मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
नवम्बर-दिसम्बर, 2017
सत्र
मंगलवार, दिनांक 28 नवम्बर, 2017
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
उद्वहन
सिंचाई
प्रणाली का
विस्तार
[नर्मदा घाटी विकास]
1. ( *क्र. 203 ) श्री मोती कश्यप : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मा. मुख्यमंत्री जी ने जनदर्शन यात्रा दिनांक 10-8-2016 एवं 15-10-2016 को क्रमश: बड़वारा, खमतरा, ढीमरखेड़ा, सिलौंडी, पौनिया एवं उमरियापान की जनसभाओं में दायींतट नहर से माइक्रोलिफ्ट इरीगेशन योजना की घोषणा की थी? इस परिप्रेक्ष्य में विभाग द्वारा कितनी लागत की सिंचाई प्रणाली कोठी, खमतरा, जिर्री, सैलारपुर, ढीमरखेड़ा, मुडवारा व बड़वारा की उद्वहन में किन-किन ग्रामों के कितने-कितने रकवों को सिंचित करने की कोई योजना बनाई है? (ख) क्या मा. मुख्यमंत्री जी की घोषणा के ग्राम सिलौंडी व उमरियापान के चतुर्दिक ग्रामों और प्रश्नांश (क) उद्वहन सिंचाई प्रणालियों में छूटे ग्रामों को प्रश्नकर्ता द्वारा अपने पत्र दिनांक 25-8-2017 द्वारा मा. मुख्यमंत्री जी का ध्यान आकर्षित कराकर पूरक योजना बनाने हेतु मांग की है? यदि हाँ, तो क्या? (ग) विभाग द्वारा प्रश्नांश (क) में छूटी प्रश्नांश (ख) की सिलौंडी व उमरियापान उद्वहन सिंचाई प्रणालियों एवं छूटे हुये ग्रामों को सम्मिलित करने की कोई योजना कब तक बना ली जावेगी? (घ) प्रश्नांश (क) योजनायें कब तक पूर्ण कर कृषकों को लाभान्वित कर दिया जावेगा?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। विभाग द्वारा इन घोषणाओं के अनुपालन में ढ़ीमरखेड़ा माइक्रो उद्वहन सिंचाई प्रणाली लागत रूपये 256.16 करोड़ बनाई गई है, जिसके अंतर्गत 4 नग माइक्रो उद्वहन सिंचाई प्रणाली कोठी (25 ग्राम), खमतरा (28 ग्राम), जिर्री (19 ग्राम) एवं सेलारपुर (26 ग्राम) आते हैं, जिससे कुल 98 ग्रामों के लगभग 15000 हेक्टेयर रकबे में सिंचाई करना लक्षित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। स्लीमनाबाद- बड़वारा माइक्रो उद्वहन सिंचाई प्रणाली से 135 ग्रामों के लगभग 35000 हेक्टेयर रकबे में सिंचाई हेतु लगभग रूपये 600.00 करोड़ की योजना परीक्षणाधीन है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। माननीय विधायक जी द्वारा अपने पत्र क्रमांक 4333, दिनांक 25/08/2017 द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी से ''उमरियापान माइक्रो उद्वहन सिंचाई प्रणाली'' ''परसेल माइक्रो उद्वहन सिंचाई प्रणाली'' एवं ''विलायतकला माइक्रो उद्वहन सिंचाई प्रणाली'' योजना बनाने और छूटे ग्रामों को सम्मिलित करने की मांग की गई है जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) उल्लेखित प्रणालियों से छूटे हुये ग्रामों के लिये वर्तमान में कोई योजना प्रस्तावित नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) ढीमरखेड़ा माइक्रो उद्वहन सिंचाई प्रणाली माह अगस्त 2019 में पूर्ण होना लक्षित है। स्लीमनाबाद-बड़वारा माइक्रो उद्वहन सिंचाई प्रणाली डी.पी.आर. हेतु परीक्षणाधीन है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
सिहोरा विधान सभा क्षेत्र में नहर का निर्माण
[नर्मदा घाटी विकास]
2. ( *क्र. 1143 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिहोरा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत सिहोरा विकासखण्ड के बरनू जलाशय एवं मड़ई जलाशय में जल स्तर पर्याप्त न होने के कारण इनसे निकली हुई नहर एरिया में आने वाली जमीन में पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है? क्या प्रश्नकर्ता द्वारा इन नहरों को बरगी परियोजना की दायीं तट नहर से जोड़े जाने की मांग का ज्ञापन माह अगस्त 2017 में दिया गया था? पत्र की प्रति उपलब्ध करायें। पत्र में उल्लेखित बिंदुओं पर की गई कार्यवाही की प्रति भी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार बरगी परियोजना की दायीं तट परियोजना नहर से जलाशयों की नहरों को कनेक्ट कर जल प्रदाय का कार्य कब तक आरंभ कर दिया जावेगा? क्या यह सही है कि सिहोरा तहसील में औसत से बहुत कम वर्षा होने के कारण रबी की फसल यदि नहरों से पानी प्रदाय नहीं होता तो किसानों के खेत में फसल होना नामुमकिन है।
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। इस वर्ष पर्याप्त वर्षा न होने के फलस्वरूप जल संसाधन विभाग के बरनू एवं मड़ई जलाशय में जल स्तर पर्याप्त नहीं होने के कारण, इनसे निकली हुई नहर से सिंचाई हेतु पर्याप्त पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) बरगी परियोजना के बुधवा माईनर के प्रस्तावित कमाण्ड में पूर्व से ही बरनू जलाशय एवं मड़ई जलाशय की कमाण्ड ओवरलेप होने से बुधवा माईनर का निर्माण प्रस्तावित नहीं है तथापि प्रस्ताव का पुन: परीक्षण किया जा रहा है। ग्रेविटी से तालाब जोड़ने योग्य पाए जाने पर जोड़ा जाएगा। जी हाँ।
गंभीर कुपोषित बच्चों का उपचार
[महिला एवं बाल विकास]
3. ( *क्र. 646 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या दैनिक समाचार पत्र पत्रिका विदिशा में दिनांक 26.10.2017 में इस आशय का समाचार पत्र प्रकाशित हुआ है कि ''गंभीर कुपोषित हैं, पौने दो हजार मासूम''? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर हाँ है तो उक्त समाचार पत्र के क्रम में विभाग के रिकॉर्ड के आधार पर बतावें कि विदिशा जिले में परियोजनावार कितने गंभीर कुपोषित बच्चे एवं सामान्य कुपोषित बच्चे हैं? (ग) विदिशा जिले में सितम्बर 2017 की स्थिति में 5 वर्ष तक की आयु के कितने बच्चे आंगनवाड़ी केन्द्रों में दर्ज हैं, कितने बच्चों का वजन लिया गया है, कितने बच्चों का वजन कम पाया गया है, कितने बच्चों का वजन अति कम पाया गया है? परियोजनावार जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) उल्लेखित केन्द्रों के बच्चों का कम वजन होने से क्या शासन की योजना का लाभ उक्त बच्चों को नहीं मिल पा रहा है? इसके लिए विभाग किस अधिकारी व कर्मचारी को जिम्मेदार मानता है? इन बच्चों के उपचार हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? इनके उपचार पर किस-किस बच्चे पर कितनी राशि किस प्रयोजन पर व्यय की गई? आंगनवाड़ी केन्द्रवार, बच्चोंवार जानकारी देवें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विदिशा जिले में माह सितम्बर 2017 की स्थिति में 05 वर्ष तक के बच्चों की आंगनवाड़ी केन्द्रों में दर्ज एवं लिये गये वजन, कम वजन एवं अतिकम वजन के बच्चों की परियोजनावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं, उल्लेखित केन्द्रों के कम वजन के बच्चों को शासन की योजना का लाभ दिया जा रहा है। कुपोषण के कई सामाजिक एवं आर्थिक कारण हैं, जिसके लिए किसी व्यक्ति विशेष को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। इन बच्चों के उपचार हेतु विभाग द्वारा जिले अंतर्गत संचालित पोषण पुनर्वास केन्द्रों में बच्चों को भर्ती कराया जाता है, इसके अतिरिक्त विभाग द्वारा साझा चूल्हा कार्यक्रम अंतर्गत कपोषित बच्चों को पूरक पोषण आहार प्रदाय किया जाता है तथा समय-समय पर सुपोषण अभियान अंतर्गत (स्नेह शिविरों) का आयोजन कराया जाता है। पोषण पुनर्वास केन्द्र में भर्ती बच्चों पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा नियमानुसार राशि व्यय किये जाने का प्रावधान है।
ट्रांसफार्मरों की क्षमता में वृद्धि
[ऊर्जा]
4. ( *क्र. 108 ) श्री कैलाश चावला : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मनासा विधानसभा क्षेत्र में विद्युत वितरण केन्द्रों से कनिष्ठ यंत्रियों के माध्यम से ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि के कितने प्रस्ताव 31 मार्च, 2016 से 30 सितम्बर, 2017 तक अधीक्षण यंत्री म.प्र.प.क्षे.वि.वि.कं. लिमिटेड जिला नीमच को प्राप्त हुए हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रस्तावों में से प्रश्न दिनांक तक कितने प्रस्ताव स्वीकृत किए गए हैं एवं कितने प्रस्ताव लंबित हैं? (ग) लंबित प्रस्तावों को कब तक स्वीकृत किया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) नीमच जिले के मनासा विधानसभा क्षेत्र में वितरण केन्द्रों के प्रभारी कनिष्ठ यंत्रियों/सहायक यंत्रियों से वितरण ट्रांसफार्मर क्षमता वृद्धि के 37 प्रस्ताव प्रश्नावधि में अधीक्षण यंत्री (संचालन-संधारण) वृत्त, नीमच में प्राप्त हुए थे। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित वितरण ट्रांसफार्मर क्षमता वृद्धि के 37 प्रस्तावों में से 26 प्रस्ताव स्वीकृत किये गये हैं, शेष 11 प्रस्ताव स्वीकृति हेतु लंबित हैं। (ग) वितरण ट्रांसफार्मर क्षमता वृद्धि के लंबित 11 प्रस्ताव वित्तीय संसाधन उपलब्ध होने एवं इसी प्रकार के अन्य कार्यों की वरीयता के दृष्टिगत स्वीकृति हेतु प्रक्रियाधीन हैं। वर्तमान में स्वीकृत किये जाने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
इछावर नगर के शासकीय कार्यक्रम
[सामान्य प्रशासन]
5. ( *क्र. 620 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 05 वर्ष के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, इछावर नगर में किन-किन शासकीय व अशासकीय कार्यक्रमों में शामिल हुए? कार्यक्रमवार ब्यौरा दें। उक्त कार्यक्रमों में मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं का ब्यौरा दें। (ख) भोपाल शहर, बुधनी और नसरूल्लागंज से इछावर की दूरी कितनी है? शहर से पृथक-पृथक दूरी का विवरण दें। (1) पिछले 03 वर्ष के दौरान मुख्यमंत्री बुधनी व नसरूल्लागंज शहरों में किन-किन शासकीय कार्यक्रमों में शामिल हुए? वर्षवार, कार्यक्रमवार दिनांकवार ब्यौरा दें। (ग) क्या मुख्यमंत्री के पास इछावर विधानसभा क्षेत्र के विकास का कोई मांग पत्र लंबित है? यदि हाँ, तो कब से? क्या मांग पत्र में शामिल बिंदुओं पर कार्यवाही की जा रही है? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो बिंदुवार कार्यवाही का ब्यौरा दें। मांग कब तक पूरी हो जाएगी? (घ) क्या मुख्यमंत्री जी का इछावर नगर का दौरा प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो कब तक आगमन होगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) विगत 05 वर्षों के दौरान मुख्यमंत्री जी इछावर नगर में किसी भी शासकीय व अशासकीय कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए हैं। (ख) भोपाल शहर, बुदनी और नसरूल्लागंज की दूरी इछावर से क्रमश: 56 कि.मी., 50 कि.मी. एवं 100 कि.मी. है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) नहीं है।
सामुदायिक मंगल भवन का निर्माण
[अनुसूचित जाति कल्याण]
6. ( *क्र. 1048 ) श्री तरूण भनोत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अधोहस्ताक्षरी ने अपने पत्र क्र. 2187, दिनांक 15.06.2015 एवं पत्र क्र. 3020, दिनांक 26.10.2017 को कलेक्टर (आदिवासी विकास) जबलपुर को अनुसूचित जाति बस्ती विकास मद से पश्चिम विधान सभा क्षेत्र जबलपुर में अनुसूचित जाति बाहुल्य क्षेत्र के सामुदायिक मंगल भवन निर्माण हेतु लेख किया था? (ख) यदि हाँ, तो क्या शासन ने अनुसूचित जाति, जनजाति बाहुल्य क्षेत्रों में सामुदायिक मंगल भवन निर्माण हेतु प्रदाय आवंटन राशि पर रोक लगा दी है? (ग) वर्णित (ख) के अनुसार यदि आवंटन राशि पर रोक नहीं है तो वर्णित (क) के विधान सभा क्षेत्र में मंगल भवन निर्माण हेतु राशि कब तक जारी की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नौगाँव स्थित हवाई पट्टी का पुनर्निर्माण
[विमानन]
7. ( *क्र. 268 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले के नौगाँव नगर में स्थित हवाई पट्टी का क्षेत्रफल कितना है? यह कब से अस्तित्व में है? पहले यह किस विभाग के अधीन थी, वर्तमान में किस विभाग के अधीन है? (ख) प्रश्नकर्ता ने स्वयं यहाँ छोटे विमान उतारते हुए देखे हैं, क्या विमान उतरने का अधिकृत रिकॉर्ड उपलब्ध है? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में क्या वर्तमान में छोटे या बड़े विमान उतरने लायक यह हवाई पट्टी है? यदि नहीं, तो कितने बजट में यहाँ विमान उतरने लायक हवाई पट्टी बन सकेगी? क्या विभाग इस पट्टी का पुनर्निर्माण करायेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) प्राप्त जानकारी अनुसार वर्तमान में हवाई पट्टी भारत सरकार, रक्षा मंत्रालय के अधीन होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
झाबुआ पावर कंपनी से बिजली क्रय
[ऊर्जा]
8. ( *क्र. 1228 ) श्री उमंग सिंघार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सरकार द्वारा झाबुआ पावर कंपनी से बिजली खरीदी हेतु अनुबंध कब और किन शर्तों के आधार पर किया गया तथा कितनी बिजली खरीदी गई? प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। (ख) उक्त कंपनी से सरकार द्वारा कितनी मात्रा में बिजली खरीदी गई तथा उसके ऐवज में कितनी राशि का भुगतान उक्त कंपनी को कब-कब किया गया? उक्त राशि का संपूर्ण ब्यौरा दिनांकवार, बिलवार प्रस्तुत करें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) राज्य शासन द्वारा मेसर्स झाबुआ पावर के साथ उनकी 600 मेगावाट की प्रथम ईकाई से 5 प्रतिशत विद्युत क्रय मात्र वेरियेबल दर पर तथा 660 मेगावाट की द्वितीय ईकाई से 5.45 प्रतिशत विद्युत क्रय मात्र वेरियेबल दर पर करने हेतु दिनांक 27.06.2011 को विद्युत क्रय अनुबंध निष्पादित किया है। इसके अतिरिक्त म.प्र. पावर ट्रेडिंग कं.लि. (वर्तमान में एम.पी. पावर मैनेजमेंट कं.लि.) द्वारा मेसर्स झाबुआ पावर के साथ प्रथम ईकाई (600 मेगावाट) से 30 प्रतिशत पावर रेग्यूलेटेड दर पर क्रय करने हेतु विद्युत क्रय अनुबंध दिनांक 05.01.2011 को निष्पादित किया गया है। अनुबंधों की प्रतिलिपियाँ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' व 'अ-2' अनुसार है। (ख) मेसर्स झाबुआ पावर से क्रय की गई बिजली की मात्रा, कंपनी को भुगतान की गई राशि एवं तिथि से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
बस्ती विकास योजनान्तर्गत किये गये कार्य
[जनजातीय कार्य]
9. ( *क्र. 989 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुसनेर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत बस्ती विकास योजनान्तर्गत विगत 03 वित्तीय वर्षों में क्या-क्या कार्य किए गए हैं? (ख) बस्ती विकास योजनान्तर्गत कार्यों के क्रियान्वन हेतु आगर जिले को कितना बजट आवंटन विगत 03 वित्तीय वर्षों में हुआ है एवं आवंटित बजट का व्यय किन-किन कार्यों में किया गया है? वित्तीय वर्षवार, कार्यवार पूर्ण विवरण देवें। (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत बस्ती विकास योजना से किन-किन निर्माण कार्यों के क्रियान्वयन हेतु अनुशंसा की है? अनुशंसित कार्यों की स्वीकृति हेतु क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत बस्ती विकास योजना से किन-किन विद्युतीकरण कार्यों के क्रियान्वयन हेतु अनुशंसा की है एवं अनुशंसित कार्यों की स्वीकृति हेतु क्या कार्यवाही की गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) एवं (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा बस्ती विकास योजना से अनुसूचित जनजाति बाहुल्य बस्तियों के निर्माण कार्यों एवं विद्युतीकरण कार्यों के लिये कोई अनुशंसा नहीं की गई है।
सामूहिक रूप से बिजली सप्लाई बंद करने संबंधी व्यवस्था में बदलाव
[ऊर्जा]
10. ( *क्र. 530 ) श्री रामपाल सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विद्युत विभाग द्वारा जिस ट्रांसफार्मर से संबंधित विद्युत उभोक्ताओं के सामूहिक बिजली बिल की राशि 50 प्रतिशत भुगतान बकाया होती है, उस ट्रांसफार्मर से विद्युत सप्लाई सभी उपभोक्ताओं की बंद कर दी जाती है? (ख) यदि हाँ, तो ऐसे उपभोक्ताओं के विद्युत कनेक्शन विच्छेदित कर अन्य उपभोक्ता जो लगातार विद्युत बिलों का भुगतान कर रहे हैं, उन्हें सतत् बिजली सप्लाई किये जाने की व्यवस्था की जावेगी, जिससे बिजली बिल भुगतान करने वाले उपभोक्ताओं को बिजली सप्लाई के आभाव में क्षति न उठाना पड़े? यदि हाँ, तो उक्त व्यवस्था कब तक की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं। अपितु ट्रांसफार्मर के जलने/खराब होने पर ट्रांसफार्मर से संबद्ध उपभोक्ताओं पर बिजली बिल की बकाया राशि का 20 प्रतिशत जमा करने अथवा 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा बिल भुगतान पर ट्रांसफार्मर को बदला जाता है। (ख) बिल भुगतान करने वाले उपभोक्ताओं को यथासंभव वैकल्पिक व्यवस्था कर विद्युत प्रदाय करने के प्रयास किये जाते हैं। जले/खराब ट्रांसफार्मर बदलने हेतु बकाया राशि जमा करने की 40 प्रतिशत सीमा को घटाकर 20 प्रतिशत किया गया है, जिससे जले/खराब ट्रांसफार्मर को बदलने की कार्यवाही की जा सके।
विद्युत लाइनों का मेंटेनेंस
[ऊर्जा]
11. ( *क्र. 88 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.पू.क्षे.वि.वि. कंपनी मुख्य महा प्रबन्धक कार्यालय में 01 अप्रैल, 2015 से प्रश्न दिनांक तक विद्युत लाइनों के सुधार हेतु कितनी राशि प्राप्त हुई है एवं कितनी राशि व्यय हुई है? (ख) सिंगरौली जिला विधान सभा क्षेत्र चितरंगी अंतर्गत उक्त मेंटेनेंस राशि से कितने पुराने ट्रान्सफार्मर बदले गये हैं, कितने पुराने पोल-तार बदले गये हैं एवं कितने पुराने तार बदलकर नवीन तार डलवाये गये? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार उक्त मेन्टेनेंस की कितनी राशि प्राप्त हुई एवं कितनी राशि व्यय हुई? ठेकेदार के नाम सहित जानकारी बतावें। (घ) उक्त मेंटेनेंस की राशि का सत्यापन किस अधिकारी द्वारा किया गया? अधिकारी का नाम एवं पद बतावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड को मेन्टेनेंस (संचालन-संधारण) मद में 01 अप्रैल, 2015 से प्रश्न दिनांक तक (वर्ष 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 हेतु) कुल रू. 246.97 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई, जिसमें से रू. 209.82 करोड़ की राशि व्यय हुई है। (ख) सिंगरौली जिले के विधानसभा क्षेत्र चितरंगी अंतर्गत पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संचालन एवं संधारण संभाग, बैढ़न में मेन्टेनेंस राशि से 166 पुराने ट्रांसफार्मर बदले गये हैं तथा मेन्टेनेंस कार्य के दौरान पाये गये सभी पुराने/टेढ़े पोलों को सही करने तथा लूज तारों को टाईट करने सहित विद्युत लाईनों को व्यवस्थित करने के समस्त कार्य कराये गये हैं। उक्त मेन्टेनेंस कार्य के अंतर्गत 31 टूटे पोलों को बदलकर नये पोल लगाये गये हैं, पुराने तारों को ही व्यवस्थित कर मेन्टेनेंस कार्य किया गया है, नये तार नहीं लगाये गये हैं। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संचालन एवं संधारण संभाग, बैढ़न के अंतर्गत उक्त मेन्टेनेंस के लिए प्रश्नाधीन अवधि में रू. 8.89 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई एवं रू. 6.76 करोड़ की राशि व्यय हुई है। मुख्यत: प्रश्नाधीन सभी कार्य पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा उपलब्ध कराई गई सामग्री से कंपनी के कर्मचारियों व लेबर कान्ट्रेक्टर ठेकेदार श्री प्रेमलाल द्वारा उपलब्ध कराए गए श्रमिकों की सहायता से किये गये हैं। (घ) उक्त ठेकेदार के प्रश्नाधीन कार्यों से संबंधित देयकों का सत्यापन श्री दिनकर दुबे, सहायक अभियंता द्वारा किया गया।
कार्यक्रम अधिकारी के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों की जांच
[महिला एवं बाल विकास]
12. ( *क्र. 549 ) श्री सतीश मालवीय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्जैन जिले में पदस्थ महिला एवं बाल विकास के कार्यक्रम अधिकारी द्वारा रतलाम जिले में पदस्थ रहने के समय किस-किस प्रकार की आर्थिक अनियमितता की गई थी? संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या इनकी जांच आर्थिक अपराध एवं अन्वेषण ब्यूरों में जारी है? जांच की स्थिति क्या है? (ग) उक्त अधिकारी अपने सेवाकाल में कार्यक्रम अधिकारी पद पर कब-कब और कहाँ-कहाँ पदस्थ रहे हैं तथा इनके विरूद्ध उक्त पद पर रहते हुए कौन-कौन सी शिकायत प्राप्त हुई थी तथा उन पर अब तक कितने आरोप सिद्ध पाए गये?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) उज्जैन जिले में पदस्थ जिला कार्यक्रम अधिकारी की रतलाम जिले में पदस्थ रहने के समय निम्नलिखित शिकायतें प्राप्त हुई हैं :- (1) श्री सी.एल. पासी जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास द्वारा पद का दुरूपयोग कर भारी भ्रष्टाचार एवं अनियमिततायें करने बाबत्। (2) रतलाम जिले में आगंनवाड़ी भवन उन्नयन के नाम पर श्री सी.एल. पासी जिला कार्यक्रम अधिकारी तथा श्री रविन्द्र मिश्रा सहायक संचालक के विरूद्ध भ्रष्टाचार कर शासन को गंभीर नुकसान करने बाबत्। (3) आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ मुख्यालय भोपाल में शिकायत पंजीबद्ध 94/16, (ख) जांच आर्थिक अपराध एवं अन्वेषण ब्यूरो में प्रचलित है। आर्थिक अपराध एवं अन्वेषण ब्यूरों द्वारा की जा रही कार्यवाही की जानकारी विभाग में उपलब्ध नहीं है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
13. ( *क्र. 1030 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 835, दिनांक 18 जुलाई, 2017 के उत्तर में दी गई जानकारी अनुसार विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत स्वीकृत 53 आंगनवाड़ी भवनों की प्रशासकीय एवं तकनीकी स्वीकृति जिला स्तर पर प्रचलन में है तथा प्रति आंगनवाड़ी भवन के मान से राशि रूपये 4.00 लाख संबंधित ग्राम पंचायतों को उपलब्ध कराने की कार्यवाही प्रचलन में है? तो क्या प्रश्न दिनांक तक उक्त आंगनवाड़ी भवनों की प्रशासकीय एवं तकनीकी स्वीकृति जारी करते हुये शेष राशि संबंधित ग्राम पंचायतों के खातों में उपलब्ध करा दी गई है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो उक्त संबंध में क्या कार्यवाही किस स्तर पर किन कारणों से लंबित है तथा कब तक आवश्यक स्वीकृतियां एवं राशि उपलब्ध करा दी जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित प्रश्न के उत्तर में दी गई जानकारी अनुसार विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा की शेष भवन विहीन 44 आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माण हेतु प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई तथा कब तक शेष आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदान कर दी जावेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी नहीं। प्रदेश में मनरेगा योजना के अभिसरण से आंगनवाड़ी भवन निर्माण योजना में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा संलग्न परिशिष्ट अनुसार पूर्व में वित्तीय व्यवस्था प्रचलित थी। पंचायतराज संचालनालय के पत्र क्रमांक 496, दिनांक 8/6/2017 द्वारा प्रदेश में मनरेगा योजना के अभिसरण से आंगनवाड़ी भवन निर्माण योजना अन्तर्गत प्रति भवन मानक लागत राशि रूपये 7.80 लाख में से महिला एवं बाल विकास विभाग को 60 प्रतिशत अशंदान राशि (प्रति आंगनवाड़ी भवन राशि रूपये 4.68 लाख) तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास 40 प्रतिशत अशंदान राशि (प्रति आंगनवाड़ी भवन राशि रूपये 3.12 लाख) वहन करने सबंधी निर्देश पर वित्तीय व्यवस्था सबंधी कार्यवाही विचाराधीन है। अतः समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (ख) विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा अन्तर्गत शेष भवन विहीन 44 आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माण हेतु जिले से प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इनमें से आंगनवाड़ी भवन निर्माण की स्वीकृति उपलब्ध बजट आवंटन की सीमा में मनरेगा योजना के अभिसरण से आंगनवाड़ी भवन निर्माण योजना अन्तर्गत दी जा सकेगी। आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है। अतः समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
OYT के अंतर्गत स्थापित विद्युत ट्रान्सफार्मर
[ऊर्जा]
14. ( *क्र. 734 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में किसानों को स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना (OYT) के अतंर्गत स्थापित विद्युत ट्रांसफार्मरों के जलने/फैल होने पर बदलने/मरम्मत का कार्य कृषक उपभोक्ताओं को स्वयं के व्यय पर करना पड़ता है, जबकि उपभोक्ताओं से उक्त योजना में वि.वि. कंपनी द्वारा 3 प्रतिशत सुपरवीजन चार्ज लिया जाता है? (ख) प्रदेश के मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पंप विद्युत कनेक्शन योजना में कृषकों को सिंचाई पंप संचालन बावत् स्थापित विद्युत ट्रांसफार्मरों के जलने/फैल होने पर वि.वि. कंपनी द्वारा ही बदलने/मरम्मत करने का कार्य किया जाता है? (ग) क्या शासन उक्त दोहरी व्यवस्था/मापदण्ड नीति को कृषक हितों को ध्यान में रखते हुए समाप्त कर जले/फैल ट्रांसफार्मरों को बदलने/मरम्मत करने की एक समान नीति बनायेगा? नवम्बर 2017 की स्थिति में पूर्ण जानकारी दी जावे? (घ) क्या यह सही है कि (OYT) योजना में कृषक उपभोक्ताओं को भारी आर्थिक परेशानी उठाकर स्वयं के व्यय पर जले/फैल ट्रांसफार्मरों पर हो रहे आर्थिक व्यय से प्रदेशभर के किसानों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। सुपरविजन चार्ज, किसानों द्वारा अधोसंरचना के कराये गये कार्य के सुपरविजन के लिए लिया जाता है, न की ट्रांसफार्मर सुधारने या बदलने के लिए। (ख) एवं (ग) जी हाँ। किसानों को स्थायी कृषि पंप कनेक्शन प्रदान करने के लिए राज्य शासन द्वारा मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पंप कनेक्शन योजना लागू की गई है, जिसमें किसान को निर्धारित अंश राशि का भुगतान करना पड़ता है। मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पंप कनेक्शन योजना में वितरण ट्रांसफार्मर से ट्रांसफार्मर की क्षमता के अनुसार, एक से अधिक कनेक्शन प्रदान किए जाते हैं, जबकि ''स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना'' में ऐसे किसानों द्वारा कनेक्शन लिया जाता है जो कि उस ट्रांसफार्मर से किसी अन्य उपभोक्ता का कनेक्शन साझा नहीं करना चाहते हैं। अतः इस योजना में वे स्वयं ट्रांसफार्मर क्रय कर स्थापित करते हैं तथा विद्युत वितरण कंपनी द्वारा इस योजना में मात्र सुपरविजन चार्ज लिया जाता है। अन्य कोई राशि आवेदक से नहीं ली जाती है। किसान के पास यह विकल्प रहता है कि वह ''मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पंप कनेक्शन योजना'' के अंतर्गत स्थायी कनेक्शन प्राप्त करें अथवा "स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना" में मात्र स्वयं के उपयोग हेतु ट्रांसफार्मर की स्थापना का कार्य कराये। चूंकि दोनों योजनाओं के उद्देश्य एवं प्रावधान अलग-अलग हैं, अतः एक समान नीति बनाये जाने का प्रश्न ही नहीं उठता। नवम्बर, 2017 में भी ये योजनाएं यथावत् लागू हैं। (घ) जी नहीं। उत्तरांश (ख) एवं (ग) के अनुसार किसान के पास मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पंप कनेक्शन योजना में कनेक्शन प्राप्त करने का विकल्प है।
घरेलू विद्युत कनेक्शन का अधोसंरचना शुल्क
[ऊर्जा]
15. ( *क्र. 1014 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में विद्युत वितरण कंपनी द्वारा घरेलू कनेक्शन के क्या मापदण्ड हैं एवं कितनी राशि उपभोक्ता से ली जाती है? प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत वारासिवनी नगर फीडर में वर्ष 2017-18 में कितने क्षेत्रों में अधोसंरचना शुल्क लिया गया है? क्षेत्रवार प्रति उपभोक्ता राशि का विवरण भी देवें। वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि अधोसंरचना शुल्क के रूप में उपभोक्ताओं से ली गई है एवं उसके विरूद्ध कितनी अधोसंरचना कंपनी द्वारा विकसित की गई है? (ख) अधोसंरचना शुल्क का निर्धारण किस अधिकारी द्वारा किस मापदण्ड से किया गया है? क्या ले-आउट बनाने का अधिकार म.प्र. विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों को है? म.प्र. में किन-किन क्षेत्रों में घरेलू कनेक्शन के लिए अधोसंरचना शुल्क लगाया गया है? (ग) अधोसंरचना शुल्क घरेलू कनेक्शन के लिए किन क्षेत्रों को अधिसूचित किया जाता है? इसका कोई नियम है? यदि हाँ, तो नियम की छायाप्रति देवें। जिन क्षेत्रों में अधोसंरचना शुल्क नहीं लगा है इसके क्या कारण हैं? क्या विभाग द्वारा कुछ क्षेत्रों को ही जानबूझकर अधोसंरचना शुल्क में जोड़ा गया है? क्या संपूर्ण म.प्र. में घरेलू कनेक्शन के एक समान नियम हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) घरेलू कनेक्शन दिये जाने से संबंधित मापदण्ड एवं कनेक्शन हेतु उपभोक्ता से ली जाने वाली राशि से संबंधित प्रावधान म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता 2013 एवं म.प्र. विद्युत नियामक आयोग के विनियम 2009 के अनुसार हैं, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। वारासिवनी विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत वारासिवनी नगर फीडर के 6 क्षेत्रों में वर्ष 2017-18 में नियमानुसार अधोसंरचना शुल्क लिया गया है। क्षेत्रवार प्रति उपभोक्ता अधोसंरचना शुल्क की राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नाधीन क्षेत्र में कुल रु. 4,09,500/- की राशि अधोसंरचना शुल्क के रूप में जमा की गयी है एवं प्राक्कलन स्वीकृत कर अधोसंरचना विकास का कार्य करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) अधोसंरचना शुल्क का निर्धारण म.प्र. विद्युत नियामक आयोग की अधिसूचना दिनांक 02-09-2009 में प्रकाशित विनियम RG-31 (1) वर्ष 2009 में निहित प्रावधानों के अनुसार वितरण कंपनी के संबंधित प्रभारी अधिकारी द्वारा किया जाता है। जी नहीं, कॉलोनियों के ले-आउट का निर्धारण नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा किया जाता है, परंतु जिन कॉलोनियों में नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा ले-आउट का निर्धारण नहीं किया गया है एवं जो असंगठित बस्ती एवं स्लम बस्ती है, उनमें मौके पर उपलब्ध प्लाटों के क्षेत्रफल एवं आवेदक के द्वारा प्रस्तुत की गई जानकारी के अनुसार आंकलन एवं निर्धारण कर विनियम RG-31 (1) वर्ष 2009 एवं म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता 2013 के प्रावधानों के अनुसार अधोसंरचना शुल्क जमा कराने की कार्यवाही की जाती है। संपूर्ण प्रदेश में उक्त नियमानुसार अधोसंरचना शुल्क जमा कराया जाता है। (ग) घरेलू कनेक्शन के लिये अधोसंरचना शुल्क लिये जाने हेतु अवैध कॉलोनी, असंगठित क्षेत्र एवं स्लम बस्ती वाले क्षेत्रों को अधिसूचित किया जाता है। शुल्क के निर्धारण एवं क्षेत्र की जानकारी संबंधी नियम म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता 2013 तथा म.प्र. विद्युत नियामक आयोग की अधिसूचना दिनांक 02-09-2009 में प्रकाशित विनियम RG-31 (1) वर्ष 2009 की कण्डिका क्रमांक 4.4.1, 4.5.1 एवं 4.5.2 में उल्लेखित है। नियमों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। वितरण कंपनी द्वारा उपरोक्त वर्णित नियमानुसार ही अधोसंरचना शुल्क निर्धारण संबंधी कार्यवाही की जाती है। सम्पूर्ण म.प्र. में घरेलू कनेक्शन के एक समान नियम लागू हैं।
लोकायुक्त पुलिस द्वारा छापामार कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
16. ( *क्र. 1155 ) श्री आरिफ अकील : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल, इन्दौर संभाग में 3 वर्षों की स्थिति में यह अवगत करावें कि लोकायुक्त पुलिस द्वारा की गई छापामार कार्यवाही में कुल कितने स्थानों पर सफलता प्राप्त हुई और कितने व किन-किन स्थानों पर असफल रहे? जिलेवार, वर्षवार बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में छापामार कार्यवाही में असफल रहने के क्या कारण हैं तथा इस लापरवाही के लिए कौन-कौन दोषी हैं? उनके नाम व पद सहित यह अवगत करावें कि दोषियों के विरूद्ध नियमानुसार शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) कुल 20 स्थानों पर छापों की कार्यवाही की गई। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) छापामार कार्यवाही में असफल रहने के प्रकरणों की जानकारी निरंक है।
नर्मदा परियोजना के प्रभावितों का पुनर्वास
[नर्मदा घाटी विकास]
17. ( *क्र. 763 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नर्मदा परियोजना के प्रभावितों के लिये शासन एवं विभाग ने अलग-अलग समय में पुनर्वास से संबंधित अलग-अलग प्रावधान कर आदेश निर्देश नीति एवं योजना लागू की है? (ख) यदि हाँ, तो नर्मदा परियोजना के लिये किस दिनांक को पुनर्वास से संबंधित पत्र, परिपत्र, नीति एवं योजना शासन एवं विभाग ने लागू की है? प्रति सहित बतावें। (ग) वर्तमान में किस नर्मदा परियोजना के प्रभावित के लिये क्या-क्या पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापना के प्रावधान लागू हैं? संपत्ति, मकान, दुकान एवं अन्य प्रकार के प्रतिकर एवं तोषण के क्या प्रावधान लागू हैं? पृथक-पृथक बतावें। (घ) जनवरी, 2014 से लागू भूमि अर्जन पुनर्वास, पुनर्व्यवस्थापना में उचित प्रतिकर एवं पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 की धारा 23, 30, 31 एवं धारा 41 में क्या प्रावधान हैं? इनमें से किसका पालन नर्मदा परियोजना के प्रभावितों के लिये किया जा रहा है?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) नर्मदा घाटी विकास विभाग ने दिनांक 08/10/2008 के पूर्व नर्मदा एवं सहायक नदियों पर क्रियांवित की गई राज्य स्तरीय परियोजनाओं में नर्मदा की परियोजनाओं के डूब से प्रभावित परिवारों के पुनर्वास संबंधी शासन की पुनर्वास नीति (सितम्बर 1989) दिनांक 05/09/1989 (दिनांक 30/06/2006 तक संशोधित) से प्रभावित की एवं वर्ष 2008 के पश्चात् प्रारंभ की गई परियोजना हेतु पुनर्वास नीति 2008 प्रभावशील की गई है। दोनों नीतियों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ग) अंतर्राज्यीय सरदार सरोवर परियोजना के विस्थापितों के पुनर्वास हेतु नर्मदा जल विवाद न्यायाधिकरण पंचाट एवं नर्मदा घाटी विकास विभाग की पुनर्वास नीति 1989 (दिनांक 31/05/2006 तक संशोधित) के प्रावधान लागू हैं। राज्य स्तरीय सभी पुरानी परियोजनायें यथा इंदिरा सागर परियोजना, रानी अवंती बाई लोधी सागर परियोजना, ओंकारेश्वर परियोजना, मान परियोजना, अपरबेदा परियोजना एवं शहीद चन्द्रशेखर आजाद जोबट परियोजना के विस्थापितों के पुनर्वास हेतु विभाग की पुनर्वास नीति 1989 (दिनांक 31/05/2006 तक संशोधित) लागू है तथा शहीद भीमानायक लोअरगोई परियोजना, हालोन परियोजना एवं अपर नर्मदा परियोजना हेतु पुनर्वास नीति 2008 के प्रावधान लागू हैं। इसके अलावा नई परियोजनाओं पर नये अधिनियम 2013 के प्रावधान लागू हैं। संपत्ति, मकान, दुकान एवं अन्य प्रकार के प्रतिकर एवं तोषण हेतु जनवरी 2014 के पूर्व तक भू-अर्जन अधिनियम 1894 के प्रावधान तथा जनवरी 2014 से भू-अर्जन, पुनर्वास, पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 के प्रावधान लागू हैं। (घ) भूमि अर्जन, पुनर्वासन ओर पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 के संबंध में प्रश्नांश में उल्लेखित धारा 23, 30, 31 एवं 41 में निम्नानुसार प्रावधान हैं :- धारा-23 :- कलेक्टर द्वारा जाँच एवं भू-अर्जन अधिनिर्णय किये जाने का प्रावधान है। धारा-30 :- तोषण के दिये जाने का प्रावधान है। धारा-31 :- प्रभावित व्यक्तियों के लिये कलेक्टर द्वारा पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन अधिनिर्णय का प्रावधान है। धारा-41 :- अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिये विशेष उपबंध हैं। नर्मदा परियोजना में जनवरी 2014 के पश्चात् अधिग्रहण की कार्यवाही हेतु उपरोक्त अधिनियम 2013 के प्रावधान लागू होंगे।
खराब ट्रांसफार्मरों का सुधार
[ऊर्जा]
18. ( *क्र. 709 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्रामीण क्षेत्रों में ट्रांसफार्मर खराब हो जाने, जल जाने आदि के कारण ग्राम की एवं खेतों की बिजली महीनों बंद पड़ी रहती है? अधीक्षण अभियंता (संचा-संधा), सागर एवं कार्यपालन अभियंता (संचा-संधा), रहली से दूरभाष पर शिकायत करने पर यहां तक कि प्रश्नकर्ता द्वारा लिखित अनुरोध करने पर भी ट्रांसफार्मर न तो बदले जाते हैं न उनमें सुधार किया जाता है? (ख) यदि नहीं, तो बतावें कि प्रश्नकर्ता द्वारा 01 मार्च, 2017 से प्रश्न दिनांक तक विद्युत कंपनी के अधीक्षण अभियंता (संचा-संधा), सागर एवं कार्यपालन अभियंता (संचा-संधा), रहली को सीधे एवं कलेक्टर सागर के माध्यम से सुरखी विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत कितने और कौन-कौन से ग्रामों के कितने-कितने ट्रांसफार्मर जल जाने या खराब हो जाने के चलते उन्हें बदलने और सुधार करने हेतु पत्र लिखकर अनुरोध किया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) में दर्शित पत्रों पर विद्युत कम्पनी द्वारा क्या कार्यवाही की गयी और क्या शिकायतों का निराकरण कर सभी ट्रासंफार्मर को बदल दिया गया अथवा सुधार दिया गया है? यदि नहीं, तो ट्रासंफार्मर बदलने के विभागीय नियम क्या हैं और क्या उनका पालन किया जाना सुनिश्चित किया गया है? (घ) जिन अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा समय-सीमा में पत्रों पर कार्यवाही न करते हुये ट्रासंफार्मर नहीं बदले गये हैं, उन पर कब तक और क्या कार्यवाही की जावेगी तथा ट्रासंफार्मर कब तक बदल दिये जायेंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं। ट्रांसफार्मर जलने/खराब होने की सूचना प्राप्त होते ही तत्काल नियमानुसार ट्रांसफार्मर बदलने की कार्यवाही की जाती है। मात्र ऐसे ट्रांसफार्मर जहाँ उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार बकाया राशि जमा नहीं की जाती है, उन्हें नहीं बदला जाता है। (ख) प्रश्नांश से संबंधित विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित पत्रों में उल्लेखित सभी ट्रांसफार्मरों को नियमानुसार बदला/सुधार दिया गया है जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (घ) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित सभी वितरण ट्रांसफार्मरों को बकाया राशि जमा होने के उपरान्त समय-सीमा में सुधारा अथवा बदला जा चुका है। अतः किसी के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न नहीं उठता।
कसरावद विधान सभा क्षेत्र में सिंचाई की व्यवस्था
[नर्मदा घाटी विकास]
19. ( *क्र. 852 ) श्री सचिन यादव : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कसरावद विधान सभा क्षेत्रांतर्गत प्राकृतिक आपदा एवं अवर्षा के कारण किसानों की खरीफ की फसल नष्ट होने से दुखी किसानों की आगामी रबी की फसलों में सिंचाई का पानी दिये जाने के लिए (जल संसाधन विभाग से सुनिश्चित कर) नर्मदा नदी पर आधारित सभी सिंचाई परियोजनाओं की नहरों, तालाबों अन्य संसाधनों के माध्यमों से उक्त किसानों को सिंचाई का पानी कितने-कितने समय तक के लिए कब-कब उपलब्ध कराया जायेगा? (ख) क्या उक्त क्षेत्रांतर्गत स्थित सभी तालाबों में पानी इंदिरा सागर परियोजनाओं और ओंकारेश्वर बांध परियोजनाओं की मुख्य नहरों से भरा जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? उक्त परियोजनाओं के पानी का लाभ तालाबों के माध्यमों से किसानों को रबी की फसलों के लिए नियमित सिंचाई का पानी उपलब्ध कराने के लिए तत्संबंध में कार्यवाही करते हुए सुनिश्चित कर प्रश्नांकित दिनांक की स्थिति में जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (क) में दर्शित तालाबों में इंदिरा सागर परियोजनाओं और ओंकारेश्वर बांध परियोजनाओं की मुख्य नहरों से पानी भरने से कितने-कितने ग्रामों में कितने-कितने रकवे को सिंचित किया जा रहा है और किया जा सकता है? तत्संबंध में जानकारी दें।
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) (ख) एवं (ग) ओंकारेश्वर परियोजना की नहर में दिनांक 23.10.2017 एवं इंदिरा सागर परियोजना की नहर में दिनांक 06.10.2017 से जल प्रवाहित किया जा रहा है। जल की उपलब्धता के आधार पर कृषकों को आवश्यकतानुसार सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध कराया जायेगा। इंदिरा सागर परियोजना की नहरों से अम्बकनाला, साटक, साडली, बारदेवला, उटावद, मेहतपुरा तथा सांगवी तालाबों को पूर्व से ही भरा जा रहा है। जल की उपलब्धता एवं तकनीकी रूप से साध्य होने पर ही तालाबों में पानी भरा जाना संभव है। जहाँ संभव है, वहाँ पूर्व से ही उपरोक्तानुसार भरा जा रहा है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
परिवीक्षा पर पदस्थ कर्मचारी की सेवा का नवीनीकरण
[महिला एवं बाल विकास]
20. ( *क्र. 373 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दतिया जिले में महिला सशक्तिकरण विभाग अंतर्गत आने वाले ICPS में कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी किस-किस दिनांक से कौन से पद पर कार्य कर रहे हैं? कर्मचारियों की सूची उपलब्ध कराई जावे। (ख) उक्त कर्मचारी कितनी अवधि के लिये कितने-कितने वेतन/पारिश्रमिक पर रखे गये हैं? किन-किन कर्मचारियों की सेवाओं का किस-किस दिनांक को रिन्यूवल हो चुका है तथा किन-किन का कब-कब होना है? (ग) परिवीक्षा अधिकारी द्वारा किन-किन बालकों के सामाजिक चाल-चलन के संबंध में प्रतिवेदन दिये हैं? उनकी छायाप्रति उपलब्ध करायें। (घ) क्या परिवीक्षा अधिकारी की लेन-देन के संबंध में कई बार शिकायतें भी हुई हैं? उसके बावजूद इनकी सेवाओं का बार-बार विभाग द्वारा रिन्यूवल क्यों किया जा रहा है? क्या इनके द्वारा किये गये कार्यों की जांच कराई जावेगी? उसके उपरान्त ही इनकी सेवाओं का रिन्यूवल संबंधी प्रस्ताव भेजा जायेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) उक्त कर्मचारियों की नियुक्ति उपस्थिति दिनांक से 02 वर्ष की संविदा अवधि हेतु व कार्य संतोषजनक पाये जाने पर दो वर्ष पश्चात् 01 वर्ष की वृद्धि के प्रावधान पर संविदा आधार पर की गयी है। पुनः 01-01 वर्ष की संविदा अवधि बढ़ाई गई। नियुक्ति दिनांक से वर्तमान तक वेतन/पारिश्रमिक एवं कर्मचारियों की सेवाओं की रिन्युअल संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) किशोर न्याय बालकों की देखरेख और संरक्षण अधिनियम 2015 की धारा 99 के तहत 261 अपचारी बालकों के सामाजिक चाल चलन के संबंध में जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किये गये हैं किशोर न्याय बालकों की देखरेख और संरक्षण अधिनियम, 2015 की धारा 99 ए में दिये गये निर्देशानुसार जांच प्रतिवेदन गोपनीय रखने का प्रावधान होने से छायाप्रति दी जाना संभव नहीं है। (घ) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन का निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
21. ( *क्र. 654 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधान सभा क्षेत्र जौरा में ऐसे कितने आंगनवाड़ी एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र हैं, जिनका स्वयं का भवन नहीं है, जो किराये के भवनों में संचालित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार आंगनवाड़ी, मिनी आंगनवाड़ी पर स्वयं के भवन बनाने की शासन की क्या योजना है? इन स्थानों पर कब तक स्वयं के भवन बनाये जा सकेंगे। (ग) विधान सभा क्षेत्र जौरा में कितने आंगनवाड़ी एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं? स्थानवार जानकारी दी जाए? आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने के लिये शासन के क्या दिशा निर्देश हैं?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) मुरैना जिले के विधानसभा क्षेत्र जौरा में किराये पर संचालित 116 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये विभागीय भवन नहीं हैं। (ख) भवनविहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये ग्रामीण क्षेत्र में मनरेगा के अभिसरण से एवं शहरी क्षेत्र में राज्य आयोजना मद से आंगनवाड़ी भवन निर्माण की योजना है। आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है। अतः समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। वर्तमान में मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माण हेतु कोई प्रावधान नहीं है। (ग) विधान सभा क्षेत्र जौरा में 442 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 102 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं। स्थानवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। आंगनवाड़ी केन्द्र ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में 400 से 800 की जनसंख्या पर एक केन्द्र एवं आदिवासी क्षेत्र में 300 से 800 की जनसंख्या पर एक केन्द्र, ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में 150 से 400 की जनसंख्या पर एक मिनी केन्द्र तथा आदिवासी क्षेत्र में 150 से 300 की जनसंख्या पर एक मिनी केन्द्र खोलने के विभाग के निर्देश हैं।
जनशिकायतों पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
22. ( *क्र. 244 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में जनसुनवाई एवं सी.एम. हेल्पलाईन 181 के संबंध में शासन के क्या दिशा-निर्देश हैं? क्या प्राप्त शिकायतों के निराकरण हेतु कोई समय-सीमा निर्धारित है? क्या उक्त संबंध में पंचायत विभाग से संबंधित शिकायतों के निराकरण के लिये मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत सिवनी द्वारा पृथक से आदेश/निर्देश जारी किये हैं? यदि हाँ, तो 01 जनवरी, 2016 से प्रश्न दिनांक तक जारी आदेश/निर्देशों की प्रतियां उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक सिवनी जिले के अंतर्गत पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के संबंध में नागरिकों से कितनी शिकायतें जनसुनवाई/सी.एम. हेल्पलाईन 181 में प्राप्त हुईं एवं उनमें से कितनी शिकायतों का निराकरण किया गया? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में लंबित अनेक प्रकरण झूठे व निराधार हैं, परन्तु विभाग द्वारा शिकायकर्ता के संतुष्ट न होने के कारण लंबित होना दर्शित बताया जा रहा है? यदि हाँ, तो झूठी शिकायत करने वाले व्यक्ति के विरूद्ध कोई कार्यवाही की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रदेश में जनसुनवाई एवं सी.एम. हेल्पलाईन 181 के संबंध में शासन के दिशा-निर्देश, पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र क्रमश: ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। जी हाँ। पंचायत विभाग से संबंधित शिकायतों के निराकरण के लिए मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत सिवनी द्वारा 01 जनवरी, 2016 से प्रश्न दिनांक तक जारी किए गए आदेश/निर्देश, पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक सिवनी जिले के अंतर्गत पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के संबंध में नागरिकों से जनसुनवाई की 523 एवं सी.एम. हेल्पलाईन 181 की 11261 शिकायतें प्राप्त हुई, उनमें से जनसुनवाई की 347 एवं सी.एम. हेल्पलाईन 181 की 10455 शिकायतों का निराकरण किया गया। (ग) ऐसा नहीं कहा जा सकता। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका के रिक्त पदों की पूर्ति
[महिला एवं बाल विकास]
23. ( *क्र. 477 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) छतरपुर जिले के महाराजपुर/चंदला विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कितने पद आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायकों के स्वीकृत हैं, इनमें से कितने पद भरे हुए हैं तथा कितने पद रिक्त हैं? क्या रिक्त पदों की पूर्ति की प्रक्रिया वर्ष 2017 में की गई? यदि हाँ, तो अंतिम सूची चयनित आदेश की प्रति उपलब्ध कराएं। (ख) क्या प्रश्नकर्ता के पत्र क्र. 1180, दिनांक 09.10.2017 पर कलेक्टर छतरपुर द्वारा कार्यवाही की गई? कार्यवाही प्रतिवेदन देवें। (ग) क्या गंभीर लापरवाही करने वाले जिला परियोजना अधिकारी छतरपुर को निलंबित कर जांच करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) जांच में दोषी सिद्ध होने पर सेवा समाप्ति की कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? स्पष्ट करें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) छतरपुर जिले अन्तर्गत महाराजपुर/चंदला विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता 662 तथा आंगनवाड़ी सहायिका के 662 पद स्वीकृत हैं। जिसमें से आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के 656 तथा आंगनवाड़ी सहायिका के 653 पद भरे हुए हैं। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के 06 तथा आंगनवाड़ी सहायिका के 09 पद रिक्त हैं। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) छतरपुर जिले की परियोजना नौगांव-1 में प्रश्नकर्ता के पत्र क्र. 1180 दिनांक 09/10/2017 को संज्ञान में लिया गया है। पत्र से संबंधित आवेदक श्रीमती छत्रवती अहिरवार द्वारा चयन न होने से अपील प्रकरण क्र. 117/2016-17 माननीय कलेक्टर न्यायालय में विचाराधीन है। प्रकरण में माननीय न्यायालय निर्णय द्वारा पारित आदेश अनुसार कार्यवाही की जाएगी। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार जानकारी होने से शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) माननीय न्यायालय निर्णय द्वारा पारित आदेश अनुसार कार्यवाही की जाएगी। समय-सीमा देना संभव नहीं है।
विंड/सोलर प्रोजेक्ट्स के लिये सर्वे
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
24. ( *क्र. 1342 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुलताई विधान सभा क्षेत्र में विगत दस वर्षों में नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा विंड या सोलर प्रोजेक्ट्स के लिये सर्वे कराये गये थे? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि हाँ, तो सर्वे रिपोर्ट में क्या मुलताई विधान सभा क्षेत्र को अनुकूल पाया गया? प्रत्येक सर्वे रिपोर्ट की छायाप्रति देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार यदि अनुकूलता पायी गयी तो यहाँ संयंत्र स्थापित करने के लिये क्या-क्या प्रयास किये गये? संबंधित पत्राचारों की छायाप्रति देवें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) पवन ऊर्जा स्त्रोत की उपलब्धता के आंकलन हेतु भारत सरकार की संस्था नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ विण्ड एनर्जी द्वारा मुलताई वि.स. क्षेत्र के ग्राम उभरिया एवं घाटपरिया में वर्ष 2010-11 के दौरान विण्ड मास्ट स्थापित कर सर्वेक्षण किया गया था। सोलर प्रोजेक्ट्स हेतु कोई सर्वे कार्य नहीं किया गया है। (ख) पवन ऊर्जा स्त्रोत की उपलब्धता के आंकलन हेतु नेशनल इंस्टीट्यूट आफ विण्ड एनर्जी द्वारा मुलताई वि.स. क्षेत्र के ग्राम उभरिया एवं घाटपरिया में वर्ष 2010-2011 के दौरान किये गये सर्वेक्षण के अनुसार ग्राम उभरिया में औसत वायुवेग 5.2 मी./सेकंड एवं विण्ड पावर डेंसिटी 118 वाट/वर्ग मीटर एवं ग्राम घाटपरिया में औसत वायुवेग 4.9 मी./सेकंड एवं विण्ड पावर डेंसिटी 113 वाट/वर्ग मीटर पायी गयी। सर्वे रिपोर्ट की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वर्तमान में यह क्षेत्र, प्रदेश के पश्चिम क्षेत्र, जहाँ प्रदेश की कुल पवन ऊर्जा क्षमता 2435 मेगावाट की 95% क्षमता स्थापित है, की अपेक्षा कम अनुकूल प्रतीत होता है। (ग) प्रदेश में ग्रिड संयोजित सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा एवं अन्य नवकरणीय ऊर्जा प्रोजेक्ट्स का विकास शासन की प्रोत्साहन नीतियों के प्रावधानों के अन्तर्गत निजी इकाईयों द्वारा आवश्यक सर्वेक्षण कर किया जा रहा है। शासन की पवन ऊर्जा परियोजना क्रियान्वयन नीति-2012 के प्रावधानों के अनुसार विभाग द्वारा परियोजनाओं के विकास हेतु वर्ष 2012, 2013 एवं 2014 में प्रस्ताव आमंत्रित किये गये। मुलताई विधानसभा क्षेत्र में कोई परियोजना प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ। तथापि पवन ऊर्जा परियोजना क्रियान्वयन नीति-2012 के प्रावधानों के अनुसार निजी इकाईयाँ, निजी भूमि पर कभी भी परियोजना के विकास के लिये आवेदन कर सकती हैं।
ट्रांसफार्मर की स्थापना
[ऊर्जा]
25. ( *क्र. 1288 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 2756, दिनांक 25.07.2017 के (ग) उत्तर में दर्शाये ADB III PPR-42 योजना के शेष 46 एवं S.S.T.D. 792 योजना के शेष 32 ट्रांसफार्मर में से कितने ट्रांसफार्मर लगाये जा चुके हैं? (ख) इस वर्ष किस-किस योजना में महिदपुर विधान सभा क्षेत्र में कितने ट्रांसफार्मर स्वीकृत किए गए हैं? किन-किन एजेंसी को कार्य मिला है। (ग) प्रश्न (ख) अनुसार कितने ट्रांसफार्मर स्थापित किए जा चुके हैं, कितने शेष हैं? (घ) समय पर ट्रांसफार्मर स्थापित ना करने वाली ऐजेंसी पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित ए.डी.बी. 3-पी.पी.आर. 42 योजना के शेष 46 ट्रांसफार्मरों में से 41 ट्रांसफार्मर एवं एस.एस.टी.डी. 792 योजना के शेष 32 ट्रांसफार्मरों में से 31 ट्रांसफार्मर लगाये जा चुके हैं। (ख) वित्तीय वर्ष 2017-18 में महिदपुर विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजना के अंतर्गत 226 वितरण ट्रांसफार्मर एवं एस.एस.टी.डी. योजना के अंतर्गत 87 वितरण ट्रांसफार्मर स्वीकृत किए गए हैं। उक्त कार्य विभागीय तौर पर सम्पादित किये जा रहें हैं। (ग) मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजना के अंतर्गत 226 स्वीकृत वितरण ट्रांसफार्मरों में से 25 ट्रांसफार्मर स्थापित किये जा चुके हैं। 201 ट्रांसफार्मरों का कार्य शेष है। इसी प्रकार एस.एस.टी.डी. योजना के अन्तर्गत 87 स्वीकृत वितरण ट्रांसफार्मर में से 20 ट्रांसफार्मर स्थापित किए जा चुके हैं तथा 67 ट्रांसफार्मरों का कार्य किया जाना शेष है। (घ) एस.एस.टी.डी 792 योजना तथा ए.डी.बी. 3-पी.पी.आर. 42 योजना के कार्य मेसर्स श्रीराम स्विच गियर प्राईवेट लिमिटेड, रतलाम को दिये गये थे। दोनों ही कार्यों में विलंब के कारण निविदा शर्त के अनुसार निविदाकर्ता के देयकों में से क्रमश: रू. 1.59 करोड़ एवं रू 1.04 करोड़ की कटौती की गई। मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पंप कनेक्शन योजना के तहत स्वीकृत ट्रांसफार्मरों में से 25 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित करने में विलंब होने का कारण आर.ओ.डब्ल्यू की समस्या, खेतों में फसल खड़ी होना या वर्षाकाल के कारण मार्ग बाधित होना था। अत: इस विलंब के लिए कोई जिम्मेदार नहीं है। अन्य किसी भी कार्य में विलंब नहीं हुआ है।
भाग-2
नियम 46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
विद्युतीकरण
कार्य
[ऊर्जा]
1. ( क्र. 14 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिला अन्तर्गत जावरा एवं पिपलौदा तहसील में म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर द्वारा विद्युतीकरण के क्या-क्या कार्य कराएं जा रहे हैं? (ख) रतलाम जिला अन्तर्गत जावरा एवं पिपलौदा तहसील में दिनांक 01 अप्रैल, 2016 से 31 अक्टूबर, 2017 तक विद्युतीकरण संबंधित कुल कितना कार्य सम्पादित किया गया है निर्माण की गई उच्चदाब व निम्नदाब लाईनों की लम्बाई, निर्मित किए गए 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र एवं विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की संख्या बतावें? स्वीकृत कार्यों में से कितने कार्य अपूर्ण रहे या प्रारम्भ नहीं किए गए की जानकारी पृथक से देवें? (ग) रतलाम जिला अन्तर्गत जावरा एवं पिपलौदा तहसील में दिनांक 01 अप्रैल-2016 से 31 अक्टूबर, 2017 तक सिंचाई पम्प कनेक्शन हेतु विभिन्न योजनाओं में कितने आवेदन प्राप्त हुए। उनमें से कितने कृषकों के सिंचाई पम्प कनेक्शनों के कार्य पूर्ण किए गए एवं कितने कार्य अपूर्ण हैं? (घ) रतलाम जिला अन्तर्गत जावरा एवं पिपलौदा तहसील में दिनांक 31 अक्टूबर, 2017 की स्थिति में कुल कितने विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर लगे हुए है व उनमें से कितने ट्रांसफार्मर फेल अथवा बन्द है? इन तहसीलों में वर्ष 2017-18 में कितने 33/11 के.व्ही.नवीन उपकेन्द्र स्थापित किए गए है एवं कितने कार्य प्रगति पर है, जिनकों वित्तीय वर्ष 2017-18 में पूर्ण किया जाना संभावित है। इन 33/11 के.व्ही.नवीन उपकेन्द्रों की सूची देवें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) रतलाम जिले के अंतर्गत जावरा एवं पिपलौदा तहसीलों में म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा विभिन्न योजनाओं में नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र की स्थापना का कार्य, 33 के.व्ही. लाईन, 11 के.व्ही. लाईन, निम्नदाब लाईन, नवीन एवं अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना, वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि आदि कार्य सम्पादित कराए जा रहे है, जिनका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) रतलाम जिले के अंतर्गत जावरा एवं पिपलौदा तहसीलों में म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा दिनांक 01 अप्रैल 2016 से 31 अक्टूबर 2017 तक सम्पादित कराए गये कार्य, अपूर्ण रहे कार्य या अप्रारंभ कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–ब अनुसार है। (ग) रतलाम जिले के अन्तर्गत जावरा एवं पिपलौदा तहसीलों में म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड में दिनांक 01 अप्रैल 2016 से 31 अक्टूबर 2017 तक सिंचाई पम्प कनेक्शन हेतु मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजना एवं ओ.व्हाय.टी. योजना के तहत क्रमश: 363 एवं 189 आवेदन प्राप्त हुए हैं। उक्त में से क्रमश: 206 एवं 127 सिंचाई पम्पों के कार्य पूर्ण हो गये है तथा क्रमश: 157 एवं 62 सिंचाई पम्पों के कार्य शेष है। उक्त कार्यों की तहसीलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) रतलाम जिले के अंतर्गत जावरा एवं पिपलौदा तहसीलों में म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा दिनांक 31 अक्टूबर 2017 तक की स्थिति में क्रमश: 2757 एवं 2935, इस प्रकार कुल 5692 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित है। दिनांक 31/10/2017 की स्थिति में उक्त में से कोई भी फेल/बन्द ट्रांसफार्मर बदले जाने हेतु शेष नहीं है। वित्तीय वर्ष 2017-18 में जावरा तहसील में 01 नग 33/11 के.व्ही. नवीन उपकेन्द्र मामटखेड़ा में तथा पिपलौदा तहसील में 01 नग 33/11 के.व्ही. नवीन उपकेन्द्र धामेड़ी में स्थापित किया गया है। जावरा तहसील में 01 नग 33/11 के.व्ही. नवीन उपकेन्द्र सेजावता तथा पिपलौदा तहसील में 01 नग 33/11 के.व्ही. नवीन उपकेन्द्र रीछादेवड़ा का कार्य प्रगति पर है। उपरोक्त उपकेन्द्रों के कार्य माह मार्च-18 में पूर्ण किया जाना संभावित है। उक्त उपकेन्द्रों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है।
आंगनवाड़ी केन्द्र भवनों की स्वीकृति
[महिला एवं बाल विकास]
2. ( क्र. 15 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आंगनवाड़ियों की आवश्यकताओं को दृष्टिगत रखते हुए वर्ष 2013-14 से लेकर प्रश्न दिनांक तक कितने आंगनवाड़ी भवन, केन्द्र स्वीकृत किये गये हैं? (ख) वर्ष 2013-14 से लेकर प्रश्न दिनांक तक जावरा एवं पिपलौदा तहसील अंतर्गत कुल कितने भवन स्वीकृत होकर कितनों के कार्य पूर्ण हुए? कितने कार्य किस दिनांक से चल रहे हैं, किन्तु अपूर्ण रहे, कितने किस दिनांक से स्वीकृत होकर अप्रारंभ है? (ग) कितने आंगनवाड़ी भवन किस दिनांक को स्वीकृत होकर किस दिनांक को पूर्ण हुए, प्रश्न सहित उपरोक्तानुसार (क) (ख) में उल्लेखित भवन केन्द्रों के स्थान बजट सहित उल्लेखित करें? (घ) कृपया अवगत कराएं कि दोनों तहसीलों में अब भी ऐसे कितने स्थान नगर सहित हैं जहां पर आंगनवाड़ी केन्द्र भवनों की आवश्यकता है? स्थानों से अवगत कराएं।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) रतलाम जिले में वर्ष 2013-14 से लेकर प्रश्न दिनांक तक 490 आंगनवाड़ी केन्द्र भवन निर्माण हेतु स्वीकृत हुए है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) वर्ष 2013-14 से लेकर प्रश्न दिनांक तक जावरा एवं पिपलौदा तहसील अंतर्गत कुल 154 आंगनवाड़ी भवन स्वीकृत किये गये है। जिसमें से 67 आंगनवाड़ी भवन पूर्ण, 76 आंगनवाड़ी भवन अपूर्ण तथा 11 आंगनवाड़ी भवनों का कार्य अप्रारंभ है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ एवं ‘ब’ अनुसार है। (घ) रतलाम जिले की जावरा एवं पिपलौदा तहसील अंतर्गत कुल 225 आंगनवाड़ी केन्द्रों पर भवनों की आवश्यकता है। स्थानवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है।
प्रदेश में पेट्रोल एवं डीजल पर टैक्स
[वाणिज्यिक कर]
3. ( क्र. 50 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में पेट्रोल एवं डीजल पर प्रति लीटर कितने रूपये किस-किस प्रकार का टैक्स प्रदेश एवं केन्द्र सरकार द्वारा लगाया गया है? (ख) प्रदेश में पड़ोसी राज्यों (उत्तरप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, गुजरात, महाराष्ट्र) में पेट्रोल एवं डीजल पर प्रति लीटर कितने रूपये टैक्स लगाया गया है? (ग) प्रदेश शासन को पेट्रोल एवं डीजल टैक्स के रूप में प्रत्येक वर्ष कितनी-कितनी आय प्राप्त होती है? (घ) प्रदेश शासन द्वारा पेट्रोल एवं डीजल पर माह अक्टूबर 2017 में कितना-कितना टैक्स घटाया गया है?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) प्रदेश में पेट्रोल पर 28 प्रतिशत वेट एवं 4 रूपये प्रति लीटर अतिरिक्त कर तथा डीजल पर वेट की दर 22 प्रतिशत है। पेट्रोल एवं डीजल पर केन्द्र सरकार द्वारा वसूल किये जाने वाले करों की जानकारी विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है। (ख) अन्य राज्यों में लागू टैक्स की दरें विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है। (ग) प्रदेश शासन को पेट्रोल एवं डीजल पर टैक्स के रूप में विगत 3 वर्षों में निम्नानुसार आय प्राप्त हुई है:-
(राशि करोड़ में)
वर्ष |
पेट्रोल |
डीजल |
2014-15 |
2062.68 |
4414.30 |
2015-16 |
2480.63 |
4714.46 |
2016-17 |
3199.25 |
5686.90 |
(घ) मध्यप्रदेश शासन द्वारा दिनांक 14.10.2017 से डीजल पर प्रति लीटर 1.50 रूपये अतिरिक्त कर समाप्त कर दिया गया है तथा वेट की दर 27 प्रतिशत से घटाकर 22 प्रतिशत की गई है। इसके साथ ही पेट्रोल पर वेट की दर 31 प्रतिशत से घटाकर 28 प्रतिशत की गई है।
कुपोषण से मौतें
[महिला एवं बाल विकास]
4. ( क्र. 51 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) ग्वालियर संभाग के किन-किन जिलों में वर्ष 2014, 2015, 2016 एवं 2017 में कितने-कितने बच्चे कुपोषित पाये गये हैं एवं कितने-कितने बच्चों की कुपोषण के कारण मौतें हुई हैं? जिलेवार संख्या बताई जाए? (ख) क्या शासन द्वारा कुपोषण से हुई मौतों एवं कुपोषण के शिकार बच्चों की जांच करवाई गई है? यदि हां, तो जांच में किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों को दोषी पाया गया है एवं इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ग) शासन द्वारा कुपोषण की रोकथाम के लिए क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है एवं कौन-कौन सी योजना चलाई जा रही है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) ग्वालियर संभाग के जिलो में वर्ष 2014, 2015, 2016 एवं 2017 में चिन्हित कुपोषित बच्चों की जिलेवार संख्या की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। उक्त अवधि में कुपोषण के कारण किसी भी बच्चे की मृत्यु प्रतिवेदित नहीं है। (ख) मृत्यु प्रतिवेदित न होने से प्रश्न ही नहीं उत्पन्न होता है। (ग) आंगनवाड़ी केन्द्रों में 5 वर्ष तक के बच्चों का वजन लिया जाकर उनके पोषण स्तर का निर्धारण किया जाता है। कुपोषण की रोकथाम हेतु आई.सी.डी.एस. योजना का क्रियान्वयन, अटल बिहारी बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इनके अंतर्गत अतिकम वजन वाले बच्चों को थर्डमील का प्रदाय, चिन्हित ग्रामों में स्नेह शिविरों का आयोजन किया जाता है। अतिकम वजन वाले बच्चों में से चिन्हित बच्चों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित पोषण पुनर्वास केन्द्रों में संदर्भित किया जाता है। अतिकम वजन वाले बच्चों के पोषण की देखभाल जनसमुदाय, जनप्रतिनिधियों एवं प्रबुद्ध नागरिकों द्वारा जिम्मेदारी लिये जाने हेतु स्नेह सरोकार कार्यक्रम का क्रियान्वयन किया जा रहा है। विभाग द्वारा कुपोषित बच्चों की वर्तमान में संख्या का आंकलन करने हेतु विशेष वजन अभियान का आयोजन 01 नवम्बर 2016 से 28 फरवरी 2017 तक किया गया। इस अभियान में सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पर्यवेक्षकों द्वारा बच्चों का वजन लेकर उनके पोषण स्तर का निर्धारण किया गया। इस अभियान में चिन्ह्ति कम वज़न एवं अतिकम वज़न के बच्चों के पोषण स्तर में सतत् सुधार तथा फॉलोअप हेतु विशेष पोषण अभियान का प्रांरभ किया जा रहा है।
वनाधिकार पत्रों का वितरण
[जनजातीय कार्य]
5. ( क्र. 90 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगरौली जिले के चितरंगी विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक वनाधिकार पत्र हेतु कुल कितने आवेदन प्राप्त हुए हैं? उनमें से कुल कितने पात्र आवेदन पत्रों पर वनाधिकार पत्र जारी किये गये हैं और कुल कितने शेष हैं? ग्रामवार, रेन्जवार विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत क्या ग्राम बड़गड़, घौरहवा, वैरिहवा, विधार, सिझरी, कतरिहार, मोष के पात्र व्यक्ति हक प्रमाण पत्र पाने से वंचित हैं? यदि हाँ, तो उक्त व्यक्तियों को कब तक वनाधिकार अधिकार पत्र वितरण कर दिये जायेंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रश्नांश अंतगर्त प्राप्त 1449 दावों में से 1188 दावे मान्य किये जाकर 671 वन अधिकार पत्र वितरित किये गये है। वितरण हेतु लंबित 517 दावों में पी.डी.ए. सर्वे कार्य प्रगति पर है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। 73 दावों पर पी.डी.ए. सर्वे कार्य प्रगति पर है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। प्रक्रिया अर्द्ध न्यायिक स्वरूप की होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विभागीय योजनाओं में प्राप्त राशि के आवंटन का आधार
[जनजातीय कार्य]
6. ( क्र. 105 ) श्री संजय उइके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग में केन्द्र एवं राज्य सरकार से प्राप्त बजट राशि का आदिवासी परियोजनावार/जिलेवार/योजनावार/ मदवार आवंटन का आधार/मापदण्ड क्या हैं? क्या इसमें जनसंख्या एवं क्षेत्रफल का कोई आधार हैं? (ख) यदि हाँ, तो बालाघाट जिलान्तर्गत किस-किस आदिवासी परियोजना की कितनी-कितनी कुल जनसंख्या के विरूद्ध आदिवासी जनसंख्या एवं कितना-कितना क्षेत्रफल है? प्रत्येक आदिवासी परियोजना को जनसंख्या एवं क्षेत्रफल के आधार पर अलग-अलग कितनी-कितनी राशि वित्तीय वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक आवंटित की गई है? (ग) केन्द्र सरकार की योजना अनुच्छेद 275 (1) एवं विशेष केन्द्रीय सहायता में विकास कार्यों के प्रस्ताव परियोजना सलाहकार मण्डल के अनुमोदन के उपरान्त केन्द्र सरकार को भेजा जाना नियमानुसार आवश्यक है या नहीं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) भारत सरकार जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा 2016-17 में आदिवासी उपयोजना विशेष केन्द्रीय सहायता एवं संविधान के अनुच्छेद 275 (1) अन्तर्गत जारी दिशा निर्देशों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) बालाघाट जिलान्तर्गत 01 एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना बैहर है। जिसकी कुल जनसंख्या 334784 के विरूद्ध आदिवासी जनसंख्या 195060 है। इसमें नगरीय क्षेत्र की जनसंख्या शामिल नहीं है। एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना बैहर का क्षेत्रफल 2485.73 वर्ग कि.मी. है। परियोजना को वित्तीय वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी हाँ। परियोजना स्तरीय प्रस्तावों का अनुमोदन परियोजना सलाहकार मण्डल से आवश्यक है। विभिन्न विकास विभागों से प्राप्त प्रस्ताव भी भारत सरकार को प्रेषित किये जाते हैं।
मनासा विधानसभा क्षेत्र में तीन माह से अधिक अवधि तक खराब पड़े ट्रांसफार्मर
[ऊर्जा]
7. ( क्र. 113 ) श्री कैलाश चावला : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 31 मार्च 2016 से 01 जुलाई 2017 तक मनासा विधानसभा क्षेत्र में कितने ट्रांसफार्मर ऐसे हैं जो तीन माह से अधिक तक खराब होने पर उपभोक्ताओं द्वारा निर्धारित राशि जमा न कराने पर बन्द थे? विद्युत वितरण केन्द्रवार बतावें। (ख) उक्त ट्रांसफार्मर पर कितने उपभोक्ता ऐसे थे जिन पर ट्रांसफार्मर खराब होने की स्थिति में कोई राशि बकाया नहीं था? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित नियमित बिल जमा कराने वाले उपभोक्ताओं से ट्रांसफार्मर खराब होने और न बदले जाने के कारण विद्युत प्रदाय नहीं किए जाने के बावजूद बिल वसूल किए गए। यदि हाँ, तो ऐसे उपभोक्ताओं की संख्या व उनसे प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि में कितनी राशि वसूल की गई? विद्युत वितरण केन्द्रवार जानकारी देवे।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) नीमच जिले की मनासा विधानसभा क्षेत्र में 31 मार्च-2016 से 01 जुलाई-2017 तक कोई भी खराब वितरण ट्रांसफार्मर उपभोक्ताओं द्वारा निर्धारित राशि जमा न करने पर 03 माह से अधिक समय तक बंद नहीं रहा था। (ख) एवं (ग) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में उत्तर अपेक्षित नहीं है।
अनुकम्पा नियुक्ति प्रकरणों के निराकरण
[सामान्य प्रशासन]
8. ( क्र. 120 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 25 जुलाई 2017 में प्रश्न (क्र. 2217) में प्रश्नांश 'क' से 'ग' तक जानकारी एकत्रित की जाने का उत्तर दिया था. पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) जानकारियां समय पर उपलब्ध नहीं करवाने हेतु जिम्मेदारों पर शासन क्या कार्यवाही करेगा एवं नहीं तो क्यों नहीं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) संभाग के अंतर्गत जिलों में समस्त विभागों से जानकारी संकलित करने में समय लगा है शेषांश कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सिंचाई हेतु विद्युत सप्लाई व्यवस्था
[ऊर्जा]
9. ( क्र. 123 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या किसानों को बिजली कनेक्शन में राहत देने के लिए सरकार ने कोई योजना प्रस्तावित की है? यदि हाँ तो तत्संबंधी पूर्ण ब्यौरा क्या है? इससे किसानों को क्या लाभ मिलेगा? (ख) उक्त योजना का क्रियान्वयन कब से प्रारंभ किया गया? किन-किन जिलों में योजना का लाभ किसानों को देना प्रारंभ किया गया? उज्जैन संभाग की स्थिति का ब्यौरा दें? (ग) क्या सरकार किसानों को बिजली उपलब्धता समय में वृद्धि कर रही है वर्तमान में सिंचाई हेतु कितनी विद्युत सप्लाई ग्रामीण क्षेत्रों में प्रदान की जा रही है? रतलाम व उज्जैन जिले का ब्यौरा दें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। किसानों को स्थायी कृषि पम्प कनेक्शन प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पंप कनेक्शन योजना सितम्बर 2016 से लागू की गई है तथा पूर्व में लागू कृषक अनुदान योजना को इस योजना में समाहित किया गया है। योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। योजना से किसान को स्थायी कृषि पंप कनेक्शन प्राप्त होगा, जिससे किसान पूरे वर्ष बिजली का उपयोग कर सकेगा। (ख) योजना प्रदेश के सभी 51 जिलों के लिए सितम्बर, 2016 से लागू की गई है। उज्जैन संभाग के समस्त 07 जिलों में उक्त योजना के तहत वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में दिनांक 31/10/2017 की स्थिति में प्राप्त आवेदनों, पूर्ण किए गए कार्यों एवं शेष कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी नहीं। किसानों को सिंचाई हेतु 10 घण्टे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है तथा बिजली समय उपलब्धता में वृद्धि की कोई योजना नहीं है। रतलाम एवं उज्जैन जिलों में माह अगस्त-2017 में औसतन क्रमश: 9.43 एवं 9.41 घण्टे, सितम्बर-2017 में 9.42 एवं 9.39 घण्टे एवं अक्टूबर-2017 में क्रमश: 9.42 एवं 9.46 घण्टे विद्युत प्रदाय किया गया।
अधूरे अविद्युतीकृत ग्रामों की जानकारी
[ऊर्जा]
10. ( क्र. 146 ) श्री संजय उइके : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में केन्द्र एवं राज्य सरकार की कौन-कौन सी योजना के अन्तर्गत ग्रामों एवं टोले पारों में सघन विद्युतीकरण का कार्य किया जा रहा है? (ख) वित्तीय वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस योजना में किस-किस एजेन्सी द्वारा कितने-कितने ग्रामों एवं टोलों पारों का सघन विद्युतीकरण कार्य कर विद्युत प्रवाह प्रारम्भ किया गया? किन-किन ग्रामों एवं टोलों पारों में किस-किस एजेन्सी द्वारा पोल एवं केबल कार्य पूर्ण करने के उपरान्त भी विद्युत प्रारम्भ नहीं किया जा सका है? किन-किन ग्रामों एवं टोलों परों में किस-किस एजेन्सी द्वारा केवल विद्युत पोल खड़ा करने का कार्य किया गया है? बैहर विधानसभा क्षेत्र की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) बैहर विधानसभा क्षेत्र में केन्द्र एवं राज्य सरकार की योजना के अन्तर्गत ग्राम एवं टोलों पारों में विद्युतीकरण कार्य पूर्ण करने के उपरान्त 1-2 दिन बाद ही किन-किन ग्रामों एवं टोलों पारों में विद्युत प्रवाह आज दिनांक तक बंद है, विद्युत प्रवाह बन्द होने के क्या कारण हैं? इसके लिए कौन दोषी है? (घ) अधूरे अविद्युतीकृत ग्रामों के कार्य कब तक पूर्ण किये जायेंगे, समय-सीमा बतावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) बालाघाट जिले में वर्तमान में केन्द्र सरकार द्वारा 11वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना, 11वीं पंचवर्षीय योजना में ही स्वीकृत राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना (पूरक योजना) तथा 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाले मजरों/टोलों के विद्युतीकरण सहित सघन विद्युतीकरण के कार्य तथा दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत ग्रामों में प्रणाली सुदृढ़ीकरण के कार्य किये जा रहे है। (ख) उत्तरांश ‘क’ में उल्लेखित योजनाओं में बैहर विधानसभा क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक योजनावार किये गये अविद्युतीकृत ग्रामों के विद्युतीकरण/विद्युतीकृत ग्रामों के सघन विद्युतीकरण के कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट में दर्शायें अनुसार है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में ऐसा कोई ग्राम नहीं है जिसमें विद्युत पोल एवं केबल कार्य पूर्ण करने के उपरान्त भी विद्युत प्रदाय प्रारंभ नहीं किया गया हो तथा जहाँ केवल विद्युत पोल खड़े करने का कार्य ही किया गया हो। (ग) प्रश्नांश ‘क’ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में बैहर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विद्युतीकरण कार्य पूर्ण होने के 1-2 दिन बाद ही किसी ग्राम में विद्युत प्रवाह बंद नहीं हुआ है। तथापि कतिपय अवसरों पर स्थानीय अवरोधों/तकनीकी कारणों से विद्युत प्रदाय प्रभावित होने पर तत्काल सुधार कार्य कर विद्युत प्रदाय सामान्य कर दिया जाता है। वर्तमान में बैहर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत बिरसा विकासखण्ड के ग्राम कोरका एवं रंजना में केबल में खराबी के कारण विद्युत प्रदाय बन्द है, जिसे शीघ्र सुधार कर विद्युत प्रदाय सुचारू कर दिया जायेगा। उक्त परिप्रेक्ष्य में किसी के दोषी होने का प्रश्न नहीं उठता। (घ) वर्तमान में बैहर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कोई भी अविद्युतीकृत ग्राम विद्युतीकरण हेतु शेष नहीं है। तथापि पूर्व में सौर ऊर्जा से विद्युतीकृत ग्राम मथारी जोकि कालांतर में डी-इलेक्ट्रिफाईड हो गया था, के पुनर्विद्युतीकरण का कार्य पारंपरिक रूप से लाईन विस्तार कर पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभागीय तौर पर किया जा रहा है, जिसे मार्च 2018 तक पूर्ण किया जाना संभावित है।
जले हुए ट्रान्सफार्मर बदलना
[ऊर्जा]
11. ( क्र. 159 ) श्री गिरीश गौतम : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ट्रान्सफार्मर बदलने के लिए 40 प्रतिशत राशि जमा करने की शर्त को हटाकर 20 प्रतिशत राशि जमा करने का आदेश किया जा चुका है और अब सिर्फ 20 प्रतिशत राशि जमा करने के आधार पर जले हुए ट्रान्सफार्मर को बदलने की कार्यवाही की जा रही है? (ख) रीवा जिले में 20 प्रतिशत की बकाया राशि जमा करने के आधार पर कितने जले हुए ट्रान्सफार्मर बदलने के लिए पात्र हो गये हैं? उनकी संख्या वितरण केन्द्रवार बताएं तथा उन्हें कब तक बदल दिया जायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। दिनांक 10.10.2017 को जारी शासन के निर्देशानुसार जले एवं खराब वितरण ट्रांसफार्मरों से जुड़े 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा भुगतान करने पर अथवा कुल बकाया राशि का 20 प्रतिशत जमा होने के उपरांत जले एवं खराब ट्रांसफार्मरों को बदला जाना है। इन दोनों शर्तों में से किसी भी एक शर्त की पूर्ति होने पर जले/खराब ट्रांसफार्मर को बदले जाने की कार्यवाही की जा रही है। (ख) रीवा जिले के अन्तर्गत दिनांक 11.10.2017 की स्थिति में बकाया राशि के कारण बंद सभी वितरण ट्रांसफार्मरों से संबद्ध उपभोक्ताओं में से उत्तरांश (क) की शर्त पूर्ण करने पर उन सभी ट्रांसफार्मरों को बदलने की पात्रता थी तथा पात्रतानुसार उक्त सभी 213 वितरण ट्रांसफार्मर दिनांक 15.11.2017 की स्थिति में बदले जा चुके हैं जिनकी वितरण केन्द्रवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
ट्रांसफार्मर की स्थापना
[ऊर्जा]
12. ( क्र. 171 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वाह विधान सभा क्षेत्र में ऐसे कितने मजरे टोले हैं, जहां बिजली नहीं है? उसकी सूची दी जावे। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार इन मजरे टोलों में विद्युत विभाग द्वारा अभी तक क्या प्रयास किये गए है. जानकारी देवें. मजरे टोले के अलावा और ऐसी कितनी बस्ती हैं. जहां विद्युत सुविधा नहीं है? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध करने के लिए कहाँ-कहाँ पर ट्रांसफार्मर के प्रस्ताव विगत एक वर्ष अर्थात दिनांक 01/10/2016 से वर्तमान तक वरिष्ठ एवं कनिष्ठ विभाग में प्रस्तुत किये गए हैं? उसकी सूची दी जावे। (घ) प्रश्नांश (घ) के अनुसार विभाग द्वारा प्रस्तावों की स्वीकृति हेतु सक्षम अधिकारी को कब-कब भेजा गया है? उसके पत्र क्रमांक एवम दिनांक से अवगत करावे. क्या इन प्रस्तावों के साथ ही ढकलगाँव, कोटल्या खेड़ी आदि ग्रामों के किसानों की सिंचाई सुविधा के लिए ट्रांसफार्मर की स्वीकृति के प्रस्ताव दिए गये थे? इन प्राप्त प्रस्तावों पर क्या कार्यवाही की गई, कब तक स्वीकृत हो जावेंगे? किसानों को सिंचाई सुविधा के लिए ट्रांसफार्मर स्थापित करने के लिए शासन की क्या योजना है? नियम की प्रति दी जावे।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) सेन्सस 2011 में मजरे/टोलों की जानकारी संकलित नहीं है। तथापि पश्चिम क्षेत्र कंपनी द्वारा खरगोन जिले के बड़वाह विधानसभा क्षेत्र में चिन्हित 624 मजरे टोलों को विद्युत सुविधा उपलब्ध कराई है तथा ऐसा कोई भी चिन्हित मजरा/टोला नहीं है, जहां विद्युत उपलब्ध नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उत्तर अपेक्षित नहीं। (ग) बड़वाह विधानसभा क्षेत्रांतर्गत किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए दिनांक 01.10.2016 से प्रश्न की तिथि तक ट्रांसफार्मर स्थापित करने के माननीय विधायक महोदय द्वारा प्रेषित प्रस्ताव की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' पर है। (घ) पत्र क्रमांक 429 दिनांक 11/05/2017 के द्वारा माननीय विधायक महोदय के प्रस्ताव को मूलतः प्रबंध निदेशक, म.प्र.पश्चिम क्षेत्र वि.वि.कं.लि., इंदौर को कार्यवाही हेतु अग्रेषित किया गया। उक्त के तारतम्य में अति. मुख्य अभियंता (कार्य) कार्पोरेट कार्यालय इंदौर के पत्र क्रमांक 10726 दिनांक 27/05/2017 के द्वारा कार्यपालक निदेशक, इंदौर क्षेत्र को माननीय विधायक महोदय के पत्र में उल्लेखित स्थानों पर ट्रांसफार्मर लगाये जाने की तकनीकी साध्यता के आधार पर प्रस्ताव प्रेषित करने हेतु निर्देशित किया था। कार्यपालक निदेशक, इंदौर क्षेत्र द्वारा उनके पत्र क्रमांक 11145 दिनांक 13/11/2017 के माध्यम से उक्त स्थानों पर ट्रांसफार्मर स्थापित करने के प्रस्ताव कार्पोरेट कार्यालय इंदौर को प्रेषित किये गये हैं। प्रस्ताव का परीक्षण प्रक्रियाधीन है एवं तकनीकी रुप से साध्य पाये जाने एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता होने पर इसी प्रकार के अन्य कार्यों की वरीयता के आधार पर स्वीकृति प्रदान की जावेगी। अत:वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। किसानों को सिंचाई के लिए स्थायी कनेक्शन उपलब्ध कराने हेतु वर्तमान में ''मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजना'' एवं ''स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना'' के अंतर्गत ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाते हैं। उक्त योजना पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं 'स' अनुसार है।
विधानसभा क्षेत्र अतंर्गत कार्यरत लाईनमेन
[ऊर्जा]
13. ( क्र. 181 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत वर्तमान में कितने लाईनमेन कार्यरत हैं? एक लाईनमेन को कितने ग्रामों का दायित्व प्रदान किया गया है? लाईनमेनों के नाम, प्रभार वाले ग्राम सहित सूची प्रदान करें। (ख) विभाग द्वारा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कितने मीटर वाचक रखे गये हैं? क्षेत्रवार, नाम सहित सूची प्रदान करें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार क्या मीटर वाचक के द्वारा मीटर रीडिंग, विभाग द्वारा जारी निर्देशों के तहत ली जाती है? यदि हाँ तो मीटर वाचक के मीटर रीडिंग लिये जाने के विभाग के क्या निर्देश हैं, की प्रतिलिपि प्रदान करें, साथ ही बतावें कि मीटर वाचकों के मीटर रीडिंग के अतिरिक्त और क्या दायित्व हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विधान सभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत वर्तमान में 46 लाइन कार्मिक कार्यरत हैं जिनके नाम एवं सौंपे गए प्रभार/दायित्व वाले ग्रामों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) विधान सभा क्षेत्र गोटेगांव में वर्तमान में 29 मीटर वाचक बाह्य स्त्रोत एजेंसी के माध्यम से कार्यरत हैं जिनके नाम एवं कार्यक्षेत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी हाँ। मीटर वाचन हेतु विभागीय निर्देश, दायित्व तथा अतिरिक्त कार्य संबंधी विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार हैं।
विद्युत लाईन मेंटेनेंस
[ऊर्जा]
14. ( क्र. 182 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव में विदयुत लाईन मेंटेनेंस किया गया है? यदि हाँ तो दिसम्बर 13 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब, कहाँ-कहाँ किया गया? सूची तिथिवार, क्षेत्रवार प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिन क्षेत्रों में मेंटेनेंस किया गया है क्या वहां ग्रामीणों को जानकारी दी गई? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? विदयुत लाईन मेंटेनेंस करवाये जाने के विभाग के नियम क्या हैं? (ग) क्या विभाग द्वारा टी.सी. कनेक्शन, जिस वितरण ट्रांसफार्मर से कनेक्शन दिया जा रहा है, उस वितरण ट्रांसफार्मर के लोड को ध्यान में रखकर दिया जाता है? यदि हाँ तो फिर टी.सी. कनेक्शन देते ही अधिकतर वितरण ट्रांसफार्मर ओवरलोड होकर क्यों जल जाते हैं? ओवर लोड होने के कारण गोटेगांव विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत प्रश्नांश (क) अवधि में कितने ट्रांसफार्मर जले हैं? सूची प्रदान करें उक्त जले हुए वितरण ट्रांसफार्मर में से कितने बदले गए एवं कितने बदलना शेष है? सूची प्रदान करें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, गोटेगाँव विधानसभा क्षेत्र में विद्युत लाइन मेंटेनेंस कार्य किया गया है। माह दिसम्बर 2013 से प्रश्न दिनांक तक किये गये मेंटेनेंस कार्यों की तिथिवार, क्षेत्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिन क्षेत्रों में मेन्टेनेंस का कार्य किया गया था, उसकी पूर्व सूचना स्थानीय समाचार-पत्रों के माध्यम से आम जनता को दी गई थी, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में दर्शाया गया है। विद्युत लाइन मेंटेनेंस का कार्य प्रतिवर्ष मानसून के पूर्व तथा मानसून के पश्चात कराया जाता है। इन कार्यों में मुख्य रूप से लाइनों के समीप लगे पेड़ों की डालियां काटना, झुके खंभों को सीधा करना, ढीले तारों को खींचना, पिन इन्सुलेटर/डिस्क इंसुलेटर की जाँच करना तथा खराब पाये जाने पर इन्हें बदलना आदि हैं। इसके अतिरिक्त मेंटेनेंस के दौरान पायी गई अन्य सभी कमियों का भी सुधार किया जाता है। कतिपय अवसरों पर तकनीकी खराबी पाये जाने पर उसे तत्काल दुरूस्त किया जाना आवश्यक होता है। ऐसी स्थिति में तत्काल लाइन बंद कर सुधार का कार्य करने की आवश्यकता होती है, जिस हेतु पूर्व सूचना दिया जाना संभव नहीं होता है। (ग) जी हाँ। वितरण कंपनियों द्वारा वितरण ट्रांसफार्मर के लोड की गणना अस्थायी कनेक्शन के भार को शामिल कर की जाती है तथा इसी आधार पर ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि हेतु कार्यवाही की जाती है। ट्रांसफार्मर जलने के कई कारण होते हैं, जिनमें आकाशीय बिजली गिरना, तकनीकी खराबी आना प्रमुख हैं। कतिपय अवसरों पर विद्युत के अनाधिकृत उपयोग के कारण भी ट्रांसफार्मर पर भार बढ़ता है, जिससे ट्रांसफार्मर फेल होने की स्थिति निर्मित होती है। वितरण कंपनी के कार्मिकों द्वारा इस हेतु समय-समय पर जाँच की जाती है। गोटेगाँव विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत प्रश्नांश (क) अवधि में ओव्हरलोडिंग के कारण कोई भी ट्रांसफार्मर खराब नहीं हुआ है। अतः शेष प्रश्नांश लागू नहीं होता।
ग्रामीण विद्युत सहकारी समिति कर्मियों को एरियर्स का भुगतान
[ऊर्जा]
15. ( क्र. 204 ) श्री मोती कश्यप : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी जबलपुर ने अपने पत्र क्रमांक 1308 दिनांक 13-6-2014 एवं क्रमांक 2699 दिनांक 31-12-2014 द्वारा किन्हीं संस्थाओं के विद्युत कर्मचारियों के पुनरीक्षित वेतनमान के संबंध में कोई नीति निर्देश जारी किये हैं? (ख) क्या मण्डला ग्रामीण विद्युत सहकारी समिति मर्यादित के म.प्र.रा.वि.मं. में संविलियन कर्मियों का वर्ष 2001 के वेतनमान व एरियर्स का लाभ प्रदान कर दिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं और कब तक करेंगे? (ग) क्या प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में पूर्ववर्ती म.प्र.रा.वि.मं. द्वारा भी समय-समय पर कोई संशोधित आदेश जारी कर अपने पूर्ववर्ती कर्मियों के समान ही पूर्ववर्ती ग्रामीण विद्युत सहकारी समितियों के संविलियन कर्मियों को भी दोनों वेतनमानों का लाभ दिया जाना निर्देशित किया गया हैं? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) आदेश-निर्देशों पर क्या किन्हीं के द्वारा किन्हीं बिन्दुओं पर कोई आपत्ति लगाई गई है और उनका निराकरण कब कर दिया गया है तथा कब तक भुगतान कर दिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड, जबलपुर द्वारा पत्र क्रमांक 1308 दिनांक 18.06.2014 सहपठित पत्र क्रमांक 1368 दिनांक 24.06.2014 द्वारा विद्युत वितरण कंपनियों में संविलियन ग्रामीण विद्युत सहकारी समितियों के कार्मिकों की सेवा शर्तों एवं सुविधाओं के संबंध में गाईड लाईन जारी की गई है तथा पत्र क्रमांक 2699 दिनांक 31.12.2014 के द्वारा मनावर ग्रामीण विद्युत सहकारी समिति की सेवा शर्तों एवं सुविधाओं के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय, इंदौर में दायर रिव्यू पिटीशन के निर्णय के अनुसार सक्षम अनुमोदन प्राप्त कर कार्यवाही किए जाने के निर्देश जारी किये गये हैं। (ख) जी नहीं। मंडला ग्रामीण विद्युत सहकारी समिति मर्यादित के म.प्र. राज्य विद्युत मण्डल में संविलियन कर्मचारियों को 2001 का वेतनमान एवं एरियर्स भुगतान हेतु परीक्षण प्रक्रियाधीन है, परीक्षण उपरांत भुगतान के संबंध में कार्यवाही की जावेगी। (ग) जी नहीं। (घ) जी नहीं, अत: प्रश्न नहीं उठता। उत्तरांश 'ख' में दर्शाए अनुसार 2001 का वेतनमान एवं एरियर्स भुगतान की कार्यवाही परीक्षण उपरांत की जायेगी, जिस हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बरगी परियोजना के नहर निर्माण में अनियमितता
[नर्मदा घाटी विकास]
16. ( क्र. 215 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 18.07.2017 में मुद्रित परि.अता. प्रश्न (क्रमांक 708) में प्रश्नांश (क) का उत्तर जी हाँ (ख) का उत्तर यह शिकायत महालेखाकार की आपत्तियों पर आधारित है, जिसका उत्तर महालेखाकार को दिया जा चुका है। (ग) का उत्तर जांच अभिलेखों के आधार पर की गई है। शेष प्रश्न की जांच उपस्थित नहीं होता है दिया गया है। तो महालेखाकार को भेजे गए उत्तर की प्रति उपलब्ध करावे तथा यह भी बताएं की उत्तर भेजने के बाद महालेखाकार द्वारा आगे क्या कार्यवाही की गई? जांच मौके पर स्थल में न कर अभिलेखों के आधार पर क्यों की गई जबकि आपत्ति अभिलेखों के आधार पर ही ली गई थी। यदि महालेखाकार द्वारा गलत आपत्ति ली गई है तो क्या शासन महालेखाकार के विरूद्ध कार्यवाही का प्रस्ताव भेजेगी? यदि हाँ तो कब तक बताएं? (ख) बरगी व्यपवर्तन परियोजना की मुख्य नहर आर.डी. 104 कि.मी. से आर.डी.129 के निर्माण में दिनांक 01.01.2017 से प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्य कितनी लागत के कराए गए है? कार्यवार, राशिवार विवरण दें? (ग) वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक बरगी परियोजना में हुई अनियमिताओं की कब तक किसके-किसके द्वारा शिकायतें की गई? शिकायतवार, कार्यवाहीवार विवरण दें?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। महालेखाकार द्वारा कण्डिकाएं लोक लेखा समिति को प्रेषित की गई हैं। महालेखाकार की आपत्तियों का उत्तर अभिलेखों एवं तथ्यों के आधार पर प्रक्रिया अनुसार दिया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) बरगी व्यपवर्तन परियोजना के मुख्य नहर की आर.डी. 104.00 कि.मी. से 129.00 कि.मी. तक के निर्माण कार्य में दिनांक 01/01/2017 से प्रश्न दिनांक तक 874.282 मीटर लंबाई में स्लीमनाबाद टनल का निर्माण कार्य किया गया है। जिस पर मूल्य समायोजन सहित राशि रूपये 66.99 करोड़ व्यय की गई है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
जी.एस.टी. लागू होने पर घाटे की प्रतिपूर्ति
[वाणिज्यिक कर]
17. ( क्र. 245 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जी.एस.टी. में क्या केन्द्र सरकार द्वारा राज्य सरकारों को करों का नुकसान होने पर 5 वर्षों तक प्रतिपूर्ति का प्रावधान है? यदि हाँ, तो प्रति वर्ष कितने प्रतिशत प्रतिपूर्ति केन्द्र करेगा? (ख) जी.एस.टी. काउंसिल की बैठक में केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं में केन्द्र की बड़ी हिस्सेदारी के कारण होने वाले व्यय का हवाला देकर केन्द्रीय वित्त मंत्री जी ने राज्यों के प्रतिनिधियों को इस बात के लिये सहमत करा लिया कि घाटे की प्रतिपूर्ति के लिए पाँच वर्षों तक जी.एस.टी. पर एक प्रतिशत अतिक्ति कर लगेगा? (ग) क्या जी.एस.टी. काउंसिल में केन्द्र सरकार के प्रतिनिधि तो मौजूद थे किन्तु आम जनता का प्रतिनिधि न होने के कारण जी.एस.टी. के मूल प्रस्ताव में घाटे की जो प्रतिपूर्ति केन्द्र सरकार को करनी थी वह आम जनता पर थोप दी गयी?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी.एस.टी. प्रणाली में केन्द्र सरकार द्वारा राज्य सरकार को संविधान के 101वें संशोधन के अनुक्रम में बनाये गये गुड्स एण्ड सर्विस टैक्स (कम्पनसेशन टू स्टेट्स) अधिनियम, 2017 के अनुसार वर्ष 2015-16 को सबस्यूम हुए राजस्व पर प्रतिवर्ष 14 प्रतिशत की वृद्धि की गारण्टी दी गई है। इससे कम वृद्धि होने पर केन्द्र सरकार द्वारा क्षतिपूर्ति की जायेगी। (ख) जी.एस.टी. काउंसिल की बैठकों में 23वीं बैठक तक के समस्त निर्णय सर्वानुमति से लिये गये हैं। इन बैठकों में घाटे की प्रतिपूर्ति के लिये पाँच वर्ष तक कम्पनसेशन सेस निरूपित करने का निर्णय लिया गया है। (ग) जी.एस.टी. काउंसिल के सदस्यों द्वारा अपने अधिकारों की सीमा में सर्वानुमति से निर्णय लिये गये हैं।
मान. मुख्यमंत्री जी की घोषणा अनुसार कुपोषण पर श्वेत पत्र जारी किया जाना
[महिला एवं बाल विकास]
18. ( क्र. 257 ) श्री रामनिवास रावत : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मान. उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ द्वारा प्रदेश के आंगनवाड़ी केन्द्रों में पोषण आहार प्रदाय किये जाने की मौजूदा व्यवस्था को समाप्त कर 1 नबम्वर, 2017 से नवीन व्यवस्था बनाने के आदेश दिए है? यदि हाँ, तो मान. उच्च न्यायालय द्वारा जारी आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या प्रदेश के आंगनवाड़ी केन्द्रों में नई पोषण आहार व्यवस्था लागू करने के लिए 23 सितम्बर 2016 में गठित उच्च स्तरीय समिति द्वारा नई पोषण आहार व्यवस्था के सम्बन्ध में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है? यदि हाँ, तो उक्त समिति की सिफारिशें क्या हैं? राज्य सरकार द्वारा अभी तक नई पोषण आहार वितरण व्यवस्था लागू नहीं किये जाने के क्या कारण है? कब तक पोषण आहार व्यवस्था लागू कर दी जावेगी? (ग) क्या मान. मुख्यमंत्री जी द्वारा दिनांक 14-09-16 को प्रदेश में कुपोषण की स्थिति पर श्वेत पत्र जारी करने के निर्देश दिए थे? यदि हाँ, तो अभी तक श्वेत पत्र जारी नहीं किये जाने के क्या कारण हैं? क्या सरकार कुपोषण की भयावह स्थिति को देखते हुए कुपोषण पर श्वेत पत्र जारी करने से बच रही है? यदि नहीं, तो कुपोषण पर श्वेत पत्र कब तक जारी कर दिया जावेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। मान.उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर द्वारा दिनांक 13/09/17 को पारित आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार हैं। (ख) जी हाँ। उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार हैं। समिति द्वारा लिए निर्णयानुसार नवीन नीति निर्धारण हेतु प्रस्ताव मंत्रि -परिषद के अनुमोदन हेतु रखा जा रहा हैं। मंत्रि-परिषद से अनुमोदन उपरान्त नवीन पोषण आहार व्यवस्था लागू करने की कार्यवाही की जावेगी। (ग) माननीय मुख्यमंत्रीजी द्वारा दिनांक 14/09/2016 को समीक्षा बैठक में श्वेतपत्र जारी करने के निर्देश दिये गए। शासन द्वारा समिति गठित की गई है। समिति द्वारा बिन्दुओं का निर्धारण अभी नहीं किया गया है, अत: श्वेतपत्र के संबंध में बैठक आयोजित नहीं हुई है। श्वेतपत्र तैयार करने के संबंध में कार्यवाही की जा रही है। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
छात्रावासों के संबंध में जानकारी
[जनजातीय कार्य]
19. ( क्र. 270 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बिजावर में विभाग के कितने छात्रावास या आश्रम कहाँ-कहाँ पर कब से संचालित हैं? अधीक्षक के पद पर कौन–कौन कब से पदस्थ है? छात्र संख्या क्या है? भवन की क्या स्थिति है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में प्रत्येक छात्र, छात्राओं के लिए प्रतिमाह एवं प्रतिवर्ष कितना बजट खर्च हेतु प्रस्तावित है वर्ष 2016-17 एवं वर्ष 2017-18 में किस–किस संस्था को कितना–कितना बजट दिया गया एवं कितना व्यय हुआ? मदवार जानकारी प्रदाय करें।
(श्री शिवराज सिंह चौहान) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
बिजली बिल की शिकायतें
[ऊर्जा]
20. ( क्र. 284 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा बिजली उपभोक्ताओं के लिये अनाप-शनाप बिजली बिल भेजने की शिकायतों में निरंतर वृद्धि हो रही है? यदि हां, तो इसका मुख्य कारण क्या है? इस समस्या से निजात दिलवाने हेतु क्या व्यवस्था की गई है? (ख) जबलपुर शहर के अंतर्गत विद्युत वितरण कंपनी के किन-किन संभागों में अनाप-शनाप बिजली बिल भेजने की कितनी शिकायतें मिली हैं। कितनी शिकायतों का निवारण किया गया? इसमें बिजली बिलों में कितनी राशि की गड़बड़ी पाई गई है? इसके लिये दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गई है? माह जनवरी 2017 से अक्टूबर तक की माहवार शिकायतों की जानकारी दें। (ग) पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने बिजली उपभोक्ताओं को अनाप-शनाप बिजली बिलों की शिकायतों के संबंध में फोटोयुक्त स्पाट बिलिंग का ठेका कब किस कंपनी को किन शर्तों पर दिया है? इससे बिजली उपभोक्ताओं को क्या फायदा हुआ है? (घ) क्या यह सत्य है कि जबलपुर में मीटर रीडिंग और बिल वितरण की व्यवस्था बहुत ही बिगड़ चुकी है? उपभोक्ताओं को समय पर बिजली बिलों का वितरण नहीं हो पा रहा है? यदि हां, तो इसका क्या कारण है? क्या शासन अनाप-शनाप बिजली बिलों की समस्या से निजात दिलाने हेतु उचित कार्यवाही करेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं तथापि विद्युत उपभोक्ताओं की शिकायतों के निराकरण हेतु वितरण केन्द्र स्तर पर एवं कंपनी स्तर पर शिकायत केन्द्र स्थापित किये गये हैं तथा समय-समय पर शिकायत निवारण शिविरों का आयोजन कर विद्युत उपभोक्ताओं की शिकायतों के निराकरण की व्यवस्था की गई है। (ख) शहर वृत्त जबलपुर के अन्तर्गत आने वाले सभी संभागों में जनवरी 2017 से अक्टूबर 2017 की अवधि में विद्युत बिलों से संबंधित 21,272 शिकायतें प्राप्त हुई। उक्त सभी शिकायतों का निराकरण किया गया, जिसमें बिलों में रू. 173.53 लाख की राशि की त्रुटि पाये जाने पर उक्त राशि का समायोजन किया गया है। मीटर वाचकों द्वारा त्रुटिपूर्ण रीडिंग लिये जाने के कारण त्रुटियां हुई है। अत: संबंधित मीटरवाचकों के अनुबंध को विस्तारित नहीं किया गया है। जनवरी 2017 से अक्टूबर 2017 तक की अवधि में प्राप्त माहवार शिकायतों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ग) पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अन्तर्गत निविदा प्रक्रिया का पालन करते हुये एवं विद्युत बिलों के संबंध में प्राप्त हो रही शिकायतों को कम करने के उद्देश्य से स्पॉट बिलिंग का कार्यादेश, जबलपुर शहर वृत्त एवं दमोह (संचा/संधा) वृत्त के लिए मेसर्स फीडबैक इंफ्रा प्रा.लि. गुडगांव को दिनांक 07.04.2017 को तथा जबलपुर (संचा/संधा) संभाग एवं कटनी (संचा/संधा) संभाग हेतु मेसर्स फीडबैक इनर्जी डिस्ट्रीब्यूशन कम्पनी लिमिटेड, गुडगाँव को क्रमश: दिनांक 18.04.2017 तथा 19.04.2017 को जारी किया गया है। उक्तानुसार किये गये अवार्ड की प्रति, जिनमें ठेकेदार कंपनी को दिये गये कार्य की शर्तों का उल्लेख है क्रमश: पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब', 'स', 'द' एवं 'ई' अनुसार है। स्पॉट बिलिंग में की जा रही मीटर रीडिंग से उपभोक्ताओं को मीटर रीडिंग की सही जानकारी का बिल स्थल पर ही उपलब्ध हो जाता है। स्पॉट बिलिंग प्रक्रिया के अन्तर्गत की जा रही मीटर रीडिंग से विद्युत बिलिंग में पारदर्शिता आयेगी, जिससे उपभोक्ताओं को त्रुटिपूर्ण बिलिंग की समस्या से राहत मिलेगी। (घ) जी नहीं। माह जुलाई 2017 से मेसर्स फीडबैक इंफ्रा प्रा.लि. गुडगांव द्वारा स्पॉट बिलिंग का कार्य प्रारम्भ किया गया है। पूर्व में कार्यरत मीटर वाचकों द्वारा कुछ उपभोक्ताओं की गलत रीडिंग लिये जाने एवं माह मई 2017 में मीटर वाचकों के हड़ताल पर जाने के कारण उपभोक्ताओं के मीटरों में खपत संचित होती रही। स्पॉट बिलिंग प्रारम्भ होने पर कुछ उपभोक्ताओं के मीटरों में छूटी हुई रीडिंग के कारण हुई संचित खपत की वजह से अधिक राशि के बिल जारी हुये। उपभोक्ताओं द्वारा अधिक राशि के बिल की शिकायतें संबंधित कार्यालय में दर्ज कराई गई। शिकायतों की समीक्षा कर आवश्यकतानुसार स्लैब बिलिंग का लाभ देते हुये बिलों में सुधार किया गया। उपभोक्ताओं को बकाया राशि का किश्तों में भुगतान करने की सुविधा भी प्रदान की गयी। सामान्यत: प्रश्नाधीन क्षेत्र में नियमानुसार विद्युत बिलों का वितरण किया गया है। अधिक बिल की शिकायतें स्पॉट बिलिंग के प्रथम चक्र में ही अधिक प्राप्त हुई हैं एवं आगे के चक्रों में शिकायतों में कमी आयी है। उक्त शिकायतों के निराकरण हेतु माह जुलाई से नवम्बर-2017 तक लगातार विद्युत शिविरों का आयोजन एवं वितरण कंपनी के कार्यालयों में बिल सुधार हेतु विशेष एकल खिड़की की व्यवस्था की गई है।
विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत सूखा, नगना माईनर नहर से सिंचाई का विस्तारीकरण
[नर्मदा घाटी विकास]
21. ( क्र. 309 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत सूखा से नगना जाने वाली नहर के बीच में ग्राम मंगेला में 3600 एकड़ कृषि रकवा है? (ख) क्या इस नहर से मात्र 300 एकड़ रकवा ही सिंचित होता है? (ग) क्या शेष 3300 एकड़ रकवे में नहर के निर्माण वर्ष से ही पानी नहीं पहुंच रहा है परन्तु कृषकों द्वारा राजस्व राशि का भुगतान नियमित रूप से किया जा रहा है? (घ) क्या शेष 3300 एकड़ रकवे में पानी पहुंचाने हेतु कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जी नहीं, 2722 एकड़ है। (ख) जी नहीं, वर्ष 2016-17 में 525 एकड़ रबी एवं 662 एकड़ खरीफ तथा वर्ष 2017-18 में 725 एकड़ क्षेत्र में खरीफ में सिंचाई की गई है। (ग) जी नहीं। उन्हीं कृषकों द्वारा राशि का भुगतान किया जाता है जिनके कमांड क्षेत्र में सिंचाई हेतु पानी पहुंचता है। (घ) जी हाँ। शेष 1997 एकड़ में दिसम्बर 2019 तक लक्षित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री स्थायी पम्प कनेक्शन योजना
[ऊर्जा]
22. ( क्र. 319 ) श्री संजय शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन एवं नरसिंहपुर जिले में मुख्यमंत्री स्थायी पम्प कनेक्शन योजना के अंतर्गत योजना प्रारंभ की दिनांक से 31 अक्टूबर 17 तक कितने किसानों ने आवेदन पत्र जमा किये, कितने किसानों के ट्रांसफार्मर रखवाये तथा कितनों के नहीं तथा क्यों? कब तक रखवायेंगे? (ख) उक्त योजना के अंतर्गत किसानों को क्या-क्या कार्यवाही करनी पड़ती है तथा कितनी राशि जमा करने का प्रावधान है? कनेक्शन चार्ज पृथक से क्यों जमा करवाया जा रहा है? (ग) उक्त जिलों में कितने फीडरों में फीडर सेपरेशन का कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ है क्यों? उक्त कार्य कब तक पूर्ण होगा? (घ) उक्त अवधि में अधीक्षण अभियंता (संचा-संधा) कार्यपालन अभियंता (संचा-संधा), नरसिंहपुर/रायसेन के अधिकारियों को किन-किन सांसद,विधायकों के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) नरसिंहपुर जिले में मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पम्प कनेक्शन योजनान्तर्गत योजना प्रारंभ से दिनांक 31.10.2017 तक 1690 कृषकों द्वारा स्थाई पम्प कनेक्शन हेतु आवेदन जमा किये गये, जिसमें से दिनांक 31.10.2017 तक 798 कृषकों को पम्प कनेक्शन प्रदान करने हेतु वितरण ट्रांसफार्मर लगाकर कार्य पूर्ण कर दिये गये हैं तथा 260 कृषकों के कनेक्शन विद्यमान विद्युत अधोसंरचना से कर दिए गए हैं। शेष 632 कृषकों को पम्प कनेक्शन प्रदान करने हेतु वितरण ट्रांसफार्मर लगाने के कार्य वरीयता क्रमानुसार योजना के प्रावधानों के अनुरूप निर्धारित समय अवधि में किये जाने की कार्यवाही की जा रही है। रायसेन जिले में मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पंप कनेक्शन योजनान्तर्गत योजना प्रारंभ की दिनांक से 31 अक्टूबर 2017 तक 3444 कृषकों द्वारा स्थाई पम्प कनेक्शन हेतु आवेदन जमा किये गये हैं, जिसमें से दिनांक 31.10.2017 तक 1735 कृषकों को पम्प कनेक्शन प्रदान करने हेतु वितरण ट्रांसफार्मर लगाकर कार्य पूर्ण कर दिये गये हैं तथा शेष 1709 कृषकों को स्थाई विद्युत पम्प कनेक्शन प्रदान करने हेतु वितरण ट्रांसफार्मर लगाने के कार्य वरीयता क्रमानुसार योजना के प्रावधानों के अनुरूप निर्धारित समय अवधि में किये जाने की कार्यवाही की जा रही है। (ख) प्रश्नाधीन योजनान्तर्गत कृषकों को संबंधित वितरण केन्द्र में जाकर अथवा बिजली एप के माध्यम से निर्धारित प्रपत्र भरकर कनेक्शन हेतु योजना के प्रावधान अनुसार निर्धारित अंशराशि एवं खसरा/खतौनी की छायाप्रति संलग्न कर आवेदन जमा किये जाते हैं। अधोसंरचना के कार्य हेतु वर्तमान में निम्नानुसार राशि जमा करने का प्रावधान है :-
क्र. |
विवरण |
2 हेक्टेयर से क्रय के भूमि धारक हेतु निर्धारित राशि |
2 हेक्टेयर तथा अधिक भूमि धारक कृषकों हेतु निर्धारित राशि |
1 |
अनुसूचित जाति/जनजाति के हितग्राही |
रू. 5500 प्रति हार्स पॉवर |
रू. 12000 प्रति हार्स पॉवर |
2 |
सामान्य वर्ग के हितग्राही |
रू. 7500 प्रति हार्स पॉवर |
रू. 12000 प्रति हार्स पॉवर |
इसके अतिरिक्त कृषकों से विद्युत कनेक्शन हेतु राशि विद्युत प्रदाय संहिता 2013 एवं म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी विद्युत विनियम 2009 के प्रावधानों के अन्तर्गत ली जा रही है। (ग) नरसिंहपुर जिले में फीडर विभक्तिकरण योजना के अन्तर्गत कुल 211 फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य किया जाना था जिसमें से 191 फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण हो गया है, शेष 20 फीडरों में से 13 फीडरों का कार्य प्रगति पर है तथा 7 फीडरों का कार्य अप्रारंभ है। रायसेन जिले में फीडर विभक्तिकरण योजना के अन्तर्गत कुल 311 फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य किया जाना था जिसमें से 237 फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण हो गया है, शेष 74 फीडरों में से 21 फीडरों का कार्य प्रगति पर है तथा 53 फीडरों का कार्य अप्रारंभ है। (घ) प्रश्नाधीन अवधि में मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजना से संबंधित, अधीक्षण अभियंता (संचा.-संधा.) एवं कार्यपालन अभियंता (संचा.-संधा.) नरसिंहपुर के कार्यालय में कोई पत्र माननीय सांसद एवं माननीय विधायक से प्राप्त नहीं हुआ है तथा कार्यपालन अभियंता (संचा.-संधा.) एवं अधीक्षण अभियंता (संचा.-संधा.) रायसेन को माननीय सांसद एवं माननीय विधायक महोदय तथा अन्य सन्दर्भों से उक्त विषय पर प्राप्त पत्रों एवं उन पर की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
वन भूमि के पट्टे
[जनजातीय कार्य]
23. ( क्र. 320 ) श्री संजय शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले के विकासखण्ड बेगमगंज एवं सिलवानी में नवम्बर 17 की स्थिति में कितने वनाधिकार (वन भूमि के पट्टे) के आवेदन पत्र कब से किस स्तर पर क्यों लंबित हैं। (ख) क्या शासन द्वारा वन भूमि के पट्टा हेतु आवेदन करने पर रोक लगा दी गई है? यदि हाँ तो उक्त आदेश की प्रति दें। यदि नहीं, तो रायसेन जिले में संयोजक द्वारा रोक क्यों लगा दी गई है। (ग) उक्त विकासखण्डों में सामुदायिक दावों से संबंधित ग्राम सभा से पारित किन-किन दावों को किसने क्यों अस्वीकृत किया। (घ) वन भूमि के पट्टों के संबंध में मान. मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को किन-किन विधायकों के पत्र विगत 2 वर्षों में प्राप्त हुए तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रश्नांश अंतर्गत विकासखण्ड सिलवानी के 210 व्यक्तिगत एवं 114 सामुदायिक कुल 324 वन अधिकार के दावे उप खण्ड स्तर पर वर्ष 2017-18 से पी.डी.ए. सर्वे हेतु वन विभाग के पास लंबित है। विकासखण्ड बेगमगंज में कोई आवेदन पत्र किसी स्तर पर लंबित नहीं है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) विकासखण्ड सिलवानी एवं बेगमगंज के ग्राम सभा से पारित किसी दावे को अस्वीकृत नहीं किया गया है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
टेक-टू-होम राशन की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
24. ( क्र. 331 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या आंगनवाड़ी केन्द्रों में वितरित होने वाला (टी.एच.आर.) टेक-टू-होम राशन प्रदान करने का कार्य समूहों को प्रदान किया जाना है? अगर हां, तो इस संबंध में शासन द्वारा जारी किये गये आदेश एवं नियमावली जानकारी सहित उपलब्ध करायें? (ख) (टी.एच.आर.) टेक-टू-होम राशन प्रदान करने का कार्य समूहों को कब तक प्रदान कर दिया जायेगा? (ग) छिन्दवाड़ा जिले में माह अप्रैल 2017 से माह नवम्बर 2017 तक टेक-टू-होम राशन जिन हितग्राहियों को प्रदाय किया गया है? उसकी जानकारी हितग्राहियों के नाम प्रत्येक ग्राम एवं नगर के अनुसार आंगनवाड़ी केन्द्रवार उपलब्ध करायें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक दिनांक 14/11/17 में पूरक पोषण आहार (टेकहोम राशन) की नवीन नीति निर्धारित की गई है। (ख) राज्य मंत्रिपरिषद द्वारा निर्धारित नवीन नीति अनुसार आंगनवाड़ी केन्द्रों में पूरक पोषण आहार (टेकहोम राशन) की व्यवस्था शीघ्र लागू की जावेगी। (ग) छिन्दवाड़ा जिले में माह अप्रैल 2017 से माह नवम्बर 17 तक प्रदाय टेक-टू-होम राशन के औसत हितग्राही की संख्या परियोजनावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। हितग्राहियों के नाम प्रत्येक ग्राम एवं नगर के अनुसार केन्द्रवार जानकारी एकत्र की जा रही हैं।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायक की नियुक्ति
[महिला एवं बाल विकास]
25. ( क्र. 348 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिला एवं बाल विकास विभाग भिण्ड द्वारा विगत पाँच वर्षों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका के पद पर कहाँ पर किसकी नियुक्ति की गई? क्या प्रमाण पत्रों की जांच कर ली गई है? जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के अन्तर्गत चयन करते समय किन नियुक्ति में आपत्ति दर्ज की गई क्या आपत्ति का निराकरण कर लिया गया? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक निर्णय होगा? (ग) आंगनवाड़ी कार्यकर्ता पुलावली, चरी, बझाई तथा बाराखुर्द के प्रकरण का निराकरण प्रश्न दिनांक तक क्यों नहीं किया गया? इसके लिये कौन दोषी है? क्या कार्यवाही की जावेंगी? (घ) महिला एवं बाल विकास विभाग भिण्ड द्वारा नियुक्तियों में मापदण्डों का पालन क्यों नहीं हो रहा है? क्या विभाग के कर्मचारी प्रमाण-पत्रों में कांट-छांट कर चयनित उम्मीदवारों में परिवर्तन कर विलम्ब करते हैं? समयावधि में कार्यवाही क्यों नहीं हो रही है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) महिला एवं बाल विकास विभाग भिण्ड में विगत पाँच वर्षों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के 216 एवं आंगनवाड़ी सहायिका के 266 पदों पर नियुक्ति की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के 216 एवं सहायिकाओं के 266 पदों पर नियुक्तियां की गई है इन नियुक्तियों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के पदों पर 150 तथा आंगनवाड़ी सहायिकाओं के पदों पर 145 आपत्तियां पिछले पाँच वर्षों में प्राप्त हुई है। जी हाँ जिला स्तरीय आपत्ति निराकरण समिति द्वारा दिये गये निर्देश अनुसार आपत्तियों का नियमानुसार निराकरण कर लिया गया है। आंगनवाड़ी केन्द्र पुलावली एवं बाराखुर्द के प्रकरणों की कार्यवाही, जाँच प्रतिवेदन अप्राप्त होने के कारण प्रचलन में है। (ग) आंगनवाड़ी कार्यकर्ता पुलावली के संबंध में बी.पी.एल. कार्ड की शिकायत प्राप्त होने से जिला स्तरीय समिति द्वारा दिये गये निर्देशों के क्रम में मुख्य कार्यलपान अधिकारी जनपद पंचायत भिंड को दिनांक 22/02/2017 तथा तहसीलदार भिंड को बी.पी.एल. की जांच हेतु दिनांक 15/02/2017 तथा दिनांक 10/11/2017 को स्मरण पत्र लिखा गया है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता पंचायत बाराखुर्द के ग्राम सुलतानसिंह पुरा में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की अनंतिम सूची में प्रथम स्थान पर चयनित के अन्यत्र ग्राम में विवाह होने की शिकायत प्राप्त होने पर जिला स्तरीय समिति के निर्देश पर तहसीलदार भिंड को जाँच के लिये दिनांक 17/07/2017 को पत्र तथा दिनांक 10/11/2017 को स्मरण पत्र लिखा गया है। ग्राम चरी में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता तथा ग्राम बझाई में आंगनवाड़ी सहायिका के प्रकरणों का निराकरण जिला स्तरीय समिति द्वारा कर लिया गया है तथा दोनो ही ग्रामों में पात्र आवेदकों के नियुक्ति पत्र जारी कर दिये गये है। ग्राम पुलावली एवं बारखुर्द के प्रकरण जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर जिला स्तरीय समिति के समक्ष निराकरण हेतु प्रस्तुत किये जायेंगे। इसके लिये दोषी कोई नहीं है अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित होता है। (घ) भिंड द्वारा नियुक्ति मापदण्डों में विभाग के नियमों का पालन किया जा रहा है। जी नहीं। नियत समयावधि में कार्यवाही की जा रही है।
बस्ती विकास की राशि का उपयोग
[अनुसूचित जाति कल्याण]
26. ( क्र. 350 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित प्रश्न क्रमांक 1253, दिनांक 01.03.2017 के परिप्रेक्ष्य में जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण भिण्ड द्वारा अनुसूचित जाति बस्ती के जो प्रकरण स्वीकृत किए उनमें क्या मापदण्ड निर्धारित किए गए है? छायाप्रति सहित जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या 40 प्रतिशत अनुसूचित जाति बस्ती के प्रकरणों को स्वीकृत किया जावेगा? यदि हां, तो विगत 05 वर्षों में कौन से प्रकरण स्वीकृत किए गए? क्या कार्य योजना बनाई गई? विवरण सहित जानकारी दें। क्या निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके हैं? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) के परिप्रेक्ष्य में नवम्बर 2017 से मार्च 2018 तक अनुसूचित जाति बस्ती के विकास के लिये क्या कार्य योजना तैयार की गई है? छायाप्रति सहित जानकारी दें। (घ) क्या नियमों के विपरीत अनुसूचित जाति बस्ती विकास में राशि व्यय हो रही है? इसके लिये कौन उत्तरदायी है? उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही होगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) मध्यप्रदेश अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना नियम, 2004, 2014 एवं 2016 में निर्धारित मापदण्ड अनुसार प्रकरण स्वीकृत किये गये हैं। नियमों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) जी हाँ। उपलब्ध आवंटन की सीमा अंतर्गत विगत 5 वर्षों में कुल 253 कार्य स्वीकृत किये गये हैं। कार्य योजना बनाई गई है। 253 में से 230 कार्य पूर्ण हो चुके हैं। अपूर्ण कार्यों के संबंध में एजेन्सी जनपद पंचायतों से प्रतिवेदन मंगवाये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ताप विद्युत ईकाइयों की उत्पादन क्षमता
[ऊर्जा]
27. ( क्र. 364 ) श्री जितू पटवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2002-03 में म.प्र.रा.वि.मं. की समस्त ताप विद्युत ईकाइयों की क्षमता 2272.5 मेगावाट एवं उत्पादन 14560 मिलियन यूनिट व पी.यू.एफ (P.U.F.) 73.17 था? (ख) वर्ष 2014-15 से अक्टूबर, 2017 तक म.प्र.पा.ज.कं.लि. की सभी ताप विद्युत ईकाइयों का वर्षवार, माहवार, ईकाइवार पी.यू.एफ. (P.U.F.) व कुल उत्पादन मिलियन यूनिट में टेबलरूप में देवें। (ग) क्या म.प्र.पा.ज.कं.लि. का विगत 2 वर्षों में पी.यू.एफ. (P.U.F.) घटकर देश के अन्य राज्यों की राज्य विद्युत उत्पादन कंपनियों से कम हो गया है? यदि हां, तो इसका जिम्मेदार कौन है और उस पर क्या कार्यवाही की जायेगी? (घ) प्रश्नांश (ग) अंतर्गत पूछे वर्षों में (P.U.F.) पी.यू.एफ. के कम होने का क्या कारण है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) वित्तीय वर्ष 2014-15 से अक्टूबर 2017 तक म.प्र.पा.ज.कं.लि. की ताप विद्युत ईकाइयों का ईकाइवार, माहवार, वर्षवार पी.यू.एफ. (P.U.F.) व विद्युत उत्पादन मिलियन यूनिट में क्रमश: पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-“अ” एवं “ब” अनुसार है। (ग) जी नहीं। तथापि यह स्पष्ट करना उचित होगा कि ताप विद्युत इकाई से उत्पादन, विद्युत की मांग पर भी निर्भर रहता है। विद्युत इकाई उपलब्ध रहने पर भी विद्युत की मांग में कमी के कारण इकाई को रिजर्व शट-डाउन में बद करना पड़ता है अथवा आंशिक भार पर चलाना पड़ता है। इससे पी.यू.एफ. प्रभावित होता है। अत: जिम्मेदारी एवं कार्यवाही का प्रश्न नहीं उठता। (घ) जैसा कि उत्तरांश 'ग' में उल्लेखित है, विगत दो वर्षों में म.प्र.पा.ज.कं.लि. का पी.यू.एफ. कम होने का मुख्य कारण प्रदेश में विद्युत की उपलब्धता एवं मांग में अंतर के कारण ताप विद्युत ईकाइयों को रिजर्व शट-डाउन पर बन्द रखा जाना या आंशिक भार पर चलाया जाना था।
प्रदेश की ताप विद्युत ईकाइयों को कोयले की आवश्यकता
[ऊर्जा]
28. ( क्र. 365 ) श्री जितू पटवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश की म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड की समस्त ताप विद्युत ईकाइयों को प्रति माह पूर्ण क्षमता पर चलने के लिए कितने कोयले की आवश्यकता होती है व कितना कोयला प्लांटों को दिया जा रहा है? 01 जनवरी, 2017 से 31 अक्टूबर, 2017 तक माहवार प्लांटों को दिये कोयले की मात्रा उपयोग किये कोयले व महीने के आखिर दिन बचे स्टॉक की मात्रा टेबल रूप में देंवे? (ख) क्या वर्तमान में सितम्बर व अक्टूबर माह में कोयले की कमी के कारण प्लांट अधिक क्षमता पर चल रहे हैं? यदि हाँ तो क्यों? क्या केन्द्र से पर्याप्त कोयला प्राप्त न होना कारण है? (ग) प्रश्नांश (ख) अवधि में मांग व आपूर्ति में कितना अंतर था, दिनांकवार टेबल में जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ख) अवधि में मांग आपूर्ति के अंतर को दूर करने के लिए कितनी बिजली किस भाव में किस-किस दिन खरीदी गई जानकारी मय विक्रेता के टेबल रूप में देवें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड की समस्त ताप विद्युत ईकाइयों को प्रतिमाह पूर्ण क्षमता पर चलाने के लिए कोयले की विद्युत गृहवार माहवार आवश्यकता, प्राप्त कोयले की माहवार मात्रा, उपयोग किये कोयले व माह के आखिरी दिन बचे स्टॉक की मात्रा की जनवरी-2017 से अक्टूबर-2017 तक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ में दर्शाई गई है। (ख) माह सितम्बर 2017 एवं अक्टूबर 2017 में म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड की कुछ ताप विद्युत ईकाइयों को अधिक क्षमता पर नहीं अपितु कम भार पर चलाया गया एवं कुछ ताप विद्युत ईकाइयों को बन्द भी रखा गया। इसका एक मुख्य कारण, कोयला कंपनियों से म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के ताप विद्युत गृहों को मांग के अनुरूप कोयला प्राप्त नहीं होना है। (ग) माह सितम्बर 2017 एवं अक्टूबर 2017 में विद्युत की मांग एवं आपूर्ति में अंतर की दिनांकवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–'ब' अनुसार है। (घ) सितम्बर 2017 एवं अक्टूबर 2017 में मांग एवं आपूर्ति में अंतर की अवधि में आश्यकतानुसार विद्युत क्रय तथा विक्रय दोनों किया गया है। प्रश्न में चाहे अनुसार दिनांकवार क्रय की गई विद्युत की मात्रा तथा दर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। एम.पी.पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा एक्सचेंज के माध्यम से विद्युत क्रय-विक्रय की गई है, जिसमें क्रेता विक्रेता की जानकारी उपलब्ध नहीं रहती है।
दूरस्थ ग्रामों में बिजली आपूर्ति
[ऊर्जा]
29. ( क्र. 387 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अति संवेदनशील नक्सल प्रभावित ग्राम नल्लेसरी, अतरिया, मेढ़रा, सीतापाला तथा कट्टीपार में बिजली की आपूर्ति विद्युत लाईन होने के बावजूद नहीं हो पा रही है? (ख) क्या वनांचल क्षेत्रों में केबल द्वारा विद्युत आपूर्ति करने में ज्वाइंट किट तथा टेक्निकल कर्मचारियों की कमी की वजह से वनांचल क्षेत्रों के आदिवासियों को आजादी के 70 साल बाद भी बिजली नहीं मिल पा रही है? (ग) वनांचल क्षेत्रों में केबिल के बार-बार खराब होने से विभाग क्या वैकल्पिक व्यवस्था करेगा ताकि विद्युत आपूर्ति नियमित बनी रहे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) बालाघाट जिले के नक्सल प्रभावित ग्राम अतरिया, मेढ़रा, सीतापाल (सीतपाला नहीं) एवं कट्टीपार में विद्युत प्रदाय सुचारू रूप से चालू है। ग्राम नल्लेसरी नहीं अपितु नलेझरी के साथ-साथ आसपास क्षेत्र को विद्युत प्रदाय करने वाली 11 के.व्ही. लाईन की लंबाई लगभग 12 कि.मी. है, जो घने जंगल से होकर गुजरती है, जिसके वर्तमान में 20 पोल टूट गये है एवं 0.5 कि.मी. केबल खराब हो गयी है, फलस्वरूप विद्युत प्रदाय 16.9.2017 से अवरूद्ध है। सुधार हेतु कार्य प्रगति पर है एवं उक्त कार्य पूर्ण कर दिसम्बर माह के प्रथम सप्ताह में विद्युत व्यवस्था सामान्य किये जाने के प्रयास हैं। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र में आवश्यकतानुसार ज्वाइंट किट पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं तथा केबल खराब होने एवं उसके सुधार हेतु वितरण केन्द्र किरनापुर में 10 नियमित लाईन कर्मचारी एवं 06 आउट सोर्स कर्मचारी उपलब्ध हैं। इसी तरह लॉजी वितरण केन्द्र में 13 नियमित लाईन कर्मचारी एवं 09 आउट सोर्स कर्मचारी कार्यरत हैं, जिनके द्वारा नियमित सुधार कार्य किया जाता है। (ग) सघन वनांचल क्षेत्र में लाईन निर्माण की अनुमति वन विभाग द्वारा केबल पर ही दी जाती है। सामान्य तार के स्थान पर केबल की लाइन में सामान्यतया: कम खराबी आती है। तथापि लाईन में खराबी आने पर वितरण कंपनी द्वारा इसे यथाशीघ्र बदलने की कार्यवाही की जाती है।
म.प्र. लोक सेवा आयोग तथा व्यापमं की चयनित सूची की वैधता अवधि
[सामान्य प्रशासन]
30. ( क्र. 388 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विषयांकित दोनों संस्थाओं द्वारा चयनित अधिकारियों तथा कर्मचारियों की चयनित सूची की वैधता अवधि कितनी-कितनी है? (ख) क्या म.प्र. लोक सेवा आयोग की तुलना में व्यापमं द्वारा चयनित वैधता सूची की अवधि कम होने के कारण चयनित अभ्यर्थियों को रिक्त पद रह जाने पर लाभ नहीं मिल पा रहा है? (ग) शासन द्वारा व्यापम द्वारा चयनित सूची की समयावधि म.प्र. लोक सेवा आयोग से कम रखने के पीछे क्या तर्क है? (घ) क्या शासन व्यापमं की चयनित सूची की वैधता अवधि बढ़ाकर म.प्र. लोक सेवा आयोग के बराबर करने पर विचार करेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एक वर्ष। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सिविल कार्यों के देयक का भुगतान
[ऊर्जा]
31. ( क्र. 395 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न संख्या 19 (क्र. 39) दिनांक 18 जुलाई 2017 के प्रश्नांश (ख) के उत्तर में निर्माण एजेन्सी के लंबित देयकों के निराकरण हेतु कमेटी बनाकर अग्रिम कार्यवाही किए जाने एवं भुगतान के संबंध में यथाशीघ्र निर्णय लिये जाने की जानकारी दी थी तो क्या उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में म.प्र.म.क्षे.वि.वि.क.लि. ग्वालियर द्वारा निर्माण एजेन्सी संजय कन्सट्रक्शन्स दतिया को कुल कितनी राशि का भुगतान किया गया एवं कितना भुगतान किन कारणों से किया जाना शेष है? शेष भुगतान कब तक कर दिया जाएगा? (ख) क्या उक्त संदर्भित प्रश्न के प्रश्नांश (घ) के उत्तर में माननीय मंत्री जी द्वारा 28 कार्यादेशों के भुगतान की जांच मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी से कराई जाने के उपरांत, प्रकरण में मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा अंतिम निर्णय लिए जाने की जानकारी भी दी गई थी? यदि हाँ तो प्रश्न दिनांक क्या अंतिम निर्णय लिया जा चुका? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। लंबित देयकों के निराकरण हेतु गठित कमेटी की अनुशंसानुसार निर्माण एजेंसी मेसर्स संजय कन्स्ट्रक्शन्स, दतिया को लंबित 28 प्रकरणों में से 25 प्रकरणों में कुल भुगतान योग्य पायी गई राशि रुपये 60.88 लाख के देयकों का भुगतान, धरोहर राशि रुपये 5.64 लाख रोककर, किया जा चुका है। धरोहर राशि का भुगतान प्रक्रियाधीन है। शेष 3 कार्य ठेकेदार एजेन्सी द्वारा कार्यादेश के अनुसार कार्य संपादित नहीं किये जाने के कारण भुगतान योग्य नहीं पाए गये। (ख) मेसर्स संजय कन्स्ट्रक्शन्स, दतिया के 28 कार्यादेशों के भुगतान हेतु म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा जांच कमेटी गठित की थी, जिसमें कमेटी द्वारा की गई अनुशंसा के आधार पर उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार भुगतान योग्य पाये गये सभी 25 कार्यों का भुगतान ठेकेदार एजेन्सी को किया जा चुका है।
मृतक के परिजनों को मुआवजा भुगतान
[ऊर्जा]
32. ( क्र. 396 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भिण्ड जिले के तहसील लहार के ग्राम केशवगढ़ के किसान श्री नरेश सिंह पुत्र जगन्नाथ सिंह उम्र 32 वर्ष अपने खेत पर कृषि कार्य करते समय हवा चलने से बिजली का तार टूटकर गिरने से 02.07.2017 को मौत हुई थी? (ख) यदि हाँ तो क्या मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कं. लिमि. के अंतर्गत मृतक किसान के परिजन को मुआवजा देने का प्रावधान है? यदि हाँ तो क्या मृतक के परिजन द्वारा माह जुलाई 2017 में उप महाप्रबंधक कार्यालय लहार जिला भिण्ड में मुआवजे के दस्तावेज प्रस्तुत करने के बाद भी मुआवजा राशि का भुगतान नहीं किया गया? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा उप महाप्रबंधक लहार को मृतक के परिजनों को मुआवजा दिए जाने के संबंध में अनेक बार मौखिक रूप से अनुरोध किए जाने व लिखित में पत्र देने के बाद भी मृतक के परिजन को आर्थिक सहायता उपलब्ध नहीं करायी गयी? यदि हाँ तो क्या इसकी जांच कराकर जिम्मेदार अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी एवं मृतक के परिजन को शीघ्र मुआवजा राशि का भुगतान किया जायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) विद्युत दुर्घटना के प्रकरणों में कंपनी में लागू नियम के अनुसार आर्थिक सहायता अनुदान देने का प्रावधान है। मृतक के परिजनों द्वारा दिनांक 27.07.2017 को सहायक यंत्री, लहार कार्यालय में पोस्टमार्टम रिपोर्ट प्रस्तुत करके दुर्घटना की जानकारी दी गई थी। तदुपरांत सहायक यंत्री, लहार द्वारा घटना की जांच की गयी। दिनांक 13.11.2017 को मृतक के वारिस को रू. चार लाख आर्थिक सहायता अनुदान (क्षतिपूर्ति) स्वीकृत कर दिनांक 14.11.2017 को मृतक के वारिस को भुगतान कर दिया गया है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में किसी अधिकारी के दोषी होने अथवा इस संबंध में किसी प्रकार की जांच कराए जाने की आवश्यकता नहीं है।
विद्युतीकरण एवं बिजली बिलों की अनियमितता
[ऊर्जा]
33. ( क्र. 406 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा अधीक्षण यंत्री (सं.सा.) म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.क.लिमि. रीवा को पत्र क्र. क्रमश: 215 दिनांक 14.04.2016, क्र. 214 दिनांक 14.04.2016, क्र. 254 दिनांक 04.05.2016, क्र. 279 दिनांक 12.05.2016, क्र. 580 दिनांक 15.09.2016, क्र. 587 दिनांक 15.09.2016, क्र. क्यू. दिनांक 12.05.2017 बिजली से संबंधित लिखा गया था तथा श्री बसंतलाल तेली अमिलिहा सर्विस क्रमांक 534703-70-36-64476 हनुमना डी.सी. द्वारा जुलाई 2016 में अधिभार सहित सकल देयक राशि 2602 रूपये का भुगतान किया गया था तथा अगस्त 2016 को 10154 रूपये का बिल जारी किया गया तथा श्री अरूण कुमार मिश्र भमरा सर्विस क्र. 534710-72-4-1596986 मऊगंज-II द्वारा जून 2017 में बिजली का बिल 13000 रू. जमा किया जो जुलाई मास में 51058 रू. का बिल विभाग द्वारा जारी किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में यदि हाँ तो पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई की विस्तृत जानकारी के साथ-साथ 1 महीने का बिल 10154 रू. एवं 51058 रू. की जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में यदि कार्यवाही नहीं की गई तो इसके लिये कौन जिम्मेदार है, चिन्हित किया गया? यदि हाँ तो नाम बतावें? यदि नहीं, तो कारण बतावें? किया जावेगा तो कब समय-सीमा बतावें? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) एवं (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्रों का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ-1'' एवं ''ब-1''अनुसार है। श्री बसंत लाल तेली ग्राम-अमिलिहा सर्विस क्रमांक 534703-70-36-64476 वितरण केन्द्र हनुमना घरेलू उपभोक्ताओं हेतु लागू बकाया राशि-समाधान योजना में 28 मार्च 2016 को शामिल हुये थे एवं उनके द्वारा रू. 9800 का भुगतान किया गया। माह अप्रैल 2016 में योजना के प्रावधानानुसार रू. 9699.50 की छूट प्रदान की गयी। उपभोक्ता द्वारा माह जुलाई-16 के रू. 2602 की राशि के बिल का भुगतान माह अगस्त-16 में किया गया। उपभोक्ता द्वारा लगातार 04 माह अप्रैल 16 से जुलाई 16 तक बिल की राशि जमा नहीं करने तथा साफ्टवेयर में तकनीकी त्रुटि के कारण पूर्व में प्रदान की गयी छूट की राशि रू.9699.50 माह सितम्बर-16 में जारी अगस्त 2016 के बिल में जुड़ जाने से उपभोक्ता को कुल रू.10154 का बिल जारी हुआ था। चूंकि पूर्व में दी गयी छूट की राशि बिलिंग साफ्टवेयर में तकनीकी त्रुटि के कारण उपभोक्ता के बिल में जुड़ गयी थी, अतः संज्ञान में आने पर पुनः माह अक्टूबर-16 के बिल में उक्त राशि की छूट दी गयी। श्री अरूण कुमार मिश्रा, ग्राम भमरा सर्विस क्रमांक 534710-72-4-1596986 मऊगंज-द्वितीय को औसत खपत का बिल जारी हो रहा था। माह अप्रैल 17 में जांच किये जाने पर उपभोक्ता के परिसर में मीटर चालू पाया गया एवं मीटर रीडिंग 7878 यूनिट पाई गई। मीटर में दर्ज रीडिंग एवं पूर्व वाचन की रीडिंग के आधार पर खपत की गणना (7878-2860=5018) कर 5018 यूनिट का रू. 51058 का बिल जारी किया गया था। उपभोक्ता को कुल औसत यूनिट 1820 की रू. 21484 की राशि की छूट माह मई-17 के बिल में दी गई हैं। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्रों पर की गई कार्यवाही तथा प्रश्नांश (क) में उल्लेखित 2 उपभोक्ताओं के बिलों में किये गए सुधार/प्रदान की गई छूट की जानकारी उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार है। (ग) श्री बसंत लाल तेली ग्राम-अमिलिहा सर्विस क्रमांक 534703-70-36-64476 के प्रकरण में बिलिंग सॉफ्टवेयर में त्रुटि के कारण त्रुटिपूर्ण बिल जारी हुआ था जिसके लिए कोई दोषी नहीं है। श्री अरूण कुमार मिश्रा, ग्राम भमरा, सर्विस क्रमांक 534710-72-4-1596986 की रीडिंग में त्रुटि करने वाले मीटर वाचक श्री राजकुमार पटेल को कार्य से पृथक कर दिया गया है।
दीनदयाल उपाध्याय योजना
[ऊर्जा]
34. ( क्र. 470 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उज्जैन जिले की बड़नगर विधानसभा क्षेत्र के सभी ग्रामों के मजरों-टोलों/ग्रामों/बस्तियों को दीनदयाल उपाध्याय योजना में सम्मिलित किया गया है? यदि हाँ, तो ग्रामों के मजरों-टोलों/ग्रामों/बस्तियों की सूची उपलब्ध करावें। यदि त्रुटिवश कोई स्थान छूट गया है तो उसको जोड़ने का क्या प्रावधान है? दीनदयाल उपाध्याय योजना के अंतर्गत 24 घंटे बिजली से इन मजरों-टोलों/ग्रामों/बस्तियों को कब तक जोड़ा जावेगा? (ख) बड़नगर शहर के अंतर्गत दीनदयाल उपाध्याय योजना के अंतर्गत कौन-कौन से कार्य प्रस्तावित हैं? प्रस्तावित कार्य कब तक पूर्ण कर लिये जावेंगे। (ग) दीनदयाल उपाध्याय योजना में बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में कितने ग्रिड स्वीकृत हैं एवं कितने ग्रिड प्रस्तावित हैं तथा कितने पॉवर ट्रांसफार्मर क्षमता वृद्धि के प्रस्तावित हैं? उक्त कार्य कब तक पूर्ण कर लिये जावेंगे? (घ) दीनदयाल उपाध्याय योजना का कार्य किस कंपनी को, किन शर्तों पर दिया गया है? प्रश्न दिनांक तक कंपनी द्वारा कितना कार्य किया जा चुका है एवं कितना शेष है? यदि कंपनी समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं करेगी तो कितनी-कितनी पेनल्टी लगाई जावेगी तथा क्या-क्या कार्यवाही की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) उज्जैन जिले की बड़नगर विधानसभा क्षेत्र के सभी 190 राजस्व ग्रामों के अविद्युतीकृत 256 मजरों-टोलों/बस्तियों में से 136 मजरों/टोलों/बस्तियों को दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत विद्युतीकरण हेतु शामिल कर लिया गया है, शेष 120 मजरों/टोलों/बस्तियों को सौभाग्य योजना में शामिल किया जा रहा है। सौभाग्य योजना में शामिल किए जाने वाले 120 मजरो-टोलों/बस्तियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ-01 अनुसार है। दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत शामिल 136 मजरों/टोलों/बस्तियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ-02 अनुसार है। इस प्रकार विधानसभा क्षेत्र बड़नगर के शेष सभी मजरे/टोले/बस्तियाँ को योजना में शामिल किया गया है। इन मजरे-टोलों के विद्युतीकरण का कार्य दिसम्बर-2018 तक पूर्ण कर इन्हें बिजली प्रदान करने की संभावना है। (ख) बड़नगर शहर में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत कोई भी कार्य प्रस्तावित नहीं है। उक्त योजना केवल ग्रामीण क्षेत्र के लिए लागू है। अत: प्रश्नांश का शेष भाग लागू नहीं। (ग) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना अंतर्गत 5एम.व्ही.ए. क्षमता के दो विद्युत उपकेन्द्र स्वीकृत है तथा अन्य कोई भी उपकेन्द्र प्रस्तावित नहीं है। पॉवर ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि किए जाने का भी कोई प्रस्ताव नहीं है। स्वीकृत उपकेन्द्रों का निर्माण कार्य मई-2018 तक पूर्ण किया जाना संभावित है। (घ) दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत मेसर्स के.एम.सी. कंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड, हैदराबाद को कार्यादेश दिनांक 24.11.2016 को दिया गया। कार्यादेश की शर्त पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। कंपनी द्वारा किया गया कार्य एवं शेष कार्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। निविदा अनुबंध की शर्त के अनुसार कंपनी द्वारा कार्य में विलम्ब पर निर्धारित समय-सीमा में निष्पादित किए जाने वाले कार्यों में से अपूर्ण कार्य की राशि पर प्रथम चार सप्ताह में 0.125 प्रतिशत प्रति सप्ताह, द्वितीय चार सप्ताह में 0.25 प्रतिशत प्रति सप्ताह तथा तदुपरांत 0.50 प्रतिशत प्रति सप्ताह की दर से शास्ति अधिरोपित किये जाने का प्रावधान है। तथापि अधिकतम शास्ति कार्यादेश की कुल राशि का 5 प्रतिशत होगी। अनुबंध के अनुसार कार्य निष्पादन नहीं करने पर अनुबंध समाप्त किये जाने का प्रावधान भी निविदा अनुबंध की शर्त में शामिल है।
अधिकारियों/कर्मचारियों के स्थानांतरण
[ऊर्जा]
35. ( क्र. 471 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्य अभियन्ता मध्य प्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड उज्जैन क्षेत्र के द्वारा 1 मई 2017 से प्रश्न दिनांक तक विभिन्न केडर के कितने स्थानांतरण किये गये हैं? नाम, पदवार, स्थान सहित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) विभिन्न केडर के कितने स्थानांतरण में संशोधन किया गया? केडरवार जानकारी देवें। कितने स्थानांतरण निरस्त किये गये? निरस्त एवं संशोधन किये गये स्थानांतरण के क्या कारण थे? नामवार, कारण सहित संपूर्ण सूची उपलब्ध करावें। (ग) किये गये स्थानांतरण, संशोधन एवं निरस्त करने में किन-किन अधिकारियों का अनुमोदन लिया गया? पदवार, नामवार जिलेवार जानकारी उपलब्ध करावें। किन स्थानांतरण/संशोधन/निरस्त में बिना अनुमोदन के ही आदेश जारी किये गये? जानकरी पृथक-पृथक उपलब्ध करावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) मुख्य अभियंता, उज्जैन द्वारा 01 मई-2017 से प्रश्न दिनांक तक विभिन्न पद श्रेणियों (केडर) में 162 स्थानांतरण किये गये हैं। नाम, पदनाम एवं स्थान सहित सम्पूर्ण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) उज्जैन क्षेत्रान्तर्गत विभिन्न केडर में 08 स्थानांतरण आदेश संशोधित किये गये हैं। संशोधित किये गये स्थानांतरण की नामवार, केडरवार, कारण सहित सम्पूर्ण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। कोई भी स्थानांतरण निरस्त नहीं किये गये हैं। (ग) किये गये स्थानान्तरण एवं स्थानांतरण आदेशों को संशोधन करने के लिए कार्पोरेट कार्यालय/मुख्य अभियंता से अनुमोदन प्राप्त किया गया है। पदवार, नामवार एवं जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। बिना अनुमोदन के कोई भी स्थानांतरण आदेश/संशोधन आदेश जारी नहीं किये गये हैं। शेष प्रश्नांश लागू नहीं।
प्रोटोकाल के उल्लंघन पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
36. ( क्र. 492 ) श्री मधु भगत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परसवाड़ा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक विभिन्न विभागों यथा लोक निर्माण विभाग ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग, प्रधानमंत्री सड़क योजना, ऊर्जा विभाग, शिक्षा विभाग द्वारा नवीन निर्माण या संयंत्रों की स्थापना की गई? नामवार बतायें। (ख) क्या किसी भी नवीन निर्माण किये जाने हेतु जनप्रतिनिधियों द्वारा शिलान्यास/भूमि पूजन/लोकार्पण किये जाने के निर्देश हैं? यदि हाँ, तो बतायें कि कितने नवीन निर्माण या संयंत्रों की स्थापना में स्थानीय विधायक को या अन्य जनप्रतिनिधियों को शामिल किया गया? जनप्रतिनिधियों की दिनांकवार, नामवार, पदवार जानकारी देवें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में वर्तमान विधायक द्वारा शिलान्यास, प्रोटोकाल के उल्लंघन से संबंधित शिकायतें कई बार प्रशासन से की जा चुकी हैं एवं कई जगह पूर्व विधायक द्वारा भूमि पूजन/लोकार्पण/शिलान्यास कार्यक्रम किया गया है? तत्संबंध में यह बतायें कि जानबूझकर वर्तमान विधायक को कई बार उक्त कार्यक्रम में क्यों आमंत्रित नहीं किया गया? प्रोटोकाल के हिसाब से आमंत्रण कार्ड में स्थानीय विधायक का नाम भी अंकित नहीं किया गया? इसके लिये जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) विगत दो वर्षों में जिन कार्यों में भूमि पूजन/लोकार्पण/शिलान्यास कार्यक्रम नहीं किया गया है, उनकी उक्त कार्यों हेतु प्रदाय की गई राशि शासन द्वारा वापस ली जावेगी एवं जिम्मेदार अधिकारियों/निर्माण एजेंसियों पर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नियुक्ति में अनियमितता की जांच एवं कार्यवाही
[महिला एवं बाल विकास]
37. ( क्र. 493 ) श्री मधु भगत : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका की चयन एवं नियुक्ति के शासन से क्या दिशा निर्देश लागू हैं? प्रतियां बतायें। क्या बी.पी.एल. परिवार के आवेदकों के सक्षम अधिकारी द्वारा जारी राशनकार्ड जो कि भर्ती विज्ञापन दिनांक तक जो अद्यतन बी.पी.एल. सूची में हैं, को निर्धारित 10 अंक दिये जाने का प्रावधान है? (ख) क्या अनंतिम वरीयता सूची जारी होने के बाद अंतिम सूची के वरीयता क्रम में आवेदिकाओं के बी.पी.एल. कार्ड की जांच किये जाने का नियम है? यदि हाँ, तो क्या सभी आवेदिकाओं के बी.पी.एल. कार्ड की जांच की गई? जांच रिपोर्ट बतायें। यदि जांच नहीं किये जाने का प्रावधान है तो बालाघाट विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम पंचायत बुढियागाँव तथा आमगाँव के आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका के चयन एवं नियुक्ति पर अनंतिम रूप से चयनित आवेदकों के बी.पी.एल. सूची की जांच किस आधार पर/नियम पर की गई एवं बी.पी.एल. सूची को अपात्र बताकर 10 अंक जिला स्तरीय समिति द्वारा विलोपित कर अपात्रों का चयन कर दिया गया? (ग) क्या उक्त प्रकरण की निष्पक्ष उच्च स्तरीय जांच कराकर नियम विरूद्ध अपात्रों के चयन को निरस्त करने की कार्यवाही की जावेगी और विज्ञापन दिनांक तक की स्थिति में बी.पी.एल. कार्डधारी पात्र आवेदकों को 10 अंक दिये जाकर नियुक्ति प्रदान की जावेगी? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें और यह भी बतायें कि जिम्मेदार दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों पर दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) विभागीय पत्र क्र./एफ 3-2/06 /50-2/ दिनांक 10.07.2007 द्वारा जारी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिकाओं के चयन एवं नियुक्ति के संशोधित निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ। (ख) जी हाँ। विभागीय पत्र क्र./एफ 3-2/06/50-2/दिनांक 10.07.2007 द्वारा जारी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिकाओं के चयन एवं नियुक्ति के संशोधित निर्देश की कंडिका-स-3 अनुसार अनंतिम वरीयता सूची प्रकाशन दिनांक से सात दिवस के भीतर आपत्तियां स्वीकार किये जाने का प्रावधान है तथा कंडिका-स-4 में प्राप्त आपत्तियों के निराकरण का प्रावधान है। प्रश्नांश (ख) से संबधित प्रकरण परियोजना अधिकारी एकीकृत बाल विकास सेवा परियोजना बालाघाट ग्रामीण द्वारा अनंतिम वरीयता सूची पर प्राप्त आपत्तियां दर्ज होने पर विभाग के दिशा-निर्देशों के अनुरूप गठित जिला स्तरीय समिति द्वारा दिनांक 17/03/2017 द्वारा लिये गये निर्णय अनुसार आवेदिकाओं के बी.पी.एल. कार्ड की जांच कराये जाने के निर्देश दिये गये। समिति द्वारा दिये गये निर्देशों के पालन में अनंतिम वरीयता सूची में प्रथम स्थान पर चयनित आवेदिका श्रीमती भुमेश्वरी पति काशीराम नगपुरे, कु. चन्द्रकला बनोटे पिता श्री सूरजलाल बनोटे एवं श्रीमती सविता पति श्री मुन्नालाल मरकाम ग्राम आमगाँव के आवेदिकाओं के बी.पी.एल. कार्ड तथा ग्राम बुढियागाँव के चारों आवेदिकाओं यथा श्रीमती हीना पति जावेद खान, श्रीमती ममता पति श्री हरिओम, श्रीमती मीना मरकाम पति श्री शिवचरण मरकाम तथा हेमलता उईके/ईताम सिंह उईके के बी.पी.एल. कार्ड के जाँच तहसीलदार बालाघाट से कराये जाने हेतु जिला कार्यक्रम अधिकारी एकीकृत बाल विकास बालाघाट द्वारा पत्र क्र. 871 तथा 872 दिनांक 06/04/2017 द्वारा पत्र जारी किया गया। कार्यालय तहसीलदार बालाघाट के पत्र क्र. 3302 दिनांक 02.06.2017 द्वारा ग्राम बुढियागाँव एवं ग्राम आमगाँव के बी.पी.एल. कार्ड का जांच प्रतिवेदन के आधार पर जिला स्तरीय चयन समिति की बैठक दिनांक 31/07/2017 द्वारा लिये गये निणर्य/अनुमोदन पश्चात अन्तिम चयन सूची जिला कार्यक्रम अधिकारी एकीकृत बाल विकास सेवा जिला बालाघाट द्वारा पत्र क्र. 193 दिनांक 14.08.2017 को जारी की गई। (ग) जी नहीं। विभाग द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिकाओं की नियुक्ति के निर्धारित निर्देशों के तहत नियमानुसार पात्र आवेदिकाओं का चयन किया गया है। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
सामाजिक उत्तरदायित्व अंतर्गत विकास कार्य
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
38. ( क्र. 517 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लदूना, छोटी पतलासी, नाटाराम, मामादेव, में सौर ऊर्जा प्लांट द्वारा प्लांट की स्थापना से प्रश्न दिनांक तक कितनी यूनिट का उत्पादन कर विक्रय किया गया है? अलग-अलग जानकारी देवें। (ख) कंपनी एक्ट 2013 की धारा 134 उपधारा (1) में प्रावधानित कंपनी को शुद्ध लाभ का 2 प्रतिशत सामाजिक उत्तर दायित्व पर व्यय करना होता है एवं धारा 135 (1) कंपनी के ऊपर निर्भर रहता है। प्रश्नांश (क) अनुसार स्थापित सौर ऊर्जा प्लांटों के द्वारा क्या धारा 134 (1) के अंतर्गत विकास कार्य कराया गया? कंपनीवार, पृथक-पृथक विकास कार्य का नाम स्थान एवं राशि सहित जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में स्थापित सौर ऊर्जा प्लांट क्षेत्र में विकास हेतु राशि खर्च नहीं करती है, तो उसका कारण बतावें। (घ) सौर ऊर्जा प्लांटों के द्वारा उपरोक्त ग्रामों में विकास हेतु कौन-कौन से कार्य प्रस्तावित किए गए हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कम्पनी एक्ट 2013 की धारा 134 उपधारा (1) कम्पनी के वित्तीय स्टेटमेंट से संबंधित है। कम्पनी एक्ट की धारा 135 (1) में कम्पनियों को सी.एस.आर. के अन्तर्गत विकास कार्य किये जाने संबंधी प्रावधान है, जिसके अनुसार उन कम्पनियों को अपने औसत लाभ का 2 प्रतिशत ''कार्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व'' में व्यय करना होता है जिनका (1) टर्न ओवर - रूपये 1000 करोड़ या उससे अधिक हो, (2) कुल नेट वर्थ- रूपये 500 करोड़ या उससे अधिक हो, या (3) शुद्ध लाभ-रूपये 5 करोड़ या उससे अधिक हो। प्रश्नांश (क) से संबंधित कम्पनियों पर अपर उल्लेखित प्रावधानों अनुसार कम्पनी अधिनियम-2013 की धारा 135 में वर्णित प्रावधान लागू नहीं होते हैं। इस मापदण्ड के अन्तर्गत सुवासरा विधानसभा क्षेत्र की काई भी कम्पनी नहीं आती। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार। (घ) कोई कार्य प्रस्तावित नहीं है।
महिला एवं बाल विकास विभाग की संचालित योजनाएं
[महिला एवं बाल विकास]
39. ( क्र. 550 ) श्री सतीश मालवीय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिला एवं बाल विकास विभाग की कौन-कौन सी योजना वर्तमान में संचालित हो रही हैं? योजना की सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) घट्टिया विधानसभा क्षेत्र में दिसम्बर 2013 से प्रश्न दिनांक तक विभाग की कौन-कौन सी योजनाओं में कितने हितग्राही को क्या-क्या लाभ दिया गया है? हितग्राही संख्यावार संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) दिसम्बर 2013 से प्रश्न दिनांक तक घट्टिया विधानसभा क्षेत्र में कितने भवन, कहाँ-कहाँ स्वीकृत किये गये हैं? वर्तमान में कितने भवन पूर्ण हैं, कितने अपूर्ण हैं? अपूर्ण भवन कब तक पूर्ण कर लिये जायेंगे?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) विभागीय अंतर्गत संचालनालय महिला सशक्तिकरण द्वारा लाडली लक्ष्मी योजना, समैकित बाल संरक्षण योजना, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना, स्वागतम लक्ष्मी योजना, लाडो, जाबाली योजना, ऊषा किरण योजना, वन स्टॉप सेंटर, मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजना, शौर्य दल, मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास कार्यक्रम संचालित की जा रही हैं। योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) घट्टिया विधानसभा क्षेत्र में प्रश्नांकित अवधि में विभागीय योजनाओं से लाभान्वित हितग्राहियों की संख्यावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) घट्टिया विधानसभा क्षेत्र में प्रश्नांकित अवधि में कुल 91 आंगनवाड़ी भवन स्वीकृत हुए हैं। स्वीकृत/पूर्ण/अपूर्ण भवनों की परियोजनावार तथा संख्यावार जानकारी निम्नानुसार है :-
क्रं. |
परियोजना का नाम |
घट्टिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाले केन्द्रों की संख्या |
प्रश्नाधीन अवधि में कितने भवन स्वीकृत हुए |
कितने पूर्ण हैं |
कितने अपूर्ण हैं |
1. |
घटिटया |
152 |
35 |
08 |
27 |
2. |
उज्जैन ग्रामीण |
96 |
28 |
13 |
15 |
3. |
खाचरोद-2 |
89 |
28 |
08 |
20 |
|
योग |
337 |
91 |
29 |
62 |
स्वीकृत 91 भवनों की पूर्ण/अपूर्ण की स्थिति की आंगनवाड़ी केन्द्रवार एवं परियोजनावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। आंगनवाड़ी भवन निर्माण कार्यस्थल पर स्थानीय परिस्थितियों एवं जुड़ाई कार्य के लिये बालू रेती की आपूर्ति नहीं होने से निर्माण कार्य अपूर्ण हैं। जिन्हें पूर्ण कराये जाने के प्रयास जारी है।
नवीन ग्रिड की स्थापना
[ऊर्जा]
40. ( क्र. 577 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र नागदा-खाचरौद के ग्राम भैंसोला में नवीन 132 के.वी. ग्रिड की स्थापना के लिये प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न क्रमांक 559 दिनांक 23 फरवरी 2017 के उत्तर में बताया गया था कि ग्राम भैंसोला जिला उज्जैन में 132 के.व्ही. उपकेन्द्र की स्थापना के कार्य की प्रशासनिक स्वीकृति दी जा चुकी है। यदि हाँ, तो ग्राम भैंसोला में 132 के.वी. की नवीन ग्रिड की स्थापना कब तक कर दी जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, विधानसभा क्षेत्र नागदा-खाचरौद के ग्राम भैंसोला में नवीन 132 के.व्ही. उपकेन्द्र की स्थापना के लिये प्रशासनिक स्वीकृति दी जा चुकी है। उपकेन्द्र के निर्माण हेतु वित्तीय संसाधन जुटाने के प्रयास किए जा रहे हैं। वित्तीय संसाधन की उपलब्धता के उपरांत ही उपकेन्द्र के स्थापना की तिथि बताना संभव होगा।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं का मानदेय
[महिला एवं बाल विकास]
41. ( क्र. 578 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं को काफी समय से 5000 एवं 2500 रूपये के मानदेय दिया जा रहा है? मंहगाई बढ़ने के बावजूद इन आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं का मानदेय नहीं बढ़ाया गया है, इनका मानदेय कब तक बढ़ा दिया जावेगा? (ख) क्या मानदेय बढ़ाने हेतु केन्द्र सरकार को कोई प्रस्ताव भेजा गया है? यदि नहीं, तो कब तक भेजा जावेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। विवरण निम्नानुसार है-
विवरण |
मानदेय केन्द्र सरकार द्वारा देय |
अतिरिक्त मानदेय राज्य सरकार द्वारा |
कुल योग मानदेय एवं अतिरिक्त मानदेय |
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता |
राशि रू. 3000/- प्रतिमाह |
राशि रू. 2000/- प्रतिमाह |
राशि रू. 5000/- प्रतिमाह |
आंगनवाड़ी सहायिका |
राशि रू. 1500/- प्रतिमाह |
राशि रू. 1000/- प्रतिमाह |
राशि रू. 2500/- प्रतिमाह |
भारत सरकार
द्वारा आँगनवाड़ी
कार्यकर्ता
के पद को
मानसेवी
श्रेणी में
रखा गया है। मानदेय
बढ़ाने का
निर्णय भारत
सरकार द्वारा लिया
जाता है। अतः
मानदेय
बढ़ाने की समय-सीमा
दिया जाना
सम्भव नहीं है।
(ख) भारत
सरकार द्वारा आँगनवाड़ी
कार्यकर्ता
के पद को
मानसेवी
श्रेणी में
रखा गया है। मानदेय
बढ़ाने का
निर्णय भारत
सरकार द्वारा लिया
जाता है। अतः
शेष का प्रश्न
नहीं।
132 के.व्ही. उपकेन्द्र की स्वीकृति
[ऊर्जा]
42. ( क्र. 589 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत ग्राम मानपुर व इसके आस-पास के क्षेत्र में विद्यमान तीन दर्जन से अधिक ग्रामों में प्रतिवर्ष कृषि सीजन में अधिकांश कृषक विद्युत चलित पम्पों से खेतों की सिंचाई करते हैं। (ख) उक्त कारण से क्या कृषकों को प्रतिवर्ष कृषि सीजन में विद्युत भार व मांग की अधिकता के कारण पर्याप्त वोल्टेज के साथ नियमित सुचारू विद्युत सप्लाई नहीं मिल पाती है, नतीजन उन्हें कई प्रकार की कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है? (ग) क्या उक्त कठिनाईयों का निवारण तभी संभव है जब ग्राम मानपुर में 132 के.व्ही. उपकेन्द्र स्वीकृत कर इसका निर्माण कार्य पूर्ण करके इसे स्थापित करा दिया जावे? (घ) यदि हाँ, तो क्या वर्तमान में विद्युत कंपनी में उक्त सब-स्टेशन की स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलित हैं? यदि हाँ, तो कृषकों के हित में क्या विद्युत कंपनी इस प्रचलित कार्यवाही को यथाशीघ्र पूर्ण करके ग्राम मानपुर में 132 के.व्ही. उपकेन्द्र स्वीकृत कर इसका निर्माण कार्य प्रारंभ करवाएगी अथवा इस हेतु शासन विद्युत कंपनी को निर्देशित करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। श्योपुर विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत ग्राम मानपुर व इसके आस-पास के ग्रामों में कृषि सीजन में कतिपय अवसरों पर विद्युत प्रदाय में व्यवधान को छोड़कर पर्याप्त वोल्टेज के साथ सुचारू रूप से विद्युत प्रदाय किया जाता है। (ग) जी नहीं। वर्तमान में विद्यमान भार के आधार पर ग्राम मानपुर में नवीन 132/33 के.व्ही. उपकेन्द्र की स्थापना तकनीकी रूप से साध्य नहीं पाई गई है। तथापि भविष्य में संभावित भार वृद्धि के परिप्रेक्ष्य में ग्राम मानपुर से 6 किलोमीटर दूर ग्राम धीरोली में दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनान्तर्गत नवीन 33/11 के.वी. उपकेन्द्र स्वीकृत है। (घ) उत्तरांश (ग) में दर्शाए अनुसार ग्राम मानपुर में 132 के.व्ही. उपकेन्द्र की स्थापना आवश्यक नहीं है, अत: प्रश्न नहीं उठता।
ढोंढपुर में नवीन 33/11 विद्युत उपकेन्द्र की स्वीकृति
[ऊर्जा]
43. ( क्र. 590 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 681 दिनांक 25.07.2017 के प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर में स्वीकार किया है कि श्योपुर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत ग्राम ढोंढपुर व इसके आस-पास के दर्जन भर ग्रामों में प्रतिवर्ष कृषि सीजन में विद्युत मांग/भार की अधिकता के कारण सुचारू विद्युत प्रदाय व लो वोल्टेज की समस्या रहती है? तकनीकी परीक्षण उपरांत ढोंढपुर में नवीन 33/11 विद्युत उपकेन्द्र के निर्माण कार्य को साध्य पाया गया है तथा वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता अनुसार आगामी योजनाओं में इसे शामिल व स्वीकृत कर इसका निर्माण कार्य कराया जावेगा? इस हेतु विद्युत कंपनी द्वारा वित्तीय संस्थाओं से ऋण प्राप्ती के प्रयास किये जा रहे हैं। (ख) यदि हाँ, तो बतावें कि वित्तीय संस्थाओं से ऋण प्राप्ती हेतु वर्तमान तक क्या प्रयास किये गये अथवा किये जा रहे हैं? (ग) उक्त प्रयासों को मूर्त रूप देकर आगामी योजनाओं में प्रथम प्राथमिकता में ही ग्राम ढोंढपुर में कब तक नवीन 33/11 सब-स्टेशन स्वीकृत करने के कार्य को विद्युत कंपनी द्वारा शामिल करके स्वीकृति प्रदान कर दी जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) उक्त उपकेन्द्र के निर्माण के लिए वित्तीय संस्था से ऋण प्राप्ति हेतु कंपनी के संचालक मण्डल द्वारा प्रकरण अनुमोदित किया जा चुका है तथा अनुमोदन अनुसार वित्तीय संस्थाओं से ऋण प्राप्ति हेतु कार्यवाही प्रारंभ की गई है। (ग) वित्तीय संसाधन उपलब्ध होने के उपरांत ही उक्त उपकेन्द्र निर्माण के संबंध में आगामी कार्यवाही किया जाना संभव होगा, अत: वर्तमान में समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
कृषि कार्य हेतु अस्थायी कनेक्शनों की जानकारी
[ऊर्जा]
44. ( क्र. 621 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कृषि कार्य के लिए अस्थायी विद्युत कनेक्शन दिया जाता है? यदि हाँ, तो कनेक्शन देने के संबंध में क्या नियम हैं? (ख) क्या अस्थायी कनेक्शन के लिए कम पानी वाले स्त्रोत जैसे नाला, छोटी नदी, कुंआ जिनमें वर्षाकाल के बाद एक माह तक ही पानी रहता है? ऐसे स्थानों पर अस्थायी कनेक्शन के लिए पृथक से नियम हैं? (ग) शासन द्वारा कृषि कार्य के लिए अस्थायी विद्युत कनेक्शन के लिए कितनी राशि वसूली जा रही है? सीहोर जिले में विगत 3 वर्ष के दौरान कुल कितने अस्थायी कनेक्शन दिए गए? (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार एक से दो माह तक पानी की उपलब्धता वाले क्षेत्र के किसानों को राहत देने के लिए कंपनी की क्या योजना है? ब्यौरा दें। यदि नहीं, तो इस दिशा में क्या कार्यवाही की जाएगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। अस्थायी कृषि पंप कनेक्शन हेतु नियम संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी विद्युत दरों में अस्थायी कृषि पंप कनेक्शनों के लिये लागू दरों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। वर्तमान में दो माह तक की अवधि के लिये कनेक्शन लेने पर 2 माह की अग्रिम राशि जमा कराकर अस्थायी कृषि पंप कनेक्शन प्रदान किये जा रहे हैं। कनेक्शन उपयोग की अवधि के उपरांत कनेक्शन विच्छेदित किये जाने पर उक्त अग्रिम जमा राशि में से नियामक आयोग द्वारा जारी विद्युत दरों के आधार पर देय राशि का समायोजन कर शेष राशि उपभोक्ता को वापस लौटाई जाती है। सीहोर जिले में विगत 3 वर्षों के दौरान लिये गये अस्थायी कनेक्शनों की संख्या निम्नानुसार है:-
वर्ष |
संख्या |
2014-15 |
17136 |
2015-16 |
17967 |
2016-17 |
9891 |
2017-18 |
4561 |
(घ) नियामक आयोग द्वारा वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिये जारी टैरिफ आदेश के अनुसार 1 से 2 माह की अवधि के लिए भी अस्थायी कृषि पंप कनेक्शन लेने वाले उपभोक्ताओं को 3 माह की अग्रिम राशि जमा करनी है। कम वर्षा के दृष्टिगत राज्य शासन द्वारा पत्र दिनांक 3.11.2017 से नियामक आयोग को विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 108 के अंतर्गत दिशा-निर्देश जारी करते हुए सिंचाई हेतु 2 माह या उससे कम अवधि के लिये अस्थायी कनेक्शन लेने पर 3 माह की अग्रिम राशि जमा करने के स्थान पर 2 माह की अग्रिम राशि जमा करने का प्रावधान किया गया हैं। वितरण कंपनियों द्वारा उक्त दिशा-निर्देश का पालन किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री स्थाई पंप कनेक्शन योजना
[ऊर्जा]
45. ( क्र. 639 ) श्री हरवंश राठौर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले के बण्डा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में कृषक अनुदान योजना/मुख्य मंत्री स्थाई पंप कनेक्शन योजना के अन्तर्गत कितने कृषकों को स्थाई पंप कनेक्शन हेतु स्वीकृति प्रदान की गई? संख्या बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्य किन-किन ठेकेदारों को प्रदाय किए गए? ठेकेदारवार जानकारी उपलब्ध कराई जाए एवं निर्धारित समय-सीमा बताई जावे। (ग) क्या किसानों के एक दो वर्ष पुराने प्रकरण में भी पैसा जमा कराने के उपरांत वर्तमान में कार्य लंबित चल रहे एवं ठेकेदारों द्वारा समय-सीमा में काम नहीं कर रहे हैं? यदि हाँ, तो उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी एवं क्या समय-सीमा में पूर्ण कराने के निर्देश जारी किए जाएगें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) सागर जिले के बण्डा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में कृषक अनुदान योजना/मुख्यमंत्री स्थायी पम्प कनेक्शन योजना के अन्तर्गत 373 कृषकों के स्थायी पम्प कनेक्शन स्वीकृत किये गये। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कृषक अनुदान योजना/मुख्यमंत्री स्थायी पम्प कनेक्शन योजना के अन्तर्गत बण्डा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ठेकेदारों को प्रदाय किये गये पम्प कार्यों की ठेकेदारवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। कृषकों के पम्प कार्यों को कृषक द्वारा जमा की गई राशि की तिथि से 06 माह की अवधि में वरीयता सूची अनुसार पूर्ण कराये जाने के प्रयास हैं। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश लागू नहीं।
लेखापाल संवर्ग का समयमान वेतनमान
[सामान्य प्रशासन]
46. ( क्र. 648 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश दिनांक-5/17 अक्टूबर 2006 के क्रियान्वयन में जिन सिविल सेवाओं के लिए वेतनमानों का उन्नयन किया गया है, उनके सदस्यों को इस संशोधन वेतनमान में काल्पनिक नियुक्ति पूर्व तिथि से मानते हुये, इस योजना का लाभ दिनांक 01.04.2006 से दिया जायेगा? (ख) यदि हाँ, तो क्या सचिव वित्त विभाग, भोपाल द्वारा आदेश दिनांक 16.05.2017 के द्वारा लेखापाल पद का वेतनमान दिनांक 01.01.2016 से उन्नयन किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) के प्रकाश ने लेखापाल संवर्ग को द्वितीय समयमान वेतनमान का लाभ दिनांक 01.04.2006 से देय होगा या नहीं? यदि हाँ, तो कोष एवं लेखा भोपाल द्वारा उप सचिव वित्त विभाग भोपाल को प्रेषित किये गये पत्र पत्र दिनांक 02.12.13, 27.06.14 एवं 09.10.17 के क्रम में क्या वित्त विभाग से मार्गदर्शन जारी करवाया जावेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें। यदि नहीं, तो आर्थिक हानि के लिए जिम्मेदार कौन है? (घ) भोपाल संभाग अन्तर्गत शिक्षा विभाग में कितने लेखापाल ऐसे हैं जिन्हें द्वितीय समयमान वेतनमान का लाभ दिए जाने पर कोष लेखा एवं पेंशन भोपाल संभाग द्वारा आयुक्त कोष एवं लेखा के मागदर्शन समिति के निर्णय दिनांक 01.11.2016 के क्रम में वेतन पारित किये हैं? पारित वेतनमान की प्रति उपलब्ध करावें। कितने शेष हैं? शेष का वेतनमान पारित न करने का क्या कारण है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। वर्णित आदेश दिनांक 01/01/2016 से प्रभावशील किया गया है। अत: आर्थिक हानि की स्थिति नहीं है। (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मिनी आंगनवाड़ियों को पूर्ण आंगनवाड़ियों में विकसित करना
[महिला एवं बाल विकास]
47. ( क्र. 651 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) राजगढ़ जिले की नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र में कुल कितने मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र हैं? ग्राम का नाम/आंगनवाड़ी केन्द्र का नाम, बच्चों की संख्या सहित सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्न की कंडिका (क) की उपलब्ध जानकारी अनुसार ऐसे कितने मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र हैं, जिनको पूर्ण आंगनवाड़ी केन्द्र के रूप में विकसित किया जा सकता है? (ग) प्रश्नांश की कंडिका (ख) की उपलब्ध जानकारी अनुसार उक्त मिनी आंगनवाड़ियों को पूर्ण आंगनवाड़ी में कब तक विकसित कर दिया जावेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) राजगढ़ जिले की नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र में कुल 42 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र हैं। ग्रामवार/आंगनवाड़ी केन्द्र के नामवार एवं बच्चों की संख्या सहित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृति हेतु भारत सरकार द्वारा मापदण्ड निर्धारित किये गये हैं। भारत सरकार द्वारा ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र हेतु 400-800 की जनसंख्या पर एक, 800-1600 की जनसंख्या पर दो, 1600-2400 की जनसंख्या पर तीन तथा आदिवासी क्षेत्र में 300-800 की जनसंख्या पर एक आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने का प्रावधान है। इसके पश्चात प्रति 800 की जनसंख्या पर एक आंगनवाड़ी केन्द्र खोला जा सकता है। नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र के 05 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र ऐसे हैं जिनकी जनसंख्या नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने की पात्रता को पूरी करते हैं। उक्त ग्रामों के लिये नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने हेतु विधिवत प्रस्ताव प्राप्त होने पर नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने की स्वीकृति हेतु प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा जावेगा। भारत सरकार के नियमों में मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों को आंगनवाड़ी केन्द्र में उन्नयन करने का कोई प्रावधान नहीं है। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में जिले से प्रस्ताव प्राप्त होने पर केन्द्र खोले जाने का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा जावेगा। अतः समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्र
[महिला एवं बाल विकास]
48. ( क्र. 652 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) राजगढ़ जिले की नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र में ऐसे कितने आंगनवाड़ी केन्द्र हैं जो कि भवन विहीन हैं व किराये के भवन में संचालित हैं? आंगनवाड़ी केन्द्र का नाम, ग्राम का नाम सहित सूची उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश की कंडिका (क) की उपलब्ध जानकारी अनुसार भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये भवन कब तक स्वीकृत कर दिये जावेंगे?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) राजगढ़ जिले की नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र में कुल 432 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं। जिनमें से 175 आंगनवाड़ी केन्द्र विभागीय भवनों में, 112 आंगनवाड़ी केन्द्र अन्य शासकीय भवनों में एवं 145 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में (भवनविहीन) संचालित हैं। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है। अतः समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
सौर ऊर्जा की संचालित योजनाएं
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
49. ( क्र. 655 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 के लिये सौर ऊर्जा के प्रचार-प्रसार एवं उपकरण स्थापित करने हेतु जिला मुरैना के लिये कितना बजट आवंटित किया गया है? लक्ष्य पूर्ति हेतु क्या-क्या कार्य संपादित करवाये गये हैं? विकासखण्डवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में विधान सभा क्षेत्र जौरा में सौर ऊर्जा के कितने उपकरण किस-किस ग्राम पंचायत क्षेत्र में स्थापित किये गये हैं एवं उन पर कितना-कितना अनुदान दिया गया है? (ग) क्या विधान सभा क्षेत्र जौरा में फोटो वोल्टेइक पॉवर प्लांट, सोलर पम्प स्थापित करने की योजना है? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ स्थापित किये जाना है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) निगम द्वारा सौर ऊर्जा उपकरण स्थापित करने के लिये तथा उनके प्रचार-प्रसार हेतु मुरैना जिले को कोई बजट आवंटित नहीं किया गया है। निगम से सौर, ऊर्जा उपकरण स्थापना तथा उसके प्रचार-प्रसार हेतु जिलावार बजट आवंटित नहीं किया जाता है। निगम द्वारा कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं किया जाता है। आवश्यकता एवं मांग पर कार्य सम्पादित किये जाते हैं। वर्ष 2016-17 में विधानसभा क्षेत्र जौरा में श्री शांतिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर अतिशय क्षेत्र टिकटोली जूमदार जौरा जिला मुरैना में 5 कि.वा. क्षमता के सौर फोटो वोल्टेइक पॉवर प्लांट की स्थापना की गई है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में वित्तीय वर्ष 2016-17 में विधानसभा क्षेत्र जौरा में श्री शांतिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर अतिशय क्षेत्र टिकटोली जूमदार जौरा जिला मुरैना में 5 कि.वा. क्षमता के सौर फोटो वोल्टेइक पॉवर प्लांट की स्थापना की गई है। संयंत्र की स्थापना पर रूपये 3,24,668.00 नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारत शासन द्वारा और रूपये 2,12,201.00 म.प्र. शासन द्वारा अनुदान दिया गया है। (ग) जी हाँ, हितग्राही से मांग एवं राशि प्राप्त होने पर फोटो वोल्टेइक पॉवर प्लांट एवं सोलर पम्प स्थापित किये जाने की योजना है। वर्ष 2017-18 में विधान सभा क्षेत्र जौरा में फोटो वोल्टेइक पॉवर प्लांट की स्थापना हितग्राही से प्राप्त मांग एवं राशि उपलब्ध कराने पर संयंत्र की स्थापना की जा सकती है। इसके अतिरिक्त, सोलर पम्पों की स्थापना जौरा विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत की जानी है, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं की भर्ती
[महिला एवं बाल विकास]
50. ( क्र. 661 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में नवम्बर 2013 से प्रश्न दिनांक तक कितने आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के रिक्त पदों पर भर्ती की गई है? संख्या तथा स्थान सहित स्पष्ट जानकारी दें। (ख) क्या पूरी भर्ती नियम एवं विधान के मुताबिक की गई है एवं कितनों में शिकायत प्राप्त हुई है तथा शिकायतों की जांच हेतु क्या कार्यवाही की गयी है? (ग) क्या अपात्र हितग्राहियों की भर्ती हुई है एवं इस पर विभाग के कर्मचारी/अधिकारियों पर अनियमितता के कारण क्या कार्यवाही की गयी है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत नवम्बर 2013 से प्रश्न दिनांक तक परियोजना साईंखेड़ा अन्तर्गत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के 18 तथा बाल विकास परियोजना चीचली अन्तर्गत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के 10 एवं आंगनवाड़ी सहायिकाओं के 12 रिक्त पदों पर भर्ती की कार्यवाही की गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं की भर्ती प्रक्रिया अन्तर्गत बाल विकास परियोजना साईंखेड़ा में 06 शिकायतें तथा बाल विकास परियोजना चीचली में 07 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनका निराकरण नियमानुसार जिला स्तरीय चयन समिति के बैठकों में नियमानुसार कर चयन की कार्यवाही की गई। (ग) जी नहीं। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिकाओं की भर्ती नियमानुसार की गई है। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
परिशिष्ट - ''इक्कीस''
महिला कार्यकर्ता की नियुक्ति
[महिला एवं बाल विकास]
51. ( क्र. 662 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र के चीचली नगर पंचायत के ग्राम थलवाड़ा में विगत छह माह पूर्व किस महिला की कार्यकर्ता के रूप में नियुक्ति की गई थी? (ख) क्या शादी होने के बाद उक्त महिला कार्यकर्ता द्वारा अपने पद से इस्तीफा दे दिया था तथा इस्तीफा देने के बाद कौन अधिकारी/कर्मचारी ने किस नियम से इस्तीफा को वापिस कर दिया एवं इसकी कोई शिकायत विभाग के अधिकारियों ने प्राप्त की है तथा उस शिकायत पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या इस्तीफा देने वाले कार्यकर्ता की पुन: नियुक्ति कर दी गयी है? यदि हाँ, तो वह किन नियमों के तहत की गयी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र के चीचली नगर पंचायत के ग्राम थलवाड़ा में श्रीमती पूजा कतिया निवासी ग्राम थलवाड़ा की आंगनवाड़ी केन्द्र में कार्यकर्ता के पद नियुक्ति की गई थी। (ख) जी हाँ। श्रीमती पूजा कतिया द्वारा अपनी पारिवारिक विषम परिस्थिति के कारण अपनी स्वेच्छा से दिनांक 15/02/2017 को कार्यकर्ता पद से इस्तीफा दिया गया था। जिसे परियोजना अधिकारी एकीकृत बाल विकास सेवा चीचली द्वारा पत्र क्र.96/स्था./2017/चीचली दिनांक 30/03/2017 द्वारा इस्तीफा स्वीकार करने की सूचना दी गई। कोई शिकायत प्राप्त न होने से शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। श्रीमती पूजा कतिया द्वारा पुनः कार्यकर्ता के पद पर नौकरी प्राप्त करने हेतु परियोजना अधिकारी चीचली के पत्र क्र. 96 दिनांक 30/03/2017 के विरूद्ध न्यायालय अपर कलेक्टर जिला नरसिंहपुर के समक्ष अपील प्रस्तुत की गई जिसके फलस्वरूप न्यायालय के आदेश क्र./अपील प्र.क्र. 07.अ/89 वर्ष 2016-17 दिनांक 04/08/2017 द्वारा परियोजना अधिकारी चीचली को आदेशित किया गया कि प्रकरण की परिस्थितियों के मद्देनजर प्रश्नाधीन अवधि को अकार्यवधि माना जाकर अपीलार्थी श्रीमती पूजा कतिया को आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के रूप में पुनः आगामी सेवा अवधि के लिये कार्य करने हेतु आदेशित करें। अपर कलेक्टर नरसिंहपुर के द्वारा पारित आदेश के पालन में श्रीमती पूजा कतिया को आंगनवाड़ी केन्द्र थलवाड़ा में कार्यकर्ता के पद पर नियुक्ति दी गई है।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं को शासकीय कर्मचारी का दर्जा दिया जाना
[महिला एवं बाल विकास]
52. ( क्र. 674 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शासन द्वारा प्रदेश की आंगनवाड़ियों में कार्यरत कार्यकर्ता व सहायिकाओं को शासकीय कर्मचारी घोषित करने तथा तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग का दर्जा दिये जाने की कोई योजना है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ख) क्या आंगनवाड़ी कर्मियों को सामाजिक सुरक्षा जैसे मंहगाई भत्ता, भविष्य निधि, पेंशन, शासकीय अवकाश, स्थानांतरण, मेडिकल, बीमा आदि की सुविधाएं प्रदान है या नहीं? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ग) क्या महिला सशक्तिकरण एवं एकीकृत बाल विकास विभाग की भर्तियों में आंगनवाड़ियों कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं को पदोन्नत किया जाता है या नहीं? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (घ) क्या भविष्य में शासन इन आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं के भविष्य को देखते हुए इनकी मांगों पर विचार करेगा या नहीं?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी नहीं। प्रदेश में संचालित आई.सी.डी.एस. योजना भारत सरकार द्वारा निर्धारित किये गये स्वरूप अनुसार प्रदेश में लागू है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका भारत सरकार द्वारा निर्धारित नियमों के तहत कार्य करने वाले मानसेवी कार्यकर्ता हैं। (ख) आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाओं एवं मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को भारत सरकार द्वारा निर्धारित मानदेय एवं प्रदेश सरकार द्वारा अतिरिक्त मानेदय का भुगतान किया जाता है। आंगनवाड़ी कर्मियों की सेवायें मानसेवी होने से इन्हें मंहगाई भत्ता, भविष्य निधि पेंशन, स्थानान्तरण, मेडिकल आदि की सुविधायें प्रदान नहीं की जाती है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका तथा मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिये नियमानुसार शासकीय अवकाश की पात्रता है। सामाजिक सुरक्षा योजना अन्तर्गत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका तथा मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका बीमा योजना/प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना/ प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना द्वारा पात्रतानुसार लाभ दिया जाता है। (ग) जी नहीं। केवल एकीकृत बाल विकास सेवा प्रभाग अन्तर्गत पर्यवेक्षक संवर्ग में पर्यवेक्षक पद के रिक्त पदों का 50 प्रतिशत आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की सीमित सीधी भर्ती प्रतियोगिता परीक्षा के माध्यम से चयन कर नियुक्ति का प्रावधान है। (घ) आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका भारत सरकार द्वारा निर्धारित नियमों के तहत कार्य करने वाले मानसेवी कार्यकर्ता है। अतः प्रचलित नियमों के अधीन ही मांगों पर विचार किया जाकर नियमानुसार निराकरण किया जाता है।
फर्जी बिजल चोरी के मामले में कार्यवाही
[ऊर्जा]
53. ( क्र. 716 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र सुरखी के अंतर्गत बहुत से गांवों में चार-चार माहों तक बिजली सप्लाई बंद रहने के बावजूद भी विद्युत कम्पनी के अधिकारियों द्वारा विद्युत खपत के बिल उपभोक्ताओं को जारी कर बिजली बिल की राशि वसूल करने की कार्यवाही सख्ती से की जाती है एवं विरोध करने वालों के विरूद्ध फर्जी बिजली चोरी के मामले दर्ज कर दिये जाते हैं? (ख) यदि नहीं, तो क्या यह असत्य है कि राहतगढ़ तहसील के ग्राम मसानिया में दीपावली के पूर्व 3-4 माह से बिजली बंद रहने के बाद भी बिल जारी कर राशि वसूल करने की कार्यवाही की गयी है? (ग) यदि नहीं, तो क्या यह भी असत्य है कि प्रश्नकर्ता द्वारा ग्राम चतुरभटा उपभोक्ताओं के विरूद्ध फर्जी विद्युत चोरी के मामले की जांच हेतु माननीय मंत्री जी से शिकायत की थी जिसकी जांच करायी गई? (घ) यदि हाँ, तो प्रकरण में विभाग स्तर से क्या कार्यवाही की गयी? जांच प्रतिवेदन की प्रति एवं शिकायत की प्रति एवं उसके साथ संलग्न पंचायत एवं स्कूल के अध्यापकों द्वारा दिये गये पंचनामें की प्रति भी उपलब्ध करायी जावे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं। (ख) राहतगढ़ तहसील के ग्राम मसानिया में स्थापित ट्रांसफार्मर दिनांक 20.06.2017 को फेल हुआ था। इस ट्रांसफार्मर से संबद्ध 18 उपभोक्ताओं पर बिजली बिल की रूपये 1.74 लाख की राशि बकाया थी। नियमानुसार बकाया राशि का 40 प्रतिशत अथवा 75 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा भुगतान करने पर जले/खराब ट्रांसफार्मर को बदलने का तत्समय प्रावधान था। नियम के अनुसार बकाया राशि का भुगतान नहीं किये जाने के कारण उक्त ट्रांसफार्मर बदला नहीं गया। राज्य शासन के आदेश दिनांक 10.10.2017 के द्वारा फेल/खराब ट्रांसफार्मर से संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा बकाया राशि का 40 प्रतिशत जमा करने की शर्त को शिथिल करते हुए 20 प्रतिशत किया गया तथा 75 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा भुगतान करने की शर्त को भी 50 प्रतिशत किया गया है। तदानुसार भुगतान की अर्हता पूर्ण किये जाने पर दिनांक 16.10.2017 को उक्त फेल ट्रांसफार्मर को बदलकर विद्युत प्रदाय चालू किया गया। ट्रांसफार्मर बंद होने की अवधि में टैरिफ आदेश के प्रावधान अनुसार बिजली बिल जारी किये गये थे। इस संबंध में म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी विद्युत प्रदाय संहिता 2013 के प्रावधानों के अनुसार विभाग द्वारा जारी पत्र दिनांक 16.09.2017 में वितरण कंपनियों को दिये गये निर्देशानुसार प्रभावित उपभोक्ताओं के बिजली बिलों को पुनरीक्षित किया गया है। विभाग के पत्र दिनांक 6.9.2017 तथा बिल पुनरीक्षित किये जाने संबंधी विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' में क्रमशः दर्शाया गया है। (ग) ग्राम चतुरभटा के उपभोक्ताओं के विरूद्ध फर्जी विद्युत चोरी के प्रकरण बनाये जाने संबंधी शिकायत विभाग को प्राप्त हुई थी। जांच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित शिकायत की जांच का कार्य एम. पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी के अधिकारी को सौंपा गया है। जांच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, जांच कार्यवाही पूर्ण होने के उपरांत जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जा सकेगा तथा जांच निष्कर्षों के आधार पर आगामी कार्यवाही की जाएगी। शिकायत की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स‘ अनुसार है। शिकायत के साथ पंचायत एवं स्कूल के अध्यापकों द्वारा दिए गए पंचनामें की प्रति संलग्न नहीं थी।
रजिस्ट्री पंजीयन की जानकारी
[वाणिज्यिक कर]
54. ( क्र. 735 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुरैना नगर की लालबहादुर शास्त्री गृह निर्माण समिति के स्वामित्व की भूमि जो नगर सीमा में स्थित है, पर विक्रय पत्र (रजिस्ट्री पंजीयन) पर रोक लगाई गई है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त भूमि के विक्रय पत्र पंजीयन (रजिस्ट्री) पर किस अधिकारी द्वारा एवं क्यों रोक लगाई गई है? रोक लगाने का दिनांक, माह, सन् सहित पूर्ण जानकारी दी जावे? (ग) क्या गृह निर्माण समिति के संचालक मण्डल द्वारा अनेक बार अनुरोध करने के बाद भी उन्हें संतोषजनक उत्तर नहीं दिया गया है, जिससे गृह निर्माण समिति के सदस्यों द्वारा भवन निर्माण कराने में भारी परेशानी हो रही है? शासन कब तक विक्रय पत्र/पंजीयन (रजिस्ट्री) करायेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) वर्तमान में रजिस्ट्री पर ऐसी कोई रोक नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। जिला पंजीयक मुरैना द्वारा पत्र क्रमांक 327/जिपं./2017 दिनांक 13/11/2017 द्वारा उत्तर प्रेषित किया गया है। पंजीयन हेतु नियमानुसार दस्तावेज प्रस्तुत होने पर विधिवत पंजीयन किया जाएगा।
विभिन्न योजनांतर्गत ट्रांसफर्मरों की स्थापना
[ऊर्जा]
55. ( क्र. 764 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विद्युत विभाग द्वारा हरदा जिले के अंतर्गत कृषक अनुदान योजना, स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना, सुपर विजन योजना एवं पूर्ण जमा योजनांतर्गत ट्रांसफार्मर लगाये गये हैं? (ख) योजनाओं संबंधी आदेशों एवं निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) यदि हाँ, तो विगत 4 वर्षों में वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 एवं वर्ष 2017-18 में प्रश्न दिनांक तक किस-किस योजना के अंतर्गत कुल कितने ट्रांसफार्मर लगाये गये हैं? संख्या बतावें। (घ) उक्त वर्षों में कृषक अनुदान योजनांतर्गत कितने कृषकों से कुल कितनी अंश राशि ली गई तथा कितने ट्रांसफार्मर स्थापित किये गये वर्षवार व हरदा जिले की विधान सभा क्षेत्रवार संख्या दें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा हरदा जिले में प्रश्नांश में उल्लेखित योजनाओं (स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना छोड़कर) के अन्तर्गत वितरण ट्रांसफार्मर लगाए गए हैं। ''स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना'' में आवेदक को स्वयं ट्रांसफार्मर लगाना होता है। (ख) प्रश्नाधीन योजनाओं यथा कृषक अनुदान योजना, स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना एवं सुपरविजन/पूर्व जमा योजना संबंधी निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ-1, अ-2 एवं अ-3 अनुसार है। (ग) हरदा जिले में विगत 4 वर्षों यथा वर्ष 2014-15, वर्ष 2015-16, वर्ष 2016-17 एवं वर्ष 2017-18 में दिनांक 10.11.2017 तक की स्थिति में कृषक अनुदान योजना, स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना, सुपर विजन योजना एवं पूर्ण जमा योजनाओं के अंतर्गत लगाये गये ट्रांसफार्मरों की योजनावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘ब’ अनुसार है। (घ) हरदा जिले में विधानसभा क्षेत्रवार उक्त वर्षों में कृषक अनुदान योजना अंतर्गत कृषकों से ली गई अंश राशि तथा स्थापित किये गये ट्रांसफार्मरों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘स’ अनुसार है।
ग्राम पंचायतों के विकास कार्य
[अनुसूचित जाति कल्याण]
56. ( क्र. 771 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला भिण्ड के अंतर्गत विगत चार वर्षों में अनुसूचित जाति कल्याण द्वारा किन-किन ग्राम पंचायतों में क्या-क्या विकास कार्य कराये गये हैं? ग्राम पंचायत, ग्रामवार, वर्षवार, राशिवार जानकारी दी जावें। (ख) उक्त अवधि में विधान सभा क्षेत्र मेहगाँव के अंतर्गत कुल कितनी ग्राम पंचायतों में विकास कार्य कराये गये हैं? कृपया ग्राम पंचायतवार, ग्रामवार, वर्षवार, राशिवार जानकारी दी जावे। (ग) मेहगाँव विधानसभा क्षेत्र के कितने प्रस्ताव विभाग में लंबित हैं जिन्हें स्वीकृत नहीं किया गया है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) भिण्ड जिला अंतर्गत विगत 4 वर्षों में कराये गये विकास कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) विधानसभा क्षेत्र मेहगाँव अंतर्गत विगत 4 वर्षों में पंचायतवार, ग्रामवार, वर्षवार एवं राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ग) विधानसभा क्षेत्र मेहगाँव के लंबित प्रस्तावों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है।
सहायक आयुक्त के प्रभार की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
57. ( क्र. 775 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक तक आदिम जाति कल्याण विभाग में सहायक आयुक्त, जिला संयोजक, मण्डल संयोजक का प्रभार किस-किस जिले में अन्य विभाग एवं शिक्षक संवर्ग को सौंपा गया है? (ख) क्या सागर जिले में सहायक आयुक्त का प्रभार प्राचार्य के पास है एवं संभाग में जिला संयोजकों को आहरण के अधिकार नहीं है? (ग) यदि हाँ, तो विभाग में किस-किस जिले में (क) में वर्णित मंडल संयोजक के प्रभार शिक्षकों को सौंपे गए एवं किन-किन जिलों में जिला संयोजकों को (ख) में वर्णित अधिकार नहीं है? सूची सहित बताएं। (घ) क्या विभाग प्रश्नांश (क) एवं (ग) वर्णित अधिकारी की पदस्थापना/अधिकार सौंपने/हटाने की कार्यवाही पर विचार करेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब'' अनुसार है। (ख) जी हाँ (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं ''स'' अनुसार है। (ग) दिनांक 20.11.2017 को नवनियुक्त जिला संयोजक को आहरण के आदेश जारी किये गये। शेषांश के संबंध में अभी कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
अनुसूचित जाति/जनजाति बस्ती विकास से पंपों के विद्युतीकरण
[अनुसूचित जाति कल्याण]
58. ( क्र. 776 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिम जाति कल्याण विभाग सागर में अनुसूचित जाति/जनजाति बस्ती विकास, पंपों का ऊर्जीकरण, विद्युतीकरण योजना में वर्ष 2014-15 से 2017-18 तक कितना आवंटन प्रदाय किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित योजना में किन-किन ग्रामों में कौन-कौन से कार्य हुए वर्षवार, विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या प्रश्नांश में वर्णित योजना के लिए विभागीय नियम बनाये गये हैं? (घ) यदि हाँ, तो क्या जिले में (ख) में वर्णित जानकारी में (ग) के नियमों का पालन विभाग द्वारा किया गया है? यदि नहीं, तो क्या विभाग में जिम्मेदारों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित योजनाओं की विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) जी हाँ। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कुपोषित बच्चों की योजनाओं का क्रियान्वयन
[महिला एवं बाल विकास]
59. ( क्र. 788 ) श्री मुकेश नायक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पन्ना जिले में दिनांक 01.01.2014 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितने बच्चे कुपोषण का शिकार हुये तथा कुपोषण से प्रभावित कितने बच्चों की संख्या दर्ज की गई? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कुपोषण से प्रभावित बच्चों के लिये कौन-कौन से कारगर कदम उठाये गये? कुपोषण की रोकथाम हेतु किस-किस योजना के तहत कितनी-कितनी राशि जिले को आवंटित की गई? आवंटित राशि में से किस योजना पर कितना व्यय हुआ? जानकारी विधानसभा क्षेत्रवार, योजनावार, वर्षवार, व्यय राशि का विवरण बतायें। (ग) क्या प्रश्नावधि में पन्ना जिले में कुपोषण की रोकथाम हेतु चलाई योजनाओं से कुपोषण के प्रकरणों में कमी पाई गई? यदि हाँ, तो कितनी विधानसभावार जानकारी उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो कारण बतायें? (घ) प्रश्नावधि में जिले में संचालित विभिन्न योजनाओं से कुपोषण के प्रकरणों में कमी नहीं होने की स्थिति में विभाग के कौन-कौन से अधिकारी/कर्मचारी उत्तरदायी हैं, जिनके द्वारा सही एवं सार्थक प्रयास नहीं किये गये? क्या उनके विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विदिशा जिले में माह सितम्बर 2017 की स्थिति में 05 वर्ष तक के बच्चो की आंगनवाड़ी केन्द्रों में दर्ज एवं लिये गये वजन, कम वजन एवं अतिकम वजन के बच्चों की परियोजनावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं, उल्लेखित केन्द्रों के कम वजन के बच्चों को शासन की योजना का लाभ दिया जा रहा है। कुपोषण के कई सामाजिक एवं आर्थिक कारण हैं जिसके लिए किसी व्यक्ति विशेष को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। इन बच्चों के उपचार हेतु विभाग द्वारा जिले अंतर्गत संचालित पोषण पुनर्वास केन्द्रों में बच्चों का भर्ती कराया जाता है, इसके अतिरिक्त विभाग द्वारा साझा चूल्हा कार्यक्रम अंतर्गत कुपोषित बच्चों को पूरक पोषण आहार प्रदाय किया जाता है तथा समय-समय पर सुपोषण अभियान अंतर्गत (स्नेह शिविरों) का आयोजन कराया जाता है। पोषण पुर्नवास केन्द्र में भर्ती बच्चों पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा नियमानुसार राशि व्यय किये जाने का प्रावधान है।
संचालित योजनाओं पर व्यय
[ऊर्जा]
60. ( क्र. 789 ) श्री मुकेश नायक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले में विधानसभा क्षेत्र पवई में पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा वित्तीय वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक विभिन्न योजना अन्तर्गत कितनी राशि व्यय की गई? योजनावार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित संचालित योजनाओं के संबंध में किन-किन ठेकेदारों को किन मापदण्डों के अनुसार कार्य स्वीकृत किये गये और कार्यों की भौतिक स्थिति क्या हैं तथा स्वीकृत कार्यों हेतु स्वीकृत योजना की गाईड-लाईन की प्रतियाँ उपलब्ध करावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) वितरण कंपनी क्षेत्रान्तर्गत योजनाओं की स्वीकृति जिलेवार प्रदान की जाती है तथा वितरण कंपनी द्वारा योजनाओं के अन्तर्गत व्यय की गई राशि का संधारण भी विधानसभावार न करके जिलेवार किया जाता है। पन्ना जिले में पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा वित्तीय वर्ष 2013-14 से दिनांक 31.10.2017 तक विभिन्न योजनान्तर्गत कुल रू. 146.43 करोड़ की राशि व्यय की गई है। योजनावार व्यय की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ'अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजनाओं में निविदा आमंत्रित कर ठेके के माध्यम से तथा विभागीय लेबर कॉन्ट्रेक्ट में दर्शाये गये मापदण्डों के अनुसार कार्यों हेतु अवार्ड जारी किये गये। पन्ना जिले के अन्तर्गत किये गये उक्त कार्यों की भौतिक स्थिति से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। स्वीकृत योजनाओं संबंधी दिशा-निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
660 मेगावट विदयुत उत्पादन संयंत्र इकाई का संचालन
[ऊर्जा]
61. ( क्र. 830 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा जिला अनूपपुर प्रवास के दौरान दिनांक 7 अगस्त, 2016 को ग्राम-चचाई, जिला अनूपपुर में 660 मेगावाट विदयुत उत्पादन संयंत्र इकाई संचालित करने की घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो की गई घोषणा के क्रियान्वयन हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? पूर्ण विवरण दें। (ख) प्रश्नांकित निर्माण कार्य कब से प्रारंभ किया जायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा जिला अनूपपुर प्रवास के दौरान दिनांक 6 अगस्त 2016 को ग्राम चचाई, जिला अनूपपुर में 660 मेगावाट क्षमता की विद्युत इकाई की स्थापना के संदर्भ में घोषणा की गई थी। उक्त घोषणा के क्रियान्वयन हेतु म.प्र.पा.ज.कं.लि. द्वारा की गई कार्यवाही से संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सभी आवश्यक स्वीकृतियाँ प्राप्त होने के उपरान्त विद्युत की भविष्य की मांग के दृष्टिगत एवं वित्तीय संसाधन की उपलब्धता के उपरांत प्रश्नांकित परियोजना का निर्माण प्रारंभ किया जाना संभव होगा। अत: वर्तमान में समय-सीमा बताना संभव नहीं हैं।
शासकीय आयोजनों में सामान्य प्रशासन विभाग के आदेशों की अवहेलना
[सामान्य प्रशासन]
62. ( क्र. 842 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय कार्यों के आयोजन में भारत सरकार तथा राज्य सरकार के मंत्रियों के साथ विपक्ष के विधायकों के लिये आमंत्रणों पत्रों एवं शिलालेख पट्टिकाओं में नाम अंकित करने का सामान्य प्रशासन विभाग के क्या आदेश हैं? आदेशों की प्रतियां स्पष्ट करें। (ख) दिनांक 17/10/2017 को भारत सरकार के मंत्री माननीय श्री नरेन्द्रसिंह तोमर के मुख्य अतिथि में ग्राम पंचायत बरई में हुये कार्यक्रम के आमंत्रण पत्र की प्रति उपलब्ध करावें? क्या प्रश्नकर्ता विधायक का नाम उसकी वरिष्ठता क्रम से उचित है? यदि नहीं, तो इन आमंत्रण पत्रों को किस अधिकारी के आदेश से छपवाया गया था? क्या इस आमंत्रण पत्र में लापरवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्यों? क्या इसके लिये संबंधित अधिकारी को दण्डित किया जावेगा? यदि हाँ, तो क्या और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या दिनांक 28/10/2017 को विकासखण्ड स्तरीय कृषक संगोष्ठी तकनीकी प्रशिक्षण एवं मृदा परीक्षण प्रयोगशाला का लोकार्पण केन्द्रीय मंत्री एवं प्रभारी मंत्री ग्वालियर के समक्ष भितरवार में किया गया था? यदि हाँ, तो उक्त कार्यक्रम के आमंत्रण पत्र को उपलब्ध करावें? क्या उक्त पत्र में सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा निर्धारित प्रोटोकाल का पालन किया गया था? यदि हाँ, तो क्या कार्ड में उल्लेखित नाम जैसे श्री योगेन्द्र सिंह कुशवाह मण्डल अध्यक्ष भाजपा चीनौर, श्री मुकेश कुमार भार्गव मण्डल अध्यक्ष भाजपा आंतरी, श्री देवीसिंह रावत मण्डल अध्यक्ष भाजपा भितरवार इत्यादि आमंत्रण पत्र में दर्ज अनेकों नाम किस प्रोटोकाल में आते हैं? क्या यह प्रोटोकाल का खुला उल्लंघन है या नहीं? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन-कौन अधिकारी दोषी है? क्या ऐसी घोर लापरवाही प्रोटोकाल का घोर उल्लंघन करने वाले अधिकारी के प्रति कठोर दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश क्रमांक एफ 19/22/2006/1/4 दिनांक 6/2/2006 की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ग्वालियर जिले के शहरिया भाषाई शिक्षकों का समायोजन
[जनजातीय कार्य]
63. ( क्र. 843 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित प्रश्न (क्र. 2283) दिनांक 25 जुलाई, 2017 के प्रश्न (क) भाग के उत्तर में सेवा से हटाये गये शहरिया भाषाई शिक्षकों के समायोजन के संबंध में प्रश्न क्रमांकों का हवाला देकर संविदा शाला शिक्षक वर्ग-3 के पद पर नियोजित की कार्यवाही हेतु पत्राचार या प्रक्रिया चलना बताया गया है? क्या पत्राचार या प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है? यदि हाँ, तो क्या इन हटाये गये शहरिया अनुसूचित जनजाति के भाषाई शिक्षकों को संविदा शाला शिक्षक वर्ग-3 पर पदस्थ किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब से? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित स्पष्ट करें। (ख) प्रश्न (क) अनुसार क्या उसी योजना में अन्य जिलों जैसे शिवपुरी, श्योपुर में भर्ती किये गये भाषाई शिक्षक लगातार भर्ती दिनांक से प्रश्न दिनांक तक सेवा में कार्यरत है? यदि हाँ, तो फिर इन अनुसूचित जनजाति के शहरिया समाज के भाषाई शिक्षकों के साथ क्यों अन्याय किया जा रहा है? क्या इन्हीं के साथ भर्ती हुये भाषाई शिक्षकों ग्वालियर जिले के डबरा जनपद में अभी भी कार्यरत हैं? (ग) यदि हाँ, तो उनके नाम, पद, पदस्थापना दिनांक एवं स्थान स्पष्ट करें। क्या अन्य जिलों की तरह तथा ग्वालियर के डबरा जनपद की तरह इन भाषाई शिक्षकों को भी पदस्थ किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
(श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। भाषाई शिक्षकों के समायोजन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। श्योपुर जिले में 30 भाषाई शिक्षकों को संविदा शिक्षक वर्ग-3 के पद पर नियुक्ति दी गई है। शेष के संबंध में समय सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं। शिवपुरी, श्योपुर जिले में कोई भी भाषाई शिक्षक भर्ती दिनांक से लगातार सेवा में कार्यरत नहीं है। केवल ग्वालियर जिले के डबरा जनपद पंचायत में हटाये गये भाषाई शिक्षकों में से मात्र 03 भाषाई शिक्षक माननीय न्यायालय के आदेश के पालन में वर्तमान में कार्यरत है। (ग) श्योपुर एवं शिवपुरी जिले के संबंध में स्थिति निरंक है। ग्वालियर जिले के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
डूब प्रभावित ग्रामों का विस्थापन
[नर्मदा घाटी विकास]
64. ( क्र. 853 ) श्री सचिन यादव : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सरदार सरोवर परियोजना के अंतर्गत कसरावद विधानसभा क्षेत्र के कुल कितने ग्राम डूब प्रभावित हैं? कितने ग्रामों के परिवारों का विस्थापन पुनर्वास नीति के अंतर्गत किया गया/किया जा रहा है? डूब प्रभावित परिवारों की चल-अचल संपत्ति, मुआवजा व आय से संबंधित अन्य संसाधनों का सर्वे शासन द्वारा नियत सभी मापदण्डों तथा दिशा-निर्देशों के अनुसार किया गया? यदि हाँ, तो प्रत्येक परिवार को मुआवजा राशि व सुविधाएं दी गई है? यदि हाँ, तो ग्रामवार परिवार सहित प्रश्नांकित दिनांक तक की स्थिति में जानकारी दें? (ख) शासन की नई नीतियों, घोषणाओं एवं नर्मदा नियंत्रण द्वारा सरदार सरोवर परियोजना के डूब के लेवल का पुर्ननिरीक्षण सर्वे करने के उपरांत पुराने बैक वॉटर लेवल के स्थान पर नया बैक वॉटर लेवर निर्धारित कर कितने-कितने ग्रामों के कौन-कौन से परिवारों को डूब प्रभावित की श्रेणी से बाहर किया गया है तथा इन सभी परिवारों की अधिग्रहण की गई चल-अचल संपत्तियों एवं आय से संबंधित संसाधनों को वापिस करते हुए क्या पूर्व की भांति यथास्थिति में जस का तस पुन: उसी स्थान पर विस्थापन कर दिया गया है? नहीं तो क्यों? ग्रामवार एवं परिवारवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंध में लापरवाही एवं अनियमितताएं किये जाने की शिकायतें किन के माध्यमों से कब-कब जिला कलेक्टर व अन्य संबंधित अधिकारियों को प्राप्त हुई हैं और प्रश्न दिनांक तक उस पर क्या कार्यवाही की गई? जांच प्रतिवेदन सहित जानकारी दें।
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) सरदार सरोवर बांध की पूर्ण ऊंचाई 138.68 मी. के पुनरीक्षित नवीन बैक वॉटर लेवल से विधानसभा क्षेत्र कसरावद के 09 ग्राम डूब से प्रभावित हो रहे हैं। इनमें से 05 ग्रामों के समस्त पात्र विस्थापितों को पुनर्वास नीति के प्रावधान अनुसार पुनर्वास के लाभ दिये गये हैं। 03 ग्रामों में केवल शासकीय भूमि डूब से प्रभावित है तथा 01 ग्राम में समस्त खातेदारों की केवल 25 प्रतिशत से कम कृषि भूमि प्रभावित होने से उन्हें पात्रतानुसार मुआवजा राशि का भुगतान किया जा चुका है, इन्हें अन्यत्र विस्थापित होने की अनिवार्यता नहीं है। जी हाँ। पुनर्वास लाभों के ग्रामवार/नामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) बैक वॉटर लेवल पुनरीक्षित किये जाने के फलस्वरूप तहसील कसरावद के 12 ग्रामों के 497 अप्रभावित हो चुके परिवारों की ग्रामवार/नामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। सरदार सरोवर बांध का इस वर्ष अल्प वर्षा के कारण पूर्ण जल स्तर पर नहीं भरा जा सका है। बांध पूर्ण जल स्तर पर भरने एवं उसके बैक वॉटर के प्रभाव का भौतिक सत्यापन पश्चात बैक वॉटर को अंतिम रूप दिया जा कर अधिग्रहित संपत्तियों के संबंध में निर्णय लिया जा सकेगा। पुनरीक्षित बैक वॉटर लेवल के आधार पर डूब से अप्रभावित संपत्तियों का उपयोग संबंधित स्वामियों के द्वारा पूर्ववत किया जा रहा है एवं किसी भी परिवार से पूर्व में दिये गये कोई लाभ शासन के द्वारा वापस नहीं लिये गये हैं। (ग) किसी भी प्रकार की लापरवाही अथवा अनियमितता संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं होने के कारण किसी प्रकार की जाँच का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पम्प कनेक्शन योजना की जानकारी
[ऊर्जा]
65. ( क्र. 865 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पम्प कनेक्शन योजना दिनांक 01.04.2016 से लागू की गई है? (ख) यदि हाँ, तो कटनी जिले में ग्रामीण क्षेत्र के कितने किसानों को 1 एच.पी. कितने किसानों को 2 एच.पी. एवं कितने किसानों को 3 एच.पी. कनेक्शन प्रश्न दिनांक तक उपलब्ध कराये गये हैं? कितने किसान लाभांवित हुये? योजना प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक संख्या दें? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार कटनी जिले में प्रश्नांकित योजना के कितने स्थायी कृषि पम्प कनेक्शन दिये गये हैं? वितरण केन्द्रवार संख्या दें। (घ) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य के पत्र क्रमांक 3210 दिनांक 22.03.16 एवं पत्र क्रमांक 44 दिनांक 20.04.17 सहित अन्य पत्रों में उल्लेखित कृषकों को मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पम्प कनेक्शन योजना में शामिल कर पंप कनेक्शन स्थापित कराया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) प्रदेश में मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजना सितम्बर 2016 से लागू की गई है। (ख) मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेकशन योजनांतर्गत कम से कम 3 हार्स पॉवर का कनेक्शन प्रदान करने का नियम है, अत: कटनी जिले के ग्रामीण क्षेत्र में किसानों को उक्त योजना के अन्तर्गत 1 एच.पी. एवं 2 एच.पी. का कोई पम्प कनेक्शन उपलब्ध नहीं कराया गया है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में उक्त योजना में 3 एच.पी. के 506 पम्प कनेक्शन एवं 5 एच.पी. के 20 पम्प कनेक्शन, इस प्रकार योजना प्रारंभ दिनांक से 31.10.17 तक कटनी जिले में कुल 526 पम्प कनेक्शन किसानों को उपलब्ध कराये गये हैं। (ग) कटनी जिले में मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पम्प कनेक्शन योजना अंतर्गत दिये गये स्थायी पम्प कनेक्शनों की वितरण केन्द्रवार संख्या संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ, माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के प्रश्नांश में उल्लेखित पत्रों में सम्मिलित कृषकों को मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पम्प कनेक्शन योजना में शामिल किया जा सकता है, जिसके लिये संबंधित कृषकों को निर्धारित प्रपत्र में आवेदन देकर निर्धारित अंशराशि जमा करने सहित आवश्यक औपचारिकतायें पूर्ण करनी होंगी। तदुपरांत ही योजना के प्रावधानों अनुसार निर्धारित समय-सीमा में विद्युत पम्प कनेक्शनों का कार्य किया जाना संभव हो सकेगा। उक्त परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बंद ट्रांसफार्मर एवं अन्य समस्याओं की जानकारी
[ऊर्जा]
66. ( क्र. 866 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 31 मई से 9 जून 2017 की अवधि में प्रदेश में विद्युत उपभोक्ताओं की समस्याओं के निराकरण हेतु ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में बिजली पंचायत का आयोजन किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो कटनी जिले में बिजली पंचायत (शिकायत निवारण शिविर) के माध्यम से कौन-कौन सी समस्याओं/शिकायतों का निराकरण किया गया? कितने जले/बंद/खराब हुए ट्रांसफार्मर बदले गये? कितने बंद/खराब मीटर बदले गए? कितने कृषि पंप कनेक्शन एवं घरेलू कनेक्शन जारी किये गये? विविध निराकृत समस्याओं/शिकायतों की विकासखण्डवार संख्या दें। (ग) कटनी जिले में वर्ष 2014-15 में कहाँ-कहाँ से कितने खराब ट्रांसफार्मरों को कब-कब किन-किन कारणों से बदला गया है? विकासखण्डवार स्थापित स्थल के विवरण सहित बताएं। विधानसभा क्षेत्र बहोरीबंद के अन्तर्गत विविध विद्युत समस्याओं के निराकरण हेतु पत्र क्रमांक 833 दिनांक 28.08.2017 पर क्या कार्यवाही की गई है? ? (घ) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा वर्ष 2017-18 में अधीक्षण अभियंता (संचा-संधा) कार्यपालन अभियंता (संचा-संधा) कटनी को कब-कब पत्र/शिकायतें प्रस्तुत की गई हैं? प्राप्त पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई है? पत्रवार, तिथिवार कार्यवाहीवार पृथक-पृथक विवरण दें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) कटनी जिले में पंचायत स्तर पर आयोजित बिजली पंचायत (शिकायत निवारण शिविर) के माध्यम से बिजली बिल, मीटर, विद्युत प्रदाय, ट्रांसफार्मर बदलने, नये कनेक्शन संबंधी आवेदनों/शिकायतों का निराकरण किया गया। 86 जले/बंद/खराब ट्रांसफार्मर व 510 बंद/खराब मीटर बदले गये एवं 264 नवीन कृषि पंप कनेक्शन एवं 233 नवीन घरेलू कनेक्शन जारी किये गये। निराकृत आवेदनों/शिकायतों की विकासखण्डवार संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) कटनी जिले में वर्ष 2014-15 में जले/खराब ट्रांसफार्मरों के बदलने की तिथि सहित विकासखण्डवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। जले/खराब ट्रांसफार्मर को उस क्षेत्र के विद्युत प्रदाय को सामान्य रूप से चालू करने हेतु बदला गया। विधानसभा क्षेत्र बहोरीबंद अंतर्गत विद्युत समस्याओं के निराकरण हेतु पत्र क्र. 833 दिनांक 28.08.17 पर की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (घ) प्रश्नकर्ता माननीय विधायक महोदय द्वारा वर्ष 2017-18 में अधीक्षण अभियंता (संचा-संधा), कार्यपालन अभियंता (संचा-संधा), कटनी को प्रस्तुत किये गये पत्र/शिकायतें एवं उन पर की गई कार्यवाही का पत्रवार, तिथिवार, कार्यवाहीवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है।
छात्रावासों की स्थिति की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
67. ( क्र. 900 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनजातीय कार्य विभाग द्वारा राजगढ़ जिले में कौन-कौन से स्थानों पर अनुसूचित जनजाति के छात्र-छात्राओं हेतु छात्रावास संचालित हैं? (ख) राजगढ़ जिले की विधान सभा क्षेत्र राजगढ़ के उक्त संचालित छात्रावासों में अनुसूचित जनजाति के कितने छात्र निवासरत् हैं? उक्त निवासरत् छात्रों के नाम, पिता का नाम, जन्म तिथि, पता तथा किस कक्षा में किस विद्यालय में अध्ययनरत् हैं? उनकी आई.डी. नम्बर सहित बतावें। (ग) उक्त निवासरत् छात्रों को छात्रावासों में क्या-क्या सुविधा शासन द्वारा उपलब्ध कराई जा रही है? (घ) क्या राजगढ़ विधान सभा में कुछ छात्र ऐसे भी हैं जिन्हें छात्रावास में जगह नहीं मिलने पर उन्हें किराये से रहने पर किराया की पूर्ति की जा रही है? नाम सहित बतावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जनजातीय कार्य विभाग द्वारा राजगढ़ जिले में कन्या प्री-मैट्रिक छात्रावास विकासखण्ड एवं जिला मुख्यालय राजगढ़ में संचालित है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) छात्रावास में निवासरत् छात्राओं को नि:शुल्क भोजन, आवास सुविधा, पलंग, बिस्तर, चाय-नाश्ता एवं अध्ययन हेतु टेबिल, कुर्सी तथा अन्य आवश्यक प्रसाधन सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है। (घ) राजगढ़ विधान सभा क्षेत्र में अनुसूचित जनजाति पोस्ट मैट्रिक बालक/कन्या छात्रावास संचालित नहीं होने के कारण स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर के पाठ्यक्रमों में महाविद्यालयों में अध्ययनरत् अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों को शासन द्वारा निर्धारत दर अनुसार आवास सहायता योजना के तहत राशि का भुगतान किया जाता है। विद्यार्थियों की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
आंगनवाड़ी भवन निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
68. ( क्र. 942 ) श्री हरवंश राठौर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बण्डा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत प्रश्न दिनांक तक कितने आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन हैं? सूची सहित तथा भवन विहीन केन्द्रों के भवन निर्माण स्वीकृत करने हेतु प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में विभाग द्वारा प्रस्तावित आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माण हेतु प्रस्ताव लंबित है? (ग) लंबित प्रस्तावों पर कितने भवन विहीन केन्द्रों के भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई है एवं कितने शेष हैं?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) विधानसभा क्षेत्र बंडा अंतर्गत कुल 68 आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन (किराये के भवनों में) संचालित हैं। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र बंडा अंतर्गत इन 68 भवन विहीन (किराये के भवनों में) आंगनवाड़ी केन्द्रों में से शहरी/नगरपालिका क्षेत्र अन्तर्गत संचालित कुल 37 आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु राज्य आयोजना मद से भवन निर्माण स्वीकृति प्राप्त करने के लिये प्रस्ताव जिले से अपेक्षित है तथा 31 ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों के निर्माण हेतु जिले से प्राप्त प्रस्ताव पर मनरेगा योजना के अभिसरण से आंगनवाड़ी भवन निर्माण योजना अन्तर्गत उपलब्ध आवंटन अनुरूप स्वीकृति संबंधी कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माण हेतु मनरेगा अन्तर्गत 74 भवनों एवं माननीय विधायक से प्राप्त अनुशंसा अनुसार 20 आंगनवाड़ी भवन इस प्रकार कुल 94 आंगनवाड़ी भवनों (अन्य शासकीय भवनों में संचालित केन्द्रों सहित) के निर्माण का प्रस्ताव जिले से प्राप्त हुआ है, जिसमें से प्रश्न दिनांक तक बंडा में 24 एवं शाहगढ़ में 09 कुल 33 आंगनवाड़ी केन्द्र भवनों के निर्माण की स्वीकृति पंचायत राज संचालनालय द्वारा जारी कर राशि सबंधित ग्राम पंचायतों को प्रदान की गई है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार स्वीकृति के पश्चात् कुल 61 आंगनवाड़ी भवन के निर्माण कार्य की स्वीकृति दी जाना शेष है।
स्थानीय निकायों को सातवां वेतनमान का प्रदाय
[वित्त]
69. ( क्र. 954 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा विभिन्न विभागों में सेवारत कर्मचारियों को सातवां वेतनमान दिए जाने के निर्देश जारी किये गए हैं? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो क्या म.प्र. शासन के अधीन स्थानीय निकाय जैसे नगर निगम/नगर पालिक निगम/नगर पंचायत, कृषि उपज मंडी, ऊर्जा विकास निगम, जिला/जनपद पंचायतों आदि विभागों में सेवारत कर्मचारियों को सातवां वेतनमान देने के निर्देश शासकीय कर्मचारियों के साथ ही क्यों जारी नहीं किये गए? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में वर्णित स्थानीय निकायों के कर्मचारी म.प्र. शासन के कर्मचारी नहीं है? यदि हैं, तो इनके साथ भेदभाव क्यों किया जाता है? (घ) क्या उपरोक्त निकायों में सेवारत कर्मचारी जो वर्ष 2005 के पहले से कार्यरत हैं इन्हें सामान्य भविष्य निधि, अन्य शासकीय कर्मचारियों के समान लागू हैं? यदि नहीं, तो क्यों, इसका मूल कारण क्या है? क्या ये कर्मचारी म.प्र. शासन के अंग नहीं हैं? यदि हैं, तो दोहरा मापदंड क्यों अपनाया गया है? (ड.) कब तक विभाग इन कर्मचारियों को सामान्य भविष्य निधि योजना में सम्मलित करने के आदेश जारी करेगा? क्या माननीय मुख्य मंत्री द्वारा ऊर्जा विभाग के कर्मचारियों को सातवां वेतनमान देने की घोषणा की गई है? यदि हाँ, तो अन्य स्थानीय निकायों के कर्मचारियों को देने हेतु घोषणा क्यों नहीं की गई?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी नहीं। सातवां वेतनमान स्वीकृति संबंधी निर्देश वित्त विभाग द्वारा जारी किये गये हैं। (ख) म.प्र. शासन के अधीन संचालित स्थानीय निकाय, स्वशासी या अर्द्ध स्वशासी संस्थाओं की सेवा शर्तें एवं भरती नियम पृथक हैं। अत: म.प्र. शासन के नियमित शासकीय सेवकों से समानता नहीं है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (ख) अनुसार। (ड.) मुख्यमंत्री कार्यालय में संधारित अभिलेख में मान. मुख्यमंत्री जी द्वारा ऊर्जा विभाग के कर्मचारियों को सातवां वेतनमान दिये जाने की घोषणा नहीं की गई है।
सातवां वेतनमान में विकल्प प्रस्तुत करने हेतु अधिसूचना प्रकाशन
[वित्त]
70. ( क्र. 956 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संचालनालय कोष एवं लेखा म.प्र. भोपाल द्वारा म.प्र. वेतन पुनरीक्षण नियम 2016 अंतर्गत समस्त शासकीय सेवकों को सातवां वेतनमान में विकल्प प्रस्तुत करने हेतु अधिसूचना प्रकाशन के तीन माह की समयावधि निर्धारित की गई थी, जो 19 अक्टूबर 2017 को समाप्त हो चुकी है? जारी अधिसूचना प्रकाशन की छायाप्रति उपलब्ध कराई जावे। (ख) यदि हाँ, तो क्या विभाग द्वारा ऐसे शासकीय सेवक जिनके विकल्प निर्धारित समयावधि में प्रस्तुत नहीं किये गए हैं, म.प्र. वेतन पुनरीक्षण नियम 2016 अंतर्गत 01 जनवरी 2016 से विकल्प तिथि मानते हुए वेतन निर्धारण किये जाने के निर्देश संचालनालय कोष एवं लेखा म.प्र. भोपाल द्वारा दिए गए हैं? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में जारी सातवां वेतनमान के आदेश में स्थानीय निकायों को छोड़कर सातवां वेतनमान दिए जाने के निर्देश हैं? यदि हाँ, तो क्यों? क्या इन निकायों के कर्मचारियों को पृथक से सातवां वेतनमान दिए जाने के आदेश जारी किये जावेंगे? (घ) प्रदेश के किन-किन विभागों में सातवां वेतनमान का लाभ ले लिया गया है? उक्त वेतनमान लेने से शासन को कितना वित्तीय भार आयेगा।
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वित्त विभाग के परिपत्र दिनांक 02.11.2017 के बिन्दु क्रं. 7 अनुसार ऐसे शासकीय सेवक जिन्होंने सॉफ्टवेयर के माध्यम से विकल्प प्रस्तुत किया है एवं विकल्प बदलना चाहते हैं, उनके द्वारा विकल्प प्रस्तुत करने की समयावधि दिनांक 30.11.2017 तक बढ़ाई गई है। (ग) जी हाँ। स्थानीय निकाय स्वतंत्र रूप से कार्यरत संस्थान है। इसका निर्णय निकाय एवं उनका प्रशासकीय विभाग ले सकता है। (घ) सातवां वेतनमान में वेतन निर्धारण का कार्य सभी विभागों में सतत् रूप से चल रहा है। सातवें वेतनमान के परिणाम स्वरूप राज्य शासन के वेतन मद में लगभग 14 से 15 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित है।
24 घंटे बिजली प्रदाय की जानकारी
[ऊर्जा]
71. ( क्र. 962 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.कं.लि., जबलपुर द्वारा घरेलू कनेक्शन के लिये 24 घंटे विदयुत उपलब्ध कराने के आदेश हैं? (ख) यदि हाँ, तो विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत ग्राम लीलखेड़ा ग्राम पंचायत निपनिया जनपद पंचायत पनागर में विगत 3 वर्षों से मात्र 10 घंटे ही घरेलू बिजली क्यों दी जा रही है? (ग) इसके लिये कौन जिम्मेवार है? (घ) क्या ग्राम लीलखेड़ा एवं अन्य कम आपूर्ति वाले घरेलू कनेक्शन धारकों को 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराने की कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, घरेलू फीडर से संबद्ध उपभोक्ताओं को 24 घंटे विद्युत प्रदान करने के निर्देश हैं। (ख) ग्राम लीलखेड़ा को विद्युत प्रदाय कृषि फीडर से है तथा कृषि फीडर पर प्रतिदिन 10 घंटे बिजली दी जाती है। (ग) कृषि फीडर से जुड़े ग्राम लीलखेड़ा को कृषि फीडर के लिए लागू प्रावधान अनुसार 10 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है, अत: कोई जिम्मेदार नहीं है। (घ) ग्राम लीलखेड़ा में मात्र 9 घर विद्यमान हैं तथा इस ग्राम को विद्युत प्रदाय कर रहे 63 के.व्ही.ए. क्षमता के वितरण ट्रांसफार्मर पर अधिकांश भार कृषि पंपों का है। इन 9 आवासीय परिसरों को नजदीकी 11 के.व्ही. पनागर घरेलू फीडर से जोड़े जाने के लिए लगभग 2 कि.मी., 11 के.व्ही. लाईन, 1 वितरण ट्रांसफार्मर तथा 1.2 कि.मी. निम्नदाब लाईन के विस्तार की आवश्यकता होगी, जिसकी लागत लगभग 9.68 लाख रूपये होगी। अत: लीलखेड़ा ग्राम को विद्युत प्रदाय वर्तमान व्यवस्था के अनुसार सुनिश्चित किया जा रहा है।
विदयुत लाईनमेनों के साथ हुये हादसों की जाँच
[ऊर्जा]
72. ( क्र. 963 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत 3 वर्षों में जबलपुर जिले में लाईनमेनों द्वारा विद्युत फॉल्ट सुधारते समय करंट लगने या खंभे से नीचे गिरने के कारण घातक दुर्घटनायें हुई हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या दुर्घटनाओं की जांच कराई गई है? (ग) क्या जांच में पाये गये निष्कर्षों एवं सुझावों पर कार्यवाही की गई है? (घ) यदि हाँ, तो मुख्यतया क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, प्रश्नाधीन अवधि में जबलपुर जिले में वितरण कंपनी के लाईन कर्मचारियों के साथ 3 घातक दुर्घटनाएं घटित हुई हैं। (ख) जी हाँ, प्रश्नाधीन प्रत्येक दुर्घटना की जांच कराई गयी है। (ग) जी हाँ, जांच में पाये गये निष्कर्षों एवं सुझावों पर वितरण कंपनी के नियमानुसार कार्यवाही की गई है। (घ) विद्युत कर्मचारियों द्वारा विद्युत लाईनों पर कार्य करते समय सुरक्षा नियमों का पालन करने में हुई चूक के कारण प्रश्नाधीन विद्युत दुर्घटनाएँ घटित हुई थी। उक्त परिप्रेक्ष्य में वितरण कंपनी द्वारा विद्युत कर्मचारियों के लिये, सुरक्षा नियमों का पालन करते हुए कार्य करने हेतु मेन्टेनेंस मैनुअल तथा तद्नुसार समय-समय पर दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं। साथ ही समय-समय पर लाईन कर्मचारियों के सुरक्षा उपकरणों की जाँच की गई है तथा उन्हें निर्धारित तकनीकी प्रक्रिया अनुसार ही विद्युत लाईनों पर कार्य करने हेतु निर्देशित किया गया है। प्रश्नाधीन उक्त तीनों प्रकरणों में संबंधितों को नियमानुसार मुआवजे की राशि का भुगतान किया जा चुका है।
वित्त विभाग के अधिकारियों पर प्रचलित प्रकरणों में कार्यवाही
[वित्त]
73. ( क्र.
980 ) श्रीमती
इमरती देवी :
क्या वित्त
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क)
दिनांक 01.04.2017 की
स्थिति में
वित्त विभाग
में कितने
अधिकारियों
के विरूद्ध
लोकायुक्त/आर्थिक
अपराध के अन्तर्गत
प्रकरण
प्रचलित हैं? नाम
एवं पदनाम व
वर्तमान में
पदस्थापना
सहित सूची
उपलब्ध
करावें तथा इन
पर विभाग
द्वारा क्या
कार्यवाही की
गई? क्या
इन्हें महत्वपूर्ण
पदस्थापना
से वंचित रखा
गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या
ऐसे सभी
अधिकारियों
को विभाग से
संरक्षण
प्राप्त है
एवं इनकी पद
स्थापना
फील्ड में की
गई है?
यदि हाँ, तो
इसका क्या
कारण है? सम्बंधित
दोषियों के
विरूद्ध
कार्यवाही की
जावेगी? यदि हाँ, तो कब
तक?
वित्त
मंत्री ( श्री
जयंत मलैया ) : (क) दिनांक
1.4.2017
की स्थिति में
वित्त विभाग
अंतर्गत
लोकायुक्त/आर्थिक
अपराध में
प्रचलित रहने
वाले शासकीय
सेवकों की
पदनाम एवं
वर्तमान पदस्थापना
एवं विभाग
द्वारा की गई
कार्यवाही
सहित सूची
संलग्न
परिशिष्ट पर
अवलोकनीय है। संबंधित
शासकीय
सेवकों की
पदस्थापना
विभाग
अंतर्गत स्वीकृत
पदीय संरचना
अनुसार एवं
प्रशासकीय
आवश्यकता को
दृष्टिगत
रखते हुए की
गई है। अत:
महत्वपूर्ण
पदस्थापना
से वंचित रखने
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख) जी
नहीं। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
आंगनवाड़ी केन्द्रों का संचालन
[महिला एवं बाल विकास]
74. ( क्र. 985 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नरसिंहपुर विधानसभा क्षेत्रातंर्गत कौन-कौन से ग्रामों में आंगनवाड़ी केन्द्रों का संचालन किया जा रहा है ग्रामवार जानकारी देवें? (ख) किन ग्रामों में आंगनवाड़ी केन्द्रों का संचालन नहीं किया जा रहा है? (ग) क्या यदि जिन ग्रामों में आंगनवाड़ी केन्द्र नहीं हैं उन ग्रामों में आंगनवाड़ी केन्द्र प्रारंभ करने हेतु कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ तो कब तक? (घ) प्रश्नांश (क) अतंर्गत कितने आंगनवाड़ी किराये के भवनों में सचालित हैं?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) नरसिंहपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत 301 आंगनवाड़ी केन्द्रों का संचालन किया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) नरसिंहपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत 29 ग्राम एवं 01 वार्ड में आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ग) भारत सरकार द्वारा जनसंख्या मापदण्डों के पूरा होने पर आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत किये जाते है। प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित 29 ग्रामों की जनसंख्या आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने के मापदण्डों को पूरा नहीं करने के कारण उन ग्रामों में नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र खोला जाना/संचालन किया जाना संभव नहीं है। नगरपालिक क्षेत्र नरसिंहपुर के भगतसिंह वार्ड में नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने का प्रस्ताव भारत सरकार को स्वीकृति हेतु प्रेषित किया गया है। अतः समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है (घ) नरसिंहपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कुल 69 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवन में संचालित है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है।
सिंचाई हेतु विद्युत की उपलब्धता
[ऊर्जा]
75. ( क्र. 990 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंचाई हेतु कृषकों को दिये जाने वाले अस्थाई कनेक्शन हेतु क्या नियम एवं प्रक्रिया है? (ख) विगत 01 माह में सुसनेर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कितने अस्थाई कनेक्शन कितनी अवधि के लिए प्रदान किये गये हैं? (ग) क्या अल्प वर्षा के कारण कृषकों द्वारा अस्थाई कनेक्शन हेतु समयावधि कम करने की मांग की जा रही हैं? यदि हाँ, तो क्या कृषक हित में कृषकों के चाहे अनुसार अवधि के अस्थाई कनेक्शन प्रदान किये जावेगे? (घ) विगत 01 माह में सुसनेर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कितने स्थाई कनेक्शन के आवेदन प्राप्त हुए हैं? इनमें से कितने कृषको को कनेक्शन प्रदान कर विद्युत उपलब्धता सुनिश्चित की गई हैं? वितरण केन्द्रवार सूची प्रदान करें। वितरण केन्द्रवार विगत 02 वर्ष में मेंटेनेंस संबंधी किए गए कार्यों का भी पूर्ण विवरण देवें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) सिंचाई हेतु कृषकों को दिये जाने वाले अस्थाई कनेक्शन हेतु नियम एवं प्रक्रिया की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) सुसनेर विधानसभा क्षेत्र में माह अक्टूबर 2017 में सिंचाई हेतु कुल 455 अस्थाई कनेक्शन प्रदान किए गये है। इनमें से 03 माह की अवधि के 271 एवं 04 माह अवधि के 184 अस्थाई कनेक्शन प्रदान किये गये है। (ग) जी हाँ। कृषक द्वारा चाही गई अवधि हेतु अस्थाई कनेक्शन प्रदान किये जा रहे है। (घ) सुसनेर विधानसभा क्षेत्र में माह अक्टूबर-2017 में सिंचाई हेतु 368 स्थाई कनेक्शन के आवेदन प्राप्त हुए है। प्राप्त आवेदनों में से 331 आवेदनकर्ताओं कों विद्युत कनेक्शन उपलब्ध करा दिये गये है। वितरण केन्द्रवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। सुसनेर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विगत 02 वर्षों में विद्युत रख-रखाव (मेन्टेनेंस) संबंधी किये गये कार्यों का वितरण केन्द्रवार विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
नाई जाति को अनुसूचित जाति में शामिल करना
[अनुसूचित जाति कल्याण]
76. ( क्र. 1016 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र.शासन ने म.प्र. के नाई जाति को अनुसूचित जाति में शामिल करने का कोई प्रस्ताव भेजा है? यदि हाँ तो कब? पूर्ण विवरण देवें। (ख) क्या प्रधानमंत्री कार्यालय से कोई पत्र या निर्देश शासन को प्राप्त हुये थे? यदि हाँ तो प्रश्न दिनांक तक उक्त विभाग ने क्या कार्यवाही की? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या भारत सरकार के सामाजिक न्याय मंत्रालय का पत्र मुख्य सचिव म.प्र.शासन भोपाल एवं प्रमुख सचिव सामान्य प्रशासन भोपाल एवं प्रमुख सचिव अनुसूचित जाति विभाग को नाई समाज को शामिल करने हेतु कोई प्रस्ताव भेजे गये? (घ) क्या सामाजिक संगठन केश शिल्पी व सेन समाज म.प्र.द्वारा अपने सामाजिक उपयोग हेतु भोपाल में मकान आवंटित करने का कोई आवेदन दिया गया था? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई?
मुख्यमंत्री (श्री शिवराज सिंह चौहान) : (क) जी हाँ। विभाग के पत्र क्रमांक एफ 23-02/2007/4/25, दिनांक 16 मई, 2007 द्वारा भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। (ख) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। (घ) अनुसूचित जाति कल्याण विभाग को मकान आवंटित किये जाने का कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
छात्रावास भवन का हस्तांतरण
[अनुसूचित जाति कल्याण]
77. ( क्र. 1021 ) श्री राजेश सोनकर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कृषि महाविद्यालय परिसर इन्दौर में अनुसूचित जाति के छात्रों हेतु छात्रावास का निर्माण किया गया है? यदि हाँ, तो छात्रावास का निर्माण पूर्ण हुए कितना समय हो गया है? कृषि महाविद्यालय एवं आदिम जाति कल्याण विभाग के मध्य छात्रावास निर्माण के लिये कोई अनुबंध हुआ था? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में छात्रावास निर्माण किस विभाग द्वारा किस मद से किया गया है? छात्रावास भवन किस विभाग की भूमि पर निर्मित किया गया है वर्तमान में छात्रावास का आधिपत्य किस विभाग के अधीन है? (ग) प्रश्नांश (ख) के क्या निर्मित छात्रावास भवन को कृषि महाविद्यालय इंदौर को हस्तांतरित किया जायेगा? यदि हाँ तो कब तक? प्रवेश प्रक्रिया कब तक प्रारंभ की जायेगी? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में यदि नहीं, तो कृषि महाविद्यालय इंदौर को निर्मित छात्रावास भवन क्यों नहीं हस्तांतरित किया जा सकता है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। छात्रावास भवन को 7 वर्ष पूर्ण हो गये हैं। कृषि महाविद्यालय एवं अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के मध्य छात्रावास निर्माण के लिये कोई अनुबंध नहीं हुआ। (ख) छात्रावास भवन का निर्माण अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा मांग संख्या 64-4225-1400-छात्रावास भवनों का निर्माण 32- लघु निर्माण मद से किया गया है। छात्रावास भवन कृषि महाविद्यालय की भूमि पर निर्मित है। वर्तमान में छात्रावास भवन का आधिपत्य कृषि महाविद्यालय के अधीन है। (ग) कलेक्टर, इंदौर के पत्र क्र. 1124, दिनांक 29.09.2016 द्वारा भवन इस शर्त के साथ आधिपत्य में कृषि महाविद्यालय, इंदौर को सौंपा गया था कि अनुसूचित जाति छात्रावास प्रवेश नियम, 2014 के तहत छात्रावास प्रवेश की पात्रता रखने वाले विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जायेगा। कृषि महाविद्यालय, अन्य महाविद्यालयों के अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को इस छात्रावास में प्रवेश देने पर सहमत नहीं है। इस विवाद के कारण छात्रावास का संचालन प्रारंभ नहीं हुआ है। (घ) भवन का आधिपत्य कृषि महाविद्यालय को सशर्त सौंपा जा चुका है। अत: भवन हस्तान्तरण का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
132 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र सुठालिया की स्वीकृति
[ऊर्जा]
78. ( क्र. 1031 ) ( श्री नारायण सिंह पँवार ) : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 3326, दिनांक 03.03.2017 के उत्तर की कंडिका (ख) में बताया गया था कि सुठालिया क्षेत्र में सुगम एवं पर्याप्त विद्युत आपूर्ति के दृष्टिगत 132 के.व्ही. उपकेन्द्र सुठालिया का निर्माण कार्य वित्तीय वर्ष 2018-19 में पूर्ण किया जाना प्रस्तावित है? तो उक्त कार्य की लागत एवं सम्मिलित कार्यों का विवरण देवें। (ख) उपरोक्तानुसार क्या शासन सुठालिया की क्षेत्र की जनता की पुरजोर मांग, अल्प वोल्टेज की समस्या, लाईन टूटने की समस्या से निजात दिलाते हुये पर्याप्त व सुगम विद्युत आपूर्ति को दृष्टिगत रखते हुये 132 के.व्ही. उपकेन्द्र सुठालिया का निर्माण कार्य वित्तीय वर्ष 2017-18 में ही पूर्ण करेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। उपकेन्द्र एवं संबद्ध लाईन के निर्माण की अनुमानित लागत रू. 44.17 करोड़ है जिसमें नवीन 132 के.व्ही. उपकेन्द्र, सुठालिया, 132 के.व्ही. नरसिंगगढ़-सुठालिया लाइन का निर्माण एवं नरसिंगगढ़ उपकेन्द्र में 132 के.व्ही. बे का निर्माण सम्मिलित है। (ख) जायका (जापान इंटरनेशनल कोआपरेशन एजेंसी) द्वारा ट्रांसमिशन कंपनी की विभिन्न परियोजनाओं के लिए ऋण प्रदान किया जा रहा है, जिसमें 132 के.व्ही. उपकेन्द्र सुठालिया का निर्माण शामिल है। इस कार्य हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निविदा दस्तावेज जारी करने के पूर्व जायका को स्वीकृति हेतु भेजे हैं। स्वीकृति उपरांत निविदा जारी की जाएगी। कार्य की मात्रा के दृष्टिगत उक्त कार्य वित्तीय वर्ष 2017-18 में पूर्ण किया जाना संभव नहीं है, अपितु इसे वित्तीय वर्ष 2018-19 में पूर्ण करने के प्रयास किए जाएंगे।
आंगनवाड़ी केन्द्रों में शौचालय का निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
79. ( क्र. 1049 ) श्री तरूण भनोत : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या स्वच्छता अभियान की शुरूआत हुये दो साल से ज्यादा का समय बीत गया है एवं जबलपुर जिले में आंगनवाड़ी केन्द्रों में आने वाले बच्चों के लिये शौचालय तक की व्यवस्था नहीं की गई? क्या जिले में 643 आंगनवाड़ी केन्द्र शौचालयविहीन हैं एवं बच्चों को टायलेट के लिये खुले में भेजा जा रहा है? (ख) यदि हां, तो शासन द्वारा शौचालय निर्माण हेतु जबलपुर जिले की आंगनवाड़ी केन्द्रों को कितना आवंटन प्रदाय किया गया है एवं विभाग द्वारा कितना व्यय किया गया है? जानकारी राशिवार दिनांक 30 मार्च, 2015 से प्रश्न दिनांक तक दी जावें। (ग) क्या जबलपुर स्थित रामपुर परियोजना अंतर्गत लगभग 92 आंगनवाड़ी केन्द्र हैं जिसमें 8-10 केन्द्रों में ही शौचालय की सुविधा है एवं शेष आंगनवाड़ी केन्द्र शौचालयविहीन हैं? (घ) यदि हां, तो कब तक जबलपुर स्थित शौचालय विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों में शासन द्वारा शौचालयों का निर्माण करवा दिया जावेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जबलपुर जिले में आंगनवाड़ी केन्द्रों पर आने वाले बच्चों के लिये शौचालय की स्थाई/अस्थाई व्यवस्था है। जिले में संचालित कुल 2483 आंगनवाड़ी केन्द्रों में से, 2151 आंगनवाड़ी केन्द्रों पर शौचालय की सुविधा उपलब्ध है तथा 332 आंगनवाड़ी केन्द्र शौचालय विहीन है। विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, शौचालय सुविधा विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों में शौचालय निर्माण हेतु अलग से कोई राशि उपलब्ध नहीं कराई जाती है। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता हैं। (ग) जबलपुर जिले की शहरी परियोजना क्रमांक 03 रामपुर अंतर्गत कुल 95 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। जिसमें से 94 आंगनवाड़ी केन्द्रों पर शौचालय की सुविधा उपलब्ध तथा 01 आंगनवाड़ी केन्द्र शौचालय विहीन है। किन्तु अस्थाई व्यवस्था है। (घ) शौचालय सुविधा विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों में विभिन्न विभागों के अभिसरण से शौचालय निर्माण के निर्देश समस्त जिला कलेक्टर्स को जारी किये गये हैं।
पाटन विधान सभा अंतर्गत विद्युत वितरण
[ऊर्जा]
80. ( क्र. 1058 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कितने बी.पी.एल. घरेलू कनेक्शन कितने गैर घरेलू कनेक्शन तथा कितने कृषि पंप कनेक्शन हैं? विद्युत वितरण केन्द्रवार संख्या देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित उपभोक्ताओं में से कितने उपभोक्ताओं को वित्त वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक विद्युत के बड़े हुये बिल प्राप्त होने तथा कितने उपभोक्ताओं ने बड़े हुये भार 3 एच.पी. की जगह 5 एच.पी. तथा 5 एच.पी. के स्थान 7.5 एच.पी. के बिल प्राप्त होने की शिकायतें दर्ज करवाई? विद्युत वितरण केन्द्रवार सूची देवें। (ग) पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक घरेलू तथा कृषि उपभोक्ताओं हेतु माहवार विद्युत प्रदाय अवधि की विद्युत वितरण केन्द्रवार जानकारी देवें (घ) ग्रामीण क्षेत्र के ट्रांसफार्मर जल जाने पर उसे बदलने के शासन के क्या नियम दिशा-निर्देश हैं? वित्त वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कहाँ-कहाँ के कितनी क्षमता के ट्रांसफार्मर किन कारणों से कब जले तथा उन्हें कब बदला गया? विद्युत वितरण केन्द्रवार सूची देवें तथा यह भी बतलावें कि कहाँ-कहाँ के कौन-कौन से ट्रांसफार्मर किन कारणों से विलंब से बदले गये या अभी तक नहीं बदले गये हैं? सूची देवें। (ड.) प्रश्नांश (ख) उल्लेखित शिकायतकर्ताओं के कितनी राशि के बिल जांच उपरांत कम किये गये? उपभोक्ताओं को अधिक राशि के बिल प्रदान कर मानसिक एवं आर्थिक तौर पर परेशान करने का जिम्मेदार कौन है तथा ग्रामीण घरेलू उपभोक्ताओं तथा कृषि उपभोक्ताओं को शासन के निर्देशो के विपरीत कम अवधि की विद्युत आपूर्ति करने का दोषी कौन है? शासन उनके ऊपर किस प्रकार से कब तक क्या कार्यवाही करेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) पाटन विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वितरण केन्द्रवार उपभोक्ताओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) पाटन विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वित्त वर्ष 2017-18 में प्रश्न दिनांक तक विद्युत के बढ़े हुए बिल के 373 तथा बढ़े हुए भार यथा 3 एचपी की जगह 5 एचपी, 5 एचपी के स्थान पर 7.5 एचपी आदि के बिल प्राप्त होने की 47 शिकायतें प्राप्त हुई, जिनका निराकरण किया जा चुका है। बढ़े हुए भार एवं बढ़े हुए बिलों की शिकायतों संबंधी वितरण केन्द्रवार सूची क्रमश: पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब एवं स अनुसार है। (ग) पाटन विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत आकस्मिक व्यवधान एवं रख-रखाव कार्य की अवधि को छोड़कर कृषि फीडरों से संबद्ध सभी उपभोक्ताओं को 10 घंटे एवं अन्य फीडरों से संबद्ध सभी उपभोक्ताओं को 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। प्रश्नाधीन अवधि में पाटन विधानसभा क्षेत्र में वितरण केन्द्रवार एवं माहवार प्रदाय की गई विद्युत की औसत अवधि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। (घ) वर्तमान में जले एवं खराब वितरण ट्रांसफार्मरों से जुडे 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा भुगतान करने पर अथवा कुल बकाया राशि का 20 प्रतिशत जमा होने के उपरांत जले एवं खराब ट्रांसफार्मरों को बदले जाने के निर्देश हैं। इन दोनों शर्तों में से किसी भी एक शर्त की पूर्ति होने पर जले/खराब ट्रांसफार्मर को बदले जाने की कार्यवाही की जाती है। ट्रांसफार्मर फेल होने के कारण मुख्यत: आकाशीय बिजली, ट्रांसफार्मर में तकनीकी खराबी एवं अनाधिकृत व्यक्तियों द्वारा ट्रांसफार्मर से छेड़छाड़ करना है। विगत वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक पाटन विधानसभा अंतर्गत फेल हुए ट्रांसफार्मरों की वितरण केन्द्रवार जले एवं बदले जाने के दिनांक, बदलने में विलम्ब होने का कारण नहीं बदलने की स्थिति में नहीं बदले जाने का कारण एवं स्थापित ट्रांसफार्मर की स्थान सहित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई अनुसार है। (ड.) उत्तरांश (ख) में उल्लेखित शिकायतों की जांच उपरांत बिलों में राशि रूपये 5,24,506/- कम की गई, जिसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब एवं स अनुसार है। बिलिंग प्रणाली में तकनीकी त्रुटि, मीटर रीडिंग, डाटा पंचिंग इत्यादि में मानवीय/तकनीकी त्रुटि के कारण कभी-कभी कुछ बिलों में त्रुटि हो जाती है जिसके लिये कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है, अत: किसी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न नहीं उठता। बिलों में त्रुटि संज्ञान में आने पर जाँच में पाई गई स्थिति अनुसार आवश्यक कार्यवाही कर बिलों में सुधार किया जाता है। कतिपय अवसरों पर प्राकृतिक आपदा, विद्युत प्रणाली में तकनीकी खराबी तथा रख-रखाव के अत्यावश्यक कार्यों की अवधि में विद्युत व्यवधान होने से निर्धारित अवधि हेतु विद्युत प्रदान किया जाना संभव नहीं होता, जिसके लिये कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है। तथापि आकस्मिक व्यवधान आने पर शीघ्र सुधार कार्य पूर्ण कर विद्युत प्रदाय सुचारू कर दिया जाता है। उक्त परिप्रेक्ष्य में किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
रजक/धोबी समाज के अनूसूचित जाति में सम्मिलित करना
[अनुसूचित जाति कल्याण]
81. ( क्र. 1061 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में रजक/धोबी समाज को किन-किन जिलों में अनुसूचित जाति के अंतर्गत मान्यता प्राप्त है तथा किन-किन जिलों में यह जाति पिछड़ा वर्ग अंतर्गत जाती है? क्या यह समाज उत्तरप्रदेश, दिल्ली, उत्तरांचल, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, असम, त्रिपुरा, हिमाचल, उड़ीसा, हरियाणा, कर्नाटक तथा दादर नगर हवेली आदि प्रदेशों के संपूर्ण जिलों में अनुसूचित जाति के रूप में नोटीफाईड है। (ख) यदि हाँ, तो एक ही समाज के लोगों के साथ भिन्न-भिन्न स्थानों पर अलग-अलग प्रकार का आरक्षण प्रदान करने का क्या कारण है? (ग) रजक/धोबी समाज को संपूर्ण मध्यप्रदेश के सभी जिलों में अनुसूचित जाति के अंतर्गत मान्यता प्रदान करने के संबंध में प्रदेश सरकार द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? तत्संबंध में केन्द्र सरकार से किये गये पत्राचार की छायाप्रति देवें एवं यह भी बतलावें कि रजक/धोबी समाज को संपूर्ण प्रदेश में अनुसूचित जाति के अंतर्गत किस प्रकार से कब तक मान्यता प्रदान कर दी जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) भोपाल, सीहोर एवं रायसेन में अनुसूचित जाति के रूप अधिसूचित है। शेष जिलों में अन्य पिछड़ा वर्ग के रूप में अधिसूचित है। देश के अन्य प्रांतों की जानकारी अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है। (ख) नृजातीय अध्ययन के अनुसार भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में जाति की सामाजिक स्थिति भिन्न होने के कारण। (ग) संपूर्ण मध्यप्रदेश में रजक जाति को अनुसूचित जाति में सम्मिलित करने के मध्यप्रदेश विधानसभा के फरवरी-अप्रैल 2016 सत्र में पारित अशासकीय संकल्प क्रमांक 24 के संबंध में भारत सरकार को दिनांक 16.6.2016 भेजा गया है। भेजे गये पत्र की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
पारदर्शिता पूर्ण कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
82. ( क्र. 1079 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. सरकार द्वारा लोकायुक्त नियुक्ति में पारदर्शिता पूर्ण कार्य कर कार्यवाही पूर्ण की गई? नियुक्ति संबंधी क्या नियम प्रक्रिया एवं विधि है कि प्रति देते हुए बतावे कि क्या इनका पालन किया गया। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में लोकायुक्त के नियुक्ति के पूर्व तैयार नस्ती/फाईल/ प्रकरण में किन-किन नामों का पैनल लोकायुक्त के नियुक्ति हेतु तैयार किया गया था अगर पैनल नहीं तैयार किया गया तो क्यों? अथवा एक ही व्यक्ति के नाम का पैनल प्रस्तावित किया गया तो क्यों? संबंधित नस्ती/नोटशीट/में किन-किन से अनुमोदन किस-किस दिनांक एवं माह व वर्ष में लिए गये नियुक्ति कार्यवाही कब पूर्ण की गई, का विवरण देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तारतम्य में नियुक्ति के पूर्व पैनल न तैयार कर व्यक्तिगत एक नाम भेजकर नियुक्ति की प्रक्रिया पूर्ण की गई तो क्या प्रक्रिया दोषपूर्ण नहीं है, अगर है तो इसके लिए कौन-कौन जवाबदार है, अगर प्रक्रिया को दोषपूर्ण नहीं माना जा रहा तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार नियुक्ति विधि एवं नियमों से हटकर की गई नियुक्ति में पारदर्शिता नहीं अपनाई गई तो इस पर सुधार कर भविष्य में इस नियुक्ति हेतु पारदर्शिता पूर्ण नियम तैयार करने की कार्यवाही के निर्देश एवं नियम बनायेगे बतावे अगर नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) मध्यप्रदेश लोकायुक्त एवं उपलोकायुक्त अधिनियम, 1981 की धारा-3 में राज्य में लोकायुक्त एवं उपलोकायुक्त की नियुक्ति की प्रक्रिया निर्धारित है। प्रति सलंग्न परिशिष्ट अनुसार। जी हाँ। (ख) मध्यप्रदेश लोकायुक्त एवं उपलोकायुक्त अधिनियम, 1981 की धारा-3 के प्रावधान अनुसार राज्य में लोकायुक्त की नियुक्ति के लिये माननीय उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश महोदय से अनुशंसित नाम पर माननीय नेता प्रतिपक्ष की सहमति एवं माननीय राज्यपाल महोदय की सहमति दिनांक 15.10.2017 को प्राप्त की गई है। दिनांक 16.10.2017 को लोकायुक्त की नियुक्ति की कार्यवाही पूर्ण की गई। (ग) एवं (घ) मध्यप्रदेश लोकायुक्त एवं उपलोकायुक्त अधिनियम, 1981 की धारा-3 में निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुये राज्य में लोकायुक्त की नियुक्ति की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दोषियों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाना
[महिला एवं बाल विकास]
83. ( क्र. 1080 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या एकीकृत बाल विकास विभाग द्वारा पूरक पोषण आहार कार्यक्रम प्रारंभ किया जिसके लिए वर्ष 2011-12 से 2015-16 के दौरान योजना के क्रियान्वयन में कितनी राशि रीवा संभाग में व्यय की गई, रीवा संभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारियों को कब-कब, कितनी-कितनी राशि प्रदान की गई वर्षवार का विवरण देवे। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या राज्य सरकार ने पू.पो.का. के अंतर्गत जारी खाद्यान्न म.प्र. राज्य नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा जिला कार्यक्रम अधिकारियों को आवंटन हेतु उपलब्ध कराया गया, उपलब्ध खाद्यान्न की मात्रा एवं कीमत क्या थी का विवरण वर्षवार देते हुए बतावे की एम.पी.एस.सी.एस.सी. को किन दरों पर भुगतान किया गया का विवरण पृथक -पृथक वर्षवार देवें? (ग) प्रश्नांश (क) के पोषण आहार के पैकेट प्रदाय हेतु एजेंसी किसे तय किया गया एजेंसी द्वारा चावल एवं गेहूं क्या अधिक मात्रा में उपयोग किया? क्या विभाग द्वारा समय-समय पर इसका विश्लेषण किया गया अगर किया गया तो कब-कब विवरण देवे अगर नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) पोषण आहार हेतु उपयोग किये गये चावल एवं गेहूं का भुगतान जिला कार्यक्रम अधिकारियों द्वारा उच्च दरों पर कर शासन को नुकसान पहुंचाया एवं प्रश्नांश (ग) अनुसार चावल एवं गेहूं के अधिक उपयोग के कारण एम.पी.एग्रो को अनुचित लाभ प्रदान किया गया। (ड.) प्रश्नांश (ख) अनुसार उच्च दरों को भुगतान एवं प्रश्नांश (घ) अनुसार अनुचित एग्रो को लाभ पहुंचाने के लिए कौन-कौन अधिकारी जवाबदार है, इनके विरूद्ध राशि की वसूली के साथ अपराधी प्रकरण गबन का दर्ज करायेंगे? हाँ तो कब तक अगर नहीं तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2011-12 से वर्ष 2015-16 के दौरान पूरक पोषण आहार योजना के क्रियान्वयन में व्यय की गई राशि की जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-01 पर है। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-02 पर है। (ग) 06 माह से 03 वर्ष तक के बच्चों एवं गर्भवती, धात्री माताओं को टेकहोम राशन प्रदाय करने हेतु एम.पी.एग्रो इण्डस्ट्रीज डेव्हल्पमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड, का चयन राज्य मंत्रि-परिषद के निर्णयानुसार किया गया था। एम.पी.एग्रो को त्रैमासिक रूप से चावल एवं गेहूं का आवंटन टेकहोम राशन की प्रदायित मात्रा के आधार पर किया जाता हैं। प्रत्येक त्रैमास में विश्लेषण कर आगामी माहों की त्रैमासिक आवश्यकता के आधार पर आवंटन जारी किया जाता हैं, कभी भी अधिक मात्रा का उपयोग नहीं किया गया हैं। (घ) जिला कार्यक्रम अधिकारियों द्वारा उच्च दरों पर भुगतान नहीं किया गया हैं तथा एम.पी.एग्रो के द्वारा भी अधिक मात्रा में खाद्यान्न का उपयोग नहीं किया गया हैं ना ही अनुचित लाभ प्रदान किया गया। शासन द्वारा निर्धारित दर के अनुसार ही गेहूं/चावल की राशि का भुगतान नागरिक आपूर्ति निगम को किया गया हैं। (ड.) एम.पी.एग्रो द्वारा खाद्यान्न की राशि का भुगतान सीधे म.प्र.राज्य नागरिक आपूर्ति निगम को निर्धारित दरों पर किया जाता हैं। विभाग द्वारा उच्च दरों पर भुगतान नहीं किया गया हैं ओर ना ही एम.पी.एग्रो को अनुचित लाभ दिया गया हैं। इसलिए कोई अधिकारी जवाबदार नहीं हैं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
परिशिष्ट - ''तैंतीस''
नवीन विद्युत संयंत्र की स्थापना
[ऊर्जा]
84. ( क्र. 1118 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अमरकंटक ताप विद्युत ग्रह चचाई में नवीन विद्युत संयंत्र 660 मेगावाट इकाई स्थापित हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या औपचारिकताएं पूरी करा ली गई है? विवरण प्रदान करें? (ख) क्या शासन नवीन इकाई स्थापित हेतु प्रयासरत है? यदि हाँ तो कब तक नवीन इकाई स्थापित हेतु स्वीकृत प्रदान की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई में 660 मेगावाट क्षमता की नवीन विद्युत इकाई की स्थापना किये जाने हेतु मप्रपाजकंलि द्वारा की गई कार्यवाही से संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। अमरकंटक ताप विद्युत गृह में सुपर क्रिटिकल तकनीक आधारित एक नई ईकाई की स्थापना की कार्यवाही विहित प्रक्रियानुसार की जा रही है। नवीन ईकाई की स्थापना हेतु संभाव्यता अध्ययन (फिजिबिलिटी रिपोर्ट) एवं विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (डीपीआर) तैयार करने हेतु नियुक्त सलाहकार द्वारा प्रस्तुत फिजिबिलिटी रिपोर्ट के अनुसार अमरकंटक ताप विद्युत गृह की सेवा-निवृत्त इकाईयों के स्थान पर सुपर क्रिटिकल तकनीक आधारित 1x660 में.वा. क्षमता की ईकाई की स्थापना प्रस्तावित है। सलाहकार द्वारा फाइनल डी.पी.आर. प्रस्तुत करने एवं इस पर संचालक मंडल के अनुमोदन के उपरांत तथा राज्य में विद्युत की मांग हेतु ईकाई की आवश्यकता पाए जाने पर, ईकाई की स्थापना हेतु प्रशासकीय स्वीकृति सहित आगामी कार्यवाहीयां की जावेगी। अत: वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने हेतु किये गये प्रयास
[ऊर्जा]
85. ( क्र. 1183 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर के अन्तर्गत वर्ष 2016-17 में शासकीय कार्यालयों के लिये जारी विद्युत देयक की कुल राशि कितनी थी? (ख) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर के अन्तर्गत वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में शासकीय कार्यालयों में कितनी विद्युत की खपत हुई तथा इनके विद्युत देयक की कुल राशि कितनी थी की जानकारी संचालन-संधारण वृत्तवार उपलब्ध करवाऐं? (ग) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर के अन्तर्गत कितने शासकीय कार्यालयों में नेट मीटरिंग के तहत सोलर रूफटॉप संयंत्र स्थापित किए गए हैं तथा इसके परिणाम स्वरूप उनकी विद्युत खपत में औसत मासिक कितने प्रतिशत की कमी हुई है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के अन्तर्गत वर्ष 2016-17 में शासकीय कार्यालयों के लिए जारी विद्युत देयकों की कुल राशि लगभग रूपये 42.06 करोड़ थी। (ख) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के अन्तर्गत वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में शासकीय कार्यालयों में विद्युत की खपत एवं विद्युत देयकों की कुल राशि की संचालन-संधारण वृत्तवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के अन्तर्गत किसी भी शासकीय कार्यालय में नेट मीटरिंग के तहत सोलर रूफटॉप संयंत्र स्थापित कर क्रियाशील नहीं किया गया है, अत: विद्युत खपत में कमी होने का प्रश्न नहीं उठता।
वन स्टॉप सेन्टर
[महिला एवं बाल विकास]
86. ( क्र. 1184 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या महिला सशक्तिकरण के तहत इंदौर संभाग में वन स्टॉप सेन्टर संचालित किया गया है, क्या यह सही है कि आज दिनांक तक स्थाई रूप से कर्मचारी अधिकारी व कार्यालयीन सामग्री की व्यवस्था नहीं की गई है? (ख) यदि हाँ, तो क्यों एवं बिना व्यवस्था के बगैर वन स्टॉप सेन्टर कैसे चला रहे हैं?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। संचालनालय महिला सशक्तिकरण के पत्र क्रमांक 1216 दिनांक 30/07/2016 से सभी जिलों में वन स्टॉप सेन्टर संचालन हेतु तात्कालिक व्यवस्था हेतु जिले में पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों की नियुक्ति के लिये आदेशित किया गया था। जिसके अनुसार सभी जिलों में विकासखण्ड महिला सशक्तिकरण अधिकारी प्रशासक के रूप में कार्यरत हैं और केसवर्कर भी कार्यरत हैं। संचालनालय महिला सशक्तिकरण के पत्र 370 दिनाकं 06/05/2017 एवं विभागीय पत्र क्र.वस्टासे/2017/821 भोपाल दिनांक 06/10/2017 द्वारा ऑउटसोर्स से कर्मचारियों की सेवाएं ली जाने हेतु पत्र जारी किया गया जिस पर कार्यवाही प्रचलन में है। भारत शासन द्वारा वन स्टॉप संचालन हेतु बजट आवंटन जिलों को मार्च 2017 में प्रदाय किया गया है। सभी जिलों में आवश्यक सामग्री उपलब्ध है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
महिला एवं बाल विकास विभाग में पंजीकृत अशासकीय संस्थाएं
[महिला एवं बाल विकास]
87. ( क्र. 1204 ) श्रीमती ममता मीना : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या महिला एवं बाल विकास विभाग गुना के आदेश क्रमांक 1352-1353 दिनांक 23.07.2003 द्वारा 03 अशासकीय संस्थाओं को विभाग द्वारा संचालित गतिविधियों के संचालन हेतु मान्यता प्रदान की गई थी? क्या उक्त तीन अशासकीय संस्थाओं में श्रीमती सुशील ज्ञान शिक्षा प्रचार-प्रसार समिति गुना का नाम है? उक्त संस्थाओं द्वारा क्या-क्या कार्य संपादित किये गये? (ख) अधोहस्ताक्षरकर्ता के पत्र क्रमांक 18215 दिनांक 28.04.2017 के अनुक्रम में संबंधित जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी गुना के पत्र क्रमांक 800 दिनांक 09.05.2017 में पंजीकृत अशासकीय संस्थाओं की जानकारी में श्रीमती सुशील ज्ञान शिक्षा प्रचार-प्रसार समिति गुना की जानकारी न दी जाकर क्यों गुमराह किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में विरोधाभास होने की स्थिति तथा विधानसभा सदस्य को असत्य जानकारी उपलब्ध कराने वाले दोषी जिलाधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जा रही है और कब तक की जावेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ उक्त तीनों अशासकीय संस्थाओं में श्रीमती सुशीला ज्ञान शिक्षा प्रचार-प्रसार समिति गुना का नाम सम्मिलित है। उक्त संस्थाओं द्वारा किये गये कार्य संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) जिला महिला सशक्तिकरण कार्यालय गुना में महिला सशक्तिकरण गठन के पूर्व के मान्यता संबंधी अभिलेख उपलब्ध न होने के कारण जिला एकीकृत बाल विकास कार्यालय से प्राप्त सूची मान. विधायक महोदय को भेजी गई थी जिसमें लिपिकीय त्रुटिवश उक्त संस्थाओं के नाम अंकित नहीं थे। (ग) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र में विद्युत ट्रांसफार्मर बदलने एवं विद्युत प्रवाह रोकना
[ऊर्जा]
88. ( क्र. 1213 ) श्री हेमन्त सत्यदेव कटारे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. विद्युत मण्डल का जिन सिंचाई पम्प उपभोक्ता किसान विद्युत बिल बकाया है तथा वह राशि जमा नहीं कर रहा है का ही ट्रांसफार्मर उठाने के आदेश हैं? यदि हां, तो विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र अटेर अंतर्गत बिल जमा न करने वाले उपभोक्ता का विद्युत ट्रांसफार्मर नहीं उठाकर पूरी लाईन काटी जा रही है, जिससे जो किसान विद्युत बिल भर रहे हैं उन्हें बिजली से वंचित होना पड़ रहा है? यदि हाँ तो क्यों? इसके लिये कौन जिम्मेदार है? (ख) क्या यह भी सही है कि क्षेत्र में जले हुये ट्रांसफार्मर को तत्परता से बदला नहीं जा रहा है तथा कहा जा रहा है कि ट्रांसफार्मर से संबंधित उपभोक्ताओं की 40 प्रतिशत बकाया राशि जमा कराने के पश्चात ही ट्रांसफार्मर रिप्लेस होगा। साथ ही विद्युत ट्रांसफार्मर जले होने अथवा लाईन कटी होने के बावजूद भी क्षेत्र के हजारों विद्युत उपभोक्ताओं को विद्युत देयक निरंतर भेजे जा रहे हैं? यदि हाँ तो क्यों? क्या इनका संशोधन किया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा सिंचाई पंप उपभोक्ता सहित ऐसे उपभोक्ता, जिनके द्वारा बिजली बिल का भुगतान नहीं किया जाता है, उनके कनेक्शन विच्छेदित किये जाते हैं तथा पूरी लाईन नहीं काटी जाती है। यही कार्यवाही अटेर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत की गयी है। अतः किसी की जिम्मेदारी का प्रश्न नहीं उठता। (ख) जले एवं खराब ट्रांसफार्मर से संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा बकाया राशि का 40 प्रतिशत जमा करने अथवा 75 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा भुगतान करने की स्थिति में जले एवं खराब वितरण ट्रांसफार्मरों को निर्धारित समय-सीमा अर्थात वर्षा ऋतु में (जुलाई से सितम्बर) 7 दिवस एवं अन्य माहों में 3 दिवस में बदलने जाने का प्रावधान था। राज्य शासन के आदेश दिनांक 10.10.2017 द्वारा इसे शिथिल करते हुए बकाया राशि का 20 प्रतिशत अथवा 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा भुगतान करने पर जले एवं खराब ट्रांसफार्मरों को समय-सीमा में बदलने हेतु निर्देश जारी किये गये हैं। ट्रांसफार्मर जले होने एवं बकाया राशि का भुगतान नहीं करने के कारण विच्छेदित कनेक्शनों के लिये मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी ''मध्यप्रदेश विद्युत प्रदाय संहिता'' के प्रावधानों के अनुसार विद्युत देयक भेजे जाते हैं।
छिन्दवाड़ा जिले में पात्र व्यक्तियों को अनुसूचित जनजाति का प्रकरण पत्र जारी न किया जाना
[सामान्य प्रशासन]
89. ( क्र. 1234 ) पं. रमेश दुबे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छिन्दवाड़ा जिले में पुराने भू-अभिलेखों में गुड़ेरा आहिर अथवा गोड़ गोवारी शब्द का उल्लेख होने किन्तु पटवारियों की त्रुटि के कारण बाद के अभिलेखों में आहिर व गोवारी उल्लेख होने के कारण अनुविभागीय अधिकारियों के द्वारा जाति भिन्नता होने का उल्लेख कर उनके अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र के प्रकरण निरस्त किये जा रहे है? (ख) क्या यह भी सही है कि गुड़ेरा आहिर और गोड़ गोवारी को छिन्दवाड़ा जिले में गोड़ की उपजाति मानते हुए इन वर्गों के लोगों को उनके रहन-सहन, खान-पान, रिश्ते-नाते, देवी-देवता, विवाह आदि की सुक्ष्मता से जांच कर उन्हें अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र जारी किये जाने के अनेकों बार निर्देश जारी किये गये है? यदि हां, तो निर्देशों की प्रति संलग्न करते हुए यह बतावें के इसके बावजूद भी इन वर्गों के व्यक्तियों को जाति प्रमाण पत्र क्यों निरस्त किये जा रहे है? (ग) क्या बबलू धुर्वे, महेश उईके, गुलाब उईक, राजेन्द्र उईके निवासी पिपरियाकलां तहसील विछुआ और मनोहर उईके, रामकरन धुर्वे, सुरजन धुर्वे निवासी सोनाखार, तहसील छिन्दवाड़ा के मामले में पुराने अभिलेखों में गुड़ेरा आहिर अथवा गोड़ गोवारी उल्लेख होने के बावजूद मतभिन्नता का कारण दर्शाते हुए जाति प्रमाण पत्र का प्रकरण निरस्त कर दिया गया है? यदि हां, तो क्यों? (घ) क्या शासन छिन्दवाड़ा जिले में उक्त व्यक्तियों के साथ-साथ इस प्रकार के अन्य मामलों में पुराने अभिलेखों के आधार पर बाद के त्रुटिपूर्ण अभिलेखों को दुरूस्त कर उन्हें अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र प्रदाय किये जाने का आदेश देगा नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जाति सत्यापन उपरांत गोंड गोवारी जाति में प्रमाण पत्र प्रदाय किये जा रहे हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'', ''दो'', ''तीन'', ''चार'', ''पाँच'' एवं ''छ:'' अनुसार है। प्रकरण निरस्त नहीं किए जा रहे हैं। (ग) रामकरण धुर्वे को प्रकरण क्रमांक 2635/बी-121/2008-09 में गोंड गोवारी जाति का जाति प्रमाण पत्र जारी किया गया है। बबलू धुर्वे, महेश धुर्वे, गुलाब धुर्वे, राजेद्र उईके निवासी पिपरियाकलां तहसील बिछुआ के मामले में राजस्व अभिलेखों में गुडेंरा अहिर का उल्लेख होने, किन्तु आवेदक द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों में केवल गोंड अथवा अहीर जाति में दर्ज होने संबंधी भिन्नता होने के कारण जाति प्रमाण पत्र के प्रकरण निरस्त किये गये है। शेष मनोहर उईके एवं सुरजन धुर्वे द्वारा यदि अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय में प्रकरण प्रस्तुत किये जाते है तो नियमानुसार कार्यवाही कर जाति प्रमाण पत्र जारी किये जावेगे। (घ) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
छिंदवाड़ा जिले में संचालित विभिन्न योजनाएं
[जनजातीय कार्य]
90. ( क्र. 1236 ) श्री जतन उईके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिंदवाड़ा जिले में वित्तीय वर्ष 2012-13 से वित्तीय वर्ष 2016-17 के दौरान विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के तहत योजनावार कितने हितग्राहियों को लाभांवित किया गया? दिए गए लाभ की जानकारी देवें। (ख) वित्तीय वर्ष 2012-13 में वित्तीय वर्ष 2016-17 के मध्य विभाग को छिंदवाड़ा जिले में संचालित विभिन्न योजनाओं को लेकर कितनी शिकायतें प्राप्त हुई। प्रत्येक शिकायत की जानकारी जांच अधिकारी के नाम, पदनाम तथा की गई कार्यवाही के साथ दें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) छिंदवाड़ा जिले में वित्तीय वर्ष 2012-13 से वित्तीय वर्ष 2016-17 तक विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के तहत किये गये लाभान्वित हितग्राहियों की जानकारी एवं दिये गये लाभ हेतु व्यय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) वित्तीय वर्ष 2012-13 से वित्तीय वर्ष 2016-17 के मध्य विभाग को छिंदवाड़ा जिले में संचालित विभिन्न योजनाओं संबंधी 03 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिन पर की गई कार्यवाही एवं शिकायत का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना अन्तर्गत पैरामेडीकल की स्वीकृत छात्रवृत्ति की जांच मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत छिन्दवाड़ा के स्तर पर प्रचलित है।
छिंदवाड़ा जिले में विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
91. ( क्र. 1237 ) श्री जतन उईके : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिंदवाड़ा जिले में कितने ऐसे आदिवासी बहुल गांव हैं, जिनमें प्रश्न दिनांक तक विद्युतीकरण नहीं हो सका है? ऐसे प्रत्येक गांव का नाम, तहसील का नाम उसकी जनसंख्या के साथ दें। इनका विद्युतीकरण कब तक पूरा कर लिया जाएगा? (ख) ऐसे प्रत्येक गांव में रहने वाले आदिवासी किसानों को सिंचाई के लिए बिजली उपलब्ध करवाने की विभाग की क्या-क्या योजनाएं है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) छिंदवाड़ा जिले में कार्य-योग्य कोई भी आदिवासी बहुल ग्राम विद्युतीकरण हेतु शेष नहीं है। अत: शेष प्रश्नांश लागू नहीं। (ख) आदिवासी किसानों को सिंचाई हेतु विद्युत उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पंप कनेक्शन योजना लागू है। इसके अतिरिक्त आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा सिंचाई के लिये बिजली उपलब्ध कराने हेतु ''अनुसूचित जनजाति बस्तियों में विद्युतीकरण, अनुसूचित जनजाति के कृषकों को सिंचाई सुविधा हेतु विद्युत लाइन का विस्तार (पम्पों का ऊर्जीकरण) योजना नियम'' 2016" के तहत विद्युत अधोसंरचनाओं का विस्तार कर पम्पों का ऊर्जीकरण किया जाता है।
किशोर न्याय अधिनियम 2015 (जे.जे.एक्ट) के प्रावधानों का क्रियान्वयन
[महिला एवं बाल विकास]
92. ( क्र. 1269 ) श्री कमलेश शाह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या यह सही है कि मध्यप्रदेश में 18 वर्ष तक की उम्र के बच्चों के लिए पृथक से एक भी नशा मुक्ति केन्द्र नहीं है? यदि हां, तो फिर प्रदेश में किशोर न्याय अधिनियम 2015 (जे.जे. एक्ट) लागू होने के बाद से प्रश्न दिनांक तक ऐसे कितने बच्चों का पता चला है जो नशा करते है। इन बच्चों को नशा मुक्ति के लिए कहाँ, भेजा गया? (ख) किशोर न्याय अधिनियम 2015 (जे.जे. एक्ट) की धारा 77 के अनुसार मध्यप्रदेश में अब तक कितने मामले दर्ज किये गये हैं? इस संबंध में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यह भी बतावें कि प्रदेश के हर जिले में नशा मुक्ति केन्द्र खोलने की योजना पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) मध्यप्रदेश में बच्चों की नशा मुक्ति के लिए शासन द्वारा प्रश्न दिनांक तक चलाई जा रही योजनाओं, कार्यक्रमों की पृथक-पृथक जानकारी देवें। इन योजनाओं, कार्यक्रमों पर 1 जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक तक व्यय की गई जानकारी की वर्षवार, मदवार जानकारी देवें। (घ) क्या यह सही है कि उच्चतम न्यायालय के आदेश अनुसार मध्यप्रदेश में भी बच्चों की नशा मुक्ति के लिए कार्ययोजना बनाना थी। यदि हां, तो बनाई गई कार्ययोजना की विस्तृत जानकारी देवें और बतावें कि इसका क्रियान्वयन प्रश्न दिनांक तक किस प्रकार किया गया?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी नहीं। किशोर न्याय अधिनियम, 2015 जे.जे. एक्ट, में नशामुक्ति केन्द्र संचालित करने के संदर्भ में कोई प्रावधान नहीं है। सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग द्वारा अशासकीय तीन बाल नशामुक्ति केन्द्र संचालित है जिसके माध्यम से 744 बच्चों को नशामुक्त किया गया। विस्तृत जानकारी सलंग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' पर। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' पर। प्रदेश में महिला सशक्तिकरण विभाग द्वारा नशामुक्ति केन्द्र खोलने की कोई योजना नहीं है। (ग) संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' पर संलग्न। (घ) जी नहीं। महिला सशक्तिकरण विभाग द्वारा बच्चों की नशामुक्ति के लिये कोई कार्ययोजना नहीं बनाई गई है। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
बड़वानी जिले में कार्य स्वीकृति में मनमानी संदर्भ में
[जनजातीय कार्य]
93. ( क्र. 1284 ) श्री बाला बच्चन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.01.2014 से 31.10.2017 तक मलिन बस्ती विकास योजना एवं अन्य योजनाओं के तहत कितनी राशि के कार्य कहाँ-कहाँ स्वीकृत किए गये? पंचायतवार, राशि, शहरी वार्ड, राशि कार्य नाम सहित जानकारी बड़वानी जिले की वर्षवार देवें। (ख) उपरोक्त कार्य किन जनप्रतिनिधियों की अनुशंसा पर स्वीकृत किए गए? कार्य नाम, जनप्रतिनिधि नाम, पद, अनुशंसा पत्र की छायाप्रति सहित वर्षवार देवें। (ग) क्या कारण है कि गैर जनप्रतिनिधियों की अनुशंसा पर भी कार्य स्वीकृत किए गए? प्रश्नांश (ख) व (ग) अनुसार समस्त कार्यों के अनुमोदन की प्रमाणित प्रति भी देवें। (घ) गैर जनप्रतिनिधियों की अनुशंसा पर कार्य स्वीकृत करने वाले अधिकारियों को उच्च स्तरीय जांच कब तक कराई जाएगी? उपरोक्त कार्यों की पूर्ण/अपूर्ण स्थिति भी देवें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जनजातीय कार्य विभाग द्वारा मलिन बस्ती विकास योजना संचालित नहीं है। विभाग द्वारा अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास योजना अंतर्गत बड़वानी जिले में स्वीकृत कार्यों की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास योजना नियम 2005 एवं अनुसूचित जाति जनजाति बस्ती विकास एवं विद्युतीकरण योजना नियम 2017 अन्तर्गत गैर जन-प्रतिनिधि/जन-प्रतिनिधियों की अनुशंसा पर कार्यों को स्वीकृत किये जाने के प्रावधान नहीं है। उक्त नियमों के अन्तर्गत विभाग को प्राप्त प्रस्ताव चिन्हित अनुसूचित जनजाति बस्तियों की सूची क्रमानुसार कार्य स्वीकृत किये जाने के प्रावधान हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता। नियमानुसार अनुमोदित किये गये कार्यों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता। पूर्ण/अपूर्ण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
बड़वानी में आयोजित राज्य स्तरीय अनु.जनजाति सम्मेलन में अनियमितता
[जनजातीय कार्य]
94. ( क्र. 1285 ) श्री बाला बच्चन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अता. प्र.क. 979 दि. 18.07.2017 के (क) उत्तर में वर्णित समस्त भुगतान विवरणों के T.D.S. कटौती की जानकारी देवें। इनके देयकों की छायाप्रतियां नहीं उपलब्ध कराई गई क्यों? इन्हें उपलब्ध करावें। (ख) उपरोक्तानुसार भुगतान विवरण के क्रमांक 114 से 120, क्र. 124 से 130 एवं 133 से 142 तक बिना नाम के भुगतान करना बताया गया, बिना नाम के भुगतान कैसे और किनको किया गया? (ग) प्रश्न के उत्तर में प्राप्त C.D. में प्रशिक्षण कार्यक्रम की 1 सेकंड की भी रिकॉर्डिंग नहीं है एवं 500 में से 1 भी हितग्राही की जानकारी नहीं दी गई क्यों? (घ) इस प्रकार भुगतान में फर्जीवाड़ा करने, विधानसभा को गुमराह करने C.D. में आवश्यक जानकारी न देने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रश्नांश अन्तर्गत कार्यक्रम आयोजन में प्रदेश के विभिन्न जिलों से सम्मिलित होने वाले हितग्राहियों के परिवहन एवं भोजन आदि पर व्यय तथा कार्यक्रम की व्यवस्था में विभिन्न विभागों द्वारा भुगतान किया जाकर प्रतिपूर्ति हेतु प्रस्तुत देयक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विवरण क्रमांक 114 से 120 तक का भुगतान अनुक्रमांक 113 पर अंकित श्री राजीव शर्मा जिला खण्डवा को वाहन किराये, 124 से 130 तक का भुगतान अनुक्रमांक 123 पर अंकित कर्नल कंस्ट्रक्शन पलसूद जिला बड़वानी को बेरिकेडस के लिये तथा अनुक्रमांक 133 से 140 तक का भुगतान अनुक्रमांक 132 पर अंकित मण्डल संयोजक कार्यालय सहायक आयुक्त आदिवासी विकास उमारिया द्वारा परिवहन व्यय इत्यादि का भुगतान किया गया। (ग) प्रश्नांश अन्तर्गत C.D. अतारांकित प्रश्न क्रमांक 979 के उत्तर के साथ प्रेषित की जा चुकी है। (घ) भुगतान किये जाने की कार्यवाही की जाने एवं C.D. उपलब्ध कराई जाने के कारण शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सौर ऊर्जा एवं पवन ऊर्जा कंपनियों के श्रमिकों की जानकारी
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
95. ( क्र.
1289 ) श्री
बहादुर सिंह
चौहान : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) अता.
प्र.क्र. 5392 दि. 10.03.2017
में वर्णित
सौर ऊर्जा व
पवन ऊर्जा
कंपनियों के
श्रमिकों/कर्मचारियों
की जानकारी दी
गई उनके नाम, P.F. नंबर, श्रमिक/कर्मचारी
अंशदान, नियोक्ता
अंशदान सहित
कंपनीवार
पृथक-पृथक
देवें। (ख) प्रश्न
दिनांक तक इन
कंपनियों ने
कितने
मेगावाट विद्युत
उत्पादन
किया
कंपनीवार बतावें।
सौर ऊर्जा, पवन
ऊर्जा के विषय
में पृथक-पृथक
बतावें। (ग) इन
कंपनियों
द्वारा शासन
को किस दर पर व
प्रश्न
दिनांक तक
कितनी मात्रा
की कितनी राशि
की विद्युत
विक्रय की? पृथक-पृथक
देवें। (घ) प्रश्नांश
(क) अनुसार
श्रमिकों/कर्मचारियों
की संख्या कम
बताकर इनके हितों
पर कुठाराघात
करने वाली
कंपनी पर शासन
कब तक
कार्यवाही
करेगा?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
पारस चन्द्र
जैन ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-अ
अनुसार है। (ख)
एवं (ग) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-ब
अनुसार है। (घ)
विकासक कम्पनियों
द्वारा
परियोजना
विकास के
विभिन्न
चरणों में
आवश्यकतानुसार
श्रमिकों/कर्मचारियों
की नियुक्ति
की जाती है। प्रश्नांश
के सन्दर्भ
में कोई
शिकायत अथवा
विसंगति
विभाग के संज्ञान
में नहीं आयी
है, अतएव
प्रश्नांश
लागू नहीं
होता।
डूब प्रभावितों को न्याय दिलाने हेतु
[नर्मदा घाटी विकास]
96. ( क्र. 1292 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मा. मुख्यमंत्री जी की घोषणा में संशोधन किया गया है, जिसमें उन्होंने डूब विस्थापितों को मकान बनाने के लिये एक मुश्त 05 लाख रूपये देने की घोषणा की थी? नर्मदा घाटी परियोजना के संबंध में बतावें। (ख) यदि नहीं, तो क्या कारण है, डूब विस्थापितों को यह राशि 2 या 3 किश्तों में किसके आदेश से दी जा रही है? (ग) धार, बड़वानी जिले में अस्थायी टिन शेड बनाने का कार्य जिस टेंडर प्रक्रिया से दिया गया है, उसकी पूरी जानकारी विज्ञप्ति सहित देवें वर्क आर्डर की कॉपी, भुगतान राशि, भुगतान दिनांक फर्म नाम सहित देवें? (घ) वर्तमान में इन अस्थायी शेड में कितने लोग निवासरत है, जानकारी नाम सहित देवें?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। विभाग के आदेश क्रमांक एफ-31-6/2017/सत्ताईस-एक दिनांक 05/06/2017 के अनुसार डूब क्षेत्र में निवासरत ऐसे परिवार जिनकी विस्थापन के लिये अन्य कोई आवास की व्यवस्था नहीं हुई थी उन्हें तात्कालिक व्यवस्था के लिये रूपये 80,000/- (रूपये अस्सी हजार) एवं मकान बनाने के लिये प्रधान मंत्री आवास योजना में पात्र होने पर उस योजना से रूपये 1.32 लाख (रूपये एक लाख बत्तीस हजार) अथवा उसमें पात्र नहीं होने पर विभागीय मद से रूपये 1.32 लाख (रूपये एक लाख बत्तीस हजार) दिये जाने का प्रावधान किया गया था। इसके अलावा विस्थापितों को प्लाट समतलीकरण हेतु रूपये 20,000/- (रूपये बीस हजार), परिवहन के लिये रूपये 5000/- (रूपये पाँच हजार) दिये जाने के भी प्रावधान किये गये थे। पुनर्वास नीति में इसके अलावा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के भूमिहीन, कृषि मजदूर परिवारों को रूपये 49,300/- (उन्नचास हजार तीन सौ) एवं अन्य भूमिहीन परिवारों को रूपये 33,150/- (रूपये तैंतीस हजार एक सौ पचास) विस्थापन के पश्चात उनकी आजीविका के लिये रोजगार मूलक परिसंपत्ति क्रय करने हेतु अनुदान दिये जाने का प्रावधान है। विभाग के उक्त आदेश के पश्चात विस्थापितों के द्वारा यह मांग की गई कि उपरोक्त अलग-अलग मदों में राशि प्रदान करने की अपेक्षा उन्हें विस्थापित होकर आवास के लिये देय सभी अनुदान मिलाकर एकमुश्त रूपये 5.00 लाख (रूपये पाँच लाख) दिये जायें। उनकी इस मांग को मंजूर करते हुए माननीय मुख्यमंत्री जी ने रूपये 5.80 लाख (रूपये पाँच लाख अस्सी हजार) देने के आदेश किये। यह राशि एकजाई करके स्वीकृत की गई थी। जिसे दो किश्तों में दिये जाने के विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ-31-6/2017/सत्ताईस-एक दिनांक 01/08/2017 एवं परिपत्र क्रमांक एफ-31-6/2017/सत्ताईस-एक दिनांक 05/08/2017 जारी किये, जिसमें प्रथम परिपत्र में पहली किश्त रूपये 1.40 लाख (रूपये एक लाख चालीस हजार) एवं द्वितीय किश्त विस्थापित होने पर रूपये 4.40 लाख (रूपये चार लाख चालीस हजार) दी जाना थी। तत्पश्चात माननीय मुख्यमंत्री जी ने पुन: विस्थापितों की मांग पर प्रथम किश्त रूपये 3.00 लाख (रूपये तीन लाख) एवं मकान तोड़ कर शिफ्ट करने पर द्वितीय किश्त रूपये 2.80 लाख (रूपये दो लाख अस्सी हजार) दिये जाने के निर्देश दिये थे जिसके तारतम्य में विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ-31-6/2017/सत्ताईस-एक दिनांक 05/08/2017 जारी किये गये। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) यह कार्य अन्य विभागों द्वारा किया गया था जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (घ) अस्थाई शेडों में कोई परिवार निवासरत होने की स्थिति इस वर्ष अल्पवर्षा के कारण उपस्थित नहीं हुई।
नर्मदा घाटी परियोजना के डूब प्रभावितों को मुआवजा
[नर्मदा घाटी विकास]
97. ( क्र. 1293 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कारण है कि नर्मदा घाटी परियोजना के डूब प्रभावितों जिनकी 25 % से कम भूमि अधिग्रहीत की गई को 15 लाख रू. के पैकेज में से पूर्व में प्रदान की गई राशि काट कर भुगतान किया जा रहा है जबकि ऐसा कहीं नहीं है? (ख) 138.68 मी. तक नर्मदा पाईप लाईन का कोई भी सर्वे, मुआवजा वितरण अभी तक क्यों नहीं किया गया? (ग) पुनर्वास स्थलों पर मूलभूत सुविधाएं कब तक उपलब्ध करा दी जाएगी? प्रश्न दिनांक तक किये कार्यों की जानकारी देवें? (घ) मछुआरों को मछली पकड़ने का अधिकार, कुम्हारों को ईंट निर्माण का स्थान, नाविकों को अभी तक घाट का पंजीयन अभी तक नहीं क्यों नहीं किया गया? कब तक किया जायेगा?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) (1) जी नहीं। माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश दिनांक 08/02/2017 द्वारा सरदार सरोवर परियोजना के विस्थापित परिवारों जिन्हें भूमि के बदले भूमि दी जाना थी एवं उनके द्वारा विशेष पुनर्वास पैकेज नहीं लिया है, उस श्रेणी के विस्थापितों को रूपये 60 लाख प्रति परिवार राशि दी गई है एवं जिन विस्थापित परिवारों द्वारा पूर्व में विशेष पुनर्वास अनुदान/पैकेज की राशि प्राप्त की गई थी एवं भूमि की रजिस्ट्री के समय Duped (धोखा) हो गये, की श्रेणी के प्रकरणों में रूपये 15 लाख जिसमें से उनको पूर्व में दी गई राशि को घटा कर राशि स्वीकृत की गई है। (2) माननीय उच्चतम न्यायालय के उपरोक्त सिद्धांत के अनुरूप लोक कल्याणकारी राज्य होने के नाते विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ-31-6/2017/सत्ताईस-एक दिनांक 05/06/2017 द्वारा अन्य सभी विस्थापितों, जिनके द्वारा भूमि के बदले भूमि विशेष पुनर्वास पैकेज की राशि रूपये 5.58 लाख का पैकेज लिया था उन्हें भी रूपये 15 लाख की अतिरिक्त पैकेज राशि स्वीकृत की गई है इसके अतिरिक्त राशि रूपये 15 लाख में से सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुरूप ही पूर्व में विस्थापितों को भुगतान की गई विशेष पुनर्वास अनुदान की राशि का समायोजन किया जाकर शेष राशि का भुगतान किये जाने हेतु आदेश जारी किये गये हैं। (3) इसी प्रकार विस्थापितों की मांग पर सहानुभूति पूर्वक विचार कर 25% से कम भूमि अधिग्रहण श्रेणी के विस्थापितों के लिये भी विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ-31-6/2017/सत्ताईस-एक दिनांक 01/08/2017 एवं उसके क्रियान्वयन हेतु जारी परिपत्र क्रमांक एफ-31-6/2017/सत्ताईस-एक दिनांक 01/08/2017 अनुसार जिन विस्थापित परिवारों से पूर्व में 25% प्रतिशत से कम भूमि अधिग्रहित की गई थी उन्हें भी कुल धारित भूमि का 25% अधिग्रहित होने पर रूपये 15 लाख की पैकेज राशि तथा इससे कम प्रतिशत भूमि का अर्जन होने पर तदानुसार अनुपातिक रूप से राशि स्वीकृत की गई है। उक्त राशि में से पूर्व में भुगतान की गई राशि का समायोजन किया जाकर शेष राशि का भुगतान किये जाने के निर्देश हैं, जैसा कि कंडिका-1 में सर्वोच्च न्यायालय ने सिद्धांत प्रतिपादित किया है। (ख) कार्यपालन यंत्री, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी बड़वानी के द्वारा अभी तक तहसील बड़वानी में 382, ठीकरी में 705, कुक्षी में 183, मनावर में 653, धरमपुरी में 497 कुल 2420 पाईप लाईनों का सर्वे कर लिया गया है। सरदार सरोवर बांध में इस वर्ष अल्पवर्षा के कारण बांध पूर्ण जलस्तर तक नहीं भरा गया है, इस कारण से अधिकांश भूमि डूबी नहीं है। कृषक उनके द्वारा बिछाई गई पाईप लाईन का उपयोग कर रहे हैं और इस कारण पाईप लाईन निकालने हेतु अभी तक किसी भी कृषक द्वारा सहमति नहीं दी जाने से मुआवजा वितरण नहीं किया गया है क्योंकि पाईप लाईन निकालने के उपरांत ही उसका मुआवजा दिये जाने का प्रावधान है। (ग) नर्मदा जल विवाद न्यायाधिकरण अवार्ड एवं पुनर्वास नीति के प्रावधानों के अनुसार डूब प्रभावित परिवारों को पुनर्वास स्थलों पर दी जाने वाली मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (घ) मछुआरों को चिन्हित कर तहसील बड़वानी में 07, धार में 11, अलिराजपुर में 04 मछुआरों की समितियां पंजीकृत कराई गई हैं। कुम्हारों को भी ईंट निर्माण हेतु तहसील बड़वानी, मनावर एवं धरमपुरी में भूमि पूर्व से आरक्षित है तथा तहसील कुक्षी में 10 हेक्टेयर भूमि आवंटन हेतु प्रस्तावित की गई है। सरदार सरोवर बांध में इस वर्ष अल्प वर्षा के कारण बांध पूर्ण जल स्तर तक नहीं भरा गया है। पूर्ण जल स्तर के भराव के पश्चात घाट की स्थिति भौतिक रूप से चिन्हित हो सकेगी। नाविकों को घाट आरक्षित करने हेतु नाविकों का सर्वे कार्य प्रगति पर है। उपरोक्त कार्य एक निरंतर प्रक्रिया है। अत: समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
लंबित प्रस्तावों को स्वीकृत किया जाना
[अनुसूचित जाति कल्याण]
98. ( क्र. 1300 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनगणना वर्ष 2011 की सर्वे सूची के मुताबिक टीकमगढ़ एवं छतरपुर जिले के अनु.जाति बस्ती विकास योजना के तहत निर्माण कार्यों हेतु किन-किन ग्राम पंचायतों का चयन किस आधार पर किया गया था? आदेश की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) क्या टीकमगढ़-छतरपुर जिले की ग्राम पंचायतों का चयन अधिकारियों द्वारा जनसंख्या का मापदण्ड ना देखते हुये मनमर्जी से सूची बनाई गई, जिसमें गंभीर अनियमिततायें हैं जिले में ऐसी कितनी ग्राम पंचाचतें हैं, जहां पर आदिवासी अनु.जाति वर्ग की संख्या अधिक है और उन ग्राम पंचायतों को सूची में सम्मिलित नहीं किया गया और उन पंचायतों को हरिजन बस्ती/आदिवासी बस्ती में निर्माण नहीं हो पा रहे हैं? प्रश्नांश (क) एवं (ख) का भली भांति परीक्षण कर नवीन सूची कितने समय में तैयार की जावेगी? (ग) क्या टीकमगढ़ के खरगापुर विधान सभा क्षेत्र एवं छतरपुर जिले सहित आदिम जाति कल्याण विभाग टीकमगढ़ एवं छतरपुर में कितने प्रकरण निर्माण हेतु लंबित प्रस्ताव पड़े है? उनकी सूची दें तथा कब तक उक्त निर्माण कार्य स्वीकृत कर दिये जावेंगे? (घ) क्या उक्त विभाग में हर जिले में कमेटी बनाई गई है, उसमें सभी माननीय विधायकों को क्यों नहीं रखा गया? ऐसा किस नियम के तहत किया गया है? उसकी नियमावली की प्रति उपलब्ध करायें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) मध्यप्रदेश अनुसूचित जाति/जनजाति बस्ती विकास एवं विद्युतीकरण योजना, 2017 के प्रावधान अनुसार छतरपुर एवं टीकमगढ़ जिले की ग्राम पंचायतों का चयन किया गया है। छतरपुर जिले की चयनित ग्राम पंचायतों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार, टीकमगढ़ जिले की चयनित ग्राम पंचायतों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार एवं योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है। (ख) जी नहीं। ग्राम पंचायतों का चयन मध्यप्रदेश अनुसूचित जाति/जनजाति बस्ती विकास एवं विद्युतीकरण योजना, 2017 के प्रावधान अनुसार किया गया है। (ग) टीकमगढ़ जिले के लंबित प्रस्तावों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘द’ अनुसार है एवं छतरपुर जिले के लंबित प्रस्तावों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘इ’ अनुसार है। आवंटन की उपलब्धता अनुसार लंबित प्रस्तावों पर नियमानुसार स्वीकृति दी जायेगी। (घ) जी हाँ। नियमानुसार जिला समिति में आदिवासी जिलों हेतु एक अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति जिले हेतु एक अनुसूचित जाति के विधायक को सदस्य बनाने का प्रावधान है। नियमावली की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘फ’ अनुसार है।
खरगापुर विधान सभा 47 के मजरों, टोलों, ग्रामों विद्युत लाइटें लगाये जाना
[ऊर्जा]
99. ( क्र. 1301 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगापुर विधानसभा क्षेत्र में शासन द्वारा ग्रामों में बिजली लगाये जाने हेतु किस योजना के तहत कार्य किया जा रहा है तथा प्रश्न दिनांक तक किन-किन ग्रामों में बिजली लगाये जाने का कार्य पूर्ण हो चुका है और अभी कौन-कौन से ग्राम शेष बचे हुए हैं? ग्रामवार जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) क्या कुछ ऐसे ग्राम,शेष है, जिनमें ठेकेदारों द्वारा बिजली लगाने का कार्य नहीं किया गया और ग्रामीणों को बिजली नहीं मिल रही है? कनेक्शन नहीं दिये गये है, केबिल भी नहीं लगाई गई और बिजली के बिल देना प्रारंभ कर दिये गये? इस प्रकार के कृत्य करने वाले ठेकेदार के विरूद्ध कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें? (ग) खरगापुर विधान सभा क्षेत्र में बिजली लगाये जाने हेतु अभी तक बिजली विभाग द्वारा क्या-क्या प्रयास किये गये, कहाँ-कहाँ सर्वे कराया गया?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) खरगापुर विधानसभा क्षेत्र सहित टीकमगढ़ जिले में 11वीं एवं 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अन्तर्गत ग्रामों के विद्युतीकरण/सघन विद्युतीकरण का कार्य किया गया है। उक्त योजनाओं में सम्मिलित खरगापुर विधानसभा क्षेत्र के ग्रामों, जिनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है, सहित टीकमगढ़ जिले के सभी ग्रामों के विद्युतीकरण/सघन विद्युतीकरण का कार्य प्रश्न दिनांक की स्थिति में पूर्ण हो चुका है। (ख) जी नहीं, उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार प्रश्नाधीन योजनाओं में सम्मिलित सभी विद्युतीकरण/सघन विद्युतीकरण के कार्य पूर्ण हो चुके हैं। केबिल लगाने सहित समस्त कार्य पूर्णता उपरांत कनेक्शन प्रदान करने के बाद ही प्रश्नाधीन क्षेत्र में बिजली के बिल दिये जा रहे हैं, अत: किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता। तथापि यदि कोई प्रकरण विशेष संज्ञान में आता है तो नियमानुसार जाँच कर कार्यवाही की जायेगी। (ग) खरगापुर विधानसभा क्षेत्र में उत्तरांश (क) में दर्शाई गई योजनाओं में संपूर्ण विधानसभा क्षेत्र में सर्वे उपरांत 1 अविद्युतीकृत ग्राम के विद्युतीकरण तथा 188 विद्युतीकृत ग्रामों के 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाली बसाहटों/मजरों/टोलों के विद्युतीकरण सहित सघन विद्युतीकरण का कार्य कर 7035 गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले हितग्राहियों को नि:शुल्क बी.पी.एल. कनेक्शन प्रदान किये गये हैं।
ई.सी.सी.ई. प्रशिक्षण एवं बजट का आवंटन
[महिला एवं बाल विकास]
100. ( क्र. 1304 ) श्री रजनीश सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जिला सिवनी में सम्पूर्ण जिले की परियोजनाओं में दिनांक 28.08.2017 से दिनांक 02.09.2017 तक होने वाले ई.सी.सी.ई. प्रशिक्षण जिला कार्यक्रम अधिकारी, एकीकृत बाल विकास सेवा जिला सिवनी द्वारा कराए गये हैं? (ख) यदि हाँ तो ई.सी.सी.ई. प्रशिक्षण से परियोजना छपारा एवं केवलारी को क्यों वंचित रखा गया? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार उक्त प्रशिक्षण हेतु सिवनी जिला की परियोजना को कितना बजट आवंटित किया गया? आवंटित बजट का उपभोग/व्यय किस-किस पर किया गया बतावें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। (ख) परियोजना अधिकारियों का स्थानातंरण हो जाने के फलस्वरूप एकीकृत बाल विकास परियोजना केवलारी एवं छपारा में प्रशिक्षण का आयोजन नहीं किया गया है। (ग) विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है।
मॉडल क्लस्टर योजना एवं चिन्हित ग्रामों की जानकारी
[अनुसूचित जाति कल्याण]
101. ( क्र. 1305 ) श्री रजनीश सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक मॉडल क्लस्टर योजना के अंतर्गत, जिला सिवनी में, कौन-कौन से ग्राम चयनित किये गये? विधानसभा क्षेत्रवार विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार मॉडल क्लस्टर योजना से चयनित ग्रामों में कितने हितग्राही लाभांवित हुये? सूची उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार हितग्राहियों को कितना-कितना बजट आवंटित कर प्रदान किया गया है? यदि हाँ तो विवरण देवें यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) विभाग अंतर्गत माडल क्लस्टर योजना संचालित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासनादेशों से शासकीय सेवकों के विनियमितीकरण की कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
102. ( क्र. 1326 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता सदस्य के विधानसभा प्रश्न क्रमांक-1232 दिनांक-23-02-2017 की जानकारी क्या एकत्रित की जा चुकी है? यदि हाँ, तो यह जानकारी क्या है, बतायें और नगर निगम कटनी में कुल कितने दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी कार्यरत है, कितने एवं कौन-कौन दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को विनिमियतीकरण योजना का लाभ दिया गया। कितने एवं कौन-कौन कर्मचारी को इस योजना का लाभ नहीं दिया गया? लाभ न देने का कारण बतायें। (ख) क्या सामान्य प्रशासन विभाग के ज्ञापन क्रमांक एफ-5-1/2013/1/3 भोपाल, दिनांक- 07 अक्टूबर, 2016 के अनुक्रम में दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों को स्थायी कर्मियों को विनियमित किये जाने की योजना तथा नगरीय विकास एवं आवास विभाग मंत्रालय के आदेश क्रमांक-एफ-4-134/2017/18-1 दिनांक 01.08.2017 की कंडिका क्रमांक-1.8 में उल्लेखित 16 मई, 2007 के पश्चात सक्षम अधिकारी द्वारा रखे गये दैनिक वेतन कर्मचारियों को लाभ दिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों भविष्य में शेष कर्मचारियों को शासन की योजना का लाभ किस प्रकार दिया जावेगा? (ग) क्या नगर निगम कटनी द्वारा प्रमुख सचिव/शासन को दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के संबंध में विगत एक वर्ष की अवधि में कोई पत्र/सूचना प्रेषित की गई है? यदि हाँ तो पत्र सहित कार्यवाही विवरण उपलब्ध कराये। (घ) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित शासन एवं विभागीय आदेशों के तहत जिन कर्मचारियों को इस योजना का लाभ नहीं दिया गया है? क्या वह शासन आदेश/अनुमोदन/सक्षम अधिकारी की स्वीकृति के बगैर रखे गये है, उन्हे विनियमितीकरण का लाभ दिया जावेगा या नहीं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेषांश जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आनन्द मद की व्यय राशि
[आनन्द]
103. ( क्र. 1331 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले को आनन्द विभाग द्वारा योजना प्रारम्भ से दिनांक 01-08-2017 तक कब-कब कितनी राशि प्राप्त हुई तथा उस राशि का कितना-कितना उपयोग किसके द्वारा कहाँ-कहाँ किस कार्य हेतु किया गया? (ख) क्या विभाग की राशि व्यय के प्रयोजन हेतु कोई गाईड लाईन निश्चित की गई है यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध कराई जावे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) आनंद विभाग द्वारा ग्वालियर जिले को प्रश्न दिनांक तक कोई राशि आवंटित नहीं की गई है। अत: शेष प्रश्नांश लागू नहीं। (ख) जी हाँ। आनंद विभाग के अंतर्गत गठित तथा मध्यप्रदेश सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1973 के अंतर्गत पंजीकृत राज्य आनंद संस्थान की सोसायटी उपविधियों में राशि के व्यय के प्रयोजन हेतु प्रावधान है। प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
आंगनवाड़ियों में पोषण आहार का वितरण
[महिला एवं बाल विकास]
104. ( क्र. 1346 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में आंगनवाड़ियों में प्रश्न दिनांक तक पोषण आहार आपूर्ति की क्या नीति है? किन फर्मों/संस्थाओं द्वारा पोषण आहार की सप्लाई, किस दर पर की जा रही है? (ख) क्या मुख्यमंत्री जी ने पुरानी पोषण व्यवस्था अंतर्गत ठेकेदार/फर्मों से पोषण आहार आपूर्ति बंद करने की घोषणा की थी? यदि हां, तो क्या नई नीति तैयार हो गई है? यदि हां, तो कब से लागू की जा रही है? पोषण आहार की सप्लाई को लेकर हाईकोर्ट ने भी निर्देश दिये थे? यदि हां, तो क्या कार्यवाही की गई है? (ग) स्व-सहायता समूहों को पोषण आहार सप्लाई का काम देने के लिये गठित हाई पॉवर कमेटी की बैठक कब-कब हुई और क्या निर्णय लिये गये? स्व-सहायता समूहों को कब से काम दे दिया जावेगा? (घ) प्रदेश में पोषण आहार वर्ष 2007 से अब तक कितनी राशि वर्षवार खर्च हुई है। इस वर्ष अक्टूबर 2017 तक कितने बच्चे, महिलाएं किस-किस श्रेणी के कुपोषित मिले? जिलावार संख्या बतायें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) विभागीय निर्देशानुसार वर्तमान में 06 माह से 03 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती, धात्री माताओं एवं किशोरी बालिकाओं को टेकहोम राशन के रूप में पूरक पोषण आहार की व्यवस्था एम.पी.एग्रो के माध्यम से तथा 03 वर्ष से 06 वर्ष तक के बच्चों को पूरक पोषण आहार की व्यवस्था ग्रामीण क्षेत्रों में सांझा चूल्हा कार्यक्रम तहत मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम अंतर्गत कार्यरत स्व-सहायता समूहों के माध्यम से तथा शहरी क्षेत्रों में स्व-सहायता समूह एवं महिला मण्डल के माध्यम से जिला स्तर से संचालित की जाती हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है। (ख) जी हाँ। मान. मुख्यमंत्री जी ने आंगनवाड़ियों में पोषण आहार ठेकेदार के बजाए स्व-सहायता समूह के द्वारा बनाए जाने की घोषणा की गई थी। पोषण आहार (टी. एच.आर) की सप्लाई हेतु मान.उच्च न्यायालय इन्दौर द्वारा भी निर्देश दिए हैं। राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक दिनांक 14/11/2017 में पूरक पोषण आहार (टेकहोम राशन) की नवीन नीति निर्धारित की गई है। राज्य मंत्रिपरिषद द्वारा निर्धारित नवीन नीति अनुसार आंगनवाड़ी केन्द्रों में पूरक पोषण आहार (टेकहोम राशन) की व्यवस्था शीघ्र लागू की जावेगी। (ग) स्व-सहायता समूह के माध्यम से पोषण आहार (टी.एच.आर) सप्लाई के संबंध में विभिन्न तिथियों में हाई पॉवर कमेटी की बैठक सम्पन्न हुई बैठक का कार्यवाही विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। हाई पॉवर कमेटी की अनुशंसा अनुसार राज्य मंत्रिपरिषद् की बैठक दिनांक 14/11/2017 में पूरक पोषण आहार (टेकहोम राशन) की नवीन नीति निर्धारित की गई है। राज्य मंत्रिपरिषद द्वारा निर्धारित नवीन नीति अनुसार आंगनवाड़ी केन्द्रों में पूरक पोषण आहार (टेकहोम राशन) की व्यवस्था शीघ्र लागू की जावेगी। (घ) वर्ष 2006-2007 से अक्टूबर 2017 तक पोषण आहार मद में व्यय हुई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -04 पर एवं माह सितम्बर 17 की स्थिति में श्रेणीवार बच्चों की पोषण स्तर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-05 अनुसार है।
अनुसूचित जाति तथा जनजाति के फर्जी जाति प्रमाण-पत्र धारकों पर कार्यवाही
[अनुसूचित जाति कल्याण]
105. ( क्र. 1351 ) श्री हर्ष यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में कितने शासकीय कर्मचारियों/अधिकारियों के फर्जी जाति प्रमाण-पत्रों के मामले में उच्च स्तरीय छानबीन समिति में जांच चल रही है? नाम, पद, पदस्थापना, वर्गवार जानकारी दें। ऐसे कितने व कौन से छानबीन प्रकरण है जो दस वर्षों से अधिक समय से लंबित हैं? (ख) विगत 05 वर्षों में कितने शासकीय सेवकों के जाति प्रमाण-पत्र फर्जी पाए गये? इनमें से कितने शासकीय सेवकों को सेवा में पृथक किया गया? कितने पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है? (ग) छानबीन समिति द्वारा जाति प्रमाण पत्र फर्जी माने जाने/घोषित किये जाने के बाद भी कौन-कौन शासकीय सेवक मा. न्यायालय के स्थगन पर सेवा कर रहे है? नाम, पद, विभाग व पदस्थापना बतावें। (घ) मा. न्यायालयों से इस तरह के प्रकरणों में स्थगन निरस्त कराये जाने हेतु संबंधित विभागों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? छानबीन समिति की जांच प्रक्रिया में तेजी लाने हेतु शासन क्या कार्यवाही करेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) वर्तमान में 88 शासकीय अधिकारियों/कर्मचारियों के फर्जी अनुसूचित जाति प्रमाण पत्रों की अनुसूचित जाति उच्च स्तरीय छानबीन समिति में जांच चल रही है। शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय परिशिष्ट में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। दस वर्षों से अधिक अवधि के लंबित प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय परिशिष्ट में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘ब’ अनुसार है। (ख) विगत 5 वर्षों में 26 शासकीय सेवकों के अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाये गये। शेष की जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) एवं (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रस्तुत आवेदनों/तथ्यों पर की गई कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
106. ( क्र. 1352 ) श्री हर्ष यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोकायुक्त संगठन को प्राप्त ग्वालियर उच्च न्यायालय की याचिका आर.पी.552/2017 के संबंध में ई.ओ.डब्ल्यू. की एफ.आई.आर. 61/2012 के आरोपी द्वारा निष्पक्ष जांच कराने हेतु वर्ष 2017 में विभागीय जांच आयुक्त, लोकायुक्त, ई.ओ.डब्ल्यू., आदिम जाति-अनुसूचित जाति विभाग को प्रस्तुत आवेदनों/तथ्यों पर की गई कार्यवाही का आवेदनवार ब्यौरा दें? (ख) प्रश्नगत याचिका से संबंधित वित्तीय भ्रष्टाचार प्रकरण में किन-किन कर्मचारियों को विभागीय जांच में क्लीनचिट मिलने के बावजूद ई.ओ.डब्ल्यू. ने 61/2012 की जांच में किन कारणों से दोबारा शामिल किया है? किन-किन के विरूद्ध विभागीय जांच अभी जारी है? विभागीय जांच में क्लीनचिट देने वाले अधिकारियों के नाम बतावें? (ग) याचिका एम.सी.आर.सी. 11969/2016, जबलपुर उच्च न्यायालय के याचिकाकर्ता द्वारा वर्ष 2016 और 2017 में लोकायुक्त, ई.ओ.डब्ल्यू., आदिम जाति-अनुसूचित जाति विभाग को प्रस्तुत आवेदनों/तथ्यों पर की गई कार्यवाही का आवेदनवार ब्यौरा दें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
विद्युत
कर्मचारियों
की
दुर्घटनाओं
में मृत्यु
[ऊर्जा]
1. ( क्र. 9 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2016 के पश्चात उज्जैन एवं इंदौर संभाग में कुल कितने स्थायी अस्थायी कर्मचारियों, ठेका अधीन कर्मचारियों की मृत्यु किन-किन स्थानों पर हुई? विभाग द्वारा इनमें से कितनों के परिवारजनों को अनुकम्पा नियुक्ति एवं अन्य आर्थिक सहायता दी गई? (ख) क्या ज्यादातर दुर्घटनाओं में मृत्यु का कारण ठेकेदार द्वारा अप्रशिक्षित कर्मचारियों से जोखिम भरे कार्य कराना है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा ऐसे कर्मचारियों की जांच किस-किस सक्षम अधिकारी ने की। (ग) क्या प्रश्नांश (क) क्षेत्रों में ग्रामीण क्षेत्रों में लाइनमेनों द्वारा अपने कार्य के बदले गाँव के ही युवा लड़कों से लाइनमेन का कार्य करवाया जा रहा है? ऐसे कितने प्रकरणों में उक्त अवधि में ग्रामीण युवाओं की मृत्यु करंट लगने से हुई। (घ) प्रश्नांश (ग) सम्बन्धित प्रकरणों में ऐसे युवाओं की मृत्यु उपरांत परिवारजनों को सहायता विभाग द्वारा प्रदान की गई या लाइनमेंन द्वारा? ऐसे प्रकरणों की संख्या बतायें। जिनमें सहायता लाईनमेन द्वारा दी गयी है।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) 1 जनवरी 2016 के पश्चात् म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रान्तर्गत उज्जैन क्षेत्र में 26 स्थायी कर्मचारियों एवं निरंक अस्थाई कर्मचारियों की तथा 2 ठेका श्रमिकों की मृत्यु हुई है, जिनमें से विद्युत दुर्घटना के कारण सात कर्मचारियों/श्रमिकों की मृत्यु हुई है। स्थानवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। उज्जैन क्षेत्रान्तर्गत उक्त कुल 26 स्थाई मृत कर्मचारियों में से 5 पात्र परिजनों को अनुकम्पा नियुक्ति दी गई, 18 प्रकरणों में पीडि़त परिवार के परिजन द्वारा आवेदन प्रस्तुत किये गये हैं जिन पर नियमानुसार कार्यवाही प्रक्रियाधीन है तथा 3 प्रकरणों में आवेदन प्राप्त नहीं हुए हैं। उक्त 26 प्रकरणों में से जिन प्रकरणों में कर्मचारियों के परिजनों को आर्थिक सहायता प्रदान की गई है, उनकी प्रकरणवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत तिवरण कंपनी क्षेत्रान्तर्गत प्रश्नाधीन अवधि में इंदौर क्षेत्र में 5 स्थाई कर्मचारियों, 3 अस्थाई कर्मचारियों तथा 1 ठेका श्रमिक की मृत्यु विद्युत दुर्घटनाओं में हुई है। इंदौर क्षेत्रान्तर्गत किसी भी स्थाई कर्मचारी के परिजन को अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान नहीं की गई है तथा वर्तमान में कुल 5 स्थाई कर्मचारियों के प्रकरणों में से 4 प्रकरणों में परिजनों को अनुकम्पा नियुक्ति दिये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है तथा शेष 1 प्रकरण में स्थाई कर्मचारी ग्रामीण विद्युत सहकारी समिति पंधाना का कर्मचारी था जिसकी मृत्यु समिति का कार्य क्षेत्र वितरण कंपनी में समाहित होने के पूर्व होने के कारण यह प्रकरण अनुकम्पा नियुक्ति हेतु पात्र नहीं पाया गया। उक्त प्रकरणों में कर्मचारियों के आश्रितों को प्रदान की गई आर्थिक सहायता की प्रकरणवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। उल्लेखनीय है कि कंपनी के अस्थाई कर्मचारियों एवं ठेका श्रेमिकों को अनुकम्पा नियुक्ति दिये जाने का कोई नियम/प्रावधान नहीं है। तथापि ठेका श्रमिकों एवं वितरण कंपनी के अस्थाई कर्मचारियों की ठेकेदार/वितरण कंपनी के माध्यम से प्रदाय की गई आर्थिक सहायता/तत्संबंध में की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं प्रपत्र-ब में समाहित है। (ख) जी नहीं। अत: तत्संबंध में किसी प्रकार की जांच कराया जाना आवश्यक नहीं है। (ग) जी नहीं, म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रान्तर्गत लाईनमेनों द्वारा अपने-अपने क्षेत्रों में स्वयं कार्य किया जा रहा है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
योजनाओं एवं कार्यों का क्रियान्वयन
[महिला एवं बाल विकास]
2. ( क्र. 18 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा केन्द्र/राज्य प्रवर्तित अनेक योजनाओं एवं कार्यों का क्रियान्वयन आंगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से तथा अन्य व्यवस्थाओं के माध्यम से संचालित किये जा रहे हैं? (ख) यदि हां, तो जावरा व पिपलौदा तहसील अंतर्गत कुल कितने आंगनवाड़ी केन्द्र नगरीय क्षेत्रों में तथा कितने ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत होकर उन पर वर्ष 2013-14 से लेकर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या उल्लेखनीय कार्य किये गये? (ग) उपरोक्त वर्षों में आंगनवाड़ी केन्द्रों पर कार्यवार कितनी-कितनी राशि व्यय की जाकर क्या-क्या कार्य किये गये? (घ) उक्त वर्षों में वर्षवार दोनों तहसीलों में कितनी-कितनी राशि किन-किन कार्यों के लिये प्राप्त होकर किन-किन कार्यों पर कितना व्यय हुआ? सक्षम अधिकारी के प्रमाणीकरण, सत्यापन सहित जानकारी दें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। (ख) जावरा तहसील के नगरीय क्षेत्रों में 65 तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 203 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं पिपलौदा तहसील के नगरीय क्षेत्रों में 18 तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 220 आंगनवाड़ी केन्द्र कार्यरत है। वर्ष 2013-14 से लेकर प्रश्न दिनांक तक सी.एस.आर. गतिविधि अन्तर्गत वेदान्ता समूह द्वारा केरवासा में 20 लाख की लागत से नवीन आंगनवाड़ी भवन नन्दघर के निर्माण का उल्लेखनीय कार्य किया गया। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' पर है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' पर है।
पवन ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
3. ( क्र. 19 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संपूर्ण प्रदेश के साथ ही रतलाम जिला एवं जिला अंतर्गत जावरा तथा पिपलौदा तहसीलों में भी पवन चक्कियों के माध्यम से ऊर्जा उत्पादन के कार्य विगत कई वर्षों से चल रहे हैं? (ख) यदि हां, तो उपरोक्त कार्यों हेतु प्रश्न दिनांक तक रतलाम जिले में संयंत्रों की स्थापना हेतु किन-किन स्थानों पर कुल कितनी-कितनी शासकीय भूमि किन-किन सर्वे क्रमांकों पर कुल कितनी अवधि हेतु किन शर्तों एवं कितने मूल्यों पर प्रदान की गई है? (ग) प्रश्नांश (ख) अंतर्गत दी गई भूमियों का सीमांकन भी किया गया है, तो क्या उसे चिन्हित भी किया गया है तथा वहां पर वृक्षारोपण इत्यादि कार्य भी निर्देशित किये गये हैं? (घ) शासकीय भूमि के अतिरिक्त कितनी निजी भूमियां इस हेतु परियोजना में शामिल की गई? पूर्ण हो चुकी इकाइयों के माध्यम से कुल कितने मेगावाट विद्युत उत्पादन हो रहा है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्न दिनांक तक रतलाम जिले में संयंत्रों की स्थापना हेतु दी गयी शासकीय भूमि उपयोग अनुमति संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। भूमि उपयोग अनुमति 25 वर्षों अथवा परियोजना अवधि, जो पहले हो, हेतु ऊर्जा नीति 2006 एवं पवन ऊर्जा परियोजना क्रियान्वयन नीति-2012 के प्रावधानों के अनुसार दी गयी है। जिला रतलाम में शासकीय राजस्व भूमि के उपयोग की अनुमति नि:शुल्क दी गयी है। (ग) जी हाँ। (घ) परियोजना में 374.05 हेक्टेयर निजी भूमि शामिल की गई है। रतलाम जिले में 638.15 मेगावाट क्षमता की परियोजनाओं से विद्युत उत्पादन हो रहा है।
जिला स्तरीय मानिटरिंग समिति
[अनुसूचित जाति कल्याण]
4. ( क्र. 33 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सहायक आयुक्त, आदिम जाति कल्याण विभाग जिला खरगौन द्वारा विगत 4 वर्षों में पुलिस/ विधि विभाग को किसी भी स्तर पर प्रदान की गई राशि की सूची दिनांकवार विषय सहित देवें। (ख) जिला स्तरीय सतर्कता एवं मॉनिटरिंग समिति खरगौन के मानद/चयनित सदस्यों की सूची उनके नाम, पते सहित देवें। इस बैठक में कोरम पूर्ति संबंधित नीति/निर्देश की प्रति देवें। विगत 4 वर्षों में खरगौन जिले की बैठकों में उपस्थित सदस्य संख्या सहित दिनांकवार बैठक सूची देवें। सदस्यों को वर्ष 2017 की बैठकों में आमंत्रित करने का माध्यम एवं प्रमाण देवें। (ग) उक्त बैठकों के कार्यवृत्त, कार्यवाही विवरण एवं पालन प्रतिवेदन की प्रतियां देवें। इन बैठकों में पुलिस विभाग से प्राप्त जानकारी की प्रतियां देवें। (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा वर्ष 2017 में इन बैठकों से संबंधित दिये गए पत्र के जवाब की प्रति देवें। यदि इन पत्रों पर कोई कार्यवाही की गई है तो प्रति देवें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) सहायक आयुक्त, आदिम जाति कल्याण विभाग वर्तमान में सहायक आयुक्त, जनजातीय कार्य विभाग, जिला खरगौन द्वारा विगत 4 वर्षों में पुलिस/ विधि विभाग को कोई राशि प्रदाय नहीं की गई है। (ख) जिला स्तरीय सतर्कता एवं मानिटरिंग समिति, खरगौन के सितम्बर, 2009 में गठित समिति के आदेशानुसार सदस्यों की सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। कोरम पूर्ति के संबंध में कोई निर्देश नहीं हैं। विगत वर्षों में खरगौन जिले की बैठकों में उपस्थित सदस्य संख्या सहित दिनांकवार बैठक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। सदस्यों को वर्ष 2017 की बैठकों में आमंत्रित करने हेतु पत्र डाक/वाहक हस्ते भेजे गये हैं। यथासंभव दूरभाष पर भी सूचना दी गई है। (ग) आयोजित बैठकों के कार्यवृत्त (कार्यवाही विवरण) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। बैठक के पालन प्रतिवेदन तैयार नहीं किये गये। इन बैठकों में पुलिस विभाग से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा वर्ष 2017 में आयोजित बैठकों से संबंधित दिये गये पत्रों के उत्तर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'इ' अनुसार है।
प्रश्नकर्ता के पत्रों पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
5. ( क्र. 34 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगौन जिला कलेक्टर कार्यालय में प्रश्नकर्ता के वर्ष 2017 में प्राप्त पत्र/मेल की सूची दिनांकवार, विषयवार, पत्र का उत्तर वेबसाईट में पंजीयन क्रमांक, विभाग के जवाब का पत्र क्रमांक एवं दिनांक सहित सूची देवें। (ख) उक्त पत्रों के संबंधित विभाग के जवाब की प्रति देवें। जिन विभागों से उत्तर प्राप्त नहीं हुआ है कारण सहित बतायें। (ग) जिन शिकायती पत्रों पर यदि जांच के आदेश हुए हैं तो पत्रवार जांच की वर्तमान स्थिति बतायें। पूर्ण जांच प्रतिवेदन की प्रति देवें। लंबित जांच को त्वरित पूर्ण करने संबंधी यदि कोई निर्देश दिये हैं तो प्रति देवें। शिकायती पत्रों पर लिये गये निर्णयों की प्रति देवें। (घ) जनप्रतिनिधियों के पत्रों पर की जा रही मानिटरिंग व्यवस्था की जानकारी देवें। मांग पत्रों पर की गई कार्यवाही की पत्रवार सूची देवें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) संबंधित विभाग के जवाब की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' तथा जिन विभागों से उत्तर प्राप्त नहीं हुआ है, उनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। (ग) जानकारी प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' तथा ''स'' में दर्शाई गई है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''द'' अनुसार है।
प्रश्नकर्ता के पत्रों पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
6. ( क्र. 35 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा प्रेषित मुख्यमंत्री/मुख्य सचिव को वर्ष 2014 से 2017 तक प्राप्त पत्र/मेल की सूची दिनांकवार, विषयवार, संबंधित विभाग को भेजे पत्र क्रमांक एवं दिनांक सहित देवें। संबंधित विभागों द्वारा पत्र के जवाब में की गई कार्यवाही की प्रति देवें। (ख) पत्रों के जवाब मिलने या कार्यवाही की जानकारी मिलने संबंधित मॉनिटरिंग व्यवस्था में प्रश्नकर्ता के पत्रों की वर्तमान स्थिति क्या है? कौन-कौन से पत्र किन कारणों से कब से लंबित हैं। पत्रवार सूची देवें। (ग) जिन शिकायती पत्रों पर यदि जांच के आदेश हुए हैं तो पत्रवार जांच की वर्तमान स्थिति बतायें। पूर्ण जांच प्रतिवेदन की प्रति देवें। लंबित जांच को त्वरित पूर्ण करने संबंधी यदि कोई निर्देश दिये हैं तो प्रति देवें। शिकायती पत्रों पर लिये गये निर्णयों की प्रति देवें। (घ) मांग पत्रों पर संबंधित विभागों द्वारा उठाये गये कदमों की जानकारी पत्रवार देवें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। संबंधित विभागों द्वारा कार्यवाही कर संबंधित को अवगत कराया जाएगा। (ख) से (घ) संबंधित विभागों द्वारा कार्यवाही कर संबंधित को अवगत कराया जाएगा।
घरेलू विद्युत बिलों में अनियमितता
[ऊर्जा]
7. ( क्र. 41 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2017 के पश्चात रतलाम मंदसौर नीमच जिलों में बढ़े हुए विद्युत बिलों की कितनी शिकायतें विभाग को प्राप्त हुई? कितनी शिकायतों में बिल की राशि में अनियमितता पाई गई? (ख) उक्त जिलों में ऐसे कितने बिल हैं जिनमें गत 2 वर्षों में एक से अधिक बार सुधार किया गया? बिलों में बार-बार संशोधन के क्या कारण हैं क्या कम्पनियों को बिल रीडिंग एवं बिल निर्माण का ठेका दिया गया है उनमें ज्यादातर अप्रशिक्षित कर्मचारी हैं? ऐसे ठेकेदारों के खिलाफ विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ग) इंदौर उज्जैन संभाग में एसे कितने उद्योग है जिनमे 50,000 से अधिक राशि के बिल बकाया होने के बावजूद कनेक्शन विच्छेद नहीं किये गये? उद्योगों के नाम सहित सूची देवें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) 1 जनवरी 2017 के पश्चात रतलाम, मंदसौर एवं नीमच जिलों में अधिक विद्युत बिल आने की क्रमश: 3052, 1301 एवं 1740 शिकायतें म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संबंधित कार्यालय में प्राप्त हुई है, जिनमें से जॉंचोपरांत क्रमश: 2107, 280 एवं 1292 शिकायतों में बिल की राशि में त्रुटि पाई गई है। (ख) रतलाम, मंदसौर एवं नीमच जिलों में विगत 2 वर्षों में क्रमश: 66, निरंक एवं 249 विद्युत बिलों में एक से अधिक बार सुधार किया गया है। विद्युत देयक तैयार करने में विभिन्न मानवीय कारक यथा-मीटर रीडिंग, मीटर रीडिंग की कम्प्यूटर में डाटा एन्ट्री, पुराने भुगतान की सिस्टम में एन्ट्री इत्यादि लगते है, अत: बिल तैयार करने की प्रक्रिया में मानवीय त्रुटि होने की संभावना रहती है। तथापि उपभोक्ता द्वारा प्रकरण विशेष संज्ञान में लाने पर नियमानुसार संशोधन किया जाता है। विद्युत कपंनी द्वारा मीटर रीडिंग (बिल रीडिंग नहीं) का कार्य किसी कंपनी/फर्म को निविदा आधारित ठेके पर नहीं दिया गया है। अत: किसी ठेकेदार के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता। मीटर रीडिंग का कार्य आउटसोर्स सेवा प्रदाता फर्म के द्वारा उपलब्ध कराये गये श्रमिकों से, उन्हें तत्संबंधी प्रशिक्षण दिये जाने के उपरांत कराया जाता है। इन प्रशिक्षित किये हुए श्रमिकों द्वारा मीटर रीडिंग के कार्य में लापरवाही/अनियमितता पाये जाने पर संबंधित श्रमिक को कार्य से मुक्तकर हटा दिया जाता है। बिलों की प्रोसेसिंग वितरण कंपनी के कम्प्यूटरों से की जाती है, जिसमें सभी कर्मचारी प्रशिक्षित है। बिल प्रिंटिंग का कार्य निविदा के आधार पर मेसर्स मिराज इन्फोटेक प्रा.लि. इन्दौर से करवाया जा रहा है जो कि प्रशिक्षित कर्मियों द्वारा किया जाता है। (ग) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रांतर्गत इन्दौर राजस्व संभाग में अक्टूबर-2017 की स्थिति में रू. 50,000/- से अधिक राशि के बकाया वाले 39 तथा उज्जैन राजस्व संभाग में 78 उद्योग हैं, जिनके विद्युत कनेक्शन विच्छेदित नहीं किये गये हैं। इन्दौर राजस्व संभाग एवं उज्जैन राजस्व संभाग के उक्त उपभोक्ताओं की नामवार सूची क्रमश: पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है।
अधीक्षकों पर कार्यवाही
[जनजातीय कार्य]
8. ( क्र. 46 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016 एवं 2017 में खरगौन एवं बड़वानी जिले में शहीद भीमा नायक अभियान के तहत छापामार कार्यवाही में अनियमितताएं मिलने पर किन-किन आश्रम/छात्रावास अधीक्षकों/कर्मचारियों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई हैं। नाम, पद, मूलपद, वर्तमान पदस्थापना, सेवाकाल में कुल अधीक्षकीय अनुभव सहित सूची देवें। (ख) उक्त कार्यवाही के निलंबन/कारण बताओं आदेशों की प्रति देवें। कितने अधीक्षक नदारत मिले, किन-किन पर क्या कार्यवाही की गई, पत्रों की प्रति देवें। (ग) वर्तमान में खरगौन जिले में आश्रम/होस्टल में पदस्थ अधीक्षकों की सूची उनके स्थानवार अधीक्षक के नाम, मुल पद, वर्तमान पदस्थापना दिनांक, छात्र संख्या सहित सूची देवें। इन अधीक्षकों के विरूद्ध कभी निलंबन की कार्यवाही की गई है तो उल्लेख करें। (घ) बिन्दु (ग) में उल्लेखित अधीक्षक अपनी कुल शासकीय सेवा अवधि में किन-किन स्थानों पर अधीक्षक के पद पर कार्यरत रहे, स्थानवार, अधीक्षकवार, समयावधि सहित सूची देवें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) खरगौन जिले में शहीद भीमा नायक अभियान के तहत कोई छापामार कार्यवाही नहीं की गई। बड़वानी जिले की जानकारी पुस्तकाल में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश 'क' में दिये गये उत्तर के परिप्रेक्ष्य में जिला खरगौन के संबंध में लागू नहीं है। जिला बड़वानी की जानकारी पुस्तकाल में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) खरगौन जिले में आश्रम/हॉस्टल में पदस्थ अधीक्षकों की स्थानवार, अधीक्षक के नाम, मूलपद, वर्तमान पदस्थापना दिनांक, छात्र संख्या की सूची तथा निलंबन की स्थिति पुस्तकाल में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकाल में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
आदिवासी अंचल में विद्युत सुविधा
[ऊर्जा]
9. ( क्र.
92 ) श्रीमती
सरस्वती
सिंह : क्या
ऊर्जा मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
सिंगरौली
जिले के
चितरंगी
विधान सभा
क्षेत्रांतर्गत
आदिवासी अंचल
ग्राम
पिड़रिया, गेरूई
(चितरंगी)
सिघार, सिरगुड़ी, सकेती, खैरहनी, हरथा, मोष व
अन्य कई
बसाहटों में
विद्युतीकरण
की सुविधा उपलब्ध
नहीं है? इन आदिवासी
ग्रामों में
विद्युत
सुविधा कब तक
उपलब्ध करा
दी जायेगी? (ख)
आदिवासी
क्षेत्रों के
ग्रामों में
अभी तक विद्युत
सुविधा किस
कारण से उपलब्ध
नहीं हो सकी
है?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
पारस चन्द्र
जैन ) : (क) सिंगरौली
जिले में
प्रश्न में उल्लेखित
ग्रामों सहित
सभी राजस्व/आबाद
ग्राम पूर्व
से ही
विद्युतीकृत
है। 100
एवं 100
से अधिक आबादी
वाले इन
ग्रामों की
बसाहटों/मजरों/टोलों
में सघन
विद्युतीकरण
का कार्य दीन दयाल
उपाध्याय
ग्राम ज्योति
योजना में
शामिल है जिसे
मई 2019
तक पूर्ण किये
जाने की संभावना
है। (ख) आदिवासी
क्षेत्रों
सहित संपूर्ण
प्रदेश में
विद्युतीकरण
के कार्य वित्तीय
संसाधन की
उपलब्धता के
अनुसार क्रमश:
किए जा रहे
है।
नीमच जिले
के मनासा
तहसील में
ट्रांसफार्मर
से आईल चोरी
की घटनाएं
[ऊर्जा]
10. ( क्र. 106 ) श्री कैलाश चावला : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2017 में ट्रांसफार्मर में से आईल चोरी की कितनी घटनाएं नीमच जिले के मनासा विधानसभा क्षेत्र में घटित हुई हैं? विद्युत वितरण केन्द्रवार बतावें। (ख) पुलिस द्वारा कितने प्रकरणों में रिपोर्ट लिखी गई तथा कितने अपराधियों को सजा हुई है? आईल चोरी की घटनाओं के रोकथाम हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) मनासा विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2017 में (31 अक्टूबर तक) वितरण ट्रांसफार्मर में से आईल चोरी की कुल 83 घटनाएं हुई। वितरण केन्द्रवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) ट्रांसफार्मर आईल चोरी की 83 घटनाओं में से केवल 01 घटना, जो कि रामपुरा वितरण केन्द्र से संबंधित है, में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गई एवं 82 घटनाओं में संबंधित वितरण केन्द्र द्वारा संबंधित पुलिस थाने में उक्त घटना की लिखित सूचना दी गई है। उपरोक्त किसी भी प्रकरण में अपराधी को सजा नहीं हुई है। वितरण ट्रांसफार्मर में से आईल चोरी की घटनाओं के रोकथाम हेतु रात्रि में समय-समय पर लाईन कर्मचारियों द्वारा अपने-अपने क्षेत्रान्तर्गत गश्त की जाती है।
नीमच जिले के रामपुरा में वोल्टेज की समस्या
[ऊर्जा]
11. ( क्र. 107 ) श्री कैलाश चावला : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नीमच जिले के रामपुरा क्षेत्र की वोल्टेज की समस्या को हल करने के लिए दिनांक 01 मई 2017 को प्रबंध संचालक म.प्र. पावर मेनेजमेंट कम्पनी जबलपुर, प्रबंध संचालक म.प्र.प.क्षे.वि.वि.कं. लिमिटेड इन्दौर, अधीक्षण यंत्री म.प्र.प.क्षे.वि.वि.कं. लिमिटेड सर्कल नीमच को कुण्डालिया में 132 के.व्ही.ए. का पावर स्टेशन निर्माण करने हेतु पत्र लिखकर माँग की गई थी? यदि हाँ, तो उस पर अधीक्षण यंत्री द्वारा प्रस्ताव कब उच्च अधिकारियों को भेजा गया? (ख) यदि हाँ तो उक्त पत्र भेजा गया के प्रकाश में एवं अधीक्षण यंत्री द्वारा प्रेषित प्रस्ताव पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। नीमच जिले के ग्राम कुण्डालिया में 132/33 के.व्ही. अति उच्चदाब उपकेन्द्र के निर्माण हेतु अधीक्षण यंत्री (संचालन-संधारण) नीमच ने पत्र दिनांक 08/06/2017 द्वारा मुख्य अभियंता, उज्जैन को प्रस्ताव प्रेषित किया था। (ख) अधीक्षण यंत्री (संचालन-संधारण) नीमच द्वारा प्रेषित उपरोक्त प्रस्ताव को मुख्य अभियंता, उज्जैन द्वारा उनके पत्र दिनांक 16/06/2017 से कार्यालय प्रबंध निदेशक, म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी, इंदौर को प्रेषित किया गया था। उक्त प्रस्ताव पर मुख्य अभियंता, उज्जैन से तकनीकी साध्यता के संबंध में अतिरिक्त जानकारी चाही गई थी। अधीक्षण यंत्री (संचालन-संधारण) नीमच द्वारा पत्र दिनांक 10/11/2017 के माध्यम से पुनरीक्षित प्रस्ताव प्रबंध निदेशक कार्यालय को प्रेषित किया है। प्रस्ताव का तकनीकी परीक्षण किया जा रहा है।
विभागीय रिक्त पदों की भर्ती प्रक्रिया संबंधी
[महिला एवं बाल विकास]
12. ( क्र. 124 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विगत तीन वर्षों में उज्जैन संभाग में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका के कितने रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया संपन्न की गई है एवं क्या भर्ती किये गये पदों पर योग्यता एवं अन्य अर्हताओं का पालन किया गया है? तहसीलवार पूर्ण विवरण दें? (ख) किन तहसीलों में भर्ती गलत होने की कितनी एवं कौन-कौन सी शिकायतें प्राप्त हुई? उन पर की गई कार्यवाहियों के ब्यौरें सहित विवरण दें? (ग) कितने-कितने एवं कौन-कौन से पद कितने समय से रिक्त पड़े हैं? जिलेवार, तहसीलवार सकारण जानकारी प्रदान करें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) विगत तीन वर्षों में उज्जैन संभाग में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के रिक्त पदों पर भर्ती की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। जी हाँ। (ख) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है।
कालीसिंध-नर्मदा लिंक परियोजना की जानकारी
[नर्मदा घाटी विकास]
13. ( क्र. 144 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़, शाजापुर एवं देवास जिले के लिए कालीसिंध-नर्मदा लिंक परियोजना को शासन द्वारा प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की जा रही है? यदि हाँ, तो प्रशासकीय स्वीकृति आदेश की प्रति देवें? (ख) प्रश्नांश ”क“ में दर्शित कालीसिंध-नर्मदा लिंक परियोजना से विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर के कौन-कौन से ग्राम की कितने हेक्टेयर जमीन सिंचित होगी एवं कितने ग्रामों को पेयजल की सुविधा प्राप्त होगी? ग्रामवार जानकारी देवें एवं परियोजना कब से प्रारम्भ हो जावेगी?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' पर है। (ख) सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र की सारंगपुर तहसील के 39 ग्रामों की 22287 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई की जाना प्रस्तावित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। योजना से इन ग्रामों में केवल सिंचाई हेतु जल उपलब्ध कराया जाना प्रस्तावित है। पेयजल हेतु कोई प्रावधान नहीं है। परियोजना का निर्माण कार्य वर्ष 2018 में प्रारंभ करने का लक्ष्य रखा गया है।
रानी तालाब दमोह के निर्माण कार्य की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
14. ( क्र.
145 ) श्री
संजय उइके :
क्या
मुख्यमंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
बैहर
विधानसभा
क्षेत्रान्तर्गत
ग्राम पंचायत
दमोह में
स्थित रानी
तालाब का
जीर्णोंद्धार
किये जाने
हेतु एकीकृत आदिवासी
विकास परियोजना
बैहर के
सलाहकार मण्डल
द्वारा
एन.जी.ओ./सहायक
परियोजना
प्रशासक को
एजेंसी बनाने
का अनुमोदन
किया था? (ख) यदि
हाँ, तो
क्या सहायक
परियोजना
प्रशासक को
नियमानुसार विभागीय
निर्माण
एजेन्सी
बनाने का
प्रावधान/नियम
है तो जानकारी
उपलब्ध
करावें? यदि नहीं, है तो
कैसे सहायक
परियोजना
प्रशासक को
एजेन्सी
बनाया गया
कारण बतावें? (ग) सहायक
परियोजना
प्रशासक
द्वारा रानी
तालाब जीर्णोंद्धार
का कार्य किस
एजेन्सी से
कराया गया? उक्त
एजेन्सी से
कार्य कराने
बाबत्
विभागीय आदेश
एवं निर्देश
की प्रति
देवें?
मुख्यमंत्री
( श्री शिवराज
सिंह चौहान ) : (क) जी
हाँ। (ख) एवं (ग)
विभागीय
आदेश
क्रमांक/एफ-23/30/98/3/25, भोपाल, दिनांक
23
अगस्त, 1998 अनुसार
एकीकृत
आदिवासी
विकास
परियोजनाओं को
उपलब्ध कराये
जाने वाली
धनराशि के
संबंध में
दिये गये
निर्देश के
बिन्दु क्र. (7) अनुसार
''परियोजना
सलाहकार
मण्डल द्वारा
स्वीकृत
कार्यों के
लिये एजेंसी
नियुक्त करने
का अधिकार भी
परियोजना सलाहकार
मण्डल को है।
पंचायती राज
संस्था के साथ
ही मण्डल अन्य
स्थानीय
एजेन्सी/विभाग
के माध्यम से
कार्य करने का
निर्णय लेने
के लिये स्वतंत्र
है'' उक्त
निर्देश के
अनुसार ही परियोजना
सलाहकार
मण्डल द्वारा
स्थानीय एजेन्सी
के तौर पर
सहायक
परियोजना
प्रशासक को
कार्य
एजेन्सी
नियुक्त किया
गया। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-''अ'' एवं ''ब''
अनुसार है।
प्राचार्य श्री वाय.के. डोंगरे के विरूद्ध विभागीय जाँच
[जनजातीय कार्य]
15. ( क्र. 150 ) श्री संजय उइके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कलेक्टर बालाघाट द्वारा अपने पत्र क्रमांक/3100/स्था.2/नं.क्र.321/आवि/2016 बालाघाट दिनांक 20/09/2016 एवं पत्र क्रमांक 5157/स्था02/नं.क्र0321/आवि/2016 बालाघाट दिनांक 13/11/2016 के द्वारा श्री वाय.के. डोंगरे प्राचार्य कन्या शिक्षा परिसर बालाघाट तत्कालीन प्राचार्य उत्कृष्ठ विद्यालय बिरसा/बैहर जिला बालाघाट के वित्तीय अनियमितता एवं पदीय कर्तव्यों के प्रति लापरवाही बरतने के फलस्वरूप म.प्र. सिविल सेवा नियम 1966 के अन्तर्गत अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु पत्र लिखा गया था? (ख) यदि हाँ, तो विभागीय जाँच के आदेश कब दिये गये? किन-किन अधिकारियों को विभागीय जाँचकर्ता एवं प्रस्तुतकर्ता अधिकारी कब नियुक्त किया गया, संबंधित अधिकारी के विरूद्ध आरोप पत्र कब जारी किये गये? सभी आदेशों की प्रति उपलब्ध करावें एवं विभागीय जाँच किस दिनांक से प्रारम्भ की गई बतावें? (ग) उक्त संबंधित अधिकारी के विरूद्ध विभागीय जाँच में विलम्ब का क्या कारण है? विलम्ब के लिए कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) शासन के ज्ञापन क्रमांक एफ 16-3/ 2017/1/25, दिनांक 21.03.2017 द्वारा आरोप पत्र जारी किये गये। (ग) श्री डोंगरे के विरूद्ध विभागीय जांच प्रक्रिया जारी है, विलंब के लिये कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है। अत: किसी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
वाटर कोर्स फील्ड चैनल निर्माण कार्य
[नर्मदा घाटी विकास]
16. ( क्र. 180 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 3974 दिनांक 19.3.2015 के जवाब में जानकारी प्रदान की गई कि वाटर कोर्स तैयार कर उनमें पानी छोड़ा जा रहा है, जबकि न ही वाटर कोर्स तैयार किये गये न ही उनमें पानी छोड़ा जा रहा है। क्या शासन इसमें जांच करवाकर की गई कार्यवाही से अवगत कराएगा, यदि हाँ तो कब तक? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिन वाटरकोर्स का निर्माण नहीं किया गया है उनका कब तक निर्माण कर दिया जावेगा? (ग) प्रश्न क्रमांक 3974 अनुसार 111861.622 हेक्टेयर में वाटरकोर्स निर्माण स्वीकृत किये गये थे जिनमें समस्त वाटरकोर्स का निर्माण नहीं किया गया, स्वीकृत राशि का उपयोग कब एवं कहाँ किया गया अवगत करावें।
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) गोटेगॉव विधानसभा क्षेत्र में वाटर कोर्स, फील्ड चैनल का 111861.622 हेक्टेयर का कार्य स्वीकृत है, जिसमें से 7679.75 हेक्टेयर में कार्य पूर्ण हो चुका है, 3149.465 हेक्टेयर कार्य चल रहा है एवं 1032.402 हेक्टेयर में कार्य अप्रारंभ है। पूर्ण की गई वाटर कोर्स में आवश्यकता अनुसार पानी छोड़ा गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार जो वाटर कोर्स आंशिक पूर्ण एवं अप्रारंभ थी उनमें से 2436.236 हेक्टेयर में काडा मद से कार्य पूर्ण कर लिया गया है एवं शेष 1745.604 हेक्टेयर में वाटर कोर्स का निर्माण वर्ष 2018-19 में कराया जाना लक्षित है। (ग) गोटेगॉव विधानसभा क्षेत्र में कुल 11861.622 हेक्टेयर वाटर कोर्स निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये थे। वाटर कोर्स के निर्माण हेतु मनरेगा मद से प्राप्त राशि रूपये 317.48 लाख का पूर्ण उपयोग वाटर कोर्स के निर्माण में कर लिया गया है। वाटर कोर्स के निर्माण हेतु विभागीय मद से कुल राशि रूपये 281.00 लाख में से रूपये 231.618 लाख खर्च कर वाटर कोर्स का निर्माण किया गया था एवं रूपये 49.382 लाख जल उपभोक्ता संथाओं के पास शेष है। काडा मद से प्राप्त रूपये 147.27 लाख का उपयोग वाटर कोर्स के निर्माण में किया गया है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
17. ( क्र. 183 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) गोटेगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कितने आंगनवाड़ी केन्द्रों में भवन हैं एवं कितने केन्द्रों में भवन नहीं हैं? सूची प्रदान करें। (ख) क्या इन भवन विहीन आंगनवाडि़यों के भवन निर्माण हेतु कोई कार्ययोजना प्रस्तावित है? यदि हाँ तो इनके भवन का नर्माण कब तक किया जावेगा? (ग) वित्तीय वर्ष 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 में विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत कितने आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवनों का निर्माण किया गया? सूची प्रदान करें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) नरसिंहपुर जिले के विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अन्तर्गत 02 परियोजना क्रमशः गोटेगांव में 187 एवं नरसिंहपुर में 109 आंगनवाड़ी केन्द्र इस प्रकार कुल 296 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। जिसमें से 80 आंगनवाड़ी केन्द्र विभागीय भवनों में 173 आंगनवाड़ी केन्द्र अन्य शासकीय भवनों में एवं 43 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में संचालित है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) भवनविहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये ग्रामीण क्षेत्र में मनरेगा के अभिसरण से एवं शहरी क्षेत्र में राज्य आयोजना मद से आंगनवाड़ी भवन निर्माण की योजना है। आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है। अतः समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (ग) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 में कुल 34 आंगनवाड़ी भवन स्वीकृत किये गये जिसमें से 02 आंगनवाड़ी भवन पूर्ण, 09 आंगनवाड़ी भवन निर्माणाधीन तथा 23 आंगनवाड़ी भवनों का कार्य अप्रारंभ है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
लिपिकों की वेतन विसंगति का निराकरण
[सामान्य प्रशासन]
18. ( क्र. 242 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र.शासन के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा एम.एस. चौधरी वेतनमान में लिपिक सहायक शिक्षक, ए.डी.ई.ओ., ग्राम सहायक एवं पटवारी का वेतन निर्धारित किया गया था? यदि हाँ, तो पृथक-पृथक निर्धारित वेतनमान बताएं? (ख) क्या इसके पूर्व पाण्डे वेतनमान में लिपिकों एवं सहायक शिक्षकों तथा ए.डी.ई.ओ., ग्राम सहायक एवं पटवारी का वेतनमान एक समान था? यदि हाँ, तो एम.एस.चौधरी वेतनमान में लिपिकों के वेतनमान में अंतर क्यों कर दिया गया? विवरण सहित बताएं। (ग) क्या उक्त विसंगति पर शासन द्वारा ध्यान न देते हुए वोरा वेतनमान से लेकर छठवां वेतनमान निर्धारित होने तक लिपिकों के वेतनमान में काफी अंतर कर दिया गया? क्या इस संबंध में कर्मचारी संगठन समय-समय पर वेतन विसंगति के निराकरण हेतु शासन से मांग करते चले आ रहे है? आज दिनांक तक वेतन विसंगति निराकरण न होने के क्या कारण है? (घ) क्या माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा कर्मचारियों के हित में निर्णय देते हुए वेतन विसंगति के निराकरण करने के निर्देश शासन को दिए गए हैं? यदि हाँ, तो अभी तक माननीय न्यायालय के आदेश का पालन न करने का क्या कारण है? कब तक वेतन विसंगति दूर की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) चौधरी वेतनमान में निम्न श्रेणी लिपिक का वेतनमान 515-800, सहायक शिक्षक का वेतनमान 545-925, पटवारी का 515-800 तथा ग्राम सहायक के लिये गैर स्नातक का 575-880, स्नातक का 635-950 वेतनमान निर्धारित किया गया था। (ख) पाण्डे वेतनमान में निम्न श्रेणी लिपिक, निम्न श्रेणी शिक्षक, ग्राम सहायक के समान वेतनमान 169-300 रहे हैं परन्तु पटवारी का 155-252 था। दिनांक 1.4.1981 से वेतन का पुनरीक्षण, तत्समय गठित वेतन आयोग की अनुशंसा के आधार पर रहा है। किसी पद विशेष के वेतनमान निर्धारण पद के लिये अर्हता पद के कार्य एवं कार्य स्थितियां आदि को विचार में लेकर किया जाता है। (ग) आगामी वेतनमानों में वेतन पुनरीक्षण पूर्व वेतनमानों पर आधारित रहे हैं, अतः तद्नुसार प्रश्नांश (क) में वर्णित पदों की तुलना में लिपिकों के वेतनमान में अंतर स्वाभाविक रूप से हुआ है। लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारियों के वेतन विसंगति की मांग पर अध्यक्ष, म.प्र. राज्य कर्मचारी कल्याण समिति की अध्यक्षता में समिति गठित की गई थी, समिति से प्राप्त प्रतिवेदन पर कार्यवाही प्रचलित है। (घ) जी हाँ। मान. न्यायालय निर्णय के विरूद्ध शासन द्वारा अपील प्रस्तुत की गई, जो विचाराधीन है।
बिजली बिलों की अवैध वसूली
[ऊर्जा]
19. ( क्र. 243 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विद्युत विभाग द्वारा सिवनी जिले के विधानसभा क्षेत्र सिवनी के ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं से बिल के नाम पर भारी राशि की वसूली की जा रही हैं, साथ ही उन ग्रामीण क्षेत्रों में जहां बिल की राशि जमा हैं, वहां भी विद्युत प्रदाय नहीं किया जा रहा हैं? यदि हाँ, तो कारण सहित जानकारी दी जावें। (ख) क्या विद्युत विभाग के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में जहां बिजली ही उपलब्ध नहीं हैं वहां भी विभागीय अधिकारियों के द्वारा उपभोक्ताओं को बिजली कनेक्शन देकर बिलों की वसूली की जा रही है? यदि हाँ, तो दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? (ग) सिवनी विधानसभा क्षेत्र में कितने घंटे बिजली कृषि क्षेत्र एवं कितने घंटे घरों के लिये दी जा रही है? ग्रामवार व नगरवार जानकारी दी जावें, किसी ग्राम में ट्रांसफार्मर खराब होने की स्थिति में पुन: लगाये जाने के लिये क्या नियम हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं, सिवनी जिले के विधानसभा क्षेत्र सिवनी के अंतर्गत उपभोक्ताओं से म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा लागू टैरिफ आदेश के अनुसार ही बिल जारी कर नियमानुसार बिलों की वसूली की जा रही है तथा जिन ग्रामीण क्षेत्रों में उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार बिल की राशि जमा की है, उनका विद्युत प्रदाय बंद नहीं किया गया है। अत: शेष प्रश्नांश लागू नहीं। (ख) जी नहीं। अत: किसी के दोषी होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता। (ग) प्राकृतिक आपदा/तकनीकी कारणों से आए आकस्मिक व्यवधानों एवं अतिआवश्यक संधारण कार्य हेतु अपरिहार्य होने जैसी स्थिति को छोड़कर सिवनी विधानसभा क्षेत्र सहित प्रदेश में कृषि उपभोक्ताओं को 10 घंटे तथा घरेलू उपभोक्ताओं सहित गैर-कृषि उपभोक्ताओं को 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। जले एवं खराब वितरण ट्रांसफार्मरों से संबद्ध 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा भुगतान करने पर अथवा कुल बकाया राशि का 20 प्रतिशत जमा होने के उपरान्त इन ट्रांसफार्मरों को सामान्य स्थिति में 3 दिवस व मानसून अवधि (जून से अगस्त) में 7 दिवस की समय-सीमा में बदले जाने के नियम हैं।
कुपोषण से बच्चों की मृत्यु एवं व्यय राशि
[महिला एवं बाल विकास]
20. ( क्र. 259 ) श्री रामनिवास रावत : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सितम्बर 2016 की स्थिति में प्रदेश में कितने बच्चे कुपोषित एवं कितने अतिकुपोषित थे? दिनांक 1 जनवरी 2017 से प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में प्रदेश में 0-6 एवं 6-12 वर्ष उम्र के कितने बच्चों का वजन लिया गया? इनमें से कितने सामान्य वजन, कितने कम वजन (कुपोषित) एवं कितने अति कमवजन (अतिकुपोषित) के हैं? जिलेवार बतावें? (ख) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा प्रश्न क्र. 3694 दिनांक 10-03-17 के उत्तर में पुस्तकालय परिशिष्ट में 01 जनवरी 16 से 31 जनवरी 17 तक 6 वर्ष से कम आयु के कुल 28948 एवं 06 वर्ष से अधिक आयु के कुल 462 बच्चों की मृत्यु तथा प्रश्न क्र. 332 दिनांक 10-07-17 के उत्तर में 01 फरवरी 17 से 20 मार्च 17 तक 6 वर्ष से कम आयु के कुल 2510 एवं 06 वर्ष से अधिक आयु के कुल 35 बच्चों की जानकारी दी गयी थी? यदि हाँ, तो दिनांक 01 अप्रैल 17 से प्रश्न दिनांक तक 0-6 वर्ष एवं 6-12 वर्ष के कितने बच्चों की मृत्यु किन कारणों (मीजल्स, डायरिया, मलेरिया, कुपोषण, कुपोषण जनित बीमारी एवं अन्य बीमारी नाम सहित) से हुई? जिलेवार बतावें? (ग) कुपोषण को दूर करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में कुल कितनी राशि व्यय की है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) प्रदेश में माह सितम्बर 2016 की स्थिति में चिन्हित कुपोषित बच्चों की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। 6-12 वर्ष का आयुवर्ग विभाग का हितग्राही समूह नहीं है। आंगनवाड़ी केन्द्र में 05 वर्ष तक के बच्चों का वजन लिया जाकर उनके पोषण स्तर का निर्धारण किया जाता है। दिनांक 01 जनवरी 2017 से माह सितम्बर 2017 की स्थिति में 05 वर्ष तक के बच्चों का लिया गया वजन एवं पाये गये सामान्य वजन, कम वजन, अतिकम वजन के बच्चों की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) प्रश्नांश में संदर्भित विधानसभा प्रश्न क्रमांक-3694 में 0 से 06 वर्ष के बच्चों की मृत्यु की जानकारी छोड़कर शेष जानकारी सही है। उक्त प्रश्न में 28948 के स्थान पर 0 से 06 वर्ष के 28512 बच्चों की मृत्यु की जानकारी दी गई थी। अप्रैल 2017 से सितम्बर 2017 की अवधि में 0 से 05 वर्ष के बच्चों की मृत्यु की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। भारत सरकार द्वारा वर्ष 2017-18 में बच्चों में मृत्यु संबंधी प्रतिवेदन को पुनरीक्षित किया गया है जिसके कारण जिलों में 05 वर्ष से अधिक आयु के बच्चों में मृत्यु की कारणवार जानकारी का पृथक से प्रतिवेदन उपलब्ध नहीं है। (ग) प्रदेश में कुपोषण को दूर करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2016-17 एवं वर्ष 2017-18 में किये गये कुल व्यय राशि का पत्रक पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' एवं 'ई' अनुसार है।
सहरिया कृषकों द्वारा कराये गए व्यक्तिगत नलकूपों एवं डगवेल का ऊर्जीकरण
[जनजातीय कार्य]
21. ( क्र. 260 ) श्री रामनिवास रावत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01 जनवरी 2010 से प्रश्न दिनांक तक विजयपुर विधान सभा क्षेत्र के सहरिया हितग्राहियों द्वारा उनकी कृषि भूमि पर स्वयं के व्यय पर सिंचाई हेतु व्यक्तिगत रूप से नलकूप एवं डगवेल खनन कराने के उपरान्त उनके ऊर्जीकरण हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा स्वयं पत्र एवं उनके द्वारा कितने आवेदन सीधे सहायक आयुक्त, आदिम जाति कल्याण विभाग, कलेक्टर श्योपुर एवं आयुक्त, आदिवासी विभाग म.प्र. को कब-कब प्राप्त हुए हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त पत्र एवं आवेदनों में से एवं किन-किन सहरिया हितग्राहियों को विभिन्न शासकीय योजनाओं के तहत कराये गए व्यक्तिगत नलकूप एवं डगवेल के ऊर्जीकरण हेतु राशि स्वीकृत कर किस एजेंसी के माध्यम से कब-कब ऊर्जीकरण कार्य कराये गए? हितग्राही के नाम व पते सहित वर्षवार जानकारी दें? अभी तक कितने हितग्राहियों के नलकूप एवं डगवेल के ऊर्जीकरण कार्य कराया जाना शेष है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या उक्त कार्य हेतु विभाग में पर्याप्त राशि का प्रावधान होने के बावजूद उक्त कार्य न कराते हुए राशि अन्य कार्यों में व्यय कर दी गई है? यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त सहरिया हितग्राहियों के नलकूप एवं डगवेल के ऊर्जीकरण हेतु विशेष योजना बनाकर राशि स्वीकृत किये जाने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) दिनांक 01 जनवरी 2010 से प्रश्न दिनांक तक विजयपुर विधानसभा क्षेत्र के सहरिया हितग्राहियों द्वारा उनकी कृषि भूमि स्वयं के व्यय से सिंचाई हेतु कराये गये नलकूप/डगवेल खनन पर विद्युतीकरण कार्य हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा प्रस्तुत 13 आवेदन पत्रों में 84 कृषक एवं स्वयं आवेदकों के 275 आवेदन पत्र सीधे सहायक आयुक्त आदिम जाति कल्याण विभाग, कलेक्टर जिला श्योपुर एवं आयुक्त आदिवासी विकास को कार्यालयीन अभिलेखों अनुसार प्राप्त हुए। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त आवेदनों पत्रों में वर्षवार जिले को प्राप्त आवंटन की सीमा में सहरिया हितग्राहियों के कृषि भूमि की सिचाई हेतु सहरिया विकास अभिकरण, एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना कराहल, 121 बी के तहत विभिन्न विभागों की योजनाओं में प्राप्त आवंटन को कनवर्जन कर वर्ष 2015-16 में सहकारिता विभाग में पंजीयन उपरांत 38 फल फूल साग भाजी पेयजल उदवहन समितियों में से 23 समितियों को राशि प्रदाय कर कराये गये नलकूप/डगवेल खनन पर पम्प ऊर्जीकरण समूहों के रूप में कराये गये जिसमें हितग्राहियों के नाम एवं एजेंसी सहित वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है तथा कूनों से विस्थापित 206 सहरिया हितग्राहियों के पम्पों के ऊर्जीकरण का कार्य एवं प्रश्नकर्ता के 69 व आवेदकों के 251 कृषकों के कार्य कराया जाना शेष है। (ग) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभागीय छात्रावास के संबंध में
[अनुसूचित जाति कल्याण]
22. ( क्र. 269 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बिजावर में विभाग के कितने छात्रावास या आश्रम कहाँ-कहाँ पर कब से संचालित है? अधीक्षक के पद पर कौन–कौन कब से पदस्थ है? छात्र संख्या क्या है? भवन की वर्तमान स्थिति क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में प्रत्येक छात्र, छात्राओं के लिए प्रतिमाह एवं प्रतिवर्ष क्या– क्या बजट खर्च हेतु प्रस्तावित है वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में किस– किस संस्था को कितना–कितना बजट दिया गया? कितना व्यय हुआ? मदवार जानकारी प्रदाय करें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) छात्रावासों में निवासरत छात्र हेतु रू. 1090/- प्रति माह, प्रति वर्ष रू. 10900/- तथा छात्राओं हेतु रू. 1130/- प्रति माह, प्रति वर्ष रू. 11300/- शिष्यवृत्ति की दर निर्धारित है। वर्षवार मदवार बजट एवं व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
बालक क्रीड़ा हास्टल
[जनजातीय कार्य]
23. ( क्र. 294 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय अनुसूचित जनजाति बालक क्रीड़ा हास्टल परिसर गोकलपुर रांझी जबलपुर को किन-किन योजनांतर्गत किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं कितनी-कितनी राशि किन-किन कार्यों में व्यय हुई वर्ष 2014-15 से 2017-18 तक की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांकित (क) में अध्यनरत् कितने खिलाड़ी बच्चों के लिये आवास, भोजन, प्रशिक्षण व उनकी सुरक्षा की क्या व्यवस्था है? कितने कमरों में कितने बच्चे निवासरत् हैं? क्या बच्चों के लिये आवास व्यवस्था पर्याप्त है और बच्चों को डाईट चार्ट के अनुसार भोजन उपलब्ध कराया जाता है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) में अध्यनरत् कितने बच्चों को माहवार किस मान से छात्रवृत्ति की कितनी राशि का भुगतान किया गया? कितने बच्चों को कब से कितनी राशि का भुगतान नहीं किया गया एवं क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) में कितना स्टाफ स्वीकृत व पदस्थ है? किस पद पर कौन पदस्थ है? प्रशिक्षण हेतु किन-किन खेलों से संबंधित कितने कोच पदस्थ हैं? सूची दें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) अध्ययनरत 100 छात्रों के लिए आवास, भोजन प्रशिक्षण एवं सुरक्षा की पर्याप्त व्यवस्था है। 08 कमरों में 100 बच्चे निवासरत है। नवीन क्रीड़ा परिसर निर्माणाधीन है। जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) क्रीड़ा परिसर में निवासरत विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति नहीं दी जाती। रूपये 3000/- प्रतिमाह प्रति विद्यार्थी के मान से शिष्यवृत्ति नहीं दी जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
कुपोषित बच्चों के संबंध
[महिला एवं बाल विकास]
24. ( क्र. 295 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जबलपुर जिले में कुपोषण की रोकथाम व कुपोषित बच्चों के लिये संचालित किन-किन योजनांतर्गत कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं कितनी-कितनी राशि किन-किन कार्यों में व्यय हुई वर्ष 2014-15 से 2017-18 तक की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में पोषण आहार/पूरक पोषण आहार का क्रय परिवहन व भण्डारण योजनाओं के प्रचार-प्रसार मुद्रण सामग्री का क्रय तथा शिविरों के आयोजन पर कितनी-कितनी राशि व्यय? इसका सत्यापन कब-कब किसके द्वारा किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) में कुपोषित बच्चों की खोज हेतु कब-कब, कहाँ-कहाँ पर कितने दिवसीय शिविरों का आयोजन किया गया? इन शिविरों में कम वजन के अति कम वजन के व कुपोषित कितने-कितने बच्चों को चिन्हित किया गया? (घ) कुपोषित कितने बच्चों को पोषण पुनर्वास केन्द्रों में भर्ती कराया गया। कितने बच्चों के वजन में वृद्धि हुई। कितने बच्चों की मृत्यु हुई? पोषण पुनर्वास केन्द्रवार पृथक-पृथक जानकारी दें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में जबलपुर जिले में कुपोषण की रोकथाम व कुपोषित बच्चों के लिए संचालित योजनांतर्गत आवंटित राशि एवं व्यय के मदों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) पोषण आहार/ पूरक पोषण आहार का क्रय परिवहन व भण्डारण योजनाओं के प्रचार प्रसार, मुद्रण सामग्री का क्रय तथा शिविरों के आयोजन पर व्यय हुई राशि तथा सत्यापन संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) कुपोषित बच्चों की पहचान हेतु जबलपुर जिले में संचालित समस्त 2483 आंगनवाड़ी केन्द्रों में प्रत्येक माह में 1 से 4 तारीख तक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के द्वारा परियोजना अधिकारी एवं पर्यवेक्षक के मार्गदर्शन में 4 दिवसीय शिविर का आयोजन किया जाता है। इन शिविरों में चिन्हित कम वजन तथा अतिकम वजन के बच्चों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) पोषण पुनर्वास केन्द्रों में भर्ती बच्चों तथा वजन वृद्धि एवं मृत्यु संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है।
भ्रष्ट कर्मचारियों/अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
25. ( क्र. 296 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में पदस्थ किन-किन विभागों के किन-किन कर्मचारियों/अधिकारियों के विरूद्ध लोकायुक्त संगठन व राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो द्वारा भ्रष्ट आचरण से संबंधित कितने प्रकरण पंजीकृत किये गये? किन-किन प्रकरणों में छापामार कार्यवाही में किस-किस के पास आय से अधिक अनुपातहीन कितनी राशि सम्पत्ति का पता लगा है वर्ष 2013-14 से 2017-18 तक की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांकित किन-किन प्रकरणों में शासन ने अभियोजन की स्वीकृति कब दी है? न्यायालय में चालान कब प्रस्तुत किया गया? कितने प्रकरण विवेचना में हैं? कितने प्रकरणों में अभियोजन की स्वीकृति नहीं दी है एवं क्यों? प्रकरणों की सूची दें? (ग) शासन ने प्रश्नांकित किन-किन प्रकरणों में आरोपी/दोषी किन-किन कर्मचारियों/अधिकारियों के विरूद्ध कब-कब क्या-क्या कार्यवाही की है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) लोकायुक्त संगठन में पंजीबद्ध प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'क' अनुसार है एवं आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में पंजीबद्ध प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ख' अनुसार है। (ख) आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में पंजीबद्ध सभी प्रकरण विवेचना में हैं। लोकायुक्त संगठन में पंजीबद्ध प्रकरणों में अभियोजन स्वीकृति, चालान पेश होने की जानकारी एवं विवेचना में होने की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–'क' के कॉलम 6, 7 एवं 8 अनुसार है। (ग) शासन द्वारा जांच एजेन्सी की विवेचना उपरांत अभियोजन स्वीकृति जारी की गई है। जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'क' के कॉलम नं. 6 में वर्णित है।
विद्युतीकरण का कार्य
[ऊर्जा]
26. ( क्र. 323 ) श्री संजय शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अक्टूबर, 2017 की स्थिति में विद्युत विहीन ग्रामों एवं मजरें-टोलों में विद्युतीकरण की कौन-कौन सी योजनायें संचालित हैं रायसेन एवं नरसिंहपुर जिले के क्षेत्रान्तर्गत उनके विद्युतीकरण की क्या-क्या योजना है? (ख) उक्त जिलों में सौर ऊर्जा से किन-किन ग्रामों का विद्युतीकरण कब करवाया गया था? उनको अविद्युतीकृत मानकर ग्रिड से विद्युतीकरण क्यों नहीं करवाया जा रहा है? (ग) उक्त जिलों के किन-किन ग्रामों की विद्युत आपूर्ति बिजली बिल बकाया ट्रांसफार्मर जले एवं खराब होने के कारण कब से बंद हैं? उक्त अवधि के बिल का क्या होगा। (घ) बकाया बिजली बिल समझौता हेतु कौन-कौन सी योजनायें संचालित हैं? उनमें क्या-क्या प्रावधान है? विभाग इस संबंध में क्या कोई नई योजना बना रहा है? यदि हाँ तो उसमें क्या प्रावधान है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) रायसेन एवं नरसिंहपुर जिलों सहित संपूर्ण प्रदेश में अविद्युतीकृत ग्रामों के विद्युतीकरण तथा संचालित योजनाओं के प्रावधानों के अनुसार मजरों/टोलों के विद्युतीकरण सहित विद्युतीकृत ग्रामों के सघन विद्युतीकरण के कार्य राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना एवं दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अन्तर्गत किये जा रहे हैं। (ख) नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार रायसेन जिले के 38 ग्रामों में वर्ष 2009-10 से 2010-11 की अवधि में तथा नरसिंहपुर जिले के 19 ग्रामों में वर्ष 2006-07 से वर्ष 2010-11 की अवधि में सौर ऊर्जा के माध्यम से विद्युतीकरण का कार्य कराया गया था, जिसकी सूची क्रमश: पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार है। सामान्य: दूरस्थ/दुर्गम/वन क्षेत्र में स्थित एवं आर्थिक रूप अमितव्ययी प्रकरणों में गैर-परंपरागत ऊर्जा स्त्रोतों से विद्युतीकरण का कार्य किया गया है। (ग) नरसिंहपुर जिले के अंतर्गत बिजली बिल बकाया होने के कारण किसी भी ग्राम की बिजली बंद नहीं है। रायसेन जिले में बकाया राशि के कारण 19 ट्रांसफार्मरों से विद्युत आपूर्ति बन्द है, जिसका ग्रामवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। ट्रांसफार्मर जलने एवं बदलने के बीच की अवधि की बिलिंग म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी विद्युत प्रदाय संहित 2013 के प्रावधानों के अनुरूप की जाती है तथा इस संबंध में राज्य शासन के विस्तृत दिशा-निर्देश आदेश दिनांक 06.09.2017 द्वारा वितरण कंपनियों को जारी किये गए हैं, जिनकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है। (घ) वर्तमान में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रान्तर्गत बकाया बिजली बिल समझौता हेतु कोई भी योजना संचालित नहीं है और न ही कोई योजना प्रस्तावित है। म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अन्तर्गत उच्चदाब उपभोक्ताओं के बकाया राशि के भुगतान हेतु विशेष योजना 2017-18 लागू है, जिनका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'ई' अनुसार है।
अधिकारियों एवं कर्मचारियों की 5 सूचीय मांगों का निराकरण
[ऊर्जा]
27. ( क्र. 340 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.यूनाइटेड फोरम फॉर पावर इंप्लाईज एवं इंजीनियर्स द्वारा म.प्र. की सभी विद्युत कम्पनियों में कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों की पाँच सूत्रीय मांगों को पूरा किये जाने के संबंध में मान.मुख्यमंत्री महोदय एवं मान.ऊर्जा मंत्री महोदय और अपर मुख्य सचिव महोदय जी को पूर्व में ज्ञापन पत्र दिया गया था जिस पर मांगों को पूरा किया जाने हेतु अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा भी मान.मुख्यमंत्री जी को पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2017/671 दिनांक 09/10/2017 एवं ऊर्जा मंत्री जी को पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2017/672, दिनांक 09/10/2017 के साथ म.प्र.यूनाइटेड फोरम फॉर पावर इंप्लाईज एवं इंजीनियर्स द्वारा प्राप्त ज्ञापन पत्र को संलग्न कर म.प्र. के सभी विद्युत कम्पनियों में कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों की पाँच सूत्रीय मांगों को अतिशीघ्र पूरा किये जाने के संबंध में उपरोक्त पत्रों के माध्यम से निवेदन किया गया था? जिस पर मांगों को पूरा किये जाने के संबंध में अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ग) म.प्र. की सभी विद्युत कम्पनियों में कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों की पाँच सूत्रीय मांगों (1) केन्द्र के समान सातवां वेतनमान प्रदान करना (2) संविदा विद्युत कर्मियों का नियमितिकरण (3) फ्रिंज बेनीफिट का निर्धारण (4) आऊट सोर्स कर्मचारियों का शोषण बन्द करने (5) आर्गेनाईजेशन स्ट्रक्चर में सुधार किये जाने की मांगों को शासन द्वारा कब तक पूरा कर दिया जायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) से (ग) प्रश्नाधीन उल्लेखित ज्ञापनों/पत्रों के तारतम्य में म.प्र. यूनाईटेड फोरम फॉर पॉवर इंप्लाईज एवं इंजीनियर्स की पाँच सूत्रीय मांगों को पूरा किये जाने के संबंध में की गई कार्यवाही का विवरण निम्नानुसार है :- (i) केन्द्र के समान सातवां वेतनमान प्रदान करना-ज्ञापन में उल्लेखित मांग ''केन्द्र के समान सातवां वेतनमान'' पर निर्णय लेकर राज्य शासन द्वारा आदेश जारी कर दिये गये हैं। इस आदेश के अनुसार मध्यप्रदेश शासन, वित्त विभाग द्वारा मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) में प्रकाशित अधिसूचना दिनांक 20.07.2017 के माध्यम से अधिसूचित ''मध्यप्रदेश वेतन पुनरीक्षण नियम, 2017'' के अनुरूप सभी 6 विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा कार्यवाही की जाना है। (ii) संविदा विद्युत कर्मियों का नियमितीकरण-संविदा नियमों के अनुसार संविदा कार्मिक कतिपय शर्तों व निबंधनों के अंतर्गत 60 वर्ष की आयु तक कार्य कर सकते हैं। इसी विषय पर राज्य शासन के आदेश क्रमांक 2955/2017/तेरह दिनांक 09.05.2017 द्वारा विद्युत कंपनियों में संविदा पर कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों की सेवा-शर्तों के सुधार की आवश्यकता पर विचार करने तथा अनुशंसाएं राज्य शासन को प्रस्तुत करने के लिए समिति गठित की गई है। समिति द्वारा प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जाना है। (iii) फ्रिन्ज बेनीफिट का निर्धारण-फ्रिन्ज बेनीफिट के निर्धारण के विषय में गठित समिति द्वारा अपनी अनुशंसाएं राज्य शासन को प्रेषित की जा चुकी है, जिस पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (iv) आऊटसोर्स कर्मचारियों का शोषण बन्द करने-कंपनियों की स्वीकृत संगठनात्मक संरचना में बाह्य स्त्रोत से कार्मिकों की सेवाएं लेने का प्रावधान है। तद्नुसार निर्धारित योग्यता के बाह्य स्त्रोत कार्मिकों की सेवाएं निविदा प्रक्रिया द्वारा चयनित ठेकेदार एजेन्सी के माध्यम से ली जा रही हैं। बाह्य स्त्रोत कार्मिकों हेतु, विद्युत कंपनी द्वारा संबंधित बाह्य स्त्रोत कार्मिक प्रदान करने वाली एजेन्सी को भुगतान किया जाता है। वर्तमान में कार्मिकों के शोषण की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शिकायत प्राप्त होने पर संबंधितों के विरूद्ध जांच की जाकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी। (iv) आर्गेनाईशन स्ट्रक्चर में सुधार किये जाने-वितरण कंपनियों की नवीन संगठनात्मक संरचना का प्रस्ताव राज्य शासन को प्राप्त हो चुका है, जिस पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। एम.पी.पॉवर मैनेजमेंट कंपनी की नयी संगठनात्मक संरचना की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है।
कार्यभारित एवं आकस्मिक निधि के कर्मचारियों को समयमान वेतन का लाभ
[वित्त]
28. ( क्र. 341 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन वित्त विभाग, मंत्रालय भोपाल के आदेश पत्र क्रमांक 11-5/211/2017/ नियम/चार भोपाल, दिनांक 25-5-2017 के अनुसार शासन के समस्त विभागों में कार्यरत कार्यभारित एवं आकस्मिक निधि से वेतन प्राप्त करने वाले कर्मचारियों को समयमान वेतनमान का लाभ दिये जाने हेतु आदेश जारी किये जा चुके हैं? (ख) अगर हाँ तो आदेश के परिपालन में छिन्दवाड़ा जिले के कार्यभारित एवं आकस्मिक निधि भृत्यों को समयमान वेतनमान का लाभ शिक्षा विभाग में प्रदान नहीं किया जा रहा है, जिसका क्या कारण है? (ग) छिन्दवाड़ा जिले के कार्यभारित एवं आकस्मिक निधि भृत्यों को समयमान वेतनमान का लाभ शिक्षा विभाग में कब तक प्रदान कर दिया जायेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) स्कूल शिक्षा विभाग से जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मंदसौर में हुए किसान आंदोलन के संबंध में गठित जांच आयोग
[सामान्य प्रशासन]
29. ( क्र. 367 ) श्री जितू पटवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किसान आंदोलन के दौरान 06 जून, 2017 को मंदसौर गोलीकांड की जांच के लिये गठित न्यायिक आयोग द्वारा तीन माह की निर्धारित अवधि में 12 सितम्बर, 2017 को अपनी जांच पूरी कर रिपोर्ट नहीं दे सकने के कारण बतावें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) उल्लेखित आयोग जांच आयोग अधिनियम की धाराओं के अनुसार कार्य कर रहा है? यदि हां, तो बतावें कि उत्तर दिनांक तक आयोग ने किस-किस दिनांक को क्या-क्या कार्यवाही की तथा उसके द्वारा समय-समय पर समाचार पत्र में निकाली गयी विज्ञप्ति की प्रतियां देवें? (ग) प्रश्नाधीन आयोग ने क्या बयान देने वालों से शपथ पत्र में बयान मंगवायें? यदि हां, तो बतावें कि उसने किस धारा/नियम के अनुसार शपथ-पत्र में बयान बुलवाये?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जांच की कार्यवाही पूर्ण न होने से। (ख) एवं (ग) आयोग निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार कार्य कर रहा है। जांच की कार्यवाही न्यायिक स्वरूप की है एवं माननीय न्यायमूर्ति की अध्यक्षता में जांच की कार्यवाही की जा रही है। जांच की कार्यवाही पूर्ण होने पर अधिनियम के प्रावधान अनुसार जांच प्रतिवेदन को विधान सभा के पटल पर रखे जाने के पूर्व कोई जानकारी दी जाना संभव नहीं है।
किशोर न्यायालय बोर्ड में सदस्य की नियुक्ति
[महिला एवं बाल विकास]
30. ( क्र.
385 ) श्री
प्रदीप
अग्रवाल :
क्या महिला
एवं बाल विकास
मंत्री
महोदया यह बताने
की कृपा
करेंगी कि (क) दतिया
जिले में
किशोर न्यायालय
एवं बाल कल्याण
समिति में
कौन-कौन से
सदस्य
किस-किस
दिनांक को
नियुक्त
हुये?
इनकी
नियुक्ति
हेतु विभाग
द्वारा क्या
योग्यता
मांगी गई थी? विज्ञप्ति
की छायाप्रति
सहित जानकारी
उपलब्ध
करायें। (ख) क्या
किशोर न्यायालय
एवं बाल कल्याण
समिति के सदस्य
बनने के लिये 35 वर्ष
आयु एवं 8 वर्ष का
अनुभव चाहा
गया था? यदि हाँ तो
यहां 35
वर्ष से कम
आयु के सदस्यों
को कैसे सदस्य
बनाया गया? (ग) क्या
किशोर न्यायालय
बोर्ड में
प्रदेश से
बाहर के व्यक्तियों
को भी सदस्य
बनाया है? यदि
नहीं,
तो दिनांक 3.3.17
के प्रश्न
(क्र. 2193)
में जो मूल
निवासी के दस्तावेज
संलग्न हैं, उसमें
संबंधित का
वोटर आई.डी.
छायाप्रति
झांसी का क्यों
लगा है? (घ) प्र.क्र.
2193
की कंडिका (घ) में
गलत/भ्रामक
जानकारी देने
वाले
अधिकारियों
के खिलाफ क्या
दंडात्मक
कार्यवाही की
जायेगा।
महिला एवं
बाल विकास
मंत्री (
श्रीमती
अर्चना चिटनिस
) : (क) दतिया
जिले में
किशोर न्याय
बोर्ड एवं बाल
कल्याण
समिति में
पदस्थ सदस्यों
के नियुक्त
होने संबंधी
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'अ' पर
है। उक्त
सदस्यों की
नियुक्ति
किशोर न्याय
(बालकों की
देखरेख और
संरक्षण)
अधिनियम, 2000 एवं
मध्यप्रदेश
किशोर न्याय
नियम 2003
तथा किशोर न्याय
(बालकों की
देखरेख एवं
संरक्षण)
अधिनियम 2015 एवं
किशोर न्याय नियम
2016
के
प्रावधानों
अंतर्गत
निर्धारित
योग्यता
अनुसार की गई
है। नियुक्ति
हेतु जारी विज्ञप्तियां
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'ब' पर
है। (ख) किशोर
न्याय बोर्ड
एवं बाल कल्याण
समिति दतिया
में नियुक्ति
वर्ष 2013
एवं 2015
में हुई थी।
तत्समय
किशोर न्याय (बालकों
की देखरेख और
संरक्षण)
अधिनियम, 2000 एवं
म.प्र. नियम 2003
प्रभावशील थे, जिसमें
किशोर न्याय
बोर्ड एवं बाल
कल्याण
समिति के सदस्यों
की नियुक्ति
हेतु पाँच
वर्ष का अनुभव
का उल्लेख
किया गया है।
न्यूनतम आयु
का उल्लेख
नहीं है। बाल
कल्याण
समिति दतिया में
एक सदस्य का
पद रिक्त
होने से रिक्ती
की पूर्ति
दिनांक 13/10/2017 को की गई
है। तत्समय
किशोर न्याय
(बालकों की
देखरेख एवं
संरक्षण)
अधिनियम 2015 एवं
नियम 2016
प्रभावशील
होने से
अधिनियम एवं
नियम के प्रावधानों
अनुसार 07 वर्षों का
अनुभव एवं न्यूनतम
आयु 35
वर्ष
निर्धारित
हैं। शेष का
प्रश्न नहीं
उठता। (ग) इस
संबंध में
जिला कलेक्टर
से जांच कराये
जाने हेतु
पत्र लेख किया
गया है। (घ) जांच
उपरान्त
नियमानुसार
कार्यवाही की
जावेगी।
परिशिष्ट
- ''छियालीस''
लाड़ली लक्ष्मी योजना
[महिला एवं बाल विकास]
31. ( क्र. 389 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा आयुक्त महिला एवं बाल विकास की सोनाली पिता कुंवरलाल दमाहे ग्राम कारंजा विकासखण्ड लांजी को लाड़ली लक्ष्मी योजना का लाभ दिलाए जाने हेतु कोई पत्र लिखा गया था (ख) यदि हाँ तो इस पर अब तक क्या कार्यवाही हुई है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ (ख) बालिका कुमारी शोनाली, माता-राधिका, पिता-कुंवरलाल दमाहे का जन्म दिनांक 02/08/2007 है। विभागीय पत्र क्रमांक एफ 3-11/2007/50-2, दिनांक 03/03/2007 के निर्देशानुसार योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु मध्यप्रदेश के मूल निवासी ऐसे माता पिता जिनकी दो या दो से कम संतान हो तथा जिन्होंने योजना के पंजीयन हेतु आवेदन करने के पूर्व परिवार नियोजन अपना लिया हो, योजना अंतर्गत पात्र होंगे। विभागीय पत्र क्रमांक एफ 3-11/2007/50-2, दिनांक 27/03/2008 एवं विभागीय पत्र क्रमांक एफ 3-11/2007/50-2, दिनांक 05/06/2008 में संशोधित निर्देश अनुसार प्रथम बालिका को योजना का लाभ माता-पिता के परिवार नियोजन करवाये बिना भी दिया जा सकता है यदि बालिका का जन्म 01/04/2008 अथवा उसके बाद हुआ हो। चूंकि श्री कुंवरलाल दमाहे की पुत्री बालिका शोनाली का जन्म 01 अप्रैल 2008 के पूर्व हुआ है तथा माता राधिका अथवा पिता कुंवरलाल दमाहे द्वारा परिवार नियोजन नहीं अपनाया गया है, अतः योजना अंतर्गत जारी नियम निर्देशानुसार बालिका शोनाली लाड़ली लक्ष्मी योजना अंतर्गत लाभ प्रदान किये जाने हेतु अपात्र है।
33/11 के.व्ही. सबस्टेशनरों की स्वीकृति
[ऊर्जा]
32. ( क्र. 390 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विद्युत वितरण केन्द्र किरनापुर के अंतर्गत ग्राम पंचायत माटे तथा विद्युत वितरण केन्द्र लांजी के अंतर्गत ग्राम पंचायत बेलगां में 33/11 के.व्हीं. विद्युत सबस्टेशन बनाने हेतु क्या स्टीमेट तैयार कर भेजा गया है? (ख) यदि हाँ तो नक्सल क्षेत्र होने के कारण वोल्टेज के निराकरण हेतु यह कब तक स्वीकृत कर दिया जाएगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) कार्यपालन अभियंता (संचा-संधा), बालाघाट के पत्र दिनांक 20.09.2017 द्वारा प्रश्नांश में उल्लेखित उपकेन्द्रों के निर्माण का प्रस्ताव प्रबंध संचालक, म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को प्रेषित किया गया था। (ख) उक्त प्रस्ताव का परीक्षण करने पर ग्राम पंचायत माटे एवं ग्राम पंचायत बेलगांव (बेलगां नहीं) में 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना तकनीकी रूप से साध्य नहीं पायी गयी। तथापि ग्राम माटे एवं ग्राम बेलगांव तथा आसपास के क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति किये जाने हेतु 11 के.वी. माटे (कृषि) फीडर के विभक्तिकरण हेतु 13.2 कि.मी. एवं ग्राम बेलगांव के लिये 11 के.वी. घोटी फीडर के विभक्तिकरण हेतु 14 कि.मी. की नई 11 के.वी. लाईन का निर्माण प्रस्तावित है। यह कार्य वर्ष 2018-19 में वित्तीय संसाधन की उपलब्धता एवं वन विभाग की अनुमति उपरांत स्वीकृत किया जा सकेगा। उक्त के परिप्रेक्ष्य में ग्राम पंचायत माटे एवं बेलगांव में उपकेन्द्र निर्माण की आवश्यकता नहीं है।
प्रतिबंध के बावजूद नियम विरूद्ध पदोन्नति
[महिला एवं बाल विकास]
33. ( क्र. 398 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या संचालनालय एकीकृत बाल विकास सेवा म.प्र. के पत्र क्रमांक/एकी.विस/स्था./ 2012/11596 भोपाल, दिनांक 07.07.2012 से निर्देश जारी कर सहायक ग्रेड-3 से सहायक ग्रेड-2 पर पदोन्नति हेतु प्रतिबंध लगा दिया था जो वर्तमान तक प्रभावशील है? (ख) यदि हाँ तो जिला कार्यक्रम अधिकारी, मुरैना द्वारा उक्त प्रतिबंध आदेश का उल्लंघन कर श्री रामअवतार दिनकर को सहायक ग्रेड-3 से सहायक ग्रेड-2 के पद पर पदोन्नति प्रदान की गई है? (ग) क्या उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में पदोन्नति पर प्रतिबंध के बावजूद पदोन्नति प्रदान करने के संबंध में संचालनालय एकीकृत बाल विकास सेवा म.प्र. के पत्र क्रमांक/स्था/2016/2977 भोपाल, दिनांक 20/07/2016 द्वारा जिला कार्यक्रम अधिकारी मुरैना को वस्तुस्थिति से 5 दिवस में अवगत कराने के निर्देश दिए थे? (घ) यदि हाँ तो उक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में संचालनालय एकीकृत बाल विकास म.प्र. भोपाल द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। जिला कार्यक्रम अधिकारी, मुरैना द्वारा उक्त प्रतिबंध आदेश का उल्लंघन नहीं किया गया है। पदोन्नति आदेश दि. 7.7.2012 के पूर्व ही दि. 23.5.2012 को विभागीय पदोन्नति समिति की अनुशंसा उपरांत दि. 6.6.2012 को जारी किया गया है। (ग) जी हाँ। (घ) प्रश्नांश ''ख'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विद्युत कनेक्शनों पर शत्-प्रतिशत मीटरीकरण
[ऊर्जा]
34. ( क्र. 399 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भारतीय विद्युत अधिनियम, 2003 की किस धारा में शत्-प्रतिशत विद्युत कनेक्शनों पर विद्युत मीटर लगाए जाने के संबंध में क्या प्रावधान दिए हैं? इन प्रावधानों के अनुसार मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने अपने किस-किस आदेश में अंतिम समय-सीमा क्या-क्या निर्धारित की है किस-किस आदेश से आयोग ने अंतिम समय-सीमा में कितनी वृद्धि की है? (ख) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, भोपाल के अन्तर्गत 1 अप्रैल, 2014 से माह अक्टूबर, 2017 तक किस-किस कंपनी से कितने मीटर क्रय किए उनमें से कितने मीटर लगाए गए एवं कितने मीटर त्रुटिपूर्ण होने से संबंधित सप्लायर को लौटाए गए तथा कितने कनेक्शनों पर प्रश्नांकित दिनांक तक भी मीटर नहीं लगाए गए? (ग) उपरोक्त अवधि में म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने कितने त्रुटिपूर्ण मीटर उपभोक्ताओं के कनेक्शनों से निकाले हैं कितने त्रुटिपूर्ण मीटर निकाला जाना शेष है वह कब तक निकाले जावेंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 55 में वि़द्युत कनेक्शनों पर विद्युत मीटर लगाये जाने के संबंध में प्रावधान इस प्रकार है- ''धारा 55. मीटरों का उपयोग आदि- प्राधिकारी द्वारा इस बारे में बनाये जाने या निर्मित किये जाने वाले विनियमों (रेग्युलेशन्स) के अनुसार सही मीटर के संस्थापन के माध्यम के सिवाय (except) नियत दिनांक से दो वर्ष व्यतीत होने के पश्चात् कोई लायसेन्सी विद्युत की सप्लाई नहीं करेगा, परन्तु यह और कि लायसेंसी उपभोक्ता से यह अपेक्षा कर सकेगा कि वह उसे मीटर के मूल्य के लिये जमानत/ प्रतिभूति (Security) दे और उसके तब तक किराये के लिये करारनामा (एग्रीमेंट) कराये, जब तक कि उपभोक्ता मीटर नहीं खरीद लेता है, परंतु यह और कि राज्य आयोग अधिसूचना द्वारा व्यक्तियों के वर्ग या वर्गों को या ऐसे क्षेत्र के लिये जैसा कि उस अधिसूचना में विनिर्दिष्ट किया जाये उक्त दो वर्ष की कालावधि को बढ़ा सकेगा। '' म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा समय-समय पर जारी खुदरा विद्युत आपूर्ति टैरिफ आदेशों में मीटरीकरण के संबंध में दिये गये निर्देश/मीटरीकरण हेतु निर्धारित समय-सीमा की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ में दर्शाए अनुसार है। (ख) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अंतर्गत 01 अप्रैल 2014 से माह अक्टूबर 2017 तक कुल 3,49,751 मीटर विभिन्न कंपनियों से क्रय किये गये हैं, जिनमें से 1,99,165 मीटर लगाये गये हैं एवं त्रुटिपूर्ण होने पर 14,183 मीटर संबंधित सप्लायर/कंपनी को वापिस किये गये हैं तथा कंपनी क्षेत्रान्तर्गत 1,66,700 कनेक्शनों पर मीटर नहीं लगाये गये हैं। मीटर सप्लायर/कंपनीवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अंतर्गत 2,84,693 त्रुटिपूर्ण मीटर विद्युत कनेक्शनों से निकाले गये है तथा 3,75,059 त्रुटिपूर्ण मीटर निकाला जाना शेष है, जिन्हें मीटरों की उपलब्धता अनुसार निकाल कर बदलने की कार्यवाही की जा रही है। उक्त परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विद्युतीकरण की अनियमितता के संबंध में
[ऊर्जा]
35. ( क्र. 417 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले में बी.टी.एल. कम्पनी को केबलीकरण एवं ट्रांसफार्मर लगाये जाने के कार्य की निविदा स्वीकृत की जाकर कार्यादेश दिया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में यदि हाँ तो कंपनी द्वारा क्या-क्या कार्य कराये जाने का लक्ष्य निर्धारण था तथा लक्ष्य निर्धारण पर कितना कार्य कराया गया एवं कितनी राशि खर्च की गई? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित कार्यों में लगाये गये पोलों को गाड़नें के क्या नियम है तथा हार्ड राक या हार्ड या नार्मल जमीन पर पोल गाड़ने में प्रति पोल कितनी राशि व्यय होती है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, रीवा जिले के अंतर्गत पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के उत्तर संभाग में ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स विन्ध्या टेली लिंक, नई दिल्ली को निविदा कार्यवाही के उपरान्त 11 के.व्ही. के 56 फीडरों के विभक्तिकरण के कार्य हेतु कार्यादेश जारी किया गया था, जिसमें प्रश्नांश में उल्लेखित कार्य भी सम्मिलित थे। (ख) ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स विन्ध्या टेली लिंक, नई दिल्ली को प्रश्नाधीन क्षेत्र में सौंपे गए 56 फीडरों के विभक्तिकरण के कार्य के अन्तर्गत प्रावधानित कार्य तथा उसके विरूद्ध प्रगति/उपलब्धि की जानकारी सहित दिनांक 31.10.17 तक व्यय की गई राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित कार्यों में लगाये गये पोल आर.ई.सी. कंस्ट्रक्शन मैनुअल के प्रावधान के अनुसार गाड़े जाते हैं जिसके संबंधित भाग की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स विन्ध्या टेली लिंक, नई दिल्ली के साथ किये गए निविदा अनुबंध के अनुसार हार्ड राक या हार्ड या नार्मल जमीन पर पोल गाड़ने में प्रतिपोल 1014.97 (लगभग 1015) रूपये की राशि व्यय की गई है।
विधायक विकास निधि का क्रियान्वयन
[ऊर्जा]
36. ( क्र.
418 ) श्री
सुखेन्द्र
सिंह : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि
(क) प्रश्नकर्ता
द्वारा विधान
सभा निर्वाचन
क्षेत्र विकास
योजना निधि से
तकनीकी
क्रमांक 78-00-401704-17-47396
से राशि 75640 के
प्रशासकीय स्वीकृति
की राशि 0.744 लाख
ग्राम पंचायत
करहिया, जनपद
पंचायत रीवा
के ग्राम
करहिया स्थित
सारकिन होटल
के बगल में
पेन्टियम
पाइट कॉलेज के
गेट के पास
लगे
ट्रांसफॉर्मर
से श्रीमती
तारा सिंह के
घर तक दो नग
विद्युत पोल
एवं तार लगाने
का कार्य हेतु
संयुक्त
संचालक
संभागीय
योजना एवं
सांख्यिकीय
रीवा द्वारा
अधीक्षण
यंत्री सदस्य
सचिव (जिला
क्रय समिति)
म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.क.लिमि.
(शहर संभाग)
रीवा को अपने
पत्र क्रमांक 668
दिनांक 20.03.2017 को प्रदाय
की गई है? (ख) प्रश्नांश
(क) के प्रकाश
में यदि हाँ
तो वित्तीय
वर्ष 2016-17
समाप्त
उपरांत 2017-18 भी
समाप्त की ओर
है, फिर
भी प्रश्न
दिनांक तक
कार्य नहीं
किये गये? (ग) प्रश्नांश
(क), (ख)
के प्रकाश
में यदि हाँ
तो यह कार्य
कब तक पूर्ण
किया जावेगा? नहीं किया
जावेगा तो
कारण स्पष्ट
करें?
नहीं किये
जाने के लिये
कौन दोषी है? क्या
दोषी के खिलाफ
कार्यवाही
प्रस्तावित
की गई?
नहीं की गई
तो कारण स्पष्ट
करें?
यदि की
जावेगी तो कब
तक?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
पारस चन्द्र
जैन ) : (क) जी
हाँ। (ख) प्रश्नांश
'क' में उल्लेखित
लाईन विस्तार
का कार्य
समयावधि में कर
लिया गया था, किंतु
स्वीकृत
प्रावधान
अनुसार
पेंटियम प्वांइट
कॉलेज गेट के
पास लगे
ट्रांसफार्मर
से लाईन जोड़ने
का कार्य
स्थानीय
रहवासियों के
विरोध के कारण
पूर्ण नहीं
किया जा सका।
वैकल्पिक
व्यवस्था के
अंतर्गत
दिनांक 12.11.17 को
पूर्व से
विद्यमान अन्य
वितरण
ट्रांसफार्मर
से निम्नदाब
लाईन जोड़कर
विद्युत
प्रदाय
प्रारंभ कर
दिया गया है। (ग)
उत्तरांश (ख) के
परिप्रेक्ष्य
में लागू
नहीं।
आंगनवाड़ी भवन निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
37. ( क्र. 419 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या संचालनालय एकीकृत बाल विकास सेवा मध्यप्रदेश द्वारा प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में आंगनवाड़ी भवन की लागत 7.80 लाख निर्धारित की गई है जिसमें नरेगा से राशि 1.80 लाख महिला बाल विकास विभाग अंतर्गत आई.सी.डी.सी. से राशि रूपये 2 लाख तथा पंचपरमेश्वर (चौदहवां वित्त आयोग, राज्य वित्त आयोग, स्टाम्प ड्यूटी) से रू.4.00 लाख स्वीकृत की जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में यदि हाँ तो रीवा जिले के विधानसभा क्षेत्र मऊगंज में प्रश्न दिनांक तक कितनी आंगनवाडि़यों को पिछले दो वर्षों में संचालनालय द्वारा राशि जारी की गई? सूची राशि सहित उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के प्रकाश में निर्माण एजेन्सी ग्राम पंचायत सरपंच के खाते में राशि संचालनालय द्वारा रूपये 2.00 लाख भेज दी गयी किन्तु मनरेगा एवं अन्य मद की राशि आज दिनांक तक जारी की गई? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के प्रकाश में यदि हाँ तो जारी आदेश की प्रति राशि सहित उपलब्ध करावें। यदि नहीं, जारी की गयी तो क्यों? कारण सहित स्पष्ट करें। जारी की जावेगी तो कब तक? इसके लिये कौन दोषी है? दोषी को चिन्हित कर कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? की जावेगी तो कब तक?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) पंचायती राज संचालनालय के पत्र क्रमांक 496, दिनांक 08/06/2017 द्वारा प्रदेश में मनरेगा योजना के अभिसरण से आंगनवाड़ी भवन निर्माण योजनान्तर्गत प्रति भवन मानक लागत राशि रूपये 7.80 लाख में से महिला एवं बाल विकास विभाग को 60 प्रतिशत अंशदान राशि (प्रति आंगनवाड़ी भवन राशि रूपये 4.68 लाख) तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास 40 प्रतिशत अंशदान राशि (प्रति आंगनवाड़ी भवन राशि रूपये 3.12 लाख) वहन करने संबंधी निर्देश पर वित्तीय व्यवस्था संबंधी कार्यवाही विचाराधीन है। इन निर्देशों के पूर्व मनरेगा योजना के अभिसरण से आंगनवाड़ी भवन निर्माण योजनान्तर्गत प्रश्नांश 'क' अनुरूप वित्तीय व्यवस्था प्रचलित रही है। (ख) मनरेगा योजना के अभिसरण से निर्मित होने वाले आंगनवाड़ी भवनों में विगत 2 वर्षों में रीवा जिले के विधानसभा क्षेत्र मउगंज में प्रश्न दिनांक तक 22 आंगनवाड़ी भवन की स्वीकृति जारी की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश क, ख के प्रकाश में वर्तमान में 'क' अनुरूप ही व्यवस्था लागू है। (घ) पंचायत राज संचालनालय मध्यप्रदेश के संबंधित स्वीकृति आदेशों की प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण कार्य वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है। अतः समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
पोषण आहार का प्रदाय
[महिला एवं बाल विकास]
38. ( क्र. 434 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र बिजावर अंतर्गत बिजावर एवं सटई में कौन से समूह या संस्था आहार प्रदाय का कार्य कर रहे हैं एवं कब से कर रहे है? जब से उक्त समूह कार्यरत हैं इन्हें प्रश्न दिनांक तक कितना भुगतान किया गया है एवं कितना लम्बित है? (ख) आंगनवाड़ी केंद्र में 03 वर्ष आयु से अधिक बच्चों को आहार आपूर्ति के क्या मानदंड हैं? इन मानदंडों की जाँच करने में कौन– कौन अधिकारी सक्षम हैं? कब इनकी जाँच करते है? (ग) क्या इस आहार की गुणवत्ता एवं मात्रा की समय–समय पर जाँच होती है? यदि हाँ, तो कब–कब जांच की गई? क्या कभी गड़बड़ी पाई गई? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई, यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) विधानसभा क्षेत्र बिजावर अंतर्गत बिजावर एवं सटई में कार्यरत समूह एवं भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) 03 वर्ष से 06 वर्ष तक के बच्चों को पूरक पोषण आहार की व्यवस्था ग्रामीण क्षेत्रों में सांझा चूल्हा कार्यक्रम तहत् मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम अंतर्गत कार्यरत स्व-सहायता समूहों के माध्यम से तथा शहरी क्षेत्रों में स्व-सहायता समूह एवं महिला मण्डल के माध्यम से संचालित किए जाने का प्रावधान हैं, इस संबंध में विभागीय परिपत्र क्र./एफ 4-5/2014/50-2, भोपाल दिनांक 24/02/2014 द्वारा निर्देश जारी किये गये हैं। मापदण्ड की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। विभागीय अमले एवं आंगनवाड़ी केन्द्र पर गठित समिति तदर्थ समितियों द्वारा जाँच की जाती हैं। जाँच के पंचनामा संलग्न हैं। शासन के मीनू अनुसार पोषण आहार नियमित रूप से वितरण किया जाता हैं। गड़बड़ी के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं होने से कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं हैं। जाँच प्रतिवेदनों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है।
आंगनवाड़ी भवन निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
39. ( क्र. 473 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वित्तीय सत्र 2013-14 से 31 अक्टूबर 2017 तक कितने आंगनवाड़ी भवन स्वीकृत किये हैं इनमें से कितने भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है तथा कितने भवन अपूर्ण हैं? (ख) आंगनवाड़ी भवन का निर्माण कार्य पूर्ण ना होने का क्या कारण है? इस सदंर्भ में कौन अधिकारी जिम्मेदार हैं तथा शासन द्वारा इस संदर्भ में क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में ऐसे कितने केन्द्र हैं जो भवन विहीन हैं? क्या भवन विहीन केन्द्रों के भवन निर्माण हेतु शासन की कोई योजना है? यदि हाँ तो कब तक भवन विहीन केन्द्रों का भवन निर्माण किया जायेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) वित्तीय वर्ष 2013-14 से 31 अक्टूबर 2017 तक उज्जैन जिले में कुल 555 आंगनवाड़ी भवन स्वीकृत किये गये हैं। इनमे से 239 आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है तथा 264 आंगनवाड़ी के भवन निर्माणाधीन तथा 52 आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन अप्रारंभ है। (ख) आंगनवाड़ी भवन का निर्माण कार्य स्थानीय परिस्थितियों से उत्पन्न भूमि विवाद एवं न्यायालयीन प्रकरण के कारणों से आंगनवाड़ी भवन निर्माण कार्य अपूर्ण है। आंगनवाड़ी भवन निर्माण का कार्य जिला स्तर पर निर्धारित निर्माण ऐजेंसी द्वारा किया जाता है। आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण कार्य स्थानीय परिस्थतियों पर निर्भर करता है। शेष का प्रश्न ही उपस्थिति नहीं होता। (ग) बड़नगर विधान सभाक्षेत्र में कुल 312 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। इनमें से 122 विभागीय भवन में, 120 किराये के भवनों में एवं 70 अन्य शासकीय भवनों में संचालित है। 120 किराये के भवनों (भवन विहीन) में से 05 आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माण स्वीकृत होकर निर्माणाधीन है तथा 115 आंगनवाड़ी केन्द्र (किराये) भवन विहीन है। भवनविहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये ग्रामीण क्षेत्र में मनरेगा के अभिसरण से एवं शहरी क्षेत्र में राज्य आयोजना मद से आंगनवाड़ी भवन निर्माण की योजना है। आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है। अतः समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
लाड़ली लक्ष्मी योजना/उषा किरण योजना
[महिला एवं बाल विकास]
40. ( क्र. 474 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में वित्तीय सत्र 2013-14 से 31 अक्टूबर 2017 तक लाड़ली लक्ष्मी योजना में कितनी बालिकाओं को तथा उषा किरण योजना में कितनी महिलाओं को लाभ प्रदान किया गया? नामवार, ग्रामवार वर्षवार जानकारी प्रदान करें। (ख) बड़नगर विधानसभा में सत्र 2015-16 एवं 2016-17 में लाड़ली लक्ष्मी योजना में कितनी बालिकाओं का पंजीयन किया गया है? कितनी बालिकाएं पंजीयन से शेष हैं? ऐसी बालिकाएं जिनका पंजीयन नहीं हुआ है उनके पंजीयन के संदर्भ में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ग) बड़नगर विधानसभा में सत्र 2015-16 एवं 2016-17 में लाड़ली लक्ष्मी योजना और उषा किरण योजना के संदर्भ में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई तथा उन शिकायतों के निराकरण के लिये क्या कार्यवाही की गई?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्ष 2015-6 एवं 2016-17 में लाड़ली लक्ष्मी योजना में कुल 2361 बालिकाओं का पंजीयन किया गया। प्राप्त समस्त आवेदनों का पंजीयन किया जा चुका है। किसी भी बालिका का पंजीयन शेष नहीं है। (ग) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में लाड़ली लक्ष्मी योजना के सन्दर्भ में कुल 29 शिकायतें प्राप्त हुई तथा उषा किरण के सन्दर्भ में 02 शिकायतें प्राप्त हुई। जिनका निराकरण किया जा चुका है। लाड़ली लक्ष्मी योजना अंतर्गत प्राप्त शिकायतों संबंधी प्रकरणों में प्रमाण-पत्र जारी किया गया है एवं उषा किरण में प्राप्त शिकायतों की डी.आई.आर. तैयार कर माननीय न्यायालय में प्रस्तुत की जा चुकी है।
गंधवानी विधान सभा क्षेत्रांतर्गत विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
41. ( क्र.
482 ) श्री
मानवेन्द्र
सिंह : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि
(क) छतरपुर
जिले की
महाराजपुर, चन्दला
विधान सभा
क्षेत्र के
नौगांव, लवकुशनगर, गौरिहार
ब्लॉक के
अंतर्गत
राजीव गांधी
विद्युतीकरण
योजना
(आर.जी.जी.व्ही.वाय.)
12वां
चरण अंतर्गत
कितने
ग्रामों में
कार्य प्रस्तावित
है तथा कितने
ग्रामों में
कार्य पूर्ण हो
चुका है? ब्लॉकवार
जानकारी
उपलब्ध
करावें। (ख) प्रश्नांकित
(क) अनुसार
उक्त योजना
अंतर्गत किये
गये पूर्ण, अपूर्ण
एवं प्रस्तावित
ग्रामवार एवं
मजरे-टोलेवार
कार्यों की
प्रशासकीय स्वीकृति
उपलब्ध
करावें। (ग) प्रश्नांकित
(क) अनुसार
उक्त योजना
अंतर्गत किये
जाने वाले
कार्यों का सर्वे
कार्य कब किया
गया है? किये गये
सर्वे की
जानकारी
उपलब्ध
करायें। (घ) प्रश्नांकित
(क) अनुसार
उक्त योजना
का कार्य किस
एजेन्सी के
द्वारा किया
जा रहा है तथा
अनुबंध अनुसार
संबंधित
एजेन्सी को
कार्य कब
पूर्ण किया
जाना था? अगर
गंधवानी
विधान सभा में
कार्य
प्रारंभ नहीं
किया गया या
अपूर्ण है, तो
उसका कारण
बतावें।
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
पारस चन्द्र
जैन ) : (क) राजीव
गांधी ग्रामीण
विद्युतीकरण
योजना (12वीं
पंचवर्षीय
योजना) अन्तर्गत
जिला छतरपुर
की महाराजपुर, चन्दला
विधान सभा
क्षेत्र के
नौगांव, लवकुशनगर, गौरिहार
ब्लॉक
अंतर्गत
प्रस्तावित
कार्यों एवं
पूर्ण किये
गये कार्यों
की ग्रामवार
एवं ब्लॉकवार
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) प्रशासकीय
स्वीकृति
मजरे/टोलेवार
न होकर
ग्रामवार
प्रदान की गई
है। अत:
ग्रामवार
प्रशासकीय
स्वीकृति का
विवरण
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट
अनुसार है। (ग) उत्तरांश
''क'' में
उल्लेखित
ग्रामों के
विद्युतीकरण
हेतु किये गये
सर्वे की
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट
अनुसार है। (घ) उक्त
योजना का
कार्य मेसर्स
बजाज
इलेक्ट्रिकल्स, मुंबई
द्वारा किया
गया है तथा
अनुबंध
अनुसार संबंधित
एजेन्सी को
कार्य माह
फरवरी-2017 तक पूर्ण
किया जाना था।
उक्त कार्य
नियत समय पर
पूर्ण कर लिया
गया था। धार
जिले के
अंतर्गत गंधवानी
विधानसभा
क्षेत्र में
राजीव गाँधी
ग्रामीण
विद्युतीकरण
योजना (12वीं
पंचवर्षीय
योजना) के
तहत्
विद्युतीकरण
कार्य हेतु
मेसर्स
यूबीटेक
प्रा.लि.
फरीदाबाद को
कार्यादेश
दिनांक 22.11.2014 (सप्लाई/ईरेक्शन)
द्वारा जारी
किया गया है।
वर्तमान में
लगभग 85
प्रतिशत कार्य
पूर्ण हो चुका
है शेष कार्य
माह मार्च-2018 तक
पूर्ण किया
जाना संभावित
है। निविदा
अनुबंध की
शर्तों
अनुसार
निविदाकार को
उक्त कार्य
दिनांक 21.11.2016 तक
पूर्ण किया
जाना था।
परन्तु
निविदाकार द्वारा
उपयोग में आने
वाली विद्युत
सामग्री की उपलब्धता
समयावधि में सुनिश्चित
नहीं किये
जाने के कारण
उक्त कार्य
में विलंब हुआ
है।
एन.टी.पी.सी. द्वारा विकास कार्यों हेतु स्वीकृत राशि
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
42. ( क्र. 518 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा रूनिजा, आम्बा सौर ऊर्जा प्लांट के अंतर्गत ग्रामीण विकास हेतु रूपये 2.50 करोड़ की दूसरी किश्त कब तक जारी कर दी जावेगी? (ख) दूसरी किश्ती से विकास योजना प्लान हेतु कौन-कौन से स्थान के कार्य प्रस्तावित किये गये? (ग) क्षेत्र के विकास हेतु एन.टी.पी.सी. से और क्या प्लान बनाया जा रहा है? (घ) क्षेत्र में विकास हेतु प्रति वर्ष कितनी राशि का प्रावधान विभाग द्वारा रखा गया है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) सुवासरा जिला मंदसौर में एन.टी.पी.सी. द्वारा स्थापित 250 मेगावट क्षमता सौर परियोजना के सन्दर्भ में सी.एस.आर. गतिविधियों के अन्तर्गत, द्वितीय किश्त की राशि परियोजना के द्वितीय वर्ष में जारी की जाएगी। (ख) दूसरी किश्त से स्थानीय क्षेत्र के विकास कार्यों का क्रियान्वयन किया जायेगा। (ग) एन.टी.पी.सी. द्वारा क्षेत्र में 250 मेगावाट की सौर परियोजना का क्रियान्वयन किया गया है। इसके अतिरिक्त, स्थानीय क्षेत्र के विकास कार्य हेतु प्रथम दो वर्ष में रूपये 2.50 करोड़ प्रति वर्ष की राशि स्वीकृत की गई है। (घ) स्थानीय क्षेत्र विकास हेतु प्रथम 2 वर्षों में प्रतिवर्ष रूपये 2.50 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
नवीन विद्युत लाईनों का विस्तार
[ऊर्जा]
43. ( क्र. 519 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में मजरे, टोले, नई आबादी क्षेत्रों में नवीन विद्युत लाईन जोड़ने का कार्य किन-किन कंपनी के द्वारा किन-किन ठेकेदारों से कराया जा रहा है? कार्य किए गये क्षेत्र व ठेकेदार का नाम बतावें। (ख) विगत चार वर्षों में कितने ग्रामों में नवीन विद्युत लाईन का विस्तार किया गया है? ग्राम के नाम सहित जानकारी देवें। (ग) प्रश्न दिनांक तक सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में कितने मजरे, टोले, नई आबादी क्षेत्र में कार्य होना शेष है? ग्राम के नाम सहित जानकारी देवें। (घ) उक्त कार्य को कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) मंदसौर जिले के सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत मजरे, टोले, नई आबादी क्षेत्रों में सघन विद्युतीकरण हेतु कार्यादेश दिनांक 26.03.2012 को मेसर्स जी.ई.आई. भोपाल को जारी किया गया था। निविदा अनुबंध की शर्तों का पालन न करने के कारण मेसर्स जी.ई.आई. भोपाल का अनुबंध निरस्त किया गया था। अत: सम्पादित नहीं किये गये शेष कार्य को विभागीय स्तर पर निर्माण संभाग मंदसौर द्वारा “अ-श्रेणी” के ठेकेदारों से कराया गया है। वर्तमान में प्रश्नांकित क्षेत्र में मजरे, टोले, नई आबादी क्षेत्रों में सघन विद्युतीकरण के नये चिन्हित कार्य दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत टर्न-की निविदाकार मेसर्स नीलशिखा इन्फ्रा. इंडिया लिमिटेड इंदौर से सम्पादित कराए जा रहे हैं। (ख) विगत् 04 वर्षों में सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में 62 ग्रामों में नवीन विद्युत लाईन विस्तार का कार्य किया गया है। ग्रामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ग) प्रश्न दिनांक तक सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में 223 राजस्व ग्रामों के 238 चिन्हित् मजरे, टोले, नई आबादी क्षेत्रों में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत सघन विद्युतीकरण का कार्य किया जाना हैं। ग्रामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित कार्यों को माह नवम्बर-2018 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।
लाड़ली लक्ष्मी योजना
[महिला एवं बाल विकास]
44. ( क्र. 531 ) श्री रामपाल सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शहडोल जिले में महिला एवं बाल विकास द्वारा लाड़ली लक्ष्मी योजना संचालित है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो योजना प्रारंभ अवधि से प्रश्न दिनांक तक उपरोक्त जिले के समस्त खण्ड स्तरीय महिला बाल विकास परियोजनाओं में परियोजनावार, वर्षवार कितनी बालिकाओं का पंजीयन किया गया है? (ग) लाड़ली लक्ष्मी योजना में पंजीकृत बालिकाओं को पंजीकृत दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कितनी बालिकाओं को लाभान्वित किया गया है? लाभान्वित राशि सहित जानकारी उपलब्ध करायी जावे।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ग) योजनान्तर्गत पंजीकृत दिनाक से प्रश्न दिनांक तक 42,205 बालिकाओं को लाभान्वित किया गया। इन बालिकाओं की राशि रुपये 67,76,42,151/- लाड़ली लक्ष्मी निधि में जमा की गई है। इन्हीं बालिकाओं में से 1301 बालिकाओं को कक्षा 06 में प्रवेश पर प्रति बालिका रुपये 2,000/- के मान से कुल राशि रुपये 26,02,000/- उनके बैंक खाते में प्रदान की गई है।
विभाग प्रारंभ की जानकारी
[वाणिज्यिक कर]
45. ( क्र. 532 ) श्री रामपाल सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले में आबकारी विभाग जिला मुख्यालय में संचालित है? (ख) यदि हाँ तो उक्त विभाग कब से संचालित किया गया हैं। संचालन संबंधी विस्तृत जानकारी उपलब्ध करायी जावे। (ग) क्या आबकारी विभाग शहडोल पूर्व में किसी अन्य विभाग में समाहित था? यदि हाँ तो उस विभाग का नाम व प्रारंभ होने की तिथि की जानकारी उपलब्ध करायी जावे।
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। (ख) आबकारी कार्यालय दिनांक 18.07.1955 से जिला मुख्यालय में संचालित किया जा रहा है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
विद्युत व्यवस्था में सुधार
[ऊर्जा]
46. ( क्र. 553 ) श्री मोती कश्यप : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माह जुलाई से अक्टू्बर 2017 में वि.स.क्षे. बड़वारा के विकासखण्ड बड़वारा, कटनी एवं ढीमरखेड़ा के किन-किन ग्रामों के कितनी क्षमता के ट्रांसफार्मर बिगड़े हैं और उन्हें किस माह की किन तिथियों में पुनर्स्थापित किया गया है? (ख) क्या दिनांक 14-9-2017 को कलेक्टर कटनी ने विधानसभावार किन्हीं समस्याओं के निराकरण हेतु जनप्रतिनिधियों एवं किन्हीं विभागीय अधिकारियों की बैठक आयोजित की है और जिसमें प्रश्नकर्ता द्वारा किन-किन ग्रामों के कितनी क्षमता के कितने माहों से बिगड़े और न बदले गये ट्रांसफार्मरों को बदलने हेतु ध्यानाकर्षित कराया है? (ग) संभागीय अभियंता एवं अधीक्षण यंत्री कटनी को अनेक बार व्हाट्सएप पर शिकायतें भेजने पर आज दिनांक तक भी अनेकों ग्रामों के ट्रांसफार्मर अभी तक क्यों नहीं बदले गये हैं और दिनांक 30-10-2017 के व्हाटसएप में किनके विरूद्ध क्या शिकायत की गई है? (घ) क्या विधान सभा क्षेत्र बड़वारा के विकासखण्ड बड़वारा, कटनी एवं ढीमरखेड़ा में दिनांक 31-10-2017 की स्थिति में किन वितरण केन्द्रों के किन ग्रामों के कितनी क्षमता के ट्रांसफार्मर बिगड़े पाये गये हैं? (ड.) क्या प्रश्नकर्त्ता ने माह जुलाई से 31 अक्टूबर 2017 के मध्य किन ग्रामों के ट्रांसफार्मरों की भार क्षमता में वृद्धि करने हेतु लेख किये जाने पर अभी तक क्या कार्यवाहियां की गई हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विधानसभा क्षेत्र बड़वारा के विकासखण्ड बड़वारा, कटनी एवं ढीमरखेड़ा क्षेत्रान्तर्गत माह जुलाई 2017 से अक्टूबर 2017 तक 267 ट्रांसफार्मर जले/फेल हुए थे। उक्त में से दिनांक 15.11.2017 तक 228 वितरण ट्रांसफार्मर बदल दिये गये हैं। शेष 39 वितरण ट्रांसफार्मरों में से 26 वितरण ट्रांसफार्मर सम्बद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण तथा 13 वितरण ट्रांसफार्मर फसल खड़ी होने के कारण नहीं बदले जा सके हैं। उक्त ट्रांसफार्मरों के खराब होने एवं बदले जाने की दिनांक सहित ग्रामवार, विकासखण्डवार एवं क्षमतावार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। उक्त आयोजित बैठक में माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा उपलब्ध कराई गई सूची में उल्लेखित बिन्दुओं पर की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) कार्यपालन अभियंता (संचा-संधा) संभाग, कटनी कार्यपालन अभियंता (शहर) संभाग, कटनी एवं अधीक्षण अभियंता (संचा-संधा) वृत्त कटनी के व्हाटसएप पर प्राप्त शिकायतों एवं उन पर की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। दिनांक 30.10.2017 को नहीं अपितु व्हाटसएप पर दिनांक 03.10.2017 को ग्राम सकरीगढ़ एवं गणेशपुर में फेल ट्रांसफार्मर को बदलने के संबंध में शिकायत प्राप्त हुई थी, जिन्हें दिनांक 11.10.2017 तक बदल दिया गया है। (घ) विधानसभा क्षेत्र बड़वारा के विकासखण्ड बड़वारा, कटनी एवं ढीमरखेड़ा क्षेत्रान्तर्गत दिनांक 31.10.2017 की स्थिति में फेल/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों की विकासखण्डवार एवं वितरण केन्द्रवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है। (ड.) माह जुलाई-17 से 31 अक्टूबर-17 के मध्य माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि हेतु प्राप्त पत्रों एवं उसके परिप्रेक्ष्य में की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ई' अनुसार है।
विद्युतविहीन ग्रामों व टोलों-मजरों में विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
47. ( क्र. 556 ) श्री मोती कश्यप : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वि.स.क्षे. बड़वारा के वि.खं. बड़वारा, कटनी एवं ढीमरखेड़ा के कौन-कौन से ग्राम आज दिनांक तक विद्युतविहीन हैं? (ख) प्रश्नांश (क) क्षेत्र में किन-किन ग्रामों के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति की बस्तियों एवं मजरे-टोले आज दिनांक तक विद्युतविहीन हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के ऐसे कौन से विद्युतीकृत ग्राम हैं, जिनकी बस्तियों के अंतिम छोर तक विद्युत विस्तारीकरण किया जाना शेष है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) कार्य कब तक पूर्ण कर दिये जावेंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विधानसभा क्षेत्र बड़वारा के विकासखण्ड ढीमरखेड़ा के अंतर्गत 3 आबाद ग्राम विद्युत विहीन है। विकासखण्ड बड़वारा एवं कटनी में कोई भी आबाद ग्राम विद्युत विहीन नहीं है। विकासखंडवार विद्युत विहीन ग्रामों की जानकारी निम्नानुसर है:-
क्र. |
विकासखण्ड का नाम |
ग्राम का नाम |
1 |
ढीमरखेड़ा |
शहडार |
2 |
मदनपुर |
|
3 |
खरहटा |
(ख) विधानसभा
बड़वारा
क्षेत्रांतर्गत
3
अविद्युतीकृत
ग्रामों के
अलावा 10
विद्युतीकृत
ग्रामों के
चिन्हित
अविद्युतीकृत
मजरे/टोले/बस्तियों
जिनकी आबादी 100 से कम
है, की
विकासखण्डवार
सूची संलग्न
परिशिष्ट के
अनुसार है। (ग)
भारत सरकार
की
प्रधानमंत्री
सहज बिजली हर
घर योजना ''सौभाग्य
योजना'' के अंतर्गत
प्रदेश के सभी
ग्राम/मजरे/टोलों/बसाहटों
में शत
प्रतिशत
विद्युतीकरण
का कार्य माह
मार्च-2019 तक पूर्ण
किया जाना
प्रस्तावित
है। उत्तरांश
'ख' में
उल्लेखित
सभी
विद्युतीकृत
ग्रामों के
शेष घरों के
विद्युतीकरण
के कार्य भी
इसी योजना में
किया जाना
प्रस्तावित
है। (घ) उत्तरांश
'क' में
उल्लेखित
तीन
अविद्युतीकृत
ग्रामों के
विद्युतीकरण
का कार्य सौर
ऊर्जा के माध्यम
से नवीन एवं
नवकरणीय
ऊर्जा विभाग
द्वारा किया
जा रहा है, जिसकी
निविदा
संबंधी
कार्यवाही
प्रकियाधीन
है, अत:
वर्तमान में
कार्य
पूर्णता की
तिथि बताया जाना
संभव नहीं है।
उत्तरांश (ख) में
उल्लेखित
विद्युतीकृत
ग्रामों के
अंतिम छोर तक
विद्युतीकरण
का कार्य
सौभाग्य
योजनांतर्गत
शामिल करते
हुये माह
मार्च-2019 तक पूर्ण
करने की योजना
है।
विभिन्न कार्यों हेतु आवंटित राशि
[अनुसूचित जाति कल्याण]
48. ( क्र. 570 ) श्री संजय शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा जिला नरसिंहपुर को वर्ष २०१५-१६, २०१६-१७ एवं २०१७-१८ में कितनी राशि आवंटित की गई वर्षवार जानकारी प्रदान करें। उक्त राशि से क्या-क्या कार्य, कहाँ-कहाँ कराये गये? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी प्रदान करें। (ख) अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा वर्ष २०१५-१६ से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र-तेंदूखेड़ा में कितनी राशि, कौन-कौन से ग्रामों में, किन-किन कार्यों हेतु आवंटित की गई है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) नरसिंहपुर जिला अंतर्गत अनुसूचित जाति बस्ती विकास एवं मजरे टोलो में विद्युतिकरण/पम्प उर्जीकरण योजनान्तर्गत प्राप्त आवंटन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1, 2 एवं 3 अनुसार तथा कराये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 4, 5 एवं 6 अनुसार है। (ख) विधानसभा तेंदूखेड़ा क्षेत्र अंतर्गत स्वीकृत कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 7, 8 एवं 9 अनुसार है।
नर्मदा क्षिप्रा लिंक परियोजना अंतर्गत पुलियाओं का निर्माण
[नर्मदा घाटी विकास]
49. ( क्र. 584 ) श्री राजेश सोनकर : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदा क्षिप्रा लिंक परियोजना अन्तर्गत आने वाले ग्रामों में जहाँ-जहाँ पर नर्मदा क्षिप्रा लिंक योजना का जल खुले में प्रवाहित किया गया था उन ग्रामों में पुलियाओं के निर्माण के कितने प्रस्ताव प्रश्नकर्ता द्वारा भेजे गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में भेजे गये प्रस्तावों में से कितनी पुलियाओं को स्वीकृत कर निर्मित कर दिया गया है एवं शेष प्रस्ताव की स्थिति स्पष्ट करें? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में शेष प्रस्तावों को कब तक स्वीकृति मिल जायेगी? कब तक निर्माण प्रारंभ किया जायेगा? यदि निर्माण नहीं किया जायेगा तो क्यों नहीं?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र – ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ऊर्जीकरण योजना अंतर्गत कृषकों को लाभ प्रदाय
[अनुसूचित जाति कल्याण]
50. ( क्र. 586 ) श्री जसवंत सिंह हाड़ा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में अनुसूचित जाति/जनजाति के कृषकों को सिंचाई हेतु ऊर्जीकरण के लिए नि:शुल्क डी.पी./विद्युत लाईन प्रदान करने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो विधानसभा क्षेत्र शुजालपुर के अंतर्गत विगत 3 वर्षों में कितने कृषकों को लाभांवित किया गया है तथा इस योजना हेतु कितना बजट प्रदान किया गया था? लाभांवित हितग्राहियों की संख्यात्मक जानकारी दी जावे। (ग) विधानसभा क्षेत्र शुजालपुर अंतर्गत उक्त योजना में कितने आवेदन प्राप्त हुए थे? प्राप्त आवेदन में से कितने हितग्राहियों को लाभ दिया गया तथा कितने वर्तमान में निराकरण हेतु लंबित हैं? हितग्राही चयन की क्या प्रक्रिया थी? (घ) प्रश्नांश (ग) अंतर्गत शेष हितग्राहियों के लिये क्या कोई वरियता सूची तैयार की गई है? यदि हाँ, तो उन्हें कब तक योजना से लाभांवित कर दिया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) विधानसभा क्षेत्र शुजालपुर में वर्ष 2015-16 में रू. 34.26 लाख का बजट प्रदान किया गया तथा 09 कृषकों को लाभान्वित किया गया। वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में कोई बजट प्रदान नहीं किया गया एवं न ही किसी कृषक को लाभान्वित किया गया। (ग) अनुसूचित जाति के कृषकों के 198 आवेदन प्राप्त हुए थे जिसमें से 09 हितग्राहियों को लाभ प्रदान किया गया। शेष आवेदनों में से नवीन विद्युतिकरण योजना नियम 7 जून, 2017 के अनुसार 10 हेक्टेयर तक की भूमि वाले कृषकों का सर्वे करवाया गया जिसमें से 72 कृषक पात्र पाये गये जो निराकरण हेतु प्रक्रियाधीन हैं। 10 हेक्टेयर तक के कृषकों को कम से अधिक भूमि वाले क्रम में लाभान्वित किया जाना है। इस हेतु भूमि एवं विद्युत का सर्वे कराया जाता है। (घ) जी हाँ। उपलब्ध आवंटन सीमा अंतर्गत लाभान्वित किया जायेगा। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
33/11 नवीन विद्युत उपकेन्द्र की स्वीकृति
[ऊर्जा]
51. ( क्र. 602 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कृषि बाहुल्य श्योपुर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत ग्राम तलावदा व इसके आसपास विद्यमान दर्जनभर से अधिक ग्रामों के क्षेत्र में प्रतिवर्ष कृषि सीजन में विद्युत मांग एवं भार अधिक रहता है? (ख) उक्त कारण से क्या ग्राम तलावदा व आसपास के उक्त ग्रामों का क्षेत्रफल अधिक होने के कारण प्रतिवर्ष इन ग्रामों व क्षेत्रों में पर्याप्त वोल्टेज के साथ सुचारू विद्युत सप्लाई नहीं हो पाती है नतीजतन कृषकों को कृषि कार्य में अत्यधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है? (ग) उक्त कठिनाइयों के निवारण हेतु ग्राम तलावदा में नवीन 33/11 विद्युत उपकेन्द्र का निर्माण कार्य स्वीकृत करके इसे स्थापित करवाने की नितांत आवश्यकता है? (घ) यदि हां, तो कृषकों के हित में कार्य करने हेतु वचनबद्ध शासन क्या ग्राम तलावदा में नवीन 33/11 विद्युत सबस्टेशन का निर्माण कार्य स्वीकृत करने हेतु विद्युत कंपनी को निर्देशित करेगा व इसका निर्माण कार्य शीघ्र प्रारंभ करवाएगा? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। कृषि सीजन में कृषि पंपों का अतिरिक्त भार आने से विद्युत की मांग में वृद्धि होती है। (ख) कतिपय अवसरों पर उक्त स्थिति निर्मित होती है। (ग) ग्राम तलावदा में 33/11 के.वी. उपकेन्द्र की स्थापना तकनीकी रूप से साध्य पाई गई है। (घ) ग्राम तलावदा में 33/11 के.वी. उपकेन्द्र की स्थापना हेतु वित्तीय संसाधन जुटाने के प्रयास वितरण कंपनी द्वारा किए जा रहे हैं। वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के उपरांत ही निर्माण कार्य प्रारंभ किया जा सकेगा।
विद्युत बिलों का प्रदाय
[ऊर्जा]
52. ( क्र. 612 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम रिंगनी में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजनान्तर्गत खम्बे गाड़कर लाईन बिछाकर और ट्रांसफार्मर स्थापित कर अन्य सभी कार्य पूर्ण करने के उपरांत उपभोक्ताओं को विद्युत कनेक्शन कब-कब दिये और ग्राम में बिजली सप्लाई कब से जारी की गई? (ख) क्या विद्युत कंपनी ने ग्राम में विद्युतीकरण हेतु उक्त समस्त कार्य पूर्ण करके ग्रामीणों को विद्युत कनेक्शन 5-6 वर्ष पूर्व ही दे दिये गये थे, लेकिन विद्युत सप्लाई वर्तमान तक नहीं दी गई? इसके बावजूद कनेक्शन दिनांक से ही विद्युत कंपनी द्वारा निरंतर बिल संबंधित कनेक्शनधारियों को जारी किये जा रहे हैं? (ग) ग्राम में विद्युत सप्लाई किये बिना ही विद्युत देयक विद्युत कंपनी द्वारा किस आधार पर दिये जा रहे हैं और किसके द्वारा किस आदेश के तहत जारी किये जा रहे हैं? की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) क्या शासन उक्त तथ्यों की जांच करवायेगा और दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? बिना बिजली सप्लाई किये जारी किये गये बिजली बिलों को शीघ्र निरस्त करवायेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) श्योपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम रिंगनी पूर्व से विद्युतीकृत ग्राम था, जिसके सघन विद्युतीकरण का कार्य राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में दिनांक 31.05.2012 को पूर्ण किया गया है। विद्युतीकरण/सघन विद्युतीकरण उपरांत ग्राम में दिये गये विद्युत कनेक्शनों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। विद्युतीकरण के उपरांत ग्राम को वर्ष 2010 के पूर्व से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (ख) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार प्रश्नाधीन ग्राम में विद्युत कनेक्शन देकर वर्ष 2010 से पूर्व से ही विद्युत प्रदाय उपलब्ध कराया जा रहा है। उक्त ग्राम को वर्तमान में 11 के.व्ही. पच्चीपुरा फीडर से सुचारू रूप से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है एवं उपभोक्ताओं को विद्युत उपयोग के विरूद्ध ही बिल जारी किये जा रहे हैं। (ग) उत्तरांश 'क' एवं 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में किसी के दोषी होने तथा इस संबंध में किसी प्रकार की जाँच अथवा अन्य कोई कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
वीरपुर डेम के छात्रावास का संचालन
[अनुसूचित जाति कल्याण]
53. ( क्र. 630 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा इछावार विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम वीरपुर डेम में छात्रावास का संचालन किया जा रहा है? यदि हां, तो उक्त छात्रावास में किन-किन कक्षाओं की कितनी छात्राएं निवासरत हैं? कक्षावार ब्यौरा दें। (ख) वीरपुर डेम हायरसेकण्ड्री स्कूल में कक्षा 9 से 12 तक कितने विद्यार्थी अध्ययनरत हैं? कक्षावार ब्यौरा दें। क्या स्कूल में छात्राएं भी अध्ययनरत है? यदि हां, तो कक्षावार छात्राओं का ब्यौरा दें। (ग) क्या वीरपुर डेम में संचालित कन्या छात्रावास में क्षमता वृद्धि की जाना है? यदि हां, तो इस संबंध में क्या कार्रवाई की जा रही है? क्या कक्षा 9वीं से 12वीं तक की छात्राओं के लिए छात्रावास की स्थापना प्रस्तावित है? यदि हां, तो कब तक स्थापित कर दिया जाएगा? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या बालकों के लिए भी छात्रावास स्थापित करने की योजना है? यदि हां, तो कब तक स्थापित होगा? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। वीरपुर डेम में अनुसूचित जाति कल्याण विभाग का छात्रावास संचालित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा हायर सेकण्ड्री स्कूल का संचालन नहीं किया जाता है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश 'क' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं।
सोलर कृषि पंपों का प्रदाय
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
54. ( क्र. 631 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा सोलर कृषि पम्प प्रदान करने की योजना चलाई जा रही है? यदि हां, तो योजना का ब्यौरा दें। (ख) सीहोर जिले में योजना के तहत अभी तक कुल कितने पंजीयन किए गए हैं? ब्लॉकवार, ग्रामवार, कृषक संख्यावार ब्यौरा दें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रश्न दिनांक तक सीहोर जिले में कुल कितने सोलर पम्प स्थापित किए जा चुके हैं? ब्लॉकवार, ग्रामवार, कृषक संख्यावार ब्यौरा दें। कितने सोलर पम्प दिए जाना अभी शेष हैं? ग्रामवार ब्यौरा दें तथा कब तक दे दिए जाएंगे। (घ) कृषकों को किस-किस कंपनी के द्वारा निर्मित सोलर पम्प व उसमें उपयोग होने वाले उपकरण प्रदान किए जा रहे हैं? क्या उपकरणों की गुणवत्ता का परीक्षण किया गया है? यदि हां, तो पूर्ण ब्यौरा दें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। शासन द्वारा सोलर कृषि पम्प अनुदान पर प्रदान करने हेतु ''मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना'' चलाई जा रही है। शासन द्वारा ''मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना'' के अन्तर्गत भारत सरकार व राज्य शासन के अनुदान को सम्मिलित करते हुए, 1 एच.पी. से 3 एच.पी. तक के सोलर पम्पों पर 90 प्रतिशत अनुदान तथा 3 एच.पी. तक के सोलर पम्प पर 85 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। 5 एच.पी. से बड़ी क्षमता के सोलर पम्प लेने की स्थिति में 5 एच.पी. के लिए लागू अनुदान ही मान्य होगा। इस योजना के तहत किसानों के समूह को भी सोलर पम्प लेने की पात्रता है। (ख) सीहोर जिले में योजना के तहत अभी तक कुल 485 किसानों से सोलर पंपों की स्थापना हेतु आवेदन प्राप्त हुये हैं, जिसकी ब्लॉकवार, ग्रामवार, कृषक संख्यावार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) प्रश्नांश-(क) अनुसार प्रश्न दिनांक तक सीहोर जिले में 64 सोलर पम्प स्थापना का कार्य प्रगति पर है, जिसका ब्लॉकवार, ग्रामवार, कृषक संख्यावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। शेष 421 सोलर पम्प की ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) सीहोर जिले में विभिन्न क्षमताओं के कृषकों को दिये जाने वाले सोलर पम्प हेतु निम्न ठेकेदार इकाइयों को जारी किये गये कार्यादेश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। जी हाँ। प्रदाय किये जाने वाले पम्प सोलर नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार के मापदण्डों एवं उनके द्वारा निर्धारित परीक्षण लेब से प्रमाणित होते है। अनुबंध के पूर्व इकाइयों से समस्त क्षमताओं के सोलर पम्पों की टेस्ट रिपोर्ट प्राप्त की गई है।
लिपिक वर्गीय कर्मचारियों की वेतन विसंगतियों का निराकरण
[सामान्य प्रशासन]
55. ( क्र. 645 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक एफ 19.58/2017/1/4, भोपाल दिनांक-08 सितम्बर 2017 द्वारा लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ की मांगों एवं वेतन विसंगतियों के संबंध में गठित समिति द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन में उल्लेखित अनुशंसाओं का अध्ययन/परीक्षण एवं अनुशंसा करने हेतु राज्य शासन द्वारा प्रमुख सचिव वित्त की अध्यक्षता में द्विसदस्यीय समिति का गठन किया गया है? यदि हाँ तो समिति गठन की प्रति देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समिति द्वारा किस-किस दिनांक को प्रतिवेदन का अध्ययन/परीक्षण करने हेतु कितनी बैठक कब-कब आहूत की गई। बैठक का कार्यवाही विवरण जारी किया या नहीं। यदि नहीं, तो कारण बतावें। (ग) क्या द्विसदस्यीय समिति द्वारा प्रतिवेदन प्रस्तुत कर दिया है या नहीं? यदि नहीं, तो प्रतिवेदन कब तक प्रस्तुत करने की सम्भावना है।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ, संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' पर है। (ख) दिनांक २३/१०/२०१७ को प्रथम बैठक आहूत की गई हे। कार्यवाही विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' पर है। (ग) जी नहीं। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
परिशिष्ट - ''बावन''
निर्माण कार्यों की जानकारी
[अनुसूचित जाति कल्याण]
56. ( क्र. 647 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुसूचित जाति/जनजाति कार्य विभाग विदिशा द्वारा प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 में कौन-कौन से निर्माण/विकास कार्य किये गये हैं या किये जा रहे हैं, इन निर्माण/विकास कार्यों का विवरण, योजना का नाम, प्रशासकीय स्वीकृति व दिनांक, कार्य की लागत, लाभान्वित ग्रामों के नाम, ठेकेदार का नाम, कार्य की वर्तमान स्थिति पूर्ण/ अपूर्ण, अपूर्ण होने का कारण, कार्य कब तक पूर्ण होने की संभावना है, आदि की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वर्षों में प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र बासौदा अन्तर्गत ऐसे कितने कार्य प्रस्तावित किये गये हैं, जिनकी स्वीकृति किस स्तर पर अपेक्षित है? इन कार्यों की सूची, प्रस्ताव क्रमांक व दिनांक, प्रस्ताव कहाँ प्रेषित किया गया है, कार्य का नाम, स्वीकृति हेतु भेजने की लागत, लाभान्वित ग्रामों के नाम, वर्तमान में उक्त प्रस्ताव किस अधिकारी के पास लम्बित हैं, की जानकारी उपलब्ध करावे। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित प्रस्तावित कार्यों की स्वीकृति कब जारी की जा रही है? यदि नहीं, तो लम्बित रहने का कारण बतावें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) 160 कार्य प्रस्तावित किये गये हैं जिनमें से 28 कार्य स्वीकृत किये गये हैं। शेष सीमित वित्तीय संसाधन एवं बस्ती विकास नियमों के मापदण्डों के अनुरूप न होने के कारण स्वीकृत नहीं किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) 28 कार्यों की स्वीकृति जारी की जा चुकी है। शेष सीमित वित्तीय संसाधन एवं बस्ती विकास नियमों के मापदण्डों के अनुरूप न होने के कारण स्वीकृत नहीं किये गये हैं।
नर्मदा घाटी विकास की संचालित योजनाएं
[नर्मदा घाटी विकास]
57. ( क्र. 663 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र में नर्मदा घाटी विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजना संचालित है? योजनावार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) क्या उक्त विधानसभा क्षेत्र में नर्मदा किनारे घाट विस्तार एवं नदी के कटाव रोकने हेतु कोई कार्य योजना शासन स्तर पर विचाराधीन है? यदि हाँ तो कब तक उक्त योजना की प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी जायेगी? (ग) क्या उक्त विधानसभा क्षेत्र में ऐसे स्थल हैं जहां नदी के कटाव को रोकने की आवश्यकता है, जैसे - नीलकुण्ड नर्मदा, कैलककच्छ नर्मदा, मउआबेड़ा खैरूआ, झिकोली, सांईखेड़ा दुधी नदी, अर्जुनगांव दुधी नदी, तूमड़ा दुधी नदी, डॉगरगांव कुडारी शक्कर नदी, बम्होरी कला शक्कर नदी। (घ) यदि हाँ तो क्या शासन उक्त स्थलों में नदी के कटाव को रोकने की कार्य योजना बनायेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) रानी अवंती बाई लोधी सागर परियोजना की बांयी तट नहर प्रणाली के अंतर्गत अमोदा वितरिका नहर निर्माणाधीन है एवं शक्कर परियोजना प्रस्तावित है। (ख) विभाग अंतर्गत ग्राम पंचायत सोकलपुर के उलथन ग्राम के पास नर्मदा नदी के बांये तट पर नीलकुंड घाट का कटाव को रोकने हेतु कार्य योजना प्रस्तावित है, जिसकी राशि रूपये 23.16 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 18/10/2017 को जारी की गई है। (ग) विभाग अंतर्गत नीलकुंड घाट के अतिरिक्त नर्मदा नदी के कटाव रोकने की अन्य कोई योजना प्रस्तावित नहीं है। (घ) उत्तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
24 घण्टे बिजली सप्लाई
[ऊर्जा]
58. ( क्र. 664 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में कितने गांव विद्युतीकरण से वंचित हैं एवं कब तक इन गावों में विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर 24 घंटे बिजली सप्लाई उपलब्ध करा दी जायेगी? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ग्रामों में विद्युतीकरण हेतु कोई सर्वे हुआ है? अगर हुआ है तो सर्वे में कितने ग्राम चिन्हित हुये हैं? नाम, गांव सहित बतावें एवं कब तक इन गांवों में विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर 24 घंटे बिजली सप्लाई उपलब्ध करा दी जाएगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्तमान में परंपरागत ऊर्जा स्त्रोतों के माध्यम से विद्युतीरण हेतु दो ग्राम यथा भिलमाढाना (वनग्राम) एवं भिलमाढाना (राजस्व ग्राम) शेष है। दीनदयालय उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनान्तर्गत उक्त विद्युत विहीन ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य प्रगति पर है। दिसम्बर-2017 तक कार्य पूर्ण कर बिजली सप्लाई उपलब्ध करा दी जाएगी। (ख) जी हाँ। विद्युत विहीन ग्रामों में विद्युतीकरण हेतु सर्वे किया गया है। सर्वे उपरांत परंपरागत ऊर्जा स्त्रोतों के माध्यम से विद्युतीकरण हेतु कार्य-योग्य तीन ग्राम यथा टुईयापानी, भिलमाढाना (वन ग्राम) एवं भिलमाढाना (राजस्व) चिन्हित हुये थे। ग्राम टुईयापानी के विद्युतीकरण का कार्य दीनदयाल ग्राम ज्योति योजनान्तर्गत दिनांक 27.08.2017 को पूर्ण किया जा चुका है। शेष दो ग्राम यथा भिलमाढाना (वन ग्राम) एवं भिलमाढाना (राजस्व ग्राम) के विद्युतीकरण का कार्य प्रगति पर है, जिसे दिसम्बर-2017 तक पूर्ण किया जाने का लक्ष्य है। विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण होने पर इन ग्रामों को विद्युत प्रदाय उपलब्ध कराया जाएगा।
जिले में पदस्थ विभाग प्रमुख का कार्यकाल
[सामान्य प्रशासन]
59. ( क्र. 682 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन अंतर्गत क्रमश: प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय श्रेणी अधिकारी एवं कर्मचारियों के स्थानांतरण संबंधी नीति निर्देश क्या है? (ख) क्या किसी भी विभाग के जिलाधिकारी को जिले में तीन वर्ष से अधिक समय तक नहीं रहने के निर्देश है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) स्थानांतरण नीति वर्ष 2017-18 की कंडिका 8.6 में प्रावधान अनुसार जिलों में पदस्थ प्रथम श्रेणी एवं द्वितीय श्रेणी के कार्यपालक अधिकारियों के एक ही स्थान पर तीन वर्ष की पदस्थापना पूर्ण कर लेने पर जिले से अन्यत्र प्राथमिकता पर स्थानांतरण किया जा सकेगा। तृतीय श्रेणी कार्यपालिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों का भी एक ही स्थान पर सामान्यत: 3 वर्ष या उससे अधिक पदस्थापना की अवधि पूर्ण कर लेने के कारण स्थानांतरण किया जा सकेगा। प्रशासनिक आधार पर किये जाने वाले स्थानान्तरणों में उन शासकीय सेवकों को पहले स्थानांतरित किया जा सकेगा, जिनके द्वारा पिछले वित्तीय वर्ष के लिए निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त नहीं किया गया हो। इसका आशय यह है कि जिन आधारों पर स्थानान्तरण किया जा सकता है उनमें एक आधार यह भी है। यह अनिवार्य नहीं है कि 3 वर्ष पूर्ण होने पर स्थानान्तरण किया ही जावे।
हवाई पट्टी में अनियमितता
[विमानन]
60. ( क्र. 692 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक निर्माण विभाग मण्डला जिला अन्तर्गत विकासखण्ड मण्डला के ग्राम पंचायत ग्वारा में हवाई पट्टी का निर्माण द्वारा किया जाना सुनिश्चित किया गया है? यदि हाँ, तो क्या निर्माण कार्य का परीक्षण एवं गुणवत्ता को लेकर विभागीय अधिकारियों के द्वारा जांच की गई है, यदि नहीं, तो किन मापदण्डों के आधार पर हवाई पट्टी का निर्माण होगा तथा विभाग की क्या भूमिका होगी? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित हवाई पट्टी के निर्माण में कार्य एजेंसी और ठेकेदार के द्वारा घटिया स्तर पर निर्माण कार्य कराया जाकर, जिस पर लो.नि.वि. के उच्चाधिकारियों के परीक्षण उपरान्त ठेकेदार को ब्लेक लिस्टेड कर दिया गया था, इसकी सूचना लो.नि.वि. द्वारा क्या विमानन विभाग को भी दी गई थी, यदि हाँ, तो पत्राचार सहित पूर्ण जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (ख) की जानकारी के आधार पर क्या विभाग के अधिकारियों के द्वारा हवाई पट्टी का दौरा एवं निरीक्षण कर किया गया है, यदि हाँ, तो कब-कब तिथिवार जानकारी दें? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (घ) क्या उच्चाधिकारी लो.नि.वि. द्वारा ठेकेदार के कार्य पर आपत्ति उपरान्त किये गये सुधार कार्य से विमानन विभाग संतुष्ट है और क्या विभाग द्वारा हवाई पट्टी में विमान के सफलतापूर्वक उतरने तथा किसी प्रकार की दुर्घटना घटित न होने को लेकर आश्वस्त है? विभाग, निर्माण कार्य में तकनीकी एवं गुणवत्ता को लेकर पूर्ण रूप से संतुष्ट है तथा विभाग द्वारा तदाशय का संतुष्टी पत्र जारी किया गया है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। निर्माण कार्य का परीक्षण एवं गुणवत्ता हेतु लोक निर्माण विभाग जिम्मेदार होने से उनके विभागीय अधिकारियों द्वारा जांच की गई हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) ठेकेदार द्वारा घटिया निर्माण कार्य करने के कारण लोक निर्माण विभाग द्वारा फर्म का पंजीयन दो वर्ष हेतु निलंबित किया गया था। तथापि इसकी सूचना विमानन विभाग को नहीं दी गई थी, क्योंकि निर्माण कार्यों के लिए जिम्मेदार लोक निर्माण विभाग है। (ग) प्रश्नांश 'ख' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) राज्य की हवाई पट्टियों का संधारण लोक निर्माण विभाग के पास होने से हवाई पट्टी को विमान के सफलतापूर्वक उतरने हेतु संधारण की जिम्मेदारी भी उन्हीं की रहती है और उनके प्रमाणीकरण के बाद ही विमान उतारे जाते हैं। प्रश्नाधीन हवाई पट्टी का सुधार कार्य लोक निर्माण विभाग द्वारा कराया गया है और उसके बाद दो बार ट्रायल लेडिंग और दो बार विमान उतारने का काम किया गया है।
वेतनमान के संबंध में
[वित्त]
61. ( क्र. 707 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग के सचिवालय विधानसभा सचिवालय, मंत्रालय एवं अन्य कार्यालयों में सहायक ग्रेड-3 को वेतनमान रूपये 5200-20200+1900 दिया जा रहा है। (ख) प्रश्नांश (क) के कार्यालयों में सहायक ग्रेड-3 को म.प्र. शासन के वित्त विभाग के ज्ञापन क्रमांक एफ11/1/2008/ नियम/4 भोपाल दिनांक 24 जनवरी 2008 द्वारा समयमान वेतन मान सहायक ग्रेड-3 के पद पर 10 वर्ष की सेवापूर्ण करने पर प्रपत्र उच्चतर वेतनमान-4000-6000 तथा 20 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर द्वितीय उच्चतर वेतनमान 4500-7000 की दिये जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में आंशिक संशोधन कर वल्लभ भवन मंत्रालय के सहायक 03 विधानसभा सचिवालय भोपाल के सहायक ग्रेड-03 तथा राज्यपाल सचिवालय भोपाल के कार्यालयों में सहायक ग्रेड-3 को 20 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर समयमान-वेतमान द्वितीय उच्चतर वेतनमान 4500-7000 के स्थान पर 5500-9000 दिये जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में विभागीय कार्यालय भोपाल एवं अन्य कार्यालयों के सहायक ग्रेड-3 को समयमान वेतनमान तृतीय उच्चतर वेतनमान 5500-9000 क्यों नहीं दिया गया क्या प्रश्नांश (ग) नियम प्रदेश के समस्त सहायक ग्रेड-3 पर लागू होना चाहिये? क्या समान पद एवं समान वेतन एवं समान कार्य होने पर दोहरा मापदण्ड अपनाना भेदभाव की श्रेणी में आता है इसे कब दूर किया जावेगा।
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। आदेश दिनांक 24-1-2008 में राज्य शासन के समस्त विभागों के सहायक ग्रेड-3 के लिये प्रावधान है। (ग) जी हाँ। मंत्रि-परिषद के आदेश के आधार पर स्वीकृति दी गई है। (घ) राज्य शासन के नीतिगत निर्णय के आधार पर है।
विद्युत लाईन विस्तार
[ऊर्जा]
62. ( क्र.
718 ) श्रीमती
पारूल साहू
केशरी : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
कार्यालय
कलेक्टर
(आदिवासी
विकास) जिला
सागर के पत्र
पृ.क्र. 1530 दिनांक 24.10.2017
के द्वारा
तकनीकी स्वीकृति
जारी करने
हेतु अधीक्षण
यंत्री एवं
कार्यपालन
अभियंता
म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.कं.लि. सागर
को लिखा गया
था? (ख)
यदि हाँ तो
क्या सुरखी
विधान सभा
क्षेत्र के
लंबित प्रकरण में
ग्राम
हिरनखेड़ा के
अनुसूचित
जाति के 15
हितग्राहियों
के कुंआ पम्पों
तक की विद्युत
लाइन विस्तार
कराया जा चुका
है? यदि
नहीं,
तो प्रकरण में
विलम्ब के
लिये कौन दोषी
है? उसके
विरूद्ध क्या
कोई
कार्यवाही की
जावेगी तथा
उक्त कृषकों
को कब तक
लाभांवित
किया जा सकेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। कार्यालय कलेक्टर (आदिवासी विकास) सागर के पत्र क्र. 1530 दिनांक 24.10.2017 के निर्देशानुसार हिरनखेड़ा के 15 कृषकों के विद्युत लाइन विस्तार कार्य के पुनरीक्षित प्राक्कलन की तकनीकी स्वीकृति के उपरान्त आवश्यक राशि जमा करने हेतु मांग पत्र, कार्यपालन अभियंता (संचा./संधा.) सागर के पत्र दिनांक 08.11.2017 के द्वारा कार्यालय कलेक्टर (आदिवासी विकास), सागर को भेजे जा चुके हैं। वर्तमान में उक्त राशि जमा नहीं की गई है। कार्यालय कलेक्टर (आदिवासी विकास), सागर से राशि प्राप्त होने के उपरांत कार्यादेश जारी कर कार्य पूर्ण कराये जा सकेंगे। अत: किसी के दोषी होने या कार्यवाही करने का प्रश्न नहीं उठता। राशि जमा होने के उपरान्त ही कार्य पूर्णता की अवधि बताया जाना संभव होगा।
आंगनवाड़ी में शौचालय की व्यवस्था
[महिला एवं बाल विकास]
63. ( क्र. 726 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सुरखी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कुल कितनी-कितनी आंगनवाडि़याँ संचालित है? इन आंगनवाडि़यों में कितनी-कितनी आंगनवाड़ी सहायिका एवं कार्यकर्ता कार्यरत हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार बतावें कि उक्त आंगनवाडि़यों में से कितनी आंगनवाडि़यों में शौचालय की व्यवस्था है और कितनी में शौचालय नहीं? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार जिन आंगनवाडि़यों में शौचालय नहीं हैं उनमें शासन द्वारा शौचालय बनवाये जाने हेतु क्या प्रयास किये गये तथा उक्त आंगनवाड़ी भवनों में कब तक शौचालय बनवा दिये जायेंगे?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) सागर जिले की सुरखी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत क्रमश: 03 परियोजनाएं, जैसीनगर-175, राहतगढ़-166 एवं सागर ग्रामीण 02-35 इस प्रकार कुल 376 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं। जिनमें 368 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं 370 आंगनवाड़ी सहायिका कार्यरत हैं। (ख) संचालित 376 आंगनवाड़ी केन्द्रों में से 129 आंगनवाड़ी केन्द्रों में शौचालय सुविधा उपलब्ध है तथा 247 आंगनवाड़ी केन्द्र शौचालय विहीन है। (ग) विभागीय पत्र क्रं. आई.सी.डी.एस./3138, भोपाल दिनांक 08.06.2015 द्वारा ऐसे आंगनवाड़ी केन्द्र जो किराये पर हैं किन्तु उनमें शौचालय की व्यवस्था नहीं है उन्हें अन्यत्र स्थानांतरित करने अथवा मकान मालिक को 06 माह का समय देकर शौचालय की सुविधा आंगनवाड़ी केन्द्रों में उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिये गये है तथा वर्तमान में निर्मित होने वाले आंगनवाड़ी भवन शौचालय सुविधा सहित निर्मित हो रहे हैं। आंगनवाड़ी भवनों/शौचालयों का निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है। अत: समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
मुरैना, जौरा, पहाड़गढ़ विकासखण्डों में लोक कल्याण शिविरों के संबंध में
[सामान्य प्रशासन]
64. ( क्र. 744 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले के विकासखण्ड, मुरैना, जौरा, पहाड़गढ़ में जनवरी 2017 से नवम्बर 2017 लोक कल्याण शिविरों का कितनी बार आयोजन किया गया? संख्या, स्थान, तिथि सहित पूर्ण जानकारी दी जावे। (ख) उक्त शिविरों में किस स्तर के अधिकारी सम्मिलित हुये? उनके नाम, पद सहित जानकारी दी जावे। (ग) उक्त आयोजित शिविरों में कितने आवेदन प्राप्त हुये? उनमें से कितनों का निराकरण हुआ?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) मुरैना जिले के विकासखण्ड मुरैना में 10, जौरा में 10, पहाड़गढ़ में 10 लोक कल्याण शिविर, जनवरी, 2017 से नवम्बर, 2017 तक आयोजित किए गए है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) उक्त शिविरों में सम्मिलित अधिकारियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) उक्त आयोजित शिविरों में 171 आवेदन प्राप्त हुए, सभी का निराकरण किया गया।
परिशिष्ट - ''तिरेपन''
मुरैना जिले में फीडर सेपरेशन
[ऊर्जा]
65. ( क्र. 745 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले में कितने फीडर सेपरेट होने थे? उनकी संख्या, स्थान सहित पूर्ण जानकारी दी जावे। (ख) उक्त फीडरों से कितने में से कितने फीडर सेपरेट हुये हैं? सन् 2012 से 2017 की स्थिति में कितना प्रतिशत कार्य हुआ है? उक्त क्षेत्रों में कौन सुपरविजन अधिकारी नियुक्त किये गये थे? उनके नाम, पद, क्षेत्रवार, प्रतिशत सहित जानकारी दी जावे। (ग) उक्त समय अवधि में कितनी कंपनियों द्वारा कार्य किया गया है? उन्हें कितने कार्य की जिम्मेदारी दी गई थी? कितनी राशि कार्य हेतु आवंटित थी? कितनी राशि का भुगतान किस-किस कंपनियों को किया गया है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) मुरैना जिले के अंतर्गत 11 के.व्ही. के कुल 175 फीडर विभक्तिकरण हेतु चिन्हित किये गये है। उक्त फीडरों के नाम एवं संबद्ध 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र के नाम सहित प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) उक्त चिन्हित फीडरों में से माह अक्टूबर 2017 तक की स्थिति में कुल 84 फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण हो चुका है। वर्ष 2012 से 2017 की स्थिति में उक्त चिन्हित फीडरों में से 48% फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य हुआ है। उक्त क्षेत्र में जिन 120 फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य ठेकेदार एजेन्सी को दिया गया था, उनके सुपरविजन हेतु नियुक्त किये गये अधिकारियों के नाम एवं पद सहित क्षेत्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। इसके अतिरिक्त वितरण कंपनी द्वारा फीडर विभक्तिकरण के कार्यों के सुपरविजन/मॉनिटरिंग हेतु थर्ड पार्टी एजेन्सी मेसर्स आई.सी.टी. लिमिटेड को नियुक्त किया गया था जिसके अनुबंध समाप्ति के पश्चात थर्ड पार्टी एजेन्सी मेसर्स एस.जी.एस. लिमिटेड, भोपाल को सुपरविजन कार्यों हेतु नियुक्त किया गया है। उल्लेखनीय है कि उत्तरांश 'क' में दर्शायें गए चिन्हित 175 फीडरों में से 55 फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में सम्मिलित किया गया है, जिसका क्रियान्वयन टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु निविदा कार्यवाही प्रकियाधीन है। (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र में वर्ष 2012 से 2017 की समयावधि में फीडर विभक्तिकरण योजना के अंतर्गत प्रारंभ में मेसर्स ज्योति स्ट्रक्चर कंपनी लिमिटेड मुम्बई को कार्यादेश क्रमांक सी.एम.डी./एम.के./ एफ.एस./968 दिनांक 09.11.2011 जारी कर कार्य संपादित कराया गया था। उक्त ठेकेदार एजेन्सी को 120 फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य आवंटित किया गया था। उक्त कार्य हेतु रूपये 79.12 करोड़ की राशि का प्रावधान था। उक्त ठेकेदार एजेन्सी द्वारा किये गये कार्य के विरूद्ध रूपये 20.91 करोड़ की राशि का भुगतान किया गया। मेसर्स ज्योति स्ट्रक्चर कंपनी लिमिटेड, मुम्बई द्वारा अत्यंत धीमी गति से कार्य करने के कारण कंपनी को जारी अवार्ड आदेश क्रमांक एम.डी./एम.के./ एफ.एस./63 दिनांक 15.05.2015 से निरस्त कर दिया गया था। तत्पश्चात शेष फीडरों के विभक्तिकरण के कार्य में से 11 के.व्ही. के 16 फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य वितरण कंपनी द्वारा विभागीय स्तर पर एस.टी.सी. संभाग को आवंटित किया गया जिसकी कुल लागत राशि रूपये 5.02 करोड़ थी। उक्त कार्य में से दिनांक 31.10.2017 की स्थिति में कुल 10 फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य किया जा चुका है जिस हेतु रुपये 0.35 करोड़ की राशि का भुगतान किया गया है। मेसर्स ज्योति स्ट्रक्चर लिमिटेड को आवंटित कार्यों में से शेष फीडरों के विभक्तिकरण कार्य हेतु निविदा जारी कर मेसर्स टेक्नोफेव इंजीनियरिंग कंपनी को 11 के.व्ही. के 89 फीडरों एवं 15 फीडरों से संबंधित ग्रामों के एल.टी. लाईन के कार्य यथा केबिलिकरण एवं मीटरीकरण के कार्य हेतु रूपये 65.44 करोड़ रुपये का अवार्ड दिनांक 11.04.2016 को जारी किया गया है तथा उक्त कार्य प्रगति पर है। उक्त ठेकेदार कंपनी को रूपये 14.84 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है।
विभागीय योजनाओं एवं निर्माण कार्य
[महिला एवं बाल विकास]
66. ( क्र. 767 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) हरदा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत स्वीकृत आंगनवाड़ी केन्द्रों का संचालन स्वयं के भवनों में हो रहा है अथवा अन्य व्यवस्थाओं के माध्यम से तथा कहाँ-कहाँ पर ? साथ ही संपूर्ण हरदा विधान सभा क्षेत्र में कुल कितने आंगनवाड़ी केन्द्र कहाँ-कहाँ पर है? (ख) हरदा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2014-15 में प्रश्न दिनांक तक कुल कितने आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत हुये? कितने का कार्य पूर्ण है? पृथक-पृथक कुल कितनी-कितनी राशि स्वीकृत होकर कितना व्यय किया गया है? (ग) हरदा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत योजनाओं के क्रियान्वयन में आंगनवाड़ी केन्द्रवार कुल कितना-कितना बजट स्वीकृत होकर कितना-कितना व्यय वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक किया गया? केन्द्रवार बतावें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) हरदा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत कुल 370 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। जिसमें से 153 आंगनवाड़ी केन्द्र विभागीय भवनों में, 126 किराये के भवनों में तथा 91 आंगनवाड़ी केन्द्र अन्य शासकीय भवनों में संचालित है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। (ख) हरदा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2014-15 में प्रश्न दिनांक तक कुल 32 आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन स्वीकृत हुये है। जिनमें से 12 आंगनवाड़ी भवनों का कार्य पूर्ण हुआ है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है। (ग) हरदा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत योजनाओं के क्रियान्वयन एवं तत्संबंधी व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''3'' अनुसार है।
सामुदायिक अधिकार पत्रों के वितरण
[जनजातीय कार्य]
67. ( क्र. 768 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनवरी, 2008 में लागू वन अधिकार कानून 2006 की धारा 3 (1) (ख) के अनुसार शा. अभिलेखों में दर्ज एवं प्रचलित अधिकारी के संबंध में आयुक्त आदिवासी विभाग म.प्र. शासन भोपाल के 16 अप्रैल, 2015 को जारी आदेश के बाद भी हरदा, होशंगाबाद एवं बैतूल जिले में सामुदायिक वन अधिकार पत्र वितरित किये जाने की कार्यवाही प्रश्नांकित दिनांक तक भी पूरी नहीं की जा सकी है? (ख) 16 अप्रैल, 2015 के पत्र अनुविभागीय अधिकारी की किस-किस कानून के अनुसार निर्धारित जिम्मेदारी का उल्लेख कर किस प्रारूप, किन भूमियों से संबंधित जानकारियों संकलित कर क्या-क्या निर्देश दिये गये है? (ग) 16 अप्रैल, 2015 में प्रश्न दिनांक तक हरदा, होशंगाबाद एवं बैतूल जिले के किस अनुविभागीय अधिकारी ने निर्धारित प्रारूप में जानकारियों का संकलन कर संबंधित ग्राम पंचायत को प्रपत्र एवं जानकारी उपलब्ध कराई है एवं किस अनुविभागीय के पास कितने ग्रामों की कितनी भूमि की वन बनाये जाने की जांच लंबित है? (घ) दिनांक 16 अप्रैल, 2015 के आदेश का कब तक पालन किया जाकर आरक्षित वन बनाये जाने के लिये प्रस्तावित भूमि पर सामुदायिक वन अधिकार पत्र वितरित कर दिये जावेंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विद्युत की समस्या एवं ट्रांसफार्मर
[ऊर्जा]
68. ( क्र. 795 ) श्री मुकेश नायक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले की पवई विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक विकासखण्ड पवई एवं शाहनगर अंतर्गत ग्रामों में कितने जले एवं खराब ट्रांसफार्मर बदले गये एवं कितने नवीन स्थापित किये गये ? वर्षवार, विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) पवई विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जनपद पंचायत पवई एवं शाहनगर में कितने ग्रामीणों द्वारा विद्युत की समस्या हेतु आवेदन दिये गये हैं एवं कितने आवेदन पत्रों पर कार्यवाही की गई, कितने लंबित हैं, ग्रामवार संख्या उपलब्ध करावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) पन्ना जिले के पवई विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विकासखण्ड पवई एवं शाहनगर अन्तर्गत वर्ष 2015-16 से दिनांक 31.10.2017 तक की अवधि में ग्रामों में बदले गये जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों की संख्या एवं नये स्थापित किये गये वितरण ट्रांसफार्मर की वर्षवार, विकासखण्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ''अ'' अनुसार है। (ख) पवई विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत प्रश्नांश ''क'' में उल्लेखित अवधि में जनपद पंचायत पवई एवं शाहनगर में विद्युत समस्या से संबंधित प्राप्त आवेदन एवं आवेदन पत्र जिन पर कार्यवाही की गई एवं लंबित आवेदनों की ग्रामवार संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
आबकारी विभाग को प्राप्त राजस्व
[वाणिज्यिक कर]
69. ( क्र. 796 ) श्री मुकेश नायक : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2003-2004 से वर्ष 2017 के प्रश्न दिनांक तक वर्षवार आबकारी विभाग को प्राप्त राजस्व बतायें? (ख) वर्ष 2003-2004 से वर्षवार देशी शराब की कितनी नयी दुकानें खोली गयी हैं, कितनी दुकानें बंद की गई हैं? (ग) आबकारी नीति को वर्ष 2003 से 2017 तक कब-कब बदला गया है? (घ) कितने ठेकेदारों से कितनी राशि विगत वर्ष 2003 से 2017 तक वसूली की जानी शेष है? विभाग ने क्या-क्या कार्यवाही की है?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) वर्ष 2003-2004 से वर्ष 2017 के प्रश्न दिनांक तक वर्षवार आबकारी विभाग को प्राप्त राजस्व की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ख) वर्ष 2003-2004 से नवीन खोली गई एवं बंद की गई देशी मदिरा दुकानों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। (ग) वर्ष 2003 से 2017 तक आबकारी नीति संबंधी नीलामी/नवीनीकरण/लॉटरी/टेण्डर के द्वारा किया गया निष्पादन का वर्षवार विवरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''तीन'' अनुसार है। (घ) वर्ष 2003 से 2017 तक प्रदेश के 197 ठेकेदारों से रूपये 150.44 करोड़ राशि वसूली की जाना शेष है। उक्त बकाया राशि की वसूली के नियमानुसार प्रयास किये जा रहे हैं।
शासन प्रावधानों के विरूद्ध कार्यवाही
[महिला एवं बाल विकास]
70. ( क्र. 813 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या छतरपुर जिले में ग्राम स्वास्थ्य एवं तदर्थ समिति के अध्यक्ष महिला बाल विकास विभाग द्वारा ग्राम पंचायतों के प्रस्तावों के तहत बनाये गये थे? (ख) उक्त समितियों के अध्यक्ष के खातों में किस आधार पर कितनी-कितनी राशि वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक दी गई? (ग) क्या राजनगर में महिला बाल विकास विभाग द्वारा फर्जी तरीके से वर्ष 2015-16 में अध्यक्षों को बदल दिया गया? यदि हाँ तो क्यों, नहीं तो कारण बतायें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। (ख) एकीकृत बाल विकास सेवा संचालनालय का पत्र क्र./एबाविस./icds/2013/2407 भोपाल दिनांक 28.09.2013 एवं विभागीय पत्र क्रमांक एफ 4-5/2014/50-2 भोपाल दिनांक 24 फरवरी 2014 में दिये गये निर्देशानुसार ग्राम स्वास्थ्य तदर्थ समिति में नियमानुसार राशि जमा की गई। तदर्थ समितियों में जमा राशि की जानकारी परियोजनावार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) छतरपुर जिले के एकीकृत बाल विकास परियोजना राजनगर में वर्ष 2015-16 में ग्राम स्वास्थ्य एवं तदर्थ समिति के किसी भी अध्यक्ष को नहीं बदला गया है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों में विद्युत व्यवस्था
[महिला एवं बाल विकास]
71. ( क्र. 844 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) राज्य में कुल आंगनवाड़ी व मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों की संख्या कितनी है तथा जिला ग्वालियर के किन-किन विकासखण्ड़ों में केन्द्रों की संख्या कितनी है और उनमें कितनी बालक/बालिकाएं प्रविष्ट हैं? (ख) प्रश्नांश (क) केन्द्रों में कितनी आयु के बालक/बालिकाओं को किस उद्देश्य से प्रवेश प्रदान किया जाता है और वर्ष के कितने दिन उनके पोषण की देख-रेख की जाती है तथा ग्रीष्मकाल में माह अप्रैल से जून की भीषण गर्मी में क्या उन्हें छुट्टियां प्रदान कर दी जाती हैं? (ग) भितरवार विधान सभा क्षेत्र के आंगनवाड़ी व मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों में बालक/बालिकाओं को भीषण गर्मी से राहत प्रदान करने हेतु भवनों में विद्युत कनेक्शन एवं पंखों की व्यवस्था की गई है? यदि हां, तो कहाँ-कहाँ केन्द्रों के नाम बतावें? यदि नहीं, तो क्यों? अब कब तक करा दी जावेगी? (घ) क्या विभाग राज्य के समस्त आंगनवाड़ी केन्द्रों में विद्युत एवं पंखे की व्यवस्था कराकर नौनिहाल बच्चों के जीवन की रक्षा हेतु विभागीय बजट में प्रावधान कर क्रियान्वित करेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) राज्य में कुल 84465 आंगनवाड़ी केन्द्र तथा 12670 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र है। ग्वालियर जिले के विकासखंडों में संचालित आंगनवाड़ी, मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों उनमें दर्ज बालक/बालिकाओं की संख्यात्मक जानकारी निम्नानुसार है :-
क्र. |
विकास खंड |
आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों की संख्या |
बालक/बालिकाओं की कुल संख्या |
1 |
डबरा |
178 |
28693 |
2 |
घाटीगॉव |
164 |
18645 |
3 |
भितरवार |
251 |
23996 |
4 |
मुरार |
22 |
12788 |
(ख) आंगनवाड़ी केन्द्रों में 0 से 06 वर्ष के बालक/बालिकाओं को एकीकृत बाल विकास सेवा अन्तर्गत स्वास्थ्य एवं पोषण सेवायें प्रदान की जाती है। वर्ष के 300 दिन पूरक पोषण आहार दिये जाने का प्रावधान है। जी नहीं। (ग) जी हाँ। ग्वालियर जिले के भितरवार विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत कुल 36 आंगनवाड़ी व मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों में बालक/बालिकाओं को भीषण गर्मी से राहत प्रदान करने हेतु भवनों में विद्युत कनेक्शन एवं पंखों की व्यवस्था की गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) सौर ऊर्जा के माध्यम से आंगनवाड़ी केन्द्रों पर विद्युत प्रदाय किये जाने की योजना विचाराधीन है।
आनंद उत्सव के आयोजन के व्यय राशि
[आनन्द]
72. ( क्र. 845 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में आनंद विभाग किस दिनांक से अस्तित्व में आया? उसके बाद से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि का व्यय किया गया? (ख) आनंद विभाग द्वारा अस्तित्व में आने के दिनांक से प्रश्न दिनांक तक ग्वालियर जिले में कौन-कौन से कार्यों हेतु कितना-कितना व्यय किया गया? । (ग) विभाग के जिला स्तर पर नोडल अधिकारी तथा कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ हैं उनका नाम, पद, पदस्थापना दिनांक बतावें? विभाग द्वारा इस वित्तीय वर्ष के लिये क्या-क्या कार्य योजना बनाई गई है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) दिनांक 06 अगस्त 2016 को। प्रश्न दिनांक तक आनंद विभाग अंतर्गत राज्य आनंद संस्थान द्वारा कुल राशि रूपये 2,46,34,495/- का व्यय किया गया है। (ख) आनंद विभाग द्वारा कोई व्यय नहीं किया गया। (ग) श्री शिवराज सिंह वर्मा, अपर कलेक्टर जिला ग्वालियर को दिनांक 05/12/2016 से नोडल अधिकारी, आनंद के रूप में नामांकित किया गया है। विभाग द्वारा इस वित्तीय वर्ष के लिए 1. आनंद उत्सव 2.आनंद सभा 3.अल्पविराम 4.आनंदम 5.आनंद क्लब 6.आनंद शिविर 7.आईएसबी हैदराबाद द्वारा अंग्रेजी में संचालित ऑनलाईन वीडियों कोर्स ''ए लाईफ ऑफ हैप्पीनेस एण्ड वेलबिईंग'' का हिन्दी में ऑनलाईन संचालन 8. मध्यप्रदेश के हैप्पीनेस इंडेक्स की गणना का कार्य 9.वर्कशॉप एवं डिसकोर्स ऑफ हैप्पीनेस की कार्य योजनाएं बनाई गई है।
रोडिया आम्बा उद्वहन सिंचाई योजना की स्वीकृति
[नर्मदा घाटी विकास]
73. ( क्र. 859 ) श्री सचिन यादव : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगोन जिले के कसरावद विधान सभा क्षेत्र एवं बड़वाहा की बलकवाड़ा, चौण्डी जामन्या और रोडिया आम्बा उद्वहन सिंचाई योजना की स्वीकृत राज्य शासन द्वारा जारी कर दी गई है? हाँ तो कब? (ख) क्या उक्त योजनाओं के लिए बजट राशि आवंटन की गई है? नहीं तो क्यों? (ग) उक्त योजनाओं के लिए कब तक बजट राशि आवंटित कर दी जायेगी? खरगोन जिले की इन परियोजनाओं का कार्य कब तक पूर्ण करा लिया जायेगा?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। राज्य शासन द्वारा बलकवाड़ा, चौंडी जामन्या और अम्बा–रोडिया उद्वहन सिंचाई योजनाओं की प्रशासकीय स्वीकृति क्रमश: दिनांक 01/11/2016 दिनांक 01/11/2016 एवं 06/10/2016 को जारी की गई है। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश ''ख'' अनुसार। निविदा स्वीकृति पश्चात् अनुबंध दिनांक से 24 माह में पूर्ण करना लक्षित है।
अनुसूचित जाति बस्ती विकास मद अंतर्गत कन्वर्जेन्स से बनाये गये कार्य बावत
[अनुसूचित जाति कल्याण]
74. ( क्र. 870 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले में अनुसूचित जाति बस्ती विकास मद अंतर्गत मनरेगा के कन्वर्जेन्स से कार्य कराये गये है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार अनुसूचित जाति बाहुल्य ग्रामों/बस्ती/वार्डों/मजरे/टोलों जिसमें वर्ष 2011 की जनसंख्या (अनुसूचित जातियों की 40 प्रतिशत) को आधार मानकर कौन-कौन से ग्राम में कितनी राशि के कौन-कौन से कार्य कराये गये है? कितने कार्य पूर्ण, कितने अपूर्ण/अप्रारंभ है? कार्यवार, राशिवार, वर्षवार, पृथक-पृथक बताएं? (ग) प्रश्नांश (ख) के कार्यों को मूल्यांकन, सत्यापन कब-कब किस अधिकारी द्वारा किया गया है? कार्य अपूर्ण/अप्रारंभ कार्यों को कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा, कार्य अपूर्ण/अप्रारंभ होने के लिये कौन दोषी है? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी? (घ) प्रश्नकर्ता सदस्य एवं अन्य क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों तथा आम नागरिकों द्वारा कब-कब पत्र/शिकायतें प्रस्तुत की गई है? प्राप्त पत्रों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? पत्रवार, तिथिवार, कार्यवाहीवार पृथक-पृथक विवरण दें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) वर्ष 2017-18 में अनुसूचित जाति मद में मनरेगा के कन्वर्जेंस कार्य नहीं कराये गये हैं। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नकर्ता सदस्य एवं अन्य क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों तथा आम नागरिकों द्वारा कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अत: कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
राजीव गांधी विद्युतीकरण अंतर्गत कार्य
[ऊर्जा]
75. ( क्र. 871 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजनांतर्गत ग्रामों में विद्युतीकरण का कार्य कराया गया है? (ख) यदि हाँ तो कटनी जिले में विगत 05 वर्षों में कैपकान इंडिया प्राईवेट लिमिटेड कोलकाता द्वारा कितने कार्य कराये गये है? उनमें से कितने कार्य पूर्ण हुये, कितने कार्य अपूर्ण/अप्रारंभ है? टेंडर की समयावधि के अंदर कार्य पूर्ण न होने के कारण विभाग द्वारा संबंधित ठेकेदार के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? तिथिवार, कार्यवाहीवार बताएं? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार कराये गये कार्यों का भौतिक सत्यापन किन-किन अधिकारियों द्वारा किया गया है? अधिकारी के नाम, पता सहित विवरण दें? (घ) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा प्रश्नांकित मामले में अधीक्षण अभियंता (संचा-संधा), कार्यपालन अभियंता (संचा-संधा) कटनी को प्रेषित पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई है? पत्रवार, तिथिवार, कार्यवाहीवार पृथक-पृथक विवरण दें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) जिला कटनी में 5 वर्षों में नहीं, अपितु वित्तीय वर्ष 2015-16 में कार्य प्रारंभ कर प्रश्न दिनांक तक मेसर्स कैपकान इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, कोलकता द्वारा सभी कार्य पूर्ण किए गए हैं। पूर्ण किये गये कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। निविदा की शर्तों के अनुसार ठेकेदार द्वारा निर्धारित समयावधि में कार्य पूर्ण न करने के कारण ठेकेदार के आगामी देयकों से क्षतिपूर्ति राशि रु. 1.25 करोड़ की वसूली किया जाना प्रस्तावित है। चूंकि अभी कार्यवाही की जाना है, अतः तिथिवार, कार्यवाहीवार जानकारी वर्तमान में दिया जाना संभव नहीं है। (ग) उक्त योजनांतर्गत कार्यों का भौतिक सत्यापन थर्ड पार्टी इन्सपेक्शन हेतु नियुक्त एजेंसी (टी.पी.आई.ए.) मेसर्स वेपकान लिमिटेड (भारत सरकार का उपक्रम), गुरुग्राम द्वारा किया जा रहा है। एजेन्सी का रजिस्टर्ड पता 5वां फ्लोर, कैलास बिल्डिंग, 26, कस्तुरबा गांधी मार्ग, नई दिल्ली- 110001 एवं कॉर्पोरेट कार्यालय का पता 76-सी, औद्योगिक क्षेत्र, सेक्टर-18, गुरुग्राम, हरियाणा-122015 है। (घ) प्रश्नांकित मामले में कार्यपालन अभियंता (संचा-संधा) संभाग, कटनी को पत्र प्रेषित किए गए थे जिन पर की गयी कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
बैतूल जिले में हवाई पट्टी का निर्माण
[विमानन]
76. ( क्र. 885 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल जिले में हवाई पट्टी बनाए जाने की कोई योजना है? (ख) यदि हाँ तो हवाई पट्टी कहाँ बनाई जा रही है तथा कब तक बना दी जाएगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) वित्तीय संसाधनों के परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में कोई योजना नहीं हैं। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बैतूल जिले में विद्युतीकरण संबंधी
[ऊर्जा]
77. ( क्र. 886 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में ऐसे कितने ग्राम हैं जो विद्युत विहीन है? क्या ऐसे ग्रामों अथवा अन्य विद्युतीकृत ग्रामों की बसाहट एवं ढाने या वार्ड भी विद्युत विहीन है? (ख) क्या विद्युत से वंचित इन ग्रामों की बसाहटों/वार्डों/ढानों में विद्युतीकरण किए जाने की सरकार की कोई योजना है? (ग) यदि हाँ तो क्या योजना है तथा कब तक यहां विद्युतीकरण कर दिया जाएगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) बैतूल जिले में कोई भी ग्राम अविद्युतीकृत नहीं है। तथापि बैतूल जिले के 572 विद्युतीकृत ग्रामों की लगभग 728 बसाहट एवं ढाने अविद्युतीकृत है। (ख) जी हाँ। (ग) बैतूल जिले हेतु 12वीं पंचवर्षीय योजना के अंतर्गत स्वीकृत राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाली 112 बसाहटों/ढानों में विद्युतीकरण का कार्य सम्मिलित है। उक्त कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स बी.एस. लिमिटेड हैदराबाद को अवार्ड जारी किया गया है तथा ठेकेदार एजेन्सी से उक्त कार्य दिसम्बर 2017 तक पूर्ण कराए जाने के प्रयास किये जा रहे है। बैतूल जिले हेतु स्वीकृत दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाली 290 बसाहटों/ढानों के विद्युतीकरण का कार्य सम्मिलित है। उक्त कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स फेडर्स इलेक्ट्रिक एवं इंजीनियरिंग नई दिल्ली तथा मेसर्स अग्रवाल पावर प्राइवेट लिमिटेड, भोपाल को दिनांक 18.05.2017 को अवार्ड जारी किया गया है तथा कार्य पूर्णता की तिथि अवार्ड की दिनांक से 24 माह निर्धारित है। बैतूल जिले की शेष 326 बसाहटें/ढाने 100 से कम आबादी वाले हैं तथा इनके विद्युतीकरण का कार्य वित्तीय उपलब्धता अनुसार सौभाग्य योजना में दिसम्बर 2018 तक पूर्ण करने के प्रयास किये जायेंगे।
न्यायिक जांच आयोग की शक्तियां
[सामान्य प्रशासन]
78. ( क्र. 893 ) श्री बाला बच्चन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जांच आयोग अधिनियम 1952 (1952 का 60) की प्रति देवें तथा बतावें कि जांच आयोग की अनुशंसा को मानना शासन पर बंधनकारक है या नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? इस संदर्भ में यदि अपेक्स कोर्ट द्वारा कोई फैसला दिया गया हो तो उसकी प्रति देवें। (ख) किसी घटना पर जांच हेतु गठित न्यायिक आयोग के कार्यकाल एवं शासन को रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बाद विधान सभा प्रश्नों के जवाब दिए जा सकते हैं तथा सूचना के अधिकार के तहत जानकारी दी जा सकती है? विधि सम्मत राय देवें। (ग) क्या न्यायिक जांच आयोग की कार्यवाही के चलते विभागीय जांच की जा सकती है? नियम की छायाप्रति देवें। (घ) यदि कोई न्यायिक जांच आयोग अधिनियम 1952 (1952 का 60) के नियमों की अवहैलना कर जांच कार्यवाही करता है तो इस संदर्भ में कहाँ शिकायत की जा सकती है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जांच आयोग अधिनयम, 1952 (1952 का 60) की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। जी नहीं। विभाग में अपेक्स कोर्ट का कोई फैसला उपलब्ध नहीं है। (ख) जांच प्रतिवेदन विधानसभा के पटल पर रखे जाने के पश्चात विधान सभा के प्रश्नों का उत्तर अथवा सूचना के अधिकार के अंतर्गत जानकारी दी जा सकती है। (ग) जी हाँ। (घ) राज्य शासन को।
म.प्र. में गणेश चतुर्थी एवं मकर संक्रांति के अवकाश हेतु
[सामान्य प्रशासन]
79. ( क्र. 899 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संपूर्ण म.प्र. में गणेश चतुर्थी एवं मकर संक्रांति का पर्व सभी हिन्दुओं के द्वारा घर-घर में तथा सार्वजनिक रूप से मनाया जाता है? (ख) यदि हाँ तो क्या म.प्र. शासन द्वारा उक्त पर्वों के लिये शासकीय कार्यालय एवं स्कूलों के कर्मचारियों तथा छात्र-छात्राओं हेतु क्या शासकीय अवकाश अथवा ऐच्छिक अवकाश घोषित किया गया है? (ग) यह ऐच्छिक अवकाश घोषित किया गया है तो किसी कर्मचारी के ऐच्छिक अवकाश पर होने से दूर-दराज के क्षेत्र से कार्यालयीन कार्य के लिये कार्यालय में आने वाले व्यक्ति को आर्थिक व मानसिक परेशानी होती है? (घ) क्या शासन के शासकीय कर्मचारियों छात्र-छात्राओं एवं जनता की धार्मिक भावना को देखते हुये जनहित में उसे शासकीय अवकाश घोषित करेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, उक्त दोनों पर्व पर शासकीय कर्मचारियों के लिए ऐच्छिक अवकाश घोषित है। (ग) जी नहीं। कार्यालय में उपस्थित अन्य कर्मचारियों द्वारा कार्य सम्पादित कर लिया जाता है। (घ) सामान्य अवकाश की संख्या को कम करने के उद्देश्य से कई पर्वो पर शासन द्वारा ऐच्छिक अवकाश घोषित किया गया है। उक्त दोनों पर्वों पर ऐच्छिक अवकाश घोषित किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राजगढ़ विधान सभा की परियोजना खुजनेर में सामग्री क्रय की स्थिति
[महिला एवं बाल विकास]
80. ( क्र. 901 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) राजगढ़ जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग की परियोजनाएं किस-किस स्थान पर संचालित हैं? विधान सभावार बतावें। (ख) राजगढ़ जिले की विधान सभा क्षेत्र राजगढ़ की परियोजना कार्यालय राजगढ़, खुजनेर एवं खिलचीपुर में 01 जनवरी, 2016 से आज दिनांक तक कौन-कौन परियोजना अधिकारी कार्यरत अथवा प्रभार में रहे हैं? (ग) क्या परियोजना अधिकारी खुजनेर द्वारा परियोजना कार्यालय हेतु कोई सामग्री भी क्रय की गई है? यदि हाँ तो 1 जनवरी 2016 से आज दिनांक तक कौन-कौन सी सामग्री किस नियम से एवं किस दर पर क्रय की गई है? (घ) क्या 01 जनवरी, 2016 से आज दिनांक तक परियोजना अधिकारी खुजनेर द्वारा परियोजना के ग्रामों के अतिरिक्त भी किसी ग्राम के निरीक्षण करने पर वाहनों के बिलों का भुगतान कर लिया गया है? यदि हाँ तो किन-किन ग्रामों की कितनी-कितनी राशि आहरित की गई है? इसकी जांच किस अधिकारी के द्वारा की गई तथा उस पर क्या कार्यवाही की गई?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) राजगढ जिले में 10 परियोजनाऐं संचालित हैं, विधानसभावार परियोजनाओं में स्थान की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' पर है। (ख) परियोजना कार्यालय राजगढ, खुजनेर एवं खिलचीपुर में 1 जनवरी 2016 से आज दिनांक तक कार्यरत परियोजना अधिकारी/प्रभारी परियोजना अधिकारी की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ख'' पर है। (ग) परियोजना अधिकारी खुजनेर द्वारा 1 जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक कार्यालयीन स्टेशनरी के अतिरिक्त अन्य कोई सामग्री क्रय नहीं की गई। (घ) हाँ जुलाई 16 से जुलाई 17 तक परियोजना अधिकारी पचौर को परियोजना खुजनेर का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया था, इस अवधि में इनके द्वारा परियोजना खुजनेर के ग्रामों के अतिरिक्त ग्रामों के भ्रमण पर व्यय राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ग'' पर है।
परिशिष्ट - ''सत्तावन''
राजगढ़ विधानसभा के ग्राम संडियाकुओं में विद्युत ग्रिड की स्थापना
[ऊर्जा]
81. ( क्र. 902 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ के विकासखण्ड खिलचीपुर में ग्राम संडियाकुओं में विद्युत ग्रिड स्थापित किये जाने की कोई योजना है? (ख) ग्राम संडियाकुओं तहसील मुख्यालय खिलचीपुर से तथा ग्राम सेमलापुरा से 15 कि.मी. की दूरी पर स्थित है जिससे उक्त ग्राम में तथा उसके पास के ग्रामों में विद्युत सप्लाई में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है? (ग) यदि हाँ तो क्या शासन उक्त ग्रामवासियों की विद्युत की परेशानी को देखते हुए शीघ्र विद्युत ग्रिड स्थापित करेगा। यदि हाँ तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) ग्राम संडियाकुआँ एवं आसपास के ग्रामों में रबी सीजन के दौरान कतिपय अवसरों पर विद्युत प्रदाय सुचारू रूप से प्रदाय करने में कठिनाई आती है। इस हेतु ग्राम संडियाकुआँ में 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र की स्थापना किया जाना प्रस्तावित है, जिससे उक्त ग्राम एवं निकटवर्ती ग्रामों में गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय किया जा सकेगा। (ग) ग्राम संडियाकुआँ में 33/11 के.व्ही. नवीन उपकेन्द्र का निर्माण वित्तीय उपलब्धता अनुसार आगामी योजनाओं में सम्मिलित कर किया जावेगा। अत: वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अ.जा. कल्याण विभाग अ.जा. वर्ग के व्यक्तियों एवं छात्र-छात्राओं हेतु संचालित योजनाएं
[अनुसूचित जाति कल्याण]
82. ( क्र. 955 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिम जाति कल्याण विभाग के अंतर्गत अ.जा. वर्ग के व्यक्तियों एवं छात्र-छात्राओं के लिए कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही हैं योजनाओं के आदेश की प्रति उपलब्ध कराई जावे? (ख) क्या अ.जा.के छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए विदेश भेजने की योजना है ? यदि हाँ, तो म.प्र. से कितने छात्र-छात्राए विदेश अध्ययन के लिए भेजे गए नाम पता सहित जानकारी देवें? (ग) क्या इन वर्ग के छात्र-छात्राओं को कोचिंग क्लासों में प्रशिक्षण/दक्षता के लिए भी योजना संचालित है, यदि है तो विषयवार पृथक-पृथक कोचिंग के लिए कितनी-कितनी छात्रवृत्ति दिए जाने का प्रावधान है? क्या स्वीकृत छात्रवृत्ति वर्तमान महंगाई को देखते हुए पर्याप्त है? यदि नहीं, तो क्या छात्रवृत्ति में बढ़ोतरी की जावेगी? क्या निजी कालेजों में अध्ययन कर रहे अ.जा. के छात्र-छात्राओं से कालेज प्रबंधन द्वारा मनमानी फीस वसूली जाती है? यदि हाँ, तो क्यों? विभाग द्वारा इन प्रबंधनों को प्रति वर्ष प्रति छात्र-छात्राओं के मान से कितनी फ़ीस अदा की जाती है तथा छात्र-छात्राओं को कितनी छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है? विवरण सहित बताएं। (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित योजनाओं से इन वर्गों के कितने व्यक्तियों को विगत दो वर्षों में लाभान्वित किया गया है? जिलेवार संख्यात्मक जानकारी देवें। क्या इन योजनाओं से इस वर्ग के व्यक्ति आत्मनिर्भर एवं आर्थिक रूप से सुदृढ़ हुए हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। 47 छात्र छात्राएं विदेश अध्ययन के लिए भेजे गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। प्रशिक्षणरत विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति प्रदान नहीं की जाती है। नियमानुसार शिष्यवृत्ति प्रदान की जाती है जो पर्याप्त है। निजी कालेजों द्वारा मनमानी फीस वसूल करने का प्रकरण विभाग के संज्ञान में नहीं आया है। विभाग द्वारा निजी महाविद्यालयों को सीधे फीस भुगतान नहीं की जाती है वरन विद्यार्थियों को फीस भुगतान की जाती है। निजी महाविद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को आठ विशेष पाठ्यक्रमों के लिये मध्यप्रदेश फीस नियामक समिति द्वारा पाठ्यक्रमों हेतु निर्धारित न्यूनतम फीस दी जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। शेष पाठ्यक्रमों हेतु शासकीय महाविद्यालयों के लिए निर्धारित फीस के समान फीस दी जाती है। (घ) 788293 व्यक्तियों को विगत 2 वर्षों में लाभान्वित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। जी हाँ।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिकाओं के चयन में अनियमितता
[महिला एवं बाल विकास]
83. ( क्र. 957 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सतना जिले के अंतर्गत महिला एवं बाल विकास सेवा के अधीन किन-किन विकासखंडों के एकीकृत बाल विकास परियोजना कार्यालयों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिकाओं के चयन में अनियमितता की शिकायतें जिला कार्यालय में विचाराधीन हैं तथा कितने प्रकरण कलेक्टर/अपर कलेक्टर कार्यालय में लंबित हैं? (ख) क्या एकीकृत बाल विकास परियोजना कार्यालय विकासखंड मझगवां के अंतर्गत आंगनवाड़ी केंद्र बुन्देलापुर में आंगनवाड़ी सहायिका के चयन में चयनकर्ताओं द्वारा बिना अंकसूची सत्यापन के प्रतिशत के आधार पर अनंतिम सूची जारी की गई है जबकि आवेदिका द्वारा प्रतिशत में ओवर राइटिंग कर प्रतिशत बढ़ा लिया गया और इसी आधार पर सर्वाधिक अंक देकर नियुक्ति आदेश जारी कर दिया गया, क्यों? क्या इसमें पूरी चयन समिति दोषी नहीं है? यदि है तो इन पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या अनंतिम सूची के प्रकाशन उपरांत दावा आपत्ति प्राप्त हुए थे? यदि हाँ, तो किन-किन आवेदिकाओं द्वारा चयनित आवेदिका के विरुद्ध आपत्ति दर्ज कराइ गई थी? उक्त दावा आपत्ति का निराकरण बिना जांच पड़ताल किये आपत्ति निरस्त कर दोषी आवेदिका को ही चयनित कर दिया गया क्यों? क्या उक्त प्रकरण की जांच कराकर अनंतिम सूची के सरल क्रमांक 03 की पात्र आवेदिका की नियुक्ति की कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या लंबित प्रकरणों के निराकरण अविलम्ब कराये जावेंगे? यदि हाँ, तो निश्चित समय-सीमा बताएं।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) सतना जिले के अन्तर्गत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं के चयन में अनियमितता के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अपितु खंड स्तरीय समिति द्वारा जारी अनंतिम सूची के विरूद्ध 12 दावा/आपत्तियां जिला स्तरीय समिति के समक्ष विचारधीन है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं के चयन में अनियमितता के संबंध में कोई प्रकरण लंबित नहीं है। तदापि 34 अन्य प्रकरण कलेक्टर/अपर कलेक्टर न्यायालय में लंबित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) जी नहीं। एकीकृत बाल विकास परियोजना चित्रकुट (मझगंवा) अंतर्गत आंगनवाड़ी केन्द्र बुन्देलापुर में आंगनवाड़ी सहायिका के चयन में खंड स्तरीय समिति के द्वारा प्राप्त आवेदन पत्रों एवं संलग्न अंकसूची में उल्लेखित अंकों के आधार पर ही वर्तमान में केवल अनंतिम सूची जारी की गई है। अन्तिम सूची जारी नहीं की गई है। उक्त केन्द्र में किसी भी प्रकार की नियुक्ति न होने से शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ अनंतिम सूची के प्रकाशन के उपरान्त निम्नानुसार अभ्यर्थियों के द्वारा प्रथम वरीयता प्राप्त अभ्यर्थी के विरूद्ध आपत्ति दर्ज कराई गई थी :-1 श्रीमती ज्ञानवती साकेत एवं 2 श्रीमती चन्द्रकली डोहर। जी नहीं। जिला स्तरीय समिति द्वारा प्राप्त दावा/आपत्तियों एवं आवेदिकाओं के आवेदन पत्र एवं संलग्न अभिलेखों का परीक्षण किया जा कर अनंतिम सूची के प्रथम स्थान पर दर्ज आवेदिका निशा देवी सतनामी को अपात्र किया गया। पात्र आवेदिका का चयन जिला स्तरीय समिति द्वारा जांच उपरान्त ही किया गया है अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) जिले में चित्रकूट विधानसभा उपचुनाव के कारण आचार संहिता प्रभावशील होने से जिला स्तरीय समिति की बैठक का आयोजन नहीं किया गया है। लंबित प्रकरणों में जांच हेतु पत्र विभिन्न विभागों को जारी किये गये है। जानकारी प्राप्त होते ही जिला स्तरीय समिति की बैठक आयोजित कर लम्बित दावा/आपत्तियों का निराकरण कर लिया जायेगा।
स्लेब रेट बढ़ जाने की विसंगति दूर करने बावत.
[ऊर्जा]
84. ( क्र. 964 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र पनागर में मीटर रीडिंग न होने की स्थिति में कई माहों का बिल एक साथ दिया जाता है? (ख) यदि हाँ, तो क्या रीडिंग की गणना में प्रत्येक माह की खपत के अनुसार दर लगाई जाती है? (ग) यदि नहीं, तो क्या कई माहों की मीटर रीडिंग होने से स्लेब रेट बढ़ जाता है? (घ) क्या इस समस्या के निदान के लिये कंपनी विचार करेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं, विधानसभा क्षेत्र पनागर में मासिक रीडिंग की जाकर मासिक बिल जारी किये जाते हैं। (ख) किसी कारणवश किसी माह में रीडिंग नहीं हो पाने की स्थिति में बिजली बिल की गणना मासिक खपत के अनुपात में तय दरों के आधार पर की जाती है, जिससे स्लेब दर नहीं बढ़ती है एवं उपभोक्ता को स्लेब का लाभ मिल जाता है। (ग) उत्तरांश ''ख'' में दर्शाई गई प्रक्रिया अनुसार बिल की गणना करने से कई माहों की मीटर रीडिंग होने की स्थिति में भी स्लेब दर नहीं बढ़ती है। (घ) उत्तरांश ''ख'' एवं ''ग'' में दर्शाए अनुसार कतिपय कारणों से किसी उपभोक्ता की मीटर रीडिंग नहीं होने पर भी उक्त प्रक्रिया अपनाने से संभावित समस्या का स्वतः निराकरण हो जाता है। फिर भी विशेष परिस्थितियों में बिलिंग प्रणाली में डाटा फीडिंग में त्रुटि होने के कारण बढ़े हुए स्लेब से बिलिंग हो जाने पर ऐसे बिलों में सुधार की कार्यवाही की जाती है। पनागर विधानसभा क्षेत्र में भी शिकायत निवारण शिविरों का आयोजन किया जाकर उपभोक्ताओं से प्राप्त शिकायतों का निराकरण/समाधान किया जा रहा है, जो कि एक सतत् प्रक्रिया है।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं/सहायिकाओं की नियुक्ति!
[महिला एवं बाल विकास]
85. ( क्र. 991 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सुसनेर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विगत 03 वर्षों में किन-किन आंगनवाड़ी केन्द्रों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका की नियुक्ति की गई हैं? नियुक्ति संबंधी सत्यापित सूची उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रस्तुत दावे आपत्तियों एवं मेरिट सूची की सत्यापित प्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में आयोजित बैठक के कार्यवाही विवरण की सत्यापित प्रति उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में किन-किन नियुक्ति प्रकरणों में अपील जिला स्तर पर की गई हैं एवं अपील का निराकरण किस स्तर पर प्रचलित हैं? प्रकरणवार पूर्ण विवरण देवें? निराकृत अपीलों में जारी आदेश की सत्यापित प्रति उपलब्ध करावें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) सुसनेर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विगत 03 वर्षों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिकाओं की नियुक्ति संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रस्तुत दावे आपत्ति एवं मेरिट सूची संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) बैठक के कार्यवाही विवरण की सत्यापित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) निराकृत अपीलों में जारी आदेशो की सत्यापित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
सांसदों एवं विधायकों के पत्रों पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
86. ( क्र. 1007 ) श्री प्रताप सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह लोक सभा क्षेत्र के माननीय सांसद एवं चारों विधायकगण द्वारा वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक दमोह जिला कलेक्टर एवं समस्त शासकीय जिला विभाग प्रमुखों को कब-कब किस-किस समस्या से संबंधित पत्राचार किये गये? क्या किये गये पत्राचार का प्रत्युत्तर माननीय सांसद एवं विधायकगण को दिया गया? यदि हां, तो उसकी सूची उपलब्ध करावें? (ख) कलेक्टर दमोह एवं समस्त जिला प्रमुखों के अतिरिक्त विकासखंड/तहसील स्तर पर प्रश्नकर्ता द्वारा भेजे गये पत्रों में से कितने पत्रों का समाधान/निराकरण कर वापिस जवाब भेजा गया तथा कितने पत्र प्रश्न दिनांक तक कार्यवाही के लिए शेष हैं, शेष रहने का क्या कारण है? कारण दर्शाते हुए सूची उपलब्ध करावें? (ग) क्या जनप्रतिनिधियों द्वारा किये गये पत्राचार का प्रत्युत्तर दिये जाने हेतु कोई समय-सीमा निश्चित की गई है? यदि हाँ तो बतलावें तथा शासनादेश की एक प्रति उपलब्ध करावें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पवन ऊर्जा संयंत्र
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
87. ( क्र. 1008 ) श्री प्रताप सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबेरा विधानसभा क्षेत्र में पवन ऊर्जा संयंत्र स्थापित किये जाने हेतु क्या तकनीकी मापदण्ड हैं तथा स्थल की जांच किये जाने हेतु जो भी विशेषज्ञ शासन स्तर पर कार्यरत हैं, उनका पदनाम सहित विवरण देवें? (ख) पवन ऊर्जा की संभावना के परीक्षण हेतु जिला एवं शासन स्तर पर क्या कार्यवाही अपेक्षित है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जबेरा विधानसभा क्षेत्र अथवा किसी भी स्थल पर पवन ऊर्जा संयंत्र स्थापित किये जाने हेतु मुख्य रूप से निम्न तकनीकी मापदण्डों का सर्वेक्षण/मूल्यांकन किया जाता है :- 1) स्थल पर वायुवेग, 2) वायु की दिशा, 3) स्थल पर उपलब्ध विण्ड पावर डेन्सिटी, 4) स्थल पर आपेक्षित आद्रता (Relative Humidity), 5) स्थल की समुद्र सतह से ऊँचाई, 6) तापक्रम एवं 7) भूमि का प्रकार (वन, वनस्पति, अध्ययन)। स्थल सर्वेक्षण भारत सरकार, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की संस्था नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ विण्ड एनर्जी चैन्नई द्वारा किया जाता है। वर्तमान में इस संस्था के डॉ. राजेश कात्याल, विभाग प्रमुख (विण्ड रिर्सोस एसेसमेंट, वेलाचेरी, तांबरम मेन रोड़ पल्लीकरनई, चैन्नई, तमिलनाडु) द्वारा यह कार्य संपादित किया जा रहा है। (ख) शासन की पवन ऊर्जा क्रियान्वयन नीति-2012 के अन्तर्गत निजी इकाईयों द्वारा परियोजनाओं की स्थापना की जाती है। कोई स्थल विशेष, सर्वेक्षण उपरान्त तकनीकी एवं वित्तीय रूप से साध्य पाये जाने पर निजी इकाईयों द्वारा परियोजना की स्थापना की जाती है। उक्त के सन्दर्भ में जिला एवं शासन स्तर पर कोई भी कार्यवाही अपेक्षित नहीं है।
बी.सी.ओ. टू बी.सी.ओ. व्यवस्था समाप्त करने संबंधी
[वित्त]
88. ( क्र. 1018 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वित्त विभाग द्वारा ज्ञापन क्रमांक 118/52/2013/डी.ए./चार, भोपाल दिनांक 02.02.2013 के अनुसार बजट कन्ट्रोलिंग ऑफीसर से क्रियान्वयन विभाग के बजट कन्ट्रोलिंग ऑफिसर को (बी.सी.ओ. टू बी.सी.ओ.) परस्पर भुगतान की व्यवस्था के निर्देश दिये गये हैं? (ख) क्या उक्त निर्देश को वित्त विभाग द्वारा समाप्त किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या वित्त विभाग द्वारा ऐसा कोई आदेश दिया जावेग कि विधायक निधि की राशि जिला योजना अधिकारी से सीधे निर्माण एजेंसियों आर.ई.एस., पी.डब्ल्यू.डी. आदि को सीधे स्थानांतरित कर दी जावे? यदि नहीं, तो क्यों?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। प्रचलित प्रक्रिया के समस्त कार्यों का भुगतान निर्बाध रूप से हो रहा है। (ग) वित्त विभाग स्तर पर कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। प्रचलित प्रक्रिया अनुसार विधायक निधि की राशि का भुगतान निर्धारित प्रकिया से सुनिश्चित हो रहा है।
अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के छात्रों हेतु छात्रावास निर्माण
[अनुसूचित जाति कल्याण]
89. ( क्र. 1022 ) श्री राजेश सोनकर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पंडित मदन मोहन मालवीय होस्टल परिसर इन्दौर में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के छात्रों हेतु छात्रावास निर्माण किया जा रहा है? यदि हाँ, तो छात्रावास का निर्माण कब तक पूर्ण किया जायेगा? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में छात्रावास कितने छात्र संख्या के हिसाब से निर्मित किया जा रहा है? किस निर्माण ऐजेंसी द्वारा छात्रावास का निर्माण कार्य कराया जा रहा है? निर्माण कार्य कब प्रारंभ हुआ? कितनी लागत की स्वीकृति मिली थी व कब तक पूर्ण होना था? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के निर्मित छात्रावास भवन को निर्माण करने में विलंब हुआ? विलंब के कारण स्पष्ट करें? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में छात्रावास में छात्रों को कब तक प्रवेश दिया जायेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। छात्रावास का निर्माण दि. 28.02.2018 तक पूर्ण होने की संभावना है। (ख) छात्रावास 180 विद्यार्थियों हेतु निर्मित किया जा रहा है। निर्माण एजेन्सी परियोजना क्रियान्वयन इकाई, इंदौर है। निर्माण कार्य दि. 13.07.2016 को प्रारंभ हुआ। छात्रावास निर्माण हेतु रू. 518.28 लाख की स्वीकृति प्रदान की गई है। निर्माण कार्य दि. 30.09.2017 तक पूर्ण होना था। (ग) जी हाँ। स्थल परिवर्तन के कारण। (घ) शैक्षणिक सत्र 2018-19 में प्रवेश दिया जायेगा।
अधिकारी/कर्मचारियों के स्थानान्तरण
[नर्मदा घाटी विकास]
90. ( क्र. 1025 ) श्री राजेश सोनकर : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदा घाटी विकास संभाग इन्दौर में कौन-कौन से अधिकारी/कर्मचारी पिछले 05 वर्षों से एक ही जिले में पदस्थ हैं? कितने कर्मचारी ऐसे हैं जो एक ही स्थान पर 03 वर्ष से कार्यरत हैं? प्रत्येक की नाम सहित संपूर्ण जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में नर्मदा घाटी विकास के अन्तर्गत कार्यरत कर्मचारी/अधिकारी के स्थानान्तरण की नीति क्या है? नर्मदा घाटी विकास विभाग में एक ही स्थान पर कई वर्षों से पदस्थ कर्मचारियों/अधिकारियों को क्यों स्थानांतरित नहीं किया जा रहा है? (ग) क्या नर्मदा घाटी विकास संभाग इन्दौर में भी स्थानांतरण नीति अनुसार वर्षों से एक स्थान पर पदस्थ कर्मचारियों के स्थानांतरण किये जायेंगे? यदि हाँ, तो उपयंत्री/सहायक यंत्री व अन्य कर्मचारी/अधिकारियों को कब तक स्थानांतरित किया जायेगा?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा लागू स्थानांतरण नीति। नर्मदा घाटी विकास विभाग का स्वयं का कोई संवर्ग नहीं होने से कार्य संचालन हेतु अधिकारियों/कर्मचारियों की सेवाऐं अन्य विभागों से प्रतिनियुक्ति पर प्राप्त की जाती हैं। स्वीकृत पदों के मान से संबंधित विभागों द्वारा अधिकारियों/कर्मचारियों की सेवाऐं प्रतिनियुक्ति पर उपलब्ध नहीं कराने के कारण स्थानांतरण संभव नहीं हो रहा है। (ग) संबंधित विभागों द्वारा उपलब्ध पदों के मान से अधिकारियों/कर्मचारियों की सेवाऐं उपलब्ध कराने पर। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना
[ऊर्जा]
91. ( क्र. 1028 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में राजीवगांधी विद्युतीकरण योजनांतर्गत 2013 से प्रश्न दिनांक तक कितने ग्रामों के विद्युतीकरण के कार्य किये गये हैं? किये गये कार्यों की जानकारी की प्रशासनिक स्वीकृति की जानकारी देवें? । (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने गावों के कार्य पूर्ण हो कर भौतिक रूप से चालू हालत में संचालित हैं? कितने प्रगतिशील हैं एवं कितने कार्य बंद पड़े हैं? प्रगतिशील एवं बंद पड़े कार्यों के कारण सहित संख्या विधानसभावार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में उक्त कार्यों को समय अवधि में पूर्ण न करने के लिए कौन जिम्मेदार हैं? उसके विरूद्ध अब तक क्या कार्यवाही की गई है? आदेशों एवं पत्रों के साथ जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में क्या उक्त कार्यों को पूर्ण कर चालू करा दिये जायेंगे तथा अभी तक कार्य पूर्ण न करने वाले कम्पनी व ठेकेदार तथा अधिकारी के विरूद्ध कौन सी दण्डात्मक कार्यवाही कब तक की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) रीवा जिले हेतु राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत 11 वीं पंचवर्षीय योजना एवं 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत योजनाओं की स्वीकृति आर.ई.सी. लिमिटेड से क्रमश: दिनांक 18.03.2008 एवं दिनांक 03.03.2014 को प्राप्त हुई थी। रीवा जिले हेतु 11वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत योजनांतर्गत 178 अविद्युतीकृत ग्रामों के विद्युतीकरण तथा 1217 ग्रामों के सघन विद्युतीकरण का कार्य सम्मिलित था तथा उक्त सभी 1395 ग्रामों में विद्युतीकरण/सघन विद्युतीकरण का कार्य प्रश्नाधीन अवधि सहित योजना स्वीकृति दिनांक से पूर्ण कर लिया गया है। रीवा जिले हेतु 12वीं. पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत योजनान्तर्गत 1406 ग्रामों में सघन विद्युतीकरण का कार्य सम्मिलित था, जिनमें से प्रश्नाधीन अवधि में 1390 ग्रामों में सघन विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित अनुसार 11वीं एवं 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में कार्यपूर्णता वाले सभी क्रमश: 1395 एवं 1390 ग्रामों में कार्य भौतिक रूप से पूर्ण करने के उपरांत विद्युत प्रदाय चालू है। वर्तमान में 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत शेष 16 ग्रामों के सघन विद्युतीकरण का कार्य प्रगति पर है। विधानसभा क्षेत्रवार विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) के संदर्भ में निर्धारित समयावधि में कार्य पूर्ण नहीं होने पर ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स बजाज इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड, मुम्बई के देयकों से लिक्विडेटेड डैमेज के रूप में निविदा की शर्तों के अनुसार पैनाल्टी स्वरूप रूपये 7.36 करोड़ की राशि काटी गई है। निविदा की शर्तों के अनुरूप की गई उक्त कार्यवाही हेतु पृथक से कोई आदेश/पत्र जारी नहीं किया गया है। (घ) उत्तरांश (ग) के संदर्भ में शेष कार्यों को माह दिसंबर-17 तक पूर्ण किया जाना प्रस्तावित है। उत्तरांश (ग) में दर्शाए अनुसार विलंब के लिये जिम्मेदार ठेकेदार एजेन्सी के विरूद्ध निविदा की शर्तों के अनुसार कार्यवाही की गई है। उक्त परिप्रेक्ष्य में किसी अधिकारी के दोषी होने का प्रश्न नहीं उठता।
महिला बाल विकास विभाग की शिकायतों पर कार्यवाही
[महिला एवं बाल विकास]
92. ( क्र. 1029 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला रीवा में महिला बाल विकास विभाग में वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक बंद एवं संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों, स्वसहायता समूहों एवं स्वयं सेवी संस्थाओं द्वारा पौष्टिक आहार वितरण, सांझा चूल्हा एवं अन्य संचालित योजनाओं में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं, शिकायतों की जानकारी विकासखण्डवार, केन्द्रवार, वर्षवार एवं योजनावार देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्राप्त शिकायतों के निराकरण हेतु कौन से निर्देश व शासनादेश हैं। उक्त शिकायतों के निराकरण हेतु अब तक कौन सी कार्यवाही की गई? केन्द्रवार, विकासखण्डवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के परिप्रेक्ष्य में सांझा चूल्हा, एम.डी.एम., पौष्टिक आहार के मेन्यू व निर्धारित राशि के लिए जारी आदेश व निर्देश की प्रति देवें तथा किन-किन केन्द्रों में उपरोक्त नियमानुसार केन्द्र संचालन न होने की शिकायतें हैं एवं उन पर अब तक क्या कार्यवाही की गई। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के संदर्भ में अब तक कौन-कौन से परियोजना अधिकारी व अन्य कर्मचारी व अधिकारी दोषी पाये गये हैं? दोषियों के विरूद्ध कौन सी कब तक दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) एकीकृत बाल विकास सेवा जिला रीवा अन्तर्गत विकासखण्डवार, केन्द्रवार एवं वर्षवार प्राप्त शिकायतों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार हैं। (ख) प्राप्त शिकायतों के संबंध में जाँच कर उचित कार्यवाही की गई हैं। कार्यवाही विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार हैं। (ग) विभागीय पत्र क्र.एफ 4-5/2014/50-2, भोपाल,दिनांक 24 फरवरी 2014 एवं पत्र क्र.एफ 4-5/2016/50-2, दिनांक 09.12.2016 के द्वारा सांझा चूल्हा के तहत् पौष्टिक आहार के मीनू एवं राशि निर्धारित की गई हैं। आदेश की छाया प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार हैं। केन्द्रवार प्राप्त शिकायतों एवं उन पर की गई कार्यवाही पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार हैं। (घ) शिकायत पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार हैं।
नवीन कार्यालय भवन की स्वीकृति
[वाणिज्यिक कर]
93. ( क्र. 1032 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 836 दिनांक 18 जुलाई 2017 के उत्तर की कंडिका (क) में बताया गया था कि पुराने कार्यालय आबकारी भवन एवं मद्द भांडागार को तोड़कर नवीन कार्यालय एवं मद्द भांडागार भवन बनाया जावेगा, जिस हेतु भूमि उपलब्ध है तथा प्रकरण में लोक निर्माण विभाग से तकनीकी स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलन में है? (ख) यदि हाँ तो क्या प्रश्न दिनांक तक तकनीकी स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है? (ग) यदि हाँ तो कब तक उपरोक्तानुसार कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान कर आवश्यक राशि प्रदान की जावेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिले में कुपोषण की स्थिति के संबंध में
[महिला एवं बाल विकास]
94. ( क्र. 1033 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) 1 फरवरी 2017 से प्रश्न दिनांक तक राजगढ़ जिले में कितने कुपोषित बच्चों को चिन्हित किया जाकर कुपोषण से मुक्त कराया गया तथा कितने बच्चें कुपोषण से मुक्त नहीं हुये हैं? इसके क्या कारण हैं तथा विभाग द्वारा बच्चों को कुपोषण मुक्त कराये जाने हेतु क्या ठोस कार्यवाही की गई? (ख) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 6747 दिनांक 24 मार्च 2017 के उत्तर में दी गई जानकारी अनुसार 22446 बच्चे कम एवं अतिकम वजन की श्रेणी में बताये गये थे? यदि हाँ तो उक्त बच्चों की स्थिति में सुधार की अद्यतन स्थिति क्या है? (ग) कुपोषण की दृष्टि से राजगढ़ जिलें का प्रदेश में कौन सा स्थान है? क्या प्रश्नांश (क) वर्णित अवधि में जिले में कुपोषण से किसी बच्चें की मृत्यु हुई है? यदि हाँ तो कितने बच्चों की?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) एक फरवरी 2017 से अक्टूबर 2017 तक राजगढ़ जिले में चिन्हित कुपोषित बच्चों की माहवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। प्रश्नांकित अवधि में 178 बच्चे कुपोषण से मुक्त हुए है तथा 29226 बच्चे अभी भी कुपोषित है। अपर्याप्त भोजन, स्वास्थ्य सेवाओं की अनुपलब्धता/पहुंच एवं उनका उपयोग न करना, आर्थिक सरंचना, संसाधनों की कमी, अनुचित आहार-व्यवहार, बीमारियां, परिवार में सदस्यों की अधिक संख्या, रोजगार की कमी, सामाजिक कुरीतियॉ, शिक्षा का अभाव इत्यादि कुपोषण से मुक्त नहीं होने के प्रमुख कारण है। विभाग द्वारा बच्चों को कुपोषण मुक्त कराए जाने हेतु पोषण स्तर में सुधार हेतु वृद्धि निगरानी के माध्यम से कम वजन एवं अतिकम वजन वाले बच्चों का चिन्हांकन किया जाता है तथा चिन्हांकित गंभीर कुपोषित बच्चों को पोषण प्रबंधन हेतु पोषण पुनर्वास केन्द्र में संदर्भित किया जाता है। बच्चों की पोषण स्थिति में सुधार हेतु एकीकृत बाल विकास सेवा योजनांतर्गत पूरक पोषण आहार प्रदाय एवं थर्ड मील उपलब्ध कराया जाता है। स्नेह सरोकार कार्यक्रम में स्थानीय प्रबुद्ध नागरिकों द्वारा देखभाल की जिम्मेदारी ली जाकर उनके माता-पिता को नियमित पोषण परार्मश दिया जाता है। पंचवटी से पोषण कार्यक्रम के अंतर्गत कुपोषित बच्चों के परिवारों को सूक्ष्म पोषक तत्वों से युक्त पदार्थ उपलब्ध कराने हेतु सहजना, नीबू, इमली, कबीट, संतरा, आंवला, करौंदा इत्यादि के पौधे उपलब्ध कराये गये हैं एवं इनके उत्पादों के उपयोग हेतु जागरूकता हेतु कार्य किया जा रहा हैं अतिकम वजन बच्चों की अधिक संख्या वाले चिन्हित ग्रामों में सुपोषण अभियान का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें 12 दिवसीय शिविर एवं फॉलोअप के माध्यम से बच्चें की माता को पोषण संबंधी व्यवहारों का सहभागी प्रदान किया जाता है। विभाग द्वारा कुपोषित बच्चों की वर्तमान में संख्या का आंकलन करने हेतु विशेष वजन अभियान का आयोजन 01 नवम्बर 2016 से 28 फरवरी 2017 तक किया गया। इस अभियान में सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पर्यवेक्षकों द्वारा बच्चों का वजन लेकर उनके पोषण स्तर का निर्धारण किया गया। इस अभियान में चिन्हित कम वजन एवं अतिकम वजन के बच्चों के पोषण स्तर में सतत् सुधार तथा फॉलोअप हेतु विशेष पोषण अभियान प्रारंभ किया गया है। (ख) जी हाँ, विधानसभा प्रश्न क्र. 6747 के उत्तर में दी गई जानकारी अनुसार 22446 बच्चें कम एवं अतिकम वजन की श्रेणी में बताए गए थे। कुपोषित बच्चो में से 178 बच्चे सामान्य श्रेणी में आ गए है। (ग) कुपोषण की दृष्टि से N.F.H.S. 4 (2015-16) के अनुसार राजगढ़ जिले का प्रदेश में 14वां स्थान है। प्रश्नांश (क) वर्णित अवधि में जिले में कुपोषण से किसी बच्चें की मृत्यु दर्ज नहीं की गई है।
मुख्यमंत्री की घोषणाओं का क्रियान्वयन
[सामान्य प्रशासन]
95. ( क्र. 1035 ) श्री जसवंत सिंह हाड़ा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2013 से अभी तक माननीय मुख्यमंत्री द्वारा क्षेत्र भ्रमण के दौरान अभी तक कुल कितनी घोषणाऍ की गई हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत क्या सभी घोषणाओं को पूर्ण कर दिया गया है? यदि नहीं, तो ऐसी कितनी घोषणाएं हैं जो पूर्ण होना शेष हैं तथा उन घोषणाओं को कब तक पूरा कर दिया जायेगा।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) वर्ष 2013 से प्रश्नांकित अवधि में विधानसभा क्षेत्र (168) - शुजालपुर में कुल 17 घोषणाऐं की गई है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। घोषणाओं के क्रियान्वयन की एक सतत प्रक्रिया है, निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शुजालपुर में नवीन कन्या छात्रावास भवन निर्माण
[अनुसूचित जाति कल्याण]
96. ( क्र. 1036 ) श्री जसवंत सिंह हाड़ा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत शुजालपुर में नवीन अ.जा. कन्या छात्रावास भवन निर्माण किये जाने की कोई घोषणा की गई हैं? (ख) यदि हाँ, तो उक्त घोषणा को पूर्ण करने हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है तथा घोषणा को कब तक पूर्ण कर दिया जायेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) वित्तीय वर्ष 2017-18 में भवन निर्माण प्रस्तावित है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
बरगी बांध परियोजना
[नर्मदा घाटी विकास]
97. ( क्र. 1055 ) श्री तरूण भनोत : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर स्थित बरगी बांध से जुलाई 2017 से प्रश्न दिनांक तक कितनी बिजली बनाई गई एवं कितना पानी छोड़ा गया? क्या बिजली नहीं बनाने से नर्मदा नदी में बहाव खत्म हो जाता है? जून 2018 तक नर्मदा में किस प्रकार बहाव रखकर जनहित को लाभान्वित किया जा सकता है? क्या इस हेतु कार्ययोजना बनाई गई है? (ख) बरगी परियोजना कब से संचालित की जा रही है? इसकी पूर्णता हेतु क्या तिथि निर्धारित की गई है? अब तक उक्त परियोजना में कितना व्यय हो चुका है एवं कितना और संभावित है? (ग) बरगी बांध की नहरों से कौन-कौन सी लिफ्ट इरिगेशन योजना बनाई जा रही है अथवा प्रस्तावित है? ये योजना कब तक पूर्ण होगी? (घ) बरगी परियोजना के कितने अधिकारी/कर्मचारी मुख्यालय में तीन वर्ष से अधिक समय से पदस्थ हैं? जानकारी उनके नामवार, पदवार बताई जावें।
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जुलाई 2017 से दिनांक 08/11/2017 तक 27251218 यूनिट बिजली बनाई गई जिसके लिये 263.03 मिलियन घनमीटर पानी छोड़ा गया। जी नहीं। जी हाँ इसके लिये विभाग द्वारा कार्य योजना बनाई गई है। (ख) बरगी बांध का निर्माण वर्ष 1988 में पूर्ण होकर वर्ष 1989 से सिंचाई की जा रही है। पूर्णता वर्ष 2019 लक्षित है। दिनांक 30.09.2017 तक परियोजना पर कुल रूपये 1973.43 करोड़ व्यय हो चुका है एवं रूपये 286.97 करोड़ व्यय संभावित है। (ग) बरगी बांध की दांयी तट मुख्य नहर (बरगी व्यपवर्तन परियोजना) से ढीमरखेड़ा माईक्रो लिफ्ट इरिगेशन स्कीम बनाई जा रही है यह स्कीम माह अगस्त 2019 तक पूर्ण होना लक्षित है। इस नहर से स्लीमनाबाद-बडवारा माइक्रो उद्वहन सिंचाई योजना की डी.पी.आर.परीक्षणाधीन स्थिति में है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
लीज पर आवंटित भूमि पर पंजीयन शुल्क
[वाणिज्यिक कर]
98. ( क्र. 1067 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा सहकारी समितियों/संस्थाओं को आवास प्रयोजन हेतु लीज पर आवंटित नजूल भूमि पर निर्धारित प्रीमियम बाजार मूल्य है या नहीं? इस मूल्य पर सहकारी समिति के क्रेता सदस्य को सैलडीड स्टाम्प ड्यूटी लगती है अथवा कलेक्टर गाईड लाईन के आधार पर स्टॉम्प ड्यूटी का भुगतान क्रेता को करना होता है? नियम की छायाप्रति देवें। (ख) क्या मध्यप्रदेश लिखितों के निमूल मूल्यांकन निवारण नियम 1975 के तहत राज्य सरकार की ओर लिखित पट्टे (लीज) में भूमि का मूल्य लिखे जाने पर भी कलेक्टर गाईड लाईन के अनुसार सदस्यों को भूमि हस्तांतरण विलेख (विक्रय पत्र) पर पंजीयन शुल्क लिया जाता है? यदि हां, तो क्या यह वैधानिक है? यदि नहीं, तो क्या शासन द्वारा लिया जाने वाले असंवैधानिक शुल्क को बंद किया जावेगा? क्या संपत्ति का मूल्यांकन गणना शुल्क, गणना पत्रक के अनुसार संपदा सॉफ्टवेयर द्वारा निर्धारित मुद्रांक एवं पंजीयन शुल्क लिया जाना वैधानिक है?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) शासन द्वारा निष्पादित लीज की लिखत में संपत्ति का बाजार मूल्य, प्रीमियम तथा भाटक, लिखत में दर्शित मूल्य को ही मान्य किए जाने के प्रावधान हैं। भारतीय स्टाम्प अनुसूची (1) (क) के अनुच्छेद 38 के अंतर्गत दिए गए स्पष्टीकरण 7 में तदाशय का स्पष्टीकरण दिया गया है। तत्संबंधी शासकीय अधिसूचना दिनांक 14/01/2016 की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। जहॉ तक सहकारी समिति के क्रेता सदस्य के पक्ष में निष्पादित सेल डीड पर प्रभार्य स्टाम्प शुल्क का संबंध है, यह लीज न होकर हस्तांतरण पत्र होने के कारण स्टाम्प अनुसूची (1) (क) के अनुच्छेद 25 के अधीन स्टाम्प शुल्क संपत्ति के गाइडलाइन अनुसार बाजार मूल्य अथवा संव्यवहार मूल्य इनमें से जो भी अधिक हो, पर प्रभार्य है। सेल डीड पर प्रभार्य स्टाम्प शुल्क का भुगतान भारतीय स्टाम्प अधिनियम की धारा 29 के अधीन क्रेता को करना होता है। संगत प्रावधानों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) राज्य सरकार की ओर से निष्पादित पट्टे में कलेक्टर गाइडलाइन अनुसार शुल्क नहीं लिया जाता अपितु सहकारी समिति/संस्थाओं द्वारा क्रेता सदस्यों के पक्ष में निष्पादित विक्रय पत्र पर कलेक्टर गाइडलाइन अनुसार शुल्क लिया जाता है, जो वैधानिक है। संपदा सॉफ्टवेयर द्वारा वैधानिक प्रावधान अनुसार ही संपत्ति का मूल्यांकन व शुल्क गणना की जाती है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पाटन विधान सभा अंतर्गत प्रस्तावित नहर निर्माण
[नर्मदा घाटी विकास]
99. ( क्र. 1068 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रानी अवंती बाई सागर परियोजना अंतर्गत पाटन विधानसभा क्षेत्र में कितनी लंबाई की कौन-कौन सी माईनर, सब माईनर नहरें प्रस्तावित थी तथा प्रश्न दिनांक तक इन प्रस्तावित नहरों में से किन-किन नहरों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है तथा किन-किन नहरों का निर्माण कार्य अपूर्ण अथवा अप्रारंभ है? क्षेत्रवार सूची देवे? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अपूर्ण एवं अप्रारंभ निर्माण के क्या कारण हैं इनका निर्माण किस प्रकार से कब तक प्रारंभ कर कब तक प्रारंभ कर कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित नहरों से कितने रकबा क्षेत्र में सिंचाई प्रस्तावित थी तथा वर्तमान समय में कितने रकबा क्षेत्र में सिंचाई हो रही है? वित्त वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक रबी एवं खरीब फसलोंवार, कमान्ड ऐरियावार सूची देवें।
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) इनके निर्माण हेतु पुनरीक्षित प्राक्कलन तैयार कर, निविदा आमंत्रित की जाकर निर्माण कार्य वर्ष 2019 में पूर्ण किया जाना लक्षित है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
दोषियों पर कार्यवाही
[ऊर्जा]
100. ( क्र. 1081 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्रामीण क्षेत्र के परिवारों को 24 घण्टें विद्युत प्रदाय एवं कृषि पम्पों को न्यूनतम 08 घण्टे विद्युत प्रदाय करने के उद्देश्य से शासन द्वारा 2010 में फीडर विभक्तीकरण के कार्य को प्रारंभ किया गया था? (ख) यदि हां, तो इस योजना के पूर्ण करने की अवधि क्या थी, रीवा संभाग में इस कार्य हेतु कार्यादेश कब-कब किन-किन संविदाकार/ठेकेदारों को किस शर्त एवं अवधि में कार्य पूर्ण करने हेतु दिया था? क्या अनुबंध एवं शर्तों के अनुसार कार्य पूर्ण कराकर विद्युत प्रदाय प्रश्नांश (क) अनुसार किया जा रहा है, यदि हाँ तो कब से? अगर नहीं, तो कारण सहित बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में क्या रीवा संभाग में भौतिक सत्यापन की कार्यवाही की गई? यदि हाँ तो कब-कब? अगर नहीं, तो क्यों? अगर की गई तो फीडर स्तर पर प्रेषण एवं वितरण हानियां कितनी थी, हानियों को म.प्र. विद्युत नियामक आयोग के समक्ष लाया गया तो कब अगर नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) की योजना को प्रश्नांश (ख) के ठेकेदारों/संविदाकारों से कार्य समय पर पूर्ण न करा कर 24 घण्टे विद्युत प्रदाय उपभोक्ताओं को न करने एवं पम्पों को 08 घण्टें बिजली प्रदाय न किये जाने के लिये कौन दोषी है? कंपनी को पोषण एवं वितरण हानियां हुई, ठेकेदारों को लाभांवित किया गया तो इसके लिये दोषियों से हानि हुई राशि की वसूली के साथ उन पर अनुशासनात्मक कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ तो कब तक अगर नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) अटल ज्योति अभियान के अंतर्गत गैर कृषि उपभोक्ताओं को 24 घंटे तथा कृषि उपभोक्ताओं को 10 घंटे विद्युत प्रदाय की जा रही है, जिस हेतु ग्रामीण क्षेत्र में घरेलू एवं कृषि उपभोक्ताओं को पृथक-पृथक 11 के.व्ही. फीडर से विद्युत प्रदाय करने के लिये फीडर सेपरेशन योजना लागू की गयी है। (ख) इस योजना में कार्यादेश जारी करने के उपरांत 18 माह में कार्य पूर्ण करना था। रीवा संभाग में इस कार्य हेतु जारी किये गये कार्यादेश, ठेकदारों के नाम, शर्त तथा कार्य पूर्ण करने की अवधि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। कुछ ठेकेदारों द्वारा कार्य धीमी गति से किये जाने के कारण अनुबंध निरस्त किया गया तथा निविदा प्रक्रिया द्वारा पुनः नये ठेकेदारों को कार्यादेश जारी किये गये हैं। रीवा संभाग में जिन फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण नहीं हुआ है वहां भी अटल ज्योति अभियान के अंतर्गत कृषि उपभोक्ताओं को 10 घंटे तथा गैर कृषि उपभोक्ताओं को 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है, जिसका प्रश्नाधीन क्षेत्र में संचालन एवं संधारण संभागवार एवं दिनांकवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। भौतिक सत्यापन की कार्यवाही थर्ड पार्टी पर्यवेक्षण एवं कंपनी के नोडल अधिकारियों द्वारा सुनिश्चित की गई है। यह कार्यवाही कार्य संपादन के समय तथा कार्य पूर्ण होने के उपरांत की जाती है तथा यही प्रक्रिया रीवा संभाग में भी अपनाई गयी है। फीडर विभक्तिकरण योजना में कार्यादेश के अनुबंध की शर्तों में फीडरवार वितरण हानियों की गणना का प्रावधान नहीं था। अतः उक्त परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (घ) उत्तरांश (ख) में वर्णित अनुसार विद्युत प्रदाय किये जाने से किसी अधिकारी या कर्मचारी के दोषी होने का प्रश्न नहीं उठता। फीडर विभक्तिकरण योजना में वितरण ट्रांसफार्मर स्तर पर 12 प्रतिशत हानि लाई जानी चाहिए थी। जिन वितरण ट्रांसफार्मर पर 12 प्रतिशत से अधिक हानि पाई गयी उन पर अनुबंध की शर्तों के अनुरूप निर्धारित राशि की कटौती की गयी है। अतः ठेकेदार को लाभान्वित किये जाने तथा किसी के दोषी होने अथवा किसी से हानि की राशि की वसूली करने/अनुशासनात्मक कार्यवाही करने का प्रश्न नहीं उठता।
दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही बावत
[सामान्य प्रशासन]
101. ( क्र. 1086 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा प्रश्न क्र. 521 दिनांक 23.02.2017 में मुद्रित प्रश्न के उत्तर के साथ दिए गए पुस्तकालय परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' पर वर्णित निर्माण कार्यों की स्वीकृत हेतु माननीय प्रभारी मंत्री से अनुमोदन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में मुख्य सचिव म.प्र. शासन भोपाल को पत्र क्र. 969 दिनांक 28.07.2017 के माध्यम से प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा लेख किया गया था जिस पर भी कार्यवाही अपेक्षित है, तो क्यों बतावें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार प्रश्नांश दिनांक तक में कौन-कौन सी कार्यवाही की गई का पृथक-पृथक विवरण देवें दिनांक 23.02.2017 के बाद प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा आयुक्त राजस्व रीवा कलेक्टर एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को पत्र लिखे गये इन पत्रों पर कब-कब कौन-कौन सी कार्यवाही की गई का पृथक से विवरण देवे अगर कार्यवाही नहीं की गई तो कारण सहित बतावें? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार पत्रों पर समय पर कार्यवाही नहीं की गई तो इसके लिए कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी उत्तरदायी है, इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगे बतावे, अगर नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) एवं (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अधिकारियों की पदस्थापना
[सामान्य प्रशासन]
102. ( क्र. 1119 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर में अपर कलेक्टर, संयुक्त कलेक्टर, डिप्टी कलेक्टर के कितने पद स्वीकृत हैं? स्वीकृत पद के विरूद्ध कितने अधिकारी पदस्थ हैं? नाम, पद सहित जानकारी प्रदान करें? (ख) क्या एक अधिकारी को दो अनुभाग का प्रभार दिया गया है? क्या विभाग अन्य अधिकारी की पदस्थापना करने जा रहा है? यदि हाँ तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्रशासकीय आवश्यकता को देखते हुए पदस्थापना की जाती है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
बस्ती विकास से स्वीकृत कार्य
[जनजातीय कार्य]
103. ( क्र. 1126 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2014-15 से अब तक बस्ती विकास योजना में अनूपपुर जिले को कितनी धन राशि प्राप्त हुई है? वर्षवार जानकारी प्रदान करें। प्राप्त राशि से कुल कितने कार्य कराये गये हैं? कार्य का प्रकार, लागत, निर्माण एजेंसी तथा कार्य प्रगति की जानकारी प्रदान करें? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्य किस-किस जनप्रतिनिधि एवं प्रशासनिक अधिकारी के अनुशंसा से स्वीकृत हुआ है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रश्नांश अन्तर्गत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
बुधुआ माईनर नहर निर्माण
[नर्मदा घाटी विकास]
104. ( क्र. 1151 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिहोरा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत सिहोरा विकासखण्ड अंतर्गत एन.व्ही.डी.ए. बरगी नहर के 67.042 कि.मी. के आस-पास से बुधुआ माईनर स्वीकृत थी, जिसमें 2900 एकड़ का रकबा एवं लगभग 20 ग्रामों के किसानों को इसका लाभ मिलने वाला था। संपूर्ण परियोजना की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) इस महत्वपूर्ण परियोजना का कार्य अभी तक आरंभ क्यों नहीं कराया गया? विलंब के लिये कौन दोषी है? यह परियोजना का कार्य अब तक पूर्ण करा लिया जावेगा तथा किसानों को इसका लाभ कब से मिलने लगेगा?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) बुधवा माइनर के प्रस्तावित कमाण्ड में जल संसाधन विभाग के जलाशय के माध्यम से सिंचाई होने के कारण बुधवा माइनर का निर्माण नहीं किया गया था। वर्तमान परिस्थितियों में पुन: परीक्षण कर ग्रेविटी से जोड़े जाने योग्य होने पर यथाशीघ्र जोड़ा जायेगा।
प्रदेश के स्तम्भों द्वारा अपनाई गई नियम विरूद्ध नीति की वास्तविक स्थिति
[सामान्य प्रशासन]
105. ( क्र. 1156 ) श्री आरिफ अकील : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2009 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में किन-किन आई.ए.एस., आई.पी.एस. तथा आई.एफ.एस. के विरूद्ध लोकायुक्त में प्रकरण पंजीबद्ध किए गए हैं? नाम, पद व पदस्थी स्थान सहित सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में यह अवगत करावें कि शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई और प्रकरण तथा विभागीय विचाराधीन जांच कब तक पूर्ण करने का लक्ष्य था और समय पर किन-किन के द्वारा चालान प्रस्तुत नहीं करना तथा जांच कार्यवाही में विलंब के लिए कौन-कौन दोषी है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विद्युत दरों में वृद्धि की जानकारी
[ऊर्जा]
106. ( क्र. 1157 ) श्री आरिफ अकील : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विद्युत दरों का निर्धारण विद्युत अधिनियम 2003 के अंतर्गत निहित प्रावधानों के अंतर्गत मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा किया जाता है? यदि हाँ तो वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में प्रदेश में कब-कब किन-किन कारणों से विद्युत दरों में वृद्धि की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या विद्युत वितरण कंपनियों की लापरवाही एवं भ्रष्ट नीति के चलते उद्योगपतियों से करोड़ों रूपये की वसूली न करने के कारण तथा घाटा दर्शाकर विद्युत नियामक आयोग के समक्ष विद्युत दरों में वृद्धि किए जाने का प्रस्ताव दिए जाने पर शासन द्वारा विद्युत वितरण कंपनियों के कुप्रबंधन में सुधार हेतु प्रयास किए गए है? यदि हाँ तो बतावें और यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। विद्युत अधिनियम 2003 के अन्तर्गत निहित प्रावधानों के अन्तर्गत मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा विद्युत दरों का निर्धारण किया जाता है। मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2012-13 से 2017-18 तक की विद्युत दरों का पुनरीक्षण निम्न आदेश अनुसार किया गया:-
क्रमांक |
वित्तीय वर्ष |
म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी दर आदेश दिनांक |
प्रभावी तिथि |
1 |
2012-13 |
31.03.2012 |
10.04.2012 |
2 |
2013-14 |
23.03.2013 |
01.04.2013 |
3 |
2014-15 |
24.05.2014 |
01.06.2014 |
4 |
2015-16 |
17.04.2015 |
25.04.2015 |
5 |
2016-17 |
05.04.2016 |
13.04.2016 |
6 |
2017-18 |
31.03.2017 |
10.04.2017 |
विद्युत
अधिनियम 2003 के
अन्तर्गत
निहित
प्रावधानों
के अन्तर्गत
मध्यप्रदेश
विद्युत
नियामक आयोग
के विनिमय में
उल्लेखित
प्रावधानों
के तहत्
विद्युत
वितरण कंपनियों
को प्रत्येक
वर्ष सकल
राजस्व आवश्यकता
तथा वर्तमान
में प्रचलित
विद्युत दरों से
प्राप्त
राजस्व एवं
तदानुसार लाभ
एवं घाटे की
गणना के
अनुसार
प्रचलित
विद्युत दरों
में परिवर्तन
की याचिका
नियामक आयोग
के समक्ष प्रस्तुत
करना होता है।
मध्यप्रदेश
विद्युत
नियामक आयोग
द्वारा जन सुनवाई
एवं याचिका का
परीक्षण कर
दरों का पुनरीक्षण
किया जाता है।
(ख) उत्तरांश
'क' में
उल्लेखानुसार
प्रस्ताव
तैयार करते
समय विद्युत
कंपनियों
द्वारा सकल
राजस्व आवश्यकता
की गणना मध्यप्रदेश
विद्युत
नियामक आयोग
द्वारा निर्धारित
मापदण्डों
के आधार पर ही
की जाती है, न कि
वास्तविक व्यय
को आधार
मानकर। इसी
तरह मध्यप्रदेश
विद्युत
नियामक आयोग
द्वारा कंपनी की
आय को सम्पूर्ण
बिल की गई
राशि को आधार
मानकर तय किया
जाता है, न कि वास्तविक
वसूली गई राशि
को। कंपनी
द्वारा सभी
बड़े
बकायादार
उपभोक्ताओं
से बकाया राशि
वसूली हेतु
नियमानुसार सतत्
कार्यवाही की
जाती है।
पुछीकरगुंवा में 33 के.व्ही. विद्युत सब स्टेशन स्थापित करने बाबत्
[ऊर्जा]
107. ( क्र. 1170 ) श्री अनिल जैन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि विधान सभा क्षेत्र निवाड़ी के ग्राम पुछीकरगुंवा में ग्राम उदय से भारत उदय कार्यक्रम के अंतर्गत माननीय मुख्यमंत्री जी के द्वारा वहां 33 के.व्ही. विद्युत सब स्टेशन स्थापित किये जाने हेतु आश्वासन दिया गया था और क्या उक्त यूनिट स्थापित किये जाने हेतु विभाग के द्वारा परीक्षण किया गया है? यदि हाँ तो परीक्षण प्रतिवेदन से अवगत कराया जावे। (ख) ग्राम पुछीकरगुंवा में 33 के.व्ही. विद्युत सब स्टेशन कब तक स्थापित किया जा सकेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा ग्राम पुछीकरगुंवा में 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र स्थापित किये जाने हेतु परीक्षण कराया गया था। परीक्षण प्रतिवेदन निम्नानुसार है:- 1- वर्तमान में ग्राम पुछीकरगुवां जनपद पंचायत निवाड़ी को विद्यमान 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र तरीचरकलां से निर्गमित 11 के.व्ही. भीतरी फीडर से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। 2- 11 के.व्ही. भीतरी फीडर पर अधिकतम भार 80 एम्पीयर दर्ज हुआ है, जो कि निर्धारित मानकों के अनुरूप है। 3- फीडर के अंतिम छोर पर वोल्टेज रेग्यूलेशन 7.76 प्रतिशत है, जो कि निर्धारित मानकों के अनुरूप है। 4- उक्त फीडर पर सुचारू रूप से गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय पाया गया है। (ख) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार ग्राम पुछीकरगुंवा में 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र स्थापित किया जाना तकनीकी रूप से साध्य नहीं पाया गया है, अत: वर्तमान में कोई कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है।
जनजातीय विकास मद की आवंटित राशि का समर्पण
[जनजातीय कार्य]
108. ( क्र. 1185 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार आदिवासी विकास विभाग द्वारा अ.ज.जा.विकास मद 275 (1) के मद की राशि समर्पित की गई थी? (ख) यदि की गई थी तो कितनी राशि समर्पित की गई है? (ग) क्या वर्ष 2016-17 में धार जिले के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों से विभाग को कार्य स्वीकृति हेतु प्रस्ताव प्राप्त हुए थे? यदि हाँ, तो प्रस्तावित कार्य स्वीकृत क्यों नहीं किये गये तथा मद अंतर्गत राशि होने के बावजूद कार्य स्वीकृत नहीं करने पर दोषी अधिकारी/कर्मचारी पर क्या कार्यवाही की गई है या की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) वर्ष 2016-17 में 275 (1) की स्वीकृति नहीं होने से समर्पण का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्ष 2016-17 में संविधान के अनुच्छेद 275 (1) अन्तर्गत प्राप्त प्रस्तावों को भारत सरकार द्वारा निर्धारित स्प्रेडशीट में संकलित कर विभाग के पत्र दिनांक 27.05.2016 द्वारा भारत सरकार को स्वीकृति हेतु प्रेषित किये गये। भारत सरकार स्तर पर गठित प्रोजेक्ट एप्रेजल कमेटी की बैठक दिनांक 12.01.2017 में चर्चा उपरांत इन प्रस्तावों पर अनुमोदन प्रदान नहीं किया गया है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आपराधिक प्रकरण में चालान लगने के बाद निलंबित नहीं करने के संबंध में
[जनजातीय कार्य]
109. ( क्र. 1220 ) श्री हेमन्त सत्यदेव कटारे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनजातीय कार्य विभाग अंतर्गत आपराधिक मामलों में संबंधित दोषी अधिकारियों के विरूद्ध चालान पेश होने पर वर्ष 2016 एवं 2017 में किन-किन अपर संचालकों को कब-कब निलंबित किया गया? ब्यौरा और आदेशों की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या विभाग के पी.एच.डी. डिग्रीधारी एक अपर संचालक के विरूद्ध थाना जहांगीराबाद भोपाल में पंजीबद्ध अपराध क्र.889/2013 में दिनांक 10 अप्रैल 2014 को जिला एवं सत्र न्यायालय भोपाल में आ.सी.टी.नं.3009/2014 पर चालान पेश किया जा चुका है? क्या यह तथ्य विभाग के संज्ञान में है? यदि हां, तो संबंधित के विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर की याचिका क्र. एम.सी.आर.सी. 3267/2017 में दिनांक 11 अप्रैल 2014 को आदिम जाति/जनजातिय कार्य विभाग को क्या निर्देश दिये गये है? यदि निलंबन पर रोक नहीं लगाई गई है तो संबंधित अपर संचालक के निलंबन की कार्यवाही क्यों नहीं की गई और कब तक की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) अपराध क्रमांक 111/98 में श्री संजय वार्ष्णेय (मूल पद अपर संचालक) तत्कालीन सहायक आयुक्त, जनजातीय कार्य विभाग, जिला जगदलपुर, जिला बस्तर (छ.ग.) के विरूद्ध माननीय न्यायालय में चालान प्रस्तुत होने के कारण आदेश क्रमांक एफ 14-18/1998/1/25, दिनांक 30.03.2017 द्वारा निलंबित किया गया। इसी प्रकार अपराध क्रमांक 79/11 में श्री देव सिंह परमार, अपर संचालक, अनुसूचित जाति विकास, सतपुड़ा भवन, भोपाल के विरूद्ध माननीय न्यायालय, भोपाल में चालान प्रस्तुत होने के कारण विभागीय आदेश क्रमांक एफ 14-2/2012/1/25, दिनांक 04.09.2017 द्वारा निलंबित किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जी हाँ। श्री भण्डारी द्वारा माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर में एम.सी.आर.सी. क्रमांक 3267/14 प्रस्तुत की है, जिस पर दिनांक 11.04.2014 को माननीय न्यायालय जबलपुर द्वारा किसी प्रकार की अग्रिम कार्यवाही के विरूद्ध स्थगन आदेश दिया गया है। अत: कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। एम.सी.आर.सी. 3267/2017 का संबंध विभाग से नहीं होने के कारण किसी प्रकार की कार्यवाही अपेक्षित नहीं है। जानकारी पुस्तकाल में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
आंगनवाड़ी भवन का निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
110. ( क्र. 1221 ) श्री हेमन्त सत्यदेव कटारे : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र अटेर जिला भिण्ड अंतर्गत विगत दो वर्षों में आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण हेतु कौन-कौन से कार्य कितनी राशि के स्वीकृत किये गये? कार्यों की प्रगति के साथ विवरण दिया जावे? यदि कार्य प्रारंभ नहीं हुये तो इसके लिये उत्तरदायी कौन है? (ख) वर्ष 2017 के विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र अटेर के उप चुनाव के पूर्व विभागीय मंत्री एवं विभागीय अधिकारियों द्वारा अटेर विधान सभा क्षेत्र में नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने एवं सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवनों के निर्माण हेतु घोषणा की गई थी? घोषणा के अनुसार अभी तक संपन्न कार्यों की प्रगति कितनी है और यदि कार्य नहीं हुये तो विभाग द्वारा घोषणा के अनुरूप लंबित कार्य कराये जाने हेतु बजट धनराशि एवं स्वीकृति कब तक दी जावेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) भिण्ड जिले के विधानसभा क्षेत्र अटेर अन्तर्गत विगत दो वर्षों में प्रति आंगनवाड़ी भवन 7.80 लाख के मान से कुल 23 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृति दी गई है। जिनमें से 05 आंगनवाड़ी भवन पूर्ण, 12 आंगनवाड़ी भवन निर्माणाधीन तथा 06 आंगनवाड़ी भवन स्थल विवाद के कारण अप्रारंभ है। विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) जिला भिण्ड के अंतर्गत विभाग द्वारा वर्ष 2017 के विधानसभा क्षेत्र के उप चुनाव के पूर्व विभागीय मंत्री एवं विभाग द्वारा अटेर विधान सभा क्षेत्र में नवीन आंगनवाडी केन्द्र खोलने एवं आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवनों के निर्माण हेतु कोई भी घोषणा नहीं की गई। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
नरवाली ग्रेड के संबंध में
[ऊर्जा]
111. ( क्र. 1229 ) श्री उमंग सिंघार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले की गंधवानी विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत विकासखण्ड बाग के ग्राम नरवाली क्षेत्र में नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र की प्रशासकीय स्वीकृति की प्रमाणित प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। (ख) नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र की प्रशासकीय स्वीकृति होने के बाद भी कार्य अभी तक लंबित क्यों है? उक्त कार्य कब तक पूर्ण हो जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) धार जिले की गंधवानी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विकासखण्ड बाग के ग्राम नरवाली में नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र के स्थापना की प्रशासकीय स्वीकृति ए.डी.बी. योजना (पी.पी.आर.-41 लॉट क्रमांक-1) के तहत् की गई है। इस संबंध में पश्चिम क्षेत्र कंपनी द्वारा जारी पत्र की प्रतिलिपि संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र नरवाली हेतु चिन्हित भूखण्ड पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण, असमतल होने से, उक्त उपकेन्द्र हेतु भूखंड के समतलीकरण एवं फेन्सिंग का कार्य प्रगति पर है। उपकेन्द्र का कार्य माह मार्च-2018 तक पूर्ण किया जाना संभावित है।
परिशिष्ट - ''तिरसठ''
विद्युत उत्पादन की लक्ष्य प्राप्ति हेतु कितना प्रतिशत उत्पादन
[ऊर्जा]
112. ( क्र. 1230 ) श्री उमंग सिंघार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि वर्ष 2015-16 से अक्टूबर, 2017 तक म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के ताप विद्युत गृहों का कुल कितने प्रतिशत प्लांट यूटीलाईजेशन फेक्टर का लक्ष्य वर्षवार एवं माहवार दिया गया इसके विरूद्ध कितने प्रतिशत प्लांट यूटीलाईजेशन फेक्टर प्राप्त किया गया?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : वर्ष 2015-16 से अक्टूबर 2017 तक म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के ताप विद्युत गृहों के प्लांट यूटीलाईजेशन फेक्टर हेतु लक्ष्य एवं उसके विरूद्ध वास्तविक उपलब्धि का वर्षवार एवं माहवार विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
होस्टल अधीक्षकों की जानकारी संबंधी
[जनजातीय कार्य]
113. ( क्र. 1231 ) श्री उमंग सिंघार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में कितने आदिवासी सरकारी होस्टल संचालित हैं तथा उनके अधीक्षक कौन-कौन हैं तथा कब से उक्त होस्टल में पदस्थ हैं ? होस्टलवार, नाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) होस्टल अधीक्षकों तथा कर्मचारियों के स्थानांतरण के क्या नियम है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) धार जिले में 142 आदिवासी सरकारी होस्टल संचालित हैं जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) शासन की स्थानान्तरण नीति एवं आयुक्त जनजाति विकास के परिपत्र क्रमांक/छात्रावास/164/2017/23255 दिनांक 13/09/2017 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
छिन्दवाड़ा जिले में वनाधिकार का पट्टा प्रदाय किया जाना
[जनजातीय कार्य]
114. ( क्र. 1235 ) पं. रमेश दुबे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन भूमि पर वर्षों से काबिज अनुसूचित जन जाति के सदस्यों को वनाधिकार का पट्टा दिये जाने के संबंध में किन नियमों में क्या प्रावधान है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में छिन्दवाड़ा जिले में कितने पट्टे वितरण किये गये? विकासखण्ड चौरई एवं बिछुआ के मामले में वर्षवार, ग्रामवार, पंचायतवार, व्यक्तिवार नाम पता सहित अब तक वितरित किये गये पट्टे एवं अन्य विकासखण्डों के मामले में वर्षवार संख्यात्मक जानकारी प्रस्तुत करें? (ग) क्या वनग्राम कुर्सीपार के आदिवासी परिवारों द्वारा 30-40 वर्षों से वन भूमि पर काबिज होकर काश्त करने के आधार पर मांग किये गये वनाधिकार के पट्टा प्रदाय नहीं किये जाने के संबंध में प्रश्नकर्ता को आवेदन पत्र प्रस्तुत करने पर प्रश्नकर्ता ने पत्र क्रमांक 907 दिनांक 02.07.2017 कलेक्टर छिन्दवाड़ा को प्रस्तुत किया गया है? यदि हां, तो इस पत्र एवं संलग्न आवेदन पर किस स्तर से क्या कार्यवाही की गयी है नहीं की गयी है तो क्यों? (घ) क्या शासन वनग्राम कुर्सीपार के वन भूमि पर काबिज अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों को वनाधिकार का पट्टा शीघ्र प्रदाय किये जाने का आदेश देगा? हां, तो कब तक पट्टा प्रदाय कर दिया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'', ''स'' एवं ''द'' अनुसार है। (ग) एवं (घ) जी हाँ। पत्र एवं संलग्न आवेदन में वन ग्राम कुर्सीपार के 41 आदिवासी परिवारों को पट्टा नहीं मिलने के संबंध में जिला कार्यालय से मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत बिछुआ से जांच कराई गयी है। 32 हितग्राही को उनके माता, पिता, पति, सास के नाम से पूर्व में ही वन अधिकार पत्र प्रदाय किये गये। 06 हितग्राही के वर्ष 2005 के पूर्व से काबिज न होने से तथा अन्य परम्परागत वर्ग के 03 हितग्राही के 75 वर्ष के साक्ष्य न होने से अपात्र हुये है। 01 सामुदायिक दावा प्रकरण ग्राम पंचायत द्वारा वन विभाग को प्रेषित किया गया है। इस प्रकार पात्र हितग्राहियों को वन अधिकार पत्र वितरित किये गये है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आई.ए.एस./आई.पी.एस./आई.एफ.एस. अवार्ड की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
115. ( क्र. 1250 ) श्री जतन उईके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में कितने ऐसे अधिकारी हैं जिन्हें प्रश्न दिनांक तक आई.ए.एस./ आई.पी.एस./ आई.एफ.एस. अवार्ड नहीं हुआ है मगर फिर भी उनकी पदस्थापना उन पदों पर की गई है जो अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों से भरे जाते है? ऐसे प्रत्येक अधिकारी का नाम, सेवा में आने की तिथि तथा वर्तमान पदस्थापना की जानकारी दें? (ख) मध्यप्रदेश में पदस्थ अखिल भारतीय सेवाओं के कितने अधिकारियों के विरूद्ध लोकायुक्त संगठन तथा केन्द्रीय सतर्कता आयोग में जॉच प्रकरण लंबित है। प्रत्येक अधिकारी का नाम लंबित प्रकरणों की जानकारी के साथ दें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) मध्यप्रदेश संवर्ग में ऐसा कोई अधिकारी नहीं है जिसे प्रश्न दिनांक तक आई.ए.एस. अवार्ड नहीं हुआ हो, मगर फिर भी उनकी पदस्थापना उस पद पर की गई है, जो भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों से भरे जाते हैं, इनके संबंध में शेष जानकारी देने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। आई.पी.एस./आई.एफ.एस. संवर्ग की जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विमान की जानकारी
[विमानन]
116. ( क्र. 1251 ) श्री जतन उईके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2012-13 में लगाकर वित्तीय वर्ष 2016-17 के मध्य राज्य शासन द्वारा कब-कब, किन-किन कंपनियों में निजी विमान और हेलीकॉप्टर किराए पर लिए गए? यह विमान/हेलीकॉप्टर किन-किन व्यक्तियों द्वारा उपयोग में लाए गए और इससे वे कहाँ-कहाँ गए? प्रत्येक बार के लिए अलग-अलग जानकारी इन पर व्यय हुए किराए के साथ दें? (ख) क्या निजी विमानों को किराए पर लेने की कोई नीति शासन द्वारा बनाई गई है? यदि हां, तो उक्त नीति की जानकारी दें? यदि नहीं, तो फिर किस आधार पर विमान किराए में लिए जा रहे है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही हैं।
जीनिंग/प्रेसिंग मील संचालकों द्वारा बिजली का उपयोग
[ऊर्जा]
117. ( क्र. 1270 ) श्री कमलेश शाह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले की जीनिंग/प्रेसिंग मिल संचालकों द्वारा वर्ष 2007 से 2013 तक कितने यूनिट बिजली का उपयोग किया? इनकी सूची नाम सहित जमा बिजली बिलों की राशि सहित वर्षवार, जिनिंग/प्रेसिंगवार देवें? (ख) उपरोक्त समयावधि में इन उद्योगों पर विभागीय निरीक्षण कब-कब किए गए? निरीक्षण दिनांक, अधिकारी नाम, पदनाम, निरीक्षण टीप के विवरण सहित वर्षवार देवें? (ग) उक्त अवधि में इन संचालकों द्वारा बिजली मीटर एवं बिल राशि का कितनी शिकायतें की गई? कितनी बिल राशि का समायोजन किया गया, उद्योगवार बतावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) खरगोन जिले में कैलेण्डर वर्ष 2007 से 2013 तक जीनिंग/प्रेसिंग ईकाइयों के निम्नदाब एवं उच्चदाब उपभोक्ताओं द्वारा की गई विद्युत खपत की, बिल की राशि एवं भुगतान की गई राशि सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। प्रश्नाधीन इकाईयों में उपरोक्त अवधि की निम्नदाब एवं उच्चदाब उपभोक्ताओं की श्रेणी हेतु उपभोक्ता के नाम सहित प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी क्रमश: पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। प्रश्नाधीन वांछित जानकारी 4 से 10 वर्ष पुरानी है, इस कारण से विभिन्न निम्नदाब जीनिंग/प्रेसिंग इकाईयों के कतिपय अवधि की राजस्व मांग एवं भुगतान की गई राशि की जानकारी अभिलेखों में उपलब्ध नहीं हो पायी है, अत: उनके उक्त आंकड़े प्रस्तुत जानकारी में सम्मिलित नहीं किये जा सके है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' एवं प्रपत्र ''स'' में ऐसे उपभोक्ताओं के समक्ष उक्त तथ्य का उल्लेख किया गया है। (ख) खरगोन जिले में कैलेण्डर वर्ष 2007 से 2013 तक जीनिंग/प्रेसिंग इकाईयों में वितरण कंपनी द्वारा किये गये विभागीय निरीक्षण की निम्नदाब उपभोक्ताओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' तथा उच्चदाब उपभोक्ताओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। (ग) खरगोन जिले में कैलेण्डर वर्ष 2007 से 2013 तक जीनिंग/प्रेसिंग इकाई संचालकों द्वारा विद्युत मीटर एवं बिलिंग त्रुटि से संबंधित निम्नदाब उपभोक्ताओं से कुल 12 शिकायतें प्राप्त हुई थी जिनमें कुल रू 6.83 लाख की राशि का समायोजन किया गया एवं उच्चदाब उपभोक्ताओं की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। निम्नदाब उपभोक्ताओं की ईकाईवार उक्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' में समाहित हैं।
सेलटैक्स विभाग में खरीदी/बिक्री
[वाणिज्यिक कर]
118. ( क्र. 1271 ) श्री कमलेश शाह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि खरगोन जिले के जिनिंग/प्रेसिंग मिल संचालकों द्वारा वर्ष 2007 से 2013 तक किन-किन मदों में कुल कितना-कितना टैक्स जमा कराया गया?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : खरगोन जिले के जिनिंग/प्रेसिंग मिल संचालकों द्वारा वर्ष 2007 से 2013 तक मदवार जमा ''कर'' की जानकारी निम्नानुसार है :-
वर्ष |
विभिन्न मदों में जमा राशि (रू. लाखों में) |
|||
प्रांतीय कर (वेट) |
केन्द्रीय विक्रय कर |
प्रवेश कर |
कुल जमा |
|
2007-08 |
409.57 |
259.71 |
152.01 |
821.29 |
2008-09 |
304.23 |
160.51 |
117.32 |
582.06 |
2009-10 |
330.35 |
233.66 |
47.77 |
611.78 |
2010-11 |
460.28 |
686.82 |
62.85 |
1209.95 |
2011-12 |
789.94 |
623.69 |
11.34 |
1424.97 |
2012-13 |
842.01 |
656.93 |
9.45 |
1508.39 |
योग |
3136.38 |
2621.32 |
400.74 |
6158.44 |
खरगोन उद्वहन सिंचाई परियोजना संदर्भ में
[नर्मदा घाटी विकास]
119. ( क्र. 1286 ) श्री बाला बच्चन : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कारण है कि खरगोन उद्वहन सिंचाई परियोजना के अंतर्गत BR-1 एवं BR-3 का कार्य तो हो गया है लेकिन BR-2 का कार्य अभी तक प्रारंभ नहीं हुआ है जबकि भूमि अधिग्रहण हुए तीन वर्ष हो गये। (ख) उपरोक्तानुसार ट्रांसमिशन लाइन का कार्य भी अभी तक क्यों नहीं प्रारंभ हुआ? शासन को इस संबंध में प्रश्न दिनांक तक कितने आवेदन/पत्र प्राप्त हुए जानकारी देवें। (ग) निर्माणकर्ता फर्म से इस कार्य को प्रारंभ करने चेतावनी संबंधी हुए समस्त पत्राचार की छायाप्रति देवें। यह कार्य कब प्रारंभ व कब पूर्ण होगा? (घ) निर्माणकर्ता फर्म पर कार्यवाही न कर किसानों के हितों के साथ खिलवाड़ करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) एवं (ख) खरगोन उद्वहन सिंचाई परियोजना के अंतर्गत बी.आर-2 का निर्माण कार्य ठेकेदार द्वारा प्रारंभ नहीं किया गया है तथा चांदेल हाइड्रो पावर हाउस से ट्रांसमिशन लाईन का कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है। दो आवेदन पत्र प्राप्त हुये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। निर्माणकर्ता फर्म द्वारा दिये गये समयबद्ध कार्यक्रम के अनुसार कार्य न करने के कारण विभाग द्वारा अनुबंध में निहित प्रावधानों के अनुसार विधिवत कार्यवाही कर रूपये 55.09 करोड़ की पैनाल्टी अधिरोपित की गई है। ठेकेदार द्वारा बी.आर.-2 का निर्माण ना किये जाने से वैकल्पिक व्यवस्था के तहत डिस्ट्रीब्यूशन चैम्बर का निर्माण कर किसानों को सिंचाई हेतु जल उपलब्ध कराया जा रहा है एवं ठेकेदार द्वारा मध्यप्रदेश विद्युत मण्डल से अस्थाई विद्युत कनेक्शन लेकर योजना का संचालन किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
महिदपुर वि.स. में आंगनवाड़ियों के संबंध में
[महिला एवं बाल विकास]
120. ( क्र. 1290 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिदपुर वि.स. क्षेत्र में कुल कितनी आंगनवाड़ियां संचालित हैं? (ख) इनमें कितनी आंगनवाड़ियां किराये के भवन में संचालित हैं? इन्हें कितने किराए का भुगतान प्रतिमाह किया जा रहा है? (ग) इन आंगनवाड़ियों के भवन कब तक स्वीकृत किए जाएंगे?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत बाल विकास परियोजना महिदपुर -1 में 150, बाल विकास परियोजना महिदपुर -2 में 146 तथा बाल विकास परियोजना खाचरौद-2 में 29 आंगनवाड़ी केन्द्र/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत होकर संचालित है। (ख) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत बाल विकास परियोजना महिदपुर-1 में 41 आंगनवाड़ी केन्द्र तथा 02 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र, बाल विकास परियोजना महिदपुर -2 में 17 आंगनवाड़ी केन्द्र तथा 08 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र एवं बाल विकास परियोजना खाचरौद-2 में 01 आंगनवाड़ी केन्द्र तथा 01 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवन में संचालित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ग) आंगनवाड़ी भवन निर्माण का कार्य वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है। सीमित वित्तीय संसाधन होने के कारण समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
महिदपुर वि.स.क्षेत्र में मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पम्प योजना संबंधी
[ऊर्जा]
121. ( क्र. 1291 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्र.क्र.974 दि.18/07/2017 में मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पम्प कनेक्शन योजना के अंतर्गत 2016-17 में उल्लेखित 274 ट्रांसफार्मर में से कितने लगा दिए गए हैं? (ख) वर्ष 2017-18 में स्वीकृत 108 ट्रांसफार्मर में से कितने लगा दिए गए हैं? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार ऐसे कितने स्वीकृत ट्रांसफार्मर हैं जिनके स्थापित करने की 9 माह की समयावधि व्यतीत हो चुकी है और ट्रांसफार्मर स्थापित नहीं हुए हैं? (घ) इसके विलंब के दोषियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित 274 वितरण ट्रांसफार्मरों में से 261 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित कर दिये गये है। (ख) वित्तीय वर्ष 2017-18 में स्वीकृत कार्यों में शामिल 108 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों में से कोई भी ट्रांसफार्मर स्थापित नहीं किया गया है। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शेष 13 वितरण ट्रांसफार्मर ऐसे हैं जिन्हें निर्धारित समयावधि 09 माह में स्थापित नहीं किया जा सका है। (घ) उत्तरांश (क) अनुसार स्थापित किये जाने हेतु शेष रहे 13 वितरण ट्रांसफार्मरों के कार्य में से 08 कार्यों में खेतों में फसल खड़ी होने के कारण एवं 05 कार्यों में पड़ोसी कृषकों द्वारा विवाद करने के कारण आर.ओ.डब्ल्यू. नहीं मिलने से कार्य लंबित है। अतः कार्य में विलंब हेतु कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं होने के कारण कार्यवाही अपेक्षित नहीं है।
छात्रों को छात्रवृत्ति संबंधी
[जनजातीय कार्य]
122. ( क्र. 1294 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कारण है कि कक्षा 1 से 5 तक के छात्रों को विभाग द्वारा संचालित स्कूलों में छात्रवृत्ति नहीं दी जाती है जबकि छात्राओं को दी जाती है? (ख) यह छात्रवृत्ति कब तक प्रारंभ कर दी जायेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) अनुसूचित जनजाति की छात्राओं की तुलनात्मक कम साक्षरता दर होने के कारण छात्रवृत्ति प्रदाय की जाती है तथा विशेष पिछड़ी जनजाति के बालक एवं बालिकाओं को भी यह छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है, ताकि यह विद्यार्थी प्रारंभिक स्तर से ही प्रोत्साहित होकर शाला में प्रवेश हो सकें और साक्षरता दर में सुधार हो सके। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कर्मचारियों को लाभ
[नर्मदा घाटी विकास]
123. ( क्र. 1295 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मान.उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में N.V.D.A. के 94 कर्मचारियों (टाइम कीपर) को वेतनमान लाभ देते हुए वेतन पुन: निर्धारण करने तथा एरियर सहित भुगतान के आदेश दिए गए तथा जिसकी स्वीकृति राज्य मंत्रीपरिषद में दिनांक 23.05.2017 को दी गयी? (ख) यदि हाँ तो राजधानी परियोजना प्रशासन भोपाल लोक निर्माण विभाग के टाइम कीपरों को उपरोक्त लाभ कब तक दिया जाएगा?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना
[ऊर्जा]
124. ( क्र. 1314 ) श्री रजनीश सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले के अंतर्गत विधान सभा क्षेत्र केवलारी में राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना के तहत कितने ग्रामों में विद्युतीकरण कार्य पूर्ण हो चुका है? कितने ग्रामों में होना शेष है? ग्रामवार सूची उपलब्ध करावें? (ख) राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत कितने गांव छूटे हुये है? इन्हें परियोजना में जोड़कर कब तक विद्युतीकरण कार्य पूर्ण कर लिया जावेगा? (ग) केवलारी विधान सभा में कितने नये ट्रांसफार्मर स्थापित किये गये है उनकी क्षमता अनुसार कौन-कौन से ग्रामों में स्थापित किये गये हैं? विकासखण्डवार बतावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) सिवनी जिले के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र केवलारी में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत स्वीकृत समस्त 292 ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण हो चुका हैं। उक्त योजनांतर्गत विद्युतीकरण हेतु शेष ग्रामों की संख्या निरंक है। अतः शेष प्रश्नांश की जानकारी अपेक्षित नहीं है। (ख) उक्त योजनांतर्गत स्वीकृत कोई भी ग्राम विद्युतीकरण हेतु शेष नहीं है। अतः शेष प्रश्न लागू नहीं। (ग) प्रश्नांश ''क'' में उल्लेखित योजनांतर्गत विधानसभा केवलारी क्षेत्रांतर्गत 387 नवीन वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये गये हैं। स्थापित वितरण ट्रांसफार्मरों की विकासखण्डवार, ग्रामवार एवं क्षमतावार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
केवलारी अंतर्गत विद्युत एवं स्टेशनों का निर्माण
[ऊर्जा]
125. ( क्र. 1315 ) श्री रजनीश सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केवलारी विधान सभा क्षेत्रांतर्गत कितने नये विद्युत सब स्टेशनों के निर्माण किये जाने प्रस्तावित हैं? सूची उपलब्ध करावें। (ख) क्या केवलारी क्षेत्र अंतर्गत वि.खण्ड घनौरा, केवलारी, छपारा में विद्युत सब स्टेशनों का निर्माण किया जाना है? यदि हां, तो किन-किन ग्रामों में बतायें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) केवलारी विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम पीपरदौन (अलोनीखापा) में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनान्तर्गत 33/11 के.व्ही. सबस्टेशन का निर्माण कार्य स्वीकृत है। (ख) जी नहीं। उत्तरांश (क) में उल्लेखित स्वीकृत सब स्टेशन का निर्माण कार्य किया जाना है।
नलकूप खनन योजना का क्रियान्वयन
[जनजातीय कार्य]
126. ( क्र. 1316 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वित्तीय वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक जिला अनूपपुर में राज्य पोषित नलकूप खनन योजना के तहत प्रदेश की सहायता निधि से अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के कृषकों को अनुदान स्वीकृत करने का प्रावधान है? प्रावधान/निर्देशों की जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) अनूपपुर जिलें के विधान सभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ के अंतर्गत राज्य शासन द्वारा उक्त अवधि में कितना-कितना अनुदान आवंटित किया गया था? कितने कृषकों ने नलकूप खनन के लिये अनुदान हेतु आवेदन किया था? जानकारी वर्षवार ग्राम पंचायतवार कृषकों की संख्या सहित देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में बतावें कि आवेदक कृषकों में से कितने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति संवर्ग के कृषकों को उक्त अवधि में कितना-कितना अनुदान स्वीकृत किया गया? जानकारी ग्राम पंचायतवार कृषकों की संख्यात्मक जानकारी सहित, स्वीकृत अनुदान की राशि, नलकूप खनन स्थान सहित उपलब्ध करायें? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ग) अनुसार दर्शित वर्षों में उक्त मद की कितनी-कितनी राशि लेप्स हुई अथवा समर्पित की गई? जानकारी वर्षवार उपलब्ध करावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के संबंध में
[महिला एवं बाल विकास]
127. ( क्र. 1317 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जिला अनूपपुर अंतर्गत विधान सभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ स्थित आंगनवाड़ी केन्द्र क्रमांक 01 बरबसपुर कब से संचालित है व उक्त संचालित आंगनवाड़ी केन्द्र में कितने पद स्वीकृत होकर कितने भरे हैं एवं कितने रिक्त हैं? शासकीय मानदंडों के आधार पर कितने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की नियुक्ति कब व किसके द्वारा की गई? नियुक्ति आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करायें? (ख) उक्त आंगनवाड़ी केन्द्र में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती कलावती बाई कितने वर्षों तक कार्यरत रही? (ग) क्या परियोजना अधिकारी, एकीकृत बाल विकास परियोजना, पुष्पराजगढ़ के पत्र क्रमांक 487/स्थापना/2017, पुष्पराजगढ़ दिनांक 30.8.2017 के तहत श्रीमती कलावती बाई का प्रभार श्रीमती सरोज कुमारी को दिलाया गया है? यदि हां, तो श्रीमती कलावती बाई को किस आंगनवाड़ी केन्द्र में कार्य करने हेतु आदेश दिये गये थे, आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करावें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जिला अनूपपुर अन्तर्गत विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ स्थित आंगनवाड़ी केन्द्र क्रमांक 01 बरबसपुरा में वर्ष 1992-1993 में संचालित हुआ है व उक्त संचालित आंगनवाड़ी केन्द्र में 01 पद स्वीकृत था जिसे बाल विकास परियोजना अधिकारी, एकीकृत बाल विकास सेवा परियोजना पुष्पराजगढ़ द्वारा आदेश पृ.क्र./बाविपरि/स्था./29/92/630 पुष्पराजगढ़, दिनांक 20/08/92 द्वारा श्रीमती सरोज कुमारी पति श्री पप्पू प्रसाद, ग्राम बरबसपुरा क्रमांक 182 में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के पद पर नियुक्ति दी गई। तत्पश्चात मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़ द्वारा अपने कार्यालयीन आदेश पृ.क्र./जनपद/स्था./रु2002/380 पुष्पराजगढ़, दिनांक 13.03.202 द्वारा श्रीमती सरोज कुमारी चन्द्रवंशी कार्यकर्ता केन्द्र बरबसपुर की सेवा समाप्त कर दी गई, तत्समय 01 पद रिक्त था तत्पश्चात उक्त प्रकरण माननीय न्यायालयों में प्रचलन पर था। पद रिक्त होने पर शासकीय मापदण्डों के आधार पर स्व. श्री पी.एन. चढार तत्कालीन परियोजना अधिकारी पुष्पराजगढ़ द्वारा आदेश क्र./440/बाविपरि/स्था./02/पुष्पराजगढ़ दिनांक 13/01/2013 द्वारा श्रीमती कलावती बाई पति श्री बहोरी प्रसाद की नियुक्ति आंगनवाड़ी केन्द्र बरबसपुर में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के पद पर की गई थी। (पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है) (ख) श्रीमती कलावती बाई आंगनवाड़ी कार्यकर्ता केन्द्र बरबसपुरा में दिनांक 13.01.2013 से लेकर दिनांक 30/08/2017 तक कुल 14 वर्ष 07 माह 01 दिन कार्यरत रही है। (ग) जी हाँ। माननीय कलेक्टर न्यायालय अनूपपुर द्वारा पारित प्रकरण क्रमांक 22/अपील/2014-15 आदेश पारित एवं घोषित दिनांक 17/03/2017 के पालन में परियोजना अधिकारी,एकीकृत बाल विकास सेवा परियोजना पुष्पराजगढ़ के आदेश पृ.क्र./ बाविपरि/ स्था./2017/487 पुष्पराजगढ़ दिनांक 30/08/2017 द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्र बरवसपुरा का प्रभार श्रीमती सरोज कुमारी को सौंपा गया। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। माननीय न्यायालय द्वारा पारित आदेश के पालन में श्रीमती सरोज कुमारी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के पद पर श्रीमती कलावती बाई के स्थान पर आंगनवाड़ी केन्द्र बरबसपुरा में कार्यरत है।
विद्युत कंपनी द्वारा औसत विद्युत देयक
[ऊर्जा]
128. ( क्र. 1327 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग/विदयुत कंपनी के नियमानुसार उपभोक्ताओं के विदयुत कनेक्शन के मीटर की रीडिंग एवं विदयुत खपत के बिल प्रदाय करने के क्या प्रावधान है? (ख) मुडवारा विधानसभा क्षेत्र के कटनी नगर के वार्डों एवं ग्रामों में जनवरी 2017 माह से किन व्यक्तियों/कर्मचारियों की मीटर रीडिंग हेतु नियुक्ति की गयी थी एवं इस इन कर्मचारियों द्वारा अपने कार्यक्षेत्र में माह जनवरी 2017 से अब तक कब-कब मीटर रीडिंग की गई, वार्ड/ग्रामवार एवं माहवार बतायें? (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत क्या मुडवारा विधानसभा क्षेत्र के ग्रामों एवं कटनी नगर के वार्डों में जनवरी 2017 से अब तक वास्तविक विदयुत खपत के विदयुत बिल प्रदाय करने के बजाय औसत खपत के बिल दिये गये है, यदि हाँ, तो क्यों कारण बतायें, यदि नहीं, तो क्या सक्षम प्राधिकारी ऐसा ना होने का सत्यापन करेंगे? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में मुडवारा विधानसभा क्षेत्र में विगत कई माहों से विदयुत मीटर में दर्ज विदयुत खपत का बिल दिये जाने के बजाय, मनमाने तरीके से अत्याधिक विदयुत बिल देने हेतु कौन जिम्मेदार है, क्या इसका संज्ञान लेकर कार्यवाही की जायेगी, यदि हाँ, तो क्या और कब तक, यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विद्युत वितरण कंपनी द्वारा नियुक्त मीटर रीडर के माध्यम से उपभोक्ताओं के परिसर में स्थापित विद्युत मीटर की रीडिंग ली जाती है तथा उसके आधार पर गणना की गई खपत का मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी दर आदेश में निहित प्रावधानों के अनुसार वितरण कंपनी द्वारा बिल तैयार किया जाता है। मीटर रीडर के माध्यम से ही उपभोक्ताओं को उक्तानुसार तैयार बिल के वितरण का कार्य किया जाता है। (ख) मुड़वारा विधानसभा क्षेत्र के कटनी नगर के वार्डों एवं ग्रामों में मीटर रीडिंग एवं बिल वितरण का कार्य कार्यपालन अभियंता (शहर) संभाग कटनी द्वारा संविदा आधार पर माह जनवरी-2017 से चयनित/नियुक्त 57 एवं कार्यपालन अभियंता (संचा-संधा) संभाग कटनी द्वारा संविदा आधार पर माह जनवरी-2017 से चयनित/नियुक्त 09 मीटर रीडरों को उनके कार्यक्षेत्र को दर्शाते हुए सौंपा गया, जिसका विवरण संलग्न परिशिष्ट में दर्शाए अनुसार है। इन सभी मीटर रीडरों द्वारा माह जनवरी-17 से प्रतिमाह मुडवारा विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों की रीडिंग प्रतिमाह की गई है। (ग) कटनी नगर के विभिन्न वार्डों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में मीटर रीडरों द्वारा ली गई रीडिंग के आधार पर वास्तविक खपत के ही बिल दिये गये हैं। केवल बंद/खराब अथवा जले मीटरों की स्थिति में ही विद्युत प्रदाय संहिता 2013 के प्रावधानों के अनुसार औसत आधार पर बिल जारी किये गये हैं। इसके अतिरिक्त यदि किसी उपभोक्ता द्वारा त्रुटिपूर्ण बिल की शिकायत की जाती है तो उनकी जांच कर त्रुटि पाए जाने पर नियमानुसार सुधार की कार्यवाही की जाती है। (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में मुडवारा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत नियमानुसार बिल जारी किये गये हैं तथापि फोटो मीटर रीडिंग के माध्यम से बिलिंग किए जाने पर कुछ प्रकरणों में अत्यधिक बिल आये हैं, जिसके लिए जिम्मेदार मीटर रीडरों पर नियमानुसार कार्यवाही की गई है। इसके अतिरिक्त अधिक बिल आने संबंधी शिकायतों की जांच की गई है एवं सुधार योग्य पाये जाने पर बिल सुधार की कार्यवाही की गई है।
पोषण आहार की आपूर्ति
[महिला एवं बाल विकास]
129. ( क्र. 1328 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या भारत सरकार एवं माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा पूरक पोषण आहार का प्रदाय स्व सहायता समूहों से कराये जाने के निर्देश दिये गये हैं? यदि हाँ, तो यह निर्देश क्या हैं और निर्देशों के पालन में अब तक क्या कार्यवाही की गई तथा स्व-सहायता समूहों से पोषण आहार का प्रदाय कब से प्रारंभ होगा? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत पूरक पोषण आहार प्रदायगी व्यवस्था हेतु गठित उच्च स्तरीय समिति द्वारा क्या-क्या अनुशंसायें की गयी एवं किन-किन अनुशंसाओं को विभाग एवं शासन द्वारा स्वीकृति प्रदान की गयी है? (ग) मुडवारा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विगत तीन वर्षों में कितने कुपोषित बच्चें, कहाँ-कहाँ, आंगनवाड़ी केन्द्रवार, वर्षवार पाये गये, कुपोषित बच्चों को खोजने के लिये प्रश्नांकित अवधि में विभाग द्वारा कौन से कार्यक्रम, शिविरों का आयोजन कब-कब किया गया? (घ) प्रश्नांश (ग) के तहत मुडवारा विधानसभा क्षेत्र में अतिकम वजन के बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण उपचार की क्या कार्ययोजना है एवं स्नेह सरोकार अभियान के तहत क्या कार्य हुए और किन बच्चों को किन के द्वारा गोद लिया गया, आंगनवाड़ीवार बतायें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। मान.मुख्यमंत्री जी ने आंगनवाडियों में पोषण आहार ठेकेदार के बजाए स्व सहायता समूह के द्वारा बनाए जाने की घोषणा की गई थी। राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक दिनांक 14/11/2017 में पूरक पोषण आहार (टेकहोम राशन) की नवीन नीति निर्धारित की गई है। राज्य मंत्रिपरिषद द्वारा निर्धारित नवीन नीति अनुसार आंगनवाड़ी केन्द्रों में पूरक पोषण आहार (टेकहोम राशन) की व्यवस्था शीघ्र लागू की जावेगी। (ख) स्व सहायता समूह के माध्यम से पूरक पोषण आहार (टी.एच.आर) सप्लाई के संबंध में विभिन्न तिथियों में हाई पॉवर कमेटी की बैठक सम्पन्न हुई बैठक का कार्यवाही विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 अनुसार हैं। हाई पॉवर कमेटी की अनुशंसानुसार दिनांक 14/11/2017 को राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में पूरक पोषण आहार (टी.एच.आर) की नवीन नीति का निर्धारण किया गया हैं। (ग) मुड़वारा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विगत 03 वर्षों में पाये गये कुपोषित बच्चों की आंगनबाड़ी केन्द्रवार एवं वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 02 अनुसार हैं। कुपोषित बच्चों को खोजने के लिये प्रयासः- 1. वजन मेलों का आयोजन- कुपोषित बच्चों को खोजने के लिये विभाग द्वारा प्रत्येक आंगनवाड़ी केन्द्र में प्रतिमाह 01 से 04 तारीख तक वजन मेलों का आयोजन किया जाता है। गत 03 वर्षों में वजन मेलों का विवरण निम्नानुसार है:-
क्र |
वर्ष |
आंगनवाड़ी केन्द्र संख्या |
आयोजित वजन मेंले |
1 |
2014-15 |
345 |
4140 |
2 |
2015-16 |
345 |
4140 |
3 |
2016-17 |
349 |
4188 |
2. विशेष वजन अभियान का आयोजन - विभाग द्वारा कुपोषण की जाँच करने नवम्बर 2016 से फरवरी 2017 तक विशेष वजन अभियान संचालित किया गया। इस अभियान में पर्यवेक्षक द्वारा स्वयं सभी आंगनवाड़ी में जाकर सभी बच्चों का वजन लेकर कुपोषित बच्चों को चिन्हित किया गया है। 3. स्नेह शिवरों का आयोजन- विभाग द्वारा कुपोषित बच्चों की पहचान एवं उनके सुधार हेतु 145 स्नेह शिविरों का आयोजन विभिन्न आंगनवाड़ी केन्द्रों पर किया गया है। विस्तृत जानकारी वर्षवार एवं केन्द्रवार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 03 अनुसार हैं। (घ) प्रश्नांश-''ग'' में पाये गये कुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण हेतु सुपोषित बनाने हेतु निम्न प्रयास किये जा रहे हैः- 1. चिन्हित कुपोषित बच्चो के स्वास्थ्य परीक्षण हेतु स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से स्वास्थ्य जाँच शिविर का आयोजन किया जा रहा हैं। 2. आंगनवाड़ी केन्द्रों पर वजन अभियान चलाकर कुपोषित बच्चों को चिंहित कर लिया है एवं जहां पर 4 से अधिक कुपोषित बच्चे है, उन आंगनवाड़ी केन्द्रों पर कैलेंडर बनाकर स्नेह शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। 3. कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केन्द्रों (NRC) में भर्ती करवाकर सुपोषित किया जा रहा है। 4. कुपोषित बच्चों की स्थानीय स्तर पर उचित देखभाल हेतु स्नेह सरोकार अभियान अंतर्गत स्थानीय जागरूक नागरिकों, जनप्रतिनिधियों, समाजसेवियों, कर्मचारियों को गोद दिया जा रहा है, ताकि उनके पोषण स्तर में सुधार कराया जा सकें। आंगनवाड़ी केन्द्रवार गोद दिये गये बच्चों की सूची संलग्न है। मुड़वारा विधानसभा अंतर्गत गोद लेने वाले बच्चों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 04 अनुसार हैं। 5. गोद लेने वाले व्यक्तियों एवं कुपोषित बच्चे के परिवार के साथ सेक्टर स्तर एवं जिला स्तर पर स्नेह सरोकार सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है।
बैतूल जिले के विभाग की जानकारी बाबत्
[ऊर्जा]
130. ( क्र. 1343 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में ऊर्जा विभाग में कितने घरेलू/कमर्शियल कनेक्शनधारी हैं? उक्त कनेक्शनधारियों पर किस मान से विभाग द्वारा मीटर रीडर की नियुक्ति की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार बैतूल जिले के प्रत्येक विद्युत वितरण केन्द्र का नाम एवं प्रत्येक विद्युत वितरण पर मीटर रीडरों की संख्या बतायें? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार प्रत्येक विद्युत वितरण केन्द्र कार्यरत मीटर रीडरों के नाम, पता विद्युत वितरण केन्द्रवार जानकारी दें? (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार बैतूल जिले में कौन से फर्मों द्वारा मीटर रीडरों की नियुक्तियां की जा रही है? प्रत्येक फर्मों का नाम एवं रजिस्ट्रेशन नं. दें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अन्तर्गत बैतूल जिले में 208559 घरेलू एवं 13457 गैर घरेलू (कमर्शियल) उपभोक्ता है। मध्य क्षेत्र कंपनी के परिपत्र दिनांक 28.03.14 अनुसार मीटर रीडिंग एवं बिल वितरण कार्य हेतु शहरी क्षेत्र में 1500 उपभोक्ताओं पर एक कुशल श्रमिक एवं ग्रामीण क्षेत्र में 1000 उपभोक्ताओं पर एक कुशल श्रमिक का प्रावधान है। सेवा प्रदाता के माध्यम से इन कुशल श्रमिकों को उपरोक्त वर्णित कार्य के लिये उपलब्ध कराया गया है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) बैतूल जिले में सेवा प्रदाता मेसर्स वर्ल्ड क्लास सर्विसेस प्रायवेट लिमिटेड, इंदौर द्वारा मीटर रीडिंग एवं बिल वितरण के कार्य के लिये कुशल श्रमिक उपलब्ध कराये गये है। फर्म का रजिस्ट्रेशन नं. 2016050924 है।
मुलताई विधान सभा के प्री-मैट्रीक बालक/बालिका छात्रावासों की व्यवस्था
[अनुसूचित जाति कल्याण]
131. ( क्र. 1344 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले की मुलताई विधान सभा क्षेत्र में संचालित प्री मैट्रिक बालक/बालिका छात्रावासों में क्या कम्प्यूटर की व्यवस्था शासन स्तर से की गई है? यदि नहीं, तो कब तक की जायेगी? (ख) बालक/बालिका छात्रावासों में कोचिंग का प्रावधान है? यदि नहीं, तो कब तक किया जायेगा? (ग) बिन्दु (ख) के अनुसार इन छात्रावासों में क्या लाइब्रेरी का प्रावधान है? यदि नहीं, तो कब तक किया जायेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) उत्कृष्ट बालिका छात्रावास में कम्प्यूटर की व्यवस्था है। बैतूल जिले को 07 विभागीय छात्रावासों में डायनिंग टेबल, टी.वी., कम्प्यूटर तथा आर.ओ. सिस्टम क्रय हेतु वर्ष 2017-18 में राशि रू. 7.00 लाख का आवंटन जारी किया गया है। (ख) विकासखण्ड स्तरीय बालिका छात्रावास में कोचिंग की व्यवस्था का प्रावधान है। शेष जूनियर एवं सीनियर छात्रावासों में कोचिंग देने के नियम नहीं हैं। (ग) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनु.जाति एवं जनजाति के लिये चलाई जा रही योजनाएं
[अनुसूचित जाति कल्याण]
132. ( क्र. 1347 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में अनुसूचित जाति और जनजाति के स्वरोजगार के लिये कौन-कौन सी योजनाएं केन्द्र और राज्य शासन द्वारा संचालित हैं? उनका इन वर्गों के लिये वर्ष 2016-17 और 2017-18 में वार्षिक लक्ष्य क्या है? (ख) 1 जनवरी, 2014 से प्रश्न दिनांक तक अनुसूचति जाति और अनुसूचित जनजाति वर्गों के कितने लोगों प्रश्नांश (क) अनुसार योजनाओं से स्वरोजगार के लिये लाभांवित किया गया ? वर्षवार एवं जिलावार बतायें। (ग) प्रदेश में अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के कितने परिवार गरीबी रेखा के नीचे रहते हैं? जिलावार एवं निकायकार बतायें। (घ) 1 जनवरी, 2014 से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नांश (ग) अनुसार कितने परिवार अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के गरीबी रेखा के ऊपर आ गये ? वर्षवार एवं जिलावार बतायें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा अनुसूचित जाति वर्ग के लिए मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना एवं सावित्री बाई फुले स्व-सहायता समूह योजना संचालित है जिसका वर्ष 2016-17 में वार्षिक लक्ष्य क्रमश: 200, 7000, 4000 एवं 200 तथा वर्ष 2017-18 में क्रमश: 200, 7000, 4000 एवं 200 निर्धारित है। जनजातीय कार्य विभाग द्वारा अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना एवं मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना संचालित है। इन योजनाओं के लिए वर्ष 2016-17 का लक्ष्य 13300 तथा 2017-18 में 17300 वार्षिक लक्ष्य निर्धारित किया गया है। नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा केंद्र की दीन दयाल अन्त्योदय योजना, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के घटक स्वरोजगार कार्यक्रम तथा मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना एवं मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना संचालित है। इन योजनाओं में वर्ष 2016-17 में अनुसूचित जाति के लिए 3300 तथा अनुसूचित जनजाति के लिए 1100 तथा वर्ष 2017-18 में अनुसूचित जाति के लिए 4500 तथा अनुसूचित जनजाति के लिए 1500 लक्ष्य रखा गया है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बिजली उत्पादन करने वाली परियोजनाओं के संबंध में
[ऊर्जा]
133. ( क्र. 1348 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्ममान में विभिन्न स्त्रोतों से एम.पी.पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड के कितनी क्षमता के विद्युत क्रय अनुबंध हैं? स्त्रोतवार (जल,ताप,सोलर आदि) बतायें। पारंपरिक ऊर्जा स्त्रोतों जिनसे विद्युत क्रय अनुबंध संपादित कर लिये गये है के कितने प्रोजेक्ट कहाँ और कितनी क्षमता के निर्माणधीन हैं, नाम बतायें? (ख) प्रदेश में बिजली उत्पादन के लिये कौन-कौन सी निजी ताप विद्युत कंपनियों से कब-कब एम.ओ.यू. किये गये, उनकी स्थापित क्षमता क्या है एवं कितनी क्षमता एम.पी.पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड से अनुबंधित है? एम.पी.पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड पारंपरिक ऊर्जा स्त्रोतों से किस दर से बिजली खरीद रही है, स्त्रोतवार वर्ष 2017-18 हेतु प्रति यूनिट औसत दर बताये? (ग) एम.पी.पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड ने वर्ष 2016-17 में राज्य के बाहर कितनी बिजली का विक्रय किया है? एम.पी.पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड को वर्ष 2016-17 में राज्य के बाहर बिजली विक्रय से कितने राजस्व/राशि की प्राप्ति हुई है? (घ) प्रदेश में वर्ष 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 में सितम्बर 2017 तक सिंचाई पंप उपयोगकर्ता एवं अन्य उपयोगकर्ता पर कितने प्रकरण विद्युत चोरी के दर्ज किये गये ? वर्षवार पृथक-पृथक जिलावार संख्या बतायें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) प्रदेश में, वर्तमान में, विभिन्न स्रोतों से एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा किये गये विद्युत क्रय अनुबंध स्रोतवार (जल, ताप, सोलर आदि) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ''अ-।'' अनुसार है। पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों, जिनसे विद्युत क्रय अनुबंध संपादित हैं तथा वे निर्माणाधीन है, उनकी वर्तमान स्थिति का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ-। । '' अनुसार है। (ख) निजी ताप विद्युत कंपनियों से किये गये एम.ओ.यू. तथा एम.पी. पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड से अनुबंधित क्षमता का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब-1'' अनुसार है। एम.पी.पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों से बिजली क्रय की स्रोतवार वर्ष 2017-18 की औसत दर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब-। । 'अनुसार है। (ग) एम.पी. पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा प्रश्नाधीन अवधि में 2663.71 मिलियन यूनिट बिजली का राज्य के बाहर विक्रय किया गया जिससे रूपये 634.64 करोड़ के राजस्व की प्राप्ति हुई। (घ) प्रदेश में वर्ष 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 (सितंबर-17 तक) में सिंचाई पंप उपयोगकर्ता एवं अन्य उपभोक्ताओं पर दर्ज विद्युत चोरी के प्रकरणों की वर्षवार, जिलेवार एवं वितरण कंपनीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स–। ', 'स-। । ' एवं 'स-। । । ' अनुसार है।
आवास सहायता योजना से वंचित छात्र-छात्रायें
[अनुसूचित जाति कल्याण]
134. ( क्र. 1349 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016-17 व 2017-18 में अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के मुख्यालय भोपाल में छात्र-छात्राओं हेतु आवास सहायता योजना के कितने प्रकरण, किन-किन कारणों से किस स्तर पर लंबित हैं? (ख) आवास सहायता योजना के सी.एम. हेल्पलाइन प्रकरण क्रमांक 4644195 दिनांक 21.09.2017 वर्तमान में किस स्तर पर किस कारण से लंबित हैं? निराकरण की अद्यतन स्थिति क्या है? शिकायत में वर्णित छात्रा को कब तक आवास सहायता उपलब्ध करा दी जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) छात्र-छात्राओं से जुड़ी विभागीय योजनाओं के लिए मॉनीटरिंग फ्रेमवर्क की जानकारी दें? यदि नहीं, तो कब तक मॉनीटरिंग फ्रेमवर्क बनाया जावेगा ?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) आवास सहायता योजना के आवेदनों की स्वीकृति की कार्यवाही अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के मुख्यालय भोपाल से नहीं की जाती है। अत: लंबित प्रकरणों की जानकारी निरंक है। (ख) सी.एम. हेल्पलाईन में दर्ज प्रकरण क्रमांक 4644195 दिनांक 21.09.2017 छात्रा कु. सुमन वर्मा, एम.बी.ए. प्रथम वर्ष में अध्ययनरत रहते हुए आवास सहायता का आवेदन संस्था/स्वीकृतकर्ता अधिकारी (नोडल) में अप्राप्त होने के कारण आवास सहायता राशि स्वीकृत नहीं की गई। आवेदन प्राप्त न होने से आवास सहायता राशि उपलब्ध कराने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) छात्र छात्राओं से जुड़ी विभागीय योजनाओं की मॉनीटरिंग के लिए वर्तमान में पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति, आवास सहायता हेतु छात्रवृत्ति पोर्टल 2.0 एवं अन्य छात्रवृत्तियों हेतु समग्र शिक्षा पोर्टल संचालित है।
नियम विरूद्ध कार्यों में दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
[अनुसूचित जाति कल्याण]
135. ( क्र. 1353 ) श्री हर्ष यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015 और 2016 में आयुक्त, अनुसूचित जाति विकास भोपाल में विद्युतीकरण शाखा जिस अपर संचालक के कार्यभार में थी, नाम और वर्तमान पदस्थापना बतावें? (ख) अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के स्वतंत्र अस्तित्व में आने की तिथि बतावें और इसके पहले मांग संख्या 64, अंतर्गत विद्युतीकरण योजना का संचालन और टेंडर इत्यादि जिन नियमों से होते थे, उनकी प्रतियां दें? (ग) दिसम्बर 2014 में एक अन्य स्वतंत्र विभाग (आदिम जाति क्लयाण) द्वारा विद्युतीकरण योजना हेतु जारी टेंडर नियम/शर्तों के आधार पर मांग संख्या-64 विद्युतीकरण की राशि खर्च करने की अनुमति शासन/आयुक्त कार्यालय ने जिस आदेश से प्रदान की, उसकी प्रतियां दें? (घ) किन-किन जिलों ने अन्य विभाग के टेंडर शर्तों पर मांग संख्या-64 की राशि खर्च करने की अनुमति/मार्गदर्शन प्राप्त किया, जिन्होंने स्वेछाचारिता की उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? नहीं, तो क्यों? कब तक की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) वर्ष 2015 में और 30 सितम्बर, 2016 तक विद्युतिकरण शाखा तत्कालीन अपर संचालक श्री अशोक कुमार उपाध्याय के प्रभार में थी। श्री उपाध्याय दि. 30 सितम्बर, 2016 से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। (ख) दि. 21 जुलाई 2011, विद्युतिकरण योजना से संबंधित शासन पत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) अनुसूचित जाति कल्याण विभाग/आयुक्त, अनुसूचित जाति विकास द्वारा कोई आदेश नहीं दिया गया है। (घ) किसी जिले ने मार्गदर्शन/अनुमति प्राप्त नहीं की है। किन जिलों द्वारा स्वेच्छाचारिता की गई, इस पर जांच उपरांत कार्यवाही की जा सकेगी।