मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
दिसम्बर, 2020 सत्र
सोमवार, दिनांक 28 दिसम्बर, 2020
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
भेड़ाघाट
को वर्ल्ड हैरिटेज
में सम्मिलित
किया जाना
[पर्यटन]
1. ( *क्र. 381 ) श्री संजय यादव : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जबलपुर में पुरातात्विक ऐतिहासिक महत्व के दर्शनीय स्थल भेड़ाघाट को वर्ल्ड हैरिटेज में सम्मिलित करने हेतु जिला योजना समिति द्वारा सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किये जाने के उपरांत मध्यप्रदेश शासन द्वारा केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाना नियत था? यदि हाँ, तो प्रस्ताव की प्रतिलिपि उपलब्ध करायें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजा गया? यदि हाँ, तो किये गये पत्राचार एवं केन्द्र सरकार द्वारा प्रतिउत्तर में क्या जवाब आया की प्रतिलिपि उपलब्ध करायें। यदि प्रस्ताव नहीं भेजा तो नहीं भेजने का स्पष्ट कारण बतायें। उक्त प्रस्ताव को केन्द्र सरकार के पास नहीं भेजने का उत्तरदायी कौन है एवं प्रस्ताव कब तक भेजा जायेगा? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार भेड़ाघाट को वर्ल्ड हैरिटेज में सम्मिलित करने के प्रस्ताव के अनुसार क्या-क्या विकास कार्य प्रस्तावित हुये हैं? सूची उपलब्ध करायें।
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) जिला योजना समिति का प्रस्ताव बोर्ड में प्राप्त हुआ, किन्तु प्रस्ताव यूनेस्को के दिशा-निर्देश अनुसार न होने के कारण केन्द्र सरकार को प्रेषित नहीं किया गया। (ख) जी नहीं, उत्तरांश (क) के अनुसार पत्राचार का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। वाईल्ड लाईफ इंस्टीट्यूट देहरादून द्वारा स्टडी का कार्य पूर्ण होने के उपरांत उचित पाये जाने पर भेड़ाघाट को यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज की संभावित सूची में सम्मिलित करने हेतु प्रस्ताव भेजा जावेगा। (ग) वर्तमान में कोई कार्य प्रस्तावित नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ओ.बी.सी. वर्ग की जातिगत जनगणना
[गृह]
2. ( *क्र. 255 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ओ.बी.सी. वर्ग एवं ओ.बी.सी. महासभा द्वारा जातिगत जनगणना की मांग को लेकर विगत कई वर्षों से ज्ञापन दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो ज्ञापन पत्रों पर क्या कार्यवाही हुई? (ख) क्या सरकार ओ.बी.सी. वर्ग की जातिगत जनगणना के प्रस्ताव को सदन में पास कराकर केन्द्र सरकार को भेजेगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। ओ.बी.सी. महासभा से प्राप्त ज्ञापनों को जनगणना कार्य निदेशालय, मध्यप्रदेश द्वारा आवश्यक कार्यवाही हेतु भारत के महारजिस्ट्रार एवं जनगणना आयुक्त, नई दिल्ली को प्रेषित किया गया है। ओ.बी.सी. महासभा से प्राप्त ज्ञापनों को पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, मध्यप्रदेश द्वारा आवश्यक कार्यवाही हेतु भारत सरकार को प्रेषित किया गया है। (ख) वर्तमान में इस प्रकार का कोई भी प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
जिला बालाघाट के ग्राम भरवेली में बौद्ध विहार तोड़ने की जाँच
[गृह]
3. ( *क्र. 458 ) श्री अर्जुन सिंह काकोडि़या : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पूछे गए तारांकित प्रश्न क्रमांक 793, दिनांक 17.03.2020 के उत्तर में विभाग द्वारा जिला बालाघाट ग्राम भरवेली में घटित घटना के संबंध में दी गई जानकारी में आरोपियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों? (ख) क्या ग्राम भरवेली जिला बालाघाट में जो बौद्ध विहार तोड़ने की घटना घटी थी, उसके संबंध में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पुलिस अधीक्षक बालाघाट की लापरवाही का जिक्र किया गया है? यदि हाँ, तो उक्त तत्कालीन पुलिस अधीक्षक के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों नहीं की गई? यदि हाँ, तो कब तक की जावेगी? (ग) क्या ग्राम भरवेली जिला बालाघाट में बौद्ध विहार तोड़ने की जो घटना घटी थी, उसके आरोपियों को बचाने की कोशिश की गई है एवं घटना के समय पदस्थ माईन मैनेजर भरवेली जिला बालाघाट श्री ए.वी. नायडू के विरूद्ध पुलिस थाना भरवेली एवं पुलिस थाना अजाक्स बालाघाट एवं पुलिस अधीक्षक बालाघाट के समक्ष कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं एवं उक्त शिकायतों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो कार्यवाही कब तक की जावेगी? (घ) तारांकित प्रश्न क्रमांक 793, दिनांक 17.03.2020 के उत्तर में जिन अधिकारियों का उल्लेख किया गया है, उनकी उपस्थिति एवं उनके द्वारा की गई संपूर्ण कार्यवाही प्रतिवेदन की प्रति प्रदान की जावे एवं उक्त घटना की जांच शासन स्तर पर पुन: कब तक की जावेगी तथा दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? प्रश्न के उत्तर के संबंध में जिस सूचना के अधिकार के संबंध में विभाग द्वारा हाँ में उत्तर दिया गया है, उसके संबंध में विभाग द्वारा क्या जानकारी प्रदान की गई है? विवरण सहित बतावें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। आरोपियों को बचाने का कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। (ख) यह कहना सही नहीं है कि ग्राम भरवेली जिला बालाघाट में बौद्ध विहार तोड़ने की कोई घटना घटित हुई थी, वस्तुस्थिति में वहां विधि अनुसार अतिक्रमण हटाया गया था। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पुलिस अधीक्षक बालाघाट के विरूद्ध किसी प्रकार की लापरवाही का जिक्र नहीं किया गया है। अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) यह कहना सही नहीं है कि ग्राम भरवेली जिला बालाघाट में बौद्ध विहार तोड़ने की कोई घटना घटित हुई थी एवं उसके आरोपियों को बचाने की कोशिश की जा रही है। तत्कालीन माईन मैनेजर जिला बालाघाट श्री ए.वी. नायडू के विरूद्ध पुलिस थाना भरवेली व पुलिस थाना अजाक में कोई शिकायत प्राप्त होने का कोई अभिलेख उपलब्ध नहीं है तथा पुलिस अधीक्षक, बालाघाट कार्यालय में रमाताई महिला मण्डल एवं बौद्ध संघ भरवेली बालाघाट द्वारा मॉयल प्रबंधक ए.वी. नायडू भरवेली के विरूद्ध दिनांक 27.06.2003 एवं दिनांक 21.07.2003 को शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसकी जांच उप पुलिस अधीक्षक, अजाक बालाघाट द्वारा की गई थी। पुलिस अधीक्षक, बालाघाट के कार्यालय में उपलब्ध शिकायत रजिस्टर में यह टीप अंकित है कि ''जांच पर माईन के अधिकारियों से शांति वार्ता चल रही है, जिसमें किसी की मध्यस्थता नहीं चाहते हैं।'' अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश में चाही गई जानकारी के संबंध में लेख है कि अधिकारियों, थाना प्रभारी एवं तहसीलदार की उपस्थिति एवं सम्पूर्ण कार्यवाही का प्रतिवेदन उपलब्ध नहीं है, क्योंकि बिन्दु (ग) में वर्णित अनुसार अभिलेख का नियमानुसार नष्टीकरण हो गया है। सूचना के अधिकार के अन्तर्गत आवेदक भुवनेश्वर मिश्रा को दिनांक 27.02.2020 को उपलब्ध शिकायत रजिस्टर की सत्यापित छायाप्रति ई-मेल एवं पोस्टल डाक के माध्यम से भेजी गई है। विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
बड़ावदा नगर परिषद में पेयजल प्रदाय कार्य में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
4. ( *क्र. 312 ) श्री मनोज चावला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आलोट विधानसभा क्षेत्र के बड़ावदा नगर परिषद के 15 वार्डों में एक साथ पानी सप्लाई के लिए पाइप लाईन डाली गई थी? उस प्रोजेक्ट की डी.पी.आर., अनुबंध की प्रति, वर्क आर्डर की प्रति उपलब्ध करावें तथा बतावें की कार्य कब प्रारंभ हुआ और कब समाप्त हुआ? (ख) क्या अनुबंध के अनुसार 15 वार्डों में एक साथ प्रेशर से प्रतिदिन पानी दिया जाना था तथा पानी सभी वार्डों में 7 मीटर की ऊंचाई तक प्रेशर से जाना था? यदि हाँ, तो बतावें की क्या सभी वार्डों में एक साथ पानी किस दिनांक से दिया गया तथा पानी कितने मीटर ऊंचाई तक पहुंचा? (ग) क्या दिनांक 21.10.2020 को नगरवासियों ने एस.डी.एम. को उपरोक्त संदर्भ में शिकायती ज्ञापन दिया था? यदि हाँ, तो उसके बिंदु बताएं तथा दिनांक अनुसार की गई कार्यवाही से अवगत कराएं। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रोजेक्ट में अनुबंध की शर्तों के अनुसार कौन-कौन से कार्य नहीं होना पाया गया तथा उस संदर्भ में कॉन्ट्रेक्टर को किस-किस दिनांक को नोटिस दिया गया तथा अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? दिए गए सारे नोटिस तथा इस संदर्भ में बनाई गई नोटशीट की प्रति उपलब्ध करावें तथा बताएं कि जिम्मेदार अधिकारी, कर्मचारी और कॉन्ट्रैक्टर पर एफ.आई.आर. कब तक की जाएगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। नगर परिषद बड़ावदा के 15 वार्डों में 02 चरणों में स्वीकृति प्राप्त की जाकर पाईप लाईन डाली गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। योजना का कार्य दिसम्बर 2016 में प्रारंभ किया गया था तथा दिनांक 16.09.2018 को पूर्ण हो गया है। (ख) जी नहीं, अनुबंध अनुसार 15 वार्डों में जोनवार जलप्रदाय किया जाना है। जी नहीं, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रोजेक्ट अनुबंध की शर्तों के अनुसार योजना के जल वितरण नलिकाओं का कार्य वार्ड क्र. 1, 2, 3, 5, 6, 10 एवं 15 में शेष है, जिस कारण निर्माण कम्पनी को नोटिस जारी किये गये हैं। नोटिस एवं नोटशीट की छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। निर्माण कम्पनी को नवीन पाईप लाईन डालने के लिये संशोधित ड्राईंग-डिजाईन तैयार कर, शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज से परीक्षण उपरान्त प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये हैं। निविदा शर्तों के अनुसार निर्माण कम्पनी के विरूद्ध अर्थदण्ड अधिरोपित करने, ठेका निरस्त करने एवं ब्लैक लिस्ट करने का प्रावधान है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रश्नकर्ता द्वारा की गई शिकायतों पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
5. ( *क्र. 330 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा वर्ष 2017-18 से लेकर प्रश्न दिनांक तक नगर परिषद पिपलौदा एवं नगर पालिका जावरा में हुए अनेक कार्यों में हुई अनियमितताओं, गुणवत्ताविहीन किये गये कार्यों तथा अन्य अनेक नियम विरूद्ध किये गये कार्यों के संबंध में शासन/विभाग का ध्यान आकृष्ट किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो विगत तीन वर्षों में प्रश्नकर्ता द्वारा अग्रेषित मान. मुख्यमंत्री जी, मान. मंत्री जी, प्रमुख सचिव महोदय, आयुक्त महोदय व संभागीय आयुक्त, जिलाधीश महोदय इत्यादि को पत्रों के माध्यम से लगातार अवगत कराया गया है? (ग) यदि हाँ, तो उपरोक्त उल्लेखित दोनों निकायों में विगत वर्षों में हुए नियम विरूद्ध किये गये अनेक कार्यों के साथ-साथ गंभीर अनियमितताओं के साथ-साथ गुणवत्ताविहीन हुए घटिया निर्माण कार्यों के संबंध में शासन/विभाग ने क्या कार्यवाही की? (घ) अवगत कराएं कि दोनों निकायों के संबंध में की गई गंभीर शिकायतों पर कार्यवाही हेतु शासन/विभाग द्वारा किस प्रकार से क्या-क्या जांच की गई? जांच में क्या पाया गया तथा तत्संबंधी यदि कोई कार्यवाही की गई हो तो किन सक्षम अधिकारियों के द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) एवं (घ) दोनों निकायों की शिकायतों से संबंधित जाँच एवं की गई कार्यवाही का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
निवाड़ी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत पॉली हाउस की स्वीकृति
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
6. ( *क्र. 164 ) श्री अनिल जैन : क्या राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी अंतर्गत दिनांक 01.01.2014 से प्रश्न दिनांक तक कितने पॉली हाउस स्वीकृत किए गए? वर्षवार जानकारी देवें। (ख) उपरोक्त समयावधि में स्वीकृत पॉली हाउसों को कितना अनुदान स्वीकृत किया गया? प्रकरणवार बतावें। (ग) स्वीकृत किये गये पॉली हाउस कितने मीटर के थे एवं निर्मित किये गये पॉली हाउस कितने मीटर के हैं? क्या सभी प्रकरणों का भौतिक सत्यापन किया गया है? यदि हाँ, तो किस के द्वारा किया गया? नाम बताया जावे। क्या स्वीकृत क्षेत्र में कम निर्माण होने पर भी पूर्ण अनुदान राशि वितरित की गई है? क्या स्वीकृत क्षेत्र में कम निर्माण होने के बाद भी पूर्ण अनुदान राशि हितग्राही को भुगतान किये जाने का भी कोई प्रावधान है?
राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण ( श्री भारत सिंह कुशवाह ) : (क) निवाड़ी क्षेत्र अंतर्गत दिनांक 01.01.2014 से प्रश्न दिनांक तक कोई भी पॉली हाउस स्वीकृत नहीं किये गये। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जय किसान ऋण माफी योजना का क्रियान्वयन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
7. ( *क्र. 450 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न क्रमांक 253, दिनांक 21.09.2020 के उत्तर में प्रदेश में जय किसान ऋण माफी योजना के अंतर्गत माह दिसम्बर 2018 से प्रश्न दिनांक तक प्रथम एवं द्वितीय चरण में किसानों के ऋण माफ किये जाने की जानकारी दी गई थी? यदि हां, तो द्वितीय चरण में प्रदेश के कितने किसानों के 50 हजार से 01 लाख रूपये तक के ऋण माफ किये गये हैं? इनमें से कितने किसानों के राष्ट्रीयकृत बैंकों ने ऋण माफ किये हैं एवं कितने किसानों के सहकारी बैंकों ने ऋण माफ किये? पृथक-पृथक बतायें। (ख) क्या द्वितीय चरण में किसानों की राशि रूपये 50 हजार से 01 लाख रूपये तक के ऋण माफ किये गये हैं? यदि हां, तो प्रदेश के किस-किस जिले में किन-किन राष्ट्रीयकृत बैंकों एवं सहकारी एवं अन्य बैंकों से कितनी-कितनी राशि के ऋण माफ किये गये हैं एवं कितने किसानों की ऋण माफी की जाना शेष है? जिलेवार पृथक-पृथक जानकारी दें। (ग) गुना जिले में द्वितीय चरण में कितने किसानों का ऋण्ा माफ किया गया? संख्या बतायें। (घ) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में जिन किसानों की राशि रूपये 50 हजार से 01 लाख रूपये का ऋण माफ नहीं किया गया, उनकी ऋण माफी के लिये सरकार द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है और कब तक ऋण माफ कर दिये जायेंगे?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मध्यान्ह भोजन वितरण हेतु प्रदत्त राशि
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
8. ( *क्र. 251 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 374, दिनांक 21 सितम्बर, 2020 के उत्तर में प्रदेश में मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम अंतर्गत दिनांक 18 मार्च से दिनांक 31 जुलाई, 2020 तक कुल 110 शैक्षणिक दिवसों हेतु खाद्य सुरक्षा भत्ता के रूप में भोजन पकाने की राशि विद्यार्थियों/अभिभावकों के बैंक खातों में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डी.बी.टी.) के माध्यम से किया गया है एवं खाद्यान्न वितरण कराये जाने की जानकारी दी गई थी? (ख) यदि हाँ, तो भोजन पकाने के लिए कितनी राशि कितने विद्यार्थियों/अभिभावकों के बैंक खातों में डाली गई है एवं कितने मीट्रिक टन खाद्यान्न का आवंटन जारी कर वितरित कराया गया है? (ग) उपरोक्तानुसार देवास जिले में विकासखण्डवार कितने-कितने विद्यार्थियों/अभिभावकों के बैंक खातों में भोजन पकाने की कुल कितनी राशि डाली गई है? (घ) उपरोक्तानुसार देवास जिले में कितने मीट्रिक टन खाद्यान्न का आवंटन जारी किया गया एवं कितने स्व-सहायता समूह/शाला समिति एवं स्वयंसेवी संस्था द्वारा खाद्यान्न वितरण किया गया है? प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला के विद्यार्थियों को प्रतिदिन प्रति छात्र के मान से कितना-कितना गेहूँ/चावल उक्त अवधि में वितरण किया गया है? (ड.) प्रश्नांश (ग) एवं (घ) के परिप्रेक्ष्य में क्या छात्रों के बैंक खातों में राशि डालने एवं खाद्यान्न वितरण में व्यापक स्तर पर आर्थिक अनियमितताएं की गईं हैं? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन-कौन दोषी है और उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी हाँ। (ख) मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम अंतर्गत दिनांक 18 मार्च, 2020 से दिनांक 31 जुलाई, 2020 तक कुल 110 शैक्षणिक दिवसों हेतु खाद्य सुरक्षा भत्ता के रूप तीन चरणों में कुल राशि रू. 400.48 करोड़ विद्यार्थियों/अभिभावकों के बैंक खातों में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (D.B.T.) के माध्यम से जारी की गयी एवं उत्तर देने की तिथि तक भोजन पकाने की लागत राशि रू. 328,91,85,487/- का सफलता पूर्वक विद्यार्थियों/अभिभावकों के बैंक खातों में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (D.B.T.) हुआ, असफल शेष राशि के अंतरण की कार्यवाही की जा रही है। उक्त अवधि में 69441.08 मै.टन खाद्यान्न का आवंटन जारी किया गया है। माह मार्च, 2020 एवं अप्रैल, 2020 हेतु पूर्व में 25082.80 मै.टन खाद्यान्न जिलों को आवंटित किया जा चुका था। माह मार्च, 2020 से 31 जुलाई, 2020 तक प्रदाय कुल 94523.88 मै.टन आवंटन में से कोविड-19 के दौरान छात्रों को पात्रतानुसार कुल 93861.86 मै.टन खाद्यान्न वितरित किया गया। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। (ड.) जिले में शिकायत प्राप्त नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नवीन ग्राम पंचायत के गठन में नियमों की अवहेलना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
9. ( *क्र. 53 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवीन ग्राम पंचायतों के गठन में अधिकतम दूरी से संबंधित नियम क्या हैं? क्या यह पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जारी पत्र क्रमांक एफ 16-5/2019/22/पं.-2, दिनांक 22.06.2019 के अनुसार अधिकतम हवाई दूरी 3 कि.मी. की सीमा है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो फिर मनासा तहसील में नव गठित ग्राम पंचायत आमदखेड़ी में गांव मान्याखेड़ी को किस आधार पर जोड़ा गया, जबकि ग्राम मान्याखेड़ी और आमदखेड़ी की हवाई दूरी लगभग 5 कि.मी. है, तो किस कारण से नियमों की अवहेलना करते हुए किस आधार पर नवीन पंचायत का गठन किया है, जबकि आवश्यक जनसँख्या नव गठित पंचायत में आमदखेड़ी एवं कड़ी बुजुर्ग से ही पूरी हो रही है और मान्याखेड़ी जो कि तलाऊ पंचायत का गांव है जो पंचायत मुख्यालय से सिर्फ 1 कि. मी.दूर था। वहाँ से उठाकर आमदखेड़ी में जोड़ा गया जो सड़क दूरी से 12 कि.मी. है। (ग) क्या इस दोषपूर्ण गठन के लिए जिम्मेदारों के विरुद्ध आवश्यक कार्यवाही की जावेगी और इस दोषपूर्ण गठन को निरस्त किया जायेगा? यदि हाँ, तो समय सीमा बतायें? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम, 1993 का तत्संबंधी प्रावधान पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। विभाग का पत्र क्रमांक एफ 16-5/2019/22/पं-2, भोपाल दिनांक 22.06.2019 विधिवत परिसीमन के उद्देश्य से मार्गदर्शी निर्देश है। (ख) नवीन ग्राम पंचायत आमदखेड़ी से ग्राम मान्याखेड़ी की हवाई दूरी 4.10 कि.मी. है। मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम, 1993 के प्रावधानों के अनुसार विहित प्राधिकारी द्वारा विधिवत कार्यवाही कर, नवीन ग्राम पंचायत का गठन किया गया है। नवगठित ग्राम पंचायत आमदखेड़ी है, सम्मिलित ग्रामों की वर्ष 2011 की जनसंख्या निम्नानुसार है :- 1. आमदखेड़ी 577, 2. कड़ीबुजुर्ग 458, 3. मान्याखेड़ी 226, कुल 1261 ग्राम मान्याखेड़ी नवगठित ग्राम पंचायत मुख्यालय आमदखेड़ी से कच्चे आवागमन मार्ग से लगभग 5 कि.मी. व वर्तमान पक्के आवागमन मार्ग से 12 कि.मी. दूर है। (ग) विधिवत गठन/परिसीमन होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विकास कार्यों हेतु राशि का आवंटन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
10. ( *क्र. 147 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला एवं जनपद अध्यक्षों/सदस्यों को अपने क्षेत्र में विकास कार्यों हेतु राज्य वित्त आयोग मद से प्रतिवर्ष राशि प्रदान की जाती है? यदि हाँ, तो किस-किस को कितनी-कितनी राशि प्रदान की जाती है, प्राप्त राशि से कौन-कौन से विकाय कार्य कराये जा सकते हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक रायसेन जिले में किस-किस की अनुशंसा पर कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से कार्य किस-किस निर्माण एजेंसी से कराये गये? (ग) उक्त स्वीकृत कार्यों में से कौन-कौन से कार्य कब-कब पूर्ण हुए तथा उनका मूल्यांकन कब-कब किस-किस अधिकारी ने किया? कौन-कौन से कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ हैं तथा क्यों? कार्यवार कारण बतायें। उक्त कार्य कब तक पूर्ण होंगे? (घ) उक्त कार्यों का किन-किन अधिकारियों ने कब-कब निरीक्षण किया तथा किन-किन कार्यों का अंतिम मूल्यांकन किस-किस अधिकारी ने किन-किन दिनांकों में किया?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
छात्रवृत्ति वितरण में अनियमितता की शिकायत पर कार्यवाही
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
11. ( *क्र. 20 ) श्री विनय सक्सेना : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत दो वर्ष में छात्रवृत्ति फर्जीवाड़े से संबंधित कितनी शिकायतें जिला कार्यालय पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण जबलपुर को प्राप्त हुई? पृथक-पृथक विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त शिकायतों पर क्या-क्या कार्यवाही की गयी? प्रकरणवार बतावें। (ग) क्या सरस्वती इंजीनियरिंग कॉलेज जबलपुर के द्वारा फर्जी अंकसूची तैयार कर किये गये छात्रवृत्ति फर्जीवाड़े की शिकायत मय साक्ष्य के जिला कार्यालय पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण जबलपुर को प्राप्त हुई थी? यदि हाँ, तो उक्त शिकायत में कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही हुई? (घ) क्या विभाग उक्त शिकायतों के संबंध में दोषियों के विरुद्ध अपराधिक मामला दर्ज कराएगा? यदि हाँ तो, कब?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
खण्डवा नगरीय क्षेत्र में अमृत योजना का क्रियान्वयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
12. ( *क्र. 203 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा नगरीय क्षेत्र में विगत तीन वर्षों में अमृत योजनान्तर्गत कौन-कौन से निर्माण कार्य कराये गये हैं? स्थान, कार्य का नाम एवं लागत राशि बताएँ। (ख) क्या अमृत योजनान्तर्गत निर्मित सार्वजनिक उद्यानों की मात्र बांऊड्रीवाल का निर्माण कराया गया है, जिसके कारण शासन का लाखों रुपये व्यय होने के बाद भी यह बगीचे अनुपयोगी पड़े हैं? (ग) क्या इन बगीचों में प्राक्कलन अनुसार पाथ-वे, लाईटिंग, झूले, फिसलपट्टी, ग्रीन ग्रास लॉन एवं पौधों का रोपण नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? (घ) अमृत योजना के बगीचे निर्माण में हुए लाखों करोड़ों रुपये के घोटालों के लिये कौन-कौन अधिकारी एवं कर्मचारी जिम्मेदार है? नाम एवं पदनाम की जानकारी दें। (ड.) क्या खण्डवा नगर निगम द्वारा अमृत योजना में कराये गये निर्माण कार्यों की उच्च स्तरीय जाँच कराई जाकर दोषी अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही एवं शासकीय धन के दुरुपयोग की कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। अमृत योजना अंतर्गत निर्मित सार्वजनिक उद्यानों में बाउण्ड्रीवाल के अलावा पाथ-वे, पौधों का रोपण, लाइटिंग आदि कार्य कराये गये हैं। वर्तमान में बगीचों का उपयोग नागरिकों द्वारा किया जा रहा है। (ग) जी नहीं। अमृत योजनांतर्गत निर्मित बगीचों में पाथ-वे, लाइटिंग, पौधों के रोपण का कार्य किया गया है एवं झूले, फिसल पट्टी, ग्रीन घास लॉन का कार्य शेष है। (घ) अमृत योजनांतर्गत निर्मित बगीचों के निर्माण कार्य में अनियमितता की जांच, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत खण्डवा की अध्यक्षता में त्रि-स्तरीय जांच दल द्वारा की गई है। जांच प्रतिवेदन परीक्षणाधीन है। (ड.) जांच कराई गई है, विवरण उत्तरांश (घ) अनुसार है। जांच प्रतिवेदन के गुण-दोष के परीक्षण उपरांत आगामी कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अपराधियों की गिरफ्तारी
[गृह]
13. ( *क्र. 318 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस थाना नागदा मण्डी, पुलिस थाना बिरलाग्राम, जिला उज्जैन में 01 जनवरी, 2010 से 30 नवम्बर, 2020 तक प्रतिवर्ष कितने अपराधिक प्रकरण दर्ज किये गये? वर्षवार संख्या बतायें। (ख) उपरोक्त थाना क्षेत्रों में 01 जनवरी, 2010 से 30 नवम्बर, 2020 तक दर्ज किये गये कितने अपराधिक प्रकरणों में चालान अथवा खात्मा न्यायालय में प्रस्तुत नहीं किया गया है? वर्षवार संख्या बताते हुए फरियादी व आरोपियों के नाम बतायें। (ग) उपरोक्त थाना क्षेत्रों में 01 जनवरी, 2010 से 30 नवम्बर, 2020 तक दर्ज अपराधिक प्रकरणों में कितने अपराधियों को गिरफ्तार नहीं किया जा सका और फरारी में चालान न्यायालय में प्रस्तुत कर दिया गया? फरार आरोपियों की गिरफ्तारी हेतु कितने अपराधियों की सम्पति जप्ती एवं इनाम घोषित करने की कार्यवाही की गई एवं कितने अपराधियों को न्यायालय से फरार घोषित करवाया गया? अपराध क्रमांक, धारा एवं नाम सहित सम्पूर्ण विवरण दें। (घ) उपरोक्त थाना क्षेत्रों में 01 जनवरी, 2010 से 30 नवम्बर, 2020 तक ऐसे कितने अपराधिक प्रकरण हैं, जिसमें प्रथम सूचना रिपोर्ट तथा विवेचना में नाम होने के बावजूद आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया और उनके विरूद्ध न्यायालय से स्थाई वारंट भी जारी नहीं करवाया गया? अपराध क्रमांक, आरोपी के नाम सहित सम्पूर्ण विवरण दें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार।
पुलिस अधीक्षक कार्यालय सतना द्वारा जाँच में लापरवाही
[गृह]
14. ( *क्र. 91 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.10.2020 से प्रश्नतिथि तक प्रश्नकर्ता विधायक के किस-किस पत्र क्रमांकों एवं दिनांकों के शिकायती पत्र अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (शिकायत) सहित अन्य कौन-कौन सी, किस-किस नाम के पीड़ितों की क्या-क्या शिकायतें अति. पुलिस महानिदेशक (शिकायत) पुलिस मुख्यालय भोपाल को सतना जिले की प्राप्त हुईं? उक्त कार्यालय से कार्यवाही हेतु किस पत्र क्रमांकों एवं दिनांकों से पत्र/जाँच आई.जी. कार्यालय रीवा एवं पुलिस अधीक्षक कार्यालय सतना पहुंची? सभी पत्रों की एक-एक प्रति दें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शिकायतों की एक-एक प्रतिलिपि देते हुये बतायें कि कार्यालय पुलिस अधीक्षक सतना/आई.जी. रीवा/पुलिस मुख्यालय के द्वारा किस-किस शिकायत पर किस नाम/पदनाम को जाँच हेतु, जाँच अधिकारी नियुक्त किया? जारी सभी आदेशों की एक-एक प्रति दें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित जाँच हेतु नियुक्त जाँच अधिकारी के द्वारा प्रश्नतिथि तक किस प्रकरण (शिकायत) पर कब व क्या कार्यवाही की? किस-किस के बयान कब-कब लिये? बयानों की एक प्रति दें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में प्रश्नतिथि तक कोई भी कार्यवाही जाँच नहीं करने वालों को राज्य शासन कब तक निलंबित कर विभागीय जाँच संस्थित करेगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) दिनांक 01.10.2020 से प्रश्नतिथि तक प्रश्नकर्ता माननीय विधायक श्री प्रदीप पटेल के 02 पत्र क्र. 320, दिनांक 06.10.2020 एवं पत्र क्रमांक 321, दिनांक 06.10.2020 मुख्यमंत्री कार्यालय के माध्यम से अति.पुलिस महानिदेशक (शिकायत) के कार्यालय में दिनांक 16.10.2020 एवं दिनांक 24.10.2020 के माध्यम से प्राप्त हुए। उक्त कार्यालय से पत्र क्र. पु.मु./शिका/री/15344-1/20, भोपाल दिनांक 19.10.2020 से जाँच हेतु पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय रीवा की ओर जाँच हेतु प्रेषित की गई है। छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार उक्त शिकायतें पुलिस महानिरीक्षक रीवा जोन रीवा के पत्र क्र. मनि/रीवा (/पीए/शिपु/पी-2887/ए/20, दिनांक 20.10.2020 एवं पत्र क्र. पु.म.नि./रीवा/अप/पी-3036-ए/20, दिनांक 09.11.2020 से जाँच कार्यवाही हेतु पुलिस अधीक्षक सतना को प्राप्त हुई है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शिकायतों की छाया प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' में समाहित है। पुलिस महानिरीक्षक रीवा जोन रीवा के पत्र क्रमांक/मनि/रीवा/पीए/शिपु/पी-2887/ए/20, दिनांक 20.10.2020 से श्री प्रदीप पटेल माननीय विधायक मऊगंज का शिकायती पत्र प्राप्त होने पर कार्यालयीन पृष्ठ क्र./एस.टी./शि.पु./वरी./69/20, दिनांक 03.11.2020 से नगर पुलिस अधीक्षक सतना को जाँच हेतु भेजी गई। माननीय विधायक महोदय के पत्र एवं सी.एस.पी. को जाँच हेतु दिये गये आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ग) के संबंध में जाँचकर्ता अधिकारी नगर पुलिस अधीक्षक सतना द्वारा प्रकरण की जाँच/विवेचना में निम्नानुसार कार्यवाही की गई। दिनांक 30.07.2020 को साक्षी सत्यजीत सिंह एवं साक्षी अमित अवस्थी के कथन लिये गये। दिनांक 08.08.2020 साक्षी आशीष पाण्डेय, अमित अवस्थी के कथन लिये गये। दिनांक 01.09.2020 को साक्षी अनुराग के कथन लिये गये। दिनांक 02.07.2020 को फरीयादी उमेन्द्र अग्निहोत्री थाना कोलगवां की रिर्पोट पर थाना सिटी कोतवाली सतना में अपराध क्रमांक 320/2020, धारा 420, 406, 418 पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। प्रकरण के आरोपी के विरूद्ध विवेचना के दौरान गिरफ्तारी योग्य साक्ष्य प्राप्त न होने से आरोपी की गिरफ्तारी नहीं की गई है। आरोपी की दिनांक 11.09.2020 को माननीय उच्च न्यायालय द्वारा अग्रिम जमानत दिये जाने से उसकी थाने पर अनौपचारिक गिरफ्तारी कर जमानत मुचलके पर छोड़ा गया है। प्रकरण में विवेचना जारी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) प्रकरण की जांच नगर पुलिस अधीक्षक सतना द्वारा की गई, जिसमें किसी अधिकारी को जांच में दोषी नहीं पाया गया है।
शासन सुविधा का अनुचित लाभ लेने की जाँच
[गृह]
15. ( *क्र. 314 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 09.10.2019 को गृह मंत्री जी के कार्यालय से जारी पत्र क्रमांक 2412 में आज दिनांक तक पुलिस अधीक्षक जिला-टीकमगढ़ द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या आवेदक श्री नारायण सिंह निवासी-ग्राम मातोल, तहसील-खरगापुर, जिला-टीकमगढ़ के आवेदन में एक ही महिला का नाम बदलकर दो जगह से शासन से लाभ लेना पाया गया है? (ग) क्या जाँच के उपरांत दोषी व्यक्ति पर कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो कब तक की जायेगी? (घ) क्या मध्यांचल ग्रामीण बैंक खरगापुर में खाता क्रमांक 8041735224 एवं जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक खरगापुर के खाता क्रमांक 673611038729 में एक ही महिला की फोटो दो अलग-अलग नामों से लगाई गई है? (ड.) यदि हाँ तो जालसाजी करने वाले व्यक्ति पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) माननीय गृहमंत्री जी के पत्रांक 24/12 दिनांक 09.10.2019 आवेदक नारायण सिंह के शिकायत पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' पर जांच पुलिस अधीक्षक टीकमगढ़ से कराई गई। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट का प्रपत्र 'ब' प्रतिवेदित किया गया है कि अनावेदिका हरिदेवी पुत्री टीकाराम का नाम मायके पक्ष द्वारा रखा गया तथा विवाहोपरांत कुलरीति अनुसार हरिदेवी का ससुराल पक्ष द्वारा नाम कोशल्या रख दिया गया इस संबंध में अनावेदिका हरिदेवी द्वारा तहसील खरगापुर जिला टीकमगढ़ को नाम संशोधित करने अर्थात हरिदेवी से कोशल्या देवी करने के संबंध में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' इसी क्रम में तहसीदार तहसील खरगापुर जिला टीकमगढ़ के आदेश क्रमांक 92/अ-6अ/2016, दिनांक 17.09.2016 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' द्वारा अनावेदिका हरिदेवी का नाम संशोधित कर कोशल्या देवी के आदेश जारी किये गये हैं। चूंकि प्रकरण में जांच उपरांत आये तथ्यों अनुसार कोई अपराध घटित नहीं होने से वैधानिक कार्यवाही नहीं की गई। (ख) जी नहीं, अनावेदिका हरिदेवी उर्फ कोशल्या बाई एक ही महिला का नाम है शासन से किसी प्रकार अनुचित लाभ नहीं प्राप्त किया गया है। (ग) जी नहीं, जांच उपरांत अपराध घटित होना नहीं पाया गया। (घ) जी नहीं, मध्यांचल ग्रामीण बैंक खरगापुर में खाता क्रमांक 8041735224 तथा जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक खरगापुर के खाता क्रमांक 673611038729 खाता धारक हरिदेवी उर्फ कोशल्या देवी जो कि एक ही महिला का नाम है तथा भू-ऋण पुस्तिका में हरिदेवी उर्फ कोशल्या देवी नाम अंकित है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'न' अनुसार। (ड.) जी नहीं, जांच में जालसाजी का अपराध घटित होना नहीं पाये जाने से वैधानिक कार्यवाही नहीं की गई।
अनुज्ञप्ति का नवीनीकरण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
16. ( *क्र. 104 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नोतरी दिनांक 21.09.2020 में मुद्रित प्रश्न संख्या 15 क्रमांक 106 में प्रश्नांक (क) से (घ) की जानकारी एकत्र की जा रही है, उत्तर दिया गया है। यदि जानकारी एकत्र हो गई हो, तो प्रदाय करें। (ख) कृषि उपज मण्डी अधिनियम 1972 की धारा 31 (3) के परन्तुक 2 में वर्णित प्रावधान में शोध्य राशि बकाया रहते अनुज्ञप्ति का नवीनीकरण नहीं किया जा सकता तो, कटनी मण्डी को दिनांक 18.02.2019 को प्रबंध संचालक ने बकाया रहते अनुज्ञप्ति नवीनीकरण ना रोका जावे ऐसे निर्देश अधिनियम के विरूद्ध क्यों दिये गये? क्या उनको अधिनियम के विरूद्ध निर्देश देने का अधिकार था? यदि नहीं, तो क्या शासन ऐसे निर्देश देने वाले तत्कालीन प्रबंध संचालक के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो कब तक उक्त निर्देश के बाद किन-किन दाल मिलों के नवीनीकरण किए गए तथा उन पर कितना-कितना नि:शुल्क बकाया था? विवरण दें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 09.11.2020 को मुख्य सचिव, लोकायुक्त महो. एवं प्रमुख सचिव किसान कल्याण को की गई शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या अधिनियम विरूद्ध वरिष्ठ अधिकारी के निर्देश मानने हेतु सचिव मण्डी कटनी बाध्य थे? यदि नहीं, तो प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित निर्देश को क्यों माना। उसके विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय में अपील क्यों नहीं कि गई? इसके लिये दोषी सचिव ने मण्डी को आर्थिक क्षति पहुंचाई है। (ड.) मण्डी समिति की गंभीर शिकायतें वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक जांच हेतु लंबित हैं, लंबी अवधि से लंबित होने से साक्ष्य नष्ट हो जाते हैं? क्या विशेष दल गठित कर जांच कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण बतायें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड भोपाल के पत्र क्रमांक 638, दिनांक 14.09.2020 द्वारा प्रश्न क्रमांक 106 का उत्तर प्रेषित किया गया है। छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश में 31 (3) के परंतुक 2 में वर्णित प्रावधान का उल्लेख किया है उक्त प्रावधान 31 (3) में विहित नहीं है परन्तु उक्त प्रावधान 31 (3) के परंतुक में प्रावधानित है। दाल मिलर्स को आयतित दलहन पर मण्डी फीस से छूट रहने की अवधि में निराश्रित सहायता राशि की वसूली नहीं की गई। उल्लेखनीय है कि आयतित दलहन पर मण्डी शुल्क से छूट वर्ष 1998 से समय-समय पर वर्ष जुलाई 2019 तक थी। वर्ष 2015 से पूर्व मण्डी द्वारा भ्रांतिवश यह समझ कर कि मण्डी शुल्क के साथ-साथ निराश्रित शुल्क की भी छूट है की वजह से निराश्रित शुल्क की वसूली नहीं की गई। उक्त वसूली के संबंध में दाल मिलर्स द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में याचिका क्रमांक 9194/2016 दायर की गई थी। उक्त याचिका में उच्च न्यायालय द्वारा दिनाक 28.11.2016 को आदेश पारित किया गया जिसमें मण्डी समिति को आगामी कार्यवाही हेतु निर्देश दिये गये। मण्डी समिति को उप महाधिवक्ता, महाधिवक्ता कार्यालय जबलपुर ने विधिक परामर्श दिया कि जिला पंचायत कल्याण अधिकारी/जिला कलेक्टर के द्वारा निराश्रित शुल्क के निराकरण की कार्यवाही कराई जाये। जिसके अनुक्रम में सचिव, कृषि उपज मण्डी समिति कटनी द्वारा कलेक्टर कटनी को पत्र लिखा गया था। कलेक्टर कटनी द्वारा दिनांक 20.02.2019 को प्रमुख सचिव, सामाजिक कल्याण विभाग को उचित निराकरण हेतु पत्र लिखा गया। अतः इस प्रकरण में आगामी निर्णय/राज्य शासन से उचित आदेश/निर्देश प्राप्त होने तक निराश्रित सहायता राशि की वसूली शेष रहने पर किसी दाल मिलर्स के लायसेंस नवीनीकरण पर रोक नहीं लगाई जाने के निर्देश कृषि उपज मण्डी समिति कटनी को दिये गये थे। तत्समय में परिस्थिति को देखते हुये तत्कालीन प्रबंध संचालक द्वारा निर्णय लिया गया था। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। प्रश्नांश में उल्लेखित आदेश के उपरांत मण्डी समिति कटनी में अनुज्ञप्ति नवीनीकृत की गई दालमिलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ख'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। परीक्षण उपरांत कार्यवाही की जावेगी। (घ) जी हाँ। मण्डी अधिनियम उपविधि एवं राज्य मण्डी बोर्ड सेवा विनियम 1998 के प्रावधानों के तहत प्रबंध संचालक के निर्देशों का पालन करना कर्मचारियों के लिये अनिवार्य है। (ड.) उप संचालक, म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड, आंचलिक कार्यालय जबलपुर को जांच के संदर्भ में समय-समय पर निर्देश जारी किये गये हैं। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
ठेकेदारों को शेष राशि का भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
17. ( *क्र. 347 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम भोपाल में वर्तमान स्थिति में किन-किन ठेकेदारों का कितना भुगतान कितनी राशि का शेष है? (ख) भुगतान नहीं होने के क्या कारण हैं? भुगतान कब तक हो जायेंगे? (ग) क्या किये गये कार्यों का भुगतान न होने से आगे विकास अवरूद्ध नहीं होगा? (घ) सी.एम. इन्फ्रा में भोपाल शहर के सभी विधानसभा क्षेत्रों में कितनी-कितनी राशि प्रत्येक विधानसभा के लिये देना प्रस्तावित है? (ड.) क्या राशि स्वीकृत हो गई? यदि नहीं, तो कब तक होगी? सी.एम. इन्फ्रा के मद से कार्य कब तक प्रारंभ होंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर निगम भोपाल में प्रश्न दिनांक तक कुल 742 ठेकेदारों के राशि रूपये 143.66 करोड़ की देनदारी भुगतान हेतु शेष है जिसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण राजस्व आय में कमी होने से फण्ड की उपलब्धता होने पर भुगतान की कार्यवाही की जाना संभव होगा। (ग) जी नहीं। (घ) मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना तृतीय चरण अंतर्गत नगर निगम भोपाल को भोपाल शहर के सभी विधानसभा क्षेत्रों के लिए राशि रू. 10.00 करोड़ की सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई है। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र हेतु पृथक-पृथक राशि प्रस्तावित नहीं है। (ड.) जी नहीं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय राशि के दुरूपयोग की जांच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
18. ( *क्र. 181 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक 95, दिनांक 09.06.2020 एवं पत्र क्रमांक 139 दिनांक 17.06.2020 के माध्यम से ग्राम पंचायत बम्हौरी विकासखण्ड बड़वारा जिला कटनी में सरपंच एवं सचिव द्वारा गम्भीर अनियमितता कदाचरण एवं शासकीय राशि का दुरूपयोग/गबन किये जाने की जांच हेतु पत्र लिखा गया था? जिसका प्रथम स्मरण पत्र क्र. 137, दिनांक 16.06.2020 को एवं द्वितीय स्मरण पत्र क्र. 211, दिनांक 19.07.2020 तथा पत्र क्रमांक 217 दिनांक 02.09.2020 से त्वरित जांच कराकर वैधानिक कार्यवाही करने हेतु पत्र लिखा गया था? (ख) यदि हाँ, तो ग्राम पंचायत बम्हौरी की कराई गई जांच में संबंधित सरपंच एवं सचिव दोषी पाये गये हैं तो उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? साथ ही जांच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में आज दिनांक तक जांच उपरांत दोषियों के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही नहीं करने के लिये कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं? क्या संबंधितों के ऊपर एफ.आई.आर. दर्ज करते हुये गबन की गई राशि की वसूली की जायेगी? यदि हाँ तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जिला स्तरीय जांच दल द्वारा प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन अनुसार प्रथम दृष्टया दोषी पाये जाने पर संबंधित प्रधान (सरपंच) एवं प्रभारी सचिव को कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर जबाव लिया गया। जबाव समाधानकारक न होने के कारण संबंधितों के विरूद्ध निम्नानुसार कार्यवाही की गई :- 1. प्रधान (सरपंच) को पद से पृथक करने हेतु प्रस्ताव जिला पंचायत कटनी के पत्र क्र./8497 दिनांक 08.12.2020 के माध्यम से सक्षम प्राधिकारी कलेक्टर जिला कटनी को प्रेषित किया गया है। 2. संबंधित प्रधान (सरपंच) एवं सचिव से राशि रू. 794717/- की वसूली हेतु पंचायत राज ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 89 के तहत् प्रस्ताव मय जांच प्रतिवेदन के जिला पंचायत कटनी के पत्र क्र. 8363/पं.से.स्थापना/2020 कटनी दिनांक 03.12.2020 के द्वारा सक्षम प्राधिकारी न्यायालय जिला कटनी की ओर प्रेषित किया गया है। 3. जिला पंचायत कटनी के पत्र क्र. 8498/पं.से.स्थापना/2020 कटनी दिनांक 08.12.2020 के द्वारा श्री देवेश द्विवेदी, प्रभारी सचिव (ग्राम रोजगार सहायक) ग्राम पंचायत बम्हौरी जनपद पंचायत बड़वारा के विरूद्ध ग्राम रोजगार सहायक संविदा सेवा शर्त-2012 के तहत् कार्यवाही हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत बड़वारा को निर्देशित किया गया है। 4. जिला पंचायत कटनी के पत्र क्र. 8581/पं.से.स्थापना/2020 कटनी दिनांक 12.12.2020 के द्वारा प्रधान (सरपंच) एवं प्रभारी सचिव के विरूद्ध पुलिस थाने में एफ.आई.आर. दर्ज कराने हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत बड़वारा को निर्देशित किया गया है। जांच प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की गई है, अत: वैधानिक कार्यवाही नहीं करने के लिये कोई भी अधिकारी दोषी नहीं है। जी हाँ। समय बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
ग्वालियर नगर निगम में स्वीकृत/रिक्त पद
[नगरीय विकास एवं आवास]
19. ( *क्र. 417 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम ग्वालियर में वर्तमान में स्वीकृत एवं रिक्त पदों की श्रेणीवार संख्या एवं स्थिति की जानकारी उपलब्ध कराएं। नगर निगम ग्वालियर में नियुक्त पदों के अतिरिक्त, प्रभार दिए जाने संबंधी नियमों एवं अतिरिक्त प्रभार पर कार्यरत अधिकारियों एवं कर्मचारियों की जानकारी उपलब्ध कराएं? (ख) नगर निगम ग्वालियर में अपने पद के अलावा अतिरिक्त प्रभार के तौर पर कार्यरत अधिकारियों एवं कर्मचारियों की योग्यता तथा किसी अधिकारी एवं कर्मचारी के अतिरिक्त प्रभार दिए जाने पर शिथिल किए गए नियमों के संबंध में जानकारी उपलब्ध कराएं। नगर निगम ग्वालियर में ऐसे अधिकारियों एवं कर्मचारियों की संख्या जिन्हें प्रभार के तौर पर सौंपे गए पद की योग्यता न होने पर भी अतिरिक्त प्रभार दिया गया हो, उनके संबंध में जानकारी उपलब्ध कराएं? (ग) ग्वालियर नगर निगम में कार्यरत अधिकारियों एवं कर्मचारियों में से कितनों पर अपराधिक प्रकरण जैसे- ईओडब्ल्यू, लोकायुक्त संबंधी जांचें एवं प्रशासकीय कार्यवाहियां लंबित हैं उनके संबंध में जानकारी उपलब्ध कराएं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम ग्वालियर में स्वीकृत रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। नगर पालिक निगम ग्वालियर में अधिकारी/कर्मचारियों की कमी, कार्य सुविधा एवं अधिकारी/कर्मचारियों की प्रशासकीय/नियंत्रण दक्षता को दृष्टिगत रखते हुए म.प्र. नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 69 (4) अंतर्गत प्रदाय अधिकारों का प्रयोग करते हुए कार्य व्यवस्था को सुचारू बनाये रखने हेतु प्रभार सौंपे गये हैं। प्रभार संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। नगर पालिक निगम ग्वालियर द्वारा अधिकारी/कर्मचारियों की कमी कार्य सुविधा एवं अधिकारी/कर्मचारियों की प्रशासकीय/नियंत्रण दक्षता को दृष्टिगत रखते हुए म.प्र. नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 69 (4) अंतर्गत प्रदाय अधिकारों का प्रयोग करते हुए कार्य व्यवस्था को सुचारू बनाये रखने हेतु प्रभार सौंपे गये हैं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''तीन'' अनुसार है।
वर्ष 2019-20 की फसल बीमा राशि का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
20. ( *क्र. 380 ) श्री दिलीप कुमार मकवाना : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत प्रदेश के किसानों के बैंक खाते से वर्ष 2019-20 में बीमा राशि काटी गई थी? यदि हाँ, तो काटी गयी राशि किस बीमा कंपनी में जमा की गई? रतलाम ग्रामीण विधानसभा के कितने किसानों के बैंक खाते से वर्ष 2019-20 में बीमा राशि काटकर बीमा कंपनी को जमा की गई? काटी गयी राशि की जानकारी दी जावें। (ख) क्या वर्ष 2019-20 में किसानों की फसल खराब होने के कारण रतलाम ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के कुछ किसानों को कंपनी द्वारा बीमा योजना का लाभ प्रदान किया है? यदि हाँ, तो कितने किसानों को बीमा लाभ प्रदान किया गया है? कितने किसानों को बीमा योजना का लाभ नहीं दिया गया? (ग) क्या वर्ष 2019-20 में किसानों के बैंक खाते से बीमा राशि काटी जाने के उपरांत भी कंपनी द्वारा रतलाम ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के कुछ किसानों को बीमा राशि का भुगतान प्रश्न दिनांक तक नहीं किया है? यदि हाँ, तो कितने किसानों को भुगतान नहीं किया गया? इन्हें कब तक बीमा राशि का भुगतान कर दिया जाएगा? बीमा राशि का भुगतान समय पर नहीं किए जाने का क्या कारण है? इसके लिए कौन अधिकारी दोषी है? दोषी अधिकारी के विरूद्ध विभाग कब तक कार्यवाही करेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत वर्ष 2019-20 में जिला रतलाम अंतर्गत किसानों के खातों से खरीफ 2019 में 31831 किसानों की राशि रू. 3.20 करोड़ एवं रबी 2019-20 में 36162 किसानों की राशि रू. 1.99 करोड़ (कृषक अंश) बैंकों द्वारा रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी लि. में जमा की गई। (ख) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत रतलाम ग्रामीण विधानसभा के खरीफ 2019 वर्ष में 31459 एवं रबी 2019-20 में 137 किसान लाभान्वित है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (संशोधित) के परिचालन दिशा-निर्देश के अनुसार सभी पात्र बीमित किसानों को दावों का भु्गतान किया गया है। (ग) रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी से प्राप्त जानकारी अनुसार रतलाम ग्रामीण विधान सभा क्षेत्र के खरीफ वर्ष 2019 एवं रबी वर्ष 2019-20 में सभी प्रात्र दावों का भुगतान किया जा चुका है।
इंदौर नगर निगम अंतर्गत प्रधानमंत्री आवासों का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
21. ( *क्र. 442 ) श्री जितू पटवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर नगर निगम में विधान सभा क्षेत्रवार बतावें कि प्रधानमंत्री आवास योजना में कितनी यूनिट हैं, कितनी निर्माणाधीन हैं तथा कितनी प्रारंभ होना शेष हैं? कितनी यूनिट समयावधि में बनी हैं तथा समयावधि में न बनने के क्या कारण हैं? (ख) इंदौर नगर निगम में विधान सभावार बतावें कि विभिन्न आवास योजनाओं में कुल प्रोजेक्ट यूनिट कितनी हैं? कुल कितने प्रोजेक्ट यूनिट पर कार्य चल रहा है और वह कब तक संपन्न होगा? (ग) इंदौर नगर निगम में इंदौर मेट्रो एवं स्मार्ट सिटी परियोजना पर कार्य किस दिनांक से प्रारंभ हुआ तथा अनुबंध अनुसार कार्य समाप्त करने की दिनांक क्या है तथा नवम्बर 2020 तक दोनों परियोजना में कितने प्रतिशत कार्य हो चुका है तथा बतावें कि अनुबंध अनुसार कार्य समयावधि में पूरा हो जावेगा? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित दोनों परियोजना की लागत क्या-क्या है तथा उस लागत राशि की व्यवस्था किस-किस प्रकार होगी? मेट्रो ट्रेन में किराया किस अनुसार कितना रहेगा तथा स्मार्ट सिटी में जमीन, भवन कार्यालयों तथा दुकानों का मूल्य किस अनुसार कितना होगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) योजनांतर्गत निर्मित किये जा रहे आवासीय यूनिट की विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) नगर पालिक निगम, इंदौर में विभिन्न आवास योजनाओं अंतर्गत प्रोजेक्ट यूनिट की विधानसभावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। प्रोजेक्ट यूनिट का कार्य वर्ष 2022 तक पूर्ण कराया जाना प्रस्तावित है। (ग) इंदौर मेट्रो रेल परियोजना का कार्य वर्ष 2018-19 से प्रचलन में है तथा परियोजना का कार्य समय सीमा में पूर्ण होना संभावित है। वर्तमान में केवल प्रथम सिविल पैकेज (Viaduct) का कार्य आवंटित किया गया है, जो लगभग 7 फीसदी हो चुका है। नगर निगम इंदौर में स्मार्ट सिटी परियोजना का कार्य दिनांक 11.03.2016 से प्रचलन में है एवं परियोजना की कार्य अवधि 05 वर्ष निर्धारित है। नवंबर 2020 तक लगभग 59 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। स्मार्ट सिटी परियोजना हेतु अनुबंध निर्धारित नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) इंदौर मेट्रो रेल परियोजना से संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। इंदौर स्मार्ट सिटी परियोजना की कुल लागत राशि रू. 5099.62 करोड़ है। इस राशि की व्यवस्था केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली अनुदान राशि, ए.बी.डी. क्षेत्र से प्राप्त होने वाली रेवेन्यू राशि, पुनर्विकास योजना अंतर्गत बेचे जाने वाले रियल स्टेट क्षेत्रों से प्राप्त राशि, एफ.ए.आर. पर प्रीमियम राशि, प्रायवेट लैंड, पुनर्विकास से प्राप्त राशि एवं कन्वर्जन्स आदि के कार्यों से प्राप्त राशि से की जाना प्रस्तावित है। इंदौर स्मार्ट सिटी में जमीन, भवन, कार्यालयों तथा दुकानों का मूल्य कलेक्टर गाईड लाईन, अन्य निकाय व्यय एवं शासकीय शुल्क पर आधारित ऑफसेट मूल्य पर प्राप्त प्रीमियम राशि के आधार पर निर्धारित किया जाना प्रस्तावित है।
अनूपपुर जिले में कोविड-19 महामारी में व्यय
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
22. ( *क्र. 435 ) श्री सुनील सराफ : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.04.2020 से 30.11.2020 तक कोविड-19 महामारी से संबंधित कितनी राशि किन कार्यों के लिए विभाग द्वारा अनूपपुर जिले में व्यय की गई? विधान सभावार बतावें। (ख) इन कार्यों के लिए टेंडर या जो प्रक्रिया अपनाई गई, उसकी जानकारी देवें। (ग) इसके लिए जिन फर्मों/व्यक्तियों को भुगतान किया गया? उनके नाम, कार्य नाम सहित बतावें। संस्थाओं को यदि भुगतान किया है तो वह भी बतावें? इन फर्मों/व्यक्तियों/संस्थाओं का कितना टी.डी.एस. काटा गया, वह भी बतावें? यदि टी.डी.एस. नहीं काटा गया तो इसके जिम्मेदार अधिकारियों के नाम, पदनाम, सहित बतावें? (घ) श्रमिकों को लाने के लिए जो वाहन अनुबंधित किए गए उनके वाहन नंबर, वाहन स्वामी नाम, खाता नंबर, टी.डी.एस. कटौत्रा राशि, डीजल/पेट्रोल मात्रा सहित वाहनवार बतावें।
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) इन कार्यों हेतु खाद्य सामग्री एवं स्वच्छता सामग्री का वितरण करने हेतु संरक्षण योजना वी केयर अंतर्गत स्थानीय बाजार से प्रदायकर्ताओं से कोटेशन आमंत्रित कर, न्यूनतम दर पर सामग्री क्रय की गई है। ग्राम पंचायतों के द्वारा प्रदायकर्ताओं फर्मों से साधारण प्रक्रिया द्वारा सीधे संपर्क कर कोविड-19 महामारी को ध्यान में रखते हुए सामग्री क्रय की गई है। अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) पुष्पराजगढ़ की अध्यक्षता में खण्ड स्तरीय समिति एवं स्थानीय व्यापारियों से दरें आमंत्रित करने हेतु दिनांक 12.04.2020 को बैठक आयोजित की गई। बैठक में व्यापारियों द्वारा प्राप्त न्यूनतम दरों के आधार पर स्थानीय व्यापारियों को अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) पुष्पराजगढ़ द्वारा आपूर्ति आदेश जारी किया गया। राष्ट्रीय आजीविका मिशन से संबद्ध स्व-सहायता समूहों से सामग्री क्रय की गई। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। टी.डी.एस. की कटौती की राशि देयक में अंकित नहीं होने के कारण टी.डी.एस. कटौती नहीं की गई है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) श्रमिकों को लाने के लिए ग्राम पंचायतों, जनपद पंचायतों तथा जिला पंचायत द्वारा वाहन अनुबंधित नहीं किये गये हैं। अतः प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अवार्डी खिलाड़ियों को आर्थिक सहायता
[खेल और युवा कल्याण]
23. ( *क्र. 190 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2018-19 से 2020-21 की अवधि में प्रदेश में राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय खेल स्पर्धाओं में पदक विजेता किन-किन खिलाड़ियों को राज्य एवं केन्द्र शासन द्वारा कब-कब, किन-किन अवार्डों से सम्मानित किया गया है एवं उन्हें कौन-कौन सी सुविधाएं व कितनी-कितनी राशि की आर्थिक सहायता दी गई है? किन-किन खिलाड़ियों को शासकीय सेवा में नियुक्ति दी गई है? सूची दें। (ख) प्रश्नांकित किन-किन खेलों में पदक विजेता अवार्डी खिलाड़ियों को शासन ने कब से कौन-कौन सी सुविधाएं व आर्थिक सहायता नहीं दी है एवं क्यों? किन-किन को शासकीय सेवा में नियुक्ति नहीं दी गई है एवं क्यों? सूची दें। (ग) तुर्की में वर्ष 2019 में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय पैरा जूडो प्रतियोगिता की स्वर्ण पदक विजेता प्रदेश की किस महिला खिलाड़ी को शासन ने कब, किस-किस अवार्ड से सम्मानित किया है एवं उसे कब-कब, कौन-कौन सी सुविधाएं व कितनी राशि की आर्थिक सहायता दी है? (घ) प्रदेश में वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में किन-किन खेलों से संबंधित किन-किन खिलाड़ियों को व्यक्तिगत या सामूहिक रूप से किस-किस अवार्ड के लिये नामित किया गया है? इस संबंध में शासन ने प्राप्त शिकायतों का कब, क्या निराकरण किया है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में पदक विजेता अवार्डी खिलाड़ियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है, उनको प्रदान की गई आर्थिक सहायता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है एवं शासकीय सेवा में नियुक्ति की कार्यवाही प्रचलन में है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित अवधि में पात्रता अनुसार सभी पदक विजेता अवार्डियों को प्रश्नोत्तर (क) के जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार आर्थिक सहायता प्रदान की है तथा प्रश्नांकित अवधि में अवार्डी खिलाड़ियों से नियुक्ति हेतु आवेदन पत्र प्राप्त न होने के कारण नियुक्ति की कार्यवाही नहीं की गई, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। (ग) विभाग में उपलब्ध अभिलेख अनुसार प्रदेश की किसी भी महिला खिलाड़ी द्वारा वर्ष 2019 में तुर्की में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय पैरा जूडो प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक अर्जित करने पर पुरस्कार राशि/आर्थिक सहायता हेतु संचालनालय में आवेदन प्रस्तुत नहीं किया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में अवार्ड हेतु नामित किए गए खिलाड़ियों की जानकारी प्रश्नोत्तर (क) के जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। सुश्री श्रद्धा यादव, वूशु खिलाड़ी द्वारा वर्ष 2019-20 में विक्रम पुरस्कार हेतु कु. चिंकी यादव, शूटिंग एवं कु. राजेश्वरी कुशराम, क्याकिंग कैनोइंग के चयन के विरूद्ध शासन में शिकायत की गई है। प्राप्त शिकायत का परीक्षण किया गया, जो निराधार पाई गई।
बरेला में शासकीय आई.टी.आई. की स्थापना
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
24. ( *क्र. 2 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र पनागर अंतर्गत बरेला क्षेत्र के विद्यार्थियों को तकनीकी शिक्षा के लिये जबलपुर जाना पड़ता है? (ख) क्या 20 से 30 कि.मी. दूरी होने के कारण अधिकांश विद्यार्थी तकनीकी शिक्षा से वंचित हैं? (ग) यदि हां, तो क्या बरेला में शासकीय आई.टी.आई. खोलने हेतु विचार किया जावेगा? (घ) यदि हाँ, तो कब तक?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) विकासखण्ड पनागर के अंतर्गत, आदर्श औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था एवं महिला औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था संचालित है। (ख) प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। विभाग की नीति प्रत्येक विकासखण्ड में एक आई.टी.आई. खोलने की है। पनागर विकासखण्ड में पूर्व से ही आई.टी.आई. संचालित है। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उज्जैन जिलांतर्गत फसल बीमा राशि का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
25. ( *क्र. 169 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019-20 तथा 2020-21 में कृषकों को उनकी रबी एवं खरीफ की फसल नष्ट होने अथवा फसलों में क्षति होने पर किस-किस बैंक के द्वारा विगत 5 वर्षों में उज्जैन जिले के कितने कृषकों को कितनी-कितनी बीमा राशि का भुगतान किया गया है? ऐसे कितने किसानों को बैंक की त्रुटि के कारण बीमा राशि का लाभ नहीं मिल पाया? उनकी सूची देवें। विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांक (क) के परिप्रेक्ष्य में बतावें कि किस-किस ग्राम में कितने कृषक बीमा राशि के लाभ से वंचित रह गये हैं और फसल बीमा राशि का लाभ नहीं मिलने के क्या कारण हैं? प्रश्नकर्ता के द्वारा कलेक्टर उज्जैन को प्रस्तुत पत्रों में से किस-किस पत्र का निराकरण कर फसल बीमा की राशि का भुगतान कराने की कार्यवाही की गई है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) उज्जैन जिले में वर्ष 2015 की एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कम्पनी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार एवं आई.सी.आई.सी.आई. लोम्बार्ड की वर्ष 2016, 2017, 2018 की बैंकवार बीमा दावा राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। खरीफ 2019 में न्यू इंडिया इंश्योरेंस द्वारा 141241 कृषकों के खाते में सीधी राशि रू. 10412142656 जमा कराई गई है। बैंकों की त्रुटि के कारण 1737 किसान बीमा लाभ से वंचित रहे, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है। (ख) संबंधित बैंकों द्वारा की गई त्रुटियों के कारण फसल बीमा दावा राशि का लाभ कृषकों को नहीं मिल पाया, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है। प्रश्नकर्ता के द्वारा कलेक्टर उज्जैन को प्रस्तुत पत्रों पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 4 अनुसार है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
किसानों
को बीमा राशि
का लाभ
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
1. ( क्र. 1 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाले कितने कृषकों की खरीफ, 2019 की कितनी बीमा प्रीमियम राशि काटी गई? बैंकवार, संस्थावार, कृषकों की संख्या एवं काटी गई प्रीमियम राशि की जानकारी से अवगत करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर में दर्शित कितने कृषकों को कितनी बीमा राशि प्रदान की गई है? बैंकवार, संस्थावार कृषकों की संख्या एवं बीमा राशि की जानकारी से अवगत कराएं तथा शेष रहे कृषकों को बीमा राशि का लाभ मिलेगा या नहीं? यदि हाँ, तो कब तक एवं यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ग) यदि बीमा प्रीमियम जमा करने के उपरांत भी शेष रहे किसानों को बीमा राशि का लाभ नहीं दिया जाता है, तो क्या बैंकों पर कार्यवाही कर उन्हें बीमा राशि का लाभ दिलवाया जावेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) एवं (ख) इंश्योरेंस कंपनी से जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (संशोधित) परिचालन दिशानिर्देश अनुसार कार्यवाही की जावेगी।
प्राईवेट/अवैध कॉलोनियों में विकास कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
2. ( क्र. 3 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत वार्ड क्रमांक 74 में ओंकार नगर, जनता कॉलोनी, जागृति नगर, सम्राट ट्रेडर्स एवं क्यूम बाबा की बस्ती में रोड, नाली, पानी, लाइट की सुविधा न होने से वहां के निवासी कई वर्षों से कठिन परिस्थितियों में जीवन यापन कर रहे हैं? (ख) क्या शासकीय कॉलोनियों यथा मिल्लत नगर गुर्दा, वादा नगर कुदवारी वर्रा बस्ती में भी वर्षों से रोड, नाली, पानी, लाइट की सुविधाएं नहीं हैं? (ग) यदि हाँ, तो क्या शासन इन क्षेत्रों के निवासियों को मूलभूत सुविधाएं देने पर विचार करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ, प्रश्नाधीन क्षेत्रों में अधोसरंचना मानक स्तर की नहीं है, जागृति नगर में नगर निगम द्वारा निर्माण कार्य कराये गये है एवं अमृत योजना के अंतर्गत ओवर हेड टैंक का निर्माण कराया जाकर पाईप लाईन डालकर पानी की व्यवस्था की जा रही है, जिन बस्तियों में विद्युत पोल उपलब्ध है उनमें स्ट्रीट लाईट लगाकर प्रकाश व्यवस्था की गई है। (ख) जी हाँ, प्रश्नाधीन क्षेत्रों में अधोसरंचना मानक स्तर की नहीं है वर्रा बस्ती में नगर निगम द्वारा निर्माण कार्य कराये गये है एवं अमृत योजना के अंतर्गत ओवर हेड टैंक का निर्माण कराया जाकर पाईप लाईन डालकर पानी की व्यवस्था की जा रही है, जिन बस्तियों में विद्युत पोल उपलब्ध है उनमें स्ट्रीट लाईट लगाकर प्रकाश व्यवस्था की गई है। (ग) जी हाँ, नगर निगम द्वारा वित्तीय स्थिति अनुसार विकास कार्य कराये जा सकेगें।
अमृत योजना के तहत संचालित बसें
[नगरीय विकास एवं आवास]
3. ( क्र. 14 ) श्री संजीव सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन्द्र सरकार के द्वारा प्रचलित अमृत योजना के प्रावधानों के तहत योजना के मूल उद्देश्यों के तहत चुन्निदा शहरों के अन्दर सब्सिडी प्रदाय यात्री बसों को एक शहर से दूसरे शहर तक चलाये जाने का प्रावधान है? (ख) क्या मध्यप्रदेश राज्य शासन को यह अधिकार है कि केन्द्र सरकार की अमृत योजना के मूल उद्देश्यों के विपरीत सब्सिडी प्रदाय शहरी मार्गों की सिटी बसों को गैर शहरी मार्गों (एक शहर से दूसरे शहर तक) संचालित करने बावत् सूत्र सेवा के अंतर्गत योजना बना सकें? (ग) भिण्ड जिले में कितने मार्गों पर इस योजना के तहत बसें संचालित की जा रही हैं? (घ) क्या इस योजना के तहत किसी प्रकार की सब्सिडी प्रदान की जा रही है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। अमृत परियोजना के अन्तर्गत बस संचालन का प्रावधान है। (ख) जी हाँ। मध्यप्रदेश शासन द्वारा केन्द्र सरकार की अमृत योजना अन्तर्गत सब्सिडी प्रदाय बस संचालन (शहरी एवं गैर शहरी मार्गों) हेतु राज्य स्तरीय उच्च शक्ति प्राप्त संचालन समिति एवं आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय भारत सरकार की अपेक्स कमेटी की बैठक दिनांक 13.11.2015 में प्राप्त अनुमोदन अनुसार सूत्र-सेवा बसों का संचालन किया जा रहा है। (ग) भिण्ड जिले में निम्नानुसार 08 बसों का संचालन किया जा रहा है:- (अ) क्लस्टर क्रमांक 01 के अंतर्गत भिण्ड से ग्वालियर 03 बसों का। (ब) भिण्ड से मौ के लिये 01 बस का संचालन। (स) फूप से मेहगांव के लिये 02 बसों का इस प्रकार क्लस्टर क्रमांक 01 के अंतर्गत कुल 06 बसों का संचालन किया जा रहा है। (द) क्लस्टर क्रमांक 03 में भिण्ड से लाहर 02 बसों का संचालन किया जा रहा है। (घ) जी हाँ, प्रदान की जा रही है।
नगरीय प्रशासन विभाग में कैडर व्यवस्था
[नगरीय विकास एवं आवास]
4. ( क्र. 15 ) श्री संजीव सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगरीय प्रशासन विभाग में कैडर व्यवस्था लागू की गई? यदि हाँ, तो कब से? शासन द्वारा इस हेतु कब-कब निर्देश जारी किए गए? निर्देशों की प्रति देते हुए बताएं। (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो प्रदेश में कहाँ-कहाँ कैडर व्यवस्थाएं लागू कर दी गई एवं कहाँ-कहाँ पर नहीं? जिलेवार बताएं। (ग) प्रश्नांश (क) यदि नहीं, तो शासन निर्देशों की अव्हेलना करने के लिए जिम्मेदार अधिकारी कौन-कौन हैं एवं क्या उनके विरूद्ध कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो तो क्या? नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) प्रदेश स्तर पर लागू की गई है। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
इन्दौर स्मार्ट सिटी के अंतर्गत यातायात उपकरणों की खरीदी
[नगरीय विकास एवं आवास]
5. ( क्र. 36 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर शहर में स्मार्ट सिटी के अंतर्गत यातायात उपकरणों की खरीदी की गई है? यदि हाँ, तो 1 जनवरी 2019 से अभी तक कितनी राशि के उपकरणों की खरीदी की गई? इसका टेंडर कब निकाला गया? किस-किस आपूर्तिकर्ता को क्रय आदेश दिया गया? (ख) इन्दौर में किन-किन स्थानों पर यातायात उपकरणों को लगाया गया? भुगतान हेतु कितने का बिल बना? कितनी राशि जारी हुई? क्या इसकी संपूर्ण जांच कराई जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ, इन्दौर शहर में स्मार्ट सिटी के अंतर्गत “Infrastructure Upgradation and Improvement for Commuter Safety under Smart City Mission (SCM)” कार्य के लिये जारी निविदा अंतर्गत यातायात उपकरणों की खरीदी की गई है। 01 जनवरी 2019 से अभी तक कुल राशि रू.18,88,59,426/- की खरीदी की गई है। इसका टेंडर दिनांक 15.02.2019 को निकाला गया। मेसर्स के.आर.एम. इन्फ्रा को क्रय आदेश दिया गया। (ख) इंदौर स्मार्ट सिटी से प्राप्त प्रतिवेदन अनुसार इन्दौर शहर में जिन स्थानों पर उपकरण लगाए गए है उन स्थानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। भुगतान हेतु राशि रू. 20,66,99,998/- का बिल बना। राशि रू. 18,88,59,426/- जारी किये गये। संपूर्ण प्रकरण की जांच संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास में पदस्थ IAS स्तर के अधिकारी से करवाई जावेगी।
इन्दौर नगर-निगम में सीवरेज प्रोजेक्ट की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
6. ( क्र. 37 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कुछ वर्षों पूर्व इन्दौर नगर-निगम में सीवरेज का प्रोजेक्ट बनाया गया था? यदि हाँ, तो इसकी प्रारंभिक लागत कितनी थी एवं अभी तक कितना खर्च हो चुका है? (ख) इन्दौर शहर में अमृत योजना या नगर-निगम द्वारा या स्वच्छ भारत में या स्मार्टसिटी में अभी तक बड़े सीवरेज प्रोजेक्ट में कितनी राशि व्यय हो चुकी है? नगर-निगम इन्दौर में 1 करोड़ से अधिक के सीवरेज/ड्रेनेज प्रोजेक्ट की जानकारी उपलब्ध करावें। सीवरेज प्रोजेक्ट कितने समय से चल रहा है? यह अंतहीन प्रोजेक्ट कब तक खत्म होगा? यह प्रोजेक्ट जब बनाया गया तब इन्दौर का कितना क्षेत्रफल था और अब कितना हो गया है? (ग) क्या यह प्रोजेक्ट यह 10 वर्षों से अधिक समय से चल रहा है तथा विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत करोड़ों की राशि खर्च की जा चुकी है? यदि हाँ, तो इस प्रोजेक्ट में होने वाली अनियमितता की जाँच कब की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। जे.एन.एन.यू.आर.एम. के अंतर्गत वर्ष 2007-08 में सीवरेज का प्रोजेक्ट बनाया गया था। प्रोजेक्ट की प्रारंभिक लागत रू. 307.17 करोड़ केन्द्र शासन द्वारा स्वीकृत की गई। वर्तमान तक राशि रू. 293.00 करोड़ खर्च हुई है। (ख) इन्दौर शहर में अमृत योजना अंतर्गत स्वीकृत सीवरेज प्रोजेक्ट पर राशि रू. 246.09 करोड़ व्यय हो चुकी है एवं सिंहस्थ-2016 सीवरेज प्रोजेक्ट के कार्यों पर राशि रू. 109.00 करोड़ व्यय हो चुकी है। स्वच्छ भारत मिशन से सीवरेज प्रोजेक्ट के अंतर्गत कोई राशि व्यय नहीं की गई है। इन्दौर स्मार्ट सिटी परियोजना में इन्दौर स्मार्ट सिटी डेव्हलपमेंट लिमिटेड द्वारा Improvement of Water Supply and Sewerage System in ABD Area of Indore Smart City &O&M for 10 years कार्य अंतर्गत सीवरेज कार्य कराया जा रहा है, इस प्रोजेक्ट में कुल राशि रू. 52,96 करोड़ व्यय हो चुकी है। नगर निगम इन्दौर में रू. 1.00 करोड़ से अधिक का कोई सीवरेज/ड्रेनेज प्रोजेक्ट नहीं बनाया गया है। सिंहस्थ 2016 के अंतर्गत सेकेण्डरी सीवरेज प्रोजेक्ट वर्ष 2013-14 से चल रहा है, यह प्रोजेक्ट आगामी 02 माह में पूर्ण होना संभावित है। इन्दौर शहर में अमृत योजना के अंतर्गत सीवरेज प्रोजेक्ट वर्ष 2017-18 से चल रहा है, यह प्रोजेक्ट आगामी 06 माह में पूर्ण होना संभावित है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट जुलाई 2018 से चल रहा है, प्रोजेक्ट आगामी 03 वर्ष में पूर्ण होना संभावित है। सिंहस्थ-2016 अंतर्गत सेकेण्डरी सीवरेज प्रोजेक्ट के समय इन्दौर शहर का क्षेत्रफल 136 वर्ग कि.मी. था। वर्ष 2014 के गजट नोटीफिकेशन अनुसार 29 गावों का विलय इन्दौर शहरी सीमा में हो जाने से इन्दौर शहर का क्षेत्रफल 276 वर्ग कि.मी. है। (ग) जी नहीं। यह प्रोजेक्ट 10 वर्षों से अधिक समय से प्रचलित नहीं है। विभिन्न योजनाओं पर व्यय का विवरण उत्तरांश (ख) अनुसार है। अनियमितता सम्बन्धी शिकायत संज्ञान में नहीं होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
उज्जैन नगर निगम में सिंहस्थ के दौरान हुए टंकी घोटाला
[नगरीय विकास एवं आवास]
7. ( क्र. 40 ) श्री महेश परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर निगम टंकी घोटाले के मामले में अपर कलेक्टर की जांच में जिन लोगों को दोषी बनाया गया था उसमें तत्कालीन न.नि. कमिश्नर और वर्तमान कलेक्टर श्री आशीष सिंह को दोषी पाया गया था? यदि हाँ, तो उन्हे उसी जिले का कलेक्टर नियुक्त करने की सरकार की मंशा क्या थी? इस मामले में ई.ओ.डबल्यू. में पहले ही अपराध पंजीबद्ध है, अपर कलेक्टर की जांच का प्रतिवेदन, अभिमत एवं शासन के निर्णय अनुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही की प्रमाणित प्रतियाँ देवें। (ख) कलेक्टर श्री आशीष सिंह के कार्यकाल के दौरान ही नगर निगम भवन में अवैध शराब का बनना और बिकना तथा कोविड महामारी के दौरान कचरा गाड़ी में सप्लाई होकर अवैध तरीके से बिक्री क्या ज़िला कलेक्टर की प्रशासनिक अक्षमता का प्रमाण नहीं है? यदि हैं, तो कलेक्टर की सीआर चैनल अनुसार कमिश्नर ने मध्यप्रदेश शासन को रिपोर्ट की है? क्या कार्मिक विभाग के प्रमुख सचिव ने रिपोर्ट स्वीकार करते हुए मध्यप्रदेश शासन के निर्देशों के अनुरूप इन कलेक्टर महोदय के विरुद्ध भारतीय प्रशासनिक सेवा की आचार नियमावली के अंतर्गत की गयी कार्यवाही की प्रमाणित प्रतियाँ देते हुए जानकारी देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) वर्तमान कलेक्टर एवं तत्कालीन नगर निगम आयुक्त श्री आशीष सिंह को नगर निगम टंकी घोटाले में दोषी पाये जाने संबंधी कोई प्रमाण नहीं है। तत्संबंध में ई.ओ.डब्ल्यू. में दर्ज अपराध की कोई जानकारी नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) नगर निगम के भवन में अवैध शराब बनना, बिकना और कोविड महामारी के दौरान कचरा गाड़ी में सप्लाई होकर अवैध तरीके से बिक्री होने का संबंध वर्तमान जिला कलेक्टर से नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सिंहस्थ भूमि को सुरक्षित कराने की कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
8. ( क्र. 41 ) श्री महेश परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिंहस्थ के अधिसूचित क्षेत्र की लगभग 3500-4000 हेक्टेयर के बीच की ज़मीनों को मुक्त करने की तैयारी की जा रही है? यदि हाँ, तो किस आधार पर? यदि जमीनों को मुक्त किया जाता है तो सिंहस्थ मेला कहाँ लगेगा और इसके लिए क्या अतिरिक्त भूमि की कोई वैकल्पिक व्यवस्था प्रशासन द्वारा की गयी है? पूर्ण ब्योरा देवें। (ख) सिंहस्थ भूमि को सुरक्षित करने एवं अतिक्रमण को हटाने के लिए जिलाधीश एवं कार्यपालिक दंडाधिकारी महोदय ने अपने कार्यकाल में क्या क्या कदम उठाए हैं? जानकारी दें। (ग) सिंहस्थ की अधिसूचित क्षेत्र की सर्वे नंबर, पटवारी हल्का नंबर के साथ मुक्त कराई गयी भूमि की सूची, अतिक्रमित भूमि की सूची एवं अतिक्रमण मुक्त कराने की कार्यवाही से शेष भूमि की सूची उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं वर्तमान में उज्जैन स्थित सिंहस्थ क्षेत्र की अधिसूचित 3500-4000 हेक्टेयर भूमि को मुक्त कराने का कोई प्रस्ताव नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) सिंहस्थ क्षेत्र की भूमि को सुरक्षित रखने के लिए राजस्व अमले के द्वारा समय-समय पर सिंहस्थ क्षेत्र का भ्रमण किया जाता है। जिनके द्वारा अतिक्रमण की सूचना प्राप्त होने पर म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 के प्रावधानों के अंतर्गत विधिक कार्यवाही की जाती है। (ग) विगत दिनों तहसीलदार उज्जैन नगर द्वारा पटवारी हल्का नंबर 4 मोहनपुरा का शासकीय भूमि सर्वे नंबर 395 कुल रकबा 12.145 हे. में से 0.087 हे. पर अतिक्रमण पाया था, जिसे मुक्त करा दिया गया है। वर्तमान में सिंहस्थ क्षेत्र की शासकीय भूमि पर अतिक्रमण होने की सूचना नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विदिशा शहर के नालों का गहरीकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
9. ( क्र. 42 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर विदिशा स्थित बैशाली बिहार में स्थित नाले के गहरीकरण का कार्य प्रशासन द्वारा नगर पालिका परिषद विदिशा के माध्यम से प्रारंभ किया गया था? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ, तो क्या जनहित में नाले का गहरीकरण कार्य पूरा किया गया? यदि नहीं, तो नाला गहरीकरण के आदेश किसने दिये थे एवं इसकी कार्य एजेंसी, ठेकेदार का नाम सहित कार्य रोक जाने के आदेश सहित जानकारी दें। (ग) क्या शासन जनहित में नाले का गहरीकरण कार्य पुनः प्रारंभ करेगा? यदि हाँ, तो कब से एवं नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जबलपुर में मेट्रो प्रारंभ करने हेतु फिजिबिलिटी सर्वे
[नगरीय विकास एवं आवास]
10. ( क्र. 55 ) श्री तरूण भनोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर शहर में मेट्रो प्रारंभ करने के लिये फिजिबिलिटी सर्वे कराये जाने के लिये बजटीय प्रावधान किया गया था? यदि हाँ, तो इस संबंध में अब तक की गई कार्यवाही का विवरण प्रस्तुत किया जाये। (ख) जबलपुर में मेट्रो प्रारंभ करने के लिये फिजिबिलिटी सर्वे के लिये कितनी राशि स्वीकृत की गई है? अभी तक सर्वे का धरातल पर प्रारंभ नहीं होने का क्या कारण है? (ग) बजट में प्रावधान होने के बावजूद सर्वे नहीं कराये जाने के लिये क्या राज्य शासन कोई उत्तरदायित्व निर्धारित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) एवं (ख) आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जारी मेट्रो रेल पालिसी-2017'' एवं Appraisal Guidelines for metro Rail Project Proposal" के प्रावधानों के तहत फिजिविलिटी सर्वे की आवश्यकता नहीं है, अत: प्रशासनिक आदेशानुसार जबलपुर शहर के फिजिबिलिटी सर्वे के कार्य को निरस्त कर दिया गया है। मास रेपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम के विभिन्न सर्वे कार्यों के लिये बजट मद 6022 के लिये वर्ष 2019-20 वर्ष 2020-21 में प्रावधानित राशि संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उपरोक्त (क) के परिप्रेक्ष्य में उत्तरदायित्व निर्धारत करने का प्रश्न नहीं उठता।
जबलपुर उपनगरी क्षेत्र में स्टेट ऑफ आर्ट टाउनशिप का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
11. ( क्र. 56 ) श्री तरूण भनोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर उप नगरीय क्षेत्र में 100 एकड़ भूमि पर स्टेट ऑफ आर्ट टाउनशिप के निर्माण के लिए बजट में प्रावधान किया गया था? यदि हाँ, तो उसका पूर्ण विवरण प्रस्तुत करें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित टाउनशिप के निर्माण के लिए अभी तक क्या कार्यवाही हुई है? उसका विवरण प्रस्तुत किया जाये। (ग) उक्त टाउनशिप के लिए बजट में प्रावधान होने के बावजूद अभी तक कोई निर्माण कार्य स्वीकृत न होने का क्या कारण है? (घ) बजटीय प्रावधान होने के बावजूद निर्माण कार्य में हुए विलंब के लिए क्या राज्य शासन उत्तरदायित्व निर्धारित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। प्राधिकरण में स्टेट ऑफ आर्ट टाउनशिप के निर्माण के लिये बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) से (घ) उतरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री आवास योजना के वंचित ग्राम
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
12. ( क्र. 66 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिसम्बर 2020 की स्थिति में रायसेन जिले में कौन-कौन से ग्राम हैं, जिनमें प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत एक भी आवास स्वीकृत नहीं हुआ तथा क्यों? ग्रामवार कारण बतायें। (ख) उक्त ग्रामों में आवास स्वीकृत हो, इस संबंध में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रायसेन द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) उक्त ग्रामों में आवास स्वीकृति के संबंध में मान.मंत्रीजी तथा विभाग के अधिकारियों को रायसेन जिले के किन-किन विधायकों के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (क) गांव के हितग्राहियों को कब तक आवास उपलब्ध होंगे?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- अ अनुसार (पेज क्र.1 से 4 तक) है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ब अनुसार (पेज क्र.1 से 10 तक) है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार (पेज क्र.1 से 23 तक) है। (घ) भारत सरकार से निर्देश प्राप्त होने पर आवास उपलब्ध करवाने की कार्यवाही प्रचलित है।
सिलवानी विधानसभा क्षेत्र में अपूर्ण तथा अप्रारंभ कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
13. ( क्र. 67 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2017-18 से दिसम्बर 2020 की स्थिति में रायसेन जिले की विधानसभा क्षेत्र सिलवानी की ग्राम पंचायतों में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत स्वीकृत कौन-कौन से कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ है तथा क्यों? कार्यवार कारण बतायें। उक्त कार्यों को पूर्ण करवाने हेतु विभाग के अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? उक्त कार्य कब तक पूर्ण होगें? (ख) रायसेन जिले की विधानसभा क्षेत्र सिलवानी की ग्राम पंचायतों में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओं के अपूर्ण तथा अप्रारंभ कार्यों को पूर्ण करवाने तथा निर्माण कार्यों में द्वितीय एवं अन्तिम किश्त के भुगतान हेतु मान.मंत्री जी एवं विभाग के अधिकारियों को 1 जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र कब-कब प्राप्त हुए? (ग) उक्त पत्रों पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई तथा किन-किन निर्माण कार्यों की द्वितीय किश्त का भुगतान नहीं हुआ तथा क्यों? कब तक द्वितीय किश्त का भुगतान होगा? (घ) प्रश्नकर्ता विधायक के पत्रों में उल्लेखित किन-किन बिन्दुओं का निराकरण नहीं हुआ तथा क्यों? कब तक निराकरण होगा तथा इसके लिए कौन-कौन जवाबदार है?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार प्रश्नकर्ता माननीय विधायक महोदय के पत्रों पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'ब' अनुसार है, निर्माण कार्यों की द्वितीय किश्त भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'अ' अनुसार है। (घ) प्रश्नकर्ता माननीय विधायक महोदय के पत्रों में उल्लेखित बिन्दुओं के निराकरण की कार्यवाही की गई है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
स्थानीय स्तर पर रोजगार की उपलब्धता
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
14. ( क्र. 78 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सतना जिले में संचालित निजी उद्योगों, इकाईयों, प्रतिष्ठानों एवं औद्योगिक इकाईयों में स्थानीय युवाओं को रोजगार देने के क्या शासन स्तर से कोई मानदण्ड निर्धारित हैं? यदि हाँ, तो क्या उन मानदण्डों के अनुरूप निजी उद्योगों में भर्ती प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या शासन स्थानीय उद्योगों में स्थानीय युवाओं को नौकरी दिलाये जाने हेतु कोई ठोस रोजगार नीति बनाने का विचार कर रहा है? यदि हाँ, तो विवरण दें। यदि नहीं, तो क्यों?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। म.प्र. एम.एस.एम.ई. विकास नीति 2019 अंतर्गत लाभांवित इकाईयों को अपने कुल रोजगार का 70 प्रतिशत मध्य प्रदेश के स्थानीय निवासियों को प्रदान करना अनिवार्य है। इकाईयों द्वारा म.प्र. एम.एस.एम.ई. विकास नीति 2019 अंतर्गत मानदण्डों का पालन करने पर ही उन्हें अनुदान स्वीकृत किया जाता है। (ख) स्थानीय उद्योगों में स्थानीय युवाओं को नौकरी दिलाये जाने हेतु पूर्व से ही म.प्र. एम.एस.एम.ई. विकास नीति 2019 में प्रावधान होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
हनुमान धारा में रोपवे का संचालन
[पर्यटन]
15. ( क्र. 79 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सतना जिले के चित्रकूट में हनुमान धारा में रोपवे संचालन हेतु दामोदर रोपवे को किन नियम एवं शर्तों के अधीन रोपवे निर्माण व संचालन की अनुमति दी गई थी? इसके लिए शासन स्तर पर मानीटरिंग हेतु किस एजेंसी को अधिकार दिये गए? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में रोपवे संचालन से जुड़े निर्धारित मापदंडों का पालन क्या समुचित तरीके से किया गया? यदि हाँ, तो हनुमान धारा पर्वत के चट्टानों की स्ट्रेंथिंग रिपोर्ट जियोलाजिकल डिपार्टमेंट की रिपोर्ट एवं आपदा प्रबंधन विभाग की रिपोर्ट की प्रतियां देवें। नियुक्त कर्मचारियों के पास क्या आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण का प्रमाणपत्र है? यदि हाँ, तो उनकी छायाप्रति भी उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में क्या दामोदर रोपवे कंपनी ने नियम पालन एवं शर्तों के अनुपालन में घोर लापरवाही बरती है? यदि हाँ, तो इसके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई, या कब तक कार्यवाही करेंगे?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) हनुमान धारा में रोपवे संचालन की अनुमति पर्यटन विभाग द्वारा नहीं दी गई है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) उत्तरांश (क) अनुसार।
आरोपियों का नाम केस डायरी में जोड़ा जाना
[गृह]
16. ( क्र. 92 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के द्वारा पत्र क्रमांक 318 दिनांक 03.10.2020 से पुलिस अधीक्षक सतना एवं पत्र क्रमांक 319, 320, 318 दिनांक 03.10.2020 से अति. पुलिस महानिदेशक (शिकायत), अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (इन्टेलीजेंस) एवं अन्य को पत्र लिखकर तत्कालीन नगर निरीक्षक थाना सिविल लाइन्स अर्चना द्विवेदी के द्वारा थाना सिविल लाईन में दर्ज अपराध क्रमांक 352/19 में प्रकरण का चालान तयशुदा समय सीमा में नहीं करने पर जाँच बाबत् आग्रह किया गया था? (ख) क्या फरियादी के द्वारा अपने बयान में जिन-जिन आरोपियों के नाम लिये/लिखवाये गये उनका नाम चालान में/केस डायरी में उल्लेखित है? फरियादी के बयान की एक प्रति दें। फरियादी के बयान के आधार पर क्यों उनके नाम किस नियमों/कानून के तहत् केस डायरी/चालान में नहीं दर्ज हैं? नियमों की एक प्रति दें? (ग) उक्त टी.आई. जो वर्तमान में थाना सिटी कोतवाली में पदस्थ हैं के द्वारा पद का दुरूपयोग कर सिटी कोतवाली सतना में दर्ज आपराधिक प्रकरण क्रमांक 320/20 दिनांक 02.07.2020 जो कि उनके नजदीकी रिश्तेदार के विरूद्ध है में खात्मा/खारिजी नियमों के विपरीत लगाने कागजी कार्यवाही की जा रही है? खारिजी/खात्मे में प्रश्नतिथि तक हुई कार्यवाही का बिन्दुवार विवरण दें। (घ) चालान समय पर न्यायालय में प्रस्तुत नहीं करने एवं नियम विरूद्ध खात्मा खारिजी लगाने वाले टी.आई. को शासन कब तक निलंबित कर विभागीय जाँच संस्थित करेगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) सिर्फ पत्र क्रमांक 320 वरिष्ठ कार्यालय से पुलिस अधीक्षक सतना को जाँच हेतु प्राप्त हुआ था। (ख) जी नहीं। फरियादी ने प्रथम सूचना पत्र में रामराघव द्विवेदी का नाम लिखवाया था, जो साक्ष्य के अभाव में चालान में उल्लेखित नहीं है। चूँकि उक्त प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है अतः दस्तावेज प्रदान नहीं किये जा सकते है। (ग) जी नहीं। प्रकरण की विवेचना विशेष जाँच दल द्वारा की जा रही है। (घ) अपराध क्रमांक 352/19 धारा 307,34,325 भादवि में आरोपियों की जमानत माननीय न्यायालय द्वारा दी गई थी। अतः प्रकरण में 90 दिवस के भीतर चालानी कार्यवाही करने की बाध्यता नहीं थी। अपराध क्रमांक.-320/20 धारा 420,406,418 भादवि में आरोपी को माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर से अग्रिम जमानत स्वीकृत होने के कारण प्रकरण में 60 दिवस की अवधि में चालान करने की बाध्यता नहीं थी। अतः दोनों प्रकरणों में चालान समय पर प्रस्तुत नहीं करने एवं नियम विरूद्ध खात्मा/खारिजी लगाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होने से टी.आई. के विरूद्ध कोई विभागीय कार्यवाही नहीं की गई।
राजगढ़ जिले अंतर्गत उद्योग विभाग द्वारा जमीन आवंटन
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
17. ( क्र. 115 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले के अंतर्गत उद्योग विभाग द्वारा उद्योग स्थापित करने हेतु शासन द्वारा लीज पर जमीन आवंटित की गई थी? यदि हाँ, तो किन-किन व्यक्तियों/संस्थाओं को किस-किस उद्योग हेतु प्रश्न दिनांक तक जमीन आवंटित की गई है? सूची उपलब्ध कराएं। लीज की अवधि क्या है? (ख) क्या किसी की लीज की अवधि समाप्त हुई है अथवा लीज निरस्त हुई है? यदि हाँ, तो उसकी सूची उपलब्ध करायें एवं इन प्रकरणों में क्या कार्यवाही की गई है? क्या कोई प्रकरण न्यायालय में लंबित है? यदि हाँ, तो विवरण देवें। (ग) राजगढ़ जिले में वर्ष 2003 से कितनी जमीन उद्योग स्थापित करने के लिये किन स्थानों पर चयनित की गई व इन जमीनों पर कितने उद्योग पिछले 15 वर्षों में स्थापित किये गये हैं? (घ) उद्योग स्थापित करने हेतु वर्ष 2003 से अब तक कितने अनुबंध किये गये हैं एवं क्या अनुबंध अनुसार उद्योग स्थापित हो गये हैं? कितने व्यक्ति इन उद्योगों से रोजगार प्राप्त कर रहे हैं? उद्योगवार स्पष्ट करें। यदि नहीं, तो शासन द्वारा अनुबंधधारी कंपनियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई है?
औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री ( श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव ) : (क) जी हाँ, औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के अधीन एम.पी.आई.डी.सी. क्षेत्रीय कार्यालय भोपाल द्वारा औद्योगिक क्षेत्र पीलूखेड़ी जिला राजगढ़ में उद्योग स्थापित करने हेतु इकाईयों को लीज पर जमीन आवंटित की गई है। प्रश्न दिनांक तक इकाईवार-उद्योगवार आवंटित भूमि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट प्रपत्र-'1' अनुसार है। उद्योग स्थापना हेतु आवंटित भूमि की लीज अवधि 30/99 वर्ष है। सूक्ष्म,लघु एवं मद्यम उद्यम विभाग के अंतर्गत इकाईयों को आवंटित भूमि के संदर्भ में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट प्रपत्र-'1 (अ)' अनुसार है। (ख) जी हाँ, औद्योगिक क्षेत्र पीलूखेड़ी में उद्योग स्थापना हेतु आवंटित इकाईयों में 16 इकाईयों की लीज निरस्त हुई है। की गई कार्यवाही के विवरण सहित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट प्रपत्र–'2' अनुसार है। जी हाँ, मान. उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर में निरस्तीकरण के विरूद्ध 01 प्रकरण लंबित है, विवरण सहित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट प्रपत्र-3 अनुसार है तथा प्रश्नांश के संदर्भ में सूक्ष्म,लघु एवं मद्यम उद्यम विभाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट प्रपत्र-'1 (अ)' में ही दी गई है। (ग) औद्योगिकरण हेतु विभाग के अंतर्गत एमपीआईडीसी द्वारा आधिपत्य में ली गई शासकीय भूमि की क्षेत्रफलवार एवं ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट प्रपत्र –'4' अनुसार है। इन जमीनों पर अभी तक कोई उद्योग स्थापित नहीं हुआ है तथा प्रश्नांश के संदर्भ में सूक्ष्म,लघु एवं मद्यम उद्यम विभाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट प्रपत्र-'1 (ब)' अनुसार है। (घ) एमपीआईडीसी क्षेत्रीय कार्यालय भोपाल के अंतर्गत उद्योग स्थापित करने हेतु वर्ष 2003 से अब तक 67 लीज अनुबंध किये गये है। जिनमें से 41 उद्योग स्थापित हुये, स्थापित उद्योगों द्वारा दी गई जानकारी अनुसार 2747 व्यक्तियों को रोजगार प्राप्त हुआ है। उद्योगवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट प्रपत्र –'5' अनुसार है। अनुबंधधारी कंपनियों के विरूद्ध नियमानुसार निरस्तीकरण की कार्यवाही की गई है। एमएसएमई विभाग द्वारा अवगत कराया गया है कि राजगढ़ जिले में वर्ष 2003 के पश्चात उद्योगों की स्थापना के लिये ग्राम कचनारिया तहसील व्यावरा में प्राप्त की गई 20 हेक्टेयर शासकीय भूमि अभी तक विकसित नहीं हुई है। अत: किसी उद्यमी को आवंटित नहीं की गई है।
जीरापुर छापी बांध एवं कुण्डालिया बांध में पर्यटन केन्द्र का विकास
[पर्यटन]
18. ( क्र. 116 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या खिलचीपुर नगर, जीरापुर छापी बांध एवं कुण्डालिया बांध में पर्यटन केन्द्र विकसित करने हेतु डी.टी.पी.सी. (डिस्टिक टूरिजम प्रमोसन कांसिल) राजगढ़ द्वारा प्रस्ताव पर्यटन निगम को स्वीकृति एवं आवश्यक धनराशि उपलब्ध कराये जाने हेतु भेजा गया है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रस्ताव पर्यटन विकास निगम द्वारा शासन को आवश्यक स्वीकृति एवं आवश्यक धनराशि आगामी वित्तीय वर्ष 2020-21 में भेजा गया है? यदि हाँ, तो उक्त प्रस्ताव पर शासन द्वारा आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई एवं कब तक स्वीकृति प्रदान की जावेगी? (ग) उक्त प्रस्ताव के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा किस-किस दिनांक को माननीय मुख्यमंत्री, माननीय पर्यटन मंत्री, पर्यटन विभाग एवं कलेक्टर राजगढ़ को कितने पत्र लिखे गये एवं उन पर क्या कार्यवाही की गई? पत्रवार विवरण देवें।
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। समय सीमा बताये जाना संभव नहीं है। (ग) मुख्यमंत्री कार्यालय एवं कलेक्टर से प्राप्त पत्रों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। उक्त पत्रों पर विभाग द्वारा कार्यवाही की जा रही है।
नवीन पुलिस चौकी खोलनें एवं थाने का उन्नयन
[गृह]
19. ( क्र. 127 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सितपुरा से नागौद थाना या सिविल लाइन सतना की दूरी क्रमश: 12-13 कि.मी. तथा इसी तरह थाना सिंहपुर से शिवराजपुर की दूरी 25 कि.मी. है पुलिस चौकी बाबूपुर, सोहावल की भांति दूरी उनके मदर थाने से कम होने के बावजूद स्थित होने पर भी क्यों नहीं खोली जा रही है जबकि इस क्षेत्र में पावर ग्रिड एवं 220 केव्ही उपकेन्द्र होने से आये दिन अपराध हो रहे हैं? (ख) पुलिस चौकी रैगाँव उसके थाने सिंहपुर की दूरी लगभग 20 कि.मी. है तथा यह आपराधिक क्षेत्र है तथा पुलिस भी कम है जबकि नागौद से जसो एवं सिंहपुर की दूरी 10-12 कि.मी. होने पर भी थाना संचालित है, फिर रैगाँव पुलिसचौकी का उन्नयन क्यों नहीं किया जा रहा है जबकि यहाँ रैगाँव में उपतहसील, बैंक, उच्चतर माध्यमिक विद्यालय एवं विधानसभा रैगाँव का मुख्यालय है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) की मांग न्याय संगत मानते हुये कार्यवाही की जावेगी? कब तक नहीं तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) ग्राम सितपुरा एवं शिवराजपुर में पुलिस चौकी की स्थापना का प्रस्ताव शासन द्वारा निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप नहीं होने से अमान्य किया गया है। (ख) पुलिस चौकी रैगांव का थाने में उन्नयन किये जाने का प्रस्ताव शासन द्वारा निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप नहीं होने से अमान्य किया गया है। (ग) जानकारी उत्तरांश (क) एवं (ख) अनुसार, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगर पालिक निगम सतना के द्वारा निर्माण कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
20. ( क्र. 128 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिक निगम सतना एवं कटनी में प्रश्न दिनांक तक आई.एच.एस.डी.पी. योजना अंतर्गत कितने टेंडर कब-कब जारी किये गये? कितने कार्य किस दिनांक को पूर्ण हुये? पूर्ण हुये कार्यों का पूर्णता प्रमाण पत्र जारी किये गये? यदि नहीं, तो क्या कारण हैं, क्या पूर्ण हुये कार्यों के प्रस्तुत देयकों के अंतिम भुगतान हो गये? पृथक-पृथक विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) के जो कार्य पूर्ण नहीं हुये उनके अंतिम देयक कब प्राप्त हुये? शेष कार्यों को पूर्ण करने के लिये निविदा कब-कब बुलाई गई? जिन निविदाकारों द्वारा कार्य पूर्ण नहीं किया गया उनके विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? पूर्ण भवनों को कब-कब किनको-किनको आवंटित किये गये, कितने शेष हैं, कौन उत्तरदायी है? (ग) सार्थक हास्पिटल-यूएसए नाला सतना तक बड़ी नाली बनाने का क्या उद्देश्य था? उद्देश्य के विपरीत इसका सही लेबल न लेकर नाली का ढाल अमर ज्ञान ज्योति स्कूल के आगे पूर्व की ओर न करके पश्चिम क्यों कर दिया गया है? इसके लिये कौन जवाबदार है, क्या नाली का लेवल सुधार कराकर पूरा ढाल पूर्व की ओर किया जावेगा? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार उक्त कार्य की स्वीकृत लागत, प्रगति कार्य का व्यय तथा कार्य एजेन्सी की जानकारी दें। प्रश्न क्रमांक 493 दि. 23/9/2020 अनुसार कार्य प्रगति की जानकारी देवें। अब तक कार्य न होने के लिये उत्तरदायियों पर क्या कार्यवाही की गई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम सतना में प्रश्न दिनांक तक आई.एच.एस.डी.पी. योजनांतर्गत दो पृथक-पृथक कार्यों क्रमशः फेज-1 एवं फेज-2 हेतु कुल 06 टेंडर क्रमशः दिनांक 15.12.2010, दिनांक 17.02.2014 (रिस्क एण्ड कास्ट पर प्रथम आमंत्रण) दिनांक 23.10.2015 (रिस्क एण्ड कास्ट पर प्रथम आमंत्रण) को जारी किए गए। उपरोक्त फेज-1 एवं फेज-2 के दोनों कार्य दिनांक 24.03.2017 को पूर्ण हुए। जी हां, पूर्ण हुए कार्यों के पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी किए गए। पूर्ण हुए कार्यों के प्रस्तुत देयकों के भुगतान हो गए है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब-1'' अनुसार है। नगर पालिक निगम, कटनी द्वारा आई.एच.एस.डी.पी. योजनांतर्गत समय-समय पर 40 बार निविदायें आमंत्रित की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। कार्य पूर्ण होने एवं पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी करने एवं भुगतान का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब-2'' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के परिपेक्ष्य में नगर निगम सतना में कार्य पूर्ण होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। पूर्ण हुए भवनों का आवंटन अभी नहीं हुआ है। जिसके लिए कोई भी उत्तरदायी नहीं है। नगर पालिक निगम कटनी में योजनांतर्गत अपूर्ण कार्यों के अंतिम देयकों के संबंध में विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब-2'' अनुसार है। शेष अपूर्ण कार्यों को पूर्ण करने हेतु रिस्क एण्ड कास्ट के आधार पर निविदायें आमंत्रित दिनांक 27.08.2016, 27.09.2016, 09.11.2016, 07.12.2016, 19.01.2017, 27.04.2017, 27.05.2017, 18.08.2017 एवं 24.10.2017 को आमंत्रित की गई एवं निविदायें स्वीकृति उपरांत कार्य प्रारंभ कराये गये, जो प्रगति पर हैं। योजनांतर्गत जिन निर्माण एजेंसियों द्वारा कार्य पूर्ण नहीं किये गये है, उन्हें समय-समय पर नोटिस जारी किये गये है, इसके उपरांत भी जिन निर्माण एजेंसियों द्वारा कार्य पूर्ण नहीं किया गया, उनका अनुबंध नियम अनुसार निरस्त करते हुए जमा राशि राजसात की गई। निर्माण एजेंसियों को जारी किये गये पत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। योजनांतर्गत आवंटित किये गये भवनों के हितग्राहियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''द'' अनुसार है। योजनांतर्गत 965 पूर्ण निर्मित भवनों का आवंटन किया गया है, जिसमें से 534 हितग्राहियों द्वारा भवनों का कब्जा प्राप्त नहीं किया गया है। जिसके कारण शेष 431 भवनों के आवंटन हेतु मेयर-इन-काउंसिल के प्रस्ताव क्रमांक 13, दिनांक 10.06.2019 द्वारा दी गई स्वीकृति अनुसार हितग्राहियों से पुनः आवेदन पत्र आमंत्रित किये गये है। प्राप्त आवेदनों के दस्तावेजों का परीक्षण/सत्यापन कराया गया है। योजना की गाईड लाईन के प्रावधान अनुसार आवंटन की कार्यवाही प्रचलित है इसलिए शेष भवनों के आवंटन हेतु कोई उत्तरदायी नहीं है। (ग) नगर पालिक निगम सतना में सार्थक हास्पिटल से यूएसए नाला तक बड़ी नाली बनाने का उद्देश्य स्टार्म वाटर का प्रापर ड्रेनेज किया जाना था। भौगोलिक स्थिति को देखते हुए नाली का ढाल अमर ज्ञान ज्योति स्कूल के आगे पूर्व की ओर न करके पश्चिम की ओर किया गया है, जो उद्देश्य के विपरीत नहीं है। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता। (घ) नगर पालिक निगम सतना में बड़ी नाली के निर्माण के लिए राशि रू. 51,10,500/- की स्वीकृति है। प्रश्न दिनांक तक कार्य की प्रगति 50 प्रतिशत एवं कार्य पर अब तक राशि रू. 28,84,547/- का व्यय हुआ है। कार्य की एजेंसी मेसर्स श्रवण कंसट्रक्शन है। प्रश्न क्रमांश 493 दिनांक 23.09.2020 अनुसार कार्य प्रगति की जानकारी संलग्न पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ई'' अनुसार है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं।
वर्षाकाल में अतिवृष्टि से क्षतिग्रस्त मकान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
21. ( क्र. 131 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में विगत वर्षाकाल में अतिवृष्टि से पूर्ण क्षतिग्रस्त हुए मकानों की जानकारी विकासखण्ड अनुसार देवें। (ख) क्या कलेक्टर बालाघाट द्वारा क्षतिग्रस्त हुए मकानों को सेक (SECC) सूची के नाम होने की दशा में हितग्राहियों को प्राथमिकता पर मकान आवंटित करने संबंधी क्या कोई प्रस्ताव शासन को भेजा गया है? यदि हाँ, तो शासन ने उस प्रस्ताव पर क्या कार्यवाही की? (ग) प्रदेश के जिलों में अतिवृष्टि से क्षतिग्रस्त हुए मकानों को बनाने हेतु प्रधानमंत्री आवास योजना से आवंटित मकानों की जानकारी जिलावार एवं विधानसभा क्षेत्र अनुसार दें। (घ) बालाघाट जिले में क्षतिगस्त हुए मकानों को बनाने हेतु आवंटन कब तक दे दिया जाएगा?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ब अनुसार है। (ग) निरंक। (घ) जिले से वांछित पूर्ण जानकारी प्राप्त होने पर स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलित है।
मुख्यमंत्री ग्राम सरोवर योजना के कार्यों के लंबित देयकों का भुगतान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
22. ( क्र. 138 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री ग्राम सरोवर योजना के अन्तर्गत अधिकांश सरोवरों का निर्माण संबंधित ठेकेदारों के द्वारा समय सीमा में पूर्ण किया जा चुका है परन्तु लगभग एक वर्ष पश्चात भी ठेकेदारों को विभाग द्वारा लंबित देयकों का पूर्ण भुगतान नहीं किया गया है? जिसके कारण ठेकेदारों द्वारा सरोवर निर्माण कार्यों में लगाये गये मजदूरों, राजमिस्त्रियों, ट्रक ड्रायवरों, क्लीनरों व अन्य को मजदूरी का भुगतान अभी तक नहीं किया जा सका है? भुगतान नहीं होने के कारण मजदूरों को आर्थिक परेशानी हो रही है विभाग द्वारा लंबित देयकों का पूर्ण भुगतान संबंधित ठेकेदारों को अभी तक नहीं किए जाने का क्या कारण है? (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा लंबित देयकों के भुगतान हेतु मान मंत्रीजी को पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2020/448 दिनांक 08.09.2020 एवं मुख्य सचिव महोदय को पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2020/460 दिनांक 10.09.2020 तथा अपर मुख्य सचिव महोदय को पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2020/447 दिनांक 08.09.2020 प्रेषित किए जा चुके हैं, जिन पत्रों पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार जिन ठेकेदारों द्वारा सरोवरों का निर्माण कार्य किया गया है ऐसे सभी संबंधित ठेकेदारों को लंबित देयकों का भुगतान कब तक कर दिया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी हाँ। योजनांतर्गत आवंटन की अनुपलब्धता के कारण लंबित देयको का भुगतान संबधित ठेकेदारों को नहीं किया जा सका है। (ख) प्रश्नकर्ता के पत्र पर कार्यवाही कर सरोवर निर्माण की राशि उपलब्ध कराने हेतु वित्त विभाग एवं आयुक्त पंचायत राज संचालनालय को लेख किया गया है। (ग) योजनांतर्गत आवंटन उपलब्ध होने पर संबंधित ठेकेदारों को लंबित देयकों का भुगतान कर दिया जावेगा।
तालाब परकोलेशन टैंक एवं ग्रेवल मार्ग की जांच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
23. ( क्र. 139 ) श्री धरमू सिंग सिरसाम : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सी.ई.ओ. जिला पंचायत बैतूल श्री एम.एल. त्यागी के विरूद्ध श्री राजेश ओझा शंकर नगर बैतूलगंज बैतूल ने जिले में वर्ष 2017-18 से बनाए गए तालाब परकोलेशन टैंक एवं ग्रेवल मार्ग में गौण खनिज की अनुमति एवं टेस्ट रिपोर्ट से संबंधित दिनांक 15/9/2020, दिनांक 13/10/2020 एवं दिनांक 2 नवम्बर 2020 को की गई शिकायतों की प्रश्नांकित दिनांक तक भी जांच पूरी नहीं की गई? (ख) वर्ष 2017-2018 से प्रश्नांकित दिनांक तक बैतूल जिले में किस ग्राम की कितनी लागत का परकोलेशन टैंक, तालाब एवं ग्रेवल मार्ग किसे स्वीकृत किया? इनमें कितने गौण खनिज का उपयोग किया गया? (ग) राजेश ओझा ने अपनी शिकायत दिनांक 15/9/2020 में किस-किस विषय की जांच का निवेदन किया था? उसमें से किस-किस की जांच किन-किन कारणों से प्रश्नांकित दिनांक तक पूरी नहीं की गई? जांच कब तक पूरी की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्र दिनांक 15.09.2020 दिनांक 13.10.2020 एवं दिनांक 02.11.2020 द्वारा जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''1'' अनुसार। तालाब निर्माण, परकोलेशन टैंक निर्माण में करोड़ों रुपये के घोटाले की जांच बाबत् अनुरोध किया गया था। यह सही नहीं है कि यह जांच सीईओ जिला पंचायत श्री एम.एल.त्यागी के विरुद्ध थी। प्रश्नांकित शिकायतों पर कार्यपालन यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग बैतूल तथा मुलताई से बिंदुवार जांच कराई जाकर जांच प्रतिवेदन प्राप्त किये गये। इन जांच प्रतिवेदनो से शिकायतकर्ता श्री राजेश ओझा को कार्यालयीन पत्र क्रमांक 8172 दिनांक 24.11.2020 को जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''2'' अनुसार अवगत भी कराया गया। शिकायतकर्ता के संदर्भित पत्रों में किसी कार्य विशेष की जांच का उल्लेख नहीं था। अतः शिकायतकर्ता को यह भी लेख किया गया कि शिकायतकर्ता के संज्ञान में किसी कार्य विशेष की जानकारी हो तो कार्यालय को उपलब्ध कराये ताकि नियमानुसार आवश्यक जांच की कार्यवाही की जा सके। प्रश्नांकित दिनांक तक शिकायतकर्ता द्वारा इस संबंध में कार्यालय को कोई भी जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई। अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''3'' अनुसार। (ग) शिकायकर्ता द्वारा दिनांक 15.09.2020 में तालाब निर्माण, परकोलेशन निर्माण में करोड़ों रुपये के घोटाले की जांच एवं कार्यवाही बाबत् 06 बिंदुओं पर जांच बाबत् अनुरोध किया गया था। उक्त 06 बिंदुओं के संबंध में कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग बैतूल तथा मुलताई से बिंदुवार जांच कराई जाकर जांच प्रतिवेदन से कार्यालयीन पत्र क्रमांक 8172 दिनांक 24.11.2020 को जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''2'' अनुसार शिकायतकर्ता को अवगत कराया गया। अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
मनरेगा अन्तर्गत अपूर्ण कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
24. ( क्र. 148 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मनरेगा अंतर्गत क्या-क्या कार्य स्वीकृत किये जा सकते हैं? वित्तीय वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में विधानसभा क्षेत्र 140 उदयपुरा में मनरेगा अन्तर्गत हितग्राही मूलक एवं सामुदायिक मूलक कार्य कितनी संख्या में स्वीकृत किये गये है? उनमें से कितने कार्य कब-कब पूर्ण हुये? (ख) उक्त स्वीकृत कार्यों में से कौन-कौन से कार्य कितनी संख्या में अपूर्ण तथा अप्रारंभ हैं तथा क्यों? कारण बतायें। कितने अपूर्ण कपिलधारा कूप की सी.सी.किस-किस अधिकारी ने जारी की? (ग) प्रश्नांश (ख) की ग्राम पंचायतों में बड़ी संख्या में कार्य अपूर्ण रहने के बाद भी नवीन कार्य क्यों स्वीकृत किये जा रहे हैं? उक्त ग्राम पंचायतों में अपूर्ण कार्यों में मजदूरों को रोजगार क्यों नहीं दिया जा रहा है? (घ) क्या मनरेगा का उद्देश्य मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराना है? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (ख) के अपूर्ण कार्यों की ग्राम पंचायतों में मजदूरों को रोजगार न देकर नवीन कार्य स्वीकृत करने वालों के विरूद्ध विभाग क्या-क्या कार्यवाही करेगा?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा मनरेगा क्रियान्वयन हेतु जारी वार्षिक मास्टर परिपत्र 2020-21 अनुसार स्वीकृत किये जा सकने वाले कार्यों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -1 अनुसार है। प्रश्नाधीन अवधि में विधानसभा क्षेत्र 140 उदयपुरा में मनरेगा अन्तर्गत 11770 हितग्राही मूलक एवं 1534 सामुदायिक मूलक कार्य स्वीकृत किये गये हैं। प्रश्नाधीन अवधि में वर्षवार पूर्ण किये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -2 अनुसार है। (ख) अपूर्ण कार्यों की वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 3 अनुसार है तथा कोई भी कार्य अप्रारंभ नहीं है। कार्यों का पूर्ण होना योजनांतर्गत जॉबकार्डधारी परिवारों द्वारा काम की मांग तथा सामग्री मद में राशि के सतत् प्रवाह पर निर्भर होने से अपूर्ण है। अपूर्ण कपिलधारा कूप की सी.सी. किसी भी अधिकारी द्वारा जारी नहीं की गयी है। (ग) कोविड में स्थानीय स्तर पर मजदूरों को अधिक रोजगार उपलब्ध कराने हेतु मनरेगा गाईड लाईन अनुसार नवीन कार्य प्रारंभ कराकर रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है एवं पुराने अपूर्ण साध्य कार्यों पर भी निर्माण कार्य प्रगतिरत करते हुये रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। (घ) जी हाँ। मनरेगा का उद्देश्य रोजगार उपलब्ध कराने के साथ-साथ शासकीय परिसंपत्ति निर्मित करना भी है। उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
निवाड़ी जिले में पर्यटन को बढ़ावा
[पर्यटन]
25. ( क्र. 165 ) श्री अनिल जैन : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) निवाड़ी जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने की शासन की क्या योजना है? यदि कोई योजना है तो अवगत करायें। (ख) निवाड़ी जिले में ओरछा, गढ़कुण्डार वीरसागर आदि अनेक पर्यटक स्थल हैं, उनमें पर्यटकों एवं पर्यटन की अपार संभावना है, इन स्थानों पर शासन की क्या योजना है? (ग) जिला निवाड़ी अन्तर्गत धार्मिक एवं ऐतिहासिक नगरी ओरछा में देशी-विदेशी पर्यटक काफी संख्या में आते हैं, क्या इनको जिले के अन्य पर्यटक स्थानों पर भ्रमण कराने हेतु शासन द्वारा कोई बस सेवा शुरू की जा सकती है, जिससे जिले में पर्यटन को बढ़ावा मिल सके? (घ) विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत ओरछा एवं गढ़कुण्डार में वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक पुरातत्व विभाग ने क्या क्या कार्य कराये? कार्यवार, राशिवार, एजेन्सीवार एवं सत्यापनकर्ता का नाम बतायें। क्या उक्त कार्य पूर्ण कर लिये गये हैं या नहीं? कब तक पूर्ण कर लिये जायेंगे?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) निवाडी जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु ओरछा हेतु भारत सरकार, पर्यटन मंत्रालय की स्वदेश दर्शन योजनांतर्गत ''हेरिटेज सर्किट'' के अंतर्गत कम्पोनेट स्वीकृत है। निवाड़ी जिले में पर्यटन के बढ़ाने के उद्देश्य से ग्रामीण पर्यटन अंतर्गत 02 ग्रामों लाडपुराखास व रामनगर को चयनित कर पर्यटन ग्राम के रूप में विकसित किया जा रहा है। निवाड़ी जिले के ओरछा में निजी निवेशक द्वारा नवीन कैंप साइट विकसित की गई है। ओरछा में बेतवा नदी पर 'जल पर्यटन प्रक्रिया 2017' के तहत निजी निवेशकों को जल पर्यटन हेतु लायसेंस दिए जा रहे है। वर्तमान में निजी निवेशक द्वारा 'राफ्टिंग' गतिविधि संचालित है। (ख) भारत सरकार, पर्यटन मंत्रालय की स्वदेश दर्शन योजनांतर्गत 'हेरिटेज सर्किट' के अंतर्गत ओरछा में विभिन्न पर्यटन अधोसंरचनायें एवं जनसुविधायें विकसित की गई है। जिसके अंतर्गत ओरछा में टूरिस्ट फैसिलिटेशन सेंटर, डेवलपमेंट ऑफ हेरिटेज गेट (गुदरी दरवाजा) का निर्माण एवं फोकस लाइट तथा सोलर इल्यूमिनेशन के कार्य (जहांगीर महल, शीश महल, चतुर्भुज मंदिर, छतरियां) पूर्ण किए जा चुके हैं। स्थानीय गाइडों को फ्रेंच भाषा का प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है जिससे कि विदेशी पर्यटकों को ओरछा घुमने में सुविधा हो। स्थानीय स्तर पर महिलाओं को ई-रिक्शा प्रशिक्षण प्रदान कर स्वरोजगार हेतु बैंक के माध्यम से ई-रिक्शा प्रदान किया गया है। महिलाओं द्वारा ई-रिक्शा का संचालन ओरछा व अन्य आस-पास के स्थलों पर किया जा रहा है। अन्य स्थानों हेतु वर्तमान में काई योजना नहीं है। (ग) जी नहीं। वर्तमान में काई योजना नहीं है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
जय किसान ऋण माफी योजना का क्रियान्वयन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
26. ( क्र. 170 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में जय किसान ऋण माफी योजना के अंतर्गत दिसम्बर 2018 से आज दिनांक तक प्रथम और द्वितीय चरण में कुल कितने किसानों के ऋण माफ किये गये एवं कितनी राशि माफ की गई? तहसीलवार संख्या बताएं। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कुल कितने किसान ऋण माफी हेतु शेष बचे हैं? उक्त शेष रहे किसानों की ऋण माफी कब तक की जावेगी? (ग) उज्जैन जिले में रूपये एक लाख तक की राशि के कितने किसानों के ऋण माफ किये हैं? कितने किसान शेष है? इन किसानों के ऋण कब तक माफ कर दिये जावेंगे? यदि नहीं, तो क्यों? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) के तारतम्य में वर्तमान सरकार रूपये दो लाख तक के ऋण वाले किसानों की कर्ज माफी करने का निर्णय कब तक लेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
27. ( क्र. 178 ) श्री बाबू जण्डेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पी.एम.जी.एस.वाई. योजनान्तर्गत श्योपुर विधानसभा क्षेत्र में कौन-कौन से कार्य स्वीकृत हैं? उक्त स्वीकृत कार्य कब तक प्रारम्भ करा दिये जाएंगे? प्रश्नकर्ता द्वारा प्रेषित पत्र क्रं. 443 दिनांक 15.07.2019 पर क्या कार्यवाही की गयी? (ख) क्या काली तलाई से नीमोदामठ तक 8 किमी कार्य पूर्ण हो चुका है? यदि हाँ, तो उक्त रोड पर 1 किमी रोड एवं सीप नदी पर पुल का निर्माण कब तक करा दिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) श्योपुर विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत स्वीकृत सड़क निर्माण कार्य जाटखेड़ा से मातासूला, बड़ौदा रोड़ से कूंडहवेली, बड़ौदारोड से तलावदा ढोंढपुर रोड की निविदायें कब तक आमंत्रित कर दी जावेगी?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। प्रश्न में उल्लेखित पत्र के 62 मार्गों में से 21 मार्ग संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-3 की प्राथमिकता सूची में है। योजना के दिशा निर्देशों के अनुरूप पात्रता क्रम एवं आवंटित लंबाई की सीमा में आने पर भारत सरकार को अग्रेषित किये जा सकेंगे। शेष 41 मार्ग योजना के दिशानिर्देशों के अनुरूप न होने के कारण निर्माण किया जाना संभव नहीं है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) जी हाँ। इसी मार्ग पर 04 बड़े पुलों का निर्माण अन्य अनुबंध के अंतर्गत प्रगतिरत है। मार्ग के लक्षित ग्राम निमोदामठ के बाद 01 कि.मी. बढ़ाने एवं सीप नदी पर पुल बनाया जाना प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के मापदण्डों के अनुरूप न होने के कारण संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित मार्ग वर्तमान में स्वीकृत नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय जमीन का विक्रय एवं अवैध निर्माण कराने की जांच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
28. ( क्र. 182 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले की विकासखण्ड विजयराघवगढ़ की ग्राम पंचायत परसवारा के सरपंच द्वारा शासकीय एवं ग्राम पंचायत की जमीनों का विक्रय किया जा रहा है और उक्त राशि पंचायत मद में जमा नहीं की जा रही है तथा खेल मैदान में लोगों से राशि लेकर पचास से अधिक मकानों का निर्माण कराया गया और इसी तरह सरपंच द्वारा अपात्र हितग्राहियों को शौचालय की राशि प्रदान कर शासकीय राशि का गबन किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित गम्भीर अनियमितताओं की जांच हेतु क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 28 दिनांक 21/05/2020 एवं स्मरण पत्र क्रमांक 214 दिनांक 19/07/2020 मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत कटनी को प्रेषित किया गया है? यदि हाँ, तो क्या जांच की गई? सम्पूर्ण जांच प्रतिवेदन की छायाप्रति उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या सरपंच ग्राम पंचायत परसवारा द्वारा शासकीय जमीन को विक्रय करने एवं गम्भीर शासकीय अनियमितताओं के विरूद्ध एफ.आई.आर. पंजीबद्ध करते हुए दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। प्रश्नांश (क) में वर्णित शिकायतों की जांच, जांच प्रतिवेदन अनुसार आंशिक रूप से प्रमाणित पाई गई। जांच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश- (क) एवं (ख) के परिपेक्ष्य में जांच प्रतिवेदन अनुसार प्रधान एवं सचिव ग्राम पंचायत के विरूद्ध एफ.आई.आर पंजीबद्ध कराने हेतु जिला पंचायत कार्यालय कटनी के पत्र क्रमांक 8552/पं.से. स्थापना/2020 कटनी दिनांक 10.12.2020 द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत विजयराघवगढ़ को निर्देशित किया गया है।
बहोरीबंद तहसील अंतर्गत व्यवहार न्यायालय की स्थापना
[विधि और विधायी कार्य]
29. ( क्र. 184 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बहोरीबंद तहसील अंतर्गत व्यवहार न्यायालय की स्थापना की जाना प्रस्तावित है? इस सम्बंध में प्रश्नकर्ता द्वारा पूछे गए प्रश्न के उत्तर में शासन द्वारा इसे शीघ्र प्रारंभ करने का कथन किया गया था यदि हाँ, तो तत्सम्बंध पर हुई प्रगति से अवगत करावें एवं यह भी बतलावें कि क्या शासन द्वारा बी.आर.सी.सी. भवन बहोरीबंद को न्यायालय के स्वरुप में परिवर्तित करने तथा न्यायाधीश जी के आवास हेतु चयनित भवन के सुधार कार्य एवं चारदीवारी के निर्माण हेतु लोक निर्माण विभाग को कितने दिन में सुधार कार्य करने हेतु कितनी राशी आवंटित की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में इसे किस प्रकार से कब तक स्थापित कर न्यायालयीन कार्य बहोरीबंद में प्रारंभ कर दिये जावेंगे?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश राजपत्र दिनांक 16-12-2016 में प्रकाशित अधिसूचना के अनुसार बहोरीबंद, जिला कटनी में व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2 का 1 पद स्वीकृत किया गया है। राज्य शासन के आदेश दिनांक 05-11-2019 के द्वारा बहोरीबंद, जिला कटनी में व्यवहार न्यायालय के संचालन हेतु चयनित भवन में मरम्मत का कार्य कराए जाने हेतु रूपये 5.00 लाख एवं न्यायिक अधिकारियों के लिए प्रस्तावित आवासीय भवन की मरम्मत हेतु रूपये 12.10 लाख एवं प्रस्तावित आवासीय भवन की बाउण्ड्रीवॉल के निर्माण हेतु रूपये 5.46 लाख की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृती प्रदान की गई है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश, कटनी के पत्र क्रमांक 1883 दिनांक 10-12-2020 के द्वारा प्रदान की गई जानकारी अनुसार उक्त आवासीय भवन में अनुरक्षण एवं बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण कार्य 90 प्रतिशत एवं न्यायालय कक्ष में मरम्मत संबंधी कार्य 50 प्रतिशत पूर्ण हो गए है तथा कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग, कटनी के द्वारा प्रदान की गई जानकारी अनुसार उक्त निर्माण कार्यों को दिनांक 31-12-2020 तक पूर्ण कर लिया जावेगा। (ख) मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की न्यायालय स्थापन निति, 2014 में निर्धारित किए गए मापदण्डों के अनुरूप उपलब्धता होने पर बहोरीबंद जिला कटनी में व्यवहार न्यायालय प्रारंभ किए जाने पर विचार किया जा सकता है।
मनरेगा अंतर्गत मण्डला जिले में कराए गए कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
30. ( क्र. 185 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मनरेगा अंतर्गत मण्डला जिले में वर्ष 2019 व 2020 में पंचायतों में कौन कौन से कार्य कराए गए हैं? कुल कितनी राशि खर्च की गई एवं कितने श्रमिक दिवस अर्जित किये गए हैं? (ख) क्या गरीब कल्याण योजनांतर्गत मण्डला जिले में मनरेगा का लक्ष्य बढ़ाया गया था? यदि हाँ, तो उस लक्ष्य के विरुद्ध मण्डला जिले की क्या स्थिति है? (ग) क्या राज्य मनरेगा परिषद द्वारा मनरेगा से शासकीय स्कूलों की बाउंड्रीवॉल, आंगनवाड़ी भवन आदि के निर्माण की अनुमति दी गई थी? यदि हाँ, तो मण्डला जिले में कितने स्कूलों की बाउंड्रीवॉल व आंगनवाड़ी भवन बनाये गए एवं उनमें कुल कितनी राशि खर्च की गई? क्या जिले के जनप्रतिनिधियों द्वारा इस आदेश का उल्लेख करते हुए आवश्यकता के अनुरूप बाउंड्रीवॉल व आंगनवाड़ी भवन निर्माण के प्रस्ताव दिए गए थे? यदि हाँ, तो जिले के किन किन जनप्रतिनिधियों ने कौन कौन से प्रस्ताव दिए थे एवं उनमें से कौन कौन से कार्य प्रारंभ करवाये गए हैं? यदि नहीं, करवाये गए तो क्यों? (घ) क्या मनरेगा अंतर्गत कार्यों के आधार पर मण्डला जिले को सी ग्रेड दिया गया है? यदि हाँ, तो इसके क्या कारण हैं? इसके लिए दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की जाएगी?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। वर्ष 2019-20 में कुल रू. 162.20 करोड़ की राशि व्यय की गयी एवं 86.44 लाख श्रमिक दिवस अर्जित किये गये तथा वर्ष 2020-21 में प्रश्न दिनांक तक कुल रू. 200.11 करोड़ की राशि व्यय की गयी एवं 99.31 लाख श्रमिक दिवस अर्जित किये गये। (ख) जी हाँ, मण्डला जिले का वर्ष 2020-21 का मनरेगा अंतर्गत लेबर बजट लक्ष्य 92.85 लाख मानव दिवस से बढ़ाकर 147.19 लाख मानव दिवस निर्धारित किया गया। पुनरीक्षित लक्ष्य के विरूद्ध दिनांक 16.12.2020 तक जिले द्वारा 99.31 लाख मानव दिवस का रोजगार जाबकार्डधारी श्रमिकों को उपलब्ध कराया जा चुका है। (ग) जी हाँ। मनरेगा अंतर्गत शासकीय स्कूलों की बाउण्ड्रीवॉल, आंगनवाड़ी भवन निर्माण अभिसरण अंतर्गत किये जाने के निर्देश क्रमश: दिनांक 08.03.2019 एवं दिनांक 21.01.2014 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 एवं 3 अनुसार है। जिले में 15 बाउण्ड्रीवॉल निर्माण कार्य प्रारंभ किये गये हैं जिनमें राशि रू. 17.68 लाख व्यय की गयी है एवं 26 आंगनवाड़ी भवन प्रारंभ किये जा चुके हैं जिनमें राशि रू. 46.09 लाख व्यय की गयी है। जी हाँ। माननीय विधायक महोदय विधानसभा क्षेत्र बिछिया द्वारा जनपद पंचायत बिछिया के लिए 316 स्कूलों की बाउन्ड्रीवाल निर्माण एवं 48 आंगनवाड़ी भवन निर्माण के प्रस्ताव, जनपद पंचायत मवई के 256 स्कूलों की बाउन्ड्रीवाल निर्माण एवं 90 आंगनवाड़ी भवन निर्माण के प्रस्ताव एवं जनपद पंचायत घुघरी के 253 स्कूलों की बाउन्ड्रीवाल एवं 66 आंगनवाड़ी भवन निर्माण के प्रस्ताव प्रेषित किये गये है इसी तरह माननीय पूर्व विधायक महोदय विधान सभा क्षेत्र मण्डला द्वारा जनपद पंचायत मवई के 25 स्कूलों की बाउन्ड्रीवाल निर्माण के प्रस्ताव दिये गये हैं। माननीय जनप्रतिनिधियों से प्राप्त प्रस्तावों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। बाउण्ड्रीवॉल हेतु स्कूलों का चयन कार्य स्कूल शिक्षा विभाग/राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा एवं आंगनवाड़ी का चयन महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा किया जाता है। माननीय विधायक महोदय विधानसभा क्षेत्र बिछिया द्वारा प्रेषित बाउण्ड्रीवॉल के प्रस्तावों में से 01 कार्य जनपद पंचायत मवई- बाउण्ड्रीवॉल निर्माण कार्य स्कूल परिसर जमगांव एवं 04 कार्य जनपद पंचायत बिछिया के क्रमानुसार 1. बाउण्ड्रीवॉल निर्माण कार्य प्रायमरी एण्ड मिडिल स्कूल घोंट 2. बाउण्ड्रीवॉल निर्माण कार्य पी/एस नारायनी जार 3. बाउण्ड्रीवॉल निर्माण कार्य प्रायमरी स्कूल एण्ड मिडिल स्कूल 4. बाउण्ड्रीवॉल निर्माण कार्य मिडिल स्कूल राता का कार्य जिले द्वारा संपादित कराये जा रहे 15 बाउण्ड्रीवॉल निर्माण के कार्यों में शामिल हैं। शासकीय स्कूलों में पहुँच मार्ग, खेल मैदान का विकास एवं बाउण्ड्रीवॉल के निर्माण के संबंध में आयुक्त मनरेगा व आयुक्त राज्य शिक्षा केन्द्र के संयुक्त हस्ताक्षर से परिपत्र दिनांक 01.12.2020 जारी किया गया है। पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 5 अनुसार है। माननीय विधायक के प्रस्तावों पर परिपत्र अनुसार अपेक्षित कार्यवाही हेतु जिला परियोजना समन्वयक जिला शिक्षा केन्द्र जिला मण्डला को प्रस्ताव प्रेषित किये जा चुके हैं। (घ) जी हाँ, (74/100 अंक,C ग्रेड) राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर मनरेगा प्रगति के आंकलन हेतु विभिन्न महत्वपूर्ण बिन्दुओं यथा- अपूर्ण कार्य, श्रमिक नियोजन, समय पर भुगतान का प्रतिशत आदि के आधार पर ग्रेडिंग जारी की जाती है। ग्रेडिंग की प्रगति भारत सरकार से प्राप्त होने वाली राशि उपलब्धता पर भी निर्भर होती है, रैकिंग प्रक्रिया का उद्देश्य अधिकाधिक प्रगति प्राप्त किये जाने हेतु जिलों के मध्य स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित किया जाना है, ग्रेडिंग के बिन्दुवार मापदंड पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 अनुसार है। ग्रेंडिंग के आधार पर किसी भी कार्यवाही का प्रावधान नहीं है, अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार से प्राप्त आवंटन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
31. ( क्र. 187 ) श्री संजय उइके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन्द्र सरकार से आदिवासी उपयोजना क्षेत्र एवं राज्य सरकार के बजट से आर्थिक एवं सामाजिक क्षेत्र के अंतर्गत अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजातियों के लिये किये गये प्रावधानों का योजनावार (सब स्कीम के अंतर्गत) विभिन्न योजनाओं हेतु राशि प्राप्त की जाती है? (ख) यदि हाँ, तो वितीय वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक कितनी- कितनी राशि कब-कब योजनावर प्राप्त हुई एवं कितनी-कितनी राशि जिलों को योजनावर आवंटित की गयी? (ग) केन्द्र सरकार राज्य सरकार से विभिन्न योजनाओं में जिला बालाघाट को किन-किन योजनाओं में कितनी-कितनी राशि कब-कब प्राप्त हुई एवं कितनी-कितनी राशि जनपदवार व्यय की गई? वित्तीय वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक की जानकारी बतावें।
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
योजनान्तर्गत प्राप्त राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
32. ( क्र. 188 ) श्री संजय उइके : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन्द्र सरकार से राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन प्रधानमंत्री आवास योजना एवं राज्य सरकार के बजट आर्थिक एवं सामाजिक क्षेत्र के अंतर्गत अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जातियों के लिये किये गये प्रावधानों (सब स्कीम) के अंतर्गत अटल मिशन फ़ार रिजुवेनेशन एंड अर्बन ट्रान्सफ़ारमेंशन, हाउसिंग फार आल, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन, एम. पी. अर्बंन सर्विसेस इम्प्रवमेंट प्रोग्राम (ए.डी.बी.), 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा अनुसार स्थानीय निकायों को अनुदान योजनाओं में राशि प्राप्त हुई है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार की योजनाओं में कितनी-कितनी राशि प्राप्त की गई एवं कितनी-कितनी राशि किन-किन निकायों को दी गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
दुष्कृत्य के आरोपियों को फांसी की सजा
[गृह]
33. ( क्र. 191 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्ष 2017-18 से 2020-21 तक जिलावार दुष्कृत्य के कितने मामलों में कितने आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई गई है? कितने प्रकरणों में अपील की गई है? जानकारी दें। (ख) जिला जबलपुर में प्रश्नांश (क) अवधि में महिलाओं, बालिकाओं, नाबालिग कन्याओं के साथ दुष्कृत्य सामूहिक दुष्कृत्य, दुष्कृत्य व हत्या, अपहरण, शादी का प्रलोभन देकर शारीरिक शोषण करना, छेड़खानी, धमकियों व ब्लैक मेलिंग से परेशान होकर आत्महत्या करना, देहव्यापार व मानव तस्करी से संबंधित कितने-कितने प्रकरण पंजीकृत किये गये है? थानावार संख्यात्मक जानकारी दें। (ग) प्रश्नांकित कितने मामले फास्टट्रेक न्यायालयों में प्रस्तुत किये गये हैं? कितने प्रकरणों में न्यायालयों द्वारा कितने आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई गई? कितने प्रकरणों में अपील की गई है? कितने प्रकरणों में आरोपियों को पीड़िताओं की विस्तृत मेडिको लीगल जांच में साक्ष्यों के अभाव में जमानत का लाभ मिला है? कितने प्रकरण विभिन्न न्यायालयों में लंबित हैं एवं कितने प्रकरण विवेचना में हैं? (घ) शासन ने प्रश्नांश (क) अवधि में प्रदेश में दुष्कृत्य के कितने मामलों में पीड़िताओं का इलाज कराया है एवं कितने पीड़िताओं के परिजनों को कितनी-कितनी राशि की आर्थिक सहायता दी है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वाटर सेट अंतर्गत हार्वेस्टिंग तालाब निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
34. ( क्र. 208 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले अन्तर्गत विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ में जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितने वाटर सेट अंतर्गत हार्वेस्टिंग तालाब बनाये गये? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार किन-किन गॉवों में कितने-कितने तालाब कितनी लागत के बनाये गये? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार प्रत्येक वाटर सेट अंतर्गत हार्वेस्टिंग तालाबों में कितनी राशि मजदूरों के भुगतान पर खर्च की गई? मस्टर रोल की छायाप्रतियाँ उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (क) अंतर्गत कितने तालाब का निर्माण शासकीय भूमि पर एवं कितने तालाब का निर्माण निजी भूमि/पट्टे की भूमि में कराया गया है? भूमि स्वामी का नाम/ग्राम उपयोग की गई भूमि की जानकारी उपलब्ध करायें।
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र– ''अ एवं ब'' अनुसार है।
आवास निर्माण में विलम्ब पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
35. ( क्र. 210 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला-अनूपपुर के अन्तर्गत नगर पंचायत अमरकंटक में प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत कुल कितने आवास स्वीकृत किये गये हैं? आवास निर्माण हेतु कितनी धनराशि नगर, पंचायत को प्रदान की गई? लाभान्वित हितग्राहियों के नाम/पता सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कितने हितग्राहियों का प्रधानमंत्री आवास निर्माण योजना अंतर्गत आवास का निर्माण कराया जा चुका है? कितने पूर्ण हैं? हितग्राहियों के नाम/ग्राम सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) नगर पंचायत अमरकंटक में अभी तक पूर्ण स्वीकृत आवास निर्माण न होने का का क्या कारण है? आवास कब तक निर्माण करा दिये जायेगें? आवास निर्माण में विलम्ब होने पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई तथा दोषियों पर कब तक कार्यवाही की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जिला-अनूपपुर अन्तर्गत नगर पंचायत अमरकंटक में प्रधानमंत्री आवास योजनान्तर्गत 02 परियोजनाओं में क्रमश: 832 एवं 12 कुल 844 आवास स्वीकृत किये गये हैं। आवास निर्माण हेतु राशि रू. 3.49 करोड़ निकाय को प्रदान की गई। लाभान्वित हितग्राहियों के नाम, पता सहित सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार 62 हितग्राहियों द्वारा निर्माण कार्य कराया जा रहा है, 32 आवास पूर्ण है शेष निर्माणाधीन है हितग्राहियों के नाम सहित सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र -'ब' अनुसार है। (ग) नगर पंचायत अमरकंटक के 782 हितग्राहियों के पास आवास निर्माण हेतु भूमि न होने से कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है। हितग्राही नदी किनारे निवासरत है जहाँ नदी के "flood plain" की भूमि होने के कारण शासन द्वारा निर्माण हेतु अनुमति नहीं है। प्रशासन द्वारा चयनित वैकल्पिक स्थान पर आवास निर्माण हेतु हितग्राही सहमत नहीं होने से आवास निर्माण नहीं किया जा रहा है। योजना के प्रावधान अनुसार आवास का निर्माण स्वयं हितग्राहियों द्वारा किया जाता है, जिससे शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
एम.पी.आरसीपी अंतर्गत निर्मित गुणवत्ताहीन मार्ग की जांच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
36. ( क्र. 212 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र सोहागपुर में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना द्वारा वर्ष 2018 में एमपीआरपीसी अंतर्गत कितने मार्ग स्वीकृत किये गये हैं? उनके नाम एवं लंबाई लागत सहित सूची उपलब्ध करावें? किस ठेकेदार द्वारा इन मार्गों का ठेका लिया गया है उनका नाम, पता सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या वर्ष 2018 में जो मार्ग स्वीकृत हुये हैं उनका निर्माण कार्य बहुत ही गुणवत्ताहीन है? संपूर्ण मार्गों की रोड़ एवं पुलिया क्षतिग्रस्त हो चुकी है और निर्माण कार्य समय सीमा में नहीं हुआ है? इस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) सोहागपुर ब्लॉक के शोभापुर रेबानखेड़ी से लखनपुर, रेवाबनखेड़ी से ढाना, अकोला से नकटुआ, एसएच 22 से नीमनमूढा, एसएच 22 से पांजरा, शोभापुर माछा से बढैयाखेडी, शोभापुर माछा से रनमौथा, रनमौथा से सौंथर, शोभापुर भटगांव से खिमारारोड़ जो मार्ग बनाये हैं, जो गुणवत्ताहीन हैं, पूरे मार्ग एवं पुलिया क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं इसकी जांच कब कब कराई गई और विभाग द्वारा ठेकेदार एवं संबंधित अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सोहागपुर में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना द्वारा वर्ष 2018 में एम.पी.आर.सी.पी. अंतर्गत 27 मार्ग स्वीकृत किए गए है जिनमें से एक मार्ग लोक निर्माण विभाग को हस्तांतरित किया गया। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी नहीं। जी नहीं। जी हाँ। विलंब से पूर्ण किये गये कार्यों हेतु संविदाकार के विरूद्ध अनुबंधानुसार शास्ति अधिरोपण की कार्यवाही की गई है। (ग) जी नहीं। सभी 09 मार्ग गुणवत्तापूर्ण निर्मित किये गये है एवं कोई पुलिया क्षतिग्रस्त नहीं है। कार्यों की जांच की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। जिसके क्रम में ठेकेदार/अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की आवश्यकता नहीं है।
सरस्वती शिशु मंदिर बड़नगर का संचालन
[नगरीय विकास एवं आवास]
37. ( क्र. 223 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका परिषद बड़नगर द्वारा सरस्वती शिशु मंदिर बड़नगर को भवन कितने वर्षों की लीज पर दिया गया था? सरस्वती शिशु मंदिर का नवीन भवन बन कर कई वर्षों से तैयार है एवं वर्तमान में स्कूल नवीन भवन में संचालित है इस विद्यालय की 10 से 15 बीघा जमीन मौके पर है, पुराने भवन की लीज समाप्त होने की दिनांक सहित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) लीज अवधि पूर्व होने पर इसको खाली कराने की क्या कार्यवाही नगर पालिका परिषद द्वारा की गई है? इसे खाली कराने संबधी क्या-क्या कार्यवाही की गई? पत्रवार सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) करोड़ों की शासन की सम्पत्ति समय अवधि पूर्ण होने पर भी खाली नहीं कराने के संबंध में कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी दोषी हैं? सरकार इन पर क्या कार्यवाही करेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिका परिषद बड़नगर द्वारा सरस्वती शिशु मंदिर को 2 वर्ष 11 माह की लीज पर दिया गया था। जिसकी लीज अवधि दिनांक 17.04.2015 को समाप्त हो चुकी है। आगे लीज अवधि में वृद्धि करने का प्रकरण निकाय में लंबित है। वस्तुस्थिति स्पष्ट करने के संबंध में निकाय को संचालनालय का पत्र क्रमांक 20167 दिनांक 18.12.2020 भेजा गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) सरस्वती शिशु मंदिर की लीज अवधि दिनांक 17.04.2015 को समाप्त होने पर मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद बड़नगर के पत्र क्रमांक 697 दिनांक 29.02.2020 से संबंधित संस्था को भवन खाली करने की सूचना दी गई। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) संपूर्ण प्रकरण की जांच कराई जा रही है। गुण-दोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
खेत सड़क योजना की स्वीकृति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
38. ( क्र. 224 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में मनरेगा अन्तर्गत खेत सड़क योजना में कितनी राशि वर्ष 2018-2019 एवं 2019-2020 में स्वीकृत की गई है? सड़कवार ग्रामवार स्थानवार राशि सहित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) बड़नगर विकास खण्ड अन्तर्गत किन-किन खेत सड़क योजना अन्तर्गत किन किन गांवों में कितनी-कितनी राशि वर्ष 2018-2019 व 2019-2020 में स्वीकृत की गई है? गांववार राशि सहित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) बड़नगर विकासखण्ड अन्तर्गत कितनी सड़कें खेत सड़क योजना में पूर्ण हो गई हैं एवं कितनी अपूर्ण हैं? वर्ष 2020-2021 में किन-किन सड़कों के प्रस्ताव आए हैं, कितने स्वीकृत किये गए हैं, कितने शेष है? सड़कवार ग्रामवार पंचायतवार सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) जिन सड़कों का कार्य पूर्ण हो चुका है उनकी गुणवत्ता की जाँच किन किन अधिकारी द्वारा की गई? कार्य पूर्ण होने का प्रमाण पत्र किन-किन अधिकारी द्वारा जारी किया गया है?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में मनरेगा की सुदूर ग्राम संपर्क व खेत सड़क उपयोजना के तहत खेत समूहों को जोड़ने हेतु खेत सड़क का कोई कार्य स्वीकृत नहीं हुआ है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार। वित्तीय वर्ष 2020-21 में बड़नगर विकास खण्ड में खेत सड़क के कुल 61 प्रस्ताव हुए है, जिसमें से 21 कार्यों की अनुमति जारी की गई, 40 शेष है। सड़कवार, ग्रामवार, पंचायतवार सम्पूर्ण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उत्तरांश (क) एवं (ग) के संदर्भ में शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
मनावर नगर पालिका के स्वामित्व की भूमि
[नगरीय विकास एवं आवास]
39. ( क्र. 227 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका परिषद मनावर के स्वामित्व की वार्ड क्रमांक 05 की भूमि वर्ष 1967-68 को 30 वर्ष की लीज पर निजी उपयोग हेतु दी गई थी, जिसकी अवधि वर्ष 1996- 1997 में समाप्त होने एवं नवीनीकरण नहीं होने के बाद भी खाली क्यों नहीं करवाई गई, जबकि उक्त सम्पत्ति शासन की बहुमूल्य संपत्ति है? (ख) लीज वाली संपत्ति पर किस आधार पर नगरपालिका परिषद मनावर द्वारा नामान्तरण अन्य लोगों का किया गया? (ग) लीज वाली संपत्ति को बिना अधिकार के किस आधार पर विक्रय किया गया और नगर पालिका परिषद मनावर ने खुद की संपति बेचने वालों के विरूद्ध कोई कार्यवाही क्यों नहीं की? विधिसम्मत कारण बताएं। (घ) नगर पालिका परिषद मनावर के विशेष सम्मेलन दिनांक 28/07/2020 को प्रस्ताव क्रमांक 149 अनुसार लीज समाप्ति वाली नगर पालिका परिषद मनावर की संपति को अतिक्रमण से खाली करवाने के संबंध में बहुमत से प्रस्ताव पारित होने के उपरांत भी 4 माह बीत जाने तक नगर पालिका परिषद मनावर द्वारा कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई? विधिसम्मत कारण बताएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ, नगर पालिका परिषद मनावर के स्वामित्व की वार्ड क्रमांक 05 की भूमि की लीज अवधि समाप्त होने के उपरांत परिषद के विशेष सम्मेलन दिनांक 28.07.2020 के प्रस्ताव क्रमांक 149 के द्वारा उक्त भूमि पर सर्वे करवाने के पश्चात अतिक्रमण से खाली करवाने व कोर्ट केस करने के संबंध में निर्णय लिया गया। परिषद निर्णयानुसार/नियमानुसार कार्यवाही प्रचलित है। (ख) लीज वाली संपत्ति पर नामांतरण वंशानुगत आधार पर एवं रजिस्टर्ड विक्रय पत्र के आधार पर किया गया है। (ग) लीज वाली संपत्ति बिना नगर पालिका की स्वीकृति के रजिस्टर्ड विक्रय पत्र द्वारा विक्रय किया गया है उत्तरांश (क) अनुसार ऐसे लीजधारियों पर कार्यवाही परिषद निर्णयानुसार एवं नियमानुसार प्रचलित है। (घ) नगर पालिका परिषद के विशेष सम्मेलन दिनांक 28/07/2020 को पारित प्रस्ताव क्रमांक 149 अनुसार लीज संपत्ति को अतिक्रमण से खाली करवाने का निर्णय हुआ था। चूंकि लगभग 60 परिवार पक्का मकान निर्माण कर निवासरत हैं। इसको दृष्टिगत रखते हुएविधिसम्मत कार्यवाही प्रचलित है।
अवैध मादक पदार्थों की रोकथाम
[गृह]
40. ( क्र. 231 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 जनवरी,2018 से लेकर प्रश्न दिनांक तक की अवधि में मादक पदार्थों की रोकथाम हेतु पुलिस विभाग द्वारा नीमच एवं मन्दसौर जिले में एन.डी.पी.एस. एक्ट के तहत कितने प्रकरणों में एफ.आई.आर दर्ज की गई? विवेचनाधीन और माननीय न्यायालय में प्रस्तुत प्रकरणों की विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ख) प्रश्नांश (क) में की जाने वाली कार्यवाही क्या एक थाना प्रभारी दूसरे थाना प्रभारी के क्षेत्र में बगैर सक्षम अधिकारी के संज्ञान में लाये सम्पन्न कराई जा सकती है? यदि हाँ, तो उक्त आशय की जानकारी उपलब्ध कराई जावे और यदि नहीं, तो किन कारणों से क्यों इस प्रकार की कार्यवाही की जाती है? (ग) प्रश्नाधीन अवधि में ऐसे कितने प्रकरणों में कार्यवाही की गई जो संबंधित थाना क्षेत्र के न होने और बगैर सक्षम अधिकारी के संज्ञान में लाये उन पर प्राथमिकी दर्ज की गई है? नामजद विस्तृत विवरण सहित जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (घ) प्रश्नांश (ग) में नीमच जिले में ऐसे कितने झूठे/फर्जी मामलों में पुलिस प्रशासन द्वारा फंसाये जाने की शिकायतें प्राप्त हुई है? उस पर अब तक की गई कार्यवाही मय नामजद प्रकरणों सहित अवगत करायें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। थाना प्रभारी को दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 166 की उपधारा 03 के अधीन एवं एन.डी.पी.एस. एक्ट की धारा 42 के अंतर्गत कार्यवाही करने की शक्ति प्राप्त है। (ग) प्रश्नांश (क) में दर्शाये गये सभी प्रकरण संबंधित थाना क्षेत्र में दर्ज किये गये है। आरोपी लोकेश सोलंकी से पूछताछ करते व अफीम पकड़ने पर पुलिस द्वारा दिये जाने वाले इनाम के लालच में अपने साथी श्यामलाल भामी के साथ षडयंत्र पूर्वक होंडा सीटी कार के अगले पहिए के पास 1 किलोग्राम अवैध मादक पदार्थ अफीम छिपाकर रखी थी। उक्त अफीम आरोपी श्यामलाल द्वारा अपने रिश्तेदार उर्फ गागू ग्राम सेमली मेंवाड थाना नीमच सीटी से प्राप्त की थी। घटना में शामिल लोकेश उर्फ रजनीकांत पिता दुलीचंद एवं श्यामलाल पिता गिरधारीलाल भामी को दिनांक 19/11/2020 को तथा आरोपी राकेश उर्फ गागू को दिनांक 20/11/2020 को गिरफ्तार किया गया है। (घ) प्रश्नांश (ग) में नीमच जिले में उपरोक्त संदर्भित प्रकरण में किसी के द्वारा शिकायत नहीं की गई है परन्तु पुलिस अधीक्षक नीमच के संज्ञान में आने पर उ.नि. कमलेश गौड, आर. 230 चन्दन सिंह आर. 08 सतीश कुश्वाह, आर. 86 आनंदपाल सिंह, आर, 231 कमलसिंह को निलंबित कर जांच कराई गई जिसमें गंभीर प्रक्रियात्मक लापरवाही पाई जाने पर विभागीय कार्यवाही प्रचलन में है। प्रकरण में कर्मचारियों की आपराधिक संलिप्तता नहीं पाई गई है, नारकोटिक्स विंग-01 जनवरी 2018 से लेकर प्रश्न दिनांक तक कुल 19 शिकायतें प्राप्त हुई है। जिसमें से 17 असत्य होकर अप्रमाणित पाई गई तथा 02 शिकायतें जांच में लंबित है।
शिक्षा समिति को आवंटित भूमि का दुरुपयोग
[नगरीय विकास एवं आवास]
41. ( क्र. 233 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कालीदास शिक्षण समिति नीमच को छात्रावास हेतु आवंटित 4,32,000 वर्गफीट भूमि के संबंध में आज दिनांक तक शासन स्वीकृति प्राप्त नहीं हुई है और न ही इस भूमि का मुद्रांक शुल्क तथा पंजीयन शुल्क जमा कराया गया है, जिससे शासन को राशि रुपये 7,13,02848 की आर्थिक हानि हुई है, जो दिनांक 23.09.2020 परि.अता.प्रश्न क्रमांक 658 के उत्तर में स्वीकार किया गया है। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में आवंटित भूमि के संबंध में शासन स्वीकृति के अभाव में समिति द्वारा निहित उद्धेश्यों की पूर्ति न करते हुए अनावश्यक अतिक्रमण करवाने में सहयोग प्रदान करने के साथ अवैध रुप से व्यवसायिक उपयोग कराया जाने से निकाय को प्रतिमाह लाखों रुपयों की हानि हो रही है? यदि हाँ, तो शासन इस हानि की प्रतिपूर्ति किस प्रकार से करेगा? विस्तृत ब्यौरा दे। (ग) प्रश्नांश (ख) में किये गये अतिक्रमण के संबंध में माननीय न्यायालयों में प्रस्तुत याचिकाओं एवं वाद के संबंध में प्राप्त स्थगन निरस्त करने की कार्यवाही क्या नियुक्त प्रभारी अधिकारी के माध्यम से सम्पन्न कराई गई है? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (घ) क्या शासन स्वीकृति के अभाव में प्रश्नांश (ग) में आवंटित करोड़ों रुपये की भूमि को अपने आधिपत्य में लेने संबंधी कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो इस संबंध में विस्तृत ब्यौरा दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (ग) जी हाँ। निकाय द्वारा प्रकरण के संबंध में की जा रही कार्यवाही पर संबंधितों एवं समिति द्वारा न्यायालय से स्थगन लिया गया है, स्थगन समाप्त होने पर तदानुसार कार्यवाही की जावेगी। (घ) न्यायालयीन निर्णय अनुसार कार्यवाही की जावेगी। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ग्रामीण स्टेडियम एवं खेल मैदान निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
42. ( क्र. 238 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2015 से 2018 के बीच विभाग द्वारा प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक ग्रामीण स्टेडियम एवं खेल मैदान निर्माण की स्वीकृति दी गई थी? यदि हाँ, तो क्या इसके तहत विधानसभा क्षेत्र बिछिया जिला मण्डला के ग्राम अंजनियाँ में ग्रामीण स्टेडियम एवं खेल मैदान स्वीकृत किया गया था? स्वीकृति के दौरान इसकी लागत क्या थी? (ख) क्या इस संदर्भ में कार्यालय प्रमुख अभियंता ग्रामीण यांत्रिकी सेवा म.प्र. द्वारा उपरोक्त कार्य हेतु तकनीकी स्वीकृति संलग्न करते हुए आयुक्त पंचायत राज संचालनालय भोपाल को प्रशासकीय स्वीकृति जारी करने हेतु लेख किया गया था? यदि हाँ, तो आयुक्त पंचायत राज संचालनालय द्वारा अब तक इस कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति क्यों जारी नहीं की गई है और कब तक स्वीकृति जारी कर दी जाएगी? (ग) माननीय मुख्यमंत्री कार्यालय से ए मॉनिट में प्राप्त प्रकरणों के निराकरण की क्या समय सीमा है? क्या उपरोक्त कार्य हेतु माननीय मुख्यमंत्री कार्यालय से प्रकरण 3112/सीएमएस/बीसीएस/2019 दिनांक 25.10.2019 प्राप्त हुआ था? यदि हाँ, तो इस पर क्या कार्यवाही की गई है एवं यह कार्य कब तक स्वीकृत करके प्रारंभ करवा दिया जाएगा?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी नहीं, 13 वें वित्त आयोग के अंतर्गत परफॉरमेन्स ग्रांट वर्ष 2013-14 की राशि से मध्यप्रदेश के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र (ग्रामीण) में 01 ग्रामीण खेलकूद मैदान (स्टेडियम) का निर्माण किये जाने की योजना के तहत प्रति ग्रामीण खेलकूद मैदान लागत राशि रूपये 80.00 लाख के मान से राशि संबंधित जिला पंचायतों को प्रदाय की जाकर कार्य का अनुमोदन सामान्य प्रशासन समिति एवं संबंधित जनपद पंचायत के विधानसभा क्षेत्र के माननीय विधायकों की सहभागिता से सुनिश्चित कर प्रशासकीय स्वीकृति जिला स्तर से जारी करने के निर्देश दिये गये थे। जी नहीं, जिला पंचायत मण्डला की सामान्य प्रशासन समिति की बैठक दिनांक 19.08.2014 में तत्कालीन विधायक विधानसभा क्षेत्र बिछिया की अनुशंसा पर ग्रामीण खेलकूद मैदान (स्टेडियम) निर्माण ग्राम भीमडोंगरी जनपद पंचायत मवई का अनुमोदन किया गया था परन्तु योजना के प्रावधान अनुसार पर्याप्त भूमि उपलब्ध न होने के कारण प्रशासकीय स्वीकृति जारी नहीं की जा सकी थी। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हां, कार्यालय प्रमुख अभियंता ग्रामीण यांत्रिकी सेवा म.प्र.भोपाल के पत्र दिनांक 27.01.2020 द्वारा ग्राम अंजनिया में ग्रामीण खेलकूद मैदान (स्टेडियम) निर्माण की राशि रूपये 105.00 लाख की तकनीकी स्वीकृति संलग्न करते हुये पंचायत राज संचालनालय को प्रशासकीय स्वीकृति जारी करने हेतु लेख किया गया है। ग्रामीण खेलकूद मैदान (स्टेडियम) निर्माण की योजना के दिशा निर्देशानुसार कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति की कार्यवाही पंचायत राज संचालनालय स्तर से नहीं की जाना है, योजना के दिशा निर्देशानुसार आगामी कार्यवाही हेतु प्रकरण जिला पंचायत मण्डला को भेजा जा रहा है। (ग) मुख्यमंत्री कार्यालय से ए मॉनिट में प्राप्त प्रकरणों में यथाशीघ्र नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। जी हाँ। शेष उत्तरांश (ख) अनुसार।
नगरीय विकास एवं आवास
[नगरीय विकास एवं आवास]
43. ( क्र. 240 ) श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति (एन. पी.) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 23.09.2020 के परि.अता.प्रश्न सं. 114 (क्र.722) के (ग) उत्तर में बताया गया था कि कलेक्टर जिला सीहोर द्वारा जांच प्रतिवेदन में उत्तरदायी पाये गये पदाधिकारियों/अधिकारियों का उत्तरदायित्व निर्धारण करते हुए आरोप पत्र, अभिकथन पत्र, गवाहों एवं अभिलेखों की सूची तैयार कराई जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्न तिथि तक विभाग द्वारा किन-किन पदाधिकारियों/अधिकारियों को आरोप पत्र दिया गया एवं किन-किन को उत्तरदायी मानकर उनके विरूद्ध अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ग) प्रश्नांकित प्रकरण में अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई तो विलंब के लिये कौन-कौन अधिकारी दोषी है तथा उनके विरूद्ध क्या दण्डनीय कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या कलेक्टर द्वारा शासन को वित्तीय हानि पहुँचाने वाले पदाधिकारियों। अधिकारियों को संरक्षण दिया जा रहा है? यदि नहीं, तो कब तक कार्यवाही की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ (ख) तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी, सहायक यंत्री एवं उपयंत्री के विरूद्ध आरोप पत्रादि जारी किये गये है। अध्यक्ष के विरूद्ध कारण बताओ सूचना पत्र जारी किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) एवं (घ) शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
म.प्र. वक्फ बोर्ड में प्रतिनियुक्ति पर आये मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा की गई अनियमितता
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
44. ( क्र. 241 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र.वक्फ बोर्ड में दिनांक 30/04/2007 से दिनांक 24/04/2010 तक पशुपालन विभाग से प्रतिनियुक्ति पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर पदस्थ रहे अधिकारी को वक्फ संपत्तियों को अार्थिक हानि पहुंचाने के आरोप में निलंबित किया गया था? (ख) क्या पशुपालन विभाग द्वारा उक्त अधिकारी की विभागीय जांच के निर्णय दिनांक 28.02.2008 के आदेश में आरोप प्रमाणित पाया जाकर वक्फ बोर्ड के आर्थिक हानि की गणना कर अधिकारी से वसूली के आदेश दिये गये थे? (ग) क्या पिछड़ावर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा गणना कर हानि का आंकलन किया जा चुका है? यदि नहीं, तो इस सहभागिता के लिये मंत्रालय के इस स्तर के कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार हैं और उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के पत्र क्रमांक एफ 5-2/2015/54-2, दिनांक 06.10.2020 के द्वारा म.प्र. वक्फ बोर्ड को प्रेषित पत्र में आर्थिक हानि की गणना जानकारी दिए जाने के आदेश दिए गए हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कृषि यंत्रों की खरीदी पर अनुदान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
45. ( क्र. 242 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश के किसानों को कृषि यंत्रों जैसे-ट्रेक्टर, बख्खर, बोनी मशीन आदि क्रय के लिए शासकीय अनुदान प्रदान किया जाता है? (ख) यदि हाँ, तो क्या उपरोक्तानुसार कृषि यंत्रों के क्रय हेतु प्रदेश के किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए इस वित्तीय वर्ष में स्वीकृत बजट प्रावधान पर्याप्त है? यदि हाँ, तो बजट प्रावधान के विरूद्ध अब तक कितनी राशि वितरित की गई है? (ग) यदि नहीं, तो क्या सरकार इस मद में बजट वृद्धि करेगी? यदि हाँ, तो कितनी राशि का प्रावधान किया जाएगा तथा जिससे कितने किसानों को लाभांवित किया जाएगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, उपरोक्तानुसार कृषि यंत्रों के क्रय हेतु प्रदेश के किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिये इस वित्तीय वर्ष में स्वीकृत बजट प्रावधान पर्याप्त हैं। वित्तीय वर्ष 2020-21 में कृषकों को आर्थिक सहायता प्रदान करने हेतु बजट प्रावधान राशि रूपये 12712.61 लाख के विरूद्ध वित्त विभाग के त्रैमासिक बजट वितरण व्यवस्था अंतर्गत अद्यतन स्थिति में राशि रूपये 8503.31 लाख वितरित की जा चुकी है। (ग) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
भिण्ड जिले के थाना लहार में पंजीबद्ध अपराध
[गृह]
46. ( क्र. 245 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न क्रमांक 254 दिनांक 21-09-2020 के संदर्भ में भिण्ड जिले के थाना लहार में पंजीबद्ध अपराध क्रमांक 83/20 एवं थाना दबोह में पंजीबद्ध अपराध क्रमांक 38/20 में किन-किन आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की जा सकी है एवं गिरफ्तारी हेतु कहाँ-कहाँ दबिश दी गई? उपरोक्त प्रकरण में गिरफ्तार एवं फरार आरोपियों पर प्रश्न दिनांक तक कितने अपराध कहाँ-कहाँ पर किन-किन धाराओं में पंजीबद्ध किये गये हैं? संपूर्ण सूची उपलब्ध करायें। (ख) थाना लहार के अपराध क्रमांक 83/20 ग्राम पंचायत वैशपुरा की लाखों रूपये की सामग्री लूटने वाले आरोपियों से अभी तक कितनी सामग्री बरामद की गई एवं कितनी सामग्री अभी तक बरामद नहीं की जा सकी है? (ग) उपरोक्त दोनों प्रकरणों में विवेचना करने वाले अधिकारियों का नाम/पद बतायें। (घ) क्या उपरोक्त दोनों पंजीबद्ध अपराधों की विवेचना करने वाले पुलिस कर्मियों ने घटना स्थल पर न जाकर थाने में ही विवेचना कर आरोपियों को बचाने की कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो विवेचना अधिकारी कब-कब घटना स्थल पर गये थे एवं किन-किन शिकायतकर्ताओं एवं गवाहों के कथन कब-कब लिये गये हैं?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रश्नांश का उत्तर संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) प्रकरण अनुसंधान में है। संपत्ति बरामद नहीं हुई है। 60 बोरी सीमेंट एवं लोहे के सरिया कुल कीमत सात लाख रूपये की बरामदगी नहीं की जा सकी है। (ग) थाना लहार के अपराध क्र. 83/20 में 1. निरी0 दिलीप सिंह यादव, 2. निरी. विजय सिंह तोमर, 3. निरी. प्रेमकिशोर चतुर्वेदी 4. निरी. उपेन्द्र छारी एवं थाना दबोह के अपराध क्र. 38/20 में 1. निरी. विजय सिंह तोमर, 2. निरी. व्ही.व्ही. करकरे विवेचना अधिकारी है। (घ) जी नहीं। विवेचना अधिकारी के घटनास्थल पर जाने एवं शिकायतकर्ताओं/गवाहों के कथन लेने की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार।
इंदिरा गांधी स्टेडियम लहार जिला भिण्ड में प्रशिक्षक (कोच) की पदस्थापना
[खेल और युवा कल्याण]
47. ( क्र. 246 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या इंदिरा गांधी स्टेडियम लहार जिला भिण्ड में वर्तमान में कोई प्रशिक्षक (कोच) पदस्थ नहीं होने से क्षेत्र के युवा खेल एवं प्रशिक्षण से वंचित है? (ख) यदि हाँ, तो क्या प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय विभागीय मंत्री को इंदिरा गांधी स्टेडियम लहार जिला भिण्ड में रिक्त खेल प्रशिक्षक का पद भरने हेतु दिनांक 22.11.2020 को पत्र लिखा गया था? (ग) यदि हाँ, तो उक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक खेल प्रशिक्षक के रिक्त पद की पूर्ति की जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी नहीं, विकास खण्ड स्तर पर प्रशिक्षक का पद स्वीकृत नहीं होने से प्रशिक्षक पदस्थ किया जाना संभव नहीं है तथापि खेल संघो द्वारा ही खेल प्रशिक्षण की व्यवस्था तथा खेल गतिविधिया संचालित की जाती है। (ख) जी हाँ। (ग) माननीय प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा पत्र दिनांक 22.11.2020 से श्री कृष्णकांत पचैरी, कोच (जुडो) भारतीय खेल प्राधिकरण, नई दिल्ली के अधीन खेल प्रशिक्षण केन्द्र उत्तरी गोवा में पदस्थ है की सेवायें प्रतिनियुक्ति पर लिये जाने के संबंध में पत्र लिखा गया है जिसका परीक्षण किया जा रहा है। परीक्षण उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। विकासखण्ड स्तर पर खेल प्रशिक्षक का पद स्वीकृत नहीं होने से प्रशिक्षक पद की पूर्ति जाना संभव नहीं है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
लव-जिहाद के पंजीबद्ध प्रकरण
[गृह]
48. ( क्र. 252 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस मुख्यालय में उपलब्ध जानकारी के अनुसार विगत तीन वर्षों में लव जिहाद के मामले प्रदेश के किन-किन जिले के किन थानों में किन-किन के विरूद्ध किस अपराध क्रमांक से कब-कब आई.पी.सी. की किस-किस धाराओं में पंजीबद्ध किये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त किन-किन मामलों की विवेचना पूर्ण कर चालान मा. न्यायालय में प्रस्तुत कर दिए गय हैं? यदि विवेचना समय-सीमा पूर्व नहीं की गई तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) लव-जिहाद विधि में परिभाषित नहीं है। अतः इसके संबंध में जानकारी देना संभव नहीं है।
मनरेगा योजना के स्वीकृत कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
49. ( क्र. 256 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मनरेगा योजनांतर्गत वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक जिला मुरैना में जल संवर्धन अन्तर्गत क्या-क्या कार्य कराये गए हैं एवं उनकी स्वीकृति राशि सहित विकासखण्डवार सूची उपलब्ध करावें। (ख) क्या योजनांतर्गत उक्त अवधि में वॉटर शेड, खेत, तालाब आदि ऐसे स्थानों पर बनाये गये हैं, जिनका कोई उपयोग नहीं है? यदि हाँ, तो इस अनियमितता के लिये कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी है? उनके नाम, पद एवं उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों एवं कार्यवाही कब तक की जावेगी? (ग) क्या उक्त योजना में मृतक, सरकारी कर्मचारियों आदि के नाम से मस्टर भरे गये हैं? यदि हाँ, तो क्यों एवं अनियमितताओं के दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों एवं कार्यवाही कब तक की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ग) प्रश्नाधीन मनरेगा कार्यों में पृथक, सरकारी कर्मचारियों के नाम मस्टर में भरे होने संबंधी अनियमितता विभाग के संज्ञान में नहीं होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
नगरीय निकायों में मस्टर श्रमिक/दैनिक श्रमिक/दै.वे.भो. कर्मचारी की भर्ती
[नगरीय विकास एवं आवास]
50. ( क्र. 266 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के नगरीय निकायों में मस्टर श्रमिक/दैनिक श्रमिक/दै.वे.भो. कर्मचारी की भर्ती करने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो आदेश प्रति प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो मण्डला जिले की समस्त नगरीय निकायों में जनवरी 2016 से आज दिनांक तक भर्ती किये गये मस्टर श्रमिक/दैनिक श्रमिक/दै.वे.भो. कर्मचारी की भर्ती दिनांक सहित निकायवार सूची उपलब्ध करावें। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) मस्टर श्रमिक/दैनिक श्रमिक/दै.वे.भो. कर्मचारियों की भर्ती हेतु निकाय द्वारा सूचना का प्रकाशन किया गया है? यदि हाँ, तो सूचना एवं सक्षम स्वीकृति की सत्यप्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो किस आधार पर संबंधित कर्मचारियों की भर्ती की गई है? (घ) यदि नगरीय निकाय द्वारा मस्टर श्रमिक/दैनिक श्रमिक/दै.वे.भो. कर्मचारियों की भर्ती की गई है तो नियमितीकरण के क्या प्रावधान हैं और कब तक उक्त कर्मचारियों को नियमित किया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। वस्तुत: कार्य की आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए म.प्र. नगर पालिका परिषद संविदा विशेषज्ञों एवं तकनीकी सहायकों की सेवा (अनुबंध तथा सेवा की शर्ते) नियम 2017 अनुसार संविदा पर एवं मध्यप्रदेश नगर पालिका (लेखा एवं वित्त) नियम 2018 के नियम 119 (2) अनुसार निविदा आमंत्रण द्वारा मानव शक्ति नियोजन का प्रावधान है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) सामान्य प्रशासन विभाग के ज्ञापन क्रमांक एफ 5-1/2013/1/3 दिनांक 07 अक्टूबर 2016 अनुसार दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों को विनियमितिकरण स्थायीकर्मी किये जाने के उपरांत रिक्त चतुर्थ श्रेणी के नियमित पदों पर नियुक्त किये जाने का प्रावधान है। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कटनी जिले में विभागीय योजनाओं का क्रियान्वन
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
51. ( क्र. 272 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में कौन-कौन सी विभागीय योजनाओं का वर्तमान में कब से संचालन किया जा रहा हैं? इन योजनाओं के उद्देश्य क्रियान्वयन के क्या निर्देश और लक्ष्य थे? (ख) क्या प्रश्नांश (क) योजनाओं के उद्देश्य क्रियान्वयन निर्देश और लक्ष्यों की विगत तीन वर्षों में पूर्ति हो सकी? यदि हाँ, तो किस प्रकार? विवरण प्रदान करें यदि नहीं, तो कारण बताएं? योजनाओं के क्रियान्वयन में योजनावार एवं वर्षवार कितनी राशि व्यय की गयी? (ग) मार्च-2020 में खनिज-प्रतिष्ठानमद (DMF) से कार्यालय-परियोजना अधिकारी (उद्यान) कटनी को जनवरी-2020 से किस-किस योजना/कार्य/कार्यक्रम हेतु किस मांग/प्रस्ताव के आधार पर कितनी-कितनी राशि, किन सक्षम प्राधिकारी द्वारा किन नियमों/निर्देशों के अध्याधीन स्वीकृत की गयी? जानकारी देवें एवं स्वीकृति संबंधी नोटशीट तथा दस्तावेज उपलब्ध कराएं। (घ) प्रश्नांश (ग) DMF की राशि से किस प्रक्रिया से क्या-क्या सामग्री किन सक्षम स्वीकृति से किस-किस मूल्य पर कब-कब क्रय की गयी और क्रय सामग्री का भौतिक सत्यापन किन-किन शासकीय सेवकों द्वारा कब-कब किया गया?क्या प्रतिवेदन दिये गए? (ङ) प्रश्नांश (ग) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में, सब्जी और फूल उत्पादन कार्य योजना के क्रियान्वन की कार्य योजना क्या थी और कितने कृषकों/हितग्राहियों को क्या लाभ प्राप्त होना आंकलित किया गया था?
राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण ( श्री भारत सिंह कुशवाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। योजना के प्रावधान अनुसार शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''द'' अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। कार्ययोजना अनुसार सब्जी उत्पादन हेतु 630, पुष्प उत्पादन हेतु 200 कृषकों को संकर सब्जी/गेंदा बीज वर्मी बेड, बायोनोकुलेंड, पॉली टनल एवं स्प्रे पम्प का लाभ दिया गया है।
कटनी क्षेत्र में ठोस अवशिष्ट प्रबंधन के कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
52. ( क्र. 273 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी-एमएसडब्लू, कंपनी के कार्यों की मानिटिरिंग हेतु गठित समिति की जनवरी 2019 से अब तक कितनी और कब-कब बैठके हुई? बैठकों में कौन-कौन सदस्य उपस्थित रहे, बैठकों का एजेंडा/विषय-वस्तु क्या थी और क्या कार्यवाही हेतु किस अधिकारी/कर्मचारी को निर्देशित/आदेशित किया गया? क्या दिये गए निर्देशों का पूर्णतया पालन किया गया? हाँ, तो पालन-प्रतिवेदन उपलब्ध कराएं, नहीं,तो क्यों? (ख) कटनी-एमएसडब्लू, कंपनी के कार्यों में अनियमितता की जांच के लिए संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं आयुक्त नगर पालिका निगम-कटनी द्वारा विगत-03 वर्षों में क्या कार्यवाही हेतु किन-किन जांच दल/अधिकारियों/कर्मचारियों को किन आदेशों से कब-कब आदेशित/निर्देशित किया गया था? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) अंतर्गत प्रश्न-दिनांक तक जांच एवं कार्यवाही पूर्ण हो गयी?हाँ,तो जांच के क्या परिणाम रहे,और क्या कार्यवाही की गयी?नहीं तो क्यों? जांच एवं कार्यवाही को लंबे समय से लंबित रहने के क्या कारण हैं? इसके लिए जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही की जाएंगी? (घ) क्या कटनी-एमएसडब्लू, कंपनी द्वारा डोर टू डोर कलेक्शन, सेग्रिग्रेशन, प्रोसेसिंग का कार्य 100% किया जा रहा है? अगर नहीं तो इनके विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई? आरंभ दिनांक से msw के कार्यों हेतु स्वतंत्र एजेंसी नियुक्त है, इनके द्वारा इन्हें कब-कब कितने पत्र निर्देश गए और कंपनी द्वारा इनके निराकरण हेतु कब कब क्या कार्यवाही की गई? दिनांकवार एवं पत्रवार बतावें। आरंभ दिनांक से अभी तक किए गए कचरे का कलेक्शन एवं प्रोसेसिंग का वज़न प्रतिदिन का उपलब्ध कराएं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) :क) मॉनिटरिंग समिति की जनवरी-2019 से प्रश्न दिनांक तक कुल 6 बैठक हुई उक्त बैठकों में सदस्यों की उपस्थिति, बैठक के विषय-वस्तु की जानकारी मॉनिटरिंग समिति द्वारा बैठक में अधिकारी/कर्मचारियों को दिये गये निर्देश तथा उनके पालन प्रतिवेदन का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। (ग) जी हाँ। कटनी एस.एस.डब्ल्यू. के कार्यों की जांच रिपोर्ट पर मॉनिटरिंग कमेटी की समय-समय पर आयोजित बैठक में उचित कार्यवाही की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। सेग्रिगेसन के अतिरिक्त शेष कार्य 100 प्रतिशत किया जा रहा है। जिस पर अनुबंध के प्रावधानों अनुसार पेनाल्टी आरोपित की गई है। जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द पर है। जिसके संबंध में एम.एस.डब्ल्यू. कंपनी द्वारा दिये गये पालन प्रतिवेदन का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई अनुसार है। कचरे के संग्रहण एवं प्रोसेसिंग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-फ पर है।
सिवनी जिले में वैध/अवैध कालोनियों में मूलभूत सुविधाएं
[नगरीय विकास एवं आवास]
53. ( क्र. 277 ) श्री
दिनेश राय
मुनमुन : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) सिवनी
जिले के नगरीय
क्षेत्रों
में कुल कितनी
वैध एवं अवैध
कालोनियां
हैं? क्या
वैध
कालोनियों
में नगरपालिका/परिषद
द्वारा
नागरिकों को
पानी, स्ट्रीट
लाईट, सड़क
एवं सफाई की
मूलभूत
सुविधाएं
उपलब्ध कराई
जा रही हैं? यदि
नहीं, तो
क्यों? (ख) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में अवैध
कालोनियों, जिनमें
कालोनी विकास
के पूर्णता
प्रमाण-पत्र
जारी नहीं
हुये है,
क्या
उन कालोनियों
में नगर
पालिका/परिषद
द्वारा भवन
निर्माण की
अनुमति दी जा
रही है? यदि
हाँ, तो
किन नियमों के
तहत? (ग) अवैध
कालोनियों को
वैध करने के
शासन निर्देश से
अब तक कितनी
कालोनियों को
वैध किया गया
है? यदि
नहीं, तो
कब तक किया
जावेगा?
(घ)
गत
तीन वर्षों
में जिले में
कितने अवैध
कॉलोनाईजरों
पर नियमों के
उल्लंघन के
प्रकरण बनाकर
क्या
कार्यवाही की
गई? क्या
इन कॉलोनाईजर
पर आपराधिक
प्रकरण भी दर्ज
कराये गये हैं? यदि हाँ, तो
किस-किस पर और
कब-कब?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री
भूपेन्द्र
सिंह ) : (क) सिवनी
जिले के नगरीय
क्षेत्र
नगरपालिका
सिवनी में 60 वैध एवं 99 अवैध, नगर
परिषद बरघाट
में 01
अवैध तथा नगर
परिषद
लखनादौन में 02 वैध एवं 49 अवैध
कॉलोनियां है।
जी हाँ। शेषांश
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ख) अवैध
कालोनियों
में विकास
पूर्णता
प्रमाण-पत्र
जारी किये
जाने के कोई
प्रावधान
नहीं है,
जी
नहीं। शेषांश
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) अवैध
कालोनियों को
नियमित करने
के संबंध में म.प्र.
नगरपालिका (कालोनाईजर
का रजिस्ट्रीकरण, निर्बंधन
तथा शर्तें) नियम
1998 के
नियम 15-क
को माननीय उच्च
न्यायालय
द्वारा
अधिकारातीत (Ultra Vires) घोषित
कर दिये जाने
के कारण अवैध
कालोनियों का
नियमितीकरण
नहीं किया गया
है। वैधानिक
प्रक्रिया
होने के कारण समय-सीमा
बताया जाना
सम्भव नहीं
है। (घ) जिले
के नगरीय
क्षेत्रों
में अवैध
कालोनी बनाने
वाले 148
कालोनाईजर को
सक्षम
प्राधिकारी
एवं नगरीय निकायों
द्वारा म.प्र.
नगरपालिका
अधिनियम 1961 के
प्रावधानों
के तहत
कार्यवाही
हेतु सूचना पत्र
जारी किये गये
है। जी नहीं, कार्यवाही
विचाराधीन है।
शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
मनरेगा में हो रहे गुणवत्ताविहीन कार्य की जांच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
54. ( क्र. 288 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र 147 सिरोंज की ग्राम पंचायतों में दिनांक 01 अप्रैल 2018 से मनरेगा योजनान्तर्गत हितग्राही मूलक व सामुदायिक मूलक कार्यों की संख्यात्मक जानकारी स्वीकृत राशि व्यय राशि कितने कार्य पूर्ण हुये कितने अपूर्ण हैं एवं कितने अप्रारंभ हैं? विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांक (क) के संदर्भ में विधानसभा क्षेत्र सिरोंज में 01 अप्रैल 2018 से मनरेगा योजनान्तर्गत स्वीकृत हितग्राही मूलक एवं सामुदायिक मूलक कार्यों की ग्राम पंचायतवार संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध कराये? स्वीकृत कार्यों में मजदूरों को कुल कितने दिन का रोजगार उपलब्ध कराया गया कितनी मजदूरी की राशि का भुगतान कियागया है एवं सामग्री मद में कितनी राशि का भुगतान किया गया है। मनरेगा कार्यों की पर्यवेक्षण एवं मूल्यांकन किस अधिकारी द्वारा कराया गया है। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विदिशा जिले में किन-किन सांसद तथा विधायकों के मनरेगाके कार्य स्वीकृत करने हेतु कब-कब प्राप्त हुई है, तथा उक्त पत्रों पर प्रश्नांकित दिनांक तक क्या कार्यवाही कीगई है? पत्रों में उल्लेखित कार्योंमें से कितने कार्य स्वीकृत किये गये? कितने शेष हैं? कितने कार्य अपूर्ण है तथा कितने कार्य अप्रारंभ हैं? शेष कार्य कब तक स्वीकृत किये जावेंगे? (घ) क्या मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिलापंचायत विदिशा के पत्र क्रमांक11060, 11099, 11097, 11118, 11112, 11062 दिनांक 07.08.2020 द्वारा क्या-क्या जांच किन-किन दिनांक में की गई है? जांच प्रतिवेदन उपलब्ध करावें। क्या प्रश्नकर्ता के द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत विदिशा को पत्र क्रमांक 704 दिनांक 25.08.2020, 274 दिनांक 16.05.2020 तथा 536 दिनांक 18.07.2020 प्राप्त हुए हैं? यदि हां, तो इन पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई है? यदि जांच नहीं की गई तो क्यों तथा जांच कब तक की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 1 अनुसार है। (ख) वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 2 अनुसार है। कार्यों का पर्यवेक्षण एवं मूल्यांकन उपयंत्री, सहायक यंत्री द्वारा किया जाता है। (ग) वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 3 अनुसार है। (घ) जी हाँ। उल्लेखित पत्रों पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 4, 5 एवं 6 अनुसार है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
प्रधानमंत्री आवास योजना की राशि का भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
55. ( क्र. 290 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केन्द्र सरकार द्वारा विभाग को प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी अंतर्गत कितने-कितने आवासों के लक्ष्य/स्वीकृति प्रदान की गई है? मध्यप्रदेश में योजना प्रारंभ से कितने-कितने आवास स्वीकृत किये गये हैं? विदिशा जिले की वर्षवार, नगरीय निकायवार एवं वार्डवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांक (क) के संदर्भ में प्रधानमंत्री आवास योजना के बी.एल.सी. परियोजना हेतु प्रथम एवं द्वितीय डी.पी.आर. की कौन-कौनसी किश्तों की राशि हितग्राहियों को प्रदान कर दी गई है तथा कितने हितग्राहियों की राशि शेष है? तृतीय एवं चतुर्थ (अंतिम) किश्त कौन-कौनसे निकायों की शेष है? निकायवार एवं वार्डवार, हितग्राही के नाम सहित भोपाल एवं ग्वालियर संभाग की वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में तृतीय डी.पी.आर. में कौन-कौन से निकायों को प्रथम किश्त की राशि भारत सरकार द्वारा एम.आई.एस. अटैचमेंट पूर्ण हो गये हैं, कौन-कौनसे निकायों को राशि का भुगतान हो गया है एवं कितने निकायों की राशि भुगतान होना शेष है? हितग्राही के नाम सहित जानकारी भोपाल एवं ग्वालियर संभाग की उपलब्ध करावें। शेष किश्तों का भुगतान कब-तक किया जावेगा? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में उक्त परियोजना हेतु राशि आवंटन करवाने हेतु विभाग एवं संचालनालय द्वारा क्या-क्या पत्राचार भारत सरकार को किये गये हैं? पत्राचारों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। यदि पत्राचार नहीं किये गये हैं, तो पत्राचार कब तक किये जावेंगें? (ड़) प्रश्नांश (घ) के संदर्भ में प्रश्नकर्ता द्वारा विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र क्र. 709,716 एवं आयुक्त को पत्र क्र. 710,715 दिनांक 25.08.2020 को प्रेषित किये गये थे। उक्त पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? की गई कार्यवाहियों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। यदि कार्यवाही नहीं की गई, तो कब तक की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (ड.) जानकारी संकलित की जा रही है।
बैराज निर्माण कार्य की उच्च स्तरीय जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
56. ( क्र. 292 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजनांतर्गत नगरपालिका नरसिंहगढ़ के इंटेक वेल के समीप पार्वती नदी पर बैराज कार्य में निर्माण एजेन्सी द्वारा बरती जा रही अनियमितताओं एवं गुणवत्ताहीन मटेरियल का उपयोग करने एवं सक्षम तकनीकी अधिकारियों की अनुपस्थिति में निकाय को बिना सूचना दिये निर्माण की कमियां छिपाने के आशय से कार्य प्रारंभ करने सहित दस बिन्दुओं का घटिया निर्माण एवं गुणवत्ताहीन मटेरियल उपयोग संबंधी प्रतिवेदन माह मई 2020 में तत्कालीन मुख्य नगरपालिका अधिकारी द्वारा आवश्यक कार्यवाही हेतु कार्यपालन यंत्री नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग भोपाल संभाग भोपाल को प्रेषित किया गया था? यदि हाँ तो उक्त प्रतिवेदन में क्या कार्यवाही कब, किन अधिकारियों द्वारा की गई? बिन्दुवार कार्यवाही से अवगत करावें। (ख) क्या निकाय में स्थाई उपयंत्री की पदस्थापना होने के बावजूद अन्य निकाय के उपयंत्री से उक्त अमानक कार्य का मूल्यांकन करवाया जाकर आपसी सांठगांठ के चलते मुख्य नगरपालिका अधिकारी द्वारा उक्त निर्माण कार्य में लगभग राशि रूपये एक करोड का भुगतान निर्माण एजेन्सी को कर दिया गया हैं, जबकि प्रश्नांश (क) वर्णित शिकायती प्रतिवेदन का बिन्दुवार निराकरण नहीं हुआ है? क्या शासन उक्त निर्माण कार्य में गुणवत्ताहीन मटेरियल उपयोग एवं अन्य अनियमितताओं सहित मूल्यांकन एवं भुगतान करने वाले अधिकारियों की संदिग्ध भूमिका की उच्च स्तरीय जांच शासन स्तर से दल गठित कर करवायेगा? यदि हाँ तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। पत्र के अनुक्रम में कार्यपालन यंत्री, नगरीय प्रशासन एवं विकास, भोपाल के द्वारा संभाग में पदस्थ सहायक यंत्री एवं उपयंत्री को जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया। प्रतिवेदन प्राप्त होने पर कार्यवाही की जायेगी। (ख) मुख्य नगरपालिका अधिकारी द्वारा निकाय में पदस्थ उपयंत्री की उपस्थिति के उपरांत भी नगरपालिका ब्यावरा में पदस्थ उपयंत्री से बैराज निर्माण कार्य के देयक का मूल्यांकन कराया जाकर राशि रू. 1,13,74,660.00 का भुगतान किया गया है। इस अनियमितता के लिये मुख्य नगरपालिका अधिकारी, नगरपालिका नरसिंहगढ़ एवं उपयंत्री नगरपालिका ब्यावरा को निलंबित किया गया है। जांच समिति गठित की जाकर प्रकरण में जांच कराई जा रही है।
जलकर सहित अन्य करों की राशि में वृद्धि
[नगरीय विकास एवं आवास]
57. ( क्र. 293 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगरपालिका नरसिंहगढ़ जिला राजगढ़ द्वारा जलकर सहित अन्य करों की राशि में वृद्धि की गई है? यदि हाँ तो किस नियम प्रक्रिया के तहत कितनी-कितनी राशि किन-किन मापदण्डों के आधार पर वृद्धि की गई है? (ख) क्या निकाय द्वारा राशि वृद्धि के पूर्व आमजन अथवा क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों से दावा आपत्ति अथवा सुझाव आमंत्रित किये गये थे? यदि नहीं, तो क्यों तथा क्या उक्तानुसार की गई राशि वृद्धि नियमानुसार विधि संगत है? (ग) क्या प्रशासक एवं मुख्य नगरपालिका अधिकारी नरसिंहगढ़ द्वारा बिना दावा आपत्ति आमंत्रित किये तथा क्षेत्रीय विधायक व अन्य जनप्रतिनिधियों को बिना आमंत्रित किये तथा बिना सुझाव प्राप्त किये ही बैठक आयोजित कर भीषण कोरोना संक्रमण काल में एक पक्षीय जलकर सहित अन्य करों में राशि वृद्धि की गई तथा प्रश्नकर्ता द्वारा उक्त राशि वृद्धि पर आपत्ति किये जाने पर कलेक्टर जिला राजगढ़ द्वारा उक्त राशि वृद्धि की वसूली को स्थागित किया गया था? (घ) उपरोक्तानुसार क्या शासन वर्तमान कोरोना संक्रमण काल में पूर्व से ही आर्थिक मार झेल रहे नगरवासियों के हितार्थ उक्त एक पक्षीय जलकर में ढाई गुनी राशि वृद्धि के प्रस्ताव को निरस्त कर पूर्वानुसार निर्धारित राशि एवं जिले के अन्य निकायों अनुसार जलकर वसूली के आदेश प्रदान करेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश नगरपालिका अधिनियम 1961 के नियम की धारा 129 (8) एवं परिषद् का प्रस्ताव क्रमांक 01 दिनांक 01.02.2020 के अनुसार जलकर के घरेलू कनेक्शन आधा इंची वर्तमान दर राशि रूपये 80.00 व अधिभार राशि रूपये 10.00 एवं नवीन दर राशि रूपये 200.00 व अधिभार राशि रूपये 50.00 तथा अघरेलू कनेक्शन पोन इंची वर्तमान दर राशि रूपये 200.00 व अधिभार राशि रूपये 10.00 एवं नवीन दर राशि रूपये 300.00 व अधिभार राशि रूपये 75.00 की वृद्धि की गई है। (ख) जी नहीं। मध्यप्रदेश नगरपालिका अधिनियम 1961 के नियम की धारा 129 (8) एवं परिषद् का प्रस्ताव क्रमांक 01 दिनांक 01.02.2020 के अनुसार, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। प्रशासक एवं मुख्य नगरपालिका अधिकारी, नगरपालिका परिषद्, नरसिंहगढ़ द्वारा जलकर की राशि में वृद्धि परिषद् प्रस्ताव क्रमांक 01 दिनांक 01.02.2020 के अनुसार संबंधित शाखा प्रभारी, प्रशासक एवं मुख्य नगरपालिका अधिकारी, नगरपालिका परिषद्, नरसिंहगढ़ के साथ बैठक आयोजित कर जलकर राशि में वृद्धि की गई तथा किसी भी प्रकार का प्रकाशन नहीं किया गया है। कलेक्टर जिला राजगढ़ के पत्र क्रमांक 205/डूडा/2020, राजगढ़, दिनांक 20.05.2020 के अनुसार उक्त राशि वृद्धि की वसूली को स्थगित किये जाने हेतु पत्र नगरपालिका परिषद्, नरसिंहगढ़ को पत्र प्रेषित किया गया था, किन्तु नगरपालिका परिषद्, नरसिंहगढ़ द्वारा वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण लॉकडाउन होने से कार्यवाही संपादित नहीं की जा सकी क्योंकि निर्देशानुसार एक तिहाई कर्मचारियों के साथ निकाय को अपने समस्त कार्य संपादित किये जाने थे और साथ ही नगरीय निकायों को इस कोरोना काल में अत्यधिक कार्यों का भार भी था। मुख्य नगरपालिका अधिकारी, नगरपालिका परिषद्, नरसिंहगढ़ से प्राप्त जानकारी अनुसार जलकर में वृद्धि के प्रस्ताव को स्थगित किये जाने हेतु प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा जाना प्रक्रियाधीन है। (घ) जी हाँ, मुख्य नगरपालिका अधिकारी, नगरपालिका परिषद्, नरसिंहगढ़ से जलकर में वृद्धि के प्रस्ताव को स्थगित किये जाने संबंधी प्रस्ताव प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सहकारिता साख समिति में आर्थिक अनियमितता
[गृह]
58. ( क्र. 296 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिला धार में राजेन्द्रसुरी सहकारिता साख समिति में रूपये 100 करोड से ऊपर की आर्थिक अनियमितता एवं घोटाले पर 28 आरोपी पर प्रकरण दर्ज किया गया था? यदि हाँ तो एफ.आई.आर. की प्रति उपलब्ध कराई जाए। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आरोपी में से किस-किस आरोपी को किस-किस दिनांक को गिरफ्तार किया गया तथा किस-किस आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया जा सका तथा उन्हें गिरफ्तार करने के लिए किस-किस दिनांक को क्या-क्या कार्यवाही की गई? क्या किसी फरार आरोपी पर इनाम की राशि की घोषणा की गई हो, तो बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आरोपियों से घोटाले की राशि जब्त करने हेतु किस-किस दिनांक को किन-किन आरोपियों पर क्या कार्यवाही की गई एवं कितनी राशि जब्त की गई? अभी तक कुल कितनी राशि जब्त हो चुकी है? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित घोटाले की राशि वसूल करने हेतु किस-किस आरोपी को सूचीबद्ध किया गया है तथा उनकी कौन-कौन सी सम्पत्ति विभाग ने अपने कब्जे में लेने का प्रयास किया है तथा राशि जब्त करने तथा वसूलने हेतु विभाग द्वारा किये गये प्रयासों की सम्पूर्ण जानकारी देवें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। एफ.आई.आर. की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) उल्लेखित आरोपियों से राशि जब्त नहीं की गई है। (घ) वर्तमान में एस.डी.एम. सरदारपुर, राजेंद्र सूरी सहकारिता संस्था राजगढ़ के प्रशासक हैं व उपायुक्त सहकारिता विभाग धार के द्वारा राशि वसूल करने हेतु कार्यवाही की जा रही है।
मुख्यमंत्री शहरी अधोसरंचना विकास योजनांतर्गत राशि की स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
59. ( क्र. 299 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री शहरी अधोसरंचना विकास योजना (तृतीय चरण) में नगर परिषद् राजगढ़, जिला धार को दिनांक 18.03.2020 को 75 लाख रूपये की सैद्धान्तिक स्वीकृति को दि. 09.06.2020 को निरस्त कर दिया गया? यदि हाँ तो कारण बतावें तथा इससे संबंधित सभी नोटशीट, पत्राचार एवं दस्तावेज उपलब्ध करावें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्वीकृति नियमानुसार नहीं थी? यदि हाँ तो इसके लिये कौन जिम्मेदार हैं? क्या वर्तमान सरकार पूर्व सरकार द्वारा राजगढ़ के विकास के लिए स्वीकृत राशि को राजनैतिक द्वेष के तहत अस्वीकृत कर रही हैं? क्या अधोसरंचना तृतीय चरण वर्ष 2020-21 से वर्ष 2023-24 की राशि मार्च 2020 में क्यों नहीं घोषित की जा सकती हैं? संबंधित दस्तावेज उपलब्ध करावें। (ग) संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. भोपाल द्वारा आदेश क्रं./शा-4/लेखा/वि.नि./2018-19/622 भोपाल, दिनांक 27/02/2019 के अनुसार वित्तीय वर्ष 2018-19 में नगर परिषद् सरदारपुर जिला धार में एन.एच. 59 पर फोरलेन बायपास से शासकीय महाविद्यालय सरदारपुर राजगढ़ तक आदर्श सड़क, वार्ड क्र. 5 में शंकर से भोपावर रोड फोरलेन बायपास तक आदर्श सड़क एवं पवित्र माही नदी पर स्थित माही मुक्तिधाम में विकास कार्य एवं सौन्दर्यीकरण कार्य की स्वीकृति हेतु टी.एस. एवं ए.एस. की स्वीकृति हेतु 25 लाख रू. की राशि प्रदान की गई थी? नगर परिषद् सरदारपुर द्वारा टी.एस. एवं ए.एस. हेतु संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास, म.प्र शासन भोपाल को प्रस्तुत की गई थी। उसके बाद भी स्वीकृति प्रदान क्यों नहीं की गयी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना का तृतीय चरण वित्त वर्ष 2020-21 से 2023-24 तक चार वर्षों के लिये स्वीकृत किया गया है। नगर परिषद् राजगढ़ को योजना अंतर्गत सैद्धांतिक स्वीकृति वित्त वर्ष 2019-20 में जारी होने से उक्त स्वीकृति को निरस्त किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी नहीं, अपितु योजना वित्त वर्ष 2020-21 से 2023-24 तक स्वीकृत होने से पूर्व में जारी की गई सैद्धांतिक स्वीकृति को निरस्त किया गया है। कोई जिम्मेदार नहीं है। जी नहीं। मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना (तृतीय चरण) की स्वीकृति मंत्री परिषद् के आदेश के परिपालन में शासन के आदेश दिनांक 23/05/2020 से दी गई है। उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जी हाँ। संचालनालय द्वारा नगर परिषद् सरदारपुर से पत्र दिनांक 22.08.2020 एवं 22.09.2020 से अतिरिक्त राशि की व्यवस्था एवं अन्य बिन्दुओं पर पृच्छा की गई है। जानकारी के अभाव में कार्य स्वीकृति नहीं किया गया।
प्रदेश में ऑनलाइन धोखाधड़ी के प्रकरण
[गृह]
60. ( क्र. 300 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में 1 जनवरी 18 के पश्चात कुल कितने ऑनलाइन धोखाधड़ी के प्रकरण प्रकाश में आये? वर्षवार जानकारी देवें। (ख) क्या प्रदेश में ऑनलाइन धोखाधड़ी के प्रकरण 17 प्रतिशत की दर से लगातार बढ़ रहे हैं तथा पुलिस द्वारा प्रकरणों का निराकरण प्रतिशत मात्र 2 प्रतिशत है? इतने कम प्रकरणों का निराकरण कर पाने के विभाग क्या कारण मानता है? (ग) उक्त अवधि में गत 3 वर्षों में प्रदेश में कुल कितनी-कितनी राशि के ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के प्रकरण सामने आये हैं? वर्षवार कुल राशि की जानकारी देवें। (घ) प्रदेश में ऑनलाइन धोखाधड़ी के प्रकरण एवं ऑनलाइन ट्रांजेक्शन की धोखाधड़ी को रोकने के लिये विभाग ने क्या कार्ययोजना तैयार की है? क्या प्रदेश के प्रत्येक थानों द्वारा क्षेत्रीय बैंक अधिकारियों के साथ उक्त अवधि में बैंकिंग धोखाधड़ी को रोकने हेतु कोई बैठक आयोजित की है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग)
स.क्र. |
वर्ष |
ऑनलाइन ट्रांजेक्शन की राशि |
01 |
2018 |
64091852 |
02 |
2019 |
71117885-92 |
03 |
2020 |
117530206 |
कुल योग |
252739943-9 |
(घ) प्रदेश में सायबर ऑनलाइन धोखाधड़ी के प्रकरण एवं ऑनलाइन ट्रांजेक्शन की धोखाधड़ी को रोकने के लिए सायबर पुलिस मुख्यालय, भोपाल द्वारा पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों, लोक अभियोजन अधिकारियों एवं न्यायिक अधिकारियों को प्रशिक्षण कोर्स कराकर उनकी दक्षता को उन्नत किया गया है। साइबर क्राईम संबंधी विषयों पर स्पेशलाईज्ड कोर्स कराया जाने की योजना है व प्रदेश के स्कूल कॉलेज, व्यापारिक संस्थानों में सायबर अवेयरनेस कार्यक्रम का आयोजन समय-समय पर किया जा रहा है। सायबर पुलिस मुख्यालय, भोपाल एवं जोनल कार्यालयों में क्षेत्रीय बैंक अधिकारियों के साथ समय-समय पर आपसी समन्वय स्थापित किया जाकर प्रकरण के निराकरण के लिए आवश्यक जानकारी/सहयोग प्राप्त किया जाता है।
जिम
सेंटरों में
महिलाओं के
लिये महिला
प्रशिक्षक की
अनिवार्यता
[खेल और युवा कल्याण]
61. ( क्र. 301 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में 1 जनवरी 2017 के पश्चात प्रदेश के जिम सेंटरो में पुरूष प्रशिक्षकों द्वारा महिलाओं से अश्लीलता, छेड़छाड़ आदि के कितने प्रकरण कहाँ-कहाँ सामने आये? प्रकरण की वर्तमान स्थिति क्या है? क्या विभाग ने इनके रजिस्ट्रेशन समाप्त कर दिए हैं? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा प्रदेश के जिम सेंटरों में महिलाओं के लिये महिला प्रशिक्षक की अनिवार्यता को लेकर मा. मुख्यमंत्री जी को अपने पत्र क्रं/53/सी.एम./दिनांक-17.07.2020 को पत्र प्रेषित किया गया था जिस पर मुख्यमंत्री कार्यालय के पत्र क्रं/3541/सीएमएस/एमएलए/224/2020 दिनांक 28.09.2020 के तहत विभाग को कार्यवाही हेतु निर्देशित किया था? यदि हाँ तो कार्यवाही की वर्तमान स्थिति से अवगत करायें। (ग) क्या प्रदेश में संचालित समस्त जिम सेंटर जिम स्थापना के दिशा-निर्देशों का पालन कर रहे हैं? यदि हाँ तो प्रश्नांश (क) अवधि में किन-किन सक्षम अधिकारियों ने कब-कब इन जिम सेंटरों की जांच की? इनमे क्या-क्या कमियां पाई हैं? क्या प्रदेश के सभी जिम सेंटर में महिलाओं हेतु महिला प्रशिक्षक हैं? (घ) क्या प्रदेश के समस्त जिम सेंटरों में सी.सी. टीवी कैमरे, महिलाओं एवं पुरूषों के लिये पृथक चेंजिंग रूम, जिम टैनर एवं कर्मचारियों को पुलिस में सत्यापन, महिला प्रशिक्षुओं हेतु सुरक्षाकर्मी आदि जैसी नियमावली का पालन हो रहा है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) प्रदेश में विभाग द्वारा संचालित जिम सेंटरों में पुरूष प्रशिक्षकों द्वारा महिलाओं से अश्लीलता, छेड़छाड़ आदि के प्रकरण सामने नहीं आये हैं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। विभाग को जिम सेंटर संचालित करने हेतु रजिस्ट्रेशन हेतु शासन द्वारा अधिकृत नहीं किया गया है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। जिसके संबंध में विभागीय पत्र क्रमांक 1565/1534/2020 दिनांक 15/11/2020 द्वारा मुख्यमंत्री कार्यालय एवं माननीय विधायक महोदय को अवगत कराया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रदेश में संचालित विभागीय जिम सेंटरों द्वारा जिम स्थापना के दिशा-निर्देशों का पालन किया जाता है, जिनका संबंधित जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी द्वारा समय-समय पर निरीक्षण किया जाता है, निरीक्षण में कोई कमियां उल्लेखित नहीं की गई है। विभाग द्वारा संचालित जिम सेंटर जहाँ महिला प्रशिक्षु आते हैं वहां संचालित जिम सेंटरों में आवश्यकता को देखते हुए प्रशिक्षकों की नियुक्ति की जाती है। (घ) प्रदेश में विभाग द्वारा संचालित कुछ जिम सेंटरों में सी.सी. टीवी कैमरे उपलब्ध है, महिलाओं एवं पुरूषों के लिये पृथक-पृथक चेंजिंग रूम उपलब्ध है, जिम ट्रैनर एवं कर्मचारी शासन द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के तहत् नियमित/संविदा रूप से कार्यरत् है, जिनका नियुक्ति के पूर्व पुलिस सत्यापन किया जाता है, महिला प्रशिक्षुओं हेतु सुरक्षाकर्मी आदि नियमावली का पालन हो रहा है।
मन्दसौर गोलीकाण्ड आयोग की रिपोर्ट
[गृह]
62. ( क्र. 305 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 226, दिनांक 21.09.2020 के खण्ड (क) के उत्तर में पूछी गई अन्तिम जाँच प्रतिवेदन की दिनांक क्यों नहीं बताई गई? उसके लिए कौन जिम्मेदार है? दिनांक बतावें तथा प्रक्रियाधीन कार्यवाही की बिन्दुवार दिनांकवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 226 दिनांक 21.09.2020 के खण्ड (ख) तथा (घ) का स्पष्ट उत्तर दिलाए तथा खण्ड (ग) की संकलित जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 33 दिनांक 21.09.2020 में पूछे गये और मांगी गई जानकारी उपलब्ध क्यों नहीं कराई गई जबकि आयोग की जांच प्रक्रिया 2.5 वर्ष पहले पूर्ण होकर शासन को प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जा चुका है। किस नियम के तहत जांच प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद प्रश्न का उत्त्तर नहीं दिया गया, उसका उल्लेख करें एवं प्रश्न का उत्तर दिलाएं। (घ) जून 2017 किसान आन्दोलन के दौरान 08 जून 2017 को दलोदा, मन्दसौर में धनश्याम धाकड़ को पुलिस द्वारा पीट-पीट कर मार दिये जाने की जिला प्रशासन द्वारा जांच प्रक्रिया किस दिनांक को पूर्ण की गई? अन्तिम प्रतिवेदन कि प्रति देवें तथा बतावें कि जांच में क्या पाया गया?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पुलिस थाना सैलाना अंतर्गत प्रकरण की जानकारी
[गृह]
63. ( क्र. 307 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस थाना सैलाना में लगे सी.सी.टी.वी. के दिनांक 14.11.2020 की रात्रि 11.00 बजे से सुबह 11.00 बजे तक की फुटेज उपलब्ध कराई जाए तथा इसी अवधि के रोजनामचे की प्रति तथा थाने की जीप की लॉगबुक की प्रति देवें। (ख) क्या विपुल प्रजापति तथा सोनू प्रजापति के साथ महेन्द्र गुर्जर तथा साथियों ने मारपीट की तथा रात्रि दिनांक 14.11.2020 की रात्रि 10.40 को घटना पर प्रकरण दर्ज करने के स्थान पर रात्रि 01.00 बजे धारा 155 के तहत एन.सी.आर. रिपोर्ट बना दी गई? दोनों का मेडिकल तत्काल नहीं करवाया? यदि हाँ तो कारण बतावें तथा बतावें कि इनके खिलाफ विभिन्न धारा में प्रकरण क्यों दर्ज किया गया। (ग) क्या अपराध क्रमांक 284/2020 दिनांक 14.11.2020 धारा 30, 324 तथा 34 में प्रकरण दर्ज किया गया था तथा दिनांक 15.11.2020 को न्यायालय में प्रस्तुत दस्तावेजों में इन्हीं धाराओं का उल्लेख है? यदि हाँ तो बतावें कि दिनांक 20.11.2020 को न्यायालय में प्रस्तुत दस्तावेजों में धारा 307 किस आधार पर बढ़ाई गई? इस सम्बन्ध में नोटशीट एवं रोजनामचे की प्रति देवें। (घ) प्रकरण क्रमांक 284/2020 की एफ.आई.आर तथा मेडिकल की रिपोर्ट की प्रति देवें तथा बतावें की क्या दाई हथेली के ऊपर लगी मामूली सी चोट पर 307 की धारा किस नियम से बढ़ाई गई तथा किस दिनांक को किस की अनुमति से बढ़ाई गई?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन हैं। अतः अभिलेख उपलब्ध नहीं कराए जा सकते हैं। (ख) दिनांक 14-15.11.20 की रात्रि करीब 01:00 बजे थाना सैलाना पर विपुल प्रजापति उसके भाई सोनू प्रजापति के साथ उपस्थित हुआ और उसके द्वारा महेन्द्र, सागर, सिद्धार्थ व उसके साथियों के विरुद्ध गाली-गुफ्तार व हाथ मुक्कों से मारपीट करने की रिपोर्ट करने पर थाना सैलाना पर असंज्ञेय अपराध क्र. 42/20 धारा 323,504 भा.द.वि. का पंजीबद्ध कर रात्रि में ही सोनू प्रजापति, विपुल प्रजापति का तत्काल प्राथमिक स्वास्थ केन्द्र सैलाना पर मेडिकल परीक्षण कराया गया था। विपुल व सोनू प्रजापति रात्री 10:40 बजे थाना सैलाना पर रिपोर्ट कराने नहीं आये थे। इसके पूर्व फरियादी विशाल द्वारा आरोपी विपुल प्रजापति, सोनू प्रजापति के विरूद्ध दिनांक 14.11.20 के रात्रि करीब 23.10 बजे थाने में रिपोर्ट करने पर अप. क्र. 284/20, धारा 308, 34 भा.द.वि. का दर्ज कराया गया था। (ग) जी नहीं। दिनांक 14.11.2020 को अपराध क्रमांक 284/2020 धारा 308, 34, 324 पंजीबद्ध किया गया था, जो विवेचना पर धारा 307, 34 भा.द.वि. में परिवर्तित किया गया। प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है। (घ) प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है, अतः अभिलेख उपलब्ध नहीं कराए जा सकते हैं।
अवैध कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाएं
[नगरीय विकास एवं आवास]
64. ( क्र. 313 ) श्री मनोज चावला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जावरा नगर अंतर्गत कुल कितनी वैध और अवैध कालोनियां हैं? सूची उपलब्ध कराएं। क्या सभी कॉलोनियां नगरपालिका को हस्तांतरित कर दी गई हैं? क्या वैध कॉलोनियों में सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करा दी गई हैं? यदि नहीं, तो क्यों और कब तक करा दी जाएगी? (ख) मूलभूत सुविधाओं और अनियमितता को लेकर कितने कॉलोनाईजर पर एफ.आई.आर. दर्ज हुई है? कितने पर शेष है? अवैध कॉलोनाईजर पर शासन द्वारा अब तक क्या कार्यवाही की गई हैं? की गई कार्यवाहियों की प्रतिलिपि उपलब्ध कराएं। (ग) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र.56 दिनांक 23/9/20 के खंड (ख) के संदर्भ में जारी किए गए सूचना पत्र की प्रति तथा प्रकरण के परीक्षण का प्रतिवेदन उपलब्ध कराएं वर्तमान अधतन स्थिति से अवगत कराएं, उक्त प्रश्न के भाग (ग) के संदर्भ में बतावे की अवैध कॉलोनाईजर पर प्रकरण क्यों नहीं दर्ज किया गया तथा न.पा.अधिनियम 1961 में अवैध कॉलोनाईजर पर क्या-क्या कार्यवाही कितनी अवधि में उल्लेखित है? अधिनियम की प्रति देवें तथा बतावें कि कॉलोनाईजर पर क्या-क्या कार्रवाई किस-किस दिनांक को की गई? (घ) प्रश्नकर्ता के प्र.क्र.55 दिनांक 23/9/20 के खंड (क) तथा (ख) के संदर्भ में बतावें कि खरीदी में अनियमितता पाए जाने पर अधिनियम में क्या कार्यवाही करने का उल्लेख है तथा उस अनुसार क्या कार्यवाही की गई है? प्रतिलिपि उपलब्ध कराएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जावरा नगर अंतर्गत कुल 72 वैध कॉलोनियां एवं कराये गये सर्वे के अनुसार वर्तमान तक कुल 70 अवैध कालोनियां हैं। वैध कालोनियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं अवैध कालोनियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। जी नहीं, नगरपालिका को हस्तांतरित सिर्फ 33 वैध कालोनियों में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हैं। शेष 39 अहस्तांतरित वैध कालोनियों में कॉलोनाईजर द्वारा नियमानुसार आंतरिक विकास कार्य पूर्ण नहीं कराये गये हैं, विकास कार्य पूर्ण कराने हेतु संबंधित कॉलोनाईजर को नगरपालिका द्वारा सूचना पत्र जारी किये गये हैं, समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) मूलभूत सुविधाओं और अनियमितताओं के संबंध में नगरपालिका को अहस्तांतरित 39 वैध कालोनियों के कॉलोनाईजर में से 05 कॉलोनाईजर पर नगरपालिका द्वारा एफ.आई.आर. दर्ज करायी गयी है। शेष 34 कॉलोनाईजर पर वैधानिक कार्यवाही की जा रही है। 70 अवैध कालोनियों के कॉलोनाईजर पर म.प्र. नगरपालिका अधिनियम 1961 के प्रावधानों के तहत कार्यवाही हेतु सूचना पत्र जारी किये गये हैं एवं इनमें से 05 अवैध कालोनी के कॉलोनाईजर पर एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ग) नगर परिषद्, आलोट द्वारा जारी किये गये सूचना पत्र तथा अधीक्षण यंत्री, नगरीय प्रशासन एवं विकास, उज्जैन संभाग द्वारा प्रकरण का परीक्षण प्रतिवेदन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है, प्रकरण में नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है, म.प्र. नगरपालिका अधिनियम 1961 के अध्याय 12-ए की धारा 339-ग एवं 339-घक, के तहत अवैध कॉलोनाईजर पर दाण्डिक कार्यवाही के प्रावधान है, अधिनियम में अवधि का उल्लेख नहीं है। म.प्र. नगरपालिका अधिनियम 1961 के अध्याय 12-ए की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'इ' अनुसार है, कॉलोनाईजर को सूचना पत्र जारी किये गये हैं, कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) अधिनियम या उसके अधीन बनाये गये नियमों के उपबंधों के विपरीत कार्य करने पर म.प्र. नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 41-क के तहत कार्यवाही करते हुए राज्य सरकार द्वारा नगर परिषद्, अध्यक्ष को हटाये जाने एवं म.प्र. नगरपालिका सेवा (कार्यपालन) नियम 1973 के नियम 31 के तहत मुख्य नगरपालिका अधिकारी के विरूद्ध शास्ति अधिरोपित करने के प्रावधान है। निकाय के संबंधित मुख्य नगरपालिका अधिकारियों सर्व श्री अरूण पाठक (प्रभारी), श्री दयाराम चणावत (प्रभारी), श्री संजय चौधरी (प्रभारी), सुश्री कीर्ति चौहान, श्री सुरेन्द्र सिंह पवार (प्रभारी) के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए शास्ति अधिरोपित की जा चुकी है। मुख्य नगरपालिका अधिकारियों को दी गई शास्ति से संबंधित संचालनालय द्वारा जारी किये गये आदेश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ई' अनुसार है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से किसानों को प्राप्त बीमा राशि
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
65. ( क्र. 317 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 2 वर्षों में खरगोन जिले की सभी तहसीलों में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अंतर्गत कितने किसानों को कितनी फसल बीमा राशि प्राप्त हुई और कितनी बीमा राशि किसानों द्वारा जमा की गई जानकारी तहसीलवार, गांववार, रकबा, फसलवार, सोसाईटीवार, संख्यात्मक जानकारी देवें। (ख) क्या अलग-अलग तहसीलों में फसल नुकसानी के आकलन का मापदंड अलग-अलग है? यदि है तो मापदंड के क्या दिशा-निर्देश हैं की छायाप्रति देवें और नहीं तो क्या कारण रहा कि अलग-अलग तहसील में फसल नुकसानी अलग-अलग नापी गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) विगत 2 वर्षों में खरगोन जिले की सभी तहसीलों में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत कृषकों को प्राप्त बीमा राशि एवं कृषकों द्वारा जमा बीमा (प्रीमियम) राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' एवं ''2'' अनुसार है। (ख) फसल नुकसानी के आंकलन का मापदंड अलग-अलग नहीं है। बीमा क्लेम एवं फसल नुकसान का आंकलन प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (संशोधित) परिचालन दिशा-निर्देश की कंडिका क्र. 21.1.1 अनुसार किया गया। (कंडिका क्र. 21.1.1) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''3'' अनुसार है। बीमित मौसम में बीमा इकाई के लिये फसल कटाई प्रयोग के आंकड़ों के आधार पर बीमित फसल की प्रति हेक्टेयर वास्तविक उपज एवं थ्रेशहोल्ड उपज के अंतर के आधार पर नुकसानी का मापन किया जाता है।
किसानों को बीमा क्लेम की राशि का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
66. ( क्र. 319 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा प्रश्न क्रं. 16 दिनांक 21 सितम्बर 2020 के प्रश्नांश (ख), (ग) एवं (घ) के उत्तर में वर्ष 2018-19 में सोयाबीन, गेहूं, चना तथा 2019-20 में खरीफ की फसलों की दावा राशी गणना प्रक्रिया में है, बताया गया था? यदि हाँ तो क्या गणना प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है तथा कितने किसानों को भुगतान कर दिया गया है? (ख) उपरोक्त अनुसार कितने किसानों को बीमा प्रीमियम जमा करने के पश्चात भी बीमा क्लेम की राशि प्राप्त नहीं हुई है? पृथक-पृथक किसानों के नाम, पटवारी हल्का सहित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें तथा उन्हें कब तक बीमा राशि उपलब्ध करा दी जाएगी? (ग) वर्ष 2019-20 में अतिवृष्टि में खराब हुई सोयाबीन की फसल मुआवजा की प्रथम किश्त 25 प्रतिशत राशी के पश्चात कितनी किश्तों में कितनी राशी का भुगतान कर दिया गया है? किसानों की संख्या व गांव का विवरण दें। (घ) 31 मार्च 2018 की स्थिति में नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्र के जय किसान फसल ऋण माफी योजना अन्तर्गत 50 हजार से 1 लाख तक के कितने किसानों का ऋण माफ कर दिया गया है? किसानों के नाम, राशि तहसीलवार पृथक-पृथक विवरण दें तथा कितने डिफाल्टर किसानों का कितना ऋण माफ हुआ है? किसानों के नाम सहित विवरण दें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) हाँ। वर्ष 2018-19 में सोयाबीन, गेहूं, चना तथा 2019 में खरीफ की फसलों की दावा राशि की गणना प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है। चना फसल 2018-19 के 29338 कृषकों को भुगतान किया गया एवं सोयाबीन खरीफ 2019 में 141241 कृषकों का भुगतान किया गया। (ख) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
उद्यानिकी उपकरणों का क्रय एवं वितरण
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
67. ( क्र. 321 ) श्री राकेश गिरि : क्या राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले में वित्तीय वर्ष 2017-18 से अब तक कृषि बागवानी/उद्यानिकी से संबंधित उपकरण-ड्रिप इरीगेशन/स्प्रिंकलर/पावर वीडर/पाली हाउस-नेट हाउस/पावर रंजन-फोर स्ट्रोक/पावर ट्रिलर आदि खरीदे गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ तो प्रत्येक उपकरण की मात्रा/प्रमाण सहित आपूर्तिकर्ता या कम्पनी का नाम और भुगतान की गई राशि सहित ब्यौरा दें। यदि नहीं, तो क्या ऐसे उपकरण शासन से प्राप्त हुये हैं? यदि हाँ तो उपकरणों की मात्रा/प्रमाण बतायें। उपकरणों की गुणवत्ता परखने वाले अधिकारी का नाम, पदनाम सहित बतायें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार प्राप्त उपकरण किस-किस किसान को कितने-कितने उपकरण राशि सहित या रहित वितरित किये गये? प्राप्त राशि यदि कोई हो तो सहित सूची उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (ग) वितरण सूची अनुसार उपकरणों के सत्यापनकर्ता अधिकारी का मौका प्रतिवेदन, नाम, पदनाम सहित बतायें। यदि उपकरण अमानक स्तर के थे या मौके पर किसानों ने स्थापित नहीं किये या सत्यापन नहीं किया गया तो इसके लिए कौन दोषी है? दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक और क्या कार्यवाही की जावेगी?
राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण ( श्री भारत सिंह कुशवाह ) : (क) जी नहीं। केवल कृषकों को उनके द्वारा उद्यानिकी से संबंधित क्रय किये गये उपकरणों पर अनुदान सहायता दी गई है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - 01 एवं 02 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - 01 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - 01 एवं 02 अनुसार है। उपकरण कृषकों द्वारा स्वयं क्रय किये गये एवं उनके अमानक स्तर के होने के संबंध में कोई भी शिकायत विभाग को प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आवासहीन परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ
[नगरीय विकास एवं आवास]
68. ( क्र. 322 ) श्री बाबू जण्डेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरपालिका परिषद् श्योपुर में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत कितने आवासहीन परिवारों को लाभ दिया गया है? वार्डवार हितग्राहीवार सूची उपलब्ध करावें। (ख) न.पा.प. श्योपुर में अभी भी कितने पात्र आवासहीन परिवार हैं जिनको प्रधानमंत्री आवास का लाभ नहीं मिला? वार्डवार, हितग्राहीवार सूची उपलब्ध करावें। शेष रहे आवासहीन परिवारों को आवास का लाभ कब तक दिया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगरपालिका परिषद्, श्योपुर में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) योजनांतर्गत वर्तमान तक 926 आवासहीन परिवारों को लाभ दिया गया है। लाभान्वित हितग्राहियों की वार्डवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) नगरपालिका परिषद्, श्योपुर के नगरीय क्षेत्र में वर्तमान तक चिन्हित 1,457 पात्र आवासहीन परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत भारत सरकार से स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है। स्वीकृत आवासों की अनुदान राशि भारत सरकार से प्राप्त न होने के कारण लाभान्वित नहीं किया जा सका है। लाभ हेतु शेष हितग्राहियों की वार्डवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। आवासहीन परिवारों को योजना का लाभ दिये जाने के संबंध में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
किसानों को फसल बीमा की राशि का प्रदाय
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
69. ( क्र. 323 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह में कितने किसानों ने विगत वर्ष 2019-20 में रबी एवं खरीफ की फसलों का फसल बीमा कराया था? विकासखण्ड हटा एवं पटेरा के किसानों की संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करायें। बीमा का लाभ कितने किसानों को प्राप्त हुआ है एवं कितने किसानों को प्राप्त नहीं हुआ है? जिले के शेष किसानों को बीमा का लाभ कब तक प्राप्त होगा? (ख) जिला दमोह में प्रभारी उप संचालक कृषि के पद पर श्री वी.एस. रैपुरिया को पदस्थ किया गया है जबकि प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्र. 611 दिनांक 06.10.2020 को कलेक्टर दमोह को प्रभार मुक्त करने एवं माननीय कृषि मंत्री को प्रदाय पत्र क्र. 674 दिनांक 11.11.20 एवं पत्र क्र. 686 दिनांक 22.11.2020 के तहत उक्त अधिकारी को कार्य विधि ठीक नहीं होने के कारण हटाया जाकर उनके स्थान पर किसी अन्य अधिकारी को प्रभार प्रदाय किये जाने का लेख किया गया था लेकिन आज दिनांक तक उक्त पत्रों पर कोई कार्यवाही नहीं हुई न ही उक्त अधिकारी को हटाया गया न ही किसी अन्य अधिकारी को प्रभार दिया गया, यदि हाँ तो क्यों? उक्त अधिकारी को कब तक हटाया जावेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) जिला दमोह में खरीफ 2019 में 31345 एवं रबी 2019-20 में 36893 किसानों का बीमा किया गया। खरीफ 2019 में विकासखण्ड हटा में 2587 एवं पटेरा में 2637 तथा रबी 2019-20 में विकासखण्ड हटा में 3717 एवं पटेरा में 3205 किसानों का बीमा किया गया। खरीफ 2019 में विकासखण्ड हटा के 2478 एवं पटेरा के 1620 पात्र किसानों को बीमा का लाभ प्राप्त हुआ। शेष बीमा दावा राशि की गणना प्रक्रियाधीन है। (ख) मध्यप्रदेश शासन किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग मंत्रालय का आदेश क्रं. एफ 1 ए-30/2020/14-1 दिनांक 10.11.2020 द्वारा श्री वीरेन्द्र सिंह रेपुरिया सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी हटा, जिला दमोह को उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास दमोह का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उक्त स्थल पर किसी अन्य अधिकारी की पदस्थापना हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
पिपलौदा में आई.टी.आई. प्रारंभ किये जाने की स्वीकृति
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
70. ( क्र. 331 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रश्नकर्ता व क्षेत्रवासियों द्वारा पिपलौदा नगर में आई.टी.आई. प्रारंभ किये जाने की स्वीकृति हेतु लगातार शासन/विभाग का ध्यान आकृष्ट कर मांग की जाती रही है? (ख) यदि हाँ तो क्या पिपलौदा तहसील काफी बड़ी होकर विभिन्न प्रकार के रोजगारमूलक कार्य किये जाने की संभावना लिये बड़ा क्षेत्र है? (ग) यदि हाँ तो क्या डेढ़ लाख से अधिक जनसंख्या वाले क्षेत्र में एक भी तकनीकी शिक्षा संबंधी केन्द्र नहीं होने से युवाओं को अन्यत्र जाने हेतु बाध्य होना पड़ता है? (घ) अवगत कराएं कि शासन/विभाग द्वारा आई.टी.आई. केन्द्र प्रारंभ किये जाने हेतु कब तक स्वीकृति दी जा सकेगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) पूर्व में एक SDC संचालित थी एवं पिपलौदा से 20 कि.मी. दूर 03 प्रायवेट आई.टी.आई. संचालित हैं। (घ) आई.टी.आई. खोलने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
[गृह]
71. ( क्र. 348 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ब्यूरो ऑफ फार्मा पब्लिक सेक्टर अंडर टेकिंग ऑफ इंडिया, नई दिल्ली के सी.ई.ओ. द्वारा दिनांक 02-07-2020 पत्र क्र. बी.पी.पी. एक/14/एल.ई.जी.ए.एल./20/2019/002 के माध्यम में प्रमुख सचिव गृह विभाग, मध्यप्रदेश शासन को मध्यप्रदेश राज्य सहकारी जन औषधि विपणन संघ मर्यादित भोपाल के विरूद्ध कार्यवाही करने को पत्र लिखा था? यदि हाँ तो उपरोक्त कार्यवाही कब तक पूर्ण की जायेगी और क्या दोषियों के विरूद्ध प्रकरण दर्ज कराए जाएंगे? यदि हाँ, तो समय-सीमा बताएं। (ख) संयुक्त आयुक्त सहकारिता श्री अरविंद सिंह सेंगर के विरूद्ध पिछले 25 वर्षों से लोकायुक्त एवं ई.ओ.डब्ल्यू. में कितनी शिकायत दर्ज की गई है? उन शिकायतों का संक्षिप्त विवरण दें। क्या श्री सेंगर के विरूद्ध अन्य प्रकरण भी पंजीबद्ध किए गए हैं अथवा पंजीबद्ध किया जाना विचाराधीन है? (ग) क्या मध्यप्रदेश राज्य सहकारी जन औषधि विपणन संघ मर्यादित के अध्यक्ष जागृत प्रभात मिश्रा की अग्रिम जमानत माननीय सत्र न्यायालय एवं उच्च न्यायालय से निरस्त होने के उपरांत भी उनकी गिरफ्तारी क्यों नहीं की गई और बिना कोई सूचना दिए तथा तथ्यों की बिना जांच किए-किन आधार पर प्रकरण का खात्मा थाना बागसेवनिया, भोपाल द्वारा किया गया? क्या दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ तो कब तक? (घ) क्या प्रधानमंत्री जन औषधि परियोजना के अधिवक्ता सौरभ स्थापक द्वारा माननीय डी.जी.पी. साहा को दिनांक 24-06-20 एवं 25-08-20 को एस.पी. दक्षिण को 21-07-20 को टी.आई. बागसेवनिया को 27-10-20 टी.आई. शाहजहांनाबाद को की गई लिखित शिकायत पत्र पर क्या कार्यवाही हुई है? यदि हाँ तो कार्यवाही कब तक पूर्ण की जाएगी? (ड.) क्या थाना शाहजहांनाबाद को कार्यालय नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन भोपाल द्वारा पत्र क्रमांक भोपाल/2020/317, दिनांक 01-10-2020 के माध्यम से संज्ञेया प्रकृति के अपराध घटित होने की सूचना दी गई? यदि हाँ तो कार्यवाही कब तक की जाएगी? क्या दोषियों के विरूद्ध प्रकरण दर्ज किया जाएगा? यदि हाँ तो कब तक किया जाएगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अनुपयोगी स्थान पर तालाब निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
72. ( क्र. 351 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र जौरा अंतर्गत मनरेगा से ग्राम पंचायतों में जनपद पंचायतों द्वारा वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितने तालाबों का निर्माण कराया गया है? पंचायतवार, व्यय राशि सहित पृथक-पृथक जानकारी देवें। (ख) तालाब निर्माण के पूर्व क्या कार्यस्थल का निरीक्षण जनपद पंचायत के अधिकारियों द्वारा किया जाता है? यदि हाँ तो निरीक्षण के समय संबंधित अधिकारी के अभिमत से अवगत कराया जावेगा? यदि नहीं, तो अनुपयोगी स्थलों पर निर्मित तालाबों में शासन की लाखों रूपयों की राशि के अपव्यय का जिम्मेदार कौन होगा? (ग) उपरोक्त समयावधि में निर्मित तालाबों में से कितने तालाबों में उद्देश्य पूर्ति हेतु पानी भरा हुआ है? कितने तालाब अनुपयोगी जगहों पर बना दिये गये हैं? विभाग निरीक्षण कर उक्त आशय की जानकारी निरीक्षणकर्ता को निरीक्षण प्रतिवेदन सहित दे सकेगा? (घ) क्या तालाब के नाम पर अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा अनुपयोगी जगहों पर तालाब निर्माण कर शासन के धन का दुरूपयोग कर अवैध लाभ कमाया है? इस संबंध में निर्माण स्थलों की जांच हेतु जांच समिति गठित कर जांच संस्थित की जा सकेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में विधानसभा क्षेत्र जौरा अंतर्गत 168 तालाबों का निर्माण कराया गया है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। तालाब निर्माण के पूर्व कार्यस्थल का निरीक्षण उपयंत्री/सहायक यंत्री द्वारा किया जाता है, कार्यस्थल तकनीकी रूप से उपयुक्त पाये जाने पर प्राक्कलन तैयार कर कार्य की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर कार्य प्रारंभ कराया जाता है। उक्त आशय का अभिमत कार्यवार संधारण नहीं किया जाता है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ग) उत्तरांश 'क' अनुसार सभी तालाब जल संरक्षण व जल संवर्धन के उद्देश्य की पूर्ति हेतु निर्मित किये गये हैं। वर्तमान स्थिति में 68 तालाबों में उद्देश्यों की पूर्ति हेतु पानी उपलब्ध है। शेष 90 तालाबों सें जल संरक्षण के साथ-साथ भूमि में जल रिसाव होने से भू-जल स्तर में वृद्धि हो रही है एवं 10 तालाबों का निर्माण वर्षाकाल के बाद होने से पानी नहीं भरा है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (घ) जी नहीं, उत्तरांश 'ग' अनुसार शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
भोपाल स्मार्ट सिटी के संबंध में प्रचलित भूमि व्ययन नीति
[नगरीय विकास एवं आवास]
73. ( क्र. 357 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड भोपाल ने अपने पत्र क्रमांक 1254/बी.एस.ए.सी.डी.सी.ए./नियोजन 2020 दिनांक 05/09/2020 द्वारा प्रश्नकर्ता को अवगत कराया है कि प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक 1482 दिनांक 02/03/2020 द्वारा भोपाल स्मार्ट डेवलपमेंट कार्पोरेशन की क्षेत्र आधारित विकास योजना में भूमि व्ययन पॉलिसी पर दिये गये पृथक-पृथक एवं बिन्दुवार विचारों-सुझावों को व्ययन नीति में समावेश किया जा रहा है? क्या इन विचारों एवं सुझावों को व्ययन नीति में शामिल कर लिया गया है? यदि हाँ तो अद्यतन भूमि व्ययन नीति प्रदान की जाये। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कम्पनी ने निवेशकों को आमंत्रित करने के पूर्व निवेशकों को भूमि व्ययन नीति की अद्यतन स्थिति से अवगत करा दिया गया है? यदि नहीं, तो इसके लिये कौन जिम्मेदार है। (ग) स्मार्ट सिटी द्वारा अपनी अद्यतन भूमि व्ययन नीति को कब तक सार्वजनिक कर दिया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ, भोपाल स्मार्ट सिटी से प्राप्त प्रतिवेदन अनुसार, प्राप्त सुझावों को यथा संभव, व्ययन नीति के निर्माण के दौरान विचारण में लिया जाकर सक्षम अनुमोदन उपरांत शासन नियमों के अधीन व्ययन नीति तैयार की गई है। व्ययन नीति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, स्मार्ट सिटी कम्पनी के द्वारा भूमि व्ययन नीति कम्पनी की वेबसाईट पर अपलोड कर सार्वजनिक की गई है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ग) कम्पनी के द्वारा भूमि व्ययन नीति कम्पनी की वेबसाईट पर अपलोड कर सार्वजनिक कर दी गयी है।
राष्ट्रीय कृषि विकास योजनार्न्तगत गेंदा फूल बीज की खरीदी
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
74. ( क्र. 358 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राष्ट्रीय कृषि विकास योजनान्तर्गत उद्यानिकी विभाग द्वारा वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में मेरी गोल्ड (गेंदा फूल) का बीज क्रय करने हेतु कब-कब निविदा जारी की गई? प्रकाशित निविदा की प्रतिलिपि उपलब्ध कराई जाये। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार चयनित बीज प्रदायकर्ताओं से विभाग को बीज प्रदाय की जाने वाली जानकारी जैसे प्रदानकर्ताओं के नाम, पता, फर्म का जी.एस.टी. नं., प्रदाय की मात्रा बीज का नाम (ट्रेडमार्क सहित), दर, प्रदाय की तिथि तथा उन्हें किये गये भुगतान राशि की मात्रा, दिनांक सहित बताया जाये। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित बीज को किस संस्था द्वारा प्रमाणित किया गया था? उसके प्रमाण पत्र की छायाप्रति उपलब्ध कराई जाये। (घ) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित बीजों का अंकुरण क्षमता की शिकायत प्राप्त हुई है? यदि हाँ तो अंकुरण क्षमता कितनी पाई गई? इनकी जांच किस अधिकारी द्वारा कराई गई? विवरण दिया जाये।
राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण ( श्री भारत सिंह कुशवाह ) : (क) वर्ष 2018-19 में प्रश्नाधीन योजना प्रचलित नहीं होने के कारण जानकारी निरंक है। वर्ष 2019-20 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) शिकायत प्राप्त हुई है, जिसकी जांच आयुक्त सह संचालक उद्यानिकी से कराई जा रही है, जांच उपरान्त ही अंकुरण क्षमता एवं अन्य जानकारी दी जा सकेगी।
स्वीकृत अपूर्ण कार्यों को पूर्ण कराया जाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
75. ( क्र. 365 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले में वर्ष 2011-12 से वर्ष 2017-18 तक जिला पंचायत सीधी से परफारमेंस ग्रांट/अधोसंरचना मद के कितने निर्माण कार्य स्वीकृत हुए? कितने कार्यों की द्वितीय किश्त जारी किया जाना शेष है? कितने कार्य अभी तक अपूर्ण हैं? निर्माण कार्य अपूर्ण होने का क्या कारण है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त अपूर्ण कार्य क्या राशि के अभाव में पूर्ण नहीं हो सके हैं? यदि हाँ तो उक्त निर्माण कार्यों को पूर्ण कराये जाने हेतु पंचायतवार, कार्यवार कितनी-कितनी राशि की आवश्यकता है? कब तक राशि उपलब्ध करा दी जायेगी? उक्त निर्माण कार्यों में संलग्न मजदूरों की मजदूरी का भुगतान कब तक करा दिया जावेगा? (ग) इसी प्रकार जनवरी 2018 से आज दिनांक तक सीधी जिले में राज्य स्तर से स्वीकृत निर्माण कार्यों की लागत, व्यय कार्य की भौतिक स्थिति सहित जानकारी उपलब्ध कराई जाये। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में स्वीकृत निर्माण कार्य जो कि पूर्ण हो चुके हैं की द्वितीय किश्त जारी किये जाने हेतु क्या कार्यवाही की गई है? जिला पंचायत सीधी में किस-किस निर्माण कार्य की द्वितीय किश्त का मांग पत्र जमा है? जमा मांग पत्रों की राशि आज दिनांक तक क्यों प्रदाय नहीं की गई? कब तक द्वितीय किश्त की राशि प्रदाय कर दी जावेगी?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। (घ) जिला पंचायत सीधी से प्राप्त मांग पत्र अनुसार द्वितीय किश्त की राशि संचालनालय स्तर से जिला पंचायत सीधी को जारी की जा चुकी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''द'' अनुसार है। जमा मांग पत्रों की राशि जारी करने की कार्यवाही जिला पंचायत सीधी द्वारा की जा रही है।
ग्राम रोजगार सहायकों को 90 प्रतिशत वेतन का लाभ
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
76. ( क्र. 366 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत संविदा पर कार्यरत अधिकारी/कर्मचारियों को नियमित वेतनमान का 90 प्रतिशत वेतन देने का प्रावधान किया गया है? यदि हाँ, तो ग्राम रोजगार सहायकों को उक्त लाभ से वंचित क्यों किया गया है, जबकि ग्राम पंचायतों का अधिकांश कार्य ग्राम रोजगार सहायकों द्वारा ही निष्पादित किया जा रहा है? कब तक ग्राम रोजगार सहायकों को 90 प्रतिशत वेतनमान का लाभ दिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) अन्य संविदा कर्मचारियों की भॉति ग्राम रोजगार सहायकों का ई.पी.एफ. कटौती नहीं कराई जा रही है, जिससे इनका भविष्य अंधकारमय है, कब तक ई.पी.एफ. कटौती संबंधी आदेश जारी कर दिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों? जबकि प्रायवेट कम्पनियों तक के कर्मचारियों को ई.पी.एफ./पी.एफ. कटौती योजना का लाभ दिया जाता है?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) ग्राम पंचायत में ग्राम रोजगार सहायक का एकांकी पद है। ग्राम रोजगार सहायक पर आरक्षण अधिनियम 1994 लागू नहीं होता है। अत: ग्राम रोजगार सहायक को ई.पी.एफ. की पात्रता नहीं होगी।
रामपुर नैकिन नगर पंचायत में प्रधानमंत्री आवास स्थगन
[नगरीय विकास एवं आवास]
77. ( क्र. 371 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रामपुर नैकिन नगर पंचायत (विधान सभा चुरहट) में कितने प्रधानमंत्री आवास स्थगन होने के कारण रूके हुये हैं? हितग्राही के नामवार, राशिवार जानकारी देवें। स्थगन के बावजूद किन-किन हितग्राहियों के खाते में राशि डाली गयी है? (ख) नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा राजस्व से शीघ्र स्थगन समाप्त करने के लिये क्या प्रयास किया है? क्या इस संबंध में जिला कलेक्टर एवं तहसीलदार महोदय से लिखित में पत्राचार किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ तो कब? क्या इस हेतु नगर पंचायत रामपुर ने किसी अधिवक्ता को तहसीलदार कोर्ट में बहस हेतु तय किया है? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर परिषद् रामपुर नैकिन क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के बी.एल.सी. घटक में 80 हितग्राहियों के आवास, स्थगन होने के कारण रूके हुये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। निकाय को स्थगन की सूचना प्राप्त न होने के कारण 16 हितग्राहियों के बैंक खातों में द्वितीय किश्त की राशि का भुगतान किया गया है, स्थगन सूचना प्राप्त होने के पश्चात कोई भुगतान नहीं किया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ख) मुख्य नगरपालिका अधिकारी, नगरपालिका परिषद् रामपुर नैकिन द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के बी.एल.सी. घटक में प्राप्त स्थगन समाप्त करने तथा न्यायालयीन वाद प्रकरणों में निकाय का पक्ष रखने हेतु अधिवक्ता नियुक्त किया गया है। जी नहीं, समय-समय पर समक्ष में उपस्थित होकर स्थगन समाप्त होने का अनुरोध किया गया है। जी हाँ।
चुरहट विधानसभा अंतर्गत नल-जल योजना एवं ग्रामीण सड़कों का कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
78. ( क्र. 372 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चुरहट विधानसभा क्षेत्र के किन-किन ग्रामों में ग्रामीण सड़कें वनक्षेत्र से गुजरती हैं? वन विभाग द्वारा पंचायत की इन सड़कों के मरम्मत के कार्य को किस आधार पर बाधित किया जाता है? नियमों की जानकारी देते हुए ग्रामवार विवरण देवें। (ख) चुरहट विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत रामपुर नैकिन जनपद एवं सीधी जनपद के अंतर्गत किन-किन ग्रामों में नल-जल योजना (पीने के पानी की) संचालित हैं? यह योजना किस वर्ष में शुरू की गयी है एवं वर्तमान में इनमें से कितनी योजनाओं के माध्यम से कितने टोलों/घरों में पीने के पानी की सप्लाई की जा रही है? (ग) उक्त नल-जल योजनाओं के रख-रखाव में किस ग्राम पंचायत ने उनके संचालन की शुरूआत से लेकर अब तक किस-किस मद से कितनी राशि का किस-किस माह एवं वर्ष में उपयोग किया है एवं इस राशि से क्या काम किया है? परियोजनावार, ग्रामवार, वर्षवार, मदवार, कार्यवार जानकारी देवें।
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) चुरहट विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत जनपद पंचायत सीधी अंतर्गत ग्राम पंचायत लहिया के ग्राम अमल्लकपुर से मलकपुर पहुँच मार्ग, ग्राम पंचायत लकोड़ा के चुरहट अमिलिया मुख्य मार्ग से करौदहा पहुँच मार्ग एवं ग्राम पंचायत शिवपुरवा नं. 2 से सीतापुर पहुँच मार्ग वन क्षेत्र से गुजरती हैं, वन विभाग द्वारा उक्त मार्ग से कार्य बाधित किये जाने संबंधी नियम की जानकारी वन विभाग से संबंधित हैं एवं जनपद पचायत रामपुर नैकिन में वनक्षेत्र से गुजरने वाली सड़कें निरंक हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार।
जनपद पंचायत बरगी का मुख्यालय घाना में किया जाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
79. ( क्र. 382 ) श्री संजय यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला जबलपुर की जनपद बरगी का विकासखण्ड बरगी व खण्ड मुख्यालय घाना बरगी किये जाने हेतु विधान सभा क्षेत्र की समस्त 47 ग्राम पंचायतों के जनपद सदस्य/सरपंचों/पंचों के द्वारा ज्ञापन देकर मांग की गई है? यदि हाँ तो पंचायती राज अधिनियम की धारा 127 (1) के तहत अधिसूचना जारी करने में क्यों विलंब हो रहा है? (ख) क्या तत्कालीन विभागीय मंत्री द्वारा दिनांक 18-02-2020 को नोटशीट प्रेषित करते हुए अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विभाग विकास म.प्र. शासन को बरगी जनपद पंचायत का मुख्यालय जबलपुर के स्थान पर बरगी अंतर्गत घाना में बनाए जाने हेतु कार्यवाही का लेख किया है? यदि हाँ, तो आज दिनांक तक मा. विभागीय मंत्री जी की नोटशीट पर कार्यवाही क्यों नहीं की गई? इसके दोषी अधिकारी पर कार्यवाही करते हुए जनपद बरगी अंतर्गत घाना में कब तक मुख्यालय बनाए जाने के आदेश जारी किया जावेगा? यदि नहीं, तो कारण बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार जबलपुर जनपद बरगी का विकासखण्ड बरगी व खण्ड मुख्यालय बरगी किये जाने हेतु पंचायती राज अधिनियम की धारा 127 (1) के तहत अधिसूचना कब तक जारी की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) ज्ञापन संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। अधिसूचना जारी करने संबंधी परीक्षण प्रक्रियाधीन है। (ख) जी हाँ, तत्कालीन विभागीय मंत्री जी द्वारा नोटशीट पर नियमानुकूल कार्यवाही का लेख किया गया है, कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताना संभव नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेरक्ष्य में समय-सीमा बताना संभव नहीं।
ग्राम पंचायत कर्रापुर को नगर पंचायत का दर्जा दिया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
80. ( क्र. 385 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम पंचायत कर्रापुर को संभागीय पिछड़ा एवं अनु.जाति वर्ग के कार्यक्रम दिनांक 07.07.2018 को ग्राम पंचायत से नगर पंचायत का दर्जा देने संबंधी मान. मुख्यमंत्री जी द्वारा घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक इस संबंध में क्या कार्यवाही की गई? (ख) यदि घोषणा की गई थी तो विभाग ने मुख्यमंत्री की अन्य घोषणाएं जो इस कार्यक्रम के उपरांत की गई, उन्हें नगर पंचायत/नगरपालिका का दर्जा प्रदान कर दिया गया परंतु कर्रापुर ग्राम पंचायत को दर्जा प्रदान नहीं किया गया तो क्यों? कारण सहित जानकारी देवें। (ग) यदि कार्यालय नायब तहसीलदार वृत्त परसोरिया एवं अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) सागर द्वारा इस संबंध में समस्त आवश्यक जानकारी निर्धारित प्रारूप में शासन को उपलब्ध करा दी गई है तो विभाग ने जानकारी उपरांत क्या कार्यवाही की है? (घ) यदि ग्राम पंचायत कर्रापुर नगर पंचायत का दर्जा प्रदान करने के समस्त मापदण्ड रखती है तो ग्राम पंचायत कर्रापुर को नगर पंचायत का दर्जा कब तक प्रदान किया जायेगा एवं कर्रापुर के समीपस्थ ग्राम गोरा एवं सिमरिया को भी नगर पंचायत कर्रापुर में जोड़ा जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों एवं कर्रापुर को नगर पंचायत का दर्जा के संबंध में कब तक अधिसूचना जारी की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा घोषणा क्रमांक 0097 दिनांक 21.07.2020 को ग्राम पंचायत कर्रापुर को नगर परिषद् का दर्जा दिये जाने की घोषणा की गई है, जिसके अनुक्रम में विभागीय अधिसूचना क्रमांक 64 एफ 1-19/2009/18-3 दिनांक 27.12.2011 के प्रावधानानुसार कलेक्टर जिला सागर से संशोधित प्रस्ताव चाहा गया है। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सड़क मार्ग की निविदा
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
81. ( क्र. 386 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत प्रधानमंत्री सड़क परियोजना सागर द्वारा गंभीरिया से डुंगासरा सड़क मार्ग की निविदा कब जारी की गई थी? निविदा स्वीकृति की दर तथा स्वीकृत लागत, लंबाई, कार्य एजेंसी का नाम सहित जानकारी देवें। (ख) क्या उपरोक्त न्यूनतम निविदा दरों पर कार्य एजेंसी गुणवत्तापूर्ण कार्य सम्पन्न कर पायेगी? क्या उपरोक्त दरों को स्वीकृत करने के लिए विभाग ने सभी औपचारिकताएं पूर्ण की थीं? जानकारी देवें। (ग) क्या कार्य एजेंसी ने कार्य करने के पूर्व सड़क के दोनों और हरे भरे वृक्षों को बिना अनुमति लिए कटाई का कार्य कर दिया है तथा इस संबंध में ग्रामीणों एवं जनप्रतिनिधि की शिकायत पर विभाग ने कार्य एजेंसी के विरूद्ध कोई कार्यवाही की है? यदि नहीं, तो कारण सहित बतायें। (घ) कार्य एजेंसी द्वारा उपयोग किया जा रहा मटेरियल विशेषकर गिट्टी की गुणवत्ता मानक स्तर/प्राक्कलन अनुसार उपयोग की जा रही है? क्या उपयोग की जा रही गिट्टी का परीक्षण विभाग द्वारा किसी लेब से किया गया है? यदि नहीं, तो इसके लिए कौन उत्तरदायी है? क्या विभाग जिम्मेदार अधिकारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगा?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) निविदा सूचना क्रमांक 900 (प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-3) पत्र क्रमांक 10119 दिनांक 04.07.2020 द्वारा जारी की गई थी। निविदा स्वीकृति की दर 29.25 प्रतिशत, प्रचलित एस.एस.आर. (दिनांक 05.11.2019) से कम स्वीकृत की गई है जिसकी अनुबंधित लागत रू. 1270.96 लाख, लंबाई 19.20 कि.मी. एवं कार्य एजेंसी मेसर्स भूपेन्द्र सिंह राजपूत सागर। (ख) अनुबंधानुसार सुनिश्चित कराया जायेगा। जी हाँ। (ग) जी नहीं। जी नहीं। प्राप्त शिकायत के परीक्षण हेतु एक संयुक्त समिति बनाई गई। जिसके प्रतिवेदन के आधार पर पाया गया कि संविदाकार द्वारा हरे वृक्ष नहीं काटे गये बल्कि मार्ग निर्माण हेतु मात्र जंगल क्लियरेंस (सफाई) किया गया। (घ) जी हाँ। जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राजगढ़ नगरपालिका की लंबित विकास योजनाएं
[नगरीय विकास एवं आवास]
82. ( क्र. 397 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ नगरपालिका की विकास योजनाएं ऑडिटोरियम, वी.आई.पी. रोड तथा अन्य विकास योजना की सैद्धांतिक स्वीकृति हो गई है? (ख) यदि हाँ तो शासन कब तक ऑडिटोरियम, वी.आई.पी. रोड तथा अन्य विकास योजना को स्वीकृत कर आवश्यक बजट आवंटन कर कब कार्य प्रारंभ करवा देगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास, म.प्र., भोपाल ने समीक्षा उपरांत वर्तमान वित्तीय स्थिति को दृष्टिगत रखते हुये मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना द्वितीय चरण के अंतर्गत स्वीकृत किन्तु अप्रारंभ परियोजनाओं को निरस्त किया है, इस कारण योजनाओं में आगामी कार्यवाही की जाना तथा समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
किसानों के लंबित फसल बीमा का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
83. ( क्र. 398 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक कितने किसानों का फसल बीमा का भुगतान लंबित है? ग्राम का नाम दर्शाते हुए बीमा भुगतान से छूटे हुए किसानों की संख्या बताएं। (ख) प्रश्न कंडिका (क) अनुसार यदि फसल बीमे की राशि का भुगतान लंबित है तो फसल बीमे का भुगतान कब तक हो जायेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) बीमा कंपनी से जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (संशोधित) परिचालन दिशा-निर्देश अनुसार भुगतान संबंधी कार्यवाही की जावेगी। समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
भारत सरकार द्वारा अधिसूचित पिछड़े वर्ग की सूची में जाति दर्ज की जाना
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
84. ( क्र. 401 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोढ़ा (तंवर) जाति का नाम मध्यप्रदेश शासन की पिछड़े वर्ग में दर्ज है? यदि हाँ तो किस क्रम पर है? (ख) प्रश्न कंडिका (क) अनुसार यदि लोढ़ा (तंवर) जाति का नाम म.प्र. शासन की पिछड़े वर्ग की सूची में दर्ज है, तो क्या शासन इस जाति के नाम को भारत सरकार द्वारा अधिसूचित पिछड़े वर्ग की सूची में दर्ज करने बाबत् आवश्यक प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित करेगा? हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग की सूची के क्रमांक 59 पर दर्ज है। (ख) मध्यप्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के पत्र क्रमांक 1115, दिनांक 29.01.2013 द्वारा प्रस्ताव सचिव, भारत सरकार, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग, नई दिल्ली को भेजा गया है।
अवैध कॉलोनियों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
85. ( क्र. 409 ) श्री हर्ष यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर नगर निगम अवैध कॉलोनियों में कौन-कौन सी मूलभूत सुविधायें उपलब्ध कराता है? क्या निगम इन कॉलोनी वासियों से मकान टैक्स लेता है? (ख) निगम ने चालू वर्ष में कितनी अवैध कॉलोनियों में कितनी राशि की कितनी सड़कें बनाई हैं? शासन/विभाग के किस नियम से बनाई हैं? नियम की प्रति दें। क्या नगर में ग्रीन बेल्ट क्षेत्र में कॉलोनी बन रही है? यदि हाँ तो निगम के कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? नगर निगम क्षेत्र में ग्रीन बेल्ट का खसरा रकबा बतायें। (ग) क्या निगम ने बाघराज वार्ड की अवैध कॉलोनी में सड़क निर्माण कराया है? (स्थान चालीसा हिल व्यू एवं कचरा एकत्रिकरण स्थल के पास) क्या परमानन्द एवं बालक हिल व्यू कॉलोनी में खाली प्लाटों के बीच सड़क बनवाई है? इस कार्य में कितनी राशि व्यय की गई है? (घ) प्रश्नांश (ग) उल्लेखित सड़क निर्माण कराके कॉलोनाईजर को नियम विरूद्ध लाभ देने के दोषी, आयुक्त, इंजीनियर पर धन वसूली सहित क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) सागर नगर निगम अवैध कालोनियों में कोई मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराता है। जी हाँ। (ख) नगर निगम सागर ने चालू वर्ष में किसी भी अवैध कालोनी में कोई भी सड़क निर्माण नहीं किया गया है। अवैध कालोनी में नगर निगम द्वारा निर्माण करने के कोई नियम नहीं है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जी नहीं। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। नगर निगम, सागर क्षेत्र की सागर विकास योजना-2031 में ग्रीन बेल्ट के नाम से कोई भूमि उपयोग निर्धारित नहीं है। (ग) जी नहीं, नगर निगम ने बाघराज वार्ड की अवैध कालोनी में सड़क निर्माण नहीं कराया गया है एवं चालीसा हिल व्यू एवं कचरा एकत्रीकरण स्थल के पास भी सड़क निर्माण कार्य नहीं कराया गया है, अपितु बाघराज वार्ड के अन्य स्थानों में सड़क निर्माण कराये गये है। जी नहीं, परमानन्द एवं बालक हिल व्यू कालोनी में खाली प्लाटों के बीच सड़क नहीं बनवाई गई है, अपितु प्रश्नांकित कालोनियों के रहवासियों के क्षेत्र में आवश्यकतानुसार जनहित में सड़क निर्माण कराया गया है। कार्य की अनुमानित लागत 22.72 लाख है, वर्तमान में कार्य का मूल्यांकन न होने से राशि व्यय नहीं की गई है। (घ) उत्तरांश (ग) में उल्लेखित सड़क का निर्माण नगर निगम के आधिपत्य की कालोनियों में कराये जाने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
15 वें वित्त आयोग के निर्देशों का क्रियान्वयन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
86. ( क्र. 410 ) श्री हर्ष यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के पत्र क्रमांक पं.रा./सीएफसी/2020/11325 भोपाल दिनांक 01.10.2020 एवं पत्र क्रमांक 321 दिनांक 09.06.2020 के द्वारा वित्तीय वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक के लिए 15वें वित्त आयोग के क्रियान्वयन के संबंध में उल्लेखित किया गया है? यदि हाँ तो विस्तृत जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित नीति के क्रियान्वयन हेतु शासन द्वारा कितनी-कितनी राशि जिला/जनपद/ग्राम पंचायतों को प्रदाय की गई है? आयोग से प्राप्त राशि में से 50 प्रतिशत राशि प्राथमिकता क्रम में स्वीकृत/प्रस्तावित कार्य पेयजल, स्वच्छता एवं जल संरक्षण के कार्यों की जानकारी जिला/जनपद/ग्राम पंचायतवार देवें। (ग) क्या सागर जिले की पंचायतों में 15वें वित्त आयोग के निर्देशों के विपरीत राशि का आहरण किया गया है? आयोग के निर्देशों के विपरीत जाकर राशि आहरण करने वालों के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी? (घ) क्या 15वें वित्त आयोग के निर्देशों के विरूद्ध राशि आहरण कराने वाले जिला/जनपद अधिकारियों के विरूद्ध भी कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'', ''द'' एवं ''ई'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश ''ग'' के संदर्भ में प्रश्नांश ही उपस्थित नहीं होता है।
ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग द्वारा स्वीकृत कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
87. ( क्र. 413 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 1 अप्रैल 2014 से प्रश्न दिनांक तक जिला छतरपुर अंतर्गत ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग द्वारा कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये गये? कार्यों की सूची स्वीकृत राशि व कार्यों की वर्तमान भौतिक स्थिति की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) उल्लेखित अवधि में छतरपुर जिले में बुन्देलखंड पैकेज अंतर्गत कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये गये? कार्यों की सूची, स्वीकृत राशि व वर्तमान भौतिक स्थिति की संपूर्ण जानकारी दें। (ग) क्या वर्ष 2016-17 में स्थानीय क्षेत्र विकास निधि से ग्राम पंचायत आलीपुरा में खेल मैदान में सीढ़ी निर्माण हेतु कार्य एजेंसी ग्राम पंचायत को दस लाख रूपये स्वीकृत किये गये थे? यदि हाँ तो उक्त निर्माण कार्य की क्या स्थिति है? क्या कार्य पूर्ण कर लिया गया है? नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। कार्य संतोषप्रद स्थिति में है एवं पूर्ण हो चुका है, अत: शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता।
अपराध क्र.108/2020 में कार्यवाही
[गृह]
88. ( क्र. 414 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) थाना बहादुरपुर जिला अशोकनगर के अपराध क्र. 108/2020 में मृतक खुमान अदिवासी को पुलिस एम.एल.सी. में कितनी चोटें पाई गई थीं और पोस्टमार्टम में कितनी-कितनी चोटें पाई गईं? क्या एम.एल.सी. के बाद आई चोटों का कारण जानने का प्रयास पुलिस विवेचना में किया गया? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) उपरोक्त उल्लेखित अपराध में क्या मृतक खुमान सिंह का उपचार ग्वालियर में किया गया? यदि हाँ, तो उपचार व जांच में क्या-क्या पाया गया? उपचार की प्रक्रिया व इलाज को पुलिस विवेचना का हिस्सा क्यों नहीं बनाया गया? (ग) उपरोक्त उल्लेखित अपराध की प्राथमिकी घटना के कितने घंटे बाद हुई? इस विलंब का क्या कारण रहा? प्राथमिकी की सूचना देते समय फरियादी के साथ हमराह कौन था व प्राथमिकी दर्ज कराते वक्त मृतक की क्या स्थिति थी और तत्समय उसका उपचार कहाँ चल रहा था? (घ) अपराध क्र. 108/2020 थाना बहादुरपुर में मृतक खुमान आदिवासी को चिकित्सीय परीक्षण के अनुसार किस हथियार से चोटें आना पाई गई? भोथरे हथियारों की श्रेणी में कौन-कौन से हथियार आते है।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) थाना बहादुरपुर जिला अशोकनगर के अपराध क्रमांक 108/20 धारा 307, 147, 148, 149, 436, 323, 294, इजाफा 302 भा.द.वि. 3 (2) अ, 3 (2) (पअ), 3 (1) द, 3 (1) ध एस.सी./एस.टी. पी.ओ.ए. एक्ट में मृतक खुमान आदिवासी को पुलिस एम.एल.सी. में प्रथम दृष्ट्या 02 चोटें लेख हैं तथा मृतक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में 07 चोटें पाई गई हैं। एम.एल.सी. फार्म में पुलिस द्वारा फरियादी खिलन आदिवासी द्वारा बताई गई चोटों के अनुरूप त्वरित रूप से लेख किया गया है क्योंकि मृतक की हालत अत्यंत गंभीर थी इसलिए उपचार हेतु भेजा जाना आवश्यक था, इस कारण पी.एम.एल.सी. फार्म में 02 चोटे लेख की गई थी। मृतक का पुलिस द्वारा तैयार किया गया शव पंचनामा कार्यवाही एवं पी.एम. रिपोर्ट में चिकित्सक द्वारा मृतक को आई सभी चोटें (07 चोटों) का उल्लेख है। प्रकरण में मृतक की चोटों का कारण जानने का प्रयास विवेचना के दौरान किया गया है। (ख) उपलब्ध अभिलेख के अनुसार मजरूब (मृतक) खुमान सिंह को उपचार हेतु ग्वालियर स्थित जी.एम.आर.सी. अस्पताल ले जाया गया था। अभिलेख प्राप्त किये जाने पर पाया गया कि दिनांक 27/05/20 को प्रातः 5:55 बजे जी.एम.आर.सी. ग्वालियर के केज्यूल्टी वार्ड ओ.पी.डी. रजिस्टर में मजरूब खुमान सिंह आदिवासी के आने की प्रविष्टी है किन्तु इसके पश्चात क्या इलाज हुआ है इस बाबत् कोई रिकार्ड उपलब्ध नहीं हो रहा है। संबधित चिकित्सालय से पत्र व्यवहार भी किया गया है एवं इसे विवेचना का हिस्सा भी बनाया गया है। विवेचना दौरान मृतक खुमान आदिवासी के परिजन साक्षीगण के कथन एवं मर्ग जांच दौरान आई साक्ष्य के आधार पर पाया गया कि मजरूब खुमान आदिवासी को दिनांक 27/05/20 को जी.एम.आर.सी. ग्वालियर के केज्यूल्टी वार्ड के ओ.पी.डी. वार्ड में आमद होने उपरान्त परिजन द्वारा घर लाते समय रास्ते में खुमान सिंह आदिवासी की मृत्यु हो जाने पर मुंगावली मर्चुरी में रखा गया। समस्त कार्यवाही पुलिस विवेचना का हिस्सा है। (ग) उपरोक्त वर्णित अपराध में प्राथमिकी घटना के 05 घंटे में दर्ज हुई। घटना दिनांक 26.05.20 के 17:00 बजे से 19:00 बजे शाम के दरमियान घटित हुई है, घटना स्थल 08 किलोमीटर दूर ग्राम कोलुआ चक का है। गंभीर रूप से घायल पीड़ितों का उपचार तत्काल कराया गया। फरियादी एवं मजरूबों के थाना उपस्थित होते ही तुरंत एफ.आई.आर. दर्ज की गई। फरियादी के साथ मृतक खुमान आदिवासी, भाई मोहर सिंह, बहन फूलबाई हमराह में थाना बहादुरपुर आये थे जो पीड़ित खुमान की हालत गंभीर होने से एम.एल.सी. भरकर स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र उपचार हेतु भेजा गया। फरियादी मृतक खुमान सिंह का पुत्र खिलन सिंह की रिपोर्ट पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी। प्राथमिकी के समय मृतक खुमान सिंह बेहोशी की अवस्था में था जिसका प्राथमिक उपचार बहादुरपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में किया जा कर चिकित्सक द्वारा उपचार हेतु अशोकनगर जिला चिकित्सालय रेफर किया गया जहां उपचार चल रहा था। (घ) थाना बहादुरपुर जिला अशोकनगर के अपराध क्रमांक 108/20 धारा 307, 147, 148, 149, 436, 323, 294, इजाफा 302 भा.द.वि. 3 (2) v, 3 (2) (iv), 3 (1) द, 3 (1) ध एस.सी./एस.टी. पी.ओ.ए. एक्ट में मृतक खुमान आदिवासी को चिकित्सक द्वारा Hard & blunt object ( सख्त एवं भोथरे) हथियार से चोटें होना लेख किया गया है। सख्त एवं भोथरे हथियार की श्रेणी में ऐसे हथियार आते हैं जो धारदार नहीं होते हैं जैसे - लाठी, रॉड, लोहांगी तथा फरसा आदि का पिछला भाग।
ग्वालियर शहर में एन्टी माफिया मुहिम की जानकारी
[गृह]
89. ( क्र. 418 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019 में प्रदेश में चलाई गई एन्टी माफिया मुहिम के तहत क्या ग्वालियर शहर में भी कोई कार्यवाही की गई थी? यदि हाँ तो माफिया तय/चिन्हित करने के क्या मापदण्ड थे? ग्वालियर शहर में उक्त कार्यवाही/मुहिम के तहत कितने माफियाओं को तय किया गया था? नामवार सूची व संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) उक्त मुहिम/कार्यवाही के दौरान कुल कितने लोगों को नोटिस जारी किये गये व किन-किन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) जो माफिया इस कार्यवाही/मुहिम से बच गये, उसके क्या कारण थे? माफियाओं पर कार्यवाही में ढील या लापरवाही बरतने के लिए कौन-कौन अधिकारी उत्तरदायी है? क्या इन पर विभाग कोई कार्यवाही करेगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) वर्ष 2019 में जिला ग्वालियर में की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। माफिया तय करने के मापदण्ड जारी नहीं किये गये थे। शेषांष का प्रश्न उपस्थिति नहीं होता। (ख) प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट में समाहित है। (ग) पुलिस और प्रशासन टीम द्वारा माफियाओं के विरूद्ध कार्यवाही की गई। उक्त कार्य में किसी भी प्रकार की ढील अथवा लापरवाही नहीं बरती गई है। अतः कार्यवाही का कोई प्रश्न ही नहीं उत्पन्न होता है।
न्यायालयीन प्रकरण की अद्यतन स्थिति
[नगरीय विकास एवं आवास]
90. ( क्र. 422 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर नगर निगम के माननीय उच्च न्यायालय इन्दौर खण्डपीठ में चल रहे प्रकरण क्रमांक WP9016/2010 की अद्यतन स्थिति बतावें। (ख) यह भी बतावें कि इसमें इन्दौर नगर निगम की तरफ कौन-कौन वकील हैं? कॉलोनाईजर के वकील के नाम भी बतावें। (ग) इसकी तारीखें कब-कब लगी और इसमें वकील कब-कब उपस्थित/अनुपस्थित रहे? तारीखवार बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर के समक्ष अंतिम तर्क हेतु नियत है। (ख) नगरपालिक निगम इंदौर की तरफ से श्री आनंद अग्रवाल, इनके पश्चात श्री अनिकेत अभय नाईक वकील है। कॉलोनाईजर की तरफ से श्री वी.के. जैन, श्री विशाल वर्मा, श्री सुमित मित्तल, श्री वैभव जैन एवं श्री अखिल गोधा वकील है। (ग) प्रकरण में सुनवाई हेतु नियत तिथि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। इसमें दोनों पक्षों की ओर से नियत तिथि पर वकील उपस्थित रहे।
मा. उच्च न्यायालय में दर्ज SLP (cr.) No 7740/2010 दिनांक 13.06.2017 की अद्यतन स्थिति
[गृह]
91. ( क्र. 426 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवलखा बीज कंपनी महिदपुर के विरूद्ध मा. उच्च न्यायालय में दर्ज SLP (cr.) No 7740/2010 दिनांक 13.06.2017 की अद्यतन स्थिति बतावें। (ख) विभाग द्वारा अभी तक इसमें कितनी बार दस्तावेज प्रस्तुत किए गए हैं? इसमें कितनी तारीखें लगी हैं? (ग) इस प्रकरण के शीघ्र निराकरण के लिए विभाग क्या प्रयास कर रहा है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) माननीय सर्वोच्च न्यायालय, की वेबसाईट में SLP 7740/2010 (क्रिमिनल) दर्ज न होकर SLP 7740/2017 पर दर्ज है। माननीय न्यायालय की वेबसाईट अनुसार प्रकरण '' PENDING '' है। (ख) प्रकरण में एक बार दस्तावेज प्रस्तुत किये गये हैं। विशेष अनुमति याचिका में अब तक निम्नानुसार कुल 07 बार तारीख लगी हैं। दिनांक 08.08.2017, दिनांक 30.08.2017, दिनांक 05.10.2017, दिनांक 25.10.2017, दिनांक 12.12.2017, दिनांक 05.02.2018, दिनांक 19.03.2018. (ग) इसका निराकरण माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा किया जाना है।
मा. उच्चतम न्यायालय में दर्ज प्रकरण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
92. ( क्र. 427 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मा. उच्चतम न्यायालय में नवलखा बीज कंपनी महिदपुर के विरूद्ध दर्ज SLP (CV) No 7740/2010, दिनांक 13-06-17 में शासन की ओर से कौन वकील हैं? (ख) इस प्रकरण में कितनी तारीखें लगी? इनमें वकील कब-कब उपस्थित/अनुपस्थित हुए की जानकारी तारीखवार देवें। (ग) विभाग को गृह विभाग से कितनी बार इस संबंध में दस्तावेज प्राप्त हुए? कितनी बार पत्राचार हुआ? प्रत्येक पत्राचार की प्रमाणित प्रति देवें। (घ) इस प्रकरण का जल्द निराकरण करने हेतु विभाग द्वारा किए प्रयासों की जानकारी देवें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) माननीय उच्चतम न्यायालय में नवलखा बीज कंपनी महिदपुर के विरूद्ध दर्ज SLP (CV) No 7740/2010, दिनांक 13.06.2017 के संबंध में पुलिस अधीक्षक जिला उज्जैन से प्राप्त उत्तर संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
कर्जमाफी के प्रकरण की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
93. ( क्र. 431 ) श्री बाला बच्चन : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्र.क्रं. 350 दिनांक 21.09.2020 के (क) उत्तर अनुसार ''जय किसान फसल ऋण माफी'' योजना के तहत द्वितीय चरण में लंबित 590848 प्रकरण जिनकी लंबित राशि 749225.00 लाख रू. है क्या स्वीकृत कर दिए गए है? यदि हाँ तो प्रकरणों की संख्या स्वीकृत राशि सहित जिलावार बतावें। (ख) द्वितीय चरण के जो प्रकरण शेष रह गए हैं वे कब तक स्वीकृत कर दिए जाएंगे? (ग) तृतीय चरण के दो लाख रू. तक के कर्जमाफी के प्रकरण कब तक स्वीकृत कर दिए जाएंगे? प्र.क्र. 350 दिनांक 21.09.2020 के (ग) उत्तर में बताया गया कि ऋण माफी योजना की विस्तृत समीक्षा शासन के विचाराधीन है? यह बताएं कि यह किस स्तर पर विचाराधीन है? इसमें शामिल पदाधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देवें। इसकी अब तक कितनी बैठकें हुई? उनकी तारीख बताएं। प्रत्येक बैठक का कार्य वितरण देवें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बड़वानी जिले में कोविड-19 पर हुए व्यय की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
94. ( क्र. 432 ) श्री बाला बच्चन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्र. 348, दि. 21-09-2020 के (ख) व (ग) उत्तर में दर्शाई गई फर्मों द्वारा प्रस्तुत बिलों की प्रमाणित प्रति देवें। इनको किए भुगतान पर कितना T.D.S. कटौत्रा किया गया? फर्मवार T.D.S. कटौत्रा राशि सहित बतावें। लंबित भुगतान राशि भी फर्मवार बतावें। (ख) क्या कारण है कि राहत टेंट हाउस सेंधवा द्वारा दिए 21 लाख रू. से अधिक के बिल को समिति द्वारा स्वीकृत किया गया जबकि इतनी राशि में सामग्री क्रय की जा सकती थी? इसे स्वीकृत करने वाले अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देवें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार जिन वाहनों को डीजल/पेट्रोल उपलब्ध कराया गया, उनके वाहन नंबर, डीजल/पेट्रोल मात्रा, वाहन प्रकार (बस/अन्य), वाहन स्वामी नाम, खाता नंबर, भुगतान/लंबित राशि, T.D.S. कटौत्रे सहित वाहनवार देवें। (घ) यदि T.D.S. कटौत्रा नहीं किया व प्रश्नांश (ख) अनुसार अनियमितता करने वाले अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देकर बतावें कि शासन इन पर कब तक कार्यवाही करेगा?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। फर्में/संस्थाओं को भुगतान राशि में टी.डी.एस. कटौत्रा नहीं किया गया है। टी.डी.एस. कटौत्रा की कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) मध्यप्रदेश शासन, राजस्व विभाग मंत्रालय भोपाल के परिपत्र क्र./रा.आ./सात/शा-8/2020/1402 भोपाल दिनांक 04.04.2020 से जिले को कोविड-19 के कारण लॉकडाउन के दौरान पलायन करने वाले मजदूरों एवं बेघर परिवारों जो अपने निवास स्थान पर नहीं जा सके हैं के लिए प्रारंभ किये गये पुनर्वास शिविरों (भोजन एवं कपड़े सहित) की व्यवस्था मेडिकल शिविरों के संचालन हेतु व्यय की अनुमति प्रदान की गई है, इसे स्वीकृत करने वाले अधिकारी श्री घनश्याम धनगर, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व अनुविभाग सेंधवा, श्रीमती रीना चौहान, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सेंधवा, श्री एस.आर.यादव तहसीलदार सेंधवा, श्री ओमप्रकाश मुजाल्दे, उप कोषालय अधिकारी सेंधवा एवं श्री मधु चौधरी, मुख्य नगरपालिका अधिकारी सेंधवा जिला बड़वानी थे। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है एवं संबंधित बिलों का भुगतान चैक के माध्यम से किया गया है। (घ) विभिन्न संस्था/फर्मों से टी.डी.एस. कटौत्रा नहीं किये जाने एवं अनियमित भुगतान करने वाले अधिकारी श्री पुष्पेन्द्र यादव, सहायक लेखाधिकारी, जनपद पंचायत सेंधवा जिला बड़वानी को पत्र क्रमांक 763 दिनांक 18.12.2020 द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है तथा टी.डी.एस. कटौत्रा किये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है।
प्राणघातक हमले पर कार्यवाही
[गृह]
95. ( क्र. 436 ) श्री सुनील सराफ : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 28.11.2020 को कोतमा थाना जिला अनूपपुर में दर्ज एफ.आई.आर. जिसमें प्रश्नकर्ता पर हमले और गला दबाकर मारने का प्रयास किया गया, पर अब तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) इस प्रकरण के आरोपी और उसके सहायकों की गिरफ्तारी कब तक कर ली जाएगी? (ग) कब तक इस पूरे षड़यंत्र का खुलासा कर दिया जाएगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) घटनाक्रम में थाना कोतमा जिला अनूपपुर में अपराध क्रमांक 536/2020 धारा 323, 506, 34 भा.द.वि. का पंजीबद्ध कर अनुसंधान में लिया गया। प्रकरण में आरोपी अभिलाष उर्फ अतुल मिश्रा निवासी कोतमा, शंकरानंद उर्फ सिक्की मिश्रा निवासी कोतमा को दिनांक 07.12.2020 को गिरफ्तार किया गया है। घटना में प्रयुक्त चार पहिया वाहन को भी जब्त किया गया है। प्रकरण में अनुसंधान जारी है। (ख) प्रश्नांश का उत्तर प्रश्नांश (क) के उत्तर में समाहित है। (ग) प्रकरण अनुसंधान में है, समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
अनुपयोगी भूमि पर उद्योग लगाए जाने की कार्ययोजना
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
96. ( क्र. 439 ) श्री रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के ग्वालियर चंबल संभाग में राजस्व विभाग/वन विभाग, उद्योग विभाग की अनुपयोगी बीहड़/बंजर भूमि पर उद्योग, लघु उद्योग लगाये जाने की औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन के अंतर्गत क्या कार्य योजना कब-कब वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक बनाई गई है? उक्त पृथक-पृथक कार्य योजना एवं उक्त कार्य योजनाओं के क्रियान्वयन की जानकारी देवें। (ख) म.प्र. के ग्वालियर चंबल संभाग में वर्तमान में कुल कितने शासकीय, अशासकीय मल्टीनेशनल कंपनी के उद्योग स्थापित हैं? इस उद्योग का नाम, स्थापना दिनांक की जानकारी पृथक-पृथक उद्योगवार उपलब्ध करावें एवं वर्तमान में कितने शासकीय एवं अशासकीय उद्योग बंद पड़े हुये हैं उक्त उद्योगों के नामों की जानकारी सहित पृथक-पृथक उद्योग बंद होने के कारण की जानकारी देवें। (ग) म.प्र.के ग्वालियर चंबल संभाग में वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक उद्योग लगाये जाने हेतु विभिन्न इंफ्रास्ट्रक्चर नाली, सड़क, बिजली एवं डेवलपमेंट, पानी की व्यवस्था एवं अन्य पर व्यय की गई राशि की वर्षवार जानकारी देवें। (घ) क्या माननीय मंत्री महोदय ग्वालियर चंबल संभाग सहित विशेष रूप से दिमनी, अम्बाह विधान सभा क्षेत्र में बीहड़ एवं बंजर भूमि का समतलीकरण करते हुये उस पर उद्योग लगाने हेतु कोई विशेष बजट निर्धारित करते हुये उद्योग लगाने हेतु कोई योजना बनाकर उसका क्रियान्वयन भौतिक रूप से कराएंगे? यदि हाँ तो कब तक?
औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री ( श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव ) : (क) म.प्र. के ग्वालियर चंबल संभाग में राजस्व विभाग/वन विभाग एवं उद्योग विभाग की अनुपयोगी बीहड़/बंजर भूमि पर उद्योग लगाए जाने की औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग अंतर्गत कोई कार्य योजना नहीं बनाई गई है। अपितु, प्रस्तावित चम्बल प्रोग्रेस-वे के दोनों तरफ ग्वालियर संभाग की भूमि पर उद्योग स्थापित किये जाने की संभावनाएं तलाशने हेतु ई.एण्ड.वाय. मेहता एसोशिएट को कंसलटेंट के रूप में नियुक्त किया गया है। (ख) क्षेत्रान्तर्गत औद्योगिक क्षेत्रों में स्थापित मल्टीनेशनल कंपनी के स्थापित उद्योगों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–'अ' पर तथा बन्द उद्योगों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) क्षेत्रान्तर्गत विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में अधोसंरचना विकास पर वर्षवार व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (घ) वर्तमान में विभाग की ऐसी कोई योजना नहीं है।
प्रदेश में संचालित पेयजल योजना में विलम्ब
[नगरीय विकास एवं आवास]
97. ( क्र. 451 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर संभाग अन्तर्गत में किन-किन नगरीय निकाय क्षेत्रों में पेयजल योजनायें संचालित हो रही है? निकायवार पृथक-पृथक जानकारी दें। (ख) क्या उपरोक्त योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु ऋण लिया जा रहा है? यदि हाँ तो किन-किन से कितना-कितना ऋण किस-किस योजना के लिये, कितनी अवधि के लिये, किस-किस दर पर और कब-कब लिया गया है? (ग) क्या आरोन नगरपालिका में भी पेयजल योजना स्वीकृत है? यदि हाँ तो कितनी राशि की कब से स्वीकृत है? उक्त योजना का कार्य किस एजेन्सी से लिया जा रहा है? कार्य की अद्यतन स्थिति क्या है तथा कार्य कब तक पूर्ण हो जायेगा? समयावधि में कार्य पूर्ण नहीं होने के क्या कारण है तथा उत्तरदायियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) निर्माणाधीन पेयजल योजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। ऋण संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। आरोन नगर जलप्रदाय योजना की कुल लागत राशि रू. 3103.61 लाख कार्यादेश दिनांक 24.06.2017। उक्त योजना का कार्य मेसर्स रियान वॉटर टेक प्रायवेट लिमिटेड कोलकाता द्वारा जारी किया जा रहा है। वर्तमान में कार्य की भौतिक प्रगति 52 प्रतिशत तथा कार्य दिनांक 30.06.2022 तक पूर्ण होना संभावित है। समयावधि में कार्य पूर्ण न होने का मुख्य कारण संविदाकार का धीमी गति से कार्य करना एवं कोरोना महामारी में भी है। कार्य पूर्ण होने के पश्चात अनुबंध अनुसार विलंब के कारणों का समुचित रूप से विश्लेषण किया जाकर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की राशि का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
98. ( क्र. 454 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में किस सीजन की कौन-कौन सी फसलों का फसल बीमा कराया गया एवं किस-किस बीमा कंपनी को कितनी-कितनी प्रीमियम राशि का भुगतान कब-कब किया गया एवं कितनी राशि बकाया है? (ख) उपरोक्तानुसार प्राकृतिक आपदा से फसलों को हुये नुकसान के लिये बीमित किसान को बीमा कंपनियों द्वारा पात्र कृषकों के दावे अनुसार दावा राशि का भुगतान किया गया है? (ग) यदि हाँ तो धार जिले में कितने पात्र कृषकों को दावा राशि का कितनी-कितनी राशि का बीमा कंपनियों ने भुगतान किया है? यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) प्रदेश में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में सीजनवार फसलों के फसल बीमा की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है तथा बीमा कंपनीवार प्रीमियम भुगतान एवं बकाया राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ख) हाँ। (ग) धार जिले में खरीफ 2019 के कुल 96890 पात्र कृषकों को राशि रू. 1657071876/- का भुगतान बीमा कंपनियों द्वारा किया गया। रबी 2019-20 एवं खरीफ 2020 की बीमा दावा राशि की गणना एवं भुगतान प्रक्रिया प्रचलन में है।
अल्पसंख्यक आयोग के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को स्थाई कर्मी करने की जानकारी
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
99. ( क्र. 459 ) श्री अर्जुन सिंह काकोडि़या : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग के ज्ञापन क्रमांक 5-1/2013/1/3, दिनांक 07 अक्टूबर 2016 में दिये निर्देशानुसार कार्यरत दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों के लिये स्थाई कर्मियों को विनियमित करने की योजना है? यदि हाँ तो मध्यप्रदेश पिछड़ा वर्ग अल्पसंख्यक विभाग के पत्र क्रमांक एफ-3/2012/54-2, दिनांक 30-06-2012 के परिपालन में दिनांक 03-07-2015 को एक कर्मचारी तथा कार्यालय आयुक्त पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग का आदेश क्रमांक/स्था./68/2017-18/4017, दिनांक 31-07-2017 को दो कर्मचारियों को विनियमित म.प्र. राज्य अल्पसंख्यक आयोग में पदस्थ किया गया है? यदि हाँ तो जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यह भी जानकारी उपलब्ध करायें कि यदि कुल तीन कर्मचारियों को उक्त का लाभ दिया गया है तो अन्य कर्मचारियों को लाभ क्यों नहीं दिया गया? क्या तीन कर्मचारियों को पूर्व में वेतनभोगी कर्मचारी या मजदूरी मद से वेतन का भुगतान किया जा रहा था? यदि हाँ तो किस मद से भुगतान किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जानकारी उपलब्ध करायें कि उक्त विनियमित किये गये कर्मचारियों की अध्यक्ष, सदस्य मध्यप्रदेश राज्य अल्पसंख्यक आयोग की निजी स्थापना में पदस्थापना थी? यदि हाँ तो उनके नियुक्ति आदेश की संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या उक्त कर्मचारियों को विनियमित/नियमित किये जाने का प्रस्ताव शासन स्तर पर लंबित है? यदि हाँ तो शेष बचे कर्मचारियों को विनियमित के आदेश कब तक जारी किये जायेंगे?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। श्री अजय कटियार, वाहन चालक, नियमित पद पर, श्री ओमप्रकाश जोशी, वाहन चालक, स्थायीकर्मी एवं श्री नवेद खान, भृत्य, स्थायीकर्मी पद पर कार्यरत हैं। (ख) आयोग में माननीय अध्यक्ष एवं सदस्यों को दी गई सुविधाओं में उनके कार्यकाल तक उन्हें प्रदत्त सुविधानुसार उनकी अनुशंसा पर अमला रखने की सुविधा प्राप्त है एवं कार्यकाल समाप्त होते ही रखे गये अमले की सेवाएं स्वयमेव समाप्त हो जाती है। आयोग में नियुक्त अध्यक्ष/सदस्यों के लिये नियमित पद स्वीकृत नहीं किये गये हैं। जी हाँ। 12-मजदूरी मद से। (ग) एवं (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अ.पि.व. के बी.एड. छात्र/छात्राओं को मिलने वाली छात्रवृत्ति
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
100. ( क्र. 470 ) श्री संजय शर्मा : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा मध्यप्रदेश में बी.एड. में अध्ययनरत् अ.पि.व. के छात्र/छात्राओं को प्रतिवर्ष छात्रवृति प्रदान करने की योजना संचालित है? यदि हाँ, तो प्रति छात्र/छात्रा को किस दर से छात्रवृति प्रदान की जाती है? (ख) क्या उपरोक्त छात्र/छात्राओं को जिला नरसिंहपुर में प्रति छात्र/छात्रा 7000/- रुपये एवं अन्य जिलों में लगभग 25000/- रुपये, छात्रवृति प्रदान की जाती है? यदि हाँ, तो यह विसंगति क्यों? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार, क्या अन्य जिलों की भांति नरसिंहपुर जिले के छात्र/छात्राओं को भी छात्रवृत्ति प्रदान की जावेगी?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) जी हाँ। रूपये 5,000/- (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अपराधियों की गिरफ्तारी
[गृह]
101. ( क्र. 471 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्न क्रमांक 192 दिनांक 21.09.2020 के उत्तर में अपराधियों के फरार होने के कारण गिरफ्तारी न होने से संबंधी जानकारी दी गई है। (ख) यदि हाँ तो उक्त अपराधियों को गिरफ्तारी किये जाने हेतु कब-कब क्या प्रयास किये गये? दिनांकवार प्रकरणवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश के (घ) भाग के उत्तर में माननीय उच्च न्यायालय के आदेश दिनांक 03.10.2016 के तारतम्य में गिरफ्तारी की कार्यवाही न किये जाने एवं विवेचना पर स्टे न होने तथा coercive action पर रोक होने संबंधी जानकारी दी गई है तो प्रश्न दिनांक तक विवेचना किस स्तर पर किन-किन कारणों से लंबित है एवं कब तक पूर्ण होकर गिरफ्तारी की जावेगी? उच्च न्यायालय के आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) Coercive Action पर रोक हटाने हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही कब-कब की गई?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रश्न क्रमांक 192 दिनांक 21.09.2020 के परिप्रेक्ष्य में पूर्व प्रेषित जानकारी के उपरांत वर्तमान स्थिति में फरार अपराधियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ''अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' में समाहित है। माननीय उच्च न्यायालय के आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' में समाहित है।
म.प्र. पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग का गठन
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
102. ( क्र. 472 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग का गठन हो चुका है। यदि हाँ तो कब? (ख) उक्त आयोग में कौन-कौन सदस्य हैं? सदस्यों के नाम सहित पूर्ण विवरण दें। (ग) उक्त आयोग की कब-कब बैठक आयोजित की गई एवं उसमें क्या कार्यवाही की गई? (घ) यदि आयोग का गठन नहीं किया गया है तो क्यों नहीं एवं कब तक किया जावेगा?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) जी नहीं। (ख) से (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कूप घोटाले की जांच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
103. ( क्र. 475 ) श्री लक्ष्मण सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र चांचोड़ा में सैकड़ों कूप घोटाले की जांच कहाँ तक पहुंची है एवं इस घोटाले के समस्त जिम्मेदारों को उचित दण्ड दिया गया है या नहीं?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : विधानसभा क्षेत्र चांचौड़ा में सैकड़ों कूप घोटाले की जांच कलेक्टर, जिला गुना के पत्र क्रमांक 6017 दिनांक 01.11.2019 के द्वारा माननीय लोकपाल, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना संभाग, ग्वालियर को सौंपी गई। प्रकरण में आगामी सुनवाई दिनांक 18.01.2021 नियत होकर जांच कार्यवाही प्रचलित है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ग्राम पंचायतों द्वारा व्यय की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
104. ( क्र. 476 ) श्री लक्ष्मण सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि विभाग द्वारा ग्राम पंचायतों को दी जाने वाली राशि में से कितनी राशि का खर्च ग्राम पंचायत अपने स्वविवेक से जन कल्याणकारी कार्य हेतु कर सकती है?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : विभाग द्वारा ग्राम पंचायतों को दी जाने वाली राशि भिन्न-भिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु जारी की जाती है, जो उस योजना के दिशा-निर्देशानुसार ग्राम पंचायत द्वारा व्यय की जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
युवाओं के रोजगार हेतु शासन की कार्ययोजना
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
105. ( क्र. 602 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शिवपुरी जिले के करैरा विधान सभा क्षेत्र में पिछले 10 वर्षों में रोजगार के लिये सरकार ने कौन-कौन से कार्य किए गए है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ख) प्रश्नांश (क) क्या सरकार ने करैरा में रोजगार के लिये कोई योजना बनाई है? क्या किसी उद्योग के लिये शासन ने भूमि आवंटन की है? अगर की गई है तो सूची उपलब्ध कराई जाये। (ग) पिछले 10 वर्षों में सरकार द्वारा करैरा में बेरोजगारी पर क्या कोई सर्वे किया गया है कि कितने बेरोजगार हैं? अगर नहीं तो क्या करने की आवश्यकता नहीं है? बेरोजगारी पर डाटा उपलब्ध कराया जावे? (घ) क्या बेरोजगारी खत्म करने के लिये कोई योजना बनाई है? अगर नहीं तो कब बनेगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में रोजगार हेतु लघु अवधि प्रशिक्षण के अंतर्गत मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन योजना एवं प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना राज्य कम्पोनेंट 2.0 संचालित की जा रही है। सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में करैरा विधानसभा क्षेत्र में भी सम्मिलित है। शिवपुरी जिले के करैरा विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना राज्य कम्पोनेंट 2.0 अंतर्गत मध्यप्रदेश राज्य कौशल विकास एवं रोजगार निर्माण बोर्ड के द्वारा निजी प्रशिक्षण प्रदाता प्रतीक तकनीकी शिक्षा समिति को शिवपुरी जिले हेतु फिटर इलेक्ट्रिकल एण्ड इलेक्ट्रानिक असेंबली जॉबरोल में 120 का लक्ष्य प्रदान किया गया था, जिसके अंतर्गत प्रशिक्षण संचालित किया जा रहा है। शिवपुरी जिले के कैररा विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री कौशल संर्वधन एवं कौशल्या योजना 2017-18 अंतर्गत निजी प्रशिक्षण प्रदाता स्वामी अम्बरीश चैतन्य सेवा समिति (कामांक्षा फिलिंग स्टेशन के सामने झॉसी रोड, शिवपुरी म.प्र.) को शिवपुरी जिले हेतु आई.टी. एवं रिटेल जॉबरोज में लक्ष्य प्रदान किया गया था, जिसके अंतर्गत प्रशिक्षण प्रदाता द्वारा 630 प्रशिक्षणार्थियों का प्रशिक्षण पूर्ण एवं 533 प्रशिक्षणार्थियों का प्रमाणीकरण किया जा चुका है। शिवपुरी जिले के करैरा विधानसभा क्षेत्र में पिछले 10 वर्षों में रोजगार के लिये राज्य शासन द्वारा उद्योग स्थापना हेतु रियायती दरों पर औद्योगिक भूमि एवं किये गये निवेश पर अनुदान प्रदान कर रोजगार का सृजन किया गया है। साथ ही स्वरोजगार योजनाओं एवं उद्यमिता विकास कार्यक्रमों के माध्यम से भी रोजगार का सृजन किया गया है। (ख) करैरा तहसील के ग्राम श्योपुरा में औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया गया है। इसमें 40 प्लॉट इकाईयों को आंवटित किये जा चुके हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) शिवपुरी जिले में पंजीकृत रोजगार चाहने वाले की संख्या 48685 है। विधान सभावार संधारण की व्यवस्था नहीं है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) रोजगार संचालनालय द्वारा जॉब फेयर योजना संचालित है। जिसके तहत् नियोजकों के रिक्त स्थान की पूर्ति हेतु रोजगार मेलों का आयोजन किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
मंदसौर विधानसभा में जल संरक्षण के कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
106. ( क्र. 616 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा मंदसौर, नीमच जिले में जल संरक्षण के कार्य किये जाते हैं? यदि हाँ, तो मंदसौर, नीमच जिले में भूमिगत जलस्तर रसातल पर पहुँचने के कारण किसान वर्ग के साथ सामान्य वर्ग के लिए भी बड़ी असुविधा हो गई है? यदि हाँ तो बरसात के जल को संरक्षण करने के लिए राज्य सरकार द्वारा क्या-क्या प्रावधान किये जा रहे हैं? (ख) क्या विभाग द्वारा मंदसौर जिले के विभिन्न क्षेत्रों में बांधों का निर्माण करवाया गया है एवं उनके रख-रखाव का कार्य भी विभाग द्वारा ही किया जाता है? यदि हाँ, तो मंदसौर विधानसभा क्षेत्र में जलसंरक्षण हेतु राज्य सरकार द्वारा क्या-क्या कार्य किये गये? (ग) मंदसौर विधानसभा में सोमली, शिवना सहित किन-किन नदियों पर गत 1 जनवरी 2017 के बाद स्टाप डेम या श्रंखलावार स्टाप डेम बानाए गये या कहाँ कहाँ प्रस्तावित है?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी हाँ। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत संचालित केन्द्र प्रवर्तित मनरेगा योजना एवं प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र में वर्षा जल के संरक्षण एवं संवर्धन संबंधी लघु संरचनायें यथा कंटूरट्रेंच, खेत तालाब, डग आउट पोण्ड, चेकडेम इत्यादि का आवश्यकता अनुरूप निर्माण करने का प्रावधान है। वर्ष 2020-21 में जिला नीमच व मंदसौर में कराये गये जल संवर्धन कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। विभाग द्वारा बड़े सिंचाई बांधो का निर्माण नहीं कराये जाने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ग) मंदसौर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत विभाग की मनरेगा एवं प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में सोमली, शिवना सहित अन्य नदियों पर किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य नहीं किया गया है न ही प्रस्तावित है।
ग्रेसीम इंडस्ट्रीज लि. नागदा के संबंध में चल रही जांच
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
107. ( क्र. 675 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कलेक्टर उज्जैन द्वारा ग्रेसीम इंडस्ट्रीज लि. नागदा जं. द्वारा सी.एस.आर. फंड संबंधी व्यय की जांच हेतु दिनांक 02.03.2020 को बनाए जांच दल की जांच पूर्ण हो गई है? इस जांच दल में शामिल अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित बतावें। (ख) यदि जांच पूर्ण हो गई है तो जांच प्रतिवेदन की प्रमाणित प्रति देवें। इस प्रतिवेदन के आधार पर अब तक की गई कार्यवाही से अवगत करावें। (ग) यदि जांच पूर्ण नहीं हुई है तो इसका कारण बतावें। यह भी बतावें कि जांच प्रारंभ दिनांक से प्रश्न दिनांक तक इस जांच दल ने कितनी बैठकें की? कितनी बार उद्योग का दौरा किया एवं उद्योग से कितनी बार किन तारीखों को दस्तावेज प्राप्त किए? (घ) यह जांच कब तक पूर्ण होगी? इसमें विलंब करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री ( श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव ) : (क) राज्य शासनादेश दिनांक 13.10.2017 के द्वारा मध्यप्रदेश में कार्पोरेट सामाजिक दायित्व के फेसिलिटेशन हेतु दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं। उक्त निर्देश अनुसार औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग (तत्कालीन वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार विभाग ) को नोडल विभाग एवं प्रबंध संचालक, एम.पी. इण्डस्ट्रियल डेव्हलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड भोपाल (तत्कालीन एमपी ट्रायफेक) को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। किन्तु एम.पी.आई.डी.सी. एवं विभाग द्वारा ग्रेसिम उद्योग नागदा जं. के सी.एस.आर. फंड की जांच के लिये कोई निर्देश/आदेश नहीं दिये गये हैं। अत: इस संबंध में निगम स्तर पर जानकारी निरंक है। उल्लेखनीय है कि कंपनी संबंधी मामले केन्द्र सरकार के कार्यक्षेत्र अंतर्गत आते है। तथापि कलेक्टर, उज्जैन द्वारा प्रदत्त जानकारी अनुसार उनके कार्यालय द्वारा मे. ग्रेसिम इण्डस्ट्रीज लि. नागदा के सी.एस.आर. फंड की जांच हेतु दिनांक 02.03.2020 को जांच दल का गठन किया गया। गठित दल की जांच अभी पूर्ण नहीं हुई है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) कलेक्टर उज्जैन द्वारा अवगत कराया है कि कोविड-19 प्रकोप के कारण उत्पन्न परिस्थितियों के कारण जांच पूर्ण नहीं हुई है तथा इस कारण से जांच दल की बैठक अथवा जांच दल का दौरा संभव नहीं हो सका है। (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित कारण से अधिकारियों की त्रुटि न होने से कार्यवाही करने का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
अतिक्रमण के नाम पर अवैध कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
108. ( क्र. 755 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर में नगर निगम द्वारा न्याय नगर एक्सटेंशन, सेक्टर-बी के मकान नं. 378 को अवैध बताकर तोड़ने का नोटिस दिया गया था। (ख) यदि हाँ, तो क्या यह सही है कि नोटिस मकान नं. 378 को दिया गया एवं नगर निगम द्वारा मकान नं. 331/332 को विस्फोट से तोड़ दिया गया? (ग) क्या मकान नं. 331/332 को तत्काल तोड़ दिया गया और मकान मालिक को अपना सामान निकालने का भी समय नहीं दिया गया? यदि हाँ, तो किसी दूसरे मकान को नोटिस देकर किसी अन्य मकान को तोड़ने का क्या औचित्य है? किए गए नुकसान के लिए कौन जिम्मेदार है? नुकसान की वसूली जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारी के वेतन से किए जाने के आदेश कब तक दिए जावेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
किसानों को फसल बीमा का लाभ
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
109. ( क्र. 796 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा कलेक्टर जिला सागर को पत्र क्र. बी.पी./00578/बी.पी.एल./20 प्रेषित किया गया है? यदि हाँ, तो उस पर कार्यवाही की जानकारी दें। (ख) क्या ग्राम कोलुआ के पटवारी हल्का नं. 22 तहसील राहतगढ़ जिला सागर के 50 किसानों को वर्ष 2019 की खरीफ फसल सोयाबीन की बीमा राशि का लाभ मिला? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या उक्त किसानों को लाभ दिया जावेगा तो कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) जी हाँ, बीमा कंपनी को कार्यालयीन पत्र क्रं. 1477 दिनांक 20.12.2020 द्वारा पात्र किसानों की दावा राशि भुगतान हेतु लिखा गया है। (ख) बीमा कंपनी से जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (संशोधित) परिचालन दिशा-निर्देश अनुसार कार्यवाही की जावेगी। समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मतदाता सूचियों का अंतिम प्रकाशन
[विधि और विधायी कार्य]
110. ( क्र. 864 ) श्री हर्ष यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिला के विधान सभा क्षेत्रों में चालू वर्ष के लिये मतदाता सूचियों का अंतिम प्रकाशन किस दिनांक को किया गया? विधान सभा क्षेत्रवार बतायें। (ख) वर्ष 2018 में हुये विधान सभा चुनाव में सुरखी क्षेत्र में कितने मतदाता थे? 2019 में बढ़कर कितने मतदाता हुये एवं 2020 में बढ़कर कितने मतदाता हुए? (ग) सुरखी विधान सभा उप चुनाव की वोटर लिस्ट को अंतिम रूप कब दिया गया? सुरखी विधान सभा उप चुनाव में बाहर से आये कितने मतदाता जोड़े गये? कितने मतदाता दूसरे विधान सभा क्षेत्र से नाम कटवाने का निर्धारित प्रपत्र लेकर सुरखी विधान सभा क्षेत्र में नाम जुड़वाने आये? (घ) क्या अन्य विधान सभा क्षेत्र के वोटरों के नाम बगैर प्रारूप 7 लिये जोड़े गये? क्या नये जोड़े गये वोटरों का निवास स्थान वगैर वैध दस्तावेज सत्यापन के वोटर लिस्ट में नाम जोड़ा गया? क्या इसकी जांच कर दोषियों पर कार्यवाही की जावेगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) सागर जिले की समस्त 8 विधानसभा क्षेत्रों 35-बीना, 36-खुरई, 37-सुरखी, 38-देवरी, 39-रहली, 40-नरयावली, 41-सागर एवं 42 बण्डा में चालू वर्ष के लिए (अर्हता दिनांक 01.01.2020 की स्थिति में) मतदाता सूचियों का अंतिम प्रकाशन दिनांक 07.02.2020 को किया गया है। (ख) वर्ष 2018 में हुये विधानसभा चुनाव में विधानसभा क्षेत्र सुरखी में 192769 मतदाता थे तथा वर्ष 2019 में 197715 मतदाता थे। वर्ष 2020 में दिनांक 07.02.2020 को हुये अंतिम प्रकाशन के समय 201851 मतदाता थे तथा माह नवम्बर, 2020 में हुये विधानसभा उप निर्वाचन के लिये अंतिम रूप से तैयार की गई मतदाता सूची में 205810 मतदाता थे। (ग) सुरखी विधानसभा उप चुनाव की वोटर लिस्ट को दिनांक 16.10.2020 को अंतिम रूप दिया गया। कुल 905 बाहर से आये मतदाताओं के नाम ऑनलाइन प्राप्त आवेदन अनुसार जोड़े गये। (घ) अन्य विधानसभा क्षेत्र के वोटरों के नाम ऑनलाइन प्राप्त आवेदन पत्र प्ररूप-6 के आधार पर जोड़े गये हैं। विधानसभा क्षेत्र 37-सुरखी के मतदान केन्द्र क्रमांक 08 झिला में दिनांक 07.02.2020 को अंतिम प्रकाशन के पश्चात, सतत् अद्यतन के दौरान एवं दिनांक 16.10.2020 को उप निर्वाचन हेतु सुपरवाईजर तथा सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी को वायपास करते हुये उनकी रिपोर्ट नहीं लेकर सीधे निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी के द्वारा स्वीकृत किया गया, जिसके लिये उत्तरदायी सहायक प्रोग्रामर सुश्री शीतल कोरी को पद से हटा दिया गया है तथा निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी विधानसभा क्षेत्र 37-सुरखी एवं अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) राहतगढ़ श्री रमेश पाण्डेय के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु प्रस्ताव आयुक्त, सागर संभाग, सागर की ओर प्रेषित किया गया है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
पंचायत
सचिवों के
परिवार के
सदस्यों की
अनुकम्पा
नियुक्ति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
1. ( क्र. 5 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा पंचायत सचिवों का शासकीय सेवा में रहते हुये निधन होने पर उनके परिवार के सदस्य को अनुकम्पा नियुक्ति दिये जाने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ तो जबलपुर जिले में अप्रैल 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितने सचिवों का आकस्मिक निधन हुआ है? (ग) क्या इनके परिवार के सदस्य को अनुकम्पा नियुक्ति दी गई है? यदि हाँ तो कितनों को जानकारी दें? यदि नहीं, तो कारण बतावें।
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी हाँ। (ख) जबलपुर जिले में अप्रैल 2015 से प्रश्न दिनांक तक 28 ग्राम पंचायत सचिवों का सेवाकाल में निधन हुआ है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है।
आर.ओ. वाटर की सप्लाई
[नगरीय विकास एवं आवास]
2. ( क्र. 16 ) श्री संजीव सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्तमान में भिण्ड शहर में आर.ओ.वाटर सप्लाई पाइप लाइन बिछाने का कार्य किया जा रहा है? यदि हाँ तो उक्त कार्य किस कम्पनी को आवंटित किया गया है? कम्पनी का नाम, कम्पनी संचालक का नाम एवं कार्यादेश कब जारी किया गया तथा कार्य की लागत क्या है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) कार्य हेतु कोई कंसल्टेंसी नियुक्त की गई हैं? यदि हाँ तो कंसल्टेंसी का नाम, संचालक का नाम बताएं? क्या निर्माण एजेंसी एवं कंसल्टेंसी एक ही कम्पनी के अंग है? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या स्थानीय नगरपालिका को उक्त कार्य की निगरानी भुगतान आदि के अधिकार हैं? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। निर्धारित प्रकिया का पालन करते हुये, जलप्रदाय योजना, भिण्ड का कार्य मेसर्स टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड, मिथोना टावर्स-1, 1-7-80 से 87, प्रेण्डरघास्ट रोड, सिकन्दराबाद (तेंलगाना) 500003 को आवंटित किया गया है। जिसके संचालक श्री विनायक देशपाण्डेय है, उक्त कार्य के लिये कार्यादेश दिनांक 01.09.2018 को जारी किया गया है एवं कार्य की लागत राशि रू. 197,17,86,000/- है। (ख) जी हाँ। उक्त कार्य हेतु मेसर्स टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स लिमिटेड, नियुक्त की है, जिसके संचालक श्री जी.एन. भीरूपक्ष है। निर्माण एजेन्सी एवं कंसल्टेंसी एक ही कंपनी के अंग नहीं है। (ग) जी नहीं। शासन स्वीक़ृति अनुसार उक्त कार्य एम.पी.यू.डी.सी.एल. के माध्यम से संचालित है।
अपराध क्रं. 24/16 में दर्ज प्रकरण
[गृह]
3. ( क्र. 18 ) श्री संजीव सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अपराध क्र.24/16 धारा 353,186,225,34 ता.हि. थाना सिटी कोतवाली भिण्ड के प्रकरण में आज दिनांक तक क्या कार्यवाही हुई? क्या पुलिस के द्वारा की गई विवेचना में खात्मा लगा दिया गया है? अगर हाँ तो विवेचक द्वारा फरियादी के बयान लिए गए थे? (ख) क्या फरियादी ने अपने बयानों में ऐसी कोई घटना से मना किया है जिसमें पुलिस द्वारा खात्मा लगाया गया है? (ग) क्या पुलिस द्वारा खात्मा रिपोर्ट कोर्ट में पेश की जा चुकी है? यदि हाँ तो किस दिनांक को? (घ) क्या खात्मा रिपोर्ट पेश करने से पहले फरियादी को सूचना दी गई थी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) थाना सिटी कोतवाली भिण्ड के अपराध क्रमांक 24/16 धारा 353, 186, 225, 34 भा.द.वि. में विवेचना उपरांत प्रकरण में चालानी योग्य साक्ष्य नहीं होने से दिनांक 14.09.2016 को खात्मा क्रमांक 28/16 तैयार किया गया। विवेचना के दौरान आवेदक के कथन लिये गये है। (ख) यह कार्यवाही विवेचना से संबंधित है जो कि भविष्य में न्यायालय विचाराधीन होगी। अतः यह जानकारी दी जाना उचित नहीं है। प्रकरण में विधि संगत प्रक्रिया अपनाई गई है। (ग) जी नहीं। (घ) अभी खात्मा रिपोर्ट पेश नहीं हुई है, अतः सूचना का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
खेल क्लबों के विरुद्ध कार्यवाही
[खेल और युवा कल्याण]
4. ( क्र. 21 ) श्री विनय सक्सेना : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 2066 दिनांक 05/11/2020 विक्रम स्पोर्टस कबड्डी क्लब इंदौर द्वारा खिलाड़ियों को मनमाने रूप से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्रदाय न करने व मानसिक रूप से प्रताड़ित किये जाने के संबंध में माननीय मंत्री जी को प्रेषित किया था? (ख) यदि हाँ, तो उक्त पत्र के तारतम्य में विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गयी? (ग) खिलाड़ियों को अकारण परेशान/प्रताड़ित करने वाले खेल क्लबों के विरुद्ध सरकार क्या-क्या कदम उठा रही है? (घ) खिलाड़ी श्री भवानी सिंह राजपूत, श्री रविन्द्र चौहान, श्री हर्ष बिनानी को विक्रम स्पोर्ट्स कबड्डी क्लब इंदौर द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र न दिए जाने व प्रताड़ित किये जाने की शिकायत पर विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गयी तथा आज दिनांक तक उक्त खिलाड़ियों को अनापत्ति प्रमाण पत्र क्यों नहीं दिलवाया गया?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। (ख) उक्त पत्र के तारतम्य में संचालनालय पत्र क्रं.4927 दिनांक 18.12.2020 द्वारा जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी जिला इंदौर को शिकायत में उल्लेखित तथ्यों की जांच कर प्रतिवेदन शीघ्र संचालनालय में प्रस्तुत करने का लेख किया था, जिसके पालन में जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी जिला इंदौर द्वारा पत्र क्रं. 658 दिनांक 19.12.2020 द्वारा अवगत कराया गया कि विक्रम स्पोर्टस इंदौर द्वारा कबड्डी खिलाड़ी श्री भवानी राजपूत, श्री रविन्द्र चौहान एवं श्री हर्ष विनानी को दिनांक 19.12.2020 को अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) खिलाडि़यों को अकारण परेशान/प्रताडि़त करने वाले खेल क्लबों के विरूद्ध शिकायत प्रमाणित होने पर नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही की जावेगी। (घ) खिलाड़ी श्री भवानी सिंह राजपूत, श्री रविन्द्र चौहान, श्री हर्ष बिनानी को विक्रम स्पोर्टस द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
रासायनिक खाद की कालाबाजारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
5. ( क्र. 22 ) श्री विनय सक्सेना : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी, 2019 से 30 नवंबर, 2020 तक जबलपुर संभाग में कितनी रासायनिक खाद उपलब्ध कराई गई? (ख) उपरोक्त दिनांक तक जबलपुर संभाग में कितनी रासायनिक खाद किसानों द्वारा निजी विक्रेताओं से खरीदी गई? (ग) 1 जनवरी, 2019 से 30 नवंबर, 2020 तक जबलपुर संभाग में रासायनिक खाद की कालाबाजारी की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? (घ) उपरोक्त शिकायतों पर किन-किन कालाबाजारियों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) जबलपुर संभाग में 1 जनवरी, 2019 से 30 नवंबर, 2020 तक संभाग के सभी जिलों में कुल 1534426 मे.टन रासायनिक खाद उपलब्ध कराई गई। (ख) जबलपुर संभाग में उपरोक्त दिनांक तक कुल 434099 मे.टन रासायनिक खाद किसानों द्वारा निजी विक्रेताओं से खरीदी गई। (ग) 1 जनवरी, 2019 से 30 नवंबर, 2020 तक जबलपुर संभाग में कुल 9 कालाबाजारी की शिकायत प्राप्त हुई हैं। (घ) उपरोक्त शिकायतों पर कालाबाजारियों पर की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
कदवाया थाने का भवन निर्माण
[गृह]
6. ( क्र. 28 ) श्री
गोपाल सिंह
चौहान : क्या
गृह मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
ग्राम पंचायत
कदवाया
विकासखंड
ईसागढ़ जिला
अशोकनगर में
जिसकी जनसंख्या
लगभग 7000 है
एवं आसपास के
लगभग 45 से 50 ग्रामो
से घिरा हुआ
है वर्तमान
में पुलिस थाना
2 कमरों
की बिल्डिंग
में संचालित
हो रहा है, क्या
थाने के नवीन
भवन हेतु शासन
से स्वीकृति
प्रदान की जा
चुकी है?
(ख)
यदि
हाँ तो कब से
नवीन भवन
निर्माण का
कार्य प्रारंभ
कर दिया
जावेगा?
(ग) कदवाया
थाने के
क्षेत्रफल को
दृष्टिगत
रखते हुये
डायल 100 की
गाड़ी कब तक
स्वीकृत कर
दी जावेगी?
गृह
मंत्री ( डॉ.
नरोत्तम
मिश्र ) : (क)
एवं (ख) ग्राम
पंचायत
कदवाया की
जनसंख्या
लगभग 3500 है
थाना कदवाया 45
ग्रामों से
घिरा हुआ है।
वर्तमान में
थाना कदवाया
पूर्व से बनी
चौकी के चार
कमरों में
संचालित है।
पूर्व में
पुलिस चौकी का
भवन स्वीकृत हुआ
था। चौकी के
थाने में
उन्नयन होने
के कारण चौकी
भवन का
निर्माण नहीं
किया गया है।
थाना भवन
निर्माण की
स्वीकृति
हेतु
प्रस्ताव तैयार
किया जाकर
निर्माण
कराया
जायेगा। समय
सीमा बताना
सम्भव नहीं
है।
(ग) वर्तमान
में थाना
कदवाया एवं
ईशागढ़
क्षेत्र हेतु
डायल-100
वाहन स्वीकृत
है।
गौशाला की समस्याओं का निदान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
7. ( क्र. 30 ) श्री गोपाल सिंह चौहान : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ईसागढ़ जनपद के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायतों में गौशाला का निर्माण हो रहा है या पूर्ण हो चुका है? क्या पूर्ण हो चुकी गौशाला में लाइट व्यवस्था करवा दी जावेगी, यदि हाँ तो कब तक करवा दी जावेगी? (ख) गौशालाओं में चारे, भूसा, गौसेवक, मजदूरों आदि के लिए पंचायतों को फण्ड कब तक दिया जाएगा? (ग) गौशालाओं को पानी हेतु मोटर पंप की राशि पंचायतों को अभी तक क्यों प्रदान नहीं की गयी है?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) मनरेगा अंतर्गत वर्ष 2019-20 में ईसागढ़ जनपद की ग्राम पंचायतों में स्वीकृत 11 गौशालाओं का निर्माण पूर्ण हो चुका है तथा वर्ष 2020-21 में स्वीकृत 30 गौशालाऐं निर्माणाधीन हैं। जी हॉ, पूर्ण हो चुकी 11 गौशालाओं में से 07 गौशालाओं को विद्युत व्यवस्था हेतु पशुपालन विभाग द्वारा राशि जारी की जा चुकी है एवं शेष 04 गौशालाओं में सौर ऊर्जा का प्रावधान किया गया है। (ख) जनपद पंचायत ईसागढ़ में संचालित 06 गौशालाओं (शंकरपुर, खिरिया देवत, मिहदपुर, पोरूखेड़ी, इमझेरा (कुलवार) कदवाया) को पशुपालन विभाग द्वारा भूसा/चारा की माह दिसम्बर 2020 तक की राशि जिला पंचायत के माध्यम से संबंधित ग्राम पंचायत को आवंटित की जा चुकी है। (ग) वर्ष 2019-20 की 07 गौशालाओं (शंकरपुर, खिरिया देवत, मिहदपुर, पोरूखेड़ी, तिघरा, इमझेरा (कुलवार) ढाकोनी) को पशुपालन विभाग द्वारा मोटर पंप की राशि जारी की जा चुकी शेष 04 गौशालाओं में सौर ऊर्जा का प्रावधान है।
बीमा राशि से वंचित किसानों को भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
8. ( क्र. 38 ) श्री महेश परमार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला उज्जैन एवं प्रश्नकर्ता की तराना विधानसभा क्षेत्र में फसल बीमा हेतु मुख्यमंत्री जी द्वारा वन क्लिक योजना में कुल कितने किसानों के क्लैम स्वीकृत किए गए? कुल कितने किसानों को कुल कितनी राशि का भुगतान किया जा चुका है? क्या अभी भी कुछ किसानों का भुगतान होना बाकी है? यदि हाँ, तो वंचित किसानों को बीमा राशि कब तक दी जाएगी? लाभान्वित किसान और वंचित किसान दोनों की प्रमाणित सूचियाँ उपलब्ध करायें। (ख) फसल बीमा हेतु कुल कितने क्लैम अस्वीकृत किए गए? कितनी बीमा कंपनियों को भुगतान हेतु अधिकृत किया गया? अधिकृत बीमा कंपनियों एवं शासन के मध्य किन-किन सेवा शर्तों के साथ उक्त बीमा राशि भुगतान का करार किया था और अभी तक बीमा राशि भुगतान में कुल कितनी लापरवाही की शिकायतें प्राप्त हुई और उन शिकायतों पर अभी तक क्या कार्यवाहियां की गयी? (ग) उक्त बीमा राशि के अलावा चालू वित्तीय वर्ष में हुए फसल नुकसान के लिए क्या अतिरिक्त राहत राशि दी गयी थी? यदि हाँ, तो कब-कब और कितनी राशि स्वीकृत की गयी? लाभान्वित और वंचित किसानों की संख्या प्रदान करें। (घ) उक्त बीमा क्लैम हेतु नुकसान का आकलन एवं अधिकतम न्यूनतम राशि का निर्धारण किन-किन शासनात्मक आदेश के तहत किया गया? पूर्ण प्रमाणित प्रतियाँ उपलब्ध कराएं।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) जिला उज्जैन अंतर्गत 144123 किसानों का राशि रू.1058.86 करोड़ क्लेम स्वीकृत किया गया एवं 141241 किसानों को 1041.21 राशि रू.का भुगतान किया गया। तराना विधानसभा अंतर्गत 25534 किसानों का राशि रू. 168.52 करोड़ क्लेम स्वीकृत किया गया एवं 24165 किसानों को 165.99 राशि रू. का भुगतान किया गया। जिला उज्जैन 2882 किसानों को राशि रू. 17.65 करोड़ एवं विधान सभा तराना के 1369 किसानों को राशि रू. 2.53 करोड़ भुगतान हेतु शेष है। शेष जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) संबंधित बैंकों द्वारा की गई त्रुटियों के कारण फसल बीमा दावा राशि के लाभ से वंचित कृषकों की जानकारी एकत्रित की जा रही है। वर्ष 2019-20 के लिए उज्जैन जिले के लिये बीमा कंपनी न्यू इंडिया इंश्यारेंस कंपनी को अधिकृत किया गया था। बीमा कंपनी द्वारा बीमा राशि का भुगतान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (संशोधित) परिचालन दिशानिर्देश अनुसार किया गया। जिले में खरीफ 2019 के कुल 105 किसानों द्वारा फसल बीमा नहीं मिलने की शिकायत की गई है। जिनको संबंधित बैंकों एवं बीमा कम्पनी को निराकरण हेतु समय-समय पर भेजा गया। (ग) उक्त बीमा राशि के अलावा चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में अतिवृष्टि एवं बाढ़ से प्रभावित फसलों हेतु कुल 1411 प्रभावित कृषकों को आर.बी.सी. 6-4 के प्रावधानों के तहत कुल राशि रूपये 132.92 लाख मात्र स्वीकृत किये गये। (घ) बीमा क्लेम एवं नुकसान का आंकलन प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (संशोधित) परिचालन दिशानिर्देश की कंडिका क्र. 21.1.1 अनुसार किया गया। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
भंडार क्रय नियम का उल्लंघन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
9. ( क्र. 39 ) श्री महेश परमार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भारत सरकार ने 31 मार्च 2015 के बाद केन्द्रीय भंडार, एन.सी.सी.एफ. जैसी संस्थाओं को प्राप्त विशेष वितरण अधिकार समाप्त कर दिये हैं? यदि हाँ, तो केन्द्रीय भंडार को बिना किसी निविदा के लगभग 400 करोड़ रुपए के कार्य बाज़ार दरों से लगभग 40 से 50 प्रतिशत दर पर दिया जाना शासन के नियम एवं निर्देशों का खुला उल्लंघन नहीं है? यदि है, तो दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गयी? प्रमाणित प्रति देवें। (ख) प्रदेश स्तर के मध्याह्न भोजन संचालित करने वाले प्रदेश स्तर के अधिकारियों द्वारा GOI के पर्सनल एवं ट्रेनिंग विभाग द्वारा दिनांक 19/02/2015 के कार्यालयीन पत्र के निर्देशों का उल्लंघन करते हुए 05 लाख से अधिक की सेवा/खरीदी के लिए केन्द्रीय भंडार की फर्म को कार्य सौंपना भ्रष्टाचार का प्रमाण नहीं है? यदि है, तो दोषियों पर कार्यवाही कब होगी? (ग) क्या 600 ग्राम,800 ग्राम, सोया तेल के विशेष पेकेट सरकार ने तैयार करवाए हैं या सरकार ने खुला तेल बेचने की छूट दे दी है, क्योंकि 01 लीटर में 910 ग्राम और 500 मि.ली. में 405 ग्राम तेल आएगा, ऐसी स्थिति में 800 ग्राम और 600 ग्राम तेल में किस हिसाब से प्रत्येक बालक को मात्रा दी जा रही है? क्या इसकी जांच की जा रही है?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) संचालक, मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम, स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली द्वारा निर्देशित किया गया है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अंतर्गत प्रदाय खाद्य सुरक्षा भत्ते के रूप में दर्ज छात्रों को भोजन पकाने की लागत राशि के समतुल्य सूखा राशन (दाल एवं तेल) प्रदाय किया जावे, इस हेतु केन्द्रीय भण्डार जैसे सेवा प्रदाता संगठन की सेवाएं ली जा सकती हैं। भारत सरकार द्वारा सूखा राशन (दाल एवं तेल) प्रदाय किए जाने की कार्यवाही हेतु समय-सीमा 31 अक्टूबर 2020 नियत की गई थी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्राथमिक शाला के प्रति छात्र हेतु 523 ग्राम एवं माध्यमिक शाला के प्रति छात्र हेतु 783 ग्राम तेल के पैकेट 73 दिवसों की निर्धारित भोजन पकाने की राशि के आधार पर गणना अनुसार तैयार करवाये गये है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अवैध कॉलोनी निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
10. ( क्र. 45 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहर विदिशा में बैस नदी के पास स्थित बैस नगर स्थित पुरातत्व महत्व एवं शासकीय भूमि पर कॉलोनी का निर्माण कार्य किया जा रहा है? यदि हाँ तो उक्त कॉलोनी हेतु अनुमति किसके द्वारा दी गई? अनुमति के आदेश एवं पुरातत्व विभाग की सहमती सहित जानकारी उपलब्ध कराये। (ख) क्या पुरातत्व महत्व के उक्त क्षेत्र में बैस टीला का अवैध उत्खनन कार्य कर, कॉलोनी का निर्माण कार्य किया जाना नियम विरूद्ध है? यदि हाँ तो उक्त कॉलोनी निर्माण कार्य के लिए दोषी अधिकारी कर्मचारियों के साथ ही कॉलोनी निर्माणकर्ता के खिलाफ पुरातत्व विभाग एवं राजस्व विभाग के नियमों के साथ ही शासन नियमों के पालन में कार्यवाही करेगा? यदि हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं, शहर विदिशा में बेस नदी के पास स्थित पुरातत्व महत्व एवं शासकीय भूमि पर कालोनी का निर्माण नहीं किया जा रहा है, अपितु प्रश्नांकित स्थल पर निजी भूमि में भूमि स्वामी एवं अन्य व्यक्तियों द्वारा अनाधिकृत रूप से कालोनी का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें पुल निर्माण हेतु अधिग्रहित भूमि में से 2000 वर्गफुट भूमि पर अनाधिकृत कालोनी निर्माण कर्ताओं द्वारा सड़क निर्माण कर अतिक्रमण किया गया है, जिसका प्रकरण तहसीलदार विदिशा के कार्यालय में प्रचलित है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। प्रश्नांकित कालोनी निर्माण के लिए अधिकारी कर्मचारी दोषी नहीं है, अनाधिकृत कालोनी निर्माण का संज्ञान होने पर नगरपालिका के अधिकारियों द्वारा संबंधित कालोनी निर्माणकर्ताओं के विरूद्ध म.प्र. नगरपालिका अधिनियम 1961 के प्रावधानों के तहत कार्यवाही हेतु तत्काल सूचना पत्र जारी किये गये है। नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है, समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पुलिस आरक्षकों का ग्रेड पे
[गृह]
11. ( क्र. 46 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के पुलिस विभाग में वर्तमान में कितने आरक्षक कार्यरत हैं? शासन के किस नियम के तहत इन्हें वेतन प्रदाय किया जाता है? (ख) पुलिसकर्मी आरक्षकों का ग्रेड पे कितना है? यह कब निर्धारित किया गया था एवं निर्धारण के दौरान यह कितना था? इसे कब-कब कितना-कितना बढ़ाया गया? (ग) विगत 3 वर्षों में आरक्षकों के प्रदाय ग्रेड पे को बढ़ाने की मांग पत्रों के माध्यम से किन-किन माननीय सदस्यों द्वारा की गई है? शासन द्वारा इस मांग पर क्या कार्यवाही की जा रही है? (घ) आरक्षकों का ग्रेड पे कब तक एवं कितना बढ़ाया जाएगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रदेश में वर्तमान में 63124 आरक्षक कार्यरत है। म.प्र. मूलभूत नियम 22 के तहत वेतन प्रदाय किया जाता है। (ख) आरक्षक का छटवें वेतनपुनरीक्षण में रू. 5200-20200 ग्रेड-पे 1900 निर्धारित था तथा वर्तमान में सातवें वेतनमान में रू. 19500-62000 निर्धारित किया गया है तथा ग्रेड-पे का उल्लेख नहीं किया गया है। (ग) विगत 3 वर्षों में आरक्षकों के प्रदाय ग्रेड पे बढ़ाने की मांग पत्रों के माध्यम से निम्न माननीय सदस्य श्री मनोज चावला, श्री विजय रेवनाथ चोरे, श्री नीलेश पुसाराम उइके, श्री नारायण त्रिपाठी, श्री उमंग सिंघार, श्री महेश कुमार परमार, श्री राम दांगोरे, कु. विक्रम सिंह नातीराजा, श्री विक्रम सिंह, ठा. सुरेन्द्र सिंह ठाकुर, द्वारा की गई है। उक्त पत्रों पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) भविष्य में ग्रेड-पे कब तथा कितनी बढ़ाई जावेगी बताया जाना संभव नहीं है।
खेल अधिकारी द्वारा जिले में खरीदी गई सामग्री
[खेल और युवा कल्याण]
12. ( क्र. 52 ) श्री मनोज चावला : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या रतलाम जिले में जिला खेल अधिकारी या आहरण एवं संवितरण अधिकारी स्वयं के नाम से या अधीनस्थ कर्मचारियों के नाम से भुगतान हेतु चेक काट सकता है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अधिकारी द्वारा 1 अप्रैल 2016 से प्रश्न दिनांक तक भुगतान हेतु कितने चेक किस-किस के नाम पर काटे गए हैं? वर्षवार, माहवार सूची उपलब्ध कराएं। (ग) क्या जिला खेल अधिकारी, आहरण वितरण अधिकारी, नियंत्रणकर्ता अधिकारी, जैसे मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, पुलिस अधीक्षक, कलेक्टर की बगैर अनुमति के लाखों रुपए की खरीदी एवं वित्तीय कार्य कर सकता है? यदि हाँ तो ली गई अनुमतियों की छायाप्रति उपलब्ध कराएं। (घ) 1 अप्रैल 2016 से प्रश्न दिनांक तक रतलाम जिले में कितने खरीदी एवं वित्तीय कार्य किए गए हैं? वर्षवार, माहवार जानकारी उपलब्ध कराएं। (ड.) जिले को मध्य प्रदेश खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा 1 अप्रैल 2016 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी खेल सामग्री प्रदाय की गई है? यह सामग्री किन-किन जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों की अनुशंसा पर जिले के किन-किन खेल संगठनों और संस्थाओं को प्रदाय की गई है? सूची उपलब्ध कराएं।
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मण्डी शुल्क संबंधी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
13. ( क्र. 57 ) श्री तरूण भनोत : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के बाहर आयातित दलहन पर किस दिनांक से प्रसंस्करणकर्ता को मंडी शुल्क से छूट थी? छूट दिनांक से प्रश्न दिनांक तक किस-किस दाल मिल पर निराश्रित शुल्क बकाया है? ब्याज सहित पढ़ने योग्य स्पष्ट सूची पृथक-पृथक मिलवार उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) की बकाया निराश्रित शुल्क वसूल न कर कलेक्टर कटनी ने लोकहित में बकाया राशि माफ करने हेतु प्रमुख सचिव म.प्र. शासन सामाजिक कल्याण तथा नि:शक्तजन विभाग को पत्र क्रमांक 3211 दिनांक 20.02.2019 को लिखा है? (ग) यदि हाँ, तो उक्त पत्र की प्रति उपलब्ध करावें तथा अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई पत्राचार एवं नोटशीट की प्रति दें। कलेक्टर कटनी ने इतनी बड़ी राशि की वसूली न करने हेतु लोकहित की आड़ में गरीबों, निराश्रितों के हक की राशि माफ करने हेतु पत्र क्यों लिखा, इसकी जांच कराकर नियमानुसार दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हां, तो कब तक? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव किसान कल्याण तथा कृषि विकास एवं लोकायुक्त महोदय को दिनांक 09.11.2020 को पत्र लिखा था? यदि हाँ, तो उक्त पत्र के परिप्रेक्ष्य में मंडी बोर्ड भोपाल एवं शासन को जो शिकायतें प्राप्त हुई हैं उन पर अब तक क्या कार्यवाही की गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) प्रदेश के बाहर आयतित दलहन पर दिनांक 21/09/1998 से मंडी शुल्क से छूट थी। प्रसंस्करणकर्ता पर बकाया निराश्रित शुल्क की सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) पत्र की प्रति एवं नोटशीट की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। शेष अंश म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड से संबंधित नहीं है। (घ) दिनांक 09/11/2020 का पत्र म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड को पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। शेष प्रशन उद्भूत नहीं होता है।
प्रधानमंत्री आवास योजना का क्रियान्वयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
14. ( क्र. 72 ) श्री रामपाल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले की नगर पालिकाओं एवं नगर परिषदों में प्रश्न दिनांक तक प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत कितने आवास स्वीकृत किये गये? निकायवार संख्या बतायें। (ख) रायसेन जिले के नगरीय क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत किन-किन को द्वितीय एवं अंतिम किश्त का भुगतान क्यों नहीं किया गया? इसके लिए कौन-कौन दोषी है? कब तक किश्तों का भुगतान किया जायेगा? (ग) रायसेन जिले के नगरीय क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत प्रश्न दिनांक की स्थिति में कितने पात्र हितग्राही हैं जिनके अभी आवास स्वीकृत नहीं हुए? उनके आवास कब तक स्वीकृत होंगे? (घ) रायसेन जिले के नगरीय क्षेत्रों में 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) की सूची में से किन-किन के नाम क्यों एवं किसने काटे? जिन पात्र हितग्राहियों के नाम काट दिये गये हैं उनके नाम पुन: कब तक जोड़े जायेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) रायसेन जिले की नगर पालिकाओं/नगर परिषदों की प्रश्नाधीन अवधियों में स्वीकृत आवासों की निकायवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) रायसेन जिले के नगरीय निकायों में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के द्वितीय एवं अंतिम किश्त का भुगतान नहीं किये जाने वाले हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ'-1 अनुसार है। योजनांतर्गत द्वितीय किश्त का भुगतान भारत सरकार से राशि प्राप्त होने पर एवं हितग्राही द्वारा लिंटल स्तर तक की भौतिक प्रगति की जिओ-टैगिंग का सत्यापन उपरांत किया जाता है। अंतिम किश्त का भुगतान छत स्तर पूर्ण होने पर डी.पी.आर. की 90 प्रतिशत आवास पूर्ण करने के उपरांत राशि की उपलब्धता अनुसार किया जाता है। योजनांतर्गत भारत सरकार से प्राप्त द्वितीय किश्त की संपूर्ण राशि संबंधित निकायों को अंतरित की जा चुकी है। शासन स्तर पर द्वितीय किश्त की कोई भी राशि रायसेन जिले की निकायों को दिया जाना शेष नहीं है। योजनांतर्गत भारत सरकार से तृतीय किश्त की कोई भी राशि प्राप्त नहीं हुई है। (ग) रायसेन जिले के नगरीय निकायों में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में पात्र हितग्राहियों की कोई परियोजना कलेक्टर अनुमोदन उपरांत शासन में स्वीकृति हेतु शेष नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) रायसेन जिले के नगरीय क्षेत्रों में प्रश्नाधीन अवधि में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) की सूची में से काटे गये हितग्राहियों की जानकारी एवं कारण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
मुख्यमंत्री कृषक जीवन कल्याण योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
15. ( क्र. 73 ) श्री रामपाल सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिसम्बर 2020 की स्थिति में भोपाल संभाग के जिलों में मुख्यमंत्री कृषक जीवन कल्याण योजना के अंतर्गत कितने आवेदन पत्र किस स्तर पर कब से एवं क्यों लंबित हैं प्रकरणों के निराकरण हेतु विभाग द्वारा क्या कोई समय सीमा निर्धारित की गई है? (ख) लंबित प्रकरणों का कब तक निराकरण होगा? विलंब के लिये कौन-कौन अधिकारी जवाबदार है? (ग) प्रकरण स्वीकृति उपरांत राशि भुगतान के संबंध में क्या-क्या निर्देश हैं? उनकी प्रति दें। (घ) राशि भुगतान के लिये किन-किन के प्रकरण कब से किस स्तर पर क्यों लंबित हैं? कब तक राशि का भुगतान होगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में भोपाल संभाग के अंतर्गत मुख्यमंत्री कृषक जीवन कल्याण योजना के अंतर्गत राशि भुगतान के लिए 09 प्रकरण संबंधित जिला कलेक्टर कार्यालय में बजट के अभाव में लंबित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। म.प्र.शासन किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा जारी परिपत्र क्रमांक/डी-15-7/15/14-3 दिनांक 01.04.2015 अनुसार योजना के नियम/प्रावधान के अंतर्गत हितग्राहियों से प्राप्त आवेदन को स्वीकृत कर भुगतान करने के पूर्ण अधिकार जिला कलेक्टर को प्रदत्त होने से प्राप्त प्रकरणों को 07 दिवस की समय-सीमा में जांच उपरांत स्वीकृत करने एवं 15 दिवस की समयावधि में हितग्राही को सहायता राशि भुगतान किये जाने का प्रावधान स्थापित किया गया है। (ख) जानकारी एकत्र की जा रही है। (ग) योजना अंतर्गत प्राप्त प्रकरणों को 07 दिवस की समय-सीमा में जांच उपरांत स्वीकृत करने एवं 15 दिवस की समयावधि में संबंधित हितग्राही को सहायता राशि भुगतान किये जाने के निर्देश है। परिपत्र की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जानकारी एकत्र की जा रही है।
आई.एच.एच.डी.पी. योजना अंतर्गत निर्मित आवास
[नगरीय विकास एवं आवास]
16. ( क्र. 84 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले के नगर पालिका निगम कटनी में प्रश्न दिनांक तक आई.एच.एच.डी.पी. योजनांतर्गत कितने टेंडर कब-कब किये गये? कितने कार्य किस दिनांक को पूर्ण हुए? पूर्ण हुए कार्यों का पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी किए गए? यदि नहीं, तो क्या कारण है? क्या पूर्ण हुए कार्यों के प्रस्तुत देयकों के अंतिम भुगतान हो गए हैं? पृथक-पृथक विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) के जो कार्य पूर्ण नहीं हुए उनके अंतिम देयक कब प्राप्त हुए? शेष बाकी कार्यों को पूर्ण करने के लिए निविदा कब-कब बुलाई गई? जिन निविदाकारों द्वारा कार्य पूर्ण नहीं किया, उन निविदाकारों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? संबंधित पत्रों की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) की योजना के तहत जो भवन पूर्ण बने हैं, उनमें से कितने भवन आवंटित कर दिए गए एवं कितने शेष बचे हैं इसके लिए कौन उत्तरदायी हैं? उक्त योजना का नोडल अधिकारी कौन है? उसके कर्तव्य एवं दायित्व क्या है? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या कोई शिकायत विगत माह नवम्बर 2020 में प्राप्त हुई है? यदि हाँ तो उस पर क्या कार्यवाही की गई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम, कटनी द्वारा आई.एच.एस.डी.पी. योजनांतर्गत समय-समय पर 40 बार निविदायें आमंत्रित की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। कार्य पूर्ण होने एवं पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी करने एवं भुगतान का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ख) योजनांतर्गत अपूर्ण कार्यों के अंतिम देयकों के संबंध में विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। शेष अपूर्ण कार्यों को पूर्ण करने हेतु रिस्क एण्ड कास्ट के आधार पर निविदायें आमंत्रित दिनांक 27.08.2016, 27.09.2016, 09.11.2016, 07.12.2016, 19.01.2017, 27.04.2017, 27.05.2017, 18.08.2017 एवं 24.10.2017 को आमंत्रित की गई एवं निविदायें स्वीकृति उपरांत कार्य प्रारंभ कराये गये, जो प्रगति पर हैं। योजनांतर्गत जिन निर्माण एजेंसियों द्वारा कार्य पूर्ण नहीं किये गये है, उन्हें समय-समय पर नोटिस जारी किये गये है, इसके उपरांत भी जिन निर्माण एजेंसियों द्वारा कार्य पूर्ण नहीं किया गया, उनका ठेका अनुबंध के प्रावधान अनुसार निरस्त करते हुए जमा राशियां राजसात की गई। निर्माण एजेंसियों को जारी किये गये पत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। (ग) योजनांतर्गत 965 पूर्ण निर्मित भवनों का आवंटन किया गया है, जिसमें से 534 हितग्राहियों द्वारा भवनों का कब्जा प्राप्त नहीं किया गया है, जिसके कारण शेष 431 भवनों के आवंटन हेतु मेयर-इन-काउंसिल के प्रस्ताव क्रमांक 13, दिनांक 10.06.2019 द्वारा दी गई स्वीकृति अनुसार हितग्राहियों से पुनः आवेदन पत्र आमंत्रित किये गये है। प्राप्त आवेदनों के दस्तावेजों का परीक्षण/सत्यापन कराया गया है। योजना की गाईड लाईन के प्रावधान अनुसार सूची के अनुमोदन की कार्यवाही की जा रही है। कार्यवाही प्रचलित है, अतः दोषी का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। वर्तमान में नगर निगम कटनी में इस योजना के नोडल अधिकारी श्री सुनील सिंह, उपयंत्री हैं। नोडल अधिकारी को योजना का क्रियान्वयन आयुक्त नगर पालिक निगम कटनी के निर्देशन में करना है। (घ) प्रश्नांश के संबंध में शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।
कलेक्टरेट सतना का ऑडिट
[विधि और विधायी कार्य]
17. ( क्र. 88 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013 एवं 2018 में संपन्न हुए विधान सभा निर्वाचन एवं 2014 तथा 2019 में संपन्न हुए लोकसभा निर्वाचन में सतना जिले में किन-किन मदों में कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई एवं कितनी राशि खर्च की गई? मदवार आय-व्यय का विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या आय-व्यय लेखे की ऑडिट कराई गई? यदि हाँ तो किस विभाग द्वारा कराई गई? साथ ही यदि ऑडिट टीम द्वारा यदि कोई आपत्ति की गई हो तो उसको भी बतायें एवं उन आपत्तियों पर की गई कार्यवाही को भी बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में क्या ऑडिट टीम द्वारा किसी कर्मचारी को दोषी बनाया गया है? यदि हाँ तो क्या उस कर्मचारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? अगर नहीं की गई तो कब तक कार्यवाही की जायेगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जॉच प्रतिवेदनों में दोषी पाये जाने पर कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
18. ( क्र. 97 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या परियोजना अधिकारी जिला पंचायत रायसेन ने दिनांक 06 जुलाई 2018 को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रायसेन को ग्राम पंचायत जामगढ़ जनपद पंचायत बाड़ी का जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया था? यदि हाँ तो उक्त प्रतिवदेन की एक प्रति उपलब्ध कराते हुए बतायें कि उसमें कौन-कौन कर्मचारी किस-किस मामले में दोषी पाये गये थे? नाम व पदनाम सहित किस पर क्या-क्या आरोप है, सहित जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत क्या उक्त कर्मचारियों के खिलाफ पूर्व में भी जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया था? यदि हाँ तो उक्त कर्मचारियों पर क्या-क्या आरोप सही पाये गये थे और उनके खिलाफ क्या-क्या कार्यवाही हुई थी? यदि नहीं, हुई तो क्यों नहीं हुई? नियम बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) के तहत प्रश्न दिनांक तक उक्त कर्मचारियों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, की गई है तो क्यों? नियम बतायें। क्या अब की जायेगी? यदि हाँ तो क्या और कब तक? (घ) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत ग्राम रोजगार सहायक की बार-बार गंभीर शिकायतें मिलने और उसके द्वारा की जा रही गंभीर आर्थिक अनियमितताओं के बाद भी उसकी सेवायें प्रश्न दिनांक तक समाप्त क्यों नहीं की गयी? क्या अब की जावेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? नियम बतायें।
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी हाँ। जांच प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। जांच प्रतिवेदन अनुसार दोषी पाये गये कर्मचारी एवं उनके आरोपो के विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। उक्त कर्मचारियों के खिलाफ पूर्व में जनपद पंचायत स्तर से जांच की गई थी। जांच रिपोर्ट के अनुसार पाये गये आरोपों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। आरोपितों के द्वारा समक्ष में जिला पंचायत के स्तर से पुन: जांच कराये जाने के अनुरोध के कारण तत्समय कार्यवाही नहीं की गई। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रश्न दिनांक तक उक्त कर्मचारियों पर की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' के कॉलम 06 अनुसार है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) जिला पंचायत रायसेन के पत्र आदेश क्रमांक 4821//शिकायत/जि.प./रायसेन दिनांक 13/11/2019 से तीन सदस्यीय दल गठन कर मौके स्थल पर जांच करायी गई। जांच प्रतिवेदन अनुसार आरोप निराधार पाये जाने से रोजगार सहायक की सेवाऐं समाप्त नहीं की गई। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
आवेदनों का सत्यापन
[गृह]
19. ( क्र. 98 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन के गृह विभाग एवं पुलिस मुख्यालय जहांगीराबाद के प्रायवेट सिक्यूरिटी रेगुलेटिंग एथॉरिटी (पी.एस.आर.ए.) को 20 अक्टूबर 2020 से प्रश्न तिथि तक किस-किस नाम एवं पते वाली फर्मों/ कंपनियों के आवेदन पत्र प्रश्नतिथि तक दिनांकवार प्राप्त हुये? फर्मवार/कंपनीवार/दिनांकवार जानकारी व सूची दें। (ख) पुलिस मुख्यालय भोपाल से आवेदनकर्ताओं के आवेदन किस नाम/ पदनाम के द्वारा किन-किन दिनांकों को वल्लभ भवन स्थित गृह मंत्रालय को भेजा गया? प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार दिनांकवार/फर्मवार/कंपनीवार सूची दें। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार प्राप्त आवेदनों में से किस-किस नाम के आवेदनकर्ता के आवेदन प्रश्नतिथि तक मुख्यालय में लंबित हैं? प्रकरणवार कारण दें। (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार उक्त आवेदनों को गृह विभाग से जिला मुख्यालयों पर सत्यापन करने किस-किस को भेजा गया? किस-किस के आवेदन वल्लभ भवन में लंबित हैं? सूची दें। आवेदनों को जानबूझकर लंबित रखने के कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? नाम/पदनाम दें? राज्य शासन उन कब व क्या कार्यवाही करेगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क), (ख) एवं (ग) कुल 47 आवेदन प्राप्त हुए। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। किसी भी आवेदन को जानबूझकर लंबित नहीं रखा गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुद्रांक शुल्क का निर्धारण
[नगरीय विकास एवं आवास]
20. ( क्र. 105 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर निगम कटनी द्वारा आवंटित दुकानों के मुद्रांक शुल्क आदि के संबंध में जिला पंजीयक कटनी को दिनांक 09.03.2016 से लिखा जाकर प्रथम चरण में दुकानों की नस्तियां परीक्षण हेतु दिनांक 14.01.2016 को भेजी जाकर मुद्रांक शुल्क निर्धारण किया जाकर अंतिम प्रतिवेदन प्राप्त होने के बाद दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही किया जाना था? यदि हाँ तो क्या कार्यवाही पूर्ण हो गयी यदि नहीं, तो चार वर्ष व्यतीत होने के बाद भी प्रतिवेदन न देने वाले एवं मुद्रांक शुल्क की क्षति पहुंचाने के लिए कौन उत्तरदायी है? (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा 1407 दुकानों के मुद्रांक पंजीयन शुल्क की शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाने हेतु कलेक्टर/प्रशासक नगर पालिक निगम कटनी को दिनांक14.10.2020 लिखकर पावती दिनांक 15.10.2020 को प्राप्त किया, जिसकी प्रतिलिपि जिला पंजीयन मुद्रांक प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं प्रमुख सचिव वाणिज्य कर को भेजी जाकर कार्यवाही हेतु लिखा था, उक्त पत्र पर क्या कार्यवाही की गई तथा कार्यवाही संबंधी दस्तावेज उपलब्ध करावें। (ग) दिनांक 30.07.2020 को आयुक्त नगर पालिक निगम कटनी को चन्द्रशेखर अग्निहोत्री (राजगुरू) कटनी ने प्रियदर्शनी बस स्टैण्ड की दुकानों को सिकमी किराए से चलने के संबंध में शिकायत की जाकर जाँच करने का आग्रह किया था? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, की गई तो अब तक कार्यवाही न करने के लिए दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी तथा मुद्रांक शुल्क की शासन को कितनी आर्थिक क्षति हुई? आंकलन कर दोषियों/संबंधितों से कब तक वसूल कर जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्राधिकृत अधिकारी (बाजार) नगर पालिक निगम, कटनी द्वारा पत्र क्रमांक 7787 दिनांक 09.03.2016 से जिला पंजीयक, कटनी को नगर निगम स्वामित्व की 37 दुकानों की सूची एवं इस कार्यालय द्वारा दिनांक 14.01.2016 को प्रेषित 81 नस्तियों का परीक्षण कर स्टाम्प ड्यूटी की निर्धारित राशि की गणना करने के संबंध में समय निर्धारण हेतु प्रेषित किया गया। नगर पालिक निगम, कटनी द्वारा प्रेषित पत्रों के परिप्रेक्ष्य में न्यायालय, कलेक्टर ऑफ-स्टाम्प, कटनी से समय-समय पर मुद्रांक शुल्क व पंजीयन शुल्क की गणना आदेश प्राप्त होने पर अब तक 98 दुकानों के अनुबंध पंजीयन कराते हुये निर्धारित प्रभार्य की राशि शासकीय कोष में जमा कराई गई है, यह कार्यवाही निरंतर जारी है। वर्ष 2016 से वर्तमान तक पदस्थ रहे सभी प्रभारी अधिकारी बाजार शाखा को मुद्रांक व पंजीयन शुल्क की राशि जमा नहीं कराने के संबंध में स्पष्टीकरण चाहे गये है। संबंधित अधिकारियों के जवाब प्राप्त होने पर जांच कराकर गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी। (ख) माननीय विधायक महोदय के पत्र क्रमांक 776 दिनांक 14.10.2020 जो कलेक्टर/प्रशासक महोदय, नगर पालिक निगम, कटनी को मूलतः संबोधित है कि प्रति आयुक्त नगर निगम कटनी को प्राप्त होने पर वस्तुस्थिति की जानकारी कार्यालय के पत्र क्रमांक 726ए, दिनांक 11.12.2020 से माननीय विधायक को प्रेषित की गई है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। शिकायती पत्र दिनांक 30.07.2020 के अनुसार वस्तुस्थिति की जांच हेतु आयुक्त नगर पालिक निगम कटनी द्वारा दुकानवार सर्वे कार्य कराया जा रहा है। (घ) नगर निगम स्वामित्व की सभी दुकानों के काबिजों को आवंटित दुकानों के अनुबंध का पंजीयन निष्पादित कर मुद्रांक शुल्क की राशि जमा करने हेतु दिनांक 11.12.2020 को पृथक-पृथक नोटिस जारी किये गये है। मुद्रांक शुल्क की गणना तदानुसार निर्धारित की जावेगी। वर्ष 2016 से वर्तमान तक पदस्थ रहे सभी प्रभारी अधिकारी बाजार शाखा को मुद्रांक व पंजीयन शुल्क की राशि जमा नहीं करने के संबंध में आयुक्त, नगर पालिक निगम कटनी द्वारा स्पष्टीकरण चाहे गये है। संबंधित अधिकारियों के जवाब प्राप्त होने पर जांच कर गुण-दोष के आधार पर आयुक्त द्वारा कार्यवाही की जावेगी।
आई.टी.आई. की स्थापना
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
21. ( क्र. 109 ) श्री
विजयराघवेन्द्र
सिंह : क्या
खेल और युवा
कल्याण
मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि (क) क्या
कटनी जिले के
आदिवासी
विकासखण्ड
मुख्यालय
बड़वारा में
आई.टी.आई. वर्ष 2011 से स्वीकृत
है तथा क्या
प्रश्नकर्ता
द्वारा तत्कालीन
तकनीकी एवं
कौशल विकास
मंत्री को
पत्र क्रमांक 110 दिनांक 30.05.2019 को
प्रस्ताव
देने पर कार्यालय
अधीक्षक
औद्योगिकी
प्रशिक्षण
संस्था कटनी, कलेक्टर
कटनी को पत्र
क्रमांक 194 दिनांक 26.04.2011 से रीठी, बड़वारा, ढ़ीमरखेड़ा
में आई.टी.आई.
खोलने हेतु
भवन की आवश्यकता
पर
मार्गदर्शन
चाहा था?
(ख)
यदि
हाँ तो उक्त
स्थानों में
आई.टी.आई.
खोलने हेतु
भवनों की व्यवस्था
कर आई.टी.आई. कब
तक प्रारंभ कर
दी जावेगी?
खेल
और युवा
कल्याण
मंत्री (
श्रीमती
यशोधरा राजे
सिंधिया ) : (क) कटनी
जिले के
आदिवासी
विकासखण्ड
मुख्यालय
बड़वारा-बरही
में शासकीय
आई.टी.आई. अगस्त
2015 से
संचालित है
एवं
ढीमरखेड़ा
(उमरिया पान)
में सत्र 2018 से
शासकीय
आई.टी.आई.
संचालित है।
वर्तमान में रीठी
में आई.टी.आई.
संचालित नहीं
है। (ख) आई.टी.आई.
बरही वर्तमान
में स्वयं के
भवन में
संचालित है
तथा आई.टी.आई.
ढीमरखेड़ा
(उमरिया पान)
में उत्कृष्ट
विद्यालय, उमरिया
पान के भवन
में संचालित
है, केवल
रीठी विकासखण्ड
में औद्योगिक
प्रशिक्षण
संस्था नहीं
है। आई.टी.आई.
खोलने की
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
जिला राजगढ़ में जय किसान योजना अंतर्गत ऋण माफी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
22. ( क्र. 121 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जय किसान ऋण माफी योजना अंतर्गत जिला राजगढ़ में किसानों का ऋण माफ हुआ है? (ख) यदि हाँ तो राजगढ़ जिले में कुल कितने किसानों का ऋण माफ हुआ है? तहसीलवार लाभांवित किसानों की संख्या तथा माफ की गई ऋण राशि का विवरण देवें। (ग) क्या उक्त योजना के ऐसे किसान हैं जिनका ऋण माफी में से नाम छूट गया है? यदि हाँ तो राजगढ़ जिले में जय किसान ऋण माफी योजना से वंचित किसानों की तहसीलवार संख्या उपलब्ध करावें। वंचित किसानों को कब तक ऋण माफी हेतु धनराशि प्राप्त हो जायेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) मध्यप्रदेश शासन किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्रालय भोपाल के आदेश दिनांक 17 दिसंबर 2018 के द्वारा पात्र पाये गये किसानों के राशि रूपये दो लाख की सीमा तक ऋण माफ करने का आदेश जारी किया गया। (ख) एवं (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मंदिरों का जीर्णोंद्धार
[अध्यात्म]
23. ( क्र. 122 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विगत दो वर्षों में खिलचीपुर विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कितने मंदिरों के जीर्णोद्धार के प्रस्ताव स्वीकृत हुए हैं एवं कितनी धनराशि स्वीकृत हुई है? यदि धनराशि आवंटित नहीं की गई है तो कब तक आवंटित की जावेगी? (ख) उपरोक्त के अतिरिक्त कितने मंदिरों के प्राक्कलन तैयार किये जा चुके हैं? इन प्राक्कलनों की स्वीकृति कब तक प्रदान की जायेगी? इस संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा किये गये पत्राचारों पर की गई कार्यवाही से अवगत करायें।
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) विगत दो वर्षों में खिलचीपुर विधानसभा अंतर्गत किसी भी मंदिर के जीर्णोद्धार प्रस्ताव स्वीकृत नहीं किया गया है। धनराशि आवंटित करने की समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) खिलचीपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 01 शासन संधारित मंदिर रातादेवी मंदिर के जीर्णोद्धार प्राक्कलन कार्यालय, जिला कलेक्टर राजगढ़ द्वारा तैयार किया गया है। जो विभाग में वर्तमान में अप्राप्त है। स्वीकृति की समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
शिकायतों पर कार्यवाही
[गृह]
24. ( क्र. 129 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एस.पी. सतना के पत्र क्र.23 दिनांक 18.07.2019, नगर पुलिस अधीक्षक के पत्र 2094 दिनांक 04.09.2017, कलेक्टर सतना के पत्र 3265 दिनांक08.11.2017,पत्र क्र.60 दिनांक 04.01.2019, कमिश्नर रीवा पत्र क्र. 415 दिनांक 02.02.2019 की प्रतियॉं दें, उन पर कब-कब क्या-क्या कार्यवाही किस-किस के द्वारा की गई? पत्रों की प्रति सहित जानकारी देवें। (ख) कलेक्टर सतना के पत्र क्र.678 दिनांक 02.03.2019 द्वारा प्रमुख सचिव खनिज को पत्र जारी किया था तथा क्र. 205 दिनांक 15.02.2019 के तहत रामस्थान के दो पटवारियों को शासकीय जमीन को खुर्द-बुर्द करने के कारण निलंबित किया, एस.डी.एम. रघुराजनगर ने नगर पुलिस अधीक्षक सतना एवं थाना प्रभारी कोलगवां को पत्र क्र.2076 दिनांक 14.06.2019 द्वारा 70 पृष्ठ संलग्न कर कार्यवाही कर 7 दिवस में प्रतिवेदन मांगा था? सभी पत्रों की एक प्रति उपलब्ध करायें। (ग) शिकायतकर्ता द्वारा शिकायत से संबंधित समस्त प्रमाण प्रस्तुत किये जाने के बाद भी कार्यवाही न करने का कारण क्या है? (घ) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) सही है तो (क) एवं (ख) में उल्लेखित पत्रों का अवलोकन पुलिस अधीक्षक सतना/अति. पुलिस महानिदेशक अपराध विभाग भोपाल में स्वयं किया है? उक्त दोनों अधिकारी पत्रों एवं जांच प्रतिवेदनों के अध्ययन पश्चात लीजधारी एवं ए.आर.टी. कंपनी प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित खनिज एवं भूमाफियों के विरूद्ध संबंधित थाने में एफ.आई.आर. कराने के निर्देश नहीं दिए जाने के कारण सहित बिन्दुवार जानकारी दें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
तकनीकी संस्थानों में ट्रेड प्रारंभ किया जाना
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
25. ( क्र. 133 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आत्मनिर्भर म.प्र. बनाने की दिशा में विभिन्न जिलों में स्थानीय रोजगार की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए उस जिले विशेष के लिए तकनीकी संस्थानों में कौन से ट्रेड प्रारंभ किये जाए. ताकि स्थानीय लोगों को ही रोजगार मिल सके? इस हेतु क्या कोई समिति बनाने पर शासन विचार करेगा? (ख) बालाघाट जिले में वन तथा खनिज संसाधनों की उपलब्धता को देखते हुए इससे संबंधित ट्रेड प्रारंभ करने पर क्या शासन विचार करेगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) मध्यप्रेदश के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में स्थानीय लोगों के रोजगार मिलने की संभावना के तहत नये ट्रेड खोले जाने की प्रक्रिया सतत् जारी रहती है। (ख) बालाघाट जिले में वन तथा खनिज संसाधनों की उपलब्धता को देखते हुए कोई निश्चित व्यवसाय डी.जी.ई.टी. की व्यवसाय सूची में नहीं है। इन उद्योगों में रोजगार मिलने वाले व्यवसाय जैसे फिटर, विद्युतकार, कारपेंटर बालाघाट जिले की औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था में संचालित है।
पर्यटन स्थल बनाए जाने संबंधी प्रस्ताव
[पर्यटन]
26. ( क्र. 134 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विषयांकित लांजी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कोटेश्वर मंदिर तथा खराड़ी जलाशय को पर्यटन स्थल बनाए जाने संबंधी क्या कोई प्रस्ताव विचाराधीन हैं? यदि हाँ तो दोनों स्थानों के लिए तैयार किये गये प्राक्कलन की जानकारी दे। (ख) उक्त दोनों स्थानों को पर्यटन स्थल बनाने हेतु स्वीकृति तथा बजट का आवंटन कब तक हो जाएगा?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) विभाग द्वारा जारी पर्यटन नीति अंतर्गत किसी स्थल को पर्यटन स्थल घोषित करने की कोई नीति नहीं है। किन्तु कोटेश्वर मंदिर तथा खराड़ी जलाश्य को विकसित किये जाने हेतु राशि रूपये 265.11 लाख का प्राक्कलन तैयार किया गया है। (ख) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
इंदौर मेट्रो परियोजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
27. ( क्र. 136 ) श्री विशाल जगदीश पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर मेट्रो परियोजना का कार्य कब से प्रारंभ है और कब तक पूर्ण होगा? (ख) वर्तमान मेट्रो परियोजना का कार्य कितने फ़ीसदी हो चुका है? (ग) वर्तमान मेट्रो परियोजना का कार्य बंद है या चालू? अगर बंद है तो क्या कारण है एवं कब तक प्रारंभ होगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) इंदौर मेट्रो रेल परियोजना का कार्य वर्ष 2018-19 से प्रचलन में है और परियोजना का कार्य समय सीमा में पूर्ण होना संभावित है। (ख) वर्तमान में केवल प्रथम सिविल पेकैज (viaduct) का कार्य आवंटित किया गया है जो लगभग 7 फीसदी हो चुका है। (ग) वर्तमान में परियोजना का कार्य प्रगति पर है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रधानमंत्री आवास योजना के कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
28. ( क्र. 137 ) श्री विशाल जगदीश पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर शहर में संचालित विभिन्न आवास योजनाओं की कुल प्रोजेक्ट यूनिट कितनी है? योजनावार जानकारी देंl (ख) वर्तमान में योजना में कुल कितने प्रोजेक्ट यूनिट पर कार्य चल रहा है और कब तक पूर्ण होगा? (ग) इंदौर शहर में प्रधानमंत्री आवास योजना में कुल कितनी प्रोजेक्ट यूनिट बनाई जानी है? वर्तमान में कितनी पूर्ण हैं, शेष कितनी है एवं अप्रारंभ कितनी है? शेष एवं अप्रारंभ का क्या कारण है? प्रोजेक्ट पूर्ण होने की समयावधि क्या है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) इंदौर शहर में संचालित विभिन्न आवास योजनाओं की कुल 26,650 प्रोजेक्ट यूनिट है। योजनावार जानकारी निम्नानुसार हैः- 1- प्रधानमंत्री आवास योजना - 25,570 2- राजीव आवास योजना (निर्माणधीन) - 1,080 कुल संख्या –26,650 (ख) वर्तमान में योजनांतर्गत कुल 16,394 यूनिट्स पर कार्य चल रहा है, जिसे वर्ष-2022 तक पूर्ण किया जाना प्रस्तावित है। (ग) इन्दौर शहर में प्रधानमंत्री आवास योजनान्तर्गत कुल 25,570 आवासीय इकाइयां बनाई जानी है, जिनमें से 15,314 आवासीय इकाइयों का निर्माण कार्य चल रहा है तथा 10,256 आवासीय इकाइयां वर्तमान तक अप्रारंभ है, कोई भी आवासीय इकाई प्रश्न दिनांक की स्थिति में पूर्ण नहीं है। आवासीय इकाइयों के शेष एवं अप्रारंभ रहने का कारण भूमि आवंटन की प्रक्रिया, प्रस्तावित निर्माण स्थलों पर अधिवासित बस्तियों के व्यवस्थापन में लगने वाला समय एवं कोविड-19 संक्रमण के दृष्टिगत इंदौर शहर में लागू लाक-डाऊन है। प्रोजेक्ट पूर्ण होने की प्रस्तावित समयावधि वर्ष-2022 तक है।
पंचायतों के निर्माण कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
29. ( क्र. 142 ) श्री धरमू सिंग सिरसाम : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में ग्राम पंचायतों द्वारा किए जाने वाले निर्माण कार्यों, ग्रामीण विकास से संबंधित निर्माण कार्यों एवं गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वालों के लिए स्वीकृत निर्माण कार्यों में लगने वाले गौण खनिज के संबंध में क्या-क्या प्रावधान वर्तमान में प्रचलित हैं? आदेश, निर्देश पत्र, परिपत्र की प्रति सहित बतायें। (ख) गत तीन वर्षों में जिला पंचायत बैतूल द्वारा स्वीकृत कितनी लागत के किस-किस निर्माण कार्य में लगने वाले गौण खनिज के खनन की तहसीलदार से अनुमति ली जाकर परिवहन की खनिज विभाग से अनुमति ली गई? (ग) गौण खनिज के खनन की अनुमति नहीं लिए जाने, परिवहन की अनुमति नहीं लिए जाने से संबंधित विषय पर श्री राजेश ओझा, शंकर नगर, भग्गेढाना, बैतूल का गत जनवरी 2020 से प्रश्नांकित दिनांक तक जिला प्रचायत एवं जनपद पंचायत को किस दिनांक को पत्र प्राप्त हुआ? उस पर जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत ने किस दिनांक को क्या कार्यवाही की? यदि नहीं, की तो कारण बतावें। कब तक की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) कार्यालय कलेक्टर (खनिज शाखा) बैतूल के पत्र क्रमांक 1851 दिनांक 15.12.2020 से प्राप्त जानकारी अनुसार गत 3 वर्षों में जिला पंचायत बैतूल को स्वीकृत निर्माण कार्य में लगने वाले गौण खनिज के परिवहन की अनुमति उनके द्वारा जारी नहीं की है, नियमों में जिला पंचायत को गौण खनिज के परिवहन की अनुमति खनिज विभाग से लिये जाने के प्रावधान नहीं है, मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 के नियम 3.छूट (तीन) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
रिक्त पदों की पूर्ति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
30. ( क्र. 153 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिसम्बर 2020 की स्थिति में रायसेन जिले की किन-किन ग्रामपंचायतों में पंचायत सचिव के पद कब से एवं क्यों रिक्त हैं? उक्त रिक्त पदों की पूर्ति हेतु विभाग के अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) रायसेन जिले की किन-किन ग्रामपंचायतों में रोजगार सहायक के पद कब से एवं क्यों रिक्त हैं? रोजगार सहायक पदस्थ न होने की स्थिति में उक्त ग्रामपंचायतों में रोजगार सहायक का कार्य कौन कर रहा है? (ग) ग्राम पंचायत सचिव एवं रोजगार सहायक के रिक्त पदों की पूर्ति तथा भर्ती के संबंध में विगत 5 वर्षों में मान. मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को रायसेन जिले के किन-किन विधायकों के पत्र कब-कब प्राप्त हुए? (घ) उक्त पत्रों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई तथा की गई कार्यवाही से संबंधित विधायकों को कब-कब अवगत कराया गया? यदि नहीं, तो क्यों? कब तब अवगत करायेंगे?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। राज्य सरकार द्वारा निर्णय लिया गया है कि अन्य निर्देशों तक ग्राम पंचायत सचिवों की नयी नियुक्तियां नहीं की जावे। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। रोजगार सहायक पदस्थ न होने की स्थिति में रोजगार सहायक का कार्य संबंधित ग्राम पंचायत सचिवों द्वारा संपादित किया जा रहा है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। (घ) ग्राम पंचायत सचिवों की नयी नियुक्तियों के संबंध में स्थिति उत्तरांश ''क'' अनुसार है, ग्राम रोजगार सहायकों की भर्ती हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
31. ( क्र. 154 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत किन-किन ग्रेवल मार्गों पर डामरीकरण का कार्य किया गया? इनके चयन का आधार क्या है? (ख) रायसेन जिले में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत निर्मित किन-किन ग्रेवल मार्गों पर डामरीकरण का कार्य नहीं करवाया जा रहा है तथा क्यों? सड़कवार कारण बतायें। (ग) दिसम्बर 2020 की स्थिति में रायसेन जिले में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत स्वीकृत किन-किन सड़कों का कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ है? सड़कवार कारण बतायें। उक्त कार्य कब तक पूर्ण होगी? (घ) मान. मंत्री जी को प्रश्न में उल्लेखित समस्याओं के निराकरण हेतु 1 जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में रायसेन जिले के किन-किन विधायकों के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? पूर्ण विवरण दें।
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-(अ) अनुसार है। ग्रेवल मार्गों के चयन हेतु वर्ष 2001 की जनगणना अनुसार 150 से अधिक आबादी के लक्ष्य ग्रामों को जोड़ना, जिनमें मार्ग वन क्षेत्र प्रभावित न हो, चयन का आधार रखा गया। (ख) रायसेन जिले में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत निर्मित मार्गों में से 56 मार्गों पर डामरीकरण का कार्य वन क्षेत्र, निजी भूमि विवाद तथा 150 से जनसंख्या कम होने के कारण नहीं हुआ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-(ब) अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-(स) अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-(द) अनुसार है।
जांच रिपोर्ट को नस्तीबद्ध किया जाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
32. ( क्र. 161 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कलेक्टर जिला पंचायत शाजापुर तथा जिला शिक्षा अधिकारी शाजापुर को सुभाष चन्द्र शर्मा द्वारा अभ्यावेदन दिनांक 01.02.2020 को प्रदान किया गया था उस अभ्यावेदन पर तथा संलग्न साक्ष्यों के आधार पर अभी तक कार्यवाही कर जिला शिक्षा अधिकारी शाजापुर की जांच रिपोर्ट क्र. 142 दिनांक 30.05.2019 को अभी तक विकास आयुक्त द्वारा मान्य नहीं करने पर नस्तीबद्ध क्यों नहीं की गई? (ख) विकास आयुक्त को प्रश्नकर्ता के पत्र क्र. 10304 दिनांक 02.11.2020 तथा सुभाषचन्द्र शर्मा के अभ्यावेदन दिनांक 02.11.2020 के उल्लेखित बिन्दु क्र. 1 से 8 तक में अभी तक क्या कार्यवाही की गई? कलेक्टर, जिला पंचायत राजगढ़ को प्रदान किये गये अभ्यावेदन दिनांक 09.11.2020 को प्रदान करने के पश्चात अभी तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) मान. उच्च न्यायालय इंदौर के पारित निर्णय दिनांक 11.12.2018 एवं 08.07.2019 में सभी आरोपों को खारिज करने तथा प्रकरण क्र. WP-2017/2020 के निर्णय 18.02.2020 का पालन करते हुए जिला शिक्षा अधिकारी शाजापुर की जांच रिपोर्ट क्र. 142 दिनांक 30.05.2019 में नियुक्ति वर्ष 2006-07 का कोई उल्लेख नहीं होने पर अभी तक नस्तीबद्ध क्यों नहीं की है? (घ) कलेक्टर राजगढ़ द्वारा गंभीर कदाचरण की दोषी बबीता मिश्रा के विरूद्ध अभी तक अनुशासनात्मक कार्यवाही क्यों नहीं की गई है, उसके विरूद्ध कब कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी हाँ। प्राप्त अभ्यावेदन पर कार्यवाही नीतिगत विषय होने के कारण आयुक्त लोक शिक्षण म.प्र. संचालनालय में प्रचलित है (मु.का.अ. जिला पंचायत शाजापुर द्वारा पत्र क्र. 5020 दि. 18.12.2020 से प्रेषित है) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विकास आयुक्त कार्यालय के प्राप्त प्रश्नगत अभ्यावेदन कार्यालयीन पत्र क्र. 10678 दि. 10.11.2020 से आयुक्त, लोक शिक्षण संचालनालय म.प्र. भोपाल को प्रेषित किया गया है। (अभ्यावेदन में नीतिगत विषय होने के कारण निर्णय लिए जाने का क्षेत्राधिकार लोक शिक्षण विभाग को है।) (ग) उत्तरांश 'ख' अनुसार है। (घ) जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट क्र. 142 दि. 30.05.2019 पर लोक शिक्षण संचालनालय स्तर से कार्यवाही प्रचलन में है।
कोविड -19 महामारी में व्यय राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
33. ( क्र. 166 ) श्री अनिल जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निवाड़ी जिला अन्तर्गत दिनांक 1 अप्रैल 2020 से प्रश्न दिनांक तक कोरोना संक्रमण की रोकथाम एवं उसके प्रचार-प्रसार के लिये संबंधित विभाग द्वारा कितनी राशि किन-किन कार्यों के लिये व्यय की गई है? निवाड़ी जिला के संदर्भ में नगर परिषद क्षेत्रवार कार्य का नाम राशि सहित बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त कार्यों के लिये क्या टेण्डर प्रक्रिया अपनाई गई? यदि हां, तो विवरण उपरोक्तानुसार कार्य का नाम लागत राशि सहित नगर परिषद क्षेत्रवार बतावें। (ग) उपरोक्तानुसार कितनी राशि का भुगतान किन फर्मों/व्यक्तियों को किया गया? फर्म/व्यक्ति नाम सहित नगर परिषद क्षेत्रवार जानकारी दें तथा लंबित भुगतान की जानकारी सत्यापनकर्ता अधिकारी के नाम सहित बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
ऐतिहासिक भवनों का संरक्षण
[संस्कृति]
34. ( क्र. 167 ) श्री अनिल जैन : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) निवाड़ी जिले के अन्तर्गत कितने महल, किले एवं अन्य कितने संरक्षित भवन हैं? नामवार व स्थानवार बताया जावे। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उपरोक्त महल, किले एवं अन्य संरक्षित भवनों पर कितना व्यय जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक किया गया तथा यह भी बताया जावे कि उक्त कार्य किस एजेन्सी/फर्म के द्वारा किया गया? संरक्षित भवनवार, कार्यवार, राशिवार एवं एजेन्सी/फर्म वार एवं सत्यापनकर्ता के नाम की जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ग) क्या संरक्षित भवनों में कराये गये कार्य पूर्ण हो चुके हैं? यदि नहीं, तो कार्य अपूर्ण रहने का कारण बताते हुये यह भी बतायें कि यह कार्य कब तक पूर्ण कर लिये जायेंगे?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) निवाड़ी जिले के अंतर्गत 52 राज्य संरक्षित स्मारक है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकाल में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार निवाड़ी जिले में 03 स्मारकों के अनुरक्षण एवं विकास कार्य प्रक्रियाधीन है। कार्य की प्रकृति को देखते हुए निश्चित तिथि बताई जाना संभव नहीं है।
शासकीय आवासों का आवंटन
[गृह]
35. ( क्र. 168 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुनीनगर उज्जैन में एल.आई.जी. एवं ई.डब्ल्यू.एस. टाईप के शासकीय आवास कर्मचारियों को आवंटित हैं? यदि हाँ तो क्या उक्त आवास पत्र क्रमांक 1-122/90/दो-ए (3) गृह आवंटन समिति के द्वारा निवास स्थान आवंटन के लिए बनाये गये नियम अधिकारियों/कर्मचारियों की आवास गृहों की पात्रता के विद्यमान परिशिष्ट-1 के स्थान प्रति स्थापित परिशिष्ट म.प्र.शासन गृह (सामान्य) विभाग दिनांक 27.8.90 का पालन किया जाता है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो किस नियम निर्देश के पालन में आवासों का आवंटन किया जाता है? प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में विगत एक वर्ष में नियम विरूद्ध आवंटित शासकीय आवासों के संबंध में कब-कब और क्या-क्या तथा किस-किस की शिकायत प्राप्त हुई है? शिकायत पर क्या कार्यवाही की गई? नियम विरूद्ध आवंटित शासकीय आवासों का आवंटन कब तक रद्द कर दिया जावेगा? सम्पूर्ण विवरण संक्षिप्त में बतावें। (ग) आज दिनांक तक किस-किस कर्मचारी के आवेदन पत्र कब से लंबित हैं? आवेदन पत्र लंबित होने का क्या कारण है और निराकरण के लिए क्या प्रयास किये गये?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) 1- जी हाँ। 2- वर्तमान में संभागीय मुख्यालय पर स्थित शासकीय आवास गृहों को शासकीय आवास आवंटन नियम 1973 तथा इसके अधीन समय-समय पर जारी निर्देश के अन्तर्गत आवंटित किये जाते है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। 3- प्रश्नांश में उल्लेखित पत्र क्रमांक 122/90/टी-ए (3) दिनांक 27.08.90 भोपाल द्वारा निवास स्थान आवंटन के लिए बनाए गए नियम अधिकारियों/कर्मचारियों की आवास गृहों की पात्रता से संबंधित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) विगत एक वर्ष में शासकीय आवास आवंटन के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई। (ग) 1- शासकीय आवास गृह आवंटन हेतु लंबित आवेदनों की श्रेणीवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। 2- संभागीय मुख्यालय पर शासकीय आवास गृह सीमित मात्रा में होने से सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को आवास आवंटित किया जाना संभव नहीं है। इस कारण आवेदन पत्र लंबित रहे हैं। आवास रिक्त होने पर पात्रता अनुसार आवास गृह आवंटित किये जाते है।
महाकाल मंदिर की व्यवस्था
[अध्यात्म]
36. ( क्र. 171 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महाकाल मंदिर उज्जैन में दर्शन के लिए किसी प्रकार का शुल्क निर्धारित है? यदि हाँ तो किस-किस रूप में क्या-क्या शुल्क वसूला जा रहा है? क्या वर्तमान में महाकाल दर्शन के लिए रू.251 का शुल्क निर्धारित किया है? यदि हाँ तो इसका मापदण्ड क्या है? क्या यह अधिक वसूली जा रही शुल्क राशि का नियम समाप्त किया जावेगा या पूर्व निर्धारित शुल्क लागू किया जावेगा? (ख) जिला प्रोटोकॉल के तहत महाकाल दर्शन हेतु कौन पात्र हैं तथा किसकी अनुशंसा पर दर्शन की व्यवस्था है? क्या वर्तमान प्राटोकॉल व्यवस्था के कारण जनप्रतिनिधियों को परेशान होना पड़ता है? सुचारू एवं सुलभ दर्शन की व्यवस्था के लिए शासन व प्रशासन क्या कार्यवाही कर रहा है? (ग) महाकाल मंदिर के आसपास कितनी दूरी पर क्या-क्या विस्तार किया जा रहा है और क्या-क्या विस्तार किया जावेगा? क्या मंदिर के विस्तार की जद में माधव भवन भी है? यदि हाँ तो क्या मंदिर प्रशासन माधव भवन का अधिगृहण करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) जी नहीं। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की बैठक दिनांक 23/07/1997, 06/02/2007, 22/03/2017 में पारित निर्णय अनुसार विशेष दर्शन भेंट की व्यवस्था प्रचलित है, जिसमें श्रृद्धालु अपनी इच्छा अनुसार रू.250/- की रसीद कटवाकर दर्शन करते है। यह व्यवस्था पूर्णत: स्वैच्छिक है। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) सम्मानीय जनप्रतिनिधियों एवं विभिन्न माध्यमों से जिला प्रोटोकाल शाखा/जिला प्रोटोकाल अधिकारी को संदेश प्रदान करने पर विभिन्न दर्शनार्थियों को दर्शन करा दिये जाते है। प्रोटोकाल व्यवस्था के कारण जनप्रतिनिधियों को अभी तक परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा है। वर्तमान में सुलभ दर्शन के लिए व्यवस्था की जाती है। (ग) मृदा परियोजना के तहत महाकाल मंदिर के आस-पास विकास कार्यों की योजना स्वीकृत है। मंदिर प्रशासन द्वारा माधव भवन के अधिग्रहण का कोई प्रस्ताव नहीं है।
कृषि उपज मंडियों की आय
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
37. ( क्र. 186 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश की कृषि उपज मंडियों की आय के क्या-क्या स्त्रोत हैं? वर्ष 2016 से जबलपुर संभाग अंतर्गत कृषि उपज मंडियों की कुल वार्षिक आय कितनी रही वर्षवार जानकारी देवें। (ख) क्या कृषि उपज अध्यादेश से पूर्व मंडियों के बाहर के व्यापारियों से कर वसूल किया जाता था? यदि हाँ तो जबलपुर संभाग अन्तर्गत मंडियों के द्वारा वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक प्रतिवर्ष मंडियों के बाहर के व्यापारियों से कुल कितना कर वसूल किया गया? (ग) क्या मंडियों द्वारा वसूल किये जाने वाले कर व अन्य आय के साधनों से अर्जित आय के माध्यम से मंडी कर्मचारियों का वेतन प्रदाय किया जाता था? यदि हाँ तो प्रदेश के समस्त मंडी कर्मचारियों को वेतन देने में वर्ष 2016 से प्रतिवर्ष कुल कितनी राशि खर्च की जा रही थी? (घ) कृषि उपज अध्यादेश लागू किये जाने के बाद से जबलपुर संभाग अंतर्गत कृषि उपज मंडियों की अब तक कितनी आय हुई है? क्या मंडियों की आय में भारी गिरावट आई है? यदि हाँ तो मंडी कर्मचारियों के वेतन प्रदाय के लिए शासन द्वारा क्या इंतजाम किए जा रहे हैं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) प्रदेश की कृषि उपज मण्डियों में आय के स्त्रोत पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। जबलपुर संभाग अंतर्गत मंडियों की वर्ष 2016 से वर्तमान तक की कुल वार्षिक आय मण्डीवार, वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) जी नहीं। मंडी में देय मंडी शुल्क का भुगतान किए बिना परिवहन प्रांगण के बाहर क्रय/प्रसंस्कृत/भंडारित किया जाना पाये जाने पर मंडी अधिनियम की धारा 19 (4) अनुसार पाच गुना मंडी फीस/दण्डात्मक मंडी फीस वसूली कार्यवाही की जाती है। प्रकरण प्रकाश में आने पर दण्डात्मक मंडी शुल्क की वसूली की कार्यवाही की गई। मण्डी शुल्क की मण्डीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) जी हाँ। मण्डीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। (घ) जानकारी एकत्र की जा रही है।
केन्द्र प्रवर्तित योजनाएं
[नगरीय विकास एवं आवास]
38. ( क्र. 192 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम जबलपुर ने शहरीय खेल से विस्थापित किये गये हितग्राहियों के पुनर्वास की कब क्या योजना बनाई है तथा इसके लिये कहां-कहां पर क्या-क्या व्यवस्था एवं सुविधाएं मुहैया कराई गई है? कहां-कहां के विस्थापित कितने-कितने हितग्राहियों को कब कहां-कहां पर पुनर्स्थापित किया गया है? वर्ष 2016-17 से 2020-21 तक की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में पी.एम. आवास योजना के तहत कहां-कहां के कितने-कितने विस्थापित हितग्राहियों को कहां-कहां पर आवासों का निर्माण कराने हेतु कब कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई? कितने हितग्राहियों को सभी किश्तों की पूर्ण राशि का भुगतान कर दिया गया है? इसमें से कितने हितग्राहियों के आवास अपूर्ण व निर्माणाधीन हैं? कितने हितग्राहियों ने आवासों का निर्माण नहीं कराया है एवं क्यों? इसकी जांच कब किसने की है? (ग) प्रश्नांश (क) में कहां-कहां के कितने-कितने विस्थापित हितग्राहियों को आवास निर्माण की कब से किश्तों की कितनी-कितनी राशि का भुगतान नहीं किया गया है एवं क्यों? इसकी जांच कब किसने की है? क्या शासन किश्तों के भुगतान में किये गये भ्रष्टाचार व अनियमितता की जांच कराकर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम जबलपुर द्वारा मदन महल पहाड़ी क्षेत्र के निवासरत अतिक्रमणकारियों के पुनर्वास की योजना जनवरी-2019 में बनाई गई है। विस्थापित अतिक्रामक हितग्राहियों के लिये ब्रजमोहन नगर में आवास एवं तिलहरी स्थित स्थल में भू-खण्ड के पट्टे प्रदान किये गये एवं अधोसंरचना (सड़क, नाली, स्ट्रीट लाईट, सुलभ शौचालय, पेय जल आंगनबाड़ी, मोबाईल टायलेट इत्यादि) सुविधायें उपलब्ध कराई गई। वर्ष 2016-17 से 2020-21 तक नगर पालिक निगम जबलपुर के द्वारा मदन महल पहाड़ी क्षेत्र से विस्थापित 1,151 हितग्राहियों को तिलहरी स्थित स्थल पर एवं 185 विस्थापित हितग्राहियों को ब्रजमोहन नगर, रामपुर छापर में विस्थापित कराये जाने की कार्यवाही की जा रही है। (ख) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के बी.एल.सी. घटक के अंतर्गत मदन महल पहाड़ी क्षेत्र के 843 हितग्राहियों के तिलहरी में आवासों का निर्माण कराने हेतु दिनांक 29.05.2019 से दिनांक 10.11.2019 के मध्य प्रथम किश्त की राशि रूपये 8.43 करोड़ एवं मार्च 2020 में द्वितीय किश्त की राशि रूपये 5.81 करोड़ स्वीकृत की गई। अभी किसी भी हितग्राही को पूर्ण राशि का भुगतान नहीं किया गया है। किसी भी हितग्रही द्वारा आवास पूर्ण नहीं किया गया है। आवास पूर्ण होने पर भारत सरकार से तृतीय किश्त की राशि प्राप्त होने पर हितग्राहियों को राशि अंतरित की जा सकेगी तथा 843 हितग्राहियों के आवास अपूर्ण व निर्माणाधीन है, 308 हितग्राहियों ने आवास निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं किये है। जांच निकाय के अधिकारियों द्वारा की जाती है। समस्त हितग्राहियों के आवास निर्माणाधीन है। 308 हितग्राहियों द्वारा दस्तावेज उपलब्ध न कराये जाने के कारण उनको प्रथम किश्त की राशि जारी नहीं की जा सकी है। (ग) नगर पालिक निगम जबलपुर द्वारा मदन महल पहाड़ी क्षेत्र के विस्थापित परिवारों को आवास निर्माण कार्य के लिये मार्च-2020 से तृतीय किश्त हेतु 56 हितग्राहियों को राशि रूपये 28.00 लाख तथा द्वितीय किश्त हेतु 76 हितग्राहियों को राशि रूपये 76.00 लाख का भुगतान नहीं किया गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) की गाईड लाईन के अनुसार नियत कार्य की प्रगति के अनुसार ही राशि का भुगतान किया जाता है। किश्तों का भुगतान किये गये कार्य की विभिन्न स्तरों पर जियो-टैगिंग के उपरांत ही किया जाता है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जलापूर्ति पर व्यय राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
39. ( क्र. 193 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम जबलपुर द्वारा शहर की जनता को स्वच्छ पेय जल की आपूर्ति जल शोधन संयंत्रों का रख-रखाव, देखभाल, सुरक्षा, नई राईजिंग पाइप लाइनों व डिस्ट्रीब्यूशन पाइप लाइनों को बिछाने, पुरानी पाइप लाइन को बदलने, उनका रख-रखाव, मरम्मत, लीकेज, सुधार आदि पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई है? वर्ष 2018-19 से 2020-21 दिसम्बर 2020 तक की जानकारी दें? (ख) जबलपुर शहर में स्वच्छ पेयजल की मांग और पूर्ति की क्या स्थिति है? कितने एम.एल.डी. पेय जल की आपूर्ति की जा रही है? जल शोधन व जलापूर्ति के दौरान तथा पाइप लाइनों में लीकेज, फूटने आदि के कारण माहवार कितने-कितने एम.एल.डी. पेय जल की बर्बादी हुई है? बतलावें। शहर के कौन-कौन से वार्ड जल समस्याग्रस्त हैं? इसके समाधान के क्या प्रयास किये गय हैं? (ग) जल शोधन संयंत्रों की राईजिंग पाइप लाइनों, डिस्ट्रीब्यूशन पाइप लाइनों का सुधार, मरम्मत, लीकेज सुधार कार्य कब-कब, किस-किस एजेन्सी से कितनी-कितनी राशि में कराया गया है? किन-किन वार्डों में नई पाइप लाइन डालने, पुरानी पाइप लाइनों को बदलने का कार्य किस एजेन्सी से कितनी-कितनी राशि में कराया गया है? इसका सत्यापन व गुणवत्ता की जांच कब-कब किसने की है? क्या शासन इसमें किये गये भ्रष्टाचार, वित्तीय अनियमितता, राशि के दुरूपयोग की जांच कराकर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) आधार वर्ष 2018 लेने पर जबलपुर शहर में स्वच्छ पेयजल की मांग 274.61 एम.एल.डी. है। जिसके विरूद्ध वर्तमान में 240 एम.एल.डी. पेयजल आपूर्ति की जा रही है। अमृत योजना में 44 एम.एल.डी. पेयजल प्रदान करने की योजना प्रारंभ होने पर शहर में कुल 284 एम.एल.डी. पेयजल की आपूर्ति की जा सकेगी। जलशोधन व जलापूर्ति के दौरान तथा पाइप लाइनों में लीकेज, फूटने आदि पर प्लांट से पंप को तत्काल बंद कर दिया जाता है, जिससे लीकेज होने पर पाइप लाइनों में भरा पानी ही निकलता है। इसके मापने की कोई व्यवस्था प्रचलन में नहीं है। शहर के जल समस्या ग्रस्त वार्डों की सूची एवं समाधान का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।
गरोठ - भानपुरा नगर परिषद में हुये कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
40. ( क्र. 199 ) श्री देवीलाल धाकड़ (एडवोकेट) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र गरोठ के अंतर्गत आने वाली गरोठ एवं भानपुरा नगर परिषद में विगत वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक दोनों नगर परिषद के अंतर्गत विभाग द्वारा परिषदों को किस-किस मत में कितनी-कितनी राशि का बजट स्वीकृत किया गया है? (ख) आज दिनांक तक भानपुरा-गरोठ परिषद् द्वारा कितनी-कितनी राशि का व्यय कहां-कहां किया गया है? (ग) दोनों परिषदों में कितने-कितने कार्य पूर्ण किए गए हैं? वह कितने कार्य अभी तक लंबित हैं? (घ) कार्यों के लंबित होने का क्या कारण है तथा उक्त लंबित कार्य कब तक पूर्ण होंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र (अ) एवं (ब) अनुसार है।
राज्यस्तरीय तकनीकी समिति का गठन
[नगरीय विकास एवं आवास]
41. ( क्र. 200 ) श्री संजय उइके : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य स्तर पर राज्यस्तरीय तकनीकी समिति बनाई गई है? (ख) यदि हाँ तो समिति के दायित्व एवं कार्य क्या-क्या है एवं समिति में कौन-कौन अध्यक्ष एवं सदस्य हैं? (ग) राज्यस्तरीय तकनीकी समिति द्वारा वित्तीय वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक जबलपुर एवं भोपाल संभाग के किन-किन नगरीय निकायों के कितनी-कितनी लागत के निर्माण कार्यों की किस-किस दर से स्वीकृत करने की आनुशंसायें की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
पर्यटन गतिविधि हेतु आवंटन
[पर्यटन]
42. ( क्र. 201 ) श्री संजय उइके : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा आदिवासी उपयोजना क्षेत्र हेतु पर्यटन को बढ़ावा देने/पर्यटन गतिविधि हेतु राशि दी गई है? (ख) यदि हाँ तो वितीय वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि कब-कब प्राप्त हुई है? स्थान सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) विभाग को प्राप्त राशि कहां–कहां, कब–कब, किन-किन कार्यों में कितनी-कितनी व्यय की गई? डी.पी.आर./कार्ययोजना की प्रतिलिपि सहित जानकारी देवें।
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) वित्तीय वर्ष 2017-18 में राशि रूपये 200.00 लाख, वित्तीय वर्ष 2018-19 में राशि रूपये 110.00 लाख वित्तीय वर्ष 2019-20 में राशि रूपये 89.30 लाख एवं वित्तीय वर्ष 2020-21 (नवम्बर 2020 तक) में राशि रूपये 19.70 लाख प्राप्त हुए हैं। (ग) उत्तरांश (ख) में उल्लेखित राशि आदिवासी सामुदाय के कौशल उन्नयन व प्रशिक्षण हेतु मंडला कान्हा, महेश्वर, झाबुआ आदि में आदिवासी क्षेत्र में उपयोग किया गया है तथा जिला पुरातत्व एवं पर्यटन परिषदों द्वारा अनुसूचित जनजाति बाहुल्य जिलों में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिये व्यय किया गया है। वर्षवार उपयोगिता राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
कृषि विभाग में संचालित योजनाएं
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
43. ( क्र. 202 ) श्री बाबू जण्डेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अन्नपूर्णा/सूरजधारा योजनान्तर्गत अ.जा./अज.ज.जा. वर्ग के कृषकों को वित्तीय वर्ष 2020-21 में श्योपुर जिले को कितना भौतिक वित्तीय लक्ष्य दिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) श्योपुर जिले को राज्यपोषित नलकूप खनन योजना के तहत वर्ष 2020-21 में कितना लक्ष्य दिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक दिया जावेगा? (ग) श्योपुर जिले को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा दलहन-तिलहन योजनांतर्गत वर्ष 2020-21 में कितना लक्ष्य दिया गया है? लक्ष्य के विरूद्ध कितना आवंटन प्रदाय किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या शासन किसानों की शेष कर्जमाफी करेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) क्या सरकार किसानों के हित में व्यक्तिगत कृषक की फसल नष्ट होने के कारण इकाई को आधार मानकर कृषि बीमा दिये जाने का प्रावधान करेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) अन्नपूर्णा योजनांतर्गत अ.जा./अ.ज.जा. वर्ग के कृषकों को वित्तीय वर्ष 2020-21 में श्योपुर जिले को भौतिक लक्ष्य 528 एवं वित्तीय लक्ष्य 7.93 लाख रूपये के लक्ष्य एवं सूरजधारा योजनांतर्गत अ.जा./अ.ज.जा. वर्ग के कृषकों को वित्तीय वर्ष 2020-21 में श्योपुर जिले को भौतिक लक्ष्य 1184 एवं वित्तीय लक्ष्य 17.76 लाख रूपये के दिये गये। (ख) श्योपुर जिले को राज्यपोषित नलकूप खनन योजना के तहत वर्ष 2020-221 में कोई भी लक्ष्य नहीं दिया गया है। बजट आवंटन प्राप्त नहीं हुआ है। अत: जानकारी निरंक है। (ग) श्योपुर जिले को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा दलहन-तिलहन योजनांतर्गत वर्ष 2020-21 में दलहन में 236.48 लाख एवं तिलहन में 63.80 लाख रूपये का लक्ष्य दिया गया। लक्ष्य के विरूद्ध दलहन में 75.91 लाख रूपये एवं तिलहन में 17.50 लाख रूपये आवंटन प्रदाय किया गया। (घ) कर्जमाफी योजना की विस्तृत समीक्षा शासन के समक्ष विचाराधीन है। योजना पर समग्र रूप से विचार उपरांत यथोचित निर्णय यथा समय लिये जावेंगे। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ड.) सरकार किसानों के हित में वर्तमान में पटवारी हल्का, तहसील एवं जिला स्तर को इकाई का आधार मानकर फसल बीमा का लाभ पात्र कृषकों को दिये जाने का प्रावधान है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नाली निर्माण में लापरवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
44. ( क्र. 205 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा नगरीय क्षेत्र में विगत 3 वर्षों में कुल कितने मीटर नालियों का निर्माण निगम द्वारा कराया गया है? (ख) क्या निगम द्वारा नाली निर्माण कार्य का आंकलन किये बिना हजारों मीटर नाली निर्माण की एन.आई.टी. जारी कर ठेकेदारों को अवैध रुप से लाभ पहुचाने का कार्य किया गया है? (ग) क्या नगर के अनेक ऐसे हिस्सों में अनावश्यक एवं अनुपयोगी स्थानों पर नाली निर्माण का कार्य किया गया है जहाँ पर किसी प्रकार की कोई आवासीय क्षेत्र ही नहीं है? यदि हाँ तो क्यों? (घ) निगम द्वारा बड़े पैमाने पर कराये गये इस नाली निर्माण में घटिया निर्माण सामग्री का उपयोग किये जाने के उपरांत भी कार्य एजेंसी को बिना जांच एवं गुणवत्ता प्रतिवेदन के लाखों करोड़ों का भुगतान किस आधार पर किया गया है? दोषी अधिकारियों के नाम एवं पदनाम सहित बताएँ। (ड.) क्या जनहित में ऐसे घटिया निर्माणकर्ता एजेंसी को ब्लैक लिस्ट एवं संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध शासकीय धन का दुरूपयोग करने पर वसूली की कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम खण्डवा द्वारा खण्डवा नगरीय क्षेत्र में विगत 03 वर्षों में 22363 मीटर नालियों का निमार्ण कराया गया है। (ख) जी नहीं। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) नाली निर्माण में घटिया निर्माण सामग्री का उपयोग नहीं किया गया है एवं सामग्री की जांच शासकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज से करवाये जाने के उपरांत ही भुगतान किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) उत्तरांश ''घ'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय मंदिरों का जिर्णोद्धार
[अध्यात्म]
45. ( क्र. 222 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत कितने शासकीय मंदिरों के जिर्णोद्वार के प्रस्ताव प्राप्त हुए? नामवार स्थानवार सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) श्री राम मंदिर अजड़ावदा, कालका माता मंदिर बड़नगर, मंगलेश्वर महादेव मंदिर बड़नगर, भगवती माता मंदिर बड़नगर, अम्बे माता मंदिर सुवासा के प्रस्ताव कब स्वीकृत होंगे? (ग) क्या इन मंदिरों के जिर्णोद्वार में राशि स्वीकृति में विलम्ब करने वाले कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं? शासन इन पर क्या कार्यवाही करेगा?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) बड़नगर के शासकीय मंदिरों के जीर्णोद्धार के प्रस्ताव निम्नानुसार प्राप्त हुए है। 1. श्री कालका माता मंदिर बड़नगर 2. श्री राम मंदिर (डेराझरी) ग्राम जहांगीरपुर 3. श्री रामदेव जी मंदिर ग्राम अजडावदा 4. श्री त्रम्बकेश्वर महादेव मंदिर बड़नगर 5. श्री भवानी माता मंदिर ग्राम बलेडी 6. श्री हनुमान चबुतरा ग्राम भिडावदा 7. श्री राम मंदिर लसुडिया (ख) श्री राम मंदिर अजडावदा का प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। प्रश्नांश में उल्लेखित शेष प्रस्ताव विभाग में अप्राप्त है। बजट आवंटन के अभाव में स्वीकृति प्रदाय किया जाना संभव नहीं है। (ग) पर्याप्त बजट आवंटन उपलब्ध नहीं होने से स्वीकृति की समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है। अत: विलंब के लिये कोई भी अधिकारी दोषी नहीं है।
प्रधानमंत्री आवास योजना का क्रियान्वयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
46. ( क्र. 226 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री आवास योजना अन्तर्गत बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2018-19 एवं वर्ष 2019-20 में कितने आवास स्वीकृत किये गये? नामवार स्थानवार सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में आवास योजना में कितने मकान पूर्ण हो गए है राशि स्वीकृत करने के बाद भी कितने अपूर्ण हैं? (ग) प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत वर्ष 2019-20 में स्वीकृत आवास के मकान की प्रथम किस्त नवम्बर 2019 में 1 लाख की राशि हितग्राही को दी गई थी उसके पश्चात शासन द्वारा बकाया किस्तों का भुगतान क्यों नहीं किया गया? कब तक किया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) एवं (ख) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अन्तर्गत वर्ष 2018-19 एवं वर्ष 2019-20 में क्रमशः 269 एवं 256 आवासों की स्वीकृति भारत सरकार द्वारा प्रदान की गई है। नामवार स्थानवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अन्तर्गत वर्ष 2019-20 में स्वीकृत 256 आवासों के मकान की प्रथम किश्त भारत सरकार से प्राप्त न होने से इस परियोजना हेतु कोई राशि निकाय को प्रदाय नहीं की गई, न ही प्रथम किश्त की राशि रू. 1.00 लाख प्रति हितग्राही का वितरण किया गया है। परियोजना अन्तर्गत आवासों की 70 प्रतिशत से अधिक संख्या की भौतिक प्रगति लिंटल स्तर तक होने के उपरांत द्वितीय किश्त की राशि भारत सरकार से प्राप्त होने पर प्रदाय की जाती है अत: निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पंचायतों एवं ग्रामसभा के अधिकार
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
47. ( क्र. 229 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्रामसभा एवं ग्राम पंचायत को वन भूमि, राजस्व भूमि एवं अन्य भूमियों पर कौन-कौन से सामुदायिक अधिकार वन अधिकार कानून 2006, पेसा कानून 1996, संविधान की 11वीं अनुसूची, पंचायती राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 संशोधन 1998 एवं भू-राजस्व संहिता 1959 की किस-किस धारा के तहत दिया गया है। (ख) म.प्र. शासन द्वारा ग्रामसभा एवं ग्राम पंचायत को सामुदायिक अधिकार सौंपे जाने के संबंध में किस-किस दिनांक को राजपत्र में कौन सा नियम अधिसूचित किया है? किस दिनांक को किस विषय पर आदेश जारी किया है? नियम एवं आदेश की प्रति सहित बताएं। (ग) राज्य शासन ग्रामसभा एवं ग्राम पंचायत को कौन-कौन सा सामुदायिक अधिकार सौंपे जाने से संबंधित वर्तमान में क्या कार्यवाही कर रही है? कब तक करेगी?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।
विकासखण्ड हेतु व्यय राशि
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
48. ( क्र. 230 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मनावर विकासखंड एवं उमरबन विकासखंड के लिए विभाग द्वारा जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि किन-किन कार्यों के लिये आवंटित की गई, कितनी राशि खर्च की गई, कितनी राशि शेष बची? ग्रामवार ब्यौरा उपलब्ध कराएं। (ख) वर्ष 2020-21 के लिए विभाग द्वारा मनावर विकासखंड एवं उमरबन विकासखंड के लिए किन योजनाओं/कार्यों के लिए कितनी राशि स्वीकृत की गई है एवं कितनी राशि जारी की गई है? पृथक-पृथक ग्रामवार जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) मनावर विकासखंड एवं उमरबन विकासखंड अंतर्गत जनवरी 2016 से प्रश्न-दिनांक तक कितने हितग्राहियों को किन योजनाओं के तहत आवास के लिए कितनी राशि दी गई? हितग्राहियों के नाम, दी गई राशि एवं ग्रामवार पृथक-पृथक जानकारी दें।
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -''स'' अनुसार है।
अपहरण एवं अवैध मादक पदार्थों का परिवहन
[गृह]
49. ( क्र. 232 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में अपहरण एवं अवैध मादक पदार्थों के परिवहन के संबंध में मुखबीर की सूचना पर एक थाना प्रभारी दूसरे थाना प्रभारी के क्षेत्राधिकार में बगैर उसके संज्ञान में लाये या वरिष्ठ अधिकारियों के बगैर निर्देशन में कार्यवाही सम्पादित कर सकता है? (ख) 01 जनवरी, 2018 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में नीमच व मन्दसौर जिलों में ऐसे कितने मामले प्रकाश में आये हैं कि, थाना प्रभारियों द्वारा बगैर वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में लाये दूसरे थाना प्रभारी के क्षेत्राधिकार में दखलन्दाजी करते हुए अपहरण एवं अवैध मादक पदार्थों के परिवहन के संबंध में कार्यवाही को अंजाम दिया? (ग) प्रश्नांश (ख) में पाये गये मामलों में ऐसे कौन-कौन से मामले हैं जो जांच उपरान्त न तो अपहरण के पाये गये हैं और न ही अवैध मादक पदार्थों के परिवहन के पाये गये? क्या इन मामलों में पुलिस विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों की संलिप्तता होने प्रथम दृष्टया पाई गई? यदि हाँ तो तत्संबंधी ब्यौरा दें। (घ) प्रश्नांश (ग) में पाये गये ऐसे झूठे और षड़यंत्र पूर्वक रचित मामलों में क्या पुलिस प्रशासन द्वारा दोषी पुलिस कर्मियों के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराने के निर्देश जारी किये गये हैं? यदि नहीं, तो कारण बताए।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 166 की उपधारा 03 के अधीन एक थाने का थाना प्रभारी/अधिकारी को दूसरे थाना क्षेत्र के क्षेत्राधिकार में जाकर कार्यवाही करने की शक्ति प्राप्त है। पुलिस थाना ''नारकोटिक्स सेल'' का अधिकार क्षेत्र संपूर्ण मध्यप्रदेश है, राजपत्र की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जिला मंदसौर 01 जनवरी, 2018 से 07.12.2020 तक ऐसी कोई घटना परिलक्षित नहीं हुई है अपितु जिला नीमच-प्रश्नाधीन अवधि में कुल 01 प्रकरण थाना बघाना अप.क्र. 234/17.11.2020 धारा 8/18 एन.डी.पी.एस. एक्ट में थाना जावद पर पदस्थ उ.नि. कमलेश गौड को दिनांक 17.11.2020 के 11.00 बजे वाहन चेकिंग के दौरान कानका फन्टे पर प्राप्त मुखबिर की सूचना पर कार्यवाही करते हुये दिनांक 17.11.2020 के 11.30 बजे घटना स्थल रेल्वे अण्डरब्रिज के पास बघाना थाना बघाना क्षेत्र से रोड के किनारे खड़ी होण्डा सिटी कार क्रमांक एमपी 09 सीवी 3567 के अगले पहिये के मड प्लेट व मडगार्ड के बीच से पोलिथिन में रखी 1 किलोग्राम अवैध मादक पदार्थ अफीम जब्त की गई। उक्त घटना को लेकर देहाती नालसी पर अपराध क्रमांक 0/20 धारा 8/18 एन.डी.पी.एस. एक्ट का पंजीबद्ध कर एन.डी.पी.एस. एक्ट के अज्ञात आरोपी के विरुद्ध पंजीबद्ध कर असल अपराध थाना बघाना जिला नीमच पर पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान मुखबिर सूचना संदिग्ध प्रतीत होने से संदेही लोकेश सोलंकी से पूछताछ करते अफीम पकड़ने पर पुलिस द्वारा दिये जाने वाले ईनाम के लालच में अपने साथी श्यामलाल भामी के साथ षडयंत्रपूर्वक घटना दिनांक को होण्डा सिटी कार के अगले पहिये के पास 1 किलोग्राम अवैध मादक पदार्थ अफीम छीपाकर रख दी थी। उक्त अफीम आरोपी श्यामलाल द्वारा अपने रिश्तेदार राकेश उर्फ गागु पिता कन्हैयालाल भामी नि. ग्राम सेमली मेवाड़ थाना नीमचसिटी से प्राप्त की थी। घटना में शामिल आरोपी 1-लोकेश उर्फ रजनीकांत पिता दुलीचंद सोलंकी उम्र 26 साल निवासी चारभुजा मंदिर के पास नीमचसिटी 2-श्यामलाल पिता गिरधारीलाल भामी उम्र 25 साल निवासी ग्राम भंवरासा जिला नीमच को दिनांक 19.11.2020 को एवं आरोपी राकेश उर्फ गागु पिता कन्हैयालाल भामी उम्र 21 साल निवासी ग्राम सेमली मेवाड थाना नीमचसिटी को दिनांक 20.11.2020 को गिरफ्तार किया गया है। प्रकरण वर्तमान में विवेचनाधीन है। (ग) एवं (घ) जिला मंदसौर-निरंक। जिला नीमच थाना बघाना पर पंजीबद्ध अपराध क्रमांक 234/20 धारा 8/18 एन.डी.पी.एस. एक्ट का 01 मामला अवैध मादक पदार्थ के परिवहन का पंजीबद्ध किया गया था परंतु अनुसंधान में अवैध परिवहन का नहीं पाया गया, यह पाया गया कि मुखबिर ने झूठा फंसाने के उद्देश्य से अपने सहयोगियों के साथ मिलकर कार में अवैध अफीम स्वयं रखकर पुलिस को झूठी सूचना दी जिस पर तीनों षड़यन्त्रकारियों को गिरफ्तार किया जाकर न्यायालय पेश किया गया। पुलिस अधिकारी/कर्मचारियों की गलती निर्धारण के संबंध में (उ.नि. कमलेश गौड, आर0 230 चन्दनसिंह, आर0 08 सतीश कुशवाह, आर 86 आनंदपाल सिंह, आर0 231 कमलसिंह को निलंबित किया जाकर विभागीय कार्यवाही संपादित की जा रही है।)
फसल बीमा राशि का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
50. ( क्र. 235 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी जिले में स्थित केवलारी विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत राजस्व निरीक्षक मण्डल पटवारी हल्का नंबर 52 के चार ग्राम थांवरी, भाटा, रडहाई, टेकररांजी के 264 कृषकों को वर्ष 2018 में हुई ओलावृष्टि से फसल हानि होने पर फसल बीमा की राशि प्रदाय कर दी गई है? यदि नहीं, तो फसल बीमा की राशि का भुगतान कब तक किया जावेगा? फसल बीमा राशि का भुगतान न किये जाने का क्या कारण है? (ख) क्या फसल बीमा की राशि प्रदाय करने हेतु शासन/विभाग के द्वारा कोई कार्यवाही की गई है? अथवा छूटे हुए कृषकों को भुगतान किये जाने हेतु प्रस्ताव भेजा गया है? यदि हाँ तो प्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक कार्यवाही की जावेगी।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) जी नहीं। सिवनी जिले में स्थित केवलारी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत राजस्व निरीक्षक मण्डल पटवारी हल्का नंबर 52 के चार ग्राम धांवरी, भाटा, रडहाई, कररांजी के कृषकों को वर्ष 2018 में हुई ओलावृष्टि से फसल हानि होने पर फसल बीमा की राशि प्रदाय नहीं की गई है। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) फसल बीमा की राशि प्रदाय करने हेतु शासन/विभाग के द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पर्यटन स्थलों की सुरक्षा
[पर्यटन]
51. ( क्र. 236 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सिवनी जिले में स्थित पर्यटन स्थलों का शासन/विभाग द्वारा कोई सुरक्षा/रखरखाव किया जा रहा है? यदि हाँ तो सुरक्षा के क्या उपाय किये गये हैं? (ख) क्या शासन/विभाग के द्वारा सिवनी जिले के पर्यटन स्थलों को चिन्हांकित किया गया है? यदि हाँ तो कौन-कौन से पर्यटन स्थल हैं जो चिन्हांकित किये गये हैं? (ग) सिवनी जिले की केवलारी विधानसभा क्षेत्र में स्थित पर्यटन स्थल भीमगढ़ जलाशय, अमोदागढ़, ढुटी घाट, कोठीघाट, पायलीडेम आदि पर कोई सुरक्षा व्यवस्था शासन/ विभाग के द्वारा की गई है? यदि हाँ तो क्या व्यवस्था की गई है? यदि नहीं, तो कब तक मापदण्डों के अनुरूप सुरक्षा व्यवस्था की जावेगी?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) विभाग द्वारा किसी भी पर्यटन स्थल की सुरक्षा/रखरखाव का कार्य नहीं किया जाता है। (ख) विभाग द्वारा जारी पर्यटन नीति 2016 संशोधित 2019 के तहत किसी स्थल को पर्यटन स्थल घोषित करने की कोई नीति नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
योजनाओं का क्रियान्वयन
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
52. ( क्र. 237 ) श्री बाबू जण्डेल : क्या राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फलक्षेत्र विस्तार योजना, सब्जी क्षेत्र विस्तार योजना, मशाला क्षेत्र विस्तार, योजनाओं के तहत किसानों को अनुदान दिये जाने का श्योपुर जिले को कितना लक्ष्य दिया गया है? अवगत करायें यदि नहीं, तो क्यों? कब तक लक्ष्य दिया जावेगा? (ख) केन्द्र सरकार द्वारा अनुदानित योजना एकीकृत बागवानी विकास मिशन के तहत श्योपुर जिले को क्यों सम्मिलित नहीं किया गया? शासन द्वारा श्योपुर जिले को उक्त योजना में सम्मिलित किये जाने हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ तो कब तक सम्मिलित करा लिया जावेगा? (ग) क्या शासन द्वारा श्योपुर की जिला स्तरीय उद्यानिकी पौधशाला के विस्तार एवं विकास की कोई योजना है? यदि हाँ तो अवगत करावें।
राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण ( श्री भारत सिंह कुशवाह ) : (क) वित्तीय वर्ष 2020-21 में नवीन लक्ष्य आवंटन हेतु बजट उपलब्ध न होने के कारण लक्ष्य आवंटित नहीं किया गया। बजट उपलब्ध होने पर लक्ष्य आवंटित किये जायेंगे। (ख) एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना में श्योपुर जिले को सम्मिलित करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। श्योपुर जिले को जिला स्तरीय उद्यानिकी पौधशाला के विस्तार एवं विकास हेतु नर्सरी उन्नयन की योजना में सम्मिलित किया गया है।
सारंगपुर जिला राजगढ़ की पुरासम्पदा
[संस्कृति]
53. ( क्र. 239 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या पुरातत्व विभाग द्वारा सारंगपुर जिला राजगढ़ में गंधी के टीले पर खुदाई करवाई गई थी? यदि हाँ तो मिलने वाली पुरातात्विक सम्पदा के फोटोग्राफ, रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) सारंगपुर में पुरातत्व संग्रहालय में रखी गई मूर्तियों के फोटो व अन्य जानकारी की प्रति उपलब्ध करावें। विभाग द्वारा सारंगपुर हेतु कोई सामग्री या फोटोग्राफ प्रकाशित किए हो तो प्रति उपलब्ध करावें। (ग) सारंगपुर में पुरातात्विक महत्व की इमारतों या पर्यटन स्थलों के विभाग द्वारा लिए गए पुराने फोटोग्राफ की प्रति उपलब्ध करावें।
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) जी हां। विभाग द्वारा सारंगपुर में प्रश्नांकित स्थल पर पुरातत्वीय उत्खनन कराया गया था। उत्खनन में प्राप्त पुरासम्पदा का विवरण व छायाचित्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार। (ख) सारंगपुर में जिला पुरातत्व संघ द्वारा स्थापित संग्रहालय में कुल 136 नग कलाकृतियों का संग्रह था जो कलेक्टर एवं अध्यक्ष जिला पुरातत्व संघ, राजगढ़ द्वारा वर्ष 2002 में जिला पुरातत्व संग्रहालय, जबलपुर में स्थानांतरित कराया गया। संग्रहालय की मूर्तियों की सूची, छायाप्रति व प्रकाशित सामग्री पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार। (ग) सारंगपुर के स्मारकों के पुराने फोटो उपलब्ध नहीं है।
बिना अनुमति अवैध निर्माण
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
54. ( क्र. 243 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या औकाफ-ए-आम्मा मुतावल्ली कमेटी के प्रबंधक के अधीन वक्फ तकिया हुरमत अली शाह मॉडल ग्राउण्ड भोपाल खाता नम्बर 182, 216, 97, 259, 272 एवं 49 में बिना अनुमति अवैध निर्माण किया गया है? (ख) क्या उपरोक्त के संबंध में संस्था मुतावल्ली कमेटी औकाफ-ए-आम्मा भोपाल द्वारा जांच कराई गई थी? जांच रिपोर्ट के आधार पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? उक्त संबंध में कब तक कार्यवाही की जावेगी?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
म.प्र. वक्फ बोर्ड मसाजिद कमेटी के वेतन आहरण पर रोक
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
55. ( क्र. 244 ) श्री
आरिफ अक़ील : क्या
राज्यमंत्री, पिछड़ा
वर्ग एवं
अल्पसंख्यक
कल्याण महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
अल्पसंख्यक
संस्थाओं-म.प्र.वक्फ
बोर्ड, मसाजिद
कमेटी एवं हज
कमेटी के
कर्मचारियों
को पिछले 6 माह से
वेतन आहरण पर
अकारण शासन
द्वारा रोक लगाई
गई है? (ख) यदि
हाँ तो
कर्मचारियों
के वेतन आहरण
एवं भुगतान पर
रोक किन
कारणों से किस
स्तर पर लगाई
गई है? (ग) वेतन
भुगतान नहीं
होने से
कोरोना संकट
काल में कई
अल्प वेतन
भोगी
कर्मचारियों
के परिवारों
के सामने
आर्थिक संकट
तथा
जीविकोपार्जन
की समस्या
उत्पन्न हो
गई है? क्या
वेतन भुगतान
रोकने के लिये
दोषी
अधिकारियों
पर जिम्मेदारी
तय कर कब तक
कार्यवाही की
जावेगी?
राज्यमंत्री, पिछड़ा
वर्ग एवं
अल्पसंख्यक
कल्याण ( श्री
रामखेलावन
पटेल ) : (क) जी
नहीं। (ख) एवं (ग) प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
व्यवसायिक/राजनैतिक गतिविधियों का संचालन
[गृह]
56. ( क्र. 250 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजधानी भोपाल में किन-किन शासकीय चिकित्सकों को किस-किस टाइप के शासकीय आवास गृह कब-कब, कहाँ-कहाँ आवंटित किए गए? नाम, पता एवं पदस्थापना सहित जानकारी दें। (ख) क्या व्यावसायिक (क्लिनिक आदि चलाना) एवं राजनैतिक गतिविधियां संचालित किए जाने पर नियमानुसार आवास आवंटन निरस्त किए जाने के प्रावधान हैं? (ग) यदि हाँ, तो क्या कुछ शासकीय चिकित्सकों को आवंटित आवासों में व्यावसायिक एवं राजनैतिक गतिविधियां संचालित की जा रही हैं? यदि हां, तो क्या नियमानुसार इनके आवंटन आदेश निरस्त किए जाएंगे? यदि नहीं, तो क्या इन आवास गृहों में चल रही व्यावसायिक/राजनैतिक गतिविधियों की जांच कर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी? यदि हां, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) उपरोक्तानुसार जिन चिकित्सकों को शासकीय आवास गृह आवंटित हैं उनमें से किन-किन के भोपाल शहर में निजी आवास होने की जानकारी विभाग के पास उपलब्ध है? यदि हां, तो सूची देवें तथा इन चिकित्सकों से किराया किस दर से लिया जा रहा है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) शासकीय चिकित्सकों को आवंटित आवासों में व्यवसायिक एवं राजनैतिक गतिविधियां संचालित की जाने की शिकायत प्राप्त होने पर नियमानुसार जाँच उपरांत शिकायत सही पायी जाती है तो आवंटन निरस्त कर निष्कासन की कार्यवाही की जाती है। (घ) जी नहीं।
राजनीतिक दलों को आवंटित शासकीय आवास
[गृह]
57. ( क्र. 253 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजधानी भोपाल में किन-किन राजनीतिक दलों एवं सामाजिक संगठनों और राजनेताओं को शासकीय आवास गृह किस-किस टाइप के कहां-कहां पर कब-कब से किन शर्तों के आधार पर कितनी अवधि के आवंटित हैं? (ख) उपरोक्त आवंटित शासकीय आवास गृहों का किराया किस-किस दर से लिया जा रहा है तथा किन-किन आवंटियों पर कितनी-कितनी किराये की राशि बकाया है? बकाया किराया राशि वसूली के लिये नियमानुसार क्या कार्यवाही प्रस्तावित है? (ग) क्या जिन राजनीतिक दलों का मध्यप्रदेश में अस्तित्व ही नहीं है, ऐसे राजनैतिक दलों को आवंटित किये गये शासकीय आवास गृह रिक्त कराने की दिशा में विभाग क्या कार्यवाही कर रहा है? (घ) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में उक्त क्या कुछ आवंटित शासकीय आवास गृह आवंटन शर्तों के विरूद्ध किराये पर लंबे समय से दिये गये है? यदि हाँ, तो उनके विरूद्ध नियमानुसार क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्या उक्त आवंटित आवासों में वर्तमान में मूल आवंटित के स्थान पर कौन निवास कर रहा है? इसकी जाँच कराई जाएगी यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
हितग्राही मूलक योजनाओं के केन्द्रांश फंड्स
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
58. ( क्र. 254 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश सरकार का वर्ष 2020-21 हेतु कुल वित्तीय बजट कितना रखा गया है? इसमें से कृषि के लिए कितनी राशि का बजट रखा गया? प्रतिशत में बतायें। (ख) प्रदेश की इकोनॉमी में कृषि का क्या और कितना योगदान है? प्रतिशत एवं कुल राशि में बतायें। (ग) म.प्र. शासन द्वारा संचालित समस्त हितग्राही मूलक योजना कृषि विभाग और कृषि अभियांत्रिकी संचालनालय में वर्ष 2020-21 हेतु कितना-कितना बजट रखा गया है? मदवार बतायें। सभी मदों में यह भी बतायें कि केन्द्रांश और राज्यांश की कितनी-कितनी राशि रखी गई है? (घ) क्या कोविड-19 महामारी के नाम पर म.प्र. शासन ने विभाग की हितग्राही मूलक योजनाओं का बजट कम कर दिया है? यदि नहीं, तो प्रदेश के कृषकों की समस्त हितग्राही मूलक योजनाओं के लिए राशि प्रश्न दिनांक तक आवंटित क्यों नहीं की गई है? यदि हाँ तो क्या राज्य सरकार को केन्द्रांश से प्राप्त होने वाले फंड्स 60 प्रतिशत हिस्से की राशि को योजनाओं के क्रियान्वयन करने की अनुमति जारी कर दी गई है? यदि नहीं, तो क्यों और कब तक जारी कर दी जायेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। बजट में केन्द्रांश एवं राज्यांश सहित कुल राशि का प्रावधान होता है। (घ) योजनाओं में बजट का प्रावधान वित्त विभाग द्वारा निर्धारित किया जाता है, जिसमें केन्द्रांश एवं राज्यांश सम्मिलित होता है। केन्द्रीय योजनाओं में आवंटन भारत सरकार से उपलब्ध राशि के आधार पर किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
खेल मैदान एवं स्टेडियम का निर्माण
[खेल और युवा कल्याण]
59. ( क्र. 262 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र सबलगढ़ में खेल विभाग द्वारा संचालित कोई स्टेडियम है? यदि हाँ तो कहॉ है तथा उसमें क्या-क्या गतिविधियॉ हुई एवं वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक इसके रख-रखाव एवं कार्यक्रम हेतु कितना बजट प्राप्त हुआ एवं उसे किस कार्य हेतु व्यय किया गया? (ख) क्या विधान सभा क्षेत्र सबलगढ़ अंतर्गत खेल विभाग द्वारा खेल मैदान, स्टेडियम बनाए जाने की योजना प्रस्तावित है? यदि हाँ तो पूर्ण विवरण देवें।
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी नहीं, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं, विभागीय नीति अनुसार विभाग के नाम पर भूमि उपलब्ध होने पर वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता अनुसार स्टेडियम स्वीकृत किया जाता है। सबलगढ़ में स्टेडियम निर्माण हेतु वर्तमान में विभाग के नाम भूमि उपलब्ध नहीं होने से स्टेडियम निर्माण की स्वीकृति दी जाने पर विचार किया जाना संभव नहीं है।
ग्लोबल इन्वेस्टमेंट सेमिनार का आयोजन
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
60. ( क्र. 270 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्ष 2004 से 2018 तक कितनी ग्लोबल इन्वेस्टर्स सेमिनार का आयोजन हुआ? इनमें कुल कितने निवेश प्रस्ताव आये, कितनों का क्रियान्वयन हो रहा है? (ख) वर्ष 2004 से 2018 तक निवेश आकर्षित करने कितनी विदेश यात्राएं कब-कब और किन-किन देशों में की गई? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) यदि हां तो क्या प्रदेश के कितने युवाओं को रोजगार मिला है, किन देशों से प्रदेश में कितना निवेश आया?
औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री ( श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव ) : (क) वर्ष 2004 से 2018 तक 05 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन हुआ। इन आयोजन में प्राप्त निवेश प्रस्तावों के क्रियान्वयन की अद्यतन स्थिति की जानकारी एकत्र की जा रही है। (ख) वर्ष 2004 से 2018 तक प्रदेश में निवेश आकर्षित करने हेतु की गई विदेश यात्राओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में परियोजना क्रियान्वयन संबंधी अद्यतन जानकारी एकत्र की जा रही है। प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में उल्लेखनीय है कि प्रदेश में निवेश आकर्षित करने हेतु की गई विदेश यात्राओं का उद्देश्य मध्यप्रदेश में उपलब्ध निवेश की अपार संभावनाओं एवं विभिन्न आकर्षक निवेश नीतियों से वैश्विक निवेशकों को अवगत कराना एवं विदेश में मध्यप्रदेश को एक ब्रांड के रूप में स्थापित करते हुये आकर्षक निवेश गंतव्य के रूप में प्रचारित करने के प्रयोजन से की जाती है। इसके अंतर्गत सम्भावित निवेशकों के साथ सेमीनार तथा वन-टू-वन मीटिंग का आयोजन किया जाता है। यद्यपि विदेशी पूंजी निवेश संबंधी विषय भारत सरकार के कार्य क्षेत्र अंतर्गत आता है तथापि विदेशी बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट प्रपत्र-'ब' अनुसार प्रदेश में विभिन्न उद्योगों में लगभग रू. 8589.30 करोड़ का पूंजी निवेश किया गया है।
जय किसान फसल ऋण माफी योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
61. ( क्र. 271 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में किसानों की जय किसान फसल ऋण माफी योजना अंतर्गत अलग अलग जिलों में कितने ऐसे प्रकरण पाये गए जिनमें एक ही किसान के नाम पर एक से अधिक खातों में ऋण लिया गया है? (ख) जय किसान फसल ऋण माफी योजना के अंतर्गत अलग अलग जिलों में कितने ऐसे प्रकरण है जिनमें किसान ने ऋण नहीं लिया है लेकिन बैंक द्वारा उसके नाम से ऋण दिखाकर राशि आहरित की गई है? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हां तो क्या दोषियों पर क्या कार्यवाही या मामला दर्ज किये गये है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग की स्थापना
[नगरीय विकास एवं आवास]
62. ( क्र. 274 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरीय क्षेत्रों के भवनों में वाटर-हार्वेस्टिंग की स्थापना हेतु शासन/ विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या आदेश/निर्देश कब-कब दिये गए और आदेशों/निर्देशों के पालन में कार्यालय-नगर पालिका निगम-कटनी द्वारा अब तक क्या-क्या कार्य/कार्यवाही की गयी और इसके क्या परिणाम रहे? (ख) क्या कार्यालय-नगरपालिक निगम–कटनी द्वारा वाटर-हार्वेस्टिंग की स्थापना/निर्माण हेतु वर्ष-2016 से निविदा आमंत्रित की जा रही हैं? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक कितनी बार एवं कब-कब निविदा आमंत्रित की गयी और किन-किन कारणों एवं किन सक्षम प्राधिकारी के आदेशों से निविदा निरस्त की गयी? निविदावार बतायें। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) वाटर-हार्वेस्टिंग की स्थापना की निविदा कार्यवाही 2016 से प्रचलन में है? यदि हाँ, तो निविदा-स्वीकृति/ कार्यादेश के संबंध में क्या-क्या कार्यवाही की गयी? अब तक कार्यादेश जारी ना होने का कारण बताएं, जबकि मई-2020 से अन्य कार्यों के कार्यादेश जारी कर कार्य प्रारम्भ हैं? (घ) क्या प्रश्नांश (क) से (घ) वाटर-हार्वेस्टिंग यूनिट स्थापना करा पाने में असफल एवं कार्यों की निविदा कार्यवाही पूर्ण ना करा पाने के जिम्मेदार अधिकारियों की भूमिका और कार्यों का शासन/विभाग स्तर से संज्ञान लिया जा कर कार्यवाही की जायेगी? हाँ, तो किस प्रकार और कब तक? नहीं तो क्यों? (ङ) वर्ष-2009 से कार्यालय नगर पालिक निगम कटनी द्वारा किन-किन भवनों का कब-कब निर्माण किया गया और क्या सभी भवनों में वाटर-हार्वेस्टिंग की स्थापना की गयी? हाँ, तो विवरण बतायें, नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत भवन अनुज्ञा जारी करते समय वॉटर हार्वेस्टिंग की स्थापना हेतु धरोहर राशि प्रावधान अनुसार जमा कराई जाती है तथा 38 भवन स्वामियों द्वारा रूफ वॉटर हार्वेस्टिंग की स्थापना की गई है। नगर निगम कटनी द्वारा किये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) उत्तरांश 'क' 'ख' एवं 'ग' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। जी नहीं। कार्यवाही प्रचलन में है।
अवैध कालोनियों का निर्माण और नियमितीकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
63. ( क्र. 275 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा प्रश्न क्रमांक–628, दिनांक–23/09/2020 से उद्भुत तथ्यों पर शासन/विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की जा रही हैं? यदि हाँ, तो विवरण बताएं, यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या एक जनवरी 19 से प्रश्न दिनांक तक कटनी नगर अन्तर्गत अवैध कालोनियों में निर्मित सीमा चिन्हों एवं सड़कों आदि को हटाया/नष्ट किया गया हैं? यदि हाँ,तो किन-किन स्थानों पर कब-कब एवं किन-किन शासकीय सेवकों तथा नगर निगम-कटनी के किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों के द्वारा एवं किन प्रावधानों के तहत किसके आदेश से यह कार्यवाही की गई है एवं अवैध कालोनियों में निर्माण ना होने की जवाबदारी जिन अधिकारियों की थी उनकी लापरवाही के लिए ऐसे अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गई? अगर नहीं की गई तो कारण बताएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। नगर निगम कटनी द्वारा उत्तरदायित्व के निर्धारण हेतु तत्समय पदस्थ अधिकारियों को कारण बताओं सूचना पत्र जारी किये गये है। (ख) जी हाँ। अवैध कालोनियों के सीमा चिन्हों एवं सड़कों आदि को हटाये जाने की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है एवं अवैध कालोनी के निर्माण की जानकारी संज्ञान में आने पर नगर निगम द्वारा नियमानुसार कार्यवाही किये जाने के कारण शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वेन्डर्स की चयन प्रक्रिया
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
64. ( क्र. 278 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला एवं जनपद पंचायतों में विभिन्न निर्माण सामग्री एवं अन्य आवश्यक सामग्री क्रय किये जाने हेतु वेन्डर्स का चयन किस प्रक्रिया के तहत किया जाता है? (ख) सिवनी जिले की समस्त जनपद पंचायतों एवं जिला पंचायत में कुल कितने वेन्डर्स पंजीकृत है? सूची उपलब्ध करायें। (ग) क्या सिवनी जिले की समस्त जनपद पंचायतों एवं जिला पंचायत में वेन्डर्स के चयन में निर्धारित प्रक्रिया का पालन किया गया है? (घ) यदि नहीं, तो क्यों और इसमें दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही की जायेगी? (ड.) क्या कुछ वेन्डर्स द्वारा पंजीकृत संस्था से बिलों का भुगतान न होकर वेन्डर्स के नाम से भुगतान किया जा रहा है? यदि हॉ, तो कारण बतावें।
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) महात्मा गांधी नरेगा योजनांतर्गत संचालित निर्माण कार्यों के लिए सामग्री क्रय किए जाने हेतु वर्तमान में वाणिज्य कर विभाग में पंजीबद्ध जी.एस.टी. धारक फर्म का मनरेगा पोर्टल में पंजीयन कराने हेतु संबंधित जनपद पंचायत के द्वारा जी.एस.टी., पेन नंबर, बैंक खाता नंबर, आधार कार्ड, मोबाईल नंबर आदि की जानकारी प्राधिकृत अधिकारी से सत्यापित कर प्रेषित किया जाता है। तदुपरांत जिला पंचायत के द्वारा मनरेगा पोर्टल में नियमानुसार पंजीयन की कार्यवाही की जाती है। पी.आर.डी. पोर्टल में जिला/ जनपद पंचायत स्तर पर (नियमानुसार स्वीकृति अनुसार) फर्म का पंजीयन कराये जाने हेतु संबंधित फर्म का खाता नंबर आधार कार्ड, मोबाईल नंबर, जी.एस.टी. नंबर आदि लिया जाकर नियमानुसार वेन्डर्स का पंजीयन संबंधित एजेंसी द्वारा किया जाता है। (ख) सिवनी जिले की समस्त जनपद पंचायतों में मनरेगा अंतर्गत प्रारंभ से कुल 1504 वेन्डर पंजीकृत हैं। पी.आर.डी. पोर्टल में जिला/ जनपद पंचायतों में कुल 6112 वेन्डर्स पंजीकृत हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) उत्तरांश ''ग'' के संदर्भ में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ड.) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्रांट की राशि का ग्राम पंचायतों का आवंटन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
65. ( क्र. 279 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में 14वें वित्त आयोग अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक परफॉरमेन्स ग्रांट की राशि का ग्राम पंचायतों को प्राप्त आवंटन, कार्य के नाम, राशि सहित पंचायतवार वर्षवार जानकारी देवें। (ख) उपरोक्त जिन पंचायतों को राशि शासन की ओर से प्रदान की गई थी, उसका क्या मापदण्ड तय किया गया था? (ग) सिवनी जिले में प्रश्नांश (क) वर्षों में किन-किन पंचायतों में कितना-कितना कर वसूल किया गया है? वर्षवार एवं पंचायतवार जानकारी देवें। (घ) सिवनी एवं लखनादौन विधानसभा क्षेत्र की पंचायतों में उपरोक्त योजना के तहत दी गई राशि एवं जिन पंचायतों को राशि नहीं दी गई, के तुलनात्मक आंकड़ों की सूची उपलब्ध करावें।
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
पात्र परिवारों के नाम आवास सूची में जोड़ना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
66. ( क्र. 289 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केन्द्र सरकार द्वारा म.प्र.शासन को प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) अंतर्गत कितने-कितने आवासों के लक्ष्य/स्वीकृति प्रदान की गई है? मध्यप्रदेश में योजना प्रारंभ से कितने-कितने आवास स्वीकृत किये गये है? वर्षवार, विकासखण्ड एवं जिलावार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने आवास पूर्ण हुये एवं कितने आवास अधूरे है? कितने अप्रारंभ एवं कितने आवास निरस्त किये गये है? विकासखण्ड एवं जिलेवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सिरोंज, लटेरी विकासखण्ड में योजना प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार कितना-कितना लक्ष्य प्राप्त हुआ एवं कितने स्वीकृत किये गये? कितने आवास पूर्ण, अपूर्ण, अप्रारंभ है? वर्षवार ग्रामपंचायतवार हितग्राही के नाम सहित सूची उपलब्ध करावें एवं कितने निरस्त किये गये, उनकी सूची कारण सहित उपलब्ध करावें। (घ) विदिशा जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अंतर्गत एस.ई.सी.सी. 2011 के आंकड़ों में मेंपिग सही न होने एवं छूटे गये ग्रामों को जुड़वाने के संबंध में जनपद, जिले एवं प्रदेश के अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है? पत्रों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। क्या हितग्राहियों की जाति गलत मेंपिग होने से उन्हें आवास योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है? कब तक जाति (वर्ग) का सुधारकर उन्हें आवास स्वीकृत किया जावेगा? आवास से वंचित हुये हितग्राहियों के नाम जोड़ने की क्या प्रक्रिया है? आदेश/निर्देशों की छायाप्रति उपलब्ध करावें तथा आवास+एप्प नाम कब तक जोड़ दिये जावेंगे? (ड़) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में मुख्यकार्यपालन अधिकारी, जनपदपंचायत लटेरी का पत्र क्रमांक 2401,दिनांक 20.12.2019 मुख्यकार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत को प्रेषित किया गया था जिस पर क्या कार्यवाही की गई? कार्यवाही से अवगत करावें। प्रश्नकर्ता द्वारा आयुक्त पंचायतीराज संचालनालय को पत्र क्रमांक 986, दिनांक 10.10.2020 तथा संचालक प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण को पत्र क्रमांक 1017 दिनांक 13.10.2020 एवं पत्र क्रमांक 1021 दिनांक 14.10.2020 तथा मुख्यकार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत विदिशा को पत्र क्रमांक 980, दिनांक 10.10.2020 को प्राप्त हुई है? पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? छायाप्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो कब तक कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) एवं (ख) जानकारी प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के पोर्टलpmayg.nic.inपर उपलब्ध है। (ग) जानकारी प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के पोर्टलpmayg.nic.inपर उपलब्ध है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र (अ) अनुसार (पेज क्र.1 से 21 तक) है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र (ब) अनुसार (पेज क्र.1से10तक) है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र (स) अनुसार (पेज क्र.1से23तक) है।
निजी कम्पनियों को पहुँचाया जा रहा लाभ
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
67. ( क्र. 291 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 अप्रैल 2018 से विदिशा जिले में बीज उत्पादक सहकारी संस्थाओं से कितना बीज खरीफ एवं रवि फसल का क्रय किया गया है?कितनी राशि का भुगतान किया गया है? बीज उत्पादक सहकारी संस्थावार जानकारी उपलब्ध करावें तथा बीज क्रय करने के नियम एवं निर्देश क्या हैं? क्या जिले द्वारा अमानक बीज भी क्रय किया गया है? यदि हां, तो बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त बीज का वितरण कौन-कौन सी योजनाओं के तहत कृषकों को किया गया है एवं कृषकों से कितनी राशि नगद ली गई है तथा कितनी राशि अनुदान के रूप में बैंक खातों में जमा की गई है? कृषक संख्यावार, जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या एन.एफ.एस.एम. दहलन एवं एन.एफ.एस.एम. टरफा योजनांतर्गत किसानों ने बीज क्रय किया था? उन किसानों को एग्रीकल्चर बिजनेस एण्ड डेव्हलेपमेंट को-आपरेटिव्ह सोसायटी लिमिटेड, भोपाल द्वारा बायोफर्टिलाइजर (उर्वरक) क्रय करवाया गया है? या किसानों ने क्रय कर जिले में बिल जमा किये हैं? यदि हाँ तो उन कृषकों की संख्या उपलब्ध करावें। क्या जिले के अधिकारियों की मिली भगत से निजी कंपनी से मिलीभगत कर किसानों से एक ही कंपनी का बायोफर्टिलाइजर क्रय करवाया गया है? यदि हां, तो क्या इसकी जांच करवाई जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) वर्ष 2020-21 की रबी फसल का अनुदान का भुगतान कितने कृषकों के खातों में किया गया है? यदि नहीं, तो कब तक भुगतान कर दिया जावेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) 01 अप्रैल2018 से विभाग द्वारा बीज उत्पादक सहकारी संस्थाओं से 12080.25 क्विंटल खरीफ बीज एवं 37015.20 क्विंटल रबी बीज क्रय किया गया। संस्थाओं को खरीफ बीज हेतु राशि रूपये 46161925 एवं रबी बीज हेतु राशि रूपये 79833586 का भुगतान किया गया। बीज उत्पादक सहकारी संस्थावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार है। बीज क्रय हेतु शासकीय कृषि प्रक्षेत्र, राष्ट्रीय बीज निगम, म.प्र.राज्य बीज एवं फार्म विकास निगम एवं बीज उत्पादक सहकारी समितियों जो कि बीज संघ की सदस्य समितियां है से ही बीज क्रय करने की दिशा निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार है। जिले द्वारा कोई अमानक बीज क्रय नहीं किया गया है। (ख) प्रश्नांश "क" के संदर्भ में उक्त बीज का वितरण बीजग्राम योजना, सूरजधारा, अन्नपूर्णा, राखासुमि (दलहन एवं गेहूं/तिलहन) के अंतर्गत वितरण किया गया। योजनाओं के अंतर्गत संस्थाओं से बीज क्रय कर सीधे कृषकों को प्रदाय किया गया। कृषकों को जो बीज प्रदाय किया गया उसकी विक्रय राशि में से उनको देय अनुदान की राशि कम करके ही कृषक अंश राशि ली गई है, अत: बीज अनुदान की राशि कृषकों के बैंक खातों में जमा नहीं कराई गई है। कृषक संख्या एवं राशि संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ग अनुसार है। (ग) प्रश्नांश "ख" के संदर्भ में एन.एफ.एस.एम. दलहन एवं एन.एफ.एस.एम. टरफा योजनांतर्गत जिन किसानों ने बीज क्रय किया हैं। जिले में विभाग द्वारा इन कृषको को एग्रीकल्चर बिजनेस एण्ड डेव्हलेपमेंट को-आपरेटिव्ह लिमिटेड, भोपाल द्वारा बायोफर्टिलाइजर (उर्वरक) क्रय नहीं करवाया गया और न ही आज दिनांक तक कृषकों ने बायोफर्टिलाइजर (उर्वरक) क्रय कर बिल जमा किये हैं। जिले के अधिकारियों की मिलीभगत से किसी भी निजी कंपनी का बायोफर्टिलाइजर क्रय नहीं करवाया गया हैं। अत: जांच का प्रश्न ही नहीं उठता हैं। (घ) वर्ष 2020-21 की रबी फसलो का अनुदान का भुगतान कृषकों के खातों में नहीं किया गया है। कृषकों के देयक प्राप्त होते ही नियमानुसार योजना प्रावधान अनुसार अनुदान भुगतान की कार्यवाही की जावेगी।
जारी निर्देशों की अवहेलना
[नगरीय विकास एवं आवास]
68. ( क्र. 294 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल के पत्र क्रमांक एफ 19-76/2007/1/4 भोपाल दिनांक 19 जुलाई 2019 एवं पूर्ववर्ती आदेशों के अनुसार माननीय संसद सदस्यों एवं विधायकों के पत्रों पर कार्यवाही तथा शासकीय कार्यक्रमों में आमंत्रित करने के संबंध में समुचित निर्देश जारी किये गये हैं तथा उक्त निर्देशों को पालन कड़ाई से न किये जाने पर आचरण व सेवा नियमों के अधीन अवचार समझा जाकर अनुशासनात्मक कार्यवाही का लेख है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या प्रश्नकर्ता द्वारा अपने पत्र क्रमांक 1802 दिनांक 21.10.2020, से नगर पालिका नरसिंहगढ़ अंतर्गत बैराज निर्माण कार्य के मूल्यांकन प्रति, डी.पी.आर., नक्शा, भुगतान की दिनांकवार जानकारी चाही गई थी? यदि हाँ तो क्या पत्र दिनांक से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नकर्ता को न तो पत्रों की अभिस्वीकृति और न ही 30 दिवस से अधिक समय उपरांत भी पत्रानुसार जानकारी उपलब्ध कराई गई है? यदि हाँ तो क्या सक्षम अधिकारी का यह कृत्य कदाचरण होकर अवचार की श्रेणी में आता है? यदि हाँ तो क्या शासन उक्त वर्णित निर्देशों की अवहेलना करने वाले मुख्य नगर पालिका अधिकारी की संचयी प्रभाव से दो वेतनवृद्धि रोकने की शास्ति आरोपित कर उक्त जानकारी प्रदान करवाएगा? (ग) यदि हाँ तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। माननीय सदस्य के पत्र क्रमांक 1802 दिनांक 21/10/2020 से नगर पालिका नरसिंहगढ़ अंतर्गत बैराज निर्माण कार्य के मूल्यांकन प्रति डी.पी.आर. नक्शा, भुगतान की दिनांकवार जानकारी चाही गई थी। निकाय में पदस्थ उपयंत्री की डियूटी विधानसभा उपनिर्वाचन 2020 के कार्य सम्पादन हेतु जिला निर्वाचन कार्यालय में सम्बद्ध होने से जानकारी प्रेषित करने में विलंब हुआ है। माननीय सदस्य को निकाय के पत्र क्रमांक 4234 दिनांक 03/12/2020 के माध्यम से डी.पी.आर., ड्राईंग-डिजाईन की छायाप्रति उपलब्ध करा दी गई है। उपलब्ध कराई गई जानकारी प्राप्ति की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में चाही गई जानकारी माननीय सदस्य को उपलब्ध कराने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
एप्रोज रोड का निर्माण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
69. ( क्र. 295 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अपर कलेक्टर/अपर संचालक, मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड आंचलिक कार्यालय भोपाल द्वारा अपने पत्र क्रमांक/उप/स/प्रांगण/नरसिंहगढ़/27/2016-17 भोपाल दिनांक 26.10.2016 से राजगढ़ जिले की कृषि उपज उपमण्डी बोड़ा एप्रोच रोड के निर्माण में अर्जित की जाने वाली भूमि के मुआवजा हेतु राशि रूपये 2,21,30,912/- कलेक्टर जिला राजगढ़ के पी.डी. खाते में जमा करने हेतु कृषि उपज मण्डी समिति नरसिंहगढ़ को अनुदान स्वीकृत किये जाने के संबंध में आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रकरण प्रबंध संचालक, मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड भोपाल को प्रेषित किया गया था? यदि हाँ तो प्रश्न दिनांक तक उक्त संबंध में क्या कार्यवाही किन कारणों से कब से लंबित है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त वर्णित एप्रोच मार्ग निर्माण के अभाव में क्षेत्र के कृषकगण अपनी उपज विक्रय हेतु बोडा उपमण्डी न जाकर 30 कि.मी. दूर नरसिंहगढ़ मण्डी अथवा 12 कि.मी. दूर पचोर मण्डी जाने हेतु विवश हैं, जिससें किसानों की व्यर्थ समय-धन हानि के साथ-साथ करोड़ों रूपये की लागत से निर्मित बोड़ा उपमण्डी परिसर का अस्तित्व शनै-शनै समाप्त हो रहा है? यदि हाँ तो क्या शासन किसानों की उक्त ज्वलंत समस्या एवं बोडा उपमण्डी के अस्तित्व की सुरक्षा के लिये उपरोक्तानुसार अनुदान राशि की स्वीकृति प्रदान कर सड़क निर्माण कार्य करवाऐगा? यदि हाँ तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) जी हाँ। एप्रोच रोड मार्ग निर्माण हेतु भूमि के मुआवजा के लिये विद्यमान ऋण/अनुदान नीति में अनुदान देने का प्रावधान न होने से अनुदान नहीं दिया गया है। इस संबंध में मण्डी बोर्ड मुख्यालय भोपाल के पत्र क्रमांक-40 दिनांक 18.6.2012 से जारी ऋण/अनुदान प्रदाय करने संबंधी दिशा निर्देश की छायाप्रति एवं मध्यप्रदेश शासन कृषि विभाग द्वारा जारी म.प्र. राजपत्र (असाधारण) दिनांक 13.07.2001 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। अतः प्रकरण लंबित होने का प्रश्न ही नहीं उठता। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उपमण्डी बोडा में विगत 03 वर्ष 2017-18 से 30.11.2020 तक 60,162 क्विंटल की आवक हुई है तथा राशि रूपये 21,65,254/- की आय हुई है। उपमण्डी बोड़ा में विगत 03 वर्षों में आवक एवं आय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। उपमण्डी बोडा परिसर में कार्यालय भवन, वाटर टैंक, बैलगाड़ी शेड एवं बाउण्डीवाल निर्मित होकर प्रांगण सुरक्षित है,विपणन व्यवस्था हेतु 02 कर्मचारियों को नियुक्त किया गया है। वर्तमान में उपमण्डी प्रांगण हेतु नरसिंहगढ़ पचैर मार्ग से बोडा शहर होते हुये एप्रोच मार्ग सी.सी. एवं डामरीकरण युक्त निर्मित है। जिससे टेक्टर टाली एवं बैलगाड़ी का आवागमन होता है। अतः पृथक से अनुदान प्रदाय कर मार्ग निर्माण कार्य मण्डी बोर्ड द्वारा नहीं किया जा सकता है। एप्रोच रोड मार्ग निर्माण हेतु भूमि के मुआवजा के लिये विद्यमान ऋण/अनुदान नीति में अनुदान देने का प्रावधान न होने से अनुदान स्वीकृति का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
कर्ज माफी योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
70. ( क्र. 297 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 197 दिनांक 21 सितम्बर 2020 के खण्ड (ग) के सन्दर्भ में बतावें कि कर्ज माफी की योजना पर समग्र रूप से विचार कर लिया गया या नहीं? विचार उपरान्त लिये गये निर्णय से अवगत करावे। यदि अभी तक विचार नहीं किया गया तो उसका कारण बतावें। (ख) पूर्व कमलनाथ सरकार द्वारा कर्ज माफी की घोषणा क्या संवैधानिक अधिकार के बहुत उचित तरीके से कानूनी मान्यता के अधीन की गई थी? यदि हाँ, तो उस पर पुनः विचार करने की प्रक्रिया प्रारंभ करना किस नियम के तहत है? उस नियम की प्रति देवें। (ग) बतावे की 2020-21 का कृषि बजट वर्ष 2019-20 के बजट में 46 प्रतिशत कम याने 20 हजार करोड़ कम का क्यों बनाया गया था? इस सन्दर्भ में तैयार की गई नोटशीट की प्रतियाँ देवें तथा बतावें की कर्ज माफी की शेष राशि लगभग 36 हजार करोड़ के एवज में मात्र 02 हजार करोड़ का प्रावधान बजट पुस्तिका में क्यों किया गया था? (घ) सरकार स्पष्ट रूप से बतावे की वह कर्ज माफी की शेष राशि का भुगतान करना चाहती है या नहीं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) कृषि बजट में राशि का प्रावधान अन्य विभागों को सम्मिलित करते हुए वित्त विभाग द्वारा किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
व्यापम घोटाले की जांच
[गृह]
71. ( क्र. 298 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रं.198 दि 21 सितम्बर 2020 के खण्ड (क) का उत्तर दिलाया जाय कि जो 212 प्रकरण सी.बी.आई. को दिए गए थे उनके अलावा दूसरे प्रकरण जो एस.टी.एफ. के पास लंबित थे उनकी जांच क्यों रोकी गई, किसके आदेश पर रोकी गई? (ख) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र.198 दि. 21 सितम्बर 2020 के खण्ड (ख) के सन्दर्भ में जांच की प्रगति से अवगत करावे तथा खण्ड (ग) का स्पष्ट उत्तर दिलाया जाय। (ग) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र.198 दि 21 सितम्बर 2020 के खण्ड (घ) तथा (ड.) के संबंध में स्पष्ट बतावें कि क्या माननीय उच्च न्यायालय ने डीमेट की जांच एस.टी.एफ. द्वारा किये जाने पर रोक लगाई है? क्या संबंधित पिटीशन में स्टे की मांग की गई है? यदि ऐसा नहीं है तो सर्वोच्च न्यायालय का आदेश प्राप्त होने तक किस नियम से रोकी गई जबकि इस तरह के पी.एम.टी. के जांच के प्रकरण में सर्वोच्च न्यायालय में पिटीशन के चलते हुए आदेश होने के पहले तक एस.टी.एफ. द्वारा जांच की जा रही थी? (घ) क्या सर्वोच्च न्यायालय में किसी भी प्रकरण में सी.बी.आई. की जांच की मांग की पिटीशन दाखिल करते ही राज्य शासन अपनी एजेन्सी द्वारा की जा रही जांच को रोक देता है? यदि नहीं, तो डीमेट की जांच क्यों रोकी गई?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) माननीय सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली द्वारा रिट याचिका क्रमांक 372/2015 दिनांक 09.07.2015 में व्यापम द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षाओं में फर्जीवाड़े से संबंधित पंजीबद्ध समस्त आपराधिक प्रकरणों की अग्रिम विवेचना सी.बी.आई. को हस्तांतरित किये जाने का आदेश पारित किये जाने से एस.टी.एफ. द्वारा व्यापम संबंधी लंबित शिकायतों की जांच स्थगित की गई थी। (ख) खण्ड (ख) माननीय पूर्व विधायक श्री पारस सकलेचा, डॉ आनन्द राय तथा आशीष चतुर्वेदी के बयान एस.टी.एफ. द्वारा लेखबद्ध किये गये, बयान के आधार पर दर्ज प्रकरण निरंक है, क्योंकि शिकायत जांच प्रगति पर है, जिसके निष्कर्ष के आधार पर साक्ष्यानुरूप वैधानिक कार्यवाही की जायेगी। खण्ड (ग) एस.टी.एफ. द्वारा व्यापम घोटाले की लंबित शिकायतों के संबंध में समुचित जाँच बिना किसी भेदभाव तथा निष्पक्षतापूर्वक की जा रही है। (ग) एवं (घ) खण्ड (घ) जी, नहीं। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा डीमेट की जांच एस.टी.एफ. द्वारा किये जाने पर रोक नहीं लगाई। डी-मेट द्वारा निजी कॉलेजों में भर्ती की परीक्षा संचालित की जाती थी। इस संबंध में विवेचना इकाई निर्धारण को लेकर माननीय सर्वोच्च न्यायालय में रिट पिटीशन क्रमांक 114/15 एवं 115/15 लंबित है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयानुरूप कार्यवाही की जायेगी।
खेल प्रशिक्षकों द्वारा महिलाओ एवं बालिकाओं से अश्लीलता
[गृह]
72. ( क्र. 302 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में 1 जनवरी 2015 के पश्चात कहां-कहां शासकीय एवं अशासकीय खेल मैदान, जिम सेंटर, स्टेडियम एवं अन्य स्थलों पर खेल प्रशिक्षकों द्वारा महिलाओं एवं बालिकाओ से अश्लीलता एवं छेड़छाड़ को लेकर किस-किस व्यक्ति के खिलाफ क्या-क्या कार्यवाही की गई? प्रदेश में ऐसे कुल प्रकरणों की संख्या बतायें। (ख) उक्त प्रकरणों में कितने प्रशिक्षक शासकीय सेवाओं में हैं? इनके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रदेश में कितने प्रकरणों में महिला एवं बालिकाओं द्वारा प्रशिक्षकों के खिलाफ अश्लीलता के प्रकरण दर्ज कराने के उपरांत प्रकरण झूठे पाये गये? प्रदेश की कुल संख्या बतावें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मंदसौर में नवीन सिंथेटिक ऐथेलेटिक ग्राउंड का निर्माण
[खेल और युवा कल्याण]
73. ( क्र. 303 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मंदसौर में नवीन सिंथेटिक ऐथेलेटिक ग्राउंड का निर्माण की क्या कार्ययोजना विभागीय स्तर पर प्रचलन में है? (ख) मंदसौर में नवीन सिंथेटिक ऐथेलेटिक ग्राउंड का निर्माण कब तक कर दिया जायेगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) भारत सरकार की खेलो इण्डिया अधोसंरचना योजनान्तर्गत मंदसौर में नवीन सिंथेटिक ऐथेलेटिक ग्राउंड का निर्माण कराये जाने हेतु केन्द्रीय सहायता हेतु प्रस्ताव विभागीय पत्र क्र. एफ 2-22/2020/नौ, दिनांक 29.09.2020 द्वारा भारत सरकार, युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय, नई दिल्ली को प्रेषित किए गए हैं। (ख) भारत सरकार से सक्षम स्वीकृति प्राप्त होने पर सिंथेटिक ऐथेलेटिक ग्राउंड का निर्माण किया जाना संभव हो सकेगा, जिसकी निश्चित तिथि बताई जाना संभव नहीं है।
किसानों की ऋण माफी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
74. ( क्र. 304 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पूर्व कमलनाथ सरकार की किसान कर्जमाफी की घोषणा के तहत (1) 50 हजार तक (2) 50 हजार से 01 लाख तक (3) 01 लाख से 02 लाख तक कर्ज माफी हेतु कितने किसान पात्र पाये गये तथा प्रत्येक वर्ग में कितनी-कितनी राशि कर्ज माफी में देय थी तथा कितनी दे दी गई? (ख) क्या शासन शेष किसानों के कर्जमाफी को लेकर विस्तृत समीक्षा और समग्र रूप से विचार कर रहा है? यदि हाँ तो क्या इसके लिए कोई कमेटी गठित की गई तथा कमेटी के सदस्य कौन-कौन हैं तथा बैठक कब-कब हुई? (ग) सैलाना विधानसभा क्षेत्र में कितने किसानों का पचास हजार तथा पचास हजार से एक लाख तक का ऋण माफ किया गया तथा कुल कितनी राशि कर्जमाफी के तहत भुगतान की गई? क्या सभी पात्र किसानों को राशि का भुगतान कर दिया गया? यदि नहीं, तो उनकी संख्या बतावें? (घ) सैलाना विधानसभा क्षेत्र में किसानों की संख्या बतावें जिनका प्रश्नांश (क) के अनुसार 01 लाख से 02 लाख का ऋण माफ हुआ है? कुल राशि भी बतावें तथा उक्त किसानों का ऋण माफ किया जाएगा या नहीं? यदि हाँ तो कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पुलिस थाना सैलाना द्वारा कार्यवाही नहीं किया जाना
[गृह]
75. ( क्र. 306 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दुर्गाबाई पति मोहनलाल निवासी महात्मा गांधी मार्ग सैलाना ने दिनांक 15.11.2020 को पुलिस थाना सैलाना में आवेदन दिया कि दिनांक 14.11.2020 को रात्रि 09.00 बजे उसके घर पर 30-35 लोगों ने आकर गालीगलौच की, पत्थर फेंके दरवाजा तोड़ा गया? यदि हाँ तो इसकी विवेचना किसके द्वारा की गई तथा विवेचना में क्या पाया गया तथा एफ.आई.आर. किन-किन लोगों के खिलाफ किस दिनांक को दर्ज की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या दिनांक 14.11.2020 को विपुल तथा सोनू प्रजापति को सैलाना में पैलेस चोराहे पर 50/60 लोगों ने घेर कर बुरी तरह मारा तथा पुलिस ने उनके परिवार की और से रिपोर्ट नहीं लिखी और भगा दिया? यदि हाँ तो कारण बतावें तथा बतावें कि इस सन्दर्भ में दिनांक 21.11.2020 को एस.पी. महोदय को की गई शिकायत पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) की वारदात पर मारपीट करने वाले के समूह के दबाव में विपुल तथा सोनू प्रजापति पर झूठी रिपोर्ट घटना के 40 मिनिट बाद लिखी गई? यदि हाँ तो बतावें की विपुल और सोनू प्रजापति को पुलिस थाने कौन लाया? (घ) क्या विपुल और सोनू प्रजापति बेहोशी अवस्था में बुरी तरह से घायल स्थिति में पुलिस की गाड़ी में थाने लाया गया तथा उनके नाक से और मुंह से खून निकलने के बाद भी पूरी रात थाने में रखा तथा उन्हें 16 घण्टे बाद उनका मेडिकल क्यों कराया गया?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। आवेदन पत्र की जाँच स.उ.नि. के.एल.दायमा, थाना सैलाना द्वारा की गई। जांच पर आवेदन पत्र में लगाये गये आरोपों के संबंध में साक्ष्य नहीं पाये गये, अतः एफ.आई.आर. दर्ज नहीं की गई। (ख) जी नहीं। विपुल प्रजापत व उसके भाई सोनू प्रजापत, दिनांक 14-15/11/2020 की दरमियानी रात 01:00 बजे थाना सैलाना पर उपस्थित हुए थे, उनकी रिपोर्ट पर असंज्ञेय अपराध क्रमांक 42/2020 धारा 323, 504 भा.द.वि. पंजीबद्ध किया गया था। दोनों का मेडिकल रात्रि में ही कराया गया था। यह कहना सही नहीं है कि पुलिस ने उनकी रिपोर्ट नहीं लिखी एवं भगा दिया। दिनांक 21.11.20 को पुलिस अधीक्षक रतलाम को कोई आवेदन पत्र नहीं दिया गया है। दिनांक 23.11.2020 को पुलिस अधीक्षक कार्यालय में एक आवेदन प्राप्त हुआ था जिसकी जांच पर घटना सत्य होना नहीं पायी गई थी। (ग) पुलिस के द्वारा किसी के दबाव में आकर सोनू व विपुल के विरूद्ध झूठा अपराध पंजीबद्ध नहीं किया है। दिनांक 14.11.20 के रात्रि करीब 23:10 बजे फरियादी विशाल ने थाने पर उपस्थित होकर विपुल तथा सोनू प्रजापत के द्वारा महेन्द्र उर्फ लल्ला को चाकू से हमला कर घायल करने की रिपोर्ट करने पर आरोपी विपुल व सोनू प्रजापत के विरुद्ध थाना सैलाना में अपराध क्र. 284/20 धारा 308,34 भा.द.वि. का अपराध पंजीबद्ध किया गया था, जो विवेचना पर धारा-307, 34 भा.द.वि. में परिवर्तित हुआ। विपुल प्रजापत एवं उसका भाई सोनू प्रजापत थाने पर रिपोर्ट करने के लिए स्वयं उपस्थित हुए थे। (घ) जी नहीं। विपुल और सोनू प्रजापत दिनांक 14-15/11/2020 की दरमियानी रात्रि करीब 01 बजे स्वयं थाने गये थे, तब उनका मेडिकल परीक्षण कराया गया था।
मध्य प्रदेश पुलिस के शासकीय सेवकों को देय वेतन भत्ता
[गृह]
76. ( क्र. 311 ) श्री मनोज चावला : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र पुलिस के शासकीय सेवकों को 8 रू. साइकिल भत्ता, 60 रू. वर्दी भत्ता, 650 रू. पोषण आहार भत्ता प्रदान किया जाता है जो अन्य राज्यों की तुलना में और वर्तमान महंगाई को देखते हुए बहुत ही कम है, क्या म.प्र शासन द्वारा उक्त भत्ता की बढ़ोतरी के संबंध में कोई प्रस्ताव बनाया गया है अथवा नहीं? (ख) म.प्र. शा. द्वारा शासकीय कर्मचारियों को मकान किराया भत्ता (छठे वेतनमान की बेसिक के अनुसार) देहात क्षेत्र में 3%, शहरी क्षेत्र में 5%, राजभोगी शहरों (इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर) में 8% देय है जिसका आकलन/गणना किए जाने पर शासकीय सेवकों को उनकी बेसिक अनुसार 3 अंकों में ही मकान किराया भत्ता देय होता है, क्या बढ़ोतरी के संबंध में कोई प्रस्ताव बनाया गया है? (ग) म.प्र पुलिस के शासकीय सेवकों में आरक्षक को फिक्स टी.ए 125 रू. प्रतिमाह एवं प्रधान आरक्षक को फिक्स टी.ए 200 रू प्रतिमाह प्रदाय किया जाता है, क्या बढ़ोतरी हेतु प्रस्ताव बनाया गया है? म.प्र पुलिस शासकीय सेवकों को पद अनुसार (अनुसूचीवीय बल को सम्मिलित करते हुए) जो वेतनमान प्रदाय किया जा रहा है वह अन्य राज्यों में कार्यरत पुलिस शासकीय सेवकों की तुलना में बहुत कम है, क्या शासन द्वारा अन्य राज्यों में पुलिस शासकीय सेवकों के समतुल्य वेतनमान के संबंध में कोई प्रस्ताव बनाया गया है अथवा नहीं?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) मध्यप्रदेश पुलिस के शासकीय सेवकों का भत्ता बढ़ाये जाने के प्रस्ताव पर वित्त विभाग द्वारा आगामी वेतन आयोग के समक्ष विचार हेतु रखे जाने का मत दिया गया है। (ख) जी हाँ। बढ़ोत्तरी के संबंध में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ग) वर्तमान में आरक्षक को रू. 150/- तथा प्रधान आरक्षक को रू. 175/- फिक्स टी.ए. दिया जाता है। जिसकी बढ़ोत्तरी का कोई प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है। जी नहीं। जी नहीं।
रोजगार सहायक की पदस्थापना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
77. ( क्र. 315 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2010 से 2013 तक ग्राम पंचायत जिनागढ़, जनपद बल्देवगढ़, जिला-टीकमगढ़ में ग्राम रोजगार सहायक के पद पर किसकी पद स्थापना थी? (ख) वर्ष 2010 से 2013 के बीच रहे ग्राम रोजगार सहायक की नियुक्ति किस दिनांक को हुई थी तथा उसने किस दिनांक को अपना त्यागपत्र दिया था? नियुक्ति एवं त्यागपत्र की छायाप्रति उपलब्ध करावें।
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जनपद पंचायत बल्देवगढ़ की ग्राम पंचायत जिनागढ़ जिला टीकमगढ़ में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत, बल्देवगढ़ के आदेश क्र. 1259, दिनांक 30/05/2012 द्वारा श्री कमलेश कुमार मिश्रा की ग्राम रोजगार सहायक के पद पर पदस्थापना की गई है। (ख) मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत के पत्र क्र. 1313 दिनांक 18.12.2020 अनुसार श्री कमलेश मिश्रा की नियुक्ति 30/05/2012 को की गई एवं श्री मिश्रा का त्याग-पत्र कार्यालय जनपद पंचायत बल्देवगढ़ की नस्ती में संधारित नहीं है। नियुक्ति आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
कुंदा नदी पर एनी कट डेम का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
78. ( क्र. 316 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्य प्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड भोपाल द्वारा कुंदा नदी पर एनी कट डेम का निर्माण होना था तथा जिसका अनुबंध 13/2/20 को होकर 6 माह में पूर्ण होना था। (ख) यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक को डेम की क्या स्थिति है एवं कब तक निर्मित होगा? क्या कारण हैं की समयावधि में निर्मित नहीं हो पाया या अधूरा है? (ग) कारण सहित पत्राचार की प्रतिलिपि सहित जानकारी देवे और अब कब तक पूर्ण निर्मित होगा और नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। अनुबंध दिनांक 19.02.2018 को किया जाकर 6 माह में पूर्ण किया जाना था। (ख) एनीकट का निर्माण लगभग 80% पूर्ण है तथा इसे माह जून 2021 के अंत तक पूर्ण किया जाना सम्भावित है। कार्य पूर्ण न हो पाने का कारण प्रशासनिक एवं तकनीकी है। (ग) पत्राचार की प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। कार्य जून 2021 के अंत तक पूर्ण होना सम्भावित है।
आवास निर्माण की संख्या
[नगरीय विकास एवं आवास]
79. ( क्र. 320 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगरीय विकास एवं आवास विभाग के द्वारा विगत 10 वर्षों में सिवनी जिले में आवास निर्माण किये गये हैं? यदि हाँ, तो कितने-कितने आवास गृहों का निर्माण कराया गया है? संख्यात्मक जानकारी देवें। (ख) क्या आवास गृह पात्र हितग्राहियों को आवंटित कर दिये गये हैं? यदि हाँ तो कितने पात्र हितग्राहियों को लाभ दिया गया है? सूची प्रदाय करें। क्या अपात्र हितग्राहियों को भी लाभान्वित किया गया है? यदि हाँ तो दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई? शासन/विभाग की राजस्व हानि के लिये कौन दोषी है? दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई। (ग) क्या सिवनी जिले के ग्राम कंडीपार में नगरीय विकास एवं आवास विभाग के द्वारा आवास निर्माण कराये गये हैं? यदि हाँ तो कितने आवास निर्माण किये गये? क्या उक्त आवास गृह पूर्ण निर्मित हैं अथवा अधूरे निर्मित खड़े है? विभाग के द्वारा कोई वैधानिक कार्यवाही की गई है? यदि हाँ तो कब की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। प्रश्नाधीन अवधि में सिवनी जिले की नगर पालिका परिषद सिवनी में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के एएचपी घटक अन्तर्गत 116 आवासों का निर्माण कार्य कराया जा रहा है, अन्य निकाय बरघाट एवं लखनादौन नगरीय निकायों द्वारा कोई कार्य स्वीकृत नहीं है। म.प्र. गृह निर्माण तथा अधोसंरचना विकास मण्डल द्वारा सिवनी जिले में निर्मित विभिन्न श्रेणी के भवनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। नगर पालिका परिषद सिवनी में योजनान्तर्गत 116 पात्र हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अंतर्गत आवासों का आवंटन किया गया है, सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब-1'' अनुसार है। म.प्र. गृह निर्माण तथा अधोसंरचना विकास मण्डल द्वारा सिवनी जिला में 02 एच.आई.जी, 42 एम.आई.जी-1 09 एम.आई.जी-2, 05 एल.आई.जी एवं 16 ई.डब्लयू.एस. कुल 74 पात्र हितग्राहियों को भवनों का आवंटन किया गया है, सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब-2'' अनुसार हैं। किसी भी अपात्र हितग्राही को लाभान्वित नहीं किया गया है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के एएचपी घटक अन्तर्गत 116 ईडब्लयूएस आवासों का निर्माण ग्राम कंडीपार (बीझावाड़ा) में कराया जा रहा है। जी नहीं, आवासों का स्ट्रक्चर पूर्ण है, फिनीशिंग कार्य शेष है। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है।
मेधावी छात्र योजना का लाभ
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
80. ( क्र. 327 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश में मेधावी छात्र योजना अंतर्गत मध्यप्रदेश शासन के क्या नियम हैं? समस्त नियमावली की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) नीट के माध्यम से यदि कोई मध्यप्रदेश का छात्र उत्तर प्रदेश के प्राईवेट या शासकीय मेडीकल कॉलेज में अपना एडमीशन लेता है तो क्या मेधावी छात्र योजना का लाभ मिलेगा? यदि हाँ तो बतायें, यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या मध्यप्रदेश के समस्त छात्र जो भारत में कहीं भी शासकीय या प्राईवेट कॉलेज में एम.बी.बी.एस. या इंजीनियरिंग आदि करते हैं, उनको मेधावी छात्र योजना का लाभ प्राप्त करने के नियम बनाये जावेंगे? यदि हाँ, तो समय-सीमा सहित जानकारी उपलब्ध करावें।
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना के अंतर्गत शासकीय एवं प्राईवेट इंजीनियरिंग के छात्रों के लिये योजना में सम्पूर्ण भारत में प्रावधान है एवं भारत शासन के शासकीय महाविद्यालयों में एम.बी.बी.एस. के छात्रों के लिये सम्पूर्ण भारत में प्रावधान है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्टेडियम की स्वीकृति
[खेल और युवा कल्याण]
81. ( क्र. 336 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विगत कई वर्षों से पिपलौदा तहसील मुख्यालय पर आउटडेट स्टेडियम की लगातार मांग की जाती रही है? (ख) यदि हाँ, तो 50 ग्राम पंचायतों से भी अधिक तथा 100 से अधिक गांवों का केन्द्र होकर शासकीय महाविद्यालय के साथ ही संपूर्ण ग्रामीण क्षेत्र में अनेक हाई स्कूल व हायर सेकेण्डरी भी संचालित हो रहे है? (ग) यदि हाँ, तो संपूर्ण क्षेत्र में क्रिकेट, फुटबाल, बास्केट बाल, हाकी, कबड्डी, वालीबॉल, हैण्डबाल, मलखंब इत्यादि प्रकार के अनेक खेलों की खेल प्रतिभाएं निरंतर अभ्यासरत रहती है। (घ) कृपया अवगत कराए कि युवा खेल प्रतिभाओं को समुचित ढंग से अभ्यास करने हेतु अत्यावश्यक आउटडोर स्टेडियम की स्वीकृति कब तक दी जा सकेगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जी हाँ। (घ) खेल एवं युवा कल्याण विभाग के नाम आउटडोर स्टेडियम निर्माण हेतु भूमि आवंटन होने के पश्चात वित्तीय संसाधन की उपलब्धता होने पर यथासमय निर्णय लिया जावेगा।
कार्ययोजना की स्वीकृति
[पर्यटन]
82. ( क्र. 337 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विगत वर्षों से ग्राम सुजापुर तहसील पिपलौदा एवं ग्राम नंदावता तहसील जावरा स्थित हजारों की संख्या में आवाजाही वाले पर्यटक स्थल पर मूलभूत सुविधाओं की अत्यधिक आवश्यकता है? (ख) यदि हाँ तो विगत कई वर्षों से पर्यटकों की मूल आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु शासन/विभाग द्वारा उक्त दोनों स्थलों की कार्ययोजना बनाई गई है? (ग) यदि हाँ तो उक्त दोनों स्थलों पर पर्यटकों की मूलभूत सुविधाओं हेतु किस-किस प्रकार के कार्यों को किये जाने की कार्ययोजना बनाई गई है? (घ) उक्त दोनों स्थलों की कार्ययोजना शासन/विभाग द्वारा किस वर्ष में बनाई गई, कितनी-कितनी लागत से क्या-क्या कार्य किये जाएंगे तथा कार्ययोजना को कब तक स्वीकृति दी जा सकेगी?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) एवं (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
अमृत परियोजना अंतर्गत मुआवजा राशि का भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
83. ( क्र. 342 ) श्रीमती मनीषा सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अमृत परियोजना कोलार रोड भोपाल के अतंर्गत हिनौतिया आलम क्षेत्र में निजी भूमि में डाली गई पाईप लाईन के पूर्व निजी भूमि स्वा मियों को नियमानुसार भूमि अधिग्रहण कर उन्हें मुआवजा राशि का भुगतान किया गया है अथवा नहीं? यदि नहीं, किया गया है तो क्यों? क्या अधिग्रहण करने से पूर्व भूमि स्वामियों की सहमति के बिना ही पाईप लाईन डालने की कार्यवाही की गई? यदि हाँ तो ऐसी कार्यवाही करने के लिए कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? शासन उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही प्रस्तावित करेगा? (ख) क्या नगर निगम भोपाल द्वारा इस संबंध में कलेक्टर भोपाल एवं अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), कोलार रोड, भोपाल को प्रभावित निजी भूमि स्वामियों को तत्काल नियमानुसार मुआवजा देने के प्रस्ताव दिये गये थे लेकिन उन्हें आज दिनांक तक मुआवजा उपलब्ध न कराने के लिये कौन दोषी है? शासन उन्हें कब तक मुआवजा उपलब्ध करायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। हिनौतिया आलम में निजी भूमि में बिछाई गई पाईप लाइन में अधिग्रहण की कार्यवाही कलेक्टर कार्यालय एवं अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के यहां प्रचलित होने के कारण मुआवजा राशि का भुगतान नहीं किया जा सका है। सभी संबन्धित भू-स्वामियों से सहमति बनाने का प्रशासन द्वारा भरपूर प्रयास किया गया, जिनमें से कुछ भू-स्वामियों ने अपनी सहमति प्रदान की है, परन्तु सभी भू-स्वामियों के एक मत नहो पाने के कारण पूर्ण सहमति नहीं हो पाई। कार्य की आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए सहमति की कार्यवाही के साथ-साथ पाईप लाईन बिछाने की कार्यवाही की गई। उक्त कार्यवाही के लिये कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है। अतः कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। नगर पालिक निगम, भोपाल द्वारा इस संबन्ध में कलेक्टर भोपाल एवं अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कोलार रोड को प्रभावित निजी भू-स्वामियों को नियमानुसार मुआवजा दिये जाने हेतु प्रस्ताव प्रेषित किये जा चुके है। कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से मुआवजा उपलब्ध न कराए जाने के लिये कोई भी दोषी नहीं है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
गृह निर्माण मण्डल द्वारा आवास गृहों का आवंटन
[नगरीय विकास एवं आवास]
84. ( क्र. 344 ) श्रीमती मनीषा सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निशातपुरा पन्ना नगर बैरसिया रोड जूनियर एम.आई.जी. भवन हेतु गृह निर्माण मण्डक में पंजीकृत आवेदकों को आज दिनांक तक भवन मण्डल द्वारा उपलब्ध क्यों नहीं कराये गये? (ख) क्या शासन ऐसे आवेदकों को उक्त परियोजना में पंजीकरण अनुसार भवन उपलब्ध नहीं कराने की स्थिति में हैं तो नगर निगम भोपाल सीमा के अतंर्गत संचालित अन्य आवासीय योजना के अतंर्गत भवन/भूखण्ड शेष बचे आवेदकों को उनके द्वारा पंजीकरण अनुसार भवन के मूल्य के आधार पर उपलब्ध कराने के आदेश देगा? यदि क्षेत्रफल से अधिक का भूखण्ड/भवन आवेदकों को उनकी मांग अनुसार आवंटित किया जाता हैं तो अधिक क्षेत्रफल का मूल्य वर्तमान दर से तथा शेष का मूल्य पंजीयन के समय निर्धारित मूल्य के आधार पर आवंटित करने की कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) निशातपुरा पन्ना नगर बैरसिया रोड भोपाल में मण्डल द्वारा 2009 में 195 एम.आई.जी. स्वतंत्र भवनों की प्रस्तावित की गई योजना की भूमि का भोपाल विकास योजना में भूमि उपयोग मार्ग एवं यातायात निर्दिष्ट होने से आवासीय गतिविधियां स्वीकार्य नहीं किए जाने के कारण उक्त योजना दिनांक 22.08.2009 को निरस्त की गई। मण्डल द्वारा निरस्त योजना में आवास उपलब्ध कराया जाना संभव नहीं है। (ख) जिन पंजीयनकर्ताओं द्वारा योजना निरस्ती के उपरान्त ब्याज सहित राशि लेने से इंकार किया गया, ऐसे पंजीयनकर्ताओं को मण्डल द्वारा उक्त परियोजना में भवन उपलब्ध नहीं कराया जा सकता है। ऐसे पंजीयनकर्ता मण्डल की अन्य आवासीय योजना में पंजीयन कराकर मण्डल के मूल्य के आधार पर भवन/भूखण्ड प्राप्त कर सकते हैं, उनके द्वारा जमा पंजीयन राशि एवं किश्त की राशि पर मण्डल द्वारा नियमानुसार ब्याज सहित समायोजन किया जावेगा। शेष पंजीयनकर्ताओं को उनकी मांग अनुसार उनके द्वारा पंजीयन क्षेत्रफल से अधिक भवन/भूखण्ड आवंटित किया जा सकता है, पंजीयनकर्ताओं को उनके द्वारा जमा पंजीयन राशि एवं किश्त की राशि पर मण्डल नियमानुसार ब्याज सहित समायोजन किया जावेगा।
जिला पंचायत आगर-मालवा में पदस्थ सचिव द्वारा गबन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
85. ( क्र. 345 ) श्रीमती मनीषा सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम खेलागांव तह. नलखेडा जिला आगर मालवा के अन्तर्गत उप स्वा केन्द्र के भवन हेतु शासन द्वारा कितनी राशि स्वीकृत की गई थी? स्वीकृति अनुसार भवन निर्माण करवाया गया है? यदि हाँ तो भवन निर्माण कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा? (ख) क्या उप स्वास्थ्य केन्द्र निर्माण मात्र कागज पर भवन निर्माण दर्शाया गया है एवं स्वीकृत राशि का आहरण कर पंचायत सचिव सरपंच तथा विकास खण्ड के अधिकारियों के द्वारा राशि का गवन किया गया है? ऐसे दोषी लोगों के विरूद्ध शासन के द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या जिला पंचायत आगर मालवा केस आदेश के. 433/जि.पं./प्रको/2016 दिनांक 6.2.2016 द्वारा तात्कालिक पदस्थ सचिव को निलंबित किया गया था? उसे बिना भवन निर्माण के पुन: सेवा में बहाल कर दिया गया है? (घ) पंचायत सचिव को निलंबन से बहाली का कार्य किस स्तर के अधिकारी के द्वारा किया गया? क्या निलंबन से बहाल करने की कार्यवाही न्यायालय प्रकरण दर्ज होने के उपरांत भी की गई? क्या यह कार्यवाही नियमानुसार थी? यदि नहीं, तो ऐसे अधिकारी के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा एवं दोषी पंचायत सचिव को निलंबन करने की कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ तो कब तक नहीं तो क्यों नहीं?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) ग्राम खेलागांव तहसील नलखेड़ा में उप स्वास्थ्य केन्द्र के भवन हेतु कलेक्टर एवं अध्यक्ष जिला स्वास्थ्य समिति, जिला शाजापुर द्वारा प्रशासकीय स्वीकृति क्रमांक/जि.स्वा.स./प्रशा.स्वी./03.7187 शाजापुर दिनांक 15.07.2003 से राशि रूपये 4.00 लाख एवं आदेश क्रमांक 7204 दिनांक 04.06.2009 द्वारा राशि रूपये 6.00 लाख की संशोधित प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है। जी नहीं। तत्कालीन सरपंच एवं सचिव ग्राम पंचायत खेलागांव द्वारा राशि रूपये 2.00 लाख का आहरण कर राशि रूपये 1.00 लाख का कार्य कराया गया था वर्तमान में शेष राशि से उक्त कार्य को तकनीकी स्वीकृति अनुसार पूर्ण कराया जाना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं, स्वीकृत राशि में से राशि रू. 2.00 लाख का आहरण तत्कालीन सरपंच श्री मेहरबान सिंह एवं तत्कालीन सचिव श्री विष्णु प्रसाद पाटीदार द्वारा किया गया था, जिसमें से राशि रूपये 1.00 लाख का कार्य कराया गया था एवं राशि रूपये 1.00 लाख का उनके द्वारा दुरूपयोग किया गया था। कार्यालय जनपद पंचायत नलखेड़ा के पत्र क्रमांक 818 दिनांक 13.07.2015 द्वारा तत्कालीन सरपंच श्री मेहरबान सिंह एवं सचिव श्री विष्णु पाटीदार से निर्माण कार्य की बकाया राशि वसूली हेतु प्रेषित प्रस्ताव अनुसार न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी सुसनेर में प्रकरण क्रमांक/01-अ/9-अ (19)/2014-15 दर्ज किया जाकर जेल वारंट दिनांक 25.06.2016 जारी किया गया, प्रकरण में सचिव श्री विष्णु पाटीदार को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत आगर मालवा के आदेश दिनांक 06.02.2016 से निलंबित किया गया। (ग) जी हाँ। तत्कालीन सरपंच श्री मेहरबान सिंह एवं सचिव श्री विष्णु पाटीदार द्वारा दुरूपयोग की गई राशि मय ब्याज सहित रूपये 1.20 लाख ग्राम पंचायत के खाते में जमा कराने के बाद मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत आगर मालवा द्वारा तत्कालीन सचिव श्री विष्णु पाटीदार को बहाल किया गया है। (घ) पंचायत सचिव को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत आगर मालवा के आदेश द्वारा बहाल किया गया है। तत्कालीन सरपंच श्री मेहरबान सिंह एवं सचिव श्री विष्णु पाटीदार द्वारा दुरूपयोग की गई राशि मय ब्याज सहित रूपये 1.20 लाख ग्राम पंचायत के खाते में जमा कराने एवं न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी सुसनेर में दर्ज प्रकरण समाप्त होने के उपरांत तत्कालीन सचिव को निलंबन से बहाल किया गया। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
होमगार्ड सैनिको का अवकाश
[गृह]
86. ( क्र. 349 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या होमगार्ड के सैनिकों को 2 माह अवकाश देने का गृह विभाग का कोई नियम है? (ख) अगर है तो क्यों एवं जिन सैनिको ने कोरोना समय में कोरोना वालिन्टयर की तरह जनता की सेवा की क्या यह उचित है कि उन्हें वेतन भुगतान नहीं किया जाता है? (ग) क्या हाईकोर्ट के आदेश जिसमें कहा गया है कि होमगार्ड सैनिक की नौकरी में निरंतरता रखी जाय तत्पश्चात भी दो माह के लिए होमगार्ड सैनिकों को अवैतनिक अवकाश क्यों दिया गया?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) मध्यप्रदेश होमगार्ड विभाग में स्वयंसेवी होमगार्ड सैनिकों को अवकाश के संबंध में होमगार्ड तथा नागरिक सुरक्षा, मुख्यालय, मध्यप्रदेश के पत्र दिनांक 27 जून 1985 (पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ) में दिये निर्देशानुसार स्वयंसेवी होमगार्ड सैनिकों को दो माह की कॉल आउट ड्यूटी पूर्ण करने पर, पाँच दिन के मानवेतन के साथ अवकाश की पात्रता होती है। इस प्रकार प्रत्येक 01 वर्ष की सेवा पूर्ण होने पर 30 दिवस की आकस्मिक अवकाश की पात्रता होती है तथा एक पुनः नामांकन अवधि अर्थात 03 वर्ष की सेवा पर 90 दिन तक के आकस्मिक अवकाश की पात्रता होती है। होमगार्ड स्वयंसेवी को उनके आवेदन तथा पात्रता अनुसार अवकाश स्वीकृत किया जाता है। (ख) स्वयंसेवी होमगार्ड सैनिकों को मानवेतन का नियमानुसार भुगतान किया जा रहा है। (ग) माननीय उच्च न्यायालय के निर्देश के अनुपालन में गृह विभाग द्वारा होमगार्ड नियम-2016 बनाये गये है जिसके नियम 27 (ग) में स्वयंसेवी होमगार्ड वर्ष में 10 माह आहुत कर्तव्य (कॉल आउट ड्यूटी) पर रहेगा का प्रावधान है तथा गृह विभाग के पत्र दिनांक 21.01.2020 (पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब) एवं बैठक दिनांक 23.10.2019 (पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स) में लिये गये निर्णय के बिन्दु क्रमांक 3 (1) एवं (2) में दिये गये निर्देशानुसार कार्यवाही की जा रही है।
शिवाजी नगर में स्वीकृत कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
87. ( क्र. 350 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल नगर निगम में पूर्व के स्वीकृत योजना चंदन वन योजना स्वीकृत होकर वार्ड 31 एवं वार्ड 46 (कर्मचारी क्षेत्र) तुलसी नगर, शिवाजी नगर में पार्कों के निर्माण कार्य, सौंदर्यीकरण होना था, उसका स्टेटस क्या है? (ख) क्या योजना स्वीकृत होकर कार्य प्रारंभ हो गये हैं अथवा नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) एवं (ख) शासन की अमृत योजनान्तर्गत चंदन वन पार्क के सौंदर्यीकरण कार्य हेतु निविदा आमंत्रित की जाकर एम.पी.यू.ए.डी.डी. की राज्य स्तरीय तकनीकी समिति से दर की स्वीकृति प्राप्त की गई। चंदन वन के स्थान पर तत्कालीन माननीय मंत्री जी के निर्देशानुसार एम.पी.यू.ए.डी.डी. की राज्य स्तरीय तकनीकी समिति की 31 वीं बैठक दिनांक 02/05/2020 द्वारा चंदन वन के स्थान पर वार्ड क्रमांक 31 एवं 46 के क्षेत्र अंतर्गत पार्क विकास कार्य कराये जाने की स्वीकृति दी गई तथा शासन द्वारा एक वर्ष के लिए समय वृद्धि की गई। कोविड महामारी के कारण उक्त योजना पर कोई कार्यवाही अमल में नहीं लाई गई। वर्तमान में स्थल परिवर्तन की कार्यवाही प्रचलन में है।
मयूर वन कॉलोनी मुरैना के मूल रहवासियों के नामांतरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
88. ( क्र. 354 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मयूर वन कॉलोनी मुरैना में म.प्र. गृह निर्माण मण्डल द्वारा कॉलोनी स्थापित करने से पूर्व वहाँ रह रहे मूल स्थाई रहवासियों की संख्या एवं भू-भवन स्वामियों के नामों से अवगत करावें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) के मूल रहवासियों को आज दिनाँक तक म.प्र. गृह निर्माण मण्डल/नगर निगम द्वारा नामांतरण, विकास शुल्क के नाम पर लाखों रूपये विभाग द्वारा मांग की जा रही है? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं, तो नामांतरण प्रक्रिया में विलंब क्यों किया जा रहा है? विकास शुल्क की गणना किस आधार पर की गई है? (ग) क्या उक्त परिस्थितियों वश उपरोक्त भू-भवन स्वामी शासकीय योजनाओं/व्यवसाय ऋण से आज दिनांक तक नामांतरण के अभाव में वंचित हैं? यदि हाँ तो उनकी उक्त समस्या हेतु विभाग कोई कमेटी बनाकर शिविर लगाकर समस्या के समाधान के लिये कार्यवाही करेगा? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) में उल्लेखित समस्या के निराकरण हेतु विभाग की क्या योजना है? समस्या का निराकरण कब तक किया जाना संभव होगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) कार्यालय रिकार्ड अनुसार मूल स्थाई 86 भू-भवन स्वामियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मण्डल द्वारा कालोनी के विकास जैसे सड़क, जल प्रदाय लाइन, बाह्य विद्युतीकरण, पार्क आदि पर किये गये वास्तविक व्यय की राशि के आधार पर विकास दर रूपये 1230/- प्रति वर्गमीटर की दर से मांग की जा रही थी। उक्त सभी भवन/भू-स्वामियों को विकास शुल्क जमा करने हेतु नोटिस जारी करने के उपरान्त भी उनके द्वारा निर्धारित समय-सीमा (31.03.2008 तक) में विकास शुल्क जमा नहीं किया गया, जिस कारण नामांतरण प्रक्रिया लंबित है। (ग) मण्डल द्वारा नियमानुसार विकास शुल्क राशि रूपये 1230/- प्रति वर्गमीटर पर दिनांक 01.04.2008 से राशि जमा कराने की दिनांक तक ब्याज भारित कर राशि जमा कराने के उपरान्त नामांतरण की कार्यवाही की जा सकेगी। (घ) भवन/भूमि स्वामियों द्वारा भारित विकास शुल्क की राशि मय ब्याज के जमा किये जाने उपरान्त नामांतरण की कार्यवाही की जा सकेगी।
नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्र में विभिन्न निर्माण कार्यों की स्वीकृति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
89. ( क्र. 355 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्र की विभिन्न पंचायतों में 1 अप्रैल, 2018 से 30 नवम्बर, 2020 तक कितनी राशि केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा विभिन्न निर्माण व विकास कार्यों हेतु प्रदान की गयी है? पंचायतवार राशि सहित वर्षवार संपूर्ण विवरण दें। (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा कलेक्टर उज्जैन तथा सी.ई.ओ. जिला पंचायत उज्जैन को 1 अप्रैल, 2020 से 30 नवम्बर, 2020 तक कितने पत्र व ई-मेल द्वारा विधानसभा क्षेत्र में सुदूर सड़क (एप्रोच रोड) के अलावा नवीन सुदूर सड़क/खेत सड़क निर्माण की स्वीकृति हेतु किन-किन रोडों के प्रस्ताव प्रेषित किए थे? उनमें से कितनी रोडों के प्रस्तावों को स्वीकृत कर दिया गया है तथा 22 लम्बित प्रस्तावों चांपाखेडा, बेहलोला, पिपलोदा पंथ, मालाखेडी, जावरा, बोरदिया, बनवाडा, केशरिया, पानवासा, मडावदा, रजला, कलसी, अजीमाबाद पारदी, अमलावदिया, घिनोदा, सेकडी सुल्तानपुर, सिमरोल, डाबरी के प्रस्तावों की कब तक स्वीकृति प्रदान कर दी जायेगी? नाम सहित विवरण दें। (ग) प्रश्नकर्ता व मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला उज्जैन का पत्र क्र. 973 दिनांक 04/02/2020 के द्वारा ग्राम रूनखेड़ा, कंचनखेड़ी, लेकोडिया टांक में सामुदायिक भवन व ग्राम नावटिया में आंगनवाड़ी भवन की द्वितीय किस्त जारी करने के लिए पत्र प्रेषित किया गया था? क्या राशि की स्वीकृति प्रदान कर दी गई है? (घ) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में पैकेज क्र. एमपी-43109 के अन्तर्गत दो भागों में बंटे उंचाहेडा गांव के मध्य कुण्डेल नदी पर एक अन्य एकरेखन पर हाईलेवल ब्रिज निर्माण हेतु महाप्रबंधक म.प्र.ग्रा.स.वि.प्रा. उज्जैन द्वारा पत्र क्र. 1810 दिनांक 19/09/2020 द्वारा मुख्यालय को प्रेषित कर स्वीकृत करने की मांग की थी तथा प्रश्नकर्ता द्वारा भी मांग की गयी थी, क्या स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है? यदि हाँ तो कब तक स्वीकृति प्रदान कर दी जायेगी? विवरण दें। (ड.) क्षेत्र की प्रधानमंत्री सड़कें जो वर्षाकाल में उखड़ गयी हैं उनके डामरीकरण हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी है?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) जी हाँ, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत उज्जैन का पत्र क्रमांक 973 दिनांक 04.02.2020 पंचायत राज संचालनालय को प्राप्त हुआ है। संचालनालय द्वारा ग्राम पंचायत कंचनखेडी, लेकोडिया टांक में सामुदायिक भवन एवं ग्राम पंचायत नावटीया में आंगनवाड़ी भवन की द्वितीय किश्त की स्वीकृति जारी की जा चुकी है एवं प्रशासकीय स्वीकृति अनुसार ग्राम पंचायत रूनखेडा में सामुदायिक भवन निर्माण की द्वितीय किश्त की राशि जिला पंचायत उज्जैन की निधि से दी जाना है। (घ) जी हाँ। महाप्रबंधक, म.प्र. ग्रामीण विकास प्राधिकरण, पी.आई.यू-1 उज्जैन ने पत्र क्रमांक 1810 दिनांक 19.09.2018 मुख्यालय को प्रेषित किया है। कुंडेल नदी पर ब्रिज की डी.पी.आर. लागत रू. 372.42 लाख की प्रेषित की गई है। मुख्यालय के पत्र क्रमांक 13979/22/वि-12/ एस.सी.228/टी.एल.-1388/20 भोपाल दिनांक 17.09.2020 द्वारा मान. विधायक श्री दिलीप सिंह गुर्जर, विधानसभा क्षेत्र नागदा खाचरौद को अवगत कराया गया है कि वर्तमान में छूटे हुये पुलों के निर्माण हेतु प्राधिकरण को किसी भी योजनांतर्गत बजट आवंटन न होने के कारण पुल का निर्माण किया जाना संभव नहीं है। (ड.) नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत निर्मित सड़कें जो अनुबंधानुसार पांच वर्षीय गारंटी अवधि में हैं, उनका संधारण कार्य संविदाकार द्वारा किया जा रहा है। साथ ही जो सडके पांच वर्ष उपरांत एवं दस वर्ष उपरांत संधारण अवधि के अंतर्गत है, उन सडकों पर भी आवश्यकतानुसार रिनिवल एवं संधारण का कार्य किया जा रहा है।
हाई कोर्ट इन्दौर के आदेश का पालन नहीं करना
[गृह]
90. ( क्र. 356 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या हाई कोर्ट इन्दौर की पिटीशन क्रं. डब्लू.पी. 17658/2020 दिनांक 18/11/2020 के आदेश का पालन पुलिस थाना नागदा द्वारा न करते हुए जानबूझकर याचिकाकर्ता जगदीश मालवीय की गिरफ्तारी प्रकरण क्रं. 426/2020 में दिनांक 22/11/2020 को की गई है? आदेश का पालन नहीं करने का क्या कारण है? (ख) हाईकोर्ट इंदौर के पीटीशन क्रं. डब्लू.पी. 11495/2020 दिनांक 09/09/2020 के पालन में किस अधिकारी द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है व जगदीश मालवीय के दिए गए कथन शपथ-पत्र दिनांक 12/07/2020 पर उल्लेखित नामों पर कार्यवाही नहीं करते हुए कितने लोगों को आरोपी नहीं बनाया गया है? नाम सहित, शपथ पत्र की छायाप्रति उपलब्ध करायें। (ग) विधानसभा प्रश्न क्र. 15 दिनांक 21 सितम्बर, 2020 के प्रश्नांश (ख) के उत्तर में जांच जारी है उत्तर दिया गया था? यदि जांच पूर्ण कर ली गई तो किस अधिकारी द्वारा की गई? नाम बतायें। जांच प्रतिवेदन की कॉपी उपलब्ध कराते हुए फरियादी राहुल जैन की मेडिकल रिपोर्ट (एम.एल.सी.) की छायाप्रति उपलब्ध करायें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। माननीय उच्च न्यायालय इंदौर की पिटिशन क्रमांक डब्ल्यू.पी.17658/2020 दिनांक 18.11.2020 में आरोपी जगदीश मालवीय की गिरफ्तारी नहीं किये जाने के संबंध में आदेशित नहीं किया गया है। (ख) माननीय उच्च न्यायालय इंदौर की पीटीशन क्र. डब्लू.पी. 11495/2020 दिनांक 09/09/2020 के पालन में उप निरीक्षक राम सिंह दांगी द्वारा विवेचना कर चालानी कार्यवाही की जा चुकी है। प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन होने से दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराये जा सकते हैं। (ग) जी हाँ। जाँच श्री मनोज रत्नाकर, नगर पुलिस अधीक्षक, नागदा द्वारा पूर्ण कर ली गई है। जांच प्रतिवेदन की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। फरियादी राहुल जैन का प्रकरण माननीय न्यायालय में विचाराधीन है अतः एम.एल.सी. की छायाप्रति उपलब्ध नहीं कराई जा सकती है।
ग्राम जमानिया जिला रायसेन स्थित औ.क्षेत्र में भूखण्ड आवंटन
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
91. ( क्र. 361 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल सांची रोड ग्राम जमानिया एवं उसके बगल में ए.के.वी.एन. भोपाल को उद्योग स्थापनार्थ शासकीय एवं निजी कुल कितनी भूमि आवंटित कर आधिपत्य दी गई है? यदि हाँ, तो पृथक-पृथक बताया जाये। (ख) प्रश्नांश (क) भूमि तक पहुँचने के ए.के.पी.एन.सड़क बिजली एवं अन्य अधो संरचना विकास हेतु कितनी राशि व्यय की गई है? पृथक-पृथक बताई जाये। (ग) प्रश्नांश (क) उल्लेखित भूमि को किन-किन औद्योगिक इकाईयों को किस दर पर कितनी भूमि आवंटित की गई है? क्षेत्रफल बताते हुए आधिपत्य दिये जाने की तारीख बताई जाये। (घ) प्रश्नांश (ग) उल्लेखित इकाईयों ने क्या निर्धारित समय सीमा में उद्योग स्थापित कर लिया है? यदि नहीं, तो क्या आवंटन निरस्तीकरण की कार्यवाही करते हुए अन्य उद्योगों का आवंटन करने की कार्यवाही की जायेगी?
औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री ( श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव ) : (क) जी हाँ। ग्राम जमुनिया-खेजड़ा, जिला रायसेन में केवल 108 हेक्टेयर शासकीय भूमि उद्योग स्थापनार्थ ए.के.वी.एन. वर्तमान नाम एम.पी.आई.डी.सी. क्षेत्रीय कार्यालय भोपाल के आधिपत्य में दी गई। कोई निजी भूमि एम.पी.आई.डी.सी. क्षेत्रीय कार्यालय भोपाल द्वारा नहीं ली गई है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में भूमि तक पहुँचने हेतु ए.के.वी.एन./एम.पी.आई.डी.सी.लि. क्षेत्रीय कार्यालय भोपाल द्वारा केवल सड़क राशि रूपये 4.48 करोड़ की लागत से निर्मित करायी गयी है। बिजली एवं अन्य अधोसंरचना विकास हेतु, कोई राशि व्यय नहीं की गई है। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित भूमि को संलग्न परिशिष्ट में दर्शित इकाईयों को आवंटित की गई। (घ) प्रश्नांश (ग) उल्लेखित इकाईयों में से मेसर्स वेलस्पन कॉर्पोरेशन लि. द्वारा निर्धारित समय सीमा में उद्योग स्थापित कर उत्पादन प्रारंभ कर दिया है। मेसर्स शार्क शॉपफिट प्रा.लि. के पास निर्धारित समय सीमा शेष है। अत: निरस्तीकरण का प्रश्न वर्तमान में नहीं उठता।
भोपाल में शिक्षण संस्थाओं द्वारा भवन अनुज्ञा के बिना निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
92. ( क्र. 362 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम भोपाल क्षेत्र अंतर्गत कार्यरत शिक्षण संस्था, माउन्ट कार्मल कान्वेंट स्कूल बाग मुगालिया वार्ड क्रमांक 54, कार्मल कान्वेंट स्कूल गोविन्दपुरा थाने के पास एवं सागर पब्लिक स्कूल साकेत नगर द्वारा विद्यालयीन एवं कार्यालयीन भवन निर्माण हेतु कब-कब भवन अनुज्ञा नगर निगम भोपाल से प्राप्त की गई? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित संस्थाओं के परिसर का निरीक्षण नगर निगम भोपाल के अधिकारियों द्वारा विगत तीन वर्षों में कब-कब किया गया? निरीक्षण कर्ता अधिकारी का नाम बताया जाये। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित संस्थाओं द्वारा बिना भवन अनुज्ञा प्राप्त किये भवन निर्माण किये जाने को लेकर क्या विधिक कार्यवाही की जा रही है? यह कार्यवाही कब तक पूर्ण कर ली जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रश्नांश (क) में वर्णित स्कूलों द्वारा नगर निगम भोपाल से प्राप्त की गई भवन अनुज्ञाओं का विवरण निम्नानुसार है:- माउन्ट कार्मल स्कूल अरविंद बिहार बाग मुंगालिया (1) भवन अनुज्ञा क्र. 1631 दिनांक 20/04/2000 (2) भवन अनुज्ञा क्र. 2085 दिनांक 15/02/2012 (3) भवन अनुज्ञा क्र. 0948/BMC/Z13/W55 दिनांक 25/11/2019, कार्मल कान्वेन्ट स्कूल, गोविन्दपुरा (1) भवन अनुज्ञा क्र. 1222 दिनांक 25/02/1982 (2) बाउण्ड्री वाल अनुमति क्र. 52 दिनांक 28/08/1982 सागर पब्लिक स्कूल, साकेत नगर, (1) भवन अनुज्ञा क्र. 2155 दिनांक 20/04/2000 (2) भवन अनुज्ञा क्र. 508 दिनांक 06/08/2009 (3) भवन अनुज्ञा क्र. 331/BMC/Z13/W54 दिनांक 11/05/2017। (ख) विगत तीन वर्षों में माउन्ट कार्मल स्कूल बाग मुंगालिया में चल रहे निर्माण कार्य का निरीक्षण श्री योगेन्द्र शर्मा, उपयंत्री द्वारा दिनांक 14/07/2020 को किया गया। कार्मल कान्वेन्ट स्कूल गोविन्दपुरा एवं सागर पब्लिक स्कूल, साकेत नगर में विगत तीन वर्षों से कोई निर्माण कार्य होता हुआ नहीं पाया गया इस कारण निरीक्षण की आवश्यकता नहीं पड़ी। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सीधी जिले में पर्यटन हेतु चयनित स्थल
[पर्यटन]
93. ( क्र. 367 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सीधी जिले में पर्यटन हेतु चयनित स्थलों के जीर्णोद्धार/उन्नयन हेतु क्या योजना बनाई गई है? कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये गये हैं? स्वीकृत कार्यों की लागत, व्यय राशि, कार्य की स्थिति कार्य से संबंधित समस्त जानकारी उपलब्ध करायी जाये। (ख) बीरबल जन्म स्थली घोघरा देवी मंदिर, चंदरेह शिव मंदिर, राजगढ़ शिवालय, सोन घडि़याल अभ्यारण्य के विकास हेतु क्या योजना बनाई गई है? उक्त स्थलों के विकास हेतु कितनी राशि स्वीकृत की गई है? कार्यवार जानकारी उपलब्ध कराई जाये।
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) सोन घड़ियाल अभ्यारण हेतु ईको सेसेंटिव जोन का जोनल मास्टर प्लान बनवाया जा रहा है, शेष कार्यों पर मास्टर प्लान पूर्ण होने पर ही विचार किया जा सकेगा।
जय किसान फसल ऋण माफी एवं फसल बीमा का क्रियान्वयन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
94. ( क्र. 368 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी सिंगरौली जिले के विकासखण्डवार कितने किसानों के आवेदन पत्र लिये गये थे? कितने किसानों को योजना का लाभ दिया जाकर कितने रूपये का ऋण माफ किया गया है? कितने किसानों का ऋण माफी किस कारण से शेष है? संख्या बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में ऋण माफी हेतु शेष किसानों के ऋण कब तक माफ कर दिये जायेंगे? (ग) सिंहावल विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत फसल बीमा के योजना के तहत कितने किसानों का बीमा कराया गया है? योजना के तहत कितने किसानों को फसल बीमा की राशि प्रदाय की गई है? संख्या बतायें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सोयाबीन फसल में कीट व्याधि के कारण नुकसानी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
95. ( क्र. 369 ) श्री विपिन वानखेड़े : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आगर जिला में वर्ष 2020 की खरीफ फसलों में सोयाबीन का रकबा कितना रहा? गत पांच वर्षों में सोयाबीन की वर्षवार पैदावार कितनी रही? (ख) क्या आगर जिला में खरीफ फसलों में सोयाबीन फसल में कीट व्याधि, तना मक्खी के कारण वर्ष 2020 में किसानों की फसल नुकसानी का निरीक्षण किया गया है? यदि हाँ तो निरीक्षण के अनुसार कितने हेक्टेयर फसल में नुकसानी हुई? (ग) कीट व्याधि के कारण जिन किसानों को फसल नुकसानी हुई है, क्या उन्हें मुआवजा दिया गया है? यदि हाँ तो उसकी जानकारी देवें और यदि नहीं, तो उसका कारण बतावें। प्रभावित किसानों को सोयाबीन फसल नुकसानी का मुआवजा कब तक दे दिया जावेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) आगर जिले में वर्ष 2020 में फसल गिरदावरी अनुसार सोयाबीन का रकबा 172738.599 हैक्टर रहा है। गत पाँच वर्षों में सोयाबीन की वर्षवार पैदावार निम्नानुसार है :- वर्ष 2015 में उत्पादकता 347 कि.ग्राम/हे.,वर्ष 2016 में उत्पादकता 948 कि.ग्राम/हे.,वर्ष 2017 में उत्पादकता 930 कि.ग्राम/हे.,वर्ष 2018 में उत्पादकता 712 कि.ग्राम/हे.,वर्ष 2019 में उत्पादकता 545 कि.ग्राम/हे. है। (ख) हाँ, आगर जिले में खरीफ फसलों में सोयाबीन फसल में कीटव्याधि, तनामक्खी के कारण वर्ष 2020 में किसानों की फसल नुकसानी का निरीक्षण किया गया है। निरीक्षण अनुसार 109818.00 हैक्टर फसल में नुकसानी हुइ है। (ग) कार्यालय कलेक्टर जिला आगर-मालवा को मुआवजा राशि प्राप्त हो चुकी है। मुआवजा राशि वितरण का कार्य प्रक्रियाधीन में है।
थाना प्रभारी बड़ौद की शिकायत पर कार्यवाही
[गृह]
96. ( क्र. 370 ) श्री विपिन वानखेड़े : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 24.11.2020 को श्री बाबूलाल यादव द्वारा थाना प्रभारी बड़ोद के द्वारा महिलाओं, स्थानीय कांग्रेस पदाधिकारियों, किसानों, निर्वाचित जन प्रतिनिधी के साथ अभद्रता करने, जनप्रतिनिधियों पर झूठे प्रकरण दर्ज करने, कानून की प्रक्रिया का पालन नहीं करने के संबंध में पुलिस अधीक्षक, आगर मालवा की शिकायत की गई थी? (ख) यदि हाँ तो उक्त शिकायत पर पुलिस अधिकारी आगर-मालवा द्वारा कोई कार्यवाही की गई है तो जानकारी देवें। क्या थाना प्रभारी बड़ोद को उक्त शिकायत की जांच के दौरान अपनी शक्तियों का गलत इस्तेमाल न करने से रोकने के लिये उनकी पदस्थापना के थाना से हटाया गया है यदि नहीं, तो क्या कारण है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) दिनांक 25.11.2020 को आवेदक श्री बाबूलाल यादव द्वारा थाना प्रभारी बड़ोद श्री जतनसिंह मण्लाई के विरुद्ध अभद्रता करने, अपशब्दों का प्रयोग करने आदि के संबंध में शिकायत आवेदन पत्र पुलिस अधीक्षक जिला आगर मालवा को प्रस्तुत किया गया था। (ख) आवेदक श्री बाबूलाल यादव द्वारा दिनांक 25.11.2020 को प्रस्तुत शिकायत आवेदन पत्र की जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, जिला आगर मालवा से करवाई गई। संपूर्ण जांच में आवेदक श्री बाबूलाल यादव, अध्यक्ष कांग्रेस कमेटी, जिला आगर मालवा द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्र में वर्णित तथ्य अप्रमाणित पाए गए। थाना प्रभारी बड़ोद द्वारा अपनी शक्तियों का गलत इस्तेमाल करने के संबंध में कोई साक्ष्य परिलक्षित नहीं होने से थाना प्रभारी बड़ोद को पद से नहीं हटाया गया है।
उद्यानिकी विभाग द्वारा सीधी जिले में किए जा रहे कार्य
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
97. ( क्र. 373 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पिछले 05 वर्षों में सीधी जिले में उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या कार्य किए गए हैं? कार्यवार, विषयवार एवं उद्यानवार जानकारी देवें। यह भी बतायें कि विभाग के अन्तर्गत आने वाले विभिन्न उद्यानों में कितने नियमित एवं अनियमित कर्मचारी काम कर रहे हैं? (ख) बरदैला फार्म, मनकीसर फार्म (सेमरिया) से क्या कुछ आय हुई है? यदि हाँ तो कब-कब एवं कितनी? यदि नहीं, तो इस दिशा में क्या प्रयास विभाग द्वारा किए जा रहे हैं?
राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण ( श्री भारत सिंह कुशवाह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है। जिले के विभिन्न उद्यानों में कार्यरत नियमित एवं अस्थाई कर्मचारियों की जानकारी निम्नानुसार है-
क्र. |
उद्यान का नाम |
कार्यरत कर्मचारी (नियमित) |
कार्यरत श्रमिक (अस्थाई) |
||||
वरि.उ.वि. अधि. |
उ.वि.अधि. |
ग्रा.उ.वि. अधि. |
माली |
स्थायी कर्मी |
|||
1 |
शासकीय उद्यान रोपणी बरदैला |
- |
- |
1 |
3 |
4 |
3 |
2 |
शासकीय उद्यान रोपणी पडखुरी |
- |
- |
2 |
3 |
1 |
6 |
3 |
शासकीय उद्यान रोपणी चन्दोहीडोल |
- |
- |
1 |
2 |
6 |
1 |
4 |
शासकीय उद्यान रोपणी रौहाल |
- |
- |
1 |
2 |
5 |
1 |
5 |
शासकीय उद्यान रोपणी केसौली |
- |
1 |
- |
3 |
3 |
- |
|
योग - |
- |
1 |
5 |
13 |
19 |
11 |
(ख) जी हाँ। जानकारी निम्नानुसार है:-
क्र. |
वर्ष |
आय (राशि रूपये में) |
|
शास. उ. रो. बरदैला |
मनकीसर फार्म सेमरिया |
||
1 |
2015-16 |
2,21,468.00 |
9,71,534.00 |
2 |
2016-17 |
1,32,370.00 |
11,57,802.00 |
3 |
2017-18 |
1,33,775.00 |
12,30,547.00 |
4 |
2018-19 |
4,45,575.00 |
14,76,106.00 |
5 |
2019-20 |
1,87,901.00 |
14,81,700.00 |
|
योग - |
1,21,089.00 |
63,17,689.00 |
सीधी जिले में निवेश हेतु प्रयास
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
98. ( क्र. 374 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पिछले 5 वर्षों में सीधी जिले के औद्योगिक विकास हेतु निवेश आकर्षित करने के लिये क्या प्रयास किए गये हैं? इन प्रयासों से कितना निवेश सीधी जिले में आया है? जानकारी उद्योगवार वर्षवार, राशिवार एवं निवेशकर्तावार देवें। (ख) क्या भविष्य में निवेश प्रोत्साहन हेतु सीधी जिले में क्षेत्र एवं उद्योग की प्रकृति का चयन क्या किया गया है? यदि हाँ, तो उद्योग का नाम क्षेत्र की जानकारी देवें। यदि नहीं, तो कब तक निवेशकों को युक्ति-युक्ति आधार पर इसकी जानकारी उपलब्ध करा दी जावेगी?
औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री ( श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव ) : (क) राज्य शासन द्वारा विभिन्न स्तरों पर प्रचार-प्रसार, संगोष्ठी, सम्मेलन इत्यादि के माध्यम से सम्पूर्ण प्रदेश में निवेश आकर्षित करने हेतु सतत् प्रयास किये जाते है, जिसमें सीधी जिला भी सम्मिलित हे। उद्योग संवर्धन नीति 2014 (यथा संशोधित 2020) का उद्देश्य विभिन्न प्रोत्साहनों/सहायता के माध्यम से औद्योगिक विकास के क्षेत्र में क्षेत्रीय असंतुलन को दूर करना है। औद्योगिक रूप से पिछड़े/वृहद उद्योग विहीन विकासखण्डों हेतु नीति के माध्यम से विशेष वित्तीय सुविधा का भी प्रावधान किया गया है। उद्यमी द्वारा उद्योगों की स्थापना स्थानीय उपलब्ध संसाधन एवं निर्मित उत्पाद की मांग के आधार पर किया जाता है। शासन का यह मंतव्य है कि औद्योगिक विकास के माध्यम से जिले का आर्थिक विकास हो सके। इस संदर्भ में सूक्ष्म, लघु एवं मद्यम उद्यम विभाग द्वारा अवगत कराया गया है कि एमएसएमई के विकास एवं संवर्धन के लिये कार्य किये जाते है। पिछले 5 वर्षों में सीधी जिले में भारत सरकार के पोर्टल अनुसार स्थापित एमएसएमई में निवेश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उद्योग संवर्धन नीति 2014 (यथा संशोधित 2020) अंतर्गत निवेश हेतु फोकस सेक्टर चिन्हांकित किये गये है। वर्तमान में एमपीआईडीसी के कार्य क्षेत्रांतर्गत सीधी जिले में कोई औद्योगिक क्षेत्र स्थापित नहीं है तथा सूक्ष्म, लघु एवं मद्यम उद्यम विभाग के अंतर्गत सीधी जिले में निवेश प्रोत्साहन हेतु दरी-कालीन निर्माण कोदौ कुटकी की प्रोसेसिंग एवं आम, महुआ, कटहल के उत्पादों का चयन किया गया है। सीधी जिले में औद्योगिक क्षेत्र स्थापित करने हेतु तहसील चुरहट के ग्राम-सर्रा में लगभग 11 हेक्टेयर तथा तहसील रामपुर नैकिन के ग्राम-डिठौरा में लगभग 18 हेक्टेयर भूमि चिन्हांकित की गई है।
सुनवारा पुल के पुनर्निर्माण कार्य की स्वीकृति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
99. ( क्र. 376 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में हुई अतिवृष्टि से केवलारी विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत विकासखंड धनौरा में स्थित सुनवारा पुल के ढहने से आवागमन अवरूद्ध हो गया है। शासन/विभाग के द्वारा आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? क्या शासन/विभाग के द्वारा कोई योजना बनाई है? यदि हाँ तो क्या पुनः निविदा जारी की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक विभाग के द्वारा कार्यवाही की जावेगी? उक्त पुल का निर्माण पुनः कब प्रारंभ कर पूर्ण किया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार सुनवारा के नवनिर्मित पुल के क्षतिग्रस्त होने पर लगभग 25 ग्रामों का आवागमन अवरूद्ध हो जाने से ग्रामवासियों को लगभग-50 कि.मी. की दूरी तय कर अपने गतंव्य स्थान (मुख्यालय) तक पहुँच पाते है। क्या आवागमन के लिये कोई वैकल्पिक व्यवस्था की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? क्या आवागमन हेतु कोई वैकल्पिक मार्ग बनाया जावेगा यदि हाँ तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण, द्वारा दुर्घटना होने के कारणों की जांच हेतु गठित दल से प्राप्त प्रतिवेदन के परिप्रेक्ष्य में संबंधित महाप्रबंधक एवं सहायक प्रबंधक को निलंबित किया जाकर आरोप पत्र आदि जारी किए गए है। जांच दल द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन के प्रकाश में नवीन पुल के प्रस्ताव तैयार करने संबंधी प्रारंभिक कार्यवाही प्रचलन में है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। क्षतिग्रस्त पुल के बाजू में पूर्व से विद्यमान पुराना रपटा है, उसके दोनो छोर पर कच्चा मार्ग बनाकर वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बरगी विधान सभा अंतर्गत तेवर में आधुनिक मण्डी की स्थापना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
100. ( क्र. 383 ) श्री संजय यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर जिले में आयोजित प्रदेश केबिनेट की बैठक में बरगी विधान सभा क्षेत्रांतर्गत आने वाले नगर निगम के नये वार्ड-71 तेवर में आधुनिक मण्डी की स्थापना की घोषणा की गई थी? उक्त मण्डी के निर्माण से क्षेत्रीय कृषकों को आधुनिक सुविधाओं एवं फसलों को नजदीक स्थानों में बिक्री की सुविधाओं सहित अन्य सुविधाएं दिये जाने हेतु कहा गया था? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो जबलपुर में आयोजित केबिनेट की बैठक में की गई घोषणा उपरांत मण्डी के निर्माण एवं घोषणा की पूर्ति में शासन/जिला स्तर पर अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? अभी तक की गई कार्यवाही की संपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ग) क्या तेवर में आधुनिक मण्डी के निर्माण में वर्तमान में रोक लगाई गई है? यदि हाँ तो किस आधार पर तेवर में आधुनिक मण्डी की स्थापना को रोका गया है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) जी नहीं। प्रदेश केबिनेट की किसी बैठक में ऐसा निर्णय लिये जाने की जानकारी नहीं है। माननीय मुख्यमंत्री द्वारा क्रमांक एन 0038 दिनांक 16/2/2019 से ग्राम तेवर में नवीन कृषि उपज मंडी की स्थापना की जाने एवं वर्तमान कृषि उपज मंडी को फल एवं सब्जी मण्डी के रूप में विकसित किया जायेगा, की घोषणा की गई। (ख) माननीय मुख्यमंत्री की घोषणा के तारतम्य में कलेक्टर जबलपुर द्वारा ग्राम तेवर तहसील गोरखपुर जिला जबलपुर की शासकीय भूमि खसरा क्रमांक 933 रकबा 3.00 हे., 934 रकबा 3.00 हे., 940 रकबा 4.01 हे., 948 रकबा 0.85 हे. 949 रकबा 1.90 हे., 95. रकबा 3.76 हे., 951 रकबा 2.65 हे. कुल किता 07 कुल रकबा 19.17 हेक्टर के आवंटन का प्रकरण आयुक्त राजस्व जबलपुर संभाग जबलपुर को प्रेषित किया गया है। प्रमुख राजस्व आयुक्त भोपाल के पत्र क्रमांक 5312 दिनांक 15/10/2019 द्वारा ग्र्राम तेवर तहसील गोरखपुर जिला जबलपुर की शासकीय भूमि रकबा 19.17 हेक्टेयर भूमि जबलपुर मंडी को हस्तांतरण करने का प्रस्ताव कलेक्टर जबलपुर को कमियों की पूर्ति के लिये मूलतः प्रकरण वापिस किया गया है। भूमि आवंटन की कार्यवाही कलेक्टर जबलपुर, कार्यालय में विचाराधीन है। (ग) जी नहीं।
बरगी बांध पर वृन्दावन गार्डन का निर्माण
[पर्यटन]
101. ( क्र. 384 ) श्री संजय यादव : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के बरगी विधान सभा क्षेत्रांतर्गत पर्यटन को बढ़ावा देने, क्षेत्र एवं प्रदेश के सबसे बड़े बरगी बांध के समीप उपलब्ध शासकीय भूमि में वृन्दावन गार्डन के निर्माण की स्वीकृति प्रदान करते हुए प्रस्ताव केन्द्र सरकार की ओर कब भेजा गया? प्रस्ताव स्वीकृति के संबंध में किये गये पत्राचारों की प्रति दी जाये। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि प्रस्ताव केन्द्र सरकार को नहीं भेजा तो, प्रस्ताव की वर्तमान स्थिति क्या है? क्या प्रदेश शासन हनुमंतिया की तर्ज पर महाकौशल क्षेत्र के विकास व पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु बरगी बांध के समीप वृन्दावन गार्डन का प्रस्ताव केन्द्र सरकार की ओर भेजकर स्वीकृति लेगी? यदि हाँ, तो इसकी रूपरेखा के संबंध में बताया जावे। यदि नहीं, तो क्यों? (ग) बरगी बांध पर बंद पड़े वाटर स्पोर्ट को पुन: प्रारंभ करने के प्रस्ताव पर क्या कार्यवाही की गई? प्रश्न दिनांक तक की समुचित कार्यवाही से अवगत करायें।
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) माननीय विधायक श्री संजय यादव, विधानसभा क्षेत्र 96 बरगी, जिला जबलपुर के प्रस्ताव के साथ वृंदावन गार्डन निर्माण हेतु डी.पी.आर प्राप्त हुआ था। उक्त डी.पी.आर अत्यंत पुराना (वर्ष 2009 में तैयार) होने के कारण इसका परीक्षण कराया गया जो उपयुक्त न होने के कारण कंसल्टेंट नियुक्त कर नर्मदा उद्यान, फॉसिल्स पार्क एवं भेड़ाघाट जबलपुर के विकास हेतु संयुक्त डीपीआर तैयार कराया जा रहा है। पुराना डी.पी.आर उपयुक्त न पाये जाने के कारण केन्द्र सरकार को प्रेषित नहीं किया गया है अत: प्रस्ताव स्वीकृति के संबंध में पत्राचार का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रस्ताव प्राप्त होने के पश्चात उत्तरांश (क) में प्रदत्त जानकारी के अनुसार डी.पी.आर तैयार करायी जा रही है। परियोजना की डी.पी.आर पूर्ण होने पर केन्द्र सरकार को स्वीकृति हेतु प्रेषित किया जावेगा। जबलपुर के समीप बरगी बांध के समीप नर्मदा उद्यान का विकास फॉसिल्स पार्क एवं भेडाघाट के विकास हेतु एक संयुक्त योजना की डी.पी.आर तैयार करायी जा रहीं है। (ग) लॉकडाउन के पश्चात पर्यटन हेतु अधिसूचित जलाशय बरगी के बंद पडे वाटर स्पोर्ट को पुन: प्रारंभ करने बावत SOP दिनांक 05/09/2020 को प्रेषित कर जल पर्यटन गतिविधियां प्रारंभ करा दी गई है।
नगर पालिका परिषद मकरोनिया द्वारा किये जा रहे सीवर लाईन कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
102. ( क्र. 391 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 08 सितम्बर, 2016 को म.प्र. गृह निर्माण मण्डल सागर द्वारा वार्ड क्र. 03 मकरोनिया में पं. दीनदयाल नगर के नगर पालिका परिषद मकरोनिया के हस्तांतरण के दौरान 675 लाख रू. की राशि सीवर लाईन एवं अन्य विकास कार्य हेतु नगर पालिका को प्रदाय की गई थी तथा नगर पालिका परिषद द्वारा आज दिनांक तक इस राशि से विकास कार्य एवं सीवर लाईन का कार्य पूर्ण क्यों नहीं किया गया? इसके लिये कौन जिम्मेदार है? कार्य कब तक पूर्ण किया जायेगा? (ख) क्या सीवर लाईन एवं अन्य विकास कार्य में प्रदाय राशि से भी अधिक राशि का उपयोग किया गया है? इस कार्य हेतु निविदा विभाग द्वारा कब जारी की गई थी? कार्य की समय सीमा, कार्य की लागत सहित जानकारी देवें। (ग) सीवर लाईन एवं अन्य विकास कार्यों के चलते विभाग द्वारा कार्य एजेंसी का कब-कब कितना भुगतान किया गया तथा भुगतान पूर्व विभाग द्वारा कार्य गुणवत्ता की जांच किन-किन लेबों एवं तकनीकी अधिकारियों से कराई गई? (घ) यदि सीवर लाईन एवं अन्य विकास कार्य हेतु राशि निश्चित थी तो विभाग ने किन कारणों से अधिक राशि के कार्य एजेंसी से करा रही है? समय सीमा में कार्य पूर्ण न होने पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? भुगतान पूर्व विभाग द्वारा शासन के निर्देशों का पालन न करने की दशा में कौन जिम्मेदार है? अनियमितताओं के लिये जिम्मेदार अधिकारियों एवं कार्य एजेंसी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। नगर पालिका परिषद मकरोनिया द्वारा कार्य हेतु अनुबंधित एजेन्सी मे. सारथी कंस्ट्रक्शन, अहमदाबाद गुजरात द्वारा वर्तमान में कार्य प्रगतिरत है, निकाय द्वारा कार्य एजेन्सी को दिनांक 31.01.2021 तक की समयावधि प्रदान की गई है। चूकि समयावधि समाप्त नहीं है एवं कार्य प्रगति पर है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। कार्य दी गई समयावधि दिनांक 31.01.2021 तक पूर्ण करवाया जाना लक्षित है। (ख) जी हाँ। नगर पालिका मकरोनिया द्वारा दिनांक 02.04.2018 को प्रथम निविदा एवं दिनांक 16.07.2018 को द्वितीय निविदा आमंत्रित की गई। कार्य की समय-सीमा दिनांक 31.01.2021 है। निविदा अनुसार कार्य की लागत राशि रू. 662.07 लाख है। (ग) सीवर लाईन एवं अन्य विकास कार्य प्रगतिरत है। जिसमें कार्य एजेन्सी को किया गया भुगतान निम्नानुसार है :-
क्र. |
दिनांक |
भुगतान राशि |
1. |
02.01.2019 |
7492292.00 |
2 |
06.02.2019 |
10723244.00 |
3. |
18.03.2019 |
10447542.00 |
4. |
06.05.2019 |
9820705.00 |
5. |
28.06.2019 |
7500838.00 |
6. |
25.11.2019 |
8149649.00 |
7. |
06.03.2020 |
7719221.00 |
8. |
15.09.2020 |
5037522.00 |
9. |
12.11.2020 |
6795875.00 |
|
कुल योग - |
73686888.00 |
नगर पालिका द्वारा कार्य की गुणवत्ता हेतु प्रयोगशाला शासकीय इंदिरा गांधी इंजीनियरिंग कॉलेज सागर, प्रयोगशाला म.प्र. लोक निर्माण विभाग सागर एवं वीनस टेस्टिंग एवं रिसर्च लेबोरेटरी बीना जिला सागर से जांच कराई गई है। सीवर लाईन एवं अन्य विकास कार्य के क्वालिटी कन्ट्रोल एवं सुवरवीजन हेतु नगर पालिका द्वारा नियुक्त कंसल्टेंसी में. राजपति कंसल्टेंसी एवं कंस्ट्रशन भोपाल, के इंजीनियर एवं निकाय के उपयंत्री द्वारा समय-समय पर अपने समक्ष में कार्य कराया गया एवं जांच कराई गई। (घ) सीवर लाईन एवं अन्य कार्य हेतु म.प्र. गृह निर्माण मण्डल द्वारा राशि रू. 675.00 लाख प्रदाय किये गये थे, जिसके ब्याज उपरांत राशि रू. 741.00 लाख हो चुकी थी। निविदा आमंत्रण में निविदा दर 29.11 प्रतिशत अधिक प्राप्त हुई, निविदा दर अनुसार अतिरिक्त व्यय निकाय निधि से करने की स्वीकृति निकाय की प्रेसीडेन्ट–इन-काउंसिल की बैठक दिनांक 19.09.2018 प्रस्ताव क्र. 01 को स्वीकृति दी गई, जिसकी पुष्टि परिषद की बैठक दिनांक 16.01.2019 के प्रस्ताव क्र. 04 द्वारा की गई। राशि रू. 957.36 लाख की वित्तीय स्वीकृति नगर पालिका परिषद एवं संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास, म.प्र. भोपाल के पत्र क्र. 10769/ यां.प्र./07-5/2018 दिनांक 01.10.2018 द्वारा प्रदाय की गई। कार्य पूर्ण करने की समयावधि दिनांक 31.01.2021 तक है। ठेकेदार द्वारा किये जा रहे सीवर लाईन एवं अन्य विकास कार्य प्रगतिरत है, कार्य समय-सीमा में है एवं भुगतान नगर पालिका द्वारा शासन के निर्देशों का पालन कर नियम अनुसार स्वीकृति प्राप्त कर किया जा रहा है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय आई.टी.आई. महाविद्यालय जरूआखेड़ा के भवन का निर्माण
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
103. ( क्र. 392 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शासकीय आई.टी.आई. कॉलेज/कौशल विकास केन्द्र जरूआखेड़ा वर्तमान में किस भवन में संचालित किया जा रहा है? (ख) क्या शासकीय आई.टी.आई. कॉलेज/कौशल विकास केन्द्र जरूआखेड़ा निजी/किराये के भवन में संचालित किया जा रहा है? (ग) क्या शासकीय आई.टी.आई. कॉलेज/कौशल विकास केन्द्र जरूआखेड़ा भवन हेतु शासन से स्वीकृति प्राप्त हुई है? यदि हाँ तो स्वीकृत भवन संबंधी सम्पूर्ण जानकारी देवें। (घ) क्या आई.टी.आई. कॉलेज/कौशल विकास केन्द्र जरूआखेड़ा जिस भवन में संचालित किया जा रहा है उसे अन्य स्थान/भवन में संचालित किये जाने हेतु कार्यवाही की जा रही है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) आई.टी.आई. जरूआखेड़ा किराये के भवन में संचालित है। (ख) जी हाँ। (ग) अभी भवन की स्वीकृति नहीं हुई है। (घ) जी नहीं।
जनपद सी.ई.ओ./बी.डी.ओ. की परिवीक्षा अवधि समाप्त की जाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
104. ( क्र. 399 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनपद सी.ई.ओ./बी.डी.ओ. को शासकीय सेवा ज्वाइन करने के बाद कुछ समय परिवीक्षा अवधि कहलाता है? यदि हाँ तो परिवीक्षा अवधि समाप्ति के क्या नियम है? नियम की प्रति उपलब्ध कराएं। (ख) प्रदेश में ऐसे कितने सी.ई.ओ./बी.डी.ओ. हैं जिनकी परिवीक्षा अवधि अभी समाप्त नहीं हुई है? (ग) प्रश्न कंडिका (क) अनुसार क्या कुछ जनपद सी.ई.ओ./बी.डी.ओ. द्वारा पात्रता पूर्ण करने के बाद भी उनकी परिवीक्षा अवधि समाप्त नहीं हुई है? (घ) प्रश्न कंडिका (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर क्या किसी शासकीय नियम का पूर्ण पालन नहीं हुआ है? यदि हाँ तो इसमें क्या कोई दोषी है? यदि हाँ तो शासन इस संबंध में कोई कार्यवाही करेगा? क्या एवं कब तक? समय बताएं नहीं तो क्यों नहीं?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी हाँ। नियम संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) मु.का.अ.ज.पं.-77, वि.ख.अ.-148 (ग) शासकीय निर्देशों के अनुक्रम में पात्रता पूर्ण करने वाले मुख्य कार्यपालन अधिकारी/विकासखण्ड अधिकारी की परिवीक्षा अवधि समाप्त करने की प्रक्रिया प्रचलन में है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
हॉउसिंग बोर्ड द्वारा लीज पर दिए गये आवासीय भूखण्ड
[नगरीय विकास एवं आवास]
105. ( क्र. 405 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हॉउसिंग बोर्ड द्वारा लीज पर दिए गए आवासीय भूखंडों के रिलीज रिन्यूअल के क्या नियम हैं? नियम की प्रतिलिपि उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्न कंडिका (क) अनुसार उपलब्ध जानकारी के आधार पर भोपाल जिले के कमला नगर, कोटरा सुल्तानाबाद में लीज पर दिए गए आवासीय भूखंडों का क्या रिन्यूअल हो गया है? यदि हाँ तो रिन्यूअल प्लाटों की संख्या उपलब्ध कराएं। नहीं हुआ है तो कितने प्लाटों का रिन्यूअल नहीं हुआ है? उनकी सूची उपलब्ध कराएं। (ग) प्रश्न कंडिका (क) अनुसार उपलब्ध लीज रिन्यूअल नियम तथा कंडिका (ख) अनुसार उपलब्ध सूची में यदि लीज का रिन्यूअल नहीं हुआ है तो इसमें कोई दोषी है? यदि हाँ, तो शासन दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? हाँ, तो क्या तथा कब तक? नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नियम की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' पर है। (ख) कमला नगर कोटरा सुल्तानाबाद भोपाल में डाक-तार कर्मचारी सहकारी समिति को भूखण्ड क्रमांक 101 से 125 तक कुल 25 भूखण्ड आवंटित हैं। इन 25 भूखण्ड में से 10 हितग्राहियों द्वारा लीज नवीनीकरण कराया गया है। शेष 15 हितग्राहियों द्वारा लीज नवीनीकरण हेतु अभी तक आवेदन नहीं किया है, सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' पर है। (ग) लीज नवीनीकरण हेतु शेष आवंटियों से आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है। इस हेतु कोई कर्मचारी दोषी नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शिकायत की जांच एवं कार्यवाही
[गृह]
106. ( क्र. 408 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पुलिस अधीक्षक सतना द्वारा पत्र क्र. 23 दिनांक 18.07.2019 के माध्यम से बिन्दु की जांच करने के निर्देश दिये थे तथा उक्त पत्र के आधार पर नगर पुलिस अधीक्षक के पत्र क्र. 2094 दिनांक 04.09.2017 के तहत थाना प्रभारी कोलगवां एवं बाबूपुर चौकी प्रभारी को कार्यवाही करने के निर्देश दिये थे? कलेक्टर सतना ने भी पत्र क्र. 3265 दिनांक 08.11.2017 को 6 सदस्यीय कमेटी का गठन किया था जिसमें नगर पुलिस अधीक्षक को उक्त कमेटी में रखा था। 17 माह के बाद पुन: कलेक्टर सतना द्वारा स्मरण पत्र जारी किया पत्र क्र. 60 दिनांक 04.01.2019 के तहत शिकायतकर्ता ने उक्त शिकायत 09.10.2017 को कलेक्टर सतना खनिज शाखा को की थी? क्या कमिश्नर रीवा ने उक्त जांच के संबंध में 6 सदस्यीय टीम का गठन पत्र क्र. 415 दिनांक 02.02.2019 के तहत किया है? सभी पत्रों की एक-एक प्रति उपलब्ध करायें। (ख) कलेक्टर सतना द्वारा एस.डी.एम. रघुराजनगर के जांच प्रतिवेदन दिनांक 07.02.2019 के आधार पर पत्र क्र. 678 दिनांक 02.03.2019 को प्रमुख सचिव खनिज को पत्र जारी किया था तथा क्र. 205 दिनांक 15.02.2019 के तहत रामस्थान के दो पटवारियों को शासकीय जमीन को खुर्द बुर्द करने के कारण निलंबित किया है एवं एस.डी.एम. रघुराजनगर ने नगर पुलिस अधीक्षक सतना एवं थाना प्रभारी कोलगवां को पत्र क्र. 2076 दिनांक 14.06.2019 पत्र जारी कर 70 पृष्ठ संलग्न कर कार्यवाही कर 7 दिवस के अंदर प्रतिवेदन मांगा है? सभी पत्रों की एक-एक प्रति उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) में उल्लेखित पत्रों का अवलोकन पुलिस अधीक्षक सतना/अति पुलिस महानिदेशक अपराध विभाग भोपाल ने स्वयं किया है? उक्त दोनों अधिकारी पत्रों एवं जांच प्रतिवेदनों के अध्ययन पश्चात लीजधारी एवं ए.आर.टी. कंपनी प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित खनिज एवं भूमाफियों के विरूद्ध संबंधित थाने में एफ.आई.आर. कराने के निर्देश नहीं देगें तो क्यों? कारण सहित बिन्दुवार जानकारी दें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। प्रश्नांश में उल्लेखित पत्रों की प्रतियाँ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार। (ख) जी हाँ। प्रश्नांश में उल्लेखित पत्रों की प्रतियाँ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित पत्रों के संबंध में जांच थाना कोलगवां एवं पुलिस चौकी बाबूपुर में की जा रही है। जाँच उपरांत साक्ष्य अनुरूप विधिसम्मत कार्यवाही की जावेगी।
मनरेगा योजनांतर्गत कराये गए कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
107. ( क्र. 411 ) श्री हर्ष यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में चालू वर्ष में अब तक मनरेगा योजना से कितनी राशि के कितने कार्य कराये गये हैं? जनपदवार बतायें। मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत सागर द्वारा मनरेगा के कितने कार्यों का निरीक्षण किया गया है? (ख) वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक जिला पंचायत में मनरेगा के बैंकों में जमा राशियों पर कितना ब्याज मिला है? ब्याज राशि कहाँ किस कार्य पर कितनी खर्च की गई? राशि खर्च करने के नियम की प्रति बतायें। (ग) वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक सागर जनपद पंचायत को मनरेगा की स्थायी संपत्तियों से कितनी आय हुई है? प्राप्त आय की कितनी राशि कौन-कौन से कार्य पर खर्च की गई? राशि खर्च करने की सक्षम स्वीकृति की प्रति दें। (घ) चालू वित्त वर्ष में प्रधानमंत्री आवास कितने स्वीकृत हुए हैं? कितने आवासों को कुल कितने मानव दिवस की मजदूरी मनरेगा से मिली है? जनपदवार बतायें।
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) सागर जिले में चालू वर्ष में अब तक मनरेगा योजना से राशि रूपये 17305.54 लाख के 11921 कार्य कराये गये हैं। जनपदवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' पर है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सागर द्वारा मनरेगा के 985 कार्यों का निरीक्षण किया गया है। (ख) मनरेगा योजना का जिला स्तर पर कोई खाता नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक सागर जनपद पंचायत को मनरेगा की स्थायी संपत्तियों से आय निरंक है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) चालू वित्तीय वर्ष में 14787 प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत हुए हैं। शेष जानकारी निरंक है। जनपदवार पूरक जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' पर है।
उप संचालक कृषि द्वारा कंटीजेंसी पद पर खर्च राशि
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
108. ( क्र. 412 ) श्री हर्ष यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2017-18 से वर्ष 2019-20 तक सागर में उप संचालक कृषि के पद पर पदस्थ रहे अधिकारी द्वारा कंटीजेंसी पद पर वर्षवार कितनी राशि खर्च की गई? कंटीजेंसी राशि किस-किस कार्य पर खर्च की जाती है? (ख) प्रश्नांश (क) उल्लेखित समय में पदस्थ रहे अधिकारी ने कंटीजेंसी मद पर जो राशि खर्च की है क्या उसकी जांच की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या प्रश्नांश (क) उल्लेखित अधिकारी ने अपने मूल पद सहित विभिन्न पदों पर रहकर वाहन किराये पर लिये हैं? यदि हाँ तो वाहन नम्बर, वाहन स्वामी के नाम सहित बतायें। क्या यह नियम सम्मत है? क्या इसकी जाँच होगी? यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। कंटीजेंसी राशि कार्यालयीन व्यय अंतर्गत आकस्मिक व्यय की श्रेणी में आती है। (ख) व्यय की गई राशि के समस्त देयकों के परीक्षण किए जाने के उपरांत ही आहरण किया गया है। शासन के नियमानुसार एवं प्रस्तुत देयकों/अभिलेखों के आधार पर कंटेंजेंसी मद पर ही व्यय किया गया है। अत: जांच का प्रश्न ही नहीं है। (ग) जी, हाँ। उल्लेखित वर्षों में अधिकारी मूल पद के अतिरिक्त जिले में संयुक्त संचालक कृषि एवं परियोजना संचालक के पदों पर अतिरिक्त प्रभार में पदस्थ रहे हैं। संबंधितों एवं अधिनस्थ अधिकारियों द्वारा शासकीय कार्य हेतु किराए पर वाहन आवश्यकता अनुसार समय पर नियमानुसार उपयोग किए गए है। अत: जांच का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
आपराधिक मामलों की जानकारी
[गृह]
109. ( क्र. 415 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अपराध क्र. 108/2020 थाना बहादुरपुर जिला अशोक नगर में आरोपी गिर्राज यादव पर वर्तमान में कितने आपराधिक मामले है और वह किस स्थिति में माननीय न्यायालयों में व विवेचना में है? (ख) अपराध क्र. 107/2020 थाना बहादुरपुर जिला अशोक नगर में कौन-कौन व्यक्ति आरोपी है व इनकी गिरफ्तारी के लिये क्या-क्या प्रयास किये गये? इन्हें कब तक गिरफ्तार कर लिया जायेगा? (ग) क्या अपराध क्र. 107/2020 में फरियादियों व चश्मदीद साक्षियों द्वारा धारा 161 के बयान मनगढ़ंत लिखने के आरोप विवेचक पर लगाये गये थे? यदि हाँ तो दोबारा कथन क्यों नहीं कराये गये? (घ) अपराध क्र. 108/2020 थाना बहादुरपुर जिला अशोक नगर के प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच की जावेगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जिला अशोकनगर थाना बहादुरपुर के अपराध क्रमांक 108/2020 में आरोपी गिर्राज पुत्र बलराम सिंह यादव निवासी कोलुआ चक्र, अशोकनगर के विरूद्ध कुल 31 आपराधिक प्रकरण दर्ज है। 10 प्रकरणों में आरोपी को मान. न्यायालय द्वारा दोषमुक्त किया गया हैं, 07 प्रकरणों में मान. न्यायालय में राजीनामा हुआ है, 01 प्रकरण में चालान तैयार किया जा चुका है जो मान. न्यायालय में पेश करना शेष है। 01 प्रकरण विवेचना में है। 12 प्रकरण माननीय न्यायालय में विचाराधीन है। (ख) जिला अशोकनगर थाना बहादुरपुर के अपराध क्रमांक 107/2020 धारा 307, 394, 147, 148, 149, 336 भादवि की प्रथम सूचना रिपोर्ट में खुमान आदिवासी मोहर सिंह आदिवासी, खिल्लू आदिवासी एवं अन्य 5 से 7 अज्ञात व्यक्ति सर्व निवासी गण कोलुआ चक्र के आरोपी है। प्रकरण में विवेचना जारी है। विवेचना उपरांत साक्ष्य के आधार पर गिरफ्तारी के संबंध में अग्रिम कार्यवाही की जावेगी। (ग) अपराध क्रमांक 107/20 के फरियादी गिर्राज यादव द्वारा पुनः कथन लेख किये जाने हेतु आवेदन दिया गया था। जिसे माननीय न्यायालय द्वारा विचारोपरांत निरस्त किया गया। (घ) अपराध क्रमांक 108/2020 की गंभीरता को देखते हुए उसकी विवेचना राजपत्रित अधिकारी अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) अनुभाग मुंगावली द्वारा उपलब्ध उच्चस्तरीय तकनीक तथा संसाधनों को उपयोग कर की जा रही है। उच्च स्तरीय जाँच की आवश्यकता नहीं है।
खाद, बीज के लायसेंस जारी किया जाना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
110. ( क्र. 416 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक उपसंचालक (कृषि) छतरपुर द्वारा वर्षवार किन-किन को खाद, बीज, कीटनाशक विक्रय हेतु लायसेंस जारी किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) उल्लेखित अवधि में उक्त प्रदत्त लायसेंस किस-किस और किन-किन कारणों से कब-कब निरस्त किये गये? (ग) प्रश्नांश (क) उल्लेखित अवधि में उक्त निरस्त लायसेंस कब-कब, किस-किस आधार पर एवं क्यों बहाल किये गये या पुन: जारी किये गये?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक उपसंचालक (कृषि) छतरपुर द्वारा वर्षवार उपर्वरक, बीज, कीटनाशक विक्रय हेतु जारी लायसेंस की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उल्लेखित अवधि में प्रदत्त लायसेंस में से दिनांकवार एवं कारण सहित निरस्त लायसेंस की जानकारी निम्नानुसार है:- 1. दिनांक 04.09.18 को श्री राकेश कुमार गुप्ता, माधव सेल्य कार्पोरेशन छतरपुर का उर्वरक लायसेंस क्रमांक C-2/F-55 को कार्यालयीन आदेश क्रमांक टी-5/उर्वरक/18-19/1254 के द्वारा उर्वरक गुण नियंत्रण आदेश 1985 के उल्लंघन के कारण निरस्त किया गया। 2. दिनांक 04.07.2020 को श्री प्रहलाद साहू बिजावर का उर्वरक लायसेंस क्रमांक AI/F-720 को कार्यालयीन आदेश क्रमांक टी-5/उर्वरक/20-21/433 के द्वारा, उर्वरकों के अवैध भण्डारण करने के कारण निरस्त किया गया। 3. दिनांक 18.08.2017 को श्री राजकुमार रजक नौगांव का कीटनाशक लायसेंस क्रमांक 628/2015 को, कीटनाशक अमानक पाये जाने पर कार्यालयीन आदेश क्रमांक टी/15/पौ.सं./निरं./2017-19/1234 से निरस्त किया गया। 4.दिनांक 15.07.2020 को श्री प्रहलाद साहू बिजावर का कीटनाशक थोक लायसेंस क्रमांक 105/1998 एवं फुटकर लायसेंस क्रमांक 674/2016 को कार्यालयीन आदेश क्रमांक टी/15/पौ.सं./निरं./20-21/498 के द्वारा कीटनाशकों के अवैध भण्डारण करने के कारण निरस्त किया गया। (ग) उल्लेखित अधि में निरस्त लायसेंस में से दिनांकवार एवं कारण सहित बहाल या पुन: जारी किये गये लायसेंस की जानकारी निम्नानुसार है:-1.दिनांक 23.10.18 को श्री राकेश कुमार गुप्ता, माधव सेल्स कार्पोरेशन छतरपुर का निरस्त उर्वरक लायसेंस संयुक्त संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास, सागर संभाग-सागर द्वारा आदेश क्रमांक टी-2/2018-19/2419 के द्वारा बहाल किया गया है, लायसेंस बहाल किये जाने का कारण अपीलार्थी को विधिवत सुनवाई का अवसर प्रदान नहीं किया जाना है। 2.श्री प्रहलाद साहू बिजावर का उर्वरक लायसेंस क्रमांक AI/F3-720 बहाल नहीं किया गया है। 3.दिनांक 22.02.18 को श्री राजकुमार रजक नौगांव का निरस्त कीटनाशक लायसेंस क्र. 628/2015 को संयुक्त संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास, सागर, संभाग-सागर द्वारा आदेश क्र टी-2/2017-18/3907 के द्वारा बहाल किया गया है, बहाल करने का करण निरस्ती प्रकिया में कार्यालयीन कार्यवाही के सूक्ष्म परीक्षण पर आदेश पारित नहीं किया जाना है।
विकास एवं निर्माण कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
111. ( क्र. 419 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत ग्वालियर में विकास कार्यों, निर्माण कार्यों एवं आधारभूत संरचना के लिये कितनी राशि प्रस्तावित की गई है? (ख) स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत कौन-कौन से निर्माण कार्य प्रस्तावित हैं? इन कार्यों के पूर्ण होने निर्धारित समयावधि क्या है? (ग) इन कार्यों के बजट एवं वर्तमान में कार्य की अद्यतन स्थिति की जानकारी दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) ग्वालियर स्मार्ट सिटी से प्राप्त प्रतिवेदन अनुसार स्मार्ट सिटी परियोजना के अन्तर्गत विकास कार्यों, निर्माण कार्यों एवं आधार भूत संरचना के लिये राशि रूपये 999.9 करोड़ प्रस्तावित की गई है। (ख) स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट अन्तर्गत प्रस्तावित निर्माण कार्यों का विवरण एवं इन कार्यों के पूर्ण होने की निर्धारित समयावधि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 पर है। (ग) इन कार्यों के बजट का विवरण एवं वर्तमान में कार्य की अद्यतन स्थिति अंतर्गत कार्यादेश जारी कर कार्य प्रगतिरत है। उत्तरांश (ख) अनुसार संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 पर है तथा पूर्ण किये जा चुके कार्य की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-3 पर है।
खेल सामग्री का प्रदाय
[खेल और युवा कल्याण]
112. ( क्र. 420 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2018-19, 2019-20 एवं 2020-21 के अंतर्गत मध्यप्रदेश खेल एवं युवक कल्याण विभाग द्वारा खेल एवं युवक कल्याण विभाग ग्वालियर को कितनी खेल सामग्री भेजी गई एवं ग्वालियर केन्द्र द्वारा किन-किन संस्थाओं को कितनी-कितनी सामग्री वितरित की गई? (ख) मध्यप्रदेश शासन खेल एवं युवक कल्याण विभाग द्वारा ग्वालियर में कितनी खेल अकादमी संचालित की जा रही हैं? विभाग द्वारा इन सबके लिये अलग-अलग मदों में कितनी-कितनी राशि वर्षवार व्यय की जाती है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) प्रश्नांश अवधि में जिला ग्वालियर को संचालनालय खेल और युवा कल्याण विभाग द्वारा भेजी गई खेल सामग्री एवं ग्वालियर केन्द्र द्वारा किन-किन संस्थाओं को कितनी-कितनी सामग्री वितरित की गई की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश शासन खेल और युवा कल्याण विभाग द्वारा ग्वालियर में म.प्र. राज्य महिला हॉकी अकादमी एवं राज्य स्तरीय बैडमिन्टन अकादमी संचालित की जा रही है। खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा प्रदेश में 18 खेल अकादमी संचालित की जाती है, जिन पर विभिन्न मदों में वर्षवार किये गये व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है, इस व्यय में ग्वालियर में संचालित खेल अकादमी के विभिन्न मदों के व्यय भी सम्मिलित है, जिसे पृथक-पृथक बताया जाना संभव नहीं है।
रेल्वे आरक्षण केन्द्र की जानकारी
[गृह]
113. ( क्र. 424 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गृह विभाग द्वारा विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों को शासकीय कार्य हेतु यात्रा करने के लिये वारंट जारी किये जाते हैं जिसका वह रेल्वे से यात्रा करने में भी उपयोग कर सकता है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में यदि हाँ तो धार जिले में कार्यरत पुलिस/34वीं बटालियन के कर्मचारी/अधिकारियों एवं माननीय सांसद/विधायक के सुरक्षा कर्मियों (पी.एस.ओ.) को यह सुविधा रेल्वे आरक्षण केन्द्र धार द्वारा वर्तमान में दी जा रही है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में यदि नहीं, तो विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों के हित में धार रेल्वे आरक्षण केन्द्र पर यह सुविधा प्रारंभ करवाने हेतु शासन स्तर से कोई कार्यवाही की जावेगी? कब तक?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) पुलिस अधीक्षक, धार से प्राप्त जानकारी अनुसार जिले में कार्यरत पुलिस 34 वाहिनी वि0स0बल के कर्मचारी/अधिकारी एवं माननीय सांसद/विधायक के सुरक्षाकर्मियों (पी.एस.ओ.) को सही तरीके से रेल्वे वारंट को भरे जाने पर यह सुविधा रेल्वे आरक्षण केन्द्र धार द्वारा दी जा रही है। धार में रेल्वे स्टेशन न होने से यदि किसी शासकीय कर्मचारी द्वारा रेल्वे वारंट में धार रेल्वे स्टेशन का नाम दर्शाया जाता है, तभी रेल्वे को स्वीकार किया जाता है। (ग) उत्तर प्रश्नांश (ख) के उत्तर में समाहित है।
पौधारोपण पर व्यय
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
114. ( क्र. 425 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनपद पंचायत कुक्षी में 2 जुलाई, 2017 को हुये पौधारोपण कार्यक्रम पर मनरेगा योजनान्तर्गत कितनी राशि किन कार्यों पर व्यय की गई? कार्य का नाम राशि सहित बतावें। (ख) इसके लिए फर्मों/व्यक्तियों/संस्थाओं को कितना भुगतान किया गया? राशि कार्य व्यय सहित बतावें। (ग) इसमें कितना टी.डी.एस. कटोत्रा किया गया? फर्म/व्यक्ति/संस्था नाम सहित बतावें। (घ) यदि टी.डी.एस. कटोत्रा नहीं किया गया तो उसके लिये जिम्मेदार अधिकारियों पर प्रशासन कब तक कार्यवाही करेंगा।
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) धार जिले की जनपद पंचायत कुक्षी में 2 जुलाई, 2017 को हुये पौधारोपण कार्यक्रम अंतर्गत राशि रू. 37.95 लाख का व्यय पौधा क्रय पर हुआ है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) फर्मों/व्यक्तियों/संस्थाओं को भुगतान किये जाने की जानकारी तथा विवरण/कटौत्रा की राशि, कार्य व्यय सहित जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ग) शासन के निर्देशानुसार पत्र क्रमांक एफ ए 3-60/2017/1/पांच दिनांक 01-07-2017 से सीजीएसटी/एसजीएसटी की धारा 51 के प्रभावशील होने तक की सप्लाई पर किसी प्रकार के स्त्रोत पर की गई कटौती नहीं किये जाने के निर्देश हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उतरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
महिदपुर विधान सभा की कालोनियों का रख-रखाव
[नगरीय विकास एवं आवास]
115. ( क्र. 428 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत आदिनाथ विहार कालोनी दर्जी बाखल महिदपुर जिसका सर्वे नं.117, 118, 119 है में कमजोर वर्गों तथा निम्न आय समूहों के लोगों के लिये कितने भूखण्ड विक्रय के लिये हैं या विक्रय किए गए हैं? भूखण्ड नं. रकबा सहित बतावें। (ख) यदि भूखण्ड विक्रय किये गये हैं तो क्रयकर्ता के नाम, पता, भूखण्ड रकबा व नम्बर सहित बतावें। कालोनाइजर द्वारा जमा आश्रय शुल्क व ओपन स्पेस भूखण्ड का नंबर भी देवें। (ग) उपरोक्तानुसार जानकारी दीपक पिता गोरधन द्वारा भीमाखेड़ा बायपास मेन रोड बीनपुरा फंटे से घोसला रोड पर सर्वे नंबर 272/1/10/1/2 एवं सर्वे नंबर 345, 346/1/2 राकेश पिता भेरूलाल, अमरजीत सिंह द्वारा निर्मित कालोनी के संदर्भ में भी प्रश्न (क) व (ख) अनुसार देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रश्नांकित कालोनी के नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा स्वीकृत अभिन्यास में कमजोर आय वर्ग तथा निम्न आय वर्ग समूह के लिए 20.40 वर्गमीटर आकार के 39 आवासीय भवन बनाने का विकल्प लिया गया है, कालोनाईजर द्वारा भूखण्ड विक्रय नहीं किये गये है, भवन निर्माण हेतु आरक्षित भूमि का रकबा 795.79 वर्गमीटर है, जिसमें भूखण्ड क्रमांक अंकित नहीं है। (ख) भूखण्ड विक्रय नहीं किये गये है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। कालोनाईजर द्वारा आश्रय शुल्क जमा कराने का विकल्प नहीं लिया गया है, स्वीकृत अभिन्यास के अनुसार कालोनी में पार्क के लिये 884.25 वर्गमीटर खुली भूमि छोडी गयी है, पार्क के लिये छोडी गई खुली भूमि में भूखण्ड क्रमांक अंकित नहीं होता है। (ग) भूमि सर्वे न. 272/1/10/1/2 रकबा 0.28 हैक्टेयर में 09 मकान विगत 4-5 वर्ष पूर्व बने है एवं भूमि सर्वे न. 345/1, 345/2 एवं 346/1/2 मौके पर किसी भी प्रकार का निर्माण नहीं है, प्रश्नांकित सर्वे नम्बर पर कोई भी वैध कालोनी विकसित नहीं की गई है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विभागीय पत्र पर कार्यवाही
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
116. ( क्र. 429 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग के पत्र क्रमांक/1219/2020/ए-ग्यारह दिनांक 03/11/2020 जो कि सचिव-सू्क्ष्म, लघु एवं मध्यम विभाग को प्रेषित किया गया था पर अभी तक संबंधित विभाग से क्या पत्राचार हुआ? (ख) यदि उपरोक्त विभाग ने पत्र का उत्तर नहीं दिया तो क्या उन्हें रिमाइंडर भेजा गया? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक भेजा जाएगा? (ग) यदि भेज दिया है तो उसकी प्रमाणित प्रति देवें।
औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री ( श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव ) : (क) से (ग) विभाग द्वारा प्रश्नांश में दिये गये संदर्भित पत्र क्रमांक एवं दिनांक से सूक्ष्म, लघु एवं मद्यम उद्यम विभाग से कोई पत्राचार नहीं किया गया है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
महिदपुर वि.स. क्षेत्र में भूखंड विक्रय
[नगरीय विकास एवं आवास]
117. ( क्र. 430 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर वि.स. क्षेत्र के अंतर्गत क्षिप्रा रेसीडेंसी कालोनी ग्राम सेकाखेड़ी नारायण रोड, मिड टाउन डेवलपर्स जिसके सर्वे नंबर-35, 36, 37, 38, 39, 40, 41/1, 42, 43/1, 45, 46/1, 46/2, 47, 50/1, 51/2 में कमजोर वर्गों तथा निम्न आय समूहों के लोगों के लिए कितने भूखंड विक्रय के लिए हैं या विक्रय किए गए हैं? भूखंड नंबर, रकवा सहित देवें। (ख) यदि भूखंड विक्रय किए गए हैं तो क्रयकर्ता के नाम, पता, भूखंड रकवा, भूखंड नंबर सहित देवें। कालोनाइजर्स द्वारा जमा आश्रय शुल्क व ओपन स्पेस भूखंड का नंबर भी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) अनुसार जानकारी मंगलम डेवलपर्स व आदिनाथ एवेन्यू के संदर्भ में भी देवें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रश्नांकित कालोनी के नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा स्वीकृत अभिन्यास में कमजोर आय वर्ग के लिये कुल 17 एवं निम्न आय वर्ग समूह के लिए कुल 12 भूखण्ड विक्रय के लिये है। अभिन्यास में इनके भूखण्ड क्रमांक अंकित नहीं है, कमजोर आय वर्ग के लिये भूमि का रकबा 673.20 वर्गमीटर एवं निम्न आय वर्ग समूह के लिए भूमि का रकबा 669.00 वर्गमीटर है। (ख) कालोनाईजर द्वारा भूखण्ड विक्रय नहीं किये गये है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। कालोनाईजर द्वारा आश्रय शुल्क जमा कराने का विकल्प नहीं लिया गया है, स्वीकृत अभिन्यास के अनुसार कालोनी में पार्क के लिये 3540.00 वर्गमीटर खुली भूमि छोडी गयी है, पार्क के लिये छोडी गई खुली भूमि में भूखण्ड क्रमांक अंकित नहीं होता है। (ग) मगंलम डेवलपर्स द्वारा निर्मित आदिनाथ एवन्यू में कालोनी के नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा स्वीकृत अभिन्यास में कमजोर आय वर्ग के लिये एवं निम्न आय वर्ग समूह के लिए कुल 57 भूखण्ड विक्रय के लिये है। अभिन्यास में इनके भूखण्ड क्रमांक अंकित नहीं है, कमजोर आय वर्ग एवं निम्न आय वर्ग समूह के लिए भूमि का कुल रकबा 3417.58 वर्गमीटर है। कालोनाईजर द्वारा भूखण्ड विक्रय नहीं किये गये है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। कालोनाईजर द्वारा आश्रय शुल्क जमा कराने का विकल्प नहीं लिया गया है, स्वीकृत अभिन्यास के अनुसार कालोनी में पार्क के लिये 3995.00 वर्गमीटर खुली भूमि छोडी गयी है, पार्क के लिये छोडी गई खुली भूमि में भूखण्ड क्रमांक अंकित नहीं होता है।
इंदौर, भोपाल, उज्जैन नगर निगम क्षेत्रों में कोविड-19 का व्यय की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
118. ( क्र. 433 ) श्री बाला बच्चन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर, भोपाल, उज्जैन नगर निगम क्षेत्रों में कोविड-19 महामारी से संबंधित कितनी राशि किन-किन कार्यों पर व्यय की गई? कार्य नाम, राशि सहित जानकारी दिनांक 01.04.2020 से 30.11.2020 तक पृथक-पृथक देवें। (ख) ये कार्य टेंडर प्रक्रिया से/समिति बनाकर दिए गए उसकी जानकारी कार्यवार देवें। यदि समिति बनाकर दिए हों तो समिति के सदस्यों के नाम, पदनाम सहित पृथक-पृथक देवें। (ग) इन कार्यों के लिए जिन फर्मों/व्यक्तियों/संस्थाओं को जो भुगतान किया गया है, उनके नाम, राशि कार्य नाम लंबित भुगतान सहित पृथक-पृथक देवें। (घ) जिन्हें भुगतान किया गया उनका कितना T.D.S कटौत्रा किया गया प्रश्नांश (ग) अनुसार बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
बड़वानी जिले की कालोनियों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
119. ( क्र. 434 ) श्री बाला बच्चन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले में प्रश्न दिनांक तक कितनी कालोनियां हैं? विकसित, अर्द्धविकसित एवं स्वीकृति प्राप्त कालोनियों के नाम, कालोनाइजर नाम, स्थान नाम, रकबे सहित निकायवार बतावें। (ख) दिनांक 01.01.13 से 30.10.18 तक कमजोर वर्गों तथा निम्न आय समूहों को इन कालोनियों में कितने भूखण्ड विक्रय किये गये? उन लोगों के नाम, पता, भूखण्ड रकवा सहित कालोनीवार, निकायवार बतावें। (ग) जिन कालोनियों में प्रश्नांश (ख) अनुसार भूखण्ड विक्रय नहीं किए गए हैं उसका कारण बतावें। ऐसी कितनी कालोनियों में कितने भूखण्ड आरक्षित हैं? निकायवार बतावें। (घ) इनके कालोनाइजरों द्वारा विलेखों के पंजीकृत करने का शुल्क जमा करने की जानकारी कालोनीवार देवें? इनके कितने प्रकरण मुद्रांक संग्राहक को भेजे गए? इन पर की गई कार्यवाही का विवरण देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
पुलिस अधीक्षक रतलाम को दिए आवेदन पर कार्यवाही
[गृह]
120. ( क्र. 437 ) श्री सुनील सराफ : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दि. 21-01-2020 को पुलिस अधीक्षक रतलाम को दिलीप सिंह राठौर निवासी ग्राम कैलोदहाला, इंदौर द्वारा दिए आवेदन पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? समस्त कार्यवाही की छायाप्रति देवें। (ख) क्या कारण है कि इतने समय बाद भी आवेदक का कब्जा मुक्त नहीं हो पाया? इस विलंब के दोषी अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देकर बतावें कि ये कब्जा कब तक मुक्त होगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) दिनांक 01.01.2020 को आवेदक श्री दिलीप सिंह राठौर पिता मेहताब सिंह राठौर उम्र 29 साल निवासी कैलोदहाला, इन्दौर के द्वारा पुलिस अधीक्षक रतलाम को अनावेदक पंकज जोशी द्वारा उसके मकान जवाहर नगर रतलाम स्थित मकान पर कब्जे किये जाने और खाली नहीं करने के संबंध में आवेदन दिया गया था। आवेदन पत्र की जांच में मामला मकान पर कब्जे के विवाद से संबंधित होकर दोनों पक्षों को सक्षम न्यायालय से अपनी शिकायत के निराकरण की समझाईश दी थी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) आवेदक द्वारा दिया गया आवेदन पत्र मकान के कब्जे से संबंधित होकर दिवानी प्रकृति का होने से आवेदक को तत्समय ही मकान का कब्जा लेने हेतु सक्षम न्यायालय में वाद संस्थित करने की समझाईस दी गयी थी। आवेदक का कब्जा मुक्त नहीं हो पाया, इसमें किसी भी प्रकार से पुलिस अधिकारी दोषी नहीं है। आवेदक अपनी समस्या का समाधान हेतु सक्षम न्यायालय से विधिवत कार्यवाही हेतु स्वतंत्र है।
उज्जैन जिले में चालान प्रस्तुत करने में विलम्ब
[गृह]
121. ( क्र. 438 ) श्री सुनील सराफ : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कारण है कि अर्पित द्विवेदी, यतीन्द्र द्विवेदी निवासी 23, अणु परिसर उज्जैन के प्रकरण में विभाग ने निर्धारित समय-सीमा में चालान प्रस्तुत नहीं किया जिससे दोनों आरोपी जमानत का लाभ लेने में सफल हो गए? (ख) दिनांक 01.01.19 से 30.10.2020 तक निर्धारित समय-सीमा से विलंब से चालान प्रस्तुत करने के कितने प्रकरण उज्जैन जिले में हुए? विधानसभा क्षेत्रवार बतावें। (ग) इस विलंब के दोषी अधिकारियों के नाम प्रश्नांश (क) व (ख) अनुसार बतावे। (घ) इन पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) विवेचना अधिकारी की लापरवाही के कारण। सभी चालान समय-सीमा में माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किये गये। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार उपनिरीक्षक नितिन उइके, थाना माधवनगर उज्जैन। प्रश्नांश (ख) अनुसार सभी चालान समय सीमा में माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किये गये। (घ) उपनिरीक्षक नितिन उइके को रूपये 5000/- अर्थदण्ड की सजा से पुलिस अधीक्षक द्वारा दण्डित किया गया।
शिक्षित एवं अशिक्षित बेरोजगारों की जानकारी
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
122. ( क्र. 440 ) श्री रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश शासन की जानकारी में वर्तमान में कितने शिक्षित एवं अशिक्षित बेरोजगार है, उनकी कुल संख्या कितनी है? शिक्षित एवं अशिक्षित बेरोजगारों की पृथक-पृथक जानकारी देवें? (ख) भारत देश के सूचकांक के अनुसार मध्यप्रदेश की बेरोजगारी दर की जानकारी वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक की उपलब्ध करावें एवं बेरोजगारी दूर करने हेतु मुख्यमंत्री एवं मध्यप्रदेश शासन द्वारा किये गये प्रयास एवं कार्ययोजना की एवं उसके क्रियान्वयन की जानकारी पृथक-पृथक संक्षेपिका सहित उपलब्ध करावें।
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) वर्तमान में एम.पी. रोज़गार पोर्टल पर कुल 24,40,811 रोज़गार चाहने वाले पंजीकृत हैं। उक्त में से शिक्षितों की संख्या 23,78,349 एवं अशिक्षितों (पांचवी से कम पढ़े) की संख्या 62,462 है। (ख) बेरोज़गारी की दर विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है। बेरोज़गारी दूर करने हेतु विभाग के अधीनस्थ रोज़गार कार्यालयों द्वारा प्रदेश में जॉब फेयर योजना संचालित है जिसमें विभिन्न निजी क्षेत्र नियोक्ताओं द्वारा अपनी रिक्तियों की पूर्ति की जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
विभिन्न अपराधिक प्रकरणों में खात्मा/खारिजी लगाये जाना
[गृह]
123. ( क्र. 441 ) श्री रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिमनी विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत आने वाले थानों में वर्ष 2019 एवं चालू वर्ष 2020 में लूट, हत्या, डकैती, नकबजनी, धोखाधड़ी एवं सनसनीखेज अपराध एवं 10 लाख रूपये से अधिक की चोरी एवं महिला संबंधी अपराध के जिन अपराधिक प्रकरणों में खात्मा/खारिजी लगाये जाने के प्रस्ताव तैयार किये जाकर संबंधित न्यायालय में प्रस्तुत किये गये हैं, उन अपराधिक प्रकरणों के क्रमांक, धाराओं की जानकारी, खात्मा/खारिजी क्रमांक सहित न्यायालय में प्रस्तुत करने का दिनांक सहित संपूर्ण जानकारी पृथक-पृथक जिलेवार देवें। (ख) मध्यप्रदेश के संपूर्ण जिलों के थानों में पंजीबद्ध विभिन्न अपराधों में खात्मा/खारिजी लगाये जाने हेतु जो नियम प्रक्रिया पुलिस महानिदेशक/एडीजी पुलिस मुख्यालय भोपाल द्वारा निर्धारित की गई है उसकी संपूर्ण जानकारी देवें एवं खात्मा/खारिजी लगाए जाने हेतु जारी किये गये संपूर्ण परिपत्र एवं आदेशों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या संपूर्ण मध्यप्रदेश में विभिन्न अपराधिक प्रकरणों में खात्मा/खारिजी लगाने हेतु नवीन गाइड लाइन जारी किये जाने एवं दूषित तथा अपूर्ण विवेचना के आधार पर खात्मा/खारिजी लगाये जाने के संबंध में दिनांक 14.08.2020, 28.10.2020 को पुलिस महानिदेशक एवं एडीजी सीआईडी को जनसमस्या समाधान समिति के अध्यक्ष द्वारा पत्र लिखे गये? यदि हाँ तो उक्त पत्र के आधार पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई एवं क्या परिपत्र आदेश जारी किये गये? (घ) क्या न्यायहित में पारदर्शिता पूर्ण तरीके से किसी भी अपराधिक प्रकरण में खात्मा/खारिजी लगाये जाने हेतु कोई नीति निर्धारित करेंगे। यदि हाँ तो निश्चित समय अवधि बतावें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रश्नांश (क) उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' में समाहित है। (ख) थानों में पंजीबद्ध अपराधों में गुणदोष पर आधारित खारिजी, खात्मा लगाया जाने की व्यवस्था म.प्र. पुलिस मैन्युअल एवं रैग्युलेशन्स के पैरा 787 एवं 788 में प्रावधानित है, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' एवं खात्मा एवं खारिजी लगाये जाने हेतु जारी परिपत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) जनसमस्या समाधान समिति के अध्यक्ष सिद्धार्थ गुप्ता का पत्र दिनांक 14.08.2020, 28.10.2020 पुलिस महानिदेशक कार्यालय में आना नहीं पाये गये। उपरोक्त पत्र अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अपराध अनुसंधान विभाग कार्यालय में प्राप्त होना पाये गये। खात्मा/खारिजी के संबंध में पूर्व से परिपत्र जारी है, पुनः परिपत्र जारी करने की आवश्यकता नहीं है। (घ) साक्ष्य के आधार पर प्रकरणों में खात्मा/खारिजी विवेचकों द्वारा लगाई जाती है। माननीय न्यायालयों द्वारा उन्हें अंतिम रूप से निराकृत किया जाता है। अतः पृथक से कोई नीति निर्धारण किए जाने का औचित्य नहीं है।
प्रदेशों में अपराधों की जानकारी
[गृह]
124. ( क्र. 444 ) श्री जितू पटवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 330 दिनांक 21 सितम्बर, 2020 का उत्तर दिलाया जाये तथा बतावें कि अप्रैल 2020 से लेकर नवम्बर 2020 तक महिलाओं पर हुये अत्याचार (अपराध) की विभिन्न आई.पी.सी. की धाराओं के अनुसार सूची देवे तथा बतावें कि इसी अवधि में 2019 से अपराधों की संख्या में कितनी वृद्धि तथा कमी हुई? (ख) अप्रैल 2020 से नवम्बर 2020 तक कितने व्यक्तियों ने बेरोजगारी, व्यापार में कमी होने से कर्ज से घबराकर आदि कारणों से आत्महत्या की? (ग) अप्रैल 2020 से नवम्बर 2020 तक प्रदेश में हत्याओं के कितने प्रकरण हुये तथा उसमें कुल कितने लोगों की हत्याएं हुई तथा इसी अवधि में चोरी, लूट के कुल कितने प्रकरण हुए तथा इसमें कुल कितनी राशि की चोरी, लूट हुई? (घ) अप्रैल 2020 से नवम्बर 2020 तक मिलावट के कुल कितने प्रकरण दर्ज किए गए तथा इसी अवधी में वर्ष 2019 से कितने ज्यादा अथवा कम है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) अतारांकित प्रश्न क्रमांक-330 का उत्तर दिनांक 18.12.2020 को प्रेषित किया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' में समाहित है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' में समाहित है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''द'' में समाहित है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''य'' में समाहित है।
किसान ऋण माफी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
125. ( क्र. 445 ) श्री जितू पटवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 329 दिनांक 21 सितम्बर, 2020 के संदर्भ में बतावें कि समग्र रूप से विचार करने हेतु क्या कोई कमेटी बनाई गई है? यदि हाँ तो कमेटी के सदस्य के नाम, पद, बैठक की दिनांक तथा बैठक के निष्कर्ष से अवगत करावें। (ख) किसान ऋण माफी योजना पर समग्र रूप से विचार हेतु शासन द्वारा तय किये हुए बिन्दुओं की सूची देवें तथा बतावें की संवैधानिक अधिकार के तहत पूर्व कमलनाथ सरकार द्वारा समग्र रूप से विचार कर जो योजना लोगू की गई तथा आधे से ज्यादा योजना के बिन्दू को अमल भी कर लिया गया, उस योजना पर अब किस संवैधानिक नियम के तहत समग्र रूप से विचार किया जा रहा है? (ग) किसान कर्जमाफी योजना पर समग्र रूप से पुन: विचार करने के निर्देश किसके द्वारा दिए गए? उस निर्देश की प्रति देवें तथा इस संदर्भ में बनाई गई नोटशीट की प्रति भी देवें। (घ) क्या संवैधानिक नियमों के तहत सरकार किसान कर्ज माफी योजना जिसका आधे से ज्यादा हिस्सा लागू हो चुका है, से मुकर सकती है? यदि हाँ तो क्या जिन किसानों का कर्जा माफ हुआ है उनसे राशि पूर्ण वसूल की जावेगी? यदि नहीं, तो समग्र विचार के नाम पर इसे लम्बित करना क्या अपराध नहीं है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बहादुरपुर थाना में अपराध क्रमांक 108/2020 की जानकारी
[गृह]
126. ( क्र. 448 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) थाना बहादुरपुर जिला अशोकनगर के अपराध क्र. 108/2020 में मृतक खुमान आदिवासी को पुलिस एम.एल.सी. में कितनी चोटें पाई गई थी और पोस्टमार्टम में कितनी-कितनी चोटें पाईं गई? एम.एल.सी. के बाद आई चोटों का कारण जानने का प्रयास पुलिस विवेचना में किया गया क्या? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) उपरोक्त उल्लेखित अपराध में क्या मृतक खुमान सिंह का उपचार ग्वालियर में किया गया? यदि हाँ, तो उपचार व जाँच में क्या-क्या पाया गया? उपचार की प्रक्रिया व इलाज को पुलिस विवेचना का हिस्सा क्यों नहीं बनाया गया? (ग) उपरोक्त उल्लेखित अपराध की प्राथमिकी घटना के कितने घंटे बाद हुई, इस विलंब का क्या कारण रहा? प्राथमिकी की सूचना देते समय फरियादी के साथ हमराह कौन था व प्राथमिकी दर्ज कराते वक्त मृतक की क्या स्थिति थी और तत्समय उसका उपचार कहां चल रहा था? (घ) अपराध क्र. 108/2020 थाना बहादुरपुर में मृतक खुमान आदिवासी को चिकित्सीय परीक्षण के अनुसार किस हथियार से चोटे पाई गई? भोथरे हथियारों की श्रेणी में कौन-कौन से हथियार आतें हैं?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) थाना बहादुरपुर जिला अशोकनगर के अपराध क्रमांक 108/20 धारा 307, 147, 148, 149, 436, 323, 294, इजाफा 302 भादवि 3 (2) अ, 3 (2) (पअ), 3 (1) द, 3 (1) ध एससी/एसटी पीओए एक्ट में मृतक खुमान आदिवासी को पुलिस एम.एल.सी. में प्रथम दृष्ट्या 02 चोटें लेख है तथा मृतक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में 07 चोटें पाई गई है। एम.एल.सी. फार्म में पुलिस द्वारा फरियादी खिलन आदिवासी द्वारा बताई गई चोटो के अनुरूप त्वरित रूप से लेख किया गया है क्योंकि मृतक की हालत अत्यंत गंभीर थी इसलिए उपचार हेतु भेजा जाना आवश्यक था, इस कारण पी0एम0एल0सी0 फार्म में 02 चोटे लेख की गई थी। मृतक का पुलिस द्वारा तैयार किया गया शव पंचनामा कार्यवाही एवं पी0एम0 रिपोर्ट में चिकित्सक द्वारा मृतक को आई सभी चोटे (07 चोटो) का उल्लेख है। प्रकरण में मृतक की चोटो का कारण जानने का प्रयास विवेचना के दौरान किया गया है। (ख) उपलब्ध अभिलेख के अनुसार मजरूब (मृतक) खुमान सिंह को उपचार हेतु ग्वालियर स्थित जी0एम0आर0सी0 अस्पताल ले जाया गया था। अभिलेख प्राप्त किये जाने पर पाया गया कि दिनांक 27/05/20 को प्रातः 5:55 बजे जी0एम0आर0सी ग्वालियर के केज्यूल्टी वार्ड ओ0पी0डी0 रजिस्टर में मजरूब खुमान सिंह आदिवासी के आने की प्रविष्टी है। किन्तु इसके पश्चात क्या इलाज हुआ है इस बाबत् कोई रिकार्ड उपलब्ध नहीं हो रहा है। संबधित चिकित्सालय से पत्र व्यवहार भी किया गया है एवं इसे विवेचना का हिस्सा भी बनाया गया है। विवेचना दौरान मृतक खुमान आदिवासी के परिजन साक्षीगण के कथन एवं मर्ग जाँच दौरान आई साक्ष्य के आधार पर पाया गया कि मजरूब खुमान आदिवासी को दिनांक 27/05/20 को जी0एम0आर0सी0 ग्वालियर के केज्यूल्टी वार्ड के ओ0पी0डी0 वार्ड में आमद होने उपरान्त परिजन द्वारा घर लाते समय रास्ते में खुमान सिंह आदिवासी की मृत्यु हो जाने पर मुगांवली मर्चुरी में रखा गया। समस्त कार्यवाही पुलिस विवेचना का हिस्सा है। (ग) उपरोक्त वर्णित अपराध में प्राथमिकी घटना के 05 घंटे में दर्ज हुई। घटना दिनांक 26.05.20 के 17:00 बजे से 19:00 बजे शाम के दरमियान घटित हुई है, घटना स्थल 08 किलोमीटर दूर ग्राम कोलुआ चक का है। गंभीर रूप से घायल पीडि़तो का उपचार तत्काल कराया गया। फरियादी एवं मजरूबों के थाना उपस्थित होते ही तुरंत एफ0आई0आर0 दर्ज की गई। फरियादी के साथ मृतक खुमान आदिवासी, भाई मोहर सिंह, बहन फूलबाई हमराह में थाना बहादुरपुर आये थे जो पीड़ित खुमान की हालत गंभीर होने से एम0एल0सी0 भरकर स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र उपचार हेतु भेजा गया। फरियादी मृतक खुमान सिंह का पुत्र खिलन सिंह की रिपोर्ट पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी। प्राथमिकी के समय मृतक खुमान सिंह बेहोशी की अवस्था में था जिसका प्राथमिक उपचार बहादुरपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में किया जा कर चिकित्सक द्वारा उपचार हेतु अशोकनगर जिला चिकित्सालय रेफर किया गया जहां उपचार चल रहा था। (घ) थाना बहादुरपुर जिला अशोकनगर के अपराध क्रमांक 108/20 धारा 307,147,148,149,436, 323,294, इजाफा 302 भादवि 3 (2) v, 3 (2) (iv), 3 (1) द, 3 (1) ध एससी/एसटी पीओए एक्ट में मृतक खुमान आदिवासी को चिकित्सक द्वारा Hard & blunt object ( सख्त एवं भोथरे) हथियार से चोटे होना लेख किया गया है। सख्त एवं भोथरे हथियार की श्रेणी में ऐसे हथियार आते है जो धारदार नहीं होते है जैसे-लाठी, रॉड, लोहांगी तथा फरसा आदि का पिछला भाग।
कृषक बीमा की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
127. ( क्र. 449 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 324 दिनांक 21 सितम्बर 2020 के खण्ड (क) के संदर्भ में बतायें कि एग्रीकल्चर इंश्योरेस कम्पनी ऑफ इंडिया लिमिटेड का चयन किन शर्तों के आधार पर किया गया, शासन तथा कम्पनी के बीच हुये अनुबंध की प्रति देवें तथा इस कम्पनी का पूरा पता तथा डायरेक्टर भागीदार का नाम, पिता/पति के नाम की सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में बतावे की इश्योरेन्स कम्पनी को अनुमानत: कुल कितनी प्रीमियम राशि प्राप्त होगी तथा उसमें कृषक, केन्द्र शासन राज्य शासन का हिस्सा कितना-कितना होगा? (ग) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 325 दिनांक 21 सितम्बर 2020 के संदर्भ में बतायें कि जिन कम्पनी का बीज परीक्षण में फेल हुआ उन पर पुलिस में प्रकरण दर्ज क्यों नहीं किया गया तथा उन्होंने कितनी मात्रा में वह बीज बेचा तथा कितनी जमीन में वह बीज बोया गया? (घ) परीक्षण में कम्पनी का बीज फेल होने पर क्या-क्या कार्यवाही किये जाने संबंधी दिशा निर्देश दिये गये हैं तथा उसी अनुसार कार्यवाही प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में की गई है? (ड.) अमानक बीज पर किसान को मुआवजा दिलाए जाने संबंधी क्या निर्देश हैं? उसकी प्रति देवे तथा बताये कि प्रश्नांश (ग) से संबंधित अमानक बीज पर कुल कितने किसान को कितनी राशि का मुआवजा दिलाया गया?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत बीमा कंपनियों से निविदा में प्राप्त न्यूनतम वेटेड एवरेज प्रीमियम दरों के आधार पर खरीफ 2020 एवं रबी वर्ष 2020-21 में प्रदेश में कार्य करने हेतु एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लि. का चयन किया गया है। कंपनी का पूरा पता तथा डायरेक्टर भागीदार के नाम की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) खरीफ 2020 में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत केन्द्र शासन के फसल बीमा पोर्टल पर बैंकों द्वारा किये गये कृषकों की पोर्टल एंट्री के आधार पर प्रीमियम में कृषक अंश राशि रू. 5611989016, राज्यांश प्रीमियम अनुदान राशि रू. 20177229158 एवं केन्द्रांश प्रीमियम अनुदान राशि रू. 20177229158 प्राप्त होगी। (ग) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ किसानों को दिया जाना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
128. ( क्र. 452 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में किस सीजन की कौन-कौन सी फसलों का फसल बीमा कराया गया एवं किस-किस बीमा कंपनी को कितनी-कितनी प्रीमियम राशि का भुगतान कब-कब किया गया एवं कितनी राशि बकाया है? (ख) उपरोक्तानुसार प्राकृतिक आपदा से फसलों को हुये नुकसान के लिये बीमित किसान को बीमा कंपनियों द्वारा पात्र कृषकों के दावे अनुसार दावा राशि का भुगतान किया गया है? (ग) यदि हाँ तो गुना जिले में कितने पात्र कृषकों को दावा राशि का कितनी-कितनी राशि का बीमा कंपनियों ने भुगतान किया है? यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) प्रदेश में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में सीजनवार फसलों के फसल बीमा की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार तथा बीमा कंपनीवार प्रीमियम भुगतान एवं बकाया राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ख) हाँ। (ग) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना खरीफ 2019 के तहत गुना जिले के 35596 पात्र कृषकों को राशि रू. 527442705.2 का भुगतान किया गया। रबी 2019-20 एवं खरीफ 2020 की बीमा दावा राशि की गणना एवं भुगतान प्रक्रिया प्रचलन में है।
प्रधानमंत्री आवास योजना में व्याप्त अनियमितताएं
[नगरीय विकास एवं आवास]
129. ( क्र. 453 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम भोपाल में संचालित राहुल नगर (रिवेरा टाऊन) में निर्माणाधीन आवासों के निर्माण संबंधी प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक ली गई समस्त अनुमति/स्वीकृति की नोटशीटों/आदेशों की प्रति जिसका पालन कर आवास योजना संचालित है जिसमें रैरा अनुमति, ठेकेदारों से अनुबंध, कार्य प्रारंभ कब होना है एवं कब समाप्त करना है, पेड न्यूज, हितग्राहियों एवं बैंक से किये गये अनुबंध, हितग्राहियों से नगर निगम के खाते में प्राप्त राशि एवं दिनांक का हितग्राहीवार पृथक-पृथक जानकारी दें। (ख) विधान सभा सितम्बर 2020 ध्यानाकर्षण सूचना क्र.134 के उत्तर में आरक्षित वर्ग के लिये 95 आवासों की संख्या निर्धारित है? यदि हाँ तो किस-किस बिल्डिंग में कितने-कितने आवास किस-किस तल पर आरक्षित वर्ग के लिये निर्धारित है एवं राहुल नगर (रिवेरा टाउन) के समीप 288 एल.आई.जी. प्रकोष्ठों का रेरा में पंजीयन कब कराया गया? यदि पंजीयन नहीं कराया गया तो प्रकोष्ठों का निर्माण किस आधार पर किया जा रहा है? स्पष्ट करें। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या तृतीय किस्त के पूर्व जमा पूर्ण राशि के हितग्राहियों को मनपसंद आवास दिया जाना था एवं शेष हितग्राहियों को लाटरी के माध्यम से आवंटन होना था? यदि हाँ तो समस्त हितग्राहियों की बैंक द्वारा जमा की राशि की किस्तवार दिनांकवार सम्पूर्ण जानकारी दें एवं हितग्राही द्वारा स्थानांतरित राशि का यू.टी.आर. वेबसाईट पर स्वयं जमा किया गया तो कम्प्यूटर मेक नंबर (आई.पी.एड्रेस छोड़कर) एवं दिनांक पृथक-पृथक बतायें? (घ) क्या नगर निगम द्वारा हितग्राहियों को टेलीफोनिक अथवा अन्य माध्यम से सूचना देने का उल्लेख किया गया है? यदि हाँ तो हितग्राहियों को दी गई सूचना के प्रमाण प्रस्तुत करें। यदि नहीं, तो क्यों तथा सदन में असत्य/भ्रामक जानकारी देने के लिये दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रश्न (क) अंतर्गत चाही गई जानकारी निम्नानुसार हैः- 1 नोटशीटों की छाया प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''1'' अनुसार है। 2 रेरा पंजीयन की छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''2'' अनुसार है। 3. ठेकेदार से अनुबंध की छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''3'' अनुसार है। 4 कार्य प्रारंभ दिनांक 01.03.2018 व समाप्ति दिनांक 31.05.2021 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''4'' अनुसार है। 5 पेड न्यूज की छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''5'' अनुसार है। 6 हितग्राहियों एवं बैंक से किये गये अनुबंध की छायाप्रति प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''6'' अनुसार है। 7 हितग्राहियों से नगर निगम को प्राप्त राशि की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''7'' अनुसार है। (ख) जी हाँ, आरक्षित वर्ग हेतु 95 आवासों की संख्या निर्धारित है तथा परियोजना के ब्लाकों/आवासों/तलो का आरक्षण नहीं किया गया है अपितु, ''प्रथम आओं-प्रथम पाओं'' के आधार पर आरक्षित वर्ग के हितग्राहियों को आवास चयन का अवसर दिया गया है, इस प्रक्रिया के अंतर्गत आरक्षित वर्ग के बुकिंग कर्ताओं द्वारा भी पसंद के आवास चयन किये गये है। राहुल नगर (रिवेरा टाउन) के 288 एल.आई.जी. आवासों हेतु प्राप्त रेरा पंजीयन की दिनांक 22.06.2019 है। (ग) जी हाँ, हितग्राहियों द्वारा बैंक के माध्यम से नगर निगम के खाते में जमा की गई किश्तवार, दिनांकवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। हितग्राही द्वारा यू.टी.आर. वेबसाईट पर स्वयं जमा कराने के बाद कम्प्यूटर मेक नंबर की संबंधित जानकारी आनलाईन आवास हेतु बुकिंग के लिए साफ्टवेयर प्रणाली में अंकित नहीं होता है। (घ) जी हाँ, नगर निगम भोपाल द्वारा हितग्राहियों को टेलीफोनिक के माध्यम से सूचित किया गया है तथा समाचार पत्रों में सार्वजनिक सूचना के माध्यम से हितग्राहियों को सूचित किया गया है। समाचार पत्रों में प्रकाशित सार्वजनिक सूचना की छायाप्रतिया पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है।
प्रदेश में घटित महिला अपराध
[गृह]
130. ( क्र. 455 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस मुख्यालय में उपलब्ध जानकारी के अनुसार प्रदेश में 23 मार्च, 2020 से 15 दिसम्बर, 2020 की अवधि में महिलाओं/अवयस्क बालिकाओं के साथ सामूहिक बलात्कार, बलात्कार, मारपीट करने, अस्मिता भंग, हत्या, अंग-भंग आदि महिला अपराध के कितने-कितने प्रकरण किस-किस जिले में पंजीबद्ध किये गये हैं? (ख) इनमें से कितने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है एवं कितने आरोपियों को गिरफ्तार किया जाना शेष है? जिलेवार जानकारी दें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
खासगीदेवी अहिल्याबाई होल्कर चैरिटीज ट्रस्ट इंदौर की संपत्तियों का अवैध विक्रय
[संस्कृति]
131. ( क्र. 457 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या आलमपुर जिला भिण्ड में स्थित महाराजा मल्हारराव होल्कर की छत्री से लगी भूमि को खासगी देवी अहिल्याबाई होल्कर चैरिटीज ट्रस्ट इंदौर के प्रबंधकों द्वारा घोषित नजूल भूमि विक्रय किये जाने के लिये प्रतिबंधित (अहस्तांतरणीय) होने के बावजूद भी लगातार कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर लीज के नाम पर विक्रय की जा रही है एवं इस संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा मुख्य सचिव मध्यप्रदेश शासन (संस्कृति विभाग) को दिनांक 10/10/2020 को पत्र लिखकर भूमि विक्रय की जांच कराने एवं शासकीय भूमि की सुरक्षा करने का अनुरोध किया था? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता के पत्र पर शासन द्वारा जांच कराकर जांच निष्कर्षों के आधार पर क्या कार्रवाई की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में प्रदेश में एवं प्रदेश के बाहर किन-किन राज्यों में खासगी देवी अहिल्याबाई होल्कर चैरिटीज ट्रस्ट की संपत्ति कहाँ-कहाँ पर कितनी-कितनी है तथा उक्त संपत्ति पर वर्तमान में किस-किस का आधिपत्य है? (घ) क्या खासगी ट्रस्ट की भूमि/भवन/संपत्तियों को कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर बेचने एवं अतिक्रमण किये जाने के मामले शासन के संज्ञान में आये हैं? यदि हां, तो उनमें क्या-क्या कार्रवाई की गई बताएं? पृथक-पृथक ब्यौरा दें।
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है.
नगर निगम भोपाल अंतर्गत दी जाने वाली भवन निर्माण की अनुमति
[नगरीय विकास एवं आवास]
132. ( क्र. 473 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम भोपाल के जोन-1 अंतर्गत भवन निर्माण हेतु किन-किन के आवेदन कब से किन-किन कारणों से लंबित है। (ख) नगर निगम भोपाल अंतर्गत आवासीय निर्माण हेतु अनुमति के लिये किन-किन इंजीनियर्स को अधिकृत किया गया है। (ग) उक्त इंजीनियर्स द्वारा 01/01/2019 से प्रश्न दिनांक तक जारी की गई अनुमतियों की नामवार, दिनांकवार जानकारी दें। (घ) इंजीनियर्स द्वारा दी जाने वाली भवन निर्माण अनुमति की क्या प्रक्रिया निर्धारित है? अनुमति की वैधता की वैधानिक स्थिति क्या है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) नगर निगम भोपाल अंतर्गत आवासीय निर्माण की अनुमति देने हेतु इंजीनियर्स की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है एवं नगर निगम सीमा में 300 वर्ग मीटर क्षेत्रफल के भूखण्डों पर आवासीय प्रयोजन की अनुज्ञा देने हेतु निजी इंजीनियरों/ वास्तुविद् को म.प्र. भूमि विकास नियम के नियम 26 के प्रावधानों अंतर्गत निजी इंजीनियरों को अधिकृत किया गया है जिसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। (ग) नगर निगम के इंजीनियर्स द्वारा प्रदान की गई अनुमतियों की दिनांकवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''द'' अनुसार है। नगर निगम द्वारा अधिकृत इंजीनियरों/वास्तुविद द्वारा प्रदत्त अनुज्ञाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ई'' अनुसार है। (घ) नगर निगम से भवन अनुज्ञा प्राप्त करने हेतु आवेदको को म.प्र. भूमि विकास नियम 2012 के नियम 14 (1) में निर्धारित प्रारूप में आवश्यक दस्तावेजों तथा आवेदन शुल्क के साथ आवेदन करना होता है। आवेदन प्राप्त होने पर उसका परीक्षण भोपाल योजना 2005 तथा म.प्र. भूमि विकास नियम 2012 तथा राज्य शासन/नगर निगम द्वारा समय-समय परी जारी निर्देशो के अनुसार किया जाता है। यदि आवेदक इन प्रावधानों की पूर्ति करता है तो आवेदक को भवन अनुज्ञा शुल्क जमा करने सूचित किया जाता है। आवेदक द्वारा भवन अनुज्ञा शुल्क जमा करने पर विधिवत भवन अनुज्ञा जारी की जाती है जो 03 वर्ष के लिये मान्य होती है। यह अनुज्ञा यदि आवेदक नगर निगम से प्राप्त करना चाहता है तो आवेदक को mpenagarpalika.gov.in की वेबसाईट में abpss-II पर जाकर आनलाईन आवेदन करना होता है और यदि आवेदक नगर निगम भोपाल द्वारा अधिकृत इंजीनियर्स से भवन अनुज्ञा प्राप्त करना चाहता है तो इसे अधिकृत इंजीनियर्स के समक्ष ऑफ लाईन आवेदन करना होता है।
म.प्र. औद्योगिक केन्द्र विकास निगम, भोपाल के अंतर्गत भूमि आवंटन
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
133. ( क्र. 474 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. औद्योगिक केन्द्र विकास निगम, भोपाल के अंतर्गत किस-किस औद्योगिक क्षेत्र में कितनी भूमि आवंटन हेतु रिक्त है? उक्त भूमि के आवंटन के संबंध में क्या कार्यवाही प्रचलन में है। औद्योगिक क्षेत्रवार जानकारी दें। (ख) दिनांक 01.01.2019 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस आवंटी द्वारा कौन-कौन से आवंटित भूखंडों के निरस्तीकरण हेतु कब-कब आवेदन किये गये एवं किन-किन के कौन-कौन से भूखंड कब-कब निरस्त कर दिये गये किन-किन के शेष हैं। औ. क्षेत्रवार जानकारी दें। (ग) निरस्त भूखण्डों का पुन: आवंटन किस-किस आवंटी को कब-कब किस-किस प्रक्रिया के तहत किया गया? (घ) जिन आवंटियों को भूखंड का आवंटन किया जाना शेष रह गया है उन्हें कब तक आवंटित कर दिया जावेगा?
औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री ( श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव ) : (क) मध्य प्रदेश इण्डस्ट्रियल डेव्हलपमेन्ट कॉर्पोरेशन लिमिटेड, क्षेत्रीय कार्यालय भोपाल (पूर्व में म.प्र. औद्योगिक केन्द्र विकास निगम भोपाल) के अंतर्गत निम्नानुसार औद्योगिक क्षेत्रों में भूमि आवंटन हेतु रिक्त है :-
क्र. |
औ.क्षेत्र का नाम |
औद्योगिक रिक्त भूमि (वर्गमीटर में) |
1 |
अचारपुरा, जिला-भोपाल |
139150.00 |
2 |
टेक्सटाईल पार्क अचारपुरा, जिला-भोपाल |
167798.83 |
3 |
बगरौदा, जिला-भोपाल |
---- |
4 |
बडियाखेडी जिला-सीहोर |
411491.25 |
5 |
फूडपार्क बाबई, जिला-होशंगाबाद |
27206.70 |
6 |
फूडपार्क पिपरिया जिला-होशंगाबाद |
3750.00 |
7 |
आई.आई.डी.बीना जिला-सागर |
98600.00 |
8 |
जम्बार बागरी, जिला-विदिशा |
349599.86 |
9 |
मोहासा बाबई जिला-होशंगाबाद |
इस औ.क्षेत्र में रिक्त भूमि उपलब्ध है किंतु भारत सरकार की BULK DRUG PHARMA PARK की योजना में प्रस्तावित होने के कारण वर्तमान में नये आवंटन नहीं किये जा रहे है। |
10 |
कीरतपुर जिला-होशंगाबाद |
242035.62 |
11 |
पीलूखेडी जिला-राजगढ़ |
305840.10 |
12 |
प्लास्टिक पार्क तामोट जिला-रायसेन |
305248.40 |
13 |
सिद्धगुवां जिला-सागर |
195560.07 |
14 |
मण्डीदीप जिला-रायसेन |
6075.00 |
औद्योगिक क्षेत्रों में रिक्त भूमि का आवंटन ऑनलाईन पद्धति (प्रक्रिया) द्वारा किया जाता है। (ख) दिनांक 01-01-2019 के पश्चात निम्नानुसार क्षेत्रवार निरस्तीकरण हेतु आवंटियों से आवेदन प्राप्त हुये :- 1. औद्योगिक क्षेत्र पीलूखेडी
इकाई का नाम |
भूखण्ड क्रंमाक |
आवेदन दिनांक |
निरस्तीकरण दिनांक |
सरीन पॉवर टेक्नोलॉजी |
35-डी |
13-02-2019 |
27-09-2019 |
मेसर्स सेफी एण्ड जमाली |
21-डी |
12-03-2019 |
09-05-2019 |
2. औद्योगिक क्षेत्र बगरौदा
इकाई का नाम |
भूखण्ड क्रंमाक |
आवेदन दिनांक |
निरस्तीकरण दिनांक |
मे. पिनेकल इण्डस्ट्रीज |
बी-25 |
12-10-2019 |
15-11-2019 |
3. औद्योगिक क्षेत्र मोहासा
इकाई का नाम |
भूखण्ड क्रंमाक |
आवेदन दिनांक |
निरस्तीकरण दिनांक |
मे. पुष्कर राईस इण्डस्ट्रीज |
192-194 |
07-08-2020 |
18-08-2020 |
वर्तमान में निम्न इकाईयों के आवेदन निरस्तीकरण हेतु प्रक्रियाधीन (शेष) है। 1. मेसर्स आगाती हेल्थ केयर, औ.क्षेत्र. पीलूखेडी आवेदन दिं. 26.11.2020 2. मेसर्स सर्वेश्वर एसोसिऐट, औ.क्षेत्र बगरौदा, आवेदन दिनांक 26.09.2020. (ग) निरस्त भूखण्डों के पुन: आवंटन की जानकारी निम्नानुसार है :- 1. औद्योगिक क्षेत्र पीलूखेडी
इकाई का नाम |
भूखण्ड क्रंमाक |
आवेदन दिनांक |
आवंटन दिनांक |
आवंटन प्रक्रिया |
मे. 3 एडी एग्रीकल्चर इक्यूमेंटस |
21 D |
25-08-2020 |
05-11-2020 |
ऑनलाईन पद्धति से |
2. औद्योगिक क्षेत्र बगरौदा
इकाई का नाम |
भूखण्ड क्रंमाक |
आवेदन दिनांक |
आवंटन दिनांक |
आवंटन प्रक्रिया |
मे. वेलमेक मोटर प्रा.लि. |
25 B |
28-11-2019 |
09-12-2019 |
ऑनलाईन पद्धति से |
(घ) ऑनलाईन आवंटन का प्रावधान होने के दृष्टिगत वर्तमान में किसी भी आवंटी का भूखण्ड आवेदन आवंटन हेतु लंबित/शेष नहीं है।
स्व-सहायता समूह उत्पाद विक्रय
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
134. ( क्र. 477 ) श्री लक्ष्मण सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आजीविका मिशन के अंतर्गत संचालित स्वयं सहायता समूह द्वारा उत्पादित सामग्री जिले स्तर पर विक्रय हेतु कोई समुचित व्यवस्था नहीं की गई? (ख) इस हेतु सरकार के द्वारा किए जा रहे प्रयासों से अवगत कराएं।
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) आजीविका मिशन के अंतर्गत संचालित स्वयं सहायता समूहों द्वारा उत्पादित सामग्री जिले स्तर पर विक्रय हेतु यथोचित व्यवस्था हेतु प्रयास किए गए है। (ख) सरकार द्वारा निम्नलिखित प्रयास किए जा रहे हैं:- 1- GEM पोर्टल पर सहायता समूहों द्वारा उत्पादित सामग्री का पंजीयन किया जा रहा है, जिससे सहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल सके। 2- 23 जिलों में नाबार्ड के सहयोग से रूरल मार्ट की स्थापना की जा चुकी है, शेष में प्रक्रियाधीन है।
तालाब निर्माण की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
135. ( क्र. 478 ) श्री लक्ष्मण सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चाचौड़ा विधान सभा क्षेत्र में आर.ई.एस. द्वारा कितने तालाबों के निर्माण की स्वीकृति दी गई? (ख) पिछले 2 वर्षों में विभाग द्वारा कितने तालाब निर्मित किए गए और कितने निर्माण हुए?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) चाचौड़ा विधानसभा क्षेत्र में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत आयुक्त पंचायत राज संचालनालय द्वारा प्रशासकीय स्वीकृति आदेश क्रमांक 7379 दिनांक 30.05.2018 के द्वारा तालाब मजराघाटी हेतु राशि रू. 188.00 लाख तथा प्रशासकीय स्वीकृति आदेश क्रमांक 13904 दिनांक 26.09.2018 द्वारा तालाब बंजारीखुर्द हेतु राशि रू. 195.86 लाख की स्वीकृति ग्रामीण यांत्रिकी सेवा को दी गई थी। (ख) पिछले दो वर्षों में विभाग द्वारा दो तालाबों के अनुबंध किये जा कर कार्यदेश जारी किये गये। जिसमें एक तालाब मजराघाटी का कार्य प्रगति पर हैं। तालाब निर्माण बंजारी खुर्द में आंशिक वन भूमि एवं ग्रामीणों का अतिक्रमण होने के कारण कार्य प्रारंभ नहीं किया जा सका है। तालाबों के अतिरिक्त 182 अन्य कार्य पूर्ण किये गये एवं 33 कार्य प्रगति पर हैं।
मनावर-उमरबन-कालीबावड़ी-धामनोद मार्ग का निर्माण
[गृह]
136. ( क्र. 577 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मनावर-उमरबन-कालीबावड़ी-धामनोद मार्ग पर जनवरी 2017 से प्रश्न-दिनांक तक दुर्घटना के कितने मामले सामने आए हैं? उक्त मार्ग पर दुर्घटना की रोकथाम के लिए सरकार द्वारा क्या प्रयास किया जा रहा है? (ख) मनावर-उमरबन-कालीबावड़ी-धामनोद मार्ग, लंबाई 56.11 कि.मी. का निर्माण कार्य निर्धारित तिथि 30-11-2020 तक भी पूर्ण नहीं होने के लिए कौन जिम्मेदार है? सड़क-निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जाएगा? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित सड़क के निर्माण में अत्यधिक विलंब एवं बढ़ती दुर्घटनाओं के मद्देनजर प्रशासन की तरफ से क्या कार्यवाही की जा रही है? जल्द से जल्द सड़क निर्माण के लिए सरकार के पास क्या योजना है? (घ) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित सड़क पर हो रही दुर्घटनाओं के लिए क्या राज्य सरकार जवाबदेही स्वीकार करता है? यदि हाँ तो किस पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) मनावर-उमरबन-कालीबावड़ी-धामनोद मार्ग पर जनवरी 2017 से प्रश्न दिनांक तक कुल 45 मामले सामने आये हैं। उक्त निर्माणाधीन मार्ग पर दुर्घटनाओं की रोकथाम हेतु आवश्यक सुधार कार्य जैसे सूचना/संकेतक बोर्ड लगाये गये है। परिवर्तित मार्गों पर रेडियम टेप लगाये हैं एवं रेडियम टेप लगे ड्रम रखे गये है। साथ ही पेट्रोलिंग पार्टी द्वारा समय-समय पर पेट्रोलिंग कर कार्यवाही की जा रही है तथा यातायात संबंधी जन-जागरूकता अभियान संचालित कर कार्यवाही की जा रही है। (ख) ठेकेदार द्वारा कार्य की समानुपातिक प्रगति नहीं देने पर ठेकेदार की जवाबदेही निर्धारित कर अनुबंध की धारा 27, 27.1, 27.2, 27.3 के तहत दिनांक 25.04.2020 को विखण्डित किया गया। ठेकेदार द्वारा प्रस्तुत पुनरीक्षित कार्ययोजना एवं शपथ पत्र के आधार पर अनुबंध की धारा 12 तहत सुनवाई कर अनुबंध को दिनांक 30.11.2020 तक कार्य पूर्ण करने हेतु समय दिया गया था, किन्तु बजट आवंटन के अभाव में ठेकेदार द्वारा किए गये कार्य का भुगतान समय पर नहीं होने के कारण कार्य की प्रगति बाधित होने से कार्य निर्धारित तिथि 30.11.2020 तक पूर्ण नहीं हो सका। आवश्यक आवंटन उपलब्ध होने पर मार्ग निर्माण का कार्य पूर्ण कर लिया जायेगा। (ग) सड़क पर आवागमन सुचारू रूप से संचालन हेतु ठेकेदार द्वारा निर्माणाधीन मार्ग पर निरंतर आवश्यक मरम्मत कार्य किया जा रहा है। उक्त निर्माणाधीन मार्ग पर दुर्घटनाओं की रोकथाम हेतु उत्तरांश (क) अनुसार कार्यवाही की जा रही है। आवश्यक आवंटन उपलब्ध होने पर मार्ग निर्माण का कार्य शीघ्र पूर्ण कर लिया जायेगा। (घ) उक्त निर्माणाधीन मार्ग पर दुर्घटनाओं की रोकथाम हेतु उत्तरांश (क) अनुसार कार्यवाही की जा रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्राम पंचायत खिमलासा, मण्डीबमोरा को नगर पंचायत का दर्जा
[नगरीय विकास एवं आवास]
137. ( क्र. 687 ) श्री महेश राय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन की नीति अनुसार ग्राम पंचायत को नगर पंचायत में उन्यन करने का जनसंख्या पर आधारित करने का क्या प्रावधान है? (ख) क्या ग्राम पंचायत खिमलासा, मण्डीबमोरा की जनसंख्या लगभग 20000 के करीब है? (ग) यदि हाँ तो प्रश्न (क) अनुसार नगर पंचायत में उन्नयन किया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार ग्राम पंचायत खिमलासा, मण्डीबामोरा की कुल जनसंख्या 9115 है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
बड़वानी जिले में अनियमितता पर कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
138. ( क्र. 719 ) श्री सुनील सराफ : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले में साकेत इंटरनेशनल स्कूल अंजड़ क्या ग्राम पंचायत क्षेत्र में है या अंजड़ नगर परिषद क्षेत्र में है? (ख) यदि यह ग्राम पंचायत क्षेत्र में है, तो इसकी कई स्वीकृतियॉ अंजड़ नगर परिषद द्वारा क्यों दी गई? (ग) अंजड़ नगर परिषद द्वारा इस स्कूल को दी गई समस्त अनुमतियों की प्रमाणित प्रतियां देवें। इसे जारी करने वाले अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देवें। (घ) कलेक्टर बड़वानी कब तक यह अवैधानिक स्वीकृतियॉ निरस्त कर इसे जारी करने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही करेंगे?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
स्वशासी निगम-मण्डलों के संचालन हेतु शासकीय अनुदान
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
139. ( क्र. 773 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि मध्यप्रदेश शासन द्वारा गठित स्वशासी निगम-मण्डलों के संचालन एवं अन्य खर्चों के लिए स्वीकृति शासकीय अनुदान राशि संबंधित निगम/मण्डलों के खाते में सीधे भुगतान की जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित शासकीय अनुदानित निगम/मण्डलों का लेखा परीक्षण शासकीय एजेंसी द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार किया जाता है? (ग) यदि हाँ, तो क्या 1-मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड, 2-मध्यप्रदेश राज्य हज कमेटी एवं 3-मसाजिद कमेटी, भोपाल भी शासन के अधीन शासकीय अनुदानित स्वशासी निगम/मण्डल श्रेणी की संस्थाएं है। (घ) यदि हाँ तो क्या 1-मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड, 2-मध्यप्रदेश राज्य हज कमेटी एवं 3-मसाजिद कमेटी, भोपाल को वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए प्रावधानित अनुदान राशि का भुगतान उपरोक्त तीनों संस्थाओं के बैंक खाते में पूर्व प्रचलित प्रक्रिया अनुसार कर दिया गया है? (ड.) यदि नहीं, तो प्रश्नांश (घ) में वर्णित संस्थाओं को प्रश्नांश (क) में वर्णित संस्थाओं के सामान स्वीकृत अनुदान राशि का भुगतान संबंधित संस्थाओं के बैंक खाते में क्यों नहीं किया गया और कब तक कर दिया जावेगा? (च) क्या प्रश्नांश (घ) में वर्णित संस्थाओं को माह अप्रैल 2020 से प्रश्न दिनांक तक भुगतान नहीं होने के कारण उत्पन्न हुई असुविधा, वेतन नहीं होने के कारण कर्मचारियों की प्रताड़ना, जनहित कार्यों में बाधा उत्पन्न होने के लिए उत्तरदायित्व किसका है? इस कृत्य के लिए उत्तरदायी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। (घ) जी नहीं। (ड.) वित्त विभाग के निर्देशानुसार कार्यवाही प्रचलित है। (च) शासकीय प्रक्रिया की पूर्ति होने पर भुगतान किया जाने से किसी का उतरदायित्व नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आदिवासी बाहुल्य पंचायतों में विकास कार्यों की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
140. ( क्र. 784 ) श्री संजय यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र बरगी अंतर्गत आने वाले जनपद पंचायत जबलपुर/शहपुरा आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है, जिससे अधिकांश ग्राम पंचायतों में आदिवासी सामुदाय निवासरत हैं, किन्तु उपरोक्त ग्राम पंचायतों में मूलभूत सुविधाओं जैसे बिजली/पानी/सड़क सहित अनेकों सुविधाओं हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा लगातार शासन/जिला प्रशासन को प्रस्ताव पहुँचाया जा रहा है, किन्तु विभाग द्वारा अधिकांश ग्राम पंचायतों के प्रस्तावों में राशि क्यों आवंटित नहीं की जाती है? प्रश्नकर्ता द्वारा गत 2 वर्षों में विभाग को कितने विकास कार्यों के प्रस्ताव भेजे एवं उनमें से विभाग द्वारा कितने की स्वीकृति कर, कितनी-कितनी राशि कब-कब आवंटित की गई। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार जनपद पचायत जबलपुर/शहपुरा आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र की ग्राम पंचायतों को विभाग द्वारा विगत 3 वर्षों से कितनी-कितनी राशि किस-किस मद में आवंटित की गई? साथ ही आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र की ग्राम पंचायतों के लिये विभाग द्वारा कोई विशेष विकास योजना का संचालन किया जा रहा है, तो उसकी भी जानकारी उपलब्ध करावे। विधानसभा क्षेत्र बरगी के पूर्व में लंबित निर्माण/विकास कार्यों की जानकारी एवं लंबित रहने का कारण सहित सूची प्रदान की जावे।
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी नहीं, विधानसभा क्षेत्र बरगी अंतर्गत जनपद पंचायत जबलपुर/शहपुरा की आदिवासी बाहुल्य ग्राम पंचायतों में प्रश्नकर्ता मान. विधायक से प्राप्त प्रस्ताव अनुसार अनेक कार्यों की स्वीकृति दी गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र की ग्राम पंचायतों के लिये पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा पृथक से कोई विशेष योजना संचालित नहीं है। बरगी विधानसभा क्षेत्र के लंबित निर्माण/विकास कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है।
सात तलाई में औद्योगिक क्षेत्र हेतु आवंटित जमीन
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
141. ( क्र. 847 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम सात तलाई के औद्योगिक क्षेत्र में कौन-कौन से उद्योग हेतु जमीन आवंटित की गई है एवं कितनी जमीन आवंटित की है? (ख) क्या साततलाई में फूड प्रोसेसिंग उद्योग हेतु जमीन आवंटित की गई है, तो कौन-कौन से उद्योग के लिए कितनी-कितनी जमीन आवंटित की गई है? (ग) आवंटित भूमि पर कब तक उद्योग शुरू हो सकेगा?
औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री ( श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव ) : (क) एमपीआईडीसी क्षेत्रीय कार्यालय इंदौर अंतर्गत ग्राम नेमावर की 40.00 हेक्टेयर भूमि पर औद्योगिक क्षेत्र नेमावर विकसित किया गया है (यह क्षेत्र स्थानीय रूप से सात तलाई के नाम से जाना जाता है)। जिसमें एक इकाई को मसाला उद्योग हेतु भूखण्ड क्रमांक सी-36 क्षेत्रफल 1500 वर्गमीटर भूमि आवंटित की गई है। (ख) मेसर्स बाम्बे मसाला उद्योग को मसाला उद्योग की स्थापना हेतु क्षेत्रफल 1500 वर्गमीटर भूमि आवंटित की गई। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित उद्योग को भूमि का आधिपत्य दिनांक 25/04/2018 को दिया गया है। उद्योग स्थापित होने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
थाना देहात अशोकनगर में दर्ज अपराध
[गृह]
142. ( क्र. 866 ) श्री हर्ष यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) थाना देहात, अशोकनगर में दर्ज अपराध क्र. 536/20 में आरोपी की पत्नी से नोटिस तामील दिनांक क्या है? कलेक्टर अशोकनगर द्वारा आरोपी का शस्त्र लाईसेंस किस दिनांक को निरस्त किया? (ख) आरोपी को जेल भेजे जाने की दिनांक 27 अगस्त, 2020 को उपस्थित पुलिस बल ने जो दो नोटिस तामील कराये थे, उनपर आरोपी द्वारा क्या लेख किया गया था? (ग) आरोपी के घर कोलुआ रोड़, अशोकनगर को पुलिस ने कब से कब तक अपने आधिपत्य में रखा? (घ) क्या अपराध क्रं. 536/20 देहात थाना अशोकनगर में गलत कार्यवाही की गई है तो दोषी अधिकारियों पर कब तक क्या कार्यवाही की जावेगी? नहीं तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित अपराध में आरोपी की पत्नि श्रीमती सुनीता यादव की नोटिस तामीली दिनांक 17.07.2020 है। कलेक्टर अशोकनगर द्वारा पारित आदेश क्रमांक आर्म्स/9-5/2020/209 अशोकनगर दिनांक 30.05.2020 के द्वारा आरोपी का शस्त्र लाइसेंस निरस्त किया गया है। (ख) थाना अभिलेख अनुसार आरोपी को जेल भेजे जाने की दिनांक 27.08.2020 को पुलिस द्वारा कोई नोटिस तामील नहीं कराया गया था। (ग) थाना बहादुरपुर के अप0 क्रमांक 108/2020 धारा 147,148,149,307,436,294 भादवि 3 (1) द, 3 (1) ध, 3 (2) 4, 3 (2) 5 SC/ST Act ईजाफा धारा 302 भादवि में आरोपी गिर्राज यादव के घर कोलुआ रोड अशोकनगर को पुलिस ने आधिपत्य में नहीं रखा। दिनांक 31.05.20 को सह आरोपी प्रदीप सिख के मेमो के आधार पर आरोपी गिर्राज यादव के मकान की तलाशी में उपरोक्त अपराध में प्रयुक्त फॉरचूनर गाडी एवं अवैध हथियार बरामद होने पर थाना देहात में अपराध क्रमांक 295/2020 धारा 25/27 आर्म्स एक्ट का प्रकरण पंजीबद्ध किया गया। तत्पश्चात् आरोपी गिर्राज यादव के मकान के उसी दरवाजे जिसको पुलिस द्वारा खोला गया था, बाद उसी दरवाजे पर सुरक्षार्थ पुलिस के द्वारा ताला लगाया गया था, अन्य गेटों की चाबी आरोपी के परिजनों के पास थी। दिनांक 17.07.2020 को माननीय विशेष न्यायाधीश जिला अशोकनगर के आदेश पर चाबी आवेदिका सुनीता पत्नी गिर्राज यादव को सुपुर्द की गयी थी। (घ) जी नहीं। कार्यवाही दोषपूर्ण नहीं होने से अधिकारियों पर कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अवैध कालोनियों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
143. ( क्र. 932 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीहोर जिले में अवैध तरीके से काट कर कॉलोनियों का निर्माण हो रहा है? यदि हाँ, तो अभी तक इस तरह के अवैध कॉलोनी निर्माताओं पर क्या कार्यवाही की गई है और कार्यवाही का आधार क्या है? (ख) जिले में अवैध कॉलोनाइजरों पर लगाम लगाने के लिये वर्ष 2020 में प्रशासनिक स्तर पर किस तरह के प्रयास किये गये हैं? कितने अवैध कॉलोनाईजरों पर वर्ष 2015 से लेकर 2020 तक प्रकरण पंजीबद्ध कर शासन को भेजे गये हैं? (ग) क्या जिले में अब तक अवैध कॉलोनाईजर्स को नोटिस तामिली की कार्यवाही की गई है? उक्त कार्यवाही को लेकर कितने कॉलोनाईजर्स को नोटिस भेजे गये हैं, उन सभी के नाम बतायें। (घ) क्या नोटिस प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद वर्ष 2020 में अभी तक ऐसी कितनी कॉलोनियों पर कार्यवाही की गई है, जो अवैध हैं? वर्ष 2015 से 2020 तक निर्मित अवैध कॉलोनियों में स्थानीय प्रशासन द्वारा भी कोई निर्माण कराया गया है? यदि हाँ, तो अवैध कॉलोनियों में शासन के नियमानुसार स्थानीय प्रशासन द्वारा निर्माण कार्य किसके आदेश से कराये गये हैं और कितने जुर्माने की राशि इन अवैध कॉलोनाईजर्स से वसूली गई? वर्ष 2020 में पूर्व की भांति कितने अवैध कॉलोनाईजर्स से राशि वसूली गई? वर्ष 2020 में पूर्व की भांति कितने अवैध कॉलोनाईजर्स पर आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं? जिले में कितने लोगों के पास कॉलोनाईजर्स लाईसेंस हैं एवं कितने रेरा लाइसेंसधारी हैं? इन सभी के नाम बतायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। अवैध कालोनी निर्माताओं पर कार्यवाही हेतु सूचना पत्र जारी किये गये है, नगरीय क्षेत्र के अवैध कालोनी निर्माताओं पर म.प्र. नगरपालिका अधिनियम 1961 एवं ग्रामीण क्षेत्र के अवैध कालोनी निर्माताओं पर म.प्र. पंचायत राज अधिनियम 1993 के सुसंगत प्रावधानों में कार्यवाही का आधार है। (ख) अवैध कालोनी निर्माताओं पर अधिनियम के प्रावधानों के तहत नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। प्रश्नांकित अवधि में 73 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये है, पंजीबद्ध प्रकरणों को शासन को भेजने के कोई प्रावधान नहीं है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (घ) सीहोर अनुभाग में 06 अवैध कालोनियों में वैधानिक कार्यवाही की गई है। जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जिले में 37 लोगों के पास कालोनाईजर का लाईसेंस है, जिनके नाम जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है, लाईसेंस धारी कालोनाईजर्स का रेरा में भी लाईसेंस धारी होने के प्रावधान नहीं है, अपितु, विकास अनुमति प्राप्त वैध कालोनियों को आधार बनाकर रेरा अधिनियम की धारा-3 में प्रोजेक्ट पंजीयन का प्रावधान है।