मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
जुलाई, 2016 सत्र
शुक्रवार, दिनांक 29 जुलाई, 2016
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
( वर्ग 5 : किसान कल्याण तथा कृषि विकास, पंचायत और ग्रामीण विकास, सामाजिक न्याय एवं निःशक्त जन कल्याण, सहकारिता, राजस्व, पुनर्वास, परिवहन, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, लोक सेवा प्रबन्धन, जन शिकायत निवारण )
शासकीय भूमि पर अतिक्रमण
1. ( *क्र. 1165 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले की तहसील रघुराज नगर अंतर्गत मौजा इटौरा की आर.नं. 61, 59 रकबा 0.234 हेक्टेयर म.प्र. शासन की आराजी में अवैध रूप से कब्जा मेसर्स लोटर्स इन्फ्रा रियलिटी लिमिटेड कम्पनी इंदौर द्वारा अधिकृत प्रदीप शर्मा पिता श्री कृष्णनारायण शर्मा, निवासी पेप्टेक सिटी, सतना द्वारा किया गया है? यदि हाँ, तो विवरण देवें। (ख) क्या अवैध कब्जा करने की शिकायत हल्का पटवारी द्वारा तहसीलदार रघुराजनगर के पास की गई थी, जिस पर रा.प्र.क्र. अ.68/11-12 पंजीबद्ध किया जाकर अनावेदकों को नोटिस जारी कर विधिवत जाँच के उपरांत तहसीलदार द्वारा शासकीय आराजियात पर से अवैध कब्जा हटाने हेतु दिनांक 20.11.2012 को आदेश दिये गये थे? (ग) यदि हाँ, तो क्या वर्तमान में अवैध कब्जा हटाया गया या नहीं कब-कब कब्जा हटाने की कार्यवाही राजस्व विभाग द्वारा की गई? (घ) क्या अवैध कब्जाधारी अभी भी शासकीय आराजियातों में काबिज हैं? यदि हाँ, तो जिला प्रशासन/पुलिस प्रशासन द्वारा कब्जा खाली न करा पाने के क्या कारण हैं, समय-सीमा बताई जाए कि अतिक्रमणकर्ताओं के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मुख्यमंत्री खेत सड़क योजनांतर्गत सड़कों का निर्माण
2. ( *क्र. 1313 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यानसिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वाह विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री खेत सड़क योजना के अंतर्गत योजना स्वीकृति से वर्तमान तक कितनी सड़कों का निर्माण कर लिया गया है? इस योजना में कितनी सड़कें पूर्ण हो चुकी हैं एवं कितनी सड़कें अपूर्ण हैं एवं कब से हैं? ग्राम खनगावखेड़ी से टोल नाके एवं नवोदय विद्यालय से ग्राम घोसला तक मुख्यमंत्री सड़क योजना का कार्य कब प्रारंभ होगा एवं कब तक पूर्ण होगा? (ख) बड़वाह विधानसभा क्षेत्र में कौन-कौन सी ग्राम पंचायतों में शौचालय का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है एवं कितने शेष हैं? जिन ग्राम पंचायतों में अपूर्ण हैं अथवा अप्रारंभ हैं इसके लिये कौन दोषी है? उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जा रही है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) बड़वाह विधानसभा क्षेत्र में सुदूर ग्राम संपर्क व खेत सड़क उपयोजना के अंतर्गत कुल 142 कार्य स्वीकृत हैं, जिसमें से 08 सड़कें पूर्ण हो चुकी हैं एवं 134 सड़कें विगत 02-03 वर्ष से अपूर्ण हैं। ग्राम खनगावखेड़ी से टोल नाके तक का सड़क निर्माण कार्य मुख्यमंत्री सड़क योजना में स्वीकृत नहीं है तथा नवोदय विद्यालय (जूनापानी) से ग्राम घोसला तक सड़क निर्माण कार्य जूनापानी से घोसला मार्ग के नाम से मुख्यमंत्री सड़क योजना के प्रथम चरण में स्वीकृत होकर पूर्ण किया जा चुका है। (ख) ग्राम पंचायत ओखला, भोगवां निपानी, गवल, टोकसर, बागदा बुजुर्ग, बडगांव, अंजरूद, नादिया, पीतनगर, डाल्याखेडी, डालची, खंगवाडा, बमनगांव एवं भानबरड ग्राम पंचायतों में ओ.डी.एफ. पूर्ण कर लिया गया है एवं शेष 72 ग्राम पंचायतों में शौचालय निर्माण कार्य प्रगतिरत है। शौचालय का निर्माण कार्य, राशि एवं मिस्त्री/मजदूरों की उपलब्धता पर निर्भर है। अत: कार्य अपूर्ण अथवा अप्रारंभ रहने के लिये किसी को दोषी नहीं पाये जाने के कारण शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सेवा सहकारी समिति का संचालन
3. ( *क्र. 888 ) श्री रामपाल सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के जनपद पंचायत जयसिंहनगर अंतर्गत ग्राम टिहकी में किसानों को खाद बीज एवं कृषि कार्य हेतु ऋण प्रदान करने हेतु आदिम जाति सेवा सहकारी समिति की शाखा संचालित की गई है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त संस्था से कितने ग्रामों को संलग्न किया गया है एवं संलग्न ग्राम की अधिकतम दूरी आवागमन की सुविधा की दृष्टि से कितनी है? (ग) क्या उक्त संस्था में रेंउसा, पोंडी, सेमरपाखा, रंगीटोला, घोरीघाट, धनेडा, छतैनी, पथरहटा, हिडवाह, बसही, उफरी इत्यादि ग्रामों को संलग्न किया गया है? यदि हाँ, तो क्या उक्त संस्था से उक्त ग्रामों की अधिकतम दूरी 35 कि.मी. के उपर है? यदि हाँ, तो कृषकों की सुविधा की दृष्टि से उक्त ग्रामों की जनसंख्या को दृष्टिगत रखते हुये उक्त संस्था की उप शाखा पोंडी में संचालित किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। (ख) सेवा सहकारी समिति मर्यादित टिहकी के कार्यक्षेत्र में 32 गांव हैं तथा उनकी मुख्यालय टिहकी से अधिकतम दूरी 50 किलोमीटर है। (ग) जी हाँ। जी हाँ। संस्था के कार्यक्षेत्र के ग्राम उफरी में अन्नपूर्णा योजना अंतर्गत निर्मित भवन में खाद, बीज भंडारण का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है, जो ग्राम पोंडी से 10 कि.मी. दूर है, जिससे संस्था के सदस्यों को आसानी से खाद एवं बीज प्राप्त हो सकेगा।
बी.आर.जी.एफ. योजना से हटाये गए उपयंत्रियों की पदस्थापना
4. ( *क्र. 2767 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 10 मार्च 2016 में मुद्रित अता. प्रश्न संख्या 110 (क्रमांक 4485) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में बी.आर.जी.एफ. योजना बंद होने के कारण निकाले गये उपयंत्रियों का साक्षात्कार 28.07.2015 को बुलाकर लिया गया, जिस पर कार्यवाही हेतु प्रकरण सशक्त कमेटी की बैठक दिनांक 23.02.2016 में प्रस्तुत किया गया, प्रकरण का परीक्षण कर समिति द्वारा आदेश जारी करने का अनुमोदन भी किया गया, लेकिन आज दिनांक तक संबंधितों के आदेश जारी नहीं किये गये? (ख) संदर्भित प्रश्नांश (ख) में प्रश्नांश (क) के उत्तर में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, का उल्लेख किया गया था? कार्यवाही पूर्ण कर ली गई हो तो संबंधितों (उपयंत्रियों) के आदेश कब तक जारी किये जायेंगे? जबकि पंचायत ग्रामीण विकास में कार्यरत ए.पी.ओ. को डी.आर.डी.ए. में परियोजना अधिकारी के पद पर संविदा पर पदस्थ किया गया, जिनके साक्षात्कार भी नहीं लिये गये थे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। बी.आर.जी.एफ. योजना बंद होने से जिन उपयंत्रियों की सेवायें समाप्त हुईं हैं, उनका चयन अन्य विभागीय योजनाओं/कार्यक्रमों की आवश्यकता एवं उन कार्यक्रमों हेतु संबंधित की पात्रता, सक्षमता तथा विभागीय बजट आवंटन की उपलब्धता के आधार पर किया गया है। शेष का प्रश्न नहीं उठता है। (ख) जी हाँ। बी.आर.जी.एफ. योजना बंद होने से जिन उपयंत्रियों की सेवायें समाप्त हुईं हैं, उनका चयन अन्य विभागीय योजनाओं/कार्यक्रमों की आवश्यकता एवं उन कार्यक्रमों हेतु संबंधित की पात्रता, सक्षमता तथा विभागीय बजट आवंटन की उपलब्धता के आधार पर किया गया है। शेष का प्रश्न नहीं उठता है।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़कों का मरम्मतीकरण
5. ( *क्र. 3569 ) श्री कुंवर सिंह टेकाम : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीधी एवं सिंगरौली जिले के अंतर्गत प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के द्वारा निर्मित भदौरा से कुसमी मार्ग, निगरी से कछरा मार्ग, चमराडोल से घोघी मार्ग निवास से रेलवे स्टेशन निवास मार्ग एवं महुआ गांव से भरसेंडी मार्ग का निर्माण किया गया था? यदि हाँ, तो जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उपरोक्त मार्ग जर्जर हालत में एवं सड़क गड्ढों में तब्दील हो चुकी है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या जर्जर एवं टूटी सड़कों की मरम्मत करायी जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत सीधी जिले में भदौरा से कुसमी एवं चमराडोल से घोघी, सिंगरौली जिले में निगरी से कछरा, निवास से रेल्वे स्टेशन निवास एवं महुआगांव से भरसेंडी सड़कों का निर्माण कराया गया है। (ख) जी नहीं। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) संधारण एक सतत् प्रक्रिया है। आवश्यकता के अनुरूप सड़कों पर संधारण कार्य कराया जायेगा। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
रीवा जिले में अतिक्रमित तालाबों की संख्या
6. ( *क्र. 2788 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले के राजस्व अभिलेख के मुताबिक शासन के अभिलेख में 1996 में कुल 1545 शासकीय एवं निजी तालाब दर्ज थे? यदि हाँ, तो इनमें से 1424 तालाब सरकारी थे? यदि नहीं, तो कितने थे? इन शासकीय एवं निजी तालाबों की सूची विधानसभा क्षेत्रवार देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में 10 वर्ष बाद 2016 की स्थिति में सिर्फ 1137 तालाब शेष बचे हैं? यदि हाँ, तो पिछले 10 सालों में 408 तालाब नष्ट हो गये? यदि नहीं, तो कितने तालाब शेष हैं? शेष शासकीय एवं निजी तालाबों की सूची विधानसभा क्षेत्रवार देवें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के संदर्भ में क्या सूखे की स्थिति एवं घटते जल स्तर के कारण कुएं सूख रहे हैं और हैण्डपंप हवा दे रहे हैं, के निदान में शासन द्वारा जल संरक्षण के लिये वाटर शेड मनरेगा योजना में जल संवर्धन के कार्यों पर जोर देकर काम करवाया जा रहा है? तो क्या तालाबों से अतिक्रमण एवं गुम हुए तालाबों को खोजकर 1996 के स्वरूप में किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? समय-सीमा बतावें। यदि नहीं, तो क्यों कारण बतावें। (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के संदर्भ में क्या तालाबों के अतिक्रमण को शासन द्वारा चिन्हित किया गया है? यदि हाँ, तो इन शासकीय तालाबों की सूची विधानसभा क्षेत्रवार देवें। क्या इसके लिये दोषी को चिन्हित किया गया है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? विवरण देवें। यदि नहीं, तो क्यों? कारण स्पष्ट करें। किया जायेगा तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रधानमंत्री आवास योजना का क्रियान्वयन
7. ( *क्र. 1706 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ''प्रधानमंत्री आवास योजना'' हेतु बनाई गई मार्गदर्शिका की प्रति उपलब्ध करावें? इस योजना के अंतर्गत जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक जिला अनूपपुर के तीन विधानसभा क्षेत्रों, कोतमा, अनूपपुर एवं पुष्पराजगढ़ के लिए कितनी कितनी राशि प्राप्त हुई है? कितने आवास का निर्माण किया जा चुका है? (ख) क्या ''प्रधानमंत्री आवास योजना'' अंतर्गत भारत सरकार द्वारा उपलब्ध करवाई गई 2011 की सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण की सूची और मध्यप्रदेश में प्रचलित बी.पी.एल. सूची में अंतर है? यदि हाँ, तो हितग्राही का चयन किस आधार पर कौन करेगा तथा वर्ष 2016-17 में उक्त योजना हेतु क्या लक्ष्य निर्धारित किया गया है? अनूपपुर जिले की सूची उपलब्ध करायें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मार्गदर्शिका तैयार किये जाने का कार्य भारत सरकार स्तर पर प्रचलन में है। इस योजना के तहत् अभी आवास स्वीकृत नहीं किये गये हैं, शेष प्रश्न नहीं उठता है। (ख) सामाजिक आर्थिक एवं जाति जनगणना-2011 तथा वर्ष 2002-03 के बी.पी.एल. सर्वे के मापदण्ड भिन्न होने से तुलना नहीं की जा सकती है। हितग्राही का चयन भारत सरकार के निर्देशानुसार सामाजिक आर्थिक एवं जाति जनगणना-2011 के निर्धारित मापदण्ड अनुसार किया जावेगा। जिलों को अभी लक्ष्य निर्धारित नहीं किये गए हैं।
14 वें वित्त आयोग अंतर्गत परफॉर्मेंस ग्राण्ट की राशि का आवंटन
8. ( *क्र. 2288 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में वर्ष 2015-16 में 14 वें वित्त आयोग अंतर्गत परफॉर्मेंस ग्राण्ट की किन-किन जिलों को कितनी-कितनी राशि किस किस प्रयोजन हेतु उपलब्ध कराई गई है? जिला पंचायतवार एवं जनपद पंचायतवार बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) में उपलब्ध कराई गई राशि में से किन-किन प्रयोजनों हेतु राशि व्यय की जा चुकी है? (ग) नीमच जिले में अब तक राशि व्यय नहीं किये जाने के क्या कारण हैं? (घ) राशि कब तक निहित प्रयोजन हेतु व्यय की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) 14 वें वित्त आयोग अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2015-16 में परफॉर्मेंस ग्राण्ट अंतर्गत राशि का प्रावधान नहीं था। अतः प्रदेश के किसी भी जिले को परफॉर्मेंस ग्राण्ट की राशि उपलब्ध नहीं करायी गयी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) से (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सोलर पम्प योजना का क्रियान्वयन
9. ( *क्र. 2752 ) कुमारी निर्मला भूरिया : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ जिले में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना के तहत कितना बजट प्राप्त हुआ है? (ख) उक्त योजना में जिले में कितना लक्ष्य निर्धारित किया गया है तथा विभाग द्वारा लक्ष्य पूर्ति हेतु अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ग) मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना में कितने-कितने हार्स पावर के पम्पों पर कितना प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा? (घ) मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना में कितने कृषकों को लाभान्वित किया जायेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) विभाग में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना संचालित नहीं है। (ख) प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) जानकारी निरंक है।
राजोदा पहुँच मार्ग पर रोड एवं पुलिया का निर्माण
10. ( *क्र. 2454 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सोनकच्छ विधान सभा क्षेत्र के ग्राम राजोदा जो कि सोनकच्छ से लगभग 7 से 8 कि.मी. की दूरी पर है, वर्षाकाल में एक टापू बन जाता है, वर्षा अधिक होने से गाँव में प्रवेश नहीं किया जा सकता? यदि हाँ, तो ऐसा क्यों? (ख) क्या ग्रामीण यांत्रिकी विभाग द्वारा गाँव में प्रवेश हेतु नदी पर पुलिया स्वीकृत की गयी थी? यदि हाँ, तो कब किस आदेश के द्वारा? (ग) क्या उक्त पुलिया बन चुकी है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं। पुलिया निर्माण कार्य आज दिनांक तक शुरू नहीं होने का कारण स्पष्ट करें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। ग्राम राजोदा, इन्दौर-भोपाल हाईवे मार्ग से पी.डब्ल्यू.डी. रोड द्वारा जुड़ा हुआ है। (ख) जी नहीं। ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत उक्त पुलिया की स्वीकृति जारी नहीं हुई है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गरीबी रेखा सूची में नाम सम्मिलित किया जाना
11. ( *क्र. 189 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र नागदा-खाचरौद के लोक सेवा केन्द्रों से नवीन आवेदन पत्र गरीबी रेखा सूची (बी.पी.एल.) में नाम जोड़ने हेतु कितने आवेदन पत्र प्राप्त हुए? (ख) उनमें से कितनों का निराकरण किया गया एवं कितने आवेदन लंबित हैं? (ग) लंबित आवेदनों की सूची मय नाम, ग्राम या वार्ड क्रमांक सहित नवम्बर 2013 से आज तक की उपलब्ध करावें एवं अपात्र होने का स्पष्ट कारण सहित उपलब्ध करावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विधानसभा क्षेत्र के लोक सेवा केन्द्रों से नवीन आवेदन पत्र गरीबी रेखा सूची (बी.पी.एल.) में नाम जोड़ने हेतु कुल 5519 आवेदन पत्र प्राप्त हुए हैं। (ख) सभी आवेदनों का निराकरण कर दिया गया है कोई आवेदन लंबित नहीं है। (ग) नवम्बर 2013 से आज दिनांक तक कोई आवेदन लंबित नहीं है। बी.पी.एल में पात्रता हेतु 14 या 14 से कम अंक निर्धारित हैं, 14 से अधिक अंक प्राप्त आवेदन अप्रात्र किये गए हैं।
स्कूल एवं कॉलेजों की बसों हेतु जारी परमिट
12. ( *क्र. 3684 ) श्री जितू पटवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर एवं उज्जैन जिले में स्कूल एवं कॉलेजों की कितनी बसों के परमिट वर्तमान में जारी हैं? तहसीलवार जानकारी देवें। (ख) क्या स्कूल की बसों में महिला कंडक्टर सी.सी.टी.वी. कैमरे, फर्स्ट एड बॉक्स, फिटनेस सर्टिफिकेट एवं परमिट व अन्य सुरक्षा के उपायों का पालन करना अनिवार्य है? (ग) प्रश्नांश (ख) के अंतर्गत विगत एक वर्ष में ऐसी कितनी बसें हैं, जिनमें सुविधाओं की कमी के चलते जुर्माना एवं अन्य दण्ड दिया गया है? संख्यावार जानकारी किस कमी के कारण जुर्माना लगाया गया, की जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत ओव्हर लोडिंग को लेकर आर.टी.ओ. द्वारा की गई कार्यवाही का भी ब्यौरा तहसीलवार उपलब्ध करायें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) इन्दौर एवं उज्जैन जिले में स्कूल एवं कॉलेजों में शैक्षणिक संस्थाओं के वर्तमान में कुल 3664 परमिट जारी किये गये हैं। तहसीलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार हैं। (ख) सुरक्षा साधनों का उपयोग करना अनिवार्य है। (ग) 01. इन्दौर जिले में कुल 70 बसों के विरूद्ध कार्यवाही की गई। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' एवं ब-1 अनुसार है। 02. उज्जैन जिले में कुल 65 बसों के विरूद्ध कार्यवाही की गई। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) 01. इन्दौर जिले में शैक्षणिक संस्था की बसों में ओवर लोडिंग का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आने से कार्यवाही नहीं की है। 02. उज्जैन में 22 स्कूल बसों में ओवलोडिंग के संबंध में परिवहन विभाग द्वारा कार्यवाही की जाकर राशि रूपये 85,400/- की वसूली की गयी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
प्रधानमंत्री सड़क योजना से सड़कों का निर्माण
13. ( *क्र. 2686 ) श्री नथनशाह कवरेती : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिंदवाड़ा जिले के अंतर्गत जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र में पिछले 5 वर्षों में प्रधानमंत्री सड़क योजना से इकाई क्र. 03 में कितनी सड़कों का निर्माण कराया गया है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के अंतर्गत सड़कों के लिये स्वीकृत राशि व गुणवत्ता के आधार पर निर्माण कार्य कराया गया है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) का कार्य ठेकेदार द्वारा कराया गया है? ठेकेदार द्वारा जुन्नारदेव के ग्राम गुर्रेखुरईमक, साजकुही से खमरा, चाखला से खैरवानी, इकलामासानी गालेआम, पातालकोट सड़क की जर्जर हालत होने एवं गुणवत्ता से कार्य न कराये जाने के लिये कौन दोषी है? (घ) क्या इसकी जाँच किसी बड़ी एजेंसी से कराकर घटिया कार्य के लिये दोषी पाये जाने वाले अधिकारी/ठेकेदार /कर्मचारी के खिलाफ कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) छिंदवाड़ा जिले के अंतर्गत जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र में विगत 5 वर्षों में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत परियोजना क्रियान्वयन इकाई क्रमांक 3 द्वारा 58 सड़कों का निर्माण कार्य पूर्ण कराया गया है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। ठेकेदार द्वारा चिकट बर्री से गुर्रेखुरईमक, साजकुही से खमरा, चिकटबर्री से भालेआम एवं डोगरा बी.सी.के.एच.सी. करेआम (पातलकोट) सड़क का निर्माण कार्य कराया गया है जिसकी गुणवत्ता का परीक्षण स्टेट क्वालिटी मॉनीटर द्वारा किया गया है जिसमें किसी भी सड़क की गुणवत्ता असंतोषजनक नहीं पाई गई है। वर्तमान में उक्त सड़कें गारंटी अवधि के अंतर्गत संधारण में हैं। चिकटबर्री से इकलामासानी सड़क को छोड़कर अन्य सड़कों का ठेकेदारों द्वारा संधारण कार्य कराया जा रहा है। चिकटबर्री से इकलामासानी सड़क ठेकेदार द्वारा संधारण नहीं करने के कारण ठेकेदार के विरूद्ध अनुबंधानुसार कार्यवाही कर ठेका निरस्त कर बैक गारंटी का नगदीकरण कराया जाकर नवीन निविदा जारी की गई है। चाखला से खैरवानी सड़क इस योजनांतर्गत नहीं बनाई गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत त्रिस्तरीय गुणवत्ता नियंत्रण प्रणाली के अंतर्गत सड़कों की गुणवत्ता का सतत् परीक्षण किया जाता है, अतः अन्य किसी जाँच की आवश्यकता नहीं है। उत्तरांश (ग) अनुसार संधारण कार्य नहीं कराने के लिये उत्तरदायी ठेकेदार के विरूद्ध कार्यवाही की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सहकारी अधिनियम के विरूद्ध कार्यरत सदस्यों के विरूद्ध कार्यवाही
14. ( *क्र. 3648 ) श्री आरिफ अकील : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पीपनन सहकारी समिति मर्या. विदिशा में श्री विस्सू प्रतिनिधि प्रा. मत्स्य सहकारी समिति मर्या. काठपुर, श्रीमती कुंती बाई प्रतिनिधि सुनीता नेहला बहुउद्देशीय सहकारी सोसायटी मर्या. विदिशा, श्री रामपाल सिंह प्रतिनिधि दुग्ध सहकारी संस्था मर्या. दीताखेड़ी संस्था सदस्य नहीं हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या दिनांक 31 मार्च 2015 तक उपरोक्त समिति पीपनन सहकारी समिति मर्या. विदिशा के सदस्य नहीं होने के बावजूद प्रश्नांश (क) में उल्लेखित लोगों को किस नियम के तहत तथा कब संचालक बनाया गया? (ग) क्या शासन सहकारी अधिनियम का उल्लंघन कर पीपनन सहकारी समिति मर्या. विदिशा की संचालक मण्डल की बैठक में भाग लेने वाले श्री विस्सू, श्रीमती कुंती बाई और श्री रामपाल सिंह को हटाकर और इनके द्वारा जो कार्यवाहियां की गई हैं, उन्हें निरस्त करते हुए वैधानिक कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बतावें।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं, संस्था के निर्वाचन हेतु जारी अंतिम सदस्यता सूंची दिनांक 09.09.2014 के अनुसार प्रश्नांश में अंकित संस्थाएं विपणन सहकारी समिति मर्यादित विदिशा की सदस्य हैं। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार, मध्यप्रदेश सहकारी सोसाइटी नियम 1962 के अध्याय 5-ए/क, सहकारी सोसाइटियों में निर्वाचन संचालन की प्रक्रिया के अंतर्गत निर्वाचित हुये हैं। (ग) कोई कार्यवाही अपेक्षित नहीं है, निर्वाचन संबंधी विवाद के लिये मध्यप्रदेश सहकारी सोसाइटी अधिनियम 1960 की धारा 64 (2) (पाँच) के अंतर्गत प्रावधान है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अपेक्स बैंक में सलाहकार की नियुक्ति की जाँच
15. ( *क्र. 2562 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में अपेक्स बैंक में कितने सलाहकार कब से नियुक्त हैं? इनकी क्या विशिष्ट योग्यताएं हैं? क्या सलाहकार नियुक्त करने की स्वीकृति रजिस्ट्रार/शासन से प्राप्त की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) सलाहकारों को कितना वेतन-भत्ता एवं अन्य सुविधाएं दी जाती हैं? वेतन-भत्ते एवं अन्य सुविधाएं प्राप्त करने का शासन स्तर पर क्या नियम एवं मापदण्ड बनाए गये हैं, की जानकारी नियम एवं आदेश की प्रति के साथ दें तथा उक्त सलाहकार द्वारा अपेक्स बैंक में क्या-क्या महत्वपूर्ण कार्य अपनी पदस्थापना अवधि में किए हैं? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार अपेक्स बैंक में 01 सेवा निवृत्त जिस अधिकारी को सलाहकार नियुक्त किया गया है, वह पूर्व की सेवा अवधि में कई बार निलंबित हुआ तथा कई अनुशासनात्मक कार्यवाही की गई। ऐसे भ्रष्ट, अयोग्य व्यक्ति को सलाहकार पद पर रखने का औचित्य क्या है? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) यदि हाँ, तो उक्त अयोग्य अधिकारी को सलाहकार के पद से कब तक हटाते हुए नियोक्ता के विरूद्ध कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। सलाहकार नियुक्त करने की स्वीकृति रजिस्ट्रार/शासन से नहीं ली गयी। संचालक मंडल निर्णय लेने हेतु सक्षम है। (ख) वेतन भत्ते एवं अन्य सुविधा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। शासकीय विभागों में परामर्शी नियुक्त करने के संबंध में वित्त विभाग से जारी परिपत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। सलाहकारों द्वारा किये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) अपेक्स बैंक के सेवानिवृत्त संवर्ग अधिकारी जिन्हें सलाहकार नियुक्त किया गया है, को एक बार निलंबित किया गया था तथा विभागीय जाँच के उपरांत उन्हें दंड दिया गया था। उक्त आदेश को न्यायालय उप पंजीयक, सहकारी संस्था म.प्र. जिला भोपाल द्वारा शून्य घोषित कर निरस्त किया गया था। भ्रष्टाचार से संबंधित कोई आरोप नहीं थे। भ्रष्टाचार के आरोप नहीं होने तथा बैंक में उनके कार्य की आवश्यकता होने से बैंक प्रबंधन द्वारा उन्हें सलाहकार नियुक्त किया गया है। (घ) उत्तरांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में बैंक प्रबंधन द्वारा हटाने की आवश्यकता नहीं होने के कारण प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विक्रेताओं के लायसेंस निरस्ती की कार्यवाही
16. ( *क्र. 381 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन विभागीय कार्यालय द्वारा विगत 3 वर्षों में कितने बीज, खाद, दवाई विक्रेताओं के विरूद्ध लायसेंस निरस्त करने की कार्यवाही की गई? उन विक्रेताओं की दुकान का नाम, पता व प्रोपराईटर का नाम कार्यवाही दिनांक सहित सूची देवें? (ख) उक्त कार्यवाही किन-किन अधिकारियों द्वारा की गई तथा बाद में इन दुकानों पर कब कब पुन: निरीक्षण किया गया? (ग) उक्त लायसेंस निरस्ती वाले स्थान पर अन्य व्यक्ति द्वारा पुन: नया लायसेंस जारी किया गया है तो नाम सहित सूची दें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1, 2 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 4 अनुसार है।
कैलारस तहसील में नामांतरण प्रकरण में अनियमितता
17. ( *क्र. 3357 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुरैना जिले की कैलारस तहसील में नामांतरण प्रकरण क्र. 45/अ.6/2014-15 दिनांक 23.10.2015 में विक्रय पत्र के साक्षी रामभरोषी एवं क्रेता हरीराम गौड़ पुत्र काशीराम के बयान पर सरमनलाल गौड़ (जीवित) को मृत बताकर नामांतरण किया गया था? यदि हाँ, तो प्रकरण की भूमि सर्वे, रकबा, दिनांक सहित पूर्ण जानकारी दें? (ख) क्या प्रकरण में साक्षी रामभरोषी जाति गौड़, निवासी ग्राम सुर्जमा तहसील कैलारस द्वारा अपने शपथ पत्र में साक्षी होने को असत्य, भ्रामक, कूटरचित दस्तावेज तैयार करना बताया है? पटवारी की क्या टीप थी, इसके लिये कौन अधिकारी, कर्मचारी व्यक्ति दोषी है? शासन उनके खिलाफ क्या कार्यवाही करेगा? क्या उक्त प्रकरण में वरिष्ठ अधिकारियों से शिकायत की गई थी? प्रशासन द्वारा शिकायत पर क्या कार्यवाही की गई। शिकायतकर्ता का नाम, पता, दिनांक सहित की गई कार्यवाही की जानकारी दी जावे।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। ग्राम कैलारस की भमि सर्वे क्रमांक 977, प्लाट नम्बर 76 रकबा 800 में से 287.5 वर्ग फुट का विक्रय पत्र क्रमाक 1093 दिनांक 09/06/1971 का है। (ख) विक्रय पत्र साक्षी रामभरोषी द्वारा अपने शपथपूर्वक कथनो में अंकित कराया है कि मैं सरवनलाल व हरीराम को जानता हूँ। सरवनलाल द्वारा अपने स्वत्व की कैलारस स्थित भूमि सर्वे क्रमांक 977 प्लाट नम्बर 76 रकवा 800 वर्गफुट में से हरीराम को विक्रय की थी विक्रेता सरवनलाल की मृत्यु हो चुकी है। उक्त प्लाट निर्मित मकान में हरीराम ही अपने परिवार के साथ निवास कर रहा है। विक्रय पत्र पर गवाही में मेरे हस्ताक्षर हैं। प्रकरण में पटवारी द्वारा पटवारी अभिलेख कृषि भिन्न आशय की खतौनी प्रतिलिपि प्रस्तुत की है। जिसमें सर्वे क्रमांक 977 प्लाट नम्बर 76 रकवा 800 वर्गफुट पर सरवनलाल पुत्र रामचरण जाति बढ़ई निवासी ग्राम अंकित है। म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 109 में उल्लेख है कि जब विक्रय विलेख रजिस्टीकृत हो तब राजस्व न्यायालय उसकी विधिमान्यता की जाँच नहीं कर सकता, व्यथित व्यक्ति सिविल न्यायालय में जा सकता है। प्रकरण में नामांतरण मुताबिक रजिस्टर्ड विक्रय पत्र किया गया है ना कि फौती के आधार पर इसलिये किसी अधिकारी/कर्मचारी का कोई दोष नहीं पाया गया।
कम्प्यूटर एवं अन्य सहायक उपकरणों की नियम विरूद्ध खरीदी
18. ( *क्र. 3674 ) श्री हर्ष यादव : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आयुक्त एवं पंजीयक, सहकारिता भोपाल द्वारा प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों में कम्प्यूटर एवं अन्य सहायक उपकरणों की खरीदी प्रतिबंधित की गई है? यदि हाँ, तो कब? पत्र क्रमांक एवं दिनांक बतावें? (ख) उक्त प्रतिबंध के बाद सागर, सतना, रायसेन, छतरपुर व रीवा जिलों में कहाँ-कहाँ कम्प्यूटर एवं अन्य उपकरण क्रय किये गये? क्यों? (ग) कम्प्यूटर एवं अन्य उपकरणों की खरीदी में क्या भण्डार क्रय नियमों का पालन किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? क्या प्रश्नांश (ख) वर्णित खरीदी में हुई अनियमितता व भ्रष्टाचार की जाँच आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरों को सौंपी जाकर दोषियों को दण्डित कराया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। प्रश्नांश में वर्णित सतना एवं रायसेन जिलों में कृषि साख सहकारी संस्थाओं द्वारा कम्प्यूटर एवं अन्य हार्डवेयर क्रय किये गये। (ग) प्रकरण में जाँच आदेशित की गई है, शेष जाँच निष्कर्षाधीन है।
जिला सिंगरौली अंतर्गत बड़े राजस्व ग्रामों का विभाजन
19. ( *क्र. 2434 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या जिला सिंगरौली अंतर्गत बड़े राजस्व ग्रामों को पृथक राजस्व गाँव बनाये जाने हेतु विगत तीन वर्षों से नक्शा आदि का निर्माण किया जाकर पृथक-पृथक गाँव का दर्जा दिये जाने हेतु आवश्यक कार्यवाहियाँ पूर्ण की जा चुकी हैं? यदि हाँ, तो क्या इन्हें पृथक गाँव का दर्जा अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है, तो इन्हें कब तक पृथक गाँव घोषित कर दिया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : जी नहीं। जिला सिंगरौली में 16 राजस्व ग्रामों से 16 मजरा टोला कुल 32 राजस्व ग्रामों में से 28 ग्रामों का नक्शा तथा अभिलेख निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। शेष 04 ग्रामों तियरा, पलहवा,गोभा एवं मुनगहवा का नक्शा निर्माण कार्य प्रगति पर है। कार्य पूर्ण होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। समय-सीमा तय करना संभव नहीं है।
शासकीय भूमि का रकबा
20. ( *क्र. 3645 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर जिले के ग्राम क्रमश: पानखेड़ी, कालापीपल, भरदी, रोसी, चाकरोद तथा भान्याखेड़ी में सन् 1925 के जिल्द बन्दोबस्त रिकार्ड में जो शासकीय भूमि का रकबा था, उसमें से सन् 1950 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी शासकीय भूमि किस-किस को किस-किस दिनांक को आवंटित कर बंटन की गई? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित बंटित शासकीय भूमि किस-किस के आदेश से किस-किस कार्य हेतु आवंटित की गई? ग्रामवार जानकारी देवें।
राजस्व
मंत्री ( श्री
उमाशंकर
गुप्ता ) : (क)
शाजापुर जिले
की तहसील
कालापीपल में
शासकीय भूमि
का रकबा निम्नानुसार
है :-
क्र. |
ग्राम का नाम |
शासकीय भूमि का रकबा (हेक्टेयर में) सन् 1925 की स्थिति में |
1950 से आज दिनांक तक बंटित की गई भूमि का रकबा (हेक्टेयर में) |
2 अक्टूबर 1959 के पश्चात बंटित की गई भूमि का रकबा |
किस-किस दिनांक की भूमि बंटित की गई |
रिमार्क |
(1) |
(2) |
(3) |
(4) |
(5) |
(6) |
(7) |
1 |
पनखेड़ी |
490.095 |
399.602 |
28.809 |
प्र.क्र.अ. 19-05, 1998-99 |
1950 से 1959 के मध्य बंटन भूमि के कोई रिकार्ड उपलब्ध नहीं हैं। |
2 |
कालापीपल |
7.13.369 |
583.615 |
45.250 |
न.प.क्र. 06, 1986-87 |
|
3 |
भरदी |
444.496 |
353.846 |
5.851 |
प्र.क्र.अ. 19-11.39 1980-81 |
|
4 |
रोसी |
303.496 |
119.001 |
49.084 |
प्र.क्र.अ. 19-27, 1980-81 |
|
5 |
चाकरोद |
472.798 |
277.853 |
91.853 |
वर्ष 2001-2002 |
|
6 |
भान्याखेड़ी |
635.182 |
541.801 |
23.033 |
प्र.क्र.अ. 19-12.20 1989-90 |
(ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट
अनुसार है।
प्रधानमंत्री ग्राम संपर्क सड़क योजनांतर्गत निर्मित मार्ग
21. ( *क्र. 2520 ) श्री मथुरालाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम विकास खण्ड में विगत पाँच वर्षों में प्रधानमंत्री ग्राम संपर्क सड़क योजनांतर्गत निर्मित की गई सड़कों की कार्यवार जानकारी से अवगत करावें? (ख) वि.ख. रतलाम में उक्त योजनांतर्गत विभाग द्वारा विगत तीन वर्षों में किन-किन सड़कों की मरम्मत कब-कब कितनी राशि से किस-किस एजेंसी से करवाई गई है? (ग) क्या वि.ख. रतलाम अंतर्गत उपरोक्त योजनांतर्गत निर्मित की गई सड़कों का रख-रखाव संबंधित एजेंसी के द्वारा कार्य पूर्णता दिनांक के बाद आगामी पाँच वर्षों के अंतराल में किया जाना प्रावधानित है? क्या उक्त निर्माण एजेंसी को निर्मित की गई सड़कों के रख-रखाव/मरम्मत के बदले किये गये मेंटेनेन्स कार्यों का भुगतान संबंधित विभाग द्वारा भौतिक सत्यापन उपरांत किया गया है? किन मापदण्डों के तहत किस उत्तरदायी अधिकारी के द्वारा कार्य का भौतिक सत्यापन कराया जाकर संबंधित एजेंसी को भुगतान किया गया है? मार्गों के निर्माण/मरम्मत उपरांत गुणवत्ता परीक्षण के दौरान विधानसभा स्तर के जनप्रतिनिधि को तदानुसार सूचित किये जाने का कोई प्रावधान विभाग द्वारा नहीं किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) उक्त योजनांतर्गत विधानसभा क्षेत्र के संबंधित सदस्य को किसी भी प्रकार की प्रस्तावित सड़क के निर्माण कार्य/गारंटी में मरम्मत योग्य प्रस्तावित कार्य तथा विभाग द्वारा मरम्मत उपरांत उक्त मार्गों के भुगतान की जानकारी इत्यादि संबंधित पी.आई.यू. से मांगी जाने पर भी कभी उपलब्ध नहीं कराई जाती है? क्यों? क्या उत्तरदायी अधिकारियों के विरूद्ध वांछित जानकारी प्रदान नहीं किये जाने पर कोई कार्यवाही विभाग द्वारा सुनिश्चित की गई है? यदि हाँ, तो किस प्रकार की कार्यवाही प्रस्तावित है? शासन उन पर क्या कार्यवाही करेगा? नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) रतलाम विकासखण्ड में विगत पाँच वर्षों में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत निर्मित सड़कों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) रतलाम विकासखण्ड में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत विगत तीन वर्षों में गारंटी अवधि के अंतर्गत संधारित सड़कों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार एवं गारंटी अवधि के पश्चात् संधारित सड़कों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) जी हाँ, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत निर्मित सड़कों का रखरखाव पैकेज पूर्णता दिनांक से आगामी पाँच वर्षों तक गारंटी अवधि में निर्माण एजेंसी द्वारा कराया जाता है। जी हाँ। अनुबंधानुसार निर्धारित मापदंडो के अंतर्गत मार्किंग/स्कोरिंग के अनुसार प्राप्त अंको के आधार पर समानुपातिक राशि का भुगतान ठेकेदार को किया जाता है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। इस तरह का कोई प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। प्रश्नाधीन विधान सभा क्षेत्र से संबंधित माननीय सदस्य विधानसभा द्वारा जब-जब मौखिक रूप से जानकारी मांगी गई तब-तब उन्हें उपलब्ध कराई गई है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जैविक खेती प्रोत्साहन योजनांतर्गत संपादित कार्य
22. ( *क्र. 2705 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में जैविक खेती के प्रमाणिक क्षेत्रफल का उज्जैन संभाग का जिलेवार ब्यौरा क्या है तथा प्रदेश में मध्यप्रदेश का प्रतिशत क्या है? (ख) जैविक खेती विकास परिषद का मार्च 2014 से अब तक की उपलब्धियों, क्रियाकलापों का ब्यौरा क्या है? विशेषकर रतलाम जिले का तहसीलवार ब्यौरा दें। (ग) जैविक खेती प्रोत्साहन योजनांतर्गत प्रदेश के कितने जिलों एवं विकासखण्डों में कार्य किया गया? विकासखण्डवार उपलब्धियों का ब्यौरा क्या है।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। देश में मध्यप्रदेश का प्रमाणिक क्षेत्रफल 32 प्रतिशत है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (ग) जैविक खेती प्रोत्साहन योजनान्तर्गत प्रदेश के 16 जिलों के 32 विकासखण्डों में कार्य किया गया है। विकासखण्डवार उपलब्धियों का ब्यौरा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है।
जिला सह. केन्द्रीय बैंक मर्या. अमरपाटन के दोषी कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही
23. ( *क्र. 3517 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित प्रश्न संख्या 17 (क्र. 4548) दिनांक 17.3.16 के उत्तर में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित अमरपाटन जिला-सतना के दो कर्मचारियों को दोषी बताया गया था तथा मौखिक चर्चा में दोषी उक्त कर्मचारियों के विरूद्ध एक सप्ताह के अंदर कार्यवाही करने का कथन मा. मंत्रीजी ने किया था तो क्या दोषी कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही की गई? (ख) यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों? कार्यवाही न करने का औचित्य बतायें? (ग) कार्यवाही न करने के लिये कौन अधिकारी दोषी है तथा उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ, दोनों दोषी कर्मचारियों श्री बाबूलाल पटेल तथा श्री मुन्नालाल वर्मा के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित की गई है, श्री बाबूलाल पटेल सेवानिवृत्त हो चुके हैं तथा श्री मुन्नालाल वर्मा को निलंबित किया गया है। (ख) दोनो दोषी कर्मचारियों के विरूद्ध दिनांक 11.4.2016 को विभागीय जाँच हेतु जाँच अधिकारी नियुक्त किया गया है। दोषी कर्मचारी श्री बाबूलाल पटेल दिनांक 31.3.2016 को सेवानिवृत्त हो चुके हैं तथा श्री मुन्नालाल वर्मा को दिनांक 15.7.2016 को निलंबित किया गया है। विभागीय जाँच करने वाले अधिकारी श्री रोशनलाल द्विवेदी को समयावधि में जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत न करने के कारण आरोप पत्र जारी किये गये है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार।
भोपाल स्थित नवाबों की भूमि का नियम विरूद्ध हस्तांतरण
24. ( *क्र. 2076 ) श्री तरूण भनोत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कलेक्टर जिला भोपाल ने अपने पत्र क्र. 3399/नजूल/02 दिनांक 23.03.02 को आयुक्त, नगर निगम भोपाल एवं अन्य को नवाबों की सम्पत्तियों के संबंध में हस्तांतरण, नामांतरण, डायवर्सन, भवन अनुज्ञा एवं कॉलोनी विकास आदि पर रोक लगाई थी? (ख) क्या वर्णित (क) के अधिकारी द्वारा उक्त पत्र के साथ नवाब भोपाल से संबंधित 13 ग्रामों के मर्जर की भूमि की सूची संलग्न कर रोक लगायी गयी थी एवं प्रकरण क्र. 8/स्व.निग/07.8. शासन नजूल बैरागढ़ वि. बेगम सुरैय्या रसीद अन्य का ग्राम सेवनिया गौड़ का मर्जर प्रकरण की कार्यवाही कलेक्टर भोपाल में प्रचलित रही क्यों? (ग) यदि वर्णित (क) (ख) हाँ तो उक्त आदेश के परिपालन के बावजूद भी 13 ग्रामों में आज दिनांक तक कितने नामांतरण हस्तांतरण विक्रय व परिवर्तन किये गये? (घ) क्या संयुक्त संचालक नगर तथा ग्राम निवेश भोपाल ने अपने पत्र क्र. 276/भोपाल दिनांक 16/04/2002 के तहत किन-किन बिल्डर्स को 31.77 डिसमल भूमि अभिन्यास एवं कालोनी विकास हेतु अनुमति प्रदान की जो ग्राम सेवनिया गौड़ की है? क्या यह नियम विरूद्ध है एवं उक्त अनुमति निरस्त कर दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भू-अर्जन पुनर्वास और पुनर्व्यवस्थापन कानून का क्रियान्वयन
25. ( *क्र. 3599 ) श्री रामनिवास रावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2014 से लागू भू-अर्जन पुनर्वास और पुनर्व्यवस्थापन कानून में उचित प्रतिकर एवं पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम, 2013 की किस धारा में प्रतिकर, तोषण, पुनर्वास अनुदान एवं पुनर्व्यवस्थापन के रूप में कितनी-कितनी राशि दिए जाने का प्रावधान दिया गया है? अधिनियम की धारा 24 एवं धारा 87 में क्या प्रावधान है? (ख) ग्वालियर, चम्बल संभाग के किस-किस जिले में जनवरी 2014 से प्रश्नांकित दिनांक तक कितने ग्रामों की कितनी भूमि को अर्जित किये जाने के आदेश जारी किये गए? किस-किस जिले में दिसम्बर 2013 को कितने प्रकरण लंबित थे? उनमें से कितने प्रकरण वर्तमान में लंबित हैं? (ग) दिसम्बर 2013 के लंबित प्रकरणों में अधिनियम 2013 के अनुसार तोषण, पुनर्वास अनुदान एवं पुनर्व्यवस्थापन से संबधित राशि को सम्मिलित कर भू-अर्जन के आदेश जारी किये जाने के क्या कारण रहे हैं? (घ) अधिनियम 2013 के प्रावधानों का पालन न किये जाने के लिए कौन-कौन दोषी है? उनमें से किस-किस के विरुद्ध धारा 87 के अनुसार क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
पंचायत
सचिव की
अनियमितताओं
पर कार्यवाही
1. ( क्र. 61 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम सिंहपुर चाल्दा, तहसील चंदेरी के पंचायत सचिव के विरूद्ध जब वे ग्राम कडराना तहसील चंदेरी में पदस्थ थे तब अनियमितताओं की जाँच में दोषी पाकर चंदेरी के तत्कालीन एस.डी.एम. श्री लाक्षाकार ने उन्हें निलंबित करने की भी सिफारिश दिनांक 25.07.13 को की थी? (ख) यदि हाँ, तो वह जिलाधीश अशोकनगर के पास कब से लंबित है तथा कब तक उसे निलंबित किया जायेगा? (ग) क्या वर्तमान में उक्त सचिव सिंहपुर चाल्दा में पदस्थ है तथा वहां के सरपंच ने भी तालाब खोदने व विकास में सहयोग नहीं करने की शिकायत की है? यदि हाँ, तो उनका निलंबन कब तक होगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।
शासकीय भूमि पर अतिक्रमण
2. ( क्र. 62 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 24 फरवरी, 2016 के परिवर्तित अता.प्रश्न संख्या 1 (क्रमांक 1) के संदर्भ में बताएं कि जब तत्कालीन जिलाधीश श्रीमती नीलम राव ने शासकीय भूमि जो अशोकनगर शहर के बीच करोड़ों के मूल्य की है, का अतिक्रमण पुलिस की मदद से हटा दिया था तो पुलिस व प्रशासन ने गजराज सिंह पुत्र श्री अमोल सिंह निवासी खानपुर तहसील चंदेरी का अतिक्रमण कब व क्यों होने दिया तथा वह न्यायालय से स्थगन ले उसके पूर्व अतिक्रमण क्यों नहीं हटाया तथा न्यायालय में केविएट क्यों नहीं लगाई ताकि स्थगन को रोकने का प्रयास हो सके। 2014 में बाउण्ड्रीवॉल क्यों बनने दी? (ख) पिपरई में जब यादवेन्द्र सिंह का अतिक्रमण सिद्ध हो गया, उसे तोड़ा क्यों नहीं गया तथा सिविल जेल की कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (ग) ग्राम अथाईखेड़ा जब तहसीलदार के फैसले व पुलिस रिपोर्ट में नरेश व अजय प्रताप का अतिक्रमण सिद्ध हो गया तो वहां भी सख्त कार्यवाही क्यों नहीं की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
उज्जैन संभाग की जिनिंग फैक्ट्री की लीज की जमीनों का दुरूपयोग
3. ( क्र. 65 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 2 मार्च 2015 के अतारांकित प्रश्न संख्या 13 (क्रमांक 782) तथा 2 मार्च 2016 के प्रश्न संख्या 72 (क्रमांक 1731) के संदर्भ में बताएं कि पिपल्यामण्डी, पिपलौदा, जावरा, उज्जैन, ताल आलोट, आगर आदि जहां जिनिंग फैक्ट्री बंद होने पर येन केन प्रकरण भू-माफिया ने भूमि आवंटित कर खसरा खतौनी पटवारी रेवेन्यू रिकार्ड में नाम दर्ज कराकर अवैध कालोनिया, प्लाट काटकर करोड़ों रूपये कमा लिये उनकी पहचान कर उनके विरूद्ध कार्यवाही करने हेतु शासन क्या प्रयास कर रहा है तथा न्यायालय रेवेन्यू बोर्ड व प्रशासन में चल रहे प्रकरणों पैरवी की मॉनिटिरिंग हो रही है या नहीं? (ख) पिपलौदा जिला रतलाम की जिनिंग फैक्ट्री की भूमि में रोक लगने के बावजूद निर्माण व प्लाट आवंटन कैसे हो रहा है व इसे रोककर भू-माफिया के विरूद्ध क्या कार्यवाही हो रही है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मनरेगा अंतर्गत योजनाओं का क्रियान्वयन
4. ( क्र. 90 ) श्री हरवंश राठौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र बण्डा में मनरेगा सहित एवं अन्य मदों से ग्राम पंचायतों में हो रहे निर्माण कार्यों के लिए स्थल पर ले-आउट, मस्टर रोल, फीडिंग, दुकानदारों एवं मजदूरों को भुगतान RTGS/EPO/F.T.O. का कार्य संबंधित कर्मचारियों को प्रदत्त अधिकारों के अनुसार किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या विधानसभा क्षेत्र बण्डा में विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन में संबंधित कर्मचारियों/अधिकारियों द्वारा उक्त प्रक्रिया अपनाई जा रही है? (ग) यदि कंडिका (ख) का उत्तर हाँ तो फिर ग्राम पंचायतों के खातों से राशि आहरण पर मुख्य कार्यपालन अधिकारियों द्वारा समस्त बैंकों को पत्र लिखकर रोक किन नियमों के तहत लगाई गई है? (घ) क्या ग्राम पंचायतों द्वारा राशि आहरण के पूर्व मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत की स्वीकृति का नियमों में प्रावधान है? यदि हाँ, तो नियमों से अवगत करावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : . (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जिले में सूखे की स्थिति के कारण जिला योजना समिति सागर द्वारा दिनांक 16.02.2016 में पारित निर्णय अनुसार ग्राम पंचायतों को 14 वें वित्त आयोग अंतर्गत प्रदाय राशि का उपयोग पेयजल के कार्यों में करने हेतु कलेक्टर सागर के पत्र क्र. 1280 दिनांक 18.02.2016 के द्वारा जनपद पंचायतों को निर्देश दिये गये थे। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। विधान सभा क्षेत्र बण्डा की जनपद पंचायत शाहगढ़ द्वारा ग्राम पंचायतों के खातो से राशि आहरण पर वर्तमान में रोक नहीं लगायी गई है। जनपद पंचायत बण्डा के तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा राशि आहरण के संबंध में पत्र क्र. 330 दिनांक 22.03.2016 द्वारा बैंकों को निर्देश दिये गये थे एवं उन्ही के पत्र क्र. 673 दिनांक 30.06.2016 से ग्राम पंचायतों को 14 वें वित्त आयोग के अंतर्गत प्राप्त राशि के आहरण पर लगायी गई रोक हटाने संबंधी पत्र बैंक को जारी किया गया था। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
गरीबी रेखा में नाम जुड़वाकर लिये गये लाभ की वसूली करना
5. ( क्र. 129 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या न्यायालय नायब तहसीलदार वृत्त डारगुंवा तह. बल्देवगढ़ जिला टीकमगढ़ के द्वारा दिनांक 22/3/11 को अपने कार्यालय की नोटशीट पर उल्लेख कर लिखा है कि आवेदक सुन्दर S/o भैयन तिवारी नि. इमलाना ने पत्र लिखकर दिया है कि मेरा नाम बी.पी.एल. की सूची क्र. 61 पर दर्ज है जो मेरा नाम सूची से अलग कर दिया जावे क्यों कि मेरी आर्थिक स्थिति बी.पी.एल. से ऊपर हो चुकी है और शासन की योजना का लाभ नहीं लेना चाहता हूं? इसके उपरांत आवेदक स्वयं 22/3/11 के आदेश से दुखी होकर अपर कलेक्टर टीकमगढ़ के न्यायालय में बी.पी.एल. की सूची में नाम जोड़े जाने का विधिवत आवेदन देकर 22/3/11 का आदेश निरस्त हो जाता है और अपर कलेक्टर टीकमगढ़ के आदेश में विधिवत सुनवाई एवं पर्याप्त साक्ष्य का अवसर दिया जाकर नियमानुसार निराकरण करें और पुन: बी.पी.एल. की सूची में नाम जोड़ा गया? (ख) क्या इस प्रकार आवेदक द्वारा आवेदन देकर नाम कटा लेना तथा बाद में आवेदन देकर नाम जुड़वा लेने के नियम हैं? यदि नहीं, तो पुन: नाम किस आधार पर जोड़ा गया एवं क्या आवेदक की पत्नी द्वारा माँ दुर्गा स्व. सहायता समूह में सचिव के पद पर रहकर कार्य किया और शासन की योजना का लाभ लिया तथा इनके पति द्वारा कूप निर्माण का शासन से लाभ लिया है? यदि हाँ, तो क्या इनके विरूद्ध कार्यवाही करेंगे? समयावधि बतायें। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) नायब तहसीलदार वृत्त डारगुंवा, तहसील बल्देवगढ़ के प्रकरण क्रमांक 32/बी-121/2010-11 में आदेश दिनांक 22.03.2011 के अनुसार आवेदक सुन्दर तनय भैयन तिवारी निवासी इमलाना का नाम बी.पी.एल सूची से काटे जाने का ओदश पारित किया गया था। अपर कलेक्टर जिला टीकमगढ़ के न्यायालय के प्रकरण क्रमांक 79/अपील/10-11 में पारित आदेश दिनांक 15 जून 2011 के अनुसार नायब तहसीलदार डारगुंवा के आदेश दिनांक 22.03.2011 को निरस्त कर प्रकरण साक्ष्य सुनवाई का पर्याप्त अवसर दिये जाने के निर्देश सहित प्रत्यावर्तित किया गया। नायब तहसीलदार डारगुंवा के प्रकरण क्रमांक 110/बी-121/2012-13 में पारित आदेश दिनांक 06.02.2013 के अनुसार आवेदक सुन्दर तनय भैयन तिवारी निवासी ग्राम इमलाना का नाम ग्राम की बी.पी.एल. सूची में काट दिया गया है। पुनः बी.पी.एल. सूची में नाम नहीं जोड़ा गया। (ख) आवेदक का नाम बी.पी.एल. सूची से दिनांक 06.02.2013 को काटा गया एवं आवेदक का नाम बी.पी.एल. सूची में पुनः नहीं जोड़ा गया है। आवेदक की पत्नी द्वारा दुर्गा सहायता समूह में अध्यक्ष के पद पर रहकर दिनांक 23.05.2016 तक कार्य किया गया, पद पर रहते हुये इनके द्वारा शासन की किसी भी योजना का लाभ नहीं लिया गया एवं इनके पति द्वारा कूप निर्माण का लाभ बी.पी.एल. में नाम काटे जाने के पूर्व लिया गया है। जिसमें पूर्ण भुगतान दिनांक 22.03.2012 को किया गया।
पंचायतीराज मुद्रणालय उज्जैन का कार्य क्षेत्र
6. ( क्र. 382 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सहकारिता क्षेत्र में पंचायतीराज सह. मुद्रणालय उज्जैन का कायक्षेत्र कहाँ तक है? यदि कार्यक्षेत्र सीमित नहीं है तो यह अन्य जिलों में पंजीकृत सहकारी मुद्रणालयों के क्षेत्र में दखल देना क्या उचित है? उक्त मुद्रणालय का कार्यक्षेत्र विभाग की अधीकृत वेबसाईट में केवल उज्जैन दिखाई दे रहा है? क्या यह सही है? (ख) उक्त मुद्रणालय उज्जैन को ही पूरे प्रदेश में निर्मल भारत अभियान आदि संबंधी पत्र भोपाल कार्यालय से जारी किया गया, क्यों? इस विशेष मुद्रणालय को ही कार्य देने संबंधी पंचायत विभाग द्वारा लाभ देने हेतु पत्र जारी किया गया, कारण बतायें?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) संपूर्ण मध्यप्रदेश, मुद्रणालय अपने कार्यक्षेत्र में ही कार्य कर रहा है। विभाग की वेबसाईट में त्रुटिवश संस्था का कार्यक्षेत्र उज्जैन प्रदर्शित हो रहा था, जिसे सुधार लिया गया है। (ख) जी हाँ, राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन, विकास आयुक्त कार्यालय द्वारा निर्मल भारत अभियान (मर्यादा अभियान) के अंतर्गत प्रचार-प्रसार हेतु पंचायत प्रेस के माध्यम से सामग्री मुद्रण नियमानुसार एक रूपता एवं गुणवत्ता को ध्यान में रख कर कराने के निर्देश दिये गये हैं।
कृषकों को मुआवजा वितरण
7. ( क्र. 435 ) श्री मुकेश नायक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले की तहसील रैपुरा, सिमरिया, शाहनगर, पवई अंतर्गत कुल कितने पट्टेधारी किसान हैं? (ख) इन तहसीलों के अंतर्गत विगत 5 वर्ष से प्रश्न दिनांक तक कितने किसानों को राहत राशि प्रदान की गई है? (ग) क्या विगत 5 वर्ष से प्रश्न दिनांक तक बहुत सारे पट्टेधारी किसानों को सूखा राहत राशि प्रदान नहीं की गई? क्या कारण है बतायें इनको कब तक मुआवजा राशि दी जायेगी? (घ) पन्ना जिले कि इन तहसीलों में विगत 5 वर्ष से प्रश्न दिनांक तक कुल कितनी राशि का वितरण किया जा चुका है? तहसीलवार, सूची उपलब्ध करावें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) पन्ना जिले की तहसील रैपुरा, सिमरिया, शाहनगर, पवई के अन्तर्गत कुल 97,463 पट्टेधारी किसान है। (ख) इन तहसीलों के अन्तर्गत विगत 5 वर्ष से प्रश्न दिनांक तक 65311 किसानों को राहत राशि प्रदान की गई है। (ग) राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के निर्धारित मापदण्ड अनुसार सर्वे पश्चात समस्त पात्र पटटेधारी किसानों को सूखा राहत राशि प्रदान की गई है। अत: शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (घ) पन्ना जिले कि इन तहसीलों में विगत 5 वर्ष से प्रश्न दिनांक तक राजस्व पुस्तक परिपत्र खण्ड 6-4 के अन्तर्गत कुल राशि 82,39,78,235/- (रू. बयासी करोड़ उनतालिस लाख अठहत्तर हजार दो सौ पैंतीस) का वितरण किया जा चुका है। राशि वितरण की तहसीलवार जानकारी निम्नानुसार है :-
क्र |
तहसील का नाम |
कृषक संख्या |
वितरित राशि |
1 |
रैपुरा |
16240 |
180920374 |
2 |
सिमरिया |
16619 |
285895779 |
3 |
शाहनगर |
17890 |
133661331 |
4 |
पवई |
14562 |
223500751 |
योग |
65311 |
823978235 |
अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही
8. ( क्र. 471 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 1 अप्रैल 2013 से प्रश्न दिनांक तक राजगढ़ जिले के कितनी सेवा सहकारी संस्थाओं के किस-किस कर्मचारी ने गबन कर या अन्य कारण से कितनी-कितनी राशि अपने पास कब से रखे हुए हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत समिति/जिला सहकारी बैंक/सहकारिता विभाग ने प्रश्न दिनांक तक उन पर क्या-क्या कार्यवाही की है? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत प्रश्न दिनांक तक संबंधितों से कितनी-कितनी राशि की वसूली की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? क्या बैंक प्रबंधन/सहकारिता के अधिकारियों की सांठ-गांठ के चलते उनसे वसूली नहीं हो रही? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) व (ग) के तहत क्या दोषियों के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज करायी गई? यदि हाँ, तो किन धाराओं के तहत किस-किस के खिलाफ किस-किस थाने में? यदि नहीं, तो क्यों करायी? कारण दें। कब तक करायी जायेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) 15 प्रकरणों में राशि रूपये 61.36 लाख की वसूली की गई है, शेष राशि की वसूली हेतु मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 64 के अंतर्गत वाद दायर करने के निर्देश दिये गये है। जी हाँ। (घ) 25 में से 22 प्रकरणों में एफ.आई.आर. दर्ज करने हेतु संबंधित थानों में आवेदन प्रस्तुत किये गये हैं, 01 प्रकरण में दोषी की मृत्यु होने से आवेदन प्रस्तुत नहीं किया गया तथा शेष 02 प्रकरण जुलाई, 2016 के होने से कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। पुलिस थाने द्वारा प्रकरण में विशेष अंकेक्षण टीप चाहे जाने पर 17 प्रकरणों में बैंक से प्राप्त प्रस्ताव के आधार पर विशेष अंकेक्षण हेतु उपायुक्त, सहकारिता जिला राजगढ़ द्वारा माह मई-जून 2016 में आदेश जारी कर दिये गये है, विशेष अंकेक्षण टीप प्राप्त होने पर संबंधित थानों को उपलब्ध कराई जा सकेगी। शेष 07 प्रकरणों में विशेष अंकेक्षण का प्रस्ताव प्रस्तुत करने हेतु बैंक को निर्देश दिये गये है।
जनपद पंचायत सारंगपुर अंतर्गत विभिन्न योजनाओं की आहरित राशि वसूली
9. ( क्र. 472 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की सारंगपुर जनपद पंचायत के अंतर्गत वर्ष 2014-15 से वर्ष 2015-16 तक पंच-परमेश्वर योजनांतर्गत कितने-कितने कार्य कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत किये गये थे? उनमें से प्रश्न दिनांक तक कितने कार्य पूर्ण एवं अपूर्ण हैं? अपूर्ण कार्यों की संख्या एवं आहरित राशि का विवरण देवें? । (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित अवधि में अपूर्ण कार्य के नाम तथा शेष राशि की ग्राम पंचायतवार कार्यों की भौतिक एवं वित्तीय जानकारी देवें? । (ग) प्रश्नांश (क) में दर्शित अवधि की अपूर्ण कार्यों की राशि यदि पूर्व सरपंचों द्वारा आहरित कर ली गई है तो किस सरपंच द्वारा कितनी राशि किस कार्य हेतु आहरित की गयी है? (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर में दर्शित आहरित राशि की वसूली हेतु किस-किस ग्राम पंचायत के किस-किस सरपंच के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई है और यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों नहीं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ के कॉलम नम्बर 4,5,7 एवं 8 अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ के कॉलम नम्बर 4 एवं 5 अनुसार। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ के कॉलम नम्बर 6 अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ के कॉलम नम्बर 6 एवं 7 अनुसार।
निर्माण संबंधित जानकारी
10. ( क्र. 492 ) श्री संजय उइके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग क्र. 01 बालाघाट द्वारा विभागों से विभिन्न योजनाओं में प्राप्त राशि से निर्माण कार्य निविदा एवं विभागीय तौर पर कराये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक प्रशासकीय स्वीकृति, तकनीकी स्वीकृति, अंतिम बिल की राशि, बिल से काटी गई खनिज की रॉयल्टी राशि की प्रत्येक निर्माण कार्यवार वर्षवार जानकारी देवें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
शासकीय भूमि के अनियमितता पट्टे व क्रय-विक्रय
11. ( क्र. 613 ) श्री
दुर्गालाल
विजय : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) श्योपुर
जिले के ग्राम
जाखदा जागीर
में संबंधित
राजस्व अमले
ने अनियमित
तरीके से
अभिलेखों में
छेड़छाड़ कर 700 हेक्टेयर
शासकीय भूमि
जिन अपात्र
लोगों के नाम
चढ़ाई उनके
नाम, पते
बतावें। (ख) क्या
उक्त मामले
में कलेक्टर
श्योपुर ने
चार पटवारी व
दो डाटा एन्ट्री
ऑपरेटरों के
खिलाफ
आपराधिक
प्रकरण दर्ज
कराने के
निर्देश
मार्च 2016
में एस.डी.एम. व
तहसीलदार श्योपुर
को दिये थे? यदि हाँ, तो इनके
द्वारा
निर्देशानुसार
वर्तमान तक क्या
कार्यवाही की
गई? यदि
नहीं, तो
क्यों?
(ग) उक्त
प्रकरण की जाँच
कौन कर रहा है? कब तक जाँच
पूर्ण करके
दोषियों के
विरूद्ध
कार्यवाही की
जावेगी?
(घ) इस
संबंध में
प्रश्नकर्ता
के तारांकित
प्रश्न संख्या
25 (क्रमांक
1518) दिनांक
10.03.2016 के प्रश्नांश
(क) से (घ) के उत्तर
में बताया है
कि जानकारी
एकत्रित की जा
रही है? यदि
जानकारी
एकत्रित कर ली
गई हो तो
उपलब्ध
करावें।
राजस्व
मंत्री ( श्री
उमाशंकर
गुप्ता ) : (क) श्योपुर
जिले के ग्राम
जाखदाजागीर
नामों की सूची
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट अनुसार
है। पते की
जानकारी
अभिलेख में
दर्ज नहीं है।
(ख) से (घ) कलेक्टर
श्योपुर
द्वारा चार
पटवारी एक
डाटा एण्ट्री
आपरेटर एवं एक
भृत्य के
खिलाफ अपराधिक
प्रकरण दर्ज
कराने के लिये
कार्यालयीन
पत्र क्रमांक/री/2016/2901
श्योपुर
दिनांक 10.03.2016 के
द्वारा
महानिदेशक
राज्य आर्थिक
अपराध अन्वेषण
ब्यूरो भोपाल
को
साजिशकर्ताओं
के विरूद्ध
कार्यवाही
हेतु भेजा गया।
नियमानुसार
कार्यवाही की
जावेगी। निश्चित
समय-सीमा
बताना संभव
नहीं है।
राजस्व ग्राम बनाना
12. ( क्र. 614 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वर्तमान में कौन-कौन से गांव मजरे टोले ऐसे हैं जिनके बसाहट स्थल राजस्व अभिलेखों में आबादी भूमि घोषित नहीं हैं, इस हेतु वर्तमान तक विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ख) इस संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा कलेक्टर श्योपुर को वर्तमान तक लिखे गये पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या उक्त गांव मजरे टोलों के बसाहट स्थलों को आबादी भूमि घोषित न करने के कारण इनमें निवासरत ग्रामीणों को दशकों से शासन की समस्त कल्याणकारी योजनाओं का समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा हैं, वे नजदीकी मूल गांव पर निर्भर हैं, नतीजन उन्हें कई प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ा रहा है? (घ) यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त गांव मजरे टोलों का सर्वे कराकर इनके बसाहट स्थलों की नोईयत परिवर्तन कराकर राजस्व अभिलेखों में आबादी भूमि घोषित करने की कार्यवाही शीघ्र करवाएगा, यदि नहीं तो क्यों? (ड.) प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न संख्या 42 (क्रमांक 4124) दिनांक 20.03.2015 के प्रश्नांश (क) से (ड.) के उत्तर में जानकारी एकत्रित की जा रही है, बताया है। यदि एकत्रित कर ली हो तो उपलब्ध करावें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) श्योपुर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 102 मजरे टोले है, जिनमें से 75 मजरे टोलों में आबादी घोषित नहीं है। ये मजरे टोले निजी खाते, वन विभाग, सिंचाई विभाग आदि की भूमि में बसाहट होने से आबादी घोषित नहीं की गई है। (ख) ग्राम ददूनी,कोटरा, सामरसा का मजरा चेनपुरा में अतिरिक्त बसाहट की जो शासकीय भूमि थी, उसे आबादी घोषित कर दिया गया है। चिमलका नाम की बसाहट खाते की भूमि में होने से आबादी घोषित करना संभव नहीं है। (ग) मजरों टोलों में निवासरत ग्रामीणों को शासन की समस्त कल्याणकारी योजना का लाभ समुचित रूप से मिल रहा है। (घ) ग्राम की आबादी के अतिरिक्त बसाहट व मजरों-टोलों के रूप में 8-10 घर बनाकर भी किसी शासकीय भूमि में निवासरत है तो ऐसी शासकीय भूमि की नोईयत परिवर्तन कर आबादी घोषित करने हेतु विधानसभा श्योपुर के 62 ग्रामों के प्रस्ताव प्रचलित है। जिनमे से 10 ग्रामों में आबादी भूमि घोषित की जा चुकी है। शेष बचे ग्रामों व मजरे टोलों में पटवारियों द्वारा सतत् भ्रमण कर सर्वे किया जाकर शीघ्र मजरा-टोलों के आबादी भूमि घोषित किये जाने हेतु प्रस्ताव भेजे जा रहे है। (ड.) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 4124 में जानकारी एकत्रित की जा रही है। ऐसा कोई उल्लेख ही नहीं किया गया है। जी हाँ। जानकारी प्राप्त होते ही उपलब्ध करा दी जायेगी।
पाटन विधानसभा अंतर्गत सूखा राहत वितरण
13. ( क्र. 836 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पाटन विधानसभा अंतर्गत वित्त वर्ष 2015-16 में ओला पाला अतिवृष्टि एवं सूखे से प्रभावित शत्-प्रतिशत नुकसानी वाले कौन-कौन से ग्राम थे? (ख) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित ग्रामों के कितने कृषकों को जिन्सवार किस मान से कितना मुआवजा दिया गया बतलावें? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शत्-प्रतिशत नुकसानी वाले ग्रामों में कितने कृषक किन कारणों से अभी तक मुआवजा राशि प्राप्त करने से वंचित है? ग्रामवार मुआवजे से वंचित कृषकों की संख्यात्मक जानकारी देवें? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित मुआवजे से वंचित कृषकों को मुआवजा प्रदान न करने का दोषी कौन है क्या शासन मुआवजा राशि प्राप्त न होने के कारणों की जाँच कराकर प्रकरण में दोषी कर्मचारियों पर कार्यवाही करते हुये मुआवजे से वंचित कृषकों को मुआवजा राशि प्रदान करेगा यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
राजस्व
मंत्री ( श्री
उमाशंकर
गुप्ता ) : (क) ओला
से शत्-प्रतिशत
नुकसानी के
ग्राम कुमगवा, बरोदा, सरखंडी, हटेपुर, छेडी, इमलिया, बरखेड़ा, जोवा, जरोद, डूडी, रिछाई
एवं तहसील
मझौली के 28 ग्राम-
पिपरिया, सिमरियाघाट, कुसमी, रजबई, सकरपिला, घाटखम्हारिया,काकरदेही, सुनवानी, पाली, जुझारी, उमरिया, मझगवां, मनसकरा, जौली, मझौली, धनगवां, खिरवा, कंजई, देवरी, बरगवांदारांची, खिन्नी, कैथरा, कुकई, डुगरिया, मझगवां, मगरकटा, बघेली, घुघरा
इस प्रकार
पाटन
विधानसभा में
कुल 39 ग्राम है।
पाला
अतिवृष्टि
एवं सूखा से शत्-प्रतिशत
नुकसानी वाले
कोई ग्राम नहीं
थे।
(ख) प्रश्नांश
'क'
में
उल्लेखित
ग्राम, कृषक
संख्या, जिन्सवार
की सूची तहसील
पाटन की संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'अ'
अनुसार है
एवं तहसील
मझौली की सूची
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'ब'
अनुसार है।
प्रभावितों
को राजस्व
पुस्तक
परिपत्र 6-4 के
मानदण्डों
के तहत अनुदान
सहायता राशि
स्वीकृत की
गई। (ग) प्रश्नांश
'क'
में
उल्लेखित शत्-प्रतिशत
नुकसानी वाले
ग्रामों में
कृषकों को
ई-पेमेंन्ट
से अनुदान
सहायता राशि
का भुगतान
किया जा चुका
है अत: वंचित
कृषकों की
संख्या
निरंक है। जिन
खातेदारों
द्वारा कोई
फसल नहीं बोई गई
है या भूमि पड़ती
थी या भूमियां
तालाब में
निहित थी केवल
उन्हें ही
अनुदान
सहायता राशि
प्रदाय नहीं
हुई है। (घ)
प्रश्नांश 'क' 'ख' एवं 'ग' के
संदर्भ में
सभी पात्र
खातेदारों को
मुआवजा राशि
का भुगतान
किया जा चुका
है। जिन
खातेदारों
द्वारा कोई
फसल नहीं बोई
गई है या
भूमियां
तालाब में
निहित थी केवल
उन्हें ही
अनुदान
सहायता राशि
प्रदाय नहीं
हुई है। अत: कोई
कर्मचारी
दोषी नहीं है।
मध्यान्ह भोजन का भुगतान
14. ( क्र. 889 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के जयसिंहनगर जनपद पंचायत अंतर्गत माध्यमिक विद्यालय गोडानटोला कुण्डाटोला, प्राथ. मून्या आश्रम कुण्डाटोला, प्राथ. शाला गोडानटोला कुण्डाटोला, प्राथ. शाला कुण्डाटोला, कुल 04 विद्यालयों में मध्यान्ह भोजन के संचालन का कार्यक्रम चांदनी स्व-सहायता समूह कुण्डाटोला द्वारा जुलाई 2012 से मार्च 2013 तक संचालित किया गया है और उक्त स्व-सहायता समूह का खाता जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक जयसिंह नगर में खाता क्रमांक 685005027953 एवं क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक शाखा बनसुकली में खाता क्रमांक 20021390100031445 संचालित है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ, तो क्या उक्त अवधि में उपरोक्त स्व-सहायता समूह द्वारा मध्यान्ह भोजन के संबंध में व्यय की गई राशि का भुगतान संबंधित स्व-सहायता समूह को कर दिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? उक्त संबंध में भुगतान में लापरवाही करने वाले संबंधित अधिकारी के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। चांदनी स्व-सहायता समूह को उक्त अवधि में मध्यान्ह भोजन के संबंध में व्यय की गई राशि का भुगतान संबंधित स्व-सहायता समूह को कर दिया गया है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कार्यपालन यंत्री ग्रा.पां.वि. भिण्ड विधायक निधि का भुगतान
15. ( क्र. 1002 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकीय सेवा संभाग भिण्ड क्रमांक 1073 दि. 07.5.16, क्र. 1077 दि. 7.5.2016, क्र. 333 दि. 19.2.2016 का कार्य विधायक निधि से स्वीकृत पूर्ण उपरांत भुगतान क्यों नहीं किया गया? भुगतान न करने के क्या कारण हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत विधायक निधि 2014-15 व 2015-16 की राशि कार्यपालन यांत्रिकीय ग्रामीण सेवा संभाग भिण्ड को भेजी गई प्रश्नांश दिनांक तक कौन सा कार्य पूर्ण/अपूर्ण/अप्रारंभ है किसको, कितना भुगतान किया गया? अनुबंधकर्ता द्वारा कार्य किया जा रहा है? विभाग द्वारा क्यों रोका जा रहा है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकीय सेवा भिण्ड की लापरवाही के कारण राशि अनाहरित की गई? कब तक राशि आहरित की जावेगी? क्या कार्य को जानबूझकर विलम्ब किया गया? इसके लिए कौन दोषी है? प्रश्नांश दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या प्रश्नांश (क) और (ग) के संदर्भ में अधिकारी/कर्मचारी भिण्ड मुख्यालय पर न रहने के कारण कार्य के प्रति गंभीर नहीं है? क्या जिला पंचायत कॉम्पलेक्स जिला पंचायत भिण्ड की निविदा चार बार आमंत्रित होने के उपरांत स्वीकृत क्यों नहीं की गई? क्या दोषियों के प्रति कठोर कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) कार्यपालन यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग भिण्ड अंतर्गत अनुबंधकर्ता द्वारा कार्यादेश क्र. 1073 दि. 07.05.16 अंतर्गत स्वीकृत 02 हैण्डपम्प में से 01 हैण्डपम्प का कार्य पूर्ण है एवं 01 कार्य अप्रारंभ है। कार्यादेश क्र. 1077 दि. 07.05.16 अंतर्गत 01 हैण्डपम्प का कार्य पूर्ण कराया गया। कार्यादेश क्र. 333 दि. 19.02.16 अंतर्गत दोनों हैण्डपम्प के कार्य अप्रारंभ हैं। उक्त कार्यों हेतु राशि दिनांक 31.03.2016 को लेप्स होने के कारण भुगतान नहीं किया गया। (ख) जानकारी उत्तरांश (क) अनुसार। विभाग द्वारा कार्य को नहीं रोका जा रहा है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। जिला पंचायत आवास परिसर एवं कॉम्पलेक्स निर्माण की एकल निविदा प्राप्त होने, निविदा उचित दर पर प्राप्त न होने से स्वीकृत नहीं की गई। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्प्रिंकलर और डिप सिस्टम का वितरण
16. ( क्र. 1003 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में विगत 03 वर्षों में किन ग्रामों में कितने कृषकों को स्प्रिंकलर एवं ड्रिप सिस्टम वितरित किए गए? कितना अनुदान दिया गया? भौतिक रूप से कहाँ-कहाँ पर चालू है? (ख) वर्तमान में भिण्ड जिले में भौतिक रूप से कहाँ पर क्रियाशील नहीं है? इनके क्या कारण है? किन स्थानों पर क्रियाशील हैं किसके द्वारा निरीक्षण किया गया, किस स्तर के अधिकारी द्वारा कब निरीक्षण किया गया? (ग) क्या शासकीय अनुदान प्राप्त योजनाओं की निगरानी समय पर शासन द्वारा की जाती है? यदि नहीं, तो क्या शासन योजना के क्रियान्वयन एवं संचालन हेतु ऐसी कोई योजना पर विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) क्या पूर्व में अनुदान से लाभान्वित कृषकों के सिंचाई सिस्टम का भी भौतिक सत्यापन कराया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) भिण्ड जिलें में विगत 3 वर्षों में 331 ग्रामों में 477 कृषकों को स्प्रिंकलर सेट वितरित कर राशि रू. 61.63 लाख रूपये अनुदान दिया गया एवं ड्रिप सिस्टम कृषकों को वितरित नहीं किये गये है। भौतिक रूप से सभी चालू है। योजनावार, ग्रामवार, वर्षवार विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्तमान में भिण्ड जिले में भौतिक रूप से सभी क्रियाशील है, अक्रियाशील नहीं है। भौतिक सत्यापन वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी द्वारा प्रदाय वर्ष में कृषकों के ग्रामों में मौके पर पहुँच कर निरीक्षण किया गया है। (ग) शासकीय अनुदान प्राप्त योजनाओं की निगरानी शासन द्वारा दिये गये निर्देशानुसार विभिन्न स्तर के अधिकारियों द्वारा निर्धारित मापदण्डों अनुसार की जाती है। (घ) पूर्व में अनुदान से लाभांवित कृषकों के सिंचाई सिस्टम का भौतिक सत्यापन उसी वित्तीय वर्ष में संबंधित वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी द्वारा किया जाता है।
पट्टे की (अहस्तांतरणीय) भूमि का विक्रय किया जाना
17. ( क्र. 1315 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यानसिंह सोलंकी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 में मध्यप्रदेश राजपत्र असाधारण दिनांक 21 अगस्त, 2015 में द्वितीय संशोधन अध्यादेश क्रमांक 5 सन् 2015 में संशोधन हुआ है? यदि हाँ, तो तद्नुसार संशोधन की प्रति दी जावे? क्या मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता की धारा 165 में उपधारा (7 ख) के स्थान पर क्या उपधारा स्थापित की गई है? (ख) क्या मध्यप्रदेश राजपत्र असाधारण भोपाल दिनांक 31.12.2015 से प्रश्नांश (क) के संशोधन को निरस्त किया गया है? यदि हाँ, तो तदनुसार निरस्ति की प्रति उपलब्ध कराई जावे? (ग) क्या उप पंजीयन कार्यालय, बड़वाहा में दिनांक 15.02.2016 को शासकीय पट्टे की भूमि का विक्रय ई-पंजीकरण संख्या एम.पी. 229332016 ए 1082459 से किया गया है? यदि हाँ, तो विगत 5 वर्ष में ऐसी कितनी भूमियां का क्रय-विक्रय हुआ है जो अहस्तांतरणीय हैं? क्या उक्त भूमि का नामांतरण भी हो चुका है? यदि हाँ, तो इस प्रकार अहस्तांतरणीय भूमि के विक्रय की अनुमति किस अधिकारी द्वारा दी गई है। जबकि प्रश्नांश (ख) के अनुसार शासन द्वारा 31.12.2015 को संशोधन को निरस्त कर दिया गया था? क्या दोषी अधिकारियों, क्रेता-विक्रेताओं के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज होगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? उक्त भूमि का नामांतरण, क्रय व विक्रय कब तक शून्य किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
उप संचालक मंड़ी बोर्ड जबलपुर को प्रतिनियुक्त से वापस करना
18. ( क्र. 1319 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड में उप संचालक/संयुक्त संचालक के कितने पद स्वीकृत हैं? कितने रिक्त हैं कितने भरे हैं तथा प्रतिनियुक्ति पर कितने हैं? विभागीय उप संचालक/संयुक्त संचालक उपलब्ध होने के बाद भी जबलपुर मंडी बोर्ड में उप संचालक प्रतिनियुक्ति पर क्यों रखा गया है जबकि विभागीय ही पर्याप्त हैं। प्रतिनियुक्ति पर लिये गये लोगों को कब तक हटाया जायेगा? (ख) उप संचालक मंडी बोर्ड जबलपुर द्वारा अपनी पदस्थापना दिनांक से प्रश्न दिनांक तक किन-किन मंडियों का सामान्य निरीक्षण किस-किस दिनांक को किया और क्या निरीक्षण प्रतिवेदन जारी किया? (ग) क्या उपसंचालक मंडी बोर्ड जबलपुर को मंडी बोर्ड सेवा के सचिव/सहायक सचिव/लेखापाल/उपयंत्री/मंडी निरीक्षक/सहायक उपनिरीक्षक के स्थानांतरण या अटैचमेंट करने हेतु क्या सक्षम हैं? यदि नहीं, तो इनके द्वारा किस-किस के आदेश/अटैचमेंट आदेश जारी किए गए तथा नियम विरूद्ध आदेशों को निरस्त करते हुए इनके विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों? (घ) वर्तमान उपसंचालक मंडी बोर्ड जबलपुर में पदस्थापना दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कहाँ-कहाँ, किन-किन मंडियों में भ्रमण किया है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। मंडी बोर्ड आंचलिक कार्यालय जबलपुर में राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी को प्रशासनिक क्षमता एवं फील्ड के कार्य अनुभव के आधार पर प्रतिनियुक्ति पर पदस्थापना की गई है। मंडी बोर्ड में कार्य की आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए अभी प्रतिनियुक्ति अधिकारियों को वापिस करने की स्थिति नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। सामान्य निरीक्षण के दौरान मंडी समिति के कार्यकलापों के संबंध में मंडी सचिवों को उपसंचालक जबलपुर द्वारा मौके पर ही आवश्यक निर्देश दिये जाने से निरीक्षण प्रतिवेदन जारी नहीं किया गया है। (ग) जी नहीं, केवल गेहूँ, उपार्जन सत्र में कार्य की आवश्यकता की तत्कालिक पूर्ति हेतु सहायक उपनिरीक्षक तथा मंडी निरीक्षक को अस्थायी रूप से संलग्नीकरण के अधिकार आंचलिक अधिकारियों को दिये गये है। उप संचालक मंडी बोर्ड जबलपुर संभाग द्वारा किये गये स्थानांतरण/अटैचमेंट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। उक्त स्थानांतरण में परीक्षणोपरांत नियम के पालन की स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है।
वाटर शेड योजना में की गई अनियमितताओं की जाँच
19. ( क्र. 1323 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में आई.डब्ल्यू.एम.पी. योजना अन्तर्गत जिला छतरपुर में कितने निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये है और इन पर कितनी राशि व्यय की गई? (ख) कितने तालाब, स्टॉप-डेम एवं जल संवर्धन के कार्य कराये गये तथा पृथक-पृथक वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत किये गये। (ग) क्या पूर्णता प्रमाण पत्र जारी कर दिये गये? क्या उक्त कार्य घटिया स्तर के हैं और वह खराब हो चुके हैं? किन-किन अधिकारियों ने तकनीकी परीक्षण किया?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) 915 कार्य स्वीकृत किए गए है, जिन पर रू. 3463.70 लाख व्यय किये गयें। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) कुल 327 कार्यों के पूर्णता प्रमाण पत्र जारी किये जा चुके है। सभी कार्य उपयोगी, गुणवत्ता पूर्ण एवं अच्छी स्थिति में है। कार्यों का तकनीकी परीक्षण डब्ल्यू.डी.टी. के टीम लीडर, टीम सदस्य (सिविल), अनुविभागीय अधिकारी तथा कार्यपालन यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा किया गया है।
शौचालय निर्माण में अनियमितता
20. ( क्र. 1324 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक शौचालय निर्माण में कितनी राशि का व्यय किया गया? (ख) क्या शौचालय निर्माण में गंभीर अनियमितताओं के प्रकरण प्रकाश में आये, लेकिन कार्यवाही नहीं की गई? (ग) क्या समग्र स्वच्छता अभियान के तहत छतरपुर जिले में वर्ष 2013 में नोटिस जारी किये गये थे? (घ) क्या मर्यादा अभियान के अंतर्गत TSC की राशि का आहरण कर लिया गया था, परंतु शौचालय का निर्माण नहीं कराया गया?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रदेश में वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक शौचालय निर्माण में प्रोत्साहन राशि रूपये 130517.34 लाख व्यय की गई। (ख) जहाँ शौचालय निर्माण में अनियमितता के प्रकरण प्रकाश में आये उनमें नियमानुसार कार्यवाही की गई है। (ग) एवं (घ) जी हाँ।
ओला वृष्टि एवं पीला मोजेक के मुआवजा का भुगतान
21. ( क्र. 1346 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015-16 में विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव में ओला वृष्टि एवं पीजा मोजेक रोग से फसलों को जो नुकसान हुआ उसके मुआवजे के प्रकरण शासन को भेजे गये थे? इनका भुगतान नहीं किया गया? इसका कारण स्पष्ट करें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार शेष मुआवजा कब तक वितरित किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत पीला मोजेक से फसल क्षति हेतु तहसील गोटेगांव के प्रभावितों को राशि रूपये 16,12,47,960/- (सोलह करोड़ बारह लाख सैंतालिस हजार नौ सौ साठ) एवं तहसील नरसिंहपुर को राशि रू. 17,25,39,880/- (रू. सतरह करोड़ पच्चीस लाख उनतालिस हजार आठ सौ अस्सी) का वितरण किया गया। (ख) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत तहसील गोटेगांव के 1673 एवं नरसिंहपुर के 1279 छूटे हुए किसानों को राहत राशि वितरण की कार्यवाही की जा रही है।
रजेगांव जिला बालाघाट में स्थित मंडी नाके से प्राप्त राजस्व
22. ( क्र. 1373 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंडी नाका रजेगांव से कृषि मंडी बालाघाट को होने वाली आय का विवरण 1 अप्रैल 2015 से 1 अप्रैल 2016 तक माहवार देवें? (ख) विषयांकित नाके में कुल कितने कर्मचारी पदस्थ हैं तथा स्वीकृत पदों के अनुसार उनके वेतन पर कुल कितना व्यय होता है? (ग) नाके में राजस्व कम आने के कारणों पर क्या समीक्षा की गयी तथा राजस्व बढ़ाने के उपायों पर विचार किया गया?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) कृषि उपज मंडी समिति बालाघाट के अंतर्गत स्थापित अन्तर्राज्यीय सीमा जाँच चौकी रजेगांव पर कुल 03 कर्मचारी पदस्थ है, जिनके मासिक वेतन पर व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) अन्तर्राज्जीय सीमा जाँच चौकियों की स्थापना उद्देश्य मंडी फीस संग्रहण न होकर अधिसूचित कृषि उपज के अवैध परिवहन तथा मंडी फीस अपवंचन पर अंकुश लगाना है। अन्तर्राज्जीय सीमा चौकियों की कार्यप्रणाली की संभागीय अधिकारियों के स्तर से समीक्षा की जाती है और इन नाकों पर प्रभावी नियंत्रण से कृषि उपज मंडी समितियों को प्राप्त होने वाली आय पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
फसल नुकसान आंकलन प्रस्ताव
23. ( क्र. 1504 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मा. मुख्यमंत्री जी द्वारा ग्वालियर जिले के मुरार विधानसभा में दिनांक 08 एवं 09 मार्च, 2016 को क्या-क्या घोषणाएं की गई थी? (ख) क्या घोषणानुसार बच्चियों के विवाह के लिये राजस्व आंकलन अनुसार फसल नुकसान प्रतिशत (33 प्रतिशत) के आधार पर कितने प्रस्ताव बनाये गये? कितनी राशि किस-किस परिवार को दी गई? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा जिला प्रशासन को यह अवगत कराया है कि राजस्व विभाग के प्रस्ताव अनुसार सामाजिक न्याय विभाग द्वारा आधे प्रस्ताव पर विचार नहीं किया गया है। (घ) यदि हाँ, तो उन पर सामाजिक न्याय विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है, शेष प्रस्ताव पर आदेश जारी करने हेतु शासन निर्देश जारी करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा दिनांक 09.03.2016 को ग्वालियर जिले के प्रवास के दौरान ग्राम राई में घोषणा की गई थी कि ’’ओला प्रभावित किसानों की बेटी’’ की शादी के लिए रु. 25000/- की आर्थिक सहायता दी जायेगी। (ख) घोषणानुसार बच्चियों के विवाह के लिए राजस्व आंकलन अनुसार 33 प्रतिशत तथा उससे अधिक फसल नुकसान के 63 आवेदन प्राप्त हुए जिन्हें स्वीकृत किए जाकर रु. 25000/- प्रति हितग्राही के मान से उनके खातों में राशि अंतरित की गई है। परिवारों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी नहीं। उत्तरांश-’’ख’’ अनुसार समस्त 63 हितग्राहियों को लाभ दिया गया है। (घ) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
फसल नुकसान आंकलन प्रस्ताव
24. ( क्र. 1505 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मा. मुख्यमंत्री जी द्वारा ग्वालियर जिले के मुरार विधानसभा में दिनांक 08 एवं 09 मार्च, 2016 को क्या-क्या घोषणाएं की गई थी? (ख) क्या घोषणानुसार बच्चियों के विवाह के लिये राजस्व आंकलन अनुसार फसल नुकसान प्रतिशत (33 प्रतिशत) के आधार पर कितने प्रस्ताव बनाये गये? कितनी राशि किस-किस परिवार को दी गई? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा जिला प्रशासन को यह अवगत कराया है कि राजस्व विभाग के प्रस्ताव अनुसार सामाजिक न्याय विभाग द्वारा आधे प्रस्ताव पर विचार न किये जाने की शिकायत की है? (घ) यदि हाँ, तो उन पर क्या कार्यवाही की गई है, शेष प्रस्ताव पर आदेश जारी करने हेतु शासन निर्देश जारी करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) मा.मुख्यमंत्री द्वारा ग्वालियर जिले के मुरार विधानसभा क्षेत्र में 8 एवं 9 मार्च 2016 को की गई घोषणाओं की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) घोषणा अनुसार बच्चियों के विवाह के लिये राजस्व आंकलन अनुसार फसल नुकसान 33 प्रतिशत या उससे अधिक फसल नुकसान की कुल 63 आवेदन प्राप्त हुये है जिन्हें स्वीकृत किये जाकर रू. 25,000/- प्रति हितग्राही के मान से उनके खाते में राशि अंतरित की गई है। जिनके परिवारों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी नहीं। उत्तरांश 'ख' अनुसार समस्त हितग्राहियों को लाभ दिया गया है। (घ) उत्तरांश 'ग' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
भू-अधिकार आवासीय पट्टे का वितरण
25. ( क्र. 1506 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्वालियर जिले के नगरीय क्षेत्र से 8 कि.मी. की सीमा में बसे हुयें ग्रामों के निवासियों को मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत भू-अधिकार आवासीय पट्टे दिये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो शासन आदेश की प्रति उपलब्ध कराई जाय? (ख) नगर निगम सीमा से लगे ग्राम पंचायतों के निवासियों को भू-अधिकार आवास पट्टे पर क्या रोक लगाई गई है? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) क्या ग्रामीण क्षेत्र की पंचायतों की तरह नगरीय सीमा में लगे ग्राम पंचायतों में पट्टे दिये जाने की कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या ग्राम पंचायत के मापदण्ड अलग-अलग हैं? स्पष्ट करें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना
26. ( क्र. 1532 ) श्री उमंग सिंघार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले के माण्डव नगर, ब्लॉक नालछा में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना अंतर्गत संपूर्ण जिले का आयोजित विवाह सम्मेलन हेतु गठित की गई क्रय समिति की सूची उपलब्ध करायें एवं शासन से प्राप्त उक्त योजना के दिशा निर्देश की प्रमाणित प्रतिलिपि उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांकित (क) अनुसार विगत एक वर्ष में किस रेट से किन-किन सामग्रियों का क्रय किया गया? (ग) मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में दिनांक 19.04.2016 के धार के माण्डव नगर ब्लॉक नालछा में कितने वर-वधू का विवाह हुआ नामों की सूची ब्लॉकवार एवं कितने वर-वधू को सामग्री वितरीत की गई, कितने वर-वधू को सामग्री प्राप्त हुई एवं कितनो को नहीं प्राप्त हुर्इ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जिला स्तर पर गठित क्रय समिति की सूची तथा योजना के दिशा-निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ एवं ’’ब’’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’स’’ अनुसार है। (ग) मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में 961 वर-वधुओं का विवाह हुआ,जिन्हें सामग्री वितरित की गई। नामों की ब्लॉकवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’द’’ अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पटवारियों का मुख्यालय पर नहीं रहना
27. ( क्र. 1573 ) श्री रामसिंह यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले की तहसील कोलारस एवं बदरवास के पटवारी मुख्यालय पर निवास करते हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन से पटवारी किस-किस मुख्यालय पर किस मकान में रहकर निवास करते हैं? यदि नहीं, तो पटवारी मुख्यालय पर कब से रहेंगे? (ख) कोलारस एवं बदरवास तहसील में प्रश्न दिनांक की स्थिति में कौन-कौन पटवारी किस-किस पटवारी हल्का नंबर पर कब से पदस्थ हैं? (ग) क्या शासन कोलारस एवं बदरवास तहसील में पदस्थ पटवारियों को मुख्यालय पर रहने के लिये निर्देशित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) यदि पटवारी मुख्यालय पर निवास नहीं करते हैं तो ऐसे पटवारियों के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही कब तक करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश "क" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराना
28. ( क्र. 1584 ) पं. रमेश दुबे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता ने ग्राम खसरा के ग्रामवासियों से शिकायत प्राप्त होने पर सार्वजनिक उपयोग की शासकीय भूमि पर किये गये अतिक्रमण को हटाने के संबंध में पत्र क्र. 885 दिनांक 14/06/2015, क्र. 1046 दिनांक 07/07/2015, क्रमांक 1517 दिनांक 24/09/2015, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) चौरई, जिला-छिन्दवाड़ा को एवं पत्र क्रमांक 1554 दिनांक 30/09/2015 कलेक्टर छिन्दवाड़ा को प्रस्तुत किया था? (ख) क्या प्रश्नकर्ता ने ग्राम पंचायत टाप से शिकायत प्राप्त होने पर भी शासकीय भूमि का सीमांकन कर सार्वजनिक उपयोग की शासकीय भूमि पर किये गये अतिक्रमण को हटाने के संबंध में पत्र क्र. 1150 दिनांक 27/07/2015, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) चौरई, जिला-छिन्दवाड़ा को एवं पत्र क्रमांक 559 दिनांक 4/05/2016 कलेक्टर छिन्दवाड़ा एवं तहसीलदार चॉद को प्रस्तुत किया है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) यदि हाँ, तो अभी तक पत्र में उल्लेखित शासकीय भूमियों पर से अतिक्रमण नहीं हटाने के लिए कौन लोग जिम्मेदार है? क्या अतिक्रामकों को सम्बंधित अधिकारी प्रश्रय दे रहे हैं? अतिक्रमण हटाने हेतु अब तक की गयी कार्यवाही का ब्यौरा देवें? (घ) क्या शासन अतिक्रमण नहीं हटाने वाले अधिकारियों की जिम्मेदारी नियत कर उनके विरूद्ध कार्यवाही तथा पत्र में उल्लेखित शासकीय भूमियों को अतिक्रमण मुक्त कराने का आदेश देगा? यदि हाँ, तो कब तक शासकीय भूमि अतिक्रमण मुक्त करा दी जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विभिन्न ग्रामीण विकास योजना व कार्यों में राशि खर्च
29. ( क्र. 1707 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल संभाग के शहडोल, उमरिया एवं अनूपपुर जिले में जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक जिला पंचायत द्वारा संचालित महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अन्तर्गत योजना के तहत कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई तथा कितनी राशि व्यय की गई? (ख) उक्त संभाग में जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक केन्द्र सरकार तथा राज्य सरकार से अनूपपुर, कोतमा एवं पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में सड़क निर्माण तथा पुल पुलिया निर्माण हेतु कितनी-कितनी राशि किस कार्य हेतु आवंटित की गई है? कितना निर्माण कार्य हुआ, कौन-कौन से कार्य शेष हैं, शेष निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कर लिये जायेंगे? कार्यवार विवरण उपलबध करायें? (ग) अनूपपुर जिले के विधानसभा क्षेत्र, अनूपपुर, कोतमा एवं पुष्पराजगढ़ में रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत खेतों में मेड़बंधान योजना अंतर्गत जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि प्राप्त हुई, कितने पात्र हितग्राहियों को इस योजना का लाभ दिया गया? कितने हितग्राहियों के मेड़बंधान बने हैं, क्या किसान के खेतों में मेड़बंधान कार्य का लाभ पात्र हितग्राहियों को दिया जा रहा है? (घ) अनूपपुर जिले के विधानसभा क्षेत्र, अनूपपुर, कोतमा एवं पुष्पराजगढ़ में रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत कपिलधारा एवं आवास योजना अंतर्गत जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि केन्द्र एवं राज्य सरकार से प्राप्त हुई? कितने हितग्राहियों को कपिलधारा एवं आवास योजना के तहत राशि दी गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) शहडोल संभाग के अन्तर्गत जिला अनूपपुर में जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक जिला पंचायत द्वारा संचालित विभिन्न ग्रामीण विकास की योजना के तहत प्राप्त राशि रूपये 1177.04 लाख एवं कार्यों में व्यय राशि रू. 1005.83 लाख है। उपरोक्त आवंटन से निम्नांकित कार्यों में राशि व्यय हुई है। पंचायत भवन, पीडीएस गोदाम, आंगनवाडी भवन, पशु औषधालय सामुदायिक भवन निर्माण, हैन्डपम्प, खनन, बाउंड्रीवॉल अतिरिक्त कक्ष, मेड बंधान, मवेशी पालन शेड, इन्दिरा आवास, आंतरिक मार्ग निर्माण कार्य लिये गये हैं। अनूपपुर की विस्तृत जानकारी तथा शहडोल एवं उमरिया की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जिला पंचायत अनूपपुर को केन्द्र सरकार तथा राज्य सरकार से अनूपपुर/कोतमा एवं पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में सड़क निर्माण एवं पुल, पुलिया निर्माण हेतु पृथक से कोई आवंटन प्राप्त नहीं हुआ है। (ग) अनूपपुर जिलें के विधानसभा क्षेत्र अनूपपुर/कोतमा एवं पुष्पराजगढ़ में विधानसभा क्षेत्र में रोजगार गारंटी योजनांतर्गत खेतों में मेढ बंधान योजनांतर्गत जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक तक मनरेगा योजना में जिला एवं जनपद को राशि प्राप्त नहीं होती है। राज्य रोजगार गारंटी परिषद् भोपाल के नोडल खाते से राशि का ई-पेमेन्ट के माध्यम से भुगतान होता है। मनरेगा के अन्तर्गत मेढ बंधान स्वीकृत कार्य में लाभान्वित हितग्राहियों की संख्या 11892 है जिसमें कुल राशि रूपये 3966.47 लाख व्यय है। व्यय राशि को ही प्राप्त राशि माना जावे। मनरेगा योजनान्तर्गत हितग्राहियों द्वारा 11892 मेढ बंधान कार्य पूर्ण कराये गये हैं। मनरेगा के मेन्युअल के अनुसार किसान के खेतों में मेढ बंधान कार्य का लाभ पात्र हितग्राहियों को दिया गया है। (घ) अनूपपुर जिले के विधानसभा क्षेत्र अनूपपुर, कोतमा एवं पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में रोजगार गारंटी योजना अन्तर्गत कार्यवार आवंटन जिला पंचायत एवं जनपद पंचायतों को प्राप्त नहीं होता है। ई-पेमेन्ट के माध्यम से भुगतान किया जाता है। मनरेगा योजना में जिला एवं जनपद को राशि प्राप्त नहीं होती है। राज्य रोजगार गारंटी परिषद् भोपाल के नोडल खाते से राशि का ई-पेमेन्ट के माध्यम से भुगतान होता है। जनवरी-2015 से प्रश्न दिनांक तक कपिल धारा योजना में स्वीकृत हितग्राहियों की संख्या 365 है जिसमें हितग्राहियों को प्रदाय राशि एवं व्यय राशि 497.24 लाख है। आवास योजना के लाभान्वित हितग्राहियों की संख्या 1381 है। जिन्हें राशि आवास योजना के तहत राशि 872.25 लाख प्रदान की गई है।
तहसील जौरा के ग्राम अलापुर में पट़टे की शर्तों का उल्लंघन
30. ( क्र. 1811 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तहसील जौरा के ग्राम अलापुर की भूमि सर्वे क्रं 1138 रकबा 05 बीघा शासकीय चरनोई भूमि का पट़टा कर दिया गया है? यदि हाँ, तो उक्त पट्टा किन नियम व शर्तों के आधार पर किन व्यक्तियों को किया गया है? नियम एवं शर्तों सहित अवगत करावें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित भूमि का पट्टेधारियों द्वारा आवासीय प्रयोजन हेतु विक्रय किया जा सकता है? यदि हाँ, तो नियम शर्तों सहित अवगत करायें? (ग) क्या उक्त भूमि को खुर्द-बुर्द कर भू-माफियाओं एवं संबंधित अधिकारी/कर्मचारियों के द्वारा आवासीय प्रयोजन हेतु विक्रय कर दी गई है? यदि हाँ, तो संबंधित अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध कोई दण्डात्मक कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो वस्तुस्थिति से अवगत करावें? (घ) प्रश्नांश (क) (ख), (ग) के परिप्रेक्ष्य में दोषियों पर कब तक दण्डात्मक कार्यवाही की जा सकेगी एवं उपरोक्त भूमि के संबंध में प्रश्न दिनांक तक समस्त कार्यवाही सहित यथा स्थिति से अवगत करायें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ग्राम पंचायत सचिवों की बहाली
31. ( क्र. 1830 ) श्री दिनेश राय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले के अंतर्गत 01 अप्रैल 2011 से प्रश्न दिनांक तक किन सचिवों को निलंबन समाप्त कर बहाल किया गया है? जनपद पंचायवार, वर्षवार सूची उपलब्ध करावें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अवधि के दौरान बहाल किये गये ऐसे ग्राम पंचायत सचिव भी शामिल हैं जिनके गबन के प्रकरण विभिन्न माननीय न्यायालयों में प्रचलित है? यदि हाँ, तो ऐसे सचिवों के वर्षवार सूची उपलब्ध करावें? (ग) क्या शासन के ऐसे निर्देश है कि गबन के आरोप में निलंबित सचिवों को न्यायालयीन निर्णय के पूर्व ही बहाल किया जावे? यदि हाँ, तो निर्देश की प्रति उपलब्ध कराते हुए बहाल किये गये सचिवों की जनपद पंचायतवार सूची उपलब्ध करायें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) सिवनी जिले के अंतर्गत 01 अप्रैल 2011 से प्रश्न दिनांक तक 78 ग्राम पंचायत सचिवों का निलंबन समाप्त कर बहाल किया गया है, जिनकी जनपद पंचायतवार, वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार। (ख) प्रश्नांश ‘‘क‘‘ अवधि के दौरान बहाल किये गये ऐसे 07 ग्राम पंचायत सचिव शामिल है, जिनके गबन के प्रकरण विभिन्न न्यायालय में प्रचलित है। जिनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार। (ग) मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय भोपाल के परिपत्र क्रमांक/सी-61/2002/3/एक, दिनांक 06.11.2002 की छायाप्रति संलग्न है। बहाल किये गये सचिवों की जनपद पंचायतवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार।
शासकीय तालाब पर अतिक्रमण
32. ( क्र. 1831 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले की वारासिवनी तहसील में वार्ड नं.12 के म.प्र. शासन के शासकीय बोढी (तालाब) का रकबा नं. खसरा नं. कितना हैं? उक्त्त तालाब के कितने-कितने भू-भाग पर किन-किन अतिक्रमणकर्ताओं के द्वारा कब से कब्जा किया गया हैं? अतिक्रमणकर्ताओं के नाम पते सहित जानकारी देवें? (ख) उक्त तालाब में किन-किन अतिक्रमणकताओं को विभाग/अन्य संस्था द्वारा कब-कब कितने-कितने भू-भाग के पट्टे वितरित किये गये? किस नियम के तहत्? नियम की छायाप्रति देवें एवं कितने अतिक्रमणकर्ताओं के द्वारा बिना पट्टे के अतिक्रमण कर कब्जा किया गया है? नाम पते सहित जानकारी देवें? (ग) क्या उक्त तालाब को अतिक्रमण से मुक्त किये जाने हेतु विभाग/शासन द्वारा अतिक्रमणकर्ताओं को अपने-अपने अतिक्रमण हटाने के नोटिस जारी किये गये थे? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों? कारण बतावें? (घ) उक्त तालाब से अतिक्रमण नहीं हटाये जाने के लिये कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार हैं? उनके विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी? उक्त तालाब को अतिक्रमण से कब तक मुक्त करा दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अवैध अतिक्रमण
33. ( क्र. 1832 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले की वारासिवनी तहसील के ग्राम वारा के पटवारी ह.नं. २६/१ खसरा नं. ६०७/१ रकबा ०.०९७ हेक्टेयर के कितने-कितने भू-भाग पर किन-किन अतिक्रमणकर्ताओं के द्वारा कब से कब्जा किया गया है? अतिक्रमणकर्ताओं के नाम पते सहित जानकारी देवें? (ख) उक्त स्थल पर किन-किन अतिक्रमणकर्ताओं को क्या विभाग/अन्य संस्था द्वारा अतिक्रमणकर्ताओं को पट्टा दिया गया हैं? कब-कब कितने-कितने भू-भाग पर? किन नियमों के तहत्? (ग) क्या उक्त स्थल को अतिक्रमण से मुक्त किये जाने हेतु विभाग/शासन द्वारा अतिक्रमणकर्ताओं को अपने-अपने अतिक्रमण हटाने के नोटिस जारी किये गये थे? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो कारण बतावें? (घ) उक्त स्थल से अतिक्रमण नहीं हटाये जाने के लिए कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार हैं? उनके विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी? तथा उक्त स्थल को अतिक्रमण से कब तक मुक्त कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) बालाघाट जिले की वारासिवनी तहसील के ग्राम बारा के पटवारी ह.नं. 26/1 खसरा नं.607/1,रकबा 0.097 हेक्टेयर पर एक ही अतिक्रमणकर्ता के द्वारा अतिक्रमण वर्ष 2016 से किया गया है जिसका नाम प्रभुदयाल बाहेश्वर पिता चरणलाल जाति मरार निवासी ग्राम बारा है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ग) अतिक्रमणकर्ता को न्यायालय द्वारा दिनांक 2.2.2016 को नोटिस जारी किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) अतिक्रमणकर्ता के विरूद्ध अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही न्यायालयीन प्रचलन में है उक्त स्थल के अतिक्रमण से कब तक मुक्त किया जावेगा समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
पटवारी द्वारा की गई हेराफेरा पर दण्डात्मक कार्यवाही
34. ( क्र. 1835 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तहसील कैलारस के ग्राम बधरेटा के सर्वे क्रं. १४४८/१/क/२ रकबा ०७.९९४ एवं सर्वे क्रं. १४४८/१/ख रकबा ०२.६६५ की भूमि पथरीली है उक्त भूमि को पट्टे धारियों को पट्टे पर दी गई थी? यदि हाँ, तो दी गई भूमि आवंटन का उद्देश्य क्या था? (ख) क्या उक्त भूमि पथरीली होकर असिंचित है व उसमे कोई भी फसल नहीं होती है उसके बावजूद भी स्थानीय पटवारी द्वारा राजस्व दस्तावेजों में जालसाजी कर बेजा लाभ कमाने के उद्देश्य से कुआं द्वारा सिंचित दर्शा कर अपने करीबियों को उक्त सर्वे क्रंमाकों पर के.सी.सी. का लाभ एवं औला पीडि़त का मुआवजा एवं अन्य शासकीय योजनाओं का लाभ लिया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) में पटवारी माखनलाल अर्गल द्वारा पट्टेधारियों को भूमि स्वामी बनाना एवं असिंचित जमीन को कुएं से फर्जी तौर पर सिंचित बताकर बैंक से के.सी.सी. निकालना, औलावृष्टि का मुआवजा दिलाना धोखाधड़ी एवं शासकीय राशि का गबन करना अपराध की श्रेणी में आता है? यदि हाँ, तो दोषी पटवारी के विरूद्ध कब तक दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उक्त भूमि का अधिकांश भाग पथरीला होकर स्थल पर पहाड़ी है लेकिन लगभग 03 हेक्टेयर क्षेत्र में फसल होती है मौके पर उक्त सर्वे नम्बर में कोई कुआं नहीं है परन्तु आसपास के सर्वे नम्बरों के कुंओं से सिचाई की जाती है। उक्त सर्वे क्रंमांक भूमिस्वामी स्वत्व के होने से किसान क्रेडिट कार्ड जारी किया गया है एवं ओला पीडि़त को लाभ दिलाया गया है। (ग) प्रश्नांश ’’क’’ एवं ’’ख’’ में अंकित बघरैटा के सर्वे क्रमांक राजस्व अभिलेख एवं सम्वत् 2008 से भूमि स्वामी स्वत्व पर दर्ज है। पटवारी माखनलाल अर्गल द्वारा पट्टे धारियों को भूमि स्वामी नहीं बनाया गया है। पटवारी द्वारा उक्त व्यक्तियों को भूमि स्वामी होने के कारण ओलावृष्टि का मुआवजा दिलाया गया है पटवारी द्वारा गबन नहीं किया गया है पटवारी को ग्राम बघरैटा के ओलावृष्टि की सर्वे की त्रुटिपूर्ण जानकारी के कारण निलंबित किया गया था।
किसान कल्याण एवं कृषि विभाग सागर के किसानों को दवाएं
35. ( क्र. 1839 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किसान कल्याण तथा कृषि विभाग सागर ने वर्ष 2014 से 2015 तक किसानों को अनुदान उपलब्ध कराने के लिए कौन-कौन सी दवाएं किस कंपनी/उत्पादक से किस संस्था के मार्फत प्राप्त की है? दवा का नाम उसकी दर एवं कुल कीमत सहित बताएं दवा हेतु कृषक अंश कितना था एवं उसे शासकीय अनुदान कितना था? (ख) क्या प्रोपेनाफॉस दवा का सेंपल केन्द्रीय प्रयोगशाला जो कि राज्य के बाहर की प्रयोगशाला है में भेजा गया था, जो कि अमानक स्तर का निकला? उस दवा उत्पादक पर एफ.आई.आर. दर्ज नहीं कराई गई तथा उस अमानक दवा का भी भुगतान संस्था/कंपनी को कर दिया गया? अमानक दवा का भुगतान क्यों किया गया? नियम सहित बताएं तथा कितनी राशि का भुगतान किया गया? (ग) क्या भुगतानकर्ता से शासन एवं किसानों को हुई आर्थिक हानि की भरपाई कराई जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) किसान कल्याण तथा कृषि विभाग सागर ने जिला विपणन अधिकारी म.प्र. राज्य विपणन संघ मर्या. सागर एवं जिला प्रबंधक एम.पी.एग्रो सागर के द्वारा वर्ष 2014 से 2015 तक किसानों को अनुदान पर उपलब्ध कराई गई दवाएं, कम्पनी, दवा का नाम, उसकी दर, कुल कीमत, कृषक अंश राशि एवं अनुदान की राशि की संस्थावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ-1,2,3 पर है। (ख) प्रोपेनाफॉस दवा का सेंपल केन्द्रीय प्रयोगशाला जो कि राज्य के बाहर वनस्पति रक्षा संगरोध एवं संग्रह निदेशालय प्रयोगशाला फरीदाबाद (हरियाणा) भेजे गये थे। जिसमें से दो सेम्पल के परिणाम अमानक स्तर के प्राप्त होने पर, विक्रय प्रतिबंधित आदेश, कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया, प्रकरण में कार्यवाही की गई है। वित्तीय वर्ष की समाप्ति के कारण उक्त दवा के अनुदान का भुगतान विश्लेषण परिणाम प्राप्ति के पूर्व ही किया जा चुका था। जिला विपणन अधिकारी सागर द्वारा निर्माता कम्पनी को राशि रू. 654075.00 का भुगतान किया गया है। अमानक दवा की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब अनुसार है। (ग) कीटनाशी अधिनियम 1968 के तहत आर्थिक हानि की भरपाई के संबंध में कोई प्रावधान नहीं हैं।
एकीकृत जलग्रहण क्षेत्र प्रबंधन कार्यक्रम 08 में किये जा रहे भ्रष्टाचार
36. ( क्र. 1856 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में संचालित एकीकृत जलग्रहण क्षेत्र प्रबन्धन कार्यक्रम (IWMP) 08 बरई/भितरवार में जो कार्य कराये जा रहे हैं तथा कराये गये है क्या यह सत्य है (1) चेक डेम पार लागत 6.48 लाख (2) चेक डेम कमवियर चेत लागत 7.77 लाख (3) चेक डेम सिमरिया लागत 12.15 लाख (4) चेक डेम सिमरिया लागत 15.12 लाख (5) चेक डेम चेत लागत 16.95 लाख (6) चेक डेम रामपुर लागत 18.96 लाख (7) अर्धन चेक डेम पार लागत 10.33 लाख (8) सिंचाई तालाब इमलिया लागत 12.95 लाख के निर्माण कार्य कराये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो निर्माण कार्यों के प्राक्कलन किस कर्मचारी/अधिकारी द्वारा तैयार किये गये थे? तकनीकी स्वीकृति किस-किस कर्मचारी/अधिकारी द्वारा दी गई उनके नाम, पद तथा विभाग स्पष्ट करें? कार्य किस एजेन्सी/ठेकेदार या अध्यक्ष, सचिव या कमेटी तथा अन्य किस के द्वारा किस-किस कर्मचारी/अधिकारी के सुपरवीजन में कराये गये है, उनका नाम तथा पद स्पष्ट करें? (ग) उक्त सुपरवीजनकर्ता कर्मचारी/अधिकारी द्वारा कब-कब उक्त निर्माण कार्यों का मौके पर निरीक्षण किया? उक्त निर्माण कार्यों का मूल्यांकन किस-किस कर्मचारी/अधिकारी द्वारा किया गया है? क्या निर्माण कार्य मजदूरों से कराये गये? (घ) प्रश्न (क) अनुसार क्या उक्त निर्माण कार्य बहुत ही निम्न गुणवत्ता के हैं, इन कार्यों के निर्माण में बहुत ही बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार किया गया है? यदि नहीं, तो क्या भोपाल से उच्च स्तरीय टीम का गठन कर प्रश्नकर्ता विधायक के साथ उक्त निर्माण कार्यों की जाँच कराई जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) प्राक्कलन श्री कुलदीप सिंह,टीम सदस्य (सिविल) द्वारा तैयार किये गये थे। तकनीकी स्वीकृति ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के श्री आर.के.गुप्ता व श्रीमती ऊषा चौधरी, अनुविभागीय अधिकारी और श्री अतुल चतुर्वेदी, कार्यपालन यंत्री द्वारा दी गई। कार्यान्वयन एजेंसी वाटर शेड समिति है। कार्य टीम सदस्यों नामतः श्री शिवकुमार कुशवाह, श्री कुलदीप सिंह तथा श्रीमती नेहा यादव के सुपरवीजन में करायें गये है। (ग) मूल्यांकन श्री कुलदीप सिंह, टीम सदस्य (सिविल) द्वारा किया गया है। कार्य मजदूरों तथा मशीन से करायें गये है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (घ) जी नहीं। प्रश्नांकित कार्यों का समय समय पर निरीक्षण एवं मूल्यांकन किया गया है, जिसमें निम्न गुणवत्ता एवं अनियमितता नहीं पायी गई है। अतः जाँच का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कृषि उपज मण्डी समिति श्योपुर में तौल कांटे
37. ( क्र. 1857 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कृषि उपज मण्डी समिति श्योपुर में देव नारायण बी.ओ.टी. धर्म कांटा संचालित करने हेतु दिनांक 23.03.2013 को 1,82,505 रूपया वार्षिक अनुबंध कर दिया था? यदि हाँ, तो क्या उक्त धर्म कांटा पर तुलाई के पश्चात् ही मण्डी में उपज बेचने का प्रावधान था? यदि हाँ, तो वर्तमान मण्डी सचिव किस आधार पर नियम विरूद्ध बिना तौल कांटे के सीधे मण्डी से उपज का विक्रय कर रहे हैं? क्या यह भ्रष्टाचार की श्रेणी में आता है? यदि हाँ, तो क्या नियम विरूद्ध सीधे मण्डी से उपज विक्रय करने के लिए मण्डी सचिव दोषी है? यदि हाँ, तो दोषी के प्रति कोई दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) कृषि उपज मण्डी श्योपुर में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ हैं उनका नाम, पद, पदस्थापना दिनांक स्पष्ट करें? 1 अप्रैल 2014 से प्रश्न दिनांक तक प्रति वित्तीय वर्षवार कौन-कौन सी उपज से मण्डी समिति श्योपुर को कितना-कितना वित्तीय लाभ प्राप्त हुये? प्रति वित्तीय वर्ष तथा प्रति अनाज उपजवार स्पष्ट करें? (ग) कृषि उपज मण्डी श्योपुर में 1 अप्रैल 2015 से प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या निर्माण कार्य किस-किस स्थान पर किस-किस प्रतिनिधि/अधिकारी या मण्डी समिति की अनुशंसा पर कितनी-कितनी लागत से किस-किस निर्माण एजेन्सी/ठेकेदार द्वारा किस-किस यंत्री/सहा. यंत्री/कार्यपालन यंत्री के सुपरवीजन में कराये गये हैं तथा कराये जा रहे हैं उनकी वर्तमान में भौतिक तथा वित्तीय स्थिति क्या है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) अनुबंध दिनांक 23.03.2013 को न होकर दिनांक 20.03.2013 को किया गया है। जी नहीं। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) कृषि उपज मंडी समिति, श्योपुर में पदस्थ अधिकारी/कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है तथा 01 अप्रैल 2014 से प्रश्न दिनांक तक वित्तीय वर्षवार अधिसूचित कृषि उपज के विपणन कार्य में वित्तीय लाभ के रूप में प्राप्त मंडी शुल्क की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) प्रश्नागत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
कृषि उपकरणों का अनुदान
38. ( क्र. 1870 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा किसानों के कल्याण हेतु अनुदान कौन-कौन सी योजनाएं चलाई जा रही है? विकासखण्ड पन्ना, गुनौर में वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक अनुदान प्राप्त खाद, बीज व कीटनाशक दवा कितने किसानों को किस योजना अन्तर्गत एवं कितने अनुदान में उपलब्ध कराई गई? (ख) क्या शासन द्वारा कृषि उपकरण से संबंधित यंत्र ट्रैक्टर, कल्टीवेटर, थ्रेसर, स्प्रिंगकलर एवं अन्य कृषि संबंधी किस-किस यंत्र में अनुदान दिया जाता है वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक विकासखण्ड पन्ना, गुनौर अन्तर्गत किस कृषि उपकरण में कितने हितग्राही को कितना अनुदान दिया गया? (ग) क्या कृषि उपकरणों पर अनुदान कागज में दर्ज करके संबंधित अधिकारियों द्वारा अनुदान राशि में भ्रष्टाचार किया जा रहा है? क्या किसानों को अनुदान पर दिये जाने वाले कृषि यंत्रों का भौतिक सत्यापन कराया जाता है? यदि हाँ, तो कितने किसानों का भौतिक सत्यापन कराया गया? क्या प्रदाय किये गये कृषि उपकरणों की, समिति गठित कर जाँच की जाकर संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) जी, नहीं। जी हाँ वर्ष 2015-16 में 253 कृषि यंत्रो का भौतिक सत्यापन कराया गया। शेष का प्रश्न ही नहीं उठता।
नामांतरण, सीमांकन, बंटवारा की जानकारी
39. ( क्र. 1871 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुनौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत संचालित तहसील गुनौर, देवेन्द्र नगर, अमानगंज अंतर्गत वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन के कितने आवेदन लोक सेवा केन्द्रों के माध्यम से एवं कितने आवेदन सीधे तहसीलों में प्राप्त हुये? प्राप्त आवेदनों में से कितने आवेदनों का निराकरण समय-सीमा में किया गया? (ख) क्या ज्यादातर विवाहित बहनें अपने भाइयों के पक्ष में अपने हित का त्यजन करने हेतु राजस्व न्यायालयों में उपस्थित होकर शपथ पत्र प्रस्तुत करने पर भी, अपनी-अपनी अधिकारिता में तहसीलदार/नायब तहसीलदारों द्वारा बहिनों के नाम विलोपित नहीं किये जाते हैं? यदि बालिग कोई भी नागरिक अपने संबंध में स्वयं निर्णय लेने का अधिकार रखता है तो अपनी सम्पत्ति के त्यजन का अधिकारी क्यों नहीं रखता है? बतावें? (ग) क्या जिन बंटवारा/नामांतरण प्रकरणों में तहसीलदार/नायब तहसीलदारों को पैसे दे दिये जाते हैं उन प्रकरणों में बहिनों के नाम विलोपित कर नामांतरण/बंटवारा कर दिया जाता है और जिन प्रकरणों में पैसे नहीं दिये जाते हैं उनमें बहिनों के नाम जोड़कर बंटवारा प्रकरणा को उलझा दिया जाता है? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) से संबंधित बंटवारा/नामांतरण प्रकरणों एक ही विषय वस्तु पर दो प्रकार के आदेश पारित किये जाने का क्या कारण है? क्या ऐसे प्रकरणों की जाँच कराई जाकर दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक समय-सीमा बतावें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) तहसील गुनौर एवं अमानगंज में कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुये है। तहसील देवेन्द्रनगर में नामांतरण का 01 आवेदन दिनांक 27.6.2016 को प्राप्त हुआ है, जो न्यायालयीन प्रक्रिया में प्रचलन में है। तहसील अमानगंज, देवेन्द्रनगर, गुनौर अंतर्गत सीधे तहसीलों में नामांतरण के 2250, बंटवारा के 1980, सीमांकन के 585 कुल 4815 आवेदन प्राप्त हुये है। सभी आवेदन दर्ज किये जाकर नामांतरण के 2179, बंटवारा के 1855, सीमांकन के 564 इस प्रकार कुल 4596 आवेदनों का निराकरण समय-सीमा में किया गया। शेष आवेदन समय-सीमा में है तथा न्यायालयीन प्रक्रियाधीन है। (ख) म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 के अंतर्गत तहसीलदार/नायब तहसीलदार को हित को त्यजन को स्वीकार करने की अधिकारिता न होने से विवाहित बहनों द्वारा अपने भाईयों के पक्ष में शपथ पत्र के आधार पर नाम विलोपित नहीं किये जा सकता। (ग) म.प्र. भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 109 एवं 110 के तहत नामांतरण तथा धारा 178 में विहित प्रावधान अनुसार बंटवारा प्रकरणों का निराकरण किया जाता है। तहसीलदार/नायब तहसीलदारों को पैसे के लेन-देन संबंधी प्रकरण प्रकाश में नहीं आए है। (घ) म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 109 एवं 110 के तहत नामांतरण तथा धारा 178 में विहित प्रावधान अनुसार बंटवारा प्रकरणों में आदेश पारित किये जाते है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कस्बा सुवासरा में सर्वे 918/1 पट्टेधारी व्यक्तियों
40. ( क्र. 1890 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा कस्बा सुवासरा में सर्वे क्र. 918/1 में किस वर्ष में कितने व्यक्तियों को पट्टे दिए थे? उस समय शासन द्वारा प्लाटों के विक्रय हेतु जारी की गई विज्ञप्ति की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें? (ख) प्लाटों की निलामी के बाद प्लाट धारियों द्वारा निर्माण प्रारंभ करते ही क्या किसी व्यक्ति के द्वारा स्टे-आर्डर लिया गया था? स्टे-आर्डर की दिनांक एवं वर्ष बतावें? क्या स्टे-आर्डर के बाद निर्माण कार्य पर शासन द्वारा रोक लगाई गई थी? (ग) माननीय जिला न्यायालय मंदसौर, उच्च न्यायालय इंदौर, सर्वोच्च न्यायालय दिल्ली के द्वारा क्या निर्णय दिया गया है एवं दिए गए निर्णय का पालन आज तक किया गया है या नहीं अगर नहीं तो कारण बतावें? (घ) शासन द्वारा प्रश्नांश (क) में कई वर्षों से जिन गरीब व्यक्तियों, विधवाओं, अजा वर्ग के लिए पट्टे दिए गए हैं उन्हें कब तक वास्तविक कब्जा प्राप्त होंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रधानमंत्री सड़क योजना
41. ( क्र. 1909 ) कुँवर हजारीलाल दांगी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क निर्माण करने के क्या प्रावधान हैं? निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें? कितनी जनसंख्या पर सड़कें स्वीकृत की जाती हैं? (ख) जीरापुर जनपद क्षेत्र की ग्राम पंचायत जेतपुरा (सुलीपुरा) की पंचायत मुख्यालय के ग्राम जेतपुरा की जनसंख्या कितनी है तथा उक्त पंचायत मुख्यालय को अभी तक प्रधानमंत्री सड़क योजना से क्यों नहीं जोड़ा गया है? कारण बतावें? (ग) क्या उक्त ग्राम जेतपुरा को पीपल्या बीजारेल तक बनी प्रधानमंत्री सड़क से जोड़ने की कोई योजना है? यदि योजना है तो उक्त ग्राम जेतपुरा को कब तक प्रधानमंत्री सड़क से जोड़ दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के दिशा निर्देशों के अनुसार वर्ष 2001 की जनगणना के आधार पर सामान्य विकासखंड में 500 अथवा अधिक एवं आदिवासी विकासखंड में 250 अथवा अधिक जनसंख्या वाले ऐसी बसाहटों को जो पक्की सड़कों से 500 मीटर से अधिक दूरी पर स्थित है को जनसंख्या के घटते क्रम में पक्की सड़कों से जोड़ने का प्रावधान है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जीरापुर जनपद क्षेत्र की ग्राम पंचायत जेतपुरा की जनसंख्या वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार 554 है। उत्तरांश (क) के प्रकाश में योजनांतर्गत पात्र ग्रामों को जनसंख्या के घटते क्रम में जोड़ने का प्रावधान है। ग्राम जेतपुरा की जनसंख्या 554 है एवं यह ग्राम योजना के स्वीकृत कोर नेटवर्क की द्वितीय प्राथमिकता के 39वें क्रम पर होने से जनसंख्या के घटते क्रम में नहीं आने से अभी तक नहीं जुड़ पाया। ग्राम उभापान से ग्राम जेतपुरा तक मार्ग निर्माण की डी.पी.आर. भारत सरकार को प्रेषित है। स्वीकृति अपेक्षित है। (ग) जी नहीं। उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
किसानों की बकाया राशि का भुगतान
42. ( क्र. 1910 ) कुँवर हजारीलाल दांगी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या डिप्टी कलेक्टर वास्ते कलेक्टर जिला राजगढ़ द्वारा पत्र क्रमांक/7177/आर.एम./14 राजगढ़ दिनांक 07.10.2014 एवं पत्र क्रमांक 7178/ आर.एम./14 राजगढ़ दिनांक 07.10.2014 से तहसीलदार खिलचीपुर जिला राजगढ़ को मण्डी समिति खिलचीपुर की बकाया राशि एवं कृषकों के भुगतान की बकाया राशि क्रमश: फर्म गुरूकृपा ट्रेडर्स खिलचीपुर से राशि रूपये 2088769/- एवं फर्म शिवम् ट्रेडर्स खिलचीपुर से राशि रूपये 3507524/- भू-राजस्व की भांति वसूल करने हेतु आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये थें? (ख) यदि हाँ, तो निर्देश दिनांक से प्रश्न दिनांक तक संबंधित फर्मों से बकाया राशि की वसूली कर ली गई है? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो प्रश्न दिनांक तक बकाया राशि की वसूली न किये जाने के क्या कारण है तथा कब तक किसानों को बकाया राशि का भुगतान कर दिया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या मण्डी समिति खिचलीपुर के अंतर्गत उक्त दोनों फर्मों के विरूद्ध कोई ठोस कार्यवाही नहीं की जाकर प्रकरण में निरंतर टालम टोली की जा रही है? यदि हाँ, तो इसमें कौन-कौन दोषी है? क्या शासन दोषी अधिकारियों एवं संबंधित फर्मों के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो क्या और कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। संबंधित फर्मों से बकाया वसूली भू-राजस्व की भांति किये जाने हेतु निर्देश दिये गये हैं। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में डिप्टी कलेक्टर वास्ते कलेक्टर राजगढ़ द्वारा बकाया राशि को भू-राजस्व की बकाया रूप में वसूल करने के विरूदध में दोनों फर्मों द्वारा न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी खिलचीपुर के समक्ष अपील प्रस्तुत की गई। जिसमें माननीय न्यायालय अनुविभाग अधिकारी तहसील खिलचीपुर में अपीलार्थी की अपील को आधारहीन होने से निरस्त किया एवं पुनः तहसीलदार खिलचीपुर को नियमानुसार प्रक्रिया अपनाकर वसूली की कार्यवाही करने के निर्देश दिये। अतः प्रकरण न्यायालय तहसीलदार, तहसील खिलचीपुर में आगामी तिथि 30.07.2016 तक के लिए विचाराधीन है। प्रकरण में निर्णय उपरांत ही किसानों को बकाया राशि का भुगतान किया जावेगा। (ग) कृषि उपज मंडी समिति खिलचीपुर अंतर्गत उक्त दोनों फर्मों से बकाया राशि की वसूली के संबंध में कार्यवाही किये जाने से टालमटोली नहीं की गई है। वर्तमान में भू-राजस्व की भांति वसूली की कार्यवाही तहसील स्तर पर प्रक्रियाधीन है,जिसके तहत दिनांक 30.07.2016 को प्रकरण में सुनवाई की जाना है।
इंदौर जिले अंतर्गत सहकारी संस्था से संबंधित प्राप्त शिकायतें
43. ( क्र. 1956 ) श्री मनोज निर्भय सिंह पटेल : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर जिले के अंतर्गत तीन वर्षों में सहकारी संस्था से संबंधित कितनी शिकायतें जून 2016 तक प्राप्त हुई। सूची उपलब्ध करावें? (ख) प्राप्त शिकायतों के परिप्रेक्ष्य में विभाग द्वारा कार्यवाही की गई है? कितने प्रकरणों में जाँच की जा रही है या लंबित हैं? नस्तीबद्ध कर दी गई है? (ग) प्राप्त शिकयतों की जाँच के आधार पर संस्था या संचालक मण्डल पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्राप्त शिकायतों की जांचों को कब तक पूरा कर लिया जावेगा?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) 1206 शिकायतें। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
नि:शक्तजनों हेतु संचालित योजनाएं
44. ( क्र. 1957 ) श्री मनोज निर्भय सिंह पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग के अंतर्गत नि:शक्तजनों के लिए क्या-क्या योजनाएं एवं कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं? (ख) शासकीय सेवा में कार्यरत नि:शक्त कर्मचारियों के लिए शासन द्वारा कौन-कौन सी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं? (ग) शासकीय सेवा में कार्यरत नि:शक्त कर्मचारियों के लिए शासन द्वारा वाहन खरीदने हेतु आर्थिक साहयता प्रदान की जाती है? यदि हाँ, तो प्रक्रिया बतायें? (घ) सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग में कितने नि:शक्तजनों के लिये आरक्षित पदों में से कितने पद वर्तमान में रिक्त है एवं उनकी कब तक पद पूर्ति कर दी जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) विभागांतर्गत तृतीय श्रेणी के 24 पद निःशक्तजनों के लिये आरक्षित है जिसमें से वर्तमान में 4 पद रिक्त है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
लीज भूमि पर शर्तों का उल्लंघन
45. ( क्र. 1980 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निमाड एज्यूकेशनल सोसायटी सिविल लाईन खंडवा को सिविल लाईन्स क्षेत्र में कितने वर्गफीट भूमि किस वर्ष में किस प्रयोजन हेतु दी गई थी? (ख) क्या भूमि के लीज नवीनीकरण में आवंटन के समय की शर्तों में परिवर्तन करने एवं व्यावसायिक उपयोग किये जाने की अनुमति दिये जाने के शासन निर्देश है? (ग) यदि हाँ, तो संस्था के लीज आवंटन एवं इसके पश्चात् किए गए नवीकरण आदेशों की प्रति उपलब्ध कराई जाए? (घ) संस्था के भूमि लीज नवीनीकरण प्रकरण में नियम विरूद्ध किए गए आदेशों के लिए कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदारी है? क्या नियम विरूद्ध किए गए लीज नवीनीकरण आदेश को निरस्त किया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
खंडवा-वनग्रामों को राजस्व ग्राम में परिवर्तन
46. ( क्र. 1984 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खंडवा विधानसभा क्षेत्र में किन-किन ग्रामीण क्षेत्रों को राजस्व ग्राम घोषित करने के प्रस्ताव प्राप्त हुए है? (ख) ग्रामीण बसाहट को राजस्व ग्राम घोषित करने के क्या प्रावधान है? क्या इन क्षेत्रों में ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाएं पाने का अधिकार है? (ग) खंडवा विधानसभा क्षेत्र के ऐसे किन-किन क्षेत्रों के प्रस्ताव जिला प्रशासन/राजस्व विभाग द्वारा शासन को प्रेषित किए गए है? (घ) उक्त प्रस्ताव किस स्तर पर एवं किन कारणों से कार्यवाही हेतु लम्बित है? ऐसे ग्रामीण क्षेत्रों को कब तक राजस्व ग्राम घोषित कर दिया जाएगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मुख्यमंत्री सड़क योजना
47. ( क्र. 1993 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोकनगर जिले के विकासखण्ड चन्देरी एवं ईसागढ़ क्षेत्र में मुख्यमंत्री सड़क योजना के अंतर्गत कितने रोड़ स्वीकृत किये गये हैं? (ख) कितनी सड़कें पूर्ण हो चुकी हैं एवं कितनी सड़कें अपूर्ण हैं? (ग) क्या जो सड़कें पूर्ण हो चुकी हैं उन पर डामरीकरण किया जाना प्रस्तावित है। यदि है तो कब तक उन पर डामरीकरण किया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) अशोकनगर जिले के विकासखण्ड चन्देरी में 30 सड़कें एवं विकासखण्ड ईसागढ़ में 47 सड़कें मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत स्वीकृत की गई है। (ख) योजनांतर्गत 68 सड़कें पूर्ण हो चुकी है। 01 सड़क अपूर्ण एवं 08 सड़कें अप्रारंभ है। (ग) वर्तमान में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत स्वीकृत सड़कों पर डामरीकरण की योजना क्रियाशील नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सूखा राहत मद से प्राप्त आवंटन
48. ( क्र. 1994 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोकनगर जिले में सूखा राहत मद के तहत राज्य शासन से कितना आवंटन प्राप्त हुआ? (ख) इस सूखा राहत मद से कौन-कौन से निर्माण कार्य कहाँ-कहाँ स्वीकृत किये गये हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) सूखा फसल क्षति के लिये अनुदान सहायता राशि 1197.94 लाख रूपये एवं पेयजल की व्यवस्था हेतु राशि 52.71 लाख रू. आवंटन प्रदाय किया गया है। (ख) इस सूखा राहत मद से कोई निर्माण कार्य स्वीकृत नहीं किये गये है।
ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक सुरक्षा पेंशन का भुगतान
49. ( क्र. 2023 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले की बरगी जनपद पंचायत अन्तर्गत अप्रैल, 2015 से प्रश्न दिनांक तक वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन विकलांग पेंशन आदि का भुगतान किन-किन माह में किया गया? पूर्ण विवरण दें? योजनावार संख्या बतायें? (ख) सामाजिक सुरक्षा पेंशन के भुगतान से विलंब होने का कारण क्या है? क्या शासन समय पर सामाजिक सुरक्षा पेंशन भुगतान की व्यवस्था करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जबलपुर जिले की बरगी जनपद पंचायत अंतर्गत 80 ग्राम पंचायतों में माह अप्रैल, 2015 से जून 2016 तक की पेंशन का भुगतान किया गया है। भुगतान की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
एक ही सदस्य को दूसरी बार प्लाट आवंटन
50. ( क्र. 2079 ) श्री तरूण भनोत : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सहाकारी गृह निर्माण समितियों में एक ही सदस्य को दो बार भूखण्ड आवंटन करने के नियम हैं? (ख) क्या जबलपुर जिले में कार्यरत सहकारी गृह निर्माण समितियों में सदस्यों को एक बार भूखण्ड आवंटित करने के बाद दूसरी बार दूसरा भूखण्ड आवंटित किये जाने संबंधी प्रकरण प्रकाश में आये है यदि हाँ, तो सूची दें? (ग) क्या एक सदस्य को एक बार भूखण्ड आवंटित होने के पश्चात् उसी सदस्य को दूसरा भूखण्ड आवंटित करना नियम विरूद्ध हैं? यदि हाँ, तो नियम विरूद्ध इस कार्यवाही हेतु कौन-कौन अधिकारी एवं कर्मचारी दोषी हैं एवं उन पर क्या दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ, जानकारी निम्नानुसार है :-
संस्था का नाम |
सदस्य का नाम |
भूखण्ड का क्रमांक |
सैनिक गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित जबलपुर पंजीयन क्रमांक-29 |
(1) श्रीमती शैला वंशीवाल पत्नि डॉ.मोहन लाल |
01. जे-16 |
(2) श्रीमती गायत्री देवी अग्रवाल पत्नि श्री हरिशंकर |
01. ईएक्स
20 |
(ग) जी हाँ। सोसायटी के तत्कालीन पदाधिकारी। दोषी पदाधिकारियों के विरूद्ध एफ.आई.आर. करने एवं एक से अधिक भूखण्ड के विक्रय पत्र शून्य करने संबंधी कार्यवाही हेतु सोसायटी को निर्देश दिये गये है।
खरीफ फसल की बुआई के लिए मक्का बीज की उपलब्धता
51. ( क्र. 2086 ) श्री रजनीश सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान खरीफ फसल की बुवाई के लिये सिवनी जिले में फसलवार बीज का कितनी-कितनी मात्रा में लक्ष्य निर्धारित किया गया? बीज की आपूर्ति किस-किस निजी/सहकारी संस्था द्वारा की गई? (ख) सिवनी जिले में किस-किस फसल के बीजों के कितने नमूने लिये गये? लिया गया नमूना जाँच के लिये किन-किन प्रयोगशाला में भेजा गया? खरीफ बुवाई के पूर्व प्रयोगशाला की रिपोर्ट न प्राप्त होने के क्या कारण है? (ग) क्या सिवनी जिले में मक्का बीज की लक्ष्य के अनुसार पर्याप्त उपलब्धता नहीं की गई? जिसके कारण किसानों को निजी संस्थाओं से अधिक मूल्य में मक्का बीज क्रय करना पड़ रहा है? क्या शासन का निजी बीज विक्रय केन्द्र पर कोई नियंत्रण नहीं है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जिला सिवनी में धान के 31, मक्का के 18 तथा अरहर का 01 नमूना लिया गया, जो बीज परीक्षण प्रयोगशाला ग्वालियर म.प्र. को भेजे गये। बीज (नियंत्रण) आदेश 1983 की कंडिका 14 में प्रयोगशाला में बीज नमूना प्राप्ति के 60 दिवस में बीज नमूना विश्लेषण रिपोर्ट देने का प्रावधान है, तदानुसार कार्यवाही की जाती है। (ग) मक्का बीज की पर्याप्त उपलब्धता है। निजी संस्थायें अंकित अधिकतम खुदरा मूल्य से अधिक दर पर विक्रय न करें इसका नियंत्रण रखा जाता है।
राहत राशि का वितरण
52. ( क्र. 2087 ) श्री रजनीश सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015 में खरीफ की फसल अंतर्गत जिला सिवनी में कितने कृषक ऐसे हैं जो फसल क्षति होने के बाद भी उन्हें सूखा राहत राशि प्रदान नहीं कर सके? प्राप्त राशि कितने कृषकों को, कितनी राशि, किस मापदण्ड से प्रदान की गई? तहसीलवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) क्या राशि के अभाव में प्रभावित कृषकों को राशि नहीं दी गई? यदि नहीं, तो जानकारी सहित जानकारी देवें कि प्रभावित कृषकों को राशि क्यों नहीं दी गई? (ग) क्या शासन राहत राशि से वंचित कृषकों को शीघ्र ही राहत राशि उपलब्ध कराये जाने के निर्देश देगा? यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो क्यों? (घ) इसी प्रकार वर्ष 2015 में प्राकृतिक आपदा (ओला पानी) से नष्ट हुई रबी की फसलों में कृषकों को किस मापदण्ड से कितनी राहत राशि का आवंटन किया गया? कितने कृषकों को राहत राशि अप्राप्त है? तहसीलवार जानकारी देवें? क्या राहत राशि से वंचित कृषकों को शासन शीघ्र राहत राशि प्रदान कराये जाने के निर्देश देगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जिला सिवनी के अंतर्गत वर्ष 2015 में खरीफ फसल क्षति होने के बाद भी 3610 कृषकों को राहत राशि नहीं मिल पाई है। जिला सिवनी के प्रभावित कृषकों को राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के मानदण्ड अनुसार राहत राशि प्रदान की गई है। तहसीलवार कृषकों एवं वितरित राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जिला द्वारा विलम्ब से राहत राशि की मांग की गई। शेष प्रभावित कृषकों को राहत राशि वितरित की जा रही है। (ग) जी हाँ। छूटे हुए शेष सभी पात्र प्रभावित कृषकों को राहत राशि वितरित की जा रही है। (घ) सिवनी जिले के अंतर्गत वर्ष 2015 में प्राकृतिक आपदा (ओलावृष्टि) से नष्ट हुई रबी की फसलों के लिए प्रभावित कृषकों को राजस्व पुस्तक परिपत्र 6 (4) के प्रावधानुसार राशि रूपये 856.00 लाख का वितरण किया गया। राहत राशि वितरण हेतु कोई भी कृषक शेष नहीं है। राहत राशि वितरण की तहसीलवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
ग्रामीण यांत्रिकी विभाग को दी जाने वाली विधायक निधि
53. ( क्र. 2103 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधायक निधि से की गई कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी विभाग जिला को अनुशंसित राशि जिला योजना एवं सांख्यिकी विभाग द्वारा स्वीकृति उपरांत ग्रामीण यांत्रिकी विभाग भोपाल/विकास आयुक्त के खाते में जमा की जाती है? (ख) यदि हाँ, तो क्या कारण है कि जिला को स्वीकृत की गई राशि विकास आयुक्त भोपाल के खाते में जमा हो जाती है, जिससे स्वीकृत कार्य में विलम्ब होता है? (ग) सागर जिले में वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 में विधायक निधि से कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी विभाग सागर को स्वीकृत की गई कितनी राशि प्रश्न दिनांक तक विकास आयुक्त के खाते में जमा है और क्यों? (घ) उक्त राशि विकास आयुक्त भोपाल द्वारा कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा सागर को हस्तांतरित क्यों नहीं की जा रही है? विलम्ब का कारण स्पष्ट करें एवं विधायक निधि की राशि जिले में कब तक हस्तांतरित की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। शासन के वित्तीय नियमों के अंतर्गत राशि का पुर्नआवंटन बजट कंट्रोलिंग अधिकारी के माध्यम से आवंटित होती है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश में उल्लेखित वर्षों में विकास आयुक्त कार्यालय के खाते में राशि जमा नहीं है। अपितु राशि कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा को पुर्नआवंटित की गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नरयावली ग्राम पंचायत को विकासखंड का दर्जा दिये जाने विषयक
54. ( क्र. 2106 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वृहद ग्राम पंचायतों को विकासखंड के दर्जा दिये जाने हेतु शासन की कोई योजना है? (ख) क्या राहतगढ़ विकासखंड की ग्राम पंचायत नरयावली को विकासखंड का दर्जा दिये जाने हेतु शासन द्वारा कोई कार्यवाही की जा रही है? (ग) क्या ग्राम पंचायत नरयावली वृहद ग्राम पंचायत है? जिसकी दूरी राहतगढ़ विकासखंड से अधिक है एवं नरयावली विधान सभा का मुख्यालय है? क्या शासन द्वारा नरयावली ग्राम पंचायत को विकासखंड का दर्जा प्रदान किया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। विकासखण्डों का गठन भारत शासन के सामुदायिक कार्यक्रम के संदर्भ में किया गया है। नवीन खण्ड बनाये जाने की प्रक्रिया म.प्र.पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 10 के अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) ग्राम पंचायत नरयावली की वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार जनसंख्या 5261 है। ग्राम पंचायत नरयावली, राहतगढ़ विकासखण्ड से लगभग 35 किलोमीटर दूरी पर स्थित है, शेष प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
खेल मैदान शांतिधाम कूप निर्माण का क्रियान्वयन
55. ( क्र. 2117 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चितरंगी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत मनरेगा योजना से कितनी पंचायतों में महात्मा गांधी नरेगा की शांतिधाम खेल मैदान तथा कूप निर्माण इस योजना के तहत वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कितने कार्य स्वीकृत किये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में चबूतरा निमार्ण शेड निर्माण एवं कूप निर्माण हेतु किन-किन पंचायतों के किन-किन ग्रामों में कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गयी हैं? ग्रामवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या उक्त पंचायत में स्वीकृत कार्यों का पूर्ण हो जाने बावजूद भी मूल्यांकन न होने के दशा में लेबर भुगतान नहीं किया गया है? उक्त ग्राम पंचायत को मूल्यांकन में विलम्ब का कारण बताएं। (घ) उक्त कार्य की वर्तमान स्थिति क्या है? क्या कार्य पूर्ण हो चुके हैं अथवा अपूर्ण हैं? लंबित भुगतान कब तक में पूर्ण कर लिये जायेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) चितरंगी विधानसभा अंतर्गत मनरेगा योजना से 94 ग्राम पंचायतों में शांतिधाम के 118 कार्य, 85 ग्राम पंचायतों में खेल मैदान के 108 कार्य, 48 ग्राम पंचायतों में कूप निर्माण के 125 कार्य इस प्रकार कुल 112 ग्राम पंचायतों में 351 कार्य वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत किये गये हैं। (ख) शांतिधाम के कार्यों में चबूतरा एवं शेड निर्माण की लागत समाहित है जबकि कूप निर्माण का प्रावधान इन कार्यों के प्राक्कलन में शामिल नहीं है। ग्रामवार स्वीकृत राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं, ग्राम पंचायतों में कार्य पूर्ण हो जाने के बावजूद भी मूल्यांकन न होने की दशा में लेबर भुगतान न हो पाने का प्रकरण संज्ञान में नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (क) स्वीकृत 351 कार्यों में से 08 कार्य पूर्ण व 343 अपूर्ण हैं। ग्रामवार कार्यों की वर्तमान स्थिति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। सम्पादित कार्यों का उपयंत्री के मूल्यांकन उपरांत भुगतान हेतु एफटीओ जारी किया जा चुका है। अतएव शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राजस्व प्रकरण का पुनर्विलोकन
56. ( क्र. 2124 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजस्व मंडल प्राप्त सूचना पर स्वयं संज्ञान लेकर, अधीनस्थ राजस्व न्यायालय के प्रकरण का पुनर्विलोकन करता है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांकित जानकारी को प्राप्त सूचना मानकर, स्वयं संज्ञान लेकर, तहसीलदार पिपरिया जिला होशंगाबाद के रा.प्र.क्रं. 343/बी-121/07-08 में विसंगतियुक्त विधि विपरीत हुये आदेश का पुनर्विलोकन कब करेगा? निश्चित समयावधि बतावें? यदि नहीं, तो के कारण बतायें। (ग) प्रश्नाधीन प्रकरण में पिता की कृषि भूमि में मिले विरासतन हक से पुत्री को अनदेखा करके, भाइयों ने अवैध बंटवारा करके, बहिन के हक की कृषि भूमि को भी अवैध रूप से अन्य को विक्रय किया हैं? (घ) विरासतन हकदार पुत्री के नाम हक की कृषि भूमि प्रदाय कर राजस्व अभिलेख में नामांतरण कब तक कर दिया जायेगा? निश्चित समयावधि बतायें। यदि नहीं, तो कारण बतायें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पन्ना जिले की पवई विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत भूमि पूजन एवं लोकार्पण
57. ( क्र. 2220 ) श्री मुकेश नायक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक पवई विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा सम्पादित कौन-कौन से कायों का भूमि पूजन एवं लोकार्पण विभाग द्वारा कराया गया ग्रामवार दिनांकवार विकासखण्डवार बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) अन्तर्गत कितनी राशि की कितने कार्यों की प्रशासकीय एवं तकनीकी स्वीकृति प्रदान की गई? । (ग) उक्त कार्यों का भूमि पूजन एवं लोकार्पण किस-किस जनप्रतिनिधि द्वारा किया गया नाम पदनाम सहित बतायें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
सरपंच एवं सचिवों की अनियमितताएं
58. ( क्र. 2271 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले की जनपद पंचायत मेहगाँव के अन्तर्गत ग्राम पंचायत पचैरा (मेहगाँव) व ग्राम पंचायत बरासो में वित्तीय वर्ष 2013-14 से 2015-16 तक के वर्षों में महात्मा गाँधी नरेगा योजना (मद) से कौन-कौन से विकास कार्य कितनी-कितनी राशि से कराये गये? उक्त कार्यों की स्वीकृत राशि, व्यय राशि व मजदूरी भुगतान की राशि की कार्यवार संख्यात्मक जानकारी दी जावे? (ख) क्या उक्त अवधि में पंचायतों में कराये गये कार्यों की मजदूरी का भुगतान ऐसे व्यक्तियों के फर्जी जॉब कार्ड एवं बैंक खाता तैयार कर किया गया है जिनकी मृत्यु हो चुकी है एवं पंचायत से बाहर कहीं सर्विस कर रहे हैं? यदि हाँ, तो किन-किन को नामवार जानकारी दी जावें? (ग) क्या विभाग उक्त सरपंच एवं सचिवों के खिलाफ कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो क्या और कब?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) भिण्ड जिले की जनपद पंचायत मेहगाँव के अन्तर्गत ग्राम पंचायत पचैरा (मेहगाँव) व ग्राम पंचायत बरासो में वित्तीय वर्ष 2013-14 से 2015-16 तक के वर्षों में महात्मा गाँधी नरेगा योजना (मद) से कराये गये विकास कार्य की स्वीकृत राशि, व्यय राशि व मजदूरी भुगतान की राशि की कार्यवार, संख्यात्मक जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) ग्राम पंचायत पचैरा (मेहगाँव) की शिकायत प्राप्त हुई है जिसकी जिला स्तरीय समिति द्वारा जाँच की जा रही है। ग्राम पंचायत बरासो में मृत व्यक्तियों को मजदूरी भुगतान होने संबंधी कोई प्रकरण विभाग के संज्ञान में नहीं है, अतएव शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार जाँच में यदि अनियमित भुगतान होना पाया जाता है तो सरंपच/ सचिव के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।
पटवारियों की पदस्थापना
59. ( क्र. 2272 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. भू-अभिलेख नियमावली भाग 1 व 2 के प्रावधान एवं म.प्र. स्थानांतरण नीति वर्ष 2015-16 के अनुसार प्रभारी मंत्री एवं कलेक्टर अनुमोदन उपरांत अनुभाग स्तर पर पटवारियों की पदस्थापना (हल्का) परिवर्तन के अधिकार केवल अनुविभागीय अधिकारी को हैं? (ख) क्या भिण्ड जिले के अंतर्गत मई 2015 में अनुभाग मेहगाँव में पदस्थ पटवारियों की हल्का परिवर्तन व्यापक स्तर पर बगैर प्रभारी मंत्री व कलेक्टर के अनुमोदन प्राप्त किए बिना आदेश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो किस अधिकारी के द्वारा नाम बतायें? (ग) क्या विभाग उक्त अधिकारी के खिलाफ कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो क्या और कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जनप्रतिनिधियों के द्वारा प्रेषित शिकायत की जाँच
60. ( क्र. 2290 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक संभागीय स्तर एवं जिला स्तर पर कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? जिलेवार बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) में प्राप्त शिकायतों में से कौन-कौन सी शिकायतों की जाँच पूर्ण कर प्रतिवेदन जाँच अधिकारी की ओर से प्राप्त हो चुके हैं? (ग) नीमच विधान सभा क्षेत्र की कौन-कौन से विभागों की शिकायतें संभाग स्तर एवं जिला स्तर पर आज भी लंबित होकर जाँच अधिकारी के पास लंबित हैं। लंबित शिकायतों की जाँच कब तक पूर्ण की जाकर संबंधितों को सूचित किया जावेगा? जाँच में विलम्ब करने वाले अधिकारी के विरूद्ध शासन कोई कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) उज्जैन संभाग में वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक संभाग स्तर तथा जिला स्तर पर प्राप्त शिकायतों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "क" अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ख" अनुसार है। (ग) संभाग स्तर पर नीमच विधानसभा क्षेत्र की कोई शिकायत लंबित नहीं हैं। नीमच जिला स्तर पर लंबित 23 शिकायतों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ग" अनुसार है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अपूर्ण पुल निर्माण
61. ( क्र. 2318 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चितरंगी विधान सभा अंतर्गत अकला सैलवार मार्ग के परेवा नाला में वर्ष 2007-08 में पुलिया निर्माण रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत स्वीकृत हुई थी, स्वीकृति दिनांक से आज दिनांक तक अपूर्ण होने के क्या कारण है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में किस एजेंसी द्वारा पुल का निर्माण कार्य कराया जा रहा है? उक्त पुल निर्माण में कितनी राशि खर्च की गयी है और उक्त पुल को पूर्ण किये जाने में कितनी राशि की आवश्यकता होगी? कब तक में पूर्ण करा दी जायेगी? (ग) क्या संबंधित एजेंसी को जवाबदेही तय किया गया है? यदि हाँ, तो आज दिनांक तक क्या कार्यवाही किया गया है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, मध्यम पुल निर्माण की स्वीकृति दिनांक 15.02.2008 को कार्य को राशि रूपये 32.77 लाख की दी गई थी। कार्य का अपूर्ण रहने का प्रमुख कारण पुल का बैडलेवल तक कार्य होने के उपरांत कार्य में लगने वाली सामग्री सीमेंट एवं लोहे की अपर्याप्त उपलब्धता तथा महात्मा गांधी नरेगा योजना में विगत वर्षों में राशि का सतत् प्रवाह नहीं होना रहा है। (ख) यह कार्य लोक निर्माण विभाग द्वारा करवाया जा रहा है। उक्त कार्य में अब तक राशि रूपये 27.45 लाख व्यय की जा चुकी है एवं कार्य को पूर्ण करने में राशि रूपये 5.32 लाख की आवश्यकता होगी। कार्य की पूर्णता प्रावधानों अनुसार जॉबकार्डधारी श्रमिकों की उपलब्धता रहने पर निर्भर करेगी अत: निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) संबंधित क्रियान्वयन एजेंसी की जवाब देही तय किये जाने हेतु जिला पंचायत सिंगरौली को 21 जुलाई 2016 को निर्देशित किया गया है।
अतिवृष्टि/ओलावृष्टि से प्रभावित परिवारों को आर्थिक सहायता
62. ( क्र. 2349 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर में वर्ष 2015-16 में हुई अतिवृष्टि, ओलावृष्टि से प्रभावित परिवार, किसानों को बर्बाद हुई फसलों की क्षति हेतु राज्य शासन ने जिले की तहसील नौगांव, लवकुशनगर, चंदला, गौरिहार व राजनगर में कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई? कितनी-कितनी राशि का कब-कब वितरण किस-किस के माध्यम से किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) में जिला छतरपुर की तहसीलों में किन-किन ग्रामों का कब-कब तक का सर्वे कार्य कराया गया, इसमें प्रभावित कितने परिवारों के फसल क्षतिपूर्ति हेतु हल्का पटवारियों द्वारा सर्वे कर जिला प्रशासन को सर्वे रिपोर्ट दी, इसमें से कितने परिवारों को कब-कब तक क्षतिपूर्ति की कितनी राशि का वितरण किया गया एवं कितने परिवारों को अभी तक क्षतिपूर्ति की आर्थिक सहायता नहीं दी गई, क्यों? (ग) प्रश्नांश (ख) में माह 31 मई, 2016 तक कितने-कितने किसानों को क्षतिपूर्ति मुआवज़ा राशि का वितरण किया गया? सर्वे में कितने कृषकों को आर्थिक सहायता की राशि का वितरण किया गया एवं कितने कृषक अभी भी आर्थिक सहायता से वंचित हैं? (घ) क्या शासकीय दिशा निर्देशों की अवहेलना करने वाले दोषी अधिकारी व कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जिला छतरपुर में वर्ष 2015-16 में तहसील लवकुशनगर के अंतर्गत 04 ग्रामों में ओला से प्रभावित फसल क्षति हेतु 3235514/- रूपये की सहायता राशि स्वीकृत की जाकर संबंधित कृषकों को दिनांक 31-03-2016 को बैंक के माध्यम से उनके खाते में भुगतान किया गया है। प्रश्नाधीन शेष तहसीलों में अतिवृष्टि एवं ओलावृष्टि नहीं हुई है। (ख) प्रश्नांश 'क' के अंतर्गत जिला छतरपुर की तहसील लवकुशनगर अंतर्गत ग्राम पठा, चितहरी, झिन्ना एवं दोनी में ओलावृष्टि से दिनांक 13 मार्च 2016 को हुई क्षति का सर्वे कार्य सर्वे दल गठित कर मार्च 2016 में ही सर्वे कार्य पूर्ण कराया जाकर सभी 496 प्रभावित पात्र कृषकों को 3235514/- रूपये की सहायता राशि का वितरण किया गया। पात्र कृषकों में से कोई भी कृषक सहायता राशि दिए जाने हेतु शेष नहीं है। (ग) 31 मई 2016 तक कुल 496 प्रभावित कृषकों को कुल 3235514/- रूपये की सहायता राशि का वितरण किया गया। पात्र कृषकों में से कोई भी कृषक सहायता राशि दिए जाने हेतु शेष नहीं है। (घ) जिला छतरपुर अंतर्गत शासकीय दिशा निर्देशों की अवहेलना नहीं हुई है।
नगद राशि का आहरण
63. ( क्र. 2357 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत नागौद द्वारा मनरेगा योजना के बचत खाता क्रमांक 707002 से जुलाई, सितम्बर एवं नवम्बर 2008 में विभिन्न दिनांकों में नगद राशि का आहरण किया गया है? (ख) क्या उक्त अधिकारी द्वारा क्रमश: चेक क्रमांक 0339064 से 50,000.00, 0339077 से 50,000.00 एवं 0339091 से 45000.00 योग 1,45,000 का नगद आहरण किया गया है? (ग) क्या उक्त अधिकारी द्वारा निजी लाभ हेतु क्रमश: चेक क्र. 191798 से 60,000.00, 0339051 से 50,000.00, 0339056 से 40,000.00, 0339057 से 40,000.00, 0339058 से 40,000.00, 0339065 से 50,000.00, 0339071 से 50,000.00 एवं चेक क्रमांक 339076 से 50,000.00 योग रूपये 3,80,000.00 का नगर आहरण किया गया था? इसी अधिकारी द्वारा ग्राम पंचायत जसों में रूपये 16,00,000.00 का गबन किया गया था? (घ) यदि प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) सही है तो उक्त अधिकारी से इस गबन राशि की वसूली कब तक कर ली जायेगी? मनरेगा में गबन मामले में शासन कब तक इस अधिकारी के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध करायेगा? (ड.) गबन राशि की वसूली कब तक कर दी जायेगी? इस अधिकारी के विरूद्ध शासन कब तक दीर्घ शस्ति की कार्यवाही करेगा? इसे सतना जिले से कब तक हटा दिया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। तत्कालीन सी.ई.ओ. द्वारा निर्माण एजेंसियों को एकाउण्ट पेई चेक जारी किए गए है। (ख) जी नहीं। चेक क्रमांक 339064, 339077, 339091 का नगद आहरण श्री ओ.पी. अस्थाना तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत नागौद द्वारा नहीं किया गया है। उक्त चेकों को एकाउण्ट पेई चेक द्वारा निर्माण एजेन्सी को दिया गया था। परन्तु निर्माण एजेन्सी के अनुरोध पर उक्त एकाउण्ट पेई चेक बियरर किये गये है। जिसका आहरण निर्माण एजेन्सी द्वारा किया जा कर मजदूरों की मजदूरी भुगतान की गई है। (ग) चेक क्रमांक 191798, 0339051, 0339056, 033057, 0339058, 0339065, 0339071, 0339076 के द्वारा जारी एकाउण्ट पेई चेक के संबंध में (ख) के अनुसार कार्यवाही की गई है। ग्राम पंचायत जसो में जाँच के दौरान प्रथम दृष्टया वित्तीय अनियमितता पाए जाने के कारण गबन की आशंका के चलते थाना जसों में अपराधिक प्रकरण दर्ज कराया गया। उक्त प्रकरण क्रमांक 433/14 मान. अपर सत्र न्यायालय नागौद में विचाराधीन है। (घ) मान. अपर सत्र न्यायालय नागौद में प्रकरण विचाराधीन है। मान. अपर सत्र न्यायालय द्वारा निर्णय होने के उपरांत शासन द्वारा विधि अनुसार कार्यवाही की जावेगी। (ड.) प्रश्नांश की जानकारी उत्तरांश (ख), (ग) एवं (घ) अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रश्न (क्र.1191) में सतना नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत
64. ( क्र. 2359 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा विधान सभा अता. प्रश्न (क्रमांक 1191) में सतना नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत पटवारी हल्का, सतना, महदेवा, बरदाडीह, धवारी, अमौधाकला, कोलगवां, धूरडांग, कृपालपुर एवं डिलौरा में शासकीय भूमि में निजी व्यक्तियों द्वारा अतिक्रमण/अवैध कब्जा/अवैध निर्माण का मुद्दा उठाया गया था? तो अब तक कितने मामलों में विभाग द्वारा कार्यवाही की गयी है? पटवारी हल्कावार, खसरावार, रकवावार अतिक्रमणकर्ताओं के नाम के साथ जानकारी दें। (ख) क्या कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी जिला सतना के आदेश क्रमांक 87/राजस्व/2016 दिनांक 22.3.16 को वर्ष 1959 की भू स्वामी या शासकीय स्थिति के आधार पर शासकीय भूमियों जो खुर्द-बुर्द हुये है उन्हें शासकीय घोषित करने के लिए सभी अनुभागों के अनुविभागीय अधिकारी की अध्यक्षता में जाँच समिति गठित की गयी थी इस समिति को तीन माह के अंदर अपना प्रतिवेदन देना था। इस आदेश पर क्या कार्यवाही हुई कितनी शासकीय भूमि खुर्द-बुर्द होना पाया गया? कितनी भूमि शासकीय घोषित की गयी। (ग) प्रश्नांश (क) में कब तक शासकीय भूमि अतिक्रमणकर्ताओं से मुक्त करा ली जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। न्यायालय कलेक्टर सतना के पारित आदेश दिनांक 28.03.2016 द्वारा ग्राम कृपालपुर की आ.नं.- 1285/1ख, 1285/1ड. 1285/1घ, 1285/2, 1285/1ग कुल रकबा 16.00 एकड़ की भूमियों भी म.प्र.शासन घोषित की जा चुकी है। इसी प्रकार ग्राम सोनौरा की आर.नं. 44, 329/342/3, 329/342/2 एवं 309/2 का कुल रकबा 18.38 एकड़ शासकीय घोषित की गयी। (ग) प्रश्नांश (क) की भूमि के संबंध में गठित समिति द्वारा विस्तृत जाँच की जा रही है। जाँचोपरान्त दोषियों/अतिक्रमणकारियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी।
बलराम तालाब
65. ( क्र. 2409 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले में 1 जनवरी 2012 से 31 मई 2016 तक कितने बलराम तालाब बनाये गये ग्रामवार, कृषकवार जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) उपरोक्त तालाबों का भौतिक सत्यापन किसके द्वारा किया गया और तालाब का निर्माण किसने कराया, प्रत्येक तालाब पर कितनी राशि का भुगतान किया गया? (ग) उपरोक्त तालाबों की वर्तमान में भौतिक स्थिति क्या है? भौतिक स्थिति सत्यापन करने वाले अधिकारी नाम एवं किस दिनांक को भौतिक सत्यापन किया जानकारी दी जावे? (घ) भौतिक सत्यापन के दौरान उपरोक्त तालाबों में यदि कुछ फर्जी पाये जाते हैं तो उस संबंध में क्या कार्यवाही की गई या की जा रही है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) तालाब का निर्माण कृषक द्वारा स्वयं किया जाता है। भौतिक सत्यापन एवं भुगतान राशि का जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) तालाबों की वर्तमान भौतिक स्थिति के संबंध में जिले के उप संचालक कृषि द्वारा 5 सदस्यीय जाँच कमेटी गठित की गई है, जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर तालाब की वर्तमान स्थिति ज्ञात हो सकेगी। पूर्व में योजना प्रावधान अनुसार कराये गये कार्यों का भौतिक सत्यापन का जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उपरोक्त जाँच कमेटी से प्रतिवेदन प्राप्त होने पर गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जा सकेगी।
दतिया जिले में अमानक बीज के बिलों का भुगतान
66. ( क्र. 2410 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत 5 वर्षों में दतिया जिले में प्रदाय बीज अमानक पाये जाने का प्रकरण संज्ञान में आया था। (ख) क्या इन अमानक बीज के बिलों का भुगतान कर दिया गया है? (ग) यदि प्रश्नांश (क) (ख) सही है तो इसके लिए कौन दोषी है और इस बाबत क्या कार्यवाही हुई? (घ) भाण्डेर विधान सभा क्षेत्र के कृषकों को चालू वर्ष में कृषि विभाग द्वारा बीज के साथ दी जाने वाली दवाइयां उपलब्ध नहीं कराई है यदि कराई गई है तो कितने किसानों को कौन-कौन से बीज व कौन-कौन सी दवाइयां दी गई है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) प्रथम दृष्टया निर्देशों का उल्लघंन किया जाना पाया गया है, अत: जाँच प्रचलन में है। (घ) बीज के साथ अलग से दवाइयां देने का प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
तालाबों की मरम्मत एवं गहरीकरण
67. ( क्र. 2433 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सिंगरौली अंतर्गत वर्तमान में तालाबों की मरम्मत एवं गहरीकरण की क्या योजना है? तथा जिले में कितने शासकीय तालाब हैं? क्या इन तालाबों में अतिक्रमण इत्यादि है? यदि हाँ, तो इन अतिक्रमणों को कब तक हटाया जायेगा? (ख) क्या सिंगरौली जिले में भयंकर पीने के पानी की एवं सिंचाई आदि के की समस्याओं को देखते हुए नये तालाब निर्मित किये जायेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जिला सिंगरौली अंतर्गत ग्राम पंचायतों के शासकीय तालाब मरम्मत एवं गहरीकरण (रिनोवेशन, रिपेयर व रेस्टोरेशन) की कार्ययोजना का विवरण ऑन लाईन पोर्टल www.nrega.nic.in (Report from MIS) पर उपलब्ध है। जिले में मनरेगा योजना अन्तर्गत कुल तालाबों की संख्या 1518 तथा जल संसाधन विभाग अन्तर्गत शासकीय तालाबों की संख्या 27 है इन तालाबों में कोई अतिक्रमण आदि प्रकाश में नहीं आया है। अत: हटाये जाने का प्रश्न ही नहीं उठता है। (ख) जी हाँ। सिंगरौली जिले में पीने के पानी एवं सिंचाई आदि की समस्याओं को दृष्टिगत रखते हुए 07 बडे तालाब एवं 1266 खेत तालाब के कार्य स्वीकृत किये गये है।
नाले एवं बगीचे की जमीन पर प्लाट काटने
68. ( क्र. 2461 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर में नाले और बगीचे की जमीन पर प्लाट काटे जा रहे हैं। यदि हाँ, तो किस नियम के तहत? (ख) क्या कैलोदहाला स्थित फिनिक्स टाउनशिप में भी नाले और बगीचे की जमीन पर प्लाट काटे जा रहे है। यदि हाँ, तो, जानकारी स्पष्ट करें? (ग) क्या इस तरह बगीचे व नाले की जमीन पर प्लाट काटकर बेचने वाले के खिलाफ शासन ने क्या कार्यवाही की या नहीं?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। नगर निगम सीमा में दो प्रकरणों में टाउन एण्ड कन्ट्री प्लानिंग विभाग के अनुमोदन से ऐसा किया गया है। (ख) प्रश्नाधीन टाउनशिप के संबंध में नाले की वास्तविक स्थिति की मौके पर जाँच की जा रही है। जांचोपरान्त नाले की स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। (ग) जी हाँ। टाउन एण्ड कन्ट्री प्लानिंग विभाग इन्दौर द्वारा स्वीकृत ले आउट प्लान के विपरीत नाले और बगीचे हेतु आरक्षित भूमि पर प्लाट काटा गया, पाया जाने पर उत्तरांश ‘क’ में दर्शित 02 प्रकरणों में संबंधित कॉलोनाईजरों के विरूद्ध पुलिस थाना लसुडिया इन्दौर में अपराध पंजीबद्ध कराया गया है।
अम्बाह विधानसभा अंतर्गत रोडों का निर्माण
69. ( क्र. 2463 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या (1) पालिकापुरा से कसमढ़ा (2) अधन्नपुर से बाग का पुरा (3) रूअर नहर की पुलिया उसैथ रोड से आमलीपुरा रोड तक (4) माफल का पुरा से नहर होती हुई बगियापुरा तक (5) उसैथ रोड से खुड़ो बीजला तक (6) रिठोना मुख्य रोड से पलू का पुरा तक, पक्की रोड नहीं होने से क्षेत्र के रहवासियों का जीवन नारकीय हो रहा है? (ख) क्या प्रश्नांश ''क'' में उल्लेखित रोडों के बारे में प्रश्नकर्ता द्वारा सदन में तथा विभाग में अनेक बार लिखा गया है फिर भी शासन द्वारा इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया है? ऐसा क्यों? (ग) क्या शासन इस गंभीर समस्या को दृष्टिगोचर करते हुए प्रश्नांश ''क'' में वर्णित रोडों के निर्माण में तत्परता दिखायेगा, यदि हाँ, तो कब तक, नहीं तो क्यों नहीं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। ग्राम कसमढ़ा तथा पालिकापुर को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से पक्की सड़क एकल सम्पर्कता प्रदान की जा चुकी है। अत: पालिकापुर से कसमढ़ा डबल कनेक्टीविटी के तहत योजना में निर्माण संभव नहीं है। अधन्नपुर को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से पक्की सड़क एकल सम्पर्कता प्रदान की जा चुकी है। बाग का पुरा जनगणना वर्ष 2001 के अनुसार ग्राम नहीं होने से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत जोड़ा जाना संभव नहीं है। माफल का पुरा एवं बगियापुरा जनगणना वर्ष 2001 के अनुसार ग्राम न होने के कारण दोनो योजना द्वारा जोड़ा जाना संभव नहीं है। उसैथ रोड से खुडों बीजला तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में स्वीकृत किया गया था, परन्तु शासकीय मार्ग न होने से निर्माण कार्य नहीं किया जा सका। पुल का पुरा जनगणना वर्ष 2001 के अनुसार ग्राम न होने से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना/मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना से निर्माण कराया जाना संभव नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता है। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मार्ग विभाग अंतर्गत वर्तमान में संचालित प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत पात्रता नहीं रखते है। अत: कार्यों की स्वीकृति के संबंध में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अम्बाह राजस्व विभाग के द्वारा अपील नहीं करने का कारण स्पष्ट करना
70. ( क्र. 2464 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मान. न्यायालय A.D.J. अम्बाह (मुरैना) म.प्र. के द्वारा प्र.क्र.ए/2011 ई.दी. खड़क सिंह व अन्य वनाम म.प्र. शासन में पारित निर्णय दिनांक 06-03-13 के विरूद्ध मान. उच्च न्यायालय में प्रथम अपील प्रस्तुत नहीं की गई, यदि हाँ, तो अपील प्रस्तुत न करने का कारण क्या रहा? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित विवादित भूमि की वर्तमान में बाजारू कीमत क्या है? (ग) करोड़ों रूपये की उक्त शास. भूमि को खुर्दबुर्द करना, कूट रचित दस्तावेजों के माध्यम से प्राइवेट लोगों को नाम कर देना तथा निर्णय के विरूद्ध वरिष्ठ न्यायालय में समय पर अपील नहीं करना जैसे संगीन अपराध करने वाले संलग्न तत्कालीन अधि./कर्म. के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी, यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। न्यायालय कलेक्टर मुरैना के प्रकरण क्रमांक 257/1998-99/स्व. निगरानी में पारित आदेश दिनांक 07.02.2000 में अपील किये जाने का कोई औचित्य नहीं होने से अपील प्रस्तुत नहीं की गई। (ख) प्रश्नांश ’’क’’ में वर्णित विवादित भूमि की बाजारू कीमत कार्यालय उपपंजीयक अम्बाह की गाईड लाईन के अनुसार 2,38,00,000/- है। (ग) भूमि स्वामी के स्वत्व की भूमि को दोषी पटवारी श्री कोकसिंह तोमर द्वारा बिना सक्षम अधिकारी के आदेश के मनगढ़ंत रूप से उक्त भूमि को शासकीय होने की प्रविष्टि खसरे में दर्ज कर दी गई थी। दोषी पटवारी के विरूद्ध निंलबन कर विभागीय जाँच संस्थित करने के आदेश दिनांक 4.6.2013 से दिये गये। चूंकि उक्त पटवारी की मृत्य लगभग 8 वर्ष पूर्व हो चूंकि है इस कारण उसके विरूद्ध जाँच संस्थित नहीं की जा सकती है।
डम्परों की अतिरिक्त ऊंचाई बड़ा कर किये जा रहे रेत परिवहन
71. ( क्र. 2488 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रेत का परिवहन करने वाले डम्परों की भार क्षमता क्या व डम्परों पर अलग से प्लेटे लागाई जाकर उसकी ऊंचाई व परिवहन किये जाने की भार क्षमता को बढ़ा दिया जाता है? तो क्या इसकी स्वीकृति परिवहन विभाग से लिया जाना आवश्यक है? (ख) यदि नहीं, तो हरदा जिले में विगत तीन वर्षों में परमिट क्षमता से अधिक परिवहन हेतु तैयार किये गये कितने वाहनों पर कार्यवाही कर प्रकरण बनाये जाकर कितनी राशि वसूल की गई? (ग) हरदा जिले में किन-किन व कितने डम्परों पर अतिरिक्त प्लेटे लगायी जाकर डम्पर की हाईट व भार क्षमता बढ़ाये जाने की स्वीकृति परिवहन विभाग हरदा द्वारा प्रदाय की गई है? सूची उपलब्ध करावें। (घ) हरदा जिले में वर्ष 2013-14, 14-15 एवं 2015-16 में कितने वाहनों के अनुज्ञा पत्र जारी किये गये एवं कितने वाहनों पर बिना अनुज्ञा पत्र के रेत परिवहन के प्रकरण बनाये जाकर कितनी राशि वसूल की गई वर्षवार व माहवार बताएं?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) डम्परों की भार क्षमता विनिर्माता द्वारा निर्धारित की जाती है, अलग से प्लेट लगाये जाना नियमानुसार नहीं है। भार क्षमता में वृद्धि तथा ऊँचाई में वृद्धि की अनुमति परिवहन विभाग द्वारा नहीं दी जाती है। (ख) क्षमता से अधिक परिवहन के विरूद्ध चार वाहनों पर चालानी कार्यवाही की जाकर रूपये 20,000/- वसूल किया गया। (ग) किसी डम्पर की नहीं बढ़ाई गयी। (घ) हरदा जिले में वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में 342 भारवाही वाहनों के अनुज्ञा पत्र जारी किये गये। कोई वाहन बिना अनुज्ञा-पत्र नहीं पाया गया।
नामांतरण बटवारे के लंबित प्रकरण
72. ( क्र. 2489 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले में वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में भूमि नामांरण/बटवारे के कितने आवेदन प्राप्त हुये? कितने प्रकरणों का निराकरण कर दिया गया व कितने प्रकरण वर्तमान में लंबित है? तहसीलवार बताएं। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार दो वर्ष व उससे अधिक के कितने व कौन-कौन से प्रकरण लंबित है? तिथिवार व तहसीलवार बताएं। (ग) दो वर्ष व उससे अधिक समय तक नामांतरण/बंटवारे के प्रकरण लंबित रहने के क्या कारण हैं? स्पष्ट करें। यदि अधिकारी एवं कर्मचारियों की लापरवाही है तो उन पर क्या कार्यवाही की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मजरा, टोला को ग्राम इकाई बनाना
73. ( क्र. 2515 ) श्री राजकुमार मेव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा विगत वर्षों में ग्रामीण मजरे-टोलों को राजस्व ग्राम बनाने के लिए कोई मापदण्ड निर्धारित कर जिला कलेक्टरों को सर्वे किये जाने हेतु निर्देश किया गया है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही हुई? (ख) प्रश्नांश ''क'' के संदर्भ में खरगोन जिले की तहसील महेश्वर एवं बड़वाह की किन ग्राम पंचायतों के किन ग्राम के मजरों टोलों को चिन्हित किया गया है? उनकी जनसंख्या, परिवार संख्या, कृषक इकाई संख्या ग्राम से दूरी और रकबा कितना पाया गया? (ग) तहसील महेश्वर की ग्राम पंचायत आशापुर के मजरा-टोलों आवल्या, गोठानिया, होलीमाल, जिरात छोटी, जिरात बड़ी, काछीकुआ, करोंदिया आवर, धावडिया बैडी, नादिया बैडी एवं तहसील बडवाह की ग्राम पंचायत बड़की चौकी के मजरा-टोला आशाखो की जनसंख्या, अ.जा., अजजा संख्या, परिवार संख्या, मतदाता संख्या, कृषक इकाई संख्या,रकबा और ग्राम से दूरी कितनी हैं? (घ) प्रश्नांश ''ग'' के संदर्भ में उक्त मजरों-टोलों को स्वतंत्र ग्राम बनाये जाने की क्या स्थिति हैं? नियमों के साथ अवगत करावें? कब ग्राम इकाई में परिवर्तन कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ कार्यवाही की जा रही। (ख) खरगोन जिला अंतर्गत 09 मूल ग्रामों से 14 पृथक मजरे टोलों इस प्रकार 23 राजस्व ग्रामों के अधिकार अभिलेख तैयार कर पृथक राजस्व ग्राम घोषित किये गये। प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में तहसील महेश्वर एवं बड्वाह में कोई मजरे टोले चिन्हित नहीं होने से जानकारी निरंक है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' में वर्णित मजरे टोलों के संबंध में सरल क्रमांक 1 से 6 तक व सरल क्रमांक 8 से 9 तक के मजरे पृथक राजस्व ग्राम घोषित करने की पात्रता की श्रेणी में नहीं आते है। सरल क्रमांक 7 में वर्णित ग्राम पूर्व से ही राजस्व ग्राम (वीरान) घोषित है। सरल क्रमांक 10 में वर्णित तहसील बडवाह अंतर्गत ग्राम पंचायत बडकी चौकी के आशाखो मजरा को पृथक ग्राम बनाये जाने हेतु प्रकरण परीक्षणाधीन है। नियम संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार।
कृषि उपज मण्डी बोर्ड निधि से किसानों की सुविधा हेतु सड़क निर्माण की स्वीकृति
74. ( क्र. 2516 ) श्री राजकुमार मेव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किसान कल्याण एवं कृषि विकास में कृषि उपज मण्डी बोर्ड की निधि से वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार एवं विधान सभा क्षेत्रवार किसानों की सुविधा हेतु ग्रामीण क्षेत्र से मण्डी तक कितनी सड़क, कितनी राशि के कितने कार्यों की स्वीकृत की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितनी सड़क पूर्ण, कितनी अपूर्ण, कितनी अप्रारंभ है? अपूर्ण, अप्रारंभ का कारण बताया जावे? (ग) प्रश्नांश (क) अवधि में प्रश्नांश ''ख'' के संदर्भ में विधान सभा क्षेत्र महेश्वर में कृषि उपज मण्डी बोर्ड निधि से किसानों की सुविधा हेतु ग्रामों से मण्डी तक आने हेतु सड़क निर्माण के लिए कब-कब, कितने प्रस्ताव व पत्र दिये गये? उन प्रस्तावों पर कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई? अवगत करावें? (घ) प्रश्नांश ''ग'' के संदर्भ में प्रस्तावित सड़क निर्माण की स्वीकृति कब तक प्रदाय की जावेगी? यदि नहीं, तो कारण बतावें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) कृषि विभाग (किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग) म.प्र. शासन द्वारा म.प्र. राजपत्र (असाधारण) प्राधिकार से प्रकाशित दिनांक 13 जुलाई 2001 से प्रभावशील किये गये म.प्र. कृषि उपज मंडी (राज्य विपणन विकास निधि) नियम-2000 की बोर्ड निधि से वर्ष 2013-14 से वर्तमान तक किसी भी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र से मंडी तक सड़क कार्य स्वीकृत नहीं किया गया। अत: शेष जानकारी का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश "क" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) विधान सभा क्षेत्र महेश्वर के अंतर्गत बोर्ड निधि से सड़कों के निर्माण के प्राप्त प्रस्तावों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। मंडी बोर्ड से सीमित वित्तीय संसाधनों के तहत पूर्व एवं वर्तमान उत्तरदायित्वों के कारण प्रश्नागत विधान सभा क्षेत्र के सड़क प्रस्तावों को किसान सड़क निधि के अंतर्गत स्वीकृति के निर्णय हेतु माननीय मुख्य मंत्रीजी की अध्यक्षता में गठित साधिकार समिति के समक्ष प्रस्तुत किये जाने वाले एजेण्डा में सम्मिलित किया गया है। (घ) उत्तरांश "ग" में गठित साधिकार समिति की बैठक की तिथि नियत नहीं होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं होने से शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
लंबित राजस्व प्रकरणों का निराकरण
75. ( क्र. 2519 ) श्री मथुरालाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिले में विकासखण्ड रतलाम अंतर्गत वर्तमान में राजस्व से संबंधित कार्य/प्रकरण सर्वाधिक रूप से लंबित हैं? समस्त लंबित प्रकरणों इत्यादि की अद्यतन स्थिति की विस्तृत जानकारी से अवगत करावें? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, है तो विकासखण्ड रतलाम में राजस्व से संबंधित प्रकरणों के वर्षों/माहों लंबित रहने का क्या कारण है? क्या विभाग द्वारा लंबित रहने वाले प्रकरणों के संबंध में किसी प्रकार की कोई ठोस कार्यवाही सर्वसंबंधितों पर की है? यदि हाँ, तो किस प्रकार की कार्यवाही किन-किन उत्तरदायी अधिकारी/कर्मचारियों पर की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या शासन ग्रामवासियों, कृषकों तथा मजदूरों के हितों को दृष्टिगत रखते हुए उनके राजस्व प्रकरणों अथवा अन्य राजस्व संबंधी कार्यों के शीघ्र निराकरण किये जाने की कोई योजना/स्पष्ट निर्देश प्रदान करने पर विचार कर रही है? यदि हाँ, तो किस प्रकार और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व
मंत्री ( श्री
उमाशंकर
गुप्ता ) : (क) जिले
में विकास खण्ड
रतलाम के
अंतर्गत निम्नांकित
न्यायालयो
में प्रकरण
लंबित है :-
लंबित
प्रकरणों की
संख्या
एस.डी.ओ. 83
तहसीलदार 726
रतलाम
(ख) अनुभाग रतलाम ग्रामीण में राजस्व अधिकारियों के पास अतिरिक्त प्रभार होने के कारण लंबित रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उपलब्ध अमले से लंबित प्रकरण शीघ्र निराकृत कराये जायेंगे।
तहसील बैराढ़ में रिक्त पदों की पूर्ति
76. ( क्र. 2525 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तहसील बैराढ़ में सेटअप अनुसार कौन-कौन से पद स्वीकृत हैं व स्वीकृत पदों के विरूद्ध कौन-कौन से पद भरे व कौन-कौन से पद रिक्त हैं? क्या वर्तमान में बैराढ़ तहसीलदार का पद रिक्त है? जिससे बैराढ़ तहसील के किसानों व आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार तहसील बैराढ़ में रिक्त पदों की पूर्ति हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी? (ग) क्या तहसील बैराढ़ वर्तमान में दो-तीन कक्षों के कमरों में संचालित है? यदि हाँ, तो तहसील हेतु नवीन भवन कब तक स्वीकृत कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) सेटअप अनुसार 01 पद तहसीलदार, 01 पद नायब तहसीलदार, 05 पद सहायक ग्रेड-3 एवं 06 पद भृत्य के स्वीकृत्त है। उक्त स्वीकृत पदों के विरूद्ध सहायक ग्रेड-3 के 3 एवं भृत्य का 01 पद भरा हुआ है। तहसीलदार का 01, नायब तहसीलदार का 01 तथा सहायक ग्रेड-3 के 2 पद एवं भृत्य के 4 पद रिक्त है। तहसीलदार के पद पर पोहरी के नायब तहसीलदार को प्रभार दिया गया है। इसके अतिरिक्त राजस्व निरीक्षकों को भी नायब तहसीलदारों का प्रभार दिया गया है। आम जनता को कोई परेशानी का सामना नहीं करना पड़ रहा है। (ख) कार्यवाही प्रचलन में है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। कार्यवाही प्रचलन में है, समय-सीमा बताना संभन नहीं है।
प्रधानमंत्री सड़क योजना में पात्रता रखने वाले ग्राम
77. ( क्र. 2526 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले में वर्तमान स्थिति में प्रधानमंत्री सड़क योजनान्तर्गत कितनी जनसंख्या वाले ग्राम योजना में शामिल किए जा चुके हैं? विधान सभा वार जानकारी पृथक-पृथक उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में पोहरी विधान सभा क्षेत्र के ऐसे कौन-कौन से ग्राम हैं जो कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत जनसंख्या के मान से पात्रता रखते हैं परन्तु उन ग्रामों को इस योजना में शामिल नहीं किया जा सका है? सूची उपलब्ध करावें? (ग) क्या पोहरी विधान सभा क्षेत्र के शिवपुरी विकासखण्ड के ग्राम सतनबाड़ा खुर्द एवं कपराना प्रधान मंत्री सड़क योजना में शामिल किए जाने की पात्रता रखते हैं? यदि हाँ, तो इन ग्रामों को उक्त योजना में शामिल क्यों नहीं किया गया है? कारण स्पष्ट करें व बतावें कि पात्रता रखने वाले ग्रामों को इस योजनान्तर्गत कब तक शामिल कर लिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) शिवपुरी जिले में वर्तमान में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत वर्ष 2001 की जनसंख्या के अनुसार 500 एवं इससे अधिक जनसंख्या के समस्त गांवो (अनुमोदित कोरनेटवर्क अनुसार) को शामिल किया गया है। जिला शिवपुरी में योजना अंतर्गत लक्षित ग्राम सहित लाभान्वित ग्रामों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पोहरी विधानसभा के अंतर्गत प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के दिशा निर्देशों के अंतर्गत निर्धारित मापदंडों के अनुसार पात्रता रखने वाला ऐसा कोई भी ग्राम नहीं है, जिसे योजना में सम्मिलित नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) पोहरी विधानसभा क्षेत्र के शिवपुरी विधानसभा के ग्राम सतनबाड़ा खुर्द एवं कपराना प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत निर्मित सड़कों क्रमशः ए.बी. रोड से ठेह एवं खुरई रोड से खैरौना झिरी सड़क से 300 मीटर की दूरी के अंतर्गत स्थित होने से योजना के मार्गदर्शी दिशा निर्देशों के अंतर्गत पक्के मार्ग से जुड़े हुये ग्रामों की श्रेणी में है। अतः उन्हें पृथक से जोड़ना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राजस्व निरीक्षक मंडल पौडा तहसील मझौली के संदर्भ में
78. ( क्र. 2539 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजस्व निरीक्षक मण्डल पौडा तहसील मझौली जिला जबलपुर का मुख्यालय वित्त वर्ष 2003 से 2005 तक एवं पुन: वर्ष 2008, 2009 में सिहोरा में रहा है तथा इस दौरान ग्रामीणों के नामांतरण, फौती, बंटवारा, नाबालिकी या अन्य राजस्व संबंधी जो भी अन्य कार्य किये गये उसका रिकार्ड पौडा वृत्त के सिहोरा में स्थापित कम्प्यूटर में फीड किये गये और हस्तलिखित पटवारी अभिलेख-बी-1-खसरा-पाँच साला में दर्ज किये गये थे? (ख) यदि हाँ, तो उक्त कम्प्यूटर में दर्ज रिकार्ड सीडी डिक्स वर्तमान समय कहाँ है पौडा राजस्व सर्किल का मुख्यालय मझौली तहसील में स्थापित होने के बावजूद उक्त रिकार्ड मझौली कम्प्यूटर में फीड न होने के क्या कारण है? (ग) राजस्व रिकार्ड की सी.डी. राजस्व निरीक्षक मण्डल पौडा का मुख्यालय सिहोरा से मझौली स्थानांतरित होने पर मझौली नहीं भेजी गई इस वजह से नामांतरण एवं अन्य राजस्व रिकार्ड मझौली कम्प्यूटर में फिड नहीं हुआ, फिर हस्तलिखित वी-वन खसरों का समय समाप्त हुआ और मजबूरी में कम्प्यूटरों में दर्ज खसरा किस्तबंदी से रिकार्ड बनाया गया जिससे कम से कम हजारों कृषकों का रिकार्ड नहीं सुधारा गया? (घ) क्या शासन राजस्व निरीक्षक कार्यालय पौडा का राजस्व संबंधी रिकार्ड जो सिहोरा मुख्यालय में फीड था को मझौली मुख्यालय में भेजकर वहां के कम्प्यूटर में फीड करायेगी ताकि ग्रामीण कृषकों की रिकार्ड संबंधी समस्या को हल किय जा सके? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। वित्तीय वर्ष 2003 से 2005 तक तहसील मझौली के राजस्व निरीक्षक मंडल पौडा का मुख्यालय सिहोरा रहा है वर्ष 2008-09 से मुख्यालय मझौली में ही है। वर्ष 2003 से 2005 तक नामांतरण, फौती, बंटवारा व अन्य राजस्व संबंधी कार्य सिहोरा से संपादित होते रहे वर्ष 2008-09 से उक्त कार्य मझौली में संपादित किये जा रहे है। इन वर्षों में राजस्व निरीक्षक मंडल पौडा तहसील मझौली का मुख्यालय तहसील सिहोरा में होने के कारण कलेक्टर जबलपुर के आदेशानुसार कृषकों की सुविधा हेतु कम्प्यूटरीकृत नक्शा प्रदाय की व्यवस्था तहसील सिहोरा में की गई थी। (ख) सी.डी. की एक प्रति मझौली में है। कम्प्यूटर का डाटा एन.आई.सी. जबलपुर द्वारा तहसील मझौली स्थित कम्प्यूटर में अपलोड कर दिया गया था। (ग) अपडेटेड डाटा फीड होने से कोई भी कृषक प्रभावित नहीं हुआ था, क्योंकि हस्तलिखित खसरों का समय समाप्त होने के उपरांत राजस्व निरीक्षक मंडल पौडा के राजस्व अभिलेखों का अपडेटेड डाटा ही तहसील मझौली स्थित कम्प्यूटर में लोड किया गया जिससे राजस्व निरीक्षक मंडल पौडा अंतर्गत किसानों को सुधरा अपडेटेड डाटा ही मझौली के कम्प्यूटर में लोड था। (घ) वर्तमान में अपडेटेड डाटा को ही मर्ज कर तहसील मझौली में WebGiS सॉफ्टवेयर में प्रयोग किया जा रहा है तथा कम्प्यूटर रिकार्ड की फीडिंग कराई जा रही है।
प्रदेश सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर प्याज खरीदी
79. ( क्र. 2541 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश सरकार द्वारा वित्त वर्ष 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक कितनी मात्रा में कितनी राशि का प्याज समर्थन मूल्य पर खरीदा गया? जिलेवार सूची देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समर्थन मूल्य पर खरीदे गये प्याज का भंडारण कहाँ-कहाँ पर कितनी मात्रा में किया गया एवं इनके भंडारण हेतु परिवहन में कितना व्यय हुआ जिलेवार भण्डार गृहवार सूची देवें एवं प्रश्न दिनांक तक कहाँ-कहाँ पर कितनी-कितनी मात्रा का भंडारण शेष है? (ग) वेयर हाउस में संग्रहित प्याज वर्तमान समय में किस स्थिति में है? प्याज की तासीर खुली हवा तथा धूप में अधिक दिन तक तक सुरक्षित रहती है? यदि हाँ, तो ऐसी स्थिति में संग्रहित प्याज को सुरक्षित रखने हेतु शासन द्वारा अब तक किस प्रकार के क्या प्रयास किये गये?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) प्रदेश सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर नहीं अपितु मंडियों में प्याज की घटती हुई दरों एवं किसानों को हो रही हानि को दृष्टिगत रखते हुये वित्तीय वर्ष 2016-17 में 1040261.87 क्विटल राशि रू. 6241.57 लाख का प्याज क्रय किया गया, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) 1040261.87 क्विंटल में से 938698.25 क्विंटल का भण्डारण गोदामों में किया गया, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है, प्याज परिवहन व्यय के देयक सभी परिवहनकर्ताओं से प्राप्त नहीं हुये है, सभी परिवहनकर्ताओं से देयक प्राप्त होने के उपरांत भुगतान योग्य वास्तविक राशि का आंकलन किया जा सकेगा, भण्डारण हेतु शेष मात्रा 101563.62 क्विंटल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है। (ग) प्याज की वर्तमान स्थिति के संबंध में तकनीकी रूप से निर्मित संरचना में प्याज का सीमित अवधि तक भण्डारण करने पर भी 25-30 प्रतिशत तक हानि होना अनुसंधानिक रूप से प्रतिवेदित है, जबकि निगम के गोदाम तकनीकी रूप से प्याज भण्डारण हेतु उपयुक्त नहीं हैं वर्तमान में भण्डारण केंद्रों पर प्याज खराब होने की सूचना प्राप्त हुई है, परंतु वास्तविक क्षतिग्रस्तता की मात्रा प्रतिवेदित नहीं है, उक्त के परिप्रेक्ष्य में शासन के निर्देशानुसार नियमित रूप से प्याज की छंटाई/सेग्रीगेशन आदि की कार्यवाही की जाकर विपणन संघ के माध्यम से विनष्टीकरण की कार्यवाही जारी है साथ ही प्याज भण्डारण में होने वाले व्यय, क्षतिग्रस्तता आदि के संबंध में राज्य शासन स्तर से गठित जिला स्तरीय समिति के माध्यम से प्रत्येक जिले में दो कंट्रोल रूम संग्रहण केंद्रों को अधिसूचित कर उनका निरीक्षण कराया जाकर संपूर्ण कार्यवाही का लेखा-जोखा रखा जाकर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया है। भण्डारित प्याज के भुगतान होने पर गठित समिति के प्रतिवेदन प्राप्ति उपरांत ही वास्तविक क्षतिग्रस्तता संबंधी वस्तुस्थिति ज्ञात हो सकेगी, राज्य शासन द्वारा जारी निर्देशानुसार मध्यप्रदेश वेअर हाउसिंग कार्पोरेशन द्वारा गोदामों में सीधे फर्श पर खुले रूप में प्याज का बल्क में भण्डारण किया गया, प्याज के सुरक्षित भण्डारण हेतु गोदामों में एक्जास्ट/ब्लोवर फैन लगाने, समय-समय पर भण्डारित प्याज की छंटाई एवं सेग्रीगेशन करने एवं अन्य आवश्यक कार्रवाइयों हेतु निर्देश जारी कर प्याज को सुरक्षित रखने हेतु हर संभव प्रयास किये गये हैं, प्याज भण्डारण के तत्काल पश्चात देश के प्याज भण्डारण वाले अग्रणी स्थान लासर गांव एवं नासिक (महाराष्ट्र) में मध्यप्रदेश वेअर हाउसिंग कार्पोरेशन द्वारा 12 सदस्यीय टीम भेजकर, प्राप्त सुझावों के तहत प्याज को सुरक्षित रखने हेतु निर्देश जारी कर प्रयास किया जा रहा है।
ग्रामीण सड़कों के निर्माण कार्यों में मानकों का पालन
80. ( क्र. 2576 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत विगत 03 वर्षों में कितने मार्गों का निर्माण पी.एम.जी.एस.वाई. एवं सी.एम.जी.एस.वाई के तहत हुआ? मार्ग निर्माण मानक अनुरूप किए गए या नहीं? (ख) उक्तानुसार मार्ग निर्माण में मानक अनुरूप कि.मी. स्टोन, रिफरेन्स पिलर, सांकेतिक बोर्ड लगाए गए या नहीं? यदि नहीं, तो क्या कार्यवाही की गई? संबंधित ठेकेदारों द्वारा सिक्यूरिटी डिपोजिट कब किया गया एवं सी.सी. कब जारी की गई, सिक्यूरीटी डिपोजिट की वापसी कब की गई, कार्यवार विवरण प्रस्तुत करें? (ग) ऐसे कितने मार्ग हैं जिनमें पुलिया निर्माण अधूरा होने पर एवं जी.एस.बी. कार्य सही नहीं होने पर भी मूल्यांकन किया जाकर भुगतान संबंधी शिकायतें प्राप्त हुई थी, प्राप्त शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा विगत 03 वर्षों में मार्ग निर्माण में अनियमितता संबंधी कितनी शिकायतें की गई एवं इस पर क्या कार्यवाही की गई? क्या स्वप्रेरणा से अधूरे कार्यों के पूर्ण भुगतान संबंधी प्रकरणों की जाँच करवाई जाकर दोषियों पर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक व क्या?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर में विगत तीन वर्षों में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत 28 सड़कों एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत 22 सड़कों का निर्माण कार्य पूर्ण कराया गया है। सभी सड़कों के निर्माण कार्य मानक अनुरूप किये गये है। (ख) जी हाँ। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब अनुसार। (ग ऐसी कोई भी सड़क नहीं है जिसमें पुलिया निर्माण अधूरा होने पर जी.एस.बी. कार्य सही नहीं होने पर मूल्यांकन किया जाकर भुगतान करने की शिकायत प्राप्त हुई हो। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- स अनुसार। किसी भी अपूर्ण कार्य का पूर्ण भुगतान नहीं किया गया है अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बुंदेलखण्ड विशेष पैकेज के कार्य
81. ( क्र. 2605 ) श्री मुकेश नायक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बुंदेलखण्ड विशेष पैकेज में त्रिशूल कंस्ट्रक्शन कम्पनी जबलपुर द्वारा पैकेज क्रमांक 904 (पड़रिया, चांदनपुर, छोटी महोड़ बछौन) का कार्य लिया गया? इस कार्य की लागत क्या थी एवं वर्तमान में उक्त कार्य की स्थिति क्या है कितना भुगतान किया गया कितना बाकी है? (ख) क्या विभाग द्वारा सही ड्राईंग ना होने के कारण बरसात में उक्त पड़रिया बांध की मिट्टी गिर जाने से विभाग द्वारा अनुविभागीय अधिकारी (एस.डी.ओ.) त्रिपाठी एवं कार्यपालय यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा को दोषी मानते हुये निलंबित किया था? यदि हाँ, तो वर्तमान में उनकी स्थिति क्या हैं? (ग) क्या पड़रिया बांध का ठेकेदार को नोटिस दिये बगैर नया टेण्डर लगाया गया और 94 प्रतिशत अधिक पर स्वीकृत किया गया? यदि यह सही है तो विभाग की ऐसी क्या मजबूरी थी कि उक्त कार्य इतने महंगी दर पर कराया गया? अगर निरस्त किया गया तो पैकेज के संपूर्ण कार्यों को निरस्त क्यों नहीं किया? (घ) क्या उक्त संपूर्ण कार्य की जाँच शासन द्वारा कराई जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक एवं दोषी अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी? अगर की जावेगी तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। बुन्देलखण्ड पैकेज अंतर्गत पैकेज क्रमांक 904 में शामिल स्टॉप-डेम छोटीमहोड़ एवं चांदनपुर की प्रशासकीय स्वीकृति क्रमश: रू. 97.84 एवं 99.22 लाख दिनांक 05.02.2014, स्टॉप-डेम बछौन की प्रशासकीय स्वीकृति रू. 33.35 लाख दिनांक 24.12.2010 तथा स्टॉप-डेम पडरियाकलां की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति रू. 275.06 लाख दिनांक 06.12.2014 को जारी की गई, इस प्रकार कुल प्रशासकीय स्वीकृति रू. 505.47 लाख है। पैकेज अंतर्गत अभी तक रू. 2.49 करोड़ का भुगतान किया गया। त्रिशूल कंस्ट्रक्शन कंपनी जबलपुर को आवंटित पैकेज क्रमांक 904 का अनुबंध निरस्त किया गया एवं पुन: निविदा ठेकेदार के जोखिम एवं व्यय पर आमंत्रित की गई। अभी कार्य अपूर्ण है। उक्त कंपनी का अनुबंध निरस्त होने से रू. 6.74 लाख का अपूर्ण अंतिम देयक कार्यालय में जमा है, जिसका भुगतान नहीं किया गया है। (ख) प्रश्नांश में उल्लेखित अधिकारियों को निर्माण कार्य में अनियमितता बरते जाने के कारण निलंबित किया गया। विभाग अंतर्गत विभागीय जाँच की कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) त्रिशूल कंस्ट्रक्शन कंपनी जबलपुर द्वारा निर्माण कार्य पूर्ण करने में अत्यंत विलंब एवं लापरवाही बरते जाने के कारण अनुबंधानुसार उनकी निविदा निरस्त की गई। त्रिशूल कंस्ट्रक्शन कंपनी जबलपुर को अनुबंधानुसार नोटिस दिया जाकर, दिनांक 05/12/2014 को पैकेज क्रमांक 904 का अनुबंध निरस्त किया गया, जिसमें पैकेज अंतर्गत समस्त कार्य शामिल है। पड़रियाकला के शेष कार्य की निविदा शासन द्वारा अधिकृत पोर्टल पर ऑनलाईन निविदा के माध्यम से आमंत्रित कर ठेकेदार के जोखिम एवं व्यय पर अन्य ठेकेदार से कार्य कराये जाने हेतु विभाग के दिनांक 12/04/2010 से प्रभावशील एस.ओ.आर. से 94 प्रतिशत अधिक दर पर चतुर्थ आमंत्रण में स्वीकृत की गई। (घ) कार्य की जाँच कराई जाकर दोषियों के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित की गई। विभागीय जाँच एक अर्धन्यायिक प्रक्रिया होने से, निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पंचायत क्षेत्रों को योजनाओं में शामिल करना
82. ( क्र. 2610 ) श्री राजेश सोनकर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अन्तर्गत इन्दौर जिले के सांवेर विधान सभा क्षेत्र के ग्राम पंचायतों को किन-किन योजना में शामिल किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में किसी भी योजना अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र को किन मापदण्डों के तहत शामिल किया जाता है? कितने प्रतिशत आबादी क्षेत्र को योजनाओं से मुक्त किया जाता है? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सांवेर विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत ग्राम भौंरासला को किस-किस योजना में शामिल किया गया? क्या घनी आबादी क्षेत्र होने से उक्त क्षेत्र को योजना से मुक्त किया जा सकता है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में क्या ग्राम भौंरासला को योजना अंतर्गत शामिल किये जाने के लिये क्या कोई अधिकारियों की कमेटी/तहसीलदार/पटवारी की रिपोर्ट ली गई थी? क्या उक्त रिपोर्ट में कहा गया था कि गांव को योजना से मुक्त रखना ही ठीक होगा एवं जिसमें यह भी कहाँ गया था भू-अर्जन न किया जाना ही बेहतर होगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत इंदौर जिले के सांवेर विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायतों को प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण), मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना, मध्यान्ह भोजन एवं 14 वां वित्त आयोग इत्यादि योजनाओं में शामिल किया गया है। (ख) उत्तरांश (क) के संदर्भ में प्रत्येक योजना के प्रावधान अनुसार संपूर्ण ग्रामीण क्षेत्र को सम्मिलित किया जाता है। योजनाओं में किसी विशेष आबादी क्षेत्र को मुक्त नहीं किया जाता है। (ग) ग्राम भौंरासला नगर निगम इंदौर क्षेत्र में सम्मिलित है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
तालाबों पर अतिक्रमण विषयक
83. ( क्र. 2612 ) श्री राजेश सोनकर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित प्रश्न 5 (क्र.630) दिनांक 17.03.16 में बताया गया कि इन्दौर जिला अंतर्गत विभिन्न तहसीलों में से इन्दौर शहर में स्थित सिर्फ सिरपुर तालाब एवं खजराना तालाब को छोड़कर अन्य तालाबों पर अतिक्रमण नहीं है? क्या यह सही है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में इन्दौर विकास योजना 2012 की कंडिकाओं में बड़े एवं छोटे तालाबों की एच.एफ.एल. (पाल) से कितनी-कितनी मीटर की दूरी पर निर्माण करना प्रतिबंधित है? क्या प्रतिबंध क्षेत्र होने के बावजूद भी इन्दौर जिले में कई तालाबों पर अतिक्रमण किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या कलेक्टर महोदय द्वारा नगर निगम इंदौर, अनुविभागीय अधिकारियों, तहसीलदारों को प्रतिबंधित क्षेत्र में किये गये अतिक्रमणें को हटाने हेतु कोई निर्देश जारी किये गये थे? यदि हाँ, तो निर्देश पर संबंधित विभाग/अधिकारियों द्वारा कहाँ-कहाँ व कब-कब क्या-क्या कार्याही की गई? तहसीलवार जानकारी देवें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सूखाग्रस्त घोषित किये जाने पर राहत पैकेज देना
84. ( क्र. 2629 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुना जिले की बमोरी विधान सभा क्षेत्र को सूखाग्रस्त किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो सूखा राहत के लिये कोई विशेष पैकेज जिसमें मजदूरी, तालाब निर्माण, सड़क निर्माण आदि का प्रावधान रखा गया है? तो विवरण दें? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार शासन द्वारा सूखाग्रस्त क्षेत्रों को राहत राशि विशेष पैकेज कितना एवं कब दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) महात्मा गाँधी नरेगा योजना अंतर्गत सूखा राहत के लिए अनुमत कार्य यथा - तालाब निर्माण, सड़क निर्माण आदि में ग्रामीण क्षेत्र के जॉबकार्डधारी परिवारों को वित्तीय वर्ष 2015-16 में अतिरिक्त 50 दिवस का रोजगार दिए जाने का प्रावधान रखा गया है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार।
राजीव गांधी जल ग्रहण मिशन (वाटरशेड) की अनियमितता
85. ( क्र. 2631 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजीव गांधी जल ग्रहण मिशन (वाटरशेड) के द्वारा विगत तीन वर्षों में गुना जिले में कहाँ-कहाँ कितनी राशि के निर्माण कार्य कराये गये? (ख) क्या कराये गये कार्यों का भुगतान नोटशीट PFMS (Software Form-21) के अनुसार किया जाता है? (ग) क्या निर्माण कार्यों का भुगतान नोटशीट के माध्यम से कराये जाने पर वाटरशेड अध्यक्ष, सचिव व टीम लीडर के हस्ताक्षर के बाद ही भुगतान किया जाता है? या टेक्नीशियन एक्सपर्ट द्वारा बिना नोटशीट के हस्ताक्षर के किया जाता है? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) (ग) के अनुसार जिले में निर्माण कार्यों का भुगतान शासन के नियमों का पालन न करते हुये भुगतान एक ही व्यक्ति द्वारा बिना नोटशीट के किया जाता है? इस गंभीर अनियमितता एवं इसमें किये जा रहे भ्रष्टाचार की जाँच कराई जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) भुगतान परिपत्र-21 में प्रावधानित प्रक्रिया अपनाकर पी.एफ.एम.एस.के द्वारा किया जाता है। (ग) जी हाँ। टीम लीडर द्वारा परिपत्र-21 में प्रावधानित प्रक्रिया अनुसार नोटशीट प्रस्तुत किये जाने के बाद तकनीकी विशेषज्ञ द्वारा किये जाने वाले भुगतान का अनुमोदन किया जाता है। (घ) जी नहीं। अतः अनियमितता नहीं होने के कारण शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वनअधिकार अधिनियम अंतर्गत पट्टेधारियों को फसल की राहत राशि वितरण
86. ( क्र. 2633 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन ने गुना जिले में वन पट्टेधारियों वाले किसानों को खरीफ 2015-16 के फसल का राहत राशि मुआवजा वितरण किया है। क्या संपूर्ण पट्टेधारियों को राहत राशि स्वीकृत कर दिला दी है। यदि हाँ, तो कितने हितग्राही अभी तक वंचित हैं। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित तथ्यों के अनुसार गुना जिले में ब्लॉकवार कितने पात्र एवं (अपात्र कब्जेधारी) कृषक राहत राशि पाने से वंचित हैं। कौन जिम्मेदार हैं क्या उनको राहत राशि मुहैया करायेंगे कब तक? (ग) क्या वनक्षेत्र में रहने वाले आमजनों को मूलभूत सुविधायें अन्य विभागों से उपलब्ध होने पर वन विभाग वन क्षेत्रों के रहवासी होने से विभाग लाभांवित होने से वंचित करते हैं क्यों यदि हाँ, तो कौन दोषी हैं? (घ) यदि प्रश्नांश (क), (ख), (ग) में उल्लेखित तथ्यों की विभाग बिन्दुवार जाँच करायेंगे और इन योजनाओं के पात्र लोगों को लाभ दिलाने तथा विभाग के दोषियों पर कार्यवाही करेगा। यदि हाँ, तो कब तक? विवरण सहित अवगत करायें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ, गुना जिला अंतर्गत खरीफ फसल वर्ष 2015-16 में वन अधिकार पट्टाधारी समस्त किसानों को राहत राशि का भुगतान किया जा चुका है। हां, सम्पूर्ण पट्टाधारियों को राशि स्वीकृत की जा चुकी है। विलम्ब से 528 कृषकों की सूची प्राप्त होने से राहत राशि दिये जाने की कार्यवाही प्रचलित है। (ख) जी नहीं। कोई भी पात्र व्यक्ति राहत राशि पाने से वंचित नहीं है। सभी पात्र व्यक्तियों को राशि उपलब्ध कराई जा रही है। (ग) जी नहीं। (घ) उत्तरांश 'ग' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जनपद पंचायत बिरसा के खर्राधार मेला
87. ( क्र. 2654 ) श्री संजय उइके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले में जनपद पंचायत बिरसा अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत रमगढ़ी में लगने वाले खर्राधार मेले का प्राधिकार जनपद पंचायत के आधीन है यदि हाँ, तो जनपद पंचायत द्वारा कब और किसके आदेश से ग्राम पंचायत को यह प्राधिकार सौंपा गया, क्या इसके लिए उपसंचालक पंचायत एवं सामाजिक न्याय से आवश्यक अनुमति प्राप्त की गई? क्या ग्राम पंचायत को प्राधिकार सौंपने का अधिकार जनपद अध्यक्ष को हैं? (ख) क्या खर्राधार मेले की वित्तीय वर्ष 2001-2002 से लेकर अब तक जनपद पंचायत बिरसा द्वारा उक्त मेले की नीलामी की गई और मेला नीलामी से संबंधित अभिलेख संधारित किये गये वर्षवार मेला नीलामी के आय व्यय की जानकारी एवं मेला नीलामी से संबंधित अभिलेख उपलब्ध करावें? (ग) खर्राधार मेले का प्राधिकार जनपद पंचायत में होने के बाद भी जनपद पंचायत द्वारा मेला नीलामी से संबंधित अभिलेखों का संधारण नहीं किया गया तो इसके लिए कौन अधिकारी कर्मचारी दोषी है और उन पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। जनपद पंचायत बिरसा द्वारा दिनांक 7 जनवरी 2005 को जनपद पंचायत बिरसा द्वारा पारित आदेशानुसार ग्राम पंचायत रमगढ़ी को सौंपा गया। जी नहीं। जी नहीं। मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1933 की धारा 58 के अनुसार आवश्यकता नहीं। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। वर्तमान मेला नीलामी के आयव्यय की जानकारी संधारित नहीं की गई है एवं रोकड़ बही में आय व्यय दर्ज नहीं किया गया है। (ग) पूर्व में नियमानुसार अभिलेख संधारित किये गये हैं। किन्तु वर्ष 2005-2006 से वर्ष 2015-16 तक ग्राम पंचायत रमगढ़ी में अभिलेख संधारित न करने के कारण दोषी सचिव श्री दानीलाल छीरसागर, श्री राजेन्द्र धुर्वे एवं श्री रुपलाल हरिनखेड़े को निलंबित किया जा चुका है। इसके लिए तत्कालीन सरंपच ग्राम पंचायत रमगढ़ी के सरपंच श्री केशर सिंह धुर्वे, श्रीमती रितुबाई मेरावी के विरुद्ध कार्यवाही हेतु अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) बैहर को लिखा गया है।
पंच परमेश्वर योजना संबंधी
88. ( क्र. 2706 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंच परमेश्वर योजनांतर्गत वर्ष 2012 से जून 2016 तक उज्जैन संभाग में जिलेवार वितरित की गई राशि का ब्यौरा क्या है? जिलों के राशि आवंटन का आधार क्या है? (ख) उपरोक्त अवधि में उज्जैन संभाग में स्वीकृत कार्यों एवं राशि का जिलेवार, तहसीलवार ब्यौरा क्या है तथा व्यय राशि का आवंटन विरूद्ध प्रतिशत क्या है? (ग) उक्त योजनांतर्गत हुए आवंटन एवं कार्यों के संपन्न होने के दौरान अनियमितताओं की शिकायतों का तहसीलवार (उज्जैन संभाग) का ब्यौरा क्या है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ के कॉलम नम्बर 5 अनुसार। पंच-परमेश्वर योजनान्तर्गत 2000 तक की जनसंख्या वाली ग्राम पंचायतों को प्रतिवर्ष न्यूनतम 5 लाख, 2001-5000 तक की जनसंख्या वाली ग्राम पंचायतों को प्रतिवर्ष न्यूनतम 8 लाख, 5001-10000 तक की जनसंख्या वाली ग्राम पंचायतों को प्रतिवर्ष न्यूनतम 10 लाख एवं 10000 से अधिक जनसंख्या वाली ग्राम पंचायतों को प्रतिवर्ष न्यूनतम 15 लाख रूपये प्रदान किये जाते है। 14 वें वित्त आयोग अंतर्गत प्रत्येक ग्राम पंचायत को उसकी जनगणना 2011, की जनसंख्या के आधार पर 90 प्रतिशत एवं क्षेत्रफल के आधार पर 10 प्रतिशत के योग अनुसार राशि वितरित की जाती है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ के कॉलम नम्बर 2,4,5,6,7 एवं 8 अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार।
पुल का निर्माण
89. ( क्र. 2728 ) श्री मनोज कुमार अग्रवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोतमा नगर के बगल से बहने वाली केवई नदी पर प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (PMGSY) पुल का निर्माण होना है? (ख) क्या इस पुल निर्माण का कार्य प्रस्तावित है? (ग) इस पुल का निर्माण कब तक संभावित है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत केवई नदी पर पुल निर्माण प्रस्तावित है। (ख) जी हाँ। (ग) निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
पूर्व सरपंच ग्राम भटनवारा जनपद पंचायत उचेहरा जिला सतना के विरूद्ध कार्यवाही
90. ( क्र. 2732 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले की जनपद पंचायत उचेहरा की ग्राम पंचायत भटनवारा की पूर्व सरपंच रमा सिंह द्वारा पंचायत की राशि को अपने सेल्फ खाता क्र. 8070819961 मध्यांचल ग्रामीण बैंक भटनवारा में जमा कर गबन किया। इसके अतिरिक्त और भी बहुत गंभीर गबन के आरोप की शिकायत रोशनी सिंह र्पोते अध्यक्ष जनपद पंचायत उचेहरा ने शासन/प्रशासन को की गई है। (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो शासन/प्रशासन द्वारा पूर्व सरपंच श्रीमती रमा सिंह के विरूद्ध पुलिस थाना में प्राथमिकी दर्ज कराकर गबन की राशि वसूली की कार्यवाही कब तक की जावेगी और अब तक न करने के लिए कौन दोषी है और उसके विरूद्ध कब कार्यवाही की जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। माध्यांचल ग्रामीण बैंक भटनवारा में खाता क्रमांक 8070819961, जो ग्राम पंचायत भटनवारा के नाम से है। इसके अतिरिक्त शासन-प्रशासन को श्रीमती रोशनी सिंह पोर्ते अध्यक्ष, जनपद पंचायत उचेहरा की कोई शिकायती प्राप्त नहीं हुए है। (ख) उत्तरांश ‘क’ अनुसार शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
काबिल कास्त भूमि का पट्टा दिये जाना
91. ( क्र. 2751 ) कुमारी निर्मला भूरिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ-अलीराजपुर जिले में कितने कृषक शासकीय मद की काबिल कास्त भूमि पर काबिज होकर कितने-कितने वर्षों से कृषि कार्य कर रहे हैं तथा इनके द्वारा दण्ड के रूप में कितना आर्थिक दण्ड राजस्व मद में जमा किया जा रहा है? (ख) झाबुआ अलीराजपुर जिले के इन कृषकों द्वारा इतने लम्बे समय से काबिल कास्त भूमि पर कृषि कार्य किया जाकर आर्थिक दण्ड भी भरा जा रहा है फिर भी इन कृषकों को उक्त भूमि का मालिकाना हक नहीं दिया गया, क्या कारण है? (ग) क्या शासन वर्षों से कृषि कार्य कर रहे इन कृषकों को शासकीय मद की काबिल कास्त भूमि पर मालिकाना हक देने का विचार कर रहा है। यदि हाँ, तो उक्त कार्यवाही कब तक पूर्ण कर ली जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कृषि उपकरण, खाद, बीज एवं कीटनाशक का वितरण
92. ( क्र. 2763 ) श्री भंवर सिंह शेखावत : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि विभाग धार को वर्ष 2015-16 से 2016-2017 तक अनुदान प्राप्त कृषि उपकरण, खाद, बीज एवं निंदानाशक, कीटनाशक, वितरण का वर्षवार ब्यौरा देवें? (ख) बदनावर विकासखंड अंतर्गत वर्ष 2015-2016 से 2016-2017 तक अनुदान प्राप्त उपकरण, उन्नत खाद, बीज एवं निंदानाशक, कीटनाशक का प्राप्त आवंटन एवं वितरण का वर्षवार ब्यौरा देवें? (ग) वर्ष 2015-2016 से 2016-2017 में अनुदान प्राप्त उपकरण, उन्नत खाद, बीज एवं निंदानाशक, कीटनाशक कितने पात्र हितग्राहियों को प्रदाय की गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
प्रदेश में शासकीय भूमि को अतिक्रमण से मुक्त करने विषयक
93. ( क्र. 2765 ) श्री भंवर सिंह शेखावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में शासकीय भूमि तालाब, गोचर, विद्यालय एवं अन्य शासकीय परिसर पर कतिपय लोगों द्वारा कितने हेक्टेयर में अतिक्रमण कर रखा है? कब तक अतिक्रमण हटाया जावेगा? (ख) अतिक्रमण करने वालों के विरूद्ध शासन स्तर पर की गई कार्यवाही से अवगत करवाते हुए कितनी भूमि अतिक्रमण से मुक्त करवाई गई है? (ग) क्या शासन स्तर पर शासकीय भूमि को सूचना पटल/सूचकांश द्वारा चिन्हांकित/प्रदर्शित किया जा रहा है ताकि भविष्य में अतिक्रमण न हो? (घ) बदनावर विधान सभा क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों मजरों टोले एवं नई आबादी को जनहित में आबादी क्षेत्र घोषित करने से गरीब जनता को मुख्यमंत्री आवास एवं अन्य योजनाओं का लाभ मिल सके, आबादी क्षेत्र कब तक घोषित होंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) धार जिले में शासकीय भूमि तालाब, गोचर, विद्यालय एवं अन्य शासकीय परिसर पर कतिपय लोगों द्वारा 333.432 हेक्टेयर भूमि पर अतिक्रमण किया गया था। अतिक्रमणकर्ताओं के विरूद्ध कार्यवाही कर 277.052 हेक्टेयर भूमि को अतिक्रमण मुक्त किया गया। शेष 56.380 हेक्टेयर भूमि का म.प्र.भू-राजस्व संहिता, 1959 की धारा-248 के तहत नियमानुसार अतिक्रमण मुक्त कराये जाने की कार्यवाही प्रचलित है। (ख) धार जिले में शासकीय भूमि तालाब गोचर, विद्यालय एवं अन्य शासकीय परिसर पर अतिक्रमणकर्ताओं के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही कि जाकर 277.052 हेक्टेयर अतिक्रमण से मुक्त कराई गई। (ग) जी नहीं। (घ) जिले की बदनावर तहसील के अंतर्गत नवीन आबादी घोषित किये जाने हेतु ग्राम की आबादी हेतु कुल-17 प्रस्ताव प्राप्त हुये है जिनमें आबादी घोषित करने की नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है।
आवासीय भूमि पट्टों की जानकारी
94. ( क्र. 2789 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के मऊगंज, हनुमना तहसील के अंतर्गत मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग के द्वारा दखल रहित अधिनियम के अंतर्गत आवासीय भूमि के पट्टे वितरित करने की कार्यवाही क्या प्रचलन में है? (ख) यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित विवरण उपलब्ध करावें। इसके लिये कौन से अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार है? नाम बतावें। इनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी? समय-सीमा सहित बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में आवास हेतु आवंटन की प्रक्रिया क्या लंबित है एवं आवास हेतु बंटन की प्रक्रिया प्रारंभ नहीं की गई है तो क्यों? कारण स्पष्ट करें तथा निराकरण कब तक किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आर्थिक सहायता राशि के प्रकरण
95. ( क्र. 2796 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले को मध्यप्रदेश शासन द्वारा आपदा राहत मद से/राज्य बीमारी सहायता कोष से/मुख्यमंत्री सहायता कोष से/कलेक्टर द्वारा जारी आर्थिक सहायता कोष/आयुक्त द्वारा जारी आर्थिक सहायता कोष से राशि प्राप्त करने हेतु वर्ष 2014-15 तथा 2015-16 एवं प्रश्न दिनांक तक कुल कितने प्रकरण प्राप्त हुए हैं? कितने स्वीकृत किये गये एवं कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई पृथक-पृथक संख्या बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में पृथक-पृथक मदों/कोष से सहायता प्राप्त करने हेतु प्राप्त आवेदनों को किस-किस कारण से स्वीकृत किये गये तथा किस-किस कारण से अस्वीकृत किये गए?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) रीवा जिले में आपदा राहत मद, राज्य बीमारी सहायता कोष एवं मुख्यमंत्री सहायता कोष के अन्तर्गत स्वीकृत प्रकरणों की वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में आपदा राहत मद एवं राज्य बीमारी सहायता कोष मदों में प्राप्त आवेदनों को सक्षम अधिकारियों द्वारा स्वीकृत किये गये हैं। कोई भी प्रकरण अस्वीकृत नहीं किये गये है।
निर्मल जल योजना
96. ( क्र. 2817 ) श्री नथनशाह कवरेती : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले के अंतर्गत जुन्नारदेव विधान सभा क्षेत्र के ग्राम खैरवानी में निर्मल जल योजना के अंतर्गत वर्ष 2016 में कुएं का निर्माण (खनन) कराया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत शासकीय या निजी भूमि में निर्माण (खनन) किया गया है? (ग) क्या नियम विरूद्ध व्यक्तिगत हित को देखते हुए निजी भूमि में इसका खनन करा दिया गया है? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन जिम्मेदार है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) उक्त कूप का निर्माण (खनन) निजी भूमि में किया गया है, जिसका दान पत्र भूमि धारकों द्वारा खसरा नम्बर 339/2, 340/5 में से 0.012 आर.ए. (1300 वर्ग फिट) भूमि का ई-पंजीयन MP078242016A1378914 के माध्यम से दिनांक 23.06.2016 को किया गया है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वाटरशेड योजना के कार्य
97. ( क्र. 2821 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में शासन की आई.डब्ल्यू.एम.पी. योजना अन्तर्गत वर्ष 01.04.2014 से 15.06.2016 तक किस-किस ग्राम में कितनी-कितनी लागत से क्या-क्या कार्य स्वीकृत कर कराये गये हैं तथा कितने कार्य पूर्ण/अपूर्ण हैं? स्थान व नाम सहित वर्षवार जानकारी देवें? । (ख) प्रश्नांश (क) आई.डब्ल्यू.एम.पी. योजनान्तर्गत वर्ष 2016-17 में कौन-कौन से ग्राम में कितनी-कितनी लागत से कया-क्या कार्य कराने की योजना है? पूर्व के अपूर्ण कार्यों में कौन दोषी है? क्या उनके विरूद्ध कोई कार्यवाही की गई है? नहीं तो कब तक की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। समस्त कार्य पूर्ण अथवा प्रगतिरत हैं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
किसानों को विभागीय योजनाओं का लाभ
98. ( क्र. 2822 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग की किस-किस योजनाओं का कितने किसानों को वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या लाभ दिया गया? (ख) प्रश्नांश (क) क्या विभाग की योजनाओं के अंतर्गत भविष्य में कितने किसानों हितग्राहियों को लाभांवित करने का कोई लक्ष्य रखा गया है? यदि हाँ, तो कितने किस श्रेणी के हैं? ब्लॉकवार संख्यात्मक जानकारी दी जावे।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
विभागीय कर्मचारियों द्वारा कृषकों को कब्जा नहीं देने के संबंध में
99. ( क्र. 2830 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला विदिशा की तहसील शमशाबाद के ग्राम रमपुरा जागीर में राजस्व खरास क्रमांक 578, 579, 571 से संबंधित भूमि राजस्व विभाग की है जिसका सीमांकन राजस्व विभाग द्वारा किया गया है? (ख) प्रश्नांश ''क'' के संदर्भ में उल्लेखित कृषि भूमि को वन विभाग द्वारा अपनी वनभूमि में शामिल करने की कार्यवाही किन नियमों के अंतर्गत की गई? जबकि उक्त वास्तविक भूमि पर राजस्व विभाग द्वारा भू-अधिकार एवं ऋण पुस्तिका भी जारी की गई है? (ग) क्या उपरोक्त सर्वे की भूमि पर संबंधित हितग्राहियों को कब्जा नहीं दिये जाने एवं वन विभाग द्वारा परेशान किये जाने के संबंध में किन-किन स्तर पर कितनी शिकायतें प्राप्त हुई एवं उन शिकायतों की जाँच कर क्या निर्णय लिया गया तथा कृषकों को परेशान करने के लिए संबंधित वन अधिकारियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) वन विभाग द्वारा सर्वे नं. 578, 579, 571 को वन विभाग में सम्मिलित करने की कार्यवाही नहीं की गई। राजस्व विभाग द्वारा हितग्राही को राजस्व अभिलेखों अनुसार प्रश्नांकित नम्बरों का राजस्व अभिलेख उपलब्ध कराया गया है। (ग) हितग्राही की राजस्व भूमि का विधिवत सीमांकन किया जाकर उसके स्वत्व की भूमि की सीमा बताई गई है, जो राजस्व अभिलेख में दर्ज है। हितग्राही को कब्जा नहीं दिये जाने एवं वन विभाग द्वारा परेशान किये जाने के संबंध में शिकायत श्री सत्यदेव कटारे विधान सभा नेता प्रतिपक्ष के पत्र क्रमांक 1012/15 दिनांक 23.7.2015 द्वारा अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक भू-अभिलेख को प्राप्त हुई भू-अभिलेख के पत्र क्रमाक/शिकायत/2015/836 दिनांक 18/8/2015 द्वारा मु.व.सं. क्षेत्रीय भोपाल वृत्त भोपाल को प्रेषित की गई एवं मु.व.सं. क्षेत्रीय भोपाल वृत्त भोपाल के पत्र क्रमांक मा.चि./5021 दिनांक 25.08.2015 द्वारा वन मण्डल विदिशा को प्रेषित की गई। जिसकी जाँच परिक्षेत्र अधिकारी शमशाबाद से कराई गई। जाँच से हितग्राही का कब्जा वनकक्ष क्रमांक पी-239 में 2000 है. वनभूमि पर अतिक्रमण के रूप में पाया गया। कलेक्टर विदिशा के पत्र क्रमांक मा.चि/2058 दिनांक 14/10/15 से प्रेषित प्रतिवेदन के आधार पर मुख्य संरक्षक भोपाल वृत्त भोपाल के पत्र क्रमांक मा.चि/2622 दिनांक 30/10/15 से वस्तुस्थिति पर आधारित प्रतिवेदन अपर प्रधान मु.व.स (वन भू-अभिलेख) म.प्र. भोपाल को प्रेषित किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सरपंच/सचिव के विरूद्ध कार्यवाही
100. ( क्र. 2868 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत मण्डला के पत्र क्र./ज.प./2016/191 मण्डला दिनांक 25/04/2016 के द्वारा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व मण्डला को ग्राम पंचायत देवदरा के सरपंच/सचिव के विरूद्ध शिकायत की जाँच प्रतिवेदन दिया गया जिसमें हाउसिंग बोर्ड मद की राशि 14,76,423/- पंच परमेश्वर योजना की राशि 1,23,532/- बी.आर.जी.एफ. मद की राशि 6,42,461/- पंचायत मद की राशि 11,40,744, ई-कक्ष निर्माण की राशि 1,18,857 कुल मिलाकर 35,02,014/- का गबन पाया गया। (ख) यदि हाँ, तो क्या कारण है कि तत्कालीन सरपंच/सचिव के विरूद्ध आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं हुई? (ग) कब तक शासन दोषी सरपंच सचिव पर कार्यवाही करेगा, जिससे भविष्य में शासकीय राशि के दुरूपयोग को रोका जा सके?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), मण्डला के न्यायालय में उक्त संबंध में प्रकरण क्रमांक-04 (अ-89, अ-19) 2015-16 दर्ज होकर वहां विचाराधीन है। (ग) प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन होने से समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। न्यायालय द्वारा पारित निर्णय अनुसार ही आगामी कार्यवाही की जायेगी।
समग्र स्वच्छता अभियान
101. ( क्र. 2869 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में स्वच्छता अभियान कब से संचालित है और किन-किन नामों से तथा प्रति यूनिट कितनी राशि का प्रावधान किया गया था? मण्डला जिले को स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) अन्तर्गत कितना लक्ष्य दिया गया एवं कितना प्राप्त हुआ वर्षवार विकासखण्डवार बतायें। (ख) स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत मण्डला एवं नैनपुर विकासखण्ड में ग्राम पंचायतों में शौचालय निर्माण हेतु कितनी राशि जारी की गयी एवं कितने शौचालय निर्माण किये गये कितने शेष हैं? वर्षवार ग्राम पंचायतवार बतायें? । (ग) उक्त प्राप्त राशि से ग्राम पंचायत द्वारा कितने शौचालय पूर्ण कर लिये गये? कितने अपूर्ण है कितनी राशि व्यय हो गई कितनी शेष है? (घ) क्या संबंधित निर्माण एजेंसी द्वारा पूर्ण राशि का आहरण कर व्यय बता दिया गया जबकि वास्तव में शौचालय का निर्माण हुआ ही नहीं है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा क्या प्रयास किये गये? संबंधित से वसूली कब तक की जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रदेश में स्वच्छता अभियान वर्ष 2001-02 से संचालित है। समग्र स्वच्छता अभियान में शौचालय निर्माण में प्रति इकाई प्रोत्साहन राशि रूपये 500, रूपये 1200, रूपये 2200, रूपये 3200 एवं निर्मल भारत अभियान में राशि रूपये 4600 प्रावधानित थी। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) अंतर्गत शौचालय निर्माण में प्रति इकाई प्रोत्साहन राशि रूपये 12000 प्रावधानित है। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) अंतर्गत मण्डला जिले में लक्ष्य पूर्ति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत मण्डला एवं नैनपुर विकासखण्ड में ग्राम पंचायतों में शौचालय निर्माण हेतु जारी राशि एवं निर्मित शौचालय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। उपलब्ध कराई गई राशि से शौचालय का निर्माण कराया गया है कोई शौचालय अपूर्ण नहीं है। (ग) उपलब्ध कराई गई राशि से शौचालय का निर्माण कराया गया है कोई शौचालय अपूर्ण नहीं है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राजीव गांधी जल ग्रहण प्रबंधन मिशन
102. ( क्र. 2894 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिरोंज विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत जनपद पंचायत सिरोंज/लटेरी में विगत 5 वर्षों में राजीव गांधी जल ग्रहण प्रबंधन मिशन के अंतर्गत जलग्रहण समिति माइक्रो वाटर शेड आई.डब्ल्यू.एम.पी-01 सिरोंज द्वारा किन-किन ग्राम पंचायतों में कौन-कौन से काम किये गये तथा कितनी-कितनी लागत में निर्माण किये गये? कितने काम पूर्ण किये गये और कितने काम अपूर्ण हैं? वर्षवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या अध्यक्ष जल ग्रहण समिति माइक्रो वाटर शेड आई.डब्ल्यू.एम.पी.-1 सिरोंज के विरूद्ध शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो कब-कब शिकायतें प्राप्त हुई, शिकायतों के संबंध में किस अधिकारी से जाँच कराई जा रही है? शिकायतों के जाँच में विलंब क्यों किया जा रहा है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जल ग्रहण समिति के अध्यक्ष के विरूद्ध कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास
103. ( क्र. 2899 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिरोंज विधान सभा क्षेत्रांतर्गत जनपद पंचायत सिरोंज/लटेरी में वर्ष 2012-2013 से 31.03.2016 तक समग्र स्वच्छता अभियान के अंतर्गत शौचालय निर्माण हेतु किन-किन ग्राम पंचायतों को कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गयी? कितने कार्य पूर्ण हुए एवं कितने कार्य अपूर्ण हैं, अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण किया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कुछ ग्राम पंचायतें ऐसी भी हैं, जिनको उक्त योजनान्तर्गत राशि प्रदाय किये जाने के बाद भी आज दिनांक तक कार्य पूर्ण नहीं किये गये? यदि हाँ, तो ऐसी कौन-कौन सी ग्राम पंचायतें हैं, क्या उनके विरूद्ध कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो शेष ग्राम पंचायतों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
मनरेगा अंतर्गत कूप निर्माण
104. ( क्र. 2900 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिरोंज विधान सभा क्षेत्रांतर्गत विगत 3 वर्षों में मनरेगा योजनान्तर्गत कूप निर्माण के कुल कितने कार्य स्वीकृत किये गये? कितनी राशि का भुगतान किया गया है और कितनी राशि भुगतान हेतु शेष है? स्वीकृत कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण एवं कितने अपूर्ण हैं, अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण किया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) अवधि में कूप निर्माण कार्यों में कहीं-कहीं पर मशीनों से निर्मित किये जाने की कितनी शिकायतें कब-कब प्राप्त हुई? उक्त शिकायतों की जाँच किस अधिकारी से कराई गई और क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या उक्त स्वीकृत कूप निर्माण कार्यों में लगे मजदूरों को अभी तक राशि का भुगतान नहीं किया गया? यदि हाँ, तो कितने मजदूरों को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया जाना शेष है? इसके लिए कौन दोषी है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) सिरोंज विधान सभा क्षेत्रांतर्गत विगत 3 वर्षों में 24 पेय-जल कूप एवं 579 कपिलधारा कूप इस प्रकार कुल 603 कूप निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये। कुल राशि रू 733.79 लाख का भुगतान किया गया तथा कार्य की प्रगति के आधार पर मूल्यांकन उपरांत कोई भी भुगतान किया जाना शेष नहीं है। स्वीकृत कार्यों में से 230 कार्य पूर्ण एवं 349 अपूर्ण हैं। मनरेगा अंतर्गत कार्यों का पूर्ण होना जॉबकार्डधारी परिवारों द्वारा रोजगार की मांग पर निर्भर होने से निश्चित समय-सीमा बतलाया जाना संभव नहीं है। (ख) प्रश्नावधि में कूप निर्माण मशीन से कराये जाने संबंधी शिकायतें संज्ञान में नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्रामीण क्षेत्रों में मूलभूत निर्माण कार्यों हेतु प्रचलित योजना
105. ( क्र. 2927 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक भवन, पंचायत भवन, पुलिया निर्माण एवं श्मशान गृह निर्माण कराये जाने हेतु क्या योजना प्रचलित है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या उपरोक्त निर्माण कार्यों की प्रकृति के मान से ग्राम पंचायतों के पास राशि उपलब्ध नहीं होने से सार्वजनिक एवं लोक हितैषी कार्य रूके हुये हैं? जिससे आम नागरिक सुविधाओं से वंचित है? (ग) क्या शासन द्वारा ऐसे सभी भवन इत्यादि निर्माण कार्य संपादित कराने के लिये कोई कार्ययोजना बनाई गई है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो इसका विकल्प बतावें तथा कब तक इस बाबत् शासन की कार्ययोजना सामने आ सकेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वर्तमान में पंचायत भवन निर्माण हेतु सर्वप्रथम भवनविहीन पंचायतों में नवीन पंचायत भवन उपलब्ध राशि के साथ महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत अभिसरण के माध्यम से निर्माण की योजना है। श्मशान गृह (शांतिधाम) निर्माण की योजना महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत प्रचलित है। सामुदायिक भवन निर्माण के संबंध में स्थायी योजना नहीं है तथा पुलिया निर्माण के कार्य क्षेत्र की आवश्यकता एवं राशि की उपलब्धता के आधार पर किये जाते है। (ख) जी नहीं। 14वां वित्त आयोग अंतर्गत ग्राम पंचायतों को उनकी जनसंख्या एवं क्षेत्रफल के आधार पर सीधे राशि प्रदाय की जाती है, जिससे ग्राम पंचायत अपनी योजना बनाकर मूलभुत सुविधाएं उपलब्ध कराती है। (ग) भवनविहीन ग्राम पंचायतों में राशि की उपलब्धता के आधार पर नवीन पंचायत भवन निर्माण की योजना है। उतरांश ‘ग‘ अनुसार शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
टप्पा कार्यालय सुठालिया हेतु नवीन भवन की स्वीकृति
106. ( क्र. 2928 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले की तहसील ब्यावरा अंतर्गत टप्पा कार्यालय सुठालिया का स्वयं का भवन है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो वर्तमान में कार्यालय संचालन की क्या व्यवस्था है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या वर्तमान में टप्पा कार्यालय सुठालिया का संचालन आर.आई. आवास में किया जा रहा है तथा उक्त आर.आई.आवास का निर्माण विगत 20 वर्ष पूर्व होकर वर्तमान में उक्त आवास जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है? यदि हाँ, तो क्या वर्षाकाल में उक्त जीर्ण-शीर्ण आवास में शासकीय दस्तावेजों एवं सामग्री को बरसाती से ढक कर सुरक्षित किया जाता है एवं राजस्व न्यायालय में आने वाले आमजनों को बैठना तो दूर खड़े होने की व्यवस्था तक नहीं है? साथ ही उक्त आर.आई.आवास परिसर से लगी विभाग की भूमि पर भी अवैध अतिक्रमण होता जा रहा है? यदि हाँ, तो टप्पा कार्यालय सुठालिया हेतु नवीन भवन निर्माण एवं परिसर की सुरक्षा हेतु बाउण्ड्रीवॉल निर्माण के संबंध में प्रश्न दिनांक तक शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) उपरोक्तानुसार क्या शासन उक्त टप्पा कार्यालय सुठालिया हेतु नवीन भवन निर्माण एवं परिसर की सुरक्षा हेतु बाउण्ड्रीवॉल निर्माण की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। वर्तमान में टप्पा कार्यालय राजस्व निरीक्षक कार्यालय सह आवास सुठालिया में संचालित है। (ख) जी हाँ। वर्षाकाल में अस्थायी व्यवस्था करके अभिलेख को सुरक्षित किया जाता है। अतिक्रमण बेदखली हेतु प्रकरण क्रमांक 38/अ-68/15-16/ शासन विरूद्ध शिम्भु पिता गंगाराम एवं प्रकरण क्रमांक 39/अ-68/15-16/शासन विरूद्ध लीलाबाई बेवा नारायणसिंह के विरूद्ध बेदखली आदेश कर दिया गया है। नियमानुसार प्रस्ताव प्राप्त कर विचार किया जायेगा। (ग) योजना सीमा तथा बजट प्रावधान की सीमा के अंतर्गत नियमानुसार विचार किया जायेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मनरेगा व कन्वर्जेंस के अंतर्गत स्टॉप-डेम व मार्ग निर्माण
107. ( क्र. 2948 ) श्री मोती कश्यप : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता ने अपने पत्र दिनांक 23.11.2015 को किस दिनांक की चर्चा के परिप्रेक्ष्य में किन नदियों में किन स्थानों में स्टॉप-डेम काजवे हेतु लेख किया है? (ख) प्रश्नांश (क) के किन स्थानों का किन ग्रामों के पहुँच मार्गों सहित बहुउद्देशीय स्टॉप-डेम कम काजवे के किस योजना के अंतर्गत कितनी राशि के प्राक्कलन बनाये गये हैं? (ग) क्या दिनांक 21.06.2016 को प्रश्नकर्ता ने कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी संभाग कटनी से किन्हीं पूर्व पत्रों के द्वारा दिये गये मनरेगा मार्ग के प्रस्तावों के परिप्रेक्ष्य में किन्हीं मार्गों की प्राथमिकता पर चर्चा की है और क्या उनके प्राक्कलन तैयार कर लिये गये हैं? (घ) क्या प्रश्नांश (क) से (ग) के निर्माण कार्यों को कब तक प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान कर दी जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। प्रश्नकर्ता माननीय विधायक जी के पत्र दिनांक 23.11.2015 में दिनांक 18.11.2015 की चर्चा के परिप्रेक्ष्य में बेलकुण्ड एवं भमरार नदियों में 04 स्थानों में स्टॉप-डेम काजवे हेतु लेख किया है। विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) तीन स्थल उपयुक्त पाये जाने पर महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत 03 स्टॉप-डेम कम काजवे के राशि रू. 328.67 लाख के प्राक्कलन बनाये गये हैं। कार्यवार लागत संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' के कॉलम नं. 6 अनुसार है। (ग) जी हाँ। प्रस्तावित मार्गों से संबंधित ग्राम पंचायतों में अपूर्ण कार्यों की संख्या संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। चूँकि जॉबकार्डधारियों द्वारा की जा रही मांग पूर्व से स्वीकृत कार्यों में ही समाहित हो रही है। अतएव इन कार्यों के प्राक्कलन तैयार नहीं कराये गये हैं। (घ) उत्तरांश 'ख' एवं 'ग' की जानकारी के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सूखा प्रभावितों को राहत वितरण
108. ( क्र. 2953 ) श्री मोती कश्यप : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2015-16 की अवधि में जिला कटनी की तहसील ढीमरखेड़ा द्वारा किन ग्रामों के किसानों की सूखा राहत की कितनी राहत राशि जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक मर्यादित जबलपुर में वितरण हेतु जमा की है? (ख) जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक मर्यादित जबलपुर के द्वारा जिला सहकारी बैंक शाखा उमरियापान जिला कटनी को प्रश्नांश (क) राशि में से कितनी राशि वितरण हेतु प्रदान की है? (ग) जिला सहकारी बैंक शाखा उमरियापान द्वारा अभी तक कितने सूखा प्रभावित कृषकों के बैंक अकाउन्ट में कितनी राशि ऑन-लाईन ट्रांसफर की गई है? (घ) जिला सहकारी बैंक शाखा उमरियापान ने आज दिनांक तक किन ग्रामों के कितने सूखा प्रभावित कृषकों की कितनी राशि ऑन-लाईन ट्रांसफर नहीं की है और वह कब तक ऑन-लाईन कर दी जावेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) 209 ग्रामों के किसानों की सूखा राहत की राशि रूपये 4,02,54,875.00 (रू. चार करोड़ दो लाख चौवन हजार आठ सौ पचहत्तर), ग्रामों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) रूपये 4,02,54,875.00 (रू. चार करोड़ दो लाख चौवन हजार आठ सौ पचहत्तर)। (ग) 8932 बैंक अकाउंट में राशि रूपये 3,78,05,978.00 (रू. तीन करोड़ अठ्ठहत्तर लाख पाँच हजार नौ सौ अठ्ठहत्तर) ऑन-लाईन ट्रांसफर की गई। (घ) तहसीलदारों से प्राप्त किसानवार सूची अनुसार 8932 कृषकों को राशि ट्रांसफर कर दी गई है, तहसीलदारों से अन्य कोई किसानों की सूची प्राप्त नहीं होने से शेष राशि रूपये 24,48,897/- (चौबीस लाख अड़तालीस हजार आठ सौ संतानवे) शासन को वापस की जा रही है।
बीज प्रयोगशालाएं
109. ( क्र. 2965 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कितनी बीज प्रयोगशालाएं हैं? (ख) विगत वर्ष के खरीफ एवं रबी सीजन में गुना जिले में कितने और किस-किस फसल बीजों के नमूने निजी पंजीकृत विक्रेता से लिये गये तथा कितनों का परीक्षण प्रयोगशालाओं में कराया गया? (ग) कितने नमूने गुणवत्ता पर खरे नहीं उतरे एवं गुणवत्ता मानकों को पूरा करने में विफल रहे? उन पर क्या कार्यवाही की गयी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) वर्तमान में, प्रदेश में 4 राज्य बीज परीक्षण प्रयोगशालायें हैं। (ख) खरीफ 2015 में सोयाबीन के 5 तथा रबी 2015-16 में गेहूं के 3 नमूने निजी पंजीकृत विक्रेता से लिये गये। सभी का परीक्षण प्रयोगशालाओं में कराया गया। (ग) जिले में निजी पंजीकृत बीज विक्रेताओं से लिये गये सभी 08 बीज नमूने मानक पाये गये। अत: कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता है।
किसानों की जमीन वन अधिग्रहण किया जाना
110. ( क्र. 2977 ) श्री मधु भगत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला बालाघाट के अंतर्गत सिवनी से वोन कट्टा मार्ग निर्माण हेतु किसानों की प्राईवेट जमीन के अधिग्रहण करने हेतु कब-कब प्रकाशन किया गया? विज्ञप्ति की प्रति बतायें। इसमें तह. कटंगी ग्राम थाना के कौन-कौन से रकबे/खसरे की जमीन कितनी मात्रा में उल्लेख कर प्रकाशन किया गया? (ख) धारा 4 के अंतर्गत प्रकाशित विज्ञप्ति पर धारा 6 के प्रावधानुसार कौन-कौन सी आपत्तियां आईं? उनकी प्रति बतायें। यदि नहीं, तो धारा के अनुसार ही जमीन का अधिग्रहण करना था, क्या यह सही है? (ग) ग्राम थाना तहसील कटंगी के कौन-कौन सी भूमि का अधिग्रहण किया गया? खसरा क्रमांक, रकबा बतायें। क्या प्रकाशित खसरे, रकबे तथा अधिग्रहण की गई भूमि के खसरे, रकबे में अंतर है? यदि हाँ, तो क्यों है? (घ) क्या कुछ भू-स्वामी की जमीन भी अधिग्रहीत की गई, जिसका नाम धारा 4 के प्रकाशन में नहीं था और कुछ भी प्रकाशित मात्रा से ज्यादा भूमि ले ली गई? यदि हाँ, तो ऐसा क्यों किया गया? कौन जिम्मेदार है तथा किस नियम के अंतर्गत अनियमितता नहीं है? प्रति बतायें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जिला बालाघाट के अंतर्गत सिवनी से बोनकट्टा मार्ग निर्माण हेतु किसानों की प्राईवेट जमीन के अधिग्रहण करने हेतु बालाघाट जिले की कटंगी तहसील के ग्रामी खमरिया में 1.672 हेक्टेयर ग्राम अर्जुननाला में 7.024 हेक्टेयर एवं ग्राम थाना में 3.853 हेक्टेयर भूमि का धारा-4 का प्रकाशन दिनांक 01 जून, 2012 को किया गया एवं दिनांक 15 जून, 2012 म.प्र.राजपत्र में प्रकाशित किया गया। इसी प्रकार बालाघाट जिले की कंटगी तहसील के ग्राम खमरिया में 1.672 हेक्टेयर भूमि अर्जुननाला में 7.024 हेक्टेयर एवं ग्राम थाना में 3.853 हेक्टेयर भूमि के रकबा/खसरों के धारा-6 का प्रकाशन दिनांक 22 सितम्बर, 2012 किया गया एवं दिनांक 19.10.2012 को म.प्र.राजपत्र में प्रकाशित किया गया। तहसील कटंगी ग्राम थानों के किसानों की अधिग्रहित भूमि के प्रकाशित रकबे/खसरे की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’ अनुसार। (ख) धारा-4 के प्रकाशन उपरांत माननीय श्री के.डी. देशमुख विधायक कटंगी द्वारा बाई-पास मार्ग पर पत्र क्रमांक 4654 दिनांक 05.06.2012 को कमिश्नर महोदय जबलपुर को आपत्ति दर्ज की गई थी। संभागीय प्रबंधक म.प्र. रोड डेव्ह. कार्पो. लि. जबलपुर के पत्र क्रमांक 1988/एमपीआरडीसी/जबलपुर दिनांक 28.08.2012 के पत्र के तहत उक्त आपत्ति का निराकरण किया गया है। पत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार। (ग) हाँ यह सही है, कि प्रकाशित खसरा रकबा तथा अधिग्रहण की गई भूमि के खसरे के रकबे में कुछ अंतर है ग्राम थाना में अधिग्रहित की जाने वाली भूमि पर खरीफ फसल होने के कारण अनुमानित रकबा 3.853 हेक्टेयर प्रस्तावित किया गया था। खरीफ फल कटने के उपरान्त तहसीलदार कटंगी से भूमि का माप कराया गया, जिसमें खसरों का बटांकन हो चुका था, जिसके कारण वास्तवित कुल रकबा 5.313 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’स’’ अनुसार। (घ) ग्राम थाना के कुल भूमि स्वामियों की भूमि अधिग्रहित की गई है एवं कुछ किसानों की धारा 4 एवं 6 में जो भूमि नहीं दर्शायी गई थी उसे मार्ग निर्माण के लिये आवश्यकतानुसार अति आवश्यक सेवा एवं जनहित में अवार्ड में सम्मिलित किया जाकर कुल रकबा 5.313 का अवार्ड पारित किया गया है वर्तमान में दो किसानों की अधिक अधिग्रहित भूमि का आपसी सहमति से क्रय निती अंतर्गत विभाग के नाम से रजिस्ट्री किये जाने हेतु दिनांक 04.05.2016 को पुनः संशोधित आदेश पारित किया जा चुका है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय सेवक के विरूद्ध कार्यवाही
111. ( क्र. 3001 ) श्रीमती ममता मीना : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनपद पंचायत गुना जिला गुना की ग्राम पंचायत हिलगना द्वारा कृषि विभाग गुना के शासकीय सेवक/लिपिक के नाम चैक से राशि का भुगतान किया था यदि हाँ, तो अशोक शर्मा के विरूद्ध क्या कार्यवाही की? (ख) प्रश्नांश ‘’क’’ में वर्णित गत विधान सभा के प्रश्नांश क्र. 20 (1661) के उत्तर में विभाग द्वारा अशोक शर्मा के विरूद्ध जाँच और कार्यवाही की जानकारी दी थी। यदि हाँ, तो अभी तक क्या कार्यवाही की? (ग) क्या ग्राम पंचायतों म.प्र. शासन के शासकीय कर्मचारियों से सामग्री क्रय कर भुगतान करने हेतु म.प्र. पंचायत राज अधिनियम के अंतर्गत पात्रता रखती है। यदि नहीं, तो क्या विभाग ग्राम पंचायत हिलगना की सरपंच, सचिव एवं शासकीय सेवक श्री अशोक शर्मा के विरूद्ध अपराध दर्ज करायेगा एवं कब तक? (घ) क्या विभाग प्रश्नांश ‘’क’’ से ‘’ग’’ में वर्णित तथ्यों की समय-सीमा में कोई कार्यवाही करेगा। यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। श्री अशोक शर्मा सहायक ग्रेड-2 कृषि विभाग गुना के विरूद्ध कार्यालय उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला गुना के पत्र क्र. 4275 दिनांक 15-07-2016 से विभागीय जाँच प्रस्तावित कर आरोप पत्रादि जारी किये गये है। (ख) जी हाँ। श्री अशोक शर्मा के विरूद्ध विभागीय जाँच प्रस्तावित की गई है। (ग) जी नहीं। सरपंच/सचिव ग्राम पंचायत हिलगना के विरूद्ध म.प्र. पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 92 के तहत प्रकरण जनपद पंचायत गुना के पत्र क्र. 866 दिनांक 04-03-2016 से अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) गुना को प्रेषित किया गया है। जिला पंचायत के आदेश क्र. 5045 दिनांक 09-06-2016 द्वारा तत्कालीन सचिव श्री बृजेश गोस्वामी को निलंबित किया जा चुका है। श्री अशोक शर्मा के विरूद्ध विभागीय जाँच प्रस्तावित की गई है। (घ) प्रकरण में कार्यवाही प्रचलित हैं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
संचालित प्रक्षेत्र
112. ( क्र. 3020 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर के अंतर्गत कौन-कौन से प्रक्षेत्र कहाँ-कहाँ पर संचालित हैं? इनका कितना-कितना क्षेत्रफल है एवं कौन-कौन सी योजनाएं/परियोजनाएं संचालित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में किन-किन योजनांतर्गत प्रक्षेत्रों के लिए किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं कितनी-कितनी राशि किन-किन कार्यों में व्यय हुई? योजनाओं की लक्ष्यपूर्ति बतलावें। वर्ष 2013-14 से 2016-17 तक की परिक्षेत्रवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) में किन-किन प्रक्षेत्रों में किन-किन योजनांतर्गत कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से निर्माण कार्य किसके आदेश से किस एजेन्सी से कराये गये? किन-किन कार्यों हेतु कब, किससे कितनी-कितनी राशि की प्रशासकीय एवं तकनीकी स्वीकृति ली गई? (घ) प्रश्नांश (क) में किन-किन योजनांतर्गत कब-कब किन-किन एजेन्सी/कंपनियों से कितनी-कितनी मात्रा में कितनी-कितनी राशि को किस-किस प्रजाति के किस दर पर बीज, पौधे एवं अन्य कौन-कौन सी सामग्री किसके आदेश से क्रय की गई? इसमें से किन-किन प्रक्षेत्रों में कितनी-कितनी मात्रा में बीच पौधों का उपयोग किया गया एवं कितनी-कितनी मात्रा में बीज पौधों का उपयोग नहीं किया गया एवं क्यों? इसकी जाँच कब, किसने की है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर के अन्तर्गत कुल 14 प्रक्षेत्र एवं 13 कृषि विज्ञान केन्द्रों के प्रक्षेत्र संचालित है। इनके अन्तर्गत कृषि प्रक्षेत्रों का कुल रकबा 1194.92 हे. है एवं 13 कृषि विज्ञान केन्द्रों का कुल रकबा 304.23 हे. है। इन प्रक्षेत्रों पर संचालक प्रक्षेत्र द्वारा बीज उत्पादन कार्यक्रम संचालित किया जाता है। प्रक्षेत्रवार प्रक्षेत्र की स्थिति एवं उनके क्षेत्रफल की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक पर है। (ख) प्रक्षेत्रवार एवं वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है तथा प्रक्षेत्र द्वारा आवंटित राशि बीज उत्पादन कार्यक्रम में ही व्यय की गई है। प्रक्षेत्रवार वर्ष 2013-14 से वर्ष 2016-17 तक बीज उत्पादन का लक्ष्य एवं पूर्ति संबंधित आंकड़े की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। वर्ष 2016-17 की खरीफ की बोनी प्रगति पर है। (ग) प्रक्षेत्रों पर वर्ष 2013-14 से प्रश्नांकित अवधि तक कोई भी निर्माण कार्य नहीं कराया गया। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) जवाहर लाल नेहरू कृषि वि.वि. के विभिन्न प्रक्षेत्रों पर नाभिकीय बीज के द्वारा ही प्रजनक बीज उत्पादन कार्यक्रम लिया जाता है, नाभकीय बीज ज.ने.कृ.वि.वि. जबलपुर के द्वारा ही उत्पादित किया जाता है। अत: कोई भी पौध एवं बीज किसी बाहरी एजेंसी एवं कम्पनियों से क्रय नहीं किया गया है। प्रजनक बीज संबंधित अन्य सामग्री वि.वि. के क्रय नियमों के अनुसार प्रक्षेत्रों के नियत्रण अधिकारी के स्वीकृति से किया जाता है। किसी भी प्रक्षेत्र पर किसी भी प्रकार का बीज एवं पौध का क्रय नहीं किया गया है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
कृषि यंत्रों पर अनुदान
113. ( क्र. 3062 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन, कृषि कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा जारी पत्र दिनांक 30.10.2016 के द्वारा कृषि यंत्रों एवं सिंचाई उपकरणों के अनुदान संबंधी निर्देश पत्र की कंडिका 5.3 में जारी निर्देश व्यापारियों के हित संरक्षित करने के उद्देश्य से जारी किये गये हैं? (ख) यदि नहीं, तो क्या कोई कृषक कृषि उपकरण सीधे नगद राशि देकर लेता है वह उपकरण उसे कम राशि में प्राप्त होता है और शासन की योजना अंतर्गत सब्सिडी का लाभ लेने हेतु क्रय किये उपकरण में ज्यादा राशि का बिल बनाया जाकर भुगतान देना पड़ता है? (ग) यदि नहीं, तो क्या सब्सिडी के आधार पर कृषि उपकरणों के अधिकृत विक्रेता के एक ही प्रकार के उपकरणों की बिक्री के सब्सिडी वाले बिल एवं बिना सब्सिडी वाले दोनों प्रकार के बिलों की जाँच करायी जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? जिससे यह स्पष्ट हो सके कि सब्सिडी का लाभ व्यापारियों को मिल रहा है, कृषकों को नहीं? (घ) क्या प्रश्नांश कंडिका (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में कृषकों के हित संरक्षित करने की दिशा में नये निर्देश जारी किये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) मध्यप्रदेश शासन किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा दिनांक 30.10.2016 को कोई निर्देश पत्र जारी नहीं किया गया है। कृषि यंत्रो एवं सिंचाई उपकरणों के अनुदान संबंधी निर्देश शासन द्वारा दिनांक 30.01.2016 को जारी किये गये है, जिसकी कंडिका 5.3 में व्यापारियों को भुगतान किये जाने के संबंध में निर्देश है। शासन द्वारा कृषकों को उपकरणों के क्रय में खुला बाजार उपलब्ध कराने तथा अनुदान प्रकरणों में पारदर्शिता सुनिश्चित की दृष्टि से प्रावधान किये गये है, यह निर्देश हितग्राही के संरक्षण हेतु जारी किये गये है। न कि व्यापारियों के हित संरक्षित करने के उद्देश्य से। (ख) जी नहीं कृषक मोल-भाव कर सामग्री का क्रय कर सकता है। (ग) सब्सिडी के आधार पर कृषि उपकरणों के अधिकृत विक्रेता के एक ही प्रकार के उपकरणों की बिक्री के सब्सिडी वाले बिल एवं बिना सब्सिडी वाले बिलों की राशि भिन्नता संबंधी शिकायत प्राप्त होना नहीं पाया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश "क" एवं "ख" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
ग्राम सहायकों के पद चयन की जाँच एवं कार्यवाही
114. ( क्र. 3080 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले के भाण्डेर विकासखण्ड के ग्राम पंचायत धनोटी तथा लहार हवेली में वर्ष 2012 में किन-किन ग्राम सहायकों का चयन किया गया? (ख) क्या उपरोक्त दोनों ग्राम पंचायतों में चयनित ग्राम सहायक मानव भारती यूनिवर्सिटी हिमाचल प्रदेश का फर्जी कम्प्यूटर परीक्षा का प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर चयनित हुये हैं? (ग) यदि हाँ, तो ग्राम पंचायतों के ग्राम सहायकों के अवैध चयन की शिकायतें किन-किन व्यक्तियों के द्वारा कब-कब मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत भाण्डेर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत दतिया तथा कलेक्टर दतिया को की गई थी? उन शिकायतों की जाँच कब-कब, किस-किस अधिकारी से कराकर दस्तावेजों का सत्यापन कराया गया? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) उपरोक्त ग्राम पंचायतों के ग्राम सहायकों की चयन प्रक्रिया की उच्च स्तरीय जाँच कराकर दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जनपद पंचायत भाण्डेर में ग्राम पंचायत धनोटी तथा लहार हवेली में वर्ष 2012 में रविन्द्र सिंह गुर्जर एवं अजय सिंह गुर्जर का चयन ग्राम पंचायत द्वारा किया गया। (ख) जी नहीं। मानव भारती यूनिवर्सिटी, हिमाचल प्रदेश यू.जी.सी. मान्यता प्राप्त है। प्रमाण पत्र यूनिवर्सिटी से जारी होना पाये गये। (ग) अविनेश कुमार खरे एवं अभिषेक खरे के द्वारा चयन प्रक्रिया जुलाई-अगस्त 2012 के दौरान रविन्द्र प्रताप सिंह गुर्जर के रोजगार सहायक के पद पर ग्राम पंचायत धनोटी में चयन के विरूद् जिला स्तरीय समिति के समक्ष आपत्ति प्रस्तुत की गई थी, परंतु आपत्तिकर्ताओं द्वारा आपत्ति को शपथ-पत्र के साथ वापस ले लिया गया था। चयन प्रक्रिया के दौरान ही अर्जुन सिंह भास्कर लहार हवेली के द्वारा अजय सिंह गुर्जर के कम्प्यूटर डिप्लोमा के फर्जी होने की आपत्ति जिला स्तरीय समिति के समक्ष की गई थी, जो जिला स्तरीय समिति द्वारा अमान्य की गई थी। एक अन्य शिकायत श्री संतोष लश्करी द्वारा कलेक्टर दतिया को दिनांक 16.6.15 को रविन्द्र प्रताप सिंह गुर्जर ग्राम पंचायत धनोटी रोजगार सहायक के कम्प्यूटर डिप्लोमा इत्यादि के विरूद्ध की थी। जिसकी जाँच अति. मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत दतिया के द्वारा की गई, जिसमें कम्प्यूटर डिप्लोमा के प्रमाण पत्र को मानव भारती यूनिवर्सिटी द्वारा जारी होना पाया गया। यूनिवर्सिटी के प्रमाणीकरण के आधार पर मान्य किया गया। (घ) उक्त ग्राम पंचायतों की चयन प्रक्रिया नियमानुसार सही पाई गई। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
राष्ट्रीय सूचना केन्द्र के सर्वर से डाटा प्राप्त करने की प्रक्रिया
115. ( क्र. 3088 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य शासन की कितनी वेबसाईट राष्ट्रीय सूचना केन्द्र, भोपाल के सर्वर पर है? विभागों के नाम का उल्लेख करें। विभागों द्वारा राष्ट्रीय सूचना केन्द्र, भोपाल के अधिकारियों को क्या-क्या उपकरण एवं अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं? (ख) क्या सूचना प्रौद्योगिकी विभाग अंतर्गत डाटा सेंटर पर उक्त वेबसाईटों को स्थापित किया गया है? इसके लिये राज्य शासन द्वारा कोई नीति बनाई गई है? नहीं तो क्यों? (ग) क्या राष्ट्रीय सूचना केन्द्र के सर्वर से डाटा प्राप्त करने की कोई प्रक्रिया निर्धारित है? (घ) यदि नहीं, तो क्या राज्य शासन तत्काल नीति बनाकर इन वेबसाईटों को स्टेट डाटा सेंटर पर हस्तांतरित करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र के सर्वर पर राज्य सरकार के विभागों की स्थापित वेबसाईट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। संबंधित विभागों द्वारा राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र को इस कार्य हेतु कोई भी उपकरण एवं अन्य सुविधा उपलब्ध नहीं करायी गयी है। (ख) जी नहीं। विभागों द्वारा अपनी योजनाओं एवं कार्यक्रमों की जानकारी नागरिकों को प्रदान करने के लिए पृथक-पृथक वेबसाईट का निर्माण किया गया है जिन्हें स्थापित करने हेतु विभाग एन.आई.सी. अथवा स्टेट डाटा सेन्टर के सर्वर का उपयोग कर सकते हैं। (ग) एवं (घ) विभागों द्वारा चाही जाने पर राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र द्वारा सर्वर से डाटा की जानकारी उपलब्ध करायी जाती है।
मनरेगा के तहत् स्वीकृत कार्य
116. ( क्र. 3097 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के अंतर्गत आने वाली प्रत्येक पंचायत में वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में कितनी महिला एवं पुरूषों के मजदूरी जॉबकार्ड वर्षवार बनाए गये तथा वर्तमान में ग्राम पंचायतों में महिला एवं पुरूषों के कुल कितने जॉबकार्ड हैं? पंचायतवार पृथक-पृथक बतायें? (ख) प्रश्नांश ''क'' अनुसार वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में उक्त ग्राम पंचायतों द्वारा कितनी महिला एवं पुरूषों को कुल कितने दिवस की कितनी राशि का भुगतान किया? ग्राम पंचायतवार मजदूरोंवार जानकारी दी जावे? (ग) प्रश्नांश ''क'' अनुसार विदिशा जिले के अधीन ऐसी ग्राम पंचायतें जिन्होंने उक्त वर्षों में अन्य क्षेत्र की ग्राम पंचायत के जॉबकार्डधारी, कितने महिला पुरूषों मजदूरों से कब से कब तक कार्य कराया गया तथा कितनी राशि भुगतान की गई? ग्राम पंचायतवार मजदूरोंवार जानकारी दी जावे? (घ) प्रश्नांश (क) अवधि में विदिशा जिले के किस-किस विकासखंड में मनरेगा के तहत् कार्यों को मजदूरों से न कराते हुये मशीन से कराने संबंधी शिकायत दर्ज हुई है, उन शिकायतों पर क्या कार्यवाही हुई? क्या छोटे कर्मचारियों पर कार्यवाही करते हुये, कार्यवाही समाप्त की गई है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जॉबकार्ड परिवार के नाम से बनाया जाता है, जिसमें महिला एवं पुरुष दोनों हो सकते हैं। महिला एवं पुरुष के पृथक पृथक जॉबकार्ड बनाये जाने का प्रावधान नहीं है। अतः शेषांश का प्रश्न नहीं उठता। (ख) विदिशा जिले में वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में महिला एवं पुरुषों को प्रदाय की गई मजदूरी भुगतान की पंचायतवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जिसमें पंचायतवार महिला एवं पुरुषों को कुल कितने दिवस की कितनी राशि का भुगतान किया गया का विवरण दर्ज है। (ग) प्रश्नांक ''क'' के अनुसार जानकारी निरंक है। (घ) प्रश्नांश (क) की अवधि में विदिशा जिले के विकासखण्ड बासोदा में मशीन से कार्य कराये जाने संबंधी शिकायत दर्ज की गई थी, जिस पर कार्यवाही करते हुये ग्राम पंचायत खेरुआ के उपयंत्री, सचिव, ग्राम रोजगार सहायक पर कार्यवाही (सेवा समाप्त) की गई है।
दखल रहित भूमियों के कृषि कार्य के लिए पट्टे का वितरण
117. ( क्र. 3098 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गत 6 माह में विदिशा जिले के प्रश्नकर्ता के ग्रामों में से एवं बैतूल जिले के ग्राम कटंगी, ग्राम सिवनपाट एवं ग्राम सालीवाड़ा के बड़े झाड़ के जंगल, छोटे झाड़ के जंगल मद में दर्ज किस खसरा क्रमांक के कितने रकबे को किस दिनांक को किस अधिकारी ने काबिल काश्त घोषित किया, कितने कृषि कार्य एवं आवासीय उपयोग के पट्टे वितरित किए गए? (ख) गत 6 माह में वितरित किस पट्टाधारी का नाम खसरा पंजी में से दर्ज किया गया तथा उसका संशोधन किस दिनांक को संशोधन पंजी में दर्ज किया? (ग) गत 6 माह में पट्टे पर वितरित भूमि ग्राम के निस्तार पत्रक में किस-किस सार्वजनिक एवं निस्तारी प्रयोजन के लिऐ राजस्व विभाग ने दर्ज की थी? इस भूमि के संबंध में भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 237 (3) में वर्तमान में क्या प्रावधान दिए गए हैं? (घ) वन संरक्षण कानून 1980 एवं भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 237 का उल्लंघन किया जाकर कृषि कार्य के पट्टे वितरित किए जाने के लिए कौन-कौन जिम्मेदार हैं? पद एवं नाम सहित बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
लीज पर दी गई भूमि
118. ( क्र. 3132 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र टिमरनी में राधास्वामी सत्संग दयाल बाग आगरा की लीज भूमि के सबंध में माननीय राजस्व मंत्री महोदय द्वरा दिनांक 10 मार्च प्रश्न न. 4039 लीज भूमि के प्रमाणित दस्तावेज 7 दिनों में उपलब्ध कराने के आश्वासन दिया गया था लेकिन आज दिनांक तक न ही किसी प्रकार के दस्तावेज प्राप्त हुए और न ही कोई कार्यवाही की गई? (ख) टिमरनी नगर में किसी भी भूमि को लीज पर दी गई जमीन आगामी समय में लीज की समय-सीमा समाप्त होने के बाद लीज की समय-सीमा न बढ़ाने के निर्देश जारी करने का कष्ट करेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नक्शा दुरूस्ती के लंबित प्रकरणों कर निराकरण
119. ( क्र. 3142 ) श्री लोकेन्द्र सिंह तोमर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला हरदा अंतर्गत आवेदक अर्जुन सिंह मौर्य का नक्शा दुरूस्ती का आवेदन कलेक्टर हरदा को 12 फरवरी 2013 को दिया है? (ख) हाँ तो माह जून 2016 तक आवेदक की भूमि का नक्शा दुरूस्ती क्यों नहीं की गई है? इसमें कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? (ग) क्या जिला हरदा के अंतर्गत नक्शा दुरूस्ती के कितने आवेदन वर्ष 2012 से जून 2016 तक कलेक्टर हरदा के पास आये हैं? इनमें कितने प्रकरण निराकृत किये और कितने प्रकरण लम्बित हैं? लम्बित रहने का क्या कारण है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रकरण तहसील न्यायालय में प्रचलन के दौरान पक्षकार श्रीमति बन्दा बाई द्वारा माननीय राजस्व मंडल ग्वालियर में तहसीलदार के आदेश दिनांक 28/2/2015 के विरूद्ध निगरानी प्रस्तुत की गई। मा. राजस्व माण्डल राजस्व द्वारा पारित आदेश उपरांत दिनांक 15/01/2016 को प्रकरण तहसील न्यायालय में पुन: प्राप्त हुआ जिसमें मंडल के आदेश अनुसार कार्यवाही की जा रही है। वर्तमान स्थिति में प्रकरण आवेदक साक्ष्य हेतु दिनांक 28/7/2016 को नियत है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) कलेक्टर न्यायालय में उक्त अवधि में 24 आवेदन प्राप्त हुए, प्राप्त आवेदनों में से 01 आवेदन का निराकरण न्यायालय से हुआ है। न्यायालय अपर कलेक्टर हरदा में वर्ष 2012 से जून 2016 तक कुल 37 आवेदन प्राप्त हुए है। इनमें से 28 प्रकरण नियमानुसार निराकृत किये गये हैं। 01 प्रकरण में मान. उच्च न्यायालय जबलपुर से स्थगन आदेश प्राप्त होने के कारण स्थगित रखा गया है शेष प्रकरण अनुविभागीय अधिकारी न्याया. एवं तह. न्याया. में प्रचलन में है।
तहसीलदार की पदस्थापना
120. ( क्र. 3180 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले में तहसील तिरोड़ी एवं तहसील कटंगी में तहसीलदार का पद रिक्त है? (ख) यदि हाँ, तो कब तक तहसीलदारों की पदस्थापना कर दी जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। तहसील तिरोडी एवं कटंगी में नायब तहसीलदारों को तहसीलदार का प्रभार दिया गया है। (ख) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पूरक प्रश्न क्र. 1142, उत्तर दिनांक 24 फरवरी 2016
121. ( क्र. 3207 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न संख्या 10 (क्रमांक 1142) दिनांक 24 फरवरी 2016 में कंडिका (क) में अवगत कराया गया कि कार्यवाही प्रचलित है? तो प्रश्न दिनांक तक किस-किस दिनांक को क्या-क्या कार्यवाही प्रचलन में आई? (ख) दिनांक अनुसार बिन्दुवार जानकारी दें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जिला पंचायत राजगढ़ द्वारा अवैध रूप से वेट टैक्स वसूली
122. ( क्र. 3209 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2012-13 जिला राजगढ़ में शासन की महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार ग्यारंटी योजना के तहत वेट टैक्स नियम के अंतर्गत ग्राम पंचायतों में निर्माण कार्य हेतु सामग्री क्रय करने हेतु व्यापारियों से लिये जाने वाली सामग्री में सीमेंट में 13 प्रतिशत व सरिया में 5 प्रतिशत इन्ट्री टैक्स पेड होने के पश्चात् भी क्या जिला पंचायत राजगढ़ एवं राजगढ़ जिले की समस्त जनपद पंचायतों द्वारा पुन: वेट टैक्स वसूला जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो क्या शासन व्यापारियों से वेट टैक्स के नाम पर दोबारा वसूली करना चाहती है? (ग) क्या जिला पंचायत राजगढ़ एवं जिले की समस्त जनपद पंचायतों द्वारा उक्त निर्माण सामग्री पर वसूली वेट टैक्स की (रसीद) फार्म 32 व्यापारियों को दिया जाता है? (घ) प्रश्न की कंडिका ‘’ग’’ का उत्तर यदि नहीं, है तो? अवैध की जा रही वेट टैक्स की वसूली की राशि का क्या उपयोग किया गया? इसके लिए कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? दोषियों पर शासन क्या कार्यवाही करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मनरेगा योजनान्तर्गत जिला राजगढ़ की जनपदों में ग्राम पंचायतों द्वारा निर्माण कार्य हेतु क्रय की गई सामग्री पर विक्रेताओं से वर्ष 2012-13 में वेट टैक्स कटौत्रा किया जाना संज्ञान में आया है। जिला पंचायत, राजगढ़ व जनपद पंचायतों द्वारा वर्तमान में पुन: वेट टैक्स वसूल नहीं किया जा रहा है। (ख) जी नहीं। शासन व्यापारियों से वेट टैक्स दोबारा वसूली नहीं करना चाहती। (ग) जी नहीं। वेट टैक्स अधिनियम की धारा 26 (1) अनुसार जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत शासन के विभाग नहीं होने के कारण निर्माण सामग्री पर वसूली वेट टैक्स की (रसीद) फार्म 32 व्यापारियों को नहीं दी जाती है। (घ) राशि योजनान्तर्गत खाते में संधारित (जमा) है, जिसकी वापसी प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
रिजर्व राजस्व वन क्षेत्र की भूमि पर रिसोर्ट का अवैध संचालन
123. ( क्र. 3215 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले की उदयनगर तहसील के ग्राम पूंजापुरा के पास पारस डेम पर (फ्लेम ऑफ फारेस्ट) नाम रिसोर्ट सर्वे नं. 15 की भूमि के रकबे 1.50 एकड़ पर संचालित हैं? क्या अनुविभागीय अधिकारी बागली द्वारा प्रकरण क्र. 65/अ.2/2009 -10 को दिनांक 04.08.2010 के द्वारा भूमि परिवर्तन किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांकित रिसोर्ट के कर्ता-धर्ताओं ने अवैध रूप से सर्वे नं. 60 पर लगभग 15 बीघा जमीन पर अवैध कब्जा कर अधिकारियों से सांठ-गांठ कर अवैध रूप से संचालित किया जा रहा है? जबकि सर्वे नं. 15 एवं सर्वे नं. 60 में लगभग 1 से 1.50 कि.मी. की दूरी है? (ग) क्या प्रशासन को यह ज्ञात है कि अवैध कब्जे वाली भूमि राजस्व वन आरक्षित भूमि है यदि हाँ, तो रिसोर्ट के अवैध संचालन पर रोक क्यों नहीं लगाई गई? क्या रिसोर्ट संचालकों ने डूब क्षेत्र की भूमि पर भी कब्जा कर रखा है तथा यहां शराब परोस कर आबकारी नीति का भी उल्लंघन हो रहा है? (घ) क्या रिजर्व वन क्षेत्र में बाहरी लोगों को घुमाना, बिना अनुमति पारस डेम में यात्रियों को भ्रमण कराना, मछली का शिकार कराना, रिजर्व वन क्षेत्र में वन्य पशु-पक्षियों की सुरक्षा का खतरा आदि अवैधानिक गतिविधियों के संचालन पर रोक व अवैध रिसोर्ट के संचालन की जाँच प्रशासन करायेगा व संबंधितों के विरूद्ध कोई कार्यवाही होगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) देवास जिले की उदयनगर तहसील के ग्राम पुंजापुरा के पास पारस डेम पर (फ्लेम ऑफ फॉरेस्ट) नामक रिपोर्ट सर्वे नम्बर 15 पर निर्मित नहीं होकर सर्वे नम्बर 60 पर निर्मित है। अनुविभागीय अधिकारी बागली द्वारा प्रकरण क्रमांक 65/अ-2/2009-10 को आदेश दिनांक 4.8.2010 से भूमि सर्वे नम्बर 15 रकबा 1.50 हेक्टेयर का भूमि परिवर्तन किया गया। (ख) रिसोर्ट संचालक का शासकीय (वन) भूमि सर्वे क्रमांक 60 के रकबा 6.65 हेक्टेयर पर अतिक्रमण पाया गया है जिसका अतिक्रमण प्रकरण तहसीलदार न्यायालय उदयनगर में प्रचलित है तथा अधिकारियों द्वारा कोई सांठ-गांठ नहीं की गई है नक्शे में सर्वे नम्बर 15 को सीमा से रिसोर्ट स्थल की दूरी 120 मीटर है। (ग) राजस्व अभिलेख में सर्वे नम्बर 60 शासकीय (वन) दर्ज है वन संरक्षक देवास की जाँच अनुसार उक्त रिसोर्ट का वन भूमि पर 0.196 हेक्टेयर भूमि पर अतिक्रमण है। शेष अतिक्रमण राजस्व वन भूमि पर है। संरक्षित वन भूमि पर 0.196 हेक्टेयर भूमि पर अतिक्रमण पर कोई पक्का निर्माण नहीं है। तहसीलदार उदयनगर द्वारा अतिक्रामक के विरूद्ध प्रकरण क्रमांक 27/अ-68/2015/16 दर्ज कर मध्य प्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा-248 के तहत कार्यवाही प्रचलित है। सिंचाई विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार बांध के डूब क्षेत्र की भूमि पर रिसोर्ट संचालकों का कब्जा नहीं है। आबकारी विभाग एवं थाना प्रभारी बागली से प्राप्त जानकारी अनुसार रिपोर्ट में शराब परोसने की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है न ही आबकारी अधिनियम का कोई अपराध पंजीबद्ध हुआ है। (घ) वन विभाग की सीमा के भीतर किसी प्रकार की अवैधानिक गतिविधि संचालित नहीं की जा रही है और न ही वन्य पशु पक्षियों की सुरक्षा को कोई खतरा है। पारस डेम में यात्रियों को घुमाने की अनुमति नहीं दी जाती है और न ही यात्रियों को रिसोर्ट के संचालकों द्वारा डेम में घुमाया जाता है। मत्स्य पालन एवं मत्स्य आखेट की अनुमति जनपद पंचायत एवं मत्स्य विभाग द्वारा समुह को दी जाती है। रिसोर्ट में अवैधानिक गतिविधियों के संचालन की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है और न ही चैकिंग के दौरान ऐसा होना पाया गया है। शासकीय अतिक्रमित भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराने की कार्यवाही की जा रही है।
मुख्यमंत्री आवास योजना अंतर्गत में हितग्राहियों को सब्सिडी
124. ( क्र. 3254 ) श्री माधो सिंह डावर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अलीराजपुर जिले में पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग द्वारा वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में कितने पात्र हितग्राहियों को मुख्यमंत्री आवास स्वीकृत किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार वर्षवार कितने हितग्राहियों को अनुदान (सब्सिडी) की राशि जारी की गई? वर्षवार बताएं। (ग) यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन के अंतर्गत जिला अलीराजपुर में वर्ष 2014-15 में 1603 वर्ष 2015-16 में 1623 तथा वर्ष 2016-17 में 465, कुल 3691 हितग्राहियों को आवासीय ऋण स्वीकृत किये गये। (ख) जिला अलीराजपुर में वर्ष 2014-15 में 1486 वर्ष 2015-16 में 1513 तथा वर्ष 2016-17 में 200, कुल 3199 हितग्राहियों को अनुदान (सब्सिडी) की राशि जारी की गई है। (ग) वित्तीय वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 में जिले को आवंटित लक्ष्य पूर्ण हो जाने के कारण शेष हितग्राहियों को अनुदान (सब्सिडी) की राशि जारी नहीं की गई है। वर्ष 2016-17 में शेष 265 प्रकरण इस वित्तीय वर्ष के होने के कारण ऋण-सह-अनुदान राशि जारी करने के लिए प्रक्रियाधीन है।
बुंदेलखण्ड विपणन सहकारी समिति की जानकारी
125. ( क्र. 3260 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बुंदेलखण्ड विपणन सहकारी समिति हरपालपुर जिला छतरपुर में वर्तमान में कौन-कौन संचालक मण्डल के सदस्य हैं? इनका निर्वाचन कब हुआ? किन-किन सहकारी समिति के प्रतिनिधि संचालक मण्डल के सदस्य हैं? (ख) बुंदेलखण्ड विपणन सहकारी समिति हरपालपुर की चल/अचल संपत्ति क्या-क्या है? कहाँ-कहाँ पर स्थित है? वर्तमान में इसका किस प्रकार उपयोग किया जा रहा है? इससे कितनी आय प्राप्त हो रही है? वर्तमान में इनका बाजार मूल्य कितना है? (ग) क्या बुंदेलखण्ड विपणन सहकारी समिति हरपालपुर द्वारा दाल मिल का संचालन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो इसे कब स्थापित किया गया? इसे वर्तमान में कौन संचालित कर रहा है? विगत 03 वर्ष का इसका आय-व्यय का विवरण उपलब्ध करावें। (घ) क्या उपरोक्त समिति को आई.सी.डी.पी. मद से राशि स्वीकृत हुई है? यदि हाँ, तो कब एवं कितनी तथा कितनी राशि का आवंटन प्रश्न दिनांक तक किया जा चुका है? उपरोक्त समिति द्वारा उक्त मद से प्राप्त राशि का प्रश्न दिनांक तक किस प्रकार प्रयोग किया?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है, दिनांक 09.09.2016 जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी नहीं, संस्था में वर्ष 1976 में दाल मिल स्थापित की गयी थी। वर्तमान में बुन्देलखण्ड विपणन सहकारी समिति मर्या. हरपालपुर द्वारा दाल मिल का संचालन नहीं किया जा रहा है। वर्ष 2013-14 में दाल मिल का संचालन किराये पर मे. अशोक जैन हरपालपुर को दी गयी थी जो दिनांक 30.09.2013 तक संचालित की गयी, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) जी हाँ, उक्त समिति को एकीकृत सहकारी विकास परियोजना छतरपुर में कुल राशि रू. 85.50 लाख का प्रावधान किया गया है, उक्त संस्था को वर्ष 2014-15 में परियोजना के आदेश क्रमांक/आई.सी.डी.पी./विकास/2015/29 दिनांक 02.03.2015 के द्वारा राशि रू. 29.50 लाख स्वीकृत की गयी है तथा संस्था को राशि रू. 29.50 लाख का आवंटन किया जा चुका है, उक्त समिति को उपरोक्त मद में प्राप्त राशि में से राशि रू. 5.00 लाख का आहरण करने की अनुमति परियोजना कार्यालय के आदेश क्र./विकास/27 दिनांक 09.06.2016 के द्वारा दी गयी है। प्रश्न दिनांक तक राशि रू. 2.40 लाख का उपयोग संस्था के 150 एम.टी. के एक गोदाम, 250 एम.टी. के दो गोदाम एवं 500 एम.टी. के एक गोदाम मरम्मत के कार्य में किया गया है। उक्त गोदामों के मरम्मत का कार्य जारी है।
जिला पंचायत ग्वालियर की जानकारी एवं अनियमितता
126. ( क्र. 3264 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला पंचायत ग्वालियर में जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितने मीटिंग हुई कौन माननीय सदस्य एवं किस-किस विभाग के कौन-कौन जिम्मेदार अधिकारी सम्मिलित हुए क्या-क्या कार्यवाही की गयी? (ख) यह जनवरी 2015 से जिला पंचायत ग्वालियर में किस मद से किस-किस जनप्रतिनिधि की अनुसंशा पर कहाँ-कहाँ, कितने-कितने लागत के निर्माण एवं विकास कार्य कराये गये? कुल लागत सहित बतावें? (ग) क्या जिला पंचायत ग्वालियर में अध्यक्ष एवं माननीय सदस्यों को महत्व न देकर अपनी मर्जी से पूरी जिला पंचायत चलाते हैं? जिसमें सदस्यों एवं अध्यक्ष में भारी रोष व्याप्त है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के संदर्भ जिला पंचायत ग्वालियर की अनियमितताओं की जाँच लोकायुक्त या विधायकों की समिति बनाकर की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जनवरी 2015 से प्रश्नावधि तक कुल 06 बैठक हुई। बैठकों में उपस्थित माननीय सदस्य एवं अधिकारी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार तथा कार्यवाही विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स‘‘ अनुसार। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उत्पन्न ही नहीं होता है। (घ) उत्तरांश ‘‘क‘‘, ‘‘ख‘‘ एवं ‘‘ग‘‘ के संबंध में शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
विभाग की ऋण मुक्ति/ऋण राहत योजनाएं
127. ( क्र. 3267 ) डॉ. मोहन यादव : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में विगत पाँच वर्षों में ऋण मुक्ति/ऋण राहत योजनाओं में अनियमितताओं के लिये जिला/राज्य स्तरीय कितने अधिकारियों/ कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही की गई थी? नामवार/जिलेवार जानकारी देवें? (ख) इनमें से कितने अधिकारियों/कर्मचारियों पर की गई कार्यवाही अपील/न्यायालयीन आदेश के कारण निरस्त/संशोधित की गई है? (ग) जिन अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही निरस्त हुई, क्या यह नियमानुसार है? यदि नहीं, तो इसके लिये कौन उत्तरदायी है? न्यायालयीन आदेश के कारण जो कार्यवाही हुई? उसमें क्या पक्ष समर्थन प्रभावी रूप से हुआ/उनकी अपील की गई? यदि नहीं, तो कौन उत्तरदायी है? (घ) इस संबंध में कितने प्रकरण न्यायालयों में कब से लंबित हैं?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) 324. नामवार, जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) निरंक। (ग) उत्तरांश ‘ख’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश ‘ख’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उज्जैन जिले में विभाग द्वारा किया गया मुद्रण कार्य
128. ( क्र. 3268 ) डॉ. मोहन यादव : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक, उज्जैन से/शाखाओं से, स्टेशनरी का कितना स्टॉक किस वर्ष का शेष है? वर्ष 2012 से जानकारी प्रदान करें? (ख) मार्च 2012 से मार्च 2016 तक विभाग द्वारा कितनी स्टेशनरी मुद्रण कराई गई, इस पर कितना व्यय हुआ वर्षवार जानकारी देवें? इसमें से कितनी स्टेशनरी प्राथमिक समितियों को दी गई? समितिवार जानकारी देवें? क्या मुद्रण में नियम/प्रक्रिया का पालन किया गया? यदि नहीं, तो इसके लिये कौन उत्तरदायी हैं? (ग) क्या आवश्यकता से अधिक स्टेशनरी मुद्रित कराई गई है, जो अनुपयोगी हो गई है? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन उत्तरदायी है? प्रश्नांश ''ख'' एवं ''ग'' में वर्णित उत्तरदायी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। जून, 2011 से मार्च, 2014 की अवधि में स्टेशनरी मुद्रण के संबंध में जाँच के आधार पर नियम प्रक्रिया के पालन नहीं किये जाने के तथ्य प्रकाश में आये थे, जिसके लिए श्री डी.आर. सरोठिया, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, उज्जैन उत्तरदायी है, उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रारम्भ की गई है। (ग) उत्तरांश ’’ख’’ अनुसार तथा शेष अवधि हेतु मध्यप्रदेश राज्य सहकारी बैंक मर्यादित, भोपाल को विस्तृत जाँच कर कार्यवाही किये जाने हेतु निर्देश दिये गये हैं।
मुख्यमंत्री ग्राम-सड़क योजना के कार्य
129. ( क्र. 3304 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उदयपुरा विधान सभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तंर्गत वर्ष 2012-13 से 2016-17 तक कौन-कौन सी सड़कें स्वीकृत हुई का नाम/कार्य एजेन्सीज का नाम, कार्य पूर्ण करने की अवधि सहित जानकारी वर्षवार उपलब्ध करावें? (ख) उक्त में से कौन-कौन सी सड़कों का कार्य निर्धारित अवधि में पूर्ण हुआ? कौन-कौन सी सड़कों का नहीं हुआ व क्यों? इस हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या विभागीय अमले की उदासीनता के कारण सड़कों के कार्य निर्धारित अवधि के पश्चात् भी अधूरे पड़े हैं? कब तक पूर्ण होगें अपूर्ण कार्यों के लिये दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या उक्त अवधि में पूर्ण हो चुकी सड़कों के कार्य भी गुणवत्ताहीन कराये गये नतीजन वे गारंटी पीरियड में ही बदहाल हो गई? यदि नहीं, तो क्या शासन बदहाल सड़कों की गुणवत्ता की जाँच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) उक्त योजनांतर्गत उक्त अवधि में प्रश्नकर्ता द्वारा किन-किन सड़कों के प्रस्ताव भेजे, उनमें से कौन-कौन से स्वीकृत किये? कौन-कौन से नहीं व क्यों कब तक स्वीकृत किये जावेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) 03 सड़कों के निविदा स्वीकृत, कार्यादेश जारी। शेष सड़कें निविदा प्रक्रिया अंतर्गत है। विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कार्यों की स्वीकृति वर्ष 2015-16 में होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। वर्तमान में रोड निर्माणाधीन है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) की पदस्थापना
130. ( क्र. 3308 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिला अंतर्गत कौन-कौन सी तहसीलें आती हैं? इन तहसीलों का गठन किस-किस सन् में हुआ तथा वर्तमान समय में यहां पर कौन-कौन से शासकीय कार्यालय स्थापित हैं? (ख) रायसेन जिले की पुरानी तहसील होने के बावजूद उदयपुरा तहसील में स्वंतत्र स्थाई अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) पदस्थापना न होने के क्या कारण हैं? (ग) क्या उदयपुरा में स्वतंत्र स्थाई अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कार्यालय/अधिकारी की स्थाई नियुक्ति की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) रायसेन जिला अंतर्गत 09 तहसीलें रायसेन, गैरतगंज, बेगमगंज, सिलवानी, उदयपुरा, बरेली, बांडी, सुल्तानपुर एवं गौहरगंज आती है। इस तहसीलों के गठन एवं शासकीय कार्यालय स्थापित होने संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उदयपुरा राजस्व अनुविभाग घोषित नहीं है। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अवैध रूप से ज्यादा राशि वसूलना
131. ( क्र. 3321 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रारंभिक तौर पर भोपाल स्थित ऑटोमोबाइल डीलर्स (विशेषकर 4 पहिया नॉन-कमर्शियल वाहन ) द्वारा उपभोक्ताओं को दिए जाने वाले कोटेशन की जाँच कर एक्स-शोरुम प्राइज़ में दी जाने वाली छूट की राशि जोड़ कर उसे एक्स-शोरूम प्राइज़ बताकर छूट की राशि कम करने की जाँच कराएंगे? (ख) कोटेशन में वाहन रजिस्ट्रेशन शुल्क जो बताया जाता है क्या परिवहन विभाग से उसे सत्यापित कराएंगे तथा वाणिज्यिक कर विभाग से एक्स-शोरूम प्राइज़ पर दिए जाने वाले कर की जाँच कराएंगे ताकि उपभोक्ताओं के साथ लम्बे समय से की जा रही धोखाधड़ी को रोका जा सके। (ग) क्या उपभोक्ताओं से 3 वर्षों तक वाहन बीमा की छूट के नाम पर 3 साल की बीमे की राशि एक साथ ले ली जाती है? क्या इस पर जाँच पश्चात् पूरे प्रदेश में उपभोक्ताओं के साथ चल रही धोखाधड़ी पर लगाम लगाएँगे? (घ) उक्त बाते सही जाने पर क्या विभाग समाचार पत्र इलेक्ट्रॉनिक मीडिया तथा अन्य प्रचार साधनों से उपभोक्ताओं के हित में ऑटोमोबाइल डीलर्स द्वारा किये जा रहे भ्रामक प्रचार से उपभोक्ताओं को सावधान करेगा? (ड.) क्या विभाग पूरे प्रदेश में विशेष अभियान चला कर ऑटोमोबाइल डीलर्स पर कार्यवाही करेगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) गैर परिवहन (चार पहिया) वाहनों के वर्तमान मूल्य के आधार पर कर जमा कराया जाकर पंजीयन किया जाता है। छूट की राशि का उपभोक्ता एवं डीलर के मध्य का विषय है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) रजिस्ट्रेशन शुल्क विभाग की वेबसाईट www.mptransport.org पर उपलब्ध है और उसके अनुरूप ही कोटेशन में रजिस्ट्रेशन शुल्क दर्शाया जाना चाहिए। निर्धारित शुल्क से अधिक शुल्क की वसूली के शिकायतों पर कार्यवाही की जाती है। (ग) बीमा की शिकायत के संबंध में बीमा कंपनी से शिकायत की जा सकती है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) विभाग द्वारा निरंतर प्रचार-प्रसार अपने नियमों/प्रक्रियाओं/आदि के बारे में की जा रही है, ताकि उपभोक्ताओं को कोई भ्रमित न कर सके। (ड.) विभाग द्वारा चार पहिया वाहनों के डीलर्स की समय-समय पर जाँच की जाती है।
नरसिंहपुर जिले में बीज एवं खाद्य की आपूर्ति
132. ( क्र. 3349 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले में वर्तमान खरीफ फसल बुआई हेतु धान, सोयाबीन, अरहर, उड़द एवं मूंग की फसलों के बीज हेतु विभाग ने क्या व्यवस्था की है? फसलवार, विकासखण्डवार बीज भण्डारण की जानकारी दें? । (ख) क्या नरसिंहपुर जिले में किसानों को विभिन्न फसलों के बीजों के लक्ष्यों की आपूर्ति कर दी गई है? (ग) यदि आपूर्ति नहीं हुई तो किसानों को जरूरत के मुताबिक समय पर बीज उपलब्ध कराने हेतु विभाग क्या तैयारी कर रहा है? (घ) क्या नरसिंहपुर जिले में खरीफ फसल हेतु यूरिया एवं डी.ए.पी. उर्वरकों की कितनी मात्रा का भण्डारण कराया गया? (ड.) खाद्य एवं बीज की कमी से किसानों को न जूझना पड़े इसके लिये विभाग ने जिले में क्या कार्य योजना बनाई है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) नरसिंहपुर जिले में वर्तमान खरीफ फसल बुवाई हेतु धान, सोयाबीन, अरहर, उड़द एवं मूंग की फसलों के बीज हेतु विभाग ने शासकीय, सहकारी एवं निजी पंजीकृत बीज विक्रेताओं के माध्यम से व्यवस्था की है। फसलवार, विकासखण्डवार बीज भण्डारण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) जी हाँ। (ग) उत्तरांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) नरसिंहपुर जिले में खरीफ फसल हेतु यूरिया एवं डी.ए.पी. उर्वरकों की क्रमश: 14225 एवं 8084 मे. टन मात्रा का भण्डारण कराया गया। (ड.) जिले में खाद एवं बीज के लक्ष्य निर्धारित कर प्रदायकर्ताओं से पूर्ति कराना सुनिश्चित किया गया, जिसके कारण खाद व बीज की कमी नहीं हुई।
सहकारी संस्था/समिति में पदस्थता नियम
133. ( क्र. 3364 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कोई व्यक्ति सहकारी संस्था की कमेटी के सदस्य के रूप में निर्वाचन, सहयोजन या नाम निर्देशन का पात्र नहीं होगा तथा उस रूप में अपने पद पर न रहेगा यदि वह स्वयं इस प्रकार व्यवसाय करता है जो संस्था करती है अथवा संस्था में किसी लाभ के पद पर है अथवा स्वीकार कर ले, तो क्या यह सही है कि जिला सहकारी बैंक मर्या. विदिशा ने अपने संचालक मंडल की बैठक दिनांक 31.12.2013 में संकल्प क्रमांक 16 (7) के द्वारा प्राथ. कृषि साख सह. समि. इमलिया में श्री श्यामसुंदर शर्मा पिता लक्ष्मी नारायण शर्मा को अपात्र घोषित किया है? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें। (ख) क्या श्री श्याम सुंदर शर्मा ने जिला सह. केन्द्रीय बैंक मर्या. विदिशा के अध्यक्ष पद पर रहते हुए बैंक से संबद्ध सोसायटियों को प्रदाय किए जाने वाले यूरिया खाद भंडारण के लिए स्वयं का गोदाम (वेयर हाउस) मार्कफेड को किराए पर दिया और उसके बदले में किराया लिया है? (ग) क्या उक्त कार्य से बैंक रहते हुए श्री श्याम सुंदर शर्मा ने आर्थिक लाभ प्राप्त किया है यदि हाँ, तो नियमानुसार क्या कार्यवाही गई यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ, जी हाँ श्री श्यामसुन्दर शर्मा प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति, मर्यादित इमलिया से जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक, विदिशा के निर्वाचित प्रतिनिधि हैं, जिला बैंक विदिशा के संचालक मण्डल के निवार्चन के दौरान बैंक की सदस्यता सूची में श्री श्यामसुंदर शर्मा को प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति, इमलिया का प्रतिनिधि दर्शाया गया था। श्री श्यामसुंदर शर्मा को प्रतिनिधि पद से जिला बैंक के संचालक मण्डल द्वारा अमान्य किए जाने के निर्णय के आधार पर सदस्यता सूची में उनके नाम पर निर्वाचन के दौरान रजिस्ट्रीकरण अधिकारी के समक्ष आपत्ति प्रस्तुत हुई थी। रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा उक्त आपत्ति को निरस्त करते हुए श्री शर्मा को प्रतिनिधि के रूप में पात्र माना गया। रजिस्ट्रीकरण अधिकारी के उक्त निर्णय के विरूद्ध अपीलीय अधिकारी संयुक्त पंजीयक सहकारी समितियां भोपाल संभाग को अपील प्रस्तुत हुई, अपीलीय अधिकारी द्वारा इस अपील को निरस्त किया गया, अपीलीय अधिकारी के निर्णय के विरूद्ध एक प्रकरण मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 77 (14) के अंतर्गत न्यायालय मध्यप्रदेश राज्य सहकारी अधिकरण के समक्ष विचाराधीन है। बैंक के संचालक मंडल के निर्वाचन के उपरान्त निर्वाचन के विरूद्ध मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 64 (2) (5) के अंतर्गत न्यायालय उप पंजीयक सहकारी संस्थायें (न्यायिक) जिला भोपाल के समक्ष प्रकरण विचाराधीन है, उक्त प्रकरण में अन्य तथ्यों के साथ साथ श्री शर्मा के बैंक प्रतिनिधि होने की अपात्रता के तथ्य को भी शामिल किया गया है, दोनों प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है। (ख) अन्नपूर्णा वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन, जिसके प्रोप्राइटर श्री श्याम सुदंर शर्मा हैं, के द्वारा मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ (मार्कफेड) को गोदाम दिनांक 09.06.2015 से दिनांक 31.03.2016 तक किराये पर दिया तथा अन्नपूर्णा वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन, द्वारा किराया प्राप्त किया गया। (ग) उक्त कार्य से श्री श्याम सुंदर शर्मा अध्यक्ष जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित विदिशा द्वारा मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी नियम 1962 के नियम 44 एवं 45 के अंतर्गत कोई निरर्हता अर्जित नहीं की गई है, अत: कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं के लंबित आवेदन
134. ( क्र. 3368 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल एवं सीहोर जिले में कितनी गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं के आवेदन शासकीय भूमि आवंटन हेतु लंबित है? सूची दें। और कब से लंबित हैं? (ख) किन-किन गृह निर्माण सहकारी समितियों को आवंटन हेतु भूमि प्रस्तावित कर दी गई हैं तथा उन्हें भूमि आवंटन क्यों नहीं किया गया है? कारण सहित ब्यौरा दें। (ग) आवेदनकर्ता संस्थाओं को कब तक भूमि आवंटन कर दी जाएगी? प्रकरणवार ब्यौरा दें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पंधाना विधान सभा क्षेत्र में प्याज की खरीदी
135. ( क्र. 3424 ) श्रीमती योगिता नवलसिंग बोरकर : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्याज खरीदने वाले व्यापारियों को अनुशंसा पत्र जारी होता है या मण्डी या किसी अन्य जगह पंजीयन होता है? (ख) यदि हाँ, तो किस तरह का पंजीयन होता है एवं उसकी शर्तें क्या है? (ग) हजारों क्विंटल प्याज मण्डी क्षेत्र से बाहर किस आधार पर जा रहा है? क्या अनाधिकृत व्यापारियों से किसानों को संरक्षित किया गया है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी नहीं। म.प्र. कृषि उपज मंडी अधिनियम 1972 में अधिसूचित कृषि उपज "प्याज" का मंडी प्रांगण में क्रय करने पर मंडी फीस के भुगतान उपरांत अन्यत्र निर्गमन हेतु मंडी समिति द्वारा व्यापारियों को अनुज्ञा पत्र जारी किया जाता है। म.प्र. कृषि उपज मंडी अधिनियम, 1972 की धारा 32 के अनुसार मंडी प्रांगण में अधिसूचित कृषि उपज के विपणन हेतु व्यापारी/कृत्यकारियों को अनुज्ञप्ति जारी की जाती है, परंतु पृथक से किसी कृषि जींस विशेष के क्रय-विक्रय हेतु व्यापारियों का मंडी समिति द्वारा पंजीयन नहीं किया जाता है। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (ग) म.प्र. कृषि उपज मंडी अधिनियम, 1972 की धारा 6 में दिनांक 27.01.212 से संशोधन कर किसानों को शीघ्र नश्वर होने वाली अधिसूचित कृषि जींस जिसमें फल (केले को छोड़कर) एवं सब्जी अंतर्गत प्याज सम्मिलित है, का क्रय-विक्रय मंडी प्रांगण के भीतर या बाहर करने का विकल्प प्रदान किया गया है। अत: किसान अपनी प्याज का विक्रय मंडी प्रांगण में या प्रांगण के बाहर करने का निर्णय स्वविवेक से लेता है विक्रय प्याज का मंडी क्षेत्र से बाहर निर्गमन नियंत्रण मुक्त होने से उसका अन्य क्षेत्रों में निर्बाध रूप से परिवहन होता है। मंडी प्रांगण के भीतर अधिसूचित कृषि उपज प्याज के विपणन होने पर ही मंडी अधिनियम के प्रावधान लागू होते हैं, जिसके तहत किसानों को संरक्षण प्राप्त है।
विभाग में अनुशासनात्मक कार्यवाही विरूद्ध अपील की जानकारी
136. ( क्र. 3425 ) श्रीमती योगिता नवलसिंग बोरकर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग में कितने बी.डी.ओ और सी.ई.ओ के पद पर 1995 के बाद लघु शास्ति और दीर्ष शास्ति के प्रकरण में समय-सीमा निकल जाने के बाद दण्ड के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई थी? ऐसे अधिकारियों के नाम बताएं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कितने अधिकारियों की अपील समय-सीमा निकल जाने के बाद स्वीकार की गई और उन्हें अपील पर दण्ड से दोष मुक्त किया गया कितने अधिकारियों का दण्ड यथावत रखा गया नाम बतायें? (ग) कितने अधिकारियों की अपील समय-सीमा निकल जाने के कारण स्वीकार नहीं की गई नाम बताएं? विभाग के कितने अधिकारियों का वर्ष 1995 से दण्ड विलोपित किया जाकर पदोन्नत किया गया ऐसे बी.डी.ओ. और सी.ई.ओ के नाम बताएं? लघु और दीर्घ शास्ति से दण्डित करने का अधिकार किस-किस अधिकारी के पास है? अपील और दण्ड के विरूद्ध पुर्न अपील पुनर्विलोकन के अधिकार किसके पास है? नियम की प्रति उपलब्ध करायें? (घ) 09/01/1997 को बी.डी.ओ. से अतिरक्त सहायक विकास आयुक्त के पद पर संपन्न डी.पी.सी. में अयोग्य पाये गये ऐसे कितने अधिकारियों को पदोन्नत किया गया है, जिनकी पदोन्नति पर समन्वय में मुख्य सचिव द्वारा आपत्ति दर्ज की गई? ऐसे अधिकारियों के नाम बतायें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) अभिलेख उपलब्ध नहीं होने से जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित दिनांक के पश्चात् ऐसे अधिकारियों की संख्या निरंक है। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित दिनांक के पश्चात् किसी भी अधिकारी की अपील समय-सीमा निकल जाने के कारण अस्वीकार नहीं की गई। प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। लघुशास्ति और दीर्घशास्ति से दंडित करने का अधिकार मध्य प्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के अंतर्गत संबंधित संभागायुक्तों, विभागाध्यक्ष एवं अनुशासनिक प्राधिकारी के पास है। अपील और दंड के विरूद्ध पुनर्विलोकन के अधिकार म.प्र. प्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के अंतर्गत अनुशासनिक प्राधिकारी के पास है। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है (घ) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पदों की पूर्ति व उनका संलग्नीकरण
137. ( क्र. 3455 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश की जिला पंचायतों में उपायुक्त एवं संयुक्त आयुक्त के स्वीकृत पदों के विरूद्ध कितने पद भरे गये एवं कितने पद किस दिनांक से रिक्त हैं? (ख) क्या उपायुक्त पंचायत एवं ग्रामीण विकास के कई अधिकारी अभी भी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत के पद पर कार्य कर रहे है जो कि मूल पद से छोटा पद हैं? ऐसे समस्त उपायुक्तों को सी.ई.ओ. जनपद पंचायत के पद से कब तक कार्यमुक्त किया जाकर उनके पद के अनुरूप पदस्थापना की जावेगी? (ग) मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत के रिक्त पदों पर विभागीय विकासखण्ड अधिकारी एवं अन्य समकक्ष अधिकारियों को रिक्त पदों पर कब तक पदस्थ किया जावेगा? (घ) ऐसे कितने उपायुक्त हैं जिनको अन्य कार्यालयों में संलग्नीकरण किया गया हैं एवं पद के विरूद्ध कार्य न कराया जाकर अन्य कार्य कराया जा रहा है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जिला पंचायतों में उपायुक्त के 100 व संयुक्त आयुक्त के 13 के विरूद्ध उपायुक्त (वि.) के 44 व संयुक्त आयुक्त के (07) पद मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत के रूप में भरे हैं। शेष पद समय-समय पर रिक्त होते रहते हैं। (ख) जी हाँ। विभाग द्वारा मुख्यालय की जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी का पद अपग्रेड कर उपायुक्त के समकक्ष कर दिया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) म.प्र. लोक सेवा आयोग द्वारा नवीन चयनित मुख्य कार्यपालन अधिकारी/विकासखंड अधिकारी की अधिकृत सूची प्राप्त होने के उपरांत विभाग द्वारा उन अधिकारियों को 03 माह का प्रशिक्षण देकर पदस्थ किया जाता है। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (घ) जी नहीं। संलग्नीकरण नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नियम विरूद्ध ली गई कर्मचारियों की सेवाएं
138. ( क्र. 3456 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी, श्रीमती इमरती देवी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंचायतराज संचनालय के अन्तर्गत पंचायत राज अधिनियम को संशोधित एवं परिवर्तित करने के लिये किन-किन व्यक्तियों की सेवायें किस दिनांक से कितने मानदेय पर कितनी अवधि के लिये ली गई हैं? (ख) क्या उक्त कार्य के लिये ऐसे विभागीय अधिकारियों की सेवायें ली गई हैं, जिनकी आयु 65 वर्ष पूर्ण होने के बाद भी विभाग द्वारा उनकी सेवानिवृत्ति के बाद से आज दिनांक तक भिन्न-भिन्न पदों पर सेवाओं में रखा जाकर उन्हें अनाधिकृत रूप से उपकृत किये जाने का कार्य किया गया है? यदि यह सही है तो उक्त अनियमितता को कब समाप्त किया जायेगा? (ग) प्रदेश में पंचायतराज अधिनियम में व्याप्त विसंगतियों को निर्धारित किये गये समय से कब तक दूर कर लिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) पंचायत राज अधिनियम 1993 को संशोधित करने हेतु एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया है, जिसमें निम्नवत विशेषज्ञों की सेवाएं ली गई है :- (1) श्री आर.के. सिटोके, सेवानिवृत्त, अतिरिक्त सचिव, म.प्र. शासन, विधि एवं विधायी कार्य विभाग (2) श्री सरोज वर्मा, वरिष्ठ अधिवक्ता (3) श्री एन.पी. पंथी, सेवानिवृत्त, अपर संचालक, पंचायत राज संचालनालय (4) श्री जी.पी. अग्रवाल, सेवानिवृत्त, सहायक संचालक, पंचायत राज संचालनालय (5) श्री बीनू चतुर्वेदी, स्टेट टीम लीडर, उपरोक्त परामर्शी विशेषज्ञ समिति की सेवाएं 18 नवम्बर 2015 से रू. 31,250/- (इकतीस हजार दो सौ पचास) मात्र प्रति विशेषज्ञ, प्रति माह मानदेय की दर से 12 माह के लिए ली गई है। (ख) उत्तरांश ‘‘क’’ में दर्शाये विशेषज्ञों की सेवाएं, म.प्र.शासन, वित्त विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 11-10/2012/नियम/चार दिनांक 6 अक्टूबर 2012 में परामर्शी की नियुक्ति के संबंध में निर्धारित शर्तों के पालन में की गई है, जिसमें परामर्शी की आयु का कोई बंधन नहीं है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) उक्त परामर्शी विशेषज्ञों की समिति का विचार विमर्श/परीक्षण आदि कार्य निरंतर जारी है। यह वृहद कार्य है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
ग्रामोदय से भारत उदय कार्यक्रम अन्तर्गत आवास योजना के पट्टे
139. ( क्र. 3466 ) श्री कैलाश चावला : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्रामोदय से भारत उदय कार्यक्रम में मनासा विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत कितने पट्टे स्वीकृत किए गए हैं? निम्नानुसार जानकारी देवें। 1. पंचायत का नाम 2. हितग्राही का नाम 3. पट्टा स्वीकृति का दिनांक 4. पट्टा प्राप्त होने का दिनांक। (ख) क्या कई हितग्राहियों के पट्टे स्वीकृति के पश्चात् भी हितग्राहियों को अभी तक वितरित नहीं कर राजस्व अधिकारियों/ग्राम पंचायत सचिवों के पास रखे हैं। ऐसे पट्टों का वितरण कब तक करा दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। हितग्राहियों को पट्टे वितरित कर दिये गये हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कृषि बीज विक्रय
140. ( क्र. 3475 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर जिले में कृषि फसल बीज विक्रय के कितने संस्थान/पंजीकृत व्यवसायी हैं? विकासखण्डवार ब्यौरा दें? (ख) कृषि फसल बीज विक्रय लायसेंस प्रदान करने के क्या प्रावधान है? साथ ही बीज परीक्षण के लिए मंदसौर जिले में क्या व्यवस्थाएँ हैं? कितने प्रकरण अमानक बीज के संबंध में विगत दो वर्षों में मंदसौर जिले में आये एवं उनमें क्या कार्यवाही की गई? (ग) शासन द्वारा बीज लायसेंस के संबंध में बनाई गई नीति के अंतर्गत क्या पुराने लायसेंसधारियों का नवीनीकरण किया जाएगा? उनके लायसेंस बी.एस.सी. के आधार पर अपात्र होने से निरस्त किये जायेंगे?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) मंदसौर जिले में कुल 527 बीज विक्रय अनुज्ञप्ति प्राप्त संस्थान/पंजीकृत व्यवसायी हैं। विकासखण्ड मंदसौर में 192, भानपुरा में 33, सीमामऊ में 73, मल्हारगढ़ में 102 तथा गरोठ में 127 बीज विक्रय अनुज्ञप्ति प्राप्त संस्थान/पंजीकृत व्यवसायी हैं। (ख) बीज विक्रय का लायसेंस बीज (नियंत्रण) आदेश 1983 के तहत मध्यप्रदेश लोक सेवाओं के प्रदान गारंटी अधिनियम 2010 में सेवा क्रमांक 13.1 में निहित प्रावधानों के अधीन बीज विक्रय लायसेंस जारी करने का प्रावधान है। मंदसौर जिले में राज्य बीज परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित न होने से राज्य की अन्य राज्य बीज परीक्षण प्रयोगशालाओं को बीज नमूने भेजने की व्यवस्था है। अन्य जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ग) बीज विक्रय का लायसेंस बीज (नियंत्रण) आदेश 1983 के तहत मध्यप्रदेश लोक सेवाओं के प्रदान गारंटी अधिनियम 2010 में सेवा क्रमांक 13.2 में निहित प्रावधानों के अधीन लायसेंस नवीनीकरण करने का प्रावधान है। जी नहीं। वर्तमान में बीज लायसेंस हेतु शैक्षणिक योग्यता की अर्हता नहीं है।
पंचायत सचिवों के स्थानांतरण की नीति
141. ( क्र. 3478 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश की पंचायतों में कार्यरत सचिवों के स्थानांतरण के संबंध में शासन की नीति क्या है एवं क्या जनप्रतिनिधि इनके स्थानांतरण के संबंध में प्रशासन अथवा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को पत्र लिखने का अधिकार रखता है अथवा नहीं? (ख) मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत मंदसौर द्वारा 25.05.2016 को विधायक गरोठ को जो पत्र प्रेषित किया है? क्या इस प्रकार के पत्र विधायक को देने का अधिकार मुख्य कार्यपालन अधिकारी को है, जिसमें भविष्य में स्थानांतरण के संबंध में एसे पत्र लिखने पर कार्यवाही की धौंस दी गई हो? (ग) शासन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत मंदसौर द्वारा विधायक को दिये गये संदर्भित पत्र पर क्या कार्यवाही कर रहा है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) स्थानांतरण नीति वर्ष 2014 की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार। जी हाँ। (ख) प्रश्न में उल्लेखित पत्र दिनांक 25.05.2016 माननीय विधायक को संबोधित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश-‘ख‘ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आदिम जाति वर्ग के कृषकों के वृक्षों की कटाई
142. ( क्र. 3485 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक बालाघाट जिले के विभिन्न ग्रामों के आदिम जाति वर्ग के कितने भू-स्वामी कृषकों ने अपने जमीन के वृक्षों को शासन के बिना अनुमति के कटाई किये हैं? इसकी जानकारी शासन प्रशासन को कब हुई और कैसे हुई? (ख) बिना अनुमति के वृक्ष काटने वाले कृषकों के ऊपर शासन ने कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की? क्या सभी कार्यवाही में शासन द्वारा बनाया गया नियम आदिम जाति के लिए है? उसका पालन किया गया? (ग) बिना अनुमति के वृक्ष काटने के विषय में शासन ने कब-कब, क्या-क्या निर्णय दिया?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मनरेगा की जानकारी
143. ( क्र. 3486 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डिण्डौरी में कुल कितने जॉबकार्ड हैं? 2010 से आज दिनांक तक प्रतिवर्ष कितने जॉबकार्ड धारियों को 100 दिवस का कार्य दिया गया है, मजदूरी करने वाले सभी जॉबकार्ड धारियों की 100 दिवस का कार्य क्यों नहीं दिया गया? (ख) वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में डिण्डौरी जिले के कौन-कौन ग्राम पंचायत में कितनी-कितनी राशि श्रम में एवं कितनी-कितनी राशि सामग्री में व्यय की गई? क्या सभी ग्राम पंचायतों में 60-40 के अनुपात में व्यय हुआ है? जहाँ पर 60-40 के अनुपात में व्यय नहीं हुआ है, उसके लिए कौन जिम्मेदार है? (ग) वर्ष 2014 से आज तक कब-कब क्या शिकायत मिली और उसमें क्या-क्या कार्यवाही हुई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जिला पंचायत डिण्डौरी के ग्रामीण क्षेत्रों में कुल 174841 जॉबकार्ड धारी परिवार पंजीकृत हैं। क्रमशः वर्ष 2010-11 में 9940 वर्ष 2011-12 में 9089 वर्ष 2012-13 में 4907 वर्ष 2013-14 में 6036 वर्ष 2014-15 में 3159 वर्ष 2015-16 में 10923 वर्ष 2016-17 में दिनांक 13.07.2016 तक 199 परिवारों को 100 दिवस का रोजगार उपलब्ध कराया गया है। महात्मा गाँधी नरेगा श्रम मूलक कार्य की मांग आधारित योजना जिसके अंतर्गत पंजीकृत परिवारों द्वारा रोजगार की माँग करने वाले परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराया जाता है। जिन परिवारों के द्वारा 100 दिवस के रोजगार की माँग की गई थी उन परिवारों को माँग के आधार पर 100 दिवस का रोजगार उपलब्ध कराया गया है। (ख) डिण्डौरी जिले में वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में श्रम एवं सामग्री में व्यय का विस्तृत विवरण मनरेगा पोर्टल www.nrega.nic.in पर उपलब्ध है। जिला डिण्डौरी अंतर्गत ग्राम पंचायतों की कुल संख्या 364 है। वर्ष 2014-15 में 130 वर्ष 2015-16 में 101 ग्राम पंचायतों द्वारा 60:40 अनुपात का संधारण नहीं किया गया। भारत सरकार द्वारा 60:40 अनुपात का संधारण अब जिला स्तर पर करने के निर्देश हैं। (ग) विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
शिकायतों का निराकरण
144. ( क्र. 3491 ) श्री सचिन यादव : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल जिले में जुलाई 2009 से दिनांक 28.11.2011 तक जन-सुनवाई के अन्तर्गत गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं से संबंधित कितनी शिकायतें कार्यालय कलेक्टर भोपाल एवं कार्यालय उप आयुक्त, सहकारिता भोपाल में प्राप्त हुई थी एवं इस अवधि में कितनी शिकायतें निराकृत हुई थी? (ख) क्या कार्यालय कलेक्टर जिला भोपाल के आदेश क्रमांक/403/शिकायत/09 दिनांक 10.08.2009 आदेश क्रमांक/जन-सुनवाई/09/661,दिनांक 07.09.2009 से भोपाल जिले में कॉलोनाइजर्स/गृह निर्माण सहकारी समितियों से संबंधित शिकायतों के निराकरण हेतु समिति का गठन किया गया था एवं पत्र दिनांक 08.09.2009 से गृह निर्माण सहकारी समितियों के भू-खण्ड पंजीयन के पूर्व उप आयुक्त सहकारिता जिला भोपाल से पात्रता के सत्यापन हेतु निर्देशित किया गया था? क्या कार्यालय कलेक्टर, भोपाल को उपरोक्त आदेश/पत्र करने का अधिकार था? (ग) क्या जन-सुनवाई में गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं की अनियमितताओं से संबंधित प्राप्त शिकायतों के निराकरण हेतु कार्यालय कलेक्टर जिला भोपाल में समीक्षा बैठकें आयोजित की जाती थी एवं इन बैठकों में लिये गये निर्णय अनुसार सदस्यों को भू-खण्ड उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिये जाते थे? सदस्यों को उपलब्ध कराए गए भू-खण्डों की जानकारी संस्थावार दें?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) प्राप्त शिकायत 2261 एवं निराकृत शिकायत 2261 (ख) जी हाँ एवं पत्र दिनांक 8.9.2009 से जिला पंजीयक, पंजीयन एवं मुद्रांक, भोपाल को उप आयुक्त, सहकारिता जिला भोपाल से 10 संस्थाओं के संबंध में पात्रता आदि का सत्यापन किये जाने हेतु निर्देश दिये गये थे। जी नहीं, कलेक्टर को पात्रता सत्यापन कराने के निर्देश देने का अधिकार नहीं है। (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
समयमान वेतनमान का लाभ
145. ( क्र. 3492 ) श्री सचिन यादव : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2010-11 से वर्तमान तक सहकारिता विभाग में कितने राजपत्रित श्रेणी-01 के अधिकारियों को पदोन्नति एवं समयमान वेतन दिया गया है? इनमें से किन-किन के विरूद्ध सिविल सेवा वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील नियम 14 या 16 के नोटिस जारी थे, अधिकारीवार जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित अधिकारियों को जारी नोटिस किस दिनांक से जारी हुए एवं उन पर आगामी कार्यवाही क्यों लंबित रही। इसके लिए कौन उत्तरदायी है? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित अधिकारियों को नोटिस लंबित रहते हुए पदोन्नति दी जाना क्या नियमानुसार है? यदि नहीं, तो इसके लिए कौन उत्तरदायी है और अनियमित पदोन्नति पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) 32 अधिकारियों को पदोन्नति एवं 49 प्रथम श्रेणी अधिकारियों को समयमान वेतनमान दिया गया है। शेष प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक एवं 'दो' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक एवं 'दो' अनुसार है। विभागीय कार्यवाही शासकीय प्रक्रियान्तर्गत प्रचलित रहने से लंबित रही है। तद्नुसार उत्तरदायित्व निर्धारण का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) यद्यपि सक्षम विभागीय पदोन्नति समिति द्वारा की गई अनुशंसा के आधार पर उक्त पदोन्नति/समयमान वेतनमान दिया गया है फिर भी सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ/सी-6-2/94 /3/एक दिनांक 30 जून, 1994 के कंडिका 2 (1) के अंतर्गत प्रदत्त निर्देशों के अनुसार प्रथम दृष्ट्या सामान्य प्रशासन विभाग का अभिमत प्राप्त कर समाधान करने की आवश्यकता है। तदानुसार प्रकरण पर सामान्य प्रशासन विभाग का अभिमत प्राप्त करने की कार्यवाही की जा रही है।
कृषि मंडी की आय
146. ( क्र. 3507 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले में कहाँ-कहाँ पर किस-किस ग्रेड की मण्डी संचालित हैं? विधान सभा क्षेत्रवार जानकारी देवें? (ख) राजगढ़ जिले की विधान सभा क्षेत्र राजगढ़ अंतर्गत संचालित कृषि उपज मण्डी समिति खुजनेर में वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में मण्डी को कितनी राशि की आय हुई? वर्षवार जानकारी देवें। (ग) क्या राजगढ़ जिले की विधान सभा राजगढ़ अंतर्गत संचालित कृषि उपज मण्डी समिति खुजनेर में वर्ष 2015-16 में मण्डी सचिव के कार्यकाल में मण्डी की आय में कमी हुई है? यदि हाँ, तो क्यों व कितनी? कारण सहित बतावें? (घ) क्या उक्त मण्डी की राजस्व आय में कमी होने का मुख्य कारण मण्डी सचिव का बाहरी व्यापारियों से सांठ-गांठ कर गल्ले को बाहर भेजना है? क्या इससे शासन को राजस्व क्षति नहीं हुई है? इसके लिये मण्डी सचिव को दोषी माना जाकर क्या उनके विरूद्ध कोई कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्ष 2013-14 में 1,99,27,637/-, 2014-15 में 186,79,682/- एवं 2015-16 में 1,92,81,736/- आय मंडी फीस से प्राप्त हुई है। (ग) जी नहीं। राजगढ़ जिले की विधान सभा राजगढ़ अंतर्गत संचालित कृषि उपज मंडी समिति खुजनेर में वर्ष 2014-15 की तुलना में वर्ष 2015-16 में मंडी फीस आय में रूपये 6,02,054/- की वृद्धि हुई है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश "ग" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
राजगढ़ जिले के विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम
147. ( क्र. 3508 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में सामाजिक न्याय एवं नि:शक्त जन कल्याण विभाग द्वारा सामाजिक न्याय हेतु नि:शक्तजनों के उत्थान के लिये कौन-कौन सी योजनायें संचालित हैं? योजनावार जानकारी देवें। (ख) क्या उक्त योजनाओं का संचालन राजगढ़ जिले में भी किया जा रहा है? यदि हाँ, तो 01 जनवरी, 2014 से प्रश्न दिनांक तक राजगढ़ जिले की विधान सभा क्षेत्र राजगढ़ में कितने हितग्राहियों द्वारा उक्त योजनाओं का लाभ लिया गया है? (ग) उक्त योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु क्या मेले, प्रदर्शनी, सांस्कृतिक कार्यक्रमों आदि का भी आयोजन किया जाता है? यदि हाँ, तो वर्ष 2015-16 में राजगढ़ जिला मुख्यालय पर सामाजिक न्याय एवं नि:शक्त जन कल्याण विभाग द्वारा कौन-कौन से कार्यक्रम आयोजित किये गये हैं? कार्यक्रम की तिथि, नाम व स्थान सहित बतावें? (घ) उक्त आयोजित कार्यक्रमों में क्या जनप्रतिनिधियों विशेषकर क्षेत्रीय विधायक को भी आमंत्रित किया गया था? यदि हाँ, तो कब और किसे? यदि नहीं, तो क्यों नहीं कारण बतावें? क्या ऐसे शासकीय कार्यक्रमों में जन प्रतिनिधियों विशेषकर क्षेत्रीय विधायक को आमंत्रित नहीं करने के निर्देश हैं? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध करावें? ऐसे शासकीय कार्यक्रमों में जन प्रतिनिधियों विशेषकर क्षेत्रीय विधायक को आमंत्रित नहीं करने के लिये कौन दोषी हैं? दोषी अधिकारी का नाम बतावें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार है। (ख) जी हाँ। योजनाओं के अंतर्गत प्रश्नाधीन अवधि में राजगढ़ जिले की विधान सभा क्षेत्र राजगढ़ के 4016 हितग्राहियों द्वारा लाभ लिया गया है। (ग) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार है। (घ) जी हाँ, आमंत्रित करने संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स‘‘ अनुसार है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय भूमि पर किये गये अतिक्रमण को हटाया जाना
148. ( क्र. 3513 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के लहार नगर में महाराणा प्रताप चौराहा से जेल भवन तक भिण्ड भाण्डेर रोड के दोनों किनारे नाला सहित, पचपेड़ा तिराहा से फार्मेसी कॉलेज तक तथा फार्मेसी कॉलेज से बाय-पास रोड बस स्टैंड तक किन-किन व्यक्तियों ने शासकीय भूमि पर अतिक्रमण किया है? नाम, पता सहित विवरण दें? (ख) माह फरवरी, 2016 में नगर परिषद् लहार कार्यालय में आयोजित बैठक में कलेक्टर भिण्ड ने अतिक्रमण हटाने का निर्देश अधीनस्थ अधिकारियों को दिया था? यदि हाँ, तो अभी तक अतिक्रमण न हटाने का कारण बतायें? (ग) क्या अतिक्रमण न हटने से नाला निर्माण न होने के कारण वर्षा का पानी भरने से आम नागरिकों को कठिनाई हो रही है? यदि हाँ, तो कब तक अतिक्रमण हटा दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पंचायतों को सफाई अभियान हेतु मंहगी सामग्री की सप्लाई
149. ( क्र. 3520 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुरैना जिले की पंचायतों को वर्तमान में सफाई कार्यक्रम हेतु जो सामग्री सप्लाई की जा रही है उनकी कीमतों एवं बाजारू मूल्य में काफी अंतर है? सप्लाई करने वाली एजेंसी का नाम, पता, मालिक का नाम सप्लाई आदेश देने वाले अधिकारी का नाम, वर्ष 2016 को जून माह सहित जानकारी दी जावें। (ख) क्या उक्त एजेंसी सीधे पंचायतों को सप्लाई कर भुगतान प्राप्त कर रही है उक्त सप्लाई करने का विज्ञापन कब जारी किया गया, कितनी फर्मों ने भाग लिया किस-किस फर्म की क्या रेट थी आइटमवार पूर्ण जानकारी दी जावें। (ग) क्या उक्त निर्णय राज्य स्तर पर लिया गया है या केवल मुरैना जिले में ही लागू किया गया? संपूर्ण प्रक्रिया की दिनांकवार जानकारी दी जावे।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मुरैना जिले की पंचायतों को सफाई कार्यक्रम हेतु सामग्री सप्लाई करने के संबंध में किसी भी एजेंसी/फर्म को जनपद स्तर एवं जिला स्तर से कोई कार्यादेश प्रदाय नहीं किया गया है। ग्राम पंचायतों द्वारा बाजार से प्राप्त कोटेशन अनुसार न्यूनतम दरों के आधार पर सीधे सामग्री क्रय की गई है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) ग्राम पंचायत द्वारा सीधे फर्मों से कोटेशन के आधार पर कार्यादेश जारी कर सामग्री क्रय की गई है। जिला एवं जनपद स्तर से कोई भी विज्ञापन जारी नहीं किया गया है। सामग्री की आइटमवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) म.प्र.शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के पत्र क्र. 12750 दिनांक 27-09-2012 से पंच परमेश्वर योजनांतर्गत उपलब्ध राशि में से साफ-सफाई कार्यों हेतु ग्राम पंचायतों को 5 प्रतिशत राशि व्यय किये जाने के निर्देश हैं। राज्य/जिला स्तर से किसी फर्म विशेष को सामग्री सप्लाई करने के संबंध में कोई निर्देश जारी नहीं किये गये हैं।
फर्जी रजिस्ट्री की शिकायतें एवं जाँच
150. ( क्र. 3545 ) श्री कैलाश चावला : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मंदसौर जिले में पटवारियों की मिलीभगत से जमीनों में फर्जी रजिस्ट्री द्वारा जमीन हड़पने या धोखा देकर धनराशि ले लेने की शिकायतें कलेक्टर मंदसौर को वर्ष 2014-15, 2015-16 को प्राप्त हुई हैं? (ख) यदि हाँ, तो शिकायतकर्ता का नाम, शिकायत की तारीख, आरोपी का नाम बतावें? (ग) प्राप्त शिकायतों पर प्रश्न दिनांक तक कलेक्टर मंदसौर द्वारा क्या कार्यवाही की गई है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के संदर्भ में निम्नानुसार शिकायतें प्राप्त हुई हैः-
क्र. |
शिकायतकर्ता का नाम |
शिकायत की तारीख |
आरोपी का नाम |
1 |
श्रीमती कोमलबाई पति स्व. मनोहरलाल महाजन निवासी मंदसौर |
10.03.16 |
राजकुमार बंधवार निवासी मंदसौर |
2 |
श्रीमती वंदना पति अशोक भटेवरा निवासी मंदसौर |
17.05.16 |
1. अभिषेक
पिता कमलेश
तिवारी
मंदसौर |
3 |
माननीय यशपाल सिंह जी सिसोदिया, विधायक क्षेत्र मंदसौर |
06.06.16 |
राजकुमार बंधवार निवासी मंदसौर |
4 |
डाँ सागरमल पिता मूलचंद पामेचा निवासी मंदसौर |
09.06.16 |
राजकुमार बंधवार निवासी मंदसौर |
(ग) प्राप्त
शिकायतों की जाँच
हेतु कलेक्टर
जिला मंदसौर
द्वारा एक
समिति का गठन
किया गया है। प्राप्त
शिकायतों की जाँच
की जा रही है।
जाँच
प्रतिवेदन के
आधार पर
नियमानुसार
कार्यवाही की
जावेगी। इसके
अतिरिक्त
श्रीमती
कोमलबाई पति
स्व. मनोहरलाल
महाजन निवासी
मंदसौर
द्वारा की गई
शिकायत पर पुलिस
थाना शहर
कोतवाली
मंदसौर
द्वारा अपराध क्रमांक
290/16
धारा 420, 466,
467, 468, 471, 472, 473, 120बी,
34 भा.द.वि.
के अंतर्गत
दर्ज किया
जाकर विवेचना
की जा रही है। इसी
प्रकार
श्रीमती
वंदना पति
अशोक भटेवरा निवासी
मंदसौर की
शिकायत पर
पुलिस थाना
शहर कोतवाली मंदसौर
द्वारा अपराध
क्रमांक 400/16 धारा 420, 406, 120बी, 34 भा.द.वि.
के अंतर्गत
दर्ज किया
जाकर विवेचना
की जा रही है।
मास्टर प्लॉन की सड़कों का पटवारी नक्शे में सीमांकन
151. ( क्र. 3546 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मास्टर प्लान या विकास योजना 2021 में सड़कों का सीमांकन पटवारी नक्शों में नहीं होता है? यदि हाँ, तो क्यों कारण बताएं। (ख) क्या इस विसंगति की जानकारी आम नागरिकों को नहीं होने से उनके द्वारा भूमि क्रय करने के पश्चात् कठिनाईयां आती हैं, यदि हाँ, तो भूमि क्रय करने के पूर्व इस विसंगति की जानकारी कैसे प्राप्त हो, इस संबंध में कोई निर्देश शासन ने जारी किए हैं? निर्देश की प्रति उपलब्ध कराएं? (ग) इस विसंगति को कब तक दूर किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ, क्योंकि जब तक कोई योजना या परियोजना वास्तविक धरतल पर मूर्त रूप नहीं लेती तब तक पटवारी नक्शे में सीमाओं का अंकन नहीं होता है। (ख) एवं (ग) इस विसंगति की जानकारी आम नागरिकों को सहायक संचालक नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय से या विभाग की वेबसाईट से लॉग-इन कर विकास योजना की जानकारी प्राप्त की जा सकती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बी.आर.जी.एफ. योजना के संविदा कर्मचारियों का संविलियन
152. ( क्र. 3556 ) श्री दिनेश राय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भारत सरकार द्वारा दिनांक 01/04/2015 से बी.आर.जी.एफ. योजना बंद करने के निर्देश के पालन में योजना अंतर्गत सिवनी जिले में पदस्थ समस्त संविदा कर्मचारियों की सेवायें किस विभाग में संविलियन की गई हैं? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या मध्यप्रदेश में बी.आर.जी.एफ. योजना अंतर्गत हटाये गये कुछ कर्मचारियों का संविलियन मध्यप्रदेश शासन के अन्य विभागों में किया गया है? यदि हाँ, तो किन-किन कर्मचारियों का?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। बी.आर.जी.एफ. योजना बंद (डी-लिंक) होने से उसमे कार्यरत कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त की गई हैं। चूंकि बी.आर.जी.एफ. में स्वीकृत पद संविदा पर योजना हेतु थे, संविलियन का प्रावधान नहीं है। (ख) जी नहीं। मध्यप्रदेश शासन के अन्य विभागों में संविलियन नहीं किया गया है। शेष का प्रश्न नहीं उठता है।
किसानों को ट्रैक्टर ऋण का वितरण
153. ( क्र. 3573 ) श्री कुंवर सिंह टेकाम : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी एवं सिंगरौली जिले के अंतर्गत जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित सीधी के द्वारा विगत 05 वर्षों के दरमियान कितने किसानों को ट्रैक्टर ऋण दिया गया है, उनका नाम और पता सहित जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जिन किसानों के द्वारा ऋण का भुगतान नहीं किया गया और उनके ट्रैक्टर नीलाम कर दिये गये हैं, वह कब से कालातीत थे? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या बैंक द्वारा ट्रैक्टर ऋण वितरण में अनियमितता की गई है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में ट्रैक्टर ऋण वितरण की अनियमितता में कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी संलिप्त पाये गये? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही लंबित है तो कब तक कार्यवाही कर दी जावेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) 576, नाम और पता सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी हाँ, बैंक के तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री आर.के.एस. चौहान को निलंबित किया गया था, जिनके विरूद्ध विभागीय जाँच की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, सीधी स्तर से वितरित ट्रैक्टर ऋणों में अनियमितता वाले शाखा कर्थुआ के 2 प्रकरण तथा शाखा निवास के 2 प्रकरणों में एफ.आई.आर. दर्ज करायी गई है। (घ) अपेक्स बैंक स्तर से तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी, श्री आर.के.एस. चौहान को निलंबित किया गया था, जिनके विरूद्ध विभागीय जाँच की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, सीधी स्तर से श्री विपिन बहादुर सिंह, शाखा प्रबंधक एवं श्री रामसजीवन सेन प्रभारी शाखा प्रबंधक को निलंबित किया गया तथा श्री उदयराज सिंह तत्कालीन शाखा प्रबंधक, श्री पुष्पराज सिंह एवं श्री सुरेन्द्र वर्मा पर्यवेक्षक तथा श्री सुखनाथ पटेल, संविदा समिति सेवक के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज किया जाकर विभागीय कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
राजस्व अधिकारियों दवारा दैनिक डायरी का संधारण
154. ( क्र. 3585 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. भू-राजस्व (भू-अभिलेख) नियमों अनुसार राजस्व अधिकारियों को उनके दवारा किये गए कार्यों को दर्ज करने हेतु दैनिक डायरी का संधारण करना आवश्यक है? यदि हाँ, तो उक्त डायरी एक लोक दस्तावेज होकर, इसे उक्त अधिकारियों दवारा अपने स्थानांतरण पर संबधित कार्यालय में जमा कराई जाना चाहिए या स्वयं के पास रखनी चाहिए, इस संबध में क्या नियम हैं? (ख) राजस्व विभाग कर्मचारियों की दैनिक कार्य नंदनी की कौन-कौन सक्षम अधिकारी किस-किस की जाँच करता है? 01 जनवरी 2016 के पश्चात् उजैन संभाग में किस-किस पटवारी/गिरदावर/ नायब तहसीलदर/तहसीलदार ने दैनिक डायरी का निर्माण कर प्रतिदिन उसमे एंट्री की और उसकी जाँच अपने सक्षम अधिकारी से करवाई? नाम सहित सूची देवें? (ग) क्या राजस्व विभाग उक्त अधिकारियों की भी दैनिक उपस्थिति अन्य विभागों की तरह बायो मैट्रिक मशीन से करवाने का विचार कर रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या अनुविभागीय कार्यालय में उक्त अधिकारियों के ऑफिस में समय में न मिलने के कारण ग्रामीणों को गाँव से आने में समय नष्ट करने के साथ आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ता है? यदि हाँ, तो ग्रामीणों की सुविधा के लिए विभाग दवारा क्या नीति बनाई गई है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश भू-राजस्व नियमानुसार राजस्व अधिकारियों के द्वारा दैनिक डायरी का संधारण करना आवश्यक है। मध्यप्रदेश, भू-अभिलेख नियमावली भाग (1) के अनुसार पटवारी एवं भाग (2) के अनुसार राजस्व निरीक्षक को डायरी लिखे जाने के पश्चात् 4 वर्ष तक स्वंय के पास रखे जाने का प्रावधान है। (ख) राजस्व अधिकारी, अनुविभागीय अधिकारी के भ्रमण दैनन्दिनी की जाँच कलेक्टर तथा तहसीलदार/नायब तहसीलदार/गिरदावर/पटवारी के दैनिक कार्य भ्रमण की जाँच अनुविभागीय अधिकारी द्वारा किये गये भ्रमण के समय दैनन्दिनी का सत्यापन किया जाता है। (ग) जी नहीं। उक्त अधिकारियों का लॉ एड आर्डर ड्यूटी/प्रोटोकॉल/ प्राकृतिक आपदा आदि में व्यस्त होने के कारण बायो मैट्रिक मशीन से उपस्थिति करवाने पर विचार नहीं किया जा रहा है। (घ) अनुविभागीय अधिकारी तहसीलदार, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक एवं पटवारियों के कार्यालय/मुख्यालय में बैठने के एवं भ्रमण के दिन निर्धारित होते हैं।
मनरेगा योजनांतर्गत नवीन कार्य
155. ( क्र. 3592 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मनरेगा योजना में राज्य शासन से नवीन कार्य खोलने के लिए क्या रोक लगाई गई? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो टीकमगढ़ जिले में जनपद स्तर से नवीन कार्य खोलने के लिए रोक क्यों लगाई गई? (ख) प्रश्नांश (क) में यदि रोक लगाई गई है, तो टीकमगढ़ जिले के अंतर्गत कौन सा अधिकारी दोषी है, नाम सहित बतायें, उक्त कार्य बंद करने के संबंध में क्या कलेक्टर टीकमगढ़ से अनुमति ली गई? (ग) यदि हाँ, तो दोषी अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? (घ) वर्ष 2016 में यदि जनपद स्तर से नवीन कार्य खोलने के लिए रोक लगाई गई थी, तो जिला पंचायत स्तर से तालाब निर्माण के कार्य कुछ जिले की चिन्हित पंचायतों में किस मापदण्ड के तहत अनुमतियां दी गई है। ग्रामवार/राशिवार/जनपदवार सूची उपलब्ध करावें? मनरेगा के पदस्थ अधिकारी द्वारा अनुमति देते समय रोजगार की मांग का आंकलन किया गया? यदि नहीं, तो इसके लिए कौन दोषी है एवं दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। टीकमगढ़ जिले जनपद स्तर से नवीन कार्य खोलने के लिये कोई रोक नहीं लगाई गयी है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जनपद स्तर से नवीन कार्य खोलने में रोक नहीं लगाई गयी थी, बल्कि भारत सरकार की वांछानुसार राज्य स्तर से दिये गये निर्देशों के अनुरूप अपूर्ण कार्यों को पहले पूर्ण किया जाना था, जॉबकार्ड धारियों द्वारा की गई कार्य की मांग इन अपूर्ण कार्यों में समाहित नहीं होने की दशा में ही जिला स्तर से अनुमोदन प्राप्त करने के उपरांत नवीन कार्य प्राथमिकता अनुसार प्रारंभ किये गये हैं। ग्रामवार/राशिवार/जनपदवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
खेतों में रास्ता देने के प्रकरण का निस्तारण
156. ( क्र. 3594 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजस्व विभाग दवारा किसानों को खेतों में रास्ता उपलब्ध कराने के लिए किस धारा के तहत क्या व्यवस्था की गई है? (ख) विगत तीन वर्षों में मंदसौर जिले में ऐसे कितने प्रकरण लंबित हैं एवं उक्त प्रकरणों का निस्तारण कब तक कर दिया जाएगा? (ग) क्या ऐसे प्रकरणों का शीघ्र निराकरण नहीं होने से जिले में विवाद हो रहे हैं और पुलिस प्रकरणों की संख्या बढ़ रही है जो गाँव में अन्य विवाद का कारण बन रहे हैं? (घ) विगत 3 वर्षों में मंदसौर जिले में सरकारी भूमि पर अतिक्रमण के कितने प्रकरण बना कर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है कब-कब विभाग द्वारा अतिक्रमण हटाने के लिए मुहिम चालाई गई?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) म.प्र. राजस्व संहिता 1959 की धारा 131, 132, 133 के अंतर्गत मार्गाधिकार तथा अन्य प्रायवेट सुखाचार संबंधी अधिकार तहसीलदार द्वारा विनिश्चय कर उपलब्ध कराने की व्यवस्था है। (ख) मंदसौर की समस्त तहसील न्यायालयों में रास्ता विवाद संबंधी कुल 117 प्रकरण दर्ज होकर लंबित है। जिसका विधिवत सुनवाई उपरांत निराकरण किया जा रहा है। (ग) जी नहीं। (घ) विगत तीन वर्षों में शासकीय भूमि पर अतिक्रमण के कुल 12112 प्रकरण अ-68 के अंतर्गत तहसील न्यायालयों में दर्ज हुए जिनमें नियमानुसार अर्थदण्ड एवं बेदखली की कार्यवाही की जा चुकी है।
अभिलेखागारों का आधुनिकीकरण एवं उपयोग
157. ( क्र. 3595 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य के विधान सभा प्रश्न सं.-113 (क्रमांक-3391) दिनांक-02/03/2016 के उत्तर में ''जिला-कटनी के सभी रिकार्ड रूम सुचारू रूप से सेवायें दे रहे हैं'' एवं अन्य जानकारी दी गई थी, तो जिले में किन-किन कर्मचारियों को किन-किन के द्वारा कब-कब प्रशिक्षित किया गया एवं अभिलेखागारों में कौन-कौन शासकीय सेवक पदस्थ/कार्यरत हैं और मार्च 2016 से प्रश्न दिनांक तक कितने अभिलेखों को कब-कब किसके द्वारा सर्वर पर अपलोड किया गया? तहसीलवार बतायें, (ख) प्रश्नांश (क) के तहत क्या कटनी जिले के सभी आधुनिक अभिलेखागार उपयोग में नहीं है? उपलब्ध उपकरणों का अन्य कार्यों में उपयोग किया जा रहा है और स्थायी स्वरूप के अभिलेख ऑन-लाईन अपलोड नहीं है? आज भी इन अभिलेखों की नकल मैन्युअली तौर पर प्रदाय की जा रही है? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हाँ, तो इस पर क्या कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं, तो क्या अभिलेखागारों की उपयोगिता का प्रश्नकर्ता की उपस्थिति में सत्यापन या शासन स्तर पर जाँच कराये जाने के आदेश दिये जायेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ, जिले में वेण्डर IL& FS/IT SERVICES, Bhopal के द्वारा समय-समय पर कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया है। जिले के तहसीलो में स्थापित मार्डन अभिलेखागारों के संचालन हेतु प्रशिक्षण प्राप्त कर्मचारियों की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं अभिलेखागारों को चलाने के लिये नामांकित किये गये कर्मचारियों की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। जिले की सभी तहसीलों में स्कैन किये गये अभिलेख वेण्डर द्वारा पूर्व में सर्वर पर अपलोड किये गये हैं। (ख) जी नहीं। उपलब्ध उपकरणों को अन्य कार्यों में उपयोग नहीं किया जा रहा है। स्थायी स्वरूप के अभिलेख वेण्डर द्वारा ऑन-लाईन अपलोड कराये गये हैं। स्कैन किये गये स्थायी अभिलेखो की नकल प्रदाय की जाती है। (ग) प्रश्नांश 'ख' के उत्तर के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही
158. ( क्र. 3596 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भू-अर्जन में मुआवजा निर्धारण गाईड लाईन में पंजीयन हेतु विनिर्दिष्ट व्यवस्थाओं के तहत किया जाता है एवं विधान सभा प्रश्न सं.-64 (क्रमांक-7120) दिनांक 29/03/2016 का उतरांश '' मुआवजा निर्धारण के संबंध में गाईड लाईन में पंजीयन हेतु विनिर्दिष्ट व्यवस्थाओं के तहत सड़क से लगी हुई भूमियों पर अर्जित रकबे के विरूद्ध 0.5 हेक्ट. में वर्गमीटर के मान से तथा शेष भूमि में कृषि भूमि के मान से मुआवजा का निर्धारण किया जाता है'' था? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो कटनी अनुविभाग में वर्ष 2012-13 से अधिग्रहित की सड़क से लगी किन-किन कृषि भूमियों का मुआवजा निर्धारण 0.5 हेक्ट. तक वर्गमीटर के मान से तथा शेष भूमि में कृषि भूमि के मान से किया गया एवं किन-किन भूमियों का पूरी कृषि भूमि के मान से किया गया? (ग) क्या एक ही विभाग के अधिकारियों द्वारा मुआवजे में अलग-अलग प्रकरणों में अलग-अलग आधार पर राशि का निर्धारण करना दोषपूर्ण कार्यवाही है? (घ) क्या सड़क से लगी एवं अन्य भूमियों के त्रुटिपूर्ण मुआवजा निर्धारण एवं अज्ञानतावश गरीब एवं कम पढ़े लिखे अपील न करने वाले किसानों को राहत प्रदान हेतु क्या मुआवजे का निर्धारण वर्गमीटर/कृषिभूमि के मान से किये जाने का आदेश प्रदान करेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश ’’क’’ के अनुसार कटनी अनुभाग में वर्ष 2012-13 में अधिग्रहित की गई भूमि से सड़क से लगी हुई है तथा जो खातेदार आर्बीट्रेशन/अपील में गये हुये है जिनके प्रश्नांश दिनांक तक कुल 65 प्रकरणों के आदेश आर्बीट्रेटर से प्राप्त हुये हैं, जिनमें से 31 प्रकरणों में 0.05 हेक्टर के वर्गमीटर के मान से तथा शेष भूमि कृषि के मान से मुआवजा दिये जाने के आदेश दिये गये हैं जो राजष्ट्रीय राजमार्ग विभाग की ओर अभिमत सहित मुआवजा भुगतान हेतु बजट राशि की मांग सहित प्रस्ताव भेजा गया है। कटनी अनुविभाग में वर्ष 2012-13 में राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 07 के अधिग्रहित समस्त प्रकरणों में एक समान मुआवजा का निर्धारण कृषि भूमि के मान से किया गया है। मुआवजा से असंतुष्ट को धारा-3 जी 5 के तहत आर्बीट्रेशन में जाने का अधिकार है। (ग) प्रश्नांश ’’क’’ एवं ’’ख’’ के उत्तर अनुसार कार्यवाही भू-अर्जन राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम 1956 में दिये गये प्रावधानों के अनुसरण में विधि अनुसार कार्यवाही की जा रही है। (घ) कटनी अनुविभाग अंतर्गत समस्त अर्जन कार्यवाही राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम 1956 के अनुसार विधि सम्मत की गई है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
श्योपुर जिले में पटवारियों की पदस्थापना
159. ( क्र. 3600 ) श्री रामनिवास रावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कलेक्टर श्योपुर द्वारा पत्र क्र. 2743/भू-अभि./स्था./प.च.प./05-06/ 2015 दिनांक 17-11-15 एवं स्मरण पत्र क्र. 682 दिनांक 09-03-2016 से पटवारी चयन परीक्षा 2005-06 से चयनित पटवारियों की पदस्थापना के सम्बन्ध में मान. उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा पारित आदेश के पश्चात्, आयुक्त भू-अभिलेख, म.प्र. से मार्गदर्शन, चाहा था? यदि हाँ, तो क्या मार्गदर्शन प्राप्त हो चुका है? (ख) क्या म.प्र. शासन, राजस्व विभाग के पत्र क्र.998/1483/2015/सात/14बी भोपाल दिनांक 19-08-2015 एवं आयुक्त भू-अभिलेख के पत्र क्रमांक 531/10-परीक्षा/पट.परी./2016 दिनांक 01-05-16 से कलेक्टर श्योपुर को निर्देशित किया है कि मान. न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए आगामी समस्त कार्यवाही अपने स्तर से करना सुनिश्चित करें? यदि हाँ, तो बतावें कि क्या इन निर्देशों के क्रम में जिला स्तर पर क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में मान. उच्च न्यायलय के आदेश के क्रम में जिला श्योपुर में पटवारियों की पदस्थापना कब तक कर दी जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी हाँ। आयुक्त, भू-अभिलेख एवं बन्दोबस्त म.प्र. ग्वालियर द्वारा समस्त कार्यवाही जिला स्तर पर करने के निर्देश दिये गये हैं। उपरोक्त निर्देश के पालन में कलेक्टर श्योपुर के कार्यालयीन आदेश क्रमांक/63/भू-अभि./स्था./पं.च.प. 05-06/2015 श्योपुर दिनांक 28.09.2015 से संपूर्ण प्रकरण का परीक्षण कर कार्यवाही बाबत् समिति का गठन किया गया है। (ग) नियमानुसार कार्यवाही प्रचलित है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
ग्राम बन्नाखेड़ा तहसील जावरा की भूमि
160. ( क्र. 3605 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रीमियर आईल इण्डस्ट्रीज जावरा की भूमि ग्राम बन्नाखेडा तहसील जावरा के वर्तमान भू-अभिलेखों में शासकीय दर्ज है? (ख) यदि हाँ, तो क्या इस बाबत् नायब तहसीलदार, तहसील जावरा द्वारा पत्र क्र.1452/रीडर-2/2010 जावरा दिनांक 24/12/2010 के माध्यम से अनुविभागीय अधिकारी उपखंड जावरा को वस्तुस्थिति का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया था? (ग) यदि हाँ, तो उक्त प्रतिवेदन में सर्वे न.224 रकबा 1.050 हेक्टेयर, सर्वे न. 225 रकबा 0.036 हेक्टेयर एवं सर्वे न. 226 रकबा 4.072 हेक्टेयर की भूमि शासकीय दर्ज है, जो कि भू-अभिलेखों में स्पष्ट है? (घ) यदि हाँ, तो क्षेत्र की आवश्यकता एवं जनहित में नगर पालिका परिषद् जावरा को बस स्टैण्ड विस्तार, शापिंग कॉम्प्लेक्स, पार्किंग इत्यादि कार्यों हेतु नियमानुसार भू-भाटक प्राप्त कर प्रदान की जायेगी? यदि हाँ, तो कब?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जावरा विधान सभा क्षेत्र की मंडियों के प्रस्ताव
161. ( क्र. 3606 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा नगर स्थित खाचरोद नाका मंडी, फोर-लेन स्थित अरनिया पीथा मंडी एवं पिपलौदा नगर स्थित मंडी में अनेक निर्माण कार्यों की आवश्यकता के विभिन्न प्रस्ताव मंडी बोर्ड को भेजे गए है? (ख) यदि हाँ, तो जावरा कृषि उपज मंडी समिति द्वारा भेजे गए विभिन्न निर्माण कार्यों यथा कृषकों एवं व्यापारियों की उपज के शेड एवं गोदाम, सड़क निर्माण, बाउंड्रीवॉल निर्माण, प्लेटफार्म निर्माण, अतिरिक्त कैंटीन, कोल्ड स्टोरेज कार्य को पूर्ण करना इत्यादि सम्मिलित है? (ग) यदि हाँ, तो खाचरोद नाका मंडी, अरनियापीथा मंडी एवं पिपलौदा मंडी के किन-किन निर्माण कार्यों के प्रस्तावों को स्वीकृतियां दी जाकर कार्य कब प्रारम्भ होंगे? (घ) जावरा कृषि उपज मंडी समिति अंतर्गत पूर्ण निर्मित उपमंडी रिंगनोद, ढोढर एवं कालूखेड़ा को कब प्रारम्भ किया जाकर क्षेत्र के कृषकों को सुविधा दी जायेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) खाचरोद नाका मंडी अरनियापीथा मंडी को फल-सब्जी मंडी योजना के अंतर्गत कंसलटेन्सी द्वारा डी.पी.आर. बनायी जाना प्रस्तावित है। जिसके आधार पर स्वीकृति की कार्यवाही की जावेगी। पिपलौदा मंडी को संशोधित प्रस्ताव देने हेतु निर्देशित किया गया है। मंडी में उपलब्ध राशि के आधार पर कार्यों की स्वीकृति तदानुसार प्रदान की जावेगी। (घ) जावरा कृषि उपज मंडी समिति अंतर्गत निर्मित उपमंडी रिंगनोद व ढोढर में व्यापारियों की संख्या कम होने से कृषक अपनी उपज मुख्य मंडी जावरा में जाकर विक्रय करते हैं। उपमंडी में केवल समर्थन मूल्य पर खरीदी होती है। उपमंडी कालूखेड़ा में एक ही व्यापारी होने से व्यापार व्यवसाय नहीं होता है, केवल समर्थन मूल्य पर खरीदी होती है। उक्त कारणों के फलस्वरूप उल्लेखित उप-मंडियां नियमित रूप से क्रियाशील नहीं हो सकी हैं। किन्तु वर्तमान में खरीदी की फसल आने पर पुन: प्रभावी कार्यवाही की जाकर उपमंडियो को प्रारंभ करने के प्रयास किये जावेंगे। (उपमंडियों में उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। )
विभिन्न योजनाओं में निर्माण कार्य व भुगतान
162. ( क्र. 3607 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 02 वर्षों में आगर जिला अंतर्गत कितने शौचालयों का निर्माण किया गया है एवं कपिल धारा योजनान्तर्गत कितने कूपों का निर्माण किया गया है? ग्रामपंचायतवार जानकारी देवें? (ख) विगत 02 वर्षों में आगर जिला अंतर्गत कौन-कौन सी ग्राम पंचायतें खुले में शौच मुक्त हुई हैं? उक्त हेतु जिला पंचायत द्वारा क्या-क्या कार्यवाही किया जाना प्रावधानित थी एवं प्रावधान अनुसार कार्यवाही की गई या नहीं? (ग) विगत 02 वर्षों में शौचालय निर्माण के भुगतान हेतु कितने प्रकरण जिला पंचायत को निर्माण एजेन्सी/ग्राम पंचायतों द्वारा प्रेषित किए गए एवं कितनों में भुगतान किया गया व कितनों में भुगतान लंबित है व किस कारण से? भुगतान लंबित रहने का क्या कारण हैं? (घ) विगत 02 वर्षों में जिला पंचायत आगर द्वारा किन-किन कार्यों की विज्ञप्ति निकाली गई एवं इसके विरूद्ध कितनी लागत के कार्य करवाए गए? जिला पंचायत आगर को विगत 02 वर्षों में कितनी राशि विभिन्न योजनाओं में व्यय हेतु प्राप्त हुई है एवं इसके विरूद्ध किन-किन कार्यों में कितना-कितना व्यय किया गया है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'ब' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। जिला पंचायत आगर-मालवा द्वारा प्रावधान अनुसार कार्यवाही की जा रही है। (ग) विगत 2 वर्षों में शौचालय निर्माण भुगतान हेतु जिला पंचायत को 12895 प्रकरण प्राप्त हुए। जिनमें से दिनांक 30-06-2016 तक 12887 प्रकरणों का भुगतान किया गया है। 08 प्रकरण गुणवत्ताहीन होने के कारण भुगतान रोका गया। (घ) जिला पंचायत आगर-मालवा द्वारा निर्माण कार्यों हेतु कोई विज्ञप्ति जारी नहीं की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है।
पेंशन भुगतान
163. ( क्र. 3610 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सैलाना विधान सभा क्षेत्र की बाजना एवं सैलाना जनपद पंचायत में विभिन्न पेंशन योजनाओं में कुल कितने हितग्राही पंजीकृत हैं? योजनावार, ग्राम पंचायतवार, संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार पंजीकृत समस्त हितग्राहियों को ऑन-लाईन पेंशन का भुगतान हो रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? ऐसे कितने हितग्राही है? ब्यौरा दें। इनकी जानकारी कब तक पेंशन पोर्टल पर अद्यतन कर दी जावेगी? (ग) उपरोक्त हितग्राहियों की जानकारी पेंशन पोर्टल पर अद्यतन नहीं होने के कारण पेंशन भुगतान में विलम्ब के लिए कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी दोषी हैं तथा दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) सैलाना विधान सभा क्षेत्र की बाजना जनपद पंचायत में 7820 एवं सैलाना जनपद पंचायत में 6721 अर्थात कुल 14541 हितग्राही पंजीकृत हैं। योजनावार, ग्रामपंचायतवार, संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। समस्त पंजीकृत हितग्राहियों को ऑन-लाईन पेंशन का भुगतान हो रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नियम विरूद्ध जारी आदेशों की निरस्ती
164. ( क्र. 3614 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 49-सी/ग में राज्य शासन को सहकार सोसायटियों के संबंध में निर्देश देने की शक्ति प्राप्त है? सहकारिता विभाग के द्वारा सहकारी सोसायटियों हेतु जारी निर्देशों में उपरोक्त धारा का उल्लेख आवश्यक है? यदि है तो बतावें, अगर नहीं तो क्यों? (ख) शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर अल्पावधि कृषि ऋण दिये जाने एवं प्राकृतिक आपदा से प्रभावित फसलों के लिए कृषकों को राहत प्रदान करने संबंधी म.प्र. शासन सहकारिता विभाग द्वारा 2012 से प्रश्न दिनांक तक में जारी निर्देशों की प्रति देवें? इन निर्देशों में किसी धारा का उल्लेख नहीं होने से क्या निर्देश वैधानिक हैं? यदि है तो किस प्रकार से? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की किस धारा में पंजीयक को कौन सी शक्ति प्राप्त है? यदि नहीं, तो क्या अपर पंजीयक, संयुक्त पंजीयक, उप पंजीयक पद नाम से वैधानिक शक्तियों का प्रयोग करते हुए उनके द्वारा जारी आदेश/निर्देश वैधानिक हैं? यदि हाँ, तो किस प्रकार? यदि नहीं, तो क्या इस प्रकार के जारी अवैधानिक आदेश निरस्त किए जायेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : जी हाँ। जी हाँ। अधिनियम द्वारा प्रदत्त अधिकारिता को दर्शित करने हेतु। (ख) जानकारी पुस्तकालय के परिशिष्ट के प्रपत्र-1 से '6' अनुसार है। जी नहीं। प्रदेश के कृषकों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर अल्पावधि कृषि ऋण प्रदान करने की शासकीय योजना होने से उक्त योजनान्तर्गत निर्देश प्रसारित किये गये हैं तथा प्राकृतिक आपदा से प्रभावित फसलों के लिये कृषकों को राहत प्रदान करने के संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक/नाबार्ड की गाईड लाईन होने से उक्त योजना संबंधी निर्देश प्रसारित किये जाने से। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में मध्यप्रदेश सहकारी सोसाइटी अधिनियम 1960 की धारा-49-सी अन्तर्गत निर्देश देने संबंधी अधिकारिता पंजीयक सहकारी संस्थाएं, मध्यप्रदेश को प्राप्त नहीं है। अपर पंजीयक, संयुक्त पंजीयक एवं उप पंजीयक के पद नाम से सहकारी अधिनियम की धारा-49-सी अन्तर्गत वैधानिक शक्तियां प्राप्त न होने से उक्त धारा अन्तर्गत इन अधिकारियों द्वारा कोई आदेश जारी नहीं किया जा सकता है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। संज्ञान में आने पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भूमि का सर्वे
165. ( क्र. 3616 ) श्री सतीश मालवीय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम पंवासा तहसील उज्जैन स्थित भूमि सर्वे क्रमांक 2/1/1 मीन-1 रकबा 0.200 हेक्टेयर के भूमि स्वामी द्वारा नियमानुसार आवासीय प्लाटों का विक्रय किया जा रहा है? यदि नहीं, तो जिला प्रशासन के द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के क्रम में उक्त भूमि स्वामी के द्वारा सर्वे क्रमांक 2/1/1 मीन-1 रकबा 0.200 हेक्टेयर के पास लगे हुये शासकीय भूमि सर्वे क्रमांक-1 2/1/1 मीन-2, 2/1/2, 2/1/3 पर भी अतिक्रमण कर अवैध रूप से प्लाट बनाये हैं? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) के अनुक्रम में अतिक्रमण होने पर पटवारी से संबंधित राजस्व अधिकारी द्वारा भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 के अंतर्गत क्या कार्यवाही की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अकृषि समितियों की सदस्यता
166. ( क्र. 3617 ) श्री अजय सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले की विपणन सहकारी समिति मर्यादित गंजबासौदा, विदिशा, ग्यारसपुर, कुरवाई, सिरोंज, लटेरी तथा नटेरन में अकृषि ‘’ख’’ वर्ग में कौन-कौन सी समितियां 2015 की स्थिति में सदस्य हैं? (ख) प्रश्नांश ‘’क’’ में उल्लेखित समितियों में अकृषि सदस्य समितियों की अंश राशि कितनी जमा है? समितिवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) अकृषि समितियों की सदस्यता के संबंध में 1 जनवरी 15 से प्रश्नांश दिनांक तक कितनी शिकायतें कब-कब प्राप्त हुई उक्त शिकायतों पर जाँच किस अधिकारी द्वारा की गई तथा जाँच प्रतिवेदन के आधार पर क्या कार्यवाही की गई?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) अकृषि समितियों की सदस्यता के संबंध में प्रश्न में उल्लेखित अवधि में सीधे तौर पर कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, अपितु एक शिकायत संस्था अध्यक्ष कल्याण सिंह द्वारा किये गये भ्रष्टाचार के संबंध में दिनांक 11.09.2015 को आयुक्त सहकारिता को प्राप्त हुई थी, जिसके बिंदु क्रमांक 7 में 4 संचालक ऐसे जो सदस्य नहीं हैं जिसमें कल्याण सिंह स्वयं इनकी पत्नी, पुत्र तथा विस्सू का उल्लेख है, जिसकी जाँच श्री सी.एल. जाटव अंकेक्षण अधिकारी विदिशा से कराई गई, जाँच प्रतिवेदन अस्पष्ट होने से वरिष्ठ अधिकारी से इनकी सदस्यता के संबंध में पृथक से जाँच कराई जा रही है, जाँच निष्कर्षों के आधार पर कार्यवाही की जावेगी।
कृषकों को बीज अनुदान
167. ( क्र. 3633 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले में विगत तीन वर्षों में सूखा, ओला, पाला, अतिवृष्टि के कारण कृषकों के पास बीज का अभाव है? (ख) प्रश्नांश ‘’क’’ यदि हाँ, तो विगत तीन वर्षों में कटनी जिलान्तर्गत सूरजधारा एवं अन्नपूर्णा योजनाओं में अनुसूचित जाति एवं जनजाति लघु सीमान्त एवं अन्य कृषकों को बीज अनुदान पर वितरण किया गया विकासखण्डवार जानकारी दें? (ग) कटनी जिले में वर्ष 2016 खरीफ में कितना-कितना बीज किस योजना में वितरण हेतु किन-किन संस्थाओं से मंगाया गया? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में किन-किन संस्थाओं के कितने बीज नमूने लिये जाकर परीक्षण हेतु भेजे गये, कितने अमानक प्राप्त हुये प्राप्त अमानक नमूनों के विरूद्ध क्या-क्या वैधानिक कार्यवाही की गई बतावें? (ड.) प्रश्नांश ‘’घ’’ के वैधानिक कार्यवाही नहीं करने के लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं? उन पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी नहीं। बीज उपलब्धता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) संस्थावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) बीज परीक्षण उपरान्त मानक-अमानक नमूनों के संबंध में नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (ड.) उत्तरांश 'घ' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही नहीं उठता।
प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति के कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही
168. ( क्र. 3634 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में प्राथमिक सहकारी समिति मर्यादित रीठी में कौन-कौन कर्मचारी किस-किस कार्य के लिये दायित्वाधीन हैं? जनवरी 2015 से बताएं। (ख) प्रश्नांश (क) की अवधि में किस अधिकारी की जाँच किसके द्वारा कब की गई है? जाँच में मुद्दे एवं जाँच में पाई गई वास्तविक स्थिति को पृथक-पृथक बताएं। (ग) क्या लोकायुक्त पुलिस स्थापना जबलपुर ने प्रश्नांकित संस्था के किसी कर्मचारी के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट 195/16 दिनांक 15.06.16 दर्ज की है? यदि हाँ, तो आरोपी एवं आरोपों का विवरण दें। (घ) प्रश्नांश (ग) के आरोपों में सहकारिता विभाग एवं सहकारी बैंकों द्वारा अब तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) क्या दोषियों को निलंबित करके नियमानुसार विभागीय कार्यवाही एवं राशि की वसूली की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) किसी अधिकारी की कोई जाँच नहीं की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। (घ) उत्तरांश ‘ग’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) उत्तरांश ‘ग’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नक्शा विहीन ग्रामों की जानकारी
169. ( क्र. 3637 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में नक्शा विहीन कितने ग्राम हैं? उनके नक्शे कब तक बन जायेंगे? (ख) बंदोबस्त के पश्चात् यदि ग्राम का नक्शा गुम गया है तो उसे तैयार करने के क्या नियम है और कौन अधिकारी अधिकृत है? (ग) क्या अन्य विभाग के नक्शों पर से राजस्व विभाग उनका उपयोग कर सकता है और क्या यह कानूनी रूप से वैध है? (घ) क्या तहसील चंदला, तहसील छतरपुर के छतरपुर तथा ग्राम बगौता के बंदोबस्त के नक्शे गायब है? यदि हाँ, तो जिन नक्शों पर से आज कार्य लिया जा रहा है वे नक्शे सर्वेक्षण के पश्चात् बनाये गये हैं? यदि नहीं, तो क्यों उनको वैधानिक मान्यता है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) छतरपुर जिले में 03 अधिसूचित नक्शा विहीन ग्राम है, जिनके नक्शे दिसम्बर 2016 तक तैयार होने की सम्भावना है। (ख) जिन ग्रामों के नक्शे गुम हो जाते हैं, ऐसे ग्रामों को नक्शा विहीन अधिसूचित किया जाकर नक्शे का निर्माण विस्तृत भू-मापन एवं सर्वेक्षण के आधार पर जिला प्रशासन द्वारा कराया जाता है। इस हेतु जिला कलेक्टर सक्षम अधिकारी है। (ग) यदि किसी विभाग के पास नक्शा विहीन ग्राम का नक्शा उपलब्ध हो तो उसकी सत्यता, वैधता एवं मौका से मिलान होना आदि तथ्यों की जाँच कर नियमानुसार प्रमाणन उपरांत उपयोग में लाया जा सकता है। (घ) जी नहीं, छतरपुर का रियासत कालीन नक्शा जिला अभिलेखागार में उपलब्ध हैं। ग्राम बगौता का बंदोबस्ती नक्शा जिला अभिलेखागार में उपलब्ध नहीं है, किन्तु ग्राम बगौता का जो पटवारी नक्शा उपलब्ध है वह सक्षम अधिकारी द्वारा प्रमाणित होने से वैध है।
सूखा राहत राशि
170. ( क्र. 3638 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन द्वारा खरीफ 2015 सूखा राहत राशि किसानों को वितरण हेतु माह नवम्बर में जिला सहकारी बैंक छतरपुर को दी गई थी? क्या सह. बैंक द्वारा अपने निजी उपयोग कर इस राशि से ओवर ड्राफ्ट ऋण एवं एफ.डी. ऋण में जमा की गयी है? यदि हाँ, तो क्यों? (ख) क्या सह. बैंक की शाखा चन्दला, सरबई, गौरिहार, बारीगढ़ के अंतर्गत आने वाली सहकारी समितियों में सूखा राहत की राशि किसानों को वितरित न कर समितियों के हिस्सों खाते के नाम से जिला मुख्यालय के हिस्सा खाते छतरपुर में जमा किया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) क्या उक्त राशि किसानों को वितरण हेतु थी परन्तु बैंक द्वारा निजी उपयोग में ली गई? इसके लिए कौन दोषी है? (घ) उक्त कृत्य के कारण सूखा राहत की राशि किसानों तक समय से नहीं पहुँच पायी? उक्त कृत्य में दोषी पाये गये अधिकारियों, कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। बैंक द्वारा सूखा राहत की प्राप्त राशि को बैंक की शाखाओं एवं प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के माध्यम से संबंधित किसानों के खातों में अंतरित कर दी गई। संबंधित किसानों द्वारा अपने खातों से राशि आहरित की जाने पर उन्हें भुगतान किया गया है। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या. छतरपुर द्वारा उक्त राशि का निजी उपयोग नहीं किया गया। बैंक द्वारा तात्कालीक रूप से उपलब्ध निधियों का विनियोजन रिजर्व बैंक के दिशा निर्देशानुसार बैंक हित में किया जाता है। अतः ओवर ड्राफ्ट एवं एफ.डी. ऋण में जमा कराई गई राशि में बैंक द्वारा कोई अनियमितता नहीं की गई। (ख) जी नहीं, समितियों द्वारा प्राप्त राशि रूपये 2436.65 लाख में से राशि रूपये 2406.22 लाख का वितरण कृषकों को कर दिया गया है, संबंधित किसानों द्वारा अपने खाते से आहरित करने पर शेष राशि का भुगतान किया जायेगा। समितियां अपने पास तात्कालिक रूप से उपलब्ध नगद राशि का आवश्यकतानुसार हिस्सा राशि, ऋण चुकता करने तथा अन्य मदों में उपयोग कर सकती है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश ‘ख’ एवं ‘ग’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ग्राम पंचायतों में सचिवों का निलम्बन
171. ( क्र. 3642 ) श्रीमती प्रमिला सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शहडोल में कुल कितने ग्राम पंचायतों में सचिव नियुक्त हैं तथा उनमें से वर्तमान में कितने सचिव निलंबित कर दिये गये हैं? निर्दोष सचिवों को भी बहाल न करने के क्या कारण हैं? कारण सहित सूची दें? (ख) क्या जिला शहडोल में अधिकारियों के संरक्षण पर ग्राम पंचायत के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों, सरपंच एवं पंचों के सिवाय अन्य जनप्रतिनिधि तथा अन्य अघोषित ठेकेदारों के द्वारा कार्य कराया जाता है? (ग) यदि हाँ, तो अघोषित ठेकेदारों के द्वारा घटिया और गुणवत्ताविहीन कार्य कराए जाने का पूरा दायित्व मात्र ग्राम पंचायत के सचिवों पर क्यों थोप दिया जाता है, मूल्यांकन करने वाले व पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी करने को क्यों छोड़ दिया जाता है? क्या सरकार इस बिन्दु की निष्पक्ष जाँच कराएगी? (घ) मनमानी कार्य करने वालों का प्रतिरोध करने पर क्या सचिवों के साथ आए दिन मारपीट की घटनाएं घटित हो रही हैं और सचिवों को कोई संरक्षण नहीं मिलता है? सरकार इस पर क्या कदम उठा रही है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) शहडोल जिले में कुल 375 ग्राम पंचायतों में सचिव नियुक्त हैं, उनमें से वर्तमान में 48 सचिव निलंबित हैं। किसी भी सचिव को निर्दोष होते हुये निलंबित नहीं किया गया है। निलंबित सचिवों की सूची कारण सहित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। (ग) उत्तरांश-‘‘ख‘‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जनपद पंचायत सोहागपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत कल्याणपुर में सरपंच/सचिव के मध्य आपसी विवाद/मारपीट की घटना घटित हुई, जिसकी रिर्पोट सरपंच एवं सचिव द्वारा पुलिस थाने में दर्ज कराई गई है। जिले की शेष 04 जनपद पंचायतों में सचिव के साथ मारपीट की घटना घटित नहीं हुई है। शासन नियमानुसार सचिवों को शासकीय कार्य में आवश्यक सहयोग प्रशासन द्वारा प्रदान किया जाता है।
गैर आदिवासियों द्वारा भूमि का क्रय-विक्रय
172. ( क्र. 3643 ) श्रीमती प्रमिला सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के किन-किन जिलों के नगरीय क्षेत्रों में गैर कृषि प्रयोजन हेतु गैर आदिवासी से गैर आदिवासी द्वारा भूमि क्रय करने के पूर्व कलेक्टर से अनुमति लेनी पड़ती है? प्रावधान सहित जानकारी दें। (ख) क्या जिला शहडोल एवं जिला अनूपपुर में ही नगरीय क्षेत्रों में प्लाट क्रय करने के पूर्व क्रेता-विक्रेता गैर आदिवासी होने के बावजूद कलेक्टर से अनुमति लेने की बाध्यता है? (ग) यदि प्रावधान है तो अन्य अधिसूचित जिलों में क्यों लागू नहीं है, यदि प्रावधान नहीं है, तो सिर्फ शहडोल एवं अनूपपुर जिले में ही ऐसी व्यवस्था क्यों लागू है? (घ) विगत तीन वर्षों में जिला शहडोल में गैर आदिवासियों से भूमि विक्रय की अनुमति हेतु कितने आवेदन पत्र प्राप्त हुए? कितने आवेदन पत्रों का निराकरण किया गया तथा कितने लंबित हैं? लंबित रहने के क्या कारण हैं तथा कब तक निराकरण किये जावेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
म.प्र. में प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के कर्मचारियों का मानदेय
173. ( क्र. 3646 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के कर्मचारियों के सेवा नियम कब से लागू किया गया? क्या सेवा नियम में कभी संशोधन किये गये है? यदि हाँ, तो कब? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित संस्थाओं के कर्मचारियों को सेवा नियम में संशोधन के बाद कलेक्टर रेट से मानदेय दिया जा रहा है? क्या ऐसे भी जिले हैं जहाँ कर्मचारियों को कलेक्टर रेट पर वेतन नहीं दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से जिले? क्या कलेक्टर रेट से कम मानदेय पर भी कर्मचारियों से नियमानुसार काम लिया जा सकता है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित संस्थाओं के कर्मचारियों को शाजापुर जिले में कम से कम कलेक्टर रेट पर मानदेय दिया जावेगा?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) दिनांक 26.02.2010 से। जी हाँ। दिनांक 27.12.2010, दिनांक 30.08.2013, दिनांक 27.09.2013, दिनांक 16.11.2015, दिनांक 21.03.2016 तथा दिनांक 19.05.2016 (ख) कलेक्टर दर पर वेतन दिये जाने/नहीं दिये जाने संबंधी जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ, अंशकालिक सेवाओं की दशा में। (ग) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, शाजापुर द्वारा प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के कर्मचारी सेवा नियम के प्रावधानों के पालन हेतु संस्थाओं को निर्देश दिये गये हैं।
मर्जर एग्रीमेंट अंतर्गत कलेक्टर द्वारा की गई कार्यवाही
174. ( क्र. 3649 ) श्री आरिफ अकील : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मर्जर की भूमियों के संबंध में राजस्व विभाग द्वारा वर्ष 2001 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौनसी व कितनी-कितनी भूमियों एवं किन-किन अधिकारियों द्वारा निर्णय लिये गये? (ख) क्या मर्जर की भूमियों के संबंध में मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग के पत्र क्रमांक एफ-6-77/सात/नजूल/2016 भोपाल दिनांक 12/04/2016 को कलेक्टर भोपाल को जारी किया गया है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक कलेक्टर द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या शासन का पत्र फर्जी है? यदि हाँ, तो क्या शासन द्वारा एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई? यदि नहीं, तो क्यों तथा एफ.आई.आर. दर्ज नहीं कराई गई तो अभी तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बतावें? क्या शासन द्वारा फर्जी कार्यवाही करने वालों के विरूद्ध क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बतावें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) माननीय उच्च न्यायालय द्वारा याचिका क्रमांक 6054/2001 में पारित आदेश दिनांक 16.01.2002 द्वारा जारी निर्देश के पालन में जिला भोपाल के कुल 08 ग्रामों का रकबा 966.878 हेक्टेयर भूमि के संबंध में राजस्व न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन होने से आज दिनांक तक कोई अंतिम निर्णय पारित नहीं किया गया है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में विभागीय पत्र क्रमांक एफ 6-77/सात/नजूल/2016,दिनांक 12.04.2016 शासन स्तर की नस्ती न होने के कारण एफ.आई.आर. दर्ज कराने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
शासकीय भूमि पर अतिक्रमण
175. ( क्र. 3653 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सर्वे क्रमांक 2723/2 जो कस्बा करैरा जिला शिवपुरी में शासकीय अभिलेखों में शासकीय दर्ज है में वर्णित सर्वे नम्बरान पर करैरा के कोमल साहू पुत्र भैयालाल साहू निवासी करैरा द्वारा अवैध रूप से अतिक्रमण कर विवाह घर (मैरिज हाउस) का निर्माण करा दिया है? जिसकी शिकायत भी प्रश्नकर्ता के प्रतिनिधि द्वारा दिनांक 13.10.2015 को अनुविभागीय अधिकारी राजस्व करैरा को भी की जा चुकी है परन्तु संबंधित अधिकारी द्वारा अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुयी? (ख) यदि हाँ, तो कारण बतावें। कलेक्टर शिवपुरी द्वारा स्वयं प्रश्नकर्ता के समक्ष उपरोक्त की जाँच कराई जावेगी।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रश्न सरल क्रमांक 123 (क्र.7663) दिनांक 31/03/2016 का उत्तर
176. ( क्र. 3656 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि. अता. प्रश्न सरल संख्या 123 (क्र.7663) दिनांक 31.03.2016 तारांकित के उत्तर भाग (क) जी नहीं (ख) भाग में तहसील अम्बाह द्वारा उत्तर पुस्तिका में उल्लेखित क्र. व दिनांक ग्राम कुथियान के सर्वे क्र. उत्तर पुस्तिका में उल्लेखित का बंटवारा किया गया जिसकी अपील एस.डी.ओ. अम्बाह द्वारा अपीलमाल में आदेश निरस्त होकर निष्प्रभावी कर दिया? उत्तर भाग (ग), (घ), (ड.) में भी उत्तर पुस्तिका में अनुविभागीय अधिकारी अम्बाह के आदेश को अपर आयुक्त चम्बल सम्भाग मुरैना में स्क्रूटनी में हैं, उत्तर दिये है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में तहसीलदार अम्बाह के खिलाफ एस.डी.एम अम्बाह के आदेश एवं अपर आयुक्त मुरैना की स्क्रूटनी में प्रश्न प्रस्तुत दिनांक तक क्या-क्या निर्णय लिये गये?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अपूर्ण कार्यों को पूर्ण करना
177. ( क्र. 3657 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न सरल क्रमांक 137 (क्र. 6164) दिनांक 17.03.2016 के तारांकित के उत्तर भाग (क) में जी हाँ। जी हाँ, उत्तर भाग (ख) व (ग) में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' व 'ब' अनुसार है। उत्तर भाग (घ) में उल्लेखित नये निर्माण कार्य माह फरवरी, 2016 में स्वीकृत हुआ है? निविदा आमंत्रण में है आदि उत्तर, उत्तर पुस्तिका के संलग्न परिशिष्ट अनुसार है, तो प्रपत्र (अ) अनुसार विधान सभा क्षेत्र 07 दिमनी में जो राशि निर्माण कार्य एवं नवीनीकरण हेतु वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 तक जानकारी संलग्न परिशिष्ट में उल्लेखित है, के कार्य किस-किस एजेंसी से कितनी-कितनी लागत कहाँ-कहाँ निर्माण कार्य व नवीनीकरण कार्य कराये गये, की जानकारी प्रपत्र अनुसार दी जावे? (ख) प्रपत्र-ब अनुसार क्र. (1) एवं प्रपत्र-ब का क्र. (2) में जो विवरण दिया गया है। 'ब' के (2) में प्रपत्र के कॉलम 2 से 9 तक जो जानकारी प्रस्तुत की है? उसमें क्या सभी कार्य पूर्ण हो चुके हैं अथवा नहीं, तो क्यों? कारण बतावें व कब तक पूर्ण हो जायेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित मार्गों में से एक कार्य मुरैना पोरसा रोड से लक्ष्मणपुरा में मात्र 300 मीटर में डामरीकरण अच्छी स्थिति में होने से नवीनीकरण कार्य नहीं कराया गया। शेष सभी सड़कों के नवीनीकरण का कार्य पूर्ण हो चुका है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पंचायत में लंबित प्रकरणों की जानकारी
178. ( क्र. 3666 ) श्री गोपाल परमार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला आगर-मालवा के जनपद पंचायत आगर मालवा में वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में इंदिरा आवास योजना में कितने हितग्राहियों के प्रकरण प्राप्त हुये एवं कितने प्रकरणों का निराकरण किया गया है तथा कितने लंबित है? (ख) प्रश्न (क) के अनुसार लंबित प्रकरणों में कितने हितग्राहियों/ठेकेदारों का भुगतान शेष है? कार्य पूर्ण होने के उपरांत भी भुगतान रोकने का क्या कारण है? लंबित प्रकरणों के लिये कौन अधिकारी/कर्मचारी जवाबदार है? शासन इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) इंदिरा आवास योजनान्तर्गत वर्ष 2014-15 में 200 एवं वर्ष 2015-16 में 210 हितग्राहियों के प्रकरण प्राप्त हुए। जिसमें से समस्त प्रकरणों का निराकरण किया गया हैं। कोई प्रकरण लंबित नहीं है। (ख) योजना के प्रावधानों में हितग्राही को दो किश्तों में राशि दिये जाने का प्रावधान है। दोनों किश्त बैक खाता में एफ.टी.ओ. के माध्यम से दी जा रही है। द्वितीय किश्त हितग्राही द्वारा दरवाजा स्तर तक के पक्के आवास निर्माण पूर्ण कर निर्धारित मापदण्ड अनुसार फोटो आवास साफ्ट में अपलोड करने पर दी जाती है। वर्ष 2014-15 में 35 हितग्राहियों को प्रथम किश्त एवं 09 हितग्राहियों को द्वितीय किश्त तथा वर्ष 2015-16 में 58 हितग्राहियों को द्वितीय किश्त का भुगतान शेष है। प्रथम किश्त हेतु हितग्राहियों के बैंक खातों की त्रुटियों के कारण एवं द्वितीय किश्त आवास की फोटो अपलोड न होने के कारण नहीं दी जा सकी है। यह एक सतत् प्रक्रिया है। अतः शेष का प्रश्न नहीं उठता है।
इंदिरा आवास की पूरी किश्तों का भुगतान न होना
179. ( क्र. 3673 ) श्री हर्ष यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर, रायसेन, बैतूल व सतना जिले में वर्ष 2011-12 से 2015-16 तक स्वीकृत इंदिरा आवास योजना के आवासों की पूरी किश्तों का भुगतान प्रश्न दिनांक तक भी नहीं किया जा सका है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त जिलों में किस वर्ष में कितने इंदिरा आवास स्वीकृत किये गये? उनकी कितनी राशि की कितनी किश्तों का भुगतान कर दिया गया है? किस वर्ष में स्वीकृत कितने आवासों की कितनी राशि की कितनी किश्तों का भुगतान नहीं किया गया है? क्यों? यह राशि अब तक उपलब्ध न कराये जाने के क्या कारण है? कब तक राशि हितग्राहियों को उपलब्ध करा दी जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जिलेवार वर्षवार स्वीकृत, किश्तवार भुगतान की गई राशि, भुगतान हेतु शेष राशि तथा भुगतान नहीं किये जाने का कारण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। मापदण्ड अनुसार कार्य पूर्ण होने तथा प्रक्रिया के पालन करने पर ही राशि दिये जाने का प्रावधान है। अतः निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
वित्त आयोग की राशि का भुगतान
180. ( क्र. 3677 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भारत सरकार के द्वारा वित्त आयोग की अनुशंसा के आधार पर वर्ष 2010-11 से 2014-15 तक राशि पंचायती संस्थानों को उपलब्ध नहीं कराई गई है? क्यों? (ख) यदि हाँ, तो किस वर्ष भारत सरकार द्वारा कितनी राशि उपलब्ध कराई गई? इसमें से कितनी राशि अन्य योजनाओं के लंबित भुगतान हेतु की गई? (ग) वित्त आयोग की अनुशंसा के आधार पर पंचायतों को उपलब्ध करायी जाने वाली राशि अन्य योजनाओं में दिये जाने के क्या कारण रहे हैं? क्या इसमें भारत सरकार की शर्तों व मापदण्डों का उल्लंघन हुआ है? (घ) वित्त आयोग की मंशानुरूप लंबित राशि कब तक पंचायतों को उपलब्ध करा दी जावेगी? स्पष्ट समय-सीमा बतावें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश ‘‘क‘‘ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। अन्य योजनाओं के लंबित भुगतान हेतु राशि नहीं रखी गयी है। (ग) अन्य योजनाओं में राशि नहीं दी गयी हैं। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता हैं। (घ) प्रश्नांश ‘‘क‘‘, ‘‘ख‘‘ एवं ‘‘ग‘‘ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
केंचुआ खाद का वितरण
181. ( क्र. 3679 ) श्री कल्याण सिंह ठाकुर : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता ने दिनांक 03.01.2016 पत्र क्र. 2145 एवं दिनांक 16.01.2016 पत्र क्र. 2193, दिनांक 29.03.2016 पत्र क्र. 2442 के माध्यम से कलेक्टर विदिशा एवं उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास विदिशा को पत्र लिखकर कितने ग्रामों में किन-किन कृषकों को केंचुआ खाद्य वितरण किया गया, जिसकी ब्लॉक/ग्राम/कृषकवार दी गई मात्रा सहित जानकारी की शिकायत की थी? (ख) यदि प्रश्नांश (क) के क्रम में हाँ, तो क्या उक्त पत्रों के क्रम में कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या? नहीं तो क्यों? (ग) क्या शासन प्रश्नांश (क) के क्रम में केंचुआ खाद्य वितरण में निष्पक्ष रूप से जाँच कराई जाकर दोषी व्यक्तियों के खिलाफ कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक साथ ही पात्र किसानों को केंचुआ खाद्य कब तक उपलब्ध करायेगा? (घ) प्रश्नांश (ग) के क्रम में शासन किसान हित में शीघ्र कार्यवाही करेगा? हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) एवं (ख) विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार है। (ग) जी हाँ, संचालनालय, किसान कल्याण तथा कृषि विकास, म.प्र. भोपाल के आदेश क्रमांक/शिकायत/2016/425 भोपाल दिनांक 06 जून 2016 एवं आदेश क्रमांक/शिकायत/2016/432 दिनांक 07.06.2016 द्वारा उच्च स्तरीय जाँच दल गठित की गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ख-1,2'' अनुसार है। पात्र किसानों को वर्ष 2015-16 में केंचुआ खाद उपलब्ध करा दिया गया है। (घ) उत्तरांश (ग) के क्रम में जाँच उपरांत गुण-दोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
कृषि उपज मण्डी की बाउण्ड्रीवॉल तोड़कर निजी उपयोग
182. ( क्र. 3680 ) श्री कल्याण सिंह ठाकुर : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा कृषि उपज मण्डी कार्या. के पास करीब 100 फीट से अधिक जिसकी लंबाई 90 फीट चौड़ाई के करीब चौड़ी जो पत्थर की थी जिसमें ऊपर नुकीले लोहे के सरिया से निर्मित थी, जिसमें मण्डी का 2 लाख के लगभग व्यय भी हुआ है परन्तु मण्डी प्रशासन की मिलीभगत से बाउण्ड्रीवॉल को तोड़कर निजी दीवाल का निर्माण कर मण्डी की जगह का निजी उपयोग किया गया? (ख) क्या कृषि उपज मण्डी की बाउण्ड्रीवॉल एवं पानी की टंकी को तोड़कर 100X90 से अधिक जगह पर दीवाल उठाकर निजी उपयोग लाये जाने एवं पानी की टंकी में हुये व्यय पर कार्यवाही की जा रही नहीं कर रही है तो क्यों? (ग) क्या यह सही है कि विदिशा शहर कृषि उपज मण्डी में तोड़ी गई बाउण्ड्रीवॉल एवं पानी की टंकी नियम अंतर्गत तोड़ी गई है और उस जगह 100X90 का निजी उपयोग किया गया जानकारी उपलब्ध करावें नहीं तो क्यों? (घ) यदि प्रश्नांश (ग) के क्रम में हाँ, तो क्या उक्त संबंध में कार्यवाही सुनिश्चित करेगा? हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) विदिशा कृषि उपज मंडी समिति कार्यालय के पास 165 फिट लम्बाई एवं 1.5 फिट मोटी पत्थर की दीवार 7 फिट ऊँचाई में व इसके उपर 3 फिट ऊँचे लोहे की रैलिंग सहित लगभग 35 वर्ष पूर्व बनी थी, निर्मित बाउण्ड्रीवॉल की 46 फिट लम्बाई का आंशिक भाग काफी जर्जर स्थिति में था। मार्च 2015 में होली के अवकाश के समय में अज्ञात व्यक्तियों द्वारा बाउण्ड्रीवॉल की जर्जर हिस्सा को गिरा दिया गया था, मंडी प्रशासन की उक्त दीवार को तोड़ने में कोई भूमिका नहीं थी, मंडी समिति द्वारा पत्र क्रमांक 112 दिनांक 13.04.2015 से पुलिस थाना को उक्त आशय की सूचना दी गई। घटना से संबंधित वस्तुस्थिति से जिला प्रशासन एवं वरिष्ठ अधिकारियों को तत्काल अवगत कराया गया था। (ख) कृषि उपज मंडी समिति में अज्ञात व्यक्तियों द्वारा तोड़ी गई बाउण्ड्रीवॉल का पुन: निर्माण हेतु निविदा इत्यादि की नियमानुसार कार्यवाही कर दिनांक 12.07.2016 से ठेकेदार को अनुबंध करने हेतु पत्र जारी किया गया है। बाउण्ड्रीवॉल के पास ही मंडी समिति की निर्मित पानी की टंकी 35 वर्ष पुरानी होने से जर्जर एवं अनुपयोगी अवस्था के कारण डिस्मेंटल की सक्षम स्वीकृति प्राप्त की जाकर नियमानुसार निविदा आमंत्रित कर डिस्मेंटल की कार्यवाही मंडी समिति द्वारा की गई है, उक्त जगह का कोई निजी उपयोग नहीं किया गया है। (ग) बाउण्ड्रीवॉल अनाधिकृत रूप से तोड़ी गई जिस पर कोई निजी उपयोग की अनुमति नहीं प्रदान की गई। कृषि उपज मंडी समिति कार्यालय के पीछे पूर्व में निर्मित एवं जर्जर एवं अनुपयोगी पानी की टंकी को नियमानुसार अनुमति उपरांत डिस्मेंटल किया गया। (घ) प्रश्नांश-"ग" में वर्णित अनुसार जिला प्रशासन के सहयोग से भूमि पर से अनाधिकृत कब्जा हटाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, शेष कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
वित्त आयोग की राशि से स्वीकृत
183. ( क्र. 3683 ) श्री जितू पटवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंचायतराज संचालनालय द्वारा दिनांक 01 अप्रैल 2014 से 30.06.2016 तक सागर इन्दौर जिले में परफॉरमेंस ग्रान्ट एवं 14 वें वित्त आयोग की राशि से कौन-कौन सी राशि कितनी लागत के स्वीकृत किये जाकर कितनी धनराशि उपलब्ध करायी गई विधान सभा क्षेत्रवार बतावें? (ख) परफॉरमेंस ग्रान्ट 14वें वित्त आयोग की राशि से क्या राज्य शासन को सीधे कार्य स्वीकृत करने के अधिकार प्राप्त हैं? यदि हाँ, तो उन अधिकारों का उपयोग इन जिलों के सभी विधान सभा क्षेत्र में समान रूप से क्यों नहीं किया गया? (ग) यदि अधिकार प्राप्त नहीं है तो फिर किस आधार पर चुने हुए क्षेत्रों कार्य स्वीकृत किये गये और उसके लिए उत्तरदायी कौन है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) पंचायत राज संचालनालय द्वारा प्रश्नाधीन अवधि में सागर तथा इंदौर जिले में परफॉरमेंस ग्रान्ट से प्रदाय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। 14वां वित्त आयोग अंतर्गत जिला/जनपद पंचायतों को राशि प्रदाय नहीं की गई है योजना की मार्गदर्शिका अनुसार राशि सीधे ग्राम पंचायतों को प्रदाय करने के प्रावधान हैं। (ख) 14वें वित्त आयोग की मूलभूत राशि सीधे ग्राम पंचायतों को दी गई है। 14वें वित्त आयोग के अंतर्गत परफॉरमेंस ग्राण्ट की राशि वर्ष 2016-17 से वित्त आयोग की अनुशंसाओं के आधार पर दिया जाना है। (ग) उत्तरांश-‘ख‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
बटान के लंबित प्रकरण
184. ( क्र. 3688 ) श्री बाला बच्चन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला भोपाल में नामांतरण प्रकरणों के आदेश उपरांत खसरा, नक्शे में बटान तत्काल नहीं किया जाता है क्या इस संबंध में भू-राजस्व संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन नहीं हुआ है? (ख) ग्राम बावडि़या कलॉ पटवारी ह.नं. 42 तहसील हुजूर जिला भोपाल में खसरा नक्शा में बटान के लंबित प्रकरण तथा कब से लंबित है की प्रत्येक की जानकारी दी जाए? (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित प्रकरणों में से ऐसे कौन-कौन से प्रकरण है जिनके लिये न्यायालय द्वारा निर्णय देने के उपरांत भी बटान नहीं किये गये है? (घ) बटान लंबित रखने के लिए दोषी अधिकारी, कर्मचारी का नाम तथा उनके विरूद्ध की गई कार्यवाही से अवगत करावें तथा यदि कार्यवाही नहीं हुई हो तो कब तक कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शहरी क्षेत्रों से नजूल भूमि को फ्री-होल्ड करने के नियमों में परिवर्तन
185. ( क्र. 3689 ) श्री बाला बच्चन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नजूल भूमि को फ्री-होल्ड किए जाने के लिए वर्तमान में प्रचलित नियम क्या है तथा इन नियमों के अंतर्गत अभी तक भोपाल शहर में कितने तथा कौन से प्रकरणों में नियम जारी होने से प्रश्न दिनांक तक फ्री-होल्ड करने के आदेश जारी किये गये हैं? (ख) फ्री-होल्ड कराने के लिए भू-भाटक निर्धारित करने का क्या मापदण्ड है तथा इसका निर्धारण किस प्रकार किया जा रहा है? (ग) क्या शासन फ्री-होल्ड करने के लिए भू-भाटक की राशि अत्यधिक होने के कारण पुनर्विचार कर रहा है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। प्रश्नाधीन अवधि में कुल 237 प्रकरणों में फ्री-होल्ड करने के आदेश जारी किये गये हैं, विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–ब अनुसार है। (ख) नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जी नहीं।
निर्दोष कृषकों के विरूद्ध एफ.आई.आर.
186. ( क्र. 3693 ) श्री कमलेश शाह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अमरवाड़ा विधान सभा क्षेत्र में सेवा सहकारी समिति खिरेटी में करोड़ों का घोटाला एवं प्रबंधक सुरखलाल यादव की मृत्यु के मामले में जिन निर्दोष कृषकों के विरूद्ध एफ.आई.आर. की गई उस प्रकरण की जाँच कब तक कर ली जावेगी? (ख) न्यायालय में अभियोग पत्र कब तक दाखिल होगा? इस प्रकरण की ई.ओ.डब्ल्यू. से जाँच कराई जाने का प्रस्ताव है?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) प्रकरण में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 24.06.2016 को अनुसंधानकर्ता थाना प्रभारी अमरवाड़ा जिला छिंदवाड़ा को जाँच पूर्ण करने हेतु 02 माह का समय दिया गया है। (ख) उत्तरांश ‘क’ अनुसार। प्रकरण में ई.ओ.डब्ल्यू. से जाँच कराए जाने के संबंध में कोई प्रस्ताव नहीं है।
ग्राम पंचायत पेटलावद की अनियमितता
187. ( क्र. 3696 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.01.10 से 31.12.14 तक ग्राम पंचायत पेटलावद जनपद पंचायत महिदपुर जिला उज्जैन तक कौन-कौन से कार्य करवाये गये? इनकी वर्तमान स्थिति की प्रमाणित प्रति देवें? (ख) उपरोक्त कार्यों की वित्तीय एवं तकनीकी संयुक्त स्तर की जिले के अधिकारियों की समिति बनाकर जाँच कब तक की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम 08 अनुसार। (ख) तकनीकी समिति गठित होकर अंतरिम प्रतिवेदन प्राप्त हुआ है। अंतिम जाँच प्रतिवेदन अपेक्षित है।
कृषक सेवा सहकारी समिति बैजनाथ - महिदपुर
188. ( क्र. 3697 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषक सेवा सह. समिति बैजनाथ तह. महिदपुर जिला उज्जैन अंतर्गत क्या खरीफ फसल सोयाबीन के कण के स्थान पर लहसुन प्याज का कण दिया गया? यदि हाँ, तो कितने कृषकों को दिया, संस्था को कितना घाटा हुआ? (ख) क्या वर्ष 2010-11 से 2015-16 गेहूं उपार्जन में लगभग 1140 क्विंटल की घटती एवं लगभग 12.60 लाख रू. की अधिक हम्माली का भुगतान किया गया? (ग) दि. 01-01-05 से 31-12-15 तक कितना उर्वरक संस्था के कितने कृषकों को दिया गया? इसके भौतिक सत्यापन की रिपोर्ट देवें। जिन कृषकों ने इस संस्था एवं बैंक ऑफ इंडिया शाखा खेड़ा खजूरिया दोनों से ऋण लिया के मामले में नो-ड्यूज संस्था के किस कर्मचारी ने दिया? (घ) उपरोक्त (क), (ख), (ग) प्रकरणों में दोषियों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी? इनके विरूद्ध पुलिस प्रकरण कब तक दर्ज कर वसूली की जावेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं, 789.86 क्विंटल की घटती आई है, इस संबंध में कलेक्टर जिला उज्जैन के समक्ष आर्बीट्रेटर वाद प्रस्तुत किया गया है, जो विचाराधीन है। उपार्जन कार्य में उपार्जन एजेंसी से प्राप्त हम्माली व्यय से राशि रूपये 12,59,258/- अधिक व्यय किया गया है परन्तु उक्त व्यय कृषि उपज मंडी द्वारा निर्धारित स्वीकृत दरों के अंतर्गत ही भुगतान किया गया है। (ग) 8077.70 मे. टन उर्वरक 12595 कृषकों को दिया गया है। भौतिक सत्यापन की रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। 05 प्रकरणों में सहायक संस्था प्रबंधक श्री बनेसिंह सोलंकी तथा 01 प्रकरण में श्री विक्रम सिंह प्रभारी संस्था प्रबंधक द्वारा। (घ) दोषी सहायक संस्था प्रबंधक श्री बनेसिंह सोलंकी पर सेवानियम अनुसार कार्यवाही हेतु उपायुक्त सहकारिता, जिला उज्जैन द्वारा संस्था अध्यक्ष को दिनांक 08.07.2016 को निर्देश दिये गये। आयुक्त सहकारिता कार्यालय स्तर से संस्था की जाँच कराई गई। जाँच प्रतिवेदन के आधार पर दोषियों के विरूद्ध राशियों की वसूली, सेवा-नियमों के प्रावधानों के अंतर्गत कार्यवाही तथा एफ.आई.आर. कराने के निर्देश दिये गये।
बी.पी.एल. योजना का क्रियान्वयन
189. ( क्र. 3703 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी एवं सिंगरौली जिले में ग्राम उदय से भारत उदय के समय कितने बी.पी.एल. कार्डधारी लोगों का नाम योजना से काटा गया है और कितनों ने नाम जुड़वाने हेतु आवेदन किया है? (ख) क्या गरीबी रेखा के पात्र हितग्राहियों का नाम बी.पी.एल. सूची से काटकर उनकी खाद्यान्न एवं अन्य सुविधाएं बंद कर दी गई है? (ग) सीधी जिले की सिंहावल एवं बहरी तहसील एवं सिंगरौली जिले की देवसर तहसील के काटे गये नामों की पंचायतवार जानकारी दें साथ ही विगत वर्ष से लंबित आवेदन पत्रों की भी पंचायतवार संख्या बताई जाए? (घ) लंबित आवेदनों पर विचार कर कब तक सूची में नाम जोड़ दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) सीधी जिले में “ग्राम उदय से भारत उदय“ के समय 10697 अपात्र बी.पी.एल. कार्डधारियों का नाम काटा गया है तथा 23019 आवेदकों ने नाम जुड़वाने हेतु आवेदन किया है। जिला सिंगरौली में “ग्राम उदय से भारत उदय“ के समय 350 अपात्र बी.पी.एल. कार्डधारियों का नाम काटा गया है तथा 24422 आवेदकों ने नाम जुड़वाने हेतु आवेदन किया है। (ख) जी, नहीं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। विगत वर्षों से कोई भी आवेदन लंबित नहीं है (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भूमि अधिग्रहण एवं मुआवजे का वितरण
190. ( क्र. 3704 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी के सिंगरौली राष्ट्रीय राजमार्ग 75 फोर-लेन में अधिग्रहित भूमियों के कितने भूमि स्वामियों को मुआवजा राशि वितरित की गई है एवं कितनों की बाकी है? (ख) भूमि के अधिग्रहण से प्रभावित नागरिकों को मुआवजे का भुगतान कब तक कर दिया जावेगा? (ग) क्या मुआवजे के भुगतान में भारी गड़बड़ी के चलते कुछ लोगों को अधिक/कुछ लोगों को बिना भूमि अधिग्रहित किए आवंटन कर दिया गया और अब राशि वापस करने के आदेश दिए गये हैं? (घ) यदि हाँ, तो कितने लोगों से कितनी राशि वापस ली जानी है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। सीधी जिले के सीधी, सिंगरौली राष्ट्रीय राजमार्ग 75 फोर-लेन में अधिकृत भूमियों के उपखण्ड सिंहावल अंतर्गत आने वाले 20 ग्रामों में 834 भूमि स्वामियों खातेदारों को राशि का वितरण किया गया है। शेष 25 भूमि स्वामियों/खातेदारों को अपर कमिश्नर रीवा संभाग, रीवा के न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन होने से भुगतान बाकी है एवं 48 भूमि स्वामियों/खातेदारों की भूमि एलाइनमेंट परिवर्तन होने के कारण एन.एच.75 में भूमि प्रभावित न होने से भुगतान नहीं किया गया है। उपखण्ड गोपदबनास अंतर्गत सीधी सिगंरौली राष्ट्रीय राजमार्ग 75 फोर-लेन में अधिकृत भूमियों के उपखण्ड गोपदबनास अंतर्गत आने वाले 04 ग्रामों में 273 भूमि स्वामियों/खातेदारों को राशि का वितरण किया गया है। शेष 01 खातेदार ग्राम हडबडो के राजेन्द्र बहादुर सिंह बगै. 42 सह भूमि स्वामियों के सहमति नहीं होने के कारण मुआवजा राशि नहीं ली गई है। (ख) एलाइनमेंट परिवर्तन होने के पश्चात् एन.एच.75 में प्रभावित 217 नागरिकों की भूमि प्रकाशन की कार्यवाही पूर्व पूरक अवार्ड किया जाकर राशि की मांग की गई है। राशि प्राप्त होने पर संबधित व्यक्तियों को भुगतान कर दिया जायेगा। उपखण्ड गोपदबनास अंतर्गत आने वाले 04 ग्रामों में 273 भूमि स्वामियों/खातेदारों को राशि का वितरण किया गया है। शेष 01 खातेदार ग्राम हडबडो के राजेन्द्र बहादुर सिंह बगै. 42 सह भूमि स्वामियों के सहमति नहीं होने के कारण मुआवजा राशि नहीं ली जा रही है। खातेदारों के मध्य आपसी सहमति होने पर राशि का भुगतान कर दिया जायेगा। (ग) जी नहीं। (घ) प्रश्नांश ''ग'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सहकारिता विभाग के अधिकारियों के अधिकार
191. ( क्र. 3706 ) पं. रमाकान्त तिवारी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सहकारिता सोसायटियों की अनियमितताओं के संबंध में सदस्यों से प्राप्त शिकायतों की जाँच एवं शिकायतों का निराकरण आयुक्त सहकारिता एवं उनके अधीनस्थ अधिकारियों द्वारा किया जाता है, यदि हाँ, तो संबंधित अधिकार एवं शक्तियाँ बतायें। (ख) क्या म.प्र. सहकारी सोसायटी अधिनियम, 1960 की धारा-8 के अनुसार किसी सोसायटी का सदस्य बनने के लिये किसी व्यक्ति की पात्रता का विनिश्चय रजिस्ट्रार एवं उनके अधीनस्थ अधिकारियों द्वारा किया जा सकता है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या इस धारा के प्रावधानों के अंतर्गत किसी अधिकारी द्वारा गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं में सदस्य बनने के लिये भी किसी व्यक्ति की पात्रता के बारे में विनिश्चय किया जा सकता है? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ, सोसायटी की कुल सदस्य संख्या के कम से कम दशमांश अन्यून सदस्यों के आवेदन पर मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 59 (1) के अंतर्गत, कलेक्टर द्वारा मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 59 (2) के अंतर्गत, शेष में प्रशासनिक आधार पर। (ख) जी हाँ। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
अशोकनगर
जिले में
अधूरे
निर्माण
कार्य
1. ( क्र. 17 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के दिनांक 31 मार्च, 2016 के अतारांकित प्रश्न संख्या 1 (क्रमांक 156) के संदर्भ में बतायें कि पिछले ढ़ाई वर्ष में प्रश्नकर्ता व अन्य लोगों ने क्या-क्या शिकायतें अशोकनगर जिले के ग्रामीण यांत्रिक सेवा के अन्तर्गत हुए निमार्ण कार्यों व सड़कों की भेजी तथा प्रत्येक कार्य के बारे में शासन ने क्या-क्या कार्यवाही की तथा विभाग के किन-किन अधिकारियों के विरूद्ध शासन ने क्या कार्यवाही की उनके नाम भी दें तथा उन निमार्ण कार्यों व सड़के जिनमें घटिया निमार्ण हुआ था, क्या सुधार किये गये? (ख) अशोकनगर जिले में पिछले 3 वर्ष में कितनी सड़कें व निमार्ण कार्य विभाग ने किये उनमें कितने पूरे हो गये तथा कितने अभी जून, 2016 तक अधूरे हैं व कब तक पूरे हो जाएगे? कार्यवार विवरण दें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब अनुसार।
ग्राम पंचायतों के सरपंच/सचिवों के विरूद्ध शिकायत एवं जाँच
2. ( क्र. 44 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र बड़नगर की कितनी ग्राम पंचायतों के सरपंच/सचिवों के विरूद्ध वर्ष 2012-13 से 2015-16 तक कितनी-कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? ग्राम पंचायत एवं पदाधिकारीवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत प्राप्त शिकायतों पर किन-किन अधिकारी द्वारा जाँच की गई तथा कितने सरपंच/सचिवों को दोषी पाया जाकर उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ग) जाँच उपरांत कितने प्रकरणों में कार्यवाही लंबित हैं, उसके क्या कारण हैं तथा इनके लिये कौन जिम्मेदार है? दोषी के विरूद्ध लंबित कार्यवाही कब तक पूर्ण कर ली जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विधान सभा क्षेत्र बड़नगर की जनपद पंचायत क्षेत्रान्तर्गत ग्राम पंचायतों के सरपंच/सचिव के विरूद्ध वर्ष 2012-13 से 2015-16 तक कुल 18 शिकायतें प्राप्त हुई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) 04 प्रकरणों में कार्यवाही प्रचलित है। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। दोषी के विरूद्ध जाँच के निष्कर्ष के आधार पर कार्यवाही की जायेगी।
राजस्व ग्राम घोषित करना
3. ( क्र. 46 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक कितने ग्राम आबादी क्षेत्रों को राजस्व ग्राम घोषित किया गया, ग्राम का नाम बतावें? किसी ग्राम को राजस्व ग्राम घोषित करने का क्या प्रावधान हैं? (ख) प्रश्न दिनांक तक बड़नगर क्षेत्र के कितने ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित करने का प्रस्ताव राजस्व कार्यालय में लंबित हैं क्यों और कब तक स्वीकृत किया जावेगा? (ग) विधान सभा क्षेत्रवार मजरों, टोलों की संख्या कितनी हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) 1 - सावंतपुरा, 2- अर्जुनाखेडी राजस्व ग्राम घोषित किए गए है। भू-राजस्व संहिता के विहित प्रावधानों का अनुपालन करते हुए ऐसे मजरे टोलों को चिन्हांकित कर राजस्व ग्राम में परिवर्तित किया जा सकता है। (अ) मूल ग्राम से मजरे टोलो की दूरी लगभग 2 कि.मी. या अधिक होनी चाहिए। (ब) पृथक बनाए जा रहे राजस्व ग्राम का क्षेत्रफल 200 एकड़ से कम न हो तथा पृथक हुए उक्त ग्राम की आबादी 200 या अधिक होनी चाहिए। (स) पृथक बनाए जा रहे राजस्व ग्राम की चर्तुसीमाये मूल ग्राम से एवं अन्य सीमावर्ती ग्रामो से मिलनी चाहिये, मजरे टोलो से पृथक बनाये जा रहे राजस्व ग्राम की सीमायें मूल ग्राम की सीमाओं के अन्दर ही स्थित न रहे। (ख) कोई प्रस्ताव लंबित नहीं है शेष प्रश्न उदभूत नहीं होता। (ग) विधान सभा क्षेत्र बड़नगर में 2 मजरे टोले है।
मुख्यमंत्री आवासीय पट्टों का वितरण
4. ( क्र. 47 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री आवासीय पट्टे हेतु वर्ष 2014-15, 2015-16 में समस्त पंचायत में कितने-कितने आवेदन प्राप्त हुए व कितने आवेदन पर आवासीय पट्टे जारी किये गये? (ख) आवासीय पट्टे जारी करने के क्या नियम व समय-सीमा हैं? ऐसी कितनी पंचायतें हैं जिनमें एक व्यक्ति का भी आवेदन पत्र पर पट्टे की अनुशंसा व पट्टा जारी नहीं किया गया हैं? उस अधिकारी/कर्मचारी का नाम बतावें तथा इन पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) बड़नगर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत जनपद पंचायत बड़नगर की ग्राम पंचायतों में मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन के अन्तर्गत 2014-15 एवं 2015- 16 में कुल 1718 आवेदन प्राप्त हुये तथा 1718 आवेदन पत्रों पर आवासीय पट्टे ग्राम पंचायतों द्वारा जारी किये गये है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार आवासीय पट्टे जारी करने हेतु ग्राम आबादी में संबंधित आवेदक का भू-खण्ड होने पर पट्टे जारी करने का प्रावधान निहित है इसके लिए शासन द्वारा कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं की गई है। क्षेत्र में उक्त प्रश्नावधि में प्राप्त समस्त आवेदनों पर पट्टे की अनुशंसा पर पट्टे की अनुशंसा जारी की गई है, कोई प्रकरण पट्टा जारी करने हेतु लंबित नहीं है। शेष प्रश्न उदभूत नहीं होता।
स्टेट इनोवेशन काउंसलिंग का गठन
5. ( क्र. 69 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में "स्टेट इनोवेशन काउंसिल" का गठन किया गया है? यदि है तो कब व इसके उद्देश्य क्या है? इसके लिए विभाग ने कितना बजट रखा है? (ख) प्रश्नांश (क) सन्दर्भित गठित समिति में कौन-कौन सदस्य हैं इनका कार्यकाल कितने वर्ष का है इसकी कितनी-कितनी बैठकें कब-कब आयोजित की गई इसमें कौन-कौन सदस्य उपस्थित रहे? बैठक में कौन-कौन से महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए? (ग) स्टेट इनोवेशन काउन्सिल दवारा गठित तिथि से प्रश्न दिनाक तक प्रदेश में कौन-कौन से कार्य किये गये? उसकी महत्वपूर्ण उपलब्धियां क्या-क्या है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक 704/1184/2011/1/4, दिनांक 08/03/2011 द्वारा "स्टेट इनोवेशन काउंसिल" का गठन किया गया है। काउंसिल के उद्देश्य गठन आदेश जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र (अ) के पैरा-2 अनुसार है। पृथक से बजट का प्रावधान नहीं है। (ख) काउंसिल के सदस्यों की जानकारी काउंसिल गठन आदेश जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र (अ) दिनांक 08/03/2011 के अनुसार है। गठन आदेश अनुसार काउंसिल सदस्यों का कार्यकाल नियत नहीं है। बैठकों की जानकारी एवं उनमें उपस्थित सदस्यों की जानकारी तथा लिये गये निर्णय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र (ब) अनुसार है। "स्टेट इनोवेशन काउंसिल" की बैठके दिनांक 01/06/2012, 07/06/2012 एवं 27/11/2013 के कार्यवाही विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र (ब) (स) (द) अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र (अ) (ब) (स) (द) अनुसार है।
जिला/जनपद पंचायतों का ऑडिट
6. ( क्र. 94 ) श्री हरवंश राठौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रत्येक जिला/जनपद पंचायतों को प्रत्येक वित्तीय वर्ष में ऑडिट कराना अनिवार्य है? (ख) यदि हाँ, तो ऑडिट कार्य कराने की समयावधि क्या है? (ग) सागर जिला अंतर्गत जिला पंचायत/जनपद पंचायतों का ऑडिट किस वर्ष तक का पूर्ण है एवं कितने वर्षों का किस कारण से अपूर्ण है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रत्येक वित्तीय वर्ष पूर्ण होने के पश्चात् यथाशीघ्र ऑडिट कराना आवश्यक होता है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है।
गरीबी रेखा सूची में से नाम काटे जाना
7. ( क्र. 98 ) श्री हरवंश राठौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र बण्डा जिला सागर में राजस्व विभाग के आदेश से वर्तमान में प्रचलित गरीबी रेखा की सूची में से अपात्रों के नाम काटने तथा पात्रों के नाम जोड़ने के लिए ग्राम पंचायतों से लिस्टे मांगी जा रही है तो क्या यह प्रक्रिया म.प्र. पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 85 (2) के द्वितीय अनुच्छेद के विपरीत नहीं है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) का उत्तर नहीं है तो क्या राज्य शासन या विहित प्राधिकारी ने ग्राम सभा या ग्राम पंचायतों द्वारा पूर्व में प्रस्ताव के साथ भेजी गई सूची को धारा 85 (2) की कार्यवाही करके ग्राम पंचायतों को सुनवाई का युक्तियुक्त अवसर दिए बिना उपान्तरित या पुर्नरीक्षण कार्य किन नियमों के तहत कराया जा रहा है? (ग) जिन गरीबों का नाम कट रहा है क्या उसके लिए क्या तहसीलदार जवाबदार नहीं है? क्योंकि पंचायतों से प्राप्त प्रस्ताव एवं सूची का परीक्षण/ जाँच उपरांत नाम जोड़ने/ काटने का अधिकार शासन ने संबंधित तहसीलदार को सौंपे हैं। क्या बाहर मजदूरी करने पर या 5 एकड़ जमीन या 5 हजार की अस्थायी नौकरी पर नाम काटा जा सकता है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। (ख) विहित प्राधिकारी ने ग्राम सभा या ग्राम पंचायतों द्वारा पूर्व में प्रस्ताव के साथ भेजी गई सूची को धारा 85 (2) की कार्यवाही करते हुए टीम गठित कर ग्राम पंचायत में जाँच कराई गई और न्यायालय से संबंधित इस्तेहार जारी कर सुनवाई के लिये पर्याप्त समय दिये जाने के उपरान्त जो आपत्ति प्राप्त हुई है उन पर सुनवाई कर कार्यवाही की गई है। (ग) जी हाँ, जिनका नाम कट रहा है, उसके लिये तहसीलदार जवाबदार है। जाँच में गरीबी रेखा से ऊपर जीवन यावन करने वाले परिवारों का नाम ही विलोपित किया गया है जिसमें विधिवत ग्राम पंचायत सचिव तथा पटवारी से जाँच कराई गई। ग्रामों से जो बाहर लम्बे समय से चले गये है या फौत हो गये है तथा जिनके पास अधिक भूमि, ट्रेक्टर, जीप या अन्य वाहन तथा शासकीय सेवक होने पर ही नाम विलोपित किया गया है। बाहर मजदूरी करने पर अथवा 5000 की अस्थाई नौकरी जाँच के बिन्दु नहीं है। 5 एकड़ जमीन सर्वे के 13 सूचको में से 01 सूचक मात्र है।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में विवाह आयोजन
8. ( क्र. 99 ) श्री हरवंश राठौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र बण्डा/शाहगढ़ में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक क्या मुख्यमंत्री कन्यादान योजनान्तर्गत सामूहिक विवाहों का आयोजन कराया गया है या नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या शासन/जिला स्तर से मुख्यमंत्री कन्यादान योजनान्तर्गत सामूहिक विवाहों के आयोजन हेतु जनपद/नगर पंचायतों को निर्देश जारी किए गए हैं? यदि हाँ, तो निर्देशों की प्रति उपलब्ध कराई जाए? (ग) निर्देशों के बावजूद भी उक्त योजनाओं के क्रियान्वयन में विधान सभा क्षेत्र को उपेक्षित रखने में संबंधित अधिकारियों पर क्या कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) 1. विधान सभा क्षेत्र बण्डा में वर्ष 2013-14 में 26 जोड़ों का सामूहिक विवाह संपन्न हुआ था। यह मांग आधारित योजना है। वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में ग्रामीण/नगरीय निकायों द्वारा सामूहिक विवाह के निर्धारित आवेदन पत्र पात्रतानुसार प्राप्त न होने के कारण सामूहिक विवाह का आयोजन नहीं किया गया। 2. विधान सभा क्षेत्र शाहगढ़ की जनपद पंचायत शाहगढ़ में (ग्रामीण/शहरी क्षेत्र में) वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक सामूहिक विवाह के निर्धारित आवेदन पत्र पात्रतानुसार प्राप्त न होने के कारण सामूहिक विवाह का आयोजन नहीं किया गया। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना (पूर्व में कन्यादान) का क्रियान्वयन सुचारु रुप से किया जा रहा है। अतः कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सामाजिक सुरक्षा पेंशन
9. ( क्र. 190 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की पेंशन कुल कितने माह से हितग्राहियों को नहीं बटी है? (ख) समय पर पेंशन नहीं वितरण होने का क्या कारण है? शेष पेंशन हितग्राहियों को कब तक वितरण कर दी जावेगी? (ग) समय पर पेंशन नहीं वितरण होने हेतु कौन दोषी है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विधान सभा नागदा, खाचरौद के सभी पेंशन योजनाओं में हितग्राहियों को माह जून 2016 तक पेंशन का भुगतान किया जा चुका है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्रामीणों को आवासीय पट्टे का वितरण
10. ( क्र. 191 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र में ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत 15 वर्षों से अधिक समय से निवास करने वाले कितने ग्रामीणों को आवासीय पट्टा (भू-अधिकार) दिया गया है एवं कितने परिवारों को देना शेष है? (ख) शेष परिवारों की सूची उपलब्ध करावें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कुण्डम से सिलौण्डी मार्ग निर्माण
11. ( क्र. 429 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजनांतर्गत कुण्डम विकासखण्ड के अधीन कुण्डम से सिलौण्डी मार्ग पूर्ण रूप से टूट चुका है, जिससे आवागमन बुरी तरह प्रभावित है? (ख) प्रश्नांश (क) मार्ग के नव निर्माण की क्या योजना है? मार्ग के नव निर्माण कार्य कब तक किस योजना के द्वारा किस एजेंसी के माध्यम से पूर्ण करा लिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) कुण्डम विकासखण्ड में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत कुण्डम से सिलौण्डी सड़क कि.मी. 0 से 15.16 कि.मी. तक निर्मित की गई थी। उक्त सड़क गारंटी अवधि समाप्त होने के पश्चात् वाहनों के आवागमन के कारण क्षतिग्रस्त है। वर्तमान में सड़क से आवागमन हो रहा है। (ख) भारी वाहनों के आवागमन के दृष्टिगत उक्त सड़क के उन्नयन कार्य हेतु स्वीकृति प्रदान की गई है जिसके अंतर्गत ठेकेदार श्री अनिल राज जैन, जबलपुर को उक्त कार्य माह जुलाई 2017 तक कराये जाने हेतु कार्यादेश जारी किया गया है।
सहायक संचालक के पदों पर विभागीय परीक्षा
12. ( क्र. 431 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पंचायत राज संचालनालय के राजपत्रित भर्ती नियमों में सहायक संचालक के पदों पर विभागीय परीक्षा कराये जाने का प्रावधान है? (ख) प्रश्नांश (क) सहायक संचालक के कितने पद रिक्त हैं? रिक्त पदों की पूर्ति हेतु विभागीय परीक्षा अभी तक क्यों नहीं कराई गई, जबकि जनपद स्तर पर बी.डी.ई.ओ. के पदों की पूर्ति हेतु विभागीय परीक्षा का आयोजन किया जा चुका है, जिसमें आयु बंधन की कोई सीमा नहीं है? (ग) जिला स्तर के महत्वपूर्ण पद सहायक संचालक के पदों की पूर्ति हेतु बी.डी.ई.ओ. की भांति कब तक विभागीय परीक्षा आयोजित कर ली जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) सहायक संचालक के 17 पद रिक्त है। कार्यवाही प्रचलित है। (ग) उत्तरांश ‘ख’ अनुसार।
कृषि यंत्रों का प्रदाय व अनुदान राशि का भुगतान
13. ( क्र. 628 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले में वर्ष 2015-16 में किसान कल्याण एवं कृषि विभाग जिला श्योपुर को कृषि यंत्रीकरण योजनांतर्गत कितना आवंटन प्राप्त/व्यय हुआ, कितना लक्ष्य प्राप्त हुआ, विभाग में कितने कृषकों ने ऑनलाईन आवेदन किये, में से कितनों का पंजीयन किया गया, तत्पश्चात् कितने कृषकों को आवेदनानुसार कौन-कौन से कृषि यंत्र उपलब्ध कराकर कितनी-कितनी अनुदान राशि संबंधित कृषकों के बैंक खातों में जमा की? (ख) उक्त कृषि यंत्रों की सप्लाई हेतु विभाग द्वारा कौन-कौन से कृषि यंत्र कितनी-कितनी राशि के कितनी-कितनी मात्रा में किस शासकीय संस्था/निजी फर्म से क्रय किये गये? (ग) क्या उप संचालक श्योपुर द्वारा उक्त अवधि में किसी भी शासकीय संस्था/निजी फर्म को क्रय आदेश जारी ही नहीं किया गया, इस कारण विभागीय अमले की उदासीनता के कारण जिले के समस्त पंजीकृत कृषक शासन की उक्त कृषक हितैषी योजना के लाभ से वंचित रह गये तथा इस हेतु प्राप्त आवंटन भी लैप्स/सरेण्डर हो गया? (घ) यदि हाँ, तो इस हेतु कौन उत्तरदायी है के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्या शासन उक्त समस्त तथ्यों की जाँच कराएगा? यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) श्योपुर जिलें में वर्ष 2015-16 में कृषि यंत्रीकरण योजनांतर्गत राशि रू. 42.56 लाख का आवंटन प्राप्त हुआ जिसमें राशि रू. 18.40 लाख का व्यय वर्ष 2015-16 एवं राशि रू. 24.16 लाख का व्यय वर्ष 2014-15 के लंबित भुगतान में हुआ। वर्ष 2015-16 हेतु 448 हस्तचलित एवं बैलचलित तथा 198 शक्तिचलित कृषि यंत्रों का लक्ष्य प्राप्त हुआ। शक्तिचलित कृषि यंत्रों के लक्ष्य के विरूद्ध 170 ऑनलाईन आवेदन हुये। जिसमें 36 किसानों का पंजीयन किया गया। कृषकों को उपलब्ध कराये गये कृषि यंत्र तथा भुगतान किये अनुदान राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) योजनांतर्गत कृषकों द्वारा क्रय किये गये कृषि यंत्रों पर अनुदान दिया जाता है। दिये गये अनुदान की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वर्ष 2015-16 में 448 हितग्राहियों को योजनांतर्गत लाभान्वित किया गया है। ऐसे हितग्राही जिनके द्वारा कृषि यंत्रों का क्रय कर देयक प्रस्तुत नहीं किये गये है उन्हे अनुदान का लाभ प्राप्त नहीं हुआ है। इसमें विभागीय अमले की उदासीनता के कारण कृषकों का लाभ से वंचित रह जाने तथा प्राप्त आवंटन के लैप्स/सरेण्डर हो जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हलधर योजनांतर्गत अनुदान राशि का भुगतान
14. ( क्र. 629 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले में किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग को हलधर योजनांतर्गत पात्र कृषकों को खेतों की गहरी जुताई हेतु वर्ष 2013-14 से 2015-16 तक कितनी-कितनी राशि प्रदाय/व्यय की कितना-कितना लक्ष्य मिला? कितने कृषकों ने आवेदन किये, कितने आवेदनों का पंजीयन किया वर्षवार जानकारी बतावें। (ख) उक्त अवधि में जिले के कितने पंजीकृत कृषकों की कितनी-कितनी अनुदान राशि वर्षवार उनके खातों में जमा की, कितने कृषकों के खातों में जमा नहीं की? कारण बतावें। (ग) क्या संबंधित विभागीय अमले की लापरवाही के कारण वर्ष 2013-14 में श्योपुर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत ग्राम कुहान्जापुर, बेहड़ावद, पहाड़ली सहित पंजीकृत दर्जनों ग्रामों के कृषकों की अनुदान राशि उनके खातों में वर्तमान तक जमा नहीं हो पाई? संबंधित कृषक वर्तमान तक योजना के लाभ से वंचित बने हुए हैं? इस हेतु प्राप्त आवंटन भी लेप्स/सरेण्डर विभाग द्वारा किये गये? (घ) यदि नहीं, तो क्या शासन उक्त तथ्यों की जाँच कराएगा तथा अनुदान राशि से वंचित कृषकों के खातों में ये राशि जमा करावाएगा? यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र एक अनुसार है। (ख) विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र दो अनुसार है। (ग) जी, नहीं। वर्ष 2013-14 में गहरी जुताई का कार्य कराने वाले किसी भी कृषक को अनुदान राशि का भुगतान होना शेष नहीं है। वर्ष 2013-14 में 22 कृषकों द्वारा बैंक खाते उपलब्ध नहीं कराये जाने से उनके पंजीयन निरस्त किये गये है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र तीन अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्रामों में हाट बाजार की सूची
15. ( क्र. 664 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले की जनपद पंचायत सेंवढ़ा द्वारा वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16 में कौन-कौन से ग्रामों में हाट बाजार बताये जाने के प्रस्ताव शासन को भेजें? (ख) उक्त वर्षों में कहाँ-कहाँ हाट बाजार स्वीकृत होकर निर्मित हुये या इनका निर्माण कार्य पूर्ण है या अपूर्ण है या क्या स्थिति है? इनकी लागत राशि सहित सूची उपलब्ध करायें? (ग) जनपद द्वारा शासन को प्रस्ताव किस आधार पर (जैसे जनसंख्या) भेजे गये जानकारी उपलब्ध कराई जावें? (घ) क्या जनपद पंचायत सेंवढ़ा द्वारा हाट बाजार के लिये जो चयन किया है वह शासन की गाइड लाइन से हटकर किया है, परिणाम स्वरूप इनके द्वारा हाट बाजार के लिये गलत जगह का चयन किया गया व शासन की राशि का दुरूपयोग हुआ? इसके लिये कौन-कौन उत्तरदायी हैं, उनक प्रति क्या कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं, तो प्रकरण की जाँच करा ली जावेंगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘अ’ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘अ’ अनुसार। (ग) प्रस्ताव ग्राम सभा में पारित ठहराव प्रस्ताव अनुसार परंपरागत रूप से लगने वाले हाट बाजारों वाली ग्राम पंचायतों द्वारा प्रेषित किया गया है। (घ) जी नहीं। प्रस्ताव योजना के दिशा-निर्देशानुसार परंपरागत रूप से लगने वाले हाट बाजारों वाली ग्राम पंचायतों द्वारा तैयार किये जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। योजना के दिशा-निर्देशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘ब’ अनुसार।
शासकीय वाहन
16. ( क्र. 665 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले की जनपद पंचायत सेंवढ़ा में कुल कितने शासकीय वाहन हैं तथा कितने वाहन विभाग द्वारा किराये पर लिये हुये हैं? वाहन का पंजीयन क्र. सहित सूची उपलब्ध कराई जावें? (ख) प्रश्नांश (क) स्थान में विभाग में यदि कोई वाहन किराये से लिया गया है तो कब से कितने मासिक किराये पर? वाहन किराये पर लिये जाने के संबंध में शासन के क्या नियम हैं? नियम की छायाप्रति उपलब्ध कराई जावें? (ग) प्रश्नांश (क) स्थान में विभाग द्वारा दिनांक 01.04.2014 से प्रश्न दिनांक तक उक्त सरकारी वाहन या प्राइवेट वाहनों का कहाँ-कहाँ उपयोग किया, कितनी-कितनी राशि डीजल पर या किराये पर व्यय की तत्संबंध में वाहनों के Log Book की छायाप्रति उपलब्ध कराई जावें? (घ) क्या जनपद सेंवढ़ा द्वारा शासन के नियम के विरूद्ध लग्जरी वाहन, बिना टैक्सी परमिट वाहन किराये पर लगाया गया है, यदि हाँ, तो क्यों? इसके लिये कौन उत्तरदायी है, उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं, तो जाँच कराई जावें कि लग्जरी वाहन नहीं तो कौन सा वाहन है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) दतिया जिले की जनपद पंचायत सेवढ़ा में कोई भी शासकीय वाहन नहीं है, जनपद पंचायत कार्यालय द्वारा दो वाहन किराये पर लिये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार। (ख) जनपद पंचायत सेवढ़ा में वर्तमान में दो वाहन अप्रैल 2014 से शासन द्वारा निर्धारित मासिक किराये पर लगाये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘ब‘‘ अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘स‘‘ अनुसार। (घ) जनपद पंचायत द्वारा वाहन शासन नियमों के अनुसार किराये पर लगाये जाने की मांग की गई थी लेकिन टैक्सी परमिट वाहन का आवेदन पत्र प्राप्त न होने की स्थिति में शासन की संचालित हितग्राही मूलक योजना एवं विकास कार्यों का क्रियान्वयन एवं कलेक्टर महोदय दतिया की समीक्षा बैठकों के आयोजन तथा शासकीय कार्यों की प्राथमिकता को दृष्टिगत रखते हुये कार्यालय प्रमुख द्वारा लिये गये निर्णय अनुसार वाहनों को अस्थाई तौर पर सशर्त तौर पर लगाया गया है कि टैक्सी परमिट वाहन का आवेदन पत्र प्राप्त होने पर वाहन हटा दिया जावेगा। अतः उक्त दर्शाये गये तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुये वाहनों को किराये पर लगाया गया, जिसमें शासन द्वारा निर्धारित मासिक किराये पर ही वाहनों का लगाया गया है।
कराए गए निर्माण कार्य
17. ( क्र. 668 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अतारांकित प्रश्न क्र. 5646 दिनांक 17.3.16 में (उत्तर) संलग्न परिशिष्ट-3 में निर्माण कार्य के संबंध में अधूरी जानकारी क्यों दी गई है? (ख) दतिया जिले में जिन ग्राम पंचायतों ने कराधान योजनान्तर्गत विकास कार्य कराये हैं, उनके नाम, कार्य की मात्रा, कार्य की लागत, निरीक्षण अधिकारी का नाम बताया जावे? (ग) क्या कराधान योजनान्तर्गत ग्राम पंचायतों द्वारा राशि तो शासन से प्राप्त कर ली किन्तु उसका विकास कार्यों में पूर्ण रूप से उपयोग नहीं किया गया? यदि हाँ, तो उनके खिलाफ कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो उनके द्वारा यह राशि कहाँ-कहाँ उपयोग की गई? उन कार्यों की जाँच कराई जावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जिला पंचायत दतिया द्वारा प्रेषित उत्तर के आधार पर प्रश्नाधीन प्रश्न का उत्तर दिया गया था। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) जिले की किसी भी ग्राम पंचायत में राशि का दुरूपयोग किये जाने की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री आवास का क्रियान्वयन
18. ( क्र. 846 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन क्या है एवं इस मिशन के अन्तर्गत किन-किन को किस प्रकार से आवास उपलब्ध होता है तथा पात्र हितग्राही का चयन किसके द्वारा किस प्रकार से किया जाता है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना योजनान्तर्गत वित वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक पाटन विधान सभा क्षेत्र के पाटन एवं मझौली विकासखण्डों के किन-किन ग्रामों के कितने हितग्राहियों का चयन कर सूची किस-किस बैंक को स्वीकृति हेतु प्रेषित की गई बतलावें? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित हितग्राहियों में से कितने हितग्राहियों को किस बैंक द्वारा आवास ऋण प्रदान किया गया एवं कितने हितग्राहियों को किन कारणों से किस बैंक द्वारा ऋण प्रदान नहीं किया गया? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित हितग्राही जिन्हें बैंकों द्वारा आवास ऋण प्रदान नहीं किये गये उन्हें आवास उपलब्ध कराने हेतु शासन द्वारा कब, क्या प्रयास किये गये एवं क्या इन पात्र आवासहीन हितग्राहियों को शासन द्वारा आवास उपलब्ध कराया जावेगा हाँ, तो किस प्रकार से कब तक यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत आबादी को पक्के आवास उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन प्रारंभ किया गया है। यह एक पूर्णतः मांग आधारित, स्वभागीदारी ऋण-सह-अनुदान-योजना है। इस मिशन के अंतर्गत किन-किन को किस प्रकार आवास उपलब्ध होते है तथा पात्र हितग्राही के चयन संबंधी प्रावधान, मिशन की नीति/दिशा-निर्देश में उल्लेखित है। मिशन की नीति/दिशा-निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक पाटन विधान सभा क्षेत्र के पाटन एवं मझौली विकासखण्डों के किन-किन ग्रामों के कितने हितग्राहियों का चयन कर सूची किस-किस बैंक को स्वीकृति हेतु प्रेषित की गई है की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित हितग्राहियों में से कितने हितग्राहियों को किस बैंक द्वारा आवास ऋण प्रदान किया गया एवं कितने हितग्राहियों को किन कारणों से किस बैंक द्वारा ऋण प्रदान नहीं किया गया है की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित हितग्राही, जिन्हें बैंकों द्वारा आवास ऋण प्रदान नहीं किये गये है, उन्हें आवास उपलब्ध कराने का इस मिशन में प्रावधान नहीं है। जी नहीं। इस मिशन के अंतर्गत आवास उपलब्ध कराने का प्रावधान नहीं है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय भवन
19. ( क्र. 894 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के ब्यौहारी तहसील अंतर्गत ग्राम विजयसोता में शासकीय भवन निर्मित हैं? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो कौन-कौन से भवन निर्मित हैं तथा किस विभाग द्वारा बनाये गये हैं और कितने भवन अधूरे हैं तथा कितने भवन निर्माण उपरांत संबंधित विभाग को हस्तांतरित नहीं किये गये हैं? (ग) यदि उक्त ग्राम में अधूरे भवन हैं तो उक्त अधूरे भवन किस विभाग द्वारा निर्मित कराये जा रहे हैं। उनकी लागत राशि कितनी है, कब स्वीकृति हुआ और पूर्ण करने की अवधि क्या थी? निर्माण एजेंसी कौन है और समय से कार्य पूर्ण न कराने के कारण संबंधित निर्माण एजेंसी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी और अधूरे भवनों को कब तक पूर्ण कराया जावेगा? उपरोक्त निर्मित या निर्माणाधीन भवन किस उपयोगिता के लिये निर्माण कार्य के लिये स्वीकृत किया गया था?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) ग्राम पंचायत विजयसोता में कुल 16 भवन निर्मित है जिनमें 12 भवन के कार्य पूर्ण एवं 04 भवनों के कार्य अपूर्ण है। पूर्ण 12 भवन संबंधित विभाग को हस्तांतरित किये जा चुके है। विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ग) अपूर्ण 04 भवन जिला शिक्षा केन्द्र शहडोल द्वारा ग्राम पंचायतों/पालक शिक्षक संघ के माध्यम से निर्मित कराये जा रहे है। उक्त जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। अपूर्ण भवनों को अतिशीघ्र निर्माण किये जाने हेतु कार्य एजेंसियों को निर्देशित किया गया है। अधिकांश कार्य आधे से अधिक पूर्ण होकर प्रगतिरत है। प्रगतिरत भवन शैक्षणिक कार्य हेतु सर्वशिक्षा विभाग द्वारा स्वीकृत किये गये है।
ग्राम सड़क योजना
20. ( क्र. 903 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिला क्षेत्रांतर्गत कितने ऐसे ग्राम हैं जहां पर आज भी कोई सड़क नहीं है और जिनको एक ग्राम से दूसरे ग्राम व मुख्य मार्ग से अभी तक नहीं जोड़ा गया है? ग्राम व मजरा का नाम बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या सड़क निर्माण हेतु कोई योजना बनाई गई है? यदि हाँ, तो कब तक बनायी जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) ग्रामीण विकास विभाग द्वारा मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना एवं प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत पात्र ग्रामों को एकल सम्पर्कता से मुख्य मार्ग जोड़े जाने की योजना संचालित है। उक्त योजनांतर्गत दोहरा सम्पर्क या मजरे टोलों को जोड़े जाने का प्रावधान नहीं है। शहडोल जिले में उक्त योजनाओं अंतर्गत पात्र ग्रामों में सड़कों के प्रस्ताव स्वीकृत हो चुके है। विकासखण्ड ब्यौहारी का ग्राम छतवा एवं विकासखण्ड जैसीनगर के ग्राम चरकीडोल में सड़क निर्माण के प्रस्ताव परीक्षणाधीन है। (ख) प्रश्नांश की जानकारी उत्तरांश (क) अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जनपद पंचायत अंतर्गत सामग्री का भुगतान
21. ( क्र. 904 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के ब्यौहारी जनपद पंचायत अंतर्गत विभिन्न ग्राम पंचायतों में निर्माण कार्य हेतु प्राप्त विभिन्न मदों की राशियों से विगत 03 वर्षों में सामग्री एवं परिवहन का भुगतान पंचायतवार किस फर्म या व्यक्ति को दिया गया है? (ख) क्या पंचायत पदाधिकारी या पंचायत पदाधिकारी के सगे संबंधितों को पंचायत से लाभ या संविदा किये जाने का प्रावधान है? यदि नहीं, तो यदि किसी पंचायत पदाधिकारी द्वारा अपने सगे संबंधितों को पंचायत से लाभ दिया गया होगा या संविदा की गई होगी तो उक्त पदाधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या जनपद पंचायत ब्यौहारी के ग्राम पंचायत के पदाधिकारियों द्वारा अपने सगे संबंधी से निर्माण कार्य सहित अन्य सामग्री क्रय किया जाना बताकर राशि का भुगतान किया गया है? यदि हाँ, तो जानकारी उपलब्ध करावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। पंचायत राज अधिनियम के प्रावधानों का पालन न करने की स्थिति प्रकाश में आने पर विहित प्रक्रिया अनुसार संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी। (ग) जनपद पंचायत ब्यौहारी के ग्राम पंचायत के पदाधिकारियों द्वारा अपने सगे संबंधी से निर्माण कार्य सहित अन्य सामग्री क्रय किया जाना बताकर राशि का भुगतान किये जाने का प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
गांवों में खेल मैदान
22. ( क्र. 905 ) श्री रामपाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा गांवों में खेल मैदान निर्माण हेतु भूमि आरक्षित करने का निर्णय लिया गया है? (ख) उपरोक्त योजनांतर्गत शहडोल जिले के समस्त गांवों में भूमियां आरक्षित की गई है? यदि हाँ, तो किन-किन ग्रामों और कहाँ-कहाँ, तहसीलवार बतायें? यदि नहीं, तो कब तक प्रत्येक गांव में खेल मैदान हेतु भूमियां आरक्षित कर ली जावेंगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मनरेगा योजना के तहत तलैया निर्माण
23. ( क्र. 980 ) श्री प्रताप सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दमोह जिले की जनपद पंचायत जबेरा की ग्राम पंचायत सुनबराह, हरदुआ सुम्मेरसिंह एवं सिंग्रामपुर अंचल की दूरस्थ पंचायतों में मनरेगा योजना के अंतर्गत तलैया निर्माण, कपिल धारा कूप निर्माण एवं अन्य विकास कार्य जेसीबी, ट्रेक्टर एवं अन्य मशीनों से संपादित कराया जा रहा हैं? उल्लेखित वस्तुस्थिति की जानकारी विकासखण्ड एवं जिला प्रशासन को होने के बावजूद भी शासनादेशों की अवहेलना क्यों? राज्य शासन/केन्द्र शासन के क्या स्पष्ट निर्देश हैं? उसकी प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अनियमितता को संज्ञान में लेते हुये जिला एवं विकासखण्ड अधिकारियों द्वारा स्थल की जाँच की गई तो परिणाम से अवगत करावें दमोह जिले में वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 प्रश्न दिनांक तक मनरेगा में काम नहीं मिलने के कारण कितने जॉबकार्डधारी मजदूर परिवारों का पलायन हुआ है? प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ग्राम पंचायतों में कितने जॉबकार्डधारी मजदूर परिवारों को कितने कार्यदिवस का रोजगार उपलब्ध कराया गया है? (ग) उक्त पंचायतों में निर्माण कार्य किसकी देख-रेख में सम्पादित किये जा रहे हैं पदनाम स्थल, कार्य प्रारम्भ दिनांक स्वीकृत लागत व्यय राशि की जानकारी उपलब्ध करावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। दमोह जिले जनपद पंचायत जबेरा की ग्राम पंचायत सुनबराह, हरदुआ सुम्मेरसिंह एवं संग्रामपुर अंचल की दूरस्थ ग्राम पंचायातों में महात्मा गांधी नरेगा के तहत तालाब निर्माण, कपिलधारा कूप आदि अन्य कार्य मानव श्रम के बदले मशीनों से नहीं कराये गये हैं। तालाब निर्माण कार्य में पडल भरने हेतु काली मिट्टी का परिवहन ट्रेक्टर-ट्राली से कराया गया है, जो कार्य के प्राक्कलन के प्रावधान के अनुरूप होने से अनुमत है। जिला प्रशासन को उक्त ग्राम पंचायतों में मशीनों से कार्य किये जाने संबंधी दैनिक पत्र दिनांक 01.06.2016 के माध्यम से शिकायत प्रकाश में आई थी, जिसकी जाँच खण्ड स्तरीय अधिकारियों से कराये जाने पर शिकायत निराधार पाई गई। महात्मा गांधी नरेगा योजना के अंतर्गत जॉबकार्डधारी मजदूरों को रोजगार प्रदाय किये बगैर निर्माण कार्यों में मशीनों का उपयोग किये जाने के निर्देश हैं। निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जी हाँ। उत्तरांश ’’क’’ अनुसार। दमोह जिले में वर्ष 2015-16 में 50881 एवं 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक 38360 काम की मांग करने वाले जॉबकार्डधारी परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। अतएव काम के अभाव में मजबूरीवश पलायन की स्थिति निर्मित नहीं हुई है। प्रश्नांश ’’क’’ में उल्लेखित पंचायतों में कुल 582 जॉबकार्डधारी मजदूर परिवारों को 17704 कार्यदिवस का कार्य उपलब्ध कराया गया है। (ग) वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है।
जिला पंचायत परिसर में शॉपिंग कॉप्लेक्स का निर्माण
24. ( क्र. 1025 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला पंचायत भिण्ड परिसर में 3.77 करोड़ रूपये की लागत से अत्याधुनिक शॉपिंग काम्प्लेक्स का निर्माण कार्यपालन यंत्री ग्रामीण सेवा अभिकरण भिण्ड द्वारा किया जा रहा हैं? यदि हाँ, तो अब तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कब-कब निविदा आमंत्रित की गई? किसके द्वारा कौन सी निविदा डाली गई? कौन सी निविदा स्वीकृत की गई? निविदा अस्वीकृत करने के क्या कारण है? (ग) प्रश्नांश के अंतर्गत निविदा आमंत्रित करने के लिए क्या प्रावधान निर्धारित किए गए हैं? क्या निविदा में प्रावधानों का पूर्णत: पालन नहीं किया गया? बार-बार निविदा आमंत्रित करने का क्या कारण है? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अभी तक निविदा स्वीकृत न करने के लिए कौन अधिकारी उत्तरदायी है? उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही प्रचलित की गई? कब तक निविदा स्वीकृत कर ली जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। भिण्ड जिले के जिला पंचायत भिण्ड में आवासीय व्यावसायिक कॉम्पलेक्स निर्माण के लिए रू. 3.84 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है। उक्त कार्य की दिनांक 06.08.2015, 09.12.2015, 15.01.2016 एवं 27.02.2016 को निविदा आमंत्रित की गई। (ख) जानकारी उत्तरांश (क) अनुसार है। निविदा प्रक्रिया में ठेकेदार श्री कैलाश अग्रवाल, श्रीमती गीता त्रिपाठी, श्री मूलचंद्र जैन, पूजा इन्टर प्राईजेस एवं श्री सुरेन्द्र सिंह सेंगर द्वारा निविदा डाली गई। (ग) विभाग अंतर्गत राज्य शासन से अधिकृत पोर्टल पर रू. 2.00 लाख से अधिक लागत के कार्यों की ऑनलाईन निविदा आमंत्रित की जाती है। निविदाएं उपरोक्त प्रावधानों के अंतर्गत आमंत्रित की गई है। निविदा के बार-बार आमंत्रित करने का कारण तकनीकी त्रुटि, एकल निविदा प्राप्त होना एवं निविदा अधिक दर पर प्राप्त होना है। (घ) उत्तरांश (क) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कार्य पूर्ण के उपरांत राशि का भुगतान नहीं किया जाना
25. ( क्र. 1026 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकीय सेवा संभाग भिण्ड के पत्र क्रमांक 1075 दिनांक 07.05.16 के अनुसार हैण्डपंप खनन का भुगतान क्यों नहीं किया गया? राशि प्राप्त होने के उपरांत अनाहरण क्यों की गई? इसके लिए कौन उत्तरदायी है? प्रश्नांश दिनांक तक संबंधित को निलंबित किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ख) कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकीय सेवा संभाग भिण्ड के पत्र क्रमांक 305 दि. 19.2.16 के अनुसार हैण्डपंप खनन का भुगतान न करने के क्या कारण है? कार्य पूर्ण होने की दशा में राशि अनाहरण क्यों की गई? इसके लिए कौन उत्तरदायी है? क्या संबंधित व्यक्ति की लापरवाही से राशि लेप्स हुई? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? (ग) कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकीय सेवा संभाग भिण्ड के पत्र क्रमांक 307 दि. 19.02.16 के अनुसार कार्य पूर्ण के पश्चात् राशि अनाहरण की गई? संबंधित व्यक्ति की लापरवाही के कारण भुगतान क्यों नहीं हुआ? क्या दोषी के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जायेगी? (घ) कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकीय सेवा संभाग भिण्ड के पत्र क्र. 309 दि. 19.02.16 के अनुसार कार्य की राशि अनाहरण (लेप्स) किस कारण से की गई? संबंधित अधिकारी द्वारा गंभीर लापरवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। परिशिष्ट में दिये गये विवरण अनुसार किसी का उत्तरदायित्व निर्धारण नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
संविदा अधिकारी/कर्मचारियों का नियमितीकरण
26. ( क्र. 1124 ) श्री जतन उईके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिक्षाकर्मी एवं संविदा शाला शिक्षकों को जब से भर्ती किया गया था तब से उनके आदेश में नियमितीकरण का उल्लेख न होने के बावजूद भी शासन द्वारा उन्हें नियमितीकरण की नीति बनाकर उनको नियमित किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो संविदा शाला शिक्षकों को 3 वर्ष की नौकरी होने के बाद नियमित करने का प्रावधान म.प्र. शासन द्वारा किया गया है? (ग) क्या मनरेगा योजनान्तर्गत 3 वर्षों से भी अधिक की सेवा करने वाले कर्मचारियों को भी क्या नियमित नहीं किया गया? (घ) यदि हाँ, तो शासन मनरेगा कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार क्यों कर रहा है, क्या शासन नियम बनाकर मनरेगा कर्मचारियों को उनके समकक्ष जनपद/जिला पंचायत के ग्रामीण विकास विभाग के पदों पर नियमित किया जावेगा? यदि हाँ, तो समय अवधि बतायें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) शिक्षाकर्मी की नियुक्ति मध्यप्रदेश शिक्षाकर्मी पंचायत/नगरीय निकाय (नियुक्ति एवं सेवा की शर्ते) नियम, 1997/1998 के द्वारा विधिवत नियम बनाकर नियमित वेतनमान में नियमित पद पर की गई। संविदा शाला शिक्षक की नियुक्ति निश्चित संविदा पारिश्रमिक पर मध्यप्रदेश पंचायत/नगरीय निकाय संविदा शाला शिक्षक (नियोजन एवं संविदा की शर्त) नियम 2005 के अनुसार की जाती है। मध्यप्रदेश पंचायत/नगरीय निकाय अध्यापक संवर्ग (नियोजन एवं सेवा की शर्त) नियम, 2008 के नियम-5 में शिक्षाकर्मी के संविलियन एवं संविदा शाला शिक्षकों की नियुक्ति से अध्यापक संवर्ग का गठन किया गया है, जिसमें नियमित वेतनमान एवं अन्य लाभ नियम में उल्लेखित प्रावधान अनुसार प्राप्त होते है। (ख) जी हाँ। उत्तरांश ''क'' अनुसार। (ग) जी हाँ। (घ) मनरेगा में संविदा पर पदस्थ कर्मचारियों को नियमित किये जाने संबंधी वर्तमान में कोई प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अवैध कॉलोनी निर्माण की प्राप्त शिकायत पर कार्यवाही
27. ( क्र. 1125 ) श्री जतन उईके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला प्रशासन छिंदवाड़ा को जिले में अवैध कॉलोनी काटे जाने की विगत तीन वर्षों में शिकायत प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो किन-किन स्थानों पर अवैध कॉलोनी काटे जाने की शिकायत प्राप्त हुई है? स्थानों की सूची उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार इन अवैध कॉलोनी काटे जाने की शिकायतों पर जिला प्रशासन द्वारा कार्यवाही की गई है? (ग) क्या जिला प्रशासन द्वारा अवैध कॉलोनी के विरूद्ध कार्यवाही करने के बाद भी इन अवैध कालोनियों में प्लाटों का क्रय-विक्रय कर निर्माण कार्य किया जा रहा है? यदि हाँ, तो जिला प्रशासन इसे रोकने के लिए क्या कार्यवाही कर रहा है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) अवैध कालोनियों में प्लाटों का क्रय–विक्रय उप पंजीयक (स्टाम्प) एवं जिला पंजीयक द्वारा किया जाता है। जिला प्रशासन या अन्य व्यक्तियों द्वारा प्राप्त शिकायतों के आधार पर आयुक्त नगरपालिका निगम छिन्दवाड़ा द्वारा अवैध निर्माण कार्यों पर नोटिस जारी कर कार्यवाही की जाती है।
भूमि का अधिग्रहण
28. ( क्र. 1129 ) श्री जतन उईके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छिन्दवाड़ा जिले में पांढ़ुर्णा अनुविभाग में फोरलेन सड़क निर्माण हेतु वर्ष 2012-13 से भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो मुआवजें के ऐसे कितने प्रकरण हैं, जिनकी कार्यालय संभाग आयुक्त जबलपुर में अपील की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) में किन-किन अपील प्रकरणों में कार्यालय संभाग आयुक्त जबलपुर द्वारा मुआवजा राशि किन-किन कारणों से कितनी-कितनी बढ़ाई गई? अपील प्रकरणों से मुआवजा निर्धारण दोषपूर्ण सिद्ध हो रहा है तो क्या अपील प्रकरणों में जिन आधारों पर मुजावजा राशि भी बढ़ाई गई उन्हीं आधारों पर अपील न करने वाले किसानों की मुआवजा राशि भी बढ़ाई जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या भूमि अधिग्रहण के मामलों में शासकीय सेवकों द्वारा लापरवाही बरती गई? यदि हाँ,तो इनका कौन जिम्मेदार है? यदि नहीं, तो क्या कारण है कि अधिकांश अपील प्रकरणों में मुआवजा राशि में बढ़ोत्तरी हुई? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिक्षेत्र में शासकीय दायित्व के निर्वहन में लापरवाही से किसानों को हुई क्षति का कौन जिम्मेदार है? इस पर कार्यवाही की जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
राज्य कृषक आयोग के कार्य
29. ( क्र. 1143 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य कृषक आयोग का गठन कब एवं कितने समय के लिए किया गया इसके उद्देश्य क्या है? आयोग द्वारा किसानों के हित के लिए क्या-क्या कार्य किए गए? दिनांक 01/01/2012 से 30/06/2015 तक कार्यों की सूची देवें? (ख) वर्तमान से उक्त आयोग की स्थिति क्या है, क्या यह अपने उद्देश्य की पूर्ति कर पाया? यह आयोग अस्तित्व में है तो किसान हित के लिए वर्तमान कार्यों की जानकारी देवें? (ग) राज्य कृषक आयोग को प्राप्त एवं व्यय राशि की मदवार सूची 2012 से 2016 तक की देवें? व्यय राशि किन शर्तों पर प्रदान की गई थी प्रति देवें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) राज्य कृषक आयोग का गठन राज्य शासन द्वारा दिनांक 13.09.2006 को दो वर्ष की अवधि हेतु किया गया था। शासन द्वारा आवश्यकतानुसार आयोग का कार्यकाल बढ़ाया गया। वर्तमान आयोग दिनांक 23.08.2016 तक प्रभावशील रहेगा। आयोग का उद्देश्य संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। आयोग द्वारा किसानों के हित में प्रतिवेदन वर्ष 2014 एवं 2015 प्रस्तुत किये है। प्रतिवेदन में निहित अनुशंसायें संबंधित विभागों को कार्यवाही हेतु भेजी गई है। (ख) आयोग की अवधि दिनांक 23.08.2016 तक प्रभावशील है एवं वर्तमान कार्य कृषि एवं संबदध क्षेत्र के विकास हेतु नीतियों, कार्यक्रमों एवं उपायो की अनुशंसा करना है। (ग) वर्षवार आवंटन एवं व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र दो अनुसार है।
ड्रिप योजना अंतर्गत लाभांवित कृषक
30. ( क्र. 1193 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धरमपुरी विधान सभा क्षेत्रांतर्गत चालू वित्त वर्ष में कितने किसानों को ड्रिप योजना का लाभ दिया गया है? ग्राम का नाम प्रदत्त अनुदान आदि का ब्यौरा देवें? (ख) उक्त योजना में लाभ के लिए पात्र हितग्राहियों का चयन किस प्रकार किया जाता है? क्या क्षेत्रिय जन प्रतिनिधियों को भी चयन प्रक्रिया में शामिल किया जाता है? यदि हाँ, तो उक्त चयन सूची में किन-किन जन-प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है तथा किस प्रकार से? (ग) क्या समस्त पात्र हितग्राहियों को अनुदान उपलब्ध करवा दिया गया है? यदि हाँ, तो देय अनुदान राशि का दिनांक सहित ब्यौरा देवें? (घ) अनुदान प्रदाय हेतु कितने प्रस्ताव लंबित हैं तथा शासन से कितना अनुदान अपेक्षित है? क्या शासन अपेक्षित अनुदान प्रदाय कर रहा है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) धरमपुरी विधान सभा क्षेत्रांतर्गत चालू वित्त वर्ष में किसानों को ड्रिप योजना का लाभ नहीं दिया गया है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ख) योजना में लाभ के लिये पात्र हितग्राहियों का चयन हेतु मध्यप्रदेश शासन किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग मंत्रालय का पत्र क्रमांक डी-17/5/2015/14-2 दिनांक 30.01.2016 द्वारा सिंचाई उपकरणों के अनुदान पर वितरण की ऑनलाईन प्रक्रिया के दिशा-निर्देश अनुसार कार्यवाही की जाती है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
धारा 165 (6) के तहत प्रदाय अनुमति
31. ( क्र. 1194 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिवासियों को शासन द्वारा कृषि हेतु पट्टे पर दी गई जमीन का विक्रय गैर आदिवासी को किया जा सकता है, यदि नहीं, तो बताएं कि धार जिले में पिछले 05-07 वर्षों में धारा 165 (6) के तहत ऐसे कितने पट्टे वाली जमीन के विक्रय की अनुमति दी गई? (ख) धारा 165 (6) में बेची गई आदिवासी जमीन के डायवर्सन तथा पुन: विक्रय हेतु क्या नियम है तथा इन नियमों का पालन न होने पर क्या कार्यवाही का प्रावधान है? (ग) क्या धार जिले में विगत 05 वर्षों में धारा 165 (6) में बेची गयी सारी जमीन पर प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित नियमों का पालन हुआ है? यदि नहीं, तो उन जमीनों की सूची तथा की गई कार्यवाही की जानकारी प्रस्तुत करें? (घ) क्या धार जिले में पिछले 05 वर्षों के दौरान धारा 165 (6) में आदिवासियों की हजारों बीघा जमीन के विक्रय की जाँच हेतु किसी उच्च अधिकारी की नियुक्ति की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कृषि उपज के उचित मूल्य दिलाने
32. ( क्र. 1198 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन स्तर से किसानों द्वारा उत्पादित कपास का उचित मूल्य किसानों को दिलवाने हेतु भारतीय कपास निगम द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य पर कृषि उपज मण्डी में पूरे समय कपास खरीदी की व्यवस्था की गई है? (ख) यदि हाँ, तो फिर धार जिले की कृषि उपज मण्डी धामनोद में केवल एक समय दोपहर 12 बजे के पूर्व तक ही क्यों कपास खरीदी की जाती है, इसके पश्चात् खरीदी आगामी दिवस तक के लिये स्थगित कर दी जाती है कारण बतावें? (ग) क्या दूर-दूर से आये किसानों को समय पर नहीं पहुँच पाने के कारण मण्डी लाया गया कपास मजबूरन मण्डी के बाहर व्यापारियों को ओने पोने दामों पर बेचना पड़ता है? जिससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है? (घ) यदि खरीदी का समय निर्धारित नहीं है तो शासन क्या मण्डी व निगम अधिकारियों द्वारा व्यापारियों की सांठ-गांठ से किसानों के किये जा रहे शोषण को रोकने हेतु कोई ठोस कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं, कृषि उपज मंडी समिति धामनौद में कपास की घोषणा नीलामी द्वारा दो पारियों में प्रात: 10:30 एवं दोपहर 3:30 बजे से पूर्ण होने तक विक्रय होता है। (ग) उत्तरांश "ख" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश "ख" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मण्डी समितियों में मण्डी सचिवों की पदस्थी
33. ( क्र. 1333 ) श्री तरूण भनोत : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में अ श्रेणी के कितने विभागीय मण्डी सचिव मण्डी बोर्ड सेवा में कार्यरत हैं? कार्यरत अ श्रेणी के कितने मण्डी सचिव, सचिव अ श्रेणी से निम्न मण्डी समिति ब.स.उ श्रेणी में पदस्थ है? मण्डीवार, सचिववार, नाम सहित जानकारी देवें। उक्त अ श्रेणी के कितने मण्डी सचिवों को आंचलिक कार्यालय मण्डी बोर्ड में पदस्थ कर रखा गया है? पदस्थ सचिव के कार्यस्थल का नाम सहित जानकारी देवें। (ख) अ श्रेणी मण्डी सचिव विभाग में कार्यरत रहने की स्थिति में अन्य विभाग से प्रतिनियुक्ति पर अधिकारी लेकर अ श्रेणी की मण्डियों में पदस्थ करने का क्या औचित्य है? प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ अधिकारियों के वेतन भत्ते भुगतान पर क्या मण्डी बोर्ड को आर्थिक हानि नहीं हो रही है? (ग) क्या शासन (मण्डी बोर्ड प्रशासन) प्रतिनियुक्ति मण्डी सचिवों को हटाकर अ श्रेणी की मण्डियों में विभागीय मण्डी सचिवों को पदस्थ करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्तमान में राज्य मंडी बोर्ड सेवा अंतर्गत सचिव-अ के स्वीकृत 28 पदों के विरूद्ध मंडी बोर्ड सेवा के 15 सचिव-अ कार्यरत है, जबकि प्रदेश में 39 "अ" वर्ग की मंडियां है, इसलिये सचिव "अ" की आवश्यकता की पूर्ति हेतु, अस्थायी व्यवस्था के रूप से सेवा विनियम के प्रावधान अनुसार अन्य विभाग/संस्थाओं से 04 अधिकारियों को प्रतिनियुक्ति पर लिया गया है। सचिव "अ" के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु प्रतिनियुक्ति पर लिये जाने से वेतन भत्ते के भुगतान पर आर्थिक हानि का प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ग) मंडी बोर्ड सेवा के सचिव-अ की उपलब्धता अनुसार समकक्ष वर्ग की मण्डियों में यथासंभव पदस्थी की जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मंडी समितियों में व्यापारियों के लेखा सत्यापन
34. ( क्र. 1334 ) श्री तरूण भनोत : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मण्डी समितियों में व्यापारियों के लेखा सत्यापन उपरांत दो वर्ष की अवधि के भीतर पुन: लेखा सत्यापन क्षेत्रीय उप संचालक मण्डी बोर्ड द्वारा मण्डी अधिनियम की धारा 21 (3) एवं उपविधि 21 (1) (च) के प्रावधानिक के तहत करने का अधिकार प्राप्त है व प्रबंध संचालक मण्डी बोर्ड भोपाल द्वारा इस संबंध में प्रत्येक मण्डी समिति के 10 प्रतिशत पुन: लेखा सत्यापन करने के निर्देश आंचलिक कार्यालय उप संचालक मण्डी बोर्ड को दिये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में पुन: लेखा सत्यापन के संबंध में प्रावधान लागू होने के बाद आंचलिक कार्यालय मण्डी बोर्ड जबलपुर में पदस्थ उप संचालक, सहा. संचालक, सहा. लेखा अधिकारी द्वारा जबलपुर संभाग की 35 मण्डियों में किस-किस मण्डियों के पुन: लेखा सत्यापन किये गये हैं? मण्डीवार संख्या व्यापारी नाम सहित बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) के संबंध में यदि आंचलिक कार्यालय मण्डी बोर्ड जबलपुर में विगत 5 वर्षों से पदस्थ उप संचालक सहायक संचालक, सहायक लेखा अधिकारी द्वारा पुन: लेखा सत्यापन की कार्यवाही नहीं की गई है? तो क्या शासन ऐसे दोषी अधिकारियों को दण्डित करेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) उत्तरांश "क" के परिप्रेक्ष्य में आंचलिक कार्यालय मंडी बोर्ड जबलपुर द्वारा 10 प्रतिशत लेखों का पुन: लेखा सत्यापन करने के लिए 35 मंडी सचिवों को कार्यालय मैन्युअल अनुसार अभिलेख पूर्ण रूप से संधारित करने के निर्देश दिये गये, मंडीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। उक्त स्थिति में शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ग) उत्तरांश "ख" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
स्वकराधान योजना
35. ( क्र. 1348 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र (क्र. 118) गोटेगांव में जनपद पंचायत गोटेगांव एवं जनपद पंचायत नरसिंहपुर में वित्त वर्ष 2011-12 से वित्त वर्ष 2015-16 तक स्वकराधान योजना से कितने-कितने कार्य कराये गये, का विवरण ग्रामवार सूची उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जो कार्य कराये गये वह किस-किस मद से कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत किये गये एवं उनकी वर्तमान स्थिति क्या है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार जो कार्य पूर्ण नहीं हो सके, उनके पूर्ण न होने का स्पष्ट कारण सहित सूची उपलब्ध करावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) ग्राम पंचायतों द्वारा स्वकराधान मद में प्राप्त राशि से कार्य स्वीकृत किये गये है शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कालम 6 एवं 9 अनुसार। (ग) जनपद पंचायत गोटेगांव क्षेत्रांतर्गत निर्माण एजेन्सी द्वारा अरूचि के कारण कार्य अपूर्ण है। जनपद पंचायत नरसिंहपुर अंतर्गत समस्त कार्य पूर्ण है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
खेल मैदान, श्मशानघाट, बगीचा एवं गौठान का सीमांकन
36. ( क्र. 1349 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत तहसील गोटेगांव एवं तहसील नरसिंहपुर में राजस्व विभाग द्वारा कितनी, किन-किन पंचायतों में खेल मैदान, श्मशान घाट, बगीचा एवं गौठान का सीमांकन यदि किया गया है तो किन-किन पंचायतों का सीमांकन किया जा चुका है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार किन-किन पंचायतों में खेल मैदान, श्मशान घाट, बगीचा एवं गौठान का सीमांकन नहीं किया गया? प्रश्न दिनांक तक इनका सीमांकन क्यों नहीं किया गया?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) तहसील गोटेगांव में राजस्व विभाग द्वारा खेल मैदान, श्मशान घाट, बगीचा, गोठान का सीमांकन सभी पंचायतो का किया जा चुका है। 165 ग्रामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उपलब्ध खेल मैदान, श्मशान एवं गोठान का सीमांकन किया जा चुका है।
योजना नाबालिक बच्चों के जीवन-यापन की योजना
37. ( क्र. 1374 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ऐसे नाबालिक बच्चे जिनके माता-पिता दोनों की मृत्यु हो चुकी है, उनके जीवन यापन हेतु क्या शासन के पास कोई योजना है? (ख) यदि हाँ, तो विगत दो वर्षों में बालाघाट जिले में ऐसे कितने प्रकरण चिन्हित किये गये हैं? ग्राम पंचायत अनुसार जानकारी दें? (ग) यदि नहीं, तो ऐसे संवेदनशील मामलों में नाबालिक बच्चों के जीवन यापन हेतु क्या शासन कोई योजना बनाने पर विचार करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) उत्तरांश ‘’क’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
फौती नामांतरण लंबित होने पर कार्यवाही
38. ( क्र. 1389 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में छतरपुर, राजनगर, लवकुशनगर तथा बिजावर और नौगांव तहसीलों में वर्ष 2013 से अक्टूबर 2015 तक कितने फौती नामांतरण के प्रकरण लंबित हैं? पृथक-पृथक तहसीलवार संख्या बतायें। (ख) लंबित फौती नामांतरण वाले आवेदकों की सूची राजनगर तहसील एवं लवकुशनगर तहसील के आने वाले ग्राम के नाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) लंबित प्रकरणों के होने के क्या कारण रहे? शासन की गाईड लाईन का उल्लंघन करने वाले जिम्मेदार अधिकारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अपात्रों की नियम विरूद्ध भर्ती
39. ( क्र. 1418 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विपणन सहकारी संस्था अटेर जिला भिंड में कौन-कौन व्यक्तिगत सदस्य हैं? कौन-कौन सहकारी समितियां सदस्य हैं? सदस्य समितियों के कार्य क्षेत्र कहाँ-कहाँ तक सीमित हैं? (ख) विपणन सहकारी संस्था अटेर में संस्था की उपविधि क्र. 30 (1) (ज) के अनुसार व्यक्तिगत सदस्य अपात्रता घटित करते हैं? या नहीं? (ग) उक्त संस्था में कर्मचारियों की भर्ती संस्था के प्राधिकृत अधिकारी द्वारा की गई है? ये नियुक्तियां क्या नियमानुसार की गई थी? यदि नहीं, तो दोषी पर आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो कब तक की जायेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं ‘ब’ अनुसार है। (ख) जी नहीं, उपविधि क्रमांक 30 (1) (ज) संचालक पद हेतु अपात्रता से संबंधित है, व्यक्तिगत सदस्यता हेतु अपात्रता से संबंधित नहीं। (ग) जी हाँ, जी नहीं, नियुक्तिकर्ता प्राधिकृत अधिकारी को संस्था में अनियमित नियुक्ति करने के लिये कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर नियमानुसार कार्यवाही करने एवं अनियमित रूप से भर्ती किये गये कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त करने हेतु निर्देश दिये गये हैं।
अपूर्ण एवं अप्रारंभ निर्माण कार्य
40. ( क्र. 1578 ) श्री रामसिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले के कोलारस विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत जून 2016 की स्थिति में ऐसे निर्माण कार्य हैं, जिनकी राशि संबंधित एजेंसी/सरपंच सचिव ग्राम पंचायत द्वारा आहरित कर ली है? पंरतु निर्माण कार्य अपूर्ण है अथवा प्रारंभ ही नहीं हुए हैं? यदि हाँ, तो ऐसे निर्माण कार्यों के नाम, तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति क्रमांक व दिनांक, लागत तथा राशि आहरण करने के दिनांक सहित जानकारी दें? (ख) क्या जो निर्माण कार्य वर्षों पूर्व राशि निकालने के बावजूद प्रश्न दिनांक की स्थिति में प्रारंभ नहीं हुए हैं? उनकी राशि वसूलने की कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो किन-किन कार्यों की राशि वसूलने हेतु कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों? निर्माण कार्यवार जानकारी दें? (ग) क्या प्रश्न दिनांक की स्थिति में कुछ कार्य अपूर्ण हैं? यदि हाँ, तो उक्त कौन-कौन से कार्य हैं जो अपूर्ण हैं? अपूर्ण कार्यों की कितनी राशि आहरण की जा चुकी है? आहरण राशि के विरूद्ध कितना कार्य पूर्ण हुआ है? कार्य का कितना मूल्यांकन हुआ है? शेष कार्य कितना है एवं शेष राशि कितनी है? (घ) उक्त अपूर्ण एवं अप्रारंभ कार्य पूर्ण एवं प्रारंभ कराए जाने हेतु जिला प्रशासन द्वारा कब-कब समीक्षा की गई? समीक्षा में क्या-क्या निर्देश दिए गए? दिए गए निर्देशों की प्रति संलग्न कर जानकारी दें? जिला प्रशासन द्वारा कार्य पूर्ण एवं प्रारंभ प्रश्न दिनांक की स्थिति में क्यों नहीं कराए गए?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विधान सभा क्षेत्र कोलारस की जनपद पंचायत कोलारस में 26 कार्य अपूर्ण एवं 21 कार्य अप्रारंभ है तथा जनपद पंचायत बदरवास में 140 कार्य अपूर्ण एवं 06 कार्य अप्रारंभ है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) जी हाँ। जी हाँ निर्माण एजेंसी को नोटिस जारी किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब के कॉलम 04 अनुसार। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब के कॉलम 14 अनुसार। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब के कॉलम 04 अनुसार। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब के कॉलम 12 अनुसार। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब के कॉलम 13 एवं 14 अनुसार। (घ) जिला प्रशासन द्वारा प्रत्येक सोमवार को टी.एल. बैठक के पश्चात् विकासखण्ड व तहसील के अधिकारियों के साथ विकास कार्यों की समीक्षा की जाती है तथा कार्यों में गति लाने व पूर्ण करानें के निर्देश समय-समय पर दिये गये है साथ ही निर्माण एजेंसियों को कार्य प्रारंभ कर पूर्ण कराने हेतु नोटिस भी जारी किये गये।
रबी एवं खरीफ फसलों के बीमा राशि का भुगतान
41. ( क्र. 1599 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि विभाग द्वारा सिवनी जिले में विगत 2-3 वर्षों में जिले के किसानो की रबी एवं खरीफ फसलों का बीमा कराया गया था या नहीं. (ख) यदि किसानों की रबी एवं खरीफ फसलों का बीमा कराया गया है तो सिवनी जिले में विगत 2-3 वर्षों से सूखे से प्रभावित किसानों को बीमा राशि का भुगतान किया गया कि नहीं. (ग) पीड़ित किसानों को फसल बीमा की राशि की वर्ष 2013 से वर्ष 2016 तक का लंबित भुगतान कब तक किया जावेगा .
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) राष्ट्रीय कृषि बीमा योजनान्तर्गत सिवनी जिलें में बैंकों द्वारा वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में फसल बीमा किया गया है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) रबी 2014-15 मौसम तक पूर्ण क्षतिपूर्ति देय राशि का भुगतान किया जा चुका है एवं खरीफ 2015 मौसम हेतु अनुपूरक बजट में राशि प्राप्त करने हेतु प्रस्ताव भेजा गया है। राशि प्राप्त होते ही भुगतान की कार्यवाही की जावेगी। रबी 2015-16 में दावा राशि की गणना फसल कटाई प्रयोग परिणाम प्राप्त होने पर निर्धारित मापदण्डों के आधार पर किया जावेगा।
मनरेगा से कराये गये कार्य की जानकारी
42. ( क्र. 1618 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में 2014-2015 से प्रश्न दिनांक तक मनरेगा से कितनी लागत के कार्य कराये गये पंचायतवार तथा एजेंसीवार कार्यों की संख्या तथा लगने वाली राशि की जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) की अवधि में पंचायतवार कराये गये निर्माण कार्यों में किये गये भुगतान की वर्षवार जानकारी प्रदान करें? (ग) कितने कार्य पूर्ण हुए तथा कितने कार्य अपूर्ण है प्रश्न दिनांक तक कितना भुगतान होना शेष है पंचायतवार जानकारी प्रदान करें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक मनरेगा से स्वीकृत राशि रू. 1813.44 लाख के कार्य कराये जा रहे हैं। पंचायतवार प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) वांछित जानकारी उत्तरांश ’’क’’ के जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
ग्राम पंचायतों में कार्यों की योजना
43. ( क्र. 1716 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत पंच-परमेश्वर योजनांतर्गत प्रश्नांकित दिनांक की स्थिति में ग्राम पंचायतों में कितने कार्य अपूर्ण अप्रारम्भ हैं तथा क्यों? ग्राम पंचायतवार सूची उपलब्ध करायें? (ख) उक्त कार्यों को निर्धारित समयावधि में पूर्ण करवाने हेतु विभाग के अधिकारियों ने क्या-क्या प्रयास/कार्यवाही की है? (ग) पंच-परमेश्वर योजना के अंतर्गत विगत 2 वर्षों में कराये गये कार्यों में भ्रष्टाचार तथा अनियमितताओं की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ के कॉलम नम्बर 6 एवं 7 अनुसार। (ख) अपूर्ण कार्यों को समयावधि में पूर्ण करवाने हेतु संबंधित उपयंत्री, सचिव एवं सरपंच ग्राम पंचायतों को जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़ एवं जैतहरी द्वारा पत्र क्रमांक 653 दिनांक 31.03.2016, पत्र क्रमांक 975 दिनांक 10.05.2016 एवं पत्र क्रमांक 1277 दिनांक 20.06.2016 द्वारा पत्र एवं नोटिस जारी किये गये है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ के कॉलम नम्बर 1 एवं 5 अनुसार।
घरों में शौचालय निर्माण
44. ( क्र. 1717 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रधानमंत्री जी के स्वच्छ भारत अभियान जो 2 अक्टूबर, 2014 से प्रारंभ किया गया है, उसमें घरों में शौचालय निर्माण हेतु कोई मार्गदर्शिका बनाई गई है? प्रति उपलब्ध करावें। इस योजना के अंतर्गत अक्टूबर 2014 से प्रश्न दिनांक तक जिला अनूपपुर के तीन विधान सभा क्षेत्रों, कोतमा, अनूपपुर एवं पुष्पराजगढ़ के लिये कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई है, कितने शौचालयों का निर्माण पूर्ण हुआ, कितने अपूर्ण हैं, अपूर्ण को कब तक पूर्ण होंगे? विधान सभा क्षेत्रवार जानकारी दें? (ख) क्या हितग्राहियों को शौचालय निर्माण की पूर्ण राशि बांट दी गई है अथवा उन्हें शौचालय बनाने हेतु कुछ सामग्री व शेष कितनी राशि दी गई है, 02.10.2014 से प्रश्न दिनांक तक ऐसे भी प्रकरण शासन के ध्यान में आये हैं, जिसमें राशि का आहरण हो चुका है तथा निर्माण कार्य नहीं हुये हैं? यदि हाँ, तो संबंधित के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा तथा क्या शासन यह भी सुनिश्चित करेगा कि संबंधित हितग्राही के यहां शौचालय निर्माण हो जाये?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, मार्गदर्शिका की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ एवं ब अनुसार है। (ख) स्वच्छ भारत मिशन के दिशा-निर्देशानुसार हितग्राही द्वारा स्वयं शौचालय निर्माण कराने पर शत्-प्रतिशत प्रोत्साहन राशि आर.टी.जी.एस. के माध्यम से संबधित के खातों में अंतरित की गई है। जिन शौचालयों का निर्माण ग्राम पंचायतों द्वारा कराया गया है, उनका भुगतान मजदूर, मिस्त्री एवं सामग्री प्रदायकर्ता के खातों में कर दिया गया। एडवांस में राशि आहरण नहीं किया गया। हितग्राहियों को शौचालय निर्माण हेतु सामग्री प्रदाय नहीं की गई है। जी नहीं। शेष का प्रश्न नहीं उठता।
ओ.डी.एफ. घोषित ग्राम पंचायते
45. ( क्र. 1806 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2011 से 2015 तक खरगोन जिले में निर्मल ग्राम पुरस्कार किन-किन ग्राम पंचायतों को मिला, इन ग्राम पंचायतों को पुरस्कार की कितनी किश्त कब प्रदान की गई। इन पंचायतों को द्वितीय किश्त, यदि नहीं, दी गई तो कारण बतायें। इन ग्राम पंचायतो में से कितनी ग्राम पंचायतें वर्तमान में ओ.डी.एफ. घोषित हो गई हैं और कितनी शेष हैं? सूची देवें। (ख) वर्ष 2011 से 2015 तक निर्मल भारत अभियान अंतर्गत तथा मर्यादा अभियान अंतर्गत खरगोन जिले में कितने बी.पी.एल., ए.पी.एल. धारियों के घरों में शौचालय निर्माण किये गये, ग्राम पंचायतवार शौचालय संख्या अभियानवार देवें। कितनी आंगनवाड़ी, स्कूलों में शौचालय निर्माण हुआ स्थानवार सूची देवें। कितने सामुदायिक स्वच्छता परिसर का निर्माण कहां-कहां किया गया, सूची देवें। (ग) मर्यादा अभियान अंतर्गत कितनी राशि हितग्राहियों को प्रदान की गई पंचायतवार सूची देवें। इन ग्राम पंचायतों में से कितनी ग्राम पंचायतें वर्तमान में ओ.डी.एफ. घोषित हो गई हैं तथा कितनी शेष हैं? सूची देवें। (घ) विगत 2 वर्ष में स्वच्छ भारत अभियान अंतर्गत खरगोन जिले में विभिन्न मदों में प्राप्त एवं व्यय राशि की सूची देवें। (ड.) स्वच्छ भारत अभियान अंतर्गत खरगोन जिले में वर्तमान में कितनी ग्राम पंचायतें ओ.डी.एफ. (खुले में शौच से मुक्त) घोषित हो गई है। कितनी ग्राम पंचायतें किन कारणों से बाकी हैं।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वर्ष 2011 से 2015 तक खरगोन जिले में ग्राम पंचायत थरवर जनपद पंचायत बड़वाह को निर्मल ग्राम पुरूस्कार मिला है। उक्त ग्राम पंचायत को राशि रू. 50000 पुरस्कार के रूप में दिया गया है। प्रथम किस्त का उपयोगिता प्रमाण-पत्र प्राप्त न होने के कारण द्वितीय किश्त प्रदाय नहीं की गई। उक्त ग्राम पंचायत ओ.डी.एफ. है। (ख) व्यक्तिगत शौचालय, स्कूल शौचालय एवं सामुदायिक स्वचछता परिसर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ, ब एवं स अनुसार है। आंगनवाड़ी शौचालय निर्माण की जानकारी निरंक है। (ग) मर्यादा अभियान अंतर्गत शौचालयों का निर्माण ग्राम पंचायतों द्वारा किया गया है। अत: हितग्राहियों को सीधे राशि नहीं दी गई है। ओ.डी.एफ. ग्राम पंचायत की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र द अनुसार है। (घ) केन्द्र एवं राज्य शासन से जिले को मदवार राशि प्राप्त नहीं होती है। व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ई अनुसार है। (ड.) स्वच्छ भारत अभियान अंतर्गत खरगोन जिले में वर्तमान में 44 ग्राम पंचायतें ओ.डी.एफ. घोषित हो गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र फ अनुसार है। शेष 550 ग्राम पंचायतों में कार्य प्रगतिरत है।
जौरा के ग्राम कहारपुरा के लिए सड़क निर्माण
46. ( क्र. 1836 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जौरा विधान सभा क्षेत्र के जनपद पंचायत पहाडगढ़ अन्तर्गत ग्राम कहारपुरा जो कि पंचायत मुख्यालय होकर राजस्व ग्राम होने के बावजूद भी प्रश्न दिनांक तक सड़क विहीन है? यदि हाँ, तो उक्त ग्राम सड़क मार्ग से जुड़ने के लिए विभाग द्वारा कोई प्रयास किया जावेगा? (ख) ग्राम कहारपुरा को सड़क सुविधा से वंचित रह जाने के क्या-क्या कारण हैं? (ग) बरसात के दिनों में उक्त ग्राम सड़क मार्ग न होने के कारण मुख्य धारा से कट जाता है व आम नागरिकों एवं रहवासियों को कठिनाई का सामना करना पड़ता है? सड़क मार्ग से जोड़ने हेतु क्या कार्य योजना बनाई गई है या बनाई जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत स्वीकृत कोरनेटवर्क के अनुसार कहारपुरा की जनसंख्या 687 है तथा ग्राम कोरनेटवर्क में जुडे हुये ग्रामों की श्रेणी में होने से विभाग द्वारा उक्त ग्राम को पृथक से जोड़ने हेतु कार्यवाही नहीं की जा सकी है। आगामी समय में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत इस तरह के छूटे हुये ग्रामों को जोड़ने के लिये भारत शासन स्तर से कोई योजना बनने पर जोड़ने की कार्यवाही की जाना संभव होगी। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) सड़क संपर्क सुविधा नहीं होने से असुविधायें हो सकती है। उत्तरांश (क) के अनुसार शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कृषि महाविद्यालय ग्वालियर के पेंशन प्रकरण
47. ( क्र. 1848 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ज.ने.कृ.वि.वि. जबलपुर के अंतर्गत 31 मार्च, 2008 को सेवा निवृत्त हुये पूर्व अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय ग्वालियर डा. हरी सिंह कुशवाह को छठवें वेतनमान के अनुसार पुनरीक्षित पेंशन पाने की पात्रता है? यदि हाँ, तो क्या डा. हरी सिंह कुशवाह को पुनरीक्षित पेंशन प्रदाय कराई जा रही है? यदि नहीं, तो क्यों? इसके लिये ज.ने.कृ.वि.वि. जबलपुर का कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी या कुलसचिव/कुलपति दोषी है, उनके नाम स्पष्ट करें? क्या उक्त अवधि में सेवानिवृत्त प्राध्यापकों को 125 प्रतिशत राहत राशि प्रदाय कराने के आदेश है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? क्या डा. हरी सिंह कुशवाह को 125 प्रतिशत राहत राशि प्रदाय कराई जा रही है? यदि नहीं, तो क्यों? इसके लिये कौन-कौन दोषी हैं? (ख) डा. हरी सिंह कुशवाह पूर्व अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय ग्वालियर (ज.ने.कृ.वि.वि. जबलपुर) को छठवें वेतनमान के अनुसार पुनरीक्षित पेंशन, ग्रेज्युटी के अंतर का भुगतान तथा 125 प्रतिशत राहत राशि अब कब तक प्रदान करा दी जावेगी? एक निश्चित समय-सीमा स्पष्ट करें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। दिनांक 01.01.2006 से 31.03.2014 के मध्य सेवानिवृत प्राध्यापकों को मान. प्रमण्डल द्वारा लिये गये निर्णय अनुसार पाँचवे वेतनमान के अनुसार पेंशन का भुगतान किया जा रहा है, जिस पर 125 प्रतिशत मंहगाई राहत प्रदाय करने के आदेश नहीं है। इन्हें पाँचवें वेतनमान में देय मंहगाई राहत 47 प्रतिशत एवं 10 प्रतिशत अंतरिम राहत प्रदान की जा रही है। कार्यवाही नियमानुसार की गई है, अत: कोई भी अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है। (ख) शासन आदेश क्रमांक बी-4/14/2013/14-2 भोपाल दिनांक 01.07.2016 के अनुसार वि.वि. की स्व-वित्तीय पेंशन योजना के पेंशनभोगियों को छठवें वेतनमान में पेंशन का लाभ दिनांक 01.04.2014 से दिया जाना है, अत: सभी पेंशनभोगियों की पेंशन उन्हें दिनांक 31.03.2014 को पाँचवें वेतनमान में नोशनल प्रगणित होने वाली मूल पेंशन (कम्युटेशन के पूर्व) अथवा परिवार पेंशन (मंहगाई पेंशन एवं मंहगाई राहत को छोड़कर) का 2.26 गुणा राशि पेंशन अथवा परिवार पेंशन को समेकित कर भुगतान किया जाना है। तदानुसार पुनरीक्षित पेंशन एवं ग्रेच्युटी निर्धारण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, अतएव मान. प्रबंध प्रमण्डल के अनुमोदन उपरांत एवं फंड की उपलब्धता के अनुसार पेंशन ग्रेच्युटी की अंतर राशि का भुगतान तथा देय राहत राशि के भुगतान की कार्यवाही की जावेगी।
पंचायत राज अधिनियम को धारा 40 के लंबित प्रकरणों
48. ( क्र. 1875 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) एवं विहित प्राधिकृत अधिकारी के न्यायालय में पंचायत राज अधिनियम की धारा 40 से संबंधित प्रकरणों के निराकरण की समय-सीमा सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा निर्धारित की गई है? यदि हाँ, तो बतावें। (ख) विधान सभा क्षेत्र गुनौर अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायतों के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के न्यायालय में अनुभाग गुनौर व पन्ना में पंचायत राज अधिनियम की धारा 40 के कितने प्रकरण किस-किस पंचायत के लंबित है? क्या प्रकरण प्रस्तुत होने के दिनांक से गणना करने पर सभी प्रकरण समय-सीमा में है? प्रकरणवार बतावें। (ग) क्या संबंधित अनुविभागीय अधिकारी रा.के. न्यायालय में पंचायत राज अधिनियम के अंतर्गत प्राप्त आवेदन दिनांक से प्रकरण का पंजीयन नहीं किया जाता और अपंजीकृत प्रकरण न्यायालय में प्रचलित रहता है? क्या प्रकरण का पंजीयन न किये जाने की प्रक्रिया दोष पूर्ण है? प्रकरण का समय-सीमा में निराकरण न करने पर दोषी अधिकारी के विरूद्ध क्या और कब तक कार्यवाही की जाएगी।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। म.प्र. पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम, 1993 की धारा 40 के अंतर्गत प्रकरणों के निराकरण की समय-सीमा अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) एवं विहित प्राधिकृत अधिकारी के लिये 90 दिवस नियत की गई है। (ख) विधान सभा क्षेत्र गुनौर के अनुभाग गुनौर अंतर्गत म.प्र. पंचायत राज अधिनियम की धारा 40 का एक प्रकरण ग्राम पंचायत हिनौती अमानगंज का विचाराधीन है। जो कि दिनांक 24 फरवरी, 2016 से प्रचलित है। (ग) अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के न्यायालय में पंचायत राज अधिनियम के तहत् प्राप्त प्रकरण का पंजीयन किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पटवारियों का स्थाईकरण
49. ( क्र. 1878 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले में पटवारी के कितने पद स्वीकृत हैं? स्वीकृत पदों के विरूद्ध कितने पटवारी पदस्थ हैं? पदस्थ पटवारियों में से कितने स्थाई एवं कितने अस्थाई है? पृथक-पृथक नामवार सूची उपलब्ध करावें। (ख) पटवारियों के स्थाईकरण के मध्यप्रदेश भू-अभिलेख नियमावली में क्या प्रावधान है? प्रावधान की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या पन्ना जिले के बहुत से पटवारियों को स्थाईकरण की पात्रता होने पर भी स्थाई नहीं किया गया है? पात्रता रखने वाले पटवारियों को कब तक स्थाई किया जाएगा? (घ) क्या पात्रता रखने वाले पटवारियों को स्थाई न करने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) पन्ना जिले में पटवारियों के 238 पद स्वीकृत है। स्वीकृत पदों के विरूद्ध 210 पदस्थ है। पदस्थ पटवारियों में स्थाई-35 एवं अस्थाई-175 है। पृथक-पृथक नामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"अ" अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश भू-अभिलेख नियमावली के (भाग-1) अध्याय-1 नियम-6 (1) में पटवारियों के स्थाईकरण के प्रावधान है। प्रावधान की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"ब" अनुसार है। (ग) मध्यप्रदेश भू-अभिलेख नियमावली प्रावधानुसार स्थाईकरण की पात्रता रखने वाले पटवारियों को समय-समय पर स्थाई किया गया है। शेष पटवारियों की पात्रता के अनुसार स्थाईकरण की प्रक्रिया प्रचलन में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) प्रश्नांश "ग" के सन्दर्भ में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
मंदसौर जिले के किसानों का पंजीयन
50. ( क्र. 1908 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी, 2016 से प्रश्न दिनांक तक मंदसौर जिले में म.प्र. शासन की विभिन्न योजनाओं में कृषि विभाग द्वारा कितने किसानों (व्यक्तियों) का ऑनलाईन पंजीयन किया गया है? (ख) कृषि विभाग द्वारा कराएं पंजीयन से आज दिनांक तक शासन को कितनी राशि प्राप्त हुई है? (ग) कृषि विभाग द्वारा ऑनलाईन पंजीयन कराने के उपरांत कितने किसानों को विभिन्न योजनाओं से लाभांवित किया गया है? नाम सहित बतावें। (घ) विभाग द्वारा योजनाओं के लिए कराए गए ऑनलाईन पंजीयन तय किए गए लक्ष्य तक की ही पंजीयन हो इससे अधिक नहीं हो शासन द्वारा यह योजना बनाई जावेगी या नहीं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) दिनांक 01.01.2016 से प्रश्न दिनांक तक मंदसौर जिले में मध्यप्रदेश शासन की विभिन्न योजनाओं में कुल 15716 किसानो द्वारा ऑनलाईन पंजीयन कराया गया। (ख) विभाग की अनुदान योजनान्तर्गत कराये जाने वाला ऑनलाईन पंजीयन नि:शुल्क होता है, अत: पंजीयन से शासन को राशि प्राप्त होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) सभी इच्छुक आवेदकों को ऑनलाईन पंजीयन की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है। ऑनलाईन प्राप्त आवेदनों में प्रथम आये प्रथम पाये के आधार पर उपलब्ध लक्ष्य अनुसार हितग्राहियों को लाभान्वित किया जाता है। अतः योजना बनाये जाने का कोई औचित्य नहीं है।
सुदूर सम्पर्क ग्राम सड़कों की स्वीकृति
51. ( क्र. 1913 ) कुँवर हजारीलाल दांगी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की विधान सभा क्षेत्र खिलचीपुर में वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में किन-किन गांवों की सड़के सुदूर सम्पर्क योजनान्तर्गत स्वीकृत की गई थी? सूची उपलब्ध करावें? (ख) उक्त स्वीकृत सड़कों में से किन-किन सड़कों का कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है और कितनी सड़कों का कार्य पूर्ण हो चुका है व किन-किन सड़कों का कार्य अभी तक प्रारम्भ नहीं किया गया है? कार्य प्रारम्भ नहीं करने का कारण बतावें? तथा उक्त शेष बची सड़कों का कार्य कब तक प्रारम्भ कर दिया जावेगा? (ग) क्या उक्त सड़कों की पुलियाओं के निर्माण हेतु एस्स्टीमेट बनाकर टी.एस. कराई जाकर प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी गई है? यदि प्रशासकीय स्वीकृति जारी नहीं की गई है तो कब तक प्रशासकीय स्वीकृति जारी करा कर कार्य प्रारम्भ करा दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) राजगढ़ जिले की विधान सभा क्षेत्र खिलचीपुर में वित्तीय वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में महात्मां गांधी नरेगा की सुदूर ग्राम सम्पर्क व खेत सड़क उपयोजना के अंतर्गत स्वीकृत सड़कों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वांछित जानकारी उत्तरांश ‘क‘ के संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उक्त स्वीकृत सुदूर ग्राम सम्पर्क व खेत सड़क उपयोजना की 13 सड़कों में से 08 सड़कों में पुलियाओं की आवश्यकता नहीं है, 05 सड़कों में पुलियाओं की तकनीकी स्वीकृति जारी कर दी गई है, जिसमें से 03 सड़कों प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जा चुकी है। शेष 02 सड़कों में पुलियाओं हेतु अभिसरण मद उपलब्ध न होने के चलते प्रशासकीय स्वीकृति जारी नहीं की गई है। मद उपलब्ध होने पर पुलियाओं की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जा सकेगी। शेष जानकारी उत्तरांश ‘क‘ के संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
खाण्डसारी मिल में शक्कर का उत्पादन
52. ( क्र. 1942 ) श्री चैतराम मानेकर : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में संचालित आमला एग्रो इन्डस्ट्रीज जमदेही कला में क्या खाण्डसारी शक्कर का भी उत्पादन होता है? (ख) इकाई द्वारा उत्पादित शक्कर बाजार में किस मूल्य पर बेची जाती है? बैतूल की अन्य शक्कर मिलों द्वारा उत्पादित शक्कर बाजार में किस मूल्य पर बेची जाती है? दोनों के मूल्य में कितना अंतर है? (ग) खाण्डसारी शक्कर में और शक्कर में कितना अन्तर है? (घ) आमला एग्रो इन्डस्ट्रीज जमदेहीकलां द्वारा किसानों से गन्ना पिछले तीन वर्षों में किस-किस रेट में लिया गया?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) आमला एग्रो इण्डस्ट्रीज जमदेहीकलां द्वारा उत्पादित खाण्डसारी का वर्ष 2015-16 का औसत मूल्य 3050 रू. प्रति क्विं रहा। जिले की अन्य शक्कर मिल (श्रीजी शुगर एंड पॉवर प्रा.लि. सोहागपुर) द्वारा उत्पादित शक्कर बाजार में 3200 रू. प्रति क्विंटल की दर से बेची गई है। उक्त दोनों मिलों की दरों में 150 रू. प्रति क्विंटल का अंतर है। (ग) गन्ने से खाण्डसारी शक्कर की रिकवरी सामान्यत: 6-7 प्रतिशत तथा शक्कर की 9-10 प्रतिशत प्राप्त होती है। खाण्डसारी इकाई में दाने मोटे व पाउडर दोनों बनते है, जबकि शक्कर इकाई के दाने इवेन बनते है। खाण्डसारी ओपेन पान विधि से तथा शक्कर वैक्यूम पान विधि से तैयार की जाती है। (घ) आमला एग्रो इंडस्ट्रीज जमदेहीकलां द्वारा किसानों से पिछले तीन वर्षों में गन्ना क्रय रेट की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
किसानों को फसल बीमा राशि का भुगतान
53. ( क्र. 1943 ) श्री चैतराम मानेकर : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम पंचायत राजेगांव के ग्राम भुमारी, बोरगांव, राजेगांव (प.ह.नं.40) के किसानों से वर्ष 2014-15 की सोयाबीन फसल की बीमा राशि ली गई थी? (ख) यदि हाँ, तो किसानों को प्रश्नांश तक कितनी-कितनी बीमा राशि (सोयाबीन फसल) दी गई? (ग) यदि नहीं, तो किसानों को आज दिनांक तक सोयाबीन फसल की बीमा राशि क्यों नहीं दी गई? (घ) किसानों को कब तक सोयाबीन फसल की बीमा राशि दी जायेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) एग्रीकल्चर इंश्योरेंश कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड भोपाल से प्राप्त जानकारी अनुसार पटवारी हल्का नम्बर 40 में सोयाबीन फसल हेतु बीमा दावा राशि की पात्रता नहीं होने से दावा राशि का भुगतान नहीं किया गया। (घ) उत्तरांश ‘ग’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अहस्तांतणीय पट्टों पर के.सी.सी. बनाये जाने
54. ( क्र. 1999 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जो प्रदेश में गरीब अनु.जाति, आदिवासियों को सरकार द्वारा अहस्तांतणीय पट्टे प्रदाय किये गये है, उन पर बैंकों द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड नहीं बनाये जाते हैं? (ख) क्या भविष्य में ऐसी कोई योजना है कि जिससे गरीब आदिवासियों अनु.जाति के किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ मिल सके? क्या सहकारी संस्था के माध्यम से किसान क्रेडिट कार्ड बनवाये जायेगें? (ग) यदि हाँ, तो कितने समय में बनवाये जायेगें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जिले में क्रॉप कटिंग एवं फसल बीमा
55. ( क्र. 2012 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोकनगर जिले में क्रॉप कटिंग के आँकड़े वर्ष 2015-16 में खरीफ फसल के जिला प्रशासन द्वारा बदल दिये गये जिससे किसानों को खरीफ फसल का बीमा नहीं मिल पाया जबकि अन्य जिलों में बीमा मिला? (ख) क्या आगे चलकर यह व्यवस्था करेगें कि क्रॉप कटिंग का पंचनामा कृषकों एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों के समक्ष बनाया जाये एवं एक प्रति कृषकों का उपलब्ध कराई जावें? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जिला अशोकनगर में खरीफ वर्ष 2015-16 के फसल कटाई के आंकड़े प्रयोगकर्ताओं से प्राप्त पत्रकों के अनुसार ही विभागीय वेबसाईड पर दर्ज किये गये है। किसी भी प्रकार के आंकड़ें बदले नहीं गये है। खरीफ 2015-16 की फसल बीमा दावा राशि का आंकलन कर लिया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) म.प्र. शासन राजस्व विभाग मंत्रालय भोपाल द्वारा जारी पत्र क्रमांक/एफ 2-8/2015/सात/शा 6 दिनांक 13 मई, 2016 द्वारा इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किये गये है। फसल कटाई के प्रयोग ग्राम पंचायत के प्रतिनिधि/अमले के साथ सम्पन्न किये जाते है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
नागरिकों के बी.पी.एल. कार्डों के संबंध में
56. ( क्र. 2013 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अशोकनगर के विकासखण्ड चन्देरी एवं ईसागढ़ में आज दिनांक तक बी.पी.एल. कार्ड के लिये कितने नागरिकों ने आवेदन किया। (ख) कितने आवेदकों के बी.पी.एल. बनाये गये हैं एवं कितनों के लंबित हैं? यदि लंबित हैं उसका कारण स्पष्ट कीजिए।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जिला अशोकनगर के विकासखण्ड चंदेरी में कुल 1950 एवं विकासखण्ड ईसागढ़ में कुल 4683 आवेदकों ने बी.पी.एल. कार्ड के लिये आवेदन किया है (ख) विकासखण्ड चंदेरी में कुल 1950 प्राप्त आवेदनों में से 725 पात्र नागरिकों को बी.पी.एल. कार्ड जारी किये गये एवं 1225 आवेदन पत्र अपात्र होने से निरस्त किये गये एवं बी.पी.एल. कार्ड हेतु कोई आवेदन पत्र लंबित नहीं है। विकासखण्ड ईसागढ़ में कुल 4650 आवेदनों में से 1078 पात्र नागरिकों को बी.पी.एल. कार्ड जारी किये गये एवं 3280 आवेदन पत्र अपात्र होने से निरस्त किये गये। विकासखण्ड ईसागढ़ में 25 आवेदन पत्र एक सप्ताह पूर्व प्राप्त हुये है जिस पर कार्यवाही प्रचलित है। जिनका निराकरण निर्धारित समय-सीमा (एक माह) में पूर्ण कर दिया जायेगा।
साख सहकारी समितियों के भवन
57. ( क्र. 2030 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले के बरगी विधान सभा क्षेत्र की कितनी साख सहकारी समितियां भवन विहीन हैं या जर्जर भवनों में कार्यरत हैं? (ख) उक्त भवन विहीन/जर्जर साख सह. समितियों में भवन कब तक स्वीकृत किये जावेंगे?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) एक भी संस्था भवन विहीन नहीं है परंतु 07 समितियों के भवन जर्जर है। (ख) संबंधित समितियों के पास भवन निर्माण हेतु स्वयं की निधि उपलब्ध नहीं है तथा वर्तमान में जिले में सहकारिता विभाग के अंतर्गत भवन निर्माण के संबंध में कोई योजना प्रस्तावित नहीं है, किन्तु कलेक्टर, जिला जबलपुर को किसी अन्य योजना में बजट प्रावधान होने की स्थिति में भवन निर्माण कराये जाने का निवेदन किया गया है।
फसल बीमा राशि का वितरण
58. ( क्र. 2094 ) श्री रजनीश सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में केवलारी विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत विगत वर्ष 2015 में सूखे से प्रभावित कितने कृषकों को फसल बीमा की राशि प्रदान की गई? विकासखण्डवार विवरण देवें? (ख) यदि कृषकों को फसल बीमा राशि का लाभ दिया गया है तो कौन-कौन सी फसलों पर फसल बीमा राशि प्रदान की गई? किस मापदण्ड से फसल बीमा राशि का वितरण किया गया है? उक्त लाभांवित कृषकों को फसल बीमा की राशि किस-किस बैंक से वितरण की गई है? (ग) क्या शासन फसल बीमा राशि से वंचित कृषकों को शीघ्र ही फसल बीमा राशि उपलब्ध कराये जाने के निर्देश देगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) सिवनी जिले में केवलारी विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2015 में एग्रीकल्चर इन्श्योरेन्स कम्पनी द्वारा दावा राशि का आंकलन कर लिया गया हैं। राशि प्राप्त होते ही भुगतान की कार्यवाही की जावेगी। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र एक अनुसार है। (ख) राष्ट्रीय कृषि बीमा योजनान्तर्गत खरीफ 2015 में केवलारी विधान सभा क्षेत्र में धान सिंचित, धान असिंचित, मक्का सोयाबीन एवं मूंगफली फसलों का बीमा किया गया। योजना के अनुसार विधान सभा क्षेत्र केवलारी में धान सिंचित, धान असिंचित, सोयाबीन, मूंगफली हेतु क्षतिपूर्ति आंकलित की गई है। योजनान्तर्गत फसल कटाई प्रयोगों से प्राप्त परिणामों के आधार पर दावा राशि का आंकलन किया जाता है। खरीफ 2015 हेतु प्रथम अनुपूरक अनुमान में राशि की मांग की गई है, राशि प्राप्त होने पर बैंकों के माध्यम से दावा राशि का वितरण किया जावेगा। दावा राशि गणना प्रक्रिया की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र दो अनुसार है। (ग) दावा राशि का निर्धारित प्रक्रिया अनुसार भुगतान किया जाता है।
जनपद पंचायत के कर्मचारी/अधिकारियों को वेतन भुगतान
59. ( क्र. 2095 ) श्री रजनीश सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी जिला की जनपद पंचायतों में कार्यरत् अधिकारी/कर्मचारियों को नियमित रूप ये प्रतिमाह वेतन भुगतान किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या जनपद पंचायत के कर्मचारियों के वेतन भुगतान हेतु राशि का अभाव रहता है? यदि हाँ, तो क्या बजट के अनुसार शासन मद में जनपद पंचायत के कर्मचारियों के वेतन भुगतान के लए राशि उपलब्ध नहीं है? (ग) क्या जनपद पंचायत के कर्मचारियों को अन्य शासकीय विभाग के कर्मचारियों की तरह चिकित्सा सहायता, बीमा सुविधा एवं पेंशन की सुविधा मिल रही हैं? यदि हाँ, तो किस श्रेणी में क्या-क्या सुविधा शासन से प्राप्त है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? क्या ये कर्मचारी शासन के हित में कार्य नहीं करते हैं? (घ) क्या जनपद पंचायत के कर्मचारियों के लिए कोई स्थानांतरण नीति लागू है? यदि हाँ, तो बतायें और नहीं तो स्थानांतरण नीति लागू कब से होगी समयावधि बतावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ एवं ‘‘ब‘‘ अनुसार। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’स’’ अनुसार।
वार्ड नं. 32 मोती नगर बालाघाट के संचालक के संबंध में
60. ( क्र. 2121 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वृहत्ताकार सहकारी समिति मर्या. पंजीयन क्र. 703, वार्ड नं. 32 मोती नगर बालाघाट के संचालक राजकुमार रायजादा को किस दिनांक को सदस्य बनाया गया एवं उसके द्वारा समिति में जमा कराई गयी भूमि पंजी, खसरा, रकबा की प्रमाणित छायाप्रति प्रदान करें? (ख) राजकुमार रायजादा को बालाघाट वृहत्ताकार सहकारी समिति पंजीयन क्र. 703 का सदस्य बनाने के बाद से 29 फरवरी, 2016 तक समिति द्वारा कितनी राशि का कर्ज किस नियम व आधार पर किस कार्य के लिये कितनी भूमि पर कब-कब दिया गया? उक्त भूमि किस गांव में कहाँ पर स्थित है? भूमि सिंचित, असिंचित या पड़त है एवं उसकी कितनी शेयर की राशि जमा है, जानकारी प्रदान करें? (ग) राजकुमार रायजादा को वर्ष 2008 से 2015 तक प्रतिवर्ष कितने रूपयों के खाद की परमिट दी गयी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) दिनांक 17.09.1987 को। संस्था में संधारित भूमि पंजी के संबंधित पृष्ठ की प्रमाणित छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार तथा श्री राजकुमार रायजादा के खसरे की प्रमाणित छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
प्रधानमंत्री सड़क योजना का कार्य
61. ( क्र. 2150 ) श्री अनिल जैन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में प्रधानमंत्री सड़क योजना अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2013-15 से अब तक कौन-कौन सी सड़के स्वीकृत की गई हैं। इनके नाम कुल लम्बाई, अनुमानित लागत, राशि बतायी जावें। (ख) प्रश्नांश (क) में से कितनी सड़कों का निर्माण कार्य पूर्ण किया जाकर सी.सी. जारी की जा चुकी है। कितनी राशि व्यय की गई? (ग) प्रश्नांश (क) में से कौन-कौन सी सड़कें निर्माणाधीन हैं तथा इनके अपूर्ण रहने के कारण सहित एजेन्सी का नाम बताया जावें? (घ) वर्तमान में जिले में ऐसी कौन-कौन सी सड़कें हैं जो स्वीकृत होने के उपरांत उनमें कार्य प्रारम्भ नहीं किया जा सका है, कारण सहित जानकारी दी जावें तथा 2016-17 में प्रस्तावित की गई नई सड़कों के नाम, लम्बाई व अनुमानित लागत की जानकारी पृथक से दी जावें। सड़क प्रारम्भ का भूमि पूजन किन-किन जनप्रतिनिधियों से कराया नाम सहित बतायें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित सड़कों में से 43 का कार्य पूर्ण कर सी.सी. जारी की जा चुकी है। उक्त सड़कों पर रू. 3842.03 लाख की राशी व्यय की गई है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब अनुसार है। (घ) वर्तमान में जिले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत स्वीकृत ऐसी कोई भी सड़क नहीं है जिसका निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। वर्ष 2016-17 में टीकमगढ़ जिले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत एक मात्र सड़क का नाम मोहनगढ़ बम्होरी रोड से टोरिया सुकलान सड़क लंबाई 8.20 कि.मी. एवं अनुमानित लागत राशि रूपये 444.82 लाख का निर्माण कार्य प्रस्तावित है। सड़कों का निर्माण कार्य प्रारंभ करने हेतु भूमि पूजन किसी भी जनप्रतिनिधि द्वारा नहीं किया गया है।
शासकीय भूमि
62. ( क्र. 2160 ) श्री अनिल जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला टीकमगढ़ के तहसील निवाड़ी में कृषि या उद्यानिकी महाविद्यालय खोले जाने हेतु कितनी-कितनी शासकीय भूमि कहाँ-कहाँ पर उपलब्ध हैं? (ख) विधान सभा क्षेत्र निवाड़ी में क्या कृषि विभाग, उद्यानिकी विभाग एवं इन विभागों से जुड़ी अन्य संस्थाओं जैसे नर्सरी आदि की स्थापना के लिये कोई शासकीय भूमि आवंटित की गई है? यदि हाँ, तो ग्रामवार खसरा नंबर एवं रकबा की जानकारी दी जावें। यदि नहीं, तो इस हेतु आवश्यक शासकीय भूमि कब तक आवंटित कर ली जावेगी? (ग) क्या निवाड़ी नगर में वन विभाग, पशु चिकित्सा विभाग एवं कृषि विभाग के विभिन्न शासकीय कार्यालय जहां पर स्थित हैं वह शासकीय भूमि भी रिकार्ड दुरूस्ती के अभाव में किन्हीं अन्य विभाग के नाम दर्ज है? यदि हाँ, तो यह भूमि कब तक इन विभागों के नाम दर्ज हो सकेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
चैक डेम निर्माण
63. ( क्र. 2164 ) श्री अनिल जैन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला टीकमगढ़ में वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा कितने चैकडेम स्वीकृत किये हैं? पंचायतवार, लागतवार जानकारी दी जावें। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत चैकडेमों की वर्तमान वस्तु स्थिति बतायी जावें। कितने चैकडेम पूर्ण हो चुके हैं एवं कितने अपूर्ण है तथा जो चैक डेम प्रश्न दिनांक तक पूर्ण नहीं हो सके है उसके लिये कौन दोषी हैं? यदि कोई दोषी है तो उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जा रही हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जिला टीकमगढ़ में वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक कुल 100 चैकडेम वॉटरशेड योजना अंतर्गत स्वीकृत किए गए। विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) निर्मित चैकडेम वर्तमान में उपयोगी है। कुल स्वीकृत चैकडेमों में से 88 पूर्ण है तथा वर्ष 2016-17 में स्वीकृत होने से 7 कार्य प्रगतिरत तथा 5 कार्य अप्रारंभ है। अप्रारंभ चैकडेमों का कार्य वर्षाकाल उपरांत राशि उपलब्धता के आधार पर प्रारंभ किया जाना है। चैकडेम का कोई कार्य अपूर्ण नहीं है अत: किसी के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
रिक्त पदों की पूर्ति
64. ( क्र. 2169 ) श्री अनिल जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र निवाड़ी में विभिन्न तहसीलों अंतर्गत आर.आई. और पटवारी के कितने-कितने पद स्वीकृत हैं? इनमें से कितने पद भरे और कितने पद कब से रिक्त हैं? (ख) क्या विधान सभा क्षेत्र निमाड़ी में रिक्त पदों की संख्या अधिक होने के कारण किसानों के कार्य समय पर नहीं हो पा रहे हैं, जिससे तहसील कार्यालयों पर भीड़ बढ़ रही है? यदि हाँ, तो बताया जावें कि आर.आई. एवं पटवारी के रिक्त पदों को शासन द्वारा कब तक भरा जा सकेगा? समयावधि बतायी जावें। (ग) प्रश्नाधीन कार्यरत पटवारियों के पदस्थापना स्थल की सूची अतिरिक्त प्रभार के पटवारी हल्का सहित पृथक से दी जावें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) विधान सभा क्षेत्र निवासी अन्तर्गत आने वाली तहसील निवाड़ी, तहसील ओरछा एवं तहसील पृथ्वीपुर के राजस्व निरीक्षक मण्डल नैगुवां में राजस्व निरीक्षक एवं पटवारी के स्वीकृत्त, भरे एवं रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"अ" अनुसार है। (ख) जी नहीं। रिक्त पदों को शीघ्र भरा जायेगा। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"ब" अनुसार है।
सूखा राहत के अंतर्गत विवाह व्यवस्था
65. ( क्र. 2171 ) श्री अनिल जैन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री कन्यादान योजना अंतर्गत टीकमगढ़ जिले में नवम्बर 2013 से 30 जून 2016 तक कुल कितनी बेटियों के विवाह हेतु आवेदन प्राप्त हुये? विधान सभावार पृथक-पृथक संख्या बतायी जावें। (ख) टीकमगढ़ जिले में 1 नवम्बर, 2015 से 30 जून, 2016 तक सूखा राहत राशि के अंतर्गत मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत कुल कितने आवेदन प्राप्त एवं स्वीकृत हुये हैं? विधान सभावार, क्षेत्रवार संख्या बतायी जावें तथा विधान सभा क्षेत्र निवाड़ी में पात्र हितग्राहियों को कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) टीकमगढ़ जिले में नवम्बर 2013 से 30 जून 2016 तक कुल 2657 बेटियों के विवाह हेतु आवेदन पत्र प्राप्त हुए है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार। (ख) टीकमगढ़ जिले में 1 नवम्बर, 2015 से 30 जून, 2016 तक सूखा राहत राशि के अंतर्गत मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में प्राप्त आवेदन एवं स्वीकृत आवेदन की विधान सभावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार है। विधान सभा क्षेत्र निवाड़ी में 558 हितग्राहियों को रूपये 25,000/- प्रति हितग्राही के मान से राशि रुपये 139.50 लाख प्रदाय किये गये।
अधूरे निर्माण कार्य को पूर्ण किया जाना
66. ( क्र. 2221 ) श्री मुकेश नायक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा अंतर्गत विगत 03 वर्षों में स्वीकृत कितनी सड़कें व निर्माण कार्य अधूरे पड़े हैं? उनकी स्वीकृति की तिथि व अधूरे रहने के कारण बतायें तथा ठेकेदार यदि कार्य छोड़कर चले गये तो कब तक अधूरी सड़के पूरी होने की संभावना है? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत पन्ना जिले में सड़कों के निर्माण कार्यों की पिछले 3 वर्षों में कितनी शिकायतें मिली तथा कितनी शिकायतों की जाँच पूरी की व कितनी जाँच बाकी है व क्या जाँच के बाद कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा की गई शिकायतों में विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई एवं किस-किस अधिकारी द्वारा जाँच की गई? कार्यवार जानकारी उपलब्ध करावें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
बलराम तालाब योजना
67. ( क्र. 2222 ) श्री मुकेश नायक : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बलराम तालाब योजना के तहत विगत विधान सभा सत्र के प्रश्न क्रमांक 510 के जवाब में माननीय मंत्री जी द्वारा घोषणा की थी कि जाँच में मौके के निरीक्षण हेतु स्थानीय विभाग एवं विधायक को शामिल किया जायेगा? (ख) क्या उक्त योजनाओं की जाँच हुई है? अगर हुई तो उक्त जाँच में स्थानीय विधायक को शामिल क्यों नहीं किया गया?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं, बलराम ताल योजना के तहत संचालनालय स्तर से अधिकारियों का दल बनाकर जाँच कमेटी का गठन किया गया है, जिसमें माननीय स्थानीय विधायक को शामिल किये जाने हेतु जाँच कमेटी को निर्देशित किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
निर्माण कार्यों में अनियमितता
68. ( क्र. 2251 ) श्री मधु भगत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा परसवाड़ा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत पिछले 03 वर्षों में रोजगार गारंटी योजनान्तर्गत क्या-क्या कार्य कराये गये? कार्य का नाम, व्यय राशि निर्माण पूर्ण होने की तिथि बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) अन्तर्गत कराये गये कार्यों की वर्तमान में भौतिक स्थिति क्या है तथा कार्यों का मूल्यांकन किसके द्वारा किया गया? (ग) क्या उक्त कार्यों के संबंध में निर्माण भुगतान, गुणवत्ता के संबंध में शिकायतें प्राप्त हुई थी? यदि हाँ, तो क्या-क्या उन पर क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) परसवाड़ा विधान सभा क्षेत्र में सम्मिलित जनपद पंचायत परसवाड़ा की 42, किरनारपुर की 27 एवं बालाघाट की 66 ग्राम पंचायतों में प्रश्नावधि में महात्मा गांधी नरेगा योजना मद से कराये गये कार्यों की ग्राम पंचायतवार, कार्यवार एवं व्यय राशि की जानकारी योजना की वेबसाईट www.nrega.nic.in पर उपलब्ध है। महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत स्वीकृत कार्यों की पूर्णता, जॉबकार्डधारियों द्वारा की गई रोजगार की मांग पर निर्भर होने से पूर्णता तिथि बताई जाना संभव नहीं है। (ख) उत्तरांश 'क' अनुसार कार्यों की भौतिक स्थिति योजना की वेबसाईट www.nrega.nic.in पर उपलब्ध है। कार्यों का मूल्यांकन ग्राम पंचायत के प्रभारी उपयंत्री अथवा लाईन विभाग के कार्य प्रभारी द्वारा किया गया। (ग) जी हाँ। विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
स्थानांतरण नीति
69. ( क्र. 2263 ) श्री राजेश सोनकर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर जिला अंतर्गत किन-किन तहसीलों में कितने तृतीय वर्ग कर्मचारी/ राजस्व निरीक्षक/पटवारियों को तीन वर्ष से अधिक समय से स्थानांतरित नहीं किया गया? ऐसे कितने तृतीय वर्ग के कर्मचारी हैं, जिन्हें एक तहसील से दूसरी तहसील या नीति अनुसार तहसील में ही डेस्क परिवर्तित किया जाता है व ऐसे कितने तृतीय वर्ग के कर्मचारी हैं जो वर्षों से तहसील कार्यालय में ही पदस्थ है, अवधि बतावें? नाम व सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या तहसीलों में पदस्थ तृतीय वर्ग के कर्मचारियों की नियुक्ति तहसील कार्यालय में ही कार्य करने के लिये की जाती है? यदि नहीं, तो क्या कई वर्षों से तहसील में ही पदस्थ तृतीय श्रेणी वर्ग के कर्मचारियों को जिला कार्यालय में पदस्थ किया जाता है? यदि हाँ, तो किन कर्मचारियों को कब-कब पदस्थ किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में इंदौर जिला अंतर्गत क्या पटवारियों के स्थानांतरण संबंधित कोई नीति निर्धारित की गई है? यदि हाँ, तो नीति अंतर्गत किन-किन पटवारियों का स्थानांतरण विगत दो वर्षों में कहाँ-कहाँ किया गया? क्या किसी जनप्रतिनिधि अथवा किसी अन्य की अनुशंसा पर स्थानांतरण किये गया एवं कितने समय में किया गया? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में क्या किन्हीं कर्मचारियों/पटवारियों का स्थानांतरण अल्प समय में किया गया है? यदि हाँ, तो क्या कारण है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कर्मचारियों को पदोन्नति/समयमान वेतनमान का लाभ
70. ( क्र. 2264 ) श्री राजेश सोनकर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला इंदौर में राजस्व विभाग के विगत 03 वर्षों से प्रश्न दिनांक तक कितने कर्मचारियों को पदोन्नति/समयमान वेतनमान का लाभ दिया गया है? कितने शेष हैं व शेष रहने का क्या कारण है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में ऐसे कितने कर्मचारी हैं, जिनकी गोपनीय चरित्रावली अधिकारी द्वारा नहीं लिखे जाने से पदोन्नति/समयमान का लाभ नहीं मिला हो? नाम व पद सहित सूची उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में गोपनीय चरित्रावली न लिखने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की गई या नहीं? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में ऐसे कितने अधिकारी है, जिन्होंने गोपनीय प्रतिवेदन लिखने का अपना कार्य नहीं करते हुये पदोन्नति प्राप्त कर ली है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जिला कार्यालय (राजस्व-स्थापना) अन्तर्गत जिला इन्दौर में पदस्थ कर्मचारियों को विगत 03 वर्षों से प्रश्न दिनांक तक 33 कर्मचारियों की पदोन्नति तथा कुल 46 कर्मचारियों को पात्रतानुसार समयमान वेतनमान दिया गया है। वर्ष 2016 में कुल 30 कर्मचारियों को समयमान वेतनमान दिया जाना है जिसकी कार्यवाही प्रचलित है। 08 कर्मचारियों के गोपनीय प्रतिवेदन अनुपलब्ध होने एवं निलंबित होने तथा अन्य अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रचलित होने से समयमान का लाभ नहीं दिया गया है। (ख) राजस्व स्थापना अन्तर्गत पदस्थ कर्मचारी जिनकी गोपनीय चरित्रावली के अभाव में समयमान का लाभ नहीं दिया गया वे निम्न हैः- श्री मुश्ताक अहमद खान, सहायक ग्रेड-2, श्री अनिल वर्मा, सहायक ग्रेड-3, श्रीमती सुषमा श्रीवास्तव, सहायक ग्रेड-3, श्री जितेन्द्र बहरावत, सहायक ग्रेड-3 (ग) श्री बिहारी सिंह, तत्कालीन तहसीलदार तहसील इन्दौर द्वारा उनके कार्यालय में पदस्थ कर्मचारियों के गोपनीय प्रतिवेदन नहीं लिखे जाने से कार्यालय द्वारा पत्राचार किया गया। (घ) मात्र एक अधिकारी हैं जिन्होने गोपनीय प्रतिवेदन लिखने का अपना कार्य नहीं करते हुए पदोन्नति प्राप्त की।
मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम से जोड़े गये समूह
71. ( क्र. 2285 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम से जोड़े गये समूहों के गठन एवं संचालन संबंधी दिये गये निर्देशों की एक प्रति देवें। सुगंधित दुग्ध संबंधी दिये गये निर्देशों की प्रति देवें। (ख) उक्त निर्देशों में ग्राम पंचायत के पदाधिकारी तथा उनके परिवार का कोई सदस्य समूह में शामिल नहीं होगा संबंधी नीति है। यदि हाँ, तो जिला खरगोन के जनपद पंचायत सेगांव अंतर्गत श्रीखण्डी में मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम हेतु जिस नये समूह को कार्य सौंपा गया है, इस समूह को किस अधिकारी, कर्मचारी द्वारा चेक किया गया है? क्या इस माँ महालक्ष्मी स्व-सहायता समूह में उपसरपंच की पत्नि तथा जनपद सदस्य की पत्नि सदस्य नहीं है? इसके बावजूद जनपद सी.ई.ओ. द्वारा इन समूह को कार्य किस आधार पर सौंपा गया। कारण सहित बतायें। (ग) उक्त समूह को कार्य सौपने संबंधी तथा पुराने समूह को कार्य वापस देने संबंधी कितनी शिकायतें, पत्र जनपद पंचायत सेगांव को प्राप्त हुए तथा इन शिकायतों, पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई। (घ) वर्तमान में श्रीखण्डी विद्यालय में कौन से समूह कार्यरत हैं, इन समूहों को कितना अनुभव है? हटाये गये समूह को कितना अनुभव है वर्तमान एवं हटाये गये समूहों में कौन-कौन सदस्य एवं पदाधिकारी बी.पी.एल. सूची में किन क्रमांक में दर्ज है। सूची देवें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम से जोड़े गये समूहों के गठन एवं संचालन संबंधी दिये गये निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है। सुगंधित दुग्ध संबंधी दिये निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब अनुसार है। (ख) जी हाँ। जिले की जनपद पंचायत सेगांव की ग्राम पंचायत श्रीखण्डी में कार्यरत महिला स्व-सहायता समूह को मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत सेगांव द्वारा चेक किया गया है। इस माँ महालक्ष्मी स्व-सहायता समूह में उपसरपंच की पत्नि तथा जनपद सदस्य की पत्नि सदस्य नहीं है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत एवं पंचायत समन्वयक अधिकारी का प्रमाणीकरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र स अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उक्त समूह को कार्य सौंपने संबंधी तथा पुराने समूह को कार्य वापस देने संबंधी जनपद पंचायत सेगांव में क्रमशः 05 एवं 02 पत्र प्राप्त हुये है। इन शिकायत एवं पत्रों पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र द अनुसार है। (घ) वर्तमान में श्रीखण्डी विद्यालय में माँ महालक्ष्मी स्व-सहायता समूह कार्यरत है। समूह गठन के आधार पर वर्तमान तक महालक्ष्मी स्व-सहायता समूह को 05 वर्ष का एवं राम स्व-सहायता को 08 वर्ष का अनुभव है। वर्तमान एवं हटाये गये समूहों के सदस्यों एवं पदाधिकारी के बी.पी.एल. सूची में दर्ज क्रमांक की सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ई (01 एवं 02) अनुसार है।
मजरा एवं टोला को राजस्व ग्राम बनाये जाने
72. ( क्र. 2289 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मजरा एवं टोला को राजस्व ग्राम घोषित करने के संबंध में शासन के क्या निर्देश हैं, उनकी प्रति दें। नीमच जिले में कितने मजरा एवं टोला ऐसे हैं जिन्हें राजस्व ग्राम बनाये जाने के प्रस्ताव जनप्रतिनिधियों के माध्यम से प्राप्त हुए हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में प्राप्त प्रस्ताव अनुसार मजरा एवं टोला को कब तक राजस्व ग्राम बना दिया जायेगा? समय-सीमा बताएं। (ग) राजस्व ग्राम घोषित करने में यदि कोई असुविधा हो तो पूर्ण विवरण दें तथा उक्त कारणों के निराकरण हेतु विभाग ने क्या-क्या प्रयास, कार्यवाही की बतायें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) मजरा एवं टोला को राजस्व ग्राम घोषित करने के संबंध में निर्देश संलग्न परिशिष्ट अनुसार। नीमच जिले में 13 मजरा एवं टोला को राजस्व ग्राम घोषित किये जाने के प्रस्ताव जनप्रतिनिधियों के माध्यम से प्राप्त हुए थे। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ग्रामों में से तीन ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित किए जाने के अनुक्रम में अधिसूचना प्रकाशन हेतु कार्यवाही प्रचलित है। शेष का कार्य प्रचलित होकर 03 माह में पूर्ण कर लिया जावेगा। (ग) कोई असुविधा नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कृषि आदान सामग्री का भण्डारण
73. ( क्र. 2292 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किसानों को उपलब्ध कराई जाने वाली कृषि आदान सामग्री के भण्डारण की वर्तमान में क्या व्यवस्था है? (ख) क्या भण्डारित स्थल से कृषि आदान सामग्री ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी को किसानों के वितरण हेतु मुहैया कराई जाती है। यदि हाँ, तो क्या ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी केन्द्र पर भण्डारण व्यवस्था शासन हेतु निर्धारित की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या शासन किसानों को ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी केन्द्र स्तर पर कृषि आदान सामग्री सुगमता से मुहैया हो सके ऐसी व्यवस्था करेगा? यदि हाँ, तो तत्संबंधी ब्यौरा दें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) किसानों को उपलब्ध कराई जाने वाली कृषि आदान सामग्री का भंडारण म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ के डबललॉक केन्द्रों, म.प्र. राज्य कृषि उद्योग विकास निगम के जिला कार्यालय, म.प्र. राज्य बीज एवं फार्म विकास निगम, प्राथमिक सेवा सहकारी समितियों तथा वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी के कार्यालयों में भण्डारित की जाती है। (ख) भंडारित स्थल से कृषि आदान सामग्री ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के माध्यम से कृषकों को उपलब्ध कराई जाती है। ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी केन्द्र पर भण्डारण व्यवस्था निर्धारित नहीं की गई है। (ग) ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी केन्द्र पर कृषि आदान सामग्री भण्डारण व्यवस्था हेतु कोई प्रस्ताव प्रक्रियाधीन नहीं है।
फर्जी सहकारी संस्था पर कार्यवाही
74. ( क्र. 2300 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले की वारासिवनी विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी सहकारी संस्था हैं? उनके पंजीयन क्रं. सहित जानकारी देवें? (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा विगत तीन वर्षों में कलेक्टर बालाघाट एवं उप पंजीयक सहकारिता विभाग बालाघाट को उक्त संस्था की जानकारी के लिए कोई पत्र लिखा गया था? यदि हाँ, तो कब-कब? क्या उक्त विभाग द्वारा पत्रों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? कारण बतावें? (ग) उक्त पंजीयन संस्था क्या कोई कार्य कर रही है? क्या इन संस्थाओं द्वारा वर्षानुसार वित्तीय वर्ष में कोई ऑडिट कराया गया? यदि नहीं, तो इनका परिसमापन क्यों नहीं किया गया? (घ) क्या विभाग के अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा सांठ-गांठ कर ये संस्थाए चल रही हैं? विभाग द्वारा उक्त्त अधिकारी/कर्मचारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) 22 सहकारी संस्थाएं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) कलेक्टर बालाघाट को दो पत्र। उप पंजीयक सहकारिता बालाघाट को कोई नहीं। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी हाँ। पंजीकृत सहकारी संस्थाएं अपनी-अपनी उपविधि में वर्णित उद्देश्य अनुसार कार्य कर रही है। अंकेक्षण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जनपद पंचायत वारासिवनी के कॉम्पेलेक्स की नीलामी
75. ( क्र. 2304 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले के वारासिवनी नगर में जनपद पंचायत वारासिवनी के परिसर में बने कॉम्पलेक्स को किस योजना के तहत् किस विभाग द्वारा बनाया गया है? जानकारी देवें? (ख) जनपद पंचायत वारासिवनी के परिषद् में बने कॉम्पेलेक्स को उक्त विभाग द्वारा किस वर्ष में कार्य पूर्ण किया गया हैं एवं उक्त निर्माण कार्य को पूर्ण कर जनपद पंचायत वारासिवनी को कब हस्तांतरित किया गया हैं? (ग) क्या कारण थे, कि उक्त कॉम्पेलेक्स की निलामी आज तक नहीं कि गई? उक्त काम्प्लेक्स की निलामी विभाग द्वारा कब तक कर दी जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) बालाघाट जिले के वारासिवनी नगर में जनपद पंचायत वारासिवनी के परिसर में बने कॉम्पलेक्स को जनपद पंचायत निधि (मुद्रांक शुल्क) की राशि से निर्माण कार्य एजेंसी कार्यपालन यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा जिला बालाघाट द्वारा बनाया गया है। (ख) जनपद पंचायत वारासिवनी के कॉम्पलेक्स निर्माण का कार्य दिनांक 30.04.2013 को पूर्ण किया गया है तथा निर्माण कार्य एजेंसी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, बालाघाट द्वारा दिनांक 15.05.2013 को हस्तान्तरण की कार्यवाही की गई है। (ग) स्थानीय निकास (नगरपालिका परिषद् वारासिवनी) से अनापत्ति तथा कलेक्टर बालाघाट की अनुमति प्राप्त न होने के कारण कॉम्पलेक्स की निलामी नहीं की गई है। उक्त कार्यवाही उपरांत ही निलामी की कार्यवाही की जा सकती है।
क्षतिपूर्ति सहायता राशि दिलाए जाने
76. ( क्र. 2315 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चितरंगी विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम मोर्तिया टोला के आकाशीय बिजली गिरने से दिनांक 29.06.15 को समय 2-3 बजे रात्रि में संतोष कुमार पिता बलजीत यादव के घर में बंधी 101 बकरियों में 93 बकरा-बकरी क्या घटना स्थल में ही मृत्यु हो गई है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त बकरा-बकरियों को मेडिकल परीक्षण कराया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत विपत्तिग्रस्त व्यक्ति को क्षतिपूर्ति सहायता राशि दिलाया गया है? यदि नहीं, तो सहायता राशि आज दिनांक तक उपलब्ध न कराये जाने का क्या कारण है? (घ) क्या इतना बड़ा आकस्मिक घटना होने के बावजूद भी इसका जवाबदार कौन है? संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों के प्रति क्या कार्यवाही किया गया है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं, ग्राम भुर्तिया टोला तहसील चितरंगी जिला-सिंगरौली के संतोष कुमार पिता बलजीत यादव के आवेदन पत्र प्राप्त होने पर प्रकरण क्रमांक 932/बी-121 2014-15 दर्ज किया जाकर जाँच कराई गई, आवेदक व अन्य ग्रामीणों के कथन अंकित किये गये, प्रकरण संतोष यादव के 93 बकरियों की मृत्यु दम घुटने से होना पाया गया न कि आकाशीय बिजली गिरने से। घटना प्राकृतिक आपदा की श्रेणी में न आने से प्रकरण खारिज किया गया है। (ख) घटना का स्थल निरीक्षण तत्कालीन पीठासीन अधिकारी, पशु सहायक चिकित्सक व हल्का पटवारी द्वारा किया गया। घटना का मुआयना किया गया है। घटना की सूचना पटवारी हल्का द्वारा 20.08.2015 के प्रतिवेदन के द्वारा दी गई। तत्कालीन पीठासीन अधिकारी द्वारा दिनांक 11.09.2015 को घटना की स्वयं मुआयना कर कथन लिये गये। (ग) प्राकृतिक आपदा की श्रेणी में प्रकरण न होने के कारण प्रकरण खारिज किया गया है एवं कोई भी राशि का भुगतान नहीं किया गया है। (घ) प्रकरण में नियमानुसार कार्यवाही की गई है जिसमें कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है जिससे कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता।
गुणवत्ता विहीन निर्माण कार्य
77. ( क्र. 2320 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चितरंगी विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत गुलरिहा मुख्य मार्ग से मिटिहनी पहुँच मार्ग तक व खराई मुख्य मार्ग से चिकनी पहुँच मार्ग तक का निर्माण कार्य पुल-पुलियां रेशों के मुताबिक सीमेंट रेत नहीं लगाया जा रहा है, न ही गिट्टी कांकरीट तथा डामरीकरण का कार्य भी अत्यंत खराब क्वालिटी का लगाया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत जो निर्माण कार्य कराया जा रहा है? इसकी उच्च स्तरीय जाँच करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या उक्त निर्माण कार्यों में संबंधित विभागों की समय-समय पर समीक्षा ली जाती है? यदि हाँ, तो इसका जवाबदार कौन है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ, निर्माण कार्यों की समीक्षा की जाती है। कार्यों की गुणवत्ता तथा समीक्षा की जवाबदेही परियोजना क्रियान्वयन इकाई के अधिकारी/ कर्मचारी/कन्सलटेंट की है।
फसलों का आंकलन
78. ( क्र. 2324 ) श्री प्रताप सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले में विगत वर्ष 2015 में कितने कृषकों द्वारा कितनी कृषि भूमि पर कौन-कौन सी जिन्स बोयी गई थी? बोयी गई फसलों में से कौन-कौन सी फसलें कितने-कितने रकबे की सूखा के कारण नष्ट हो गई थी? नष्ट हुई फसलों का आंकलन प्रतिशतवार बतलावें। (ख) सूखा के कारण नष्ट हुई फसलों की क्षति का मुआवज़ा क्या सभी पीड़ित कृषकों में वितरित किया जा चुका है? यदि हाँ, तो वितरित मुआवजा की राशि विधान सभावार कितने कृषकों को दी, बतलावें? कितने कृषक मुआवज़ा प्राप्ति हेतु अभी भी शेष हैं? इन शेष रहे कृषकों को मुआवजा वितरित न होने का क्या कारण रहा है तथा कब तक मुआवज़ा राशि वितरित कर दी जावेगी? (ग) क्या कृषकों को, जिनकी फसल 50 प्रतिशत से अधिक नष्ट हुई थी, उन्हें मुआवज़ा के साथ बीमा की राशि भी वितरित की गई थी? यदि हाँ, तो ऐसे कृषकों की सूची विधान सभावार बतलावें तथा उन्हें कितनी-कितनी बीमा की राशि वितरित की गई है? यदि नहीं, की गई है तो उसका कारण क्या रहा है, कब तक ऐसे कृषकों को बीमा की राशि का वितरण कर दिया जावेगा? (घ) क्या दमोह जिले की सीमा से लगे हुए सागर जिले में बीमा की राशि का वितरण विगत माह में किया जा चुका है? फिर दमोह जिले में क्यों नहीं किया गया?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बलराम तालाब निर्माण कार्य
79. ( क्र. 2331 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले में वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक कितने लोगों को बलराम तालाब निर्माण कार्य बाबत् कितनी-कितनी राशि उपलब्ध कराई गई? (ख) उक्त तालाबों को कौन-कौन से अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया गया? उनके नाम/पद उपलब्ध करायें। (ग) किस तालाब को कितनी राशि प्रश्न दिनांक तक वितरित की गई कितनी दी जाना शेष है, कौन से तालाब की कितनी लंबाई, चौड़ाई, गहराई है, कितनी राशि अनुदान स्वरूप उन्हें दे दी गई है, कितनी दी जाना शेष है? (घ) क्या एक ही परिवार के 4-4 लोगों को बलराम तालाब हेतु राशि स्वीकृत की गई मौके पर एक भी तालाब नहीं है और क्या अन्य वित्तदायी संस्थाओं से निर्मित तालाबों को बलराम तालाब अंतर्गत फर्जी दस्तावेज तैयार कर शासन के लाखों रूपये का अनुदान देकर दुरूपयोग किया गया? यदि हाँ, तो इन अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं, इनकी प्रश्नकर्ता के समक्ष जाँच कराई जावेगी।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जिले के उप संचालक कृषि द्वारा 5 सदस्यीय जाँच कमेटी गठित की गई है। जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर परीक्षण उपरांत गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जा सकेगी।
भाण्डेर जनपद में रोजगार सहायकों की भर्ती
80. ( क्र. 2332 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले की भाण्डेर जनपद में रोजगार सहायकों की भर्ती किस दिनांक को हुई? ग्राम पंचायतवार/नामवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) ग्राम पंचायत धनौटी एवं लहार हवेली में पदस्थ रोजगार सहायकों के दस्तावेज किन-किन अधिकारियों द्वारा सत्यापति किये गये? (ग) क्या इनके द्वारा जो कम्प्यूटर डिप्लोमा की मार्कशीट लगायी गयी है वह सही न होकर फर्जी है? यदि नहीं, तो भोपाल से एक टीम भेजकर उसकी जाँच करायी जायेगी? यदि हाँ, तो इनके खिलाफ क्या कार्यवाही की गयी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश राज्य रोजगार गारंटी परिषद् के पत्र क्र. 5335 दिनांक 02.06.12 द्वारा ग्राम रोजगार सहायक की नियुक्ति के संबंध में जारी दिशा-निर्देशों में आवेदक द्वारा संलग्न प्रमाण-पत्र व अंक सूची की स्व-प्रमाणित प्रति संलग्न करने के निर्देश थे। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) इनके द्वारा प्रदत्त कम्प्यूटर डिप्लोमा की मार्कशीट को नियुक्तिकर्ता द्वारा सही पाया गया। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मुख्यमंत्री सड़क योजना के तहत अमानक निर्माण कार्य
81. ( क्र. 2356 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर के जनपद पंचायत नौगांव, लवकुशनगर, गौरिहार व राजनगर में तृतीय चरण में किन-किन मार्गों का निर्माण हुआ अथवा कार्य कराया जा रहा है, इनमें निम्न स्तर का घटिया कार्य कराये जाने की शिकायतें विगत 31 मार्च, 2014 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब प्राप्त हुई? (ख) प्रश्नांकित निर्माण कार्य किन-किन एजेंसियों के माध्यम से कराया जा रहा है? क्या विभागीय अधिकारियों ने शिकायतों की जाँच कराई है? यदि हाँ, तो जाँच के परिणाम बतायें? (ग) किन-किन अधिकारियों ने जाँच की है? अधिकारी का नाम व पद बतायें? क्या शिकायतकर्ता को जाँच प्रतिवेदन से अवगत कराया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो कब अवगत कराया गया? (घ) क्या जिला छतरपुर में आयोजित जिला सतर्कता समिति की बैठकों में भी शेष कार्य/अपूर्ण कार्य कराये जाने के निर्देश दिये समय-समय पर दिये गये थे? यदि हाँ, तो प्रश्नांकित कार्य पूर्ण हो गये हैं? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उक्त निर्माण कार्यों के संबंध में घटिया कार्य कराये जाने की शिकायतें शासन के संज्ञान में नहीं आई। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। उपरोक्त तीनों कार्य पूर्ण हो गये है।
रैकवार (पडहा) की शासकीय जमीन का पट्टा
82. ( क्र. 2366 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले की तहसील अमरपाटन अंतर्गत राजस्व रैकवार (पडहा) की आराजी नं. 131 रकबा 2.12 एकड़ जो राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 07 से लगी है, कि जामबंदी वर्ष 1958-59 अनुसार विशुनथा कुम्हार का मकान एवं अवैध कब्जा कर खेती की जा रही थी? (ख) क्या वर्ष 1969-70 में इसी आराजी को 131/1 वटांक करके अवैधानिक तरीके से केमली पुत्री रामफल ब्राह्मण निवासी पडहा के नाम पर दी गई थी? यदि हाँ, तो किस पटवारी, आर.आई. एवं तहसीलदार के द्वारा यह कार्य किया गया, जबकि खसरे में म.प्र. शासन दर्ज था? (ग) क्या वर्ष 1972 से लेकर 1976-77 तक उक्त आराजी म.प्र. शासन के नाम दर्ज थी, जिसमें 38 डिसमिल जमीन पर आबादी (आवास योजना) दर्ज थी? यदि हाँ, तो क्या वर्ष 1982-83 में श्यामकली पुत्री रामफल ब्राह्मण एवं वासुदेव तनय तीरथ प्रसाद ब्राह्मण के नाम 131/1/1 एवं 131/1/2 बटांक कर फर्जी तरीके से किस अधिकारी द्वारा पट्टा बनाने के आदेश दिये गये, जबकि उक्त जमीन में 1958-59 से बिसुनथा कुम्हार का मकान बना है, साथ ही खेती कर रहा था, इसके नाम पट्टा क्यों नहीं बनाया गया? (घ) क्या वर्ष 2015-16 में राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 07 के विस्तारीकरण के लिये उक्त आराजी को अधिगृहीत कर रू. 14.44 लाख का एवार्ड श्यामकली पुत्री रामफल ब्राह्मण के नाम पारित किया गया है? यदि हाँ, तो क्या फर्जी तरीके से इनके नाम दिये गये पट्टे को निरस्त करते हुए पारित एवार्ड द्वारा दी जाने वाली राशि भुगतान पर रोक लगाई जा कर शासन को होने वाली क्षति से बचाते हुए इस संपूर्ण प्रकरण की जाँच कराकर दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रधानमंत्री ग्राम संपर्क सड़क योजना से किये गये कार्य
83. ( क्र. 2370 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले के विधान सभा रैगांव क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2013-14 में प्रधानमंत्री ग्राम संपर्क सड़क योजना के तहत द्वितीय एवं तृतीय चरण से पडरौत से हिनौता डब्ल्यू.बी.एम. मार्ग निर्माण 2-3 कि.मी. बेस पर मुरूम की जगह मिट्टी फिलिंग की गई है? क्यों, कारण सहित बताएं। (ख) क्या उक्त वर्ष में ही पुरवा से इटमा, रैगांव से जिरवार, इटमा से नौखड खुर्द, रैगांव के निपनिया एवं गोरईया से झण्डा पहुँच मार्ग लगभग 08 कि.मी. बिना आदेश बिना वर्क ऑर्डर के कार्य कराया गया है? यदि हाँ, तो उक्त कार्यों की पृथक-पृथक स्वीकृत राशि एवं लागत राशि सहित बताएं। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में वर्णित निम्नानुसार कार्य बिना उपयंत्री एवं सहायक यंत्री के सत्यापन बगैर लगभग 22 लाख रू. के बिलों का भुगतान कर दिया गया है एवं भुगतान का सत्यापन कन्सल्टेंसी से करवाया गया है, जो नियम विरूद्ध है? क्या डलवाई गई सामग्री लैब परीक्षण के दौरान गुणवत्ता विहीन पाई गई? इसके बाद भी बिलों का भुगतान क्यों कर दिया गया? (घ) क्या गुणवत्ता विहीन सड़कों की शिकायत पूर्व में शंकरलाल तिवारी विधायक सतना दिनांक 10.06.2013 एवं अखिल भारतीय भ्रष्टाचार उन्मूलन संगठन द्वारा की गई थी? यदि हाँ, तो उक्त पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? जाँच प्रतिवेदन सहित प्रस्तुत करें एवं दोषी पाये गये अधिकारियों/कर्मचारियों से कब तक वसूली की कार्यवाही करते हुए दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। सतना जिले में विधान सभा क्षेत्र रैगांव में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत तृतीय चरण वर्ष 2012-13 में पडरौत से हिनौता मार्ग का कार्य कराया गया है, जिसमें बेसकोर्स में मिट्टी की फिलिंग नहीं की गई है, ग्रेवल की फिलिंग की गई है। (ख) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित कार्यों का देयक योजना प्रावधान अनुसार सुपर वीजन कंसल्टेंट द्वारा तैयार किया जाकर योजना हेतु नियुक्त सहायक परियोजना प्रबंधक के मापों के सत्यापन के पश्चात् भुगतान किया गया। प्रश्नांश में उल्लेखित देयक में शामिल सामग्री, गुणवत्ता विहीन नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। उक्त पत्रों में वर्णित शिकायत की जाँच कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा सतना द्वारा की गई। जाँच प्रतिवेदन संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जाँच प्रतिवेदन में वसूली प्रतिवेदित नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अग्रिम आहरित राशि का गलत व्यय
84. ( क्र. 2375 ) श्री उमंग सिंघार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि.अता. प्रश्न संख्या168 (क्र. 6551) दिनांक 17.03.2016 के प्रश्नांश (क) से (ड.) तक की जानकारी एकत्रित की जा रही है? उत्तर दिया गया है, तो क्या जानकारी एकत्रित की गई? यदि हाँ, तो बताएं प्रश्नांश (क) से (ड.) में अग्रिम आहरित राशि का मद परिवर्तन करने के लिए कौन अधिकारी दोषी है? यदि सक्षम अधिकारी से अनुमति लेकर मद परिवर्तन किया गया है तो आदेशों की प्रति देवें? (ख) क्या शासन स्तर पर इस विधान सभा से संबंधित आरोपों की जाँच हेतु जाँच अधिकारी नियुक्ति किया गया? यदि हाँ, तो क्या जाँच प्रतिवेदन प्राप्त हुआ? नलकूप खनन अनुदान की राशि का मद परिवर्तन कर क्षेत्र के सिंचित रकबे को कम करने के लिए दोषी अधिकारी के ऊपर क्या वैधानिक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। म.प्र. शासन किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग मंत्रालय भोपाल के आदेश क्र./एफ बी-10/24/2016/ 14-2 दिनांक 01.04.2016 से नियुक्त जाँच दल द्वारा प्रश्नांश (क) से (ड.) के लिए जाँच कार्य प्रक्रियाधीन है। (ख) जी हाँ। जाँच प्रक्रियाधीन है। जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर गुण-दोष के आधार पर ही यथाशीघ्र निर्णय लिया जावेगा।
ग्राम पंचायत की अनियमितताओं की जाँच एवं कार्यवाही
85. ( क्र. 2376 ) श्री उमंग सिंघार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उच्च न्यायालय के याचिका क्र. डब्ल्यू.पी. 2513/2016 जबलपुर निर्णय दिनांक 10/02/2016 के द्वारा कटनी जिले के ग्राम पंचायत कुठिया मुहगवां की अनियमितताओं की जाँच उपरांत कार्यवाही हेतु आवेदक के द्वारा कलेक्टर जिला कटनी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत कटनी को अपने आवेदन दिनांक 29/03/2016 द्वारा वैधानिक कार्यवाही की मांग की गई थी? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ, तो उक्त न्यायालयीन प्रकरण पर क्या कार्यवाही की गई? क्या संबंधित द्वारा की गई वित्तीय अनियमितता के दोषी व्यक्तियों के ऊपर अनुशासनात्मक कार्यवाही के साथ अनियमित व्यय की राशि की वसूली की गई? (ग) क्या उक्त प्रकरण में पंचायत एवं ग्रामीण विकास यंत्री महोदय अपने पत्र क्र. 196/मंत्री/पा.ग्रा.वि.स.न्या.सह./2014 दिनांक 05/02/2014 द्वारा जाँच कर कार्यवाही के निर्देश दिये गये? (घ) यदि प्रश्नांश (ग) हाँ, तो किससे जाँच कराई गई जाँच प्रतिवेदन क्या प्राप्त हुआ? क्या वैधानिक एवं प्रशासनिक कार्यवाही की गई? अभी तक अनुशासनात्मक कार्यवाही नहीं करने के लिये कौन अधिकारी दोषी है? दोषी के ऊपर क्या कार्यवाही की जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) आवेदक से प्राप्त आवेदन अनुसार 03 सदस्यीय जाँच दल गठित कर जाँच करवाई गई, जाँच में संबंधितो के विरूद्ध आंशिक अनियमितता होना पाया जाने से उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) जी हाँ। (घ) तीन सदस्यीय जाँच दल से जाँच करवाई गई, जाँच में आंशिक अनियमितता पाई जाने से संबंधितों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्राम पंचायतों में अवरूद्ध कार्यों हेतु व्यवस्था
86. ( क्र. 2412 ) श्री घनश्याम पिरोनियॉं : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भाण्डेर विधान क्षेत्र की कौन-कौन सी ग्राम पंचायतें सचिव विहीन है? इन सचिव विहीन ग्राम पंचायतों के कार्य संपादन हेतु क्या-क्या व्यवस्था की गई है? (ख) भाण्डेर विधान सभा क्षेत्र की किन-किन ग्राम पंचायतों द्वारा कार्य प्रभावित होने एवं पंचायत सचिव की व्यवस्था करने हेतु जनपद पंचायत एवं जिला पंचायत हेतु लिखकर दिया गया और उसके संबंध में क्या कार्यवाही की गई? (ग) भाण्डेर विधान सभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत जौरी एवं सोफ्ता में सचिव का अतिरिक्त प्रभार देने हेतु जनप्रतिनिधि में जनपद पंचायत भाण्डेर एवं जिला पंचायत दतिया को कोई पत्र लिखा यदि हाँ, तो उसके संबंध में क्या कार्यवाही की गई और की गई कार्यवाही से विधायक को अवगत कराया गया अथवा नहीं? (घ) जनप्रतिनिधियों के पत्रों के संबंध में की गई कार्यवाही की जानकारी विधायक को न देने के लिए कौन जिम्मेदार है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जिले के भांडेर विधान सभा क्षेत्र में कोई भी पंचायत सचिव विहीन नहीं है। (ख) प्रश्नांश ‘‘क‘‘ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। श्री उत्तम सिंह ढांगी सचिव की मूल पदस्थापना ग्राम पंचायत खिरियासाहब होने से व स्थानांतरण पर प्रतिबंध होने से उनके प्रस्ताव पर विचार नहीं किया जा सका। ग्राम पंचायत सोफ्ता के सचिव का अतिरिक्त प्रभार श्री चतुर सिंह परिहार, सचिव ग्राम पंचायत बिल्हेटी को दिया गया है। उक्त संबंध में माननीय विधायक भांडेर को अवगत कराया गया है। (घ) माननीय विधायक महोदय को कार्यवाही की जानकारी दी गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्राम उदय से भारत उदय अभियान
87. ( क्र. 2413 ) श्री घनश्याम पिरोनियॉं : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा पत्र क्र. 205 दिनांक 13.04.2016 द्वारा ग्राम उदय से भारत उदय अभियान के प्रभावी एवं पारदर्शी क्रियान्वयन हेतु दिशा-निर्देश जारी किए गये थे? (ख) क्या दतिया जिले में इस अभियान के तहत् ग्राम संसदों का आयोजन किया गया? (ग) यदि प्रश्न (क), (ख) का उत्तर हां में है तो दतिया जिले की संपूर्ण जानकारी ग्रामवार उपलब्ध कराई जावे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
कैटर शैड एवं शौचालयों की जानकारी
88. ( क्र. 2472 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनपद पंचायत पोरसा द्वारा कुल कितने कैटल शैड एवं शौचालयों का निर्माण पूर्ण करा लिया गया है तथा कितने अधूरे पड़े है ग्राम पंचायतवार जानकारी वर्ष 01.04.2014 से 31.03.2016 तक दी जावें? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्यों हेतु कुल कितनी राशि व्यय की जा चुकी है? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्यों की निर्माण एजेंसी कौन थी, कार्य रोजमर्रा की मजदूरी से कराया गया है या टेंडर प्रक्रिया से ठेकेदारों से? (घ) क्या जो कार्य हुए है वे गुणवत्तापूर्वक नहीं है शौचालय/कैडलशैड निर्धारित नियमों को ताक पर रखकर बना दिये है सही लंबाई, चौड़ाई, गहराई नहीं दी गई है यदि हाँ, तो क्या शासन उच्च स्तरीय समिति से जाँच कराकर दोषी को दण्डित करेगा, हां या नहीं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जनपद पंचायत पोरसा द्वारा कुल 1107 कैटल शेड एवं 3123 शौचालयों का निर्माण पूर्ण करा लिया गया है तथा अपूर्ण कैटल शेड 554 एवं शौचालय कोई भी अधूरे नहीं हैं। प्रश्नाधीन अवधि की ग्राम पंचायतवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश ’’क’’ में वर्णित कैटल शेड निर्माण कार्यों हेतु राशि रू. 503.88 लाख एवं शौचालय निर्माण कार्यों हेतु राशि रू. 265.01 लाख इस प्रकार कुल राशि रू. 768.89 लाख व्यय की जा चुकी है। (ग) प्रश्नांश ’’क’’ में वर्णित कार्य कैटल शेड की निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत तथा शौचालय निर्माण की निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत व स्वयं हितग्राही थे। कार्य मजदूरों से कराये गये हैं। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भारत सरकार से प्राप्त राशि
89. ( क्र. 2490 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2010-11, 2012-13 से 2013-14 के किस वर्ष में भारत सरकार ने इंदिरा आवास योजना एवं वित्त आयोग के आधार पर कितनी-कितनी राशि राज्य को उपलब्ध करवाई? (ख) इस राशि में से इंदिरा आवास योजना की कितनी राशि एवं वित्त आयोग की कितनी राशि किस-किस जिले को किस आदेश क्रमांक व दिनांक से जारी की गई व कितनी राशि प्रश्नांकित दिनांक तक भी जिलों को जारी नहीं की गई? (ग) इंदिरा आवास एवं वित्त आयोग की उपरोक्त अवधि में राज्य सरकार को प्राप्त कितनी राशि अन्य योजनाओं में किसके आदेश से खर्च की गई? उस योजना से राशि की वापसी किस दिनांक को हुई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) भारत सरकार द्वारा इंदिरा आवास योजना में वर्ष 2010-11 में राशि रू. 44091.484 लाख वर्ष 2012-13 में राशि रू. 36537.562 लाख एवं वर्ष 2013-14 में राशि रू. 48192.159 लाख सीधे प्रदेश के समस्त जिलों को उपलब्ध कराई गई है। वित्त आयोग के आधार पर राज्य एवं जिलों को उपलब्ध कराई गई राशि की जानकारी संकलित की जा रही है। (ख) एवं (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।
दखल रहित भूमियों का रकबा
90. ( क्र. 2491 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन राजस्व विभाग ने वर्ष 2015-16 में किस-किस मद में कितनी दखल रहित भूमि किस जिले में प्रतिवेदित की है, इसमें से कितनी भूमि सार्वजनिक एवं निस्तारी प्रयोजन के लिये राजस्व विभाग ने आरक्षित की है? (ख) किस-किस मद में दर्ज दखल रहित भूमि को कृषि कार्य के लिये वितरित किए जाने के क्या प्रावधान है, निजी उद्योगों, निजी परियोजनाओं निजी संगठन और निजी संस्थाओं को आवंटित किये जाने के क्या प्रावधान है? शासकीय कार्यों एवं शासकीय विभागों को आवंटित किए जाने के क्या-क्या प्रावधान है? (ग) भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 237 (3) एवं 237 (4) में किस दिनांक से क्या-क्या प्रावधान लागू किए गए इन प्रावधानों का पालन किए जाने के संबंध में भोपाल संभाग के किस जिले के कलेक्टर ने किस दिनांक को क्या-क्या आदेश निर्देश पत्र जारी किये है प्रति सहित बतावें? (घ) धारा 237 (3) एवं 237 (4) का उल्लंघन कर धारा 237 (1) में आरक्षित भूमि को आवंटित करने या वितरित करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध किन-किन कार्यवाहियों के क्या प्रावधान वर्तमान में प्रचलित हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शिवपुरी जिले में बंदोबस्त के त्रुटिपूर्ण नक्शा दुरूस्ती
91. ( क्र. 2527 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. में बंदोबस्त का कार्य वर्ष 1994 में समापन होकर प्रत्येक जिले में भू-प्रबंधन कार्यालयों की स्थापना बंदोबस्त विभाग द्वारा की गयी है? यदि हाँ, तो शिवपुरी जिले में वर्ष 2010 के पश्चात् कितने ग्रामों के (ग्राम की सूची सहित) त्रुटिपूर्ण नक्शा, रिकार्ड में दुरूस्ती की गयी है? शासन स्तर से स्वीकृति कब हुई और कितने ग्रामों की स्वीकृति के प्रकरण लंबित है? शासन स्वीकृति की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) जिला शिवपुरी की नौ तहसीलों के कृषकों द्वारा वर्ष 2010 से मार्च, 2016 तक बंदोबस्त के त्रुटिपूर्ण नक्शा दुरूस्ती के लिए म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 107 (5) के अंतर्गत कितने आवेदन पेश किए गये हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार प्राप्त आवेदनों पर कितनों का निराकरण किया गया व कितने शेष हैं? शेष आवेदनों का निराकरण कब तक कर दिया जावेगा? (घ) क्या आयुक्त भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त म.प्र. ग्वालियर ने पत्र क्र./2191/11भू.प्र./न.पि./2012 दिनांक 05.11.2012 एवं 13.01.2016 के द्वारा कलेक्टर शिवपुरी को ग्राम बमनौआ तहसील शिवपुरी का नक्शा दुरूस्ती किए जाने हेतु निर्देश जारी किए हैं? यदि हाँ, तो क्या कलेक्टर शिवपुरी द्वारा उक्त निर्देशों का पालन किया गया? क्या ग्राम बमनौआ का आधा नक्शा नये सर्वे नम्बर तथा शेष में पुराने सर्वे नंबर अंकित है? (ड.) क्या ग्राम बमनौआ का नक्शा दुरूस्त कर सीमांकन किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें एवं उक्त नक्शों की दुरूस्ती कौन करेगा व उनका सीमांकन कैसे होगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) हाँ, शिवपुरी जिले में वर्ष 1994 के पश्चात् 62 ग्रामों के आवेदकों द्वारा प्रस्तुत आवेदन उपरांत त्रुटिपूर्ण नक्शा रिकार्ड के दुरूस्ती की गई है। संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्नांश की जानकारी निरंक। (ख) 133। (ग) 84 का निराकरण किया जा चुका है, 49 प्रकरणों का निराकरण शेष है। शेष प्रकरणों का निराकरण जाँच एवं न्यायालयीन प्रक्रिया अनुसार शीघ्र किया जायेगा। (घ) जी हाँ जिसमे तहसीलदार शिवपुरी से जाँच उपरांत प्रतिवेदन आयुक्त, भू-अभिलेख एवं बन्दोबस्त, म.प्र. ग्वालियर की और प्रेषित किया जा चुका है। ग्राम बमनौआ का उपलब्ध 1972-73 का नक्शा एक ही समान है दो प्रकार का नहीं है। (ड.) प्रश्नांश 'घ' के अनुक्रम में नक्शा दुरूस्त नहीं किया जाना है, संबंधित भूमिस्वामी द्वारा पृथक से नक्शा दुरूस्ती हेतु आवेदन सक्षम न्यायालय में प्रस्तुत किया जा सकता है। समय-सीमा दी जाना संभव नहीं है।
प्रदेश में संचालित एम.पी. ऑनलाईन सेवा के संदर्भ में
92. ( क्र. 2540 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में एम.पी. ऑनलाईन सेवा कब से संचालित की जा रही है एवं इसके संचालन हेतु प्रदेश सरकार एवं अन्य कौन-कौन से भागीदारों के मध्य किन-किन शर्तों के आधीन किस कंपनी का कब गठन किया गया? क्या सरकार द्वारा उल्लेखित कंपनी के गठन हेतु भागीदारों को आमंत्रित करने हेतु क्या कोई खुली निविदा आमंत्रित की गई थी? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ख) प्रश्नांश ‘’क’’ में उल्लेखित कंपनी का गठन कितनी अंश पूंजी से किया गया एवं इस अंश पूंजी में, किस-किस भागीदार का कितना अंश सम्मिलित था और वर्तमान समय में इसकी कुल कितनी संपत्ति है एवं कंपनी के गठन के समय इसके शेयर की कितनी कीमत थी और वर्तमान समय में कितनी कीमत हैं? (ग) प्रश्नांश ‘’क’’ में उल्लेखित कंपनी द्वारा दी जाने वाली सेवाओं पर कंपनी प्रति उपभोक्ता कितनी राशि लेती है और उसमें कियोस्क को कितनी राशि दी जाती है इस संबंध में सरकार और कंपनी के मध्य क्या करार हुआ है? (घ) उल्लेखित प्रश्नांश ‘’क’’ की कंपनी के गठन के पश्चात् से वर्तमान समय तक उपभोक्ताओं से कुल कितना शुल्क वसूला गया और कंपनी को कितने रूपयों का फायदा हुआ? इस प्राप्त मुनाफे में से कितनी राशि शासन को और कितनी राशि कंपनी के अन्य भागीदारों को प्राप्त हुई वर्षवार सूची/सहित बतलावें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) मध्यप्रदेश में एम.पी. ऑनलाईन सेवा मार्च 2007 से संचालित की जा रही है। एम.पी. ऑनलाईन लिमिटेड कंपनी में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस (TCS) की 89% तथा मध्यप्रदेश राज्य इलेक्ट्रानिक्स विकास निगम की 11% भागीदारी है। भागीदारी के तहत कंपनी गठन का निर्णय राज्य शासन के आदेश क्रमांक एफ 5-2/2005 /56 भोपाल दिनांक 7 नवम्बर, 2005 के अनुसार लिया गया। जी नहीं। टी.सी.एस. कंपनी द्वारा नागरिकों को प्रदान की जाने वाली महत्वपूर्ण शासकीय सुविधाओं हेतु तकनीकी एवं पूंजी निवेश के साथ एक अभिनव प्रस्ताव दिया गया था जिसे शासन द्वारा मान्य करते हुए कंपनी के गठन का निर्णय लिया गया। (ख) एम.पी. ऑनलाईन लिमिटेड का गठन एक करोड़ रुपये की अंश पूंजी से किया गया था। इसमें मध्यप्रदेश राज्य इलेक्ट्रानिक्स विकास निगम की 11 % भागीदारी है। वर्तमान समय में इसकी कुल संपत्ति 53.61 करोड़ रुपये हैं। कंपनी गठन के समय इसके प्रत्येक शेयर की कीमत 10/- रुपये थी और वर्तमान में इसके प्रत्येक शेयर की कीमत 146/- रुपये है। (ग) एम.पी. आनलाईन पोर्टल के माध्यम से प्रदान की जाने वाली सेवा शुल्क का निर्धारण विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के आदेश क्रमांक एफ 5-2/2005/56 दिनांक 20/08/2007 अनुसार सचिव, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा किया जाता है। एम.पी. ऑनलाईन एवं Kiosk धारक के सेवा शुल्क में हिस्से का निर्धारण भी उक्त समिति द्वारा किया जाता है। (घ) कंपनी के गठन से वर्तमान समय तक आवेदकों से कुल रुपये 233 करोड़ सेवा शुल्क वसूला गया। इसमें से रूपये 93 करोड़ की राशि कियोस्क को प्रदाय की गयी तथा रूपये 140 करोड़ एम.पी. ऑनलाईन कंपनी लिमिटेड को प्राप्त हुए। प्रतिवर्ष मध्यप्रदेश राज्य इलेक्ट्रानिक्स विकास निगम को प्रदान किये गये लाभांश का विवरण निम्नानुसार हैः-
वित वर्ष लाभांश (राशि रुपये में)
2011-12 1316352
2012-13 1870000
2013-14 3630000
2014-15 4620000
2015-16 5390000
कुल
राशि रूपये 16826352
जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित गुना अंतर्गत गबन धोखाधड़ी
93. ( क्र. 2635 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित गुना में वर्ष 2012 से आज दिनांक तक बैंक से संबद्ध समितियों में कार्यरत कर्मचारियों में किन-किन के विरूद्ध गबन एवं धोखाधड़ी के कितने प्रकरण प्रकाश में आये हैं? गबन की राशि आरोप सहित संस्थावार नामवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत उक्त गबनकर्ताओं पर किन-किन के विरूद्ध पुलिस में एफ.आई.आर. दर्ज करायी गयी है? इन आरोपियों के खिलाफ आज दिनांक तक किन-किन प्रकरणों में चालान पेश होने की बैंक को सूचना प्राप्त है? गबन एवं धोखाधड़ी समिति की बैठक गत 5 वर्ष में कब आहूत हुई? उपरोक्त गबनकर्ता आज भी बैंक में किन-किन संस्थाओं पर काबिज होकर कार्यरत है? ऐसे कर्मचारी जिनका कार्यकाल समाप्त होने के उपरांत भी बैंक को कितनी राशि उनसे वसूली लेना शेष है, की संस्थावार, नाम सहित, राशि की जानकारी देवें? राशि वसूली जाने बाबत् बैंक द्वारा इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जा रही है, बतायें? (ग) प्रश्नांश बैंक गुना अंतर्गत महाप्रबंधक आलोक जैन द्वारा किन-किन विभागों से बतौर अमानत कितनी-कितनी राशि प्राप्त की है? यह राशि बैंक द्वारा किस-किस योजना अंतर्गत ऋण वितरण आदि पर व्यय की गयी है? लाभांवित हितग्राहियों की संख्यात्मक जानकारी दें?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। चालान पेश होने की बैंक को जानकारी प्राप्त नहीं हुई। गबन एवं धोखाधड़ी समिति की बैठक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। कार्यरत गबनकर्ता कर्मचारियों की वर्तमान पदस्थी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। कार्यकाल समाप्त होने के उपरांत भी कर्मचारियों से बैंक की राशि वसूली होना शेष की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। 37 प्रकरणों में से 27 में पूर्ण वसूली हो गई है, 06 प्रकरणों में सहकारी अधिनियम की धारा 64 के अंतर्गत वसूली हेतु वाद दायर किये गये तथा शेष 04 प्रकरणों में अभिलेख संकलित कर वाद दायर करने की कार्यवाही की जा रही है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। बैंक द्वारा प्राप्त अमानतों का विनियोजन ऋण एवं शासकीय प्रतिभूतियों में भारतीय रिजर्व बैंक के प्रावधान अनुसार किया गया है। बैंक द्वारा प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के माध्यम से रबी 2014-15 में 8379 कृषकों को, खरीफ 2015 में 17185 कृषकों को तथा रबी 2015-16 में 13930 कृषकों को अल्पकालीन कृषि ऋण का वितरण किया गया है तथा वर्ष 2015-16 में 80 हितग्राहियों को व्यक्तिगत ऋण, 16 हितग्राहियों को मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजनान्तर्गत ऋण, 01 हितग्राही को भवन क्रय करने हेतु ऋण एवं 14 हितग्राहियों को डेयरी हेतु ऋण वितरण किया गया है।
गुना अंतर्गत दोषी कर्मचारियों के संबंध में
94. ( क्र. 2636 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित गुना में वर्ष 2012 से आज दिनांक तक बैंक से संबद्ध समितियों में कार्यरत कर्मचारियों में किन-किन के विरूद्ध निलंबन/स्थानांतरण/पदोन्नति/वेतन वृद्धि एवं अन्य त्रुटियों के विरूद्ध कार्यवाही आदेश जारी हुये हैं। उन आदेशों की प्रतियां उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांक ''क'' अंतर्गत जारी आदेशों के तहत् किन-किन का पालन/क्रियान्वयन कब और कहाँ हो चुका है। अर्थात दोषी एवं संस्था का नाम सहित जानकारी देवें और उक्त आदेशों में से कितने आदेशों का पालन/क्रियान्वयन नहीं हुआ है दोषी एवं संस्था का नाम सहित बतायें बैंक द्वारा जारी इन आदेशों का पालन नहीं होने के पीछे कौन उत्तरदायी है। कारण सहित बतायें दोषियों के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही कर रहा है?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) निलंबन, स्थानान्तरण, पदोन्नति, वेतनवृद्धि तथा अन्य त्रुटियों के विरूद्ध की गई कार्यवाही की सूची तथा आदेशों की प्रति क्रमशः पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 2, 3, 4 तथा 5 अनुसार है। (ख) उत्तरांश ‘क’ में उल्लेखित आदेशों में से 02 स्थानान्तरण आदेश श्री राजेन्द्र सिंह हरिओध समिति प्रबंधक माननीय उच्च न्यायालय के आदेश से तथा श्री जगदीश कोरकू संविदा समिति प्रबंधक का पालन प्रशासनिक आधार पर नहीं हुआ है, श्री जगदीश कोरकू के दूसरे स्थानान्तरण आदेश का पालन हो चुका है। 02 संविदा समिति प्रबंधक की सेवा समाप्त करने के आदेश न्यायालय संयुक्त पंजीयक, ग्वालियर के द्वारा निरस्त किये जाने से पालन नहीं किया गया है। उत्तरांश ‘क’ में उल्लेखित अन्य सभी आदेशों का पालन हो चुका है। न्यायालय के निर्णय के आधार पर आदेश का पालन नहीं हुआ है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सूखाग्रस्त घोषित करने के बाद निर्माण कार्यों में रोक
95. ( क्र. 2645 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन ने वर्ष 2015-16 में गुना जिले को सूखाग्रस्त घोषित किया है? यदि हाँ, तो सूखाग्रस्त घोषित होने के बाद कौन-कौन सी योजनाएं एवं कितना बजट गुना जिले को उपलब्ध कराया है एवं क्या कार्य कराये हैं? अतिरिक्त कितना बजट किस योजना में दिया है? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित तथ्य के अनुरूप शासन ने किस-किस विभाग से कौन सी योजनाएं लागू की है, कितना कार्य कराया है? कितने मजदूरों को रोजगार दिया है? क्या मनरेगा में भी गतवर्ष से अधिक बजट दिया है या नहीं विभागवार विवरण से अवगत करायें? (ग) शासन द्वारा किसी जिले को सूखाग्रस्त घोषित करने के बाद कौन से लाभ अतिरिक्त दिलाये जाते हैं और बिना सूखाग्रस्त होने पर कौन सी योजनाएं चालू रहती है? विभागवार विवरण दें। (घ) क्या प्रश्नांश (क), (ख) और (ग) में वर्णित तथ्यों के अनुसार गुना जिले में कोई अतिरिक्त कार्य नहीं कराया बल्कि गत वर्ष जो कार्य चालू थे, उनको बंद कर दिया है? गरीबों के राशन में कटौती कर दी किसानों से जबरन कर्जा और बिजली बिल वसूल कराये गये हैं? यदि हाँ, तो कौन जिम्मेदार है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जनपद पंचायत बिरसा अंतर्गत सचिवों के निलंबन
96. ( क्र. 2655 ) श्री संजय उइके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले में जनपद पंचायत बिरसा अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत रमगढ़ी के पूर्व सचिवों को खर्राधार मेला नीलामी के अभिलेख संधारण न करने संबंधित जाँच रिपोर्ट के आधार पर निलंबित किया गया है? (ख) क्या खर्राधार मेले का प्राधिकार जनपद पंचायत बिरसा को है और अब तक विधिवत तौर पर इसका प्राधिकार ग्राम पंचायत को नहीं सौंपा गया है? यदि हाँ, तो? (ग) क्या जाँच अधिकारियों द्वारा सचिव पर कार्यवाही संबंधित जाँच रिपोर्ट गलत है? यदि हाँ, तो जाँच रिपोर्ट गलत देने हेतु जाँच अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी और कब तक की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्तमान में नहीं। जनपद पंचायत बिरसा की सामान्य सभा की बैठक दिनांक 24.10.2015 को पारित प्रस्ताव क्रमांक 05 के अनुसार खर्राधार मेला (रमगढ़ी) का प्राधिकार ग्राम पंचायत रमगढ़ी को सौंपा जा चुका है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्राम ओरछा जिला टीकमगढ़ के बंदोबस्त
97. ( क्र. 2678 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम ओरछा का किस-किस सन् में बन्दोबस्त किया गया है? क्या उसके अभिलेख सुरक्षित है? (ख) उक्त बंदोबस्त ग्राम ओरछा खास रा.नि.मं. ओरछा तहसील निमाड़ी का खसरा क्रमांक 60 से 70 तक का रकबा क्या-क्या है तथा खसरे में उक्त आराजियों का स्वरूप क्या दर्ज है? (ग) क्या उपरोक्त खसरा नम्बरों को नये नम्बर दिये गये हैं? यदि हाँ, तो कब वर्तमान नये नम्बर क्या हैं तथा उक्त नम्बरों की लैंड यूज़ क्या है? यदि लैंड यूज़ बदली गई है, तो उक्त आदेश करने वाले अधिकारी का नाम पद आदेश क्रमांक दिनांक बतावें तथा आदेश की प्रति उपलब्ध करायी जाय?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) ग्राम ओरछा का बन्दोबस्त सन् 1940-41 से 1945-46 में किया गया था जिसका अभिलेख (बन्दोबस्त खतौनी, खसरा बन्दोबस्त खानापूरी, किरम जमीन पंजी, चॉदा रजिस्टर एवं सिजरा फाइल) जिला अभिलेखागार में जमा है जो जीर्ण हालत में है। (ख) ग्राम ओरछा की बन्दोबस्त खतौनी सम्वत् 2002 के अनुसार खसरा नंबर 60 से 70 तक की प्रविष्टि निम्नानुसार है :-
नम्बर खेत |
कुल क्षेत्रफल एकड़ में |
नाम कृषक मय पिता नाम जाति निवास स्थान |
60 |
0.03 |
छोटे ru; परसादी कोरी निवासी निज ग्राम |
61 |
0.09 |
|
62 |
0.15 |
|
63 |
0.03 |
|
64 |
0.03 |
|
65 |
0.17 |
|
66 |
0.05 |
|
67 |
0.25 |
|
68 |
0.03 |
|
69 |
0.86 |
|
70 |
0.42 |
(ख) ग्राम औरछा के खसरा नंवर 60 से 70 तक की वर्तमान खसरा वर्ष 2015-16 अनुसार प्रविष्टि निम्नानुसार दर्ज है :-
खसरा नम्बर |
रकबा हेक्टेयर मे |
भूमिस्वामी का नाम व पता |
60 |
0.012 |
रमाकान्त तनय गनेश प्रसाद ब्राम्हण निवासी ग्राम हिस्सा 2/3 भूमि स्वामी श्रीमती अन्जू पत्नी रमामान्त ब्राम्हण निवासी ग्राम हिस्ता 1/3 भूमिस्वामी |
61 |
0.036 |
|
62 |
0.061 |
|
63 |
0.012 |
|
64 |
0.012 |
|
65 |
0.069 |
|
66 |
0.020 |
|
67 |
0.101 |
|
68 |
0.012 |
|
69 |
0.348 |
|
70 |
0.171 |
(ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर में वर्णित खसरा नंबरो को बन्दोबस्त के बाद नये नम्बर नहीं दिये गये है। बन्दोबस्त खतौनी ग्राम औरछा सम्वत 2002 में उक्त खसर नम्बर का क्षेत्रफल 'कृषि योग्य भूमि' में दर्ज है तथा वर्तमान अभिलेख में भी लेण्ड यूज बदले जाने संबंधी किसी आदेश का उल्लेख नहीं है अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पंचायत सचिव/पदाधिकारियों का प्रशिक्षण
98. ( क्र. 2715 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में पंचायत सचिवों एवं पंचायत पदाधिकारियों के प्रशिक्षण हेतु कितनी एवं कहाँ-कहाँ प्रशिक्षण संस्थान संचालित हैं? (ख) वर्ष 2013 से जून 2016 तक कितने सचिवों, पंचों, सरपंचों को प्रशिक्षित किया गया? उज्जैन संभाग का जिलेवार, तहसीलवार ब्यौरा क्या है? (ग) उपरोक्त (क) एवं (ख) में 2013 से अब तक प्रशिक्षण में हुए व्यय का ब्यौरा क्या हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रदेश में पंचायत सचिवों एवं पंचायत पदाधिकारियों के प्रशिक्षण हेतु कुल 12 प्रशिक्षण संस्थान संचालित है- जिनके नामों की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार। (ख) प्रदेश के प्रशिक्षण संस्थानों द्वारा वर्ष 2013 से जून 2016 तक कुल 44083 सचिवों 251932 पंचों एवं 21722 सरपंचों को प्रशिक्षित किया गया है। उज्जैन संभाग में वर्ष 2013 से जून 2016 तक सचिव-6471, सरपंच-3151 एवं पंच-56750 को प्रशिक्षित किया गया है, उज्जैन संभाग की जिलेवार/ तहसीलवार/विकासखण्डवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार। (ग) उपरोक्त (क) एवं (ख) में 2013 से अब तक प्रदेश में प्रशिक्षणों पर कुल 59.54 करोड़ रूपये व्यय किया गया है।
लीज भूमि संबंधी
99. ( क्र. 2716 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खाचरौद जिला उज्जैन की भूमि सर्वे नं. 956 के स्वामित्व की 1985 से अब तक की स्थिति का ब्यौरा क्या है? उक्त भूमि के विक्रय एवं नामांतरण का वर्तमान ब्यौरा क्या है? (ख) क्या खाचरौद तहसील की समस्त ताकायमी शासकीय भूमियां जो कारखाना स्थापना हेतु लीज पद दी गई थी, उनका शासन ने अधिग्रहण कर राजस्व रेकॉर्ड में दर्ज कर लिया है? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें? (ग) नागदा तहसील स्थित भारत कॉमर्स उद्योग की शासकीय लीज भूमि का वर्तमान ब्यौरा क्या है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
इंदिरा आवास कुटीरों की स्वीकृति
100. ( क्र. 2729 ) श्री मनोज कुमार अग्रवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले में वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितनी इंदिरा आवास कुटीरें स्वीकृत की गई, कितनी कुटीरों की राशि हितग्राही को दी गई और कितने हितग्राहियों की कितनी राशि शेष है? (ख) ऐसे हितग्राहियों जिनके द्वारा इंदिरा आवास कुटीर बना ली गई तथा ऐसे हितग्राहियों जिनके द्वारा मौके पर कुटीर नहीं बनाई गई, मगर अधिकारियों द्वारा सत्यापन कर राशि दे दी गई है, ऐसे कितने हितग्राही हैं, संख्यात्मक जानकारी देवें? (ग) कोतमा विधान सभा क्षेत्र जिला अनूपपुर में ऐसे कितने इंदिरा आवास कुटीर हैं जो उन्हीं हितग्राहियों को मिले हैं जो पात्र थे? ऐसे कितने कुटीर हैं जो अपात्र लोगों को दिये गये? इंदिरा आवास कुटीर देने के नियम क्या है? प्रति उपलब्ध करायें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार है। (ख) अनूपपुर जिला अन्तर्गत समस्त जनपद पंचायतों के आवास कुटीर का निर्माण करने वाले तथा निर्माण न करने वाले हितग्राहियों की संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार है। (ग) कोतमा विधान सभा क्षेत्र में 2190 पात्र हितग्राहियों को इंदिरा आवास स्वीकृत किये गए है, अपात्र को स्वीकृत नहीं किया गया है। इंदिरा आवास कुटीर स्वीकृत करने के नियम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’स’’ अनुसार है।
मेड़बंधान योजना का क्रियान्वयन
101. ( क्र. 2730 ) श्री मनोज कुमार अग्रवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिला अंतर्गत कोतमा विधान सभा क्षेत्र में रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत खेतों में मेड़बंधान योजना अंतर्गत 1 अप्रैल, 2013 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि प्राप्त हुई, कितने पात्र हितग्राहियों को इस योजना का लाभ दिया गया, कितने हितग्राहियों के मेड़बंधान बने हैं, क्या किसानों के खेतों में मेड़बंधान कार्य का लाभ पात्र हितग्राहियों को दिया जा रहा है? (ख) कोतमा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत मेड़बंधान योजना, कपिलधारा एवं आवास योजना में 1 अप्रैल, 2012 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि केन्द्र एवं राज्य सरकार से प्राप्त हुई? कितने हितग्राहियों द्वारा कपिलधारा योजना एवं आवास योजना के तहत राशि दी गई? कितने मकान बने हैं? मेड़बंधान बने हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) अनूपपुर जिला अंतर्गत कोतमा विधान सभा क्षेत्र में महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत मेड़बंधान कार्य हेतु पृथक से राशि जिले को आवंटित न होकर योजना के समस्त कार्य हेतु वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 तक जारी की जाती थी। वित्तीय वर्ष 2015-16 से जिले को राशि जारी न करते हुये राज्य के मनरेगा खाते से सीधे भुगतान की व्यवस्था लागू है। 3036 पात्र हितग्राहियों को मेड़बंधान के लिये स्वीकृत किये गये सभी 3036 मेड़बंधान कार्य पूर्ण कराये गये हैं। जी हाँ। (ख) केन्द्र सरकार से कार्यवार क्षेत्रवार राशि प्राप्त न होकर मनरेगा योजना के क्रियान्वयन हेतु एकजाई राशि स्वीकृत होकर लेबर बजट के अनुरूप समय-समय पर जारी की जाती है। केन्द्र शासन से प्राप्त राशि का 10 प्रतिशत अंश राज्य सरकार द्वारा दिया जाता है। कपिलधारा उपयोजना का क्रियान्वयन ग्राम पंचायत द्वारा क्रियान्वयन एजेंसी के रूप में किया जाता है। हितग्राहियों को राशि दिये जाने का प्रावधान नहीं है। मेड़बंधान कार्य पूर्ण कराये जाने की जानकारी उत्तरांश ’’क’’ अनुसार है। आवास योजना के बारे में वांछित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
उच्च स्तरीय जाँच कराकर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने
102. ( क्र. 2733 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय मंत्री राजस्व विभाग के पत्र क्र. 1010/मंत्री/रा.पु./2015 दि. 20/04/16 के द्वारा सतना जिले में पदस्थ तहसीलदार महेन्द्र पटेल के विरूद्ध गंभीर शिकायतों की जाँच हेतु निर्देश प्रमुख सचिव म.प्र. शासन को दिये गये थे। जाचं हेतु गठित समिति एवं जाँच प्रतिवेदन के संबंध में अद्यतन जानकारी दें। (ख) कलेक्टर सतना के आदेश क्र. 87 दि. 22/03/2016 के द्वारा सतना जिले में वर्ष 1959 के बन्दोबस्ती अभिलेख के अनुसार शासकीय भूमियों के पतासाजी करने हेतु एवं शासकीय भूमियों जो विभिन्न षड़यंत्रों के माध्यम से भू-अभिलेख/राजस्व अधिकारियों को मिलीभगत से खुर्दबुर्द की जा चुकी है, उनकी जाँच करने हेतु अनु. अधि. राजस्व की अध्यक्षता में प्रत्येक तहसील के तहसीलदार एवं प्रभारी अधिकारी भू-अभिलेख को सदस्य बनाया जाकर 3 माह में प्रतिवेदन चाहा गया था। जाँच प्रतिवेदन की प्रति प्रस्तुत करें। (ग) उक्त जाँच में दोषी पाये गये सदस्य भू-माफिया एवं अधि./कर्मचारियों के विरूद्ध कितनी F.I.R. दर्ज कराई जाकर दण्डात्मक कार्यवाही की गई तथा कितने के विरूद्ध कार्यवाही किया जाना शेष है? कब तक कार्यवाही पूर्ण कर ली जावेगी? तहसीलदार जानकारी दें। (घ) कलेक्टर सतना के आदेशानुसार रघुराजनगर तहसील के अंतर्गत पटवारी हल्का सिजहट के सोनौरा, पट. हल्का कृपालपुर कोलगवाके उतैली चेक में कूटरचित दस्तावेजों के माध्यम खुर्दबुर्द की गई 38.38 एकड़ भूमि शासकीय घोषित की गई है। जाँच पूरी होने एवं दोषियों के नाम उजागर होने के बाद कितने आरोपियों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की गई तथा कितने के विरूद्ध कार्यवाही शेष है की अद्यतन जानकारी दोषियों के नाम सहित तथा की गई कार्यवाही के विवरण सहित प्रस्तुत करें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। आयुक्त, रीवा संभाग रीवा को जाँच करने हेतु दिनांक 14.07.2016 को लिखा गया है। जाँच प्रतिवेदन अप्राप्त। (ख) जी हाँ। कलेक्टर सतना के आदेश क्रमांक 87 दिनांक 22.03.2016 द्वारा समिति गठित की गई है। गठित समिति द्वारा विस्तृत जाँच की जा रही है। जाँच प्रतिवेदन अप्राप्त। (ग) उल्लेखित बिन्दुओं पर कलेक्टर सतना के आदेश क्रमांक 87 दिनांक 22.03.16 द्वारा गठित समिति द्वारा विस्तृत जाँच की जा रही है। जाँच पूर्ण होने पर दोषियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी। (घ) जी हाँ। गठित समिति द्वारा विस्तृत जाँच की जा रही है। जाँच उपरांत दोषियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी।
निर्विरोध पंच/सरपंच के संबंध में
103. ( क्र. 2734 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में सतना जिले के विधान सभा क्षेत्र नागौद के अंतर्गत किन-किन ग्राम पंचायतों में पंच एवं सरपंच निर्विरोध निर्वाचित हुये हैं? पंच/सरपंच पंचायतवार सूची दें। (ख) प्रश्नांश (क) के निर्विरोध पंच/सरपंच निर्वाचितों को शासन द्वारा पृथक से कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि स्वीकृत किये जाने का प्रावधान है? क्या प्रावधान अनुसार राशि स्वीकृत की गई है? यदि नहीं, तो कब तक की जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘अ‘‘ अनुसार। (ख) निर्विरोध निर्वाचित सरपंच को राशि रूपये 1.00 लाख तथा सरपंच एवं सभी पंच निर्विरोध निर्वाचित होने पर 5.00 लाख पुरस्कार का प्रावधान है। जी हाँ। स्वीकृत राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘ब‘‘ अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वाटर शेड योजना के संबंध में
104. ( क्र. 2760 ) कुमारी निर्मला भूरिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग के वाटर शेड योजना के अंतर्गत विगत 3 वर्षों में झाबुआ जिले में कहाँ-कहाँ, क्या-क्या कार्य हुए? परियोजना अधिकारी (पी.ओ.) कौन-कौन थे एवं प्रत्येक परियोजना द्वारा अपने कार्यकाल में किस योजना में कितनी राशि व्यय की गई? (ख) वाटर शेड मिशन में जो कार्य कराये जाना रिकार्ड में दर्शाये हैं उनका भौतिक सत्यापन/निरीक्षण किस-किस ने किस तिथि को किसके द्वारा किया गया? (ग) क्या वाटर शेड योजना से संबंधित केशबुक, बिल, व्हाउचर भुगतान दर्शाने वाला अभिलेख गायब है तथा नष्ट या उसमें कांट-छांट कर विरूपित किया गया है? यदि हाँ, तो कौन जिम्मेदार है? उत्तरदायित्व निर्धारण कर क्या कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) जी नहीं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भवन विहीन पंचायत भवनों का निर्माण
105. ( क्र. 2776 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के जनपद पंचायतों के द्वारा वर्ष 2013 से प्रश्नांश दिनांक तक में कब-कब भवनविहीन/खण्डहर पंचायतों की जानकारी जिला पंचायत रीवा को भेजी गई, उस पर जिला पंचायत द्वारा कब-कब कार्यवाही कर शासन को जानकारी दी गई? (ख) यदि प्रश्नांश (क) के भवनविहीन पंचायतों की जानकारी शासन एवं जिला प्रशासन को समय-समय पर उपलब्ध करायी जाती रही तो नवीन पंचायत भवनों के निर्माण बावत् शासन एवं जिला प्रशासन द्वारा क्या पहल की गई? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) के भवनविहीन पंचायतों के निर्माण बाबत् समय पर कार्यवाही नहीं की जा रही है, पंचायतों की बैठकों सहित अन्य कार्य प्रभावित हो रहे हैं, पंचायत राज की मंशा भवन न होने के कारण पूर्ण नहीं हो रही, तो इसके लिए कौन-कौन जवाबदार है? इनके भवन बनाने की कार्यवाही कब तक प्रारम्भ की जाकर पूर्ण कर ली जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘अ‘ अनुसार। जिला पंचायत रीवा के पत्र क्र. 2688 दिनांक 14.01.2016 द्वारा भवनविहीन एवं जीर्ण-शीर्ण पंचायत भवनों की जानकारी पंचायत राज संचालनालय को प्रेषित की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘ब‘ अनुसार। (ख) जिला पंचायत रीवा द्वारा प्रेषित 174 भवनों की सूची में 91 ग्राम पंचायतों के भवन भवनविहीन एवं 83 ग्राम पंचायतों के भवन जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है, सर्वप्रथम भवनविहीन ग्राम पंचायतों में राशि की उपलब्धता के आधार पर नवीन पंचायत भवन निर्माण की योजना है। (ग) ग्राम पंचायतों की बैठकें ग्राम पंचायत मुख्यालय स्तर पर अन्य समुचित स्थलों पर सम्पन्न हो रही है तथा पंचायत राज व्यवस्था अनुरूप कार्यवाही पूर्ण हो रही है। बजट उपलब्धता के आधार पर भवनविहीन ग्राम पंचायतों में नवीन पंचायत भवन निर्माण की योजना है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
दोषी के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही
106. ( क्र. 2790 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले के विकासखण्ड हनुमना अंतर्गत ग्राम बहुती के श्री अब्दुल रहीम नामक व्यक्ति ने अपने पट्टे पर बने घर के सामने स्थित शासकीय भूमि पर 10X20 वर्गफिट में घर बनाकर निस्तार कर रहे व्यक्ति पर तहसीलदार हनुमना द्वारा अवैध अतिक्रमण मानकार हटाने का आदेश पारित किया था? (ख) यदि हाँ, तो अतिक्रमण हटाते समय श्री अब्दुल रहीम के घर में आग लगाई गई थी जिससे उसका मकान जल गया था? यदि हाँ, तो आग लगाने वाले पर क्या कार्यवाही की गई? नहीं की गई तो क्यों कारण स्पष्ट करें? की जायेगी तो कब तक? (ग) प्रश्नांश ''क'' ''ख'' के संदर्भ में मध्यप्रदेश राजस्व विभाग द्वारा क्या अतिक्रमण हटाने की विहित प्रक्रिया में आग लगाकर अतिक्रमण हटाये जाने का कोई विधिक प्रावधान है बतावें? (घ) क्या तहसीलदार हनुमना द्वारा जानबूझकर द्वेषपूर्वक अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की गई थी? क्या इसकी न्यायिक जाँच कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आदेशों का पालन
107. ( क्र. 2807 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के तहसील हनुमना के तहसीलदार के पत्र क्रमांक 24/री./2016 दिनांक 11.03.2016 एवं क्रमांक 33/री. दिनांक 30.03.2016 द्वारा राजस्व निरीक्षक वित्त पहाछी एवं पटवारी हल्का पटेहरा को प्र.क्र. एक, ए, 70-15X16 आदेश दिनांक 09.03.2016 के पारित आदेश का कब्जा दिलाने हेतु पत्र लिखा गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में यदि हाँ, तो दिनांक 16.03.2016 तक पारित आदेश दिनांक का पालन करने न करने पर सिविल जेल की कार्यवाही प्रस्तावित किये जाने का लेख पत्र क्रमांक 25/री./2016 दिनांक 11.03.2016 के द्वारा प्रस्तावित करने का किया गया था? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक क्या आदेशों का पालन किया गया? यदि हाँ, तो पारित आदेश के पक्ष में पालन प्रतिवेदन संबंधित जन से उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो कारण बतावें? पालन न कराने के लिए कौन-कौन दोषी हैं? नाम बतावें? उसके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? नहीं की गई तो कारण बतावें? की जावेगी तो कब तक? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के प्रकाश में पारित आदेश का पालन कब तक कराया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जी हाँ (ग) प्रकरण में कब्जा दिलाने की कार्यवाही हेतु पत्र जारी किया गया था किन्तु प्रकरण क्रमांक 1अ70/2015-16 में पारित आदेश दिनांक 09.03.2016 के विरूद्ध पीडि़त पक्ष बृजकिशोर पिता गौरी शंकर द्वारा आदेश दिनांक 09.03.2016 की अपील अनुविभागीय अधिकारी हनुमना के न्यायालय में प्रचलित है। (घ) अनुविभागीय अधिकारी हनुमना के न्यायालय में अपील प्रकरण विचाराधीन है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना
108. ( क्र. 2809 ) श्री गोपीलाल जाटव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोकनगर विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कितनी सड़कें प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत स्वीकृत हुई हैं? (ख) कितनी सड़कों का निर्माण पूर्ण हो चुका है? ग्रामवार जानकारी प्रदान करें एवं अपूर्ण सड़कों को कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? (ग) इस योजना के अंतर्गत निर्मित वर्ष 2014 एवं 2015 की गारंटी वाली कौन-कौन सी सड़के समय पूर्व वर्षाकाल एवं आवागमन के कारण क्षतिग्रस्त हो गई हैं? (घ) क्या उक्त सड़कों का रख-रखाव ठेकेदारों द्वारा समय-समय पर किया जाता है? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) अशोकनगर विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत 26 सड़कें स्वीकृत हुई है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित सड़कों में से 4 सड़कों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। पूर्ण करने की निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत वर्ष 2014 एवं 2015 में निर्मित सड़कें जो वर्तमान में गारंटी अवधि में है वर्षाकाल एवं आवागमन के कारण क्षतिग्रस्त नहीं हुई है। (घ) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्राकृतिक प्रकोप से हुई फसल क्षति का मुआवजा
109. ( क्र. 2810 ) श्री गोपीलाल जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत दो वर्षों में अशोकनगर विधान सभा क्षेत्र में कितने किसानों की फसलों का नुकसान हुआ है एवं किसानों को हुई फसल क्षति का मुआवजा वर्तमान तक कितनी राशि का भुगतान किया गया है एवं कितनी राशि का भुगतान किया जाना शेष है? (ख) वर्ष 2016 मार्च में हुई ओलावृष्टि से अशोकनगर विधान सभा क्षेत्र के कितने कृषकों की फसलों का नुकसान हुआ एवं नष्ट फसलों के सर्वे का आधार बतायें? (ग) कितने किसानों के फसल क्षति के आवेदन पत्र प्राप्त हुये एवं प्राप्त आवेदनों पर क्या कार्यवाही की गई? क्या राशि के अभाव में प्रभावित कृषकों को राशि नहीं दी गई? यदि नहीं, तो कारण सहित जानकारी देवें? (घ) क्या शासन राहत राशि से वंचित कृषकों को शीघ्र ही राहत राशि उपलब्ध कराये जाने के निर्देश देगा? यदि हाँ, तो कब तक, नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जिला अशोकनगर के विधान सभा क्षेत्र अशोकनगर में विगत दो वर्षों में खरीफ/रबी फसलों में क्षति से 8549 कृषक प्रभावित हुये प्रभावित पात्र कृषकों को 932.63 लाख (रू. नौ सौ बत्तीस लाख त्रेसठ हजार) मात्र राहत राशि स्वीकृत हुई तथा 862.41 लाख (रू. आठ सौ बासठ लाख इक्तालीस हजार) मात्र राशि पात्र कृषकों को वितरित की गई एवं 70.22 लाख (रू. सत्तर लाख बाईस हजार) मात्र राशि जिले द्वारा समर्पित कर दी गई है। वर्तमान में कोई भी राशि भुगतान हेतु शेष नहीं है। (ख) मार्च 2016 में ओलावृष्टि से अशोकनगर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत 1158 कृषकों की फसलों को नुकसान हुआ। नष्ट हुई फसलों का सर्वे राजस्व विभाग, कृषि विभाग, पंचायत के सर्वेक्षण संयुक्त दलों से खेत दर खेत जाकर कराया गया प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर प्रभावित कृषकों का सर्वे कराया गया। (ग) फसल क्षति के संबंध में 139 किसानों के फसल क्षति के मुआवजा हेतु आवेदन प्राप्त हुये जिनका पुन: सर्वेक्षण कराया गया। सर्वेक्षण में कोई भी किसान पात्र नहीं पाया गया। राशि के अभाव में किसी पात्र कृषक को सर्वे से नहीं छोड़ा गया है। (घ) प्रश्नांश 'क' एवं 'ग' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उद्भूत नहीं होता है।
कृषि विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं में कराये गये कार्य
110. ( क्र. 2811 ) श्री गोपीलाल जाटव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत दो वर्षों में अशोकनगर जिले में कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं में कितना-कितना आवंटन प्राप्त हुआ है एवं प्राप्त आवंटन से क्या-क्या कार्य करवाये गये हैं? (ख) वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में विधान सभा क्षेत्र अशोकनगर में कितने स्वीकृत कार्य हैं, जिनका निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है? यदि पूर्ण नहीं हुआ तो कारण बतायें। (ग) विधान सभा क्षेत्र अशोकनगर में कितने कृषकों को विगत दो वर्षों में हितग्राही मूलक योजना में लाभांवित किया गया? (घ) यदि कृषकों को लाभांवित नहीं किया गया तो कारण बतायें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (ग) विधान सभा क्षेत्र अशोक नगर में 23597 कृषकों को विगत दो वर्षों में हितग्राही मूलक योजनाओं में लाभान्वित किया गया। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार कृषकों को लाभान्वित किया गया।
किसानों को मुआवजा राशि
111. ( क्र. 2819 ) श्री नथनशाह कवरेती : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिंदवाड़ा जिले के अंतर्गत तहसील तामिया/जुन्नारदेव में कीट एवं सूखा व पीला मोजेक (सोयाबीन) वर्ष 2015-16 से प्रभावित किसानों को मुआवजा स्वीकृत किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो कितने किसानों को कितनी राशि, नाम, पते एवं खाता नंबर सहित बताएं? (ग) क्या किसानों के खाते में राशि न डालकर अन्य प्रभावशाली लोगों के खाते में राशि डालकर निकाली गई है? यदि हाँ, तो उन लोगों के खिलाफ F.I.R. दर्ज कर कार्यवाही की जावेगी और कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (कीट, पीला मोजेक एवं सूखे से क्षति हेतु) छिन्दवाड़ा जिले की तहसील तामिया के लिए राहत राशि रूपये 8,00,89,104/- (राशि रू. आठ करोड़ नवासी हजार एक सौ चार) एवं तहसील जुन्नारदेव के लिए राशि रूपये 51,90,100/- (राशि रू. इक्यावन लाख नब्बे हजार एक सौ) प्रभावित किसानों को वितरण हेतु स्वीकृत की गई थी। (ख) किसानों की संख्या, नाम, पते, खाता नंबर एवं राशि सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) तहसील जुन्नारदेव में राहत राशि प्रभावित कृषकों के खाते में ही जमा की गई है। तहसील तामिया में जाँच कर किसानों से पुन: खाता नम्बर लेकर वास्तविक कृषकों के खाते में राशि जमा की गई। जिन अपात्र खातेदारों के खातों में त्रुटिवश राशि जमा की गई उनसे वसूली हेतु कुर्की की कार्यवाही जारी है। वसूली की कार्यवाही जारी होने से एफ.आई.आर. दर्ज नहीं कराई गई।
राष्ट्रीय आजीविका परियोजना
112. ( क्र. 2824 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राष्ट्रीय आजीविका परियोजना के अंतर्गत राज्य स्तर पर विगत तीन वर्षों से कितनी राशि उपलब्ध है एवं किन-किन बैंकों में जमा की गई? (ख) क्या राष्ट्रीय आजीविका परियोजना से प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में स्व-रोजगार उपलब्ध कराने हेतु प्रत्येक जिले में कार्य कराये जाने थे? किन्तु प्रदेश के किन-किन जिलो में विगत तीन वर्षों में कोई कार्य नहीं हुआ है? (ग) क्या राज्य स्तर पर उपलब्ध योजना की राशि से राष्ट्रीय स्तर एवं राज्य स्तर की कार्यशाला का आयोजन विगत 3 वर्षों में कब-कब किया गया एवं कितनी राशि व्यय की गई? कार्यशाला के उपरांत उसके क्या परिणाम राज्य को प्राप्त हुए?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका परियोजना के नाम से परियोजना का वर्तमान में क्रियान्वयन नहीं किया जा रहा है। म.प्र. ग्रामीण आजीविका परियोजना वर्ष 2012 में समाप्त हो चुकी है। अतः शेष जानकारी निरंक है। (ख) एवं (ग) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना
113. ( क्र. 2878 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले के नैनपुर विकासखण्ड में मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना अंतर्गत विगत तीन वर्ष में कितने प्रकरण स्वीकृत हुये तथा कितने प्रकरण लंबित हैं और इनके लंबित रहने के क्या कारण है वर्षवार बतायें? (ख) क्या विकासखण्ड नैनपुर के ग्राम रैवाड़ा में मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना में भारी धांधली हुई है जिसमें अपात्रों को पात्र बनाकर तत्कालीन पटवारी द्वारा पट्टे जारी कर दिये गये है? (ग) यदि नहीं, तो हितग्राही राजकुमार पिता भोजेलाल झारिया प्रकरण क्र. 1150 जो कि मूलत: ग्राम पंचायत गौराछापर निवासी है, जिसका वोटर लिस्ट में बीडीएन. 1304054/2009 क्र. 93B पर दर्ज है? ग्राम पंचायत रैवाड़ा से पट्टा कैसे जारी हो गया? (घ) इसी प्रकार अनेक लोगों ने योजना से लाभ लेकर बैंक से राशि प्राप्त कर ली परन्तु आवास बनाया ही नहीं और बैंक द्वारा वसूली का नोटिस दिया जा रहा है? क्या शासन मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत जारी पट्टे की जाँच कर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मण्डला जिले के नैनपुर विकासखण्ड में मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन के अंतर्गत वर्ष 2013-14 में बैंक द्वारा स्वीकृत प्रकरण-394, बैंक में लंबित प्रकरण-36वर्ष 2014-15 में बैंक द्वारा स्वीकृत प्रकरण-440, बैंक में लंबित प्रकरण-20 एवं वर्ष 2015-16 में बैंक द्वारा स्वीकृत प्रकरण-416, बैंक में लंबित प्रकरण-44। बैंकों की धीमी स्वीकृति की प्रक्रिया के कारण उल्लेखित वर्षों में प्रकरण लंबित रहे है। (ख) जी नहीं। पटवारी द्वारा पट्टा जारी नहीं किया जाता है। (ग) जाँच प्रतिवेदन में पाया गया है कि संबंधित को तहसील कार्यालय से सभी औपचारिकता पूर्ण कर खसरा नं. 290/2 आबादी भू-खण्ड धारक प्रमाण पत्र/पट्टा जारी किया गया है। (घ) योजना के तहत प्रकरण में बैंक, अपने बैंकिंग नियमानुसार हितग्राही को, समस्त औपचारिकताएं पूर्ण कर, कार्य प्रगति के आधार पर निर्माण की प्रगति का निरीक्षण करने के उपरांत किश्त प्रदान करते है। अतः आवास बनाया ही नहीं यह कहना सही नहीं है। बैंकों द्वारा उनकी निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार ऋण वसूली की कार्यवाही की जाती है। (ग) अनुसार जाँच में दोष सिद्ध नहीं है। अतः प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
कृषि मण्डी में किसान सुविधा
114. ( क्र. 2879 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग द्वारा किसानों को सुविधा हेतु मण्डी निधि से कौन-कौन से कार्य कराये जाते हैं? (ख) मण्डला जिले में मण्डी निधि से वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी मण्डी में कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि से कराये गये वर्तमान में उनकी भौतिक स्थिति क्या है? (ग) कृषि उपज मण्डी मण्डला, नैनपुर में क्या-क्या किसान सुविधा उपलब्ध है? क्या यहाँ कृषक विश्राम गृह, तौल कांटा, शीतल पेयजल, गोदाम भवन आदि की सुविधा उपलब्ध है? यदि नहीं, तो कब तक उक्त सुविधायें उपलब्ध हो जायेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) मंडी निधि से कराये जाने वाले कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है, जिसमें प्रश्नांकित सुविधाएं उपलब्ध है। अत: शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण
115. ( क्र. 2901 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के सिंरोज विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन के तहत इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन, नि:शक्त पेंशन, विधवा पेंशन एवं सामाजिक सुरक्षा पेंशन हेतु कुल कितने हितग्राहियों को लाभांवित कर राशि का भुगतान किया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार ऐसे कितने पेंशनधारी हैं, जो पात्रता होने पर भी लाभ से वंचित हैं? वंचित रहने का क्या कारण हैं? पात्र पेंशनधारियों को कब तक लाभांवित किया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या विगत 05-06 माह से पेंशनधारियों को राशि का भुगतान नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो किस-किस ग्राम के कितने पेंशनधारियों को? इसके लिए जिम्मेदार कौन है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) उत्तरांश (क) के संलग्न परिशिष्ट अनुसार कोई पात्र पेंशनधारी लाभ से वंचित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आपदा प्रभावित किसानों को प्रदान राहत राशि का वितरण
116. ( क्र. 2902 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंरोज विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत तहसील सिरोंज/लटेरी में विगत दो वर्षों से आपदा प्रभावित ओला-पाला/सूखा प्रभावित किसानों को कितनी-कितनी राहत राशि का वितरण किया गया है? राहत राशि वितरण हेतु कितनी शेष है? किन-किन आपदा प्रभावित किसानों को राहत राशि का वितरण नहीं किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार ऐसे कितने आपदा प्रभावित किसान हैं जो लाभ से वंचित हैं? छूटे हुए किसानों को कब तक लाभान्वित किया जावेगा? आपदा प्रभावित किसानों को राहत राशि का वितरण कब तक किया जावेगा? राहत राशि वितरण में विलंब क्यों किया जा रहा है? विलंब के लिए जिम्मेदार कौन है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) सिरोंज विधान सभा क्षेत्रांतर्गत विगत दो वर्षों में आपदा प्रभावित, ओला पाला, सूखा प्रभावित किसानों को तहसील सिरोंज में वर्ष 2014-15 में रूपये 5,61,00,805/- वर्ष 2015-16 में रूपये 49,79,47,820/- राशि का वितरण किया गया है। तहसील लटेरी में ओलावृष्टि से प्रभावित 6382 किसानों को राशि रूपये 10,92,76,499/- एवं कीट-इल्ली, सूखा से प्रभावित 24353 किसानों को राशि रूपये 35,92,71,253/- का वितरण किया गया। शेष प्रश्नांश की जानकारी निरंक है। (ख) प्रश्नांश ''क'' अनुसार प्रश्नांश ''ख'' की जानकारी निरंक है।
सहकारी संस्था को आवंटित भूमि
117. ( क्र. 2907 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के दिनांक 31 मार्च, 2016 के अता.प्र.सं. 173 (क्र. 7898) के प्रश्नांश (ग) के उत्तर में अनियमितता के संबंध में कार्यवाही हेतु नगर एवं ग्राम निवेश विभाग को लेख किया गया है, बताया गया था? (ख) यदि हाँ, तो क्या नगर एवं ग्राम निवेश विभाग की ओर से प्रश्न दिवस तक कार्यवाही किये जाने संबंधी कोई सूचना प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जन शिकायत निवारण नीति
118. ( क्र. 2945 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा जिला एवं विकासखण्ड स्तर पर जन शिकायत निवारण के संबंध में क्या नीति है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में नीति अनुसार जन शिकायत निवारण हेतु शिविर लगाये जाने के लिये कौन-कौन से विभागों का क्या-क्या उत्तरदायित्व व इस हेतु क्या समय-सीमा है? विगत एक वर्ष में विधान सभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत शासन नीति के पालन कब-कब, कहाँ-कहाँ, किस-किस विभाग द्वारा जन शिकायत के निवारण हेतु शिविर या अन्य कार्यक्रम कर कितनी समस्याओं का निराकरण किया गया? (ग) क्या शासन नीति अनुरूप विभागों द्वारा विगत एक वर्ष में जन शिकायत निवारण हेतु कोई कार्यवाही नहीं किये जाने से जन समस्याओं का निराकरण यथासमय न होकर उनको शासन की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है? यदि हाँ, तो क्या शासन इस संबंध में कोई ठोस कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो क्या और कब तक?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में समस्त विभागों का ये दायित्व है कि उनके विभाग से संबंधित जन शिकायत निवारण विभाग में प्राप्त ऑनलाइन/ऑफलाइन शिकायतों का निराकरण कर एम.पी.समाधान पोर्टल www.samadhan.mp.gov.in पर दर्ज करें। शिकायतों के निराकरण के लिए कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं है। विगत एक वर्ष में विधान सभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत दिनांक 18/01/2016 को अन्त्योदय मेला का आयोजन किया गया। जिसके तहत सभी विभागों के कुल 270 आवेदन प्राप्त हुए। जिनका निराकरण संबंधित विभागों द्वारा किया गया। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अवैध परिवहन के संबंध में
119. ( क्र. 2946 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक परिवहन हेतु बसों को दी गई अनुज्ञप्तियों में लगेज ढोना शामिल कर लिया गया है? बतावें। (ख) क्या राजगढ़ जिले से होकर आगरा-बाम्बे रा.रा. मार्ग क्र. 3 एवं 12 जयपुर-जबलपुर मार्ग पर राज्य के अंतर्गत एवं अंतर्राज्यीय संचालित रात्रिकालीन बस परिवहन सेवा की बसों की छत पर असीमित मात्रा में लगेज परिवहन किया जाता है? जिसके कारण संभावित दुर्घटनाओं को देखते हुये यात्रियों के जीवन का खतरा बना रहता है। वही शासन को भी बड़ी मात्रा में राजस्व हानि पहुंचाई जा रही है? (ग) क्या राजगढ़ जिले के अंतर्गत संचालित बसों द्वारा परमिट अनुसार गंतव्य स्थल के बोर्ड के स्थान गलत सांकेतिक बोर्ड लगाकर यात्रियों को गुमराह किया जाता है तथा यात्रियों को निर्धारित स्थल पर न पहुंचाकर बीच में अन्य बसों में बैठने हेतु छोड़ दिया जाता है एवं इसी प्रकार एक वाहन परमिट में अनुबंधित बस के स्थान पर अन्य बस अथवा दो-तीन बसों का संचालन भी किया जा रहा है? बसों द्वारा किये जा रहे अवैध परिवहन के विरूद्ध राजगढ़ जिले के परिवहन विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों द्वारा कभी भी पूछताछ नहीं की जाती है और न ही कभी चालान इत्यादि बनाये जाते है? तथा अवैध परिवहन को विभाग के अधिकारी-कर्मचारी द्वारा संरक्षण दिया जा रहा है? क्या शासन इस हेतु कोई विशेष मुहिम चलाकर अंकुश लगाने का प्रयास करेगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) लोक परिवहन हेतु ठेका गाड़ी तथा मंजिली गाडि़यों (बसों) को दी गई अनुज्ञप्तियों में यात्रियों का लगेज, मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 72 (2) (vii) (viii) एवं (ix) में निहित शर्तों तथा मध्यप्रदेश मोटरयान नियम 1994 के नियम 78,79 एवं 80 के प्रावधानों के अधीन ढोया जाता है। यह प्रावधान पूर्व से ही अधिनियम व नियमों में निहित है। (ख) राजगढ़ जिला अंतर्गत राज्य के अंतर्गत एवं अंतर्राज्यीय संचालित बस परिवहन की समय-समय पर चेकिंग की जाती है। विगत दो वर्षों में प्रश्न दिनांक तक परिवहन चेक पोस्ट सेमली एवं कार्यालय द्वारा चेकिंग के दौरान 349/- वाहनों पर कार्यवाही की गई व उनसे रूपये 39,44,534/- मोटरयान कर एवं समझौता शुल्क वसूल किया गया। जिसके फलस्वरूप विगत दो वर्षों में शासन द्वारा दिये गये लक्ष्य के विरूद्ध बढ़त हासिल की साथ ही वर्ष 2016-17 में प्रथम तिमाही में लक्ष्य के विरूद्ध माह अप्रैल 2016 में 221 लाख के विरूद्ध 319 लाख माह मई 2016 में 258 लाख के विरूद्ध 439 लाख एवं माह जून 2016 में 295 लाख के विरूद्ध 336 लाख का राजस्व अर्जित किया। चेकिंग कार्यवाही के फलस्वरूप शासन के राजस्व में निरंतर वृद्धि हो रही है। (ग) राजगढ़ जिला अंतर्गत इस प्रकार की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। समय-समय पर जिला क्षेत्रान्तर्गत अवैध संचालित वाहनों के विरूद्ध चेकिंग की जाती है। विगत दो वर्षों में प्रश्न दिनाँक तक परिवहन चेक पोस्ट सेमली एवं कार्यालय द्वारा अवैध संचालित वाहनों से चालानी कार्यवाही की जाकर रूपये 39,44,534/- का मोटरयान कर व समझौता शुल्क वसूल किया गया। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ एवं ब अनुसार है। वर्तमान में भी अवैध संचालित वाहनों के खिलाफ सख्त कार्यवाही प्रचलन में है, जिससे राजस्व में निरंतर वृद्धि परिलक्षित हो रही है।
मजरो-टोलों को राजस्व ग्राम बनाना
120. ( क्र. 2956 ) श्री मोती कश्यप : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वि.स.क्षे. बड़वारा, कटनी, ढीमरखेड़ा के किन ग्रामों में किन जनसंख्या के मजरे-टोले कितनी दूरी पर पाये गये हैं और विभागीय किसी आदेश व मापदण्ड के आधार पर किन ग्रामों के मजरो-टोलों को राजस्व ग्राम बनाये जाने हेतु पात्र पाया गया हैं? (ख) क्या विधान सभा की बैठक दिनांक 10.3.2016 के अतारांकित प्रश्न के रूप में परिवर्तित तारांकित प्रश्न संख्या 81 (क्र. 3799) के प्रश्नांश (घ) के ग्राम के संबंध में विभाग द्वारा कोई उत्तर दिया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) के ग्रा.पं. पहरूआ के पंचायत भवन एवं किस जनसंख्या की ग्राम बस्ती किस मार्ग की किस दिशा में है और किस जनसंख्या की मेर की मूल बस्ती किस दिशा में है एवं मध्य में कौन सी पहाडि़यां हैं तथा दोनों की दूरी कितने कि.मी. दूर है? (घ) प्रश्नांश (ख) के अनुसार किस आधार पर पहरूआ और मेर की दूरी 0 (शून्य) कि.मी. दर्शायी गई है? (ड.) क्या प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में मेर को पृथक राजस्व ग्राम बनाया जाना सुनिश्चित किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। निर्धारित मापदण्ड अनुसार किन्ही भी मजरो टोलों को राजस्व ग्राम बनाये जाने हेतु पत्र नहीं पाया गया है। (ख) जी हाँ। (ग) ग्रा.पं. पहरूआ की मुख्य बस्ती मुख्य सड़क से पश्चिम दिशा में है एवं मेर मजरा-टोला मुख्य सड़क से पूर्व दिशा में है, मध्य से राजस्व भूमि की पहाड़ी है, दोनों की दूरी शून्य कि.मी. है एवं मेरा मजरा टोला की जनसंख्या 1396 है (घ) जी हाँ, प्रश्नांश (ख) के अनुसार ग्राम पहरूआ व मेर मजरा-टोला बस्ती आपस में लगी होने के कारण दूरी शून्य कि.मी. बतायी गई है। (ड.) उत्तरांश 'घ' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वच्छ भारत नियत अंतर्गत निर्मित शौचालयों की जाँच
121. ( क्र. 2957 ) श्री मोती कश्यप : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत वि.स.क्षे. बड़वारा के विकासखण्ड बड़वारा, कटनी और ढीमरखेड़ा के किन्हीं ग्रामों में निर्धारित लक्ष्य के विरूद्ध कितने शौचालय बनाये गये हैं और अभी तक कितने शेष हैं, जो कब तक निर्मित हो जावेंगे? (ख) प्रश्नांश (क) शौचालय किन ग्राम में किनके द्वारा निर्मित किये गये हैं? (ग) क्या प्रश्नांश (क), (ख) शौचालयों की किनके द्वारा जाँच की गई है और उनमें से किन ग्राम के कितने शौचालय मापदण्ड के विरूद्ध गुणवत्ताविहीन पाये गये हैं? (घ) क्या प्रश्नांश (क) दोषियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की गई है और दोषपूर्ण शौचालयों का पुनर्निर्माण कराया गया हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष शौचालय 02 अक्टूबर 2019 तक निर्मित कराये जाने का लक्ष्य है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। मापदण्ड के अनुसार शौचालय के निर्मित होने के उपरांत प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया गया है। (घ) मापदण्ड के अनुसार शौचालय निर्मित होने के उपरांत प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया गया है। शेष प्रश्न नहीं उठता।
गलत जानकारी देने विषयक
122. ( क्र. 3003 ) श्रीमती ममता मीना : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अता.प्रश्न क्र. 1675 दिनांक 10/03/2016 में बताया गया था कि गुना जिले की सभी तहसीलों में वर्ष 1997 में पूर्व एवं बाद में एक भी ऐसा किसान नहीं है जिसके खसरे में विक्रय वर्जित नहीं लिखा। तो क्या कुछ किसानों के खसरों में विक्रय वर्जित लिखा है, यदि हाँ, तो कौन से आदेश से क्या विभाग प्रश्नांश (क) में वर्णित तथ्यों की पुन: जाँच करायेगा तथा इसके लिए कौन उत्तरदायी है? (ख) क्या विभाग किसानों के खसरों में दर्ज विक्रय वर्जित शब्द कॉलम नं. 12 से जो बिना अनुमति के कम्प्यूटर खसरों में दर्ज है उन्हें हटायेगा, बतायें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) म.प्र. कृषि प्रयोजन के लिये उपयोग की जा रही दखलरहित भूमि पर भूमिस्वामी अधिकारों का प्रदान किया जाना (विशेष उपबंध) अधिनियम 1984 कंडिका 4 में हस्तांतरण एवं व्यपवर्तन अनुज्ञेय नहीं होगा अंकित हैं तथा विभाग पत्र क्रमांक एफ 16-20/2010/सात-2 ए भोपाल दिनांक 26 मार्च 2010 के निर्देश के पालन में विक्रय निवेश (अहस्तांतरणीय) दर्ज किए जाने की कार्यवाही सुनिश्चित की गई। (ख) जिले में शासकीय पट्टों से प्राप्त भूमि के कृषकों को खातों में विक्रय वर्जित अथवा अहस्तांतरणीय दर्ज किया जाना विधि संगत होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभागों को घोषित दर से अधिक दर पर नकलें देने की कार्यवाही
123. ( क्र. 3010 ) श्रीमती ममता मीना : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा गुना जिले की प्रत्येक तहसील में शासकीय राजस्व एवं अन्य विभागों की खसरा एवं अन्य नकलें देने हेतु लोक सेवा केन्द्र खोले हैं? यदि हाँ, तो किस तहसील में किस दिनांक से कौन से एजेन्सियों को किस नियम से आवंटित किये हैं? (ख) क्या लोक सेवा केन्द्रों को खोलने से पूर्व राजस्व एवं अन्य विभाग शासकीय अभिलेखों की नकलें जिस दर से आमजन को उपलब्ध कराता था? लोक सेवा केन्द्रों को भी उसी दर से नकलें देने हेतु अनुबंध किया था या नहीं? क्या लोक सेवा केन्द्र चालू होने के बाद विभाग द्वारा नकलें बंद करने का कोई प्रावधान किया है? यदि हाँ, तो किस नियम से? यदि नहीं, तो विवरण दें। (ग) गुना जिले में तहसीलों द्वारा कम्प्यूटर खसरों की एवं अक्स की प्रमाणित नकलें किसानों को उपलब्ध कराने की क्या दर है और लोक सेवा केन्द्रों द्वारा उक्त नकलें उपलब्ध कराने की दरों में कितना अंतर है? यदि लोक सेवा केन्द्र अधिक दर पर नकलें देते हैं तो इसके लिए कौन उत्तरदायी है? (घ) क्या विभाग द्वारा गुना जिले के सभी लोक सेवा केन्द्रों द्वारा प्रश्नांश (क), (ख) और (ग) में वर्णित तथ्यों के अनुरूप अधिक दर पर सभी विभागों के अभिलेखों की नकलें देते हैं? जो अनुबंध शर्तों के विपरीत हैं? तो क्या विभाग इन केन्द्रों पर दरें कम कराकर इनके विरूद्ध अधिक दर पर नकलें देने की जाँच कराकर कार्यवाही करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी, हाँ। लोक सेवा प्रबंधन विभाग के आदेश क्रं. 472/2012/लो.से.प्र./61, भोपाल दिनांक 23/04/2012 में दिये गये निर्दशों के अनुक्रम में लोक सेवा केन्द्र गुना, चांचौड़ा, आरोन, राघौगढ़ व बमोरी एवं पत्र क्रं. 6-8/2015/ लो.से.प्र./61, भोपाल दिनांक 15/01/2016 के अनुक्रम में लोक सेवा केन्द्र मक्सूदनगढ़, कुम्भराज में निम्नानुसार एजेंसियों/संचालकों को आवंटित किया गया हैः-
(1) गुना - आर.जी.एम. कंप्यूटर, गुना (श्री शिवकांत श्रीवास्तव) (07/07/2012)
(2) बमोरी-
अजय
ग्राफिक्स
एंड स्क्रीन
प्रिंटर्स, शिवपुरी
(श्री संजय
जैन) (06/07/2012)
(3) राघोगढ़
-श्री पंकज
जैन (06/07/2012)
(4) चांचैड़ा -श्री ’यामसुन्दर मीना (06/07/2012)
(5) आरोन -श्री शैलेष मोदी (06/07/2012)
(6) मक्सूदनगढ़ -श्री अजय शर्मा (01/04/2016)
(7) कुम्भराज -श्री जगवीर सिंह परमार (01/04/2016)
(ख) लोक सेवा केन्द्रों से प्रदाय की जाने वाले अभिलेखों की नकलों में निर्धारित शुल्क के अतिरिक्त लोक सेवा केन्द्र की प्रक्रिया शुल्क एवं जिला ई-गवर्नेंस समिति शुल्क सम्मिलित होता है एवं इस बावत् अनुबंध किया गया है। जी नहीं, विभागों से नकलें प्रदाय करना बंद नहीं किया गया है। (ग) तहसीलों में कम्प्यूटर खसरों की नकल एवं अक्स हेतु प्रति पृष्ठ राशि रू 20/- निर्धारित है। एवं लोक सेवा केन्द्रों पर कम्प्यूटर खसरों की नकल हेतु प्रति सर्वे नंबर राशि रूपये 20/- एवं अक्स हेतु राशि रूपये 30/- निर्धारित है, इसके अतिरिक्त लोक सेवा केन्द्रों से ली जाने वाली नकलों में जिला ई-गवर्नेंस समिति को दिये जाने वाले शुल्क एवं लोक सेवा केन्द्रों की प्रक्रिया शुल्क लिया जाता है। लोक सेवा केन्द्र निर्धारित दरों पर ही नकलें उपलब्ध कराते है। (घ) निर्धारित दरों पर ही नकलें प्रदान की जाती है। निरंक।
टायलेट प्रोजेक्ट योजना
124. ( क्र. 3021 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला पंचायत जबलपुर को स्वच्छ भारत अभियान के तहत ग्राम पंचायतों में टायलेट प्रोजेक्ट के अंतर्गत शौचालयों का निर्माण कराने हेतु राज्य एवं केन्द्र शासन द्वारा कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं कितनी राशि व्यय हुई? लक्ष्य पूर्ति बतलावें वर्ष 2014-15 से जून 2016 तक की जनपद पंचायतवार जानकारी दें? (ख) प्रश्नांकित योजना के तहत कितने-कितने सामुदायिक, व्यक्तिगत व हितग्राही मूलक शौचालयों का निर्माण करना स्वीकृत/प्रस्तावित है तथा किन-किन जनपद पंचायतों की कितनी-कितनी ग्राम पंचायतों में कितने-कितनी शौचालयों का निर्माण किस एजेन्सी से कितनी-कितनी राशि में कराया गया है? लक्ष्य पूर्ति बतलावें? (ग) प्रश्नांश (क) में टायलेट प्रोजेक्ट में प्रस्तावित नक्शे में निर्माण की गुणवत्ता के निर्धारित किन-किन बिन्दुओं का शौचालयों के निर्माण में पालन किया गया है? इनकी गुणवत्ता की जाँच कब-कब, किन-किन अधिकारियों ने की है एवं कहाँ-कहाँ के शौचालयों के निर्माण में क्या-क्या अनियिमतताएं पायी गई और तत्संबंध में दोषियों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? जनपद व ग्राम पंचायतवार जानकारी दें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) 60:40 अनुपात में केन्द्र शासन एवं राज्य शासन द्वारा राशि उपलब्ध कराई जाती है। केन्द्रांश एवं राज्यांश मिलाकर जिला पंचायत जबलपुर को स्वच्छ भारत अभियान के तहत ग्राम पंचायतों में शौचालय निर्माण के लिए प्रोत्साहन राशि रूपये 500.00 लाख उपलब्ध कराई गई। पूर्व की अवशेष राशि सहित उक्त अवधि में रूपये 1043.88 लाख शौचालय निर्माण पर प्रोत्साहन राशि के रूप में व्यय की गई। लक्ष्य पूर्ति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ख) प्रश्नांश अवधि में सामुदायिक शौचालय का निर्माण नहीं किया गया है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
नवीन पंचायत भवन निर्माण
125. ( क्र. 3028 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खातेगांव विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत ऐसे कितने पंचायत भवन हैं जो जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हैं? (ख) खातेगांव विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2014 से प्रश्नांश दिनांक तक किन-किन ग्रामों में नवीन पंचायत भवनों का निर्माण किस वर्ष में हुआ है? ग्राम का नाम एवं पंचायत भवन की लागत बतावें। (ग) विधान सभा क्षेत्र खातेगांव के ऐसे कितने पंचायत भवन हैं जिनके निर्माण कार्य हेतु स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है किंतु निर्माण कार्य प्रगति पर नहीं हैं, क्यों? विलंब का कारण बतावें। (घ) खातेगांव विधान सभा क्षेत्र के जीर्ण-शीर्ण पंचायत भवनों को दुरस्त करने अथवा नवीन पंचायत भवन निर्माण करने हेतु विभाग/शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) खातेगांव विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत जनपद पंचायत खातेगांव के 10 एवं जनपद पंचायत कन्नौद के 15 ग्राम पंचायत भवन जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) खातेगांव विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत जनपद पंचायत खातेगांव में 23 एवं जनपद पंचायत कन्नौद में 01 पंचायत भवन स्वीकृत कुल 24 पंचायत भवन स्वीकृत किये गये। मनरेगा योजनान्तर्गत राशि भुगतान में विलंब होने से कार्य समय पर पूर्ण नहीं हो सके। वर्तमान में समस्त 24 कार्य प्रगतिरत है। (घ) सर्व प्रथम भवनविहीन ग्राम पंचायतों में बजट उपलब्धता के आधार पर नवीन पंचायत भवन निर्माण की योजना है।
मुख्यमंत्री बारहमाली सड़क योजना
126. ( क्र. 3029 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खातेगांव विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2008-09 में मुख्यमंत्री बारहमासी सड़क योजना के अंतर्गत किन-किन ग्रामों में मार्ग निर्माण करवाये गये? (ख) उक्त योजना के अंतर्गत जिन ग्रामों में मार्ग का निर्माण किया गया था तो क्या उन ग्रामों में मार्ग का निर्माण निर्धारित मापदण्ड अनुसार हुआ था? (ग) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र खातेगांव के अंतर्गत ऐसे कितने ग्राम हैं जिन्हें मुख्यमंत्री बारहमासी सड़क योजना के अंतर्गत प्रथम पार्ट (फस्ट फेस) में स्वीकृति प्राप्त हुई थी? (घ) खातेगांव विधान सभा क्षेत्र के ग्राम कुण्डगांव बुजुर्ग से जामनेर तक के मार्ग की स्वीकृति उक्त योजना के अंतर्गत हुई थी तो संबंधित एजेंसी द्वारा उक्त मार्ग का निर्माण प्रश्नांश दिनांक तक क्यों नहीं करवाया गया?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) खातेगांव विधान सभा क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2008-09 में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत किसी भी ग्राम में मार्ग निर्माण नहीं कराया गया है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) विधान सभा क्षेत्र खातेगांव अंतर्गत मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में 09 ग्रामों में प्रथम पार्ट (फस्ट फेस) में स्वीकृति प्राप्त हुई थी। (घ) प्रश्नांश में उल्लेखित कार्य दिनांक 30/06/2015 को पूर्ण कराया जा चुका है।
स्थायी पट्टे का वितरण
127. ( क्र. 3069 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले के सुरखी विधान सभा क्षेत्र में 01/01/2011 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस ग्राम में कितने-कितने हितग्राहियों को स्थायी पट्टे वितरित किये गये है तथा ऐसे कितने हितग्राही हैं जिन्हें स्थायी पट्टे दिये जाने हेतु चिन्हित किया गया है? (ख) प्रश्नांश कंडिका (क) में दर्शित चिन्हित हितग्राहियों को कब तक पट्टों का वितरण कर दिया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार कितने स्थायी पट्टेदार ऐसे है जिनके पट्टों के नवीनीकरण, शर्त उल्लंघन एवं अपालन के मामले लंबित हैं? ऐसे प्रकरणों पर कार्यवाही न होने से शासन को भू-भाटक के रूप में होने वाले आय में लगभग कितना नुकसान हुआ है और इसके लिये कौन उत्तरदायी है? (घ) प्रश्नांश कंडिका (ग) में दर्शित लंबित प्रकरणों पर कार्यवाही न करने के लिये दोषियों के विरूद्ध क्या कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक और यदि नहीं, तो क्यों नहीं? कारण बतावें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अनियमितता की जाँच एवं कार्यवाही
128. ( क्र. 3084 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित ग्वालियर द्वारा प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था मर्यादित - चीनोर, उर्वा, पिपरौआ, दुबहाटांका, गड़ाजर, चिटोली, हरसी, सिमरियाताल, अकबई, घाटीगांव, शुक्लहारी संस्थाओं को 01 अप्रैल 2008 से 31 मार्च 2013 तक कुल कितना नगदी एवं कितनी राशि का खाद-बीज ऋण के रूप में दिया गया। वर्षवार, मदवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित उपरोक्त संस्थाओं द्वारा बैंक से प्राप्त ऋण किस-किस मद में कितना-कितना वर्षवार वितरण किया गया? कितने कृषकों को वर्षवार कितनी राशि नगद एवं कितनी राशि का खाद-बीज ऋण दिया गया? (ग) बैंक से प्राप्त ऋण एवं संस्थाओं द्वारा वितरित ऋण में यदि अंतर है तो क्या इसकी जाँच कराई गई? जाँच निष्कर्ष के आधार पर दोषियों के विरूद्ध अभी तक क्या कार्यवाही की गई?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) उत्तरांश ‘क’ एवं ‘ख’ अनुसार संस्थाओं द्वारा वितरित ऋण, बैंक से प्राप्त ऋण से अधिक है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नियम विरूद्ध ओव्हर लिमिट का नवीनीकरण किया जाना
129. ( क्र. 3086 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित होशंगाबाद की मुख्य शाखा हरदा की सहकारी समिति कडोला में समर्थन मूल्य केश क्रेडिट चना में करोड़ों रूपये बकाया है अर्थात ओव्हर लिमिट है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त बकाया राशि के लिए कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी उत्तरदायी है? (ग) क्या उक्त के खातों में करोड़ों रूपये की राशि बकाया होने के पश्चात् भी बैंक के निलंबित मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री आर.के.दुबे द्वारा प्रतिवर्ष 2009 से 2015 तक लिमिट का नवीनीकरण किया गया? (घ) यदि हाँ, तो नियम विरूद्ध लिमिट का नवीनीकरण करने के लिए उत्तरदायी श्री दुबे के विरूद्ध बैंक एवं सहकारिता विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? क्या दोषी अधिकारी के विरूद्ध अपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) राशि रूपये 17.77 लाख बकाया है। जी हाँ। (ख) वर्ष 2014-15 में समर्थन मूल्य अंतर्गत चना खरीदी में अधिक प्रासंगिक व्यय एवं स्टॉक में घटती के कारण उक्त राशि बकाया है, इस हेतु तत्कालीन संस्था प्रबंधक श्री रामविलास चंद्रवंशी एवं श्री चतुर्भुज भारती उत्तरदायी है। (ग) वर्ष 2009 से 2015 तक गेहूं खरीदी एवं रासायनिक खाद व्यवसाय हेतु साख सीमा वार्षिक रूप से प्रतिवर्ष स्वीकृत की गई। वर्ष 2012-13 में श्री पी.एस. राठौर तत्कालीन प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा रासायनिक खाद की साख सीमा स्वीकृत की गई। वर्ष 2014-15 में चना खरीदी हेतु राशि रूपये 10.00 लाख की साख सीमा श्री आर.के. दुबे द्वारा एवं राशि रूपये 7.00 लाख की अतिरिक्त साख सीमा श्री राजीव रिछारिया तत्कालीन प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा स्वीकृत की गई। (घ) प्रकरण में तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी/प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी के उत्तरदायित्व हेतु जाँच आदेशित की गई है। शेष जाँच निष्कर्षाधीन है।
स्व सहायता समूहों को स्व-रोजगार देना
130. ( क्र. 3100 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के अंतर्गत कितने शासकीय प्राथमिक शाला, माध्यमिक शालाओं में मध्यान्ह भोजन का वितरण स्व-सहायता समूहों द्वारा किया जा रहा है? विकासखण्डवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित गंजबासौदा एवं ग्यारसपुर विकासखंड में ऐसे कितने समूह हैं जो दो से अधिक शालाओं में मध्यान्ह भोजन का वितरण कितने वर्षों से कर रहे हैं? शालावार व समूहवार का नाम, कार्य करने का वर्ष, समूह के पंजीयन प्रति एवं सदस्यों की जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित कार्य किस प्रावधान/निर्देश के तहत दिया गया है? प्रावधान एवं निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें? (घ) स्व-रोजगार योजना का उद्देश्य क्या है, प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित समूहों को उद्देश्य के विरूद्ध कार्य सौंपने के लिये कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार है, नाम बतावें? क्या स्व-रोजगार योजना अंतर्गत प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र के ग्राम व शहर में गठित अन्य स्व-सहायता समूहों को कार्य दिये जाने पर विचार किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विदिशा जिले के अंतर्गत 1565 प्राथमिक एवं 679 माध्यमिक शालाओं में मध्यान्ह भोजन का वितरण कुल 2244 स्व-सहायता समूहों द्वारा किया जा रहा है। विकासखण्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “अ“ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित गंजबासौदा विकासखण्ड में 04 स्व-सहायता समूह द्वारा दो से अधिक शालाओं में मध्यान्ह भोजन वितरण का कार्य किया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “ब“ अनुसार है। ग्यारसपुर विकासखड में ऐसा कोई भी समूह नहीं है, जो दो से अधिक शालाओं में मध्यान्ह भोजन वितरण कर रहा हो। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित कार्य म.प्र. शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के परिपत्र क्रमांक 12927 दिनांक 12.09.05 एवं 15907 दिनांक 05.11.09 से जारी निर्देशों के तहत दी गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “स“ अनुसार है। (घ) स्वरोजगार योजना का उद्देश्य ग्रामीण परिवारों की आय लघु उद्यमी परियोजनाओं से गरीबी रेखा से ऊपर उठाई जाना, उपलब्ध संसाधनों में वृद्धि कर उनके प्रभारी उपयोग को सुनिश्चित कर मानव संसाधन का विकास करना, जिससे रोजगार पाने की क्षमता में वृद्धि, प्रतिस्पर्धा एवं उत्पादकता में वृद्धि हो। प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित समूहों को शासन के जारी निर्देशानुसार कार्य सौंपा गया है। विधान सभा क्षेत्र के ग्रामीण व शहरी कुल 592 शालाओं में से 487 शालाओं में स्व-सहायता समूहों को मध्यान्ह भोजन कार्य से जोड़ा जा चुका है, शेष (शत-प्रतिशत) शालाओं को दिनांक 30.08.2016 तक स्व-सहायता समूहों को मध्यान्ह भोजन कार्य से जोड़े जाने के संबंध में जिला पंचायत विदिशा के कार्यालयीन पत्र क्रमांक 4639 दिनांक 30.04.2016 से मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारी/नगर पंचायत अधिकारी को निर्देशित किया जा चुका है, छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “द“ अनुसार है।
शासकीय तालाबों पर अतिक्रमण
131. ( क्र. 3107 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गंजबासौदा विकासखण्ड के ग्राम परसौरा गांव के पहुँच मार्ग पर अतिक्रमण के कारण ग्रामीणों का आवगमन एवं उनके वाहन निकालने में परेशानी हो रही है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ग्राम में शासकीय तालाब पर भी करीब 25 बीघा भूमि पर दबंग लोगों ने अतिक्रमण कर तालाब की मोहरी तोड़ दी है, जिससे तालाब में पानी का भराव नहीं हो पाता है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) का उत्तर यदि हाँ, तो विभाग के पास प्रश्नांश दिनांक तक किस-किस स्तर से कौन-कौन सी शिकायतें प्राप्त हुई? यदि हाँ, तो उक्त शिकायतों पर विभाग द्वारा अब तक क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो नव दुनिया दैनिक समाचार पत्र दिनांक 27.06.2016 में प्रकाशित समाचार (पृ.क्रमांक 17 नव दुनिया सरोकर के क्रम में भी) विभाग जाँच कर कार्यवाही की जावेगी? हाँ, तो समय-सीमा बतावें? नहीं तो कारण देवें? (घ) विदिशा जिले में किस-किस तहसील के किस-किस ग्राम में शासकीय तालाब है, किस-किस तालाब पर अतिक्रमण है? यदि हाँ, तो अतिक्रमणकर्ता का नाम, अतिक्रमण वर्ष, विभाग स्तर पर क्या कार्यवाही की गई सहित जानकारी देवें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
तकनीकी प्रतिवेदन अनुसार स्वीकृत कार्य
132. ( क्र. 3108 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विदिशा जिले के विकासखण्ड गंजबासौदा एवं ग्यारसपुर के कार्यपालन यंत्री/सहायक यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16 की अवधि में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के माध्यम से होने वाले निर्माण कार्यों की तकनीकी स्वीकृति प्रदान की गयी है? यदि हाँ, तो कितने कार्यों की तकनीकी स्वीकृति प्रदान की गई है? (ख) उक्त तकनीकी प्रतिवेदनों के आधार पर कितने कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है? (ग) प्रश्नांश (ख) में स्वीकृत कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण हो चुके है कितने कार्य अपूर्ण है अपूर्ण कार्यों का कारण सहित जानकारी उपलब्ध करावे? क्या जो कार्य पूर्ण हो चुके है परन्तु उनके पूर्णता प्रमाण पत्र जारी नहीं किए गए है? यदि नहीं, तो कितने कार्यों के पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी किए गए है? क्या उक्त कार्यों का मूल्यांकन मेजरमेंट बुक में दर्ज नहीं किया गया है और उसका भुगतान कर दिया गया है? (घ) प्रश्नकर्ता की निधि से स्वीकृति कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण हैं, कितने अपूर्ण हैं, कब तक पूर्ण कर लिये जावेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। विकासखण्ड गंजबासौदा एवं ग्यारसपुर में कार्यपालन यंत्री/सहायक यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा प्रश्न में उल्लेखित अवधि में 23 कार्यों की तकनीकी स्वीकृति प्रदान की गई। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित तकनीकी स्वीकृति के आधार पर 23 कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई। (ग) उत्तरांश (ख) में उल्लेखित कार्यों में से 20 कार्य पूर्ण हो चुके हैं एवं 03 कार्य अप्रारंभ हैं, जिनकी निविदायें आमंत्रित की गई हैं। पूर्ण कार्यों में से 17 कार्यों के पूर्णता प्रमाण पत्र जारी किये गये हैं, यह सही नहीं है कि उक्त कार्यों का मूल्यांकन मेजरमेन्ट बुक में दर्ज नहीं करते हुये भुगतान किया गया है। (घ) प्रश्नकर्ता की विधायक निधि से 01 कार्य स्वीकृत है, जो पूर्ण है।
किसानों की ऋण पुस्तिका
133. ( क्र. 3143 ) श्री लोकेन्द्र सिंह तोमर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खंडवा जिले में तहसील पुनासा और राजस्व निरीक्षक मंडल किल्लौद के अंतर्गत कितने किसानों की कृषि भूमि की ऋण पुस्तिका बनाकर दे दी गई है? (ख) तहसील पुनासा और राजस्व निरीक्षक मंडल किल्लौद के अंतर्गत कितने किसानों की कृषि भूमि की ऋण पुस्तिका बनाना शेष है? (ग) शेष किसानों की ऋण पुस्तिका कब तक बनाकर दे दी जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) खण्डवा जिले की तहसील पुनासा में 36,222 और तहसील हरसूद के राजस्व निरीक्षक मंडल किल्लौद में 7808 किसानो को कृषि भूमि की ऋण पुस्तिका बनाकर दी गई है। (ख) तहसील पुनासा और राजस्व निरीक्षक मंडल किल्लौद के अंतर्गत कृषि भूमि की कोई भी ऋण पुस्तिका बनाना शेष नहीं है। (ग) उत्तरांश 'क' एवं 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उदभूत नहीं होता।
खतों में जाने वाले आम रास्तों से अतिक्रमण हटाना
134. ( क्र. 3166 ) श्री लोकेन्द्र सिंह तोमर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तहसील पुनासा और राजस्व निरीक्षक मण्डल किल्लौद के अंतर्गत किन-किन ग्रामों में खेतों में जाने वाले आम रास्तों पर अतिक्रमण है? (ख) प्रश्नांक (क) अनुसार आम रास्तों से अतिक्रमण हटाने हेतु विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की जा रही है या नहीं? यदि हाँ, तो, खेतों में जाने वाले आम रास्तों से कब तक अतिक्रमण हटाया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कृषक को वन्य प्राणी से क्षति का मुआवजा
135. ( क्र. 3181 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले के तहसील तिरोड़ी के तहसीलदार ने आदेश क्र. 415/प्रवाचक/तह./2014 तिरोड़ी दिनांक 2/9/2014 द्वारा राजस्व प्रकरण क्र. B 121/ 2013-2014 के तहत हीरापुर के बंशीलाल वल्द जगलाल को वन्य प्राणियों से क्षति हेतु 9000 रुपयों की राशि स्वीकृत की है? (ख) यदि हाँ, तो तहसील तिरोडी के अंतर्गत आने वाले ग्राम हीरापुर के बंशीलाल वल्द जगलाल को वन्य प्राणी से क्षति की राशि 9000 रुपये प्राप्त हो गई है।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अनुविभागीय अधिकारी कृषि के कार्यालय की स्वीकृति
136. ( क्र. 3182 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले के कटंगी में अनुविभागीय अधिकारी कृषि का पद स्वीकृत कर अनुविभागीय अधिकारी कृषि का कार्यालय स्वीकृत करने पर विभाग विचार कर रहा है? (ख) यदि हाँ, तो कब तक कटंगी में अनुविभागीय अधिकारी कृषि का पद मय स्टाफ स्वीकृत होकर कार्यालय स्वीकृत हो जावेगा।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
गौ-शालाओं को भूमि का आवंटन
137. ( क्र. 3214 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में गौशाला को भूमि आवंटन के संबंध में शासन के क्या नियम हैं? नियम की प्रति उपलब्ध करावें? गौ शालाओं से भूमि आवंटन का आवेदन पत्र प्राप्त होने के कितने दिन के अन्दर निराकरण होना चाहिए? (ख) गौ शालाओं को भूमि आवंटन के प्रकरणों में समय-सीमा निर्धारण हेतु मा. मंत्रीजी तथा विभाग के अधिकारियों को किन-किन सांसद/विधायकों के पत्र विगत तीन वर्षों में प्राप्त हुए तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्न दिनांक तक भोपाल संभाग की किन-किन गौ शालाओं के भूमि आवंटन के आवेदन पत्र किस स्तर पर कब से एवं क्यों लंबित हैं? कब तक निराकरण किया जावेगा? समय-सीमा बतावें? विलम्ब के लिए कौन-कौन दोषी है? शासन इन पर क्या कार्यवही करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मुख्यमंत्री सड़क योजना के तहत अमानक निर्माण कार्य
138. ( क्र. 3216 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के दिनांक 10 मार्च, 2016 के तारांकित प्रश्न संख्या 4 (क्र. 5544) के प्रश्नांश (घ) के उत्तर में बताया गया था कि सभी कार्य पूर्ण नहीं हुए हैं? कार्य अपूर्ण रहने का कारण मार्गों का वन क्षेत्र में होना, पूर्व ठेकेदार द्वारा कार्य अधूरा छोड़ना, अनुबंध निरस्त किया जाना, निजी भूमि होना आदि है? तो विभाग ने उपरोक्त कमी की पूर्ति के लिए क्या-क्या कार्य किये है? अधूरे निर्माण कार्य कब तक पूर्ण करायेंगे? (ख) प्रश्नांकित प्रश्न के (क) से (ग) के उत्तर जिन मार्गों के घटिया निर्माण की शिकायतें की गई थी जिसके उत्तर में विभाग ने शिकायतों की जाँच कराई, जाँच में कार्य संतोषप्रद पाये गये बताया था? (ग) यदि हाँ, तो क्या विभाग ने उच्च अधिकारियों की एक जाँच समिति गठित कर (सात सदस्यीय समिति ने) माह जून-2016 में बागली विधान सभा क्षेत्र की 18 सड़कों के निर्माण की कई कमियों एवं अनियमितताओं की जाँच विधायक प्रतिनिधियों व ग्रामीण जनों के सम्मुख कराई गई? (घ) यदि हाँ, तो समिति ने किस-किस निर्माण कार्यों में क्या-क्या कमी पाई व उसके दोषी व्यक्तियों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई व क्या-क्या निर्देश दिये? अपूर्ण कार्य कब तक पूरे कराये जायेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। अपूर्ण कार्यों को पूर्ण करने के संबंध में विभाग द्वारा मुख्य अभियंता, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा परिक्षेत्र इन्दौर, अधीक्षण यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा मण्डल उज्जैन एवं श्री के.के. चौबे, राज्य स्तरीय क्वालिटी मॉनिटर को भेजा गया। जाँच प्रतिवेदन अनुसार 03 सड़कें निजी एवं वन भूमि में होने से निरस्ती का प्रस्ताव है। शेष अपूर्ण कार्यों को दिसम्बर 2016 तक पूर्ण कराये जाने का लक्ष्य है। (ख) जी हाँ। (ग) विभाग द्वारा मुख्य अभियंता, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा परिक्षेत्र इन्दौर, अधीक्षण यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा मण्डल उज्जैन एवं श्री के.के. चौबे, राज्य स्तरीय क्वालिटी मॉनिटर के दल द्वारा बागली एवं कन्नौद विकासखण्ड में तृतीय चरण में सम्पादित सड़क निर्माण के कार्य की जाँच हेतु, जाँच दल गठित किया गया था। जाँच दल द्वारा माननीय प्रश्नकर्ता के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में जाँच की गई। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
वर्षों से पदस्थ स्टेनो को हटाना
139. ( क्र. 3266 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले के S.D.M. कार्यालय S.D.M. का स्टेनो (रीडर) कितने वर्षों से पदस्थ है? (ख) क्या स्टेनो विगत पन्द्रह वर्ष से पदस्थ होकर अनियमिततायें करता है? (ग) यदि हाँ, तो क्या राज्य सरकार के नियमानुसार कोई भी कर्मचारी अधिकारी एक ही जगह तीन वर्ष से ज्यादा नहीं रह सकता, तो यह वर्षों से पदस्थ किस नियम प्रक्रिया के तहत है? (घ) प्रश्नांश (क, ख, ग) के से संदर्भ इसको हटाकर इसके कार्यकाल की जाँच करायी जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जिला शिवपुरी में कुल 05 एस.डी.एम. कार्यालय है, जिनमें से 03 एस.डी.एम. कार्यालय क्रमशः शिवपुरी, करैरा व पिछोर में स्टेनो के पद स्वीकृत है। उक्त 03 स्वीकृत्त पद के विरूद्ध जिले में 02 स्टेनो पदस्थ है। इनमें से 01 स्टेनो एस.डी.एम. कार्यालय करैरा में दिनांक 01.04.2009 से पदस्थ है, दूसरे स्टेनो कलेक्टर कार्यालय में पदस्थ है। अन्य किसी भी एस.डी.एम. कार्यालय में स्टेनो पदस्थ नहीं है। (ख) करैरा एस.डी.एम. कार्यालय में स्टेनो दिनांक 01.04.2009 से पदस्थ है तथा इसके पूर्व भी पदस्थ रहे है। परन्तु 15 वर्षों से निरन्तर कार्यरत नहीं है तथा इनके द्वारा अनियमितता किये जाने का प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। (ग) स्टेनो का पद, तकनीकी एवं एकांकी पद है तथा इस पद पर कोई अन्य लिपिक कार्य नहीं कर सकता, इसलिए स्टेनो को 03 वर्ष से अधिक समय के लिए रखा जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) चूंकि अनियमितता का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। अतः जाँच कराये जाने की आवश्यकता प्रतीत नहीं होती है।
उज्जैन जिले में संचालित योजनाएं
140. ( क्र. 3276 ) डॉ. मोहन यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा विगत 03 वर्षों में उज्जैन जिले में कौन-कौन सी योजनायें संचालित की जा रही हैं, उनके नाम, उन योजनाओं में दिये गये/दिये जा रहे प्रशिक्षण के प्रशिक्षणार्थियों की संख्या तथा लाभान्वित हितग्राहियों की संख्या बताएं? (ख) जिले में विगत 03 वर्षों में विभाग द्वारा कितने स्वायल हेल्थ कार्ड बनाये गये हैं? (ग) जिले में विभाग द्वारा विगत 03 वर्षों में कितने बायोगैस संयंत्र स्थापित किये गये हैं तथा कितने हितग्राहियों के प्रकरण लंबित हैं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है।
सिंहस्थ, 2016 हेतु कम्प्यूटराईजेशन
141. ( क्र. 3277 ) डॉ. मोहन यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिंहस्थ, 2016 कम्प्यूटराईजेशन के लिये वर्क्स मॉनीटरिंग सिस्टम, वेबसाईट, कर्मचारी प्रशिक्षण, एच.आर.एम.एस. पहचान पत्र एवं मोबाईल एप्प आदि सभी के लिये अलग-अलग सिस्टम तैयार किये गये थे? (ख) यदि हाँ, तो यह किन-किन संस्थाओं ने किया और उनको कितना भुगतान किया गया? उक्त सभी कार्य के लिये कम्प्यूटर की अलग-अलग तकनीकों का उपयोग किया गया था? यदि हाँ, तो सभी कार्य एक ही कम्प्यूटर तकनीक का उपयोग एवं एक ही डाटाबेस के उपयोग के आधार पर क्यों नहीं विकसित किये गये? (ग) क्या सिंहस्थ, 2016 के जी.आई.एस. विकास के लिये एक संस्था को कार्य दिया जाकर उसे निरस्त किया गया था? यदि हाँ, तो उसके क्या कारण थे एवं संस्थाओं को कितना भुगतान किया गया?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) कार्यों के लिए निम्नानुसार भुगतान किया गया। वर्क्स मॉनिटरिंग सिस्टम (पोर्टल) एच.आर.एम.एस. एवं मोबाईल एप हेतु आई.टी.शास्त्र कम्पनी मुंबई को राशि रू. 28,33,875/- का भुगतान किया गया। वेबसाइट हेतु म.प्र.माध्यम द्वारा एड फेक्टर मुंबई को राशि रू. 8,82,257/-का भुगतान किया गया। जी हाँ। सिंहस्थ के वृहद आयोजन को दृष्टिगत रखते हुये विभिन्न प्लेटफार्म हेतु अलग-अलग तकनीकी का उपयोग आवश्यकता के मान से किया गया। एप्लीकेशन के अनुसार अलग-अलग एवं उपयुक्त डेटाबेस एवं तकनीक का उपयोग किया गया। (ग) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
इंदिरा आवास योजना
142. ( क्र. 3305 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र उदयपुरा में इंदिरा आवास योजनान्तर्गत वर्ष 2014-15, 2015-16-एवं 2016-17 में लक्ष्य अनुसार हितग्राहियों का चयन किया गया है? (ख) क्या इन हितग्राहियों को आवास निर्माण हेतु प्रथम किश्त का भुगतान कर दिया गया है? (ग) यदि हाँ, तो क्या प्रथम किश्त का उपयोगिता प्रमाण पत्र मिलने के बाद दूसरी किश्त का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है? (घ) यदि हाँ, तो क्यों? क्या भुगतान न होने से आवास अधूरे नहीं है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में लक्ष्य अनुसार हितग्राहियों का चयन किया गया है। वर्ष 2016-17 में जिलेवार लक्ष्य आवंटन की प्रकिया प्रचलन में है। (ख) जी हाँ। (ग) प्रथम किश्त के उपयोगिता प्रमाण-पत्र प्राप्त होने पर द्वितीय किश्त का भुगतान किया गया। (घ) शेष प्रश्न नहीं उठता।
अनुसूचित जाति को अनुदान योजना
143. ( क्र. 3306 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र उदयपुरा में वर्ष 2015-16 में स्प्रिंकलर पाइप लाइन के अनुसूचित जाति एवं जनजाति के कितने प्रकरण विकासखंड से उप संचालक कृषि कार्यालय को प्राप्त हुये? कितने स्वीकृत हुये एवं कितने अस्वीकृत हुये? स्वीकृत नहीं करने का क्या कारण रहा? (ख) जिले में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के कितने प्रकरण पंजीकृत हुये? कितने लक्ष्य थे एवं कितने स्वीकृत हुये एवं कितनों को अनुदान दिया गया? विकासखण्डवार जानकारी दें? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में अनु.जाति एवं जनजाति के उक्त प्रकरण स्वीकृत न कर प्रकरण किसानों को वापिस कर दिये गये हैं? (घ) क्या नलकूप प्रकरणों को मंजूर नहीं कर किसानों को लक्ष्य अनुरूप लाभ नहीं दिया गया है? यदि नहीं, तो प्रकरण किन तारीखों में मंजूर किये गये?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) विधान सभा क्षेत्र उदयपुरा के वर्ष 2015-16 में स्प्रिंकलर, पाइप लाइन के अनुसूचित जाति एवं जनजाति के 43 प्रकरण उप संचालक कृषि कार्यालय को प्राप्त हुए। 43 प्रकरण सभी स्वीकृत हुए। शेष का प्रश्न ही नहीं उपस्थित होता। (ख) जिले में अनुसूचित जाति/जनजाति के 330 प्रकरण पंजीकृत हुए, 454 के लक्ष्यों के विरूद्ध 330 प्रकरण स्वीकृत हुए। 77 कृषकों को अनुदान दिया गया। विकासखण्डवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) जी नहीं, अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के कृषकों हेतु निर्धारित लक्ष्य 49 के विरूद्ध 34 प्रकरण पंजीकृत किये गये एवं 29 प्रकरणों में दिनांक 10.12.2015, 26.02.2016, 21.03.2016, 26.03.2016, 04.06.2016 एवं 25.06.2016 अनुदान स्वीकृत किया गया है। शेष 5 प्रकरणों में निर्धारित मापदण्ड पूर्ण न होने के कारण अनुदान स्वीकृत नहीं किया गया।
गृह निर्माण समिति को भूमि का आवंटन
144. ( क्र. 3343 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल शहर अंतर्गत शहपुरा के खसरा क्रमांक 272, 266, 267 में रकवा 4 एकड़ भूमि का आवंटन हेतु किस गृह निर्माण समिति के लिए प्रकरण विचाराधीन है? (ख) कलेक्टर भोपाल द्वारा उक्त प्रस्ताव में वर्णित भूमि के आवंटन की कार्यवाही कब की गई? यदि नहीं, तो इसका क्या कारण है? कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ग) राजस्व विभाग द्वारा क्या कोई नीति भूमि आरक्षण हेतु बनाई गई है? यदि हाँ, तो इसकी जानकारी दी जावें। (घ) गृह निर्माण समिति को कब तक भूमि आवंटित कर दी जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) प्रश्नाधीन भूमि मध्यप्रदेश विधान सभा सचिवालय अधिकारी गृह निर्माण सहकारी संस्था के लिए, आरक्षित रखने का प्रस्ताव शासन स्तर पर विचाराधीन है। (ख) जी नहीं। कलेक्टर भोपाल द्वारा भूमि आवंटन की कार्यवाही नहीं की गई है। उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ग) जी नहीं। (घ) नगरीय विकास एवं पर्यावरण विभाग द्वारा भूमि आरक्षित कर दिये जाने के बाद आवंटन की नियमानुसार कार्यवाही की जा सकती है।
नरसिंहपुर जिले में मनरेगा द्वारा सड़कों का निर्माण
145. ( क्र. 3351 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले में कौन-कौन सी ग्रामीण सड़कों को विभाग मनरेगा द्वारा निर्माण कराता है क्या इन सड़कों के निर्माण हेतु जिले में रोक लगा दी गयी है? इसके क्या कारण है? क्या इससे ग्रामीण विकास की महत्तवपूर्ण कड़ी ग्रामीण सड़क का निर्माण प्रभावित हो रहा है? (ख) क्या निर्माणाधीन सड़कें जो अपूर्ण रह गई हैं उनमें क्या जनता को आने-जाने में परेशानी नहीं होगी? (ग) मिट्टी कार्य होने के बाद जिन सड़कों पर डामर नहीं हुआ है क्या उनको पूर्ण कराया जायेगा? (घ) क्या ग्रामीण सड़कें जो मनरेगा का एक मुख्य कार्य है, क्या उसके फिर से चालू कराकर जनता के साथ न्याय किया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) महात्मा गांधी नरेगा की सुदूर ग्राम सम्पर्क एवं खेत सड़क उपयोजना के तहत ग्रेवल सड़क निर्माण एवं पंच-परमेश्वर या अन्य मद की राशि के अभिसरण से आंतरिक सीमेन्ट कांक्रीट सड़क निर्माण कराये जाने के निर्देश जारी किये गये हैं। जी नहीं, मनरेगा योजना में न्यूनतम 60 प्रतिशत व्यय कृषि आधारित कार्यों में किये जाने के भारत सरकार के निर्देशों के दृष्टिगत सर्वप्रथम जल संरक्षण व संवर्धन के कार्यों में रोजगार की मांग को समाहित करने, रोजगार की मांग अधिक होने एवं ग्राम पंचायत में प्राथमिकता वाले कार्य नहीं होने की स्थिति में मुख्य अभियंता, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा की पूर्व अनुमति से सड़कों के कार्य भी कराये जाने के निर्देश दिये गये हैं। उपरोक्तानुसार वस्तुस्थिति की जानकारी के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) निर्माणाधीन कार्यों का पूर्ण होना जॉबकार्डधारी परिवारों के द्वारा काम की मांग पर निर्भर है। (ग) विभाग द्वारा जारी निर्देशों में मनरेगा मद की राशि से डामरीकरण का प्रावधान नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश ‘क‘ एवं ‘ख‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
गरीबों के हित में संचालित योजना
146. ( क्र. 3352 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में सामाजिक न्याय नि:शक्त विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजनायें गरीबों के हित में संचालित की जाती हैं? योजनावार जानकारी दें। (ख) कौन-कौन सी योजना में हितग्राही की क्या पात्रता होती है? (ग) हितग्राहियों को योजना का लाभ लेने हेतु किस प्रक्रिया से एवं किन कर्मचारी एवं अधिकारियों से संपर्क करना पड़ता है? (घ) कोई भी गरीब एवं नि:शक्तजन विभाग की योजना ने वंचित न रहे इसके लिए विभाग की क्या कार्ययोजना है एवं भविष्य में क्या प्रयास किए जायेगा एवं कौन-कौन इसके लिये जिम्मेदार है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) समस्त पात्र हितग्राहियों को योजना का लाभ दिया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आसमानी बिजली से जन-धन हानि
147. ( क्र. 3359 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर चंबल संभाग में अप्रैल, 2016 से 30 जून, 2016 तक कितने स्थानों पर कितनी जन-धन का नुकसान आसमानी बिजली गिरने से हुआ हानि का प्रकार, स्थान, तिथि सहित पूर्ण जानकारी दी जावे? (ख) उक्त अवधि में कितने लोगों की मृत्यु हुई कितने लोग आसमानी बिजली से घायल हुए जिलेवार मृतकों, घायलों की संख्या नाम पते, दिनांक सहित पूर्ण जानकारी दी जावें? (ग) उक्त घटनाओं में मृतकों, घायलों, संपति के नुकसान, पशुधन की हानि के प्रकरणों में शासन द्वारा नीति अनुसार क्या सहायता मुहैया कराई गई है अथवा कब तक करा दी जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सहकारी संस्थाओं में नियुक्ति
148. ( क्र. 3369 ) श्री शैलेन्द्र पटेल, श्री मधु भगत : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले की प्राथमिक व जिला स्तरीय संस्थाओं में दिनांक 01.04.14 से प्रश्न दिनांक तक स्थाई, अस्थायी, संविदा या अन्य किसी आधार पर रखे गए कर्मचारियों के संस्थावार नाम व पता सहित ब्यौरा दें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार वर्णित आधार पर रखे गए कर्मचारियों को पंजीयक सहकारी संस्थाएं द्वारा जिला स्तरीय चयन समिति द्वारा नियुक्ति प्रदान की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित सहकारी संस्थाओं में ऐसे कर्मचारियों की नियुक्ति के पूर्व यह सुनिश्चित किया गया था कि उनकी संस्था की आर्थिक स्थिति के अनुसार उन्हें कर्मचारी नियुक्त करने की पात्रता थी नियम विरूद्ध रखे गए कर्मचारियों व नियोक्ताओं पर क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो कब तक की जाएगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1, 2 एवं 3 अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) जी नहीं। नियम विरूद्ध रखे गये कर्मचारियों को पद से पृथक करने एवं उनके नियोक्ताओं के विरूद्ध कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये है।
पंधाना विधान सभा क्षेत्र में चल रही बसें
149. ( क्र. 3426 ) श्रीमती योगिता नवलसिंग बोरकर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंधाना विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत चल रही समस्त बसें (मोटरें) क्या निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप चल रही हैं? (ख) यदि हाँ, तो खस्ताहाल बसें कैसे चल रही है? (ग) यदि नहीं, तो क्या व किन पर कार्यवाही की गई है? (घ) क्या ओवरलोड बस का एक भी चालान विभाग द्वारा बनाया गया है? नहीं तो ओवरलोड की छूट किसके द्वारा व क्यों दी जा रही है? क्या सभी बसें अपने आवंटित रूट पर आवंटित समय पर ही चल रही है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) पंधाना विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत चल रही समस्त बसों की समय-समय पर जाँच की गई है, जिसमें जाँच के दौरान यात्री बसें वैध प्रपत्र जैसे परमिट, फिटनेस, बीमा आदि लेकर संचालित होते पाई गई है। (ख) उक्त मार्ग पर चेकिंग के दौरान संचालित यात्री बसें वैध प्रपत्र परमिट, फिटनेस, बीमा आदि लेकर संचालित होते पाई गई हैं। (ग) परिवहन विभाग द्वारा चेकिंग के दौरान यात्री बसों के ओवरलोड यात्री वाहनों पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। (घ) परिवहन विभाग द्वारा चेकिंग करते समय कोई भी यात्री वाहन ओवरलोड नहीं पाया गया। किसी भी प्रकार कोई छूट ओवरलोड वाहनों पर नहीं दी जाती है। चेकिंग के समय संचालित यात्री बसें उनके निर्धारित मार्ग एवं समय चक्र पर वैध परमिट अनुसार संचालित पाई गई।
ग्रामों के हाट बाजार
150. ( क्र. 3430 ) श्रीमती योगिता नवलसिंग बोरकर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र पंधाना के ग्राम बिलूद में प्रस्तावित हाट बाजार विगत तीन वर्षों से अधूरा क्यों पड़ा है? (ख) क्या फंड खत्म हो गया है? क्या अस्वीकृत हो गया है? (ग) किस इंजीनियर को जिम्मेदारी थी व उस पर क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विधान सभा क्षेत्र के ग्राम बिलूद में हाट बाजार निर्माण कार्य अधूरा रहने का कारण कार्य स्थल पर अतिक्रमण एवं तत्पश्चात् ठेकेदार द्वारा कार्य पूर्ण कराने में रूचि नहीं लिया जाना है। वर्तमान में कार्य प्रारंभ होकर प्रगतिरत हैं। (ख) जी नहीं। हाट बाजार निर्माण कार्य बिलूद हेतु फण्ड उपलब्ध है। जी नहीं। कार्य स्वीकृत है। (ग) प्रश्नांश ‘क’ के उत्तर अनुसार शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विवादित जमीन पर पेट्रोल पम्प का संचालन
151. ( क्र. 3439 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जयसिंहनगर निवासी कुंजबिहारी गुप्ता को आवंटित भारत पेट्रोलियम का ब्यौहारी के वार्ड क्रमांक-9 स्थित आराजी ख.नं. 316/1 (क) विवादित भूमि है और न्यायालय में मामला विचाराधीन है? (ख) क्या न्यायालय श्रीमान जिला न्यायाधीश ब्यौहारी ने 19/08/2015 को यथा बनाए रखने का आदेश जारी किया था तो इसके बाद भी एन.ओ.सी जारी पम्प स्थापित कर दिनांक 26/10/2015 को वितरण क्यों प्रारंभ करा दिया गया? (ग) क्या विवादित भूमि में स्थापित पेट्रोलपम्प सीमांकित नहीं है, अगर है तो सीमाकंन रिपोर्ट दी जावें? (घ) क्या जिस भूमि पर कुंजबिहारी गुप्ता को आवंटित पेट्रोलपम्प स्थापित किया गया है, उसे ब्यौहारी के राम प्रताप गुप्ता ने 17 डिसमिल जमीन वर्ष 1964 में क्रय की थी और 22 वर्ष 1986 में 28/2 डिसमिल का नामांतरण करा लिया था? जिसके विरूद्ध अपील क्र. 83/2010-11 न्यायालय अनुविभागीय ब्यौहारी ने अवैध करार देते हुए नामांतरण निरस्त कर दिया था जिसकी अपील न्यायालय कमिश्नर शहडोल के यहाँ राम प्रताप गुप्ता ने की थी, तब क्या इस तथ्य को राम प्रताप गुप्ता व कुंजबिहारी गुप्ता ने छुपाते हुए और जाँच करने वाले विधि सम्मत जाँच नहीं की जाकर अनापत्तियाँ जारी का एन.ओ.सी. दे दी गई, क्या इस अनियमितता की जाँच करायी जायेगी? यदि हाँ, तो कब और कैसे एवं इस पर क्या कार्यवाही की जायेगी? (ड.) क्या पेट्रोल पंप आवंटन के बाद कमलेश शर्मा, राम सेवक गुप्ता, संतोष गुप्ता आदि के दिनांक 06/11/2012 को कम्पनी जिला कलेक्टर शहडोल एवं कमिश्नर के यहां सिविल आपत्ति पेश कर विवादित भूमि में पम्प स्थापित नहीं कराने की मांग की थी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नियमविरूद्ध नियुक्ति
152. ( क्र. 3453 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंचायत राज संचनालय में संयुक्त संचालक एवं उप संचालक के पद पर कितने वर्षों से कौन-कौन अधिकारी कार्यरत हैं एवं उन्हें पदस्थापना दिनांक से क्या-क्या कार्य सौपा गया? (ख) क्या सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश के अनुसार सामान्यत: तीन वर्ष के लिये वरिष्ठ अधिकारियों की नियुक्ति की जाती हैं? क्या तीन वर्ष से अधिक ऐसे संयुक्त संचालक एवं उप संचालक को पंचायत राज संचालनालय की स्थापना से कार्यमुक्त किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में पदस्थ किन-किन संयुक्त संचालक एवं उप संचालक के विरूद् लोकायुक्त/आर्थिक अपराध अनुसंधान केंद्र विभाग द्वारा प्रकरण दर्ज किये गये हैं अथवा अन्य विभागीय जाँच प्रचलित हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) पंचायत राज संचालनालय में संयुक्त संचालक एवं उप संचालक के पद पर पदस्थ अधिकारी एवं उनके पदस्थी की अवधि एवं पदस्थी अवधि के दौरान सौपे गये कार्य संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। किंतु यह अनिवार्य नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश-‘‘क‘‘ के संदर्भ में पदस्थ संयुक्त संचालक/उप संचालक में से श्रीमती शिवानी वर्मा, संयुक्त संचालक के विरुद्ध राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो में प्रकरण दर्ज है।
वित्त आयोग की राशि से स्वीकृत कार्य
153. ( क्र. 3454 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंचायतराज संचनालय द्वारा दिनांक 01 अप्रैल 2014 से आज दिनांक तक रहली विधान सभा क्षेत्र में परफार्मेंस ग्रांट एवं 14वां वित्त आयोग की राशि से कौन-कौन राशि कितनी लागत की स्वीकृत की जाकर कितनी धनराशि उपलब्ध करायी गयी? (ख) प्रश्नांश (क) की आलोच्य अवधि में पंचायतराज संचनालय द्वारा प्रदेश के अन्य कितने जिलो में कितने कार्य कितनी लागत के स्वीकृत किये गये एवं धनराशि उपलब्ध करायी गयी? (ग) परफार्मेंस ग्रांट एवं 14वां वित्त आयोग की राशि से क्या राज्य शासन को सीधे-सीधे कार्य स्वीकृत करने के अधिकार प्राप्त हैं? यदि हाँ, तो उन अधिकारियों का उपयोग प्रदेश के सभी विधान सभा क्षेत्रों में समान रूप से क्यों नहीं किया गया? यदि अधिकार प्राप्त नहीं हैं तो फिर किस आधार पर चुने हुये क्षेत्रों में कार्य स्वीकृत किये गये और उसके लिये कौन उत्तरदायी हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।
शौचालयों का निर्माण
154. ( क्र. 3467 ) श्री कैलाश चावला : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मनासा विधान सभा क्षेत्र में विभिन्न ग्राम पंचायतों में सर्वे अनुसार कितने शौचालयों का निर्माण किया गया जाना था? (ख) प्रश्न दिनांक तक कितने शौचालयों का निर्माण करा लिया गया है। इसमें कितने हितग्राही ऐसे हैं जिनका अनुदान का भुगतान किया जाना शेष है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
अतिक्रमित राजस्व भूमि के पट्टे
155. ( क्र. 3468 ) श्री कैलाश चावला : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा प्रश्न क्रमांक 10 दिनांक 09/07/2014 में असत्य जानकारी की जाँच कराने हेतु मनासा विधायक द्वारा राजस्व मंत्री जी को पत्र लिखा गया था? (ख) उक्त पत्र के प्रकाश में क्या राजस्व मंत्री जी द्वारा कमीश्नर उज्जैन को जाँच कराने हेतु निर्देश दिए गए थे? निर्देश दिनांक बताए? (ग) उक्त निर्देश के तहत क्या जाँच पूर्ण की जा चुकी है? जाँच के क्या निष्कर्ष आए हैं? यदि नहीं, तो जाँच समय-सीमा निर्धारित करने के निर्देश दिए जावेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विभाग की योजनाओं के संबंध में
156. ( क्र. 3479 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा मंदसौर जिले में चलाई जा रही योजनाओं एवं उनकी उपलब्धियों का तहसीलवार ब्यौरा क्या है? (ख) गरोठ विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत सामाजिक सुरक्षा पेंशन के वर्ष 2015 में स्वीकृत किये गये एवं कितने प्रकरण स्वीकृति हेतु अब तक लंबित हैं व किस कारण ब्यौरा दें? (ग) विभाग द्वारा चलाई जा रही किस योजना की योजना राशि का समय-सीमा में उपयोग नहीं किया गया अथवा उक्त राशि लेप्स हो गई ब्यौरा दें तथा कारण स्पष्ट करें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) गरोठ विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत सामाजिक सुरक्षा पेंशन के वर्ष 2015 में 200 प्रकरण स्वीकृत किए गये हैं। स्वीकृति हेतु कोई प्रकरण लंबित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) योजनाओं में प्राप्त राशि का समय-सीमा में उपयोग किया गया है। वर्ष 2015-16 में कोई राशि लेप्स नहीं हुई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
परिशिष्ट - ''सत्तर''
पंचायत सचिवों/सहायक सचिवों के पदों के संबंध में
157. ( क्र. 3480 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर जिले एवं विशेषकर गरोठ विधान सभा क्षेत्र की पंचायतों में सचिवों/सहायक सचिवों के पद किन-किन पंचायतों में कितने समय से रिक्त हैं? तहसीलवार, पंचायतवार ब्यौरा दें? (ख) किस कारण लम्बे समय से पंचायत सचिवों/ सहायक सचिवों के पद नहीं भरे जा रहे हैं? अथवा भर्ती नहीं की जा रही है? (ग) गरोठ विधान सभा क्षेत्र की पंयायतों में सचिवों/सहायक सचिवों के संपूर्ण पद कब तक भर दिये जायेंगे अथवा सहायक सचिवों के पदोन्नत कर सचिव बनाने का कार्य किया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मंदसौर जिले के गरोठ विधान सभा क्षेत्र की ग्राम पंचायतों में रिक्त सचिव पद की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। सहायक सचिव के पद का प्रावधान है, किंतु सहायक सचिव पद की पूर्ति पदेन रूप से की गयी है। (ख) मध्यप्रदेश पंचायत सेवा (ग्राम पंचायत सचिव भर्ती और सेवा की शर्तें) नियम 2011 के नियम 5 (1) अनुसार रिक्त पदों की पूर्ति का प्रावधान है। तद्नुरुप जिला पंचायत द्वारा रिक्त पदों की पूर्ति संबंधी कार्यवाही की प्रक्रिया प्रचलित है। मध्यप्रदेश शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के पत्र क्रमांक एफ 932/761/13/22/पं.-1, दिनांक 6.7.2013 द्वारा ग्राम रोजगार सहायकों को पदेन सहायक सचिव घोषित किया गया है। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। सहायक सचिवों की सचिव के पद पर पदोन्नति का प्रावधान नहीं है।
खसरे की नकल हेतु किसानों से अधिक शुल्क वूसलना
158. ( क्र. 3487 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक सेवा केन्द्र तहसील जौरा में किसानों को खसरा की प्रतिलिपि प्रदाय करने हेतु प्रति सर्वे नम्बर अनुसार 30 रूपये शुल्क लिया जाता है? यदि हाँ, तो यह व्यवस्था कब से और किस ठेकेदार द्वारा संचालित है? अनुबंध के नियम/शर्तों से अवगत कराया जावेगा? (ख) क्या उपरोक्त व्यवस्था से पूर्व शासन द्वारा किसानों से 10 रूपये प्रति सर्वे नंबर शुल्क लिया जाकर खसरे की सत्य प्रतिलिपि प्रदाय कर दी जाती थी? यदि हाँ, तो किसानों पर आर्थिक भार डालने हेतु उक्त व्यवस्था लागू करने के क्या कारण रहे? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित व्यवस्था से एवं प्रश्नांश (ख) में वर्णित पूर्व की व्यवस्था से किसानों को तुलनात्मक तीन गुना से अधिक आर्थिक क्षति हो रही है? क्या उक्त व्यवस्था में संशोधन कर किसानों को राहत दी जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। लोक सेवा केन्द्र पर विभाग के परिपत्र क्रं. एफ 5-2/2014/7-1 दिनांक 28/01/14 के अनुसार शुल्क लेकर नकल प्रदाय की जाती है। लोक सेवा केन्द्र के लिये निर्धारित आवेदन में 30/- रूपये अतिरिक्त जमा कराने होते है, उक्त व्यवस्था तहसील जौरा में श्रीमती मधु गुप्ता पत्नी श्री हर्षवर्धन गुप्ता निवासी अस्पताल रोड ग्वालियर द्वारा संचालित की जा रही है। मान. विधायक को अनुबंध की शर्तों से अवगत कराया जावेगा। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ग) जी नहीं, लोक सेवा केन्द्र से नकल प्राप्त करने हेतु 30/- रूपये शुल्क देना होता है, जो कि लोक सेवा केन्द्र का प्रक्रिया शुल्क एवं जिला ई-गवर्नेंस समिति शुल्क है, शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
खराब सड़कों का मरम्मत कार्य हेतु
159. ( क्र. 3493 ) श्री सचिन यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कसरावद विधान सभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत विभाग द्वारा निर्मित सड़के पाँच वर्षीय गारंटी अवधि में होने के उपरांत जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हैं? सड़कवार बतायें कि उक्त सड़कों में कितना-कितना मरम्मत व न्यू निर्माण कार्य होना है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में दर्शित जीर्ण-शीर्ण सड़कों के निर्माण कार्य में लापरवाही करने वाले संबंधितों की जवाबदेही सुनिश्चित कर उनके ऊपर कब तक कार्यवाही की जायेगी? (ग) प्रश्नांश (क) में दर्शित ग्यारंटी में जीर्ण-शीर्ण सड़क मार्गों के मरम्मत एवं निर्माण कार्य समय रहते कब तक पूर्ण करा लिय जायेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं, कसरावद विधान सभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत निर्मित कोई भी सड़क गारंटी अवधि के अंतर्गत जीर्ण-क्षीर्ण अवस्था में नहीं है, सभी सड़कें आवागमन योग्य है। गारंटी अवधि में संधारण कार्य सतत् रूप से कराया जाता है कोई भी नवीन कार्य नहीं कराया जाना है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पंचायतों में सचिवों की नियुक्ति
160. ( क्र. 3494 ) श्री सचिन यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले की ग्राम पंचायतों में कौन-कौन सी पंचायतें ऐसी हैं जिनमें सचिवों के पद रिक्त हैं और किस-किस सचिव को कितनी-कितनी ग्राम पंचायतों का प्रभार दिया गया है? क्या इससे जनहित एवं योजनाओं के कार्य प्रभावित नहीं हो रहे हैं? हाँ तो बतायें नहीं तो उक्त रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जायेगी? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित एवं से अधिक पंचायतों का प्रभार सचिवों को दिये जाने के उपरांत जन समस्याओं के निराकरण में हो रही परेशानियों को देखते हुए कब तक रिक्त पंचायतों में सचिवों की नियुक्ति कर दी जायेगी? यदि नहीं, तो कारण दें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘अ‘‘ एवं ‘‘ब‘‘ अनुसार। जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) पंचायतों में रिक्त पदों की पूर्ति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
बंदोबस्त में विसंगति
161. ( क्र. 3502 ) श्री अरूण भीमावद : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश स्तर पर बंदोबस्त का कार्य पूर्ण हो चुका है? (ख) यदि हाँ, तो बंदोबस्त के दौरान कृषकों की भूमि सर्वे के संबंध में कोई शिकायत अथवा इन्द्राज दुरूस्ती के आवेदन सक्षम अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किये गये है? (ग) यदि हाँ, तो प्रस्तुत प्रकरणों का उचित निराकरण किया गया है तथा शाजापुर विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कितने प्रकरण लंबित हैं? प्रकरण लंबित की जानकारी दी जावें तथा प्रकरण निराकरण हेतु कोई समय-सीमा निर्धारित की जावे? (घ) यदि समय-सीमा में प्रकरण का निराकरण नहीं किया जाता है तो संबंधित अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
राजगढ़ जिले में राजस्व विभाग के पदों की पूर्ति
162. ( क्र. 3509 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में राजगढ़ जिले में तहसीलदार, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक एवं पटवारियों के कितने-कितने पद स्वीकृत हैं? तहसीलवार जानकारी देवें। कितने पद भरे हैं? उनमें कौन-कौन पदस्थ हैं? कितने पद रिक्त हैं? तहसीलवार जानकारी देवें। (ख) उक्त रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जावेंगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" एवं "ब" अनुसार। (ख) कार्यवाही प्रचलन में है, समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
राजगढ़ जिले में पंचायत सचिव के स्थानांतरण
163. ( क्र. 3510 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में वर्ष 2015-16 में पंचायत सचिव की स्थानांतरण नीति लागू की गई थी? यदि हाँ, तो किस तिथि तक स्थानांतरण किये जाने के निर्देश थे? निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या राजगढ़ जिले की विधान सभा क्षेत्र राजगढ़ में वर्ष 2015-16 में पंचायत सचिवों के स्थानांतरण जिले के अंदर किये गये थे? यदि हाँ, तो किन-किन पंचायत सचिवों के स्थानांतरण कहाँ से कहाँ किये गये हैं? सूची उपलब्ध करावें। (ग) जिले में किये गये उक्त स्थानांतरण आदेश किसके द्वारा जारी किये गये थे? बतावें। क्या इस हेतु जिले के माननीय प्रभारी मंत्री का अनुमोदन लिया गया था? यदि हाँ, तो बतावें और नहीं तो क्यों नहीं? (घ) क्या प्रदेश में वर्ष 2016-17 में पंचायत सचिव की स्थानांतरण नीति लागू की जा रही है? यदि हाँ, तो कब से कब तक स्थानांतरण किये जावेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। वर्ष 2015-16 में शासन द्वारा वर्ष 2014 को जारी स्थानांतरण नीति के अनुसार ही स्थानांतरण किये गये थे। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वर्ष 2014 की स्थानांतरण नीति की कंडिका 8 के अनुसार आयुक्त पंचायत राज द्वारा स्थानांतरण आदेश जारी किये गये। ग्राम पंचायत सचिव के स्थानांतरण हेतु स्थानांतरण नीति में प्रभारी मंत्री के अनुमोदन का प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) वर्ष 2016-17 के लिए ग्राम पंचायत सचिवों के स्थानांतरण की नीति विचाराधीन है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
प्रदेश की सहकारी जिला बैंकों में सी.ओ. नियुक्ति में विसंगति
164. ( क्र. 3518 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश की जिला सहाकारी बैंकों में सी.ओ. की नियुक्ति प्रदेश स्तर पर की गई या स्थानीय बैंकों द्वारा अपने स्तर पर सी.ओ. नियुक्त कर लिये है प्रदेशभर में सी.ओ. की नियुक्तियों की जानकारी जिलावार जून 2016 की स्थिति में दी जावें? (ख) प्रदेश की जिला सहकारी बैंकों में सी.ओ. की पदस्थापना में एकरूपता नहीं होने के क्या कारण है इस विसंगति को कब तक दूर किया जावेगा? (ग) क्या एकरूपता नहीं होने से बैंकों के अनेक कार्य स्थानीय स्तर से प्रभावित होते हैं जिन पर प्रदेश संस्थाओं का नियंत्रण नगण्य होता है?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के संविलियन/ पदस्थापना के संबंध में समय-समय पर सहकारी अधिनियम/उपविधियां तथा बैंक कर्मचारी सेवा नियम के प्रचलित प्रावधानों के कारण एकरूपता नहीं है। मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 49-ई (2) में दिनांक 13.04.2015 को हुये संशोधन के आधार पर कैडर स्थापना कर इस विसंगति को दूर किया जावेगा। (ग) जी नहीं।
सूखा एवं ओलावृष्टि से फसलों को क्षति
165. ( क्र. 3555 ) श्री दिनेश राय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2015-16 के मध्य अल्प वर्षा एवं ओलावृष्टि से किन-किन ग्रामों के कृषकों को कितनी राशि की मुआवजा राशि (राहत) प्रदान की गई? (ख) प्रश्नांश ''ख'' में उल्लेखित मुआवजा राशि से वंचित, कम मुआवजा राशि मिलने की किस-किस ग्राम के कितने कृषकों में से कितनों को कितनी राहत राशि प्रदान की गई तथा कितने आपत्तिकर्ता कृषक किन कारणों से राहत राशि प्राप्त करने में वंचित रहे? (ग) सिवनी विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत ऐसे कितने ग्राम हैं जहाँ के किसी भी कृषकों को सूखा राहत राशि प्राप्त नहीं हुई है? राहत राशि से वंचित ग्रामों की कारण सहित सूची देवें? (घ) क्या शासन सूखा एवं ओलावृष्टि से खराब फसलों के सर्वे कार्यों में अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा किये गये भेदभाव एवं भ्रष्टाचार की जाँच कराकर दोषियों पर कार्यवाही करते हुये वास्तविक कृषकों को सूखा राहत राशि प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) सिवनी विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2015-16 के मध्य अल्पवर्षा एवं ओलावृष्टि से समस्त ग्रामों के कृषकों को राशि रूपये 28,63,81,802/- (अठ्ठाईस करोड़ तिरेसठ लाख ईक्यासी हजार आठ सौ दो रूपये) की राहत राशि प्रदान की गई है। (ख) प्रश्नांश 'क' के उत्तर में उल्लेखित सहायता राशि से वंचित तहसील छपारा के कृषकों की ग्रामवार जानकारी निम्नानुसार है :-
क्र. |
ग्राम का नाम |
कृषकों की संख्या |
राशि |
1 |
साल्हेगढ |
25 |
145316/- |
2 |
मानोगढ |
21 |
187016/- |
3 |
मढवा |
32 |
213120/- |
4 |
दानीमेटा |
86 |
614900/- |
कुल योग |
164 |
1160352/- |
उपरोक्त छूटे हुये कृषकों को राहत राशि वितरित की जा रही है। (ग) सिवनी विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत सभी ग्रामों में राहत राशि वितरित की गई। कोई भी ग्राम शेष नहीं है। (घ) सिवनी विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत सूखा एवं ओलावृष्टि से खराब फसलों के सर्वे कार्य में अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा भेदभाव पूर्ण कार्यवाही एवं भ्रष्टाचार की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अत: कार्यवाही का प्रश्न उद्भूत नहीं होता। छूटे हुये पात्र कृषकों को राहत राशि वितरित की जा रही है।
वित्त आयोग से क्रय सामग्री
166. ( क्र. 3557 ) श्री दिनेश राय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंच-परमेश्वर व 14वें वित्त आयोग योजना के तहत 01 अप्रैल 2013 से 31 मार्च, 2016 तक सिवनी जिले की सिवनी विधान सभा क्षेत्र की प्रत्येक ग्राम पंचायतों को कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई वर्षवार बतायें एवं इस अवधि में योजना की राशि की कितने प्रतिशत राशि से कौन-कौन सी सामग्री क्रय की जा सकती थी? सामग्री क्रय करने के प्रस्ताव की स्वीकृति एवं भुगतान की क्या प्रक्रिया निर्धारित थी? (ख) प्रश्नांश (क) में कितनी-कितनी राशि का व्यय कर, कितनी-कितनी सोलर लाईट, एल.ई.डी. लाईट एवं अन्य सामग्री क्रय की गई? सामग्रियों को क्रय करने का प्रस्ताव, स्वीकृति एवं भुगतान की कार्यवाही किन-किन के द्वारा की गई? वर्षवार, ग्राम पंचायत, जनपद पंचायतवार बतावें? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के तहत ग्राम पंचायतों द्वारा सोलर, एल.ई.डी. लाईट क्रय करने में नियमानुसार ग्राम सभा से प्रस्ताव, स्वीकृति एवं भुगतान की कार्यवाही की गई थी? क्या भण्डार क्रय नियमों का पालन किया गया था? यदि हाँ, तो किस प्रकार? यदि नहीं, तो सक्षम प्रधिकारी द्वारा इन अनियमितताओं पर कार्यवाही न करने के क्या कारण रहें? (घ) प्रश्नांश (ख) में लाईटों, सामग्रियों का भौतिक सत्यापन, गुणवत्ता का परीक्षण, कब-कब किन-किन के द्वारा किया गया, क्या प्रतिवेदन दिये गये? पंचायतवार बतायें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार। योजनान्तर्गत प्राप्त राशि से सामग्री क्रय हेतु कोई प्रतिशत निर्धारित नहीं है। ग्राम सभा द्वारा अनुमोदित कार्य योजना अनुसार कार्य कराये जाने के निर्देश हैं। ग्राम पंचायतों द्वारा सामग्री क्रय करने की प्रक्रिया मध्यप्रदेश पंचायत (सामग्री तथा माल का क्रय) नियम, 1999 के अनुसार निर्धारित है। (ख) सिवनी जिले की सिवनी विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायतों द्वारा सोलर एवं एल.ई.डी. लाईट एवं अन्य सामग्री क्रय करने हेतु नियमानुसार प्रस्ताव व स्वीकृति प्राप्त कर खरीदी/भुगतान की कार्यवाही की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार। (ग) जी हाँ। मध्यप्रदेश पंचायत (सामग्री तथा माल का क्रय) नियम, 1999 के प्रावधान अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) ग्राम पंचायत सिहोरा द्वारा क्रय किये गये लाईटों का परीक्षण एवं सत्यापन ग्राम सभा द्वारा किया गया है। निर्माण कार्यों से संबंधित खरीदी गई सामग्री की गुणवत्ता का परीक्षण ग्राम पंचायतों द्वारा सामग्री परीक्षण प्रयोगशाला से कराया गया है।
सरपंच /ग्राम सचिव /रोजगार सहायकों के खिलाफ पुलिस प्रकरण
167. ( क्र. 3559 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत होशंगाबाद, मंदसौर, रतलाम के दवारा 1 जनवरी 2015 के पश्चात् वर्तमान में किन-किन सरपंचों/ग्राम सचिव /रोजगार सहायक के खिलाफ थानों में प्रकरण पंजीबद्ध किये जाने हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने उसी जिले की संबंधित जनपद पंचायतों को पत्र लिखे? (ख) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित ऐसे कौन से सरपंच है जिनके पास अपर आयुक्त का स्थगन आदेश होने के बावजूद भी मुख्य कार्यपालन जिला पंचायत दवारा मुख्य कार्य पालन अधिकारी जनपद पंचायत को पुलिस थानों में प्रकरण पंजीबद्ध किये जाने हेतु 1 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक के मध्य पत्र लिखा था? (ग) क्या जनपद पंचायत होशंगाबाद के एक पूर्व सरपंच के खिलाफ लगभग 1,50,000/- की वसूली लम्बे समय से लम्बित होने बावजूद भी थानों में प्रकरण पंजीबद्ध नहीं किये? यदि हाँ, तो प्रकरण दर्ज नहीं किये जाने के क्या कारण हैं? (घ) क्या प्रश्नांश (ख) में जारी आदेशों के संबंध में मान.उच्च न्यायालय दवरा भी यह टिप्पणी की गई कि अधिकारियों को अपने से वरिष्ठ के त्रुटी पूर्ण न्यायालय आदेश को उनकी जानकारी में देकर निरस्त किया जाना चाहिए?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सहमति से निजी भूमि क्रय
168. ( क्र. 3570 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन ने किन-किन शासकीय कार्यों के लिए आपसी सहमति से निजी भूमि किन शर्तों पर क्रय किए जाने की नीति बनाई है? यह नीति किस कानून के तहत किस धारा में दिए प्रावधानों के अनुसार है? (ख) जनवरी, 2014 से लागू भूमि पुनर्वास, पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकार और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 की धारा 2, 11, 23, 24 एवं 87 में क्या-क्या प्रावधान किया गया है? (ग) 12 नवंबर 2014 से प्रश्न दिनांक तक भोपाल संभाग के किस-किस जिले में कितने ग्रामों की कितनी-कितनी भूमि किस किसान से किन कार्यों के लिए आपसी सहमति से क्रय करने के लिए कार्यवाही प्रारंभ की गई? किस प्रकरण में अधिनियम की 2013 की धारा (।।) के तहत राजपत्र में अधिसूचित किया गया है? (घ) शासकीय कार्यों के लिए आपसी सहमति से बिना तोषण दिए बिना पुनर्व्यवस्थापन किए निजी भूमि क्रय किए जाने का क्या कारण है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
लंबित मामलों का आपसी समझोतों के आधार पर निराकरण
169. ( क्र. 3593 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2015-16 में उज्जैन संभाग में राजस्व न्यायालयों में लंबित मामलों का आपसी समझौतों के आधार पर निराकरण हेतु लोक अदालतों का आयोजन कर पुराने मामलों को अभियान के तौर पर निपटाया गया है? यदि हाँ, तो 1 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक प्रत्येक जिले में कितने ऐसे प्रकरणों का निराकरण किया गया? (ख) क्या उक्त अभियान के दौरान राजस्व प्रकरणों का लोक अदालत के माध्यम से निस्तारण के पक्षकारन के अधिवक्तागण की पैरवी हेतु अनुमत नहीं किया गया? यदि हाँ, तो रतलाम मंदसौर जिले से संबंधित अधिसूचना/परिपत्र की प्रति उपलब्ध करायें? (ग) उक्त संभाग में उक्त अवधि में विभिन्न राजस्व अधिकारियों एवं जिला कलेक्टर द्वारा उक्त अभियान में किन-किन स्थानों पर राजस्व लोक अदालतों का आयोजन किया गया तथा उनके द्वारा उक्त अभियान में लोक अदालत के माध्यम से कितने प्रकरण प्राप्त हुए तथा कितने का निराकरण किया गया? आयोजन की तिथि, शिविर स्थल सहित जानकारी देवें? (घ) रतलाम मंदसौर जिले में ऐसे कितने प्रकरण हैं जिनका निराकरण तीन वर्ष से अधिक समय होने के बाद भी उनका नहीं हो पाया जिलेवार सिर्फ संख्या बताये?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अनुदान राशि की वापसी
170. ( क्र. 3597 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रबी सीजन वर्ष 2015-16 में कटनी जिले में सूरज धारा अन्नपूर्णा योजना में किस आदेश के तहत, शत-प्रतिशत राशि कृषकों से लेकर, बीज का वितरण किया गया, (ख) प्रश्नांश (क) के अन्तर्गत कितने बीज पूरी राशि प्राप्त कर, कितने बीज 25 प्रतिशत राशि प्राप्त कर कटनी जिले के कृषकों को वितरित किया गया, विकासखण्डवार बतायें? (ग) बीज अनुदान की 75 प्रतिशत राशि कितने कृषकों के खाते में जमा की गई कितनों के खाते में जमा करना शेष है? । (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) में क्या कृषकों से पूरी राशि ली गई? यदि हाँ, तो विभागीय अधिकारियों ने किस आदेश के तहत 25% राशि के चालान जमा किये और उक्त राशि कितने कृषकों को नगद वापस की गई? विकासखण्डवार बतायें। इसके लिए कौन-कौन जिम्मेदार है, इन पर क्या कार्यवाही कब तक की जायेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) सूरजधारा-अन्नपूर्णा योजनान्तर्गत अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति के लघु-सीमान्त किसानों को 75 प्रतिशत अनुदान पर बीज वितरण का प्रावधान है। शेष का प्रश्न ही नहीं उठता। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (घ) उत्तरांश 'क' अनुसार कटनी जिले में 495 कृषकों से पूरी राशि ली गई थी। जिसे बीज प्रदायक संस्था को भुगतान किया गया तथा 75 प्रतिशत अनुदान राशि कृषकों के बैंक खाते में भुगतान की गई। अत: नगद विक्रय के बीज की 25 प्रतिशत राशि के चालान जमा करने का प्रश्न ही नहीं है। कृषकों से वसूल की गई राशि नगद कृषकों को वापिस नहीं की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
फसल बीमा राशि का भुगतान
171. ( क्र. 3598 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य के विधान सभा प्रश्न सं.-149 (क्रमांक-3381) दिनांक 02/03/2016 के उत्तर में ''कृषकों को बीमा राशि का भुगतान कराया जायेगा एवं दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों से उक्त राशि वसूली की कार्यवाही की जायेगी'' जानकारी दी गई थी, तो मार्च 2016 से प्रश्न दिनांक तक की गई कार्यवाही की जानकारी बतायें एवं विवरण उपलब्ध करायें? वर्ष 2014-15 से कटनी जिले में फसल बीमा में अनियमितताओं के अन्य कौन-कौन से प्रकरण जानकारी में आये हैं, इन पर क्या कार्यवाही की गई? कौन-कौन जिम्मेदार पाये गये? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत क्या कारण है कि विभाग की जानकारी में आने के बाद भी बीमा राशि का भुगतान एवं जिम्मेदारों पर वास्तविक कार्यवाही नहीं हो सकी है? क्या इस गंभीर अनियमितता का संज्ञान लेकर, शासन स्तर पर समग्र जाँच कराने के आदेश प्रदान करेंगे? यदि हाँ, तो कब और क्या? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ, मार्च 2016 से समिति बड़गांव के 34 कमजोर वर्ग के कृषकों की बीमा राशि रूपये 2,60,921/- तथा 43 सक्षम कृषकों की बीमा राशि रूपये 1,05,599/- जो बीमा कंपनी से प्राप्त हुई थी, का भुगतान संबंधित कृषकों के खातों में किया गया। बीमा कंपनी को बीमा प्रीमियम नहीं भेजने वाली संस्था रैपुरा के 102 कृषकों की राशि रूपये 8,05,608.83 तथा संस्था बड़गांव के 43 कृषकों की बीमा राशि रूपये 9,43,736.72 का भुगतान संबंधित कृषकों को कर दिया गया है तथा इस राशि की वसूली दोषी कर्मचारियों से किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। दोषी कर्मचारी श्री राजेन्द्र तिवारी समिति प्रबंधक, श्री राधेश्याम तिवारी समिति प्रबंधक एवं श्री अरविन्द पाठक समिति प्रबंधक/शाखा प्रबंधक को निलंबित किया गया है। वर्ष 2014-15 में कटनी जिले में फसल बीमा में अनियमितता के अन्य प्रकरण सामने नहीं आये है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते है। (ख) उत्तरांश ‘क’ अनुसार कार्यवाही की गई है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
श्योपुर जिले में को-ऑपरेटिव बैंक का पृथक जिला मुख्यालय की स्थापना
172. ( क्र. 3601 ) श्री रामनिवास रावत : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ध्यानाकर्षण सूचना क्र. 103 एवं 185 दिनांक 24-02-16 पर विधान सभा में चर्चा के समय मान. मंत्री जी द्वारा श्योपुर जिले सहित प्रदेश में पृथक हुए 12 जिलो में को-ऑपरेटिव बैंक का पृथक जिला मुख्यालय खोलने हेतु प्रस्ताव बुलवाकर, परीक्षण करवाकर अनुशंसा सहित प्रस्ताव नाबार्ड एवं आर.बी.आई. को भेजने की घोषणा की थी? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक किन-किन जिलो के प्रस्ताव प्राप्त हुए? परीक्षण उपरांत क्या-क्या अनुशंसाएं की गई? जिन जिलो द्वारा प्रस्ताव नहीं भेजे उनके विरुद्ध क्या कार्यवाही की है? (ख) क्या श्योपुर जिले में को-ऑपरेटिव बैंक का पृथक जिला मुख्यालय की स्थापना हेतु भेजे गए प्रस्ताव में श्योपुर एवं मुरैना जिले की संस्थाओं की बैलेंस सीट का पृथक-पृथक परीक्षण किया गया? यदि हाँ, तो परीक्षण उपरांत क्या निर्णय लिया गया? क्या मुरैना जिले की अपेक्षा श्योपुर जिले की संस्थाओं की वसूली अधिक एवं घाटा कम है? यदि हाँ, तो क्या शासन श्योपुर जिले की संस्थाओं की बैलेंस सीट, बैंक बसूली की स्थिति एवं भोगौलिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए श्योपुर में जिला मुख्यालय की स्थापना हेतु प्रस्ताव नाबार्ड एवं आर.बी.आई. को प्रेषित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। होशंगाबाद, खरगोन तथा मुरैना बैंक से प्रस्ताव प्राप्त हुए है। मुरैना बैंक से प्राप्त प्रस्ताव का परीक्षण उपरांत नाबार्ड के मापदण्ड के अंतर्गत विभाजन नहीं आने से अमान्य किया गया है। शेष दोनों प्रस्ताव परीक्षणाधीन हैं। जिन जिलो से प्रस्ताव नहीं आए हैं उन्हें स्मरण पत्र जारी किए गए है। (ख) जी हाँ। परीक्षण उपरांत प्रस्ताव नाबार्ड के मापदण्ड के अंतर्गत विभाजन पश्चात् दोनों बैंक आर्थिक रूप से सक्षम नहीं होने से अमान्य किया गया है। जी हाँ। जी नहीं। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों का पुनर्गठन संस्थाओं की वसूली की स्थिति के आधार पर नहीं वर्न बैंक की वर्तमान आर्थिक सक्षमता के आधार पर किया जाता है। भारतीय रिजर्व बैंक के मापदंडों के अनुसार विभाजन पश्चात् पुनर्गठित दोनों बैंकों का आर्थिक रूप से सक्षम होना आवश्यक है। अतः ऐसी स्थिति में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मुरैना के पुनर्गठन का प्रस्ताव नाबार्ड/भारतीय रिजर्व बैंक को भेजा जाना संभव नहीं है।
इंदिरा आवास की द्वितीय किस्त का भुगतान
173. ( क्र. 3602 ) श्री रामनिवास रावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले में कितने वन अधिकार पत्रधारी आदिवासी हितग्राहियों को कितने इंदिरा आवास कब-कब स्वीकृत किये गए? अभी तक कितने हितग्राहियों को कितनी-कितनी राशि प्रदाय की गयी है? कितनी राशि प्रदाय किया जाना शेष है? (ख) क्या उक्त हितग्राहियों द्वारा प्रथम अंशिका से निर्माण पूर्ण कराने के पश्चात् स्वीकृति के दो वर्ष से अधिक समय व्यतीत होने के बाद द्वितीय अंशिका की राशि प्रदाय नहीं किये जाने से निर्माण कार्य अपूर्ण होकर अनुपयोगी हो रहे हैं? यदि हाँ, तो अभी तक द्वितीय किश्त प्रदाय नहीं किये जाने के क्या कारण है? कब तक इन हितग्राहियों को द्वितीय अंशिका की राशी प्रदाय कर दी जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) श्योपूर जिले में वनाधिकार पत्रधारी आदिवासी 667 हितग्राहियों को वर्ष 2012-13 में इंदिरा आवास स्वीकृत किये गए। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। 245 हितग्राहियों को द्वितीय किश्त की राशि प्रदाय की जा चुकी है। शेष हितग्राहियों को दरवाजा स्तर तक के पक्के आवास निर्माण पूर्ण कर निर्धारित मापदण्ड अनुसार फोटो आवास सॉफ्ट में अपलोड करने पर द्वितीय किश्त जारी करने की प्रकिया प्रचलन में है। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
सूखाग्रस्त तहसीलों में मध्यान्ह भोजन
174. ( क्र. 3603 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा एवं पिपलौदा तहसील को वर्ष 2015-16 में शासन द्वारा सूखाग्रस्त घोषित किया गया एवं इसके अंतर्गत कृषकों को अनेक राहत के साथ ही स्कूलों में बच्चों को ग्रीष्मावकाश में मध्यान्ह भोजन भी दिया जाना सुनिश्चित किया? (ख) यदि हाँ, तो क्या गर्मी की छुट्टियों में उपरोक्त दोनों तहसीलों में प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में मध्यान्ह भोजन दिया जाना था? (ग) यदि हाँ, तो तहसीलवार दोनों तहसीलों में कुल कितने प्राथमिक एवं कुल कितने माध्यमिक विद्यालय होकर क्रमशः विद्यालयवार छात्रों की संख्या एवं शासन द्वारा दी गयी नगद राशि एवं खाद्यान्न सामग्री कितनी रही? (घ) साथ ही उपरोक्तानुसार प्राप्त राशि एवं खाद्यान्न सामग्री द्वारा कहाँ-कहाँ पर क्या-क्या किया गया, क्या इसका भौतिक सत्यापन भी किया गया? यदि हाँ, तो किसके द्वारा कहाँ-कहाँ पर?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) रतलाम जिले की जावरा तहसील में 257 प्राथमिक एवं 98 माध्यमिक विद्यालय तथा पिपलौदा तहसील में 164 प्राथमिक विद्यालय एवं 66 माध्यमिक विद्यालय संचालित है। विद्यालयवार छात्रों की संख्या एवं शासन द्वारा दी गई राशि एवं खाद्यान्न की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (घ) प्रदाय राशि एवं खाद्यान्न से जावरा एवं पिपलौदा तहसील की प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में मध्यान्ह भोजन का संचालन किया गया है। जिसका भौतिक सत्यापन भी किया गया है, किये गये भौतिक सत्यापन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
राशि आहरण पश्चात् कार्यों की स्थिति
175. ( क्र. 3604 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा रतलाम जिले में रोजगार गारंटी योजना के क्रियान्वयन हेतु वर्ष 2013-14 से लेकर प्रश्न दिनांक तक राशि स्वीकृत की है? (ख) यदि हाँ, तो विकासखंडवार ग्राम पंचायतों को उपरोक्त वर्षों में कितनी राशि स्वीकृत होकर कितनी राशि आहरित की गयी? (ग) साथ ही उपरोक्त वर्षों में की गयी आहरित राशि से कितने कार्य पूर्ण हुए? कितने अपूर्ण रहे? (घ) राशि आहरित किये जाने के बाद भी उपरोक्त वर्षों में समयावधि में कार्य प्रारम्भ नहीं करने, कार्य अपूर्ण रहने, कार्य दोषपूर्ण रहने एवं कार्य बिलकुल ही नहीं किये जाने की स्थिति में शासन/विभाग द्वारा वसूली एवं कार्य किये जाने हेतु क्या कार्यवाही कहाँ-कहाँ की गयी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) विकासखण्डवार विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) मनरेगा योजना मांग आधारित होने के कारण मांग होने पर जॉबकार्डधारी परिवार को रोजगार उपलब्ध कराया जाता है, जिससे कि कार्य पूर्ण होते है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
लोक सेवा केन्द्रों के माध्यम से संचालित सेवाएं
176. ( क्र. 3609 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 01 जुलाई 2016 से कुछ लोक सेवायें एम.पी.ऑनलाईन के माध्यम से भी प्रदान की जावेगी? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी सेवायें व क्या प्रक्रिया निर्धारित हैं? (ख) वर्तमान में राजस्व विभाग एवं पंचायत ग्रामीण विकास विभाग की कौन-कौन सी सेवायें लोक सेवा केन्द्र के माध्यम से संचालित हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के अतिरिक्त राजस्व एवं पंचायत ग्रामीण विकास विभाग की सेवायें लोक सेवा केन्द्रों के माध्यम से संचालित किये जाने पर विचार कर निर्णय लिया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) क्या विगत 04-05 माह में लोक सेवा केन्द्रों पर किए जाने वाले आवेदनों की संख्या में अचानक से कमी आई है? यदि हाँ, तो लोक सेवा केन्द्रों के व्यवस्थित व निरंतर संचालन हेतु क्या कोई कार्यवाही की जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। राज्य शासन द्वारा एम.पी. ऑनलाईन कियोस्क को अधिसूचित सेवाओं को देने हेतु अधिकृत किए जाने का निर्णय लिया गया है। इस संबंध में एम.पी. ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल तथा एम.पी. ऑनलाईन के पोर्टलों के सॉफ्टवेयरों का इंटीग्रेशन का कार्य प्रगति पर है। तत्पश्चात् चिन्हित सेवाओं को एम.पी. ऑनलाईन के कियोस्क के माध्यम से भी प्रदाय किया जायेगा। इस प्रकार एम.पी. ऑनलाईन द्वारा प्रदाय की जाने वाली सेवाएं एम.पी. ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल पर प्रदाय की जा सकेंगी। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ एवं ‘ब’ अनुसार। (ग) राजस्व विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, की नई सेवाओं को लोक सेवा केंद्रों के माध्यम से प्रदान करने का प्रस्ताव इन विभागों से प्राप्त होने पर ही इस संबंध में निर्णय लिया जा सकेगा। (घ) विगत 4-5 माह में आवेदन पत्रों की संख्या में कुछ कमी अवश्य आयी है जिसका कारण मूल निवासी प्रमाण पत्र एवं आय प्रमाण पत्रों की आवश्यकता को समाप्त करना है। इन प्रमाण पत्रों के स्थान पर नागरिकों को स्व-घोषणा पत्र देने हेतु शासन ने अधिकृत किया है। नकल खसरा, खाता एवं नक्शों की प्रतियां भी भू-अभिलेख, आई.टी. सेंटर से प्राप्त हो रहे हैं। एम.पी. ऑनलाईन एवं अन्य विभागीय पोर्टल से इन्टीग्रेशन की कार्यवाही से आवेदन पत्रों की संख्या में वृद्धि होगी।
आदिवासी जनपदों में पेशन भुगतान
177. ( क्र. 3611 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिवासी विकासखंड की ग्राम पंचायतों में अधिकांश लोग अशिक्षित होने तथा उन्हें बैंकों का ज्ञान नहीं होने व बैंक की ग्राम पंचायत से अधिक दूरी होने से यहाँ के हितग्राही पेंशन एवं विभाग की अन्य योजनाएं जिनका भुगतान बैंक के माध्यम से होता है उनका लाभ नहीं ले पाते हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या शासन ऐसे आदिवासी विकासखंडों के हितग्राहियों को इन योजनाओं का लाभ तत्काल ग्राम पंचायत स्तर पर प्रदाय करने संबंधी कोई कार्ययोजना तैयार कर रहा है यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या शासन इस संबंध कोई ठोस कदम उठाएगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रधानमंत्री जन-धन योजनांतर्गत ऐसे हितग्राही जिनका पूर्व में बैंक खाता नहीं था, उनके बैंक खाते खोले गये हैं। ऐसे ग्राम जिनकी बैंक शाखा से पाँच किलोमीटर से अधिक दूरी है, वहां भारत सरकार के निर्देशानुसार बैंकिंग करस्पोन्डेंट (बीसी) की सुविधा प्रारंभ की गई है। शासन द्वारा पॉईंट ऑफ सेल (पी.ओ.एस.) मशीन के माध्यम से उचित मूल्य की दुकान पर कार्यरत सेल्समेन के माध्यम से पेंशन हितग्राही की पेंशन राशि वितरण किये जाने हेतु जिला सागर एवं विदिशा में पायलट किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार।
सरवन एवं रावटी उप मंडी का विकास
178. ( क्र. 3612 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सैलाना विधान सभा क्षेत्र की उप मंडी सरवन तथा बाजना कब तक प्रारंभ हो जाएगी? इस संबंध में विभाग द्वारा अब तक क्या-क्या कार्यवाही की? (ख) क्या उपरोक्त उप मंडी हेतु भूमि आरक्षित कर मंडी के विकास हेतु समुचित कार्यवाही प्रारंभ की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा बाजना उप मंडी के विकास के लिए 50.00 लाख रू. दिए जाने की घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो इस संबंध में शासन द्वारा प्रश्न दिनाक तक क्या कार्यवाही की गई है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) सैलाना विधान सभा क्षेत्र की उप मंडियां सरवन तथा बाजना सीजनल क्रियाशील है, उप मंडी प्रांगणों में कृषकों हेतु मूलभूत सुविधाओं के उपलब्ध कराये जाने की कार्यवाही प्रचलित है, उसके उपरांत पूर्ण रूप से उक्त दोनों उप मंडियों, प्रांगण को क्रियाशील किया जा सकेगा। (ख) उप मंडी प्रांगण सरवन की दिनांक 26.09.89 को अधिसूचना जारी होकर भूमि का अग्रिम आधिपत्य मंडी समिति को दिनांक 27.03.1987 को प्राप्त हो गया है। भूमि का राजस्व अभिलेख नामांतरण होना शेष है। उप मंडी बाजना की अधिसूचना दिनांक 11.01.2016 को जारी हुई है। भूमि का अर्जन निजि भूमि सार्वजनिक प्रयोजन के लिए कलेक्टर रतलाम के प्रकरण क्रमांक 02/अ-82/10-11 अवार्ड पारित दिनांक 10.06.2013 से अर्जित किया गया, जिसका राजस्व विभाग द्वारा निराकरण किया जाना शेष है। (ग) जी नहीं। अपितु माननीय मुख्यमंत्री जी घोषणा (बाजना में कृषि उपज मंडी स्थापित की जाकर उप मंडी में विकास कार्यों के लिए किसान सड़क निधि से राशि रू. 5.00 करोड़ की प्रदान की जावेगी) क्रमांक बी 1225 दिनांक 24.09.2015 से चिन्हित होकर प्राप्त हुई है। घोषणा के क्रियान्वयन हेतु उप मंडी बाजना के विकास कार्य के लिए राशि की स्वीकृति का प्रस्ताव किसान सड़क निधि से स्वीकृति हेतु माननीय मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में गठित साधिकर समिति के समक्ष निर्णय हेतु रखे जाने वाले एजेंडा में सम्मिलित किया गया है। गठित समिति की बैठक की तिथि नियत नहीं है।
वित्तीय वर्ष में कराये गये कार्य
179. ( क्र. 3613 ) श्री मथुरालाल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा जिला रतलाम में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितना आवंटन स्वीकृत किया गया? विकासखण्ड रतलाम को उक्त वित्तीय वर्ष से प्रश्न दिनांक तक कौन से कार्य करवाये गये? विभाग द्वारा नियुक्त की गई कार्य एजेन्सी का नाम सहित विवरण से अवगत करावें? (ख) विकासखंड रतलाम में कृषि विभाग द्वारा वर्ष 2013-14 से अब तक कितने कृषकों को कृषि से संबंधित उपकरण प्रदान किये गये? क्या लाभान्वित कृषकों से उनके द्वारा प्राप्त अथवा क्रय की गई सामग्रियों का विभाग द्वारा भौतिक सत्यापन किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) यदि हाँ, तो क्या ऐसे प्रकरण भी दर्शित हुए हैं जिसमें विभागीय दस्तावेजों पर लाभान्वित कृषकों की सम्पूर्ण जानकारी सत्य है लेकिन वास्तविकता में उक्त कृषक को शासन की योजना का ज्ञान ही नहीं है न ही उन्हें विभाग से ऐसी कोई सामग्री अथवा उपकरण प्राप्त हुए हैं? (घ) यदि ऐसी स्थिति विभाग के संज्ञान में है तो क्या दोषी अधिकारी एवं कर्मचारी के विरूद्ध शासन कोई कार्यवाही करेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 1, 2 अनुसार है। प्रदाय संस्था मध्यप्रदेश राज्य कृषि उद्योग विकास निगम रतलाम है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। विकासखण्ड रतलाम में प्रदाय की गई सामग्रियों का विभाग द्वारा भौतिक सत्यापन किया गया है। शेष का प्रश्न ही नहीं उठता। (ग) जी नहीं। (घ) जी नहीं। शेष का प्रश्न ही नहीं उठता।
प्राप्त शिकायतों की जाँच
180. ( क्र. 3615 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा-8 में दिये गये प्रावधान के अनुसार कौन-कौन से अधिकार किन-किन अधिकारियों को प्रत्यायोजित है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लिखित धारा-8 के अनुसार क्या रजिस्ट्रार द्वारा गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं में सदस्य बनने के लिए पात्रता के बारे में विनिश्चय किया जा सकता है? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सहकारी सोसायटियों के प्राप्त शिकायतों की जाँच एवं निराकरण आयुक्त सहकारिता सहित अन्य अधिकारियों द्वारा करायी जाती है? यदि हाँ, तो किस अधिकार एवं अधिनियम के तहत, अगर नहीं, तो बतावें?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा-8 के प्रावधान अंतर्गत कार्यवाही के समस्त अधिकार रजिस्ट्रार व उसके अधीनस्थ अधिकारियों को उनके क्षेत्राधिकार अंतर्गत शासन द्वारा प्रत्यायोजित है। (ख) प्रश्नांश ''क'' के संदर्भ में किसी संस्था के सदस्य बनने की पात्रता का विनिश्चय किया जा सकता है, किन्तु सहकारी अधिनियम की धारा-8 के अन्तर्गत सदस्यता के विवाद का निराकरण नहीं किया जा सकता। (ग) उत्तरांश ''ख'' में वर्णित सीमा तक जाँच कराई जा सकती है। सहकारी अधिनियम की धारा-8 अंतर्गत, शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आदिवासी उप योजना क्षेत्र में व्यय राशि की जानकारी
181. ( क्र. 3632 ) श्री संजय उइके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिवासी उप योजना क्षेत्र में विकास कार्यों में व्यय हेतु राशि आवंटित की जाती है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन योजनाओं में कितनी-कितनी राशि जिलेवार व्यय की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
विशेष ग्रामों हेतु पंजीयन शुल्क एवं मुआवजा
182. ( क्र. 3635 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नोत्तरी दिनांक 31 मार्च 2016 में मुद्रित अतारांकित प्रश्न संख्या 129 (क्रमांक 7621) में प्रश्नांश (ग) का उत्तर जी नहीं (घ) एवं (ड.) का उत्तर बाजार मूल्य मार्गदर्शिका में रखे गये विशेष ग्रामों के लिये निर्धारित बाजार मूल्य केवल स्टाम्प शुल्की की संगणना के लिये होता है? भूमि अधिग्रहण के मुआवजे का निर्धारण भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्स्थापना में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 के अंतर्गत किया जाता है, दिया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो एक ओर आपने जी नहीं कहाँ, दूसरी तरफ आप यह भी कह रहे है कि बाजार मूल्य केवल स्टाम्प शुल्क की संगणना के लिये होती है अर्थात रजिस्ट्री शुल्क के लिये होती तो मुआवजा के लिये भी विशेष गाइड लाइन तय किया जाना चाहिये। क्या ऐसा न्याय संगत है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में कृषकों द्वारा विशेष ग्राम में अधिक मुआवजे को लेकर शासन एवं प्रशासन को विगत एक वर्ष में कब-कब शिकायतें प्राप्त हुई? शिकायतवार, कार्यवाहीवार विवरण दें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आयातित जिन्सों में निराश्रित शुल्क की वसूली
183. ( क्र. 3636 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रबंध संचालक म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड भोपाल द्वारा अपने पत्र क्रमांक/बी-6/नियमन/सांवरिया एग्रो/इटारसी/405/4575, भोपाल दिनांक 14.08.2015 से परिपत्र जारी कर मंडी सचिवों, कलेक्टरों एवं उप संचालक मंडी बोर्ड को जारी करते हुए आयातित दलहन, सोयाबीन एवं बासमती धान से मंडी शुल्क से छूट दी गई है न कि निराश्रित शुल्क से? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो कब से प्रश्नांकित आयातित जिन्सों पर मंडी सचिवों द्वारा व्यापारियों से निराश्रित शुल्क की वसूली नहीं की गई थी, वसूली न करने के क्या कारण थे? (ग) क्या प्रदेश के व्यापारियों ने निराश्रित शुल्क की वसूली ही नहीं की तो वे जमा कैसे करेंगे? इस संबंध में शासन/प्रशासन एवं मंडी बोर्ड भोपाल में कब-कब, क्या-क्या ज्ञापन सौंपे गए विगत एक वर्ष से प्रश्न दिनांक तक उन पर क्या कार्यवाही की गई, पृथक-पृथक बताएं। (घ) क्या विगत वर्षों में मंडी सचिवों द्वारा लेखा सत्यापन प्रश्न दिनांक तक किए गए हैं और उसमें निराश्रित शुल्क की बकाया राशि होने संबंधी कोई उल्लेख न होने के कारण व्यापारियों ने यह माना था कि कोई निराश्रित देय नहीं है? (ड.) कटनी मंडी के सचिव एवं नस्ती सहायकों ने वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक जो लेखा सत्यापन आदेश जारी किए है, उन पर भी निराश्रित बकाया नहीं अधिरोपित करने से भी इस बात की पुष्टि होती है कि निराश्रित शुल्क वसूली शेष नहीं है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी नहीं। परिपत्र द्वारा म.प्र. कृषि उपज मंडी अधिनियम, 1972 के अंतर्गत अधिसूचित कृषि उपज के विपणन में निराश्रित सहायता राशि के उद्ग्रहण बाबत् वैधानिक स्थिति स्पष्ट की गई है। (ख) जाँच के उपरांत वास्तविक स्थिति ज्ञात हो सकेगी, जिसके लिये जाँच आदेशित की गई है। (ग) व्यापारियों के द्वारा निराश्रित शुल्क की वसूली नहीं की जाती है अपितु अधिसूचित कृषि उपज की क्रय कीमत पर प्रत्येक 100 रूपये या उसके भाग पर 20 पैसे निराश्रित शुल्क क्रेता द्वारा मंडी समिति में जमा कराये जाने का प्रावधान है। कटनी तुअर दाल मिल संघ कटनी का ज्ञापन दिनांक 12.03.2016 प्राप्त हुआ, जिसके विषय में म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड के परिपत्र दिनांक 14.08.2015 एवं परिपत्र दिनांक 22.03.2016 से समस्त मंडी सचिवों को निराश्रित शुल्क वसूली की वैधानिक स्थिति तथा कृषि उपज विपणन में मंडी फीस के भुगतान से छूट होने पर भी निराश्रित शुल्क उद्ग्रहण करने बाबत् पूर्व में ही निर्देश प्रसारित किये जा चुके थे, तत्संबंधी कार्यवाही की जानकारी देने हेतु मंडी बोर्ड के पत्र दिनांक 22.06.16 की प्रति आवेदक को पृष्ठांकित की गई है। (घ) जी नहीं। भोपाल संभाग अंतर्गत मंडियों में लेखा सत्यापन में निराश्रित शुल्क की वसूली की गई है। इंदौर संभाग अंतर्गत मंडियों में बकाया निराश्रित शुल्क वसूली की कार्यवाही प्रचलन में है। ग्वालियर संभाग अंतर्गत मंडियों में अवशेष निराश्रित शुल्क नियमानुसार व्यापारियों से जमा कराया गया है। उज्जैन संभाग अंतर्गत मंडियों में किये गये लेखा सत्यापन में निराश्रित शुल्क वसूल किया गया है। रीवा संभाग अंतर्गत लेखा सत्यापन का पुन: परीक्षण किये जाने पर अवशेष निराश्रित शुल्क की वसूली की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। सागर संभाग अंतर्गत मंडियों में व्यापारियों से निराश्रित शुल्क की वसूली की जा चुकी है। जबलपुर संभाग अंतर्गत मंडियों में किये गये लेखा सत्यापन आदेश में यह उल्लेखित है कि जाँच पश्चात् कोई बकाया राशि पाई जाती है तो वह वसूली योग्य होगी। (ड़) कृषि उपज मंडी समिति कटनी में वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक जो लेखा सत्यापन किये गये है उनसे पूर्व के लेखा सत्यापन आदेशों में यह उल्लेख है कि जाँच पश्चात् यदि कोई बकाया राशि पायी जाती है तो वह वसूली योग्य होगा। वर्तमान में किये जा रहे लेखा सत्यापन आदेशों में निराश्रित शुल्क की राशि का उल्लेख किया गया है। शेष निराश्रित शुल्क वसूली की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
भूमिहीन को भूमि आवंटन के नियम
184. ( क्र. 3639 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भूमिहीन कृषकों को भूमि आवंटन के वर्तमान में क्या नियम हैं? (ख) भूमिहीन की परिभाषा शासन ने क्या निर्धारित की है? (ग) अनुसूचित जाति/ जनजाति तथा पिछड़ा वर्ग के भूमिहीन व्यक्ति को भूमि आवंटन में क्या सुविधायें दिये जाने का प्रावधान है। क्या सामान्य वर्ग की भूमि आवंटन में कोई प्रतिबंध है? (घ) विधान सभा क्षेत्र चन्दला की तहसील में छतरपुर व नौगाँव तहसील के गामों में पिछले दो वर्ष में कितने पट्टे बांटे गये हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रशासक एवं महाप्रबंधक की नियुक्ति
185. ( क्र. 3640 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला सहकारी बैंक छतरपुर में प्रशासक एवं महाप्रबंधक का पद रिक्त हैं? यदि हाँ, तो कब से वर्तमान में कौन प्रशासक एवं महाप्रबंधक है? नाम सहित बतावें। (ख) म.प्र. शासन के द्वारा उक्त पदों पर कौन प्रशासक एवं महाप्रबंधक हो सकता है? इसके क्या मापदण्ड व नियम हैं? क्या छतरपुर में शासन के नियमानुसार ही प्रशासक एवं महाप्रबंधक नियुक्त किये गये हैं? (ग) यदि नहीं, तो क्यों इसमें कौन दोषी है तथा कब तक शासन के नियमानुसार उक्त पदों पर नियुक्ति की जावेगी? (घ) उक्त जानकारी नाम, पद, पदस्थी दिनांक विस्तृत रूप से देवें।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं। श्री पी.आर. कावड़कर, उप आयुक्त, सहकारिता दिनांक 25.03.2016 प्रशासक तथा श्री आर.व्ही. पटेरिया, सहायक प्रबंधक, जिला बैंक छतरपुर, प्रभारी महाप्रबंधक के पद पर दिनांक 16.11.2015 से कार्यरत है। (ख) मध्यप्रदेश सहकारी सोसाइटी अधिनियम 1960 के प्रावधान अनुसार तृतीय श्रेणी पालक कर्मचारी से अनिम्न श्रेणी का कोई शासकीय सेवक जिसे अधिनियम के उपबंधों के अधीन सोसाइटी के कारबार संचालन के लिए रजिस्ट्रार द्वारा प्रशासक के रूप में नियुक्त किया गया है, प्रशासक हो सकता है। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों में मुख्य कार्यपालन अधिकारी की नियुक्ति के प्रावधान सहकारी अधिनियम की धारा 49-ई (2) में है, जिसकी प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रशासक की नियुक्ति प्रावधान अनुसार की गई है तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर पदस्थापना न होने से प्रभारी के रूप में कार्यभार दिया गया है। (ग) कोई दोषी नहीं है। प्रशासक के पद पर पूर्व से नियमानुसार नियुक्ति है तथा महाप्रबंधक के पद पर पदस्थापना हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) उत्तरांश ’’ग’’ अनुसार।
निर्माण कार्य के भौतिक सत्यापन
186. ( क्र. 3641 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम पंचायतों के निर्माण कार्य/अन्य कार्य करवाने के बाद मूल्यांकन के क्या-क्या नियम है? नियम की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) कंडिका (क) के उपलब्ध नियम के आधार पर यदि किसी ग्राम पंचायत में बिना कार्य किये ही भुगतान हो गया हो? तो उक्त कार्य का भौतिक सत्यापन किस स्तर के अधिकारियों को करना चाहिए। (ग) प्रश्न की कंडिका (ख) की जानकारी अनुसार क्या शासन राजगढ़ जिले की नरसिंहगढ़ विधान सभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत कांसरोद की दिनांक 01 सितम्बर 2015 से प्रश्न दिनांक तक किये गये कार्य/निर्माण कार्य का भौतिक सत्यापन करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं कारण बतावें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) ग्राम पंचायतों के निर्माण कार्य/अन्य कार्यों के प्राक्कलन एवं तकनीकी स्वीकृति तथा ले-आउट के आधार पर करवाये कार्य उपयंत्री के पर्यवेक्षण में ग्राम पंचायत द्वारा किये जाते हैं एवं उपयंत्री द्वारा उक्त वर्णित बिन्दुओं के अनुक्रम में विधिवत मूल्यांकन किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार। (ख) यदि किसी ग्राम पंचायत में बिना कार्य किये ही भुगतान हो गया है तो उक्त कार्य का भौतिक सत्यापन अनुविभागीय अधिकारी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा/सहायक यंत्री द्वारा किया जाता है। (ग) जी हाँ। राजगढ़ जिले की नरसिंहगढ़ विधान सभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत कांसरोद में 01 सितम्बर 2015 से प्रश्न दिनांक तक मनरेगा योजनान्तर्गत किये गये कार्यों का भौतिक सत्यापन पूर्व में कराया गया है। अन्य योजनाओं के कार्यों का भौतिक सत्यापन हेतु समिति का गठन किया गया हैं। समिति की रिपोर्ट दिनांक 24.07.2016 तक प्रस्तुत कर दी जायेगी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार।
कर्मचारियों/अधिकारियों के वेतन भत्ते
187. ( क्र. 3644 ) श्रीमती प्रमिला सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक सेवा प्रबंधन विभाग में लगभग पाँच साल से पदस्थ जिला प्रबंधक को द्वितीय श्रेणी समकक्ष और कार्यालय सहायक को सहायक ग्रेड 01 की यात्रा एवं दैनिक भत्ता तथा ई.पी.एफ. कटौत्रा की पात्रता है? (ख) म.प्र. शासन ने पिछले पाँच वर्षों में अन्य विभागों जैसे पंचायत एवं ग्रामीण विकास में संविदा एवं पदस्थ शासकीय अमले के वेतन और महंगाई भत्ते बढ़ाये गये है? यदि हाँ, तो कितना और कितने बार बढ़ाया गया है? क्या अन्य विभागों की तरह विगत पाँच वर्षों में लोक सेवा प्रबंधन विभाग ने भी वेतन और महंगाई भत्ते बढ़ाये जाने की कार्यवाही की गई है यदि हाँ, तो बतावें? नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में लोक सेवा प्रबंधन विभाग द्वारा कितना ई.पी.एफ. खाता खुलाकर पदस्थ अमले के कितने खातों में ई.पी.एफ. की कितनी राशि की कटौत्री की गई है? यदि नहीं, की गई है तो पदस्थ अमले की ई.पी.एफ. राशि कटौत्री का नुकसान की भरपाई शासन कैसे करेगा? (घ) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में एम.बी.ए. योग्यता वाले अन्य विभागों जैसे पंचायत एवं ग्रामीण विकास में संविदा में पदस्थ अधिकारी/कर्मचारी के समान वेतन, महंगाई भत्ते और ई.पी.एफ. कटौत्री प्रदाय की कार्यवाही शासन द्वारा कब तक की जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। जिला प्रबंधक को द्वितीय श्रेणी समकक्ष और कार्यालय सहायक को राज्य शासन के सहायक ग्रेड-1 के समान यात्रा एवं दैनिक भत्ता की पात्रता सेवा शर्तों में है। जिला ई-गवर्नेंस सोसाईटी के अंतर्गत एकल पद होने से ई.पी.एफ. अधिनियम 1952 के प्रावधान लागू नहीं होने के कारण इन्हें ई.पी.एफ. कटौत्रा की पात्रता नहीं आती है। (ख) शासन के विभिन्न विभागों में विभागीय नीति के अनुसार कार्यवाही की जाती है, जिला ई-गवर्नेंस सोसाईटी के अधीन कार्यरत जिला लोक सेवा प्रबंधकों एवं कार्यालय सहायकों के वेतन में वृद्धि उनकी नियुक्ति की सेवा-शर्तों के अनुसार की जाती है। सेवा-शर्तों के अनुसार प्रत्येक वर्ष पुन: संविदा नियुक्ति की स्थिति में गत नियुक्ति के दौरान प्राप्त वेतन में 5 प्रतिशत की वृद्धि किए जाने का प्रावधान है। सेवा-शर्तों के अनुसार एकमुश्त वेतन दिए जाने का प्रावधान है। महंगाई एवं अन्य गृह भाड़ा भत्ता आदि दिए जाने का प्रावधान सेवा-शर्तों में नहीं है, अत: यह भत्ते प्रदान नहीं किए जाते है। (ग) जिला लोक सेवा प्रबंधक एवं कार्यालय सहायक की नियुक्ति जिला स्तर पर जिला ई-गवर्नेंस सोसाईटी द्वारा की गई है। ई.पी.एफ. फण्ड मिसलेनियस प्रोविजन्स एक्ट 1952 की धारा 1 (3) (क) के अनुसार किसी कार्यालय/संगठन में 20 या उससे अधिक कर्मचारी कार्यरत होने पर वहां ई.पी.एफ. के नियम लागू होते है। चूंकि उक्त दोनों पद एकल पद है, अत: इन पदों पर कार्यरत अधिकारी/कर्मचारी पर ई.पी.एफ. नियम लागू नहीं होने से उनके वेतन से ई.पी.एफ. कटौती नहीं की जा रही है। ई.पी.एफ. नियम लागू नहीं होने से किसी नुकसान का प्रश्न नहीं उठता है। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के प्रकाश में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
इंदिरा आवास कुटी
188. ( क्र. 3647 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. में ग्राम पंचायतों की जनसंख्या के आधार पर वर्ष 2014-15 व 2015-16 में इंदिरा आवास कुटी प्रदाय की गई थी अथवा अन्य किसी मापदण्ड अनुसार? (ख) शाजापुर जिले के शुजालपुर एवं कालापीपल विकासखण्ड में वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में इंदिरा आवास कुटी कितने हितग्राहियों को प्रदाय की गई? पंचायतवार वर्षवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित विकासखण्डों में कौन-कौन सी ग्राम पंचायतें ऐसी है जहाँ वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में एक भी हितग्राही को इंदिरा आवास कुटी प्रदाय नहीं की गई वर्षवार जानकारी देवें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वर्ष 2014-15 में जनपद पंचायत शुजालपुर एवं कालापीपल की सभी ग्राम पंचायतों को वर्गवार लक्ष्य निर्धारित किया गया था किन्तु जनपद पंचायत शुजालपुर की ग्राम पंचायत ताजपुर, उकाला, भ्याना, जादुनपुर, बटवाडी, सालिया एवं जनपद पंचायत कालापीपल की ग्राम पंचायत घट्टीमुख्यारपुर, भेसायागढा, भरदी एवं खजुरीअलाहदाद द्वारा वर्गवार लक्ष्य दिये जाने के उपरांत भी हितग्राहियों का चयन/प्रस्ताव अनुशंसा सहित नहीं भेजे जाने से आवास स्वीकृत नहीं किये गए। वर्ष 2015-16 में सभी ग्राम पंचायतों में आवास स्वीकृत किये गए है।
समय-सीमा में कार्यवाही नहीं करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही
189. ( क्र. 3650 ) श्री आरिफ अकील : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल संभाग के भोपाल सीहोर, रायसेन, विदिशा जिले के केन्द्रीय सहकारी बैंक एवं प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों पर वर्ष 2015-16 में कितनी राशि बकाया थी तथा उन्हें कितनी राशि की वसूली की जाना थी? (ख) वैधनाथ कमेटी की अनुशंसा पर किस बैंक को कितनी राशि दी गई तथा किस-किस जिले की कौन-कौन सी समितियों को कितनी-कितनी राशि प्रदान की गई? पृथक-पृथक वर्षवार जिलेवार बतावें? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में किस-किस जिले के कौन-कौन से बैंक तथा समितियों किन-किन कारणों से कितने-कितने घाटे में चल रही है, जिलेवार बैंक व समितियों के नाम सहित बतावें? (घ) क्या शासन बैंक एवं समितियों को घाटे से उभारने के लिये कोई योजना बनाई? यदि हाँ, तो क्या और यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बतावें?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) कुल बकाया राशि रूपये 5,40,782.70 लाख तथा वसूल की जाने वाली राशि रूपये 5,69,822.26 लाख है। (ख) प्रश्नांश ‘क’ में उल्लेखित बैंकों में से केवल रायसेन बैंक को राशि रूपये 412.14 लाख प्रदान की गई तथा जिलेवार, समितिवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रदर्श-1 अनुसार है। (ग) प्रश्न में उल्लेखित चारों जिले की जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकें घाटे में नहीं है। जिलेवार घाटे में चल रही प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं की सूची एवं घाटे में चलने के कारण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रदर्श-2 अनुसार है। (घ) प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों को घाटे से उबारने के लिये जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक स्तर पर व्यवसायिक विकास कार्यक्रम एवं डेव्लपमेंट एक्शन प्लान तैयार कर समितियों की त्रैमासिक स्तर पर समीक्षा की जाती है।
किसानों को भू-अधिकार एवं ऋण पुस्तिका का वितरण
190. ( क्र. 3651 ) श्री आरिफ अकील : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रायसेन जिले के ग्राम गीदगढ़ एवं मुक्तापुर को वर्ष 1980 के पूर्व राजस्व ग्राम बनाए जाने के बाद भी राजस्व विभाग ने प्रश्नांकित दिनांक तक भू-अधिकार एव ऋण पुस्तिका का काबिजों को वितरण नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो क्या उक्त संबंध में जिला कलेक्टर को वनमण्डल रायसेन के द्वारा दिनांक 31 अक्टूबर, 2000 को पत्र लिखा था? (ख) यदि हाँ, तो ग्राम गीदगढ़ एवं मुक्तापुर की कितनी भूमि वन विभाग ने किस दिनांक को राजस्व विभाग को अंतरित की इस भूमि के कितने-कितने रकबे पर किस-किस को पट्टा दिया जाना वन विभाग ने किस पत्र क्रमांक दिनांक के द्वारा राजस्व विभाग को बताया? (ग) राजस्व विभाग को जिला अभिलेखागार में आजादी के पूर्व ग्राम गीदगढ़ एवं ग्राम मुक्तापुर की जमाबंदी या खसरा बंदी उपलब्ध है उसमें किस खसरा नंबर का कितना रकबा किस-किस किसान के नाम पद दर्ज होना बताया प्रति उपलब्ध करावें? (घ) आजादी के पूर्व किन-किन अभिलेखों की प्रति उपलब्ध करवाए जाने का आवेदन किन-किनके द्वारा विगत एक वर्ष की अवधि में कब-कब किया गया?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
खेती को लाभ का धंधा बनाने बाबत्
191. ( क्र. 3658 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्तमान में कृषि उपज की खरीदी (उपार्जन) की दरें (रेट) शासन निर्धारित करता है? जिसमें कृषक वर्ग के विशेषज्ञ शामिल नहीं होते है? (ख) यदि हाँ, तो क्या खरीदी दरें निर्धारित करते समय कृषक वर्ग के प्रत्येक फसल के विशेषज्ञों को शामिल कर कृषि लागत अनुसार जानकारी ली जाकर रेट निर्धारित करने हेतु राय ली जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) कृषि उपज की खरीदी (उपार्जन) की दरों (रेट) का निर्धारण भारत शासन द्वारा राष्ट्रीय कृषि लागत एवं मूल्य आयोग की अनुशंसाओं के आधार पर किया जाता है, जिसमें प्रक्रिया अनुसार कृषि लागत एवं मूल्य आयोग द्वारा आयोजित बैठक में राज्य के प्रगतिशील कृषक भाग लेते है। (ख) खरीदी दरों का निर्धारण भारत शासन द्वारा तय दिशा-निर्देशों के आधार पर किया जाता है एवं कृषि वैज्ञानिकों, प्रगतिशील कृषकों आदि की राय राष्ट्रीय कृषि लागत एवं मूल्य आयोग के द्वारा शामिल कर ही अनुशंसाएं भारत सरकार को प्रेषित की जाती है।
ग्रामीण क्षेत्र के विकास कार्यों में लापरवाही तथा भ्रष्टाचार
192. ( क्र. 3660 ) श्री मधु भगत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) योजना क्रमांक 6446, 5206, 5565,6255, 5198, 5484, 5770, 7466, 6836, 7264, 6923, 1032, 9467, 1208, 6550, 7886, 6931, 1329, 5853, 6084, 7251, 7252, 7467, 9216, 5129, 6109, 5198, 5131, 6255, 5127, 5770, 7466, 7284, 6932 में बालाघाट जिले को वर्तमान वित्तीय वर्ष के अलावा पिछले 3 वित्तीय वर्षों में, कितना फंड एलाट किया गया और किस-किस में, एलाट नहीं किया गया, कारण बतायें? (ख) जिले में योजनाओं में भौतिक स्थिति क्या है जिले में कितने कार्य निर्माणाधीन है कितने हितग्राही लाभान्वित हुए? (ग) उक्त योजना के क्रियान्वयन हेतु कौन-कौन सी एजेंसी को ठेका दिया गया? (घ) क्या उक्त योजना के लिये सामग्री केन्द्रीय रूप से क्रय की गई? यदि हाँ, तो किस-किस एजेन्सी से? (ड.) क्या उपरोक्त कार्यों से संबंधित शिकायतें प्राप्त हुई थी यदि प्राप्त हुई तो कितनी और क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या. सीधी में रिक्त/नियुक्ति
193. ( क्र. 3661 ) श्री कुंवर सिंह टेकाम : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित सीधी एवं संबंधित सहकारी बैंक शाखाओं में कुल कितने पद रिक्त हैं? पदवार जानकारी उपलब्ध करायें एव इन बैंकों में कितने कर्मचारी, अधिकारी पदस्थ हैं? उनके नाम, पद व संख्या सहित सूची उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में पदस्थ कर्मचारी, अधिकारी की मूल पदस्थापना किस पद पर और किस दिनांक को नियुक्ति की गई थी तथा वे वर्तमान में किस पद पर कार्यरत हैं? सूची उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संबंध में पदस्थ कर्मचारियों, अधिकारियों को क्या नियम विरूद्ध पदोन्नति दी गई है? यदि हाँ, तो क्या बैंक के द्वारा कार्यवाही की गई? (घ) क्या रिक्त पदों पर नियुक्ति करते समय रोस्टर का पालन किया गया है और कितने अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के लोगों को नियुक्ति दी गई है?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) 266 पद। बैंक में स्वीकृत, भरे एवं रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार तथा कार्यरत अधिकारी/कर्मचारियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी हाँ। पदोन्नति निरस्त किये जाने हेतु जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, सीधी के स्तर पर कार्यवाही की जा रही है। आयुक्त, सहकारिता द्वारा पृथक से कार्यवाही शीघ्र पूर्ण करने हेतु निर्देश दिये गये हैं। (घ) बैंक में तत्समय आरक्षण लागू नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते है।
सूखा राहत राशि का भुगतान
194. ( क्र. 3662 ) श्री कुंवर सिंह टेकाम : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी एवं सिंगरौली जिले के अंतर्गत तहसील मझौली, मड़वास, कुसमी, सरई एवं देवसर के कितने किसानों को सूखा राहत राशि वर्ष 2015-16 में स्वीकृत की गई थी? किसानों की संख्या, वितरित राहत राशि की जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रभावित किसानों को राहत राशि का भुगतान कर दिया गया है? यदि हाँ, तो जानकारी दें? यदि नहीं, तो क्यों? कारण बतायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में अभी भी किसानों को राहत की राशि का भुगतान नहीं किये जाने की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? प्राप्त शिकायतों में क्या कार्यवाही की गई है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सड़क निर्माण हेतु जारी कार्य आदेश
195. ( क्र. 3664 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला राजगढ़ की विधान सभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत वर्ष 2016-17 में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजनान्तर्गत कितनी सड़कों के निर्माण हेतु कितने कार्यादेश, किन-किन ठेकेदार/एजेंसी को जारी किये गये? ठेकेदारवार/एजेंसीवार सड़कों के नाम, लागत एवं कार्यादेश जारी करने एवं पूर्ण करने की दिनांक सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शाये गये ठेकेदार/एजेंसी द्वारा प्रश्न दिनांक तक किस-किस सड़क का कितने प्रतिशत कार्य किया गया है? वित्तीय एवं भौतिक प्रगति की जानकारी से अवगत करावें। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में दर्शायी गई प्रगति कार्य पूर्ण करने की अवधि के समयानुपातिक है? यदि नहीं, तो विलंब हेतु किस ठेकेदार के विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, की गई तो क्यों नहीं? (घ) विलंब हेतु ठेकेदार/एजेंसी के विरूद्ध विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई तो सक्षम अधिकारी के विरूद्ध विभाग कोई कार्यवाही करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) राजगढ़ जिले की विधान सभा क्षेत्र सारंगपुर में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत वर्ष 2016-17 में कुल 4 सड़कों के कार्यादेश जारी किये गये। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्न दिनांक तक कार्यादेश दिनांक से 3 माह से कम समय व्यतीत होने के कारण अनुबंधानुसार 03 माह से कम समय में समानुपाति प्रगति का विश्लेषण संभव नहीं है। अतः ठेकेदार के विरूद्ध कार्यवाही अपेक्षित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (ग) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जिला पंचायत/जनपद पंचायत के अंतर्गत चल रहे कार्यों की जानकारी
196. ( क्र. 3669 ) श्री गोपाल परमार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला पंचायत/जनपद पंचायत/पंचायतों आगर-मालवा में वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में किस मद में कितना आवंटन प्राप्त हुआ है, प्राप्त आवंटन का मदवार आय-व्यय की जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्न (क) के अनुसार जिला पंचायत/ जनपद पंचायत के अंतर्गत कितने निर्माण कार्य की स्वीकृति दी गई है एवं किस एजेन्सी द्वारा निर्माण कार्य कराये जा रहे हैं? इन निर्माण कार्य की गुणवत्ता का आंकलन किनके द्वारा किया जा रहा है, नाम बतावें क्या किये गये निर्माण कार्य जर्जर स्थिति में आ गये हैं? यदि हाँ, तो ऐसे कितने भवन हैं एवं गुणवत्ता करने वाले अधिकारी के प्रति शासन क्या कार्यवाही करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में जिला/जनपद पंचायतों द्वारा कुल 3341 कार्य स्वीकृत किये गये। निर्माण एजेन्सी संबंधित ग्राम पंचायत है तथा जिला पंचायत भवन आगर मालवा हेतु ग्रामीण यांत्रिकी सेवा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। कोई भी भवन जीर्ण-शीर्ण नहीं है।
राजस्व अभिलेखों में दर्ज भूमि
197. ( क्र. 3675 ) श्री हर्ष यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर एवं बैतूल जिले के कितने राजस्व ग्रामों में से कितने ग्रामों के निस्तार पत्रक राजस्व विभाग के पास उपलब्ध हैं? उनमें से किस-किस मद में कितनी-कितनी भूमि सार्वजनिक एवं निस्तारी प्रयोजनों के लिए दर्ज है? (ख) निस्तार पत्रक में दर्ज भूमियों के संबंध में भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 237 की किस उपधारा में क्या प्रावधान है? धारा 237 (2) में क्या प्रावधान रहे थे? उन्हें किस दिनांक को किन कारणों से विलुप्त किया गया? (ग) गत एक वर्ष में कलेक्टर की अध्यक्षता में किन-किन दिनांकों को आयोजित जिला वनाधिकार समितियों ने किस ग्राम में किस खसरा में कितने रकबे पर किस व्यक्ति का वनाधिकार दावा मान्य किया? उसे किस दिनांक को वन अधिकार पत्र दिया गया? यह भूमि निस्तार पत्रक में किस मद एवं किस प्रयोजन के लिए दर्ज है? (घ) निस्तार पत्रक में दर्ज भूमि को काबिल कास्त घोषित किए बिना ही कृषि कार्य के लिए वितरित किये जाने का क्या कारण है? कब तक भूमि काबल कास्त घोषित कर दी जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ग्रेवल रोड पशु शेड निर्माण में फर्जी तरीके से राशि का आहरण
198. ( क्र. 3676 ) श्री हर्ष यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम पंचायत झलवार जनपद सिरमौर जिला रीवा में वर्ष 2015-16 में ग्रेवल रोड, पशु शेड निर्माण में फर्जी तरीके से राशि का आहरण किया गया था जिसमें संबंधित सचिव को निलंबित किया गया था जबकि जनपद के सहा.लेखाधिकारी मनरेगा (संविदा) के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई। उक्त की संविदा कब समाप्त की जायगी एवं F.I.R. दर्ज करायी जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) उक्त लेखाधिकारी द्वारा वर्ष 2012-13 एवं 2013-14 में हनुमना जिला रीवा में मनरेगा अंतर्गत आकस्मिक निधि का भुगतान किया गया क्या उनके व्हाउचरों में सरपंच, सचिव के हस्ताक्षर हैं यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध करायें यदि नहीं, तो दोषी तत्कालीन लेखाधिकारी जनपद हनुमना के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायगी एवं कब तक? (ग) क्या उक्त सहा. लेखाधिकारी द्वारा वित्तीय वर्ष 2012-13 एवं 2013-14 में मनरेगा अंतर्गत ग्राम पंचायत मुअरी एवं मलईगवां जनपद हनुमना जिला रीवा में सामग्री भुगतान किया गया उन व्हाउचर में सरपंच, सचिव, उपयंत्री एवं सहा. यंत्री के बिना सत्यापन के भुगतान किया गया यदि हाँ, तो दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही होगी एवं कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जाँच प्रतिवेदन में सहायक लेखाधिकारी का दोष नहीं पाए जाने से संबंधित के विरूद् कोई कार्यवाही नहीं की गई। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) सत्यापनोपरांत ही भुगतान किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नवीन नक्शे बनाये जाना
199. ( क्र. 3678 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के किन-किन राजस्व ग्रामों के नक्शे वर्तमान में जीर्ण-शीर्ण स्थिति में हैं? तहसीलवार ग्रामों का विवरण दें? इनके नवीन नक्शे बनाये जाने को लेकर क्या कार्यवाही की जा रही है? (ख) ग्रामों के नक्शे न होने से सीमांकन, बंटवारा व अन्य कार्यों में भू-स्वामियों को आ रही परेशानियों को देखते, क्या विभाग शीघ्र नक्शे तैयार कराने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) सतना जिले में वर्तमान में कुल 241 राजस्व ग्रामों के नक्शा जीर्ण-शीर्ण स्थिति में है। तहसीलवार ग्रामों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। इनके नवीन नक्शों को बनाये जाने को लेकर म.प्र. भू-अभिलेख नियमावली भाग 1 के अध्याय 4 की कंडिका 11 के अनुसार कार्यवाही की जा रही है। (ख) उत्तरांश 'क' अनुसार ही अभिलेखागार तहसील कार्यालय आदि में भी नक्शों के सत्यापन का कार्य भी तत्परता से कराया जा रहा है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
हम्माली दर निर्धारित किया जाना
200. ( क्र. 3681 ) श्री कल्याण सिंह ठाकुर : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. की कार्यरत कृषि उपज मंडियों में किसानों की उपज की तुलावट हेतु हम्माली व्यवस्था लागू है, जिन्हें इस कार्य की एक निर्धारित दर निश्चित है। क्या इनकी दरों में एकरूपता न होने से कार्यरत हम्मालों में इसके प्रति कई भ्रॉंतियां पैदा होकर मण्डी के कार्यों में व्यवधान पैदा होता है। ऐसी स्थिति में मण्डी की वित्तीय स्थिति प्रभावित होती है। साथ ही किसानों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है? (ख) क्या शासन कृषि उपज मंडियों में हम्माली दर निर्धारित किये जाने की कार्यवाही कर रही है? इस तारतम्य में विदिशा शहर की कृषि उपज मण्डी का मामला संज्ञान में आया है। यदि कार्यवाही नहीं कर रही है तो क्यों? (ग) क्या विदिशा शहर की कृषि उपज मण्डी में हम्माली दर निर्धारित है जो म.प्र. शासन के नियम अनुरूप हो? (घ) यदि प्रश्नांश (ग) के क्रम में हाँ, तो क्या शासन विदिशा शहर की कृषि उपज मण्डी की हम्माली दर निधारित करेगा? हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) मध्य प्रदेश कृषि उपज मंडी अधिनियम 1972 की धारा 17 (2) एवं उपविधि सन् 2000 की कंडिका (26) के तहत् मंडी में विक्रय अधिसूचित कृषि उपज की तुलाई एवं हम्माली की पारिश्रमिक दर निर्धारित करने का अधिकार निर्वाचित मंडी समिति (जो कि एक निगमित निकाय है) में वेष्ठित है, जिसमें कृषक तथा हम्माल/तुलावटी प्रतिनिधि भी सदस्य रहते है, उनके द्वारा स्थानीय परिस्थितयों, प्रचलित मजदूरी, किसान व हम्माल के हित आदि को ध्यान में रखते हुए मंडी के अनुज्ञप्तिधारी हम्माल/तुलावटी के पारिश्रमिक दरों का समय-समय पर निर्धारण एवं पुन: निर्धारण किया जाता है। इसके फलस्वरूप विभिन्न कृषि उपज मंडी समितियों में पृथक-पृथक हम्माल/तुलावटी का पारिश्रमिक होने पर भी भ्रम, मंडी कार्यों में व्यवधान, वित्तीय स्थिति प्रभावित होना अथवा किसानों की परेशानी की स्थिति निर्मित नहीं होती है। (ख) जी नहीं। कृषि उपज मंडी समिति विदिशा में हम्माल/ तुलावटी पारिश्रमिक दर निर्धारण अंतर्गत माह जून 2016 में उत्पन्न स्थिति एक अपवादित मामला था, जिसका जिला प्रशासन के हस्तक्षेप से निराकरण हो चुका है, परन्तु ऐसी एक घटना से प्रचलित नीति में परिवर्तन करने की आवश्यकता प्रतिपादित नहीं होती है। (ग) उपविधि सन् 2000 की कंडिका 26 के अंतर्गत कृषि उपज मंडी समिति विदिशा द्वारा हम्माल/तुलावटी का पारिश्रमिक दर निर्धारित किया गया है। शासन द्वारा प्रश्नाधीन दरों का निर्धारण नहीं किया जाता है, अत: प्रश्नाधीन स्थिति ज्ञात करना संभव नहीं है। (घ) उत्तरांश (क), (ख), (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
रोजगार सहायक की पदस्थी एवं पदस्थापना में संशोधन किये जाना
201. ( क्र. 3682 ) श्री कल्याण सिंह ठाकुर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पंचायत विभाग के अधीन रोजगार सहायक जिनकी नियुक्ति ग्राम स्तर से किये जाने के प्रावधान है और पदस्थी भी ग्राम पंचायत में की जाती है परन्तु पदस्थापना ब्लाक स्तर/तहसील स्तर/जिला स्तर पर किये जाने हेतु नियम में संशोधन की कार्यवाही की जाना है जनपद से दूसरे जनपद में स्थानांतरण की प्रक्रिया लागू की जायेगी? (ख) क्या पंचायत के अधीन रोजगार सहायकों की पदस्थापना जिला स्तर पर संशोधन किये जाने की शासन कार्यवाही कर रहा है? यदि कार्यवाही नहीं कर रहा है तो क्यों? (ग) क्या शासन प्रश्नांश (ख) के क्रम में रोजगार सहायकों के स्थानांतरण जिला स्तर पर करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। वर्तमान में ऐसा प्रावधान नहीं है। (ख) जी नहीं, क्योंकि ग्राम रोजगार सहायक की पदस्थापना ग्राम पंचायत विशेष के लिए की गई है। (ग) जी नहीं। वर्तमान में ऐसा प्रावधान नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बीज अनुदान की राशि कृषकों के खाते में जमा की जाना
202. ( क्र. 3685 ) श्री जितू पटवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कृषि विभाग में वर्ष 2014 से बीज अनुदान की राशि कृषकों के खाते में सीधे देने का आदेश है? (ख) यदि हाँ, तो उप संचालक कृषि आगर (मालवा) द्वारा उक्त आदेश का उल्लंघन कर बीज अनुदान की राशि संस्थाओं को भुगतान की गई है? (ग) उक्त संबंध में संचालक कृषि द्वारा विधान सभा प्रश्न के संदर्भ में आगर (मालवा) जिले की जाँच संयुक्त संचालक कृषि उज्जैन से करवाई गई थी? (घ) यदि हाँ, तो जाँच में उप संचालक कृषि दोषी पाये जाने पर अब तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई और अब तत्काल निलंबित कर कार्यवाही की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) से (ग) जी हाँ। (घ) संयुक्त संचालक कृषि उज्जैन द्वारा प्रस्तुत जाँच प्रतिवेदन पर कार्यवाही प्रचलन में है।
जिला पंचायत की कृषि स्थाई समिति से लक्ष्यों का अनुमोदन
203. ( क्र. 3686 ) श्री जितू पटवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला आगर (मालवा) के उप संचालक कृषि द्वारा वर्ष 2015-16 में जिला पंचायत में कृषि स्थाई समिति से लक्ष्यों का अनुमोदन नहीं कराया जाकर मनमाने ढंग से योजनाओं का क्रियान्वयन किया गया? (ख) यदि हाँ, तो अध्यक्ष कृषि स्थाई समिति जिला पंचायत आगर (मालवा) के द्वारा कलेक्टर आगर को शिकायत की गई थी उक्त शिकायत की जाँच कलेक्टर द्वारा दल गठन कर करवाई गई जिसमें शिकायत सही पाई गई? (ग) यदि हाँ, तो जाँच प्रतिवेदन पर कार्यवाही करते हुए पंचायती राज संस्थाओं के अधिकारियों का हनन करने वाले अधिकारी को निलंबित कर कार्यवाही करेंगे?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) दिनांक 16.10.2015 को सम्पन्न जिला पंचायत की कृषि स्थायी समिति की बैठक में उप संचालक कृषि द्वारा लक्ष्यों को अनुमोदित करने हेतु प्रस्तुत किया था। बैठक में समिति के अध्यक्ष उपस्थित थे। बैठक पंजी में कार्यवाही विवरण लिखा गया है किन्तु कार्यवाही विवरण के अंत में समिति के अध्यक्ष के हस्ताक्षर नहीं है। हितग्राहियों की सूची जनपद पंचायत की कृषि स्थाई समिति से अनुमोदित है। (ख) जी हाँ। कलेक्टर, आगर-मालवा के आदेश क्र. डी-1/स्टेनो/ विविध/16/125-126 दिनांक 10.03.16 के द्वारा शिकायत की जाँच हेतु तीन सदस्यों का जाँच दल का गठन किया गया था। जाँच में जाँच दल द्वारा उप संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास, आगर-मालवा के द्वारा लक्ष्यों का अनुमोदन नहीं कराकर अनियमितता की जाना पाया गया है। (ग) जाँच प्रतिवेदन परीक्षण उपरान्त गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सारंगपुर की पदस्थापना
204. ( क्र. 3687 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला राजगढ़ को जनपद पंचायत सारंगपुर में वर्तमान में पदस्थ मुख्य कार्यपालन अधिकारी के विरूद्ध पदस्थापना दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी शिकायतें, किस-किस जनपद पंचायत को विभाग को प्राप्त हुई है? जनपदवार शिकायत की जानकारी से अवगत करावें? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित शिकायतें किन-किन कार्यालय में जाँच हेतु लंबित है एवं कितनी शिकायतों का निराकरण हुआ है? लंबित एवं निराकृत शिकायतों का विवरण देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) में अधिकारी के विरूद्ध यदि विभागीय जाँच प्रचलित है, तो क्या ऐसे अधिकारी को जनपद पंचायत का मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर पदस्थ करने का प्रावधान है? यदि नहीं, तो वर्तमान मुख्य कार्यपालन अधिकारी का जनपद पंचायत सारंगपुर में क्यों पदस्थ किया गया?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अपेक्स बैंक में ऋण घोटाला व सह. संस्थाओं में निर्वाचक मण्डल न होना
205. ( क्र. 3690 ) श्री बाला बच्चन : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अपेक्स बैंक से त्रिकुटा के नाम से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर तथा स्टांप ड्यूटी की चोरी कराकर ऋण के प्रकरण में किस-किस अधिकारी के विरूद्ध लोकायुक्त के निर्देश पर चालान किया गया है? (ख) इस प्रकरण में अंकेक्षण आक्षेपों तथा विशेष प्रतिवेदन पर क्या कार्यवाही की गई तथा दोषी अधिकारियों के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित की गई या नहीं? इस प्रकरण में वसूली कब तक होगी? इन अधिकारियों पर कार्यवाही कब तक होगी? (ग) प्रदेश में जिन सहकारी संस्थाओं में निर्वाचित संचालक मण्डल नहीं है उन संस्थाओं के निर्वाचन नियत समयावधि में कराने का दायित्व संस्था के आवेदन या आवेदन न आने पर स्व-प्रेरणा से कराने का दायित्व किसका निर्धारित है? (घ) उपरोक्त दायित्व निर्वहन में असफल रहने पर संबंधितों के विरूद्ध क्या व कब तक कार्यवाही होगी? मुख्य सचिव को इस बारे में की गई शिकायत की अद्यतन स्थिति बतावें।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) अपेक्स बैंक अधिकारी श्री सुशील चंद्र कुशवाह, उप प्रबंधक, श्री सुरेश कुमार गुप्ता, तत्कालीन महाप्रबंधक (सेवानिवृत्त), श्री आर.के. दुबे, तत्कालीन शाखा प्रबंधक (सेवानिवृत्त), श्री व्ही.के. वर्मा, तत्कालीन शाखा प्रबंधक (सेवानिवृत्त) तथा श्री जे.पी. गुप्ता तत्कालीन प्रबंध संचालक एवं अपर पंजीयक। स्टाम्प चोरी करने के संबंध में कोई अपराध दर्ज नहीं कराया गया है न ही न्यायालय में चालान पेश किया गया है। (ख) अंकेक्षण आक्षेप वर्ष 2005-06 में ली गई आपत्तियों के आधार पर अपेक्स बैंक के स्तर से की गई कार्यवाही तथा विभागीय जाँच की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। सहकारिता विभाग स्तर पर अंकेक्षण आक्षेपों एवं विशेष प्रतिवेदन पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। मेसर्स त्रिकुटा कोल्ड स्टोरेज ऋण प्रकरण में न्यायालय उप पंजीयक, सहकारी समितियां भोपाल से आदेश दिनांक 19.03.2010 से डिक्री प्राप्त होकर क्रिस योजना के अंतर्गत न्यायालय तहसीलदार के समक्ष निष्पादन प्रक्रियाधीन है। प्रकरण में 7 बार नीलामी की तिथियां लग चुकी है, किन्तु बोलीदार उपस्थित नहीं हुआ। प्रकरण में पुनः सार्वजनिक नीलामी की तिथि निर्धारित किये जाने हेतु मान. न्यायालय तहसीलदार से निवेदन किया गया है। वसूली की निश्चित समयावधि बतलाया जाना संभव नहीं है। मेसर्स त्रिकुटा कोल्ड स्टोरेज ऋण प्रकरण में वसूली हेतु तत्कालीन शाखा प्रबंधक श्री आर.के. दुबे (सेवानिवृत्त) के विरूद्ध धारा 64 में भी वाद दायर किया गया है। (ग) मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 57-घ (3) के अनुसार आवेदन प्राप्त होने अथवा आवेदन प्राप्त न होने पर स्व-प्रेरणा से निर्वाचन करने का दायित्व मध्यप्रदेश राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी का है। (घ) मध्यप्रदेश राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी सहकारी अधिनियम के अंतर्गत स्थापित कार्यालय होने से दायित्व का निर्धारण आयुक्त सहकारिता कार्यालय स्तर से नहीं किया जा सकता है। मुख्य सचिव को संबोधित शिकायतकर्ता श्री व्ही.बी. सिंह की शिकायत जन शिकायत निवारण विभाग से प्राप्त हुई है, जिस पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
गबन तथा शिकायत की जाँच
206. ( क्र. 3691 ) श्री बाला बच्चन : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक होशंगाबाद में कितने कर्मचारियों को एफ.आई.आर. करने के बाद निलंबित कर बहाल किया गया, कितनों को नहीं किया गया? बहाली के मापदण्ड क्या थे? जिन्हें बहाल किया गया, वे किस पद पर कार्य कर रहे हैं? (ख) विधान सभा सत्र फरवरी मार्च 2016 में अतारांकित प्रश्न संख्या 163 (क्रमांक 5355) दिनांक 10 मार्च, 2016 के जबाव में कहा गया था कि शहर शाखा हरदा में हुई वित्तीय अनियमितता के दोषियों पर एफ.आई.आर. दर्ज कराने के निर्देश जारी कर दिये गये हैं? क्या आज दिनांक तक निर्देशों की अवहेलना कर कार्यवाही नहीं की गई, क्यों? क्या दोषियों को बचाने के लिए तत्कालीन सी.ई.ओ. के खिलाफ भी कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक समय-सीमा बतावें? (ग) शासन द्वारा गेहूँ खरीदी में खर्च की सीमा क्या है? वर्ष 2016 में बैंक की शाखा खिरकिया, सिराली, टिमरनी, सिवनी बानापुरा में गेहूँ खरीदी में प्रति क्विंटल खर्च 25-30 रूपये निकाला गया, जो सीमा से अधिक है? क्या करोड़ों की वित्तीय अनियमितता की जाँच कराकर दोषियों पर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) 06 कर्मचारियों को बहाल किया गया, 09 कर्मचारियों को बहाल नहीं किया गया। 06 कर्मचारियों की विभागीय जाँच प्रतिवेदन प्राप्त हुये, जिनमें से 03 कर्मचारियों के विरूद्ध आरोप प्रमाणित नहीं पाये जाने तथा 02 प्रकरणों में जाँच अधिकारी का स्पष्ट अभिमत प्राप्त नहीं होने से बहाल किया गया। 01 प्रकरण में आरोप प्रमाणित पाये जाने के बाद भी बहाल किया गया। 01 कर्मचारी सहायक लेखापाल के पद पर तथा 05 कर्मचारी समिति प्रबंधक के पद पर कार्य कर रहे है। (ख) जी हाँ। उक्त निर्देशों पर बैंक के संचालक मंडल द्वारा बैठक दिनांक 29.03.2016 में श्री कैलाश सारन, तत्कालीन प्रभारी शाखा प्रबंधक की विभागीय जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर जाँच प्रतिवेदन के साथ अपराधिक प्रकरण दर्ज करने के संबंध में आगामी संचालक मंडल की बैठक में प्रस्तुत करने का निर्णय लिया गया। संचालक मंडल की आगामी बैठक दिनांक 25.06.2016 में विभागीय जाँच अधिकारी से शीघ्रातिशीघ्र जाँच प्रतिवेदन प्राप्त कर गुण दोषों के आधार पर श्री सारन के विरूद्ध अपराधिक प्रकरण दर्ज कराने का निर्णय लिया गया। संचालक मंडल द्वारा लिये गये उक्त निर्णय के परिप्रेक्ष्य में तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उपार्जन एजेंसी द्वारा प्रासंगिक व्यय के रूप में रू. 10.33 प्रति क्विंटल तथा कमीशन के रूप में रू. 27 प्रति क्विंटल निर्धारित है। वर्ष 2016 में बैंक की शाखा खिरकिया, सिराली, टिमरनी, सिवनी वानापुरा के अंतर्गत गेहूं खरीदी केन्द्रों में न्यूनतम राशि रूपये 16 प्रति क्विंटल से अधिकतम राशि रूपये 24.26 प्रति क्विंटल खर्च हुआ है। गेहूं खरीदी में अधिक खर्च करने के संबंध में अनियमित भुगतान किये जाने की स्थिति में दोषियों से राशि की वसूली तथा सेवा-नियम के अंतर्गत कार्यवाही के निर्देश संयुक्त आयुक्त, सहकारिता, संभाग नर्मदापुरम को दिये गये है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कृषि उपकरण व अन्य सामग्री वितरण
207. ( क्र. 3694 ) श्री कमलेश शाह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा कृषकों के लिये क्या-क्या योजनाएं संचालित की जा रही है? (ख) विधान सभा क्षेत्र अमरवाड़ा के अमरवाड़ा, हर्रई विकासखण्ड में विगत 3 वर्षों में जो कृषि उपकरण, खाद, बीज एवं अन्य सामग्री अनुदान रूप में वितरित की गई, उसका विवरण देवें। (ग) उपरोक्तानुसार B.P.L. हितग्राहियों के लिये कोई विशेष योजना है? यदि हाँ, तो विवरण देवें? (घ) क्या इन सामग्रियों का वितरण जनप्रतिनिधियों के समक्ष करने का कोई नियम/प्रक्रिया निर्धारित हैं? यदि हाँ, तो विवरण देवें? यदि नहीं, तो कब तक नियम/प्रक्रिया बनाई जायेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (ग) योजनाओं में प्रावधान अनुसार सभी श्रेणी के पात्र हितग्राहियों को लाभान्वित किया जाता है। (घ) जी नहीं।
रिक्त पदों की पूर्ति
208. ( क्र. 3695 ) श्री कमलेश शाह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन द्वारा म.प्र. राजपत्र दि. 28.03.2008 एवं 17.07.2009 में प्रतियोगिता परीक्षा के माध्यम से नायब तहसीलदार के 33 पदों पर भर्ती हेतु पटवारी/ राजस्व निरीक्षकों से आवेदन आमंत्रित किए गए? (ख) यदि हाँ, तो परीक्षा अब तक क्यों आयोजित नहीं की गई कारण बतावें? (ग) ये परीक्षा कब तक आयोजित कर रिक्त पदों पर पूर्ति कब तक कर ली जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) परीक्षा आयोजित करने हेतु दिनांक 24/11/2009 द्वारा व्यावसायिक परीक्षा मंडल को लिखा गया था। किन्तु व्यावसायिक परीक्षा मंडल ने दिनांक 19/03/2010 द्वारा उक्त परीक्षा आयोजित करने से असमर्थता व्यक्त की गई। जिसके कारण परीक्षा का आयोजन नहीं किया जा सका। (ग) कार्यवाही प्रचलन में है, समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
मध्यान्ह भोजन योजना
209. ( क्र. 3698 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर विधान सभा क्षेत्र में प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में मध्यान्ह भोजन योजना हतु कितने स्व-सहायता समूह हैं? इनके नाम शालावार, ग्रामवार देवें। (ख) इन समूहों को विगत 3 वर्षों में कितनी खाद्यान्न सामग्री एवं कितनी राशि दी गई? (ग) इस संबंध में विभाग द्वारा निरीक्षण के दौरान, शिकायत मिलने पर या अन्य किसी कारण से किसी स्व-सहायता समूह या संबंधित शिक्षकों/अधिकारियों पर कोई कार्यवाही की गई हो तो बतावें विगत 3 वर्षों की जानकारी देवें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) महिदपुर विधान सभा क्षेत्र में प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में 332 स्व-सहायता समूह है। स्व-सहायता समूह के नाम की शालावार, ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) समूहों को विगत तीन वर्षों में दी गयी खाद्यान्न सामग्री एवं राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) महिदपुर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत विगत 03 वर्षों में (वर्ष 2013-14 से वर्ष 2015-16) प्राप्त शिकायत एवं की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
अपूर्ण बलराम तालाबों के संबंध में
210. ( क्र. 3699 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के परि. अता. प्रश्न 172 दि. 10/03/2016 के (क) उत्तर के परिशिष्ट-दो में उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला उज्जैन ने श्री अश्विनी झारिया, सहायक भूमि संरक्षक अधिकारी महिदपुर को अनियमितता का दोषी पाया लेकिन उन पर कार्यवाही अभी तक नहीं हुई, क्यों? (ख) इन पर कार्यवाही कब तक होगी? (ग) प्रश्न के (ग) उत्तर में उल्लेखित परिशिष्ट चार एवं अन्य परिशिष्टों में निर्माणाधीन बलराम तालाब कब तक पूर्ण होंगे?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी नहीं, उप संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास उज्जैन द्वारा श्री अश्विनी झारिया, सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी महिदपुर का अभ्यावेदन अमान्य किया गया है। प्रकरण की जाँच हेतु संचालनालय, किसान कल्याण तथा कृषि विकास स्तर से संयुक्त संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास, उज्जैन को जाँच अधिकारी नियुक्त किया गया था। संयुक्त संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास द्वारा जाँच कमेटी का गठन किया गया है, जाँच उपरांत गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जा सकेगी। (ख) समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ग) बलराम तालाब का निर्माण कृषक द्वारा स्वयं किया जाता है इस कारण समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
स्वच्छ भारत अभियान का क्रियान्वयन
211. ( क्र. 3700 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत जिले एवं जनपद स्तर पर पदस्थ संविदा कर्मचारी जो कि 8 वर्ष या उससे अधिक समय से सेवाएं दे रहे हैं उनके लिये शासन में क्या नीति बनाई है? (ख) विगत 8 वर्षों से कार्यरत संविदा पर पदस्थ जिले/ ब्लाक स्तर कर्मचारियों की संविदा वृद्धि कब-कब की गई? (ग) क्या लागातार प्रत्येक वर्ष कर्मचारियों की नियमित रूप से संविदा वृद्धि की गई? यदि नहीं, की गई तो लापरवाह अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गई है? (घ) वर्तमान में कितना मानदेय जिले (ब्लाक स्तर पर पदस्थ कर्मचारियों को दिया जा रहा है तथा शासन के द्वारा निर्धारित महंगाई भत्ता दिया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मध्यप्रदेश शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा बनाई गई संविदा नीति की छाया प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा बनाई गई संविदा नीति में दिये गये निर्देशानुसार समय-समय पर संविदा वृद्धि की कार्यवाही की गई। (ग) स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत कलेक्टर/मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत की अनुशंसा एवं प्रगति के आधार पर संविदा पर पदस्थ कर्मचारियों की संविदा सेवा वृद्धि की गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) वर्तमान में जिला स्तर पर पदस्थ जिला समन्वयक को रूपये 38000, परियोजना अधिकारी तकनीकी को राशि रूपये 36000, मानचित्रकार को राशि रूपये 21500, लेखापाल एवं डाटा एन्ट्री ऑपरेटर को राशि रूपये 13000 एवं ब्लाक स्तर पर पदस्थ ब्लाक समन्वयक को राशि रूपये 22200 प्रतिमाह मानदेय प्रदाय किया जा रहा है, जी नहीं, मध्यप्रदेश शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा बनाई गई मानदेय नीति अनुसार एकमुश्त मानदेय/पारिश्रमिक प्रदान किया जाता है।
राष्ट्रीय आजीविका परियोजना के कार्यों के संबंध में
212. ( क्र. 3701 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राष्ट्रीय आजीविका परियोजना के अंतर्गत राज्य स्तर पर विगत 3 वर्षों में कितनी राशि आवंटित की गई एवं किन-किन बैंकों में जमा की गई? (ख) धार, बड़वानी, अलीराजपुर जिलो में स्व-रोजगार हेतु कितनी राशि कितने हितग्राहियों को विगत 3 वर्षों में आवंटित की गई? विधान सभा क्षेत्रवार बतावें। (ग) उपरोक्त जिलो में विगत 3 वर्षों में कितनी कार्यशालाओं का आयोजन कब-कब किया गया एवं इस पर कितनी राशि व्यय की गई? स्थान सहित बतावें। (घ) विगत 3 वर्षों में राज्य स्तर पर उपलब्ध योजना की राशि से राष्ट्रीय स्तर तथा राज्य स्तर की कार्यशाला के आयोजन कार्य कब कहाँ-कहाँ कितनी राशि के हुए? इसके क्या परिणाम राज्य को प्राप्त हुए?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) राष्ट्रीय आजीविका परियोजना वर्ष 2012 में समाप्त हो चुकी है। अतः विगत 3 वर्षों में किसी भी प्रकार की राशि आवंटित नहीं की गई है। जानकारी निरंक है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी निरंक है।
बैतूल जिले के मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना संबंधी
213. ( क्र. 3702 ) श्री मंगल सिंग धुर्वे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल जिले में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत विगत 2 वर्षों में मार्ग निर्माण कार्य स्वीकृत किए गए है? (ख) यदि हाँ, तो घोड़ाडोंगरी विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किए गए है कार्यों की लागत, लंबाई सहित बताएं? (ग) प्रश्नांश (ख) से संबंधित कार्यों में से कौन-कौन से मार्ग कब-कब पूर्ण हुए? (घ) क्या दो वर्ष पूर्व स्वीकृत मार्गों का निर्माण अभी तक पूर्ण नहीं हुआ है यदि हाँ, तो कौन-कौन से मार्ग है एवं मार्ग निर्माण कार्य पूर्ण नहीं होने का क्या कारण है तथा कब तक पूर्ण करा दिए जावेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) घोड़ाडोंगरी विधान सभा क्षेत्रांतर्गत पीपलबर्रा से भुरभर मार्ग स्वीकृत हुआ, जिसकी लागत रू. 40.00 लाख एवं लम्बाई 2.00 कि.मी. है। (ग) उत्तरांश (ख) अंतर्गत कार्य पूर्ण नहीं हुआ है। (घ) बैतूल जिले में विगत 02 वर्षों में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत 05 कार्य स्वीकृत हुये है। प्रश्नांश की शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
संविदा कम्प्यूटर ऑपरेटरों के संबंध में
214. ( क्र. 3705 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत समान पद पर संविदा में विभिन्न विभागों में पदस्थ कर्मचारियों का वेतन निर्धारण भिन्न-भिन्न लागू हैं? यदि हाँ, तो विसंगति के लिए कौन जिम्मेदार है? विसंगति कब तक दूर की जावेगी? (ख) प्रश्नांक (क) के तारतम्य में क्या पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत समस्त योजनाओं में संविदा पर पदस्थ कम्प्यूटर ऑपरेटर का वेतन निर्धारण एक समान किया गया? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत संचालित समस्त योजनाओं में संविदा पर पदस्थ कम्प्यूटर ऑपरेटरों का हर वर्ष 10 प्रतिशत मानदेय में बढ़ोत्तरी का लाभ दिया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) विभिन्न योजनाओं में पदस्थ कम्प्यूटर ऑपरेटरों के मानदेय एवं नियमितीकरण की नीति स्पष्ट करें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। संविदा पर नियुक्ति निर्धारित कार्य विशेष हेतु निश्चित समय के लिए निर्धारित मानदेय पर की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न प्रश्नांश ''क'' अनुसार। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (घ) प्रश्नांश ''क'' के अनुसार।
जन सुनवाई अंतर्गत प्राप्त शिकायतों का निराकरण
215. ( क्र. 3707 ) पं. रमाकान्त तिवारी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कर्यालय आयुक्त, सहकारिता एवं पंजीयक, सहकारी संस्थायें, म.प्र.भोपाल का परिपत्र क्रमांक/गृ.नि./10/129, भोपाल दिनांक 19/01/2010 संयुक्त आयुक्त, सहकारिता, सम्भागीय कमिश्नर, कलेक्टर एवं जिलो के उप/सहायक आयुक्त, सहकारिता को प्रेषित किया गया था? (ख) क्या इस परिपत्र में उल्लेख था कि गृह निर्माण सहकारी समितियों में व्याप्त अनियमितताओं पर प्रभावी कार्यवाही किये जाने हेतु दिनांक 02/01/2010 को माननीय मुख्यमंत्री जी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में निर्देश दिया गया है कि जिन सदस्यों ने संस्थाओं में भूखण्ड हेतु राशियां जमा की हैं उनकी पात्रता को दृष्टिगत् रखकर भूखण्ड उपलब्ध कराया जाए? (ग) भोपाल एवं इंदौर जिले में जन सुनवाई के अंतर्गत प्राप्त शिकायतों एवं लिये गये निर्णयों के आधार पर कितनी गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं के कितने सदस्यों को भूखण्ड उपलब्ध कराए गए हैं? गृह निर्माण सहकारी संस्थावार जानकारी उपलब्ध कराएं।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) भोपाल एवं इंदौर जिले में जन सुनवाई के अंतर्गत प्राप्त शिकायतों एवं प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में लिये गये निर्णय अनुसार भोपाल जिले की 12 गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं के 839 सदस्यों को एवं इंदौर जिले की 66 गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं के 6676 सदस्यों को भूखण्ड उपलब्ध कराने के संबंध में कार्यवाही की गयी। संस्थावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 1 एवं 2 अनुसार है।