मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-मार्च, 2018
सत्र
बुधवार, दिनांक 28 मार्च, 2018
स्थायी आदेश 13-क के अनुसरण में अतारांकित प्रश्नोत्तर के रुप में परिवर्तित तारांकित प्रश्नोत्तर
बरगी दांयी
तटवर्ती नहर
का विस्तार
[नर्मदा घाटी विकास]
1. ( क्र. 1461 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के चित्रकूट विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत बरगी दांयी तटवर्ती नहर किन-किन ग्राम पंचायतों में किन-किन ग्रामों में पानी पहुँचाई जाने की योजना स्वीकृत है? स्वीकृति अनुसार किन-किन ग्रामों के नहर का निर्माण कर दिया गया, कितना शेष हैं? शेष कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जाएगा? (ख) प्रश्नांश (क) के अतिरिक्त जिन पंचायतों के जिन ग्रामों को बरगी दांयी तटवर्ती योजना में शामिल नहीं किया गया और उन गाँवों में कृषकों को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध नहीं है उनमें उक्त नहर का विस्तार करने की कार्यवाही कब तक की जावेगी?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) प्रारंभिक सर्वेक्षण के आधार पर सतना जिले के चित्रकूट विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत बरगी दांयी तट नहर से 20 ग्राम पंचायतों के 38 ग्रामों में पानी पहुँचाया जाना प्रस्तावित है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है वर्तमान में इन प्रस्तावित ग्रामों में नहरों का निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है। नहरों का निर्माण कार्य नवीन सी.एस.आर. पर पुनरीक्षण उपरांत निविदा आमंत्रित कर वर्ष 2021-2022 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। (ख) उत्तरांश ''क'' में उल्लेखित ग्रामों के अतिरिक्त अन्य ग्रामों में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने की कोई योजना वर्तमान में प्रस्तावित नहीं है।
भ्रष्ट अफसरों के विरूद्ध कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
2. ( क्र. 1608 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा भ्रष्ट अफसरों के विरूद्ध 20 साल की नौकरी और 50 साल की उम्र के अंतर्गत कार्यवाही करने के लिए जिलों से रिकार्ड/रिपोर्ट मांगी गई थी? यदि हाँ, तो वर्ष 2017-18 में दतिया जिले से कितने अधिकारियों/कर्मचारियों की जानकारी भेजी गई? कृपया नाम/पद एवं आरोपों का संपूर्ण विवरण दें। (ख) क्या तत्कालीन कलेक्टर द्वारा आयुक्त ग्वालियर संभाग के पत्र क्र./एस.टी.एफ./जाँच/4141/2015 दिनांक 13/8/2017 द्वारा रिपोर्ट प्रेषित की गई? यदि हाँ, तो आयुक्त एवं शासन/विभाग द्वारा उक्त भ्रष्ट अफसर के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो विवरण दें। यदि नहीं, तो कारण सहित बतायें कि, कार्यवाही कब तक की जायेगी? (ग) क्या माननीय लोकायुक्त म.प्र. भोपाल के आदेशानुसार ज.प्र. 227/2017 प्रकरण में कलेक्टर/अपर कलेक्टर दतिया द्वारा शिकायत में उल्लेखित बिन्दुवार जाँच की गई है? यदि हाँ, तो उक्त शिकायत में कितने बिन्दु एवं दस्तावेज संलग्न किये गये हैं? कृपया उपलब्ध करायें। (घ) क्या संबंधित भ्रष्ट अफसरों से भी तत्संबंध में जानकारी चाही गई? यदि नहीं, तो क्यों और यदि हाँ, तो क्या जानकारी प्राप्त हुई है? संपूर्ण विवरण सहित विस्तृत ब्यौरा दें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जी नहीं। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार।
बैंकों द्वारा योजना की राशि के वितरण
[वित्त]
3. ( क्र. 1658 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सोनकच्छ विधान सभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, प्रधानमंत्री स्वरोजगार, जिला अन्तरव्यवासय योजना के लिए कितना बजट आया है? (ख) सत्र 2016-17 एवं 2017-18 में प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र के प्राप्त बजट में से कितना-कितना लोन स्वीकृत किया है? शेष कितना बजट बचा है? (ग) चालू वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री रोजगार योजना, प्रधानमंत्री स्वरोजगार योजना के कितने प्रस्ताव आए? कितने प्रस्ताव पास हुए? कितने निरस्त हुए व कितने प्रस्ताव लंबित हैं?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
गुजरात को होने वाली शराब तस्करी
[वाणिज्यिक कर]
4. ( क्र. 1785 ) श्री वेलसिंह भूरिया : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इस वर्ष अलीराजपुर, झाबुआ एवं धार (सरदारपुर) से गुजरात ले जा रही अवैध शराब की तस्करी करते हुए कितने वाहन जब्त किए गए एवं कितने व्यक्तियों के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की गई? (ख) इसके लिए कितने दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शासन इसे रोकने के लिए क्या प्रभावी कदम उठा रहा है?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जिला झाबुआ एवं जिला धार में वर्ष 2017-18 में जानकारी निरंक है। जिला अलीराजपुर में वर्ष 2017-18 में अवैध शराब की तस्करी करते हुए 09 वाहन एवं 01 पैक बॉडी बोट (नाव) जप्त की गई है। 7 व्यक्तियों के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की गयी है। (ख) अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही संबंधी जानकारी निरंक है। क्योंकि किसी भी अधिकारी/कर्मचारी की संलिप्ता नहीं पाई जाने से अनुशासनात्मक कार्यवाही का प्रश्न नहीं है। (ग) अवैध शराब की तस्करी रोकने हेतु समय-समय पर टीम गठित कर वाहनों की सघन चेकिंग, रोड गश्त एवं रात्रि गश्त की जाकर अवैध मदिरा पर प्रभावी नियंत्रण संबंधी कार्यवाही की जाती है।
अधिसूचित क्षेत्र में देशी-विदेशी शराब की बिक्री
[वाणिज्यिक कर]
5. ( क्र. 1786 ) श्री वेलसिंह भूरिया : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पाँचवीं एवं छठवीं अनुसूची लागू है? पेसा एक्ट कानून के अंतर्गत अधिसूचित क्षेत्र में महुआ एवं ताड़ी को छोड़कर देशी एवं विदेशी मदिरा की बिक्री करना अथवा दुकानें संचालित करना अवैधानिक हैं? (ख) यदि हाँ, तो धार, झाबुआ, अलीराजपुर एवं बड़वानी जिलों में अधिसूचित क्षेत्र में चल रही देशी एवं विदेशी मदिरा दुकानों के संचालकों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) शासन इन अवैध दुकानों को कब तक बंद कर जिम्मेदार अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) पाँचवी अनुसूची लागू है, जिसमें जनजातिय लोगों के लिये आसवन विधि से मदिरा का निर्माण एवं उपभोग का प्रावधान है। अनुसूचित जनजाति के लोगों के लिए एक निश्चित सीमा में मदिरा को स्वयं के उपभोग के लिए बनाने तथा रखने की शासन द्वारा छूट प्रदान की गई है। लेकिन इसी क्षेत्र में गैर आदिवासियों के लिए उपरोक्तानुसार छूट न होने से शासन की आबकारी नीति के तहत देशी/विदेशी मदिरा दुकानों का निर्धारित आरक्षित मूल्य पर नवीनीकरण/लॉटरी/टेण्डर द्वारा निष्पादन किया जाता है। तदनुसार ही सफल आवेदक/टेण्डरदाता द्वारा उक्त मदिरा दुकानों का संचालन वैधानिक रूप से किया जाता है। (ख) उत्तरांश ''क'' अनुसार देशी/विदेशी मदिरा दुकानों का संचालन नियमानुसार किया जा रहा है। (ग) शासन द्वारा निर्धारित नीति अनुसार मदिरा दुकानों का वैधानिक रूप से संचालन किया जा रहा है।
संविदाकर्मियों की सेवावृद्धि का आदेश एवं देयकों का भुगतान
[वित्त]
6. ( क्र. 2184 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संविदाकर्मियों की सेवा अवधि समाप्त होने पर सेवा वृद्धि का आदेश जारी किए जाने के बाद ही वेतन देयक कोषालय में प्रस्तुत करने और कोषालय द्वारा सेवा वृद्धि आदेश की पुष्टि कर देयक को स्वीकृति प्रदान किए जाने के संबंध में क्या प्रावधान प्रचलित हैं। (ख) हरदा जिले में मई 2015, मई 2016 मई 2017 में किस-किस विभाग के किस श्रेणी के कितने संविदाकर्मियों के देयक कोषालय को प्राप्त हुए, उन्हें किस दिनांक को कोषालय ने स्वीकृति प्रदान की, किस दिनांक को कितनी राशि का भुगतान किया गया? (ग) जिन संविदाकर्मियों के देयक मई 2015, मई 2016 एवं मई 2017 में कोषालय के समक्ष प्रस्तुत किए गए उनकी सेवावृद्धि का आदेश किस विभाग ने किस दिनांक को जारी किया? किस विभाग ने सेवावृद्धि का आदेश जारी किए बिना ही देयक कोषालय में प्रेषित किए। (घ) सेवावृद्धि का आदेश जारी किए बिना ही देयक कोषालय में प्रस्तुत करने, देयक स्वीकृत कर भुगतान किए जाने के लिए कौन-कौन जिम्मेदार हैं? उसके विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही कर रहा है, कब तक करेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) कोषालय से वेतन, भत्तों आदि का भुगतान प्राप्त करने के लिये म.प्र.कोषालय संहिता भाग-। के सहायक नियम-220 में प्रावधान उल्लेखित है। कोषालय से राशि प्राप्त करने एवं भुगतान करने की सम्पूर्ण जिम्मेदारी संबंधित आहरण संवितरण अधिकारी की नियत है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) से (घ) वांछित जानकारी वित्त विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है।
विद्युत देयकों में प्रतिमाह 25 यूनिट बिजली की छूट
[ऊर्जा]
7. ( क्र. 2700 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गरीबी रेखा कार्डधारी अनुसूचित जाति/जनजाति के उपभोक्ताओं को विद्युत देयकों में प्रतिमाह 25 यूनिट बिजली की छूट देने का प्रावधान है? (ख) क्या गरीबी रेखा कार्डधारी सामान्य जाति के उपभोक्ताओं को यह छूट नहीं दी जाती है? (ग) यदि हाँ, तो क्या शासन इन्हें छूट देने पर विचार करेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ वर्तमान में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले अनुसूचित जाति एवं जनजाति के एकल बत्ती उपभोक्ताओं को विद्युत देयकों में प्रतिमाह 25 यूनिट तक ऊर्जा प्रभार एवं ईधन प्रभार समायोजन में छूट (सब्सिडी) का प्रावधान है, जिसकी प्रतिपूर्ति वितरण कंपनियों को राज्य शासन द्वारा की जाती है। (ख) जी नहीं, गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले सामान्य श्रेणी के उपभोक्ताओं को उत्तरांश (क) में उल्लेखित छूट नहीं दी जाती। (ग) वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है तथापि उल्लेखनीय है कि वर्तमान में 30 यूनिट तक की मासिक खपत वाले सभी उपभोक्ताओं को रु. 1.10 प्रति यूनिट की छूट (सब्सिडी) एवं 50 यूनिट तक की मासिक खपत वाले सभी उपभोक्ताओं को 20 पैसे प्रति यूनिट की छूट (सब्सिडी) प्रदान की जा रही है।
ग्रामों में विद्युत अधोसंरचना विकसित करना
[ऊर्जा]
8. ( क्र. 2702 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पनागर विधानसभा क्षेत्र पनागर के इन्द्रा, कुटैली, हिनौतिया बारहा, पड़वारकला, परसराम कुंड, पहरहा टोला, कारीवाह, प्रधानमंत्री आवासों में मंगेला नया मोहल्ला, ठाकुर तलैया, नटवारा, भौरूआ, सरौरा टोला, चरखी टोला, मानेगांव टोला एवं अन्य 16 ग्रामों में विद्युत अधोसंरचना विकसित नहीं की गई है? (ख) यदि हाँ, तो कारण बतावें? कब तक विकसित की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत अद्यतन कितने ग्राम विद्युत अधोसंरचना से पूर्णत: विकसित है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित समस्त ग्राम/मजरे/टोले पूर्व से विद्युतीकृत है, जिसमें विद्यमान विद्युत अधोसंरचना एवं विद्युत उपभोक्ताओं की संख्या संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। 'प्रधानमंत्री आवास योजना' में निर्मित विद्युत विहीन सभी घरों को वर्तमान में संचालित सौभाग्य योजना के प्रावधानों के अंतर्गत विद्युत कनेक्शन प्रदान किया जाना प्रस्तावित है, जिसके तहत आवश्यकतानुसार विद्युत अधोसंरचना विकसित करने हेतु कार्यवाही की जा रही है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में सौभाग्य योजनान्तर्गत प्रश्नाधीन 14 ग्रामों/मजरों/टोलों में से 4 ग्रामों/मजरों/टोलों में विद्युत अधोसंरचना विकसित करने का प्रस्तावित कार्य, जून 2018 तक पूर्ण किया जाना संभावित है। प्रश्नाधीन शेष 10 ग्रामों/मजरों/टोलों में विद्युत अधोसंरचना पूर्णतः विकसित है।
प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर (सौभाग्य) योजना
[ऊर्जा]
9. ( क्र. 2722 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर (सौभाग्य) योजना कब प्रारम्भ हुई? क्या इसमें शहरी क्षेत्र को भी शामिल किया गया है? योजना का लाभ लेने हेतु कौन-कौन सी अर्हतायें होना आवश्यक हैं? (ख) प्रश्नाधीन योजनांतर्गत सागर विधान सभा क्षेत्र में कितने हितग्राहियों का चिन्हांकन किया गया है? योजनांतर्गत हितग्राही को क्या-क्या सुविधायें दी जा रही हैं? (ग) योजना प्रारम्भ दिनांक से प्रश्न दिनांक तक सागर विधान सभा क्षेत्र से कितने आवेदन प्राप्त हुए? कितने हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया? (घ) प्रश्न दिनांक तक कितने आवेदन लंबित हैं? लंबित आवेदनों को कब तक स्वीकृत कर योजना का लाभ दिया जायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) दिनांक 11.10.2017 से प्रारम्भ हुई है। जी हाँ, योजनांतर्गत शहरी क्षेत्र को भी सम्मिलित किया गया है। ऐसे घर/डिफाल्टर कनेक्शनधारी जिनका विद्युत कनेक्शन बकाया राशि होने के कारण विच्छेदित किया गया हो, ग्रामीण क्षेत्रों में घर बनाकर रह रहे व्यक्तियों एवं शहरी क्षेत्रों में आर्थिक, सामाजिक एव जातिगत जनगणना 2011 के अंतर्गत आर्थिक रुप से कमजोर हितग्राहियों की श्रेणी में नहीं आने वाले हितग्राहियों को छोड़कर आर्थिक, सामाजिक एव जातिगत जनगणना 2011 के अंतर्गत चिन्हित आर्थिक रुप से कमजोर सभी हितग्राहियों को उक्त योजना में सम्मिलित किया गया है। (ख) वर्तमान में सौभाग्य योजनांतर्गत सागर विधानसभा क्षेत्र के शहरी क्षेत्र में 294 अविद्युतीकृत घरों को विद्युतीकृत करने हेतु चिन्हांकित किया गया है। योजनांतर्गत आर्थिक, सामाजिक एवं जातिगत जनगणना 2011 के प्रावधानानुसार वंचित (डिप्राइवड) सूची में शामिल सभी हितग्राहियों को निःशुल्क कनेक्शन दिया जाना है तथा ग्रामीण क्षेत्र के शेष हितग्राहियों को कनेक्शन उपरांत आगामी विद्युत देयकों में राशि रू 500/- की वसूली 10 माह में रू 50 प्रति माह की किश्तों में किया जाना है। (ग) विधान सभा क्षेत्र सागर के शहरी क्षेत्र में सौभाग्य योजना के प्रारम्भ होने के दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है। सौभाग्य योजना अंतर्गत आवेदन प्राप्त होने अथवा सर्वे में सौभाग्य योजना के प्रावधानों के तहत हितग्राहियों को चिन्हित कर लाभान्वित किया जावेगा। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
शराब का बढ़ता अवैध कारोबार
[वाणिज्यिक कर]
10. ( क्र. 2979 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में हाईवे के पास आबकारी दुकानें नहीं लगाने के आदेश के बाद विभाग की उदासीनता के कारण प्रदेश में शराब का अवैध परिवहन एवं अवैध शराब की बिक्री गांव-गांव गली मौहल्लों में किराना दुकान आदि जगहों पर धड़ल्ले से हो रहा है? अवैध शराब माफिया संक्रिय तथा आबकारी विभाग निष्क्रिय हो गया है? (ख) यदि नहीं, तो खंडवा विधानसभा के अनेक ग्रामों में अवैध शराब व्यवसायियों की दुकानें किसकी मिली भगत से किया जा रहा है? (ग) जिले में अबकारी विभाग द्वारा अवैध शराब परिवहन एवं बिक्री के विगत तीन वर्षों में कितने प्रकरण बनाए गए हैं? उन प्रकरणों में शासन को कितनी राजस्व की प्राप्ति हुई? (घ) क्या आबकारी विभाग की निष्क्रियता के कारण पुलिस विभाग द्वारा अवैध परिवहन एवं बिक्री के प्रकरण होटल ढांबेवालों के बनाए जा रहे हैं? यदि हाँ, तो क्या इसके लिए आबकारी विभाग के अधिकारी जिम्मेदार हैं?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी नहीं। (ख) खण्डवा विधानसभा क्षेत्र में 19 देशी एवं 08 विदेशी मदिरा दुकानें स्वीकृत/संचालित है। आबकारी विभाग जिला खण्डवा द्वारा स्वीकृत/मदिरा दुकानों के अतिरिक्त कहीं से भी अवैध मदिरा के विक्रय की सूचना प्राप्त होने पर उपलंभन कार्य कर नियमानुसार अवैध शराब परिवहन, संधारण, चौर्यनयन के प्रकरण पंजीबद्ध किये जाते है। (ग) खण्डवा जिले में आबकारी विभाग द्वारा अवैध शराब परिवहन, संधारण एवं चौर्यनयन के विगत तीन वर्षों में कुल 5275 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये। जिनके चालान नियमानुसार माननीय सक्षम न्यायालय में प्रस्तुत किये गये। माननीय न्यायालय द्वारा इन प्रकरणों में आरोपियों के विरूद्ध रूपये 1700600/- अर्थदण्ड आरोपित किया गया है। (घ) यह कहना सही नहीं है कि आबकारी विभाग की निष्क्रियता के कारण पुलिस विभाग द्वारा अवैध परिवहन एवं बिक्री के प्रकरण होटल ढाबे वालों के बनाये जा रहे हैं। आबकारी विभाग खण्डवा द्वारा जिले में समय-समय पर होटल ढाबों की जाँच की जाती है जिसके परिणामस्वरूप वर्ष 2017-18 में माह फरवरी 2018 अंत तक होटल ढाबों के विरूद्ध 284 न्यायालयीन प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं।
अनुशंसित/आदेशित स्थानांतरण के आवेदनों पर कार्यवाही न होना
[सामान्य प्रशासन]
11. ( क्र. 3002 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मान. प्रभारी मंत्री जी जिला मुरैना मध्यप्रदेश शासन भोपाल, कार्यालय से अम्बाह, पोरसा, दिमनी, मुरैना के कितने कर्मचारियों के स्थानांतरण (स्वैच्छिक) के प्रस्ताव कलेक्टर मुरैना को मार्च 2015 से अगस्त सितम्बर 2015 तक की समयावधि में अनुशंसा कर के भेजे गये हैं? (ख) क्या मान. प्रभारी मंत्री महोदय जिला मुरैना द्वारा शिक्षा विभाग में पदस्थ कर्मचारियों के जितने भी प्रस्ताव स्थानांतरण करने हेतु भेजे गये थे, उनमें से एक भी स्थानांतरण आदेश का पालन तत्कालीन कलेक्टर मुरैना, जिला शिक्षा अधिकारी मुरैना द्वारा नहीं किया? यदि हाँ, तो ऐसा क्यों? कब तक उक्त प्रस्तावों पर कार्यवाही की जाकर स्वैच्छिक स्थानांतरण कर दिये जावेगें? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विद्युत विहीन ग्रामों में भेजे गये बिजली के बोगस बिलों को निरस्त करना
[ऊर्जा]
12. ( क्र. 3006 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अम्बाह विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत लेनकापुरा, रूंदकापुरा, कुम्हरपुरा, भड़ोली, वानका पुरा, माफलपुरा, बगियापुरा, बिचौला विद्युत विहीन ग्राम हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में दर्शित ग्रामों में न पोल गढ़ें हैं, न तार ही खिचे हैं और न ही विद्युत मीटर लगाये हैं, फिर भी विगत समय लाखों रूपये के बोगस बिजली के बिल अनुसूचित जाति के सैकड़ों गरीब, मजदूर कृषकों को थमा दिया गये है, यदि हाँ, तो ऐसा क्यों किया गया? (ग) क्या शासन इन फर्जी, बोगस बिलों को निरस्त करने व प्रश्नांश (क) में वर्णित ग्रामों में कब तक विद्युतीकरण करा दिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं वर्तमान में अम्बाह विधानसभा क्षेत्रांतर्गत ग्राम रूंदकापुरा में विद्युत अधोसंरचना उपलब्ध है जिससे कनेक्शन प्रदान किये गये है एवं प्रश्नांश में उल्लेखित शेष ग्रामों के उपभोक्ताओं द्वारा कृषि फीडरों पर स्थापित समीपस्थ वितरण ट्रांसफार्मरों से विद्युत का उपयोग किया जा रहा है। (ख) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार ग्राम रूंदकापुरा में उपलब्ध विद्युत अधोसंरचना से कनेक्शन प्रदान किये गये है तथा उपभोक्ता निरन्तर विद्युत का उपयोग कर रहे हैं। प्रश्नांश में उल्लेखित अन्य ग्रामों यथा लेनकापुरा, कुम्हरपुरा, भड़ोली, वानकापुरा, माफलपुरा, बगियापुरा एवं बिचौला के ग्रामवासियों द्वारा उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार कृषि फीडरों पर स्थापित समीपस्थ वितरण ट्रांसफार्मरों से विद्युत का उपयोग किया जा रहा है। अतः प्रश्नाधीन ग्रामों में विद्युत के उपभोग के विरुद्ध ही नियमानुसार विद्युत बिल जारी किये जा रहे है। (ग) उत्तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार नियमानुसार जारी किये जा रहे विद्युत बिलों को निरस्त करने का प्रश्न नहीं उठता तथापि प्रश्नाधीन ग्रामों के सघन विद्युतीकरण हेतु विद्युत अधोसंरचना के विस्तार का कार्य मुरैना जिले के लिये स्वीकृत दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में सम्मिलित है। उक्त योजनांतर्गत कार्य मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभागीय तौर पर कराए जाने की सैद्धांतिक स्वीकृति आर.ई.सी. लिमिटेड से प्राप्त हो गई है एवं तद्नुसार मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कार्यवाही की जा रही है, किंतु वर्तमान में उक्त कार्य पूर्ण कराए जाने की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
आई.ए.एस./आई.पी.एस. अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
13. ( क्र. 3020 ) श्री आरिफ अकील : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2010 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में क्या मध्यप्रदेश में पदस्थ आई.ए.एस. व आई.पी.एस. अधिकारियों के ठिकानों पर लोकायुक्त की छापामार कार्यवाही की गई और आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरों में भ्रष्टाचार कारित करने के प्रकरण किन किनके विरूद्ध कब-कब पंजीबद्ध किए गए? अधिकारियों के नाम व पद सहित प्रकरणवार वर्षवार सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में अवगत करावें कि किन-किन अधिकारियों के विरूद्ध कब-कब दोष सिद्ध हुए, दोषमुक्त हुए या आपसी समझौते/राजीनामे के आधार पर प्रकरण नस्तीबद्ध किए गए?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) लोकायुक्त संगठन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) किसी भी अधिकारी के प्रकरण दोष सिद्ध, दोष मुक्त या आपसी समझौते/राजीनामा के आधार पर नस्तीबद्ध नहीं किए गए हैं।
पत्रों का समय-सीमा में जवाब न दिया जाना
[सामान्य प्रशासन]
14. ( क्र. 3141 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक मध्यप्रदेश शासन के वरिष्ठ कार्यालयों के विभागों से कलेक्टर जिला छतरपुर को प्रश्नकर्ता के पत्रों के उत्तर देने के लिये कितने पत्र प्राप्त हुये, पत्र क्रमांक व दिनांकवार सूची उपलब्ध करावें? (ख) उक्त प्रश्नांश (क) में संबंधित सभी पत्रों का जवाब समय-सीमा में उपलब्ध कराये गये? यदि हाँ, तो संबंधित पत्रों पर क्या कार्यवाही की गयी? सूची उपलब्ध करावे, यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा दिये गये पत्रों का कलेक्टर छतरपुर द्वारा समय-सीमा में जवाब नहीं दिया जाता है, जो कि सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशों का उल्लंघन है? यदि हाँ, तो कलेक्टर छतरपुर को पत्रों का जवाब समय-सीमा में दिये जाने हेतु आदेश शासन द्वारा जारी किये जावेंगे? (घ) यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक मध्यप्रदेश शासन के वरिष्ठ कार्यालयों से कलेक्टर जिला छतरपुर को तीन पत्र प्राप्त हुए है, जिनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में दर्शाई गई है। (ख) जानकारी प्रश्नांश (क) के उत्तर में उल्लेखित पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में दर्शाई गई है। (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा दिये गये पत्रों का कलेक्टर कार्यालय द्वारा समय पर जवाब दिया जाता है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अनुकम्पा नियुक्ति के संबंध में
[सामान्य प्रशासन]
15. ( क्र. 3142 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन प्रशासन विभाग में दिवंगत कर्मचारी के आश्रितों को अनुकम्पा नियुक्ति हेतु क्या नियम हैं? नियम की छायाप्रति प्रदाय करें। (ख) क्या दिवंगत शासकीय सेवक के परिवार का कोई भी सदस्य या उसकी पत्नी पूर्व से शासकीय सेवा में है, तो क्या दिवगंत शासकीय सेवक के आश्रित पुत्र या पुत्री को अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान की जावेगी? यदि हाँ, तो नियमावली बतावें, यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या दिवगंत शासकीय सेवक की पत्नी यदि उससे कम वेतनमान पद पर है तो क्या उसकी पत्नी उस पद को इस्तीफा देकर अपने पति के पद पर अनुकम्पा नियुक्ति प्राप्त कर सकती है? यदि हाँ, तो नियम बतावें? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार छतरपुर जिले व पन्ना जिले में राजस्व व स्वास्थ्य विभाग में इस प्रकार के कितने मामले वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक विचाराधीन है? जिससे दिवंगत शासकीय सेवक के आश्रित अनुकम्पा पाने से वंचित हैं। सूचीवार जानकारी देवें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। (ग) जी नहीं। कोई नियम/निर्देश नहीं होने के कारण। (घ) कोई प्रकरण विचाराधीन नहीं है।
आर.डी. 5900 मीटर से 6100 मीटर तक निरीक्षण पथ
[नर्मदा घाटी विकास]
16. ( क्र. 3380 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ओंकारेश्वर-मोरटक्का मार्ग पर कामनवाटर केरियर नहर आर.डी. 5900 मीटर से 6100 मीटर तक पर दोनों ओर निरीक्षण पथ का निर्माण कब एवं किसके द्वारा किया गया? इस निर्माण कार्य का मूल्यांकन एवं सत्यापन किस अधिकारी द्वारा कब किया गया? दिनांकवार जानकारी देवें। इस मार्ग की वर्तमान स्थिति क्या है? क्या इस मार्ग पर मार्ग अवरूद्ध किया गया है या अतिक्रमण है? निरीक्षण पथ कब तक पूर्ण निर्मित किया जाएगा? अतिक्रमण कब तक हटाया जावेगा। (ख) उक्त नहर निर्माण में रमेशचंद्र पिता राजा भाऊ की कितनी जमीन अधिग्रहण किया गया? कितनी जमीन का मुआवजा दिया गया? कितनी जमीन पर नहर/माईनर नहर एवं निरीक्षण पथ का निर्माण किया गया। क्या इस किसान की जमीन पर डी.पी.आर. के अनुरूप ही नहर बनाई गई है या उसका स्वरूप बदला गया है? (ग) उक्त भूमि पर एक पुलिया अतिरिक्त बनाने का कारण बतायें? यह निर्माण का मूल्यांकन/सत्यापन किस अधिकारी ने कब किया। लगभग इसी स्थान के पास एक आश्रम का गंदा पानी का नाला/सेप्टीक नाला का पाईप मुख्य नहर में खोलने का कारण बतायें। (घ) सनावद-ओंकारेश्वर मार्ग से ओंकारेश्वर-मोरटक्का-मुंदी मार्ग के बीच (हेलीपेड के सामने वाली) मुख्य नहर एवं माईनर नहर के दोनों ओर निरीक्षण पथ नहर के पानी रिसाव से रमेशचंद्र पिता राजा भाऊ, ग्राम व हल्का कोठी, खसरा क्रमांक 17/1 का खेत दलदल बन गया है, विभागीय अधिकारी इनकी समस्या कब दूर करेंगे?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) निर्माण टर्न-की एजेंसी सोमदत्त बिल्डर्स नई दिल्ली द्वारा वर्ष 2007 में किया गया। उक्त कार्य का मूल्यांकन एवं सत्यापन सलाहकार एजेंसी घरेजी इंस्टर्न प्रा.लि. मुंबई द्वारा दिनांक 24/03/2007 से दिनांक 16/06/2007 तक किया गया है वर्तमान में उक्त निरीक्षण पथ कच्चा बना हुआ है, जिस पर डब्ल्यू.बी.एम. मार्ग जून 2018 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है। इस मार्ग पर झाड़ियां होने से मार्ग अवरूद्ध था अब झाड़ियों को हटा दिया है तथा उक्त मार्ग आवागमन के लिये खुला है। (ख) श्री रमेशचन्द्र पिता राजा भाऊ निवासी ग्राम कोठी की 0.18 हेक्टेयर भूमि अधिगृहित की गई है एवं रूपये 1,55,340.00 मुआवजा भुगतान किया गया। अधिगृहित भूमि में रकबा 0.18 हेक्टेयर पर ही नहर/माइनर नहर एवं निरीक्षण पथ का निर्माण है, जो कच्चा है। स्वीकृत प्लान/अलायमेंट के अनुरूप नहर निर्माण किया गया है, उसका स्वरूप नहीं बदला गया है। (ग) मुख्य नहर के कारण पूर्व से स्थित आश्रम दो भागों में विभाजित हो रहा है। अत: आवागमन हेतु आश्रम के एक भाग से दूसरे भाग में आने-जाने हेतु फुट ब्रिज का निर्माण टर्न-की निविदा के अंतर्गत ही किया गया है। इस कार्य का सत्यापन अनुविभागीय अधिकारी एवं उपयंत्री द्वारा दिनांक 24/03/2007 को किया गया है। इस स्थान के समीप स्थित आश्रम में एकत्रित वर्षा के पानी की निकासी हेतु एक पाईप नहर में पाया गया जिसे बंद करा दिया गया है। (घ) वर्तमान में खसरा क्रमांक 17/1 में कोई दलदल नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मंडल संयोजक छात्रवृत्ति घोटाला
[जनजातीय कार्य]
17. ( क्र. 3420 ) श्री प्रताप सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 30 मार्च 2016 में अतारांकित प्रश्न क्रमांक 7799 के जवाब में बताया कि मामले में विवेचना चल रही हैं? यदि हाँ, तो क्या 3 साल उपरांत भी प्रकरण के संबंध में चालान न्यायालय में प्रस्तुत नहीं किया गया है। (ख) क्या छात्रवृत्ति संबंधी घोटाले में आदिम जाति कल्याण विभाग के तत्कालीन प्रभारी सहायक आयुक्त सागर एवं मंडल संयोजक श्री कमलेश जैन दमोह में पदस्थ हैं? यदि हाँ, तो इनके विरूद्ध प्रश्नांश (क) के जवाब में लंबित मामले पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या श्री कमलेश जैन, मंडल संयोजक के विरूद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं में संलिप्त होने के कारण कलेक्टर दमोह को श्री अशोक व्यास, पत्रकार के द्वारा दिनांक 10.11.2017 को प्रमाण सहित, आवश्यक कार्यवाही हेतु शिकायत की गई थी? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या मंडल संयोजक का पद तृतीय श्रेणी के अंतर्गत आता हैं? यदि हाँ, तो क्या मंडल संयोजक को जिला परियोजना अधिकारी का प्रभार दिया जा सकता है? यदि हाँ, तो किन नियमों के तहत बतावें? यदि नहीं, तो श्री कमलेश जैन मंडल संयोजक को किस आधार पर जिला परियोजना अधिकारी का प्रभार दिया गया?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भूमि अधिगृहण की जानकारी
[ऊर्जा]
18. ( क्र. 3534 ) श्री महेश राय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बीना के अंतर्गत संचालित औद्योगिक इकाई जे.पी.पावर प्लांट बीना में स्थानीय नागरिकों एवं किसानों की भूमि जो कंपनी द्वारा अधिगृहण की गयी है, उनके परिवार वालों को रोजगार उपलब्ध कराने का कितने प्रतिशत का प्रावधान है अथवा नहीं? (ख) यदि हाँ, तो कितने प्रतिशत शिक्षित बेरोजगार एवं जिन किसानों की भूमि अधिगृहण की गयी थी, सूची उपलब्ध करायी जावे एवं शासन के अनुबंध की प्रति उपलब्ध करायी जावे? (ग) स्थानीय नागरिकों को चिन्हित करते हुये क्या उन्हे सुरक्षा गार्ड की सेवा हटाया जा रहा है? यदि हाँ, तो उनके साथ भेदभाव क्यों किया जा रहा है? क्या स्थानीय होना अभिशाप है? (घ) प्रबंधन द्वारा निकाले गये सुरक्षाकर्मी एवं अन्य सैकड़ों विधानसभा क्षेत्र के योग्यताधारी को पुन: वापसी हेतु क्या प्रावधान है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) मध्य प्रदेश ट्रेड एण्ड इन्वेस्टमेंट फेसिलिटेशन कारपोरेशन के माध्यम से मेसर्स जे.पी.बीना. थर्मल पावर प्लांट से प्राप्त जानकारी के आधार पर पावर प्लांट बीना में स्थानीय नागरिकों एवं ऐसे किसानों, जिनकी भूमि अधिगृहित की गई है, उनके परिवार वालों को रोजगार उपलब्ध कराने का प्रतिशत में कोई प्रावधान नहीं है। अपितु अनुबंध की कंडिका-6 में रोजगार संबंधी निम्न प्रावधान है, ''यह कि कंपनी ऐसे कृषक, जो उपरोक्त भूमि अधिगृहण के कारण पूर्ण भूमिहीन हो जाते हैं तथा जिनकी अन्य जगह भी कोई कृषि भूमि नहीं है, उनके परिवार के एक सदस्य को योग्यता अनुसार नौकरी देगी तथा शेष प्रभावित लोगों को जिनकी भूमि का आंशिक भाग अर्जित किया जा रहा है, को व्यवसायिक प्रशिक्षण (वोकेशनल ट्रेनिंग) देकर उन्हें अनुकल्पी रोजगार उपलब्ध कराएगी।'' (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में लागू नहीं है, अपितु मध्य प्रदेश ट्रेड एण्ड इन्वेस्टमेंट फेसिलिटेशन कारपोरेशन के माध्यम मेसर्स जे.पी.बीना. थर्मल पावर प्लांट से प्राप्त जानकारी के आधार पर रोजगार उपलब्ध कराये गये शिक्षित बेरोजगार एवं जिन किसानों की भूमि अधिगृहित की गई है, की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। अनुबंध की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) मध्य प्रदेश ट्रेड एण्ड इन्वेस्टमेंट फेसिलिटेशन कारपोरेशन के माध्यम से मेसर्स जे.पी.बीना. थर्मल पावर प्लांट से प्राप्त की गई जानकारी के आधार पर, ऐसा कोई प्रकरण नहीं है। शेष प्रश्नांश लागू नहीं। (घ) उत्तरांश 'ग' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
सोभाग्य श्री योजनान्तर्गत प्राप्त लक्ष्य व पूर्ती
[ऊर्जा]
19. ( क्र. 3601 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले में सौभाग्य श्री योजनान्तर्गत कितने लोगों को विद्युत कनेक्शन दिये जाने का लक्ष्य किस अवधि तक के लिये निर्धारित किया गया है व प्रश्न दिनांक तक कितने लोगों को इसका लाभ दिया जा चुका है? संख्यावार व तहसीलवार बतायें। (ख) क्या इस योजना के लिये हितग्राही को आवेदन किया जाना आवश्यक है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक ऐसे कितने हितग्राही हैं, जिनके द्वारा आवेदन किये जाने के बाद भी उन्हें उक्त योजना का लाभ नहीं मिल पाया है? (ग) उक्त योजना में हितग्राही को क्या-क्या सामग्री उपलब्ध करायी जा रही है? क्या उससे किसी प्रकार का कोई शुल्क भी वसूला जा रहा है। यदि हाँ, तो कितना। (घ) हरदा जिले को उक्त योजना हेतु दिये गये लक्ष्य की पूर्ती कब तक पूरी कर ली जावेगी।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के क्षेत्रांतर्गत हरदा जिले में सौभाग्य योजना (सौभाग्य श्री नहीं) में प्रारंभिक आंकलन अनुसार कुल 20231 हितग्राहियों को दिसम्बर 2018 तक विद्युत कनेक्शन दिये जाने का लक्ष्य रखा गया है, जिनमें से फरवरी, 2018 की स्थिति में 13037 हितग्राहियों को योजना का लाभ दिया जा चुका है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में सौभाग्य योजनान्तर्गत लाभान्वित हितग्राहियों की तहसीलवार संख्या की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, प्रश्नाधीन योजना के तहत हितग्राहियों को निर्धारित प्रपत्र में आवेदन किये जाने का प्रावधान है जो कि वितरण कंपनियों द्वारा निर्धारित विभागीय एजेन्सी द्वारा सर्वे के दौरान मौके पर ही पूर्ण कराये जा रहे है। उक्त योजना के तहत प्रश्नाधीन क्षेत्र में ऐसा कोई प्रकरण नहीं है, जिसमें आवेदन प्राप्त होने के उपरान्त भी कनेक्शन प्रदान नहीं किया गया है। (ग) इस योजना के तहत हितग्राहियों को सर्विस लाईन, मीटर, मीटर बोर्ड, एल.ई.डी. बल्ब, स्विच बोर्ड आदि सामग्री प्रदाय की जा रही है। उक्त योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक-आर्थिक एवं जातिगत जनगणना 2011 के अनुसार चिन्हित आर्थिक रुप से कमजोर हितग्राहियों को निःशुल्क कनेक्शन प्रदान किये जाने तथा अन्य हितग्राहियों से 500 रुपये की राशि मासिक विद्युत बिलों के साथ 10 किश्तों में लिये जाने का प्रावधान है। उक्त योजनांतर्गत शहरी क्षेत्रों में भी सामाजिक-आर्थिक एवं जातिगत जनगणना 2011 के अनुसार चिन्हित आर्थिक रुप से कमजोर हितग्राहियों को निःशुल्क कनेक्शन दिये जाने का प्रावधान है। (घ) हरदा जिले में सौभाग्य योजनान्तर्गत कार्य दिसम्बर 2018 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है।
दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों को स्थाई करना
[सामान्य प्रशासन]
20. ( क्र. 3607 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग के ज्ञाप क्रमांक/एफ/5-1/2013/1/3 भोपाल दिनांक 07/10/2016 एव 5-1/2013/1/3 भोपाल दिनांक 05/07/2017 के अनुसार क्या उक्त ज्ञापन में चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पद पर दैनिक वेतन कर्मचारियों को प्राथमिकता के आधार पर नियुक्ति हेतु जिला स्तर पर सम्भागीय आयुक्त की अध्यक्षता में कोई बैठक के निर्देश हैं? यदि हाँ, तो इंदौर संभाग में ज्ञापन दिनांक से कितनी बैठक हुई हैं और इस बैठक के क्या नतीजे हुए हैं? (ख) क्या शासन के विभिन्न विभागों में रिक्त पदों की पूर्ति के लिए शासन स्तर पर क्या कार्यवाही की जा रही है? इन पदों की पूर्ति के लिए शासन कब तक कार्यवाही कर पद पूर्ति कर दी जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) रिक्त पदों की पूर्ति निरंतर की जा रही है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सामान्य प्रशासन विभाग के अंतर्गत कार्यरत संस्थाओं में प्रतिनियुक्ति के नियम
[सामान्य प्रशासन]
21. ( क्र. 3959 ) श्री प्रताप सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामान्य प्रशासन विभाग के अंतर्गत भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने, प्रशासन को भ्रष्टाचार से मुक्त करने और भ्रष्टाचारियों को पकड़ने एवं इसकी जाँच करने के लिए कितनी संस्थाएं/विभाग कार्य कर रहे है? इन संस्थाओं पर अधिकारियों एवं कर्मचारियों को प्रतिनियुक्ति में रखे जाने के क्या नियम है एवं कितनी अवधि तक प्रतिनियुक्ति पर अधिकारी कर्मचारी रह सकते है? (ख) लोकायुक्त संगठन, आर्थिक अपराध शाखा एवं मुख्य तकनीकी परीक्षक में कितना तकनीकी अमला प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ है? 4 वर्ष से अधिक कितने अधिकारी/कर्मचारी तकनीकी अमले में पदस्थ है? क्या 4 वर्ष से अधिक पदस्थ रहने से भ्रष्टाचार को बढ़ावा नहीं मिलता? क्या लंबे समय से जमे अधिकारियों/कर्मचारियों को हटाने की कोई योजना है? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) लोकायुक्त संगठन, आर्थिक अपराध शाखा एवं मुख्य तकनीकी परीक्षक कार्यालय में प्रतिनियुक्ति हेतु कितने आवेदन लंबित हैं? उन पर कार्यवाही कब तक की जा सकेगी?
मुख्यमंत्री
( श्री शिवराज
सिंह चौहान ) : (क) निम्नानुसार
तीन संस्थाएं
कार्यरत हैं:-
1. लोकायुक्त
संगठन 2. आर्थिक
अपराध
प्रकोष्ठ 3. मुख्य
तकनीकी
परीक्षक (सतर्कता)
संगठन
उपरोक्त
संस्थाओं
में लोकायुक्त
संगठन एवं
आर्थिक अपराध
प्रकोष्ठ
में पुलिस
अधिकारी/कर्मचारियों
की पदस्थापना
स्थानांतर
के माध्यम से
गृह विभाग
द्वारा की
जाती है। उपरोक्त
तीनों
संस्थाओं में
तकनीकी
अधिकारी/कर्मचारियों
की पदस्थापना
निर्माण
विभागों से
अधिकारी/कर्मचारियों
की सेवाएं
प्रतिनियुक्ति
के माध्यम से
प्राप्त कर
की जाती है। प्रतिनियुक्ति
पर अधिकारी/कर्मचारियों
की सेवाएं
सामान्य
प्रशासन
विभाग के
परिपत्र
क्रमांक सी/3-14/06/3/एक,
दिनांक 29/02/2008 में दिए गए
निर्देशानुसार
प्राप्त की
जाती है। सामान्यत:
निर्माण विभागों
की सहमति से
अधिकारी/कर्मचारियों
की सेवाएं
प्रथमत: 2 वर्ष के लिए
प्राप्त की
जाती है। तत्पश्चात्
दोनों
विभागों की
सहमति से
प्रतिनियुक्ति
की अवधि में
आवश्यकतानुसार
वृद्धि की
जाती है। (ख) लोकायुक्त
संगठन की
तकनीकी शाखा
में कुल 7 तकनीकी
अधिकारी/कर्मचारी,
आर्थिक अपराध
प्रकोष्ठ
में 1
अधिकारी एवं
मुख्य
तकनीकी
परीक्षक (सतर्कता)
संगठन में कुल
20
अधिकारी/कर्मचारी
प्रतिनियुक्ति
पर पदस्थ हैं।
इनमें से
लोकायुक्त
संगठन में सभी
7
तकनीकी
अधिकारी/कर्मचारी, आर्थिक
अपराध
प्रकोष्ठ
में 1
अधिकारी एवं
मुख्य
तकनीकी
परीक्षक (सतर्कता)
संगठन में 6
अधिकारी/कर्मचारी
4
वर्ष की अधिक
अवधि से
प्रतिनियुक्ति
पर पदस्थ हैं।
जी नहीं। निर्माण
विभागों से इच्छुक
तकनीकी
अधिकारी/कर्मचारियों
के नामों का
पैनल प्राप्त
होने पर दीर्घावधि
से पदस्थ
अधिकारी/कर्मचारियों
को हटाया जा
सकता है। समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
(ग) लोकायुक्त
संगठन एवं
आर्थिक अपराध
प्रकोष्ठ
में
अधिकारी/कर्मचारियों
को
प्रतिनियुक्ति
पर रखे जाने
के कोई आवेदन
लंबित नहीं है।
मुख्य
तकनीकी
परीक्षक (सतर्कता)
संगठन में
अधिकारी/कर्मचारियों
की सेवाएं प्रतिनियुक्ति
पर प्राप्त
करने के संबंध
में 11
अधिकारी/कर्मचारियों
के आवेदन
पत्रों पर संबंधित
निर्माण
विभागों की
सहमति प्राप्त
की जाने की
कार्यवाही
प्रचलित है।
ट्रांसफार्मर निर्धारित समयावधि में बदले जाने एवं उपकेन्द्रों की स्थापना
[ऊर्जा]
22. ( क्र. 4033 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले में वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में प्रश्न दिनांक तक कितने क्षमतावार वितरण ट्रांसफार्मर जले, कितने क्षमतावार वितरण ट्रांसफार्मर निर्धारित समयावधि में नहीं बदले गये? निर्धारित समयावधि में न बदले जाने का क्या कारण हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में अंकित अवधि में कितने नवीन वितरण ट्रांसफार्मर कितने के.व्ही.ए. के हरदा विधान सभा क्षेत्र में कहाँ-कहाँ स्वीकृत किये गये हैं ग्रामवार जानकारी दें? (ग) हरदा जिलान्तर्गत किन-किन स्थानों पर कितने के.व्ही.ए. के अतिरिक्त ट्रांसफार्मर स्वीकृत कर लगाये गये हैं? सूची उपलब्ध करावें। (घ) हरदा जिलान्तर्गत वर्ष 2017-18 में अधिभारित ट्रांसफार्मरों को अधिभार से बचाने के लिये कितने व किस-किस स्थानों पर कितने-कितने के.व्ही.ए. के अतिरिक्त ट्रांसफार्मर स्थापित किया जाना एवं कौन-कौन से नये 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र स्थापित किया जाना प्रस्तावित है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) हरदा जिले में वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 (माह फरवरी 2018 तक) में क्रमश: 471 एवं 638 वितरण ट्रांसफार्मर जले/खराब हुए तथा उक्त सभी जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर निर्धारित समयावधि में बदल दिये गये हैं। उक्त जले/खराब ट्रांसफार्मरों की वर्षवार/क्षमतावार संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) विधान सभा क्षेत्र हरदा के अंतर्गत वर्ष 2016-17 में 369 नवीन वितरण ट्रांसफार्मरों का कार्य स्वीकृत किया गया था तथा सभी 369 वितरण ट्रांसफार्मर की स्थापना के कार्य पूर्ण किये जा चुके है, जिनकी ग्रामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है वर्ष 2017-18 (माह फरवरी 2018 तक) में हरदा विधानसभा क्षेत्र में 283 नवीन वितरण ट्रांसफार्मरों का कार्य स्वीकृत किया गया है, जिसमे से 278 ट्रांसफार्मरों की स्थापना कार्य पूर्ण किया जा चुका है, जिसकी ग्रामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ग) हरदा जिले में 63 के.व्ही.ए. क्षमता के 24 अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर विभिन्न ग्रामों में लगाये गये है, जिनकी ग्रामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। (घ) हरदा जिले के अंतर्गत वर्ष 2017-18 में अतिभारित ट्रांसफार्मरों को अतिभार से बचाने के लिये 19 स्थानों पर 63 के.व्ही.ए. क्षमता के अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाने है, जिनका स्थानवार/क्षमतावार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ई' अनुसार है। इसके अतिरिक्त हरदा जिले में तीन 33/11 के.व्ही उपकेन्द्रों में 5 एम.व्ही.ए क्षमता के अतिरिक्त पावर ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाने हैं एवं 5 एम.व्ही.ए. क्षमता के एक नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र की स्थापना का कार्य किया जाना है, जिनका स्थानवार/क्षमतावार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'फ' अनुसार है।
सौभाग्य योजना के संबंध में
[ऊर्जा]
23. ( क्र. 4081 ) श्री विष्णु खत्री : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैरसिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सौभाग्य योजना के तहत हर घर में बिजली पहुंचाने हेतु ग्रामों का सर्वे का कार्य पूर्ण कर लिया गया है अथवा नहीं? सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित ग्रामों में सौभाग्य योजनान्तर्गत हितग्राहियों को कब तक विद्युत कनेक्शन प्रदान कर दिये जावेंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, बैरसिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सौभाग्य योजना के तहत हर घर में बिजली पहुँचाने हेतु समस्त ग्रामों का सर्वे कार्य पूर्ण कर लिया गया हैं, जिनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में वर्णित ग्रामों में सौभाग्य योजनान्तर्गत हितग्राहियों को दिसम्बर, 2018 तक विद्युत कनेक्शन जारी किये जाने की समयावधि निर्धारित की गई है।
विद्युत बिलों में गड़बड़ी
[ऊर्जा]
24. ( क्र. 4189 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी जबलपुर के तहत जबलपुर शहरी क्षेत्र के विद्युत संभागीय कार्यालयों में विद्युत मीटर में गड़बड़ी अनाप शनाप रीडिंग व विद्युत बिलों में गड़बड़ी से संबंधित प्राप्त शिकायतों का निराकरण करने हेतु क्या व्यवस्था की गई है? इस तरह की बढ़ती हुई शिकायतों का मुख्य कारण क्या है? कितनी शिकायतों का निराकरण किया गया वर्ष 2017-18 की माहवार जानकारी दें। (क) प्रश्नांश (क) में विद्युत व्यवस्था में सुधार लाने हेतु आर.ए.पी.डी.आर.पी. योजना के अंतर्गत कितनी-कितनी राशि का कौन-कौन सा कार्य कराना था तथा किस-किस कार्य का ठेका किस कम्पनी को कितनी राशि में कब कितनी अवधि के लिये दिया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) में प्रस्तावित कितनी-कितनी राशि का कौन-कौन सा कार्य किस-किस ठेका कम्पनी ने कराया है एवं कितनी राशि का कौन सा कार्य समयावधि में क्यों पूर्ण नहीं कराया है एवं इन कम्पनियों को अभी तक कुल कितनी राशि का भुगतान किया गया है? (घ) प्रश्नांश (ख) में कितने ट्रान्सफार्मर लगाये गये, कितने ट्रान्सफार्मर बदले गये कितने ट्रान्सफार्मर में क्षमता वृद्धि की गई? कितना कार्य शेष है? कितने मीटरों को बदलना था और कितने मीटर बदले गये है वर्ष 2016-17-18 की जानकारी दें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के अन्तर्गत जबलपुर नगर वृत्त जो कि पूर्णत: शहरी क्षेत्र है, में 5 संभागीय कार्यालय आते हैं। विद्युत बिलों में गड़बड़ी से संबंधित प्राप्त शिकायतों के निराकरण हेतु सभी संभागों में वितरण केन्द्र/जोन स्तर पर नियमित काउन्टर विद्यमान है तथा इसके अतिरिक्त विद्युत संबंधी समस्याओं के निवारण हेतु शिविर लगाकर शिकायतों का निराकरण किया जा रहा है। वितरण कम्पनी स्तर पर स्थापित कॉल सेंटर दूरभाष क्रमांक 1912 एवं वितरण कम्पनी द्वारा जारी स्मार्ट बिजली एप्प (मोबाईल एप्प) के माध्यम से भी उपभोक्ता शिकायत दर्ज करा सकते हैं। सभी शिकायतों की जाँच कर यथोचित निराकरण किया जाता है। पूर्व में ठेके पर अनुबंधित मीटर वाचकों के हड़ताल पर जाने के पूर्व उनके द्वारा कुछ उपभोक्ताओं की त्रुटिपूर्ण रीडिंग दर्ज की गई थी। उसके उपरान्त माह जुलाई-17 से बाह्य एजेन्सी मेसर्स फीडबैक इन्फ्रा प्रा.लि. गुड़गांव द्वारा फोटो रीडिंग एवं स्पॉट बिलिंग का कार्य प्रारम्भं किया गया। ऐसे उपभोक्ताओं की विद्युत की संचयी खपत को, उपभोग की अवधि के अनुरूप बांटते हुये स्लेब बिलिंग का लाभ दिया गया एवं किश्तों में भुगतान की सुविधा भी प्रदान की गई। तत्पश्चात शिकायतों की संख्या में निरंतर कमी आई है वर्ष 2017-18 में जबलपुर नगर वृत्त के पाँचों संभागों में अलग-अलग स्थानों पर कुल 152 समस्या निवारण शिविर लगाये गये। उक्त अवधि में शिविरों एवं अन्य काउन्टरों पर कुल 10771 शिकायतें प्राप्त हुईं तथा सभी शिकायतों का निराकरण किया गया वर्ष 2017-18 में प्राप्त एवं निराकृत शिकायतों का जबलपुर नगर वृत्त के संभागवार एवं माहवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) विद्युत व्यवस्था में सुधार लाने हेतु आर.ए.पी.डी.आर.पी. योजना के अंतर्गत जबलपुर के शहरी क्षेत्र में ठेकेदार कंपनी को दिये गये कार्य, ठेकेदार का नाम, ठेके की राशि एवं ठेके की अवधि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर में उल्लेखित ठेकेदारों द्वारा किये कार्य का विवरण, भुगतान, ठेके की समयावधि एवं समयावधि में पूर्ण नहीं होने के कारण का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में आर.ए.पी.डी.आर.पी. योजना में जबलपुर के शहरी क्षेत्र में वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में ठेकेदार कंपनी मेसर्स स्टेप इंडस्ट्रीज प्रा.लि., नई दिल्ली द्वारा ट्रांसफार्मर लगाने/बदलने तथा मीटर बदलने संबंधी किये गये कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
सौभाग्य योजना अन्तर्गत विदयुतविहीन परिवारों को विदयुत कनेक्शन दिया जाना
[ऊर्जा]
25. ( क्र. 4203 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सौभाग्य योजना के तहत लहार विधान सभा क्षेत्र के किन-किन ग्रामों व कस्बों में दिनांक 16 जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन विद्युत कनेक्शन विहीन परिवारों को विद्युत कनेक्शन दिये गये? प्रत्येक परिवार के मुखिया का नाम, ग्राम व कस्बा सहित विवरण दें? (ख) सौभाग्य योजना के प्रचार-प्रसार हेतु किन ग्रामों व कस्बों में विद्युत कनेक्शन विहीन परिवारों को कनेक्शन प्रदाय हेतु किस-किस दिनांक को कहाँ-कहाँ कैंप लगाये गये तथा कितने-कितने परिवारों को कनेक्शन दिये गये? प्रत्येक कैंप में स्वीकृत किये गये कनेक्शनों की संख्या बताएं? (ग) उपरोक्तानुसार ऐसे ग्रामों व कस्बों में पूर्व से स्थापित फुंके ट्रांसफार्मर बकाया राशि होने पर उसी ग्राम व कस्बें की नवीन वि़द्युतविहीन परिवारों को सौभाग्य योजना में कनेक्शन नहीं देने का कारण बताऐं एवं पूर्व के बकायादारों के कारण नवीन विद्युत विहीन परिवारों को कनेक्शन देने का नियम प्रस्तुत करें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) सौभाग्य योजना के अन्तर्गत लहार विधानसभा क्षेत्र में प्रश्नाधीन अवधि में प्रदान किये गये कनेक्शनों की प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) सौभाग्य योजना के प्रचार-प्रसार हेतु प्रश्नाधीन क्षेत्र में लगाए गए केम्पों की दिनांकवार, कार्यक्रम स्थलवार एवं केम्प में स्वीकृत किये गये एवं दिये गये कनेक्शनों की संख्या सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब'अनुसार है। (ग) ग्रामों/कस्बों में पूर्व से स्थापित जले/खराब ट्रांसफार्मर से संबद्ध उपभोक्ताओं पर बकाया राशि होने के कारण उस ग्राम/कस्बे में विद्युतविहीन घरों को सौभाग्य योजना में कनेक्शन नहीं देने का कोई प्रकरण संज्ञान में नहीं आया है। सौभाग्य योजना के अंतर्गत ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के बकायादार विद्युत उपभोक्ताओं को छोड़कर ग्रामीण क्षेत्र में सभी विद्युतविहीन आबादी क्षेत्र के घरों को विद्युत कनेक्शन देने एवं शहरी क्षेत्र के आर्थिक-सामाजिक एवं जातिगत जनगणना, 2011 अनुसार चिन्हित आर्थिक रूप से कमजोर हितग्राहियों को ही योजना में कनेक्शन दिये जाने का प्रावधान है। सौभाग्य योजना में अन्य बकायादारों के कारण किसी हितग्राही को कनेक्शन देने से मना करने का कोई प्रावधान नहीं है।
अनुसूचित जाति वर्ग के उच्च शिक्षा स्तर पर अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के कल्याणकारी योजना [अनुसूचित जाति कल्याण]
26. ( क्र. 4349 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुसूचित जाति वर्ग के उच्च शिक्षा स्तर में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को आवास भत्ता एवं अन्य सुविधायें प्राप्त करने हेतु शासन ने क्या नियम व प्रावधान प्रावधानित किये हैं? (ख) रतलाम एवं उज्जैन जिले के प्रश्नांश (क) आधारित कितने-कितने छात्र, छात्राओं ने वर्ष २०१४ से अब तक आवास भत्ता व अन्य सुविधाएं प्राप्ति हेतु आवेदन किये हैं? कितने स्वीकृत हुए? कितने निरस्त हैं? सकारण वर्षवार, तहसीलवार ब्यौरा दें. (ग) क्या अनुसूचित जाति वर्ग के उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्र-छात्राओं ने वर्ष २०१३ से अब तक विदेशों में अध्ययन हेतु आवेदन किये हैं? यदि हाँ, तो कब एवं कितने? शासन ने उन पर क्या स्वीकृतियां व सहायता प्रदान की? अथवा कितने आवेदन विदेशों में अध्ययन हेतु कब से किस कारण से लंबित हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) अनुसूचित जाति वर्ग के उच्च शिक्षा स्तर में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को आवास भत्ता एवं अन्य सुविधाएं प्रदान करने हेतु नियम निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) रतलाम जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है तथा उज्जैन जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। विदेश में उच्च शिक्षा हेतु छात्रवृत्ति योजनान्तर्गत वर्ष 2017-18 तक के समस्त आवेदनों का निराकरण कर दिया गया है। कोई आवेदन लंबित नहीं है।
अनुसूचित जाति बाहुल्य ग्राम पंचायतों संबंधी
[अनुसूचित जाति कल्याण]
27. ( क्र. 4350 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम एवं उज्जैन जिले में कितनी एवं कौन-कौन सी ग्राम पंचायतें अनुसूचित जाति बाहुल्य हैं? तहसीलवार ब्यौरा दें. (ख) प्रश्नांश (क) ग्राम पंचायतों को क्या-क्या विशेष सुविधायें, आवंटन, केन्द्र व राज्य शासन की किन-किन योजनाओं के अंतर्गत सहायता अथवा विकास मद में कितनी-कितनी राशि वर्ष २०१३ से अब तक प्रदान की गई? जिलेवार तहसीलवार ब्यौरा दें. (ग) क्या प्रश्नांश जिलों की जिला पंचायतों को अनुसूचित बाहूल्य पंचायतों हेतु आवंटित राशियों का पूर्ण उपयोग प्रश्नांश (ख) अवधि में किया गया? उपरोक्त राशि आवंटन अथवा व्यय में कहाँ-कहाँ अनियमितता पाई गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। राशि आवंटन अथवा व्यय के संबंध में अनियमितता संबंधित विभाग को कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।
ओ.आर.जी.आई.
की कामेन्ट को
निष्प्रभावी
करना
[जनजातीय कार्य]
28. ( क्र. 4362 ) श्री मोती कश्यप : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभागीय आदेश दिनांक 30-5-2017 द्वारा किन्हीं जातियों को किन्हीं जनजातियों में सम्मिलित करने हेतु किन्हीं की अध्यक्षता व सदस्यता में किसी विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया है? (ख) क्या प्रश्नकर्त्ता ने अपने पत्र दिनांक 15-12-2017 द्वारा प्रश्नांश (क) को किन्हीं विषय व दिनांक के भारत सरकार, पूर्ववर्ती विन्ध्य प्रदेश व सेन्ट्रल प्रोविन्सेस एण्ड बरार शासनों के पत्राचारों और मध्यप्रान्त व बरार तथा मध्यप्रदेश शासन की अधिसूचनाओं को संलग्न कर प्रस्तुत किया है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) समिति का उद्देश्य धीमर, कहार, भोई, केवट, मल्लाह आदि का मांझी जनजाति के समान होने के विषय पर आ.जा.अ. संस्था की असहमतियों पर आधारित भारत के महारजिस्ट्रार की टिप्पणियों पर स्पष्टीकरण व अभिमत बनाये जाने पर चर्चा करना है? (घ) क्या प्रश्नांश (ख) के किसी के निर्देश पर किन्हीं सरकारों ने किन्हीं दिनांक को अपने राज्यपाल की सहमति से मांझी (मल्लाह, केवट, भोई, धीमर), गोंड (भोई), कोली (धीमर, धीवर, केवट, पालेवार, भनारा) व मंझवार (मांझी, मझिया) को परस्पर समाहित मछुआ व नाविक पेशा की जनजातियों के रूप में संविधान अनुसूची में सम्मिलित करने की अनुशंसा किये जाने पर प्रश्नांश (ग) की असहमतियों व टिप्पणियों को औचित्यहीन होना निरूपित किया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) एवं (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
धीमर, कहार आदि का मांझी जनजाति के समान प्रमाणित होना
[जनजातीय कार्य]
29. ( क्र. 4363 ) श्री मोती कश्यप : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्त्ता ने अपने पत्र दिनांक 18-12-2017 के साथ भारत सरकार, तत्कालीन विन्ध्यप्रदेश, सेन्ट्रल प्रोविन्सेस एण्ड बरार शासन के किन्हीं पत्रों एवं मध्यप्रान्त एण्ड बरार तथा मध्यप्रदेश शासन की किन्हीं अधिसूचनाओं की प्रतियां मा. मुख्यमंत्रीजी को प्रस्तुत की हैं? (ख) क्या धीमर, केवट आदि मछुआ व नाविक जातियों के मांझी जनजाति के समान प्रकरण पर शासन प्रतिवेदन दिनांक 15-03-2003 व दिनांक 04-08-2008 में आ.जा.अ. संस्था की असहमति पर आधारित भारत के महारजिस्ट्रार ने अपनी टीप में दोनों समूहों में समानता नहीं होना आरोपित किया है? (ग) क्या वर्तमान मध्यप्रदेश राज्य की प्रश्नांश (क) की पूर्ववर्ती सरकारों ने वर्ष 1950 में मांझी (मल्लाह, केवट, भोई, धीमर), गोंड (भोई), कोली (धीमर, धीवर, केवट, पालेवार, भनारा), मंझवार (मंझवार, मांझी, मझिया) को परस्पर समाहित, पर्यायवाची, समान पेशा व धर्म की जनजातियां मानकर राज्यपालों की सहमति से संविधान अनुसूचित जनजाति की अनुसूची में सम्मिलित किये जाने हेतु अनुशंसा की है? (घ) क्या प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के तथ्यों से स्पष्ट है कि धीमर, कहार, भोई, केवट, मल्लाह आदि ही मांझी व मझवार जनजाति में समाहित है और आ.जा.अ. संस्था व भारत के महारजिस्ट्रार की आपत्तियां औचित्यहीन बन गई है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सीधी भर्ती वाले लिपिकों को पूर्ण सेवा अवधि में तीन समयमान वेतनमान के संबंध में
[वित्त]
30. ( क्र. 4536 ) श्रीमती ममता मीना : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा सीधी भर्ती वाले लिपिकों को पूर्ण सेवा अवधि में तीन समयमान, वेतनमान, वेतन ग्रेड-2400, 2800, 3200 दिये जायेंगे? यदि हाँ, तो सीधी भर्ती से पदोन्नत लेखापालों को बीस वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर भी द्वितीय समयमान वेतनमान क्यों नहीं दिया जा रहा है? (ख) कलेक्ट्रेट कार्यालय, जिला-गुना में सीधी भर्ती से पदस्थ लिपिक, जो लेखा परीक्षा उत्तीर्ण करने से शासन निर्देशानुसार सीधे लेखापाल के पद पर पदोन्नति होने से बीस वर्ष की सेवा पूर्ण होने पर संयुक्त संचालक, कोष एवं लेखा ग्वालियर द्वारा द्वितीय समयमान का अनुमोदन करने के उपरांत भी तीस वर्ष की सेवा पूर्ण होने पर कलेक्टर गुना द्वारा स्वीकृत तृतीय समयमान तथा सातवें वेतनमान का अनुमोदन संयुक्त संचालक, कोष एवं लेखा ग्वालियर द्वारा नहीं किया जा रहा है, जबकि अन्य लेखापालों का अनुमोदन किया जा चुका है, कारण स्पष्ट करें? (ग) गुना जिले में ऐसे कितने लेखापाल हैं, जिनके द्वितीय, तृतीय समयमान का अनुमोदन संयुक्त संचालक, कोष एवं लेखा ग्वालियर द्वारा किया जाकर लाभ प्रदान किया गया है तथा अनुमोदन उपरांत पी.पी.ओ. जारी कर पेंशन प्रदाय की जा रही है, कर्मचारीवार जानकारी उपलब्ध करावें?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। सीधी भरती के पद पर नियुक्ति के पश्चात दो पदोन्नतियां प्राप्त होने के परिणामस्वरूप लेखापालों को द्वितीय समयमान की पात्रता नहीं रही है। (ख) उत्तरांश "क" अनुसार। जिला गुना में पदस्थ लेखापाल को तृतीय समयमान वेतनमान एवं सातवें वेतनमान में वेतन निर्धारण में पात्रता से अधिक भुगतान की स्थिति होने के कारण वेतन निर्धारण नहीं किया गया है। (ग) जिला गुना में पदस्थ लेखापाल की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है।
वित्तीय अनियमितताओं के लिये जिम्मेदार स्थानांतरित अधिकारी को संरक्षण देना
[महिला एवं बाल विकास]
31. ( क्र. 4559 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जिला कार्यक्रम अधिकारी एकीकृत बाल विकास सेवा जिला दतिया द्वारा दिनांक 13/12/17 को श्री अरविंद कुमार उपाध्याय सी.डी.पी.ओ. दतिया ग्रामीण एक के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु विभाग को प्रस्ताव भेजा था? यदि हाँ, तो अभी तक क्या कार्यवाही की गई? प्रस्ताव एवं कृत कार्यवाही की प्रतियां उपलब्ध करायें? क्या अरविंद उपाध्याय ने रूपये 42000/- का आर्थिक गबन सेवढ़ा के अतिरिक्त प्रभार में किया, यदि हाँ, तो अभी तक इस संबंध में क्या कार्यवाही की गई? (ख) अरविंद कुमार उपाध्याय ने दिनांक 01 सितंबर 2017 से प्रश्न दिनांक तक बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के तहत किस-किस कार्यक्रम पर कितनी-कितनी राशि व्यय की और कितनी राशि आहरण करने का प्रयास किया? विस्तृत जानकारी बिल व्हाउचरों को विवरण सहित उपलब्ध करायें? (ग) जिला कार्यक्रम अधिकारी दतिया द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ मद में प्रतिवेदित किये आर्थिक घोटाले की जाँच हेतु अब तक क्या कार्यवाही की गई? यदि जाँच हेतु कोई जाँच दल विभाग के द्वारा गठित किया गया है तो अभी तक क्या जाँच हुई? जाँच कार्यवाही की प्रतियां उपलब्ध कराई जाएं यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या अनियमितता को लेकर अरविंद उपाध्याय का स्थानांतरण दतिया से राहतगढ़ जिला सागर होने पर दिनांक 07/01/18 को कार्यमुक्त कर दिया गया था, यदि हाँ, फिर जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी के अति. प्रभार से भारमुक्त क्यों नहीं किया गया?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। प्रस्ताव तथा की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं ''ब'' अनुसार है। श्री अरविन्द कुमार उपाध्याय के परियोजना, सेवढ़ा के अंतिरिक्त प्रभार की अवधि में आडिट दल द्वारा रूपये 42000/- की अनियमितता की कंडिका महालेखाकार, ग्वालियर द्वारा अधिरोपित की गई है, जिसकी जानकारी महालेखाकार ग्वालियर को प्रेषित कर दी गई है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) संचालनालय, महिला सशक्तिकरण के आदेश क्र. स.म.स/स्था/2017/6398, दिनांक 27.12.2017 द्वारा जाँच दल गठित किया गया। जाँच दल का प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। (घ) जी हाँ। श्री अरविन्द कुमार उपाध्याय द्वारा स्थानांतरण आदेश के विरूद्ध मान. उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर में दायर याचिका क्र.793/2018 में मान. न्यायालय द्वारा दि. 17.01.2018 को पारित आदेश में दिये गये स्थगन के पालन में श्री उपाध्याय यथावत कार्यरत हैं।
एस.डी.एम. छतरपुर द्वारा नियम विरूद्ध आदेश पारित करना
[सामान्य प्रशासन]
32. ( क्र. 4630 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य के पत्र क्रमश: क्रमांक 1337,1338 दिनांक 05/12/2017 में मुख्य सचिव म.प्र./मुख्यमंत्री म.प्र. को जिला छतरपुर के राजपत्रित अधिकारियों द्वारा शासकीय आदेशों को ताक में रखकर नियम विरूद्ध आदेश पारित किये जाने के संदर्भ में पत्र प्राप्त हुए? पत्रों की प्रतियां देवें। (ख) क्या मुख्यमंत्री कार्यालय की जावक क्रमांक 2288 दिनांक 11/12/2017 में अपर सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव राजस्व विभाग को आगामी कार्यवाही हेतु आदेशित किया है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रतियां देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संबंध में नियम विरूद्ध आदेश पारित करने पर क्या संबंधित अधिकारियों को निलंबन की कार्यवाही कर जाँच प्रमाणित होने पर सेवा समाप्ति की कार्यवाही कर जाँच प्रमाणित होने पर सेवा समाप्ति की कार्यवाही की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। पत्रों की छायाप्रतियां संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' पर है। (ख) जी हाँ। प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित पत्र प्रमुख सचिव, राजस्व को प्रेषित किया गया है। पत्र की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' पर है। (ग) राजस्व विभाग द्वारा कलेक्टर, छतरपुर से जाँच प्रतिवेदन चाहा गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
डिजाईन ड्राईंग का एप्रुवल
[नर्मदा घाटी विकास]
33. ( क्र. 4645 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन उद्वहन नहर परियोजना के ठेकेदार द्वारा अपने कार्यों अवर नदी, वेदा नदी जी.एम.2 पाईप लाईन एवं अवर नदी, बेदा नदी, ग्राम भाडली के पास कुन्दा नदी जी.एम.2 पाईप क्रासिंग की डिजाईन ड्राईंग का अनुमोदन मुख्य अभियंता से कब-कब प्राप्त किया? यदि अनुमोदन नहीं लिया गया है तो कार्यवार कारण बताये। क्या बिना अनुमोदन किये गये कार्य अवैध निर्माण कार्य की श्रेणी में आता है? बिना अनुमोदन वाले इन कार्यों को करने से ठेकेदार को कितनी राशि की बचत हुई? इन कार्यों का भुगतान कब-कब किस आधार पर कितनी मात्रा में करा गया है? (ख) उक्त कार्य के विभागीय कार्यपालन यंत्री एवं अधीक्षण यंत्री द्वारा ठेकेदार को नदी क्रांसिंग या नदी पर ब्रिज बनाने संबंधी भेजे गये पत्रों की जवाब सहित प्रतियां देवें। क्या प्रश्न दिनांक तक इस परियोजना अंतर्गत अवर नदी, बेदा नदी एवं कुंदा नदी क्रासिंग कार्य अप्रारंभ/निर्माणाधीन/पूर्ण हो गये हैं? यदि यह कार्य पूर्ण नहीं हुए हैं तो बी.आर. 1,2,3 तालाबों में टेस्टिंग के दौरान पानी कैसे प्रदाय किया जा रहा है? (ग) क्या खरगोन उद्वहन नहर परियोजना की अनुबंध शर्तों एवं बी.सी.एल.प्लान आर.3 के अनुसार ठेकेदार/निविदाकर्ता को संशोधित/अतिरिक्त कार्य संबंधी प्रत्येक कम्पोनेंट का पृथक से डिजाईन ड्राईंग का अनुमोदन मुख्य अभियंता, इंदिरा सागर प्रोजेक्ट (नहरें), जिला खरगोन से लेने उपरांत ही निर्माण कार्य कराना आवश्यक है।
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। ग्राम भाडली के पास कुन्दा नदी पाईप क्रासिंग में शर्त थी कि पाईप लाईन की अन्डर ग्राउण्ड क्रासिंग के साथ सिंगल लेन ब्रिज भी ठेकेदार बनाये अन्यथा उक्त क्रासिंग के कार्य का भुगतान नहीं किया जायेगा। ठेकेदार द्वारा पृथक से अवर नदी एवं बेदा नदी क्रासिंग पर अन्डर ग्राउण्ड पाईप लाईन के साथ सिंगल लेन ब्रिज का प्रस्ताव न देने के कारण अनुमोदन नहीं दिया गया एवं सिंगल लेन ब्रिज नहीं बनाने के कारण कोई भुगतान नहीं किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। इस परियोजना के जी.एम.-2 के अंतर्गत अवर नदी, बेदा नदी एवं कुन्दा नदी अन्डर ग्राउण्ड क्रासिंग का कार्य पूर्ण होकर बी.आर.-1, बी.आर.-3 तालाबों से तथा बी.आर.-2 के स्थान पर सम्पवेल के माध्यम से टेस्टिंग कर पानी प्रदाय किया जा रहा है। (ग) जी हाँ।
बिजली खरीदनें तथा दूसरे राज्यों को बिजली बेचना
[ऊर्जा]
34. ( क्र. 4691 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एम.पी.पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा वर्ष 2013-14 से 2017-18 तक (दिसम्बर, 2017 तक) ताप विद्युत पावर प्लांट से कंपनीवार कितनी बिजली खरीदी गई क्या कंपनियों के नाम वर्षवार यूनिट तथा भुगतान की गई राशि की जानकारी दें? (ख) प्रदेश के सभी श्रेणियों के उपभोक्ताओं जैसे डोमेस्टिक, कमर्शियल, इन्डस्ट्रीयल आदि सभी से वर्तमान में प्रति यूनिट ली जा रही राशि की जानकारी दें? म.प्र. शासन सौर ऊर्जा तथा अन्य प्रकार के पावर प्लांट से प्रति यूनिट कितने रेट पर बिजली दूसरे प्रदेशों को बेच रही है, औसतन दर बताएं। (ग) प्रदेश में बिजली की जरूरत तय करने का कार्य किस कन्सलटेंसी को तथा कितने रूपये में दिया गया था? क्या गलत तरीके से आवश्यकता से बहुत अधिक आंकलन कर लेने के कारण बिजली कम्पनियों को पावर प्लांटस से पी.पी.ए. के तहत पुरानी दरों (जो की बहुत अधिक है) पर बिना बिजली खरीदे पेमेंट करना पड़ रहा है? (घ) राज्य शासन ने प्रदेश में बिजली की जरूरत के गलत आंकलन करने वालों पर क्या कार्यवाही की, क्योंकि उनकी गलती के कारण घाटे की भरपाई प्रदेश की जनता को करना पड़ रहा है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा प्रश्नाधीन अवधि में ताप विद्युत गृहों से कंपनीवार क्रय की गई बिजली एवं भुगतान की गई राशि का कंपनीवार वर्षवार विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) प्रदेश के सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं द्वारा वर्तमान में देय प्रति यूनिट राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ब-1 अनुसार है। दूसरे प्रदेशों को बिक्रित बिजली की औसत दर की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ब-2 अनुसार है। एक्सचेंज के माध्यम से बिजली किसे बेची गयी यह जानकारी नहीं रहती है। विक्रय की गई विद्युत में सोलर, विंड, थर्मल इत्यादि का कितना अंश है, यह बताया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रदेश में बिजली की जरूरत तय करने का कार्य मेसर्स प्राइस वाटर हाउस कूपर्स को रूपये 9.00 लाख में दिया गया था। बिजली की आवश्यकता का आंकलन राज्य को 24X7 बिजली प्रदाय किये जाने हेतु किया जाता है। सतत आपूर्ति हेतु पर्याप्त विद्युत उपलब्धता सुनिश्चित की जाती है। प्रदेश में 24X7 विद्युत प्रदाय एवं शीर्ष मांग की पूर्ति हेतु पर्याप्त बिजली उपलब्धता के लिये ही विद्युत प्रदायकर्ताओं से अनुबंध किये गए हैं, जिनके अनुसार विद्युत यूनिट नहीं आहरित करने पर भी अनुबंधित क्षमता के अनुरूप नियत प्रभार देय होता है। (घ) उत्तरांश 'ग' के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कैंसर जैसी बीमारी के ईलाज में प्रशासनिक असम्वेदनशीलता
[सामान्य प्रशासन]
35. ( क्र. 4877 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मा. मुख्यमंत्री द्वारा स्वेच्छानुदान मद से श्री बलराम शर्मा ग्राम उडी तहसील भाण्डेर को कैंसर के ईलाज हेतु रूपये एक लाख आदेश क्र. 3132 दिनांक 12/1/18 द्वारा स्वीकृत किये गये थे, क्या आदेश में राशि एम्स नई दिल्ली को भुगतान हेतु उल्लेख था, किंतु एम्स का बैंक एकाउन्ट दर्ज नहीं था? (ख) क्या आवेदक के संबंधियों द्वारा कई बार कलेक्टर कार्यालय दतिया के चक्कर लगाने पर भी स्वीकृत राशि एम्स को नहीं भेजी गई तथा प्रश्नकर्ता द्वारा जानकारी लेने पर बताया गया कि कलेक्टर कार्यालय में एम्स का बैंक खाता उपलब्ध नहीं है। पीड़ित द्वारा नई दिल्ली एम्स जाकर कलेक्टर दतिया को लिखित पत्र में बैंक नंबर का उल्लेख कराकर वहां से भिजवाने पर भी एम्स से ईमेल पर भिजवाने को कहा गया एवं ईमेल पर भिजवाने और ओरीजनल पत्र दिनांक 22/1/18 की प्रति भी उपलब्ध कराने तथा दिनांक 2/2/18 को उप सचिव सामान्य प्रशासन विभाग दतिया को एम्स का बैंक एकाउन्ट लिखकर आदेश भेजने हेतु पत्र लिख दिये जाने के बाद भी प्रश्न दिनांक तक राशि नहीं भेजी गई? (ग) इस असंवेदनशीलता के लिये कौन जिम्मेदार है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) स्वीकृत की गई राशि के संबंध में दिनांक 23.01.2018 को एम्स को एवं दिनांक 02.02.2018 द्वारा सामान्य प्रशासन विभाग को कलेक्टर द्वारा पत्र लिखा गया था। कलेक्टर से प्राप्त पत्र पर आगामी कार्यवाही हेतु विभाग द्वारा नस्ती यूओ क्रमांक 42/2018/एक (1) दिनांक 13.02.2018 को मुख्यमत्री कार्यालय को भेजी गई। इस संबंध में यह भी लेख है कि एम्स से कोई जानकारी/मेल प्राप्त नहीं हुआ। कलेक्टर से प्राप्त जानकारी में लेख किया गया है कि आवेदक द्वारा दिनांक 27.02.2018 को एम्स एकाउंट आफीसर के हस्ताक्षर युक्त एक पत्र जिसमें कोई जावक इत्यादि नहीं है, उपलब्ध कराया गया है। खाते के संबंध में एम्स की वेब-साइट इंटरनेट पर सर्च किया परंतु कोई जानकारी प्राप्त नहीं हुई। इन सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए आवेदक के कथन लेकर परिस्थिति जन्य संवेदनशीलता को दृष्टिगत रखते हुए मरीज के पुत्र के द्वारा उपलब्ध कराये गये बिना जावक क्रमांक इत्यादि के सहायक एकाउंट आफीसर एम्स द्वारा मुद्रांकित पत्र के आधार पर दिनांक 27.02.2018 को ही राशि का भुगतान किया जा चुका है। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राजस्व ग्राम सदुआपुरा को ऊर्जाकृत करना
[ऊर्जा]
36. ( क्र. 4920 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजस्व ग्राम सदुआपुरा विकास खण्ड पहाढ़गढ़ प्रश्न दिनांक तक विद्युतविहीन ग्राम है? अभी तक इस ग्राम को राजस्व ग्राम होने के बावजूद भी ऊर्जाकृत नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं, तो विवरण देवें? (ख) उक्त ग्राम को ऊर्जाकृत करने के लिये विभाग की क्या कार्ययोजना है एवं किस योजना में उक्त ग्राम को शामिल किया गया है एवं कब तक ऊर्जाकृत कर दिया जावेगा? (ग) उक्त ग्राम को बिजली सुविधा से वंचित रह जाने के क्या कारण रहे हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। जिला मुरैना के विकासखण्ड पहाड़गढ़ का ग्राम सदुआपुरा, पगारा डेम के डूब क्षेत्र में आता है, अत: इसका विस्थापन अन्यत्र किया जा चुका है। उक्त परिप्रेक्ष्य में इस ग्राम को विद्युतीकृत नहीं किया गया है। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में ग्राम सदुआपुरा के विद्युतीकरण हेतु कोई कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है। (ग) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार पगारा डेम के डूब क्षेत्र में स्थित होने एवं अन्यत्र विस्थापित हो जाने के कारण ग्राम सदुआपुरा का विद्युतीकरण नहीं किया गया है।
अन्य पिछड़ा वर्ग को 14 प्रतिशत के स्थान पर 27 प्रतिशत आरक्षण लागू कराया जाना
[सामान्य प्रशासन]
37. ( क्र. 4952 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म०प्र० शासन द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 14 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो क्या अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण हेतु केंद्र सरकार/अन्य राज्य सरकारों ने 27 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने की व्यवस्था की है? यदि हाँ, तो म.प्र. शासन द्वारा 14 प्रतिशत के स्थान पर 27 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान क्यों नहीं किया जा रहा है? (ग) क्या म.प्र. में अन्य पिछड़ा वर्ग की आबादी कुल जनसंख्या की 52 प्रतिशत है यदि हाँ, तो इनकी संख्या के अनुपात से आरक्षण क्यों नहीं दिया जा रहा है? क्या राज्य सरकार अन्य राज्यों में दिए जा रहे 27 प्रतिशत आरक्षण के आधार पर म.प्र. के अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देने की व्यवस्था लागू करेगी? (घ) क्या वर्तमान भाजपा सरकार के तत्कालीन मुख्यमंत्री सुश्री उमा भारती एवं माननीय बाबूलाल गौर द्वारा सदन में विधेयक लाकर14 प्रतिशत के स्थान पर 27 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने का प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजा गया था? यदि हाँ, तो कब प्रस्ताव की प्रति उपलब्ध कराई जाय? क्या वर्तमान मुख्यमंत्री जी द्वारा केंद्र सरकार से उपरोक्त भेजे गए प्रस्तावों की सहमति देते हुए 27 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने की मांग की गई? यदि हाँ, तो कब, यदि नहीं, तो क्यों कारण बताएं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) ऐसी कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) मान. सर्वोच्च न्यायालय द्वारा आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत निर्धारित की गई है। प्रदेश में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़े वर्ग के लिये कुल आरक्षण 50 प्रतिशत है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ओ.वाई.टी./कृषक अनुदान योजना का संचालन
[ऊर्जा]
38. ( क्र. 4956 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पू.क्षे.वि.वि.कं.लि. जबलपुर द्वारा कृषकों के सिंचाई पम्प संचालन बावत् स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना (ओ.वाई.टी.) व कृषक अनुदान योजना कब से संचालित की जा रही है वर्ष, दिनांक सहित जानकारी दी जावे वर्तमान में क्या स्थिति है? (ख) स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना व कृषक अनुदान योजना में स्थापित विद्युत ट्रांसफार्मरों के जलने, फेल होने पर ट्रांसफार्मर बदलने की नियम प्रक्रिया क्या है? (ग) क्या कृषक अनुदान योजना में कृषक उपभोक्ताओं द्वारा स्थापित कराये गये विद्युत ट्रांसफार्मर के फेल होने पर ट्रांसफार्मर बदलने का काम विद्युत वितरण कंपनी स्वयं करती है, जबकि स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना (ओ.वाई.टी.) में स्थापित विद्युत ट्रांसफार्मरों के फेल होने पर कृषक उपभोक्ताओं को स्वयं के व्यय पर ट्रांसफार्मर बदलवाना पड़ता है? (घ) यदि हाँ, तो स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना वाले कृषक उपभोक्ताओं के हित को ध्यान में रखकर विद्युत वितरण कंपनी फेल ट्रांसफार्मर बदलने का काम कृषक उपभोक्ताओं से न कराते हुये स्वयं करेगी, इस विसंगति पूर्ण दोष पूर्ण व्यवस्था को कब तक समाप्त करेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रांतर्गत कृषकों को स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन उपलब्ध कराने हेतु स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना (ओ.वाई.टी) दिनांक 17.01.2006 से तथा कृषक अनुदान योजना दिनांक 01.04.11 से लागू की गई थी वर्तमान में कृषक अनुदान योजना को समाहित कर मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजना दिनांक 06.09.16 से प्रारंभ की गई है वर्तमान में स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना (ओ.वाई.टी.) एवं मुख्य मंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजना के अंतर्गत पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में कृषकों को स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन प्रदान किये जा रहे हैं। (ख) स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना के अन्तर्गत स्थापित वितरण ट्रांसफार्मरों के जलने/फेल होने पर वितरण ट्रांसफार्मर बदलने की जिम्मेदारी योजना के प्रावधानों के अनुसार उपभोक्ता/उपभोक्ता समूह की स्वयं की होती हैं तथा वर्तमान में लागू मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पंप कनेक्शन योजना (कृषक अनुदान योजना नहीं) में जले/फेल वितरण ट्रांसफार्मरों को बदलने की जिम्मेदारी वितरण कंपनी की है। स्वयं का ट्रांसफार्मर योजनांतर्गत ट्रांसफार्मर फेल होने पर उपभोक्ता/उपभोक्ता समूह को स्वयं ट्रांसफार्मर की व्यवस्था करनी होती है एवं उक्त कार्य उपभोक्ता/उपभोक्ता समूह द्वारा 'अ' श्रेणी के विद्युत ठेकेदार के माध्यम से कराना होता है। मुख्य मंत्री स्थाई कृषि पंप कनेक्शन योजना के अंतर्गत ट्रांसफार्मर फेल होने पर संबंधित अधिकारी द्वारा कंपनी के भण्डार से ट्रांसफार्मर प्राप्त कर स्थापित कराया जाता है। (ग) जी हाँ वर्तमान में लागू मुख्य मंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजना में फेल ट्रांसफार्मर वितरण कंपनी द्वारा बदले जाने तथा स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना में फेल ट्रांसफार्मर संबंधित उपभोक्ता/उपभोक्ता समूह द्वारा स्वयं के व्यय पर बदलवाने का प्रावधान है। (घ) जी नहीं। मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजनांतर्गत स्थापित वितरण ट्रांसफार्मर से दूसरे उपभोक्ताओं को भी कनेक्शन दिये जाते है जबकि स्वयं का ट्रांसफार्मर योजनांतर्गत स्थापित वितरण ट्रांसफार्मर पर उपभोक्ता/उपभोक्ता समूह का अधिकार होता है, इससे दूसरे उपभोक्ताओं को कनेक्शन नहीं दिये जाते। प्रश्नाधीन योजनाओं में विशिष्ट प्रावधानों के अनुरूप नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है, अत: किसी प्रकार की विसंगति होने अथवा उक्त व्यवस्था को बदले जाने का प्रश्न नहीं उठता।
नर्मदा घाटी विकास संभाग 32 बड़वाहा के अंतर्गत 3 वित्तीय वर्षों के कार्यों की जानकारी
[नर्मदा घाटी विकास]
39. ( क्र. 4979 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा कार्यालयीन पत्र क्रमांक 1301 दिनांक 26/12/2017 के अनुसार मुख्य अभियंता निचली परियोजनाएं विजय नगर इंदौर से क्या जानकारी चाही गई है? क्या यह जानकारी प्रदाय कर दी गई है? यदि हाँ, तो द्वितीय प्रति देवें? (ख) राज्य शासन द्वारा जनप्रतिनिधि को वांछित जानकारी समय-सीमा में प्रदान करने के क्या नियम हैं? (ग) प्रश्नांश (क) में दर्शित कार्यालय द्वारा समय-सीमा में जानकारी न देने के क्या कारण हैं? (घ) जानकारी समय-सीमा में न दिये जाने पर विभाग द्वारा संबन्धित अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेगा? वांछित जानकारी उपलब्ध करावें।
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''अ-1'' अनुसार है। (ख) सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी विस्तृत होने के कारण एक माह में उपलब्ध कराया जाना संभव न होने के कारण कार्यपालन यंत्री, नर्मदा विकास संभाग क्रमांक 32, बड़वाह के पत्र क्रमांक 105 दिनांक 06/01/2018 द्वारा माननीय विधायक महोदय को सूचित किया गया था। जानकारी दिनांक 16/02/2018 को उपलब्ध करा दी गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभाग में पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों के संबंध में
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
40. ( क्र.
5030 ) चौधरी
चन्द्रभान
सिंह : क्या नवीन
एवं नवकरणीय ऊर्जा
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) विभाग
में तीन वर्ष
से अधिक समय
से एक ही स्थान
पर पदस्थ है? अधिकारी/कर्मचारियों
की सूची
प्रदान करें? (ख) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
क्या
नियमानुसार
एक ही स्थान
पर पदस्थ
अधिकारियों/कर्मचारियों
का स्थानांतरण
अन्यत्र
किया जावेगा? यदि
हाँ, तो
कब तक?
नवीन
एवं नवकरणीय ऊर्जा
मंत्री ( श्री
नारायण सिंह
कुशवाह ) : (क) नवीन
एवं नवकरणीय
ऊर्जा विभाग
के अधीन म.प्र. ऊर्जा
विकास निगम
लि. एवं
कार्यालय
आयुक्त नवीन
एवं नवकरणीय
ऊर्जा में तीन
वर्ष से अधिक
समय से एक ही
स्थान पर
पदस्थ
अधिकारी/कर्मचारियों
की सूची पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र- अ
एवं ब अनुसार
है। (ख) नवीन
एवं नवकरणीय
ऊर्जा विभाग
के अधीन म.प्र. ऊर्जा
विकास निगम
लि. के अमले की
अत्याधिक
कमी के चलते
एक ही स्थान
पर तीन वर्ष
से अधिक समय
से पदस्थ
अधिकारियों/कर्मचारियों
का स्थानांतरण
संभव नहीं है, आवश्यकतानुसार
अथवा
प्रशासनिक
कारणों से स्थानांतरण
किया जाता है।
विभाग के अधीन
कार्यालय
आयुक्त, नवीन एवं
नवकरणीय
ऊर्जा के
अधिकारियों/कर्मचारियों
की पदस्थापना
प्रतियुक्ति
से की गई है, प्रतिनियुक्ति
पर पदस्थ
अधिकारियों/कर्मचारियों
का स्थानांतरण
उनके मूल
विभाग द्वारा
किया जाता है।
विद्युत लाईन विस्तार एवं संधारण कार्य की जानकारी
[ऊर्जा]
41. ( क्र. 5054 ) श्री हेमन्त सत्यदेव कटारे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के विधान सभा क्षेत्रवार ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में कुल कितनी क्षमता के 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र स्वीकृत हैं? विगत दो वर्षों में वितरण केन्द्रवार, कितनी-कितनी यूनिट विद्युत का प्रदाय किया गया है? वितरण केन्द्रवार, माहवार जानकारी देवें? (ख) अटेर विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र में विगत दो वर्षों में कुल कितनी-कितनी 33 के.व्ही. एवं 11 के.व्ही. विद्युत लाईनों का संधारण का कार्य किया गया? विगत दो वर्षों में कितने जले/खराब एवं अतिभारित वितरण ट्रांसफार्मर को बदला गया? ग्रामवार जानकारी दी जाये? (ग) अटेर विधान सभा क्षेत्र में अनेकों स्थानों पर पुरानी हाईटेन्शन लाईन के तार अधिक भार पड़ने एवं संधारण कार्य नहीं होने से जमीन के नजदीक आ जाने से कोई गंभीर जनहानि व अग्नि लगने की दुर्घटनाएं हुई हैं, विभाग द्वारा इन लाईनों का संधारण कार्य कब तक करा दिया जायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) भिण्ड जिले में 5 विधानसभा क्षेत्रों में से 2 विधान सभा क्षेत्रों में 33/11 के.व्ही. के कुल 20 एम.व्ही.ए. क्षमता के 4 उपकेन्द्रों का कार्य स्वीकृत है। इसके अतिरिक्त भिण्ड जिले के सभी 5 विधानसभा क्षेत्रों में कुल 491 एम.व्ही.ए. क्षमता के 66 उपकेन्द्र पूर्व से विद्यमान है। उक्त स्वीकृत/विद्यमान उपकेन्द्रों का विधान सभा क्षेत्रवार विवरण निम्नानुसार है-
क्रमांक |
विधानसभा क्षेत्र का नाम |
स्वीकृत नये उपकेन्द्रों की क्षमता (एम.व्ही.ए.) |
पूर्व से स्थापित उपकेन्द्रों की क्षमता (एम.व्ही.ए.) |
1 |
भिण्ड |
0 |
145.60 |
2 |
अटेर |
0 |
93.15 |
3 |
मेहगांव |
10.00 |
91.30 |
4 |
गोहद |
10.00 |
65.20 |
5 |
लहार |
0 |
95.75 |
|
कुल |
20.00 |
491.00 |
भिण्ड जिले में विगत दो वर्षों यथा वर्ष 2016-17 एवं वर्ष 2017-18 में जनवरी 18 तक कुल 16945.73 लाख यूनिट विद्युत प्रदाय किया गया है जिसकी वितरण केन्द्रवार, माहवार एवं वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ'-1'एवं 'अ'-2 अनुसार है। (ख) अटेर विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र में विगत दो वर्षों में कुल 166 कि.मी. 33 के.व्ही. एवं 21.6 कि.मी. 11 के.व्ही. लाइनों के संधारण का कार्य किया गया। विगत दो वर्ष में प्रश्नाधीन क्षेत्र में कुल 235 जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों में से 216 जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदल दिये गये है तथा शेष 19 ट्रांसफार्मरों पर शत्-प्रतिशत बकायादार उपभोक्ता होने के कारण उन्हे नहीं बदला जा सका है, जिनकी ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में 4 अतिभारित वितरण ट्रांसफार्मरों के स्थान पर, क्षमता वृद्धि कर नये ट्रांसफार्मर लगाये गये हैं, जिनका ग्रामवार विवरण निम्नानुसार है:-
क्रमांक |
ग्राम का नाम |
1 |
मुडि़याखेड़ा |
2 |
खिपोना |
3 |
सुरपुरा |
4 |
नवली वृन्दावन |
(ग) अटेर विधानसभा क्षेत्र में विगत दो वर्षों में तीन स्थानों पर हाईटेंशन लाईन के तार टूटने से विद्युत दुर्घटनायें घटित हुई हैं, जिनमें एक स्थान पर जनहानि हुई है तथा आग लगने की कोई भी घटना नहीं हुई है। उल्लेखनीय है कि वितरण कंपनी द्वारा विद्यमान विद्युत अधोसंरचना के संधारण का कार्य वर्ष में 2 बार यथा वर्षा पूर्व एवं वर्षा ऋतु के पश्चात कराया जाता है। इसके अतिरिक्त आवश्यकता अनुसार विद्युत अधोसंरचना के संधारण का कार्य एक सतत् प्रक्रिया के अंतर्गत संपादित किया जाता है। उक्त संधारण कार्य में आवश्यकतानुसार पुराने तार बदलने, ढीले तारों को निर्धारित मानकों के अनुरूप व्यवस्थित करने आदि कार्य किये जाते है। उक्त प्रक्रिया के अंतर्गत प्रश्नाधीन क्षेत्र में 8 स्थानों को चिन्हित कर लाईन संधारण के कार्य हेतु प्राक्कलन स्वीकृत कर कार्यादेश जारी किये गये है, जिसमें प्रश्नाधीन उल्लेखित दुर्घटना स्थलों की लाईनों को भी संधारण कार्य हेतु सम्मिलित कर लिया गया है। उक्त कार्य आगामी तीन माह में कार्य पूर्ण कराया जाना संभावित है।
माननीय मुख्यमंत्रीजी द्वारा की गई घोषणाओं की प्रतिपूर्ति
[सामान्य प्रशासन]
42. ( क्र. 5055 ) श्री हेमन्त सत्यदेव कटारे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के अंतर्गत विगत तीन वर्षों में माननीय मुख्यमंत्रीजी द्वारा कौन-कौन सी घोषणाएं कब-कब की गयी? की गयी घोषणाओं की जानकारी विधान सभा क्षेत्रवार जानकारी उपलब्ध करायी जाये? (ख) माननीय मुख्यमंत्रीजी द्वारा उल्लेखित अवधि में की गई घोषणाओं की पूर्ति के लिये संबंधित विभागों द्वारा आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गयी? क्या घोषणाओं को क्रियान्वित करने के लिये बजट राशि का प्रावधान किया गया एवं सभी घोषणाओं की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी? (ग) अटेर विधान सभा उप निर्वाचन के पूर्व एवं चुनाव के बाद में माननीय मुख्यमंत्रीजी द्वारा की गई घोषणाओं एवं उनके क्रियान्वयन की जानकारी उपलब्ध करायी जाये?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
पेंशनों की जानकारी
[वित्त]
43. ( क्र. 5136 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन वित्त विभाग भोपाल के आदेश क्रमांक एफ-9-6/2017 नियम/4 भोपाल दिनांक 23.10.2017 के अनुसार विदिशा जिले के ऐसे कितने पेंशनरों हैं जो दिनांक 01.01.1996 के पूर्व रिटायर हुए हैं उन्हें 01.01.1996 से 01.04.2007 तक का ऐरियर राशि का भुगतान किया गया है? उक्त पेंशनरों की सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र सिरोंज एवं लटेरी के ऐसे कितने पेंशनर हैं, जिन्हें उक्त ऐरियर का लाभ दिया गया? जिनकी सूची उपलब्ध करायी जाये एवं कितने ऐसे पेंशनर हैं, जो लाभ से वंचित हैं, उन्हें कब तक लाभान्वित किया जावेगा? (ग) शासन के आदेश में स्पष्ट उल्लेख है कि जो पेंशनर दिनांक 01.01.1996 से पूर्व रिटायर हुए हैं उन्हें दिनांक 01.01.1996 तक का ऐरियर देय है, इस आदेश का पालन क्यों नहीं किया गया? दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) विदिशा जिले के दो पेंशनरों को दिनांक 01.01.1996 से 31.3.2007 तक की अवधि के पेंशन एरियर का भुगतान किया गया है। सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) सिरोंज एवं लटेरी के किसी भी पेंशनर को पेंशन पुनरीक्षण की पात्रता ज्ञात नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश "क" एवं "ख" के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति बस्तियों में नागरिकों को मूलभूत सुविधा
[अनुसूचित जाति कल्याण]
44. ( क्र. 5177 ) श्री राजेश सोनकर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर जिला अन्तर्गत अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना से आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा कौन-कौन से मदों से अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति बस्तियों में पिछले 03 वर्षों में क्या-क्या कार्य कराये? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में इन्दौर जिले को अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास अंतर्गत कार्य करने हेतु कितना आवंटन 03 वर्षों में प्राप्त हुआ? कितनी राशि व्यय हुई? व्यय राशि में से कितनी राशि जनपद क्षेत्र एवं कितनी नगरीय क्षेत्र में व्यय की गई? इन्दौर जिला अंतर्गत अनु.जाति बाहुल्य ग्रामवार एवं नगरीय क्षेत्र में मोहल्लेवार जनसंख्या प्रतिशत के घटते क्रम की प्रमाणित सूची उपलब्ध करायें? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्राप्त राशि को व्यय करने हेतु क्या शासकीय प्राथमिकताएं तय की गई हैं? इस राशि के माध्यम से सीमेंटीकृत सड़कों के निर्माण एवं पुल-पुलियाओं के निर्माण का प्रावधान है? हाँ या नहीं? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ अनुसूचित जाति/जनजाति बस्तियों में सड़कों का निर्माण कार्य कराये जाने हेतु प्रस्ताव जिला अन्तर्गत विभाग को प्राप्त हुये? उनमें से किन प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई तथा कितने प्रस्ताव निरस्त किये गये? निरस्त किये जाने का कारण स्पष्ट करें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) इंदौर जिला अंतर्गत अनुसूचित जाति/जनजाति बस्ती विकास योजनान्तर्गत अनुसूचित जाति मद से करवाये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है एवं जनजातीय मद से कराये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) अनुसूचित जाति मद अंतर्गत प्राप्त आवंटन व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है एवं जनजातीय मद की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। इंदौर जिले अंतर्गत अनुसूचित जाति बाहुल्य ग्रामों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'इ' अनुसार है। नगरीय क्षेत्र में मोहल्लावार जनसंख्या का संकलन नहीं होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) नियम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'फ' अनुसार है। (घ) अनुसूचित जाति/जनजाति बस्तियों में सड़कों का निर्माण कार्य कराये जाने हेतु प्राप्त प्रस्तावों की सूची, स्वीकृत प्रकरण, निरस्त प्रस्ताव की कारण सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ज' अनुसार है।
नवीन विद्युत उपकेन्द्रों को स्थापित करने हेतु निविदा प्रक्रिया
[ऊर्जा]
45. ( क्र. 5181 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र जौरा में नवीन विद्युत उपकेन्द्रों को स्थापित करने हेतु निविदा प्रक्रिया सम्पन्न की जा चुकी है? यदि हाँ, तो सम्पूर्ण प्रक्रिया से अवगत करावें? (ख) विद्युत उपकेंद्रों तोर. बघेल, कन्हार, के लिये आमत्रित निविदाएं कब खोली गई हैं एवं उनमें प्राप्त दरें क्या हैं? ठेकेदार कम्पनी सहित पृथक-पृथक अवगत करावें? (ग) क्या नवीन विद्युत उपकेंद्रों के लिये प्राप्त निविदायें खोली जा चुकी हैं, किंतु सम्बंधित ठेकेदारों की न्यूनतम दरें होने के बावजूद भी उन्हें स्वीकृत नहीं किया जा रहा है और ना ही उन्हें कार्यादेश दिया गया है? ऐसा क्यों? (घ) क्या अनैतिक व्यक्तियों के अनैतिक दबाव से उक्त खोली गई निविदायें निरस्त किये जाने की कार्यवाही प्रस्तावित है, यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं, तो क्षेत्र में किसानों को विद्युत सुविधा हेतु उक्त उपकेंद्रों के कार्यादेश जारी कर कार्य कब तक आरम्भ कर दिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। प्रश्नाधीन उपकेन्द्रों को स्थापित करने के लिये अपनाई गई प्रक्रिया के अंतर्गत सर्वप्रथम राष्ट्रीय समाचार पत्रों में निविदा प्रकाशित कराई गई तथा निविदा की विस्तृत जानकारी मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कपंनी की बेवसाईट www.mpcz.co.in एवं राज्य शासन के पोर्टल https://www.mpeproc.gov.in पर प्रदर्शित करवाई गई है। प्राप्त निविदाओं को निर्धारित तिथि एवं समय पर निविदा मूल्यांकन समिति द्वारा संबंधित फर्मों के प्रतिनिधियों के समक्ष खोला गया था एवं अध्ययन करने के पश्चात समस्त फर्मों से प्राप्त निविदाओं का तुलनात्मक विवरण तैयार कर जिस फर्म की दर सबसे कम प्रस्तावित की गई, उस फर्म को कार्य करने की अनुशंसा प्रदान करने हेतु प्रकरण सक्षम अधिकारी के अनुमोदन हेतु प्रेषित किया गया है। (ख) विद्युत उपकेन्द्र बघेल एवं तोर की निविदा दिनांक 17.01.2018 को एवं कन्हार की निविदा दिनांक 20.01.2018 को खोली गई थी। उक्त निविदाओं की प्राप्त दरों का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। ठेकेदारों से प्राप्त आपत्तियों/शिकायतों की जाँच हेतु गठित उच्च स्तरीय कमेटी द्वारा जाँच पूर्ण कर ली गई है, जिसकी अनुशंसा का परीक्षण कर अग्रिम कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) उत्तरांश ''ग'' अनुसार कार्यवाही की जा रही है। अत: वर्तमान में कार्यादेश जारी कर कार्य आरंभ करने की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
क्रियान्वित की जा रही योजनाओं में पदस्थ अधिकारियों की जानकारी
[ऊर्जा]
46. ( क्र. 5215 ) श्री के.पी. सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले के अन्तर्गत विगत 03 वर्षों में मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा टर्न की के आधार पर कितनी राशि का कार्य कराया गया था? योजनावार विवरण दें? उक्त कार्यों से उपभोक्ताओं एवं कंपनियों को क्या लाभ हुआ? (ख) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, भोपाल के कार्यालय के योजनाओं को क्रियांवित करने वाले विभाग प्रमुख/नोडल अधिकारियों की नामवार, योजनावार सूची उपलब्ध करावें? उक्त अधिकारियों की 03 वर्ष पूर्व की अचल सम्पत्ति एवं वर्तमान अचल सम्पत्ति का विवरण दें? (ग) क्या उक्त अधिकारियों के स्थानांतरण शासन द्वारा जारी स्थानांतरण नीति के अनुसार किये गये हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) शिवपुरी (संचा.-संधा.) वृत द्वारा शिवपुरी जिले के अंतर्गत विगत 3 वर्षों में कराये गये कार्यों पर व्यय हुई राशि के योजनावार विवरण सहित प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, भोपाल के कॉर्पोरेट कार्यालय के योजनाओं को क्रियान्वित करने वाले विभाग प्रमुख/नोडल अधिकारियों की नामवार, योजनावार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। उक्त अधिकारियों की तीन वर्ष पूर्व की अचल संपत्ति का विवरण पत्रक एवं वर्तमान अचल संपत्ति वर्ष 2017 का विवरण पत्रक पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ग) जी नहीं, मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की प्रचलित स्थानांतरण नीति के अनुसार ही अधिकारियों के स्थानांतरण किये जाते है।
पंजीयक मुद्रांक शुल्क भोपाल की कार्यवाही के सम्बंध में
[वाणिज्यिक कर]
47. ( क्र. 5320 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पंजीयक मुद्रांक शुल्क भोपाल ने १००-१०० रूपयों के स्टाम्प पर रेत खदानों का मध्य प्रदेश राज्य खनिज विकास निगम भोपाल द्वारा अनुबन्ध कर शासन को पहुँचाई मुद्रांक शुल्क की राशि प्रश्न दिनांक तक भी वसूल नहीं की है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो वर्ष २००४-०५ से २०१६-१७ तक निगम ने किस वर्ष में कितनी रेत खदानों के अनुबंध १००-१०० रूपयों के स्टाम्प पेपर पर किस दिनांक को किससे कर कितने मुद्रांक शुल्क की हानि शासन को पहुँचाई है? (ग) प्रश्नांश (क) पंजीयक मुद्रांक शुल्क ने इसमें से किस अनुबंधकर्ता को किस दिनांक को किस पते पर सूचना पत्र प्रेषित कर कितनी राशि जमा करवाये जाने की कार्यवाही की? इसमें से किसे प्रेषित सूचना पत्र किन कारणों से अनुबंधकर्ता को नहीं दिया जा सका? (घ) प्रश्नांश (क) पंजीयक मुद्रांक शुल्क ने मुद्रांक शुल्क की राशि निगम से वसूल किये जाने के संबन्ध में क्या कार्यवाही की है? कब तक निगम से राशि वसूली की जावेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) रेत खदानों के अनुबंध के प्रकरणों में कमी मुद्रांक शुल्क की वसूली हेतु प्रकरण दर्ज कर आदेश पारित किये गये है वसूली की प्रक्रिया प्रचलित है। (ख) पंजीयक मुद्रांक शुल्क भोपाल के संज्ञान में आये प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (घ) पंजीयक मु्द्रांक शुल्क भोपाल द्वारा कमी मुद्रांक शुल्क की राशि की वसूली हेतु संबंधित पक्षकारों को संसूचित किया गया है वसूली के संबंध में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जबलपुर जिले में मंदिर, मस्जिद, स्कूल एवं पुलिस थानों के पास संचालित शराब दुकानें
[वाणिज्यिक कर]
48. ( क्र. 5340 ) श्री अंचल सोनकर : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले के अंतर्गत मापदण्डों/नियम के तहत कितनी शराब दुकानें मंदिर, मस्जिद, स्कूल एवं पुलिस थानों के पास में संचालित हो रही हैं। सूची देवें एवं नियम की प्रति देवें? (ख) क्या यह सत्य है कि वर्तमान में जबलपुर जिले के अंतर्गत कोतवाली थाने के पास एक शराब दुकान का संचालन नियम विरूद्ध हो रहा है? यदि हाँ, तो क्यों कारण बतावें। क्या उक्त शराब दुकान को अन्यत्र स्थापित किया जावेगा? (ग) क्या यह सत्य है कि आबकारी विभाग द्वारा प्रश्नांश (ख) में संचालित दुकान को संरक्षण प्रदान कर कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है वर्तमान में शासन द्वारा शराब विक्रय केन्द्र के नियमों में क्या-क्या संशोधन कब-कब किये है। नियम सहित बतावें।
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के अंतर्गत बने सामान्य प्रयुक्ति नियमों के नियम-1, मदिरा दुकानों की अवस्थिति, मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 129 दिनांक 27 मार्च, 2017 में प्रकाशित प्रावधानुसार, जबलपुर जिले में कोई भी शराब दुकान मंदिर, मस्जिद, स्कूल के पास संचालति नहीं है। मदिरा दुकानों की मंदिर, मस्जिद, स्कूल से दूरी संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। थानों के समीप शराब दुकान अवस्थापना संबंधी कोई प्रतिबंध नियमों में नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ख) जी नहीं। जबलपुर जिले के अंतर्गत कोतवाली थाने के पास किसी भी शराब दुकान का संचालन नियम विरूद्ध नहीं हो रहा है। (ग) जी नहीं। आबकारी विभाग द्वारा प्रश्नांश (ख) में संचालित किसी दुकान को कोई संरक्षण प्रदान नहीं किया जा रहा है तथा नियमानुसार समस्त वैधानिक कार्यवाहियां की जा रही हैं वर्तमान में शासन द्वारा शराब विक्रय केन्द्र के नियमों का प्रकाशन वर्ष 2017-18 हेतु मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 27 दिनांक 18.01.2017 एवं वर्ष 2018-19 हेतु राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 80 दिनांक 01.02.2018 में किया गया है। राजपत्र की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है।
पत्रों पर कार्यवाही एवं कृत कार्यवाही की जानकारी
[ऊर्जा]
49. ( क्र. 5357 ) श्री गिरीश गौतम : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा कार्यपालन यंत्री म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.कं.लि. ईस्ट रीवा (म.प्र.) को पत्र (1) क्रमांक 947 दिनांक 26.2.2017 (2) क्रमांक 30 दिनांक 30.4.2017 (3) क्रमांक 347 दिनांक 22.5.2017 (4) क्रमांक 880 दिनांक 28.10.2017 एवं प्रतिलिपि कार्यपालन यंत्री म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.कं.लि. ईस्ट रीवा एवं जे.ई. म.प्र.पू.क्षे. वि.वि.कं.लि. गोविन्दगढ़ रीवा को प्रेषित किया गया है? (ख) क्या सामान्य प्रशासन विभाग के नियमानुसार माननीय संसद एवं माननीय विधायकों के पत्रों पर तत्परता से निराकरण एवं कृत कार्यवाही की जानकारी उपलब्ध कराये जाने संबंधी आदेश ऊर्जा विभाग को दिये गये हैं? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में वर्णित पत्रों पर क्या कार्यवाही की गयी और सूचना कब-कब किस-किस जावक क्रमांक व दिनांक के माध्यम से दी गयी? जवाबी पत्र की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) यदि प्रश्नांश (क) में वर्णित पत्रों पर कोई कार्यवाही नहीं की गयी और कार्यवाही की जानकारी भी नहीं दी गयी है, तो उक्त के लिए दोषी कौन है? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्र क्रमांक 947 दिनांक 26.02.17 एवं पत्र क्रमांक 30 दिनांक 30.04.17 जो कि अधीक्षण अभियंता (सं./सं.) रीवा को सम्बोधित एवं कार्यपालन अभियंता रीवा को पृष्ठांकित है, संबंधित कार्यालय में प्राप्त हुए है, पत्र क्रमांक 347 दिनांक 22.05.17 नहीं अपितु दिनांक 22.06.17 जो कि कार्यपालन अभियंता (ईस्ट रीवा) को सम्बोधित है, संबंधित कार्यालय में प्राप्त हुआ है तथा पत्र क्रमांक 880, दिनांक 28.10.17 जो कि अधीक्षण अभियंता (संचा.-संधा.), रीवा को सम्बोधित एवं कार्यपालन अभियंता (ईस्ट रीवा) एवं जे.ई., गोविन्दगढ़ को पृष्ठांकित है, संबंधित कार्यालय में प्राप्त हुआ है। (ख) जी हाँ। प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्रों पर दिनांक 12.3.18 को खराब मीटर बदलकर उपभोक्ता को 229 यूनिट की राशि रु. 732/- को समायोजित कर छूट प्रदान कर दी गई है जो अगले माह अप्रैल-18 के विद्युत देयक में परिलक्षित होगी तथा आगामी विद्युत देयक वास्तविक खपत के अनुसार जारी किया जावेगा। उक्त प्रकरण पर कार्यवाही पूर्ण कर अधीक्षण अभियंता (संचा.-संधा.), रीवा के पत्र क्रमांक 11150 दिनांक 14.3.18 के माध्यम से की गई कार्यवाही की जानकारी माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय को उपलब्ध करा दी गई है, जिसकी छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार कार्यवाही की जा चुकी है तथापि प्रकरण में विलंब के लिये जाँच कर नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।
सातवें वेतन ऑनलाइन फिक्सेशन में 0.50 पैसे से ऊपर की राशि की गणना
[वित्त]
50. ( क्र. 5358 ) श्री गिरीश गौतम : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सभी महंगाई भत्ता एवं अन्य वित्तीय आदेशों में 0.50 पैसे से ऊपर की राशि को एक रूपये मान कर गणना किये जाने के आदेश प्रसारित किये गये हैं? (ख) क्या यह सही है कि पूर्व में सभी वेतनमानों के वेतन निर्धारण में 0.50 पैसे से ऊपर 0.99 पैसे तक की गणना 1.00 (एक रूपये) मानकर की जाती थी? केन्द्रीय वेतन निर्धारण में यही प्रक्रिया अपनाई गयी है? क्या यह भी सही है कि सातवें वेतनमान का निर्धारण ऑनलाइन पोर्टल में किया जा रहा है और इसमे राशि 0.50 पैसे से 0.99 पैसे तक को 0 (शून्य) मानकर निर्धारण किया जा रहा है? जिस कारण से वेतन निर्धारण में भारी विसंगति उत्पन्न हो रही है। (ग) क्या सातवें वेतन के ऑनलाइन निर्धारण में 0.50 पैसे से ऊपर 0.99 पैसे तक की गणना शून्य मानकर की जा रही त्रुटिपूर्ण प्रक्रिया को सुधारा जायेगा तथा 0.50 पैसे से ऊपर 0.99 पैसे तक की गणना 1.00 (एक रूपये मानकर की जायेगी) यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें? यदि नहीं, सुधारा जाता है तो क्यों?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) जी हाँ। ऑन-लाईन प्रक्रिया वेतन पुनरीक्षण नियम, 2017 के अनुरूप संचालित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जाति प्रमाण पत्र
[जनजातीय कार्य]
51. ( क्र. 5363 ) श्री सचिन यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला खरगोन, तहसील कसरावद एवं भीकनगांव के स्थानीय निवासियों द्वारा दिनांक 25 जनवरी 2018 को घटया के स्थान पर टांकिया जाति प्रमाण पत्रों के संबंध में अनुसूचित जाति विभाग को कितने पत्र एवं कितने-कितने पत्र किन-किन माध्यमों से प्राप्त हुए तथा तत्संबंध में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या कलेक्टर, जिला खरगोन को दिनांक 30 जनवरी, 2018 को घट्या के स्थान पर टांकिया जाति समाज के प्रमाण-पत्र जारी करने के संबंध में किन-किन जनप्रतिनिधियों द्वारा प्रस्तावित पत्र के संलग्न सह पत्रों पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या प्रदेश व जिलों में घट्या जाति का उल्लेख है? यदि हाँ, तो तत्संबंध में ब्यौरा दें, नहीं तो प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में संबंधित संयुक्त हस्ताक्षरित प्राप्त आवेदनों में उल्लेखित तथ्यों एवं समाज के संबंध में सर्वें की जाँच की गई है? यदि हाँ, तो कब नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में जाँच एवं सर्वे में क्या उक्त स्थानीय लोगों के सामाजिक एवं व्यवहारिक संबंध टांकिया जाति समाज में सम्मिलित पाये गये हैं? यदि हाँ, तो तत्संबंध में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ड.) क्या उक्त सह हस्ताक्षरित आवेदकों को टांकिया जाति प्रमाण पत्र जारी किए जायेंगे? यदि हाँ, तो कब नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
संयुक्त संचालक कोष व लेखा कार्यालय में सामान्य वेतन निर्धारण करने का उत्तरदायित्व
[वित्त]
52. ( क्र. 5452 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संयुक्त संचालक कोष व लेखा कार्यलय में सामान्य वेतन निर्धारण प्रकरण पारित करने का उत्तरदायित्व किस-किस स्तर के अधिकारियों का है? क्या संयुक्त संचालक कोष एवं लेखा द्वारा सामान्य वेतन निर्धारण पारित किये जाते हैं? (ख) कार्यालय में वेतन निर्धारण हेतु स्वीकृत सहायक संचालक व उप संचालक स्तर के अधिकारियों की स्वीकृत व कार्यरत् पद संख्या क्या है? क्या उनके द्वारा पूर्ण रूप से वेतन निर्धारण का कार्य ही किया जाता है या उन्हें अतिरिक्त कार्य यथा जाँच आदि भी सौंपे जाते हैं? (ग) संयुक्त संचालक कार्यालयों में विभिन्न स्तर के अधिकारियों को वेतन निर्धारण पारित किये जाने का मासिक लक्ष्य क्या है? अधिकारियों को सौंपे गये अतिरिक्त कार्य व अन्य प्रभारों के साथ उक्त मासिक लक्ष्य आधार पर समस्त प्रकरणों का पूर्ण निराकरण निर्धारित समयवधि में संभव है?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) सहायक आंतरिक लेखा परीक्षण अधिकारी द्वारा प्राथमिक तौर पर परीक्षण करने के पश्चात सहायक संचालक/उप संचालक/संयुक्त संचालक द्वारा अंतिम अनुमोदन किया जाता है। (ख) क्षेत्रीय कार्यालयों में उप संचालक के 08 पद स्वीकृत है जिसके विरूद्ध 03 उप संचालक कार्यरत है इसी प्रकार सहायक संचालक के 23 पद स्वीकृत है जिसके विरूद्ध 19 सहायक संचालक कार्यरत है। उक्त अधिकारियों द्वारा वेतन निर्धारण के साथ-साथ कोषालय/उपकोषालय का निरीक्षण,शिकायत तथा विभागीय जाँच का कार्य भी संपादित किया जाता है। (ग) वेतन निर्धारण हेतु प्राप्त प्रकरणों को निराकृत करने हेतु तीन माह की समय-सीमा नियत है। इसी सीमा के भीतर प्रकरणों का हर संभव निराकरण किया जाता है। पृथक से मासिक लक्ष्य निर्धारित नहीं है।
आंगनवाड़ी भवन निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
53. ( क्र. 5541 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या बालाघाट जिले के कटंगी विकास खण्ड के ग्राम पंचायत कोयतारी के ग्राम बान्डारेव में आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहिन हैं। (ख) यदि हाँ, तो कब तक आंगनवाड़ी भवन हेतु राशि स्वीकृत कर दी जावेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। (ख) कटंगी विकास खण्ड के ग्राम पंचायत कोयतारी के ग्राम बान्डारेवा में आंगनवाड़ी भवन निर्माण के प्रस्ताव को मनरेगा के अभिसरण से निर्मित होने वाले आंगनवाड़ी भवनों की स्वीकृति में सम्मिलित किया गया है। आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण हेतु राशि की स्वीकृति पंचायतराज संचालनालय द्वारा दी जाती है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
वि.स.क्षेत्र बदनावर में झुके हुए विद्युत पोल एवं झूलते हुए तारों को ठीक करने
[ऊर्जा]
54. ( क्र. 5596 ) श्री भंवर सिंह शेखावत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वि.स.क्षेत्र बदनावर के सम्पूर्ण ग्रामीण क्षेत्र में अधिकांशतः विद्युत पोल झुके हुए हैं तथा ग्रामीण क्षेत्र की आवासीय बस्तियों में ११ के.व्ही. की लाइनों के झूलते हुए तार अब भी दृष्टिगोचर हो रहे हैं इनसे कभी भी बड़ी दुर्घटना संभावित है? (ख) क्या उक्त के सम्बन्ध में पूर्व में भी विधानसभा प्रश्न के माध्यम से विभाग का ध्यान आकृष्ट करने पर भी समस्या अब भी यथावत है, क्या विद्युत विभाग इस समस्या का गंभीरता के साथ तत्काल समाधान कर झुके हुए सभी पोल और झुके हुए तारो को ठीक करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? कृपया अवगत करावे।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं। विधानसभा क्षेत्र बदनावर के ग्रामीण क्षेत्र में विद्युत लाईनों के पोल झुके हुये होने/तार ढीले होने संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। उल्लेखनीय है कि वितरण कंपनी द्वारा प्रतिवर्ष वर्षा ऋतु के पूर्व एवं उपरांत विद्युत अधोसंरचना के संधारण का कार्य कराया जाता है, जिसके तहत झुके हुये पोलों को सीधा करने एवं ढीले तारों को टाईट कर विद्युत लाईनों को व्यवस्थित करने का कार्य भी संपादित किया जाता हैं तथापि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत नवीन सड़क निर्माण होने से विद्युत कंपनी की पूर्व से स्थापित विद्युत लाईनों के तारों की जमीन से ऊर्ध्वाधर दूरी निर्धारित मानकों से कम हो गई है। विद्युत कंपनी द्वारा ऐसे 17 स्थानों को चिन्हित कर इन स्थानों पर विद्युत लाईनों की ऊँचाई जमीन से निर्धारित मानकों के अनुसार कर लाईनों को व्यवस्थित करने हेतु नियमानुसार जमा योजना के अन्तर्गत प्राक्कलन तैयार कर सुपरविजन चार्ज 5 प्रतिशत एवं उस पर देय जी.एस.टी. की राशि जमा करने हेतु सड़क निर्माण करने वाले संबंधित विभाग के महाप्रबंधक म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण परियोजना क्रियान्वयन इकाई क्रमांक 3 धार को मांग पत्र जारी किये जा चुके हैं। संलग्न परिशिष्ट में दर्शाए उक्त 17 प्रकरणों में से केवल 7 प्रकरणों में संबंधित विभाग द्वारा वितरण कंपनी में निर्धारित राशि जमा कर कार्य संपादन की कार्यवाही हेतु निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है तथा शेष 10 प्रकरणों में निर्धारित राशि जमा किया जाना शेष है। नियमानुसार उक्त समस्त कार्यों का संपादन महाप्रबंधक म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण परियोजना क्रियान्वयन इकाई क्रमांक 3 धार द्वारा किया जाना है। (ख) जी नहीं। माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा विधानसभा के बजट सत्र 2017 में तारांकित प्रश्न क्रमांक 6780 में किसी विशेष क्षेत्र, ग्राम एवं चिन्हित स्थलों का उल्लेख नहीं करते हुए बदनावर विधानसभा क्षेत्र में विद्युत लाईनों के पोल/तार झुके हुए/ढीले होने का उल्लेख किया किया गया था जिसके उत्तर में प्रतिवर्ष मानसून पूर्व एवं उपरांत विद्युत लाईनों के संधारण कार्य के अंतर्गत पोलों/लाईनों को व्यवस्थित किये जाने के कार्य भी संपादित कराये जाने संबंधी जानकारी दी गई थी तथा साथ ही यह भी अवगत कराया गया था कि पूर्व से स्थापित वितरण कंपनी की 11 के.व्ही. लाईनों के नीचे नवीन सड़क निर्माण किये जाने के कारण लाईनों की ऊँचाई निर्धारित मानकों के अनुरूप करने का कार्य नियमानुसार जमा योजना के अंतर्गत महाप्रबंधक म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण, परियोजना क्रियान्वयन इकाई क्रमांक 3 धार, द्वारा कराया जाना है। उल्लेखनीय है कि वितरण कंपनी द्वारा संपादित कराये जाने वाले संधारण कार्यों के संबंध में माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय को वितरण कंपनी के पत्र क्रमांक 9630 दिनांक 23.09.2017 के माध्यम से पुन: उक्त संबंध में जानकारी प्रेषित करते हुये अनुरोध किया गया था कि पत्र में उल्लेखित स्थानों के अतिरिक्त यदि कोई स्थान माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के संज्ञान में हो तो उससे अवगत कराने का कष्ट करें। उक्तानुसार चिन्हित 17 सड़क निर्माण के स्थलों के प्रकरणों में कार्य जमा योजना के अंतर्गत महाप्रबंधक म.प्र. ग्रामीण विकास प्राधिकरण द्वारा कराया जाना है जिस हेतु उत्तरांश (क) अनुसार कार्यवाही की जा रही है तथा अन्य किसी स्थान पर 11 के.व्ही. लाईन के तार ढीले/पोल झुके नहीं है। यदि माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा प्रकरण विशेष संज्ञान में लाया जाता है तो उस पर तत्काल कार्यवाही की जाएगी।
बिना परीक्षा पास किये सीधे नियुक्ति दिया जाना
[सामान्य प्रशासन]
55. ( क्र. 5634 ) श्री रामनिवास रावत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में निवासरत विशेष पिछड़ी जनजाति सहरिया, बैगा एवं भारिया के न्यूनतम योग्यताधारी उम्मीदवारों को न्यूनतम योग्यता के आधार पर उन्हें बिना पात्रता परीक्षा पास किये शासकीय विभागों में सीधे नियुक्ति दिए जाने के सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश हैं? यदि हाँ, तो इन्हें किस किस पद पर सीधे नियुक्ति दी जा सकती है? सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा प्रथम बार जारी निर्देश एवं समय समय पर जारी आदेशों/निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत सीधे नियुक्ति हेतु वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक कितने उम्मीदवारों के आवेदन किस-किस पद के विरूद्ध नियुक्ति हेतु प्राप्त हुए? कितने उम्मीदवारों को किन पदों पर सीधे नियुक्ति दी गयी वर्तमान में कितने आवेदन लंबित हैं? जिलेवार जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में जिला श्योपुर में किन-किन सहरिया उम्मीदवारों को किस-किस पद पर नियुक्ति दी गयी? कितने आवेदन लंबित हैं? कितने आवेदन किस-किस कारण से निरस्त किये गए? आवेदकों के नाम, पिता का नाम, पता एवं शैक्षणिक योग्यता सहित वर्षवार जानकारी दें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। संविदा शाला शिक्षक या तृतीय/चतुर्थ श्रेणी के किसी भी पद के लिये या वनरक्षक (कार्यपालिक)। इसके अतिरिक्त आरक्षक (कार्यपालिक) व पटवारी (कार्यपालिक) पद पर क्रमश: गृह विभाग एवं राजस्व विभाग द्वारा सीधे नियुक्ति की कार्यवाही की जा रही है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी अधिसूचना की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ, ब, स एवं द पर है। (ख) एवं (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
माननीय सांसदों और विधायकों को लिपिकीय सुविधा उपलब्ध कराया जाना
[सामान्य प्रशासन]
56. ( क्र. 5665 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय सांसदों और विधायकों को लिपिकीय सुविधा उपलब्ध कराये जाने हेतु म.प्र. शासन संसदीय कार्य विभाग द्वारा पत्र क्रमांक 1243/एफ (4) 28/2014/1/अड़तालीस, भोपाल दिनांक 04 दिसंबर 2014 जारी करते हुए बिंदु क्रमांक 8 में संलग्न किये गए लिपिकों को 100 रूपये प्रतिमाह नियत यात्रा भत्ते की पात्रता होगी, नियत यात्रा भत्ते और अवकाश यात्रा सुविधा को छोड़ कर किसी भी दौरे के लिए किसी भी प्रकार के यात्रा/दैनिक भत्ते की पात्रता नहीं होगी के निर्देश जारी किये गए थे? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो क्या म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल द्वारा संशोधन आदेश दिनांक 15 मार्च 2005 क्रमांक एफ.ए.10-15/1994/एक (1) द्वारा संलग्न किये गए लिपिक को रूपये 100 मात्र प्रतिमाह नियत यात्रा भत्ता में आंशिक संशोधन करते हुए 100 रूपये के स्थान पर 200 रूपये प्रतिमाह नियत यात्रा भत्ता प्रदान करने की स्वीकृति प्रदान की गई थी? (ग) क्या उपरोक्त आदेश लगभग 13 वर्ष पूर्व जारी किये गए हैं? इस दौरान काफी मंहगाई बढ़ जाने के बाद भी संलग्न किये गए लिपिकों का नियत यात्रा भत्ता न बढ़ाए जाने के क्या कारण हैं? विवरण सहित बताएं। (घ) क्या विभाग द्वारा संलग्न किये गए लिपिकों के नियत यात्रा भत्ता में संसोधन करते हुए एवं इस मंहगाई को देखते हुए 2000 रूपये प्रतिमाह नियत किया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। इस संबंध में राज्य वेतन आयोग द्वारा कोई अनुशंसा नहीं की है। अत: प्रस्ताव अमान्य किया गया। (घ) वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लिपिक वर्गीय कर्मचारी की वेतन विसंगति
[वित्त]
57. ( क्र. 5685 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 68 दिनांक 28 फरवरी 2018 दिन बुधवार सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक एफ 1958/2017/1/4 भोपाल, दिनांक 08 सितम्बर 2017 के द्वारा लिपिकों की वेतन विसंगतियों के संबंध में गठित समिति द्वारा दिनांक 23.10.2017 व 03.01.2018 व 24.01.2018 व 09.02.2018 को बैठकें की? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही/चर्चा हुई? छाया प्रति सहित जानकारी दें? (ख) क्या लिपिक वर्गीय कर्मचारियों के प्रति वेतन विसंगति प्रथम दृष्टया हुई? यदि हाँ, तो क्या राहत दी जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) के अंतर्गत कब तक समग्र विचार कर समिति प्रतिवेदन प्रस्तुत करेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (ग) जी हाँ। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय अभिलेखों में हेराफेरी के प्रकरण
[सामान्य प्रशासन]
58. ( क्र. 5690 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले अंतर्गत वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल 2017 से प्रश्न दिनांक तक मध्यप्रदेश शासन के किन-किन विभागों के किस-किस अधिकारी को किस-किस मामले (प्रकरण) में माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर एवं ग्वालियर और इन्दौर खंडपीठ के समक्ष कब-कब एपियर होना पड़ा? न्यायालयीन प्रकरण क्रमांक, विषय एपियर होने वाले अधिकारी का नाम, पद एवं कार्यरत स्थान की जानकारी देते हुये टी.ए., डी.ए. की जानकारी उपस्थिति दिनांकों के अनुसार पृथक-पृथक दी जावे? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार माननीय उच्च न्यायालय एवं खंडपीठ में दर्शित प्रकरणों में से कितने प्रकरण शासकीय अभिलेखों में हेराफेरी एवं मिथ्या दस्तावेज रचकर अनुचित लाभ प्राप्त करने एवं करवाने पर भा.द.सं. 1860 (I.P.C.) की धारा 420 से संबंधित प्रकरण हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार ऐसे कौन-कौन से प्रकरण थे, जिनमें शासन की ओर से नियुक्त ओ.आई.सी. उसी अधिकारी को बनाया गया, जिसके द्वारा की गयी प्रकरणों की जाँच के आधार पर शिकायतकर्ता/जाँचकर्ता द्वारा एफ.आई.आर. दर्ज करवायी गयी थी? जानकारी अधिकारियों के नाम, पदनाम एवं कार्यरत स्थल सहित प्रकरणों की अद्यतन स्थिति प्रकरणवार बतावें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) सागर जिले के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 01 अप्रैल 2017 से प्रश्न दिनांक तक माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में, श्री सत्येन्द्र कुमार शुक्ला, पुलिस अधीक्षक सागर, याचिका क्रमांक 1958/14, द्वारा श्रीमती निर्मला लोड़कर विरूद्ध मध्यप्रदेश शासन में बन्दी प्रत्यक्षीकरण (हैवियस कार्पस), में दिनांक 24/07/17 को एपियर हुए हैं, जिनके टी.ए. डी.ए. का भुगतान नहीं किया गया है। इसके अलावा आयुक्त कार्यालय सागर संभाग के अंतर्गत एक प्रकरण क्रमांक WP 14285/2017 संजय रैकवार एवं अन्य विरूद्ध मध्यप्रदेश शासन में माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के समक्ष डॉ. राजेश राय, संयुक्त आयुक्त (विकास), सागर संभाग, सागर दिनांक 19/01/2018 को एपियर हुए। डॉ. राय द्वारा शासकीय वाहन से यात्रा किए जाने के फलस्वरूप टी.ए. बिल प्रस्तुत नहीं किया गया है। उक्त के अतिरिक्त कोई भी अन्य विभागीय अधिकारी, माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर एवं ग्वालियर और इन्दौर खण्डपीठ में सीधे एपियर नहीं हुए हैं। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार प्रकरण भा.द.सं. 1860 (IPC) की धारा 420 से संबंधित प्रकरण नहीं है। (ग) जानकारी निरंक है।
सहायक संचालक एवं प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी पर गंभीर शिकायतों की जाँच
[महिला एवं बाल विकास]
59. ( क्र. 5692 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या भरत सिंह राजपूत, सहायक संचालक वर्तमान में प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिला पन्ना पर महिलाओं का शोषण, अभद्रता, भ्रष्टाचार एवं पुलिस थाना खजुराहों जिला छतरपुर में दर्ज एफ.आई.आर. क्रमांक 0097 के आधार पर निलंबित किया गया था? यदि हाँ, तो एफ.आई.आर. व शिकायत की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या आयुक्त एकीकृत बाल विकास सेवा म.प्र. द्वारा पृष्ठांकन क्रमांक 3251 भोपाल दिनांक 11.08.2017 को आरोपों की प्रश्नांश (क) के संबंध में जाँच की गई,यदि हाँ, तो आरोप पत्र, आधार पत्र एवं अभिलेख सूची, अतिरिक्त आरोप पत्र एवं कमिश्नर सागर संभाग, सागर के पत्र क्रमांक 1556 दिनांक 28.08.2017 की प्रति व जाँच प्रतिवेदन उपलब्ध करावें? जाँच अधिकारी द्वारा राज्य शासन को सौंपे गये जाँच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) क्या प्रश्नांश (क) के अधिकारी को निलंबित उपरांत किस आधार पर बहाल कर जिला पन्ना में पदस्थ किया गया? आधार से संबंधित अभिलेखों की प्रतियां उपलब्ध करावें? क्या जे.एम.एफ.सी. न्यायालय में दिनांक 31.08.2017 को प्रस्तुत खात्मा का लेख कर बहाली का आधार बनाया गया? यदि हाँ, तो न्यायालय में प्रस्तुत खात्मा की प्रति प्रदान करें? (घ) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी की महिला अधिकारों, सुरक्षा सम्मान की नीति के तहत ऐसे अधिकारी को महत्वपूर्ण पद का प्रभार देकर राज्य शासन का लिया गया निर्णय न्यायसंगत है? यदि नहीं, तो क्या ऐसे भ्रष्ट अधिकारी का शासकीय दायित्वों से मुक्ति कर सेवा समाप्ति की कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। श्री भरत सिंह राजपूत, सहायक संचालक को एफ.आई.आर. के आधार पर निलंबित नहीं किया गया था। अपर संचालक, एकीकृत बाल विकास सेवा द्वारा दिनांक 03.07.2017 को प्रस्तुत जाँच प्रतिवेदन में श्री भरत सिंह राजपूत द्वारा पर्यवेक्षकों एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के प्रति अभद्रता पूर्ण, अमर्यादित आचरण किया जाना तथा अन्य गंभीर आरोप प्रथम दृष्टया परिलक्षित होने के कारण संचालनालय के आदेश क्र. 2999, दिनांक 07.07.2017 द्वारा निलंबित किया गया था। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) श्री राजपूत के विरूद्ध थाना खजुराहो में धारा-294, 354 (ए) एवं 506 के तहत दर्ज एफ.आई.आर. की पूर्ण विवेचना, स्वतंत्र साक्षियों के कथन, घटना स्थल के रहवासियों से पूछताछ उपरांत संदेही श्री राजपूत द्वारा घटना घटित करने या करवाने के संबंध में कोई साक्ष्य नहीं होने के कारण थाना प्रभारी खजुराहो जिला छतरपुर द्वारा माननीय जे.एम.एम.सी न्यायालय में दिनांक 31.08.2017 को खात्मा प्रस्तुत किय जाने के आधार पर विभाग के आदेश क्र. 2434-35/2138/2017/50-1, दिनांक 20.11.2017 द्वारा श्री राजपूत को निलंबन से बहाल कर कार्यालय जिला कार्यक्रम अधिकारी, पन्ना में सहायक संचालक के रिक्त पद पर पदस्थ किया गया है। खात्मे की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) प्रश्नांश ''ग'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ताप विद्युत इकाईयों को प्रदत्त कोयला
[ऊर्जा]
60. ( क्र. 5695 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) साउथ इस्टर्न कोल फील्ड द्वारा म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के कौन-कौन से ताप विद्युत गृहों को अप्रैल, 2017 से दिसम्बर, 2017 तक कितनी-कितनी मात्रा में कोयला प्रदान किया गया एवं रेल्वे रिसीव्ड (आर.आर.) के अनुसार उक्त कोयले के परिवहन पर किस दर से कितनी मात्रा के कोयले का भुगतान किया गया एवं वास्तविक रूप से रेल्वे की रेकों में कितने कोयला का लदान किया गया? माहवार, ताप विद्युत गृहवार जानकारी देवें? (ख) सिंगाजी ताप विद्युत गृह में अप्रैल 2017 से कोयला आवंटन के तहत अप्रैल 2017 से दिसम्बर 2017 तक कोयले लदान के लिये आदेशित फर्म/मेसर्स के द्वारा प्रत्येक रेक में कितना लदान किया गया एवं रेल्वे के आर.आर. (पावती) के तहत रेल्वे को कितनी मात्रा के कोयले का परिवहन भुगतान किया गया एवं यह भी बतलावें कि फर्म द्वारा भेजे गये कोयले की मात्रा एवं रेल्वे को दिये गये परिवहन भाड़ा की मात्रा में क्या अन्तर रहा? माहवार अन्तर की मात्रा सहित सूची देवें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) साउथ इस्टर्न कोल फील्ड द्वारा मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी के ताप विद्युत गृहों को अप्रैल, 2017 से दिसम्बर, 2017 तक लदान एवं प्रदाय किये गये कोयले की मात्रा, रेल्वे रिसिप्ट (आर.आर.) के अनुसार प्रभारित मात्रा एवं रेल्वे को देय औसत परिवहन दर का माहवार, ताप विद्युत गृहवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। परिवहन की दर प्रभारित मात्रा के आधार पर देय होती है। रेल्वे रिसिप्ट (आर.आर.) के अनुसार लदान किये गये एवं प्रदान किये गये कोयले की मात्रा समान होती है। रेल्वे द्वारा परिवहन हेतु उपलब्ध कराई गई रेक की क्षमता के अनुसार परिवहन राशि प्रभारित की जाती है। (ख) प्रश्नांकित अवधि में मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी के श्री सिंगाजी ताप विद्युत गृह में आदेशित फर्मों द्वारा लदान किए गए कोयले की मात्रा, रेल्वे रिसिप्ट (आर.आर.) के अनुसार रेल्वे रेक की परिवहन हेतु प्रभारित कोयले की मात्रा (जिसका भुगतान रेल्वे को किया गया) एवं प्रभारित तथा वास्तविक प्रदाय की गई कोयले की मात्रा में अंतर की माहवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। प्रत्येक रेक में कोयले की प्रभारित मात्रा एवं वास्तविक रूप से लदान किए गए कोयले की मात्रा एवं दोनों के अंतर की माहवार मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है।
राशि की वसूली के साथ आपराधिक प्रकरण दर्ज कराये जाना
[वाणिज्यिक कर]
61. ( क्र. 5698 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आबकारी आयुक्त म.प्र. द्वारा जारी अधिसूचना दिनांक 03.07.2014 द्वारा जिलों में सील बंद बोतलों में मदिरा की आपूर्ति हेतु जारी निविदा सूचना के खण्ड 6 (XXXii) में यह प्रावधान किया गया था, कि भण्डागारों में वीसेंट संयोजन का प्रबंधन निविदाकार को स्वयं करना होगा? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो म.प्र. देशी मदिरा नियम 1995 का नियम 12 (1) प्रावधानिक करता है, कि किसी भी नियम के भंग करने पर शास्ति आरोपण की जावें? यदि हाँ, तो इस पर कितनी शास्ति रीवा संभाग में वर्ष 2014 से प्रश्नांश दिनांक तक में किन-किन निविदाकारों पर आरोपित कर वसूली की गयी? विवरण वर्षवार, दुकानवार देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार भण्डागारों में से किसी भी भण्डागार द्वारा वीसेंट संयोजन प्रावधान नहीं किए गये, जिसके कारण ऑनलाइन परमिट 2014 में जारी नहीं की गयी वर्तमान में क्या स्थिति है? साथ ही संबंधितों को दोषी मानकर उन पर क्या कार्यवाही प्रस्तावित की गयी? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार निविदाकारों पर नियम के भंग पर शास्ति के आरोपण न करने के कारण शासन के हुए राजस्व के नुकसानी के लिए कौन-कौन जिम्मेदार है? इन पर क्या कार्यवाही करेंगे? राशि वसूली के साथ गबन का प्रकरण पंजीबद्ध करावेगें? यदि हाँ, तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। (ख) रीवा संभाग के जिला रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौल, शहडोल, अनूपपुर एवं उमरिया जिलों में स्थित स्टोरेज भाण्डागारों पर प्रदाय संविदाकार आसवकों द्वारा वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 में वीसेट कनेक्टिविटी स्थापित नहीं कराये जाने से मध्यप्रदेश देशी स्प्रिट नियम 1995 के नियम 9 (5) व टेण्डर तथा लायसेंस शर्तों के उल्लंघन के लिये नियम 12 (1) के अंतर्गत रूपये 10,000/- प्रत्येक स्टोरेज भाण्डागार के मान से शास्ति आरोपण संबंधी आदेश जारी किये गये है वर्ष 2017-18 में स्टोरेज भाण्डागारों पर वीसेट कनेक्टिविटी नहीं कराये जाने से शर्तों के उल्लंघन के लिये प्रदाय संविदाकार आसवकों को कारण बताओं सूचना पत्र जारी किये जाने संबंधी कार्यवाही प्रचलन में है। रीवा संभाग के जिला रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली, शहडोल, अनूपपुर एवं उमरिया जिलों में स्थित स्टोरेज भाण्डागारों पर प्रदाय संविदाकार आसवकों द्वारा वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 में वीसेट कनेक्टिविटी स्थापित नहीं कराये जाने से शास्ति आरोपण तथा उसके विरूद्ध वसूली संबंधी कार्यवाही का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रदाय संविदाकार आसवकों द्वारा रीवा संभाग के जिलों के स्टोरेज भाण्डागारों पर वीसेट कनेक्टिविटी स्थापित नहीं कराये जाने से वर्ष 2014 में ऑन-लाईन परमिट जारी नहीं किये गये वर्तमान में रीवा संभाग के जिला रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली, शहडोल, अनूपपुर एवं उमरिया जिलों में स्थित देशी मदिरा स्टोरेज भाण्डागारों पर ऑन-लाईन परमिट जारी किये जा रहे है। संबंधित आसवकों के विरूद्ध की गई कार्यवाही संबंधी विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार निविदाकारों द्वारा नियम के भंग किये जाने के कारण संबंधितों के विरूद्ध नियमानुसार शास्ति आरोपण की कार्यवाही की गई है। प्रकरण में शासन को किसी भी प्रकार से राजस्व की हानि नहीं हुई है, अतएव इसके लिये दायित्व निर्धारण एवं किसी भी प्रकार की कार्यवाही की कोई स्थिति नहीं है।
प्रश्न तैयार करने एवं उत्तर में दिये गये विकल्पों में अनियमितताएं
[सामान्य प्रशासन]
62. ( क्र. 5699 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. लोकसेवा आयोग द्वारा 18 फरवरी 2018 को राज्य सेवा के पद पूर्ति हेतु प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन कराया गया? (ख) यदि हाँ, तो आयोग द्वारा 21 फरवरी 2018 को उत्तर कुंजी जारी की। जिसमें दिये गये उत्तर किस आधार पर तैयार कर संकलित किये गये। जबकि कुंजी में दिये गये उत्तर गलत एवं भ्रामक हैं। मध्यप्रदेश ग्रंथ एकेडमी सहित अन्य शासन द्वारा जारी की गई किताबों में ये उत्तर नहीं मिल रहे हैं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में आयोग द्वारा तैयार किये गये प्रश्नों में जो उत्तर विकल्प के रूप में दिये गये थे, उनमें से कोई भी उत्तर सही नहीं थे, लेकिन आयोग द्वारा जारी उत्तर कुंजी में उत्तर सही बताये गये तो किस आधार पर और क्यों? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के तारतम्य में आयोग द्वारा अभ्यावेदन विद्यार्थियों से मांगा गया। विद्यार्थी/परीक्षार्थी अगर आयोग के उत्तर से सहमत नहीं हैं, तो अभ्यावेदन देकर उत्तर में सुधार करवा सकते हैं। इस पर आयोग द्वारा 100 रूपये प्रति प्रश्न शुल्क तय की। अत: 1500 रूपये 15 प्रश्नों के क्यों वसूले जा रहे हैं? (ड.) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) के सापेक्ष आयोग द्वारा प्रश्न तैयार करने एवं उत्तर में दिये गये विकल्पों व जारी उत्तर कुंजी पर की गई अनियमितताओं के लिये कौन-कौन जिम्मेदार हैं? जिम्मेदारों की पहचान कर उन पर क्या कार्यवाही करेंगे? साथ ही इस तरह की पुनरावृत्ति भविष्य में न हो इस बाबत् क्या कार्यवाही एवं निर्देश जारी करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। संबंधित विषयों के विशेषज्ञों द्वारा प्रश्नों की रचना के साथ उत्तरकुंजी भी तैयार की जाती है। विषय विशेषज्ञों द्वारा बनाई गई उत्तरकुंजी के आधार पर आयोग द्वारा प्रावधिक उत्तरकुंजी प्रकाशित की जाती है। प्रावधि उत्तरकुंजी प्रकाशित करते हुए अभ्यर्थियों से आपत्ति 7 दिवस के भीतर आमंत्रित की जाती है। अभ्यर्थियों से प्राप्त आपत्तियों पर पुन: विषय विशेषज्ञों द्वारा सूक्ष्म परीक्षण किया जाकर अंतिम उत्तर कुंजी प्रकाशित की जाती है। अंतिम उत्तर कुंजी के समय संदर्भित ग्रंथों का उल्लेख/प्रतिलिपि भी ली जाती है। (ग) विषय विशेषज्ञों द्वारा प्रश्न पत्रों की रचना की जाती है। यह पूरी प्रक्रिया अत्यंत गोपनीय होने के कारण आयोग के किसी भी अधिकारी/कर्मचारी के द्वारा विषय विशेषज्ञों द्वारा की गई रचना का अवलोकन नहीं किया जाता है। उत्तर कुंजी भी विषय विशेषज्ञों द्वारा ही तैयार की जाती है। (घ) जी हाँ। अभ्यर्थियों की आपत्ति सही होने पर आयोग द्वारा आपत्ति शुल्क वापस लौटाया जाता है। केवल वास्तवित आपत्तियां ही प्राप्त हों तथा बिना प्रमाण के अनावश्यक अभ्यावेदनों को हतोत्साहित करने के लिए शुल्क का निर्धारण किया गया है। (ड.) उक्त परीक्षा के अनुसीमन कार्य करने वाले विषय विशेषज्ञों को आयोग द्वारा आयोजित समस्त परीक्षाओं से विवर्जित कर दिया गया है।
अनुकम्पा नियुक्ति के आवेदन पर कार्यवाही
[जनजातीय कार्य]
63. ( क्र. 5711 ) पं. रमेश दुबे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्री गनाराम टेकाम का कन्या प्राथमिक शाला खमरा विकासखण्ड बिछुआ जिला छिन्दवाड़ा में प्रधान पाठक के पद पर कार्यरत रहते दिनांक 02/06/1989 को मृत्यु होने पर उनके पुत्र श्री राम किशोर टेकाम निवासी, मोया द्वारा दिनांक 29/10/1997 को सहायक आयुक्त आदिवासी विकास छिन्दवाड़ा को आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया था? (ख) क्या विभाग द्वारा सामान्य प्रशासन विभाग के अनुकम्पा नियुक्ति के संबंध में जारी निर्देश दिनांक 23/07/2001 एवं 08/10/2002 का हवाला देते हुये श्री राम किशोर टेकाम का अनुकम्पा नियुक्ति का आवेदन पत्र आठ वर्ष के विलम्ब से प्रस्तुत करने के कारण दिनांक 21/04/2017 द्वारा निरस्त किये जाने की सूचना दी गई है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित निर्देश दिनांक 23/07/2001 एवं 08/10/2002 जारी होने के पूर्व प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अनुकम्पा नियुक्ति का प्रस्तुत आवेदन दिनांक 29/10/1997 प्रभावित होगा? क्या इस निर्देश में बंधनकारी 7 वर्ष की अवधि निर्देश जारी होने के पूर्व में प्रस्तुत आवेदनों पर लागू करना न्यायसंगत है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) जी नहीं। आवेदक श्री राम किशोर टेकाम द्वारा अनुकम्पा नियुक्ति हेतु प्रस्तुत आवेदन पत्र दिनांक 29/10/1997 पिता की मृत्यु के लगभग 8 वर्ष के पश्चात प्रस्तुत किया गया। तत्समय सामान्य प्रशासन विभाग से प्रसारित अनुकंपा नियुक्ति का ज्ञापन दिनांक 22 अगस्त 1980 प्रभावशील था। इस ज्ञापन की कंडिका 2 में आवेदन पत्र प्रस्तुत करने की सीमा 5 वर्ष निर्धारित थी। अत: आवेदक श्री राम किशोर टेकाम को अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान नहीं की जा सकी।
ग्रामों को अनुसूचित अधिसूचित क्षेत्र से पृथक कराया जाना
[जनजातीय कार्य]
64. ( क्र. 5712 ) पं. रमेश दुबे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विकासखण्ड पांढुर्णा के ग्राम पांढुर्णा, सांवरगांव, अम्बाखापा, कलमगांव, बाडेगांव, देवखापा, आंजनगांव, भंदारगोंदी, अम्बाड़ा, लव्हाना, उमरीखुर्द, गुजरखेड़ी इत्यादि एवं विकासखण्ड बिछुआ के नगर बिछुआ, झामटा, गोनी, उल्हावाड़ी इत्यादि ग्रामों में अनुसूचित जनजाति के सदस्यों की संख्या व भूमियां नगण्य हैं? (ख) क्या उक्त ग्रामों में अनुसूचित जनजाति के सदस्यों की संख्या व भूमियां नगण्य होने के बावजूद भी अनुसूचित अधिसूचित होने से इन ग्रामों में अन्य वर्गों के लोगों को भूमियों का क्रय-विक्रय और व्यपवर्तन में भारी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा हैं? विकास कार्य अवरूद्ध हो रहा है? (ग) उक्त ग्रामों को अनुसूचित अधिसूचित क्षेत्र पृथक किये जाने के संबंध में विगत 3-4 वर्षों में क्या कोई आवेदन जिला प्रशासन या शासन को प्राप्त हुआ है? क्या प्रश्नकर्ता ने भी प्रश्नों एवं अशासकीय संकल्पों के माध्यम से उक्त मामले को शासन एवं प्रशासन के ध्यान में लाया है? (घ) यदि हाँ, तो उक्त संबंध में क्या कोई कार्यवाही किसी स्तर पर प्रचलन में है? हाँ तो किस स्तर पर, प्रकरण किस लिए विचाराधीन है? यदि नहीं, तो क्या शासन अन्य वर्गों की कठिनाई को दृष्टिगत रखते हुए उक्त ग्रामों को अनुसूचित अधिसूचित क्षेत्र से पृथक करने की कार्यवाही कर भारत शासन को आदेश जारी करने हेतु प्रस्ताव प्रेषित करेगा? हाँ तो कब तक नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों में दीदी पद पर नियुक्तियों की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
65. ( क्र. 5744 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विभाग द्वारा कटनी जिले के अंतर्गत शासन के आदेशों से प्रत्येक आंगनवाड़ी केन्द्रों में दीदी पद पर वित्त वर्ष 2017-18 में नियुक्तियां की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो किन-किन आंगनवाड़ी केन्द्रों में किस-किस की कब-कब नियुक्तियां की गई? कटनी जिले की केन्द्रवार सूची देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में नियुक्त दीदियां वर्तमान समय में कार्यरत हैं या नहीं? यदि इनकी नियुक्तियां समाप्त कर दी गई हैं, तो इसके क्या कारण हैं? क्या उन्हें पुन: सेवा का अवसर दिया जावेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? नियुक्ति निरस्त करने वाले आदेश की कारण सहित छायाप्रति देवें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) वर्ष 2017-18 में एकीकृत बाल विकास सेवा जिला कटनी अंतर्गत विभाग के आदेश के परिपालन में 1624 आंगनवाड़ी केन्द्रों में स्वैच्छिक रूप से नि:शुल्क शाला पूर्व शिक्षा देने हेतु दीदी पद पर चयन किया गया। (ख) जिले के आंगनवाड़ी केन्द्रों में दीदी पद पर चयन की गयी बालिकाओं/महिलाओं की परियोजनावार एवं केन्द्रवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में कटनी जिले में चयनित दीदियां वर्तमान समय में कार्यरत नहीं हैं। इनका चयन विभाग के आदेश क्रमांक 413/670/2018/50-2 (ए.एन.) भोपाल दिनांक 23/02/2018 के तहत समाप्त कर दिया गया है। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ख'' अनुसार है। आंगनवाड़ी दीदियों का चयन आंगनवाड़ी केन्द्रों में स्वैच्छिक रूप से शाला पूर्व शिक्षा गतिविधियों में नि:शुल्क सहयोग देने हेतु किया गया था, नि:शुल्क कार्य की आवश्यकता नहीं होने के कारण चयन निरस्त करने का निर्णय लिया गया।
सरकार द्वारा लिया गया कर्ज का विवरण
[वित्त]
66. ( क्र. 5749 ) श्री जितू पटवारी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश सरकार द्वारा प्रश्न दिनांक तक विगत 3 वर्षों में किन-किन वित्तीय संस्थानों, बैंकों व अन्य तरीके से कितनी-कितनी ऋण किन-किन शर्तों के तहत ली गई है? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत लिये लोन पर चालू वित्त वर्ष में कितना ब्याज दिया जायेगा व विगत 3 वर्षों में लिये गये लोन पर प्रति वर्ष कितना ब्याज व कितना मूल्य चुकाया गया? वर्षवार जानकारी देवें। (ग) दिनांक 08/11/2016 से 31/03/2017 तक कुल कितने राजस्व की वसूली हुयी? समान अवधि में दिनांक 08/11/2015 से 31/03/2016 तक कितना राजस्व शासन को प्राप्त हुआ या दोनों अवधि में कितना प्रतिशत घटा/बढ़ा? जानकारी देवें। (घ) FRBM एक्ट के तहत शासन कितना कर्ज ले सकती है? उसका जी.एस.डी.पी. से क्या संबंध है? बतायें कि खाद्यान्न कर्ज को बजट से पहले क्यों नहीं शामिल किया गया व केन्द्र सरकार से इसको लेकर क्या पत्राचार व निर्देश राज्य सरकार को प्राप्त हुये? पत्राचार की प्रति उपलब्ध करायें। (ड.) प्रश्न दिनांक को प्रदेश में प्रति व्यक्ति कितना कर्ज है? विगत तीन वर्षों में समान अवधि में कितना-कितना था? वर्षवार जानकारी देवें।
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) मध्य प्रदेश शासन द्वारा वित्तीय वर्ष 2014-15 से 2017-18 के दौरान लिये गये कर्ज की वर्षवार जानकारी नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा संबंधित वर्ष के वित्त लेखे के परिशिष्ट पर निम्नानुसार दृष्टव्य हैं, जो विधानसभा के पुस्तकालय में उपलब्ध हैं : -
वित्तीय वर्ष |
वित्त लेखे में दृष्टव्य परिशिष्ट की संख्या |
2014-15 |
खण्ड–I, विवरण संख्या-6, खण्ड-II, विवरण संख्या-17 |
2015-16 |
खण्ड–I, विवरण संख्या-6, खण्ड-II, विवरण संख्या-17 |
2016-17 |
वित्त सचिव का स्मृति पत्र, बजट अनुमान 2018-19 |
2017-18 |
वित्त सचिव का स्मृति पत्र, बजट अनुमान 2018-19 |
(ख) उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा जारी संबंधित वर्ष के वित्त लेखे में प्रश्नांश चाही गई जानकारी अवधिवार उपलब्ध नहीं रहती है। अतः प्रश्नांश जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (घ) मध्यप्रदेश राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन (संशोधन) अधिनियम, 2015 के अनुसार कर्ज लेने की अधिकतम सीमा जी.एस.डी.पी. के 3.5 प्रतिशत है। खाद्यान्न कर्ज की राशि रिजर्व बैंक आफ इंडिया खाते में सम्मिलित नहीं होती है, अतः इसे विनियोग राशि के रूप में शामिल नहीं किया जाता। केन्द्र सरकार के शुद्ध उधार सीमा के संबंध में किये गये पत्राचार की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर उपलब्ध है। केन्द्र सरकार से वर्ष 2018-19 के शुद्ध उधार सीमा के संबंध में प्राप्त पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर उपलब्ध है। (ड.) प्रश्नाधीन अवधि के वित्त लेखे, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा वर्तमान तक जारी नहीं किये गये हैं। अतः जानकारी दी जाना संभव नहीं है। विगत तीन वर्षों में प्रति व्यक्ति कर्ज निम्नानुसार था : -
वित्तीय वर्ष (31 मार्च की स्थिति में) |
प्रति व्यक्ति कर्ज (राशि रूपये में) |
2014 |
10880.41 |
2015 |
12064.99 |
2016 |
13840.66 |
प्रदेश में
अचल सम्पत्ति
की जानकारी
[वित्त]
67. ( क्र. 5750 ) श्री जितू पटवारी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश सरकार की देश के विभिन्न राज्यों में क्या-क्या अचल सम्पत्ति है? राज्यवार सम्पत्तिवार जानकारी देवें। इनकी देखरेख का जिम्मा किस विभाग द्वारा किया जाता है? देखरेख करने वाली शासकीय एजेंसी के प्रमुख कौन हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अन्तर्गत स्थित सम्पत्ति से विगत 5 वर्षों में सरकार को क्या-क्या आमदानी प्राप्त हुई? वर्षवार, सम्पत्तिवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) अन्तर्गत राज्य शासन की कितनी जमीन पर कहाँ-कहाँ अवैध अतिक्रमण किया गया है व उसे हटाने के लिये सरकार क्या कदम उठा रही है? अवैध अतिक्रमण की गई सम्पत्ति की वर्तमान कीमत क्या है व वह अतिक्रमण से कब तक मुक्त करा ली जावेगी? (घ) प्रदेश सरकार के पास प्रश्न दिनांक तक कितनी शत्रु सम्पत्ति है व उसका संभावित मूल्य क्या है? (ड.) वर्ष 2001 में मुम्बई स्थित नीलकंठ सोसायटी को दी गई जमीन की लीज डीड उपलब्ध करायें व इसमें हुई अार्थिक अनियमितताओं में दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गई? लोकायुक्त व सी.बी.आई. द्वारा विभाग के विरूद्ध की गई एफ.आई.आर. की प्रति उपलब्ध करायें।
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अंग्रेजी/देशी मदिरा दुकानों के स्थान परिवर्तन
[वाणिज्यिक कर]
68. ( क्र. 5765 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में स्थित किन-किन अंग्रेजी/देशी मदिरा दुकानों के संचालन स्थल चालू वर्ष में कितने बार यहां से वहां किये गये? दुकानों सहित जानकारी देवें। (ख) यदि हाँ, तो इन दुकानों के चालू वित्तीय वर्ष में परिवर्तन होने का क्या कारण था? जानकारी देवें। (ग) विभाग द्वारा स्थान परिवर्तन की अनुमति/आदेश देने के लिये शासन का कोई मापदण्ड/समय निर्धारित है? जानकारी देवें। यदि हाँ, तो क्या? (घ) यदि विभाग द्वारा कम समय में ही स्थान परिवर्तन के आदेश जारी किये गये तो इसके लिये कौन जिम्मेदार है एवं विभाग इसके लिये जिम्मेदार अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) सागर जिले अंतर्गत वर्ष 2017-18 दौरान मदिरा दुकानों के निष्पादन के पूर्व दुकानों की अवस्थिति (परिक्षेत्र) का निर्धारण जिला समिति से कराया जाकर निष्पादित किये जाने पर देशी/विदेशी मदिरा दुकानों के लायसेंसियों द्वारा निर्धारित अवस्थिति में दुकानों का संचालन किये जाने के दौरान भारी जन-विरोध, धरना प्रदर्शन किया जाकर जन प्रतिनिधियों द्वारा जन-आपत्ति दर्ज कराये जाने एवं माननीय उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली द्वारा पारित आदेश दिनांक 11.07.2017 के परिप्रेक्ष्य में लायसेंसियों द्वारा देशी/विदेशी मदिरा दुकानों का स्थल परिवर्तन किया गया है। जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार दिनांक 01.04.2017 से मदिरा दुकानों हेतु निर्धारित अवस्थिति में लायसेंसियों द्वारा संचालन किये जाने के दौरान भारी जन-विरोध, जन आपत्ति होने से मदिरा दुकानों हेतु निर्धारित अवस्थिति के भीतर ही दुकानों का स्थल परिवर्तन किया गया। तदुपरांत माननीय उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली द्वारा पारित स्पेशल लीव पिटीशन (सिविल) क्रमांक 10243/2017 में दिनांक 11.07.2017 को पारित निर्णय की कंडिका-7 के परिप्रेक्ष्य में लायसेंसियों द्वारा नगरीय क्षेत्र की मदिरा दुकानों को राष्ट्रीय/राज्य राजमार्ग के समीप रखा गया। (ग) मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के अंतर्गत बनाये गये सामान्य अनुज्ञप्ति की शर्तों के ''नियम-5 स्थान का स्थानांतरण'' अनुसार सामान्य प्रयोग के नियम के अध्यधीन रहते हुए जिला कलेक्टर द्वारा दुकान के स्थानांतरण एक परिक्षेत्र से दूसरे परिक्षेत्र में अंतरित करने के आदेश किया जाना प्रावधानित है। इन नियमों का उल्लंघन होना पाये जाने पर लायसेंसी के विरूद्ध विभागीय प्रकरण कायम कर मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 की धारा-48 अंतर्गत विभागीय अपराधों का शमन (Compound) किया जाना प्रावधानित है। (घ) प्रश्नांश (घ) के परिप्रेक्ष्य में उल्लेख है कि विभाग द्वारा गठित जिला समिति द्वारा निर्धारित अवस्थिति के विपरीत मदिरा दुकानों के स्थान परिवर्तन किये जाने हेतु कोई आदेश जारी नहीं किये गये हैं अपितु लायसेंसियों द्वारा निर्धारित अवस्थिति के विपरीत राष्ट्रीय/राज्य राजमार्ग पर मदिरा दुकानें बिना पूर्व अनुमति स्वयं ही स्थापित कर संचालित किये जाने पर उन्हें जिला कार्यालयीन पत्रों के माध्यम से 03 दिवस के भीतर यथावत रखे जाने हेतु एवं संचालित किये जाने हेतु निर्देशित किया गया। जिला कार्यालय द्वारा जारी पत्रों के परिप्रेक्ष्य में लायसेंसियों द्वारा माननीय उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली द्वारा पारित आदेश दिनांक 11.07.2017 के संदर्भ का उल्लेख किया जाकर माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में रिट याचिकायें दायर की जाकर स्थगन आदेश प्राप्त किये गये है। मदिरा दुकानों के प्रभाराधीन अधिकारियों द्वारा विधिसम्मत कार्यवाही किये जाने से इस हेतु किसी भी अधिकारी को उततरदायी नहीं ठहराया जा सकता। अत: कार्यवाही किये जाने का प्रश्न ही नहीं है।
नहर बनाने में लगने वाले समय एवं पुलियों की जानकारी
[नर्मदा घाटी विकास]
69. ( क्र. 5787 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नर्मदा घाटी विकास द्वारा दायीं तट नहर को बनाने में लगने वाले समय में वृद्धि की गई है? यदि हाँ, तो किन-किन कार्यों के लिए कितने समय की वृद्धि की गई है और यह कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जाएगा? (ख) क्या गावों में जहां से नहर निकल रही है वहां पर कटनी जिले में रोड काटी गई है? बिलहरी, घुघरा वैलवार कई मार्गों में पुलिया नहीं बनी है और जहाँ बनी है वहां रोड का निर्माण नहीं हुआ है? (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) के पूर्ण न होने के लिए कौन दोषी है और इस पर कब-कब विभाग द्वारा कार्यवाही की गई है?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जी हाँ। कटनी जिले में रोड काटकर पुलियों का निर्माण किया गया है। बिलहरी एवं कैलवारा में पुलिया का निर्माण कार्य पहुँच मार्ग सहित पूर्ण हो चुका है। ठेकेदार को पुलियों के दोनों ओर डामरीकृत पक्का रोड बनाने हेतु निर्देशित किया गया है। घुघरा की पुलिया का निर्माण कार्य अपूर्ण है, आवागमन हेतु परिवर्तित मार्ग बनाया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लाड़ली लक्ष्मी योजना के प्रकरणों की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
70. ( क्र. 5797 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) छिन्दवाड़ा जिले के परासिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत स्थित महिला बाल विकास परियोजनाओं के अन्तर्गत माह जनवरी वर्ष 2014 से माह जनवरी वर्ष 2018 तक कितने प्रकरण लाड़ली लक्ष्मी योजना के पंजीबद्ध हुए? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित तिथि एवं स्थान के अनुसार महिला बाल विकास परियोजनाओं के अन्तर्गत जो प्रकरण लाड़ली लक्ष्मी योजना के पंजीबद्ध हुए, उनमें से आगनवाड़ी केन्द्रवार कितने प्रकरण स्वीकृत हुए एवं कितने प्रकरण अस्वीकृत हुए प्रकरण के अस्वीकृत होने के क्या कारण थे? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार यदि लाड़ली लक्ष्मी योजना के प्रकरण अधिकारी/कर्मचारी की लापरवाही के कारण अस्वीकृत हुए हैं तो क्या ऐसे अस्वीकृत लाड़ली लक्ष्मी योजना के प्रकरणों की विभाग द्वारा उच्च स्तरीय जाँच कराकर ऐसे प्रभावित हितग्राहियों को योजना का लाभ प्रदान कराया जायेगा और लापरवाह अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) परासिया विधानसभा क्षेत्र में माह जनवरी वर्ष 2014 से माह जनवरी वर्ष 2018 तक लाड़ली लक्ष्मी योजना अंतर्गत 4468 प्रकरण पंजीकृत किये गये। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) कोई भी प्रकरण अधिकारी/कर्मचारी क लापरवाही के कारण अस्वीकृत नहीं हुआ। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
प्रशासनिक अधिकारियों की जाँच
[सामान्य प्रशासन]
71. ( क्र. 5827 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत 4 वर्षों के दौरान प्रदेश के भा.प्र.से. एवं रा.प्र.से. के प्रशासनिक अधिकारियों के विरूद्ध प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा कोई जाँच कराई गई थी? यदि हाँ, तो कब? क्या प्रदेश सरकार को जाँच के सबंध में किसी प्रकार का प्रतिवेदन प्राप्त हुआ है? (ख) क्या प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा कराई गई जाँच में प्रशासनिक अधिकारियों के विरूद्ध अनेक अनियमितताएं मिली हैं? यदि हाँ, तो कितने अधिकारी के विरूद्ध अनियमितताएं मिली हैं? (ग) क्या जाँच में दोषी करार दिए गए अधिकारियों के विरूद्ध लोकायुक्त में अपराध पंजीबद्ध कराया जाता है? यदि हाँ, तो विलंब का क्या कारण है तथा कब तक अपराध दर्ज कराया जाएगा? (घ) क्या राज्य एवं भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के विरूद्ध भ्रष्ट आचरण की लिखित व गोपनीय शिकायत प्रदेश शासन को मिली है? यदि हाँ, तो उक्त शिकायतों पर क्या जाँच कराई है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा भा.प्र.से. एवं रा.प्र.से. के प्रशासनिक अधिकारियों के विरूद्ध कोई जाँच नहीं कराई गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। राज्य एवं भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के विरूद्ध विभिन्न फोरम से भ्रष्ट आचरण की शिकायत मिलने पर राज्य शासन द्वारा नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जाती है।
एल.ई.डी. बल्बों के क्रय-विक्रय की जानकारी
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
72. ( क्र. 5828 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश सरकार द्वारा कम ऊर्जा खपत वाले एल.ई.डी. बल्बों का क्रय-विक्रय किया है? यदि हाँ, तो योजना प्रांरभ से प्रश्न दिनांक तक भोपाल संभाग में कुल कितने एल.ई.डी. बल्ब विक्रय किए गए? जिलावार, ब्लॉकवार, वितरण केन्द्रवार ब्यौरा दें। (ख) क्या एल.ई.डी. बल्ब सी.एफ.एल. बल्बों की तुलना में कम बिजली की खपत करते हैं? यदि हाँ, तो सामान्य तौर पर प्रति उपभोक्ता कितनी यूनिट बिजली की बचत का आंकलन किया गया है? ग्रामीण एवं शहरी उपभोक्ताओं के बिजली बचत के अनुमान का ब्यौरा दें। (ग) क्या एल.ई.डी. बल्बों से घरेलू विद्युत खपत में कमी आंकी गई? यदि हाँ, तो एल.ई.डी. बल्ब योजना प्रांरभ करने के पूर्व से भोपाल संभाग में शहरी फीडरों में प्रतिमाह कितने यूनिट विद्युत खपत होती थी ब्यौरा दें तथा एल.ई.डी. योजना प्रांरभ करने के बाद शहरी फीडरों में प्रतिमाह कितनी यूनिट बिजली खपत हो रही है? विगत दो वर्ष का माहवार, जिलावार एवं ब्लॉकवार शहरी फीडरों का पृथक-पृथक ब्यौरा दें। (घ) क्या एल.ई.डी. बल्बों के उपयोग से ग्रामीण फीडरों में घरेलू विद्युत खपत में कमी आंकी गई है? यदि हाँ, तो एल.ई.डी. बल्ब योजना प्रांरभ करने के पूर्व से भोपाल संभाग में ग्रामीण फीडरों में प्रति माह कितनी यूनिट विद्युत खपत होती थी? ब्यौरा दें तथा एल.ई.डी. योजना प्रांरभ करने ग्रामीण फीडरों में प्रतिमाह कितनी यूनिट बिजली खपत हो रही है? विगत दो वर्ष का माहवार, जिलावार एवं ब्लॉकवार ब्यौरा दें।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार के सार्वजनिक उपक्रमों की एक संयुक्त उद्यम कम्पनी ''इनर्जी इफीशियंसी सर्विसेस लिमिटेड'' (EESL) के अधीन उजाला योजना के अन्तर्गत, प्रदेश में 9 वॉट के एल.ई.डी. बल्बों के वितरण में सहयोग किया गया। प्रदेश में दिनांक 30 अप्रैल 2016 को माननीय मुख्यमंत्री एवं माननीय केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री, भारत सरकार द्वारा एल.ई.डी. बल्ब के वितरण का शुभारंभ किया गया। भोपाल संभाग में 30 अप्रैल 2016 से दिनांक 12.03.2018 तक 28, 85, 533 नग एल.ई.डी. बल्बों का वितरण किया गया है। EESL से प्राप्त जिलेवार जानकारी निम्नानुसार है-जिला भोपाल-20, 03, 296 नग, जिला सीहोर-1, 51, 471 नग, जिला रायसेन-1, 53, 026 नग, जिला राजगढ़-2, 92, 060 नग, जिला विदिशा-2, 85, 680 नग। विकासखण्डवार/केन्द्रवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। 9 वॉट एल.ई.डी. बल्ब 18 वॉट सी.एफ.एल. बल्ब के बराबर रोशनी देता है। सी.एफ.एल. की तुलना में ये एल.ई.डी. बल्ब 60 प्रतिशत बिजली की बचत करते हैं व 100 वॉट साधारण बल्ब की तुलना में 91 प्रतिशत बिजली की बचत करते हैं। सी.एफ.एल. की तुलना में, यदि उपभोक्ता 9 वॉट एल.ई.डी. बल्ब का उपयोग रोजाना 6 घण्टे करता है तो वह प्रतिदिन लगभग 03 यूनिट बिजली की बचत करता है। (9 वॉट X 6 घण्टे = 54 वॉट घण्टे यानि 0.054 यूनिट) साधारण बल्ब की तुलना में, यदि उपभोक्ता 9 वॉट एल.ई.डी. बल्ब का उपयोग रोजाना 6 घण्टे करता है तो वह प्रतिदिन लगभग आधा यूनिट बिजली की बचत करता है। (91 वॉट X 6 घण्टे = 546 वॉट घण्टे यानि 0.546 यूनिट)। अनुमान मुताबिक, भोपाल संभाग में यदि 70 प्रतिशत शहरी उपभोक्ताओं व 30 प्रतिशत ग्रामीण उपभोक्ताओं द्वारा 9 वॉट एल.ई.डी. बल्ब का उपयोग किया जा रहा है तो 100 वॉट साधारण बल्ब की तुलना में बिजली की बचत निम्नानुसार आंकी जा सकती है - शहरी उपभोक्ता- 11, 02, 850 यूनिट प्रतिदिन, ग्रामीण उपभोक्ता-4, 72, 651 यूनिट प्रतिदिन। (ग) भोपाल संभाग के अन्तर्गत शहरी फीडरों में एल.ई.डी. बल्ब योजना प्रारंभ करने के पूर्व एवं बाद में बिजली की खपत में कमी का प्रतिमाह आंकलन मिश्रित उपभोक्ताओं के नवीन संयोजन होने एवं उपभोक्ता परिसर में स्थापित उपकरणों के भार में समय-समय पर परिवर्तन होने के कारण खपत में वृद्धि होने से फीडरवार जानकारी दिया जाना अनुपयोगी होगा। (घ) उत्तरांश (ग) के अनुसार ही विद्युत उपभोक्ता परिसर में उपयोग किये जाने वाले विद्युत भार के साथ-साथ एल.ई.डी. बल्ब एवं अन्य उपकरण के उपयोग हेतु उपभोक्ता/परिसर मालिक स्वतंत्र हैं। भोपाल संभाग के अन्तर्गत शहरी फीडरों में एल.ई.डी. बल्ब योजना प्रारंभ करने के पूर्व एवं बाद में बिजली की खपत में कमी का प्रतिमाह आंकलन मिश्रित उपभोक्ताओं के नवीन संयोजन होने एवं उपभोक्ता परिसर में स्थापित उपकरणों के भार में समय-समय पर परिवर्तन होने के कारण खपत में वृद्धि होने से फीडरवार जानकारी दिया जाना अनुपयोगी होगा।
मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
73. ( क्र. 5842 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा १८ फरवरी 2018 को आयोजित राज्य सेवा की प्रारंभिक परीक्षा में कितने अभ्यर्थी शामिल हुए? प्रारंभिक परीक्षा में पूछे गये प्रश्नों में कितने प्रश्नों के उत्तरों पर कितने अभ्यर्थियों ने मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग को ऑन-लाईन आपत्तियां भेजी हैं? (ख) आयोग कितने प्रश्नों के उत्तर गलत मान रहा है? क्या प्रश्न पत्र में पूछे गये प्रश्न गलत पाये जाने पर रद्द किये जायेंगे? प्रश्न पत्र में त्रुटि पाये जाने पर क्या शासन इस संबंध में प्रश्न पत्र बनवाने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा? (ग) आयोग द्वारा प्रारंभिक परीक्षा के प्रश्न पत्र पर आपत्ति दर्ज कराने वाले अभ्यर्थियों से प्रति प्रश्न कितना शुल्क वसूला जा रहा है? क्या अनुसूचित जाति और जनजाति के अभ्यर्थियों से भी यह राशि वसूली जा रही है? क्या बेरोजगारों से ये राशि लिया जाना उचित है? (घ) आयोग को विगत 5 वर्षों में आयोजित राज्य सेवा की प्रारंभिक परीक्षाओं में पूछे गये कितने प्रश्नों के उत्तरों में आपत्तियां प्राप्त हुई थी? आयोग द्वारा उन पर क्या निर्णय लिया गया और क्या कार्यवाही की गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2018 में कुल 2, 34, 227 अभ्यर्थी शामिल हुए। 82 प्रश्नों के उत्तरों पर कुल 3485 आपत्तियां प्राप्त हुईं। (ख) आयोग द्वारा प्रथम प्रश्न पत्र में 05 एवं द्वितीय प्रश्न पत्र में 01 इस प्रकार कुल 06 प्रश्न विलोपित किये गये तथा 10 प्रश्नों के विकल्प परिवर्तित किये गये हैं। उक्त परीक्षा के अनुसीमन कार्य करने वाले विषय विशेषज्ञों को आयोग द्वारा आयोजित समस्त परीक्षाओं से विवर्जित कर दिया गया है। (ग) सभी वर्गों के अभ्यर्थियों से प्रति प्रश्न आपत्ति शुल्क 100 रूपये निर्धारित की गई है। केवल वास्तविक आपत्तियां ही प्राप्त हों तथा बिना प्रमाण के अनावश्यक अभ्यावेदनों को हतोत्साहित करने के लिए आयोग द्वारा आपत्तियां प्रस्तुत करने हेतु शुल्क का निर्धारण किया गया है। (घ) विगत पाँच वर्षों में कुल 258 प्रश्नों के उत्तरों पर आपत्तियां प्राप्त हुईं। त्रुटिपूर्ण प्रश्नों को विलोपित किया जाकर शेष प्रश्नों में प्राप्त अंकों के आधार पर परीक्षा परिणाम घोषित किया गया।
विद्युत सब-स्टेशन की स्वीकृति
[ऊर्जा]
74. ( क्र. 5852 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कितने 33/11 के.वी.ए. के सब-स्टेशन वर्ष 2017-18 में स्वीकृत हुए? नाम सहित जानकारी देवें। (ख) क्या उन सभी सब-स्टेशनों का भूमि पूजन हो गया है? यदि हाँ, तो उनका कार्य प्रारम्भ क्यों नहीं हुआ? (ग) उक्त स्वीकृत सब-स्टेशनों का कार्य कब प्रारम्भ कर दिया जायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) गाडरवारा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2017-18 में 33/11 के.व्ही. के 2 उपकेन्द्र स्वीकृत किये गये हैं, जिनकी प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जी हाँ। मढ़गुला उपकेन्द्र से संबंधित 33 के.व्ही. एवं 11 के.व्ही. लाईनों के सर्वे का कार्य पूर्ण किया जा चुका है तथा जनवरी-18 से उक्त उपकेन्द्र को ऊर्जीकृत करने हेतु प्रस्तावित 33 के.व्ही. लाईन के निर्माण के लिये पोल परिवहन का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। शनि मंदिर गाडरवारा उपकेन्द्र का कार्य माह दिसम्बर-17 से प्रारंभ हो चुका है, जिसके अन्तर्गत कन्ट्रोल रूम का निर्माण, पॉवर ट्रांसफार्मर प्लिंथ का निर्माण, 33 के.व्ही. लाईन के पोल खडे करने का कार्य एवं गेन्ट्री स्ट्रक्चर इरेक्शन का कार्य पूर्ण हो चुका है। इस प्रकार उक्त दोनों 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों का कार्य प्रारंभ होकर प्रगति पर है।
अनु.जाति/जनजाति के छात्रावासों की जानकारी
[अनुसूचित जाति कल्याण]
75. ( क्र. 5855 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र में कितने अनु.जाति/जनजाति के छात्रावास संचालित हैं? नाम, स्थान सहित जानकारी देवें। (ख) उक्त संचालित छात्रावासों में कितनी सीटें छात्र/छात्राओं की स्वीकृत है? (ग) क्या उक्त सभी छात्रावासों में विभागीय अधीक्षक नियुक्त हैं? यदि नहीं, तो कितने छात्रावासों में शिक्षा विभाग के शिक्षक नियुक्त किये गये हैं? छात्रावासों के नाम सहित जानकारी देवें। (घ) क्षेत्र में संचालित छात्रावासों में रसोईयों, चौकीदार एवं अन्य कर्मचारियों के कितने पद स्वीकृत हैं? छात्रावास के नाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र में अनुसूचित जाति के 10 एवं अनुसूचित जनजाति के 05 छात्रावास संचालित हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी नहीं। नहीं। अनुसूचित जाति के 04 एवं अनुसूचित जनजाति के 01 छात्रावास इस प्रकार कुल 05 छात्रावासों में शिक्षा विभाग के शिक्षक नियुक्त किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है।
अनु.जाति विभाग एवं जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित छात्रावास
[जनजातीय कार्य]
76. ( क्र. 5864 ) श्री कमल मर्सकोले : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरघाट विधानसभा क्षेत्र में अनुसूचित जाति कल्याण एवं जनजाति कार्य विभाग के कौन-कौन से छात्रावास संचालित हैं? इन में से कौन-कौन से छात्रावास किराये के भवनों में संचालित हैं? इन छात्रावासों में कितना स्टॉफ स्वीकृत व पदस्थ हैं? (ख) किन-किन अधीक्षकों के पास एक से अधिक छात्रावास का प्रभार कब से है एवं क्यों? कौन-कौन अधीक्षक मुख्यालय स्थित छात्रावास में निवासरत् नहीं हैं, क्यों? सूची दें। (ग) प्रश्नांकित किन-किन छात्रावासों में छात्र-छात्राओं की सुरक्षा व्यवस्था खानपान व आवास संबंधी क्या-क्या सुविधायें हैं? कौन-कौन सी बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं? इन छात्रावासों में सामग्री की खरीदी निर्माण मरम्मत कार्य पर वर्ष 2013-14 से 2017-18 तक कितनी राशि व्यय हुई? (घ) प्रश्नांकित कौन-कौन से छात्रावास अत्यधिक जर्जर खंडहर व कमजोर हो गये हैं? इनकी मरम्मत व पुनर्निर्माण न कराने के क्या कारण हैं? प्रश्नांश (ग) अवधि में छात्रावास का निरीक्षण कब-कब किन-किन अधिकारियों ने किया है एवं कहाँ कहाँ पर कौन-कौन सी अनियमिततायें/अव्यवस्थायें पायी गई हैं एवं कब किस पर क्या कार्यवाही की गई हैं? वर्ष 2014-15 से 2017-18 तक की जानकारी दें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'एक' अनुसार है। इनमें से कोई छात्रावास किराये के भवन में संचालित नहीं है। इन छात्रावासों में स्वीकृत व पदस्थ स्टॉफ की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'दो' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'तीन' अनुसार है। शेष प्रश्नांश की जानकारी निरंक है। (ग) विधानसभा क्षेत्र बरघाट अंतर्गत संचालित समस्त छात्रावासों में छात्र-छात्राओं की सुरक्षा व्यवस्था, खानपान व आवास संबंधी सुविधाएं शासन के मापदण्ड अनुसार दी जा रही है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'चार(1)' व 'चार(2)' अनुसार है। (घ) जानकारी निरंक है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'पाँच' अनुसार है।
विकासखण्ड अधिकारी की चयन प्रक्रिया स्थगन की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
77. ( क्र. 5877 ) श्री रामपाल सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के पत्र क्र./२७७/७८/२०१६/चयन इंदौर दिनांक ०८ नवंबर २०१७ के द्वारा विकासखण्ड अधिकारी की चयन सूची घोषित की गई है। (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो आयोग द्वारा पत्र क्र./११९६१/७८/२०१६/चयन इंदौर दिनांक १०-११-२०१७ को क्या प्रश्नांकित चयन परीक्षा परिणाम स्थगित किया गया है? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) हाँ तो स्थगन का क्या कारण हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) मध्यप्रदेश पंचायत एवं ग्रामीण विकास राजपत्रित सेवा भर्ती नियम 1988 संशोधन दिनांक 17.01.2014 की अनुसूची-दो की कंडिका-6 में पदोन्नति शब्द अंकित हो जाने से भ्रांति उत्पन्न हुई, जिस संदर्भ में आयोग द्वारा चयन परिणाम स्थगित किये गये।
बिजली बिलों का नियम निर्धारण की जानकारी
[ऊर्जा]
78. ( क्र. 5878 ) श्री रामपाल सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा नियम निर्धारित किये गये हैं कि सामूहिक बिजली बिल बकाया होने की स्थिति में संबंधित टांसफार्मर से बिजली बंद कर दी जाती है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो उन उपभोक्ताओं का जिनका बिजली बिल बकाया नहीं होता है, उन्हें भी प्रभावित होना पड़ता है और उनकी फसल इत्यादि नष्ट हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में विभाग द्वारा नुकसान की जिम्मेदारी ली जावेगी या अन्य विकल्प दिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं, यदि वितरण ट्रांसफार्मर से संबद्ध कुछ उपभोक्ताओं द्वारा बिजली के बिलों का भुगतान नहीं किया जाता है तो उनके कनेक्शन काटने का नियम है, किन्तु उस वितरण ट्रांसफार्मर से संबद्ध अन्य उपभोक्ताओं जिनके द्वारा विद्युत बिलों का भुगतान किया जा रहा है, उन्हें सुचारू रूप से विद्युत प्रदाय किया जाता है तथापि ट्रांसफार्मर जलने/खराब होने पर उससे संबद्ध उपभोक्ताओं पर बकाया राशि होने की स्थिति में, 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा भुगतान करने अथवा कुल बकाया राशि का 20 प्रतिशत जमा होने के उपरांत जले/खराब ट्रांसफार्मरों को बदले जाने का प्रावधान है। यदि ट्रांसफार्मर बदले जाने के पश्चात् 3 माह की अवधि में पुन: फेल हो जाता है तो बकाया राशि की शर्त/पात्रता शिथिल करते हुए ट्रांसफार्मर निर्धारित समय-सीमा में बदले जाने के निर्देश हैं। (ख) जले/खराब ट्रांसफार्मर से संबद्ध विद्युत बिल जमा करने वाले उपभोक्ताओं का विद्युत प्रदाय प्रभावित होने की स्थिति में तकनीकी रूप से साध्य होने पर उन्हें यथा संभव वैकल्पिक व्यवस्था कर विद्युत प्रदाय उपलब्ध कराया जाता है। ट्रांसफार्मर फेल होने से बदलने की अवधि में प्रभावित उपभोक्ताओं को म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता 2013 की कंडिका 11.3 में निहित प्रावधानुसार रियायत दी जाती है। उल्लेखनीय है कि जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर के कारण अथवा शत्-प्रतिशत राशि बकाया होने के कारण विद्युत प्रदाय बन्द रहने की अवधि 10 दिन या उससे अधिक होने की दशा में राज्य शासन के आदेश दिनांक 06.09.2017 एवं विद्युत प्रदाय संहिता 2013 की कंडिका 11.3 के अनुसार मीटर युक्त उपभोक्ता जिन्होंने भुगतान में चूक नहीं की है, को ऊर्जा प्रभार का बिल मीटर में दर्ज खपत के आधार पर तथा अन्य प्रभारों (विद्युत शुल्क एवं उपकर को छोड़कर) की वसूली उपभोक्ता को विद्युत प्रदाय दिवस की संख्या के आधार पर अनुपातिक दर से करने तथा भुगतान में चूक नहीं करने वाले अमीटरीकृत उपभोक्ताओं को ऊर्जा प्रभार की बिलिंग निर्धारित मासिक खपत के अनुसार प्रयोज्य मासिक ऊर्जा प्रभार के अनुरूप, विद्युत प्रदाय दिवस की संख्या के आधार पर अनुपातिक राशि अनुसार एवं अन्य प्रभारों (विद्युत शुल्क एवं विद्युत उपकर को छोड़कर) की बिलिंग विद्युत प्रदाय दिवसों की संख्या के आधार पर अनुपातिक रूप से करने का प्रावधान है। उक्तानुसार की गई व्यवस्था के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
अनुसूचित जनजाति छात्रावास की स्वीकृति
[जनजातीय कार्य]
79. ( क्र. 5885 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा अंतर्गत सभी अनुसूचित जनजाति बाहुल्य ग्राम/बस्ती/मजरे-टोले में निवासरत हजारों की संख्या में आबादी होने के बाद भी इस वर्ग के छात्र-छात्राओं को शिक्षा में प्रोत्साहन हेतु पृथक से छात्रावास की कोई सुविधा है? (ख) उपरोक्तानुसार क्या विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत अनुसूचित जनजाति वर्ग के अत्यंत गरीब छात्र-छात्राओं हेतु कोई आवासीय छात्रावास सुविधा उपलब्ध नहीं है, जिससे इस वर्ग के बच्चों का शैक्षणिक स्तर सुधारने में अत्यंत कठिनाईयां उत्पन्न हो रही हैं? यदि हाँ, तो क्या शासन ब्यावरा नगर में कम से कम 50 सीटर अनुसूचित जनजाति छात्रावास खोले जाने की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। (ख) वर्तमान में छात्र गृह योजना के तहत आवास सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। जहाँ तक ब्यावरा में छात्रावास प्रारंभ करने का प्रश्न है, नवीन छात्रावास खोले जाने की नीति/निर्देशों के तहत परीक्षण कर समुचित कार्यवाही संभव होगी।
फीडर सेपरेशन के कार्यों में अनियमितता
[ऊर्जा]
80. ( क्र. 5886 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत फीडर सेपरेशन योजनांतर्गत किस एजेन्सी द्वारा कार्य कराया जा रहा है तथा उक्त एजेन्सी को कितने ग्रामों में विद्युतीकरण कार्य का लक्ष्य दिया गया है? अनुबंध दिनांक व शर्तें तथा अनुबंध अनुसार कार्य पूर्ण करने की अवधि सहित बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में अनुबंधित एजेन्सी द्वारा किये गये कार्यों की मॉनीटरिंग, गुणवत्ता नियंत्रण एवं भौतिक सत्यापन हेतु विभाग द्वारा क्या व्यवस्था की गई है तथा प्रश्न दिनांक तक किये गये कार्य की प्रगति ग्रामवार बतावें। (ग) उपरोक्तानुसार क्या अनुबंधित एजेन्सी द्वारा अनुबंध शर्तों का उल्लंघन कर किये जा रहे मनमाने कार्यों के संबंध में प्रश्न दिनांक तक प्राप्त शिकायतों पर कोई सक्षम कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत फीडर विभक्तिकरण योजनान्तर्गत कार्य ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स श्याम इन्डस पॉवर सोल्यूशन प्राईवेट लिमिटेड दिल्ली से कराया जा रहा है। उक्त ठेकेदार एजेन्सी द्वारा योजनान्तर्गत मिश्रित विद्युत भार वाले 11 के. व्ही के 29 फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य एवं 148 ग्रामों के सघन विद्युतीकरण का कार्य किया जाना है। इस कार्य हेतु उक्त ठेकेदार एजेन्सी द्वारा दिनांक 19.02.16 को अनुबंध निष्पादित किया गया है तथा अनुबंध की शर्तों के अनुसार इस कार्य की प्रारम्भ तिथि 16.03.16 एवं कार्यपूर्ण करने की दिनांक 15.09.17 थी। प्रश्नाधीन कार्य के क्रियान्वयन के दौरान आई बाधाओं के कारण कार्य अवधि को 4 माह बढ़ाकर दिनांक 14.01.18 किया गया तथा ठेकेदार एजेन्सी द्वारा इस बढ़ाई गई अवधि में योजनांतर्गत उपलब्ध राशि से एल.टी. के कार्यों को छोड़कर शेष कार्य पूर्ण कर लिया गया। अनुबंध अनुसार आवंटित किये गये, राजगढ़ जिले में शेष रहे उक्त एल.टी. के कार्य हेतु पुनः मेसर्स श्याम इन्डस पॉवर सोल्यूशन प्राईवेट लिमिटेड दिल्ली को कार्यादेश क्रमांक 1124 दिनांक 22.09.17 जारी किया गया। इन अतिरिक्त कार्यों को पूर्ण करने की अवधि 4 माह, दिनांक 21.01.18 को पूर्ण हो चुकी हैं। वर्तमान में यह कार्य प्रगति पर हैं। कार्य को जून 2018 तक पूर्ण किये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं। उक्त ठेकेदार एजेंसी द्वारा कार्यादेश दिनांक 22.09.2017 के अंतर्गत कार्य समय पर पूर्ण नहीं किये जाने के कारण ठेकेदार एजेन्सी के बिलों से नियमानुसार लिक्विडेटेड डैमेज के रुप में पेनाल्टी की राशि काटी जाएगी। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में अनुबंधित ठेकेदार एजेन्सी द्वारा किये गये कार्यों की मॉनीटरिंग, गुणवत्ता नियंत्रण एवं भौतिक सत्यापन हेतु तृतीय पक्ष निरीक्षण एजेन्सी मेसर्स एस.जी.एस. प्राईवेट लि. को दिनांक 31.03.16 को अवार्ड जारी किया गया। फीडर विभक्तिकरण योजनान्तर्गत प्रश्नाधीन क्षेत्र में ठेकेदार एजेन्सी द्वारा किये गये कार्यों की ग्रामवार प्रगति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन कार्य हेतु अनुबंधित ठेकेदार एजेन्सी द्वारा अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन कर मनमाने ढंग से कार्य किये जाने के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। ठेकेदार एजेन्सी द्वारा अनुबंध की शर्तों के अनुसार ही कार्य किया जा रहा है तथापि उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार कार्य निर्धारित समयावधि में पूर्ण नहीं किये जाने के कारण ठेकेदार एजेन्सी के बिलों से नियमानुसार लिक्विडेटेड डैमेज के रुप में पेनाल्टी स्वरुप राशि काटी जाएगी। शेष कार्य जून 2018 तक पूर्ण कराए जाने के प्रयास किये जा रहे है।
समाधान योजना का क्रियान्वन
[ऊर्जा]
81. ( क्र. 5897 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उपभोक्ताओं के लिए बकाया राशि समाधान योजना लागू की गई थी? यदि हाँ, तो तत्संबंध में 2013 से वर्तमान तक जारी निर्देशों की सत्यापित प्रति उपलब्ध करावें। (ख) आगर एवं शाजापुर जिला अंतर्गत प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजनान्तर्गत कितने उपभोक्ताओं को लाभान्वित किया गया? वितरण केन्द्रवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत वितरण केन्द्रवार लाभान्वित उपभोक्ताओं की संख्यात्मक सूची उपलब्ध करावें। (घ) सुसनेर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत समाधान योजना अंतर्गत ऐसे कितने प्रकरण हैं, जिनके निराकरण लंबित हैं? विवरण उपलब्ध करावें। लंबित प्रकरणों के निराकरण हेतु क्या कार्यवाही की गई? लोक अदालतों में कितने प्रकरण प्राप्त हुए? इनमें से कितनों का निराकरण किया गया व कितने लंबित हैं? लंबित प्रकरणों का निराकरण कब तक होगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा कंपनी क्षेत्रान्तर्गत निम्नदाब घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं के विद्युत देयकों की बकाया राशि के निराकरण हेतु बकाया-राशि समाधान योजना वित्तीय वर्ष 2015-16 में दिनांक 23/02/2016 से लागू की गई थी जिसकी समयावधि समय-समय पर जारी निर्देशों से बढ़ाई गई। तत्संबंध में जारी निर्देशों की सत्यापित प्रतिलिपियाँ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) आगर एवं शाजापुर जिलों में उत्तरांश (क) में उल्लेखित योजनान्तर्गत क्रमशः 21143 एवं 19587 विद्युत उपभोक्ताओं को लाभान्वित किया गया है, जिनकी वितरण केन्द्रवार संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) के संदर्भ में विधानसभा क्षेत्र सुसनेर के अंतर्गत बकाया राशि समाधान योजना के तहत लाभान्वित विद्युत उपभोक्ताओं की वितरण केन्द्रवार संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (घ) सुसनेर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत समाधान योजना में कोई भी प्रकरण लंबित नहीं है जिसका निराकरण किया जाना शेष हो, अत: तत्संबंध में अन्य कोई जानकारी दिया जाना अपेक्षित नहीं है। लोक अदालतों में विद्युत बिल समाधान संबंधी कोई भी प्रकरण प्राप्त नहीं हुए है, अत: प्रश्न नहीं उठता।
वाणिज्यिक कर चौकियों का संचालन
[वाणिज्यिक कर]
82. ( क्र. 5898 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सुसनेर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत डोंगरगांव के निकट दिनांक 18.04.2015 से वाणिज्यिक कर चौकी का संचालन प्रारम्भ किया था, जिससे वित्तीय वर्ष 2015-16 में 47.50 लाख रूपये राजस्व प्राप्ति हुई थी? यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2016-17 से वर्तमान तक कितना राजस्व प्राप्त हुआ? पूर्ण विवरण देवें। (ख) क्या जी.एस.टी. लागू होने के बाद से प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वाणिज्यिक कर चौकी का संचालन बंद कर दिया गया है? यदि हाँ, तो तत्संबंधी आदेश की सत्यापित प्रति उपलब्ध करावें। प्रदेश में इस तरह से कितनी वाणिज्यिक कर चौकियों को बंद किया गया है? सूची उपलब्ध करावें। इनके बंद होने से राजस्व प्राप्ति में वृद्धि हुई या कमी? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित बंद की गई वाणिज्यिक कर चौकियों के पूर्व संचालन हेतु निर्मित भवनों/कर्मचारी आवासों का क्या उपयोग किया जावेगा? इस संबंध में कोई कार्ययोजना बनाई गई है? यदि हाँ, तो क्या पूर्ण विवरण देवें। यदि नहीं, तो स्वप्रेरणा से अन्य शासकीय उपयोगी प्रयोजन हेतु कार्ययोजना बनाई जावेगी? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में वाणिज्यिक कर चौकी डोंगरगांव संबंधी पूर्ण जानकारी देवें।
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) हाँ। डोंगरगांव एकीकृत जाँच चौकी दिनांक 18-04-2015 से स्थापित है। वित्तीय वर्ष 2015-16 में 47.50 लाख की शास्ति वसूल की गई वर्ष 2016-17 में 39.17 लाख रूपये एवं 01 अप्रैल 2017 से 30 जून 2017 तक 15.26 लाख रूपये शास्ति के रूप में राजस्व प्राप्त हुआ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ए अनुसार है। (ख) जी हाँ, प्रश्नांश में उल्लेखित वाणिज्यिक कर चौकी का संचालन जी.एस.टी. लागू होने के बाद से बंद कर दिया गया है। अधिसूचना की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-बी अनुसार है। मध्यप्रदेश वेट अधिनियम, 2002 के तहत स्थापित प्रदेश की समस्त 29 वाणिज्यिक कर जाँच चौकियों को जी.एस.टी. लागू होने के पश्चात् दिनांक 01.07.2017 से समाप्त की गई है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-सी अनुसार है। जाँच चौकी बंद होने से राजस्व पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं है। (ग) डोंगरगांव जाँच चौकी अन्य विभागों के साथ एकीकृत जाँच चौकी के रूप में स्थापित थी। अत: इस जाँच चौकी के भवन का उपयोग अन्य विभागों द्वारा अपनी जाँच चौकियों के संचालन हेतु किया जा रहा है। (घ) डोंगरगांव जाँच चौकी अन्य विभागों के साथ एकीकृत जाँच चौकी के रूप में स्थापित थी। अत: इस जाँच चौकी के भवन का उपयोग अन्य विभागों द्वारा अपनी जाँच चौकियों के संचालन हेतु किया जा रहा है।
मड़वास में 132 के.व्ही.ए. सब-स्टेशन की स्थापना
[ऊर्जा]
83. ( क्र. 5922 ) श्री कुंवर सिंह टेकाम : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीधी जिले के अंतर्गत मड़वास में 132 के.व्ही.ए. सब-स्टेशन स्थापित किये जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो कब स्वीकृति दी गई? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अभी तक 132 के.व्ही.ए. सब-स्टेशन निर्माण की स्थिति क्या है? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में 132 के.व्ही.ए. सब-स्टेशन निर्माण हेतु कितनी राशि स्वीकृत की गई है? यदि नहीं, तो कब तक राशि स्वीकृत कर दी जावेगी? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में 132 के.व्ही.ए. सब-स्टेशन निर्माण कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। सीधी जिले के अंतर्गत मड़वास में 132 के.व्ही. उपकेन्द्र का निर्माण जायका (जापान) से प्राप्त ऋण अंतर्गत प्रस्तावित है। जायका से निविदा दस्तावेज की स्वीकृति 20 फरवरी, 2018 को प्राप्त हुई। (ख) 132 के.व्ही. उपकेन्द्र मड़वास के निर्माण हेतु आवश्यक उपयुक्त शासकीय भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है तथा निर्माण कार्य हेतु निविदा दिनांक 1 मार्च, 2018 को जारी की गई है। (ग) 132 के.व्ही. उपकेन्द्र मड़वास की अनुमानित लागत लगभग 4685 लाख रूपये है। (घ) 132 के.व्ही. उपकेन्द्र मड़वास के निर्माण की निविदा प्रक्रिया जारी है, जिसके पूर्ण होने पर निर्माण कार्य प्रारंभ किया जावेगा। उपकेन्द्र की स्थापना 2020 तक किया जाना संभावित है।
आदिवासी परियोजना एवं आदिवासी विकास विभाग को आवंटित राशि
[जनजातीय कार्य]
84. ( क्र. 5923 ) श्री कुंवर सिंह टेकाम : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले के एकीकृत अादिवासी परियोजना कुसमी एवं आदिवासी विकास विभाग को वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 में कितनी राशि निर्माण, विकास कार्य के लिये आवंटित की गई थी? राशि सहित वर्षवार विवरण उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में स्वीकृत राशि में से कितनी राशि किन-किन कार्यों के लिये व्यय की गई है? विवरण सहित पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें। कितने निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये, कितने पूर्ण हैं और कितने अपूर्ण हैं? अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण करा लिया जाएगा? (ग) सिंगरौली जिले के एकीकृत आदिवासी परियोजना देवसर एवं आदिवासी विकास विभाग को वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 में कितनी राशि निर्माण एवं विकास कार्य के लिये आवंटित की गई थी? राशि सहित वर्षवार विवरण उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में स्वीकृत राशि में से कितनी राशि किन-किन कार्यों के लिये व्यय की गई है? विवरण सहित पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें। कितने निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये, कितने पूर्ण हैं और कितने अपूर्ण हैं? अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण करा लिया जाएगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है।
सहायक वर्ग-2 तथा सहायक मान चित्रकार के वेतनमान की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
85. ( क्र. 5938 ) श्री मधु भगत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्न क्रमांक 837 दिनांक 28/02/2018 का उत्तर सही दिया गया था? क्या क्रमोन्नति योजना परिपत्र दिनांक 17/3/1999, 19/04/1999 के द्वारा मध्यप्रदेश वेतन पुनरीक्षण नियम 1998 में उल्लेखानुसार वेतनमानों के आधार पर लागू की गई थी? (ख) क्या वेतन पुनरीक्षण नियम 1998 में उल्लेखित वेतनमान, सहायक वर्ग-2 तथा सहायक मान चित्रकार का वेतनमान रूपये 4000-6000 एक समान था? (ग) क्या क्रमोन्नति योजना का परिपत्र लागू होने की तिथि 17/03/1999 19/04/1999 की तिथि में भी सहायक वर्ग-2 तथा सहायक मानचित्रकार का वेतन रूपये 4000-6000 एक समान था, जैसा कि प्रश्न क्रमांक 837 दिनांक 28/02/2018 के उत्तर में स्वीकार किया है। (घ) क्या वित्त विभाग के आदेश दिनांक 04/03/1997 द्वारा सहायक ग्रेड-2 का वेतनमान रूपये 4000-6000 दिया गया था तथा इस तिथि को भी सहायक मानचित्रकार का वेतनमान रूपये 4000-6000 था? (ड.) उपरोक्तानुसार जब सहायक वर्ग-2 और सहायक मानचित्रकार के वेतनमान में पारस्परिक समानता, क्रमोन्नति योजना लागू होने की तिथि में भी थी, तो सहायक वर्ग-2 के समान सहायक मानचित्रकार को द्वितीय क्रमोन्नत वेतनमान रूपये 4500-7000 देने बाबत् आदेश कब तक जारी कर संविधान के अनुच्छेद 14 का पालन किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (च) प्रश्न क्रमांक 837 दिनांक 28/02/2018 के प्रश्नांश (ख) का उत्तर हाँ है या न है? स्पष्ट उत्तर दें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जी हाँ। (ड.) सिहंदेव समिति की अनुशंसा के क्रम में वित्त विभाग के आदेश दिनांक 04/03/1997 से सहायक ग्रेड-2 के वेतनमान का उन्नयन किया गया था। अत: सहायक मानचित्रकार से पारस्परिक समानता नहीं रही है। (च) जी हाँ।
क्रमोन्नत वेतनमान में हुई त्रुटि सुधार
[वित्त]
86. ( क्र. 5939 ) श्री मधु भगत : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 551 दि. 28/2/2018 के संदर्भ में बतायें कि क्या आयुक्त कोष एवं लेखा ने पत्र दिनांक 8/1/2016 द्वारा मार्गदर्शन शासन से मांग था, तो, क्यों नहीं दिया गया? क्या उत्तर दिये जाने की आवश्यकता या पृथक निर्देश जारी करने की आवश्यकता नहीं रही है। क्या ऐसा अनुमोदन अपर मुख्य सचिव वित्त ने पत्र दि. 8/1/2016 की नस्ती पर किया है? यदि हाँ, तो नोट सीट की प्रति बतायें। (ख) क्या जब वित्त विभाग के आदेश दि. 4/3/1997 द्वारा सहायक वर्ग-2 का वेतनमान उन्नयन कर रूपये 4000-6000 किया गया था, तब इस तिथि में भी सहायक मानचित्रकार का वेतनमान रूपये 4000-6000 (वेतनमान पुनरीक्षण नियम 1998) ही था। (ग) क्या विभाग को यह भी स्वीकार तथा संज्ञान में है कि क्रमोन्नति योजना 17.3.1999/19.4.1999 को लागू की गई थी, इस तिथि को भी सहायक मानचित्रकार और सहायक वर्ग-2 के वेतनमान रूपये 4000-6000 एक समान ही था, तथा निचला पद जहां से पदोन्नति होकर आते हैं, सहायक वर्ग-3/अनुरेखक उसका प्रथम नियुक्ति वेतनमान रूपये 169-300 (तत्स्थानी) था, एक समान था? (घ) क्या क्रमोन्नत वेतनमान में हुई त्रुटि को सुधारे जाने बाबत् मुख्य सचिव कार्यालय का पत्र क्रमांक 657/वि.क.अ./मु.स./2018 दिनांक 6.2.2018 प्राप्त हुआ था? इसमें उल्लेखित संदर्भित पत्रों को और उनमें उल्लेखित पत्रों की कब-कब प्रस्तुत किया गया।
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) आयुक्त कोष एवं लेखा के पत्र दिनांक 08.01.2016 पर पृथक से कोई निर्देश जारी किये जाने की आवश्यकता नहीं रही है। उल्लेखनीय है कि दिनांक 01.04.2006 से लागू समयमान वेतनमान योजना में वेतनमान 3050-4590 में नियुक्तों को प्रथम व द्वितीय समयमान क्रमश: 4000-6000 एवं 4500-7000 का दिया गया है। (ख) एवं (ग) जी हाँ। (घ) मुख्य सचिव कार्यालय के पत्र दिनांक 06.02.2018 के बिन्दुओं का परीक्षण किया जा रहा है।
लेखा सेवा संवर्ग के वेतनमान की जानकारी
[वित्त]
87. ( क्र. 5955 ) श्री गोपाल परमार : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश अधीनस्थ लेखा सेवा अधिकारी संघ की वेतनमान रूपये 6500-200-10500 (पाँचवा वेतनमान) रूपये 9300-34800+4200 (छठा वेतनमान) दिये जाने सम्बंधी मांग शासन के समक्ष विचाराधीन है? यह मांग विगत कितने समय से लंबित होकर शासन के समक्ष विचाराधीन है एवं इतने समय से लंबित रहने के क्या कारण हैं? (ख) क्या उक्त संवर्ग मध्यप्रदेश शासन वित्त विभाग के साथ-साथ शासन के अन्य समस्त विभागों में पदस्थ रहते हुए शासन एवं प्रशासन के वित्तीय नियंत्रण सम्बंधी अति महत्वपूर्ण कर्तव्यों एवं दायित्वों का निर्वाह करता है? (ग) क्या शासन इस संवर्ग की वेतनमान सम्बंधी मांगों को पूर्ण करने बाबत् गंभीरता से विचार कर रहा है अथवा नहीं? यदि हाँ, तो इस संवर्ग को वेतनमान रूपये 9300-34800+4200 दिये जाने सम्बन्धी आदेश कब तक जारी कर दिये जावेंगे?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। यह एक नीतिगत मांग होने से प्रकरण लंबित है। (ख) जी हाँ। (ग) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शिरोपरि विद्युत लाईनों का भूमिगत लाईनों में परिवर्तन
[ऊर्जा]
88. ( क्र. 5960 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन राजस्व संभाग के किन-किन शहरों में सुरक्षा की दृष्टि से कौन से क्षेत्र में शिरोपरि विद्युत लाईनों को भूमिगत करने की योजना विद्युत कंपनी के पास लंबित हैं? वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल, 2016 से प्रश्न दिनांक तक कहाँ-कहाँ पर शिरोपरि विद्युत लाईनों को भूमिगत लाईन में परिवर्तित कर दिया गया है? (ख) उक्त संभाग के नगरों में ऐसे कितने स्थल हैं जहां पर प्रश्नांश (क) अवधि तक शिरोपरि विद्युत लाईनों के कारण एक से अधिक बार घातक विद्युत दुर्घटनाएं घटित हुई हैं? उक्त संभाग में किन-किन नगरों में खुले तारों वाली विद्युत लाईन को भूमिगत विद्युत लाईन में परिवर्तित करने के लिए कितने आवेदन उक्त अवधि में प्राप्त हुये? प्राप्त आवेदनों पर विद्युत कंपनी द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) उज्जैन राजस्व संभाग एवं भोपाल राजस्व संभाग में विद्युत लाईनों से घटित घातक विद्युत दुर्घटनाओं में उपरोक्त प्रश्नांश (क) अवधि तक कितने व्यक्तियों की मृत्यु हुई? इनमें से कितनी दुर्घटनाएं विद्युत कंपनी की लापरवाही के चलते हुई? इनमें विद्युत कंपनी द्वारा कितने प्रकरणों में कितना मुआवजा मृतक के परिजनों को दिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों तथा कितने प्रकरण मुआवजे के लिए माननीय न्यायालयों में विचाराधीन हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) उज्जैन राजस्व संभाग के अन्तर्गत शिरोपरि विद्युत लाईनों (ओवर-हेड लाईन) को भूमिगत करने की विद्युत कंपनी में कोई योजना लंबित नहीं है। प्रश्नाधीन अवधि में किसी भी स्थान पर शिरोपरि विद्युत लाईनों को भूमिगत लाईनों में परिवर्तित नहीं किया गया है। (ख) उज्जैन राजस्व संभाग के नगरों में ऐसा कोई भी स्थल नहीं है जहाँ पर 01 अप्रैल-2016 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में शिरोपरि विद्युत लाईनों के कारण एक से अधिक बार घातक विद्युत दुर्घटना घटित हुई हो। उज्जैन राजस्व संभाग में किसी भी नगर में खुले तारों वाली विद्युत लाईनों को भूमिगत विद्युत लाईनों में परिवर्तित करने के लिये प्रश्नाधीन अवधि में कोई भी आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ग) उज्जैन राजस्व संभाग में विद्युत लाईनों से घटित घातक विद्युत दुर्घटनाओं में 01 अप्रैल-2016 से प्रश्न दिनांक तक कुल 185 व्यक्तियों की मृत्यु हुई है। इन घटित हुई विद्युत दुर्घटनाओं में से कोई भी विद्युत दुर्घटना विद्युत कंपनी की लापरवाही से नहीं हुई है। घटित विद्युत दुर्घटनाओं में से 11 प्रकरणों में विद्युत कंपनी द्वारा मृतक के परिजनों को राशि रू. 41, 50, 880/- का मुआवजा दिया गया तथा 07 प्रकरण मुआवजे के लिये माननीय श्रम न्यायालय में विचाराधीन है। भोपाल राजस्व संभाग में विद्युत लाईनों से घटित घातक विद्युत दुर्घटनाओं में 01 अप्रैल-2016 से प्रश्न दिनांक तक कुल 128 व्यक्तियों की मृत्यु हुई है। इन घटित हुई विद्युत दुर्घटनाओं में से कोई भी विद्युत दुर्घटना विद्युत कंपनी की लापरवाही से नहीं हुई है। घटित विद्युत दुर्घटनाओं में से 11 प्रकरणों में विद्युत कंपनी द्वारा मृतक के परिजनों को राशिरू. 44, 00, 000/- का मुआवजा दिया गया तथा 7 प्रकरण मुआवजे के लिये माननीय श्रम न्यायालय में विचाराधीन है। उज्जैन एवं भोपाल राजस्व संभाग में उपरोक्तानुसार घटित विद्युत दुर्घटनाओं के शेष प्रकरणों में दुर्घटनाओं के कारणों की जाँच एवं परीक्षण कर पात्रता अनुसार मुआवजा राशि देने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
म.प्र. लोक सेवा आयोग की प्रारम्भिक परीक्षा के प्रश्न पत्र की रचना
[सामान्य प्रशासन]
89. ( क्र. 5963 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. लोक सेवा आयोग द्वारा राज्य सेवा परीक्षा के लिये दिनांक 18 फरवरी 2018 को ली गई प्रारम्भिक परीक्षा में आयोग किस स्तर के योग्यताधारी व्यक्तियों से प्रश्न बनवाता है, उसके नियमों की प्रति दें। (ख) क्या आयोग जो प्रश्न पूछता है, उनमें किस स्त्रोत से प्रमाणित/सत्यापित जानकारी मानता है, उन स्त्रोतों के नाम बतावें। जिन प्रश्न का चारों विकल्प में से एक भी उत्तर सही नहीं है या चार विकल्प में दो उत्तर सही हैं या प्रश्न का उत्तर जो वास्तविक स्त्रोत से सही है, फिर आयोग उनको किस स्त्रोत से गलत मान लेता है? (ग) क्या म.प्र. विधानसभा वर्ष 2013 में कितनी महिला सदस्य निर्वाचित हुई थी बाबत् प्रश्नोत्तर में जो विकल्प दिये हैं, 20, 22, 25, 28 उनमें से एक भी सही नहीं हैं, जबकि वास्तविक उत्तर 30 हैं, जो विकल्प में है ही नहीं? फिर आयोग अपनी जो आन्सर सीट डाल रहा है, उसमें अपने आन्सर में 25 बता रहा है? यह किस स्त्रोत से आयोग सही मान रहा है? क्या जो प्रश्न पूछे गये हैं, उनके जो आन्सर आयोग द्वारा सही माने गये हैं, उनका प्रमाणित स्त्रोत का विस्तृत विवरण जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो फिर सही उत्तर को गलत आयोग किस आधार पर मान लेता है? स्पष्ट करें तथा इतनी बड़ी गलती के लिये आयोग का कौन-कौन अधिकारी दोषी है? क्या दोषियों के प्रति कोई कठोर दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा प्रोफेसर/सह प्राध्यापक तथा सहायक प्राध्यापक पद के व्यक्ति से जिसका अध्यापन अनुभव कम से कम 10 वर्ष से अधिक हो तथा गोपनीय कार्य करने का अनुभव हो उससे प्रश्न पत्र की रचना करवाई जाती है। इस हेतु शासन के कोई नियम नहीं हैं, आयोग की बैठक में लिये गये निर्णय अनुसार किया जाता है। (ख) संबंधित विषयों के विशेषज्ञों द्वारा प्रश्नों की रचना के साथ उनसे संदर्भ ग्रंथों के नाम, लेखक का नाम, पेज नंबर आदि भी मंगवाये जाते हैं। साथ ही उनसे प्रमाण के तौर पर उक्त उत्तर की फोटोकॉपी भी ली जाती है। ऐसे प्रश्न जिसका दिये गये विकल्पों में सही उत्तर न हो, ऐसे प्रश्न जिसका दिये गये विकल्पों में एक से अधिक सही उत्तर हो, प्रश्न के हिन्दी तथा अंग्रेजी अनुवाद में भिन्नता हो। ऐसे प्रश्नों को आयोग द्वारा विलोपित किया जाता है। (ग) विषय विशेषज्ञों द्वारा प्रश्न पत्रों की रचना की जाती है। यह पूरी प्रक्रिया अत्यंत गोपनीय होने के कारण आयोग के किसी अधिकारी/कर्मचारी के द्वारा विषय विशेषज्ञों द्वारा की गई रचना का अवलोकन नहीं किया जाता है। यदि प्रावधिक उत्तर कुंजी में विकल्प सही नहीं है तो अंतिम उत्तर कुंजी जारी करने के पूर्व अभ्यर्थियों से प्राप्त आपत्तियों का विषय विशेषज्ञों द्वारा सूक्ष्म परीक्षण करने के पश्चात अंतिम उत्तर कुंजी प्रकाशित की जाती है। उक्त परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रश्नाधीन परीक्षा के अनुसीमन कार्य करने वाले विषय विशेषज्ञों को आयोग द्वारा आयोजित समस्त परीक्षाओं से विवर्जित कर दिया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
छात्रावास व आवसीय विद्यालयों की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
90. ( क्र. 5964 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में आदिम जाति कल्याण विभाग व अनुसूचित जनजाति विभाग के कौन-कौन से छात्रावास आवासीय विद्यालय कहाँ-कहाँ पर है? किन-किन छात्रावासों, आवासीय विद्यालयों में कितने-कितने छात्र/छात्राओं के आवास की क्या-क्या व्यवस्था हैं एवं कहा-कहा पर कौन-कौन सी सुविधाएं, संसाधन आदि नहीं है? (ख) वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नांकित (क) अनुसार किन-किन छात्रावासों आवासीय विद्यालयों में कितनी-कितनी राशि किस-किस मद में व्यय हुई? छात्रावासों का उन्नयन विकास संधारीकरण, विद्युतीकरण एवं अन्य किन निर्माण कार्यों में कितनी-कितनी राशि व्यय हुई है? कहाँ-कहाँ के कौन-कौन से छात्रावास बदहाल, जर्जर व खण्डहर हैं? इनका पुनर्निर्माण मरम्मत/सुधारीकरण न कराने का क्या कारण है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। संचालित छात्रावासों में रहने भोजन व्यवस्था, बिस्तर सामग्री, पेयजल व्यवस्था शौचालय आदि मूलभूत सुविधायें उपलब्ध हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' एवं 'स' अनुसार है। कार्यों का सत्यापन विभागीय उपयंत्री द्वारा समय-समय पर किया गया है। जिले में संचालित छात्रावासों में कोई भी भवन जीर्ण-शीर्ण खण्डहर नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभागीय छात्रावास/आश्रमों की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
91. ( क्र. 5967 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बिजावर अंतर्गत विभाग के कितने छात्रावास एवं आश्रम संचालित हैं? इनमें प्रत्येक में कितने छात्र–छात्रायें किस कक्षा में पंजीकृत हैं? प्रत्येक छात्र–छात्राओं की सत्र 2017 की औसत मासिक उपस्थिति क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में वर्तमान में कौन–कौन कब से अधीक्षक या प्रभारी अधीक्षक हैं? नाम पदनाम सहित सूची प्रदाय करें। (ग) विधानसभा क्षेत्र बिजावर में प्राथमिक, माध्यमिक, प्री मैट्रिक, पोस्ट-मैट्रिक शिक्षा के लिए छात्राओं के लिए कहाँ–कहाँ आश्रम व छात्रावास संचालित हैं? स्थान सहित जानकारी प्रदाय करें। उक्त आश्रम व छात्रावास में छात्राओं की मासिक औसत उपस्तिथि सत्र 2017 में क्या रही? (घ) विधानसभा क्षेत्र बिजावर अंतर्गत क्या सभी आश्रम व छात्रावास शासकीय भवन में हैं? यदि नहीं, तो कहाँ–कहाँ संचालित हैं? किस नियम शर्तों पर कितने खर्चे पर संचालित हैं? (ङ) छतरपुर जिले में पोस्ट मैट्रिक कितनी छात्रायें अध्ययनरत् हैं? क्या बिजावर में एक पोस्ट मैट्रिक कन्या छात्रावास होना आवश्यक है? क्या शासन इस पर विचार करके छात्रावास आरंभ करेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार है। (घ) विधानसभा क्षेत्र बिजावर अन्तर्गत जनजाति संवर्ग के सभी 09 छात्रावास/आश्रम शासकीय भवन में संचालित हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) छतरपुर जिले में पोस्ट मैट्रिक की 122 छात्रायें अध्ययनरत् हैं। जी नहीं। विभाग द्वारा महाविद्यालयीन जनजाति विद्यार्थियों के लिये आवास सहायता योजना संचालित है। अनुसूचित जाति कल्याण विभाग अंतर्गत संचालित समस्त छात्रावासों में 10 प्रतिशत स्थान जनजाति के विद्यार्थियों के लिये आरक्षित है। जिसमें गैर जनजाति जिलों के जनजाति विद्यार्थी प्रवेश ले सकते हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका की भर्ती
[महिला एवं बाल विकास]
92. ( क्र. 5969 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के भर्ती नियम क्या हैं? प्रारंभ से भर्ती होने तक चरणबद्ध क्या प्रक्रिया का पालन किया जाता है? कौन अधिकारी व कर्मचारी उत्तरदायी होते हैं? (ख) विधानसभा क्षेत्र बिजावर के बिजावर, राजनगर एवं छतरपुर विकासखंड में दिनांक 1-1-17 से 31-1-18 तक कितनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका की, की गई भर्ती में प्रत्येक पद के विरुद्ध आये आवेदकों की पते सहित सूची, आवेदकों द्वारा सम्मिलित दस्तावेजों की केवल जानकारी एवं उक्त आधार पर तैयार की गई मेरिट लिस्ट एवं चयन का आधार स्पष्ट बतावें। (ग) आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका पद हेतु विधानसभा क्षेत्र बिजावर अंतर्गत आने वाले तीनों विकासखंड में आवेदन प्राप्त करने मेरिट बनाने, मूल्यांकन करने, चयन की अनंतिम व अंतिम सूची जारी करने के लिए कौन–कौन अधिकारी व कर्मचारी उत्तरदायी है? (घ) आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका पद हेतु दिनांक 1-1-17 से दिनांक 31-1-18 तक विधानसभा क्षेत्र बिजावर के ईशानगर, रंगौली, नयाताल, पचरंगा पुरवा (पारवा) में प्राप्त आवेदन, उनमें सम्मिलित दस्तावेज, तैयार की गई मेरिट सूची, अनंतिम सूची, अंतिम सूची उपलब्ध करावें। (ङ) प्रश्नांश (ख) के अनुक्रम में प्राप्त आवेदन में कितने आवेदक बी.पी.एल. कार्डधारी थे? उनके कार्ड कब जारी किए गए? आवेदकों के नाम, उनके द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका पद हेतु आवेदन जमा करने की तिथि सहित जानकारी प्रदाय करें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) विभाग के पत्र क्र./एफ-3-2/06/50-2 दिनांक 10/07/2007 द्वारा जारी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के चयन एवं नियुक्ति से संबधित निर्देश तथा कौन अधिकारी व कर्मचारी उत्तरदायी होते हैं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) विधानसभा क्षेत्र बिजावर के बिजावर, राजनगर एवं छतरपुर विकासखंड में दिनांक 01.01.2017 से 31.01.2018 तक 18 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, 21 आंगनवाड़ी सहायिकाओं की भर्ती की गई है। प्रत्येक पद के प्राप्त आवेदकों के नाम, पते तथा उनके द्वारा लगाये दस्तावेजों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब एवं स'' अनुसार है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका की नियुक्ति हेतु अधिकतम 100 अंकों की मेरिट सूची तैयार की जाती है जिसमें अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति, गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले परिवारों की महिला तथा शैक्षणिक योग्यता तथा अनुभव आदि हेतु अंकों का विभाजन निर्धारित कर योग्यता सूची (मेरिट लिस्ट) तैयार कर सार्वजनिक स्थलों प्रदर्शित कर दावा आपत्ति प्राप्त की जा कर उनका निराकरण जिला स्तरीय समिति द्वारा किया जाता है तत्पश्चात अन्तिम सूची जारी की जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है।। चयन में मेरिट लिस्ट ही चयन का आधार है। (ग) आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के पद पर चयन एवं नियुक्ति हेतु आवेदन पत्र प्राप्त करने, मेरिट बनाने, मूल्यांकन करने, चयन की अनन्तिम सूची एवं अन्तिम सूची जारी करने के लिये संबधित परियोजना अधिकारी उत्तरदायी होता है। (घ) आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका पद हेतु दिनांक 01.01.2017 से दिनांक 31.01.2018 तक विधानसभा क्षेत्र बिजावर के ईशानगर, रंगौली, नयाताल, पचरंगा पुरवा (पार्वा) में प्राप्त आवेदन, उनमें सम्मिलित दस्तावेज, तैयार की गई मेरिट सूची, अनन्तिम सूची एवं अन्तिम सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ई'' अनुसार है। पचरंगा पुरवा (पार्वा) में उप आंगनवाड़ी कार्यकर्ता का पद रिक्त हैं। उक्त ग्राम में पदपूर्ति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ड.) प्रश्नांश (ख) के अनुक्रम में प्राप्त आवेदन पत्रों में से कुल 253 आवेदक बी.पी.एल. कार्डधारी थे। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''प'' अनुसार है। आवेदकों के नाम तथा उनके द्वारा आवेदन जमा करने की तिथि संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''फ'' अनुसार है।
लेखापाल को द्वितीय समयमान दिये जाने के आदेश
[वित्त]
93. ( क्र.
5975 ) श्री
निशंक कुमार
जैन : क्या
वित्त मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क)
क्या
प्रश्नकर्ता
के विधानसभा
प्रश्न क्रमांक
68
दिनांक 28.02.2018 के प्रश्नांश
(ख) के उत्तर
में यह
स्वीकार किया
गया है कि
वित्त विभाग
के परिपत्र
दिनांक-24.01.2008 की कंडिका 6 के
अनुसार
सामान्य
प्रशासन
विभाग के आदेश
दिनांक 5/17 अक्टूबर 2006 के
द्वारा जिन
सिविल सेवाओं
को वेतनमानों
का उन्नयन
किया गया है, उनके
लिए संशोधन
वेतनमान में
काल्पनिक
नियुक्ति
पूर्व तिथि से
मानी जाएगी? (ख) क्या
सचिव वित्त
विभाग भोपाल
द्वारा आदेश
दिनांक-16.05.2017 के द्वारा
लेखापाल पद का
वेतनमान
दिनांक-01.01.2016 से उन्नयन
किया है? यदि हाँ, तो प्रश्नांश
(क) के प्रकाश
में लेखापाल
को द्वितीय
समयमान वेतनमान
का लाभ
दिनांक-01.04.2006 से दिया
जावेगा या नहीं? (ग) प्रश्नांश
(ख) का हाँ तो
कब तक लेखापाल
को द्वितीय
समयमान दिये जाने
के आदेश
प्रसारित किए
जावेंगे? यदि नहीं, तो
लेखापालों को
द्वितीय
समयमान
वेतनमान नहीं
दिये जाने से
इन्हें हो रही
आर्थिक हानि
के लिए कौन
जिम्मेदार है? (ग) भोपाल
संभाग
अन्तर्गत कोष
लेखा एवं पेंशन
द्वारा
दिनांक-01.06.2016 से
प्रश्नांश
तिथि तक किस-किस
विभाग के
लेखापालों को
द्वितीय
समयमान वेतनमान
पारित किया
गया है? पारित
वेतनमान की
प्रति उपलब्ध
करावें।
वित्त
मंत्री ( श्री
जयंत मलैया ) : (क) जी
हाँ। (ख) जी
हाँ। जी नहीं, क्योंकि
परिपत्र
दिनांक 24.1.2008 की कंडिका-6 का
प्रावधान
सामान्य
प्रशासन
विभाग के आदेश
दिनांक 5/17.10.2006 से किये
गये वेतनमान
उन्नयन तक
सीमित है। (ग) भोपाल
में पदस्थ
लेखापाल की जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है।
लेखापालों का द्वितीय समयमान वेतनमान पारित किया जाना
[वित्त]
94. ( क्र. 5978 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल संभाग में स्कूल शिक्षा विभाग ने उनके कार्यालयों व संस्था के लेखापालों को द्वितीय समयमान वेतनमान स्वीकृत किये जाने पर संयुक्त संचालक कोष लेखा व पेंशन भोपाल/होंशगाबाद संभाग द्वारा कितने लेखापालों के द्वितीय समयमान वेतनमान पारित कर दिये गये हैं? कितने शेष हैं? पारित वेतनमान की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) शेष लेखापालों का वेतनमान कब तक पारित किया जावेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) 04 प्रकरण पारित किये गये। कोई प्रकरण अनुमोदन हेतु शेष नहीं है। पारित वेतनमान की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभागीय शिक्षकों तथा व्याख्यातों को समयमान वेतनमान
[जनजातीय कार्य]
95. ( क्र. 5980 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन वित्त विभाग के पत्र क्रं 1954/668/2017 दिनांक 17/11/2017 तथा म.प्र. शासन जनजाति कार्य विभाग भोपाल के पत्र क्रं एफ-4-60/2017/25 दिनांक 18/12/2017 द्वारा विषयांकित के संबंध में की गई कार्यवाही से अवगत कराएं। यदि कार्यवाही नहीं की गई है तो कब तक कर दी जाएगी तथा इस कार्य में देरी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर शासन क्या कार्यवाही करेगा? (ख) क्या शिक्षा विभाग अपने सहायक शिक्षकों, उच्च श्रेणी शिक्षकों, प्रधान अध्यापकों, व्याख्याताओं तथा प्राचार्यों को उनके सेवाकाल में तीन बार समयमान वेतनमान का लाभ दे रहा है? (ग) क्या विभाग दूरस्थ, दुर्गम आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा विभाग के समान कार्य प्रतिकूल परिस्थितियों में करने वाले अपने विभागीय सहायक शिक्षकों, उच्च श्रेणी शिक्षकों, प्रधान अध्यापकों, व्याख्याताओं तथा प्राचार्य को शिक्षा विभाग की तरह उनके सेवाकाल में तीन बार समयमान वेतनमान देने पर विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों में योजनाओं का संचालन
[महिला एवं बाल विकास]
96. ( क्र. 5983 ) डॉ. मोहन यादव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्जैन दक्षिण विधानसभा क्षेत्रान्तार्गत किस-किस स्थान पर आंगनवाड़ी केन्द्र कब से संचालित हो रहे हैं? केन्द्रवार/स्थानवार जानकारी दें और ऐसे कितने स्थान हैं जहां आंगनवाड़ी केन्द्र खोलना अनिवार्य है? (ख) प्रश्नांश (ख) में दर्शित आंगनवाड़ी केन्द्र क्या शासकीय भवन में संचालित हैं? यदि हाँ, तो बतायें, यदि नहीं, तो क्या इनके भवन हेतु बजट उपलब्ध नहीं है? यदि नहीं है, तो क्यों? भवन निर्माण कब तक कर दिये जायेंगे? (ग) प्रश्नांश (ख) में दर्शित आंगनवाड़ी केन्द्रों में क्या-क्या गतिविधियां अनिवार्य हैं तथा कितनी योजनाएं संचालित की जा रही हैं? केन्द्रवार जानकारी दें और प्रत्येक केन्द्र को संचालित किये जाने में कुल कितना-कितना बजट किस-किस केन्द्र के लिये किन-किन कार्यों हेतु व्यय किया गया? विगत पाँच वर्षों की केन्द्रवार जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित केन्द्रों में से कौन-कौन से केन्द्र बंद पड़े हैं और क्यों? किस-किस के खिलाफ क्या-क्या शिकायतें प्राप्त हुई हैं और प्राप्त शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई? स्थानवार केन्द्रवार जानकारी देवें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) उज्जैन दक्षिण विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत बाल विकास परियोजना उज्जैन शहर क्र. 01 में 96, उज्जैन शहर क्र. में 42, उज्जैन शहर क्र. 04 में 17 तथा उज्जैन ग्रामीण अन्तर्गत 88 इस प्रकार कुल 243 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं। केन्द्रवार, स्थानवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। जहाँ आंगनवाड़ी केन्द्र खोला जाना आवश्यक है कि परियोजनावार/स्थानवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ख) शासकीय भवन में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 के कॉलम 6 अनुसार है। किराये के भवन में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 के कॉलम 7 अनुसार है। आंगनवाड़ी भवन निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है। सीमित वित्तीय संसाधनों होने के कारण समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (ग) आंगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से केन्द्र में दर्ज हितग्राहियों को पूरक पोषण आहार, स्वास्थ्य जाँच, संदर्भ सेवायें, टीकाकरण, पोषण एवं स्वास्थ्य शिक्षा तथा शाला पूर्व अनौपचारिक शिक्षा प्रदान की जाती है। आई.सी.डी.एस. योजना, लाड़ली लक्ष्मी योजना, प्रधानमंत्री मातृत्व सहायता योजना, लालिमा योजना, उदिता योजना, मंगल दिवस संचालित की जा रही है। विगत 5 वर्षों में आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु प्रदत्त बजट एवं व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित बंद पड़े आंगनवाड़ी केन्द्रों और उनके संबंध में प्राप्त शिकायतों तथा शिकायत पर की गई कार्यवाही के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 के कॉलम 8, 9, 10 एवं 11 अनुसार है।
नर्मदा-क्षिप्रा एवं नर्मदा-गंभीर लिंक परियोजना की जानकारी
[नर्मदा घाटी विकास]
97. ( क्र. 5985 ) डॉ. मोहन यादव : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदा-क्षिप्रा एवं नर्मदा-गंभीर लिंक परियोजना से उज्जैन दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में कितना कार्य हुआ? क्या योजना से उज्जैन में क्षिप्रा स्नान हेतु पानी दिया जा रहा हैं? (ख) नर्मदा-क्षिप्रा-गंभीर लिंक परियोजना से लाभान्वित क्षेत्र के किसानों को सिंचाई का पानी कब तक उपलब्ध हो जायेगा? (ग) नर्मदा-क्षिप्रा-गंभीर लिंक परियोजना से किसानों के खेत तक पानी कैसे पहुंचाया जायेगा? क्षेत्र के किसानों के भू-अधिग्रहण संबंधित प्रकरणों में सें कितने प्रकरणों का निराकरण किया गया है एवं कितने लंबित हैं?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) नर्मदा-क्षिप्रा लिंक परियोजना पूर्ण हो चुकी है, जिससे क्षिप्रा नदी में पेयजल एवं स्नान हेतु पानी प्रदाय किया जा रहा है। नर्मदा-मालवा गंभीर लिंक परियोजना का निर्माण कार्य प्रगति पर है। उज्जैन क्षेत्र में लगभग 52 प्रतिशत कार्य हुआ है। नर्मदा-मालवा गंभीर लिंक परियोजना से क्षिप्रा नदी में स्नान हेतु पानी दिये जाने का प्रावधान नहीं है। (ख) विभाग अंतर्गत नर्मदा-क्षिप्रा-गंभीर लिंक परियोजना नहीं है। अपितु नर्मदा-मालवा-गंभीर लिंक परियोजना निर्माणाधीन है, जिससे वर्ष 2018 के रबी सीजन से पानी दिया जाना लक्षित है। (ग) नर्मदा-मालवा-गंभीर लिंक परियोजना के अंतर्गत 40 हेक्टेयर चक तक पानी भूमिगत पाईप लाईन के माध्यम से पहुँचाया जावेगा, इसके पश्चात् कृषक ड्रिप अथवा स्प्रिंकलर से सिंचाई कर सकेंगे। क्षेत्र के कुल 15 ग्रामों की भूमि का अस्थाई भू-अर्जन किया जाना है, उनमें से 10 ग्रामों के अवार्ड पारित किये जा चुके हैं तथा शेष 5 ग्रामों के प्रकरण प्रक्रियाधीन हैं।
मान. मुख्यमंत्री जी की घोषणाओं की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
98. ( क्र. 5987 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 29 नवम्बर 2017 को जिला स्तरीय अन्त्योदय मेला एवं माननीय मुख्यमंत्री जी के 12 साल बेमिसाल का कार्यक्रम जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जावरा नगर में सम्पन्न हुआ? (ख) यदि हाँ, तो उक्त कार्यक्रम में करोड़ों रूपये के विकास कार्यों का भूमिपूजन एवं लोकार्पण का कार्य करते हुए हितग्राहियों को अनेक जनकल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से लाभान्वित किया गया? (ग) यदि हाँ, तो क्या इसी के साथ मान. मुख्यमंत्री जी ने अपने उद्बोधन भाषण में जावरा विधानसभा क्षेत्र के लिए पिपलोदा में शासकीय महाविद्यालय, पिपलोदा मंडी को पृथक मंडी का दर्जा दिए जाने एवं पिपलोदा नगर में आउटडोर स्टेडियम की स्वीकृति की घोषणा की? (घ) साथ ही मचून (हतनारा-नांदलेटा) डेम, बानीखेड़ी (काबुलखेडी) डेम, 1. जवाहर पथ से हाथीखाना मार्ग पुलिया 2. नया मालीपुरा रपट रोड पुलिया 3. खेड़ा-गोठडा पुलिया 4. कुशलगढ़–अंगेठी पुलिया 5. मन्याखेडी–मुंडला पुलिया 6.रीछाचान्दा–कलालिया पुलिया एवं 1. रोजाना से अरनियापीथा मंडी मार्ग 2. बरगढ़ फंटा से भैसाना फंटा फोरलेन मार्ग तक सड़क मार्ग तथा जावरा नगर में इंडोर स्टेडियम व स्वीमिंग पूल के साथ ही शुगर मिल परिसर में फूड पार्क व फूड प्रोसेसिंग यूनिट, प्रीमियर आयल मिल जावरा में बस स्टैंड विस्तारीकरण व शॉपिंग काम्प्लेक्स निर्माण व खोडाना तालाब योजना की स्वीकृति की घोषणा की है? यदि हाँ, तो इसे मूर्त रूप कब दिया जाएगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) पिपलोदा में शासकीय महाविद्यालय की घोषणा एवं पिपलोदा नगर में आउटडोर स्टेडियम बनाने की घोषणा की गई। पिपलोदा मण्डी को पृथक मण्डी का दर्जा दिए जाने संबंधी घोषणा सम्मिलित नहीं है। (घ) मचुन (हतनारा-नांदलेटा) डेम के संबंध में जलसंसाधन विभाग द्वारा डी.पी.आर. तैयार कर मुख्य अभियंता इन्दौर को प्रस्तुत कर दी गई है। मान. मुख्यमंत्री महोदय के जावरा भ्रमण के दौरान की गई घोषणा अनुसार लोक निर्माण विभाग - अंतर्गत 1. रोजाना से अरनियापीथा मंडी मार्ग 2. बरगढ़ फंटा से भैसाना फंटा फोरलेन मार्ग तक सड़क निर्माण कार्य हेतु घोषणा की गई थी, जिसका प्राक्कलन तैयार किया जाकर शासन के स्तर पर परीक्षणाधीन है। जावरा नगर में इन्डोर स्टेडियम व स्वीमिंग पूल के साथ ही शुगर मिल परिसर में फूड पार्क व फूड प्रोसेसिंग यूनिट प्रीमियर आयल मिल जावरा में बस स्टैण्ड विस्तारीकरण व शॉपिंग काम्पलेक्स निर्माण व खोडाना तालाब स्वीकृति संबंधी घोषणा में सम्मिलित नहीं है।
शिशुओं एवं महिलाओं हेतु विभागीय कार्यों की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
99. ( क्र. 5988 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा केंद्र/राज्य प्रवर्तित विभिन्न योजनाओं के माध्यम से महिलाओं एवं बच्चों के संबंध में अनेक विभागीय कार्य किये जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2012-13 से लेकर प्रश्न दिनांक तक जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जावरा नगर, पिपलोदा तहसील एवं जावरा तहसील में कितनी गर्भवती माताओं का जाँच, परीक्षण, उपचार किया गया तथा शिशुओं की देखभाल हेतु पंजीयन कर किस प्रकार क्या-क्या किया गया? (ग) आंगनवाड़ी केंद्र पर कितनी गर्भवती महिलाएं विभिन्न साध्य, असाध्य, जटिल एवं गंभीर बीमारियों से ग्रसित होकर चिन्हित की गयी, तो इसी प्रकार शिशुओं की जाँच में भी किन बीमारियों को पाया गया? (घ) आंगनवाड़ी केन्द्रों पर चिन्हित की गयी, उपरोक्त स्थितियों में इन्हें उपचार, योग्य सहायता एवं मार्गदर्शन हेतु केन्द्रों के माध्यम से कहाँ पर रेफर किया गया? पाई गयी बीमारियों हेतु महिलाओं के लिए क्या किया गया एवं शिशुओं में कुपोषण, ह्रदय उपचार एवं अन्य बीमारियों हेतु क्या-क्या किया गया? क्या स्थिति रही? कितने बजट की स्थिति रहकर कितना व्यय किया गया?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। (ख) स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्राप्त जानकारी अनुसार प्रश्नावधि में जावरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत जावरा नगर, पिपलोदा तहसील एवं जावरा तहसील से कुल 75591 गर्भवती माताओं की जाँच, परीक्षण, उपचार किया जाकर इंजेक्शन टिटनेस टॉक्साइड एवं आयरन फॉलिक एसिड प्रदाय की गई तथा शिशु देखभाल हेतु पंजीयन कर टीकाकरण, गंभीर कुपोषित शिशुओं को पोषण पुनर्वास केन्द्र में भर्ती किया गया एवं राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम अंतर्गत चिन्हित बीमारियों के शिशुओं का उपचार कराया गया। (ग) स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्राप्त जानकारी अनुसार आंगनवाड़ी केन्द्रों पर कुल 7800 गर्भवती महिलाएं विभिन्न साध्य, असाध्य, जटिल एवं गंभीर बीमारियों से ग्रसित होकर चिन्हित की गयी तथा शिशुओं की जाँच में एनीमिया, दस्तरोग, निमोनिया, पीलिया, कम वजन आदि बीमारियां पाई गई। (घ) स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्राप्त जानकारी अनुसार आंगनवाड़ी केन्द्रों से जोखिम वाली चिन्हित गर्भवती माताओं को जटिलता अनुसार सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, पिपलोदा सिविल अस्पताल जावरा रेफर किया जाकर उपचार प्रदान किया गया एवं शिशुओं में कुपोषण हेतु पोषण पुनर्वास केन्द्र, हृदय उपचार हेतु बाल हृदय योजना के अंतर्गत उपचार एवं अन्य बीमारियों हेतु सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, पिपलोदा सिविल अस्पताल जावरा तथा जिला अस्पताल रतलाम में रेफर कर उपचार प्रदाय किया गया। आई.सी.डी.एस अंतर्गत कुपोषण निवारण हेतु प्राप्त बजट एवं व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
सौर ऊर्जा कम्पनियों की जाँच
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
100. ( क्र. 5991 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के गुर्जरखेड़ी, आम्बा, भरपूर, रूनीजा क्षेत्र में सोलर प्लांट में पाईलिंग फाउण्डेशन सोलर स्ट्रक्चर खड़ा करने पाईल एवं कास्टिंग करने हेतु डी.पी.आर. में दर्शाये गए नियमों की जानकारी देवें। (ख) क्या उपरोक्त स्थान पर टाटा, लेंको, विक्रम कम्पनियों द्वारा डी.पी.आर. के तहत पाईल का डायमीटर की चौड़ाई एवं गहराई की गई है एवं उसे भरने हेतु सामग्री का उपयोग किया गया है? (ग) उपरोक्त कम्पनियों के ठेकेदारों द्वारा पाईल किए गए मीटर को कम कर स्टील, सरिया, सीमेंट, कांक्रीट को कम करने एवं भ्रष्टाचार की जाँच हेतु कोई शिकायत प्राप्त हुई है, तो जानकारी देवें। (घ) की गई शिकायत पर एन.टी.पी.सी. के द्वारा कोई जाँच करवाई गई या नहीं? यदि नहीं, तो कारण बतावें?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में गुर्जरखेड़ी, आम्बा, रूनीजा क्षेत्र में स्थापित सोलर प्लांट में की गई पाईलिंग फाउण्डेशन सोलर स्ट्रक्चर व पाईप एवं कास्टिंग एन.टी.पी.सी. लिमिटेड द्वारा किये गये अनुबंध में निर्धारित मापदण्ड और ड्राइंग के अनुसार किये गये हैं। (ख) एन.टी.पी.सी. द्वारा प्रदत्त जानकारी के अनुसार उक्त कार्य डी.पी.आर. के अनुसार ही किया गया है। (ग) जी हाँ। शिकायत के संबंध में जाँच रिपोर्ट अभी प्राप्त नहीं हुई है। (घ) जी हाँ। एन.टी.पी.सी. से प्राप्त जानकारी के अनुसार एन.टी.पी.सी. ने जाँच करवा ली है।
अवैध खनन की जानकारी
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
101. ( क्र. 5992 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत वर्षों में सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के गुर्जरखेड़ी, आम्बा, रूनीजा में सोलर प्लांट में लेनको, विक्रम, भेल, टाटा द्वारा बिना अनुमति के अवैध रूप से वृक्षों की कटाई कर बेचे गए हैं? अवैध उत्खनन ब्लास्टिंग के संबंध में न्यायालय अपर कलेक्टर जिला मंदसौर द्वारा कंपनी के विरूद्ध कोई कार्यवाही की गई है या नहीं? (ख) प्रश्नांश (क) कार्यवाही में दोषी पाए गए अधिकारियों के विरूद्ध शासन की ओर से क्या कार्यवाही की गई है? (ग) कंपनी द्वारा अवैध रूप से की गई वृक्षों की कटाई की पूर्ति करते हुए किसी चिन्हित स्थान पर वृक्ष लगाने का कार्य किया गया है या नहीं? यदि नहीं, किया गया है, तो कब प्रारंभ कर दिया जावेगा?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जी हाँ। सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के ग्रामों गुर्जरखेड़ी, आम्बा व रूनीजा में एन.टी.पी.सी. के सोलर प्लांट में उनके निविदाकारों लेनको, विक्रम, भेल व टाटा द्वारा बिना अनुमति के वृक्ष काटे जाने के संबंध में न्यायालय अपर कलेक्टर, जिला मंदसौर के द्वारा प्रकरण क्र. 03/बी-121/2016-17 में दिनांक 11.12.2017 को आदेश पारित किया गया है। न्यायालय अपर कलेक्टर, जिला मंदसौर द्वारा अवैध उत्खनन ब्लास्टिंग प्रमाणित न होने के कारण, इस संबंध में पृथक से कोई कार्यवाही नहीं की गई। (ख) न्यायालय अपर कलेक्टर जिला मंदसौर द्वारा परित आदेश में उक्त कम्पनियों को उनके द्वारा काटे गए वृक्षों की लकड़ी का वन विभाग एवं तहसीलदार सुवासरा द्वारा किए गए मूल्यांकन अनुसार उक्तानुसार राशि जमा करने का आदेश दिया गया है :- लेनको कं.- रू.22000/-, विक्रम कं.- रू.9000/-, भेल कं.- रू.9000/- व टाटा कं.- रू.7500/- साथ ही, कम्पनियों पर पृथक-पृथक राशि रूपये 10, 000/- का अतिरिक्त जुर्माना आरोपित किया गया है। इसके अतिरिक्त, कम्पनी को काटे हुए वृक्षों के अनुपात में 10 गुना पौधे, प्लांट एवं रोड के आसपास लगाने तथा उनकी समुचित देखरेख करने हेतु आदेशित किया गया है। (ग) एन.टी.पी.सी. द्वारा वृक्ष लगाने का कार्य सभी ब्लॉक में परफॉर्मेंस गारंटी टेस्ट (PG Test) की प्रक्रिया पूर्ण होने के पश्चात किया जाएगा।
अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध अनियमितता के प्रकरण
[अनुसूचित जाति कल्याण]
102. ( क्र. 5995 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के कितने अधिकारी/कर्मचारियों के खिलाफ किस-किस प्रकार की अनियमितता की शिकायत विभाग को दिनांक 1 जनवरी 2016 के पश्चात प्राप्त हुई? विभाग द्वारा उस पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत इनमें से ऐसे कितने कर्मचारी हैं, जो अपनी सेवा अवधि में एक से अधिक बार विभाग की रिपोर्ट में अनियमितता करने के कारण दोषी पाए गये अथवा सस्पेंड किये गये वर्तमान में उनकी पद स्थापना कहाँ है? (ग) उक्त संभाग में ऐसे कितने कर्मचारी/अधिकारी हैं, जो अनियमितता के प्रकरण में लिप्त होने के बावजूद, उसी पद पर काबिज हैं? ये अधिकारी/कर्मचारी किस नियम के तहत उच्च पद पर पदस्थ हैं? (घ) उक्त संभाग में कितने अधिकारी/कर्मचारी कब से किस-किस पद पर प्रभारी के रूप में कार्य कर रहे हैं? कार्य अवधि सहित जानकारी देवें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) उज्जैन संभाग में अनुसूचित जाति कल्याण विभाग अंतर्गत दिनांक 1 जनवरी 2016 के पश्चात प्राप्त शिकायतों की जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उज्जैन संभाग अंतर्गत जिला उज्जैन में दो सहायक शिक्षक/अधीक्षक क्रमश: श्री बाबूलाल धानक, अधीक्षक, बालक छात्रावास, तराना एवं श्री रामचंद्र निमजे, अधीक्षक, बालक छात्रावास, नरवर, सेवा अवधि के दौरान एक से अधिक बार निलंबित किये गये हैं। वर्तमान में भी दोनों अधीक्षक निलंबित हैं। जिला देवास में तीन अधीक्षक क्रमश: श्रीमती अंजना मैसी दयाल, अधीक्षिका, कन्या छात्रावास, बागली, श्री मोहन प्रसाद कोरी, अधीक्षक, बालक छात्रावास, लोहार्दा एवं श्री रमेश कुमार चंदेल, अधीक्षक, बालक आश्रम मुहाई, सेवा अवधि के दौरान एक से अधिक बार निलंबित किये गये हैं। वर्तमान में भी तीनों अधीक्षक निलंबित हैं। जिला मंदसौर में श्री बाबूलाल दाणावत, स.शि. अधीक्षक सेवा अवधि के दौरान एक से अधिक बार निलंबित किये गये हैं। वर्तमान में भी श्री दाणावत निलंबित हैं। (ग) उज्जैन संभाग अंतर्गत जिलों में कोई अधिकारी/कर्मचारी अनियमितता के प्रकरण में लिप्त होने के बावजूद उसी पद पर काबिज न होने से जानकारी निरंक है। (घ) संभाग अंतर्गत जिला मंदसौर में श्री आर.के. सिंह (मूल पद क्षेत्र संयोजक) प्रभारी जिला संयोजक के पद पर दिनांक 16.2.2017 से पदस्थ हैं। श्री जे.एस. डामोर, जिला रतलाम में प्रभारी सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास, रतलाम के पद पर दिनांक 12.07.2017 से कार्यरत हैं। जिला उज्जैन में श्री एस.के.रावत, क्षेत्र संयोजक, उज्जैन में जिला संयोजक के आहरण एवं संवितरण का कार्य दिनांक 25.07.2017 से कर रहे हैं।
फीडर विभक्तिकरण योजनांतर्गत कार्यों की जानकारी
[ऊर्जा]
103. ( क्र. 5998 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव में फीडर विभक्तिकरण योजना के कार्यों की पूर्णता-अपूर्णता की वर्तमान स्थिति क्या है? क्षेत्र में लगाई गई निम्नदाब केबिल लाईन के बार-बार जलने/खराब होने के क्या कारण है? क्या इसकी गुणवत्ता की उच्च स्तरीय जाँच कराई जावेगी? (ख) गोटेगांव विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में कितने ग्रामों की विद्युत आपूर्ति बाधित है और क्यों? ग्रामवार कारण बतावें। गत एक वर्ष में क्षेत्र में कितने ट्रांसफार्मर फेल हुए और उन्हें कितने दिन बाद बदला गया? सूची उपलब्ध करावें। (ग) विधानसभा क्षेत्र गोटेगावं के ग्रामीण क्षेत्रों में वर्तमान औसतन कितने घंटे बिजली आपूर्ति की जा रही है? क्षेत्र में चल रही अघोषित विद्युत कटौती का क्या किसी वरिष्ठ अधिकारी से परीक्षण कराया जाएगा? (घ) क्षेत्र में निम्नदाब उपभोक्ताओं हेतु विद्युत देयक समाधान योजना में हुई गड़बड़ी उपभोक्ताओं को लाभ न मिल पाने व पुनः वसूली के लिए कौन उत्तरदायी है? क्या क्षेत्र के संबंध में इस योजना के क्रियान्वयन की जाँच कराई जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव में फीडर विभक्तिकरण योजना के अंतर्गत वर्तमान स्थिति में 11 के.व्ही. के कुल 69 फीडरों में से 64 फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण हो गया है, जिनमें से 27 फीडरों का समस्त कार्य तथा 37 फीडरों के इलेक्ट्रिकल सेपरेशन का कार्य पूर्ण किया गया है, शेष 5 फीडरों का कार्य प्रगति पर है। फीडरवार कार्य की प्रगति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “अ” अनुसार है। निम्नदाब लाईन की केबिल के बार-बार जलने या खराब होने जैसी स्थिति नहीं है। योजना के अंतर्गत लगाई जाने वाली केबिल की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए क्रय करने के पूर्व, केबिल का परीक्षण थर्ड पार्टी निरीक्षण एजेन्सी एरडा/वॉप्सकॉस के द्वारा किया जा रहा है। केबिल प्राप्त होने के पश्चात् रेण्डम सेम्पलिंग कर उसका परीक्षण एन.ए.बी.एल. प्रमाणित प्रयोगशाला एरडा/सी.पी.आर.आई. में कराया जाता है तथा निर्धारित गुणवत्ता के अनुरूप पाए जाने पर ही उसका उपयोग किया जाता है। केबिल के बार-बार जलने/खराब होने की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। उक्त परिप्रेक्ष्य में केबिल की गुणवत्ता हेतु अन्य कोई जाँच कराने का प्रश्न नहीं उठता। (ख) गोटेगांव विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में किसी भी ग्राम की विद्युत आपूर्ति बाधित नहीं है, अतः प्रश्न नहीं उठता वर्ष 2017-18 में फरवरी-18 तक की अवधि में प्रश्नाधीन क्षेत्र में 325 ट्रांसफार्मर फेल हुए है तथा इन सभी ट्रांसफार्मरों को बदल दिया गया है। ट्रांसफार्मर फेल होने एवं बदलने की दिनांकवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “ब” अनुसार है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में नियमानुसार बकाया राशि का 20 प्रतिशत अथवा फेल ट्रांसफार्मर से संबद्ध कुल उपभोक्ताओं में से 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा बकाया राशि जमा करने पर ट्रान्सफार्मर बदलने की कार्यवाही की जा रही है। उक्त नियमानुसार उपरोक्त फेल/खराब ट्रांसफार्मरों को पात्र होने पर, पहुँच मार्ग की उपलब्धता अनुसार बदला गया है। (ग) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव के अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्र में प्राकृतिक आपदा/तकनीकी कारणों से आए आकस्मिक व्यवधानों को छोड़कर कृषि फीडरों पर वर्ष 2017-18 में फरवरी-18 तक औसतन 9 घण्टे 35 मिनट तथा गैर कृषि फीडरों पर 23 घण्टे 32 मिनट विद्युत प्रदाय किया गया है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में किसी प्रकार की विद्युत कटौती नहीं की जा रही है। उक्त परिप्रेक्ष्य में प्रश्नाधीन क्षेत्र में विद्युत प्रदाय के संबंध में कोई जाँच/परीक्षण कराया जाना आवश्यक नहीं है। (घ) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव के अन्तर्गत निम्नदाब उपभोक्ताओं के विद्युत देयक की बकाया राशि के निराकरण हेतु लागू समाधान योजना में दिये गये निर्देशों का वितरण कंपनी द्वारा पालन किया गया है। योजना में शामिल सभी पात्र उपभोक्ताओं को योजना का लाभ मिला है। अत: प्रश्नाधीन क्षेत्र में पुन: वसूली की स्थिति नहीं होने से कोई उत्तरदायी नहीं है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में प्रश्नांश में उल्लेखित आशय की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है तथापि यदि कोई शिकायत प्राप्त होती है तो जाँच कर तत्काल निराकरण की कार्यवाही की जायेगी।
हक त्याग पंजीयन में शुल्क की छूट
[वाणिज्यिक कर]
104. ( क्र. 6000 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भूमि के हक त्याग पंजीयन पर कौन-कौन सा शुल्क किस-किस दर से लगता है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पंजीयन में हक त्यागकर्ता द्वारा हक त्याग ग्रहीता से किसी भी प्रकार का प्रतिफल प्राप्त नहीं किया जाता है? फिर स्टाम्प शुल्क, पंजीयन शुल्क सिंचित तथा नगरीय सीमा की भूमि हो, तो गाईड-लाईन के मान से मूल्यांकन करके क्यों लिया जाता है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित पंजीयन में सिंचित तथा नगरीय सीमा में लगने वाले शुल्क को समाप्त कर किसानों को अतिरिक्त अर्थिक बोझ से मुक्ति प्रदान कर दी जावेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) भूमि के हक त्याग के पंजीयन पर भारतीय स्टाम्प अधिनियम की अनुसूची 1 (क) के अनुच्छेद 54 में निर्धारित प्रावधान अनुसार कुटुम्ब के सदस्य के पक्ष में हक त्याग के मामले में प्रतिफल या संपत्ति के हक त्याग से संबंधित भाग के बाजार मूल्य, इनमें से जो भी अधिक हो, के 0.5 प्रतिशत तथा अन्य मामलों में 5 प्रतिशत की दर से स्टाम्प शुल्क एवं उक्त दोनों मामलों में 0.8 प्रतिशत की दर से पंजीयन शुल्क प्रभार्य है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर से स्पष्ट है कि प्रतिफल रहित होने पर बाजार मूल्य के आधार पर शुल्क की संगणना नियमानुसार अपेक्षित है। अतएव गाईड-लाईन के मान से मूल्यांकन किया जाना नियमानुसार है। (ग) सिंचित तथा नगरीय सीमा में स्थित भूमि के लिए पृथक से किसी अतिरिक्त शुल्क के अधिरोपण का प्रावधान नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पदेन अवर सचिव की नियुक्ति की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
105. ( क्र. 6001 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन के विभिन्न मंत्रालयों में नियमानुसार अवर सचिव/पदेन अवर सचिव के पद पर किस श्रेणी के एवं किस वेतनमान के अधिकारी पदस्थ किये जाते हैं? नियमों की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पद पर क्या कोई द्वितीय श्रेणी का अधिकारी जिसको प्रथम श्रेणी स्तर का वेतनमान क्रमोन्नति द्वारा प्राप्त हुआ है? नियमानुसार नियुक्त किया जा सकता है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पद पर वर्तमान में पशुपालन विभाग में किस श्रेणी के अधिकारी हैं? क्या उनकी नियुक्ति नियमानुसार की गई है? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित पद पर नियुक्ति यदि नियमानुसार नहीं की गई है तो पदेन अवर सचिव को पद से कब तक हटाया जावेगा? क्या नियोक्ता अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रथम श्रेणी के वेतनमान रूपये 15600-39100+ग्रेड पे 6600/- के अधिकारी को पदस्थ किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश सचिवालय सेवा भर्ती नियम में अवर सचिव के पद पर प्रथम श्रेणी अधिकारी को नियुक्ति किए जाने का प्रावधान है। (ग) द्वितीय श्रेणी के अधिकारी है। (घ) मध्यप्रदेश सचिवालय सेवा भर्ती नियम 1976 (संशोधित, दिनांक 18 मार्च 2008 अनुसूची-एक, कंडिका-3) अन्तर्गत अन्य सेवाओं के लिए निर्धारित पद (वेतनमान 10,000-15, 200 पुनरीक्षित 15,600-39, 100+6600 ग्रेड पे) के विरूद्ध एवं तद्नुसार पशुपालन विभाग से प्राप्त प्रस्ताव के आधार पदेन अवर सचिव पशुपालन के पद पर पदस्थापना की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
लम्बित पेंशन प्रकरण का निराकरण
[वाणिज्यिक कर]
106. ( क्र. 6002 ) श्री सतीश मालवीय : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आबकारी विभाग में सेवा निवृत्ति के पश्चात् पेंशन प्रारम्भ करने के क्या प्रावधान है? नियम की प्रति उपलब्ध करावें। सेवा निवृत्ति के पश्चात् कितने समय में पेंशन प्रारम्भ की जाती है? (ख) उज्जैन जिले के आबकारी विभाग में कितने पेंशन प्रकरण लंबित हैं? सूची उपलब्ध करावें तथा उनका निराकरण कब तक किया जावेगा? (ग) क्या श्री कन्हैयालाल परमार को आबकारी मुख्य आरक्षक के पद से दिनांक 30.09.2016 को विभाग से सेवानिवृत्त किया गया? यदि हाँ, तो क्या उनके पेंशन प्रकरण का निराकरण कर दिया गया है? यदि नहीं, तो सेवानिवृत्ति दिनांक से प्रश्न दिनांक तक पेंशन प्रकरण का निराकरण क्यों नहीं किया गया? पेंशन प्रकरण लंबित होने के क्या कारण है? उक्त प्रकरण में कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं एवं दोषियों के खिलाफ शासन क्या-क्या कार्यवाही करेगा? संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें।
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) प्रश्नांश (क) आबकारी विभाग में सेवानिवृत्ति के पश्चात पेंशन प्रारंभ करने हेतु शासन से कोई पृथक से आदेश नहीं है। पेंशन प्रारंभ हेतु शासन निर्देश समस्त विभागों में समान है। सेवानिवृत्ति के पश्चात सेवानिवृत्त दिनांक के अगले माह से ही पेंशन प्रारंभ किये जाने के शासन आदेश है। (ख) आबकारी विभाग के अंतर्गत जिला उज्जैन 03 एवं जिला उज्जैन में स्थापित उपायुक्त आबकारी, संभागीय उड़नदस्ता कार्यालय उज्जैन में 01 कुल 04 प्रकरण लंबित है। जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। उक्त प्रकरणों का निराकरण मध्यप्रदेश पेंशन नियमों के अंतर्गत प्रावधानित मापदण्डों की पूर्ति उपरांत नियमानुसार किया जावेगा। (ग) जी हाँ, श्री कन्हैयालाल परमार, सेवानिवृत्त आबकारी मुख्य आरक्षक का पेंशन प्रकरण का निराकरण अभी नहीं हुआ है। श्री कन्हैयालाल परमार सेवानिवृत्त मुख्य आरक्षक की जन्मतिथि 11.09.1956 के स्थान पर जन्मतिथि 09.11.1956 अंकित हो जाने के कारण वित्तीय संहिता भाग-1 के सहायक नियम 84-85 अनुसार– जन्म तिथि में शासन आदेश दिनांक 09 मार्च 2018 द्वारा श्री कन्हैयालाल परमार, की सेवा पुस्तिका भाग-1 में अंकित जन्म तिथि 09.11.1956 के स्थान पर 11.09.1956 को मान्यता प्रदान की गई है जिसकी छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। आबकारी आयुक्त के पत्र दिनांक 09.03.2018 द्वारा श्री कन्हैयालाल परमार, मुख्य आरक्षक की मूल सेवा पुस्तिका सहायक आबकारी आयुक्त, जिला उज्जैन को भेजी जाकर पेंशन प्रकरण के निराकरण हेतु निर्देशित किया गया है। जन्म तिथि त्रुटि पूर्ण अंकित होने से पेंशन प्रकरण के निराकरण में विलंब हुआ है।
कलेक्टर गाईड-लाईन के उपबंधों की शर्तों को शिथिल करने की मांग
[वाणिज्यिक कर]
107. ( क्र. 6003 ) श्री आरिफ अकील : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश की कलेक्टर गाईड-लाईन के उपबंधों की शर्तों को विगत लगभग 10 वर्षों से शिथिल करने की मांग क्रेडाई एवं अन्य संगठनों द्वारा किए जाने के पश्चात भी विभाग द्वारा उपबंधों की शर्तों को शिथिल नहीं किए जाने के कारण निर्धारित राजस्व टारगेट की पूर्ति नहीं हो सकती है? (ख) यदि नहीं, तो प्रदेश के पंजीयन विभाग में रजिस्ट्रियों में कमी आयी, जिस कारण निर्धारित टारगेट की पूर्ति नहीं हुई? यदि नहीं, तो वित्तीय वर्ष 2014-15 से 2017-18 तक भोपाल संभाग के किस-किस जिले में कितनी-कितनी रजिस्ट्रियां हुई तथा वर्षवार कितनी आय हुई? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में साल दर साल रजिस्ट्रियों में कमी आने तथ राजस्व की कमी और टारगेट की पूर्ति नहीं कर पाने को दृष्टिगत रखते हुए क्या शासन द्वारा कलेक्टर गाईड-लाईन में हो रही वृद्धि में कमी की जावेगी या प्रापर्टी के बाजार मूल्य के समतुल्य किये जावेंगे या बाजार मूल्य की दरों में विसंगति को दूर किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो निर्धारित टारगेट की पूर्ति नहीं कर पाने के लिए कौन-कौन जिम्मेदार हैं? उनके विरूद्ध क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) यह सही नहीं है कि विगत 10 वर्षों में क्रेडाई एवं अन्य संगठनों के द्वारा गाईड-लाईन के उपबंधों को शिथिल करने की मांग के पश्चात भी उपबंध को शिथिल नहीं किए जाने के कारण निर्धारित राजस्व लक्ष्य की पूर्ति नहीं हो सकी है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) वर्ष 2014-2015, 2015-2016, 2016-2017 में रजिस्ट्रियों में कमी आई किन्तु वर्ष 2017-2018 में दस्तावेज संख्या में विगत वर्ष की तुलना में वृद्धि हुई तथा फरवरी 2018 तक के लिये निर्धारित लक्ष्य से अधिक राजस्व प्राप्त हुआ। शेष प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) साल दर साल दस्तावेज की संख्या तथा राजस्व में लगातार कमी नहीं आई है। कलेक्टर गाईड-लाईन की दरें स्टाम्प अधिनियम के अंतर्गत निर्धारित नियमों के अनुसार तय की जाती है। उक्त नियमों में संपत्ति के मूल्य से संबंधित आंकड़े एकत्र कर उनके विश्लेषण उपरांत गाईड-लाईन दरें निर्धारित करने का प्रावधान है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
महिला बाल विकास विभाग को विभिन्न योजनांतर्गत प्राप्त राशि एवं आंगनवाड़ियों की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
108. ( क्र. 6007 ) श्री सचिन यादव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दिनांक 01 जनवरी 2013 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार कुल कितनी राशि केन्द्र एवं राज्य से महिला बाल विकास विभाग को किन-किन योजनाओं के अंतर्गत प्राप्त हुई? वर्षवार कुल कितनी राशि खर्च की गई? कितनी शेष है? शेष के क्या कारण हैं? वर्षवार राशिवार जानकारी दें। (ख) जिला खरगोन की प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में केन्द्र एवं राज्य सरकार की कौन-कौन सी योजना में कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई एवं कितनी राशि व्यय की गई? वित्तीय वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार, राशिवार जानकारी दें। (ग) कसरावद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितनी आंगनवाड़ियां स्वीकृत हैं और वर्तमान में कितनी कहाँ-कहाँ के लिए संचालित की जाना है एवं कितनी अब तक प्रस्तावित है? इनकी स्वीकृति कब तक जारी की जायेगी? तत्संबंध में कार्यवाही की अद्यतन स्थिति क्या है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में कितनी आंगनवाड़ियां भवनविहीन हैं और क्यों? इनके प्रस्ताव कब-कब प्रस्तावित किये गये? दिनांक 01 जनवरी, 2014 से अब तक कितने आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण किया गया? लंबित प्रस्तावों की स्वीकृति प्रश्न दिनांक तक नहीं जारी करने के क्या कारण हैं? प्रश्नकर्ता द्वारा कितने-कितने पत्र प्रेषित किए गए तथा प्रश्न दिनांक तक इन पर क्या कार्यवाही की गई?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) संचालनालय एकीकृत बाल विकास सेवा की वर्षवार प्राप्त व्यय एवं शेष राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। मापदण्ड अनुसार राशि व्यय की जाती है। राशि का आहरण न होने के कारण में वित्त विभाग/कोषालय द्वारा समय-समय पर आहरण प्रतिबंध सम्मिलित है। संचालनालय महिला सशक्तिकरण की जानकारी योजनावार वर्षवार प्राप्त एवं व्यय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। राशि व्यय न होने का कारण भारत सरकार से केन्द्रांश की स्वीकृति विलंब से प्राप्त होना। (ख) खरगोन की प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में केन्द्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं में प्राप्त राशि एवं व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है। (ग) कसरावद विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत 338 आंगनवाड़ियां एवं 29 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत हैं और वर्तमान में संचालित केन्द्रों सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''3'' अनुसार है। परियोजना भीकनगांव अंतर्गत 07 आंगनवाड़ी केन्द्रों एवं 04 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र एवं परियोजना कसरावद अंतर्गत 02 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 04 मिनी आंगनवाड़ी खोले जाना प्रस्तावित है। कार्यालयीन पत्र क्रमांक 1066 दिनांक 27.04.2017, क्र.1313 दिनांक 17.05.17 एवं पत्र क्र. 2290 दिनांक 14.06.17 द्वारा प्रस्ताव स्वीकृति हेतु संचालनालय एकीकृत बाल विकास सेवा म.प्र. भोपाल को प्राप्त हुए है। आंगनवाड़ी केन्द्रों की स्वीकृति भारत सरकार द्वारा दी जाती है। आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने की स्वीकृति का प्रस्ताव विभाग के पत्र क्रमांक 3552 दिनांक 05.09.2017 को भारत सरकार को प्रेषित किया गया है। (घ) कसरावद विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत परियोजना भीकनगांव में 26 एवं कसरावद में 201 आंगनवाड़ियां भवन विहीन है। उपरोक्त भवन विहीन आंगनवाड़ी में से 176 भवन विहीन आंगनवाड़ी भवनों के प्रस्ताव में से 33 आंगनवाड़ी भवनों की स्वीकृति जारी की गई है। 01 जनवरी 2014 से अब तक परियोजना भीकनगांव अन्तर्गत 06 एवं परियोजना कसरावद अंतर्गत 13 आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण किया गया है। जिले को आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण के संबंध में 03 पत्र प्राप्त हुये हैं। जिसमें 176 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण संबंधी प्रस्ताव में से जिले को 33 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृति दी गई। आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है।
मजदूरों को स्वरोजगार हेतु राशि का प्रदाय
[ऊर्जा]
109. ( क्र. 6008 ) श्री सचिन यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला खरगोन के विकासखण्ड बड़वाह के ग्राम सेल्दा में निर्माणाधीन पावर प्लांट हेतु विधानसभा कसरावद के ग्राम खेड़ी बुजुर्ग के किसानों की कृषि भूमि अधिग्रहण की गई है? हाँ तो कब? (ख) क्या उक्त सभी किसानों की भूमि पर आश्रित मजदूरों को एन.टी.पी.सी. के प्रावधानों एवं मापदण्डों के आधार पर स्वरोजगार हेतु राशि प्रदान की गई है? नहीं तो क्यों? शेष के नाम, पते सहित जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (ख) में दर्शित शेष आश्रित मजदूरों को परिवार का भरण-पोषण करने के लिए कब तक राशि प्रदान कर दी जायेगी? (घ) उक्त कार्यवाही में विलंब करने वाले संबंधित अधिकारी/कर्मचारियों के खिलाफ किस प्रकार की कार्यवाही की जायेगी? की गई कार्यवाही से अवगत करावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। ग्राम सेल्दा, बालाबाद एवं डालची में स्थित भूमि का अधिग्रहण दिसम्बर-2012 में किया गया। (ख) नियमानुसार गठित दल द्वारा कुल 71 आश्रित मजदूरों को सर्वे उपरांत चिन्हित किया गया। एन.टी.पी.सी. के प्रावधानों एवं मापदण्डों के अनुसार कुल 70 मजदूरों को स्वरोजगार हेतु राशि प्रदान की गई। शेष एकमात्र मजदूर श्री रामलाल, पिता मांगीलाल, निवासी-सेल्दा, जिला-खरगोन की मृत्यु हो जाने एवं किसी उत्तराधिकारी द्वारा दावा प्रस्तुत न किये जाने के कारण भुगतान नहीं हो सका है। (ग) उत्तरांश (ख) के अनुसार मृतक मजदूर के उत्तराधिकारी द्वारा दावा प्रस्तुत किये जाने पर भुगतान की कार्यवाही की जावेगी। मृतक के उत्तराधिकारी ग्राम में निवास नहीं करते हैं। (घ) उत्तरांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में किसी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न नहीं उठता।
टी.डी.एस. कटौत्रे में छूट प्रदान करने का प्रावधान
[वाणिज्यिक कर]
110. ( क्र. 6011 ) श्री बाला बच्चन : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में वित्त/वाणिज्यिक कर विभाग के अतिरिक्त अन्य कोई विभाग बिना अनुमति के स्वयं के स्तर पर टी.डी.एस./वेट/जी.एस.टी. में छूट के नियम जारी कर सकता है? यदि हाँ, तो नियम की छायाप्रति देवें। (ख) यदि नहीं, तो किस आधार पर विपणन संघ ने पत्र क्रमांक कराधान/2516/2015/भोपाल दि. 24.06.2015 द्वारा टी.डी.एस. कटौत्रे में छूट प्रदान करने का प्रावधान निर्धारित कर लिया? क्या इसके लिए अनुमति ली गई थी? यदि हाँ, तो इसकी छायाप्रति देवें। (ग) यदि नहीं, तो ऐसा आदेश जारी करने वाले अधिकारी का नाम, पदनाम सहित देकर बतावें कि इसके लिए उन पर कब तक कार्यवाही होगी? प्रश्नांश (ख) अनुसार जारी पत्र के आधार पर विपणन संघ ने दि. 28.02.18 तक कितने प्रकरणों में टी.डी.एस. कटौत्रे की छूट प्रदान की वर्षवार, फर्मवार, राशि सहित जानकारी आदेश जारी दिनांक से देवें। (घ) वाणिज्यिक कर विभाग के पत्र क्रमांक 2996/PS/CT/08 दि. 29.07.2008 में टी.डी.एस. कटौत्रा न करने पर संबंधित अधिकारी पर कार्यवाही का उल्लेख है तो इस आधार पर बिना अनुमति टी.डी.एस. की छूट प्रदान करने वाले विपणन संघ के अधिकारियों पर विभाग कब तक कार्यवाही करेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) मध्यप्रदेश वेट अधिनियम के प्रावधानों के तहत टी.डी.एस. के प्रावधान हैं। टी.डी.एस. से छूट देने के लिए उक्त अधिनियम के तहत कोई अन्य विभाग अधिकृत नहीं है। जी.एस.टी. में टी.डी.एस. के प्रावधान प्रभावशील नहीं है। (ख) वित्तीय अधिनियम 2015 क्रमांक 20 के अंतर्गत धारा 44 के अनुसार दिनांक 01.06.15 के पश्चात् वर्ष के दौरान किसी व्यक्ति के स्वामित्व में 10 से अधिक ट्रक नहीं रहे है, तो ऐसी स्थिति में ऐसे व्यक्ति के स्व-घोषणा पत्र के आधार पर टैक्स काटने वाली संस्था टी.डी.एस. कटोत्रे किया जाना उक्त प्रचलित अधिनियम के परिदृश्य में आवश्यक नहीं है। यह प्रावधान वित्त अधिनियम 2015 के माध्यम से आयकर अधिनियम में समाहित किया गया है। विचाराधीन प्रश्न आयकर अधिनियम (टी.डी.एस.) से संबंधित है न कि वाणिज्यिक कर विभाग से। अत: इस आधार पर ही पत्र दिनांक 24.06.15 जारी किया गया है जो आयकर अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार नियम संगत है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वित्तीय अधिनियम 2015 क्रमांक 20 के अंतर्गत धारा 44 के अनुसार दिनांक 01.06.2015 के आधार पर ही पत्र दिनांक 24.06.15 जारी किया गया है जो आयकर अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार नियम संगत है। टी.डी.एस. कटोत्रे की छूट प्रदान की वर्षवार, फर्मवार, राशि सहित जानकारी संकलित की जा रही है, जिसमें समय लगना संभावित है। (घ) टी.डी.एस. कटोत्रा संबंधी प्रावधान वित्त अधिनियम 2015 के माध्यम से आयकर अधिनियम में समाहित किया गया है। विचाराधीन प्रश्न आयकर अधिनियम (टी.डी.एस.) से संबंधित है न कि वाणिज्यिक कर विभाग से। अत: इस आधार पर ही पत्र दिनांक 24.06.15 जारी किया गया है जो आयकर अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार नियम संगत है।
फल्यों में विद्युतीकरण कार्य
[ऊर्जा]
111. ( क्र. 6012 ) श्री बाला बच्चन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्र.क्र. 936 दि. 28.02.18 के (क) उत्तर अनुसार विद्युतीकृत किए जा चुके फल्यों में विद्युतीकरण कार्य कब पूर्ण हुआ? दिनांकवार, फल्यावार, ग्रामवार देवें। (ख) उपरोक्त फल्यों में कितने विद्युत मीटर लगाए गए हैं? फल्यावार जानकारी देवें। प्रत्येक फल्ये के पाँच (5) विद्युत उपभोक्ताओं के नाम, सर्विस नंबर, विगत 3 माह की खपत यूनिट, बिल राशि सहित फल्यावार देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार यदि जानकारी उपलब्ध नहीं है तो क्या कारण है? क्या बिना विद्युतीकृत किये इन्हें विद्युतीकृत बताया जा रहा है? इसके दोषी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? (घ) दि. 01.12.17 से 28.02.18 तक कितने स्थानों के कितनी लागत के विद्युतीकरण व अन्य कार्यों के प्राक्कलन जिले से विभाग/शासन को भेजे गए? समस्त प्राक्कलन की छायाप्रति सहित स्थान नाम, कार्य नाम, लागत देवें। बड़वानी जिले के संदर्भ में बतावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) प्र.क्र. 936 दिनांक 28.02.2018 के उत्तरांश (क) अनुसार विद्युतीकरण किए जा चुके राजपुर विधान सभा क्षेत्र के 48 फल्यों में विद्युतीकरण की ग्रामवार, फल्यावार, दिनांकवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–अ अनुसार है। (ख) उपरोक्त 48 फल्यों में कुल 129 विद्युत मीटर लगाये गये हैं। स्थापित विद्युत मीटरों की फल्यावार संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। ग्रामवार, फल्येवार 05-05 उपभोक्ताओं के नाम एवं सर्विस क्रमांक तथा विगत तीन माह (नवंबर-2017, दिसम्बर-2017 एवं जनवरी-2018) की विद्युत खपत यूनिट तथा बिल की राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। जी नहीं। अत: किसी के दोषी होने का प्रश्न नहीं उठता। (घ) बड़वानी जिले में दिनांक 01.12.2017 से 28.02.2018 तक कुल 428 स्थानों के 428 प्राक्कलन जिनकी कुल लागत राशि रू. 3530.59 लाख है। संबंधित उच्च कार्यालय एवं सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग बड़वानी को प्रेषित किये गये हैं, जिनके स्थान नाम, कार्य के नाम एवं लागत सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द-1' एवं 'द-2' अनुसार है। उक्त समस्त प्राक्कलन की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ई-1', 'ई-2', 'ई-3', 'ई-4' एवं 'ई-5' अनुसार है।
ऑडिट के कारण वेतन भुगतान लम्बित होना
[जनजातीय कार्य]
112. ( क्र. 6015 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कुक्षी विधान सभा क्षेत्र के संकुल प्राचार्य संकुल केंद्र शा. कन्या उच्च. मा.वि. कुक्षी के शिक्षकों का माह जनवरी, फरवरी 2018 का वेतन ऑडिट कराने के नाम पर क्यों लंबित रखा गया है? (ख) क्या संकुल प्राचार्य को इनका ऑडिट करने का अधिकार है? (प्रा.क.मा.वि. के शिक्षकों का) यदि हाँ, तो नियम की छायाप्रति देवें। ऐसा विगत 3 वर्षों में कितनी बार हुआ कि ऑडिट न होने के कारण वेतन भुगतान रोका गया? (ग) जिन्होंने ऑडिट कराया है, उनका भुगतान भी क्यों रोका गया? कब तक समस्त वेतन का भुगतान कर दिया जायेगा? (घ) त्योहारों व परीक्षा के समय बिना कारण के शिक्षकों को प्रताड़ित करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) विधानसभा क्षेत्र कुक्षी के संकुल प्राचार्य संकुल केन्द्र शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कुक्षी के शिक्षकों का माह जनवरी-फरवरी 2018 का वेतन ऑडिट कराने के नाम पर लंबित नहीं है। केवल ऑडिट अभिलेख उपलब्ध न कराने के कारण कुछ प्रधान पाठकों का माह जनवरी का वेतन रोका गया था, जो कार्य पूर्ण होने पर उक्तावधि का समस्त शिक्षकों के वेतन का भुगतान किया जा चुका है। (ख) संकुल प्राचार्य को इनका ऑडिट करने का अधिकार नहीं है। विगत 03 वर्षों में ऑडिट के नाम पर उक्त संकुल अंतर्गत किसी भी शिक्षक का वेतन भुगतान नहीं रोका गया है। (ग) जिन्होंने ऑडिट कराया है, उनका वेतन नहीं रोका गया है। समस्त शिक्षकों के वेतन का भुगतान किया जा चुका है। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) के उत्तर के अनुक्रम में कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
संविदा छात्रावास अधीक्षकों का नियमितीकरण
[जनजातीय कार्य]
113. ( क्र. 6016 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कार्यरत संविदा छात्रावास अधीक्षकों को 03 वर्ष की सेवा के उपरांत इन्हें जनजातीय विभाग में नियमित कब तक कर दिया जाएगा? (ख) कब तक बी.एड. एवं डी.एड. की अनिवार्यता समाप्त कर दी जायेगी? (ग) छात्रावास आश्रम अधीक्षक का पद कार्यपालिक करने की स्वीकृति कब तक दे दी जाएगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) संविदा छात्रावास अधीक्षकों को संविदा शाला शिक्षक वर्ग-2 में समायोजित किया गया है, संविदा शाला शिक्षक वर्ग-2 से अध्यापक में संविलियन किये जाने के नियम हैं, अध्यापक वर्ग हेतु अनिवार्य अर्हता रखने पर अध्यापक संवर्ग में संविलियन किया जाता है, संविलियन प्रक्रिया सतत् है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) संविदा शाला शिक्षक से अध्यापक वर्ग में संविलियन हेतु RTE के प्रावधानों के अनुरूप बी.एड. एवं डी.एड. अनिवार्य योग्यता है। अतएव शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) छात्रावास आश्रम अधीक्षक शिक्षकीय पद हैं, कार्यपालिक करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
रजिस्ट्रियों में फर्जीवाड़ा
[वाणिज्यिक कर]
114. ( क्र. 6020 ) श्री कमलेश शाह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंजीयक, उप-पंजीयक कार्यालयों इंदौर एवं भोपाल द्वारा एक ही भूमि की एकाधिक बार रजिस्ट्री एवं रजिस्ट्री से संबंधित अन्य प्रकार के फर्जीवाड़ों के संबंध में दि. 01.01.2016 से 31.12.2017 तक कितने पत्र पुलिस थानों, संबंधित एस.डी.एम., तहसील कार्यालयों जिला कलेक्टरों को भेजे गए? (ख) क्या कारण है कि इनके द्वारा पत्र भेजने के बाद प्रकरणों में स्मरण पत्र या अन्य कार्यवाही नहीं की गई? यदि की गई है तो किन प्रकरणों में? जानकारी प्रकरणवार देवें। (ग) कितनी शिकायतें पंजीयक, उप-पंजीयक कार्यालयों भोपाल व इंदौर को प्रश्नांश (क) अवधि में प्राप्त हुई? वर्षवार, जिलावार संख्या देवें। (घ) प्रश्नांश (क) विषय अनुसार इंदौर व भोपाल जिलों में कितने कर्मचारियों/अधिकारियों पर किन-किन प्रकरणों में कहाँ-कहाँ जाँच चल रही है? नाम, पदनाम, प्रकरण जानकारी सहित देवें। इन जांचों की अद्यतन स्थिति क्या है?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सी.एस.आर. फंड से राशि के व्यय की जानकारी
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
115. ( क्र. 6021 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्र.क्र. 1289 दि. 28.11.17 में वर्णित सौर व पवन ऊर्जा कंपनियों द्वारा इकाई प्रारंभ होने के 1 वर्ष बाद से प्रश्न दिनांक तक सी.एस.आर. फंड से कितनी राशि कहाँ-कहाँ व्यय की गई? कंपनीवार राशि सहित विवरण देवें। (ख) क्या कारण है कि इनके द्वारा नियत 2% राशि व्यय न करके कम राशि व्यय की जा रही है? कई प्रकरणों में बिल्कुल सी.एस.आर. राशि व्यय नहीं की गई? (ग) कब तक उपरोक्तानुसार सी.एस.आर. फंड की राशि उज्जैन जिले में व्यय कराई जाएगी? विगत वर्षों की इस फंड की राशि की भरपाई कब तक सुनिश्चित की जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) कम्पनियों से प्राप्त सी.एस.आर. कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कम्पनियों से प्राप्त जानकारी के अनुसार कम्पनी अधिनियम-2013 की धारा-135 की उपधारा (1) में उल्लेखित प्रावधानों के अनुसार सी.एस.आर. कार्य किये जा रहे हैं। (ग) कम्पनी अधिनियम-2013 की धारा-135 की उपधारा (1) में उल्लेखित प्रावधानों के अनुसार कम्पनियां, उनकी क्रियाशील विभिन्न परियोजनाओं के किसी भी स्थानीय क्षेत्र या प्रदेश के क्षेत्रों में सी.एस.आर. कार्य कर सकती है। इस परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता, तदापि उज्जैन जिले में किए गए सी.एस.आर. कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
सी.एस.आर. फंड के व्यय की जानकारी
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
116. ( क्र. 6022 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्र.क्र. 931 दि. 28.02.18 के (घ) उत्तर में बताया गया है कि क्षेमा पावर एंड इंफ्रास्ट्रक्चर कं. प्रा.लि. ने 3, 61, 000 रू. सी.एस.आर. फंड में व्यय किए हैं। क्या कारण है कि इतनी कम राशि इसमें व्यय की गई जबकि नियम 2% राशि व्यय करने का है? (ख) क्या कारण है कि यूनिटें प्रारंभ होने से इस वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक इन्होंने (क) अनुसार नियम 2% राशि व्यय नहीं की, जिसकी शासन में अनदेखी की? इसके जिम्मेदार अधिकारी कौन हैं? (ग) जब उज्जैन जिले में इकाइयां संचालित की जा रही हैं, तो सी.एस.आर. फंड उज्जैन जिले में क्यों नहीं व्यय किया जा रहा है? (घ) कब तक सी.एस.आर. फंड की पूर्ण राशि उज्जैन जिले में व्यय करा ली जाएगी?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) मेसर्स क्षेमा पॉवर एण्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर कम्पनी प्रा.लि. द्वारा प्रस्तुत जानकरी के अनुसार, उनके द्वारा देश में विभिन्न परियोजना क्षेत्रों में सी.एस.आर. कार्यों में राशि व्यय की गई है, जिसमें प्र.क्र. 931 दिनांक 28.02.2018 के (घ) उत्तर में उल्लेखित राशि रूपये 3, 61, 000 सम्मिलित है। उक्त के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) कम्पनी अधिनियम-2013 की धारा-135 की उपधारा (1) में उल्लेखित प्रावधानों के अनुसार सी.एस.आर. कार्यों में नियमानुसार राशि व्यय की गयी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) कम्पनी अधिनियम-2013 की धारा-135 की उपधारा (1) में उल्लेखित प्रावधानों के अनुसार कम्पनी उनकी क्रियाशील विभिन्न परियोजनाओं के स्थानीय क्षेत्रों में सी.एस.आर. कार्य कर सकती है। (घ) उत्तरांश (ग) के सन्दर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बस्ती विकास योजनांतर्गत बजट आवंटन
[जनजातीय कार्य]
117. ( क्र. 6023 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर अंतर्गत पिछले तीन वित्तीय वर्षों में अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास योजना के अंतर्गत कुल कितना बजट का आवंटन प्राप्त हुआ? उक्त आवंटन से पिछले तीन वित्तीय वर्षों में विधानसभा क्षेत्रवार कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये गये एवं वर्तमान में इन कार्यों की क्या स्थिति है? इन कार्यों की एजेंसी कौन है? (ख) पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत उक्त जाति की बस्तियों में सड़क निर्माण और प्रकाश की वर्तमान में क्या स्थिति है? कितने क्षेत्र अभी भी इन सुविधाओं से वंचित है? (ग) अनुसूचित जनजाति के लिये शासन द्वारा संचालित योजना से पिछले तीन वित्तीय वर्षों में विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ के कुल कितने हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) अनूपपुर जिले में विगत तीन वर्षों में अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास योजनान्तर्गत प्राप्त आवंटन, विधान सभावार, स्वीकृत कार्य, कार्य एजेंसी तथा कार्य की वर्तमान स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा जनगणना के आंकड़ों के आधार पर जनजातीय बाहुल्य ग्राम एवं बस्तियों में कार्य कराया जाता है। किसी प्रकार के सर्वे का कार्य नहीं कराया जाता। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) अनुसूचित जनजाति वर्ग के कृषकों के कुओं तक विद्युत लाईन के विस्तार योजना से लाभांवित हितग्राहियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
पम्पों का उर्जीकरण
[अनुसूचित जाति कल्याण]
118. ( क्र. 6024 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत तीन वित्तीय वर्षों में पम्पों के उर्जीकरण योजनान्तर्गत जिला अनूपपुर अंतर्गत कितने ट्रांसफार्मर लगाये गये एवं कितने कृषकों के सिंचाई हेतु विद्युत की उपलब्धता सुनिश्चित की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ अंतर्गत लाभान्वित कृषकों की संख्या ग्रामवार उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार लाभान्वित कृषकों हेतु लगाये गये ट्रांसफार्मर के भौतिक सत्यापन किसके द्वारा कब-कब किये गये? यदि भौतिक सत्यापन हेतु मौका पंचनामा बनया गया हो तो पंचनामों की सत्यापित प्रति उपलब्ध करावें। (घ) पम्प उर्जीकरण योजना के अंतर्गत कृषकों को ट्रांसफार्मर स्वीकृत होने, परंतु भौतिकीय रूप से लाभ नहीं मिलने संबंधी कितनी शिकायतें उक्त अवधि में प्राप्त हुई? प्राप्त शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रश्नांश अवधि में योजनान्तर्गत अनूपपुर जिले में अनुसूचित जाति वर्ग के 08 कृषकों को 05 ट्रांसफार्मर तथा अनुसूचित जनजाति वर्ग के 210 कृषकों को 155 ट्रांसफार्मर, इस प्रकार 218 कृषकों को 160 ट्रांसफार्मर सिंचाई हेतु उपलब्ध कराये गये हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) योजनान्तर्गत कार्य एजेन्सी विद्युत विभाग के तकनीकी अमले द्वारा कार्यों की पूर्णता पश्चात भौतिक सत्यापन कर कृषकों को ट्रांसफार्मर हस्तान्तरित किये जाते हैं। विद्युत विभाग द्वारा भौतिक सत्यापन का पंचनामा तैयार नहीं कराया जाता है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
किसानों सिंचाई हेतु नि:शुल्क ट्रांसफार्मर, विद्युत लाईन एवं विद्युत कनेक्शन
[अनुसूचित जाति कल्याण]
119. ( क्र. 6027 ) सुश्री मीना सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति वर्ग के किसानों को सिंचाई हेतु नि:शुल्क ट्रांसफार्मर विद्युत लाईन एवं विद्युत कनेक्शन दिये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो विधानसभा क्षेत्र मानपुर जिला उमरिया के कितने किसानों को सिंचाई हेतु नि:शुल्क ट्रांसफार्मर, विद्युत लाईन एवं विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराये गये? वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार, तहसीलवार, पृथक-पृथक विवरण उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त विधानसभा क्षेत्र मानपुर के अंतर्गत अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के कितने किसानों को सिंचाई हेतु नि:शुल्क ट्रांसफार्मर, विद्युत लाईन एवं विद्युत कनेक्शन दिया जाना शेष हैं? कितने प्रकरणों में विभाग का अनुमोदन प्राप्त है? कितने प्रकरणों में विभागीय अनुमोदन के उपरांत भी कनेक्शन हेतु लंबित हैं? लंबित प्रकरणों में कब तक स्वीकृति प्रदान की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। विधानसभा क्षेत्र मानपुर जिला उमरिया में वर्ष 2013-14 से वर्ष 2016-17 तक विद्युतिकरण के कार्य की निविदा निरस्त होने एवं वर्ष 2017-18 में कार्यपालन अभियंता, मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी, उमरिया द्वारा स्वीकृत राशि वापस किये जाने के कारण योजनान्तर्गत कोई कार्य नहीं हो सका। (ख) वर्ष 2013-14 से वर्ष 2016-17 तक निविदा निरस्त होने से प्रकरण मा. न्यायालय में विचाराधीन है। मानपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2017-18 के अनुसूचित जाति से संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है एवं अनुसूचित जनजाति से संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। योजना निरंतर है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
हितग्राहियों को वनाधिकार पट्टे का वितरण
[जनजातीय कार्य]
120. ( क्र. 6028 ) सुश्री मीना सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उमरिया जिले के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र मानपुर में वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2017-18 में प्रश्न दिनांक तक कितने वनाधिकार (वन भूमि के पट्टे) के आवेदन पत्र कब से किस स्तर पर एवं क्यों लंबित हैं? (ख) क्या शासन द्वारा वन भूमि के पट्टा हेतु आवेदन करने पर रोक लगा दी गई है? यदि हाँ, तो उक्त आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वर्षों में कितने वनाधिकार (वन भूमि के पट्टे) विपरीत किये गये हैं? ग्रामवार लाभान्वित व्यक्तियों की संख्या उपलब्ध करावें। (ग) मानपुर विधानसभा क्षेत्र के सभी पात्र हितग्राहियों को कब तक पट्टे प्रदान किये जावेंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) उमरिया जिले के अन्तर्गत विधानसभा क्षेत्र मानपुर में वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 के वनाधिकार के कोई दावे निराकरण हेतु लंबित नहीं है। वर्ष 2017-18 में 319 व्यक्तिगत तथा 23 सामुदायिक मान्य दावें पी.डी.ए. सर्वे आदि कार्यवाही पूर्ण न होने से उपखण्ड स्तर पर वितरण हेतु लंबित है। (ख) जी नहीं वर्ष 2014-15 में 49 एवं वर्ष 2015-16 में 37 वन अधिकार के हक प्रमाण पत्र वितरित किये गये। वर्ष 2017-18 में कोई हक प्रमाण पत्र वितरित नहीं किया गया है। वर्षवार, ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वन अधिकार अधिनियम 2006 की कार्यवाही अर्द्ध-न्यायिक स्वरूप की होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
रजिस्ट्रार
के पद की
पूर्ति बाबत्
[वाणिज्यिक कर]
1. ( क्र. 180 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजनगर तहसील में रजिस्ट्रार का पद रिक्त है? यदि हाँ, तो क्यों? (ख) क्या किसानों/क्षेत्र के ग्रामीण जनों को रजिस्ट्रार न होने के कारण अपने कार्य हेतु परेशानी का सामना करना पड़ता है? (ग) यदि हाँ, तो रजिस्ट्रार के पद की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी नहीं। राजनगर तहसील में रजिस्ट्रार का पद स्वीकृत नहीं है। शेष प्रश्नांश (ख) एवं (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भिण्ड में संचालित छात्रावासों पद स्वीकृत किया जाना
[अनुसूचित जाति कल्याण]
2. ( क्र. 810 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में विकासखण्ड लहार एवं रौन में कहाँ-कहाँ बालक एवं बालिका छात्रावास हैं। प्रत्येक छात्रावास में बालक एवं बालिकाओं की कितनी-कितनी संख्या स्वीकृत हैं तथा दिनांक 31 जनवरी, 2018 तक कितने छात्र एवं छात्रायें निवासरत हैं? प्रत्येक छात्रावास का अलग-अलग विवरण दें। (ख) प्रत्येक बालक एवं बालिकाओं को रहन, सहन, पढ़ाई एवं भोजन आदि व्यवस्था पर प्रतिमाह कितनी राशि व्यय की जाती है तथा प्रतिवर्ष कितनी राशि प्रति छात्रावास किस-किस कार्य हेतु स्वीकृत की जाती है? (ग) उपरोक्त दोनों विकासखण्डों में स्थित किस-किस संस्था में कितने-कितने पद स्वीकृत हैं तथा स्वीकृत पद अनुसार प्रश्न दिनांक तक किस-किस संस्था में कौन-कौन पदस्थ हैं एवं कौन-कौन से पद रिक्त हैं? (घ) क्या लहार डेनिडा भवन के पास स्थित छात्रावास में मीनू अनुसार भोजन अादि सामग्री न देने की शिकायतें छात्रों के आवेदन सहित प्रश्नकर्ता ने कलेक्टर भिण्ड को अर्द्धशासकीय पत्र लिखकर जाँच कराने की मांग की थी। यदि हाँ, तो जाँच किस अधिकारी से कराई गई? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री
( श्री शिवराज
सिंह चौहान ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-
'अ' अनुसार
है।
(ख) जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-'ब' अनुसार
है।
(ग) जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-'स' अनुसार
है।
(घ) जी हाँ। शिकायत
की जाँच जिला
संयोजक, अनुसूचित
जाति तथा
जनजाति कार्य
विभाग जिला
भिण्ड से
करायी गयी।
गैर शैक्षणिक संवर्ग के कर्मचारियों को 5वें वेतनमान का लाभ नहीं दिया जाना
[अनुसूचित जाति कल्याण]
3. ( क्र. 1250 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्य कार्यपालन अधिकारी पदेन अपर आयुक्त आदिवासी विकास विभाग भिण्ड के आदेश क्र. 12/ आ.ह.क./लेखा/98/4993 भिण्ड दिनांक 26.10.1998 से अनुसूचित जाति शिक्षा समिति सिद्धपुरा (दुर्गापुर) तहसील दबोह जिला भिण्ड द्वारा संचालित उ.मा.वि. सिद्धपुरा में किस-किस पद पर किन-किन की नियुक्ति किस-किस वेतनमान में की गई? नाम पता सहित विवरण दें? (ख) क्या आयुक्त अनुसूचित जाति विकास म.प्र. भोपाल द्वारा अवमानना याचिका क्र. 557/2017 के संबंध में अनुदान प्राप्त संस्थानों के गैर शैक्षणिक संवर्ग के दिनांक 22.1.1996 के पश्चात् नियुक्त 11 कर्मचारियों को 5वें वेतनमान का लाभ दिए जाने हेतु प्रशासकीय स्वीकृति की कार्यवाही बाबत् निर्देशित किया गया था? यदि हाँ, तो कर्मचारियों की सूची दें? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आदेश क्रमांक से उ.मा.वि. सिद्धपुरा में श्री अनिल कुमार शर्मा, क्राफ्ट शिक्षक सहित तीन अन्य कर्मचारियों को 5वें वेतनमान के लाभ से वंचित रखा गया जबकि इसी आदेश के सरल क्र. 3 से 7 पर अंकित कर्मचारियों को 5 वें वेतनमान का लाभ दिया गया है? यदि हाँ, तो क्यों तथा क्या इसका परीक्षण कर शेष कर्मचारियों को भी 5वें वेतनमान का लाभ दिया जाएगा? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश के संबंध में कोई निर्देश कार्यालय आयुक्त, अनुसूचित जाति विकास द्वारा नहीं दिये गये। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वाणिज्य कर वसूली से आय
[वाणिज्यिक कर]
4. ( क्र. 1295 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में म.प्र. दुकान स्थापना के तहत पंजीकृत स्वल्पाहार दुकानों को वाणिज्यकर के दायरे में रखा गया है? यदि हाँ, तो इनसे कितने प्रतिशत वाणिज्यकर वसूलने का प्रावधान है? (ख) क्या अपंजीकृत दुकानों को इससे छूट दी गई है? यदि नहीं, तो क्या प्रदेश में ऐसे सैकड़ों व्यावसियों द्वारा वाणिज्यकर की चोरी की जा रही है? नगरीय क्षेत्रों में इनकी मॉनीटरिंग की जिम्मेदारी किसकी है? (ग) क्या वाणिज्यकर एवं खाद्य विभाग संयुक्त मुहिम के माध्यम से ऐसे कर चोरी करने वाले दुकानों से वाणिज्यकर वसूलने का अभियान आरंभ करेगा, ताकि शासन के राजस्व/आय में वृद्धि हो? (घ) शासन को अब तक हुए राजस्व नुकसान के लिए कौन जिम्मेदार है? क्या इन विभागों पर शासन स्तर से कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) मध्यप्रदेश वेट अधिनियम के अंतर्गत पारंपरिक मिठाई, नमकीन, चाट, पकौड़ी, समोसा, कचौरी, दहीबड़ा, पोहा, साबूदाना, खिचड़ी, खमण एवं कुक्ड फूड पर कर की दर 5 प्रतिशत रही है तथा विक्रय की सीमा 10 लाख थी। 01 जुलाई, 2017 से जी.एस.टी. विधान लागू हो गया है, जिसमें पंजीयन हेतु विक्रय की सीमा 20 लाख निर्धारित है। जी.एस.टी. के अन्तर्गत पंजीयत होने की स्थिति में ऐसे करदाताओं पर जी.एस.टी. के अन्तर्गत अधिसूचित कर दरों के अनुसार करदेयता आती है। (ख) एवं (ग) 20 लाख से अधिक विक्रय होने पर जी.एस.टी. के तहत पंजीयन अनिवार्य है। जी.एस.टी. के तहत पंजीयत करदाताओं द्वारा देय जी.एस.टी. का भुगतान नहीं करने पर केन्द्र सरकार तथा राज्य सरकार के अधिकारी विधि अनुसार कार्यवाही के लिए अधिकृत है। शिकायत मिलने पर विधान के प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जाती है। (घ) विधान के तहत पंजीयत करदाताओं द्वारा विधिक प्रावधानों के अनुसार देयकरों का भुगतान विहित समयावधि में किया जाता है। कर का भुगतान नहीं होने की स्थिति में विभागीय अधिकारियों द्वारा प्रावधानों के अनुसार कर जमा कराने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाती है। अत: राजस्व नुकसान की स्थिति नहीं बनने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
दैनिक वेतन कर्मचारी की सेवाओं के संबंध में
[सामान्य प्रशासन]
5. ( क्र. 1567 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय भोपाल के आदेश क्र.एफ -5-4/69/1/वे.आ.प्र./2000 दिनांक 14/02/2000 में शासन के समस्त विभागों के साथ-साथ पैरा 05 के अंतर्गत निगम मण्डल के दैनिक वेतन कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त की गयी थीं? (ख) क्या म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्र. एफ-5-4/2003/एक/3 दिनांक 21/01/2004 के तहत शासन समस्त विभागों के दैनिक वेतन कर्मचारियों की बहाली की गयी थी? यदि हाँ, तो पैरा 05 के तहत निगम मण्डलों की बहाली आदेश जारी क्यों नहीं किये गये? (ग) क्या म.प्र. गृह निगम मण्डल के लगभग 712 दैनिक वेतन कर्मचारी की सेवाएं समाप्त की गयी थी? जिन्हें आज दिनांक तक बहाल नहीं किया गया? उक्त हटाये गये कर्मचारियों को कब बहाल/सेवा में रखा जायेगा? (घ) यदि म.प्र. शासन के सभी विभागो के दैनिक वेतन कर्मचारियों को बहाल किया गया, किन्तु म.प्र. गृह निगम मण्डल के लगभग 712 कर्मचारी के साथ भेद भाव क्यों अपनाया गया?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। दिनांक 21 जनवरी, 2004 को जारी परिपत्र के तहत सेवा में पुन: बहाली का अन्तिम निर्णय प्रशासकीय विभाग का है। (ग) एवं (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
औंकारेश्वर परियोजना में डूबे घाट का अन्यत्र स्थान पर घाट निर्माण किये जाने
[नर्मदा घाटी विकास]
6. ( क्र. 1769 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के बागली विकासखण्ड सें मॉ नर्मदा धाराजी से निकलती थी, '' धाराजी'' घाट अति प्राचीन एवं धार्मिक दृष्टि से महत्व रखता था। औंकारेश्वर परियोजना में बांध के निर्माण से बेक वाटर के कारण यह घाट पूर्ण रूप से डूब चुका था, क्षेत्र एवं देवास जिले की संस्थाओं राजनैतिक दलों व धर्म प्रेमी जनता द्वारा घाट निर्माण की मांग शासन से करता रहा है। (ख) क्या उक्त घाट को अन्यत्र स्थान पर बनाये जाने हेतु शासन की योजना है? अगर हाँ तो कब तक बनाया जावेगा?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) घाट निर्माण की कोई योजना नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
एकीकृत बाल विकास सेवा योजना में पदों की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
7. ( क्र. 1807 ) श्री राजेश सोनकर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) एकीकृत बाल विकास सेवा योजना में वर्तमान में कितने पद स्वीकृत एवं रिक्त हैं? संवर्ग वार बताऐं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या परियोजना अधिकारी और पर्यवेक्षक संवर्ग के अनेक पद परियोजना/फील्ड में रिक्त हैं? जिससे परियोजना के कार्य प्रभावित हो रहे हैं? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त स्थिति होने पर भी अनेक परियोजना अधिकारी ओर पर्यवेक्षक अपने संवर्ग से भिन्न पदों पर परियोजना/फील्ड के बजाय भोपाल स्थित कार्यालयों में कई साल से पदस्थ किये गए हैं? नामवार जानकारी देवें? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में परियोजना अधिकारियों और पर्यवेक्षकों को अपने संवर्ग के मूल पदों पर परियोजना/फील्ड में कब तक पदस्थ कर दिया जायेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) एकीकृत बाल विकास सेवा योजना में वर्तमान में स्वीकृत एवं रिक्त पदों की जानकारी संवर्गवार संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में परियोजना अधिकारी के 86 और पर्यवेक्षक के 565 पद परियोजन/ फील्ड में रिक्त है। परियोजना में पदस्थ अन्य अमले से कार्य संपादित कराये जाने से कार्य प्रभावित नहीं हो रहा है। (ग) विभाग के आदेश क्रमांक एफ 1 (ए) 60/2014/50-1 दिनांक 08/04/2015 द्वारा परियोजना अधिकारी एवं पर्यवेक्षक के 08-08 पद दोनों संचालनालयों में प्रतिस्थापित किये गये हैं, जिसके परिप्रेक्ष्य में दोनों संचालनालयों में तथा निगम/आयोग में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ परियोजना अधिकारी एवं पर्यवेक्षकों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। (घ) परियोजना अधिकारियों के 08 पदों तथा पर्यवेक्षकों के 08 पदों को प्रशासकीय कार्यसुविधा की दृष्टि से प्रतिस्थापित करते हुये उक्त पदों पर परियोजना अधिकारियों तथा पर्यवेक्षकों को पदस्थ किया गया है। अत: संबंधितों को फील्ड में पदस्थ करने की समयावधि देना संभव नहीं है।
निलंबितकर्मिंयों को किन स्थान पर बहाल किया
[जनजातीय कार्य]
8. ( क्र. 2664 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013 से वर्ष 2017 तक खरगोन जिले में सहायक आयुक्त द्वारा कब-कब, किस सहायक अध्यापक, अध्यापक वरिष्ठ अध्यापक, सहायक शिक्षक, शिक्षक, उच्च श्रेणी शिक्षक को किन कारणों से निलंबित किया गया? नाम, पद, स्थान, विकासखण्ड सहित सूची देवें। निलंबन अवधि तथा निलंबन अवधि में निर्धारित मुख्यालय भी बतायें। (ख) उक्त निलंबितकर्मियों को कब-कब, किन स्थान पर बहाल किया गया? नाम, पद, स्थान, विकासखण्ड सहित सूची देवें वर्तमान में कितने प्रकरण बहाली हेतु किन कारणो से कब से लंबित हैं? नाम व पद सहित सूची देवें। (ग) निलंबन एवं बहाली संबंधी विभागीय निति/निर्देश की प्रति देवें। निलंबन के बाद अन्य विकासखण्ड में बहाली का कारण बताये? यदि इस संबंध में कोई गाईड लाईन है तो प्रति देवें। (घ) वर्तमान में दो बार या इससे अधिक बार निलंबित कर्मियों की सूची नाम, पद सहित देवें। सहायक आयुक्त द्वारा निलम्बन तथा सहायक आयुक्त द्वारा ही बहाली वाले प्रकरणों की सूची नाम व पद सहित देवें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ग) निलंबन एवं बहाली के संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी निर्देश विभाग में लागू होते हैं, पृथक से कोई विभागीय निर्देश नहीं हैं। (घ) दो बार निलंबित कर्मचारी की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। शेषांश का उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है।
विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत ट्रांसफार्मर लगाने
[ऊर्जा]
9. ( क्र. 2703 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पनागर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत हिनौतिया बारहा, तिवारीखेड़ा, कालाडूमर, मोहनिया एवं अन्य 09 ग्रामों में स्थापित ट्रांसफार्मर में लोड अधिक होने के कारण उचित वोल्टेज नहीं मिल रहा है? (ख) क्या उपभोक्ताओं की संख्या बढ़ने के बावजूद नये ट्रांसफार्मर नहीं लगाये गये? (ग) क्या प्रश्नांश (क) के अंतर्गत ग्रामों में नये ट्रांसफार्मर लगाये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) पनागर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम तिवारीखेड़ा एवं आसपास के 9 ग्रामों में वोल्टेज की वर्तमान में कोई समस्या परिलक्षित नहीं हुई है तथापि ग्राम कालाडूमर, हिनौतिया बारहा एवं मोहनिया में शीर्ष मांग की अवधि में वोल्टेज की समस्या संज्ञान में आयी है, जिसके निराकरण के लिये ग्राम कालाडूमर में स्थापित 25 के.व्ही.ए. क्षमता के 2 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि का कार्य वर्ष 2018-19 की कार्य योजना में शामिल किया जाना प्रस्तावित है, ग्राम हिनौतिया बारहा में स्थापित 63 के.व्ही.ए. क्षमता के 01 वितरण ट्रांसफार्मर को लोड सेन्टर पर स्थापित करने हेतु प्राक्कलन स्वीकृत कर दिया गया है तथा यह कार्य 31 मार्च, 2018 तक पूर्ण कर लिया जायेगा एवं ग्राम मोहनिया में 100 के.व्ही.ए. क्षमता का एक अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत स्थापित किये जाने हेतु स्वीकृत है तथा यह कार्य दिसम्बर 2018 तक पूर्ण किया जाना संभावित है। उक्त कार्यों के पूर्ण होने पर इन ग्रामों में वोल्टेज की समस्या दूर हो जाएगी। (ख) वितरण कंपनी द्वारा प्रत्येक वर्ष भविष्य में विद्युत भार में संभावित वृद्धि का आंकलन कर आवश्यकतानुसार नये वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित करने तथा स्थापित वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि के कार्य कराये जाते हैं। पनागर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2017-18 में फरवरी-18 तक 2 नये वितरण ट्रांसफार्मर लगाए गए हैं तथा 27 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि की गई है। (ग) जी हाँ उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार प्रश्नांश में उल्लेखित 3 ग्रामों में आवश्यकता के अनुरूप वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना का कार्य किया जायेगा, जिसे उत्तरांश (क) में उल्लेखित समयावधि में करने के प्रयास किये जायेंगे।
पनागर के अंतर्गत मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना के क्रियान्वयन
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
10. ( क्र. 2704 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पनागर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत म.प्र. शासन द्वारा मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना प्रारंभ की गई है? जिसमें कृषकों को 90 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है? (ख) वर्ष 2016-17 से वर्तमान तक सोलर पंप लगावाने हेतु कितने कृषकों ने आवेदन किया है? संख्या बतावें। (ग) प्राप्त आवेदनों में से कितने आवेदन निरस्त किये गये? निरस्त करने का क्या कारण है?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जी हाँ। 1 से 3 एच.पी. तक 90% अनुदान, 3 एच.पी. से 5 एच.पी. तक 85% तथा 7.5 एच.पी. एवं 10 एच.पी. के सोलर पम्पों पर अधिकतम 5 एच.पी. सोलर पम्प का अनुदान दिया जाता है। (ख) पनागर विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत कुल 118 किसानों द्वारा आज दिनांक तक आवेदन किये गये हैं, जिसमें प्रथम चरण में कुल 87 नग एवं द्वितीय चरण में 31 नग किसानों द्वारा आवेदन किये गये है। (ग) जी नहीं। कोई आवेदन निरस्त नहीं किये गये हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शिकायतों का निराकरण नहीं करने वालो के विरूद्ध कार्यवाही
[वित्त]
11. ( क्र. 3008 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संचालनालय कोष एवं लेखा म.प्र. भोपाल ने अपने पत्र क्र. स्था./वि.क./2012/3327 दिनांक 19.11.2012 को अपने कार्यालय से जारी किया है। यदि हाँ, तो उक्त पत्र के सम्बन्ध में अब तक क्या कार्यवाही हुई है? अवगत कराया जावे। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित पत्र क्रमांक के सम्बन्ध में की गई जाँच रिपोर्ट को शिकायतकर्ता श्री मुन्नालाल बंसल से नि.प्र.अ. विजयपुर जिला श्योपुर को अब तक क्यों उपलब्ध नहीं कराई गई? (ग) क्या C.M. हेल्प लाइन 3185877/13.1.2017 प्रचलन में है। 10 माह से अधिक समय बीत जाने के बावजूद भी शिकायत को L1 से L2 तथा L2 से L1 में ही घुमाया जा रहा है L3 तक आज तक नहीं पहुचाया गया है, यदि हाँ, तो ऐसा क्यों? (घ) क्या शासन शिकायत का अवलोकन कर प्रश्नांश (ग) में वर्णित C.M. हेल्प लाइन 3185877 को L3 तक नहीं पहुंचाने वाले L1 व L2 अधिकारी के प्रति कोई कार्यवाही करेगा तथा उपरोक्त शिकायत को कब तक L3 तक पहुंचा दिया जावेगा एवं सम्बन्धित शिकायतकर्ता को कब तक जाँच रिपोर्ट उपलब्ध कराई जा सकेगी।
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी नहीं। पत्र दिनांक 16.11.2012 को जारी किया गया है। शिकायतकर्त्ता को शिकायत की पुष्टि हेतु उपस्थित होकर पक्ष रखने हेतु बुलाया गया, उपस्थिति न होने से जाँच में आगे कार्यवाही नहीं हो सकी। (ख) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) प्रकरण में कार्यवाही करते हुए की गई कार्यवाही से आवेदक को दिनांक 06.12.2012 को अवगत कराया गया। पत्र स्पीड पोस्ट से प्रेषित किया गया है। अत: शेष कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विद्युतविहीन ग्रामों की जानकारी
[ऊर्जा]
12. ( क्र. 3149 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले की चन्दला विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक कितने विद्युतविहीन ग्राम हैं? जहां विद्युतीकरण होना शेष है? सूचीवार जानकारी देवें। (ख) विगत 2 वर्षों में प्रश्नकर्ता द्वारा अधीक्षण यंत्री व कार्यपालन यंत्री विद्युत विभाग जिला छतरपुर को कितने पत्र लिखे गये? उन पर समय-सीमा में क्या कार्यवाही की गयी एवं उक्त पत्रों पर की गयी कार्यवाही की सूचना समय-सीमा में प्रश्नकर्ता को क्यों नहीं दी गयी? यदि दी गयी है तो प्रश्नकर्ता के पत्रों पर की गयी कार्यवाही की सत्यप्रतिलिपि व पावती की प्रति भी उपलब्ध करावें? (ग) अधीक्षण यंत्री विद्युत विभाग जिला छतरपुर को लिखे पत्र क्रमांक 641 दिनांक 10.7.17 को चन्दला विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत विद्युतविहीन ग्रामों में विद्युत व्यवस्था स्वीकृत के संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी है? कार्यवाही की सत्यप्रतिलिपि उपलब्ध करावें। (घ) मान.सांसद/विधायकों के पत्रों पर समय-सीमा में कार्यवाही न करने पर शासन द्वारा दोषी अधिकारी/कर्मचारी पर क्या कार्यवाही की जावेगी एवं कब तक समय-सीमा बतावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जिला छतरपुर के विधानसभा क्षेत्र चन्दला के अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक कोई भी ग्राम विद्युतीकरण हेतु शेष नहीं है। अतः प्रश्न नहीं उठता। (ख) विगत 2 वर्षों में माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा प्रेषित 10 पत्र अधीक्षण यंत्री (संचा-संधा)/ कार्यपालन अभियंता (संचा-संधा), छतरपुर कार्यालय को प्राप्त हुये है। उक्त पत्रों पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। प्राप्त पत्रों में ग्रामीण विद्युतीकरण, 11 के.व्ही. लाईन की शिफ्टिंग, बिल में सुधार संबंधी कार्य सम्मिलित होने के कारण क्षेत्रीय अधिकारियों से जानकारी एकत्रित करने एवं की गई कार्यवाही की जानकारी माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय को प्रेषित करने में विलम्ब हुआ है। प्रश्नाधीन सभी पत्रों की प्रति सहित उन पर की गई कार्यवाही को सत्यापित प्रतिलिपि एवं प्राप्त पावती की छाया प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब-1' से 'ब-10' एवं 'ब-11' से 'ब-20' में दर्शाये अनुसार है। (ग) अधीक्षण अभियंता (संचा-संधा), छतरपुर को नहीं अपितु ऊर्जा मंत्री को विधानसभा क्षेत्र चन्दला क्षेत्र के विद्युतविहीन ग्रामों में विद्युत व्यवस्था के संबंध में प्रेषित पत्र क्र. 641 दिनांक 10.07.17 में शामिल कार्यों में की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार निम्नानुसार की गई कार्यवाही के परिप्रेक्ष्य में किसी अधिकारी/ कर्मचारी के दोषी होने अथवा किसी के विरुद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
अनुभाग स्तर पर बैठक न बुलाये जाने
[सामान्य प्रशासन]
13. ( क्र. 3150 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तीन माह में जिले के प्रत्येक अनुभाग स्तर के सभी विभागों के अधिकारियों/कर्मचारियों की बैठक कराये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो नियम की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या उक्त संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा कलेक्टर जिला छतरपुर को पत्र क्रमांक 910 दिनांक 08/02/18 लिखा गया एवं उक्त पत्र में लवकुशनगर अनुभाग में विगत एक वर्ष से बैठक नहीं होने का उल्लेख भी किया गया है? (ग) जिला छतरपुर के कलेक्टर महोदय को सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा व शासन द्वारा जारी किये गये समस्त निर्देशों की छायाप्रति कब तक उपलब्ध करायी जावेगी, ताकि उनको अग्रिम कार्यवाही करने में सुविधा हो सके एवं समय-सीमा में सभी कार्य संपादित हो सकें? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार यदि उक्त निर्देश जिला कलेक्टर को उपलब्ध करा दिये गये है तो मान. सांसद/विधायकों के पत्रों पर समय-सीमा में कार्यवाही न करने पर शासन द्वारा दोषी अधिकारी/ कर्मचारी पर क्या कार्यवाही की जावेगी एवं कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। निर्देश की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) जी हाँ। (ग) एवं (घ) कलेक्टर छतरपुर के पास निर्देश उपलब्ध है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन अधिकार कानून 2006 की धारा 4 (2) क एवं धारा 6 के अंतर्गत
[जनजातीय कार्य]
14. ( क्र. 3159 ) श्री प्रताप सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी, 2008 से लागू वन अधिकार कानून 2006 में पार्क और अभ्यारण की सीमा में आने वाले ग्रामों और ग्रामवासियों के सबंध में धारा 4 (2) क एवं धारा 6 में क्या प्रावधान दिया है? इसके अनुसार नौरादेही अभ्यारण एवं पचमढ़ी पार्क की सीमा में आने वाले किस राजस्व ग्राम एवं किस वनग्राम में वनाधिकार समिति का गठन किया गया? (ख) दिसंबर 2017 तक किस ग्राम में कितने आदिवासियों एवं कितने गैर आदिवासियों के कितनी-कितनी भूमि के कितने दावे प्राप्त हुए, उनमें से कितनी भूमि के कितने दावे मान्य एवं अमान्य किए? कितने दावे लंबित हैं? (ग) वन भमि पर अतिक्रमण से संबंधित राजस्व विभाग की मौजाबार पंजी, प्रकरण पंजी, अतिक्रमण पंजी में दर्ज कौन-कौन से ब्यौरे एवं वन विभाग की सर्वे रिपोर्ट, ब्लॉक हिस्ट्री एवं वन ग्रामों की खसरा पंजी, अतिक्रमण पंजी में दर्ज कौन-कौन से ब्यौरे प्रश्नांकित दिनांक तक ग्राम सभा एवं ग्राम पंचायत को उपलब्ध करवाएं, यदि ब्यौरे उपलब्ध नहीं करवाए गए हो तो उसका कारण बतावें। (घ) बडे झाड़, छोटे झाड़ के जंगल मद अतिक्रमित भूमियों एवं संरक्षित वन असीमांकित वन, नारगी वन भूमि के अतिक्रमण से संबंधित ब्यौरे कब तक ग्राम संभा एवं ग्राम पंचायत को उपलब्ध करवाए जावेगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 के तहत धारा 4 (2) क एवं धारा 6 में निहित प्रावधान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। शेष कार्यवाही की गयी है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) एवं (घ) वन विभाग एवं आदिम जाति कल्याण विभाग जारी निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। अभिलेख ग्रामसभा एवं ग्राम पंचायत को चाहे जाने पर उपलब्ध कराये जाते है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जिलों में लोकायुक्त के दर्ज प्रकरण
[सामान्य प्रशासन]
15. ( क्र. 3407 ) श्री पन्नालाल शाक्य : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014, 2015, 2016 एवं वर्ष 2017 के दरमियान अशोकनगर, गुना जिले में लोकायुक्त टीम ने ट्रेप के प्रकरण कब-कब तथा किस-किस के विरूद्ध पंजीबद्ध किये गये हैं? नामवार, पदवार जानकारी देवें। इन प्रकरणों में चालान प्रस्तुत कर दिये जाने संबंधी अनुमति किस-किस विभाग ने दी है? अनुमति प्रदान विषयक पत्रों की प्रतियां उपलब्ध करावें? (ख) सहकारी निरीक्षक महेन्द्र जैन के ट्रेप अपराध क्र. 167/2016 दिनांक 24.05.2016 में न्यायालय में चालान पेश कर दिये जाने की अनुमति सहकारिता विभाग ने दे दी है अथवा नहीं? अनुमति दे दी है तो चालान न्यायालय में प्रस्तुत नहीं करने के पीछे क्या कारण हैं? (ग) जिला अशोकनगर में सहकारी बैंक शाखा अशोकनगर अंतर्गत 18 फर्जी चैकों से राशि 2547835/- रुपये फर्जी भुगतान के संबंध में सिटी कोतवाली अशोकनगर में दिये प्रथम आवेदन की प्रति उपलब्ध करावें एवं एफ.आई.आर. की प्रति भी देवें। यदि दोषियों के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज नहीं हुई तो कारण बतावें? सिद्ध दोष अपराध आज दिनांक तक चालान पेश न करना, गिरफ्तारी कार्यवाही नहीं करने के पीछे कौन-कौन दोषी हैं और दोषियों के खिलाफ क्या कार्यवाही करेंगे और कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'क' 'ख' एवं 'ग' अनुसार है। (ख) जी हाँ। सहकारिता विभाग के पत्र दिनांक 11/01/2018 द्वारा अभियोजन स्वीकृति प्रदान की गई है। माननीय विशेष न्यायालय जिला अशोक नगर के समक्ष दिनांक 09/02/2018 को चालान प्रस्तुत किया जा चुका है। (ग) प्रथम आवेदन एवं एफ.आई.आर. की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'घ' एवं 'च' अनुसार है। प्रकरण में एफ.आर. क्रमांक 63/16 दिनांक 29/11/2016 को कता की गई है, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'ड' अनुसार है।
ऊर्जा विभाग के लंबित भुगतान की वसूली
[ऊर्जा]
16. ( क्र. 3965 ) श्री प्रताप सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन के ऊर्जा विभाग के मुख्य अभियंता विद्युत सुरक्षा एवं मुख्य विद्युत निरीक्षक तीसरी मंजिल सतपुड़ा भवन भोपाल के द्वारा उनके पत्र क्र. 497 दिनांक 20.12.2016 द्वारा मेसर्स- बी.एल.ए. पावर प्रायवेट लिमि. तह. जिला नरसिंहपुर म.प्र. को उनके द्वारा उपयोग किए गए जनरेटर सेट से उत्पादित यूनिटों पर कुल विद्युत शुल्क रूपयें 1,32,88,70,085.64 अर्थात एक सौ बत्तीस करोड़ अठासी लाख सत्तर हजार पच्चासी रूपए चौसठ पैसे एवं कुल देयक उपकर की राशि रूपये 25,64,49,972.76 अर्थात पच्चीस करोड़ चौसठ लाख उन्चास हजार नौ सौ बहत्तर रूपये छियत्तर पैसे का डिमांड लेटर भेजा गया था? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त डिमांड लेटर के आधार पर मेसर्स- बी.एल.ए. पावर प्रायवेट लिमि. तह. जिला नरसिंहपुर म.प्र. से कितनी राशि शासकीय कोषालय में जमा करवाई गई? दस्तावेज प्रदान करें? यदि राशि जमा नहीं कराई गई तो क्यों नहीं? (ग) यदि राशि कोषालय में जमा नहीं कराई गई तो इसके लिए कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार हैं? जिनके विरूद्ध शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? कार्यवाही से संबंधित विवरण प्रदान करें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) ऊर्जा विभाग के अंतर्गत मुख्य अभियंता (विद्युत सुरक्षा) एवं मुख्य विद्युत निरीक्षक, म.प्र. शासन के पत्र क्रमांक 496 दिनांक 20-12-2016 (पत्र क्रमांक 497 दिनांक 20.12.2016 नहीं) द्वारा मेसर्स बी.एल.ए. पावर प्रायवेट लिमि. तहसील जिला नरसिंहपुर म.प्र. को उनके द्वारा उपयोग किए गए जनरेटर सेट से उत्पादित यूनिटों पर कुल विद्युत शुल्क रू. 1,32,88,70,085.64 एवं कुल देय उपकर की राशि रू. 25,64,49,972.76 की मांग हेतु लेख किया गया है। (ख) मेसर्स बी.एल.ए. पावर प्रायवेट लिमि. तहसील जिला नरसिंहपुर द्वारा चालान/ई पेमेंट के माध्यम से निम्नानुसार राशि जमा की गई है:-
(राशि रू. में)
क्र. |
चालान क्रमांक/ई पेमेंट |
दिनांक |
राशि |
विवरण |
|
11 |
19-11-2016 |
5,09,025 |
विद्युत शुल्क |
|
10 |
19-11-2016 |
3,84,039 |
उपकर |
|
53 |
22-11-2017 |
53 |
विद्युत शुल्क |
|
7 |
29-11-2016 |
18 |
उपकर |
|
10 |
03-02-2017 |
5,00,000 |
विद्युत शुल्क |
|
9 |
03-02-2017 |
5,00,000 |
उपकर |
|
9 |
21-04-2017 |
38 |
विद्युत शुल्क |
|
8 |
21-04-2017 |
7 |
उपकर |
|
37 |
21-04-2017 |
6,649 |
विद्युत शुल्क |
|
38 |
21-04-2017 |
5,404 |
उपकर |
|
ई-पेमेंट चालान |
24-04-2017 |
15,827 |
विद्युत शुल्क |
|
ई-पेमेंट चालान |
24-04-2017 |
8,096 |
उपकर |
|
ई-पेमेंट चालान |
06-10-2017 |
8,00,000 |
विद्युत शुल्क |
|
ई-पेमेंट चालान |
06-10-2017 |
2,00,000 |
उपकर |
|
ई-पेमेंट चालान |
08-11-2017 |
4,00,000 |
विद्युत शुल्क |
|
ई-पेमेंट चालान |
08-11-2017 |
1,00,000 |
उपकर |
|
ई-पेमेंट चालान |
12-12-2017 |
4,00,000 |
विद्युत शुल्क |
|
ई-पेमेंट चालान |
12-12-2017 |
1,00,000 |
उपकर |
|
ई-पेमेंट चालान |
11-01-2018 |
4,00,000 |
विद्युत शुल्क |
|
ई-पेमेंट चालान |
11-01-2018 |
1,00,000 |
उपकर |
|
ई-पेमेंट चालान |
17-02-2018 |
4,00,000 |
विद्युत शुल्क |
|
ई-पेमेंट चालान |
17-02-2018 |
1,00,000 |
उपकर |
कुल विद्युत शुल्क रू. 34,31,592/-
कुल उपकर रू. 14,97,564/-
उक्त चालानों/ई-पेमेंट चालान की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। उपभोक्ता से शेष विद्युत शुल्क एवं उपकर की वसूली की कार्यवाही जारी है। (ग) मेसर्स बी.एल.ए. से वसूली की प्रक्रिया चल रही है, अत: कोई अधिकारी जिम्मेदार नहीं है।
वरिष्ठ कार्यालय के आदेशों का पालन कराने
[ऊर्जा]
17. ( क्र. 4114 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा अधीक्षण अभियंता (संचा./संधा.) म.पू.क्षे.वि.वि.कं. लिमि रीवा को अपने पत्र क्रमांक क्यू दिनांक 29.12.2017 से विधानसभा क्षेत्र मऊगंज अन्तर्गत 11वीं पंचवर्षीय योजना में राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना में 16 अविद्युतीकृत ग्रामों में विद्युतीकरण एवं 140 ग्रामों में सघन विद्युतीकरण के विधानसभा तारांकित प्रश्न क्रमांक 4209 उत्तर दिनांक 03.03.2016 की समीक्षा के तहत ब्लाक मऊगंज के ग्राम पंचायत मुदरिया चौवान, बरयांकला, भाठी सेंगर, बरहटा, मऊबगदरा, हिड़वार, उमरी श्रीपति, के सघन बस्ती में विद्युतीकरण किये जाने का पत्र लिखा गया था? (ख) यदि हाँ, तो क्या अधीक्षण अभियंता द्वारा कार्यपालन अभियंता (डी.आर.सी.) म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.कं.लि. रीवा को पत्र लिखकर पृष्ठांकित पत्र क्र. 053-10/10/समय-सीमा/9363 रीवा दिनांक 03.01.2018 एवं पृष्ठांकित पत्र क्र. 053-10/10/समय-सीमा/9365 रीवा दिनांक 03.01.2018 लिखा गया है? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के प्रकाश में यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) के प्रकाश में क्या उल्लेखित सभी बिन्दुओं पर अमल किया गया? यदि हाँ, तो विवरण उपलब्ध करावें? अमल के समय प्रश्नकर्ता या प्रश्नकर्ता का प्रतिनिधि की उपस्थिति में सर्वे का कार्य कराया गया? यदि हाँ, तो सहमत पत्र उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो क्यों? उपरोक्त कृत्य के लिये कौन जिम्मेदार हैं? जिम्मेदार के विरूद्ध क्या कब तक कार्यवाही की जावेगी? उपस्थिति में सर्वे कराया जाकर कार्य कब तक पूर्ण किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्या अधीक्षण अभियंता के आदेश का पालन कनिष्ठ अधिकारी/कर्मचारी द्वारा नहीं किया जाता है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा पत्र क्रमांक क्यू दिनांक 29.12.17 के माध्यम से अधीक्षण अभियंता (संचा/संधा), म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.कं.लि., रीवा को विधानसभा क्षेत्र मऊगंज के अंतर्गत विकासखण्ड मऊगंज की ग्राम पंचायत मुदरिया चौबान, बरयांकला, भाठीसेंगर, बरहटा, मऊबगदरा एवं हिडवार, में विद्युतीकरण किये जाने हेतु पत्र प्रेषित किया गया था। उमरी श्रीपति का उक्त पत्र में उल्लेख नहीं है तथापि पूर्व विधानसभा सत्र के प्रश्न क्रमांक 4209, दिनांक 3.3.16 के उत्तर में उमरी श्रीपति का उल्लेख है। (ख) जी हाँ, प्रश्नाधीन उल्लेखित पत्रों की सत्य प्रतिलिपि संलग्न परिशिष्ट के क्रमश: प्रपत्र-''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ग) 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में विकासखण्ड मऊगंज की ग्राम पंचायत मुदरिया चौबान, बरयांकला, भाठीसेंगर, बरहटा, मऊबगदरा, हिडवार एवं उमरी श्रीपति के 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाले मजरों/टोलो/बस्तियों में विद्युतीकरण का कार्य संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार पूर्ण किया जा चुका है। (घ) जी हाँ, उत्तरांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित सभी कार्य 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के प्रावधानानुसार पूर्ण कर लिये गये है। योजनांतर्गत सर्वे का कार्य अनुबंध की शर्तों के अनुसार ठेकेदार एजेन्सी द्वारा किया जाता है। योजना के सर्वे कार्य माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय अथवा उनके प्रतिनिधि की उपस्थिति में कराये जाने में संभावित विलंब के दृष्टिगत यह व्यवहारिक नहीं है। अतः सहमति पत्र प्राप्त करने का प्रश्न नहीं उठता। उक्त परिप्रेक्ष्य में किसी के जिम्मेदार होने अथवा किसी के विरुद्ध कार्यवाही करने एवं सर्वे कार्य की उक्त निर्धारित प्रक्रिया में किसी प्रकार का परिवर्तन करने का प्रश्न नहीं उठता तथापि किसी स्थान विशेष से संबंधित कार्य संज्ञान में लाए जाने पर माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय अथवा उनके प्रतिनिधि की उपस्थित में सर्वे कराया जा सकता है। अधीक्षण अभियंता के आदेशों का अधीनस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा पालन किया जाता है।
दीनदयाल उपाध्याय विद्युतीकरण योजना
[ऊर्जा]
18. ( क्र. 4115 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र मऊगंज के सभी ग्रामों के मजरो, टोलों/ग्रामों/बस्तियों को दीनदयाल उपाध्याय विद्युतीकरण योजना में शामिल किया गया हैं? यदि हाँ, तो ग्रामों के मजरों, टोलों/ग्रामों/ बस्तियों की सूची ब्लाकवार उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में यदि कोई स्थान छूट गया है, तो उसे जोड़ने का क्या प्रावधान हैं? (ग) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में क्या सौभाग्य योजना में मजरा/टोला/बस्तियों को शामिल किया गया हैं? यदि हाँ, तो सूची उपलब्ध करावें? (घ) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में क्या विद्युत उपकेन्द्र भी स्वीकृत हैं? यदि हाँ, तो नाम बतावें? कहाँ-कहाँ निविदा अनुबन्ध की प्रति उपलब्ध करावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं, दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र मऊगंज के ग्रामों के मजरों/टोलों/बस्तियों के विद्युतीकरण का कार्य स्वीकृत/प्रस्तावित नहीं है। (ख) वर्तमान में छूटे हुए मजरों/टोलों/बस्तियों के विद्युतविहीन घरों को सौभाग्य योजना में विद्युतीकृत किये जाने का प्रावधान है। (ग) जी हाँ, विधानसभा क्षेत्र मऊगंज के सौभाग्य योजना के अंतर्गत शामिल ऐसे ग्रामों की विकासखण्डवार सूची, जिनके मजरों/टोलों/बस्तियों में विद्युतीविहीन घरों के विद्युतीकरण का कार्य किया जाना प्रस्तावित है, पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में विधानसभा क्षेत्र मऊगंज में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत किसी भी 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र का कार्य स्वीकृत नहीं है।
आवास भत्ता योजना अंतर्गत फर्जी विद्यार्थियों को राशि का वितरण
[जनजातीय कार्य]
19. ( क्र. 4197 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-15 से वर्ष 2017-18 की स्थिति में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा जबलपुर में संचालित किन-किन योजनांतर्गत कितनी-कितनी राशि वर्षवार आवंटित की गई है एवं कितनी-कितनी राशि व्यय हुई है? इन योजनाओं में से विद्यार्थियों के कल्याण के लिए संचालित किन-किन योजनाओं में कितनी-कितनी राशि का उपयोग नहीं किया एवं किन-किन योजनांतर्गत कितनी राशि का वितरण नहीं किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) में आवास भत्ता योजना के तहत जबलपुर जिले के बाहर किन-किन जिलों के जबलपुर में अध्ययनरत् अनूसूचित जाति एवं जनजाति के कितने विद्यार्थियों को आवास भत्तों की कितनी राशि स्वीकृत की गई। कितने विद्यार्थियों को कितनी-कितनी राशि वितरित की गई एवं कितने विद्यार्थियों को कितनी राशि का वितरण नहीं किया गया वर्षवार पृथक पृथक जानकारी दें। (ग) क्या शासन आवास भत्ता योजना में फर्जी विद्यार्थियों के नाम से राशि का वितरण करने व पात्र विद्यार्थियों को शासन के नियमानुसार राशि वितरित न करने की जाँच करा कर दोषी अधिकारी पर कार्यवाही करेंगें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जनजातीय कार्य विभाग द्वारा जबलपुर जिले को विभिन्न योजनाओं में वित्तीय वर्ष 2014-15 से 2017-18 तक प्रदत्त आवंटन एवं व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। विद्यार्थियों के कल्याण के लिये संचालित योजनवार आवंटन एवं व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। विभाग की विभिन्न कल्याणकारी योजनान्तर्गत पात्रता अनुसार राशि का वितरण किया गया है वर्ष 2017-18 की प्रक्रिया प्रारंभ है। (ख) आवास सहायता योजनान्तर्गत जबलपुर जिले के बाहर से जबलपुर जिले में आकर अध्ययनरत विद्यार्थियों को आवास योजना का लाभ शासन के नियम-निर्देशों के तहत प्रदान किया जाता है। जिलेवार लाभार्थियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। पात्रतानुसार कार्यवाही पूर्ण किये गये छात्र-छात्राओं को आवास सहायता की राशि का भुगतान उनके बैंक खाते में किया गया वर्ष 2017-18 के छात्र-छात्राओं का भुगतान प्रक्रिया में है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर अनुक्रम में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मांझी समाज को अनुसूचित जनजाति में शामिल किये जाने
[सामान्य प्रशासन]
20. ( क्र. 4231 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन द्वारा दि. 1 जनवरी, 2018 को एक आदेश जारी कर यह माना है कि दिनांक 11.11.2005 से पूर्व मांझी समाज के कहार, भोई, ढीमर-धीमर, केवट आदि जाति के लोगों ने मांझी अनुसूचित जनजाति का प्रमाण-पत्र प्राप्त कर सरकारी नौकरियां हासिल की हैं तो उन्हे संरक्षण दिया जायेगा, किंतु इन्हीं कहार, भोई, ढीमर, केवट आदि को दिनांक 11.11.2005 के बाद से अ.ज.जा. का आरक्षण नहीं दिया जायेगा? (ख) यदि हाँ, तो शासन के उक्त आदेश से तो यह स्पष्ट है कि मांझी समाज के कहार, भोई, ढीमर-धीमर, केवट आदि मांझी होकर अ.ज.जा. के ही हैं, लेकिन 11.11.05 तक जिन जातियों को सरकार अ.ज.जा. श्रेणी का मान रही है, उन्हीं जातियों को 11.11.05 के बाद अ.ज.जा. मानने से इंकार किये जाने का क्या कारण है? (ग) क्या राज्य सरकार को यह अधिकार है कि वह राज्य में निवास कर रही किसी भी जाति को आरक्षित या अनारक्षित श्रेणी में रख या हटा सकती है? यदि हाँ, तो नियम की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) क्या सरकार उक्त समाज को पुनः अ.ज.जा. में शामिल करेगी? यदि हाँ, तो कब तक समय-सीमा बतायें, यदि नहीं, तो उसका क्या कारण है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) सामान्य प्रशासन विभाग के ज्ञापन दिनांक 1 जनवरी, 2018 द्वारा यह निर्देश जारी किए गए हैं कि धीवर, कहार, भोई, केवट, मल्लाह, निषाद आदि जाति के जिन व्यक्तियों द्वारा ''मांझी'' अनुसूचित जनजाति के जाति प्रमाण-पत्र के आधार पर दिनांक 11.11.2005 के पूर्व शासकीय सेवाओं में नियोजन व शैक्षणिक संस्थाओं में प्रवेश प्राप्त कर लिया है, उन्हें संरक्षण प्रदान किया जाए। किन्तु उक्त दिनांक के पश्चात् उन्हें अनुसूचित जनजाति के अंतर्गत नहीं मानते हुए आरक्षण का लाभ नहीं दिया जाएगा। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
21. ( क्र. 4523 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के अन्तर्गत मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्रीय विद्युत वितरण लि. भिण्ड द्वारा राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण 12 योजना जिला भिण्ड के अन्तर्गत कितना बजट कब प्राप्त हुआ है? प्रश्नांश दिनांक तक कितना व्यय हो चुका है? (ख) प्रश्नांश (क) के अन्तर्गत योजना की कितनी लागत है किसको कब कार्य एजेंसी नियुक्त किया गया है? योजना कब प्रारम्भ हुई? प्रश्नांश दिनांक तक कितना कार्य पूर्ण हुआ? (ग) प्रश्नांश (क) में योजना जून 2017 में पूर्ण होना था, यदि हाँ, तो अभी तक 100 प्रतिशत पूर्ण क्यों नहीं हुई? इसके लिए कौन दोषी है? क्या कार्यवही की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) और (ग) में समयावधि में कार्यों पूर्ण न होने के कारण लाभ प्राप्त नहीं हो रहा हैं इसके लिए क्या अतिरिक्त बजट स्वीकृत किया जायेगा? प्रश्नांश दिनांक तक किस क्षेत्र में कार्य अप्रारम्भ है, क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) 12वीं पंचवर्षीय योजना में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत भिण्ड जिले हेतु रूपये 19.60 करोड़ की योजना वर्ष 2014 में स्वीकृत हुई थी। उक्त योजनांतर्गत वर्तमान तक रूपये 17.77 करोड़ की राशि व्यय की जा चुकी है। (ख) भिण्ड जिले हेतु 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजनांतर्गत कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स डी.कन्ट्रोल प्रा.लि. कानपुर को दिनांक 29.11.2014 को राशि रूपये 18.90 करोड़ के कार्य के लिए कार्यादेश जारी किया गया था। उक्त योजना वर्ष 2014 में प्रारंभ हुई थी वर्तमान स्थिति में उक्त योजनांतर्गत 188 वितरण ट्रांसफार्मर, 52 कि.मी. 11 के.व्ही. लाईन, 105 कि.मी. एल.टी. लाईन तथा 11235 नवीन बी.पी.एल. कनेक्शन प्रदान करने का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। (ग) भिण्ड जिले हेतु 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजनांतर्गत टर्न-की ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स डी. कन्ट्रोल प्राईवेट लिमिटेड कानपुर को दिनांक 29.11.2014 को अवार्ड जारी किया गया था। अपरिहार्य कारणों से निर्धारित समयावधि में कार्य पूर्ण नहीं होने के कारण ठेकेदार एजेंसी के अनुरोध पर उक्त अवार्ड की दिनांक को 25.06.2017 तक बढ़ाया गया था वर्तमान में उक्त ठेकेदार एजेन्सी द्वारा 203 ग्रामों में सघन विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है तथा 50 ग्रामों में बी.पी.एल. कनेक्शन दिये जाने का कार्य प्रगति पर है। उक्त ठेकेदार एजेन्सी द्वारा कार्य में विलंब किये जाने के कारण उसके देयकों से रू. 4.66 लाख की राशि लिक्विडेटेड डैमेज के रूप में पेनाल्टी स्वरूप काटी जा चुकी है। योजनान्तर्गत शेष कार्य मार्च 18 तक पूर्ण कराने के प्रयास किये जा रहे है। (घ) योजनांतर्गत स्वीकृत कार्यों में से शेष बचे कार्यों को मार्च-2018 तक पूर्ण किये जाने के प्रयास किये जा रहे है। इस हेतु अतिरिक्त बजट स्वीकृत करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। प्रश्नाधीन निविदा में शामिल क्षेत्र में कही भी कार्य अप्रारंभ नहीं है।
दीनदयाल उपाध्यक्ष ग्रामीण ज्योति योजना की कार्यवाही
[ऊर्जा]
22. ( क्र. 4524 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के अंतर्गत मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्रीय विद्युत वितरण लि. भिण्ड द्वारा दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण ज्योति योजना के अंतर्गत कब कहाँ से कार्य प्रारम्भ किया जायेगा? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत योजना की कितनी लागत है? कब तक कार्य पूर्ण हो जायेगा? कितने ट्रांसफार्मर कहाँ पर लगाये जायेगें? (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) के अंतर्गत किस कम्पनी को कार्य दिया गया हैं? कौन से 11 के.व्ही. फीडर सम्मिलित हैं? प्रश्नांश दिनांक तक क्या कार्यवाही प्रचलित हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) भिण्ड जिले में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनान्तर्गत 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों एवं संबद्ध 33 के.व्ही. तथा 11 के.व्ही. लाईनों के कार्य हेतु टर्न-की ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स आफशोर इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड मुम्बई को नोटिफिकेशन आफ अवार्ड क्र. MD/MK/RP-DDUGJY/2017-18/PKG-BHD-01/NOA/3340-41दिनांक 02.02.2018 जारी किया गया है। उक्त ठेकेदार एजेन्सी से किये गये अनुबंध अनुसार कार्य प्रारंभ करने की दिनांक 02.02.18 एवं पूर्ण करने की अवधि 24 माह हैं। ठेकेदार एजेंसी द्वारा वर्तमान में सर्वे का कार्य किया जा रहा हैं अतः वर्तमान में कार्य प्रारंभ किये जाने वाले स्थान की जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। उक्त योजना में सम्मिलित 34 ग्रामों एवं 282 मजरों/टोलो के योजना में प्रावधानित कार्यों को मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभागीय तौर पर कराए जाने हेतु आर.ई.सी. लिमिटेड से सैद्धांतिक स्वीकृति प्राप्त कर ली गई है तथा कार्य विभागीय तौर पर कराए जाने हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, जिसके पूर्ण होने के उपरांत ही कार्य प्रारंभ के स्थान एवं दिनांक के संबंध में अवगत कराया जा सकेगा। (ख) दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत भिण्ड जिले हेतु स्वीकृत परियोजना की कुल लागत रूपये 71.13 करोड़ हैं, जिसमें से रूपये 11.39 करोड़ के कार्य टर्न-की ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स आफशोर इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड मुम्बई द्वारा एवं रूपये 59.74 करोड़ लागत राशि के कार्य मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभागीय स्तर पर किये जाने हैं। ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स आफशोर इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड मुम्बई द्वारा कार्य एल.ओ.ए. दिनांक 02.02.2018 से 24 माह के अंदर किया जाना हैं। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभागीय स्तर पर किये जाने वाले प्रश्नाधीन कार्यों हेतु लेबर कान्ट्रेक्ट की निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन हैं, अतः निविदा प्रक्रिया कार्यवाही पूर्ण होने के पश्चात् ही कार्य पूर्णता की समय-सीमा बताना संभव हो सकेगा। योजनांतर्गत लगाये जाने हेतु सम्मिलित ट्रांसफार्मरों की स्थानवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “अ” अनुसार हैं। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) में दर्शाए अनुसार भिण्ड जिले में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनान्तर्गत 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों एवं संबद्ध 33 के.व्ही. तथा 11 के.व्ही. लाईनों के कार्य हेतु टर्न-की ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स आफशोर इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड मुम्बई को अवार्ड जारी किया गया हैं। उक्त कार्य में11 के.व्ही. के 25 फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य सम्मिलित है, जिसकी फीडरवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब'अनुसार है। प्रश्नाधीन योजनान्तर्गत ग्रामों एवं मजरों/टोलो में प्रावधानित कार्य मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभागीय स्तर पर कराए जाने हैं वर्तमान में मेसर्स आफशोर इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड मुम्बई द्वारा सर्वे कार्य प्रगति पर हैं एवं मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभागीय स्तर पर किये जाने वाले कार्यों की निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन हैं।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका की भर्ती
[महिला एवं बाल विकास]
23. ( क्र. 4583 ) श्री मुकेश नायक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका की भर्ती के नियम क्या हैं? इन भर्ती नियमों से संबंधित शासन के अभी तक सभी नियमों निर्देशों की प्रतियां उपलब्ध कराएं। (ख) पन्ना जिले में शासन के नियमों एवं समय-सीमा के अंदर भर्ती न होने वाली आंगनवाड़ी केन्द्रों की सूची उपलब्ध कराये तथा इसके लिए दोषी का नाम पद एवं उसके विरूद्ध की गई कार्यवाही की प्रतियां उपलब्ध कराएं। यदि कार्यवाही नहीं हुई तो कृपया कारण सहित उत्तर बताएं। यदि शासन के उपयुक्त निर्देशों के अनुरूप नियमों के अंतर्गत तथा निर्धारित समय-सीमा में सभी भर्ती की कार्यवाही पूर्ण की गई है तो सक्षम अधिकारी द्वारा इस कार्य का शपथ पत्र प्रस्तुत करें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) विभाग के पत्र क्र./एफ-3-2/06/50-2/दिनांक 10.07.2007 द्वारा जारी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के चयन एवं नियुक्ति के संशोधित निर्देश तथा समय-समय पर जारी अन्य निर्देशों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पन्ना जिले में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं की नियुक्ति कार्यवाही विभाग के पत्र क्र./एफ-3-2/06/50-2/दिनांक 10.07.2007 के निर्देशों के अनुसार ही सम्पादित की गई है। अतः शेष का कोई प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
संविलियन समाप्त करने एवं जिम्मेदारों पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
24. ( क्र. 4709 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक एफ.3-4-/01/3/एक भोपाल दिनांक 01 फरवरी, 2008 सार्वजनिक उपक्रम के कर्मचारियों को अन्य विभागों के संविलियन के आदेश जारी किये गये थे, उत्कृष्ट योग्यता एवं आर्हता रखने वाले सार्वजनिक उपक्रम के कितने कर्मचारियों को लोक सेवा में संविलियन अधिनियम 2003 (प्रतिशेध) के प्रावधान अनुसार किया गया इस संबंध में प्रकरण भी प्रस्तुत किये गये थे? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो सार्वजनिक उपक्रम के कर्मचारियों में से जो धारा 04 में निर्दिष्ट स्वेच्छिक सेवानिवृत्त योजना का लाभ ले लिये है, जो संविलियन के लिये अपात्र हो। जिसका लोक सेवा में संविलियन वर्जित हो ऐसे कितने कर्मचारियों का संविलियन किया गया का विवरण देवें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में सार्वजनिक उपकम के किन-किन कर्मचारियों का संविलियन किन-किन पदों पर किस शर्त अनुसार किया गया, इन में से कितने कर्मचारी स्वेच्छिक सेवानिवृत्ति का लाभ लिये हैं, संविलियन किये गये कर्मचारियों की सेवाएं पूर्व नियुक्ति विभाग से भी मानकर जी.पी.एफ. की कटौती की जा रही, तो क्यों कारण सहित बतावें? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार उत्कृष्ट योग्यता तथा आर्हता रखने वाले लोक सेवा में संविलियन प्रतिशेक (संसोधन) अधिनियम 2003 के प्रावधान अनुसार किन-किन के अनुमोदन मंत्रिपरिषद से प्राप्त किये गये थे? इनकी योग्यता एवं आर्हता क्या थी? अगर नियम विपरीत वगैर योग्यता एवं आर्हता का पालन किये बगैर संविलियन किया गया, तो इनका संविलियन कब तक समाप्त करेगें बतावें, अगर नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। शेषांश की जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विभागों में रिक्त पदों की पूर्ति
[सामान्य प्रशासन]
25. ( क्र. 4732 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले में वर्तमान में जिला योजना, आर्थिक और सांख्यिकी विभाग, पी.एच.ई. एवं परिवहन विभागों में जिला स्तरीय अधिकारियों के पद कई वर्षों से रिक्त पड़े होने के कारण इनमें अन्य विभाग के अधिकारी प्रभारी अधिकारियों के रूप में कार्य कर रहे हैं इस कारण इन सब विभागों के कार्य प्रभावित हो रहे है? (ख) उक्त स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए क्या शासन अब प्रश्नांश (क) स्थान में उक्त सभी विभागों के रिक्त पदों पर मूल विभागीय जिला स्तरीय अधिकारियों की पदस्थापना शीघ्र करेगा? इस हेतु निश्चित समय-सीमा बतावें यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आंगनवाड़ी सहायिका को पुन: सेवा में लिया जाना
[महिला एवं बाल विकास]
26. ( क्र. 4899 ) श्री मोती कश्यप : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वि.खं. ढीमरखेडा के घुघरा की किस आंगनवाड़ी सहायिका ने मेडिकल बोर्ड के किसी प्रमाण-पत्र सहित दिनांक 26-12-2017 को कलेक्टर कटनी व अन्य को दिये गये आवेदन पर क्या कार्यवाही की गई है? (ख) विभागीय परियोजना अधिकारी ढीमरखेडा ने पत्र दिनांक 29-12-2017 द्वारा किन्हीं आरोपों के प्रमाणीकरण हेतु प्रश्नांश (क) से मांगे गये किन्हीं दस्तावेजों पर उसके द्वारा प्रस्तुत कोटवार की जन्म दर्ज पंजी अनुसार किसी दिनांक को किसी ग्रा.पं. के प्रमाण-पत्र, आधार कार्ड, किसी के दाखिल-खारिज रजिस्टर एवं किसी मेडिकल बोर्ड के प्रमाण-पत्र के अनुसार उसकी पायी गई जन्मतिथि और आयु के अनुसार उक्त विभागीय अधिकारी के आदेश दिनांक 30-1-2018 क्या उसकी सेवा समाप्त किये जाने योग्य बन पाती है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार पोर्टल में दर्ज जन्मतिथि किन आधारों पर प्रमाणिक व अपरिवर्तनीय है और किन आधारों पर प्रश्नांश (ख) के दस्तावेज अप्रमाणिक है और उनके आधार पर पोर्टल में दर्ज जन्मतिथि संशोधित नहीं की जा सकती? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या विभागीय अधिकारी के आदेश दिनांक 30-1-2018 को निरस्त कर पीड़िता को शेष कालावधि तक यथावत सेवा में लिये जाने का आदेश किस दिनांक तक जारी कर दिया जायेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) कटनी जिले के वि.ख. ढीमरखेड़ा अन्तर्गत ग्राम घुघरा में कार्यरत आंगनवाड़ी सहायिका श्रीमती मीरा बाई बर्मन द्वारा अपनी आयु के निर्धारण हेतु मेडिकल बोर्ड का प्रमाण-पत्र दिया गया था। आयु निर्धारण संबंधी मेडिकल प्रमाण-पत्र के आधार पर संबधित की जन्म तिथि में संशोधन उपरान्त आदेश क्र. 774 दिनांक 12.03.2018 द्वारा संबधित को पुनः सेवा में रखा गया। (ख) श्रीमती मीराबाई बर्मन द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों के परीक्षण के आधार पर संबधित को दिनांक 12.03.2018 में पुनः सेवा में लिया गया है। संबधित द्वारा पूर्वानुसार कार्य भी प्रारंभ कर दिया गया है। (ग) संचालनालय पत्र क्र./आईसीडीएस/मूल्यांकन/ 2017-18/भोपाल दिनांक 08.02.2018 अनुसार जन्म तिथि का निर्धारण एक बार हो जाने के पश्चात संशोधन नहीं किये जाने के प्रावधान है। प्रमाणिक दस्तावेज (अंक सूची/आयु निर्धारण संबंधी मेडिकल प्रमाण-पत्र) प्रस्तुत करने पर एक बार संशोधन किया जा सकता है। (घ) परियोजना अधिकारी के आदेश क्र. 774 दिनांक 12.03.2018 द्वारा संबधित को पुनः सेवा में लिया गया है तथा संबधित के द्वारा पूर्वानुसार कार्य प्रारंभ कर दिया गया है।
स्वीकृत पद एवं भरे हुए पद तथा रिक्त पद की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
27. ( क्र. 4936 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डिण्डौरी जिले में शासन के सभी विभागों में वर्ग 1 वर्ग 2 वर्ग 3 एवं वर्ग 4 के नियमित कितने पद स्वीकृत हैं, जिसमें कितने भरे हैं, कितने रिक्त हैं, रिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जायेगी? (ख) डिण्डौरी जिले में शासन प्रशासन के सभी विभागों में वर्ग 1 वर्ग 2 वर्ग 3 एवं वर्ग 4 के संविदा के कितने पद स्वीकृत हैं, जिसमें कितने भरे हैं, कितने रिक्त हैं, रिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जायेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) डिण्डौरी जिले में शासन के सभी विभागों में वर्ग 1 वर्ग 2 वर्ग 3 एवं वर्ग 4 के नियमित 7495 पद स्वीकृत है, जिनमें 6065 पद भरे हैं एवं 1430 पद रिक्त है। रिक्त पदों की पूर्ति के संबंध में समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (ख) डिण्डौरी जिले में शासन प्रशासन के सभी विभागों में वर्ग 1 वर्ग 2 वर्ग 3 एवं वर्ग 4 के संविदा के 2950 पद स्वीकृत है, जिसमें 614 पद भरे है एवं 2336 पद रिक्त हैं। रिक्त पदों की पूर्ति के संबंध में समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
रानी आवंति बाई सागर योजना
[नर्मदा घाटी विकास]
28. ( क्र. 5046 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर संभाग में आने वाली वायी तट एवं दायी तट तथा उपनहरों की संख्या आर.डी. नंबर की सूची सहित देवें एवं यह भी बतलावें कि संभाग में आने वाली मुख्य नहरों एवं सहयोगी नहरों में लगे गेटों का सुधार कार्य एवं नये गेटों के लगाने की जानकारी दिनांक 01 जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक तक देवें एवं उक्त कार्य हेतु प्रत्येक वर्ष बुलाई गई निविदाओं की जानकारी एवं भाग लेने वाले ठेकेदारों की सूची देवें एवं टेण्डर कार्य की लागत देवें? (ख) जबलपुर संभाग में वर्तमान समय में कार्यपालन अनुभाग क्रमांक 07 बरगी नगर में अनुविभागीय अधिकारी के पद पर कौन कब से पदस्थ हैं? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में बी.ई. डिप्लोमा स्थाई उपयंत्री होने के बाद भी संविदा उपयंत्री को अनुविभागीय अधिकारी अनुभाग क्रमांक 7 बरगी नगर का प्रभार देने के क्या कारण हैं शासनादेश की छायाप्रति देवें?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'', ''अ (1)'' एवं ''ब" अनुसार है। (ख) अनुभाग क्रमांक 07 बरगी नगर में श्री ओ.पी. मालवीय (संविदा उपयंत्री) अनुविभागीय अधिकारी के पद पर दिनांक 09/05/2017 से पदस्थ हैं। (ग) भारी मशीनों के संचालन, रख-रखाव, जलद्वारों की स्थापना एवं रख-रखाव के कार्यों में विशेषज्ञता वरिष्ठता तथा अनुभव को दृष्टिगत रखते हुये प्रभार दिया गया है। मुख्य अभियन्ता (वि./यां) द्वारा जारी आदेश दिनांक 09/05/2017 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है।
मुख्यमंत्री निवास पर हुए आयोजनों की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
29. ( क्र. 5052 ) श्री जितू पटवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री निवास पर वर्ष 2014 से फरवरी 2018 तक किये गये पब्लिक प्रोग्राम तथा पंचायत सम्मेलन, मिलन समारोह, धार्मिक सामाजिक आयोजन इत्यादि की दिनांक अनुसार आयोजन अनुसार तथा उस पर हुये कुल खर्च तथा उपस्थिति की जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के कुल प्रोग्राम में सब मिलाकर कुल कितना खर्च हुआ, उक्त खर्च में कितना भोजन, टेन्ट, इवेंट मैनेजमेंट, वाहन, प्रचार-प्रसार, भेंट, मानदेय इत्यादि पर खर्च हुआ तथा सारे कार्यक्रम मिलाकर कुल कितने लोग शामिल हुये? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित खर्च का भुगतान किस विभाग के किस शीर्ष/(मद) में किया गया तथा सारे खर्च में से सार्वधिक 10 भुगतान करने वाली फर्म/व्यक्ति का नाम तथा भुगतान की कुल राशि की जानकारी देवें। (घ) क्या प्रश्नांश (ख) की राशि में भारी भ्रष्टाचार हुआ है तथा संख्या को दो से तीन गुना बढ़ाकर भोजन तथा टेन्ट पर भुगतान किया गया? यदि नहीं, तो प्रश्नांश (क) के प्रत्येक आयोजन में भोजन की दर तथा टेन्ट का खर्च कितना है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नर्मदा घाटी के विकास के अंतर्गत विगत तीन वर्षों में कराये गये कार्य
[नर्मदा घाटी विकास]
30. ( क्र. 5066 ) श्री हेमन्त सत्यदेव कटारे : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदा घाटी विकास विभाग के अंतर्गत विगत तीन वर्षों में नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण की कुल कितनी बैठकें नियत थी एवं कितनी बैठकों का आयोजन किया गया? (ख) नर्मदा घाटी विकास विभाग के अंतर्गत प्राधिकरण मुख्यालय से कौन-कौन से नवीन कार्यों के टेण्डर विगत तीन वर्षों में कितनी लागत के किस दिनांक को किस फर्म के नाम से स्वीकृत किये गये एवं उन्हें कार्यादेश कब जारी किया गया?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) नर्मदा घाटी विकास विभाग के अंतर्गत नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण की विगत तीन वर्षों में 11 बैठकें नियत कर कुल 11 बैठकों का आयोजन किया गया। (ख) नर्मदा घाटी विकास विभाग के अंतर्गत नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण को रूपये 100 करोड़ तक एवं नर्मदा नियंत्रण मंडल को इससे ऊपर की निविदाओं की स्वीकृति के अधिकार हैं। दोनों स्तरों पर विगत 3 वर्षों की अवधि में नवीन कार्यों की स्वीकृत निविदाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
राज्य सरकार द्वारा लिये गये सभी प्रकार के ऋणों की जानकारी
[वित्त]
31. ( क्र. 5068 ) श्री हेमन्त सत्यदेव कटारे : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश राज्य पर दि. 1 अप्रैल, 2004 की स्थिति में कुल कितना सभी प्रकार का ऋण बकाया था तथा दि. 1 अप्रैल, 2017 की स्थिति में राज्य पर कुल कितने ऋण की देनदारियां शेष हैं? (ख) राज्य सरकार द्वारा दि. 1 अप्रैल, 2017 से दि. 31 जनवरी, 2018 तक किन-किन संस्थाओं से कितना-कितना ऋण प्राप्त किया गया हैं? (ग) क्या राज्य सरकार द्वारा अपने सार्वजनिक उपक्रम जैसे कृषि विपणन बोर्ड, माध्यमिक शिक्षा मण्डल बोर्ड, व्यावसायिक परीक्षा मण्डल, राज्य निराश्रित निधि से भी अपनी योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु विगत तीन वर्षों में कोई राशि प्राप्त की गई हैं? यदि हाँ, तो किन-किन कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि इन उपक्रमों से प्राप्त की गई?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) मध्यप्रदेश राज्य पर दिनांक 01 अप्रैल, 2004 की स्थिति में बकाया ऋण की जानकारी नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा जारी संबंधित वर्ष के वित्त लेखे के भाग-1 विवरण पत्रक संख्या 4, भाग-2 विवरण पत्रक संख्या 17 में दृष्टव्य है तथा दिनांक 01 अप्रैल, 2017 की स्थिति में ऋण की देनदारियों की जानकारी वित्त सचिव स्मृति पत्र, बजट अनुमान वर्ष 2018-19 में दृष्टव्य है, जो विधानसभा के पुस्तकालय में उपलब्ध है। (ख) वित्तीय वर्ष 2017-18 के वित्त लेखे नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा अभी जारी नहीं किये गये हैं, अतः जानकारी उपलब्ध कराया जाना संभव नहीं है। (ग) राज्य सरकार द्वारा अपने सार्वजनिक उपक्रमों को अंशपूंजी के रूप में राशि प्रदान की जाती है जिस पर सार्वजनिक उपक्रमों द्वारा नियमानुसार लाभांश की राशि राज्य शासन को दी जाती है। विस्तृत जानकारी नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा संबंधित वर्ष के वित्त लेखे के परिशिष्ट पर निम्नानुसार दृष्टव्य हैं, जो विधानसभा के पुस्तकालय में उपलब्ध हैं : -
वित्तीय वर्ष |
वित्त लेखे में दृष्टव्य परिशिष्ट की संख्या |
2014-15 |
खण्ड–I, विवरण संख्या-7, खण्ड-II, विवरण संख्या-18 |
2015-16 |
खण्ड–I, विवरण संख्या-7, खण्ड-II, विवरण संख्या-18 |
2016-17 |
वित्त लेखे विधानसभा के पटल पर रखे जाना शेष है |
लिपिकीय संवर्ग का वेतन निर्धारण
[जनजातीय कार्य]
32. ( क्र. 5111 ) श्री मधु भगत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संपूर्ण मध्यप्रदेश में जनजातीय कार्य विभाग में लिपिकीय संवर्ग के सहायक ग्रेड वन सहायक ग्रेड-2, सहायक ग्रेड-3 के वर्तमान में समस्त प्रकार के बेसिक वेतन ग्रेड पे एवं संपूर्ण वेतन कितना है तथा उक्त कर्मचारियों की विगत 3 वर्षों में निर्धारित संबंधी क्या-क्या मांगे शासन को प्राप्त हुई है? उक्त मांगों में से शासन ने कितनी मांगों को स्वीकार किया है तथा कितनी मांगे को पूर्ण नहीं किया गया है क्यों? (ख) क्या सहायक शिक्षक के समान ही लिपिकीय संवर्ग का वेतन निर्धारण किया जाना शासन से आदेश जारी हुआ था, किंतु प्रश्न दिनांक तक सहायक शिक्षक के समान वेतन निर्धारण ग्रेड पे निर्धारण नहीं किया गया है, क्यों? लिपिकीय संवर्ग की मांगों को कब तक पूर्ण कर लिया जाएगा? यदि हाँ, तो तिथि बताएं और यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ई.ओ.डब्ल्यू. की अपराध क्र. 61/12 की जाँच के संबंध में
[सामान्य प्रशासन]
33. ( क्र. 5133 ) श्री हर्ष यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ई.ओ.डब्ल्यू. भोपाल की एफ.आई.आर. क्रमांक 61/12 में अभी तक किन-किन के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति किन विभागों से प्राप्त नहीं हुई? प्रकोष्ठ ने इस हेतु किस-किस को कब-कब पत्र और स्मरण पत्र जारी किये? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) वर्ष 2007 से वर्ष 2010 की अवधि में पी.सी.आर. तथा विमुक्त जाति अभिकरण और अनुसूचित जाति विकास की लेखा शाखाओं से जिन-जिन अधिकारियों/कर्मचारियों के खाते में वेतन भत्तों से हटकर अवैध रूप से सरकारी योजनाओं की राशियां जमा हुई? नाम व पद बतावें। (ग) इस मामले की प्राथमिक जाँच और एफ.आई.आर. में वर्ष 2010 से वर्तमान तक किन-किन अधिकारियों और कर्मचारियों को जाँच में लिया गया? (घ) इस मामले की प्राथमिक जाँच और एफ.आई.आर. में वर्ष 2010 से वर्तमान तक कौन-कौन जाँच अधिकारी कब से कब तक रहे? सूची देवें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) अपराध क्रमांक 61/2012 विवेचनाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रकरण विवेचनाधीन होने से जानकारी दिया जाना संभव नहीं। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार।
अनुसूचित जन जाति बस्तियों में विद्युत हेतु ट्रांसफार्मर
[ऊर्जा]
34. ( क्र. 5174 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वाहा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत दिनांक 01 जनवरी-2017 से 31 जनवरी-2018 तक मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पम्प कनेक्शन योजना में कितने पम्प कनेक्शन हेतु आवेदन प्राप्त हुए है इनमें कितने वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाना है? इन प्राप्त आवेदनों के विरूद्ध कितने आवेदन स्वीकृत किये गये एवं कितने अस्वीकृत किये गये? अस्वीकृत के क्या कारण रहे है? प्राप्त आवेदनों में से कितने पम्पों के संयोजन जारी कर दिये गये है एवं इनके लिए कितने विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित कर दिये गये हैं संख्या बतावें? (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा वित्तीय वर्ष 2016-17 से फरवरी-2018 तक बड़वाह विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत अतिरिक्त विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित करने के लिए म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर के स्थानीय कार्यालयों को पत्र प्रेषित किया गया था? यदि हाँ, तो उस पर विद्युत कंपनी द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्या कारण रहे? प्रेषित पत्र के तारतम्य में कितने अतिरिक्त विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये गये बतावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) बड़वाह विधानसभा क्षेत्रांतर्गत दिनांक 01 जनवरी, 2017 से दिनांक 31 जनवरी, 2018 तक की अवधि में मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजना में कुल 263 आवेदन प्राप्त हुये थे। उक्त प्राप्त आवेदनों में स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन प्रदान करने हेतु स्वीकृत प्राक्कलनों अनुसार विद्युत अधोसरंचना का विस्तार कर कुल 204 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाने का प्रावधान है। उक्त प्राप्त सभी 263 आवेदनों को स्वीकृत किया गया है। प्रश्नाधीन प्राप्त सभी 263 आवेदनों में समस्त 263 आवेदनकर्ताओं को योजना के प्रावधानों के अनुसार स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन की सुविधा उपलब्ध करा दी गई है वर्तमान में प्रश्नाधीन प्राप्त कुल 263 आवेदनों में स्थापित किये जाने हेतु प्रावधानित कुल 204 वितरण ट्रांसफार्मरों में से 211 आवेदनकर्ताओं के स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन हेतु विद्युत लाईन विस्तार का कार्य पूर्ण कर 155 वितरण ट्रांसफार्मर निर्धारित समयावधि में स्थापित कर दिये गये है तथा 52 आवेदनकर्ताओं हेतु कुल 49 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किया जाना शेष हैं। उक्त शेष कार्य भी योजना की निर्धारित समयावधि में माह जुलाई-2018 तक पूर्ण किया जाना संभावित है। (ख) जी हाँ, माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा प्रश्नाधीन अवधि में पत्र क्रमांक 1225 दिनांक 04/10/2017 एवं पत्र क्रमांक 1321 दिनांक 04.01.2018 जिनकी छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है, के माध्यम से अधीक्षण यंत्री (संचालन-संधारण) खरगोन को लेख करते हुए किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए निम्नलिखित स्थानों पर वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित करने का अनुरोध किया गया था:- (1) ग्राम ढकलगांव में:- श्री महादेव भाई के खेत के पास (2) ग्राम ढकलगांव में:- गौशाला के समीप (3) ग्राम कोटल्याखेड़ी में। पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा उक्त पत्रों में उल्लेखित कार्यों की तकनीकी साध्यता का परीक्षण कराने के उपरांत ग्राम कोटल्याखेड़ी में दो यथा नहर के समीप श्री दिलीप सिंह एवं श्री पृथ्वीसिंह के खेत के पास तथा ग्राम ढकलगांव में श्री महादेव भाई के खेत के पास, इस प्रकार 25 के.व्ही.ए. क्षमता के कुल 3 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित करने हेतु पत्र क्रमांक 4030 दिनांक 23.02.2018 से प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान कर कार्यादेश जारी कर दिया गया है। उक्त पत्र दिनांक 23.02.2018 द्वारा जारी प्रशासकीय स्वीकृति की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। उक्त कार्य वितरण कंपनी द्वारा विभागीय स्तर पर संसाधनों की उपलब्धता/वरीयता क्रम में माह जून 2018 तक पूर्ण किया जाना संभावित है। ग्राम ढकलगांव में गौशाला के पास कोई भी कनेक्शन नहीं होने से इस लोकेशन पर अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाने की कोई आवश्यकता नहीं है।
जाँच प्रकरणों के संबंध मे
[सामान्य प्रशासन]
35. ( क्र. 5202 ) डॉ. मोहन यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) १ जनवरी, २०१६ से प्रश्न दिनांक तक आर्थिक अपराध अन्वेषन ब्यूरो (E.O.W.) की उज्जैन ईकाई कार्यालय में नगर निगम उज्जैन एवं जिले की नगर पालिकाओं द्वारा भ्रष्टाचार करने के संबंध में प्राप्त आवेदन एवं संलग्न प्रपत्रों की प्रमाणित प्रतिलिपि उपलब्ध कराते हुये उक्त आवेदनों पर की गई कार्यवाही, लिये गये कथन आदि का संपूर्ण ब्यौरा उपलब्ध करावें। प्राप्त आवेदनों में से कितने आवेदनों पर संबंधित को दोषी पाया गया, कितने आवेदनों पर जाँच प्रचलित है? जाँच प्रकरण क्रमांक सहित संबंधित अधिकारियों द्वारा दिये गये जवाब की प्रति उपलब्ध कराते हुये नगर निगम वार, नगर पालिका वार संपूर्ण ब्यौरा दें। (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार आवेदन प्राप्त होने के कई माह पश्चात् भी जाँच पूर्ण नहीं होने के कारण बतावें। कब तक जाँच पूर्ण कर संबंधित के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध करवा दिये जावेंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) 04 शिकायतें पंजीबद्ध की जाकर सत्यापनाधीन है। शिकायत आवेदनों के सत्यापनाधीन होने के कारण शेष जानकारी उपलब्ध कराया जाना संभव नहीं है। (ख) पंजीबद्ध शिकायतों की जाँच गतिशील है। जाँच में पाये साक्ष्यों के आधार पर विधि सम्मत कार्यवाही यथासमय की जावेगी।
सेवानिवृत्त अधि./कर्म. के स्वत्वों के प्रदाय तथा विभागीय जाँच के निराकरण
[वाणिज्यिक कर]
36. ( क्र. 5224 ) चौधरी चन्द्रभान सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. वाणिज्य कर विभाग में सतना जिले में मार्च 2014 में कौन-कौन से अधिकारी/कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए हैं तथा इनमें कितने अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित थी? सेवानिवृत्त उपरांत उनके स्वत्वों को प्रदान किया गया है या नहीं? यदि नहीं, तो कब तक प्रदान कर दिया जावेगा? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के संदर्भ में मार्च 2014 में सेवानिवृत्त श्री श्रीपति शर्मा सेल्स टेक्स इन्सपेक्टर के स्वत्वों का भुगतान कर दिया है तथा क्या सेवानिवृत्त के समय इन पर विभागीय जाँच संस्थित थी, जिसका निराकरण आज दिनांक तक नहीं किया गया? यदि हाँ, तो क्यों? विलम्ब के जिम्मेदार कौन अधिकारी/कर्मचारी हैं? उस पर क्या कार्यवाही विभाग द्वारा सुनिश्चित की जावेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) मार्च 2014 में श्री श्रीपती शर्मा, वाणिज्यिक कर निरीक्षक सेवानिवृत्त हुए हैं। सेवानिवृत्त दिनांक के पूर्व से ही श्री श्रीपती शर्मा की विभागीय जाँच संस्थापित थी। सेवानिवृत्ति के पश्चात् उनके परिवार कल्याण निधि, म.प्र. राज्य कर्मचारी समूह बीमा, म.प्र. शासकीय कर्मचारी सावधि सह बीमा, सामान्य भविष्य निधि का भुगतान कर दिया गया है। विभागीय जाँच लम्बित होने के कारण अवकाश नगदीकरण एवं उपादान का भुगतान नहीं किया गया है। इनका निराकरण विभागीय जाँच में निर्णय पश्चात् किया जावेगा। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में लेख है कि मार्च 2014 में श्री श्रीपती शर्मा, सेवानिवृत्त वाणिज्यिक कर निरीक्षक के सेवानिवृत्ति के पश्चात् उनके परिवार कल्याण निधि, म.प्र. राज्य कर्मचारी सावधि सह बीमा, सामान्य भविष्य निधि का भुगतान कर दिया गया है। विभागीय जाँच लंबित होने के कारण अवकाश नगदीकरण एवं उपादान का भुगतान नहीं किया गया है। श्री श्रीपती शर्मा के सेवानिवृत्त होने के पूर्व से ही विभागीय जाँच संस्थित थी। श्री श्रीपती शर्मा, सेवानिवृत्त वाणिज्यिक कर निरीक्षक द्वारा शासन को पहुँचाई गई राजस्व हानि की वसूली हेतु मध्यप्रदेश सिविल सेवा (पेंशन) नियम 1976 के उपनियम 9 (1) के अंतर्गत निरंतर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अत: प्रकरण में किसी अधिकारी/ कर्मचारी के दोषी होने अथवा उनके विरूद्ध कार्यवाही करने की स्थिति निर्मित नहीं होती है।
आर्थिक आराध अनुसंधान विभाग में लंबित प्रकरण
[सामान्य प्रशासन]
37. ( क्र. 5238 ) श्रीमती रंजना बघेल (किराड़े) : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या हाथकरघा संचालनालय के वरिष्ठ अधिकारी संयुक्त संचालक के विरूद्ध आर्थिक ब्यूरों अपराध भोपाल में प्रकरण क्र. 347/2008 विचाराधीन है? (ख) यदि हाँ, तब गंभीर आर्थिक अनियमितता के प्रकरण में 9 वर्ष से भी अधिक समय व्यतित होने के बाद भी एफ.आई.आर. दर्ज क्यों नहीं की गई है? (ग) क्या प्रकरण में सभी दस्तावेज एवं संबंधित गवाहों के कथन जाँचकर्ता अधिकारी के समक्ष हो चुके हैं तथा प्रकरण में शिकायत के समर्थन में 2 व्यक्तियों के द्वारा शपथ-पत्र प्रस्तुत किये गये हैं? (घ) यदि हाँ, तो कब तक एफ.आई.आर. दर्ज की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) शिकायत सत्यापन में है। प्राप्त साक्ष्य के आधार पर विधि अनुसार कार्यवाही की जावेगी। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जनसम्पर्क निधि से स्वीकृत राशि लेप्स होने के संबंध में
[सामान्य प्रशासन]
38. ( क्र. 5293 ) श्रीमती ममता मीना : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2015-16 में विधानसभा क्षेत्र चांचौड़ा अन्तर्गत विधायक द्वारा अनुशंसित अनुदानग्रहिताओं को कलेक्टर जिला गुना द्वारा माननीय प्रभारी मंत्री जिला गुना के अनुमोदन उपरांत जनसम्पर्क निधि से राशि स्वीकृत कर सी.ई.ओ. जनपद पंचायत चांचौड़ा को राशि रूपये 1.25 लाख का पुनरावंटन किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृति आदेश के अनुसार मार्च 2016 में स्वीकृत अनुदान राशि का वितरण संबंधितों को कब तक किया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में वर्णित जनसम्पर्क निधि की राशि यदि लेप्स हुई है तो विभाग से पुनः राशि प्राप्त किये जाने हेतु जिला प्रशासन द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि कलेक्टर जिला गुना द्वारा मार्च 2016 में लेप्स हुई राशि के पुनः आवंटन हेतु सामान्य प्रशासन विभाग को मांग पत्र भेजे गये हों, तो सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? सामान्य प्रशासन विभाग मार्च, 2016 में जनसम्पर्क निधि की स्वीकृत राशि के लेप्स हो जाने वाली राशि का कब तक कलेक्टर जिला गुना को आवंटन उपलब्ध करावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सातवें वेतन ऑनलाईन फिक्सेशन में 0.50 पैसे से ऊपर की राशि की गणना
[वित्त]
39. ( क्र. 5359 ) श्री गिरीश गौतम : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रसारित सभी मंहगाई भत्ता एवं अन्य वित्तीय आदेशों में 0.50 पैसे से ऊपर की राशि को एक रूपये मानकर गणना किये जाने के आदेश प्रसारित किये गये हैं? (ख) क्या मध्यप्रदेश में पूर्व में सभी वेतनमानों के वेतन निर्धारण में 0.50 पैसे से ऊपर 0.99 पैसे तक की गणना 1.00 (एक रूपये) मानकर की जाती थी? केन्द्रीय वेतन निर्धारण में यह प्रक्रिया अपनाई गई है? क्या सातवें वेतनमान का निर्धारण ऑनलाईन पोर्टल में किया जा रहा है और इसमें राशि 0.50 पैसे से 0.99 पैसे तक को 0 (शून्य) मानकर निर्धारण किया जा रहा है, जिस कारण से वेतन निर्धारण में भारी विसंगति उत्पन्न हो रही है? (ग) क्या म.प्र. शासन वित्त विभाग/कोषालय के ऑनलाईन पोर्टल में सातवें वेतनमान निर्धारण करने पर राशि 0.50 पैसे से ऊपर 0.99 पैसे तक की गणना शून्य मानकर की जा रही त्रुटिपूर्ण प्रक्रिया को सुधारा जायेगा तथा 0.50 पैसे से ऊपर 0.99 पैसे तक की गणना 1.00 (एक रूपये मानकार की जायेगी) यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें। यदि नहीं, तो क्यों?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) जी हाँ। ऑन-लाईन प्रक्रिया वेतन पुनरीक्षण नियम, 2017 के अनुरूप संचालित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बसोर जाति एवं उसकी उपजातियों की 16 सूत्रीय मांगों के संबंध में
[अनुसूचित जाति कल्याण]
40. ( क्र. 5366 ) श्री सचिन यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बसोर जाति एवं उसकी उपजातियों की 16 सूत्रीय मांगों के संबंध में माह अगस्त, 2014 तथा जनवरी, 2016 में कितने पत्र प्राप्त हुए। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उन पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) माह अगस्त 2014 में दो पत्र तथा जनवरी, 2016 में कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ अपितु सामान्य प्रशासन विभाग से पत्र दिनांक 2.3.2016 के साथ 18 सूत्रीय मांगों के निराकरण का संलग्न ज्ञापन दि. 6.1.2016 प्राप्त हुआ है। (ख) कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
वेतन विसंगति को दूर किया जाना
[वित्त]
41. ( क्र. 5385 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय कर्मचारियों सहायक ग्रेड-3, 2 के साथ ही हेड क्लर्क/सहायक ग्रेड-1/वरिष्ठ लेखा परिक्षक आदि को तृतीय समयमान वेतनमान दिया जाना प्रावधानिक हैं? स्पष्टीकरण दिनांक 01.04.2008 के बिन्दु क्रमांक 09 अनुसार तृतीय समयमान वेतनमान योजना में संशोधन अपेक्षित हैं? यदि हाँ, तो कब तक? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित परिस्थिति के कारण वरिष्ठ कर्मचारियों को कनिष्ठ कर्मचारियों से कम वेतन प्राप्त होने वाली वेतन विसंगति को शीघ्र दूर किये जाने के उपाय विभागों द्वारा किये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या सरकार द्वारा इस तरह के वेतन विसंगति से प्रभावित कर्मचारियों की संख्या ज्ञात की जा चुकी हैं? यदि हाँ, तो संख्या बताई जाये?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) वित्त विभाग के परिपत्र दिनांक 30.9.2014 के अनुसार शासकीय सेवा में प्रथम नियुक्ति के पद के आधार पर तृतीय समयमान देय है। परिपत्र दिनांक 1.4.2008 के बिन्दु क्र. 9 में सेवा नियम की आवश्यकता नहीं है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) अनुसार प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
अवैध विद्युत कर प्रदाय बाबत
[ऊर्जा]
42. ( क्र. 5473 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना में लगभग विगत तीन वर्ष से ग्राम पंचायत इमलिया (मुरैना) अदि कई गांवों में यहां विद्युत पोल डी.पी. तार आदि न होकर विद्युत सप्लाई नहीं हो रही है व विद्युत देयक (विद्युत कर) ग्रामवासियों को बराबर आ रहे हैं व इस हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा विधानसभा में तथा विभाग के अधिकारियों को मौखिक रूप से भी कई बार अवगत भी कर दिया गया है? (ख) यदि हाँ, तो अभी तक जिला प्रशासन (ऊर्जा) एवं शासन के किसी अधिकारी ने स्थल निरीक्षण कर विद्युत बिलों को बंद करने का व पूर्व में दिए गये बिलों को अस्वीकार भी नहीं किया है यदि हाँ, तो इसकी जाँच प्रश्नकर्ता के समक्ष कब तक कराई जावेगी जिससे ग्रामवासियों के साथ न्याय हो सके?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) दिमनी विधानसभा क्षेत्र 07 जिला मुरैना की ग्राम पंचायत ईमलिया (मुरैना) में विद्युत अधोसरंचना उपलब्ध है तथा विद्युत प्रदाय चालू है। ग्राम ईमलिया में उपभोक्ताओं को मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विद्युत कनेक्शन प्रदान कर नियमानुसार विद्युत देयक जारी किये जा रहे हैं। प्रश्नाधीन क्षेत्र में अन्य ग्राम जहाँ पर विद्युत अधोसरंचना उपलब्ध नहीं है, के ग्रामवासियों द्वारा ग्राम के आसपास स्थापित ट्रांसफार्मरों से विद्युत का उपयोग किया जा रहा है, अत: इन ग्रामों के ग्रामवासियों को भी मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विद्युत कनेक्शन प्रदान कर नियमानुसार विद्युत देयक जारी किये जा रहे हैं। ग्राम ईमलिया एवं प्रश्नाधीन अन्य ग्रामों के किसी भी उपभोक्ता द्वारा बिल संबंधी शिकायत किये जाने पर कनिष्ठ यंत्री द्वारा स्वयं मौके पर जाकर जाँच कर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा किसी भी ग्राम/व्यक्ति के विद्युत बिल से संबंधित शिकायत/समस्या से अवगत कराये जाने पर, शिकायत की जाँच कर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। (ख) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार जिन उपभोक्ताओं को विद्युत कनेक्शन दिये गये हैं, उन्ही उपभोक्ताओं को विद्युत देयक प्रदान किये जा रहे हैं। अत: इस संबंध में किसी प्रकार की जाँच कराया जाना आवश्यक नहीं है तथापि यदि माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा कोई प्रकरण विशेष संज्ञान में लाया जाएगा तो उस पर जाँच कर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
माननीय विधायकों को कार्यालयीन लिपिक को निज सहायक नाम प्रदान बाबत
[सामान्य प्रशासन]
43. ( क्र. 5480 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्तमान में माननीय विधायकों को जो इन्हें निज सहायक का पद नाम देते हुए माननीय मंत्रियों की तरह भ्रमण के अधिकार यात्रा भत्ता व कार्य की अधिकता को देखते हुए वेतन के अतिरिक्त लाभ दिया जाएगा। (ख) क्या माननीय विधायकगण कार्य अनुभव के आधार पर किसी भी कर्मचारी को प्रतिनियुक्ति पर लिये जाने की अनुशंसा कर सकेंगे? (ग) क्या माननीय विधायक शासकीय सेवकों के अतिरिक्त अन्य अशासकीय व्यक्ति जिन्हें कार्य का अनुभव है, को भी निज सहायक के रूप में मांग कर सकते है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) इस संबंध में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ख) माननीय विधायकगण, उस जिले में पदस्थ किसी भी लिपिकीय (तृतीय श्रेणी) कर्मचारी की सेवाएं प्राप्त करने की अनुशंसा कर सकते हैं, जिसमें उनका विधान सभा क्षेत्र स्थित हो। (ग) जी नहीं।
फर्जी फर्मों/दुकानों द्वारा टैक्स की चोरी
[वाणिज्यिक कर]
44. ( क्र. 5496 ) श्री मुकेश नायक : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले के अंतर्गत वे कौन-कौन सी फर्में/दुकाने हैं जिन्होंने कि सरकारी कार्योलयों/पंचायतों को सामग्री बेची तथा सेवाएं प्रदान की हैं, परन्तु लागू होने वाले देय टैक्स का भुगतान सरकारी खजाने में जमा नहीं किया है? दिनांक 01.04. 2014 से दिनांक 31.12.2017 तक की स्थिति में बतायें? (ख) पन्ना जिले में वन, खनिज के कारोबार से संबंधित कौन-कौन सी फर्में पंजीकृत हैं, इन्होंने उक्त अवधि में, कितनी-कितनी राशि किस-किस ने टैक्स के रूप में जमा की है? (ग) पन्ना जिले में निर्माण सामग्री से संबंधित कारोबार करने वाली कौन-कौन सी फर्में/संस्था दुकाने हैं, उनके नाम, पते, पंजीयन क्रमांक बताते हुए यह भी बताये कि इन्होंने कितनी-कितनी राशि टैक्स तथा अन्य शुल्क के रूप में उक्त अवधि में शासकीय खजाने में जमा की है?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) फर्मों द्वारा शासकीय विभागों अथवा पंचायतों को किये गये विक्रय की जानकारी विभाग द्वारा पृथक से संधारित नहीं की जाती है। मध्यप्रदेश वेट अधिनियम में शासकीय विभागों तथा पंचायतों को किये गये विक्रय पर टी.डी.एस. के प्रावधान हैं। अत: टी.डी.एस. की राशि संबंधित द्वारा समायोजन अथवा चालान के माध्यम से शासकीय खजाने में जमा की जाती है। पन्ना जिले के अंतर्गत शासकीय कार्यालयों/पंचायतों को विक्रय की गई सामग्री पर देय कर जमा नहीं होने बाबत जानकारी इस विभाग के संज्ञान में नहीं है। (ख) पन्ना जिले में वन, खनिज के कारोबार से संबंधित पंजीकृत फर्मों एवं उनके द्वारा जमा टैक्स की राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' पर अवस्थित है। (ग) पन्ना जिले में निर्माण सामग्री से संबंधित कारोबार करने वाली पंजीकृत फर्म्स/संस्था, दुकानों के नाम, पते एवं पंजीयन क्रमांक तथा जमा टैक्स की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' पर अवस्थित है।
वन अधिकार कानून 2006 की धारा 3 (1) के अन्तर्गत
[जनजातीय कार्य]
45. ( क्र. 5502 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनवरी 2008 से लागू वन अधिकार कानून 2006 की धारा 3 (1) ज में दिए गए ''वनों के सभा वन ग्रामों, पुराने आवासों, असर्वेक्षित ग्रामों और अन्य ग्रामों के बसने और संपरिवर्तन के अधिकार, चाहे वे राजस्व ग्रामों में लेख बद्ध हो, अधिसूचित हों अथवा नहीं '' प्रावधान का पालन सुनिश्चित किए जाने के संबंध में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित राज्य स्तरीय वनाधिकार समिति प्रश्नांकित दिनांक तक भी कोई कार्यवाही नहीं कर पाई? (ख) राज्य में कितने वनग्राम हैं, कितनी अतिक्रमित बस्तियाँ एवं कितने सर्वे से वंचित बस्तियाँ हैं, इनमें से कितने ग्राम एवं बस्तियों को प्रश्नांकित दिनांक तक राजस्व ग्राम का दर्जा दे दिया गया है? जिलेवार बतावें? (ग) राज्य स्तरीय वनाधिकार समिति ने धारा 3 (1) ज के अनुसार कार्यवाही के संबंध में अपनी किस दिनांक की बैठक में क्या निर्णय लिया? किस दिनांक को क्या आदेश दिये गए? निर्णय एवं आदेश की प्रति सहित बतावें? (घ) धारा 3 (1) ज का पालन सुनिश्चित किए जाने के संबंध में राज्य स्तरीय वनाधिकार समिति क्या कार्यवाही कर रही है? कब तक करेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। (ख) वन विभाग के आधिपत्य में 925 वनग्राम एवं 122 अतिक्रमण व्यवस्थापन केन्द्र है। इनमें से किसी को भी प्रश्नांकित दिनांक तक राजस्व ग्राम का दर्जा नहीं दिया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) राज्य स्तरीय निगरानी समिति की बैठक दिनांक 6 फरवरी 2014, बैठक दिनांक 2 जुलाई 2015 एवं बैठक दिनांक 4 अप्रेल 2016 में लिए गए निर्णय एवं की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जनवरी 2008 से लागू वन अधिकारी कानून 2006 की धारा 5
[जनजातीय कार्य]
46. ( क्र. 5515 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनवरी, 2008 से लागू वन अधिकार कानून 2006 की धारा 5 में दिए गए प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही के संबंध में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित राज्य स्तरीय वनाधिकार समिति ने प्रश्नांकित दिनांक तक भी कोई कार्यवाही नहीं की है? (ख) धारा 5 में क्या प्रावधान दिया गया है? इस प्रावधान का पालन किए जाने के संबंध में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति ने अपनी किस दिनांक की बैठक में क्या निर्णय लिया? किस दिनांक को आदेश जारी किए गए? निर्णय एवं आदेश की प्रति सहित बतावें? (ग) राज्य के कितने ग्रामों में से कितने ग्रामों में वनाधिकार समितियां गठित की गई? इनमें से कितने ग्रामों में ग्राम स्तर की संस्थाएं धारा 5 के अनुसार गठित की गई? कितनी ग्राम सभाओं को अधिकार सौंपे गए जिलेवार बतावें? (घ) धारा 5 के अनुसार ग्राम सभा स्तर की संस्थाएं बनाए जाने के संबंध में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति क्या कार्यवाही कर रही है? कब तक करेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) उत्तरांश ''ख'' एवं ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
माननीय मुख्यमंत्री महोदय की घोषणा एवं पीड़ित परिवार के सदस्यों को दिये आश्वासन
[सामान्य प्रशासन]
47. ( क्र. 5581 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पेटलावद विस्फोस्ट-ब्लास्ट में मृत श्री विक्रांत पंवार की विधवा पत्नी श्रीमती चेतना पंवार को माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा अनुसार आर्थिक सहायता व परिवार के सदस्य को नौकरी देने का आश्वासन शासन ने पूर्ण क्यों नहीं किया? जबकि अन्य पीड़ित परिवार के सदस्यों को शासकीय विभागों में नियुक्त किया गया? श्रीमती पंवार की सी.एम. हेल्पलाईन शिकायत क्र. २७६६८४१ दिनांक ०५ अक्टूबर २०१६ की दर्ज शिकायत को दिनांक ०९ फरवरी २०१८ को बंद कर पुनः शिकायत ५४८५३१४ दर्शाकर दिनांक ०९ फरवरी २०१८ को प्रारंभ की. किंतु स्थाई निराकरण अब तक क्यों नहीं किया? (ख) वर्ष २०१६ से एक विधवा को नौकरी दिए जाने की मान. मुख्यमंत्री जी की घोषणा को कब तक पूर्ण किया जा सकेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) पेटलावद में दिनांक 12 सितम्बर, 2015 में हुए विस्फोट में श्रीमती चेतना के पति श्री विक्रांत पंवार की मृत्यु हुई थी। श्रीमती चेतना पंवार को माननीय मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान मद से रूपये 5,00,000/- (पाँच लाख) एवं प्रधानमंत्री सहायता कोष से 1,00,000/- (एक लाख) की आर्थिक सहायता प्रदान की गई है। श्रीमती चेतना पंवार को शासकीय नौकरी देने या विशेष अनुकम्पा नियुक्ति देने की घोषणा संबंधी कोई अभिलेख उपलब्ध नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नर्मदा माइक्रों सिंचाई परियोजना संबंधी
[नर्मदा घाटी विकास]
48. ( क्र. 5583 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन ने नर्मदा, झाबुआ, पेटलावद, सरदारपुर उद्वहन माइक्रों सिंचाई परियोजना की स्वीकृति प्रदान की है? यदि हाँ, तो कब? उक्त परियोजना से कौन-कौन से क्षेत्र सिंचाई से लाभान्वित होगें? (ख) प्रश्नांश (क) परियोजना की लागत तथा नर्मदा से दी जाने वाली जल की मात्रा क्या है? क्या परियोजना के जल का उपयोग केवल सिंचाई उपयोगार्थ होगा अथवा पेयजल में भी सम्मिलित होगा? (ग) उक्त परियोजना से सिंचित क्षेत्र कितना होगा एवं परियोजना कार्य कब प्रारंभ होकर कितनी अवधि में कार्य संपन्न होगा?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। दिनांक 27/02/2018 को प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है। परियोजना से झाबुआ जिले की झाबुआ, पेटलावाद, थांदला, मेघनगर तथा धार जिले की सरदारपुर कुल पाँच तहसीलों के 57422 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होगी। (ख) प्रशासकीय स्वीकृति रूपये 2050.70 करोड़ है। परियोजना के अंतर्गत नर्मदा नदी से 18.00 क्यूमेक जल उद्वहन किया जाकर सिंचाई हेतु जल उपलब्ध कराया जावेगा। (ग) परियोजना से 57422 हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचित किया जाना प्रस्तावित है। परियोजना का कार्य वित्तीय वर्ष 2018-19 में निविदा आमंत्रित कर प्रारंभ किया जाना प्रस्तावित है। जिसे साढ़े तीन वर्ष की अवधि में पूर्ण किया जाना लक्षित है।
स्निप प्रोजेक्ट में एक्सिम वैंचर के संबंध में जानकारी प्रदान करना
[महिला एवं बाल विकास]
49. ( क्र. 5598 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) स्निप प्रोजेक्ट में एक्सिम वैंचर कंपनी द्वारा खरगोन जिले में कितने कर्मचारी रखे गए हैं? इनकी सूची दी जावे। (ख) प्रश्न (क) अनुसार इन कर्मचारियों में से कितने कर्मचारियों की शिकायत किस स्तर पर की गई है? इन प्राप्त शिकायतों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? प्राप्त शिकायत एवं विभाग द्वारा की गई कार्यवाही सहित सम्पूर्ण जानकारी देवें। (ग) क्या इन प्राप्त शिकायत के आधार पर किसी कर्मचारी को हटाया गया है तो उसकी जानकरी देवें। क्या हटाये गए कर्मचारी को किसी अन्य जगह पर इसी विभाग में नियुक्ति की गई है? यदि हाँ, तो उसकी जानकारी देवें? स्निप प्रोजेक्ट एक्सिम वैंचर द्वारा सम्पूर्ण प्रदेश में कहाँ-कहाँ नियुक्ति की गई है? उसकी सूची देवें तथा वर्तमान में कहाँ-कहाँ पद रिक्त हैं?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) स्निप प्रोजेक्ट अंतर्गत आउटसोर्स आधार पर जीम वेंचर प्राइवेट लिमिटेड (XEAM Ventures Pvt. Ltd.) द्वारा खरगौन जिले में वर्तमान में कुल 12 कर्मचारी रखे गये है। कर्मचारियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में खरगौन जिले में कार्यरत् कर्मचारियों के विरूद्ध कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में खरगौन जिले में कार्यरत कर्मचारियों के विरूद्ध कोई शिकायत प्राप्त न होने के कारण किसी कर्मचारी को हटाने का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। स्निप प्रोजेक्ट अंतर्गत आउटसोर्स आधार पर जीम वेंचर प्राइवेट लिमिटेड (XEAM Ventures Pvt. Ltd.) द्वारा सम्पूर्ण प्रदेश में की गई नियुक्ति की स्थानवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है वर्तमान में कोई पद रिक्त नहीं है।
बिजली बिलों की राशि में भिन्नता
[ऊर्जा]
50. ( क्र. 5608 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में दिनांक 01 जनवरी, 2015 से दिनांक 31 दिसम्बर, 2015 तक की अवधि में कितने बिलों की राशि में भिन्नता अथवा अनियमितता को लेकर कितने व्यक्ति ने कहाँ-कहाँ शिकायत की? इनमें कितनी शिकायतों का निराकरण किया गया? कितनी राशि का संशोधन कितने बिलों में किया गया? विधानसभा क्षेत्रवार वर्षवार जानकारी देवें। (ख) क्या उक्त जिले में विद्युत कंपनी द्वारा उपभोक्ताओं को जानबूझकर मीटर खपत एवं आंकलित खपत की रीडिंग समान देकर दुगुनी राशि वसूली जा रही है? जिनकी संख्या हजारों में है? इस तरह की कितने शिकायतें उक्त अवधि में विभाग को मिली तथा कितने बिलों में मीटर खपत एवं आंकलित खपत के बिलों में संशोधन कर बिलों को आधा किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) संदर्भित जिन उपभोक्ताओं की मीटर खपत एवं आंकलित खपत दोनों समान बताकर बिलों को दुगना दिया गया है तथा इन उपभोक्ताओं ने दुगनी राशि भर भी दी है, क्या इनकी राशि अगले बिल में समायोजित कर ली जावेगी? (घ) क्या उक्त अनियमितता की जाँच के लिये कोई कमेटी बनाई गई है? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) सिवनी जिले में दिनांक 01 जनवरी, 2015 से दिनांक 31 दिसम्बर, 2015 तक की अवधि में बिलों में त्रुटि संबंधी कुल़ 622 शिकायतें संबंधित वितरण केन्द्रों में प्राप्त हुई तथा सभी शिकायतों का निराकरण किया गया। उक्त शिकायतों में से 520 शिकायतों में बिल की राशि संशोधन योग्य पाई गई, जिसमें राशि रू. 18.17 लाख का संशोधन किया गया। विधानसभा क्षेत्रवार प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। इस संबंध में सिवनी जिले के अंतर्गत प्रश्नांकित अवधि में संबंधित वितरण केन्द्रों में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। सामान्यत: वितरण केन्द्रों में उक्त शिकायतें प्राप्त होने पर जाँच में पाये गये तथ्यों के अनुसार नियमानुसार, तत्काल कार्यवाही की जाती है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (घ) बिलों में त्रुटि संज्ञान में आने पर जाँच की जाकर जाँच में पाये गये तथ्यों के आधार पर बिलों में सुधार की कार्यवाही की जाती है एवं यदि उपभोक्ता द्वारा अधिक राशि का भुगतान कर दिया गया हो तो उक्त राशि का समायोजन आगामी माहों के विद्युत बिलों में किया जाता है। कम्पनी के अधिकारियों द्वारा जांचोपरान्त बिलों में त्रुटि संबंधी शिकायतों का निराकरण किया जाता है, अत: इस संबंध में अलग से कोई जाँच कमेटी बनाया जाना आवश्यक नहीं है।
मालियों की व्यवस्था किये जाने के संबंध में
[ऊर्जा]
51. ( क्र. 5636 ) श्री रामनिवास रावत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पूर्व में म.प्र. विद्युत मंडल/म.प्र. राज्य विद्युत मंडल के समय एवं कंपनी गठन के पूर्व उद्यान शाखा द्वारा अध्यक्ष म.प्र. विद्युत मंडल को तीन माली, अन्य सभी संकाय के सदस्य को दो माली एवं सचिव को दो माली मुहैया कराये जाते थे, जो कि विद्युत मंडल के नोर्म्स में थे? (ख) क्या कंपनी बनने के बाद अध्यक्ष का पद प्रमुख सचिव ऊर्जा के पास, सदस्य के पद पर एम.डी. एवं अन्य सदस्य के स्थान पर डायरेक्टर तकनीकी, डायरेक्टर फायनेंस एवं सचिव विद्युत मंडल के स्थान पर कार्यपालिक निर्देशक मानव संसाधन के पद सृजित किये गए हैं? यदि हाँ, तो क्या वर्तमान में म.प्र.पा.ज.कं.लिमि. में मात्र एक उद्यान शास्त्री जो कि सतपुड़ा ताप विद्युत गृह में पदस्थ है, को पूर्व अनुसार उद्यान शास्त्री सारनी के माध्यम से प्रमुख सचिव ऊर्जा को तीन माली, एम.डी. को दो माली एवं डायरेक्टर तथा मुख्य अभियंता मानव संशाधन को एक एक माली प्रदत्त किया जायेगा एवं उद्यान में लगने वाली सामग्री भी प्रदाय की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या पूर्व व्यवस्था की भांति सतपुड़ा ताप विद्युत गृह के उद्यान शास्त्री को प्रत्येक माह नियमित ऊर्जा मंत्री के बंगले एवं प्रमुख सचिव ऊर्जा के बंगले के बगीचों की देखभाल हेतु भेजा जायेगा, जिससे कि बगीचे व्यवस्थित रहे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता है।
आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को संविदा/अंशकालीन नियुक्ति में आरक्षण
[सामान्य प्रशासन]
52. ( क्र. 5667 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन की विभिन्न विभागों/निकायों/निगम मंडलों में स्वीकृत पदों में नियुक्ति हेतु अनुसूचित जाति/जनजाति एवं अन्य पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षण का प्रावधान है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति देवें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित विभागों में संविदा/अंशकालीन नियुक्ति में आरक्षण का प्रावधान लागू नहीं है? यदि हाँ, तो क्या इन पदों में आरक्षण का प्रावधान लागू किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो कारण सहित बताएं। (ग) क्या पंचायत सचिवों/रोजगार सहायकों, आंगनवाड़ी कार्यकर्त्ता/सहायिकाओं, अतिथि शिक्षकों तथा अतिथि विद्वानों की भर्ती में आरक्षण का प्रावधान नहीं है? यदि नहीं, है तो क्या विभाग द्वारा इन पदों को भरते समय आरक्षित वर्ग के आवेदकों के लिए आरक्षण का प्रावधान किया जावेगा? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) में वर्णित पदों हेतु आरक्षण का प्रावधान नहीं होने से इन पदों पर सामान्य वर्ग के आवेदक 100 प्रतिशत चयनित हो जाते हैं तथा आरक्षित वर्ग के आवेदक वंचित रह जाते हैं? क्या इनकी भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु शासन गंभीरता पूर्वक विचार करते हुए नियम बनायेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण) अधिनियम 1994 की धारा 2 (ख) का उद्धरण संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) संविदा नियुक्ति में आरक्षण का प्रावधान लागू है। (ग) एवं (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
लेप्स हुई राशि दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही
[अनुसूचित जाति कल्याण]
53. ( क्र. 5691 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश अनुसूचित जाति/जनजाति कार्य विभाग जिला सागर को वित्तीय वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में अधिकारियों/कर्मचारियों के वेतन/भत्ते संबंधी मद को छोड़कर अन्य कौन-कौन से मद में तिमाही बजट के अनुसार कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई थी तथा इसमें कितनी-कितनी राशि किस-किस मद में कब-कब व्यय की गयी और कितनी-कितनी राशि लेप्स हुई? जानकारी तिमाही बजट के आधार पर मदवार पृथक-पृथक आय-व्यय, समर्पित एवं लेप्स राशि सहित विस्तार पूर्वक जानकारी देवें? (ख) क्या विभाग द्वारा निर्धारित समय पर राशि का उपयोग नहीं किया जिससे राशि को समर्पित करना पड़ा और लेप्स हो गयी? लेप्स एवं समर्पित राशि की जानकारी मदवार देते हुये व्यय न करने के कारण सहित दोषी अधिकारी/कर्मचारी का नाम बताया जाये? जिसकी लापरवाही से राशि लेप्स हुई? अथवा समर्पित की गयी? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार दोषी अधिकारी/ कर्मचारी के विरूद्ध कब तक और क्या कार्यवाही की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। प्राप्त आवंटन के विरूद्ध आवश्यकतानुसार राशि व्यय की जाकर शेष राशि समर्पित की गई है। किसी भी योजना में राशि लेप्स नहीं हुई है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। किसी भी योजना में राशि लेप्स नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विद्युत कनेक्शन से वंचित परिवारों को विद्युत कनेक्शन दिया जाना
[ऊर्जा]
54. ( क्र. 5700 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा संभाग में विद्युत विभाग (ऊर्जा) द्वारा सौभाग्य योजना के तहत विद्युत कनेक्शन से वंचित परिवारों को विद्युत कनेक्शन देने के कार्य किए जा रहे हैं, इस हेतु जिलों के किन ग्रामों को चिन्हांकित किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) की योजना के लिये चिन्हांकित ग्रामों राजीव गांधी विद्युतीकरण एवं अन्य संचालित योजनाओं के तहत विद्युतीकरण हेतु चयनित ग्रामों की जानकारी के साथ बतावें कि कौन-कौन से गांव पूर्व संचालित योजनाओं के अन्तर्गत विद्युतीकरण कार्य से वंचित है, जिनकों सौभाग्य योजना के तहत विद्युतीकरण बावत चिन्हांकित किया गया है, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) की योजना के तहत प्रश्नांश (ख) अनुसार विभिन्न संचालित योजनाओं के तहत विद्युतीकरण से टोले, मोहल्ले एवं मजरे वंचित हुए जिसके कारण शासन को सौभाग्य योजना के तहत विद्युतीकरण का कार्य कराना पड़ रहा है? शासन को अतिरिक्त व्यय सहना पड़ा इसके लिए कौन-कौन जिम्मेदार है। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) की विभिन्न योजनाओं के द्वारा विद्युतीकरण के कार्य गांवों मोहल्लों, टोलों में नहीं किये गये बार-बार कार्यों को किया जाना बताया गया फर्जी तरीके से राशि बिल बाउचर तैयार कर संविदाकार एवं विभाग के जिम्मेदारों द्वारा आहरित कर ली गयी, कार्य मौके पर नहीं कराये गये, ट्रान्सफार्मर एवं केबिल के कार्य नहीं हुये इसके लिए संबंधित से राशि वसूली के साथ धोखाधड़ी के अपराध पंजीबद्ध कराने के निर्देश जारी करेगें तो कब तक अगर नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) रीवा संभाग के अंतर्गत जिला रीवा, सतना, सीधी एवं सिंगरौली में सौभाग्य योजनान्तर्गत विद्युतविहीन घरों को विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराने हेतु जिन ग्रामों को चिन्हांकित किया गया है, उनकी जिलेवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) 11वीं एवं 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना तथा दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना सहित पूर्व में संचालित योजनाओं के अंतर्गत उत्तरांश (क) में उल्लेखित समस्त ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्व में ही पूर्ण किया जा चुका है। सौभाग्य योजना का उद्देश्य पूर्व से विद्युतीकृत ग्रामों/मजरों/टोलों/बस्तियों सहित विद्युतीकरण से छूटे मजरों/टोलों/बस्तियों में स्थित विद्युतविहीन घरों को आवश्यकतानुसार विद्युत अधोसंरचना का कार्य कर विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराते हुए शतप्रतिशत घरों के विद्युतीकरण का लक्ष्य प्राप्त करना है। अत: सौभाग्य योजनान्तर्गत उक्त उद्देश्य की पूर्ति हेतु उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार ग्रामों को उक्त योजना से लाभान्वित करने हेतु चिन्हांकित किया गया है। (ग) जी नहीं। उत्तरांश (ख) में उल्लेखित योजनाओं के अंतर्गत योजना के प्रावधानों के अनुसार ग्रामों/मजरों/टोलों में विद्युतीकरण का कार्य किया गया है। उल्लेखनीय है कि सर्वप्रथम मुख्य राजस्व ग्राम के विद्युतीकरण का कार्य किया गया, तदुपरांत 300 एवं 300 से अधिक जनसंख्या वाले मजरों/टोलों एवं बाद में 100 एवं 100 से अधिक आबादी के मजरों/टोलों के विद्युतीकरण के कार्य उक्त योजनाओं में किये गये। इस प्रकार ग्रामों के सघन विद्युतीकरण का कार्य क्रमश: करते हुए वर्तमान में सौभाग्य योजना में छूटे हुए मजरों/टोलों/बस्तियों सहित सभी विद्युतीकृत ग्रामों/मजरों/टोलों में शत-प्रतिशत घरों को विद्युतीकृत करने का कार्य किया जा रहा है। उक्त परिप्रेक्ष्य में अतिरिक्त व्यय होने अथवा किसी के जिम्मेदार होने का प्रश्न नहीं उठता। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) की विभिन्न योजनाओं के प्रावधानों के अनुसार विद्युतीकरण के कार्य किए गए हैं। प्रश्नाधीन उल्लेखित अनियमितता संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है तथापि माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा प्रश्नाधीन उल्लेखित अनियमितता का प्रकरण विशेष संज्ञान में लाया जाता है तो उसकी जाँच कर नियामानुसार कार्यावाही सुनिश्चित की जाएगी।
विभागीय जाँच को समय-सीमा में पूर्ण कर आरोपी अधिकारी को दण्डित किया जाना
[ऊर्जा]
55. ( क्र. 5716 ) पं. रमेश दुबे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 868 दिनांक 18/07/2017 के उत्तर में यह बताया गया है कि छिन्दवाड़ा के कनिष्ठ अभियंताओं एवं सहायक अभियंताओं को 126 कारण बताओ सूचनाएं जारी करने तथा छिन्दवाड़ा जिले में 45 नं. 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों को बाहय स्त्रोत से संचालन हेतु कांट्रेक्ट प्रावधान के विपरीत एक से अधिक बार कान्ट्रेक्ट अवधि विस्तारित करने के आरोप पर श्री ए.के. निकोसे अधीक्षण अभियंता के विरूद्ध विभागीय जाँच प्रक्रियाधीन है? (ख) यदि हाँ, तो क्या विभागीय जाँच पूरी कर ली गयी है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) विभागीय जाँच की समय-सीमा क्या है? समय-सीमा में विभागीय जाँच पूर्ण न करने के लिए कौन लोग जिम्मेदार हैं? कब तक श्री ए.के. निकोसे अधीक्षण अभियंता के विरूद्ध संस्थित विभागीय जाँच पूर्ण कर उन्हें दण्डित किया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, विभागीय जाँच पूर्ण कर ली गई है। (ग) विभागीय जाँच एक वर्ष में पूर्ण किये जाने की समय-सीमा निर्धारित है। श्री निकोसे, अधीक्षण अभियंता के विरूद्ध संस्थित विभागीय जाँच समय-सीमा में पूर्ण कर उनकी आगामी एक वार्षिक वेतनवृद्धि संचयी प्रभाव से अवरूद्ध की गई है।
प्रकरण पंजीबद्ध करने हेतु शिकायती पत्र
[सामान्य प्रशासन]
56. ( क्र. 5740 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिलों के अमरपाटन तहसील के ग्राम पड़री निवासी दलबीर सिंह के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध कराने हेतु शिकायती पत्र दिनांक 28.6.2017 को मुख्य सचिव महोदय भोपाल को पत्र दिया गया हैं? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो अभी तक उस आवेदन में क्या कार्यवाही की गयी है की गयी कार्यवाही की प्रति के साथ जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) के संबंध में कार्यवाही न करने के लिए कौन अधिकारी दोषी है? दोषी अधिकारी के विरूद्ध कौन सी दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) प्रश्नाधीन पत्र मुख्य सचिव कार्यालय में आना नहीं पाया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मध्यप्रदेश व गुजरात के बीच नर्मदा जल बटवारें की व्यवस्था
[नर्मदा घाटी विकास]
57. ( क्र. 5754 ) श्री जितू पटवारी : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश व गुजरात के बीच नर्मदा के जल के बटवारे को लेकर क्या व्यवस्था अंतिम रूप से लागू की गई है व किस वर्ष में की गई? इस व्यवस्था के अन्तर्गत कितना जल मध्यप्रदेश को व कितना गुजरात प्रदेश को देना तय किया गया है? (ख) प्रश्न (क) अनुसार प्रश्न दिनांक को आवंटित जल में से कितना जल मध्यप्रदेश को व कितना गुजरात प्रदेश को मिल चुका है व आने वाले कितने वर्षों में कितना-कितना जल और मिलना बाकी है व उसके लिए सरकार ने क्या-क्या तैयारी कर योजना बनाई है? (ग) प्रश्न (क) अनुसार कितनी योजनाओं का कार्य पूर्ण हो चुका है व कितनी अभी होना बाकी है? योजनाओं के नाम व लागत सहित जानकारी देवें।
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
राज्य सेवा आयोग परीक्षा द्वारा आयोजित परीक्षा में त्रुटियों की शिकायत
[सामान्य प्रशासन]
58. ( क्र. 5755 ) श्री जितू पटवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य सेवा आयोग द्वारा फरवरी 2018 में आयोजित प्रारंभिक परीक्षा के प्रश्नों के उत्तर में त्रुटियों की शिकायत पायी गई हैं? यदि हाँ, तो ऐसे कितने प्रश्न है जिसके उत्तरों में त्रुटि पायी गयी? प्रश्न व उसका उत्तर बतायें। (ख) क्या राज्य सेवा गलत प्रश्न व उत्तर के लिए आपत्ति दर्ज कराने पर 100 रूपये प्रति प्रश्न की माँग करता है, यदि हाँ, तो कारण बतायें? (ग) प्रश्न (ख) अन्तर्गत व प्रश्न (क) में आयोजित परीक्षा से प्रश्न दिनांक तक कितने रूपये आयोग को प्राप्त हुये? (घ) आर.टी.आई. एक्ट के तहत उत्तर पुस्तिका का अवलोकन व छायाप्रति प्राप्त करने के लिए क्या नियम है? विस्तृत जानकारी देवे क्या आयोग आर.टी.आई. के अन्तर्गत आये आवेदन पर उत्तर पुस्तिका की छायाप्रति उपलब्ध नहीं करता है, यदि हाँ, तो क्यों? (ड.) आयोग की तीन वर्ष की आडिट बैलेन्स शीट व सी.ए.जी. द्वारा दर्ज टिप्पणी व आपत्ति की जानकारी उपलब्ध करायें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। केवल वास्तविक आपत्तियां ही प्राप्त हों तथा बिना प्रमाण अनावश्यक अभ्यावेदनों को हतोत्साहित करने के लिए आयोग द्वारा आपत्तियां प्रस्तुत करने हेतु शुल्क का निर्धारण किया गया है। (ग) कुल राशि रूपये 3,48,500/- प्राप्त हुई। (घ) नियमानुसार उत्तरपुस्तिका के अवलोकन हेतु राशि रूपये 50/- की रसीद सूचना के अधिकार के अंतर्गत जमा करवाये जाने पर आयोग द्वारा उत्तर पुस्तिका का अवलोकन करवाया जाता है। चूंकि एक अभ्यर्थी की 6 विषयों की उत्तर पुस्तिका 9 होती है, जिस 9 उत्तरपुस्तिकाओं के कुल पृष्ठों की संख्या 342 होती है। ऐसे सैकड़ों आवेदक सूचना के अधिकार के तहत उत्तरपुस्तिका की छायाप्रति की मांग करते हैं। न्यूनतम स्टाफ एवं संसाधनों के अभाव में उत्तरपुस्तिका की छायाप्रति दी जाना संभव नहीं होने से आयोग द्वारा सूचना के अधिकार के अंतर्गत उत्तरपुस्तिका का वर्तमान में अवलोकन कराया जा रहा है। (ड.) आयोग एक संवैधानिक संस्था होने से शासकीय कार्यालय है। इस कार्यालय को आय प्राप्त नहीं होती है। केवल ओवदकों से परीक्षा शुल्क कियोस्क के माध्यम से प्राप्त होता है जो शासकीय मद में जमा की जाता है। इस कार्यालय में बेलेन्स शीट संधारित नहीं की जाती है।
प्रश्नकर्ता के पत्रों पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
59. ( क्र. 5758 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिला पंचायत कार्यालय में प्रश्नकर्ता के वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक में प्राप्त पत्र/मेल की सूची दिनांकवार, विषयवार, विभाग के जवाब का पत्र क्रमांक एवं दिनांक सहित दें? (ख) पत्रों के जवाब मिलने या कार्यवाही की जानकारी मिलने संबंधी मॉनीटरिंग व्यवस्था में प्रश्नकर्ता के पत्रों की वर्तमान स्थिति क्या है? कौन-कौन से पत्र किन कारणों से कब से लंबित हैं? पत्रवार सूची देवें। (ग) जिन शिकायती पत्रों पर यदि जाँच के आदेश हुये हैं, तो पत्रवार जाँच की वर्तमान स्थिति बतायें। पूर्ण जाँच प्रतिवेदन की प्रति देवें। लंबित जाँच को त्वरित पूर्ण करने संबंधी यदि कोई निर्देश दिये हैं, तो प्रति देवें। शिकायती पत्रों पर लिये गये निर्णयों की प्रति देवें। (घ) मांग पत्रों पर प्रश्नांश (क) कार्यालय द्वारा उठाये गये कदमों की जानकारी पत्रवार देवें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी प्रश्नांश (क) में उल्लेखित परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' में दर्शाई गई है। लंबित पत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द''अनुसार है।
बाल कल्याण समिति और किशोर न्याय बोर्ड का गठन
[महिला एवं बाल विकास]
60. ( क्र. 5772 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सागर जिले में बाल कल्याण समिति एवं किशोर न्याय बोर्ड का गठन कब हुआ था? इसके अध्यक्ष, सदस्यों सहित संपूर्ण जानकारी देवें। (ख) वर्तमान में बोर्ड गठन के पश्चात् बैठक के कौन-कौन से दिन बैठक के लिए निर्धारित किए गए थे? दिनांक, दिन एवं समय सहित जानकारी देवें। (ग) क्या बोर्ड की बैठक निर्धारित दिनांक के अलावा/अतिरिक्त दिन भी आयोजित की गई है, तो क्यों एवं बैठक की दिनांक व दिन सहित जानकारी देवें? (घ) बैठक की उपस्थिति की सत्यापन किस अधिकारी द्वारा किया गया एवं किन-किन सदस्यों की बैठक में बैठक की उपस्थिति के रजिस्टर पर हस्ताक्षर थे? उनके वेतन सहित जानकारी देवें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) मध्यप्रदेश राजपत्र दिनांक 07.02.2014 के द्वारा बाल कल्याण समिति एवं किशोर न्याय बोर्ड सागर के गठन की अधिसूचना जारी हुई है। बाल कल्याण समिति में श्री दिनेश नामदेव अध्यक्ष एवं श्री जगदीश प्रसाद तिवारी, श्री मनीष शर्मा, श्रीमती मंजूमाला सिंह व श्री साजू देव्यासी की नियुक्ति सदस्य पद पर की गई है। किशोर न्याय बोर्ड में अशासकीय सदस्य श्री ओंकार सिंह एवं श्रीमती श्वेता जैन सदस्य की नियुक्ति की गई है। किशोर न्याय बोर्ड में श्रीमती श्वेता जैन का पद रिक्त होने के उपरांत मध्यप्रदेश राजपत्र दिनांक 26.09.2017 से प्रीति यादव की नियुक्ति बोर्ड के सदस्य पद पर की गई है। किशोर न्याय बोर्ड में प्रिंसिपल मजिस्ट्रेट कु. पदमा जाटव की पदस्थापना उच्च न्यायालय जबलपुर के मेमोरेंडम क्र. बी/1973, दिनांक 28.3.2017 द्वारा की गई है। (ख) किशोर न्याय बोर्ड सागर के गठन के उपरांत सप्ताह में निर्धारित दिवस बुधवार एवं शुक्रवार को बैठकें आयोजित की जाती थी। जिला एवं सत्र न्यायाधीश सागर के ज्ञापन क्र.-क (एक-10-3) 95, दिनांक 06.08.2014 द्वारा प्रति दिवस बोर्ड की बैठकें आयोजित की गई तथा शासन आदेश क्रमांक 935/1232/2017/50-2, दिनांक 18.04.2017 से किशोर न्याय बोर्ड सागर की बैठकें सप्ताह में 03 दिवस सोमवार, बुधवार एवं शुक्रवार को आयोजित की जा रही है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। अतिरिक्त बैठकें आयोजित नहीं की गई है। (घ) प्रिंसिपल मजिस्ट्रेट, किशोर न्याय बोर्ड सागर द्वारा बोर्ड के सदस्यों की उपस्थिति संबंधी जानकारी जिला महिला सशक्तिकरण कार्यालय सागर को मानेदय भुगतान हेतु प्रेषित की जाती है, जिस पर बोर्ड के सदस्यों द्वारा हस्ताक्षर किये जाते हैं। नियुक्ति दिनांक से फरवरी 2018 तक श्रीमती श्वेता जैन को राशि रूपये 93,500/-, श्री ओंकार सिंह को राशि रूपये 7,47,900/- एवं सुश्री प्रीति यादव को राशि रूपये 39,000/- मानदेय भुगतान किया गया। माह अक्टूबर, नवम्बर एवं दिसम्बर 2015 में सदस्य ओंकार सिंह की उपस्थिति के संबंध में प्रिंसिपल मजिस्ट्रेट सागर के पत्र के आधार पर कलेक्टर सागर के आदेशानुसार मानदेय की 40 प्रतिशत राशि रूपये 23,600/- का कटोत्रा किया गया है।
अ.जा./अ.ज.जा. वर्ग के व्यक्तियों के कल्याण हेतु संचालित योजनाएं
[अनुसूचित जाति कल्याण]
61. ( क्र. 5788 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश सरकार द्वारा अ.जा./अ.ज.जा वर्ग के कल्याण हेतु विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं? यदि हाँ, तो इन योजनाओं से कटनी जिले में विगत 03 वर्षों में योजनावार के कितने लोगों को क्या-क्या लाभ मिला? विधानसभा क्षेत्रवार संख्यात्मक जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) की योजनाओं में से कितनी राशि उद्देश्य हेतु उपलब्ध कराई गई है? क्या प्रदाय राशि का भौतिक सत्यापन कराया गया है? यदि हाँ, तो कब किसके द्वारा सत्यापनकर्ता के नाम सहित बतावें? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार क्या राशि के दुरूपयोग के प्रमाण शासन के संज्ञान में हैं? यदि हाँ, तो किनके द्वारा कितनी-कितनी राशि का दुरूपयोग किया गया? इसके लिए दोषी कौन है? उसके विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कर्मचारियों की नियुक्ति हेतु एक वर्षीय कम्प्यूटर डिप्लोमा की अनिवार्यता
[सामान्य प्रशासन]
62. ( क्र. 5789 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग, मंत्रालय के पत्र क्र. एफ/10/3/2006/1/9 भोपाल दिनांक 06.02.06, म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र क्र. एफ/10/3/2006/19 भोपाल दिनांक 26.09.14 म.प्र. शासन विधि और विधायी कार्य विभाग का पत्र क्र. 3732/2015/21-ब (एक) दिनांक 23.01.16 तथा माननीय उच्च न्यायालय के wp No. 12432/13 Mehfooz Ahmed and other Vs. State of MP and other आदेश दिनांक 20.08.14 तथा wp No. 10141/16 (s) आदेश दिनांक 02.08.16 में दिये गये आदेश, निर्देश अनुसार क्या जिन कर्मचारियों की नियुक्ति हेतु एक वर्षीय कम्प्यूटर डिप्लोमा की अनिवार्यता थी, क्या वे कर्मचारी भी उक्त आदेश, परिपत्र अनुसार यदि दिनांक 26.09.14 के पूर्व, म.प्र. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग, मंत्रालय के पत्र क्र. एफ/10/3/2006/1/9 भोपाल दिनांक 06.02.06 की कंडिका 9 की पूर्ति करते हैं, तो क्या उन्हें एक अग्रिम वेतन वृद्धि की पात्रता होगी? यदि हाँ, तो किस दिनांक से स्पष्ट करें? यदि नहीं, तो क्यों। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित आदेश, निर्देशों के संबंध में शासन ने क्या स्पष्ट एकजाई आदेश जारी किये हैं? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो कब तक जारी किये जावेंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ/10/3/2006/1/9, भोपाल दिनांक 06.02.2006 के अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। एकजाई आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के निलंबित अधिकारी/कर्मचारी
[जनजातीय कार्य]
63. ( क्र. 5790 ) श्री मनोज कुमार अग्रवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा आदेश क्र. 6-2/2013/3-एक दिनांक 28 जनवरी, 2013 के अनुसार एक वर्ष से अधिक समय से निलंबित शासकीय सेवकों की बहाली संबंधी निर्देश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग में वर्ग तीन के कुल कितने कर्मचारी/अधिकारी एक वर्ष या उससे अधिक समय से निलंबित हैं? (ख) प्रश्न (क) अनुसार सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश के तहत कितने अधिकारी/कर्मचारी बहाल किये गये? यदि हाँ, तो बहाल अधिकारी/कर्मचारियों की सूची देवें? यदि नहीं, तो क्या कारण है कि उक्त आदेश का पालन नहीं किया गया तथा उक्त आदेश का पालन कब तक किया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। प्रदेश में अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग में कार्यरत वर्ग-3 के 62 कर्मचारी/अधिकारी निलंबित हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जिन कर्मचारी/अधिकारी के विरूद्ध पुलिस/न्यायालय में आपराधिक प्रकरण विचाराधीन हैं, उन्हें बहाल नहीं किया गया है।
अपात्र को सामाजिक पेंशन एवं उपादान का भुगतान
[वित्त]
64. ( क्र. 5793 ) श्री के.पी. सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला शिवसेना म.प्र. भोपाल के संगठन मंत्री के शिकायती पत्र दिनांक 21-02-2018 के द्वारा अपर मुख्य सचिव म.प्र. शासन वित्त मंत्रालय एवं संचालक पेंशन के साथ-साथ कमिश्नर भोपाल संभाग, कलेक्टर भोपाल, संयुक्त संचालक संभागीय पेंशन कार्यालय तथा वरिष्ठ कोषालय अधिकारी भोपाल को स्पीड पोस्ट सेवा भारत सरकार के माध्यम से भेजकर कई गंभीर अनियमिततायें करते हुए नियम/निर्देशों एवं दस्तावेजों की जाँच किये बिना अपात्र व्यक्ति को पारिवारिक पेंशन स्वीकृत कर लाखों रूपये की वित्तीय हानि पहुंचाई जाने के संबंध में बिन्दुवार मय दस्तावेजी साक्ष्यों सहित अवगत कराते हुए उसे प्रदान किये जाने वाले पेंशन एवं उपादान पर तत्काल रोक लगाते हुए नियमानुसार कार्यवाही का अनुरोध किया गया था? (ख) प्राप्त शिकायत के बिन्दुओं का बिन्दुवार उल्लेख करते हुए उन पर किस-किस के द्वारा क्या-क्या निर्देश दिये गये/प्राप्त हुए? प्रश्न दिनांक तक निर्देशों/शिकायत पर क्या-क्या कार्यवाही किस-किस के द्वारा कब-कब की गई? उसके क्या निष्कर्ष निकले? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों? (ग) क्या शिकायत के बिन्दुओं में जिन अधिकारियों/कर्मचारियों की मिलीभगत के कारण अपात्र को लाभ प्रदान किये जाने हेतु अनियमितताओं के गंभीर आरोप लगाये गये हैं, उन्हीं से जाँच प्रतिवेदन चाहा गया है? उनसे जाँच प्रतिवेदन चाहे जाने के नियमयुक्त/विधियुक्त कारण बतावें? जाँच निष्पक्ष कैसे हो सकती है? यह भी बतावें? क्या इस गंभीर प्रकरण पर दोषियों को संरक्षण प्रदान किया जा रहा है? (घ) क्या शासन/विभाग शिकायत की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए अपात्र व्यक्ति को प्रदान किये जाने वाली पेंशन व उपादान की राशि रोकते हुए प्रकरण की तत्काल जाँच शासन/संचालनालय के किसी वरिष्ठ अधिकारी से कराते हुए अपात्र को पेंशन व उपादान प्रदान करने वाले दोषियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही करने के साथ-साथ प्रश्नांश (क) से (घ) का उत्तर अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त एवं संचालक पेंशन के अभिमत सहित दिया जाना सुनिश्चित करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। (ख) संचालनालय,पेंशन भविष्य निधि एवं बीमा के पत्र क्रमांक 848, दिनांक 03.03.2018 द्वारा प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्र संभागीय पेंशन अधिकारी भोपाल को भेजते हुए उनके द्वारा जारी पेंशन/उपादान प्राधिकार पत्र के अनुक्रम में समुचित परीक्षण कर वस्तुस्िथति से अभिमत सहित अवगत कराने हेतु निर्देशित किया गया था। शिकायतकर्ता द्वारा शिकायत की प्रति संभागीय पेंशन अधिकारी को भी प्रेषित की गई थी। उक्त शिकायत पर संभागीय पेंशन अधिकारी भोपाल द्वारा इस संबंध में कार्यालय प्रमुख जो कि पेंशन स्वीकृतकर्ता अधिकारी होता है, से बिन्दुवार प्रतिवेदन चाहा गया है, प्रतिवेदन अपेक्षित है। (ग) प्रतिवेदन प्राप्त होने पर गुणदोषों के आधार पर निर्णय लिया जाएगा। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार।
सेवा निवृत्त पेंशनरों को सातवें वेतनमान का लाभ प्रदान किया जाना
[वित्त]
65. ( क्र. 5802 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन्द्र शासन ने उनके पेंशनर्स को 01 जनवरी, 2016 से सातवें वेतनमान का लाभ 2.57 की दर से दे दिया है? (ख) क्या म.प्र. शासन द्वारा भी 01 जनवरी, 2016 के बाद सेवा निवृत्त पेंशनरों को सातवें वेतनमान का लाभ 2.57 की दर से दे दिया गया है, किन्तु अभी तक म.प्र. शासन द्वारा 01 जनवरी, 2016 के पूर्व सेवा निवृत्त पेंशनरों को 2.57 की दर से सातवें वेतनमान का लाभ नहीं दिया है, जिसके कारण लगभग 4.50 लाख पेंशनर वेतनमान के लाभ से वंचित हैं और उन्हे बहुत अधिक असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है? कारण सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) म.प्र. शासन द्वारा 01 जनवरी, 2016 के पहले सेवा निवृत्त पेंशनरों को 2.57 की दर से सातवें वेतनमान का लाभ कब तक प्रदान कर दिया जायेगा? जानकारी उपलब्ध करायें। क्या ऐसे पेंशनरों को शासन द्वारा एरियर सहित लाभ प्रदान किया जायेगा।
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) माननीय वित्त मंत्री जी द्वारा विधानसभा में दिनांक 28 फरवरी, 2018 को दिए बजट भाषण में पेंशन में 10 प्रतिशत की वृद्धि का उल्लेख है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
भ्रष्टाचार के चलते मंत्री परिषद का निर्णय निरस्त किया जाना
[जनजातीय कार्य]
66. ( क्र. 5826 ) श्री आरिफ अकील : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मंत्रिपरिषद के आदेश दिनांक 15/02/2011 में लिये गये निर्णयानुसार सा.प्र.वि. के आदेश दिनांक 22/06/2011 के द्वारा विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जनजाति कल्याण विभाग के गठन संबंधित अधिसूचना जारी की गई है? यदि हाँ, तो क्या आदिम जाति कल्याण विभाग के आदेश दिनांक 27 मई, 2014 के द्वारा नवगठित संचालनालय, विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति विकास में 24 नवीन पदों तथा व्यय की स्वीकृति प्रदान की गई थी? (ख) अवर सचिव मध्यप्रदेश शासन आदिम जाति कल्याण विभाग के आदेश दिनांक 04 अक्टूबर, 2014 के द्वारा पूर्व में जारी आदेश दिनांक 27 मई, 2014 को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया है? यदि हाँ, तो संचालनालय विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जनजाति विकास में कार्यरत अधिकारी एवं कर्मचारियों की पदस्थापना का वैधानिक आधार क्या है? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में मंत्रिपरिषद के निर्णय को अवर सचिव स्तर के अधिकारी द्वारा किस अधिकारिता के निरस्त किया गया? इस प्रकार की नियम विपरीत कार्यवाही करने हेतु शासन द्वारा किन-किन के विरूद्ध क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या विमुक्त घुमक्कड़ विभाग को जिलास्तर पर जनजाति कार्य विभाग को सौंपा जाना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो किन-किन कारणों से तथा कब तक सौंपा जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। 24 नवीन पदों तथा व्यय की स्वीकृति मध्यप्रदेश शासन, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति कल्याण विभाग, मंत्रालय के पत्र क्रमांक एफ 4-18/2011/1/25 भोपाल, दिनांक 04.01.2012 द्वारा दी गई थी, न कि दिनांक 27 मई, 2014 द्वारा। (ख) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
आदिम जाति कल्याण विभाग में लंबित पेंशन प्रकरण
[जनजातीय कार्य]
67. ( क्र. 5829 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिम जाति कल्याण विभाग से सेवानिवृत्त हुए अधिकारियों एवं कर्मचारियों के पेंशन प्रकरण लंबित हैं? यदि हाँ, तो विगत 5 वर्ष के दौरान किन-किन अधिकारी एवं कर्मचारियों के पेंशन प्रकरण लंबित हैं? वर्षवार ब्यौरा दें। (ख) क्या आदिम जाति कल्याण विभाग में वर्ष 2006 में आयुक्त आदिवासी विकास सतपुड़ा भवन भोपाल से सेवानिवृत्त हुए सहायक संचालक श्री सी.बी. सिंह की पदोन्नति प्रकरण वर्ष 1990 की नस्ती विभाग के रिकॉर्ड से गायब हुई है? यदि हाँ, तो कैसे? (ग) क्या राज्य मुख्य सूचना आयुक्त द्वारा प्रकरण क्रमांक ए-3674/012, दिनांक 29 सितंबर, 2014 का निराकरण करते हुए अपीलार्थी का सेवा रिकॉर्ड गुम करने वाले जिम्मेदार अधिकारियों के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराने के निर्देश दिए थे? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें? (घ) क्या मुख्य सूचना आयुक्त द्वारा प्रश्न (ख) अनुसार पारित आदेश में जारी निर्णय आदेश का पालन किया गया है? यदि हाँ, तो बिन्दुवार ब्यौरा दें? यदि नहीं, तो कारण सहित ब्यौरा दें तथा कब तक कर लिया जाएगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नर्मदा जल बंटवारे की जानकारी
[नर्मदा घाटी विकास]
68. ( क्र. 5843 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदा जल ट्रिब्यूनल द्वारा नर्मदा अवार्ड में प्रदेश को कितना पानी दिये जाने के निर्देश कब दिये गये थे? यह निर्णय किस वर्ष तक के लिये हैं? (ख) मध्यप्रदेश में प्रश्न दिनांक तक अपने हिस्से के कितने एफ.ए.एम. पानी का उपायोग किन स्त्रोतों से किया है और कितने पानी का उपयोग किया जाना अभी शेष है? (ग) क्या वर्ष 2024 के बाद नर्मदा जल का राज्यों के बीच पुन: बंटवारा होगा? क्या प्रदेश में नर्मदा सागर परियोजना में 29 बांध बनने थे? यदि हाँ, तो अब तक इस परियोजना में कितने बांध बने हैं और किन-किन स्थानों पर बांध बनना बाकी है? (घ) इंदिरा सागर बांध से प्रदेश को गुजरात के लिये प्रतिवर्ष कितना पानी दिया जाना है और इस वर्ष अब तक कितना पानी गुजरात को दिया गया है? क्या प्रदेश ने गुजरात को अनुबंध से अधिक पानी जारी किया है? यदि हाँ, तो क्यों?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
किसानों के पम्पों को ऊर्जीकृत करने की योजनाएं
[ऊर्जा]
69. ( क्र. 5858 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत किसानों के पम्पों को ऊर्जीकृत करने हेतु विभाग की कौन सी योजना संचालित है? (ख) प्रति हॉर्स पॉवर एक पम्प पर कितना खर्च आता है? इस हिसाब से कितना खर्च प्रत्येक पम्प पर कितना खर्च हुआ? (ग) नरसिंहपुर जिले में अभी तक कितने पम्पों को ऊर्जीकृत किया गया हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र सहित संपूर्ण प्रदेश में कृषकों को स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन उपलब्ध कराए जाने हेतु वर्तमान में मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पंप कनेक्शन योजना एवं स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना संचालित है। (ख) मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजना के अंतर्गत कृषकों द्वारा प्रति हार्स पॉवर के मान से निर्धारित अंश राशि का भुगतान कृषकों की श्रेणी/जोतसीमा के अनुसार किया जाना है, जिसका विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। तद्नुसार 3 हार्स पॉवर, 5 हार्स पॉवर एवं 7.5 हार्स पॉवर क्षमता के प्रत्येक पम्प पर कृषकों को आने वाले खर्च का विवरण भी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजनान्तर्गत दिनांक 21.09.2017 को जारी राज्य शासन के आदेश के अनुसार कुछ शर्तों के साथ यह प्रावधान किया गया है कि समीपवर्ती खेतों के लिए एक ही अधोसंरचना एवं वितरण ट्रांसफार्मर से यदि एक से अधिक परन्तु अधिकतम तीन किसान, स्थायी कृषि पंप कनेक्शन हेतु एक साथ संयुक्त आवेदन करते है, तो इन सभी किसानों से अलग-अलग अंशराशि लेने के स्थान पर इन किसानों में से अधिकतम क्षमता के आवेदन पर प्रति हॉर्स पॉवर के आधार से अंशराशि ली जाए, जिसका विभाजन इन आवेदकों के मध्य उनकी पंप क्षमता के आधार पर अनुपातिक रूप से किया जाए। उक्तानुसार दो या तीन कृषकों के पम्पों हेतु एक प्राक्कलन बनाकर कार्य करवाया जाता है तथा कृषक के पम्प की विद्यमान विद्युत अधोसंरचना से दूरी के आधार पर प्राक्कलन राशि/पम्प के कार्य पर कुल खर्च भिन्न-भिन्न होता है, तथापि नरसिंहपुर जिले में वर्ष 2017-18 में 3554 हार्स पॉवर क्षमता के कुल 1036 पम्प कनेक्शन दिये गये हैं, जिन पर कृषकों द्वारा जमा कराई गई अंश राशि सहित कुल रू. 20.65 करोड़ की राशि खर्च हुई है, तद्नुसार प्रश्नाधीन क्षेत्र में प्रति पम्प औसतन रू. 1.99 लाख खर्च आया है। स्वयं का ट्रांसफार्मर योजनान्तर्गत पम्प कनेक्शन हेतु कृषकों को स्वयं के व्यय से विद्युत अधोसंरचना के विकास का कार्य कराना होता है। उक्त योजना में भी विद्यमान विद्युत अधोसंरचना से दूरी के अनुसार प्रत्येक पम्प हेतु व्यय राशि पृथक-पृथक होती है, अत: एक पम्प पर प्रति हार्स पॉवर कितना खर्च हुआ तथा कुल व्यय कितना हुआ, इसकी जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना अंतर्गत वर्ष 2017-18 में प्रश्नाधीन क्षेत्र में कोई भी पम्प कनेक्शन का कार्य नहीं हुआ है। (ग) नरसिंहपुर जिले में दिनांक 13.03.2018 तक कुल 78759 स्थाई कृषि पम्पों को ऊर्जीकृत किया गया है।
अनुसूचित जाति एवं आदिवासी बस्ती विकास योजना से स्वीकृत कार्य
[जनजातीय कार्य]
70. ( क्र. 5866 ) श्री कमल मर्सकोले : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिवासी विकास विभाग सिवनी में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत हुए? स्वीकृत कार्य किन-किन कार्य एजेन्सी द्वारा करवाये जा रहे हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कार्य में से कौन-कौन से कार्य पूर्ण हैं, कितने अपूर्ण हैं, उक्त कार्य में से किस-किस कार्य के लिए कितनी राशि का भुगतान कर दिया गया है? वर्षवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्यों में से कौन-कौन से कार्य हैं, जिनके पूर्ण किये बिना कार्य से अधिक राशि का भुगतान किया गया हैं? कार्यवार किये गये भुगतान की जानकारी दें। अपूर्ण कार्य होने की स्थिति में संबंधित कार्य एजेंसी पर क्या दण्डात्मक कार्यवाही की गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में उल्लेखानुसार है। (ग) किसी भी कार्य पर बिना कार्य पूर्ण किये स्वीकृत राशि से अधिक राशि का भुगतान नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आदिवासी परियोजना सिवनी द्वारा कराये गये कार्य
[जनजातीय कार्य]
71. ( क्र. 5868 ) श्री कमल मर्सकोले : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिवासी परियोजना सिवनी में वर्ष 2013-14 से वर्ष 2017-18 तक कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि के करवाये गये हैं? नियुक्त कार्य एजेंसी के नाम सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कार्य में से कौन-कौन से कार्य पूर्ण हैं, कितने अपूर्ण हैं? उक्त कार्य में से किस-किस कार्यों के लिए कितनी राशि का भुगतान किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत कार्यों में से अनियमितता और भ्रष्टाचार की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई, इनमें से किन-किन शिकायतों की जाँच किसके द्वारा की गई एवं जाँच उपरांत क्या कार्यवाही की गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
छात्रावासों में नियम के विपरीत सामग्री क्रय पर कार्यवाही
[जनजातीय कार्य]
72. ( क्र. 5880 ) श्री रामपाल सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या एस.सी./एस.टी. फर्म राज स्टेशनर्स एण्ड सप्लायर कोतमा, द्वारा दिनांक 20.11.2017 एवं विकास इण्टरप्रायजेज एण्ड सप्लायर कोतमा द्वारा दिनांक 20.11.2017 एवं दिनांक 22.01.2018 को सहायक आयुक्त आ.जा.क. अनूपपुर को आवेदन प्रस्तुत किया गया था? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो संबंधित पत्रों में संलग्न दस्तावेजों सहित जानकारी उपलब्ध कराकर की गई कार्यवाही से अवगत कराया जावे? (ग) क्या कमिश्नर शहडोल संभाग द्वारा छात्रावासों में दबाव डालकर नियम के विपरीत सामग्री क्रय के संबंध में कारण बताओ नोटिस सहायक आयुक्त को जारी किया गया है? यदि हाँ, तो उक्त संबंध में क्या कार्यवाही की गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। सहायक आयुक्त, जनजातीय कार्य विभाग, अनूपपुर को राज स्टेशनर्स एण्ड सप्लायर कोतमा एवं विकास इंटरप्रायजेज कोतमा का पत्र दिनांक 20.11.2017 प्राप्त हुआ है तथा दिनांक 22.01.2018 का राज स्टेशनर्स एण्ड सप्लायर कोतमा एवं विकास इंटरप्रायजेज एण्ड सप्लायर कोतमा का पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। प्राप्त पत्रों के संबंध में वर्ष 2002 से म.प्र. भण्डार क्रय नियम 2002 के अनुसार क्रय आदेश में ही 30 प्रतिशत सामग्री एस.सी./एस.टी. संस्थाओं से क्रय करने का उल्लेख किया जाता है, जिसकी जवाबदारी सामग्री प्रदायकर्ता एजेंसी की होती है, वर्ष 2015 से म.प्र. भण्डार क्रय तथा सेवा उपार्जन नियम, 2015 लागू होने से कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। आयुक्त, शहडोल संभाग के पत्र क्रमांक/संभा.उपा./स्टोर/17-18/500, दिनांक 12 जुलाई, 2017 द्वारा श्री पी.एन. चतुर्वेदी, सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास, अनूपपुर को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया। जारी कारण बताओ सूचना पत्र का उत्तर श्री पी.एन. चतुर्वेदी, सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास, अनूपपुर द्वारा दिनांक 22.07.2017 को आयुक्त, शहडोल संभाग कार्यालय में प्रस्तुत किया गया है। प्रस्तुत उत्तर संतोषप्रद न होने के कारण पत्र क्रमांक 3635, दिनांक 12.09.2017 द्वारा आरोप पत्र जारी किया गया है।
विद्युत समस्या निवारण शिविर का आयोजन
[ऊर्जा]
73. ( क्र. 5887 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत एक जनवरी 2017 से प्रश्न दिनांक तक कब और कहाँ-कहाँ विभाग द्वारा विद्युत समस्या निवारण शिविर का आयोजन किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त अवधि में आयोजित शिविरों में कितनी शिकायतें पंजीबद्ध की गई तथा प्रश्न दिनांक तक किन-किन शिकायतों का निराकरण किया जाना लंबित है तथा कब तक लंबित शिकायतों का निराकरण कर दिया जावेगा? (ग) क्या विभाग अंतर्गत अधिकतर शिकायतें वास्तविक विद्युत खपत अनुसार देयक न होकर औसत विद्युत देयक उपभोक्ताओं को प्रदान किये जाने संबंधी होती है, जिनका समय पर उचित समाधान न होने पर उपभोक्ताओं परेशान रहते हैं? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा समाधान कारक कोई ठोस व्यवस्था बनाई जावेगी, यदि हाँ, तो क्या?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत एक जनवरी, 2017 से प्रश्न दिनांक तक 83 ग्रामों में विद्युत समस्या निवारण शिविरों का आयोजन किया गया है। इन आयोजित शिविरों की दिनांकवार एवं स्थानवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नाधीन अवधि में 476 शिकायतें पंजीबद्ध की गई थी तथा प्राप्त सभी शिकायतों का निराकरण किया जा चुका है। (ग) जी नहीं तथापि प्रश्नाधीन आशय की शिकायतें प्राप्त होने पर वितरण कंपनी द्वारा उनका नियमानुसार उचित समाधान कर दिया जाता है।
आदिवासी वित्त विकास निगम द्वारा संचालित योजनाएं
[जनजातीय कार्य]
74. ( क्र. 5888 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिवासी वित्त विकास निगम द्वारा राजगढ़ जिले में कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही हैं? वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक कितने हितग्राहियों को लक्ष्य के विरूद्ध लाभान्वित किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त संचालित योजनाओं में हितग्राही को लाभ प्रदान किये जाने हेतु क्या समय-सीमा निर्धारित की गई है? क्या संबंधित बैंकों द्वारा हितग्राही अनुदान एवं ऋण स्वीकृत न किया जाकर उनके रीजनल कार्यालय द्वारा स्वीकृति प्रदान की जाती है, जिसमें उनके द्वारा रूचि नहीं लेने से उक्त प्रकरणों का समय-सीमा में निराकरण संभव नहीं हो पाता है? यदि हाँ, तो क्या विभाग द्वारा इस संबंध में कोई कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ, तो क्या?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) म.प्र. आदिवासी वित्त एवं विकास निगम द्वारा मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना एवं मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना संचालित हैं। जानकारी निम्नानुसार है :-
क्र.
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योजनाओं का नाम
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वित्तीय वर्ष 2016-17 |
वित्तीय वर्ष 2017-18 |
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लक्ष्य |
लाभान्वित हितग्राहियों की संख्या |
लक्ष्य |
लाभान्वित हितग्राहियों की संख्या |
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1 |
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना |
01 |
01 |
01 |
01 |
2 |
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना |
30 |
30 |
35 |
35 |
3 |
मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना |
20 |
20 |
30 |
30 |
(ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त संचालित योजनाओं में चयनित हितग्राहियों के प्रकरणों पर उपलब्ध लक्ष्य एवं वित्तीय संसाधनों के अनुरूप 31 मार्च तक प्रकरणों में योजनाओं का लाभ दिया जाता है। किसी भी प्रकार का विलम्ब नहीं किया जाता है। म.प्र. आदिवासी वित्त एवं विकास निगम द्वारा सतत् निगरानी तथा प्रभावी नियन्त्रण रखा जाता है।
प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना का क्रियान्वन
[ऊर्जा]
75. ( क्र. 5899 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्रामीण क्षेत्र में हर घर में बिजली पहुंचाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य योजना) लागू की गई है? यदि हाँ, तो तत्संबंध में जारी योजना की सत्यापित प्रति उपलब्ध करावें? (ख) आगर एवं शाजापुर जिले के अंतर्गत प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना सौभाग्य योजना लागू होने की दिनांक माह फरवरी, 2018 तक कितने घरेलू विद्युत कनेक्शन प्रदान किये गये हैं, की जानकारी देवें? (ग) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अन्तर्गत सौभाग्य योजना में प्रदान किये गये घरेलू विद्युत कनेक्शनों की संख्या की जानकारी वितरण केन्द्रवार उपलब्ध करावें? (घ) आगर जिलान्तर्गत सौभाग्य योजना में वर्तमान में क्या कार्य प्रचलित है? उक्त जिले हेतु सौभाग्य योजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट में क्या-क्या कार्य प्रस्तावित हैं, मात्रा बतावें एवं कार्यों की कुल लागत भी बतावें? प्रस्तावित योजना की स्वीकृति कब तक होगी एवं योजना किस स्तर पर लंबित है, बतावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) की सत्यापित छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) आगर एवं शाजापुर जिलों में सौभाग्य योजना के अंतर्गत योजना लागू होने की दिनांक 11.10.2017 से दिनांक 28.02.2018 तक क्रमश: 8278 एवं 10632 घरेलू कनेक्शन प्रदान किये गये हैं। (ग) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर के अंतर्गत सौभाग्य योजना में कुल 4600 घरेलू विद्युत कनेक्शन प्रदान किये हैं, जिनकी वितरण केन्द्रवार संख्या संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) आगर जिले के अंतर्गत सौभाग्य योजना में निम्नदाब केबलीकरण एवं नवीन वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना के कार्य सहित अन्य आवश्यक नवीन विद्युत अधोसंरचना के कार्य कर घरेलू विद्युत कनेक्शन प्रदान करने के कार्य प्रावधानित/प्रचलित है। आगर जिले हेतु विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन पृथक से नहीं बनाते हुये आगर एवं शाजापुर जिलों हेतु संयुक्त रूप से रू. 23.81 करोड़ लागत राशि का विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार किया गया है, जिसमें प्रस्तावित कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। वितरण कंपनी द्वारा उक्त विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन आर.ई.सी. लिमिटेड, नई दिल्ली को प्रेषित किया गया है, जिस पर भारत सरकार की स्वीकृति हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अत: वर्तमान में स्वीकृति की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है, तथापि योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार वितरण कंपनी द्वारा स्वयं के संसाधनों से दिनांक 11.10.2017 से उक्त योजना में आवश्यक कार्य पूर्ण कर कनेक्शन प्रदान किये जा रहे हैं।
छात्रावासों में कोचिंग कक्षाओं का संचालन
[अनुसूचित जाति कल्याण]
76. ( क्र. 5900 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा संचालित छात्रावासों/आश्रम शालाओं में विषय एवं कम्प्यूटर कोचिंग हेतु शिक्षकों को रखे जाने के प्रावधान है? यदि हाँ, तो तत्संबंधी तय नियम एवं उपलब्ध करावें? (ख) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत विगत 04 वर्षों में प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अनुसार कितने शासकीय विद्यालयों के शिक्षकों/निजी विद्यालयों के शिक्षकों ने कोचिंग सेवायें दी हैं? संस्थावार विवरण देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित कोचिंग हेतु संबंधित शिक्षकों को कुल कितना-कितना मानदेय दिया गया? क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित नियमों के तहत मानदेय दिया गया? क्या तय मानदेय से कम मानदेय प्राप्त होने संबंधी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? शिकायतवार पूर्ण विवरण देवें। (घ) क्या प्रश्नांश (ख) (ग) में नियम विरूद्ध कोचिंग संचालन के कोई मामले संज्ञान में आये हैं? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कोचिंग संचालन की मॉनीटरिंग की क्या व्यवस्था है? विगत 04 वर्षों में कोचिंग संचालन का निरीक्षण किन-किन जवाबदार अधिकारियों द्वारा किया गया?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं, सिर्फ जिला/विकासखण्ड स्तरीय उत्कृष्ट छात्रावासों में विषय एवं कम्प्यूटर कोचिंग हेतु शिक्षकों को रखे जाने का प्रावधान है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। तत्समय प्रचलित नियम अनुसार तय मानदेय भुगतान किया गया, तय मानदेय से कम मानदेय प्राप्त होने संबंधी शिकायत प्राप्त नहीं हुई। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। कोचिंग संचालन की मॉनीटरिंग संभागीय उपायुक्त, जिला संयोजक एवं मण्डल संयोजक प्राचार्य उच्चतर माध्यमिक विद्यालय एवं निर्देशानुसार अन्य अधिकारियों द्वारा की जाती है। विगत 04 वर्षों में कोचिंग संचालन का निरीक्षण करने वाले अधिकारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है।
अवैध शराब/परिवहन के प्रकरण
[वाणिज्यिक कर]
77. ( क्र. 5913 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 2 वर्षों में जिला पश्चिम निमाड़ खरगौन में कब-कब कितनी अवैध शराब/परिवहन के प्रकरण बनाये गये हैं। प्रकरणवार आरोपी का नाम, पता, शराब की मात्रा सहित सूची देवें। वर्तमान में उक्त प्रकरणों की स्थिति क्या है? वसूली गई पेनाल्टी राशि सहित प्रकरणवार बतायें। (ख) उक्त प्रकरणों में जब्त वाहनों के पंजीयन नंबर सहित सूची देवें? (ग) जब्त अवैध शराब/परिवहन के स्त्रोत की जानकारी प्रकरणवार देवें। (घ) अवैध परिवहन वाली मदिरा का स्त्रोत पता लगाने के लिए विभागीय प्रयासों की जानकारी देवें। क्या कभी किसी स्त्रोत पर भी कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो प्रकरणों की जानकारी देवें?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जिला खरगोन में विगत 2 वर्षों में आबकारी विभाग द्वारा 16980 एवं पुलिस विभाग द्वारा 2069 कुल 19049 अवैध शराब/परिवहन के प्रकरण पंजीबद्ध किये गये। आरोपी का नाम, पता, शराब की मात्रा, प्रकरण में जप्त वाहन एवं प्रकरणों की स्थिति तथा प्रकरणों में वसूली की गई पेनाल्टी राशि सहित प्रकरणवार सूची आबकारी एवं पुलिस विभाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जिला खरगोन में विगत 2 वर्षों में आबकारी विभाग द्वारा 44 वाहन एवं पुलिस विभाग द्वारा 65 वाहन कुल 109 वाहन अवैध शराब परिवहन में लिप्त जप्त किये गये हैं, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा से ग्रामों का विद्युतीकरण
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
78. ( क्र. 5924 ) श्री कुंवर सिंह टेकाम : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले के अंतर्गत नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा के माध्यम से कितने ग्रामों का विद्युतीकरण किया गया है? राशि सहित ग्रामवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जिन ग्रामों का विद्युतीकरण किया गया है, क्या एक वर्ष के अन्दर ही उनकी विद्युत व्यवस्था ठप हो गई है? यदि हाँ, तो मरम्मत कार्य कब-कब किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जिन ग्रामों में विद्युत प्रवाह बन्द है, उसे कब तक चालू करवाया जायेगा? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने ग्रामों को नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा के माध्यम से वर्ष 2018-19 में विद्युतीकरण किये जाने का प्रस्ताव है?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) सीधी जिले के अन्तर्गत नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा के माध्यम से 07 ग्रामों का विद्युतीकरण किया गया है। ग्रामों एवं परियोजना लागत की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) के सन्दर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) वर्ष 2018-19 में विद्यतीकरण किये जाने का वर्तमान में कोई प्रस्ताव नहीं है।
परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत शाला/स्कूलों में स्वीकृत/रिक्त पद
[जनजातीय कार्य]
79. ( क्र. 5940 ) श्री मधु भगत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश जनजातीय कार्य विभाग के अंतर्गत कितनी संस्थाएं/शालाएं कहाँ-कहाँ संचालित हैं? (ख) परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कुल कितनी शालाओं/संस्थाओं में किस-किस श्रेणी के कितने पद स्वीकृत हैं? कार्यरत कितने एवं रिक्त कितने हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
अनियमितता की जाँच
[सामान्य प्रशासन]
80. ( क्र. 5954 ) पं. रमाकान्त तिवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भारतीय जनता पार्टी (सांस्कृतिक प्रकोष्ठ) भोपाल द्वारा माननीय लोकायुक्त महोदय म.प्र. को दिनांक 20.07.2017 को हमीदिया अस्पताल में HIMS, सॉफ्टवेयर खरीदी में अनियमिततायें/घोटाले (राशि रूपये 2.27 करोड़) की जाँच हेतु शपथ-पत्र सहित शिकायत की गई? (ख) उपरोक्त शिकायत पर लोकायुक्त कार्यालय द्वारा कब-कब क्या-क्या कार्यवाही की गई? जाँच का स्तर क्या है? किन-किन के बयान हुए? (ग) 01 जनवरी, 2017 से प्रश्न दिनांक तक लोकायुक्त कार्यालय को अधीक्षक, हमीदिया चिकित्सालय के विरूद्ध कब-कब किन-किन के द्वारा किस-किस विषयक शिकायत प्राप्त हुई? उन शिकायतों पर बिंदुवार क्या कार्यवाही की गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) शिकायत पर कार्यवाही प्रचलित है। (ग) लोकायुक्त संगठन में डॉ. दीपक मरावी, अधीक्षक, हमीदिया चिकित्सालय, भोपाल के विरूद्ध एक शिकायत श्री रामदयाल कुशवाहा, श्री खेत सिंह राजपूत, भाजपा कार्यकर्ता, भोपाल व अन्य हस्ताक्षर रहित दिनांक 26/03/2017 को प्राप्त हुई थी। उक्त शिकायत पर माननीय लोकायुक्त महोदय के आदेशानुसार जाँच प्रकरण क्रमांक 380/17 पंजीबद्ध किया गया है। शिकायत पर संगठन में कार्यवाही प्रचलित है।
आंगनवाड़ी केन्द्र भवनों का निर्माण/संचालन
[महिला एवं बाल विकास]
81. ( क्र. 5965 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) ग्वालियर जिले के भितरवार विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आंगनवाड़ी केन्द्र कहाँ-कहाँ पर संचालित हैं? वर्ष 2017-18 में कितने बच्चे पंचीकृत हैं? प्रत्येक आंगनवाड़ी केन्द्रों में दर्ज बच्चों की संख्या, कार्यरत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका की जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत कितने आंगनवाड़ी केन्द्र शासकीय भवन में संचालित हैं एवं कितने किराये के भवन में संचालित हो रहे हैं? ग्रामवार जानकारी देवें। प्रश्न दिनांक की स्थिति में कितने भवनों का कितना-कितना किराया कब से भुगतान किया जाना किन कारणों से शेष है? अब इन भवन मालिकों को कब तक किराया भुगतान करा दिया जावेगा? (ग) भितरवार विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में किन-किन ग्रामों हेतु आंगनवाड़ी भवन स्वीकृत किये गये हैं? वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में स्वीकृत आंगनवाड़ी भवनों में से किन-किन ग्रामों में निर्माण कार्य प्रारम्भ किया जा चुका हैं? शेष ग्रामों में कब तक निर्माण कार्य प्रारम्भ किया जावेगा? विलंब के कारणों सहित अवगत करावें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) ग्वालियर जिले के भितरवार विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत संचालित प्रत्येक आंगनवाड़ी केन्द्रों पर वर्ष 2017-18 में पंजीकृत बच्चों की संख्या की जानकारी एवं उक्त केन्द्रों पर कार्यरत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) ग्वालियर जिले के भितरवार विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत कुल 336 आंगनवाड़ी केन्द्र विभागीय/अन्य शासकीय भवन में संचालित हैं। कुल 33 आंगनवाड़ी केन्द्र/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र किरायें के भवन में संचालित हैं। ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है, वर्तमान में किराये के भवन में संचालित हो रहे समस्त 33 आंगनवाड़ी केन्द्रों का माह मार्च 2018 तक के किराये का भुगतान उनके भवन मालिकों को किया जा चुका है। (ग) भितरवार विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत वर्ष 2016-17 में कुल-26 ग्रामों हेतु आंगनवाड़ी भवन स्वीकृत किये गये हैं एवं 2017-18 में 06 आंगनवाड़ी भवन स्वीकृत हुये हैं। वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में स्वीकृत आंगनवाड़ी भवनों में से 23 ग्रामों में निर्माण कार्य प्रारम्भ किया जा चुका है, ग्रामवार भवन निर्माण की अद्यतन जानकारी एवं विलंब के कारणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
ई.सी.सी.ई. प्रशिक्षण कार्यक्रम एवं वन स्टॉप सेंटरों का संचालन
[महिला एवं बाल विकास]
82. ( क्र. 5966 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) ग्वालियर जिले में ई.सी.सी.ई. प्रशिक्षण कार्यक्रम, दिनांक 01 जनवरी, 2016 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब एवं कहाँ-कहाँ आयोजित किये गये? इन प्रशिक्षण में किन-किन के द्वारा क्या-क्या प्रशिक्षण दिया गया? कौन-कौन प्रतिभागी शामिल हुये, उनके नाम, पता बतावें? कितना बजट आवंटित किया गया? आवंटित बजट का व्यय किस मद में कितना-कितना किया गया? प्रशिक्षणवार परियोजनावार बतायें। (ख) महिला सशक्तिकरण के तहत ग्वालियर जिले में वन स्टॉप सेंटर कहाँ-कहाँ कब से संचालित हैं? इन सेंटरों से क्या कार्य किये जाते हैं एवं कौन-कौन कर्मचारी कार्यरत हैं? उनका नाम, पद, पदस्थापना दिनांक बतावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत वन स्टॉप सेंटरों के संचालन एवं सुविधायें उपलब्ध कराने के संबंध में क्या शासनादेश एवं विभागीय निर्देश हैं? क्या ग्वालियर जिले में संचालित वन स्टॉप सेंटरों का सांचालन शासनदेशों अनुरूप किया जा रहा है? यदि हाँ, तो किस प्रकार? यदि नहीं, तो क्यों? सेंटरवार विवरण देवें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जिला ग्वालियर में ई.सी.सी.ई. प्रशिक्षण जिला स्तरीय मास्टर ट्रेनर्स का दिनांक 06.02.2017 से 10.02.2017 तक सत्कार गेस्ट हाउस सिटी सेंटर ग्वालियर में दिया गया, प्रशिक्षण राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर्स द्वारा दिया गया (जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार)। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को ई.सी.सी.ई. प्रशिक्षण परियोजना स्तर पर दिनांक 28.02.2017 से 15.03.2017 तक दिया गया। प्रशिक्षण जिला स्तरीय मास्टर ट्रेनर्स द्वारा दिया गया (प्रतिभागियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है)। प्रशिक्षण के विषय 1, परिचय सत्र 2, बच्चे का विकास एवं प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा 3, सीखने की प्रक्रिया क्षमता एवं बच्चे का सर्वांगीण विकास 4, एकीकृत बाल विकास का नवीन स्वरूप 5, माता पिता की अपेक्षाएं एवं बालमन का अवलोकन 6, समय सारणी अनुसार केन्द्र संचालन 7, प्री स्कूल किट का उपयोग 8 वर्क बुक का उपयोग 9, प्राकृतिक/क्षेत्रीय भ्रमण हर दिवस कला दिवस 10, शिशु विकास कार्ड का संधारण बाल चौपाल एवं बाल सभा का आयोजन इत्यादि अनुसार प्रशिक्षण दिया गया। ई.सी.सी.ई. प्रशिक्षण पर राशि रूपये 8,95,750/- व्यय किये गये। प्रशिक्षण हेतु प्राप्त बजट व व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। (ख) जिला ग्वालियर में 01 वन स्टॉप सेन्टर-जयारोग्य चिकित्सा समूह परिसर में दिनांक 24/11/2016 से संचालित है, वन स्टॉप सेंटर में सभी प्रकार की हिंसा से पीड़ित महिलाओं को एक ही स्थान पर एकीकृत रुप से आश्रय चिकित्सा, पुलिस, विधिक सहायता एवं परामर्श आदि सेवाएं प्रदाय की जाती है, वन स्टॉप सेन्टर में पदस्थ कर्मचारियों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी हाँ। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 03 अनुसार है।
विभागीय छात्रावास एवं आश्रमों का संचालन
[अनुसूचित जाति कल्याण]
83. ( क्र. 5968 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बिजावर अंतर्गत विभाग के कितने छात्रावास एवं आश्रम संचालित हैं? इनमें प्रत्येक में कितने छात्र-छात्रायें किस कक्षा में पंजीकृत हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में वर्तमान में कौन-कौन कब से अधीक्षक या प्रभारी अधीक्षक हैं? नाम, पदनाम सहित सूची प्रदाय करें। (ग) विधानसभा क्षेत्र बिजावर में प्राथमिक, माध्यमिक, प्री-मैट्रिक, पोस्ट मैट्रिक शिक्षा के लिए छात्राओं के लिए कहाँ-कहाँ आश्रम व छात्रावास संचालित हैं? स्थान सहित जानकारी प्रदाय करें। (घ) विधानसभा क्षेत्र बिजावर अंतर्गत क्या सभी आश्रम व छात्रावास शासकीय भवन में है? यदि नहीं, तो कहाँ-कहाँ संचालित है? किस नियम शर्तों पर कितने खर्चे पर संचालित है? (ड.) छतरपुर जिले में पोस्ट मैट्रिक कितनी छात्रायें अध्यनरत हैं? क्या बिजावर में एक पोस्ट-मैट्रिक कन्या छात्रावास होना आवश्यक है? क्या शासन इस पर विचार करके छात्रावास आरंभ करेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) बिजावर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत अनुसूचित जाति के 08 छात्रावास संचालित हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) विधानसभा क्षेत्र बिजावर में अनुसूचित जाति के 03 सीनियर कन्या छात्रावास एवं 02 जूनियर कन्या छात्रावास संचालित हैं। पोस्ट मैट्रिक शिक्षा के लिए कोई भी महाविद्यालयीन छात्रावास संचालित नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) जी नहीं। बिजावर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत अनुसूचित जाति के 06 शासकीय भवन में संचालित हैं एवं 02 छात्रावास किराये के भवन में संचालित हैं। अनुसचित जाति सीनियर कन्या छात्रावास बिजावर एवं अनुसूचित जाति जूनियर बालक छात्रावास बिजावर शासकीय भवन न होने के कारण शासन नियमानुसार कलेक्टर द्वारा निर्धारित मासिक दर पर किराये के भवन में संचालित हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। (ड.) छतरपुर जिले में अनुसूचित जाति पोस्ट मैट्रिक की 1770 छात्राएं अध्ययनरत हैं। शासन निर्देशानुसार भविष्य में पोस्ट मैट्रिक छात्रावास जिला मुख्यालय स्तर पर ही खोले जायेंगे। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पोषण आहार का वितरण एवं गुणवत्ता परीक्षण
[महिला एवं बाल विकास]
84. ( क्र. 5970 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र बिजावर अंतर्गत बिजावर एवं सटई में पोषण आहार आपूर्ति कौन सी संस्था द्वारा कब से किया जा रहा है? पिछले 16 माह में दोनों नगरों में कितना-कितना भुगतान माहवार किया गया है? भुगतान का वार्षिक केलेंडर कब से कब तक का माना जाता है? (ख) विधानसभा क्षेत्र बिजावर अंतर्गत सटई एवं बिजावर नगर में दिनांक 01-1-16 से दिनांक 31-12-17 तक आंगनवाड़ी केंद्रों में प्रतिदिन आपूर्ति किए जाने वाले पोषण आहार की मात्रा एवं गुणवत्ता का परीक्षण करने का उत्तरदायित्व किस अधिकारी व कर्मचारी का था? नाम व पदनाम सहित जानकारी प्रदाय करें। (ग) विधानसभा क्षेत्र बिजावर अंतर्गत सटई के आंगनवाड़ी केंद्र क्रमांक 7 एवं बिजावर के आंगनवाड़ी केंद्र क्रमांक 11 में माह जनवरी 2017, मई 2017 एवं अक्टूबर 2017 में प्रतिदिन क्या-क्या पोषण आहार कितनी-कितनी मात्रा में आपूर्ति किया गया? उक्त माह के बिल वाउचर उपलब्ध करावें तथा उक्त माह में पोषण आहार को प्राप्त करने, जाँच करने, बिलिंग करने व भुगतान करने में कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी उत्तरदायी हैं? (घ) पोषण आहार की आपूर्ति एवं भुगतान में किसी प्रकार की अनियमितता पाये जाने पर आपूर्तिकर्ता संस्था एवं जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारी पर क्या कार्यवाही विभाग द्वारा की जाती है? क्या ऐसे कितने प्रकरण छतरपुर जिले में हुए हैं? कब और कहाँ जानकारी प्रदाय करें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) विधानसभा क्षेत्र बिजावर एवं सटई नगर पंचायत अंतर्गत महिला बचत साख समिति ग्रुप 15 माह जुलाई 2014 एवं बिहारी जू स्व-सहायता समूह जुलाई 2015 से पूरक पोषण आहार प्रदाय का कार्य किया जा रहा है। विगत 16 माह में किये गये भुगतान का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। वित्तीय वर्ष माह अप्रैल से माह मार्च तक का माना जाता है। (ख) बिजावर एवं सटई अंतर्गत संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में दिनांक 01.01.2016 से दिनांक 31.12.2017 तक आंगनवाड़ी केन्द्रों में आपूर्ति किये जाने वाले पोषण आहार की मात्रा एवं गुणवत्ता का परीक्षण करने का दायित्व समय-समय पर स्थानीय पोषण समिति, पर्यवेक्षक, परियोजना अधिकारी एवं अन्य विभागीय अमले द्वारा किया जाता है। (ग) विधानसभा क्षेत्र बिजावर अंतर्गत सटई के आंगनवाड़ी केन्द्र क्रमांक 7 एवं बिजावर के आंगनवाड़ी केन्द्र क्रमांक 11 में वास्तविक उपस्थिति के आधार पर निर्धारित मीनू के अनुसार प्रदाय किया गया। प्रदाय किये गये पोषण आहार के वाउचर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। पोषण आहार प्राप्त करने हेतु आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, जाँच करने हेतु आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/पर्यवेक्षक/परियोजना अधिकारी तथा बिलिंग करने का कार्य पर्यवेक्षक एवं परियोजना अधिकारी का उत्तरदायी होते हैं। (घ) पोषण आहार की आपूर्ति एवं भुगतान के संबंध में किसी प्रकार की अनियमितता संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। इसलिये कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
फ्रेंचाइजी द्वारा विद्युत कंपनी के कार्यों का संपादन
[ऊर्जा]
85. ( क्र. 5973 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा किन-किन संभागों को फ्रेंचाइजी में क्या-क्या कार्य कब-कब दिया गया और उन संभागों को फ्रेंचाइजी में दिए जाने के कारण बताएं तथा क्या इसकी वजह अधिकारियों/कर्मचारियों की कमी अथवा अन्य कोई कारण रहे हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत कंपनी द्वारा फ्रेंचाइजी को किस आधार एवं किन शर्तों पर प्रदाय की गई एवं क्या फ्रेंचाइजी देने के पश्चात् वहां से कंपनी के कर्मचारियों को अन्यत्र स्थान पर कार्य हेतु पदस्थ किया गया? यदि हाँ, तो किन-किन कर्मचारियों/अधिकारियों को कहाँ से कहाँ पदस्थ किया गया? यदि नहीं, तो क्यों? क्या इससे दोहरा स्थापना व्यय वहन नहीं करना पड़ रहा है? (ग) प्रश्नांश (ख) क्या फ्रेंचाइजी द्वारा संपूर्ण कार्य अपने कर्मचारियों से कराया जाता है अथवा कंपनी के कर्मचारियों से कराया जाता है और फ्रेंचाइजी द्वारा नियत शर्तों के अनुसार कार्य नहीं करने पर क्या कार्यवाही की जाती है? प्रश्न दिनांक तक किन फ्रेंचाइजियों पर निर्धारित कार्यों/शर्तों के अनुरूप कार्य न करने पर कब-कब एवं क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या पूर्व में भी इसी प्रकार की फ्रेंचाइजी दी गई थी एवं कुछ फ्रेंचाइजियों द्वारा कार्य अधूरा छोड़ दिया गया था, जिससे कंपनी को करोड़ों रुपए की क्षति हुई थी? तो क्या कोई फ्रेंचाइज़ी कार्य अधूरा छोड़ कर जाती है, तो कंपनी द्वारा अपने नुकसान की भरपाई के लिए क्या प्रावधान किए गए हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा सागर वृत्त के अंतर्गत सागर नगर संभाग में विद्युत वितरण संबंधी कार्यों हेतु वितरण फ्रेंचाइजी ''मेसर्स ऐस्सल विद्युत वितरण (सागर) प्राईवेट लिमिटेड'' को अनुबंध दिनांक 10.05.12 में वर्णित कार्यों के निष्पादन हेतु नियुक्त किया गया था। उक्त फ्रेंचाइजी द्वारा दिनांक 01.12.12 से कार्य प्रारम्भ किया गया था। फ्रेंचाइजी को दिये गये कार्यों में फ्रेंचाइजी क्षेत्र के सभी निम्नदाब एवं उच्चदाब (33 के.व्ही. तक) के उपभोक्ताओं की विद्युत वितरण व्यवस्था, सुचारू विद्युत प्रदाय, निम्नदाब, 33 के.व्ही. एवं 11 के.व्ही. लाईनों तथा 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों का संचालन/संधारण, मीटर रीडिंग, बिलिंग, बिल वितरण, राजस्व संग्रहण, बकायादारों के विद्युत कनेक्शनों का विच्छेदन इत्यादि कार्य शामिल थे। अधिकारियों/कर्मचारियों की कमी अथवा अन्य कारण नहीं अपितु परिचालन दक्षता एवं उपभोक्ताओं को दी जा रही सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार तथा राजस्व वृद्धि के उद्देश्य से फ्रेंचाइजी को नियुक्त किया गया था। (ख) निविदा प्रक्रिया का पालन करते हुए प्रश्नाधीन फ्रेचाइजी एजेन्सी को नियुक्त किया गया था। फ्रेंचाइजी अनुबंध जो कि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है, में वर्णित शर्तों के तहत् फ्रेंचाइजी को नियुक्त किया गया। जी हाँ, फ्रेंचाइजी की नियुक्ति के पश्चात् वहां से म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के अधिकारियों/कर्मचारियों को अन्यत्र स्थान पर कार्य हेतु पदस्थ किया गया था। जिन अधिकारियों/कर्मचारियों को नगर संभाग सागर से अन्यत्र जहां-जहां पदस्थ किया गया, उनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों को अन्यत्र स्थानांतरित किया गया, अत: दोहरा स्थापना व्यय वहन करने की स्थिति नहीं रही। (ग) उत्तरांश 'ख' में उल्लेखित फ्रेंचाइजी द्वारा संपूर्ण कार्य अपने कर्मचारियों से ही कराया जाता था। फ्रेंचाइजी द्वारा अनुबंध की शर्तों के अनुसार कार्य नहीं करने पर वितरण फ्रेंचाइजी के साथ किये गये अनुबंध दिनांक 10.05.12 में निहित शर्तों एवं प्रावधानों के अनुसार नोटिस जारी किये गये एवं शर्तों के उल्लंघन के कारण उक्त फ्रेंचाइजी की सेवायें दिनांक 22.03.16 को समाप्त कर दी गई। दिनांक 23.03.16 से सागर नगर संभाग में पूर्ववत् म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा विद्युत वितरण व्यवस्था का कार्य संपादित किया जा रहा है। (घ) इसके पूर्व वितरण कंपनी के संभाग स्तर पर कोई फ्रेंचाइजी नहीं दी गयी है। उक्त फ्रेंचाइजी द्वारा अनुबंध दिनांक 10.05.12 में निहित शर्तों के अनुसार कार्य नहीं करने के कारण फ्रेंचाइजी द्वारा जमा की गई बैंक गारण्टी राजसात की गई है तथा प्रकरण में विधिक कार्यवाही न्यायालय में विचाराधीन है। फ्रेंचाइजी दिये जाने के पूर्व फ्रेंचाइजी एजेन्सी से कार्य के अनुरूप बैंक गारण्टी जमा कराई जाती है।
कटनी नगर में विद्युत कनेक्शनों का प्रदाय
[ऊर्जा]
86. ( क्र. 5974 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा प्रश्न क्रमांक-916, दिनांक 28/02/2018 के प्रश्नांश (क) अनुसार ''ठेकेदार द्वारा लगाए गए डिस्ट्रीब्यूशन बॉक्स एवं प्रदाय किए गए कनेक्शनों की संख्या के जाँच के प्रतिवेदन'' क्यों उपलब्ध नहीं कराए गए एवं ''बाक्स में दिए गए विद्युत कनेक्शनों की संख्या'' क्यों नहीं बताई गई है? (ख) प्रश्नांश (क) क्या प्रश्न क्रमांक 916 के परिशिष्ट अनुसार कटनी शहर संभाग से संबंधित विधानसभा प्रश्न क्रमांक 5627, दिनांक 24/03/2017 के परिपालन में फीडरों की जाँच एवं सत्यापन का कार्य किया गया था? यदि हाँ, तो किन नाम, पदनाम के अधिकारियों, कर्मचारियों द्वारा किन-किन तिथियों में जाँच तथा सत्यापन का कार्य किया गया तथा जाँच एवं सत्यापन के प्रतिवेदन उपलब्ध कराएं? (ग) प्रश्नांश (क) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 916 के प्रश्नांश (ख) के उत्तर में क्या ''सामान्य प्रशासन विभाग के निर्धारित प्रारूप में अभिस्वीकृति तत्संबंधी जानकारी नहीं होने के कारण नहीं दी जा सकी है'' की जानकारी दी गई है? यदि हाँ, तो शासनादेश की स्पष्ट अवहेलना पर क्या कार्यवाही कब तक की जाएगी और शासनादेशों के पालन हेतु क्या कार्रवाई हेतु किस प्रकार निर्देशित किया जाएगा? (घ) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा प्रश्न क्रमांक-917, दिनांक 28/02/2017 के प्रश्नांश (घ) के उत्तर में ''जी हाँ निरीक्षण प्रतिवेदन दिए गए हैं'' कि जानकारी दी गई है? यदि हाँ, तो दिए गए निरीक्षण प्रतिवेदन उपलब्ध कराएं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के प्रश्न क्रमांक 916, दिनांक 28.02.2018 में चाहे अनुसार निम्नदाब लाईनों में डिस्ट्रीब्यूशन बॉक्स लगाए जाने एवं उनसे कनेक्शन दिये जाने के प्रावधानों एवं तद्नुसार कटनी शहर में लगाए गए डिस्ट्रीब्यूशन बॉक्स एवं उनसे दिये गये कनेक्शनों की जानकारी दी गई थी। उक्त प्रश्न में जाँच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध कराने का उल्लेख नहीं होने के कारण जाँच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध नहीं कराई गई थी। (ख) जी हाँ। जाँच/सत्यापन करने वाले अधिकारियों का नाम, पदनाम सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। जाँच एवं सत्यापन प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। प्रश्नाधीन समस्त पत्रों की अभिस्वीकृति माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के कार्यालय से आये कर्मचारी को उसके द्वारा लायी गई डाक बुक में दी गई है तथापि अधीक्षण यंत्री (संचा.-संधा.) कटनी द्वारा संबंधित लिपिक को चेतावनी पत्र जारी कर निर्धारित प्ररुप में अभिस्वीकृति प्रदान करने हेतु पुनः सख्ती से निर्देशित किया गया है तथा वर्तमान में निर्धारित प्ररुप में अभिस्वीकृति प्रदान कर दी गई है। (घ) प्रश्न क्रमांक 917, दिनांक 28.02.2017 नहीं अपितु दिनांक 28.02.2018 के प्रश्नांश (घ) नहीं अपितु (ग) में निरीक्षण प्रतिवेदन दिये जाने संबंधी जानकारी दी गई थी। निरीक्षण प्रतिवेदनों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
वन अधिकार कानून का क्रियान्वयन
[जनजातीय कार्य]
87. ( क्र. 5976 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2008 से लागू वन अधिकार कानून 2006 से संबंधित किस-किस विषय की कौन सी जानकारी आयुक्त आदिवासी विकास भोपाल के यहाँ उपलब्ध है? (ख) अतिक्रमित संरक्षित वन भूमि से संबंधित संरक्षित वन सर्वे डिमार्केशन रिपोर्ट, संरक्षित वन सर्वे कम्पलीशन रिपोर्ट, संरक्षित वन ब्लॉक हिस्ट्री से संबंधित ब्यौरे वर्ष 2002 से 2008 तक समाप्त किए गए वन अपराध प्रकरणों के ब्यौरे संकलित कर ग्रामसभा एवं ग्राम पंचायत को उपलब्ध करवाए जाने के पत्र किस-किस दिनांक को जारी किए? यदि जारी नहीं किए हों तो कारण बतावें? (ग) बड़े झाड़, छोटे झाड़ के जंगल मद की जमीनों पर भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 के तहत बनाए गए प्रकरणों के नायब तहसीलदार, तहसीलदार की प्रकरण पंजी, जिला अभिलेखागार की मौजावार पंजी में दर्ज ब्यौरे ग्रामसभा एवं ग्राम पंचायत को उपलब्ध करवाए जाने के किस दिनांक को पत्र जारी किए? यदि पत्र जारी नहीं किए हो तो कारण बतावें? (घ) वर्ष 1956 में राज्य पुनर्गठन के बाद वन विभाग एवं राजस्व विभाग के अभिलेखों में दर्ज अतिक्रमित भूमि एवं अतिक्रमणकारियों के ब्यौरे कब तक संकलित कर ग्रामसभा एवं ग्राम पंचायत को उपलब्ध करवाए जावेगें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) वन अधिकार अधिनियम 2006, नियम 2008 एवं वन अधिकारों की मान्यता नियम 2012 के साथ-साथ समय-समय पर अधिनियम एवं नियम के क्रियान्वयन हेतु जारी निर्देशों की प्रतियां उपलब्ध है। (ख) से (घ) वन विभाग एवं आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा जारी निर्देश संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। अभिलेख ग्राम सभा एवं ग्राम पंचायत को चाहे जाने पर उपलब्ध कराये जाते हैं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
आदिवासियो को वन अधिकार पट्टे दिये जाना
[जनजातीय कार्य]
88. ( क्र. 5977 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत वर्ष 2015-16 से 2017-18 तक कितने वनाधिकार (वन भूमि के पट्टे) के आवेदन पत्र कब से किस स्तर पर लम्बित हैं एवं क्यों प्रकरणवार जानकारी देवें। (ख) आवेदन पत्रों के निराकरण न होने के लिए कौन उत्तरदायी है? कब तक आवेदन पत्रों का निराकरण कर दिया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) प्रश्नकर्ता के जबासौदा विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत वर्ष 2015-16 से 2017-18 तक वनाधिकार (वनभूमि के पट्टे) का कोई आवेदन लंबित नहीं है। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभागीय स्वीकृत तथा रिक्त पदों की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
89. ( क्र. 5981 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग में अपर संचालक, उप आयुक्त, परियोजना प्रशासक तथा सहायक आयुक्त के कुल स्वीकृत पद तथा वर्तमान में कितने पद भरे हैं तथा कितने पद कब से रिक्त हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित पदों पर वर्ष 2010 से अब तक अनुसंधान एवं शिक्षक संवर्ग के प्रथम श्रेणी एवं द्वितीय श्रेणी के कितने अधिकारियों को पदस्थ किया गया है? अधिकारियों के नाम, पद तथा पदस्थ स्थान की जानकारी दें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित पदों के रिक्त पदों पर शिक्षक संवर्ग के प्रथम तथा द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों को पदस्थ किया जाएगा? यदि हाँ, तो कब?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) प्रशासकीय आवश्यकतानुसार पदस्थापना की जाती है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
नॉन प्लान खर्चो तथा ऋण के संबंध में जानकारी
[वित्त]
90. ( क्र. 5982 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नॉन प्लान खर्च किसे कहते हैं? क्या अच्छी तथा मजबूत अर्थव्यवस्था के लिए नॉन प्लान खर्चों में कमी आवश्यक है तथा वित्तीय वर्ष 2014-15 से वित्तीय वर्ष 2017-18 (31 दिसंबर, 2018 तक) शासन द्वारा किए गए नॉन प्लान खर्चों की जानकारी दें? (ख) नर्मदा यात्रा, पंडित दीनदयाल उपाध्याय शताब्दी वर्ष प्रदेश में आयोजित होने वाले कृषक सम्मेलन, मुख्यमंत्री जी द्वारा भोपाल में आयोजित की जाने वाली विभिन्न वर्गों की पंचायतों तथा ऐसे सभी राजनैतिक कार्यक्रम जिन्हें शासकीय कार्यक्रमों का स्वरूप दे दिया जाता हैं, क्या नॉन प्लान की श्रेणी में आते हैं? एकात्मक यात्रा में आने वाला खर्च क्या नॉन प्लान खर्च है? (ग) दिनांक 28 फरवरी, 2018 की स्थिति में प्रदेश पर कुल कितना ऋण बाकी है? इस ऋण के बदले में शासन द्वारा कितना ब्याज दिया जाता है? (घ) दिनांक 01 जनवरी, 2013 से अब तक सरकार ने कब-कब, कितना-कितना तथा किस संस्था से ऋण लिया है?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) “आयोजनेतर व्यय” वह है जो आयोजना व्यय की श्रेणी के अन्तर्गत नहीं आता। “आयोजना व्यय” उसे माना जाता है, जिस व्यय के पश्चात् प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से विकास की स्थिति निर्मित होती है। आयोजनेतर व्यय में मुख्य रूप से ब्याज भुगतान, सब्सिडी, पेंशन, मजदूरी, वेतन भुगतान सम्मिलित होते रहे हैं। मजबूत अर्थव्यवस्था के लिये आयोजनेतर व्यय पर यथासंभव नियंत्रण आवश्यक है। वित्तीय वर्ष 2014-15 से 2016-17 में आयोजनेतर व्यय निम्नानुसार रहा :-
वित्तीय वर्ष |
खर्च |
|
(राशि करोड़ रूपये में) |
2014-15 |
66,855.24 |
2015-16 |
70,588.76 |
2016-17 |
75,943.80 |
वर्ष 2017-18 से आयोजना आयोजनेतर व्यय के विभेदीकरण को समाप्त किया गया। (ख) वर्ष 2017-18 से आयोजना एवं आयोजनेतर व्यय के विभेदीकरण को समाप्त किया जा चुका है। (ग) प्रश्नाधीन अवधि के वित्त लेखे नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा वर्तमान में जारी नहीं किये गये हैं। अतः जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (घ) दिनांक 01 जनवरी, 2013 से 2017-18 के दौरान लिये गये कर्ज की वर्षवार जानकारी नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा जारी संबंधित वर्ष के वित्त लेखे के परिशिष्ट पर निम्नानुसार दृष्टव्य है, जो कि विधानसभा के पुस्तकालय में उपलब्ध है।
वित्तीय वर्ष |
वित्त लेखे में दृष्टव्य परिशिष्ट की संख्या |
2013-14 |
खण्ड– II, भाग- I, विवरण संख्या-6, भाग-II, विवरण संख्या-15 |
2014-15 |
खण्ड–I, विवरण संख्या-6, खण्ड-II, विवरण संख्या-17 |
2015-16 |
खण्ड–I, विवरण संख्या-6, खण्ड-II, विवरण संख्या-17 |
2016-17 |
वित्त सचिव का स्मृति पत्र, बजट अनुमान 2018-19 |
2017-18 |
वित्त सचिव का स्मृति पत्र, बजट अनुमान 2018-19 |
बैकलॉग पदों की पूर्ति
[सामान्य प्रशासन]
91. ( क्र. 5984 ) डॉ. मोहन यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैकलॉग पदों की पूर्ति के संबंध में विधानसभा प्रश्नों के उत्तर के माध्यम से शासन को दी गई जानकारी के विपरीत विभागों/संस्थाओं द्वारा रिक्त् आरक्षित पदों की पूर्ति की कार्यवाही की जा सकती हैं? हाँ अथवा नहीं, यदि नहीं, तो शासन को दी गई जानकारी के विपरीत रिक्त आरक्षित पदों की पूर्ति हेतु की जाने वाली कार्यवाही एवं की जाने वाली नियुक्तियां वैध होंगी अथवा अवैध? (ख) प्रदेश के समस्त शासकीय विभागों/निगम/मण्डलों/स्थानीय निकायों में बैकलॉग श्रेणी के रिक्त आरक्षित (तृतीय व चतुर्थ श्रेणी) पदों हेतु पूर्व से कार्यरत एवं रिक्त आरक्षित पदों हेतु योग्य स्थायीकर्मी/दै.वे.भो. कर्मचारी होने की स्थिति में पदों की पूर्ति के लिये समस्त विभागों/संस्थाओं हेतु विभाग के क्या नियम हैं? नियमों की प्रति के साथ विवरण देवें? (ग) विशेष भर्ती अभियान 2018 अंतर्गत प्रदेश के समस्त शासकीय विभागों/निगम/मण्डलों/स्थानीय निकायों में रिक्त आरक्षित पदों (तृतीय व चतुर्थ श्रेणी) की पूर्ति हेतु पूर्व से कार्यरत ऐसे स्थायीकर्मियों/दै.वे.भो. कर्मचारियों, जो रिक्त आरक्षित पदों हेतु मध्यप्रदेश शासन द्वारा निर्धारित समस्त आवश्यक योग्यताएं रखते हों, के लिये विभाग की क्या कार्य-योजना अथवा नीति है? क्या इस संबंध में विभाग द्वारा उचित आदेश प्रसारित किये जावेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) विधान सभा को विधिक प्रावधानों/नियमों/निर्देशों की जानकारी दी जाती है। विधिक प्रावधानों/नियम/निर्देशों के विरूध्द कार्यवाही नहीं की जा सकती है। (ख) दिनांक 16 मई, 2007 को जारी परिपत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) कोई नीति नहीं है। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सिंहस्थ में अस्थाई रोडों पर लगाये गये एल.टी. ट्रांसफामर्स, स्ट्रीट लाईट पोल्स एवं केबल्स
[ऊर्जा]
92. ( क्र. 5986 ) डॉ. मोहन यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंहस्थ-2016 में अधिसूचित सिंहस्थ क्षेत्र में अस्थाई विद्युत व्यवस्था से संबंधित कितना निर्माण कार्य किया गया था, 11 के.व्ही. लाईन की लम्बाई, स्थापित विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर की संख्या एवं निर्मित की गई निम्नदाब लाईन की लम्बाई की मात्रा बतावें? क्या उक्त अस्थाई निर्माण की लाईनें एवं उपकेन्द्र इत्यादि अभी-भी मेला क्षेत्र में लगे हुए हैं? (ख) सिंहस्थ समाप्ति के पश्चात् अस्थाई विद्युत लाईनों एवं वितरण उपकेन्द्रों को निकालने के उपरांत निकाली गई सामग्री का भण्डारण कहाँ किया गया? भण्डारण हेतु किसी सार्वजनिक मंदिर परिसर एवं सार्वजनिक उद्यान का उपयोग तो नहीं किया गया हैं? जानकारी प्रदान करें। (ग) अस्थाई प्रकृति के विद्युतीकरण की लाईनें एवं ट्रांसफार्मर इत्यादि को निकालने के पश्चात् उक्त सामग्री के मेला क्षेत्र से भण्डारण स्थल तक परिवहन में कुल कितनी राशि व्यय हुई, बतावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) सिंहस्थ 2016 में अधिसूचित सिंहस्थ क्षेत्र में अस्थाई विद्युत व्यवस्था के लिये 78 कि.मी. 11 के.व्ही. लाईन, 520 वितरण ट्रांसफार्मर एवं 260 कि.मी. निम्नदाब लाईन की स्थापना का कार्य किया गया था। जी नहीं, अस्थाई निर्माण से संबंधित समस्त विद्युत अधोसंरचना को सिंहस्थ 2016 की अवधि समाप्त होने के उपरांत मेला क्षेत्र से हटा लिया गया है। (ख) सिंहस्थ 2016 में अधिसूचित सिंहस्थ क्षेत्र में अस्थाई विद्युत व्यवस्था के लिये अस्थाई निर्माण से संबंधित समस्त विद्युत अधोसंरचना को सिंहस्थ 2016 की अवधि समाप्त होने के उपरांत मेला क्षेत्र से हटाकर उसका भण्डारण क्षेत्रीय भण्डार गृह उज्जैन के ज्योति नगर स्थित कंपनी परिसर में बनाये गये अस्थाई भण्डार गृह एवं कंपनी के अन्य क्षेत्रीय भण्डार गृहों में किया गया है। भण्डारण हेतु किसी सार्वजनिक मंदिर परिसर अथवा सार्वजनिक उद्यान का उपयोग नहीं किया गया है। (ग) सिंहस्थ 2016 में अधिसूचित सिंहस्थ क्षेत्र में अस्थाई विद्युत व्यवस्था के लिये स्थापित की गई समस्त विद्युत अधोसंरचना को मेला क्षेत्र से हटाकर भण्डारण स्थल तक परिवहन करने में कुल राशि रू. 26,13,790/- का व्यय हुआ है।
रतलाम जिला अंतर्गत संचालित शराब की दुकानें
[वाणिज्यिक कर]
93. ( क्र. 5990 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिला अंतर्गत वर्ष 2013-14 से लेकर प्रश्न दिनांक तक कितने अंग्रेजी शराब एवं कितने देशी शराब के ठेके होकर इनकी विक्रय की किन-किन स्थानों पर कुल कितनी दुकाने रही? वर्षवार इनकी संख्या कितनी बढ़ी एवं कम हुई? (ख) उपरोक्त वर्षों में वर्षवार अंग्रेजी एवं देशी शराब ठेकों, दुकानों, अहातों एवं अन्य विक्रय केन्द्रों के माध्यम से वर्षवार कितना-कितना राजस्व प्राप्त हुआ? (ग) वर्षवार ठेके, दुकानों व विक्रय केन्द्रों की संख्या में कितनी बढ़ोत्तरी हुई अथवा कितनी कमी आई? वर्षवार वर्तमान से लेकर तत्कालीन केन्द्रों से प्राप्त राजस्व की स्थिति से अवगत करायेंl (घ) उपरोक्त उल्लेखित प्रश्नगत् वर्षों में जिले भर के समस्त विभागीय व्यवस्थाओ के अंतर्गत आने वाले केन्द्रों के संबंध में किन-किन स्थानों से किस-किस प्रकार की शिकायतें प्राप्त हुई? प्राप्त शिकायतों पर क्या-क्या कार्यवाही की गयी? प्राप्त जाँच, विवेचना, प्रकरण की स्थिति से अवगत करायें l
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) रतलाम जिले में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक संचालित देशी/विदेशी मदिरा दुकानों की संख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। जिले की देशी/विदेशी मदिरा दुकानों की अवस्थापना क्षेत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। रतलाम जिले वर्ष 2015-16 में संचालित 08 देशी मदिरा दुकानों का स्वरूप परिवर्तन कर विदेशी मदिरा दुकानों में परिवर्तन किया गया। इस कारण देशी मदिरा दुकानों की संख्या में कमी एवं विदेशी मदिरा दुकानों की संख्या में वृद्धि हुई है। जिले की कुल दुकानों की संख्या में कोई वृद्धि या कमी नहीं हुई है। (ख) रतलाम जिले में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक संचालित देशी/विदेशी मदिरा दुकानों, अहातों एवं अन्य विक्रय केन्दों के माध्यम से वर्षवार प्राप्त राजस्व की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। उक्त तालिका में जिले की देशी/विदेशी मदिरा दुकानों, अहातों एवं अन्य केन्द्रों (एफ.एल.-3 एण्ड बार) के माध्यम से प्राप्त राजस्व भी सम्मिलित है। जिले में देशी/विदेशी मदिरा दुकानों, अहातों एवं अन्य विक्रय केन्द्रों से प्राप्त राजस्व की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है। (ग) वर्षवार जिला रतलाम में दुकानों एवं विक्रय केन्द्रों की संख्या में बढ़ोत्तरी एवं कमी तथा प्राप्त राजस्व की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-पाँच अनुसार है। परिशिष्ट-पाँच की तालिका में जिले की देशी/विदेशी मदिरा दुकानों, अहातों एवं अन्य केन्द्रों (एफ.एल. 3 होटल एण्ड बार) के माध्यम से प्राप्त राजस्व भी सम्मिलित है। रतलाम जिले में वर्ष 2015-16 में संचालित 08 देशी मदिरा दुकानों का स्वरूप देशी मदिरा से विदेशी मदिरा दुकानों में परिवर्तित किया गया। इस कारण देशी मदिरा दुकानों की संख्या में कमी एवं विदेशी मदिरा दुकानों की संख्या में वृद्धि हुई है। जिले की कुल दुकानों की संख्या में कोई वृद्धि या कमी नहीं हुई है। जिले में देशी/विदेशी मदिरा दुकानों, अहातों एवं अन्य विक्रय केन्द्रों से प्राप्त राजस्व एवं देशी/विदेशी मदिरा दुकानों की संख्या में कमी/वृद्धि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-छ: अनुसार है। (घ) प्रश्नागत वर्षों में जिले में समस्त विभागीय व्यवस्थाओं के अंतर्गत आने वाले केन्द्रों के संबंध में प्राप्त शिकायतों पर नियमानुसार कार्यवाही की गई है। शिकायतों की जाँच के संबंध में विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-सात अनुसार है।
ऊर्जा विभाग में पदस्थ अधिकारी/कर्मचारियों की अनियमितताएं
[ऊर्जा]
94. ( क्र. 5996 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर के अन्तर्गत किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध दिनांक 01 जनवरी, 2016 से 31 जनवरी, 2018 तक माननीय मंत्री महोदय, माननीय सांसद महोदय एवं माननीय विधायक महोदयों के द्वारा वृत्त कार्यालय स्तर, क्षेत्रिय कार्यालय स्तर एवं कंपनी कार्यालय में किस-किस प्रकार की शिकायत की गई? शिकायतकर्ता के नाम सहित शिकायत का संक्षिप्त विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) से संबंधित प्राप्त शिकायतों में कितने अधिकारी/कर्मचारी अनियमितता के दोषी पाये गये हैं? इनमें से दोषी पाये जाने के बावजूद कितने अधिकारी/कर्मचारी उसी पदस्थापना स्थल पर आज भी कार्य कर रहे हैं? यह किस नियम के तहत उसी पदस्थापना स्थल पर कार्य कर रहे हैं? (ग) प्रश्नांश (क) सम्बन्धी अनियमितताओं में ऐसे कितने प्रकरण हैं, जिनमें आर्थिक अनियमितता सामने आई है? इनमें कितनी राशि की अनियमितता किस-किस की सामने आई है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर क्षेत्रान्तर्गत इन्दौर एवं उज्जैन राजस्व संभागों में दिनांक 01 जनवरी, 2016 से 31 जनवरी, 2018 तक की अवधि में जिन अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध माननीय मंत्री महोदय, माननीय सांसद महोद्य एवं माननीय विधायक महोदय के माध्यम से वृत्त कार्यालय स्तर, क्षेत्रीय कार्यालय स्तर एवं कंपनी कार्यालय स्तर पर प्राप्त शिकायतों की शिकायतकर्ता के नाम सहित शिकायत का संक्षिप्त विवरण एवं उनके विरूध्द की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के क्रमश: प्रपत्र-'अ', 'ब' एवं 'स' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित प्राप्त कुल 55 शिकायतों में से 17 अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध जाँच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है एवं 3 अधिकारी/कर्मचारी अनियमितता के दोषी पाए गए। आज दिनांक की स्थिति में कोई भी अधिकारी/कर्मचारी दोषी पाये जाने के बावजूद उसी पदस्थापना स्थल पर कार्य नहीं कर रहा है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ग) उत्तरांश (क) में उल्लेखित अनियमितता संबंधी प्रकरणों में से दो प्रकरणों यथा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' के अनुक्रमांक 2 पर अंकित श्री मोहम्मद हुसैन वरिष्ठ लाईन परिचारक, नांदनी वितरण केन्द्र द्वारा राशि रू. 2,54,412/- की आर्थिक अनियमितता किया जाना पाया गया एवं अनुक्रमांक 14 पर अंकित श्री वी.के. कटारिया तत्कालीन प्रभारी कार्यपालन यंत्री (संचा.-संधा.) संभाग जावरा जिला रतलाम द्वारा रू. 54,241/- की आर्थिक अनियमितता किया जाना पाया गया था।
ऊर्जा विभाग के कर्मचारियों के सेवा निवृति उपरांत ग्रेज्युटी एव अर्जित अवकाश का भुगतान
[ऊर्जा]
95. ( क्र. 5997 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में ऊर्जा विभाग के ऐसे कितने प्रकरण हैं, जिनमें सहायक यंत्री विद्युत सुरक्षा के सेवा निवृत्त होने के पश्चात् कर्मचारी/अधिकारी ने ग्रेज्युटी एव अर्जित अवकाश की मांग की है, दिनांक 30/01/2014 से प्रश्न दिनांक तक की जानकारी देवें? (ख) क्या नियमानुसार न्यायालय प्रकरण के दौरान यदि वित्तीय अनियमितता या गबन नहीं तो पेंशन नियम 64 (ग) के अंतर्गत 90 % भुगतान ग्रेज्युटी एव अर्जित अवकाश का भुगतान किया जा सकता है? यदि हाँ, तो उक्त अवधि में सेवा निवृत्त किन-किन कर्मचारियों का भुगतान किन-किन कारणों से नहीं हुआ? (ग) क्या दिनांक 01/01/2018 को मुख्य सचिव (वि.सु.) एवं प्रमुख सचिव ऊर्जा विभाग को किसी कर्मचारी ने अपने ग्रेज्युटी एव अर्जित अवकाश के नगदीकरण के लिए कोई पत्र लिखा गया? यदि हाँ, तो इनका भुगतान नहीं होने के क्या कारण हैं? भुगतान कब तक कर दिया जाएगा? (घ) क्या अधीक्षण यंत्री (वि.सु.) एवं उप मुख्य विद्युत निरीक्षक म.प्र शासन उज्जैन वृत्त ने अपने पत्र क्र./स्था./17-18/568, दिनांक 28/11/17 से किसी कर्मचारी के ग्रेज्युटी भुगतान के लिए सम्बन्धित कर्मचारी को कोई पत्र लिखा था, जिसमें अधीक्षण यंत्री द्वारा मा. न्यायालय का हवाला दिया गया, क्या न्यायालय में प्रकरण के दौरान उक्त नियम के तहत 90 % भुगतान किया जा सकता है? यदि हाँ, तो सम्बन्धित का भुगतान क्यों नहीं किया गया?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) प्रश्नाधीन क्षेत्र एवं अवधि में विद्युत सुरक्षा कार्यालय से संबंधित प्रश्नांश में उल्लेखित आशय का एक प्रकरण है। (ख) पेंशन नियम 64 (ग) अनुसार न्यायिक कार्यवाही पूर्ण होकर जब तक अंतिम आदेश पारित न हो जाए, तब तक अधिकारी/कर्मचारी को ग्रेज्युटी का भुगतान नहीं किये जाने का प्रावधान है एवं अर्जित अवकाश के भुगतान संबंधी कोई लेख नहीं है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ग) जी हाँ, प्रश्नांश में उल्लेखित श्री बी.एस. सिसौदिया का मुख्य अभियंता (विद्युत सुरक्षा) को संबोधित एवं प्रमुख सचिव (ऊर्जा) को पृष्ठांकित पत्र प्राप्त हुआ है। श्री बी.एस. सिसोदिया द्वारा आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने एवं लोकायुक्त द्वारा ट्रैप होने के कारण उनके विरूध्द प्रकरण क्रमांक 4/2013 विशेष न्यायालय मंदसौर में विचाराधीन है। प्रकरण के निराकरण उपरांत ही नियमानुसार कार्यवाही किया जाना संभव है। (घ) जी हाँ (पत्र क्रमांक 568 नहीं अपितु 563)। उत्तरांश (ख) में दर्शाये अनुसार पेंशन नियम 64 (ग) अनुसार जब तक न्यायिक कार्यवाही पूर्ण होकर अंतिम आदेश पारित न हो जाए, तब तक अधिकारी/कर्मचारी को ग्रेज्यूटी का भुगतान नहीं किये जाने का प्रावधान है।
खेतों में विद्युतीकरण हेतु संचालित योजनाएं
[अनुसूचित जाति कल्याण]
96. ( क्र. 5999 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनु. जाति/अनु.जन.जाति वर्ग के कृषकों के लिए खेतों में विद्युतीकरण हेतु विभाग की क्या योजना है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिला नरसिंहपुर के विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव के किन-किन ग्रामों में प्रश्नांश (क) वर्ग के किसानों के खेतों में जनवरी, 2014 से प्रश्न दिनांक तक विद्युतीकरण का कार्य किया गया? विद्युतीकरण वर्ष 2018-19 में कितने किसानों को इस सुविधा का लाभ दिया जाना प्रस्तावित है? (ग) प्रश्नांश (क) वर्ग के किसानों के खेतों में विद्युतीकरण के प्रस्ताव प्रश्नकर्ता के द्वारा प्रश्नांश (ख) अवधि में भेजे गये थे? प्रस्ताव अनुसार कब तक कार्यवाही की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) योजनान्तर्गत प्रावधानित नियम 07 जून, 2017 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जनवरी 2014 से वर्तमान तक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है एवं वर्ष 2018-19 के प्रस्तावित कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ग) जी हाँ। प्रत्येक वित्तीय वर्ष में जिले का प्राप्त बजट आवंटन की सीमा में योजना में प्रावधान अनुसार कार्यों की स्वीकृति दी जाती है। योजना निरंतर है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
ई.वे. बिल लागू नहीं किया जाना
[वाणिज्यिक कर]
97. ( क्र. 6005 ) श्री आरिफ अकील : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ई.वे. बिल लागू किया जाना प्रक्रियाधीन है? यदि हाँ, तो कब तक लागू किया जावेगा तथा यह भी स्पष्ट करें कि क्या अपंजीकृत व्यक्ति द्वारा अपंजीकृत व्यक्ति को माल भेजा जाय तो ई.वे. बिल अनिवार्य होगा? यदि हाँ, तो कैसे और यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित यह भी अवगत करावें कि प्रत्येक कंसाईमेंट 50,000/- रूपये से कम का है, किन्तु ट्रक के अंदर कुल माल 50,000/- रूपये से अधिक का है तो क्या ई.वे. बिल लागू होगा या नहीं नियम की प्रति सहित अवगत करावें? (ख) प्रावधान अनुसार जी.एस.टी. की धारा 54 के तहत कितनी रिफण्ड एप्लीकेशन प्राप्त हुई? माह जुलाई 2017 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में रिफण्ड कब-कब दिया गया तथा रिफण्ड लेट दिये जाने के कारण कितना-कितना ब्याज दिया गया और यदि रिफण्ड नहीं दिया गया तो इसके लिए कौन-कौन जिम्मेदार है? उनके विरूद्ध शासन द्वारा क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बतावें? (ग) क्या कंपोजीशन स्कीम वाले 5 लाख तक की सेवाएं दे सकते हैं? यदि हाँ, तो क्या कम्पोजीशन की टर्न-ओवर सीमा डेढ़ करोड़ किया जाना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो बजट में प्रावधान किया गया है और यदि नहीं, तो क्यों तथा इस संबंध में नोटिफिकेशन अभी तक जारी नहीं किए जाने के क्या कारण हैं?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) ई-वे बिल के संबंध में शासन द्वारा अधिसूचना क्रमांक F-A-3-08-2018-1-V (33) दिनांक 07.03.2018 से नियम अधिसूचित किये गये हैं, जो कि अभी प्रभावशील नहीं किये गये हैं। जी.एस.टी. काउंसिल की 26 वीं बैठक दिनांक 10.03.2018 में दिनांक 01.04.2018 से ई-वे बिल लागू किये जाने का निर्णय लिया गया है। इस संबंध में अभी अधिसूचना जारी नहीं की गई है। अधिसूचना क्रमांक F-A-3-08-2018-1-V (33) दिनांक 07.03.2018 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। ई-वे बिल के संबंध में जारी नियमों में अपंजीयत के लिए माल परिवहन होने पर ई-वे बिल का ऐच्छिक होना प्रावधानित है। नियम 138 (7) में माल के प्रेषक अथवा प्रेषिति द्वारा ई-वे बिल जारी नहीं किये जाने की स्थिति में परिवहन हेतु वाहन में रखे गये मालों का कुल मूल्य 50,000 से अधिक होने तथा इनके अन्तर्राज्यीय परिवहन होने की स्थिति में परिवहनकर्ता को प्रत्येक बिल की आपूर्ति के लिये ई-वे बिल जनरेट किया जाना आवश्यक होना प्रावधानित है। (ख) जी.एस.टी. विधान की धारा 54 के तहत जनवरी 2018 से प्रदेश में स्थित संभागीय एवं वृत्त कार्यालयों में 232 आवेदन रिफण्ड हेतु प्राप्त हुए हैं। इनमें से 30 आवेदनों पर रिफण्ड आदेश जारी किये गये हैं। अन्य आवेदनों पर विधि अनुसार कार्यवाही पूर्ण किया जाना सुनिश्चित किया गया है। अत: किसी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की स्थिति नहीं है। (ग) कम्पोजीशन स्कीम के लिए रूपये 5 लाख तक की सेवायें देने वाले व्यवसाइयों के संबंध में जी.एस.टी. काउंसिल द्वारा कोई निर्णय नहीं लिया गया है। कम्पोजीशन के विकल्प हेतु सीमा का निर्धारण जी.एस.टी. काउंसिल द्वारा किया जाता है। शासन द्वारा जारी अधिसूचना क्रमांक F-A-3-71-2017-1-V (126) दिनांक 13.10.2017 के प्रावधानों में कम्पोजीशन सुविधा प्राप्तकर्ता को कर मुक्त सेवायें यथा पैसे जमा करने अथवा लोन लेने जैसी सेवाओं जिनमें प्रतिफल ब्याज के रूप में होता है, को कम्पोजीशन सुविधा के लिये अपात्र नहीं माने जाने का प्रावधान है।
मा. मुख्य मंत्री की धार्मिक यात्राओं पर खर्च की गई राशि
[सामान्य प्रशासन]
98. ( क्र. 6009 ) श्री सचिन यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा वर्ष 2005 से 2012 तक शासकीय रूप से कितनी धार्मिक यात्राएं की गई हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितनी शासकीय राशि खर्च की गई? यात्रावार, खर्च राशिवार जानकारी दें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मा. मुख्य मंत्री द्वारा की गई घोषणाओं की पूर्ति
[सामान्य प्रशासन]
99. ( क्र. 6010 ) श्री सचिन यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 5 वर्षों में प्रश्न दिनांक तक माननीय मुख्यमंत्री द्वारा कितनी घोषणाएं की गई? जिलेवार जानकारी दें। (ख) उक्त में से कितनी घोषणाएं पूर्ण की गई? कितनी शेष हैं? इन्हें कब तक पूर्ण किया जायेगा? (ग) उक्त घोषणाओं को समय-सीमा में पूर्ण नहीं किए जाने के क्या कारण हैं? क्या तत्संबंध में संबंधितों की जवाबदेही सुनिश्चित की गई है? नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
राष्ट्रीय पेंशन योजना के अंतर्गत आने वाले निगम/मंडल
[वित्त]
100. ( क्र. 6013 ) श्री बाला बच्चन : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राष्ट्रीय पेंशन योजना कब से लागू की गई है? किन विभागों ने विलंब से इस योजना को लागू किया? विभागों के अंतर्गत आने वाले निगम, मंडल की जानकारी भी देवें। (ख) राजधानी परि.प्रशा.मंडल द्वारा यह कब से लागू की गई है? प्रारंभ वर्ष से इस वित्तीय वर्ष तक की जानकारी मंडल के प्रत्येक संभागवार कर्मचारी संख्या, कर्मचारी अंशदान, विभागीय अंशदान की जानकारी वर्षवार, संभागवार देवें। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) अनुसार यह विलंब से लागू की गई है, तो कारण बतावें व इसके जिम्मेदार अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देवें? इसके लिए इन पर कब तक कार्यवाही होगी? (घ) इस विलंब से कर्मचारियों को हुई क्षति की भरपाई शासन किस प्रकार करेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (घ) राष्ट्रीय पेंशन योजना मध्यप्रदेश के सभी विभागों में दिनांक 01.01.2005 को एवं उसके पश्चात् नियुक्त होने वाले सेवकों पर नियुक्ति दिनांक से लागू है। शेष जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विभागीय स्कूलों में ऑनलाईन प्रवेश परीक्षा पर रोक
[जनजातीय कार्य]
101. ( क्र. 6014 ) श्री बाला बच्चन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के एकलव्य उत्कृष्ट मॉडल एवं कन्या शिक्षा व अन्य में प्रवेश हेतु ऑनलाईन परीक्षा आयोजित की जावेगी? यदि हाँ, तो किस सत्र से। (ख) उपरोक्त का कारण बतावें? किस अनुशंसा, आदेश के तहत यह प्रक्रिया अपनाई जाएगी? उसकी प्रमाणित प्रति देवें। यह निर्णय किस स्तर पर हुआ? अधिकारी का नाम, पदनाम सहित देवें। (ग) प्रदेश के जनजाति बाहुल्य हजारों ग्रामों एवं फल्यों में आज तक विद्युतीकरण नहीं हो पाया है, तो उन क्षेत्रों के विद्यार्थी किस तरह ऑनलाईन परीक्षा में शामिल होने के योग्य होंगे? गरीब वर्ग के विद्यार्थी भी शामिल कैसे होंगे? क्या ऑनलाईन परीक्षा आयोजित करने के निर्णय के पूर्व इस पर विचार किया गया? (घ) यदि नहीं, तो कब तक इस निर्णय को वापस करेगें, जिससे जनजाति वर्ग के विद्यार्थी प्रभावित हो रहे हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। शैक्षणिक सत्र 2018-19 में प्रवेश हेतु प्रारंभ है। (ख) जनजातीय विद्यार्थियों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्रदाय करने एवं अद्यतन संचार प्रणाली के उपयोग हेतु दक्ष बनाने हेतु यह प्रक्रिया विभाग द्वारा अपनायी गई है। विभागाध्यक्ष स्तर पर। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) प्रवेश परीक्षा समस्त जिला मुख्यालयों पर आयोजित की गयी है। विद्युत व्यवस्था उपलब्धता को दृष्टिगत रखते हुए ही यह निर्णय लिया गया है। अत: शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
लाड़ली लक्ष्मी योजनांतर्गत जारी प्रमाण पत्र
[महिला एवं बाल विकास]
102. ( क्र. 6017 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दिनांक 01/01/2014 से 31/12/2016 तक के संदर्भ में धार एवं खण्डवा जिले में लाड़ली लक्ष्मी योजना के प्रमाण पत्र बनवाने हेतु कितनी राशि का कार्य किन-किन को दिया गया? नाम, राशि सहित परियोजनावार देवें। (ख) इस राशि का भुगतान किन बैंक खातों में किया गया? नाम, बैंक खाता नंबर सहित परियोजनावार, कार्यवार सहित बतावें। (ग) उपरोक्त (क) व (ख) अनुसार उक्त अवधि की जानकारी खरगोन परियोजना, भीकनगांव परियोजना व बड़वाह परियोजना के संदर्भ में भी देवें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
उपकरणों के क्रय पर प्रतिबंध
[वित्त]
103. ( क्र. 6018 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन वित्त मंत्रालय भोपाल के आदेश क्रमांक 08/2018/DMC/B-7/04, दिनांक 02/01/2018 द्वारा वित्तीय वर्ष 2017-18 में मितव्ययिता के द्वारा उपकरण क्रय पर प्रतिबंध लगाते हुए बिंदु क्रमांक 2 (1 एवं 2) में क्रय/व्यय प्रतिबंध से मुक्त होंगे, लेख किया गया है? (ख) उपरोक्तानुसार क्रय पर प्रतिबंध था या नहीं? उक्त आदेश में क्या चिकित्सा महाविद्यालयों/चिकित्सालयों में मेडिकल उपकरण क्रय की छूट थी? (ग) क्या विभाग द्वारा पत्र क्रमांक 83/16/04/व-1/2018, दिनांक 23/01/2018 द्वारा प्रश्नांश (क) में वर्णित अंतर्गत क्रय पर प्रतिबंध वर्ष 2018 विषयांतर्गत संदर्भ पत्र द्वारा लागू प्रतिबंध से तीन किश्तों से छूट प्राप्त की गई है?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। चिकित्सा उपकरण प्रतिबंधित श्रेणी में थे। (ग) जी हाँ। संदर्भित पत्र द्वारा तीन मदों में छूट प्रदान की गई है।
अनूपपुर जिलांतर्गत छात्रावासों का संचालन
[अनुसूचित जाति कल्याण]
104. ( क्र. 6025 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिला अंतर्गत पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में विभाग द्वारा कुल कितने छात्रावास का संचालन किया जा रहा है? इनमें कुल कितने छात्र निवास कर रहे हैं, कुल कितना स्टाफ स्वीकृत है? कितने पद रिक्त हैं? एक अधीक्षक के पास कुल कितने छात्रावास का प्रभार है? छात्रावासवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या कन्या आश्रम/छात्रावास की अधीक्षक को एक से अधिक छात्रावास का प्रभार दिया गया है? यदि हाँ, तो इन छात्राओं की सुरक्षा के लिये कौन जिम्मेदार है? क्या विभाग ऐसे छात्रावासों को चिन्हित कर छात्राओं की सुरक्षा के संबंध में कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या छात्रावास में रह रहे बच्चों को शासन द्वारा प्रदाय की जा रही सुविधाओं का पूर्ण वितरण किया जा रहा है? इसके लिये कोई निरीक्षणकर्ता नियुक्त किये गये हैं? यदि हाँ, तो विगत दो वर्षों से अभी तक किन-किन के द्वारा निरीक्षण किया गया?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) अनूपपुर जिला अंतर्गत पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के 03 छात्रावास संचालित हैं, जिनमें 150 छात्र-छात्राएं निवास कर रहे हैं। स्वीकृत स्टाफ एवं रिक्त पद की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। एक अधीक्षक के पास केवल एक ही छात्रावास का प्रभार है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) जी नहीं। कन्या छात्रावास की अधीक्षक को एक से अधिक छात्रावासों का प्रभार नहीं दिया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। विगत दो वर्षों से अभी तक किये गये निरीक्षण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्रांतर्गत ग्रामों में विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
105. ( क्र. 6026 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के आदिवासी विकासखण्ड पुष्पराजगढ़ एवं जैतहरी में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक ऊर्जा विभाग की ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अन्तर्गत ग्रामों एवं मजरों को किन-किन योजनाओं के माध्यम से विद्युतीकरण किया गया? इसमें किसमें कितना व्यय हुआ? वर्षवार, योजनावार जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या ग्रामों तथा मजरों को विद्युतीकरण किये जाने के सभी कार्य पूर्ण हो गये हैं? यदि नहीं, तो समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं किये जाने वाले अधिकारी/कर्मचारी/ठेकेदार के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ के विकासखण्ड पुष्पराजगढ़ एवं जैतहरी में वर्ष 2013-14 से फरवरी-18 तक की अवधि में 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत अविद्युतीकृत ग्रामों के विद्युतीकरण एवं विद्युतीकृत ग्रामों के 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाले मजरों/टोलों के विद्युतीकरण सहित सघन विद्युतीकरण तथा दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनांतर्गत अविद्युतीकृत ग्रामों के विद्युतीकरण के कार्य किये गये हैं। उक्त योजनाओं के अंतर्गत व्यय की जानकारी विधानसभा क्षेत्रवार/विकासखण्डवार संधारित नहीं की जाती, इसलिए अनूपपुर जिले हेतु 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना एवं दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनांतर्गत वर्ष 2013-14 से फरवरी-18 तक की अवधि में किये गये व्यय की वर्षवार जानकारी निम्नानुसार है :-
(राशि रूपये करोड़ में)
योजना |
वर्ष 13-14 |
वर्ष 14-15 |
वर्ष 15-16 |
वर्ष 16-17 |
वर्ष 17-18 |
कुल व्यय |
12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना |
निरंक |
निरंक |
7.62 |
17.30 |
5.77 |
30.69 |
दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना |
निरंक |
निरंक |
निरंक |
निरंक |
3.06 |
3.06 |
(ख) विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ के अन्तर्गत 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में सम्मिलित कार्य-योग्य 7 अविद्युतीकृत ग्रामों के विद्युतीकरण एवं 210 विद्युतीकृत ग्रामों के 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाले मजरों/टोलों के विद्युतीकरण सहित सघन विद्युतीकरण तथा दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनांतर्गत स्वीकृत कार्य-योग्य 6 अविद्युतीकृत ग्रामों के विद्युतीकरण के सभी कार्य समय-सीमा में पूर्ण किये जा चुके हैं। अतः प्रश्न नहीं उठता।
जिला उमरिया अंतर्गत विद्युतीकरण विहीन गांव
[ऊर्जा]
106. ( क्र. 6029 ) सुश्री मीना सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र मानपुर जिला उमरिया में ऐसे कितने ग्राम हैं, जो विद्युतीकरण से वंचित हैं? सूची उपलब्ध करावें। इन ग्रामों में विद्युतीकरण का कार्य कब तक किया जावेगा? (ख) क्या विधानसभा क्षेत्र मानपुर में सौभाग्य योजना संचालित है? यदि हाँ, तो उक्त विधानसभा क्षेत्र के कितने ग्रामों को इसमें शामिल किया गया है? प्रश्न दिनांक तक कितने हितग्राहियों को इसका लाभ प्राप्त हो चुका है? (ग) विधानसभा क्षेत्र मानपुर में ऐसे कितने ग्राम हैं, जहां पर वर्तमान में विद्युतीकरण कार्य चल रहा है? सूची उपलब्ध करावें। (घ) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार इन ग्रामों को दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में विद्युतीकरण हेतु शामिल कर लिया गया है? यदि हाँ, तो इनका विद्युतीकरण का कार्य कब तक हो जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जिला उमरिया में विधानसभा क्षेत्र मानपुर के अन्तर्गत 7 ग्राम यथा-गढ़रौला, कठई, पटपरिहा, मकरा, गजवाही, बाघन्नारा एवं चिनकी अविद्युतीकृत हैं तथा उक्त ग्राम दूरस्थ एवं सघन वन क्षेत्र में स्थित होने के कारण इनके विद्युतीकरण का कार्य सौर संयंत्रों के माध्यम से नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग, म.प्र. शासन द्वारा कराया जा रहा है। नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त ग्रामों में से ग्राम चिनकी को छोड़कर अन्य 6 ग्राम हेतु कार्यादेश जारी किया जा चुका है तथा इन ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य जून, 2018 तक पूर्ण किया जाना संभावित है। उल्लेखनीय है कि ग्राम चिनकी का कार्य पूर्व में परंपरागत रूप से लाईन विस्तार कर किया जाना प्रस्तावित था, किन्तु वन विभाग से वांछित अनुमति प्राप्त नहीं होने से वर्तमान में उक्त ग्राम गैर-परंपरागत ऊर्जा स्त्रोत से विद्युतीकरण हेतु प्रस्तावित किया गया है। अत: वर्तमान में इस ग्राम की कार्यपूर्णता की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ, विधानसभा क्षेत्र मानपुर में सौभाग्य योजना संचालित है। उक्त विधानसभा क्षेत्र के 319 ग्रामों को सौभाग्य योजना में शामिल किया गया है। दिनांक 08.03.18 तक प्रश्नाधीन क्षेत्र में 4320 हितग्राही लाभान्वित हुए हैं। (ग) वर्तमान में विधानसभा क्षेत्र मानपुर में उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार 7 ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य गैर-परंपरागत ऊर्जा स्त्रोतों से नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा तथा संलग्न परिशिष्ट में दर्शाए गए 107 ग्रामों के मजरों/टोलों में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनांतर्गत सघन विद्युतीकरण का कार्य पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कराया जा रहा है। (घ) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार 7 ग्रामों में विद्युतीकरण का कार्य गैर-परंपरागत ऊर्जा स्त्रोतों से नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा कराया जा रहा है, जिनमें से 6 ग्रामों का कार्य जून, 2018 तक पूर्ण कराया जाना संभावित है तथा उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार शेष ग्राम चिनकी के कार्यपूर्णता की निश्चित समय-सीमा वर्तमान में बताया जाना संभव नहीं है।
अनुसूचित जनजाति बस्तियों में मुलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने हेतु संचालित योजना
[जनजातीय कार्य]
107. ( क्र. 6030 ) सुश्री मीना सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन स्तर पर अनुसूचित जनजाति बाहुल्य बस्तियों में मूलभूत सुविधाओं को उपलब्ध करवाने हेतु कोई योजना संचालित है? (ख) यदि हाँ, तो जिला उमरिया की मानपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कितनी बस्तियां अनुसूचित जनजाति बाहुल्यता वाली है? ग्रामवार सूची उपलब्ध करावें। इनमें वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कार्य किये गये? सूची उपलब्ध करावें। (ग) उक्त विधानसभा क्षेत्र की शत-प्रतिशत अनुसूचित जनजाति आबादी वाले ग्रामों में विगत दो वर्षों में कितने विकास बस्ती के अंतर्गत हुये हैं? क्या उक्त ग्राम में आगामी वित्तीय वर्ष 2018-19 में बस्ती विकास में कोई कार्य प्रस्तावित है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जिला उमरिया की मानपुर विधानसभा क्षेत्र में अनुसूचित जनजाति बाहुल्य वाली बस्ती की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है तथा वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कराये गये कार्यों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब'अनुसार है। (ग) जिला उमरिया की मानपुर विधानसभा क्षेत्र में अनुसूचित जनजाति के शत-प्रतिशत आबादी वाले ग्रामों में विगत दो वर्षों में कोई भी कार्य नहीं कराया गया है। वित्तीय वर्ष 2018-19 में अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास योजना नियम 2017 के अनुसार कार्य योजना तैयार की जाकर माननीय प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में उनके अनुमोदन पश्चात् नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
प्रॉविडेंट इन्वेस्टमेंट कंपनी का गठन एवं उद्देश्य
[वित्त]
108. ( क्र. 6032 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रॉविडेंट इन्वेस्टमेंट कंपनी का गठन कब, कहाँ, किस उद्देश्य से किया गया था? (ख) उक्त कंपनी के अंतर्गत कितने मूल्य की कितनी परिसंपत्तियां कहाँ-कहा स्थित हैं? परिसंपत्तियों की अद्यतन स्थिति से अवगत कराएं। (ग) उक्त कंपनी अंतर्गत गठन दिनांक से कितना-कितना अमला, किस-किस पद पर कब-कब तक कार्यरत रहा? वर्तमान में कितना अमला किस-किस पद पर कार्यरत है? (घ) विगत पाँच वर्षों में कंपनी द्वारा कौन-कौन से निर्माण कार्य, कहाँ-कहाँ, किस-किस एजेंसी से, कितने-कितने मूल्य के, किस-किस प्रक्रिया के तहत कराए गए? एजेंसी का नामवार, पतेवार पूरा विवरण दें। (ड.) कंपनी अंतर्गत परिसंपत्तियों से संबंधित कितने प्रकरण कब-कब से किस-किस न्यायालय में प्रचलित हैं, उक्त प्रकरणों में किस-किस वकील को अब तक कितनी-कितनी फीस का भुगतान किस-किस प्रकरण में किया जा चुका है, प्रकरणों की अद्यतन स्थिति क्या है?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) दी प्रॉविडेंट इन्वेस्टमेंट कम्पनी का गठन वर्ष 1926 में किया गया था। कम्पनी के गठन का उद्देश्य कम्पनी के आर्टिकल ऑफ एसोसियेशन अनुसार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) कम्पनी द्वारा देखरेख की जा रही सम्पत्तियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है, वर्तमान बाजार मूल्य बताया जाना संभव नहीं है। (ग) कम्पनी अंतर्गत गठन दिनांक से नियुक्त प्रबंध संचालक/महाप्रबंधक/प्रबंधक की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है, वर्तमान में पदस्थ अमले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है। (घ) कम्पनी द्वारा मुम्बई स्थित एडवर्ड विला मध्यप्रदेश शासन के व्ही.व्ही.आई.पी. गेस्ट हाउस के रिनोवेशन संबंधी कार्य वर्ष 2015-16 एवं वर्ष 2016-17 में निविदा आमंत्रित कर कराया गया है। कार्य करने वाली एजेंसी का नाम मेसर्स मोगरा, ए-163/1 एच.के. हाउस प्रथम तल लाडो सेई, नई दिल्ली-110050 है। रिनोवेशन कार्य हेतु कुल रूपये 3.78 करोड़ का भुगतान संबंधित एजेंसी को किया गया है। (ड.) कम्पनी द्वारा देखरेख की जा रही सम्पत्तियों से संबंधित प्रचलित न्यायालयीन प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-पाँच अनुसार है। दिनांक 01.04.2016 से 31.10.2017 तक वकीलों को भुगतान की गई राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-छ: अनुसार है।