट ऊंचाई से रेत डम्प की गई है? (ख) क्या विभाग द्वारा ठेकेदार को उक्त वन भूमि में रेत डम्प करने की परमिशन दी गई है? यदि हाँ, तो रेत डम्प करने के लिए ठेकेदार को कितनी भूमि आंवटित की गई व कितने घन मीटर रेत डम्प करने की अनुमति दी गई है? यदि नहीं, तो ठेकेदार द्वारा किसके निर्देशानुसार उक्त भूमि में रेत का डम्प किया गया? (ग) क्या विभाग ठेकेदार द्वारा वन भूमि में डम्प रेत की जप्ती एवं रेत के ढेर के पास पाई गई पोकलेन मशीन एवं जे.सी.बी. को राजसात करने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब? नहीं तो क्यों पूर्णत: जानकारी देवें? (घ) क्या उक्त वन भूमि में पाए गए रेत के डम्प की जप्ती‍  कर ठेकेदार पर कोई चलानी कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या और नहीं तो क्यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। दिनांक 25/06/2025 को जाँच के दौरान तहसील केवलारी क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत बागडोंगरी के खसरा क्रमांक 251 रकबा 10.28 हेक्‍टेयर क्षेत्र के अंश भाग के तीन ढेरों में रखे खनिज रेत मात्रा 1280 घनमीटर पाये जाने पर एम.डी.ओ. के विरूद्ध अवैध उत्‍खनन/भण्‍डारण का प्रकरण कायम किया गया। (ख) जी नहीं। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। उक्‍त भूमि पर ठेकेदार को रेत का डम्‍प किये जाने हेतु किसी के द्वारा भी निर्देशित नहीं किया गया था। (ग) सिवनी जिला रेत समूह एम.डी.ओ. द्वारा नियमान्‍तर्गत प्रावधानों का उल्‍लंघन करने के कारण म.प्र. खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भण्‍डारण का निवारण) नियम, 2022 के तहत प्रकरण दिनांक 03/07/2025 को दर्ज किया गया है एवं अर्ध न्‍यायिक प्रक्रिया के तहत प्रकरण प्रचलन में है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) म.प्र. खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भण्‍डारण का निवारण) नियम, 2022 के प्रावधानों के तहत दिनांक 03/07/2025 को प्रकरण दर्ज हुआ है, जिस पर अर्ध न्‍यायिक प्रक्रिया के तहत कार्यवाही प्रचलित है। प्रकरण अभी निर्णित नहीं हुआ है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

अवैध रेत उत्‍खनन कर्ताओं के विरूद्ध कार्यवाही

[खनिज साधन]

10. ( क्र. 118 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) सिवनी जिले के केवलारी विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत ग्राम पंचायत बागडोंगरी में दिनांक 25 जून 2025 को दुरेन्दा निवासी श्री यशवंत राव सोनी की अवैध रेत का परिवहन कर रहे ओवर लोड तेज रफतार से जा रहे डम्पर के कुचलने से मौत हो गई जिससे घटना स्थल में आक्रोषित ग्रामीणों के द्वारा चक्का जाम लगाकर रेत का अवैध उत्खनन कर रहे 5 पोकलेन मशीन 1 जे.सी.बी. एवं रेत का अवैध परिवहन कर रहे 14 डम्परों को जप्त कराया गया था। जिसमें केवलारी-राजस्व अनुविभागीय अधिकारी के द्वारा घटना स्थल में उक्त वाहनों को राजसात कराये जाने का आश्‍वासन दिया गया था। जिसमें प्रश्‍नांश दिनाँक तक उक्त वाहनों पर क्या कार्यवाही गई? (ख) क्या  विभाग द्वारा 15 जून से आगामी आदेश तक सम्पूर्ण म.प्र. में रेत खदानें प्रतिबंधित रहती है। यदि हाँ, तो दिनाँक 25 जून 2025 को किसके निर्देशानुसार बागडोंगरी रेत उत्खनन किया जा रहा था पूर्णतः जानकारी देवें? (ग) क्या विभाग अवैध उत्खनन के दौरान जप्त की गई 5 पोकलेन मशीन,  1 जे.सी.बी. एवं 14 डम्‍परों को राजसात करने की कार्यवाही करेगा? हाँ तो कब और नहीं तो क्यों कारण स्पष्ट करें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) तहसील केवलारी अंतर्गत दिनाँक 25/06/2025 को ग्राम बागडोंगरी में सड़क दुर्घटना में मृत्यु होने की जानकारी प्राप्त होने पर राजस्व विभाग, पुलिस विभाग एवं खनिज विभाग द्वारा अनुविभागीय अधिकारी केवलारी के निर्देशानुसार ग्राम नसीपुर खसरा क्रमांक 448, रकबा 6.40 हेक्टेयर क्षेत्र पर स्वीकृत रेत खदान के पास खनिज रेत से भरे वाहनों के आकस्मिक जांच कर अवैध परिवहन की संलिप्तता को देखते हुए मौके से जप्त कर परीक्षण हेतु थाना उगली में सुरक्षार्थ खड़ा कराया गया। दिनाँक 25/06/2025 को ग्राम दुरेन्दा निवासी श्री यशवंत राय सोनी की सड़क दुर्घटना से मृत्यु के संबंध में थाना प्रभारी थाना उगली से प्राप्त पत्र क्रमांक 1194/2025 दिनाँक 09/07/2025 के अनुसार विवेचना के दौरान घटना स्थल के आसपास रोड में लगे सीसीटीवी कैमरों के अवलोकन से दिनाँक घटना समय को वाहन क्रमांक एमपी 13 जेडडी 1145 वाहन के चालक द्वारा घटना कारित करना पाये जाने से वाहन जप्त कर आरोपी चालक, फिरदोस खान के विरुद्ध भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 194 के तहत पंजीबद्ध कर चालान क्रमांक 144/25 दिनाँक 08/07/2025 तैयार किया गया है। दिनाँक 25/06/2025 को जांच टीम द्वारा जप्त किये गये 04 पोकेलेन मशीन के संबंध में अवैध उत्खनन में संलग्नता न होने पर जांच उपरांत मुक्त किया गया एवं 01 पोकलेन मशीन तथा 01 जेसीबी के संबंध में दिनाँक 03/07/2025 को अवैध उत्खनन कर भण्डारण किये जाने में संलग्नता होने के कारण, अवैध भण्डारण का प्रकरण एम.डी.ओ. के खिलाफ दर्ज किया गया तथा डम्पर की जांच उपरांत 06 डम्पर खाली होने से शासकीय अभिरक्षा से मुक्त किया गया एवं शेष 08 डम्पर में खनिज रेत भरे पाये जाने एवं ई.टी.पी. में दर्ज मात्रा से अधिक मात्रा पाये जाने पर ओवरलोड का प्रकरण दर्ज कर नियमानुसार प्रकरण का निराकरण कर कुल अर्थदण्ड राशि रूपये 1,80,630/- जमा कराया जाकर वाहनों को शासकीय अभिरक्षा से मुक्त किया गया। (ख) जिला सिवनी अंतर्गत मानसून की सक्रियता को देखते हुए कार्यालयीन आदेश क्रमांक खनिज/रेत/1/326844/2025 सिवनी दिनाँक 25/06/2025 अनुसार दिनाँक 30/06/2025 (मध्य रात्रि) से दिनाँक 01/10/2025 तक स्वीकृत रेत खदानों, नदी, नालों से रेत उत्खनन पर प्रतिबंध लगाया गया है। ग्राम बागडोंगरी के खसरा क्रमांक 265, 01 रकबा 5.000 हेक्टेयर क्षेत्र पर रेत खदान स्वीकृत है। चूंकि उक्त रेत खदान क्षेत्र के लिए पर्यावरण स्वीकृति प्राप्त नहीं होने से खनन कार्य प्रारंभ किये जाने हेतु निर्देशित नहीं किया गया है। दिनाँक 25/06/2025 को जांच के दौरान केवलारी क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत बागडोंगरी के खसरा क्रमांक 251 रकबा 10.28 हेक्टेयर क्षेत्र के अंश भाग में तीन ढेरों में रखे खनिज रेत मात्रा की माप की गई। माप अनुसार कुल रेत मात्रा 1280 घनमीटर पाये जाने पर एम.डी.ओ. के विरुद्ध अवैध उत्खनन कर भण्डारण किये जाने पर प्रकरण दिनाँक 03/07/2025 को दर्ज किया गया तथा प्रकरण का निराकरण किये जाने हेतु अर्थ न्यायिक प्रक्रिया अनुसार कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) प्रश्‍नांश अनुसार दिनाँक 25/06/2025 को जांच के दौरान 04 पोकलेन मशीन ग्राम नसीपुर के खसरा क्रमांक 448 रकबा 6.40 हेक्टेयर क्षेत्र पर स्वीकृत संचालित रेत खदान के लोडिंग पाइंट के पास खड़े होने से सुरक्षार्थ ग्राम सरपंच की सुपुर्दगी में सुरक्षार्थ रखा गया था जिसे जांच उपरांत सही पाये जाने पर मुक्त किया गया तथा 01 पोकलेन मशीन एवं 01 जेसीबी मशीन ग्राम बागडोंगरी के अवैध भण्डारित खनिज रेत के भण्डारण के पास पाये जाने से एम.डी.ओ. के विरुद्ध खनिज रेत के अवैध उत्खनन कर भण्डारण किये जाने का प्रकरण कायम कर नियमानुसार कार्यवाही प्रकियाधीन है। जांच उपरांत 06 डम्पर खाली होने से शासकीय अभिरक्षा से मुक्त किया गया एवं शेष 08 डम्पर में खनिज रेत भरे पाये जाने एवं ई.टी.पी. में दर्ज मात्रा से अधिक मात्रा पाये जाने पर ओवरलोड का प्रकरण दर्ज किया गया एवं प्रकरण का नियमानुसार निराकरण कर कुल अर्थदण्ड राशि रूपये 1,80,630/- जमा कराया जाकर वाहनों को शासकीय अभिरक्षा से मुक्त किया गया है। म.प्र. खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भण्डारण का निवारण) नियम 2022 में अवैध उत्खनन/परिवहन/भण्डारण के दौरान जप्त वाहनों को शास्ति/अर्थदण्ड किया जाना प्रावधानित है। राजसात किये जाने का प्रावधान नहीं है। अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

आंगनवाड़ी केन्‍द्रों की जानकारी

[महिला एवं बाल विकास]

11. ( क्र. 125 ) श्री अशोक ईश्‍वरदास रोहाणी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) केंट विधानसभा अंतर्गत वर्तमान में कितने आंगनवाड़ी केन्‍द्र हैं, कृपया विस्‍तृत जानकारी दें। (ख) आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में आशा कार्यकर्ता एवं सहायिका के कितने पद रिक्‍त हैं, कृपया जानकारी दें। (ग) रिक्‍त पदों पर भर्ती की प्रक्रिया कब तक पूर्ण होगी?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) केंट विधानसभा अन्तर्गत 127 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे  परिशिष्ट -अ पर  है। (ख) आंगनवाड़ी केन्द्र में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के पद स्वीकृत है तथा आशा कार्यकर्ता का पद स्वीकृत नहीं है। विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के निरंक पद तथा सहायिका के 16 पद रिक्त है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट -  पर है। (ग) आंगनवाड़ी कार्यकर्ता तथा सहायिका के रिक्त पदों पर भर्ती की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।

पुलिस/जेल अभिरक्षा में मृत व्यक्ति के मृत्यु के कारणों की जांच

[जेल]

12. ( क्र. 158 ) श्री निलेश पुसाराम उईके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के जिला पांढुर्ना/छिंदवाड़ा में माह जून 2025 में पुलिस/जेल अभिरक्षा में तिगांव निवासी श्री भाऊराम उइके व अन्य व्यक्ति की मृत्यु हुई है? यदि हाँ, तो उसकी जानकारी पूर्ण विवरण सहित बतावे। (ख) क्या उक्त मृत व्यक्ति के परिजनों ने पुलिस/आबकारी/जेल प्रशासन पर मृतक के विरुद्ध झूठे प्रकरण लगाने व उसे अभिरक्षा के दौरान प्रताड़‍ित करने के आरोप लगाये है व इसकी जांच सी.बी.आई. से करने की मांग की हैं? यदि हाँ, तो क्या उन आरोपों की जांच शासन  सी.बी.आई. से कराने की अनुशंसा करेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या उक्त मृतक व्यक्ति के कारण जिले में जनजातीय व अन्य समाज में व्याप्त आक्रोश को देखते हुए शासन प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों के नेतृत्व में गठित एस.आई.टी. के द्वारा जांच कराईगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। जिला जेल छिंदवाड़ा में परिरूद्ध विचाराधीन बंदी भाऊराव पुत्र भैयाजी उईके की दिनांक 16.06.2025 को शासकीय जिला चिकित्सालय छिंदवाड़ा में उपचार के दौरान मृत्यु हुई थी। जिसका  जानकारी संलग्‍न  परिशिष्ट अनुसार है। (ख) ऐसी कोई जानकारी जेल विभाग में उपलब्ध नहीं है। प्रकरण की न्यायिक जांच माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश छिंदवाड़ा के आदेशानुसार श्री राहुल कुमार डोंगरे, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी छिंदवाड़ा द्वारा की जा रही है। न्यायिक जांच की कार्रवाई प्रचलन में है। (ग) भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 196 के अंतर्गत जेल अभिरक्षा में किसी बंदी की मृत्यु होने पर न्यायिक जांच कराये जाने के प्रावधान है, तदानुसार उक्त प्रकरण की न्यायिक जांच की जा रही है। अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "चार"

नीलाम की गई खदानों को प्रारंभ किया जाना

[खनिज साधन]

13. ( क्र. 176 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) म.प्र. खनिज विकास निगम भोपाल ने हरदा एवं देवास जिले की कितनी रेत खदानों में कितनी रेत की मात्रा के लिए वर्ष 2019 से वर्ष 2023 तक नीलामी आयोजित की इस नीलामी में किस-किस ने क्या-क्या दर लगाई, किस दिनांक को किसके पक्ष में किस दर पर नीलामी स्वीकृत हुई। (ख) वर्ष 2023 से प्रश्‍नांकित दिनांक तक भी हरदा एवं देवास जिले की रेत खदानों से उत्पादन किन-किन कारणों से प्रारंभ नहीं हुआ, इससे शासन एवं ग्राम पंचायतों को कितने राजस्व की आय से वंचित होना पड़ा। (ग) वर्ष 2023 के बाद रेत खदान प्रारंभ करने के लिए मध्यप्रदेश खनिज विकास निगम भोपाल ने किस-किस दिनांक को क्या-क्या प्रयास किए, खदान चालू नहीं होने से हुए राजस्व की हानि के लिए शासन किसे जिम्मेदार मानता है। (घ) हरदा एवं देवास जिले की खदान चालू नहीं होने के कारण हुई हानि के संबंध में शासन कब तक जिम्मेदारी निर्धारित करेगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रश्‍नांश अनुसार म.प्र. राज्य खनिज निगम द्वारा जून 2023 में जिला देवास एवं हरदा रेत समूह की खदानों से रेत का खनन एवं विक्रय करने हेतु माइन डेवलपर कम ऑपरेटर का चयन, ई-निविदा सह नीलामी प्रक्रिया द्वारा किया गया, जिसका विवरण  पुस्‍तकालय  में रखे  परिशिष्ट-अ  पर दर्शित है। इसके पूर्व वर्ष 2019 में जिला रेत समूह हरदा एवं देवास की खदानों का निवर्तन ई-निविदा के माध्यम से किया गया था। उक्त ठेके अगस्त 2023 तक संचालित रहे। जिसका विवरण पुस्‍तकालय  में रखे  परिशिष्ट-ब  पर दर्शित है। (ख) जनवरी 2023 से जून 2023 तक हरदा एवं देवास जिले की रेत खदानों से उत्पादन एवं प्रेषण हुआ है, जिला हरदा एवं देवास से उक्त अवधि में शासन को क्रमशः रूपये 20.59 करोड़ एवं रूपये 41.65 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ। जिसका विवरण  पुस्‍तकालय  में रखे  परिशिष्ट-स  पर दर्शित है। मध्यप्रदेश राजपत्र में प्रकाशन दिनाँक 26 मई 2023 से रेत नियमों में संशोधन उपरांत जिला हरदा एवं देवास की रेत खदानों में माईन डेवलपर कम ऑपरेटर की नियुक्ति हेतु ई-निविदा सह नीलामी सूचना दिनांक 28/06/2023 को प्रकाशित की जाकर सफल निविदाकार का चयन किया गया। माननीय राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण, सेन्ट्रल जोन, भोपाल बैंच में देवास की रेत खदानों के संबंध में प्रकरण क्रमांक OA 50/2024 (प्रभात मोहन पाण्डे विरुद्ध भारत सरकार एवं अन्य) दिनाँक 29/02/2024 एवं हरदा की रेत खदानों के संबंध में OA 66/2024 (प्रभात मोहन पाण्डे विरुद्ध भारत सरकार एवं अन्य) दिनाँक 14/03/2024 को पंजीकृत किये गये। मध्यप्रदेश सिया/सेक द्वारा प्रकरण माननीय राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण में विचाराधीन होने के कारण, पर्यावरणीय स्वीकृतियां जारी नहीं की गई। मध्यप्रदेश सिया/सेक की बैठकों का संक्षिप्त विवरण  पुस्‍तकालय  में रखे  परिशिष्ट-द  पर दर्शित है। रेत खदानों के संचालन हेतु वांछित पर्यावरण स्वीकृतियां, मुख्यतः न्यायालयीन आदेशों के क्रम में लंबित रहीं। अतः राजस्व हानि का प्रश्‍न नहीं उठता। (ग) जिला देवास एवं हरदा की रेत खदानों को आरंभ किये जाने हेतु म.प्र. राज्य खनिज निगम द्वारा किये गये प्रयासों का विवरण  पुस्‍तकालय  में रखे  परिशिष्ट-ई  पर दर्शित है। रेत खदानों के संचालन हेतु वांछित पर्यावरण स्वीकृतियां, मुख्यतः न्यायालयीन आदेशों के क्रम में लंबित रहीं। अतः राजस्व हानि हेतु जिम्मेदारी का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्‍तरांश (ग) के क्रम में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

जिला खनिज मद से प्राप्त राशि का व्‍यय विवरण

[खनिज साधन]

14. ( क्र. 194 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले के अंतर्गत आने वाली तहसीलों में वर्ष 2020 से 2025 तक किन-किन खसरा नंबर एवं रकवे में खनिज कार्य किया जाकर राजस्व के रूप में जिले को कितनी राशि प्राप्त हुई है जानकारी वर्षवार, तहसीलवार, ग्रामवार, प.ह.नं. सहित, खनिज के प्रकार के साथ प्राप्त होने वाली राशि की पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्राप्त राशि से उपरोक्त वर्षों में कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किए जाकर कितनी-कितनी राशि के कार्य कराए गए हैं तथा स्वीकृत कार्यों में से कितने कार्य कराया जाना शेष है? जानकारी विधानसभावार, कार्य एवं राशिवार उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्‍न दिनांक तक स्वीकृत कार्यों के कार्यादेश एवं राशि जारी नहीं कराए जाने का कारण बताएं।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क)  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट  पर दर्शित है।              (ख) उत्‍तरांश (क) अनुसार प्राप्‍त राजस्‍व को राज्‍य की संचित निधि में जमा किया जाता है। शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्‍तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

आंगनवाड़ी हेतु की गई खरीदी में अनियमितता

[महिला एवं बाल विकास]

15. ( क्र. 201 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या वर्ष 2023-24 से प्रश्‍न दिनांक के बीच सिंगरौली जिले में डीएमएफ मद से आंगनवाड़‍ियों हेतु बर्तन, जग, सर्विंग स्पून, स्पून आदि की खरीदी की गई है? ख़रीदे गए आइटमों की मात्रा, दर एवं भुगतान राशि सहित जानकारी उपलब्ध कराएं? (ख) उक्त खरीदी किस प्रक्रिया के तहत की गई? यदि टेंडर किये गए तो टेंडर प्रक्रिया के समस्त दस्तावेज उपलब्ध कराएं,यदि जेम के माध्यम से की गई तो इससे सम्बंधित दस्तावेज उपलब्ध कराएं? (ग) क्या खरीदी के दो दिन पूर्व बर्तन आईटम के सैंपल बुलाने की शर्त जोड़ी गई थी? यदि हाँ, तो क्यों? क्या जेम से खरीदी में सैंपल बुलाने का नियम है? क्या किसी फर्म विशेष को कार्य दिलाने के लिए ऐसा किया गया।              (घ) क्या सिंगरौली जिले में हुई उक्त खरीदी में स्पून 810 रूपए, सर्विंग स्पून 1348 रूपए और जग 1247 रूपए प्रति नग के रेट में ख़रीदे गए? क्या बाजार मूल्य से कई गुना अधिक दर में उक्त खरीदी की गई? क्या इसकी कोई जाँच की जा रही है? यदि हाँ, तो जाँच सम्बंधित समस्त पत्र आदेश निर्देश एवं जाँच में अब तक के दस्तावेजों की प्रतियाँ व जाँच प्रतिवेदन उपलब्ध कराएं? यदि नहीं, तो क्या इसकी जाँच करवाई जाएगी? (ङ) मंडला जिले में कुल कितनी आंगनवाड़ी व मिनी आंगनवाड़ी हैं? सूची उपलब्ध कराएं? इनमें से कितने भवन विहीन हैं एवं किराये के या अन्य भवनों में संचालित किये जा रहे हैं? सूची उपलब्ध कराएं।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 पर  है। (ख) क्रय की समस्‍त प्रक्रिया भंडार क्रय नियम तथा सेवा उपार्जन नियम 2015 (यथा संशोधित 2022) का पालन करते हुए की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-2 पर  है। (ग) जी नहीं। जेम पोर्टल के माध्यम से क्रय की जाने वाली सामग्री हेतु जेम नियमावली में सैंपल बुलाने की शर्त हेतु स्पष्ट निर्देश नहीं हैं। परन्तु जेम पोर्टल में जेम गाइड-लाइन के पृष्ठ            क्र. 15 की कंडिका 2.3.3.4 एवं पृष्ठ क्र. 37 की कंडिका 5.2.4.7 अनुसार निविदा जारी के दौरान अतिरिक्त शर्त (ATC) जोड़ने के प्रावधान दिये गये हैं। सामग्री की गुणवत्ता एवं पारदर्शिता सुनिश्चित करने हेतु सामान्य परम्परा अनुसार सैम्पल लिया जा सकता है। जी नहीं। (घ) जी नहीं। जी नहीं। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-पर है। जांच की कार्यवाही प्रचलन में है।            (ड.) मण्‍डला जिले में कुल 2310 आंगनवाड़ी केन्‍द्र हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट- पर  है। भवन विहिन केन्‍द्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-5 पर है। किराये पर संचालित आंगनवाड़ी भवनों की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-6  पर एवं अन्‍य भवनों में संचालित आंगनवाड़ी केन्‍द्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-पर है।

कर्मचारी चयन मंडल द्वारा परीक्षाओं का आयोजन

[सामान्य प्रशासन]

16. ( क्र. 203 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) कर्मचारी चयन मंडल तथा व्यापम ने 2020 से जून 2025 तक किस विभाग के लिए, किस पद की कितनी संख्या के लिए विज्ञापन निकाले? परीक्षा किस दिनांक को आयोजित की गई। कितने अभ्यर्थी ने आवेदन किया तथा परीक्षा में कितने अभ्यर्थी शामिल हुए। (ख) कर्मचारी चयन मंडल तथा व्यापम के पास वर्ष 2020 से 2025 की स्थिति में वर्ष के 31 मार्च को कितनी राशि की फिक्स्ड डिपॉजिट, कितनी चालू/बचत‌ खाते में राशि, नगद राशि तथा कितनी अन्य कार्य के लिए आरक्षित राशि रही। फिक्स डिपॉजिट किस-किस बैंक में कितनी जमा की गई थी तथा इस अवधि में किस-किस अन्य संस्था को, किसके निर्देश पर, कितना अनुदान दिया गया। इस संदर्भ में समस्त दस्तावेज उपलब्ध करावे। (ग) कर्मचारी चयन मंडल तथा व्यापम द्वारा वर्ष 2020 से जून 2025 तक आयोजित लिखित परीक्षा में घोटाले के कितने प्रकरण किस-किस जिले में किस-किस परीक्षा में दर्ज किए गए। क्या पुलिस कांस्टेबल परीक्षा 2023 में 22 प्रकरण 9 जिलों में दर्ज किए गए तथा और प्रकरण दर्ज होने की संभावना है। (घ) कर्मचारी चयन मंडल तथा व्यापम का वर्ष 2020 से 2024-25 के विस्तृत आय-व्यय पत्रक की प्रति दी जाए।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट–'' अनुसार है।   (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट–'' अनुसार है। सामान्‍य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक एफ 13-3/2022/एक (1) दिनांक 30.09.2022 तथा समसंख्‍यक आदेश दिनांक 10.10.2022 द्वारा प्रतिभाशाली विद्यार्थी प्रोत्‍साहन योजना के क्रियान्‍वयन हेतु व्‍यापम (अब मध्‍यप्रदेश कर्मचारी चयन मंडल) को राशि रू 137.00 करोड़ लोक शिक्षण संचालनालय एवं आदेश क्रमांक एफ-12/03/2022/एक (1) दिनांक 18.07.2023 द्वारा प्रतिभाशाली विद्यार्थी प्रोत्‍साहन योजना के क्रियान्‍वयन हेतु मध्‍यप्रदेश कर्मचारी चयन मण्‍डल को राशि रू 297 करोड़ लोक शिक्षण संचालानालय को भुगतान किया गया। (ग) 1. वर्ष 2021 में आयोजित तीन परीक्षाओं यथा ग्रामीण कृषि विस्‍तार अधिकारी एवं वरिष्‍ठ कृषि विकास अधिकारी भर्ती परीक्षा 2020, समूह-2 उपसमूह-4 भर्ती परीक्षा 2020, समूह-5 (पेपर k) भर्ती परीक्षा 2020 को मण्‍डल द्वारा निरस्‍त करते हुए सायबर‌ पुलिस में जांच हेतु प्रकरण दर्ज किया गया है। 2. वर्ष 2022 में आयोजित प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा 2020 में सम्मिलित पांच अभ्‍यार्थियों के विरूद्ध मण्‍डल द्वारा एफ.आई.आर. दर्ज की गई है। 3. वर्ष 2025 में आयोजित माध्‍यमिक शिक्षक, प्राथमिक शिक्षक चयन परीक्षा 2024 में एक एवं समूह-5 भर्ती परीक्षा 2024 में एक पररूपधारण प्रकरण संज्ञान में आने पर मण्‍डल द्वारा एफ.आई.आर. दर्ज की गई है। 4. पुलिस कांस्टेबल परीक्षा 2023 में विभिन्‍न जिलों में प्रकरण दर्ज किए गए हैं, जिसकी जांच पी.एच.क्‍यू स्‍तर पर SIT गठित कर की जा रही है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'' अनुसार है।

गोरक्षा के नाम पर मॉब लिंचिंग की घटना

[गृह]

17. ( क्र. 246 ) श्री आरिफ मसूद : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जून 2025 में रायसेन जिले में गोरक्षा के नाम पर मॉब लिंचिंग का मामला सामने आया था, यदि हाँ, तो संबंधित मामले में की गई एफ.आई.आर. एवं जांच में अब तक सामने आए आरोपियों के नामों की जानकारी उपलब्‍ध करावें? (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या फरियादी पक्ष द्वारा घटना में 10-15 व्‍यक्तियों के नामों की एफ.आई.आर. कराई गई थी परंतु आज दिनांक तक पुलिस ने सिर्फ तीन आरोपियों को ही गिरफ्तार किया है, यदि हाँ, तो शेष आरोपियों की गिरफ्तारी कब तक की जावेगी जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या उपरोक्‍त घटना में पीड़‍ित युवकों की उपचार मृत्‍यु हो गई यदि हाँ, तो एफ.आई.आर. में किन-किन धाराओं का इजाफा किया गया जानकारी उपलब्‍ध करावें। (घ) वर्ष जनवरी 2024 से लेकर प्रश्‍न दिनांक तक मध्‍यप्रदेश के किन-किन थानों में गोरक्षा के नाम पर भीड़ द्वारा शिकायकर्ता के साथ मारपीट की गई, जिला, थाना, अपराध की धाराओं सहित समस्‍त जानकारी उपलब्‍ध करावें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट "अ" अनुसार(ख) प्रकरण के शेष आरोपियों के संदर्भ में विवेचना जारी है। आगामी विवेचना में एकत्रित साक्ष्य के आधार पर आरोपियों की गिरफ्तारी के संबंध में निर्णय लिया जावेगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।              (ग) पीड़‍ित युवक की उपचार के दौरान मृत्यु होने के बाद प्रकरण में धारा 103, 103 (2) बीएनएस बढ़ाई गई है। (घ) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट "ब" अनुसार

परिशिष्ट - "पांच"

जबलपुर जिला अंतर्गत आंगनवाड़ी केन्द्रों का संचालन

[महिला एवं बाल विकास]

18. ( क्र. 258 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जबलपुर जिले में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। इनमें से कितने-कितने केन्द्र स्वयं के भवनों, अन्य शासकीय भवनों, किराये के भवनों में संचालित हैं। कितने आंगनवाड़ी केन्द्र सुविधाविहीन व एक कमरे के भवनों में संचालित हैं। कितने केन्द्रों में बच्चों के खेल कूद, मनोरंजन, मानसिक एवं शारीरिक विकास से सम्बंधित सुविधाएं, संसाधन एवं अन्य बुनियादी सुविधाएं, व्यवस्था नहीं है। किराये के केन्द्रों पर कितनी राशि व्यय हुई? वर्ष 2022-23 से 2025-26 तक की शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों की पृथक-पृथक जानकारी दें। (ख) प्रदेश शासन की आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवनों का निर्माण कराने की क्या योजना है। इसके तहत कितने आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवनों का निर्माण हेतु कितनी राशि स्वीकृत की गई एवं कितने भवनों का निर्माण कराना स्वीकृत/प्रस्तावित हैं तथा कितने निर्माणाधीन हैं? (ग) पूर्व विधानसभा क्षेत्र क्र.97 जबलपुर के तहत संचालित कितने आंगनवाड़ी केन्द्रों में से कितने केन्द्र किराये के भवनों में संचालित है। कितने केन्द्रों के भवनों का निर्माण कितनी राशि में कराया गया। कितने केन्द्रों के भवनों का निर्माण कराना स्वीकृत/प्रस्तावित है? बतलावें। सूची दें। (घ) शासन की संचालित किन-किन योजनान्तर्गत आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं कितनी-कितनी राशि व्यय हुई। कितनी-कितनी मात्रा में कितनी-कितनी राशि का पोषण आहार, पूरक आहार आवंटित किया गया एवं कितने-कितने बच्चों को किस मान से कितनी-कितनी मात्रा में वितरित किया गया। कितने केन्द्रों में कितने-कितने बच्चे कुपोषित व कम वजन के पाये गये हैं।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जबलपुर जिले में 2486 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं। इनमें से 987 केन्द्र विभागीय भवन, 629 अन्य शासकीय भवन एवं 828 किराये के भवनों में संचालित हैं। इनमें से 70 आंगनवाड़ी केन्द्र एक कमरे के भवनों में संचालित हैं। जिले के सभी केन्द्रों में बच्चों के खेलकूद, मनोरंजन, मानसिक एवं शारीरिक विकास से संबंधित सुविधाएं, संसाधन एवं अन्य बुनियादि सुविधाएं उपलब्ध हैं। किराये के केन्द्रों पर वर्ष 2022-23 से 2025-26 तक व्ययित राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे  परिशिष्ट "1" पर है। (ख) आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण हेतु राज्‍य आयोजना मद 5360 स्‍वीकृत है। जबलपुर जिले में 1247 आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवनों के निर्माण हेतु कुल 82.1429 करोड़ रूपये की राशि स्वीकृत की गई है, 226 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण के प्रस्ताव प्राप्‍त है। जिले में 169 आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माणाधीन हैं। (ग) पूर्व विधानसभा क्षेत्र क्र. 97 जबलपुर के तहत कुल 181 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं। जिसमें से 143 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में संचालित हैं। 2 आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण क्रमश: 1.25 लाख रूपये एवं 7.8 लाख रूपये की राशि में कराया गया है। 1 आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत है जो वतर्मान में अप्रारंभ है। (घ) शासन की संचालित योजनान्तर्गत आंगनवाड़ी केन्द्रों के आवंटित एवं व्ययित राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे  परिशिष्ट  "2" पर है। आवंटित पोषण आहार, पूरक आहार की जानकारी पुस्तकालय में रखे  परिशिष्ट "3" पर है। बच्चों को वितरित मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे  परिशिष्ट  "4" पर है। जबलपुर जिले में 2209 आंगनवाड़ी केन्द्रों में 7298 बच्चे कुपोषित एवं 21074 कम वजन के पाये गये हैं, जानकारी पुस्तकालय में रखे  परिशिष्ट "5" पर है।

अवैध रेत खदान में हुए हादसे पर एफ.आई.आर.

[गृह]

19. ( क्र. 259 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) तारांकित प्रश्‍न 4 (क्र.210) दिनांक 18/12/2024 (राजस्व विभाग) के उत्तर के संदर्भ में पुलिस विभाग ने कब किन अपराधिक धाराओं के तहत किस-किस के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कर कब किस-किस को गिरफ्तार कर उनके विरूद्ध क्या दण्डात्मक कार्यवाही की हैं? बतलावें। एफ.आई.आर. व कार्यवाही रिपोर्ट की छायाप्रति दें। (ख) प्रश्‍नांकित घटित हादसा एवं दुर्घटना में कितने-कितने मृतकों के आश्रित परिजनों व घायल पीड़ितों को किन धाराओं के तहत कब कितनी-कितनी राहत राशि दी गई। इस सम्बंध में मा. मुख्यमंत्री म.प्र. शासन ने कब कितनी-कितनी राशि देने की घोषणा की है। मृतकों के परिजनों व घायल पीड़ितों को कब कितनी-कितनी सहायता राशि दी गई? दोनों घटनाओं में मृतकों व घायलों की सूची सहित जानकारी दें। (ग) प्रश्‍नांकित घटित रेत खदान कटरा हादसा एवं मझगवां दुर्घटना से सम्बंधित दर्ज एफ.आई.आर. व मृतकों तथा घायलों की मेडिकल रिपोर्ट (पी.एम.) एम.एल.सी. के पूरे दस्तावेज पुलिस विभाग ने तहसीलदार सिहोरा को राहत/मुआवजा प्रकरण बनाकर कब भेजे हैं। मृतकों के परिजनों व घायल पीड़ितों को किन धाराओं के तहत कब कितनी-कितनी राशि का निर्धारण कर कब राशि दी गई हैं? दोनों घटनाओं से सम्बंधित पृथक-पृथक जानकारी दें। सूची दें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) :(क) जानकारी पुस्तकालय में रखे  परिशिष्ट  '' एवं '' अनुसार है (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे  परिशिष्ट  '' अनुसार है। (ग) प्रकरण तहसीलदार सिहोरा, जबलपुर के पत्र क्रमांक 142/प्रवा. तह/2024 सिहोरा दिनांक 03.09.2024 के पालन में थाना गोसलपुर के जावक क्रमांक 981/24 दिनांक 22.09.2024 के माध्यम से तहसीलदार सिहोरा को प्रेषित की गई है। थाना मझगवां सड़क दुर्घटना में ज्ञात वाहनों से घटित दुर्घटनाओं में मृतक व घायलों के परिजनों को राहत मुआवजा एवं थाना से आर्थिक सहायता प्रदान करने का कोई प्रावधान नहीं है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे  परिशिष्ट  ''  में समाहित है।

दिल्ली-नागपुर इंडस्ट्रियल कॉरीडोर की स्थापना

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

20. ( क्र. 306 ) श्री इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि       (क) क्या सागर जिले में दिल्ली-नागपुर इंडस्ट्रियल कॉरीडोर स्थापित किये जाने हेतु विभाग द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में स्वीकृत कॉरीडोर स्थापना हेतु क्या नरयावली विधानसभा क्षेत्र में स्थित ग्राम गढ़पहरा की भूमि आरक्षित/आवंटित किये जाने हेतु क्‍या विभाग की कार्यवाही/प्रशासकीय स्वीकृति हेतु आवेदन/प्रस्ताव शासन स्तर पर विचाराधीन है? (ग) क्या दिल्ली-नागपुर इंडस्ट्रियल कॉरीडोर स्थापना हेतु एक निश्‍िचत भूमि कितनी भूमि की आवश्यकता है? जानकारी देवें तथा क्‍या भूमि उपलब्धता कम होने पर कॉरीडोर की स्थापना संभव नहीं है? (घ) क्या प्रश्‍नांश (ख) में वर्णित भूमि आरक्षित/आवंटित/प्रशासकीय स्वीकृति को लेकर ग्राम गढ़पहरा मुहाल, गढ़पहरा रैयतवारी एवं रिछौड़ा ग्राम के किसानों द्वारा भू-अर्जन का विरोध दर्ज कराया गया है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें तथा निजी भूमि अधिग्रहण के स्थान पर उक्त ग्राम के समीप शासकीय भूमि अधिग्रहण के संबंध में क्या विभाग द्वारा कार्यवाही की जा रही है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। सागर जिले में दिल्‍ली-नागपुर इंडस्ट्रियल कॉरीडोर हेतु औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्‍साहन विभाग द्वारा औद्योगिक प्रयोजन हेतु 185.7001 हेक्‍टेयर शासकीय भूमि हस्‍तांतरण एवं 258.6632 हेक्‍टेयर निजी भूमि अर्जन हेतु ज्ञाप क्रमांक IPI/2/0008/2024-11- (A) दिनांक 30.05.2024 द्वारा प्रशासकीय स्‍वीकृति जारी की गई है, जिसकी  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) दिल्‍ली-नागपुर इंडस्ट्रियल कॉरीडोर भारत सरकार के वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय की अधीनस्‍थ संस्‍था नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरीडोर डेव्‍हलपमेंट कॉर्पोरेशन (एन.आई.सी.डी.सी.) द्वारा विकसित किया जा रहा है। औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्‍साहन विभाग द्वारा केवल औद्योगिक प्रयोजन हेतु कॉरीडोर के प्रभाव क्षेत्र में भूमि का चयन किया गया है। कॉरीडोर हेतु भूमि की आवश्‍यकता पर आंकलन एवं निर्णय भारत सरकार द्वारा ही लिया जा सकता है। (घ) जी नहीं। उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

स्वीकृत खदान की जानकारी

[खनिज साधन]

21. ( क्र. 307 ) श्री इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत खनिज विभाग द्वारा चालू वित्तीय वर्ष  2024-25 में कितनी खदान स्वीकृति प्रदान की गई? विस्तृत जानकारी देवें एवं किन-किन ग्रामों/कितने हेक्टेयर/लीजधारक है नाम सहित जानकारी देवें? (ख) प्रश्‍नांश (क) में स्वीकृत कितनी खदानें/लीज स्वीकृति ग्राम बसाहट के लगभग 02 से 03 किलोमीटर की दूरी पर समीप स्थित हैं? जानकारी देवें। (ग) क्या प्रश्‍नांश (क) में स्वीकृत खदान/लीज के आवंटन न किये जाने के संबंध में ग्राम पंचायत/ग्रामवासियों द्वारा आपत्ति दर्ज की गई है? जानकारी देवें। (घ) क्या प्रश्‍नांश (ख) में स्वीकृत खदानों/लीजधारियों द्वारा संचालित खदानों के समीप सीमाचिन्ह एवं बाउंड्री साइनबोर्ड/ स्वीकृत खदान/लीज संबंधी जानकारी के साइनबोर्ड स्थापित किये गये हैं यदि हाँ, तो जानकारी देवें। यदि नहीं, तो क्‍या इनके विरूद्ध विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की गई है।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) वित्‍तीय वर्ष 2024-25 में 06 खदान स्‍वीकृत की गई है। शेष भाग की  जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट पर दर्शित है। (ख) जानकारी उत्‍तरांश (क) में दिये गये  संलग्‍न परिशिष्‍ट पर दर्शित अनुसार है। (ग) जी नहीं। प्रश्‍नांकित अवधि में  संलग्‍न परिशिष्‍ट  अनुसार उल्‍लेखित खदान पर ग्राम पंचायत/ग्राम‍वासियों द्वारा कोई आपत्ति प्रस्‍तुत नहीं की गई है। (घ) उत्‍तरांश (ख) में दिये गये  संलग्‍न परिशिष्‍ट  पर दर्शित अनुसार है। शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "छ:"

खदान श्रमिकों की मृत्यु पर मुआवजा

[खनिज साधन]

22. ( क्र. 324 ) श्री मधु भगत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में मॉयल ओर इंडिया लिमिटेड द्वारा संचालित चिखला खान, भरवेली खान, उकवा खान आदि में घटित खदान दुर्घटना में विगत 5 वर्षों में कितने श्रमिकों की मौत हुई? मृतक श्रमिक के परिवार को कितना मुआवजा राशि एवं नौकरी प्रदाय की गई यदि हाँ, तो श्रमिकों के नामवार,मुआवजा तथा नौकरी की कालमवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित खदानों में हुई दुर्घटना की जांच किन अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा की गई एवं जांच प्रतिवेदन का निष्कर्ष क्या निकला तथा दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई? संपूर्ण दस्तावेज की सत्य प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। (ग) उपरोक्त खदानों के प्रबंधक/अधिकारियों को उक्त अवधि में किन-किन जनप्रतिनिधि ने पत्राचार किया एवं उन पत्रों पर प्रबंधक द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा भरवेली मॉयल को निर्माण कार्य किए जाने के संबंध में मौखिक/लिखित रूप से प्रस्ताव प्रदान किए गए? यदि हाँ, तो कार्रवाई से अवगत करावें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क)  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अ  पर दर्शित है। (ख) संयुक्‍त महाप्रबंधक (खान) सुरक्षा मॉयल लिमि. नागपुर से प्राप्‍त दोषियों पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अ  पर दर्शित एवं दस्‍तावेज की प्रति  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट-ब  पर दर्शित है। (ग) जी हाँ। संयुक्‍त महाप्रबंधक (खान) सुरक्षा मॉयल लिमि. नागपुर से प्राप्‍त जानकारी अनुसार माननीय विधायक महोदय द्वारा प्रस्‍ताव पत्र क्रमांक 636 दिनांक 01/07/2025 द्वारा ग्राम पंचायत बगदरा में सामुदायिक भवन निर्माण कार्य हेतु प्राप्‍त हुआ है। संबंधित कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) जानकारी उत्‍तरांश (ग) अनुसार है।

डी.एम.एफ. मद से निर्माण कार्य

[खनिज साधन]

23. ( क्र. 340 ) श्री कालु सिंह ठाकुर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) क्‍या धार जिले में 2024-25 में डी.एम.एफ. मद से निर्माण कार्य स्वीकृत किये गए थे? यदि हाँ, तो कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये गए थे? विधानसभावार निर्माण कार्यों की प्रमाणित सूची और प्रशासकीय स्वीकृति की प्रति उपलब्ध करावे? (ख) क्‍या धार जिले में 2024-25 में डी.एम.एफ. मद विद्युतीकरण के कार्य भी स्वीकृति किये गए है? यदि हाँ, तो सूची पृथक से उपलब्ध करावे?           (ग) क्‍या प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) में वर्णित कार्यों के स्वीकृति आदेश एक साथ जारी नहीं करते हुए पृथक-पृथक जारी किये गए है? ऐसा किस कारण किया गया है? कारण स्पष्‍ट करें?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। धार जिले में स्‍वीकृत कार्यों की जानकारी/ विधानसभावार निर्माण कार्यों की प्रमाणित सूची  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट-अ  पर दर्शित है। प्रशासकीय स्‍वीकृति की प्रतियाँ  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट-ब  पर दर्शित है। (ख) जी हाँ। धार जिले में 2024-25 में डी.एम.एफ. मद से विद्युतीकरण के कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-स  पर दर्शित है। (ग) जी हाँ। प्रश्‍नांश अनुसार कार्यों की विषयवस्‍तु, कार्य की एजेन्‍सी, कार्य की राशि पृथक-पृथक होने से कार्यों की उपयोगिता एवं साध्‍यता का परीक्षण उपरांत स्‍वीकृति आदेश पृथक-पृथक जारी किये जाते हैं।

माँ नर्मदा नदी के घाटों का सौंदर्यीकरण

[नर्मदा घाटी विकास]

24. ( क्र. 341 ) श्री कालु सिंह ठाकुर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) क्‍या धार जिले की धरमपुरी विधानसभा में माँ नर्मदा नदी तट पर आने वाले ग्रामों में घाट निर्माण कार्य, सौंदर्यीकरण और अन्य कार्यों की स्वीकृति हेतु विभाग द्वारा प्रस्ताव शासन स्तर पर भेजे गए है? (ख) प्रश्‍नांश (क) यदि हाँ तो किन ग्रामों के कौन-कौन से कार्यों के प्रस्ताव भेजे गए है? प्रमाणित सूची उपलब्ध करावें। (ग) उक्त कार्यों में से कौन-कौन से कार्य स्वीकृत हो गए है? स्वीकृत कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति की प्रति उपलब्ध करावे और यदि कार्य स्वीकृत नहीं हुए हो तो कब तक स्वीकृत कर दिए जायेंगे? समय-सीमा बतावें और यदि नहीं, तो किस कारण?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।             (ग) साध्‍यता एवं आवश्‍यकता के आधार पर स्‍वीकृति की कार्यवाही प्रचलन में है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "सात"

स्थानांतरण नीति 2025 के अंतर्गत प्रस्‍तुत आवेदन

[वाणिज्यिक कर]

25. ( क्र. 351 ) श्री महेश परमार : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वाणिज्यिक कर विभाग अंतर्गत जीएसटी पंजीयन एवं आबकारी विभाग के कितने अधिकारी एवं कर्मचारियों के द्वारा अपने विभागाध्यक्ष को स्थानांतरण नीति 2025 के अंतर्गत अपने ट्रांसफर के लिए आवेदन प्रस्तुत किया गया? पद/संवर्ग के आधार पर प्राप्त आवेदन की संख्या और उनके निराकरण की स्थिति से अवगत करायें। (ख) क्या स्थानातंरण नीति की कंडिका 17,18,20,21 एवं 22 का पालन किया गया है या नहीं? कई अधिकारी/कर्मचारियों के आवेदन का विभाग के द्वारा उचित निराकरण नहीं किया गया है इसके लिए दोषी कौन है और उसके विरुद्ध कार्यवाही कब तक होगी? (ग) स्थानांतरण आदेश जारी होने के बाद ऐसे कितने अधिकारी और कर्मचारी हैं जो कार्यमुक्त होने के बावजूद नवीन पदस्थापना पर उपस्थित नहीं हुए हैं और उनके विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई? (घ) स्थानांतरण नीति की कंडिका 50 के अनुसार स्थानांतरण आदेश के विरुद्ध कितने अभ्यावेदन प्राप्त हुए और उनका निराकरण किस प्रकार से किया गया और यदि आज तक निराकरण नहीं किया गया तो इसके लिए दोषी कौन है उनके विरुद्ध कार्यवाही कब तक की जाएगी?

उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

एस.डी.एम को शिकायतों पर हटाया जाना

[सामान्य प्रशासन]

26. ( क्र. 355 ) श्री रमेश प्रसाद खटीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) करैरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत करैरा अनुविभाग में पदस्‍थ एस.डी.एम श्री अजय शर्मा की भ्रष्‍टाचार की गंभीर शिकायतें क्‍या  प्रश्‍नकर्ता द्वारा स्‍थानीय क्षेत्रवासियों की शिकायतों के आधार पर पत्रों के माध्‍यम से माननीय मुख्‍यमंत्री जी 278 दिनांक 17.07.2024, 02.11.2024 पत्र क्रमांक 428, पत्र क्र. 278, पत्र क्र. 449, दिनांक 18.12.2024, 732 दिनांक 15.05.2025 के माध्‍यम से शिकायत की है? (ख) उक्‍त शिकायती पत्रों पर माननीय मुख्‍यमंत्री महोदय ने A+ के तहत सामान्‍य प्रशासन विभाग को A+  दिनांक 23.08.2024 को सचिव कार्मिक सामान्‍य प्रशासन विभाग को लिखा परन्‍तु आज दिनांक त‍क श्री अजय शर्मा का स्‍थानांतरण की कार्रवाई का आदेश जारी नहीं होने के क्‍या कारण है? (ग) क्‍या श्री अजय शर्मा एस.डी.एम. करैरा का स्‍थानांतरण आदेश कब तक किया जावेगा व वहीं निवाड़ी में पदस्‍थ अनुराग विगवाल को जिला शिवपुरी में  कब तक  पदस्‍थ किया जावेगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) मुख्यमंत्री कार्यालय की टीप दिनांक 11/07/2025 के माध्यम से श्री अजय शर्मा एसडीएम करैरा के संबंध में पत्र क्र. 449 दिनांक 18.12.2024 तथा पत्र क्र. 732 दिनांक 15/05/2025 प्राप्त हुआ है। पत्र क्र. 278 दिनांक 07/07/2024 एवं पत्र क्र. 428 दिनांक 02/11/2024 श्री अजय शर्मा एसडीएम से संबधित नहीं है। (ख) प्रश्‍नांश (ख) में उल्लेखित A+ टीप दिनांक 23/08/2024 श्री अजय शर्मा एसडीएम करैरा से संबधित न होने के कारण शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।

गुनौर माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना

[नर्मदा घाटी विकास]

27. ( क्र. 390 ) श्री राजेश कुमार वर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) क्‍या विधानसभा सत्र फरवरी-मार्च 2025 के प्रश्‍न क्रमांक 559 गुनौर माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना के संबंध में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है उत्‍तर दिया गया था? क्‍या यह कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है? यदि हाँ, तो प्रशासकीय स्‍वीकृति की प्रति उपलब्‍ध करावे। यदि नहीं, तो यह कार्यवाही कब तक पूर्ण कर ली जावेगी? (ख) गुनौर माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना से पन्‍ना जिले की गुनौर विधानसभा के कृषकों को बड़ी आशा है, क्‍या इन कृषकों की आशा के अनुरूप उक्‍त परियोजना को इस वित्‍तीय वर्ष में प्रशासकीय स्‍वीकृति प्रदान कर दी जाएगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) भौतिक एवं वित्‍तीय रूप से साध्‍य होने पर ही संभव है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

प्रधानमंत्री आदर्श ग्रामों में आंगनवाड़ी केन्‍द्रों का निर्माण

[महिला एवं बाल विकास]

28. ( क्र. 391 ) श्री राजेश कुमार वर्मा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) गुनौर विधानसभा के प्रधानमंत्री आदर्श ग्रामों में नवीन आंगनवाड़ी केन्‍द्र निर्माण के संबंध में विधानसभा सत्र फरवरी-मार्च 2025 के प्रश्‍न क्रमांक 1040 दिनांक 12.03.2025 के उत्‍तर के साथ संलग्‍न परिशिष्‍ट 1 में उल्लिखित, विभागों के संकेतों के आधार पर ग्रामों की सर्वे रिपोर्ट, ग्राम स्‍तरीय समिति की अनुसंशा, जिला स्‍तरीय सदस्‍यों की अनुशंसा की प्रति उपलब्‍ध करावें। (ख) विधानसभा सत्र फरवरी-मार्च 2025 के प्रश्‍न क्रमांक 1040 के उत्‍तर के साथ संलग्‍न परिशिष्‍ट-1 जिन वर्णित अनुशंसाओं, प्रतिवेदनों के आधार पर जारी हुआ है और बाद में वही अनुशंसाएं रानीगंजपुरवा, हिनौता एवं चॉपा के लिये असत्‍य पाई गई तत्‍पश्‍चात स्‍वीकृतियां निरस्‍त की गई है। क्‍या असत्‍य पाई गई अनुशंसाओं के लिये दोषी अधिकारियों पर कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्‍या कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्‍या विधानसभा सत्र फरवरी-मार्च 2025 के प्रश्‍न क्रमांक 1040 के उत्‍तर के साथ संलग्‍न परिशिष्‍ट 1 में वर्णित आदेश के विरूद्ध ग्रामीण यांत्रिकी सेवा पन्‍ना द्वारा 19.02.2024 द्वारा प्रेषित प्रतिवेदन विधि संगत है? (घ) क्‍या गुनौर विधानसभा के रानीगंजपुरवा, हिनौता एवं चॉपा में आंगनवाड़ी भवनों की स्‍वीकृति बिना किसी प्रतिवेदन व बिना खसरा नं. की जानकारी के स्‍वीकृत कर दी गई थी? रानीगंजपुरवा, हिनौता एवं चॉपा में आंगनवाड़ी केन्‍द्रों के भवन निर्माण स्‍वीकृत होने पश्‍चात पुन: 2 वर्ष बाद उन्‍हें निरस्‍त करना क्‍या नियमों के अनुकूल है? जानकारी दें।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) गुनौर विधानसभा के प्रधानमंत्री आदर्श ग्रामों में नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र निर्माण के संबंध में विधानसभा सत्र फरवरी-मार्च 2025 के प्रश्‍न क्रमांक 1040 दिनांक 12.03.2025 के उत्तर के साथ संलग्न  परिशिष्ट-1 में उल्लेखित विभागों के संकेतों के आधार पर ग्रामों की सर्वे रिपोर्ट, ग्रामस्तरीय समिति की अनुशंसा, जिला स्तरीय सदस्यों की अनुशंसा की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 पर है। (ख) तहसीलदार देवेन्द्रनगर तथा कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा पन्ना के प्रतिवेदन अनुसार रानीगंजपुरवा, हिनौता एवं चापा में शासकीय भूमि उपलब्ध नहीं होने के कारण स्वीकृतियां निरस्त की गयी हैं  जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट -02 पर  है। शेष का प्रश्‍न नहीं। (ग) कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा पन्ना द्वारा दिनांक 19.02.2024 को दिये गये प्रतिवेदन की विधि संगत हैं। पुनः कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा पन्ना द्वारा दिनांक 11.06.2025 को प्रतिवेदन प्राप्त कर पत्र के साथ संलग्न है।            (घ) प्रश्‍नांश अनुसार भवन विहीन आंगवाड़ि‍यों की सूची महिला एवं बाल विकास विभाग पन्ना से प्राप्त होने के पश्‍चात मुख्यालय को भी प्रेषित की गयी थी जिसकी स्वीकृति राज्य मुख्यालय द्वारा की गयी हैं जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट -03 पर है। शेष का प्रश्‍न नहीं।

आंगनवाड़ी एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्‍द्रों का भवन निर्माण

[महिला एवं बाल विकास]

29. ( क्र. 397 ) श्री विक्रम सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रामपुर बघेलान विधानसभा में कुल कितनी आँगनवाड़ी और मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र हैं? उनके नाम बतावें। (ख) ऐसी कितनी आंगनवाड़ी और मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र हैं जिनके पास स्वयं का भवन नहीं है। उनके नाम बतावें? (ग) ऐसी आंगनवाड़ी और मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र जिनके पास स्वयं का भवन नहीं है यह वर्तमान में कहाँ पर संचालित हो रही है। यदि किराये के भवन में संचालित हो रही हैं तो किसके भवन में और कितने किराये पर? (घ) रामपुर बघेलान विधानसभा की उपरोक्त भवनविहीन आंगनवाड़ी और मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों को कब तक भवन उपलब्ध कराये जायेंगे?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) रामपुर बघेलान विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कुल 418 आंगनवाड़ी केन्‍द्र संचालित है। कोई भी मिनी केन्‍द्र संचालित नहीं है। नामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे   परिशिष्ट-''  पर है। (ख) रामपुर बघेलान विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कुल 247 आंगनवाड़ी केन्‍द्र विभागीय भवन विहीन है। नामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे  परिशिष्ट- ''  पर है। (ग) विभागीय भवन विहीन 130 आंगनवाड़ी केन्‍द्र अन्‍य शासकीय भवन एवं 117 किराये के भवनों में सं‍चालित हो रहे है। जानकारी पुस्तकालय में रखे  परिशिष्ट-''  पर है।  (घ) आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये भवन निर्माण शासकीय भूमि एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है। अत: समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।

विधायक निधि से स्वीकृत निर्माण कार्य

[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]

30. ( क्र. 402 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या उप मुख्‍यमंत्री, योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र चौरई में मार्च 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक विधायक निधि से हुए निर्माण कार्यों की जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) क्या उपरोक्त वर्णित कार्यों में कार्य की संपूर्ण जानकारी संबंधी सूचना बोर्ड जिस पर विधायक का नाम, कार्य का विवरण, कार्य की लागत, कार्य प्रारंभ एवं पूर्ण होने की तिथि आदि जानकारी उपलब्ध कराने वाला सूचना बोर्ड लगाया गया है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्यों और कब तक लगवाए जाएंगे। (ग) क्या चुनाव के समय विधायक द्वारा प्रदत्त पानी टैंकर जो पुतवा दिए जाते हैं उन्हें पुनः पहले जैसा करवाये जाने का प्रावधान है यदि है तो कब तक करवा दिया जावेगा?

उप मुख्‍यमंत्री, योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

रेत का अवैध उत्खनन

[खनिज साधन]

31. ( क्र. 405 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) क्‍या चौरई विधान सभा क्षेत्र में शासन द्वारा चिन्हित खदानों के अतिरिक्त स्थानों से रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है? (ख) दिनांक 26/06/2025 को जनप्रतिनिधि द्वारा रेत के अवैध स्टॉक की जानकारी माननीय कलेक्टर महोदय एवं जिला खनिज अधिकारी महोदय को दी गई, इस पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या भविष्य में अवैध रेत उत्खनन पर रोक लगाई जाकर संबंधितों पर कार्यवाही की जावेगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रश्‍नांश अनुसार चौरई विधानसभा क्षेत्र में शासन द्वारा चिन्हित खदानों के अतिरिक्‍त स्‍थानों से रेत का अवैध उत्‍खनन नहीं किया जा रहा है।                    (ख) प्रश्‍नांश अनुसार दिनाँक 26/06/2025 को जन प्रतिनिधि द्वारा रेत के अवैध स्‍टॉक की जानकारी कलेक्‍टर एवं जिला खनिज अधिकारी को दी गई जिस पर आवेदन में उल्‍ल‍ेखित स्‍थानों का त्‍वरित निरीक्षण एवं जाँच संपादित कर कुल 22469.80 घनमीटर अवैध भण्‍डारित रेत की जप्‍ती की कार्यवाही कर प्रकरण पंजीबद्ध कर नियमानुसार कार्यवाही प्रचलित है, जिसकी जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट-अ  पर दर्शित है। उक्‍त संबंध में कार्यालयीन पत्र दिनांक 10/07/2025 से माननीय विधायक को जानकारी प्रेषित की गई है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट-ब  पर दर्शित है। (ग) अवैध रेत उत्‍खनन प्रतिबंधित है। खनिज रेत के अवैध उत्‍खनन संबंधी प्रकरण प्रकाश में आने पर नियमानुसार कार्यवाही किया जाना प्रावधानित है।

परिशिष्ट - "आठ"

आकांक्षी योजना अंतर्गत अतिरिक्‍त बजट एवं सुविधाएं

[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]

32. ( क्र. 445 ) सुश्री रामश्री (बहिन रामसिया भारती) राजपूत : क्या उप मुख्‍यमंत्री, योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मध्‍यप्रदेश में भारत सरकार की योजना अंतर्गत आकांक्षी जिला छतरपुर और उसमें आकांक्षी  ब्‍लॉक बक्‍सवाहा घोषित किये गये हैं? (ख) क्‍या आकांक्षी घोषित होने के बाद भी शासन से कोई अतिरिक्‍त सुविधाएं नहीं दी गई है? यदि हाँ, तो क्‍या-क्‍या सुविधाएं या बजट उपलब्‍ध कराया गया है? कृपया वर्षवार मदवार  जानकारी दें। (ग) क्‍या ब्‍लॉक के अस्‍पतालों में डॉक्‍टर और शालाओं में शिक्षकों की भारी कमी है? (घ) क्‍या सरकार बक्‍सवाहा ब्‍लॉक को अतिरिक्‍त बजट उपलब्‍ध करवा रही है? यदि हाँ, तो किस मद से कब तक कितनी राशि किस कार्य के लिए उपलब्‍ध करवा रही है?

उप मुख्‍यमंत्री, योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। (ख) भारत सरकार, नीति आयोग द्वारा आकांक्षी जिला छतरपुर एवं आकांक्षी विकासखण्‍ड बक्‍सवाहा को वित्‍तीय सहायता प्रदत्‍त की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अ अनुसार है। (ग) बक्‍सवाहा विकासखण्‍ड में चिकित्‍सकों एवं शिक्षकों के स्‍वीकृत, कार्यरत एवं रिक्‍त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-ब अनुसार है। (घ) आकांक्षी जिला एवं आकांक्षी विकासखण्‍डों के उन्‍नयन की महत्‍वाकांक्षी योजना भारत सरकार, नीति आयोग द्वारा संचालित है, जिसके तहत भारत सरकार द्वारा राशि उपलब्‍ध कराई जाती है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

कार्यालयों, भवनों की मरम्मत एवं नवीन भवन निर्माण

[महिला एवं बाल विकास]

33. ( क्र. 476 ) श्री शैलेन्द्र कुमार जैन : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सागर जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग अंतर्गत 16 परियोजना कार्यालय एवं एक जिला कार्यालय संचालित है, इनमें से कितने शासकीय भवनों एवं कितने किराये के निजी भवनों में संचालित किये जा रहे है? (ख) क्या महिला एवं बाल विकास विभाग के कुछ शासकीय भवन जीर्णशीर्ण अवस्था में होने से उनका उपयोग नहीं हो पा रहा है, तो क्या शासन इन भवनों का मरम्मत कार्य करायेगा तथा कब तक? (ग) क्या महिला एवं बाल विकास विभाग अंतर्गत परियोजना कार्यालयों स्वयं के भवनों के संचालित किये जाने का प्रावधान है, किन्तु वर्तमान में परियोजना कार्यालय किराये के निजी भवनों अथवा अन्य शासकीय विभाग के भवनों में संचालित किये जा रहे है, इसका क्या कारण है? (घ) क्या शासन महिला एवं बाल विकास विभाग अंतर्गत परियोजना कार्यालयों के स्वयं के भवन निर्माण कराये जाने की स्वीकृति प्रदान कर बजट प्रावधानित करेगा तथा कब तक? यदि नहीं, तो इसका क्या कारण है?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी हाँ। संचालित 16 परियोजनाओं में से 06 विभागीय, 05 अन्‍य शासकीय एवं 05 किराये के भवनों में संचालित है। (ख) जी हाँ। विभाग अन्‍तर्गत 9545- विभागीय परिसंपतियों का संधारण मद की योजना है। विभाग अन्‍तर्गत मरम्‍मत योग्‍य जीर्णशीर्ण अवस्था में शासकीय भवन का प्रस्‍ताव जिला स्‍तर से संबंधित निर्माण एजेंसी से प्राप्‍त किया जाता है। विभागीय परिसंपतियों का संधारण योजना मद में बजट उपलब्‍धता के आधार पर आवश्‍यक स्‍वीकृति दी जाती है। (ग) जी नहीं। विभाग में परियोजना कार्यालयों के भवन निर्माण की कोई योजना वर्तमान में संचालित नहीं है। स्‍थानीय स्‍तर पर भवन उपलब्‍धता के आधार पर परियोजना कार्यालय अन्‍य शासकीय भवन अथवा किराये के भवनों में संचालित है।  (घ) विभाग अन्‍तर्गत परियोजना कार्यालयों के भवन निर्माण की कोई योजना संचालित नहीं है। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

पुलिस थानों की संख्या में विस्तार

[गृह]

34. ( क्र. 478 ) श्री शैलेन्द्र कुमार जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) वर्तमान में सागर विधानसभा क्षेत्र की सीमा के साथ-साथ आबादी भी बढ़ रही है, लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस थानों की संख्या का विस्तार नहीं किया गया है। क्या शासन द्वारा सागर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत थानों की संख्या में वृद्धि किये जाने की कोई कार्यवाही प्रचलन में है? यदि हाँ, तो इस संबंध में प्रश्‍न दिनांक तक क्या प्रगति है? यदि नहीं, तो क्या शासन इस पर विचार करेगा और कब तक? (ख) क्या सागर नगर अंतर्गत संवेदनशील इलाके शनिचरी वार्ड स्थित पुलिस सहायता केन्द्र को थाने के रूप में उन्नयन किये जाने का कोई प्रस्ताव शासन के समक्ष विचाराधीन है? यदि हाँ, इसकी स्वीकृति कब तक की जायेगी? यदि नहीं, तो क्या शासन इस पर विचार करेगा और कब तक?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) सागर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत 05 थाने, 01 पुलिस चौकी एवं एक सहायता केन्द्र संचालित है। इन थानों के उपलब्ध बल से ही समुचित कानून व्यवस्था नियंत्रित की जा रही है। इस कारण थानों की संख्या में वृद्धि किये जाने की आवश्यकता प्रतीत नहीं होती है। थानों की संख्या में वृद्धि किये जाने की कोई कार्यवाही वर्तमान में प्रचलन में नहीं है।  (ख) जी नहीं। शनिचरी वार्ड स्थित पुलिस सहायता केन्द्र का थाने में उन्नयन का प्रस्ताव निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप नहीं होने से अमान्य किया गया है।

आंगनवाड़ी केन्द्रों का भवन निर्माण

[महिला एवं बाल विकास]

35. ( क्र. 483 ) श्री नीरज सिंह ठाकुर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता के तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 582 दिनाँक 17 दिसम्बर 2024 में अवगत कराया गया है कि विकासखण्ड शहपुरा में 333 एवं विकासखण्ड जबलपुर में 208 कुल 541 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं। जिसमें 283 केन्द्र विभागीय भवनों में संचालित हैं। 258 केन्द्र भवन विहीन हैं, 92 किराये के भवन में एवं 166 केन्द्र शासकीय भवनों में संचालित हैं। (ख) विकासखण्ड शहपुरा/जबलपुर के 258 भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों में कब तक भवन की स्वीकृति प्रदान कर दी जावेगी?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी हाँ। (ख) आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये भवन निर्माण शासकीय भूमि एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है। अत:                  समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।

विधायकों के पत्रों के उत्तर देने संबंधी निर्देश

[सामान्य प्रशासन]

36. ( क्र. 484 ) श्री नीरज सिंह ठाकुर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) विधायकों से प्राप्त पत्रों में उल्लेखित समस्याओं का कितने दिन के अंदर निराकरण कर संबंधित विधायकों को पत्र के माध्यम से अवगत कराने के संबंध में क्या निर्देश हैं? निर्देश की प्रति प्रदान करें। (ख) क्या प्रश्‍नकर्ता द्वारा अतारांकित प्रश्‍न क्रमांक 2168, दिनांक 21 मार्च 2025 के द्वारा विभागों को लिखे गये पत्रों से संबंधित जानकारी चाही गयी थी? यदि हाँ, तो जानकारी कब प्रदाय की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्‍नकर्ता द्वारा प्रश्‍नांश (ख) में चाही गयी जानकारी कब तक उपलब्ध करा दी जावेगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है

परिशिष्ट - "नौ"

राष्‍ट्रीय ग्रामीण आ‍जीविका मिशन

[महिला एवं बाल विकास]

37. ( क्र. 511 ) श्री उमंग सिंघार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या महालेखाकार की रिपोर्ट में लगभग 858 करोड़ का पोषण आहार घोटाला उजागर किया है? यदि हाँ, तो कब एवं क्या-क्या गड़बड़ियां उजागर हुयी हैं? (ख) क्या अस्तित्वहीन ट्रक नम्बरों से व रिक्शा व बाइक से माल भेजा जाना भी उजागर हुआ है? उजागर हुए वाहनों के नंबर बतायेंगे। (ग) प्रश्‍नांश (क) के अंतर्गत कौन-कौन सी कंपनियों को काम करने का अवसर दिया? (घ) प्रश्‍नांश (क) के अंतर्गत किन-किन अधिकारियों पर भौतिक सत्यापन का कार्य सौंपा था? कब-कब भौतिक सत्यापन किया? जानकारी दें। कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी संलिप्त पाये गये? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) :  (क) जी नहीं। (ख) राष्‍ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से प्राप्‍त जानकारी अनुसार जी नहीं, उद्यानिकी विभाग अंतर्गत मध्यप्रदेश स्टेट एग्रो इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड (एमपी एग्रो) एवं पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अन्तर्गत मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एसआरएलएम) द्वारा टेक होम राशन का परिवहन ट्रकों के माध्यम से ही कराया गया है। एक जगह टेकहोम राशन की मात्रा कम होने के कारण एमपी एग्रो द्वारा संचालित बाड़ी संयंत्र से विदिशा ग्रामीण परियोजना को प्रदायित 324 किलो टेक होम राशन का परिवहन ऑटो क्रमांक MP04 RA6784 द्वारा किया गया। (ग) राष्‍ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से प्राप्‍त जानकारी अनुसार वर्तमान में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अन्तर्गत मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के 07 संयंत्र रीवा, शिवपुरी, देवास, सागर, मंडला, धार एवं नर्मदापुरम के माध्यम से प्रदेश में टेक होम राशन का प्रदाय कार्य किया जा रहा है एवं पूर्व में उद्यानिकी विभाग अंतर्गत एमपी एग्रो, एम.पी.एग्रोटॉनिक्‍स लिमिटेड, एम.पी.एग्रो. न्‍यूट्रीफुड लिमिटेड एवं कोटा दाल मिल से भी टेक होम राशन प्रदाय कराया गया था। (घ) राष्‍ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से प्राप्‍त जानकारी अनुसार मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एसआरएलएम) अंतर्गत संयंत्रों में टेक होम राशन उत्पादन के विभिन्न चरणों में राज्य कार्यालय के विषय-विशेषज्ञों एवं अधिकारियों द्वारा भौतिक सत्यापन का कार्य किया गया है। एमपी एग्रो द्वारा पोषण आहार संयंत्र बाडी का भौतिक सत्यापन का कार्य वित्तीय वर्ष समाप्ति पर किया जाता था। बाडी संयंत्र का भौतिक सत्यापन का कार्य निगम के तत्कालीन प्रबंधक के द्वारा किया गया। महिला एवं बाल विकास विभाग में भौतिक सत्यापन का कार्य परियोजना स्तर पर परियोजना अधिकारी तथा जिला स्तर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी को सौंपा गया है। परियोजना स्तर पर टेक होम राशन प्राप्त होने पर पंचनामों के माध्यम से समिति द्वारा सत्यापित किये जाने का प्रावधान है, समिति में संबंधित परियोजना अधिकारी, सेक्टर पर्यवेक्षक, राजस्व विभाग का अधिकारी, परियोजना कार्यालय का भंडार लिपिक, परिवहनकर्ता तथा आम जनता/स्थानीय प्रतिनिधि सदस्य होते हैं और उनके ही द्वारा सत्यापन का कार्य टेक होम राशन प्राप्ति के समय किया जाता है। तत्समय पाई गई त्रुटियों के सन्दर्भ अधिकारियों के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही प्रचलन में है।

मान. उप लोकायुक्‍त के समक्ष प्रस्‍तुत की गई शिकायत

[सामान्य प्रशासन]

38. ( क्र. 554 ) श्री हेमंत सत्यदेव कटारे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                   (क) प्रश्‍नकर्ता द्वारा विधानसभा सत्र मार्च 2025 में पूछे गये अता. प्रश्‍न क्रमांक 890 दिनांक 12.03.2025 के माध्‍यम से श्री इंद्रवीर सिंह भदौरिया, तत्‍कालीन अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) अटेर, जिला भिण्‍ड के विरूद्ध अवैध तरीके से लेन-देन कर रेत का उत्‍खनन कराने संबंधी शिकायत पर हुई कार्यवाही की जानकारी चाही जाने पर विभाग द्वारा शिकायत प्राप्‍त नहीं संबंधी जानकारी दी गई जबकि प्रश्‍नकर्ता के द्वारा शपथ-पत्र पर तत्‍कालीन मा. उप लोकायुक्‍त महोदय जस्टिस           श्री एन.के. गुप्‍ता जी के समक्ष मय स्ट्रिंग ऑपरेशन संबंधी पेन ड्राइव आदि को प्रस्‍तुत कर जांच हेतु प्रस्‍तुत कर निवेदन किया गया था? जानकारी नहीं देने के क्‍या कारण हैं? जानकारी उपलब्‍ध कराई जाए। (ख) प्रश्‍नांश (क) के तारतम्‍य में शपथ पत्र व तकनीकी साक्ष्‍य सहित प्रस्‍तुत की गई उक्‍त गंभीर शिकायत की जांच किस अधिकारी द्वारा की गई? शिकायत जांच प्रतिवेदन की छायाप्रति सहित प्रतिवेदन पर हुई कार्यवाही की पूर्ण जानकारी उपलब्‍ध करायी जाये।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रश्‍नाधीन शिकायत एवं जांच शाखा में जांच प्रकरण क्र. 1139/17 पंजीबद्ध किया जाकर पुलिस अधीक्षक, विशेष पुलिस स्‍थापना, लोकायुक्‍त कार्यालय, ग्‍वालियर द्वारा अतिरिक्‍त महानिदेशक विशेष पुलिस स्‍थापना, लोकायुक्‍त कार्यालय, भोपाल को दिनांक 15/10/2018 को प्रतिवेदन प्रस्‍तुत किया गया। उपरोक्‍त प्रतिवेदन का विधि सलाहकार-04 द्वारा यथानिर्देश परीक्षण किया गया, परीक्षणोपरांत उक्‍त प्रकरण तत्‍कालीन माननीय लोकायुक्‍त महोदय के आदेश दिनांक 02/11/2018 द्वारा नस्‍तीबद्ध किया गया है। संगठन के पत्र क्र. 10420, दिनांक 24/11/2018 द्वारा पुलिस मुख्‍यालय, भोपाल को श्री इंद्रवीर सिंह भदौरिया, एस.डी.ओ.पी. एवं श्री मुन्‍नी यादव, होमगार्ड सैनिक के विरूद्ध विभागीय जांच की कार्यवाही करने के लिए लिखा गया है। विशेष पुलिस स्‍थापना, लोकायुक्‍त कार्यालय, म.प्र. में श्री इंद्रवीर सिंह भदौरिया, तत्‍कालीन अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) अटेर, जिला भिंड के विरूद्ध कोई आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्‍नाधीन शिकायत की पुलिस अधीक्षक, विशेष पुलिस स्‍थापना, लोकायुक्‍त कार्यालय, ग्‍वालियर द्वारा की गई जांच का जांच प्रतिवेदन दिनांक 15/10/2018 एवं विधि सलाहकार की परीक्षण रिपोर्ट दिनांक 02/11/2018 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' पर है।

राज्‍य मानव अधिकार आयोग में अध्‍यक्ष व सदस्‍यों की नियुक्ति

[सामान्य प्रशासन]

39. ( क्र. 555 ) श्री हेमंत सत्यदेव कटारे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) क्या जनता को न्याय दिलाने व मानव अधिकारों के संरक्षण के उद्देश्‍य से प्रदेश में राज्य मानव अधिकार आयोग का गठन किया गया? यदि हाँ, तो आयोग में अध्यक्ष सहित कुल कितने सदस्यों का प्रावधान है तथा वर्तमान में आयोग में कौन-कौन से पद किस दिनांक से रिक्त हैं? अध्यक्ष एवं सदस्य की जानकारी पृथक दी जाये। (ख) राज्य मानव अधिकार आयोग में विगत तीन वर्षों से कितनी शिकायतें जनता विरूद्ध पुलिस से संबंधित लंबित है? लंबित शिकायतों की वर्षवार जानकारी दी जाये। (ग) क्या आयोग में अधिकांश पद रिक्त होने से शिकायतों का निराकरण त्वरित न्याय दिलाने हेतु प्रदेश में ''आयोग आपके द्वार" जैसे कार्यक्रम भी प्रभावित हुये होंगे? पूर्ण जानकारी सहित विगत डेढ़ वर्ष में आयोग द्वारा कितनी शिकायतों का निराकरण किया गया?           (घ) आयोग में अध्यक्ष सहित सदस्यों के रिक्त पदों पर लम्बे समय से नियुक्ति नहीं करने के क्या कारण हैं? कब तक नियुक्ति कर दी जायेगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम 1993 के अंतर्गत म.प्र. मानव अधिकार आयोग का गठन किया गया है। आयोग में अध्‍यक्ष का 01 पद तथा सदस्‍य के 02 पद स्‍वीकृत हैं। दिनांक 1 जुलाई 2025 की स्थिति में अध्‍यक्ष एवं सदस्‍य का एक-एक पद रिक्‍त है। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट-1 अनुसार है(ग) जी नहीं, वर्ष 2024 एवं 2025 में सिंगरौली, रीवा एवं नीमच जिलों में ''आयोग आपके द्वार'' के अंतर्गत सुनवाई कार्यक्रम आयोजित किये गये। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट-2 अनुसार है(घ) अध्‍यक्ष एवं सदस्‍य के पद पर पदपूर्ति संबंधी कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "दस"

पुलिस थानों एवं चौकियों में रिक्त बल की पूर्ति

[गृह]

40. ( क्र. 610 ) श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या पन्ना विधानसभा अंतर्गत थाना अजयगढ़ एवं थाना धरमपुर उ.प्र. की सीमा से लगे होने के कारण डकैत मूवमेंट, नकबजनी, लूट, मारपीट संबंधी अपराध घटित होते रहते हैं एवं उ.प्र. के निगरानीशुदा अपराधियों का मूवमेंट बना रहता है? यदि हाँ, तो क्या थाना अजयगढ़ एवं धरमपुर में पर्याप्त पुलिस बल न होने से उक्त आपराधिक गतिविधियों पर पूर्ण रूप से अंकुश नहीं लग पाता है? यदि हाँ तो उक्त थानों में पर्याप्त पुलिस बल उपलब्ध कराये जाने की कार्यवाही कब तक की जावेगी? बतावें। यदि नहीं, तो थानों में स्वीकृत पद अनुसार बल उपलब्ध क्यों नहीं रहता?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : जी नहीं। किंतु मूवमेंट संज्ञान में आने पर विधिसंगत कार्यवाही की जाती है। जिले में उपलब्ध बल से समुचित एवं प्रभावी प्रबंधन से आपराधिक गतिविधियों पर नियंत्रण है। कर्मचारियों/अधिकारियों के सेवानिवृत्ति एवं स्थानांतरण के कारण रिक्त बल की स्थिति बन जाती है। पुलिस थानों एवं चौकियों में रिक्त बल की पूर्ति समय-समय पर भर्ती एवं पदोन्नति के द्वारा की जाती है। भर्ती एवं पदोन्नति पुलिस की निरंतर प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

वन विभाग से राजस्व विभाग में भूमि का हस्तांतरण

[खनिज साधन]

41. ( क्र. 611 ) श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) क्या राजस्व एवं वन विभाग पन्ना की संयुक्त बैठक उपरांत पन्ना जिले में माइनिंग के लिये वन विभाग से भूमि लेकर राजस्व विभाग में भूमि हस्तांतरण के संबंध में प्रस्ताव कलेक्टर के माध्यम से संचालक भौमिकी तथा खनिकर्म को पत्र क्रमांक 967 दिनांक 24.08.2022 द्वारा प्रेषित किया गया था? (ख) यदि हाँ तो क्या उक्त प्रस्ताव अनुसार पन्ना जिले में फर्शी-पत्थर धारित नवीन क्षेत्रों के चिन्हांकन एवं खनन हेतु क्षेत्र उपलब्ध कराने के सबंध में संचालनालय द्वारा पत्र क्रमांक 13443 भोपाल दिनांक 30.09.2022 को क्षेत्रीय प्रमुख क्षेत्रीय कार्यालय संचालनालय भौमिकी तथा खनिकर्म जबलपुर को प्रतिवेदन उपलब्ध कराने हेतु लेख किया गया था? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) यदि हाँ है तो उक्त के संबंध में आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? जानकारी दें। यदि नहीं, तो क्यों? कब तक कार्यवाही पूर्ण की जावेगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) प्रश्‍नांश अनुसार पूर्व में क्षेत्रीय कार्यालय, संचालनालय भौमिकी तथा खनिकर्म जबलपुर के अधिकारियों द्वारा क्षेत्र उपलब्‍धता हेतु किये निरीक्षण के दौरान राजस्‍व विभाग एवं वन विभाग के अधिकारी उपस्थित नहीं होने से कार्यवाही पूर्ण नहीं हो सकी। क्षेत्र उपलब्‍धता के संबंध में कलेक्‍टर, पन्‍ना एवं क्षेत्रीय प्रमुख, क्षेत्रीय कार्यालय, संचालनालय भौमिकी तथा खनिकर्म जबलपुर को संचालक (प्रशासन तथा खनिकर्म), संचालनालय भौमिकी तथा खनिकर्म द्वारा पत्र क्रमांक 6929 दिनांक 10/07/2025 से लेख किया गया है कि, खनिज फर्शीपत्‍थर धारित नवीन क्षेत्र चिन्‍हांकित किये जाने हेतु राजस्‍व विभाग, वन विभाग एवं खनिज विभाग का संयुक्‍त दल गठित कर जिले में खनिज फर्शी-पत्‍थर धारित नवीन क्षेत्र चिन्‍हांकित क्षेत्र उपलब्‍धता प्रतिवेदन चाहा गया है।

शराब ठेकेदारों से बकाया राशि की वसूली

[वाणिज्यिक कर]

42. ( क्र. 614 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जबलपुर जिले के शराब ठेकेदारों के ऊपर गत 5 वर्षों से राशि बकाया है? (ख) क्‍या इन ठेकेदारों को ब्‍लैक-लिस्‍ट किया गया है? (ग) यदि हाँ, तो इनके नाम एवं बकाया राशि बतावें। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के अंतर्गत क्‍या बकाया राशि ब्‍याज सहित वसूलने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो प्रश्‍न दिनांक तक कितनी राशि वसूल की गई? जानकारी दें।

उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ, जबलपुर जिले के शराब ठेकेदारों के ऊपर गत 5 वर्षों से राशि बकाया है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में सभी बकायादार ठेकेदारों को ब्‍लैक-लिस्‍ट किये जाने संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।                                (ग) प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में नाम एवं बकाया राशि संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में बकाया राशि ब्‍याज सहित वसूलने का कोई प्रावधान नहीं है।

लंबित चालानों की न्यायालय में प्रस्तुति

[गृह]

43. ( क्र. 655 ) श्री फूलसिंह बरैया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) दतिया, भिण्ड, मुरैना, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना एवं श्योपुर में वर्ष जनवरी 2024 से प्रश्‍न दिनांक तक अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के लोगों पर अनुसूचित जाति जनजाति अधिनियम के अन्तर्गत कितने प्रकरण दर्ज हैं, जिनमें कितने प्रकरण में चालन प्रस्तुत किये गये हैं तथा कितने लंबित है? इनकी सूची संलग्न करें। (ख) विधानसभा सत्र दिसम्बर 2024 के तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 1720 में संबंधित जिलों ने अनु. जाति जनजाति के दर्ज प्रकरणों के लंबित चालान प्रस्तुत के संबंध में अधिकतर जिला द्वारा लिखा गया है कि चालान शीघ्र पेश किया जायेगा, आरोपी उपस्थित नहीं हो रहे हैं, क्‍या शिवपुरी द्वारा यह लिखा गया है, कि माननीय न्यायाधीश महोदय अवकाश पर हैं?       (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार कितने प्रकरणों में चालान प्रस्तुत किये गये हैं? यदि नहीं, किये गये हैं तो जिम्मेदार अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी निरंक है, परन्तु जिन प्रकरणों में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के व्यक्ति सूचनाकर्ता हैं, उनकी जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट '' अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 1720 में कुल 234 प्रकरणों में चालान प्रस्तुत किये जाने हेतु लंबित थे, जिसमें से 213 प्रकरणों में चालान न्यायालय में प्रस्तुत किये गये हैं। शेष लंबित चालानों की न्यायालय में प्रस्तुति हेतु विधि अनुसार कार्यवाही की जा रही है। विस्तृत जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट '' अनुसार है।

परिशिष्ट - "ग्यारह"

वाणिज्यिक कर विभाग की चौकियों की स्‍थापना

[वाणिज्यिक कर]

44. ( क्र. 677 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले में वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा कोई चौकी बनाई है?        (ख) यदि हाँ, तो किन-किन स्थानों पर कब से बनाई गई है? (ग) उन चौकियों पर कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी कब से कार्यरत हैं? जानकारी दें।

उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) राजगढ़ जिले में वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा जबलपुर-जयपुर मार्ग पर पूर्व में स्‍थापित ढबलाजोड (खिलचीपुर) जांच चौकी को अधिसूचना क्रमांक एफ ए-3-20-2017-1-पांच (29) दिनांक 24.06.2017 के माध्‍यम से दिनांक 01.07.2017 से विखंडित किया गया है। वर्तमान में राजगढ़ जिले में वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा कोई जांच चौकी संचालित नहीं की जा रही है। (ख) एवं (ग) उत्‍तरांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

लघु / मध्यम उद्योगों की स्‍थापना

[सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम]

45. ( क्र. 678 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍न दिनांक तक राजगढ़ जिले की विधानसभा राजगढ़ में क्या कोई लघु या मध्यम उद्योग स्थापित हैं? (ख) यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ पर और कब से और किस-किस के उद्योग हैं? जानकारी दें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार यदि नहीं, तो क्या राजगढ़ विधानसभा में कोई लघु या मध्यम उद्योग स्थापित किया जाना प्रस्तावित है? (घ) यदि हाँ, तो इसके लिये क्या शासन द्वारा कोई शासकीय भूमि आवंटित की गई है? यदि हाँ, तो किस स्थान पर और कितनी भूमि किस उद्योग के लिये आवंटित की गई और उद्योग कब तक खोला जाना प्रस्तावित है?

सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्‍य कुमार काश्‍यप ) : (क) भारत सरकार के उद्यम पोर्टल पर पंजीयन अनुसार राजगढ़ जिले की विधानसभा राजगढ़ में 01 लघु उद्योग इकाई पंजीकृत होकर स्‍थापित है। (ख) जी हाँ। ग्राम मनोहरपुरा, तहसील व जिला राजगढ़ में मेसर्स एक्‍वाटिक पाइप एण्‍ड द्यूब प्रा.लि. द्वारा एच.डी.पी.ई. पाइप का निर्माण दिनांक 17.05.2018 से किया जा रहा है। (ग) उत्‍तरांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। विभाग द्वारा स्‍वयं उद्योग की स्‍थापना नहीं की जाती है, अपितु विभागीय योजनाओं एवं नीति के माध्‍यम से उद्योगों की स्‍थापना हेतु पात्रता अनुसार आवश्‍यक सहायता एवं सहयोग प्रदान किया जाता है। (घ) उत्‍तरांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। तथापि यदि कोई निजी निवेशक औद्योगिक इकाई स्‍थापित करता है, तो उसे वर्तमान प्रावधानों के अनुसार आवश्‍यक सहायता एवं सहयोग प्रदान किया जायेगा।

हाईवे निर्माण में अवैध उत्‍खनन

[खनिज साधन]

46. ( क्र. 686 ) श्री सतीश मालवीय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) जी.एच.वी. इंडिया प्रा.लि. कंपनी द्वारा किए जा रहे उज्जैन-गरोठ हाईवे निर्माण में उज्जैन जिले के किन-किन स्थानों से उत्खनन किया जा रहा है? उक्त खनन हेतु विभाग द्वारा जारी की गई अनुमतियों की शर्तें क्‍या हैं? जारी की गई अनुमतियों एवं शर्तों की छायाप्रति सहित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) उक्त कम्पनी द्वारा अनुमति से अधिक अवैध उत्खनन के कितने प्रकरण विभाग द्वारा बनाए गए थे ? उक्त प्रकरणों की वर्तमान स्थिति क्या है? कितने प्रकरणों में राशि वसूली की कार्यवाही की गई है? प्रकरणवार सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) जी.एच.वी. इंडिया प्रा.लि. कंपनी द्वारा किए जा रहे उज्जैन-गरोठ हाईवे निर्माण में बिना अनुमति के उज्जैन जिले में किस-किस स्थान पर भारी मात्रा में अवैध उत्खनन किया गया है ? उक्त अवैध उत्खनन की स्थानवार जानकारी उपलब्ध करावें एवं ऐसे स्थानों के विभाग द्वारा कितने प्रकरण बनाये गये हैं? उक्त प्रकरणों की वर्तमान में क्या स्थिति है? कितने प्रकरणों में वसूली की कार्यवाही की गई है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रश्‍नांश अनुसार जारी अनुमतियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ एवं जारी आदेश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब पर दर्शित है।          (ख) जी.एच.वी. इंडिया प्रा.लि. कंपनी द्वारा अनुमति से अधिक अवैध उत्खनन के 02 प्रकरण विभाग द्वारा बनाए गये हैं, जिनका विवरण निम्नानुसार है :- 1. ग्राम डोंगला तहसील महिदपुर के भूमि सर्वे क्रमांक 79 रकबा 1.100 हे. क्षेत्र पर से मुरूम खनिज का अनुमति से अधिक मात्रा 85486 घनमीटर अवैध खनन किए जाने पर राशि रु 12, 82, 30, 000/- अर्थदण्ड प्रस्तावित किया जाकर प्रकरण न्यायालय अपर कलेक्टर में प्रस्तुत किया जाकर प्रकरण क्रमांक 0040/अ-67/2024-25 से प्रचलित है। 2. ग्राम डोंगला तहसील महिदपुर के भूमि सर्वे क्रमांक 306 रकबा 3.100 हे. क्षेत्र पर से मुरूम खनिज का अनुमति से अधिक मात्रा 432370 घनमीटर अवैध खनन किए जाने पर राशि रू. 64, 85, 55, 000/- अर्थदण्ड प्रस्तावित किया जाकर प्रकरण न्यायालय अपर कलेक्टर में प्रस्तुत किया जाकर प्रकरण क्रमांक 0041/अ-67/2024-25 से प्रचलित है। (ग) जी.एच.वी. इंडिया         प्रा.लि. कंपनी द्वारा किए जा रहे उज्जैन गरोठ हाईवे निर्माण में बिना अनुमति के अवैध उत्खनन के 03 प्रकरण दर्ज किए है, जिसका विवरण निम्नानसार है :- 1. ग्राम ढाबलागौरी के शासकीय भूमि सर्वे नंबर 1/1 रकबा 11.57 हेक्टेयर क्षेत्र अंतर्गत स्थित तालाब पर खनिज मुरूम मात्रा 1584       घ.मी. का अवैध उत्खनन किये जाने पर राशि रूपये 23, 77, 000/- अर्थदण्ड प्रस्तावित किया जाकर प्रकरण न्यायालय अपर कलेक्टर में प्रस्तुत किया जाकर प्रकरण क्रमांक 0117/अ-67/2024-25 प्रचलित है। 2. ग्राम ब्यावरा तहसील व जिला उज्जैन के शासकीय भूमि सर्वे नंबर 857, 516 पर खनिज मुरूम मात्रा 1047.86 घ.मी. का अवैध उत्खनन किये जाने पर प्रकरण न्यायालय अपर कलेक्टर में प्रस्तुत किया जाकर प्रकरण क्रमांक 0094/अ-67/2024-25 से दर्ज किया जाकर प्रकरण में न्यायालय अपर कलेक्टर के द्वारा अनावेदक कम्पनी के विरूद्ध राशि 15, 71, 520/- रूपये अर्थदण्ड अधिरोपित की जाकर चालान नंबर 0853005072 दिनांक 08.01.2025 से जमा किये गये है। 3. ग्राम भूतिया के शासकीय भूमि सर्वे नंबर 303/1 रकबा 1.000 हेक्टेयर क्षेत्र पर खनिज मुरूम मात्रा 3180 घ.मी. का अवैध उत्खनन किये जाने पर राशि रुपये 47, 68, 000/- अर्थदण्ड प्रस्तावित किया जाकर प्रकरण न्यायालय अपर कलेक्टर में प्रस्तुत किया जाकर प्रकरण क्रमांक 00361-67/ 2025-26 से प्रचलित है।

आंगनवाड़ी भवनों की स्‍वीकृति

[महिला एवं बाल विकास]

47. ( क्र. 687 ) श्री सतीश मालवीय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) घट्टिया विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत कितने आंगनवाड़ी भवन कहाँ-कहाँ संचालित किये जा रहे हैं? कितने केन्द्र भवन विहिन हैं एवं कितने भवन जीर्ण-शीर्ण हैं एवं कितने नवीन भवन विगत पाँच वर्ष में स्वीकृत किए गये हैं? सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या विभाग भवन विहिन आंगनवाड़ी केन्द्रों एवं जीर्ण-शीर्ण हो चुके केन्द्रों के भवनों को मरम्मत के संबंध में कोई योजना है? यदि है तो भवन विहिन केन्द्रों में नवीन भवन एवं मरम्मत किए जाने वाले केन्द्रों के भवनों के लिए राशि कब तक स्वीकृत की जावेगी? (ग) विधानसभा क्षेत्र घट्टिया में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र अन्य भवनों अथवा किराये के भवन में संचालित किए जा रहे हैं? केन्द्रवार जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्‍नांश '''' से संबंधित कितने आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवनों पर प्रभावशाली लोगों द्वारा कब्जा किया गया है? विभाग के द्वारा कब्जे हटाने के संबंध में क्या कार्यवाही की गई है? केन्द्रवार जानकारी उपलब्ध करावें।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) घट्टिया विधानसभा क्षेत्र अन्‍तर्गत कुल 337 आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में से 214 विभागीय आंगनवाड़ी भवन तथा 123 किराये एवं अन्‍य शासकीय भवनों में संचालित है। 123 आंगनवाड़ी विभागीय भवन विहिन हैं। 25 जीर्ण-शीर्ण भवन है। विगत पाँच वर्ष में 22 नवीन आंगनवाड़ी भवन स्‍वीकृत किये गये हैं। जानकारी पु्स्‍तकालय में रखे परिशिष्ट -1, 2 एवं 3 पर है। (ख) जी हाँ। भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्‍द्रों के लिए 5360 राज्‍य आयोजना मद एवं 9545 विभागीय परिसम्‍पत्तियों का संधारण मद योजना है। आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये भवन निर्माण तथा जीर्ण-शीर्ण हो चुके केन्‍द्रों का मरम्‍मत कार्य वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है। अत: समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (ग) विधानसभा क्षेत्र घट्टिया में अन्य शासकीय भवनों अथवा किराये के भवनों में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों की जानकारी पु्स्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-4 पर है। (घ) जानकारी निरंक।

उद्योग स्थापना हेतु भूमि का आवंटन

[सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम]

48. ( क्र. 692 ) श्री बाबू जन्‍डेल : क्या सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले में उद्योग विभाग द्वारा कहाँ-कहाँ एवं किन-किन उद्योगपतियों को कितनी-कितनी एवं कौन-कौन से उद्योग लगाने के लिए भूमि आवंटित की गई है? जानकारी से अवगत करावें एवं भूमि आवंटन के लिए क्या नियम थे एवं क्या प्रस्ताव थे? विस्‍तृत विवरण दें। (ख) क्या वर्ष 1998 से वर्तमान तक कहाँ-कहाँ की कौन-कौन सी कितनी-कितनी भूमि उद्योग विभाग को आवंटित की गई? अवगत करावें तथा आवंटित भूमि पर उद्योगपति द्वारा उद्योग लगाये गये है या नहीं? वर्तमान स्थिति में कौन-कौन से उद्योग प्रगतिरत हैं? जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या जिन उद्योगपतियों द्वारा आवंटित भूमि पर उद्योग नहीं लगाये गये हैं, तो क्या उन उद्योगपतियों से आवंटित भूमि वापस ली जावेगी एवं उन पर क्या कार्यवाही की जावेगी?        (घ) क्या ग्राम पच्चीपुरा में उद्योग विभाग को आवंटित भूमि श्योपुर विधानसभा क्षेत्र एवं ग्राम पच्चीपुरा क्षेत्र के स्थानीय निवासियों एवं ग्रामीण बेरोजगार युवक जो कि लघु एवं कुटीर उद्योग लगाना चाहते हैं उनको प्राथमिकता के आधार पर उद्योग लगाने हेतु भू-खण्ड आवंटित किये जावेंगे? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ तो भू-खण्ड आवंटन हेतु क्या नियम, शर्तें एवं निर्देश हैं? नियमों की प्रति सम्पूर्ण जानकारी सहित उपलब्‍ध करावें।

सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्‍य कुमार काश्‍यप ) : (क) श्‍योपुर जिले में सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम विभाग द्वारा औद्योगिक इकाइयों को आवंटित की गई भूमि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। (ख) वर्ष 1998 से वर्तमान में विभाग को कलेक्‍टर, जिला-श्‍योपुर के आदेश दिनांक 30.08.2024 से ग्राम पच्चीपुरा, तहसील-श्‍योपुर की 10.00 हेक्टेयर भूमि तथा आदेश दिनांक 02.11.2022 से ग्राम बगवाज, तहसील-श्‍योपुर की 10.063 हेक्टेयर भूमि विभाग को हस्‍तातंरित की गई है। उक्‍त भूमि किसी भी इकाई को आवंटित नहीं की गई है, अत: शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जिन उद्योगपतियों को भूमि आवंटित की है, उन सभी ने उद्योग स्‍थापित किये हैं। अत: शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) विभागीय नियमों के अनुसार इन क्षेत्रों में भू-आवंटन के समय सभी उद्यमी ऑनलाइन ई-बिडिंग प्रक्रिया में शामिल हो सकते हैं। भू-आवंटन हेतु मध्यप्रदेश एम.एस.एम.ई. को औद्योगिक भूमि तथा भवन आवंटन एवं प्रबंधन नियम 2025 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार है।

पुलिस मुख्‍यालय द्वारा जारी स्‍थानांतरण नीति

[गृह]

49. ( क्र. 695 ) श्री राजेन्‍द्र भारती : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पुलिस मुख्यालय म.प्र. भोपाल द्वारा दिनांक 10/6/2025 एवं 20/6/2025 को जारी स्थानांतरण संबंधी निर्देश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो क्या उक्त निर्देशों के अतिरिक्त विभाग एवं पुलिस मुख्यालय द्वारा स्थानांतरण नीति बनाई गई है? यदि हाँ, तो कृपया स्थानांतरण नीति एवं नियमों की प्रतियां उपलब्ध करायें। (ख) पुलिस मुख्यालय द्वारा दिनांक 10/06/2025 के निर्देशों के परिपालन में चंबल तथा दतिया जिले में दिनांक 10/6/2025 में उल्लेखित बिंदु क्रमांक-1, बिंदु क्रमांक-2, बिंदु क्रमांक-3 एवं बिंदु क्रमांक-4 में कितने-कितने अधिकारी-कर्मचारी पदस्थ थे? कृपया बिंदुवार सूची उपलब्ध कराते हुये बतायें कि उक्त बिंदुवार सूचियों में से कितने कर्मचारियों/अधिकारियों के स्थानंतरण किये गये हैं? कृपया बिंदुवार अलग-अलग सूचियां उपलब्ध करायें। क्या पुलिस मुख्यालय द्वारा पुनः दिनांक 20/6/2025 को स्थानांतरण नीति से छूटे हुये कर्मचारियों/अधिकारियों के स्थांनातरण हेतु निर्देश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो उक्त निर्देशों के परिपालन में कितने कर्मचारी छूट गये थे तथा कितने छूटे हुये कर्मचारियों के ट्रांसफर किये गए हैं? (ग) क्या पुलिस मुख्यालय द्वारा उप-निरीक्षक, निरीक्षक स्तर के कर्मचारियों को जिले से बाहर करने के संबंध में भी इसी प्रकार की स्थानांतरण नीति बनाई गई है? यदि हाँ, तो उक्त निर्देशों के परिपालन में सभी जिलों से जानकारी मांगी गई है। यदि हाँ, तो दतिया जिले में वर्ष 2011 से 2025 तक ऐसे कितने अधिकारी/कर्मचारी हैं जो 3 वर्ष से अधिक वर्षों से पदस्थ हैं तथा उनकी गंभीर शिकायतें पुलिस मुख्यालय में विचारधीन हैं तथा इसके अतिरिक्त ऐसे कितने पुलिस अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ हैं, जिनकी पुलिस मुख्यालय आई.जी./डी.आई.जी. तथा पुलिस अधीक्षक के पास गंभीर शिकायतें की गई हैं? क्या विभाग/पुलिस मुख्यालय पुलिस की कार्यप्रणाली प्रभावी, पारदर्शी एवं जनोन्मुखी तथा निष्पक्षता के मद्देनजर स्थानांतरण करेगा? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित बतायें। यदि हाँ, तो कब तक

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। गृह विभाग एवं पुलिस मुख्यालय द्वारा कोई स्थानांतरण नीति नहीं बनाई गई है। म.प्र. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग, मंत्रालय, भोपाल दिनांक 29 अप्रैल, 2025 द्वारा जारी राज्य एवं जिला स्तर पर अधिकारियों/कर्मचारियों की स्थानांतरण नीति 2025 का अनुपालन किया जाता है, जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है।         (ख) पुलिस मुख्यालय के पत्र दिनांक 10.6.25 में उल्लेखित बिन्दु क्र. 1, बिन्दु क्र. 2 तथा बिन्दु क्र. 3 के अंतर्गत मुरैना, भिण्ड, दतिया एवं श्योपुर जिले में स्थानांतरण किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब एवं '' अनुसार है। शेष जानकारी संकलित की जा रही है। (ग) उप निरीक्षक व निरीक्षक स्तर के अधिकारियों को जिले से बाहर स्थानांतरण के संबंध में पुलिस मुख्यालय के परिपत्र क्र.पुमु/3/कार्मिक/4/1499/2020 दिनांक 10.6.25 प्रचलन में है, जिसकी की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार है। वर्तमान में पुलिस मुख्यालय के निर्देशानुसार स्थानांतरण संबंधी कार्यवाही पूर्ण कराई जा चुकी है। इसके अतिरिक्त पूर्व में विधानसभा निर्वाचन व लोक सभी निर्वाचन के दौरान भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुये 03 वर्ष से अधिक अवधि से एक ही स्थान पर पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों को स्थानांतरण किये जाने की कार्यवाही की गई है। गंभीर शिकायतें प्राप्त होने पर पुलिस की प्रभावी पारदर्शी, जनोन्मुखी एवं निष्पक्ष कार्यप्रणाली के दृष्टिगत नियमानुसार परीक्षणोपरांत स्थानांतरण/प्रशासनिक कार्यवाही सतत रूप से की जाती है। शेषांश प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

रिक्‍त पदों की पूर्ति एवं आंगनवाड़ी केन्‍द्रों का संचालन

[महिला एवं बाल विकास]

50. ( क्र. 696 ) श्री राजेन्‍द्र भारती : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विभाग द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं/सहायिकाओं की भर्ती हेतु विज्ञप्ति जारी की गई है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से जिलों में कितने कितने पद स्वीकृत किये गये है तथा भर्ती संबंधी नियम निर्देश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो अलग-अलग जानकारी उपलब्ध करायें।        (ख) आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं के रिक्त पदों की भर्ती हेतु कितने-कितने आवेदन पत्र अंतिम तिथि तक प्राप्त हुये हैं? कृपया जिलावार विवरण देते हुये दतिया जिला में आवेदकों द्वारा दिये गये आवेदन पत्रों तथा भर्ती प्रक्रिया अंतर्गत निर्धारित मांपदडों अनुसार अंतरिम एवं अंतिम सूची को मेरिट लिस्ट सहित अलग-अलग उपलब्ध करायें। (ग) प्रदेश में कितने शासकीय भवन विहीन होने के कारण निजी भवनों में आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हो रहे हैं तथा उक्त भवनों का प्रतिमाह कितना-कितना किराया विभाग द्वारा भुगतान किया जाता है? कृपया जिलावार अलग-अलग जानकारी देते हुये प्रश्‍नकर्ता द्वारा भी दतिया जिला में नवीन भवन स्वीकृति हेतु मांग की गई है? यदि हाँ, तो भवन कब तक आवंटित किये जायेंगे? कृपया जानकारी प्रदान करें। क्या दतिया शहर में वार्ड 23, लाला के ताल पर आदर्श आंगनवाड़ी केंन्द्र संचालित था? यदि हाँ, तो उक्त भवन को नगर पालिका/पी.डब्लू.डी. विभाग द्वारा नष्ट कर दिया गया है? यदि हाँ, तो उक्त भवन पर कितनी राशि व्यय हुई थी तथा विभाग ने राशि वसूली है तो क्या-क्या कार्यवाही की है?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी हाँ। जिलेवार विज्ञाप्ति पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 पर है एवं भर्ती संबंधी नियम-निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 पर है (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 पर है। नियुक्ति संबंधी कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अत: शेष का प्रश्‍न नहीं। (ग) प्रदेश में संचालित 97, 329 आंगनवाड़ी केंद्रों में से 25, 258 आंगनवाड़ी केंद्र भवन विहीन होने के कारण किराये के भवनों में संचालित किए जा रहे हैं। आगनवाड़ी केन्‍द्रों के भवन किराया निर्धारण संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 पर है। जिलेवार किराये के भवनों में संचालित आंगनवाड़ी केंद्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 पर है। जी हाँ, आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण वित्‍तीय संसाधनों एवं भूमि की उपलब्‍धता पर निर्भर करता है, अत: समय-सीमा देना संभव नहीं है। जी हाँ, भवन निर्माण पर लोक निर्माण विभाग द्वारा राशि रूपये 4.31 लाख व्‍यय की गई थी। भवन नष्‍ट किये जाने एवं राशि वसूली के संबंध में लोक निर्माण विभाग से प्राप्‍त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-6 पर एवं नगर पालिका परिषद् दतिया द्वारा प्राप्‍त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-7 पर है।

राज्य मानव अधिकार आयोग में लंबित शिकायतें

[सामान्य प्रशासन]

51. ( क्र. 715 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍न दिनांक तक राज्य मानव अधिकार आयोग में मानव अधिकारों से संबंधित कुल कितनी शिकायतें लंबित हैं? (ख) आयोग में ग्वालियर एवं चंबल संभाग क्षेत्रांतर्गत की मानव अधिकारों से संबंधित कैलेंडर वर्ष 2019-20 से कैलेंडर वर्ष 2024-25 तक, प्रत्येक कैलेंडर वर्ष में कितनी-कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं? (ग) उपरोक्त प्राप्त शिकायतों में से कितनी शिकायतों को स्वीकार कर जांच की गई और कितने मामलों में जांच वर्तमान में लंबित है? (घ) क्या आयोग में अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति में विलंब के कारण लंबित शिकायतों की संख्या में वृद्धि हुई है? यदि हाँ, तो अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति में विलंब का क्या कारण है? यदि नहीं, तो उचित कारण दें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) कुल 4669 शिकायतें लंबित हैं। (ख) ग्‍वालियर एवं चंबल संभाग में वर्षवार जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट-1 अनुसार है। (ग) चंबल एवं ग्‍वालियर संभाग के वर्ष 2019-20 से 2024-25 तक प्राप्‍त, निराकृत एवं लंबित शिकायतों की जानकारी का विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट-2 अनुसार है। (घ) जी नहीं।

परिशिष्ट - "बारह"

सरकार द्वारा लिये गये ऋण की जानकारी

[वित्त]

52. ( क्र. 718 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश सरकार द्वारा दिनांक 01 जनवरी 2024 से 30 मई 2025 तक की अवधि में कितना ऋण लिया गया है? माहवार जानकारी दी जावे। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संबंध में उक्त अवधि में लिया गया ऋण किन कार्यों एवं योजनाओं में व्यय किया गया? (ग) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित अवधि में लिये गये ऋण से कौन-कौन से निर्माण कार्य प्रारम्भ किये गये हैं, इनमें से कितने कार्य पूर्ण हो चुके हैं एवं अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण हो जायेंगे? (घ) क्या प्रदेश सरकार द्वारा दिसम्‍बर 2023 से अप्रैल 2025 तक राशि न होने के अभाव में कोई योजना बंद की गई है? अगर हाँ तो योजनाओं के नाम सहित जानकारी दी जावे।

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) प्रदेश शासन पर कर्ज की जानकारी भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा तैयार किये वित्‍तीय 31 मार्च 2024 तक की स्थिति में वित्‍त लेखे के Statement No. 17 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। वित्‍तीय वर्ष 2024-25 एवं 2025-26 के वित्‍त लेखे नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा तैयार नहीं किये जाने से 30 मई 2025 तक की अवधि में अंकेक्षित जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। वित्‍तीय वर्ष 2025-26 के बजट साहित्‍य के वित्‍त सचिव के स्‍मृति पत्र के अनुसार राज्‍य सरकार पर कुल ऋण राशि की स्थिति, वित्‍तीय वर्ष 2024-25 का पुर्नरीक्षित अनुमान एवं 2025-26 का बजट अनुमान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ख) उत्‍तरांश (क) अनुसार। (ग) अधोसंरचना/ पूंजीगत कार्य अंतर्गत वित्‍तीय वर्ष 2023-24 में किये गये कार्य एवं अन्‍य व्‍यय की स्थिति वित्‍त लेखे के Statement No.16 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। इन कार्यों के पूर्ण-अपूर्ण की स्थिति विस्‍तृत स्‍वरूप की है। किसी विभाग विशेष की जानकारी, विभाग से प्राप्‍त की जा सकती हैं। वित्‍तीय वर्ष 2024-25 एवं 2025-26 के वित्‍त लेखे नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा तैयार नहीं किये जाने से 30 मई 2025 तक की अवधि में अं‍केक्षित जानकारी दिया जाना संभव नहीं हैं।                           (घ) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा विकास कार्यों हेतु की गई घोषणाएं

[सामान्य प्रशासन]

53. ( क्र. 720 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                          (क) दिनांक 01 जनवरी 2024 से वर्ष मई 2025 के मध्य माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा जिला ग्वालियर में कौन-कौन से विकास कार्यों की घोषणा की गई? विधानसभा क्षेत्रवार एवं दिनांकवार जानकारी दी जावे। (ख) उक्त अवधि में की गई घोषणाओं में से किन-किन कार्यों के लिये राशि का आवंटन किया गया है? कार्यवार आवंटित की गई राशि की जानकारी दी जावे। (ग) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित अवधि में घोषित कार्यों में से किन कार्यों के लिये राशि का आवंटन नहीं किया गया है, तो क्यों और इन कार्यों के लिये राशि का आवंटन कब तक कर दिया जायेगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विभागों में निहित नियमों/प्रावधानों के अंतर्गत घोषणाओं के क्रियान्‍वयन की कार्यवाही की जाती है, जो एक सतत् प्रक्रिया है। अत: समय-सीमा बताई जाता संभव नहीं है।

शराब बिक्री की शिकायत

[वाणिज्यिक कर]

54. ( क्र. 722 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर, भोपाल सहित इंदौर संभाग में इंदौर, खरगोन, खण्डवा एवं बुरहानपुर जिलों में शराब एम.आर.पी. से अधिक मूल्य पर बेची जा रही है? शिकायतों एवं दर्ज प्रकरणवार संख्या बताएं। क्या आबकारी विभाग के अधिकारियों की शराब ठेकेदारों से मिलीभगत होने के कारण प्रशासन द्वारा अन्य विभाग के अधिकारियों से भी शराब एम.आर.पी. से ज्यादा दामों में बेचे जाने की जांच कराई गई थी? जिलों के नाम एवं प्रकरणों की संख्या दें। (ख) क्या इन्दौर जिले में संजय तिवारी उपायुक्त के पूर्व कार्यकाल में इंदौर के सपना एवं पैराडाईज लाइसेंसधारी बार में नकली जहरीली शराब पीकर जुलाई 2021 में अनेकों लोगों की मौत हुई थी? तत्कालीन प्रमुख सचिव दीपाली रस्तोगी द्वारा इनको इंदौर से हटाने की अनुशंसा दिनांक 25.5.2021 को की गई थी तथा धार जिले के कुक्षी में शराब माफिया द्वारा आई.ए.एस. अधिकारी पर हमला 13.9.2022 हुआ था, किंतु उपरोक्त सभी कारणों के बावजूद इस भ्रष्ट अधिकारी को बार-बार इंदौर क्यों पदस्थ किया जाता है? (ग) क्या शासन द्वारा 2 प्रतिशत लायसेंस फीस लेकर शराब दुकानों में शराब पीने की व्यवस्था को समाप्त कर दिया है? इन्दौर सहित मप्र. के अनेक जिलों में आबकारी अधिकारियों द्वारा शराब ठेकेदारों से मिल कर एक प्रतिशत अवैध राशि लेकर शराब दुकानों में अवैध अहातों का संचालन किया जा रहा है तथा फर्जी कार्यवाही की जा रही है?

उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जिला जबलपुर से प्राप्त जानकारी अनुसार जिले के कलेक्टर महोदय की पृथक गठित टीम एवं आबकारी विभाग के द्वारा मदिरा दुकानों की कीमतों की जांच की गई। जांच उपरांत एम.आर.पी. से अधिक मूल्य पर शराब विक्रय किये जाने पर संबंधित अनुज्ञप्तिधारियों के विरूद्ध कुल 52 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये एवं 20411016/- रूपये की शास्ति अधिरोपित की गई है। जिसकी जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। संभाग के शेष जिलों की जानकारी निरंक है। इन्दौर संभाग के अधीन जिलों से प्राप्त जानकारी अनुसार जिला इन्दौर में शराब MRP से अधिक मूल्य पर शराब बेची जाने संबंधी दिनांक 01-04-2025 से 30-06-2025 तक 106 शिकायतें प्राप्त हुई है एवं 18 प्रकरण कायम किये गये हैं। इन्दौर जिले में MRP से अधिक दामों में शराब बेचे जाने के समस्त 18 प्रकरण आबकारी विभाग द्वारा बनाये गये, इनमें 05 प्रकरणों में राजस्व विभाग का सहयोग लिया गया। खरगोन जिले में शराब शासन द्वारा निर्धारित MSP-MRP या इसके मध्य की राशि के मूल्य पर शराब बेची जा रही है। उक्त के संबंध में 41 शिकायतें प्राप्त हुई है एवं 01 प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है। आबकारी विभाग के अधिकारियों की शराब ठेकेदारों से मिलीभगत होने के कारण प्रशासन द्वारा अन्य विभाग के अधिकारियों से भी शराब MRP से ज्यादा दामों में बेचे जाने की जांच खरगोन जिले में नहीं कराई गई है तथा तत्संबंध में दर्ज प्रकरणों की संख्या निरंक है। जिला खण्डवा में माह अप्रैल 2025 से आज दिनांक तक MRP से अधिक मूल्य पर शराब बेचे जाने के संबंध में कुल 29 शिकायतें प्राप्त हुई थीं। जिसकी विधिवत औचक रूप से जांच कराई गई एवं नियमानुसार 05 लायसेंसियों के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं। जिला बुरहानपुर में शराब MRP से अधिक मूल्य पर बेची जाने की शिकायतों पर विभागीय अधिकारियों द्वारा कम्पोजिट मदिरा दुकान पातोण्डा, ईतवारागेट, रेणुकामाता, डोईफोड़िया, नाचनखेडा, स्टेशनरोड़ नेपानगर एवं दहीनाला में शराब MRP से अधिक मूल्य पर शराब बेची जाने के प्रकरण कायम किये गये, इस प्रकार कुल 07 प्रकरण कायम किये गये हैं। आबकारी विभाग के अधिकारियों की शराब ठेकेदारों से मिलीभगत होने संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं होने से जानकारी निरंक है। संभाग भोपाल के अधीनस्‍थ जिलों से प्राप्‍त जानकारी अनुसार जिला राजगढ़ में 08, जिला सीहोर में 08, जिला भोपाल में 297, जिला नर्मदापुरम में 07, जिला हरदा में 35 शिकायतें प्राप्‍त हुई हैं। जिला राजगढ़ में 08, जिला सीहोर में 03, जिला भोपाल में 05, जिला नर्मदापुरम में 03, जिला बैतूल में 02 प्रकरण संभागीय उड़नदस्‍ता, भोपाल द्वारा 07 इस प्रकार कुल 28 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं। संभाग के शेष जिलों की जानकारी निरंक है। (ख) इन्दौर जिले में जुलाई 2021 में सपना बार एवं पैराडाईज बार में 04 लोगों की मौत हुई थी। श्री संजय तिवारी तत्समय जिला इन्दौर में पदस्थ न होकर उपायुक्त आबकारी, संभागीय उड़नदस्ता, संभाग इन्दौर के पद पर पदस्थ थे। स्‍थानांतरण नीति तथा प्रशासकीय कार्य सुविधा की दृष्टि से आबकारी विभाग में अधिकारियों/कर्मचारियों की पदस्‍थापना की जाती है। (ग) जी हाँ। यह कहना सही नहीं होगा कि एक प्रतिशत अवैध राशि लेकर शराब दुकानों में अवैध अहातों का संचालन किया जा रहा है। जिले में अवैध अहातों के संचालन के प्रकरण प्रकाश में नहीं आने से जानकारी निरंक है।

परिशिष्ट - "तेरह"

अवैध शराब विक्रय पर कार्यवाही

[वाणिज्यिक कर]

55. ( क्र. 723 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संपूर्ण मध्यप्रदेश में शराब निर्धारित MRP से अधिक मूल्य पर 1 अप्रैल 25 से आज दिनाँक तक बेची जाने की शिकायतें प्राप्त हुई हैं? उनकी जिलेवार संख्या बताएं। (ख) क्या ओवर रेटिंग में संलिप्त आबकारी विभाग के अधिकारियों एवं उनके द्वारा कार्यवाही नहीं करने के कारण जबलपुर, इंदौर, भोपाल, विदिशा जिलों में कलेक्टर द्वारा दुकानों की जांच अन्य माध्यमों से करायी गयी है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) उक्त चारों में सी.एम. हेल्प लाइन, अन्य माध्यमों से कौन-कौन सी दुकानों पर ओवर रेटिंग की कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं? इनमें से कितनी शिकायतों पर कार्यवाही नहीं की गई एवं क्यों तथा किन-किन शिकायतों पर कार्यवाही की गई है? (घ) क्या उक्त जिलों में MRP से ओवर रेटिंग के प्रकरण में दिखावे की कार्रवाई के लिए छोटी कम लाइसेंस फीस वाली दुकानों के प्रकरण आबकारी विभाग द्वारा पुरानी तारीख में दर्ज किए हैं एवं जो वास्तविक शिकायतें प्राप्त हुईं थीं, उन अधिक मूल्य की दुकानों पर कार्यवाही नहीं कर ठेकेदारों को लाभ पहुंचाया है, क्यों? (ड.) शिवपुरी जिले के विधानसभा क्षेत्र 24 पोहरी के क्षेत्र नरवर में अवैध रूप से संचालित शराब विक्रय के संबंध में पत्र क्रमांक/2025/1105 दिनांक 18/06/2025 से कार्यवाही हेतु लेख किया गया था लेकिन आज दिनांक कोई कार्यवाही नहीं की गई, तो क्यों? कब तक कार्यवाही की जायेगी।

उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु सामग्री का क्रय

[महिला एवं बाल विकास]

56. ( क्र. 729 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2023-24 से वर्ष 2025-26 तक प्रदेश में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में सामग्री क्रय हेतु कितनी-कितनी राशि प्रावधानित की गई थी? वर्षवार, मदवार जानकारी दें।                      (ख) प्रश्‍नांकित वर्षों में कितनी-कितनी राशि किस-किस सामग्री के क्रय पर व्यय की गई? मदवार, सामग्रीवार, वर्षवार ब्यौरा दें। (ग) प्रश्‍नांकित वर्षों में क्रय की गई सामग्री में से भितरवार विधानसभा क्षेत्र में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में कितनी-कितनी राशि की कौन-कौन सी सामग्री क्रय कर उपलब्ध कराई गई? वर्षवार, सामग्रीवार, आंगनवाड़ी केन्द्रवार जानकारी दें। (घ) प्रश्‍नांकित वर्षों में प्रश्‍नांश (ख) में सामग्री क्रय हेतु क्या नियम प्रक्रिया अपनाई गई? किस-किस फर्म से कितनी-कितनी राशि की सामग्री क्रय की गई? वर्षवार, फर्मवार, सामग्रीवार विवरण दें। क्या क्रय नियमानुसार किया गया है?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) वर्ष 2023-24 से वर्ष 2025-26 तक प्रदेश में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में सामग्री क्रय हेतु प्रावधानित राशि की जानकारी वर्षवार, मदवार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-पर है। (ख) उल्‍लेखित सामग्रीवार व्‍यय की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 पर है। (ग) प्रश्‍नांकित वर्षों में भितरवार विधानसभा क्षेत्र में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिए आंगनवाड़ीवार क्रय की गई सामग्री की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 पर है। सामग्रीवार राशि दर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 पर है। (घ) सामग्री का क्रय भंडार क्रय तथा सेवा उपार्जन नियम 2015 (यथा संशोधित 2022) अंतर्गत GEM Portal के माध्यम से किया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 पर है। जी हाँ।

जिला ग्वालियर में वर्षा पूर्व रेत का भण्डारण

[खनिज साधन]

57. ( क्र. 731 ) श्री सुरेश राजे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला ग्वालियर अंतर्गत वर्ष 2021-22 से 2025-26 में वर्षा पूर्व किस-किस स्थान पर किस-किस व्यक्ति/फर्म को कितनी-कितनी मात्रा में रेत का भण्डार करने की अनुमति दी गई? इन भण्डारण से वर्षवार कितनी-कितनी आय प्राप्त हुई? पूर्ण जानकारी देवें। (ख) वर्षा पूर्व रेत भण्डारण करने तथा भण्डारण करने के नियम/आदेश की सत्यापित प्रति उपलब्ध करावें एवं जिला ग्वालियर अंतर्गत वर्ष 2025 में प्रश्‍न दिनांक तक किस-किस स्थान पर किस व्यक्ति/फर्म को कितनी घन फुट में रेत का भण्डारण करने की अनुमति कब से कब तक के लिए दी गई? स्वीकृत आदेशों की प्रति उपलब्ध करवाएं। (ग) क्या नदी/नालों में पनडुब्बी डालकर रेत का उत्खनन किया जा सकता है? यदि हाँ, तो नियम/आदेश की प्रति उपलब्ध करवाएं। यदि नहीं, तो जिले में 2021-22 से 2025-26 तक नदियों में पनडुब्बी डालकर रेत उत्खनन करने वालों के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई? वर्षवार बतावें।                         (घ) डबरा विधानसभा के पिछोर से डबरा मुख्य मार्ग पर क्या ट्रेक्टर-ट्रॉली एवं डंपर से ओवरलोड मात्रा में रात्रि 08 बजे के बाद रेत भरकर ले जाने की अनुमति विभाग द्वारा दी गई है? यदि नहीं, तो प्रतिदिन चल रहे रेत से भरे ओवरलोड वाहनों पर कब-तक कार्यवाही की जाएगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जिला ग्वालियर अंतर्गत वर्ष 2021-22 से 2025-26 तक विभिन्न व्यक्ति/फर्म को स्वीकृत रेत भण्डारण अनुज्ञप्तियों का विवरण पुस्तकालय में रखे                                  परिशिष्ट-अ में दर्शित है। नियमान्तर्गत प्रावधान न होने से भण्डारण से शासन को आय प्राप्त नहीं होती है। अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) रेत भण्डारण करने के संबंध में मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण एवं व्यापार) नियम, 2019 एवं म.प्र. खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भण्डारण का निवारण) नियम, 2022 के तहत प्रावधान अधिसूचित हैं। जिला ग्वालियर अंतर्गत वर्ष 2025 से रेत भण्डारण करने के संबंध में जानकारी स्वीकृति आदेश की प्रति सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब पर दर्शित है। (ग) जी नहीं। अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। वर्ष 2021-22 से वर्ष 2025-26 तक नदियों में पनडुब्बी डालकर रेत उत्खनन करने वालों के विरुद्ध की गयी कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स पर दर्शित है। (घ) जी नहीं। डबरा विधानसभा के पिछोर से डबरा मुख्य मार्ग पर ट्रैक्टर-ट्रॉली एवं डंपर से ओवरलोड मात्रा में रात्रि 08 बजे के बाद रेत भरकर ले जाने की कोई अनुमति विभाग द्वारा जारी नहीं की गई है, प्रश्‍नाधीन मार्ग पर चल रहे ओवरलोड/अवैध परिवहन वाहनों पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है, की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द पर दर्शित है।

केन्द्र सरकार से योजनाओं हेतु बजट का आवंटन

[वित्त]

58. ( क्र. 743 ) श्री संजय उइके : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पिछले वित्तीय वर्ष में कई विभागों की विभिन्न योजनाओं के लिए बजट में प्रावधान होने के बाद भी केन्‍द्र सरकार द्वारा राशि जारी नहीं की गई? (ख) यदि हाँ, तो ऐसे कौन-कौन से विभाग हैं जिनकी योजनाओं के लिए केन्द्र से तय बजट से कम राशि मिली है? (ग) उपरोक्त में से किस विभाग को कितनी राशि मिलना चाहिए थी और कितनी राशि मिली है? (घ) विभिन्न योजनाओं के लिए बजट में प्रावधान होने के बाद भी केन्द्र सरकार द्वारा राशि जारी नहीं किये जाने का क्या कारण है?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) केन्‍द्र शासन के बजट में राज्‍यवार बजट का प्रावधान नहीं होता है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) से (घ) उत्‍तरांश "क" के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

मध्य‍प्रदेश राज्य मानव अधिकार आयोग में लंबित शिकायतें

[सामान्य प्रशासन]

59. ( क्र. 744 ) श्री संजय उइके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                           (क) मध्य‍प्रदेश राज्य मानव अधिकार आयोग में प्रश्‍न दिनांक तक मानव अधिकार से जुड़ी कुल कितनी शिकायतें लंबित हैं? (ख) वित्तीय वर्ष 2019-20 से वित्तीय वर्ष 2024-25 तक अलग-अलग वर्षों में आयोग मानव अधिकार से जुड़ी कितनी-कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं? (ग) उपरोक्त अलग-अलग वर्षों में कितनी-कितनी शिकायतों को स्वीकार करके जांच की गई तथा कितने मामलों में जांच लम्बित रही? (घ) क्या आयोग में अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति में विलम्ब के कारण लंबित शिकायतों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है? यदि हाँ, तो अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति में विलम्ब का क्या कारण है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) दिनांक 30/06/2025 की स्थिति में 4669 शिकायतें लंबित हैं। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है(घ) जी नहीं।

परिशिष्ट - "चौदह"

प्रोटोकॉल का उल्लघंन करने वालों पर कार्यवाही

[सामान्य प्रशासन]

60. ( क्र. 748 ) श्रीमती अनुभा मुंजारे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                          (क) बालाघाट जिले के समस्त विभागों में जनवरी 2024 से प्रश्‍न दिनांक तक प्रश्‍नकर्ता द्वारा                किस-किस अधिकारी/कर्मचारी को कितने पत्र किस बाबत् लिखे गए तथा अधिकारी, कर्मचारियों द्वारा एक निश्चित समय अवधि में पत्रों का जवाब दिया गया? यदि हाँ, तो बताएं कि कौन-कौन से पत्रों पर क्या-क्या कार्रवाई की गई? (ख) क्या शासन द्वारा स्वीकृति के पश्‍चात कई निर्माण कार्यों में एवं सामूहिक कार्यक्रमों में स्थानीय विधायक को आमंत्रित किया जाना आवश्यक है? समस्त बालाघाट जिले में कौन-कौन से विभागों में विगत एक वर्ष में कौन-कौन से भूमि पूजन एवं लोकार्पण कार्यक्रम कराए गए? प्रत्येक कार्यक्रमों के आमंत्रण पत्र सहित शिलालेख की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या कई अधिकारियों द्वारा प्रोटोकॉल का जानबूझकर उल्लंघन किया गया एवं असंवैधानिक पद पर बने हुए व्यक्तियों को आमंत्रित कर आमंत्रण कार्ड में तथा शिलालेख पर उनके नाम अंकित किए गए? इसके लिए कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी है? क्या उन पर कार्रवाई की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या किसी भी सामूहिक कार्यक्रम की तीन दिवस के पूर्व स्थानीय जनप्रतिनिधि को सूचना देना आवश्यक है? यदि हाँ, तो बताएं कि कौन-कौन से कार्यक्रम में प्रश्‍नकर्ता को किस-किस दिनांक को सूचना दी गई और कौन-कौन सी दिनांक को कार्यक्रम संपन्न हुए? बताइये।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है।                                    (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है(ग) जी नहीं। प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) सामान्‍य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 19-76/2007/1/4, दिनांक 22/03/2011 अनुसार माननीय संसद सदस्‍यों/विधायकों को शासकीय कार्यक्रमों में आमंत्रित किये जाने के निर्देश है। कलेक्‍टर, बालाघाट अनुसार सत्कार शाखा बालाघाट द्वारा प्रत्‍येक शासकीय कार्यक्रम की सूचना स्थानीय माननीय सांसद/विधायक को कार्यक्रम पूर्व दी जाती है। अतिथियों यथा माननीय केन्द्रीय मंत्रीगण एवं प्रोटोकॉल अनुसार अन्य गणमान्य के आगमन एवं विस्तृत भ्रमण कार्यक्रम की सूचना विशेष वाहक के हस्ते प्रेषित की जाती है तथा यदि कोई जनसभा या बैठक आयोजित होती है तो उसकी जानकारी पृथक से सत्कार शाखा द्वारा माननीय विधायक महोदय को प्रेषित की जाती है।

पदोन्नति में आरक्षण का प्रावधान

[सामान्य प्रशासन]

61. ( क्र. 750 ) श्री सुनील उईके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या कांग्रेस सरकार ने वर्ष 2002 में मध्यप्रदेश लोक सेवा (पदोन्नति) नियम 2002 बनाए गए थे, जिसके अनुसार कांग्रेस सरकार ने पदोन्नति में कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण का प्रावधान किया था? (ख) उक्त मध्यप्रदेश लोक सेवा पदोन्नति नियम 2002 के परिपालन को लेकर कब और किस न्यायालय द्वारा रोक लगाई गई थी? यदि नहीं, तो आखिर क्यों राज्य सरकार ने इतने लंबे समय तक उक्त कानून के अनुसार शासकीय सेवकों को पदोन्नति में आरक्षण का लाभ नहीं दिया गया? (ग) क्‍या पिछले 9 वर्षों से शासकीय सेवकों की पदोन्नति नहीं की जा सकी है तो कितने अधिकारी, कर्मचारी बिना पदोन्नति के रिटायर हो चुके हैं? श्रेणीवार जानकारी उपलब्‍ध कराने का कष्‍ट करें। (घ) यदि मध्यप्रदेश सरकार के द्वारा पदोन्नति में आरक्षण को लेकर कभी कोई रोक लगाई जाने के संबंध में आदेश-निर्देश जारी किए गए हैं तो उसकी प्रति भी उपलब्ध कराने का कष्ट करेंगे?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) सामान्‍य प्रशासन विभाग, मध्‍यप्रदेश शासन द्वारा पदोन्‍नति नियम, 2002 अधिसूचित किये गये थे, जिसमें अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण के प्रावधान समाहित थे। (ख) म.प्र. लोक सेवा (पदोन्‍नति) नियम, 2002 को माननीय उच्‍च न्‍यायालय जबलपुर द्वारा पारित निर्णय दिनांक 30.04.2016 एवं एस.एल.पी. क्रमांक 13954/2016 में माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय द्वारा पारित अंतरिम आदेश दिनांक 12.05.2016 द्वारा यथास्थिति बनाये रखने से पदोन्‍नति की प्रक्रिया बाधित थी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।                                  (ग) माननीय उच्‍च न्‍यायालय के आदेश दिनांक 30.04.2016 एवं माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय द्वारा पारित अंतरिम आदेश दिनांक 12.05.2016 के परिप्रेक्ष्‍य में यह निर्धारित नहीं किया जा सकता कि प्रवर्गवार कितने अधिकारी, कर्मचारी पदोन्‍नति हेतु पात्र हैं। माननीय न्‍यायालय के अंतिम निराकरण के पश्‍चात ही प्रर्वगवार स्थिति स्‍पष्‍ट हो सकेगी। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं।

पुलिस विभाग में स्वीकृत व रिक्त पदों की जानकारी

[गृह]

62. ( क्र. 755 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                               (क) हरदा जिले में कुल स्वीकृत पुलिस बल कितना है व कितने पद रिक्त हैं? रिक्त पदों की पूर्ती कब तक की जावेगी? (ख) मध्यप्रदेश में पुलिस विभाग अंतर्गत नगर निरीक्षक/उप-निरीक्षक/सहायक उप-निरीक्षक/प्रधान आरक्षक/आरक्षक सहित अन्य कितने पद कहाँ-कहाँ पर रिक्त हैं एवं रिक्त पदों को भरने के लिए सरकार द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) मध्यप्रदेश में बढ़ते अपराध को कम करने व राज्य में कानून व्यवस्था को बनाये रखने के लिए तथा पुलिस की कार्य प्रणाली में सुधार, दक्षता बढ़ाने, भ्रष्टाचार कम करने, पुलिस आधुनिकीकरण, प्रशिक्षण एवं पुलिस संसाधनों को बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा क्या कार्यवाही विगत 05 वर्षों में की गई है और वर्तमान में क्या कार्यवाही प्रचलन में है? (घ) महिलाओं व बच्चों के साथ होने वाले अपराधों व वर्तमान में अधिक तेजी से बढ़ रहे सायबर‌ अपराधों की रोकथाम के लिए पुलिस विभाग एवं सरकार द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है।                                   (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब एवं '' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ई अनुसार है।

न्‍यायालयों में रिक्‍त पदों की पूर्ति

[विधि एवं विधायी कार्य]

63. ( क्र. 759 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                             (क) मध्यप्रदेश में कितने न्यायालयों में वर्ष 2018 से प्रश्‍नांकित अवधि तक महाधिवक्ता, अतिरिक्त महाधिवक्ता, डिप्टी एडवोकेट जनरल, शासकीय अधिवक्ता, अतिरिक्त शासकीय अधिवक्ता नियुक्त हैं तथा कितने न्यायालय में नियुक्त नहीं हैं? न्यायालयवार नियुक्ति सहित तथा रिक्त पद की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में महाधिवक्ता, अतिरिक्त महाधिवक्ता, डिप्टी एडवोकेट जनरल, शासकीय अधिवक्ता, अतिरिक्त शासकीय अधिवक्ता के मध्यप्रदेश में कितने पद रिक्त हैं? न्यायालयवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में क्या प्रश्‍नकर्ता द्वारा अतिरिक्त सत्र न्यायालय सिरोंज, जिला विदिशा में अपर लोक अभियोजक एवं अतिरिक्त शासकीय अधिवक्ता के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु मुख्यमंत्री महोदय, विधि मंत्री महोदय, प्रमुख सचिव विधि एवं विधायी कार्य विभाग सहित अन्य अधिकारियों को पत्र प्राप्त हुआ था? यदि हाँ, तो उक्त पत्र पर क्या कार्यवाही की गई? शासकीय अधिकारियों द्वारा कृत कार्यवाही से प्रश्‍नकर्ता को कब-कब अवगत कराया गया? पत्र की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) के संदर्भ में अतिरिक्त सत्र न्यायालय सिरोंज, जिला विदिशा में अपर लोक अभियोजन का पद कब से रिक्त है? था उक्त पद की पूर्ति हेतु क्या-क्या कार्यवाहियां की गई? छायाप्रति उपलब्ध करावें। लगभग 2 वर्ष बीत जाने के बाद भी शास. अपर लोक अभियोजक एवं शासकीय अधिवक्ता की नियुक्ति न होने के लिए दोषी कौन है? इस हेतु क्या कार्यवाही की जावेगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

भवन विहीन आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण

[महिला एवं बाल विकास]

64. ( क्र. 762 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) खुरई विधानसभा क्षेत्रांतर्गत भवन विहीन, शासकीय भवनों एवं किराये के भवनों में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों का ब्यौरा क्या है? विकासखंडवार बतायें। (ख) प्रश्‍नांश '''' अनुसार भवन विहिन कितने आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन वित्तीय वर्ष 2025-26 में स्वीकृत हुये? जानकादी दें।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) खुरई विधानसभा क्षेत्रांतर्गत विकासखंड खुरई में कुल 128 आंगनवाड़ी केन्‍द्र संचालित हैं। जिनमें से 64 आंगनवाड़ी केन्‍द्र विभागीय शासकीय भवन, 45 अन्‍य शासकीय भवन तथा 19 किराये के भवनों में संचालित हैं। विकासखंड मालथौन में कुल 197 आंगनवाड़ी केन्‍द्र संचालित हैं जिनमें से 87 आंगनवाड़ी केन्‍द्र विभागीय, 57 आंगनवाड़ी केन्‍द्र अन्‍य शासकीय भवन तथा 53 किराये के भवनों में संचालित है। (ख) खुरई विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2025-26 में आंगनवाड़ी भवन स्वीकृत नहीं हुये हैं।

आंगनवाड़ी परियोजनाओं एवं केन्द्रों में रिक्त पदों की पूर्ति

[महिला एवं बाल विकास]

65. ( क्र. 763 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) खुरई विधानसभा क्षेत्रांतर्गत खुरई एवं मालथौन परियोजनाओं में किस-किस श्रेणी के कितने-कितने पद वर्तमान में रिक्त हैं? इन पदों की पूर्ति कब तक कर ली जावेगी? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार खुरई एवं मालथौन विकासखंड में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं के कुल                     कितने-कितने पद रिक्त हैं? कब तक चयन प्रक्रिया पूर्ण कर ली जावेगी?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। पदों की पूर्ति एवं रिक्ति एक निरन्तर प्रक्रिया है, समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।                                   (ख) खुरई विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के 12 पद तथा सहायिका के 65 पद रिक्त हैं। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता तथा सहायिका के रिक्त पदों पर भर्ती की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।                                समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "पंद्रह"

शासकीय सेवकों को पदोन्नति का लाभ

[सामान्य प्रशासन]

66. ( क्र. 767 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के शासकीय सेवकों को पदोन्नति दिए जाने के संबंध में मध्यप्रदेश लोक सेवा पदोन्नति नियम 2025 दिनांक 19 जून 2025 को शासन द्वारा अधिसूचना जारी की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या जो शासकीय सेवक वर्ष 2016 से बिना पदोन्नति के सेवानिवृत हो गए हैं अथवा जिनके पास उच्च पद का प्रभार है? क्या भूतलक्षी प्रभाव से पदोन्नति/उच्च पद प्रभार का लाभ पदोन्नति के माध्यम से देने के संबंध में शासन कोई निर्णय लेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित नियम माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय में लंबित विशेष अनुमति याचिका क्रमांक 13954/2016 के अध्‍यधीन है। माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय के अंतिम निराकरण के पश्‍चात स्थिति स्‍पष्‍ट होने पर प्रश्‍नाधीन बिन्‍दुओं पर निर्णय लिया जा सकेगा। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

बच्चों की गुमशुदगी के दर्ज प्रकरण

[गृह]

67. ( क्र. 773 ) श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्ष 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक बेटियां और बच्चे लापता हुए हैं? अगर हाँ तो क्या इनकी गुमशुदगी शत्-प्रतिशत दर्ज की जा रही है? अगर हाँ तो जिलेवार, थाने के नाम सहित विवरण दें। (ख) वर्ष 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक प्रदेश में लापता हुए बेटे-बेटियों में कितने बेटे और बेटियों को उनके परिजनों को सुपुर्द किया गया और कितने शेष हैं? विवरण।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

राज्‍य महिला आयोग में रिक्त पदों पर नियुक्ति

[महिला एवं बाल विकास]

68. ( क्र. 774 ) श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश राज्य महिला आयोग में अध्यक्ष तथा सदस्यों के पद रिक्त हैं? अगर हाँ तो कौन-कौन से और पद कब से रिक्‍त हैं? (ख) आयोग में वर्ष 2020-21 से प्रश्‍न दिनांक तक कितनी शिकायतें और आवेदन प्राप्त हुए हैं? उन पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या राज्य महिला आयोग में अध्यक्ष तथा सदस्यों के पद रिक्त होने के कारण आयोग में अपनी शिकायत लेकर जाने वाली पीड़ित महिलाओं की सुनवाई पूरी तरह बंद है? यदि हाँ, तो कब तक इस आयोग में रिक्त पदों पर नियुक्ति की जायेगी?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी हाँ, अध्यक्ष तथा सदस्यों के पद दिनांक 24 मार्च, 2020 से रिक्त है। (ख) आयोग में वर्ष 2020-21 से प्रश्‍न दिनांक तक 18667 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, प्राप्‍त पत्रों को संबंधित अधिकारियों को आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित किया गया। (ग) जी हाँ, आयोग में आने वाली महिलाओं की शिकायत को आवश्यक कार्यवाही हेतु संबंधित अधिकारियों को प्रेषित किया जा रहा है। आयोग के अध्‍यक्ष एवं सदस्‍यों के संबंधित नियुक्ति प्रकरण माननीय उच्‍च न्‍यायालय जबलपुर में लंबित है। अत: रिक्‍त पदों पर नियुक्ति की निश्चित तिथि बताना संभव नहीं है।

मध्यप्रदेश में लागू स्टाम्प शुल्क सारणी के अनुच्छेद-25 का स्‍पष्‍टीकरण

[वाणिज्यिक कर]

69. ( क्र. 781 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनुच्छेद-25 के संबंध में मध्यप्रदेश में लागू स्टाम्प शुल्क सारणी के अनुच्छेद-25 के स्पष्टीकरण-एक के अनुसार केंद्र शासन एवं राज्य शासन के द्वारा निष्पादित किए जाने वाले हस्तांतरण पत्रों में दर्शित सम्पत्ति का बाजार मूल्य वही मान्य किया जाता है, जो उन दस्तावेजों में दर्शाया गया हो? (ख) महानिरीक्षक पंजीयन एवं अधीक्षक मुद्रांक, मध्यप्रदेश द्वारा परिपत्र क्रमांक 109/तकनीकी/2024 दिनांक 09.01.2024 जारी कर उक्त विधिक प्रावधानों के विरूद्ध गाइड-लाइन मूल्य से अधिक मूल्य पर स्टाम्प शुल्क पर 4 प्रतिशत एवं तदानुसार उपकर पर छूट दिये जाने हेतु निर्देश जारी किये गये? (ग) राज्य सरकार द्वारा आदेश दिनांक 20 फरवरी 2025 द्वारा महानिरीक्षक पंजीयन के परिपत्र को शून्य घोषित किया गया है। यदि हाँ, तो महानिरीक्षक पंजीयन द्वारा जारी विधि विरूद्ध परिपत्र के कारण शासन को कितने राजस्व की क्षति हुई? (घ) राजस्व क्षति पहुंचाने के लिये परिपत्र जारी करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध शासन ने क्या कार्यवाही की? यदि नहीं, तो कब तक की जायेगी? (ड.) क्या उक्त अधिकारियों के वेतन से राजस्व हानि की भरपाई की जायेगी?

उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी, हाँ। (ख) महानिरीक्षक पंजीयन एवं अधीक्षक मुद्रांक, मध्यप्रदेश के परिपत्र क्रमांक 109/तकनीकी/2024 दिनांक 09.01.2024 द्वारा भारतीय स्टाम्‍प अधिनियम, 1899 के अंतर्गत मुद्रांक अनुसूची 1-क के अनुच्छेद 25 एवं राज्य शासन की अधिसूचना क्रमांक एफ-बी-04-04-2019-2-पांच (14) दिनांक 29-06-2019 एवं अधिसूचना क्रमांक एफ-बी-04-03-2019-2-पांच (09) दिनांक 29-06-2019 के प्रावधान वर्णित करते हुए विधिक प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए नियमानुसार कार्यवाही के निर्देश दिए गए थे। (ग) जी हाँ। शुल्‍क की देयता के संबंध में अधिनियम एवं अधिसूचनाओं के प्रावधान स्‍वयं में स्‍पष्‍ट होने के कारण आवश्‍यकता नहीं होने से परिपत्र शून्‍य घोषित किया गया है। परिपत्र के आधार पर अधिक शुल्‍क संगणित होने के एक प्रकरण में मामला माननीय उच्‍च न्‍यायालय मध्‍यप्रदेश जबलपुर में विचाराधीन है। परिपत्र दिनांक 09-01-2024 के पश्‍चात पंजीबद्ध तत्‍संबंधी दस्‍तावेजों की जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) एवं (ड.) उत्‍तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

लाड़ली बहना योजनांतर्गत हितग्राहियों को भुगतान

[महिला एवं बाल विकास]

70. ( क्र. 784 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) लाड़ली बहना योजना के हितग्राही एवं भुगतान की राशि जून 2023 से जून 2025 तक धार जिले की माहवार बताएं‌। वर्ष 2021 से जून 2025 तक धार जिले के हितग्राहियों की संख्या माहवार बताएं। (ख) क्या शासन लाड़ली बहना योजना में नया पंजीयन प्रारंभ करेगा? हितग्राही को दी जाने वाली राशि रू. 1250 में रू. 250 की प्रति तीन/छ:‌ माह‌ में वृद्धि करेगा? न्यूनतम उम्र 21 वर्ष से घटकर 18 वर्ष करेगा? उम्र की अधिकतम सीमा 60 वर्ष को बढ़ाकर जीवन पर्यंत करेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) सतत प्रवृत्ति की इस योजना में पंजीयन रोके जाने का, चरणबद्ध पंजीयन किए जाने का, नाम काटे जाने का उल्लेख किस आदेश/परिपत्र में किया गया है? उसकी प्रति देवें। क्या सतत प्रवृत्ति की 30 से अधिक योजनाओं में पंजीयन की प्रक्रिया निरंतर चालू रहती है? (घ) लाड़ली बहना योजना में अगस्त 2023 से पंजीयन बंद करने के बाद से महिला सशक्तिकरण में क्या परिणाम प्राप्त हुए? इसका परीक्षण प्रत्येक 6 माह में किए जाने के उल्लेख के बाद भी अभी तक क्यों नहीं किया गया?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-01 पर है। (ख) वर्तमान में कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं है। जी नहीं। जी नहीं। जी नहीं। योजना में प्रावधान नहीं है। (ग) आवेदन प्रक्रिया सम्‍बंधी निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -02 एवं 03 पर है तथा पंजीकृत पात्र हितग्राही के आगामी समय में योजना अन्‍तर्गत अपात्र होने की स्थिति में की जाने वाली कार्यवाही सम्‍बंधी निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-04 पर है। शासन की कई योजनाओं में ऐसा प्रावधान है। (घ) प्रत्‍येक 06 माह में योजना में परीक्षण/मूल्‍यांकन करने सम्‍बंधी निर्देश नहीं हैं। योजना के प्रावधान अनुसार मूल्‍यांकन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।

नागदा में नवीन न्यायालय भवन का निर्माण

[विधि एवं विधायी कार्य]

71. ( क्र. 786 ) डॉ. तेजबहादुर सिंह चौहान : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि नागदा नगर में नवीन न्यायालय भवन की निर्माण की आवश्यकता है। वर्षों से मांग लंबित है। इसके निर्माण की दिशा में शासन क्या कार्यवाही कर रहा है? कब तक न्यायालय निर्माण की कार्यवाही प्रारंभ हो सकेगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : वित्‍तीय वर्ष 2023-24 में विभागीय सूचकांक के अनुसार आवंटित राशि के विरूद्ध अप्रैल, 2023 से आज दिनांक तक मध्‍यप्रदेश के जिला न्‍यायालयों/अधीनस्‍थ न्‍यायालयों के विभिन्‍न नवीन/पुनरीक्षित निर्माण कार्यों की स्‍वीकृतियां जारी की जा चुकी हैं, ऐसी स्थिति में विभागीय सूचकांक लगभग पूर्ण हो चुका है। अत: सूचकांक के अभाव में वर्तमान में विचाराधीन प्रस्‍तावों में से स्‍वीकृतियां जारी किया जाना सम्‍भव नहीं हो पा रहा है और अनेक प्रस्‍ताव स्‍वीकृति हेतु विचाराधीन है, जिनमें विषयांकित प्रस्‍ताव भी सम्मिलित है। सूचकांक उपलब्‍ध होने पर विचाराधीन प्रस्‍ताव को सक्षम वित्‍तीय समिति की बैठक में विचार हेतु रखा जा सकेगा।

आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु भवन का निर्माण

[महिला एवं बाल विकास]

72. ( क्र. 794 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सैलाना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक कुल कितने आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है और आंगनवाड़ी केंद्र वर्षों से किराए के भवनों में संचालित हो रहे हैं तथा कई केंद्रों के भवन जर्जर स्थिति में हैं? उनके नाम व ग्रामवार जानकारी उपलब्ध करावें।                              (ख) सैलाना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कौन-कौन से स्थान हैं जहां पर जनसंख्या अनुसार आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत किये जा सकते हैं? (ग) सैलाना विधानसभा क्षेत्र में विगत वर्षों में कब-कब कितने-कितने आंगनवाड़ी केन्द्र हेतु नवीन भवन स्वीकृत किए गए तथा आंगनवाड़ी केन्द्रों में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र शासकीय भवन-विहीन हैं? (घ) जिन आंगनवाड़ी केन्द्रों के स्वयं के भवन नहीं हैं या भवन जर्जर हैं, क्या उनके लिये भवनों की स्वीकृति प्रदान की जावेगी? यदि हाँ, तो यह भी बतावें कि‍ स्वीकृति कितने भवनों के लिये कब तक प्रदान की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) सैलाना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक कुल 714 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं जिनमें से 241 आंगनवाड़ी केन्‍द्र किराये के भवनों में संचालित हैं। जी हाँ। जर्जर भवनों की नामवार, ग्रामवार जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट-1 अनुसार है। (ख) सैलाना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जनसंख्या अनुसार आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत किये जाने संबंधी जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट-2 अनुसार है। (ग) सैलाना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विगत वर्षों में आंगनवाड़ी केन्द्र हेतु स्वीकृत नवीन भवनों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट-3 अनुसार है। कुल 371 आंगनवाड़ी केन्‍द्र विभागीय भवन विहीन है। (घ) जी हाँ। आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये भवन निर्माण शासकीय भूमि एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है। अत: भवनों की संख्‍या एवं समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "सोलह"

उद्योग समिट/कॉन्‍क्‍लेव में औद्योगिक निवेश

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

73. ( क्र. 797 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. में निरंतर नवीन उद्योग धंधे प्रारंभ किए जाने हेतु औद्योगिक संवर्धन को लेकर राज्य स्तरीय एवं रीजनल समिट के साथ ही स्थानीय उद्योग समिट भी निवेशकों को आमंत्रित कर रही है?                              (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2022-23 से लेकर प्रश्‍न दिनांक तक किन-किन स्थानों पर उद्योग समिट/कॉन्क्लेव आयोजित किए गए? उनमें कितने निवेशकों से कितनी-कितनी राशि के प्रस्ताव प्राप्त होकर एम.ओ.यू. किए गए? (ग) रतलाम जिला अंतर्गत जावरा नगर में बहुउत्पाद औद्योगिक निवेश क्षेत्र घोषित होकर 212 निवेशकों ने आमंत्रण में भाग लिया किंतु वर्तमान में मात्र 9 निवेशक ही शेष रहे तो किन कारणों से इतने अधिक निवेशकों ने अपने आवेदन/प्रस्ताव वापस लिए?                                                       (घ) शेष बचे 9 निवेशकों से प्रस्तावित कार्य प्रारंभ किए जाने की कार्यवाही कब तक पूरी कर ली जाएगी तथा अन्य निवेशकों को पुनः आमंत्रित किए जाने हेतु कब तक पुनः कार्यवाही प्रारम्भ होगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्ष 2022-23 से प्रश्‍न दिनांक तक आयोजित किए गए उद्योग समिट/कॉन्क्लेव का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है एवं उक्‍त आयोजनों में प्राप्‍त निवेश प्रस्‍तावों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्‍साहन विभाग द्वारा निवेशकों से निवेश हेतु कोई एम.ओ.यू. निष्‍पादित नहीं किये जाने से जानकारी निरंक है। तथापि प्रदेश में निवेश एवं निर्यात प्रोत्‍साहन हेतु किए गए एम.ओ.यू. की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (ग) रतलाम जिला अंतर्गत जावरा नगर में बहुउत्पाद औद्योगिक निवेश क्षेत्र घोषित होकर 212 निवेशकों ने आमंत्रण में ऑनलाइन भाग लिया जिसमें 203 निवेशकों द्वारा ऑनलाइन प्रक्रिया के अंतर्गत आशय पत्र (एल.ओ.आई.) राशि जमा नहीं करने से आवेदन निरस्‍त हुए। (घ) शेष बचे 9 निवेशकों में से 2 निवेशकों द्वारा भू-खण्ड परिवर्तन हेतु आवेदन किया है। शेष निवेशकों द्वारा सर्वे कार्य पूर्ण हो चुका है। इच्‍छुक अन्‍य निवेशकों द्वारा विभाग के पोर्टल पर भू-खण्ड आवंटन हेतु ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। उक्‍त भूखण्‍डों के आवंटन हेतु दिनांक 25.06.2025 को निविदा जारी की जा चुकी है।

नवीन निवेशकों को भूमि एवं प्‍लाट का आवंटन

[सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम]

74. ( क्र. 799 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों को संवर्धित किए जाने हेतु अनेक प्रकार से कार्य किया जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो जावरा तहसील व पिपलोदा तहसील अंतर्गत किन-किन स्थानों पर शासन/विभाग की कितनी-कितनी भूमि होकर उन पर कितने उद्योग धंधे कार्यरत हैं, कितने बंद पड़े हैं, कितने अप्रारंभ हैं तथा रिक्त कितनी शेष भूमि है जो नवीन निवेशकों को आवंटन योग्य है? (ग) औद्योगिक क्षेत्र में वर्ष 2021-22 से लेकर प्रश्‍न दिनांक तक क्या-क्या नवीन निर्माण कार्य हुए? साथ ही कितने नवीन उद्योग धंधे प्रारंभ हुए तथा जो बंद पड़े होकर वीरान पड़े हैं वह किस वर्ष से किन कारणों से? (घ) शासन/विभाग अंतर्गत आने वाली शेष रिक्त भूमि एवं प्लाट इत्यादि नवीन निवेशकों को कब एवं किस प्रक्रिया के माध्यम से आवंटित किए जाएंगे?

सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्‍य कुमार काश्‍यप ) : (क) जी हाँ। (ख) सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम विभाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के अधीन जावरा तहसील अंतर्गत कुल 34.61 हेक्टेयर अविकसित भूमि उपलब्ध है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। इसके अतिरिक्त कुल 33.617 हेक्टेयर भूमि पर औद्योगिक क्षेत्र जावरा विकासाधीन है, जिसमें से 4974 वर्गमीटर भूमि 9 औद्योगिक इकाइयों को आवंटित की जा चुकी है। उक्त 09 इकाइयों में से 2 इकाइयों द्वारा भू-खण्ड परिवर्तन हेतु आवेदन किया है। शेष इकाइयों का सर्वे कार्य पूर्ण हो चुका है एवं लीजडीड निष्पादन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष भूमि वर्तमान में नवीन निवेशकों हेतु उपलब्ध है। पिपलोदा तहसील अंतर्गत सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम विभाग तथा औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के आधिपत्‍य में कोई भूमि उपलब्‍ध नहीं है। (ग) सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम विभाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3, 4 एवं 5 अनुसार है। औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 अनुसार है। (घ) सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम विभाग अंतर्गत तहसील जावरा एवं पिपलोदा में आवंटन योग्‍य कोई औद्योगिक भूमि एवं प्‍लाट रिक्‍त नहीं है। अत: शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग अनुसार विभाग अंतर्गत आने वाली शेष रिक्त भूमि एवं प्‍लाट को म.प्र. भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम 2019 (यथा संशोधित 2025) में वर्णित प्रावधानों अनुसार नवीन निवेशकों को आवंटित किया जाता है। उक्त भूखण्डों को ई-बिडिंग प्रक्रिया के माध्यम से अभिरुचि प्रदर्शित करने वाले निवेशकों को आवंटित किये जाने हेतु एम.पी.आई.डी.सी. द्वारा दिनाक 25.06.2025 को निविदा जारी की जा चुकी है।

ऑनलाइन कंपनियों के डिलीवरी बॉय का पंजीयन

[गृह]

75. ( क्र. 810 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                  (क) प्रदेश में विभिन्न ऑनलाइन कंपनियों के कुल कितने डिलीवरी बॉय गृह विभाग में पंजीकृत हैं? यदि नहीं, तो क्या इन्हें विभिन्न शहरों के पुलिस थानों में पंजीकृत करने हेतु कोई कार्ययोजना प्रचलन में है? यदि हाँ, तो समस्त डिलीवरी बॉय का पंजीकरण कार्य कब तक पूरा हो जाएगा?                                       (ख) क्या जून 2025 में इंदौर के पॉश इलाके, कालिंदी कुंज में एक डिलीवरी बॉय ने महिला को बेहोश कर लूटपाट का प्रयास किया था? यदि हाँ, तो प्रदेश में 1 जनवरी 2018 के पश्‍चात ऐसी घटनाएं कहाँ-कहाँ घटित हुईं? जानकारी दें। (ग) क्या ऑनलाइन कंपनियां, जो ग्राहक के घर सामान पहुंचाती हैं, उनके डिलीवरी बॉय की जानकारी कंपनियों के पास रहती है? कंपनियां कब-कब डिलीवरी बॉय की सूची विभिन्न थाना क्षेत्रों में पहुंचाती हैं?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट '' एवं '' अनुसार है। (ग) उत्‍तरांश (क)  के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न उपस्थित ही नहीं होता।

परिशिष्ट - "सत्रह"

खदानों की संवैधानिक स्वीकृति

[खनिज साधन]

76. ( क्र. 817 ) श्री चन्‍द्रशेखर देशमुख : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                     (क) बैतूल जिलांतर्गत किन-किन रेत खदानों की संवैधानिक स्वीकृति कब एवं कितनी स्‍वीकृत मात्रा में प्राप्त हुई है? इसके अतिरिक्त जिन भंडारणों को स्वीकृति दी गई है, उनकी संवैधानिक स्वीकृति और स्वीकृत मात्रा की जानकारी भी प्रदान करें। (ख) दिनांक 14.05.2024 को माइनिंग अधिकारी द्वारा की गई कार्यवाही में रुपए 136 करोड़ की पेनल्टी लगाई गई थी, उस कार्यवाही में पंचनामें, वाहनों के विवरण एवं जिन वाहनों को राजसात किया गया, उन्हें किस प्रकार छोड़ा गया, उसका विवरण दें। अवैध खनन के दौरान कितनी अवैध मशीनों की मात्रा एवं अवैध रेत खनन पाया गया की जानकारी प्रदान करें। (ग) अवैध रेत खनन के दौरान प्राप्त मात्रा को नियमानुसार ठेकेदार के सुपुर्द किया जाना था। क्या यह प्रक्रिया पूर्ण की गई है? यदि हाँ, तो अनियमितता के संबंध में ठेकेदार के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई? (घ) जिन वाहनों को राजसात किया गया उन्हें किस प्रकार छोड़ा गया? उसका विवरण देवें। अवैध खनन के दौरान कितनी अवैध मशीनों की मात्रा एवं अवैध खनन पाया गया की जानकारी प्रदान करें एवं इन पर क्या कार्यवाही की गयी? जानकारी देवें

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) बैतूल जिला अंतर्गत मध्‍यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्‍डारण एवं व्‍यापार) नियम, 2019 के नियम 12 (1) (2) (3) अनुसार वैधानिक अनुमतियां प्राप्‍त किया जाना प्रावधानित है, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ पर दर्शित है। इसी प्रकार मध्‍यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्‍डारण एवं व्‍यापार) नियम, 2019 एवं म.प्र. खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भण्डारण का निवारण) नियम, 2022 के तहत खनिज व्‍यापारी अनुज्ञप्ति के संबंध में वैधानिक अनुमति म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से जल एवं वायु अधिनियम के तहत प्राप्‍त सम्‍मति होती है। जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब पर दर्शित है। (ख) पंचनामें सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स पर दर्शित है। (ग) जी हाँ। अवैध रेत खनन के दौरान प्राप्त मात्रा को ठेकेदार के सुपुर्द किये जाने की प्रक्रिया पूर्ण की गई थी। प्रश्‍नांश (ख) में की गई अनियमितता अन्य व्यक्तियों द्वारा की गई, इस वजह से ठेकेदार के विरुद्ध कार्यवाही का प्रश्‍न नहीं उठता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स पर दर्शित है।

रेत का अवैध उत्‍खनन

 [खनिज साधन]

77. ( क्र. 818 ) श्री चन्‍द्रशेखर देशमुख : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) क्या बैतूल जिले में माइनिंग अधिकारी द्वारा रेत खदानों का सीमांकन किया गया है? यदि हाँ, तो किन-किन खदानों का सीमांकन किया गया है? जानकारी देवें। (ख) क्या बिना सीमांकन किये ठेकेदार द्वारा रेत का अवैध उत्खनन किया गया है? यदि हाँ, तो उनके विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या स्वीकृत खदानों पर बोर्ड स्थापित करने/लगाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो अब तक बोर्ड क्यों नहीं लगाये गये?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जिला बैतूल में माइनिंग अधिकारी द्वारा रेत खदानों का सीमांकन न किया जाकर, राजस्‍व एवं खनिज विभाग के संयुक्‍त दल द्वारा किया गया है। खदानों के सीमांकन की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट पर दर्शित है। (ख) जिला बैतूल में बिना सीमांकन के ठेकेदार द्वारा रेत का उत्‍खनन नहीं किया गया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ, स्‍वीकृत खदानों पर बोर्ड स्‍थापित किये गये हैं, जिसकी जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट पर दर्शित है।

परिशिष्ट - "अठारह"

खनिज संसाधन से प्राप्त राजस्व का उपयोग

[खनिज साधन]

78. ( क्र. 823 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                        (क) झाबुआ जिले में वर्तमान में संचालित "गौण खनिज और मुख्य खनिज" की खदानें कहां-कहां, कब से और कितने वर्ष हेतु, कितने वर्ग एरिया पर, कौन-कौन सी कम्पनी, व्यक्ति, ग्रुप द्वारा संचालित है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के सम्बन्ध में वर्ष 2021 से 2025 तक प्राप्त राजस्व, प्रत्येक खदान, कंपनी, व्यक्ति की वर्ष अनुसार जानकारी प्रदान की जाए और प्राप्त राजस्व का कितना हिस्सा, आदिवासी ब्लॉक के विकास हेतु उपयोग, कब-कब, किस वर्ष में कहां-कहां किया गया।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट  अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित खदानों में वर्ष 2021 से 2025 तक प्राप्‍त राजस्‍व की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। प्राप्‍त राजस्‍व को राज्‍य की संचित निधि में जमा किया जाता है, जिसे व्‍यय करने का खनिज नियमों में कोई प्रावधान नहीं है।

परिशिष्ट - "उन्नीस"

जिला खनिज प्रतिष्ठान मद के कार्य

[खनिज साधन]

79. ( क्र. 825 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                  (क) उज्जैन जिले अंतर्गत विगत 5 वर्षों में जिला खनिज प्रतिष्ठान की कब-कब बैठकें हुई? बैठक में कौन-कौन उपस्थित थे? बैठक में पारित प्रस्ताव की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) जिला खनिज प्रतिष्ठान द्वारा उपरोक्त वित्तीय वर्षों में किन-किन कार्यों की स्वीकृति प्रदान की गई? अनुमोदित सूची की प्रति, प्रशासकीय स्वीकृति, आदेश की प्रति एवं जिन कार्यों की स्वीकृति दी गई है, उसकी वर्षवार सूची उपलब्ध करावें। (ग) उक्त वित्तीय वर्षों में कितनी राशि रॉयल्टी के रूप में प्राप्त की गई? वर्षवार जानकारी देवें। खनिज प्रतिष्ठान मद के प्रस्तावित एवं किए गए कार्यों की विधानसभा क्षेत्रवार, वर्षवार सूची उपलब्ध करावें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) उज्‍जैन जिला अंतर्गत विगत 05 वर्षों में जिला खनिज प्रतिष्‍ठान की बैठकें क्रमश: दिनांक 24/04/2023, दिनांक 03/10/2024 एवं दिनांक 21/02/2025 हुई है। बैठक में उपस्थित सदस्‍यों की जानकारी सहित पारित प्रस्‍ताव की प्रति  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट-'''' अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश अवधि में जिला खनिज प्रतिष्‍ठान द्वारा स्‍वीकृत किये गये कार्यों की सूची एवं आदेशों की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'''' अनुसार है। (ग) प्रश्‍नांश अवधि में प्राप्‍त रॉयल्‍टी राशि की वर्षवार जानकारी निम्‍नानुसार है:-

स.क्र.

वित्‍तीय वर्ष

प्राप्‍त राशि

1

2020-21

13,39,73,292/-

2

2021-22

16,98,40,217/-

3

2022-23

20,16,73,468/-

4

2023-24

20,06,88,054/-

5

2024-25

28,48,73,642/-

जिला खनिज प्रतिष्‍ठान मद के प्रस्‍तावित कार्यों की सूची  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'''' अनुसार है एवं किये गये कार्यों के विधानसभावार व क्षेत्रवार सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'''' अनुसार है।

आंगनवाड़ियों में सामग्री का क्रय

[महिला एवं बाल विकास]

80. ( क्र. 826 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विगत 2 वर्षों में उज्जैन जिले अंतर्गत कितनी आंगनवाड़ियों के लिए क्या-क्या सामग्री क्रय की गई एवं कब-कब किस-किस दर पर,किन मापदंडों के आधार पर,कितनी संख्या,किस फर्म/एजेंसी से क्रय किया गया है। आंगनवाड़ियों के नाम, सामग्री का नाम, संख्या, दर, फर्म का नाम, प्राप्त देयक, भुगतान हेतु जारी राशि का विवरण, बिलों की प्रतियां, GST भुगतान सहित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार सामग्री क्रय हेतु राशि की व्यवस्था किस मद से की गई है? सामग्री क्रय का मापदंड क्या निर्धारित किया गया? खरीदी हेतु कब और किसके द्वारा किस प्रक्रिया का पालन करके खरीदी की अनुमति प्रदान की गई? कार्यालय का नाम, अधिकारी का नाम मय पदनाम, एकल नस्ती की छायाप्रति, आदेश, निर्देश, पोर्टल पर दर्ज समस्त जानकारी मय दस्तावेजों सहित उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्‍नांश (क) अनुसार आंगनवाड़ियों में दर्ज स्टॉक रजिस्टर की छायाप्रति सहित बताएं की समस्त आंगनवाड़ियों को सामग्री उपलब्ध करा दी गई है? यदि नहीं, तो क्यों?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) विगत 02 वर्षों के दौरान वर्ष 2023-2024 में उज्‍जैन जिले द्वारा 1945 आंगनवाड़ी केन्‍द्रों हेतु राशि रूपये 1476/- प्रति केन्‍द्र एवं मिनी आंगनवाड़ी हेतु राशि रूपये 746/- प्रति केन्‍द्र के मान से मेडिसिन किट का क्रय वित्‍तीय वर्ष 2023-24 में सक्षम आंगनवाड़ी एवं पोषण 2.0 अंतर्गत जारी गाईडलाईन में निर्धारित मापदण्‍ड अनुसार किया गया। आंगनवाडि़यों के नाम एवं संख्‍या से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-''1'' अनुसार है। मेडिसिन किट के क्रय से संबधित फर्म का नाम, देयको का विवरण एवं जीएसटी संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-''2'' अनुसार है। (ख) सक्षम आंगनवाड़ी एवं पोषण 2.0 अंतर्गत भारत सरकार द्वारा निर्धारित मद एवं मापदण्‍ड अनुसार मेडिसिन किट का क्रय वर्ष 2023-2024 में जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास जिला उज्‍जैन के द्वारा जिला कलेक्‍टर द्वारा निर्धारित क्रय समिति की अनुशंसा पर GeM पोर्टल के माध्‍यम से कलेक्‍टर के अनुमोदन उपरांत क्रय आदेश जारी कर क्रय की कार्यवाही की गई। क्रय करने वाले कार्यालय, अधिकारी का नाम आदि की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-''3'' अनुसार है। (ग) आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में सामग्री प्रदान की गई है। आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में दर्ज स्‍टॉक रजिस्‍टर की छाया प्रतियां एकत्रित की जा रही है।

औद्योगिक इकाइयों की स्थापना

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

81. ( क्र. 828 ) श्री देवेन्‍द्र कुमार जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                           (क) जिला शिवपुरी अंतर्गत एमपीआईडीसी के औद्योगिक क्षेत्र फूड क्लस्टर बडौदी में औद्योगिक इकाइयों की स्थापना हेतु कुल कितने भू-खण्ड आवंटित किये जाने थे तथा उनमें से किन-किन लोगों को कितने-कितने वर्गफीट के भू-खण्ड कब-कब, किन-किन दरों पर कितनी-कितनी समयावधि हेतु आवंटित किये गए हैं? व्यक्तियों के नाम एवं पूर्ण पता सहित जानकारी उपलब्ध करावें। उक्त फूड क्लस्टर में आज दिनांक को कुल कितने भूखण्ड शेष हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में बडौदी में किन-किन शर्तों पर इकाइयों को भू-खण्ड आवंटित किये गए थे? कौन-कौन सी इकाइयों के द्वारा आज दिनांक तक भू-खण्ड आवंटन के समय निर्धारित की गई कौन-कौन सी शर्तें पूर्ण कर ली गई हैं व कौन सी नहीं की हैं? सम्पूर्ण ब्‍यौरा दें। निर्धारित शर्तों के अनुसार कितनी समयावधि में औद्योगिक इकाई की स्थापना कर उत्पादन कार्य प्रारंभ किया जाना तय था? वर्तमान में कौन-कौन सी इकाइयों के द्वारा क्या-क्या उत्पादन कार्य किया जा रहा है? जानकारी दें। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) अनुसार कौन-कौन सी इकइयों द्वारा आज दिनांक तक कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है? नाम सहित सूची उपलब्ध करावें? जिनके द्वारा भू-खण्ड आवंटन के नियम/शर्तों का उल्लंघन करते हुए आज दिनांक तक औद्योगिक इकइयों की स्थापना नहीं की गई है, क्या उनके भूखण्ड आवंटन निरस्त करने सबंधी कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जिला शिवपुरी अंतर्गत औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्‍साहन विभाग के अधीन एमपी इण्‍डस्ट्रियल डेव्‍हलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा संधारित औद्योगिक क्षेत्र फूड क्‍लस्‍टर बड़ौदी में कुल 76 भूखण्‍ड उपलब्‍ध है जिन्‍हें 52 औद्योगिक इकाइयों को 99 वर्ष की लीज अवधि पर आवंटित किये गये है, इकाइयों के नाम, आवंटित भूखण्‍ड/भूखण्‍डों का क्षेत्रफल एवं आवंटन की दर इत्‍यादि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट–'''' अनुसार है। वर्तमान में औद्योगिक क्षेत्र फूड क्‍लस्‍टर बड़ौदी में आवंटन हेतु कोई भूखण्‍ड शेष नहीं है। (ख) एवं (ग) औद्योगिक क्षेत्र फूड क्‍लस्‍टर बड़ौदी में म.प्र. राज्‍य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम 2019 (यथा संशोधित) में उल्‍लेखित प्रावधान अनुसार इकाइयों को भूखण्‍ड आवंटित किये गये। नियमानुसार लघु उद्योग को दो वर्ष, मध्‍यम उद्योग के लिए तीन वर्ष में उत्‍पादन प्रारम्‍भ करना निर्धारित है। पार्क में वर्तमान में जिन 8 इकाइयों द्वारा उत्‍पादन किया जा रहा है उनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'''' अनुसार है। औद्योगिक क्षेत्र फूड क्‍लस्‍टर बड़ौदी में निर्धारित समय-सीमा में उत्‍पादन प्रारम्‍भ न करने वाली इकाइयों एवं उनके विरूद्ध की कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'''' अनुसार है।

भूमि अधिग्रहण में अनियमितता

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

82. ( क्र. 830 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) सौंसर विधानसभा क्षेत्र में सेज के लिए कितने किसानों से कितनी ज़मीन कब अधिग्रहित की गई है? (ख) क्या यह सच है कि 2007-2010 तक भूमि अधिग्रहण का नियम लागू नहीं था फिर भी छिंदवाड़ा डेव्‍हलपर्स को उक्त अवधि में किसानों से खरीदी गई भूमि पर पंजीयन शुल्क में पूरी तरह से छूट दी गई थी? (ग) यदि हाँ, तो स्टॉम्प ड्यूटी में छूट देने से शासन को कितनी क्षति हुई है तथा इसके लिए कौन-कौन से अधिकारी जिम्मेदार हैं? (घ) क्या शासन संबंधित अधिकारी एवं सेज प्रबंधन पर कार्रवाई होगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व), सौंसर, जिला-पाण्‍ढुर्ना से प्राप्‍त जानकारी अनुसार सौंसर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत तहसील सौंसर में वर्ष 2014 में कुल 250 किसानों से कुल 386.669 हेक्‍टेयर भूमि तथा वर्ष 2019 में कुल 12 किसानों से कुल रकबा 13.420 हेक्‍टेयर भूमि अधिग्रहित की गई। इस प्रकार 262 किसानों से कुल रकबा 400.089 हेक्‍टेयर भूमि अधिग्रहित की गई है। (ख) जी नहीं। उप पंजीयक सौंसर, जिला-पांढुर्ना से प्राप्‍त जानकारी अनुसार सेज द्वारा पंजीकृत दस्‍तावेजों में पूर्णरूपेण निर्धारित पंजीयन शुल्‍क कार्यालय में अदा किया गया है। (ग) उप पंजीयक सौंसर, जिला- पांढुर्ना से प्राप्‍त जानकारी अनुसार स्‍पेशल इकोनोमिक जोन की स्‍थापना के लिए स्‍पेशल इकोनॉमिक जोन एक्‍ट 2005 के अंतर्गत तथा भारतीय स्‍टॉम्‍प अधिनियम 1899 की धारा-3 के अनुसार छूट प्रदान की गई है, साथ ही सेज को स्‍टॉम्‍प ड्यूटी से छूट प्रदान किये जाने से केन्‍द्रीय शासन की अधिसूचना अनुसार ही कार्यालय महानिरीक्षक पंजीयन एवं अधीक्षक मुद्रांक मध्‍यप्रदेश द्वारा मेसर्स छिन्‍दवाड़ा प्‍लस डेव्‍हलपर्स लिमिटेड को स्‍टॉम्‍प ड्यूटी से नियमानुसार छूट प्रदान की गई है, अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्‍तरांश '''' एवं '''' की जानकारी के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

सी.एस.आर. फण्‍ड का उपयोग

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

83. ( क्र. 831 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                     (क) विगत पांच वर्षों में प्रश्‍न दिनांक तक सौंसर विधानसभा क्षेत्र के बोरगांव तथा खैरितायगांव में स्थित निजी कम्पनियों द्वारा शासन को दिया जाने वाला CSR फंड किन क्षेत्र में किस-किस कार्य के लिए आवंटित किया गया? (ख) उपरोक्त कम्पनियों द्वारा रिलीज़ किये गये CSR फंड की विस्तृत जानकारी 2020 से 2024-25 तक की अवधि की उपलब्ध कराएं।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) निजी कंपनियों द्वारा शासन को CSR फंड नहीं दिया जाता है अपितु कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्‍व निर्वहन के संबंध में भारत सरकार द्वारा अधिसूचित कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 135 के अनुसार किसी वित्‍तीय वर्ष के दौरान पांच सौ करोड़ रूपये या अधिक के शुद्ध मूल्‍य वाली या एक हजार करोड़ रूपये या अधिक के आवर्त वाली या पांच करोड़ रूपये या अधिक के शुद्ध लाभ वाली प्रत्‍येक कंपनी द्वारा सी.एस.आर. नीति का पालन किया जाना अनिवार्य है। कंपनी अधिनियम अनुसार उक्‍त कंपनी का बोर्ड यह सुनिश्चित करेगा कि कंपनी प्रत्‍येक वित्‍तीय वर्ष में, ठीक तीन पूर्ववर्ती वित्‍तीय वर्षों के दौरान किए गए कंपनी के औसत शुद्ध लाभों का कम से कम दो प्रतिशत निगमित सामाजिक उत्‍तरदायित्‍व नीति के अनुसरण में खर्च करे। साथ ही, CSR गतिविधियों के चयन एवं कार्यान्वयन में कंपनी को अपने परिचालन स्थलों तथा संबंधित क्षेत्रों को प्राथमिकता प्रदान करना अपेक्षित होगा। विगत पांच वर्षों में प्रश्‍न दिनांक तक सौंसर विधानसभा क्षेत्र के बोरगांव तथा खैरितायगांव में स्थित 09 निजी कम्पनियों से प्राप्‍त जानकारी अनुसार CSR फंड अंतर्गत विभिन्‍न कार्यों हेतु किये गये व्‍यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है।

देशी एवं विदेशी शराब का अवैध विक्रय एवं परिवहन

[वाणिज्यिक कर]

84. ( क्र. 841 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता ने पत्र दिनांक 26/12/2024 को डीआईजी इंदौर (शहर), डीआईजी इंदौर संभाग (ग्रामीण), उपायुक्त आबकारी इंदौर संभाग, कमिश्‍नर वाणिज्य कर विभाग इंदौर, प्रमुख सचिव वाणिज्य कर विभाग भोपाल को पत्र एवं ईमेल के माध्यम से प्रेषित किन विषयों से संबंधित क्या जानकारी चाही थी। (ख) प्रश्‍नांश (क) के पत्रों पर की गई कार्यवाही एवं मांगी गई जानकारी प्रश्‍न दिनांक तक भी नहीं देने का विधिसम्मत कारण बताएं। कब तक जानकारी दी जाएगी,                   समय-सीमा बताएं। (ग) विगत पांच वर्षों में इंदौर संभाग में आबकारी अधिनियम की धारा 34 (2) के अंतर्गत 50 लीटर से अधिक देशी-विदेशी शराब के अवैध परिवहन विक्रय भंडारण हेतु की गई कार्यवाहियों की जानकारी प्रति सहित देवें। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के तहत किन-किन पर कितने प्रकरण किस दिनांक को दर्ज किए, कितने ठेकेदार डिस्टलरी और वाहन मालिक हैं, दर्ज प्रकरण प्रति सहित जिलेवार बताएं।  (ङ) प्रश्‍नांश (ग) अनुसार जिन दुकानों-फैक्ट्रियों-वेयर हाउसों में अवैध परिवहन विक्रय हुआ, उन क्षेत्रों में पदस्थ अधिकारियों-कर्मचारियों के नाम पदनाम सहित जिलेवार सूची सहित जानकारी देवें। किन अधिकारियों-कर्मचारियों पर क्या कार्रवाई की गई, जिलेवार प्रति सहित बताएं। (च) प्रश्‍नकर्ता ने ईमेल के माध्यम से पत्र-संख्या 939 दिनांक 10/04/2025 में किन विषयों से संबंधित माननीय मुख्यमंत्रीजी को पत्र प्रेषित किया, उक्त पत्र पर क्या कार्यवाही की गई, प्रति सहित बताएं।

उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) उपायुक्त आबकारी संभागीय उड़नदस्ता, संभाग इन्दौर को इन्दौर संभाग में आबकारी अधिनियम में देशी एवं विदेशी अवैध शराब विक्रय और परिवहन में की गई कार्यवाही की जानकारी संबंधी पत्र प्राप्त हुआ था। (ख) कार्यालय उपायुक्त आबकारी संभागीय उड़नदस्ता, संभाग इन्दौर के पत्र क्रमांक/आब/शिका./2025/1442, इन्दौर दिनांक 09-07-2025 से प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित जानकारी प्रेषित कर दी गई है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) विगत पांच वर्षों में इंदौर संभाग में आबकारी अधिनियम की धारा 34 (2) के अंतर्गत 50 लीटर से अधिक देशी-विदेशी शराब के अवैध परिवहन विक्रय भंडारण हेतु की गई कार्यवाहियों की जानकारी निम्‍नानुसार है:- धार जिले में 164 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये है। जिसकी सूची  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-''एक'' अनुसार है। जिला झाबुआ में 78 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये है एवं जप्त वाहनों की संख्या 22 है। जिसकी सूची  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-''दो'' अनुसार है। जिला अलीराजपुर में 58 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये है एवं जप्त वाहनों की संख्या 17 है। जिसकी सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-''तीन'' अनुसार है। जिला इन्दौर में कुल 249 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये जो पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-''चार'' अनुसार है एवं जप्त वाहनों की संख्या 120 है। जो  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-''पांच'' अनुसार है। जिला खरगोन में 77 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये है जिसकी सूची  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-''छ: '' अनुसार है। जिला बड़वानी में 125 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये है जो  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-''सात'' अनुसार  है। खण्‍डवा जिले में 103 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये है जिसकी सूची  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-''आठ'' अनुसार है। जिला बुरहानपुर में 07 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये है जिसकी सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-''नौ'' अनुसार है। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के संबंध में इन्दौर संभाग के अधीन जिलों से प्राप्त जानकारी निम्‍नानुसर:- धार जिले में पंजीबद्ध प्रकरणों में ठेकेदार या डिस्टलरी को आरोपी नहीं है। 57 प्रकरणों में वाहन मालिक को आरोपी बनाये जाने संबंधी जानकारी उत्‍तरांश (ग) अनुसार है। जिला झाबुआ में कुल 78 प्रकरण पंजीबद्ध किये है जिनमें कोई ठेकेदार व डिस्‍टलर आरोपी नहीं है। कुल जप्त वाहनों की संख्या 22 है। दिनांकवार दर्ज प्रकरणों एवं वाहन स्वामी को आरोपी बनाये जाने संबंधी जानकारी उत्‍तरांश (ग) अनुसार है। जिला अलीराजपुर में जप्त वाहनों की संख्या 17 है। वाहन स्वामी को आरोपी बनाये जाने संबंधी जानकारी उत्‍तरांश (ग) अनुसार है। जिला इन्दौर में वर्षवार जानकारी एवं कायम किये गये प्रकरणों में ठेकेदार, डिस्टलरी वाहन मालिक से संबंधित दर्ज प्रकरण की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-''पांच'' अनुसार  है। जिला खरगोन में 44 प्रकरण अवैध परिवहन के दर्ज किये जाकर वाहन मालिकों को आरोपी बनाया गया है। वाहन स्वामी को आरोपी बनाये जाने संबंधी जानकारी उत्‍तरांश (ग) अनुसार है। जिला बड़वानी में कुल 125 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये है। उक्त प्रकरणों में कुल 44 वाहन जप्त हुये है। जिसमें वाहन मालिकों के विरूद्ध कार्यवाही की जाकर प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत किये गये है। वाहन स्वामी को आरोपी बनाये जाने संबंधी जानकारी उत्‍तरांश (ग) अनुसार है। खण्डवा जिले में 103 प्रकरणों में कोई ठेकेदार, डिस्टलरी आरोपी नहीं पाया गया है। 103 प्रकरणों में से 53 प्रकरणों में वाहन मालिक को आरोपी बनाया गया है। वाहन स्वामी को आरोपी बनाये जाने संबंधी जानकारी उत्‍तरांश (ग) अनुसार है। बुरहानपुर जिले में कुल 07 प्रकरण वाहन स्वामियों के विरूद्ध पंजीबद्ध किये गये है। वाहन स्वामी को आरोपी बनाये जाने संबंधी जानकारी उत्‍तरांश (ग) अनुसार है। (ङ) प्रश्‍नांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में इन्‍दौर संभाग के अधीन जिलों से प्राप्‍त जानकारी अनुसार दुकानों, फैक्ट्रियों, वेयरहाउसों में अवैध विक्रय परिवहन के कोई प्रकरण आबकारी विभाग में पंजीबद्ध नहीं होने से पदस्‍थ अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई है। (च) भोपाल जिले में कम्‍पोजिट मदिरा दुकानों के संचालन करने के लिये, आबकारी नीति/आबकारी अधिनियम के अनुसार निर्धारित अवधि में गारंटी लिये बिना, लायसेंस जारी करना/संचालन अनुमति जारी करना, शासन को राजस्‍व की हानि विषय संबंधी है। उक्‍त पत्र आबकारी आयुक्‍त को आवश्‍यक कार्यवाही हेतु विभागीय पत्र दिनांक 19 मई 2025 द्वारा प्रेषित किया गया। जिसकी छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-''दस'' अनुसार है।

विशेष पिछड़ी आदिम जनजातियों की पुलिस विभाग में सीधी भर्ती

[गृह]

85. ( क्र. 843 ) श्री मुकेश मल्होत्रा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गृह पुलिस विभाग मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2017-18 में सीधी भर्ती के तहत मध्य प्रदेश की विशेष पिछड़ी आदिम जाति सहरिया, बैंगा एवं भूरिया जनजाति के शिक्षित बेरोजगार युवक युवतियों की गृह पुलिस विभाग में आरक्षक जीडी व SAF में नियुक्तियां की गई है? (ख) क्या यह सही है कि वर्ष 2017-18 के बाद गृह पुलिस विभाग सामान्य प्रशासन विभाग ने पुलिस आरक्षक जीडी हुआ SAF के पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया सहरिया, बैंगा, भूरिया आदिम जनजातियों के लिए बंद कर दी गई है यदि हाँ, तो कारण बताएं? (ग) क्या विभाग मध्य प्रदेश की विशेष पिछड़ी आदिम जनजातियों की पुलिस आरक्षक जीडी जैसे कार्यपालक पदों पर सीधी भर्ती का नियम 2017-18 का पुनः लागू कर उक्त वर्ग की नियुक्तियां करने की प्रक्रिया अपनाने को कार्य आरंभ करेगा यदि हाँ, तो कब तक समय-सीमा बताएं? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) का उत्तर यदि हाँ, है तो गृह पुलिस विभाग में आदिम जनजाति बैगा भूरिया एवं सहरिया जनजाति के आठवीं उत्तीर्ण, 10वीं उत्तीर्ण, 12वीं उत्तीर्ण बेरोजगार व्यक्तियों की पुलिस आरक्षक जीडी SAF पदों पर कब तक सीधी भर्ती की जाएगी समय-सीमा बताएं, नहीं तो क्यों नहीं कारण बताएं?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश शासन, गृह विभाग, मंत्रालय, वल्लभ भवन, भोपाल के आदेश क्रमांक/एफ 2 (अ) 30/2017/बी-4/दो, भोपाल दिनांक 06.12.2017 के माध्यम से जिला इकाई बल एवं उन जिलों के अंतर्गत आने वाली विशेष सशस्त्र बल (SAF) की इकाइयों में आदिम जनजातियों के विशेष भर्ती अभियान के तहत आरक्षक के 160 पदों पर भर्ती की गई।                             (ख) जी नहीं। यह सही नहीं है कि पुलिस विभाग में सहरिया, बैगा एवं भारिया आदिम जनजातियों के लिये नियुक्ति प्रक्रिया बंद कर दी गई है। (ग) विशेष पिछड़ी आदिम जनजातियों के लिए जब भी विशेष भर्ती अभियान चलाया जावेगा, तो इन पिछड़ी आदिम जनजातियों की पुलिस आरक्षक G.D. SAF कार्यपालिक पदों पर भर्ती की जाएगी। इसके अतिरिक्त पुलिस विभाग में बालाघाट, डिंडौरी एवं मंडला जिलों में वर्ष 2022 में विशेष सहयोगी दस्ता हेतु 150 पदों पर नक्सल प्रभावित विकास खण्डों के आदिवासियों की विशेष सहयोगी पद पर भर्ती भी की गई थी। वर्तमान में विशेष सहयोगी दस्ता के 882 पदों की भर्ती प्रक्रिया प्रचलन में है। (घ) विशेष पिछड़ी आदिम जनजातियों के लिए जब भी विशेष भर्ती अभियान चलाया जावेगा, तो इन पिछड़ी आदिम जनजातियों की पुलिस आरक्षक G.D. SAF कार्यपालिक पदों पर भर्ती की जाएगी। इसके अतिरिक्त पुलिस विभाग में बालाघाट, डिंडौरी एवं मंडला जिलों में वर्ष 2022 में विशेष सहयोगी दस्ता हेतु 150 पदों पर नक्सल प्रभावित विकास खण्डों के आदिवासियों की विशेष सहयोगी पद पर भर्ती भी की गई थी। वर्तमान में विशेष सहयोगी दस्ता के 882 पदों की भर्ती प्रक्रिया प्रचलन में है। बैगा, सहरिया, भारिया जनजाति की बटालियन बनाये जाने के संबंध में कार्यवाही प्रचलन में है।

दुर्घटनाग्रस्त वाहनों के विरूद्ध कार्यवाही

[गृह]

86. ( क्र. 849 ) डॉ. चिंतामणि मालवीय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                 (क) क्या जिला कटनी के थाना रीठी अंतर्गत दिनांक 28/12/24 को दो ट्रकों की आमने-सामने भिड़ंत हुई है? (ख) दोनों दुर्घटनाग्रस्त ट्रकों के नंबर क्या है? (ग) क्या दोनों ट्रकों के चालकों की दुर्घटना में मृत्यु हो गई है? (घ) दोनों मृतकों के नाम और पते क्या हैंक्या दुर्घटना ग्रस्त दोनों ट्रकों को पुलिस ने जप्त किए बिना छोड़ दिया है? (ड.) क्या एफआईआर में दोनों ट्रकों के नंबर दर्ज हैं। (च) 6 माह से अधिक समय होने के बाद भी छोड़े गए ट्रकों को जप्त क्यों नहीं किया गया हैपुलिस कब तक ट्रकों को जप्त करेगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) दुर्घटनाग्रस्त ट्रकों के नम्बर इस प्रकार है - (1.) MP-09-HG-6893 (2.) MP20-HB-8962 (ग) जी हाँ। (घ) (1.) MP-09-HG-6893 का चालक विजय सिंह अंजना पटेल पिता नागू सिंह उम्र 33 साल निवासी ग्राम मलिया (शेरपुर खुर्द) थाना अलोट जिला रतलाम है। (2.) MP20-HB-8962 का चालक निखिल यादव पिता रज्जन यादव उम्र 19 साल निवासी ग्राम नयागांव थाना केसली जिला सागर है। दुर्घटना ग्रस्त दोनों ट्रकों को जब्त किया गया। (ड.) जी हां। (च) छः महिने के अंदर दोनों ट्रक जब्त किये गये। ट्रक कमांक (1.) MP-09-HG-6893 को दिनांक 12.03.2025 को जब्त किया गया है एवं ट्रक क्रमांक (2.) MP20-HB-8962 को दिनांक 08.03.2025 को जब्त कर लिया गया है।

मानव अधिकार आयोग में लंबित शिकायत

[सामान्य प्रशासन]

87. ( क्र. 852 ) श्री उमंग सिंघार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                 (क) मध्यप्रदेश राज्य मानव अधिकार आयोग में प्रश्‍न दिनांक तक मानव अधिकार से जुड़ी कुल कितनी शिकायतें लंबित है? (ख) वित्तीय वर्ष 2019-20 से वित्तीय वर्ष 2024-25 तक अलग-अलग वर्षों में आयोग मानव अधिकार से जुड़ी कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के अंतर्गत कितने मामले निपटान किये गये, कितने प्रकरणों में अर्थदण्ड राशि जमा की गई? वर्षवार बतायें। (घ) प्रश्‍नांश (ख) अंतर्गत लंबित प्रकरणों की सुनवाई व शीघ्र निराकरण की दिशा में क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) कुल 4669 शिकायतें लंबित हैं। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) प्रकरणों का निपटान उत्‍तर (ख) अनुसार किया गया। मध्‍य प्रदेश मानव अधिकार आयोग द्वारा मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के अंतर्गत कार्यवाही की जाती है, शिकायतों के संबंध में अर्थदण्‍ड अधिरोपित नहीं किया जाता है। (घ) मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम 1993 के अंर्तगत विहित प्रक्रिया अनुसार प्रकरणों की सुनवाई एवं शीघ्र निराकरण हेतु निरंतर कार्य किया जा रहा है।

परिशिष्ट - "बीस"

म.प्र. में मदिरा का विक्रय निर्धारित दर से अधिक दामों पर किया जाना

[वाणिज्यिक कर]

88. ( क्र. 853 ) श्री उमंग सिंघार : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी को प्रश्‍नकर्ता द्वारा दिनांक 30 मई 2025 को पत्र क्रमांक 2376 द्वारा म.प्र. में मदिरा का विक्रय निर्धारित दर से अधिक दामों पर बेचे जाने के संबंध में पत्र दिया गया है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के प्रकाश में विभाग द्वारा इस संबंध में क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या शासन इसे संज्ञान में लेकर दल बनाकर निरीक्षण करने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कबयदि नहीं, तो क्यों? (घ) विभाग के पास विगत दो वर्षों में उक्ताशय की कितनी शिकायत प्रकाश में आई है? यदि हाँ, तो इस पर क्या कार्यवाही की गई?

उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) प्रश्‍नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी को प्रेषित पत्र क्रमांक 2376 दिनांक 30 मई 2025 द्वारा मध्‍यप्रदेश में मदिरा का विक्रय निर्धारित दर से अधिक दामों पर बेचे जाने के संबंध में है, जो आबकारी आयुक्‍त कार्यालय को विभागीय पत्र दिनांक 16.07.2025 को प्रेषित किया गया है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में विभाग द्वारा जांच कराये जाने हेतु पत्र क्रमांक/7-ठेका/शिका/2025/E-349752 दिनांक 17.07.25 से अपर आबकारी आयुक्‍त, राज्‍य स्‍तरीय उड़नदस्‍ता, मध्‍यप्रदेश भोपाल को लिखा गया है। उक्‍त पत्र की छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। प्रश्‍नांश (ख) में वर्णित उत्‍तर अनुसार संज्ञान में लिया जाकर अपर आबकारी आयुक्‍त, राज्‍य स्‍तरीय उड़नदस्‍ता, मध्‍यप्रदेश भोपाल जांच कराये जाने हेतु लिखा गया है। (घ) विभाग के पास विगत दो वर्षों में उक्‍ताशय की कुल 4433 शिकायतें प्रकाश में आई है। उक्‍त शिकायतों की जांच किये जाने हेतु शिकायत की विषयवस्‍तु के अनुसार संबंधित जिलों के अधिकारियों से जांच कराये जाने हेतु पत्र प्रेषित किये गये हैं। संबंधित जिलों द्वारा अधिकांश शिकायतों पर टेस्‍ट परचेज की कार्यवाही की गई। उक्‍त कार्यवाही के दौरान संबंधित मदिरा दुकानों पर निर्धारित दर से कम दर अथवा अधिक दर पर मदिरा विक्रय के उल्‍लंघन पाये जाने पर नियमानुसार कार्यवाही की गई।

जीर्ण-शीर्ण सड़कों का पुनर्निर्माण

[नर्मदा घाटी विकास]

89. ( क्र. 859 ) श्री नारायण पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्‍या इंदिरा सागर बांध परियोजना एवं ओंकारेश्वर बांध परियोजना से प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र मांधाता के डूब प्रभावित परिवारों के लिए पुनर्वास स्थलों पर NVDA द्वारा लगभग 20 वर्ष पूर्व सड़कों की व्यवस्था की गई थी। जो वर्तमान में पूर्णत: जीर्ण-शीर्ण हो गई है। जिससे विस्थापित परिवारों का आम जन-जीवन प्रभावित हो रहा है। क्या मांधाता विधानसभा क्षेत्र के पुनर्वास स्थलों पर                   जीर्ण-शीर्ण सड़कों के पुनर्निर्माण कार्य चालू करने की दिशा में कोई ठोस कदम उठाये जायेंगे? क्या शीघ्र ही पुनर्वास स्थलों पर जीर्ण-शीर्ण सड़कों के पुनर्निर्माण कार्य के आदेश कब प्रदान किये जायेंगे?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : जानकारी एकत्रित की जा रही है।

कमांड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी प्रारम्भ की जाना

[नर्मदा घाटी विकास]

90. ( क्र. 862 ) श्री नारायण पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                         (क) प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र मांधाता में पूर्व से पुनासा उद्वहन सिंचाई योजना के तीनों तालाब BR-1, BR-2 एवं BR-3 द्वारा पुरानी पद्धति पर आधारित एक हेडक (कुंडी पर 7-8 किसान होते है) से, 50 से 60 एकड़ कृषि रकबे पर सिंचाई होती है एवं क्षेत्र के किसानों को समय पर प्रर्याप्त सिंचाई जल नहीं मिल पाता है तथा शेष किसानों को सिंचाई जल पहुंचाने में काफी समय लगता है, जो किसानो में आपसी विवाद का कारण बनता है, इसके निराकरण के लिए पूर्व में NVDA विभाग द्वारा नई पद्धति पर आधारित 2.5 हेक्टेयर पर एक पाइप छोड़ने के प्रावधान की नई माईक्रो उद्वहन सिंचाई योजना "कमांड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी" (काडा योजना) का सर्वे कराकर लागू करने हेतु 193 करोड़ का डी.पी.आर. तैयार करायी जा चुकी है, को लागू क्यों नहीं किया जा सका? (ख) क्या पूर्व मुख्यमंत्री महोदय की घोषणा, नई माईक्रो उद्वहन सिंचाई योजना (काडा योजना) को लागू करने के लिए कोई ठोस कार्यवाही की जा रही है? क्या सम्पूर्ण क्षेत्र के किसानों को योजना का लाभ होगा? काडा योजना को शासन स्तर पर लागू करने में विभाग को क्या कठिनाइयां आ रही? कब तक लागू कर दिया जायेगी? कृपया जानकारी दें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) काडा योजना के तहत 2.5 हेक्‍टेयर चक तक डिस्‍नेट कार्य हेतु राशि रूपए 181.20 करोड़ की विस्‍तृत परियोजना प्रतिवेदन मुख्‍य अभियंता बोधी, जल संसाधन विभाग भोपाल से जांच कराकर स्‍वीकृति हेतु केन्‍द्रीय जल आयोग (सी.डब्‍ल्‍यू.सी.) कार्यालय नई दिल्‍ली भेजा जा चुका है। (ख) जी हाँ। शेष उत्‍तर (क) अनुसार। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

उद्वहन सिंचाई परियोजना में अनियमितताएं

[नर्मदा घाटी विकास]

91. ( क्र. 866 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगाँव विधानसभा क्षेत्र में सिंचाई हेतु स्वीकृत बिजलवाड़ा परियोजना की स्वीकृति‍ कब जारी की गई थी? प्रशासकीय स्वीकृति‍ की छायाप्रति उपलब्‍ध करायें तथा इस परियोजना को पूर्ण करने की समयावधि क्या निर्धारि‍त थी? क्या समयावधि को राज्य शासन द्वारा बढ़ाया गया था यदि हाँ, तो आदेश की छायाप्रति उपलब्‍ध करायें। (ख) क्‍या शासन द्वारा तय निर्धारि‍त समय में कार्य नहीं करने के कारण संबंधित ठेकेदार के विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो विवरण उपलब्‍ध करायें। (ग) वर्तमान में कार्य की भौतिक एवं वित्तीय स्थिति‍ क्या है? क्या उक्त परियोजना की पूर्व में विभागीय जांच की गई थी? यदि हाँ, तो जांच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध करायें। (घ) परियोजना से वर्तमान में कितने हेक्‍टेयर, ग्राम एवं किसानों को सिंचाई हेतु पानी उपलब्‍ध हो रहा है यदि हाँ, तो किसानों के नाम सहित जानकारी उपलब्‍ध कराये। (ड.) क्‍या वर्तमान में कार्य अधूरा होकर किसानों को सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध नहीं हो रहा है? यदि हाँ, तो क्या कारण है तथा विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है तथा यह भी जानकारी दें कि‍ उक्त परियोजना का शत-प्रतिशत कार्य कब तक पूर्ण किया जायेगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) दिनांक 02.12.2016 को प्रशासकीय स्‍वीकृति एवं पुनरीक्षित प्रशासकीय स्‍वीकृति दिनांक 05.07.2024 को जारी की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट '''' अनुसार है। समयावधि 42 माह थी। जी हांजानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'''' अनुसार है। (ख) एक वर्ष के लिये काली सूची में डाला गया एवं पेनाल्टी के रूप में दिनांक 01.06.2023 से बढ़ी हुई मूल्‍यवृद्धि का लाभ नहीं दिया गया है। (ग) कार्य भौतिक रूप से 98 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है, अ‍भी तक राशि रू. 820.91 करोड़ व्‍यय हुई है। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट '''' अनुसार है। (घ) वर्तमान में टेस्टिंग के रूप में पानी छोड़ा जा रहा है। अत: लाभ प्राप्‍त करने वाले ग्रामों एवं कृषकों के नाम बताया जाना संभव नहीं है। (ड.) जानकारी उत्‍तरांश (ग) एवं (घ) अनुसार है। दिनांक 31.10.2025 तक लक्षित है।

प्रदेश में नाबालिग दुष्कर्म प्रकरणों की स्थिति

[विधि एवं विधायी कार्य]

92. ( क्र. 882 ) श्री बाला बच्चन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 30/06/2025 की स्थिति में जबलपुर उच्च न्यायालय, खण्‍डपीठ इन्‍दौर उच्च न्यायालय एवं खण्डपीठ ग्वालियर उच्च न्यायालय में नाबालिग दुष्कर्म के कितने प्रकरण विचाराधीन हैं? उन प्रकरणों की जानकारी भी देवें जिनमें नाबालिग दुष्कर्म के पश्‍चात हत्या के प्रकरण भी शामिल हैं? दोनों जानकारी पृथक-पृथक देवें। (ख) उपरोक्तानुसार प्रकरण के प्रकरण प्रस्‍तुत दिनांक, प्रकरण की अभी तक लगी तारीखें, इनमें उपस्थित/अनुपस्थित शासकीय अधिवक्ता की जानकारी, आरोपी जमानत पर है/बाहर है सहित तीनों न्यायालयों के सन्दर्भ में जानकारी पृथक-पृथक देवें। (ग) उपरोक्तानुसार जिन प्रकरणों में विगत 5 से 10 वर्षों में 10 से कम सुनवाई तिथियां लगी हैं, उनके लिए विभाग ने अब तक क्या कार्यवाही की है? तीनों न्यायालयों के सन्दर्भ में जानकारी पृथक-पृथक देवें। (घ) इसी तरह जिन प्रकरणों में 50 से अधिक सुनवाई तिथियां होने के बाद भी अभी तक लंबित है, उनके लिए विभाग द्वारा क्‍या प्रयास किए जा रहे हैं?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

सुप्रीम कोर्ट में पदोन्‍नति में आरक्षण प्रकरण

[सामान्य प्रशासन]

93. ( क्र. 883 ) श्री बाला बच्चन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                    (क) तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 1157 दिनांक 23.02.2017 के प्रश्‍नांश (क) उत्‍तर में वर्णित सुप्रीम कोर्ट में पदोन्‍नति में आरक्षण प्रकरण में 23.07.2017 के पश्‍चात प्रश्‍न दिनांक तक कितने वकीलों ने पैरवी की है? उनके नाम, भुगतान राशि, भुगतान दिनांक सहित बतावें। (ख) उपरोक्‍तानुसार दिनांक 23.02.2017 के पश्‍चात उपरोक्‍त प्रकरण में कितनी तारीखें लगी उन तारीखों में कौन-कौन वकील कब-कब उपस्थित/अनुपस्थित रहेकी जानकारी तारीखवार, वकील के नाम सहित देवें। (ग) प्रकरण की अद्यतन स्थिति देवें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

थाना चौकियों की सीमाओं का निर्धारण

[गृह]

94. ( क्र. 887 ) श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्‍नकर्ता के तारांकित प्रश्‍न क्र. 435 दिनांक 2/7/24 के उत्तर में जानकारी दी गई थी कि माननीय उच्च न्यायालय से याचिका वापिस ले ले तो जिला समिति थाना-चौकियों का निर्धारण कर देगी। (ख) क्‍या प्रश्‍नकर्ता ने भी सदन में अपने प्रश्‍न में कहा था कि याचिकाकर्ता द्वारा याचिका वापिस ले ली गई है जो आज प्रचलन में नहीं है। (ग) क्या प्रश्‍नकर्ता द्वारा जिला समिति में तत्कालीन कलेक्टर टीकमगढ़ एवं तत्कालीन पुलिस अधीक्षक को पत्र देकर माँग की गई थी कि खरगापुर विधान सभा के ग्राम भटगोरा, फूलपुर, मगरई, पाली, अलोया, मोररमन को थाना खरगापुर से अपवर्जित (बदलकर) कर थाना जतारा में जोड़ दिये जायें क्यों इन ग्रामों की दूरी खरगापुर थाने की अधिक है जतारा पास भी है तथा अनुभाग एवं न्‍यायालय भी जतारा में है तथा माननीय मंत्री जी द्वारा आश्‍वासन दिया गया था कि याचिका न्‍यायालय से वापिस ले लो जिला समिति फिर कार्यवाही करेगी परंतु आज प्रश्‍न दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं हुई कृपया कारण स्पष्ट करें तथा जनहित में इन ग्रामों को खरगापुर थाने से बदलकर जतारा थाने में कब तक जोड़ दिया जावेगा तथा अभी तक क्या कार्यवाही की गई जानकारी से अवगत करायें। (घ) क्या माननीय मंत्री जी पूर्व के आश्वासन को ध्यान में रखते हुये विभाग जिला कमेटी को निर्देशित करेगा, जिससे इन ग्रामों की आम जनता को सुविधा प्राप्त हो सके और खरगापुर थाने से बदलकर इन ग्रामों को जतारा थाने में जोड़ा जायेगा |

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जी, हाँ। (ग) जी, हाँ। किन्तु उक्त आवेदन में ग्राम अलोया शामिल नहीं था। पुलिस अधीक्षक टीकमगढ़, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) जतारा/बल्देवगढ़ से प्राप्त प्रतिवेदन तथा ग्राम सभाओं से प्राप्त सहमति प्रस्तावों एवं थाना जतारा/खरगापुर से ग्रामों की दूरी पर विचार उपरांत जिला स्तरीय समिति द्वारा सर्वसम्मति से ग्राम फूलपुर, भटगोरा को थाना खरगापुर से हटाकर थाना जतारा में शामिल करने तथा गुडा, नजदीक पाली, मोररमन्ना, मगरई, पाली की दूरी थाना खरगापुर से कम एवं थाना जतारा से अधिक होने के कारण उक्त ग्रामों को यथावत थाना खरगापुर में ही रखा जाने का निर्णय लिया गया है। ग्राम फूलपुर एवं भटगोरा को थाना जतारा में शामिल करने हेतु कार्यालय कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी टीकमगढ़ द्वारा दिनांक 10.07.2025 को अधिसूचना जारी की गई। (घ) उत्‍तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

खनिज विभाग द्वारा सा.प्र.वि. के आदेशों की अवेहलना

[खनिज साधन]

95. ( क्र. 912 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                              (क) प्रश्‍नकर्ता का पत्र क्रमांक 836 दिनांक 09.06.25 जो सीएम, म.प्र. शासन, भोपाल एवं प्रतिलिपि पत्र क्रमांक 837/25 दिनांक 09.06.25 जो एसीएस, मा. मुख्‍यमंत्री जी कार्यालय एवं पीएस, खनिज विभाग, म.प्र. शासन, भोपाल को प्रेषित किया गया था प्राप्ति दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या कार्यवाही सा.प्र.वि. के आदेश क्रमांक एफ 19-76/2007/1/4 भोपाल दिनांक 22.03.2011 में उल्‍लेखित पांचों बिन्‍दुओं एवं परिशिष्‍टों (1, 2) का पालन सुनिश्चित कर किया गया है? कब-कब और क्‍या-क्‍या कार्यवाही सुनिश्चित की गई? संबंधित अधिकारी/कर्मचारी का नाम, पदनाम, कार्यालयीन अभिलेखों/नोटशीटों/पत्रों/नियमों की प्रति सहित बतायें? (ख) क्‍या पत्र पर कृत कार्यवाही से प्रश्‍नकर्ता को संपूर्ण जानकारी उपलब्‍ध करा दी गई है? यदि नहीं, तो सा.प्र.वि. के आदेश के बिन्‍दु क्र. 5 एवं सा.प्र.वि. के आदेश क्र. एफ 19-76/2007/1/4 दिनांक 19.07.2019 के अंतर्गत संबंधित अधिकारी/कर्मचारी की जवाबदेही निर्धारित करते हुये उनके विरूद्ध आचरण या सेवा के नियमों के अधीन अवचार समझा जाकर अनुशासनात्‍मक कार्यवाही कर निलंबन किया गया? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक गुना जिले में खनिज मद से कितने कार्य, कितनी लागत के कहां-कहां करायें गये? कार्य का नाम,पता देयकों की प्रति, आदेश, निर्देश नियम सहित बतायें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा सा.प्र.वि. के आदेशों की अवहेलना

[विज्ञान और प्रौद्योगिकी]

96. ( क्र. 913 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                       (क) प्रश्‍नकर्ता का पत्र क्र. 834 एवं प्रतिलिपि 835 दिनांक 09/06/25 जो सीएम, एसीएस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, संचालक एमपीएसईडीसी भोपाल, पत्र क्र. 838 एवं प्रतिलिपि 839 दिनांक 09/06/25 जो एसीएस, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पीएस मा. सीएम, संचालक एमपीएसईडीसी भोपाल एवं पत्र क्र. 817 एवं प्रतिलिपि दिनांक 26/6/25 जो सीएस, एसीएस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, एमडी एमपीएसईडीसी भोपाल को प्रेषित किया गया था प्राप्ति दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक क्या कार्यवाही सा.प्र.वि. के आदेश क्रमांक एफ 19-76/2007/1/4 भोपाल दिनांक 22.3.2011 में उल्लेखित पांचों बिन्दुओं एवं परिशिष्टों (1, 2) का पालन सुनिश्चित कर किया गया है? कब-कब और क्या-क्‍या कार्यवाही सुनिश्चित की गई? संबंधित अधि./कर्म. का नाम, पदनाम, कार्यालयीन अभिलेखों/नोटशीटों/पत्रों/नियमों की प्रति सहित बतायें? (ख) क्या पत्र पर कृत कार्यवाही से प्रश्‍नकर्त्ता को संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करा दी गई है? यदि नहीं, तो सा.प्र.वि. के आदेश के बिन्दु क्र. 5 एवं सा.प्र.वि. के आदेश क्र. एफ 19-76/2007/1/4 दिनांक 19/07/2019 के अन्तर्गत संबंधित अधिकारी/कर्मचारी की जवाबदेही निर्धारित करते हुये उनके विरूद्ध आचरण या सेवा के नियमों के अधीन अवचार समझा जाकर अनुशासनात्मक कार्यवाही कर निलंबन किया गया? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) विभाग अन्तर्गत 20 मार्च 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक कुल कितने प्रोजेक्ट किस-किस विभाग के कितनी-कितनी लागत के प्राप्त हुये? उस पर कितना व्यय किस प्रयोजन पर, किस-किस कार्य पर, कितने मेनपॉवर के साथ नाम, पदनाम, वेतन, कब से कार्यरत है सहित वर्षवार गौशवारा बनाकर बतायें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-''1'' अनुसार है। (ख) जी हाँ, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट ''2'' अनुसार है।

उद्योग स्‍थापना हेतु भूमि का आवंटन

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

97. ( क्र. 916 ) डॉ. प्रभुराम चौधरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                     (क) रायसेन जिले में उद्योग विभाग द्वारा कहां-कहां एवं किन-किन उद्योगपतियों को कौन-कौन से उद्योग लगाने के लिए भूमि आवंटित की गई है? (ख) वर्ष 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक उद्योगपतियों द्वारा उनको आवंटित भूमि पर उद्योग लगाए गए है या नहीं? आवंटित भूमि पर उद्योग स्‍थापित न करने की स्थिति में क्‍या कार्यवाही की गई?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) रायसेन जिले में औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्‍साहन विभाग क्षेत्रांतर्गत औद्योगिक क्षेत्र मंडीदीप में 631, प्‍लास्टिक पार्क तामोट में 17 एवं ग्राम जमुनिया खेजड़ा में 6 ग्राम तामोट में 02, ग्राम पग्‍नेश्‍वर में 02 एवं ग्राम उमरिया में 01 इस प्रकार कुल 659 औद्योगिक इकाइयों को भूमि आवंटित की गई है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-''1'' अनुसार है। सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम विभाग से प्राप्‍त जानकारी अनुसार रायसेन जिले में उद्योग विभाग द्वारा आवंटित भूमि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-''2'' अनुसार है।                     (ख) आवंटित भूमि पर उद्योग स्‍थापित किये जाने/की गई कार्यवाही संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-''3'' अनुसार है। सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम विभाग से प्राप्‍त  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-''4'' अनुसार है।

सायबर‌ अपराध हेतु सायबर‌ थाना स्‍थापित किया जाना

[गृह]

98. ( क्र. 919 ) श्रीमती रीती पाठक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2022-23 से अब तब तक मध्यप्रदेश में कुल कितने सायबर‌ अपराध दर्ज किये गए है, इनमें से कितनों में कार्रवाई की गई है और वर्तमान में कितने प्रकरण लंबित है जिनमें विवेचना अथवा अन्‍य कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) प्रदेश में दर्ज सायबर‌ अपराधों में किन वर्गों के नागरिक सर्वाधिक प्रभावित हुए है? कृपया वर्गवार आंकड़े प्रदान किये जाये। जैसे वृद्ध, युवा आदि। (ग) दर्ज सायबर‌ अपराध किस-किस विभाग अथवा क्षेत्र (जैसे बैंकिंग फ्रॉड, सोशल मीडिया दुरूपयोग, फेक लिंक/वेबसाइट, ई-कामर्स, धोखाधड़ी, आनलाइन गेमिंग आदि) से संबंधि‍त रहे हैं? (घ) वर्तमान में प्रदेश में कुल कितने सायबर‌ थाने संचालित हैं तथा उनकी भौगोलिक उपलब्धता क्या है? क्या सभी जिलों में सायबर‌ थानों की समुचित पहुंच है। (ड.) क्या सीधी जिले में सायबर‌ थाना स्थापित किये जाने की कोई योजना सरकार द्वारा प्रस्तावित या विचाराधीन है। यदि हाँ, तो जानकारी दें कि उक्त सायबर‌ थानों की स्थापना की वर्तमान स्थिति क्या है और यदि नहीं, तो भविष्य में इसकी स्थापना पर सरकार का क्या विचार है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) वर्ष 2022 में 1021 अपराध दर्ज किए गए, जिनमें 719 अपराध निराकृत किए गए एवं 302 अपराध लंबित है। वर्ष 2023 में 927 अपराध दर्ज किए गए जिनमें 605 अपराध निराकृत किए गए एवं 322 अपराध लंबित है। वर्ष 2024 में 1082 अपराध दर्ज किए गए, जिनमें 505 अपराध निराकृत किये गए एवं 577 अपराध लंबित है। वर्ष 2025 में 511 अपराध दर्ज किये गए जिनमें 137 अपराध निराकृत किये गए एवं 374 अपराध लंबित है। (ख) वर्ष 2022 में 717 युवा वर्ग, 83 वृद्धजन तथा 221 अन्य वर्ग के नागरिक प्रभावित हुए। वर्ष 2023 में 700 युवा वर्ग, 62 वृद्धजन तथा 165 अन्य वर्ग के नागरिक प्रभावित हुए। वर्ष 2024 में 703 युवा वर्ग, 103 वृद्धजन तथा 276 अन्य वर्ग के नागरिक प्रभावित हुए। वर्ष 2025 में 344 युवा वर्ग, 31 वृद्धजन तथा 276 अन्य वर्ग के नागरिक प्रभावित हुए। (ग) वर्ष 2022 में बैंकिंग फॉड 135, सोशल मीडिया दुरूपयोग 542, फेक लिंग/वेबसाईट 15, ई-कामर्स 2, धोखाधड़ी 181, ऑनलाईन गेमिंग 6, अन्य 140 प्रकरण संबंधित रहे। वर्ष 2023 में बैंकिंग फॉड 128, सोशल मीडिया दुरूपयोग 428, फेक लिंग/वेबसाईट 12, ई-कामर्स 6, धोखाधड़ी 225, ऑनलाईन गेमिंग 4, अन्य 124 प्रकरण संबंधित रहे। वर्ष 2024 बैंकिंग फ्रॉड 149, सोशल मीडिया दुरूपयोग 396, फेक लिंग/वेबसाईट 16, ई-कामर्स 5, धोखाधड़ी 381, ऑनलाईन गेमिंग 1, अन्य 134 प्रकरण संबंधित रहे। वर्ष 2025 बैंकिंग फॉड 54, सोशल मीडिया दुरूपयोग 242, फेक लिंग/वेबसाईट 11, ई-कामर्स 2, धोखाधड़ी 125, ऑनलाईन गेमिंग 4, अन्य 73 प्रकरण संबंधित रहे। (घ) वर्तमान में सायबर पुलिस मुख्यालय भोपाल के अंतर्गत सायबर एवं उच्च तकनीकी अपराध थाना संचालित है। इसके अंतर्गत 04 सायबर जोनल कार्यालय इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर एवं जबलपुर संचालित है। प्रदेश में सायबर अपराधों में संभावित वृद्धि को दृष्टिगत रखते हुए प्रभावी अन्वेषण हेतु प्रत्येक जिला मुख्यालय में थाना कोतवाली को सायबर नोडल पुलिस थाना घोषित किया गया है। सायबर अपराधों पर प्रभावी अंकुश एवं अन्वेषण हेतु समस्त इन्डेक्शन कोर्सेस में भाग लेने वाले प्रशिक्षणार्थियों को सायबर अपराधों के अन्वेषण से संबंधित बारीकियों से अवगत कराया जा रहा है, जिससे स्थानीय थानों पर भी सुनवाई की जा रही है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार(ड.) जी हाँ। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।

आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने के साथ कार्यवाही

[गृह]

99. ( क्र. 920 ) श्री अभय मिश्रा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले के सेमरिया थाना अंतर्गत दिनांक 11.11.24 को स्व. अजय केवट के हत्या की जांच एसआईटी द्वारा कराये जाने की जानकारी ध्यान आकर्षण सूचना क्रमांक 38 दिनांक 18.12.24 (सदन में चर्चा दिनांक 19.12.24) पर दिये गये थे, निर्देश के पालन में एसआईटी टीम के गठन संबंधी अभिलेख व कार्यवाही की प्रति, जांच प्रतिवेदन उपलब्ध करावें जिसमें किन-किन के विरूद्ध किस तरह की कार्यवाही प्रस्तावित की गई बतावें? एफआईआर से किनको पृथक किया गया कितने अभियुक्त गिरफ्तार किये गये, कितने शेष हैं तो क्‍यों? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में माननीय न्यायिक मजिस्ट्रेट सिरमौर के समक्ष 164 के तहत गवाहों के कथन में नामजद अभियुक्तों को अभियुक्त न बनाकर जांच में लीपापोती कर बचाया गया क्‍यों बतावें, जबकि प्रश्‍नकर्ता द्वारा पुलिस महानिर्देशक महोदय को पत्र देकर कार्यवाही का आग्रह किया गया। राज्य स्तर से क्या कार्यवाही की गई है? बतावें। (ग) प्रश्‍नांश (क) अनुसार अपराध की एसआईटी/उच्‍च स्‍तरीय जांच समिति बनाकर कर जांच कराने व अनुपूरक चालान न्यायालय में पेश किये जाने बावत् क्‍या निर्देश देंगे, बतावें। अगर नहीं, तो क्यों? जबकि साक्षियों द्वारा न्यायालय में 164 के तहत दर्ज कराए गये कथन में अभियुक्‍तों को नामजद किया गया था, इस पर कार्यवाही के क्‍या निर्देश देंगे? बतावें। यदि नहीं, तो क्यों

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट-'''' अनुसार है।               (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट-'''' अनुसार है।

परिशिष्ट - "इक्कीस"

रेत की दर का निर्धारण व जी.एस.टी. की चोरी पर रोक

[खनिज साधन]

100. ( क्र. 921 ) श्री अभय मिश्रा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालू के ठेकेदारों द्वारा आपस में पूंजीगत गुटबंदी (मोनोपोली) के आधार पर मनमानी दर को नियंत्रित किये जाने बावत् शासन द्वारा क्या नीति एवं निर्देश तय किये गये हैं? बतावें। रेत की कितनी खदानें प्रदेश में संचालित हैं, इनकी बिक्री के बिल पर जी.एस.टी. की राशि कितनी प्राप्‍त हुई की जानकारी जिलेवार पिछले 05 वर्षों से प्रश्‍नांश दिनांक तक की देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के तारतम्‍य में सीधी जिले में बालू के खदानों का ठेके में माननीय उच्‍च न्‍यायालय जबलपुर से सहकार ग्‍लोबर ठेकेदार द्वारा स्‍थगन प्राप्‍त कर 82 करोड़ रूपये की आर्थिक क्षति पहुंचाई। स्‍थगन समाप्‍त करने एवं 82 करोड़ की राजस्व हानि को रोके जाने बावत् क्या कार्यवाही की गई बतावें? अगर नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में विभाग के ज्ञापन क्रमांक एफ-19-3/2019/12-1/2021 भोपाल दिनांक 20.07.2021 के द्वारा प्रेषित अतिरिक्त जानकारी में रेत खनिज के बाजार मूल्‍य नियंत्रण के प्रावधान नहीं है, की जानकारी दी गई। मूल्‍य नियंत्रण बावत क्‍या निर्देश देंगे? बतावें अगर नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) उल्‍लेखित अनुसार जी.एस.टी. की चोरी एवं बालू की कीमत निर्धारण किये जाने बाबत् क्या निर्देश देंगे? बतावें। अगर नहीं तो क्‍यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

भिण्‍ड शहर में पदस्थ उप पंजीयक के खिलाफ कार्यवाही

[वाणिज्यिक कर]

101. ( क्र. 928 ) श्री नरेन्‍द्र सिंह कुशवाह : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या भिण्ड शहर में पदस्थ उप पंजीयक सुनील शर्मा के खिलाफ वर्ष 2022 में आर्थिक कदाचार व धोखाधड़ी समेत विभिन्न आपराधिक धाराओं के अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज की जाकर उनको जेल भेजने सम्बंधित मामला प्रचलन में था? यदि हाँ, तो आज दिनांक तक कोई भी कार्यवाही क्यों नहीं की गई है? (ख) भिण्ड शहर के उप पंजीयक सुनील शर्मा की पदस्थापना किस दिनांक व वर्ष है तथा इस दौरान विभाग को क्या-क्या गंभीर शिकायतें प्राप्त हुई हैं? उन पर विभाग द्वारा आज दिनांक तक क्या विभागीय जांच व अन्य कार्यवाही प्रचलन में है? (ग) भिण्ड शहर से कनिष्ठ उप पंजीयक अर्चना दिनकर का स्‍थानांतरण होने के कारण एक पद रिक्त है तथा यह प्रभार भी सुनील शर्मा वरिष्ठ उप पंजीयक को दिया गया है, जिस कारण से आम जनता को रजिस्ट्री कराने में असुविधा हो रही है। क्‍या उनके स्थान पर किसी कनिष्ठ उप पंजीयक को पदस्थ किया जावेगा? यहि हाँ तो समयावधि बताने का कष्ट करें।

उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) प्रश्‍न में उल्‍लेखित वर्ष 2022 में प्राथमिकी दर्ज होना नहीं पाया गया। वर्ष 2023 में प्राथमिकी थाना देहात कोतवाली भिण्‍ड में एफआईआर क्रमांक 0609 दिनांक 05-10-2023 धारा 420, 467, 468, 471, 120बी, भ्रष्‍टाचार निवारण अधिनियम 1988 एवं (संशोधन-अधिनियम 2018) के तहत दर्ज हुई है। (ख) श्री सुनील शर्मा, उप पंजीयक, भिण्‍ड के पद पर दिनांक 30-10-2017 से पदस्‍थ है, उनके विरूद्ध प्राप्‍त शिकायतों की सूची संलग्‍न परिशिष्‍ट-'''' एवं '''' अनुसार है। (ग) कर्मचारियों की उपलब्‍धता अनुसार प्रशासकीय कार्य सुविधा की दृष्टि से स्‍थानांतरण किये जाते है। शेष समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "बाईस"

महिला स्‍व-सहायता समूह की उच्‍च स्‍तरीय जांच

[महिला एवं बाल विकास]

102. ( क्र. 929 ) श्री नरेन्‍द्र सिंह कुशवाह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या भिण्‍ड जिला के भिण्‍ड विकासखण्‍ड में विभिन्‍न सामग्री प्रदाय करने वाली महिला स्‍व.सहायता समूह जो कि कूटरचित दस्‍तावेजों की उच्‍च स्‍तरीय जांच नितांत आवश्‍यक है, पंजीबद्ध स्‍व.सहायता समूह एक ही महिला के द्वारा कई समूहों का संचालन किया जा रहा है? क्‍या उक्‍त समूहों की उच्‍चस्‍तरीय दल बनाकर जांच कराई जावेगी? यदि हाँ, तो समयावधि बतायें?                                                                       (ख) भिण्‍ड विकासखण्‍ड में विभिन्‍न सामग्री प्रदाय समूहों के पंजीकरण प्रमाण पत्र पंजीकृत पता संचालन मण्‍डल सदस्‍यों के नाम व पता प्रदाय की जाने वाली सामग्री का नाम व आंगनवाड़ियों की संख्‍या तथा गुणवत्‍ता निर्धारण करने वाले प्राधिकृत अधिकारी का नाम व पदनाम सहित समस्‍त ब्‍यौरा उपलब्‍ध कराने का कष्‍ट करें। (ग) भिण्‍ड विकासखण्‍ड में संचालित आंगनवाड़ियों के नाम सुपरवाईजर, कार्यकर्ता व सहा‍यिका नाम के साथ-साथ प्रत्‍येक दिवस धात्री व शिशुओं को वितरण की जाने वाली सामग्री के नाम कुल वजन सहित उपलब्‍ध करावें।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी नहीं। शेष जानकारी का प्रश्‍न ही नहीं। (ख) भिण्‍ड विकासखण्‍ड में विभिन्‍न सामग्री प्रदाय करने वाले कुल 150 महिला स्‍व-सहायता समूहों में से 91 स्‍व-सहायता समूहों के पंजीकरण प्रमाण-पत्र पंजीकृत पता तथा सदस्‍यों के नाम की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'''' अनुसार है शेष समूहों के पंजीकरण प्रमाण-पत्र एकत्रित किये जा रहे हैं। समूहों द्वारा प्रदाय की जा रही सामग्री की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। भिण्ड विकास खण्ड में कुल 538 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं। गुणवत्ता निर्धारण हेतु संबंधित आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, क्षेत्रीय पर्यवेक्षक, परियोजना अधिकारी तथा जिला कार्यक्रम अधिकारी अधिकृत हैं। (ग) भिण्‍ड विकासखण्‍ड में संचालित आंगनवाड़‍ियों के नाम तथा पर्यवेक्षक कार्यकर्ता तथा सहायिकाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। प्रत्‍येक दिवस धात्री व शिशुओं को वितरण की जाने वाली पूरक पोषण आहार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'''' अनुसार है।

प्रशासनिक व्‍यवस्‍था में सुधार हेतु परिवर्तन

[सामान्य प्रशासन]

103. ( क्र. 932 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                      (क) टीकमगढ़ जिले में सामान्‍य प्रशासन विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के कितने-कितने पद सृजित है? प्रश्‍न दिनांक तक कितने पद रिक्‍त है और कितने-कितने भरे हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) के आधार पर बताएं कि जो रिक्‍त पद है उन्‍हें भरे जाने हेतु विभाग द्वारा क्‍या-क्‍या कार्यवाही की जा रही है? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि जिले में पदस्‍थ अधिकारी/कर्मचारियों की किस-किस की शिकायते लंबित है? प्रशासनिक व्‍यवस्‍था में सुधार हेतु उनमें से किस-किस को हटाए जाने हेतु शासन के पास प्रस्‍ताव लंबित है? इन लंबित प्रस्‍तावों के आधार पर इन अधिकारी/ कर्मचारियों को हटाया जायेगा तो कब तक? निश्चित समय-सीमा सहित बताएं और उनके स्‍थान पर अन्‍य दूसरे अधिकारी/कर्मचारियों को भेजकर कब तक पद भर दिए जावेंगे?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट-'''' अनुसार है। (ख) प्रशासकीय आधार पर पदस्‍थापना की जाती है। (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट-'''' अनुसार है। परिशिष्‍ट में उल्‍लेखित अधिकारियों को हटाये जाने के संबंध में निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "तेईस"

हवाई पट्टी हेतु भूमि का आवंटन एवं राशि की स्‍वीकृति

[विमानन]

104. ( क्र. 933 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                (क) प्रदेश की विमानन नीति वर्तमान में क्‍या है? कृपया ऐसी नीति की छायाप्रतियां प्रदाय करें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के आधार पर बताएं कि प्रदेश में कहां-कहां हवाई पट्टी का निर्माण कराया जा चुका है और कहां-कहां नहीं? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि टीकमगढ़ जिले में क्‍या शासन द्वारा हवाई पट्टी (Air Strip) बनाए जाने की विभाग की योजना है? प्रश्‍न दिनांक तक शासन से एवं जिले से क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई है? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर निश्चित समय-सीमा सहित बताएं कि कब तक जतारा विधान सभा के उत्‍तर प्रदेश बॉर्डर के पास एवं टीकमगढ़ जिला मुख्‍यालय पर हवाई पट्टी निर्माण कब तक कितनी-कितनी भूमि आवंटित कर, कितनी राशि स्‍वीकृत कर दी जावेगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) मध्‍यप्रदेश सिविल एविएशन पॉलिसी, 2025 की छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) उत्‍तरांश (क) में उल्‍लेखित नीति के जारी होने के उपरांत अभी तक कहीं भी नवीन हवाई पट्टी का निर्माण नहीं कराया गया है। (ग) उत्‍तरांश '' में उल्‍लेखित नीति में उल्‍लेखित योजना अनुसार कार्यवाही की जाएगी। टीकमगढ़ में हवाई पट्टी निर्माण हेतु कलेक्‍टर, जिला टीकमगढ़ से प्राप्‍त जानकारी अनुसार हवाई पट्टी के लिए आरक्षित भूमि पर मकान एवं फसल का अतिक्रमण है। अवैध कब्‍जा के संबंध में संबंधित राजस्‍व न्‍यायालय में प्रकरण पंजीबद्ध किया जाकर कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।

केन्‍द्र सरकार द्वारा पदों की संख्‍या में वृद्धि

[सामान्य प्रशासन]

105. ( क्र. 936 ) डॉ. राजेन्‍द्र कुमार सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                      (क) भारतीय प्रशासनिक सेवा एवं भारतीय पुलिस सेवा में कब से कैडर रिव्‍यू नहीं हुआ है?            (ख) प्रदेश में आई.ए.एस., आई.पी.एस., आई.एफ.एस. के कुल कितने पद स्‍वीकृत है? इन पदों के विरूद्ध कुल कितने पद पर पदस्‍थापना की जा सकती है? (ग) केन्‍द्र सरकार के पास कुल कितने पदों की संख्‍या बढ़ाने का प्रस्‍ताव भेजा गया है या भेजने की प्रक्रिया चल रही है? (घ) कब तक उक्‍त प्रक्रिया पूरी होगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) भारतीय प्रशासनिक सेवा एवं भारतीय पुलिस सेवा का कैडर रिव्‍यू प्रत्‍येक 05 वर्ष में भारत सरकार द्वारा किया जाता है। भारतीय प्रशासनिक सेवा संवर्ग का कैडर रिव्‍यू दिनांक 05 अगस्‍त, 2022 तथा भारतीय पुलिस सेवा का कैडर रिव्‍यू दिनांक 24 जून, 2022 को भारत सरकार द्वारा किया गया था। (ख) प्रदेश में आई.ए.एस. के 459 पद, आई.पी.एस. के 319 पद तथा आई.एफ.एस. के 296 पद स्‍वीकृत है। इन पदों के विरूद्ध सभी पदों पर पदस्‍थापना की जा सकती है। (ग) केन्‍द्र सरकार को आई.ए.एस., आई.पी.एस. एवं आई.एफ.एस. के पदों की संख्‍या बढ़ाने संबंधी कोई प्रस्‍ताव नहीं भेजा गया और न ही कोई प्रक्रिया चल रही है। (घ) उत्‍तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

आबकारी विभाग लाभ योजना

[वाणिज्यिक कर]

106. ( क्र. 937 ) डॉ. राजेन्‍द्र कुमार सिंह : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015-2016 से प्रश्‍न तिथि तक की अवधि में मध्‍यप्रदेश आबकारी विभाग में इंदौर, भोपाल, रीवा, जबलपुर, ग्‍वालियर, उज्‍जैन, धार खरगौन, खण्‍डवा, सतना सहित किन जिलों में समय पर बैंक गारंटी और अन्‍य अनुमतियों की राशि किन लाइसेंसियों ने जमा नहीं की?                    (ख) निर्धारित अवधि उपरांत राशि/गारंटी जमा करने पर किस-किस प्रकार की कार्यवाही के प्रावधान है? विवरण देते हुए प्रावधानों की प्रतियों देवें, किस प्रकार की कार्यवाहियां की गई? सभी कार्यवाहियों की एक-एक प्रति दें। (ग) प्रचलित कार्यवाहियों का विवरण देते हुए बतावें की समय पर गारंटी जमा नहीं होने के मामलों में किस नाम के व्‍यक्तियों की शिकायत पर जांच की गई और क्‍या कार्यवाहियां की गई? (घ) फर्जी बैंक गारंटी के कितने मामले सामने आए दोषी अधिकारियों/ कर्मचारियों पर किस प्रकार की कार्यवाहियां की गई और प्रचलन में है का विवरण देते हुए निराकरण आदेशों और कार्यवाहियों के आदेशों की प्रतियां देवें।

उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

महिला एवं बाल विकास अधिकारियों की नियुक्ति

[महिला एवं बाल विकास]

107. ( क्र. 966 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) म.प्र. के महिला एवं बाल विकास विभाग में महिला एवं बाल विकास अधिकारी के कितने पद प्रश्‍न दिनांक तक स्वीकृत हैं, स्वीकृत पद के विरूद्ध कितने पद भरे हैं एवं रिक्त पद को न भरने के क्या कारण हैं? जिलेवार रिक्त पद की संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या म.प्र.लोक सेवा आयोग द्वारा जनवरी, 2025 में घोषित अंतिम चयन सूची में पास महिला एवं बाल विकास अधिकारी के अभ्यार्थियों के नियुक्ति संबंधी आदेश जारी कर दिये गये हैं? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो विलंब का कारण बतावें तथा कब तक महिला एवं बाल विकास अधिकारी के रिक्त पद पर नियुक्त कर इनको पदस्थ कर दिया जावेगा?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) मध्यप्रदेश के महिला एवं बाल विकास विभाग में महिला एवं बाल विकास अधिकारी के जिलेवार स्वीकृत, भरे एवं रिक्त पदों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। जिला कार्यक्रम अधिकारी का पद पदोन्नति से भरा जाता है। माननीय न्यायालय में पदोन्नति संबंधी याचिकाएं लंबित होने से वर्तमान में पदोन्नति की प्रक्रिया बाधित है। (ख) जी हाँ। दिनांक 17.7.2025 को। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "चौबीस"

खनिज प्रतिष्‍ठान मद से स्‍वीकृत राशि

[खनिज साधन]

108. ( क्र. 967 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि    (क) जिला अनूपपुर में खनिज विभाग को 1 जनवरी, 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक खनिज प्रतिष्ठान मद से कुल कितनी राशि जिले की रायल्टी के नाम पर हुई? विधानसभा क्षेत्रवार, वर्षवार प्राप्त राशि की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में अनूपपुर जिले में आवश्यकता के अनुसार कितनी-कितनी राशि से कौन-कौन से निर्माण कार्य प्रश्‍नांकित अवधि में उक्त निधि से स्वीकृत किये गये? कार्य का स्वरूप सहित वर्षवार कार्य की जानकारी उपलब्ध करावें। कौन-कौन से कार्य पूर्ण हो गये हैं, कौन-कौन से कार्य अपूर्ण हैं? अपूर्ण रहने के कारण सहित जानकारी उपलब्ध करावें। उक्त पूर्ण हो गये कार्यों को सत्यापित करने वाले अधिकारी का नाम व पदनाम सहित संपूर्ण जानकारी देवें। (ग) अनूपपुर जिले में किस-किस जनप्रतिनिधि या अधिकारी की सिफारिश पर कौन-कौन से कार्य उक्त अवधि में स्वीकृत किये गये? क्या जिला खनिज प्रतिष्ठान मद की राशि का लाभ पुष्पराजगढ़ विधानसभा को नहीं मिल पा रहा है जबकि सड़क, बिजली और पीने के पानी की समस्या से आज भी उक्त क्षेत्र वंचित है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जिला अनूपपुर में खनिज विभाग को 01 जनवरी 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक खनिज प्रतिष्ठान मद से रायल्टी के नाम पर जिले को वर्तमान में किसी प्रकार की राशि प्राप्त नहीं हुई है। जिला खनिज प्रतिष्ठान मद अंतर्गत राशि विधान सभा क्षेत्रवार प्राप्त नहीं होती है। जिले में स्थित खदानों से जिला खनिज प्रतिष्ठान मद में प्राप्त राशि का विवरण निम्नानुसार है:-

क्र.

वर्ष

प्राप्‍त राशि करोड़ में

1

01/01/2022 से 31/03/2023 तक

77.60

2

01/04/2023 से 31/03/2024 तक

60.16

3

01/04/2024 से 30/06/2025 तक

89.16

(ख) उत्तरांश (क) के संदर्भ में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार कार्य पूर्ण हो चुके है अथवा प्रगतिरत् है। कोई भी कार्य अपूर्ण नहीं है। पूर्ण हो चुके कार्यों को सत्यापित करनें वाले अधिकारी का नाम व पदनाम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम क्रमांक-3 अनुसार है। मध्यप्रदेश जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम, 2016 के नियम 13 में इस मद से किये जाने वाले कार्यों का प्रावधान है। जिले की आवश्यकतानुसार विभागों से प्रस्ताव प्राप्त होने के पश्‍चात कार्यों में बिजली, पीने का पानी के प्रस्ताव शामिल है। मध्यप्रदेश जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम, 2016 में विधानसभावार कार्य स्वीकृति का प्रावधान नहीं है। प्रश्‍नाधीन अवधि में पुष्पराजगढ़ विधानसभा में कुल 244 कार्य कुल राशि 27.76 करोड़ के स्वीकृत किये गये है।

मुख्‍यमंत्री जी की घोषणा का क्रियान्‍वयन

[सामान्य प्रशासन]

109. ( क्र. 978 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                     (क) सीधी एवं सिंगरौली जिले के माननीय मुख्यमंत्री जी के प्रवास के दौरान निर्माण विकास कार्यों की स्वीकृति हेतु घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी घोषणायें की गई थीं? पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा के क्रियान्वयन/ स्वीकृति किया गया है? यदि हाँ, तो जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) सिंगरौली जिले के अंतर्गत ग्राम निवास में नवीन शासकीय महाविद्यालय की स्वीकृति दिये जाने हेतु माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो जानकारी उपलब्ध करायें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) विभागों में निहित नियमों/प्रावधानों के अंतर्गत घोषणाओं के क्रियान्‍वयन की कार्यवाही की जाती है, जो एक सतत् प्रक्रिया है। (ग) जी हाँ ग्राम-निवास में कॉलेज खोले जाने संबंधी घोषणा क्रमांक डी-0652 अंकित हैजानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है।

गौण खनिज के संबंध में

[खनिज साधन]

110. ( क्र. 979 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) सीधी एवं सिंगरौली जिले के अंतर्गत गौण खनिज खनन किये जाने के लिये कहाँ-कहाँ खदानें स्वीकृति की गई? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में सीधी जिले में गौण खनिज (रेत) उत्खनन हेतु खदानें स्वीकृत की गई थीं? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में गौण खनिज (रेत) का उत्खनन किया गया है? यदि हाँ, तो मात्रा सहित जानकारी उपलब्ध करायें? यदि नहीं, तो कारण बतायें। उत्खनन नहीं होने से शासन को वित्तीय हानि हुई, उसके लिये जिम्मेदार कौन हैं? दोषियों के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई है? (घ) सीधी एवं सिंगरौली जिले के अंतर्गत रेत भण्डारण हेतु कहाँ-कहाँ पर स्वीकृति प्रदान की गई है? अवैध भण्डारण की शिकायतें मिली हैं? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जिला सीधी एवं सिंगरौली अंतर्गत गौण खनिज खनन किये जाने हेतु स्‍वीकृत खदानों (रेत को छोड़कर) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'''' अनुसार  एवं खनिज रेत की स्‍वीकृत खदानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'''' अनुसार है।   (ख) प्रश्‍नांश अनुसार सीधी जिले में गौण खनिज (रेत) के स्‍वीकृत खदानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'''' अनुसार है। (ग) मध्‍यप्रदेश राज्‍य खनिज निगम से प्राप्‍त जानकारी अनुसार सीधी जिले में वर्ष 2019 को ई-निविदा के माध्‍यम से ठेका दिया गया था, जो कि दिनांक 30/06/2023 तक संचालित रहा। इसके उपरांत दिनांक 02/11/2023 को मेसर्स नेशनल एनर्जी ट्रेडिंग एण्‍ड सर्विसेस लिमि. को दिया गया ठेका दिनांक 28/06/2024 तक संचालित रहा है। विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'''' अनुसार है। इसके उपरांत दिनांक 02/01/2025 मेसर्स सहकार ग्‍लोबल प्रा. लिमि. को आशय पत्र जारी किया गया, किन्‍तु यह प्रकरण माननीय उच्‍च न्‍यायालय, जबलपुर में (याचिका क्रमांक 34655/2024) लंबित होने एवं स्‍थगन आदेश होने के कारण अनुबंध निष्‍पादन नहीं हो सका। अनुबंध निष्‍पादन उपरांत खदानें संचालित की जायेंगी। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जिला सीधी के अंतर्गत ग्राम कुकडीझर तहसील गोपद बनास के खसरा क्रमांक 59 के रकबा 0.790 हेक्‍टेयर क्षेत्र पर भंडारण अनुज्ञप्ति स्‍वीकृत है। सिंगरौली जिला अंतर्गत रेत भण्‍डारण प्रदान की गई स्‍वीकृति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'''' अनुसार है एवं अवैध रेत भण्‍डारण की प्राप्‍त शिकायतों एवं की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'''' अनुसार है।

सिलवानी विधानसभा क्षेत्र में उद्योगों की स्‍थापना

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

111. ( क्र. 986 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. औद्योगिक विकास निगम द्वारा रायसेन जिले की सिलवानी विधानसभा क्षेत्र में उद्योगों के विकास व उद्यमियों को सुविधायें उपलब्‍ध कराने हेतु क्‍या कोई औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया जा रहा है या ऐसा कोई प्रस्‍ताव विभाग के पास लंबित/विचाराधीन है? नहीं तो क्‍यों? (ख) क्‍या सिलवानी विधानसभा क्षेत्र में कृषि आधारित उद्योगों व फूड प्रोसेसिंग संबंधित उद्योगों के लिए पर्याप्‍त संभावनायें व उचित वातावरण होने के बावजूद सरकारी बेरूखी के कारण उद्योगों की स्‍थापना नहीं हो पा रही है? विभाग इस हेतु क्‍या प्रयास करेगा? (ग) प्रश्‍नांश (क) वर्णित क्षेत्र में विशेष औद्योगिक क्षेत्र की स्‍थापना व उद्यमियों हेतु औद्योगिक वातावरण निर्मित करने हेतु विभाग कब तक क्‍या कार्यवाही/प्रयास करेगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) रायसेन जिले की सिलवानी विधानसभा क्षेत्र में विभाग के अधीन एमपी इंडस्ट्रियल डेव्‍हलपमेंट कार्पोरेशन लि. द्वारा कोई भी औद्योगिक क्षेत्र विकसित नहीं किया जा रहा है और न ही कोई प्रस्‍ताव औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्‍साहन के पास लंबित/विचाराधीन है। (ख) जी नहीं, विभाग द्वारा निवेशकों को उद्योग लगाने हेतु प्रोत्साहित करने के लिये नवीन उद्योग संवर्धन नीति 2025 लागू की गई है जो सम्पूर्ण प्रदेश में समान रूप से प्रभावशील है। इसके अतिरिक्त खाद्य प्रसंस्‍करण, लॉजिस्टिक फुड पार्क, फार्मा उद्योग, टेक्सटाईल्स इत्यादि क्षेत्रों हेतु उद्योग संवर्धन नीति 2025 अंतर्गत पृथक-पृथक सेक्टरवार नीतियां जारी की गई है। इन नीतियों में निवेशक एवं उद्योग को प्रोत्‍साहित करने हेतु कई प्रावधान किये गये है। रायसेन जिले में विभाग के अधीन एमपी इंडस्ट्रियल डेव्‍हलपमेंट कार्पोरेशन लि. के 02 औद्योगिक क्षेत्र स्‍थापित एवं संचालित है। सिलवानी विधानसभा क्षेत्र अन्‍तर्गत विभाग के आधिपत्‍य की कोई भूमि उपलब्‍ध नहीं है। (ग) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित क्षेत्र में विभाग को भूमि उपलब्‍ध होने पर औद्योगिक क्षेत्र की स्‍थापना की संभाव्‍यता है।

अवैध शराब बिक्री की रोकथाम

[वाणिज्यिक कर]

112. ( क्र. 987 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिलांतर्गत सिलवानी विधानसभा क्षेत्र में शराब ठेकेदारों द्वारा गांव-गांव शराब की अवैध उपलब्‍धता और बिक्री की जा रही है? इसकी रोकथाम हेतु क्‍या प्रयास किये जा रहे हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) उल्‍लेखित क्षेत्र में विगत दो वर्षों में अवैध शराब बिक्री/परिवहन के कितने प्रकरण दर्ज कर आरोपियों पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई है? विवरण दें व बतावें कि क्‍या कारण है कि गांव-गांव में अवैध शराब बिक्री कर रहे अपराधियों के हौंसले बुलंद हैं? (ग) सिलवानी विधानसभा क्षेत्र में आदिवासी अंचल में अवैध शराब बिक्री के विरूद्ध महिलाओं द्वारा चलाये जा रहे अभियान में प्रशासन द्वारा असहयोग के क्‍या कारण हैं? क्‍या प्रशासन विशेष अभियान चलाकर अवैध शराब की बिक्री पर रोकथाम लगायेगा? नहीं तो क्‍यों? (घ) ग्राम करहौला (गैरतगंज) एवं ग्राम करहौला (बेगमगंज) में खुलेआम अवैध शराब बिक्री रोकने हेतु कब तक क्‍या कार्यवाही की जावेगी? नहीं तो क्‍यों?

उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) रायसेन जिलांतर्गत सिलवानी विधानसभा क्षेत्र में अवैध शराब की रोकथाम हेतु पुलिस एवं आबकारी विभाग द्वारा लगातार उपलंभन एवं जब्‍ती कार्यवाही की जाती है। सिलवानी विधानसभा क्षेत्र में आबकारी विभाग द्वारा विगत तीन माह में अवैध शराब बिक्री/परिवहन के कुल 63 प्रकरण दर्ज करते हुए कुल 147 ब.ली मदिरा जब्‍त की गई हैं। उक्‍त प्रकरणों में अनुज्ञप्तिधारी के विरूद्ध बनाये गये प्रकरणों की संख्‍या निरंक है अत: यह कहना सही नहीं होगा कि, रायसेन जिलांतर्गत सिलवानी विधानसभा क्षेत्र में शराब ठेकेदारों द्वारा गांव-गांव शराब की अवैध उपलब्‍धता और बिक्री की जा रही है।                  (ख) सिलवानी विधानसभा क्षेत्र में विगत दो वर्षों में अवैध शराब बिक्री/परिवहन के पुलिस द्वारा कुल 322 प्रकरण एवं आबकारी विभाग द्वारा 746 प्रकरण दर्ज किये जाकर कुल 10968 ब.ली मदिरा जप्‍त की गई है। यह कहना सही नहीं होगा कि अवैध शराब बिक्री कर रहे आरोपियों के हौसले बुलंद है। (ग) सिलवानी विधानसभा क्षेत्र में अवैध निर्माण, अवैध विक्रय, परिवहन की रोकथाम हेतु समय-समय पर प्रशासन एवं वरिष्‍ठ कार्यालय के निर्देशों के अनुरूप विशेष अभियान चलाकर अवैध शराब की बिक्री पर रोकथाम की कार्यवाही की जाती है। (घ) ग्राम करहौला (गैरतगंज) एवं ग्राम करहौला (बेगमगंज) में अवैध शराब बिक्री की सूचना प्राप्‍त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

मानसून में संभावित आपदाओं की तैयारी

[गृह]

113. ( क्र. 998 ) डॉ. अभिलाष पाण्डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                          (क) क्या इस मानसून में संभावित हाइड्रोलॉजिकल आपदाओं (जैसे बाढ़, जलभराव, नदियों में जलस्तर वृद्धि आदि) से प्रभावी रूप से निपटने हेतु राज्य सरकार द्वारा क्या-क्या ठोस तैयारियां की गई हैं? (ख) क्या बाढ़ संभावित एवं संवेदनशील क्षेत्रों में समय पर पूर्व चेतावनी प्रदान करने हेतु कोई आधुनिक और विश्‍वसनीय पूर्वानुमान प्रणाली स्थापित की गई है तथा आमजन को शीघ्र सूचना उपलब्ध कराने की समुचित व्यवस्था सुनिश्‍िचत की गई है? (ग) क्या एनडीआरएफ, एसडीआरएफ एवं स्थानीय बचाव दलों को संभावित आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पूर्व तैनाती दी गई है तथा उनके प्रशिक्षण, उपकरणों एवं अन्य आवश्यक संसाधनों की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्‍िचत की गई है? (घ) क्या आपदा की स्थिति में प्रभावित नागरिकों के लिए पर्याप्त संख्या में अस्थायी आश्रय स्थलों, खाद्य सामग्री, पेयजल, औषधियों एवं अन्य आवश्यक राहत सामग्रियों की समुचित व्यवस्था की गई है? (ड.) क्या संभावित आपदा प्रभावित क्षेत्रों में नागरिकों को आपदा प्रबंधन, बचाव एवं आत्म-सुरक्षा के प्रति जागरूक करने हेतु व्यापक जनजागरूकता अभियान चलाए गए हैं अथवा कोई विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) 1. राज्य, जिला तथा तहसील स्तर पर इंसीडेंट रिस्पोंस टीम का गठन किया गया है। 2. जिला स्तर पर बाढ़ बचाव हेतु प्रशिक्षित टास्क फोर्स का गठन किया गया है। 3. एन.डी.आर.एफ की 05 टीमों को भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर तथा धार में तैनात की गई है। 4. एस.डी.आर.एफ को बाढ़ राहत एवं बचाव कार्य करने हेतु अत्याधुनिक बचाव उपकरण उपलब्ध कराए गए है तथा प्रशिक्षित किया गया है। 5. अलर्ट तथा चेतावनी प्रसारण हेतु विशेष रूप से DWRS सिस्टम स्थापित किया गया है। 6. बाढ़ आपदा के दौरान निगरानी एवं समन्वयन हेतु राज्य स्तर पर मंत्रालय वल्लभ भवन में सिचुएशन रूम (VBSR), SDERF मुख्यालय में राज्य कन्ट्रोल एम तथा समस्त जिलों में District Disaster Command Control and Coordination Center (DCCC) स्थापित कर आपदा की स्थिति में 24×7 कार्यरत है। 7. राज्य, जिला तथा तहसील स्तर पर बाढ़ पूर्व तैयारी तथा मानसून के दौरान आकाशीय बिजली से जन-सामान्य के बचाव हेतु विभिन्न विभागों की जिम्मेदारियां तय करते हुए SOP/एडवायजरी दिनांक 23.05.2025 को जारी किया गया। 8. बाढ़ के दौरान डूब की घटनाओं से जन सामान्य के बचाव हेतु समस्त जिला प्राधिकरणों को दिनांक 21.03.2025 को निर्देश जारी किया गया। 9. बाढ़ सर्पदंश, आकाशीय बिजली एवं संग्रहण क्षेत्रों में होती डूब की घटनाओं की रोकथाम तथा जनसामान्य के बचाव एवं आकस्मिक चेतावनी प्रसारण हेतु अपर मुख्य सचिव, गृह विभाग की अध्यक्षता में संबंधित विभागों के साथ दिनांक 13.06.2025 को बैठक संपन्न कर पूर्व तैयारी की समीक्षा कर संबंधित विभागों को आवश्यक निर्देश दिए गए। 10. बाढ आपदा के दौरान प्रदेश तथा राष्ट्रीय स्तर की एजेंसियों से तत्पर सम्पर्क एवं समन्वयन हेतु Communication Plan 2025 तैयार कर समस्त जिला प्राधिकरणों को उपलब्ध कराया गया।                                                 11. मानसून के दौरान सर्पदंश से जन-सामान्य के बचाव हेतु जिला प्राधिकरणों को सुझाव तथा जन-जागृति सामग्री उपलब्ध की गई। 12. जन-सामान्य को आकाशीय बिजली तथा सर्पदंश से बचाव हेतु रेडियो एफ.एम. के माध्यम से संदेश प्रसारित किया जा रहा है। (ख) 1. निगरानी तंत्र, अलर्ट सिस्टम तथा पूर्व-चेतावनी व्यवस्‍था सुदृढ़ करने के लिए म.प्र. इलेक्ट्रानिक डेव्‍लपमेंट कार्पोरेशन के साथ मिलकर Disaster warning and Response System (DWRS) स्थापित किया गया है। इसके अंर्तगत प्राकृतिक आपदाओं का पूर्वानुमान एवं चेतावनी प्रसारण की व्यवस्था, घटना की सूचना तथा कार्यवाही का समन्वयन आदि आपदा प्रबंधन हेतु अपेक्षित कार्यवाहियाँ शामिल हैं।                                                                 2. SACHET प्रणाली से आपदा संभावित क्षेत्र में नागरिकों को मोबाइल पर सूचना संदेश/चेतावनी दिया जा रहा है। (ग) एन.डी.आर.एफ. के 05 टीम मय उपकरणों के साथ भोपाल, धार, जबलपुर तथा ग्वालियर में 02 टीम तैनात है। (घ) आपदा की स्थिति में प्रभावित नागरिकों को अस्थायी आश्रम स्थल, खाद्य सामग्री, पेयजल तथा औषधियों की व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु समस्त जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों को दिनांक 23.05.2025 को निर्देशित किया गया है। (ड.) संभावित आपदाओं के दौरान आम नागरिकों की सुरक्षा एवं त्वरित राहत कार्यों हेतु जनजागरूकता एवं प्रशिक्षण के लिए प्रदेश के समस्त 55 जिलों में प्रशिक्षण एवं क्षमता-वृद्धि योजना का क्रियान्वयन वर्ष 2024-25 एवं वर्ष 2025-26 में किया जा रहा है। इस योजना के अंर्तगत जिला प्राधिकरणों को इंसिडेंट रिपौन्‍स टीमों का प्रशिक्षण, संभावित आपदाओं से निपटने हेतु मॉकड्रील का आयोजन एवं विभिन्न आपदाओं से जन-सामान्य के बचाव हेतु आपदा प्रबंधन जन-जागरूकता कार्यक्रमों का अयोजन शामिल है। प्राधिकरण द्वारा समाचार पत्र, रेडियो एफ.एम. जिंगल तथा नगर-निगम के कचरा वाहन गाड़ियों के माध्यम से नागरिकों को आपदा प्रबंधन जन-जागरुकता किया जा रहा है।

अपराधिक प्रकरण दर्ज लोगों की गिरफ्तारी

[गृह]

114. ( क्र. 1019 ) श्री बृज बिहारी पटैरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या वर्ष 2025 में जिला सतना अंतर्गत थाना जैतवारा में म.प्र. शासन उच्‍च शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार विश्‍वास सैल्‍स एंड सर्विसेज भोपाल के विरूद्ध प्राचार्य शा. महा. जैतवारा द्वारा शिकायती पत्र में शासन की निविदाओं में झूठे, कूटरचित दस्‍तावेज लगाये जाने के संबंध में पुलिस प्रकरण पंजीबद्ध (एफ.आई.आर.) हेतु आवेदन दिया गया था? यदि हाँ, तो किस दिनांक को प्रकरण पंजीबद्ध किया गया? विवरण देवें। (ख) क्‍या विश्‍वास सेल्‍स एंड सर्विसेज भोपाल एवं रूसा एवं विश्‍व बैंक परियोजना के ओ.एस.डी. (उच्‍च शिक्षा) के विरूद्ध आर्थिक अपराध अनुसंधान पुलिस/लोकायुक्‍त में भी प्रकरण पंजीबद्ध है? हाँ तो प्रति उपलब्‍ध करायें। (ग) क्‍या विश्‍वास सेल्‍स एंड सर्विसेज भोपाल के विरूद्ध प्रदेश के जिला मंदसौर जिला श्‍योपुर एवं जिला सतना में पुलिस प्रकरण पंजीबद्ध किये जा चुके है, यदि हाँ, तो 3-3 एफ.आई.आर. दर्ज होने के उपरांत भी आज दिनांक तक गिरफ्तारी क्‍यों नहीं की गई? कब तक गिरफ्तार किया जाकर इनकी सम्‍पत्ति सीज कर वसूली की जावेगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। दिनांक 03.03.2025 को आवेदन पत्र प्रस्तुत करने पर अपराध क्रमांक 44/25 धारा 420 भादवि का प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है। (ख) जी नहीं।            (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट  अनुसार है।

परिशिष्ट - "पच्चीस"

आर्थिक अपराध अन्‍वेषण ब्‍यूरो में प्रचलित प्रकरण

[सामान्य प्रशासन]

115. ( क्र. 1026 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह हनी बघेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि   (क) आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ई.ओ.डब्लू) को भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध जनवरी 2024 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने पत्र प्राप्त हुए हैं? पत्रों की सत्यापित छायाप्रति प्रदान करें। पत्रों पर की गई कार्यवाही का विवरण मय दस्तावेज प्रदाय करें। (ख) प्रकरण क्रमांक 223/16 में पुलिस अधीक्षक, आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो भोपाल द्वारा दिये गये अभिमत की प्रति दी जाये एवं विधि सलाहकार द्वारा प्रस्तुत की गई रिपोर्ट की प्रति प्रदान की जाये। प्रकरण में नगर निगम भोपाल और भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड के अधिकारियों के लिये गये बयानों की प्रति दी जाये। निजी फर्म से पत्राचार किया गया हैं, हाँ अथवा नहीं। यदि हाँ, तो पत्र की प्रतिलिपि दी जावे। यदि नहीं, तो कारण बताए। (ग) ई.ओ.डब्लू. का शिकायत आवेदन क्रमांक 2013/21 एवं 2030/22 पर की गई कार्यवाही की छायाप्रति एवं नोटशीट प्रदान करें। उपरोक्त आवक क्रमांक पर संचालनालय नगरीय प्रशासन, नगर निगम भोपाल और भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड विभाग द्वारा दिए गए जवाब की छायाप्रति प्रदान की जावे। (घ) आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो में दर्ज प्रकरणों की जानकारी गोपनीय रखने हेतु विभाग के क्या नियम हैं? किस स्वरूप के प्रकरणों में जानकारी तृतीय पक्षकार को उपलब्ध कराई जा सकती है तथा किस में नहीं? सउदाहरण धाराओं, नियमों, कानूनों की प्रति सहित गौशवारा बनाकर स्पष्ट करें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

 

 


 

 


भाग-3

अतारांकित प्रश्‍नोत्तर


यूनिफाईड पेंशन स्कीम-2025

[वित्त]

1. ( क्र. 2 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                        (क) क्या केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए 1 जनवरी 2004 से न्यू पेंशन स्कीम लागू की है। जिसे मध्यप्रदेश सरकार द्वारा 1 जनवरी 2005 से राज्य सरकार के कर्मचारियों पर लागू कर दी है। (ख) यदि हाँ, तो क्या केंद्र सरकार द्वारा न्यू पेंशन स्कीम-2004 के कर्मचारियों को 1 अप्रैल 2025 से यूनिफाईड पेंशन स्कीम-2025 में विकल्प के रूप में लिए जाने की सुविधा प्रारंभ की है? यदि हाँ, तो राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए यूनिफाईड पेंशन स्कीम-2025 को विकल्प के रूप में लिए जाने की सुविधा कब तक प्रारंभ की जावेगी?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

बीमा सह बचत योजना 2003

[वित्त]

2. ( क्र. 5 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) क्या मध्यप्रदेश सरकार द्वारा जुलाई-2003 में कर्मचारियों के लिए बीमा सह बचत योजना 2003 लागू की है? (ख) यदि हाँ तो क्या सरकार द्वारा मात्र 100 रू. अंशदान लिया जाता है और कर्मचारी की मृत्यु पर एक लाख पच्चीस हजार रूपये ही दिए जाते है? इसी क्रम में अन्य श्रेणी कर्मचारियों से अंशदान लिया जाता है और उन्हें बीमा कवर दिया जाता है। (ग) क्या इस योजना के लागू होने के बाद कर्मचारियों को छठा वेतनमान एवं सातवां वेतनमान का लाभ दिया गया है और उनके वेतन में अपेक्षित वृद्धि हुई है? यदि हाँ, तो इस योजना में अंशदान बढ़ाकर बीमा राशि बढ़ाए जाने के आदेश कब तक जारी किए जावेंगे?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी हां, ऐसा कोई प्रस्‍ताव नहीं है।

अतिरिक्त सत्र न्यायालय भवन निर्माण कार्य

[विधि एवं विधायी कार्य]

3. ( क्र. 28 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) लगभग तीन वर्ष पूर्व परासिया में अतिरिक्त सत्र न्यायालय प्रारम्भ किये जाने एवं भवन निर्माण किये जाने की स्वीकृति शासन द्वारा प्रदान की जा चुकी है किन्तु फिर भी प्रश्‍न दिनांक तक न्यायालय भवन का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है और न ही अतिरिक्त सत्र न्यायालय को प्रारम्भ किया गया है। जिसके कारण आमजनों एवं पक्षकारों को बहुत अधिक असुविधाओं व परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। दोनों ही कार्य में विलम्ब होने का क्या कारण है?                 (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार विभाग द्वारा कब तक अतिरिक्त सत्र न्यायालय भवन निर्माण कार्य को पूर्ण करा दिया जायेगा एवं नवीन भवन में अतिरिक्त सत्र न्यायालय को प्रारम्भ करा दिया जायेगा? तिथि निर्धारित कर अवगत करायें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

सामान्‍य प्रशासन विभाग के पत्र पर कार्यवाही

[सामान्य प्रशासन]

4. ( क्र. 64 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या म.प्र.शासन सामान्‍य प्रशासन विभाग मंत्रालय भोपाल के पत्र क्रमांक 1/29983/2025 दिनांक 21.05.2025 को महानिदेशक आर्थिक अपराध प्रकोष्‍ठ भोपाल को लेख किया था? (ख) क्‍या पत्र के बिन्‍दु क्रमांक 4 में दोषियों के विरूद्ध चालानी कार्यवाही शीघ्र कर अवगत कराने का उल्‍लेख था? (ग) प्रश्‍नकर्ता को चालान की प्रति उपलब्‍ध करावें? (घ) सन् 2009 से 2025 तक चालानी कार्यवाही न होने के लिए कौन-कौन दोषी है? नाम, पद, पता सहित जानकारी उपलब्‍ध करावें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) के प्रकाश में शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

वरिष्‍ठ अधिकारियों के पत्रों पर कार्यवाही न होना

[गृह]

5. ( क्र. 65 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या  नगर पालिका परिषद टीकमगढ़ ने अपने पत्र क्र. 6702/सी.एम.ओ./2018 टीकमगढ़ दिनांक 07.09.18 नगर निरीक्षक थाना कोतवाली/देहात थाना को ठेकेदार के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करने बाबत् दिया था? (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित पत्र पर आज दिनांक क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या एस.डी.एम. टीकमगढ़ ने अपने पत्र क्र.-34/दांडिक/164/2025 दिनांक 23.02.2025 एवं प्र.क्र. 0034/दांडिक/164/ 2025 दिनांक 30.05.25 देहात थाना टीकमगढ़ को दिया था। यदि हाँ, तो अब तक क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्‍नांश (क) एवं (ग) में वर्णित पत्रों पर कार्यवाही न होने के लिये कौन-कौन कर्मचारी अधिकारी दोषी हैं?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्‍नांश "क" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) अनुविभागीय दण्डाधिकारी, टीकमगढ़ का पत्र क्रमांक 0034/दांडित 164/2025 दिनांक 23.02.2025 थाना देहात में प्राप्त नहीं हुआ है एवं न्यायालय द्वारा यथास्थिति बनाये रखने का आदेश दिया गया। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्‍नांश '' एवं '' उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।



 

केन्‍द्र सरकार की बिना अनुमति संचालित दवाई कम्‍पनी

[सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम]

6. ( क्र. 104 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या सूक्ष्‍म,लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में जिलावार संचालित दवा कंपनियों की संख्‍यात्‍मक सहित जानकारी देते हुये बतावें कि किस कम्‍पनी द्वारा दवाओं का उत्‍पादन, कब से किया जा रहा है? (ख) क्‍या दवा कम्‍पनियों को राज्‍य सरकार और भारत सरकार से अनुमति प्राप्‍त करना आवश्‍यक है?

सूक्ष्‍म,लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्‍य कुमार काश्‍यप ) : (क) लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा विभाग से प्राप्‍त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा विभाग अनुसार 1. औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 एवं नियमावली, 1945 के अंतर्गत औषधि निर्माण हेतु प्राप्त आवेदनों पर कार्यवाही करते हुये राज्य अनुज्ञापन प्राधिकारी द्वारा राज्य एवं केन्द्रीय औषधि मानक निर्धारण संगठन (CDSCO) के औषधि निरीक्षकों के द्वारा संयुक्त रूप से किये गये निरीक्षण रिपोर्ट एवं अनुशंसा के आधार पर औषधि निर्माण अनुज्ञप्ति प्रदाय किये जाने का प्रावधान है। 2. लार्ज वाल्यूम पेरेन्टरल्स/सिरा/वैक्सीन/ रिकाम्बीनेंट डी.एन.ए. डेरीवेटिव्स ड्रग्स के निर्माण की अनुमति, सेंट्रल लायसेंसिंग एप्रूव्हल अथोरिटी, औषधि महानियंत्रक (भारत), केन्द्रीय औषधि मानक निर्धारण संगठन, नई दिल्ली एवं राज्य अनुज्ञापन प्राधिकारी के संयुक्त हस्ताक्षर के पश्चात् राज्य अनुज्ञापन प्राधिकारी द्वारा जारी की जाती है।

आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की नियुक्ति में अनियमितता

[महिला एवं बाल विकास]

7. ( क्र. 120 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिवनी जिले के धनौरा विकासखण्‍ड के ग्राम तिघरा में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की चयन प्रक्रिया में वरियता के आधार पर श्रीमती प्रियंका झारिया का नाम होने के पश्‍चात भी किस नियम के तहत श्रीमती गीता झारिया को नियुक्‍त किया गया? (ख) क्‍या श्रीमती प्रियंका झारिया को महिला बाल विकास परियोजना अधिकारी धनौरा के पत्र क्रमांक 192/मबावि/स्‍था-2/ 2023-24 दिनांक 29.09.2023 के आदेशानुसार व न्‍यायालय अनुविभागीय अधिकारी (रा.) घंसौरा के आदेश अनुवृत्ति पत्र मामला क्रमांक 0061/अपील/2023-24 आदेशानुसार एवं न्‍यायालय अपर कलेक्‍टर जिला सिवनी के आदेश प्र.क्र./0051/अपील/2023-24 दिनांक 06.05.2024 के आदेशानुसार आंगनवाड़ी कार्यकर्ता नियुक्‍त किये जाने के पश्‍चात भी न्‍यायालय अपर आयुक्‍त, जबलपुर संभाग, जबलपुर के आदेशानुसार किस नियम के तहत श्रीमती प्रियंका झारिया को बिना किसी सूचना के चयन प्रक्रिया से बाहर किया जाकर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के पद हेतु उत्‍तरदायी क्रमांक 02 में नामांकित श्रीमती गीता झारिया को आंगनवाड़ी कार्यकर्ता पद में नियुक्‍त किया गया? (ग) क्‍या आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की नियुक्ति हेतु चयन प्रक्रिया में आवेदकों के परिवार में निर्वाचित जनप्रतिनिधि एवं नौकरीपेशा व्‍यक्ति होने पर आवेदक को चयन प्रक्रिया से बाहर कर दिया जायेगा? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत गीत झारिया को आंगनवाड़ी कार्यकर्ता चयन प्रक्रिया में सम्मिलित किया जाकर नियुक्ति कर दी गई जबकि उनकी सास ग्राम पंचायत आमानाला में वर्तमान निर्वाचित पंच है? (घ) क्‍या विभाग उक्‍त नियुक्ति के दौरान की गई समस्‍त प्रक्रिया को निरस्‍त करते हुए वरीयता के आधार पर श्रीमती प्रियंका झारिया को आंगनवाड़ी कार्यकर्ता नियु‍क्‍त करेगा? यदि हाँ, तो कब और नहीं तो क्‍यों? पूर्णता जानकारी देवें।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) सिवनी जिले के धनौरा विकासखण्‍ड के ग्राम तिघरा में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की नियुक्ति न्‍यायालय अपर आयुक्‍त जबलपुर, संभाग-जबलपुर, मध्‍यप्रदेश के प्रकरण क्रमांक 337/अपील/2024-25, दिनांक 07.05.2025 को पारित आदेश के अनुक्रम में बाल विकास परियोजना अधिकारी धनौरा, जिला सिवनी के आदेश क्रमांक 126/मबावि/ स्‍था./2025-26, दिनांक 16.06.2025 के अनुसार श्रीमती गीता झारिया को कार्यकर्ता के पद पर नियुक्ति प्रदान की गई है। अपर आयुक्‍त द्वारा पारित आदेश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट  पर है। (ख) विभागीय पत्र क्रमांक/एफ 3-2/06/50-2, दिनांक 10.07.2007 की कण्डिका क्रमांक स-6- अपील के प्रावधान अंतर्गत आवेदिका को सक्षम न्‍यायालय में अपील करने का अधिकार है। इस अधिकार के अंतर्गत श्रीमती गीता झारिया ने न्‍यायालय अपर आयुक्‍त जबलपुर, संभाग-जबलपुर, मध्‍यप्रदेश के समक्ष अपील प्रस्‍तुत किया था। उक्‍त अपील के परिप्रेक्ष्‍य में न्‍यायालय अपर आयुक्‍त जबलपुर, संभाग-जबलपुर मध्‍यप्रदेश द्वारा पारित आदेश के पालन में बाल विकास परियोजना अधिकारी द्वारा श्रीमती गीता झारिया को आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के पद पर नियुक्ति किया गया। (ग) विभागीय पत्र क्रमांक/एफ 3-2/06/50-2, दिनांक 10.07.2007 द्वारा जारी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं आंगनवाड़ी सहायिका के नियुक्ति निर्देश में आवेदिकाओं के परिवार में निर्वाचित जनप्रतिनिधि एवं नौकरी पेशा व्‍यक्ति होने पर आवेदक को चयन प्रक्रिया से बाहर किये जाने संबंधी प्रावधान नहीं है। जी नहीं। शेष का प्रश्‍न नहीं। (घ) जी नहीं। शेष का प्रश्‍न नहीं।

महिलाओं के लिये कल्‍याणकारी योजनाएं

[महिला एवं बाल विकास]

8. ( क्र. 136 ) श्री प्रहलाद लोधी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में महिला बाल विकास विभाग द्वारा महिलाओं के लिए कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही है? जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) मध्य प्रदेश में लाड़ली बहन योजना के तहत कितनी महिलाएं पंजीकृत है एवं योजना शुरू होने के पश्चात कितनी पंजीकृत महिलाएं उम्र ज्यादा होने के कारण इस योजना से वंचित हो गई है? (ग) क्या विभाग द्वारा पात्र महिलाओं के लिये लाड़ली बहन योजना के पंजीकरण की प्रक्रिया पुनः शुरू की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (घ) विभाग द्वारा कितनी जनसंख्या पर एक आंगनवाड़ी केंद्र खोले जाने का प्रावधान है? पन्ना जिले के पवई विधानसभा अंतर्गत कितने आंगनवाड़ी केंद्र संचालित है और भविष्य में कितने और आंगनवाड़ी केंद्र प्रस्तावित है? (ङ) पवई विधानसभा अंतर्गत संचालित आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में कितने केन्‍द्रों के पास स्वयं का भवन है और कितने आंगनवाड़ी केंद्र किराए के भवन में संचालित हो रहे हैं? किराए के भवनों में संचालित होने वाले आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु भवन का निर्माण कब तक कर लिया जाएगा?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट-01 अनुसार है। (ख) वर्तमान में 1,27,00,744 महिलाएं पंजीकृत है। योजना शुरू होने के पश्चात 3,20,093 महिलायें 60 वर्ष की आयु पूर्ण कर लेने के कारण योजना की पात्रता से बाहर हुई हैं।                 (ग) वर्तमान में कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं हैं, अत: शेष का कोई प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।           (घ) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट-02 अनुसार है। पवई विधानसभा अंतर्गत कुल 546 आंगनवाड़ी केन्‍द्र संचालित है। वर्तमान में कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं है। (ङ) पवई विधानसभा अंतर्गत कुल संचालित 546 आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में से 237 विभागीय शासकीय भवनों में, 265 अन्‍य शासकीय भवनों में एवं 44 किराये के भवनों में संचालित है। आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण वित्‍तीय संसाधनों एवं भूमि की उपलब्‍धता पर निर्भर करता है, अत: समय-सीमा देना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "छब्बीस"

आंगनवाड़ी केन्‍द्रों के लिये सामग्रि‍यों का क्रय

[महिला एवं बाल विकास]

9. ( क्र. 165 ) श्री निलेश पुसाराम उईके : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रदेश के जिलों में वर्ष 2022 से प्रश्‍नांश दिनांक तक विभाग द्वारा संचालित आंगनवाड़ी केन्‍द्रों के लिये बर्तन एवं पर्यवेक्षकों/अन्य शासकीय सेवकों के लिए एंड्रॉइड मोबाईल फोन क्रय करने की प्रक्रिया में गड़बड़ी व उक्त सामग्री प्रदाता/विक्रेता फर्मों को प्रदेश सरकार द्वारा काली सूची में सूचीबद्ध करने के संबंध में जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संस्थाओं/संघों व व्यक्तियों द्वारा कोई पत्र/शिकायत शासन/विभाग को प्राप्त हुए हैं? यदि हाँ, तो वे कब और किसके द्वारा दिये गए हैं व उनमें क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी?                                (ख) क्या जिला-पांढुर्ना, छिंदवाड़ा व सिवनी में विभाग द्वारा संचालित आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में बच्चों को दिए जाने वाली खाद्य-सामग्री की गुणवत्ता व पौष्टिकता के सम्बंध में कोई शिकायत/पत्र जनप्रतिनिधियों व अन्यों के द्वारा शासन/विभाग को प्राप्त हुये हैं? यदि हाँ, तो वे क्या है एवं इनमें क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी? क्या उक्त कार्यवाही में जांच उपरांत कोई दोषी पाया गया गया है? यदि हाँ, तो वे कौन है उनका पदनाम व पदस्थापना स्थान सहित जानकारी देवे।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी हाँ। पत्र दिनांक 02-02-2024 से श्री नवाब खान, जिला महासचिव, बालाघाट, असंगठित कामगार कांग्रेस कमेटी बैहर द्वारा शासन/ विभाग को बालाघाट जिले में स्मार्ट फोन क्रय करने की प्रक्रिया गड़बड़ी के सम्बन्ध में लेख किया गया है। जाँच कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) जी हां, छिंदवाड़ा जिले में विभाग द्वारा संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में बच्चों को दिए जाने वाली खाद्य सामग्री की गुणवत्ता व पौष्टिकता के सम्बन्ध में संचालनालय महिला एवं बाल विकास मध्यप्रदेश भोपाल के पत्र क्रमांक/मबावि/पो.आ./2023/ SN510 (B) 3494 दिनांक 11-08-2023 द्वारा श्री अनुपम रघुवंशी द्वारा छिंदवाड़ा जिले की परियोजना चौरई अंतर्गत आंगनवाड़ी केंद्र धापा बिहारी में प्रदाय किये गए टेकहोम राशन के पैकेट में रेत पाए जाने के सम्बन्ध में दिनांक 08-08-2023 को ट्वीट कर शिकायत की गई थी। जिसमे कलेक्टर महोदय अनुसार प्राप्त होने से मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत छिंदवाड़ा को अनुशंसा पर प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।

 

नर्मदापुरम एवं सीहोर जिले में रेत का भंडारण

[खनिज साधन]

10. ( क्र. 177 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                    (क) जिला खनिज विभाग ने नर्मदापुरम एवं सीहोर में वर्ष 2023 में नीलाम की गई रेत खदानों के लिए किस-किस दिनांक को किस ग्राम के किस खसरा नंबर के कितने रकबे पर रेत के भंडारण की अनुमति प्रदान की गई, अनुमति का आवेदन किस दिनांक को प्राप्त हुआ, खनिज विभाग की ओर से किसने किस दिनांक को भंडारण स्थल का निरीक्षण किया। (ख) भंडारण की अनुमति हेतु लगाई गई शर्त के अनुसार 7 मई 2025 को किस स्थल पर कितनी रेत के भंडारित होने की लिखित जानकारी जिला खनिज विभाग को प्राप्त हुई, किस बाबत् आनलाइन पोर्टल पर कितनी रेत के भंडारण की जानकारी 7 मई 2025 को अपलोड की गई थी। (ग) रेत के अवैध भंडारण के संबंध में माह अप्रैल 2025 में किस-किस के पत्र प्रमुख सचिव खनिज विभाग भोपाल, संचालक खनिकर्म एवं भौमिकी भोपाल और एम.डी. खनिज विकास निगम भोपाल को प्राप्त हुए उसके बाद किस स्थल पर भंडारण की किस दिनांक को अनुमति दी गई एवं किस दिनांक को शिकायत की जांच दल बनाकर जांच की गई। (घ) लिखित शिकायत के बाद भंडारण की अनुमति दिए जाने और उसके बाद भंडारण स्थल की जांच किए जाने का क्या-क्या कारण रहा है।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे  परिशिष्ट-अ  अनुसार है।                                         (ख) भंडारण की अनुमति हेतु लगाई गई शर्त के अनुसार, 7 मई 2025 को रेत भण्डारित होने की लिखित जानकारी जिला खनिज विभाग को प्राप्त नहीं हुई है। ऑनलाइन पोर्टल पर रेत के भण्डारण की जानकारी अपलोड करने का कोई प्रावधान नहीं है। पोर्टल पर रेत भण्डारण में खदानों से प्राप्त होने वाली, भण्डारण से निवर्तन की जाने वाली एवं भंडारित रेत की मात्रा का संधारण लाइव स्थिति में ऑनलाइन mp-sand Portal में प्रदर्शित होती है। प्रश्‍नांश (क) अनुसार 07 मई 2025 को नर्मदापुरम एवं सीहोर जिले में रेत भंडारित होने की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) रेत के अवैध भण्डारण के संबंध में डॉ.हिरालाल अलावा माननीय विधायक मनावर का पत्र दिनाँक 15 अप्रैल 2025 एवं श्री मुकेश गायकवाड़, निवासी बैतूल का पत्र दिनाँक 17/04/2025 प्रमुख सचिव, खनिज साधन विभाग, भोपाल, संचालक, भौमिकी तथा खनिकर्म भोपाल और एम.डी. खनिज विकास निगम भोपाल को लेख किए गए थे। माह अप्रैल 2025 में नर्मदापुरम जिले में स्वीकृत रेत खनिज के भण्डारण अनुज्ञप्तियों का विवरण  पुस्तकालय  में रखे  परिशिष्ट-स अनुसार है। संचालनालय, भौमिकी तथा खनिकर्म के आदेश क्रमांक 5121 दिनाँक 06/05/2025 को नर्मदापुरम जिले में रेत के उत्खनन/परिवहन एवं भण्डारण की जांच दल बनाकर की गई। जिला सीहोर में अप्रैल 2025 के पश्चात भण्डारण व्यापारिक अनुज्ञप्ति स्वीकृत नहीं की गयी है। (घ) जी नहीं। भण्डारण हेतु प्राप्त आवेदन पर नियमानुसार कार्यवाही कर भण्डारण अनुज्ञप्ति स्वीकृत की गयी है। अवैध भण्डारण की जानकारी संज्ञान में आने पर जांच की गई है।

 

 

भवनविहीन आंगनवाड़ी केन्द्र

[महिला एवं बाल विकास]

11. ( क्र. 191 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कटनी जिले के विजयराघवगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत महिला एवं बाल विकास विभाग के कितने आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं? (ख) उक्त संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में से विभाग द्वारा कितने भवनों का निर्माण कराया जा चुका है तथा कितने भवनों का निर्माण कराया जाना कितने वर्षों से शेष है ग्रामवार, केन्द्रवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या प्रश्‍नाधीन भवनविहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के निर्माण के संबंध जिले के अधिकारियों द्वारा शासन स्तर के अधिकारियों को पत्राचार किया गया है? यदि हाँ, तो कब-कब? पत्रों की प्रति दें शासन द्वारा उक्त भवन विहीन केन्द्रों का निर्माण कब तक करा लिया जावेगा?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) 410(ख) 302 आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण कार्य कराया जा चुका है। 40 आंगनवाड़ी भवन स्‍वीकृत होकर निर्माणाधीन है। नामवार, केन्‍द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे  परिशिष्ट-'1' एवं '2' पर है। (ग) जी हाँ। पत्राचार की  जानकारी पुस्तकालय में रखे  परिशिष्ट-'3' पर है। प्राप्‍त प्रस्‍तावों में से वित्‍तीय वर्ष 2024-25 में 05 भवनविहीन आंगनवाड़ी केन्‍द्रों के लिए आंगनवाड़ी भवन निर्माण की स्‍वीकृति दी गई है। आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये भवन निर्माण शासकीय भूमि एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है। अत: समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।

विधायक निधि की लेप्स राशि

[वित्त]

12. ( क्र. 202 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019-20 से प्रश्‍न दिनांक तक विधायक निधि की कुल कितनी राशि लेप्स होकर विभाग के पास वापस आई है? लेप्स राशि की विधानसभावार जानकारी वर्षवार उपलब्ध करावें? इस लेप्स राशि को वापस लेने हेतु योजना आर्थिक एवं सांख्यि‍की विभाग द्वारा कब-कब विभाग को पत्र लिखे गए? उक्त लेप्स राशि में से कितनी राशि उक्त विभाग को वापस की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? क्या इस राशि को वापस किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ख) आयुष विभाग के जबलपुर संभाग के कर्मचारियों को समयमान वेतनमान देने हेतु क्या कोई प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा गया है? यदि हाँ, तो संबंधित प्रस्ताव की प्रति उपलब्ध कराएं? विभाग द्वारा इसमें क्या निर्णय लिया गया है या कब तक लिया जायेगा? (ग) क्या पिछले वित्तीय वर्ष में कई विभागों की विभिन्न योजनाओं के लिए बजट में प्रावधान होने के बाद भी केंद्र सरकार द्वारा राशि जारी नहीं की गई? यदि हाँ, ऐसे कौन-कौन से विभाग हैं। जिनकी योजनाओं के लिए केंद्र से तय बजट से कम राशि मिली है? उपरोक्त में से किस विभाग को कितनी राशि मिलना चाहिए था और कितनी राशि‍ मिली है? विभिन्न योजनाओं के लिए बजट में प्रावधान होने के बाद भी केंद्र सरकार द्वारा राशि जारी नहीं किये जाने का क्या कारण है?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) विभाग के पास कोई राशि वापिस नहीं आई है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) केन्‍द्र द्वारा योजनाओं में राशि, योजना की प्रगति के आधार पर जारी की जाती है। केन्‍द्र के बजट में प्रावधान राज्‍यवार नहीं होता है।

नवीन न्‍यायालय भवन की व्‍यवस्‍था

[विधि एवं विधायी कार्य]

13. ( क्र. 229 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                       (क) देवास जिले के कन्‍नौद स्थित न्‍यायालय भवन पुराना होकर वर्तमान में 6 (छ:) न्‍यायालय यहां पर कार्यरत हैं। पक्षकारों की अत्‍यधिक भीड़ होने के कारण जगह की कमी होने के कारण, वाहन पार्किंग की जगह नहीं होने से नागरिकों को असुविधा उत्‍पन्‍न होती है। (ख) वर्तमान न्‍यायालय भवन को क्षतिग्रस्‍त होने पर कई बार मरम्‍मत का कार्य करवाया जा चुका है किंतु हर वर्ष बारिश के मौसम में भवन में जगह-जगह जल रिसाव की स्थिति बनती है। (ग) क्‍या विभाग के द्वारा नगर कन्‍नौद के आष्‍टा रोड बायपास पर नवीन भवन निर्माण हेतु किसी भूमि का चयन किया गया है? यदि हाँ, तो क्‍या उक्‍त भूमि का स्‍वामित्‍व विभाग को मिल चुका है? (घ) क्‍या आगामी समय में नगर कन्‍नौद में नवीन न्‍यायालय भवन निर्माण प्रस्‍तावित है? यदि हाँ, तो कब तक नवीन भवन निर्माण हो सकेगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

नेशनल हाईवे 59A इन्‍दौर से हरदा के बीच एम्‍बूलेंस खड़ी़ की जाना

[गृह]

14. ( क्र. 230 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                       (क) नेशनल हाईवे 59A पर इंदौर से हरदा के बीच में वर्ष 2023-24 एवं वर्ष 2024-25 प्रश्‍नांश दिनांक तक हाईवे पर लगने वाली पुलिस थाना सीमा के अंतर्गत कितनी दुर्घटनायें दर्ज की गई है? (ख) उक्‍त हाईवे पर जो पुलिस थानों पर दुर्घटना दर्ज की गई उन दुर्घटनाओं में जो लोग घायल हुए है या मृत हो गये है उन्‍हें दुर्घटना स्‍थल पर एम्‍बूलेंस उठाने के लिए कितने समय में पहुंची थी एवं एम्‍बूलेंस दुर्घटना स्‍थल से कितनी दूरी पर खड़ी थी। जानकारी दें। (ग) नेशनल हाईवे रोड पर एम्बूलेन्सों को खड़े रहने का क्‍या प्रावधान है कितनी दूरी के अंतराल से इन एम्बूलेंसों को खड़ा रहना आवश्यक है दूरी बतावें। (घ) अगर हाईवे रोड पर दूरी के मान से एम्बूलेंसों को खड़े रखने का प्रावधान है तो क्‍या इंदौर से हरदा के बीच की जो दूरी से उस मान से एम्बूलेन्सों की संख्‍या पर्याप्‍त है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) 1. वर्ष 2023-2024-564 दुर्घटनाएं एवं 2. वर्ष 2024-2025 प्रश्‍नांश दिनांक (30 जून 2025) तक- 439 दुर्घटनाएं। (ख) इस कार्यालय के कार्य क्षेत्रान्तर्गत इन्दौर से हरदा हाईवे में 59-ए (नवीन 47) में दो पैकेज:- राघोवगढ़ से ननासा पैकेज-2 की लं. 63.67 कि.मी. एवं ननासा से पिडगांव पैकेज-3 की लं. 47.44 कि.मी. है, जो निर्माणाधीन है, उक्त परियोजनाओं के निर्माण कार्य पूर्ण होने के पश्चात् Incident Management के तहत एम्बुलेंस, पेट्रोलिंग वाहन एवं रेस्क्यू टीम तैनात किया जाना हैं। (ग) राष्ट्रीय राजमार्गों पर एम्बुलेंस की तैनाती के लिए भारत सरकार (NHAI) द्वारा स्पष्ट दिशा-निर्देश निर्धारित हैं। रख-रखाव एवं परिचालन वाले परियोजना के प्रत्येक ऑपरेटरों और निर्माण एजेंसियों के लिए यह अनिवार्य है कि हर 50-60 कि.मी. की दूरी पर एक एम्बुलेंस, पेट्रोलिंग वाहन एवं रेस्क्यू टीम की उपलब्धता सुनिश्चित की जानी है, जिसके अनुबंधानुसार एम्बुलेंस खड़े करने का स्थान निर्धारित होता है।                             (घ) परियोजना इकाई हरदा के अंतर्गत इंदौर से हरदा तक की कुल लंबाई लगभग 111.15 कि.मी. है (पैकेज-2 की लं. 63.67 कि.मी. एवं पैकेज-3 की लं. 47.44 कि.मी.)। परियोजना का संचालन अनुबंध के तहत वर्ष 2026 तक किया जाएगा। जिसमें एम्बुलेंस की संख्या संविदा अनुबंधानुसार पर्याप्त ली गयी है, उक्त परियोजनाओं के निर्माण कार्य पूर्ण होने के पश्चात् Incident Management के तहत संचालन किया जाना हैं।

स्‍टाम्‍प एवं पंजीयन शुल्‍क का भुगतान

[वाणिज्यिक कर]

15. ( क्र. 249 ) श्री आरिफ मसूद : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माईनिंग लीज के दस्तावेज क्रमांक MP462522023A12468663 दिनांक 17-10-2023 एवं MP462522023A12468720 दिनांक 17-10-2023 में स्टाम्प सारणी के अनुसार सम्पूर्ण परिदेय राशि पर स्टाम्प और पंजीयन शुल्क जमा कराया गया है अथवा नहीं? (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में इस संबंध में खनिज अधिकारी और जिला पंजीयक तथा उप पंजीयक के मध्य जो भी पत्राचार हुआ हो, पत्रों की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या माईनिंग प्लान अनुसार रायल्टी और प्रीमियम राशि दस्तावेज में दर्शायी गई है या जानकारी छुपाते हुए कम स्टाम्प ड्यूटी का भुगतान किया गया है तथा कम्पनियों को लाभ पहुंचाया गया? वर्ष 01.04.2022 से 31.10.2024 तक मेजर मिनरल के पंजीकृत सभी दस्तावेजों और उनके अंतरण विलेखों की सूची दस्तावेज क्रमांक एवं दिनांकवार देवें। (घ) उक्त अवधि में महानिरीक्षक पंजीयन के पद पर कौन-कौन अधिकारी पदस्थ रहे तथा इन दस्तावेजों के पंजीयन में उनकी क्या भूमिका है?

उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) उक्‍त दोनों दस्‍तावेजों में वर्णित संपूर्ण परिदेय राशि अनुसार स्‍टाम्‍प एवं पंजीयन शुल्‍क जमा कराया गया है। (ख) संबंधित पत्रों की प्रतियां पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट- '' अनुसार है। (ग) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित दस्‍तावेजों में माइनिंग प्‍लान अनुसार रायल्‍टी राशि दर्शाई गई है, प्रीमियम राशि नहीं दर्शाई गई है। दस्‍तावेज के पंजीयन में उसके अभिवर्णन अनुसार शुल्‍क देय होता है, जहां तक प्रीमियम राशि की जानकारी छुपाकर कम स्‍टाम्‍प डियूटी भुगतान किये जाने का प्रश्‍न है, तत्‍संबंध में जांच कराई जा रही है। जांच में प्राप्‍त निष्‍कर्षों के आधार पर स्थिति स्‍पष्‍ट हो सकेगी। वर्ष 01-04-2022 से 31-10-2024 तक मेजर मिनरल के पंजीकृत सभी दस्‍तावेजों और उनके अंतरण विलेखों की सूची  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट  '' अनुसार है। (घ) दिनांक 01-04-2022 से 31-10-2024 तक की अवधि में महानिरीक्षक पंजीयन के पद पर श्री एम.सेवेन्‍द्रन पदस्‍थ रहे। दस्‍तावेजों का पंजीयन संबंधित पंजीयन अधिकारियों द्वारा किया जाता है। इसमें महानिरीक्षक पंजीयन की कोई भूमिका नहीं है।

 

जिले की कानून व्‍यवस्‍था

[गृह]

16. ( क्र. 278 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                (क) जिला जबलपुर में पुलिस बल में जिले एवं शहर की कानून व्‍यवस्‍था में सुधार अपराधियों पर नियंत्रण खोज हेतु स्‍वीकृत बल संरचना के तहत कितना पुलिस बल पदस्‍थ है एवं कौन-कौन से कितने-कितने पद रिक्‍त है? चार वर्ष से अधिक अवधि से एक ही स्‍थान/थानों में पदस्‍थ कितने पुलिस कर्मचारियों संगीन अपराधिक मामलों में संलिप्‍त, आरोपित व एफ.आई.आर. दर्ज कितने पुलिस कर्मचारियों को स्‍थानांतरित किया गया है एवं कितना पुलिस बल पदस्‍थ किया गया है? जुलाई 2025 की स्थिति में शहर एवं ग्रामीण थानों की जानकारी दें। (ख) जिला पुलिस बल में आधुनिक कौन-कौन से संसाधन, उपकरण एवं अन्‍य आवश्‍यक सुविधाएं उपलब्‍ध नहीं है एवं क्‍यों? उपलब्‍ध वाहनों की क्‍या स्थिति है। कितने वाहन उपलब्‍ध नहीं है एवं क्‍यों? कितने वाहन कंडम खराब अनफिट हैं। वाहनों का रखरखाव, सुधार एवं मरम्‍मत कार्य व पी.ओ.एल. पर कितनी-कितनी राशि व्‍यय हुई? वर्ष 2022-23 से 2025-26 तक की जानकारी दें। (ग) प्रश्‍नांश (क) में घटित विभिन्‍न अपराधिक घटनाएं, संगीन अपराध लूट, चोरी, हत्‍या, अपहरण, दुष्‍कर्म, गुमशुदा, लापता होने से संबंधित कितने-कितने मामले पंजीकृत किये गये है। इनमें से कितने-कितने मामले वि‍वेचना में है। कितने मामलों में चालान प्रस्‍तुत किया गया? अज्ञात व अकाल मृत्‍यु से संबंधित कितने मामले लंबित है। अपहरण, लापता, गुमशुदा के पंजीकृत कितने मामलों में कितने बच्‍चों, युवतियों की खोजकर उन्‍हें सकुशल घर पहुँचाया गया है। कितने लापता, गुमशुदा हैं। कितने स्‍थायी वारंटी लापता है। वर्ष 2022-23 से 2025-26 तक की थानावार जानकारी दें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे  परिशिष्ट-अ अनुसार है।                             (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे  परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे  परिशिष्ट-स अनुसार है।

महिला अपराध धार्मिक स्‍वतंत्रता

[गृह]

17. ( क्र. 279 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                    (क) प्रदेश शासन ने प्रदेश में अबोध, किशोर नाबालिग युवतियों, छात्राओं व महिलाओं के साथ दुष्कर्म, सामूहिक दुष्कर्म, हत्या, अपहरण, यौन शोषण ब्लैक मेलिंग की बढ़ती घटनाओं को रोकने, नियंत्रित करने, सुरक्षा प्रदान करने, त्वरित सहायता एवं न्याय प्रदान कराने हेतु गठित महिला थानों में स्वीकृत महिला पुलिस बल, हेल्प डेस्क में कितने-कितने पदस्थ हैं? कितने पद रिक्त हैं? महिला सबइन्स्पेक्टर के स्वीकृत कितने पद रिक्त हैं? इन रिक्त पदों की भर्ती कब से नहीं की गई हैं एवं क्यों? जिलावार जानकारी दें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में घटित कितनी-कितनी घटनाओं से सम्बंधित पंजीकृत प्रकरणों में कितने-कितने अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। कितने-कितने अपराधी फरार लापता है। कितने मामलों में चालान प्रस्तुत किया गया। कितने लम्बित विवेचना में हैं। कितने प्रकरणों में कितने-कितने अपराधियों को सजा-मृत्युदण्ड की सजा सुनाई गई। न्यायालयों में कितने प्रकरण लम्बित है? वर्ष 2022-23 से 2025-26 प्रश्‍न दिनांक तक की जानकारी दें।                        (ग) प्रदेश को शर्मशार करने वाली कितनी सामूहिक दुष्‍कर्म, ब्‍लैक मेलिंग के पंजीकृत कितने-कितने मामलों में से कितने-कितने मामलों में कितने-कितने अपराधियों को सजा-मृत्‍युदण्‍ड की सजा सुनाई गई एवं कितने प्रकरण लम्बित हैं? जिलावार जानकारी दें। (घ) धार्मिक स्‍वतंत्रता अधिनियम 2021 के पंजीकृत कितने मामलों में शासन ने कितने पीडि़ताओं को आर्थिक न्‍यायिक सहायता दी है एवं कितने अपराधियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की है? वर्षवार पृथक-पृथक जानकारी दें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे  परिशिष्ट-अ अनुसार है। दिनांक 01.01.2025 की स्थिति में कुल उप निरीक्षक (सभी संवर्ग) का स्वीकृत बल की संख्या 7039 है, उप निरीक्षक (महिला) के लिये पृथक से कोई पद स्वीकृत नहीं है, परंतु कुल स्वीकृत उद्भुत रिक्त पदों की भर्ती के दौरान 35 प्रतिशत आरक्षण (हॉरीजोन्टल एवं कम्पाटमेंटल वाइस) के माध्यम से चयन किया जाता है। वर्ष 2016 में उप निरीक्षक (महिला) के 251 पदों पर एवं वर्ष 2017 में 146 पदों पर भर्ती की गई है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे  परिशिष्ट-ब अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे  परिशिष्ट-स अनुसार है।

औद्योगिक क्षेत्र में उद्योगों की जानकारी

[सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम]

18. ( क्र. 297 ) श्री मुरली भँवरा : क्या सूक्ष्‍म,लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन द्वारा विगत वर्षों में घोषित किए गए औद्योगिक क्षेत्रों में निवेश नहीं होने उक्त औद्योगिक अधिसूचित भूमियों पर भू-माफियाओं का अतिक्रमण हो रहा है, जिससे औद्योगिक क्षेत्र अतिक्रमण युक्त बनते जा रहे है। जबकि उन औद्योगिक क्षेत्रों में खाद्य प्रसंस्‍करण, खाद्य संरक्षण, लॉजिस्टिक फुड पार्क, फार्मा उद्योग, टेक्स टाईल्स, सौर ऊर्जा, ग्लोबल स्किल्स पार्क, तकनीकी संस्थान जैसे उद्योगों की स्थापना से क्षेत्र का सर्वांगीण विकास होकर रोजगार के अभाव में हो रहे पलायन पर अंकुश लग सकता है। साथ ही बड़े शहरों के आस-पास के छोटे क्षेत्रों, हाईवे एवं बड़े जल स्त्रोतों के नजदिक क्षेत्रों में नवीन औद्योगिक कलस्टर का निर्माण कर स्थानीय संसाधनों और कुशलता के आधार पर विकसित किया जा सकता है, जिससे उन क्षेत्रों में बेरोजगारी एवं पलायन की समस्या दूर हो सकेगी। (ख) प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र बागली अंतर्गत ग्राम चापडा में औद्योगिक क्षेत्र का स्थापित किया गया हैं किंतु आज दिनांक तक कोई उद्योग अस्तित्व में नहीं आया, क्या कारण हैं।

सूक्ष्‍म,लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्‍य कुमार काश्‍यप ) : (क) विगत वर्षों में घोषित किए गए औद्योगिक क्षेत्रों में भू-माफियाओं द्वारा अतिक्रमण किये जाने की जानकारी प्रकाश में नहीं है। ऐसी सूचना मिलने पर जिला प्रशासन के सहयोग से आगामी कार्यवाही की जाती है, जो कि सतत प्रक्रिया है। साथ ही स्‍थानीय मांग व आवश्‍यकता एवं भूमि उपलब्‍धता अनुसार औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाते है, जो एक निरंतर प्रक्रिया है। (ख) औद्योगिक क्षेत्र ग्राम चापड़ा में 69 इकाइयों को भूखंड आवंटित किए गए है जिसमें 4 उद्योग स्थापित होकर कार्यरत है और 3 उद्योग स्थापनाधीन है। 62 इकाइयों को आवंटित भूखंड पर विभागीय नियमानुसार 2 वर्ष में उद्योग की स्थापना की जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है।

 

व्यवहार न्यायालय की स्थापना

[विधि एवं विधायी कार्य]

19. ( क्र. 318 ) श्री प्रणय प्रभात पांडे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                          (क) शासन द्वारा व्यवहार न्‍यायालय (सिविल कोर्ट) की स्थापना के क्या नियम-दिशा निर्देश है।                                            (ख) क्या कटनी जिला अंतर्गत तहसील मुख्यालय बहोरीबंद में व्यवहार न्‍यायालय की स्थापना की कार्यवाही प्रचलन में है एवं इस हेतु न्यायाधीश आवास का निर्माण कार्य ''लोक निर्माण विभाग (भवन) कटनी'' द्वारा कराया जा चुका है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के उत्तर में यदि हाँ, तो इस हेतु अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई एवं कौन-कौन से कार्य किया जाना शेष है बतलावे तथा यह भी बतलावे कि तहसील मुख्यालय बहोरीबंद में व्यवहार न्‍यायालय की स्थापना कब तक कर दी जावेगी।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) माननीय उच्‍च न्‍यायालय द्वारा व्‍यवहार न्‍यायालय की स्‍थापना हेतु दिशा निर्देश/नीति/योजना, 2003 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट  अनुसार है। (ख) जी हॉं, बहोरीबंद जिला कटनी में न्‍यायिक अधिकारी के लिए एक नग ई-टाईप आवासीय भवन का निर्माण कार्य फिनिशिंग स्‍तर पर है। (ग) बहोरीबंद जिला कटनी में लोक निर्माण विभाग द्वारा नीवन न्‍यायालय भवन के निर्माण हेतु उपयुक्‍त प्रस्‍ताव प्रधान जिला एवं सत्र न्‍यायाधीश, जिला कटनी के कार्यालय के माध्‍यम से प्राप्‍त होना प्रतीक्षित है। उक्‍त निर्माण कार्य हेतु उपयुक्‍त प्रस्‍ताव प्राप्‍त होने पर अग्रिम कार्यवाही की जावेगी। निश्चित समयावधि बताया जाना सम्‍भव नहीं है।

खदानों का संचालन

[खनिज साधन]

20. ( क्र. 319 ) श्री प्रणय प्रभात पांडे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                 (क) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कौन-कौन से खनिज संसाधन उपलब्ध है तथा इनकी खदानें कहां-कहां पर है एवं इनका संचालन किस-किस के द्वारा कब से किया जा रहा है? सूची देवें।                                    (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित क्षेत्र अंतर्गत पूर्व में कौन-कौन सी खनिज पट्टीकायें किन-किन पट्टेदारों के नाम पर किस खनिज उत्खनन हेतु स्वीकृत थी, परन्तु विभिन्न कारणों से प्रश्‍न दिनांक में संचालित नहीं है? जानकारी दें एवं इन खनिज पट्टीकाओं में किन-किन कारणों से खनिज उत्पादन नहीं किया जा रहा है? कारण सहित विगत पांच वर्षों की वर्षवार संपूर्ण सूची देवें।                               (ग) प्रश्‍नांश (ख) में उल्लेखित बंद पड़ी खदानों एवं अन्य स्थलों से अवैध उत्खनन करने की किस-किस के द्वारा कब-कब क्या-क्या शिकायतें शासन-स्तर पर की गई तथा इन शिकायतों पर कब किसके द्वारा क्या कार्यवाही की गई?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) स्‍वीकृत खनि रियायतों की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में बंद बड़ी खदानों एवं अन्‍य स्‍थलों से अवैध उत्‍खनन संबंधी कोई शिकायतें संज्ञान में नहीं आई है।



नवीन शस्त्र लाइसेंस बनाए जाने हेतु शासन की योजना

[गृह]

21. ( क्र. 330 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले में माह अप्रैल एवं मई 2025 में कुल कितने नवीन फौती एवं वृद्धावस्‍था शस्त्र लाइसेंस जिला कलेक्टर द्वारा स्वीकृत किए गए हैं? हितग्राही का नाम, ग्राम थाना जारी करने की तारीख सहित जानकारी उपलब्ध कराई जाए। (ख) उक्त जारी शस्त्र लाइसेंसों में पुलिस अधीक्षक एवं अन्य अधिकारियों की रिपोर्ट लगवाई गई अथवा नहीं? जानकारी उपलब्ध कराई जाए। (ग) क्या आगामी दिनों में नवीन एवं फोती शस्त्र लाइसेंस बनाए जाने हेतु शासन की क्या योजना है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे  परिशिष्ट '' अनुसार है।                           (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। (ग) नियमानुसार कार्यवाही की जाती है।

भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में नवीन भवनों की स्वीकृति

[महिला एवं बाल विकास]

22. ( क्र. 331 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दतिया जिले में कुल कितने आंगनवाड़ी केंद्र हैं? इनमें से कौन-कौन से केंद्र स्वयं के भवन में एवं कौन-कौन से किराए की भवन में संचालित हो रहे हैं? विकासखंडवार सूची सहित जानकारी दी जाए। (ख) किराए के भवनों में संचालित हो रहे केन्‍द्रों के किराएनामा एवं अनुबंध पत्र की छायाप्रतियां सहित जानकारी दी जाए। (ग) जिन आंगनवाड़ी केन्‍द्रों के स्वयं के भवन नहीं है उनमें भवन निर्माण हेतु जिले से कब प्रस्ताव भेजे गए अथवा नहीं? यदि हाँ, तो प्रस्तावों की छायाप्रति एवं शासन द्वारा इसमें क्या कार्यवाही की गई? समस्त जानकारी प्रमाणिक दस्तावेजों की छायाप्रति के साथ उपलब्ध कराई जाए। (घ) क्या दतिया जिले की भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में शीघ्र नवीन भवनों की स्वीकृति प्रदान की जाएगी?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) दतिया जिले में कुल 994 आंगनवाड़ी केन्द्र है। इनमें से 689 आंगनवाड़ी केन्‍द्र विभागीय/अन्य शासकीय भवनों में तथा 305 केन्‍द्र किराये के भवनों में संचालित हो रहे है। विकासखण्‍डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'' (पेन ड्राईव) में है(ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'' (पेन ड्राईव) में  है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'' (पेन ड्राईव) में है। (घ) आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये भवन निर्माण शासकीय भूमि एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है, समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।

लाड़ली बहना योजना

[महिला एवं बाल विकास]

23. ( क्र. 396 ) श्री श्रीकान्त चतुर्वेदी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्‍यप्रदेश में संचालित लाड़ली बहना योजना के सर्वे के समय किन्‍हीं कारणों से शेष रह गये पात्र हितग्राहियों के द्वितीय चरण के सर्वे कराये जाने संबंधी पोर्टल क्‍या प्रारम्‍भ कराये जाने की कार्यवाही शासन स्‍तर में की जा रही है? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार यदि हां, तो जानकारी दी जावे।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) वर्तमान में कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं है। (ख) प्रश्‍नांश के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

शराब की दुकानों से राजस्‍व की प्राप्ति

[वाणिज्यिक कर]

24. ( क्र. 430 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैना में शासन के निर्धारित मापदण्डों के अनुसार कुल कितनी शराब की दुकानें संचालित है और इनसे शासन को कितना राजस्व इन दुकानों से प्राप्त हो रहा है। ठेकेदार का नाम सहित विकासखण्डवार विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराये। (ख) जिला मुरैना में ग्रामीण क्षेत्रों में बिक रही अवैध शराब को रोकने के लिए विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है और अवैध बिक्री से शासन को सालाना कितने राजस्व की हानि होती है? (ग) आबकारी विभाग मुरैना द्वारा वर्ष 2024 से प्रश्‍न दिनांक तक अवैध शराब बिक्री  के कुल कितने प्रकरण बनाये गये है और दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई? विकासखण्डवार सम्पूर्ण जानकारी देवें।

उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जिला मुरैना में वर्तमान वर्ष 2025-26 में शासन द्वारा निर्धारित मापदण्‍डों के अनुसार कुल 59 शराब दुकानें संचालित हैं। इनसे शासन को कुल रूपये 296,00,99,999/- का राजस्‍व प्राप्‍त हो रहा है। ठेकेदार के नाम सहित विकासखण्‍डवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जिला मुरैना के ग्रामीण क्षेत्रों में मदिरा के अवैध विक्रय को रोकने के लिए संबंधित वृत के आबकारी उप निरीक्षकों द्वारा एवं जिला स्‍तर पर सहायक जिला आबकारी अधिकारी, जिला मुरैना के नेतृत्‍व में गठित उड़नदस्‍ता द्वारा प्रभावी कार्यवाही की जाती है। ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध शराब विक्रय से किसी भी कम्‍पोजिट मदिरा दुकान के पुनर्निष्‍पादन की स्थिति निर्मित नहीं हुई है तथा लायसेंसी द्वारा सभी मदिरा दुकानों की निर्धारित न्‍यूनतम प्रत्‍याभूत डयूटी की राशि समय पर जमा की जा रही है, अत: अवैध मदिरा विक्रय से शासन को राजस्‍व की हानि नहीं हुई है। (ग) आलोच्‍य अवधि में आबकारी विभाग मुरैना द्वारा मध्‍यप्रदेश आबकारी अधिनियम, 1915 की धारा 34 एवं 36 के तहत अवैध मदिरा विक्रय आदि के कुल 1307 आपराधिक प्रकरण दर्ज किये गये हैं तथा आरोपियों के विरूद्ध माननीय न्‍यायालयों में दाण्डिक कार्यवाही हेतु चालान प्रस्‍तुत किये गये हैं। विकासखण्‍डवार जानकारी निम्‍नानुसार है:- 1. विकासखण्‍ड मुरैना में कुल 460 प्रकरण। 2. विकासखण्‍ड अम्‍बाह में कुल 166 प्रकरण। 3. विकासखण्‍ड पोरसा में कुल 138 प्रकरण। 4. विकासखण्‍ड जौरा में कुल 237 प्रकरण। 5. विकासखण्‍ड कैलारस में कुल 89 प्रकरण। 6. विकासखण्‍ड पहाडगढ़ में कुल 12 प्रकरण। 7. विकासखण्‍ड सबलगढ़ में कुल 205 प्रकरण।

 

 

 

सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्योगों की स्‍थापना

[सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम]

25. ( क्र. 453 ) सुश्री रामश्री (बहिन रामसिया भारती) राजपूत : क्या सूक्ष्‍म,लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर की विधानसभा बड़ामलहरा 53 में रोजगार उपलब्‍ध कराने के लिये कौन-कौन से एवं कहां-कहां सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्योगों की स्‍थापना प्रस्‍तावित है? (ख) यदि हां, तो उद्योगों के नाम एवं समय-सीमा बताये? इन उद्योगों से कितने लोगों को फायदा मिलेगा? (ग) यदि नहीं, तो प्रश्‍नकर्ता की विधान सभा अत्‍यंत पिछड़ी एवं जंगली होने के बाद भी सरकार अभी तक कोई योजना क्‍यों नहीं बना पाई है?

सूक्ष्‍म,लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्‍य कुमार काश्‍यप ) : (क) जिला छतरपुर की विधानसभा बड़ामलहरा 53 में सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्योगों की स्‍थापना हेतु किसी निवेशक से प्रस्‍ताव प्राप्‍त नहीं हुआ हैं। (ख) उत्‍तरांश (क) के संदर्भ में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) विभाग द्वारा प्रदेश में निवेश को बढ़ाने हेतु सतत प्रयास किये जा रहे हैं जिसके अंतर्गत नियमित रूप से संभाग/जिला स्‍तरीय ग्‍लोवल इन्‍वेस्‍टर समिट एवं रीजनल इण्‍डस्‍ट्रीयल कॉन्‍क्‍लेव का आयोजन किया जा रहा है। विभाग द्वारा स्‍वयं उद्योगों की स्‍थापना नहीं की जाती अपितु विभागीय योजनाओं एवं नीति के माध्‍यम से उद्योगों की स्‍थापना हेतु पात्रता अनुसार आवश्‍यक सहायता एवं सहयोग प्रदान किया जाता है।

अवैध कब्‍जाधारी अपराधियों को संरक्षण

[गृह]

26. ( क्र. 558 ) श्री हेमंत सत्यदेव कटारे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                             (क) न्‍यायालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व छतरपुर के पत्र क्र. 05/अ-70/2021-22, दिनांक 24.01.2022 से प्रश्‍न दिनांक तक श्री मथुरा तनय रामदयाल यादव, श्री गुलाब तनय चुन्‍नू यादव निवासी ग्राम बछरोनियां, त‍हसील व जिला छतरपुर को अवैध कब्‍जा हटाने तथा सिविल न्‍यायालय भेजने हेतु पुलिस अधीक्षक छतरपुर, अनुविभागीय अधिकारी पुलिस बिजावर, थाना प्रभारी सटई, चौकी प्रभारी पडरिया जिला छतरपुर को कितने पत्र भेजे गये? पत्रों की सत्‍य प्रतिलिपियां उपलब्‍ध करायी जावें। (ख) उपरोक्‍त अपराधियों को लगभग 5 वर्ष में कितनी बार न्‍यायालय में पकड़कर पेश किया गया? यदि नहीं, तो अपराधियों को संरक्षण देने वाले थाना प्रभारी सटई, चौकी प्रभारी पडरिया के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) यदि नहीं, तो प्रकरण में अपराधियों को संरक्षण देने वालों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जायेगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ, उक्त दिनांक तक श्री मथुरा तनय रामदयाल यादव, श्री गुलाव तनय चुन्नु यादव निवासी ग्राम बछरोनिया, तहसील व जिला छतरपुर को अवैध कब्जा हटाने तथा सिविल न्यायालय भेजने हेतु कुल 17 पत्र भेजे गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  अनुसार है। (ख) जी हाँ, आरोपी मथुरा तनय रामदयाल यादव, गुलाव तनय चुन्नु यादव निवासी ग्राम बछरोनिया को न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, छतरपुर के प्रकरण क्रमांक-05/अ-70/ 2021-2022 में जारी गिरफ्तारी वारंट में उक्त आरोपियों को दिनांक 31.01.2022 को गिरफ्तार कर माननीय एस.डी.एम. कोर्ट छतरपुर (सिविल कोर्ट) में पेश किया गया है। (ग) माननीय न्यायालय एस.डी.एम. कोर्ट छतरपुर द्वारा जारी आदेशों का विधिवत पालन किया गया है। उपरोक्त आरोपियों के विरूद्ध विधिसम्मत कार्यवाही की गई है।

अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) के विरूद्ध विभागीय जांच

[गृह]

27. ( क्र. 559 ) श्री हेमंत सत्यदेव कटारे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) क्या श्री इन्द्रवीर सिंह भदौरिया, तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) अटेर, जिला भिण्ड के विरूद्ध विभागीय जॉंच संस्थित कर संपादित करायी गयी? यदि हाँ, तो प्रकरण से संबंधित पूर्ण जानकारी प्रदान की जाये। (ख) क्या श्री भदौरिया के विरूद्ध संस्थित विभागीय जाँच में आरोप सिद्ध पाये जाने पर उन्हें निरीक्षक पद पर पदानवत किया गया था? यदि हाँ, तो उक्त विभागीय जांच आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करायी जाये। (ग) श्री इन्द्रवीर सिंह भदौरिया की वर्तमान में पदस्थापना कहां व किस पद पर है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। नियमानुसार जांच कार्यवाही पूर्णकर आरोपी पर शास्ति अधिरोपित की जा चुकी है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) दिनांक 30.09.2022 को सेवानिवृत्त।

अभ्‍यावदेनों की जांच तथा दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही

[गृह]

28. ( क्र. 591 ) श्री योगेन्‍द्र सिंह (बाबा) : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                (क) शिकायतकर्ता मोती मोहल्‍ला सारंगपुर जिला-राजगढ़ द्वारा पुलिस महानिदेशक भोपाल, पुलिस अ‍धीक्षक राजगढ़, थाना प्रभारी सारंगपुर को अभ्‍यावेदन दिनांक 30.06.2025 को प्रेषित किये गये हैं, इसके पूर्व भी शिकायतकर्ता के अभ्‍यावेदन पर अनुविभागीय अधिकारी पुलिस सारंगपुर द्वारा दिनांक 24.02.2025 को बयान लिये जा चुके है, थाना सारंगपुर में बयान लेने के पश्‍चात भी मूल निवासी प्रमाण पत्र क्रमांक आरएस/442/0101/696/2013 दिनांक 01.03.2013 पर थाना सारंगपुर द्वारा दोषियों के विरूद्ध आज तक क्‍या कार्यवाही की गई स्‍पष्‍ट करें। (ख) तत्‍कालीन तहसीलदार सारंगपुर द्वारा भ्रष्‍टाचार एवं आपसी सांठ-गांठ कर स्‍पष्‍ट उल्‍लंघन करके मूल निवासी प्रमाण पत्र बनाया गया था, शिकायत करने के पश्‍चात भ्रष्‍टाचार एवं आपसी मिलीभगत के कारण सभी साक्ष्‍य उ.प्र. के होने के पश्‍चात भी मूल निवासी प्रमाण-पत्र को निरस्‍त नहीं करने पर उच्‍च स्‍तरीय सक्षम अधिकारियों से जांच करवाकर दोषियों के विरूद्ध पद का दुरूपयोग करने, दोषियों को संरक्षण प्रदान करने का प्रकरण दर्ज करने की कार्यवाही सुनिश्चित की जावेगी। (ग) लोकायुक्‍त भोपाल तथा पुलिस महानिदेशक लोकायुक्‍त कार्यालय में प्रदान किये गये शिकायतकर्ता मोती मोहल्‍ला सारंगपुर के अभ्‍यावेदन दिनांक 30.06.2025 पर कार्यवाही करते हुये मूल निवासी प्रमाण पत्र निरस्‍त नहीं करने वाले दोषियों के विरूद्ध तथा कूटरचित मूल निवासी प्रमाण पत्र बनवाने वालों के विरूद्ध प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही की जावेगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) अनावेदिका तरू उपाध्याय द्वारा म.प्र. से मूल निवासी प्रमाण पत्र बनवाकर बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल से बी.एड. की परीक्षा उत्तीर्ण की तथा प्राथमिक विद्यालय कचना ब्लॉक मुरसान जिला हाथरस में शिक्षा अधिकारी के पद पर नियुक्ति प्राप्त की है। आवेदन पत्र असत्य शपथ पत्र के आधार पर म.प्र. में मूल निवासी प्रमाण पत्र बनवाने का होकर राजस्व विभाग से संबंधित है। मूल निवासी प्रमाण पत्र बनवाने के समय अनावेदिका के निवास से संबंधित संलग्‍न दस्तावेजों की सत्यता की जांच अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) सारंगपुर द्वारा तहसीलदार सारंगपुर को भेजी गई है जो न्यायालय तहसीलदार सारंगपुर में प्रकरण क्रमांक 75/बी-12/2024-2025 पर दर्ज होकर जांच प्रचलित है उक्त प्रकरण के शीघ्र निराकरण हेतु जिला कलेक्टर राजगढ़ को पत्र लेख कर अवगत कराया गया है, शिकायत का निराकरण होने पर पृथक से अवगत कराया जावेगा। (ख) प्रकरण की जांच अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) सारंगपुर द्वारा तहसीलदार सारंगपुर को भेजी गई है जो न्यायालय तहसीलदार सारंगपुर में प्रकरण कमांक 75/बी-12/2024-2025 पर दर्ज होकर जांच प्रचलित है उक्त प्रकरण के शीघ्र निराकरण हेतु जिला कलेक्टर राजगढ़ को पत्र लेख कर अवगत कराया गया है, शिकायत का निराकरण होने पर अग्रिम कार्यवाही की जावेगी। (ग) प्राप्त अभ्यावेदन दिनांक 30.06.2025 संगठन में परीक्षणोपरांत माननीय लोकायुक्त महोदय के आदेश दिनांक 08.07.2025 को नस्तीबद्ध की गई है। संगठन की विशेष पुलिस स्थापना म.प्र. भोपाल में कोई अपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

बैंक शाखा खोली जाना

[वित्त]

29. ( क्र. 623 ) श्री भैरो सिंह बापू : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर परिषद बडागांव जिला आगर-मालवा की वर्तमान जनसंख्‍या लगभग 9500 के लगभग है एवं बडागांव क्षेत्र के लगभग है एवं बडागांव क्षेत्र में लगभग 32 गांव सम्मिलित होने के बाद भी बैंक शाखा क्‍यों नहीं है? (ख) क्‍या किसी शासकीय या निजी बैंक के द्वारा बडागांव में शाखा खोले जाना प्रस्‍तावित है? (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार बडागांव में बैंक शाखा खोले जाने प्रस्‍तावित है तो कब तक बैंक शाखा खोली जाएगी यदि नहीं, तो क्‍यों?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) बैंक द्वारा संबंधित क्षेत्र में मौजूद व्‍यवसायिक व्‍यवहार्यता के आधार पर बैंक शाखा खोली जाती हैं। (ख) वर्तमान में किसी बैंक द्वारा बडागांव में शाखा खोलना प्रस्‍तावित नहीं हैं। (ग) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

लोकायुक्त और EOW द्वारा ट्रैप प्रकरणों में अनुशासनात्मक कार्यवाही

[सामान्य प्रशासन]

30. ( क्र. 629 ) श्री महेश परमार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 5 वर्षों (2020-2025) में मध्यप्रदेश सरकार के कितने विभागों में लोकायुक्त द्वारा कुल कितने ट्रैप प्रकरण दर्ज हुए? भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7, 13 (1) (ए), 13 (2) के तहत वर्षवार, विभागवार प्रकरणों की जानकारी और दस्तावेज उपलब्ध कराएं। (ख) ट्रैप प्रकरणों में दर्ज FIR और चालानी कार्यवाहियों की प्रतियां उपलब्ध कराते हुए बताएं कि कितने भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) और मध्यप्रदेश राज्य सेवा के अधिकारियों/कर्मचारियों पर लोकायुक्त द्वारा दंडात्मक कार्रवाई हुई? (ग) लोकायुक्त पुलिस और संगठन द्वारा 2020-2025 में भ्रष्टाचार के कितने मामले उजागर किए गए? भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7, 13 (1) (डी), 13 (2) के तहत किन विभागों के अधिकारियों पर क्या कार्यवाही हुई? विभागवार, वर्षवार विवरण दें। (घ) आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो (EOW) में 2020-2025 में कितने मामले दर्ज हुए, कितनों का निराकरण हुआ और कितने शेष हैं? (ड.) सामान्य प्रशासन विभाग, मध्यप्रदेश द्वारा लोकायुक्त और EOW की समीक्षा कब-कब, किन अधिकारियों/जनप्रतिनिधियों द्वारा की गई? बैठक कार्यवाही और पालन प्रतिवेदन वर्षवार उपलब्ध कराएं। (च) उपरोक्त सभी बिंदुओं पर अपेक्षित लोकायुक्त, EOW और सामान्य प्रशासन विभाग से वर्षवार, विभागवार दस्तावेज, प्रतिवेदन और कार्यवाही विवरण उपलब्ध कराएं।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है।                                  (ख) लोकायुक्‍त संगठन की विशेष पुलिस स्‍थापना, म.प्र. भोपाल में विगत 05 वर्षों (2020-2025) में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आई.ए.एस.) के कोई भी अधिकारी के विरूद्ध ट्रेप प्रकरण पंजीबद्ध नहीं हुआ है तथा म.प्र. राज्‍य सेवा के 18 अधिकारयों के विरूद्ध दर्ज ट्रेप प्रकरणों में की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के कॉलम नंबर-7 में है। (ग) संगठन की विशेष पुलिस स्‍थापना, म.प्र. भोपाल में वर्ष 2020 से 2025 तक भ्रष्‍टाचार के कुल 1,325 अपराधिक प्रकरण दर्ज किये गये है। भ्रष्‍टाचार निवारण अधिनियम की धारा- 7, 13 (1) (डी), 13 (2) के तहत जिन विभागों के अधिकारियों/कर्मचारियों पर कार्यवाही हुई, उनकी वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के कॉलम नंबर-5 एवं कार्यवाही की जानकारी कॉलम नंबर-7 में है। (घ) आर्थिक अपराध प्रकोष्‍ठ में प्रश्‍नांकित अवधि में दर्ज अपराध-472, निराकृत अपराध-82, शेष अपराध-383 हैं। (ड.) जानकारी की समयावधि स्‍पष्‍ट नहीं होने से शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है। (च) उत्‍तरांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार।

औद्योगिक क्षेत्र घोषित किया जाना

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

31. ( क्र. 637 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                         (क) चौरई विधानसभा क्षेत्र में भविष्य में औद्योगिक विकास की दृष्टि से नए उद्योग स्थापना एवं निवेश को लेकर कोई संभावना है? (ख) उद्योग हेतु किन-किन स्थानों पर कितनी जमीन चिन्हित की गई है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हां। (ख) उद्योगों हेतु चौरई विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम लिखड़ी, तहसील चौरई, जिला छिंदवाड़ा की 76.887 हेक्‍टेयर भूमि औद्योगिक प्रयोजन हेतु चिन्हित की गई है। इसी तरह ग्राम सीदप, तहसील चौरई, जिला छिंदवाड़ा की 62.337 हेक्‍टेयर भूमि औद्योगिक प्रयोजन हेतु चिन्हित की गई है। वर्तमान में उक्‍त भूमि विभाग के अधीन एम.पी. इण्‍डस्ट्रियल डेव्‍हलपमेण्‍ट कार्पोरेशन लि. क्षेत्रीय कार्यालय, जबलपुर के आधिपत्‍य में है।

 

 

महिलाओं के साथ हो रहे अपराधों की जानकारी

[गृह]

32. ( क्र. 667 ) श्री आरिफ मसूद : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                    (क) मध्‍यप्रदेश में वर्ष 2022, 2023 एवं 2024 में अनुसूचित जाति तथा जनजाति वर्ग की महिलाओं के साथ हुए अपराधों के विरूद्ध दर्ज कुल अपराधों की क्‍या संख्‍या है? वर्षवार जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में बलात्‍कार, सामूहिक बलात्‍कार, अपहरण, घरेलू हिंसा, हत्‍या, छेड़छाड़ आदि की जानकारी दें क्‍या सरकार ने ऐसे संवेदनशील जिलों की पहचान की है जहां एससी, एसटी महिलाओं पर अपराध की दर सबसे अधिक है यदि हाँ, तो वहां पर क्‍या विशेष निगरानी या सुरक्षा व्‍यवस्‍था लागू की गई है (ग) वर्ष 2022 की तुलना में वर्ष 2024 में इन अपराधों में कितने प्रतिशत की वृद्धि हुई है जानकारी उपलब्‍ध करावें तथा अनुसूचित जाति/ जनजाति वर्ग की महिलाओं के विरूद्ध हो रहे अपराधों को रोकने हेतु राज्‍य सरकार द्वारा कौन-कौन से विशेष कदम उठाए गए हैं? (घ) मध्‍यप्रदेश में मार्च 2024 से मार्च 2025 की अवधि के बीच अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग की महिलाओं से संबंधित बलात्‍कार के कुल कितने मामले दर्ज किए गए तथा इन मामलों में पीडि़ताओं को आजीविका एवं पुनर्वास हेतु कितने प्रकरणों में मुआवजा प्रदान किया गया और कितनी राशि वितरित की गई?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रदेश में अनुसूचित जाति तथा जनजाति वर्ग की महिलाओं के साथ हुये अपराध वर्ष 2022 में 14856, वर्ष 2023 में 15375 एवं वर्ष 2024 में 14747 अपराध पंजीबद्ध हुये। (ख) पंजीबद्ध अपराधों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट "अ" अनुसार है। अजा/जजा वर्ग पर होने वाले सर्वाधिक अपराध वाले क्षेत्रों में विशेष निगरानी व सुरक्षा हेतु पुलिस द्वारा सघन गस्त एवं वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का भ्रमण एवं सूचनातंत्र को प्रभावी बनाया गया है एवं प्रत्येक जिले में जनचेतना शिविर के माध्यम से सामाजिक समरसता एवं विधिक जागरूकता से लोगों को अवगत कराया जा रहा है। इसके अतिरिक्त प्रत्येक जिले में महिला सुरक्षा शाखा स्थापित की गई है जो महिलाओं पर होने वाले अपराधों में प्रभावी कार्यवाही करती है। (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट "ब" अनुसार है। अजा/जजा वर्ग की महिलाओं पर होने वाले अपराधों को रोकने के लिये प्रदेश के 55 जिलों में से 51 अजाक विशेष पुलिस थाने स्थापित है तथा पंजीबद्ध अपराधों के अनुसंधान हेतु 5। उप पुलिस अधीक्षक (अजाक) पदस्थ किये गये है तथा पंजीबद्ध अपराधों की संख्या को दृष्टिगत रखते हुये त्वरित अनुसंधान पूर्ण हो इस हेतु 7 अक्टूबर 2017 में राज्य सरकार द्वारा न्यायालय के समक्ष व्यक्तियों की गिरफ्तारी, अन्वेषण एवं अभियोजन की शक्तियाँ निरीक्षक रैंक के समस्त अधिकारियों को राजपत्र में प्रकाशन दिनांक से प्रदत्त की है। (घ) प्रदेश में मार्च 2024 में मार्च 2025 की अवधि में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के अन्तर्गत कुल 1094 मामले पंजीबद्ध हुए, उनमें से 738 मामलों में पीडिताओं को रूपये 9,93,65,250/- राहत राशि प्रदाय की गई।

परिशिष्ट - "सत्ताईस"

 

 

पुलिस थानों में जप्त वाहनों की नीलामी

[गृह]

33. ( क्र. 669 ) श्री इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न थानों में कितने वाहन अपराध/अन्य कारणों से जप्त किये गये हैं। दो पहिया/चार पहिया वाहनों की जानकारी थानावार/जप्त वाहन का माडल वाहन जप्त करने में दिनांक सहित जानकारी देवें? (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित थानों में जप्त वाहनों को रखने के लिए थाना परिसर में क्या व्यवस्था हैं? थानावार जानकारी देवें। (ग) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित जप्त वाहनों को शासन स्तर से जप्त वाहनों के संबंध में कब-कब क्या कार्यवाही की गई? (घ) यदि जप्त वाहनों के कारण थाना में हो रही असुविधा एवं जप्त वाहन क्षतिग्रस्त/कंडम हो रहे हैं तो क्या शासन इसके लिए नीलामी/अन्य कोई कार्यवाही करेगा? यदि करेगा तो कब तक?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।                  (घ) जप्त वाहनों की नीलामी अथवा अन्य कोई भी कार्यवाही संबंधित न्यायालय के आदेश उपरांत ही सम्पादित की जा सकेगी।

पुलिस चौकी का उन्नयन एवं स्वीकृत पदों की जानकारी

[गृह]

34. ( क्र. 670 ) श्री इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरयावली विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न थानों में स्वीकृत/कार्यरत/रिक्त पदों की जानकारी देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित विभिन्न थानों एवं चौकियों में रिक्त पदों पर पदपूर्ति/पदस्थापना कब तक की जाएगी? जानकारी देवें। (ग) क्या नरयावली विधानसभा क्षेत्र में स्थित पुलिस चौकी को थाने में उन्नयन हेतु विभाग द्वारा कोई कार्यवाही शासन स्तर पर की जा रही है? जानकारी देवें? (घ) क्या पुलिस चौकी कर्रापुर का पुलिस थाने में उन्नयन के संबंध में विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें तथा उन्नयन कब तक किया जावेगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) नरयावली विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न थानों में स्वीकृत/ कार्यरत/रिक्त पदों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पद रिक्त होना तथा उनकी पूर्ति एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। जिले के नव आरक्षकों के प्रशिक्षण प्राप्त उपरांत आवश्यकतानुसार रिक्त पदों की पूर्ति की जावेगी। प्रदेश स्तर पर आरक्षक, उप निरीक्षक, सूबेदार संवर्ग के 8,000 पदों पर भर्ती प्रक्रिया भी प्रचलन में है। शेष रिक्त अन्य वर्ग के पदों की पूर्ति की कार्यवाही समय-समय पर की जा रही है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। (घ) पुलिस चौकी कर्रापुर का थाने में उन्नयन का प्रस्ताव शासन द्वारा थाने के लिए निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप नहीं होने से अमान्य किया गया है।

परिशिष्ट - "अट्ठाईस"

 

 

नवीन जिला जेल का निर्माण

[जेल]

35. ( क्र. 676 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                           (क) क्या राजगढ़ जिले में बना हुआ जिला जेल शहर के मध्य स्थित होकर काफी पुराना तथा जीर्ण-शीर्ण स्थिति में है? (ख) यदि हाँ, तो क्या उसके स्थान पर नवीन जिला जेल बनाया जाना प्रस्तावित है? (ग) यदि हाँ, तो क्या शासन द्वारा उनके लिये कोई शासकीय भूमि आवंटित की गई है? (घ) यदि हाँ, तो किस स्थान पर और कितनी जमीन आवंटित की गई है तथा नवीन जिला जेल का निर्माण कब तक कर दिया जावेगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। वर्ष 1905 से निर्मित है, जो नियमित संधारण कर उपयोग योग्य है। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। (घ) उपयुक्त एवं पर्याप्त भूमि आवंटित होने के उपरांत पुनर्घनत्वीकरण योजना में निर्माण की प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी। समय-सीमा निर्धारित करना संभव नहीं है।

उन्हेंल थाने के भवन एवं आवासीय भवनों की जानकारी

[गृह]

36. ( क्र. 690 ) श्री सतीश मालवीय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                   (क) घट्टिया विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत उन्हेंल थाने के भवन का एवं कार्यरत स्टाफ के आवासों का निर्माण किस वर्ष में किया गया था? उन्हेंल थाने के भवन एवं कर्मचारी आवास भवनों की वर्तमान भौतिक स्थिति क्या है? (ख) क्या विभाग द्वारा जीर्ण-शीर्ण हो चुके उन्हेंल थाने के भवन एवं कर्मचारी आवास भवनों के नवीन भवन निर्माण किए जाने की क्या योजना है? यदि हाँ तो उक्त नवीन थाना भवन एवं आवासीय भवनों के निर्माण की राशि कब तक स्वीकृत की जावेगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) घट्टिया विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत थाना उन्हेंल के भवन एवं आवासों का निर्माण क्रमशः वर्ष 1984 एवं वर्ष 1967 में किया गया था जो वर्तमान में कण्डम स्थिति में हैं। (ख) वर्तमान थाना उन्हेंल के नवीन भवन के निर्माण हेतु कोई योजना नहीं है किन्तु थाना भवन में विशेष मरम्मत कार्य हेतु वित्तीय वर्ष 2025-26 में राशि रू. 9,75,000/- का आवंटन किया गया है। सिंहस्थ 2028 योजना अंतर्गत उन्हेंल थाना परिसर में 512 आवासों के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई है। निर्माण की कार्यवाही प्रचलन में है।

संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों एवं नियुक्तियों की जानकारी

[महिला एवं बाल विकास]

37. ( क्र. 693 ) श्री बाबू जन्‍डेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) श्योपुर जिले में कुल कितने आंगनवाड़ी केन्द्र एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है? स्वीकृति के विरूद्ध कितने पदों पर कार्यकर्ता और सहायिका नियुक्त है और कितने पद रिक्त है? कितने केन्द्रों पर स्थानीय निवासी कार्यकर्ता एवं सहायिका नियुक्त एवं कितनों पर नहीं है? क्या नाम एवं पता प्रमाण सहित जानकारी देवे तथा जिले में कितने ग्राम, मजरा-टोला, नवीन बसावटों में आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत नहीं है? परियोजनावार जानकारी दे? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संबंध में आंगनवाड़ी केन्द्रों पर क्या-क्या सुविधाएं बच्चों एवं महिलाओं को उपलब्ध कराई जाती है क्या नियम/निर्देश/आदेश है? छायाप्रति उपलब्ध करावे (ग) प्रश्‍नांश (क) व (ख) के संदर्भ में क्या केन्द्रों में पोषण आहार शासकीय/निजी एजेंसी द्वारा सप्लाई किया जाता है सप्लाई करने वाले एजेंसियों के नाम सप्लायर एजेंसियों के संचालकों के नाम बतावें और इनकी चयन की प्रकिया क्या है?                                     (घ) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में श्योपुर जिले में वर्ष 2022 से प्रश्‍नांकित अवधि तक आंगनवाड़ि‍यों में कितनी नियुक्तियां हुई है? वर्षवार/विकासखण्डवार/परियोजनावार जानकारिया देवे तथा नियुक्तियों के संबंध में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई है? क्या आवेदक आरती रावत द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्र सुनवई (वीरपुर विजयपुर) में हुई नियुक्ति के विरूद्ध शिकायत की गई है यदि हाँ तो उक्त शिकायत पर क्या कार्यवाही हुई? उक्त सभी शिकायतो पर क्या कार्यवाही की गई है यदि नहीं, तो क्यों तथा कब तक कार्यवाही की जाकर शिकायतों का निराकरण कर दिया जावेगा?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) श्‍योपुर जिले में कुल 1259 आंगनवाड़ी केन्‍द्र संचालित है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के 1199 एवं आंगनवाड़ी सहायिका के 882 पद भरे हैं तथा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के 60 एवं आंगनवाड़ी सहायिका के 377 पद रिक्‍त हैं। सभी आंगनवाड़ी केन्‍द्रों पर कार्यरत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं आंगनवाड़ी सहायिका स्‍थानीय निवासी हैजानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 पर है। आंगनवाड़ीविहिन ग्राम, मजरा-टोला एवं नवीन बसावटों की परियोजनावार  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-2 पर है। (ख) आंगनवाड़ी केन्‍द्रों के माध्‍यम से सक्षम आंगनवाड़ी एवं पोषण 2.0 अंतर्गत बच्‍चों एवं महिलाओं को 06 सेवायें प्रदान की जाती है – 1 पूरक पोषण आहार, 2 टीकाकरण, 3 स्‍कूल पूर्व अनौपचारिक शिक्षा, 4 स्‍वास्‍थ्‍य जांच, 5 संदर्भ सेवायें, 6 पोषण एवं स्‍वास्‍थ्‍य शिक्षा। सक्षम आंगनवाड़ी एवं पोषण 2.0 अंतर्गत जारी निर्देशों की प्रति  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट-3 पर  है। (ग) आंगनवाड़ी केन्द्रों में नाश्‍ता एवं गर्म पका भोजन के रूप में पूरक पोषण आहार का प्रदाय ग्रामीण क्षेत्रों में सांझा चूल्हा कार्यक्रम के तहत पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा संचालित किये जा रहे मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम अन्तर्गत गठित महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से तथा शहरी क्षेत्रों में राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन, राज्य शहरी आजीविका मिशन के पंजीकृत महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से किया जाता है तथा जिला श्योपुर में टेकहोम राशन के रूप में पूरक पोषण आहार का प्रदाय, मध्‍यप्रदेश राज्‍य ग्रामीण आजीविका मिशन के अधीन स्‍थापित पोषण आहार संयंत्र, महिला आजीविका औद्योगिक सहकारी समिति शिवपुरी के द्वारा किया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे  परिशिष्ट -04 पर  है। एजेंसी की चयन संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-05 पर है। (घ) श्‍योपुर जिले में वर्ष 2022 से प्रश्‍नांकित अवधि तक आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के 52 एवं आंगनवाड़ी सहायिका के 56 पदों पर नियुक्तियॉं की गई हैजानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-पर है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के भर्ती क्रम में विकासखण्‍ड स्‍तरीय चयन समिति के अनुमोदन से जारी अनंतिम चयन सूची के विरूद्ध कुल 28 आपत्तियॉं दर्ज की गई थी, जिनका निराकरण शासन नियम अनुसार जिला स्‍तरीय दावा/आपत्ति निराकरण समिति द्वारा किया जा चुका है। जी हॉं, आवेदिका आरती रावत आंगनवाड़ी केन्‍द्र सुनवई (वीरपुर विजयपुर) का प्रकरण अपील में न्‍यायालय आयुक्‍त, चंबल संभाग-मुरैना में प्रचलित है। शेष का प्रश्‍न नहीं।

जिला खनिज प्रतिष्ठान मद की राशि का आवंटित एवं उपयोग

[खनिज साधन]

38. ( क्र. 694 ) श्री बाबू जन्‍डेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले में खनिज प्रतिष्ठान मद में वर्ष 2019 से वर्तमान तक कितनी राशि किन-किन माध्यमों से प्राप्त हुई है और जमा राशि का उपयोग विभाग द्वारा किन-किन कार्यों के लिए किया गया है? कितनी राशि वर्तमान में जमा हुई है? जमा राशि का उपयोग क्या शासन द्वारा निर्धारित नियम/ निर्देशों/आदेशों के तहत समय-सीमा पर किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्‍यों? इसके लिए कौन-कौन अधिकारी जि‍म्‍मेदार है? (ख) खनिज मद की राशि से श्योपुर विधानसभा में कौन-कौन से विकास एवं निर्माण कार्य कौन से नियम निर्देशों के तहत किस की अनुशंसा पर कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत किये गये है? अवगत करावे? क्या प्रश्‍नकर्ता को उक्त निर्माण एवं विकास कार्यों की स्वीकृति के संबंध में अवगत कराया जाकर अनुशंसा प्रस्ताव एवं अनुमोदन लिया गया है? यदि नहीं, तो क्‍यों कारण बतावें? क्या श्योपुर जिले में जिला खनिज प्रतिष्ठान मद की राशि को आवंटित न करते हुए जिले की 01 भी विधानसभा में कोई भी विकास एवं निर्माण कार्यों की स्वीकृति प्रदान नहीं की गई है? राशि आवंटित नहीं किये जाने का क्या कारण है? (ग) क्या अन्य जिलो की भाति श्योपुर जिले को भी जिला खनिज प्रतिष्ठान मद की राशि आवंटित की जावेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रश्‍नाधीन जिले में स्‍वीकृत खनि रियायतों से प्रश्‍नाधीन अवधि से दिनांक 30/06/2025 तक राशि रूपये 2.06 करोड़ जिला खनिज प्रतिष्‍ठान के मद में प्राप्‍त हुई है। इस राशि का उपयोग किसी भी कार्य में नहीं किया गया है। नियमों में खनिज प्रतिष्‍ठान मद में प्राप्‍त होने वाली राशि को खर्च किये जाने की कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं की गई है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) जिला खनिज प्रतिष्‍ठान के मद में जमा राशि से प्रश्‍नाधीन विधानसभा में कोई भी विकास अथवा निर्माण कार्य स्‍वीकृत नहीं किये गये हैं। कार्य स्‍वीकृत न होने के कारण शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता। जी हाँ। जिला खनिज प्रतिष्‍ठान से स्‍वीकृति हेतु किसी कार्य का प्रस्‍ताव प्राप्‍त न होने के कारण राशि स्‍वीकृत नहीं की गई है।                                            (ग) जिले में जिला खनिज प्रतिष्‍ठान में राशि आवंटित किये जाने का प्रावधान नहीं है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

निवेश प्रोत्‍साहन हेतु किसानों की जमीनों का अधिग्रहण

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

39. ( क्र. 702 ) श्री राजेन्‍द्र भारती : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. सरकार की अद्यतन औद्योगिक निवेश प्रोत्‍साहन नीति क्‍या है? कृपया उपलब्‍ध करायें क्‍या उक्‍त नीति के अंतर्गत निजी भूमियां को खरीदनें/आवंटित करने का भी प्रावधान किया गया है? यदि हाँ, तो केन्‍द्र सरकार की किसानों की भूमि अधिग्रहण से संबंधित क्‍या नियम निर्देश है? कृपया अलग-अलग जानकारी उपलब्‍ध करायें। म.प्र. सरकार द्वारा औद्योगिक नीति के अंतर्गत अभी तक कितने किसानों की भूमि अधिग्रहित अथवा कम की गई है? कृपया दतिया जिले किसानों की क्रय/अधिग्रहित भूमि के किसानों के नाम तथा प्रति एकड़ मूल्‍यों की जानकारी उपलब्‍ध करायें। (ख) क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा प्रश्‍न क्रमांक 59 (क्रमांक 2493) दिनांक 21 मार्च 2025 में उल्‍लेखित बिंदुवार जानकारी संग्रहित कर ली गई है? यदि हाँ, तो उपलब्‍ध करायें और यदि नहीं, तो कारण सहित उल्‍लेख करें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्‍साहन विभाग मध्‍यप्रदेश शासन द्वारा नवीन उद्योग संवर्धन नीति 2025 दिनांक 24 फरवरी, 2025 से जारी की गई है, जिसकी प्रति  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट अनुसार  है। उक्‍त नीति के अंतर्गत निजी भूमि को खरीदनें/आवंटित करने तथा भूमि अधिग्रहित अथवा कम किये जाने संबंधी कोई प्रावधान नहीं है। औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्‍साहन विभाग के गठन उपरांत दतिया जिले में कोई भी निजी भूमि अधिग्रहित/क्रय नहीं की गई है। (ख) जी नहीं। प्रश्‍नकर्ता द्वारा वर्ष 2013 से वर्ष 2024-25 तक लगभग 12 वर्षों की विस्‍तृत जानकारी मांगी गई है, जो संकलित की जा रही है।

 

पुरानी पेंशन प्रणाली बहाल करना

[वित्त]

40. ( क्र. 712 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के अंतर्गत आने वाले कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के उपरांत गारंटीकृत पेंशन, महंगाई भत्ता एवं पारिवारिक पेंशन जैसी मूलभूत सुविधाओं का अभाव होने से उन्हें आर्थिक एवं सामाजिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है? यदि हाँ, तो क्या सरकार इसके समाधान हेतु विचार कर रही है? (ख) सरकार द्वारा प्रश्‍नांश (क) के संबंध में अब तक अध्ययन, समीक्षा हेतु कोई कार्यवाही की गई है। यदि हाँ, तो विस्तृत जानकारी देवें। यदि नहीं, तो भविष्य की क्या योजना हैं? (ग) क्या NPS के तहत सेवानिवृत्‍त कर्मचारियों को वित्तीय सुरक्षा देने हेतु सरकार द्वारा किसी विकल्प या संशोधनों पर विचार किया जा रहा है? (घ) क्या राज्य सरकार OPS (पुरानी पेंशन योजना) की बहाली या इसके समतुल्य कोई वैकल्पिक पेंशन मॉडल लागू करने पर विचार कर रही है?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) उत्‍तरांश (क) के अनुक्रम में प्रश्‍न ही उत्‍पन्‍न नहीं होता है। (घ) वर्तमान में OPS (पुरानी पेंशन योजना) या इसके समतुल्‍य कोई वैकल्पिक पेंशन मॉडल लागू करने का प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं है।

औद्योगिक प्रतिष्ठानों के जनहित कार्यों की जानकारी

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

41. ( क्र. 713 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                            (क) औद्योगिक इकाइयों द्वारा सी.एस.आर. फंड वितरण किए जाने हेतु क्या प्रावधान हैं नियम एवं निर्देश की प्रति उपलब्ध कराएं? (ख) जिला मुरैना अंतर्गत कितनी औद्योगिक इकाई संचालित हैं एवं उनके द्वारा किन-किन संस्थाओं को सी.एस.आर. कितना फंड वितरण किया गया है गत तीन वर्ष की जानकारी उपलब्ध कराएं तथा इन संस्थाओं द्वारा सी.एस.आर. फंड का क्या उपयोग किया गया है? उक्त के संबंध में विगत तीन वर्ष का लेखाजोखा दस्तावेज सहित उपलब्ध कराएं।                              (ग) विधानसभा क्षेत्र जौरा अंतर्गत तहसील कैलारस में स्थित गेल इंडिया लिमिटेड की इकाई द्वारा विगत पांच वर्षों में किस-किस संस्था को कितना-कितना सी.एस.आर. फंड प्रदान किया गया एवं उक्त संस्था द्वारा प्राप्त फंड का उपयोग किन-किन कार्यों हेतु कहाँ-कहाँ किया गया? सम्पूर्ण जानकारी दस्तावेजों सहित प्रदान करें। (घ) क्या किसी औद्योगिक प्रतिष्ठान अथवा इकाई के सी.एस.आर. फण्ड का उपयोग उसी क्षेत्र में जनहित कार्यों में होना चाहिए जो उस प्रतिष्ठान अथवा इकाई की गतिविधियों से प्रभावित है? यदि हाँ, तो ऐसा ना करने वाले औद्योगिक प्रतिष्ठानों अथवा इकाइयों पर क्या कार्यवाही किए जाने का प्रावधान है? यदि नहीं, तो क्या इस विषय पर नियम बनाने हेतु सरकार को विचार करना चाहिये?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्‍व निर्वहन के संबंध में भारत सरकार द्वारा अधिसूचित कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 135 के अनुसार किसी वित्‍तीय वर्ष के दौरान पांच सौ करोड़ रूपये या अधिक के शुद्ध मूल्‍य वाली या एक हजार करोड़ रूपये या अधिक के आवर्त वाली या पांच करोड़ रूपये या अधिक के शुद्ध लाभवाली प्रत्‍येक कंपनी द्वारा सी.एस.आर. नीति का पालन किया जाना अनिवार्य है। अधिनियम की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 अनुसार है। इसके अतिरिक्‍त विभाग के आदेश क्रमांक एफ 20-8/2013/बी-ग्‍यारह, दिनांक 13.10.2017 द्वारा कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्‍व के फेसिलिटेशन हेतु दिशा-निर्देश जारी किये गये है, जिसकी प्रति  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट-2 अनुसार है। (ख) जिला मुरैना में विभाग के अधीन एम.पी.इण्‍डस्ट्रियल डेव्‍हलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा संधारित औद्यो‍गिक क्षेत्रों में कुल 201 औद्योगिक इकाइयां संचालित है। प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में जिला मुरैना में स्‍थापित एवं पात्र वृहद श्रेणी की औद्योगिक इकाइयों से प्राप्‍त जानकारी अनुसार सी.एस.आर. अंतर्गत किए गए व्‍यय का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-3 अनुसार है। (ग) विधानसभा क्षेत्र जौरा अंतर्गत तहसील कैलारस में स्थित गेल इंडिया लिमिटेड द्वारा प्रदत्‍त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-4 अनुसार है। (घ) भारत सरकार द्वारा अधिसूचित कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 135 की कंडिका 5 अनुसार कंपनी का बोर्ड यह सुनिश्चित करेगा कि कंपनी प्रत्‍येक वित्‍तीय वर्ष में, ठीक तीन पूर्ववर्ती वित्‍तीय वर्षों के दौरान किए गए कंपनी के औसत शुद्ध लाभों का कम से कम दो प्रतिशत निगमित सामाजिक उत्‍तरदायित्‍व नीति के अनुसरण में खर्च करे। साथ ही, CSR गतिविधियों के चयन एवं कार्यान्वयन में कंपनी को अपने परिचालन स्थलों तथा संबंधित क्षेत्रों को प्राथमिकता प्रदान करना अपेक्षित होगा। CSR के संबंध में राज्‍य शासन के आदेश क्रमांक एफ 20-8/2013/बी-ग्‍यारह, दिनांक 13/10/2017 द्वारा जारी दिशा-निर्देश की कंडिका 6 अनुसार CSR की मध्‍यप्रदेश में एक ही वेबसाईट होगी। जिस पर विभागवार एवं जिलावार शेल्‍फ ऑफ प्रोजेक्‍ट्स प्रदर्शित होंगे। कंपनी इन शेल्‍फ ऑफ प्रोजेक्‍ट्स में से उसकी इच्‍छानुसार प्रोजेक्‍ट्स का चयन कर सकेगी। कंपनियों के ऊपर यह बंधन नहीं होगा कि वह इसी प्रोजेक्‍ट्स में से कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्‍व के कार्य करें। वह स्‍वतंत्र है कि कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्‍व की गतिविधियां किस प्रकार और कैसे मध्‍यप्रदेश में संचालित करना चाहते है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

 

 

 

वित्तीय सलाहकार समिति से अनुबंध

[वित्त]

42. ( क्र. 716 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय मामलों में सलाह के लिए क्या वित्त विभाग ने किसी वित्तीय विशेषज्ञ फर्म को नियुक्त किया है? (ख) किस कंसल्टेंसी फर्म के साथ अनुबंध किया गया है/किया जाना है? (ग) उक्त अनुबंध की शर्तें क्या हैं? क्या अनुबंधकर्ता फार्म समस्त शर्तों को पूरा करती है? यदि नहीं, तो फिर अनुबंध क्यों किया गया? (घ) संबंधित फर्म को कितना अग्रिम भुगतान किया गया है एवं बाद में कितनी राशि का भुगतान किया जाएगा?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ (ख) KPMG Advisory Services Private Limited (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे अनुसार है। फर्म समस्‍त शर्तों को पूरा करती हैं।                                                 (घ) संबंधित फर्म को अग्रिम भुगतान नहीं किया गया है। फर्म द्वारा मासिक देयक प्रस्‍तुत करने पर स्‍वीकृत दर अनुसार भुगतान किया जायेगा।

राज्य महिला आयोग

[महिला एवं बाल विकास]

43. ( क्र. 717 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश राज्य महिला आयोग में अध्यक्ष तथा सदस्यों के कितने पद हैं?                          (ख) उपरोक्त में से कौन-कौन से पद रिक्त किस-किस दिनांक से रिक्त हैं? (ग) इस आयोग में वर्ष 2020-21 से वर्ष 2024-25 और चालू वर्ष में प्रश्‍न दिनांक तक कितनी-कितनी शिकायतें/आवेदन प्राप्त हुए हैं? (घ) क्या राज्य महिला आयोग में अध्यक्ष तथा सदस्यों के पद रिक्त होने के कारण आयोग में अपनी शिकायत लेकर जाने वाली पीड़ित महिलाओं की सुनवाई पूरी तरह बंद है? यदि हाँ, कब तक इस आयोग में रिक्त पदों पर नियुक्ति की जायेगी?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) मध्यप्रदेश राज्य महिला आयोग में एक अध्यक्ष तथा छः सदस्यों के पद हैं। (ख) उपरोक्त सभी पद दिनांक 24 मार्च 2020 से रिक्त है। (ग) वर्ष 2020-21 से वर्ष 2024-25 तक 17713 शिकायती आवेदन पत्र एवं चालू वर्ष में प्रश्‍न दिनांक तक 954 शिकायती आवेदन प्राप्‍त हुए है। (घ) जी हाँ, आयोग में आने वाली महिलाओं की शिकायतों को आवश्यक कार्यवाही हेतु संबंधित अधिकारियों को प्रेषित किया जा रहा है। आयोग के अध्‍यक्ष एवं सदस्‍यों के सबंधित नियुक्ति प्रकरण माननीय उच्‍च न्‍यायालय जबलपुर में लंबित है। अत: रिक्‍त पदों पर नियुक्ति की निश्‍चित तिथि बताना संभव नहीं है।

आंगनवाड़ी केन्द्रों को मिलने वाली किराये की राशि

[महिला एवं बाल विकास]

44. ( क्र. 719 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्तमान वर्ष 2025 में आंगनवाड़ी केन्द्रों को संचालित किये जाने हेतु कितना किराया राशि के रूप में दिये जाने का प्रावधान है एवं भवन किराये पर लेने के क्या-क्या नियम है? शासन आदेश सहित जानकारी दी जावे। (ख) शहरी क्षेत्र ग्वालियर में वर्तमान वर्ष मई 2025 तक कुल कितने आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत है? विधानसभावार/संख्यावार जानकारी दी जावे। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संबंध में कितने केन्द्रों को संचालित करने हेतु भवन किराये पर लिये गये है? स्थान सहित सूची उपलब्ध कराई जावे। (घ) शहरी क्षेत्र ग्वालियर में किन आंगनवाड़ी केन्द्रों को भवन नहीं मिल पाया है तो इसके क्या कारण रहे है एवं जिन केन्द्रों को किराये का भवन नहीं मिल पाया है, वह वर्तमान में कहां संचालित किये जा रहे है? केन्द्रों की सूची एवं कारण सहित जानकारी दी जावे।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) विभागीय आदेश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अ पर है। (ख) शहरी क्षेत्र नगर निगम ग्‍वालियर में वर्तमान में कुल 673 आंगनवाड़ी केन्‍द्र स्‍वीकृत है। विधानसभावार संख्‍यात्‍मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-ब पर है। (ग) 480 आंगनवाड़ी केन्‍द्रों को किराये के भवनों में संचालित किया जा रहा है। स्‍थान सहित सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-स पर है। (घ) शहरी क्षेत्र ग्‍वालियर में सभी आंगनवाड़ी केन्‍द्रों के लिये भवन उपलब्‍ध है। अत शेष का प्रश्‍न नहीं।

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना का क्रियान्‍वयन

[वित्त]

45. ( क्र. 721 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री मुद्रा योजना प्रदेश में कब से लागू की गई? योजना के पात्रता संबंधी नियम/शासन आदेश उपलब्ध कराये जावे। (ख) उक्त योजनान्तर्गत किन व्यक्तियों एवं उद्यमियों को किस-किस कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि का ऋण प्रदाय किया जाता है? (ग) जिला ग्वालियर में वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में इस योजनान्तर्गत कितने आवेदन प्राप्त हुये एवं किस-किस कार्य हेतु कितना ऋण प्रदाय किया गया? (घ) उक्त अविध में प्राप्त आवेदनों में से कितने आवेदन लंबित है एवं कितने आवेदन निरस्त किये गये? कारण सहित जानकारी दी जावे।

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) प्रधानमंत्री मुद्रा योजना पूरे देश में 8 अप्रैल, 2015 को लागू की गयी थी, इस योजना के अंतर्गत गैर-कृषि आय सृजन गतिविधियों के लिए चार श्रेणियों (शिशु-रूपये 50000 तक, किशोर रूपए 50001 से 5 लाख तक, तरूण रूपए 500001 से 10 लाख तक एवं तरूण प्‍लस रूपए 1000001 से 20 लाख तक का ऋण बिना जमानत के प्रदान किया जाता है। (ख) उक्‍त योजना में व्‍यक्ति स्‍वामी फर्म साझेदारी फर्म प्राइवेट लिमिटेड फर्म एवं पब्लिक लिमिटेड कम्‍पनी को रूपये 20 लाख तक का ऋण प्रदान किया जाता है। (ग) ग्‍वालियर जिला में वर्ष 2023-24 में 1,03,668 आवेदकों (नवीनीकरण सहित) को रूपए 864.88 करोड़ एवं वर्ष 2024-25 में 82,572 आवेदकों (नवीनीकरण सहित) को 886.50 करोड़ का ऋण बैंकों द्वारा प्रदाय किया गया। (घ) बैंको से प्राप्‍त जानकारी अनुसार उक्‍त अवधि में 69 आवेदन लंबित है एवं 476 आवेदन निरस्‍त किये गये।

 

 

 

कुटीर एवं ग्रामोद्योग की योजनाएं

[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]

46. ( क्र. 724 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या राज्‍य मंत्री, कुटीर एवं ग्रामोद्योग महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर संभाग में कुटीर एवं ग्रामो‌द्योग विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजनाएं चलाई जा रही है? प्रत्येक योजना का शासन आदेश (GO/आदेश क्रमांक सहित) संलग्न शासन आदेश सहित जानकारी दें। (ख) ग्वालियर संभाग द्वारा चलाई जा रही उक्त योजनाओं के लिये पात्रता एवं कितनी-कितनी राशि किस मद में प्रदाय की जाती है, इसके संबंध में विभागीय आदेश की प्रति, पात्रता एवं सहायता राशि विवरण उपलब्ध कराया जावे। (ग) उक्त योजना अंतर्गत ग्वालियर-चंबल संभाग में कितने आवेदन तहसीलवार वर्ष 2023 एवं 2025 में प्राप्त हुये? संख्यावार जानकारी दी जावे। (घ) ग्वालियर-चंबल संभाग में कितने हितग्राहियों को संयंत्र, मशीन और उपकरण मुहैया कराये गये? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक उपलब्ध करा दिये जायेंगे, शेष हितग्राहियों की संख्या एवं उपकरण उपलब्ध कराने की संभावित समय-सीमा क्‍या है? जिला एवं संख्यावार जानकारी दी जावे। (ड.) ग्वालियर संभाग में कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा संचालित सभी योजनाओं का हितग्राहियों को लाभ दिया जा रहा है यदि नहीं, तो क्‍यों? संचालित योजनाओं से संबंधित कितनी शिकायते प्राप्त हुई है उन पर क्या कार्यवाही की गई?

राज्‍य मंत्री, कुटीर एवं ग्रामोद्योग ( श्री दिलीप जायसवाल ) : (क) विभाग द्वारा प्रदेश में संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अ अनुसार है। यह योजनाएं ग्‍वालियर एवं चंबल संभाग में भी लागू है। प्रत्‍येक योजना के शासन द्वारा स्‍वीकृत नियमों की प्रतियां भी संलग्‍न है। (ख) उत्‍तरांश (क) अनुसार पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अ में उल्‍लेखित योजनाओं में पात्रता एवं सहायता राशि का स्‍पष्‍ट उल्‍लेख किया गया है। (ग) ग्‍वालियर एवं चंबल संभाग अंतर्गत जिलों में उक्‍त योजनाओं अंतर्गत वर्ष 2023 से 2015 तक प्राप्‍त आवेदनों की तहसीलवार संख्‍या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-ब अनुसार है। (घ) ग्‍वालियर चंबल संभाग में वर्ष 2023 से 2025 तक हितग्राहियों को संयंत्र मशीन और उपकरण मुहैया कराये जाने की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-स अनुसार है। (ड.) ग्‍वालियर एवं चंबल संभाग के जिलों में विभाग द्वारा संचालित योजनाओं में प्राप्‍त आवेदनों अनुसार पात्र हितग्राहियों को लाभ दिया जा रहा है। संभाग के किसी भी जिले से कोई शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई है।

स्व-सहायता समूह द्वारा पोषण आहार विवरण

[महिला एवं बाल विकास]

47. ( क्र. 725 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शिवपुरी जिले में ऐसे कुल कितने स्व-सहायता समूह हैं, जिन्हें विगत 2 वर्ष से लेकर 5 वर्ष से भी अधिक का समय हो जाने पर भी उनसे पोषण आहार वितरण कार्य कराया जा रहा है? समूह का नाम सहित संलग्न आंगनवाड़ी केन्द्रों की विस्तृत जानकारी दें। (ख) क्या प्रश्‍नांश (क) में वर्णित अधिकांश स्व-सहायता समूह ऐसे हैं जिनसे लंबे समय से पोषण आहार वितरण का कार्य कराया जा रहा है? यदि नहीं, तो उन स्व-सहायता समूहों का नाम बतायें जिन्हें एक से अधिक आंगनवाड़ी केन्द्र पोषण वितरण हेतु दिये गये हैं? (ग) क्या शिवपुरी जिले में पोषण आहार वितरण में भारी भ्रष्टाचार किया जा रहा है? पोषण आहार का नास्ता एवं भोजन शासन निर्देशानुसार पृथक-पृथक वितरण नहीं किये जाने की शिकायत प्राप्त हुई है? महज खानापूर्ति कर शासकीय राशि का दुरुपयोग किया जा रहा है यदि नहीं, तो बतायें कि कब-कब, किस-किस अधिकारी ने किन-किन केन्द्रों में पोषण आहार वितरण का सत्यापन किया? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) में वर्णित आंगनवाड़ी केन्द्रों में कितने-कितने कुपोषित बच्चे दर्ज हैं? कुपोषित बच्चों के स्‍वास्‍थ्‍य परिक्षण हेतु कब-कब और कहां-कहां कैंप लगाये? (ड.) क्या सभी आंगनवाड़ियों केन्द्रों में पेयजल की व्यवस्था है एवं कितनी आंगनवाड़ी केन्द्रों में भवन बने हुए हैं, यदि नहीं, है तो क्यों? आंगनवाड़ीवार जानकारी उपलब्ध करायी जावे।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) शिवपुरी जिले में 1423 स्‍व-सहायता समूह है, जिन्‍हें विगत 02 वर्ष से लेकर 05 से अधिक का समय हो जाने पर भी उनसे आंगनवाड़ी केन्‍द्रों पर पोषण आहार वितरण का कार्य कराया जा रहा है। समूह का नाम, आंगनवाड़ी केन्‍द्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'''' पर है। (ख) जी नहीं। एक से अधिक आंगनवाड़ी केन्‍द्रों पर पोषण आहार वितरण कर रहे स्‍व-सहायता समूहों की सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'''' पर है। (ग) जी नहीं। जी नहीं। जी नहीं। शिवपुरी जिले के विभागीय अधिकारियों द्वारा आंगनवाड़ी केन्‍द्रों के निरीक्षण के दौरान पोषण आहार वितरण का सत्‍यापन किया जाता है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'''' पर है। (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) में वर्णित आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में 456 अतिकम वजन के बच्‍चे दर्ज है, सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'''' पर है। कुपोषित बच्‍चों का स्‍वास्‍थ्‍य परीक्षण स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के समन्‍वय से प्रत्‍येक माह के टीकाकरण दिवस पर आंगनवाड़ी केन्‍द्र पर कराया जाता है। (ड.) जी हाँ सभी आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में पेयजल की व्‍यवस्‍था है एवं 1226 आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में भवन बने हुए है आंगनवाड़ी भवन निर्माण शासकीय भूमि की उपलब्‍धता तथा वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है। आंगनवाड़ी केन्द्रों में पेयजल व्यवस्था आंगनवाड़ी भवनों के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' पर है।

मोहना औद्योगिक क्षेत्र का विकास

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

48. ( क्र. 726 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                              (क) प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा प्रश्‍न अतारांकित प्रश्‍न क्र. 505 दिनांक 02.07.2024 में डी.पी.आर. तैयार करने हेतु कन्सलटेंट नियुक्त करने की कार्यवाही की जा रही है, की जानकारी दी गई थी? क्या कन्सलटेंट को नियुक्त कर दिया गया है? यदि हां, तो पूर्ण विवरण दें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में यदि कार्यवाही की गई है तो औद्योगिक क्षेत्र विकास का कार्य कब तक प्रारंभ हो जायेगा?                                  (ग) प्रस्तावित औद्योगिक क्षेत्र में स्थानीय उद्यमियों को प्राथमिकता दी जायेगी यदि हां तो कैसे नियम प्रक्रिया बताये? यदि नहीं, तो क्यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हां। ग्राम मोहना, जिला ग्वालियर में चिन्हित 210.686 हेक्‍टेयर भूमि पर औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने हेतु डीपीआर तैयार किए जाने हेतु कंसल्‍टेंट फर्म रूपल संघवी एण्‍ड एसोसिऐट को अनुबंध क्रमांक – 08 दिनांक 06.09.2023 से नियुक्‍त किया गया है। ग्राम गुरावल, जिला शिवपुरी में 30.64 हेक्‍टेयर भूमि पर औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने हेतु डीपीआर तैयार करने के लिए कन्‍सलटेंट नियुक्‍त करने की कार्यवाही के क्रम में कन्‍सलटेंसी फर्मफोर्ट्रेस इनफ्राकॉन लिमिटेडको अनुबंध करने हेतु दिनांक 08.07.2025 को लेटर ऑफ एक्‍सपेटेंस जारी किया गया है। (ख) औद्योगिक क्षेत्र मोहना को विकसित करने हेतु डीपीआर तैयार कर ली गई है। औद्योगिक क्षेत्र के अभिन्यास का अनुमोदन प्राप्‍त हो गया है। निर्माण कार्य हेतु निविदा प्रक्रिया प्रचलन में है। औद्योगिक क्षेत्र गुरावल के विकास कार्य के लिए कन्‍सलटेंट नियुक्‍त करने की कार्यवाही के क्रम में कन्‍सलटेंसी फर्मफोर्ट्रेस इनफ्राकॉन लिमिटेड को अनुबंध करने हेतु दिनांक 08.07.2025 को लेटर ऑफ एक्‍सपेटेंस जारी किया गया है। (ग) औद्योगिक क्षेत्र में स्‍थानीय उद्यमियों को प्राथमिकता पर भूखंडों का आवंटन किये जाने संबंधी कोई प्रावधान नहीं है। अपितु औद्योगिक क्षेत्र में भूखण्‍डों का आवंटन, प्रचलित मध्‍यप्रदेश राज्‍य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन 2019 (यथा संशोधित 2025) में वर्णित प्रावधानों के अनुसार किया जाता है।

कुटीर एवं ग्रामोद्योग स्थापित करने हेतु योजना

[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]

49. ( क्र. 728 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या राज्‍य मंत्री, कुटीर एवं ग्रामोद्योग महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कुटीर एवं ग्रामोद्योग लगाने की कौन-कौन सी योजनाएं है?                                     (ख) प्रश्‍नांश (क) में दी गई योजनाओं को जन-जन तक पहुँचाने के लिए विभाग द्वारा क्या-क्या प्रयास किये गये? वर्ष 2023 से 2025-26 तक की जानकारी दें। (ग) विभाग को योजनाओं के प्रचार-प्रसार हेतु प्रश्‍नांश (ख) वर्षों में कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई एवं कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? वर्षवार, मदवार जानकारी दें। (घ) ग्वालियर जिले की भितरवार विधानसभा क्षेत्र में किस-किस माध्यम से योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया गया? कब-कब किया गया? स्थानवार, व्यय, राशिवार, वर्षवार विवरण दें। यदि नहीं, तो क्यों?

राज्‍य मंत्री, कुटीर एवं ग्रामोद्योग ( श्री दिलीप जायसवाल ) : (क) विभाग द्वारा प्रदेश में कुटीर एवं ग्रामोद्योग लगाने के संबंध में संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-एक अनुसार है। (ख) विभागीय योजनाओं को जन-जन तक पहुँचाने के लिए राज्‍य स्‍तरीय, संभाग स्‍तरीय एवं जिला स्‍तरीय मेला/प्रदर्शनी/रोजगार मेलों के माध्‍यम से प्रचार-प्रसार किया जाता है। उत्‍तरांश (क) में उल्‍लेखित योजनाओं में आवेदक पत्र आमंत्रण हेतु दैनिक समाचार पत्रों में प्रकाशन भी कराया जाता है। वर्ष 2023 से 2025-26 तक वर्षवार प्रकाशन की तिथि एवं समाचार पत्रों की कतरनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-दो अनुसार है। (ग) योजनाओं का प्रचार-प्रसार राज्‍य स्‍तरीय, संभाग स्‍तरीय, जिला स्‍तरीय मेला/प्रदर्शनी/रोजगार मेलों के माध्‍यम से प्रचार-प्रसार किया जाता है। विभाग में योजनाओं के प्रचार-प्रसार हेतु पृथक से कोई योजना संचालित नहीं होने के कारण राशि आवंटन की जानकारी निरंक है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) ग्‍वालियर जिले की भि‍तरवार विधानसभा सहित प्रदेश की समस्‍त विधानसभाओं में विभागीय योजनाओं के प्रचार-प्रसार एवं आवेदन आमंत्रण हेतु दैनिक समाचार पत्रों में प्रकाशन कराया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-दो अनुसार है। प्रश्‍नांश (ख) में उल्‍लेखित वर्षों में प्रचार-प्रसार हेतु राशि आवंटित नहीं होने से शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होते है।

माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणाओं का क्रियान्वयन

[सामान्य प्रशासन]

50. ( क्र. 730 ) श्री सुरेश राजे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जुलाई 2020 से मार्च 2025 तक अवधि में माननीय मुख्यमंत्रियों द्वारा जिला ग्वालियर के लिए कब-कब, कौन-कौन सी घोषणाएं की गई? उनकी सूची उपलब्ध करवाएं तथा जिनमें से प्रश्‍न दिनांक तक कौन-कौन सी घोषणाओं का क्रियान्वयन/अमल हो चुका है? कौन-कौन सी घोषणाओं का क्रियान्वयन किस कारण प्रारंभ नहीं हो सका है? इन्हें कब तक प्रारंभ किया जायेगा? (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार क्या वर्ष 2020 में डबरा विधानसभा उपचुनाव में माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा डबरा को जिला बनाने तथा नगर में खेल मैदान के निर्माण की घोषणा की गई थी? क्या खेल मैदान हेतु नगर पालिका डबरा को राशि प्रदान की गई? यदि हाँ, तो कब और कितनी? यदि नहीं, तो क्यों? उक्त दोनों घोषणाओं पर अभी तक किस कारण अमल नहीं किया गया? इन घोषणाओं को कब तक पूर्ण किया जायेगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जिला ग्‍वालियर में जुलाई 2020 से मार्च 2025 तक माननीय मुख्‍यमंत्रियों द्वारा कुल 85 घोषणाएं की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। इनमें से 65 घोषणाओं पर क्रियान्‍वयन/अमल हो चुका है। शेष 20 घोषणाओं पर कार्यवाही परीक्षणाधीन है। विभागों में निहित नियमों/प्रावधानों के अंतर्गत घोषणाओं के क्रियान्‍वयन की कार्यवाही की जाती है, जो एक सतत प्रक्रिया है। अत: समय-सीमा बताई जाता संभव नहीं है।                            (ख) जी नहीं। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

खनिज से आय एवं व्यय

[खनिज साधन]

51. ( क्र. 732 ) श्री सुरेश राजे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला ग्वालियर में खनिज विभाग के चेक पोस्ट कब से किस-किस स्थान पर संचालित हैं? इन पर कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी कब से कार्यरत हैं? इनका नाम/पद/संपर्क सहित पूर्ण जानकारी देवें तथा वर्ष 2022-23 से प्रश्‍न दिनांक तक बिलौआ चेक पोस्ट से अवैध/ओवरलोड खनिज करने वाले किस-किस व्यक्ति/फर्म पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) जिला ग्वालियर अंतर्गत बिलौआ के आस-पास की खदानों से काली गिट्टी का उत्खनन से वर्ष 2022-23 से प्रश्‍न दिनांक तक वर्षवार कितनी-कितनी आय प्राप्त हुई? वर्षवार बतावें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के अनुसार गोड खनिज मद की राशि से कौन-कौन से कार्य किस सक्षम अधिकारी द्वारा स्वीकृत किये जाने का प्रावधान है? आदेश की प्रति उपलब्ध करवाएं तथा उक्त अवधि में जिला ग्वालियर को खनिज मद की कितनी-कितनी राशि विकास कार्यों हेतु प्राप्त हुई? वर्षवार बताएं। उक्त राशि से डबरा विधानसभा में किस-किस स्थान पर कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि‍ के स्वीकृत किये गए? इनकी वर्तमान स्थिति क्या है? (घ) क्या डबरा विधानसभा के बिलौआ में स्थित सभी गिट्टी क्रशर वैध हैं? यदि हाँ, तो सत्यापित प्रति देवें। यदि नहीं, तो अवैध क्रशर किस आदेश या किसके संरक्षण में संचालित हैं

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रश्‍नाधीन जिले में कलेक्‍टर ग्‍वालियर के आदेश दिनांक 06/11/2023 एवं दिनांक 07/03/2024 से रेत खनिज के परिवहन की जाँच हेतु 13 जाँच नाके स्‍थापित किये गये हैं। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अ पर है। स्‍थापित जाँच नाके पर मध्‍यप्रदेश राज्‍य खनिज निगम के विधि मान्‍य ठेकेदार के कर्मचारी कार्यरत है। विभागीय कर्मचारी न होने के कारण इनके नाम तथा पदनाम की जानकारी संधारित नहीं की गई है। प्रश्‍नाधीन अवधि में बिलौआ में कोई भी स्‍थाई चेक पोस्‍ट स्‍थापित न होने के कारण शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्‍नांश अनुसार जानकारी निम्‍नानुसार है:-

वर्ष

राशि

2022-2023

26,26,05,397/-

2023-2024

23,16,89,866/-

2024-2025

25,32,90,817/-

2025-2026 (प्रश्‍न दिनांक तक)

2,69,80,576/-

(ग) प्रश्‍नांश (ख) में दर्शित राशि राज्‍य की संचित निधि में जमा किये जाने का प्रावधान है। इस राशि से किसी कार्य की स्‍वीकृति का प्रावधान नहीं है। अत: शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में वर्तमान में 42 स्‍टोन क्रशर स्‍थापित है। जिसमें से 11 स्‍टोन क्रशर प्रदूषण नियंत्रण मण्‍डल से प्राप्‍त वैध सम्‍मति प्राप्‍त कर संचालित है। सम्‍मति पत्रों की प्रतियां पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-ब पर है। 04 स्‍टोन क्रशर की सम्‍मति की वैधता समाप्‍त हो चुकी है, जिनके नवीनीकरण किये जाने हेतु प्रदूषण नियंत्रण मण्‍डल द्वारा पत्र जारी किये गये हैं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-स पर है। 27 स्‍टोन क्रशर में वायु प्रदूषण नियंत्रण की सक्षम व्‍यवस्‍था न करने के कारण प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा इनका संचालन बन्‍द किया जाने के निर्देश जारी किये गये हैं, जिसका विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-द पर है। इन स्‍टोन क्रशर से संबद्ध उत्‍खनिपट्टा तथा व्‍यापारिक अनुज्ञप्तियों से खनिज परिवहन हेतु आवश्‍यक ई-टी.पी. को तत्‍काल प्रभाव से प्रतिबंधित किया गया है। अत: स्‍टोन क्रशर अवैध होने तथा इन्‍हें संरक्षण दिये जाने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

बेरोजगारों को रोजगार

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

52. ( क्र. 733 ) श्री सुरेश राजे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला ग्वालियर अंतर्गत डबरा शुगर फैक्ट्री जो की वर्तमान में बंद हो चुकी है पूर्व में शुगर कंपनी को गन्ना उत्पादन हेतु किस-किस स्थान पर पटवारी हल्का नंबर के किस ग्राम में कितनी-कितनी भूमि लीज पर दी गई? खसरा नंबर एवं रकबा सहित बताएं तथा लीज पर दी गई इस भूमि की किस वर्ष लीज समाप्त हो गई है? वर्तमान में लीज समाप्त भूमि पर किसका अधिपत्य है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार डबरा शहर से दिल्ली-मुंबई तथा दक्षिण भारत के बड़े शहरों के रेल मार्ग एवं हाईवे जुड़े हैं तथा "A" श्रेणी की कृषि उपज मंडी है, शुगर कंपनी डबरा की लीज समाप्त भूमि पर उद्योग स्थापित करने हेतु क्या उद्यमियों को यह भूमि लीज पर दी जाएगी? जिससे उद्योग स्थापित होने से क्षेत्र के बेरोजगारों को रोजगार मिल सकेगा? यदि हाँ, तो लीज संबंधी नियम/आदेश की प्रति उपलब्ध करवाएं

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्‍साहन विभाग के अधीन एमपी इण्‍डस्‍ट्रीयल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लि. द्वारा डबरा शुगर फैक्‍ट्री को भूमि लीज पर आवंटित नहीं की गई। तहसीलदार डबरा जिला ग्‍वालियर से प्राप्‍त जानकारी अनुसार तत्‍कालीन राज्‍य ग्‍वालियर के द्वारा वर्ष 1940 से 1942 एवं वर्ष 1952 में तत्‍कालीन राजस्‍व विधि कानून माल तथा भूमि उपयोगीकरण विधान सम्‍वत 2007 के अंतर्गत भूमि प्रदाय की गयी थी। भूमि के खसरा, रकबा तथा भूमि स्‍वामी की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) इस प्रकार का कोई प्रस्‍ताव विभाग को प्राप्‍त नहीं हुआ है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

पत्रों पर कार्यवाही

[सामान्य प्रशासन]

53. ( क्र. 736 ) श्री राजेश कुमार वर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                (क) प्रश्‍नकर्ता द्वारा पन्‍ना जिले के किस-किस विभाग/कार्यालय को पत्र प्रेषित किये गये एवं प्रेषित किये गये पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? जानकारी उपलब्ध करावें। पत्रों पर कार्यवाही कर अवगत न कराने का क्या कारण है? (ख) क्या सत्र जुलाई 2024 के तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 2604 के उत्‍तर में पत्रों पर कार्यवाही प्रचलन में है का उल्‍लेख किया गया था? यदि हाँ, तो क्‍या पत्रों पर कार्यवाही पूर्ण हो चुकी है? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) क्या मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय भोपाल के पत्र क्रमांक एफ 19-76/2007/1/4 भोपाल दिनांक 22 मार्च, 2011 द्वारा माननीय संसद सदस्यों एवं विधायकों के पत्रों पर कार्यवाही कर अवगत कराने के निर्देश हैं? यदि हाँ, तो प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित पत्रों पर कार्यवाही न करने अथवा कार्यवाही से अवगत न कराने के लिये कौन दोषी है? दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी हां। तत्‍समय कार्यवाही पूर्ण होने हेतु शेष पत्रों की संख्‍या कुल 97 थी। जिसमें से 86 पत्रों पर कार्यवाही पूर्ण एवं 11 पत्रों पर कार्यवाही शेष है। जिला कार्यालय प्रमुखों द्वारा कार्यवाही पूर्ण होने पर माननीय विधायक महोदय को निरतंर अवगत कराया जाता है। (ग) जी हां। उत्‍तरांश (ख) में उल्‍लेखित पत्रों पर कार्यालय प्रमुखों द्वारा कार्यवाही पूर्ण कर माननीय विधायक महोदय को निरंतर अवगत कराया जाता है। अत: शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

सहारा समूह की जमीन का विक्रय

[वाणिज्यिक कर]

54. ( क्र. 742 ) श्री संजय उइके : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत पांच वर्षों में प्रश्‍न दिनांक तक प्रदेश में किस-किस जिले में सहारा समूह की कितनी-कितनी जमीन बेची गई है? (ख) उपरोक्त जमीनें किस-किस को किस-किस मूल्य पर बेची गई और उनका बाजार मूल्य क्या था? (ग) क्या इन जमीनों को बहुत कम दामों पर बेचा गया? यदि हाँ, तो इसकी जांच कराई गई है? (घ) क्या सहारा समूह की जमीनों से प्राप्त राशि को सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार सहारा सेबी के मुम्बई स्थित संयुक्त खाते में जमा किया गया? यदि नहीं, तो इसका क्या कारण है?

उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) सहारा समूह से संबंधित जमीनों के पंजीकृत विक्रय पत्रों जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) संपत्ति को किस मूल्‍य पर विक्रेता द्वारा बेचा जाना है, यह संबंधित पक्षकारों पर निर्भर करता है। इसमें विभाग की कोई भूमिका नहीं है, अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) विभाग से संबंधित नहीं।

औद्योगिक क्षेत्रों में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर व्‍यय

[सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम]

55. ( क्र. 745 ) श्री संजय उइके : क्या सूक्ष्‍म,लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2020-21 से वर्ष 2024-25 तक प्रदेश के विभिन्‍न औद्योगिक क्षेत्रों में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर अलग-अलग कितनी-कितनी राशि खर्च की गई? (ख) उपरोक्त औद्योगिक क्षेत्रों में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट का कार्य करने के लिए किसे नोडल एजेंसी बनाया गया है? (ग) क्या इन औद्योगिक क्षेत्रों में उपरोक्त वर्षों में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए किये कार्यों का विभाग द्वारा उपयोगिता प्रमाण-पत्र सरकार को दिया गया है? (घ) यदि नहीं, तो इसका क्या कारण है?

सूक्ष्‍म,लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्‍य कुमार काश्‍यप ) : (क) वर्ष 2020-21 से वर्ष 2024-25 तक प्रदेश के विभिन्‍न औद्योगिक क्षेत्रों में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर किये गये व्‍यय की जानकारी निम्‍नानुसार है :-

क्र.

वित्‍तीय वर्ष

व्‍यय राशि (रूपये करोड़ में)

1

2020-21

87.20

2

2021-22

88.01

3

2022-23

121.99

4

2023-24

129.00

5

2024-25

200.00

(ख) प्रश्‍नांश (क) अवधि में म.प्र. लघु उद्योग निगम मर्या., लोक निर्माण विभाग, डी.एम.आई.सी. पीथमपुर जल प्रबंधन लि. एवं विद्युत वितरण कंपनी को निर्माण एजेंसी बनाया गया है।                               (ग) निर्माण एजेंसियों द्वारा विभागीय औद्योगिक क्षेत्र में अधोसंरचना विकास कार्य हेतु जारी राशि के उपयोग के पश्‍चात विभाग को उपयोगिता प्रमाण-पत्र दिये जाते हैं। (घ) जो कार्य प्रचलित/अपूर्ण हैं, उनके पूर्ण होने के उपरांत ही उपयोगिता प्रमाण-पत्र जारी किया जाता है।

संचालित आंगनवाड़ी केंद्रों की जानकारी

[महिला एवं बाल विकास]

56. ( क्र. 746 ) श्रीमती अनुभा मुंजारे : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिला एवं बाल विकास बालाघाट अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र में भवन विहीन, शासकीय भवन एवं किराए के भवनों में संचालित आंगनवाड़ी केंद्रों की संख्या कितनी है? कब तक शासकीय भवन स्वीकृत कर दिए जाएंगे? हाँ तो बताए? नहीं तो क्यों? आंगनवाड़ी भवन स्वीकृत करने हेतु प्रश्‍नकर्ता द्वारा कुल कितने पत्र प्रेषित किये गए एवं उक्त पत्र पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) बालाघाट जिले में कुपोषित बच्चों को भारत सरकार द्वारा प्रावधानित न्यूट्रिशन (पोषण) उपरोक्त अवधि में कितना-कितना व कहां-कहां वितरित किया गया? बालाघाट जिले की तहसीलवार ब्यौरा बताएं। (ग) बालाघाट जिले में न्यूट्रिशन (पोषण) सप्लाई का कार्य किन-किन आधार दिया गया है? क्या पोषण सप्लाई हेतु वाहनों के लिए निविदाएं आमंत्रित की गई थीं? यदि हाँ, तो बताएं नहीं तो क्यों? (घ) बालाघाट जिले में पोषण सप्लाई में प्रश्‍न दिनांक तक किन-किन अनियमितता की कहां-कहां, कितनी शिकायतें प्राप्त हुई व उन पर क्या कार्यवाही की गई?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जिला बालाघाट अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र में भवन विहीन शासकीय भवन एवं किराये के भवनों में संचालित केन्‍द्रों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट-"अ" अनुसार है। आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये भवन निर्माण शासकीय भूमि एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है, समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। प्रश्‍नकर्ता द्वारा आंगनवाड़ी भवन स्‍वीकृति हेतु विभाग को 01 पत्र प्राप्‍त हुआ है। जिसके परिपालन में वित्‍तीय वर्ष 2024-25 में 5360- राज्‍य आयोजना मद अंतर्गत जिला बालाघाट हेतु 30 नवीन भवन निर्माण की स्‍वीकृति प्रदाय की गयी है। (ख) बालाघाट जिले में कुपोषित बच्चों को भारत सरकार द्वारा प्रावधानित न्यूट्रिशन (पोषण) के वर्ष 2024-25 में वितरण की तहसीलवार जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट-"ब" अनुसार है। (ग) बालाघाट जिले में न्यूट्रिशन (पोषण) सप्लाई का कार्य हेतु वाहनों के लिए निविदाएँ आमंत्रित की गई थी। वर्ष 2024-25 में सभी 11 परियोजनाओं में न्यूट्रिशन सप्लाई हेतु सफल निविदाकार "कुश ट्रांसपोर्ट" का चयन समस्त 11 बाल विकास परियोजनाओं के लिए किया गया था किन्तु निविदाकार द्वारा परिवहन कार्य नहीं किया गया था। वर्ष 2025-26 में न्यूट्रिशन सप्लाई हेतु निविदा आमंत्रित की गई थी किन्तु निविदाकार अपात्र होने से निविदा असफल रही। जिला स्‍तर पर पुनः निविदा आमंत्रित की कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) बालाघाट जिले में पोषण सप्लाई में प्रश्‍न दिनांक तक पोषण आहार (टी.एच.आर.) सप्लाई परिवहनकर्ता से नहीं कराकर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के द्वारा परिवहन कराने एवं किये गये परिवहन कार्य का भुगतान नहीं करने के संबंध में शिकायत आंगनवाड़ी नर्सरी स्कूल शिक्षिका/सहायिका एकता संघ जिला बालाघाट मध्‍यप्रदेश द्वारा मध्यप्रदेश राज्य महिला आयोग, संचालनालय महिला बाल विकास मध्‍यप्रदेश भोपाल एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास बालाघाट कार्यालय में शिकायत की गई थी। शिकायत के संबंध में जिले की 11 बाल विकास परियोजना में THR परिवहन हेतु वर्ष 2025-26 माह मार्च 2025 में निविदा आमंत्रित की गयी थी। 04 निविदाकारो द्वारा निविदा प्रस्‍तुत की गयी प्राप्‍त निविदा दिनांक 20.05.2025 को जिला स्‍तर पर गठित समिति के समक्ष खोली गयी। समिति द्वारा अभिलेख/दस्‍तावेज अवलोकन किया गया। अभिलेख/दस्‍तावेज पूर्ण नहीं होने के कारण निविदा निरस्‍त की गयी। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा किये गये परिवहन राशि भुगतान की कार्यवाही प्रचलन में है।

परिशिष्ट - "उनतीस"

 

 

अवैध बिक्री के प्रकरण

[वाणिज्यिक कर]

57. ( क्र. 747 ) श्रीमती अनुभा मुंजारे : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र में अवैध शराब विक्रय, परिवहन तथा अवैध बिक्री के कितने प्रकरण अथवा सूचनाएं प्राप्त हुई? तिथिवार ब्यौरा पृथक-पृथक देवें। (ख) प्रश्‍नकर्ता द्वारा एवं अन्य जनप्रतिनिधि द्वारा आबकारी आयुक्त, मुख्य कार्यालय बालाघाट को लिखे गये पत्र पर प्रश्‍न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? उपरोक्त शिकायतों पर अंकुश और नियंत्रण लगाने हेतु कितना अमला कहां-कहां पदस्थ है तथा उनके दायित्व क्या हैं? इस संबंध में आदेशों की प्रति उपलब्ध कराते हुए यह भी बतायें कि उक्त अधिकारी/कर्मचारियों ने वर्ष 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक कहाँ-कहाँ के दौरे किये? दौरे की तिथि, स्थान तथा उद्देश्य बताएं। (ग) वर्ष 2021 से बालाघाट विधानसभा की जो शिकायतें प्राप्त हुई हैं, उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की गई तो उसके लिए कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? दोषी अधिकारी/कर्मचारी पर कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? जानकारी पृथक-पृथक बतायें। (घ) क्या सरकार द्वारा आहते बंद करने की निर्देश जारी किए गए हैं? तो फिर आज दिनांक तक शराब दुकान के बाहर बैठकर शराब क्यों पिलाई जा रही है? ऐसी कितनी शिकायतें बालाघाट विधानसभा क्षेत्र से हुई हैं और उन पर क्या कार्यवाही की गई है?

उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) वित्‍तीय वर्ष 2021-22 से वर्ष                    2025-26 के दौरान बालाघाट विधानसभा क्षेत्र में अवैध शराब विक्रय, परिवहन तथा अवैध बिक्री के 542 प्रकरण कायम किये गये हैं। तिथिवार विवरण की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-एक अनुसार है। (ख) प्रश्‍नकर्ता द्वारा एवं अन्‍य जनप्रतिनिधि द्वारा आबकारी कार्यालय बालाघाट को लिखे गये पत्र कार्यवाही की गई है। शिकायतों पर अंकुश और नियंत्रण हेतु विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वृत कार्यालयों में पदस्‍थ अमला एवं उनके दायित्‍व संबंधी जानकारी एवं पदस्‍थापना आदेशों की छायाप्रतियां तथा पदस्‍थ अधिकारी/कर्मचारियों के द्वारा वर्ष 2021-22 से पश्‍न दिनांक तक किये गये दौरे की पी-2 डायरी की छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-दो अनुसार है। जिसमें तिथि, स्‍थान अंकित है। दौरों, का मुख्‍य उद्देश्‍य मदिरा दुकानों का निरीक्षण, शासकीय राजस्‍व की सुरक्षा, अवैध मदिरा पर नियंत्रण एवं अवैध मदिरा पर प्रभावी कार्यवाही की गई है, जिसकी जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-तीन अनुसार है। (ग) वित्‍तीय वर्ष 2021-22 से बालाघाट विधानसभा अंतर्गत 123 शिकायतें प्राप्‍त हुई है, प्राप्‍त शिकायतों पर नियमानुसार कार्यवाही की गई है, जिसकी जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-चार अनुसार है। (घ) जी हां, यह सही है कि सरकार द्वारा आहतें बंद करने के निर्देश जारी किए गए हैं, जिसके तहत शराब दुकान के परिसर में किसी भी व्‍यक्ति को बैठकर शराब नहीं पिलाई जा रही है। बालाघाट विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत एक शिकायत प्राप्‍त हुई है। जिसमें आबकारी उपनिरीक्षक बालाघाट द्वारा दुकान के निरीक्षण में कोई भी व्‍यक्ति शराब पीते हुये नहीं पाया गया इस प्रकार शिकायत सही नहीं पाई गई।

 

आरक्षण मामले में महाधिवक्ता मध्य प्रदेश को फीस भुगतान

[सामान्य प्रशासन]

58. ( क्र. 752 ) श्री सुनील उईके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ओबीसी आरक्षण मामले में राज्य सरकार की ओर से पैरवी करने के लिए मध्य प्रदेश के महाधिवक्ता एवं उनकी लीगल टीम को कितना-कितना भुगतान, कब-कब, किन-किन पेशियां के अनुसार किया गया है। (ख) ओबीसी आरक्षण मामले में माननीय उच्च न्यायालय एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय में कब-कब कितनी पेशियां वर्ष 2019 के बाद से हो चुकी हैं? (ग) माननीय उच्च न्यायालय एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय में ओबीसी आरक्षण मामले में होने वाली पेशियों में राज्य सरकार की ओर से या महाधिवक्ता या उनकी टीम कब-कब उपस्थित नहीं रह सके?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार हैं। (ख) एवं                                            (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही हैं।

परिशिष्ट - "तीस"

स्वीकृत रेत खदानों की जानकारी

[खनिज साधन]

59. ( क्र. 753 ) श्री सुनील उईके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                       (क) छिंदवाड़ा, पांढुर्णा एवं बैतूल जिले में कौन-कौन सी रेत खदानें स्वीकृत है? कृपया विकासखण्‍डवार सूची उपलब्‍ध कराएं। (ख) क्‍या वर्षा ऋतु में 15 जून से 15 अक्टूबर तक जो रेत उत्खनन पर प्रतिबंध रहता है? इस संबंध में रेत ठेकेदारों द्वारा कहां-कहां रेत स्टॉक करने की जानकारी शासन को दी गई है एवं शासन से रेत स्टॉक करने संबंध में अनुमति ली गई है? स्थानों एवं स्टॉक की मात्रा की जानकारी उपलब्ध करवाएं।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जिला छिंदवाड़ा, पांढुर्णा एवं बैतूल जिले में स्वीकृत रेत खदानों की विकासखण्डवार एवं तहसीलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ पर है। (ख) जी नहीं, प्रदेश में 30 जून, 2025 की मध्य रात्रि से 01 अक्टूबर, 2025 तक मानसून अवधि में रेत उत्खनन पर प्रतिबंध है। म.प्र. खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भण्डारण का निवारण) नियम, 2022 के नियम 13 के तहत अनुज्ञापन प्राधिकारी, संबंधित जिले के कलेक्टर हैं, स्वीकृत खनिज व्यापारिक अनुज्ञप्ति, जो कि एम.पी. सैंड पोर्टल पर रजिस्टर्ड होती हैं, जिनमें क्रेडिट होने वाली ऑनलाइन रेत की भण्डारित मात्रा की जानकारी पोर्टल पर उपलब्ध होती है। अतः प्रश्‍नांश अनुसार शासन से रेत स्टॉक करने के संबंध में अनुमति की जानकारी तथा शासन को इस रेत स्टॉक करने के संबंध में स्थानवार दी गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब पर है।

शराब नीति की जानकारी

[वाणिज्यिक कर]

60. ( क्र. 757 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आबकारी नीति में बदलाव किए गए है? यदि हाँ, तो उसका मध्यप्रदेश के राजस्व और समाज पर क्या प्रभाव पडेगा? आबकारी नीति में बदलाव की विस्तृत जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या सरकार द्वारा 19 धार्मिक स्थलों और 19 पवित्र शहरों में शराब बंदी नीति लागू की गई है? जैसा कि 1 अप्रैल, 2025 से प्रस्तावित किया गया था। यदि हाँ, तो कौन-कौन से धार्मिक स्थल व पवित्र शहरों में शराब बंदी लागू की गई है? यदि नहीं, तो इसका क्या कारण है? (ग) शराब बिक्री को विनियमित करने, नशीली दवाओं के सेवन को रोकने व नियंत्रित करने एवं आबकारी विभाग से संबंधित नियम/कानूनों को कड़ाई से लागू किए जाने के संबंध में विभाग व सरकार द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है?

उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2025-26 हेतु शासन द्वारा जारी आबकारी नीति में आंशिक बदलाव किये गये हैं। कम्‍पोजिट मदिरा दुकानों के वर्ष 2024-25 के परिगणित वार्षिक आधार मूल्‍य में 20 प्रतिशत की वृद्धि कर, वर्तमान वर्ष 2025-26 हेतु आरक्षित मूल्‍य का निर्धारण किया जाकर, नवीनीकरण/लॉटरी ई-टेण्‍डर (ई-टेण्‍डर एवं ई-टेण्‍डर कम ऑक्‍शन) के माध्‍यम से निष्‍पादन किया गया है, जिससे शासन राजस्‍व में गतवर्ष की तुलना में 19.67 प्रतिशत की वृद्धि हुयी है। समाज पर प्रभाव की दृष्टि से पवित्र क्षेत्रों में मदिरा की दुकानों को बंद किया गया, नर्मदा किनारे के शहरों में 05 किलोमीटर तक की दूरी में स्थित मदिरा दुकानों को यथावत बंद रखा गया है एवं किसी धार्मिक संस्‍था तथा मान्‍यता प्राप्‍त माध्‍यमिक विद्यालय, उच्‍चतर माध्‍यमिक विद्यालय तथा कन्‍याओं के शासकीय छात्रावास से 100 मीटर की दूरी तक मदिरा दुकानों को हटाये जाने का प्रावधान किया गया। आबकारी नीति की विस्‍तृत जानकारी हेतु वर्ष 2025-26 हेतु जारी आबकारी नीति, जो मध्‍यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 47 दिनांक 14 फरवरी 2025 में वर्णित है, की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-एक अनुसार है। (ख) जी हाँ। मध्‍यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 47 दिनांक 14 फरवरी, 2025 की कण्‍डिका 1 के अनुसार 13 नगरीय एवं 06 ग्रामीण निकायों में संचालित सभी मदिरा दुकानें को दिनांक 01 अप्रैल, 2025 से बंद किया गया है। पवित्र क्षेत्रों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-दो अनुसार है। (ग) आबकारी विभाग में शराब बिक्री को विनियमित करने हेतु पवित्र क्षेत्रों में मदिरा दुकानों को बन्‍द किया गया, नर्मदा किनारे के शहरों में 05 किलोमीटर तक की दूरी में स्थित मदिरा दुकानों को यथावत बंद रखा गया है एवं किसी धार्मिक संस्‍था तथा मान्‍यता प्राप्‍त माध्‍यमिक विद्यालय, उच्‍चतर माध्‍यमिक विद्यालय तथा कन्‍याओं के शासकीय छात्रावास से 100 मीटर की दूरी तक मदिरा दुकानों को हटाये जाने का प्रावधान किया गया, जिससे मदिरा दुकानों की संख्‍या में वृद्धि न होकर कमी आयी है। नशीली दवाओं के सेवन को रोकने व नियंत्रित करने संबंधी प्रश्‍न आबकारी विभाग से संबंधित नहीं है। आबकारी विभाग से संबंधित नियम/कानूनों को कड़ाई से लागू किए जाने के संबंध में मध्‍यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 की विभिन्‍न धाराओं के अन्‍तर्गत मैदानी अधिकारियों द्वारा प्रकरण पंजीबद्ध कर कार्यवाही की जाती है।

मध्‍यप्रदेश में पत्रकारों के कल्‍याण हेतु संचालित योजना

[जनसंपर्क]

61. ( क्र. 760 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                            (क) मध्यप्रदेश में पत्रकारों के कल्याण के लिए सरकार द्वारा कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही है? योजना का नाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें और कोई स्वास्थ्य संबंधी योजना भी मध्यप्रदेश सरकार संचालित करने की योजना थी? यदि हां, तो कब और इस योजना के तहत क्या नियम/निर्देश/आदेश क्या थे? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में विभाग द्वारा अधिमान्य पत्रकारों की मान्यता के लिए निर्धारित मापदण्ड और श्रेणियां क्या हैं? वर्ष 2019 से प्रश्‍नांकित तक कितने पत्रकारों को नई मान्यता दी गई तथा कितने पत्रकारों की मान्यताओं का नवीनीकरण किया गया? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में कार्यरत मान्यता प्राप्त पत्रकारों की कुल संख्या क्या है? जिलेवार जानकारी देवें इनको कौन-कौन सी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं? क्या पत्रकारों के लिए संचालित स्वास्थ्य बीमा योजना, पेंशन, अन्य सामाजिक सुरक्षा योजनाएं संचालित है? यदि हाँ, योजना के नियम/निर्देश/आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करावें तथा कितने पत्रकारों को योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के संदर्भ में पत्रकारों की सुरक्षा एवं स्वतंत्रता सुनिश्चित करने हेतु शासन द्वारा क्या कदम उठाए गए हैं तथा किसी पत्रकार पर हमले एवं पत्रकार एवं पत्रकार के परिवार की गंभीर बीमारी की स्थिति में शासन द्वारा तत्काल सहायता एवं न्याय सुनिश्चित करने की प्रक्रिया क्या हैं? (ड़) प्रश्‍नांश (ग) के संदर्भ में कितने अधिमान्य पत्रकारों को विभाग द्वारा किन-किन नगरों में आवास एवं कार्यालय संचालन की सुविधा उपलब्ध कराई है? पत्रकारों के नाम, आवास का पता सहित जानकारी उपलब्ध करावें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-एक अनुसार है(ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। अधिमान्‍यता की श्रेणियां:- राज्‍य स्‍तरीय, जिला स्‍तरीय, तहसील स्‍तरीय। उक्‍त अवधि में नई अधिमान्‍यता कुल 1237 एवं 15519 मान्‍यताओं का नवीनीकरण किया गया। (ग) अधिमान्‍यता प्राप्‍त पत्रकारों की कुल संख्‍या 3767 है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। आवास ऋण ब्याज अनुदान योजना के अंतर्गत आज दिनांक तक 197 पत्रकार लाभांवित हो चुके हैं। वर्तमान में 426 वरिष्ठ पत्रकारों को सम्मान निधि प्रदान की जा रही है। प्रश्‍नांश (क) अनुसार। पत्रकार स्‍वास्‍थ्‍य एवं दुर्घटना समूह बीमा योजना के अंतर्गत कुल 5482 पत्रकारों द्वारा योजना का लाभ उठाया गया एवं आज दिनांक तक 14 पत्रकारों को मृत्‍यु उपरांत तथा 139 पत्रकारों को स्‍वयं अथवा आश्रितों को आर्थिक सहायता स्‍वीकृत की गयी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-चार अनुसार है। (घ) मध्‍यप्रदेश में पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने के संबंध में देश में प्रचलित प्रावधानों का अध्‍ययन हेतु सामान्‍य प्रशासन की आदेश क्रमांक एफ-19-45/2023/1/4 दिनांक 20/09/2023 द्वारा समिति का गठन किया गया है। समिति की बैठक दिनांक 05/10/2023 को आयोजित की गयी थी। पत्रकार पर हमले एवं पत्रकार, पत्रकार के परिवार की गंभीर बीमारी की स्थिति में अधिकतम रूपये 1.00 लाख तक की सहायता दिये जाने का प्रावधान है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-पांच अनुसार है(ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन

[गृह]

62. ( क्र. 761 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री महोदय के निर्देशानुसार असुरक्षित बालिकाओं/महिलाओं को लक्ष्य बनाकर उनका शोषण करने व भय/दबाव पूर्वक धर्मांतरण कराने की घटनाओं की जांच हेतु विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है? यदि हां, तो आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा कौन-कौन से जिलों में घटनाओं की जांच की जा रही है? जांच दल द्वारा कितने प्रकरण संज्ञान में लिए गऐ हैं और कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? विशेष जांच दल (एसआईटी) की अनुशंसा पर कितने व्यक्तियों पर प्रकरण दर्ज किये गये हैं तथा कितनी जांच पूर्ण की जा चुकी हैं? जिलेवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में अब तक इन घटनाओं में कितनी एफआईआर की जा चुकी हैं तथा लिप्त पाए गए कितने व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है? कितनी जांचे लंबित हैं तथा क्या किसी संस्था, एनजीओ या संगठन की भूमिका भी संदिग्ध है? (घ) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में सरकार द्वारा स्कूलों, कॉलेजों, छात्रावासों एवं कोचिंग संस्थाओं में इस प्रकार के मामलों को रोकने के लिए क्या निर्देश जारी किए गए हैं?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ, आदेश की छायाप्रति जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) विशेष जांच दल द्वारा भोपाल (शहर), उज्जैन एवं इंदौर (शहर) में पंजीबद्ध प्रकरणों की समीक्षा की गई है। भोपाल (शहर) में पंजीबद्ध-06 प्रकरण, उज्जैन में पंजीबद्व-01 प्रकरण व इंदौर (शहर) में पंजीबद्ध-01 प्रकरण कुल-08 प्रकरणों में संज्ञान लिया गया है। जिलेवार जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट-"ब" अनुसार है। राज्य स्तरीय विशेष जांच दल (SIT) को धर्मान्तरण कराये जाने के संबंध में पृथक से कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (ग) विशेष जांच दल द्वारा भोपाल (शहर), उज्जैन एवं इदौर (शहर) में पंजीबद्ध प्रकरणों की समीक्षा की गई है। इन 08 प्रकरणों में 31 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। 02 प्रकरण वर्तमान में विवेचनाधीन हैं। राज्य स्तरीय विशेष जांच दल (SIT) के द्वारा जिन प्रकरणों/घटनाओं को संज्ञान में लिया जाकर समीक्षा की गई है, उन प्रकरणों में अभी तक की विवेचना में किसी संस्था, एनजीओ अथवा संगठन की भूमिका प्राप्त नहीं हुई है। (घ) उक्त जानकारी उत्‍तरांश (क) में समाहित है।

परिशिष्ट - "इकतीस"

रिक्त पदों का ब्यौरा

[गृह]

63. ( क्र. 764 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि खुरई विधानसभा क्षेत्रांतर्गत पुलिस अनुविभाग, खुरई एवं विभिन्न पुलिस थानों में किस-किस श्रेणी के कितने-कितने पद स्वीकृत हैं? कितने पद वर्तमान में रिक्त हैं? रिक्त पदों पर पूर्ति कब तक कर ली जावेगी? अनुविभाग एवं थाना अनुसार बतायें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : खुरई विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत पुलिस अनुविभाग, खुरई एवं विभिन्न पुलिस थानों में श्रेणीवार स्वीकृत/रिक्त पदों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। पद रिक्त होना तथा उनकी पूर्ति एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। प्रदेश स्तर पर आरक्षक, उप निरीक्षक, सूबेदार संवर्ग के 8000 पदों पर भर्ती प्रक्रिया प्रचलन में है। शेष रिक्त अन्य वर्ग के पदों की पूर्ति की कार्यवाही समय-समय पर की जा रही है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है

परिशिष्ट - "बत्तीस"

 

प्रदेश में बढ़ते अपराधों से उत्पन्न स्थिति

[गृह]

64. ( क्र. 765 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस मुख्यालय में संधारित/उपलब्ध जानकारी के अनुसार 15 दिसंबर, 2023 से 30 जून, 2025 तक की अवधि में प्रदेश में घटित अपराधों की अपराधवार, वर्षवार, जिलेवार संख्या बतावें। (ख) क्या प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था के चलते हैं अपराधों में वृद्धि हो रही है? यदि हाँ, तो उसके क्या कारण है एवं रोकथाम की क्या व्यवस्था है? (ग) उपरोक्त प्रश्‍नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या यह सही है कि वर्ष माह नवंबर 2020 में तत्कालीन एडीजी-सीआईडी ने आदेश जारी कर आरोपियों का सार्वजनिक जुलूस न निकाले जाने के निर्देश जारी किए थे? यदि हाँ, तो क्या उक्त आदेश का पालन किया जा रहा है या नहीं?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ। आदेश का पालन किया जा रहा है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

शिकायतों पर कार्यवाही

[सामान्य प्रशासन]

65. ( क्र. 768 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश की विशेष पुलिस स्थापना (लोकायुक्त) एवं आर्थिक अपराध शाखा (EOW) द्वारा किन-किन विभागों के अधिकारियों/कर्मचारियों एवं राजनेताओं के विरुद्ध अभियोजन स्वीकृति शासन से चाही गई थी? वर्ष जनवरी 2024 से 30 जून, 2025 तक की अवधि में शासन द्वारा किन-किन के विरुद्ध अभियोजन की स्वीकृति दी गई है? सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में 1 जनवरी, 2024 से 30 जून, 2025 तक की अवधि में विशेष पुलिस स्थापना (लोकायुक्त) एवं आर्थिक अपराध शाखा (EOW) में भ्रष्टाचार/आर्थिक अनियमितता के संबंध में कितनी शिकायतें नियमानुसार प्राप्त हुई है? प्राप्त शिकायतों में से कितनी शिकायतों पर परीक्षण उपरांत प्राथमिक की दर्ज की गई? कृपया नामों की सूची दें। (ग) प्रश्‍नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में मार्च 2025 में विशेष पुलिस स्थापना (लोकायुक्त) को कौन-कौन सी शिकायतें विधि/नियमानुसार प्राप्त नहीं होने के कारण नस्तीबद्ध कर दिया गया है? शिकायतकर्ता का नाम तथा किसके विरुद्ध शिकायत की गई?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

मदिरा की तस्करी

[वाणिज्यिक कर]

66. ( क्र. 775 ) श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में ऐसे कौन-कौन से जिले हैं जो अंतर्राज्यीय सीमावर्ती प्रदेश से 5 कि.मी. या उससे कम दूरी पर स्थित हैं? (ख) क्या इन सीमावर्ती जिलों के ग्रामों में शराब दुकानें संचालित की जा रही है, अगर हाँ तो जिलेवार ग्रामवार ग्राम की जनसंख्या सहित जानकारी दें।                              (ग) ये शराब की दुकानों की नीलामी की गई है, अगर हाँ तो दुकानवार, ग्रामवार पृथक-पृथक राशि सहित जानकारी? (घ) क्या सीमावर्ती जिलों से गुजरात, महाराष्ट्र और अन्य प्रदेशों में इन शराब की दुकानों से बड़े पैमाने पर शराब की तस्करी हो रही है? अगर हाँ तो इसे रोकने के क्या प्रयास किये जा रहे हैं?

उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

राज्य मानव अधिकार आयोग

[सामान्य प्रशासन]

67. ( क्र. 776 ) श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश राज्य मानव अधिकार आयोग में वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक कोई शिकायतें प्राप्त हुई है, अगर हाँ तो वर्षवार विवरण दें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार अलग-अलग वर्षों में कितनी- कितनी शिकायतों को स्वीकार करके जांच की गई तथा कितने मामले लम्बित हैं? (ग) क्या आयोग में रिक्त पदों के कारण लम्बित शिकायतों की संख्या में वृद्धि हुई है? अगर हाँ तो नियुक्तियों के विलम्ब का कारण दें?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है(ग) जी नहीं।

परिशिष्ट - "तैंतीस"

कुटीर एवं ग्रामोद्योग की जानकारी

[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]

68. ( क्र. 777 ) श्री मोंटू सोलंकी : क्या राज्‍य मंत्री, कुटीर एवं ग्रामोद्योग महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला बड़वानी अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र सेंधवा में कुटीर एवं ग्रामोद्योग कार्य संचालित है यदि हाँ, तो उक्त कार्य योजना की लाभान्वित सूची उपलब्ध कराये। (ख) ग्रामीणों को कुटीर एवं ग्रामोद्योग लगाने के लिए क्या प्रयास किये जा रहे है? उनकी सूची उपलब्ध कराये। (ग) कुटीर एवं ग्रामोद्योग में कौन-कौन से उद्योग लगा सकते है? उक्त उद्योगों की सूची उपलब्ध कराये।

राज्‍य मंत्री, कुटीर एवं ग्रामोद्योग ( श्री दिलीप जायसवाल ) : (क) जिला बड़वानी अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र सेंधवा में कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग की योजना अंतर्गत लाभान्वित हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अ अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा प्रदेश में संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-ब अनुसार है। यह योजनाएं सेंधवा विधानसभा क्षेत्र में भी लागू है। (ग) कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग के अंतर्गत संचालित योजनाओं के माध्‍यम से पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-स में उल्‍लेखित ट्रेड सूची अनुसार है।

भवनविहीन आंगनवाड़ी की जानकारी

[महिला एवं बाल विकास]

69. ( क्र. 778 ) श्री मोंटू सोलंकी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कितनी आंगनवाड़ी ऐसी है जो भवनविहीन है क्या उनके लिए कोई योजना है यदि हाँ, तो क्या है? (ख) सेंधवा विधानसभा के अंतर्गत ग्राम चाचरियापाटी में आंगनवाड़ी भवन पूर्ण रूप से जर्जर हो चूका उसमे आंगनवाड़ी संचालित हो रही है या नहीं यदि नहीं, तो आंगनवाड़ी किस भवन में संचालित हो रही है? (ग) क्या जर्जर आंगनवाड़ी भवन को गिराकर नया आंगनवाड़ी भवन बनाने की कोई कार्य योजना है यदि हाँ, तो कब तक आंगनवाड़ी भवन निर्माण किया जायेगा?                                   (घ) सेंधवा विधानसभा के अंतर्गत ग्राम पंचायत कामोद चा. के ग्राम कन्यापनी में आंगनवाड़ी कहाँ पर संचालित की जा रही है उक्त ग्राम में आंगनवाड़ी भवन है या नहीं या निर्माणाधीन है यदि निर्माणाधीन है तो यह भी बतायें कि शेष कार्य कब तक पूरा कर लिया जावेगा शेष रहने का कारण भी बताये?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) प्रदेश के समस्त आंगनवाड़ी केंद्र विभागीय या अन्य शासकीय या किराये के भवनों में संचालित है। प्रदेश में संचालित 97,329 आंगनवाड़ी केंद्रों में से 45,858 आंगनवाड़ी केंद्र विभागीय भवन विहीन हैं। जी हाँ, आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण हेतु राज्य आयोजना मद 5360 स्वीकृत है। (ख) जी नहीं। आंगनवाड़ी केंद्र पंचायत भवन में संचालित किया जा रहा है। (ग) जी हाँ। आंगनवाड़ी भवन का निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्‍धता पर निर्भर है। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (घ) कन्यापानी आंगनवाड़ी केन्‍द्र में किराये के भवन में संचालित किया जा रहा हैं। आंगनवाड़ी भवन मनरेगा मद से स्‍वीकृत होकर निर्माणाधीन है। निर्माण कार्य एजेंसी ग्राम पंचायत द्वारा किया जा रहा है।

आधार केन्द्रों की जानकारी

[लोक सेवा प्रबन्धन]

70. ( क्र. 779 ) श्री मोंटू सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला बड़वानी अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र सेंधवा में कितने आधार केंद्र संचालित हो रहे है? उक्त आधार केन्द्रों की सम्पूर्ण जानकारी एवं सूची उपलब्ध करावें। (ख) क्या प्रत्येक ग्राम में आधार केंद्र संचालित करने की योजना है? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ संचालित हो रहे है? सूची उपलब्ध करावें।                  (ग) जिला बड़वानी अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र सेंधवा में कितने लोक सेवा केंद्र संचालित हो रहे है? उक्त लोक सेवा केंद्रो की सम्पूर्ण जानकारी एवं सूची उपलब्ध करावें। (घ) लोक सेवा केंद्र खोलने की क्या प्रक्रिया है? उक्त सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) वर्तमान में जिला बड़वानी अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र सेंधवा में कुल 20 आधार केन्‍द्र समस्‍त रजिस्‍ट्रार के माध्‍यम से संचालित हो रहे हैंजानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जिलों में आधार केन्‍द्र (मध्‍यप्रदेश राज्‍य इलेक्‍टॉनिक्‍स विकास निगम रजिस्‍ट्रार के अंतर्गत) खोले जाने का निर्णय जिला कलेक्‍टर कार्यालय एवं जिला ई-गवर्नेंस सोसाइटी द्वारा लिया जाता है। (ग) जिला बड़वानी अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र सेंधवा अंतर्गत 01-01 लोक सेवा केन्‍द्र सेंधवा एवं वरला में संचालित हो रहा है। 01-01 उप लोक सेवा केन्‍द्र चाचरीया पाटी एवं धवली में संचालि‍त हो रहा है। (घ) लोक सेवा केन्‍द्र खोलने हेतु प्रत्‍येक जिले द्वारा निविदा जारी कर लोक सेवा केन्‍द्र के ऑपरेटर का चयन जारी निविदा की शर्तों के अनुसार जिला स्‍तर पर किया जाता है।

 

गलत जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नियुक्ति

[वाणिज्यिक कर]

71. ( क्र. 782 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुद्रांक एवं पंजीयन विभाग में कितने अधिकारियों, कर्मचारियों के विरूद्ध गलत जाति प्रमाण-पत्र/गलत जाति दर्शाकर शासकीय नौकरी प्राप्त करने की शिकायतें प्राप्त हुई है? सूची देवें। अधिकारी का नाम, पदनाम, शिकायतकर्ता का नाम, पता, शिकायत का दिनांक सहित सूची देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में से कितनी शिकायतों की जांच छानबीन समिति से कराई गई एवं कितनी शिकायतों को छानबीन समिति को नहीं भेजा गया, नहीं भेजने के क्या कारण हैं? सूची सहित जानकारी देवें। (ग) प्रश्‍नांश (क) में से कितनी शिकायतों की जांच विभागीय स्तर पर की गई अथवा प्रचलित है? शिकायतों के निष्कर्ष एवं लंबित रहने के कारणों की जानकारी शिकायतवार देवें। (घ) प्राप्त शिकायतों के आधार पर जांच कर कितने अधिकारियों, कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) महानिरीक्षक पंजीयन कार्यालय में पदस्थ सी.वी. सोरते के विरूद्ध जाति प्रमाण- पत्र/गलत जाति बताकर नौकरी पाने की शिकायत कब से लंबित हैं? विभाग इस पर कार्यवाही कब तक करेगा?

उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित सभी शिकायतों की जांच छानबीन समिति से कराने हेतु आयुक्‍त, अनु‍सूचित जनजाति कल्‍याण विभाग, भोपाल को भेजी गई है। अत: शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) सभी शिकायतों को छानबीन समिति से जांच हेतु भेजे जाने के परिप्रेक्ष्‍य में विभागीय स्‍तर पर प्रचलित जांच की जानकारी निरंक है। (घ) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट  के स.क्र. 7 अनुसार है। (ड.) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। जांच छानबीन समिति से कराने हेतु लिख जा चुका है। अत: शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "चौंतीस"

अपराधिक प्रकरणों की जानकारी

[सामान्य प्रशासन]

72. ( क्र. 783 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                        (क) लोकायुक्त को वर्ष 2018 से 2024 तथा जून 2025 तक कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? कितनी शिकायतों पर जांच प्रकरण ‌दर्ज हुआ? कितनी शिकायतों पर अपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया? वर्षवार बताएं। (ख) लोकायुक्त द्वारा वर्ष 2018 से 2024 तक शिकायत प्राप्त होने से जांच प्रकरण दर्ज करने की औसत अवधि क्या है? जांच प्रकरण के बाद अपराधिक प्रकरण दर्ज करने की औसत अवधि क्या है? अपराधिक प्रकरण दर्ज होने के बाद माननीय न्यायालय से अंतिम फैसला होने की औसत अवधि क्या है? वर्षवार बताएं। (ग) पूर्व विधायक पारस सकलेचा की पोषण आहार घोटाले में पूर्व मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस तथा ललित मोहन बेलवाल की शिकायत पर जांच प्रकरण किस दिनांक को कितनी अवधि बाद दर्ज किया गया? अपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया है या‌ नहीं। अद्यतन स्थिति से अवगत करावें। (घ) लोकायुक्त की पुलिस शाखा द्वारा 2018 से 2024 तक रिश्‍वत के मामले के संबंध में (ट्रेप) कितने प्रकरण, अनुपातहीन संपत्ति के मामले में कितने प्रकरण तथा पद के दुरुपयोग के कितने प्रकरण पंजीबद्ध किए गए? तीनों कैटेगरी के प्रकरण में किस-किस कैटेगरी में वर्ष अनुसार कितने प्रतिशत वृद्धि या कमी हो रही है? (ड.) लोकायुक्त द्वारा कितने लोकसेवक के खिलाफ प्रकरण दर्ज करने हेतु शासन से अनुमति लेना है? उनके नाम, तात्कालिक पद, प्रकरण की दिनांक, शासन से अनुमति के लिए भेजे गए पत्र की दिनांक एवं क्रमांक तथा भेजे गए स्मरण पत्र की क्रमांक एवं दिनांक सहित सूची देवें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट-'''' एवं '''' अनुसार है।                                         (ख) शिकायत प्राप्‍त होने के उपरांत जांच प्रकरण दर्ज करने की औसत अवधि निर्धारित नहीं है। लोकायुक्‍त संगठन की विशेष पुलिस स्‍थापना, भोपाल में भ्रष्‍टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधित अधिनियम 2018) की विभिन्‍न धाराओं के अंतर्गत रिश्‍वती मामले, अनुपातहीन संपत्ति के मामले तथा पद के दुरूपयोग के मामलों के आपराधिक प्रकरण, उपलब्‍ध साक्ष्‍य के आधार पर दर्ज किए जाते हैं। अत: औसतन अवधि बताया जाना संभव नहीं है। (ग) शिकायत पंजी क्रमांक 2130/सी/23-24, दिनांक 28/08/2023 पर परीक्षणोपरांत जांच प्रकरण क्रमांक 589/ई/24-25, दिनांक 04/03/2025 पंजीबद्ध किया गया। इसी दौरान प्रिंसिपल लेखापाल, भारतीय लेखा परीक्षा एवं लेखा विभाग ग्‍वालियर से प्राप्‍त रिपोर्ट पर माननीय लोकायुक्‍त महोदय के अनुमोदन उपरांत जांच प्रकरण क्रमांक 605/ई/2025, दिनांक 05/03/2025 पंजीबद्ध किया गया। उक्‍त दोनों शिकायतों की विषय वस्‍तु एक समान होने से श्री पारस सकलेचा द्वारा प्रस्‍तुत शिकायत पर पंजीबद्ध जांच प्रकरण क्रमांक 589/ई/24-25 में भारतीय लेखा परीक्षा एवं लेखा विभाग ग्‍वालियर की रिपोर्ट पर पंजीबद्ध प्रकरण 605/ई/2025 को एक साथ अग्रिम कार्यवाही हेतु सम्मिलित कर प्रकरण जांचाधीन होकर दिनांक 12/08/2025 को साक्ष्‍य हेतु नियत है। लोकायुक्‍त संगठन की विशेष पुलिस स्‍थापना, भोपाल में प्रश्‍नांश (ग) अंतर्गत कोई आपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं है। (घ) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट-'''' अनुसार है। (ड.) निरंक। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "पैंतीस"

शासकीय आंगनवाड़ी में विद्युत कनेक्शन

[महिला एवं बाल विकास]

73. ( क्र. 787 ) डॉ. तेजबहादुर सिंह चौहान : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नागदा खाचरौद विधानसभा में कितने शासकीय आंगनवाड़ी भवन विद्युत कनेक्‍शन विहिन है? कृपया संख्या बताने का कष्ट करें। इन आंगनवाड़ी भवनों के विद्युत संयोजन की प्रक्रिया क्या है? इसके लिए कौन जवाबदार है? पुरे मध्य प्रदेश में कितने शासकीय आंगनवाड़ी भवन विद्युत कनेक्‍शन विहिन है? (ख) इसके सरलीकरण के लिए एवं कनेक्शन में होने वाले व्यय राशि के भुगतान के लिए विभाग में नीति या नियम बनाया जाएगा?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) 24 प्रदेश में आंगनवाड़ी भवनों के विद्युत कनेक्‍शन हेतु 9499-आंगनवाड़ी भवनों में विद्युत व्यवस्था योजना स्‍वीकृ‍त है। आंगनवाड़ी भवनों में विद्युत कनेक्‍शन वित्‍तीय संसाधनों के उपलब्‍धता पर निर्भर है। अत: समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। प्रदेश में वर्तमान में 20046 विभागीय आंगनवाड़ी भवन विद्युत कनेक्‍शन विहीन है। (ख) जी हाँ।

कुटीर एवं लघु उद्योग के लिए ऋण स्‍वीकृति

[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]

74. ( क्र. 788 ) डॉ. तेजबहादुर सिंह चौहान : क्या राज्‍य मंत्री, कुटीर एवं ग्रामोद्योग महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा खाचरौद विधानसभा क्षेत्र में कितने हितग्राही को विभिन्न व्यवसाय के कार्य हेतु लघु एवं कुटीर उद्योग द्वारा ऋण उपलब्ध करवाया गया है और उन्हें किस प्रकार के व्यवसाय के संचालन हेतु कितनी राशि या ऋण उपलब्ध करवाया गया है? सूची विगत वित्तीय 5 वर्षों की होनी चाहिए और सूची में नाम हो सके तो उपलब्ध करवाने का कष्ट करें। कुटीर एवं ग्राम उद्योग में प्राप्त होने वाली सुविधा एवं विभिन्न लाभ के संदर्भ में प्रत्येक ब्लॉक पर क्या प्रचार एवं क्या प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं और विभिन्न प्रकार के व्यवसाय करने वाले जो भी व्यक्ति है उन्हें समय-समय पर कब-कब प्रशिक्षण दिया गया और वर्तमान में जो हो रहे हैं कार्य उनके लिए व्यक्ति एवं युवाओं के लिए क्या सुविधा प्रदान की जा रही है? (ख) क्या सामान्य पिछड़ा वर्ग अनुसूचित जाति एवं अन्य वर्ग के युवाओं को मिलने वाली यह सुविधा एक सामान्य या इसमें भी आरक्षण की सुविधा होकर सुविधाओं में विभिन्नता पाई जाती है अगर पाई जाती है तो वह उसका अनुपात भी बताने का कष्ट करें।

राज्‍य मंत्री, कुटीर एवं ग्रामोद्योग ( श्री दिलीप जायसवाल ) : (क) नागदा खाचरौद विधानसभा क्षेत्र में कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा विभिन्‍न व्‍यवसाय के लिए स्‍वीकृत राशि ऋण एवं अनुदान विगत पांच वर्षों की हितग्राहियों सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अ अनुसार है। योजनाओं का प्रचार-प्रसार जिला स्‍तर पर आयोजित रोजगार मेलों के माध्‍यम से किया जाता है। विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-ब अनुसार है। यह योजनाएं नागदा खाचरौद विधानसभा क्षेत्र के लिए भी लागू है। आवेदन प्राप्‍त होने पर योजनाओं में उल्‍लेखित सुविधाएं हितग्राहियों को उपलब्‍ध कराई जाती है। (ख) पिछडा वर्ग, अनसूचित जाति एवं अन्‍य वर्ग के युवाओं को पृथक-पृथक योजनाओं में प्राप्‍त होने वाले ऋण एवं अनुदान के विवरण योजनाओं में उल्‍लेखित है।

ग्राम पंचायत को देय कर

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

75. ( क्र. 789 ) श्री कालु सिंह ठाकुर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                         (क) ग्राम पंचायत कदवालीया स्थित एसोसिएट एल्कोहल एंड ब्रेवरीज लिमिटिड खोड़ी, बड़वाह जिला खरगोन पर विभाग के द्वारा कौन-कौन से कर निर्धारित किए गए हैं? उन करो में क्या ग्राम पंचायत को दिया जाने वाला संपत्तिकर भी सम्मिलित है? (ख) वर्ष 2022-23 से लेकर प्रश्‍न दिनांक की अवधि में उक्त औद्योगिक इकाई के द्वारा विभाग को कुल कितनी राशि किस-किस मध्य में किस-किस प्रयोजन हेतु जमा की गई है? जमा की गई राशि का संपूर्ण विवरण जिसमें ऑनलाइन ट्रांजेक्शन, पत्र, नोटशीट, राशि जमा करने के संबंध में हुआ पत्राचार से संबंधित समस्त अभिलेख देवें। (ग) मध्य प्रदेश में विभाग के द्वारा कुल कितने औद्योगिक क्षेत्र, विशेष औद्योगिक क्षेत्र (सेज़) घोषित किए गए हैं? उनकी अधिसूचना, शासन स्तर से प्रदान की गई विशेष रियायतों से संबंधित समस्त आदेश देवें। (घ) क्या विभाग की ओर से ऐसा शासन आदेश जारी किया गया है जिसमें ग्राम खोड़ी स्थित एसोसिएट एल्कोहल एंड ब्रेवरीज लिमिटिड को ग्राम सभा/ग्राम पंचायत द्वारा संपति कर से मुक्त रखा गया हो? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति प्रदान करें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विभाग के अधीन एमपी इण्‍डस्‍ट्रीयल डेवलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड द्वारा ग्राम-खोड़ी, जिला-खरगोन स्थित एसोसिएट एल्‍कोहल एंड ब्रेवरीज लिमिटिड पर कोई भी कर निर्धारित नहीं किया गया है। इकाई से प्राप्‍त जानकारी अनुसार ग्राम पंचायत द्वारा डिस्टिलरी इकाई पर कोई भी संपत्ति कर अधिरोपित नहीं किया गया है। (ख) इकाई के द्वारा विभाग में जमा की गई राशि का मदवार विवरण निम्‍नानुसार है:-

मद

राशि रू.

भूमि आवेदन शुल्‍क

50,000

भूमि प्रब्‍याजी

12,12,750

भू-भाटक

24,255

सीजीएसटी

6,682.95

एसजीएसटी

6,682.95

सुरक्षा निधि

72,765

जमा की गई राशि का संपूर्ण विवरण जिसमें ऑनलाईन ट्रांजैक्‍शन, पत्र, नोटशीट, राशि जमा संबंधी विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 अनुसार है। (ग) औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्‍साहन विभाग अंतर्गत 93 औद्योगिक क्षेत्र एवं 02 स्‍पेशल इकोनॉमिक जोन घोषित किये गये है। इसके अतिरिक्‍त भारत सरकार के वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय, नई दिल्‍ली द्वारा विशेष आर्थिक परिक्षेत्र (एसईजेड) अंतर्गत ग्राम हरगढ, तहसील सिहोरा जिला-जबलपुर में 101.210 हैक्‍टेयर भूमि में मिनरल एण्‍ड मिनरल बेस्‍ड प्रोडक्‍ट की स्‍थापना हेतु अधिसूचना दिनांक 24/07/2008 जारी की गई थी। भारत सरकार के वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय विभाग नई दिल्‍ली की अधिसूचना दिनांक 27/04/2016 द्वारा विशेष आर्धिक परिक्षेत्र अंतर्गत मिनरल एण्‍ड मिनरल्‍स बेस्‍ड प्रोडक्‍ट ग्राम हरगढ, तहसील सिहोरा जिला-जबलपुर को डिनोटिफाईड घोषित किया गया है। अधिसूचना एवं अन्‍य आदेश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-2 अनुसार है। (घ) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

आंगनवाड़ी भवनों की स्‍वीकृति

[महिला एवं बाल विकास]

76. ( क्र. 790 ) श्री कालु सिंह ठाकुर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या धार जिले की धरमपुरी विधानसभा में नवीन आंगनवाड़ी भवन स्वीकृत किये गए है? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी पंचायतों में स्वीकृति किये गए है? सूची उपलब्ध करावें।                   (ख) क्या धरमपूरी विधान सभा में कई केंद्र जर्जर अवस्था में है? उसके बाद भी प्रश्‍न दिनांक तक इन भवनों की स्वीकृति नहीं की गई है? इन भवनों की स्वीकृति कब तक कर दी जाएगी और यदि नहीं, तो किस कारण स्पष्‍ट करें?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी हाँ। पंचायतवार जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। 20 आंगनवाड़ी भवन जर्जर है। जर्जर आंगनवाड़ी भवन के स्‍थान पर नवीन भवन निर्माण की स्‍वीकृति वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है अत: समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "छत्‍तीस"

आयोजनों की जानकारी

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

77. ( क्र. 795 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी, 2024 से प्रश्‍न दिनांक तक जिला रतलाम में निवेश को आकर्षित करने हेतु रीजनल इन्डस्ट्रियल कान्क्लेव सहित कितने आयोजन मध्यप्रदेश के रतलाम में किन-किन उद्योगपतियों के साथ किये गये, तिथि सहित जानकारी बतावें? (ख) रतलाम शहर में किस-किस क्षेत्र में निर्माण या उत्पादन में निवेश के कितने-कितने प्रस्ताव किस-किस कंपनी ने, कितनी-कितनी राशि के निवेश के लिए दिये प्रत्येक आयोजनवार जानकारी बतावें? जिस क्षेत्र में कार्य करने के एमओयू हुए हो, कंपनीवार और राशिवार, एमओयू की तिथिवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्‍नांश (क) उल्लेखित जिसमें निवेश क्षेत्र में प्रभावित गरीब आदिवासियों की शासकीय जमीने जिस पर वर्षों से पुस्तैनी रूप से खेती कार्य कर अपना गुजर बसर कर रहे है उनकी अपनी जमीने औद्योगिक निवेश क्षेत्र में जा रही है उन गरीब आदिवासियों को जमीन के बदले जमीन दी जाएगी और उनके परिवार के सभी सदस्यों को स्थाई रोजगार दिया जाएगा? यदि हाँ, तो बतावें कि गरीब आदिवासियों को कब तक जमीन के बदले जमीनें आवंटित कर दी जाएगी और उन्हें स्थाई रोजगार भी दिया जाएगा? नहीं तो क्यों नहीं? कारण सहित बतावें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रदेश में निवेश को आकर्षित करने हेतु प्रश्‍नाधीन अवधि में जिला रतलाम में दिनांक 27.06.2025 को रीजनल इण्‍डस्‍ट्री स्किल एवं एम्‍प्‍लॉयमेंट कॉनक्‍लेव (RISE), रतलाम का आयोजन किया गया है। कार्यक्रम में शामिल प्रमुख उद्योगपतियों के नाम संलग्‍न परिशिष्‍ट-1 अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में दिनांक 1 जनवरी, 2024 से प्रश्‍न दिनांक तक जिला रतलाम में किए गए आयोजन में प्राप्‍त निवेश प्रस्‍तावों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट-2 पर है। रतलाम शहर में आयोजित रीजनल इण्‍डस्‍ट्री स्किल एवं एम्‍प्‍लॉयमेंट कॉनक्‍लेव में औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्‍साहन विभाग द्वारा निवेश हेतु कोई एमओयू निष्‍पादित नहीं किये जाने से जानकारी निरंक है। (ग) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में निवेश क्षेत्र रतलाम के विकास हेतु कार्यालय कलेक्टर जिला रतलाम द्वारा कुल 1466.66 हेक्टेयर शासकीय भूमि का हस्तांतरण औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्‍साहन विभाग के पक्ष में किया गया है। उद्योग संवर्धन नीति 2025 अंतर्गत वृहद श्रेणी कि पात्र विनिर्माण औद्योगिक इकाइयों को सुविधा/सहायता का लाभ प्राप्त करने हेतु कुल रोजगार का 70% रोजगार मध्यप्रदेश के मूल निवासियों को प्रदाय किया जाना अनिवार्य किया गया है, जिससे मध्‍यप्रदेश के अधिक से अधिक व्‍यक्तियों को रोजगार प्राप्‍त हो सके।

परिशिष्ट - "सैंतीस"

मध्यप्रदेश भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता

[सामान्य प्रशासन]

78. ( क्र. 796 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                              (क) मध्यप्रदेश में वर्ष 2016 से प्रश्‍न दिनांक तक कर्मचारी चयन मंडल द्वारा किन-किन एजेंसियों को भर्ती परीक्षा आयोजित करने एवं निगरानी रखने के ठेके दिए गए हैं? संपूर्ण जानकारी पृथक-पृथक वर्षवार उपलब्ध करावें। (ख) क्या प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित सभी भर्ती परीक्षाओं की एजेंसियां जो कि अन्य राज्यों में ब्लैक लिस्टेड हैं? यदि हाँ, तो बतावें कि मध्यप्रदेश में ब्लैक लिस्टेड कंपनियों को ठेके किन-किन आधारों पर दिए गए हैं? प्रदेश में विज्ञप्तिओं से ठेके देने के अनुबंध एवं सभी दस्तावेजों की नस्ती की कॉपि‍या उपलब्ध करावें। (ग) क्या मध्यप्रदेश में भर्ती परीक्षाएं ऑनलाइन आयोजित अलग-अलग शिफ्ट में की जा रही हैं व ऑनलाइन परीक्षाओं की आड़ में अलग-अलग शिफ्ट में सरल कठिन पेपर का संतुलन बनाने के नाम से, परीक्षार्थियों के प्राप्तांक के अंकों में 10 से 20 अंकों का उलटफेर मानकीकरण के नाम से किया जा रहा हैं? यदि हाँ, तो बतावें कि संबंधित भर्ती परीक्षाओं में दोषी कर्मचारी, अधिकारियों पर जो भ्रष्टाचार में लिप्त हैं उन पर कार्यवाही होगी? यदि हाँ, तो निश्चित समयावधि बतावें? यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'' अनुसार है।                                           (ख) एजेन्सियों का चयन एवं अनुबंध की कार्यवाही खुली निविदा एवं प्रतिस्‍पर्धात्‍मक प्रक्रिया से की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'' अनुसार है। (ग) कर्मचारी चयन मंडल द्वारा एक से अधिक पालियों में आयोजित की जाने वाली समस्‍त परीक्षाओं में Percentile आधारित (Normalization प्रक्रिया अनुसार) परिणाम जारी किए जा रहे हैं, जो मण्‍डल द्वारा निर्धारित नियम एवं प्रक्रिया अनुसार ही हैं। उक्‍त प्रक्रिया राष्‍ट्रीय स्‍तर के सांख्यिकी विशेषज्ञों द्वारा तैयार की गई है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थि‍त नहीं होता।

स्‍वीकृत कार्यों की जानकारी

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

79. ( क्र. 798 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बहु उत्पाद औद्योगिक क्षेत्र जावरा को शासन/विभाग द्वारा विभिन्न कार्यों की स्वीकृति एवं बजट स्वीकृत कर कार्य किए गए हैं? (ख) यदि हाँ, तो विगत वर्षों में किन-किन कार्यों को किए जाने हेतु किस-किस प्रकार की स्वीकृतियां दी गई? उनमें से कितने कार्य पूर्ण रहे, कितने अपूर्ण रहे, कितने अप्रारंभ है तो किन कारणों से? (ग) अप्रारंभ कार्य कब प्रारंभ किये जाकर पूर्ण होंगे, साथ ही अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण कर लिया जाएगा? सड़क, बिजली एवं पानी की व्यवस्था कब तक सुनिश्चित की जा सकेगी? (घ) क्या शेष बचे 9 निवेशकों द्वारा अनुमति प्राप्त होने पर कार्य प्रारंभ किए जाने की सहमति दी है तो उन्हें अस्थाई पानी एवं बिजली दिए जाने की व्यवस्था सुनिश्चित कर अनुमति दिए जाएं ताकि उद्योग धंधे प्रारंभ हो सके?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हां। (ख) एवं (ग) बहु उत्पाद औद्योगिक क्षेत्र जावरा के विभिन्न कार्यों की स्वीकृति की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट-अ एवं सम्मिलित कार्यों की अद्यतन जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट-ब पर है। अपूर्ण कार्यों को पूर्ण करने, सड़क, बिजली, पानी की व्‍यवस्‍था सुनिश्चित करने की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट-ब पर है। (घ) शेष बचे 9 निवेशकों में से 2 निवेशकों द्वारा भूखण्‍ड परिवर्तन हेतु आवेदन किया है। शेष 7 निवेशकों के सर्वे संबंधी कार्य पूर्ण हो चुका है। शेष प्रश्‍नांश की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट-ब अनुसार है।

परिशिष्ट - "अड़तीस"

आंगनवाड़ी केंद्रों की स्थिति

[महिला एवं बाल विकास]

80. ( क्र. 800 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या महिला एवं बच्चों के विकास हेतु केंद्र/राज्य शासन द्वारा विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो रतलाम जिला अंतर्गत विभिन्न ब्लॉक में वर्ष 2021-22 से लेकर वर्तमान प्रश्‍न दिनांक तक किन-किन योजनाओं के अंतर्गत कितनी-कितनी राशि का आवंटन स्वीकृत कर कितना व्यय किया गया एवं क्या-क्या कार्य किए गए? (ग) जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जावरा एवं पिपलोदा विकासखंड में नगरीय व ग्रामीण क्षेत्र में कितनी आंगनवाड़ी केंद्र भवन विहीन है तथा कितने भवन जर्जर व क्षतिग्रस्त स्थिति में है? इन भवन विहीन एवं जर्जर भवनों के लिए नवीन भवन के प्रस्ताव तैयार किए गए हैं? (घ) यदि हाँ, तो भवन विहीन आंगनवाड़ी केंद्रों के लिए नवीन भवन की स्वीकृति उपरोक्त उल्लेखित वर्षों में कब-कब दी गई एवं नवीन प्रस्तावित कार्य योजना में कितने स्थान पर कितनी-कितनी राशि के भवन स्वीकृत किए गए हैं? भवन एवं संसाधनों के नाम व राशि सहित स्पष्ट जानकारी दें।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी हाँ। (ख) रतलाम जिला अंतर्गत विभिन्न ब्लॉक में वर्ष 2021-22 से प्रश्‍न दिनांक तक संचालित योजनाओं अंतर्गत प्राप्‍त आवंटन एवं व्‍यय की जानकारी  पु्स्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 पर है। (ग) जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जावरा एवं पिपलोदा विकासखंड में नगरीय व ग्रामीण क्षेत्र में कुल 203 आंगनवाड़ी केन्‍द्र विभागीय भवन विहीन है। 02 आंगनवाड़ी भवन जर्जर/क्षतिग्रस्त है। जी हाँ। (घ) भवन विहीन आंगनवाड़ी केंद्रों के लिए 2021-22 से प्रश्‍न दिनांक तक स्‍वीकृत केन्‍द्रों के नाम तथा राशि की जानकारी  पु्स्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-2 पर है

रिक्‍त पदों पर नियुक्तियां

[महिला एवं बाल विकास]

81. ( क्र. 801 ) श्री विपीन जैन : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) राज्य महिला आयोग में अध्यक्ष तथा सदस्यों के पद रिक्त होने के कारण आयोग में अपनी शिकायत ले जा रही पीड़ित महिलाओं की समस्याओं का निराकरण कैसे किया जा रहा है? (ख) राज्य महिला आयोग में पदों की नियुक्तियां कब तक कर दी जाएगी?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) आयोग में शिकायत लेकर आ रही पीड़ित महिलाओं की समस्याओं के निराकरण हेतु उनके आवेदन पत्रों पर कार्यवाही हेतु संबंधित आधिकारियों को प्रेषित की जा रही है। (ख) आयोग के अध्‍यक्ष एवं सदस्‍यों के संबंधित नियुक्ति प्रकरण माननीय उच्‍च न्‍यायालय जबलपुर में लंबित है अत: रिक्‍त पदों पर नियुक्ति की निश्चित तिथि बताना संभव नहीं है।

पोषण आहार का वितरण

[महिला एवं बाल विकास]

82. ( क्र. 802 ) श्री विपीन जैन : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अप्रैल 2023 से प्रश्‍न दिनांक तक मंदसौर जिला अंतर्गत आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पोषण आहार और अन्य सामग्री वितरित करने हेतु क्या व्यवस्था है? यह कार्य किसके द्वारा किया जा रहा है? (ख) वितरण व्यवस्था में कौन-कौन से वाहन नियोजित है उनके नाम, वाहन क्रमांक और वाहन मालिकों की जानकारी देवें। (ग) वितरण व्यवस्था में नियोजित वाहनों के भुगतान की क्या प्रक्रिया है किस आधार पर उन्हें भुगतान किया जा रहा है?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) मंदसौर जिले में अप्रैल 2023 से मार्च 2025 तक आंगनवाड़ी केन्द्रों पर टेक होम राशन पूरक पोषण आहार परिवहन का कार्य वित्तीय वर्ष 2020-21 में स्वीकृत दर 88.80 पैसे प्रति क्विंटल की दर से स्थानीय संसाधनों से परियोजना अधिकारियों के द्वारा करवाया गया था। अप्रैल 2025 से प्रश्‍न दिनांक तक टेक होम राशन पूरक पोषण आहार परिवहन हेतु अनुबंधित फर्म श्री शरदकुमार मदनलाल माहेश्वरी, चंदवासा द्वारा करवाया जा रहा है एवं अन्य सामग्री का वितरण शासन स्तर से सामग्री प्राप्त होने पर किराये के वाहनों से करवाया जाता है। (ख) वितरण व्यवस्था हेतु अनुबंधित फर्म श्री शरद कुमार मदनलाल माहेश्वरी, चंदवासा द्वारा वितरण कार्य किराये के वाहनों से करवाया जाता है। (ग) वितरण व्यवस्था में नियोजित वाहनों का भुगतान अनुबंधित फर्म द्वारा किया जाता है। अनुबंधित फर्म द्वारा प्रस्तुत परिवहन देयकों के परियोजना अधिकारियों द्वारा सत्यापन पश्चात जिला कार्यालय द्वारा कलेक्टर के अनुमोदन उपरान्त भुगतान किया जाता है।

पत्रकारों को प्रदाय सुविधाएं

[जनसंपर्क]

83. ( क्र. 803 ) श्री विपीन जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पत्रकारों के लिए आवास, वेतन, स्वास्थ्य, पेंशन सुविधाओं के संबंध में वर्तमान में कोई दिशा-निर्देश है? यदि हाँ, तो विवरण देवें। (ख) पत्रकार सुरक्षा कानून कब तक लागू कर दिया जाएगा? इसके संबंध में प्रदेश स्तर पर कब-कब बैठक आयोजित की गई है? विवरण देवें और कब इस संबंध में कानून लागू कर दिया जाएगा? (ग) प्रदेश सरकार द्वारा पत्रकारों के लिए और क्या-क्या प्रोत्साहन और आर्थिक योजनाएं संचालित की जा रही हैं? विवरण देवें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-एक अनुसार है(ख) मध्‍यप्रदेश में पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने के संबंध में देश में प्रचलित प्रावधानों का अध्‍ययन हेतु सामान्‍य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक एफ-19-45/2023/1/4 दिनांक 20/09/2023 द्वारा समिति का गठन किया गया है। समिति की बैठक दिनांक 05/10/2023 को आयोजित की गयी थी। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-दो अनुसार है।

स्वेच्छानुदान राशि की स्वीकृति

[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]

84. ( क्र. 804 ) श्री विपीन जैन : क्या उप मुख्‍यमंत्री, योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधायक स्वेच्छानुदान अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र में प्रदाय की जाने वाली स्वेच्छानुदान राशि जरूरतमंद हितग्राहियों को अनुशंसा करने के पश्चात सामान्यतः कितने दिनों में हस्तांतरित की जाना चाहिए क्या इसके लिए कोई समय-सीमा विभाग द्वारा निर्धारित की गई है? (ख) मंदसौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत स्वेच्छानुदान राशि अनुशंसित करने के बावजूद कई दिनों तक हितग्राहियों को अंतरित नहीं हो रही है इसके क्या कारण है?

उप मुख्‍यमंत्री, योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) विधायक स्‍वेच्‍छानुदान निधि के अंतर्गत माननीय विधायक से अनुशंसा प्राप्‍त होने के उपरांत एक सप्‍ताह के भीतर संबंधित हितग्राहियों को राशि भुगतान की समय-सीमा निर्धारित है। (ख) कतिपय प्रकरणों में माननीय विधायक से प्राप्‍त अनुशंसा में हितग्राहियों के नाम, बैंक खाता, आई.एफ.एस.सी.कोड के परीक्षण उपरांत त्रुटि रहित करने में समय लगने के कारण विलंब की स्थिति निर्मित होती है।

प्रदेश की हवाई पट्टियों की मरम्मत

[विमानन]

85. ( क्र. 811 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                            (क) प्रदेश में ऐसी कितनी डामरीकृत हवाई पट्टियाँ हैं जिनकी मरम्मत (पुनः डामरीकरण) तीन वर्ष बीत जाने के बाद भी नहीं हुई है? जानकारी दें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में संदर्भित हवाई पट्टियों में से कितनी हवाई पट्टियों की मरम्मत के प्रस्ताव विभाग के पास किन-किन कारणों से लंबित हैं? इन पर कब तक कार्यवाही की जाएगी? समय-सीमा बताएँ। (ग) प्रदेश की हवाई पट्टियों की प्रतिवर्ष जाँच हेतु क्या किसी कमेटी का निर्धारण किया गया है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से अधिकारी या विशेषज्ञ इन हवाई पट्टियों के रख-रखाव की रिपोर्ट विभाग को देते हैं? यदि नहीं, तो प्रदेश के सैकड़ों वीआईपी प्रतिवर्ष इन हवाई पट्टियों का उपयोग कर रहे हैं, इनकी सुरक्षा के लिए क्या अन्य मापदंड तय किए गए हैं, बताएँ? (घ) प्रश्‍नकर्ता विधायक के तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 2583 दिनांक 21.03.2025 के उत्तर (ग) में बताया गया है कि RCS-UDAN 5.2 योजना के अंतर्गत विकास कार्य प्रस्तावित है। वर्तमान में भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। 5.2 योजना के अंतर्गत कौन-कौन से विकास कार्यों की कार्यवाही प्रचलन में है तथा क्या भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही पूर्ण हो चुकी है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है।                               (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। (ग) जी नहीं, अपितु अतिविशिष्‍ट व्‍यक्तियों के आवागमन के पूर्व सक्षम प्राधिकारियों के द्वारा निर्धारित सुरक्षा मानकों का पालन किया जाता है। (घ) यह जानकारी तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 2583 में नहीं बल्कि तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 2582 के उत्‍तरांश (ग) में दी गई थी। नीमच हवाई पट्टी को आर.सी.एस - उड़ान 5.2 योजना के तहत भारत सरकार, नागर विमानन मंत्रालय द्वारा विकसित करने हेतु चिन्हित किया गया है। राज्‍य शासन द्वारा भूमि उपलब्‍धता एवं विकास/विस्‍तार हेतु सैद्धांतिक सहमति/पुष्टि से अवगत कराया गया है। नागर विमानन मंत्रालय, भारत सरकार से सहमति/अनुमति प्राप्‍त होने के उपरांत ही आगामी कार्यवाही संभव होगी।

परिशिष्ट - "उनतालीस"

सायबर अपराधों की रोकथाम

[गृह]

86. ( क्र. 812 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) प्रश्‍नकर्ता विधायक के तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 862, दिनांक 12.03.2025 के उत्तर "ख" में बताया गया है कि सायबर अपराध रोकने के लिए कुल 27 कंसल्टेंट की नियुक्ति हेतु प्रस्ताव शासन को भेजा गया है, जिसकी कार्यवाही प्रचलन में है। क्या कार्यवाही पूर्ण हो चुकी है? यदि हाँ, तो सभी कंसल्टेंट के नाम और योग्यता सहित सूची उपलब्ध कराएँ। (ख) प्रश्‍नकर्ता विधायक के तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 862, दिनांक 12.03.2025 के उत्तर "ग" में बताया गया है कि सायबर अपराध में वर्ष 2023 में 15% और वर्ष 2024 में 49% की वृद्धि हुई है। प्रतिवर्ष सायबर अपराध वृद्धि के क्या कारण हैं? वर्ष 2025 में प्रदेश में कुल कितने सायबर अपराध के प्रकरण दर्ज किए गए?       (ग) क्या केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा नई दिल्ली में भारतीय सायबर अपराध समन्वय केंद्र (14C) की स्थापना की गई है? यदि हाँ, तो अभी तक उक्त संस्था ने कुल कितनी एडवायजरी जारी की हैं? जानकारी दें। (घ) प्रदेश में 1 जनवरी 2022 के पश्चात कुल सायबर अपराधों, उनमें से निस्तारित प्रकरणों तथा शेष लंबित प्रकरणों की जानकारी दें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। प्रस्ताव राज्य सायबर द्वारा पुलिस मुख्यालय की योजना शाखा को प्रेषित किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। वर्तमान में कार्यवाही शासन स्तर पर प्रक्रियाधीन है। (ख) सायबर अपराधों में वृद्धि का मुख्य कारण सायबर अपराधों के प्रति आम जनता में जागरूकता की कमी, संचार माध्यमों की कार्य प्रणाली की जानकारी का अभाव एवं सायबर फ्रॉड के नये-नये तरीकों के कारण। वर्ष 2025 में प्रदेश में दिनांक            05.07.2025 तक कुल 511 सायबर अपराध के प्रकरण दर्ज किये गये हैं। (ग) जी हाँ। भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा भारतीय सायबर अपराध समन्वय केन्द्र (14C) की स्थापना वर्ष 2018 में की गई है। 14C की अधिकारिक वेबसाईट https://i4c-mha-gov-in/advisories-aspx के अनुसार अभी तक 28 एडवायजरी जारी की गई है। 14C द्वारा सायबर अपराधों की रोकथाम एवं जन जागरूकता हेतु विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मस् (फेसबुक, इंस्टाग्राम, वाट्सएप, लिंक्डइन, टेलीग्राम, शेयरचेट आदि) पर "Cyber Dost" हेंडल्स संचालित किये जाते हैं, जिन पर निरंतर सायबर सुरक्षा जागरूकता संबंधी फोटोज, वीडियोज, पोडकास्ट, रील्स, न्यूज कटिंग, आदि साझा किये जाते हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "ब" अनुसार(घ) वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "स" अनुसार

औद्योगिक क्षेत्र का विकास एवं रोजगार में वृद्धि

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

87. ( क्र. 813 ) श्रीमती निर्मला सप्रे [एडवोकेट] : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बीना के बीना नगर में स्थित औद्योगिक क्षेत्र गुलौआ बीना विभाग की अनदेखी से क्षेत्र में आशा अनुरूप उद्योगों की स्थापना व विकास नहीं हो सका है। क्‍या विभाग द्वारा इस औद्योगिक क्षेत्र गुलौआ बीना को विकसित करने कोई योजना बनाई गई है? (ख) प्रश्‍नांश (क) में यदि हाँ, है तो योजना की विस्तृत जानकारी दें। यदि नहीं, तो बढ़ते हुए बीना विधानसभा क्षेत्र में तकनीकी योग्यताधारी बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार पैदा करने कोई अन्य योजना हो तो स्पष्ट करें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विधानसभा क्षेत्र बीना में स्थित ग्राम- गुलौआ तहसील-बीना में औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्‍साहन विभाग का औद्योगिक क्षेत्र स्‍थापित नहीं है। अत: शेष प्रश्‍नांश की जानकारी निरंक है। (ख) उत्‍तरांश '’’' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। तथापि उद्योग संवर्धन नीति 2025 अंतर्गत प्रदेश में रोजगार के अवसर पैदा करने हेतु वृहद श्रेणी कि पात्र विनिर्माण औद्योगिक इकाइयों को सुविधा/सहायता का लाभ प्राप्त करने के लिये कुल रोजगार का 70% रोजगार मध्यप्रदेश के मूल निवासियों को प्रदाय किया जाना अनिवार्य किया गया है।

रिक्त पदों पर नियुक्ति

[महिला एवं बाल विकास]

88. ( क्र. 814 ) श्रीमती निर्मला सप्रे [एडवोकेट] : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में कार्यकर्ता एवं सहायिका के रिक्त पदों पर नियुक्ति करने के क्या नियम व शर्तें हैं? इन पदों पर भर्ती में किस क्रम में आवेदकों को प्राथमिकता दी जाती है? जानकारी दें। (ख) आंगनवाड़ी केन्द्रों में कार्यकर्ता एवं सहायिका के रिक्त पदों पर भर्ती हेतु प्राप्त आवेदनों में किस मापदंड से प्रावीण्य सूची बनाई जाती है एवं भर्ती में पारदर्शिता बनाये रखने के लिए क्या नियम तय किए गये हैं?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-''एक'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-''एक'' अनुसार है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका की भर्ती पारदर्शी प्रक्रिया से की जाती है। आनलाईन भर्ती नियमावली निर्देश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-''दो'' अनुसार है।

चोरी, जुआ, सट्टा,बच्चा चोरी एवं किडनैपिंग के प्रकरणों की जानकारी

[गृह]

89. ( क्र. 815 ) श्रीमती निर्मला सप्रे [एडवोकेट] : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बीना की तहसील बीना के पुलिस थाना बीना में 1 जनवरी 2025 से प्रश्‍न दिनांक तक कुल कितने चोरी, जुआ, सट्टा,बच्चा चोरी एवं किडनैपिंग के प्रकरण दर्ज हुए? प्रकरण का नाम, स्थान एवं दिनांकवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार दर्ज प्रकरणों में से कितने प्रकरण पुलिस द्वारा सुलझाये गए एवं उन प्रकरणों में कितने दोषियों को पकड़ा गया व किस दोषी को कितनी सजा हुई? दोषियों के नाम सहित विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराये।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

थानों एवं चौकियों की जानकारी

[गृह]

90. ( क्र. 816 ) श्री चन्‍द्रशेखर देशमुख : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि       (क) मुलताई विधानसभा में कितने थाने एवं कितनी चौकियां संचालित है? (ख) थानों एवं चौकियों में कितने पद स्वीकृत है स्वीकृत पद के अनुरुप कितने कार्यरत है? (ग) स्वीकृत रिक्‍त पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी? (घ) मुलताई विधानसभा में थानों एवं चौकियों में कितने अपराध पंजीबद्ध है? कितनों का निराकरण किया गया है? कितने शेष है? शेष पंजीबद्ध अपराधों का कब तक निराकरण किया जाएगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) मुलताई विधानसभा में 05 थाने एवं 03 चौकियां संचालित हैं। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) पद रिक्त होना तथा उनकी पूर्ति एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। शेष अपराधों के निराकरण करने के प्रयास जारी है। शीघ्र निराकरण कर लिया जावेगा।

परिशिष्ट - "चालीस"

कुपोषण निवारण

[महिला एवं बाल विकास]

91. ( क्र. 824 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश के आदिवासी ब्लॉक और परियोजना में कुपोषण निवारण हेतु वर्ष 2020 से 2025 तक कितना बजट था एवं कितना खर्च, किन-किन मदों पर किया गया। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संबंध में वर्ष 2020 से 2025 तक प्रति परियोजना कितने बच्चों को NRC में भर्ती करा गया और कितनो का सफलतापूर्वक पुनर्वास किया गया। (ग) कुपोषण निवारण हेतु NRC में भर्ती करने और सफलतापूर्वक पुनर्वास करने की योजना में प्रति बच्चे कितना खर्चा होता है?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) आंगनवाड़ी केन्‍द्र में दर्ज 06 माह से 06 वर्ष के बच्‍चों को पूरक पोषण आहार सेवा अंतर्गत राशि रूपये 8/- प्रति बच्‍चा प्रतिदिन एवं अतिगंभीर कुपोषित तथा अतिकम वजन के बच्‍चों हेतु राशि रूपये 12/- प्रति बच्‍चा प्रतिदिन का पूरक पोषण आहार भारत सरकार द्वारा दिया जाना प्रावधानित है। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आदिवासी ब्‍लॉक एवं परियोजना हेतु पृथक से कोई बजट प्रावधानित नहीं है। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) पोषण पुनर्वास केन्‍द्रों का संचालन लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा द्वारा किया जाता है। स्‍वास्‍थ्‍य विभाग द्वारा कुपोषण निवारण हेतु बच्‍चों को पोषण पुनर्वास  केन्‍द्रों में भर्ती करने और सफलतापूर्वक पुनर्वास करने की योजना में औसतन राशि रूपये 980/- प्रति बच्‍चे के मान से व्‍यय किया जाता है।

परिशिष्ट - "इकतालीस"

 

आंगनवाड़ी भवनों एवं कार्यकर्ताओं की जानकारी

[महिला एवं बाल विकास]

92. ( क्र. 827 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 1096, दिनांक 12/03/2025 के उत्‍तर में विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को बैठक में आने-जाने हेतु यात्रा भत्ता का भुगतान विगत 9 वर्षों से नहीं किये जाने की जानकारी के संबंध में बताएं कि विभाग द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को इस संबंध में कितनी बार एवं कब-कब सूचित किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? क्‍या विभाग द्वारा प्रतिउत्तर में यात्रा भत्ता देयक प्रस्तुत करने पर भुगतान की कार्यवाही की जाएगी। कब तक आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को यात्रा भत्ता का भुगतान किया जाएगा? (ख) तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 1096 के प्रतिउत्तर में उज्जैन जिले अंतर्गत 863 भवन विहिन आंगनवाड़ी केंद्र एवं 122 जर्जर भवन पाए गए है। जानकारी दें कि क्या विभाग द्वारा आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण हेतु कब-कब क्या-क्या कार्यवाही की गई है? क्या विभाग द्वारा शासन को भवन निर्माण हेतु प्रपोजल भेजे गए हैं? क्या वर्तमान में कई जर्जर आंगनवाड़ी भवनों में बच्चों को बैठाया जा रहा है एवं अन्य कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं जिससे कोई बड़ी जनहानि हो सकती है इसके लिए कौन जिम्मेदार है? क्या विभाग सुरक्षा की दृष्टि से कोई वैकल्पिक व्यवस्था करेगा? (ग) विधानसभा क्षेत्र महिदपुर अंतर्गत किन-किन आंगनवाड़ियों में शौचालय, विद्युत एवं पेयजल व्यवस्था की सुविधा प्राप्त है। जिन आंगनवाड़ियों में उक्त व्यवस्थाएं नहीं है, वहां विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? सुविधा अप्राप्त रहने के लिए कौन जिम्मेदार है?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) परियोजना स्तर पर आयोजित सेक्टर बैठकों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओ को यात्रा भत्ता देयक प्रस्तुत करने हेतु मौखिक रूप सेक्‍टर बैठकों में सूचित किया जाता रहा है। जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास जिला उज्‍जैन के कार्यालयीन पत्र क्रमांक - 2026, दिनांक 07.07.2025 द्वारा समस्‍त परियोजना अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि कार्यकर्ता द्वारा प्रस्तुत यात्रा देयकों की ऑनलाईन प्रविष्टि IFMIS पोर्टल पर की जाए जिससे नियमानुसार एवं पात्रता अनुसार संबंधितों को यात्रा देयकों का भुगतान किया जा सके। जी हां, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओ द्वारा प्रस्तुत यात्रा भत्ता देयकों का शासन नियमानुसार जल्‍द ही भुगतान की कार्यवाही की जाएगी। (ख) माननीय जन प्रतिनिधिगण एवं आमजनों से प्राप्त मांग पत्र के आधार पर कार्यालयीन पत्र क्रमांक 2008/04.07.2024, 2492/12.08.2024, 2665/23.08.2024, 4595/14.11.2024, 4782/02.12.2024, 30.12.2024, 329/31.01.2025, 702/11.03.2025 एवं 1329/05.05.2025 के द्वारा संचालनालय महिला एवं बाल विकास को भवनों के प्रस्ताव प्रेषित किये गये हैं। वर्तमान में जिले में 839 आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन है। विभाग के पूर्व निर्देश व संचालनालय महिला एवं बाल विकास म.प्र.भोपाल के पत्र क्र/मबावि/निर्माण/SAP-5/2025/1986 दिनांक 30.06.2025 के पालन में उज्जैन जिले में परियोजना अधिकारियों द्वारा जर्जर भवनों वाले आंगनवाड़ी केन्द्र सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित किये जा चुके हैं तथा जर्जर वाले आंगनवाड़ी केन्द्रों को अन्यत्र भवनों में स्थानांतरित होने से उनमें बच्चों को नहीं बैठाया जा रहा और न ही कोई कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। (ग) विधानसभा क्षेत्र महिदपुर अन्‍तर्गत 256 आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में शौचालय, 187 में विद्युत एवं समस्‍त आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में पेयजल व्‍यवस्‍था उपलब्‍ध है। आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में आवश्‍यक सुविधाएं वित्‍तीय संसाधनों की उपलब्‍धता पर निर्भर करती है। अत: शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

अवैध शराब बिक्रीकर्ताओं पर कार्यवाही

[वाणिज्यिक कर]

93. ( क्र. 835 ) श्री मधु भगत : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले में संचालित शराब दुकानों में MRP से अधिक दर पर शराब बेची जा रही है विभाग को उक्त संबंध में कितनी शिकायत प्राप्त हुई? शिकायत पर विभाग द्वारा क्या कार्रवाई की गई? समस्त दस्तावेज उपलब्ध करावें? (ख) जिले की संचालित किस-किस शराब दुकानों में आहते संचालित हैं एवं जिले में अवैध पक्की शराब बि‍क्री पर विभाग द्वारा क्या कार्रवाई की गई? समस्त दस्तावेज उपलब्ध करावें? (ग) क्या विधानसभा क्षेत्र परसवाड़ा के अंतर्गत अधिकतम ग्रामों में छोटी-मोटी दुकानों एवं घरों में अवैध रूप से शराब विक्रय किया जा रहा है? इस संबंध में विभाग के द्वारा क्या-क्या कार्यवाही विगत एक वर्षों में की गई और वर्तमान में अवैध शराब विक्रय को रोकने के लिए क्या प्रयास किया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?

उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) बालाघाट जिले में MRP से अधिक मूल्य पर बेची जा रही मदिरा के संबंध में 107 शिकायत प्राप्त हुई हैं जिन पर नियमानुसार कार्यवाही करते हुये 08 प्रकरण दर्ज किये जाकर नियमानुसार कार्यवाही की गई है। की गई कार्यवाही एवं दस्‍तावेजों की छायाप्रतियां  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-एक अनुसार है। (ख) बालाघाट जिले की किसी भी मदिरा दुकानों में अहाते संचालित नहीं हैं। बालाघाट जिले में अवैध पक्की शराब बिक्री पर आबकारी विभाग द्वारा निरंतर कार्यवाही की जा रही है। जिसके अंतर्गत गत वर्ष 2024-25 में अवैध पक्की शराब बिक्री के 244 प्रकरण कायम किये गये हैं। जिसकी तुलना में वर्ष 2025-26 के माह अप्रैल 2025 तक की अवधि में अवैध पक्की शराब बिक्री के 104 प्रकरण कायम किये जाकर नियमानुसार की गई है। दस्‍तावेजों की छायाप्रतियां पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-दो अनुसार है। (ग) विधानसभा क्षेत्र परसवाड़ा के अंतर्गत आने वाले ग्रामों में अवैध रूप से शराब विक्रय किये जाने संबंधी मामलों में शिकायत प्राप्त होने पर विभाग द्वारा 963 आपराधिक प्रकरण कायम किये गये हैं। अवैध शराब के विक्रय को रोकने के लिए समय-समय पर वि‍शेष अभियान चलाये जाकर अवैध मदिरा के विक्रय रोकने के प्रयास किये जाते है। साथ ही वर्तमान में अवैध शराब विक्रय को रोकने के लिए संबंधित मैदानी अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

अवैध उत्खनन, परिवहन पर कार्यवाही

[खनिज साधन]

94. ( क्र. 839 ) श्रीमती कंचन मुकेश तनवे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खनिज विभाग के खनन एवं परिवहन के क्या नियम है एवं अनुमति/रॉयल्टी की क्या प्रक्रिया है, रॉयल्टी की वैधता, सीमा के निर्धारण की क्या प्रक्रिया है? (ख) खंडवा जिले में खान और खनन अधिनियम की धारा 4 एवं 21 के तहत वर्ष 2023-24 2024-2025 में कितनी कार्यवाही एवं प्रकरण दर्ज किये गए, प्रकरणों में की गई कार्यवाही की विस्तृत जानकारी प्रदान करने का कष्ट करें।       (ग) खंडवा शहर में रेत, मुरुम के अवैध परिवहन एवं भण्डारण को रोकने के लिए धारा 23 के तहत वर्ष 2023-24 2024-2025 कितनी कार्यवाहियां की गई? विस्तृत जानकारी प्रदान करें। (घ) खनिज विभाग खंडवा को वित्तीय वर्ष 2023-24 2024-2025 में कितने राजस्व की प्राप्ति हुई, प्राप्त राशि‍ के व्यय की अनुशंसाओं/अनुमोदन की मदवार आय व्यय की जानकारी प्रदान करें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) मुख्‍य खनिजों के संबंध में खान एवं खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 यथा संशोधन 2015 एवं 2021, खनिज (परमाणु और हाईड्रोकार्बन ऊर्जा खनिजों से भिन्‍न) रियायत नियम, 2016 अधिसूचित है। गौण खनिजों हेतु मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996, मध्‍यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्‍डारण तथा व्‍यापार) नियम, 2019 एवं मध्‍यप्रदेश खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भण्‍डारण का निवारण) नियम, 2022 अधिसूचित है। (ख) जी नहीं। शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) खनिज रेत के संबंध में मध्‍यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्‍डारण तथा व्‍यापार) नियम, 2019 के नियम 23 के तहत एवं खनिज, मुरूम के संबंध में मध्‍यप्रदेश खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भण्‍डारण का निवारण) नियम, 2022 के नियमों के तहत की गई कार्यवाही की  जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट-अ अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट-ब  अनुसार है। प्राप्‍त राजस्‍व को राज्‍य की संचित निधि में जमा किया जाता है, जिसे व्‍यय करने का खनिज नियमों में कोई प्रावधान नहीं है।

परिशिष्ट - "बयालीस"

सीमेन्‍ट फैक्‍ट्री हेतु आवंटित चूना पत्‍थर की खदान

[खनिज साधन]

95. ( क्र. 842 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में किस-किस सीमेन्‍ट फैक्‍ट्री के लिए किस ग्राम के किस खसरा नम्‍बर का कितना रकबा किस आदेश क्रमांक दिनांक से किस खनिज खनन के लिए आवंटित किया है? यह भूमि खसरा पंजी में किस-किस मद एवं किस-किस प्रयोजन के लिए वर्ष 2005-06 के पूर्व राजस्‍व विभाग दर्ज करता था? (ख) म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा 237 (1) में आरक्षित भूमियों को निजी सीमेन्‍ट प्‍लांट के लिए किन-किन शर्तों पर आवंटित करने का प्रावधान धारा 237 (3) एवं धारा 237 (4) में दिया है, इस संबंध में देश की सर्वोच्‍च अदालत ने सिविल अपील प्रकरण क्रमांक 19869/2010 में दिनांक 28 जनवरी, 2011 को क्‍या-क्‍या आदेश दिया है? (ग) धारा 237 (3) एवं धारा 237 (4) का पालन करने, आदेश दिनांक 28 जनवरी, 2011 का पालन करने के संबंध में प्रश्‍नांकित दिनांक तक धार जिले में क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई, यदि कोई कार्यवाही नहीं की हो तो कारण बतावें, कब तक क्‍या कार्यवाही की जावेगी? (घ) धार जिले में कितनी सीमेंट फैक्ट्रियां संचालित हैं और कितनी प्रस्तावित हैं? सूची देवें। संचालित फैक्ट्रियों से विस्थापित कितने परिवारों का पुनर्वास नीति 2013 के तहत मुआवजा मिल चुका है कितने परिवारों को नहीं मिला है और किन-किन प्रस्तावित सीमेंट फैक्ट्रियों से किन-किन गांव के कितने परिवार विस्थापित होंगे? प्रति सहित बताएं।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

कुपोषण की जानकारी

[महिला एवं बाल विकास]

96. ( क्र. 855 ) श्री उमंग सिंघार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या केन्‍द्र सरकार के न्‍यूट्रिशन ट्रैकर द्वारा जून 2024 में जारी नवीनतम आंकड़ों के अनुसार मध्‍यप्रदेश के आंगनवाडि़यों में आने वाले बच्‍चों में से 40 प्रतिशत बच्‍चे बौनेपन (Stunted Growth) से और 27 प्रतिशत बच्‍चे अल्‍प वजन (Underweight) की श्रेणी में हैं?               (ख) वर्तमान में प्रदेश सरकार द्वारा कुपोषण से निपटने हेतु प्रत्‍येक बच्‍चे पर प्रतिदिन औसतन कितनी राशि व्‍यय की जा रही है? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के प्रकाश में प्रत्‍येक बच्‍चे को प्रतिदिन औसतन कितने ग्राम प्रो‍टीन एवं कितनी कैलोरी प्रदान करने का लक्ष्‍य निर्धारित है? (घ) कुपोषण रोकने हेतु क्‍या कार्यवाही की गई है

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) भारत सरकार के पोषण ट्रैकर पब्लिक डैशबोर्ड में माह जून 2025 की रिपोर्ट अनुसार जन्‍म से 06 वर्ष की आयु वर्ग के बच्‍चों में 40 प्रतिशत ठिगनापन (Stunting) एवं 26 प्रतिशत कम वजन (Underweight) की श्रेणी में है।          (ख) कुपोषण निवारण हेतु पृथक से बजट का प्रावधान नहीं है। पूरक पोषण आहार कार्यक्रम अंतर्गत 06 माह से 06 वर्ष के बच्‍चों हेतु राशि रूपये 8.00/-, गर्भवती एवं धात्री महिलाओं हेतु राशि रूपये 9.50/- तथा अति गंभीर कुपोषित (SAM) बच्‍चों हेतु अतिरिक्‍त आहार हेतु राशि रूपये 4.00/- प्रति हितग्राही प्रति दिवस निर्धारित है। (ग) भारत सरकार द्वारा पूरक पोषण आहार कार्यक्रम अंतर्गत निर्धारित प्रोटीन एवं कैलोरी की मात्रा निम्‍नानुसार है:-

हितग्राही

निर्धारित प्रोटीन की मात्रा

निर्धारित कैलोरी की मात्रा

06 माह से 06 वर्ष तक के बच्चे

12-15 ग्राम

500 कैलोरी

अति गंभीर कुपोषित बच्चे (SAM)

20-25 ग्राम

800 कैलोरी

गर्भवती महिला एवं धात्री माता

18-20 ग्राम

600 कैलारी

 (घ) प्रदेश में सक्षम आंगनवाड़ी एवं पोषण 2.0 अंतर्गत बच्‍चों में कुपोषण निवारण हेतु मुख्‍यमंत्री बाल आरोग्‍य संवर्धन कार्यक्रम, स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के सहयोग से क्रियान्‍वयन किया जा रहा है।

जेल विभाग में रिक्‍त पदों की पूर्ति

[जेल]

97. ( क्र. 858 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि       (क) मध्‍यप्रदेश में जेल विभाग में कितने-कितने पद रिक्‍त हैं व कौन-कौन से पद रिक्‍त हैं, जिलावार जानकारी देवें? (ख) क्‍या विभाग रिक्‍त पदों में भर्ती करेगा? यदि हाँ, तो कब? नहीं तो क्‍यों? पूर्णत: जानकारी देवें। (ग) क्‍या जेल विभाग में रिक्‍त पदों की पूर्ति हेतु कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विभाग में रिक्त पदों की जिलेवार एवं जेलवार  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- "अ" अनुसार है। (ख) जी हाँ। पदोन्नति से भरे जाने वाले रिक्त पदों की पूर्ति हेतु मध्यप्रदेश लोक सेवा पदोन्नति नियम-2025 के अनुसार कार्रवाई प्रचलन में है तथा सीधी भर्ती के रिक्त पदों की पूर्ति की कार्रवाई मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग एवं मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मण्डल के माध्यम से प्रचलन में है। (ग) रिक्त पदों की पूर्ति हेतु मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग तथा मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मण्डल में विचाराधीन प्रस्ताव की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- "ब" अनुसार है।

स्थायी स्वामित्व के शासकीय पट्टों का आवंटन

[नर्मदा घाटी विकास]

98. ( क्र. 860 ) श्री नारायण पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि इंदिरा सागर बांध परियोजना एवं ओंकारेश्वर बांध परियोजना से प्रभावित ऐसे कई परिवार है, जिन्हें पुनर्वास  स्थलों पर प्लाट का आवंटन पत्र विभाग द्वारा दिया गया है, किंतु उन्हें आज दिनांक तक स्थाई स्वामित्व के शासकीय पट्टे नहीं दिये गए। क्या विस्थापित परिवारों को स्थाई स्वामित्व के शासकीय पट्टे जारी किये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक होंगे? इस संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। स्‍थायी स्‍वामित्‍व हेतु कार्यवाही प्रचलित है।

गिट्टी, रेत एवं मुरूम के खनन हेतु जारी पट्टा

[खनिज साधन]

99. ( क्र. 867 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कुल कितने गिट्टी, रेत एवं मुरूम के खनन हेतु पट्टे जारी किये गये है? कृपया नाम, ग्राम का नाम, खसरा नं., रकबा की जानकारी प्रदाय करें।      (ख) क्या भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत गिट्टी, रेत एवं मुरूम के खनन हेतु पट्टे जारी करना लंबित है? यदि हाँ तो लंबित नाम, ग्राम का नाम,  खसरा नं., रकबा की जानकारी प्रदाय करें। यह भी जानकादी दें कि गिट्टी, रेत एवं मुरूम के खनन हेतु पट्टे जारी करने हेतु कौन-कौन सी अनुमतियों की आवश्यकता होती है? (ग) क्‍या वर्तमान में संचालित समस्त खदानों की सम्पूर्ण आवश्यक अनुमतियां वैध है? यदि नहीं, तो कौन-कौन से संचालक की अनुमतियां वैध नहीं है? जानकारी उपलब्ध करावें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) गिट्टी एवं मुरूम के स्‍वीकृत उत्‍खनिपट्टों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट-अ  अनुसार है। भीकनगाँव विधानसभा क्षेत्र में कोई भी रेत खदान स्‍वीकृत नहीं होने से जानकारी निरंक है। (ख) खनन पट्टे स्‍वीकृति हेतु लंबित आवेदन पत्रों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट-ब  अनुसार है। मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 अधिसूचित है। (ग) जी हाँ। शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "तैंतालीस"

 

महिलाओं/कन्‍याओं पर बढ़ते अपराधों के प्रकरण

[गृह]

100. ( क्र. 884 ) श्री बाला बच्चन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) दिनांक 01.01.2024 से 30.06.2025 तक प्रदेश में महिलाओं/कन्‍याओं की गुमशुदगी, बलात्‍कार, यौन अपराधों के कितने प्रकरण दर्ज हुए की जानकारी पृथक-पृथक जिलेवार, वर्षवार संख्‍यात्‍मक रूप में देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अवधि में बरामदगी संख्‍या भी जिलेवार देवें। दिनांक 30.06.2025 की स्थिति में 01 माह से अधिक समय से गुमशुदा महिलाओं/कन्‍याओं की संख्‍या भी जिलेवार देवें। (ग) प्रश्‍नांश (क) अनुसार इन प्रकरणों में कितने आरोपियों की गिरफ्तारी हुई? कितने फरार हैं? पृथक-पृथक जिलावार जानकारी देवें। (घ) फरार आरोपियों की गिरफ्तारी कब तक कर ली जाएगी? इसमें विलंब के जवाबदेह अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  अनुसार है।

इन्‍वेस्‍टर्स समिट की जानकारी

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

101. ( क्र. 885 ) श्री बाला बच्चन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्ष 2023, वर्ष 2024 में हुई समस्‍त इन्‍वेस्‍टर्स समिट तथा वर्ष 2025 में आयोजित इन्‍वेस्‍टर्स समिट में कितनी राशि के कितने प्रस्‍ताव प्राप्‍त हुए? पृथक-पृथक तीनों वर्षों में आयोजित सभी समिटों, रिजनल समिटों/कॉनक्‍लेव सहित वर्षवार बतावें। (ख) 100 करोड़ रू. से अधिक के प्रस्‍तावों की अद्यतन स्थिति उद्योग नाम, स्‍थान नाम, निवेश राशि सहित अद्यतन स्थिति की जानकारी देवें। जिन उद्योगों में कार्य अप्रारंभ है, उनकी जानकारी भी देवें जिन्‍होंने एक से अधिक समिटों में निवेश प्राप्‍त किये। (ग) वर्ष 2024 एवं 2025 में हुई समिटों में जिन निवेशकों को भूमि आवंटित की गयी, उनके स्‍थान नाम, भूमि रकबा, जिला नाम, उद्योग नाम, उद्योग प्रकृति सहित देवें।        (घ) प्रश्‍न क्र. 7, दिनांक 02.07.2024 के (ग) उत्‍तर में वर्णित ऐसे उद्योग जिन्‍होनें भूमि ली है लेकिन वे अप्रारंभ है शासन उनसे भूमि कब तक वापस लेगा? उद्योगवार जानकारी देवें। इस संबंध में हुए समस्‍त पत्राचारों की छायाप्रति देवें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रदेश में निवेश को आकर्षित करने हेतु औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग द्वारा वर्ष 2023, 2024 एवं 2025 (माह जून 2025 तक) में हुई समिट, रीजनल कॉनक्लेव में प्राप्त समस्‍त निवेश प्रस्तावों की पृथक-पृथक वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। सूक्ष्‍म,लघु और मध्‍यम उद्यम विभाग से प्राप्‍त जानकारी अनुसार प्रदेश में वर्ष 2023, वर्ष 2024 में हुई समस्‍त इन्‍वेस्‍टर्स समिट तथा वर्ष 2025 में आयोजित इन्‍वेस्‍टर्स समिट में प्राप्‍त प्रस्‍तावों की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-2 अनुसार है।         (ख) जानकारी संकलित की जा रही है। सूक्ष्‍म,लघु और मध्‍यम उद्यम विभाग से प्राप्‍त जानकारी अनुसार 100 करोड़ रू. से अधिक के प्राप्‍त प्रस्‍तावों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-3 अनुसार है। (ग) औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के अधीन एमपी इण्‍डस्‍ट्रीयल डेव्‍हलपमेंट कार्पोरेशन लि. द्वारा वर्ष 2024 एवं 2025 में हुई समिटों में निवेशकों को भूमि आवंटन हेतु आशय पत्र वितरित किये गये। निवेशकों के नाम, भूमि का रकबा, जिला का नाम एवं स्थान का नाम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-4 अनुसार है। सूक्ष्‍म,लघु और मध्‍यम उद्यम विभाग से प्राप्‍त जानकारी अनुसार वर्ष 2024 एवं 2025 में सम्पन्न समिटों में विभाग द्वारा भू-आवंटन नहीं किया गया है अपितु प्राप्त निवेश आशय प्रस्तावों में से विभाग द्वारा भूमि आवंटन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-5 अनुसार है। (घ) वर्तमान में प्रचलित मध्यप्रदेश राज्य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम 2019 (यथा संशोधित) के प्रावधान अनुसार उद्योगों को उद्योग स्थापना हेतु आधिपत्य दिनांक से उद्योग की श्रेणी के आधार पर दो वर्ष से पाँच वर्ष तक की समयावधि प्रदान की जाती है। अतः नियमांतर्गत समयावधि शेष होने से भूमि वापस लेने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। सूक्ष्‍म,लघु और मध्‍यम उद्यम विभाग से प्राप्‍त जानकारी अनुसार विभाग द्वारा भूमि आवंटन उपरांत इकाई स्थापना हेतु नियमानुसार 02 वर्ष का समय दिया जाता है साथ ही इकाई को आवश्यकता अनुसार 01 वर्ष का अतिरिक्त समय दिए जाने का प्रावधान भी है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्‍साहन

[सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम]

102. ( क्र. 900 ) श्री हरिबाबू राय [इंजीनियर] : क्या सूक्ष्‍म,लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अशोकनगर में कितने उद्योग वर्तमान में कौन-कौन से संचालित है? भविष्य में और कितने छोटे/मध्यम/वृहद उद्योग लाने की योजना है इन प्रस्तावित उद्योगों से क्या उत्पादन किया जावेगा। (ख) जिला अशोकनगर उद्योगों के हिसाब से अति पिछड़ा है। कृषि के अलावा यहां कोई भी रोजगार का अन्य साधन नहीं है। कृपया यहां के बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने की कोई योजना हो तो बताने की कृपा करें। (ग) पलकाटोरी ग्राम में उद्योग विभाग द्वारा करोड़ों रूपये खर्च कर दिए लघु उद्योग स्थापित करने परंतु एक भी उद्योग नहीं लगा। यहां तक की कोई भी भवन निर्माण उद्योग हेतु निर्मित नहीं हुआ। उद्योगों की जमीन पर 20-20 फुट गहरी मुरूम की खदाने खोदकर खनिज अवैधानिक रूप से खोद लिया गया। किस अधिकारी पर, किस खनिज माफिया पर क्या कार्यवाही की गई और अभी तक इन लोगों पर कोई कार्यवाही ना होने से वह पूरी भूमि गढ्ड़ों में तब्दील हो गई। दोषियों पर कार्यवाही करने की कृपा करें।

सूक्ष्‍म,लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्‍य कुमार काश्‍यप ) : (क) जिला अशोकनगर में फ्लोर मिल, दाल मिल, ऑयल मिल, कृषि उपकरण बनाने, बायोमास ब्रीकेट, फेब्रीकेशन, मसाला उद्योग, पापड़ उद्योग, दोना, पत्तल, वेकरी, लकड़ी फर्नीचर निर्माण, एचडीपीई पाईप्स, सीमेंट पोल, नमकीन निर्माण इत्यादि क्षेत्र के 270 उद्योग संचालित है। विभाग द्वारा स्‍वयं उद्योग की स्‍थापना नहीं की जा जाती हैअपितु विभागीय योजनाओं एवं नीति के माध्‍यम से उद्योगों की स्‍थापना हेतु पात्रता अनुसार आवश्‍यक सहायता एवं सहयोग प्रदान किया जाता है। (ख) प्रदेश के शिक्षित बेरोजगार युवाओं को स्वयं का उद्यम/स्वरोजगार स्थापित करने के उद्देश्य से राज्य शासन की मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना संचालित है। योजनांतर्गत युवाओं को स्वरोजगार हेतु बैंको के माध्यम से कोलेटरल फ्री ऋण उपलब्ध कराया जाता है तथा राज्य शासन द्वारा वितरित ऋण पर ब्याज अनुदान (Interest Subvention) एवं गारंटी फीस (CGTMSE), प्रतिपूर्ति के रूप में हितग्राही को प्रदान की जाती है। (ग) पलकाटोरी औद्योगिक क्षेत्र में कुल 123 भूखण्डों में से 46 भूखण्डों का आवंटन किया गया है। उक्त में से 30 भूखण्डों पर समयावधि में उद्योग स्थापित नहीं करने वाले आवंटियों को नोटिस जारी किये गये हैं। वर्तमान में 07 भूखण्डों का आवंटन प्रक्रियाधीन है। अवैध उत्खनन की जानकारी मिलने पर जिला प्रशासन एवं पुलिस के संज्ञान में लाकर आगामी वैधानिक कार्यवाही की जाती है, जो कि एक सतत प्रक्रिया है। पूर्व में इस संबंध में महाप्रबंधक, जिला व्‍यापार एवं उद्योग केन्‍द्र, अशोकनगर के आवेदन पर जिला खनिज अधिकारी द्वारा एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई है।

अशोकनगर के अंतर्गत संचालित आंगनवाड़ि‍यों की जानकारी

[महिला एवं बाल विकास]

103. ( क्र. 901 ) श्री हरिबाबू राय [इंजीनियर] : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा अशोकनगर में कितनी आंगनवाडि़यां संचालित हैं और कितनी शासकीय भवन में एवं कितनी किराये पर हैं। विधानसभा में कितनी सुपरवाइजर कार्यरत है और कब से है। तीन साल से अधिक कार्यरत कितनी सुपरवाइजर है इनका स्‍थानांतरण क्‍यों नहीं किया गया है। (ख) सुपरवाइजर अनुसार उनको आवंटित आंगनवाडि़यों की सूची प्रदान करने की कृपा करें। कितने पद एवं कौन से पद रिक्त हैंअभी तक भर्ती क्यों नहीं की गई हैकब तक रिक्त पदों पर भर्ती करने की योजना है? (ग) विधानसभा में कौन सी आंगनवाडि़यों पर गड़बड़‍ियां पायी गई, क्या कार्यवाही, किस प्रकरण में किस कर्मचारी पर अभी तक की गईकृपया विस्तार से जानकारी सूचीबद्ध कर बताने की कृपा करें। (घ) क्‍या आंगनवाडि़यों की आये दिन भोजन पोषण को लेकर शिकायतें प्राप्‍त हुई है। क्‍या संबंधित विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों के मोबाईल नंबर दीवारों पर लिखवाने हेतु निर्देशित करेंगे।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) विधानसभा अशोकनगर अन्तर्गत कुल 343 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं। 208 आंगनवाड़ी केन्द्र शासकीय भवन में 135 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में संचालित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -'''' अनुसार है। 06 पर्यवेक्षक 03 साल से अधिक अवधि से कार्यरत हैं। स्थानान्तरण नीति की कंडिका-18 अनुसार यह अनिवार्य नहीं है कि 03 वर्ष पूर्ण होने पर स्थानान्तरण किया ही जावे। अतः शेष जानकारी का प्रश्‍न ही नहीं। (ख) सुपरवाइजर अनुसार आवंटित आंगनवाड़ी केन्द्रों की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिट-'''' अनुसार है। विधानसभा अशोकनगर में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के 17 तथा आंगनवाड़ी सहायिका के 83 पद रिक्त है। रिक्त पदों पर पदपूर्ति की कार्यवाही की जा रही है। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -'''' अनुसार है। (घ) जी हाँ। पोषण आहार वितरण कार्य में शिकायत प्राप्त होने पर 15 स्व-सहायता समूहों को कार्य से पृथक किया गया है। आंगनवाड़ी केन्द्रों पर विभागीय अधिकारियों/कर्मचारियों के मोबाईल नम्बर पूर्व से ही अंकित किये गये है। अतः शेष जानकारी का प्रश्‍न ही नहीं।

 

दोहरी फीस लेकर विधि विभाग के निर्देशों की अवहेलना

[विधि एवं विधायी कार्य]

104. ( क्र. 914 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                 (क) क्‍या सचिव, म.प्र. शासन, विधि एवं विधायी कार्य विभाग के पत्र क्र. 1230/2025/21-ब (दो) भोपाल दिनांक 20.03.25 पत्र जारी किया गया है? किसे और किस प्रयोजन से जारी किया गया है? उसके प्रति उत्‍तर में विभाग को कब और क्‍या जानकारी प्राप्‍त हुई है? पत्र एवं प्राप्‍त जानकारी एकल नस्‍ती की प्रति सहित बतायें। (ख) महाअधिवक्‍ता, अतिरिक्‍त महाधिवक्‍ता, उप महाधिवक्‍ता, शासकीय अधिवक्‍ता एवं उप शासकीय अधिवक्‍ता की नियुक्ति के क्‍या नियम है? क्‍या नियुक्ति उपरांत इन्‍हें राज्‍य सरकार से मानदेय, वेतन तथा अन्‍य शासकीय सुविधायें दिये जाने का प्रावधान है तो संपूर्ण जानकारी अधिवक्‍तावार नियम, निर्देश, आदेश, एकल नस्‍ती की प्रति सहित पृथक-पृथक बतायें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में 20 मार्च, 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक किन अधिवक्‍ताओं की नियुक्ति की गई है। कब और कितना भुगतान किस प्रयोजन से किसे कितना किया गया है? नाम, पता, मोबाईल नं., चल-अचल संपत्ति की जानकारी, गौशवारा बनाकर आदेश सहित बतायें।          (घ) प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में शासकीय प्रकरणों के अतिरिक्‍त अन्‍य केन्‍द्रीय कार्यालय, अर्द्धशासकीय, निगम/मण्‍डल, निजी क्षेत्रों में कार्य करने एवं मानदेय/फीस प्राप्‍त करने हेतु विधिक प्रावधान है? नियम सहित बतायें। उपरोक्‍त के अनुक्रम में कौन-कौन, किस-किस कार्यालय विधिक सलाह के लिये नियुक्‍त है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

पुलिस मुख्‍यालय एवं एनसीआरबी के रिकार्ड की जानकारी

[गृह]

105. ( क्र. 915 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) 20 मार्च, 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक पुलिस मुख्यालय के रिकार्ड के अनुसार प्रदेश में दर्ज कितने अपराध पंजीबद्ध हुये है। वर्षवार पृथक-पृथक बतायें। क्या एनसीआरबी द्वारा प्रदेश को ग्रेडिंग दी जाती हैं? यदि हाँ, तो किस अपराधों में प्रदेश को कौन से प्रकरण में कौन-सी ग्रेडिंग प्राप्त हुये है? (ख) उपरोक्त अवधि में सायबर क्राईम अन्तर्गत कुल कितनी राशि का फ्रॉड संज्ञान में आया है? कितनी राशि वापस लाने में सफलता मिली है? कितने प्रकरण कब और किन कारणों से लंबित है? वर्षवार बतायें। (ग) उपरोक्‍त अवधि में म.प्र. के किन-किन जिलों में सायबर अपराध पंजीबद्ध हुये है? जिले का नाम, आवेदक का नाम, पता, मोबाईल नं. अपराध पंजीबद्ध दिनांक, अपराध क्र., राशि का विवरण, विवेचना अधिकारी/कर्मचारी का नाम, निराकृत, लंबित सहित, समस्त जानकारी का गौशवारा बनाकर बतायें। (घ) अपराध क्र. 0454 दिनांक 21/09/23 में क्या मामला दर्ज होकर उसमे कब और क्या कार्यवाही की गई है? स्पीड पोस्ट न. EI773543449 IN एवं EI773542205 IN दिनांक 30/06/2025 पुलिस विभाग को प्रेषित डाक में क्या शिकायत की गई एवं पुलिस विभाग ने उस पर कब और क्या कार्यवाही की? यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बतायें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) नसीआरबी नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित क्राईम इन इण्डिया वर्ष 2020 से 2022 (समयावधि 01 जनवरी से 31 दिसंबर) की प्रकाशित प्रति एवं वर्ष 2023 की एनसीआरबी नई दिल्ली को प्रेषित जानकारी एवं वर्ष 2024 (जनवरी से दिसम्बर) व वर्ष 2025 (01 जनवरी से 15 जुलाई) की सी.सी.टी.एन.एस. पर आधारित अनुसार है। Year 2020 IPC 283081 SLL 144165 Total 428046 Year 2021 IPC 304066 SLL 171852 Total 475918 Year 2022 IPC 298578 SLL 190388 Total 488966 Year 2023 IPC 297689 SLL 198019 Total 495708 2024 IPC 307546 SLL 141880 Total 449426 2025 (01 जनवरी से 15 जुलाई) IPC 180174 SLL 68014 Total 248188 वर्ष 2020 से 2023 तक की जानकारी क्राईम इन इंडिया एवं वर्ष 2024 व वर्ष 2025 की जानकारी सी.सी.टी.एन. एस. पर आधारित है। विदित हो कि, एनसीआरबी नई दिल्ली द्वारा पृथक से प्रदेशों को कोई ग्रेडिंग प्रदान नहीं की जाती है। (ख) दिनांक 01 मई, 2021 से 13 जुलाई, 2025 सायबर फॉड से संबधित कुल राशि रू. 1054 करोड़ का फ्रॉड होना संज्ञान में आया है (एनसीआरपी पोर्टल के डाटा अनुसार) 01 मई, 2021 से 13 जुलाई, 2025 सायबर फॉड से संबंधित कुल राशि रू. 105.21 करोड़ होल्ड होना संज्ञान में आया है (एनसीआरपी पोर्टल के डाटा अनुसार) एवं 01 मई, 2021 से 13 जुलाई 2025 सायबर फॉड से संबंधित कुल राशि रू. 1.94 करोड़ वापस दिलाई गई है। (एनसीआरपी पोर्टल के डाटा अनुसार) (ग) सी.सी.टी.एन.एस. में उपलब्ध जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वर्ष 2020 में कुल पंजीबद्ध 909, कुल निराकृत 667, पेंडिंग 242, वर्ष 2021 में कुल पंजीबद्ध 1131, कुल निराकृत 862, पेंडिंग 269, वर्ष 2022 में कुल पंजीबद्ध 1140, कुल निराकृत 788, पेंडिंग 352, वर्ष 2023 में कुल पंजीबद्ध 1094, कुल निराकृत 725, पेंडिंग 369 वर्ष 2024 में कुल पंजीबद्ध 1193, कुल निराकृत 585, पेंडिंग 608, वर्ष 2025  में (01 Jan to 15 July) कुल पंजीबद्ध 579, कुल निराकृत 166, पेंडिंग 413 (घ) उल्लेखित अपराध क्रमांक के थाना एवं जिला का उल्लेख न होने से अपूर्ण तथ्यों के आधार पर जानकारी का पता लगाया जाना संभव नहीं है। उल्लेखित शिकायत क्रमांक स्पीड पोस्ट नंबर E1773543449 IN एवं El773542205 IN का रिकार्ड इस शाखा से संबंधित नहीं है।

जुर्माने से प्राप्‍त राशि से किये गये कार्य

[खनिज साधन]

106. ( क्र. 917 ) डॉ. प्रभुराम चौधरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि रायसेन जिले में माईनिंग फंड/अवैध रूप से रेत परिवहन, पत्‍थर, फर्सी खदान, ईंट भट्टों से जुर्माने के रूप में कि‍तनी राशि विगत 3 वर्षों में प्राप्‍त हुई है? इस राशि से कौन-कौन से कार्य किये गये है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) :  रायसेन जिले में माईनिंग फण्‍ड संबंधी कोई प्रावधान नहीं है। अवैध रूप से रेत परिवहन, पत्‍थर, फर्शी खदान, ईंट भट्टों से जुर्माने के रूप में विगत 03 वर्षों में कुल राशि रूपये 3,16,35,482/- प्राप्‍त हुई है। इस राशि से कार्य कराये जाने के कोई प्रावधान नहीं है। अत: शेष जानकारी निरंक है।

राशि वसूली के साथ आपराधिक प्रकरण दर्ज कराया जाना

[खनिज साधन]

107. ( क्र. 922 ) श्री अभय मिश्रा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा संभाग में कितने प्रकरण वर्ष 2020 से प्रश्‍नांश दिनांक तक में खनिजों के अवैध उत्‍खनन परिवहन व भण्‍डारण के तैयार किये गये, का विवरण देवें। कितने वाहनों को राजसात किया गया, राजस्‍व की प्राप्ति कितनी हुई? माहवार, वर्षवार, जिलेवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के तारतम्य में रीवा जिले के  देवगांव कला जनपद पंचायत  सलैया की  शासकीय भूमि पर श्री राजेन्द्र शुक्ला, श्री विवेक गौतम, श्री हंशमणि शुक्ला एवं श्री कृष्णकांत द्विवेदी द्वारा जेसीबी मशीन से 20 से 25 ट्रक बॉक्साइट के अवैध उत्खनन कर परिवहन की शिकायत  सरपंच देवगांवकला द्वारा की गई, जिस पर कार्यवाही की जानकारी का विवरण देवें। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों, अनुसूचित जाति जनजाति के सदस्यों, ग्रामीण कृषकों, श्रमिकों के निवास निर्माण कृषि कार्य हेतु 01 वर्ष में अधिकतम 10 घनमीटर रेत का उपयोग बिना रॉयल्टी भुगतान किये जाने के निर्देश है जिसके पालन में प्रश्‍नांश (क) के जिलो एवं अवधि अनुसार रीवा जिलों  में कितने पात्रों को लाभांवित किया गया, की जानकारी पंचायतवार जिलेवार देवें। (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) में उल्‍लेखित आधारों पर किन-किन पर कार्यवाही के निर्देश देंगे, बतावें। नहीं तो क्यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे  परिशिष्ट अनुसार है।         (ख) प्रश्‍नांश अनुसार रीवा जिले के सरपंच ग्राम देवगांव कला द्वारा सी.एम. हेल्पलाईन शिकायत क्रमांक 31429357, दिनांक 16.03.2025 को प्राप्त हुई। जिसमें शिकायत की जांच खनि निरीक्षक से कराई गई। शिकायती क्षेत्र के जांच के दौरान शासकीय स्कूल के पीछे कुछ मात्रा में खनिज मुरूम का अवैध उत्खनन होना पाया गया। तदानुसार शासकीय भूमि पर श्री राजेन्द्र शुक्ला, श्री विवेक गौतम, श्री हंशमणि शुक्ला एवं श्री कृष्णकांत द्विवेदी पर अवैध उत्खनन पाये जाने पर अर्थदण्ड राशि रू. 61,000/- अधिरोपित कर प्रकरण दर्ज किया गया। शिकायत पर की गयी कार्यवाही से शिकायतकर्ता को अवगत कराया गया। शिकायतकर्ता द्वारा सहमति दिये जाने पर शिकायत बंद करायी गयी। (ग) जी हाँ, नियमों में प्रावधान है। शेष जानकारी निरंक है। (घ) उत्‍तरांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है

कुटीर एवं ग्रामोद्योग के लिये योजनाएं

[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]

108. ( क्र. 930 ) श्री नरेन्‍द्र सिंह कुशवाह : क्या राज्‍य मंत्री, कुटीर एवं ग्रामोद्योग महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्‍ड जिले के भिण्‍ड विकासखण्‍ड अंतर्गत विभाग से पंजीकृत कुटीर व ग्रामोद्योग कितनी संख्‍या में संचालित है, पंजीकृत इकाइयों के नाम फर्म/कम्‍पनी का नाम व संचालन मण्‍डल सदस्‍यों के नाम व पता उपलब्‍ध कराने का कष्‍ट करें? (ख) भिण्‍ड विकासखण्‍ड में कुटीर एवं ग्रामोद्योग को बढ़ावा देने के लिए विभाग द्वारा क्‍या-क्‍या योजना चलाई जा रही है, योजनाओं के नाम व हितग्राहियों को मिलने वाली सुविधाओं से अवगत करावें? (ग) भिण्‍ड विकासखण्‍ड अंतर्गत कुटीर एवं ग्रामोद्योग के लिए नवीन स्‍थल का चयन किया गया यदि हाँ, तो स्‍थान का पता व नहीं तो कब तक स्‍थल चयन किया जावेगा?

राज्‍य मंत्री, कुटीर एवं ग्रामोद्योग ( श्री दिलीप जायसवाल ) : (क) भिण्‍ड जिले में भिण्‍ड विकासखण्‍ड अंतर्गत विभाग से पंजीकृत इकाइयों के नाम की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट -अ अनुसार है। विभाग में कुटीर एवं ग्रामोद्योग इकाइयों के पंजीयन का प्रावधान नहीं है। विभागीय योजनाओं में हितग्राहियों द्वारा आवेदन प्रस्‍तुत किये जाने पर ऋण एवं अनुदान की सहायता उपलब्‍ध कराई जाती है। अत: फर्म/कंपनी का नाम, संचालक मंडल के सदस्‍यों के नाम, पता के संबंध में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रदेश में विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-ब अनुसार है। यह योजनाएं भिण्‍ड विकासखण्‍ड में भी लागू है। जिनमें हितग्राहियों को मिलने वाली सुविधाओं का उल्‍लेख किया गया है। (ग) भिण्‍ड विकासखण्‍ड अंतर्गत कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग के लिये नवीन स्‍थल का चयन नहीं किया गया है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है।

पंजीकृत इकाइयों की जानकारी

[सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम]

109. ( क्र. 931 ) श्री नरेन्‍द्र सिंह कुशवाह : क्या सूक्ष्‍म,लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्‍ड जिले के भिण्‍ड विकासखण्‍ड स्‍तर पर कितनी लघु, सूक्ष्‍म व मध्‍यम इकाइयां पंजीबद्ध होकर संचालित है, इकाइयों के नाम व फर्म/कम्‍पनी का नाम/उद्यमी का नाम व पता समेत समस्‍त जानकारी उपलब्‍ध कराने का कष्‍ट कीजिए? (ख) भिण्‍ड विकासखण्‍ड के नवीन प्रस्‍तावित औद्योगिक क्षेत्र नुन्‍हाटा में प्रश्‍न दिनांक तक कितनी इकाइयों का पंजीबद्ध किया गया है तथा उक्‍त क्षेत्र को विकसित करने की विभाग द्वारा क्‍या-क्‍या योजना प्रचलन में है?

सूक्ष्‍म,लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्‍य कुमार काश्‍यप ) : (क) भिण्ड जिले के भिण्ड विकासखण्ड स्तर पर भारत सरकार के उद्यम पोर्टल पर पंजीकृत सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम इकाइयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) ग्राम नुन्हाटा तहसील व जिला भिण्ड की 55.293 हेक्टेयर भूमि दिनांक 21.03.2025 को विभाग को हस्तांतरित हुई है। जिस पर औद्योगिक क्षेत्र विकास की कार्य योजना तैयार की जा रही है। विकास कार्य पूर्ण होने के पश्‍चात मध्‍यप्रदेश एमएसएमई को औद्योगिक भूमि तथा भवन आवंटन एवं प्रबंधन नियम 2025 के प्रावधानों अनुसार निवेशक भूमि आवंटन हेतु आवेदन कर सकते हैं।

टीकमगढ़ जिले में रेत का ठेका दिया जाना

[खनिज साधन]

110. ( क्र. 934 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि      (क) टीकमगढ़ के खनिज विभाग में रेत का ठेका कब से नहीं हुआ है? कृपया सम्पूर्ण जानकारी के साथ यह भी अवगत कराएं कि तब से प्रतिवर्ष शासन को कितनी-कितनी राशि का लाभांश न होते हुए नुकसान पहुंचा है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के आधार पर बताएं कि टीकमगढ़ जिले की कौन-कौन सी नदियों, नालों, तालाबों पर किस खसरा नंबर के कितने रकबा का ठेका विभाग द्वारा दिए जाने का प्रावधान है? सम्पूर्ण जानकारी दें एवं प्रश्‍न दिनांक तक की अद्यतन जानकारी से अवगत कराएं। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के आधार पर निश्चित समय-सीमा सहित बताएं कि जिले के ठेकेदार से कितनी राशि जमा करवाकर कब तक ठेकेदार को कार्यादेश दे दिया जावेगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) टीकमगढ़ जिले में विभाग ‌द्वारा वर्ष 2022 से रेत खनिज का ठेका ई-ऑक्शन के माध्यम से किया जा रहा है। विभाग द्वारा ई-ऑक्शन के माध्यम से यूरेका माइन्स एण्ड मिनरल्स एल.एल.पी. भोपाल दवारा पलेरा समूह-स जिला टीकमगढ़ की रेत खदाने वर्ष 2022-23 में निर्धारित राशि रूपये 65,29,908/- जमा कर दिनांक 19-05-2022 से 30.06.2023 तक संचालित किया गया था। दिनांक 28-06-2023 से दिनांक 06.01.2025 तक कुल-07 बार (निविदा दिनांक 28-06-2023, 11-08-2023, 27-09-2023, 22-12-2023, 05-02-2024, 12-03-2024, 06-01-2025) ई-निविदा सह नीलामी की सूचना जारी किये जाने के उपरांत भी जिला रेत समूह की खदानों का नियमानुसार निविदा प्राप्त न होने पर आवंटन नहीं किया गया है। दिनांक 29/04/2025 को प्रकाशित निविदा सूचना अनुसार जिला रेत समूह की खदानों के संचालन हेतु म.प्र. राज्य खनिज निगम स्तर से दिनांक 26/04/2025 से आशय पत्र जारी किया गया है, खदानों में निविदा प्राप्त न होने एवं उत्पादन न होने से शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण एवं व्यापार) नियम, 2019 के नियम 8 के तहत टीकमगढ़ में सम्मिलित  संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार रेत खदानों से रेत खनन एवं विक्रय हेतु म.प्र. राज्य खनिज निगम भोपाल स्तर से ई-निविदा सह नीलामी के माध्यम से एम.डी.ओ. की नियुक्ति बाबत निविदा सूचना दिनांक 29/04/2025 को प्रकाशित की गयी थी। ई-निविदा सह नीलामी के माध्यम से चयनित एम.डी.ओ. को दिनांक 26/06/2025 से रेत खदान संचालन के बाबत आशय पत्र जारी किया गया है। (ग) म.प्र. राज्य खनिज निगम भोपाल द्वारा रुपये 1,38,65,000/- जमा कराकर दिनांक 26/06/2025 से आशय पत्र जारी किया जा चुका है प्रशासकीय अनुमोदन प्राप्त कर कार्यादेश दिये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है।

परिशिष्ट - "चौवालीस"

राशि की स्वीकृति

[जेल]

111. ( क्र. 935 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) टीकमगढ़ जिले की उप जेल जतारा में प्रश्‍न दिनांक तक क्या-क्या परेशानियां है और इन समस्याओं के निदान हेतु विभाग क्या-क्या कार्यवाही कर रहा है? कृपया अद्यतन जानकारी से अवगत कराएं। (ख) प्रश्‍नांश (क) के आधार पर बताएं कि प्रश्‍नकर्ता द्वारा कब-कब, किस-किस विधानसभा प्रश्नों के माध्यम से शासन का ध्यानाकर्षित कराया गया है और प्रश्‍न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही शासन द्वारा/विभाग द्वारा पूर्ण कर ली गई है? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि शासन कब तक ठोस निर्णय लेकर उप जेल जतारा की समस्याओं का निराकरण करेगा? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएं कि प्रत्येक कार्य की स्वीकृति हेतु विभाग को कितनी-कितनी राशि स्वीकृत करना पड़ेगीइन समस्याओं के निदान हेतु विभाग राशि स्वीकृत करेगा तो कब तक?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जेल में पेयजल, परिसर की बाऊण्ड्रीवॉल एवं सेनीटेशन की परेशानियां है, जिनके निराकरण हेतु विभिन्न स्थानों पर विगत वर्ष 03 नलकूप खनन कराए गए, जो सफल नहीं हो सके, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग से स्थाई समाधान हेतु परीक्षण कराया जा रहा है। लोक निर्माण विभाग द्वारा बाऊण्ड्रीवॉल का कार्य 300 मीटर किया गया है, शेष कार्य कराया जाना है। जबकि सेनीटेशन, संत्री पोस्ट, वाहन शेड व अन्य मरम्मत व पुताई कार्य हेतु अधीक्षक सब जेल जतारा को वर्ष 2025-26 में राशि रूपये 12.77 लाख स्वीकृत की गई है।   (ख) निम्नानुसार :-

विधानसभा सत्र एवं प्रश्‍न क्रमांक

की गई कार्यवाही का विवरण

दिसम्‍बर 2019 अतारांकित प्रश्‍न 1120 फरवरी 2024 अतारांकित प्रश्‍न 887

उत्‍तर (क) अनुसार लोक निर्माण विभाग द्वारा प्रतीक्षालय निर्मित किया, जबकि बाऊण्‍ड्रीवॉल का कार्य पूरा किया जाना है।

जुलाई 2024 अतारांकित प्रश्‍न 2587 मार्च 2025 तारांकित प्रश्‍न 2895

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा 01 नलकूप खनन किया गया तथा विभाग द्वारा 02 नल कूप खनन किए गए जो सफल नहीं हुए। वर्ष 2025-26 में सामान्य मरम्मत, पुताई, सेनीटेशन, मच्छरजाली, वाहन शेड आदि हेतु राशि स्वीकृत की गई है।

 (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के अनुसार कार्यवाही की गई है। (घ) वर्ष 2025-26 में अधीक्षक सब जेल जतारा को सामान्य मरम्मत, पुताई हेतु राशि रूपये 2.72 लाख एवं सीलिंग फेन, एक्जास्ट फेन हेतु राशि रूपये 81,000/- तथा सेनीटेशन, मच्छरजाली, वाहन शेड व अन्य आवश्यक कार्यों हेतु राशि रूपये लगभग 9.23 लाख की स्वीकृति दिनांक 11.07.2025 को दी जा चुकी है। पेयजल की व्यवस्था बावड़ी से की जा रही है, जिसे सुदृढ़ करने के प्रस्ताव प्राप्त होने पर युक्तियुक्‍त कार्यवाही की जायेगी।

 अवैध शराब की जब्‍ती

[गृह]

112. ( क्र. 938 ) डॉ. राजेन्‍द्र कुमार सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि     (क) मैहर जिले में पुलिस के द्वारा 1 जनवरी से 2024 से प्रश्‍नतिथि तक किस-किस थाना क्षेत्र में किस-किस से कितनी कीमत की अवैध शराब की जब्ती की? सूची दें। (ख) क्या पुलिस के पास यह जानकारी आयी कि रामनगर एवं अमरपाटन सहित अन्य स्‍थानों के शराब ठेकेदार अवैध रूप से शराब की खुलेआम पैकारी कर रहे हैं? अगर नहीं तो प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित पुलिस के द्वारा कैसे इतनी बड़ी मात्रा मै अवैध शराब पकड़ी गई? (ग) क्‍या मैहर पुलिस गाँव-गाँव में शराब की खुलेआम बिक्री कर रहे शराब ठेकेदारों के विरुद्ध कब व क्या कार्यवाही करेगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्रश्‍नांश में उल्लेखित अवधि में 9884.614 लीटर अवैध शराब पकड़ी गई है, जिसकी औसत जब्ती प्रति माह 550 लीटर है। अतः पुलिस द्वारा बड़ी मात्रा में अवैध शराब नहीं पकड़ी गई है। (ग) उत्‍तरांश (ख) के आलोक में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

माइनिंग लीज

[खनिज साधन]

113. ( क्र. 939 ) डॉ. राजेन्‍द्र कुमार सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि      (क) सतना एवं मैहर जिलों में 01.01.2015 से प्रश्‍न तिथि तक किस-किस स्‍थान पर माइनिंग लीज को किस आधार पर किसके द्वारा किसको हस्‍तांतरित किया गया? उक्‍त सभी प्रकरणों की स्‍वीकृति दिनांक एवं सभी आदेशों की सूची की एक प्रति उपलब्‍ध करायें? (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित समयानुसार किन-किन स्‍थानों पर किस-किस की माइनिंग लीज वन भूमि पर कब से संचालित है? सूची प्रकरणवार दें। (ग) राज्‍य सरकार वन भूमि पर चल खदानों को वैध मानता है कि अवैध, अगर वैध मानता है तो क्‍यों? अगर अवैध मानता है तो उसे कब बंद किया जाएगा? (घ) अवैध माइनिंग लीज हस्‍तांतरण के प्रकरणों में कब और कैसे व क्‍या कार्यवाही की जाएगी? बिन्‍दुवार विवरण दें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-‘’’’ अनुसार है।                   (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-‘’’’ अनुसार है। (ग) वन भूमि पर वन सरंक्षण अधिनियम, 1980 के तहत आवश्‍यक अनुमति प्राप्‍त कर खदानें वैध रूप से संचालित होने से शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्‍तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की स्‍थापना

[विधि एवं विधायी कार्य]

114. ( क्र. 947 ) श्री श्रीकान्त चतुर्वेदी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                           (क) नवगठित जिला मैहर में न्‍याय प्रक्रिया के समुचित क्रियान्‍वयन की दृष्टि से शासन स्‍तर से क्‍या जिला विधिक सेवा प्राधिकरण स्‍थापित कराये जाने की कार्यवाही प्रचलित है, यदि हां,तो कब तक प्राधिकरण का गठन कर कार्यालय प्रारंभ करा दिया जावेगा? समयावध‍ि बतायी जावें।                     (ख) प्रश्‍नांश (क) के प्रकाश में यदि नहीं, तो क्‍यों कारण स्‍पष्‍ट करते हुये जानकारी दी जावे।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) माननीय उच्‍च न्‍यायालय मध्‍यप्रदेश द्वारा प्रधान जिला न्‍यायाधीश की पदस्‍थापना नहीं किये जाने से।

सतना/मैहर जिलान्‍तर्गत सिंचाई हेतु पानी छोड़ा जाना

 [नर्मदा घाटी विकास]

115. ( क्र. 948 ) श्री श्रीकान्त चतुर्वेदी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि      सतना/मैहर जिले के किसानों को सिंचाई हेतु बहुप्रतीक्षित समय से बरगी व्‍यपवर्तन योजना से निर्मित नहरों के माध्‍यम से पानी प्राप्‍त होने की प्रक्रिया में इन जिलों की नहरों में कब तक पानी छोड़ा जावेगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : स्‍लीमनाबाद टनल का निर्माण कार्य दिसम्‍बर 2025 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। टनल के निर्माण के उपरांत प्रश्‍नाधीन जिलों में सिंचाई हेतु पानी प्रवाहित किया जाना प्रस्‍तावित है।

वन स्‍टॉप सेंटर एवं महिला सशक्तिकरण कार्यालय खोला जाना

[महिला एवं बाल विकास]

116. ( क्र. 949 ) श्री श्रीकान्त चतुर्वेदी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नव गठित जिला मैहर में जनहित की दृष्टि से वन स्‍टॉप सेन्‍टर तथा महिला सशक्तिकरण कार्यालय खोले जाने की प्रक्रिया क्‍या प्रचलन में है? यदि हाँ, तो कब तक इनके कार्यालय मैहर में प्रारंभ करा दिये जावेंगे, समयावधि बतायी जावे यदि नहीं, तो क्‍यों? कारण स्‍पष्‍ट किया जावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संबंध में क्‍या यह सही है कि महिलाओं को सुविधा प्रदान किये जाने की दृष्टि से वन स्‍टॉप सेन्‍टर और महिला सशक्तिकरण कार्यालय खोला जाना आवश्‍यक है? यदि हाँ, तो संचालित कराये जायेंगे।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) महिला एवं बाल विकास विभाग अंतर्गत जिला कार्यक्रम अधिकारी कार्यालय संचालित है। वन स्‍टॉप सेन्‍टर के संचालन की कार्यवाही प्रचलन में है। समय अवधि बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ।

आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में पोषक तत्‍व प्रदाय

[महिला एवं बाल विकास]

117. ( क्र. 968 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्‍यप्रदेश शासन द्वारा आंगनवाडि़यों में पोषक तत्‍व (आहार) प्रदाय हेतु क्‍या व्‍यवस्‍था है? इस हेतु प्रचलित नियम, प्रक्रिया व मार्गदर्शिका की प्रति उपलब्‍ध करावें।         (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में उल्‍लेखित योजनाओं में 1 जनवरी, 2024 से प्रश्‍न दिनांक तक अनूपपुर जिले में कितनी राशि प्राप्‍त हुई, कितनी राशि किस कार्य में खर्च हुई? वर्षवार, कार्यवार, विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) में उल्‍लेखित योजनाओं के लिये जो कार्यक्रम संचालित किये गये वह विभागीय अथवा अन्‍य किसी अशासकीय संस्‍थाओं के द्वारा कराये गये? संस्‍थावार जानकारी उपलब्‍ध करावें।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) आंगनवाड़ी केन्द्रों में 6 माह से 3 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं धात्री माताओं को साप्ताहिक रूप से टेक होम राशन प्रदाय किया जाता है। प्रदेश के 08 आंकाक्षी जिलों में 14 वर्ष से 18 वर्ष आयु वर्ग की किशोरी बालिकाओं को टेक होम राशन दिये जाने का प्रावधान है। टेक होम राशन का उत्पादन एवं प्रदाय मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अधीन प्रदेश में स्थापित 07 पोषण आहार संयंत्रों के माध्यम से किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में सांझा चूल्हा कार्यक्रम के तहत पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा संचालित किये जा रहे मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम अन्तर्गत गठित महिला स्व- सहायता समूहों के माध्यम से तथा शहरी क्षेत्रों में राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन, राज्य शहरी आजीविका मिशन के पंजीकृत महिला स्व- सहायता समूहों के माध्यम से आंगनवाड़ी केन्द्रों में 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों को नाश्ता एवं गरम पका भोजन सप्ताह में 06 दिवस प्रदान किया जाता है। मंगलवार को मंगल दिवस के अवसर पर 06 माह से 03 वर्ष के बच्चों को नाश्ता एवं भोजन तथा गर्भवती महिलाओं एवं धात्री माताओं को गरम पका भोजन दिया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -01 अनुसार है। (ख) आंगनवाड़ी केन्द्रों में पूरक पोषण आहार प्रदाय कार्य में संलग्न स्व-सहायता समूहों द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्रों में प्रदायित नाश्ता एवं गरम पका भोजन हेतु प्राप्त एवं व्यय राशि की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -02 अनुसार है। (ग) पूरक पोषण आहार कार्यक्रम अन्तर्गत टेक होम राशन का उत्पादन एवं प्रदाय मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अधीन प्रदेश में स्थापित 07 पोषण आहार संयंत्रों के माध्यम से किया जा रहा है। जिला अनुपपुर में महिला आजीविका औद्योगिक सहकारी संस्था मर्यादित रीवा संयंत्र द्वारा टेक होम राशन का प्रदाय किया जा रहा है। पूरक पोषण आहार कार्यक्रम अन्तर्गत आंगनवाड़ी केन्द्रों में नाश्ता एवं गरम पका भोजन का प्रदाय ग्रामीण क्षेत्रों में सांझा चूल्हा कार्यक्रम के तहत पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा संचालित किये जा रहे मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम अन्तर्गत गठित महिला स्व- सहायता समूहों के माध्यम से तथा शहरी क्षेत्रों में राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन, राज्य शहरी आजीविका मिशन के पंजीकृत महिला स्व- सहायता समूहों के माध्यम से किया जा रहा है। जिला अनुपपुर की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -03 अनुसार है।

तिलहन संघ कर्मियों को पांचवे वेतनमान का लाभ देना

[सामान्य प्रशासन]

118. ( क्र. 972 ) श्री केशव देसाई : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. राज्य तिलहन संघ से प्रतिनियुक्ति पर सामान्य प्रशासन विभाग में वर्ष 2000 से 2004 तक कौन- कौन, किन-किन पदों पर पदस्थ रहे? नाम, पद एवं अवधि बतावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के अन्तर्गत क्या इन्हें पांचवे वेतनमान की पात्रता है? (ग) प्रश्‍नांश (क) के अन्तर्गत पांचवां वेतनमान का लाभ राज्य कर्मियों के समान देना है अथवा वर्ष 2013 की तिलहन संघ सेवायुक्तों की संविलियन नीति अनुसार लाभ देना है तो स्पष्ट व सही जानकारी से अवगत करावें। (घ) क्या विधानसभा प्रश्‍न 2140 उत्तर दिनांक 16.07.2024 में विभाग ने बताया है कि वित्त विभाग की टीप अनुसार पांचवे वेतनमान की पात्रता है? वित्त विभाग की टीप की छायाप्रति देवें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) सामान्‍य प्रशासन विभाग में वर्ष 2000 से 2004 तक तिलहन संघ के शासकीय सेवक जो प्रतिनियुक्ति पर पदस्‍थ रहे है, की सूची  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट- '' अनुसार है। सामान्‍य प्रशासन विभाग के अधीनस्‍थ विभागाध्‍यक्षों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट- '' अनुसार है। (ख) एवं (ग) सामान्‍य प्रशासन विभाग में तिलहन संघ के संविलियन उपरांत प्रतिनियुक्ति अवधि पर पदस्‍थ रहे तिलहन संघ के कर्मियों को पांचवे वेतनमान का लाभ पात्रता अनुसार दिया गया है। (घ) जी हाँ। वित्‍त विभाग की टीप  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट -'' अनुसार है

एनपीएस/ईपीएफओ अंतर्गत सेवानिवृत्ति का वेतन निर्धारण

[सामान्य प्रशासन]

119. ( क्र. 973 ) श्री केशव देसाई : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या राज्‍य सरकार यह स्‍पष्‍ट करेंगी कि एनपीएस अन्‍तर्गत आने वाले शासकीय कर्मचारियों का सेवानिवृत्ति उपरांत संविदा नियुक्ति पर वेतन निर्धारण किस आदेश अथवा नियम के अंतर्गत किया जाता है? छायाप्रति देंगे। (ख) प्रश्‍नांश (क) अंतर्गत किन-किन सेवायुक्‍तों का मामला विभाग के प्रकाश में आया विभाग ने संबंधितों को क्‍या अभिमत मार्ग निर्देश दिये छायाप्रति देवें।          (ग) ईपीएफओ अन्‍तर्गत निगम, मण्‍डल, शीर्ष सहकारी संस्‍थाओं से सेवानिवृत्‍त सेवायुक्‍तों के शासन में संविदा नियुक्ति पर वेतन निर्धारण का क्‍या नियम/परिपत्र जारी किये गये है? छायाप्रति दें।        (घ) प्रश्‍नांश (ग) अन्‍तर्गत कितने सेवायुक्‍तों की संविदा नियुक्ति हुई है? वेतन निर्धारण हेतु क्‍या कोई आदेश जारी किये गये हैं? छायाप्रति दें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एनपीएस अन्‍तर्गत आने वाले शासकीय कर्मचारियों का सेवानिवृत्ति उपरांत संविदा नियुक्ति पर वेतन निर्धारण के लिए विभाग द्वारा कोई आदेश अथवा नियम जारी नहीं किया गया है। (ख) एनपीएस अन्‍तर्गत शासकीय कर्मचारियों का सेवानिवृत्ति उपरांत संविदा नियुक्ति पर वेतन निर्धारण के संबंध में परामर्श का एक प्रकरण प्राप्‍त हुआ था, जो सामान्‍य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक सी.3/3/02/3/एक, दिनांक 2 जून, 2006 में उल्‍लेखित प्रावधान अनुसार न होने से वापस किया गया है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है।           (ग) मध्‍यप्रदेश सिविल पदों पर संविदा नियुक्ति नियम, 2017 में शासकीय सेवकों को सेवानिवृत्ति उपरांत संविदा नियुक्ति दिये जाने का प्रावधान है। निगम, मण्‍डल व शीर्ष सहकारी संस्‍थाओं से सेवानिवृत्‍त सेवायुक्‍त के शासन स्‍तर पर संविदा नियुक्ति देने संबंधी इस विभाग के कोई दिशा-निर्देश नहीं है। (घ) उत्‍तरांश (ग) के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "पैंतालीस"

विभागीय योजनाओं की जानकारी

[महिला एवं बाल विकास]

120. ( क्र. 980 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सीधी एवं सिंगरौली जिले के अंतर्गत महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जाती हैं? समस्‍त योजनाओं की पूर्ण जानकारी उपलब्‍ध करायें। विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के प्रचार-प्रसार हेतु क्‍या कदम उठाये गये हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में कितने आंगनवाड़ी भवनविहीन हैं? भवन विहीन आंगनवाड़ियों में भवन कब तक बना दिये जायेंगे? समय-सीमा बतायें। गर्भवती एवं धात्री माताओं के लिये टेक होम राशन का आवंटन होता है? यदि हाँ, तो कितने गर्भवती एवं धात्री माताओं को टेक होम राशन दिया जाता है? यदि हाँ, तो कितने हितग्राहियों को कितनी-कितनी मात्रा में दिया गया है? (ग) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में मुख्‍यमंत्री बाल आशीर्वाद एवं स्‍पॉन्सरशिप योजना अंतर्गत कितने बच्‍चों को प्रश्‍न दिनांक तक लाभ मिला? जनपद पंचायातवार जानकारी उपलब्‍ध करायें। मुख्‍यमंत्री बाल आशीर्वाद एवं स्‍पॉन्‍सरशिप योजना के अंतर्गत नियमित राशि का भुगतान नहीं किया जाता है? प्रभावित बच्‍चों को प्रत्‍येक माह नियमित राशि का भुगतान सुनिश्चित किया? (घ) सीधी एवं सिंगरौली जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा किशोर न्‍याय बोर्ड, किशोर बाल कल्‍याण समिति, वन स्‍टाप सेंटर, विशेष किशोर न्‍याय इकाई, बाल सुधार गृह एवं अरूणोदय बाल गृह संचालित है क्‍या? अरूणोदय बाल गृह में कितने कर्मचारी कार्यरत हैं? कितनी राशि शासन के द्वारा प्रतिवर्ष दिया जाता है? कितने बच्‍चों को प्रश्‍न दिनांक तक लाभान्वित किया गया है? सूची उपलब्‍ध करायें।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) सीधी एवं सिंगरौली जिले के अंतर्गत महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट – 01 अनुसार है। विभाग द्वारा संचालित योजनाओं का सोशल मीडिया प्रचार-प्रसार, यथा- फेसबुक, एक्स, इंस्टाग्राम, यूट्यूब के साथ ही प्रिंट मीडिया (समाचार पत्र), रेडियो, दूरदर्शन, नुक्कड़ नाटक, प्रदर्शनी, सम्मेलन, कार्यशालाओं, पोस्टर, पम्पलेट, बैनर, ब्रोशर, फोल्डर आदि से समय-समय पर किया गया है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में सीधी जिले में 419 तथा सिंगरौली जिले में 168 आंगनवाड़ी भवनविहीन हैं। आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिए भवन निर्माण शासकीय भूमि एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है। अतः समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। जी हाँ, आंगनवाड़ी केंद्र पर दर्ज समस्त आधार सत्यापित गर्भवती एवं धात्री माताओं को टेक होम राशन दिए जाने का प्रावधान है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट- 2 अनुसार है। (ग) सीधी एवं सिंगरौली जिले में मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना अंतर्गत 42 एवं स्पॉन्सरशिप योजना अंतर्गत 211 बच्चों को तथा सीधी जिले में मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना अंतर्गत 90 एवं स्पॉन्सरशिप योजना अंतर्गत 489 बच्चों को बजट की उपलब्धता के आधार पर मार्च 2025 तक लाभ मिला। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट- 3  अनुसार है। मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना एवं स्पॉन्सरशिप योजना में क्रमशः राज्य शासन एवं भारत सरकार से बजट प्राप्त होने पर हितग्राहियों को नियमित राशि का भुगतान किया जाता है। जी हाँ। (घ) सिंगरौली एवं सीधी जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा किशोर न्याय बोर्ड, बाल कल्याण समिति एवं वन स्टाप सेंटर संचालित है, विशेष किशोर पुलिस इकाई गृह विभाग द्वारा संचालित है। सिंगरौली एवं सीधी जिले में बाल सुधार गृह नहीं है। सीधी जिले में अरूणोदय बाल गृह संचालित है। अरूणोदय बाल गृह में 15 कर्मचारी कार्यरत हैं। अरूणोदय सेवा संस्थान बाल गृह (बालक) को शासन द्वारा प्रति वर्ष भारत सरकार के मिशन वात्सल्य में उल्लेखित नॉर्म्स तथा उपलब्ध कराये गए बजट के अनुसार राशि दी जाती है। प्रश्‍न दिनांक तक 42 बच्चों को अरूणोदय सेवा संस्थान बाल गृह में आश्रय प्रदान किया गया है। किशोर न्याय अधिनियम, 2015 (संशोधित 2021) की धारा-74 के तहत बच्चों की सूची उपलब्ध नहीं कराई जा सकती।

जिला खनिज प्रतिष्‍ठान मद के कार्यों की जानकारी

[खनिज साधन]

121. ( क्र. 988 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला खनिज प्रतिष्‍ठान मद अंतर्गत वर्ष 2022-23 में से मैहर विधानसभा क्षेत्र से संबंधित स्‍वीकृत व अनुमोदित कार्यों में कौन-कौन से कार्य कितने प्रतिशत कर लिये गये है? अपूर्ण व अप्रारंभ कार्यों की जानकारी कारण सहित दें। (ख) प्रश्‍नांश (क) उल्‍लेखित अवधि के कौन-कौन से स्‍वीकृत व अनुमोदित कार्यों की राशि जारी नहीं की गई और क्‍यों? इस हेतु कौन उत्‍तरदायी है? शेष कार्यों की राशि कब तक जारी की जावेगी? (ग) डीएमएफ अंतर्गत वर्ष 2023-24 में मैहर विधानसभा क्षेत्र से संबंधित स्‍वीकृत व अनुमोदित कार्यों की राशि संबंधित निर्माण एजेंसियों को अब तक जारी न करने के क्‍या कारण है? क्‍या उक्‍त कार्यों को निरस्‍त कर दिया गया है? यदि नहीं, तो कब तक राशि जारी की जायेगी? (घ) खनिज मद में पर्याप्‍त राशि उपलब्‍ध होने के बावजूद पूर्व में स्‍वीकृत कार्यों हेतु राशि जारी न करने हेतु कौन उत्‍तरदायी है? विभाग/शासन इनके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही कब तक करेगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

 

 

 

जिला खनिज प्रतिष्‍ठान मद की जानकारी

[खनिज साधन]

122. ( क्र. 994 ) श्री प्रीतम लोधी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) शिवपुरी जिले में जिला खनिज प्रतिष्‍ठान मद की बैठकें विगत पांच वर्षों में कब-कब हुई और इनमें कितनी-कितनी राशि के क्‍या-क्‍या कार्य स्‍वीकृत किये गये? वर्षवार स्‍वीकृत कार्यों की जानकारी, राशि व वर्तमान भौतिक स्थिति की जानकारी दें। अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण करा लिए जायेंगे? (ख) विगत पांच वर्षों में उक्‍त मद की वर्षवार उपलब्‍ध राशि से किस-किस की अनुशंसा/प्रस्‍ताव पर क्‍या-क्‍या कार्य स्‍वीकृत किये गये विवरण दें। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) से संबंधित क्‍या-क्‍या कार्य पिछोर विधानसभा क्षेत्र हेतु स्‍वीकृत किये गये जानकारी दें व बतावें कि उनके निर्माण व पूर्णता/अपूर्णता की क्‍या स्थिति है

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘’’’ अनुसार है। पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-‘’’’ में दर्शाये अनुसार कार्य या तो पूर्ण हो चुके है या कार्य निरंतर है। जो भी कार्य वर्तमान में संचालित है, वे सभी कार्य वित्तीय वर्ष 2025-26 में मार्च 2026 तक पूर्ण किये जा सकेंगे। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘’’’ अनुसार है। (ग) विधान सभा क्षेत्र में नन्नाजी के नाम पर मिनी पार्क एवं नामकरण का कार्य, जिसकी लागत रूपये 50 लाख है, स्वीकृत हुआ है। जिसका वर्तमान में निर्माण कार्य प्रगति पर है।

आंगनवाडि़यों का विकास

[महिला एवं बाल विकास]

123. ( क्र. 999 ) डॉ. अभिलाष पाण्डेय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश सरकार की आंगनवाडि़यों के विकास हेतु क्‍या योजनाएं हैं? (ख) जबलपुर उत्‍तर विधानसभा क्षेत्र में कितनी आंगनवाडि़यां भवनविहीन है? उनके भवन निर्माण हेतु क्‍या कार्ययोजना है और यह कार्य कब तक पूर्ण होगा? (ग) क्‍या वर्तमान आंगनवाड़ी संचालन व्‍यवस्‍था को अपग्रेड कर डे-केयर और प्‍ले-स्‍कूल जैसी आधुनिक आंगनवाडि़यां संचालित करने की कोई नवीन योजना पर विचार किया जाएगा? (घ) जबलपुर उत्‍तर विधानसभा क्षेत्र की आंगनवाडि़यों में बच्‍चों को खेलने हेतु खेल-खिलौने, झूले, किताबें आदि गत 1 वर्ष में कब-कब उपलब्‍ध कराए गए? सूची देंवे।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) भारत सरकार द्वारा जारी 'सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0' योजना। (ख) जबलपुर उत्‍तर विधानसभा में 138 आंगनवाड़ी केन्‍द्र भवनविहीन है। नवीन आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्‍वीकृति 5360 राज्‍य आयोजना मद अन्‍तर्गत वर्तमान में दी जा रही है। आंगनवाड़ी केन्‍द्रों के लिए नवीन आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण एक सतत् प्रक्रिया है, जो की भूमि उपलब्‍धता एवं वित्‍तीय संसाधनों की उपलब्‍धता पर निर्भर करता है, जिसकी समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (ग) 3 से 6 वर्ष आयुवर्ग के बच्चों को शालापूर्व शिक्षा सेवा प्रदान की जाती है। आंगनवाड़ी सह क्रेच योजना संचालित नहीं है। भारत सरकार के दिशा-निर्देशानुसार चिन्हित आंगनवाड़ी केंद्रों को आधुनिक सक्षम आंगनवाड़ी केंद्र के रूप में उन्नत किया जा रहा है। (घ) जबलपुर उत्‍तर विधानसभा क्षेत्र की आंगनवाड़ियों में गत 1 वर्ष में बच्‍चों को खेलने हेतु खेल-खिलौने एवं झूले उपलब्‍ध नहीं कराये गये हैं। गत 1 वर्ष में 83 आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में किताबें उपलब्‍ध कराई गई। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "छियालीस"

आपदा प्रबंधन

[गृह]

124. ( क्र. 1000 ) डॉ. अभिलाष पाण्डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) क्‍या संभावित युद्ध एवं प्राकृतिक तथा मानव जनित आपदाओं (जैसे- बाढ़ सूखा, भूकंप, महामारी, औद्योगिक दुर्घटनाएं आदि) से निपटने हेतु मध्‍यप्रदेश शासन में वर्तमान में क्‍या तैयार एवं कार्य-योजना तैयार की गई है? (ख) राज्‍य एवं जिला स्‍तर पर समन्वित आपदा प्रबंधन प्रणाली, नियंत्रण कक्ष एवं त्‍वरित प्रतिक्रिया दल (Rapid Response Teams) के गठन तथा उनकी वर्तमान स्थिति क्‍या है? (ग) संभावित आपदाओं के दौरान आम नागरिकों की सुरक्षा एवं त्‍वरित राहत कार्यों के लिए जन-जागरूकता एवं प्रशिक्षण कार्यक्रमों की क्‍या रूपरेखा एवं क्रियान्‍वयन की स्थिति है?     (घ) आपातकालीन परि‍‍स्थितियों में आवश्‍यक दवाइयों, खाद्य सामग्री, पेयजल एवं अन्‍य अनिवार्य वस्‍तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु की गई तैयारियां एवं लॉजिस्टिक व्‍यवस्‍था क्‍या है?        (ड.) संवेदनशील क्षेत्रों में निगरानी तंत्र, अलर्ट सिस्टम तथा पूर्व चेतावनी व्‍यवस्‍था को सुदृढ़ करने के लिए क्‍या विशेष कदम उठाए गए हैं

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) म.प्र. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा प्राकृतिक एवं मानव निर्मित आपदाओं से निपटने हेतु 51 जिलों का जिला आपदा जिला आपदा प्रबंधन योजना तैयार किया गया है। (ख) राज्य, जिला तथा तहसील स्तर पर आपदा के दौरान त्वरित तथा समन्वित प्रतिक्रिया हेतु इंसीडेंट रिस्पीस टीम तथा विभिन्न आपदाओं हेतु टास्क फोर्स का गठन किया गया है। (ग) संभावित आपदाओं के दौरान आम नागरिकों की सुरक्षा एवं त्वरित राहत कार्यों हेतु जन जागरूकता एवं प्रशिक्षण के लिए प्रदेश के समस्त 55 जिलों में" प्रशिक्षण एवं क्षमता वृध्दि योजना का क्रियान्वयन वर्ष 2024-25 एवं वर्ष 2025-26 में किया जा रहा है। इस योजना के अंर्तगत जिला प्राधिकरणों को इंसिडेंट रिपौस टीमों का प्रशिक्षण, संभावित आपदाओं से निपटने हेतु मॉकड्रील का आयोजन एवं विभिन्न आपदाओं से जन-सामान्य के बचाव हेतु आपदा प्रबंधन जन-जागरूकता कार्यक्रमों का अयोजन शामिल है। प्राधिकरण द्वारा समाचार पत्र, रेडियो एफ.एम. जिंगल तथा नगर-निगम के कचरा वाहन गाडियों के माध्यम से नागरिकों की आपदा प्रबंधन जन-जागरुकता किया जा रहा है। (घ) आपदा की स्थिति में प्रभावित नागरिकों को अस्थायी आश्रम स्थल, खाघ सामग्री, पेयजल तथा औषधियों की व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु समस्त जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों को दिनांक 23.05.2025 को निर्देशित किया गया है। (ड.) 1. निगरानी तंत्र, अलर्ट सिस्टम तथा पूर्व-चेतावनी व्यवाथा सुदृढ़ करने के लिए म.प्र. इलेक्ट्रानिक डेवलपमेंट कार्पोरेशन के साथ मिलकर Disaster warning and Response System (DNRS) स्थापित किया गया है। इसके अंर्तगत प्राकृतिक आपदाओं का पूर्वानुमान एवं चेतावनी प्रसारण की व्यवस्था, घटना की सूचना तथा कार्यवाही का समन्वयन आदि आपदा प्रबंधन हेतु अपेक्षित कार्यवाहियाँ शामिल हैं। 2. SACHET प्रणाली से आपदा संभावित क्षेत्र में नागरिकों को मोबाइल पर सूचना संदेश/चेतावनी दिया जा रहा है।

निसरपुर वासियों को पुनर्वास (बसावट) की सुविधाएं

[नर्मदा घाटी विकास]

125. ( क्र. 1028 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह हनी बघेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विधानसभा क्षेत्र में कुक्षी में नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण द्वारा निसरपुर वासियों को पुनर्वास (बसावट) के दौरान दी जाने वाली समस्त सुविधाएं उपलब्ध करवा दी गई है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार यदि हाँ, तो कौन-कौन सी सुविधाएं दी गई है, जानकारी दें यदि नहीं, तो कौन-कौन सी सुविधाओं से क्षेत्रवासी अभी वंचित है बतायें व कब तक समस्त सुविधाएं उपलब्ध होगी? (ग) क्या सदर इस्लामी अंजुमन कमेटी निसरपुर का पुनर्वसाहट आठ अवार्ड पास होकर आठ प्लाट दिए गए थे? जिनमें से 6 प्लाट का निर्माण कर लिया है किंतु दो प्लाट की अनुमति नहीं दी गई क्या कारण रहा व अनुमति उन्हें कब तक दी जाएगी जानकारी दें। साथ ही ईदगाह का अवार्ड सर्वे में शामिल नहीं किया गया? क्या कलेक्टर कार्यालय से ईदगाह के लिए अवार्ड स्वीकृति के लिए अनुविभागीय अधिकारी व भू-अर्जन अधिकारी के पास भेजा गया है यदि हाँ, तो अभी तक कार्यवाही क्यों नहीं की है? (घ) क्या मुस्लिम आबादी को ध्यान में रखते हुए कमेटी द्वारा कब्रिस्तान की जमीन के लिए तीन हेक्टर जमीन की मांग की गई थी? जिस हेतु कलेक्टर महोदय द्वारा अनुविभागीय अधिकारी को अनुशंसा पत्र लिख जमीन बढ़ाने और जमीन दिखाकर पंचनामा भी बनाया गया था? उस पर प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई? जानकारी दें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। आंतरिक मार्ग, नाली निर्माण, पुलियां निर्माण, शाला भवन, स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र, बीज गोदाम, पंचायत भवन तथा अन्‍य आवश्‍यक भवन, पेय जल एवं बाह्य विद्युत भवन आदि। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) सदर इस्‍लामी अंजुमन कमेटी के नाम से 7 एवं मुस्लिम पंच के नाम से एक अवार्ड दर्ज है। कार्यपालन यंत्री (लो.नि.वि.) नघाविप्रा, मान जोबट संभाग कुक्षी कार्यालय द्वारा 6 भू-खण्‍ड का कब्‍जा संबंधित को वर्ष 2017 में सौंप दिया गया है एवं शेष 2 भू-खण्‍ड का कब्‍जा वर्ष 2021 में दिनांक 23.03.2021 को दिया गया तथा उक्‍त 2 भू-खण्‍ड M-7 & M-8 की मौके पर नपती कर दिनांक 28.05.2024 को पुन: कब्‍जा दिया जा चुका है। कार्यपालन यंत्री (लो.नि.वि.) नघाविप्रा, मान जोबट संभाग कुक्षी कार्यालय द्वारा सरदार सरोवर परियोजना के अंतर्गत डूब प्रभावित ग्राम निसरपुर के मुस्लिम समाज ईदगाह पर स्थित स्‍ट्रक्‍चर का मूल्‍यांकन कर भू-अर्जन एवं पुनर्वास अधिकारी, सरदार सरोवर परियोजना कुक्षी को आगामी कार्यवाही हेतु प्रस्‍तुत किया गया है। (घ) न्‍यायालय कलेक्‍टर जिला धार में 3 हेक्‍टेयर भूमि आवंटन हेतु प्रकरण दर्ज हुआ है। प्रकरण में जांच उपरांत कलेक्‍टर द्वारा दिनांक 06.09.2022 को ग्राम कटनेरा में शासकीय भूमि उपलब्‍ध नहीं होने के कारण भूमि आवंटन न किये जा सकने के आदेश जारी किये जा चुके हैं।

 

 

 

स्‍थानान्‍तरण की जानकारी

[सामान्य प्रशासन]

126. ( क्र. 1029 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह हनी बघेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में पिछले वित्‍तीय वर्ष मार्च 2024 से प्रश्‍न दिनांक तक कुल कितने स्‍थानान्‍तरण किये गये विभागवार सूची उपलब्‍ध करवाएं। (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार किस कर्मचारी/अधिकारी का स्‍थानान्‍तरण किस कारण व किसकी अनुशंसा पर किये गये सूची उपलब्‍ध करवायें। स्‍थानान्‍तरण होने वाले कर्मचारी/अधिकारी के विरूद्ध कितने नोटिस व शिकायत प्राप्‍त हुई अवगत करवाएं। (ग) विधान सभा कुक्षी में किन-किन विभागों में कितने-कितने स्‍थानान्‍तरण किस-किस कर्मचारी/अधिकारियों के हुये पृथक से सूची उपलब्‍ध कराते हुये स्‍थानान्‍तरण का कारण स्‍पष्‍ट करते हुये नियमावली उपलब्‍ध कराने का कष्‍ट करें। (घ) प्रशासनिक स्‍थानान्‍तरण को छोड़कर किस विभाग में स्‍थानान्‍तरण कब-कब किया जाता है शासन द्वारा स्‍थानान्‍तरण के लिये क्‍या समय-सीमा तय की गयी है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट  के प्रपत्र-'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट  के प्रपत्र- '' अनुसार है। (घ) स्‍थानांतरण नीति के अनुसार स्‍थानांतरण किये जाते हैं।