मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
दिसम्बर, 2020 सत्र
सोमवार, दिनांक 28 दिसम्बर, 2020
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
भेड़ाघाट
को वर्ल्ड हैरिटेज
में सम्मिलित
किया जाना
[पर्यटन]
1. ( *क्र. 381 ) श्री संजय यादव : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जबलपुर में पुरातात्विक ऐतिहासिक महत्व के दर्शनीय स्थल भेड़ाघाट को वर्ल्ड हैरिटेज में सम्मिलित करने हेतु जिला योजना समिति द्वारा सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किये जाने के उपरांत मध्यप्रदेश शासन द्वारा केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाना नियत था? यदि हाँ, तो प्रस्ताव की प्रतिलिपि उपलब्ध करायें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजा गया? यदि हाँ, तो किये गये पत्राचार एवं केन्द्र सरकार द्वारा प्रतिउत्तर में क्या जवाब आया की प्रतिलिपि उपलब्ध करायें। यदि प्रस्ताव नहीं भेजा तो नहीं भेजने का स्पष्ट कारण बतायें। उक्त प्रस्ताव को केन्द्र सरकार के पास नहीं भेजने का उत्तरदायी कौन है एवं प्रस्ताव कब तक भेजा जायेगा? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार भेड़ाघाट को वर्ल्ड हैरिटेज में सम्मिलित करने के प्रस्ताव के अनुसार क्या-क्या विकास कार्य प्रस्तावित हुये हैं? सूची उपलब्ध करायें।
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) जिला योजना समिति का प्रस्ताव बोर्ड में प्राप्त हुआ, किन्तु प्रस्ताव यूनेस्को के दिशा-निर्देश अनुसार न होने के कारण केन्द्र सरकार को प्रेषित नहीं किया गया। (ख) जी नहीं, उत्तरांश (क) के अनुसार पत्राचार का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। वाईल्ड लाईफ इंस्टीट्यूट देहरादून द्वारा स्टडी का कार्य पूर्ण होने के उपरांत उचित पाये जाने पर भेड़ाघाट को यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज की संभावित सूची में सम्मिलित करने हेतु प्रस्ताव भेजा जावेगा। (ग) वर्तमान में कोई कार्य प्रस्तावित नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ओ.बी.सी. वर्ग की जातिगत जनगणना
[गृह]
2. ( *क्र. 255 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ओ.बी.सी. वर्ग एवं ओ.बी.सी. महासभा द्वारा जातिगत जनगणना की मांग को लेकर विगत कई वर्षों से ज्ञापन दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो ज्ञापन पत्रों पर क्या कार्यवाही हुई? (ख) क्या सरकार ओ.बी.सी. वर्ग की जातिगत जनगणना के प्रस्ताव को सदन में पास कराकर केन्द्र सरकार को भेजेगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। ओ.बी.सी. महासभा से प्राप्त ज्ञापनों को जनगणना कार्य निदेशालय, मध्यप्रदेश द्वारा आवश्यक कार्यवाही हेतु भारत के महारजिस्ट्रार एवं जनगणना आयुक्त, नई दिल्ली को प्रेषित किया गया है। ओ.बी.सी. महासभा से प्राप्त ज्ञापनों को पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, मध्यप्रदेश द्वारा आवश्यक कार्यवाही हेतु भारत सरकार को प्रेषित किया गया है। (ख) वर्तमान में इस प्रकार का कोई भी प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
जिला बालाघाट के ग्राम भरवेली में बौद्ध विहार तोड़ने की जाँच
[गृह]
3. ( *क्र. 458 ) श्री अर्जुन सिंह काकोडि़या : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पूछे गए तारांकित प्रश्न क्रमांक 793, दिनांक 17.03.2020 के उत्तर में विभाग द्वारा जिला बालाघाट ग्राम भरवेली में घटित घटना के संबंध में दी गई जानकारी में आरोपियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों? (ख) क्या ग्राम भरवेली जिला बालाघाट में जो बौद्ध विहार तोड़ने की घटना घटी थी, उसके संबंध में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पुलिस अधीक्षक बालाघाट की लापरवाही का जिक्र किया गया है? यदि हाँ, तो उक्त तत्कालीन पुलिस अधीक्षक के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों नहीं की गई? यदि हाँ, तो कब तक की जावेगी? (ग) क्या ग्राम भरवेली जिला बालाघाट में बौद्ध विहार तोड़ने की जो घटना घटी थी, उसके आरोपियों को बचाने की कोशिश की गई है एवं घटना के समय पदस्थ माईन मैनेजर भरवेली जिला बालाघाट श्री ए.वी. नायडू के विरूद्ध पुलिस थाना भरवेली एवं पुलिस थाना अजाक्स बालाघाट एवं पुलिस अधीक्षक बालाघाट के समक्ष कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं एवं उक्त शिकायतों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो कार्यवाही कब तक की जावेगी? (घ) तारांकित प्रश्न क्रमांक 793, दिनांक 17.03.2020 के उत्तर में जिन अधिकारियों का उल्लेख किया गया है, उनकी उपस्थिति एवं उनके द्वारा की गई संपूर्ण कार्यवाही प्रतिवेदन की प्रति प्रदान की जावे एवं उक्त घटना की जांच शासन स्तर पर पुन: कब तक की जावेगी तथा दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? प्रश्न के उत्तर के संबंध में जिस सूचना के अधिकार के संबंध में विभाग द्वारा हाँ में उत्तर दिया गया है, उसके संबंध में विभाग द्वारा क्या जानकारी प्रदान की गई है? विवरण सहित बतावें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। आरोपियों को बचाने का कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। (ख) यह कहना सही नहीं है कि ग्राम भरवेली जिला बालाघाट में बौद्ध विहार तोड़ने की कोई घटना घटित हुई थी, वस्तुस्थिति में वहां विधि अनुसार अतिक्रमण हटाया गया था। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पुलिस अधीक्षक बालाघाट के विरूद्ध किसी प्रकार की लापरवाही का जिक्र नहीं किया गया है। अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) यह कहना सही नहीं है कि ग्राम भरवेली जिला बालाघाट में बौद्ध विहार तोड़ने की कोई घटना घटित हुई थी एवं उसके आरोपियों को बचाने की कोशिश की जा रही है। तत्कालीन माईन मैनेजर जिला बालाघाट श्री ए.वी. नायडू के विरूद्ध पुलिस थाना भरवेली व पुलिस थाना अजाक में कोई शिकायत प्राप्त होने का कोई अभिलेख उपलब्ध नहीं है तथा पुलिस अधीक्षक, बालाघाट कार्यालय में रमाताई महिला मण्डल एवं बौद्ध संघ भरवेली बालाघाट द्वारा मॉयल प्रबंधक ए.वी. नायडू भरवेली के विरूद्ध दिनांक 27.06.2003 एवं दिनांक 21.07.2003 को शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसकी जांच उप पुलिस अधीक्षक, अजाक बालाघाट द्वारा की गई थी। पुलिस अधीक्षक, बालाघाट के कार्यालय में उपलब्ध शिकायत रजिस्टर में यह टीप अंकित है कि ''जांच पर माईन के अधिकारियों से शांति वार्ता चल रही है, जिसमें किसी की मध्यस्थता नहीं चाहते हैं।'' अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश में चाही गई जानकारी के संबंध में लेख है कि अधिकारियों, थाना प्रभारी एवं तहसीलदार की उपस्थिति एवं सम्पूर्ण कार्यवाही का प्रतिवेदन उपलब्ध नहीं है, क्योंकि बिन्दु (ग) में वर्णित अनुसार अभिलेख का नियमानुसार नष्टीकरण हो गया है। सूचना के अधिकार के अन्तर्गत आवेदक भुवनेश्वर मिश्रा को दिनांक 27.02.2020 को उपलब्ध शिकायत रजिस्टर की सत्यापित छायाप्रति ई-मेल एवं पोस्टल डाक के माध्यम से भेजी गई है। विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
बड़ावदा नगर परिषद में पेयजल प्रदाय कार्य में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
4. ( *क्र. 312 ) श्री मनोज चावला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आलोट विधानसभा क्षेत्र के बड़ावदा नगर परिषद के 15 वार्डों में एक साथ पानी सप्लाई के लिए पाइप लाईन डाली गई थी? उस प्रोजेक्ट की डी.पी.आर., अनुबंध की प्रति, वर्क आर्डर की प्रति उपलब्ध करावें तथा बतावें की कार्य कब प्रारंभ हुआ और कब समाप्त हुआ? (ख) क्या अनुबंध के अनुसार 15 वार्डों में एक साथ प्रेशर से प्रतिदिन पानी दिया जाना था तथा पानी सभी वार्डों में 7 मीटर की ऊंचाई तक प्रेशर से जाना था? यदि हाँ, तो बतावें की क्या सभी वार्डों में एक साथ पानी किस दिनांक से दिया गया तथा पानी कितने मीटर ऊंचाई तक पहुंचा? (ग) क्या दिनांक 21.10.2020 को नगरवासियों ने एस.डी.एम. को उपरोक्त संदर्भ में शिकायती ज्ञापन दिया था? यदि हाँ, तो उसके बिंदु बताएं तथा दिनांक अनुसार की गई कार्यवाही से अवगत कराएं। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रोजेक्ट में अनुबंध की शर्तों के अनुसार कौन-कौन से कार्य नहीं होना पाया गया तथा उस संदर्भ में कॉन्ट्रेक्टर को किस-किस दिनांक को नोटिस दिया गया तथा अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? दिए गए सारे नोटिस तथा इस संदर्भ में बनाई गई नोटशीट की प्रति उपलब्ध करावें तथा बताएं कि जिम्मेदार अधिकारी, कर्मचारी और कॉन्ट्रैक्टर पर एफ.आई.आर. कब तक की जाएगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। नगर परिषद बड़ावदा के 15 वार्डों में 02 चरणों में स्वीकृति प्राप्त की जाकर पाईप लाईन डाली गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। योजना का कार्य दिसम्बर 2016 में प्रारंभ किया गया था तथा दिनांक 16.09.2018 को पूर्ण हो गया है। (ख) जी नहीं, अनुबंध अनुसार 15 वार्डों में जोनवार जलप्रदाय किया जाना है। जी नहीं, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रोजेक्ट अनुबंध की शर्तों के अनुसार योजना के जल वितरण नलिकाओं का कार्य वार्ड क्र. 1, 2, 3, 5, 6, 10 एवं 15 में शेष है, जिस कारण निर्माण कम्पनी को नोटिस जारी किये गये हैं। नोटिस एवं नोटशीट की छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। निर्माण कम्पनी को नवीन पाईप लाईन डालने के लिये संशोधित ड्राईंग-डिजाईन तैयार कर, शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज से परीक्षण उपरान्त प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये हैं। निविदा शर्तों के अनुसार निर्माण कम्पनी के विरूद्ध अर्थदण्ड अधिरोपित करने, ठेका निरस्त करने एवं ब्लैक लिस्ट करने का प्रावधान है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रश्नकर्ता द्वारा की गई शिकायतों पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
5. ( *क्र. 330 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा वर्ष 2017-18 से लेकर प्रश्न दिनांक तक नगर परिषद पिपलौदा एवं नगर पालिका जावरा में हुए अनेक कार्यों में हुई अनियमितताओं, गुणवत्ताविहीन किये गये कार्यों तथा अन्य अनेक नियम विरूद्ध किये गये कार्यों के संबंध में शासन/विभाग का ध्यान आकृष्ट किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो विगत तीन वर्षों में प्रश्नकर्ता द्वारा अग्रेषित मान. मुख्यमंत्री जी, मान. मंत्री जी, प्रमुख सचिव महोदय, आयुक्त महोदय व संभागीय आयुक्त, जिलाधीश महोदय इत्यादि को पत्रों के माध्यम से लगातार अवगत कराया गया है? (ग) यदि हाँ, तो उपरोक्त उल्लेखित दोनों निकायों में विगत वर्षों में हुए नियम विरूद्ध किये गये अनेक कार्यों के साथ-साथ गंभीर अनियमितताओं के साथ-साथ गुणवत्ताविहीन हुए घटिया निर्माण कार्यों के संबंध में शासन/विभाग ने क्या कार्यवाही की? (घ) अवगत कराएं कि दोनों निकायों के संबंध में की गई गंभीर शिकायतों पर कार्यवाही हेतु शासन/विभाग द्वारा किस प्रकार से क्या-क्या जांच की गई? जांच में क्या पाया गया तथा तत्संबंधी यदि कोई कार्यवाही की गई हो तो किन सक्षम अधिकारियों के द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) एवं (घ) दोनों निकायों की शिकायतों से संबंधित जाँच एवं की गई कार्यवाही का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
निवाड़ी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत पॉली हाउस की स्वीकृति
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
6. ( *क्र. 164 ) श्री अनिल जैन : क्या राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी अंतर्गत दिनांक 01.01.2014 से प्रश्न दिनांक तक कितने पॉली हाउस स्वीकृत किए गए? वर्षवार जानकारी देवें। (ख) उपरोक्त समयावधि में स्वीकृत पॉली हाउसों को कितना अनुदान स्वीकृत किया गया? प्रकरणवार बतावें। (ग) स्वीकृत किये गये पॉली हाउस कितने मीटर के थे एवं निर्मित किये गये पॉली हाउस कितने मीटर के हैं? क्या सभी प्रकरणों का भौतिक सत्यापन किया गया है? यदि हाँ, तो किस के द्वारा किया गया? नाम बताया जावे। क्या स्वीकृत क्षेत्र में कम निर्माण होने पर भी पूर्ण अनुदान राशि वितरित की गई है? क्या स्वीकृत क्षेत्र में कम निर्माण होने के बाद भी पूर्ण अनुदान राशि हितग्राही को भुगतान किये जाने का भी कोई प्रावधान है?
राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण ( श्री भारत सिंह कुशवाह ) : (क) निवाड़ी क्षेत्र अंतर्गत दिनांक 01.01.2014 से प्रश्न दिनांक तक कोई भी पॉली हाउस स्वीकृत नहीं किये गये। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जय किसान ऋण माफी योजना का क्रियान्वयन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
7. ( *क्र. 450 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न क्रमांक 253, दिनांक 21.09.2020 के उत्तर में प्रदेश में जय किसान ऋण माफी योजना के अंतर्गत माह दिसम्बर 2018 से प्रश्न दिनांक तक प्रथम एवं द्वितीय चरण में किसानों के ऋण माफ किये जाने की जानकारी दी गई थी? यदि हां, तो द्वितीय चरण में प्रदेश के कितने किसानों के 50 हजार से 01 लाख रूपये तक के ऋण माफ किये गये हैं? इनमें से कितने किसानों के राष्ट्रीयकृत बैंकों ने ऋण माफ किये हैं एवं कितने किसानों के सहकारी बैंकों ने ऋण माफ किये? पृथक-पृथक बतायें। (ख) क्या द्वितीय चरण में किसानों की राशि रूपये 50 हजार से 01 लाख रूपये तक के ऋण माफ किये गये हैं? यदि हां, तो प्रदेश के किस-किस जिले में किन-किन राष्ट्रीयकृत बैंकों एवं सहकारी एवं अन्य बैंकों से कितनी-कितनी राशि के ऋण माफ किये गये हैं एवं कितने किसानों की ऋण माफी की जाना शेष है? जिलेवार पृथक-पृथक जानकारी दें। (ग) गुना जिले में द्वितीय चरण में कितने किसानों का ऋण्ा माफ किया गया? संख्या बतायें। (घ) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में जिन किसानों की राशि रूपये 50 हजार से 01 लाख रूपये का ऋण माफ नहीं किया गया, उनकी ऋण माफी के लिये सरकार द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है और कब तक ऋण माफ कर दिये जायेंगे?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मध्यान्ह भोजन वितरण हेतु प्रदत्त राशि
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
8. ( *क्र. 251 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 374, दिनांक 21 सितम्बर, 2020 के उत्तर में प्रदेश में मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम अंतर्गत दिनांक 18 मार्च से दिनांक 31 जुलाई, 2020 तक कुल 110 शैक्षणिक दिवसों हेतु खाद्य सुरक्षा भत्ता के रूप में भोजन पकाने की राशि विद्यार्थियों/अभिभावकों के बैंक खातों में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डी.बी.टी.) के माध्यम से किया गया है एवं खाद्यान्न वितरण कराये जाने की जानकारी दी गई थी? (ख) यदि हाँ, तो भोजन पकाने के लिए कितनी राशि कितने विद्यार्थियों/अभिभावकों के बैंक खातों में डाली गई है एवं कितने मीट्रिक टन खाद्यान्न का आवंटन जारी कर वितरित कराया गया है? (ग) उपरोक्तानुसार देवास जिले में विकासखण्डवार कितने-कितने विद्यार्थियों/अभिभावकों के बैंक खातों में भोजन पकाने की कुल कितनी राशि डाली गई है? (घ) उपरोक्तानुसार देवास जिले में कितने मीट्रिक टन खाद्यान्न का आवंटन जारी किया गया एवं कितने स्व-सहायता समूह/शाला समिति एवं स्वयंसेवी संस्था द्वारा खाद्यान्न वितरण किया गया है? प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला के विद्यार्थियों को प्रतिदिन प्रति छात्र के मान से कितना-कितना गेहूँ/चावल उक्त अवधि में वितरण किया गया है? (ड.) प्रश्नांश (ग) एवं (घ) के परिप्रेक्ष्य में क्या छात्रों के बैंक खातों में राशि डालने एवं खाद्यान्न वितरण में व्यापक स्तर पर आर्थिक अनियमितताएं की गईं हैं? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन-कौन दोषी है और उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी हाँ। (ख) मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम अंतर्गत दिनांक 18 मार्च, 2020 से दिनांक 31 जुलाई, 2020 तक कुल 110 शैक्षणिक दिवसों हेतु खाद्य सुरक्षा भत्ता के रूप तीन चरणों में कुल राशि रू. 400.48 करोड़ विद्यार्थियों/अभिभावकों के बैंक खातों में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (D.B.T.) के माध्यम से जारी की गयी एवं उत्तर देने की तिथि तक भोजन पकाने की लागत राशि रू. 328,91,85,487/- का सफलता पूर्वक विद्यार्थियों/अभिभावकों के बैंक खातों में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (D.B.T.) हुआ, असफल शेष राशि के अंतरण की कार्यवाही की जा रही है। उक्त अवधि में 69441.08 मै.टन खाद्यान्न का आवंटन जारी किया गया है। माह मार्च, 2020 एवं अप्रैल, 2020 हेतु पूर्व में 25082.80 मै.टन खाद्यान्न जिलों को आवंटित किया जा चुका था। माह मार्च, 2020 से 31 जुलाई, 2020 तक प्रदाय कुल 94523.88 मै.टन आवंटन में से कोविड-19 के दौरान छात्रों को पात्रतानुसार कुल 93861.86 मै.टन खाद्यान्न वितरित किया गया। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। (ड.) जिले में शिकायत प्राप्त नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नवीन ग्राम पंचायत के गठन में नियमों की अवहेलना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
9. ( *क्र. 53 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवीन ग्राम पंचायतों के गठन में अधिकतम दूरी से संबंधित नियम क्या हैं? क्या यह पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जारी पत्र क्रमांक एफ 16-5/2019/22/पं.-2, दिनांक 22.06.2019 के अनुसार अधिकतम हवाई दूरी 3 कि.मी. की सीमा है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो फिर मनासा तहसील में नव गठित ग्राम पंचायत आमदखेड़ी में गांव मान्याखेड़ी को किस आधार पर जोड़ा गया, जबकि ग्राम मान्याखेड़ी और आमदखेड़ी की हवाई दूरी लगभग 5 कि.मी. है, तो किस कारण से नियमों की अवहेलना करते हुए किस आधार पर नवीन पंचायत का गठन किया है, जबकि आवश्यक जनसँख्या नव गठित पंचायत में आमदखेड़ी एवं कड़ी बुजुर्ग से ही पूरी हो रही है और मान्याखेड़ी जो कि तलाऊ पंचायत का गांव है जो पंचायत मुख्यालय से सिर्फ 1 कि. मी.दूर था। वहाँ से उठाकर आमदखेड़ी में जोड़ा गया जो सड़क दूरी से 12 कि.मी. है। (ग) क्या इस दोषपूर्ण गठन के लिए जिम्मेदारों के विरुद्ध आवश्यक कार्यवाही की जावेगी और इस दोषपूर्ण गठन को निरस्त किया जायेगा? यदि हाँ, तो समय सीमा बतायें? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम, 1993 का तत्संबंधी प्रावधान पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। विभाग का पत्र क्रमांक एफ 16-5/2019/22/पं-2, भोपाल दिनांक 22.06.2019 विधिवत परिसीमन के उद्देश्य से मार्गदर्शी निर्देश है। (ख) नवीन ग्राम पंचायत आमदखेड़ी से ग्राम मान्याखेड़ी की हवाई दूरी 4.10 कि.मी. है। मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम, 1993 के प्रावधानों के अनुसार विहित प्राधिकारी द्वारा विधिवत कार्यवाही कर, नवीन ग्राम पंचायत का गठन किया गया है। नवगठित ग्राम पंचायत आमदखेड़ी है, सम्मिलित ग्रामों की वर्ष 2011 की जनसंख्या निम्नानुसार है :- 1. आमदखेड़ी 577, 2. कड़ीबुजुर्ग 458, 3. मान्याखेड़ी 226, कुल 1261 ग्राम मान्याखेड़ी नवगठित ग्राम पंचायत मुख्यालय आमदखेड़ी से कच्चे आवागमन मार्ग से लगभग 5 कि.मी. व वर्तमान पक्के आवागमन मार्ग से 12 कि.मी. दूर है। (ग) विधिवत गठन/परिसीमन होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विकास कार्यों हेतु राशि का आवंटन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
10. ( *क्र. 147 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला एवं जनपद अध्यक्षों/सदस्यों को अपने क्षेत्र में विकास कार्यों हेतु राज्य वित्त आयोग मद से प्रतिवर्ष राशि प्रदान की जाती है? यदि हाँ, तो किस-किस को कितनी-कितनी राशि प्रदान की जाती है, प्राप्त राशि से कौन-कौन से विकाय कार्य कराये जा सकते हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक रायसेन जिले में किस-किस की अनुशंसा पर कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से कार्य किस-किस निर्माण एजेंसी से कराये गये? (ग) उक्त स्वीकृत कार्यों में से कौन-कौन से कार्य कब-कब पूर्ण हुए तथा उनका मूल्यांकन कब-कब किस-किस अधिकारी ने किया? कौन-कौन से कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ हैं तथा क्यों? कार्यवार कारण बतायें। उक्त कार्य कब तक पूर्ण होंगे? (घ) उक्त कार्यों का किन-किन अधिकारियों ने कब-कब निरीक्षण किया तथा किन-किन कार्यों का अंतिम मूल्यांकन किस-किस अधिकारी ने किन-किन दिनांकों में किया?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
छात्रवृत्ति वितरण में अनियमितता की शिकायत पर कार्यवाही
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
11. ( *क्र. 20 ) श्री विनय सक्सेना : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत दो वर्ष में छात्रवृत्ति फर्जीवाड़े से संबंधित कितनी शिकायतें जिला कार्यालय पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण जबलपुर को प्राप्त हुई? पृथक-पृथक विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त शिकायतों पर क्या-क्या कार्यवाही की गयी? प्रकरणवार बतावें। (ग) क्या सरस्वती इंजीनियरिंग कॉलेज जबलपुर के द्वारा फर्जी अंकसूची तैयार कर किये गये छात्रवृत्ति फर्जीवाड़े की शिकायत मय साक्ष्य के जिला कार्यालय पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण जबलपुर को प्राप्त हुई थी? यदि हाँ, तो उक्त शिकायत में कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही हुई? (घ) क्या विभाग उक्त शिकायतों के संबंध में दोषियों के विरुद्ध अपराधिक मामला दर्ज कराएगा? यदि हाँ तो, कब?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
खण्डवा नगरीय क्षेत्र में अमृत योजना का क्रियान्वयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
12. ( *क्र. 203 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा नगरीय क्षेत्र में विगत तीन वर्षों में अमृत योजनान्तर्गत कौन-कौन से निर्माण कार्य कराये गये हैं? स्थान, कार्य का नाम एवं लागत राशि बताएँ। (ख) क्या अमृत योजनान्तर्गत निर्मित सार्वजनिक उद्यानों की मात्र बांऊड्रीवाल का निर्माण कराया गया है, जिसके कारण शासन का लाखों रुपये व्यय होने के बाद भी यह बगीचे अनुपयोगी पड़े हैं? (ग) क्या इन बगीचों में प्राक्कलन अनुसार पाथ-वे, लाईटिंग, झूले, फिसलपट्टी, ग्रीन ग्रास लॉन एवं पौधों का रोपण नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? (घ) अमृत योजना के बगीचे निर्माण में हुए लाखों करोड़ों रुपये के घोटालों के लिये कौन-कौन अधिकारी एवं कर्मचारी जिम्मेदार है? नाम एवं पदनाम की जानकारी दें। (ड.) क्या खण्डवा नगर निगम द्वारा अमृत योजना में कराये गये निर्माण कार्यों की उच्च स्तरीय जाँच कराई जाकर दोषी अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही एवं शासकीय धन के दुरुपयोग की कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। अमृत योजना अंतर्गत निर्मित सार्वजनिक उद्यानों में बाउण्ड्रीवाल के अलावा पाथ-वे, पौधों का रोपण, लाइटिंग आदि कार्य कराये गये हैं। वर्तमान में बगीचों का उपयोग नागरिकों द्वारा किया जा रहा है। (ग) जी नहीं। अमृत योजनांतर्गत निर्मित बगीचों में पाथ-वे, लाइटिंग, पौधों के रोपण का कार्य किया गया है एवं झूले, फिसल पट्टी, ग्रीन घास लॉन का कार्य शेष है। (घ) अमृत योजनांतर्गत निर्मित बगीचों के निर्माण कार्य में अनियमितता की जांच, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत खण्डवा की अध्यक्षता में त्रि-स्तरीय जांच दल द्वारा की गई है। जांच प्रतिवेदन परीक्षणाधीन है। (ड.) जांच कराई गई है, विवरण उत्तरांश (घ) अनुसार है। जांच प्रतिवेदन के गुण-दोष के परीक्षण उपरांत आगामी कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अपराधियों की गिरफ्तारी
[गृह]
13. ( *क्र. 318 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस थाना नागदा मण्डी, पुलिस थाना बिरलाग्राम, जिला उज्जैन में 01 जनवरी, 2010 से 30 नवम्बर, 2020 तक प्रतिवर्ष कितने अपराधिक प्रकरण दर्ज किये गये? वर्षवार संख्या बतायें। (ख) उपरोक्त थाना क्षेत्रों में 01 जनवरी, 2010 से 30 नवम्बर, 2020 तक दर्ज किये गये कितने अपराधिक प्रकरणों में चालान अथवा खात्मा न्यायालय में प्रस्तुत नहीं किया गया है? वर्षवार संख्या बताते हुए फरियादी व आरोपियों के नाम बतायें। (ग) उपरोक्त थाना क्षेत्रों में 01 जनवरी, 2010 से 30 नवम्बर, 2020 तक दर्ज अपराधिक प्रकरणों में कितने अपराधियों को गिरफ्तार नहीं किया जा सका और फरारी में चालान न्यायालय में प्रस्तुत कर दिया गया? फरार आरोपियों की गिरफ्तारी हेतु कितने अपराधियों की सम्पति जप्ती एवं इनाम घोषित करने की कार्यवाही की गई एवं कितने अपराधियों को न्यायालय से फरार घोषित करवाया गया? अपराध क्रमांक, धारा एवं नाम सहित सम्पूर्ण विवरण दें। (घ) उपरोक्त थाना क्षेत्रों में 01 जनवरी, 2010 से 30 नवम्बर, 2020 तक ऐसे कितने अपराधिक प्रकरण हैं, जिसमें प्रथम सूचना रिपोर्ट तथा विवेचना में नाम होने के बावजूद आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया और उनके विरूद्ध न्यायालय से स्थाई वारंट भी जारी नहीं करवाया गया? अपराध क्रमांक, आरोपी के नाम सहित सम्पूर्ण विवरण दें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार।
पुलिस अधीक्षक कार्यालय सतना द्वारा जाँच में लापरवाही
[गृह]
14. ( *क्र. 91 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.10.2020 से प्रश्नतिथि तक प्रश्नकर्ता विधायक के किस-किस पत्र क्रमांकों एवं दिनांकों के शिकायती पत्र अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (शिकायत) सहित अन्य कौन-कौन सी, किस-किस नाम के पीड़ितों की क्या-क्या शिकायतें अति. पुलिस महानिदेशक (शिकायत) पुलिस मुख्यालय भोपाल को सतना जिले की प्राप्त हुईं? उक्त कार्यालय से कार्यवाही हेतु किस पत्र क्रमांकों एवं दिनांकों से पत्र/जाँच आई.जी. कार्यालय रीवा एवं पुलिस अधीक्षक कार्यालय सतना पहुंची? सभी पत्रों की एक-एक प्रति दें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शिकायतों की एक-एक प्रतिलिपि देते हुये बतायें कि कार्यालय पुलिस अधीक्षक सतना/आई.जी. रीवा/पुलिस मुख्यालय के द्वारा किस-किस शिकायत पर किस नाम/पदनाम को जाँच हेतु, जाँच अधिकारी नियुक्त किया? जारी सभी आदेशों की एक-एक प्रति दें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित जाँच हेतु नियुक्त जाँच अधिकारी के द्वारा प्रश्नतिथि तक किस प्रकरण (शिकायत) पर कब व क्या कार्यवाही की? किस-किस के बयान कब-कब लिये? बयानों की एक प्रति दें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में प्रश्नतिथि तक कोई भी कार्यवाही जाँच नहीं करने वालों को राज्य शासन कब तक निलंबित कर विभागीय जाँच संस्थित करेगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) दिनांक 01.10.2020 से प्रश्नतिथि तक प्रश्नकर्ता माननीय विधायक श्री प्रदीप पटेल के 02 पत्र क्र. 320, दिनांक 06.10.2020 एवं पत्र क्रमांक 321, दिनांक 06.10.2020 मुख्यमंत्री कार्यालय के माध्यम से अति.पुलिस महानिदेशक (शिकायत) के कार्यालय में दिनांक 16.10.2020 एवं दिनांक 24.10.2020 के माध्यम से प्राप्त हुए। उक्त कार्यालय से पत्र क्र. पु.मु./शिका/री/15344-1/20, भोपाल दिनांक 19.10.2020 से जाँच हेतु पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय रीवा की ओर जाँच हेतु प्रेषित की गई है। छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार उक्त शिकायतें पुलिस महानिरीक्षक रीवा जोन रीवा के पत्र क्र. मनि/रीवा (/पीए/शिपु/पी-2887/ए/20, दिनांक 20.10.2020 एवं पत्र क्र. पु.म.नि./रीवा/अप/पी-3036-ए/20, दिनांक 09.11.2020 से जाँच कार्यवाही हेतु पुलिस अधीक्षक सतना को प्राप्त हुई है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शिकायतों की छाया प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' में समाहित है। पुलिस महानिरीक्षक रीवा जोन रीवा के पत्र क्रमांक/मनि/रीवा/पीए/शिपु/पी-2887/ए/20, दिनांक 20.10.2020 से श्री प्रदीप पटेल माननीय विधायक मऊगंज का शिकायती पत्र प्राप्त होने पर कार्यालयीन पृष्ठ क्र./एस.टी./शि.पु./वरी./69/20, दिनांक 03.11.2020 से नगर पुलिस अधीक्षक सतना को जाँच हेतु भेजी गई। माननीय विधायक महोदय के पत्र एवं सी.एस.पी. को जाँच हेतु दिये गये आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ग) के संबंध में जाँचकर्ता अधिकारी नगर पुलिस अधीक्षक सतना द्वारा प्रकरण की जाँच/विवेचना में निम्नानुसार कार्यवाही की गई। दिनांक 30.07.2020 को साक्षी सत्यजीत सिंह एवं साक्षी अमित अवस्थी के कथन लिये गये। दिनांक 08.08.2020 साक्षी आशीष पाण्डेय, अमित अवस्थी के कथन लिये गये। दिनांक 01.09.2020 को साक्षी अनुराग के कथन लिये गये। दिनांक 02.07.2020 को फरीयादी उमेन्द्र अग्निहोत्री थाना कोलगवां की रिर्पोट पर थाना सिटी कोतवाली सतना में अपराध क्रमांक 320/2020, धारा 420, 406, 418 पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। प्रकरण के आरोपी के विरूद्ध विवेचना के दौरान गिरफ्तारी योग्य साक्ष्य प्राप्त न होने से आरोपी की गिरफ्तारी नहीं की गई है। आरोपी की दिनांक 11.09.2020 को माननीय उच्च न्यायालय द्वारा अग्रिम जमानत दिये जाने से उसकी थाने पर अनौपचारिक गिरफ्तारी कर जमानत मुचलके पर छोड़ा गया है। प्रकरण में विवेचना जारी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) प्रकरण की जांच नगर पुलिस अधीक्षक सतना द्वारा की गई, जिसमें किसी अधिकारी को जांच में दोषी नहीं पाया गया है।
शासन सुविधा का अनुचित लाभ लेने की जाँच
[गृह]
15. ( *क्र. 314 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 09.10.2019 को गृह मंत्री जी के कार्यालय से जारी पत्र क्रमांक 2412 में आज दिनांक तक पुलिस अधीक्षक जिला-टीकमगढ़ द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या आवेदक श्री नारायण सिंह निवासी-ग्राम मातोल, तहसील-खरगापुर, जिला-टीकमगढ़ के आवेदन में एक ही महिला का नाम बदलकर दो जगह से शासन से लाभ लेना पाया गया है? (ग) क्या जाँच के उपरांत दोषी व्यक्ति पर कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो कब तक की जायेगी? (घ) क्या मध्यांचल ग्रामीण बैंक खरगापुर में खाता क्रमांक 8041735224 एवं जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक खरगापुर के खाता क्रमांक 673611038729 में एक ही महिला की फोटो दो अलग-अलग नामों से लगाई गई है? (ड.) यदि हाँ तो जालसाजी करने वाले व्यक्ति पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) माननीय गृहमंत्री जी के पत्रांक 24/12 दिनांक 09.10.2019 आवेदक नारायण सिंह के शिकायत पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' पर जांच पुलिस अधीक्षक टीकमगढ़ से कराई गई। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट का प्रपत्र 'ब' प्रतिवेदित किया गया है कि अनावेदिका हरिदेवी पुत्री टीकाराम का नाम मायके पक्ष द्वारा रखा गया तथा विवाहोपरांत कुलरीति अनुसार हरिदेवी का ससुराल पक्ष द्वारा नाम कोशल्या रख दिया गया इस संबंध में अनावेदिका हरिदेवी द्वारा तहसील खरगापुर जिला टीकमगढ़ को नाम संशोधित करने अर्थात हरिदेवी से कोशल्या देवी करने के संबंध में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' इसी क्रम में तहसीदार तहसील खरगापुर जिला टीकमगढ़ के आदेश क्रमांक 92/अ-6अ/2016, दिनांक 17.09.2016 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' द्वारा अनावेदिका हरिदेवी का नाम संशोधित कर कोशल्या देवी के आदेश जारी किये गये हैं। चूंकि प्रकरण में जांच उपरांत आये तथ्यों अनुसार कोई अपराध घटित नहीं होने से वैधानिक कार्यवाही नहीं की गई। (ख) जी नहीं, अनावेदिका हरिदेवी उर्फ कोशल्या बाई एक ही महिला का नाम है शासन से किसी प्रकार अनुचित लाभ नहीं प्राप्त किया गया है। (ग) जी नहीं, जांच उपरांत अपराध घटित होना नहीं पाया गया। (घ) जी नहीं, मध्यांचल ग्रामीण बैंक खरगापुर में खाता क्रमांक 8041735224 तथा जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक खरगापुर के खाता क्रमांक 673611038729 खाता धारक हरिदेवी उर्फ कोशल्या देवी जो कि एक ही महिला का नाम है तथा भू-ऋण पुस्तिका में हरिदेवी उर्फ कोशल्या देवी नाम अंकित है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'न' अनुसार। (ड.) जी नहीं, जांच में जालसाजी का अपराध घटित होना नहीं पाये जाने से वैधानिक कार्यवाही नहीं की गई।
अनुज्ञप्ति का नवीनीकरण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
16. ( *क्र. 104 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नोतरी दिनांक 21.09.2020 में मुद्रित प्रश्न संख्या 15 क्रमांक 106 में प्रश्नांक (क) से (घ) की जानकारी एकत्र की जा रही है, उत्तर दिया गया है। यदि जानकारी एकत्र हो गई हो, तो प्रदाय करें। (ख) कृषि उपज मण्डी अधिनियम 1972 की धारा 31 (3) के परन्तुक 2 में वर्णित प्रावधान में शोध्य राशि बकाया रहते अनुज्ञप्ति का नवीनीकरण नहीं किया जा सकता तो, कटनी मण्डी को दिनांक 18.02.2019 को प्रबंध संचालक ने बकाया रहते अनुज्ञप्ति नवीनीकरण ना रोका जावे ऐसे निर्देश अधिनियम के विरूद्ध क्यों दिये गये? क्या उनको अधिनियम के विरूद्ध निर्देश देने का अधिकार था? यदि नहीं, तो क्या शासन ऐसे निर्देश देने वाले तत्कालीन प्रबंध संचालक के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो कब तक उक्त निर्देश के बाद किन-किन दाल मिलों के नवीनीकरण किए गए तथा उन पर कितना-कितना नि:शुल्क बकाया था? विवरण दें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 09.11.2020 को मुख्य सचिव, लोकायुक्त महो. एवं प्रमुख सचिव किसान कल्याण को की गई शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या अधिनियम विरूद्ध वरिष्ठ अधिकारी के निर्देश मानने हेतु सचिव मण्डी कटनी बाध्य थे? यदि नहीं, तो प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित निर्देश को क्यों माना। उसके विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय में अपील क्यों नहीं कि गई? इसके लिये दोषी सचिव ने मण्डी को आर्थिक क्षति पहुंचाई है। (ड.) मण्डी समिति की गंभीर शिकायतें वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक जांच हेतु लंबित हैं, लंबी अवधि से लंबित होने से साक्ष्य नष्ट हो जाते हैं? क्या विशेष दल गठित कर जांच कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण बतायें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड भोपाल के पत्र क्रमांक 638, दिनांक 14.09.2020 द्वारा प्रश्न क्रमांक 106 का उत्तर प्रेषित किया गया है। छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश में 31 (3) के परंतुक 2 में वर्णित प्रावधान का उल्लेख किया है उक्त प्रावधान 31 (3) में विहित नहीं है परन्तु उक्त प्रावधान 31 (3) के परंतुक में प्रावधानित है। दाल मिलर्स को आयतित दलहन पर मण्डी फीस से छूट रहने की अवधि में निराश्रित सहायता राशि की वसूली नहीं की गई। उल्लेखनीय है कि आयतित दलहन पर मण्डी शुल्क से छूट वर्ष 1998 से समय-समय पर वर्ष जुलाई 2019 तक थी। वर्ष 2015 से पूर्व मण्डी द्वारा भ्रांतिवश यह समझ कर कि मण्डी शुल्क के साथ-साथ निराश्रित शुल्क की भी छूट है की वजह से निराश्रित शुल्क की वसूली नहीं की गई। उक्त वसूली के संबंध में दाल मिलर्स द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में याचिका क्रमांक 9194/2016 दायर की गई थी। उक्त याचिका में उच्च न्यायालय द्वारा दिनाक 28.11.2016 को आदेश पारित किया गया जिसमें मण्डी समिति को आगामी कार्यवाही हेतु निर्देश दिये गये। मण्डी समिति को उप महाधिवक्ता, महाधिवक्ता कार्यालय जबलपुर ने विधिक परामर्श दिया कि जिला पंचायत कल्याण अधिकारी/जिला कलेक्टर के द्वारा निराश्रित शुल्क के निराकरण की कार्यवाही कराई जाये। जिसके अनुक्रम में सचिव, कृषि उपज मण्डी समिति कटनी द्वारा कलेक्टर कटनी को पत्र लिखा गया था। कलेक्टर कटनी द्वारा दिनांक 20.02.2019 को प्रमुख सचिव, सामाजिक कल्याण विभाग को उचित निराकरण हेतु पत्र लिखा गया। अतः इस प्रकरण में आगामी निर्णय/राज्य शासन से उचित आदेश/निर्देश प्राप्त होने तक निराश्रित सहायता राशि की वसूली शेष रहने पर किसी दाल मिलर्स के लायसेंस नवीनीकरण पर रोक नहीं लगाई जाने के निर्देश कृषि उपज मण्डी समिति कटनी को दिये गये थे। तत्समय में परिस्थिति को देखते हुये तत्कालीन प्रबंध संचालक द्वारा निर्णय लिया गया था। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। प्रश्नांश में उल्लेखित आदेश के उपरांत मण्डी समिति कटनी में अनुज्ञप्ति नवीनीकृत की गई दालमिलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ख'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। परीक्षण उपरांत कार्यवाही की जावेगी। (घ) जी हाँ। मण्डी अधिनियम उपविधि एवं राज्य मण्डी बोर्ड सेवा विनियम 1998 के प्रावधानों के तहत प्रबंध संचालक के निर्देशों का पालन करना कर्मचारियों के लिये अनिवार्य है। (ड.) उप संचालक, म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड, आंचलिक कार्यालय जबलपुर को जांच के संदर्भ में समय-समय पर निर्देश जारी किये गये हैं। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
ठेकेदारों को शेष राशि का भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
17. ( *क्र. 347 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम भोपाल में वर्तमान स्थिति में किन-किन ठेकेदारों का कितना भुगतान कितनी राशि का शेष है? (ख) भुगतान नहीं होने के क्या कारण हैं? भुगतान कब तक हो जायेंगे? (ग) क्या किये गये कार्यों का भुगतान न होने से आगे विकास अवरूद्ध नहीं होगा? (घ) सी.एम. इन्फ्रा में भोपाल शहर के सभी विधानसभा क्षेत्रों में कितनी-कितनी राशि प्रत्येक विधानसभा के लिये देना प्रस्तावित है? (ड.) क्या राशि स्वीकृत हो गई? यदि नहीं, तो कब तक होगी? सी.एम. इन्फ्रा के मद से कार्य कब तक प्रारंभ होंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर निगम भोपाल में प्रश्न दिनांक तक कुल 742 ठेकेदारों के राशि रूपये 143.66 करोड़ की देनदारी भुगतान हेतु शेष है जिसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण राजस्व आय में कमी होने से फण्ड की उपलब्धता होने पर भुगतान की कार्यवाही की जाना संभव होगा। (ग) जी नहीं। (घ) मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना तृतीय चरण अंतर्गत नगर निगम भोपाल को भोपाल शहर के सभी विधानसभा क्षेत्रों के लिए राशि रू. 10.00 करोड़ की सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई है। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र हेतु पृथक-पृथक राशि प्रस्तावित नहीं है। (ड.) जी नहीं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय राशि के दुरूपयोग की जांच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
18. ( *क्र. 181 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक 95, दिनांक 09.06.2020 एवं पत्र क्रमांक 139 दिनांक 17.06.2020 के माध्यम से ग्राम पंचायत बम्हौरी विकासखण्ड बड़वारा जिला कटनी में सरपंच एवं सचिव द्वारा गम्भीर अनियमितता कदाचरण एवं शासकीय राशि का दुरूपयोग/गबन किये जाने की जांच हेतु पत्र लिखा गया था? जिसका प्रथम स्मरण पत्र क्र. 137, दिनांक 16.06.2020 को एवं द्वितीय स्मरण पत्र क्र. 211, दिनांक 19.07.2020 तथा पत्र क्रमांक 217 दिनांक 02.09.2020 से त्वरित जांच कराकर वैधानिक कार्यवाही करने हेतु पत्र लिखा गया था? (ख) यदि हाँ, तो ग्राम पंचायत बम्हौरी की कराई गई जांच में संबंधित सरपंच एवं सचिव दोषी पाये गये हैं तो उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? साथ ही जांच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में आज दिनांक तक जांच उपरांत दोषियों के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही नहीं करने के लिये कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं? क्या संबंधितों के ऊपर एफ.आई.आर. दर्ज करते हुये गबन की गई राशि की वसूली की जायेगी? यदि हाँ तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जिला स्तरीय जांच दल द्वारा प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन अनुसार प्रथम दृष्टया दोषी पाये जाने पर संबंधित प्रधान (सरपंच) एवं प्रभारी सचिव को कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर जबाव लिया गया। जबाव समाधानकारक न होने के कारण संबंधितों के विरूद्ध निम्नानुसार कार्यवाही की गई :- 1. प्रधान (सरपंच) को पद से पृथक करने हेतु प्रस्ताव जिला पंचायत कटनी के पत्र क्र./8497 दिनांक 08.12.2020 के माध्यम से सक्षम प्राधिकारी कलेक्टर जिला कटनी को प्रेषित किया गया है। 2. संबंधित प्रधान (सरपंच) एवं सचिव से राशि रू. 794717/- की वसूली हेतु पंचायत राज ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 89 के तहत् प्रस्ताव मय जांच प्रतिवेदन के जिला पंचायत कटनी के पत्र क्र. 8363/पं.से.स्थापना/2020 कटनी दिनांक 03.12.2020 के द्वारा सक्षम प्राधिकारी न्यायालय जिला कटनी की ओर प्रेषित किया गया है। 3. जिला पंचायत कटनी के पत्र क्र. 8498/पं.से.स्थापना/2020 कटनी दिनांक 08.12.2020 के द्वारा श्री देवेश द्विवेदी, प्रभारी सचिव (ग्राम रोजगार सहायक) ग्राम पंचायत बम्हौरी जनपद पंचायत बड़वारा के विरूद्ध ग्राम रोजगार सहायक संविदा सेवा शर्त-2012 के तहत् कार्यवाही हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत बड़वारा को निर्देशित किया गया है। 4. जिला पंचायत कटनी के पत्र क्र. 8581/पं.से.स्थापना/2020 कटनी दिनांक 12.12.2020 के द्वारा प्रधान (सरपंच) एवं प्रभारी सचिव के विरूद्ध पुलिस थाने में एफ.आई.आर. दर्ज कराने हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत बड़वारा को निर्देशित किया गया है। जांच प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की गई है, अत: वैधानिक कार्यवाही नहीं करने के लिये कोई भी अधिकारी दोषी नहीं है। जी हाँ। समय बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
ग्वालियर नगर निगम में स्वीकृत/रिक्त पद
[नगरीय विकास एवं आवास]
19. ( *क्र. 417 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम ग्वालियर में वर्तमान में स्वीकृत एवं रिक्त पदों की श्रेणीवार संख्या एवं स्थिति की जानकारी उपलब्ध कराएं। नगर निगम ग्वालियर में नियुक्त पदों के अतिरिक्त, प्रभार दिए जाने संबंधी नियमों एवं अतिरिक्त प्रभार पर कार्यरत अधिकारियों एवं कर्मचारियों की जानकारी उपलब्ध कराएं? (ख) नगर निगम ग्वालियर में अपने पद के अलावा अतिरिक्त प्रभार के तौर पर कार्यरत अधिकारियों एवं कर्मचारियों की योग्यता तथा किसी अधिकारी एवं कर्मचारी के अतिरिक्त प्रभार दिए जाने पर शिथिल किए गए नियमों के संबंध में जानकारी उपलब्ध कराएं। नगर निगम ग्वालियर में ऐसे अधिकारियों एवं कर्मचारियों की संख्या जिन्हें प्रभार के तौर पर सौंपे गए पद की योग्यता न होने पर भी अतिरिक्त प्रभार दिया गया हो, उनके संबंध में जानकारी उपलब्ध कराएं? (ग) ग्वालियर नगर निगम में कार्यरत अधिकारियों एवं कर्मचारियों में से कितनों पर अपराधिक प्रकरण जैसे- ईओडब्ल्यू, लोकायुक्त संबंधी जांचें एवं प्रशासकीय कार्यवाहियां लंबित हैं उनके संबंध में जानकारी उपलब्ध कराएं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम ग्वालियर में स्वीकृत रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। नगर पालिक निगम ग्वालियर में अधिकारी/कर्मचारियों की कमी, कार्य सुविधा एवं अधिकारी/कर्मचारियों की प्रशासकीय/नियंत्रण दक्षता को दृष्टिगत रखते हुए म.प्र. नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 69 (4) अंतर्गत प्रदाय अधिकारों का प्रयोग करते हुए कार्य व्यवस्था को सुचारू बनाये रखने हेतु प्रभार सौंपे गये हैं। प्रभार संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। नगर पालिक निगम ग्वालियर द्वारा अधिकारी/कर्मचारियों की कमी कार्य सुविधा एवं अधिकारी/कर्मचारियों की प्रशासकीय/नियंत्रण दक्षता को दृष्टिगत रखते हुए म.प्र. नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 69 (4) अंतर्गत प्रदाय अधिकारों का प्रयोग करते हुए कार्य व्यवस्था को सुचारू बनाये रखने हेतु प्रभार सौंपे गये हैं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''तीन'' अनुसार है।
वर्ष 2019-20 की फसल बीमा राशि का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
20. ( *क्र. 380 ) श्री दिलीप कुमार मकवाना : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत प्रदेश के किसानों के बैंक खाते से वर्ष 2019-20 में बीमा राशि काटी गई थी? यदि हाँ, तो काटी गयी राशि किस बीमा कंपनी में जमा की गई? रतलाम ग्रामीण विधानसभा के कितने किसानों के बैंक खाते से वर्ष 2019-20 में बीमा राशि काटकर बीमा कंपनी को जमा की गई? काटी गयी राशि की जानकारी दी जावें। (ख) क्या वर्ष 2019-20 में किसानों की फसल खराब होने के कारण रतलाम ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के कुछ किसानों को कंपनी द्वारा बीमा योजना का लाभ प्रदान किया है? यदि हाँ, तो कितने किसानों को बीमा लाभ प्रदान किया गया है? कितने किसानों को बीमा योजना का लाभ नहीं दिया गया? (ग) क्या वर्ष 2019-20 में किसानों के बैंक खाते से बीमा राशि काटी जाने के उपरांत भी कंपनी द्वारा रतलाम ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के कुछ किसानों को बीमा राशि का भुगतान प्रश्न दिनांक तक नहीं किया है? यदि हाँ, तो कितने किसानों को भुगतान नहीं किया गया? इन्हें कब तक बीमा राशि का भुगतान कर दिया जाएगा? बीमा राशि का भुगतान समय पर नहीं किए जाने का क्या कारण है? इसके लिए कौन अधिकारी दोषी है? दोषी अधिकारी के विरूद्ध विभाग कब तक कार्यवाही करेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत वर्ष 2019-20 में जिला रतलाम अंतर्गत किसानों के खातों से खरीफ 2019 में 31831 किसानों की राशि रू. 3.20 करोड़ एवं रबी 2019-20 में 36162 किसानों की राशि रू. 1.99 करोड़ (कृषक अंश) बैंकों द्वारा रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी लि. में जमा की गई। (ख) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत रतलाम ग्रामीण विधानसभा के खरीफ 2019 वर्ष में 31459 एवं रबी 2019-20 में 137 किसान लाभान्वित है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (संशोधित) के परिचालन दिशा-निर्देश के अनुसार सभी पात्र बीमित किसानों को दावों का भु्गतान किया गया है। (ग) रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी से प्राप्त जानकारी अनुसार रतलाम ग्रामीण विधान सभा क्षेत्र के खरीफ वर्ष 2019 एवं रबी वर्ष 2019-20 में सभी प्रात्र दावों का भुगतान किया जा चुका है।
इंदौर नगर निगम अंतर्गत प्रधानमंत्री आवासों का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
21. ( *क्र. 442 ) श्री जितू पटवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर नगर निगम में विधान सभा क्षेत्रवार बतावें कि प्रधानमंत्री आवास योजना में कितनी यूनिट हैं, कितनी निर्माणाधीन हैं तथा कितनी प्रारंभ होना शेष हैं? कितनी यूनिट समयावधि में बनी हैं तथा समयावधि में न बनने के क्या कारण हैं? (ख) इंदौर नगर निगम में विधान सभावार बतावें कि विभिन्न आवास योजनाओं में कुल प्रोजेक्ट यूनिट कितनी हैं? कुल कितने प्रोजेक्ट यूनिट पर कार्य चल रहा है और वह कब तक संपन्न होगा? (ग) इंदौर नगर निगम में इंदौर मेट्रो एवं स्मार्ट सिटी परियोजना पर कार्य किस दिनांक से प्रारंभ हुआ तथा अनुबंध अनुसार कार्य समाप्त करने की दिनांक क्या है तथा नवम्बर 2020 तक दोनों परियोजना में कितने प्रतिशत कार्य हो चुका है तथा बतावें कि अनुबंध अनुसार कार्य समयावधि में पूरा हो जावेगा? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित दोनों परियोजना की लागत क्या-क्या है तथा उस लागत राशि की व्यवस्था किस-किस प्रकार होगी? मेट्रो ट्रेन में किराया किस अनुसार कितना रहेगा तथा स्मार्ट सिटी में जमीन, भवन कार्यालयों तथा दुकानों का मूल्य किस अनुसार कितना होगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) योजनांतर्गत निर्मित किये जा रहे आवासीय यूनिट की विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) नगर पालिक निगम, इंदौर में विभिन्न आवास योजनाओं अंतर्गत प्रोजेक्ट यूनिट की विधानसभावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। प्रोजेक्ट यूनिट का कार्य वर्ष 2022 तक पूर्ण कराया जाना प्रस्तावित है। (ग) इंदौर मेट्रो रेल परियोजना का कार्य वर्ष 2018-19 से प्रचलन में है तथा परियोजना का कार्य समय सीमा में पूर्ण होना संभावित है। वर्तमान में केवल प्रथम सिविल पैकेज (Viaduct) का कार्य आवंटित किया गया है, जो लगभग 7 फीसदी हो चुका है। नगर निगम इंदौर में स्मार्ट सिटी परियोजना का कार्य दिनांक 11.03.2016 से प्रचलन में है एवं परियोजना की कार्य अवधि 05 वर्ष निर्धारित है। नवंबर 2020 तक लगभग 59 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। स्मार्ट सिटी परियोजना हेतु अनुबंध निर्धारित नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) इंदौर मेट्रो रेल परियोजना से संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। इंदौर स्मार्ट सिटी परियोजना की कुल लागत राशि रू. 5099.62 करोड़ है। इस राशि की व्यवस्था केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली अनुदान राशि, ए.बी.डी. क्षेत्र से प्राप्त होने वाली रेवेन्यू राशि, पुनर्विकास योजना अंतर्गत बेचे जाने वाले रियल स्टेट क्षेत्रों से प्राप्त राशि, एफ.ए.आर. पर प्रीमियम राशि, प्रायवेट लैंड, पुनर्विकास से प्राप्त राशि एवं कन्वर्जन्स आदि के कार्यों से प्राप्त राशि से की जाना प्रस्तावित है। इंदौर स्मार्ट सिटी में जमीन, भवन, कार्यालयों तथा दुकानों का मूल्य कलेक्टर गाईड लाईन, अन्य निकाय व्यय एवं शासकीय शुल्क पर आधारित ऑफसेट मूल्य पर प्राप्त प्रीमियम राशि के आधार पर निर्धारित किया जाना प्रस्तावित है।
अनूपपुर जिले में कोविड-19 महामारी में व्यय
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
22. ( *क्र. 435 ) श्री सुनील सराफ : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.04.2020 से 30.11.2020 तक कोविड-19 महामारी से संबंधित कितनी राशि किन कार्यों के लिए विभाग द्वारा अनूपपुर जिले में व्यय की गई? विधान सभावार बतावें। (ख) इन कार्यों के लिए टेंडर या जो प्रक्रिया अपनाई गई, उसकी जानकारी देवें। (ग) इसके लिए जिन फर्मों/व्यक्तियों को भुगतान किया गया? उनके नाम, कार्य नाम सहित बतावें। संस्थाओं को यदि भुगतान किया है तो वह भी बतावें? इन फर्मों/व्यक्तियों/संस्थाओं का कितना टी.डी.एस. काटा गया, वह भी बतावें? यदि टी.डी.एस. नहीं काटा गया तो इसके जिम्मेदार अधिकारियों के नाम, पदनाम, सहित बतावें? (घ) श्रमिकों को लाने के लिए जो वाहन अनुबंधित किए गए उनके वाहन नंबर, वाहन स्वामी नाम, खाता नंबर, टी.डी.एस. कटौत्रा राशि, डीजल/पेट्रोल मात्रा सहित वाहनवार बतावें।
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) इन कार्यों हेतु खाद्य सामग्री एवं स्वच्छता सामग्री का वितरण करने हेतु संरक्षण योजना वी केयर अंतर्गत स्थानीय बाजार से प्रदायकर्ताओं से कोटेशन आमंत्रित कर, न्यूनतम दर पर सामग्री क्रय की गई है। ग्राम पंचायतों के द्वारा प्रदायकर्ताओं फर्मों से साधारण प्रक्रिया द्वारा सीधे संपर्क कर कोविड-19 महामारी को ध्यान में रखते हुए सामग्री क्रय की गई है। अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) पुष्पराजगढ़ की अध्यक्षता में खण्ड स्तरीय समिति एवं स्थानीय व्यापारियों से दरें आमंत्रित करने हेतु दिनांक 12.04.2020 को बैठक आयोजित की गई। बैठक में व्यापारियों द्वारा प्राप्त न्यूनतम दरों के आधार पर स्थानीय व्यापारियों को अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) पुष्पराजगढ़ द्वारा आपूर्ति आदेश जारी किया गया। राष्ट्रीय आजीविका मिशन से संबद्ध स्व-सहायता समूहों से सामग्री क्रय की गई। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। टी.डी.एस. की कटौती की राशि देयक में अंकित नहीं होने के कारण टी.डी.एस. कटौती नहीं की गई है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) श्रमिकों को लाने के लिए ग्राम पंचायतों, जनपद पंचायतों तथा जिला पंचायत द्वारा वाहन अनुबंधित नहीं किये गये हैं। अतः प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अवार्डी खिलाड़ियों को आर्थिक सहायता
[खेल और युवा कल्याण]
23. ( *क्र. 190 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2018-19 से 2020-21 की अवधि में प्रदेश में राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय खेल स्पर्धाओं में पदक विजेता किन-किन खिलाड़ियों को राज्य एवं केन्द्र शासन द्वारा कब-कब, किन-किन अवार्डों से सम्मानित किया गया है एवं उन्हें कौन-कौन सी सुविधाएं व कितनी-कितनी राशि की आर्थिक सहायता दी गई है? किन-किन खिलाड़ियों को शासकीय सेवा में नियुक्ति दी गई है? सूची दें। (ख) प्रश्नांकित किन-किन खेलों में पदक विजेता अवार्डी खिलाड़ियों को शासन ने कब से कौन-कौन सी सुविधाएं व आर्थिक सहायता नहीं दी है एवं क्यों? किन-किन को शासकीय सेवा में नियुक्ति नहीं दी गई है एवं क्यों? सूची दें। (ग) तुर्की में वर्ष 2019 में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय पैरा जूडो प्रतियोगिता की स्वर्ण पदक विजेता प्रदेश की किस महिला खिलाड़ी को शासन ने कब, किस-किस अवार्ड से सम्मानित किया है एवं उसे कब-कब, कौन-कौन सी सुविधाएं व कितनी राशि की आर्थिक सहायता दी है? (घ) प्रदेश में वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में किन-किन खेलों से संबंधित किन-किन खिलाड़ियों को व्यक्तिगत या सामूहिक रूप से किस-किस अवार्ड के लिये नामित किया गया है? इस संबंध में शासन ने प्राप्त शिकायतों का कब, क्या निराकरण किया है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में पदक विजेता अवार्डी खिलाड़ियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है, उनको प्रदान की गई आर्थिक सहायता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है एवं शासकीय सेवा में नियुक्ति की कार्यवाही प्रचलन में है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित अवधि में पात्रता अनुसार सभी पदक विजेता अवार्डियों को प्रश्नोत्तर (क) के जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार आर्थिक सहायता प्रदान की है तथा प्रश्नांकित अवधि में अवार्डी खिलाड़ियों से नियुक्ति हेतु आवेदन पत्र प्राप्त न होने के कारण नियुक्ति की कार्यवाही नहीं की गई, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। (ग) विभाग में उपलब्ध अभिलेख अनुसार प्रदेश की किसी भी महिला खिलाड़ी द्वारा वर्ष 2019 में तुर्की में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय पैरा जूडो प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक अर्जित करने पर पुरस्कार राशि/आर्थिक सहायता हेतु संचालनालय में आवेदन प्रस्तुत नहीं किया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में अवार्ड हेतु नामित किए गए खिलाड़ियों की जानकारी प्रश्नोत्तर (क) के जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। सुश्री श्रद्धा यादव, वूशु खिलाड़ी द्वारा वर्ष 2019-20 में विक्रम पुरस्कार हेतु कु. चिंकी यादव, शूटिंग एवं कु. राजेश्वरी कुशराम, क्याकिंग कैनोइंग के चयन के विरूद्ध शासन में शिकायत की गई है। प्राप्त शिकायत का परीक्षण किया गया, जो निराधार पाई गई।
बरेला में शासकीय आई.टी.आई. की स्थापना
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
24. ( *क्र. 2 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र पनागर अंतर्गत बरेला क्षेत्र के विद्यार्थियों को तकनीकी शिक्षा के लिये जबलपुर जाना पड़ता है? (ख) क्या 20 से 30 कि.मी. दूरी होने के कारण अधिकांश विद्यार्थी तकनीकी शिक्षा से वंचित हैं? (ग) यदि हां, तो क्या बरेला में शासकीय आई.टी.आई. खोलने हेतु विचार किया जावेगा? (घ) यदि हाँ, तो कब तक?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) विकासखण्ड पनागर के अंतर्गत, आदर्श औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था एवं महिला औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था संचालित है। (ख) प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। विभाग की नीति प्रत्येक विकासखण्ड में एक आई.टी.आई. खोलने की है। पनागर विकासखण्ड में पूर्व से ही आई.टी.आई. संचालित है। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उज्जैन जिलांतर्गत फसल बीमा राशि का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
25. ( *क्र. 169 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019-20 तथा 2020-21 में कृषकों को उनकी रबी एवं खरीफ की फसल नष्ट होने अथवा फसलों में क्षति होने पर किस-किस बैंक के द्वारा विगत 5 वर्षों में उज्जैन जिले के कितने कृषकों को कितनी-कितनी बीमा राशि का भुगतान किया गया है? ऐसे कितने किसानों को बैंक की त्रुटि के कारण बीमा राशि का लाभ नहीं मिल पाया? उनकी सूची देवें। विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांक (क) के परिप्रेक्ष्य में बतावें कि किस-किस ग्राम में कितने कृषक बीमा राशि के लाभ से वंचित रह गये हैं और फसल बीमा राशि का लाभ नहीं मिलने के क्या कारण हैं? प्रश्नकर्ता के द्वारा कलेक्टर उज्जैन को प्रस्तुत पत्रों में से किस-किस पत्र का निराकरण कर फसल बीमा की राशि का भुगतान कराने की कार्यवाही की गई है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) उज्जैन जिले में वर्ष 2015 की एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कम्पनी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार एवं आई.सी.आई.सी.आई. लोम्बार्ड की वर्ष 2016, 2017, 2018 की बैंकवार बीमा दावा राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। खरीफ 2019 में न्यू इंडिया इंश्योरेंस द्वारा 141241 कृषकों के खाते में सीधी राशि रू. 10412142656 जमा कराई गई है। बैंकों की त्रुटि के कारण 1737 किसान बीमा लाभ से वंचित रहे, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है। (ख) संबंधित बैंकों द्वारा की गई त्रुटियों के कारण फसल बीमा दावा राशि का लाभ कृषकों को नहीं मिल पाया, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है। प्रश्नकर्ता के द्वारा कलेक्टर उज्जैन को प्रस्तुत पत्रों पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 4 अनुसार है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
किसानों
को बीमा राशि
का लाभ
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
1. ( क्र. 1 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाले कितने कृषकों की खरीफ, 2019 की कितनी बीमा प्रीमियम राशि काटी गई? बैंकवार, संस्थावार, कृषकों की संख्या एवं काटी गई प्रीमियम राशि की जानकारी से अवगत करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर में दर्शित कितने कृषकों को कितनी बीमा राशि प्रदान की गई है? बैंकवार, संस्थावार कृषकों की संख्या एवं बीमा राशि की जानकारी से अवगत कराएं तथा शेष रहे कृषकों को बीमा राशि का लाभ मिलेगा या नहीं? यदि हाँ, तो कब तक एवं यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ग) यदि बीमा प्रीमियम जमा करने के उपरांत भी शेष रहे किसानों को बीमा राशि का लाभ नहीं दिया जाता है, तो क्या बैंकों पर कार्यवाही कर उन्हें बीमा राशि का लाभ दिलवाया जावेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) एवं (ख) इंश्योरेंस कंपनी से जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (संशोधित) परिचालन दिशानिर्देश अनुसार कार्यवाही की जावेगी।
प्राईवेट/अवैध कॉलोनियों में विकास कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
2. ( क्र. 3 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत वार्ड क्रमांक 74 में ओंकार नगर, जनता कॉलोनी, जागृति नगर, सम्राट ट्रेडर्स एवं क्यूम बाबा की बस्ती में रोड, नाली, पानी, लाइट की सुविधा न होने से वहां के निवासी कई वर्षों से कठिन परिस्थितियों में जीवन यापन कर रहे हैं? (ख) क्या शासकीय कॉलोनियों यथा मिल्लत नगर गुर्दा, वादा नगर कुदवारी वर्रा बस्ती में भी वर्षों से रोड, नाली, पानी, लाइट की सुविधाएं नहीं हैं? (ग) यदि हाँ, तो क्या शासन इन क्षेत्रों के निवासियों को मूलभूत सुविधाएं देने पर विचार करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ, प्रश्नाधीन क्षेत्रों में अधोसरंचना मानक स्तर की नहीं है, जागृति नगर में नगर निगम द्वारा निर्माण कार्य कराये गये है एवं अमृत योजना के अंतर्गत ओवर हेड टैंक का निर्माण कराया जाकर पाईप लाईन डालकर पानी की व्यवस्था की जा रही है, जिन बस्तियों में विद्युत पोल उपलब्ध है उनमें स्ट्रीट लाईट लगाकर प्रकाश व्यवस्था की गई है। (ख) जी हाँ, प्रश्नाधीन क्षेत्रों में अधोसरंचना मानक स्तर की नहीं है वर्रा बस्ती में नगर निगम द्वारा निर्माण कार्य कराये गये है एवं अमृत योजना के अंतर्गत ओवर हेड टैंक का निर्माण कराया जाकर पाईप लाईन डालकर पानी की व्यवस्था की जा रही है, जिन बस्तियों में विद्युत पोल उपलब्ध है उनमें स्ट्रीट लाईट लगाकर प्रकाश व्यवस्था की गई है। (ग) जी हाँ, नगर निगम द्वारा वित्तीय स्थिति अनुसार विकास कार्य कराये जा सकेगें।
अमृत योजना के तहत संचालित बसें
[नगरीय विकास एवं आवास]
3. ( क्र. 14 ) श्री संजीव सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन्द्र सरकार के द्वारा प्रचलित अमृत योजना के प्रावधानों के तहत योजना के मूल उद्देश्यों के तहत चुन्निदा शहरों के अन्दर सब्सिडी प्रदाय यात्री बसों को एक शहर से दूसरे शहर तक चलाये जाने का प्रावधान है? (ख) क्या मध्यप्रदेश राज्य शासन को यह अधिकार है कि केन्द्र सरकार की अमृत योजना के मूल उद्देश्यों के विपरीत सब्सिडी प्रदाय शहरी मार्गों की सिटी बसों को गैर शहरी मार्गों (एक शहर से दूसरे शहर तक) संचालित करने बावत् सूत्र सेवा के अंतर्गत योजना बना सकें? (ग) भिण्ड जिले में कितने मार्गों पर इस योजना के तहत बसें संचालित की जा रही हैं? (घ) क्या इस योजना के तहत किसी प्रकार की सब्सिडी प्रदान की जा रही है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। अमृत परियोजना के अन्तर्गत बस संचालन का प्रावधान है। (ख) जी हाँ। मध्यप्रदेश शासन द्वारा केन्द्र सरकार की अमृत योजना अन्तर्गत सब्सिडी प्रदाय बस संचालन (शहरी एवं गैर शहरी मार्गों) हेतु राज्य स्तरीय उच्च शक्ति प्राप्त संचालन समिति एवं आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय भारत सरकार की अपेक्स कमेटी की बैठक दिनांक 13.11.2015 में प्राप्त अनुमोदन अनुसार सूत्र-सेवा बसों का संचालन किया जा रहा है। (ग) भिण्ड जिले में निम्नानुसार 08 बसों का संचालन किया जा रहा है:- (अ) क्लस्टर क्रमांक 01 के अंतर्गत भिण्ड से ग्वालियर 03 बसों का। (ब) भिण्ड से मौ के लिये 01 बस का संचालन। (स) फूप से मेहगांव के लिये 02 बसों का इस प्रकार क्लस्टर क्रमांक 01 के अंतर्गत कुल 06 बसों का संचालन किया जा रहा है। (द) क्लस्टर क्रमांक 03 में भिण्ड से लाहर 02 बसों का संचालन किया जा रहा है। (घ) जी हाँ, प्रदान की जा रही है।
नगरीय प्रशासन विभाग में कैडर व्यवस्था
[नगरीय विकास एवं आवास]
4. ( क्र. 15 ) श्री संजीव सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगरीय प्रशासन विभाग में कैडर व्यवस्था लागू की गई? यदि हाँ, तो कब से? शासन द्वारा इस हेतु कब-कब निर्देश जारी किए गए? निर्देशों की प्रति देते हुए बताएं। (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो प्रदेश में कहाँ-कहाँ कैडर व्यवस्थाएं लागू कर दी गई एवं कहाँ-कहाँ पर नहीं? जिलेवार बताएं। (ग) प्रश्नांश (क) यदि नहीं, तो शासन निर्देशों की अव्हेलना करने के लिए जिम्मेदार अधिकारी कौन-कौन हैं एवं क्या उनके विरूद्ध कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो तो क्या? नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) प्रदेश स्तर पर लागू की गई है। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
इन्दौर स्मार्ट सिटी के अंतर्गत यातायात उपकरणों की खरीदी
[नगरीय विकास एवं आवास]
5. ( क्र. 36 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर शहर में स्मार्ट सिटी के अंतर्गत यातायात उपकरणों की खरीदी की गई है? यदि हाँ, तो 1 जनवरी 2019 से अभी तक कितनी राशि के उपकरणों की खरीदी की गई? इसका टेंडर कब निकाला गया? किस-किस आपूर्तिकर्ता को क्रय आदेश दिया गया? (ख) इन्दौर में किन-किन स्थानों पर यातायात उपकरणों को लगाया गया? भुगतान हेतु कितने का बिल बना? कितनी राशि जारी हुई? क्या इसकी संपूर्ण जांच कराई जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ, इन्दौर शहर में स्मार्ट सिटी के अंतर्गत “Infrastructure Upgradation and Improvement for Commuter Safety under Smart City Mission (SCM)” कार्य के लिये जारी निविदा अंतर्गत यातायात उपकरणों की खरीदी की गई है। 01 जनवरी 2019 से अभी तक कुल राशि रू.18,88,59,426/- की खरीदी की गई है। इसका टेंडर दिनांक 15.02.2019 को निकाला गया। मेसर्स के.आर.एम. इन्फ्रा को क्रय आदेश दिया गया। (ख) इंदौर स्मार्ट सिटी से प्राप्त प्रतिवेदन अनुसार इन्दौर शहर में जिन स्थानों पर उपकरण लगाए गए है उन स्थानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। भुगतान हेतु राशि रू. 20,66,99,998/- का बिल बना। राशि रू. 18,88,59,426/- जारी किये गये। संपूर्ण प्रकरण की जांच संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास में पदस्थ IAS स्तर के अधिकारी से करवाई जावेगी।
इन्दौर नगर-निगम में सीवरेज प्रोजेक्ट की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
6. ( क्र. 37 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कुछ वर्षों पूर्व इन्दौर नगर-निगम में सीवरेज का प्रोजेक्ट बनाया गया था? यदि हाँ, तो इसकी प्रारंभिक लागत कितनी थी एवं अभी तक कितना खर्च हो चुका है? (ख) इन्दौर शहर में अमृत योजना या नगर-निगम द्वारा या स्वच्छ भारत में या स्मार्टसिटी में अभी तक बड़े सीवरेज प्रोजेक्ट में कितनी राशि व्यय हो चुकी है? नगर-निगम इन्दौर में 1 करोड़ से अधिक के सीवरेज/ड्रेनेज प्रोजेक्ट की जानकारी उपलब्ध करावें। सीवरेज प्रोजेक्ट कितने समय से चल रहा है? यह अंतहीन प्रोजेक्ट कब तक खत्म होगा? यह प्रोजेक्ट जब बनाया गया तब इन्दौर का कितना क्षेत्रफल था और अब कितना हो गया है? (ग) क्या यह प्रोजेक्ट यह 10 वर्षों से अधिक समय से चल रहा है तथा विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत करोड़ों की राशि खर्च की जा चुकी है? यदि हाँ, तो इस प्रोजेक्ट में होने वाली अनियमितता की जाँच कब की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। जे.एन.एन.यू.आर.एम. के अंतर्गत वर्ष 2007-08 में सीवरेज का प्रोजेक्ट बनाया गया था। प्रोजेक्ट की प्रारंभिक लागत रू. 307.17 करोड़ केन्द्र शासन द्वारा स्वीकृत की गई। वर्तमान तक राशि रू. 293.00 करोड़ खर्च हुई है। (ख) इन्दौर शहर में अमृत योजना अंतर्गत स्वीकृत सीवरेज प्रोजेक्ट पर राशि रू. 246.09 करोड़ व्यय हो चुकी है एवं सिंहस्थ-2016 सीवरेज प्रोजेक्ट के कार्यों पर राशि रू. 109.00 करोड़ व्यय हो चुकी है। स्वच्छ भारत मिशन से सीवरेज प्रोजेक्ट के अंतर्गत कोई राशि व्यय नहीं की गई है। इन्दौर स्मार्ट सिटी परियोजना में इन्दौर स्मार्ट सिटी डेव्हलपमेंट लिमिटेड द्वारा Improvement of Water Supply and Sewerage System in ABD Area of Indore Smart City &O&M for 10 years कार्य अंतर्गत सीवरेज कार्य कराया जा रहा है, इस प्रोजेक्ट में कुल राशि रू. 52,96 करोड़ व्यय हो चुकी है। नगर निगम इन्दौर में रू. 1.00 करोड़ से अधिक का कोई सीवरेज/ड्रेनेज प्रोजेक्ट नहीं बनाया गया है। सिंहस्थ 2016 के अंतर्गत सेकेण्डरी सीवरेज प्रोजेक्ट वर्ष 2013-14 से चल रहा है, यह प्रोजेक्ट आगामी 02 माह में पूर्ण होना संभावित है। इन्दौर शहर में अमृत योजना के अंतर्गत सीवरेज प्रोजेक्ट वर्ष 2017-18 से चल रहा है, यह प्रोजेक्ट आगामी 06 माह में पूर्ण होना संभावित है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट जुलाई 2018 से चल रहा है, प्रोजेक्ट आगामी 03 वर्ष में पूर्ण होना संभावित है। सिंहस्थ-2016 अंतर्गत सेकेण्डरी सीवरेज प्रोजेक्ट के समय इन्दौर शहर का क्षेत्रफल 136 वर्ग कि.मी. था। वर्ष 2014 के गजट नोटीफिकेशन अनुसार 29 गावों का विलय इन्दौर शहरी सीमा में हो जाने से इन्दौर शहर का क्षेत्रफल 276 वर्ग कि.मी. है। (ग) जी नहीं। यह प्रोजेक्ट 10 वर्षों से अधिक समय से प्रचलित नहीं है। विभिन्न योजनाओं पर व्यय का विवरण उत्तरांश (ख) अनुसार है। अनियमितता सम्बन्धी शिकायत संज्ञान में नहीं होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
उज्जैन नगर निगम में सिंहस्थ के दौरान हुए टंकी घोटाला
[नगरीय विकास एवं आवास]
7. ( क्र. 40 ) श्री महेश परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर निगम टंकी घोटाले के मामले में अपर कलेक्टर की जांच में जिन लोगों को दोषी बनाया गया था उसमें तत्कालीन न.नि. कमिश्नर और वर्तमान कलेक्टर श्री आशीष सिंह को दोषी पाया गया था? यदि हाँ, तो उन्हे उसी जिले का कलेक्टर नियुक्त करने की सरकार की मंशा क्या थी? इस मामले में ई.ओ.डबल्यू. में पहले ही अपराध पंजीबद्ध है, अपर कलेक्टर की जांच का प्रतिवेदन, अभिमत एवं शासन के निर्णय अनुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही की प्रमाणित प्रतियाँ देवें। (ख) कलेक्टर श्री आशीष सिंह के कार्यकाल के दौरान ही नगर निगम भवन में अवैध शराब का बनना और बिकना तथा कोविड महामारी के दौरान कचरा गाड़ी में सप्लाई होकर अवैध तरीके से बिक्री क्या ज़िला कलेक्टर की प्रशासनिक अक्षमता का प्रमाण नहीं है? यदि हैं, तो कलेक्टर की सीआर चैनल अनुसार कमिश्नर ने मध्यप्रदेश शासन को रिपोर्ट की है? क्या कार्मिक विभाग के प्रमुख सचिव ने रिपोर्ट स्वीकार करते हुए मध्यप्रदेश शासन के निर्देशों के अनुरूप इन कलेक्टर महोदय के विरुद्ध भारतीय प्रशासनिक सेवा की आचार नियमावली के अंतर्गत की गयी कार्यवाही की प्रमाणित प्रतियाँ देते हुए जानकारी देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) वर्तमान कलेक्टर एवं तत्कालीन नगर निगम आयुक्त श्री आशीष सिंह को नगर निगम टंकी घोटाले में दोषी पाये जाने संबंधी कोई प्रमाण नहीं है। तत्संबंध में ई.ओ.डब्ल्यू. में दर्ज अपराध की कोई जानकारी नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) नगर निगम के भवन में अवैध शराब बनना, बिकना और कोविड महामारी के दौरान कचरा गाड़ी में सप्लाई होकर अवैध तरीके से बिक्री होने का संबंध वर्तमान जिला कलेक्टर से नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सिंहस्थ भूमि को सुरक्षित कराने की कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
8. ( क्र. 41 ) श्री महेश परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिंहस्थ के अधिसूचित क्षेत्र की लगभग 3500-4000 हेक्टेयर के बीच की ज़मीनों को मुक्त करने की तैयारी की जा रही है? यदि हाँ, तो किस आधार पर? यदि जमीनों को मुक्त किया जाता है तो सिंहस्थ मेला कहाँ लगेगा और इसके लिए क्या अतिरिक्त भूमि की कोई वैकल्पिक व्यवस्था प्रशासन द्वारा की गयी है? पूर्ण ब्योरा देवें। (ख) सिंहस्थ भूमि को सुरक्षित करने एवं अतिक्रमण को हटाने के लिए जिलाधीश एवं कार्यपालिक दंडाधिकारी महोदय ने अपने कार्यकाल में क्या क्या कदम उठाए हैं? जानकारी दें। (ग) सिंहस्थ की अधिसूचित क्षेत्र की सर्वे नंबर, पटवारी हल्का नंबर के साथ मुक्त कराई गयी भूमि की सूची, अतिक्रमित भूमि की सूची एवं अतिक्रमण मुक्त कराने की कार्यवाही से शेष भूमि की सूची उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं वर्तमान में उज्जैन स्थित सिंहस्थ क्षेत्र की अधिसूचित 3500-4000 हेक्टेयर भूमि को मुक्त कराने का कोई प्रस्ताव नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) सिंहस्थ क्षेत्र की भूमि को सुरक्षित रखने के लिए राजस्व अमले के द्वारा समय-समय पर सिंहस्थ क्षेत्र का भ्रमण किया जाता है। जिनके द्वारा अतिक्रमण की सूचना प्राप्त होने पर म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 के प्रावधानों के अंतर्गत विधिक कार्यवाही की जाती है। (ग) विगत दिनों तहसीलदार उज्जैन नगर द्वारा पटवारी हल्का नंबर 4 मोहनपुरा का शासकीय भूमि सर्वे नंबर 395 कुल रकबा 12.145 हे. में से 0.087 हे. पर अतिक्रमण पाया था, जिसे मुक्त करा दिया गया है। वर्तमान में सिंहस्थ क्षेत्र की शासकीय भूमि पर अतिक्रमण होने की सूचना नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विदिशा शहर के नालों का गहरीकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
9. ( क्र. 42 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर विदिशा स्थित बैशाली बिहार में स्थित नाले के गहरीकरण का कार्य प्रशासन द्वारा नगर पालिका परिषद विदिशा के माध्यम से प्रारंभ किया गया था? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ, तो क्या जनहित में नाले का गहरीकरण कार्य पूरा किया गया? यदि नहीं, तो नाला गहरीकरण के आदेश किसने दिये थे एवं इसकी कार्य एजेंसी, ठेकेदार का नाम सहित कार्य रोक जाने के आदेश सहित जानकारी दें। (ग) क्या शासन जनहित में नाले का गहरीकरण कार्य पुनः प्रारंभ करेगा? यदि हाँ, तो कब से एवं नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जबलपुर में मेट्रो प्रारंभ करने हेतु फिजिबिलिटी सर्वे
[नगरीय विकास एवं आवास]
10. ( क्र. 55 ) श्री तरूण भनोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर शहर में मेट्रो प्रारंभ करने के लिये फिजिबिलिटी सर्वे कराये जाने के लिये बजटीय प्रावधान किया गया था? यदि हाँ, तो इस संबंध में अब तक की गई कार्यवाही का विवरण प्रस्तुत किया जाये। (ख) जबलपुर में मेट्रो प्रारंभ करने के लिये फिजिबिलिटी सर्वे के लिये कितनी राशि स्वीकृत की गई है? अभी तक सर्वे का धरातल पर प्रारंभ नहीं होने का क्या कारण है? (ग) बजट में प्रावधान होने के बावजूद सर्वे नहीं कराये जाने के लिये क्या राज्य शासन कोई उत्तरदायित्व निर्धारित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) एवं (ख) आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जारी मेट्रो रेल पालिसी-2017'' एवं Appraisal Guidelines for metro Rail Project Proposal" के प्रावधानों के तहत फिजिविलिटी सर्वे की आवश्यकता नहीं है, अत: प्रशासनिक आदेशानुसार जबलपुर शहर के फिजिबिलिटी सर्वे के कार्य को निरस्त कर दिया गया है। मास रेपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम के विभिन्न सर्वे कार्यों के लिये बजट मद 6022 के लिये वर्ष 2019-20 वर्ष 2020-21 में प्रावधानित राशि संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उपरोक्त (क) के परिप्रेक्ष्य में उत्तरदायित्व निर्धारत करने का प्रश्न नहीं उठता।
जबलपुर उपनगरी क्षेत्र में स्टेट ऑफ आर्ट टाउनशिप का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
11. ( क्र. 56 ) श्री तरूण भनोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर उप नगरीय क्षेत्र में 100 एकड़ भूमि पर स्टेट ऑफ आर्ट टाउनशिप के निर्माण के लिए बजट में प्रावधान किया गया था? यदि हाँ, तो उसका पूर्ण विवरण प्रस्तुत करें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित टाउनशिप के निर्माण के लिए अभी तक क्या कार्यवाही हुई है? उसका विवरण प्रस्तुत किया जाये। (ग) उक्त टाउनशिप के लिए बजट में प्रावधान होने के बावजूद अभी तक कोई निर्माण कार्य स्वीकृत न होने का क्या कारण है? (घ) बजटीय प्रावधान होने के बावजूद निर्माण कार्य में हुए विलंब के लिए क्या राज्य शासन उत्तरदायित्व निर्धारित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। प्राधिकरण में स्टेट ऑफ आर्ट टाउनशिप के निर्माण के लिये बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) से (घ) उतरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री आवास योजना के वंचित ग्राम
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
12. ( क्र. 66 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिसम्बर 2020 की स्थिति में रायसेन जिले में कौन-कौन से ग्राम हैं, जिनमें प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत एक भी आवास स्वीकृत नहीं हुआ तथा क्यों? ग्रामवार कारण बतायें। (ख) उक्त ग्रामों में आवास स्वीकृत हो, इस संबंध में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रायसेन द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) उक्त ग्रामों में आवास स्वीकृति के संबंध में मान.मंत्रीजी तथा विभाग के अधिकारियों को रायसेन जिले के किन-किन विधायकों के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (क) गांव के हितग्राहियों को कब तक आवास उपलब्ध होंगे?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- अ अनुसार (पेज क्र.1 से 4 तक) है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ब अनुसार (पेज क्र.1 से 10 तक) है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार (पेज क्र.1 से 23 तक) है। (घ) भारत सरकार से निर्देश प्राप्त होने पर आवास उपलब्ध करवाने की कार्यवाही प्रचलित है।
सिलवानी विधानसभा क्षेत्र में अपूर्ण तथा अप्रारंभ कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
13. ( क्र. 67 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2017-18 से दिसम्बर 2020 की स्थिति में रायसेन जिले की विधानसभा क्षेत्र सिलवानी की ग्राम पंचायतों में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत स्वीकृत कौन-कौन से कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ है तथा क्यों? कार्यवार कारण बतायें। उक्त कार्यों को पूर्ण करवाने हेतु विभाग के अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? उक्त कार्य कब तक पूर्ण होगें? (ख) रायसेन जिले की विधानसभा क्षेत्र सिलवानी की ग्राम पंचायतों में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओं के अपूर्ण तथा अप्रारंभ कार्यों को पूर्ण करवाने तथा निर्माण कार्यों में द्वितीय एवं अन्तिम किश्त के भुगतान हेतु मान.मंत्री जी एवं विभाग के अधिकारियों को 1 जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र कब-कब प्राप्त हुए? (ग) उक्त पत्रों पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई तथा किन-किन निर्माण कार्यों की द्वितीय किश्त का भुगतान नहीं हुआ तथा क्यों? कब तक द्वितीय किश्त का भुगतान होगा? (घ) प्रश्नकर्ता विधायक के पत्रों में उल्लेखित किन-किन बिन्दुओं का निराकरण नहीं हुआ तथा क्यों? कब तक निराकरण होगा तथा इसके लिए कौन-कौन जवाबदार है?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार प्रश्नकर्ता माननीय विधायक महोदय के पत्रों पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'ब' अनुसार है, निर्माण कार्यों की द्वितीय किश्त भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'अ' अनुसार है। (घ) प्रश्नकर्ता माननीय विधायक महोदय के पत्रों में उल्लेखित बिन्दुओं के निराकरण की कार्यवाही की गई है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
स्थानीय स्तर पर रोजगार की उपलब्धता
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
14. ( क्र. 78 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सतना जिले में संचालित निजी उद्योगों, इकाईयों, प्रतिष्ठानों एवं औद्योगिक इकाईयों में स्थानीय युवाओं को रोजगार देने के क्या शासन स्तर से कोई मानदण्ड निर्धारित हैं? यदि हाँ, तो क्या उन मानदण्डों के अनुरूप निजी उद्योगों में भर्ती प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या शासन स्थानीय उद्योगों में स्थानीय युवाओं को नौकरी दिलाये जाने हेतु कोई ठोस रोजगार नीति बनाने का विचार कर रहा है? यदि हाँ, तो विवरण दें। यदि नहीं, तो क्यों?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। म.प्र. एम.एस.एम.ई. विकास नीति 2019 अंतर्गत लाभांवित इकाईयों को अपने कुल रोजगार का 70 प्रतिशत मध्य प्रदेश के स्थानीय निवासियों को प्रदान करना अनिवार्य है। इकाईयों द्वारा म.प्र. एम.एस.एम.ई. विकास नीति 2019 अंतर्गत मानदण्डों का पालन करने पर ही उन्हें अनुदान स्वीकृत किया जाता है। (ख) स्थानीय उद्योगों में स्थानीय युवाओं को नौकरी दिलाये जाने हेतु पूर्व से ही म.प्र. एम.एस.एम.ई. विकास नीति 2019 में प्रावधान होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
हनुमान धारा में रोपवे का संचालन
[पर्यटन]
15. ( क्र. 79 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सतना जिले के चित्रकूट में हनुमान धारा में रोपवे संचालन हेतु दामोदर रोपवे को किन नियम एवं शर्तों के अधीन रोपवे निर्माण व संचालन की अनुमति दी गई थी? इसके लिए शासन स्तर पर मानीटरिंग हेतु किस एजेंसी को अधिकार दिये गए? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में रोपवे संचालन से जुड़े निर्धारित मापदंडों का पालन क्या समुचित तरीके से किया गया? यदि हाँ, तो हनुमान धारा पर्वत के चट्टानों की स्ट्रेंथिंग रिपोर्ट जियोलाजिकल डिपार्टमेंट की रिपोर्ट एवं आपदा प्रबंधन विभाग की रिपोर्ट की प्रतियां देवें। नियुक्त कर्मचारियों के पास क्या आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण का प्रमाणपत्र है? यदि हाँ, तो उनकी छायाप्रति भी उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में क्या दामोदर रोपवे कंपनी ने नियम पालन एवं शर्तों के अनुपालन में घोर लापरवाही बरती है? यदि हाँ, तो इसके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई, या कब तक कार्यवाही करेंगे?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) हनुमान धारा में रोपवे संचालन की अनुमति पर्यटन विभाग द्वारा नहीं दी गई है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) उत्तरांश (क) अनुसार।
आरोपियों का नाम केस डायरी में जोड़ा जाना
[गृह]
16. ( क्र. 92 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के द्वारा पत्र क्रमांक 318 दिनांक 03.10.2020 से पुलिस अधीक्षक सतना एवं पत्र क्रमांक 319, 320, 318 दिनांक 03.10.2020 से अति. पुलिस महानिदेशक (शिकायत), अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (इन्टेलीजेंस) एवं अन्य को पत्र लिखकर तत्कालीन नगर निरीक्षक थाना सिविल लाइन्स अर्चना द्विवेदी के द्वारा थाना सिविल लाईन में दर्ज अपराध क्रमांक 352/19 में प्रकरण का चालान तयशुदा समय सीमा में नहीं करने पर जाँच बाबत् आग्रह किया गया था? (ख) क्या फरियादी के द्वारा अपने बयान में जिन-जिन आरोपियों के नाम लिये/लिखवाये गये उनका नाम चालान में/केस डायरी में उल्लेखित है? फरियादी के बयान की एक प्रति दें। फरियादी के बयान के आधार पर क्यों उनके नाम किस नियमों/कानून के तहत् केस डायरी/चालान में नहीं दर्ज हैं? नियमों की एक प्रति दें? (ग) उक्त टी.आई. जो वर्तमान में थाना सिटी कोतवाली में पदस्थ हैं के द्वारा पद का दुरूपयोग कर सिटी कोतवाली सतना में दर्ज आपराधिक प्रकरण क्रमांक 320/20 दिनांक 02.07.2020 जो कि उनके नजदीकी रिश्तेदार के विरूद्ध है में खात्मा/खारिजी नियमों के विपरीत लगाने कागजी कार्यवाही की जा रही है? खारिजी/खात्मे में प्रश्नतिथि तक हुई कार्यवाही का बिन्दुवार विवरण दें। (घ) चालान समय पर न्यायालय में प्रस्तुत नहीं करने एवं नियम विरूद्ध खात्मा खारिजी लगाने वाले टी.आई. को शासन कब तक निलंबित कर विभागीय जाँच संस्थित करेगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) सिर्फ पत्र क्रमांक 320 वरिष्ठ कार्यालय से पुलिस अधीक्षक सतना को जाँच हेतु प्राप्त हुआ था। (ख) जी नहीं। फरियादी ने प्रथम सूचना पत्र में रामराघव द्विवेदी का नाम लिखवाया था, जो साक्ष्य के अभाव में चालान में उल्लेखित नहीं है। चूँकि उक्त प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है अतः दस्तावेज प्रदान नहीं किये जा सकते है। (ग) जी नहीं। प्रकरण की विवेचना विशेष जाँच दल द्वारा की जा रही है। (घ) अपराध क्रमांक 352/19 धारा 307,34,325 भादवि में आरोपियों की जमानत माननीय न्यायालय द्वारा दी गई थी। अतः प्रकरण में 90 दिवस के भीतर चालानी कार्यवाही करने की बाध्यता नहीं थी। अपराध क्रमांक.-320/20 धारा 420,406,418 भादवि में आरोपी को माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर से अग्रिम जमानत स्वीकृत होने के कारण प्रकरण में 60 दिवस की अवधि में चालान करने की बाध्यता नहीं थी। अतः दोनों प्रकरणों में चालान समय पर प्रस्तुत नहीं करने एवं नियम विरूद्ध खात्मा/खारिजी लगाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होने से टी.आई. के विरूद्ध कोई विभागीय कार्यवाही नहीं की गई।
राजगढ़ जिले अंतर्गत उद्योग विभाग द्वारा जमीन आवंटन
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
17. ( क्र. 115 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले के अंतर्गत उद्योग विभाग द्वारा उद्योग स्थापित करने हेतु शासन द्वारा लीज पर जमीन आवंटित की गई थी? यदि हाँ, तो किन-किन व्यक्तियों/संस्थाओं को किस-किस उद्योग हेतु प्रश्न दिनांक तक जमीन आवंटित की गई है? सूची उपलब्ध कराएं। लीज की अवधि क्या है? (ख) क्या किसी की लीज की अवधि समाप्त हुई है अथवा लीज निरस्त हुई है? यदि हाँ, तो उसकी सूची उपलब्ध करायें एवं इन प्रकरणों में क्या कार्यवाही की गई है? क्या कोई प्रकरण न्यायालय में लंबित है? यदि हाँ, तो विवरण देवें। (ग) राजगढ़ जिले में वर्ष 2003 से कितनी जमीन उद्योग स्थापित करने के लिये किन स्थानों पर चयनित की गई व इन जमीनों पर कितने उद्योग पिछले 15 वर्षों में स्थापित किये गये हैं? (घ) उद्योग स्थापित करने हेतु वर्ष 2003 से अब तक कितने अनुबंध किये गये हैं एवं क्या अनुबंध अनुसार उद्योग स्थापित हो गये हैं? कितने व्यक्ति इन उद्योगों से रोजगार प्राप्त कर रहे हैं? उद्योगवार स्पष्ट करें। यदि नहीं, तो शासन द्वारा अनुबंधधारी कंपनियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई है?
औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री ( श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव ) : (क) जी हाँ, औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के अधीन एम.पी.आई.डी.सी. क्षेत्रीय कार्यालय भोपाल द्वारा औद्योगिक क्षेत्र पीलूखेड़ी जिला राजगढ़ में उद्योग स्थापित करने हेतु इकाईयों को लीज पर जमीन आवंटित की गई है। प्रश्न दिनांक तक इकाईवार-उद्योगवार आवंटित भूमि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट प्रपत्र-'1' अनुसार है। उद्योग स्थापना हेतु आवंटित भूमि की लीज अवधि 30/99 वर्ष है। सूक्ष्म,लघु एवं मद्यम उद्यम विभाग के अंतर्गत इकाईयों को आवंटित भूमि के संदर्भ में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट प्रपत्र-'1 (अ)' अनुसार है। (ख) जी हाँ, औद्योगिक क्षेत्र पीलूखेड़ी में उद्योग स्थापना हेतु आवंटित इकाईयों में 16 इकाईयों की लीज निरस्त हुई है। की गई कार्यवाही के विवरण सहित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट प्रपत्र–'2' अनुसार है। जी हाँ, मान. उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर में निरस्तीकरण के विरूद्ध 01 प्रकरण लंबित है, विवरण सहित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट प्रपत्र-3 अनुसार है तथा प्रश्नांश के संदर्भ में सूक्ष्म,लघु एवं मद्यम उद्यम विभाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट प्रपत्र-'1 (अ)' में ही दी गई है। (ग) औद्योगिकरण हेतु विभाग के अंतर्गत एमपीआईडीसी द्वारा आधिपत्य में ली गई शासकीय भूमि की क्षेत्रफलवार एवं ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट प्रपत्र –'4' अनुसार है। इन जमीनों पर अभी तक कोई उद्योग स्थापित नहीं हुआ है तथा प्रश्नांश के संदर्भ में सूक्ष्म,लघु एवं मद्यम उद्यम विभाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट प्रपत्र-'1 (ब)' अनुसार है। (घ) एमपीआईडीसी क्षेत्रीय कार्यालय भोपाल के अंतर्गत उद्योग स्थापित करने हेतु वर्ष 2003 से अब तक 67 लीज अनुबंध किये गये है। जिनमें से 41 उद्योग स्थापित हुये, स्थापित उद्योगों द्वारा दी गई जानकारी अनुसार 2747 व्यक्तियों को रोजगार प्राप्त हुआ है। उद्योगवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट प्रपत्र –'5' अनुसार है। अनुबंधधारी कंपनियों के विरूद्ध नियमानुसार निरस्तीकरण की कार्यवाही की गई है। एमएसएमई विभाग द्वारा अवगत कराया गया है कि राजगढ़ जिले में वर्ष 2003 के पश्चात उद्योगों की स्थापना के लिये ग्राम कचनारिया तहसील व्यावरा में प्राप्त की गई 20 हेक्टेयर शासकीय भूमि अभी तक विकसित नहीं हुई है। अत: किसी उद्यमी को आवंटित नहीं की गई है।
जीरापुर छापी बांध एवं कुण्डालिया बांध में पर्यटन केन्द्र का विकास
[पर्यटन]
18. ( क्र. 116 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या खिलचीपुर नगर, जीरापुर छापी बांध एवं कुण्डालिया बांध में पर्यटन केन्द्र विकसित करने हेतु डी.टी.पी.सी. (डिस्टिक टूरिजम प्रमोसन कांसिल) राजगढ़ द्वारा प्रस्ताव पर्यटन निगम को स्वीकृति एवं आवश्यक धनराशि उपलब्ध कराये जाने हेतु भेजा गया है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रस्ताव पर्यटन विकास निगम द्वारा शासन को आवश्यक स्वीकृति एवं आवश्यक धनराशि आगामी वित्तीय वर्ष 2020-21 में भेजा गया है? यदि हाँ, तो उक्त प्रस्ताव पर शासन द्वारा आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई एवं कब तक स्वीकृति प्रदान की जावेगी? (ग) उक्त प्रस्ताव के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा किस-किस दिनांक को माननीय मुख्यमंत्री, माननीय पर्यटन मंत्री, पर्यटन विभाग एवं कलेक्टर राजगढ़ को कितने पत्र लिखे गये एवं उन पर क्या कार्यवाही की गई? पत्रवार विवरण देवें।
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। समय सीमा बताये जाना संभव नहीं है। (ग) मुख्यमंत्री कार्यालय एवं कलेक्टर से प्राप्त पत्रों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। उक्त पत्रों पर विभाग द्वारा कार्यवाही की जा रही है।
नवीन पुलिस चौकी खोलनें एवं थाने का उन्नयन
[गृह]
19. ( क्र. 127 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सितपुरा से नागौद थाना या सिविल लाइन सतना की दूरी क्रमश: 12-13 कि.मी. तथा इसी तरह थाना सिंहपुर से शिवराजपुर की दूरी 25 कि.मी. है पुलिस चौकी बाबूपुर, सोहावल की भांति दूरी उनके मदर थाने से कम होने के बावजूद स्थित होने पर भी क्यों नहीं खोली जा रही है जबकि इस क्षेत्र में पावर ग्रिड एवं 220 केव्ही उपकेन्द्र होने से आये दिन अपराध हो रहे हैं? (ख) पुलिस चौकी रैगाँव उसके थाने सिंहपुर की दूरी लगभग 20 कि.मी. है तथा यह आपराधिक क्षेत्र है तथा पुलिस भी कम है जबकि नागौद से जसो एवं सिंहपुर की दूरी 10-12 कि.मी. होने पर भी थाना संचालित है, फिर रैगाँव पुलिसचौकी का उन्नयन क्यों नहीं किया जा रहा है जबकि यहाँ रैगाँव में उपतहसील, बैंक, उच्चतर माध्यमिक विद्यालय एवं विधानसभा रैगाँव का मुख्यालय है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) की मांग न्याय संगत मानते हुये कार्यवाही की जावेगी? कब तक नहीं तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) ग्राम सितपुरा एवं शिवराजपुर में पुलिस चौकी की स्थापना का प्रस्ताव शासन द्वारा निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप नहीं होने से अमान्य किया गया है। (ख) पुलिस चौकी रैगांव का थाने में उन्नयन किये जाने का प्रस्ताव शासन द्वारा निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप नहीं होने से अमान्य किया गया है। (ग) जानकारी उत्तरांश (क) एवं (ख) अनुसार, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगर पालिक निगम सतना के द्वारा निर्माण कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
20. ( क्र. 128 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिक निगम सतना एवं कटनी में प्रश्न दिनांक तक आई.एच.एस.डी.पी. योजना अंतर्गत कितने टेंडर कब-कब जारी किये गये? कितने कार्य किस दिनांक को पूर्ण हुये? पूर्ण हुये कार्यों का पूर्णता प्रमाण पत्र जारी किये गये? यदि नहीं, तो क्या कारण हैं, क्या पूर्ण हुये कार्यों के प्रस्तुत देयकों के अंतिम भुगतान हो गये? पृथक-पृथक विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) के जो कार्य पूर्ण नहीं हुये उनके अंतिम देयक कब प्राप्त हुये? शेष कार्यों को पूर्ण करने के लिये निविदा कब-कब बुलाई गई? जिन निविदाकारों द्वारा कार्य पूर्ण नहीं किया गया उनके विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? पूर्ण भवनों को कब-कब किनको-किनको आवंटित किये गये, कितने शेष हैं, कौन उत्तरदायी है? (ग) सार्थक हास्पिटल-यूएसए नाला सतना तक बड़ी नाली बनाने का क्या उद्देश्य था? उद्देश्य के विपरीत इसका सही लेबल न लेकर नाली का ढाल अमर ज्ञान ज्योति स्कूल के आगे पूर्व की ओर न करके पश्चिम क्यों कर दिया गया है? इसके लिये कौन जवाबदार है, क्या नाली का लेवल सुधार कराकर पूरा ढाल पूर्व की ओर किया जावेगा? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार उक्त कार्य की स्वीकृत लागत, प्रगति कार्य का व्यय तथा कार्य एजेन्सी की जानकारी दें। प्रश्न क्रमांक 493 दि. 23/9/2020 अनुसार कार्य प्रगति की जानकारी देवें। अब तक कार्य न होने के लिये उत्तरदायियों पर क्या कार्यवाही की गई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम सतना में प्रश्न दिनांक तक आई.एच.एस.डी.पी. योजनांतर्गत दो पृथक-पृथक कार्यों क्रमशः फेज-1 एवं फेज-2 हेतु कुल 06 टेंडर क्रमशः दिनांक 15.12.2010, दिनांक 17.02.2014 (रिस्क एण्ड कास्ट पर प्रथम आमंत्रण) दिनांक 23.10.2015 (रिस्क एण्ड कास्ट पर प्रथम आमंत्रण) को जारी किए गए। उपरोक्त फेज-1 एवं फेज-2 के दोनों कार्य दिनांक 24.03.2017 को पूर्ण हुए। जी हां, पूर्ण हुए कार्यों के पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी किए गए। पूर्ण हुए कार्यों के प्रस्तुत देयकों के भुगतान हो गए है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब-1'' अनुसार है। नगर पालिक निगम, कटनी द्वारा आई.एच.एस.डी.पी. योजनांतर्गत समय-समय पर 40 बार निविदायें आमंत्रित की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। कार्य पूर्ण होने एवं पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी करने एवं भुगतान का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब-2'' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के परिपेक्ष्य में नगर निगम सतना में कार्य पूर्ण होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। पूर्ण हुए भवनों का आवंटन अभी नहीं हुआ है। जिसके लिए कोई भी उत्तरदायी नहीं है। नगर पालिक निगम कटनी में योजनांतर्गत अपूर्ण कार्यों के अंतिम देयकों के संबंध में विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब-2'' अनुसार है। शेष अपूर्ण कार्यों को पूर्ण करने हेतु रिस्क एण्ड कास्ट के आधार पर निविदायें आमंत्रित दिनांक 27.08.2016, 27.09.2016, 09.11.2016, 07.12.2016, 19.01.2017, 27.04.2017, 27.05.2017, 18.08.2017 एवं 24.10.2017 को आमंत्रित की गई एवं निविदायें स्वीकृति उपरांत कार्य प्रारंभ कराये गये, जो प्रगति पर हैं। योजनांतर्गत जिन निर्माण एजेंसियों द्वारा कार्य पूर्ण नहीं किये गये है, उन्हें समय-समय पर नोटिस जारी किये गये है, इसके उपरांत भी जिन निर्माण एजेंसियों द्वारा कार्य पूर्ण नहीं किया गया, उनका अनुबंध नियम अनुसार निरस्त करते हुए जमा राशि राजसात की गई। निर्माण एजेंसियों को जारी किये गये पत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। योजनांतर्गत आवंटित किये गये भवनों के हितग्राहियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''द'' अनुसार है। योजनांतर्गत 965 पूर्ण निर्मित भवनों का आवंटन किया गया है, जिसमें से 534 हितग्राहियों द्वारा भवनों का कब्जा प्राप्त नहीं किया गया है। जिसके कारण शेष 431 भवनों के आवंटन हेतु मेयर-इन-काउंसिल के प्रस्ताव क्रमांक 13, दिनांक 10.06.2019 द्वारा दी गई स्वीकृति अनुसार हितग्राहियों से पुनः आवेदन पत्र आमंत्रित किये गये है। प्राप्त आवेदनों के दस्तावेजों का परीक्षण/सत्यापन कराया गया है। योजना की गाईड लाईन के प्रावधान अनुसार आवंटन की कार्यवाही प्रचलित है इसलिए शेष भवनों के आवंटन हेतु कोई उत्तरदायी नहीं है। (ग) नगर पालिक निगम सतना में सार्थक हास्पिटल से यूएसए नाला तक बड़ी नाली बनाने का उद्देश्य स्टार्म वाटर का प्रापर ड्रेनेज किया जाना था। भौगोलिक स्थिति को देखते हुए नाली का ढाल अमर ज्ञान ज्योति स्कूल के आगे पूर्व की ओर न करके पश्चिम की ओर किया गया है, जो उद्देश्य के विपरीत नहीं है। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता। (घ) नगर पालिक निगम सतना में बड़ी नाली के निर्माण के लिए राशि रू. 51,10,500/- की स्वीकृति है। प्रश्न दिनांक तक कार्य की प्रगति 50 प्रतिशत एवं कार्य पर अब तक राशि रू. 28,84,547/- का व्यय हुआ है। कार्य की एजेंसी मेसर्स श्रवण कंसट्रक्शन है। प्रश्न क्रमांश 493 दिनांक 23.09.2020 अनुसार कार्य प्रगति की जानकारी संलग्न पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ई'' अनुसार है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं।
वर्षाकाल में अतिवृष्टि से क्षतिग्रस्त मकान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
21. ( क्र. 131 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में विगत वर्षाकाल में अतिवृष्टि से पूर्ण क्षतिग्रस्त हुए मकानों की जानकारी विकासखण्ड अनुसार देवें। (ख) क्या कलेक्टर बालाघाट द्वारा क्षतिग्रस्त हुए मकानों को सेक (SECC) सूची के नाम होने की दशा में हितग्राहियों को प्राथमिकता पर मकान आवंटित करने संबंधी क्या कोई प्रस्ताव शासन को भेजा गया है? यदि हाँ, तो शासन ने उस प्रस्ताव पर क्या कार्यवाही की? (ग) प्रदेश के जिलों में अतिवृष्टि से क्षतिग्रस्त हुए मकानों को बनाने हेतु प्रधानमंत्री आवास योजना से आवंटित मकानों की जानकारी जिलावार एवं विधानसभा क्षेत्र अनुसार दें। (घ) बालाघाट जिले में क्षतिगस्त हुए मकानों को बनाने हेतु आवंटन कब तक दे दिया जाएगा?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ब अनुसार है। (ग) निरंक। (घ) जिले से वांछित पूर्ण जानकारी प्राप्त होने पर स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलित है।
मुख्यमंत्री ग्राम सरोवर योजना के कार्यों के लंबित देयकों का भुगतान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
22. ( क्र. 138 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री ग्राम सरोवर योजना के अन्तर्गत अधिकांश सरोवरों का निर्माण संबंधित ठेकेदारों के द्वारा समय सीमा में पूर्ण किया जा चुका है परन्तु लगभग एक वर्ष पश्चात भी ठेकेदारों को विभाग द्वारा लंबित देयकों का पूर्ण भुगतान नहीं किया गया है? जिसके कारण ठेकेदारों द्वारा सरोवर निर्माण कार्यों में लगाये गये मजदूरों, राजमिस्त्रियों, ट्रक ड्रायवरों, क्लीनरों व अन्य को मजदूरी का भुगतान अभी तक नहीं किया जा सका है? भुगतान नहीं होने के कारण मजदूरों को आर्थिक परेशानी हो रही है विभाग द्वारा लंबित देयकों का पूर्ण भुगतान संबंधित ठेकेदारों को अभी तक नहीं किए जाने का क्या कारण है? (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा लंबित देयकों के भुगतान हेतु मान मंत्रीजी को पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2020/448 दिनांक 08.09.2020 एवं मुख्य सचिव महोदय को पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2020/460 दिनांक 10.09.2020 तथा अपर मुख्य सचिव महोदय को पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2020/447 दिनांक 08.09.2020 प्रेषित किए जा चुके हैं, जिन पत्रों पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार जिन ठेकेदारों द्वारा सरोवरों का निर्माण कार्य किया गया है ऐसे सभी संबंधित ठेकेदारों को लंबित देयकों का भुगतान कब तक कर दिया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी हाँ। योजनांतर्गत आवंटन की अनुपलब्धता के कारण लंबित देयको का भुगतान संबधित ठेकेदारों को नहीं किया जा सका है। (ख) प्रश्नकर्ता के पत्र पर कार्यवाही कर सरोवर निर्माण की राशि उपलब्ध कराने हेतु वित्त विभाग एवं आयुक्त पंचायत राज संचालनालय को लेख किया गया है। (ग) योजनांतर्गत आवंटन उपलब्ध होने पर संबंधित ठेकेदारों को लंबित देयकों का भुगतान कर दिया जावेगा।
तालाब परकोलेशन टैंक एवं ग्रेवल मार्ग की जांच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
23. ( क्र. 139 ) श्री धरमू सिंग सिरसाम : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सी.ई.ओ. जिला पंचायत बैतूल श्री एम.एल. त्यागी के विरूद्ध श्री राजेश ओझा शंकर नगर बैतूलगंज बैतूल ने जिले में वर्ष 2017-18 से बनाए गए तालाब परकोलेशन टैंक एवं ग्रेवल मार्ग में गौण खनिज की अनुमति एवं टेस्ट रिपोर्ट से संबंधित दिनांक 15/9/2020, दिनांक 13/10/2020 एवं दिनांक 2 नवम्बर 2020 को की गई शिकायतों की प्रश्नांकित दिनांक तक भी जांच पूरी नहीं की गई? (ख) वर्ष 2017-2018 से प्रश्नांकित दिनांक तक बैतूल जिले में किस ग्राम की कितनी लागत का परकोलेशन टैंक, तालाब एवं ग्रेवल मार्ग किसे स्वीकृत किया? इनमें कितने गौण खनिज का उपयोग किया गया? (ग) राजेश ओझा ने अपनी शिकायत दिनांक 15/9/2020 में किस-किस विषय की जांच का निवेदन किया था? उसमें से किस-किस की जांच किन-किन कारणों से प्रश्नांकित दिनांक तक पूरी नहीं की गई? जांच कब तक पूरी की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्र दिनांक 15.09.2020 दिनांक 13.10.2020 एवं दिनांक 02.11.2020 द्वारा जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''1'' अनुसार। तालाब निर्माण, परकोलेशन टैंक निर्माण में करोड़ों रुपये के घोटाले की जांच बाबत् अनुरोध किया गया था। यह सही नहीं है कि यह जांच सीईओ जिला पंचायत श्री एम.एल.त्यागी के विरुद्ध थी। प्रश्नांकित शिकायतों पर कार्यपालन यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग बैतूल तथा मुलताई से बिंदुवार जांच कराई जाकर जांच प्रतिवेदन प्राप्त किये गये। इन जांच प्रतिवेदनो से शिकायतकर्ता श्री राजेश ओझा को कार्यालयीन पत्र क्रमांक 8172 दिनांक 24.11.2020 को जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''2'' अनुसार अवगत भी कराया गया। शिकायतकर्ता के संदर्भित पत्रों में किसी कार्य विशेष की जांच का उल्लेख नहीं था। अतः शिकायतकर्ता को यह भी लेख किया गया कि शिकायतकर्ता के संज्ञान में किसी कार्य विशेष की जानकारी हो तो कार्यालय को उपलब्ध कराये ताकि नियमानुसार आवश्यक जांच की कार्यवाही की जा सके। प्रश्नांकित दिनांक तक शिकायतकर्ता द्वारा इस संबंध में कार्यालय को कोई भी जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई। अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''3'' अनुसार। (ग) शिकायकर्ता द्वारा दिनांक 15.09.2020 में तालाब निर्माण, परकोलेशन निर्माण में करोड़ों रुपये के घोटाले की जांच एवं कार्यवाही बाबत् 06 बिंदुओं पर जांच बाबत् अनुरोध किया गया था। उक्त 06 बिंदुओं के संबंध में कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग बैतूल तथा मुलताई से बिंदुवार जांच कराई जाकर जांच प्रतिवेदन से कार्यालयीन पत्र क्रमांक 8172 दिनांक 24.11.2020 को जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''2'' अनुसार शिकायतकर्ता को अवगत कराया गया। अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
मनरेगा अन्तर्गत अपूर्ण कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
24. ( क्र. 148 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मनरेगा अंतर्गत क्या-क्या कार्य स्वीकृत किये जा सकते हैं? वित्तीय वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में विधानसभा क्षेत्र 140 उदयपुरा में मनरेगा अन्तर्गत हितग्राही मूलक एवं सामुदायिक मूलक कार्य कितनी संख्या में स्वीकृत किये गये है? उनमें से कितने कार्य कब-कब पूर्ण हुये? (ख) उक्त स्वीकृत कार्यों में से कौन-कौन से कार्य कितनी संख्या में अपूर्ण तथा अप्रारंभ हैं तथा क्यों? कारण बतायें। कितने अपूर्ण कपिलधारा कूप की सी.सी.किस-किस अधिकारी ने जारी की? (ग) प्रश्नांश (ख) की ग्राम पंचायतों में बड़ी संख्या में कार्य अपूर्ण रहने के बाद भी नवीन कार्य क्यों स्वीकृत किये जा रहे हैं? उक्त ग्राम पंचायतों में अपूर्ण कार्यों में मजदूरों को रोजगार क्यों नहीं दिया जा रहा है? (घ) क्या मनरेगा का उद्देश्य मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराना है? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (ख) के अपूर्ण कार्यों की ग्राम पंचायतों में मजदूरों को रोजगार न देकर नवीन कार्य स्वीकृत करने वालों के विरूद्ध विभाग क्या-क्या कार्यवाही करेगा?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा मनरेगा क्रियान्वयन हेतु जारी वार्षिक मास्टर परिपत्र 2020-21 अनुसार स्वीकृत किये जा सकने वाले कार्यों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -1 अनुसार है। प्रश्नाधीन अवधि में विधानसभा क्षेत्र 140 उदयपुरा में मनरेगा अन्तर्गत 11770 हितग्राही मूलक एवं 1534 सामुदायिक मूलक कार्य स्वीकृत किये गये हैं। प्रश्नाधीन अवधि में वर्षवार पूर्ण किये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -2 अनुसार है। (ख) अपूर्ण कार्यों की वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 3 अनुसार है तथा कोई भी कार्य अप्रारंभ नहीं है। कार्यों का पूर्ण होना योजनांतर्गत जॉबकार्डधारी परिवारों द्वारा काम की मांग तथा सामग्री मद में राशि के सतत् प्रवाह पर निर्भर होने से अपूर्ण है। अपूर्ण कपिलधारा कूप की सी.सी. किसी भी अधिकारी द्वारा जारी नहीं की गयी है। (ग) कोविड में स्थानीय स्तर पर मजदूरों को अधिक रोजगार उपलब्ध कराने हेतु मनरेगा गाईड लाईन अनुसार नवीन कार्य प्रारंभ कराकर रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है एवं पुराने अपूर्ण साध्य कार्यों पर भी निर्माण कार्य प्रगतिरत करते हुये रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। (घ) जी हाँ। मनरेगा का उद्देश्य रोजगार उपलब्ध कराने के साथ-साथ शासकीय परिसंपत्ति निर्मित करना भी है। उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
निवाड़ी जिले में पर्यटन को बढ़ावा
[पर्यटन]
25. ( क्र. 165 ) श्री अनिल जैन : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) निवाड़ी जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने की शासन की क्या योजना है? यदि कोई योजना है तो अवगत करायें। (ख) निवाड़ी जिले में ओरछा, गढ़कुण्डार वीरसागर आदि अनेक पर्यटक स्थल हैं, उनमें पर्यटकों एवं पर्यटन की अपार संभावना है, इन स्थानों पर शासन की क्या योजना है? (ग) जिला निवाड़ी अन्तर्गत धार्मिक एवं ऐतिहासिक नगरी ओरछा में देशी-विदेशी पर्यटक काफी संख्या में आते हैं, क्या इनको जिले के अन्य पर्यटक स्थानों पर भ्रमण कराने हेतु शासन द्वारा कोई बस सेवा शुरू की जा सकती है, जिससे जिले में पर्यटन को बढ़ावा मिल सके? (घ) विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत ओरछा एवं गढ़कुण्डार में वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक पुरातत्व विभाग ने क्या क्या कार्य कराये? कार्यवार, राशिवार, एजेन्सीवार एवं सत्यापनकर्ता का नाम बतायें। क्या उक्त कार्य पूर्ण कर लिये गये हैं या नहीं? कब तक पूर्ण कर लिये जायेंगे?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) निवाडी जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु ओरछा हेतु भारत सरकार, पर्यटन मंत्रालय की स्वदेश दर्शन योजनांतर्गत ''हेरिटेज सर्किट'' के अंतर्गत कम्पोनेट स्वीकृत है। निवाड़ी जिले में पर्यटन के बढ़ाने के उद्देश्य से ग्रामीण पर्यटन अंतर्गत 02 ग्रामों लाडपुराखास व रामनगर को चयनित कर पर्यटन ग्राम के रूप में विकसित किया जा रहा है। निवाड़ी जिले के ओरछा में निजी निवेशक द्वारा नवीन कैंप साइट विकसित की गई है। ओरछा में बेतवा नदी पर 'जल पर्यटन प्रक्रिया 2017' के तहत निजी निवेशकों को जल पर्यटन हेतु लायसेंस दिए जा रहे है। वर्तमान में निजी निवेशक द्वारा 'राफ्टिंग' गतिविधि संचालित है। (ख) भारत सरकार, पर्यटन मंत्रालय की स्वदेश दर्शन योजनांतर्गत 'हेरिटेज सर्किट' के अंतर्गत ओरछा में विभिन्न पर्यटन अधोसंरचनायें एवं जनसुविधायें विकसित की गई है। जिसके अंतर्गत ओरछा में टूरिस्ट फैसिलिटेशन सेंटर, डेवलपमेंट ऑफ हेरिटेज गेट (गुदरी दरवाजा) का निर्माण एवं फोकस लाइट तथा सोलर इल्यूमिनेशन के कार्य (जहांगीर महल, शीश महल, चतुर्भुज मंदिर, छतरियां) पूर्ण किए जा चुके हैं। स्थानीय गाइडों को फ्रेंच भाषा का प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है जिससे कि विदेशी पर्यटकों को ओरछा घुमने में सुविधा हो। स्थानीय स्तर पर महिलाओं को ई-रिक्शा प्रशिक्षण प्रदान कर स्वरोजगार हेतु बैंक के माध्यम से ई-रिक्शा प्रदान किया गया है। महिलाओं द्वारा ई-रिक्शा का संचालन ओरछा व अन्य आस-पास के स्थलों पर किया जा रहा है। अन्य स्थानों हेतु वर्तमान में काई योजना नहीं है। (ग) जी नहीं। वर्तमान में काई योजना नहीं है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
जय किसान ऋण माफी योजना का क्रियान्वयन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
26. ( क्र. 170 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में जय किसान ऋण माफी योजना के अंतर्गत दिसम्बर 2018 से आज दिनांक तक प्रथम और द्वितीय चरण में कुल कितने किसानों के ऋण माफ किये गये एवं कितनी राशि माफ की गई? तहसीलवार संख्या बताएं। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कुल कितने किसान ऋण माफी हेतु शेष बचे हैं? उक्त शेष रहे किसानों की ऋण माफी कब तक की जावेगी? (ग) उज्जैन जिले में रूपये एक लाख तक की राशि के कितने किसानों के ऋण माफ किये हैं? कितने किसान शेष है? इन किसानों के ऋण कब तक माफ कर दिये जावेंगे? यदि नहीं, तो क्यों? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) के तारतम्य में वर्तमान सरकार रूपये दो लाख तक के ऋण वाले किसानों की कर्ज माफी करने का निर्णय कब तक लेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
27. ( क्र. 178 ) श्री बाबू जण्डेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पी.एम.जी.एस.वाई. योजनान्तर्गत श्योपुर विधानसभा क्षेत्र में कौन-कौन से कार्य स्वीकृत हैं? उक्त स्वीकृत कार्य कब तक प्रारम्भ करा दिये जाएंगे? प्रश्नकर्ता द्वारा प्रेषित पत्र क्रं. 443 दिनांक 15.07.2019 पर क्या कार्यवाही की गयी? (ख) क्या काली तलाई से नीमोदामठ तक 8 किमी कार्य पूर्ण हो चुका है? यदि हाँ, तो उक्त रोड पर 1 किमी रोड एवं सीप नदी पर पुल का निर्माण कब तक करा दिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) श्योपुर विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत स्वीकृत सड़क निर्माण कार्य जाटखेड़ा से मातासूला, बड़ौदा रोड़ से कूंडहवेली, बड़ौदारोड से तलावदा ढोंढपुर रोड की निविदायें कब तक आमंत्रित कर दी जावेगी?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। प्रश्न में उल्लेखित पत्र के 62 मार्गों में से 21 मार्ग संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-3 की प्राथमिकता सूची में है। योजना के दिशा निर्देशों के अनुरूप पात्रता क्रम एवं आवंटित लंबाई की सीमा में आने पर भारत सरकार को अग्रेषित किये जा सकेंगे। शेष 41 मार्ग योजना के दिशानिर्देशों के अनुरूप न होने के कारण निर्माण किया जाना संभव नहीं है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) जी हाँ। इसी मार्ग पर 04 बड़े पुलों का निर्माण अन्य अनुबंध के अंतर्गत प्रगतिरत है। मार्ग के लक्षित ग्राम निमोदामठ के बाद 01 कि.मी. बढ़ाने एवं सीप नदी पर पुल बनाया जाना प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के मापदण्डों के अनुरूप न होने के कारण संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित मार्ग वर्तमान में स्वीकृत नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय जमीन का विक्रय एवं अवैध निर्माण कराने की जांच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
28. ( क्र. 182 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले की विकासखण्ड विजयराघवगढ़ की ग्राम पंचायत परसवारा के सरपंच द्वारा शासकीय एवं ग्राम पंचायत की जमीनों का विक्रय किया जा रहा है और उक्त राशि पंचायत मद में जमा नहीं की जा रही है तथा खेल मैदान में लोगों से राशि लेकर पचास से अधिक मकानों का निर्माण कराया गया और इसी तरह सरपंच द्वारा अपात्र हितग्राहियों को शौचालय की राशि प्रदान कर शासकीय राशि का गबन किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित गम्भीर अनियमितताओं की जांच हेतु क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 28 दिनांक 21/05/2020 एवं स्मरण पत्र क्रमांक 214 दिनांक 19/07/2020 मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत कटनी को प्रेषित किया गया है? यदि हाँ, तो क्या जांच की गई? सम्पूर्ण जांच प्रतिवेदन की छायाप्रति उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या सरपंच ग्राम पंचायत परसवारा द्वारा शासकीय जमीन को विक्रय करने एवं गम्भीर शासकीय अनियमितताओं के विरूद्ध एफ.आई.आर. पंजीबद्ध करते हुए दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। प्रश्नांश (क) में वर्णित शिकायतों की जांच, जांच प्रतिवेदन अनुसार आंशिक रूप से प्रमाणित पाई गई। जांच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश- (क) एवं (ख) के परिपेक्ष्य में जांच प्रतिवेदन अनुसार प्रधान एवं सचिव ग्राम पंचायत के विरूद्ध एफ.आई.आर पंजीबद्ध कराने हेतु जिला पंचायत कार्यालय कटनी के पत्र क्रमांक 8552/पं.से. स्थापना/2020 कटनी दिनांक 10.12.2020 द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत विजयराघवगढ़ को निर्देशित किया गया है।
बहोरीबंद तहसील अंतर्गत व्यवहार न्यायालय की स्थापना
[विधि और विधायी कार्य]
29. ( क्र. 184 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बहोरीबंद तहसील अंतर्गत व्यवहार न्यायालय की स्थापना की जाना प्रस्तावित है? इस सम्बंध में प्रश्नकर्ता द्वारा पूछे गए प्रश्न के उत्तर में शासन द्वारा इसे शीघ्र प्रारंभ करने का कथन किया गया था यदि हाँ, तो तत्सम्बंध पर हुई प्रगति से अवगत करावें एवं यह भी बतलावें कि क्या शासन द्वारा बी.आर.सी.सी. भवन बहोरीबंद को न्यायालय के स्वरुप में परिवर्तित करने तथा न्यायाधीश जी के आवास हेतु चयनित भवन के सुधार कार्य एवं चारदीवारी के निर्माण हेतु लोक निर्माण विभाग को कितने दिन में सुधार कार्य करने हेतु कितनी राशी आवंटित की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में इसे किस प्रकार से कब तक स्थापित कर न्यायालयीन कार्य बहोरीबंद में प्रारंभ कर दिये जावेंगे?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश राजपत्र दिनांक 16-12-2016 में प्रकाशित अधिसूचना के अनुसार बहोरीबंद, जिला कटनी में व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2 का 1 पद स्वीकृत किया गया है। राज्य शासन के आदेश दिनांक 05-11-2019 के द्वारा बहोरीबंद, जिला कटनी में व्यवहार न्यायालय के संचालन हेतु चयनित भवन में मरम्मत का कार्य कराए जाने हेतु रूपये 5.00 लाख एवं न्यायिक अधिकारियों के लिए प्रस्तावित आवासीय भवन की मरम्मत हेतु रूपये 12.10 लाख एवं प्रस्तावित आवासीय भवन की बाउण्ड्रीवॉल के निर्माण हेतु रूपये 5.46 लाख की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृती प्रदान की गई है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश, कटनी के पत्र क्रमांक 1883 दिनांक 10-12-2020 के द्वारा प्रदान की गई जानकारी अनुसार उक्त आवासीय भवन में अनुरक्षण एवं बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण कार्य 90 प्रतिशत एवं न्यायालय कक्ष में मरम्मत संबंधी कार्य 50 प्रतिशत पूर्ण हो गए है तथा कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग, कटनी के द्वारा प्रदान की गई जानकारी अनुसार उक्त निर्माण कार्यों को दिनांक 31-12-2020 तक पूर्ण कर लिया जावेगा। (ख) मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की न्यायालय स्थापन निति, 2014 में निर्धारित किए गए मापदण्डों के अनुरूप उपलब्धता होने पर बहोरीबंद जिला कटनी में व्यवहार न्यायालय प्रारंभ किए जाने पर विचार किया जा सकता है।
मनरेगा अंतर्गत मण्डला जिले में कराए गए कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
30. ( क्र. 185 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मनरेगा अंतर्गत मण्डला जिले में वर्ष 2019 व 2020 में पंचायतों में कौन कौन से कार्य कराए गए हैं? कुल कितनी राशि खर्च की गई एवं कितने श्रमिक दिवस अर्जित किये गए हैं? (ख) क्या गरीब कल्याण योजनांतर्गत मण्डला जिले में मनरेगा का लक्ष्य बढ़ाया गया था? यदि हाँ, तो उस लक्ष्य के विरुद्ध मण्डला जिले की क्या स्थिति है? (ग) क्या राज्य मनरेगा परिषद द्वारा मनरेगा से शासकीय स्कूलों की बाउंड्रीवॉल, आंगनवाड़ी भवन आदि के निर्माण की अनुमति दी गई थी? यदि हाँ, तो मण्डला जिले में कितने स्कूलों की बाउंड्रीवॉल व आंगनवाड़ी भवन बनाये गए एवं उनमें कुल कितनी राशि खर्च की गई? क्या जिले के जनप्रतिनिधियों द्वारा इस आदेश का उल्लेख करते हुए आवश्यकता के अनुरूप बाउंड्रीवॉल व आंगनवाड़ी भवन निर्माण के प्रस्ताव दिए गए थे? यदि हाँ, तो जिले के किन किन जनप्रतिनिधियों ने कौन कौन से प्रस्ताव दिए थे एवं उनमें से कौन कौन से कार्य प्रारंभ करवाये गए हैं? यदि नहीं, करवाये गए तो क्यों? (घ) क्या मनरेगा अंतर्गत कार्यों के आधार पर मण्डला जिले को सी ग्रेड दिया गया है? यदि हाँ, तो इसके क्या कारण हैं? इसके लिए दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की जाएगी?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। वर्ष 2019-20 में कुल रू. 162.20 करोड़ की राशि व्यय की गयी एवं 86.44 लाख श्रमिक दिवस अर्जित किये गये तथा वर्ष 2020-21 में प्रश्न दिनांक तक कुल रू. 200.11 करोड़ की राशि व्यय की गयी एवं 99.31 लाख श्रमिक दिवस अर्जित किये गये। (ख) जी हाँ, मण्डला जिले का वर्ष 2020-21 का मनरेगा अंतर्गत लेबर बजट लक्ष्य 92.85 लाख मानव दिवस से बढ़ाकर 147.19 लाख मानव दिवस निर्धारित किया गया। पुनरीक्षित लक्ष्य के विरूद्ध दिनांक 16.12.2020 तक जिले द्वारा 99.31 लाख मानव दिवस का रोजगार जाबकार्डधारी श्रमिकों को उपलब्ध कराया जा चुका है। (ग) जी हाँ। मनरेगा अंतर्गत शासकीय स्कूलों की बाउण्ड्रीवॉल, आंगनवाड़ी भवन निर्माण अभिसरण अंतर्गत किये जाने के निर्देश क्रमश: दिनांक 08.03.2019 एवं दिनांक 21.01.2014 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 एवं 3 अनुसार है। जिले में 15 बाउण्ड्रीवॉल निर्माण कार्य प्रारंभ किये गये हैं जिनमें राशि रू. 17.68 लाख व्यय की गयी है एवं 26 आंगनवाड़ी भवन प्रारंभ किये जा चुके हैं जिनमें राशि रू. 46.09 लाख व्यय की गयी है। जी हाँ। माननीय विधायक महोदय विधानसभा क्षेत्र बिछिया द्वारा जनपद पंचायत बिछिया के लिए 316 स्कूलों की बाउन्ड्रीवाल निर्माण एवं 48 आंगनवाड़ी भवन निर्माण के प्रस्ताव, जनपद पंचायत मवई के 256 स्कूलों की बाउन्ड्रीवाल निर्माण एवं 90 आंगनवाड़ी भवन निर्माण के प्रस्ताव एवं जनपद पंचायत घुघरी के 253 स्कूलों की बाउन्ड्रीवाल एवं 66 आंगनवाड़ी भवन निर्माण के प्रस्ताव प्रेषित किये गये है इसी तरह माननीय पूर्व विधायक महोदय विधान सभा क्षेत्र मण्डला द्वारा जनपद पंचायत मवई के 25 स्कूलों की बाउन्ड्रीवाल निर्माण के प्रस्ताव दिये गये हैं। माननीय जनप्रतिनिधियों से प्राप्त प्रस्तावों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। बाउण्ड्रीवॉल हेतु स्कूलों का चयन कार्य स्कूल शिक्षा विभाग/राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा एवं आंगनवाड़ी का चयन महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा किया जाता है। माननीय विधायक महोदय विधानसभा क्षेत्र बिछिया द्वारा प्रेषित बाउण्ड्रीवॉल के प्रस्तावों में से 01 कार्य जनपद पंचायत मवई- बाउण्ड्रीवॉल निर्माण कार्य स्कूल परिसर जमगांव एवं 04 कार्य जनपद पंचायत बिछिया के क्रमानुसार 1. बाउण्ड्रीवॉल निर्माण कार्य प्रायमरी एण्ड मिडिल स्कूल घोंट 2. बाउण्ड्रीवॉल निर्माण कार्य पी/एस नारायनी जार 3. बाउण्ड्रीवॉल निर्माण कार्य प्रायमरी स्कूल एण्ड मिडिल स्कूल 4. बाउण्ड्रीवॉल निर्माण कार्य मिडिल स्कूल राता का कार्य जिले द्वारा संपादित कराये जा रहे 15 बाउण्ड्रीवॉल निर्माण के कार्यों में शामिल हैं। शासकीय स्कूलों में पहुँच मार्ग, खेल मैदान का विकास एवं बाउण्ड्रीवॉल के निर्माण के संबंध में आयुक्त मनरेगा व आयुक्त राज्य शिक्षा केन्द्र के संयुक्त हस्ताक्षर से परिपत्र दिनांक 01.12.2020 जारी किया गया है। पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 5 अनुसार है। माननीय विधायक के प्रस्तावों पर परिपत्र अनुसार अपेक्षित कार्यवाही हेतु जिला परियोजना समन्वयक जिला शिक्षा केन्द्र जिला मण्डला को प्रस्ताव प्रेषित किये जा चुके हैं। (घ) जी हाँ, (74/100 अंक,C ग्रेड) राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर मनरेगा प्रगति के आंकलन हेतु विभिन्न महत्वपूर्ण बिन्दुओं यथा- अपूर्ण कार्य, श्रमिक नियोजन, समय पर भुगतान का प्रतिशत आदि के आधार पर ग्रेडिंग जारी की जाती है। ग्रेडिंग की प्रगति भारत सरकार से प्राप्त होने वाली राशि उपलब्धता पर भी निर्भर होती है, रैकिंग प्रक्रिया का उद्देश्य अधिकाधिक प्रगति प्राप्त किये जाने हेतु जिलों के मध्य स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित किया जाना है, ग्रेडिंग के बिन्दुवार मापदंड पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 अनुसार है। ग्रेंडिंग के आधार पर किसी भी कार्यवाही का प्रावधान नहीं है, अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार से प्राप्त आवंटन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
31. ( क्र. 187 ) श्री संजय उइके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन्द्र सरकार से आदिवासी उपयोजना क्षेत्र एवं राज्य सरकार के बजट से आर्थिक एवं सामाजिक क्षेत्र के अंतर्गत अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजातियों के लिये किये गये प्रावधानों का योजनावार (सब स्कीम के अंतर्गत) विभिन्न योजनाओं हेतु राशि प्राप्त की जाती है? (ख) यदि हाँ, तो वितीय वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक कितनी- कितनी राशि कब-कब योजनावर प्राप्त हुई एवं कितनी-कितनी राशि जिलों को योजनावर आवंटित की गयी? (ग) केन्द्र सरकार राज्य सरकार से विभिन्न योजनाओं में जिला बालाघाट को किन-किन योजनाओं में कितनी-कितनी राशि कब-कब प्राप्त हुई एवं कितनी-कितनी राशि जनपदवार व्यय की गई? वित्तीय वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक की जानकारी बतावें।
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
योजनान्तर्गत प्राप्त राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
32. ( क्र. 188 ) श्री संजय उइके : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन्द्र सरकार से राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन प्रधानमंत्री आवास योजना एवं राज्य सरकार के बजट आर्थिक एवं सामाजिक क्षेत्र के अंतर्गत अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जातियों के लिये किये गये प्रावधानों (सब स्कीम) के अंतर्गत अटल मिशन फ़ार रिजुवेनेशन एंड अर्बन ट्रान्सफ़ारमेंशन, हाउसिंग फार आल, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन, एम. पी. अर्बंन सर्विसेस इम्प्रवमेंट प्रोग्राम (ए.डी.बी.), 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा अनुसार स्थानीय निकायों को अनुदान योजनाओं में राशि प्राप्त हुई है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार की योजनाओं में कितनी-कितनी राशि प्राप्त की गई एवं कितनी-कितनी राशि किन-किन निकायों को दी गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
दुष्कृत्य के आरोपियों को फांसी की सजा
[गृह]
33. ( क्र. 191 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्ष 2017-18 से 2020-21 तक जिलावार दुष्कृत्य के कितने मामलों में कितने आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई गई है? कितने प्रकरणों में अपील की गई है? जानकारी दें। (ख) जिला जबलपुर में प्रश्नांश (क) अवधि में महिलाओं, बालिकाओं, नाबालिग कन्याओं के साथ दुष्कृत्य सामूहिक दुष्कृत्य, दुष्कृत्य व हत्या, अपहरण, शादी का प्रलोभन देकर शारीरिक शोषण करना, छेड़खानी, धमकियों व ब्लैक मेलिंग से परेशान होकर आत्महत्या करना, देहव्यापार व मानव तस्करी से संबंधित कितने-कितने प्रकरण पंजीकृत किये गये है? थानावार संख्यात्मक जानकारी दें। (ग) प्रश्नांकित कितने मामले फास्टट्रेक न्यायालयों में प्रस्तुत किये गये हैं? कितने प्रकरणों में न्यायालयों द्वारा कितने आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई गई? कितने प्रकरणों में अपील की गई है? कितने प्रकरणों में आरोपियों को पीड़िताओं की विस्तृत मेडिको लीगल जांच में साक्ष्यों के अभाव में जमानत का लाभ मिला है? कितने प्रकरण विभिन्न न्यायालयों में लंबित हैं एवं कितने प्रकरण विवेचना में हैं? (घ) शासन ने प्रश्नांश (क) अवधि में प्रदेश में दुष्कृत्य के कितने मामलों में पीड़िताओं का इलाज कराया है एवं कितने पीड़िताओं के परिजनों को कितनी-कितनी राशि की आर्थिक सहायता दी है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वाटर सेट अंतर्गत हार्वेस्टिंग तालाब निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
34. ( क्र. 208 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले अन्तर्गत विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ में जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितने वाटर सेट अंतर्गत हार्वेस्टिंग तालाब बनाये गये? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार किन-किन गॉवों में कितने-कितने तालाब कितनी लागत के बनाये गये? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार प्रत्येक वाटर सेट अंतर्गत हार्वेस्टिंग तालाबों में कितनी राशि मजदूरों के भुगतान पर खर्च की गई? मस्टर रोल की छायाप्रतियाँ उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (क) अंतर्गत कितने तालाब का निर्माण शासकीय भूमि पर एवं कितने तालाब का निर्माण निजी भूमि/पट्टे की भूमि में कराया गया है? भूमि स्वामी का नाम/ग्राम उपयोग की गई भूमि की जानकारी उपलब्ध करायें।
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र– ''अ एवं ब'' अनुसार है।
आवास निर्माण में विलम्ब पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
35. ( क्र. 210 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला-अनूपपुर के अन्तर्गत नगर पंचायत अमरकंटक में प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत कुल कितने आवास स्वीकृत किये गये हैं? आवास निर्माण हेतु कितनी धनराशि नगर, पंचायत को प्रदान की गई? लाभान्वित हितग्राहियों के नाम/पता सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कितने हितग्राहियों का प्रधानमंत्री आवास निर्माण योजना अंतर्गत आवास का निर्माण कराया जा चुका है? कितने पूर्ण हैं? हितग्राहियों के नाम/ग्राम सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) नगर पंचायत अमरकंटक में अभी तक पूर्ण स्वीकृत आवास निर्माण न होने का का क्या कारण है? आवास कब तक निर्माण करा दिये जायेगें? आवास निर्माण में विलम्ब होने पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई तथा दोषियों पर कब तक कार्यवाही की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जिला-अनूपपुर अन्तर्गत नगर पंचायत अमरकंटक में प्रधानमंत्री आवास योजनान्तर्गत 02 परियोजनाओं में क्रमश: 832 एवं 12 कुल 844 आवास स्वीकृत किये गये हैं। आवास निर्माण हेतु राशि रू. 3.49 करोड़ निकाय को प्रदान की गई। लाभान्वित हितग्राहियों के नाम, पता सहित सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार 62 हितग्राहियों द्वारा निर्माण कार्य कराया जा रहा है, 32 आवास पूर्ण है शेष निर्माणाधीन है हितग्राहियों के नाम सहित सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र -'ब' अनुसार है। (ग) नगर पंचायत अमरकंटक के 782 हितग्राहियों के पास आवास निर्माण हेतु भूमि न होने से कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है। हितग्राही नदी किनारे निवासरत है जहाँ नदी के "flood plain" की भूमि होने के कारण शासन द्वारा निर्माण हेतु अनुमति नहीं है। प्रशासन द्वारा चयनित वैकल्पिक स्थान पर आवास निर्माण हेतु हितग्राही सहमत नहीं होने से आवास निर्माण नहीं किया जा रहा है। योजना के प्रावधान अनुसार आवास का निर्माण स्वयं हितग्राहियों द्वारा किया जाता है, जिससे शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
एम.पी.आरसीपी अंतर्गत निर्मित गुणवत्ताहीन मार्ग की जांच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
36. ( क्र. 212 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र सोहागपुर में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना द्वारा वर्ष 2018 में एमपीआरपीसी अंतर्गत कितने मार्ग स्वीकृत किये गये हैं? उनके नाम एवं लंबाई लागत सहित सूची उपलब्ध करावें? किस ठेकेदार द्वारा इन मार्गों का ठेका लिया गया है उनका नाम, पता सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या वर्ष 2018 में जो मार्ग स्वीकृत हुये हैं उनका निर्माण कार्य बहुत ही गुणवत्ताहीन है? संपूर्ण मार्गों की रोड़ एवं पुलिया क्षतिग्रस्त हो चुकी है और निर्माण कार्य समय सीमा में नहीं हुआ है? इस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) सोहागपुर ब्लॉक के शोभापुर रेबानखेड़ी से लखनपुर, रेवाबनखेड़ी से ढाना, अकोला से नकटुआ, एसएच 22 से नीमनमूढा, एसएच 22 से पांजरा, शोभापुर माछा से बढैयाखेडी, शोभापुर माछा से रनमौथा, रनमौथा से सौंथर, शोभापुर भटगांव से खिमारारोड़ जो मार्ग बनाये हैं, जो गुणवत्ताहीन हैं, पूरे मार्ग एवं पुलिया क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं इसकी जांच कब कब कराई गई और विभाग द्वारा ठेकेदार एवं संबंधित अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सोहागपुर में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना द्वारा वर्ष 2018 में एम.पी.आर.सी.पी. अंतर्गत 27 मार्ग स्वीकृत किए गए है जिनमें से एक मार्ग लोक निर्माण विभाग को हस्तांतरित किया गया। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी नहीं। जी नहीं। जी हाँ। विलंब से पूर्ण किये गये कार्यों हेतु संविदाकार के विरूद्ध अनुबंधानुसार शास्ति अधिरोपण की कार्यवाही की गई है। (ग) जी नहीं। सभी 09 मार्ग गुणवत्तापूर्ण निर्मित किये गये है एवं कोई पुलिया क्षतिग्रस्त नहीं है। कार्यों की जांच की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। जिसके क्रम में ठेकेदार/अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की आवश्यकता नहीं है।
सरस्वती शिशु मंदिर बड़नगर का संचालन
[नगरीय विकास एवं आवास]
37. ( क्र. 223 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका परिषद बड़नगर द्वारा सरस्वती शिशु मंदिर बड़नगर को भवन कितने वर्षों की लीज पर दिया गया था? सरस्वती शिशु मंदिर का नवीन भवन बन कर कई वर्षों से तैयार है एवं वर्तमान में स्कूल नवीन भवन में संचालित है इस विद्यालय की 10 से 15 बीघा जमीन मौके पर है, पुराने भवन की लीज समाप्त होने की दिनांक सहित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) लीज अवधि पूर्व होने पर इसको खाली कराने की क्या कार्यवाही नगर पालिका परिषद द्वारा की गई है? इसे खाली कराने संबधी क्या-क्या कार्यवाही की गई? पत्रवार सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) करोड़ों की शासन की सम्पत्ति समय अवधि पूर्ण होने पर भी खाली नहीं कराने के संबंध में कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी दोषी हैं? सरकार इन पर क्या कार्यवाही करेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिका परिषद बड़नगर द्वारा सरस्वती शिशु मंदिर को 2 वर्ष 11 माह की लीज पर दिया गया था। जिसकी लीज अवधि दिनांक 17.04.2015 को समाप्त हो चुकी है। आगे लीज अवधि में वृद्धि करने का प्रकरण निकाय में लंबित है। वस्तुस्थिति स्पष्ट करने के संबंध में निकाय को संचालनालय का पत्र क्रमांक 20167 दिनांक 18.12.2020 भेजा गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) सरस्वती शिशु मंदिर की लीज अवधि दिनांक 17.04.2015 को समाप्त होने पर मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद बड़नगर के पत्र क्रमांक 697 दिनांक 29.02.2020 से संबंधित संस्था को भवन खाली करने की सूचना दी गई। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) संपूर्ण प्रकरण की जांच कराई जा रही है। गुण-दोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
खेत सड़क योजना की स्वीकृति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
38. ( क्र. 224 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में मनरेगा अन्तर्गत खेत सड़क योजना में कितनी राशि वर्ष 2018-2019 एवं 2019-2020 में स्वीकृत की गई है? सड़कवार ग्रामवार स्थानवार राशि सहित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) बड़नगर विकास खण्ड अन्तर्गत किन-किन खेत सड़क योजना अन्तर्गत किन किन गांवों में कितनी-कितनी राशि वर्ष 2018-2019 व 2019-2020 में स्वीकृत की गई है? गांववार राशि सहित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) बड़नगर विकासखण्ड अन्तर्गत कितनी सड़कें खेत सड़क योजना में पूर्ण हो गई हैं एवं कितनी अपूर्ण हैं? वर्ष 2020-2021 में किन-किन सड़कों के प्रस्ताव आए हैं, कितने स्वीकृत किये गए हैं, कितने शेष है? सड़कवार ग्रामवार पंचायतवार सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) जिन सड़कों का कार्य पूर्ण हो चुका है उनकी गुणवत्ता की जाँच किन किन अधिकारी द्वारा की गई? कार्य पूर्ण होने का प्रमाण पत्र किन-किन अधिकारी द्वारा जारी किया गया है?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में मनरेगा की सुदूर ग्राम संपर्क व खेत सड़क उपयोजना के तहत खेत समूहों को जोड़ने हेतु खेत सड़क का कोई कार्य स्वीकृत नहीं हुआ है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार। वित्तीय वर्ष 2020-21 में बड़नगर विकास खण्ड में खेत सड़क के कुल 61 प्रस्ताव हुए है, जिसमें से 21 कार्यों की अनुमति जारी की गई, 40 शेष है। सड़कवार, ग्रामवार, पंचायतवार सम्पूर्ण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उत्तरांश (क) एवं (ग) के संदर्भ में शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
मनावर नगर पालिका के स्वामित्व की भूमि
[नगरीय विकास एवं आवास]
39. ( क्र. 227 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका परिषद मनावर के स्वामित्व की वार्ड क्रमांक 05 की भूमि वर्ष 1967-68 को 30 वर्ष की लीज पर निजी उपयोग हेतु दी गई थी, जिसकी अवधि वर्ष 1996- 1997 में समाप्त होने एवं नवीनीकरण नहीं होने के बाद भी खाली क्यों नहीं करवाई गई, जबकि उक्त सम्पत्ति शासन की बहुमूल्य संपत्ति है? (ख) लीज वाली संपत्ति पर किस आधार पर नगरपालिका परिषद मनावर द्वारा नामान्तरण अन्य लोगों का किया गया? (ग) लीज वाली संपत्ति को बिना अधिकार के किस आधार पर विक्रय किया गया और नगर पालिका परिषद मनावर ने खुद की संपति बेचने वालों के विरूद्ध कोई कार्यवाही क्यों नहीं की? विधिसम्मत कारण बताएं। (घ) नगर पालिका परिषद मनावर के विशेष सम्मेलन दिनांक 28/07/2020 को प्रस्ताव क्रमांक 149 अनुसार लीज समाप्ति वाली नगर पालिका परिषद मनावर की संपति को अतिक्रमण से खाली करवाने के संबंध में बहुमत से प्रस्ताव पारित होने के उपरांत भी 4 माह बीत जाने तक नगर पालिका परिषद मनावर द्वारा कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई? विधिसम्मत कारण बताएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ, नगर पालिका परिषद मनावर के स्वामित्व की वार्ड क्रमांक 05 की भूमि की लीज अवधि समाप्त होने के उपरांत परिषद के विशेष सम्मेलन दिनांक 28.07.2020 के प्रस्ताव क्रमांक 149 के द्वारा उक्त भूमि पर सर्वे करवाने के पश्चात अतिक्रमण से खाली करवाने व कोर्ट केस करने के संबंध में निर्णय लिया गया। परिषद निर्णयानुसार/नियमानुसार कार्यवाही प्रचलित है। (ख) लीज वाली संपत्ति पर नामांतरण वंशानुगत आधार पर एवं रजिस्टर्ड विक्रय पत्र के आधार पर किया गया है। (ग) लीज वाली संपत्ति बिना नगर पालिका की स्वीकृति के रजिस्टर्ड विक्रय पत्र द्वारा विक्रय किया गया है उत्तरांश (क) अनुसार ऐसे लीजधारियों पर कार्यवाही परिषद निर्णयानुसार एवं नियमानुसार प्रचलित है। (घ) नगर पालिका परिषद के विशेष सम्मेलन दिनांक 28/07/2020 को पारित प्रस्ताव क्रमांक 149 अनुसार लीज संपत्ति को अतिक्रमण से खाली करवाने का निर्णय हुआ था। चूंकि लगभग 60 परिवार पक्का मकान निर्माण कर निवासरत हैं। इसको दृष्टिगत रखते हुएविधिसम्मत कार्यवाही प्रचलित है।
अवैध मादक पदार्थों की रोकथाम
[गृह]
40. ( क्र. 231 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 जनवरी,2018 से लेकर प्रश्न दिनांक तक की अवधि में मादक पदार्थों की रोकथाम हेतु पुलिस विभाग द्वारा नीमच एवं मन्दसौर जिले में एन.डी.पी.एस. एक्ट के तहत कितने प्रकरणों में एफ.आई.आर दर्ज की गई? विवेचनाधीन और माननीय न्यायालय में प्रस्तुत प्रकरणों की विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ख) प्रश्नांश (क) में की जाने वाली कार्यवाही क्या एक थाना प्रभारी दूसरे थाना प्रभारी के क्षेत्र में बगैर सक्षम अधिकारी के संज्ञान में लाये सम्पन्न कराई जा सकती है? यदि हाँ, तो उक्त आशय की जानकारी उपलब्ध कराई जावे और यदि नहीं, तो किन कारणों से क्यों इस प्रकार की कार्यवाही की जाती है? (ग) प्रश्नाधीन अवधि में ऐसे कितने प्रकरणों में कार्यवाही की गई जो संबंधित थाना क्षेत्र के न होने और बगैर सक्षम अधिकारी के संज्ञान में लाये उन पर प्राथमिकी दर्ज की गई है? नामजद विस्तृत विवरण सहित जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (घ) प्रश्नांश (ग) में नीमच जिले में ऐसे कितने झूठे/फर्जी मामलों में पुलिस प्रशासन द्वारा फंसाये जाने की शिकायतें प्राप्त हुई है? उस पर अब तक की गई कार्यवाही मय नामजद प्रकरणों सहित अवगत करायें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। थाना प्रभारी को दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 166 की उपधारा 03 के अधीन एवं एन.डी.पी.एस. एक्ट की धारा 42 के अंतर्गत कार्यवाही करने की शक्ति प्राप्त है। (ग) प्रश्नांश (क) में दर्शाये गये सभी प्रकरण संबंधित थाना क्षेत्र में दर्ज किये गये है। आरोपी लोकेश सोलंकी से पूछताछ करते व अफीम पकड़ने पर पुलिस द्वारा दिये जाने वाले इनाम के लालच में अपने साथी श्यामलाल भामी के साथ षडयंत्र पूर्वक होंडा सीटी कार के अगले पहिए के पास 1 किलोग्राम अवैध मादक पदार्थ अफीम छिपाकर रखी थी। उक्त अफीम आरोपी श्यामलाल द्वारा अपने रिश्तेदार उर्फ गागू ग्राम सेमली मेंवाड थाना नीमच सीटी से प्राप्त की थी। घटना में शामिल लोकेश उर्फ रजनीकांत पिता दुलीचंद एवं श्यामलाल पिता गिरधारीलाल भामी को दिनांक 19/11/2020 को तथा आरोपी राकेश उर्फ गागू को दिनांक 20/11/2020 को गिरफ्तार किया गया है। (घ) प्रश्नांश (ग) में नीमच जिले में उपरोक्त संदर्भित प्रकरण में किसी के द्वारा शिकायत नहीं की गई है परन्तु पुलिस अधीक्षक नीमच के संज्ञान में आने पर उ.नि. कमलेश गौड, आर. 230 चन्दन सिंह आर. 08 सतीश कुश्वाह, आर. 86 आनंदपाल सिंह, आर, 231 कमलसिंह को निलंबित कर जांच कराई गई जिसमें गंभीर प्रक्रियात्मक लापरवाही पाई जाने पर विभागीय कार्यवाही प्रचलन में है। प्रकरण में कर्मचारियों की आपराधिक संलिप्तता नहीं पाई गई है, नारकोटिक्स विंग-01 जनवरी 2018 से लेकर प्रश्न दिनांक तक कुल 19 शिकायतें प्राप्त हुई है। जिसमें से 17 असत्य होकर अप्रमाणित पाई गई तथा 02 शिकायतें जांच में लंबित है।
शिक्षा समिति को आवंटित भूमि का दुरुपयोग
[नगरीय विकास एवं आवास]
41. ( क्र. 233 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कालीदास शिक्षण समिति नीमच को छात्रावास हेतु आवंटित 4,32,000 वर्गफीट भूमि के संबंध में आज दिनांक तक शासन स्वीकृति प्राप्त नहीं हुई है और न ही इस भूमि का मुद्रांक शुल्क तथा पंजीयन शुल्क जमा कराया गया है, जिससे शासन को राशि रुपये 7,13,02848 की आर्थिक हानि हुई है, जो दिनांक 23.09.2020 परि.अता.प्रश्न क्रमांक 658 के उत्तर में स्वीकार किया गया है। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में आवंटित भूमि के संबंध में शासन स्वीकृति के अभाव में समिति द्वारा निहित उद्धेश्यों की पूर्ति न करते हुए अनावश्यक अतिक्रमण करवाने में सहयोग प्रदान करने के साथ अवैध रुप से व्यवसायिक उपयोग कराया जाने से निकाय को प्रतिमाह लाखों रुपयों की हानि हो रही है? यदि हाँ, तो शासन इस हानि की प्रतिपूर्ति किस प्रकार से करेगा? विस्तृत ब्यौरा दे। (ग) प्रश्नांश (ख) में किये गये अतिक्रमण के संबंध में माननीय न्यायालयों में प्रस्तुत याचिकाओं एवं वाद के संबंध में प्राप्त स्थगन निरस्त करने की कार्यवाही क्या नियुक्त प्रभारी अधिकारी के माध्यम से सम्पन्न कराई गई है? यदि नहीं