मध्य प्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-अप्रैल, 2016 सत्र
सोमवार, दिनांक 28 मार्च, 2016
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
(वर्ग 3 : गृह, जेल, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, आयुष, भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास, संसदीय कार्य, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण, महिला एवं बाल विकास)
सिविल
अस्पताल ब्यावरा
में
सोनोग्राफी
मशीन की स्थापना
1. ( *क्र. 7310 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले का सिविल अस्पताल ब्यावरा दो राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 3 एवं 12 के संगम स्थल पर स्थित होकर यहां प्रतिदिन एक हजार के लगभग ओ.पी.डी. रहती है तथा 65 हजार की आबादी वाला ब्यावरा नगर इसी अस्पताल पर निर्भर है तथा आसपास लगभग 50 हजार की ग्रामीण आबादी भी इसी अस्पताल से जुड़ी हुई है? यदि हाँ, तो क्या उक्त अस्पताल में सोनोग्राफी कराये जाने की कोई व्यवस्था वर्तमान तक स्थापित नहीं है? (ख) क्या वर्तमान चिकित्सा परिवेश में किसी भी रोग व बीमारी का उपचार करने से पूर्व चिकित्सकों द्वारा सोनोग्राफी कराये जाने का परामर्श दिया जाता है? यदि हाँ, तो क्या उक्त अस्पताल में सोनोग्राफी की कोई व्यवस्था नहीं होने से नगर में संचालित निजी सोनोग्राफी संचालकों द्वारा मनमाना शुल्क वसूल कर सोनोग्राफी की जाती है, जिससे गरीब मरीजों पर अत्यधिक व्यय भार पड़ता है? (ग) क्या शासन ऐसे अतिव्यस्त सिविल अस्पताल ब्यावरा में सोनोग्राफी मशीन स्थापित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। सिविल अस्पताल ब्यावरा में प्रतिदिन औसत ओ.पी.डी. 200-250 है। जी हाँ। उक्त अस्पताल में सोनोग्राफी कराये जाने की व्यवस्था वर्तमान में नहीं है। सोनोग्राफी मशीन क्रय करने के निर्देश जारी किये गये हैं। (ख) जी नहीं। बीमारी की जटिलता एवं निदान की आवश्यकतानुसार चिकित्सक द्वारा सोनोग्राफी जाँच कराई जाती है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला राजगढ़ को सिविल अस्पताल ब्यावरा हेतु सोनोग्राफी क्रय करने के निर्देश दिये गये हैं। यथाशीघ्र उपलब्घ करा दी जायेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आँगनवाड़ी भवनों का निर्माण
2. ( *क्र. 116 ) श्री वेलसिंह भूरिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र सरदारपुर अंतर्गत कितनी आंगनवाड़ियां स्वीकृत हैं? इनमें से कितने आदिवासी क्षेत्रों में एवं कितने अन्य क्षेत्रों में संचालित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कितनी आंगनवाड़ियां शासकीय भवनों में संचालित हैं एवं कितनी भवनविहीन हैं? आँगनवाड़ीवार पृथक-पृथक जानकारी दें। (ग) विधानसभा क्षेत्र सरदारपुर अंतर्गत वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में विभाग द्वारा कितनी आँगनवाड़ी भवनों का निर्माण किया गया है? इन निर्मित भवनों का सत्यापन किस अधिकारी द्वारा किया गया है? (घ) क्या उक्त भवनों का निर्माण तकनीकी मापदण्डों के अनुसार नहीं किये जाने संबंधी कोई शिकायत प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो इस पर क्या कार्यवाही की गई हैं? (ड.) शेष बची आंगनवाड़ियों का भवन निर्माण कब तक किया जायेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) धार जिले में विधानसभा क्षेत्र सरदारपुर के अंतर्गत 02 परियोजनाएं (सरदारपुर-1 एवं सरदारपुर-2) में 411 आँगनवाड़ी केन्द्र एवं 10 मिनी आँगनवाड़ी केन्द्र इस प्रकार कुल 421 आँगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत हैं। इनमें से 347 आँगनवाड़ी केन्द्र आदिवासी क्षेत्र में तथा 74 अन्य क्षेत्रों में संचालित हैं। (ख) विधानसभा क्षेत्र सरदारपुर अंतर्गत कुल 421 आँगनवाड़ी केन्द्रों में से 208 विभागीय भवनों में, 104 अन्य शासकीय भवनों में तथा 109 आँगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में (भवन विहीन) संचालित हैं। (ग) विधानसभा क्षेत्र सरदारपुर अंतर्गत वर्ष 2013-14 में 16 आँगनवाड़ी सेक्टर स्तरीय कार्यालय सह आँगनवाड़ी केन्द्र (आँगनवाड़ी सह बैठक कक्ष भवन) की स्वीकृति दी गई है। इनमें से 13 भवन निर्माण पूर्ण हो चुके हैं तथा 03 भवन निर्माणाधीन हैं। वर्ष 2014-15 में भवनों के निर्माण की स्वीकृति नहीं दी गई है। निर्मित भवनों का सत्यापन अनुविभागीय अधिकारी, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा सरदारपुर जिला धार द्वारा किया गया है। (घ) निर्माण एजेंसी कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग (म.प्र) संभाग धार कार्यालय में 01 कार्य (ग्राम बरमंडल में सेक्टर लेवल आँगनवाड़ी भवन निर्माण की शिकायत प्राप्त हुई, जिसकी जाँच अन्य विभाग के पी.आई.यू. के तकनीकी अधिकारियों के माध्यम से करवाई गई है। जाँच उपरांत कार्य निर्धारित मापदण्ड तथा गुणवत्ता का पाया गया। (ड.) जिले की निर्माण एजेंसी कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग, धार संभाग धार द्वारा 03 आँगनवाड़ी सह बैठक कक्ष ग्राम दसई, फुलगांवडी एवं राजगढ़ में निर्माण कार्य 31 मई, 2016 तक पूर्ण कर विभाग को हस्तांतरित किये जायेंगे। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
कारण बताओ नोटिस में विसंगति
3. ( *क्र. 7002 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2015 में बजरंग प्रा.उप.स.भं.मर्या., घुवारा (छतरपुर) द्वारा शा.उ. मूल्य की दुकान संचालित की जा रही थी? हाँ तो स्पष्ट करें कि उक्त दुकान संचालक मण्डल (बोर्ड) अथवा प्रशासन द्वारा संचालित की जा रही थी? (ख) क्या बोर्ड द्वारा उक्त संस्था का संचालन करने पर बोर्ड के अध्यक्ष व प्रबंधक/विक्रेता के साथ अनावश्यक अन्य बाहरी व्यक्ति तथा प्रशासक के विरूद्ध अनुविभागीय अधि. (राजस्व) अनुविभाग बड़ामलहरा (छतरपुर) द्वारा प्र.क्र. 3/बी-121/पी.डी.एस./14-15 दिनांक 03.08.2015 से कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है? क्या बोर्ड के अध्यक्ष, प्रबंधक व विक्रेता के अतिरिक्त अन्य अनावश्यक व्यक्ति विशेष व प्रशासक का नाम अनाधिकृत रूप से जोड़े जाने से उक्त कारण बताओ नोटिस दूषित श्रेणी में आता है? यदि हाँ, तो दोषी अधिकारी/कर्मचारी का नाम/पदनाम उल्लेखित करें? (ग) शासन, न्याय हित में उक्त दूषित कारण बताओ नोटिस को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर उक्त दोषियों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही करेंगे? हाँ तो कब तक?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। प्रश्नांकित अवधि में उक्त दुकान संचालक मण्डल द्वारा संचालित की जा रही थी। (ख) जी हाँ। लिपिकीय त्रुटिवश प्रशासक का अस्तित्व न होने के बावजूद उसे भी कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। प्रशासक का अस्तित्व नहीं होने से यह कारण बताओ सूचना पत्र प्रशासक के संदर्भ में शून्य है, परन्तु केवल इसी आधार पर यह कारण बताओ सूचना पत्र दूषित श्रेणी में नहीं आता है, क्योंकि कारण बताओ सूचना पत्र में अध्यक्ष, प्रबंधक और विक्रेता का भी नाम है। दिनांक 28.11.2015 को कारण बताओ सूचना पत्र में से प्रशासक का नाम हटा दिया गया है। (ग) प्रश्नांश 'ख' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जननी एक्सप्रेस वाहन के भुगतान की जाँच
4. ( *क्र. 6774 ) श्री सचिन यादव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में जननी एक्सप्रेस वाहन चलाये जाने की प्रक्रिया एवं नियम क्या हैं? इसका संचालन किसके माध्यम से और कौन-कौन करता है? जिला पश्चिम निमाड़ खरगोन में संचालनकर्तावार सहित जानकारी दें। (ख) विगत एक वर्ष में उक्त वाहनों के कार्यसंचालन में हो रही अनियमितताओं के संबंध में कितनी-कितनी शिकायत प्राप्त हुई और उस पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या जननी एक्सप्रेस वाहन क्रमांक 1367 दिनांक 7 अगस्त, 2015 की रात 12 बजे खण्डवा जिले के छैगांवमाखन से इंदौर के लिए निकला, इंदौर की दूरी लगभग 115 कि.मी. है और ठेकेदार को लगभग 645 कि.मी. का भुगतान कर दिया गया है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक इस प्रकरण पर क्या कार्यवाही किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों के खिलाफ की गई, साथ ही इसी प्रकार के कितने फर्जी भुगतान किये गये? पदनाम सहित जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) में दर्शित प्रकरणों की सघन जाँच संबंधित मुख्यालय के किन्ही उच्चाधिकारियों से कराकर जाँच प्रतिवेदन से अवगत करायेंगे?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जननी एक्सप्रेस वाहन चलाये जाने की प्रक्रिया एवं नियम निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जननी एक्सप्रेस वाहन का संचालन निविदा में चयनित निविदाकार द्वारा किया जाता है। जिला पश्चिम निमाड़ खरगोन में प्रो. अम्बर शर्मा धरा ट्रेडर्स नालछा जिला धार द्वारा जननी एक्सप्रेस वाहनों का संचालन किया जा रहा है। (ख) एक शिकायत प्राप्त हुयी है। जननी एक्सप्रेस वाहनों की मॉनीटरिंग एवं निरीक्षण हेतु गठित समिति द्वारा देयकों एवं लॉगबुक का निरीक्षण किया गया एवं अनियमितता के आधार पर 05 प्रतिशत राशि कटोत्रा किया जाकर भुगतान किया गया है। (ग) जी नहीं, उक्त वाहन दिनांक 07/08/2015 इंदौर नहीं गई थी, बल्कि खण्डवा जिले में ही चली है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं।
महिला चिकित्सकों की पद पूर्ति
5. ( *क्र. 7262 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिला चिकित्सालय में कुल कितनी महिला चिकित्सक पदस्थ हैं? जिले में संचालित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों का नाम एवं वहां पदस्थ महिला चिकित्सकों की स्थिति का विवरण प्रदान करें। (ख) क्या अनेक सामुदायिक केन्द्रों में महिला चिकित्सकों की पूर्णत: कमी है? यदि हाँ, तो कारण बतायें? (ग) जिला-अनूपपुर आदिवासी जिला है? क्या इस जिले में संचालित स्वास्थ्य केन्द्रों में महिला चिकित्सकों की पद पूर्ति होगी? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) विभाग अंतर्गत महिला चिकित्सक के पदनाम से कोई पद स्वीकृत नहीं है, किन्तु जिला चिकित्सालय अनूपपुर में 06 महिला चिकित्सा अधिकारी पदस्थ हैं। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में स्त्रीरोग विशेषज्ञ के पद स्वीकृत हैं, परंतु प्रदेश में विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी के कारण पदपूर्ति किए जाने में कठिनाई है। (ग) जी हाँ, विभाग में उपलब्धता अनुसार पदपूर्ति के प्रयास किए जावेंगे। निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
सामुदायिक स्वा. केन्द्र पचोर में रिक्त पदों की पूर्ति
6. ( *क्र. 6729 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले की सारंगपुर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत पचोर के उप स्वास्थ्य को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन कर दिया गया है? यदि हाँ, तो कब से? उन्नयन आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उन्नयन सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के मापदण्डानुसार विशेषज्ञ चिकित्सक, चिकित्सा अधिकारी एवं अन्य स्टॉफ के कितने-कितने पद स्वीकृत हैं? पदवार जानकारी देवें। (ग) क्या सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पचोर में एक मात्र चिकित्सा अधिकारी कार्यरत है? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में शेष विशेषज्ञ चिकित्सक, चिकित्सा अधिकारी एवं अन्य स्टॉफ के पदों की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) प्रश्नांश भाग की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी हाँ। चिकित्सकों के रिक्त पदों की पूर्ति की कार्यवाही निरंतर जारी है, निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है।
पोषण आहार का वितरण
7. ( *क्र. 7282 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) छतरपुर जिले के समस्त नगर पालिका एवं नगर परिषद में पोषण आहार वितरण किस-किस संस्था द्वारा किया जा रहा है? संस्थाओं की सदस्य कार्यकारिणी सूची सहित समस्त जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) नगर परिषद बिजावर एवं सटई में कार्यरत, पोषण आहार वितरण संस्था को माहवार, 2014 एवं 2015 में कितना भुगतान किया गया है अथवा लंबित है? (ग) जिले में कितने नगरों में एक ही संस्था पोषण आहार वितरण कर रही है एवं कितने समय से कार्यरत है? अलग-अलग जानकारी उपलब्ध करायें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) छतरपुर जिले के नगर पालिका एवं नगर परिषदों में पोषण आहार वितरणकर्ता संस्थाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ अनुसार तथा संस्थाओं के सदस्य कार्यकारिणी की सूची नगर पालिका/नगर परिषदवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’ अनुसार है। (ख) नगर परिषद बिजावर एवं सटई में कार्यरत पोषण आहार वितरणकर्ता संस्था को वर्ष 2014 एवं वर्ष 2015 में भुगतान की माहवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स’’ अनुसार है। (ग) जिले में नगर पालिका/नगर परिषदों में पृथक-पृथक स्थानीय संस्थाओं द्वारा पोषण आहार वितरण किया जा रहा है। जिले में किसी भी संस्था द्वारा एक से अधिक स्थानों पर पोषण आहार वितरण कार्य नहीं किया जा रहा है।
स्थानांतरण/प्रतिनियुक्ति पर पदस्थापना
8. ( *क्र. 7306 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्वशासी महाविद्यालय में नियुक्त स्टाफ नर्सों का अन्य चिकित्सा महाविद्यालयों एवं स्वास्थ्य विभाग में स्थानांतरण/प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ करने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो नियम की प्रति सहित जानकारी देवें। (ख) भोपाल संभाग के स्वशासी महाविद्यालय/स्वास्थ्य विभाग में नियुक्त स्टाफ नर्स को एक विभाग से दूसरे विभाग में स्थानांतरण/प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ किये जाने हेतु अनापत्ति/सहमति के पश्चात् वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक कितने कर्मचारियों के आदेश प्रसारित किये गये हैं? नाम, पदनाम, सहित जानकारी देवें। (ग) प्रतिनियुक्ति/स्थानांतरण की अवधि पूर्ण होने के उपरान्त कितने स्टाफ नर्सों/नर्सिंग ट्यूटर/नर्सिंग सिस्टर की वापसी मूल विभाग में की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? कारण बतायें। यदि हाँ, तो कब?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रदेश में संचालित वेयर हाउस
9. ( *क्र. 1561 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश शासन के वेयर हाउस (अनाज व अन्य सामग्री रखने का स्थान) संचालित हैं? यदि हाँ, तो मध्य प्रदेश में प्रदेश सरकार व केंद्र सरकार के कितने वेयर हाउस संचालित हैं? संख्या उपलब्ध करावें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार शासकीय वेयर हाउस के अतिरिक्त प्रदेश शासन द्वारा प्रायवेट वेयर हाउस भी किराये पर लिये गये हैं? यदि हाँ, तो विगत दो वर्षों में प्रायवेट वेयर हाउस की संख्या उपलब्ध करावें? (ग) क्या शासकीय वेयर हाउस खाली होने के बाद भी प्रायवेट वेयर हाउस किराये पर लिये गये हैं? यदि हाँ, तो कारण स्पष्ट करें?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश में मध्यप्रदेश स्टेट वेयरहाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक कार्पोरेशन के 1470 एवं सेन्ट्रल वेयरहाउस कार्पोरेशन के 26 वेयरहाउस संचालित हैं। (ख) जी हाँ। वर्ष 2014-15 में 2188 गोदाम एवं 2015-16 में 1981 निजी गोदाम संयुक्त भागीदारी योजनान्तर्गत समर्थन उपार्जित खाद्यान्न के भण्डारण हेतु किराये पर लिये गए हैं। (ग) जी नहीं। शेष भाग का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
विधायकों के पत्रों पर कार्यवाही
10. ( *क्र. 6115 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग का निर्वाचित विधायकों के पत्रों के उत्तर देने संबंधी नियम मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी राजगढ़ पर भी लागू है? (ख) यदि हाँ, तो दिनांक 01 जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितने माननीय विधायकों ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी राजगढ़ को पत्र लिखे तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी राजगढ़ द्वारा उपरोक्त पत्रों पर क्या कार्यवाही की? किस-किस दिनांक को संबंधित विधायक को पत्र के उत्तर दिये? (ग) यदि प्रश्न की कंडिका (क) अनुसार सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश का पालन कंडिका (ख) अनुसार नहीं हुआ? तो क्या शासकीय नियम का उल्लंघन हुआ? हाँ तो क्या शासन इस संबंध में कोई कार्यवाही करेगा? हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश का पालन किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उज्जैन संभाग में संचालित रेडक्रॉस सोसायटियां
11. ( *क्र. 7204 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में संचालित विभिन्न रेडक्रॉस सोसायटियों को 1 जनवरी, 2014 के पश्चात् विभिन्न मद में किस-किस प्रकार की राशि प्राप्त हुई है? चिकित्सालयवार मदवार जानकारी प्रदान करें। (ख) उक्त संभाग की उक्त अवधि में उक्त राशि को किस-किस, कार्य हेतु खर्च किया गया? उक्त संभाग के चिकित्सालयों में किन-किन सोसायटियों में कितने-कितने सदस्य हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) संदर्भित उक्त रेडक्रॉस सोसायटियों में सदस्य बढ़ाने हेतु कब-कब प्रयास किये गये? उक्त सोसायटियों में सदस्य हेतु कितनी राशि ली जाती है? (घ) क्या उक्त संभाग में रेडक्रॉस सोसायटी पदाधिकारियों एवं जिला चिकित्सालय अधिकारियों के बीच सामंजस्य न होने के कारण मरीजों को उचित लाभ नहीं मिल पा रहा है? यदि हाँ, तो इसके निराकरण हेतु शासन स्तर पर क्या प्रयास किये गये?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी निम्नानुसार है :-
जिले का नाम |
विभिन्न मद |
किस-किस प्रकार की राशि प्राप्त है |
वर्ष |
राशि |
नीमच |
राज्य एड्स नियत्रंण समिति /रक्तदान परिषद् भोपाल |
रक्तदान शिविर डोनर रिफ्रेशमेन्ट व्यय/कन्ज्यूमेबल क्रय प्रचार प्रसार आदि |
2014-15, 2015-16 |
378250.00 |
उज्जैन, देवास, शाजापुर, रतलाम, मन्दसौर, एवं आगर-मालवा। |
जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार। |
(ख) जानकारी निम्नानुसार है :-
क्र. |
जिले का नाम |
खर्च |
सदस्य |
1. |
उज्जैन |
गंभीर बीमारी, निर्धन रोगियों को आर्थिक सहायता, दुर्घटना, एम्बुलेन्स, कर्मचारियों का मानदेय आदि |
रेडक्रॉस सोसायटी के सदस्य 484 की संख्या। |
2. |
देवास |
जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार। |
चिकित्सालय के 10 सदस्य ओर रेडक्रॉस समिति में 150 सदस्य है। |
क्र. |
जिले का नाम |
खर्च |
सदस्य |
3. |
शाजापुर |
चिकित्सीय सहायता, प्राकृतिक आपदा, उच्च शिक्षा आदि पर खर्च |
रेडक्रॉस सोसायटी के सदस्य 539 की संख्या है। |
4. |
रतलाम |
चिकित्सीय तत्काल सहायता एवं कार्यालय संचालन हेतु। |
रेडक्रॉस सोसायटी के सदस्य 3000 की संख्या। |
5. |
मन्दसौर |
वृद्धश्रम वृद्धजनों आवास, भोजन, पानी, मानदेय, बिजली मानसिक विद्यालय नि:श्क्तजन छात्रावास आदि पर। |
रेडक्रॉस सोसायटी के सदस्य 2680 की संख्या। |
6. |
नीमच |
शासन द्वारा निर्धारित मद में ही खर्च किया जाता है। |
रेडक्रॉस सोसायटी के सदस्य 3500 की संख्या। |
7. |
आगर-मालवा |
छपाई, रजिस्ट्रेश्न, गठन, आथिक, मदद, एम्बुलेन्स आदि पर खर्च |
रेडक्रॉस सोसायटी के सदस्य 127 की संख्या। |
(ग) जानकारी निम्नानुसार है :-
क्र. |
जिले का नाम |
सदस्य बनाने हेतु प्रयास |
सदस्यता शुल्क |
1. |
उज्जैन |
सोसायटियों के लिये प्राप्त आवेदन पत्रों पर प्रबंध कार्यकारणी समिति द्वारा निर्णय लिया जाता है। |
आजीवन सदस्य शुल्क 500 |
2. |
देवास |
समय-समय पर प्रयास किये जाते हैं। |
सदस्य शुल्क 500 |
3. |
शाजापुर |
समिति हमेशा प्रयासरत रहती है। |
आजीवन सदस्य शुल्क 500 |
4. |
रतलाम |
समिति द्वारा हमेशा अभियान चलाया जाता है। |
आजीवन सदस्य शुल्क 500 |
5. |
मन्दसौर |
समिति हमेशा प्रयासरत रहती है। |
आजीवन सदस्य शुल्क 500 |
6. |
नीमच |
समिति हमेशा प्रयासरत रहती है। |
आजीवन सदस्य शुल्क 500 |
7. |
आगर-मालवा |
समिति हमेशा प्रयासरत रहती है एवं शासकीय कार्यालय सदस्य बढ़ाने हेतु रसीद कट्टे वितरित किये जाते हैं। |
आजीवन सदस्य शुल्क 500 |
(घ) उज्जैन संभाग में इस प्रकार की कोई स्थिति नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
होमगार्ड सैनिकों को पुलिस आरक्षक के समान सुविधाएं प्रदान की जाना
12. ( *क्र. 7012 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नोत्तरी दिनांक 4 दिसम्बर, 2012 के प्रश्न संख्या 10 (क्र. 235) के प्रश्नांश (क) से (घ) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में समिति द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन एवं सुप्रीम कोर्ट के आदेश 21.01.2015 के अनुसार क्या होमगार्ड सैनिकों को पुलिस आरक्षक के समान सुविधायें देंगे? (ख) यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) एवं (ख) माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश दिनांक 21.01.2015 के निर्णय के पालन में दिनांक 01.12.2011 से 05.2.2013 तक के एरियर्स का भुगतान किया जा चुका है व होमगार्ड सैनिकों के लिए नये नियम बनाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
वित्तीय अनियमितता के दोषी चिकित्सक के विरूद्ध कार्यवाही
13. ( *क्र. 7236 ) पं. रमेश दुबे : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न संख्या-71 (क्रमांक 1331) दिनांक 26.02.2016 के उत्तर में डॉ. प्रमोद वाचक तत्कालीन बी.एम.ओ. सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र चौरई जिला-छिन्दवाड़ा को वित्तीय अनियमितताओं के लिए प्रथम दृष्टया दोषी होना बताया गया है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के उत्तर में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र चौरई में डॉ. वाचक के पदस्थापना अवधि में की गयी वित्तीय अनियमितता के संबंध में संभागीय संयुक्त संचालक जबलपुर को विशेष ऑडिट करने के निर्देश दिये गये हैं? (ग) यदि हाँ, तो क्या शासन विशेष ऑडिट के दौरान जाँच प्रभावित न हो इसे दृष्टिगत रखते हुए वित्तीय अनियमितताओं के दोषी डॉ. वाचक को निलंबित कर संभाग के बाहर संलग्न करने अथवा उन्हें संभाग से बाहर स्थानान्तरण करने का आदेश देगा? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या शासन उक्त विशेष ऑडिट के लिए समय-सीमा नियत करेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) क्षेत्रीय संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवायें जबलपुर ने विशेष ऑडिट जाँच पूर्ण कर ली है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विशेष सशस्त्र बल में पदोन्नति के नियम
14. ( *क्र. 7250 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विशेष सशस्त्र बल में एक इकाई से दूसरी इकाई में स्वेच्छा से स्थानांतरण पर जाने से पदोन्नति में क्रमबद्धता (सीनियरटी) शून्य कर दी जाती है? यदि हाँ, तो ऐसा क्यों? (ख) क्या क्रमबद्धता खत्म करना आरक्षक प्रधान आरक्षक के साथ अन्याय नहीं है, क्योंकि मध्यप्रदेश शासन के आदेशों के अनुरूप कर्मचारियों की कम से कम सेवाकाल में तीन पदोन्नति, क्रमोन्नति अनिवार्य है? मध्यप्रदेश शासन की ऐसी महत्वाकांक्षी योजना की विशेष सशस्त्रबल के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा की जा रही अवहेलना के क्या कारण हैं? (ग) विशेष सशस्त्र बल आरक्षक की प्रधान आरक्षक के पद पर पदोन्नति क्रमबद्धता मध्यप्रदेश राज्य स्तर पर क्यों नहीं होती है, जबकि प्लाटून कमांडर एवं असिस्टेंड कमांडर आदि की पदोन्नति क्रमबद्धता मध्यप्रदेश राज्य स्तर पर होती है? क्या यही नियम आरक्षक, प्रधान आरक्षक के लिए प्रभावशील किये जायेंगे?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी नहीं। एक वाहिनी से दूसरी वाहिनी में स्थानांतरण के संबंध में निम्नानुसार निर्देश लागू हैं :- ‘‘यदि किसी कर्मचारी का स्थानांतरण उसकी सहमति/स्वेच्छा के आधार पर अन्यत्र वाहिनी में किया जाता है, तो गन्तव्य वाहिनी में कार्यभार ग्रहण करने पर, इस कर्मचारी की वरिष्ठता, इस स्थानांतरित कर्मचारी के भर्ती वर्ष के दौरान गन्तव्य वाहिनी में भर्ती/पदोन्नत हुये कर्मचारियों (अर्थात उसके बैचमेट) के अंत में निर्धारित की जावेगी। यदि किसी कर्मचारी को प्रशासनिक दृष्टिकोण से अन्यत्र वाहिनी में स्थानांतरित किया जाता है, तो ऐसी स्थिति में उसकी वरिष्ठता वही मान्य की जावेगी, जो कि वर्तमान वाहिनी में निर्धारित थी।’’ (ख) क्रमबद्धता (सीनियरटी) शून्य नहीं की जाती है। विशेष सशस्त्र बल में पदोन्नति तथा उच्चस्तरीय वेतनमान शासन के नियमों के अनुरूप प्रदान किये जा रहे हैं। शेषांक का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) विशेष सशस्त्र बल में आरक्षक तथा प्रधान आरक्षक के पदों हेतु नियुक्तिकर्ता अधिकारी बटालियन का सेनानी निर्धारित है। इन पदों का संवर्ग जिला/ईकाई स्तरीय होता है। प्लाटून कमांडर तथा सेक्शन कमांडर आदि पदों का नियुक्तिकर्ता अधिकारी उप महानिरीक्षक स्तर का अधिकारी निर्धारित है। उक्त प्रावधान के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला चिकित्सालय सतना में फेको विधि से ऑपरेशन
15. ( *क्र. 5059 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला चिकित्सालय सतना में नेत्र रोगियों की फेको विधि से ऑपरेशन करने हेतु मशीन उपलब्ध है? यदि हाँ, तो यह मशीन कब उपलब्ध कराई गई व ऑपरेशन हेतु कब प्रारंभ की गई? (ख) क्या फेको विधि से नेत्र रोगियों का ऑपरेशन करने हेतु डॉ. पी.सी. नोतवानी को शासकीय व्यय पर दिनांक 01.08.2015 से 30.09.2015 तक सद्गुरू चिकित्सालय चित्रकूट में दो माह का प्रशिक्षण दिलाया गया है? इसके पूर्व फेको का प्रशिक्षण डॉ. नोतवानी को प्राप्त नहीं था? (ग) यदि हाँ, तो क्या डॉ. नोतवानी द्वारा फेको मशीन से बिना प्रशिक्षण के ही दिनांक 17.05.15 को श्रीमती फुलियाबाई सहित दो अन्य मरीजों की आँख का ऑपरेशन जिला चिकित्सालय में किया गया व फुलियाबाई की आँख की रोशनी लापरवाही पूर्वक ऑपरेशन करने के कारण चली गई है? (घ) यदि प्रश्नांश (ग) हाँ तो इस प्रकार लापरवाही पूर्वक बिना प्रशिक्षण के ऑपरेशन करने वाले नेत्र चिकित्सक के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा? उनकी लापरवाही के कारण अंधी हुर्इ फुलियाबाई को शासन क्या आर्थिक सहयोग प्रदान करेगा? दोनों का विवरण एवं समय-सीमा बताएं।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। सतना जिले में फेको मशीन दिनांक 18.04.2015 को उपलब्ध करवाई गई एवं 24.04.2015 को मशीन अस्पताल में स्थापित की गई। फेको मशीन द्वारा दिनांक 07.10.2015 से मोतियाबिंद के ऑपरेशन प्रारंभ किये गये। (ख) जी हाँ। जी नहीं इसके पूर्व में डॉ. नोतवानी द्वारा स्वयं के व्यय पर अरविंद नेत्र चिकित्सालय मदुरई में दिनांक 01.09.2011 से 30.09.2011 तक फेको विधि से ऑपरेशन हेतु प्रशिक्षण प्राप्त किया था। प्रमाण पत्र संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी नहीं। दिनांक 17.05.2015 को जिला चिकित्सालय सतना की नेत्र ओ.टी. में कोई ऑपरेशन नहीं किया गया। दिनांक 16.05.2015 को केवल रोगी फुलियाबाई का ही ऑपरेशन किया गया। फुलियाबाई की बाईं आँख में काम्पलीकेटेड मोतियाबिंद था तथा ऑपरेशन करने के पूर्व ही प्रोग्नोसिस (ऑपरेशन के बाद रोशनी आ भी सकती है और न भी आ सकती है) को उसे एवं उसके परिजनों को भलीभांति समझाईश देने के बाद उनकी सहमति से एस.आई.सी.एस. विधि से मोतियाबिंद का ऑपरशेन किया गया। फुलियाबाई को ऑपरेशन उपरान्त रोशनी कम आने से 26.05.2015 को रोगी तथा रोगी के परिजनों की इच्छानुसार मेडिकल कॉलेज में दिखाने के लिये डिस्चार्ज ऑन रिक्वेस्ट (डि.ओ.आर.) किया गया। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रदत्त सुविधाएं
16. ( *क्र. 5921 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) म.प्र. शासन के द्वारा आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं को कब से शासकीय या अर्द्धशासकीय सेवक माना गया है? (ख) दूसरे विभागों के शासकीय सेवकों को प्राप्त पेंशन या अन्य सुविधाएं इन्हें दी जाना प्रस्तावित है या नहीं? यदि हाँ, तो कब तक लागू की जावेंगी? (ग) क्या ड्यूटी पर आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को यूनिफार्म में रहने को निर्देशित किया जाता है, जबकि शासन द्वारा आयोजित अन्त्योदय मेले एवं आयोजन में बिना यूनिफार्म के हाजिर होने हेतु निर्देशित किया जाता है? (घ) आँगनवाड़ी के कार्य के अतिरिक्त अन्य कार्य करने के लिये लिखित में कोई आदेश नहीं दिया जाता है एवं न कोई भत्ता दिया जाता है, ऐसा क्यों है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) आँगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका मानसेवी होती हैं, इन्हे मध्यप्रदेश शासन के द्वारा शासकीय अथवा अर्द्धशासकीय सेवक नहीं माना गया है। (ख) आँगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका मानसेवी होने से इन्हे पेंशन आदि की सुविधा नहीं है। भविष्य में इन्हें पृथक से पेंशन या अन्य सुविधा दिये जाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। वर्तमान में अटल पेंशन योजनान्तर्गत लाभान्वित कराने के प्रयास किये जा रहे हैं। वर्तमान में पृथक से कोई पेंशन योजना आँगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका हेतु प्रस्तावित न होने से समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की ड्यूटी के दौरान यूनिफार्म में रहने के निर्देश हैं। (घ) आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से आँगनवाड़ी कार्य के अतिरिक्त अन्य कोई और कार्य नहीं लिये जाने के निर्देश हैं। यदि इनसे कोई अतिरिक्त कार्य अन्य विभाग द्वारा लिया जाता है, तो लिखित में आदेश दिया जाता है तथा उस कार्य हेतु प्रावधान अनुसार निर्धारित राशि का भुगतान उक्त विभाग द्वारा किया जाता है।
आवश्यक वस्तु अधिनियम अंतर्गत कार्यवाही
17. ( *क्र. 3642 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले में सार्वजनिक विवरण प्रणाली अंतर्गत संचालित उचित मूल्य दुकानों का वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में कराए गए निरीक्षण एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत की गई कार्यवाही का दो वर्षों का ब्यौरा क्या है? (ख) उक्त अवधि में कितने प्रकरण अनियमितताओं के बने व क्या कार्यवाही की गई वर्षवार ब्यौरा दें। (ग) उपरोक्त अवधी में पेट्रोल डीजल पंपों, गैस एजेंसियों, लीड संस्थाओं, घेरलू गैस व नीले केरोसीन का व्यवसायिक उपयोग करने वाली संस्थाओं के निरीक्षण व अनियमितता पाये जाने पर की गई कार्यवाही का अलग-अलग बयौरा दें?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ग) प्रश्नांकित अवधि में प्रतिष्ठानों के कुल 2733 निरीक्षण किए गए, जिसके अंतर्गत 201 प्रतिष्ठानों में अनियमितता पाई गई। उक्त प्रतिष्ठानों के विरूद्ध की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है।
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर सफाई की व्यवस्था
18. ( *क्र. 6402 ) श्री लोकेन्द्र सिंह तोमर : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक खण्डवा जिले के अंतर्गत किन-किन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर सफाई कर्मी लगाने हेतु किस दिनांक को टेण्डर बुलाए गए? (ख) खण्डवा जिले के प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर कितने-कितने सफाई कर्मी लगाने का प्रावधान किया गया? सफाई कर्मी से कितने दिवस तक कार्य पर रखने का प्रावधान किया? सफाई कर्मियों से ठेकेदार द्वारा कितने दिवस का एग्रीमेंट किया गया है? (ग) खण्डवा जिले के प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में ठेकेदार द्वारा सफाईकर्मियों का कितना पी.एफ. जमा किया जा रहा है और उन्हें कितना वेतन भुगतान किया जा रहा है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) वर्ष 2014-15 तथा 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक खण्डवा जिले के अंतर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर सफाईकर्मी लगाने हेतु दिनांक 30 दिसम्बर, 2013 में 13 प्रा. स्वास्थ्य केन्द्रों (बीमॉक) एवं दिनांक 13 जुलाई, 2014 को 18 प्रा. स्वास्थ्य केन्द्रों (बीमॉक) के लिये टेण्डर बुलाये गये। प्रा. स्वास्थ्य केन्द्रों (बीमॉक) की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) संचालनालय के आदेश दिनांक 17/04/2013 के अनुसार खण्डवा जिले के प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र (बीमॉक संस्था) में 06 सफाईकर्मी रखे जाने का प्रावधान किया था। संचालनालय के आदेश दिनांक 30/01/2016 के अनुसार बीमॉक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में 04 सफाईकर्मी रखे जाने का प्रावधान किया गया है। ठेकेदार द्वारा सफाईकर्मी के कार्य को दृष्टिगत रखते हुए कार्य पर रखा जाता है। अस्पतालों में साफ-सफाई व्यवस्था आउटर्सोस एजेन्सी के माध्यम से कराई जाती है एवं जिले के अधिकारी द्वारा एजेन्सी से एक वर्ष की अवधि का अनुबंध किया जाता है। ठेकेदार द्वारा सफाईकर्मियों से एग्रीमेन्ट नहीं किया गया है। (ग) मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला खण्डवा द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी अनुसार प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में ठेकेदार द्वारा सफाईकर्मियों को अनुबंध अनुसार ई.पी.एफ. रूपये 795.50 तथा मानदेय राशि रूपये 5845/- का भुगतान किया जा रहा है।
मीनू अनुसार पूरक पोषण आहार का प्रदाय
19. ( *क्र. 7157 ) श्री रामसिंह यादव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कोलारस विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत नगरीय/ग्रामीण क्षेत्र में कितने आँगनवाड़ी केन्द्र हैं? क्या उक्त आँगनवाड़ी केन्द्रों में पूरक पोषण आहार दिया जाता है? यदि हाँ, तो किन-किन आँगनवाड़ी केन्द्र में किस-किस समूह/संस्था द्वारा वर्ष 2015 में आँगनवाड़ी केन्द्रवार कितने-कितने बच्चों को पूरक पोषण आहार दिया गया? इसका कितना-कितना भुगतान किस-किस समूह/संस्था को किया गया? या किया जाना शेष है? आँगनवाड़ी केन्द्रवार बताएं। (ख) आँगनवाड़ी केन्द्रों में पूरक पोषण आहार प्रदाय करने के क्या नियम/निर्देश हैं? नियम/निर्देश की प्रति संलग्न कर जानकारी दें कि क्या कोलारस विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले आँगनवाड़ी केन्द्रों में मीनू अनुसार पूरक पोषण आहार प्रदाय किया जा रहा है? यदि हाँ, तो वर्ष 2015 में किन-किन ने कब-कब कहाँ-कहाँ मीनू अनुसार पूरक पोषण आहार चेक किया? (ग) क्या कोलारस विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आँगनवाड़ी केन्द्रों के सतत् निरीक्षण हेतु पर्यवेक्षक नियुक्त हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन से सुपरवाईज़र के अधीन कौन-कौन से आँगनवाड़ी केन्द्र आते हैं? इन सुपरवाईज़र के द्वारा वर्ष 2015 में कौन-कौन से आँगनवाड़ी केन्द्रों का कब-कब निरीक्षण किया गया? निरीक्षण में क्या खामियां पाई गईं? (घ) कोलारस विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत किन-किन आँगनवाड़ी/मिनी आँगनवाड़ी केन्द्रों में कौन-कौन आँगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका कार्यरत हैं? इनमें से किन-किन आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को जनवरी-2016 की स्थिति में प्रशिक्षण नहीं दिलाया गया? प्रशिक्षण न दिलाने का क्या कारण है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) कोलारस विधानसभा क्षेत्र के विकासखण्ड बदरवास अंतर्गत नगरीय क्षेत्र में 11 तथा ग्रामीण क्षेत्र में 176 आँगनवाड़ी केन्द्र एवं 34 मिनी आँगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं तथा विकासखण्ड कोलारस अंतर्गत नगरीय क्षेत्र में 17 तथा ग्रामीण क्षेत्र में 192 आँगनवाड़ी केन्द्र एवं 50 मिनी आँगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं। जी हाँ। उक्त आँगनवाड़ी केन्द्रों में 03 से 06 वर्ष तक के बच्चों एवं मंगलवार के दिन 06 माह से 03 वर्ष तक के बच्चे, गर्भवती/धात्री माताओं को सांझा चूल्हा कार्यक्रम अंतर्गत स्व-सहायता समूहों के माध्यम से निर्धारित मात्रा एवं मीनू अनुसार ताजा, गर्म नाश्ता एवं भोजन प्रदाय किया जाता है, हितग्राही संख्या एवं भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ अनुसार है। 06 माह से 03 वर्ष तक के बच्चों एवं गर्भवती/धात्री माताओं, किशोरी बालिकाओं को टेकहोम राशन (टी.एच.आर.) निर्धारित मीनू एवं मात्रा अनुसार एम.पी. एग्रो इन्डस्ट्रीज डेव्हलपमेन्ट कार्पोरेशन लिमिटेड के माध्यम से प्रदाय किया जाता है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’ अनुसार है। (ख) आँगनवाड़ी केन्द्रों में पूरक पोषण आहार प्रदाय करने के नियम निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स’’ अनुसार है। जी हाँ। शासन निर्देशों के तहत् निर्धारित मीनू अनुसार पूरक पोषण आहार प्रदाय किया जा रहा है। आँगनवाड़ी केन्द्रों पर स्व-सहायता समूहों द्वारा प्रदाय नाश्ता एवं भोजन का प्रतिदिन पंचनामा तैयार किया जाता है। पंचनामा आँगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता, स्व-सहायता समूह के प्रतिनिधि अथवा रसोईया, पालक/माता-पिता तथा स्कूल परिसर में आँगनवाड़ी केन्द्र होने पर प्रधानाध्यापक द्वारा नामांकित प्रतिनिधि द्वारा पंचनामें पर हस्ताक्षर किया जाकर प्रतिदिन पूरक पोषण आहार का सत्यापन किया जाता है। निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘द’’ अनुसार है। (ग) जी हाँ। आँगनवाड़ी केन्द्रों के सतत् निरीक्षण हेतु पर्यवेक्षक नियुक्त हैं। सुपरवाईज़र के अधीन आने वाले आँगनवाड़ी केन्द्रों तथा सुपरवाईज़र के द्वारा वर्ष 2015 में कब-कब किस आँगनवाड़ी केन्द्र का निरीक्षण किया गया, निरीक्षण में पाई गई खामियों की सुपरवाईजरों की माहवार टूर डायरी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ई’’ अनुसार है। (घ) आँगनवाड़ी/मिनी आँगनवाड़ी केन्द्रों में कार्यरत आँगनवाड़ी कार्यकर्ता/मिनी आँगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘क’’ अनुसार है। इनमें से जनवरी 2016 की स्थिति में प्रशिक्षण नहीं दिलाया गया एवं प्रशिक्षण न दिलाने के कारण की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ख’’ अनुसार है।
बीमारी सहायता योजना में खर्च राशि
20. ( *क्र. 4714 ) श्री मुकेश नायक : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल में चिरायु अस्पताल और बैरागढ़ स्थित चिरायु मेडीकल कॉलेज अस्पताल को वर्ष 2012-2013 से जनवरी 2015 तक राज्य बीमारी सहायता निधि, मुख्यमंत्री बाल ह्दय उपचार योजना, दीनदयाल अन्त्योदय उपचार योजना के अंतर्गत कुल कितनी धनराशि कितने मरीजों के उपचार के लिये दी गयी? वर्षवार जानकारी देवें। (ख) राज्य बीमारी सहायता निधि, मुख्यमंत्री बाल ह्दय उपचार योजना, दीनदयाल अन्त्योदय उपचार योजना शासन ने कब से शुरू की और वर्ष 2012-2013 से वर्ष 2015-2016 तक इन योजनाओं के मदों में कितनी धनराशि का प्रावधान किया गया तथा आवंटन किया गया?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, भोपाल से प्राप्त भोपाल जिले की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) राज्य बीमारी सहायता निधि वर्ष 1997 में मुख्यमंत्री बाल हृदय उपचार योजना वर्ष 2011 में एवं दीनदयाल अंत्योदय उपचार योजना वर्ष 2004 से शासन द्वारा शुरू की गई। वर्ष 2012-2013 से वर्ष 2015-2016 तक इन योजनाओं के मदों, धनराशि का प्रावधान तथा आवंटन की जानकारी निम्नानुसार है :-
आंकडे हजार रूपये में |
|||||||||
क्र. |
योजना का नाम
|
बजट प्रावधान |
आवंटन राशि |
||||||
2012-13 |
2013-14 |
2014-15 |
2015-16 |
2012-13 |
2013-14 |
2014-15 |
2015-16 |
||
1. |
राज्य बीमारी सहायता निधि |
750000 |
700000 |
800000 |
800000 |
745808 |
666016 |
642108 |
745602 |
2. |
मुख्यमंत्री बाल हृदय उपचार योजना |
40000 |
40000 |
50000 |
50000 |
40000 |
26670 |
19910 |
25337 |
3. |
दीनदयाल अन्त्योदय उपचार योजना |
463200 |
422200 |
342200 |
351200 |
292677 |
341486 |
262800 |
279970 |
मैहर विधानसभा क्षेत्र में उप स्वास्थ्य केन्द्रों की स्वीकृति
21. ( *क्र. 7418 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मैहर विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में कहाँ-कहाँ कब से उप स्वास्थ्य केन्द्र संचालित हैं? प्रत्येक उप स्वास्थ्य केन्द्र पर उपलब्ध सुविधाओं व पदस्थ स्टाफ का विवरण दें। (ख) मैहर विधानसभा क्षेत्र में कहाँ-कहाँ नये उप स्वास्थ्य केन्द्र खोले जाना प्रक्रियाधीन व कहाँ-कहाँ आगामी कार्ययोजना में प्रस्तावित हैं? (ग) मैहर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कहाँ-कहाँ के उप स्वास्थ्य केन्द्रों हेतु कब-कब भवन स्वीकृत किये गये व उनके निर्माण की वर्तमान में क्या स्थिति है? कौन-कौन से उप स्वास्थ्य केन्द्र भवनविहीन हैं? इनके लिए कब तक नवीन भवन स्वीकृत किये जाकर निर्मित कराये जावेंगे?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार है। (ख) विधान सभा क्षेत्र मैहर के अंतर्गत ग्राम पिपरा बरबंड, गोरइया, भंटिगवा, बठिया, धतूरा, अरकण्डी, पहाड़ी, सलइया, जूरा, डेलहा, हरनामपुर, जीतनगर, पाला, लुढौती, कुटाई, रिगरा, बरहिया एवं ककरा में नवीन उप स्वास्थ्य केन्द्र की स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलन में है एवं वर्तमान में भविष्य की कोई कार्ययोजना प्रस्तावित नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार है। यथा शीघ्र, निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं।
असफल नसबंदी ऑपरेशन में क्षतिपूर्ति राशि का प्रावधान
22. ( *क्र. 6655 ) श्री के. के. श्रीवास्तव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नसबंदी ऑपरेशन असफल होने पर पीड़ित पक्ष के लिये क्षतिपूर्ति का कोई नियम शासन स्तर पर है? यदि हाँ, तो बतायें? (ख) क्षतिपूर्ति की भरपाई पीड़ित पक्ष को कितनी समयावधि के अंदर हो जानी चाहिये? (ग) टीकमगढ़ जिले में विगत तीन वर्ष में ऐसे कौन-कौन से प्रकरण कब से लंबित हैं, जिनमें पीड़ित पक्ष को प्रश्न दिनांक तक क्षतिपूर्ति का लाभ नहीं मिला? सूची उपलब्ध करायें। (घ) श्रीमती गीता पत्नी प्रह्लाद आदिवासी (कुचबंदिया) निवासी मऊ चुंगी, टीकमगढ़ का प्रकरण अभी तक क्यों लंबित है? इसके लिये कौन-कौन दोषी हैं? इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक करेंगे?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। भारत शासन के दिशा निर्देश की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार। (ख) हितग्राही द्वारा परिवार कल्याण ऑपरेश्न असफल होने की सूचना 90 दिवस के अंदर निर्धारित प्रपत्रों में आवश्यक अभिलेखों सहित प्रस्तुत करने पर उसके नियमानुसार परीक्षण उपरांत सही पाये जाने पर यथाशीघ्र क्षतिपूर्ति राशि के भुगतान की कार्यवाही की जाती है। (ग) सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार। (घ) संबंधित हितग्राही को क्षतिपूर्ति राशि रू. 30,000/- (तीस हजार) मात्र का भुगतान नियमानुसार उनके बैंक खाते में दिनांक 27.02.2016 को हस्तांतरित कर दी गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पंजीबद्ध आवेदनों/प्रकरणों पर कार्यवाही
23. ( *क्र. 7432 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल के कोलार थाना अंतर्गत मेसर्स कृष्णा बिल्डर्स एंड डेवलपर्स श्री सुनील अग्रवाल (टीबडेवाल) आत्मज श्री ओमप्रकाश टीबडेवाल पता जी-1 सागर होम्स फेस 1, 274, ए-सेक्टर कोलार रोड, भोपाल के विरूद्ध किन-किन के द्वारा कितनी शिकायतें अमानत में खयानत, धोखाधड़ी व जालसाजी के वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त हुई हैं? (ख) दिनांक 16.12.15 की प्रश्नोत्तरी में मुद्रित अता. प्रश्न संख्या-107 (क्रमांक 2196) में उल्लेखित आवासीय भूखण्ड क्रमांक 8, 102 के लिए दिए गए पी.डी.सी. (पोस्ट डेटेड) चैक के प्रकरणों में आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई दिनांक वार विवरण दें? क्या पीड़ित पक्षों को भुगतान हो पाया है? यदि हाँ, तो कब कितनी राशि का? (ग) यदि नहीं, तो क्यों कब तक प्रश्नांश (ख) के प्रकरणों के साथ-साथ अन्य का निराकरण कर दिया जायेगा एवं फर्जी कार्य करने वाले श्री टीबडेवाल के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? (घ) श्री टेबडेवाल के विरूद्ध इतनी शिकायतें प्राप्त होने पर भी कार्यवाही नहीं किए जाने का क्या कारण हैं? कब तक कार्यवाही की जायेगी?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) भोपाल के कोलार थाना अंतर्गत मेसर्स कृष्णा बिल्डर्स एंड डेवलपर्स, श्री सुनील अग्रवाल (टीबडेवाल) के विरूद्ध प्रश्नांकित अवधि में श्री प्रकाश वाधवानी आत्मज श्री गोपीचन्द वाधवानी, श्री सुनील मेवानी आत्मज श्री जे.एस. मेवानी, श्रीमती सरोज सक्सेना पत्नी श्री अरूण सक्सेना, श्रीमती साधना माथुर पत्नी श्री उमेश कुमार माथुर तथा श्री मनोहर आत्मज श्री राजमल सिंह द्वारा इस प्रकार कुल 05 शिकायत पत्र धोखाधड़ी के संबंध में प्राप्त हुए हैं। (ख) दिनांक 16.12.2015 की प्रश्नोत्तरी में मुद्रित अता. प्रश्न संख्या-107 (क्र. 2196) में उल्लेखित आवासीय भू-खण्ड क्रमांक 8, 102 क्रमशः शिकायतकर्ता श्रीमती साधना माथुर एवं श्रीमती सरोज सक्सेना से संबंधित है। अनावेदक सुनील अग्रवाल (टीबडेवाल) के विरूद्ध सक्षम न्यायालय में धारा 138 नेगोशियेबल इन्स्ट्रूमेन्ट एक्ट, 1881 के तहत कार्यवाही विचाराधीन है। इस संबंध में किसी भी शिकायतकर्ता/पीड़ित को कोई भुगतान नहीं हुआ है। (ग) भोपाल के कोलार थाना अंतर्गत मेसर्स कृष्णा बिल्डर्स एण्ड डेवलपर्स के श्री सुनील अग्रवाल (टीबडेवाल) के विरूद्ध प्रश्नांकित अवधि में प्राप्त शिकायत पत्रों में से शिकायतकर्ता श्री मनोहर की शिकायत को छोड़कर शेष शिकायतों की जाँच की जा चुकी है। जाँच पर शिकायतें पुलिस हस्तक्षेप योग्य न पाये जाने से प्रकरण पंजीबद्ध नहीं किये गये हैं। शिकायतकर्ता श्री मनोहर आत्मज श्री राजमल सिंह की शिकायत जाँच शीघ्र पूर्ण की जाएगी एवं तथ्यों/साक्ष्यों के आधार पर विधि अनुरूप कार्यवाही की जायेगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (घ) श्री सुनील अग्रवाल (टीबडेवाल) के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों की जाँच विधि अनुरूप की गई है। उपलब्ध तथ्यों/साक्ष्यों के आधार पर चार शिकायतों में मामला पुलिस हस्तक्षेप योग्य नहीं पाये जाने से कार्यवाही नहीं की गई है तथा वर्तमान में एक शिकायत जाँचाधीन है। जाँच में आये तथ्य/साक्ष्य के आधार पर विधि अनुरूप कार्यवाही की जाएगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
खाद्यान्न आवंटन में अनियमितता
24. ( *क्र. 7244 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन की योजना के अंतर्गत खाद्यान्न नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा उचित मूल्य की दुकानों को वितरित किया जा रहा है या नहीं? (ख) विदिशा जिले में खाद्यान्न नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा माह अगस्त, 2015 से नवम्बर, 2015 में कितना राशन/खाद्यान्न किस-किस दुकान को, कितना आवंटित किया गया है? (ग) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम बांसादेही, चाठौली, दैयरपुर, धौखेडा, गुन्नौठा, ग्यारसपुर, हैदरगढ़, इमलावदा, इंदनवास, कोलुआधामनोद, कोलुआजागीर, मदनई, मानोरा, मोहम्मदगढ़, नौरजा, औलिंजा, पथरई एवं पुरागुंसाई की उचित मूल्य की दुकान को आवंटित खाद्यान्न के विरूद्ध कम आवंटन माह अगस्त से नवम्बर, 2015 में प्रदान किया गया है या नहीं? इसके लिये कौन दोषी है? कम खाद्यान्न प्राप्त होने पर किस हितग्राहियों/स्वसहायता समूह को वितरित नहीं हो सका है?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ, मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कॉर्पोरेशन द्वारा माह की 01 तारीख के पूर्व स्कंध पहुंचाने की दृष्टि से तीन माह के आवंटन को औसत मानकर राशन सामग्री उचित मूल्य दुकानों पर पहुंचायी गयी, जिसके कारण प्रश्नांकित दुकानों में राशन सामग्री का कम मात्रा में प्रदाय हुआ। कम प्रदायित सामग्री का आगामी माहों में समायोजन किये जाने से पात्र परिवार सामग्री पाने से वंचित नहीं रहे।
बैतूल जिले में जननी एक्सप्रेस का संचालन
25. ( *क्र. 6156 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल जिले के स्वास्थ्य केन्द्र में 2013-14 से 2015-16 (फरवरी, 16) तक जननी एक्सप्रेस का संचालन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो इस प्रकार की योजना में क्या निविदा का प्रावधान है? यदि हाँ, तो निविदायें किस-किस वर्ष किन-किन समाचार पत्रों में प्रकाशित की गयी? दिनांक बतायें? यदि हाँ, तो कितनी निविदायें किस-किस दर पर आईं थीं? यदि नहीं, तो बिना समाचार पत्रों में शामिल निविदायें कैसे स्वीकार की गई? (ख) इस योजना में निविदा दर क्या निर्धारित की गयी थी, जिस दर पर बैतूल में वर्तमान में चल रही है? क्या प्रदेश में अन्य जगहों पर इसी दर में चल रही है? दर बतायें। (ग) क्या यह निविदा दरें किसी सक्षम अधिकारी द्वारा सत्यापन के बाद निर्धारित की गयी हैं? (घ) अन्य जिलों की तुलना में अधिक दर पर बैतूल में जननी एक्सप्रेस चलाने में कौन-कौन से अधिकारी दोषी हैं और उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही प्रस्तावित है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। वर्ष 2012-13 में माह जुलाई, 2012 को राष्ट्रीय जनादेश में एवं 2015-16 में दिनांक 14 जून, 2015 एवं 15 जून, 2015 को नवभारत एवं राष्ट्रीय जनादेश में प्रकाशित की गई। वर्ष 2012-13 प्राप्त 22 निविदाओं एवं दरों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वर्ष 2015-16 में 03 निविदाएं प्राप्त हुयी जिनकी दरें निम्नांकित है -
क्र. |
फर्म का नाम |
दर प्रति कि.मी. के मान से (राशि रु.) |
1. |
सरस्वती फोटोकॉपी एण्ड ट्रेवल्स आमला |
20.00 |
2. |
वेदांश ट्रेवल्स, भोपाल |
18.50 |
3. |
बालाजी ट्रेवल्स, बालाघाट |
23.00 |
(ख) जी नहीं। जी नहीं। जिला स्तर पर निविदायें आमंत्रित करते हुए वाहनों को भिन्न-भिन्न दरों पर अनुबंधित कर संचालन किया जा रहा है। (ग) जी हाँ। (घ) उक्त प्रकरण में दोषी अधिकारी डॉ. विनोद शाक्य, जिला कार्यक्रम प्रबंधक एवं श्री गिरीश शर्मा, जिला लेखा प्रबंधक एन.एच.एम. का अनुबंध समाप्त कर सेवा से पृथक कर दिया गया है। वर्तमान में जिले में जननी एक्सप्रेस वाहन वर्ष 2012-13 की स्वीकृत दर रु. 18968/- माह में 1500 कि.मी. वाहन संचालन हेतु तथा उससे अधिक चलने पर रु. 6.00/- प्रति कि.मी. के हिसाब से भुगतान पर संचालित किये जा रहे हैं।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
खण्डवा
सिटी कोतवाली
भवन का
निर्माण
1. ( क्र. 169 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा जिला मुख्यालय पर स्थित सिटी कोतवाली का भवन किस निर्माण एंजेसी द्वारा बनवाया गया है? क्या इसमें निर्माण की मानक गुणवत्ता का पालन किया गया है? (ख) क्या विभाग में बनने वाले शासकीय भवनों की अनुमति नियमानुसार स्थानीय निकाय से प्राप्त की गई है? यदि हाँ, तो अनुमति की प्रति उपलब्ध कराएं? (ग) क्या नगरीय क्षेत्र में स्थानीय निकाय की बिना अनुमति के निर्मित भवन अवैध निर्माण की श्रेणी में आते है? विगत तीन वर्षों में खण्डवा पुलिस लाईन एवं नगरीय क्षेत्र में ऐसे कितने निर्माण कराए गए है? क्या उनमें निकाय से अनुमति प्राप्त की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? इसके लिए कौन अधिकारी/एजेंसी जिम्मेदार है? (घ) क्या भविष्य में शासकीय भवनों के निर्माण के पूर्व नगर तथा ग्राम निवेश एवं स्थानीय निकायों से नियमानुसार अनुमति प्राप्त किए जाने का अनिवार्य किये जाने पर विचार किया जाएगा?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) खण्डवा जिला मुख्यालय पर स्थित सिटी कोतवाली भवन का निर्माण कार्य मध्यप्रदेश पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन द्वारा किया जा रहा है। संस्था द्वारा सिविल कार्यों की गुणवत्ता की जाँच हेतु उपयंत्री अधिकृत किये गये है, जिनके द्वारा निर्माणाधीन भवन के निर्माण कार्य में मानक गुणवत्ता का पालन किया जा रहा है। (ख) विभाग के निर्मित शासकीय भवनों की अनुमति नियमानुसार स्थानीय निकाय से प्राप्त की गई है। आयुक्त नगर पालिका निगम खण्डवा द्वारा प्रदत्त अनुमति की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। विगत तीन वर्षों में खण्डवा पुलिस लाईन एवं नगरीय क्षेत्र में म.प्र. पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन द्वारा निम्नानुसार निर्माण कार्य कराए गएः- (1) 24+96 आवास गृह पुलिस लाईन (2) पुलिस नियंत्रण कक्ष (3) थाना भवन सिटी कोतवाली। उक्त निर्माण कार्यों के लिए आयुक्त कार्यालय नगर पालिक निगम, खण्डवा से विधिवत अनुमति प्राप्त की गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खण्डवा में गुणवत्ताहिन भवन निर्माण
2. ( क्र. 194 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खण्डवा जिला मुख्यालय पर स्वास्थ्य विभाग में औषधि स्टोर एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी भवन का निर्माण वर्ष 2010 में किया गया था? यदि हाँ, तो इसकी निर्माण लागत कितनी थी? (ख) इस भवन निर्माण के लिए किस मॉनिटरिंग एजेंसी एवं निर्माण एजेंसी के रूप में किस ठेकेदार ने कार्य किया? उनके नाम, पद एवं वर्तमान पदस्थापना सहित जानकारी दी जाए? (ग) क्या घटिया भवन निर्माण की शिकायत जाँच में सही पाए जाने पर तत्कालीन कलेक्टर द्वारा भवन को अनुपयोगी पाया गया था? यदि हाँ, तो इसके निर्माण में कौन-कौन एजेंसी एवं शासकीय अधिकारी जिम्मेदार है? (घ) संबंधित एजेंसी द्वारा नवीन भवन कब तक तैयार किया जायेगा तथा शासन के धन का दुरूपयोग करने दोषी ठेकेदार/एजेंसी एवं संबंधित अधिकारियों पर क्या भवन लागत राशि की वसूली की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक कार्यवाही की जाएगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। इसकी निर्माण लागत राशि रूपये 7221218/- थी। (ख) इस भवन निर्माण कार्य के लिये म.प्र वेयर हाउसिंग एवं लॉजिस्टक कॉर्पोरेशन क्षेत्रीय कार्यालय इंदौर, मॉनिटरिंग एजेंसी थी एवं निर्माण एजेंसी के रूप में मेसर्स ए.पी कंस्ट्रक्शन कंपनी मुरैना ने कार्य किया। भवन निर्माण अवधि में मॉनिटरिंग एजेंसी के निम्न अधिकारियों द्वारा कार्य संपादित किया गया-
क्र |
मॉनिटरिंग अधिकारी का नाम एवं पद |
वर्तमान पदस्थापना |
1 |
श्री ए.अकोलावाला, उपयंत्री |
प्रभारी सहायक यंत्री, क्षेत्रीय कार्यालय म.प्र वेयर हाउसिंग लॉजिस्टक कार्पोशन, रीवा |
2 |
श्री जे.के.गांगुर्डे, ऑचलिक अभियंता |
सेवानिवृत |
3 |
श्री ए.के.जैन, उपयंत्री |
प्रभारी सहायक यंत्री, क्षेत्रीय कार्यालय म.प्र वेयर हाउसिंग लॉजिस्टक कार्पोशन, इंदौर |
(ग) जी हाँ। प्रश्नांश की जानकारी (ख) भाग के उत्तर में अंकित अनुसार। (घ) इस निर्माण कार्य के संबंध में प्रकरण क्रमांक/वि./29/06/2014-15 लोकायुक्त संगठन में दर्ज है एवं कार्यवाही प्रचलन में है। जाँच उपरांत लोकायुक्त संगठन की अनुशंसा अनुसार उचित कार्यवाही की जा जावेगी। निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है।
जिला/राज्य बीमारी सहायता निधि अंतर्गत भुगतान
3. ( क्र. 386 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला/राज्य बीमारी सहायता निधि के अंतर्गत गरीबी रेखा के मरीजों को मान्यता प्राप्त निर्धारित अस्पतालों में ईलाज कराने पर सहायता राशि का भुगतान संबंधित अस्पताल को किया जाता है? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में जबलपुर जिले में कितने ऐसे मरीजों की सहायता राशि भुगतान की गई है? अस्पतालवार विवरण देवें? (ग) क्या सहायता राशि के प्रकरण प्राप्त होने पर स्वीकृत करने तक की कोई समय-सीमा निर्धारित है? (घ) ऐसे कितने प्रकरण हैं जिन्हें सहायता राशि अभी तक उपलब्ध नहीं कराई गई है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) जबलपुर जिले में वर्ष 2014-15 में कुल 296 मरीजों के उपचार हेतु सहायता राशि रूपये 31661573/- एवं वर्ष 2015-16 में 31 जनवरी, 2016 तक कुल 366 मरीजों के उपचार हेतु सहायता राशि रूपये 40530600/- स्वीकृत कर अस्पताल को भुगतान की गई। अस्पतालवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी हाँ। 10 कार्य दिवस समय-सीमा निर्धारित है। (घ) जबलपुर जिले में जिला बीमारी सहायता निधि के अन्तर्गत 185 प्रकरण स्वीकृत हो चुके हैं जिसका भुगतान चिकित्सालय को किया जाना है।
मेडिकल कॉलेज/अस्पतालों में विक्षिप्त मरीजों की दुर्दशा
4. ( क्र. 387 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर जिले के मेडिकल कॉलेज/अस्पतालों/रेल्वे स्टेशन एवं सड़कों पर लावारिश हालत में विक्षिप्त मरीज दुर्दशा में पड़े रहते हैं? (ख) क्या ऐसे मरीजों के लिए मेडिकल कॉलेजों में पृथक वार्ड एवं केयर टेकर की आवश्यकता है? (ग) यदि हाँ, तो विभाग कब तक विक्षिप्त मरीजों के हित में सुव्यवस्था बनायेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) चिकित्सा महाविद्यालय एवं चिकित्सालय परिसर जबलपुर में विक्षिप्त हालत में मरीज पाये जाने पर उन्हें तत्काल चिकित्सालय में भर्ती कर उपचार किया जाता हैं। (ख) एवं (ग) चिकित्सा महाविद्यालय एवं संबंद्ध चिकित्सालय जबलपुर में मानसिक रोगियों के लिये पृथक विभाग है मानसिक रोगियों के लिये पृथक वार्ड एवं आवश्यक स्टॉफ की व्यवस्था यथाशीघ्र की जावेगी।
आँगनवाड़ी केन्द्रों को आवंटित एवं व्यय राशि
5. ( क्र. 1036 ) श्री रामपाल सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शहडोल जिले के ब्यौहारी एवं जयसिंहनगर जनपद अंतर्गत महिला एवं बाल विकास परियोजना संचालित है? यदि हाँ, तो उक्त परियोजना अंतर्गत कितने आँगनवाड़ी केन्द्र परियोजनावार कहाँ-कहाँ संचालित हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो क्या सभी आँगनवाड़ी केन्द्रों में भवनों की व्यवस्था है? यदि नहीं, तो कब तक भवन की व्यवस्था की जावेगी? (ग) क्या प्रश्नांश (क) का उत्तर, क्या उक्त दोनों परियोजनाओं के संचालन हेतु शासन से राशि आवंटन की जाती है? यदि हाँ, तो परियोजनावार वर्ष 2014-2015 एवं 2015-2016 में कितनी राशि आवंटित की गई और किन-किन कार्यों में कितनी-कितनी व्यय की गई?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) शहडोल जिले के ब्यौहारी एवं जयसिंह नगर जनपद अन्तर्गत बाल विकास परियोजना ब्यौहारी एवं जयसिंहनगर संचालित है जिनमें क्रमश: 212 तथा 339 आँगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘एक‘ अनुसार है। (ख) शहडोल जिले की बाल विकास परियेाजना ब्यौहारी में 136 आँगनवाड़ी भवन तथा जयसिंह नगर में 309 आँगनवाड़ी भवन निर्मित है। आँगनवाड़ी भवनों का निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है, अतः समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘दो‘ अनुसार है।
फार्मासिस्ट ग्रेड-2 एवं ए.एन.एम. पद पर पदस्थ कर्मचारियों के नियमितीकरण
6. ( क्र. 1336 ) श्री गिरीश गौतम : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 1 मार्च 2012 को विधान सभा के प्रश्न क्रमांक 1878 तारांकित प्रश्न क्रमांक 2 में संविदा के आधार पर कार्यरत फार्मासिस्ट ग्रेड-2 एवं ए.एन.एम. के नियमितीकरण एवं वेतनवृद्धि के संबंध में था? (ख) क्या यह भी सही है कि प्रश्नकर्ता द्वारा स्वास्थ्य मंत्री जो को 25.08.13 को एक पत्र देकर फार्मासिस्ट ग्रेड-2 एवं ए.एन.एम. के पद पर पदस्थ कर्मचारियों का नियमितीकरण एवं वेतनवृद्धि किये जाने का आग्रह किया गया था? अब तक उक्त संबंध में क्या-क्या कार्यवाही की गयी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) माननीय स्वास्थ्य मंत्री जी से प्राप्त प्रस्तावों के अनुसार विभाग के अधीन नियमित पदों के विरूद्ध कार्यरत संविदा पैरामेडिकल कर्मचारियों के संविदा वेतन में शासन आदेश दिनांक 04.03.2014 एवं 03.09.2015 द्वारा वृद्धि की गई है। अलिपिकीय पैरामेडिकल संवर्ग के संविदा आधार पर कार्यरत कर्मचारियों के नियमितिकरण नियम बनाने के संबंध में विभागीय प्रस्ताव पर, मुख्य सचिव की अध्यक्षता में वरिष्ठ सचिवों की समिति द्वारा असहमति प्रकट की गई है। संचालनालय के पत्र क्र./3/प.क./सेल-1/2014/1044 दिनांक 01.12.2014 द्वारा अधीनस्थ कार्यालयों में ए.एन.एम. की पदस्थापना स्वीकृत संख्या से अधिक (अतिशेष) होने के कारण नियमित नियुक्ति पर अस्थाई रूप से प्रतिबंध लगाया गया है।
शासकीय चिकित्सालयों में नि:शुल्क दवाइयां वितरण
7. ( क्र. 2306 ) श्री अरूण भीमावद : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में शासकीय चिकित्सालयों में मरीजों को नि:शुल्क दवाइयां प्रदाय की जाती है? कौन-कौन सी दवाइयां शासन स्तर पर तथा कौन सी स्थानीय स्तर पर क्रय किये जाने का प्रावधान है? (ख) क्या नि:शुल्क दवाइयों का स्टाक (भंडारण) सूचीबद्ध एवं उपलब्धता संख्या के मान से किया जाता है? (ग) यदि हाँ, तो जिला चिकित्सालय शाजापुर में नि:शुल्क दवाइयां एवं इंजेक्शन का भंडारण होने के बाद भी मरीजों को नि:शुल्क दवाइयां/इंजेक्शन उपलब्ध नहीं हुए?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। प्रदेश में शासकीय चिकित्सालयों में निःशुल्क दवाइयां प्रदाय की जाती है। जो दवाइयों ई-औषधि की दर सूची में उपलब्ध नहीं है। उनका क्रय दवा नीति 2009 में निहित प्रावधान अनुसार आवंटित बजट की 20 प्रतिशत राशि से स्थानीय स्तर पर किया जा सकता है। (ख) जी हाँ। (ग) जिला चिकित्सालय शाजापुर में मरीजों को निःशुल्क/दवाइयों/इंजेक्शन ई.डी.एल. सूची के अनुसार उपलब्ध रहते है, एवं मरीजों को निःशुल्क वितरण किये जाते है।
निराश्रित महिला गृहों का संचालन
8. ( क्र. 2632 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) खरगोन जिले में विभागीय या विभागीय सहायता प्राप्त निराश्रित महिला गृह कहाँ-कहाँ किन शर्तों पर संचालित हो रहे हैं। नाम, स्थान सहित सूची देवें। (ख) विगत 3 वर्षों में जिले की समेकित बाल संरक्षण योजना अंतर्गत कितने हितग्राहियों को लाभांवित किया गया? (ग) जिले में कितने प्रकरणों में घरेलू हिंसा के विरूद्ध महिलाओं की सुरक्षा एवं सहायता प्रदान की?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) खरगोन जिले में विभागीय या विभागीय सहायता प्राप्त निराश्रित महिला गृह वर्तमान में संचालित नहीं हैं। (ख) खरगोन जिले में समेकित बाल संरक्षण योजना अंतर्गत विगत 3 वर्षों में 125 हितग्राहियों को लाभांवित किया गया। (ग) खरगोन जिले में घरेलू हिंसा के विरूद्ध महिलाओं की सुरक्षा एवं सहायता अंतर्गत कुल 560 महिलाओं को सुरक्षा एवं सहायता प्रदान की गई।
इन्दौर जिले के पुलिस थानों में पदस्थ कर्मचारियों की सूची
9. ( क्र. 2911 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के पुलिस विभाग के थानों में कार्यरत थाना प्रभारी, आरक्षक, हेड कांस्टेबल आदि पदों पर एक ही थाने में पदस्थ रहने की समय-सीमा निर्धारित है? यदि हाँ, तो पदवार समय-सीमा स्पष्ट करें? (ख) इन्दौर जिले के पुलिस थानों में कार्यरत स्टॉफ व उनकी उस थाने में पदस्थी दिनांकवार सूची उपलब्ध करावें? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) अनुसार पुलिस थानों में पदस्थ कर्मचारी निर्धारित समय-सीमा से अधिक लम्बे समय से पदस्थ हैं? यदि हाँ, तो पुलिस प्रशासन इनके स्थानांतरण हेतु क्या कार्यवाही कर रहीं है?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी हाँ। पुलिस मुख्यालय के निर्देश दिनांक 30.03.2015 के अनुसार किसी एक थाने में किसी भी कर्मचारी की एक पद पर पदस्थापना सामान्यतः 04 वर्ष तथा अधिकतम 05 वर्ष से अधिक नहीं हो। आरक्षक से उप निरीक्षक के पद पर किसी भी कर्मचारी की एक ही अनुविभाग में विभिन्न पदों पर कुल पदस्थापना अवधि 10 वर्ष से अधिक नहीं हो। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) निरीक्षक/उप निरीक्षक स्तर के किसी भी अधिकारी के एक ही थाने में 05 वर्ष पूर्ण नहीं हुये है। आरक्षक से सहायक उप निरीक्षक स्तर के ऐसे अधिकारी/कर्मचारी जिन्हें वर्तमान पदस्थापना में 05 वर्ष पूर्ण हो चुके है, उनके स्थानांतरण पर सामान्य स्थानांतरण के समय प्रशासनिक आधार पर विचार किया जा सकेगा।
महाराजा यशवंत राव चिकित्सालय इन्दौर में मेन्टेनेंस कार्यों में अनियमितता
10. ( क्र. 2921 ) श्री राजेश सोनकर : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या महाराजा यशवंत राव चिकित्सालय इन्दौर में लिफ्ट आदि का वार्षिक मेंटेनेंस कार्य किया जाता है? यदि हाँ, तो मेंटेनेंस कार्य किसी बाह्य संस्था द्वारा किया जाता है? यदि हाँ, तो किन शर्तों पर एवं किस एजेन्सी द्वारा मेंटेनेंस कार्य किया जाता है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या म.य.चि. में पिछले दिनों लिफ्ट बंद होने के कारण किसी मरीज की मृत्यु हुई थी? क्या उक्त लिफ्ट का मेंटेनेंस कार्य नियमित किया गया था? उक्त लिफ्ट कितने वर्षों पुरानी थी? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या जिले के प्रभारी मंत्री महोदय द्वारा महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय का निरीक्षण इस दुखद घटना के बाद तत्काल किया गया था? माननीय मंत्री महोदय द्वारा निरीक्षण के दौरान क्या-क्या निर्देश दिये गये थे? उक्त निरीक्षण में कौन-कौन से विभागीय अधिकारी मौजूद थे? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में क्या इस निरीक्षण के दौरान माननीय मंत्री महोदय द्वारा तत्काल नई लिफ्ट लगाई जाने हेतु संबंधितों को कोई निर्देश दिया था? यदि हाँ, तो कितने दिनों में (किस दिनांक तक) लिफ्ट लगाने के निर्देश दिये थे? क्या प्रश्न दिनांक तक लिफ्ट लगाई? यदि नहीं, तो लिफ्ट न लगाने के क्या कारण है? संबंधित अधिकारियों द्वारा माननीय प्रभारी मंत्री महोदय के आदेशों का पालन भी नहीं किया गया? क्या 15 जनवरी 2016 तक लिफ्ट लगाने की समय-सीमा तय थी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। म.य. चिकित्सालय, इन्दौर में लिफ्ट का वार्षिक मेंटेनेंस का कार्य मेसर्स टाटा एलिवेटर, इन्दौर द्वारा किया जाता हैा शर्तों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) म.य. चिकित्सालय, इन्दौर में जिस मरीज की मृत्यु हई थी उसे गंभीर स्थिति में लाया गया था। आकस्मिक चिकित्सा विभाग द्वारा उपचार के पश्चात उसे आई.सी.सी.यू. मेडिसिन विभाग में भर्ती हेतु लिफ्ट के द्वारा शिफ्ट किया जा रहा था। लिफ्ट का मेंटेनेंस कार्य नियमित किया जाता है। चिकित्सालय में स्थापित लिफ्ट 12 वर्ष से अधिक पुरानी है। (ग) इन्दौर के माननीय प्रभारी मंत्रीजी द्वारा म.य. चिकित्सालय का निरीक्षण किया गया था। माननीय प्रभारी मंत्रीजी द्वारा निरीक्षण के दौरान नई लिफ्ट लगाने के निर्देश दिये गये थे। उक्त निरीक्षण में प्रभारी अधिष्ठाता, मेडिकल कालेज, इन्दौर, अधीक्षक म.य.चिकित्सालय एवं लोक निर्माण विभाग के अधिकारीगण उपस्थित थे। (घ) जी हाँ। निरीक्षण के दौरान माननीय प्रभारी मंत्रीजी द्वारा नई लिफ्ट लगाने हेतु निर्देश दिये गये थे। माननीय प्रभारी मंत्रीजी द्वारा नई लिफ्ट लगाने हेतु जनवरी, 2016 तक लिफ्ट लगाने के निर्देश दिये गये थे। जी नहीं। प्रश्न दिनांक तक नई लिफ्ट स्थापित नहीं की गई है। लिफ्ट लगाने के लिये म.य.चिकित्सालय, इन्दौर द्वारा अधिष्ठाता, मेडिकल कालेज, इन्दौर को एक मांग पत्र प्रेषित किया गया एवं उनके द्वारा इसे लोक निर्माण विभाग (ई. एवं एम.) की ओर अग्रेषित किया गया था। लोक निर्माण विभाग द्वारा प्राक्कलन अधिष्ठाता कार्यालय को प्रेषित किया गया। तदुपरांत अधिष्ठाता, कार्यालय ने शासन को प्राक्कलन पत्र दिनांक 01.12.2015 द्वारा प्रेषित किया गया था। शासन ने पत्र दिनांक 07.12.2015 द्वारा प्राक्कलन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 एवं 2 में भेजने हेतु अधिष्ठाता, इन्दौर को निर्देशित किया तदुपरांत वित्त विभाग के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 एवं 2 अनुसार प्राक्कलन संचालनालय चिकित्सा शिक्षा को अधिष्ठाता के पत्र दिनांक 08.01.2016 के द्वारा भेजे गये थे। उक्त संबंध में प्राप्त प्रस्ताव संचालनालय चिकित्सा शिक्षा द्वारा अपनी टीप दिनांक 08.02.2016 द्वारा शासन को प्रेषित किया गया है। जिस पर कार्यवाही प्रचलित है। माननीय प्रभारी मंत्रीजी द्वारा जनवरी, 2016 तक लिफ्ट लगाने के निर्देश दिये गये थे।
थाना हनुमानताल जबलपुर में बम काण्ड 2015
11. ( क्र. 3559 ) श्री अंचल सोनकर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले के अंतर्गत थाना हनुमानताल में वर्ष 2015 में कितने बम कांड हुये? इन बम कांड से कितने लोग घायल हुये, कितनों की मृत्यु हुई? बम काण्ड करने वाले कितने अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया? (ख) क्या वर्ष 2015 में थाना हनुमानताल के अंतर्गत रहीस उर्फ चपटा द्वारा बम कांड किया गया था? यदि हाँ, तो इस बम कांड में कितने लोग घायल हुये, कितने लोगों की मृत्यु हुई? क्या बम कांड अपराधी रहीस उर्फ चपटा पकड़ा गया, उस पर कौन-कौन सी धारायें लगाई गई? (ग) प्रश्नांश (ख) का आरोपी की क्या मा. न्यायालय से जमानत हो गई है? यदि हाँ, तो किस आधार पर जमानत हुई वर्तमान में क्या रहीस उर्फ चपटा के बम कांड प्रकरण की जाचं चल रही है? यदि हाँ, तो जाँच अधिकारी का नाम बतावे एवं जाँच अधिकारी द्वारा अब तक किन-किन तथ्यों पर जाँच की? (घ) क्या रहीस उर्फ चपटा पर विभिन्न प्रकार के अनेकों केस चल रहे हैं, जिनकी विभाग द्वारा समय-सीमा में जाँच, केस डायरी एवं रिर्पोट न सौंपने के कारण मा. न्यायालय से जमानत का लाभ ले कर पुन: आपराधिक कृत्य करता है? यदि हाँ, तो ऐसे अपराधी के प्रकरण में जाँच में हीला हवाली करने वाले अधिकारी पर शासन क्या कार्यवाही कब तक करेगा? रहीस पर अनेकों केस होने के उपरांत भी मीसा अथवा जिला बदर जैसी कार्यवाही प्रस्तावित क्यों नहीं की गई?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जबलपुर जिले के अंतर्गत थाना हनुमानताल में वर्ष 2015 में विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के कुल 07 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं। इन प्रकरणों में न तो कोई व्यक्ति घायल हुआ है और न ही किसी व्यक्ति की मृत्यु हुई है। इन प्रकरणों में 12 अपराधियों को गिरफ्तार कर न्यायालय के आदेश से जेल भेजा गया है। (ख) दिनांक 03.09.2015 को श्री मंसूर अहमद के घर पर बम फेंकने की रिपोर्ट पर थाना हनुमानताल में आरोपी रहीस उर्फ चपटा के विरूद्ध अपराध क्रमांक 608/15, धारा 3/5 विस्फोटक पदार्थ अधिनियम पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है। इस घटना में न तो कोई व्यक्ति घायल हुआ है और न ही किसी व्यक्ति की मृत्यु हुई है। प्रकरण में साक्ष्य के अभाव में खात्मा कता किया गया है। (ग) प्रश्नांश ’ख’ के आरोपी रहीस उर्फ चपटा की जमानत के संबंध में माननीय न्यायालय से कोई आदेश पुलिस को प्राप्त नहीं हुआ है। आरोपी श्री रहीस उर्फ चपटा द्वारा प्रकरण की जाँच कराये जाने हेतु आवेदन पत्र पुलिस अधीक्षक, जबलपुर को दिया गया था जिसकी जाँच नगर पुलिस अधीक्षक, ओमती श्री अजीम खान द्वारा की गई। जाँच के आधार पर साक्ष्य के अभाव में अपराध में खात्मा क्रमांक 1/16 कता किया गया है। (घ) श्री रहीस उर्फ चपटा पर वर्ष 1986 से कुल 32 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये जिनमे वर्तमान में 01 प्रकरण पुलिस विवेचना में है। शेष प्रकरणों में पुलिस द्वारा नियमानुसार विवेचना कर माननीय न्यायालयों में चालान प्रस्तुत किये गये हैं। उक्त प्रकरणों में जमानत का लाभ पुलिस की लापरवाही से नहीं मिला है। किसी भी अधिकारी का इस संबंध में दोष नहीं पाया गया है। श्री रहीस उर्फ चपटा पर वर्ष 1992 में एन.एस.ए. की कार्यवाही की गई थी। वर्ष 2007 के बाद 7-8 वर्षों तक अपराध घटित न करने के कारण जिला बदर की कार्यवाही प्रस्तावित नहीं की गई।
भिण्ड जिले में गायब हुए बच्चे-बच्चियां
12. ( क्र. 4374 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में 01 जनवरी 2012 से 31 जनवरी 2016 तक 18 वर्ष से कम उम्र के कितने बच्चे, बच्चियां गायब हुए? गायब हुए बच्चे-बच्चियों में से पुलिस द्वारा किन-किन को बरामद किया गया? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक 15-16/116 दिनांक 19.07.2015 के संदर्भ में पुलिस महानिरीक्षक चम्बल जोन ने पत्र क्र./पुमनि/चजोन/रीडर/एल/3154-सी/15 दिनांक 22.12.2015 के द्वारा दी गई जानकारी में गायब हुए बच्चे-बच्चियों के नाम-पता एवं गायब होने के संबंध में दर्ज अपराध क्रमांक व दिनांक सहित पूर्ण विवरण दें?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) भिण्ड जिले में 01 जनवरी, 2012 से 31 जनवरी, 2016 तक 18 वर्ष से कम उम्र के गुमशुदा बालक/बालिकाओं की कुल संख्या 359 है। बरामद हुए बालक/बालिकाओं के नाम तथा अदम बारामदगी के कारण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार है।
शस्त्र लायसेंस जारी किया जाना
13. ( क्र. 4375 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में 1 जनवरी 2015 से 31 जनवरी 2016 तक कितने व्यक्तियों के नवीन, फौती, वृद्धावस्था एवं स्थानांतर के आवेदन पुलिस अधीक्षक व अनुशंसा सहित जिला दण्डाधिकारी कार्यालय में प्राप्त हुए? सूची देवें? (ख) उक्त अवधि में जिला दण्डाधिकारी भिण्ड द्वारा कितने आवेदन लायसेंस जारी किए गए एवं कितने आवेदन निरस्त किए गए एवं किन-किन के आवेदन विचाराधीन हैं? क्या म.प्र. शासन गृह द्वारा मंत्रालय फौती, वृद्धावस्था एवं स्थानांतर शस्त्र लायसेंस बनाने के निर्देश दिए थे? यदि हाँ, तो उक्त अवधि में शस्त्र लायसेंस स्वीकृत न करने के क्या कारण हैं? (ग) ग्वालियर एवं चंबल संभाग के किन-किन जिला पंचायत अध्यक्ष/उपाध्यक्ष को वर्ष 2015-16 में रिवाल्वर/पिस्टल शस्त्र लायसेंस प्राप्त करने का आवेदन कलेक्टर की अनुशंसा सहित म.प्र. शासन गृह मंत्रालय को भेजे गये? उनमें से किन-किन के शस्त्र लायसेंस स्वीकृत किए गए? नाम पता सहित बताएं? (घ) क्या रिवाल्वर/पिस्टल लायसेंस स्वीकृति के बाद पूर्व स्वीकृत एन.पी.बोर/12 बोर शस्त्र लायसेंस को जमा करने एवं शस्त्र की सीमा कम करने का भारत सरकार/म.प्र. सरकार को कोई आदेश हैं? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति दें? (ड.) क्या प्रदेश की राजधानी भोपाल मुख्यालय पहुंचने हेतु प्रदेश के अनेक नागरिकों को उ.प्र. की सीमा से गुजर कर जाना पड़ता है? यदि हाँ, तो बीच में उ.प्र. या अन्य प्रांत की सीमा से गुजरने हेतु रिवाल्वर/पिस्टल/एन.पी. बोर शस्त्र लायसेंस की सीमा वृद्धि की जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) भिण्ड जिले में 01 जनवरी, 2015 से 31 जनवरी 2016 तक नवीन 31, फौती-257, वृद्धावस्था के 90, इस प्रकार कुल 378 आवेदन पत्र पुलिस अधीक्षक व अनुशंसा सहित जिला दण्डाधिकारी कार्यालय को प्राप्त हुए। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार है। (ख) उक्त अवधि में उक्त आवेदनों में से 83 आवेदकों को शस्त्र लायसेंस जारी किये गये हैं तथा 09 आवेदकों के पिस्टल/रिवाल्वर शस्त्र लायसेंस हेतु प्रस्ताव इस विभाग को अग्रेषित किये गये हैं व उक्त अवधि में कोई भी आवेदन निरस्त नहीं किये गए हैं। विभाग द्वारा 09 प्रकरणों में से 03 में सहमति आदेश दिया गया है, 06 विचाराधीन हैं। जी हाँ। उक्त अवधि में 62 फौती एवं 07 वृद्धावस्था/ट्रांसफर के लायसेंस जारी किये गये हैं। शेष प्रकरण आवेदकों द्वारा वांछित दस्तावेज पेश न करने व औपचारिकताएं पूर्ण नहीं होने से विचाराधीन हैं। (ग) ग्वालियर संभाग के किसी भी जिला पंचायत के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष को शस्त्र लायसेंस जारी नहीं किये गये। चंबल संभाग के जिला भिण्ड के जिला पंचायत अध्यक्ष श्री रामनारायण हिण्डोलिया को आत्मरक्षार्थ एक अवर्जित बोर पिस्टल/रिवाल्वर शस्त्र लायसेंस स्वीकृत किये जाने की सहमति प्रदान की गई है। (घ) जी हाँ। प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार है। (ड.) जी हाँ। लायसेंस की सीमाक्षेत्र का निर्धारण सुरक्षा की आवश्यकताओं के दृष्टिगत प्रकरणवार आवेदन पर निर्धारित प्रारूप में जिला दण्डाधिकारी से रिपोर्ट प्राप्त कर कार्यवाही की जाती है।
बैरसिया अंतर्गत उचित मूल्य की दुकान
14. ( क्र. 4526 ) श्री विष्णु खत्री : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैरसिया विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कितनी शासकीय उचित मूल्य की दुकानें हैं एवं इनके कार्य क्षेत्रांतर्गत कितने ग्राम प्रत्येक सोसायटी अंतर्गत आते हैं? दुकानवार व ग्रामवार विवरण उपलब्ध करावें? (ख) शासन के नियमों के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में कितनी आबादी पर दुकान संचालित किये जाने के शासन के निर्देश हैं, आदेश की जानकारी उपलब्ध करायें? (ग) क्या वर्तमान में बैरसिया क्षेत्र में उचित मूल्य की दुकानों की संख्या पर्याप्त है? यदि नहीं, तो क्या दुकानों की संख्या को बढ़ाने का प्रस्ताव विभाग के समक्ष विचाराधीन है? यदि हाँ, तो स्पष्ट करें और नहीं तो कारण बतायें?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कुल 100 शासकीय उचित मूल्य की दुकानें संचालित हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 में ग्रामीण क्षेत्र में प्रत्येक पंचायत में एक शासकीय उचित मूल्य दुकान खोले जाने का प्रावधान है। ऐसी पंचायतें जहां पात्र परिवारों की संख्या 800 से अधिक है, वहां एक अतिरिक्त उचित मूल्य दुकान खोले जाने का प्रावधान है। शासन द्वारा जारी निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ग) जी नहीं, मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 के प्रावधानानुसार बैरसिया विधानसभा क्षेत्र में 46 नई शासकीय उचित मूल्य की दुकानें खोलने की कार्यवाही प्रारंभ की गई थी, परन्तु मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 में संशोधन प्रक्रियाधीन है, संशोधन उपरांत उक्त दुकानों को खोलने की कार्यवाही पुन: प्रारंभ की जायेगी।
चिरायु मेडिकल कॉलेज भोपाल को भूमि आवंटन
15. ( क्र. 4715 ) श्री मुकेश नायक : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चिरायु मेडिकल कॉलेज, संत हिरद्याराम नगर (बैरागढ़) भोपाल के लिए शासन द्वारा आवंटित तथा कॉलेज द्वारा खरीदी गयी निजी भूमि का क्षेत्रफल बतावें? (ख) इस कॉलेज के भवन निर्माण, चिकित्सालय निर्माण आदि के लिये शासन द्वारा दिया गया अनापत्ति प्रमाण पत्र और निर्माण प्लान की स्वीकृति कब दी गयी और क्या सभी निर्माण कार्य स्वीकृत प्लान के अनुसार ही हो रहे है? (ग) विगत दो वर्षों में इस कॉलेज का निरीक्षण शासन और मेडिकल कौसिंल द्वारा कब-कब किया गया और उसके क्या निष्कर्ष निकले?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) शासन द्वारा आवंटित भूमि 31.90 एकड़ तथा संस्था द्वारा क्रय की गई निजी भूमि 4.25 एकड़ है। (ख) चिरायु मेडिकल कॉलेज भोपाल को महाविद्यालय भवन निर्माण हेतु नगर निगम की अनुमति दिनांक 30 अक्टूबर, 2009 एवं दिनांक 16 अगस्त, 2010, चिकित्सालय भवन निर्माण हेतु दिनांक 03 जून, 2009 को स्वीकृति दी गई, महाविद्यालय भवन निर्माण एवं चिकित्सालय भवन निर्माण दिनांक 09 मार्च, 2011 को पूर्ण किया गया। निर्माण कार्य दी गई समय-सीमा के अन्दर पूर्ण किये गये हैं। (ग) चिरायु मेडिकल कॉलेज भोपाल द्वारा संचालित स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के परिप्रेक्ष्य में विगत 2 वर्षों में शासन एवं एम.सी.आई. द्वारा किये गये निरीक्षण की तिथियां निम्नानुसार है :-
स्नातक/स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम |
एम.सी.आई. द्वारा किये गये निरीक्षण की तिथि |
निष्कर्ष |
1 |
2 |
3 |
एम.बी.बी.एस. वर्ष 2014-15 |
29 एवं 30 अप्रैल, 2014 में चतुर्थ बैच हेतु एवं 05 तथा 06 दिसम्बर, 2014 में पंचम बैच हेतु निरीक्षण किया गया। |
प्रतिवर्ष 150 छात्रों को एम.बी.बी.एस. पाठ्यक्रम में प्रवेश की अनुमति दी गई है। |
एम.डी./एम.एस. |
संचालक, चिकित्सा शिक्षा द्वारा स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम प्रारंभ करने हेतु दिनांक 08 फरवरी, 2014 को निरीक्षण किया गया। मेडिकल कौंसिल ऑफ इण्डिया द्वारा दिनांक 13 से 15 अक्टूबर, 2014 दिनांक 07 जनवरी, 2015 एवं 07 दिसम्बर, 2015 तथा 18 दिसम्बर, 2015 |
एम.डी. एनाटॉमी, बायोकेमेस्ट्री, फिजियोलॉजी, माईक्रोबायोलॉजी, फामोकोलॉजी, पैथोलॉजी एवं कम्युनिटी मेडिसिन पाठ्यक्रम संचालन हेतु अनुमति प्रदान की गई हैं। |
जिला चिकित्सालय में नेत्र रोग ऑपरेशन
16. ( क्र. 4786 ) श्री अंचल सोनकर : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय सेठ गोविंददास जिला चिकित्सालय जबलपुर में कुल कितने डॉक्टर किस-किस विभाग में कब से पदस्थ है? पदस्थ डॉक्टरों का अस्पताल आने एवं जाने का क्या समय निर्धारित है? डॉ.डी.पी. गूजर किस विभाग के विशेषज्ञ हैं एवं जिला चिकित्सालय में कब से पदस्थ हैं? (ख) क्या डॉ.डी.पी.गूजर को शासन द्वारा ट्रेनिंग हेतु चित्रकूट भेजा गया था? यदि हाँ, तो इनकी ट्रेनिंग में शासन की कितनी राशि व्यय हुई? क्या ट्रेनिंग से वापिस आने के उपरांत इनके द्वारा जिला चिकित्सालय में ऑपरेशन नहीं किये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (ख) में पदस्थ डॉक्टर की उपयोगिता हेतु क्या शासन द्वारा जिला चिकित्सालय में लगभग 20.00 लाख रूपये की मशीन खरीदी है? यदि हाँ, तो जिला चिकित्सालय में स्थापित मशीन दिनांक से प्रश्न दिनांक तक डॉ. गूजर द्वारा कितने ऑपरेशन किये गये? मरीजों की सूची मय पते के देवें। (घ) क्या डॉ. गूजर के व्यवहार के संबंध में विगत दो वर्षों में किसी मरीज द्वारा शिकायत की गई है तो उस शिकायत पर क्या कार्यवाही की गई?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ अनुसार। चिकित्सकों के आने-जाने का समय सुबह 08.00 बजे से दोपहर 01.00 बजे तक एवं सायं 05.00 बजे से 06.00 बजे तक निर्धारित है। डॉ. डी. पी. गूजर नेत्र रोग विशेषज्ञ है एवं जिला चिकित्सालय जबलपुर में दिनांक 29.07.2010 से पदस्थ है। (ख) जी, हां। प्रशिक्षण में रूपये 68,000/- का व्यय हुआ। जी नहीं 03 ऑपरेशन किये गए। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। आमजन की सुविधा हेतु जिला चिकित्सालय, जबलपुर में फेको मशीन स्थापित है। डॉ. डी.पी. गुर्जर द्वारा उपरोक्त अवधि में 03 ऑपरेशन किये गए। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’ अनुसार। (घ) डॉ. डी.पी. गुर्जर के व्यवहार के संबंध में 04 मरीजों द्वारा लिखित शिकायत की गई। संचालनालय के आदेश क्रमांक 481, दिनांक 14.03.2016 द्वारा कर्तव्यों के प्रति उदासीनता बरतने, सन्निष्ठ न रहने एवं निर्देशों की अवहेलना के कारण डॉ. डी.पी. गुर्जर को निलंबित किया गया।
दोषियों के विरूद्ध पुलिस अधीक्षक सतना द्वारा कार्यवाही
17. ( क्र. 5060 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पुलिस अधीक्षक सतना के पत्र क्रमांक 161 दिनांक 23.12.2015 द्वारा सेवानिवृत्त आर.आई., रजनीश शर्मा, अखिलेख कुमार उर्फ फर्जी, त्रिवेणी प्रसाद एवं बद्री प्रसाद उर्फ फर्जी, राजाभाई तनय दादाभाई के विरूद्ध जालसाजी कर करोड़ों की भूमि बेचने की जाँच की जा रही है, यदि हाँ, तो उक्त प्रकरण की एफ.आई.आर. किस थाने में दर्ज की गई है? (ख) उक्त जालसाजी के प्रकरण में क्या आरोपियों को गिरफ्तार किया गया? यदि हाँ, तो प्रकरण न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया या नहीं? यदि नहीं, तो कब तक कार्यवाही पूर्ण की जावेगी? (ग) सेवानिवृत्त आर.आई. लक्ष्मीकांत त्रिपाठी द्वारा एग्रीमेंट कर के जिन लोगों से पैसा लिया गया है, उनकी राशि वापस किये जाने बाबत् क्या कार्यवाही की गई? प्रकरण वार जवाब देवें? (घ) क्या श्री बद्रीप्रसाद के नाम से फर्जी बद्रीप्रसाद, लक्ष्मण सिंह तनय होरिल सिंह को 24.10.2009 को बिक्री (रजिस्ट्री) करा दिया तथा लक्ष्मण सिंह ने अन्य 20 लोगों को प्लाटिंग कर विक्रय कर दिया के संबंध में पुलिस अधीक्षक सतना के द्वारा क्या कार्यवाही की गई? प्रकरण वार जवाब देवें?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी हाँ। थाना कोलगवां पर अपराध क्र. 168/2016 पंजीबद्ध किया गया है। (ख) प्रकरण वर्तमान में विवेचनाधीन है, विवेचना में आये साक्ष्य के आधार पर विधि अनुरूप कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) प्रश्नांश के तथ्य भी विवेचना का अंग है। विवेचना में आये साक्ष्य के आधार पर विधि अनुरूप कार्यवाही की जावेगी। (घ) घटना से संबंधित प्रकरण विवेचनाधीन है, उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर प्रकरण में विधि अनुसार कार्यवाही की जावेगी।
सोनकच्छ शासकीय अस्पताल में स्वीकृत पद
18. ( क्र. 5151 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सोनकच्छ, भौरासा, पीपलरावा, टोंकखुर्द के शा.अस्पतालों में कुल कितने लोगों का स्टॉफ स्वीकृत है? पद नाम सहित जानकारी देवें। (ख) स्वीकृत पदों में से कितने पद रिक्त है? पद नाम व संस्था नाम सहित जानकारी देवें। (ग) रिक्त पदों पर कब तक पूर्ति की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’ अनुसार। (ग) विभाग सीधी भर्ती एवं पदोन्नति के माध्यम से पद पूर्ति हेतु निरंतर प्रयासरत है। लोक सेवा आयोग के माध्यम से चिकित्सा अधिकारियों के 1896 रिक्त पदों हेतु प्रक्रिया प्रचलित है। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
ट्रक कटिंग की शिकायतें
19. ( क्र. 5152 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के भौरासा फाटे से सरद्दी के बीच में वर्ष 2014 से 2015 तक कुल कितने ट्रकों की कटिंग की शिकायतें प्राप्त हुई है तथा उनके उपर क्या कार्यवाही की गई है? (ख) पुलिस विभाग द्वारा इस कटिंग को रोकने के लिए क्या प्रयास किये जा रहे हैं क्या विभाग अपने प्रयासों में सफल साबित हो पाया है? हाँ या नहीं? यदि हाँ, तो अभी तक कितने चोरों को पकड़ा गया है?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में जिला देवास के भौरासा फाटे से सरद्दी के बीच ट्रक की कटिंग की कुल 45 घटनाओं की सूचना/शिकायत प्राप्त होने पर अपराध पंजीबद्ध कर विधि अनुसार विवेचना की गई है। कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) ट्रक कटिंग की घटनाओं के नियंत्रण के लिये प्रभावी क्षेत्र में हाईवे पेट्रोलिंग की प्रभावी व्यवस्था की गई है। आम नागरिकों की सूचना पर त्वरित प्रभावी कार्यवाही हेतु क्षेत्र में डायल 100 योजना के अंतर्गत 02 एफ.आर.वी. तैनात किये गये है। संदिग्ध अपराधियों की नियमित चेकिंग व उनके विरूद्ध प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की गई है। वर्ष 2014 की तुलना में वर्ष 2015 के ट्रक कटिंग की घटनाओं में अपेक्षाकृत कमी हुई है। प्रश्नांश में उल्लेखित अपराधों में से कुल 05 अपराधों में कुल 08 अपराधियों की गिरफ्तारी की गई है।
गेहूँ/धान भंडारण
20. ( क्र. 5249 ) श्री
मधु भगत :
क्या खाद्य
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
शासकीय तौर पर
उपार्जन की
जाने वाली
फसलें, गेहूँ, धान इत्यादि
को भण्डारण
करने हेतु
गोदाम, स्थान
का चयन, निर्धारण
करने में
मापदण्डों, दिशा
निर्देशों का
पालन किया जा
रहा है? (ख)
गोदाम, वेयरहाउस, ओपन प्लेटफार्म
के निर्माण, नियंत्रण, संचालन, निविदा
दर निर्धारण, सामग्री
रखने के
मापदण्ड, गोदाम
पर मूलभूत
सुविधाएं इत्यादि
के संबंध में
कौन-कौन से
अधिनियम/नियम/निर्देश/परिपत्र
वर्तमान में
प्रभावशील
एवं लागू है? क्या
इनका पालन
वेयर हाउस
कारपोरेशन/या
सक्षम
प्राधिकारी
द्वारा पालन
किया गया है? (ग) यह
किस विभाग का
कौन सा
प्राधिकारी
किस आधार पर, किस
प्रक्रिया का
पालन कर चयन
और निर्धारित
करता है कि
शासकीय तौर पर
उर्पाजित की
जाने वाले
गेहूँ, धान, चावल, जिन्स, कहाँ-कहाँ, किस
गोदाम में भण्डारण
की जायेगी? इसका मापदण्ड
क्या है? (घ) उक्त
फसल को विक्रय
करने की
प्रक्रिया, प्राधिकार, क्या
है किसे है?
खाद्य
मंत्री (
कुँवर विजय
शाह ) : (क) जी
हाँ। शासन
द्वारा
निर्धारित
मापदण्ड/दिशा
निर्देश के
अनुसार
गोदामों का
चयन कर समर्थन
मूल्य पर
उपार्जित
गेहूं एवं धान
इत्यादि का
भण्डारण
उपार्जन एवं
भण्डारण
एजेन्सी
द्वारा किया
जाना
सुनिश्चित
किया जाता है।, (ख)
समर्थन मूल्य
पर उपार्जित
खाद्यान्न एवं
सार्वजनिक
वितरण
प्रणाली की
सामग्री के भण्डारण
हेतु गोदामों
का निर्माण
केन्द्रीय
भण्डारण
निगम के
निर्धारित
मापदण्ड
अनुसार
करवाया जाता
है जो कि IS Code 607-1971: Code of practice for constrution of bagged foodgrain
storage Structures पर आधारित
है। प्रदेश
में कवर्ड भण्डारण
क्षमता
पर्याप्त
होने के कारण
ओपन प्लेटफार्म
के निर्माण
एवं उसमें
समर्थन मूल्य
पर खाद्यान्न
का भण्डारण
नहीं किया जा
रहा है। गोदाम
निर्माण की निविदा
दर लोक
निर्माण
विभाग की दर
सूची के आधार
पर समाचार
पत्रों में
निविदा जारी
कर प्रतिस्पर्धात्मक
दर पर निविदा
स्वीकृत की
जाती है। इसका
पालन मध्यप्रदेश
वेयरहाउसिंग
एण्ड
लॉजिस्टिक्स
कार्पोरेशन
द्वारा किया
गया है।,
(ग)
उपार्जित स्कंध
की भण्डारण
व्यवस्था
हेतु मध्यप्रदेश
वेयरहाउसिंग
एण्ड
लॉजिस्टिक्स
कार्पोरेशन
को नोडल भण्डारण
एजेन्सी
बनाया गया है।
मध्यप्रदेश
वेयरहाउसिंग
एण्ड
लॉजिस्टिक्स
कार्पोरेशन
द्वारा निजी
गोदामों को
भण्डारण
हेतु किराए पर
लेने हेतु
संयुक्त
भागीदारी
योजनांतर्गत
गोदाम संचालक
द्वारा
प्रदत्त की
जाने वाली
आवश्यक
सामग्री, सुविधा
एवं संसाधनों
के आधार पर
उनके गोदाम
लिए जाते है।
उपार्जित स्कंध
का भण्डारण
करने हेतु
शासकीय/निजी
गोदामों की
प्राथमिकता
निर्धारित की
गयी है, जिसमें
शासकीय
क्षमता के
गोदामों में
शत्-प्रतिशत
भण्डारण
करने के पश्चात्
निजी क्षेत्र
के गोदामों
में वरीयत:
क्रम में
अनुबंध कर भण्डारण
किये जाने का
प्रावधान है। (घ)
उपार्जित
खाद्यान्न
का निराकरण
भारतीय खाद्य
निगम एवं मध्यप्रदेश
स्टेट सिविल
सप्लाईज
कॉर्पोरेशन
द्वारा भारत
सरकार के निर्देशों
के अनुसार
किया जाता है।
खाद्य निरीक्षण की पदस्थापना एवं गतिविधियां स्पष्ट करने बाबत्
21. ( क्र. 5330 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पन्ना जिले में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग में पदस्थ खाद्य निरीक्षक श्री नरेश आर्य है? यदि हाँ, तो उनकी मूल पद स्थापना कहाँ है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार खाद्य निरीक्षक नरेश आर्या को कौन-कौन से कार्य सौंपे गये हैं? क्या इनके द्वारा अपने मूलत: कर्तव्यों का निर्वहन किया जाता है? यदि हाँ, तो उन कर्तव्यों को स्पष्ट करें? (ग) क्या उक्त निरीक्षक को पात्र उपभोक्ताओं की पर्ची बनवाने हेतु निर्देशित किया गया है एवं क्या इन्हें उपभोक्ताओं की पर्ची जप्त कर दुकान बंद कराने की शक्तियां शासन द्वारा प्रदान की गई? यदि नहीं, तो क्या इनके द्वारा पर्चियां जप्त की गई? (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार यदि हाँ, तो उक्त खाद्य निरीक्षक के द्वारा ग्राम कमताना वि.ख. गुनौर के पात्र हितग्राही खासकर अनु.जा., अनु.ज.जाति के लोगों की पर्ची बनवाने में रूची नहीं ली गई? खाद्य निरीक्षक के विरूद्ध कार्यवाही तथा पात्र हितग्राहियों को ग्राम कमताना में कब तक पर्चियां जारी की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। श्री नरेश कुमार आर्य, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी की पदस्थापना पन्ना जिले के विकासखण्ड गुनौर में है। (ख) श्री नरेश कुमार आर्य, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी को विकासखण्ड गुनौर क्षेत्रांतर्गत खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग से संबंधित कार्य यथा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा आवंटित सामग्री के उठाव एवं वितरण का पर्यवेक्षण, आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 अंतर्गत बने नियंत्रण आदेशों का परिपालन, समर्थन मूल्य पर खाद्यान्न उपार्जन की व्यवस्था एवं उपभोक्ता संरक्षण संबंधी गतिविधियों संबंधी आदि कार्य सौंपे गए हैं। (ग) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना के तहत सम्मिलित पात्र परिवारों के सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची पर स्थानीय निकाय के अधिकृत अमले के साथ-साथ क्षेत्रीय कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी के हस्ताक्षर से पात्रता पर्ची जारी करने का दायित्व सौंपा गया है। साथ ही, अपात्र परिवारों को समग्र पोर्टल से विलोपित कर जारी पात्रता पर्चियों को निरस्त करने के निर्देश भी दिए गए हैं। मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 के प्रावधानों का पालन कराने हेतु उचित मूल्य दुकानों के निरीक्षण करने तथा उल्लंघन करने की स्थिति में प्रकरण बनाकर सक्षम अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करने की शक्तियां दी गई हैं। कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी द्वारा किसी पात्र परिवार को जारी पात्रता पर्ची जप्त नहीं की गई है, अपितु ग्राम पंचायत कमताना के 222 ऐसे परिवार जो कि अन्त्योदय अन्न योजना की श्रेणी के न होने पर भी सत्यापित किये जाने के कारण उन्हें पोर्टल से विलोपित कराया गया। (घ) जी नहीं। ग्राम पंचायत कमताना के 872 परिवारों में से 715 परिवारों को पात्र परिवार के रूप में सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची जारी की गई है। ग्राम पंचायत कमताना के अनुसूचित जाति/जनजाति के परिवार अन्य पात्रता श्रेणी में सत्यापित होने के कारण इस श्रेणी में 04 परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की गई है। पात्र परिवारों का सत्यापन एवं पात्रता पर्ची जारी करना एक सतत् प्रक्रिया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रिश्वत के शिकायतकर्ताओं पर फर्जी अपराध की कायमी की जाँच
22. ( क्र. 5408 ) श्री मोती कश्यप : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला अशोक नगर के विकासखण्ड मुंगावली थाना बहादुरपुर की मछुआ समिति के किसी अध्यक्ष व सदस्य ने सहायक मत्स्य अधिकारी एवं प्रभारी सहायक संचालक मत्स्योद्योग अशोक नगर के विरूद्ध किसी राशि की रिश्वत मांगे जाने की शिकायत माह दिसम्बर 2015 की किसी तिथि में की गई है और किन्हीं पुलिस अधिकारियों द्वारा कोई प्रक्रिया अपनाकर किसी की व्हाइस (आवाज) रिकार्डिंग की है और उसमें किसकी आवाज व क्या पाया गया है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अधिकारी को किसके हाथों कितनी रिश्वत देते हुये किनके द्वारा किस दिनांक को रंगे हाथ पकड़ा गया है और किस प्रकार की कार्यवाही की गई है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) रिश्वतकाण्ड के शिकायतकर्ता एवं उसके सहयोगियों के विरूद्ध किसी मत्स्य अधिकारी के द्वारा की गई किसी प्रकार की शिकायत पर उनके विरूद्ध कोई अपराध कायम किया गया है? (घ) प्रश्नांश (ग) शिकायत व अपराध कायमी क्या प्रश्नांश (क), (ख) के प्रकरण की प्रतिक्रिया और साजिश निरूपित करती है और क्या प्रकरण जाँच योग्य बनता है? (ड.) क्या प्रश्नांश (क) से (घ) पर किसी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी द्वारा जाँच कराकर रिश्वत के शिकायतकर्ताओं को संरक्षण व न्याय प्रदान किया जायेगा और साजिशकर्ता व रिश्वत के आरोपी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ट्रामा सेन्टर की स्वीकृत
23. ( क्र. 5584 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अम्बाह एवं पोरसा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर दुर्घटना के औसतन प्रतिमाह कितने मरीज आ जाते हैं? दोनों स्वास्थ्य केन्द्रों की जानकारी अलग-अलग जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक दी जावे? (ख) क्या अम्बाह एवं पोरसा स्वास्थ्य केन्द्र पर ट्रामा सेन्टर की सुविधा नहीं होने से दुर्घटनाग्रस्त मरीजों को मुरैना, ग्वालियर रैफर करना पड़ता है जिसके कारण रास्ते में ही अधिकांश मरीजों की मृत्यु हो जाती है? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हाँ, तो क्या शासन इस गंभीर समस्या से निजात दिलाने हेतु अम्बाह सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर ट्रामा सेन्टर स्वीकृत करेगा? यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों नहीं?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) सिविल अस्पताल अम्बाह एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पोरसा में जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक औसतन प्रतिमाह क्रमश: दुर्घटना के 21 व 25 मरीज आते है। (ख) जी नहीं। सिविल अस्पताल अम्बाह एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पोरसा से केवल गंभीर आवश्यकतानुसार दुर्घटनाग्रस्त मरीजों को मुरैना एवं ग्वालियर रैफर किया जाता है। जिले में मरीजों को रैफर होने पर रेफर की गयी स्वास्थ्य संस्था तक सुरक्षित पहुँचाने के लिए जिले में उपलब्ध संसाधनों जैसे आवश्यक संसाधन युक्त एम्बुलेंस एवं 108 एम्बुलेंस की व्यवस्था संचालित की गयी है। (ग) वर्तमान में केवल भारत शासन की गाईड लाईन अनुसार जिला चिकित्सालय स्तरीय संस्थाओं में ट्रामा सेन्टर प्रारंभ किये जा रहे है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वीकृत बिस्तरों के अनुरूप चिकित्सा एवं नर्सिंग स्टॉफ की पदस्थापना
24. ( क्र. 5608 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिला चिकित्सालय कितने बिस्तरों का स्वीकृत है एवं वर्तमान में कितने बिस्तर उपयोग में लाये जा रहे हैं? इस चिकित्सालय में कितने चिकित्सक एवं नर्सिंग स्टॉफ के पद स्वीकृत हैं? इनमें से कितने पद रिक्त हैं? (ख) उक्त प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जिला मुख्य चिकित्सालय सागर में रोगियों के उपचार हेतु जो चिकित्सक, नर्सिंग स्टॉफ की पदस्थापना की गई है? क्या वह स्वीकृत बिस्तरों के या वर्तमान में क्रियाशील बिस्तरों के मान से की गई है? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में यदि स्वीकृत बिस्तरों के मान से पदस्थापना की गई है तो क्या शासन वर्तमान में क्रियाशील बिस्तरों के मान से चिकित्सक एवं नर्सिंग स्टॉफ की पदस्थापना करेंगा एवं लोकहित में बढ़ी हुई आबादी के मान से 550 बिस्तरों की स्वीकृति एवं चिकित्सकों तथा नर्सिंग पदों की स्वीकृति देकर पदस्थापना करने पर विचार करेगा तथा कब तक?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) सागर में 320 शैयायुक्त जिला चिकित्सालय स्वीकृत है। भरती मरीजों की संख्या को दृष्टिगत रखते हुए 124 अतिरिक्त बिस्तरों की व्यवस्था कर मरीजों को स्वास्थ्य सुविधायें उपलब्ध कराई जा रही है। विशेषज्ञों के 34 एवं चिकित्सा अधिकारी के 15 पद स्वीकृत एवं 26 विशेषज्ञ व 15 चिकित्सक पदस्थ होकर कार्यरत हैं, विशेषज्ञ के 08 पद रिक्त हैं। नर्सिंग संवर्ग के 120 पद स्वीकृत एवं 80 कर्मचारी कार्यरत है, 40 पद रिक्त हैं। (ख) जी हाँ, 320 बिस्तरीय जिला चिकित्सालय के मान से पर्याप्त मात्रा में स्टॉफ उपलब्ध हैं। अतिरिक्त बिस्तरों हेतु उक्त स्टॉफ की सेवाओं का उपयोग किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्ष 2011 में पद स्वीकृति हेतु निर्धारित मापदण्ड अनुसार विशेषज्ञ/चिकित्सकों के पदों का पुर्नआवंटन/पुर्नवितरण किया गया है। 320 बिस्तर से 550 बिस्तरों के चिकित्सालय के उन्नयन हेतु स्वीकृति के संबंध में निर्धारित प्रक्रिया अनुसार प्रस्ताव प्राप्त होने पर यथोचित कार्यवाही की जावेगी।
बुन्देलखण्ड शास.मेडिकल कॉलेज में दवाओं की आपूर्ति
25. ( क्र. 5609 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में बुन्देलखण्ड शास. मेडिकल कॉलेज सागर में दवाएं खरीदने की क्या व्यवस्था है? कितने प्रतिशत हिस्सा केन्द्रीयकृत खरीदी के तहत प्रदान किया जाता है? कितने प्रतिशत स्थानीय स्तर पर खरीदी करने का अधिकार है? (ख) सागर नगर स्थित बुंदेलखण्ड शास.मेडिकल कॉलेज सागर में विगत 5 वर्षों में कितनी दवाएं केन्द्रीयकृत खरीदी के तहत प्राप्त हुई तथा कितनी दवाइयां स्थानीय स्तर पर खरीदी की गई है? (ग) क्या विगत काफी समय से बुन्देलखण्ड शास.मेडिकल कॉलेज सागर को कोई दवाइयां प्रदान नहीं की गई हैं? यदि हाँ, तो इसके क्या कारण है? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या शासन स्तर पर दवाओं की आपूर्ति निरंतर सुनिश्चित की जायेगी और कब तक?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) वर्तमान में बुन्देलखण्ड शासकीय मेडिकल कॉलेज सागर में दवायें म.प्र. हेल्थ कार्पोरेशन के माध्यम से खरीदी के तहत की जाती हैं। 100 प्रतिशत केन्द्रीयकृत खरीदी के तहत की जाती हैं। किन्तु केन्द्रीयकृत व्यवस्था से औषधि प्राप्त न होने पर एवं चिकित्सालय में आपातकालीन स्थिति निर्मित होने की अवस्था में कुल उपलब्ध बजट का 20 प्रतिशत तक स्थानीय स्तर पर खरीदी की जा सकती हैं। (ख) बुन्देलखण्ड शासकीय मेडिकल कॉलेज सागर में विगत 5 वर्षों में दवाइयों की जानकारी निम्नानुसार हैं :-
वर्ष |
प्राप्त आवंटन |
स्थानीय क्रय |
सी.पी.सी./मेडिकल कार्पोरेशन |
व्यय |
2011-12 |
180 लाख |
159.32 लाख |
19.73 लाख |
179.05 लाख |
2012-13 |
239.20 लाख |
239.20 लाख |
निरंक |
239.20 लाख |
2013-14 |
400 लाख |
127.25 लाख |
निरंक |
127.25 लाख |
2014-15 |
150 लाख |
126.36 लाख |
निरंक |
126.36 लाख |
2015-16 |
160 लाख |
71.2 लाख |
32.16 लाख |
103.36 लाख |
(ग) मेडिकल कॉलेज में दवाइयों को उपलब्ध कराने हेतु म.प्र. हेल्थ कार्पोरेशन आपूर्ति हेतु क्रय आदेश जारी किये जाते हैं एवं समय-समय पर कार्पोरेशन से चिकित्सालय में औषधियाँ प्राप्त हुई तथा समस्त मरीजों को निःशुल्क वितरित की गई। (घ) औषधियाँ समस्त मरीजों को निःशुल्क रूप से निरन्तर प्रदाय की जा रही हैं शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बरगी के स्वास्थ्य केन्द्रों में रिक्त चिकित्सकों के पदों की पूर्ति
26. ( क्र. 5628 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरगी विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कौन-कौन से स्वास्थ्य केन्द्र संचालित हैं? उक्त स्वास्थ्य केन्द्रों में केन्द्रवार कितने-कितने चिकित्सकों, चिकित्सा विशेषज्ञों के कितने पद स्वीकृत हैं? (ख) कितने पद एवं कौन-कौन सी विधा के रिक्त हैं? रिक्त चिकित्सकों एवं विशेषज्ञ चिकित्सकों के पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट में वर्णित है। विभाग विशेषज्ञों के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु निरंतर पदोन्नति की कार्यवाही कर रहा है एवं चिकित्सकों की पदपूर्ति हेतु मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से 1896 पदों हेतु भर्ती प्रक्रिया प्रचलन में है। चयन सूची प्राप्त होने पर उपलब्धता अनुसार पदस्थापना संबंधी कार्यवाही की जावेगी। विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी के कारण विशेषज्ञ के पदों की पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
शास.अस्पतालों हेतु औषधी क्रय हेतु प्राप्त आवंटन व व्यय बाबत्
27. ( क्र. 5668 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय अस्पतालों से मरीजों को वितरित की जा रही नि:शुल्क दवाइयां आदि विभागीय इकाइयों द्वारा निर्मित की जाती है अथवा निर्माता कम्पनियों से क्रय कर वितरित की जाती है? यदि क्रय की जाती है तो किस स्तर पर कितनी मात्रा में क्रय करने के अधिकार किस स्तर की क्रय समिति को है व औषधी की दर के निर्धारण व सत्यापन संबंधी क्या मापदण्ड निर्धारित हैं? (ख) क्रय समिति का कार्यकाल कितने समय का रहता है व उसमें कितने सदस्य शासकीय कर्मचारी व कितने गैर शासकीय सदस्य रहते हैं? गैर शासकीय सदस्य के नामांकन का अधिकार किसे है व उसकी योग्यता व चयन के क्या मापदण्ड निर्धारित है? (ग) धार जिले में वर्ष 2013 से अब तक प्रतिवर्ष औषधी क्रय हेतु किस-किस संस्था को कितनी-कितनी राशि प्रदाय की गयी? संस्थाओं द्वारा किस-किस दर पर किन-किन फर्मों से औषधियां क्रय की गई?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) शासकीय अस्पतालों से मरीजों को वितरित की जाने वाली निःशुल्क दवाइयां निर्माता कंपनियों से क्रय कर वितरित की जाती है। क्रय की प्रक्रिया जिला स्तर पर कुल वार्षिक मरीजों की संख्या के आंकलन पर आवश्यकता एवं मांग अनुसार कुल आवंटित बजट का 80 प्रतिशत शासन स्तर पर अनुबंधित दरों पर अनुबंधित फर्मो से एवं 20 प्रतिशत स्थानीय स्तर पर क्रय किये जाने का प्रावधान है। क्रय किये जाने का अधिकार जिला स्तर पर सक्षम अधिकारी को जिला स्तर की तकनीकी समिति अनुशंसा पश्चात एक इंडेट हेतु कुल राशि बीस लाख रूपये तक खर्च किये जाने का प्रावधान है। औषधि की दरों का निर्धारण संचालनालय स्वास्थ्य सेवाओं अथवा म.प्र.पब्लिक हेल्थ कारपोरेशन द्वारा ई-निविदा के माध्यम से किया जाता हैं इसके अतिरिक्त अन्य दवाइयों की आवश्यकता होने पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी/सिविल सर्जन द्वारा स्थानीय क्रय किया जाता है। औषधियां के सत्यापन संबंधी कार्य दवा नीति 2009 के अंतर्गत जिला स्तर पर स्टोर अधिकारी, स्टोर कीपर, फर्मासिस्ट के द्वारा औषधियों के डब्ल्यू.एच.ओ. व जी.एम.पी. सर्टिफाइड होने संबंधी सत्यापन कार्य किया जाता है व औषधि की गुणवत्ता संबंधी सत्यापन कार्य शासन स्तर से अनुबंधित राष्ट्रीयकृत एन.ए.बी.एल. प्रयोगशालाओं व स्थानीय औषधि निरीक्षक से जाँच कराई जाती है। (ख) क्रय समिति का कार्यकाल 01 वित्तीय वर्ष (अप्रैल से मार्च) तक रहता हैं जिसमें सभी सदस्य शासकीय होते है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) औषधि बजट आवंटन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकरी/सिविल सर्जन को किया जाता है जो निम्नानुसार हैः-
वर्ष |
आवंटन |
वर्ष 2013-14 |
43526395 |
वर्ष 2014-15 |
29204646 |
वर्ष 2015-16 |
27173560 |
क्रय की गई औषधि की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
अस्पतालों की सफाई व्यवस्था
28. ( क्र. 5670 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय अस्पतालों में पूर्व में संस्था द्वारा सफाई आदि कार्य हेतु नमेत्तिक सफाईकर्मियों की नियुक्तियां कर उन्हें अंशकालीन कलेक्टर दर पर वेतन/मानदेय का भुगतान कर उनसे सफाई आदि कार्य करवाया जाता था? (ख) क्या विगत कुछ वर्षों से उक्त कार्य शासन निर्देशों के तहत विभाग द्वारा समाज सेवी संस्थाओं (एन.जी.ओ.) को टेण्डर पर नियत अवधि के लिये सौंपा जा रहा है? (ग) क्या विभाग स्तर से टेण्डर पर कार्यरत अधिकांश संस्थाओं द्वारा सफाईकर्मियों को अत्यन्त न्यून दर पर मजदूरी का भुगतान किया जाकर उनका आर्थिक शोषण किया जा रहा है तथा संस्था का कोई नियंत्रण नहीं होने से सफाई कार्य भी व्यवस्थित नहीं किया जाता है? (घ) यदि हाँ, तो क्या विभाग इस अव्यवस्था एवं सफाईकर्मियों के साथ किये जा रहे आर्थिक/सामाजिक शोषण की ओर ध्यान देकर एवं वस्तुस्थिति ज्ञात करने हेतु विस्तृत जाँच करवाकर व्यवस्था परिवर्तन की दिशा में कोई ठोस कदम उठायेगा? यदि हाँ, तो समयावधि बतावें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। निजी संस्थाओं को खुली निविदा कर नियत अवधि के लिये अनुबंध कर सौंपा गया है। (ग) जी नहीं। टेण्डर संचालनालय स्तर से जारी नहीं किये गये विभाग द्वारा समस्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी/सिविल सर्जन को स्पष्ट निर्देश दिये गये है कि आउटसोर्स एजेन्सी के माध्यम से साफ-सफाई कार्य हेतु नियुक्त कर्मियों को निर्धारित कलेक्टर दर पर ई-पेमेंट के माध्यम से मजदूरी (वेतन) का भुगतान किया जाये। टेण्डर जिला स्तर से जारी किये गये है। विभाग द्वारा साफ-सफाई कार्य की समीक्षा के दौरान यह बात ध्यान में आई है कि कुछ जिलों में एजेन्सी द्वारा साफ-सफाई कर्मियों को निर्धारित कलेक्टर दर पर ई-पेमेंट के माध्यम से वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा हैं। इस संबंध में संबंधित सी.एम.ओ को कारण बताओ नोटिस जारी किये गये है। साफ-सफाई व्यवस्था की समीक्षा संस्था प्रमुख, आर.एम.ओ. द्वारा की जाती है। (घ) जाँच की जा रही है। यथासंभव शीघ्र। समयावधि बताई जाना संभव नहीं।
स्वास्थ्य केन्द्रों में जाँच की सुविधा
29. ( क्र. 5792 ) श्री सूर्यप्रकाश मीना : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला विदिशा अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में कितने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं सी.एस.सी. केन्द्रों में सोनोग्राफी एवं एक्सरे, पैथोलॉजी की सुविधा है? (ख) क्या ऐसे स्वास्थ्य केन्द्र जो ग्रामीण क्षेत्र में संचालित हैं में एक्सरे, पैथोलॉजी, सोनोग्राफी की सुविधा नहीं होने से ग्रामीण क्षेत्र की जनता को गंभीर रूप से परेशानियों का सामना करना पड़ता है? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हाँ, तो शासन ग्रामीण क्षेत्रों में एवं तहसील मुख्यालयों पर उक्त जांचों की सुविधा उपलब्ध कराये जाने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक, नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) विदिशा जिले के समस्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में पैथालॉजी की सुविधा उपलब्ध है एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तरीय संस्थाओं में एक्सरे एवं सोनोग्राफी सुविधा का प्रावधान नहीं है। जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पीपलखेड़ा, ग्यारसपुर, शमशाबाद, त्यौंदा, लटेरी, कुरवाई, नटेरन में एक्सरे एवं पैथालॉजी की सुविधा उपलब्ध है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तरीय संस्थाओं में सोनोग्राफी सुविधा का प्रावधान नहीं है। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश (क) के उत्तर के परीप्रेक्ष्य में मरीजों की जाँच अन्य चिकित्सा संस्थानों में कराई जाती है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परीप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आँगनवाड़ी भवनों के निर्माण कार्य
30. ( क्र. 5800 ) श्री सूर्यप्रकाश मीना : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला विदिशा अंतर्गत वर्ष 2011 से वर्ष 2016 31 जनवरी तक कितने आँगनवाड़ी भवन निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये? विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करायें? कितने आँगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन हैं? (ख) प्रश्नांश (क) क्रम में स्वीकृत आँगनवाड़ी भवनों में से कितने पूर्ण एवं कितने अपूर्ण एवं कितने अप्रारंभ है? (ग) प्रश्नांश (ख) में कार्य अपूर्ण एवं अप्रारंभ रहने के कारण सहित जानकारी दें एवं कार्य कब तक प्रारंभ अथवा पूर्ण किये जायेगें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) विदिशा जिले के अंतर्गत वर्ष 2011 से 31 जनवरी वर्ष 2016, तक कुल 48 आँगनवाड़ी भवन के निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये है। विदिशा जिले में कुल 1855 संचालित आँगनवाड़ी केन्द्रों में 563 आँगनवाड़ी भवन विभागीय, 643 आँगनवाड़ी भवन अन्य शासकीय, एवं 650 आँगनवाड़ी भवन किराये के भवनों (भवन विहीन) में संचालित है। विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) कुल स्वीकृत 48 आँगनवाड़ी भवनों में से 40 आँगनवाड़ी भवन पूर्ण, 07 आँगनवाड़ी भवन निर्माणाधीन है। 01 आँगनवाड़ी भवन के निर्माण कार्य की प्रक्रिया प्रचलन में है। (ग) प्रश्नांश ‘ख’ के उत्तरांश में उल्लेखित सभी 08 अपूर्ण/अप्रारंभ आँगनवाड़ी भवन वित्तीय वर्ष 2015-16 में स्वीकृत किये गये है। जिसमें से 07 आँगनवाड़ी भवनों का निर्माण कार्य प्रगतिरत है एवं 01 अप्रारंभ आँगनवाड़ी भवन निर्माण की कार्यवाही प्रचलन में है।
पाटन अंतर्गत स्वास्थ्य सेवाओं के रिक्त पद
31. ( क्र. 5931 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पाटन विधानसभा अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पाटन एवं मझौली तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कंटगी, लमकना, इन्द्राना, जिला जबलपुर में कौन-कौन से पद स्वीकृत है? स्वीकृत पदों के अनुरूप कौन-कौन पदस्थ है तथा कौन-कौन से पद कब से रिक्त है? बतलावें केन्द्रवार सूची देवें? (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा 4 जुलाई 2014 को विधानसभा में पूछे गये अतारांकित प्रश्न संख्या 41 ( क्रमांक 984) के उत्तर में आर.सी.एच. कार्यक्रम अंतर्गत संविदा चिकित्सकों की भर्ती की कार्यवाही जिलास्तर पर निरंतर जारी होने की जानकारी दी गई एवं प्रश्नकर्ता द्वारा विधानसभा में 24 जुलाई 2015 को पूछे गये परि.अता. प्रश्न संख्या 65 (क्रमांक 1077) के उत्तर में पाटन स्वास्थ्य केन्द्र हेतु 2 तथा मझौली हेतु 03 रिक्तियों पर चिकित्सकों की शीघ्र नियुक्ति करने हेतु कहाँ गया था तथा इसी प्रश्न के कंडिका (घ) का उत्तर में बतलाया गया कि चिकित्सा महाविद्यालयों में कैम्पस सेलेक्शन की कार्यवाही की गई है एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के आदेश क्रमांक एन.एच.एम/एच.आर/2015/7143 दिनांक 04.07.2015 के द्वारा एक निश्चेतना योग्यता चिकित्सक की पदस्थापना की गई है? (ग) यदि हाँ, तो मांग अनुसार अभी तक एक भी डॉक्टर की पदस्थापना न होने के क्या कारण है? प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में हुई प्रगति से अवगत करावें एवं शासन ग्रामीणजनों की आवश्यकताओं को देखते हुए क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित रिक्त पदों के अनुरूप चिकित्सकों एवं मैदानी अमले की नियुक्ति करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ, एन.एच.एम. अंतर्गत स्नातक चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती प्रक्रिया जिला स्तर पर जारी है एवं स्नात्कोत्तर चिकित्सकों की पदस्थापना एन.एच.एम मुख्यालय द्वारा निरंतर की जा रही है। जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ, निश्चेतना योग्यता के चिकित्सक की पदस्थापना की गई थी परन्तु इनके द्वारा कार्यग्रहण नहीं किया गया। (ग) जी नहीं, वर्ष 2015 में लोक सेवा आयोग के चयन पश्चात एक चिकित्सक डॉ. निधि शर्मा, की पदस्थापना सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मझौली में की गई है। विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी के कारण पदपूर्ति किये जाने में कठिनाई हो रही है। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पडवार, कटंगी, इन्द्राना, बोरिया में एक-एक चिकित्सक पदस्थ होकर कार्यरत हैं। विशेषज्ञों/चिकित्सकों/पैरामेडिकल स्टॉफ के रिक्त पदों की कार्यवाही निरंतर जारी है। लोक सेवा आयोग के माध्यम से 1896 चिकित्सकों की भर्ती की कार्यवाही प्रचलन में है, उपलब्धता अनुसार पदपूर्ति संबंधी कार्यवाही की जावेगी।
मृतक अमित साकेत की जाँच
32. ( क्र. 5970 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवाजिले के थाना बिछिया में मर्ग क्र. 14/15 धारा 174/जा.फौ./दर्ज है? मर्ग सदर में मृतक दीपू उर्फ अमित साकेत पिता श्री शारदा प्रसाद साकेत उम्र 19 वर्ष निवासी सिलपरा का पी.एम. कराया गया था तथा मृतक का मृत्यु प्रमाण पत्र अनु. क्र. 28 रजिस्ट्रीकरण क्र. 23/639 दिनांक 27.11.15 को कार्यालय संयुक्त संचालक अधीक्षक गांधी स्मारक चिकित्सालय हुजूर रीवा म.प्र. द्वारा जारी किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि हाँ, तो उक्त मृतक के पिता श्री शारदा प्रसाद साकेत द्वारा पोस्टमार्टम की कापी सूचना के अधिकार अंतर्गत चाही गयी थी जिसके बारे में कार्यालय संयुक्त संचालक गांधी स्मारक एवं अधीक्षक कार्यालय द्वारा पत्र क्र. 610 दिनांक 20.01.16 के द्वारा दिनांक 27 एवं 28.11.15 को पोस्टमार्टम न होना बताया गया है जबकि पोस्टमार्टम की कापी में 27.11.15 दर्ज होना पाया गया तथा सी.एम.हेल्प लाइन की शिकायत क्र. 1115626 दिनांक 11.01.16 के निराकरण बताया गया है कि डॉ. रिपोर्ट में पानी में डूबने से उक्त मृतक की मृत्यु होने का लेख किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के संदर्भ में यदि हाँ, तो क्या पीड़ित पिता श्री शारदा साकेत के द्वारा की गई शिकायत, पुलिस अधीक्षक, कलेक्टर रीवा डी.जी.पी. भोपाल आदि अधिकारियों को दिये गये आवेदन पत्रों की जाँच कराई गई है? यदि हाँ, तो पीड़ित पिता को न्याय दिलाने हेतु कब तक उच्च स्तरीय जाँच कराई जावेगी तथा थाना एवं अस्पताल के लापरवाह दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगे?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी हाँ। दिनांक 25.11.2015 को चिकित्सालय में एक अज्ञात व्यक्ति का शव बिछिया पुलिस द्वारा पोस्टमार्टम हेतु लाया गया जिसे पोस्टमार्टम पंजी में अज्ञात व्यक्ति के नाम से प्रविष्ट किया गया तथा प्रभारी अधिकारी आकस्मिक चिकित्सा विभाग के पत्र क्र. 676 दिनांक 14.03.2016 द्वारा दी गई जानकारी अनुसार दिनांक 27.11.2015 को अज्ञात शव की पहचान बिछिया पुलिस द्वारा दीपू उर्फ अमित साकेत पिता श्री शारदा प्रसाद साकेत निवासी सिलपरा थाना बिछिया की गई। मृतक का नाम ज्ञात होने पर ही दिनांक 27.11.2015 को पोस्टमार्टम किया गया किंतु लिपिकीय त्रुटिवश अज्ञात के स्थान पर मृतक का नाम प्रविष्ट नहीं किया गया। मृतक के परिजन द्वारा दिनांक 04.02.2016 को मृत्यु प्रमाण पत्र हेतु आवेदन दिए जाने पर रजिस्ट्रीकरण क्रमांक 23/639 दिनांक 04.02.2016 जन्म मृत्यु गांधी स्मारक चिकित्सालय रीवा द्वारा जारी किया गया है। (ख) उपरोक्त ’क’ में दर्शाए अनुसार लिपिकीय त्रुटि की स्थिति में प्रभारी अधिकारी आकस्मिक चिकित्सा विभाग के पत्र क्रमांक 592 दिनांक 14.01.2016 द्वारा सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत दी गई जानकारी अनुसार संयुक्त संचालक एवं अधीक्षक, संजय गांधी चिकित्सालय के पत्र क्रमांक 610 दिनांक 20.01.2016 द्वारा जानकारी दी गई थी जिसे बाद में संशोधित कर जानकारी आवेदक को उपलब्ध करा दी गई है। (ग) जी हाँ। शिकायत पत्रों की जाँच पर मृतक की मृत्यु के संबंध में किसी प्रकार का संज्ञेय अपराध घटित होना नहीं पाया गया। मृतक के पिता श्री शारदा प्रसाद साकेत द्वारा पुलिस अधीक्षक रीवा को प्रस्तुत शिकायत पत्रों की जाँच नगर पुलिस अधीक्षक, रीवा से कराई गई, जाँच में थाना स्तर पर किसी प्रकार की लापरवाही नहीं पाई गई। उपरोक्त एवं प्रश्नांश ’ख’ में दी गई जानकारी के आधार पर अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही के कोई आधार नहीं हैं।
जनसुनवाई के आए लोगों के विरूद्ध कार्यवाही
33. ( क्र. 6002 ) श्री दिनेश राय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी जिले अंतर्गत दिनांक 9 फरवरी, 2016 दिन मंगलवार को एसपी ऑफिस में जनसुनवाई के दौरान आए 33 शिकायकर्ताओं को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था? यदि हाँ, तो कारण बताये? (ख) प्रश्नांश (क) मामले की जानकारी प्राप्त करने पहुंचे मीडियाकर्मियों को भी तस्वीरें लेने और अंदर आने से रोका गया? यदि हाँ, क्यों? (ग) प्रश्नांश (ख) प्रकरण में किन-किन व्यक्तियों के विरूद्ध कौन-कौन सी धाराएं लगाई गई अवगत करावें?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी नहीं, दिनांक 09.02.2016 दिन मंगलवार को एसपी आफिस में जन सुनवाई के दौरान आए किसी भी शिकायतकर्ता को गिरफ्तार नहीं किया गया है। लेकिन उक्त दिनांक को जन सुनवाई की कार्यवाही के बाद थाना कोतवाली, सिवनी के अपराध क्र0 112/16 धारा 147, 148, 149, 294, 323, 307 भा.द.वि. एवं 3 (1) (द) (ध) एवं 3 (2) (अक) अनु.जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम, 1989 के आरोपीगण के समर्थन में ग्राम लुघरवाड़ा के लोग एवं विधि विरूद्ध जमाव के रूप में प्रदर्शन व नारेबाजी करते हुए पुलिस अधीक्षक कार्यालय पर आये थे। उक्त भीड़ के द्वारा इस तरह प्रदर्शन के लिए कोई वैध पूर्वानुमति पुलिस अधिनियम, 1861 के संबंधित प्रावधान के अनुसार प्राप्त नहीं की गई थी। उक्त अनियंत्रित भीड़ के 33 व्यक्तियों के विरूद्ध थाना कोतवाली पर अपराध क्रमांक 124/15 धारा 143 भा.द.वि. के अंतर्गत पंजीबद्ध किया गया तथा उपरोक्त भीड़ के द्वारा लोक परिशांति भंग कर संज्ञेय अपराध घटित किए जाने की संभावना के दृष्टिगत उपरोक्त 33 व्यक्तियों को धारा 151 द.प्र.सं. के अंतर्गत गिरफ्तार भी किया गया था। थाना कोतवाली सिवनी के अपराध क्रमांक 112/16 व प्रतिबंधात्मक कार्यवाही का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं किसी भी मीडियाकर्मी को तस्वीरें लेने से तथा अंदर आने से नहीं रोका गया था। (ग) प्रश्नांश ’ग’ की वांछित जानकारी संलग्न परिशिष्ट में समाहित है।
महिला कार्यकर्ताओं की नियुक्ति
34. ( क्र. 6051 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) श्योपुर जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा दिनांक 01.01.2015 से वर्तमान तक किन-किन आँगनवाड़ी केन्द्रों के रिक्त पदों पर महिला कार्यकर्ताओं की नियुक्ति की? इस हेतु जारी विज्ञप्ति एवं नियुक्तियों हेतु अमल में लाई गई प्रक्रिया से संबंधित अभिलेखों की जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) विभाग द्वारा उक्त नियुक्तियां करने उपरांत जारी अंतिम सूची में नगर पालिका श्योपुर के वार्ड क्रमांक 12 के केन्द्र के रिक्त पद पर रेहाना अंसारी का नाम वरीयता क्रमांक एक पर अंकित था के संबंध में समीम बानों द्वारा आपत्ति दर्ज कराई थी? (ग) यदि हाँ, तो रेहाना अंसारी का नियुक्ति पत्र जारी करने के पूर्व उक्त आपत्ति का निराकरण जिला स्तरीय चयन समिति से कराकर अनुमोदन करा लिया गया था? यदि हाँ, तो किस दिनांक को? यदि नहीं, तो बिना अनुमोदन रेहाना अंसारी का नियुक्ति आदेश किस आधार पर, किसके द्वारा कैसे जारी किया गया? (घ) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित अवधि में की गई नियुक्तियों में कई पात्र आवेदिकाओं को अनदेखा कर अपात्र आवेदिकाओं की नियुक्ति अनियमित रूप से की गई? यदि नहीं, तो क्या शासन उक्त नियुक्तियों में बरती गई अनियमितताओं की जाँच करवायेगा तथा पात्र आवेदिकाओं को नियुक्ति का अवसर देगा? यदि नहीं, तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) श्योपुर जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा दिनांक 01.01.2015 से वर्तमान तक 08 आँगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं 09 सहायिका तथा 02 उप आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु विज्ञप्ति जारी कर आवेदन पत्र प्राप्त किये गये तथा खंड स्तरीय चयन समिति द्वारा प्राप्त आवेदनों का परीक्षण कर अंतिम सूची जारी की गई है। जिस पर नियमानुसार प्राप्त दावे/आपत्ति की जाँच कराई गई है। दावे/आपत्तियों के निराकरण हेतु जिला स्तरीय समिति की बैठक होना शेष है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। (ग) रेहाना अंसारी का नियुक्ति आदेश अभी जारी नहीं किया गया है। जिला स्तरीय दावे आपत्ति निराकरण समिति की बैठक होना शेष है। निराकरण उपरान्त ही नियुक्ति आदेश जारी किया जाएगा। (घ) जी नहीं। आँगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिकाओं के शासन द्वारा निर्धारित नियुक्ति निर्देशानुसार ही नियुक्ति प्रक्रिया का पालन किया गया है। अतः शेष का प्रश्न ही नहीं होता।
स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत सेवानिवृत्त अधिकारी/कर्मचारी
35. ( क्र. 6224 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर संभाग के स्वास्थ्य विभाग में किस-किस अधिकारी/कर्मचारी की सेवायें सेवानिवृत्ति उपरांत पुन: विभाग द्वारा वर्तमान में ली जा रही है व कब से? (ख) क्या उन्हें वर्तमान में देय वेतन/मानदेय की राशि नियमानुसार उन्हें देय पेंशन राशि को काटकर भुगतान की जानी चाहिए? यदि हाँ, तो क्या उक्त नियम का पालन किया जा रहा है यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें? क्या किसी अधिकारी/कर्मचारी को बिना पेंशन काटे ही वेतन/मानदेय राशि का भुगतान किया जा रहा है? यदि हाँ, तो उनके नाम, पद सहित जानकारी उपलब्ध करावें एवं कारण स्पष्ट करें? (ग) पेंशन सहित वेतन/मानदेय का भुगतान किए जाने हेतु कौन-कौन दोषी है व उनके विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा? अतिरिक्त भुगतान की गयी राशि को शासन संबंधितों से कब तक मय ब्याज के वसूल करने की कार्यवाही करेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश ’’ख’’ अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
परिशिष्ट – '' सत्रह ''
विचाराधीन सजायाप्ता कैदी
36. ( क्र. 6267 ) श्री गिरीश गौतम : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केन्द्रीय जेल रीवा की कैदी (विचाराधीन, सजायाप्ता) रखने की क्षमता क्या है तथा वर्तमान में कितने कैदी (विचाराधीन, सजायाप्ता) निरूद्ध हैं? 02 वर्ष से प्रश्न दिनांक तथा निरूद्ध कैदियों की संख्या औसतन प्रतिदिन कितनी है? (ख) क्या कैदियों को निरूद्ध रखने की क्षमता वृद्धि हेतु नए बैरक बनाए जाने की कार्यवाही हुई है जिसमें कार्य भी शुरू किया गया है? यदि हाँ, तो कुल कितने बैरक बनाए जाने हैं तथा कितनी राशि का प्रावधान किया गया है तथा कितने बैरक का कार्य शुरू होकर कार्य बंद कर दिया गया है? कार्य कब से बंद है और क्यों? कारण बताएं तथा बैरक बनाने का कार्य कब तक शुरू कर दिया जायेगा तथा कब तक बैरक बनाकर कैदियों को निरूद्ध करने की क्षमता में वृद्धि कर दी जायेगी?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रहरी एवं अन्य स्टॉफ
37. ( क्र. 6271 ) श्री गिरीश गौतम : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केन्द्रीय जेल रीवा में कुल कितने प्रहरी एवं अन्य स्टॉफ के पद सृजित हैं? पदवार संख्या बतावें। (ख) केन्द्रीय जेल रीवा में वर्तमान में कितने प्रहरी तैनात हैं तथा अन्य पदों में भी सृजित पदों में कितनी संख्या कम है तथा प्रहरी एवं अन्य पदों में भी पद पूर्ति कब तक की जायेगी?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) केन्द्रीय जेल रीवा में प्रहरी के 134 पद तथा 69 अन्य पद सृजित हैं। पदवार संख्या संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) केन्द्रीय जेल रीवा में 60 प्रहरी पदस्थ हैं तथा प्रहरी सहित अन्य कुल 90 पद रिक्त हैं। इन पदों की पूर्ति मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग/मध्यप्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मण्डल एवं पदोन्नति के माध्यम से की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
मुरैना देवगढ़ पुलिस द्वारा जप्त ट्रेक्टर
38. ( क्र. 6279 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या देवगढ़ पुलिस मुरैना द्वारा जप्त ट्रैक्टर क्रमांक MP 06 AA 5009 को वन विभाग को सुपुर्द किया गया था? पुलिस द्वारा वन विभाग को कब सूचना दी गई। सूचना लिखित वायरलैस, मोबाईल फोन से किस दिनांक, समय पर दी गई? (ख) क्या उक्त ट्रैक्टर को वन विभाग की टॉस्क फोर्स द्वारा राष्ट्रीय चम्बल अभ्यारण्य की सीमा से जप्त ना कर देवगढ़ थाना परिसर से ही राजसात की कार्यवाही की गई? क्यों? (ग) क्या उक्त ट्रैक्टर दुर्घटना में पकड़कर ग्राम खुलावली से रेत भरा गया था, जो वहां पहले से डम्प किया जाता रहा है। (घ) क्या वन विभाग द्वारा थाना देवगढ़ परिसर में पुलिस द्वारा दुर्घटना में जप्त ट्रैक्टर के खिलाफ राजसात की कार्यवाही करना गैर कानूनी नहीं है?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी नहीं। ट्रैक्टर क्रमांक एम.पी. 06 एए 5009 पुलिस द्वारा वन विभाग को सुपुर्दगी पर नहीं दिया गया है। थाना देवगढ़, जिला मुरैना के अपराध क्रमांक 89/15 धारा 304-ए, भा.द.वि. की विवेचना के संबंध में उक्त ट्रैक्टर दिनांक 01.12.2015 को ग्राम खुलावली में उपरोक्त प्रकरण के घटना स्थल से जब्त किया गया था। उक्त ट्रैक्टर की ट्राली में रेत भरी होने से प्रकरण की विवेचना के दौरान थाना प्रभारी देवगढ़ द्वारा पत्र दिनांक 01.12.2015 के द्वारा माइनिंग अधिकारी, मुरैना तथा पत्र दिनांक 12.12.2015 के द्वारा राष्ट्रीय चंबल अभ्यारण (वन विभाग) देवरी, जिला मुरैना के रेंजर को पत्र लिखकर जब्तशुदा ट्रैक्टर में भरी रेत के संबंध में आवश्यक कार्यवाही हेतु लिखा गया था। (ख) जी हाँ। देवगढ़ थाना प्रभारी के प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्र से गेम रेंजर राष्ट्रीय चंबल अभ्यारण्य को कार्यवाही हेतु लेख किया गया था जिस पर वन अपराध प्रकरण क्रमांक 9862 /07 दिनांक 12.12.2015 दर्ज किया गया। वन विधि अनुसार वन अपराध में लिप्त वाहन के राजसात की कार्यवाही वन विभाग द्वारा की जा रही है। (ग) जी नहीं, घटना दिनांक 01.12.2015 को ट्रैक्टर क्रमांक एम.पी. 06एए 5009 की ट्राली में दुर्घटना घटित करने के पूर्व से ही रेत भरी हुई थी। (घ) प्रकरण में जब्त ट्रैक्टर में लगी ट्राली में पूर्व से ही रेत भरा हुआ था जिस पर विधि अनुसार कार्यवाही की जा रही है।
राजगढ़ में संचालित सोसायटी उपभोक्ता
39. ( क्र. 6335 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सहकारिता विभाग अंतर्गत राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में कहाँ-कहाँ पर सोसायटी, उपभोक्ता भण्डार एवं उचित मूल्य की दुकानें संचालित है? (ख) उक्त सोसायटी, उपभोक्त भण्डार एवं उचित मूल्य की दुकानें किनके द्वारा और कब से संचालित की जा रही है? प्रत्येक सोसायटी, उपभोक्ता भण्डार एवं उचित मूल्य की दुकानों पर कौन-कौन सी, कितनी-कितनी सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है सचिव एवं सेल्समेन के नाम सहित सामग्री की जानकारी देवें। (ग) क्या पात्र हितग्राहियों को राशन अब मशीनों के माध्यम से उपलब्ध कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो उन उचित मूल्य की दुकानों की जानकारी उलब्ध करावें जहाँ मशीनों से वितरण हो रहा है? क्या मशीनों के वितरण किये जाने की कोई शिकायत प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो क्या? उनका क्या निराकरण किया गया? (घ) क्या राजगढ़ विधानसभा में प्रश्न दिनांक तक ऐसे कोई हितग्राही है जिनके पास राशन की पात्रता पर्ची होते हुये भी उन्हें राशन उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों? कारण सहित जानकारी उपलब्ध करावें?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ग) जी हाँ। समस्त दुकानों पर। जी हाँ। नवीन वितरण व्यवस्था के प्रारम्भ में पी.ओ.एस. मशीन के माध्यम से वितरण में छोटी-छोटी कमी परिलक्षित हो रही हैं। जिसे यथासमय दूर की जा रही है। (घ) पात्रता पर्ची धारी सभी हितग्राहियों के लिए राशन उपलब्ध कराया जा रहा है। शेष भाग का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
वेयर हाउस में धान भण्डारण
40. ( क्र. 6377 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में वर्ष 2015-16 में किन स्थानों पर धान उपार्जन केन्द्र बनाये गये? प्रत्येक केन्द्र से 10 किलोमीटर की सीमा में कौन-कौन शासकीय, अशासकीय वेयर हाउस, केन्द्रों से कितनी-कितनी दूरी पर स्थित है। (ख) प्रश्नांश (क) में कौन-कौन वेयर हाउसों में किन-किन खरीद केन्द्रों की धान का कब-कब भंडारण किया गया? केन्द्रों से वेयर हाउसों की कितनी-कितनी दूरी थी एवं इस भंडारण में कितना-कितना परिवहन व्यय का भुगतान किया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) में भंडारण के क्या-क्या आदेश, किस सक्षम प्राधिकारी ने कब-कब किये और अनुबंध के बाद कौन-कौन वेयर हाउस भंडारण से कितने खाली रह गये एवं कौन-कौन वेयर हाउसों में, किन-किन कारणों से धान का भंडारण नहीं किया गया? (घ) खरीदी केन्द्र से वेयर हाउस तक और वेयर हाउस से राइस मिलों का परिवहन व्यय का निर्धारण किस प्रक्रिया नियमों के तहत, कितना-कितना किया गया? (ड.) क्या कई वेयर हाडस जो केन्द्रों एवं राईस मिलों से अन्य वेयर हाउसों की अपेक्षा अधिक दूरी पर है उनमें धान भंडारण किया गया है? यदि हाँ, तो किस नियम, आदेश के तहत, यदि नहीं, तो, सक्षम प्राधिकारी ऐसा न होने का सत्यापन करेंगे।
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) कटनी जिले में वर्ष 2015-16 में धान उपार्जन हेतु बनाये गये केन्द्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। उपार्जन केन्द्र से शासकीय/अशासकीय वेयरहाउस दूरी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।, (ख) समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान को गोदामवार, भण्डारण दिनांकवार एवं उपार्जन केन्द्र से वेयरहाउस की दूरी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। उपार्जित धान के परिवहन में हुए व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।, (ग) समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान के भण्डारण हेतु मध्यप्रदेश वेयर हाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक्स कार्पोरेशन एवं जिला स्तरीय समिति द्वारा जारी निर्देश/निर्णय की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। कटनी जिले में जिन वेयरहाउस में धान का भंडारण नहीं किया गया एवं भंडारण से रिक्त क्षमता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ई' अनुसार है। गोदाम में भंडारण न करने एवं भंडारण क्षमता रिक्त रहने का कारण भंडारण क्षमतानुसार धान का उपार्जन न होना है।, (घ) समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान को उपार्जन केन्द्र से गोदाम तक के परिवहन दर का निर्धारण ई-निविदा के माध्यम से तथा वेयर हाउस से राईस मिलों तक की परिवहन दर का निर्धारण राज्यस्तरीय स्टेंडिंग कमेटी द्वारा किया गया है। वर्ष 2015-16 में समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान को खरीदी केन्द्र से वेयर हाउस तक परिवहन करने में हुए व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।, (ड.) मध्यप्रदेश वेयर हाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक्स कार्पोरेशन द्वारा धान भण्डारण हेतु निजी गोदामों का चयन 'प्रथम आओं प्रथम पाओ' के सिद्धांत पर निर्धारित प्राथमिकता क्रम अनुसार शासकीय/पी.ई.जी. गोदामों के भरने के बाद किया गया है। उपार्जन केन्द्र एवं राईस मिलर्स से गोदाम की दूरी प्राथमिकता क्रम निर्धारण करने हेतु मुख्य आधार नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राज्य बीमारी सहायत अतंर्गत चिहिन्त बीमारियों में सहायता राशि स्वीकृत करने
41. ( क्र. 6428 ) श्री राजकुमार मेव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन द्वारा राज्य बीमारी सहायता योजनान्तर्गत कौन-कौन सी गंभीर बीमारियों को चिन्हाकिंत किया गया है एवं कौन-कौन सी बीमारियों के लिए कौन-कौन से निजी चिकित्सालयों को उपचार हेतु अधिकृत किया गया है? (ख) राज्य बीमारी सहायता योजनान्तर्गत चिहिन्त बीमारियों में लकवा (पैरालाईसीस) बीमारी को भी सम्मिलित किया गया है यदि नहीं, तो क्यों नहीं? क्या इस बीमारी को चिहिन्त बीमारियों में सम्मिलित किये जाने पर विचार किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब? (ग) खरगौन जिले में विधानसभा क्षेत्रवार वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक राज्य बीमारी सहायता योजनार्न्गत कितने मरीजों के प्रस्ताव एवं कितनी राशि के किस-किस बीमारियों के लिए प्राप्त हुये? उनमें से किन-किन बीमारियों के लिए कितनी-कितनी राशि के किस-किस चिकित्सालय को स्वीकृत करते हुऐ राशि उपलब्ध कराई गई?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जी नहीं। शासकीय अस्पतालों नि:शुल्क उपचार की व्यवस्था उपलब्ध है। वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार।
उप स्वास्थ्य केन्द्र खोलने एवं स्वास्थ्य केन्द्रों का उन्नयन
42. ( क्र. 6435 ) श्री राजकुमार मेव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक खरगोन जिले में विधानसभा क्षेत्रवार कहाँ-कहाँ, कितने नये, उप स्वास्थ्य केन्द्र खोलने, कितने उप स्वास्थ्य केन्द्र से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन एवं कितने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन किये जाने की स्वीकृति प्रदान कर खोले गये? (ख) वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र महेश्वर के अंतर्गत कहाँ-कहाँ, कितने नये, उप स्वास्थ्य केन्द्र खोलने, कितने उप स्वास्थ्य केन्द्र से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन एवं कितने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन किये जाने के प्रस्ताव पर शासन, आयुक्त स्वास्थ्य विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? क्या वर्ष 2016-17 के बजट में प्रस्तावों को सम्मिलित कर स्वीकृति की कार्यवाही की जावेगी? (ग) यदि हाँ, तो कौन-कौन से उप स्वास्थ्य केन्द्र एवं उन्नयन के प्रस्तावों को सम्मिलित किये जावेगे? बतावें? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रश्न भाग की जानकारी निरंक है। (ख) प्रश्नावधि में विधान सभा क्षेत्र महेश्वर के अंतर्गत ग्राम बाकानेर, ग्राम समराज, ग्राम गुजरमोहना, ग्राम करोंदिया माताजी में नवीन उप स्वास्थ्य केन्द्र की स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलन में है। नवीन उप स्वास्थ्य केन्द्रों की प्रशासकीय स्वीकृति उपरांत बजट प्रावधान किया जावेगा। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का सिविल अस्पताल में उन्नयन
43. ( क्र. 6532 ) कुँवर हजारीलाल दांगी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र खिलचीपुर अन्तर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खिलचीपुर एवं जीरापुर का सिविल अस्पताल में उन्नयन हेतु शासन स्तर पर क्या कार्यवाही प्रचलन में है? (ख) क्या सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खिलचीपुर एवं जीरापुर का उन्नयन सिविल अस्पताल में होगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खिलचीपुर एवं जीरापुर के सिविल अस्पताल में उन्नयन हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा कई बार पत्र व्यवहार किया गया है, परन्तु आज पर्यन्त तक सिविल अस्पताल में उन्नयन हेतु कोई पहल क्यों शुरू नहीं हो पाई है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। इस संदर्भ में प्रकरण का परीक्षण किया गया है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खिलचीपुर की बाह्य रोगियों एवं आंतरिक रोगियों की संख्या क्रमश: 115-120 व 20-22 एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जीरापुर की बाह्य रोगियों एवं आंतरिक रोगियों की संख्या क्रमश: 100-110 व 17-18 लगभग प्रतिदिन की है। वर्तमान संस्थाओं का पूरा उपयोग नहीं हो रहा है। प्रदेश में चिकित्सकों की निरंतर कमी भी है। अतः सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खिलचीपुर एवं जीरापुरा का सिविल अस्पताल में उन्नयन किया जाना संभव नहीं है। इससे माननीय विधायक महोदय को संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं के पत्र क्रमांक 83 दिनांक 27.02.2016 को अवगत भी कराया गया है।
आगनवाड़ी केन्द्रों का संचालन
44. ( क्र. 6534 ) कुँवर हजारीलाल दांगी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र खिलचीपुर अतंर्गत विकासखण्ड जीरापुर एवं खिलचीपुर में एकीकृत महिला एवं बाल विकास परियोजना में कितने आँगनवाड़ी केन्द्र एवं मिनी आँगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं? आँगनवाड़ी केन्द्रों में पदस्थ कार्यकर्ता एवं सहायिका के नाम एवं शैक्षणिक योग्यता सहित जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) क्या विधानसभा क्षेत्र खिलचीपुर जीरापुर अतंर्गत संचालित समस्त आँगनवाड़ी केन्द्रों के पास विभागीय भवन उपलब्ध है तथा कितने केन्द्र भवन विहीन है तथा कितने केन्द्र किराये के भवनों में संचालित है? (ग) क्या विधानसभा क्षेत्र खिलचीपुर जीरापुर अतंर्गत संचालित समस्त आँगनवाड़ी केन्द्रों को शासन विभागीय भवन निर्मित करा देगा? यदि हाँ, तो कब तक समय-सीमा बतावें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) राजगढ़ जिले की विधान सभा क्षेत्र खिलचीपुर में कुल 418 आँगनवाड़ी केन्द्र एवं 76 मिनी आँगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। विकासखंड जीरापुर में 256 आँगनवाड़ी केन्द्र 53 मिनी आँगनवाड़ी केन्द्र तथा विकासखंड खिलचीपुर में 162 आँगनवाड़ी केन्द्र एवं 23 मिनी आँगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। आँगनवाड़ी केन्द्रों में पदस्थ कार्यकर्ता एवं सहायिका के नाम एवं शैक्षणिक योग्यता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘क’ अनुसार है। (ख) विधानसभा क्षेत्र खिलचीपुर, जीरापुर अन्तर्गत संचालित 418 आँगनवाड़ी केन्द्रों में से 125 आँगनवाड़ी भवन विभागीय भवनों में, 113 आँगनवाड़ी भवन किराये के भवनों में तथा 180 अन्य शासकीय भवनों में संचालित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ख’ अनुसार है। (ग) भवन विहीन आँगनवाड़ी केन्द्रों के लिये ग्रामीण क्षेत्र में मनरेगा योजना के अभिसरण से (आई.पी.पी.ई./गैर आई.पी.पी.ई. विकासखंड में) आँगनवाड़ी भवन निर्माण की कार्य-योजना विचाराधीन हैं एवं शहरी क्षेत्र में राज्य आयोजना मद में राशि उपलब्ध होने पर आँगनवाड़ी भवन निर्माण की स्वीकृति दिए जाने की योजना हैं। आँगनवाड़ी भवनों का निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता हैं। अतः समय-सीमा दी जाना संभव नहीं हैं।
वेयर हाउस में नियम विपरीत भण्डारन
45. ( क्र. 6585 ) श्री गोपीलाल जाटव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मेसर्स शहीद चन्द्रावत लाजिस्टक्स ग्राम वरगढ़ फण्डा कुम्हारी तहसील जावरा जिला रतलाम को वेयर हाऊस संचालन अनुज्ञप्ति क्रमांक 2564 प्रदान की गई थी क्या जिस की भण्डारन क्षमता 5060 थी? (ख) यदि हाँ, तो उक्त वेयर हाऊस में अनाज तिलहन एवं कच्चे मसाले भण्डारन की अनुमति दी गई थी क्या पृथक से अन्य वस्तु की अनुमति नहीं दी जाती है क्यों? (ग) यदि हाँ, तो मेसर्स शहीद चन्द्रावत द्वारा किस व्यक्ति/कंपनी को किस अखाद्य नियम विरूद्ध दी गई है? (घ) यदि वेयर हाऊस जिस प्रयोजन के लिए दिया गया है उसके विपरीत नियमों का उल्लघंन किया जाता है तो उक्त व्यक्ति मेसर्स पर वैधानिक कार्यवाही करेगें क्या?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। मध्यप्रदेश कृषि गोदाम अधिनियम, 1947 के प्रावधान अनुसार कृषि उपज से इतर अन्य वस्तु के भण्डारण हेतु अनुज्ञप्ति जारी नहीं की जाती है। (ग) मेसर्स शहीद चन्द्रावत द्वारा अखाद्य वस्तु के भण्डारण संबंधी तथ्य की जाँच की जायेगी। (घ) जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।
स्वास्थ्य सेवाएं एन.जी.ओ. को देने के बारे में
46. ( क्र. 6603 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन स्वास्थ्य सेवाओं को एन.जी.ओ. को देने हेतु कोई योजना बना रहा है यदि हाँ, तो क्या साथ ही यह भी बताए कि एन.जी.ओ की योग्यता, मापदण्ड एवं शर्तें क्या होगी? (ख) क्या अलीराजपुर जिले की स्वास्थ्य सेवाओं के संबंध में गुजरात के दीपक फाउंडेशन एवं राज्य स्वास्थ्य सोसायटी के मध्य कोई अनुबंध हुआ है यदि हाँ, तो किन-किन शर्तों पर विवरण उपलब्ध करावें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
रतलाम तथा अशोकनगर की आँगनवाड़ी का उन्नयन
47. ( क्र. 6604 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्न दिनांक 29.07.2015 अता. 1 (59) में रतलाम तथा अशोकनगर जिले में आँगनवाडि़यों के उन्नयन के लिए वित्तीय वर्ष 2012-13 में आवंटित धन राशि रूपयें 2,44,25,000/- में से किस-किस विकासखण्ड में कितनी राशि के कार्य करवाए गये (ख) प्रश्नांश (क) के संबंधित रतलाम तथा अशोकनगर जिले में कितने आँगनवाड़ी भवन विभागीय कितने अन्य व कितने किराये के भवन में है किराये एवं अन्य भवनों का नाम पते सहित विवरण दें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) प्रश्नांश ‘क’ के परिप्रेक्ष्य में रतलाम जिले में आँगनवाडि़यों के उन्नयन के लिये वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक जिले को उपलब्ध 2,44,25,000/- आवंटन से में से राशि रूपये 67,24,423/- व्यय कर कार्य कराये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। अशोकनगर जिले अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2012-13 में आँगनवाडि़यों के उन्नयन के लिये आवंटन प्रदाय नहीं किया गया। (ख) रतलाम जिले में कुल 1672 आँगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। जिसमें से 436 केन्द्र विभागीय भवन, 553 किराये के भवनों में एवं 683 अन्य शासकीय भवनों में संचालित है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। अशोकनगर जिले में कुल 876 आँगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। जिसमें से 253 केन्द्र विभागीय भवन, 206 किराये के भवनों में एवं 417 अन्य शासकीय भवनों में संचालित है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है।
फर्जी दस्तावेजों से 15 वर्षों तक नौकरी पर राजस्व वसूली
48. ( क्र. 6629 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जनपद पंचायत पहाडगढ़ की ग्रा.पं.कुकरोली के मजरा हमीरपुर में श्रीमति लक्ष्मी पत्नि जबरसिंह ने फर्जी दस्तावेंजों के आधार पर लगभग 15 वर्ष आँगनवाड़ी कार्यकर्ता के रूप में नौकरी की है एवं क्या उसे हटा दिया गया है? यदि हाँ, तो उस पर कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर उसके द्वारा नौकरी के दौरान कितनी राजस्व राशि प्राप्त की गई? क्या नौकरी से प्राप्त राजस्व राशि की रिकवरी कर अपराधिक प्रकरण कायम किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या विभाग द्वारा उक्त कार्यकर्ता पर विभागीय अधिकारियों द्वारा अपराधिक प्रकरण दर्ज करने एवं राजस्व वसूली संबंधी कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो दण्डात्मक कार्यवाही कब तक की जा सकेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जनपद पंचायत पहाड़गढ़ की ग्राम पंचायत कुकरोली के मजरा हमीरपुर में श्रीमती लक्ष्मी पत्नि जबरसिंह को उनके द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों के आधार पर परियोजना पहाड़गढ़ के आदेश क्र./आवानि/स्था.2/2007-08/484 ए दिनांक 18.08.2009 से आगनवाड़ी कार्यकर्ता के पद पर नियुक्त किया गया था। श्रीमती लक्ष्मी के द्वारा स्वेच्छा से दिनांक 03.12.2015 को आँगनवाड़ी कार्यकर्ता के पद से त्यागपत्र दिया गया है। श्रीमती लक्ष्मी आँगनवाड़ी कार्यकर्ता की अंकसूची की जाँच पत्र क्र. 178 दिनांक 28.07.2015 से राज्य ओपन स्कूल भोपाल से कराई गई है। म.प्र. राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा परिषद् भोपाल द्वारा अपने पत्र क्र. 4423 दिनांक 07.10.2015 द्वारा श्रीमती लक्ष्मी बाई की हायर सेकण्डरी अंक सूची क्रमांक 2001930632 को सत्यापित किया गया है जो सत्य पाई गई है। संबंधित के दस्तावेज कूट रचित नहीं होने से राशि वसूली का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी के परिप्रेक्ष्य में शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
हरदा जिले की आँगनवाडि़यों के संबंध में
49. ( क्र. 6723 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) हरदा जिले में संचालित आँगनवाड़ी केन्द्रों पर प्रत्येक केन्द्र पर कितनी-कितनी किस-किस मद पर राशि व्यय की गई? (ख) हरदा जिले के आँगनवाड़ी केन्द्र पर वर्तमान में पोषण आहार उपलब्ध कराये जाने के लिये किन व्यक्तियों/संस्था आदि को ठेका किस मान से दिया गया है व उसका मापदण्ड क्या है? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार व्यक्तियों/संस्थाओं के द्वारा क्या अन्य जिलों में भी आँगनवाड़ी केन्द्रों पर पोषण आहार उपलब्ध कराये जाने अथवा अन्य प्रकार के कार्य किये जा रहे हैं? (घ) विगत तीन वर्षों में हरदा जिले में संचालित आँगनवाड़ी केन्द्रों पर पोषण आहार की गुणवत्ता अथवा अन्य प्रकार की कितनी शिकायतों में से कितनी शिकायतों का निराकरण कर दिया गया व कितनी शेष हैं?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) हरदा जिले में संचालित आँगनवाड़ी केन्द्रों पर शासन निर्देशों के तहत् वित्तीय वर्ष 2015-16 में व्यय की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ अनुसार है। (ख) हरदा जिले के आँगनवाड़ी केन्द्रों पर 06 माह से 03 वर्ष तक के बच्चों एवं गर्भवती, धात्री माताओं को टेकहोम राशन निर्धारित मीनू एवं मात्रा अनुसार प्रदाय किया जाता है। निर्धारित मीनू एवं प्रदायित मात्रा का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’ अनुसार है। ग्रामीण क्षेत्र की आँगनवाड़ी केन्द्रों में 03 से 06 वर्ष के बच्चों एवं मंगलवार के दिन 06 माह से 03 वर्ष के बच्चों, गर्भवती/धात्री माताओं को सांझा चूल्हा कार्यक्रम अन्तर्गत स्व सहायता समूहों के माध्यम से तथा शहरी क्षेत्र के आँगनवाड़ी केन्द्रों में जिला स्तरीय चयन समिति के द्वारा चयनित स्व सहायता समूह/महिला मण्डल के माध्यम से निर्धारित मात्रा एवं मीनू अनुसार ताजा,गर्म नाश्ता एवं भोजन प्रति बच्चा राशि रू.6/- एवं प्रति महिला राशि रू.7/- प्रतिदिवस के मान से प्रदाय किया जाता है। निर्धारित मीनू एवं प्रदायित मात्रा का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स’’ पर तथा प्रदायकर्ता स्व सहायता समूह/महिला मण्डल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘द’’ अनुसार है। (ग) समस्त जिलों में राज्य शासन के निर्देशानुसार वर्तमान में 06 माह से 03 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती धात्री माताओं एवं किशोरी बालिकाओं को टेकहोम राशन के रूप में पूरक पोषण आहार की व्यवस्था एम.पी.एग्रो के माध्यम से तथा 03 वर्ष से 06 वर्ष तक के बच्चों को पूरक पोषण आहार की व्यवस्था ग्रामीण क्षेत्रों में सांझा चूल्हा कार्यक्रम तहत् मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम अंतर्गत कार्यरत स्व सहायता समूहों के माध्यम से तथा शहरी क्षेत्रों में स्व सहायता समूह एवं महिला मण्डल के माध्यम से जिला स्तर से संचालित किये जाने का प्रावधान हैं। हरदा जिले में पोषण आहार प्रदायकर्ता व्यक्तियों/संस्थाओं के द्वारा अन्य जिलों में भी आँगनवाड़ी केन्द्रों पर पोषण आहार उपलब्ध कराये जाने अथवा अन्य प्रकार के कार्य किये जा रहे है कि जानकारी विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती। (घ) हरदा जिले में विगत 03 वर्षों में 04 शिकायत प्राप्त हुई थी जिसमें 02 शिकायत सी.एम. हेल्पलाइन में की गई थी। सभी का निराकरण किया जा चुका है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ई’ अनुसार है।
प्रदेश में खाद्य निरीक्षकों के पदों की स्वीकृति
50. ( क्र. 6749 ) श्रीमती अर्चना चिटनिस : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में खाद्य निरीक्षकों के कुल कितने पद स्वीकृत हैं? इन स्वीकृत पदों में कितने पद भरे हैं तथा कितने पद कब से रिक्त हैं? कृपया जिलेवार विवरण दें? (ख) प्रश्नांश (क) से संबंधित खाद्य निरीक्षकों के रिक्त पदों पर नियुक्ति की क्या प्रक्रिया है तथा इन रिक्त पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया पूर्ण नहीं किये जाने का क्या कारण है? (ग) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत पद रिक्त होने से मैदानी स्तर पर विभागीय योजनाओं का संचालन किये जाने की क्या व्यवस्था बनाई गई है? (घ) क्या खाद्य निरीक्षकों के रिक्त पदों पर नियुक्ति की कार्यवाही पूर्ण किये जाने की कोई समय-सीमा शासन द्वारा निर्धारित की गई, यदि हाँ, तो कब तक?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग अंतर्गत कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारियों के 400 पद स्वीकृत हैं। माह मार्च, 2016 की स्थिति में 231 पद भरे तथा 169 पद रिक्त हैं। जिलेवार भरे एवं रिक्त पदों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है।, (ख) कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारियों के सीधी भर्ती के रिक्त पदों की पूर्ति बोर्ड/मण्डल के माध्यम से किए जाने का प्रावधान है। संचालनालयीन लिपिकीय कर्मचारियों हेतु आरक्षित कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारियों के रिक्त पदों पर सीमित विभागीय परीक्षा के माध्यम से भर्ती करने का प्रावधान है। कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारियों के सीधी भर्ती के रिक्त पदों पर भर्ती की प्रक्रिया नियमित रूप से की जाती है।, (ग) खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग संबंधी कार्यों के संपादन हेतु कार्यरत सहायक/कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारियों में से तहसील स्तर पर एक अधिकारी को पदस्थ करने की व्यवस्था की गई है, जिससे विभाग का कार्य प्रभावित न हो। (घ) जी नहीं, रिक्त पदों को भरने हेतु समय-समय पर कार्यवाही की जाती है।
धोखाधड़ी के प्रकरणों में कार्यवाही
51. ( क्र. 6753 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चिट फण्ड कम्पनियों/मल्टी लेवल मार्केटिंग कम्पनियों एवं सोशल मिडिया नेटवर्किंग के माध्यम से होने वाली धोखाधडि़यों की रोकथाम हेतु क्या कानूनी प्रावधान एवं कार्ययोजना है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार विगत 02 वर्षों में उज्जैन संभाग अंतर्गत कितने प्रकरण संज्ञान में आए हैं एवं इन पर क्या कार्यवाही की गई, प्रकरणवार विवरण देवें? (ग) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत विगत 02 वर्षों में प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अनुसार प्राप्त आवेदनों का थानेवार विवरण देवें? (घ) उक्तानुसार प्राप्त आवेदनों में से कितनों में एफ.आई.आर. कर कार्यवाही की गई, कितनों में सायबर सेल से मद्द ली जाकर कार्यवाही की गई व अद्यतन स्थिति क्या है, प्रकरणवार विवरण देवें?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) चिट फण्ड कम्पनियों, मल्टी लेवल मार्केटिंग कंपनियों तथा सोशल मीडिया नेटवर्किंग के माध्यम से होने वाली धोखाधड़ी के संबंध में भारतीय दण्ड विधान (भा.द.वि.) की धोखाधड़ी, अपराधिक दुर्विनियोग आदि से संबंधित धाराओं तथा प्रकरण विशेष की आवश्यकतानुसार भा.द.वि. की अन्य संबंधित धाराओं के अलावा म.प्र. निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम, 2000, ईनामी चिट एवं धन परिचालन योजना पाबंदी अधिनियम, 1978 एवं चिट फण्ड अधिनियम, 1982, सूचना प्राद्योगिकी अधिनियम 2000 आदि की संबंधित धाराओं में कार्यवाही किए जाने के विधिक प्रावधान है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ एवं ’ब’ अनुसार है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में उल्लेखित प्रकरणों में से एकमात्र प्रकरण गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी के द्वारा धोखाधड़ी से संबंधित होने से विवेचना में सायबर सेल की सहायता नहीं ली गई है। अन्य प्रकरणों की विवेचना में आवश्यकतानुसार सायबर सेल की सहायता ली जाती है।
दोषियों पर कार्यवाही बाबत्
52. ( क्र. 6760 ) श्री तरूण भनोत : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या व्यापम फर्जीवाड़े से संबंधित शासकीय एवं निजी चिकित्सा महाविद्यालयों के सी.बी.आई. द्वारा चाहे गये दस्तावेज संचालनालय में उपलब्ध होने के बाद भी दस्तावेज उपलब्ध न होने संबंधी गलत जानकारी सी.बी.आई. को पत्र द्वारा दी गई थी? यदि हाँ, तो गलत जानकारी देने वाले कौन अधिकारी/कर्मचारी उत्तरदायी है? (ख) क्या सी.बी.आई. को गलत जानकारी उपलब्ध करवाने के फलस्वरूप सी.बी.आई. द्वारा इस संबंध में तल्ख पत्र डी.एम.ई. को जारी किया गया? यदि हाँ, तो पत्र की जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) क्या इस प्रकरण में दोषी कर्मचारी द्वारा अवकाश पर प्रस्थान करने के फलस्वरूप संचालक द्वारा दोषी कर्मचारी की दो वेतनवृद्धि रोकने व कर्तव्य पर उपस्थिति देते समय जिला चिकित्सा बोर्ड का फिटनेस प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने तथा फरवरी 2016 से वेतन रोके जाने के संबंध में पत्र जारी किये गये है? (घ) क्या दोषी कर्मचारी द्वारा जिला चिकित्सालय का फिटनेस प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया गया है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो उसकी उपस्थिति किन नियमों के तहत मान्य की गई है तथा प्रश्न दिनांक तक दो वेतन वृद्धि रोकने के संबंध में क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो इसके लिये कौन दोषी है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) दस्तावेज तत्समय उपलब्ध नहीं हो सकें, इसलिए दस्तावेज उपलब्ध न होने संबंधी जानकारी दी गई थी, बाद में उपलब्ध होने पर सी.बी.आई. को जानकारी उपलब्ध कराई गई, जाँचोपरांत ही जिम्मेदारी निर्धारित की जा सकेगी। (ख) सी.बी.आई. से प्राप्त पत्र क्रमांक 217/2015 (ए) 0025/2015/व्यापम, दिनांक 21 जनवरी, 2016 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश के संबंध में जाँच समिति गठित की गई है। जाँच समिति का प्रतिवेदन प्राप्त होने पर गुणदोष के आधार पर कार्यवाही की जा सकेगी। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं हैं।
राशन कार्ड बनाया जाना
53. ( क्र. 6775 ) श्री सचिन यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कसरावद विधानसभा क्षेत्र की किस पंचायत के कितने परिवारों को राशन दुकान से खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लाभ प्राप्त हो रहा है? प्रश्न दिनांक तक की स्थिति से अवगत करावें? (ख) उक्त क्षेत्रान्तर्गत कितने परिवारों को खाद्य सुरक्षा पर्चियों का वितरण किया गया? कितने परिवारों को राशन कार्ड प्राधिकृत अधिकारियों द्वारा जारी किये गए हैं और कितने शेष है? शेष परिवारों को कब तक उक्त पर्चियों का वितरण कर दिया जायेगा? (ग) उक्त क्षेत्रान्तर्गत कितने परिवारों को समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन के तहत सर्वेक्षित किया गया है वर्तमान में कितने हितग्राही कार्ड/कूपन से वंचित है और इनके कूपन कब तक बनेंगे? (घ) उक्त क्षेत्र में खाद्यान सुरक्षा मिशन पर्व के अंतर्गत अ.जा/अ.ज.जा. वर्ग के कितने परिवारों को लाभ दिया जा चुका है? कितने शेष है? शेषों को कब तक लाभान्वित किया जायेगा?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कसरावद विधानसभा क्षेत्रांतर्गत सत्यापित समस्त्ा 50,508 परिवारों को खाद्य सुरक्षा पर्चियों का वितरण किया गया है। आवेदन करने वाले कोई भी सत्यापित पात्र परिवार पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) के वितरण हेतु शेष नहीं है। पात्र हितग्राहियों का सत्यापन एवं उन्हे पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) जारी करना एक सतत् प्रकिया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) कसरावद विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कुल 70,582 परिवारों को समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन के तहत चिन्हांकित किया गया है परंतु ये सभी परिवार खाद्य सुरक्षा अधिनियम अंतर्गत प्राथमिकता परिवार नहीं है। प्रश्नांश ''ख'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) कसरावद विधानसभा क्षेत्र में खाद्य सुरक्षा पर्व के अंतर्गत 5,286 अनुसूचित जाति/जनजाति के परिवारों के स्व-घोषणा पत्रों के आधार पर प्राथमिकता परिवार के रूप में सत्यापन किया गया था। आज दिनांक तक कसरावद विधानसभा क्षेत्र में अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी अंतर्गत कुल 8,850 पात्र परिवारों को रियायती दर पर राशन वितरण किया जा रहा है। अनुसूचित जाति/जनजाति के आवेदन करने वाले सत्यापित पात्र परिवारों को पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) का वितरण किया जाना शेष नहीं है। पात्र परिवारों का सत्यापन एवं उनको पात्रता पर्ची जारी करना एक सतत् प्रकिया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय आवास आवंटन
54. ( क्र. 6802 ) श्री गोपाल परमार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग अन्तर्गत प्रत्येक जिला, तहसील, ब्लॉक स्तर पर किन-किन विभाग के पास शासकीय आवास उपलब्ध है विभागवार एवं शासकीय आवास का प्रकार बताते हुए सूची देवे? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार ऐसे उपलब्ध आवासों को शासकीय नियमों के अन्तर्गत आवंटित करने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो आवंटित करते समय किन नियमों के तहत आवास आंवटित किये जाते है? क्या शासन द्वारा शासकीय आवास आवंटन में वरिष्ठता एवं आरक्षण का प्रावधान रखा गया है? यदि हाँ, तो अनु.जाति/जनजाति को कितने प्रतिशत आवास आवंटन के प्रावधान है? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार उपलब्ध आवासों में से अधिकारी/कर्मचारियों को आवास आवंटित किये जाते समय आरक्षण नियमों का पालन किया गया। (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार आरक्षण नियमों का पालन नहीं किया गया है तो क्या आरक्षण नियमों का पालन किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण बतावें। आरक्षण का पालन नहीं करने वाले अधिकारी के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पात्र हितग्राहियों को खाद्यान्न पर्ची वितरण
55. ( क्र. 6867 ) श्री लखन पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले के पथरिया नगर में जनवरी एवं फरवरी 2015 में कितने पात्र हितग्राहियों को खाद्यान्न वितरण पर्ची उपलब्ध कराई गई? किस-किस श्रेणी के कितने हितग्राहियों के कितने सदस्यों को खाद्यान्न पर्ची आवंटित की गई है? (ख) वर्ष 2015-16 में 31 जनवरी तक पथरिया नगर में साइकिल रिक्शा चालक कल्याण योजना एवं हाथ ठेला चालक योजना घरेलू कामकाजी महिलाओं, फेरीवाले (स्ट्रीट वेंडर) मंडियों में अनुज्ञाप्तिधारी हम्माल एवं तुलावटी, पंजीकृत केश शिल्पी के कितने पात्र हितग्राहियों को पर्ची के माध्यम से आवंटित खाद्यान्न वितरण किया गया? (ग) माह फरवरी 2016 में पथरिया नगर में खाद्यान्न पर्ची के माध्यम से किस तारीख से वितरण प्रारंभ है एवं इसी माह 17 फरवरी 2017 तक कितने पात्र हितग्राही को खाद्यान्न वितरण किया गया? वितरण कितने प्रतिशत किया गया?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) दमोह जिले के पथरिया नगर में माह जनवरी 2015 में निरंक एवं फरवरी 2015 में 32 नवीन पात्र हितग्राहियों को सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची उपलब्ध कराई गई है। पात्रता पर्ची प्राप्त करने वाले परिवारों की श्रेणीवार एवं सदस्य संख्यावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) माह जनवरी, 2016 की स्थिति में पथरिया नगर में प्रश्नांकित श्रेणी के 69 परिवारों को पात्रता पर्ची के आधार पर खाद्यान्न का वितरण किया गया है। (ग) पथरिया नगर के पात्र परिवारों को माह फरवरी, 2016 की राशन सामग्री दिनांक 12.02.2016 से पी.ओ.एस. मशीन के माध्यम वितरण प्रारंभ किया गया था। दिनांक 17.02.2016 तक 2413 पात्र परिवारों को राशन सामग्री का वितरण किया गया जो कि 51.4 प्रतिशत है।
द्वार प्रदाय योजनांतर्गत परिवहनकर्ताओं को पेनाल्टी
56. ( क्र. 6869 ) श्री लखन पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा द्वार प्रदाय योजना के अंतर्गत प्रत्येक माह खाद्यान्न परिवहन हेतु परिवहनकर्ता को जिले के अंतर्गत कितना समय निर्धारित किया गया है? (ख) क्या दमोह जिलान्तर्गत द्वारा प्रदाय योजना प्रारंभ होने के दिनांक से 31 दिसम्बर 2015 तक खाद्यान्न, शक्कर, नमक निर्धारित अवधि में प्रदाय केन्द्रों से राशन दुकानों तक प्रदाय नहीं हो सकी? (ग) यदि निर्धारित समय में परिवहन नहीं कराया जा सका तो परिवहनकर्ता को कितनी-कितनी किस माह में पेनाल्टी लगाई गई? (घ) उपरोक्त अनुसार यदि जिला स्तर पर पेनाल्टी नहीं लगाई गई तो सहायक लेखाधिकारी (जिला स्तर के) के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन द्वारा ‘’द्वार प्रदाय योजना’’ अन्तर्गत खाद्यान्न, शक्कर एवं नमक का उचित मूल्य दुकानों को प्रदाय चालू माह की अंतिम तारीख तक करने का प्रावधान है, किन्तु कुछ स्थानों पर किंचित कठिनाईयों के कारण उक्त सामग्री का प्रदाय प्रायः आवंटन माह की 5 से 10 तारीख तक किया जा रहा है। (ख) जी हाँ। (ग) परिवहनकर्ता पर पेनाल्टी अभी नहीं लगाई गई है। माह नवम्बर, 2015 से सॉफ्टवेयर के माध्यम से परिवहन के बिल तैयार कराये जा रहे है। विलंब से उचित मूल्य दुकानों में सामग्री पहुंचाये जाने की दशा में पेनाल्टी अधिरोपित करने का प्रावधान भी सॉफ्टवेयर में किया गया है। सॉफ्टवेयर निर्मित बिलों में पेनाल्टी दिखने पर राशि परिवहनकर्ता से वसूल की जायेगी। (घ) अभी परिवहन देयक का अंतिमीकरण नहीं हुआ है। अत: अभी उत्तर दिया जाना संभव नहीं है।
नर्सिंग कालेज संचालित की सूची
57. ( क्र. 6891 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में वर्तमान में कितने नर्सिंग कालेज संचालित हैं? इनमें से कितने कालेज वर्ष 2012 से संचालित हैं? कालेजों की सूची उनके संचालकों के नाम सहित दें? (ख) वर्ष 2012 से संचालित कितने कालेजों के पास स्वयं का भवन एवं हॉस्टल है? (ग) क्या कतिपय प्रायवेट कॉलेज संचालक किराये से भवन लेकर उसमें कॉलेज एवं हॉस्टल संचालित कर रहे हैं और उन किराये से लिये गये भवनों को स्वयं का भवन बताकर कॉलेज की मान्यता बचाने की कोशिश कर रहे हैं? (घ) यदि प्रश्नांश (ग) का उत्तर हाँ है तो शासन ऐसे कालेज संचालकों के खिलाफ क्या कार्यवाही कर रहा है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आँगनवाड़ी कार्यकर्ता व सुपरवाईजर
58. ( क्र. 6896 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्जैन संभाग में वर्ष 2015 में कितनी आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं की भर्ती व स्थानांतरण किये गये? जिलेवार ब्यौरा क्या है? (ख) उपरोक्त अवधि में कितनी सुपरवाईजर पद पर पदस्थापना प्रमोशन किये गये? कहाँ-कहाँ? सुपरवाईजर परीक्षा एवं उसके परिणामों की सूचियों का ब्यौरा है? (ग) कितने सुपरवाईजर्स की पदस्थापना, नियुक्ति आदेश पश्चात वर्ष 2015 एवं फरवरी 2016 तक स्थानांतरण आदेश जारी किये गये तथा कितने स्थानांतरण आवेदन लंबित है ब्यौरा दें? मंदसौर जिले में तीन से अधिक सुपरवाईजर्स के स्थानांतरण आदेश किस अधिकारी ने दिये ब्यौरा दें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) उज्जैन संभाग में वर्ष 2015 में 282 आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं 372 आँगनवाड़ी सहायिकाओं की भर्ती की गई है। जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘क’ पर है। आँगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के स्थानांतरण करने का प्रावधान नहीं होने से जानकारी निरंक है। (ख) उपरोक्त अवधि में सीमित सीधी भर्ती एवं खुली सीधी भर्ती के माध्यम से व्यवसायिक परीक्षा मण्डल भोपाल से प्राप्त चयन सूची के आधार पर उज्जैन संभाग में 181 पर्यवेक्षकों की नियुक्ति आदेश जारी कर एकीकृत बाल विकास परियोजनाओं में पदस्थापना की गई है। जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ख’ पर है। पर्यवेक्षक पद पूर्णत: सीधीभर्ती का पद है, अत: पर्यवेक्षक पद पर पदोन्नति का प्रावधान नहीं है। (ग) उज्जैन संभाग अंतर्गत वर्ष 2015 एवं फरवरी 2016 तक पर्यवेक्षकों के उक्त नियुक्ति आदेश जारी होने के पश्चात 16 पर्यवेक्षकों के स्थानांतरण आदेश जारी किये गये हैं। उक्त अवधि के 23 आवेदन स्थानांतरण पर प्रतिबंध दिनांक 30/05/2015 के पश्चात प्राप्त होने के कारण एवं 01 आवेदन पद रिक्त नहीं होने के कारण लंबित है। मंदसौर जिले में कुल 11 पर्यवेक्षकों के स्थानांतरण आदेश शासन स्तर एवं संचालनालय स्तर के सक्षम अधिकारियेां (उप सचिव/अवर सचिव/संयुक्त संचालक) द्वारा जारी किये गये है। जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ग’ पर है।
जनशिकायतों पर की गई कार्यवाही
59. ( क्र. 6906 ) श्री रामसिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सी.एम.एच.ओ. कार्यालय शिवपुरी में जनवरी एवं फरवरी-2016 में 181 पर एवं अन्य पर कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? प्राप्त शिकायतें जाँच हेतु किस पत्र द्वारा कब कहाँ भेजी गई? (ख) उक्त शिकायतों में से कितनी शिकायतों का निराकरण किस अधिकारी द्वारा किया गया? कितनी शिकायतें निराकरण हेतु कहाँ पर लंबित है? (ग) क्या सी.एम.एच.ओ. कार्यालय शिवपुरी में पदस्थ कुछ कर्मचारियों की ई.ओ.डब्ल्यू. द्वारा जनवरी-फरवरी 2016 में जाँच किए जाने हेतु पत्र प्रेषित किया है अथवा जानकारी प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो किन कर्मचारियों के विरूद्ध जाँच प्राप्त हुई है? उक्त कर्मचारी कार्यालय में कब से किस सेक्शन में किस आदेश से पदस्थ हैं? (घ) क्या जिस कर्मचारी की ई.ओ.डब्ल्यू. द्वारा जाँच प्रस्तावित/प्रचलित है? उस कर्मचारी ने अपनी पदोन्नति ठुकरा दी है? यदि हाँ, तो क्या वर्षों से एक ही सेक्शन में जमे होने तथा सेक्शन न छूटे इस कारण पदोन्नति ठुकरा दी है? इस पर शासन/प्रशासन ने क्या कार्यवाही की?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय शिवपुरी में जनवरी एवं फरवरी 2016 में 181 पर कुल 441 तथा अन्य पर पी.जी.के माध्यम से दो शिकायतें प्राप्त हुई। 181 पर प्राप्त शिकायतों को जाँच हेतु किसी पत्र के द्वारा नहीं भेजा जाता बल्कि उक्त शिकायतों का निराकरण ऑनलाईन के माध्यम से किया जाता है तथा अन्य दो पी.जी. के माध्यम से प्राप्त शिकायतों को दिनांक 31.01.2016 के माध्यम से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला शिवपुरी द्वारा इस तथ्य के आधार पर निराकृत किया गया कि डॉ. नीतिराज गौड़ खण्ड चिकित्सा अधिकारी कोलारस के पद पर कार्यरत होकर पदस्थ नहीं है तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मनपुरा पर कोई भी शासकीय सुरक्षा गार्ड पदस्थ नहीं है। (ख) प्रश्नांश ‘क’ में उल्लेखित 181 पर प्राप्त कुल 441 शिकायतों में से 360 शिकायतों का निराकरण, ऑनलाईन के माध्यम से तथा 02 अन्य पी.जी.से संबंधित शिकायतों का निराकरण मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय जिला शिवपुरी द्वारा किया गया। 181 पर 441 में से 360 शिकायतों का निराकरण ऑनलाईन के माध्यम से होने के उपरान्त शेष 81 शिकायतें मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय जिला शिवपुरी में प्रक्रियाधीन होकर निराकरण हेतु लंबित है। (ग) जी हाँ। श्री लाखनसिंह सिसोदिया, लेखापाल जिला शिवपुरी के विरूद्ध प्राप्त हुई। श्री लाखन सिंह सिसौदिया, कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला शिवपुरी में लेखापाल के पद पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा जारी आदेश क्रमांक./स्था./स्थानांतरण/2010/8866/दिनांक 15.06.2010 के परिप्रेक्ष्य में दिनांक 18.06.2010 से पदस्थ है। (घ) जी हाँ। जी हाँ। जी नहीं पदोन्नति ग्रहण करना कर्मचारी का स्वैच्छिक अधिकार है तथा संभागीय संयुक्त संचालक, स्वास्थ्य सेवायें ग्वालियर ने श्री सिसौदिया की पदोन्नति, लेखापाल से मुख्य लिपिक के पद पर किये जाने संबंधी पदोन्नति आदेश दिनांक 13.02.2012 जारी किये गये के संदर्भ में श्री लाखन सिंह सिसौदिया द्वारा मुख्य लिपिक के पद पर पदोन्नति न लिये जाने संबंधी आवेदन पत्र, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला शिवपुरी को प्रेषित किया गया। उक्त के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला चिकित्सालय में ट्रामा सेंटर एवं नर्सिंग कालेज
60. ( क्र. 6929 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा सतना जिला चिकित्सालय में ट्रामा सेन्टर एवं नर्सिंग कालेज खोलने की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है? यदि हाँ, तो कब? साथ ही 50 बेड का मेटरनिटी बार्ड जो स्वीकृत है? कब तक बनेगा? (ख) शासन से स्वीकृति प्राप्त होने के बाद इसके निर्माण के लिए क्या किसी एजेन्सी को ठेका दिया गया है? यदि हाँ, तो कब और उसका नाम बतायें? (ग) यदि हाँ, तो निर्माण एजेन्सी द्वारा नर्सिंग कालेज का निर्माण कार्य अभी तक शुरू न किये जाने के क्या कारण है? ट्रामा यूनिट कब तक पूर्ण होगा? (घ) विलंब के लिए कौन दोषी हैं एवं दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई, दोनों संस्थाओं का निर्माण कार्य कब तक पूरा हो जायेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जिला चिकित्सालय सतना में ट्रामा सेंटर एवं नर्सिंग स्कूल स्वीकृत है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। मेटरनिटी विंग के निर्माण कार्य की निविदा प्रक्रिया प्रचलन में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) नर्सिंग कालेज नहीं बल्कि नर्सिंग स्कूल एवं हॉस्टल (जी.एन.एम) का निर्माण कार्य प्रगति पर है। ट्रामा यूनिट यथा-शीघ्र पूर्ण होना संभावित है। (घ) विलंब के लिये कोई दोषी नहीं है, प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
चिकित्सा शिक्षा विभाग अंतर्गत पदस्थापना एवं आवास
61. ( क्र. 6950 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय आवास आवंटन नियमों में मूल पदस्थापना स्थल पर आवास गृह आवंटित होने के बाद प्रतिनियुक्त पर मुख्यालय से बाहर पदस्थापना होने पर क्या आवास गृह अधिपत्य में रखने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो कितनी अवधि तक आवंटित आवास गृह अधिपत्य में रखा जा सकता है? (ख) क्या नर्सिंग कौंसिल में रजिस्ट्रार के पद पर पदस्थ अधिकारी को इन्दौर में आवास गृह आवंटित है? यदि हाँ, तो उन्हें भोपाल में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ होने के दिनांक से प्रतिनियुक्ति अवधि तक आवास गृह अधिपत्य में रखने के आदेश किस अधिष्ठाता द्वारा जारी किये गये? उनका नाम व वर्तमान पदस्थापना कहाँ है? (ग) आवास आवंटन नियमों में मुख्यालय से बाहर पदस्थापना होने पर बिना शासन अनुमति के नियम विरूद्ध आदेश पारित करने तथा किराये की राशि सामान्य दरों पर वसूली करने से शासन को होने वाली वित्तीय हानि के लिये क्या शासन दोषी अधिकारी की जिम्मेदारी निर्धारित कर अनाधिकृत अधिपत्य होने से बाजार दर से दुगुनी दरों पर किराये की गणना कर वसूली की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। आवास आवंटन नियमों के प्रावधानों के अनुसार आवंटती के प्रतिनियुक्ति पर जाने तथा ऐसे आवंटती आवास धारण अनुमति लिये बिना आवास गृह का अधिपत्य में नहीं रखे जाने का प्रावधान आवास आवंटन नियम में हैं। अनाधिकृत रूप से अधिपत्य पर बिना विपरीत प्रभाव डालें, इस अवधि के लिये मूलभूत नियम 45 बी या उस क्षेत्र में निजी आवास गृहों के लिये प्रचलित किराये से जो भी अधिक हो, के अनुसार किराये की राशि की वसूली किये जाने का प्रावधान हैं। (ख) जी हाँ। प्रतिनियुक्ति अवधि तक आवास गृह का अधिपत्य रखने के आदेश डॉ. श्रीमती सुधा श्रीवास्तव, विभागाध्यक्ष एनाटॉमी विभाग जो आदेश जारी होने के दिनांक प्रभारी अधिष्ठाता थी तथा वर्तमान में आदेश जारी करने वाली चिकित्सक शासकीय सेवा से सेवानिवृत्त हो चुकी है। (ग) जाँचोपरांत किराए की वसूली यथा शीघ्र की जाएगी, निश्चित समयावधि दी जाना संभव नहीं है।
गेहूँ खरीदी आवंटन तथा भुगतान में हुई अनियमितता
62. ( क्र. 6961 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा जो गेहूँ खरीदी आवंटन से अधिक जिले में होती है? उस गेहूँ को भारतीय खाद्य निगम को समर्पित किया जाता है? (ख) यदि हाँ, तो छतरपुर जिले में वर्ष 2012-13, 2013-14 में सितम्बर, 2015 तक कितना-कितना गेहूँ किस-किस योजना में समर्पित किया गया? (ग) वर्ष 2012-13, 2013-14 में OMSS योजना में भारतीय खाद्य निगम को समर्पित किये गये गेहूँ की मात्रा तथा हम्माली की शासन द्वारा निर्धारित दर क्या थी? (घ) नागरिक आपूर्ति निगम छतरपुर द्वारा OMSS योजना में कितने रुपयों की दर से सितम्बर, 2015 तक भुगतान किया गया तथा कितनी राशि भुगतान की गई? यदि निर्धारित दर से अधिक राशि का भुगतान किया गया तो कितनी राशि का अधिक भुगतान किया गया? शासन को हुई क्षति के संबंध में क्या कार्यवाही की गई?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। समर्थन मूल्य पर किसानों से उपार्जित गेहूं की मात्रा में से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत लक्षित सार्वजनित वितरण प्रणाली, कल्याणकारी संस्थाओं को खाद्यान्न योजना, मध्यान्ह भोजन योजना एवं पूरक पोषण आहार योजना अंतर्गत आवंटन अनुसार मात्रा को छोड़कर शेष मात्रा का परिदान भारतीय खाद्य निगम को किया जाता है।, (ख) छतरपुर जिले में वर्ष 2012-13, 2013-14 में सितम्बर, 2015 तक उपार्जित गेहूं में से भारतीय खाद्य निगम को परिदान की गई मात्रा की वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) छतरपुर जिले में उपार्जित गेहूं में से भारतीय खाद्य निगम द्वारा ओ.एम.एस.एस. योजनांतर्गत वर्ष 2012-13 में 29750 मे.टन एवं वर्ष 2013-14 में 22774 मे.टन गेहूं का विक्रय किया गया है। इन वर्षों में ओ.एम.एस.एस. योजनांतर्गत विक्रय गेहूं की हम्माली की दर रू. 4.30 प्रति क्विंटल निर्धारित थी। ओ.एम.एस.एस. योजनांतर्गत रैक से प्रदाय गेहूं की हम्माली दर परिवहनकर्ता की दर में सम्मिलित होने के कारण पृथक से हम्माली की दर बताई जाना संभव नहीं है।, (घ) छतरपुर जिले से ओ.एम.एस.एस. योजनांतर्गत प्रदाय किये गये गेहूं पर रू. 4.30 प्रति क्विंटल की दर से म.प्र. स्टेट सिविल सप्लाईज़ कार्पोरेशन द्वारा हम्माली का भुगतान किया गया है। हम्माली मद में वर्ष 2012-13 में निरंक, वर्ष 2013-14 में रू. 756800, वर्ष 2014-15 में रू. 326820 एवं वर्ष 2015-16 में सितम्बर तक निरंक भुगतान किया गया है। हम्माली हेतु निर्धारित दर से अधिक का भुगतान नहीं किये जाने के कारण शासन को क्षति होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सिविल अस्पताल सबलगढ़ का कार्य प्रारंभ न किए जाने
63. ( क्र. 6974 ) श्री मेहरबान सिंह रावत : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सबलगढ़ विधानसभा अंतर्गत सिविल अस्पताल निर्माण की मंजूरी किस दिनांक को दी गई? क्या सिविल अस्पताल निर्माण हेतु जगह चयनित कर ली गई है? स्थान बतावें? (ख) क्या सिविल अस्पताल को स्वीकृत हुए लगभग दो वर्ष पूर्ण हो चुके हैं? यदि हाँ, तो आज दिनांक तक कार्य प्रारंभ क्यों नहीं किया गया है? कारण बतावें एवं दोषी अधिकारियों के प्रति क्या कार्यवाही प्रस्तावित की
जावेगी? (ग) सिविल अस्पताल निर्माण का कार्य कब तक प्रारंभ कर कब तक पूर्ण कर दिया जाएगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) दिनांक 09.12.2015 को। जी हाँ। ग्राम रामपुरकलां रोड से अलखिया खोह रोड पर। (ख) जी हाँ। भूमि विवाद के कारण स्थल चयन में विलंब हुआ, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) निर्माण कार्य की निविदा अनुमोदन की कार्यवाही प्रचलन में है, भवन निर्माण कार्य प्रारम्भ व पूर्ण करने की समयावधि बताना संभव नहीं है।
घटिया चावल जमा करने की जाँच
64. ( क्र. 6998 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले में वर्ष 2015-16 में कस्टम मिलिंग का गुणवत्ता विहीन चावल नागरिक आपूर्ति निगम की गोदामों में पाया गया था? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के अंतर्गत मुख्यालय भोपाल के अधिकारियों द्वारा जाँच कराई गई थी? (ग) क्या जाँच में जमा किया गया चावल गुणवत्ता विहीन पाया गया एवं अधिकारी दोषी पाये गये? (घ) यदि हाँ, तो दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक कार्यवाही की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) से (ग) जी हाँ। (घ) निम्न गुणवत्ता का चावल स्वीकार करने वाले मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज़ कार्पोरेशन, बालाघाट के 4 गुणवत्ता निरीक्षकों को आरोप-पत्र जारी किए गए हैं तथा अनुबंध के आधार पर नियुक्त गुणवत्ता निरीक्षक सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पुरुष नर्सिंग डिप्लोमाधारियों को नियुक्ति
65. ( क्र. 7013 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्य प्रदेश में नर्सिंग पोस्ट/डिप्लोमा की पढ़ाई पुरूष एवं महिला दोनों वर्गों को करने की अनुमति म.प्र. सरकार द्वारा दी गई हैं? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो क्या अस्पतालों में नर्सों की भर्ती हेतु सिर्फ महिला नर्सिंग/डिप्लोमाधारियों को ही नर्स के पद पर नियुक्ति हेतु समय-समय पर विभिन्न अस्पतालों में विज्ञापन की कार्यवाही की जाकर स्टॉफ नर्स फीमेल की भर्ती की प्रक्रिया संचालित हैं? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या प्रश्नांश (ख) अनुसार मेल नर्स की भर्ती करने हेतु क्या शासन एवं प्रशासन में कोई कार्य योजना तैयार की है? जबकि समय-समय पर मेल नर्सिंग डिप्लोमाधारियों द्वारा मुख्य मंत्री, स्वास्थ्य मंत्री सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र एवं ज्ञापन के माध्यम से अवगत कराया जाता रहा है? (घ) प्रश्नांश (ग) के पुरूष नर्सिंग/डिप्लोमाधारियों को क्या नियुक्ति हेतु कार्यवाही करेंगे तो कब तक, अगर नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं, म.प्र. शासन लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा प्रदेश में संचालित जनरल नर्सिंग प्रशिक्षण केन्द्रों एवं बी.एस.सी नर्सिंग महाविद्यालयों में केवल महिलाओं को ही प्रशिक्षण दिये जाने का प्रावधान है एवं वर्तमान में प्रचलित विभागीय भर्ती नियम के अंतर्गत केवल महिलाओं को ही स्टॉफ नर्स के पद पर नियुक्त किये जाने का प्रावधान है। (ख) लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अंतर्गत वर्तमान में प्रचलित तृतीय श्रेणी परिचर्या भर्ती नियम के अंतर्गत मध्यप्रदेश शासन लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा प्रदेश में संचालित शासकीय जी.एन.एम. प्रशिक्षण केन्द्र एवं बी.एस.सी. नर्सिंग महाविद्यालय से प्रशिक्षण प्राप्त महिला उम्मीदवारों को ही स्टॉफ नर्स के पद नियुक्त किये जाने का प्रावधान है। मध्यप्रदेश शासन लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा स्टॉफ नर्सों की भर्ती हेतु कोई अलग से विज्ञापन जारी नहीं किया जाता। (ग) प्रदेश के जिला चिकित्सालयों में स्टॉफ नर्सों के कुल स्वीकृत पद संख्या में से 10 प्रतिशत पदों पर पुरूष स्टॉफ नर्स नियुक्त किये जाने संबंधी प्रस्ताव विचाराधीन है। (घ) प्रश्नांश ‘ग’ के अनुरूप।
प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में संक्रमण
66. ( क्र. 7025 ) श्री अजय सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकार द्वारा प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में स्थित ऑपरेशन थियेटर के संक्रमण का पता करने के लिए कोई आदेश दिये गये थे? (ख) यदि हाँ, तो आदेश दिनांक से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश के किन-किन सरकारी अस्पतालों में संक्रमण की जाँच की गई? (ग) उपरोक्त में से कौन-कौन से सरकारी अस्पताल संक्रमण मुक्त पाये गये? (घ) किन अस्पतालों में संक्रमण पाया गया उन्हें संक्रमण मुक्त करने के लिए क्या-क्या कार्यवाही की गई?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) आदेश दिनांक से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश के समस्त 51 जिला चिकित्सालयों में संक्रमण की जाँच की गई। (ग) प्रदेश के 51 जिला चिकित्सालयों में से 44 जिला चिकित्सालय संक्रमण मुक्त पाए। (घ) प्रदेश के 7 जिला चिकित्सालय-बड़वानी, श्योपुर, राजगढ़, सिंगरौली, शहडोल, सीधी एवं नरसिंहपुर के ऑपरेशन कक्ष में संक्रमण पाया गया। इस संदर्भ में उपरोक्त 7 जिलों के जिला चिकित्सालयों के उन ऑपरेशन कक्षों ओ.टी प्रोटोकॉल अनुरूप फ्युमिगेशन करवाकर असंक्रमित करवाया गया। इसके साथ ही शासकीय चिकित्सालयों के ऑपरेशन कक्षों को संक्रमण मुक्त करने हेतु दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं तथा नियमित समीक्षा की जा रही है।
जाँच प्रतिवेदन न्यायालय में प्रस्तुत करना
67. ( क्र. 7026 ) श्री अजय सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दतिया ने आदेश क्रमांक 1489, 1490/15 दिनांक 10.9.2015 द्वारा पुलिस अधीक्षक दतिया से जाँच प्रतिवेदन 19.10.2015 तक चाहा गया था? यदि हाँ, तो क्या न्यायालय के उक्त आदेश के परिपालन में जाँच प्रतिवेदन माननीय न्यायालय को प्रस्तुत कर दिया गया है? यदि नहीं, तो कारण सहित विवरण दें? (ख) क्या उक्त प्रकरण में माननीय न्यायालय द्वारा दतिया पुलिस को जाँच प्रतिवेदन हेतु अनेक अवसर दिये गये है? यदि हाँ, तो क्या जाँच अधिकारी राजेश सातनकर एस.आई. द्वारा जाँच न करते हुए दिनांक 03.11.2015 को दुकानों की तोड़फोड़ में सम्मिलित रहे हैं? जबकि न्यायालय को बीमार होने की सूचना देते रहे है? यदि हाँ, तो माननीय न्यायालय के आदेशों की अवहेलना क्यों की जा रही है? कारण बतायें? (ग) माननीय न्यायालय एवं वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशों की अवहेलना करने के आरोप में मध्यप्रदेश पुलिस मेन्युअल एवं रेगुलेशन में संबंधित अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही किये जाने के प्रावधान है? यदि हाँ, तो क्या उक्त प्रावधानों/निर्देशों के अंतर्गत टी.आई. कोतवाली दतिया एवं एस.आई. के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो क्या माननीय न्यायालय के आदेश परिपालन में जाँच प्रतिवेदन न्यायालय में प्रस्तुत किया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) यह सही नहीं है कि माननीय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, दतिया के न्यायालय से दिनांक 10.09.2015 का आदेश क्रमांक 1489/1490/15 पुलिस अधीक्षक, दतिया को जाँच हेतु प्रेषित किया गया था। वस्तुस्थिति यह है कि माननीय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, दतिया के न्यायालय से दिनांक 16.09.2015 को आदेश क्रमांक 1490/15 का परिवाद पत्र श्री राजेन्द्र भारती बनाम श्री नरोत्तम मिश्रा एवं अन्य 1 जाँच हेतु पुलिस अधीक्षक, दतिया को प्राप्त हुआ था। जाँच प्रक्रिया जारी है। इस कारण से पुलिस द्वारा माननीय न्यायालय में प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं किया गया है। (ख) यह सही है कि माननीय न्यायालय से प्राप्त परिवाद पत्र की जाँच पूर्ण न होने की दशा में मान. न्यायालय से दिनांक 03.11.2015, 05.12.2015, 30.01.2016, 06.02.2016, 20.02.2016 तथा 03.03.2016 अतिरिक्त समय चाहा गया है जिस पर माननीय न्यायालय द्वारा जाँच पूर्ण करने हेतु 21.03.2016 तक का अतिरिक्त समय दिया गया है। यह सही नहीं है कि दिनांक 03.11.2015 को जाँच अधिकारी उप निरीक्षक, राजेश सांतनकर द्वारा जाँच न करते हुए दुकानों की तोड़फोड़ में सम्मिलित रहे। वस्तुस्थिति यह है कि उक्त दिनांक 03.11.2015 को उनका स्वास्थ्य खराब होने के कारण वह सिक में रहे थे। यह सही नहीं है कि उनके द्वारा माननीय न्यायालय के आदेशों की अवहेलना की गई। वस्तुस्थिति यह है कि दिनांक 03.11.2015 को उनका स्वास्थ्य खराब था। (ग) यह सही है कि माननीय न्यायालय एवं वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशों की अवहेलना करने के आरोप में मध्यप्रदेश पुलिस मेन्यूअल एवं रेगुलेशन में संबंधित अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही किये जाने के प्रावधान हैं लेकिन प्रस्तुत प्रकरण में थाना प्रभारी, दतिया एवं उप निरीक्षक, राजेश सातनकर के द्वारा माननीय न्यायालय एवं वरि. अधिकारियों के आदेशों की कोई भी अवहेलना नहीं की गई और उनके द्वारा जाँच लंबित होने संबंधी जानकारी समय-समय पर माननीय न्यायालय को देते हुए अतिरिक्त समय की मांग की गई एवं माननीय न्यायालय द्वारा भी अतिरिक्त समय दिया गया। जाँच पूर्ण होने पर माननीय न्यायालय के समक्ष प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जायेगा।
आँगनवाड़ी केन्द्रों की जानकारी
68. ( क्र. 7049 ) श्री दिनेश राय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिवनी जिले में किस-किस स्थान पर आँगनवाड़ी केन्द्र कब से संचालित हो रहे हैं? केन्द्रवार स्थानवार जानकारी दें और ऐसे कितने स्थान हैं, जहां आँगनवाड़ी केन्द्र खोलना अनिवार्य है, जो खोले नहीं गये? कारण सहित विधानसभा क्षेत्र वार जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित आँगनवाड़ी केन्द्र क्या शासकीय भवन में संचालित हैं? नहीं तो क्या इनके भवन हेतु बजट उपलब्ध नहीं है, यदि हाँ, तो बतायें? नहीं, तो भवन निर्माण कब तक कर दिये जायेंगे? (ग) प्रश्नांश (क) में दर्शित आँगनवाड़ी केन्द्रों में क्या-क्या गतिविधियां अनिवार्य है तथा कितनी गतिविधियां संचालित की जा रही हैं? केन्द्रवार जानकारी दें और प्रत्येक केन्द्र को संचालित किये जाने में कुल कितना बजट खर्च किया गया? विगत 03 वर्षों की केन्द्रवार जानकारी दें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) सिवनी जिले के 08 विकास खंडों में 11 परियोजनायें स्वीकृत है। जिले में संचालित 1810 आँगनवाड़ी केन्द्रों की केन्द्रवार/स्थानवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। सिवनी जिले में 203 ग्राम/स्थान ऐसे है जहां आँगनवाड़ी केन्द्र खोले जाना है। भारत सरकार द्वारा 4305 आँगनवाड़ी केन्द्र तथा 600 मिनी आँगनवाड़ी केन्द्र खोलने की स्वीकृति दी गई है। राज्यमंत्री परिषद् से स्वीकृति उपरान्त सिवनी जिले हेतु स्वीकृत आँगनवाड़ी केन्द्र व मिनी आँगनवाड़ी केन्द्र प्रारंभ करने की कार्यवाही की जा सकेगी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के पपत्र-2 अनुसार है। (ख) सिवनी जिले में 1502 आँगनवाड़ी केन्द्र शासकीय भवन में संचालित है। आँगनवाड़ी भवनों का निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है। सीमित वित्तीय संसाधन होने से सभी स्थानो पर आँगनवाड़ी केन्द्रों का निर्माण कराया जाना संभव नहीं है। (ग) आँगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से हितग्राहियों के लिये निम्नानुसार गतिविधियां संचालित हैं :- 1. पूरक पोषण आहार 2. स्वास्थ्य जाँच, 3. संदर्भ सेवायें, 4. टीकाकरण, पोषण एवं स्वास्थ्य शिक्षा, 5. स्कूल पूर्व अनौपचारिक शिक्षा, मंगल दिवस का आयोजन, बाल चौपाल, स्नेह सरोक एवं अटल बाल मिशन। आँगनवाड़ी केन्द्रों में संचालित गतिविधियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। विभागीय योजनाओं के संचालन हेतु विधानसभावार एवं केन्द्रवार बजट आवंटन उपलब्ध नहीं कराया जाता है। विगत तीन वर्षों में प्राप्त बजट के विरूद्ध व्यय की विधानसभावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
एम.आई.आर. मशीन की जानकारी विषयक
69. ( क्र. 7065 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के किन-किन मेडिकल कॉलेजों/ अस्पतालों में एम.आई.आर मशीन से जाँच की सुविधा उपलब्ध है? (ख) क्या एम.आई.आर. मशीन के प्रस्ताव/स्वीकृति के प्रकरण विभाग में लंबित है? जानकारी देवें? (ग) स्वीकृत एम.आई.आर. मशीन किन-किन मेडिकल कॉलेजों में स्थापित की जावेगी एवं मरीजों को कब तक इस सुविधा का लाभ मिलेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) चिकित्सा महाविद्यालय, जबलपुर तथा से संबद्ध चिकित्सालयों में एम.आर.आई. मशीन आउट-सोर्स द्वारा तथा चिकित्सा महाविद्यालय, इन्दौर से संबद्ध एम.वाय. चिकित्सालय में पी.पी.पी.मॉडल पर स्थापित की गई है। चिकित्सा महाविद्यालय, रीवा एवं ग्वालियर में एम.आर.आई. मशीन से जाँच की सुविधा उपलब्ध है। (ख) जी हाँ। संचालनालय चिकित्सा शिक्षा में परीक्षणाधीन है। (ग) सभी चिकित्सा महाविद्यालय में एम.आर.आई. की सुविधा यथाशीघ्र उपलब्ध कराई जाएगी।
थाना बहेरिया एवं थाना पदमाकर जिला सागर में दर्ज प्रकरण
70. ( क्र. 7066 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सागर जिले में बहेरिया थाना एवं पदमाकर थाने में वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक कितने प्रकरण पंजीबद्ध हुये? (ख) थाना बहेरिया एवं थाना पदमाकर में चोरी/चैन स्नेचिंग/बलात्कार/हत्या/लूट/मोबाईल गुम/ गुमशुदा/वाहनों के चालान/वाहन दुर्घटना के कितने प्रकरण पंजीबद्ध हुये एवं कितने प्रकरणों में कोर्ट में चालान पेश किये गये तथा कितने प्रकरण विवेचना में हैं? (ग) ऐसे कितने प्रकरण है जिनमें थाना बहेरिया एवं थाना पदमाकर में वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक गंभीर आरोपों में अपराधियों को पुलिस बल द्वारा गिरफ्तार नहीं किया जा सका? गिरफ्तार न करने के पीछे क्या कारण रहे? (घ) यदि थाना के पुलिस बल द्वारा अपराधियों को गिरफ्तार करने में शिथिलता की जा रही है तो विभाग ऐसे पुलिस अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) वर्ष 2015-16 में प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र नरयावली जिला सागर के थाना बहेरिया में कुल 266 प्रकरण तथा थाना पदमाकर में कुल 421 प्रकरण पंजीबद्ध हुये हैं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) थाना बहेरिया में बलात्कार का 01 प्रकरण एवं थाना पदमाकर में बलात्कार के 02 तथा लूट के 02 प्रकरणों में आरोपियों की गिरफ्तारी शेष है। प्रकरण विवेचना में है। आरोपियों की गिरफ्तारी हेतु प्रयास किये जा रहे हैं। (घ) थाना पुलिस द्वारा आरोपियों की गिरफ्तारी हेतु प्रयास किये जा रहे हैं। शिथिलता या लापरवाही नहीं की गई है। पुलिस अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
दंगा पीडि़तों को मुआवजा राशि का आवंटन
71. ( क्र. 7090 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सचिव म.प्र. शासन गृह विभाग (सी-अनुभाग) मंत्रालय भोपाल द्वारा वर्ष 1984 के सिक्ख विरोधी दंगों में शिवपुरी जिले के जिला कलेक्टर द्वारा अनुशंसित स्वीकृत मुआवजा राशि प्रदान करने हेतु वर्ष 2015 में कोई सूची वित्त विभाग को आवंटन उपलब्ध कराने हेतु भेजी गयी है? यदि हाँ, तो सूची में कितने पीडि़तों को कितनी राशि प्रदान करने हेतु आवंटन मांगा गया है? (ख) उपरोक्त दंगा पीडि़तों को कलेक्टर शिवपुरी की समिति की अनुशंसा अनुसार मुआवजा प्रदान करने हेतु आवंटन कब तक उपलब्ध करा दिया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के संदर्भ में उक्त दंगा पीडि़तों को मुआवजा राशि प्रदान हेतु आवंटन अभी तक क्यों प्रदान नहीं किया गया?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी नहीं, बल्कि 01 दंगा पीडि़त व्यक्ति हेतु रूपये 7.80 लाख (सात लाख अस्सी हजार मात्र) दिए जाने का प्रस्ताव प्रक्रियाधीन है। (ख) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रस्ताव योजना की समय-सीमा के पश्चात् प्राप्त होने से मामला प्रक्रियाधीन है।
एम.बी.बी.एस. प्रथम वर्ष में 2010 से 2015 तक प्रवेशित छात्रों की सूची
72. ( क्र. 7111 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मेडिकल कॉउन्सिल ऑफ इंडिया के एम.बी.बी.एस. प्रथम वर्ष में प्रवेश हेतु तय दिशा निर्देश अनुसार शासकीय एवं निजी चिकित्सा महाविद्यालयों को प्रवेशित अभ्यर्थियों की अंतिम सूची किस समयावधि/ दिनांक तक विभाग/शासन को भेजना जरूरी है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार बतावें कि पिछले छ: वर्षों में (2010 से 2015) शासकीय तथा निजी चिकित्सा महा. ने अंतिम प्रवेशित सूची किस-किस दिनांक को भेजी तथा क्या यह MCI के निर्देश के अनुरूप थी? (ग) क्या शासन के पास एम.बी.बी.एस. प्रथम वर्ष में प्रवेशित छात्रों की सूची महाविद्यालय अनुसार उपलब्ध है? (घ) वर्ष 2015 में प्रदेश के शासकीय तथा निजी चिकित्सा महाविद्यालयों में एम.बी.बी.एस. प्रथम वर्ष में कुल कितने विद्यार्थियों को प्रवेश दिया गया? महाविद्यालय अनुसार बतावें तथा यदि किसी महाविद्यालय में तयशुदा (MCI द्वारा स्वीकृत) सीट से कम अथवा ज्यादा को प्रवेश दिया है तो क्यों दिया है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) सत्र 2015-16 में एम.सी.आई. नई दिल्ली द्वारा जारी ज्ञाप दिनांक 09 अक्टूबर, 2015 द्वारा जारी निर्देशानुसार चिकित्सा महाविद्यालयों में एम.बी.बी.एस. पाठ्यक्रम में प्रवेशित अभ्यर्थियों की सूची दिनांक 15 अक्टूबर, 2015 तक शासन को भेजने हेतु समय-सीमा निर्धारित की गई हैं। (ख) प्रश्नांश में उल्लेखित वर्षों में शासकीय एवं निजी चिकित्सा महाविद्यालयों में प्रवेशित छात्रों की सूची भेजने की तिथि संबंधी जानकारी एकत्रित की जा रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) शासन द्वारा प्रश्नांश से संबंधित जानकारी संकलित नहीं की जाती है। (घ) वर्ष 2015 में प्रदेश के शासकीय एवं निजी चिकित्सा महाविद्यालयों में एम.बी.बी.एस. पाठ्यक्रम के प्रथम वर्ष में (इंडेक्स चिकित्सा महाविद्यालय को छोड़कर) शासकीय एवं निजी चिकित्सा महाविद्यालयों में प्रवेशित छात्रों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। किसी भी शासकीय एवं निजी चिकित्सा महाविद्यालय द्वारा एम.सी.आई. द्वारा स्वीकृत सीट संख्या से अधिक अभ्यर्थियों को प्रवेश नहीं दिया गया हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जाँच हेतु जानकारी का प्रदाय
73. ( क्र. 7124 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय कलेक्टर (खाद्य शाखा) जबलपुर के पत्र क्रं./1018/खाद्य/2015 दिनांक 17.9.2015 के द्वारा संचालनालय के पत्रों के संदर्भ में कलेक्टर कटनी से जानकारी चाही गई थी? (ख) यदि हाँ, तो दस्तावेज एवं जानकारी किस सक्षम प्राधिकारी द्वारा किन-किन दिनांकों को जिला आपूर्ति नियंत्रक जबलपुर को उपलब्ध करायी गई एवं सत्यापित की गई? (ग) प्रश्नांश (क) में क्या पत्र के बिन्दु क्रं. 01, 02, 03, 04, 07, एवं 08 पूर्णरूपेण जानकारी प्रदाय की गई थी? यदि हाँ, तो बिन्दुवार दिये गये दस्तावेजों का विवरण देवें? यदि नहीं, तो कौन दस्तावेज/अभिलेख किन कारणों से उपलब्ध नहीं कराये गये? (घ) जिला आपूर्ति नियंत्रक जबलपुर के प्रतिवेदन दिनांक 11.12.2015 में ऐसे कौन-कौन दस्तावेजों का उल्लेख है? जो जिला आपूर्ति अधिकारी द्वारा उपलब्ध नहीं कराये गये? (ड.) प्रश्नांश (घ) क्या जनपदों द्वारा जारी राशन कार्डों की सूची की उपलब्धता से जाँच पूर्ण नहीं होने का प्रतिवेदन दिया गया है? यदि हाँ, तो इसका कौन-कौन जिम्मेदार हैं?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) कार्यालय कलेक्टर (खाद्य शाखा) जिला कटनी के पत्र क्रमांक 568 दिनांक 18.09.2015, क्रमांक 687 दिनांक 07.11.2015, क्रमांक 694 दिनांक 17.11.2015, क्रमांक 704 दिनांक 19.11.2015 द्वारा जिला आपूर्ति नियंत्रक जबलपुर को जानकारी उपलब्ध कराई गई। श्री अमन मिश्रा, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी, कटनी द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी की फोटोकॉपी सत्यापित की गई है। (ग) जी नहीं। कार्यालय कलेक्टर (खाद्य शाखा) जिला कटनी द्वारा उपलब्ध नहीं कराये गये दस्तावेजों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (घ) जिला आपूर्ति नियंत्रक जबलपुर के प्रतिवेदन दिनांक 11.12.2015 में जिला आपूर्ति अधिकारी, कटनी द्वारा उपलब्ध न कराये जाने वाले दस्तावेजों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ड.) जी हाँ। अभिलेख पुराने होने से उन्हें जनपद स्तर पर ढूँढा जा रहा है, अत: इसके लिए जिम्मेदारी निर्धारित करना उचित नहीं है।
धान खरीदी भंडारण और परिवहन में अनियमितता
74. ( क्र. 7141 ) श्री मधु भगत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तारांकित प्रश्न संख्या-10 ( क्र. 1008) दिनांक 26/02/2016 का उत्तर सही दिया गया था और शासन के परिपत्रों के आधार पर पूर्ण कार्यवाही एवं प्रक्रिया के आंकड़े दिये गये थे? यदि हाँ, तो बतायें कि उत्तर के परिशिष्ट (अ) में धान की मात्रा में अंतर क्यों है? शेष धान कहाँ गया? इस हेतु कौन जिम्मेदार है? संबंधित के विरूद्ध कार्यवाही कब तक की जायेगी? (ख) उक्त प्रश्न के प्रश्नांश (ख) के उत्तर के संदर्भ में बताये कि जिन गोदामों में धान का भण्डारण नहीं किया गया था, इस सम्बंध में दिये गये उत्तर का दस्तावेजी प्रमाण बताये। क्या भण्डारण हेतु प्रस्ताव मांगे गये थे? क्या विज्ञप्ति जारी की गई थी, यदि हाँ, तो प्रति बतायें? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) उक्त प्रश्न के प्रश्नांश (ग) का उत्तर क्यों नहीं दिया गया? जिसमें पूछा था कि धान खरीदी केन्द्र से निकटतम दूरी के आधार पर बढ़ते क्रम में गोदाम कहाँ-कहाँ पर है, जिनमें धान भण्डारित नहीं की गई थी? इसका कौन जिम्मेदार है? (घ) प्रश्नांश (घ) के संदर्भ में बतायें कि इसका क्या प्रमाण है कि बालाघाट जिले की मिलिंग, प्लाण्ट निर्धारित समय-सीमा में मिलिंग नहीं कर सकते थे? कौन-कौन सी मिल ने समय-सीमा के अंदर मिलिंग करने से लिखित में इंकार किया था? (ड.) जिस परिवहन एजेंसी को भुगतान किया गया है उसने कौन-कौन से वाहन से कब परिवहन किया, वाहन का क्रमांक, तिथि तथा गोदाम से जारी कम्प्यूटराइज स्वीकृति पत्रक की प्रति बतावें?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों में पदस्थ स्टॉफ एवं योजनाओं सामग्री
75. ( क्र. 7144 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) गुनौर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत क्या प्रत्येक आँगनवाड़ी केन्द्र के लिये बर्तन एवं अन्य सामग्री की खरीदी की गई यदि हाँ, तो वर्ष 2014-15, 2015-16 में कितने बर्तन खरीदे गये संख्यावार एवं अन्य सामग्री क्या-क्या खरीदी की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार आँगनवाड़ीवार क्या-क्या सामग्री उपलब्ध कराई गई है एवं कितनी-कितनी राशि की कराई गई है तथा सामग्री क्रय करने हेतु कौन-कौन अधिकारी की जिम्मेदारी है एवं सामग्री क्रय करने हेतु निविदा आमंत्रित की गई थी यदि हाँ, तो कब बतावें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) गुनौर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत परियोजना गुनौर के 237 आँगनवाड़ी केन्द्र एवं 39 मिनी केन्द्र कुल 276 केन्द्रों के प्रत्येक आँगनवाड़ी केन्द्र के लिए बर्तन एवं अन्य सामग्री खरीदी की गई है जिसका वर्षवार विवरण निम्नानुसार है-
वर्ष |
सामग्री का नाम |
सामग्री की संख्या |
रिमार्क |
2014 -15 |
प्री-स्कूल किट |
276 |
|
इलेक्ट्रॉनिक वजन मशीन |
07 |
|
|
बैच कार्ड |
474 |
|
|
2015-16 |
प्री-स्कूल किट |
474 |
|
वॉटर फिल्टर |
276 |
|
(ख) 237 आँगनवाड़ी केन्द्र एवं 39 मिनी केन्द्र कुल 276 केन्द्रों में उपलब्ध कराई गई सामग्री एवं व्यय राशि का विवरण निम्नानुसार है-
वर्ष |
सामग्री का नाम |
सामग्री की संख्या |
व्यय
राशि रू. में |
2014 -15 |
प्री-स्कूल किट |
276 |
561068/- |
इलेक्ट्रॉनिक वजन मशीन |
07 |
41971/- |
|
बैच कार्ड |
474 |
11168/- |
|
2015-16 |
प्री-स्कूल किट |
474 |
686539/- |
वॉटर फिल्टर |
276 |
735138/- |
म.प्र.भण्डार क्रय नियमानुसार सामग्रियां लघु उद्योग निगम एवं DGS&D दर पर क्रय की गई। सामग्री क्रय हेतु जिला कार्यक्रम अधिकारी अधिकृत है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
चिकित्सालयों में वितरित नि:शुल्क दवाइयां
76. ( क्र. 7146 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला चिकित्सालय पन्ना में जो दवाइयां मरीजों को नि:शुल्क दी जाती हैं वो कौन-कौन सी हैं व किस एजेंसी से क्रय की जाती है एवं किसके आदेश से क्रय की जाती है? क्या दवाइयां क्रय करने एवं गुणवत्ता के लिये कोई कमेटी होती है यदि हाँ, तो उस कमेटी में कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी एवं डॉक्टर होते हैं? (ख) क्या चिकित्सालयों में भर्ती मरीजों को आवश्यक दवाइयां का स्टाक में न होना कहा जाता है तथा जो दवाई चिकित्सालय में उपलब्ध है उन्हें चिकित्सक द्वारा गुणवत्ता विहीन कहकर बाजार से खरीदने को कहा जाता है? (ग) क्या बी.पी.एल. कार्डधारी एवं आम जनता को शासन द्वारा फ्री इलाज की सुविधा होने के बाद भी हमेशा दवाइयों का अभाव बताकर इलाज नहीं किया जाता है क्या चिकित्सालयों द्वारा दवाइयों का क्रय कम मात्रा में किया जाता है और भुगतान ज्यादा किया जाता है? (घ) क्या शासकीय दवाइयों को मार्केट में विक्रय कर दिया जाता है क्या संभव नहीं है कि जो एजेंसी द्वारा शासकीय चिकित्सालों में दवाइयां उपलब्ध कराई जाती है उनके रेपर का कलर एजेंसी द्वारा अलग किया जा सकता है क्या जिससे वह मार्केट में न जा सकें एवं हितग्राही पहचान कर सकें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जिला चिकित्सालय पन्ना में निःशुल्क प्रदाय की जा रही दवाइयों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “अ“ अनुसार। यह दवाइयां, संचालनालय एवं म.प्र. पब्लिक हेल्थ सर्विसेस कारपोरेशन द्वारा निर्धारित दरों पर संबंधित फर्म से क्रय की जाती हैं एवं सिविल सर्जन के आदेश से क्रय की जाती है। दवाइयां क्रय करने के लिए क्रय समिति होती है। जिला चिकित्सालय की क्रय समिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “ब“ अनुसार। दवाइयों की गुणवत्ता परीक्षण निर्धारित एन.ए.बी.एल. प्रयोगशाला में कराया जाता है जिसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “स“ अनुसार। (ख) जी नहीं। चिकित्सालय में उपलब्ध दवाइयों को मरीजों को उपलब्ध कराया जाता है। जो दवाइयां उपलब्ध नहीं होती उनका स्थानीय क्रय कर उपलब्ध कराया जाता है। (ग) जी नहीं। जिला चिकित्सालय पन्ना में सभी श्रेणी के मरीजों को निःशुल्क उपचार एवं दवाइयां उपलब्ध कराई जाती है एवं दवाइयां पर्याप्त मात्रा में आवश्कता अनुसार क्रय की जाती है एवं उन्हीं का भुगतान किया जाता है। (घ) जी नहीं। शासकीय दवाओं का मार्केट में विक्रय नहीं किया जा सकता है। शासन से भेजे जाने वाली दवाओं में M.P. Govt. not for sale प्रिंट रहता है।
प्रभारी परियोजना अधिकारी के प्रभार
77. ( क्र. 7179 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दतिया एवं ग्वालियर जिले में संचालित एकीकृत बाल विकास परियोजनाओं के परियोजना अधिकारी व पर्यवेक्षकों के कितने पद स्वीकृत है और कितने भरे व कितने रिक्त हैं? परियोजनावार बतायें? (ख) उक्त दोनों जिलों में पर्यवेक्षक सीधी भर्ती से है या पदोन्नति से है नामवार बतायें? (ग) भाण्डेर, सेवढ़ा, इन्दरगढ़ मेंरिक्त पर्यवेक्षकों परियोजना अधिकारी के पद विरूद्ध कौन काम कर रहा है? (घ) क्या भाण्डेर परियोजना में जिस पर्यवेक्षक को प्रभारी बनाया गया है उसके विरूद्ध चार-चार बार अनुशासनात्मक कार्यवाही हो चुकी है? वेतन वृद्धि रोकी गई है निलंबित हो चुकी है और उसी को प्रभारी परियोजना अधिकारी का चार्ज क्यों दिया गया? भविष्य में पुनरावृत्ति न हो इसके लिए ठोस कार्यवाही की जाएगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है। (घ) श्रीमती कमला साहू दो बार निलंबित हुई है, तथा उनकी दो बार वेतन वृद्धि रोकी गई है। परियोजना में वरिष्ठतम पर्यवेक्षक होने से श्रीमती साहू को विभागीय निर्देशों के तहत परियोजना का प्रभार दिया गया है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पोस्टमार्टम समय में वृद्धि
78. ( क्र. 7205 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में अप्राकृतिक मृत्यु होने की दशा में पोस्टमार्टम प्रक्रिया शाम 5 बजे के बाद नहीं किये जाने के क्या तर्क है? (ख) क्या शाम 5 बजे के बाद पोस्टमार्टम नहीं किये जाने के क्या तर्क का मुख्य कारण पोस्टमार्टम कक्षों में पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था न होना है यदि हाँ, तो उज्जैन संभाग में कितने चिकित्सालयों के पोस्टमार्टम कक्ष में पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था इनवेटर, जनरेटर जैसी सुविधाएं नहीं है? (ग) क्या चिकित्सा विभाग मानता है कि सायं 5 बजे बाद पोस्टमार्टम न करने के कारण दुख की घड़ी में दूरस्थ गांवों में रहने वाले नागरिकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है? (घ) क्या विभाग पोस्टमार्टम करने के समय को साय 5 से बढ़ाकर रात्रि 10 बजे तक करने का विचार कर रहा है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) गृह मंत्रालय की मेडिकोलीगल सलाहकार समिति ने ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एण्ड डेवलपमेन्ट की फोरेन्सिक मेडिसिन की स्टेन्डिंग कमेटी के अभिमत अनुसार पोस्टमार्टम नियमानुसार दिन के प्रकाश में किये जाने चाहिये। पोस्टमार्टम प्रक्रिया शाम 05 बजे के बाद नहीं किये जाने के निम्न कारण है :- 1. पोस्टमार्टम में चोट, मृत्यु का समय एवं कारण का आकलन चोट भरने के स्तर को देखकर किया जाता है। 2. चोट भरने के स्तर का आंकलन निश्चित रंगो के बदलाव द्वारा किया जाता है। 3. रंगों का सत्यापन प्राकृतिक प्रकाश में ठीक होता है। 4. त्वचा का रंग डार्क होने पर कृत्रिम प्रकाश तके त्वचा में मुंदी चोट या खरोंच का पता चलना मुश्किल होता है। जिसके कारण मृत्यु का कारण, समय, आदि के निर्धारण में त्रृटि हो सकती है। (ख) जी नहीं। गृह मंत्रालय की मेडिकोलीगल सलाहकार समिति ने दिन में पोस्टमार्टम करने की अनुशसा की है। प्रश्नांश ’’क’’ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। प्रश्नांश ’’क’’ के उत्तर के प्रकाश में सुर्यास्त के बाद पोस्टमार्टम करना उचित नहीं है। (घ) जी नहीं।
बढ़ते अपराधों पर अंकुश नहीं लगाया जाना
79. ( क्र. 7211 ) श्री आरिफ अकील : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस मुख्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार भोपाल में वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में हत्या, हत्या के प्रयास, लूट, चोरी, डकैती, बलात्कार, सामूहिक बालात्कार, छेड़-छाड़, महिला व लड़कियों का गुम होना, अवैध बच्चे मिलना, साम्प्रदायिक तनाव, जुआ-सटटा आदि अपराधों में वृद्धि हुई है वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में तुलनात्मक जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) क्या माननीय गृह मंत्री महोदय के समीक्षा बैठक के दौरान कुछ पुलिस अधिकारियों ने भोपाल में बड़े पैमाने पर जुआ-सट्टा होने की बात स्वीकारी थी? यदि हाँ, तो पुलिस के संज्ञान में होने के बाद भी जुए-सट्टे पर अंकुश नहीं लगाने के क्या कारण है? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या जिन लोगों के संरक्षण में खुलेआम जुआ-सट्टा फल-फूल रहा है, के द्वारा थानों में जाकर पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर दबाव डालने वालों के विरूद्ध एवं जुए-सट्टे पर अंकुश लगाने हेतु क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? (घ) वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में भोपाल में कहाँ-कहाँ, जुआ-सट्टा हो रहा है तथा किन-किन के जुआ-सट्टा घरों के विरूद्ध कब-कब वैधानिक कार्यवाही की गई वर्षवार थानेवार बतावें?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) प्रश्नांकित अवधि (वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक) में भोपाल जिले में प्रश्न में वर्णित किसी भी अपराध शीर्ष में लगातार वृद्धि नहीं हुई है। किसी वर्ष किसी अपराध शीर्ष में बढ़ोत्तरी तो किसी वर्ष में उसी अपराध शीर्ष में कमी परिलक्षित हुई है। शीर्षवार एवं वर्षवार तुलनात्मक विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार है। (ख) जिला भोपाल में पुलिस के संज्ञान में जुआ-सट्टा संचालित नहीं हो रहा है। जब भी पुलिस को जुआ-सट्टा की सूचना प्राप्त होती है, तत्काल पुलिस द्वारा वैधानिक कार्यवाही की जाती है। (ग) जिला भोपाल में अवैध रूप से जुआ-सट्टा में संलिप्त पाये गये व्यक्तियों के विरूद्ध समय-समय पर वैधानिक कार्यवाही की गई है। किसी भी थाने पर किसी भी व्यक्ति द्वारा पुलिस अधिकारी/कर्मचारियों पर दबाव डालने संबंधी कोई भी जानकारी संज्ञान में नहीं आई है। (घ) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार है।
ठग निहो कंस्ट्रक्शन कंपनी के कर्ता-धर्ताओं के विरूद्ध कार्यवाही नहीं की जाना
80. ( क्र. 7212 ) श्री आरिफ अकील : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 24 अप्रैल 2014 को भोपाल के थाना निशातपुरा में दिल्ली की निहो कंस्ट्रक्शन कंपनी के विरूद्ध करोद स्थित ग्राम नेवरी में स्कॉटिश गार्डन कालोनी निर्मित किए जाने के नाम पर करोड़ों रूपये की धोख-धड़ी करने संबंधी एफ.आई.आर. दर्ज की गई है? (ख) यदि हाँ, तो क्या माह अप्रैल 2014 को उक्त कंस्ट्रशन कंपनी के विरूद्ध तथा ग्राहकों के पक्ष में उपभोक्ता फोरम द्वारा 3 माह क्षतिपूर्ति राशि एवं गृह निर्माण कर दिये जाने के आदेश पारित किए गए तथा माह जनवरी 2012 को भोपाल नगर निगम में भी ग्राहकों द्वारा उक्त कंपनी के विरूद्ध शिकायत की गई थी? यदि हाँ, तो नगर निगम प्रशासन द्वारा भी बंधक प्लाट विक्रय कर विकास कार्य किए जाने की कार्यवाही नहीं की गई? (ग) यदि हाँ, तो ठग कंपनी के कर्ता-धर्ता द्वारा अग्रिम जमानत कराने के भरसक प्रयास किए जा रहे है लेकिन पुलिस प्रशासन द्वारा गिरफ्तारी की कार्यवाही नहीं किए जाने के क्या कारण हैं और दोषियों को कब तक गिरफ्तार कर लिया जावेगा लगभग 2 वर्ष होने के बाद भी गिरफ्तारी की कार्यवाही नहीं किए जाने व लापरवाही करने वालों के विरूद्ध शासन द्वारा क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बतावें?
गृह
मंत्री ( श्री
बाबूलाल गौर ) :
(क)
जी हाँ, दिल्ली
की निहो
कंस्ट्रक्शन
कम्पनी के
विरूद्ध
करोंद स्थित
ग्राम नेवरी
में स्कॉटिश
गार्डन
कॉलोनी
निर्मित किये
जाने के नाम
पर करोड़ों
रूपये की
धोखा-धड़ी
करने के संबंध
में शिकायतकर्ता
श्री राजेश
शांडिल्य निवासी
3/6, मैनिट
कैम्पस
गार्डन,
भोपाल
के शिकायत
पत्र के आधार
पर थाना
निशातपुरा, भोपाल
पर अपराध
क्रमांक 372/14 धारा 420, 120-बी,
34
भा.द.वि.
उपरोक्त
कम्पनी के
संचालक दीपक
कपिल व दो
अन्य के
विरूद्ध
पंजीबद्ध
किया गया है।
(ख)
माह जनवरी 2012 में नगर
निगम भोपाल को
शिकायत
प्राप्त हुई
थी। प्राप्त
शिकायत के
संदर्भ में
निगम प्रशासन
द्वारा
नियमानुसार
विधि अनुरूप
कार्यवाही
करते हुए
अंतिम आदेश
दिनांक 24.07.2015 के
आधार पर दैनिक
समाचार पत्र
में
सार्वजनिक विज्ञप्ति
प्रकाशित कर
शेष बंधक
भू-खण्डों के
क्रय/विक्रय व
अंतरण पर रोक
लगाई गई है। (ग)
प्रकरण के तीन
नामजद
आरोपीगणों
में से 02
आरोपीगण अशोक
गोयल व दीपक
कपिल को
क्रमशः दिनांक
19.09.2014 व 02.03.2016 को
गिरफ्तार
किया जा चुका
है। केवल
आरोपी दीवान
सिंह चौहान की
गिरफ्तार शेष
है जिसकी गिरफ्तारी
के निरंतर प्रयास
जारी हैं।
प्रकरण में
गिरफ्तार
आरोपी अशोक
गोयल के
विरूद्ध
अभियोग पत्र
दिनांक 14.11.2014 को
संबंधित
न्यायालय में
प्रस्तुत
किया जा चुका
है, जो
न्यायालय में
विचाराधीन है
तथा शेष 02
आरोपीगणों के
विरूद्ध
प्रकरण में
धारा 173 (8) द.प्र.सं.
के प्रावधान
अंतर्गत विधि
अनुसार
विवेचना जारी
है। शेष
प्रश्न उपस्थित
नहीं होता।
अनुसूचित जाति के परिवार पर अत्याचार के विरूद्ध
81. ( क्र. 7217 ) श्रीमती ममता मीना : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुना जिले के ग्राम नलखेड़ा थाना जामनेर निवासी सोनबाई पुत्री हजारी अनु. जाति के द्वारा ग्राम मक्सूदनगढ़ चौकी थाना जामनेर में दिनांक 31.05.2015 को मोहनसिंह पुत्र बनेसिंह के विरूद्ध अपराध दर्ज कराने का आवेदन दिया था? (ख) क्या ग्राम नलखेड़ा में हजारी पुत्र कोमल द्वारा दिनांक 20.8.2015 को मोहनसिंह के विरूद्ध शिकायत की थी एवं क्या दिनांक 04.10.2015 को वल्लू पुत्र हजारी ने देवेन्द्र पुत्र बनेसिंह के विरूद्ध रिपोर्ट की थी? क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित तथ्यों में समय पर अपराध दर्ज हुआ है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) की घटना दिनांक का अपराध पुलिस महानिदेशक के आदेश दिनांक 3.10.15 को दर्ज हुआ था उक्त अपराध कौन से अधिनियम की धाराओं में दर्ज हुआ? क्या समय पर एट्रोसिटी एक्ट में अपराध दर्ज न करने वाले पुलिस अधिकारी कौन सी एट्रोसिटी एक्ट की धारा में दोषी होते हैं? (घ) यदि प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में वर्णित तथ्य सत्य है और इनमें उल्लेखित घटनाओं तथा अन्य घटनायें इस अनुसूचित जाति के परिवार पर अत्याचार करने वालों एवं इस परिवार पर अत्याचार का समय पर अपराध दर्ज ना करने वाले कौन-कौन से अधिकारी दोषी है? प्रश्नांश (क) की घटना का 5 माह बाद अपराध तो कर दिया किंतु विभाग द्वारा दोषी पुलिस वालों के विरूद्ध अपराध अभी तक क्यों दर्ज नहीं किया? क्या कार्यवाही करेंगे एवं कब तक?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी नहीं। अपितु उनके पिता हजारी द्वारा दिनांक 01.06.2015 को चौकी मकसूदनगढ़ इस आशय की रिपोर्ट की गई कि उनकी पुत्री सोन बाई उम्र 22 वर्ष दिनांक 31.05.2015 की रात्रि 09:00 बजे से दिनांक 01.06.2015 के प्रातः 06:00 बजे के मध्य घर से बिना बताये कहीं चली गई। जिस पर गुम इंसान क्रमांक 6/15 असल गुम इंसान क्रमांक 15/15 थाना जामनेर पर पंजीबद्ध किया गया। (ख) जी नहीं, श्री हजारी पुत्र श्री कोमल द्वारा श्री मोहन सिंह के विरूद्ध दिनांक 20.08.2015 को पुलिस में शिकायत नहीं की थी। जी हाँ। दिनांक 04.10.2015 को श्री बल्लू सिंह पुत्र हजारी निवासी ग्राम नलखेड़ा के द्वारा थाना जामनेर में श्री देवेन्द्र पुत्र श्री बने सिंह के विरूद्ध रिपोर्ट की थी जिस पर थाना जामनेर में अप.क्र. 298/15, धारा 341, 294, 506, 323 भा.द.वि. एवं 3 (1) (10) अनु.जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 का प्रकरण पंजीबद्ध किया गया था। जी हाँ, प्रश्नांश ’क’ एवं ’ख’ के संबंध में प्राप्त सूचना/शिकायत में जांचोपरांत समय पर प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं। (ग) जी नहीं, अपितु आवेदिका सोन बाई द्वारा पुलिस महानिदेशक के समक्ष 02.09.2015 को प्रस्तुत आवेदन पत्र पर निर्देशानुसार अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) चाचौड़ा जिला गुना द्वारा की गई जाँच निष्कर्ष के आधार पर अपराध के तथ्य पाये जाने पर थाना अजाक, गुना में दिनांक 02.10.2015 को अप.क्र. 13/15 धारा 366, 376 भा.द.वि. एवं 3 (1) (12), 3 (2) (5) अनु.जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 की धाराओं में पंजीबद्ध किया गया। अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 की धारा 4 में लोक सेवकों के विरूद्ध दण्ड के प्रावधान हैं। (घ) प्रश्नांश ’क’-’ख’ एवं ’ग’ में वर्णित तथ्य का विवरण उपरोक्तानुसार है। उक्त प्रश्नांश की घटनाओं की कार्यवाही में पुलिस अधिकारी का दोषी होना नहीं पाया गया है। अनुसूचित जाति के पीडि़त परिवार के सदस्यों द्वारा की गई शिकायतों पर यथासमय वैधानिक कार्यवाही दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध की गई है। आवेदिका सोनबाई द्वारा अपनी गुमशुदगी के प्रकरण में दिनांक 05.06.2015 को दस्तयाबी के समय उनके द्वारा अपहरण एवं बलात्कार संबंधी कोई तथ्य पुलिस के समक्ष नहीं बताये गये थे। इस कारण तत्समय अपराध दर्ज नहीं किया गया था। आवेदिका द्वारा दिनांक 02.09.2015 को की गई शिकायत की जाँच पर अपराध के तथ्य पाये जाने पर अपराध पंजीबद्ध किया गया है। उक्त संबंध में कोई पुलिस अधिकारी दोषी नहीं पाये जाने से उनके विरूद्ध किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं की गई है।
टीकमगढ़ स्थित नर्सिंग सेंटर को यथावत रखा जाना
82. ( क्र. 7229 ) श्री के. के. श्रीवास्तव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में शासकीय स्तर पर कितने नर्सिंग प्रशिक्षण केन्द्र कहाँ-कहाँ संचालित हैं? (ख) प्रशिक्षण की अवधि कितनी होती है? क्या प्रशिक्षण केन्द्रों पर छात्रावासों की भी व्यवस्था है? कहाँ-कहाँ पर हैं? भोजन की क्या व्यवस्था है? प्रति प्रशिक्षाणार्थी शुल्क क्या है? एक प्रशिक्षणांर्थी पर शासन कितना व्यय करता है? (ग) टीकमगढ़ में संचालित प्रशिक्षण केन्द्र में कितने प्रशिक्षणांर्थी प्रशिक्षण ले रहे हैं? प्रभारी कौन है तथा कब से पदस्थ है? अद्यतन जानकारी से अवगत करायें? (घ) प्रदेश में कितने नवीन प्रशिक्षण केन्द्र कहाँ-कहाँ खोले जाना प्रस्तावित हैं? क्या टीकमगढ़ स्थित नर्सिंग सेंटर कहीं अन्यत्र स्थानांतरित किया जा रहा है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) मध्यप्रदेश शासन लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा प्रदेश में 2 शासकीय बी.एस.सी नर्सिंग महाविद्यालय जबलपुर एवं उज्जैन एवं 21 जनरल नर्सिंग प्रशिक्षण केन्द्र भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा, सागर, छिन्दवाड़ा, रतलाम, खंडवा, सतना, रायसेन, झाबुआ, सीधी, राजगढ, नरसिंहपुर, सिवनी, दतिया, देवास, मंदसौर, बालाघाट एवं विदिशा जिले में संचालित हैं। (ख) बी.एस.सी. नर्सिंग प्रशिक्षण की अवधि चार वर्षीय है एवं जनरल नर्सिंग प्रशिक्षण की अवधि तीन वर्षीय है। बी.एस.सी. नर्सिंग प्रशिक्षण केन्द्र उज्जैन एवं जबलपुर तथा पूर्व से संचालित जनरल नर्सिंग प्रशिक्षण केन्द्र भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, रीवा, छिन्दवाड़ा, सागर, रतलाम, खंडवा, जबलपुर में छात्रावास की सुविधा उपलब्ध है एवं शेष नवीन जनरल नर्सिंग प्रशिक्षण केन्द्रों में भवन निर्माण कार्य प्रगति पर है। छात्रावास में छात्राओं द्वारा स्वंय मेस संचालित कर भोजन की व्यवस्था की जाती है। शासकीय प्रशिक्षण केन्द्र में प्रशिक्षण शुल्क देय नहीं है। बी.एस.सी. नर्सिंग महाविद्यालय की छात्राओं को शासन द्वारा प्रतिमाह प्रति छात्रा 3500/- रूपये एवं जी.एन.एम. प्रशिक्षण केन्द्र की छात्राओं को प्रतिमाह प्रतिछात्रा 3000/- रूपये की शिष्यावृत्ती प्रदान की जाती है। (ग) टीकमगढ़ में ए.एन.एम. प्रशिक्षण केन्द्र संचालित है तथा वर्तमान में इस प्रशिक्षण केन्द्र में 19 छात्राऐं प्रशिक्षणरत हैं। ए.एन.एम. प्रशिक्षण केन्द्र टीकमगढ़ में प्रभारी प्राचार्य श्रीमती चंद्रकली गुप्ता वर्ष 2009 से पदस्थ हैं। (घ) वर्तमान में नवीन जी.एन.एम. प्रशिक्षण केन्द्र खोले जाने एवं ए.एन.एम. प्रशिक्षण केन्द्र टीकमगढ़ को अन्यत्र स्थानान्तरित किये जाने हेतु कार्यवाही प्रस्तावित नहीं है।
प्लाटून कमाण्डरों के वरीष्ठता सूची का निर्धारण
83. ( क्र. 7234 ) श्री नाना भाऊ मोहोड़ : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी भर्ती के वर्ष 1999 एवं 2000 बैच के जिला बल उप निरीक्षकों जो वर्तमान में निरीक्षक है, की आपसी सह-वरीष्ठता निर्धारण सूची तत्समय किस आधार पर बनायी गयी थी? चयन परीक्षा के प्राप्तांकों के आधार पर या बुनियादी प्रशिक्षण की अंतिम परीक्षा में प्राप्तांकों के आधार पर? स्पष्ट करें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या विशेष शाखा संवर्ग के उपनिरीक्षक जो वर्तमान में निरीक्षक हैं, की आपसी सह-वरिष्ठता निर्धारण सूची पूर्व में बुनियादी प्रशिक्षण की अंतिम परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर बनायी गयी थी जिसे वर्ष 2014 में परिवर्तित कर चयन परीक्षा के प्राप्ताकों के आधार पर बनायी गयी है? (ग) क्या सीधी भर्ती वर्ष 1999 एवं 2000 बैच के प्लाटून कमाण्डर जो वर्तमान में कंपनी कमांडर हैं, की आपसी सह-वरिष्ठता निर्धारण सूची जो कि बुनियादी प्रशिक्षण की अंतिम परीक्षा में प्राप्तांकों के आधार बनायी गयी है, को परिवर्तित कर सीधी भर्ती वर्ष 1999 एवं 2000 बैच के जिला बल एवं विशेष शाखा संवर्ग के उपनिरीक्षकों की तरह चयन परीक्षा में प्राप्तांकों के आधार पर बनाया जा रहा है? (घ) प्रश्नांश (ग) का उत्तर यदि नहीं, है तो कारण स्पष्ट करें कि संवर्ग के तीनों पदों में आपसी सह वरिष्ठता निर्धारण नियम के परिपालन में एकरूपता क्यों नहीं है? इस संबंध में अभी तक की गयी कार्यवाही से अवगत कराते हुए यह बतावे कि वर्ष 1999 एवं 2000 बैच के प्लाटून कमाण्डर की आपसी सह वरिष्ठता सूची कब तक परिवर्तित किया जा सकेगा?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
संविदा कर्मचारियों की लंबित मांगों के सम्बन्ध में
84. ( क्र. 7235 ) श्री नाना भाऊ मोहोड़ : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत कार्यरत अल्प वेतन कर्मचारियों के भविष्य को दृष्टिगत रखते हुए शासन की क्या योजना है? उन्हें समान कार्य समान वेतन देने की घोषणा कब तक पूर्ण की जावेगी? (ख) राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत मध्यप्रदेश में कर्मचारियों की कितनी संख्या है? इनका चयन प्रक्रिया सक्षम प्राधिकारी द्वारा की गयी थी या नहीं? (ग) संविदा के आधर पर विगत 17 वर्षों से कार्यरत क्षय नियंत्रण कार्यक्रम कर्मचारी संविदा जो टी.बी. परीक्षण के साथ-साथ सभी रोगों के परीक्षण का कार्य कर रहे है, क्या शासन भविष्य में होने वाली विभागीय लैब टेक्निशियन की भर्ती में उक्त कर्मचारियों को सम्मिलित करेगा या किसी अन्य प्रावधान के तहत उन्हें लाभान्वित किया जावेगा? (घ) क्षय नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत कर्मचारियों का विगत 17 वर्षों से ई.पी.एफ. की राशि क्यों नहीं काटी जा रही है? क्या इसका प्रावधान किया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा स्वीकृत संविदा पदों पर संविदा कर्मचारी नियमानुसार चयन प्रक्रिया उपरान्त पदस्थ है। अल्पवेतन कर्मचारी कार्यरत नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत मध्यप्रदेश में 809 संविदा कर्मचारी कार्यरत हैं। जी हाँ। (ग) विभाग द्वारा पैरामेडिकल संवर्ग के रिक्त पदों की सीधी भर्ती व्यापम के माध्यम से चयन उपरांत की जाती है, जिसमें सभी योग्यताधारी/पात्रताधारी अभ्यार्थी सम्मिलित हो सकते है। जी नहीं, वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (घ) भारत सरकार के दिशा निर्देशानुसार ई.पी.एफ. की राशि नहीं काटी गई है। आगामी वर्षों में भारत सरकार के दिशा-निर्देशानुसार कार्यवाही की जावेगी।
नर्सिंग एवं पैरामेडिकल कॉलेज खोले जाने हेतु
85. ( क्र. 7255 ) श्री कमल मर्सकोले : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में नर्सिंग एवं पैरामेडिकल कॉलेज खोले जाने हेतु क्या नियम एवं मापदंड है एवं वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में कहाँ-कहाँ उक्त कॉलेज खोले जाने हेतु कितने आवेदन प्राप्त हुये? (ख) उक्त अवधि में किन-किन को नर्सिंग/पैरामेडिकल कॉलेज खोलने की अनुमति कब-कब, किन-किन शर्तों पर दी गई? (ग) उक्त पाठ्यक्रम प्रारंभ करने हेतु कॉलेज की स्वयं की प्रयोगशाला, विद्यार्थियों/ प्रशिक्षणार्थियों के प्रेक्टिकल के आवश्यक मापदंड क्या हैं? (घ) क्या उक्त प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रदेश के अधिकांश महाविद्यालयों की स्वयं की प्रयोगशाला नहीं है जिससे वे विद्यार्थियों/प्रशिक्षणार्थियों को शासकीय चिकित्सालयों/महाविद्यालयों में प्रेक्टिकल कराते हैं? यदि हाँ, तो ऐसे नर्सिंग/पैरामेडिकल कॉलेज जिनकी स्वयं की प्रयोगशाला नहीं है की मान्यता निरस्त की जायेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
रोगी कल्याण समिति की आय व्यय
86. ( क्र. 7258 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक जिला चिकित्सालय नीमच की रोगी कल्याण समिति को किन-किन माध्यमों से कितनी आय हुई है तथा अब तक कितनी राशि व्यय की गई है? व्यय का गतिविधिवार ब्यौरा दें? (ख) क्या व्यय की गई राशि भण्डार क्रय नियम/म.प्र. वित संहिता के अंतर्गत निहित किये गये प्रावधानों के अंतर्गत की गई है? यदि हाँ, तो तत्संबंधी ब्यौरा दें? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि में भुगतान किये गये वेतन, पारिश्रमिक, मानदेय विवरण तथा ली गई सक्षम स्वीकृति की प्रति उपलब्ध करायें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार है। (ख) जी हाँ। मध्यप्रदेश भंण्डार क्रय नियम पुस्तक में दिये गये प्रावधानों का पालन किया गया है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार है। सक्षम स्वीकृति के नियम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’स’’ अनुसार है।
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन में प्राप्त राशि
87. ( क्र. 7259 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक नीमच जिले को राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कितनी राशि प्राप्त हुई है तथा कितनी व्यय की गई? व्यय राशि का मदवार गतिविधिवार ब्यौरा दें? (ख) प्रश्नांश (क) में व्यय की गई राशि के संबंध में क्या भण्डार क्रय नियमों का पालन वित्तीय सीमा में किया गया है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में दर्शाई गई व्यय राशि संबंध में जनप्रतिनिधियों की बैठक आयोजित कर अनुमोदन लिया गया है? यदि हाँ, तत्संबंधी ब्यौरा दें? (घ) व्यय राशि के संबंध में क्या सक्षम अधिकारी द्वारा सत्यापन किया गया है? यदि हाँ, तो विवरण उपलब्ध कराया जावें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) वित्तीय वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक नीमच जिले को राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिश्न अंतर्गत प्राप्त राशि एवं व्यय राशि का विवरण निम्नानुसार हैः-
2013-14 |
2014-15 |
2015-16 |
|||
प्राप्त राशि |
व्यय राशि |
प्राप्त राशि |
व्यय राशि |
प्राप्त राशि |
व्यय राशि |
164727373 |
132577818 |
177679420 |
153205387 |
183768441 |
112580952 |
व्यय राशि का मदवार गतिविधिवार ब्यौरा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार। (घ) जी हाँ। व्यय राशि का सत्यापन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा किया गया है। विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार।
अनुकम्पा नियुक्ति दिलाना
88. ( क्र. 7267 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एस.एस. मेडिकल कॉलेज रीवा में स्व.श्री गोपाल स्वीपर की बहन श्रीमती इन्द्रा कुमारी की अनुकंपा नियुक्ति का प्रकरण लंबित है? प्रकरण में आज दिनांक तक की गई कार्यवाही की जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में संचालक चिकित्सा शिक्षा के पृ.क्र. 1064/स्था./अराज/ 2012 भोपाल, दिनांक 21/09/2012 के पत्र द्वारा प्रकरण के निराकरण के लिये पत्र प्राप्त हुआ, उक्त पत्र पर अंकित जी.ए.डी. के आदेश पर क्या कार्यवाही की गई बतायें? (ग) प्रश्नांश (क) के जैसे प्रकरण में क्या संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवायें रीवा ने आदेश क्र./स्था.अवि/11/2940-41 दिनांक 23/09/11 द्वारा अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की है आदेश की प्रति देवें? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के परिपालन में क्या प्रश्नांश (क) का निराकरण कर दिया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी ज्ञाप दिनांक 18 अगस्त, 2008 द्वारा अनुकम्पा नियुक्ति हेतु जारी निर्देश के बिन्दु क्रमांक 2.3 के प्रावधानों के अनुसार प्रश्नांश में उल्लेखित आवेदिका को अनुकम्पा नियुक्ति की पात्रता न होने के कारण प्रकरण अमान्य करते हुये संयुक्त संचालक एवं अधीक्षक, गांधी स्मारक चिकित्सालय रीवा के पत्र दिनांक 10 अगस्त, 2010 द्वारा आवेदिका को अवगत कराया गया हैं, जिसकी छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) प्रकरण का विस्तृत विवरण तैयार कर अधिष्ठाता, रीवा के पत्र दिनांक 19 नवम्बर, 2012 द्वारा कलेक्टर, रीवा को मार्गदर्शन हेतु प्रेषित किया गया था, जिसकी छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। कलेक्टर, रीवा के पत्र दिनांक 04 दिसम्बर, 2012 द्वारा प्रकरण संस्था प्रमुख को निर्णय हेतु अधिकृत किया गया था, जिसकी छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (ग) प्रश्नांश में उल्लेखित आदेश द्वारा अनुकम्पा नियुक्ति के आदेश जारी नहीं किये गये हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश ‘‘क’’ में उल्लेखित सामान्य प्रशासन विभाग के ज्ञाप के प्रावधानों के अनुसार पात्रता नहीं पाई गई है अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बी.एम.ओ. राजनगर की पदस्थापना एवं आशा कार्यकर्ता
89. ( क्र. 7281 ) श्री
पुष्पेन्द्र
नाथ पाठक :
क्या लोक
स्वास्थ्य
एवं परिवार
कल्याण मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क)
जिला छतरपुर
के राजनगर
विकासखंड में, बी.एम.ओ.
कौन पदस्थ
हैं, कब
से पदस्थ हैं, नाम और
पद की जानकारी
दें व बतायें
कि वह अस्पताल
व घर में
कितने मरीज
फ्री व कितने
फीस लेकर
देखता है? (ख)
बी.एम.ओ. का
कार्यभार
लेने से प्रश्न
दिनांक तक, विकासखंड
में कितनी आशा
कार्यकर्ताओं
की नियुक्ति
हुई है? प्रत्येक
केंद्र से
कितने आवेदन
आये, योग्यता
का निर्धारण
कैसे किया, सूची
सहित जानकारी
दें? (ग)
राजनगर
विकासखंड के
अंतर्गत
बिजावर विधान
सभा क्षेत्र
की कुल कितनी
ग्राम
पंचायतों में आशा
कार्यकर्ता
नियुक्त हैं, सूची
दें, कितनी
आशा
कार्यकर्ताओं
को अब तक
नोटिस दिये गये
एवं कितनों को
हटाया है?
लोक
स्वास्थ्य
एवं परिवार
कल्याण
मंत्री ( डॉ.
नरोत्तम
मिश्र ) : (क) डॉ.
पंकज रस्तोगी, चिकित्सा
अधिकारी
प्रभारी
बी.एम.ओ.
दिनांक 30.09.1994 से 04.06.2006, दिनांक
13.01.2007 से 11.09.2012 तक एवं
दिनांक 06.01.2013 से
निरंतर
कार्यरत हैं।
चिकित्सालय
के निर्धारित
समय में लगभग 30-40 मरीजों
को निःशुल्क
देखा जाता है, शेष
जानकारी दी
जाना संभव
नहीं है। (ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''अ''
अनुसार।
आशा
कार्यकर्ताओं
के चयन हेतु
निर्धारित गाइड-लाईन
अनुसार
कार्यवाही की
गई। सभी ग्रामों
में एक ही
आवेदन
प्राप्त हुए। (ग)
34 आशा
कार्यकर्ता
पदस्थ है, जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''ब''
अनुसार।
06 आशा
कार्यकर्ताओं
को नोटिस दिए
गए एवं 01
आशा
कार्यकर्ता
श्रीमती
फरीदा बानो
ग्राम सिलोन
को पद से पृथक
किया गया।
शासकीय चिकित्सालय परिसर में मेडिकल स्टोर एवं जैनरिक दवाएं
90. ( क्र. 7286 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन्द्र/राज्य प्रवर्तित योजनाओं के माध्यम से शासन मरीजों को नि:शुल्क दवाइयां प्रदान कर रहा है? साथ ही नि:शुल्क दवाइयों का वितरण शासकीय चिकित्सालयों के कमरो में लगे स्टोरों के माध्यम से उपलब्ध करवाई जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो क्या लगभग दवाइयां शासन की सूची अनुसार दिये जाने के बावजूद कुछ अन्य दवाइयां भी मरीज को लाने की आवश्कताएं समय-समय पर महसूस की जाती है? (ग) यदि हाँ, तो क्या केन्द्र/राज्य शासन अन्य दवाइयों के साथ जैनरिक दवाइयां प्रदान किये जाने के बारे में विचार कर आगामी समय में व्यवस्था कर रहा है? (घ) यदि हाँ, तो चिकित्सालय परिसरों में क्या इसे शासकीय/विभागीय स्तर पर अथवा रेडक्रास सोसायटी या अन्याय व्यवस्थाओं के माध्यम से किया जाएगा? रतलाम जिला अंतर्गत जिला चिकित्सालय से लेकर विकासखण्ड अंतर्गत आने वाले प्राथमिक एवं उप-स्वास्थ्य केन्द्रों तक दवाइयों का वितरण किस प्रकार किया जा रहा है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। शासन द्वारा शासकीय चिकित्सालयों में निःशुल्क दवाइयां उपलब्ध कराई जा रही है। निःशुल्क दवाई का वितरण जिला चिकित्सालयों में उपलब्ध स्थान से किया जा रहा है। (ख) अनिवार्य औषधि सूची में उल्लेखित दवाओं के अतिरिक्त लगने वाली दवाओं का स्थानीय स्तर से क्रय किया जाता है। (ग) सभी शासकीय चिकित्सालयों में जैनरिक दवाइयां क्रय कर प्रदान की जाती है। (घ) चिकित्सालय परिसर में रेडक्रास या अन्य व्यवस्था के माध्यम से औषधि का प्रदाय किया जाने की योजना नहीं है। जिला रतलाम में विकासखंड स्तर तक औषधियों का वितरण मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा किया जाता है। जिला चिकित्सालय में औषधि की व्यवस्था सिविल सर्जन द्वारा की जाती है।
अधिकारी-कर्मचारियों के आवास
91. ( क्र. 7287 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभागीय कार्यों को लगातार किये जाने हेतु अधिकारी-कर्मचारियों के कर्तव्यस्थ स्थलों पर उनके एवं परिवार के आवास हेतु आवासीय सुविधा प्रदान की जाती है? (ख) यदि हाँ, तो रतलाम जिला अंतर्गत आने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों एवं कांस्टेबल सहित कुल कितनी संख्या होकर, कितने आवास है एवं और कितने आवासों की आवश्यकता होकर शेष किस प्रकार से परिवार सहित रह रहे हैं?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी हाँ। (ख) रतलाम जिले के अंतर्गत आने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों एवं कांस्टेबल सहित 1496 संख्या होकर, जिले में 622 आवास उपलब्ध है। 07 अधिकारी सामान्य प्रशासन विभाग के आवास में निवासरत है तथा शेष के लिए 867 आवासों की आवश्यकता है। ये अधिकारी/कर्मचारी तथा कांस्टेबल स्वयं के मकान एवं किराये के आवासों में परिवार सहित निवास कर रहे हैं।
प्राथमिकी दर्ज करने
92. ( क्र. 7293 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले के बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत अमगवां तत्कालीन सरपंच मिल्लूलाल एवं ग्राम पंचायत सचिव एवं बी.एल.ओ. के सहयोग से निर्वाचन क्षेत्र के बाहर के व्यक्तियों का नाम जोड़े गए थे? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो जिसकी शिकायतें प्रश्नकर्ता सदस्य एवं अन्य के द्वारा पुलिस अधीक्षक कटनी को की गई थी जिसकी जाँच में मतदाता सूची में काफी अनियमितताएं पाई गई थी? जाँच का विवरण देते हुए बताएं कि दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में माननीय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी कटनी द्वारा परिवादी के परिवाद पर दिनांक 05.02.2016 को आदेश पारित कर दोषियों के विरूद्ध भा.द.स. की धारा 415, 417, 418, 420, 467, 468 सहपठित धारा 120बी का अपराध किया जाना पाया जाकर पुलिस थाना रीठी को प्राथमिकी दर्ज कर पालन प्रतिवेदन दिनांक 28.3.2016 तक माननीय न्यायालय में पेश करने के निर्देश दिए हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) यदि हाँ, तो क्या दोषियों के विरूद्ध पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई? यदि नहीं, तो कब तक दर्ज की जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) प्रश्न के तथ्यों के संबंध में जिला कटनी, थाना रीठी में अपराध क्रमांक 36/2016 धारा 415, 417, 418, 420, 467, 468, 120बी भा.द.वि. दिनांक 06.03.2016 को पंजीबद्ध किया जाकर विवेचनाधीन है। (ख) आवेदक श्री जितेन्द्र अग्रवाल द्वारा पुलिस अधीक्षक, कटनी को दिनांक 22.04.2015 को शिकायत आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया था। थाना प्रभारी रीठी द्वारा की गई जाँच में शिकायत पत्र के तथ्यों का क्षेत्राधिकार जिला निर्वाचन कार्यालय, कटनी का होना एवं सहायक निर्वाचन अधिकारी रीठी द्वारा इस संबंध में जाँच किया जाना पाया गया था। (ग) जी हाँ। (घ) न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी कटनी द्वारा श्री जितेन्द्र अग्रवाल द्वारा प्रस्तुत परिवाद में पारित आदेश के तहत थाना रीठी जिला कटनी में अपराध क्रमांक 36/2016 धारा 415, 417, 418, 420, 467, 468, 120बी भा.द.वि. दिनांक 06.03.2016 को पंजीबद्ध किया गया है। प्रकरण वर्तमान में विवेचनाधीन है।
गेहूँ एवं धान के परिवहन
93. ( क्र. 7295 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर संभाग में समर्थन मूल्य पर धान एवं गेहूँ खरीदी के पश्चात परिवहन हेतु वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में ठेका किन-किन को, किन-किन शर्तों पर दिया गया? (ख) क्या ठेकेदारों के अन्डर लोड भाड़ा पर ठेका दिया जाता है? यदि हाँ, तो ओव्हर लोड़ भाड़ा का भुगतान क्यों किया गया? इससे ठेकेदार को कितना फायदा हुआ आंकलन कर बताएं? (ग) धान एवं गेहूँ का ओव्हर लोड परिवहन करने से परिवहन विभाग के किस नियम का उल्लंघन हुआ है? ओव्हर लोड वाहनों से प्रमाणित होने पर क्या ऐसे वाहन मालिकों को यातायात नियम के अनुसार दण्ड दिया जाएगा, जिससे भविष्य में ओव्हर लोड़ परिवहन न हो सके? (घ) प्रश्नांश (ख), (ग) के परिप्रेक्ष में ओव्हर लोड भाड़ा भुगतान कर ठेकेदार को लाभ पहुँचाने के लिए दोषी अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध शासन जाँच कराकर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नसबंदी ऑपरेशन फैल के लंबित प्रकरण
94. ( क्र. 7307 ) श्री वीरसिंह पंवार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परिवार नियोजन ऑपरेशन फैल हो जाने पर हितग्राही को कितनी मुआवजा राशि दी जाती है इस हेतु हितग्राही को क्या-क्या करना पड़ता है? रायसेन एवं विदिशा जिले के मार्च 16 की स्थिति में किन-किनके प्रकरण किस स्तर पर कब से एवं क्यों लंबित है? कब तक निराकरण होगा? (ख) उक्त प्रकरणों के निराकरण राशि भुगतान के संबंध में उक्त जिलों के 1 जनवरी 14 से प्रश्न दिनांक तक मान.मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को किन-किन विधायकों के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) रूपये 30,000/- (तीस हजार) । इस हेतु हितग्राही की विभिन्न चिकित्सीय जाँचें कराई जाती हैं, जिससे यह पुष्टि हो सके कि परिवार नियोजन ऑपरेशन असफल हुआ है। तत्पश्चात् हितग्राहियों द्वारा निर्धारित फार्म में आवेदन संबंधित ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर को प्रस्तुत किया जाता है। रायसेन एवं विदिशा जिले के दिनांक 15 मार्च 2016 तक के लंबित प्रकरणों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है, जिनका नियमानुसार निराकरण यथाशीघ्र किया जावेंगा। (ख) प्रश्नकर्ता महोदय द्वारा दिनांक 27.05.2014 को तथा श्री निशंक कुमार जैन, माननीय विधायक द्वारा प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को संबोधित पत्र दिनांक 08.01.2016 प्राप्त हुआ है, जिस पर नियमानुसार कार्यवाही विचाराधीन है।
विभिन्न योजनाओं में स्वीकृत कार्य
95. ( क्र. 7308 ) श्री वीरसिंह पंवार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 12 से मार्च 16 की अवधि में रायसेन एवं विदिशा जिले में NRHM एवं अन्य योजनाओं के तहत किन-किन स्वास्थ्य केन्द्रों में कितनी-कितनी राशि के क्या-क्या निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये? (ख) स्वीकृत निर्माण कार्यों में से कौन-कौन से कार्य कब पूर्ण हुए, कौन-कौन से निर्माण कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ है तथा क्यों कार्यवार कारण बतायें उक्त कार्य कब तक पूर्ण होंगे? (ग) उक्त स्वीकृत कार्यों की सूचना संबंधित क्षेत्र के सांसद विधायकों को कब-कब, किसने दी तथा यदि नहीं, तो क्यों कारण बतायें? (घ) मार्च 2016 की स्थिति में उक्त जिलों के स्वास्थ्य केन्द्रों के पास किस-किस मद योजना में कितनी राशि है उक्त राशि व्यय क्यों नहीं की गई, कारण बतायें तथा राशि कब तक व्यय की जायेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) स्वीकृत कार्यों की सूचना क्षेत्र के सासंदों एवं विधायकों को विभागीय अधिकारियों द्वारा समय-समय पर मौखिक स्तर पर दी जाकर नवीन स्वीकृत भवनों के भूमि पूजन तथा लोकापर्ण भी जनप्रतिनिधियों के करकमलों द्वारा कराये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) भवन निर्माण के कार्यों हेतु जिलों के स्वास्थ्य केन्द्रों को बजट राशि प्रदाय नहीं की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नवीन प्रस्तावित उप-स्वास्थ्य केन्द्र भवनों के निर्माण
96. ( क्र.
7311 ) श्री
नारायण सिंह
पँवार : क्या
लोक
स्वास्थ्य
एवं परिवार
कल्याण मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क)
क्या मिशन
संचालक
एन.एच.एम.
भोपाल मध्यप्रदेश
द्वारा अपने
पत्र क्रमांक
भवन/2014-15/1443, भोपाल
दिनांक 04.02.2015 से
राष्ट्रीय
ग्रामीण स्वास्थ्य
मिशन द्वारा
प्रदेश
विभिन्न
जिलों के
साथ-साथ
राजगढ़ जिले
के विधानसभा क्षेत्र
ब्यावरा के
अंतर्गत भी
उप-स्वास्थ्य
केन्द्र
कडियाहाट, पहाड़गढ़, बाईहेडा, कचनारिया, पडोनिया, सीलखेड़ा, बिसोनिया, झरखेड़ा, भूरा, जामोनिया, एवं
सोनकच्छ में
नवीन प्रस्तावित
भवनों के
निर्माण हेतु
कलेक्टर
राजगढ़ से
भूमि आवंटन की
मांग की गई थी? (ख) यदि
हाँ, तो
क्या उपरोक्त
प्रस्तावित
भवनों के
निर्माण हेतु
निविदाएं
आमंत्रित कर
कार्य एजेंसी
का निर्धारण
भी किया जा चुका
था? यदि
हाँ, तो
उक्त भवनों
के निर्माण
हेतु प्रश्न
दिनांक तक क्या
कार्यवाही की
गई? यदि
नहीं, तो
उक्त संबंध
में
कार्यवाही
किस स्तर पर
किन कारणों से
लंबित है? कब तक
भवन निर्माण
कार्य करा
दिया जावेगा? (ग)
प्रश्नकर्ता
के परि.अता.
प्रश्न संख्या-70 (क्रमांक
1303) दिनांक
26 फरवरी 2016 के उत्तर
में माननीय
विभागीय
मंत्री महोदय
द्वारा बताया
गया था कि
विधानसभा
क्षेत्र ब्यावरा
के अंतर्गत
उप-स्वास्थ्य
केन्द्र
लखनवास एवं
सेमलापार में
भवन नहीं है? यदि हाँ, तो शासन
कब तक उक्त
उप-स्वास्थ्य
केन्द्रों हेतु
भवन निर्माण
करवाएगा?
लोक
स्वास्थ्य
एवं परिवार
कल्याण
मंत्री ( डॉ.
नरोत्तम
मिश्र ) : (क) जी
हाँ। (ख) जी
नहीं, निविदायें
आमंत्रित कर
एजेंसी के
निर्धारण हेतु
कार्यवाही
प्रचलन में
है।
उप-स्वास्थ्य
केन्द्रों की
प्रशासकीय
स्वीकृति की
कार्यवाही
प्रचलन में
है।
प्रशासकीय
स्वीकृति
जारी होने के उपरांत
भवन निर्माण
की कार्यवाही
की जावेगी।
समय-सीमा
बताना संभव
नहीं है। (ग)
जी हाँ। सीमित
वित्तीय
संसाधन के
कारण समय-सीमा
बताना संभव
नहीं है।
पुलिस द्वारा चोरों को संरक्षण देना
97. ( क्र. 7315 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शाजापुर जिले के थाना अवन्तिपुर बड़ोदिया एवं थाना कालापीपल में लगातार चोरी की घटनाएं बढ़ रही है? यदि नहीं, तो क्या 13 फरवरी 2016 को भैंसे चोरी होने की एफ.आई.आर. थाना अवन्तिपुर बडोदिया के अंतर्गत ग्राम जोगखेडी के किसानों द्वारा की गई है? किन-किन किसानों ने भैंसे चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराई है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित थाना क्षेत्रों में मवेशियों की चोरी, चोरों द्वारा वाहन से परिवहन कर ले जाई गई है? क्या ग्रामीण द्वारा किसी वाहन को पकड़ा गया है? क्या उसमें आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) शुजालपुर अनुभाग के ग्रामीण क्षेत्रों से जो मवेशियों की चोरी हो रही है, चोरी करने वाला गिरोह सीहोर, भोपाल ले जाकर पशु काटने वालो को बचे देते है परंतु वाहनों की चैकिंग शाजापुर, सीहोर, भोपाल के पुलिस अधिकारियों द्वारा क्यों नहीं की जाती है? (घ) क्या शाजापुर जिले में चोरी की घटनाओं पर पुलिस बल की कमी के कारण अथवा थाना क्षेत्रों के क्षेत्रफल बड़े होने के कारण रोक नहीं लग पा रही है तथा अपराधियों को पकड़ा नहीं जा रहा है?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी नहीं। जिला शाजापुर के थाना अवंतिपुर बड़ोदिया में चोरी के वर्ष 2014 में कुल 36 तथा वर्ष 2015 में भी कुल 36 प्रकरण पंजीबद्ध हुए हैं। थाना कालापीपल में चोरी के वर्ष 2014 में कुल 36 तथा वर्ष 2015 में कुल 28 प्रकरण पंजीबद्ध हुए हैं। अतः यह कहना सही नहीं है कि चोरी की घटनाऐं बढ़ रही हैं। दिनांक 13.02.2016 को भैंस चोरी की कोई रिपोर्ट नहीं की गई है। दिनांक 01.01.2016 से दिनांक 29.02.2016 तक दोनों थानों पर भैंस चोरी की घटनाओं से संबंधित फरियादियों द्वारा पंजीबद्ध कराये गये प्रकरणों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) थाना अवंतिपुर बड़ोदिया में दिनांक 25.02.2016 को पंजीबद्ध अपराध क्रमांक 35/2016 धारा 447, 380 भा.द.वि. में ग्रामीण जनता के सहयोग से पिक-अप वाहन क्रमांक एम.पी.42-जी-0376 एवं घटना में चोरी गई कुल 03 भैंसे पुलिस द्वारा जब्त की गई हैं। प्रकरण में कुल 04 आरोपी 1- शरीफ को दिनांक 05.03.2016 को एवं आरोपी 2- अशफाक खां, 3- शकील उर्फ अकील, 4- समीर उल्ला खां को दिनांक 07.03.2016 को गिरफ्तार किया गया है। 03 आरोपी 1- नावेद उर्फ जुबेर, 2- अशरफ, 3- अखलाक की गिरफ्तारी शेष है। गिरफ्तारी हेतु विधि अनुरूप कार्यवाही की जा रही है। (ग) पशुओं की चोरी कर काटने वालों को बेचने संबंधी कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। जिला शाजापुर, सीहोर एवं भोपाल पुलिस द्वारा वाहनों की चेकिंग की जाती है। (घ) जी नहीं। जिला शाजापुर में चोरी के अपराधों के नियंत्रण हेतु विधि अनुरूप प्रभावी प्रयास किये जा रहे हैं। चोरी के प्रकरणों में विगत वर्ष 265 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
स्वास्थ्य केन्द्रों में पदस्थ चिकित्सकों की जानकारी
98. ( क्र. 7316 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रं. 1133 बैठक दिनांक 26 फरवरी, 2016 के उत्तर में बताया गया है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कालापीपल में 04 चिकित्सा अधिकारी व पोलायकलां में 03 चिकित्सा अधिकारी की पदस्थापना है, यदि ऐसा है तो स्वास्थ्य केन्द्रवार नाम बतायें तथा 01 दिसम्बर 2015 से प्रश्न दिनांक तक के ड्यूटी चार्ट की छायाप्रति माहवार, दिनवार देवें? (ख) प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र अवन्तिपुर बड़ोदिया, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तिलावदमैना एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोकराकलां में पदस्थ चिकित्सा अधिकारियों के नाम क्या-क्या है तथा 01 दिसम्बर 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितने मरीजों को स्वास्थ्य सेवाएं इन चिकित्सकों द्वारा प्रदान की गई? स्वास्थ्य केन्द्रवार, दिनवार सूची देवें? (ग) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कालापीपल में पदस्थ चिकित्सा अधिकारी श्री के.के. जोशी एवं श्री बी.एल.वर्मा वर्तमान में कहाँ सेवा दे रहें है? यदि कालापीपल में सेवाएं नहीं दे रहें है तो इनकी पदस्थापना कालापीपल में क्यों कर रखी है? नाम मात्र के लिए रिकार्ड में कालापीपल पदस्थापना है तो फिर इन्हें जहाँ सेवा दे रहें है वहां स्थानांतरित क्यों नहीं किया गया?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कालापीपल में डॉ. के.के.जोशी, डॉ. जे.पी.दुबे, डॉ. आर.के.वर्मा एवं डॉ. बी.एल.वर्मा की पदस्थापना है एवं सा.स्वा.के. पोलायकलां में 03 चिकित्सकों, डॉ. धनजीत बडोदिया, डॉ. अजय पटेल एवं डॉ. प्रकाश मुजाल्दा की पदस्थापना है एवं एक चिकित्सक डॉ. अमरीन शेख अनुपस्थित हैं। कालापीपल में पदस्थ 04 चिकित्सों में से डॉ. बी.एल.वर्मा, चि.अ. की मूल पदस्थापना सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कालापीपल है परंतु स्थानीय व्यवस्था अंतर्गत इनकी ड्यूटी सिविल अस्पताल अकोदिया लगाई गई है तथा डॉ. के.के.जोशी, मेडिकल विशेषज्ञ की ड्युटी स्थानीय व्यवस्था अंतर्गत सिविल अस्पताल शुजालपुर में सोनोग्राफी कार्य हेतु सप्ताह में 03 दिवस के लिए लगाई गई है। 01 चिकित्सक डॉ. के.के.सोनकर की ड्यूटी सप्ताह में 02 दिवस हेतु कालापीपल लगाई गई है। चिकित्सकों की ड्यूटी संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र अवन्तिपुर बड़ोदिया के नव निर्मित भवन का लोकार्पण दिनांक 13.01.2016 को हुआ है एवं चिकित्सा अधिकारी का एक पद स्वीकृत एवं रिक्त होने के कारण, डॉ. विकास मुजाल्दा की ड्यूटी अवन्तिपुर बड़ोदिया लगाई गई थी परंतु बी.एम.ओ. पोलायकलां द्वारा कार्य अधिकता के कारण कार्यमुक्त नहीं किया गया, अतः अवन्तिपुर बड़ोदिया में वर्तमान में कोई चिकित्सक कार्यरत नहीं है शेष प्रा.स्वा.के. तिलावदमेना एवं खोकराकलां की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) डॉ. के.के.जोशी, की मूल पदस्थापना कालापीपल है एवं सि.अ. शुजालपुर में सोनोग्राफी चिकित्सक न होने के कारण सप्ताह में 03 दिवस ड्यूटी लगाई गई है। डॉ. बी.एल.वर्मा, चि.अ. की मूल पदस्थापना कालापीपल है किन्तु चिकित्सकीय कार्य सुविधा की दृष्टि से स्थानीय स्तर पर इन्हें सि.अ. अकोदिया में कार्य करने हेतु आदेशित किया गया है। संचालनालय के आदेश दिनांक 10.12.2015 द्वारा डॉ. जोशी का स्थानांतरण सि.अ. शाजापुर किया गया है एवं डॉ. राजेश तिवारी, चि.अ. सि.अ. शुजालपुर का स्थानांतरण सा.स्वा.के. कालापीपल किया गया है परंतु स्थानीय व्यवस्था के सुचारू संचालन हेतु इन्हें कार्यमुक्त नहीं किया गया है।
आँगनवाड़ी केन्द्रों में महिला कार्यकर्ताओं की नियुक्ति
99. ( क्र. 7319 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) श्योपुर जिले में वर्ष 2010-11 से 2015-16 तक वर्षवार किन-किन आँगनवाड़ी केन्द्रों पर कितनी महिला कार्यकर्ताओं की नियुक्ति की? क्या इनके नियुक्ति आदेश जारी करने के पूर्व इन कार्यकर्ताओं की अंकसूची व अन्य दस्तावेजों का मिलान इनके मूल दस्तावेजों से कर लिया था? (ख) यदि हाँ, तो श्योपुर विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत सेवापुर के ग्राम सिरसौद केन्द्र पर नियुक्त कार्यकर्ता श्रीमति सुलोचना मीणा, पत्नी श्री हनुमान मीणा की अंकसूची व अन्य चाहे गए दस्तावेज सही पाए गए थे? यदि नहीं, तो उक्त केन्द्र पर इनकी नियुक्ति किस आधार पर व किसके द्वारा की गई? (ग) क्या उक्त महिला कार्यकर्ता की अंकसूची व अन्य दस्तावेज फर्जी है? इनकी नियुक्ति उक्त केन्द्र पर महिला कार्यकर्ता के पद पर नियम विरूद्ध तरीके से की गई ये शिकायत ग्राम सिरसोद के ग्रामीणों ने दिनांक 29.12.15 को प्रभारी जन-सुनवाई कलेक्टर जिला श्योपुर के कार्यालय में भी की गई है? (घ) यदि हाँ, तो क्या शासन श्रीमती सुलोचना मीणा की अंकसूची व अन्य दस्तावेजो की जाँच कराएगा तथा दस्तावेज फर्जी होने की स्थिति में इनकी नियुक्ति निरस्त कर इस हेतु दोषियों के वियद्ध कार्यवाही करते हुए इनके स्थान पर वरीयता सूची में पात्र महिला कार्यकर्ता की नियुक्ति प्राथमिकता के आधार पर करवाएगा? यदि हाँ, तो कब तक?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) श्योपुर जिले में वर्ष 2010-11 से 2015-16 तक 337 आँगनवाड़ी केन्द्रों पर आँगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका की नियुक्ति की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ। (ख) जी हाँ। श्रीमती सुलोचना मीणा की नियुक्ति आदेश क्रमांक 1032-33 दिनांक 01.11.2007 को हुई है। तत्कालीन परियोजना अधिकारी द्वारा सभी प्रमाण-पत्रों का मूल दस्तावेजों से मिलान किया गया था। नियुक्ति दिनांक से वर्ष 2015 तक श्रीमती सुलोचना मीणा के संबंध में कोई शिकायत नहीं प्राप्त हुई है। दिसम्बर 2015 में प्रथम बार शिकायत प्राप्त हुई है। जाँच की कार्यवाही प्रचलन में है। अतः शेष का प्रश्न नहीं। (ग) जिला कलेक्टर की जन-सुनवाई दिनांक 29.12.2015 में श्रीमती सुलोचना मीणा के दस्तावेज फर्जी होने संबंधी शिकायत प्राप्त हुई है जिसकी जाँच प्रचलन में है। (घ) जाँच की कार्यवाही प्रचलन में है। जाँच के निष्कर्ष के आधार पर दोषियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। अतः समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
अपराधिक प्रकरण दर्ज करना
100. ( क्र. 7326 ) श्री यादवेन्द्र सिंह (श्री गिरीश गौतम) : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले के अंतर्गत किस-किस संस्था द्वारा किस-किस वार्ड की उचित मूल्य दुकान संचालित की जाती हैं? (ख) जिला आपूर्ति अधिकारी कार्यालय के प्राधिकार पत्र अनुसार कौन-कौन अध्यक्ष प्रबंधक एवं विक्रेता है? (ग) क्या नवजीवन प्राथमिक सहकारी उपभोक्ता भंडार में फर्जी प्रबंधक द्वारा निरस्त उचित मूल्य दुकान वार्ड क्र. 11, 12, 16, 17, 18 का स्थगन प्राप्त किया गया? यदि हाँ, तो किस-किस आधार पर स्थगन दिया गया है? यदि हाँ, तो क्या स्कीम के अंतर्गत उक्त अधिकारी स्थगन देने के लिये अधिकृत है? यदि नहीं, तो दोषी पाये गये अधिकारी अध्यक्ष, प्रबंधक विक्रेताओं के विरूद्ध कार्यवाही के साथ आपराधिक प्रकरण भी दर्ज कराया जावेगा? नहीं तो, क्यों कारण बतायें?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ग) संबंधित संस्था द्वारा निरस्ती आदेश के विरूद्ध कोई स्थगन प्राप्त नहीं किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बैरसिया की स्वास्थ्य सुविधायें
101. ( क्र. 7340 ) श्री विष्णु खत्री : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं उप-स्वास्थ्य केन्द्र संचालित/स्वीकृत किये जाने के क्या मापदण्ड हैं? प्रति उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा बैरसिया विधान सभा क्षेत्र की स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ बनाने के लिये ग्राम दिल्लौद, धतूरिया, ईंटखेडी सड़के में पूर्व निर्मित जीर्ण-शीर्ण भवनों के स्थान पर नवीन भवनों का निर्माण एवं ग्राम बागसी अंतर्गत स्थित केन्द्र को कालापीपल बांध में डूब में आने के कारण नवीन स्थान पर निर्मित किये जाने हेतु माननीय मंत्री जी को पत्र के माध्यम से अनुरोध किया था। विभाग द्वारा इस पर क्या कार्यवाही की गयी है? (ग) प्रश्नांश (क) में दर्शित मापदण्डों के अनुसार ग्राम कलारा, हर्राखेड़ा, जमूसर कलां, कढैयाचवंर, सूरजपुरा, मजीदगढ़ एवं झिरनिया छापरी (तहसील-बैरसिया) प्राथमिक स्वास्थ्य/उप-स्वास्थ्य केन्द्र की पात्रता रखते हैं? यदि हाँ, तो इस संबंध में मेरे द्वारा माननीय मंत्री जी को दिये गये पत्र पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) सामान्य व अनुसूचित उप-योजना क्षेत्रों में 30 हजार की जनसंख्या पर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र व 5 हजार की जनसंख्या पर उप स्वास्थ्य केन्द्र खोलने का प्रावधान है। आदिवासी क्षेत्रों में 20 हजार की जनसंख्या पर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र व 3 हजार की जनसंख्या पर उप-स्वास्थ्य केन्द्र खोलने का प्रावधान है। प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्नाश भाग की जानकारी निम्नानुसार है :-
क्र. |
संस्था का नाम |
भवन की स्थिति |
रिमार्क |
1. |
उप-स्वास्थ्य केन्द्र दिल्लौद |
जीर्ण शीर्ण स्थिति |
मरम्मत योग्य नहीं है। नवीन भवन निर्माण कराने के प्रयास किये जावेंगे। |
2. |
उप-स्वास्थ्य केन्द्र धतुरिया |
ठीक है |
शासकीय भवन में संचालित है। |
3. |
उप-स्वास्थ्य केन्द्र ईटखेड़ी |
जीर्ण शीर्ण स्थिति |
मरम्मत कार्य हेतु रू. 3.62 लाख की स्वीकृति जारी। निविदा की कार्यवाही प्रचलन में है। |
ग्राम बागसी में वर्तमान में उप-स्वास्थ्य केन्द्र स्वीकृत नहीं है। (ग) जनसंख्या के निर्धारित मापदण्डानुसार ग्राम कलारा, हर्राखेड़ा, जमूसरकलां, कढैयाचवंर, सूरजपुरा, मजीदगढ़ उप-स्वास्थ्य केन्द्र की पात्रता रखते हैं एवं ग्राम झिरनिया छापरी मापदण्ड की श्रेणी में नहीं आता है। पात्रता रखने वाले ग्रामों में उप-स्वास्थ्य केन्द्र की स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलन में है।
थाना पनिहार के वारहदरी पर पुलिस चौकी
102. ( क्र. 7344 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले के भितरवार विधान सभा क्षेत्र के पनिहार थाना अंतर्गत किस दिनांक को वारहदरी पर डकैत रामबाबू-दयाराम गड़रिया द्वारा ग्राम मानिकपुर रामनगर-टोड़ा के तीन व्यक्तियों के मर्डर किये गये थे? उनके नाम स्पष्ट करें? क्या उक्त मर्डरों के बाद वहां पुलिस चौकी कायम की गई थी वहां उक्त घटना के बाद कब-कब पुलिस व्यवस्था रखी गई है? (ख) उक्त घटना के बाद से वहां किस-किस डकैत या असामाजिक तत्वों के द्वारा किस-किस व्यक्ति के साथ क्या-क्या घटनायें घटित की गई हैं, उनके नाम, पता तथा दिनांक वाईज स्पष्ट करें? क्या उक्त वारहदरी से पुलिस स्टॉफ हटा लिया गया है? (ग) यदि हाँ, तो क्यों कारण सहित बतावें? क्या अब वहां पुन: फोर्स रखा जावेगा? यदि हाँ, तो कब से यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या पाटई गांव में जो कि दस्यु पीडि़त जंगली क्षेत्र है वहां पुलिस चौकी प्रस्तावित है? यदि तो कब तक चौकी कायम कर पुलिस स्टॉफ रखा जावेगा?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जिला ग्वालियर के थाना पनिहार क्षेत्र अंतर्गत दिनांक 11.09.2002 को वारहदरी के पास माउछ रोड पर डकैत रामबाबू एवं दयाराम गडरिया द्वारा (1) करतार सिंह पुत्र सोवरन सिंह यादव उम्र 35 साल निवासी रामनगर (2) पंजाब सिंह पुत्र ख्याली राम बघेल उम्र 32 वर्ष निवासी ग्राम मानिकपुर की हत्या की गई थी, जिस पर अपराध क्रमांक 152/02 एवं 153/02 दोनों अपराध धारा 302, 147, 148,149 भा.द.वि 25, 27 आर्म्स एक्ट, धारा 11, 13 एम. पी.डी.पी.के. एक्ट अंतर्गत पंजीबद्ध हुये थे। घटना के तत्काल बाद वारहदरी पर रामबाबू दयाराम गिरोह की गतिविधियों पर नियंत्रण हेतु अस्थाई पुलिस कैम्प में एस.ए.एफ का गार्ड एवं पुलिस बल रखा गया था। रामबाबू, दयाराम गडरिया गिरोह के समाप्त होने के बाद एस.ए.एफ एवं पुलिस बल हटा कर थाना पनिहार से अधिकारी व बल को गश्त हेतु भेजा जाता हैं अपराध संबंधी किसी भी सूचना पर तत्काल प्रभावी कार्यवाही हेतु क्षेत्र में डायल 100 योजना का एफ.आर.वी वाहन भी तैनात किया गया है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। जी हाँ। (ग) रामबाबू, दयाराम गैंग की गतिविधियों की रोकथाम हेतु अस्थायी रूप से पुलिस बल लगाया गया था। रामबाबू, दयाराम गडरिया गिरोह के समाप्त होने के बाद एस.ए.एफ एवं पुलिस बल हटाया गया है। थाना पनिहार से अधिकारी व बल को गश्त हेतु भेजा जाता है, अतः अस्थायी गार्ड रखे जाने की आवश्यकता नहीं है। (घ) जी नहीं। निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप नहीं पाए जाने से पुलिस चौकी प्रस्तावित नहीं है।
नगर निगम क्षेत्र में संचालित प्राईवेट नर्सिंग होम
103. ( क्र. 7345 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर नगर निगम सीमा क्षेत्र में कौन-कौन प्राईवेट नर्सिंग होम कब-कब, किस दिनांक से चल रहे हैं उनका नाम, पता तथा वहां मरीजों के लिये क्या-क्या मशीनों की सुविधायें हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार संचालित प्राईवेट नर्सिंग होम शासन की नर्सिंग होम खोले जाने हेतु नियमावली का पालन कर रहे है? यदि हाँ, तो शासन के प्राईवेट नर्सिंग होम खोलने हेतु क्या-क्या नियम हैं? (ग) क्या उक्त नियमों का संचालित प्राईवेट नर्सिंग होम पालन कर रहे हैं? यदि हाँ, तो क्या विगत एक वर्ष में किसी वरिष्ठ अधिकारी द्वारा उनका निरीक्षण किया गया है? यदि हाँ, तो कब-कब, दिनांक वाईज निरीक्षण टीप स्पष्ट करें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जी हाँ। प्राईवेट नर्सिंग होम खोलने हेतु मध्यप्रदेश उपचर्यागृह तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनाए (रजिस्ट्रीकरण एवं अनुज्ञापन) अधिनियम 1973 एवं नियम 1997 है। (ग) जी हाँ। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार।
अनाज परिवहन के ठेके
104. ( क्र. 7356 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर संभाग अंतर्गत गत 6 माह में समर्थन मूल्य पर क्रय किए गए अनाज एवं उचित मूल्य दुकानों को उपलब्ध करवाए जाने वाले अनाज के परिवहन का ठेका दिए जाने हेतु आमंत्रित की गई निविदा में कितने आवेदन प्राप्त हुए उनमें से कितने आवेदनों को खोला गया? कितने आवेदनों के लिफाफों को खोले बिना ही निरस्त या नस्तीबद्ध कर दिया? जिलेवार बतावें? (ख) परिवहन की डाली गई सभी निविदाओं को न खोले जाने का क्या-क्या मुख्य कारण रहा है? प्राप्त निविदाओं को बिना खोले ही निरस्त या नस्तीबद्ध किए जाने की जाँच किए जाने के संबंध में क्या कार्यवाही की जा रही है कब तक जाँच की जावेगी? समय-सीमा सहित बतावें?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
खाद्यान पात्रता पर्ची
105. ( क्र. 7371 ) श्री ओम प्रकाश धुर्वे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत एक वर्ष में जिला डिण्डौरी के अंतर्गत खाद्यान पात्रता पर्ची ऐसे कितनी जारी की गयी हैं, जिनका जाति सत्यापन नहीं हुआ है विकासखण्डवार बतावें? (ख) जनपद द्वारा खाद्यान पात्रता पर्ची जारी होने पर क्या यह तय हो जाता है कि उनको राशन मिलना ही चाहिए? (ग) वन ग्रामों में रहने वाले कितने हितग्राही है जिनकों AAY की खाद्यान पर्ची जारी की गयी, विकासखण्डवार एवं वनग्राम सहित बतावें? (घ) क्या विधायक शहपुरा द्वारा यह शिकायत वर्ष 2015 में एस.डी.एम. शहपुरा, डिण्डौरी या विभाग को प्राप्त हुई है कि राइस मिल से नान N.A.N. के गोदाम में अमानक स्तर का चावल भंडारण किया जा रहा हैं एवं ग्राम कंचनपुर, वि.ख. शहपुरा, ग्राम-दुहनिया वि.ख. डिण्डौरी में कम तौल एवं अमानक राशन वितरण की शिकायत प्राप्त हुई है?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत डिण्डौरी जिले में अनुसूचित जाति/जनजाति (प्रथम/द्वितीय/तृतीय श्रेणी के अधिकारी/कर्मचारी तथा आयकर दाता को छोड़कर) के 22,436 परिवारों को स्व-घोषणा पत्र के आधार पर प्राथमिकता परिवार के रूप में सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची जारी की गई है। विकासखण्डवार अनुसूचित जाति/जनजाति के परिवारों को जारी पात्रता पर्ची की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' पर दर्शित है। (ख) जी हाँ। पात्र परिवार को समग्र पोर्टल से पात्रता पर्ची जारी होने के माह से राशन सामग्री प्राप्त करने की पात्रता है।, (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' पर दर्शित है। (घ) जी हाँ। प्राप्त शिकायत की जाँच तहसीलदार डिण्डौरी द्वारा की गई जिसमें सिद्ध बाबा राईस मिल, मण्डला से प्राप्त चावल एफ.ए.क्यू. गुणवत्ता का पाया गया। माँ नर्मदा राईस मिल, कोका से प्राप्त चावल में से 7 बोरी चावल एफ.ए.क्यू. गुणवत्ता का नहीं पाए जाने के कारण उचित मूल्य दुकानों पर वितरण न करने के निर्देश दिए गए। ग्राम कंचनपुर विकासखण्ड शहपुरा एवं ग्राम-दुहनिया विकासखण्ड डिण्डौरी में कम तौल एवं अमानक राशन वितरण की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।
प्राईवेट महाविद्यालय में इंटर्नशिप हेतु
106. ( क्र. 7372 ) श्री ओम प्रकाश धुर्वे : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में शासकीय व अशासकीय आयुर्वेद (आयुष) महाविद्यालय का नाम व छात्र संख्या कितनी है महाविद्यालय अनुसार बताएं? (ख) क्या आयुर्वेदिक मान्यता प्राप्त महाविद्यालय में इंटर्नशिप करने की व्यवस्था है? यदि हाँ, तो किन-किन महाविद्यालय में है नाम बताएं? (ग) क्या शासकीय कॉलेज से उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं को प्राईवेट मान्यता प्राप्त कालेज में इंटर्नशिप की मान्यता (अनुमति) दी जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या विभाग छात्र-छात्राओं के हित में इंटर्नशिप की अनुमति देगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) म.प्र. के शासकीय व अशासकीय आयुर्वेद (आयुष) महाविद्यालयों के नाम एवं उनकी छात्र संख्या की महाविद्यालयवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार। (ख) जी हाँ। संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार। (ग) जी नहीं। समस्त शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालयों में इंटर्नशिप की व्यवस्था है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र निवास में पदस्थ चिकित्सकों की जानकारी
107. ( क्र. 7397 ) श्री कुंवर सिंह टेकाम : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिंगरौली जिले के विकासखण्ड देवसर अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र निवास व आयुष केन्द्र निवास में वर्तमान में कितने चिकित्सकों के पद स्वीकृत हैं तथा कितने पद भरे गये हैं? (ख) क्या उक्त सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र निवास में मात्र 1 चिकित्सक कार्यरत है? जबकि यहां पर 30 बिस्तर का स्वास्थ्य केन्द्र है एवं मरीजों की तादात अधिक होने से इलाज में विलंब होता है जिस कारण क्षेत्र की जनता में आक्रोश पनप रहा है? (ग) क्या चिकित्सक के स्वीकृत पद के अनुरूप पद स्थापना की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? कारण बतायें। (घ) क्या संबंधित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र निवास में पैरामेडिकल स्टॉफ के पद भी स्वीकृत है? यदि हाँ, तो स्वीकृत एवं भरे पदों की जानकारी नामवार दी जाए?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र निवास व आयुष केन्द्र निवास में विशेषज्ञों के 03 यथा मेडिकल, सर्जरी एवं स्त्रीरोग के एक-एक पद, तथा चिकित्सा अधिकारी के 02 पद एवं आयुष चिकित्सक का 01 पद स्वीकृत है। विशेषज्ञों के पद रिक्त हैं, 01 चिकित्सा अधिकारी एवं 01 आयुष चिकित्सक पदस्थ है। (ख) जी हाँ 01 चिकित्सक पदस्थ है एवं पदस्थ चिकित्सक द्वारा आम जन का चिकित्सकीय सुविधाएं प्रदान की जा रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। पदपूर्ति की कार्यवाही निरंतर जारी है, निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
विकासखण्ड देवसर के उपभोक्ताओं को पात्रता खाद्यान पर्ची का वितरण
108. ( क्र. 7398 ) श्री कुंवर सिंह टेकाम : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगरौली जिले के विकासखण्ड देवसर के खाद्यान पात्रता पर्ची कितने उपभोक्ताओं को तैयार कर वितरण कर दी गई है तथा कितने लोगों की पात्रता पर्ची बनना शेष है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार अनुसूचित जाति के कितने उपभोक्ता तथा अनुसूचित जनजाति के कितने उपभोक्ताओं को खाद्यान पर्ची तैयार कर वितरण कर दी गई है? (ग) क्या शासन के ऐसे निर्देश थे कि सूखा राहत से प्रभावित किसानों के भी खाद्यान पात्रता पर्ची बनाए जाए? यदि हाँ, तो ऐसे प्रभावित कितने किसानों को पात्रता पर्ची तैयार कर वितरित की गई? (घ) क्या अधिकांश अन्य पिछड़ा वर्ग के उपभोक्ताओं के खाद्यान पात्रता पर्ची तैयार कर वितरण नहीं की गई है जबकि वे सभी पात्रता की श्रेणी में आते हैं। न बनाये जाने के क्या कारण हैं? कब तक इनकी पात्रता पर्ची तैयार कर वितरण कर दी जायेगी?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) सिंगरौली जिले के देवसर विकासखण्ड में 82318 पात्र परिवारों को सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) वितरण की गई है। आवेदन करने वाले सत्यापित समस्त पात्र परिवारों को पात्रता पर्ची का वितरण किया जा चुका है। पात्र परिवारों का सत्यापन एवं उन्हें पात्रता पर्ची जारी करना एक सतत् प्रक्रिया है। (ख) देवसर विकासखण्ड में पात्र परिवार के अंतर्गत अनुसूचित जाति के 11443 एवं अनुसूचित जनजाति के 36394 परिवारों को पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) वितरित की गई है। (ग) जी हाँ। देवसर विकासखण्ड में 3875 सूखा प्रभावित किसानों में से 527 किसानों को पात्रता पर्ची का वितरण किया गया है। शेष 3348 किसानों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित अन्य श्रेणियों में पात्रता पर्ची पूर्व जारी की गई है। (घ) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना के तहत पात्र परिवार श्रेणी में अन्य पिछड़ा वर्ग को सम्मिलित नहीं किया गया है। अधिनियम के अंतर्गत पात्र परिवार के रूप में 24 श्रेणी के परिवारों को सम्मिलित किया गया है। अन्य पिछड़ा वर्ग के परिवार यदि उपरोक्त 24 श्रेणियों में सम्मिलित है, तो ही वह पात्रता की श्रेणी में आते है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राजगढ़ में पार्ट टाईम कर्मचारियों की नियुक्ति
109. ( क्र. 7408 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्य चिकित्साधिकारी जिला राजगढ़ तथा सिविल सर्जन जिला चिकित्सालय राजगढ़ के कार्यालय द्वारा दिनांक 1 अप्रैल 2003 से 31 मार्च 2008 तक पार्ट टाईम कार्य के लिए किस-किस शाखा में कितने कर्मचारियों की नियुक्ति की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) की उपलब्ध जानकारी में की गई नियुक्तियां किस नियम के तहत भर्ती की गई है तथा किस नियम के तहत उनकों नियमित किया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार यदि पार्ट टाइम कर्मचारियों को नियमित किया गया है तो किस दिनांक को डी.पी.सी. की बैठक हुई? कौन-कौन अधिकारी उपस्थित थे? डी.पी.सी. नियम के साथ अधिकारियों का नाम बतायें? (घ) यदि उपरोक्त (क) (ख) (ग) में यदि कोई अनियमितता हुई तो शासन इस संबंध कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो? क्या? कब तक?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) मुख्य चिकित्सा अधिकारी जिला राजगढ द्वारा दिनांक 1 अप्रैल 2003 से 31 मार्च 2008 तक पार्ट टाईम कार्य के लिए नियुक्ति किये गये कर्मचारियों की जानकारी संलग्न परिशिष्टि अनुसार। सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक जिला राजगढ़ द्वारा पार्ट टाईम कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं की गई है (ख) स्वास्थ्य संस्थाओं पर साफ सफाई हेतु अंशकालीन रूप से कार्य पर रखा गया था। किसी भी अंशकालीन कर्मचारी को नियमित नहीं किया गया है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (ख) के अनुक्रम में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय चिकित्सालय कटनी में रसोइये एवं सहायक रसोइये
110. ( क्र. 7410 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि.अता. प्रश्न संख्या-97 (क्रमांक 2119) दिनांक 18.12.2015 में प्रदत्त संविदा रूप में नियुक्ति 5 रसोइये 6 सहायक रसोइये एवं भोजन सहायक 4 की प्रतिक्षा सूची कुल 15 में से 10 एक ही परिवार/रिश्तेदार (यादव) के है? क्या इनमें से 5 लोग एक ही गांव के है एवं 1 रसोइया शास. अस्पताल कार्यरत अधिकारी/कर्मचारी जो नियुक्ति प्रक्रिया में थे, की संतान है? (ख) संविदा नियुक्ति हेतु प्राप्त रसोइये के 16 आवेदनों में से 5 एवं भोजन सहायक 21 आवेदनों में से 6 चयनित एवं 4 प्रतीक्षा सूची में चयन का आधार क्या था एवं मैरिट सूची किस आधार पर बनाई गई थी? चयन समिति में कौन-कौन सदस्य थे? (ग) क्या नियम विरूद्ध अनियमित तरीके से एक परिवार/रिश्तेदार तथा स्वयं की संतान की नियुक्ति करने की इस निर्णय की जाँच कराई जावेगी एवं दोषियों को दण्डित किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। कुल 15 में से 10 एक ही यादव जाति के है। जी हाँ 5 लोग एक ही गाँव के है। जी नहीं 1 रसोइयां शासकीय अस्पताल में कार्यरत कर्मचारी की पुत्री है, जो कि नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल नहीं था। (ख) उपरोक्त पदों की पूर्ति मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला कटनी द्वारा विधिवत विज्ञापन जारी कर मेरिट के आधार पर सूची तैयार कर कलेक्टर के अनुमोदन पश्चात की गई है। मेरिट सूची अंकों के प्रतिशत के आधार पर बनाई गई है। चयन समिति निम्नानुसार सदस्य थे :- 1. डॉ. के. पी. श्रीवास्तव (शि.रो.वि.)-अध्यक्ष, 2. डॉ. दिनेश बरोडा (शि.रो.वि.) -सदस्य, 3. डॉ. मनोरमा गुप्ता (अनिस्थी.विशे.)-सदस्य, 4. डॉ. एस. के. निगम (तत्कालीन आर.एम.ओ.)- सदस्य, 5. डॉ. वाय. वर्मा (डिप्टी आर.एम.ओ.)-सदस्य। (ग) जी नहीं। उपलब्ध जानकारी के अनुसार उक्त चयन प्रक्रिया नियमानुसार कलेक्टर कटनी से स्वीकृती प्राप्त कर की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। क्योकि चयन मेरिट एवं प्रक्रिया अनुसार किया गया है।
व्यापम से संबंधित
111. ( क्र. 7414 ) श्री जितू पटवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय उच्चतम न्यायालय में प्रकरण क्रमांक 417/15 में व्यापम से संबंधित STF तथा विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज प्रकरणों में से 185 प्रकरण तथा 27 प्रकरणों की सूची किस-किस दिनांक को प्रस्तुत की गई दोनों सूची भिन्न-भिन्न दिनांक को प्रस्तुत करने का कारण बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित 185 प्रकरण में से C.B.I. जिन 153 प्रकरणों को दर्ज किया है तथा जिन 32 प्रकरणों को दर्ज नहीं किया है उनकी अलग-अलग सूची प्रस्तुत करें? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित 27 प्रकरणों में से C.B.I. ने अभी तक एक की प्रकरण विवेचना/जाँच में नहीं लिया है यदि हाँ, तो बतावें कि इन 27 तथा 32 याने 59 प्रकरणों की जाँच/विवेचना पिछले दस माह से कौन कर रहा है? (घ) क्या C.B.I. ने शासन को सूचित किया है कि वह प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित 59 प्रकरणों की जाँच तब तक नहीं करेगा जब तक माननीय उच्चतम न्यायालय से उसे निर्देश/आदेश प्राप्त नहीं होगा? (ड.) प्रश्नांश (घ) यदि हाँ, है तो क्या शासन माननीय उच्चतम न्यायालय में उपरोक्त 59 प्रकरणों को C.B.I. को सुपुर्द करने हेतु आवेदन प्रस्तुत करेगा?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) माननीय उच्चतम न्यायालय में प्रकरण क्रमांक 417/15 में व्यापम से संबंधित एस.टी.एफ. तथा विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज कुल 212 प्रकरणों की जानकारी दिनांक 21.08.2015 को दी गई थी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) सी.बी.आई. द्वारा दर्ज प्रकरणों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार है। सी.बी.आई. द्वारा दर्ज नहीं किये गये प्रकरणों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार है। (ग) व्यापम से संबंधित कुल 212 प्रकरणों में से सी.बी.आई. द्वारा 153 प्रकरण दर्ज कर विवेचना की जा रही है तथा शेष 59 प्रकरण सी.बी.आई. ने अभी तक विवेचना में नहीं लिये हैं। इन प्रकरणों की विवेचना वर्तमान में कोई संस्था नहीं कर रही है। (घ) जी नहीं। (ड.) माननीय उच्चतम न्यायालय में दिनांक 21.08.2015 को आवेदन प्रस्तुत किया जा चुका है जो माननीय न्यायालय में लंबित है।
संजय गांधी चिकित्सा महाविद्यालय रीवा व संबद्ध अस्पताल में सुविधा
112. ( क्र. 7419 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संजय गांधी चिकित्सा महाविद्यालय रीवा व सम्बद्ध चिकित्सालय में वर्तमान में सामान्य व गंभीर रोगियों के इलाज हेतु किस-किस विभाग में क्या-क्या सुविधायें उपलब्ध है? परीक्षण, जाँच व उपचार हेतु कौन-कौन सी मशीनें/सुविधायें उपलब्ध है? (ख) उक्त चिकित्सा महाविद्यालय में कौन-कौन से विभाग संचालित हैं व उनमें कौन-कौन से कितने-कितने पद प्राध्यापकों/सहा. प्राध्यापकों/रीडर्स आदि के रिक्त है? इनकी पूर्ति की क्या योजना है? (ग) चिकित्सा महाविद्यालय से सम्बद्ध चिकित्सालय में विभागवार विगत 3 वर्षों में कितनी शल्य क्रियायें की गई? हृदय रोग, गेस्ट्रो, स्पाईन, जनरल सर्जरी हड्डी रोग आदि की पृथक-पृथक जानकारी दें? (घ) उक्त महाविद्यालय से सम्बद्ध चिकित्सालय में आवश्यक जाँच उपकरणों, सुविधा विस्तार व रिक्त पदों की पूर्ति हेतु किये जा रहे प्रयासों का विवरण दें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) चिकित्सा महाविद्यालय, रीवा से संबंद्ध चिकित्सालय में वर्तमान में सामान्य व गंभीर रोगियों के इलाज हेतु सभी विभागों में सभी आवश्यक सुविधायें उपलब्ध हैं। अस्पताल इलाज एवं स्वास्थ्य परीक्षण के लिये आने वाले रोगियों के परीक्षण, जाँच एवं उपचार हेतु सभी आवश्यक उपकरण उपलब्ध हैं। (ख) चिकित्सा महाविद्यालय रीवा में एनटोमी, फिजियोलाजी, बायोकेमेस्ट्री, पैथोलाजी, माईक्रोबायोलाजी, फार्माकोलाजी, फोरेंसिक मेडिसिन, पी.एस.एम., मेडिसिन, डरमेटोलाजी, सायकेट्री, प्लमोनरी मेडिसिन, पीडियाट्रिक, सर्जरी, आर्थोपेडिक, ई.एन.टी.,नेत्ररोग, गायनी, रेडियोडायग्नोसिस, रेडियोथेरेपी, एनेस्थेसिया, डेन्टल विभाग संचालित हैं। प्राध्यापक, सह प्राध्यापक एवं सहायक प्राध्यापक के रिक्त पदों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार हैं। चिकित्सा महाविद्यालय, रीवा में प्राध्यापक, सह प्राध्यापक के रिक्त पदों की पूर्ति विभाग द्वारा पदोन्नति द्वारा की जाती हैं। सह प्राध्यापक के पदों की पूर्ति हेतु प्रस्ताव दिनांक 10.02.2016 को प्रेषित किया गया हैं। सहायक प्राध्यापक के पदों की पूर्ति हेतु संचालनालय चिकित्सा शिक्षा स्तर पर वॉक इन इंटरव्यू आयोजित कर रिक्त पदों की पूर्ति की जाती हैं। स्वशासी संस्था द्वारा नियुक्त सह प्राध्यापक एवं सहायक प्राध्यापक की पदोन्नति की कार्यवाही नियमित रूप से की जाती हैं। पदोन्नति की कार्यवाही रिक्त पदों की पूर्ति सतत् प्रक्रिया है अत: निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं हैं। (ग) विगत तीन वर्षों में विभिन्न विभागों द्वारा की गई शल्य क्रियाओं की जानकारी निम्नानुसार है :-
स.क्र. |
विभाग का नाम |
वर्ष 2013 |
वर्ष 2014 |
वर्ष 2015 |
1. |
नेत्र रोग विभाग |
1634 |
1583 |
1252 |
2. |
अस्थि रोग विभाग |
527 |
1601 |
2535 |
3. |
ई.एन.टी. विभाग |
444 |
779 |
751 |
4. |
स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग |
6640 |
7472 |
7444 |
5. |
सर्जरी विभाग |
2428 |
2697 |
2926 |
(घ) चिकित्सा महाविद्यालय, रीवा से संबंद्ध चिकित्सालय में सभी आवश्यक जाँच उपकरण उपलब्ध हैं तथा सुचारू रूप से सभी जाँच सेवायें संचालित हैं। सुविधा विस्तार हेतु शासन स्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं। प्रदर्शक सीनियर/जूनियर रेसिडेंट के पदों की पूर्ति हेतु चिकित्सा महाविद्यालय स्तर पर प्रति सप्ताह वॉक इन इंटरव्यू आयोजित किये जा रहे हैं तथा सहायक प्राध्यापक के रिक्त पदों की पूर्ति संचालनालय चिकित्सा शिक्षा के स्तर पर वॉक इन इंटरव्यू आयोजित किये जाते हैं यह एक सतत् प्रक्रिया है।
देवरी में उपस्वास्थ्य केन्द्रों की स्वीकृति
113. ( क्र. 7425 ) श्री हर्ष यादव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवरी विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में कितने उप स्वास्थ्य केन्द्र कहाँ-कहाँ संचालित हैं? कितने व कहाँ-कहाँ नवीन उप स्वास्थ्य केन्द्र खोले जाना प्रस्तावित हैं? (ख) वर्तमान में संचालित उप स्वास्थ्य केन्द्रों में स्टॉफ व उपलब्ध सुविधाओं का विवरण दें? (ग) वर्तमान में कितने उप स्वास्थ्य केन्द्र भवन विहीन हैं? भवनों की स्वीकृति व निर्माण हेतु क्या कार्ययोजना है व क्या-क्या प्रयास किये जा रहे है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) देवरी विधान सभा क्षेत्र में 43 उप स्वास्थ्य केन्द्र संचालित है। संचालित स्थानों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। 01 नवीन उप स्वास्थ्य केन्द्र ग्राम परासिया में खोला जाना प्रस्तावित है। (ख) प्रश्नांश भाग की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) वर्तमान में 08 उप स्वास्थ्य केन्द्र भवनविहिन है। सीमित वित्तिय संसाधनों के कारण वर्तमान में भवनविहिन उप स्वास्थ्य केन्द्रों के भवन निर्माण की वर्तमान में कोई कार्ययोजना नहीं है। भविष्य में भवन निर्माण की स्वीकृति हेतु प्रयास किये जावेगें।
चिकित्सा महाविद्यालय सागर में सुविधाओं का विस्तार
114. ( क्र. 7426 ) श्री हर्ष यादव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चिकित्सा महाविद्यालय सागर व सम्बद्ध चिकित्सालय में वर्तमान में इलाज, ऑपरेशन व जाँच आदि की क्या-क्या सुविधायें, उपकरण, मशीनें व व्यवस्थायें उपलब्ध हैं? (ख) उक्त महाविद्यालय में वर्तमान में कौन-कौन से विभाग संचालित हैं व विगत एक वर्ष में इससे सम्बद्ध चिकित्सालय में विभाग वार कितनी सर्जरी, सफलतापूर्वक सम्पन्न हुई? (ग) मरीजों को सामान्य व गंभीर रोगों की जाँच व इलाज हेतु सुविधा विस्तार, उपकरण, मशीनों, भवनों आदि की क्या-क्या व्यवस्था की जा रही है? (घ) चिकित्सा महाविद्यालय में विभिन्न पदों की रिक्तियों की पूर्ति हेतु क्या प्रायास किये जा रहे हैं?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) बुन्देलखण्ड चिकित्सा महाविद्यालय, चिकित्सालय सागर में सामान्यतः सभी प्रकार के ऑपरेशन व जाँच की जाती हैं। केवल कुछ प्रकरणों जैसे: हृदय, ब्रेन, किडनी ट्रांसप्लांट एवं कुछ कैंसर के प्रकरणों को छोड़कर समस्त प्रकार की चिकित्सीय सुविधायें उपलब्ध हैं। (ख) बुन्देलखण्ड चिकित्सा महाविद्यालय, चिकित्सालय सागर के क्लिनिकल विभागों में चर्म रोग एवं मानसिक रोग विभाग चिकित्सकों के अभाव के कारण अस्थाई रूप से संचालित नहीं हैं। चिकित्सा महाविद्यालय, सागर में निम्नलिखित विभाग संचालित है तथा सर्जरी/ आपरेशन निम्नानुसार संपन्न हुए :-
स.क्र. |
विभाग का नाम |
सर्जरी |
1 |
नेत्र रोग विभाग |
243 |
2 |
ई.एन.टी. विभाग |
647 |
3 |
आर्थोपेडिक विभाग |
368 |
4 |
गायनी विभाग |
1504 |
5 |
सर्जरी विभाग |
2194 |
6 |
डेंटिस्ट्री विभाग |
1257 |
(ग) बुन्देलखण्ड चिकित्सा महाविद्यालय, चिकित्सालय सागर में भर्ती समस्त गंभीर मरीजों हेतु एम.आर.आई. को छोड़कर सामान्यत एक्स-रे, खून की जांचे, वेंटीलेटर मॉनिटर, अल्ट्रासाउण्ड एवं सी.टी. स्केन इत्यादि के उपकरण एवं सुविधायें उपलब्ध हैं। सुविधाओं के विस्तार की कार्यवाही की जा रही हैं। (घ) सहायक प्राध्यापकों के रिक्त पदों की पूर्ति संचालनालय स्तर से वॉक-इन-इन्टरव्यू द्वारा निरन्तर की जा रही हैं। संस्था स्तर पर सीनियर/जूनियर रेजिडेंट के प्रत्येक मंगलवार को वाक-इन-इन्टरव्यू किये जा रहे हैं एवं तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पदों को व्यापम के माध्यम से भरने की कार्यवाही की जा रही है।
स्वास्थ्य विभाग में किये गये स्थानांतरण
115. ( क्र. 7427 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्वास्थ्य विभाग टीकमगढ़ में स्थानांतरण नीति के तहत वर्ष 2014-15 में प्रभारी मंत्री के अनुमोदन पश्चात् स्थानांतरण किये गये तथा अनुमोदन उपरान्त निरस्त किये गये, कर्मचारियों के नाम बताएं? क्या परिवीक्षा अवधि वाले कर्मचारियों के भी स्थानांतरण किये गये हैं? अगर हाँ तो कितने? (ख) जिन कर्मचारियों के स्थानांतरण किये गये हैं ऐसे कितने कर्मचारियों को भार मुक्त किया गया और कितने कर्मचारियों को भारत मुक्त नहीं किया गया है? (ग) पद स्वीकृत न होने की स्थिति में कितने ऐसे कर्मचारियों संविदा एवं नियमित कर्मचारियों के स्थानांतरण किये गये, नाम बतावें? (घ) यदि उक्त कर्मचारियों के स्थानांतरण शासन की स्थानांतरण नीति के प्रतिकूल है तो गलत प्रस्ताव प्रस्तुत करने के लिये कौन अधिकारी कर्मचारी दोषी है, एवं उन पर क्या कार्यवाही कब तक की जायेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। माननीय न्यायालय द्वारा दिये गये आदेशों के परिपालन में 04 कर्मचारियों क्रमशः (1) श्रीमती पदमा बरार, स्टॉफ नर्स, सी.एच.सी. निवाडी, (2) श्री गोरेलाल प्रजापति, एन.एम.ए., सी.एच.सी. बल्देवगढ़ (3) श्रीमती हर्ष गुप्ता, ए.एन.एम. जिला चिकित्सालय टीकमगढ़ एवं (4) श्रीमती पुष्पा सोनी, ए.एन.एम., सी.एच.सी. जतारा को स्थानांतरण निरस्त कर यथावत पदस्थ किया गया। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) स्थानांतरित किये गये समस्त कर्मचारियों को संबंधित संस्था प्रभारी के माध्यम से भारमुक्त किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) पद स्वीकृत न होने की स्थिति में किसी भी संविदा एवं नियमित कर्मचारियों के स्थानांतरण नहीं किये गये है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) कर्मचारियों का स्थानांतरण शासन की स्थानांतरण नीति के प्रतिकूल नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
फर्जी दस्तावेज तैयार कर योजना
116. ( क्र. 7428 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्री परमलाल आत्मज टेकसिंह पटेल, निवासी ग्राम मनदवारा तहसील गोटेगांव, जिला नरसिंहपुर द्वारा सतेन्द्र राजपूत एवं श्री देवेन्द्र सिंह राजपूत निवासी गोटेगांव जिला नरसिंहपुर के विरूद्ध पुलिस थाना गोटेगांव में षड्यंत्रपूर्वक फर्जी दस्तावेज तैयार कर किसान क्रेडिट योजना के तहत ऋण लेने संबंधी शिकायत दिनांक 11.01.2016 को दर्ज कराई गई थी? (ख) यदि हाँ, तो उस संबंध में प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी हाँ। (ख) आवेदक श्री परमलाल मनकवारा द्वारा दिनांक 11.01.2016 को प्रस्तुत शिकायत की जाँच पर आरोपी श्री सत्येन्द्र राजपूत एवं श्री देवेन्द्र सिंह राजपूत के विरूद्ध थाना गोटेगांव में दिनांक 08.03.2016 को अपराध क्रमांक 0/16 धारा 419, 420, 467, 468, 471, 120-बी भा.द.वि. का पंजीबद्ध किया गया है। घटना स्थल थाना विजय नगर, जिला जबलपुर का होने से प्रकरण की डायरी दिनांक 08.03.2016 को समस्त दस्तावेजों सहित आगामी अनुसंधान हेतु थाना विजय नगर, जिला जबलपुर भेजी गई है, जहां अपराध क्रमांक 48/16, धारा 419, 420, 467, 468, 471, 120बी भा.द.वि. अंतर्गत पंजीबद्ध किया गया है एवं विवेचना की जा रही है।
कटनजेंसी के रिक्त पदों की पूर्ति
117. ( क्र. 7429 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आयुष विभाग के अंतर्गत होशंगाबाद जिले में भी चतुर्थ श्रेणी कंटनजेंसी कर्मचारियों की नियुक्तियां आउट सोर्सिंग कंपनी एस.एस. द्वारा उपलब्ध कराए गए कर्मचारियों के माध्यम से की जा रही है? (ख) क्या ये नियुक्तियां शैक्षणिक योग्याता का मूल्यांकन कर की गई या ग्रामीण अंचलों के औषधालय के निवासियों को प्राथमिकता दी गई, इस हेतु मापदण्ड बताएं? (ग) होशंगाबाद जिले के औषधालयों में वर्ष 2015 एवं 2016 में होशंगाबाद जिले में ऐसे कौन-कौन से कंटनजेंसी कर्मचारियों की नियुक्ति की गई और कहाँ-कहाँ चतुर्थ श्रेणी के कंटनजेंसी कौन-कौन से पद कहाँ-कहाँ रिक्त हैं? रिक्त पदों कब तक भरे जायेंगे?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) आउटसोर्स से सेवायें ली जा रही है। (ख) आउटसोर्स एजेन्सी एस.एस.एस. सर्विसेस के माध्यम से सेवायें ली गई। एजेन्सी को भेजे गये मांगपत्र में पदों के लिये वांछित योग्यता का मापदण्ड भी स्पष्ट किया गया है। मांगपत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ अनुसार। कार्य हेतु संबंधित कर्मी एजेन्सी द्वारा उपलब्ध करायें गये हैं। (ग) वर्ष 2015 में कोई नियुक्ति नहीं की गई। वर्ष 2016 में एस.एस.एस. सर्विसेस भोपाल के माध्यम से आउटसोर्सिंग से लिये गये कर्मियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’ अनुसार है। वर्तमान में आयुष विंग होशंगाबाद में स्वच्छक का एक पद एवं शासकीय आयुर्वेद औषधालय दतवासा में अंशकालीन स्वच्छक का एक पद रिक्त है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मार्केटिंग सोसाईटी को लीड संस्था के रूप में निरस्त किए जाने
118. ( क्र. 7531 ) श्री कैलाश चावला : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा मार्केटिंग सोसाईटी को लीड संस्था के रूप में निरस्त करने का निर्णय किस दिनांक को लिया गया था? (ख) उक्त निर्णय के पूर्व दो वर्षों में उज्जैन संभाग की लीड संस्थाओं को परिवहन पर कितनी राशि प्रदान की गई थी तथा उक्त निर्णय के पश्चात् निजी क्षेत्रों को परिवहन पर कितनी राशि का भुगतान विपणन संघ द्वारा किया गया? (उज्जैन संभाग के तहसीलवार जानकारी तुलनात्मक रूप से राशि, मात्रा निर्णय के दो वर्ष पूर्व एवं दो वर्ष पश्चात तुलनात्मक जानकारी प्रदान करें) राशि एवं मात्रा का जोड़ भी दर्शाए?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) प्रदेश में खाद्य, नागरिक आपूर्ति एव उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा लीड संस्थाओं के स्थान पर मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन के माध्यम से उचित मूल्य दुकानों तक खाद्यान्न प्रदान करने का निर्णय 02.07.2014 से लिया गया था। (ख) जानकारी एकत्रित कराई जा रही है।
शासकीय आवास आवंटन में अनियमितता
119. ( क्र. 7546 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिला मुख्यालय में विगत तीन वर्षों से कुल कितने आवास विभिन्न श्रेणी के रिक्त रहे हैं एवं रिक्तियों के दिनांक के समय कितने शासकीय कर्मचारियों/अधिकारियों/चिकित्सकों के आवास आवंटन हेतु आवेदन प्राप्त किये हैं? इनमें से किन-किन आवेदन का कब-कब निराकरण किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में क्या वरिष्ठता का ध्यान रखा गया है? (ग) क्या दिनांक 26.08.2015 को एक ही चिकित्सा अधिकारी को दो बार आवास आंवटित किया गया? जबकि उक्त आवास हेतु अन्य वरिष्ठ चिकित्सकों ने भी आवेदन किया था जो कि वरीयता क्रम में वरिष्ठ थे उन्हें उक्त आवास आवंटित क्यों नहीं किया गया? (घ) आवास आवंटन के बिन्दु-6 में स्पष्ट उल्लेख है कि आवास परिवर्तन छ: माह तक नहीं किया जायेगा। इसके बावजूद भी आदेश क्रमांक 7530 दिनांक 26.08.2015 द्वारा आवास परिवर्तित कर दिया गया है। क्या आवंटित उक्त आदेश निरस्त किया जाकर वरिष्ठ चिकित्सक को एफ-6 सदर स्थित आवास आवंटित किया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जिला मुख्यालय में विगत तीन वर्ष में विकास नगर स्थित एफ-20 कंडम होने से रिक्त है एवं विगत तीन वर्ष में कर्मचारियों/अधिकारियों/चिकित्सकों के कुल 54 आवेदन पत्र प्राप्त हुये थे जिनमें से 26 आवेदन का निराकरण समयावधि में किया गया। (ख) आवेदकों को शासकीय आवास गृह वरिष्टता एवं प्रशासकीय आवश्यकता के दृष्टिगत आवंटित किये गये। (ग) जी नहीं। दिनांक 26.08.2015 को एक ही चिकित्सा अधिकारी को दो बार आवास आवंटित नहीं किया गया। एक अधिकारी द्वारा आवंटित आवासगृह जीर्णशीर्ण होने से आधिपत्य नहीं लिया गया। अतः उक्त आवासगृह लंबित आवेदन पत्रों की वरियता के आधार पर चिकित्सा अधिकारी को आवंटित किया गया। (घ) जी हाँ। आवंटित आवास में अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा आधिपत्य नहीं लिया गया था। अतः कंडिका 6 का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। कलेक्टर बैतूल के आदेश क्रमांक 7530 दिनांक 26 अगस्त, 2015 अनुसार विकासनगर स्थित आवास क्र. जी 32 श्री डी.एल. वाडिवा, डिप्टी कलेक्टर को आवंटित किया गया। डॉ. संध्या नेमा स्त्री रोग विशेषज्ञ द्वारा दिनांक 10.07.2015 को प्रस्तुत आवेदन में निवेदन किया है कि हास्पिटल के आस-पास आवास आवंटित किया जाए जिससे इमरजेंसी ड्यूटी रात्री में किया जाना आसान होगा, एवं श्री डी.एल. वाडि़वा, डिप्टी कलेक्टर बैतूल द्वारा सदर स्थित एफ-6 आवास गृह का आधिपत्य नहीं लेने की स्थिति से महिला चिकित्सक होने से प्राथमिकता के आधार पर डॉ. संध्या नेमा स्त्री रोग विशेषज्ञ को आवंटित किया गया।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
पुलिस बल की
उपलब्धता
1. ( क्र. 1059 ) श्री रामपाल सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिले के ब्यौहारी, जयसिंहनगर एवं सीधी पुलिस थाना अंतर्गत कितने पद स्वीकृत हैं? क्या स्वीकृत पद अनुसार कर्मचारियों की पदस्थापना है? यदि नहीं, तो कब तक पूर्ण की जावेगी? (ख) क्या थाना सीधी छत्तीसगढ़ प्रांत से लगा हुआ है एवं संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है? यदि हाँ, तो संवेदनशील परिस्थितियों से निपटनें के लिये कोई अतिरिक्त व्यवस्था तैनात की गई है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो उक्त थाना में कब तक व्यवस्था की जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। रिक्त पदों की पूर्ति सीधी भर्ती/पदोन्नति के माध्यम से नियमित रूप से की जाती है। पदों की पूर्ति की समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ख) थाना सीधी छत्तीसगढ़ प्रांत की सीमा से लगा हुआ है। विगत 10 वर्षों से इस थाना क्षेत्रांतर्गत किसी भी प्रकार की नक्सलवादी गतिविधियां प्रकाश में नहीं आई हैं। मुख्यालय स्तर पर पुलिस लाईन में 29वीं वाहिनी विशेष सशस्त्र बल दतिया की तैनाती है। जिसका उपयोग समय-समय पर आवश्यकतानुसार किया जाता है।
फोन पर बैंक खातों की जानकारी प्राप्त कर ठगी की घटनाएं
2. ( क्र. 1579 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्य प्रदेश में विगत पाँच वर्षों में आम नागरिकों को ई-मेल द्वारा, मोबाईल पर एस.एम.एस. द्वारा एवं फोन पर बैंक खाते की गोपनीय जानकारी प्राप्त कर अथवा विभिन्न सरकारी विभागों के नकली अधिकारी बन कर लूट या ठगी करने के मामले दर्ज हुए है? यदि हाँ, तो प्रदेश के जिलेवार दर्ज संख्या बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार नागरिकों के साथ पुन: इस तरह की घटनाएं न हो इस हेतु प्रदेश शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश सायबर सेल द्वारा बैंक अधिकारी बनकर आम नागरिकों से बैंक खाते की गोपनीय जानकारी प्राप्त कर ठगी करने के प्रकरणों में विवेचना के दौरान आरोपियों की पतारसी व गिरफ्तारी कर अभियोजन हेतु न्यायालय में प्रस्तुत किये जा रहे हैं। सायबर सेल भोपाल द्वारा आम नागरिकों को इस तरह की ठगी से बचने हेतु स्वतंत्र रूप से अवेयरनेस प्रोग्राम चलाये जाते हैं, साथ ही बैंकों द्वारा भी फोन पर खाता संबंधी किसी भी गोपनीय जानकारी को प्रदाय नहीं करने हेतु खाता धारकों को एस.एम.एस. व ई-मेल द्वारा तथा व्यक्तिगत रूप से सतर्क किया जाता है। सायबर सेल भोपाल द्वारा इस तरह के प्रकरणों की त्वरित विवेचना हेतु प्रदेश के अधिकारियों को प्रशिक्षित भी किया जा रहा है। वर्तमान में सायबर अपराधों के पंजीयन एवं विवेचना हेतु भोपाल में सायबर थाना स्थापित किया गया है।
शासकीय उचित मूल्य की दुकानों का आवंटन
3. ( क्र. 1813 ) श्री प्रताप सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश 2015 एवं खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के पत्र दिनांक 29 मई 2015 एवं 30 जुलाई 2015 के अनुसार शासकीय उचित मूल्य दुकानों का निर्धारिण/आरक्षण किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या निर्देशानुसार जिले स्तर पर समिति गठित की गई थी तथा अनुविभागीय स्तर की समिति द्वारा नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों की शासकीय उचित मूल्य की दुकानों की संख्या दुकानों के संचालन स्थल तथा आरक्षण संबंधी प्रस्ताव के अनुमोदन के उपरांत प्रेस विज्ञप्ति जारी कर उचित मूल्य की दुकानों के आवंटन हेतु आवेदन पत्र आमंत्रित किये गये थे? (ग) दमोह जिले में प्रश्नांश (क) पत्रानुसार प्रश्नांश दिनांक तक शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र से कितने-कितने आवेदन किस-किस दुकान के लिए प्राप्त किये गये, अनुविभागवार सूची उपलब्ध करावें? प्राप्त आवेदनों पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई, कितने आवेदनकर्ताओं को दुकानें प्राप्त हुई तथा कितने आवेदन निरस्त किये गये है? (घ) क्या शासन के उक्त निर्देशों के अनुसार तेन्दूखेड़ा एवं जबेरा विकासखंड में किसी भी आवेदनकर्ता को दुकान आवंटित नहीं की गई है? इसका क्या कारण रहा है, कब तक दुकानें आवंटित कर दी जावेगी?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) प्रदेश में सक्षम प्राधिकारियों द्वारा निर्देशों का पालन सुनिश्चित किया जाता है। वर्तमान में कार्यवाही स्थगित है। (ख) प्रश्नांश 'क' के उत्तर अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। प्राप्त 133 आवेदन पत्रों पर विचार करते हुए 82 आवेदक संस्थाओं को उचित मूल्य दुकान आवंटित की गई परन्तु माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर के आदेश दिनांक 23.11.2015 के पालन में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 में संशोधन प्रक्रियाधीन है। संशोधन उपरांत सभी पात्र संस्थाओं से पुन: आवेदन पत्र आमंत्रित किये जायेंगे। (घ) जी हाँ। सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 में संशोधन प्रक्रियाधीन होने से आवेदकों को दुकानें आवंटित नहीं की गई हैं। संशोधन उपरांत पात्र आवेदक संस्थाओं को सक्षम अधिकारी द्वारा उचित मूल्य दुकानें आवंटित की जाएंगी।
सरकारी अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या बढ़ाना
4. ( क्र. 1855 ) श्री मुकेश नायक : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय वित्त मंत्री के वर्ष 2014 के बजट भाषण में राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिये वर्ष 2014-2015 में सरकारी अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या बढ़ाने का उल्लेख था, इस संबंध में पन्ना जिले में सरकारी अस्पतालों में कितने बिस्तरों की संख्या बढ़ाई गयी? (ख) वर्ष 2014-15 और 2015-16 में पन्ना जिले में सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवायें बढ़ाने के लिये कितनी धनराशि आवंटित की गई और कितनी खर्च की गई?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
योजनाओं की बजट स्थिति
5. ( क्र. 1865 ) श्री मुकेश नायक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पन्ना जिले की पवई विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत विभाग को वर्ष 2011-2012, 2012-2013, 2013-2014 एवं 2014-2015 में योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु कुल कितना बजट प्राप्त हुआ। (ख) पन्ना के पवई विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत विकासखण्डवार विभागीय केन्द्रवार कितना-कितना बजट उक्त वर्षों में किन-किन कार्यों के लिये कब-कब दिया गया। (ग) उक्त कार्यों/योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु शासन समस्त व्यवस्थाओं के अतिरिक्त अन्य अनुबंध कर के भी कार्य किये गये यदि हैं, यदि हाँ, तो क्या-क्या? (घ) समस्त कार्यों को किये जाने के दौरान कितने निरीक्षण कब, कहाँ किसके द्वारा किये गये?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जिले के पवई विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वर्षवार प्राप्त राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) पन्ना जिले के विधानसभा क्षेत्र पवई अंतर्गत विकासखंडवार विभिन्न योजनाओं के संचालन हेतु दी गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ एवं 'ब' अनुसार है। (ग) जी नहीं। उक्त कार्यों/योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु शासन समस्त व्यवस्थाओं के अतिरिक्त अन्य अनुबंध नहीं किया गया है। (घ) समय-समय पर अधिकारियों द्वारा सौंपे गये कार्यों का निरीक्षण आँगनवाड़ी केन्द्रों के निरीक्षण के साथ ही महिला सशक्तिकरण की योजनाओं की समीक्षा भी की जाती हैं। पर्यवेक्षकों द्वारा नियमित रुप से आँगनवाड़ी केन्द्रों के निरीक्षण किये गये। परियोजना अधिकारी शाहनगर द्वारा 168 आँगनवाड़ी केन्द्रों एवं परियोजना अधिकारी पवई द्वारा 131 आँगनवाड़ी केन्द्रों का निरीक्षण किया गया, जिसकी विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
तीन वर्षीय मेडिकल कोर्स
6. ( क्र. 1866 ) श्री मुकेश नायक : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन राज्य में एलोपैथिक डाक्टरों की कमी को दूर करने के लिये तीन वर्षीय मेडिकल शिक्षा कोर्स प्रारंभ करने पर विचार कर रहा हैं। (ख) यदि हाँ, तो इस बारे में मेडिकल कौंसिल ऑफ इंडिया से राज्य शासन ने क्या संपर्क किये है और उसके परिणाम क्या निकले हैं।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अन्नपूर्णा योजना के लंबित प्रकरण
7. ( क्र. 2521 ) श्री रामप्यारे कुलस्ते : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अन्यपूर्णा योजना अंतर्गत बी.पी.एल./ए.पी.एल. कार्डधारियों को उचित मूल्य दुकानों से आवंटित होने वाला खाद्यान्न एवं केरोसिन तेल चालू माह में उपभोक्ता द्वारा किसी कारण वंश नहीं उठाया जाता तो अगामी माह में निरस्त कर दिया जाता है या अगले माह में मिलने वाले खाद्यान्न के साथ जोड़ कर दिया जाता है। (ख) पंजीकृत प्रकरणों में कुल कितने प्रकरणों का निराकरण हो चुका है, कितने लंबित हैं, इन प्रकरणों के लंबित होने के क्या कारण हैं, इन प्रकरणों का निराकरण कब तक किया जावेगा? (ग) लंबित प्रकरणों का निराकरण होने पर क्या आवेदकों को सूचना दी जाती है, यदि हाँ, तो किस माध्यम से दी जाती है, डाक या दूरभाष से विवरण उपलब्ध करायें?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) पात्र परिवारों द्वारा चालू माह में राशन सामग्री क्रय न करने पर उनकी पात्रता समाप्त नहीं होती अपितु उसे आगामी माह में एक साथ दो माह का राशन प्राप्त करने का प्रावधान है, लेकिन इस संबंध में कोई प्रकरण निर्मित नहीं किया जाता है। चालू माह में राशन न ले जाने वाले परिवारों की जानकारी उचित मूल्य दुकान स्तर पर उपलब्ध रहती है। उचित मूल्य दुकान द्वारा शेष मात्रा की जानकारी समग्र पोर्टल पर दर्ज की जाती है, जिसके आधार पर आगामी माह का आवंटन जारी किया जाता है। व्यवस्था में सुधार हेतु वर्तमान में उचित मूल्य दुकानों पर पी.ओ.एस. मशीन स्थापित करने का कार्य जारी है, जिसके फलस्वरूप अब यह ज्ञात हो सकेगा कि उचित मूल्य दुकान से प्रत्येक पात्र परिवारों द्वारा किसी विशिष्ट माह में कितनी सामग्री प्राप्त की गई है एवं कितनी शेष है। संपूर्ण व्यवस्था स्थापित होने के पश्चात प्रत्येक पात्र परिवार के उपलब्ध मोबाइल नम्बर पर प्रत्येक संव्यवहार संबंधी एस.एम.एस. भेजा जा सकेगा। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
मेडिकल दुकानों/संस्थाओं का निरीक्षण
8. ( क्र. 2642 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में विगत 03 वर्षों में पदस्थ ड्रग इंस्पेक्टर के नाम, निवास स्थान सहित सूची देवें। खरगोन जिले में कब से प्रभारी ड्रग इंस्पेक्टर कार्यरत है? (ख) इनके द्वारा वर्ष 2013 से 2015 तक कितने मेडिकल एवं अन्य संस्थानों का निरीक्षण किया गया, निरीक्षण में क्या पाया गया, निरीक्षण उपरांत क्या कार्यवाही की गई?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र‘‘अ’’ अनुसार। (ख) वर्ष 2013 से 2015 तक खरगोन जिले के कुल 326 औषधि विक्रय संस्थानों का निरीक्षण किया गया जिसमें से 6 संस्थाओं के निरीक्षण में औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 नियमावली, 1945 के नियमों का उल्लंघन पाये जाने पर नियमानुसार की गई कार्यवाही का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’ अनुसार।
कैंसर रोगियों का इलाज
9. ( क्र. 2907 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश राज्य शासन द्वारा गरीब एवं असहाय कैंसर रोगियों के इलाज हेतु राज्य बीमारी सहायता योजना में ग्वालियर अंचल के कैंसर रोगियों को समुचित लाभ इसलिये नहीं मिल पा रहा है कि राज्य शासन के आदेश क्रमांक/4/एस./आई./ए.एफ./2013/255 दिनांक 12.07.2013 में यह निर्देश है कि मरीज को पहले जयारोग चिकित्सालय में भेजें, यदि वहा व्यवस्था न हो तो वहां की अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त कर कैंसर चिकित्सालय एवं शोध संस्थान भेजा जावें? (ख) क्या अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिये परिजन भटकते रहते हैं। अनापत्ति प्रमाण पत्र समय पर नहीं मिलता है जिससे विलम्ब के कारण कैंसर रोगी गंभीर अवस्था में पहुंच जाता है। जयारोग्य अस्पताल में आपरेशन की व्यवस्था नहीं है तो फिर सीधे कैंसर संस्थान ग्वालियर को मरीज क्यों नहीं भेजा जाता हैं? (ग) क्या कैंसर चिकित्सालय एवं शोध संस्थान ग्वालियर देश के 28 केन्द्र शासन द्वारा मान्यता प्राप्त कैंसर क्षेत्रीय संस्थानों में से एक है, जो सर्व सुविधायुक्त है? तो क्यों न शासन का कतिपय आदेश में संशोधन कर मरीजों को सीधे कैंसर अस्पताल ग्वालियर भेजा जावें? इस हेतु क्या कार्यवाही की जा सकेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा संचालित राज्य बीमारी सहायता योजना के अंतर्गत कैंसर रोगियों के नि:शुल्क उपचार हेतु प्रारंभ की गई, जिसके अंतर्गत समस्त चिकित्सा महाविद्यालयों, जिला चिकित्सालयों में कैंसर का उपचार सभी वर्गों के मरीजों को नि:शुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है। गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय, ग्वालियर में रेडियोथेरेपी/कीमोथेरेपी नि:शुल्क की जाती है। इसलिये निजी अस्पतालों को उपचार हेतु अनापत्ति प्रमाण-पत्र नहीं दिया जाता है। निजी अस्पतालों में कैंसर के गरीब मरीजों को महंगा उपचार उपलब्ध होता है। (ख) गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय, ग्वालियर के कैंसर विभाग में कैंसर के इलाज की सम्पूर्ण व्यवस्था उपलब्ध है, किन्तु मरीजों की अत्याधिक संख्या होने के कारण रेडियोथेरेपी इलाज के लिये तारीख लगती है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय, गवालियर में कैंसर के सभी प्रकार की रेडियोथेरेपी एवं कीमोथेरेपी की अति आधुनिक सुविधायें उपलब्ध है। सर्जरी हेतु संबंधित विभाग में कैंसर के मरीजों को रेफर किया जाता है। कैंसर चिकित्सालय एवं शोध संस्थान निजी संस्थान है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
इन्दौर के महाराजा यशवंतराव हॉस्पिटल में नवीन लिफ्ट लगाई जाना
10. ( क्र. 2913 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर जिले के महाराजा यशवंतराव हॉस्पिटल (एम.वाय.एच.) में नवीन लिफ्ट लगाने का प्रावधान किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो आज दिनांक तक नवीन लिफ्ट नहीं लगने का क्या कारण है, स्पष्ट करें और कब तक नवीन लिफ्ट लगाई जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ, इन्दौर जिले में महाराजा यशवंतराव हॉस्पिटल (एम.वाय.एच.) में नवीन लिफ्ट लगाने का प्रावधान किया गया था। (ख) लिफ्ट लगाने के लिये म.य.चि. इन्दौर द्वारा अधिष्ठाता मेडिकल कालेज, इन्दौर को एक मांग पत्र प्रेषित किया गया था एवं उनके द्वारा इसे लोक निर्माण विभाग (ई.एंड एम.) की ओर प्रेषित किया गया था। लोक निर्माण विभाग द्वारा प्राक्कलन अधिष्ठाता, कार्यालय को प्रेषित किया गया था। किया। तदुपरांत अधिष्ठाता कार्यालय से संचालक, चिकित्सा शिक्षा को प्राक्कलन पत्र क्रमांक 3007/ भवन/2015, दिनांक 01.12.2015 के द्वारा प्रेषित किया गया था। संचालक, चिकित्सा शिक्षा भोपाल के पत्र क्रमांक 4259/योवि/2/2015, दिनांक 07.12.2015 के द्वारा प्रस्ताव परिशिष्ट 1 एवं 2 में भेजने हेतु निर्देशित किया। तदुपरांत अधिष्ठाता कार्यालय द्वारा वित्त विभाग के परिशिष्ट 1 एवं 2 में प्रस्ताव संचालक, चिकित्सा शिक्षा को अधिष्ठाता कार्यालय के पत्र क्रमांक 50/भवन22016, दिनांक 08.01.2016 के द्वारा भेजे गये थे। उक्त संबंध में प्राप्त प्रस्ताव संचालनालय द्वारा टीप क्रमांक 459/योवि/2, दिनांक 08.02.2016 द्वारा शासन को प्रेषित किया गया है जो विचाराधीन है।लिफ्ट लगाने सबंधी कार्यवाही यथाशीघ्र की जायेगी निश्चित समायावधि दी जाना संभव नहीं है।
महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय में एम.आर.आई., सिटी स्केन जाँच
11. ( क्र. 2924 ) श्री राजेश सोनकर : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय इन्दौर में दिनांक 25 जनवरी, 2016 को एम.आर.आई. जाँच एवं सिटी स्केन आदि जांचे प्रारंभ कर दी गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या म.य.चि. में एम.आर.आई./सिटी स्केन की जाँच कराने हेतु किस फर्म से अनुबंध किया है व किन शर्तों पर अनुबंध किया गया है? अनुबंध की प्रति उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में एम.आर.आई /सिटी स्केन जाँच हेतु बी.पी.एल., दीनदयाल, मजदूर कार्ड, कर्मकार कार्ड हेतु क्या दर निर्धारित की गई है एवं ए.पी.एल. एवं आम नागरिकों हेतु क्या दर निर्धारित की गई है? (घ) उक्त जांचों को नि:शुल्क करने हेतु किन-किन श्रेणी के हितग्राहियों को इस जाँच में छूट की पात्रता है व किन नियम शर्तों पर?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एम.वाय. चिकित्सालय इन्दौर में दिनांक 25.01.2016 को अस्तपाल प्रबंधन द्वारा सी.टी. स्केन की जाँच सुविधा जनहित में प्रारंभ की गई थी। एम.आर.आई. की जाँच निकट भविष्य में प्रारंभ की जावेगी। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ख) एम.वाय. चिकित्सालय प्रबंधन द्वारा एम.आर.आई. एवं सी.टी. स्केन की जाँच के लिये मेसर्स कृष्णा डायग्नोस्टिक पूणे से टेण्डर की शर्तों के अनुसार एम.आर.आई. एवं सी.टी. स्केन के अनुबंध की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, जो शीघ्र पूर्ण कर ली जावेगी। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। टेण्डर की शर्ते पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एम.आर.आई. सी.टी. स्केन की जाँच हेतु बी.पी.एल. दीनदयाल मजदूर, कामगार परिचय पत्र हेतु दरें सामान्य दर से 50 प्रतिशत कम रखी गई है। ए.पी.एल. मरीजों के लिये एम.वाय. चिकित्सालय, इन्दौर में भर्ती है अथवा बाह्य रोगी विभाग में परीक्षण हेतु आता है, तो सामान्य दर से 20 प्रतिशत कम दरों पर जाँच की सुविधा उपलब्ध कराई जावेगी। (घ) म.य. चिकित्सालय, इन्दौर में आने वाले अज्ञात/गंभीर मरीज जिनके साथ कोई परिजन नहीं रहता है उनको नि:शुल्क जाँच की सुविधा उपलब्ध है।
हितग्राही मूलक योजनाओं में खाद्य वितरण
12. ( क्र. 2925 ) श्री राजेश सोनकर : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत् खाद्य विभाग की कौन-कौन सी योजनाओं के तहत हिग्राहियों को खाद्यान वितरण किया जाता है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में इन्दौर जिले के अन्तर्गत निम्न आय वर्ग एवं अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के हितग्राहियों को उक्त योजनाओं में क्या-क्या अनिवार्यता आहूत की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में किन-किन योजनाओं में सांवेर विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत वर्ष 2014-15 में कुल कितने हितग्राहियों को खाद्य सामग्री का वितरण किया गया?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के प्रावधान अनुसार लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत पात्र परिवारों को तथा कल्याणकारी योजना के तहत अनुसूचित जाति/जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रावासों में निवासरत छात्र/छात्राओं एवं कल्याणकारी संस्थाओं में निवासरत अन्त:वासियों को खाद्यान्न का वितरण किया जाता है। (ख) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना के तहत अनुसूचित जाति/ जनजाति के प्रथम/द्वितीय/तृतीय श्रेणी के अधिकारी/कर्मचारी तथा आयकर दाता को छोड़कर शेष परिवारों को प्राथमिकता परिवारों में सम्मिलित किया गया है। अधिनियम के अंतर्गत निम्न आय वर्ग को पात्र परिवार श्रेणी के रूप में सम्मिलित नहीं किया गया है। किन्तु आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग के परिवारों की 24 श्रेणियों को पात्र परिवार के रूप में सम्मिलित किया गया है, जिसके अंतर्गत हितग्राही का पंजीयन होना आवश्यक है। पात्रता परिवार श्रेणियों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। कल्याणकारी योजना अंतर्गत संबंधित संस्थाओं में छात्र/छात्राओं एवं हितग्राहियों का निवासरत होना आवश्यक है। (ग) सांवेर विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2014-15 में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजनांर्गत 28,395 पात्र परिवारों, अनुसूचित जाति/जनजाति के छात्रावासों के 550 छात्र/छात्राओं एवं कल्याणकारी संस्थाओं के 100 अन्त:वासियों को प्रतिमाह खाद्यान्न का वितरण किया गया है।
बाल श्रमिकों को मुक्त करवाना
13. ( क्र. 3483 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्जैन-इन्दौर संभाग में बाल श्रमिकों के लिये कार्य कर रही पंजीकृत संस्थाओं द्वारा संचालित गृहों में 1 अप्रैल 2013 से प्रश्न दिनांक तक कितने-कितने बाल श्रमिकों को मुक्त करवाकर इन गृहों में देखभाल, संरक्षण तथा पुनर्वास के लिये रखा गया, प्रत्येक बच्चे का नाम सहित विवरण देवें? (ख) उक्त अवधि में लाये गये बच्चों को कब-कब इनके माता-पिता/राज्य सरकार को सुपुर्द कर पुनर्वास किया? (ग) उक्त अवधि के दौरान इन गृहों में आने वाले बच्चों को उनके माता-पिता को ही सुपुर्द किया गया है इसकी सत्यता की जाँच करने के लिये जिला बाल कल्याण समिति क्या-क्या प्रक्रिया अपनाती है? बच्चा सुपुर्द किये जाने पर क्या दस्तावेज प्राप्त किये जाते है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) विभाग में समेकित बाल संरक्षण योजनान्तर्गत देखरेख एवं संरक्षण के जरूरतमंद बालकों के लिए संस्थाएं संचालित है, जिनका पंजीयन किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम, 2015 की धारा 41 के तहत किया जाता है। जिला प्रशासन द्वारा 154 बालकों को 01 अप्रैल 2013 से प्रश्न दिनांक तक मुक्त कराकर देखभाल, संरक्षण तथा पुनर्वास हेतु संस्थाओं में रखा गया है। किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम, 2015 की धारा 74 के अनुसार गोपनीयता की दृष्टि से बालकों के नाम प्रकट नहीं किये जा सके हैं अत: जानकारी देना संभव नहीं हैं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ग) बालकों को माता-पिता के सुपुर्द किये जाने के पूर्व समक्ष में बाल कल्याण समिति द्वारा बालक से माता-पिता की पहचान होने के उपरांत ही अभिभावकों द्वारा प्रस्तुत पहचान संबंधी दस्तावेज यथा आधार कार्ड, मतदाता परिचय पत्र, राशन कार्ड, बालक का पारिवारिक छायाचित्र, यदि बालक अध्यनरत हो तो अंक सूची, पार्षद/सरपंच द्वारा लेख पहचान संबंधी प्रमाण-पत्र इत्यादि का अवलोकन एवं परीक्षण किया जाता है। अभिभावक होने का पूर्ण प्रमाण मिलने पर उपरोक्त पहचान पत्र की छायाप्रति एवं शपथ पत्र लिया जाकर बच्चों को सुपुर्द किया जाता है।
नापतौल विभाग की शिथिल कार्यप्रणाली
14. ( क्र. 3535 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा जिले के नापतौल विभाग में कितने अधिकरी/कर्मचारी पदस्थ हैं? क्या प्रत्येक तहसील स्तर पर नापतौल निरीक्षक का पद स्वीकृत है? क्या सभी तहसीलों में पदस्थ हैं? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) खण्डवा जिले में नापतौल विभाग द्वारा विगत तीन वर्षों में कितने प्रकरण बनाये गये? इन प्रकरणों में कुल कितनी राशि का अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया तथा अधिकतम अर्थदण्ड कितनी राशि का वसूला गया है वर्षवार बतायें। (ग) क्या विभाग द्वारा नियमित निरीक्षण नहीं किये जाने से तौल वाली कई दुकानों, हाथठेलों, सब्जी व्यवसासियों द्वारा आम जनता को पूरा मूल्य लेकर सामग्री कम तौली जा रही है? यदि हाँ, तो अभियान कब चलाया जाएगा? (घ) पेकिंग मटेरियल के मापदण्ड के उल्लंघन के कितने प्रकरण बनाये गये? अमानक पेकिंग करने वाली कितनी फर्मों से कितने प्रकरणों में कितनी राशि वसूल की गई?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) खंडवा जिले में 01 सहायक नियंत्रक, 01 निरीक्षक, 01 सहायक ग्रेड-दो, 02 सहायक ग्रेड-तीन एवं 01 श्रम सहायक पदस्थ है, जिले में प्रत्येक तहसील के लिए निरीक्षक का पद स्वीक़त नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) सामान्यत: ऐसा मामला प्रकाश में नहीं आया है तथापि नियमित निरिक्षण के साथ-साथ वर्ष में एक माह साप्ताहिक हॉट बाजारों के निरीक्षण का अभियान 2015-16 में चलाया गया है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
खंडवा जिले में पुलिसबल की कमी
15. ( क्र. 3536 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खंडवा जिला प्रदेश में कानून व्यवस्था की दृष्टि से संवेदनशील है? यदि हाँ, तो क्या यहां स्वीकृत पुलिस बल अनुसार शत प्रतिशत पुलिस अधिकारी एवं बल पदस्थ है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या प्रदेश की जनकल्याणकारी डायल 100 में बल की तैनाती से थानों एवं चौकियों पर पुलिस बल की कमी हुई है? यदि हाँ, तो इसकी पूर्ति के क्या उपाय किये जा रहे हैं? (ग) खंडवा नगरीय क्षेत्र में विगत एक वर्ष में व्यापारियों से चोरी एवं लूट की कितनी वारदातें हुई? इनमें कितने आरोपी गिरफ्तार किये गये है? क्या खंडवा पुलिस गुण्डातत्वों एवं अपराधों पर नियंत्रण करने में असफल सिद्ध हो रही है? (घ) क्या खंडवा में सिमी की गतिविधियां अधिक होने से यहां अतिरिक्त पुलिस अधिकारी, पुलिस बल, संसाधन एवं गुप्तचर एजेंसी की आवश्यकता है? यदि हाँ, तो क्या इसकी मांग शासन से की गई है? यदि नहीं, तो कब की जाएगी?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। पदों की पूर्ति एक निरन्तर प्रक्रिया है जो सीधी भर्ती तथा पदोन्नति के माध्यम से की जाती है। (ख) प्रदेश के जनकल्याणकारी डायल 100 योजना में थानों एवं चौकियों से पुलिस बल तैनात किया गया है। थानों में अतिरिक्त बल की पूर्ति के लिये नवीन पद स्वीकृति हेतु प्रस्ताव प्रक्रियाधीन है। (ग) जिला खण्डवा के नगरीय क्षेत्र में दिनांक 01.01.2015 से दिनांक 31.12.2015 तक व्यापारियों के साथ घटित चोरी की घटनाओं की रिपोर्ट पर कुल 09 प्रकरण पंजीबद्ध हुये है एवं कुल 06 आरोपियों को गिरफ्तर किया गया है। शेष, जी नहीं। (घ) सिमी की गतिविधियों पर निगाह एवं नियंत्रण रखने के लिये जिले में आतंकवाद निरोधक दस्ता (ए.टी.एस) की इकाई एवं जिला विशेष शाखा कार्यरत है, जो समय-समय पर सूचनाओं के आधार पर विधि अनुरूप कार्यवाही करते है। सुरक्षा के पर्याप्त संसाधन जिले में उपलब्ध है।
गेहूँ का परिवहन
16. ( क्र. 4159 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में वर्ष 2012 से 2015 तक किन-किन केन्द्रों द्वारा कितना-कितना गेहूँ परिवहन कर नान के गोदामों तक पहुंचाया गया? केन्द्रवार एवं समितिवार जानकारी दें? (ख) उक्त परिवहन के विरूद्ध किन-किन समिति द्वारा कितनी-कितनी राशि क्लेम नान को भेजा गया? उक्त क्लेम के विरूद्ध नान द्वारा कब-कब कितना भुगतान किस-किस समिति को दिया गया? केन्द्रवार व समितिवार जानकारी दें? (ग) क्या परिवहनकर्ता समितियों को उनके वास्तविक परिवहन राशि के विरूद्ध क्या राशि नान द्वारा भुगतान की गई? यदि हाँ, तो उसके लिए कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी दोषी हैं और उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या वर्ष 2012 से सीधे लीड समितियों की कलेक्टर खाद्य द्वारा लिखित आदेश पर समर्थन मूल्य केन्द्रों से कार्यक्षेत्र के बाहर खाद्यान्न परिवहन कर उचित मूल्य दुकानों पर भेजा गया था? क्या उक्त लीड समितियों को अंतर की परिवहन राशि भुगतान की गई? यदि हाँ, तो कितनी और यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मोबाइल गुम होने की सूचना देने पर शपथ पत्र
17. ( क्र. 4198 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 14 से 31 दिसम्बर 15 तक की अवधि में विदिशा जिले के अन्तर्गत संचालित थानों में मोबाइल गुम होने सूचना के कितने आवेदन प्राप्त हुये है? (ख) उक्त क्रम में मोबाइल गुम होने की सूचना/आवेदन पत्र के साथ शपथ पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य है या नहीं? यदि हाँ, तो किस नियम व निर्देश के तहत प्रश्नांश ‘क’ में उल्लेखित कितने आवेदकों से सूचना पत्र के साथ शपथ पत्र प्राप्त किये? कितनों के साथ नहीं? (ग) प्रश्नांश ‘क’ में उल्लेखित सूचनाओं के आधार पर कितने मोबाइल फोन ट्रेस कराये गये,कितने शेष है, शेष का क्या कारण है? (घ) क्या सिविल थाना, गंजबासौदा को प्रेषित पत्र क्रमांक 2451/31.10.15 क्रम में प्रश्नकर्ता द्वारा चाही गई जानकारी उपलब्ध करा दी गइ है या नहीं? तो कारण देवे? कब तक उपलब्ध करा दी जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) 560 (ख) जी नहीं प्रश्न उपस्थित नहीं होता। 339 आवेदकों द्वारा सूचना/आवेदन पत्र के साथ शपथ पत्र प्रस्तुत किये गये। 221 आवेदकों से सूचना/आवेदन पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्राप्त नहीं किये गये। (ग) 346 मोबाइल फोन ट्रेस किये गये हैं। शेष 214 मोबाइल फोन के संबंध में संबंधित टेलीकाम कंपनियों से उपयोगी जानकारी प्राप्त नहीं होने कारण व अन्य प्रभावी जानकारी नहीं मिल सकने से ट्रेस नहीं कराये जा सके हैं। (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा चाही गई जानकारी थाना प्रभारी गंजबासौदा शहर द्वारा दिनांक 13.03.2016 को उपलब्ध करा दी गई है।
यूनीयन कार्बाइड, भोपाल में गैस रिसाव से पीडि़तों को मुआवजा
18. ( क्र. 4246 ) श्री तरूण भनोत : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिसम्बर, 1984 में यूनियन कार्बाइड, भोपाल कारखाने में जहरीली गैस के रिसाव के कारण पीडि़तों की चिकित्सा के लिये उपलब्ध कराई गई चिकित्सा क्या अब भी जारी है? (ख) यदि हाँ, तो चिकित्सालयों की नामवार जानकारी दें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) भोपाल गैस त्रासदी,राहत एवं पुनर्वास विभाग के अधीन निम्नानुसार चिकित्सालय संचालित है :- कमला नेहरू चिकित्सालय, जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय, इन्दिरा गाँधी महिला एवं बाल्य चिकित्सालय, शाकिर अली खान चिकित्सालय, पल्मोनरी मेडिसिन सेंटर, मास्टर लाल सिंह चिकित्सालय।
पेंशनर्स को आयुर्वेद चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाना
19. ( क्र. 4250 ) श्री तरूण भनोत : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश शासन के पेंशनर्स को आयुर्वेद पद्धति से चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिये शासकीय स्वशासी आयुर्वेद महाविद्यालयों के अंतर्गत चिकित्सकों के लिये बजट उपलब्ध कराने की क्या व्यवस्था है? अर्थात सभी महाविद्यालयों को समान बजट उपलब्ध कराया जाता है या अलग-अलग मापदण्डों के आधार पर बजट उपलब्ध कराया जाता है? (ख) शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय जबलपुर के अंतर्गत चिकित्सालय के लिये पेंशनर्स औषधि मद में विगत तीन वित्तीय वर्ष 2012-13, 2013-14, 2014-15 एवं वर्तमान वित्तीय वर्ष 2015-16 में कितना बजट उपलब्ध कराया गया? क्या यह बजट एक मुश्त उपलब्ध कराया गया है अथवा किश्तों में? (ग) पेंशनर्स के लिये औषधि क्रय में महाविद्यालयों में क्रय हेतु क्या नियम हैं? क्या किसी फर्म को पूरे वर्ष के लिये अथवा उससे अधिक या कम अवधि के लिये औषधि प्रदाय के आदेश दिये जाते हैं? (घ) शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय चिकित्सक जबलपुर के पेंशनर्स को पेटेन्ट औषधियाँ प्रदाय क्यों नहीं की जा रही है? क्या यह व्यवस्था प्रदेश में एक समान लागू की गई है अथवा मात्र जबलपुर में ही है? इस रोक का क्या कारण है? क्या आयुर्वेद पद्धति की पेटेन्ट औषधियाँ ज्यादा प्रभावी नहीं होती?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) शासन द्वारा पेंशनर्स को निःशुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाती है, इस हेतु शासकीय स्वशासी आयुर्वेद महाविद्यालयों को उनकी मांग एवं बजट उपलब्धता के आधार पर बजट उपलब्ध कराया जाता है। (ख) शासकीय स्वशासी आयुर्वेद महाविद्यालय जबलपुर को पेंशनर्स औषधि मद में विगत तीन वर्ष एवं वर्तमान वित्तीय वर्ष 2015-16 में निम्नानुसार बजट उपलब्ध कराया गया है :- वर्ष 2012-13 में राशि 4,00,000/-, वर्ष 2013-14 में राशि 3,00,000/-, वर्ष 2014-15 में राशि 7,00,000/-, वर्ष 2015-16 में राशि 6,00,000/-। प्रधानाचार्य की मांग अनुसार बजट उपलब्धता के आधार पर किश्तों में उपलब्ध कराया गया। (ग) पेंशनर्स के लिए औषधि क्रय में महाविद्यालयों द्वारा म.प्र. भण्डार क्रय नियम के अनुसार सामान्यतः एक वित्तीय वर्ष के लिए निविदाएं आमंत्रित कर औषधियाँ प्रदाय हेतु आदेश दिये जाते हैं। (घ) संचालनालय के पत्र क्रमांक 05/बजट/01-71 दिनांक 15/04/2015 के बिन्दु क्रमांक 10 के अनुसार, पेंशनर्स को सर्वप्रथम चिकित्सालय/औषधालय में उपलब्ध दवाइयां दी जावे उस रोगाधिकार की औषधियाँ चिकित्सालय/औषधालय में उपलब्ध न होने पर ही अनिवार्य परिस्थितियों में ही बाजार से केवल शास्त्रोक्त दवाइयां ही भण्डार क्रय नियमानुसार क्रय की जाकर उपलब्ध कराये जाने विषयक निर्देशानुसार शास्त्रोक्त औषधियाँ उपलब्ध कराई जा रही है। जी हाँ। यह व्यवस्था पूरे प्रदेश में समान रूप से लागू है। रोगों की चिकित्सा शास्त्रोक्त औषधियों से संभव होने के कारण। शास्त्रोक्त एवं पेटेन्ट औषधियाँ मानकों के आधार पर समान रूप से प्रभावी होती है।
थाना लहार एवं रावतपुरा के अंतर्गत दर्ज अपराध
20. ( क्र. 4383 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के थाना लहार के अपराध क्र. 22/14 में गोलू उर्फ राजाबाबू के प्रकरण में विधान सभा के जुलाई 2010 सत्र में प्रश्नकर्ता की शून्यकाल की सूचना क्रमांक 159 की विभागीय टीप में जो तथ्य दिए हैं? इसका आधार क्या था? क्या विभागीय टीप में दिए गए उत्तर की जाँच पुलिस महानिरीक्षक चम्बल जोन से कराई जाकर सत्यता का पता लगाया जाएगा? (ख) क्या थाना रावतपुरा में अपराध क्रमांक 14/13 दिनांक 14.04.2013 में श्री रामकुमार द्विवेदी एडवोकेट की 85 वर्षीय वृद्ध मां की लूट व हत्या एवं थाना लहार में अपराध क्रमांक 241/15 दिनांक 23.09.2015 को नईम खान पुत्र मुबीन खान की हत्या के संबंध में प्रकरण दर्ज है? यदि हाँ, तो उक्त प्रकरणों में आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? क्या उक्त अपराधों के संबंध में उच्च स्तरीय जाँच कराई जाएगी?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) भिण्ड जिले के थाना लहार के गुमशुदगी क्र. 15/09 में दिनांक 22.12.2009 को मोहर सिंह राजावत निवासी भटपुरा द्वारा उनके पुत्र गोलू उर्फ राजाबाबू आयु 17 वर्ष के गुम होने की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। जाँच के दौरान विधानसभा के जुलाई 2010 सत्र में शून्यकाल की सूचना क्रमांक 159 की विभागीय टीप में दिये गये तथ्य तत्समय जाँच के दौरान गुमशुदा के संबंधियों के कथन एवं प्राप्त साक्ष्य के आधार पर दिये गये थे। गुमशुदगी क्रमांक 15/09 की जाँच उपरांत माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा याचिका डब्ल्यू.पी. 75/2012 में दिनांक 10.05.2013 को पारित आदेशिका के पालन में दिनांक 08.02.2014 को अप.क्र. 22/14 धारा 363 भा.द.वि. पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया था। अतः विभागीय टीप में दिये गये उत्तर की जाँच पुलिस महानिरीक्षक चम्बल जोन से कराई जाने का कोई आधार उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। श्री रामकुमार द्विवेदी की रिपोर्ट पर थाना रावतपुरा में उनकी माँ श्रीमती रामश्री द्विवेदी उम्र 78 वर्ष की अज्ञात व्यक्ति द्वारा हत्या एवं लूट करने पर अप0क्र0 14/13 धारा 302, 397, 449 भा.द.वि. का पंजीबद्ध है तथा श्री नईम खान की रिपोर्ट पर उनके पुत्र मुहिम खान उम्र 17 वर्ष के अपहरण एवं हत्या होने के संबंध में थाना लहार में अप.क्र. 241/15 धारा 363, 302 भा.द.वि. पंजीबद्ध हैं। उपरोक्त दोनों प्रकरण में हरसंभव प्रयास बाद आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। अपराध क्रमांक 241/15 में आरोपियों की सूचना देने के संबंध में पुलिस अधीक्षक भिण्ड द्वारा पाँच हजार रूपये के ईनाम की घोषणा की गई है। उपरोक्त दोनों प्रकरण अज्ञात आरोपियों के विरूद्ध पंजीबद्ध हैं। अपराध क्रमांक 14/13 धारा 302, 397, 449 भा.द.वि. में अज्ञात आरोपियों का पता नहीं चलने पर खात्मा क्रमांक 4/15 दिनांक 18.05.2015 को तैयार किया गया है। जो वर्तमान में सक्षम न्यायालय में स्वीकृति हेतु लंबित है। प्रकरणों में विधि अनुरूप कार्यवाही की जा रही है। अतः अन्य किसी उच्च अधिकारी से जाँच कराई जाने का आधार उपस्थित नहीं होता है।
आँगनवाडि़यों के भवन
21. ( क्र. 4466 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) गरोठ विधानसभा क्षेत्र में आंगनवाडि़यों के कितने भवन शासन द्वारा अब तक निर्मित किए गए तथा कितनी आंगनवाडि़यां किराये के भवनों में संचालित हैं? (ख) वर्ष 2015 एवं जनवरी 2016 तक कितने नये आँगनवाड़ी भवन स्वीकृत किए गए तथा उनका निर्माण किस स्तर तक सम्पन्न हुआ है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) गरोठ विधानसभा क्षेत्र में कुल 360 आँगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। जिसमें से 68 आँगनवाड़ी केन्द्रों के भवन निर्मित किये गये है। 35 आंगनवाडि़यां किराये के भवनों में एवं 257 आँगनवाड़ी भवन अन्य शासकीय भवनों में संचालित है। (ख) गरोठ विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2016 तक विभाग द्वारा कोई भी आँगनवाड़ी भवन स्वीकृत नहीं किये गये हैं। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वास्थ्य सुविधा
22. ( क्र. 4467 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर जिले के गरोठ विधानसभा क्षेत्र के शासकीय चिकित्सालयों में पदस्थ एवं स्वीकृत डॉक्टर्स, कम्पाउण्डर्स, नर्स, वार्डबाय, लेबोरेटरी विशेषज्ञ, स्वच्छताकर्मी के कितने पद कहाँ-कहाँ पर एवं कब से रिक्त है एवं क्यों? (ख) क्या उक्त चिकित्सालय में ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के मरीजों की सभी प्रकार की जांचों के पर्याप्त संसाधन हैं? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें एवं नहीं तो क्यों नहीं? (ग) वर्ष 2013 से जनवरी 2016 तक दवाइयों, इन्जेक्शन, एक्स-रे, सोनोग्राफी, ओ.पी.डी. आदि पर हुए व्यय का चिकित्सालय वार ब्यौरा क्या है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। प्रदेश में विशेषज्ञ/चिकित्सकों की कमी के कारण। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार।
शासकीय उचित मूल्य दुकान
23. ( क्र. 4513 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में अनुभाग मऊगंज के अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) द्वारा आदेश क्रमांक/ 159/खाद्य/2014/एस.डी.ओ./मऊगंज दिनांक 07.07.2014 को किस सेवा सहकारी समिति के विक्रेता को शा.उ.मू. दुकान का खाद्यान्न वितरण के कार्य से मुक्त रखने का आदेश दिया था? समिति, विक्रेता, दुकान का नाम बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में विक्रेता का प्रकरण निराकरण होने तक खाद्यान्न वितरण करने पृथक रखने का आदेश दिया गया था? (ग) यदि हाँ, तो (क) एवं (ख) के प्रकाश में आदेश का पालन हुआ? आदेश के परिपालन की क्या स्थिति है? (घ) क्या प्रश्नांश (क) के प्रकाश में विक्रेता के ऊपर आदेश के पूर्व ही धारा 3/7 के दो प्रकरण विचाराधीन है? यह भी सत्य है कि उक्त विक्रेता के पास 4 दुकानें हैं? (ड.) प्रश्नांश (घ) के प्रकाश में यदि हाँ, तो प्रश्नांश (ख) एवं (घ) के आदेश का पालन अनियमितता के लिए सेवा सहकारी समिति अध्यक्ष, प्रबंधक व और कौन दोषी है? दोषी के खिलाफ दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ, रीवा जिले के अनुभाग मऊगंज के अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) द्वारा प्रश्नांकित पत्र के माध्यम से वृहत्ताकार सेवा सहकारी समिति, पहाड़ी निरपति सिंह द्वारा संचालित उचित मूल्य दुकान, रामपुर के विक्रेता श्री यज्ञ नारायण मिश्रा को खाद्यान्न वितरण के कार्य से मुक्त रखने संबंधी आदेश जारी किया गया था। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। (घ) उक्त विक्रेता के विरूद्ध अत्यावश्यक वस्तु अधिनियम के अंतर्गत एक प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है। जी हाँ, उक्त विक्रेता के द्वारा उक्त समिति की पिपरा, रामपुर, एवं हटवा सोरैहान अन्य दुकानों का संचालन किया जा रहा है। (ड.) समिति द्वारा अनुभाग मऊगंज के अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) द्वारा विक्रेता को हटाने के आदेश का पालन नहीं किये जाने के कारण जाँच कराई जाकर संबंधित के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। जाँच पूर्ण होने पर कार्यवाही की जा सकेगी, अत: समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
अधिकारियों/कर्मचारियों की पदस्थापना
24. ( क्र. 4522 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में वर्तमान में विभाग में ऐसे कितने अधिकारी/कर्मचारी है जो स्थानीय तहसील व जिले के निवासी हैं, उनका नाम, स्थायी पता, पद व कहाँ पदस्थ है, जानकारी देवें? (ख) पुलिस विभाग में स्थानीय व्यक्ति को अपने गृह तहसील व जिले में रखने का नियम है? यदि नहीं, तो ऐसे व्यक्तियों को तत्काल क्या हटाया जावेगा? (ग) क्या विगत एक वर्ष में ऐसे व्यक्तियों के विरूद्ध वहां कोई शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं, उन पर क्या कार्यवाही की गई?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ‘अ’ अनुसार। (ख) आरक्षक/प्रधान आरक्षक जिला स्तरीय कैडर हैं तथा पूर्व में आरक्षक व प्रधान आरक्षक स्तर के पुलिस कर्मचारियों को गृह जिले में रखने पर प्रतिबंध नहीं था। पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी निर्देश दिनांक 17.05.13 अनुसार आरक्षक/प्रधान आरक्षक एवं सहायक उप निरीक्षक गृह जिले में पदस्थ किये जाने के पात्र नहीं हैं। पूर्व से पदस्थ कई कर्मचारी वर्तमान में भी गृह जिले में हैं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - ‘ब’ अनुसार।
नकली घी फैक्ट्री पर कार्यवाही
25. ( क्र. 4660 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले की धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र के ग्राम गुजरी में स्थित नकली घी की फेक्ट्री (प्रगति शुद्ध घी) के विरूद्ध विगत पाँच वर्षों में कितनी बार छापामार कार्यवाही की गई है तथा कितनी-कितनी मात्रा में नकली घी एवं निर्माण सामग्री जप्त की गई है? प्रत्येक छापामार कार्यवाही में जप्त सामग्री (कच्ची एवं तैयार सामग्री) की पृथक-पृथक मात्रा बतावें तथा विभाग द्वारा किस-किस अधिकारी को कब-कब जाँच सौंपी गई है? नियुक्त जाँचकर्ता अधिकारी/दल द्वारा अपना जाँच प्रतिवेदन प्रस्तुत कर दिया गया है अथवा नहीं तथा जाँच में क्या उल्लेख किया गया है? अब तक उक्त नकली घी फेक्ट्री के संचालक के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या दो तीन बार की कार्यवाही में जाँचकर्ता/सहयोगी खाद्य अधिकारी द्वारा उक्त फैक्ट्री से अवैध कारोबार वापस चालू करवा दिया गया है? क्या शासन पुन: जप्त सामग्री की अन्य उच्च स्तरीय समिति से जाँच करवाकर दोषी फैक्ट्री संचालक एवं लीपापोती करने वाले विभागीय अमले के विरूद्ध कड़ी दण्डात्मक कार्यवाही सुनिश्चित करेगा? (ग) क्या अवैध फैक्ट्री की परिसम्पत्ति को राजसात करने की कार्यवाही भी की जावेगी? यदि हाँ, तो समयावधि बतावें तथा अब तक कोई कड़ी कार्यवाही नहीं होने का कारण भी बतावें?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नवीन आंगनबाड़ी केन्द्रों के प्रस्ताव
26. ( क्र. 4661 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आँगनवाड़ी अथवा उप आँगनवाड़ी केन्द्र प्रांरभ करने संबंधी क्या नियम हैं? नियमों की प्रति उपलब्ध करावें? नवीन आँगनवाड़ी अथवा उप आँगनवाड़ी केन्द्र प्रारंभ करन हेतु कितनी जनसंख्या व बच्चों, गर्भवती एवं धात्री महिलाओं की संख्या होना अनिवार्य है? (ख) धार जिले की धरमपुरी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कितने आँगनवाड़ी केन्द्र व उप आँगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं? (ग) विधान सभा क्षेत्र में विगत तीन वर्षों में कहाँ-कहाँ से नवीन आँगनवाड़ी या उप आँगनवाड़ी केन्द्र प्रारंभ करने हेतु प्रस्ताव विभाग को प्राप्त हुए? प्राप्त प्रस्तावों में से कितने प्रस्ताव पात्र पाये गये, व कितने नवीन केन्द्र प्रारंभ किये गये? कितने प्रस्तावों पर किस कारण से कार्यवाही नहीं की गई, प्राप्त प्रस्ताववार जानकारी उपलब्ध करावें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) भारत सरकार द्वारा ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र हेतु 400-800 की जनसंख्या तथा आदिवासी क्षेत्र हेतु 300-800 की जनसंख्या पर एक आँगनवाड़ी केन्द्र खोलने का मापदण्ड है तथा इसी प्रकार ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र हेतु 150-400 की जनसंख्या पर तथा आदिवासी क्षेत्र हेतु 150-300 की जनसंख्या पर एक मिनी आँगनवाड़ी खोले जाने का मापदण्ड है। आँगनवाड़ी उप आँगनवाड़ी केन्द्र खोलने संबंधी निर्देश की प्रति संलग्न परिशिष्ट पर है। उक्त के परिप्रेक्ष्य में कुल जनसंख्या के आधार पर ही नवीन आँगनवाड़ी व मिनी आँगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने का प्रावधान है। (ख) धार जिले की धरमपुरी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत 02 बाल विकास परियोजनायें क्रमशः धरमपुरी एवं नालछा अन्तर्गत क्रमशः 260 तथा 184 आँगनवाड़ी केन्द्र एवं 14 तथा 31 मिनी आँगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। (ग) धार जिले की धरमपुरी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत 02 बाल विकास परियोजनायें क्रमशः धरमपुरी एवं नालछा संचालित है। धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र की धरमपुरी परियोजना से 28 आँगनवाड़ी केन्द्र तथा 05 मिनी आँगनवाड़ी केन्द्र एवं नालछा परियोजना से 30 आँगनवाड़ी केन्द्र तथा 05 मिनी आँगनवाड़ी कन्द्र खोलने के प्रस्ताव प्राप्त हुये है। विभाग के आदेश क्रमांक 2286 दिनांक 10.12.2014 द्वारा धरमपुरी परियोजना में 04 तथा नालछा परियोजना में 5 मिनी आँगनवाड़ी प्रतिस्थापित कर संचालन की स्वीकृति प्रदान की गई है। भारत सरकार द्वारा 4305 आँगनवाड़ी केन्द्र तथा 600 मिनी आँगनवाड़ी केन्द्र खोलने की स्वीकृति दी गई है। राज्य मंत्री परिषद से स्वीकृति उपरान्त धार जिले हेतु स्वीकृत आँगनवाड़ी केन्द्र व मिनी आँगनवाड़ी केन्द्र प्रारंभ करने की कार्यवाही की जा सकेगी।
खाद्य प्रतिष्ठानों/फैक्ट्री/निर्माताओं के खाद्य नमूनों की जाँच
27. ( क्र. 4890 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में पदस्थ खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के दल/ड्रग निरीक्षक/कर्मचारियों द्वारा वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में कहाँ-कहाँ किन-किन दिनांकों में छापामार कार्यवाही कर किन-किन खाद्य प्रतिष्ठानों/ फैक्ट्री/निर्माताओं के यहां कितने नमूने लिये गये? (ख) इन नमूनों/सेम्पल के क्या-क्या परिणाम रहे? (ग) यदि मानक स्तर के नहीं पाये गये तो किन-किन खाद्य प्रतिष्ठानों/ फैक्ट्री/निर्माताओं के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) सागर जिले के खाद्य सुरक्षा अधिकारियों द्वारा की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। सागर जिले में पदस्थ औषधि निरीक्षक द्वारा वर्ष 2014-2015 एवं 2015-16 में कोई छापामार कार्यवाही नहीं की गई अपितु दैनिक निरीक्षण के दौरान वर्ष 2014-15 में औषधि निर्माण संस्थान से केवल एक नमूना जाँच/ परीक्षण हेतु लिया गया एवं वर्ष 2015-2016 में औषधि निर्माण संस्थान से कोई भी औषधि का नमूना जाँच/परीक्षण हेतु नहीं लिया गया। वर्ष 2014-2015 में औषधि विक्रय संस्थानों से कुल 33 औषधियों के नमूने एवं वर्ष 2015-16 में कुल 22 औषधियों के नमूने जाँच विश्लेषण हेतु लिये गये। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ख) सागर जिले के खाद्य सुरक्षा अधिकारियों द्वारा लिये गये नमूनों के जाँच परिणाम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार के कॉलम नं.- 5 पर दर्शित है। औषधि निर्माण संस्थान से वर्ष 2014-2015 में लिया गया, औषधि का नमूना औषधि परीक्षण प्रयोगशाला भोपाल द्वारा अवमानक स्तर का घोषित पाया गया एवं औषधि विक्रय प्रतिष्ठानों से वर्ष 2014-15 में लिये गये कुल 33 औषधियों के नमूनों में से 02 औषधि के नमूने अवमानक स्तर के एवं 2015-16 में लिये गये कुल 22 नमूनों में से 01 नमूना अवमानक स्तर का घोषित पाया गया। (ग) खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के अंतर्गत प्रश्नांकित नमूने मानक स्तर के नहीं पाये जाने पर की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार के कॉलम नं. - 6, 7, 8 एवं 9 पर दर्शित है। वर्ष 2014 -15 में औषधि निर्माण संस्थान से लिया गया नमूना अवमानक घोषित होने के पश्चात् दिनांक 09.10.2015 को कारण बताओ सूचना पत्र एवं दिनांक 18.03.2016 को आदेश जारी कर संबंधित औषधि की निर्माण अनुमति को आगामी तीन माह के लिये निलंबित किया गया एवं वर्ष 2014-15 में औषधि विक्रय संस्थानों से लिये गये कुल 33 नमूनों में से 02 अवमानक घोषित नमूने एवं वर्ष 2014-15 में 22 नमूनों में से 01 अवमानक स्तर घोषित नमूना राज्य से बाहर स्थित औषधि निर्माता द्वारा निर्मित होने से प्रकरण को आगामी कार्यवाही हेतु संबंधित राज्य को औषधि नियंत्रक को अग्रेषित किया गया है। आदेश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार।
दीनदयाल चलित औषधालय
28. ( क्र. 4891 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में कितने दीनदयाल चलित औषधालय कार्यरत हैं? स्थान का नाम फर्म/मालिक का नाम, पता, कार्य अनुभव सहित संपूर्ण जानकारी देवें? (ख) दीनदयाल चलित औषधालय के संबंध में शासन के क्या नियम निर्देश है? फर्म के साथ क्या अनुबंध किया गया है? जिले के प्रत्येक वाहन में कार्यरत स्टाफ की पूर्ण जानकारी देवें? (ग) दीनदयाल चलित औषधालय वाहन के लिये प्रतिदिन कितने ग्रामों में भ्रमण करने का निर्देश है वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक किये गये भुगतान की जानकारी माहवार, वाहनवार बतावें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) सागर जिले में तीन दीनदयाल चलित औषधालय विकासखण्ड खुरई, जैसीनगर एवं शाहपुर में कार्यरत है। संस्था का नाम कम्युनिटी एक्शन थ्रू मोटीवेश्न प्रोग्राम (केम्प) आनन्द बौध बाग रीवा एवं फर्म के मालिक का नाम श्री अमित गर्ग है। फर्म का कार्य एवं अनुभव जिला टीकमगढ़, सागर, सतना, छतरपुर, अलीराजपुर, झाबुआ में संचालित है। (ख) दीनदयाल चलित औषधालय के संबंध में नियम निर्देश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ। प्रत्येक वाहन में कार्यरत स्टाफ की जानकारी निम्नांकित है :-
क्र |
वाहन का स्थान |
वाहन में कार्यरत स्टाफ का नाम |
1. |
ब्लाक खुरई |
डॉ. अखिलेश पटेल, श्री देवदत्त रजक (लेब टेक्नीशियन), रजनी लखेरा (ए.एन.एम), श्री देवेन्द्र पटेल (वाहन चालक) |
2. |
ब्लाक शाहपुर |
डॉ. खान हुसैन, वंदना रैकवार (लेब टेक्नीशियन), शिखा तिवारी (ए.एन.एम), श्री संतोष रैकवार (वाहन चालक) |
3. |
ब्लाक जैसीनगर |
डॉ. सुनील सिंह, श्री राकेश्सोनी (लेब टेक्नीशियन), अखतरी बी. (ए.एन.एम.), श्री राहुल सैनी (वाहन चालक) |
(ग) प्रत्येक दिवस प्रत्येक वाहन कम से कम दो ग्रामों एवं अधिकतम चार ग्रामों में सेवाएं देने के निर्देश है। माहवार/वाहनवार वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 भुगतान की जानकारी निम्नानुसार है :-
वर्ष |
माह |
वाहन क्रं. एम.पी. 20 डी.ए. 0740 |
वाहन क्रं. एम.पी 20 डी.ए. 0736 |
वाहन क्रं. एम.पी. 20 डी.ए. 0742 |
ब्लाक खुरई |
ब्लाक जैसीनगर |
ब्लाक शाहपुर |
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2014-15 |
जनवरी-2014 |
1,41,000/- |
1,41,000/- |
1,41,000/- |
फरवरी-2014 |
1,41,000/- |
1,41,000/- |
1,41,000/- |
|
अगस्त-2014 |
1,41,000/- |
1,41,000/- |
1,41,000/- |
|
सितम्बर-2014 |
1,41,000/- |
1,41,000/- |
1,41,000/- |
|
अक्टूबर-2014 |
1,41,000/- |
1,41,000/- |
1,41,000/- |
|
नवम्बर-2014 |
1,41,000/- |
1,41,000/- |
1,41,000/- |
|
दिसम्बर-2014 |
1,41,000/- |
1,41,000/- |
1,41,000/- |
|
2015-16 |
जनवरी-2015 |
1,41,000/- |
1,41,000/- |
1,41,000/- |
फरवरी-2015 |
1,41,000/- |
1,41,000/- |
1,41,000/- |
|
मार्च-2015 |
1,41,000/- |
1,41,000/- |
1,41,000/- |
|
अप्रैल-2015 |
1,41,000/- |
1,41,000/- |
1,41,000/- |
|
मई-2015 |
1,41,000/- |
1,41,000/- |
1,41,000/- |
|
जून-2015 |
1,41,000/- |
1,41,000/- |
1,41,000/- |
|
जुलाई-2015 |
1,41,000/- |
1,41,000/- |
1,41,000/- |
|
अगस्त-2015 |
1,41,000/- |
1,41,000/- |
1,41,000/- |
|
सितम्बर-2015 |
1,41,000/- |
1,41,000/- |
1,41,000/- |
जन स्वास्थ्य रक्षकों को प्रोत्साहन राशि
29. ( क्र. 5071 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के 50 हजार जन स्वास्थ्य रक्षकों को केन्द्र शासन/राज्य शासन द्वारा छ: माह का प्रशिक्षण दिलाया गया था? तत्पश्चात इनके द्वारा ग्रामीण जनता को घर-घर जाकर सेवाएं दी जा रही हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या संचालनालय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा जो कार्ययोजना बनाकर प्रस्ताव पारित किया गया है? केन्द्र शासन एवं राज्य शासन द्वारा जो बजट प्राप्त हुआ उसकी पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (ख) में पारित प्रस्ताव बिन्दु क्या थे एवं उक्त प्रस्ताव के परिप्रेक्ष्य में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा जन स्वास्थ्य रक्षकों को जो प्रोत्साहन राशि दी जानी थी, जिसकी सहमति वित्त विभाग से 2000 रू. प्रतिवर्ष प्रस्तावित थी आज दिनांक तक क्यों नहीं दी गई, विवरण सहित बतावें। (घ) म.प्र. शासन की इतनी महत्वपूर्ण एवं महत्वाकांक्षी योजना के अंतर्गत करोड़ों रूपये की राशि का वितरण नहीं किये जाने की स्थिति के लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं? यदि हैं तो उनके ऊपर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक 50 हजार जनस्वास्थ्य रक्षकों को राशि का वितरण किया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। ये पूर्णतः स्वैच्छिक कार्यकर्ता थे, वर्तमान में इनकी सेवायें नहीं ली जा रही है। (ख) से (घ) प्रश्नांश ‘‘क‘‘ के अनुक्रम में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वेयर हाउसिंग कारपोरेशन के चौकीदारों का नियमितीकरण
30. ( क्र. 5072 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले के म.प्र. वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन नागौद में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को वर्ष 1985 में अतिरिक्त चौकीदार के पद पर पदस्थ किया गया था? यदि हाँ, तो उनका नाम सहित बताएं? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) के अतिरिक्त चौकीदारों को शासन के निर्देशानुसार आज दिनांक तक नियमित क्यों नहीं किया गया? क्या संघ द्वारा विभाग के एम.डी. को नियमितीकरण करने एवं अन्य बिन्दुओं के निराकरण की मांग की गई है? कब-कब ज्ञापन सौंपे गये तिथिवार बताएं? (ग) क्या म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय भोपाल द्वारा पत्र क्रमांक सी.-5-1-2-2013-3-एक दिनांक 09 जुलाई 2013 के द्वारा संलग्न म.प्र. राजपत्र (असाधारण) प्राधिकार से प्रकाशित 30 मई 2013 के सरल क्रमांक 5 (2) में स्पष्ट किया गया है कि 10 से 20 वर्ष सेवा पूर्ण होने पर 1500रू. एवं 20 वर्ष से अधिक सेवा होने पर 2500रू. प्रतिमाह विशेष भत्ता की पात्रता होगी? (घ) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (ग) अनुसार इन कर्मचारियों को विशेष भत्ता का एरियर्स अभी तक भुगतान क्यों नहीं किया गया, जबकि वर्ष 2013 में आदेश प्रसारित किये गये थे? भुगतान न करने के क्या कारण हैं? कब तक भुगतान किया जावेगा?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ, श्री हरिहर प्रसाद लखेरा को मध्यप्रदेश वेयर हाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक कार्पोरेशन की शाखा नागौद पर दैनिक वेतन भोगी अतिरिक्त चौकीदार के पद पर पदस्थ किया गया था। (ख) संबंधित के संवर्ग में नियमितीकरण के समय रिक्त पद नहीं होने से। जी हाँ। संघ द्वारा नियमितीकरण एवं अन्य बिन्दुओं के निराकरण की मांग हेतु दिनांक 01.01.2014, 12.02.2014, 13.05.2014, 20.02.2015, 23.02.2015, 12.03.2015, 29.04.2015, 25.05.2015, 10.06.2015, 30.06.2015, 02.07.2015, 12.10.2015, 04.01.2016 एवं 28.02.2016 को ज्ञापन सौंपे गए हैं। (ग) जी हाँ। (घ) उक्त नियम मध्यप्रदेश शासन के विभिन्न विभागों में कार्य कर रहे दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के लिए है। शासन के उक्त नियम के अनुरूप मध्यप्रदेश वेयरहाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक कार्पोरेशन में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को भी सुविधाएं प्रदान किये जाने हेतु निगम के संचालक मण्डल की बैठक दिनांक 11.01.2016 के ठहराव क्रमांक 47.09 के तहत पारित निर्णय अनुसार मध्यप्रदेश वेयर हाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक कार्पोरेशन दैनिक वेतन भोगी (सेवा की शर्तें) नियम, 2016 बनाया गया है। उक्त नियम दिनांक 01.04.2016 से प्रवृत होगा। तदनुसार विशेष भत्ते का प्रावधान किया जाएगा।
जननी एक्सप्रेस संचालन
31. ( क्र. 5118 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में प्रदेश शासन ने आर.सी.एच./एन.आर.एच.एम. प्रोग्राम के तहत जननी एक्सप्रेस संचालन करने हेतु अनुबंध के अंतर्गत क्या-क्या दिशा निर्देश जारी किये गये हैं? (ख) बालाघाट जिले में कितनी अनुबंधित जननी एक्सप्रेस संचालित हैं वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में जिले में कौन-कौन से वाहन किन शर्तों पर और कितनी अवधि के लिए मासिक दर पर अनुबंधित किये गये हैं? किन-किन अनुबंधित वाहनों को वाहन नंबर सहित किराये कि कितनी राशि का भुगतान किया गया है? (ग) एन.आर.एच.एम. योजना के अंतर्गत बालाघाट जिले में 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में कुल कितनी राशि खर्च की गई? बालाघाट जिले में माहवार कितनी राशि किस वाहन क्रमांक के वाहन मालिकों को भुगतान की गई?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जननी एक्सप्रेस जिले में संचालन करने हेतु दिशा निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार। (ख) कुल 27 जननी एक्सप्रेस वाहन संचालित है। वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में जिले में ओमनी वाहन अनुबंध की शर्तों पर दो वर्ष की अवधि हेतु तथा आपसी सहमति उपरांत समान दरों पर दो वर्ष और बढ़ाये जाने की शर्त पर मासिक दर पर अनुबंधित किये गये है। शेष प्रश्न भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार। (ग) एन.आर.एच.एम. योजना के अंतर्गत बालाघाट जिले में वर्ष 2013-14, वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 में क्रमश राशि रु. 239930926/-, राशि रु. 227965584/- एवं राशि रु. 221645692/- खर्च की गयी है। भुगतान की पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -’’दो’’ में अंकित है।
जिला एवं ब्लाक स्तर के चिकित्सालयों की सफाई व्यवस्था
32. ( क्र. 5128 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला चिकित्सालय बालाघाट एवं ब्लाक स्तर पर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं उप स्वास्थ्य केन्द्रों पर किस एजेंसी द्वारा सफाई कर्मी लगाए गए? क्या सफाईकर्मियों को वेतन भत्ते आदि का भुगतान चेक से किया जाना आवश्यक हैं? यदि हाँ, तो क्या भुगतान चेक के माध्यम से हो रहा हैं? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या जिला चिकित्सालय बालाघाट एवं ब्लॉक स्तर पर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं उप स्वास्थ्य केन्द्रों पर सफाई कार्य हेतु उपयोग किये जाने वाली सामग्री यथा झाडू/फिनाईल/सफाई यंत्र आदि क्रय करने हेतु टेण्डर प्रक्रिया का पालन करना आवश्यक हैं? यदि हाँ, तो विगत एक वर्ष में कब-कब टेण्डर का प्रकाशन किया गया? (ग) उपरोक्त दोनों बिन्दुओं में किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों ने कब-कब जाँच की? जाँच में क्या कमी पाई तथा क्या कार्यवाही की गई? किस एजेंसी द्वारा चेक से भुगतान न करने एवं टेण्डर की शर्तों का पालन न करने की स्थिति उजागर हुई तथा शासन एजेंसी एवं अधिकारियों/कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही करेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जिला चिकित्सालय बालाघाट में ’’पथिक सामाजिक संस्था’’ बालाघाट द्वारा साफ-सफाई कर्मी लगाए गये है, ब्लाक स्तर पर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं उप स्वास्थ्य केन्द्रों में सफाई कार्य नियमित/अंशकालीन कर्मचारियों द्वारा कराया जा रहा है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) सफाई कार्य हेतु उपयोग किये जाने वाली सामग्री तथा झाडू़/फिनायल/सफाई यंत्र आदि विभाग द्वारा क्रय नहीं किये जाते है। टेण्डर डाक्यूमेन्ट के अनुसार उपरोक्त सामग्री चयनित एजेन्सी द्वारा प्रदाय की जाना है। बालाघाट में जिला अस्पताल के अलावा अन्य संस्थाओं के लिये लघु उद्योग निगम से फिनायल क्रय की गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उपरोक्त के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त न होने के कारण अब तक कोई जाँच नहीं की गई है। दिनांक 18/02/2016 को यह जानकारी प्राप्त होने पर कि जिले में मॉडल टेण्डर डाक्यूमेन्ट के अनुसार सफाई की व्यवस्था नहीं बनाई गई है। इस संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बालाघाट को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
जिला चिकित्सालय बालाघाट द्वारा लगाये गये वाहन
33. ( क्र. 5129 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले के समस्त विकासखण्डों में महिलाओं को प्रसूति हेतु लाने एवं छोड़े जाने हेतु लगाई जाने वाली जननी वाहनों के क्या नियम-निर्देश हैं? बालाघाट जिला चिकित्सालय अंतर्गत विगत एक वर्ष में कितने वाहन कब से, किस अवधि तक, किस दर पर, किस फर्म के लगाये गये हैं? उक्त अवधि में उक्त फर्म को किये गये भुगतान एवं कार्य की पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) बालाघाट जिला चिकित्सालय क्षेत्रान्तर्गत समस्त विकासखण्ड में कुल कितने वाहन चालू हालात में हैं तथा कितने वाहन खराब स्थिति में हैं तथा कितने किस-किस कार्य में किसके द्वारा उपयोग में लिये जा रहे हैं? (ग) विगत तीन वर्षों में सभी वाहनों की मरम्मत एवं ईधन पर व्यय की जानकारी उपलब्ध करावें? (घ) क्या वर्तमान में किसी विकासखण्ड में शासकीय कार्य हेतु प्राइवेट वाहन भी अनुबंधित किये गये हैं? यदि हाँ, तो उक्त वाहनों हेतु जारी निविदा एवं आदेश की प्रति उपलब्ध करावें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) बालाघाट जिले के समस्त विकासखंडों में महिलाओं को प्रसूति हेतु लाने एवं छोड़े जाने हेतु लगाई जाने वाली जननी वाहनों के दिशा निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-’’एक’’ अनुसार है। बालाघाट जिला चिकित्सालय अंतर्गत विगत एक वर्ष में कुल 27 वाहन वर्ष 2013-14 से दो वर्ष की अवधि हेतु तथा आपसी सहमति उपरांत समान दरों पर दो वर्ष और बढ़ाये जाने की अनुबंध की शर्त पर मासिक दर पर बालाजी ट्रेवल्स, बालाघाट से अनुबंधित किये गये है। बालाघाट चिकित्सालय अंतर्गत लगाये गये वाहनों जननी वाहनों की दर एवं फर्म को किये गये भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-’’दो’’ अनुसार है। (ख) कुल 20 वाहन चालू हालत में तथा कुल 08 वाहन खराब स्थिति में हैं। वाहन उपयोगकर्ता एवं किस कार्य हेतु उपयोग किये जा रहे हैं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-’’तीन’’ अनुसार है। (ग) विगत तीन वर्षों में शासकीय वाहनों की मरम्मत पर कुल व्यय राशि रू. 2276009/- एवं ईंधन पर कुल व्यय राशि रू. 2038416/- किया गया है। (घ) जी हाँ। जारी निविदा एवं आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-’’चार’’ अनुसार है।
स्वास्थ्य केन्द्रों पर वाहन व्यवस्था
34. ( क्र. 5131 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले के जिला चिकित्सालय एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र वारासिवनी, रामपयाली, खैरलांजी में वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से वाहन लगाये जाने हेतु शासन से स्वीकृति प्राप्त की गई? वाहन लगाये जाने हेतु क्या निविदा प्रक्रिया अपनाई गई? यदि अपनाई गई तो विज्ञापन किस समाचार पत्र में प्रकाशित हुआ? (ख) परिवार कल्याण के अंतर्गत प्रश्नांश (क) की अवधि में हितग्राहियों एवं प्रेरकों को परिवहन सुविधा हेतु प्रतिवर्ष उक्त जिला चिकित्सालय एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों को कितनी राशि प्राप्त हुई? परिवहन सुविधा के भुगतान हेतु कितनी राशि व्यय की गई? (ग) उक्त जिला चिकित्सालय एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में पोषण पुनर्वास केन्द्र हेतु प्रश्नांकित अवधि 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि शासन द्वारा प्रतिमाह स्वीकृत हुई? स्वीकृत राशि में से उक्त केन्द्रों में कार्यरत कर्मचारियों पर व किस अन्य कार्य पर कितनी राशि खर्च की गई?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) बालाघाट जिले के जिला चिकित्सालय एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र वारासिवनी, रामपायली, खैरलांजी में वर्ष 2012 से जननी एक्सप्रेस, मोबेलिटी सपोर्ट एवं आर.बी.एस.के हेतु वाहन लगाये जाने की स्वीकृति है। जी हाँ। जबलपुर एक्सप्रेस व दैनिक भास्कर में। (ख) प्रश्नावधि में परिवार कल्याण के अंतर्गत प्राप्त आवंटन एवं व्यय की जानकारी निम्नानुसार है-
वर्ष |
आवंटन |
व्यय |
2011-12 |
2,00,000/- |
1,34,011/- |
2012-13 |
1,42,900/- |
1,14,346/- |
2013-14 |
1,66,700/- |
1,33,213/- |
2014-15 |
1,00,000/- |
92,672/- |
2015-16 |
0 |
0 |
(ग) जिला चिकित्सालय एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों को पोषण पुनर्वास केन्द्र हेतु प्रश्नांकित अवधि 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कार्यरत कर्मचारियों के वेतन एवं अन्य कार्य पर किये गये व्यय की जानकारी निम्नानुसार है :-
वर्ष |
वेतन पर व्यय |
अन्य व्यय |
||
जिला चिकि. |
समु.स्वा.केन्द्र |
जिला चिकि. |
समु.स्वा.केन्द्र |
|
2013-14 |
684000/- |
1490953/- |
981348/- |
2958207/- |
2014-15 |
720960/- |
1278059/- |
1146676/- |
3369089/- |
2015-16 |
528120/- |
1760334/- |
1021566/- |
2768799/- |
पोषण पुनर्वास कन्द्र हेतु पृथक से बजट आवंटित नहीं किया जाता है, फ्लेक्सी पूल मद से राशि व्यय की जाती है।
वेतन विसंगति एवं क्रमोन्नति वेतनमान में संशोधन
35. ( क्र. 5201 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पुलिस मुख्यालय का पुलिस सूबेदार एवं पुलिस उप निरीक्षकों को द्वितीय क्रमोन्नति में रू. 4200 ग्रेड पे के स्थान पर रू. 5400 ग्रेड पे का वेतनमान स्वीकृत करने हेतु प्रस्ताव प्राप्त हुआ है? यदि हाँ, तो किस दिनांक को? (ख) क्या प्राप्त हुये प्रस्ताव का परीक्षण कर निर्णय लिया जा चुका है? यदि हाँ, तो क्या निर्णय लिया गया? यदि नहीं, तो कब तक निराकरण कर लिया जावेगा?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी हाँ। दिनांक 07.12.2012 (ख) प्रस्ताव परीक्षणाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पब्लिक हेल्थ डिप्लोमा
36. ( क्र. 5274 ) श्री बाला बच्चन : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 6 वर्षों में कितने शासकीय चिकित्सकों द्वारा शासन के व्यय पर पब्लिक हेल्थ डिप्लोमा किया गया एवं उनके वेतन पर कितना व्यय शासन द्वारा दिया गया? (ख) डिप्लोमा पश्चात् उनकी पदस्थापना वर्ष 2011-12, 2012-13 में किस पद पर की गई वर्तमान में कहाँ-कहाँ पदस्थ है? नाम कारण सहित बतावें? भारत सरकार और म.प्र. सरकार द्वारा पब्लिक हेल्प फाउंडेशन द्वारा किये अनुबंध का पालन किया गया अथवा नहीं? (ग) बंगाल, गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु सरकार का पब्लिक हेल्थ केडर बनाकर जिला स्वा.अधिकारी C.M.H.O. जिला टीकाकरण अधिकारी के पदों पर 50 प्रतिशत आरक्षण किया गया, लेकिन म.प्र. सरकार द्वारा नहीं क्यों? (घ) शासन द्वारा स्वास्थ्य सूचकांक, मातृ-मृत्यु दर कमी, कुपोषण एवं अन्य सुधार हेतु पब्लिक हेल्थ डिप्लोमा कराने के बाद भी उसका उपयोग क्यों नहीं लिया जा रहा है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
यातायात सुरक्षा सप्ताह के आयोजन
37. ( क्र. 5370 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) यातायात सुरक्षा सप्ताह हेतु क्या कोई समय विशेष नियत रहता है? यदि हाँ, तो क्या व इसके अंतर्गत क्या कार्यवाही की जाती है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों के लिए क्या बजट आवंटन होता है? यदि हाँ, तो किस आधार पर विगत 02 वर्षों में आगर जिले की आवंटित बजट की पूर्ण जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित बजट से क्या-क्या कार्य किए गए? किए गए कार्यों की मानिटरिंग किन अधिकारियों द्वारा की गई?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी नहीं। सड़क सुरक्षा सप्ताह प्रतिवर्ष भारत सरकार सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा दिये गये निर्देशों एवं निर्धारित तिथियों में मनाया जाता है। सड़क सुरक्षा के अंतर्गत निम्नलिखित कार्यवाही की जाती है :- 1- सड़क सुरक्षा का आयोजन जन-जागरण अभियान के रूप में किया जाता है। 2- थीम :- सड़क सुरक्षा-टाईम फॉर एक्शन (समय पर कार्यवाही) है। सड़क पर होने वाली दुर्घटनाओं एवं मृत्युओं में कमी लाने के उद्देश्य से सप्ताह का आयोजन किया जाता है। 3- सड़क सुरक्षा सप्ताह में अन्य विभागों की भूमिका :- स्वास्थ्य विभाग वाहन चालकों के स्वास्थ्य व नेत्र परीक्षण हेतु विभाग के सहयोग से मेडिकल कैंप का आयोजन करना। परिवहन विभाग के सहयोग से वाहन के फिटनेस एवं अन्य कागजातों का परीक्षण किया जाता है। जनसंपर्क विभाग के सहयोग से आम जनता को शहर/ कस्बों में प्रमुख तिराहों/चौराहों पर नुक्कड़/नाटक के माध्यम से यातायात नियमों की जानकारी देना एवं फिल्म/स्लाइड शो का प्रदर्शन आदि। शिक्षा विभाग के सहयोग से स्कूल कॉलेजो में छात्र छात्राओं को विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिता जैसे निबंध, क्विज एवं चित्रकला प्रतियोगिताओं के माध्यम से यातायात शिक्षा दी जाती है। नापतौल विभाग के सहयोग से सार्वजनिक परिवहन वाहनों के मीटर चैक किये जाते हैं, दूरी के आधार पर किराया निर्धारित किया जाता है। पुलिस विभाग यातायात नियमों संकेतों को यातायात सड़क सुरक्षा सप्ताह थीम का प्रदर्शन, बेनर, फ्लेग के माध्यम से चौराहों/तिराहों पर लगातार करना, पंपलेट का वितरण आम जनता को यातायात के प्रति जागरूक करना, वाहनों के पीछे की साईड पर विशेष रूप से ट्रेक्टर/ट्रालियों में रेडियम पट्टी व रिफलेक्टर लगाना एवं सभी प्रकार के वाहन चालकों को यातायात से संबंधित शिक्षा देना। (ख) सड़क सुरक्षा सप्ताह के आयोजन के लिये पृथक से कोई बजट आवंटित नहीं किया जाता है। राज्य सड़क सुरक्षा कोष में प्रतिवर्ष विभाग को शासन से राशि प्राप्त होती है जो सड़क के समग्र कार्यों के लिये समस्त जिलों में वितरित कर दी जाती है। विगत वित्तीय वर्ष 2013-14 में आगर मालवा को 6,50,000/- रू. एवं वित्तीय वर्ष 2014-15 में 2,02,000/- रू. कुल 8,52,000/- रू. आवंटित किये गये हैं। (ग) आगर मालवा जिले में यातायात सप्ताह के दौरान एन.सी.सी स्काउट गाईड, रेडक्रास स्कूली छात्र/छात्राओं की रैली यातायात नियमों के प्रति जागरूकता लाने हेतु निकाली गयी है एवं पुलिस मुख्यालय पीटीआरआई से प्राप्त पोस्टर एवं पंपलेट शहर में चलने वाले ऑटो, मैजिक, बस आदि पर लगाये गये हैं एवं नेत्र विशेषज्ञ डॉ. श्री शशांक सक्सेना जिला चिकित्सालय आगर एवं नेत्र सहायक श्री हरिओम खरे सामूदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बड़ौद के द्वारा वाहन चालकों का नेत्र परीक्षण करवाया गया है एवं वाहनों के फिटनेस संबंधी जानकारी दी गयी है जिसकी मानिटरिंग उप पुलिस अधीक्षक यातायात एवं जिले के उच्च अधिकारियों द्वारा की गयी है।
सागर जिला चिकित्सालय में स्टोर रूम निर्माण
38. ( क्र. 5610 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि जिला चिकित्सालय सागर में दवाएं रखने हेतु अस्पताल के अनुरूप स्टोर रूम की व्यवस्था नहीं है तथा आवश्यकता पड़ने पर दवायें खोजने में रोगियों को इंतजार करना पड़ता है? (ख) क्या जिला चिकित्सालय में एक्जामिनेशन एण्ड ट्रीटमेंट रूम का उपयोग दवाओं के भण्डारण के लिए किया जा रहा है, जहां बगैर रैक में एक के ऊपर एक कार्टन रखे हुए हैं, जिससे दवायें डेमेज हो जाती है? (ग) यदि हाँ, तो शासन जिला चिकित्सालय सागर में दवाओं के भण्डारण के लिए नवीन स्टोर रूम निर्मित किए जाने हेतु बजट प्रावधानित कब तक करेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जिला चिकित्सालय सागर में दवायें रखने हेतु अस्पताल के अनुरूप स्टोर रूम की व्यवस्था है। दवायें खोजने जैसी कोई स्थिति नहीं है रोगियों को तत्काल दवायें उपलब्ध कराई जाती है। रोगियों को कभी भी दवाओं के लिए इंतजार नहीं करना पड़ता है। (ख) जिला चिकित्सालय में एक्जामिनेशन एण्ड ट्रीटमेंट रूम का उपयोग दवाओं के भण्डार हेतु नहीं किया जा रहा है। स्टोर में दवायें रखने हेतु पर्याप्त रैक एवं अलमारिया उपलब्ध है। कभी भी दवाओं का कोई भी कार्टन डेमेज नहीं हुआ। दवाओं को रैक/अलमारियों में व्यवस्थित जमा कर रखा जाता हैं (ग) जिला चिकित्सालय सागर द्वारा दवाओं के भण्डार हेतु नवीन स्टोर रूम के निर्माण हेतु कोई प्राक्कलन संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें म.प्र. भोपाल को नहीं भेजा गया।
बरगी स्वास्थ्य केन्द्र का उन्नयन
39. ( क्र. 5629 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरगी विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत स्थापित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बरगी के 30 बिस्तरीय में उन्नयन हेतु कोई कार्यवाही प्रचलित है? (ख) यदि हाँ, तो बरगी विधान सभा क्षेत्र के लगभग 55 ग्रामों के केन्द्र बिन्दु प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बरगी का 30 बिस्तरीय चिकित्सालय में उन्नयन कब तक किया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रोगी कल्याण समिति की बनी दुकानों का आवंटन
40. ( क्र. 5683 ) श्रीमती ममता मीना : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रोगी कल्याण समिति द्वारा जिला गुना के कुंभराज नगर में 12 दुकानों का निर्माण हुआ था? उक्त दुकानों का निर्माण किस दिनांक को पूर्ण हुआ था? उनका आवंटन किस नीति से होना था? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित दुकाने बिना आवंटन के उपयोग की जा रही हैं तथा उनसे प्राप्त आय का विभाग के अधिकारियों द्वारा दुरूपयोग किया जा रहा है? (ग) उक्त दुकानों के निर्माण में रोगी कल्याण समिति द्वारा कितनी धन राशि खर्च की किस आदेश और प्रस्ताव से उनका निर्माण हुआ था एवं किसकी अनुमति से बनाई गई? उनके बनाने का उद्देश्य क्या था? उनका संचालन किसके पास है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के तथ्यों का परीक्षण करके बतायें कि आवंटन दिनांक तक उनका विधिवत आवेदन किस नीति से कब कर दिया जायेगा? अभी तक दुरूपयोग के लिए कौन उत्तरदायी है? क्या उन पर विभाग कार्यवाही करेगा एवं कब तक?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। दुकानों का निर्माण दिनांक 27/10/2008 को पूर्ण हुआ। आवंटन किस नीति से किया जाना है इसका निर्धारण जिला रोगी कल्याण समिति द्वारा किया जाना है। (ख) जी नहीं। जी नहीं। (ग) दुकानों के निमार्ण में रूपये 11,76,144.00 (रूपये ग्यार लाख छियेत्तर हजार एक सौ चौवालीस रूपये मात्र) व्यय की गई। रोगी कल्याण समिति की कार्यकारणी सभा दिनांक 27/04/2007 के बैठक के निर्णय के परिपालन में जिसका अनुमोदन साधारण सभा बैठक दिनांक 25/06/2009 को लिया गया था। निर्माण का मुख्य उद्देश्य रोगियों के कल्याण हेतु रोगी कल्याण समिति की आय बढाना था। दुकानों का आधिपत्य सचिव रोगी कल्याण समिति कुंभराज के पास है। (घ) आगामी दो माह में विधिवत रूप से समाचार पत्रों में विज्ञापन देकर दुकानों को किराये पर दिये जाने हेतु आवेदन आमंत्रित किये जायेंगे। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अत्याचार के विरूद्ध कार्यवाही
41. ( क्र. 5690 ) श्रीमती ममता मीना : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुना जिले के ग्राम नलखेड़ा थाना जामनेर निवासी सोनबाई पुत्री हजारी अनु.जाति के द्वारा ग्राम मकसूदनगढ़ चौकी थाना जामनेर में दिनांक 31.05.2015 को मोहनसिंह पुत्र बनेसिंह के विरूद्ध अपराध दर्ज कराने का आवेदन दिया था? (ख) क्या ग्राम नलखेड़ा में हजारी पुत्र कोमल द्वारा दिनांक 20.08.2015 को मोहन सिंह के विरूद्ध शिकायत की थी एवं क्या दिनांक 04.10.2015 को वल्लू पुत्र हजारी ने देवेन्द्र पुत्र बनेसिंह के विरूद्ध रिपोर्ट की थी? क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित तथ्यों में समय पर अपराध दर्ज हुआ है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) की घटना दिनांक का अपराध पुलिस महानिदेशक के आदेश से दिनांक 3.10.15 को अपराध दर्ज हुआ था? उक्त अपराध कौन से अधिनियम की धाराओं में दर्ज हुआ? क्या समय पर एट्रोसिटी एक्ट में अपराध दर्ज ना करने वाले पुलिस अधिकारी एट्रोसिटी एक्ट की कौन सी धारा में दोषी होते हैं? (घ) यदि प्रश्नांश (क) (ख) एवं (ग) में वर्णित तथ्य सत्य हैं और इनमें उल्लेखित घटनाओं में इस अनुसूचित जाति के परिवार पर अत्याचार करने वालों एवं अत्याचार का समय पर अपराध दर्ज ना करने वाले कौन-कौन से अधिकारी दोषी हैं? प्रश्नांश (क) की घटना के 5 माह बाद भी विभाग द्वारा दोषी पुलिस वालों के विरूद्ध अपराध अभी तक क्यों दर्ज नहीं किया? क्या कार्यवाही कब तक करेगें?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी नहीं। अपितु उनके पिता हजारी द्वारा दिनांक 01.06.2015 को चौकी मकसूदनगढ़ इस आशय की रिपोर्ट की गई कि उनकी पुत्री सोन बाई उम्र 22 वर्ष दिनांक 31.05.2015 की रात्रि 09:00 बजे से दिनांक 01.06.2015 के प्रातः 06:00 बजे के मध्य घर से बिना बताये कहीं चली गई। जिस पर गुम इंसान क्रमांक 6/15 (असल गुम इंसान क्रमांक 15/15 थाना जामनेर) पर पंजीबद्ध किया गया। (ख) जी नहीं, श्री हजारी पुत्र श्री कोमल द्वारा श्री मोहन सिंह के विरूद्ध दिनांक 20.08.2015 को पुलिस में शिकायत नहीं की थी। जी हाँ। दिनांक 04.10.2015 को श्री बल्लू पुत्र हजारी निवासी ग्राम नलखेड़ा के द्वारा थाना जामनेर में श्री देवेन्द्र पुत्र श्री बने सिंह के विरूद्ध रिपोर्ट की थी जिस पर थाना जामनेर में अप0क्र0 298/15, धारा 341, 294, 506, 323 भा.द.वि. एवं 3 (1) (10) अनु.जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 का प्रकरण पंजीबद्ध किया गया था। जी हाँ। प्रश्नांश ’क’ एवं ’ख’ के संबंध में प्राप्त सूचना/शिकायत में जांचोपरांत समय पर प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं। (ग) जी नहीं, अपितु आवेदिका सोन बाई द्वारा पुलिस महानिदेशक के समक्ष 02.09.2015 को प्रस्तुत आवेदन पत्र पर निर्देशानुसार अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) चाचौड़ा जिला गुना द्वारा की गई जाँच निष्कर्ष के आधार पर अपराध के तथ्य पाये जाने पर थाना अजाक,गुना में दिनांक 02.10.2015 को अप.क्र. 13/15 धारा 366, 376 भा.द.वि. एवं 3 (1) (12), 3 (2) (5) अनु.जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 की धाराओं में पंजीबद्ध किया गया। अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 की धारा 4 में लोक सेवकों के विरूद्ध दण्ड के प्रावधान हैं। (घ) प्रश्नांश ’क’ - ’ख’ एवं ’ग’ में वर्णित तथ्य का विवरण उपरोक्तानुसार है। उक्त प्रश्नांश की घटनाओं की कार्यवाही में पुलिस अधिकारी का दोषी होना नहीं पाया गया है। अनुसूचित जाति के पीडि़त परिवार के सदस्यों द्वारा की गई शिकायतों पर यथासमय वैधानिक कार्यवाही दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध की गई है। आवेदिका सोनबाई द्वारा अपनी गुमशुदगी के प्रकरण में दिनांक 05.06.2015 को दस्तयाबी के समय उनके द्वारा अपहरण एवं बलात्कार संबंधी कोई तथ्य पुलिस के समक्ष नहीं बताये गये थे। इस कारण तत्समय अपराध दर्ज नहीं किया गया था। आवेदिका द्वारा दिनांक 02.09.2015 को की गई शिकायत की जाँच पर अपराध के तथ्य पाये जाने पर अपराध पंजीबद्ध किया गया है। उक्त संबंध में कोई पुलिस अधिकारी दोषी नहीं पाये जाने से उनके विरूद्ध किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं की गई है।
दवा वितरण की जानकारी
42. ( क्र. 5711 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिंड जिले में 01.04.2010 से प्रश्न तिथि के दौरान जिला स्तर/तहसील स्तर पर एवं प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में किस-किस नाम के उपकरणों एवं दवाओं की उपलब्धता रही? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समयानुसार एवं स्वास्थ्य केन्द्रों में कितनी संख्या में मरीजों का उपचार किया गया? कितनों को नि:शुल्क दवायें दी गयी? कितने मरीजों के गंभीर एवं सामान्य आपरेशन किये गये? (ग) क्या भिंड जिले के स्वास्थ्य केन्द्रों में दवाओं की उपलब्धता नहीं होने से मरीज परेशान हो रहे हैं? (घ) भिंड जिले में कितने पद किस-किस स्थान पर स्वीकृत हैं? इन स्वीकृत पदों के विरूद्ध किस स्थान पर किस नाम/पदनाम के लोग कब से पदस्थ हैं? कितने पद कब से रिक्त हैं? कब तक उन्हें भरा जावेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वृहताकार सोयायटी के माध्यम से धान खरीदी पर व्यय
43. ( क्र. 5847 ) श्री कमल मर्सकोले : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में धान खरीदी केन्द्रों द्वारा कितनी-कितनी मात्रा में धान खरीदी गई तथा वर्ष 2014-15 की तुलना में 2015-16 में तुलनात्मक रूप से कितनी धान खरीदी गई? (ख) उक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में 2013-14 एवं 2014-15 में धान खरीदी हेतु किस-किस कार्य पर कितना-कितना व्यय किया गया? (ग) धान खरीदी केन्द्रों द्वारा उक्त अवधि में धान रखने हेतु वर्ष 2014-15 में कितने-कितने बारदानें, किस-किस फर्म से कितनी-कितनी राशि के क्रय किए गए तथा बारदानों पर लगने वाली बंधान पट्टी की नीलामी ओपन निविदा के आधार पर की गई? यदि हाँ, तो इस हेतु कब-कब निविदा जारी की गई एवं निविदा में कितने प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया एवं किसकी निविदा किन-किन शर्तों पर स्वीकृत की जाकर कार्यादेश जारी किए गये? (घ) क्या सामग्री क्रय एवं बंधान पट्टी विक्रय हेतु निविदा आमंत्रित न कर मनमाने ढंग से एक व्यक्ति विशेष को औन-पौने दाम पर बेचकर शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाई गई है? यदि हाँ, तो क्या इसकी जाँच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान के पैकिंग हेतु बालाघाट जिले के धान खरीदी केन्द्रों द्वारा कोई बारदाना क्रय नहीं किया गया है। बारदानों की बंडल पट्टियों को उपार्जन समितियों द्वारा अपने स्तर पर विक्रय किया गया है जिसके लिये कोई निविदा आमंत्रित नहीं की गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उपार्जन संस्थाओं द्वारा अपने स्तर पर बंडल पट्टी बेचकर उससे प्राप्त राशि को समिति के खाते में जमा करा दिया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राशन कार्डों की अनिवार्यता
44. ( क्र. 5936 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में किन-किन श्रेणी के बी.पी.एल. एवं गैर बी.पी.एल. परिवारों को खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत पात्र माना गया है? पात्र परिवारों के पास राशन कार्ड होना भी अनिवार्य है या नहीं? (ख) क्या राशन दुकानों में वितरण हेतु पात्रता पर्ची की व्यवस्था के साथ ही वितरण सामग्री के राशन कार्ड में प्रविष्ट की अनिवार्यत: समाप्त कर दी गई है? यदि हाँ, तो आदेश निर्देश बतायें? वितरण में अनियमितता की जाँच में वितरण का सत्यापन राशन कार्ड बिना कैसे किया जा सकता है? (ग) क्या प्रदेश में प्रचलित राशन कार्ड, जर्जर या समाप्त हो चुके हैं? राशन दुकानों के विक्रेता राशन कार्ड में प्रविष्ट किये बिना वितरण हेतु विवश है? यदि हाँ, तो वितरण में अनियमितता की जाँच एवं वितरण का सत्यापन राशन कार्ड के बिना कैसे संभव है? (घ) सागर एवं जबलपुर संभाग में वर्ष 13-14 में कितनी शिकायतों की जाँच में वितरण का सत्यापन अपेक्षित था? वितरण के सत्यापन में राशन कार्ड की प्रविष्टि देखी गई या नहीं?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत पात्र परिवारों के रूप में सम्मिलित परिवारों श्रेणी की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। पात्र परिवार के रूप में सत्यापित परिवारों को पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) जारी की गई है, जिसे अधिनियम के लागू होने के पूर्व हितग्राही के पास उपलब्ध राशनकार्ड पर चस्पा करने के निर्देश दिये गये है। पात्र परिवार के पास पृथक से राशनकार्ड होना आवश्यक नहीं है। (ख) जी नहीं। पात्र परिवारों के पास पूर्व से प्राप्त राशनकार्ड जिस पर की पात्रता पर्ची चस्पा कराई गई है उस पर वितरित राशन सामग्री की प्रविष्टि किये जाने का प्रावधान है। नई व्यवस्था के तहत अब उचित मूल्य दुकानों पर पी.ओ.एस. मशीन से हितग्राही की पहचान कर सामग्री वितरण करने के साथ मशीन से जारी रसीद हितग्राही को दी जा रही है। रसीद की दूसरी प्रति पर उचित मूल्य दुकानदार द्वारा उपभोक्ता से पावती प्राप्त करने की व्यवस्था भी की गई है। साथ ही पात्र परिवारों को राशन सामग्री वितरण का कम्प्यूटराईज़ रिकार्ड संधारित किया जा रहा है। भौतिक रिकार्ड के लिए नए राशनकार्ड भी दिया जाना विचाराधीन है। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) सागर एवं जबलपुर संभाग के जिलो में वर्ष 2013-14 में प्राप्त जिन शिकायतों की जाँच में राशन सामग्री के वितरण का सत्यापन अपेक्षित था एवं जिनमें प्रविष्टि देखी गई उनकी संख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र
45. ( क्र. 5937 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले के अंतर्गत शासन द्वारा संचालित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में वित्त वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से वाहन लगाने हेतु शासन से स्वीकृति प्राप्त की गई? वाहन लगाने हेतु क्या निविदा प्रक्रिया अपनाई गई? यदि अपनाई गई तो विज्ञापन किस समाचार पत्र में प्रकाशित किया गया? (ख) परिवार कल्याण कार्यक्रम के अंतर्गत प्रश्नांकित अवधि में हितग्राहियों एवं प्रेरकों को परिवहन सुविधा हेतु प्रतिवर्ष सामुदायिक केन्द्रवार कितनी राशि प्राप्त हुई? परिवहन सुविधा हेतु कितनी राशि व्यय की गई? (ग) जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में पोषण पुनर्वास केन्द्र हेतु प्रश्नांकित अवधि 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि शासन द्वारा प्रतिमाह स्वीकृत हुई? स्वीकृत राशि से उक्त केन्द्र में कार्यरत कर्मचारियों व अन्य को कितना भुगतान किया गया?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रश्नावधि में जबलपुर जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में जननी एक्सप्रेस की योजना अंतर्गत मारूति ओमनी, मोबलिटी सपोर्ट एवं आर.बी.एस.के. हेतु बोलेरो या समकक्ष प्रकार के वाहन लगाने की स्वीकृति प्राप्त हुई। जी हाँ। दैनिक भास्कर, पत्रिका एवं नई दुनिया में। (ख) प्रश्नावधि में सामुदायिक केन्द्रवार परिवार कल्याण कार्यक्रम अंतर्गत आवंटन एवं व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार। (ग) प्रश्नावधि में सामुदायिक केन्द्रवार पेाषण पुनर्वास केन्द्र हेतु आवंटन एवं कर्मचारियों को भुगतान एवं अन्य व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार।
सागर मेडिकल कॉलेज को मान्यता
46. ( क्र. 5944 ) श्री हर्ष यादव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कितने-कितने शासकीय एवं अशासकीय मेडिकल कॉलेज कहाँ-कहाँ हैं? किन-किन शासकीय एवं अशासकीय मेडिकल कॉलेज को मेडिकल काउन्सिल ऑफ इंडिया से मान्यता मिली है? किन्हें नहीं है? अद्यतन स्थिति में बतावें? (ख) क्या सागर मेडिकल कॉलेज को एम.सी.आई. से मान्यता नहीं होने के कारण इसके स्नातक उत्तीर्ण छात्रों को राज्य के बाहर रोजगार नहीं मिल रहा है? यदि मिल रहा है तो किन मान्यताओं/नियमों के आधार पर? (ग) क्या चालू शैक्षणिक सत्र में सागर मेडिकल कॉलेज में स्नातक प्रथम वर्ष में दाखिले नहीं दिये गये हैं? कारण बतावें? (घ) मेडिकल काउन्सिल ऑफ इंडिया से सागर मेडिकल कॉलेज को मान्यता दिलाने के लिये किन-किन स्तरों पर शासन द्वारा क्या-क्या प्रयास किये गये हैं? (ड.) सागर मेडिकल कॉलेज को मेडिकल काउन्सिल ऑफ इन्डिया से मान्यता नहीं मिलने के पूर्ण कारण बतावें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रदेश में 06 शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल, इन्दौर, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा एवं सागर तथा 01 दंत चिकित्सा महाविद्यालय, इन्दौर हैं। चिकित्सा महाविद्यालय, सागर को छोड़कर शेष 05 चिकित्सा महाविद्यालयों को एम.सी.आई. से मान्यता प्राप्त हैं। प्रदेश में निजी क्षेत्र में 08 निजी चिकित्सा महाविद्यालय, इन्दौर, भोपाल एवं उज्जैन में संचालित हैं, जिनमें से मार्डन मेडिकल कॉलेज इन्दौर तथा आर.के.डी.एफ. मेडिकल कॉलेज, भोपाल को एम.सी.आई. से मान्यता प्राप्त नहीं हैं। (ख) इस प्रकार की जानकारी संकलित नहीं की जाती है। (ग) शैक्षणिक सत्र 2015 में बुन्देलखण्ड चिकित्सा महाविद्यालय, सागर में स्नातक पाठ्यक्रम के प्रथम वर्ष में एम.सी.आई. से मान्यता प्राप्त न होने के कारण प्रवेश नहीं दिये गये हैं। (घ) टीचिंग स्टाफ की कमी को पूरा करने हेतु शासन एवं संचालनालय स्तर पर डी.पी.सी. एवं साक्षात्कार की कार्यवाही कर पद पूर्ति की कार्यवाही की जा रही हैं। (ड.) बुन्देलखण्ड चिकित्सा महाविद्यालय को एम.सी.आई. से मान्यता नहीं मिलने के कारणों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार हैं।
प्रदेश में प्रतिबंधित औषधियाँ
47. ( क्र. 6011 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन्द्र सरकार द्वारा बनाया गया औषधि एवं प्रशासन सामग्री अधिनियम 1940 एवं नियम 1995 के तहत घटिया एवं प्रतिबंधित दवाइयों पर प्रभावी नियंत्रण हेतु राज्य में औषधि नियंत्रण संगठन कार्यरत है? यदि हाँ, तो इस संगठन ने इंदौर उज्जैन संभाग में प्रतिमाह कितने निरीक्षण किये एवं कितने नमूने जाँच हेतु लिये? 1 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक की जानकारी उपलब्ध कराये? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित संगठन ने औषधि नियंत्रण अधिकारी को प्रतिमाह कितने निरीक्षण एवं कितने नमूने लेने का लक्ष्य दिया है? (ग) इंदौर उज्जैन संभाग में दवा के अवमानक घोषित होने पर निर्माताओं एवं विक्रेता के विरूद्ध कितने मुकदमें औषधि सलाहकार समिति (भारत सरकार) द्वारा निर्धारित मापदंड के अनुसार न्यायालय में दर्ज कराये? (घ) म.प्र. में 1 जनवरी 2013 के पश्चात दवाइयों पर प्रतिबंधित औषधि एवं प्रसाधन अधिनियम 1940 की धारा 26 (ए) के तहत कितनी दवा कंपनी को ब्लेकलिस्टेड किया गया? प्रतिबंधित दवाइयों की सूची उपलब्ध करायें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। इंदौर तथा उज्जैन संभाग में औषधि निरीक्षकों द्वारा 01 जनवरी 2015 से प्रश्न प्राप्ति दिनांक 08.03.2016 तक किये गये निरीक्षणों एवं नमूना संग्रहणों की माहवार सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) नियंत्रक, खाद्य एवं औषधि प्रशासन मध्यप्रदेश द्वारा प्रदेश में कार्यरत् औषधि निरीक्षकों को निरीक्षकवार प्रतिमाह 30 निरीक्षण करने तथा 03 नमूनों का संग्रहण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। (ग) इंदौर संभाग के इंदौर जिले में जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक एक दवा अवमानक स्तर की घोषित होने के कारण प्रकरण माननीय न्यायालय में दर्ज किया गया है। इंदौर संभाग के शेष जिलों तथा उज्जैन संभाग की जानकारी निरंक है। (घ) दवा कंपनियों को ब्लैकलिस्टेड किये जाने संबंधी कार्यवाही खाद्य एवं औषधि प्रशासन मध्यप्रदेश द्वारा संपादित नहीं की जाती है। केन्द्र सरकार द्वारा औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम की धारा 26ए के अंतर्गत दवा कंपनियों को ब्लेकलिस्टेड करने की नहीं अपितु औषधियों को प्रतिबंधित करने की कार्यवाही की जाती है जिसकी सूची केन्द्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन की बेबसाइट www.cdsco.nic.in पर उपलब्ध है।
आवास आवंटन में अनियमितता
48. ( क्र. 6138 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला बैतूल मुख्यालय का सदर स्थित आवास क्र. F-6 कितने समय तक रिक्त था? पूर्व में किन-किन को आवंटित था? विगत 3 वर्षों की जानकारी देवें? (ख) आवास रिक्त होने की स्थिति में किन-किन अधिकारियों के आवेदन प्राप्त हुए तथा यह आवास किसे आवंटित किया गया? क्या आवास आवंटित किए जाने वाले कर्मचारी को पूर्व में अन्य कोई आवास आवंटित किया गया था जिसमें यह शर्त थी कि आवास बदलने के लिए 6 माह तक कोई आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा? किन्तु इस शर्त का उल्लंघन करते हुए F-6 आवास परिवर्तित कर दिया गया? (ग) क्या आवास आवंटन में वरिष्ठता का ध्यान रखा गया यदि नहीं, तो क्यों तथा आवंटित करने वाले अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या उक्त आवास क्र. F-6 को मा.प्रभारी मंत्री द्वारा किसी पात्र अधिकारी को देने का नवंबर 2015 में आदेश किया था? यदि हाँ, तो इस आदेश का पालन क्यों नहीं किया गया?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) बैतूल जिला मुख्यालय का सदर स्थित आवास क्रमांक एफ-6 वर्ष 2013 में डॉ. अरूण श्रीवास्तव को आवंटित था। डॉ. श्रीवास्तव द्वारा दिनांक 03.11.2014 को स्वयं के नवीन आवास में जाने से रिक्त किए जाने की सूचना दिए जाने के फलस्वरूप राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी श्री एम.एल. विजयवर्गीय, डिप्टी कलेक्टर को उक्त आवासगृह आवंटित किया गया। दिनांक 26.06.2015 को उक्त आवास गृह श्री डी.एल.वाडिवा, डिप्टी कलेक्टर बैतूल को आवंटित किया गया। श्री वाडिवा द्वारा आवासगृह का आधिपत्य नहीं लिए जाने से उक्त आवासगृह दिनांक 26.08.2015 को डॉ. संध्या नेमा, स्त्री रोग विशेषज्ञ, जिला चिकित्सालय, बैतूल को आवंटित किया गया। (ख) प्रश्नांश ‘क‘ अनुसार। (ग) आवेदकों की वरिष्ठता एवं प्रशासकीय आवश्यकता के दृष्टिगत आवासगृह आवंटित किये गये। (घ) जी हाँ। मान. प्रभारी मंत्रीजी का आवास आवंटन संबंधी पत्र डॉ.ओ.पी. माहोर, मेडिकल विशेषज्ञ, जिला चिकि. बैतूल द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्र दिनांक 26.11.2015 के साथ संलग्न होकर प्राप्त हुआ। उक्त आवेदन पत्र प्राप्ति के पूर्व कार्यालयीन आदेश क्रमांक 7529 दिनांक 26 अगस्त 2015 अनुसार आवास क्रमांक एफ-6 डॉ. संध्या नेमा, स्त्रीरोग विशेषज्ञ जिला चिकित्सालय, बैतूल को आवंटित किये जाने का फलस्वरूप शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जेल के नवीन भवन
49. ( क्र. 6198 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में ऐसे कितनी जेलों की नवीन भवन बनकर तैयार है जिनमें कि कार्यालय नहीं लग रहे हैं? कारण बतलायें। (ख) यदि घटिया निर्माण के कारण जेलों को नयी जेलों में शिफ्ट/स्थानांतरण नहीं किया गया है तो इसका उत्तरदायित्व किसका है? दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी? (ग) कितनी जेलों में अधीक्षक एवं जेलर प्रभारी के रूप में कार्य कर रहे हैं? यदि कमी है तो इसकी पूर्ति कब तक की जावेगी? (घ) क्या सभी जेलों में चिकित्साधिकारी उपलब्ध हैं? यदि नहीं, तो नियमित चिकित्सा अधिकारी कब तक नियुक्त कर दिये जावेंगे?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
गैस एजेन्सियों की जाँच
50. ( क्र. 6199 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में कितनी गैस एजेन्सी संचालित हैं? उनके नाम, पते, मोबाइल नंबर, रजिस्ट्रेशन क्रमांक, पेन नं., टिन नं., सहित जानकारी देवें? (ख) कितनी अवधि में गैस एजेन्सियों की जाँच के नियम/प्रावधान है? क्या सभी गैस एजेन्सियों की जाँच नियमित की जा रही है? पिछले 1 वर्ष में किये गये निरीक्षणों का विवरण उपलब्ध करावें? (ग) कितने व्यापारिक प्रतिष्ठानों में अवैध रूप से उपयोग किये गये गैस सिलेण्डर जप्त किये गये एवं उनका क्या निराकरण किया गया? नाम, पता सहित सूची/जानकारी देवें? (घ) ऐसे उपरोक्त प्रकार के प्रतिष्ठानों पर आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के अंतर्गत कितने आपराधिक प्रकरण दर्ज कराये गये?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) छतरपुर जिले में 26 गैस एजेन्सी संचालित हैं। शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘अ’ अनुसार है। (ख) गैस एजेन्सियों की नियत अवधि में जाँच किये जाने का नियमों में कोई प्रावधान नहीं है। जी हाँ। शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘ब’ अनुसार है। (ग) 50 व्यापारिक प्रतिष्ठानों में अवैध रूप से उपयोग किये जाने वाले गैस सिलेण्डर जप्त किये गए हैं। शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘स’ अनुसार है। (घ) आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के अंतर्गत किसी भी प्रतिष्ठान के विरूद्ध अभियोजन की कार्यवाही नहीं की गई है।
शासकीय चिकित्सालय में सफाई व्यवस्था
51. ( क्र. 6210 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग द्वारा कितने अस्पतालों में आउटसोर्स एजेन्सी के माध्यम से सफाई कर्मचारियों को लगाया गया है एवं एजेंसी द्वारा उनको कितना मानदेय प्रदान किया जा रहा है? (ख) कर्मचारियों की उपस्थिति पत्रक का विगत 1 वर्ष में किस-किस अधिकारियों द्वारा सत्यापन किया गया? (ग) क्या आउटसोर्स एजेंसी द्वारा जितने सफाईकर्मी की राशि विभाग से ली जा रही है उतने सफाईकर्मी कार्य नहीं कर रहे हैं? क्या विभाग इनके सत्यापन के संबंध में कोई ठोस कार्यवाही करेगा जिससे अस्पतालों की सफाई व्यवस्था सुचारू रूप से हो सकें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग द्वारा सिविल हॉस्पिटल बड़नगर, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र इंगोरिया व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भाटपचलाना में आउटसोर्स एजेन्सी के माध्यम से सफाईकर्मियों को लगाया गया है। एजेन्सी द्वारा उनको नेट राशि रूपये 5800/- प्रतिमाह मानदेय दिया जा रहा है। (ख) कर्मचारियों की उपस्थिति पत्रक को प्रतिमाह प्रभारियों (सिविल हॉस्पिटल बड़नगर में डॉ. एस.के. श्रीवास्तव सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र इंगोरिया में डॉ. प्रमोद अर्गल एवं प्राथ. स्वा. केन्द्र भाटपचलाना में डॉ. सुनील परमार व डॉ. प्रमोद अर्गल खण्ड चिकित्सा अधिकारी) द्वारा सत्यापन किया गया (ग) जी नहीं। विभाग द्वारा समय-समय पर इस संबंध में निर्देश जारी किये गये है।
मेडिकल स्टोर के रजिस्ट्रेशन
52. ( क्र. 6215 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिरमौर विधानसभा क्षेत्र के मुख्यालय सिरमौर (सिरमौर नगर पंचायत) में कितने रजिस्टर्ड मेडिकल स्टोर हैं? नाम पता सहित बतावें? बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे मेडिकल स्टोर पर क्या कार्यवाही की जायेगी? (ख) प्रश्नांश (क) के ही संदर्भ में- क्या जो मेडिकल स्टोर संचालित है वे अपने रजिस्टर्ड पते पर संचालित है। (ग) क्या बिना फर्मासिस्ट के कोई मेडिकल स्टोर संचालित हो सकता है? क्या शेखर मेडिकल स्टोर का फर्मासिस्ट ग्राम पंचायत कोनी में सचिव के दायित्व में काम कर रहा है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) सिरमौर विधानसभा क्षेत्र के मुख्यालय सिरमौर में 8 रजिस्टर्ड मेडिकल स्टोर संचालित है जो निम्नानुसार हैः- 1. मेसर्स गौतम मेडिकल स्टोर्स, चचाई रोड, सिरमौर जिला रीवा, 2. मेसर्स शेखर मेडिकल स्टोर्स, चचाई रोड, सिरमौर, जिला रीवा, 3. मेसर्स कैलाश मेडिकल स्टोर्स, चचाई रोड, सिरमोर, जिला रीवा, 4. मेसर्स धनवंत्री मेडिकल स्टोर, चचाई रोड, सिरमौर, जिला रीवा, 5. मेसर्स रमेश मेडिकल स्टोर्स, चचाई रोड, जिला रीवा, 6. मेसर्स बघेल मेडिकल स्टोर्स, मेन रोड, सिरमौर, जिला रीवा, 7. मेसर्स गुप्ता मेडिकल स्टोर्स, क्योटी रोड, सिरमौर, जिला रीवा, 8. मेसर्स लकी मेडिकल स्टोर्स, क्योटी रोड, सिरमौर, जिला रीवा। औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 की नियमावली, 1945 के अंतर्गत औषधि विक्रय लायसेंस के अभाव में संचालित मेडिकल स्टोर के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (ख) प्रश्नांश ‘‘क’’ के आलोक में जी हाँ। (ग) औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 की नियमावली, 1945 के नियम 64 के अंतर्गत खेरची (रिटेल) औषधि विक्रय अनुज्ञप्ति हेतु रजिस्ट्रार फार्मेसी काउंसिल से रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट की आवश्यकता होती है। थोक औषधि विक्रय अनुज्ञप्ति हेतु या तो सक्षम व्यक्ति (कांपीटेंट पर्सन) अथवा रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट की आवश्यकता होती है, सीमित औषधि विक्रय अनुज्ञप्ति हेतु रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट की आवश्यकता नहीं होती है। नियमों की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार। प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित मेसर्स शेखर मेडिकल के प्रोपरायटर एवं रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट श्री बलभद्र प्रसाद द्विवेदी है जिनके अन्य कोई दायित्व का निर्वहन करने की सूचना इस प्रशासन को प्राप्त नहीं है।
आँगनवाड़ी केन्द्रों पर पोषण आहार परिवहन
53. ( क्र. 6232 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पोहरी विधानसभ क्षेत्र में आँगनवाड़ी केन्द्र कहाँ-कहाँ पर संचालित हैं व उनके आँगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायक के कितने पद स्वीकृत हैं स्वीकृत पदों में से कितने पद भरे व कितने पद रिक्त हैं जानकारी विकास खण्डवार, आँगनवाड़ी केन्द्रवार उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में संचालित आँगनवाड़ी केन्द्रों पर वर्तमान में कितनी गर्भवती माताएं व बच्चे दर्ज है व उन्हें पोषण आहार के अंतर्गत क्या-क्या सामग्री उपलब्ध कराई जाती है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार संचालित आँगनवाड़ी केन्द्रों पर पोषण आहार पहुंचाने हेतु विभाग की क्या योजना है? क्या विकासखण्ड पोहरी में संचालित आँगनवाड़ी केन्द्रों पर आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को स्वयं ही विकासखण्ड मुख्यालय से पोषण आहार अपने स्वयं के व्यय पर ले जाना पड़ रहा है? यदि हाँ, तो इसके क्या कारण हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में विभाग द्वारा कब से आँगनवाड़ी केन्द्रों पर पोषण आहार पहुंचाने की व्यवस्था प्रारंभ कर दी जावेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) पोहरी विधानसभा क्षेत्र में संचालित आँगनवाड़ी केन्द्र, आँगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका के स्वीकृत, भरे व रिक्त पदों की विकासखण्डवार जानकारी निम्नानुसार है :-
क्र. |
विकासखण्ड का नाम |
संचालित/स्वीकृत आं.वा. केन्द्र |
आ.वा.कार्यकर्ता के पद |
सहायिका के पद |
||||
स्वीकृत |
भरे |
रिक्त |
स्वीकृत |
भरे |
रिक्त |
|||
1 |
पोहरी |
296 |
296 |
287 |
9 |
209 |
204 |
5 |
क्र. |
विकासखण्ड का नाम |
संचालित/स्वीकृत आं.वा. केन्द्र |
आ.वा.कार्यकर्ता के पद |
सहायिका के पद |
||||
स्वीकृत |
भरे |
रिक्त |
स्वीकृत |
भरे |
रिक्त |
|||
2 |
नरवर |
45 |
45 |
45 |
- |
45 |
45 |
- |
3 |
शिवपुरी ग्रा |
107 |
107 |
107 |
0 |
107 |
102 |
5 |
|
योग |
448 |
448 |
439 |
9 |
361 |
351 |
10 |
विकासखण्डवार, आँगनवाड़ी केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ‘‘क’’ के संदर्भ में संचालित आँगनवाड़ी केन्द्रों पर वर्तमान में गर्भवती मातायें व बच्चें निम्नानुसार दर्ज है :–
क्र. |
विकासखण्ड का नाम |
संचालित/स्वीकृत |
दर्ज गर्भवती मातायें |
दर्ज
बच्चें 06 माह
से 06 वर्ष
तक |
1 |
पोहरी |
296 |
28424 |
5707 |
2 |
नरवर |
45 |
1212 |
6210 |
3 |
शिवपुरी ग्रा |
107 |
2064 |
4615 |
|
योग |
448 |
31700 |
16532 |
पोषण आहार के अन्तर्गत 06 माह से 03 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती/धात्री महिलाओं को (टेकहोम राशन) तथा 03 से 06 वर्ष के बच्चों को सांझा चूल्हा कार्यक्रम अंतर्गत स्व-सहायता समूहों के माध्यम से ताजा, गर्म नाश्ता/भोजन उपलब्ध कराया जाता है उपलब्ध कराई जाने वाली सामग्री की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’ अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार संचालित आँगनवाड़ी केन्द्रों पर राज्य शासन के निर्देशानुसार एम.पी.एग्रो द्वारा प्रदायित टेकहोम राशन का परिवहन परियोजना कार्यालय से आँगनवाड़ी केन्द्र तक राशि रू.50/- प्रति क्विंटल प्रति आँगनवाड़ी केन्द्र प्रतिमाह के मान से वर्तमान में स्थानीय परिवहनकर्ताओं के माध्यम से कराया जा रहा है। विकासखण्ड पोहरी में संचालित आँगनवाड़ी केन्द्रों पर आँगनवाड़ी कार्यकर्ता को विकासखण्ड मुख्यालय से पोषण आहार स्वयं के व्यय पर नहीं ले जाना पड़ रहा है। शासन निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स’’ अनुसार है। अपरिहार्य स्थिति में स्थानीय परिवहनकर्ता द्वारा यदि किसी आँगनवाड़ी केन्द्र पर पोषण आहार परिवहन में व्यवधान किया जाता है तो पोषण आहार की निरन्तरता को बाधित होने से बचाने के लिए आँगनवाड़ी कार्यकर्ता की सहमति पर ही 50/- प्रति क्विंटल की परिवहन दर आँगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा स्वयं के साधन से ले जाने का विकल्प अपनाया जाता है। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में जिला शिवपुरी द्वारा पोषण आहार (टी.एच.आर.) का परिवहन वर्तमान में बिना टेण्डर के स्थानीय परिवहनकर्ताओं के माध्यम से राशि रूपये 50/- प्रति क्विटल प्रति आँगनवाड़ी केन्द्र प्रतिमाह की दर से कराया जा रहा है। जिला शिवपुरी द्वारा टेण्डर प्रक्रिया के माध्यम से परिवहन हेतु दिनांक 04.06.2015 दिनांक 17.07.2015 एवं दिनांक 05.08.2015 को निविदायें आमंत्रित किये जाने हेतु विज्ञप्ति प्रकाशित कराई गई थी, कोई परिवहन निविदा प्राप्त नहीं होने के कारण पुनः दिनांक 09.03.2016 को विज्ञप्ति प्रकाशन हेतु जारी की गई है, निविदा विज्ञप्ति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘द’’ अनुसार है।
आयुष चिकित्सकों की पदस्थी
54. ( क्र. 6264 ) श्री मोती कश्यप : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले के चिकित्सालयों में किन्हीं विशेषज्ञों, चिकित्सकों और कर्मियों के पद रिक्त है। (ख) क्या प्रश्नांश (क) के किन्हीं चिकित्सालयों में बी.ए.एम.एस. आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक व यूनानी चिकित्सक पदस्थ है? (ग) क्या नगरीय विकास एवं पर्यावरण विभाग की अधिसूचना दिनांक 15/07/2015 द्वारा पदस्थापना में संशोधन से नगरीय निकायों के किन्हीं पैथी के चिकित्सक निरूपयोगी हो गये हैं? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) की सेवायें ग्रामीण स्वास्थ्य केन्द्रों के रिक्त पदों के विरूद्ध पदस्थ किये जाने एवं स्वास्थ्य सुविधायें उपलब्ध कराये जाने पर विचार किया गया है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। (घ) वर्तमान में विचाराधीन नहीं।
दुर्घटना में जप्त ट्रेक्टर
55. ( क्र. 6284 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 01/12/2015 को ग्राम खुलावली थाना देवगढ़ मुरैना का ट्रेक्टर क्रमांक MP 06 AA 5009 को दुर्घटना में युवक की मृत्यु के अपराध में जप्त किया था? रिपोर्टकर्ता का नाम, दिनांक, समय सहित पूर्ण जानकारी दी जावें? (ख) क्या यह भी सही है कि उक्त ट्रेक्टर को देवगढ़ पुलिस द्वारा अधिपत्य में लेने के बाद वन विभाग के सुपुर्द किया गया था। पुलिस द्वारा किस दिनांक को लिखित सूचना, वायरलैस, मोबाइल फोन से वन विभाग को दी गई, उसकी दिनांक, समय सहित पूर्ण जानकारी दी जावें? (ग) पुलिस द्वारा जप्त ट्रेक्टर को वन विभाग को क्यों दिया गया। जबकि ग्राम खुलावली राष्ट्रीय चम्बल अभ्यारण्य सीमा से कई मील दूर है। (घ) क्या ग्राम खुलावली में ट्रेक्टर में डम्प रेत को भर कर पुलिस के सुपुर्द किया गया था?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी हाँ, शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, ट्रेक्टर क्रमांक एम.पी.06 एए 5009 को थाना देवगढ़ पुलिस द्वारा वन विभाग को सुपुर्दगी पर नहीं दिया गया था। उक्ट ट्रेक्टर की ट्राली में अवैध उत्खनित रेत भरी होने से प्रकरण की विवेचना के दौरान थाना प्रभारी, थाना देवगढ़ द्वारा पत्र दिनांक 12.12.2015 के माध्यम से राष्ट्रीय चंबल अभ्यारण्य (वन विभाग) देवरी, जिला मुरैना के रेंजर को पत्र लिखकर जब्तशुदा ट्रेक्टर में भरी रेत के संबंध में आवश्यक कार्यवाही हेतु लिखा गया था। (ग) उक्त ट्रेक्टर पुलिस द्वारा वन विभाग को नहीं दिया गया बल्कि ट्रेक्टर ट्राली में भरी हुई रेत राष्ट्रीय चंबल अभ्यारण्य से उत्खनित होने की संभावना के कारण पुलिस द्वारा इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही हेतु पत्र दिनांक 12.12.2015 के माध्यम से वन विभाग को लेख किया गया था। (घ) प्रकरण में जब्त ट्रेक्टर में लगी ट्रॉली में पूर्व से ही रेत भरा हुआ था।
पत्र पर कार्यवाही
56. ( क्र. 6285 ) श्री नथनशाह कवरेती : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छिंदवाड़ा जिले के विधान सभा क्षेत्र जुन्नारदेव तथा नवेगांव में शासकीय अस्पताल खोलने हेतु प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा माननीय मंत्री जी को दिनांक 30/1/2015 को पत्र दिया गया है? (ख) यदि हाँ, तो शासन द्वारा इस पत्र में क्या कार्यवाही की गई और प्रश्नकर्ता विधायक को इसकी सूचना प्रदान की गई? (ग) यदि नहीं, तो क्यों और कब तक प्रश्नांश (क) के अनुसार कार्यवाही की जायेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) माननीय विधायक महोदय का पत्र दिनांक 30/01/2016 संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें, में प्राप्त नहीं हुआ है। (ख) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) पत्र प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
राजगढ़ जिला चिकित्सालय में नि: शुल्क दवाई वितरण
57. ( क्र. 6338 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के जिला मुख्यालय पर संचालित जिला चिकित्सालय में मरीजों को किस-किस योजना से निशुल्क दवाइयां उपलब्ध कराई जाती हैं वर्तमान में कौन-कौन सी महत्वपूर्ण बीमारियों की दवाइयां ऐसी हैं जो जिला चिकित्सालय में उपलब्ध नहीं है और इसके लिये मरीजों को परेशान होकर मजबूरन बाजार से दवाइयां क्रय करना पड़ रही है? (ख) उक्त निशुल्क दवाइयों के वितरण हेतु चिकित्सालय में दवाइयां कहाँ-कहाँ से प्राप्त होती है? (ग) क्या दवाइयां सीधे शासन स्तर पर क्रय कर जिला चिकित्सालय में प्रदाय की जाती है अथवा जिला स्तर पर उनका क्रय किया जाता है? (घ) यदि दवाइयां जिला स्तर से क्रय की जाती हैं तो उसके क्रय किये जाने के लिये क्या प्रक्रिया अपनाई जाती है वर्ष 2015-16 में दवाइयों के क्रय हेतु जिले में कितना बजट प्राप्त हुआ और उस बजट से कौन सी दवाइयां किस-किस फर्म से कितनी-कितनी मात्रा में कितनी-कितनी राशि की क्रय की गई? क्या क्रय की गई दवाइयों हेतु निर्धारित प्रक्रिया का पालन किया गया? यदि हाँ, तो बतावें और नहीं तो क्यों नहीं?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जिला चिकित्सालय राजगढ़ में सभी बाह्य एवं आतंरिक रोगियों को निःशुल्क औषधि सरदार वल्लभ भाई पटेल निःशुल्क औषधि वितरण योजना, दीनदयाल अन्त्योदय उपचार योजना एवं अन्य राष्ट्रीय रोग नियंत्रण कार्यक्रमों में भी निःशुल्क दवाइयां उपलब्ध कराई जा रही है। वर्तमान में सभी महत्वपूर्ण बीमारियों की औषधियाँ चिकित्सालय में उपलब्ध है जो चिकित्सकों द्वारा मरीजों को उपलब्ध कराई जा रही है। (ख) उक्त निःशुल्क औषधियाँ रोगियों को सरदार वल्लभ भाई पटेल निःशुल्क औषधि वितरण केन्द्र एवं विभिन्न वार्डों, ओ.टी. इन्जेक्शन सेक्शन, से उपलब्ध कराई जा रही है। (ग) दवाइयों का क्रय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी/सिविल सर्जन द्वारा जिला स्तर पर किया जाता है। दवाइयों की दरों एवं फर्मो का निर्धारण संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं अथवा म.प्र. पब्लिक हेल्थ सर्विसेस कारपोरेशन द्वारा ई-निविदा के माध्यम से किया जाता है। स्थानीय स्तर पर भी ई-निविदा के माध्यम से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी/सिविल सर्जन औषधियों का क्रय करते है। (घ) शासन द्वारा निर्धारित भण्डार क्रय नियमानुसार औषधियों का क्रय किया जाता हैं वर्ष 2015-16 में रूपये 14526661/- का आवंटन प्राप्त हुआ है, जिसके अंतर्गत क्रय की गई औषधियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। हाँ सभी क्रय भंडार नियमों के अनुसार किया गया।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत स्वीकृत पद
58. ( क्र. 6339 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत राजगढ़ जिले में कौन-कौन से पद स्वीकृत हैं? उक्त स्वीकृत पदों में से कितने पद कितने समय से रिक्त हैं? (ख) उक्त स्वीकृत पदों में से किन-किन पदों पर कितने अधिकारी एवं कर्मचारी कार्यरत हैं? (ग) क्या उक्त अधिकारी/कर्मचारियों की नियुक्ति संविदा आधार पर की गई है? यदि हाँ, तो कितने समय के लिये? क्या उक्त संविदा अवधि समाप्त होने के बाद भी उन अधिकारी/कर्मचारी से कार्य लिया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या उनकी संविदा अवधि बढ़ाई गई? संविदा अवधि बढ़ाये जाने के क्या नियम हैं? क्या इस हेतु जिला स्तर पर कोई समिति निर्धारित है? निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें? क्या संविदा अवधि बढ़ाये जाने में उक्त नियम का पालन किया गया है? यदि हाँ, तो बतावें और नहीं तो कारण बतावें? (घ) क्या शासन स्तर से उक्त वर्षों से कार्यरत संविदा अधिकारी/कर्मचारियों को नियमित किये जाने की कोई योजना है? यदि है तो बतावें कि उन्हें कब तक नियमित किया जावेगा और यदि नहीं, तो कारण बतावें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार। (ग) जी हाँ। 31 मार्च 2016 तक। जी हाँ। जी हाँ। कार्य मूल्यांकन के उपरांत पात्र पाये जाने पर संविदा अवधि बढाई जाती है। संशोधित संविदा मानव संसाधन मैनुअल अगस्त 2014 की कंडिका 1 की उप कंडिका 1.3 के अंतर्गत संविदा अवधि बढाये जाने का प्रावधान है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार। जी हाँ। गठित समिति के आदेश की प्रति संलग्न है। जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। प्रावधान नहीं होने से।
जेल एवं उप जेल में उपलब्ध सुविधाएं
59. ( क्र. 6340 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले में वर्तमान में कितनी जेल व उपजेल है? जेलर/अधीक्षक के नाम, पदस्थापना दिनांक, स्थान एवं कैदियों की क्षमता सहित जानकारी देवें? (ख) वर्तमान में जिला जेल में कितने कैदीविचाराधीन है और कितने सजा काट रहे है? संख्या बतावें? जनप्रतिनिधि/वरिष्ठ नागरिक/आम नागरिकों को कैदियों से मिलने के लिये कौन सा और कितना समय निर्धारित हैं? विगत 5 वर्षों में आज दिनांक तक कौन-कौन से जनप्रतिनिधि कैदियों की समस्या के निराकरण के लिये जेल में आये? नाम व दिनांक सहित बतावें? (ग) शासन द्वारा कैदियों को क्या-क्या सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है? इस हेतु प्रतिवर्ष कितना बजट प्राप्त होता है? शासन के नियमानुसार कैदियों को प्रतिदिन भोजन एवं नाश्ते में क्या मीनू निर्धारित किया गया है? क्या सभी कैदियों को मीनू अनुसार भोजन एवं नाश्ता उपलब्ध कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो इस हेतु जो सामग्री मंगाई जाती है क्या उसका टेण्डर बुलाये जाते है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें? (घ) क्या शासन द्वारा कैदियों को नि:शुल्क चिकित्सा एवं कानूनी सलाह की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाती है? यदि हाँ, तो इसकी क्या व्यवस्था है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) वर्तमान में जिला जेल राजगढ़ में 72 दंडित तथा 180 विचाराधीन बंदी निरूद्ध हैं। विचाराधीन बंदियों को सप्ताह में दो बार एवं दंडित बंदियों को सप्ताह में एक बार मुलाकात की सुविधा कार्यालयीन समय प्रात: 8:30 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक प्रदान की जाती है। मुलाकात हेतु 20 मिनिट का समय निर्धारित है। विगत 5 वर्षों में वर्तमान तक कोई जनप्रतिनिधि कैदियों की समस्या के निराकरण के लिये जेल पर नहीं आये है। (ग) कैदियों को उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। इस हेतु राशि रूपये 23,55,00,000/- का बजट वर्ष, 2015-16 में प्राप्त हुआ। कैदियों के भोजन एवं नाश्ते के निर्धारित मीनू की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। कैदियों को मीनू अनुसार भोजन एवं नाश्ता उपलब्ध कराया जा रहा है। सामग्री क्रय हेतु वार्षिक टेन्डर किये जाते हैं। स्वीकृत टेन्डर के आधार पर सामग्री क्रय की जाती है। (घ) जी हाँ। जेलों पर पूर्णकालीन/अंशकालीन जेल चिकित्सक पदस्थ है, आवश्यकतानुसार बंदियों को जिला अस्पताल एवं अन्य उच्च अस्पतालों में उपचार हेतु भेजा जाता है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा कैदियों को नि:शुल्क कानूनी सलाह उपलब्ध कराई जाती है।
आयुष में चिकित्सक की नियुक्ति
60. ( क्र. 6341 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आयुष विभाग द्वारा शासन स्तर से जिला तथा तहसील स्तरों पर चिकित्सकों की नियुक्ति की जाती है? (ख) यदि हाँ, तो विभाग द्वारा राजगढ़ जिला तथा जिले के तहसीलों में कितने चिकित्सकों के पद स्वीकृत किये गये है और उनमें से कितने पद रिक्त हैं तथा कितने कार्यरत है? कार्यरत चिकित्सकों के नाम एवं पदस्थापना सहित जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) क्या राजगढ़ जिला मुख्यालय पर जिला आयुष अधिकारी का पद स्वीकृत है? यदि हाँ, तो उस पर पदस्थ अधिकारी का नाम, पदनाम एवं पदस्थापना दिनांक सहित जानकारी उपलब्ध करावें? (घ) यदि पद रिक्त है तो उक्त पद पर जिला आयुष अधिकारी की नियुक्ति कब तक कर दी जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) चिकित्सकों की नियुक्ति प्रदेश के स्वीकृत आयुष औषधालयों में शासन द्वारा की जाती है, जिसमें जिला एवं तहसील स्तर के स्वीकृत औषधालय भी आते हैं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी हाँ। डॉ. रामानंद गर्ग आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी को जिला आयुष अधिकारी राजगढ़ के रिक्त पद का प्रभार संचालनालय के आदेश दिनांक 05/08/2014 से सौंपा गया है। (घ) जिला आयुष अधिकारी का प्रभार डा. रामानंद गर्ग आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी को दिया गया है। डी.पी.सी. की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बाल गृह में काउन्सलर की नियुक्ति
61. ( क्र. 6409 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रदेश में समेकित बाल संरक्षण योजना के तहत सरकार द्वारा संचालित किशोर गृहों, बालिका गृह एवं संप्रेक्षण गृह में बाल बालिका की काउन्सलिंग करने के किए काउन्सलर नियुक्त करने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो 1 जनवरी 2016 की स्थिति में इन्दौर, उज्जैन संभाग में संचालित बाल गृहों में नियुक्त काउन्सलरों की सूची प्रदान करें? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित काउन्सलर की नियुक्ति के क्या मापदंड हैं? नियुक्त काउन्सलर की योग्यता एवं अनुभव की प्रति उपलब्ध करायें? (ग) उक्त संभाग में उक्त सभी काउन्सलरों द्वारा 1 जनवरी 2015 से 1 जनवरी 2016 तक कितने बच्चों की काउन्सलिंग की संख्या बतावें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) समेकित बाल संरक्षण योजना के अंतर्गत प्रत्येक जिले में एक परामर्शदाता का पद स्वीकृत है जिसका कार्य संप्रेक्षण गृह एवं बाल गृह के बच्चों को आवश्यकतानुसार परामर्श देना है। शासकीय संप्रेक्षण गृह एवं बाल गृह में परामर्शदाता के पद स्वीकृत नहीं हैं। इंदौर जिले में परामर्शदाता के पद पर श्री आशीष वर्मा नियुक्त है एवं उज्जैन जिले में परामर्शदाता का पद रिक्त है। (ख) योजनान्तर्गत जिले में काउंसलर की नियुक्ति हेतु मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से समाज शास्त्र, समाज कार्य अथवा मनोविज्ञान विषय के साथ स्नातक उपाधि अर्हता रखी गई है। (ग) समय-समय पर आवश्यकता अनुसार कार्यवाही की गई।
किशोर न्याय बोर्ड द्वारा कार्यवाही
62. ( क्र. 6411 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) राज्य में गठित किशोर न्याय बोर्ड में इंदौर-उज्जैन संभाग अंतर्गत विगत 1 जनवरी 2013 से कितने मामलें दर्ज किये गये? जिलेवार विवरण दें? (ख) उक्त न्यायालय के बोर्ड के समक्ष कितने बालक और बालिकायें पेश किये गये? (ग) उक्त पेश बालक बालिकाओं पर बोर्ड द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी देवें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ग) किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष केवल विधि विवादित बालक प्रस्तुत किये जाते है, ऐसे बालकों के प्रकरण का निराकरण विवाद की श्रेणी के अनुसार किया जाता है। कुछ बालक तत्काल जमानत देकर परिवारों को सौंप दिये जाते है, कुछ बालक संप्रेक्षण गृहों में रखे जाते है। प्रकरण में सजा होने पर इन बालकों को विशेष गृहों में भेजा जाता है जहां से सजा पूर्ण कर बालक अपने परिवारों में जाते है, तदनुसार ही प्रश्नांश ‘ख’ के उत्तर में वर्णित किशोरों के संबंध में कार्यवाही की गई हैं।
आवारा पशुओं (कुत्तों) द्वारा काटने के प्रकरण
63. ( क्र. 6443 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत तीन वर्ष में भोपाल चिकित्सालयों में आवारा पशुओं (कुत्तों) द्वारा काटने के कितने प्रकरण पंजीबद्ध किये गये? (ख) क्या चिकित्सालयों में आवारा पशुओं के काटने एवं उनकी वजह से सड़क दुर्घटना में मृत एवं घायल हुए पीडि़तों का रिकार्ड संधारण की वर्तमान में कोई व्यवस्था है? यदि नहीं, तो क्या इस संबंध में कोई नीति बनाने हेतु शासन विचार कर रहा है, ताकि अन्य विभाग कार्ययोजना में उसका उपयोग कर सकें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) विगत तीन वर्षों में भोपाल चिकित्सालयों में आवारा पशुओं (कुत्तों) द्वारा काटने के पंजीबद्ध प्रकरण निम्नानुसार है-
सं.क्र. |
चिकित्सा संस्था का नाम |
वर्ष |
कुत्ते काटने के प्रकरण |
1 |
सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक, जय प्रकाश चिकित्सालय, जिला भोपाल |
2013 |
3169 |
2 |
अधीक्षक, डॉ. के.एन.के. चिकित्सालय, भोपाल |
2013-14 |
425 |
3 |
अधीक्षक, सिविल अस्पताल, बैरागढ़ |
2013-14 |
1012 |
सं.क्र. |
चिकित्सा संस्था का नाम |
वर्ष |
कुत्ते काटने के प्रकरण |
4 |
अधीक्षक, क्षय चिकित्सालय, भोपाल |
निरंक |
निरंक |
5 |
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, कोलार |
2013-14 |
168 |
6 |
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, गांधीनगर |
2014 |
345 |
7 |
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, बैरसिया |
2013-14 |
963 |
(ख) भोपाल जिले के अंतर्गत शासकीय चिकित्सा संस्थाओं में आवारा पशुओं (कुत्तों) के काटने पर उपचार हेतु आने वाले मरीजों के अभिलेखों का संधारण किया जाता है। आवारा पशुओं (कुत्तों) की वजह से सड़क दुर्घटना में मृत एवं घायल हुए पीडि़तों का रिकार्ड संधारण विभाग द्वारा नहीं किया जाता है। वर्तमान में शासन द्वारा इस संबंध में कोई नीति प्रस्तावित नहीं है।
विधान सभा क्षेत्र में विधायकों को आवास
64. ( क्र. 6566 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में शासन की ओर से विधायकों को अपनी विधानसभा क्षेत्र में अथवा जिला मुख्यालय पर शासकीय आवास उपलब्ध कराने का प्रावधान है? (ख) यदि नहीं, तो शासन की ओर से कोई योजना है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। (ख) माननीय सदस्यों एवं पूर्व सदस्यों के वेतन-भत्तों के पुनरीक्षण के संबंध में गठित समिति के प्रतिवेदन में की गई तत्संबंधी सिफारिश पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
पुलिसकर्मियों को शहीद का दर्जा
65. ( क्र. 6586 ) श्री गोपीलाल जाटव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्री नरेन्द्र सिंह चन्द्रावत के थाना प्रभारी महू जिला इन्दौर में पदस्थ रहते हुए किसी गुण्डे से विवाद होने से हत्या होने पर उन्हें शहीद का तमगा दिया गया था? (ख) शहीद के बाद पुत्र और पत्नी को क्या-क्या सुविधाएं प्रदान की गई, अनुकम्पा नियुक्ति, पेट्रोलपंप, भूखण्ड, भवन आदि बतावें?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) दिनांक 18.02.1996 को घटित घटना में घायल होने पर श्री नरेन्द्र सिंह चन्द्रावत उपचार के दौरान दिनांक 22.02.1996 को वीरगति को प्राप्त हुए थे। जिन्हें मरणोपरान्त भारत सरकार द्वारा वीरता के लिए पुलिस पदक दिया गया था। (ख) स्व. श्री नरेन्द्र सिंह चन्द्रावत को विशेष प्रकरण के तहत उप पुलिस अधीक्षक के पद पर पदोन्नत किया गया। स्व. श्री नरेन्द्र सिंह चन्द्रावत के पुत्र पराक्रम सिंह चन्द्रावत को दिनांक 03.09.2001 को विशेष प्रकरण के तहत जिला आबकारी अधिकारी के पद पर अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान की गई। स्व. श्री नरेन्द्र सिंह चन्द्रावत की पत्नि श्रीमती पुष्पा कुमारी को 1,75,209/- रूपये सामान्य भविष्य निधि की राशि तथा असाधारण पेंशन स्वीकृत की गई। शेषांश विभाग से संबंधित न होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निरीक्षक की मुठभेड़ में मृत्यु
66. ( क्र. 6587 ) श्री गोपीलाल जाटव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्व. श्री नरेन्द्र सिंह चन्द्रावत 1994-95 महू कोतवाली में निरीक्षक के पद पर पदस्थ रहते किस असामाजिक तत्व से मुठभेड़ में हत्या हुई दिनांक सहित बतावें? (ख) उक्त के खिलाफ कितनी शिकायतें व्यक्तियों द्वारा पुलिस में दर्ज थी अथवा पुलिस क्राईम ब्रांच में पुलिस अपराध द्वारा फरार घोषित किया था क्या और कितना इनाम घोषित था? (ग) पुलिस विभाग में कार्यरत पुलिस कर्मचारी/अधिकारी को शहीद का दर्जा दिया जाने संबंधित/मापदण्ड क्या हैं? (घ) क्या शहीद नरेन्द्र सिंह चन्द्रावत उक्त मापदण्डों के अनुसार शहीद की श्रेणी में आता था क्या यदि हाँ, तो शहीद की पत्नी को पेट्रोल पंप, मकान हेतु भूखण्ड और पुत्र को नौकरी पत्नी को वेयर हाऊस आदि कितनी एक शहीद को सुविधा दी जाती है?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) स्व. श्री नरेन्द्र सिंह चन्द्रावत वर्ष 1996 में थाना महू कोतवाली जिला इन्दौर पदस्थ थे। दिनांक 18.02.1996 को महू के रेडक्रास अस्पताल के पास पान के ठेले पर दो पक्षों में मारपीट की सूचना पर मय बल घटना स्थल पर पहुंचे थे। वहां पर दो पक्षों में मारपीट हो रही थी। राजकुमार पानवाला एवं गुण्डा गोप उर्फ नरेन्द्र सोनकर उसके साथी मुन्ना उर्फ आनंद, मुकेश शर्मा, जितेन्द्र बलाई, साहब सिंह तथा रमेश निवासी बाणगंगा के बीच मारपीट हो रही थी वहा पर एक सफेद रंग की कार खड़ी थी गुण्डा गोप पुलिस को देखकर गाड़ी में बैठकर भागा। रमेश, मुन्ना, मुकेश, जीतू, साहब सिंह भी एक ओर भागे। थाना प्रभारी नरेन्द्र सिंह चन्द्रावत द्वारा उनका पीछा किया गया। इस दौरान आरोपी रमेश द्वारा श्री चन्द्रावत को जान से मारने की नियत से 315 बोर के कट्टे से फायर कर पेट में गोली मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया। श्री चन्द्रावत को तत्काल उपचार हेतु चौथराम अस्पताल ले जाया गया। जहां पर उपचार के दौरान दिनांक 22.2.1996 को श्री चन्द्रावत वीरगति को प्राप्त हो गये। (ख) आरोपीगणः 1- रमेश पिता जयनारायण, 2-गोप उर्फ नरेन्द्र सोनकर, 3-मुन्ना उर्फ आनंद, 4-मुकेश पिता मदनलाल, 5- जितेन्द्र पिता किशोर तथा 6-साहबसिंह पिता राजेश। उक्त के विरूद्ध पंजीबद्ध अपराधों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार। कोई आरोपी फरार नहीं था। उपरोक्त में से किसी आरोपी के विरूद्ध इनाम घोषित नहीं था। (ग) गृह मंत्रालय नई दिल्ली के दिशा निर्देश दिनांक 22 मई 2015 की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार। (घ) दिनांक 18.02.1996 को घटित घटना में घायल होने पर श्री नरेन्द्र सिंह चन्द्रावत उपचार के दौरान दिनांक 22.02.1996 को वीरगति को प्राप्त हुए थे। जिन्हें मरणोपरान्त भारत सरकार द्वारा वीरता के लिए पुलिस पदक दिया गया था। स्व. श्री नरेन्द्र सिंह चन्द्रावत को विशेष प्रकरण के तहत उप पुलिस अधीक्षक के पद पर पदोन्नत भी किया गया था। स्व. श्री नरेन्द्र सिंह चन्द्रावत के पुत्र पराक्रम सिंह चन्द्रावत को दिनांक 03.09.2001 को विशेष प्रकरण के तहत जिला आबकारी अधिकारी के पद पर अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की गई। स्व. श्री नरेन्द्र सिंह चन्द्रावत की पत्नि श्रीमती पुष्पा कुमारी को 1,75,209/-रूपये सामान्य भविष्य निधि की राशि तथा असाधारण पेंशन स्वीकृत की गई।
नर्सिग कॉलेजों में प्रशिक्षित मेल व फीमेल नर्सों को रोजगार
67. ( क्र. 6606 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन द्वारा नर्सिंग कालेजों में पुरूष एवं महिला दोनों को प्रवेश देकर डिप्लोमा व डिग्री कोर्स कराया जाता है? किन्तु शासकीय सेवा में रोजगार के अवसर सिर्फ महिलाओं को ही दिया जाता है कारण स्पष्ट करें? (ख) जिन पुरूष उम्मीदवारों द्वारा उपरोक्त जे.एन.एम. और बी.एस.सी. नर्सिंग कोर्स कर रहे या कर लिया है उन्हें रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने हेतु शासन कोई योजना बना रहा है यदि हाँ, तो क्या यदि नहीं, तो क्यों? कोर्स करने वाले पुरूष छात्रों द्वारा जो समय एवं राशि का व्यय किया गया उसके लिए जिम्मेदार कौन होगा? (ग) प्रश्न दिनांक तक कुल कितने पुरूष जी.एन.एम. एवं बी.एस.सी. नर्सिंग कोर्स कर चुके है व उनमें से कितने को शासकीय सेवा में रोजगार उपलब्ध करा दिया गया है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) आई.एन.सी. (भारत सरकार) के मानदण्डों के अनुसार नर्सिंग कोर्स संचालित होता है तथा संस्थाओं द्वारा नर्सिंग कोर्स हेतु छात्रों को उनकी इच्छानुसार प्रवेश दिया जाता है। नर्सिंग का कार्य महिला द्वारा ही कुशलता पूर्वक करने के कारण विभागीय सेवा भर्ती नियमों के प्रावधानों के अनुसार परिचारिका संवर्ग में केवल महिला अभ्यर्थियों को ही सेवा में लिये जाने का प्रावधान है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं, उत्तरांश ‘‘क’’ के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। नर्सिंग पाठ्क्रम पूर्ण करने वाले पुरूष छात्रों को निजी/स्वशासी/न्यास द्वारा संचालित चिकित्सालयों एवं प्रयोगशालाओं में रोजगार के पर्याप्त अवसर उपलब्ध हैं। पुरूष छात्रों द्वारा स्वेच्छा से नर्सिंग पाठ्यक्रम में प्रवेश लिया गया था इसलिए वे स्वयं ही उत्तरदायी हैं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश की जानकारी नर्सिंग कौंसिल एवं अधिष्ठाताओं से एकत्रित की जा रही है।
डॉयल 100 योजना
68. ( क्र. 6607 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डॉयल 100 योजना में म.प्र. में कितने टाटा सफारी वाहन कार्यरत हैं व कहाँ-कहाँ, क्या उक्त वाहन शासन द्वारा क्रय किये गये या किराये (लीज) पर लिये गये है यदि किराये पर लिये गये हैं तो किस कंपनी या संस्था से उनके नाम, पते एवं शर्तों सहित अनुबंध का विस्तृत विवरण देने का कष्ट करें? (ख) क्या उक्त वाहन किराये पर लेने हेतु अनुज्ञप्ति निकाली गई थी यदि हाँ, तो विवरण उपलब्ध कराते हुए बताएं कि इसमें किन संस्थाओं द्वारा भाग लिया गया उनके दरें क्या थी? कम्पेरेटिव चार्ट सहित समस्त विवरण दें वर्तमान में किस कंपनी को किस दर पर कितने समय हेतु अनुबंधित किया गया है? (ग) वर्तमान में एस.पी. आई.जी., डी.आई.जी. अधिकारी एवं विभाग के पास इसी मेक व वेरियन्ट के कितने-कितने वाहन विभागीय या किराये के उपलब्ध है व उनका माहवार किराया क्या है व यदि विभागीय है तो उन्हें कब एवं कितने में क्रय किया गया है?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) म.प्र. में 800 टाटा सफारी वाहन कार्यरत हैं। जो समस्त जिलो में तैनात हैं। डायल 100 योजना हेतु खुली निविदा के माध्यम से वाहन किराये पर मय 3 ड्रायवर एवं मेन्टेनेन्स अनुबंध किये गये है। वाहनों के प्रदाय का अनुबंध सम्पूर्ण परियोजना के एकजाई टेण्डर का हिस्सा है। चयनित फर्म का विवरण निम्नानुसार है:- नाम - मेसर्स व्ही.बी.जी इंडिया लिमिटेड, पता-व्ही.बी.जी हाउस प्रीमियर प्लाजा, पुणे-मुम्बई रोड, चिंचवाड, पुणे-411019 अनुबंध की शर्तें संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार। (ख) खुली निविदा के माध्यम से मेसर्स- व्ही.बी.जी. इंडिया लिमिटेड, पुणे को डॉयल-100 प्रोजेक्ट हेतु ’’टर्न-की’’ आधार पर अनुबंधित किया गया है। जिसका मार्च-2020 तक के लिए प्रति वाहन प्रतिमाह किराया राशि रू. 68,500/- (टैक्स सहित) उक्त योजना हेतु प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के समाचार पत्रों में सूचना एवं जन संपर्क संचालनालय म.प्र. भोपाल के माध्यम से खुली निविदा विज्ञापन प्रकाशित कराये गये थे। म.प्र. पुलिस की वेबसाईट www.mppolice.gov.in पर भी निविदा संबंधी संपूर्ण जानकारी एवं निविदा दस्तावेज अपलोड कराये गये थे। जारी किये गये टेण्डर में विभिन्न सेवाओं एवं सामग्री की आपूर्ति, स्थापना, संचालन, मेन्टेनेन्स आदि सभी शामिल हैं। वाहन प्रदाय, ड्रायवर एवं पर्यवेक्षण स्टॉफ, वाहन मेन्टेनेन्स भी इसी का हिस्सा है। समस्त कार्य में टैक्स भी शामिल हैं और दरें मार्च 2020 तक के लिये फिक्स है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार। (ग) जानकारी निरंक है।
मुख्यमंत्री सहायता निधि
69. ( क्र. 6623 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री सहायता योजना एवं राज्य बीमारी सहायता योजना क्या है? इस योजना अंतर्गत किस-किस प्रकार की सहायता प्रदान की जाती है? पात्रता की शर्तों एवं अधिकतम अनुशंसित राशि सहित जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना अंतर्गत वित्त वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक पाटन विधान सभा अंतर्गत कितने हितग्राहियों ने किस प्रकार की सहायता हेतु आवेदन किया? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित आवेदनों में से किन-किन हितग्राहियों को किस-किस की अनुशंसा पर कितनी आर्थिक सहायता स्वीकृत की गई?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान निधि के आवेदन पत्रो में कलेक्टर द्वारा अनुशंसा एवं राज्य बीमारी सहायता निधि योजना हेतु जिला स्तर पर गठित समिति की स्वीकृति उपरांत सहायता राशि प्रदान की गई है। शेष प्रश्नांश भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' में समाहित है।
उच्चदरों पर क्रय करने
70. ( क्र. 6641 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें द्वारा विभागान्तर्गत सेनेट्री नेपकीन का उच्च दरों पर क्रय किये जाने बाबत् प्राप्त शिकायतों के फलस्वरूप समस्त संभागीय संयुक्त संचालक को पत्र क्र. 6/ऑडिट/2015-16/1004 दि. 09.12.2015 लिखकर जिलों के संबंधित अधिकारियों द्वारा मान्य दरों से लगभग 10 गुना ज्यादा उच्च दरों पर सेनेट्री नेपकीन का क्रय किया जा रहा है, का उल्लेख करते हुए 09 बिन्दुओं पर जाँच कराकर दिनांक 18.02.2015 तक पालन प्रतिवेदन भिजवाना सुनिश्चित किया गया है? एक अन्य पत्र क्र. 10253 दिनांक 21.12.2015 भी संभागीय संयुक्त संचालक भोपाल द्वारा जारी किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो सेनेट्री नेपकीन की खरीदारी वर्ष 2013-14, 2014 -15 एवं 2015-16 में संबंधितों द्वारा किस-किस दर पर कहाँ-कहाँ से कितनी कितनी मात्रा में की गई है? संस्थावार विवरण दर्शायें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार किन-किन के जाँच प्रतिवेदन प्रश्न दिनांक तक प्राप्त हो गए हैं एवं किन-किन के शेष हैं? (घ) क्या अत्यधिक दरों पर खरीदी कर शासन को लाखों की वित्तीय क्षति पहुँचाने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों पर कोई भी ठोस कार्यवाही नहीं की गई है? क्या शासन त्वरित दण्डात्मक/क्षतिपूतिर्य कार्यवाही करेगा? नहीं तो क्यों।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संकलित की जा रही है। (ग) भोपाल संभाग, इंदौर संभाग एवं उज्जैन संभाग के जाँच प्रतिवेदन प्राप्त हो गये हैं। शेष संभागों के जाँच प्रतिवेदन अपेक्षित है। (घ) जाँच पूरी होने के बाद कार्यवाही कि जावेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आशा कार्यकर्ताओं से अवैध वसूली
71. ( क्र. 6645 ) श्री के. के. श्रीवास्तव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 02.04.2015 से प्रश्न दिनांक तक टीकमगढ़ विधान सभा क्षेत्र के अर्न्तगत बड़ागांव घसान सी.एस.सी. में पदस्थ अधिकारी कर्मचारी द्वारा आशा कार्यकर्ताओं से जबरन अवैध वसूली की जा रही है या की गई है। (ख) यदि हाँ, तो दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध क्या कार्यवाई की गई है।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। (ख) ‘क‘ प्रश्न के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सुरक्षा एजेन्सी का चयन
72. ( क्र. 6683 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय - आपदा प्रबंध संस्थान, ई-5, पर्यावरण परिसर भोपाल (म.प्र.) में सुरक्षा, सफाई व मैन-पावर हेतु वर्तमान में किस एजेन्सी को कार्य दिया गया है? (ख) उपर्युक्त एजेन्सी की चयन प्रक्रिया क्या थी? प्रबंध संस्थान ने कब टेण्डर बुलाये थे? कितनी एजेन्सियों ने चयन प्रक्रिया में भाग लिया था? इनकी दरें क्या-क्या थी? (ग) किस आधार पर वर्तमान एजेन्सी का चयन हुआ? उसने कार्य की क्या दरें बताई थी?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) वर्तमान में संस्थान द्वारा में. आई.पी.एस. गार्ड, प्राईवेट लिमिटेड एजेन्सी से मात्र ''सिक्यूरिटी गार्ड एवं श्रमिकों'' की ही सेवाएं ली जा रही है। (ख) उपर्युक्त एजेंसी का चयन प्रशासन अकादमी में अनुमोदित दरों पर सक्षम स्वीकृति के पश्चात् किया गया। अल्प सेवा होने से एजेंसी के चयन हेतु संस्थान द्वारा टेण्डर नहीं बुलाये गये है। प्रशासन अकादमी में अनुमोदित दरों पर किया गया। (ग) वर्तमान एजेंसी का चयन अन्य शासकीय कार्यालय अर्थात प्रशासन अकादमी में अनुमोदन के आधार पर किया गया तथा अकादमी के द्वारा संवाहित अनुबंध अनुमोदित दरें तथा आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
सुरक्षा, सफाई व आउट सोर्सिंग एजेन्सी को दिया गया अनुबंध
73. ( क्र. 6684 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बुंदेलखण्ड चिकित्सा महाविद्यालय सागर द्वारा सुरक्षा, सफाई एवं आउट सोर्सिंग की निविदाऐं 01 जनवरी 2014 से 31 दिसम्बर 2015 के मध्य कब-कब निकाली गई? (ख) प्रश्नांकित निविदाओं में किसे कार्य का ठेका दिया गया? निविदा में अस्पताल में कार्य का प्रमाण-पत्र मांगा था? यदि हाँ, तो वर्तमान एजेन्सी ने कौन सा कार्य प्रमाण-पत्र प्रस्तुत किया? यह प्रमाण-पत्र किसने जारी किया था? प्रमाण-पत्र जारी करने का अधिकार नियमानुसार किस मानते है? (ग) क्या ये प्रमाण-पत्र पूर्व में कार्यरत एजेन्सी को अधिष्ठाता अस्पताल प्रशासन ने जारी किया था? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? अब वर्तमान एजेन्सी को क्यों दिया गया? (घ) क्या वर्तमान टेण्डर प्रक्रिया में दिये गये ठेकों की जाँच कराई जायेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) बुन्देलखण्ड चिकित्सा महाविद्यालय, सागर द्वारा साफ-सफाई हेतु निविदा क्रमांक 5731 दिनांक 18.08.2015 का प्रकाशन दिनांक 22.08.2015 को हुआ था। सुरक्षा व्यवस्था एवं मैन-पावर हेतु खुली निविदा का प्रकाशन पत्र क्रमांक 6119 दिनांक 25.08.2015 का प्रकाशन दिनांक 29.08.2015 को हुआ था। उक्त कार्यों के लिये निविदाओं का आमंत्रण पत्र क्रमांक 7075 दिनांक 08.10.2015 को भेजा गया था, जिसका प्रकाशन दिनांक 11.10.2015 को हुआ था। (ख) यांत्रिक साफ-सफाई एवं मैन-पावर उपलब्ध कराने के कार्यों का ठेका मेसर्स एक्स सर्विसमेन एण्ड मैन-पावर सप्लायर भोपाल को दिया गया हैं। सुरक्षा व्यवस्था हेतु वैकल्पिक रूप से कार्य मैन-पावर फर्म मेसर्स एक्स सर्विसमेन द्वारा ही किया जा रहा हैं। यांत्रिक साफ-सफाई व्यवस्था हेतु दो सौ बिस्तर वाले केन्द्र/राज्य शासन संस्थाओं/चिकित्सालयों में कार्य करने का 03 वर्ष का अनुभव फर्म से मांगा गया था। फर्म द्वारा कमला नेहरू चिकित्सालय गैस राहत एवं अन्य संबंधित चिकित्सालयों में वर्ष 2011 से कार्य करने का अनुभव प्रमाण-पत्र प्रस्तुत किया गया है। प्रमाण-पत्र जारी करने हेतु संस्था प्रमुख को अधिकारी माना गया हैं। (ग) पूर्व में अनुबंधित एजेन्सी को अनुभव प्रमाण-पत्र अधिष्ठाता, अस्पताल प्रशासन के अधीन महाविद्यालय के प्रशासकीय अधिकारी द्वारा जारी किया गया है। वर्तमान एजेन्सी को अनुभव प्रमाण-पत्र प्रश्न दिनांक तक जारी नहीं किया गया है। (घ) जी हाँ।
मुरैना जिले में बी.पी.एल. राशन कार्डों की संख्या
74. ( क्र. 6771 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले में बी.पी.एल. राशन कार्डों की वर्तमान में कितनी संख्या है तहसीलवार संख्या की जानकारी दी जावे? (ख) वर्ष 2012-13 एवं 2013-14 तथा 2014-15 में इनकी संख्या में कितनी बढ़ोत्तरी हुई तथा जिले में कितने पंजीकृत व्यक्ति परिवारों की संख्या रही वर्षवार बढ़ोत्तरी की जानकारी दी जावे? (ग) उक्त अवधि में बी.पी.एल. राशन कार्डों में बढ़ोत्तरी के क्या कारण रहे? क्या विभाग द्वारा समय-समय पर सत्यापन कराया गया था? सत्यापन की क्या प्रक्रिया अपनाई गई?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ग) बी.पी.एल. परिवारों की सूची में नाम जोड़ना एक सतत् प्रक्रिया है। यह कार्य लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत सक्षम अधिकारियों द्वारा किया जाता है। जी हाँ, बी.पी.एल. सूची से अपात्र लोगों के नाम आपत्ति प्राप्त होने पर अथवा विशेष अभियान चलाकर हटाया जाता है। गरीबी रेखा में शामिल होने के मापदण्डों के आधार पर गरीब परिवारों का सत्यापन का कार्य किया जाता है एवं अपात्र परिवारों का नाम सूची से पृथक किया जाता है।
खाद्यान्न सामग्रियों का वितरण
75. ( क्र. 6785 ) श्री सचिन यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत खाद्यान्न वितरण सामग्रियों को राशन की दुकान तक पहुंचाने के लिए परिवहन की व्यवस्था शासन किस प्रकार कर रहा है और उसके क्या नियम हैं? (ख) जिला पश्चिम निमाड़ खरगोन में विगत दो वर्षों में कुल कितनी राशन की दुकानों पर खाद्यान्न वितरण की कालाबाजारी से संबंधित प्रकरण पंजीबद्ध किए और इस संबंध में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई और उस पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) उक्त कालाबाजारी को रोकने के लिए शासन ने क्या कोई कार्ययोजना बनाई है तो बताये नहीं तो क्यों? कारण दें?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत उचित मूल्य दुकानों तक राशन सामग्री का प्रदाय ‘द्वार प्रदाय योजना’ के अंतर्गत किया जा रहा है। इसके अंतर्गत लीड समिति के स्थान पर मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन द्वारा उचित मूल्य दुकानों तक सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत खाद्यान्न, शक्कर एवं नमक अनुबंधित परिवहनकर्ताओं के माध्यम से सीधे पहुंचाई जाती है। इस हेतु कोई नियम नहीं बनाये गये हैं बल्कि भण्डार क्रय नियमों का पालन कर कार्य किया जाता है।, (ख) प्रश्नांकित अवधि में तीन उचित मूल्य दुकानों के विरूद्ध खाद्यान्न वितरण में अनियमितता से संबंधित प्रकरण पंजीबद्ध किये गए। इस अवधि में प्रश्न दिनांक तक 5 शिकायतें प्राप्त हुई। शिकायतों पर की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। कालाबाजारी को रोकने के लिए आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955, चोर बाजारी निवारण और आवश्यक वस्तु प्रदाय अधिनियम, 1980 तथा मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 में समुचित प्रावधान है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली को सुदृढ़ करने के लिए प्रत्येक स्तर पर कम्प्यूटरीकरण का कार्य किया गया है। आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति श्रृंखला एवं हितग्राहियों के डाटाबेस को कम्प्यूटरीकृत करते हुए सार्वजनिक वितरण प्रणाली को पारदर्शी बनाया गया है। उचित मूल्य दुकानों पर पी.ओ.एस. मशीनें स्थापित की जा रही हैं। प्रत्येक पात्र परिवार के क्रय संव्यवहार को ऑन-लाईन संधारित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना
76. ( क्र. 6786 ) श्री सचिन यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना से लाभ लेने वाले हितग्राहियों की संख्या क्या है? (ख) कसरावद विधान सभा क्षेत्र में कितने हितग्राही उक्त योजना का लाभ ले रहे हैं और ऐसे कितने हितग्राही हैं जिन्हें इस योजना की पात्रता पर्ची दिये जाने का कार्य प्रारंभ नहीं हो सका है और ऐसे कितने हितग्राही है जिन्हें प्रश्न दिनांक तक लाभान्वित नहीं किया जा सकता है (ग) इसके लिए विभागीय स्तर पर क्या कार्यवाही की जायेगी ओर इस कार्य को कितनी समय-सीमा में पूर्ण कर लिया जायेगा?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना के तहत 5.44 करोड़ हितग्राही लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत रियायती दर की राशन सामग्री का लाभ ले रहे हैं। (ख) कसरावद विधान सभा क्षेत्र में 50508 हितग्राही मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना का लाभ प्राप्त कर रहे हैं। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना में सम्मिलित 24 श्रेणियों के आवेदन करने वाले व सत्यापित समस्त पात्र परिवारों को पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) का वितरण किया जा चुका है। पात्रता पर्चीधारी समस्त पात्र परिवारों को योजना का लाभ दिया जा रहा है। पात्र परिवारों का सत्यापन एवं उन्हें पात्रता पर्ची जारी करना सतत् प्रक्रिया होने के कारण शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
संविदा प्राध्यापक को पदोन्नति
77. ( क्र. 6792 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन के आदेश द्वारा डॉ. दीपक मरावी को पदोन्नति आदेश जारी किये हैं? क्या पदोन्नति के समय 01.01.2015 की स्थिति में रिक्त पदों की गणना की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार 01.01.2015 की स्थिति से अस्थि रोग विभाग गांधी चिकित्सा महाविद्यालय में प्रोफेसर के कितने पद रिक्त थे तथा कितने लोगों को पदोन्नति दी गई? (ग) क्या एम.सी.आई. निरीक्षण माह सितम्बर 2015 में डॉ. दीपक मारावी को प्रोफेसर पद पर अनुपयुक्त माना गया था? यदि हाँ, तो फिर पदोन्नति कैसे कर दी गई? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार चिकित्सा शिक्षा मंत्री म.प्र. में इस प्रकार के एम.सी.आई. द्वारा अमान्य प्रोफेसर अस्थि रोग के प्रमोशन की समीक्षा कर उचित कार्यवाही करेंगे यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) पदोन्नति आदेश स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल द्वारा जारी किये गये हैं, जी हाँ। (ख) दिनांक 01 जनवरी, 2015 की स्थिति में अधिष्ठाता, चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल द्वारा अस्थि रोग विभाग में प्राध्यापक के तीन पद रिक्त बताये गये थे, जिसकी छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार हैं। रिक्त तीन पदों के विरूद्ध तीन चिकित्सकों की ही पदोन्नति की गई है। (ग) एम.सी.आई. द्वारा डॉ. दीपक मरावी को प्रोफेसर के पद पर पदोन्नति का अनुपयुक्त नहीं माना गया है बल्कि पेपर पब्लिकेशन को मान्य नहीं किया गया है जिसकी जाँच अधिष्ठाता, चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल से कराई जा रही है। समिति द्वारा पदोन्नति हेतु उपयुक्त पाए जाने पर ही पदोन्नति की गई थी। (घ) जाँचोपरांत ही बताया जा सकेगा निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
अपहृत बच्चियों की बरामदगी
78. ( क्र. 6820 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सोनकच्छ विधान सभा क्षेत्र के ग्राम मुण्डलादांगी की कशिश पिता अन्तर सिंह मालवीय उम्र 8 वर्ष, शिवानी पिता अन्तर सिंह उम्र 5 वर्ष तथा पायल पिता भागीरथ सिंह उम्र 8 वर्ष को 12 मई 2014 को अज्ञात बदमाशों द्वारा अपहरण कर लिया गया था? (ख) क्या उनके अपरहणकर्ता को पकड़ा गया है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? उक्त लड़कियों को कब तक ढूंढ लिया जाएगा? उक्त संबंध में क्या कार्यवाही चल रही है? (ग) क्या प्रश्न दिनांक तक पुलिस प्रशासन द्वारा अपहरण हुए बच्चों को नहीं ढूंढ पाने व अपहरण कर्ताओं की कोई जानकारी नहीं मिल पाने से पुलिस की नाकामी पर कोई ठोस कार्यवाही की जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। अपहृत बालिकाओं की बरामदगी एवं अज्ञात अपहरणकर्ताओं की गिरफ्तारी हेतु प्रकरण की विवेचना उप पुलिस अधीक्षक स्तर के पुलिस अधिकारी से कराई जा रही है। प्रकरण में अपहृत बालिकाओं की तलाश एवं आरोपीगण की तलाश हेतु विशेष अनुसंधान दल का गठन किया गया है। अपहृत बालिकाओं की तलाश के संबंध में टीम गठित कर जिला देवास, इंदौर, धार, राजगढ़, गुना, मन्दसौर, रतलाम में संभावित स्थानों पर संदिग्ध डेरों में तलाश की गई है। महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्थानों पर अपहृता के फोटो चस्पा कराये गये हैं तथा पतारसी हेतु अपहृता के फोटोग्राफ्स, प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से प्रकाशित एवं प्रसारित कराये गये हैं। ट्रेक द मिसिंग चाइल्ड पोर्टल पर भी बालिकाओं की जानकारी अपलोड कराये गये हैं। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, जिला देवास को विवेचना पूर्ण कराये जाने हेतु नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। पुलिस महानिरीक्षक, जोन उज्जैन द्वारा अज्ञात आरोपीगण की तलाश हेतु रूपये 15,000/- के नगद इनाम की उद्घोषणा की गई है। प्रकरण में विधि अनुरूप सभी पहलुओं पर विवेचना की जा रही है। प्रकरण के निराकरण की समय-सीमा निर्धारित किया जाना संभव नहीं है। (ग) उत्तरांश ’ख’ के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दूध के दाम का निर्धारण
79. ( क्र. 6827 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में देवास जिले में उपभोक्ताओं को किस दर पर दूध उपलब्ध हो रहा है तथा किसानों से दूध व्यापारी किस दर पर दूध ले रहा है? (ख) क्या सोनकच्छ में देवास व इंदौर से भी महंगा दूध स्थानीय दूध डेरी व्यवसायियों द्वारा बेचा जा रहा है? यदि हाँ, तो उक्त संबंध में खाद्य अधिकारी क्या कार्यवाही कर रहे हैं? क्या अधिकारियों द्वारा समय-समय पर निरीक्षण किया जाता है? (ग) क्या सोनकच्छ नगर के वरिष्ठ नागरिकों/संघ द्वारा दूध के दाम कम करने हेतु पहले ही ज्ञापन अनुविभागीय अधिकारी सोनकच्छ को दिया गया था? यदि दिया गया था तो अधिकारी द्वारा क्या कार्यवाही की गई है?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
रिक्त पदों की पूर्ति
80. ( क्र. 6856 ) श्री वीरसिंह पंवार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय चिकित्सालयों में रोगियों के कल्याण के लिए कौन-कौन सी योजनायें संचालित की जा रही हैं? रायसेन एवं विदिशा जिले में 1 अप्रैल 14 से फरवरी 16 की अवधि में किस-किस योजना में कितने व्यक्ति लाभान्वित हुए? (ख) उक्त जिलों के विभिन्न स्वास्थ्य केन्द्रों में कौन-कौन से पद कब से रिक्त हैं? उक्त रिक्त पदों की पूर्ति हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) उक्त जिलों में किस-किस रोगी कल्याण समिति के पास कितनी राशि उपलब्ध है? उक्त राशि मरीजों को सुविधायें उपलब्ध करवाने हेतु व्यय क्यों नहीं की गई? (घ) उक्त जिलों में कहाँ-कहाँ पर रोगी कल्याण समिति द्वारा कितनी दुकानों का निर्माण किया गया? किस-किसको दुकान किराये पर दी तथा किराया वसूल क्यों नहीं किया जा रहा है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रश्न भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। विभिन्न रिक्त पदों के भरने की कार्यवाही निरन्तर जारी है। (ग) प्रश्न भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार। (घ) जिला रायसेन एवं विदिशा में विभिन्न रोगी कल्याण समितियों द्वारा निर्मित दुकानों एवं उनके किरायेदारों की जानकारी निम्नानुसार है- जिला रायसेन अन्तर्गत निर्मित की गयी दुकानों की संख्या :-
क्र. |
संस्था का नाम |
दुकानों की संख्या |
1 |
जिला चिकित्सालय रायसेन |
37 |
2 |
सिविल अस्पताल बैरंगगंज |
64 |
3 |
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र उदयपुरा |
4 |
जिला विदिशा के अन्तर्गत निर्मित की गयी दुकानों की संख्या :-
क्र. |
संस्था का नाम |
दुकानों की संख्या |
1 |
जिला चिकित्सालय विदिशा |
07 |
2 |
जन चिकित्सालय बासौदा |
58 |
3 |
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कुरवाई |
19 |
उपरोक्त दुकानें जिन दुकानदारों को प्रदान की गयी उनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार एवं किराया वसूल किया जा रहा है।
अपराध नियंत्रण असफल थाना
81. ( क्र. 6894 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले के किन-किन थानों में अपराध नियंत्रण में अधिकारी विगत दो वर्षों के रिकार्ड आधार पर असफल रहे? थानेवार ब्यौरा दें? (ख) प्रश्नांश (क) जिले में किन-किन थानांतर्गत बड़ी चोरियों, हत्या, डकैतियों, अपहरण, बमकाण्ड, कंजरों की लूटपाट के कितने एवं कौन-कौन से मामलों में वास्तविक अपराधियों का पता लगाने में व गिरफ्तार करने में पुलिस अब तक असफल रही? (ग) उपरोक्त (ख) में असफलता पर जिम्मेदार अधिकारियों पर क्या कार्यवाहियां की गई?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) विगत दो वर्षों (2014 एवं 2015) में पंजीबद्ध भा.द.वि. के कुल अपराधों की समीक्षा पर रतलाम जिले के सभी पदस्थ पुलिस अधिकारियों द्वारा अपराध नियंत्रण हेतु विधि अनुरूप प्रयास किया जाना पाया गया है। जिले के कुछ थानों के सामान्य अपराधों में तुलनात्मक रूप से संख्या में आंशिक वृद्धि हुई है। विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार है। (ग) प्रकरणों की विवेचना में लापरवाही के संबंध में प्रश्नांकित अवधि में 02 निरीक्षक एवं 02 प्रधान आरक्षक के विरूद्ध विभागीय दण्डात्मक कार्यवाही की गई है।
आयुर्वेदिक दवाइयां
82. ( क्र. 6895 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग में संधारित जानकारी के अनुसार प्रदेश में कितनी एवं कौन-कौन सी तथा, कहाँ-कहाँ पर आयुर्वेदिक तथा यूनानी दवाओं की निर्माण कंपनियां है? (ख) क्या आयुर्वेद एवं यूनानी दवाइयों पर एक्सपायरी डेट लिखने का प्रावधान अब तक नहीं था? (ग) क्या केन्द्रीय आयुष औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम में सरकार ने इस संबंध में कोई संशोधन किया है? यदि हाँ, तो पूर्ण ब्यौरा दें एवं उक्त प्रावधान कब से प्रदेश में लागू किया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) जी हाँ। भारत सरकार स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की अधिसूचना दिनांक 15/10/2009 से संशोधन जारी किया गया है। यह प्रदेश में भी लागू है।
डी.पी.एच.एन.ओ. के पदों की पूर्ति
83. ( क्र.
6899 ) श्री
मधु भगत :
क्या लोक
स्वास्थ्य
एवं परिवार
कल्याण मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क)
विभाग में
डी.पी.एच.एन.ओ./प्राचार्य
के पद,
पदोन्नति
नियम 2000
की गाईड लाईन
के अनुसार
वर्ष 2009
से वर्ष 2016 में कितने
रिक्त पद
उपलब्ध होना
चाहिये? प्रत्येक
वर्ष का
अलग-अलग बताते
हुए यह भी
बतायें कि
रोस्टर के
अनुसार
कितने-कितने
पद किस श्रेणी
के थे?
(ख)
विभागीय
भर्ती नियम, पदोन्नति
नियम 2000
और आरक्षित
वर्ग के रिक्त
पदों को भरने
हेतु सामान्य
प्रशासन
विभाग के
द्वारा
समय-समय पर
जारी निर्देशों/परिपत्रों
के पालन में
सीधी भर्ती और
पदोन्नति से
भरे जाने की
कार्यवाही
वर्ष 2010
से वर्ष 2015 के बीच क्यों
नहीं की गई? कारण
बतायें तथा
वर्ष 2016
में जो पद
रिक्त होंगे
उनको भरने के
लिये कब
कार्यवाही की
जावेगी?
लोक
स्वास्थ्य
एवं परिवार
कल्याण
मंत्री ( डॉ.
नरोत्तम
मिश्र ) : (क)
एवं (ख)
जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
चिकित्सा शिक्षा विभाग में लिपिक संवर्ग
84. ( क्र. 6951 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2014 से 31 अगस्त 2015 की अवधि में संचालक चिकित्सा शिक्षा की निजी स्थापना लिपिक संवर्ग के कौन-कौन से कर्मचारी पदस्थ थे? (ख) पदस्थ कर्मचारियों को भारतीय स्टेट बैंक में खोले गये स्वशासी निधि से किन-किन कार्यों के लिये कब-कब, कितनी-कितनी राशि अस्थाई अग्रिम के रूप में स्वीकृत की गई? अग्रिम की राशि से कौन-कौन सी सामग्री क्रय की गई तथा इसका सत्यापन किस अधिकारी द्वारा किया गया तथा व्यय की राशि के विरूद्ध अग्रिम के समायोजन की अनुमति आहरण संवितरण अधिकारी द्वारा कब-कब की गई? (ग) प्रश्नांश (क) की जानकारी में उल्लेखित कर्मचारियों द्वारा प्रस्तुत किये गये देयकों की वेट टैक्स/सेल्स टैक्स की कितनी राशि के भुगतान का उल्लेख देयकों में जारी करने वाली फर्म द्वारा किया गया है? यदि नहीं, तो दोषी कर्मचारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या अग्रिम के विरूद्ध प्रस्तुत किये गये देयकों की जाँच संचालनालय में पदस्थ वित्त विभाग के लेखा अधिकारी से कराने के निर्देश शासन द्वारा किये गये हैं? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित अवधि में तत्कालीन संचालक, चिकित्सा शिक्षा की निजी स्थापना में लिपिक संवर्ग के पदों पर श्री नरोत्तम शर्मा, निज सहायक, श्रीमती शशि पचैरिया, शीघ्रलेखक, श्रीमती राधा गुप्ता, सहायक वर्ग-3 पदस्थ थे। (ख) एवं (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) अभिलेखों की जाँच संयुक्त संचालक वित्त संचालनालय, चिकित्सा शिक्षा से यथा शीघ्र कराया जायेगा, निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
चिकित्सा शिक्षा विभाग अंतर्गत संचालित नर्सिंग एवं पैरामेडिकल कौंसिल
85. ( क्र. 6952 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधीन संचालित नर्सिंग एवं पैरामेडिकल कौंसिल के रजिस्ट्रार के विरूद्ध विगत तीन वर्षों में लोकायुक्त/ई.ओ.डब्ल्यू्. के स्तर से कुल कितनी शिकायतें किस-किस दिनांक को प्राप्त हुई तथा शिकायतों की जाँच हेतु किस अधिकारी को जाँच अधिकारी नामांकित किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शिकायतों की जाँच हेतु जाँच अधिकारी द्वारा जाँच प्रतिवेदन प्रश्न दिनांक तक प्रस्तुत किये गये अथवा नहीं? यदि जाँच प्रतिवेदन प्राप्त हुये हों तो उन पर संचालनालय द्वारा क्या कार्यवाही की गई तथा विभाग को जाँच प्रतिवेदन कार्यवाही हेतु प्रेषित किये गये अथवा नहीं? (ग) विभाग जाँच प्रतिवेदन प्राप्त कर दोषी रजिस्ट्रार के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक करेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जिला चिकित्सालय विदिशा में मरम्मत एवं जीर्णोद्धार कार्य
86. ( क्र. 6959 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिविल सर्जन सह अधीक्षक जिला चिकित्सालय विदिशा में वर्ष 2013 एवं 2014-15 में कुल कितनी राशि मरम्मत एवं जीर्णोद्धार कार्य हेतु खर्च की गई? (ख) क्या उपरोक्तानुसार लाखों रूपये का कार्य बिना निविदा बुलाये एक व्यक्ति से चार कोटेशन प्राप्त कर मनमानी दरों पर नियम विरूद्ध एवं अनियमित रूप से किया गया? (ग) क्या उपरोक्तानुसार कोटेशन ऐसे प्रदायकर्ता से प्राप्त किये गये हैं जिनके पास न ही उपरोक्त कार्य करने का अनुभव था न ही सेल्स टैक्स टिन नंबर था? (घ) यदि हाँ, तो क्या शासन विभाग उपरोक्त नियम विरूद्ध/अनियमित मरम्मत/जीर्णोद्धार कार्य कर शासन को लाखों रूपये कीमत की क्षति पहुंचाने वाले प्रदायकर्ता फर्म एवं संबंधित कर्मचारी/अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करेगा यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) वर्ष 2013 में जिला चिकित्सालय मद से कोई भी खर्च मरम्मत एवं जीर्णोद्धार हेतु नहीं किया गया है। वर्ष 2014-15 में कुल राशि रुपये 47,76,441/- खर्च की गई है। (ख) जी नहीं, उक्त कार्य निविदा के आधार पर कराये गये हैं। (ग) जी नहीं। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पेंशनर्स को औषधि प्रदाय
87. ( क्र. 6960 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिविल सर्जन जिला भोपाल कार्यालय में कितने पेंशनर्स पंजीकृत हैं? (ख) वर्ष 2014-15 में उपरोक्त पेंशनर्स को औषधि प्रदाय करने हेतु कितना बजट शासन द्वारा दिया गया? (ग) उपरोक्त अनुसार प्राप्त बजट के अंतर्गत कितने पेंशनर्स को दवा हेतु कुल कितना राशि की प्रदाय की गई?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) सिविल सर्जन सह अस्पताल अधीक्षक जय प्रकाश जिला चिकित्सालय में 2957 पेंशनर्स पंजीकृत हैं। (ख) वर्ष 2014-15 में पेंशनरों की औषधि हेतु ग्लोबल बजट प्रावधान होने के कारण अलग से बजट आवंटन नहीं किया गया है। सीधे ग्लोबल बजट में से रू. 2,25,82,085/- राशि का आहरण किया गया है। (ग) कुल 2957 पेंशनर्स को उनके पति या पत्नी उन पर निर्भर बच्चों को औषधियां प्रदान की जाती हैं, इसके अतिरिक्त सीनियर सिटीजन को इसी मद से दवायें प्रदान की गई हैं। इस प्रकार वर्ष 2014-15 में रू. 2,25,82,08/- राशि की दवाई प्रदाय की गई हैं।
अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा स्थानांतरण आदेश
88. ( क्र. 6972 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015 में इंदौर-उज्जैन संभाग में खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग में पदस्थ जिन अधिकारी/कर्मचारी के स्थानांतरण विभाग द्वारा किये गये उनमें से किन-किन अधिकारियों द्वारा अपना प्रभार नहीं दिया गया? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित जिन अधिकारी/कर्मचारी द्वारा आज दिनांक तक अपना प्रभार नहीं दिया गया, उन अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध विभाग द्वारा नियमानुसार कार्यवाही नहीं किये जाने के लिए जिम्मेदार कौन-कौन है और उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) वर्ष 2015 में इंदौर-उज्जैन संभाग में समस्त स्थानांतरित खाद्य सुरक्षा अधिकारी एवं औषधि निरीक्षकों द्वारा समस्त प्रभार दे दिया गया है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उप-आँगनवाड़ी केन्द्र खोलना
89. ( क्र. 6989 ) श्री मेहरबान सिंह रावत : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) ग्वालियर जिले के घाटीगांव विकास खण्ड पाटई के पुलिया का पुरा एवं जाटव मोहल्ले में उप-आँगनवाड़ी केन्द्र खोलने के संबंध में ग्राम पंचायत पाटई द्वारा भेजे गये प्रस्ताव पर क्या कार्यवाही की गई है? कब तक उप-आँगनवाड़ी केन्द्र खोले जावेगें? क्या जनसंख्या की दृष्टि से ग्राम पंचायत पाटई में आँगनवाड़ी केन्द्र एवं उप आँगनवाड़ी केन्द्रों की संख्या कम है, यदि हाँ, तो ऐसा क्यों? इस संबंध में शासन की क्या मंशा है? (ख) क्या 3 वर्ष में नवीन आँगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत नहीं हुए है? यदि हाँ, तो नवीन आँगनवाड़ी केन्द्र खोलने में पाटई को क्यों नहीं शामिल किया गया?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) ग्वालियर जिले के घाटीगांव विकास खण्ड की ग्राम पंचायत पाटई की जनसंख्या वर्ष 2011 अनुसार 3038 है। वर्तमान में ग्राम पंचायत पाटई में 02 आँगनवाड़ी केन्द्र एवं 01 मिनी आँगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। वर्तमान में भारत सरकार द्वारा नवीन आँगनवाड़ी केन्द्रों की स्वीकृति प्रदान की गई है। राज्य मंत्रि परिषद की स्वीकृति उपरान्त प्राथमिकता के आधार पर ग्राम पंचायत पाटई की जनसंख्या के मापदण्ड अनुसार जाटवपुरा में आँगनवाड़ी केन्द्र एवं पुलिया का पुरा में मिनी आँगनवाड़ी केन्द्र खोलने की कार्यवाही की जायेगी। (ख) विगत 03 वर्ष में ग्वालियर जिले में नवीन आँगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत नहीं हुआ है।
जिला स्वास्थ्य समिति के माध्यम से लगाए वाहन
90. ( क्र. 7000 ) श्री लोकेन्द्र सिंह तोमर : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 07.05.2015 को जिला खण्डवा में जिला स्वास्थ्य समिति (एन.एच.एम.) खण्डवा के माध्यम से निकाली विज्ञप्ति अनुसार किस योजना के अंतर्गत वाहन किस अधिकारी के द्वारा किस निविदाकर्ता के कितने वाहन लगाए गए हैं? वाहन कहाँ-कहाँ लगाए हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के अनुसार निविदाकर्ता के लगाए वाहनों के समस्त आवश्यक दस्तावेजों की जाँच किस अधिकारी के द्वारा की गई है? निविदाकर्ता के वाहन लगाने के लिए वाहनों के कौन से दस्तावेज पूर्ण होना अनिवार्य है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) के अनुसार वाहन क्रमांक एम.पी. 12 टी 1291, एम.पी. 12 टी 1786, एम.पी. 12 टी 1220, एम.पी. 12 टी 0943, एम.पी. 12 टी 1166, एम.पी. 12 टी 1323 लगाए गए हैं? (घ) क्या प्रश्नांश (क) के अनुसार निविदाकर्ता के उपलब्ध कराये वाहन जाँच में फिट पाये गए हैं? यदि नहीं, तो जाँचकर्ता के विरूद्ध क्या कार्यवाही, कब तक की जाएगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जिला स्वास्थ्य समिति एन.एच.एम. अंतर्गत दिनांक 17.5.15 को विज्ञप्ति प्रकाशित किया जाकर निम्नानुसार निविदाकर्ता के वाहन लगाए गये हैं :- 1. मे. बालाजी रोड लाइन्स खण्डवा-जननी एक्सप्रेस योजना अंतर्गत कुल 18 वाहन 2. श्री नितिन ढाका खण्डवा-जिला/ विकासखण्ड/आर.बी.एस. अधिकारियों हेतु कुल - 17 वाहन लगाए गये हैं। स्थानवार वाहनों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर में अंकित निविदाकर्ता के लगाए गये वाहनों के समस्त आवश्यक दस्तावेजों की जाँच निविदा कमेटी के सदस्यों के द्वारा की गयी है। वाहनों का बीमा, फिटनेस, टैक्सी कोटे में रजिस्ट्रेशन, ड्रायविंग लाईसेंस दस्तावेज अनिवार्य है। (ग) प्रश्नांश (ग) में अंकित वाहन क्रमांक एम.पी.-12-टी-0943 के अलावा शेष वाहने लगाए गये हैं? (घ) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
एक्सीडेन्टों से हुई मौतों में लापरवाही
91. ( क्र. 7034 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर नगर में आवागमन की सुविधा हेतु बाय-पास का निर्माण किया गया है, बाय-पास होने के कारण शहर में भारी वाहनों के प्रवेश पर एवं गुजरने पर कितने समय से कितने समय तक का प्रतिबंध हैं? (ख) बाय-पास बनने की तिथि से छतरपुर नगर के अंतर्गत भारी वाहनों से कितने एक्सीडेन्ट की जानकारी विभाग के संज्ञान में है और इनमें से कितनों की मृत्यु हुई तथा कितनों को क्षति पहुँची तिथिवार विवरण दें? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में बताये कि प्रतिबंध अवधि में प्रतिबंधित वाहन के गुजरने से जो एक्सीडेंट हुए उससे संबंधित पुलिस के कर्मचारी के खिलाफ कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) जिस इलाके में एक्सीडेन्ट हुए थे उस तिथि को और उस समय उस बीच में कौन-कौन पुलिस कर्मचारी की ड्यूटी पर तैनात थे, नाम बतायें?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) से (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जिला छतरपुर में विगत दो वर्षों में कुल 104 एक्सीडेंट हुये हैं जिसमें कुल मृतक संख्या 16 एवं कुल घायलों की संख्या 127 है। जिला छतरपुर में ऐसे एक्सीडेंट की संख्या 27 है, जहां पर घटना के समय पास के चौराहे/तिराहे पर यातायात कर्मचारियों की ड्यूटी लगी थी। छतरपुर शहर के प्रमुख चौराहे/तिराहे जैसे आकाशवाणी तिराहा, छत्रसाल चौक, पन्ना नाका, महल तिराहा, गांधी चौक, बिजावर नाका में प्रातः 09:00 से रात्रि 21:00 बजे तक कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाती है, जिनकी सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
किसानों की आत्महत्या का कारण
92. ( क्र. 7036 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्ष 2013 से प्रश्नांश दिनांक तक में किसानों के आत्महत्या की जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के किसानों के लिए शासन द्वारा इनके कर्ज माफ करने के साथ इनके परिजनों को कितनी-कितनी सहायता राशि प्रदान की गई? (ग) यदि प्रश्नांश (क) के किसानों के द्वारा कर्ज एवं प्राकृतिक आपदा से फसल की हुई नुकसान के कारण आत्महत्या की तो इसके लिए सरकार द्वारा किसानों को भविष्य में आत्महत्या न करनी पड़े क्या कार्ययोजना किसानों के हित में तैयार की है?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित अवधि (01.01.2013 से 29.02.2016) में प्रदेश में किसानों द्वारा की गई कुल आत्महत्या की संख्या 3006 है। (ख) आत्महत्या के प्रकरणों में इस प्रकार का प्रावधान नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
सिवनी जिले में घटित अपराध
93. ( क्र. 7051 ) श्री दिनेश राय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले के सभी थानों में 1 जुलाई 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितने लूट, डकैती, चोरी, जुंआ-सट्टा, मारपीट, हत्या, बलात्कार व महिला उत्पीड़न के मामले दर्ज हुए हैं? थानेवार जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत प्रश्न दिनांक तक कितने प्रकरणों की विवेचना पूर्ण हो चुकी है कितने मुलजिम गिरफ्तार हुए? कितने मामले न्यायालय में प्रस्तुत हुए, कितने मामलों की विवेचना जारी है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित प्रकरणों में पीडि़तों की एफ.आई.आर. दर्ज करने में संबंधित थानों में देरी की जाती है? यदि हाँ, तो क्या इस प्रकार की शिकायतें एस.पी. सिवनी को प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो किस-किस थानों की? क्या संबंधित पुलिस अधिकारियों के खिलाफ प्रश्न दिनांक तक कोई नोटिस या कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो जानकारी दें?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्न दिनांक 01.07.2014 से 29.02.2016 तक सिवनी जिले के 15 थानों में कुल 5206 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये जिसमें 5039 प्रकरणों की विवेचना पूर्ण हो चुकी है तथा 8746 मुल्जिम गिरफ्तार किये गये हैं व 4906 प्रकरणों में चालान न्यायालय प्रस्तुत किये गये हैं एवं 167 मामलों की विवेचना जारी है। (ग) जी नहीं। एफ.आई.आर. दर्ज करने में विलंब के केवल 01 प्रकरण में थाना घंसौर के निरीक्षक के.एस.मरावी की लापरवाही पाये जाने पर 5000/- रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लाभान्वित हितग्राही
94. ( क्र.
7058 ) श्री
दिनेश राय :
क्या खाद्य
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) सिवनी
जिले के
अंतर्गत
कितने
परिवारों को
राशन दुकान से
खाद्य
सुरक्षा
अधिनियम के
तहत लाभ प्राप्त
हो रहा है? प्रश्न
दिनांक की
स्थिति में
विधान सभावार
बतायें? (ख)
प्रश्नांश (क)
क्षेत्र व
अवधि में
कितने परिवारों
को खाद्य
सुरक्षा
पर्चियों का
वितरण किया
गया है? (ग)
प्रश्नांश (क)
क्षेत्र एवं
अवधि में
कितने परिवारों
को राशन कार्ड
प्राधिकृत
अधिकारी द्वारा
जारी किये गये
हैं? (घ)
प्रश्नांश (क)
क्षेत्र एवं
अवधि में
कितने परिवारों
को समग्र
सामाजिक
सुरक्षा मिशन
के तहत
सर्वेक्षित
किया गया है
वर्तमान
दिनांक तक कितने
हितग्राही
कार्ड/कूपन से
वंचित हैं और
इनके कूपन कब
तक बनेंगे?
खाद्य
मंत्री (
कुँवर विजय
शाह ) : (क) राष्ट्रीय
खाद्य
सुरक्षा
अधिनियम, 2013
अंतर्गत
लक्षित
सार्वजनिक
वितरण
प्रणाली के
पात्र परिवार
की 24
श्रेणियों
में से 2,59,603 सत्यापित
पात्र
परिवारों को
सार्वजनिक वितरण
प्रणाली का
लाभ प्राप्त
हो रहा है।
विधान सभावार
पात्र
परिवारों की जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (ख)
राष्ट्रीय
खाद्य
सुरक्षा
अधिनियम, 2013
अंतर्गत मुख्यमंत्री
अन्नपूर्णा
योजना के तहत
सिवनी जिले
में सत्यापन
उपरांत 2,59,603
परिवारों को
पात्रता पर्ची
का वितरण किया
गया है। (ग)
सिवनी जिले
में 2,59,603
सत्यापित
पात्र
परिवारों को
पात्रता
पर्ची (ई-राशनकार्ड)
जारी की गई
हैं। (घ)
सिवनी जिले
में समग्र
सामाजिक
सुरक्षा मिशन के
पोर्टल पर 3,66,358
परिवारों का
विवरण दर्ज
है। आवेदन
करने वाले सत्यापित
परिवारों में
से कोई भी
परिवार
पात्रता
पर्ची प्राप्त
करने से वंचित
नहीं है।
पात्र
परिवारों का सत्यापन
एवं उन्हें
पात्रता
पर्ची जारी
करना एक सतत्
प्रक्रिया
होने से शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
नर्सिंग कॉलेजों को नियम विरूद्ध अनुमति
95. ( क्र. 7082 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में माह दिसम्बर 2015 में नर्सिंग कॉलेज संचालित करने हेतु किस-किस संस्थाओं को कहाँ-कहाँ पर किस-किस आधार पर अनुमति प्रदान की गई? (ख) उक्त संस्थाओं में किन संस्थाओं को अनुसूचित जन जाति क्षेत्र में अनुमति किस आधार पर प्रदान की गई है? (ग) क्या श्री जी कॉलेज ऑफ नर्सिंग रन बाय दामिनी नन्दनी शिक्षा प्रसार समाज कल्याण समिति ग्वालियर को आठनेर जिला बैतूल को अनुमति प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो क्या यह अनुमति वैधानिक है? यदि नहीं, तो अनुमति प्रदान करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में जिन संस्थाओं को नर्सिंग कॉलेज हेतु अनुमति प्रदान की गई है? क्या उनमें निर्धारित माप दण्डों नियम प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया जाकर मनमाने तरीके से अनुमति प्रदान गई है? यदि हाँ, तो क्या सभी अनुमति प्राप्त कॉलेजों की उच्च स्तरीय जाँच कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) माह दिसम्बर 2015 में जिन संस्थाओं को नर्सिंग पाठ्यक्रम हेतु डी. एण्ड एफ. विभाग द्वारा जारी की गई है, उनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। संस्थाओं को आई.एन.सी. के मानदण्डों की पूर्ति करने की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 में उल्लेखित शर्तों के आधार पर डी.एण्ड एफ. जारी किया गया है। आई.एन.सी. के मानदण्डों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ख) अनुसूचित जनजाति क्षेत्र में जिन संस्थाओं को नर्सिंग पाठ्यक्रम हेतु महाविद्यालय प्रारंभ करने की डी. एण्ड एफ. जारी की गई है उनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (ग) श्री जी संस्था को जी.एन.एम. नर्सिंग पाठ्यक्रम प्रारंभ करने हेतु अनुमति प्रदान नहीं की गई हैं अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते। (घ) चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा नर्सिंग पाठ्यक्रम संचालन करने की अनुमति नहीं दी जाती है अपितु आई.एन.सी. के मानदंडानुसार संचालक चिकित्सा शिक्षा द्वारा विज्ञप्ति प्रसारित कर आवेदन पत्र आमंत्रित किए जाते हैं तथा निरीक्षण दल गठित कर निरीक्षण प्रतिवेदन प्राप्त कर परीक्षण कर डी. एण्ड एफ. जारी करने के संबंध में अनुशंसा की जाती है। इसी आधार पर प्रशासकीय अनुमोदन प्राप्त कर आई.एन.सी. के मानदंडों की पूर्ति करने की शर्त पर डी.एण्ड एफ. जारी किया जता हैं। इसके पश्चात आई.एन.सी. द्वारा स्वयं निरीक्षण कर पाठ्यक्रम प्रारंभ करने की अनुमति दिए जाने अथवा नहीं दिए जाने के संबंध में निर्णण लिया जाता है।
पनागर में रक्त संग्रह इकाई की स्थापना
96. ( क्र. 7085 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिविल हॉस्पिटल पनागर में रक्त संग्रह इकाई नहीं है जबकि यह हॉस्पिटल जबलपुर शहर से 15 कि.मी. दूर नेशनल हाईवे रोड पर स्थित हैं एवं इस रोड पर आये दिन एक्सीडेन्ट होते हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के अनुसार आकस्मिक परिस्थितियों में रक्त की आवश्यकता हो सकती है? (ग) क्या रक्त संग्रह इकाई की स्थापना जरूरी है? (घ) यदि हाँ, तो रक्त संग्रह इकाई की स्थापना कब तक की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं, वर्तमान प्रावधान अनुसार ब्लड स्टोरेज यूनिट/रक्त संग्रह इकाई की स्थापना सीमांक स्वास्थ्य संस्थाओं में की जाती है। (घ) प्रश्न (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
फिजियोथेरेपी पाठ्यक्रम हेतु बजट एवं संविदा शिक्षक
97. ( क्र. 7093 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय महाविद्यालय जबलपुर एवं इंदौर में पिछले 5 वर्षों में फिजियोथेरेपी पाठ्यक्रम के संचालन हेतु स्वशासी संस्था के अंतर्गत कितना बजट आवंटित किया गया वर्षवार एवं मदवार विवरण देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के अधीन व्यय की गई राशि का विवरण देवें? (ग) क्या फिजियोथेरेपी संविदा शिक्षकों को मध्यप्रदेश शासन के नियमों के अनुसार वेतनमान, अवकाश एवं प्रसूति अवकाश की सुविधाएं दी जा रही हैं? (घ) यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) चिकित्सा महाविद्यालय, जबलपुर में फिजियोथेरेपी पाठ्यक्रम का संचालन अन्य पैरामेडिकल पाठ्यक्रमों के साथ किया जाता हैं। फिजियोथेरेपी पाठ्यक्रम के लेखों का पृथक से संधारण नहीं किया जाता हैं। चिकित्सा महाविद्यालय, इन्दौर के अंतर्गत वर्ष 1997 से फिजियोथेरेपी पाठ्यक्रम पूर्णतः स्व-वित्तीय आधार पर संचालित हैं। फिजियोथेरेपी पाठ्यक्रम विद्यार्थियों से प्राप्त शिक्षण तथा अन्य शुल्क से संचालित किया जा रहा है। उक्त पाठ्यक्रम हेतु विभाग तथा एम.जी.एम. चिकित्सा महाविद्यालय इंदौर की स्वशासी संस्था से कोई वित्तीय अनुदान नहीं दिया जाता हैं। पैरामेडिकल पाठ्यक्रम हेतु चिकित्सा महाविद्यालय, जबलपुर को विभाग द्वारा वर्ष 2010-11 से 2014-15 की अवधि में आवंटित बजट की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश की चिकित्सा महाविद्यालय, जबलपुर की जानकारी उत्तरांश ‘‘क’’ में संलग्न परिशिष्ट में सम्मिलित हैं। चिकित्सा महाविद्यालय, इन्दौर में स्व-वित्तीय आधार पर फिजियोथेरेपी पाठ्यक्रम संचालित हैं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) चिकित्सा महाविद्यालय, जबलपुर में कार्यरत संविदा शिक्षकों को स्वशासी समिति के नियमों के अंतर्गत वेतन एवं अवकाश दिया जाता हैं। प्रसूति अवकाश का कोई आवेदन प्रश्न दिनांक तक प्राप्त नहीं हुआ हैं। चिकित्सा महाविद्यालय, इन्दौर फिजियोथेरेपी पाठ्यक्रम के अंतर्गत पदस्थ संविदा शिक्षकों को निश्चित वेतनमान में निश्चित अवधि के तहत संविदा वेतन राज्य शासन के नियमानुसार आकस्मिक, ऐच्छिक एवं प्रसूति अवकाश की सुविधा दी जा रही हैं। (घ) उत्तरांश ‘‘ग’’ के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रीवा जिले के थाना जवा अंतर्गत आरोपी की गिरफ्तारी
98. ( क्र. 7105 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले के जवा थाना अंतर्गत आरोपी राजेन्द्र प्रसाद द्विवेदी पिता राम जी शर्मा निवासी भनिंगंवा (चरंपनिहन पुर्वा) के विरूद्ध दिनांक 27.8.15 को जवा थाना में धारा 293.233.506 के तहत प्रकरण दर्ज हुआ? यदि हाँ, तो अब तक क्या कार्यवाही हुई? (ख) क्या आरोपी राजेन्द्र प्रसाद द्विवेदी शा. हाईस्कूल बरूहा टोला में सहायक शिक्षक के पद पर पदस्थ हैं? उपस्थिति पंजी में नियमित हस्ताक्षर कर रहे है? यदि हाँ, तो जवा थाने के प्रभारी द्वारा उन्हें फरार घोषित कर 6 माह व्यतीत हो जाने पर भी मुचलका/चालान पेश नहीं करने के क्या कारण हैं? क्या आरोपी राजेन्द्र द्विवेदी को गिरफ्तार किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों? (ग) क्या आरोपी को जवा थाना के ए.एस.आई. श्री रावत संरक्षण देकर अपने पदीय कार्यव्य का उल्लंघन कर रहे हैं? यदि हाँ, तो उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी हाँ। प्रकरण में आरोपियों की गिरफ्तारी की जाकर विवेचना उपरांत सक्षम न्यायालय में अभियोग पत्र दिनांक 08.03.2016 को प्रस्तुत किया गया है। (ख) जी हाँ। आरोपी राजेन्द्र प्रसाद द्विवेदी शासकीय हाई स्कूल बरूहा टोला में शिक्षाकर्मी के पद पर पदस्थ हैं तथा अपराध पंजीबद्ध होने के बाद भी उपस्थिति पंजी में हस्ताक्षर कर रहे हैं। प्रकरण में आरोपी राजेन्द्र प्रसाद द्विवेदी को फरार घोषित नहीं किया गया था तथा विवेचना में आये साक्ष्य के आधार पर दिनांक 06.10.2015 को गिरफ्तार किया जाकर चालान सक्षम न्यायालय में प्रस्तुत किया जा चुका। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अंग प्रत्यारोपण में पारदर्शिता तथा अवैध व्यापार रोकना
99. ( क्र. 7115 ) श्री रामनिवास रावत : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम 2004 के तहत पिछले 5 वर्षों में प्रदेश में किस-किस व्यक्ति के कौन-कौन से अंग प्रत्यारोपण हेतु दिये गये? सूची प्रस्तुत करें तथा बतावें कि प्रत्यारोपण हेतु उस अंग को निकालने का कार्य किस-किस चिकित्सा संस्थान द्वारा किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अंग किस पंजीकृत संस्था के माध्यम से किस व्यक्ति को प्रत्यारोपित किया गया? उसका नाम, पता, उम्र सहित बतावें कि प्रत्यारोपित उसी व्यक्ति को किये जाने का निर्णय किस व्यक्ति द्वारा किस नियम से लिया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित प्रत्यारोपण का कार्य किस-किस चिकित्सा संस्थान द्वारा किया गया तथा संस्थान द्वारा प्रत्यारोपण का कार्य करने के एवज में (अंग का नहीं) कितनी राशि ली गई? (घ) प्रत्यारोपण के नाम पर अंग का अवैध व्यापार न हो, इसके किये शासन ने क्या कदम उठाये हैं?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम 2004 के तहत पिछले 05 वर्षों में प्रदेश में किसी भी व्यक्ति को मानव अंग प्रत्यारोपित करने हेतु अनुमति जारी नहीं की गई हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश ‘‘क’’ के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश ‘‘क’’ एवं ‘‘ख’’ के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं हेाता। (घ) मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम, 1994 के अन्तर्गत कार्यवाही की जाती है।
महिला सशक्तिकरण अधिकारी की अनियमितता
100. ( क्र. 7118 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या हरदा जिले में पदस्थ महिला सशक्तिकरण अधिकारी डॉ. दीक्षित को उनके सेवा काल में रहते मा. न्यायालय द्वारा गबन वित्तीय अनियमितता के कारण सजा व जुर्माना से दण्डित किये जाने, अधीनस्थ कर्मचारियों को आत्म हत्या के लिये मजबूर किये जाने संबंधी शिकायत अथवा निर्वाचन कार्य में लापरवाही किये जाने के लिये निलंबित किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो डॉ. दीक्षित को आपने सेवा काल में प्रश्नांश तिथि कब-कब, किस-किस व कितनी-कितनी अवधि के लिये निलंबित किया गया? (ग) डॉ. दीक्षित विगत तीन वर्षों से अधिक समय से हरदा जिले में पदस्थ हैं, को हरदा जिले से अन्य जिले अथवा स्थान पर स्थानांतरित किया जाकर किसी अन्य योग्य अधिकारी की पदस्थापना की जावेगी? (घ) यदि हाँ, तो समय-सीमा बताएं?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) डॉ. दीक्षित को मान. न्यायालय अनुपपुर द्वारा दिनांक 30/12/2015 को सजा व जुर्माना से दण्डित किये जाने पर विभाग द्वारा विधि सम्मत कार्यवाही की जा रही है। डॉ. दीक्षित के हरदा में पदस्थी के दौरान उनके विरूद्ध अधीनस्थ कर्मचारियों को आत्महत्या के लिये मजूबर किये जाने की शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, और न ही निर्वाचन कार्य में लापरवाही के लिये उन्हें निलंबित किया गया है। (ख) डॉ. दीक्षित को विश्व बैंक सहायित परियोजना और गैर विश्व बैंक सहायित परियोजनाओं के लिये सामग्री क्रय में अनियमितताओं के परिणाम स्वरूप विभाग के आदेश दिनांक 20/01/2000 द्वारा निलंबित किया गया तथा आदेश दिनांक 10/05/2000 द्वारा निलंबन से बहाल किया गया,एवं पोषण आहार बैग में सोयाबीन के स्थान पर मक्का का आटा रखे जाने के संबंध में आयुक्त, चम्बल संभाग के आदेश दिनांक 25/11/2005 द्वारा निलंबित किया गया तथा आदेश दिनांक 30/06/2006 द्वारा निलंबन से बहाल किया गया। (ग) स्थानान्तरण नीति में निहित व्यवस्था के तहत आवश्यक होने पर स्थानांतरण की कार्यवाही की जायेगी। (घ) प्रश्नांश ‘ग’ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
विभाग में संलग्न वाहन
101. ( क्र. 7133 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय कार्यालयों/चिकित्सालयों में किराये पर वाहन लेने के शासन एवं विभाग द्वारा निर्देश दिये गये हैं और क्या कटनी जिले में विभाग द्वारा किराये पर अशासकीय वाहनों को लेने में इन नियमों का पालन किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) हाँ तो जनवरी 2013 से प्रश्न दिनांक तक कटनी जिले में किस-किस कार्य हेतु कौन-कौन से अशासकीय वाहन कब से किराये पर, अनुबंध पर लिये गये, समक्ष प्राधिकारी द्वारा किये गये आदेश सहित वाहनवार, वर्षवार बतायें? (ग) क्या किराये पर लिये जाने वाले वाहनों का टैक्सी कोटे में पंजीयन आवश्यक है? यदि हाँ, तो क्या कारण रहे कि ऐसे वाहनों को किराये पर लिया गया, जो टैक्सी कोटे में पंजीकृत नहीं है? प्रश्नांश (ख) में कौन-कौन वाहन टैक्सी कोटे के नहीं है? इनके संलग्नीकरण के आदेश किन-किन प्राधिकारियों द्वारा कब-कब किये गये? (घ) जिला कटनी में कौन-कौन विभागीय वाहन चालू हालत में है? इनका क्या-क्या उपयोग किया जा रहा है? कितने और कौन-कौन वाहन बंद हालत में है तथा कौन-कौन वाहन चालक वर्तमान में किन-किन वाहनों में संलग्न है? (ड.) (क) से (ग) में शासनादेश, विभागीय निर्देशों के उल्लंघन का कौन-कौन जिम्मेदार है? क्या इन पर कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक, यदि नहीं, तो क्यों बतायें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) प्रश्न भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्यालय के पत्र क्रमांक/एन.एच.एम./ आर.बी.एस.के./15/8615 भोपाल दिनांक 29.07.15 में निर्देश दिये गये हैं कि टैक्सी परमिट वाले वाहन की अनुपलब्धता का प्रमाण-पत्र जारी होने के पश्चात बिना टैक्सी परमिट का वाहन किराये पर अनुबंध किया जा सकता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार बिना टैक्सी कोटे के वाहनों की सूची एवं आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''तीन'' अनुसार। (घ) प्रश्न भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''चार'' अनुसार। (ड.) किसी संस्था द्वारा विभागीय आदेशों का उल्लंघन नहीं किया गया है। समय-समय पर शासन द्वारा दिये निर्देशों के परिपालन में कार्यालय द्वारा नियमानुसार कार्यवाही की गयी है। अतः कोई जिम्मेदार नहीं है।
स्वास्थ्य केन्द्रों की जानकारी
102. ( क्र. 7147 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा गुनौर अंतर्गत चिकित्सा विभाग द्वारा कितने उप-स्वास्थ्य केन्द्र कहाँ-कहाँ स्वीकृत हैं क्या उप-स्वास्थ्य केन्द्र हेतु भवन निर्मित किये गये है? (ख) यदि हाँ, तो कब निर्मित हुये है एवं कहाँ-कहाँ निर्मित हुये है वर्षवार स्थानवार बतावें? (ग) क्या उन भवनों का कार्य पूर्ण हो चुका या अभी अपूर्ण है तथा भवन निर्माण हेतु कौन-कौन सी एजेंसी है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। जी हाँ। (ख) प्रश्न भाग की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) 32 उप-स्वास्थ्य केन्द्रों का कार्य पूर्ण। उप स्वास्थ्य केन्द्र सकरिया का भवन निर्माणाधीन है तथा इसके निर्माण एजेंसी ठेकेदार श्री बलीराम कुशवाह है।
आयुष चिकित्सकों को तृतीय समयमान वेतनमान
103. ( क्र. 7150 ) श्री गिरीश गौतम : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन वित्त विभाग भोपाल द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि ऐसे शासकीय सेवक जिन्हें शासकीय सेवा में नियुक्ति की तिथि से दो पदोन्नति/क्रमोन्नति/समयमान वेतनमान का ही लाभ प्राप्त हुआ है को दिनांक 01.07.2014 अथवा इसके बाद की तिथि से 30 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर तृतीय समयमान वेतनमान की पात्रता होगी और वित्त विभाग मंत्रालय भोपाल द्वारा 30 सितम्बर 2014 को शासन के समस्त विभागाध्यक्षों को इस संबंध में पत्र प्रेषित किया गया है? पत्र की प्रतिलिपि उपलब्ध करायें? (ख) क्या संभागीय आयुष अधिकारी संभाग रीवा द्वारा रीवा संभाग में औषधालयों, जिला चिकित्सालयों एवं रीवा आयुर्वेद महाविद्यालय में 30 वर्ष से ऊपर सेवारत डॉक्टरों को जिन्हें तृतीय समयमान वेतनमान प्राप्त नहीं हुआ कि सूची संचालक म.प्र. आयुष को प्रेषित की गयी है? यदि हाँ, तो 30 वर्ष से अधिक की सेवा पूर्ण करने वाले आयुष चिकित्सकों को तृतीय समयमान वेतनमान का लाभ कब तक स्वीकृत कर दिया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सी.एम.एच.ओ. कार्यालय शिवपुरी द्वारा क्रय की गई सामग्री
104. ( क्र.
7163 ) श्री
रामसिंह यादव
: क्या लोक
स्वास्थ्य
एवं परिवार
कल्याण मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क)
क्या
सी.एम.एच.ओ.
कार्यालय
शिवपुरी
द्वारा वर्ष 2012-13
से वर्ष 2015-16 तक कोई
सामग्री क्रय
की है?
यदि हाँ, तो
कौन-कौन सी
सामग्री
कितनी-कितनी
राशि की किस-किस
फर्म से क्रय
की गई?
क्या उक्त
सामग्री क्रय
करने में भण्डार
क्रय नियमों
का पालन किया
गया है? यदि नहीं, तो
इसके लिये कौन
दोषी है? शासन दोषी
के विरूद्ध क्या
कार्यवाही
करेगा? (ख)
क्या
प्रश्नांश (क)
के उत्तर में
वर्णित समस्त
सामग्री क्रय
करने हेतु
निविदाएं
आमंत्रित की
गई थी?
यदि हाँ, तो
उक्त
निविदाएं किन
समाचार
पत्रों में
प्रकाशित की
गई? यदि
निविदाएं
आमंत्रित
नहीं की गई तो
सामग्री बिना
निविदा के क्यों
एवं किसके
आदेश पर क्रय
की गई?
(ग) क्या
वर्ष 2012-13
में फोटोकॉपी
मशीन,
स्टेशनरी
एवं कन्टेंजेंसी
के बिलों का
भुगतान किया
गया है? यदि हाँ,
कितना भुगतान
किस फर्म को
कब किया गया
है? (घ)
क्या
सी.एम.एच.ओ.
कार्यालय
शिवपुरी
द्वारा क्रय की
गई सामग्री, प्रशिक्षण
एवं भर्ती
प्रक्रिया
में भ्रष्टाचार
मरीजों को दिए
जाने भोजन में
भ्रष्टाचार
से संबंधित
शिकायतें
वर्ष 2014
एवं वर्ष 2015 में
प्राप्त हुई
है? यदि
हाँ,
तो उक्त
शिकायतों पर
क्या
कार्यवाही की
गई?
लोक
स्वास्थ्य
एवं परिवार
कल्याण
मंत्री ( डॉ.
नरोत्तम
मिश्र ) : (क)
जी हाँ। वर्ष 2012-13
से वर्ष 2015-16 में
क्रय की गई
सामग्री की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र “अ“ अनुसार।
जी हाँ।
सामग्री क्रय
करते समय
भंडार क्रय नियमों
का पालन किया
गया। शेष का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ख)
जी हाँ। जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र “ब“ अनुसार।
शेष का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग)
जी हाँ। वर्ष 2012-13
में फोटोकॉपी
मशीन,
स्टेश्नरी
एवं
कन्टेंजेंसी
के बिलों का
भुगतान की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र “स“ अनुसार।
(घ) जी हाँ। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र “द“ अनुसार।
उत्तर दिनांक 27.01.2015 पर कार्यवाही
105. ( क्र. 7164 ) श्री रामसिंह यादव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या संचालनालय एकीकृत विकास सेवा मध्यप्रदेश के पत्र क्रमांक स्था.-4/2015 /246 भोपाल दिनांक 19.01.2015 जारी किया गया है? यदि हाँ, तो पत्र के क्रम में कब एवं क्या जवाब प्राप्त हुआ? जवाब के बिन्दुओं का परीक्षण कर क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या उक्त जवाब में जो दस्तावेजी प्रमाण दिए गए हैं उन पर कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो जवाब के कौन-कौन से बिन्दु पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? संचालनालय में उपलब्ध रिकार्ड के अनुसार जवाब के कौन-कौन से बिन्दु सत्य एवं सिद्ध पाए गए हैं? (ग) क्या संचालनालय द्वारा पत्र दिनांक 19.01.2015 के क्रय में प्रस्तुत जवाब दिनांक 27.01.2015 में दिए गए जवाब एवं लगाए गए आरोप रिकार्ड अनुसार स्वयं प्रमाणित है? यदि हाँ, तो उन बिन्दुओं पर क्यों कार्यवाही नहीं की गई? यदि नहीं, तो क्या कार्यवाही की गई का विवरण देवें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। दिनांक 27/01/2015 को जवाब प्राप्त हुआ, जिसमें शासकीय अभिलेखों एवं व्यक्तिगत सुनवाई में प्रस्तुत साक्ष्यों के आधार पर संबंधित को संचालनालय एकीकृत बाल विकास सेवा के आदेश क्रमांक 5505 दिनांक 30/10/2015 द्वारा बहाल किया गया तथा आदेश क्रमांक 820 दिनांक 26/02/2016 द्वारा प्रकरण समाप्त किया गया। (ख) जी नहीं। प्रस्तुत जवाब में आँगनवाड़ी कार्यकर्ता की नियम विरूद्ध नियुक्ति बाबत् लेख किया गया है। उक्त आँगनवाड़ी कार्यकर्ता की सेवाऐं समाप्त की गई जिसके कारण आँगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा माननीय न्यायालय में याचिका प्रस्तुत की गई है। प्रकरण माननीय न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण कोई कार्यवाही नहीं की गई। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता हैं। (ग) जी नहीं। आरोप प्रमाणित नहीं होने के कारण संचालनालय एकीकृत बाल विकास सेवा के आदेश क्रमांक 820 दिनांक 26/02/2016 द्वारा प्रकरण समाप्त किया गया।
टेंकरों पर की गई कार्यवाही
106. ( क्र. 7195 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 29 मई 2015 को खरगोन जिले के प्रभारी मंत्री जी द्वारा अमानक डीजल संबंधी कोई पत्र/आदेश/मौखिक कार्यवाही खरगोन के किसी पुलिस थाने में प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो पुलिस द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी देवें? (ख) उक्त घटना स्थल पर जब्त टेंकर, पिक-अप या अन्य सामग्री आदि सनावद के किस थाने में जब्त कर कब रखे गये थे, तथा इन वाहनों को कब किस आदेश के अंतर्गत छोड़ा गया? (ग) अमानक डीजल बनाने संबंधी जिला आपूर्ति अधिकारी, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी, सहायक आपूर्ति अधिकारी या खाद्य विभागीय अधिकारियों द्वारा पुलिस कार्यवाही के लिए खरगोन पुलिस अधीक्षक या बड़वाह, सनावद के किसी थाने में कोई पत्र दिया गया है? पत्र का विवरण देवें?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी हाँ, दिनांक 29.05.2015 को जिले के प्रभारी मंत्री जी के पी.ए. द्वारा अमानक डीजल के संबंध में मौखिक रूप से थाना सनावद को सूचना दी गई थी। पुलिस द्वारा मौके पर पहुंचकर खाद्य विभाग द्वारा की गई कार्यवाही में सहायता की गई थी एवं बाद में कलेक्टर खरगोन के पत्र के साथ संलग्न सहायक अपूर्ति अधिकारी बड़वाह द्वारा प्रस्तुत जाँच प्रतिवेदन पर थाना सनावद में दिनांक 01.06.2015 को अपराध क्रमांक 207/15 धारा 24 विधिक माप अधिनियम, 2009 धारा 3/7 आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1995 एवं धारा 120बी भा.द.वि. का पंजीबद्ध किया गया है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। सहायक अपूर्ति अधिकारी, बड़वाह द्वारा प्रश्नांकित कार्यवाही के संबंध में जाँच प्रतिवेदन थाना सनावद में प्रस्तुत किया गया था। सहायक अपूर्ति अधिकारी, बड़वाह का जाँच प्रतिवेदन मेसर्स जी.एस. बल्क केरियर्स डीजल, पेट्रोल पम्प ग्राम खनगांव, तहसील सनावद एवं मेसर्स आर.आर. कान्ट्रेक्टर केरोसीन थोक डीलर्स सनावद की जाँच विषयक था।
गंभीर बिमारियों का नि:शुल्क इलाज
107. ( क्र. 7208 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में 1 जनवरी 2014 के पश्चात कितने मरीज गंभीर बीमारी कैंसर, एड्स, हार्टअटेक एवं किडनी खराब होने के रजिर्स्टड हुए हैं? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित मरीजों के मुख्यमंत्री सहायता अंतर्गत नि:शुल्क इलाज हेतु कितने प्रकरण राज्य शासन को भेजे गये, इनमें से कितनों का उपचार शासन स्तर पर किया गया, जिलेवार जानकारी देवें? (ग) क्या शासन स्तर पर नि:शुल्क उपचार हेतु प्रक्रिया का और सरलीकरण किया जाना प्रस्तावित है? (घ) उज्जैन संभाग के कितने निजी चिकित्सालयों को नि:शुल्क उपचार हेतु 1 जनवरी, 2014 के पश्चात् कितनी-कितनी राशि दी गयी, चिकित्सालयवार जानकारी देवें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) उज्जैन संभाग में 1 जनवरी 2014 के पश्चात गंभीर बीमारी कैंसर के 2600, एड्स 1811, हार्टअटेक 4090, किडनी 222 मरीज रजिस्टर्ड हुए हैं। (ख) प्रश्नांश ‘ख’ के संबंध में कैंसर, एड्स, हार्टटेक एवं किडनी के निःशुल्क उपचार हेतु प्रकरण शासन को नहीं भेजे जाते हैं। उक्त गंभीर बीमारियों के उपचार हेतु यथासंभव मुख्यमंत्री सहायता कोष/स्वेच्छानुदान से आर्थिक सहायता स्वीकृत करने की कार्यवाही की जाती है। (ग) मध्यप्रदेश शासन, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के पत्र क्रमांक एफ-12-32/14/सत्रह/मेडि-3 दिनांक 16.09.2014 एवं पत्र क्रमांक एफ-12-32/2014/सत्रह/ मेडि-3 दिनांक 29.01.2015 के अनुसार प्रक्रिया का सरलीकरण किया गया है। अन्य कोई प्रस्ताव सरलीकरण का विचाराधीन नहीं है। (घ) उज्जैन संभाग में 1 जनवरी, 2014 से निःशुल्क उपचार हेतु निजी चिकित्सालय सी.एच.एल. मेडिकल सेन्टर, उज्जैन को रुपये 1,00,000/- (अक्षरी-एक लाख रूपये) की राशि दी गई है।
प्रदेश के नौनिहालों के हित में कार्यवाही नहीं की जाना
108. ( क्र. 7213 ) श्री आरिफ अकील : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस मुख्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश में आये दिन स्कूल के छात्रों द्वारा आत्म हत्या व उसका प्रयास किए जाने के मामले उजागर हुए हैं? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में भोपाल के किस-किस जिले में कितने छात्रों द्वारा आत्म हत्या व हत्या के प्रयास किए गए वर्षवार अवगत करावें?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) प्रदेश में स्कूल के कुछ छात्रों द्वारा आत्महत्या करने के मामले प्रकाश में आये हैं। (ख) वर्ष 01.01.2012 से 29.02.2016 तक भोपाल जिले में वर्षवार छात्रों के द्वारा आत्महत्या एवं आत्महत्या के प्रयास के प्रकरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
राशन कार्ड भ्रष्टाचार कारित कर बनाया जाना
109. ( क्र. 7214 ) श्री आरिफ अकील : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में भोपाल के किस-किस वार्ड से गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार के सदस्यों के किस-किस वर्ष में कितने आवेदन प्राप्त हुए? (ख) उनमें से कितने राशन कार्ड बनाये गये तथा कितने, किन-किन कारणों से अपात्र पाए गए?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वार्डवार जानकारी जिला कार्यालय द्वारा संधारित नहीं होने से संकलित करायी जा रही है।, (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। निरस्त आवेदनों के अपात्र होने की जानकारी एकत्रित कराई जा रही है।
बी.सी.एम. को कम वेतन दिया जाना
110. ( क्र. 7237 ) पं. रमेश दुबे : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में क्या संविदा पर बी.सी.एम. की नियुक्ति की गयी है? यदि हाँ, तो कुल कितने बी.सी.एम. की नियुक्ति की गयी है? जिलेवार संख्यात्मक जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में बी.सी.एम. की सेवा शर्तें क्या है? इनके नियमितीकरण की क्या व्यवस्था है? इनके स्थानान्तरण की क्या प्रक्रिया है? बतावें? (ग) क्या यह सही है कि प्रदेश के अन्य जिलों में बी.सी.एम. को 17100 रूपये प्रतिमाह वेतन भुगतान किया जा रहा है जबकि छिन्दवाड़ा जिले में केवल 15000 रूपये प्रतिमाह ही भुगातन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों? (घ) क्या ज्वाइनिंग के एक वर्ष पूर्ण होने पर बी.सी.एम. को 17100 रूपये भुगतान किये जाने का आदेश है? यदि हाँ, तो क्या शासन प्रदेश के अन्य जिलों की भॉति छिन्दवाड़ा जिले के बी.सी.एम. को भी उनकी वरिष्ठता के आधार पर प्रति माह 17100 रूपये भुगतान करने का आदेश देगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। कुल 258 बी.सी.एम. की नियुक्ति की गई। प्रश्न भाग की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार। (ख) बी.सी.एम. की सेवा शर्तों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। बी.सी.एम. के नियमितीकरण का कोई प्रावधान नहीं है। आपसी, पति-पत्नी एवं प्रशासकीय आधार पर संविदा कर्मचारियों का स्थानांतर किये जाने का प्रावधान है। (ग) जी हाँ। छिन्दवाड़ा जिले के बी.सी.एम. को वर्ष 2013-14 में कार्य आधारित मूल्याकंन नहीं होने पर मानदेय में वृद्धि नहीं की गई। इस कारण वर्तमान में 15000 रूपये दिये जा रहे हैं। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रोगी कल्याण समिति के व्यय की जानकारी
111. ( क्र. 7248 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के चिकित्सालयों में विगत 03 वर्षों में वर्षवार रोगी कल्याण समिति में कितनी राशि प्राप्त हुई? रोगी कल्याण समिति से प्राप्त राशि के व्यय के शासन निर्देश क्या हैं? चिकित्सालयवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित चिकित्सालयों में विगत 3 वर्षों में किस-किस मद में कौन-कौन से निर्माण कार्य कितनी राशि के स्वीकृत हुये हैं? क्या इन निर्माण कार्यों में स्थानीय जनप्रतिनिधियों से सलाह लिये जाने का प्रावधान है? स्वीकृत कार्यों में भंडार क्रय नियमों का पालन किया गया है या नहीं? चिकित्सालयवार व्ययवार जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित रोगी कल्याण समिति के व्यय का ऑडिट विगत 3 वर्षों में किस-किस ऐजेन्सी से कराया गया है या नहीं? यदि हाँ, तो ऐजेन्सी द्वारा कौन-कौन सी अनियमितताएं पाई गई हैं? जनभागीदारी मद से स्वीकृत राशि शासन की होने से क्या इसका ऑडिट महालेखाकार ग्वालियर से कराया गया है या नहीं? यदि नहीं, तो कब तक ऑडिट कराया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार। रोगी कल्याण समिति की साधारण सभा में मनोनीत सदस्य सासंद, प्रभारी मंत्री, विधायक एवं अन्य जन प्रतिनिधियों की सलाह एवं अनुमोदन उपरान्त निर्माण कार्य किये जाते है। जी हाँ भण्डार क्रय 2010 का पालन किया गया। (ग) जिला चिकित्सालय विदिशा में वर्ष 2012-13 से 2014-15 तक का ऑडिट महालेखाकार ग्वालियर एवं दिल्ली से कराया गया है, जिसमें कोई अनियमितता नहीं पाई गई। जिले की अन्य स्वास्थ्य संस्थाओं में जहां विगत तीन वर्षों से ऑडिट नहीं हुआ है इस हेतु मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। रोगी कल्याण समिति नियमावली 2010 में निहित प्रावधान अनुसार दो माह में शासन से अधिकृत ऐजेन्सी (सी.ए.) से ऑडिट करा लिया जायेगा।
बालिका समृद्धि योजना
112. ( क्र. 7249 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भारत सरकार द्वारा बालिका समृद्धि योजना प्रदेश में कब लागू की गई और कब तक लागू रही? (ख) विदिशा जिले में बालिका समृद्धि योजना के तहत कितनी बालिकाओं को योजना दिनांक तक लाभान्वित कर उनके नाम कितनी-कितनी राशि जमा करवाई गई तथा इन बालिकाओं के नाम की गई? एन.एस.सी. अथवा एफ.डी. राशि की परिपक्वता दिनांक के बाद रिन्यूवल कब-कब करवाई गई? यदि नहीं, तो क्यों और किस दिनांक से नहीं करवाया गया बतावें? (ग) गंजबासौदा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत ऐसी कितनी बालिकाएं है, जिनकी योजना के अंतर्गत बालिकाओं के नाम की गई एन.एस.सी. अथवा एफ.डी. राशि की परिपक्वता तिथि अथवा बालिका की उम्र 18 वर्ष पूर्ण हो चुकी है इन्हें उक्त राशि भुगतान की पात्रता है या नहीं? यदि हाँ, तो राशि का भुगतान कब तक किया जावेगा? नहीं तो कारण देवें? परियोजनावार जानकारी देवें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) भारत सरकार द्वारा बालिका समृद्धि योजना अगस्त, 1997 को लागू की गई एवं वर्ष 2005-06 तक योजना लागू रही। (ख) जिला विदिशा अंतर्गत बालिका समृद्धि योजना के तहत कुल 3339 बालिका लाभान्वित कर उनके नाम रूपये 500/- प्रति बालिका राशि बैंक/पोस्ट ऑफिस में जमा कराई गई। कुल राशि 16,69,500/-। बालिका समृद्धि योजना वर्ष 2005-06 में बंद हो जाने से सभी के रिन्यूवल की कार्यवाही नहीं की गई। (ग) गंजबासौदा विभानसभा क्षेत्र अंतर्गत 799 बालिकाओं के नाम रूपये 500/- प्रति बालिका के मान से राशि जमा कराई गई। बैंक/पोस्ट ऑफिस में रूपये 3,99,500/- योजना अंतर्गत 04 बालिकाओं को परिपक्वता राशि का भुगतान बैंक में जमा है। एफ.डी. परिपक्व होने पर स्वत: ही रिन्यू होने से पृथक से रिन्यू नहीं कराई गई। 18 वर्ष पूर्ण होने पर परियोजनवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
अनियमितताओं के संबंध में
113. ( क्र. 7251 ) श्री संजय उइके : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 18.12.2015 के अता. प्रश्न संख्या-150 (क्रमांक 2517) पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ख) उपरोक्तानुसार गांधी चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल में पदस्थ स्टेटिस्टीशियन की भर्ती/पदोन्नति नियम विरूद्ध शासकीय आवास आवंटन भर्ती नियमों की अवहेलना कर नियुक्ति फर्जी जाति प्रमाण-पत्र एम.सी.आई. के निर्देशों की अवहेलना इत्यादि बिन्दुओं पर विभाग का क्या कथन है? (ग) उक्त स्टेटिस्टीशियन पर इतने सारे अनियमितताओं के आरोपों के पश्चात् भी विभाग/डीन इन पर कार्यवाही क्यों नहीं कर रहा है? (घ) क्या शासन उपरोक्त फर्जी नियुक्ति/पदोन्नति को तत्काल निरस्त करने हेतु संबंधित कर्मचारी को निलंबित करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित प्रश्न का उत्तर विधान सभा को दिनांक 14 दिसम्बर, 2015 को प्रेषित किया गया था। (ख) प्रश्नांश में उल्लेखित प्रकरण की जाँच अधिष्ठाता, चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल द्वारा डॉ. करण पीपरे, प्राध्यापक, न्यूक्लियर मेडिसिन विभाग से कराई गई। जाँच अधिकारी द्वारा प्रस्तुत जाँच प्रतिवेदन अधिष्ठाता, चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल द्वारा सहमति व्यक्त करते हुए प्रकरण नस्तीबद्ध करने की अनुशंसा पत्र दिनांक 31 मार्च, 2015 द्वारा संचालक, चिकित्सा शिक्षा को प्रेषित किया गया। संचालनालय के पत्र क्रमांक 665/सतर्कता/5/15, दिनांक 24 अप्रैल, 2015 द्वारा शिकायतकर्ता को प्रकरण जाँचोपरांत नस्तीबद्ध किए जाने की जानकारी प्रेषित की गई है। (ग) स्टेटिस्टीशियन पर लगे अनियमितता के आरोप निराधार होने से कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश ‘‘क’’ के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्राप्त बजट के विरूद्ध उपकरण/भवन मरम्मत/जीर्णोद्धार
114. ( क्र. 7253 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिविल सर्जन सह अधीक्षक, जिला चिकित्सालय विदिशा को वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में उपकरण/भवन मरम्मत/ जीर्णोद्धार मद में कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई? (ख) उपरोक्तानुसार प्राप्त बजट के विरूद्ध कौन-कौन से कार्य मरम्मत/जीर्णोद्धार के नियम के तहत किन-किन प्रदायकर्ताओं से कराये गये? (ग) उपरोक्तानुसार किस-किस प्रदायकर्ताओं को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किस प्रक्रिया के तहत किया गया?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
दवाइयों एवं सामग्री क्रय हेतु आवंटन
115. ( क्र. 7256 ) श्री कमल मर्सकोले : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग में स्थानीय क्रय हेतु क्या-क्या दिशा निर्देश/नियम हैं एवं कुल आवंटित बजट की कितने प्रतिशत भाग से स्थानीय क्रय के माध्यम से क्रय किया जा सकता है? (ख) वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल को दवाइयों एवं सामग्री क्रय हेतु कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं उक्त राशि में से कितनी-कितनी राशि से स्थानीय माध्यम से क्रय किया गया? (ग) उपरोक्तानुसार जो औषधि/सामग्री स्थानीय स्तर पर क्रय की गई व औषधि/सामग्री म.प्र. पब्लिक हेल्थ कॉर्पोरेशन में किस-किस दरों पर उपलब्ध थी एवं अंतर बतावें। (घ) उपरोक्तानुसार हेल्थ कॉर्पोरेशन में उपलब्ध दवाईयां एवं सामग्री को अन्य माध्यमों से अधिक दर पर क्रय करोड़ों रूपये की शासन को क्षति पहुँचाने वाले फार्फासिस्ट/स्टोर कीपर श्री गुलाबसिंह पर क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) दवा क्रय नीति वर्ष 2009 के अंतर्गत औषधि मद में आवंटित बजट राशि में से 80 प्रतिशत राशि से संचालनालय एवं म.प्र. पब्लिक हेल्थ सर्विसेस कॉर्पोरेशन द्वारा निर्धारित फर्मों से एवं शेष 20 प्रतिशत राशि से स्थानीय स्तर से औषधियों के क्रय करने हेतु नियम निर्धारित किये गये है। (ख) वित्तीय वर्ष 2014-15 एवं वित्तीय वर्ष 2015-16 में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल को संचालनालय के माध्यम से नियमित बजट अतंर्गत औषधि/सामग्री हेतु प्राप्त बजट आवंटन की जानकारी निम्नानुसार है :-
क्र. |
वर्ष |
औषधि मद में प्राप्त आवंटन |
सामग्री मद में प्राप्त आवंटन |
1. |
2014-15 |
71,47,817/- |
30,53,550/- |
2. |
2015-16 |
61,89,000/- |
33,27,059/- |
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (आर.सी.एच./एन.आर.एच.एम.) में प्राप्त बजट आवंटन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' एवं ''2'' अनुसार। स्थानीय स्तर पर क्रय की गई औषधि एवं सामग्री की सूची वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''3'' एवं ''4'' अनुसार। (ग) स्थानीय क्रय के माध्यम से क्रय की गई औषधि एवं सामग्री की दर एवं मध्यप्रदेश पब्लिक हेल्थ कार्पोरेशन द्वारा निर्धारित की गई औषधि एवं सामग्री की दरों के अंतर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''5'' अनुसार। (घ) मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला-भोपाल के भण्डार शाखा में पदस्थ श्री गुलाब सिंह फार्मासिस्ट ग्रेड-2 पर कार्यवाही करते हुए संबंधित को मूल पदस्थापना स्थल प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मिसरोद हेतु कार्यमुक्त किया गया है। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''6'' अनुसार।
युवा संसद का कार्यक्रम
116. ( क्र. 7263 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर में किन-किन महाविद्यालय एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में युवा संसद का कार्यक्रम वित्तीय वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में आयोजित किया है? विधान सभा क्षेत्रवार जानकारी प्रदान करें? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित संस्थाओं में उपस्थित सांसद एवं विधायकों का नाम बतावें? क्या कुछ संस्थाओं में माननीय सांसदों एवं विधायकों को आमंत्रित नहीं किया है? कारण क्या है? (ग) उक्त कार्यक्रम में सांसद एवं विधायकों को उपस्थित रहने का कोई नियम हो तो बतावें? कार्यक्रम में आमंत्रित न करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कोई कार्यवाही होगी? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) वर्ष 2014-2015 में अनूपपुर जिले के (1) शासकीय महाविद्यालय, जैतहरि, (2) संस्कार विधि स्नातकोत्तर महाविद्यालय, अनूपपुर, (3) शासकीय तुलसी महाविद्यालय, अनूपपुर, (4) शासकीय उत्कृष्ट उ.मा. विद्यालय, जैतहरि और (5) शासकीय मॉडल स्कूल, जैतहरि में तथा वर्ष 2015-2016 में (1) शासकीय महाविद्यालय, जैतहरि तथा (2) शासकीय उत्कृष्ट उ.मा. विद्यालय, जैतहरि में युवा संसद मंचन के कार्यक्रम हुए। (ख) वर्ष 2014-2015 तथा 2015-2016 में शासकीय महाविद्यालय, जैतहरि में आयोजित कार्यक्रमों में माननीय प्रश्नकर्ता विधायक उपस्थित थे। शासकीय उत्कृष्ट उ.मा. विद्यालय, जैतहरि तथा शासकीय मॉडल स्कूल, जैतहरि में पंचायत निर्वाचन की आचार संहिता लागू होने के कारण जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित नहीं किया गया था। (ग) ऐसे कोई नियम नहीं हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कैदियों को रखने की क्षमता
117. ( क्र. 7265 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल एवं बुढ़ार क्रमश: जिला जेल एवं उपजेल में कितने-कितने कैदियों की रखने की क्षमता है? शासन द्वारा स्वीकृत संख्या की जानकारी प्रदान करें? (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित जेल में अनूपपुर जिले के कितने कैदी बंद है? नाम, पता, अपराध की जानकारी प्रदान करें? (ग) अनूपपुर जिले में जेल भवन बनने की स्वीकृत कब प्राप्त हुई है? स्वीकृत दिनांक से आज तक कार्य प्रगति क्या है? क्या विभाग भवन पूर्ण कराने हेतु राशि स्वीकृत प्रदान करेगी? यदि हाँ, तो कब तक समय-सीमा बतावें?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
चिकित्सा महाविद्यालय खोलना
118. ( क्र. 7266 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संभाग मुख्यालय शहडोल में चिकित्सा महाविद्यालय खोलने हेतु माननीय मुख्यमंत्री जी ने कब घोषणा की है? विभाग ने अब तक घोषणा का परिपालन किस स्तर तक किया है? (ख) उक्त महाविद्यालय अपने पूर्ण स्वरूप में कब तक आ जाएगा? वित्तीय वर्ष 2015-16 में महाविद्यालय के विकास की क्या योजना है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) शहडोल में शासकीय नवीन चिकित्सा महाविद्यालय खोलने हेतु माननीय मुख्यमंत्रीजी द्वारा दिनांक 9.3.2013 को घोषणा की गई थी। माननीय मुख्यमंत्रीजी द्वारा दिनांक 09.03.2013 को की गई घोषणा के परिपालन में शहडोल में 100 सीटेड शासकीय नवीन चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना हेतु भूमि का चयन एवं हस्तांतरण, निर्माण एजेन्सी मध्य प्रदेश रोड़ डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड भोपाल को नामांकित किया गया हैं, डी.पी.आर. चयनित वास्तुविद द्वारा तैयार की गई है, परियोजना का एम.सी.आई. मापदण्ड अनुसार परीक्षण किया गया है, माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा दिनांक 13.9.2013 को चिकित्सा महाविद्यालय के निर्माण कार्य का शिलान्यास किया गया है, चिकित्सा शिक्षा विभाग के आदेश क्रमांक एफ 4-59/2015/55/2 दिनांक 9.12.2015 द्वारा पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति राशि रू. 224.31 करोड़ की जारी की गई है। प्रभारी अधिष्ठाता द्वारा भारतीय चिकित्सा परिषद नई दिल्ली की अनुमति हेतु आवेदन पत्र दिनांक 27.8.2015 को प्रेषित किया जा चुका है। मेडिकल विश्वविद्यालय जबलपुर से सम्बद्धता के लिए भी आवेदन दिनांक 27.8.2015 को प्रेषित किया जा चुका है। वर्तमान में निर्माण पूर्व के कार्य प्रारंभ है एवं नवीन पद स्वीकृत करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) शहडोल में शासकीय नवीन चिकित्सा महाविद्यालय का भवन निर्माणाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
फूड इंस्पेक्टरों की जाँच
119. ( क्र. 7268 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के अनुभाग मनगवां, सिरमौर, त्यौथर, रीवा एवं मऊगंज में कौन-कौन फूड इंस्पेक्टर कब से पदस्थ है? पदस्थापनावार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में पदांकित फूड इंस्पेक्टरों को राजस्व वसूली हेतु क्या लक्ष्य निर्धारित है एवं कितने प्रकरण, पेट्रोल पंपों, होटलों एवं उचित मूल्य के दुकानों में पंजीबद्ध किये गये है, वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक अनुमानवार सूची देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में कितने पुलिस प्रकरण बनाये गये हैं? प्रकरण बनाते समय क्या मनगवां अनुभाग में फूड इंस्पेक्टर से मारपीट की घटना हुई है? घटना की जानकारी उपलब्ध कराएं? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) में दोषी कर्मचारियों के विरूद्ध क्या दंडात्मक कार्यवाही व कब तक की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार हैं। (ख) कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी को राजस्व वसूली हेतु लक्ष्य निर्धारित नहीं किया जाता है। वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक रीवा जिले के मनगवां, सिरमौर, त्यौंथर, रीवा एवं मऊगंज अनुभाग में पेट्रोल पम्पों के 74, होटलों आदि में गैस दुरूपयोग के 86 एवं उचित मूल्य के दुकानों के 225 प्रकरण पंजीबद्ध किए गए हैं। अनुभागवार एवं प्रकरणवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के उत्तर में उल्लेखित प्रकरणों में से शासकीय उचित मूल्य दुकानों के कुल 06 प्रकरणों में संबंधित विक्रेताओं को चोर बाजारी अधिनियम, 1980 के अंतर्गत निरूद्ध किए जाने के आदेश जारी किए गए तथा 08 उचित मूल्य दुकानों के विक्रेता, 01 पेट्रोल पम्प के संचालक/प्रबंधक के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराई है। श्री रामसुफल कोरी कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी मनगवां द्वारा दिनांक 23.01.2014 को मेसर्स कन्हैया होटल मनगवां में घरेलू गैस एवं केरोसीन दुरूपयोग की जाँच के दौरान होटल के मालिक श्री रामबहोर गुप्ता एवं उनके साथियों द्वारा श्री कोरी के साथ मारपीट की गई। इसके संबंध में श्री कोरी द्वारा थाना मनगवां में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई गई। प्रकरण विशेष न्यायालय अनुसूचित जाति/जनजाति रीवा में प्रचलित है। (घ) प्रश्नांश ''ख'' एवं ''ग'' के उत्तर के संदर्भ में कर्मचारी दोषी नहीं होने से दण्डात्मक कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
डाक्टरों की कमी
120. ( क्र. 7279 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. में चिकित्सकों की भारी कमी है जिससे 50 प्रतिशत अधिक औषधालय बगैर चिकित्सक खाली पड़े हैं? (ख) क्या एलोपैथिक चिकित्सक ग्रामीण क्षेत्रों में नहीं जाना चाहते? (ग) यदि हाँ, तो पी.एस.सी. परीक्षा 2013 द्वारा चयनित अनुपूरक सूची के 183 आयुर्वेद चिकित्सकों को क्यों न ग्रामीण क्षेत्रों में भेजा जाये जिससे ग्रामीणों को चिकित्सा लाभ मिल सके? (घ) क्या भविष्य में आयुर्वेदिक चिकित्सकों एवं होम्योपैथिक की चिकित्सकों को ग्रामीण क्षेत्रों में भेजे जाने की शासन की मंशा है तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) चिकित्सकों की कमी दूर करने हेतु वर्ष 2015 में 112 होम्योपैथी चिकित्सा अधिकारियों की एवं 24 यूनानी चिकित्सा अधिकारियों की नियुक्ति की कार्यवाही की गई है। आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारियों के 710 पदों को भरने की कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) जी नहीं (ग) प्रश्नांश ‘‘ख’’ के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) आयुर्वेद एवं होम्योपैथिक चिकित्सकों को ग्रामीण क्षेत्रों में स्वीकृत आयुर्वेद एवं होम्योपैथिक औषधालयों में पदस्थ किया जाता है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन का निर्माण
121. ( क्र. 7283 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 26.2.2016 को प्रश्न क्र. 706 के उत्तर में बताया गया है कि ईसानगर में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन निर्माण हेतु 15.9.2008 को 176.30 लाख रू. स्वीकृत किये गये एवं पर्याप्त भूमि न होने से प्रशासकीय स्वीकृति 1.9.14 से निरस्त की गई? कुल कितनी भूमि भवन हेतु चाहिये, क्षेत्रफल फुट में बतावें? (ख) चिकित्सालय प्रांगण में अथवा आसपास चाही गई भूमि उपलब्ध होने पर भवन निर्माण हेतु नवीन स्वीकृत कब तक की जा सकेगी? (ग) वर्तमान में कितनी लागत मूल्य की स्वीकृति मान. मंत्री जी देंगे?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। लगभग 48048 वर्ग फीट। (ख) यथा-शीघ्र, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) भूमि की उपलब्धता के आधार पर मानचित्र तैयार कर प्राक्कलन अनुसार राशि की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जावेगी।
पुलिस चौकियों की जानकारी स्थानांतरण
122. ( क्र. 7284 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में कुल कितनी पुलिस चौकी कार्यरत हैं? प्रत्येक में कहाँ, कितने पद स्वीकृत हैं? सूची सहित जानकारी दें? (ख) बिजावर विधान सभा क्षेत्र में कुल कितनी पुलिस चौकियां हैं, कहाँ, कितना पुलिस बल स्वीकृत है? कितना पदस्थ है? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार किस चौकी का कितना कार्यक्षेत्र है वर्ष 2014, 2015 में कहाँ कितने प्रकरण दर्ज हुए? (घ) जो चौकियां कार्यक्षेत्र में एवं प्रकरण दर्ज होने में कम हैं क्या उन्हें अन्यत्र स्थापित करेंगे? यमदुली जैसी बड़ी जगह पर पुलिस चौकी अत्यंत जरूरी है? यहां चौकी खोलेंगे या स्थानांतरित करेगें?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब‘ अनुसार। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स‘ अनुसार। (घ) वर्तमान में चौकियों के अन्यत्र स्थापित करने की कोई आवश्यकता महसूस नहीं हो रही है। यमटुली में नवीन चौकी की वर्तमान में कोई आवश्यकता नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आयुर्वेदिक एवं होम्योपैथिक चिकित्सालय केन्द्र
123. ( क्र. 7288 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन केन्द्र/राज्य प्रवर्तित नीति एवं योजनाओं के माध्यम से आयुर्वेदिक एवं होम्योपैथिक उपचार प्रदान करने हेतु निरंतर कार्य कर रहा है? (ख) यदि हाँ, तो क्या प्रदेश के साथ ही रतलाम जिले में भी उपरोक्तानुसार विभिन्न केन्द्रों के माध्यम से उपचार प्रदान किया जा रहा है? (ग) यदि हाँ, तो रतलाम जिला अंतर्गत आयुर्वेदिक एवं होम्योपैथिक अस्पताल/केन्द्र कुल कितने होकर किन-किन स्थानों पर अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं, साथ ही इस हेतु कितने चिकित्सकों, वैद्यो एवं अधीनस्थ अमले के कुल कितने पद स्वीकृत होकर कितने पद रिक्त पड़े हैं? (घ) कृपया रतलाम जिले में उपरोक्तानुसार जानकारी प्रदान करने के साथ ही वर्ष 2013-14 से लेकर प्रश्न दिनांक तक शासन ने इस हेतु कितना बजट स्वीकृत कर किन-किन कार्यों पर कितना व्यय हुआ?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ अनुसार। (घ) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’ अनुसार।
आँगनवाड़ी भवनों-केन्द्रों एवं पोषण आहार
124. ( क्र. 7289 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शासन महिला एवं शिशुओं के स्वास्थ्य हेतु आँगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से शासन की अनेक विभागीय योजनाओं का क्रियान्वयन कर रहा है? (ख) यदि हाँ, तो जावरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत जावरा नगर, पिपलौदा तहसील एवं जावरा तहसील में कुल कितने आँगनवाड़ी केन्द्र होकर संचालित हो रहे हैं? साथ ही क्या समस्त केन्द्रों का संचालन शासन द्वारा स्वीकृत आँगनवाड़ी भवनों में हो रहा है? (ग) यदि हाँ, तो उपरोक्त क्षेत्र में कुल कितने आँगनवाड़ी केन्द्र होकर कुल कितनो का अपना स्वयं का भवन है एवं कुल कितने केन्द्र भवन विहीन होकर कितने आँगनवाड़ी भवनों की किन-किन ग्रामों/नगरों में आवश्यकता है? (घ) केन्द्रों के भवनों की स्थिति, भवन कार्यों के निर्माण की पूर्णता, अपूर्णता, अतिरिक्त भवनों की आवश्यकताओं के साथ ही केन्द्रों पर पोषण आहार विभागीय मीनू के अनुसार क्या-क्या, किन-किन व्यवस्थाओं के माध्यम से दिया जा रहा है तथा प्रतिदिन ताजा पोषण आहार तैयार किया जाता है, तो कैसे?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जावरा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत जावरा नगर, पिपलौदा एवं जावरा तहसील में कुल 404 आँगनवाड़ी केन्द्र संचालित हो रहे हैं। जी नहीं। 101 आँगनवाड़ी केन्द्रों का संचालन शासन द्वारा स्वीकृत भवनों में हो रहा है। (ग) जावरा विधान सभा क्षेत्र के जावरा एवं पिपलौदा तहसील में कुल 404 आँगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। जिसमें 101 केन्द्र स्वयं के भवन (विभागीय भवन) में, 221 आँगनवाड़ी केन्द्र शासकीय भवनों में एवं 82 आँगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों (भवन विहीन) में संचालित है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (घ) केन्द्रों के भवनों की स्थिति, भवन कार्यों के निर्माण की पूर्णता, अपूर्णता, अतिरिक्त भवनों की आवश्यकताओं संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। केन्द्रों पर पोषण आहार विभागीय मीनू की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है। आँगनवाड़ी केन्द्रों पर पोषण आहार ग्रामीण क्षेत्र में सांझा चूल्हा व्यवस्था एवं शहरी क्षेत्र में शहरी पोषाहार व्यवस्था के माध्यम से दिया जा रहा है तथा प्रतिदिन ताजा पोषण आहार प्रदायकर्ता स्व-सहायता समूह द्वारा तैयार किया जाता है।
राज्य बीमारी सहायता निधि के लंबित प्रकरण
125. ( क्र. 7309 ) श्री वीरसिंह पंवार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन एवं विदिशा जिले में राज्य बीमारी सहायता निधि से राशि स्वीकृत करने के संबंध में मार्च 16 की स्थिति में किन-किन के प्रकरण कब से एवं क्यों लंबित है कारण बतायें? (ख) 1 जनवरी 14 से मार्च 16 तक की अवधि में राज्य बीमारी सहायता निधि से प्रकरण स्वीकृत करने के संबंध में मान. मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को उक्त जिलों के किन-किन विधायकों के पत्र प्राप्त हुए? (ग) उक्त पत्रों पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? संबंधित हितग्राही तथा मान. विधायकगणों को सूचना क्यों नहीं दी गई? (घ) उक्त योजना में कौन-कौन सी बीमारी का किन-किन चिकित्सालयों में इलाज होता है तथा इसके प्रचार प्रसार हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) रायसेन एवं विदिशा जिले में राज्य बीमारी सहायता निधि योजना के अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक कोई भी प्रकरण लंबित नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ग) जानकारी प्रश्नांश ‘ख’ के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ में समाहित है। संबंधित हितग्राहियों एवं विधायकगणों को भी सूचना दी गई है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। राज्य बीमारी सहायता निधि योजना के अन्तर्गत प्रचार-प्रसार हेतु जिले के खंड चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया जाता है कि अपने अधीनस्थ कार्यरत ए.एन.एम./ एम.पी.डब्ल्यू./ सुपरवाईजर एवं अस्पतालों की सूचना पटल पर भी जानकारी चस्पा की जाती है एवं आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा गांव-गांव भ्रमण के दौरान विभागों में संचालित योजनाओं से संबंधित प्रचार प्रसार किया जाता है।
शासकीय उचित मूल्य की दुकानों की स्थापना
126. ( क्र. 7312 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा गत वर्ष प्रदेश में पंचायतवार शासकीय उचित मूल्य की दुकानें खोले जाने का निर्णय लिया गया है? यदि हाँ, तो बतावें कि कब तक निर्णय अनुसार पंचायतवार शासकीय उचित मूल्य की दुकानें प्रारंभ करा दी जावेंगी? (ख) क्या उपरोक्तानुसार उचित मूल्य की दुकानें प्रारंभ करने हेतु शासन द्वारा निर्धारित मापदण्डों के आधार पर खाद्य विभाग द्वारा आवेदन भी आमंत्रित कर लिये गये थे? यदि हाँ, तो क्या भविष्य में पुन: आवेदन आमंत्रित किये जावेंगे अथवा प्राप्त आवेदनों पर ही विचार किया जावेगा?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 में संशोधन प्रक्रियाधीन है। संशोधन उपरांत पंचायतवार उचित मूल्य दुकानें खोलने की प्रक्रिया सक्षम अधिकारियों द्वारा की जावेगी। (ख) जी हाँ। संशोधन उपरांत स्थिति स्पष्ट की जा सकेगी।
आयुष औषधालयों में रिक्त पदों की पूर्ति
127. ( क्र. 7313 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के विधान सभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत संचालित आयुर्वेदिक औषधालयों में कौन-कौन से स्वीकृत पदों के विरूद्ध कौन-कौन से पद कब से किन कारणों से रिक्त हैं? औषधालयवार बतावें तथा प्रश्न दिनांक तक उनकी पूर्ति हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या ग्रामीण क्षेत्रों में जनता की सेवा के लिये एक मात्र स्वास्थ्य सुविधा आयुष औषधालय ही होते है किंतु शासन द्वारा इस विभाग की अनदेखी के कारण आयुष केन्द्रों की सेवाऐं लगभग समाप्त है? (ग) यदि हाँ, तो क्या शासन द्वार अति शीघ्र कोई निर्णय लेकर ऐसे रिक्त केन्द्रों पर स्वीकृत सभी पदों पर नियुक्तियां अथवा पदपूर्ति की जावेगी ताकि आमजनता के स्वास्थ्य के प्रति शासन की जवाबदेही पूरी हो सके? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारियों के 710 पदों हेतु चयन की कार्यवाही पूर्ण हो चुकी है, शीघ्र ही रिक्त पदों को भरने की कार्यवाही की जा रही है। (ख) जी नहीं। स्वास्थ्य विभाग का अमला भी ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवायें उपलब्ध कराता है। आयुष औषधालयों के चिकित्सकों के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु 114 होम्योपैथी चिकित्सा अधिकारी एवं 25 यूनानी चिकित्सा अधिकारियों की नियुक्तियां की गई है। 710 आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारियों के चयन की कार्यवाही पूर्ण हो चुकी है, शीघ्र ही रिक्त पदों को भरने की कार्यवाही की जा रही है। पैरामेडिकल स्टॉफ के पदों की पूर्ति हेतु नियुक्ति की कार्यवाही की गई है। (ग) जानकारी प्रश्नांश ''ख'' के उत्तर के अनुसार। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
खाद्यान्न पर्चियों में विलंब
128. ( क्र. 7317 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. में सूखा एवं अतिवृष्टि से प्रभावित किसानों को खाद्यान्न पर्चियों द्वारा खाद्यान्न देने का निर्णय सरकार ने किया है, यदि हाँ, तो म.प्र. में कितने किसानों को उसका लाभ मिलेगा? जिलेवार जानकारी देवें? (ख) क्या शाजापुर जिले के किसानों को खाद्यान्न हेतु पर्चियां प्रदान कर दी गई है? यदि हाँ, तो कितने किसानों को। विकासखण्डवार जानकारी देवें? (ग) क्या शुजालपुर एवं कालापीपल विकासखण्ड की सभी ग्राम पंचायतों में पर्चियां अभी तक प्रदाय नहीं की गई है? अभी तक पर्चियां नहीं प्रदाय की गई तो फिर कैसे किसानों को खाद्यान्न का लाभ दिया जा रहा है?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। प्राकृतिक आपदा से 50 प्रतिशत से अधिक नुकसान होने वाले कृषकों में से 1,64,324 प्रभावित कृषकों को पात्रता पर्ची का वितरण किया जा चुका है। शेष प्रभावित कृषकों में से जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के पात्र परिवार के रूप में सम्मिलित नहीं हैं, उनका सत्यापन किया जाना शेष होने के कारण लाभांवित किए जाने वाले कृषकों की जानकारी दी जाना सम्भव नहीं है।, (ख) जी हाँ। शाजापुर जिले में प्राकृतिक आपदा से 50 प्रतिशत से अधिक नुकसान होने वाले 8,890 कृषकों को पात्रता पर्ची का वितरण किया जा चुका है। सत्यापन से शेष रहे कृषकों का सत्यापन एवं पात्रता पर्ची वितरण का कार्य प्रचलित है। विकासखण्डवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) शुजालपुर एवं कालापीपल विकासखण्ड में सूखा एवं अतिवृष्टि से 50 प्रतिशत से अधिक फसल नुकसान वाले किसानों का प्राथमिकता परिवार के रूप में सत्यापन कार्य पूर्ण किया जा चुका है एवं इन्हें पात्रता पर्ची का वितरण प्रारंभ कर माह अप्रेल, 2016 से राशन सामग्री का प्रदाय किया जाएगा।
उप-स्वास्थ्य केन्द्रों की जानकारी
129. ( क्र. 7318 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर जिले में कुल कितने उप-स्वास्थ्य केन्द्र हैं? विकासखंडवार सूची देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित केन्द्रों में पदस्थ ए.एन.एम. की सूची विकासखंडवार, उप-स्वास्थ्य केन्द्रवार देवें? (ग) क्या 10000 आबादी वाले उप-स्वास्थ्य केन्द्रों में 01-01 ए.एन.एम. ही पदस्थ हैं, यदि नहीं, तो विकासखण्ड कालापीपल के अंतर्गत स्थापित उप-स्वास्थ्य केन्द्रों में कितने-कितने ग्राम लगते है एवं उन ग्रामों की आबादी कितनी-कितनी है? उप-स्वास्थ्य केन्द्रवार जानकारी देवें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) शाजापुर जिले में कुल 103 उप स्वास्थ्य केन्द्र है। विकासखण्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार। (ख) प्रश्नांश भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार। (ग) सामान्यतः एक उप-स्वास्थ्य केन्द्र पर एक नियमित ए.एन.एम. का पद स्वीकृत होता है, लेकिन लेवल-1 डिलेवरी पाईंट/आउट रीच उप स्वास्थ्य केन्द्रों पर एक अतिरिक्त संविदा की ए.एन.एम. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिश्न के अंतर्गत रखने का प्रावधान है। शेष प्रश्न की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार।
सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में जाँच व सुविधाएं
130. ( क्र. 7320 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के समस्त सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में शासन के निर्देशानुसार कितने प्रकार की व कौन-कौन सी जाँचें व दवाईयां नि:शुल्क मरीजों को दी जाती है, के नाम बतावें? उक्त निर्देशानुसार श्योपुर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत संचालित समस्त सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में कौन-कौन सी जांचें व दवाइयों मरीजों को नि:शुल्क वितरण की जा रही है व कौन-कौन सी नहीं व क्यों कारण बतावें? (ख) क्या श्योपुर क्षेत्र में संचालित समस्त सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में शासन के निर्देशानुसार समस्त प्रकार की जाँचों की सुविधा नहीं है एवं समस्त प्रकार की दवाईयां भी मरीजों को वितरित नहीं की जा रही है नतीजन मरीजों को कई प्रकार की जांचें एवं दवाईयां बाजार से क्रय करना पड़ रही है इस कारण मरीजों को शासन द्वारा देय सुविधाओं का समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा है? (ग) यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त सभी सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर शासन निर्देशानुसार जाँचों की सुविधा एवं सभी प्रकार की दवाइयों का वितरण मरीजों को करने के निर्देश विभाग को शीघ्र जारी करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रदेश के समस्त सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में शासन के निर्देशानुसार की जाने वाली जाँच की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “अ“ अनुसार एवं दवाइयों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “ब“ अनुसार। श्योपुर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत संचालित समस्त सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में कौन-कौन सी जाँचें व दवाइयों मरीजों को निःशुल्क वितरण की जा रही है की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “स“ अनुसार। (ख) जी नहीं। उक्त संस्थाओं पर शासन के निर्देशानुसार जाँच एवं दवाईयां मरीजों के निःशुल्क उपलब्ध कराई जाती है। एवं उक्त संस्थाओं पर शासन द्वारा देय सभी सुविधाओं का समुचित लाभ आम जनता को उपलब्ध कराया जा रहा है। (ग) सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर शासन निर्देशानुसार जाँचों की सुविधायें है एवं सभी प्रकार की दवाइयों का वितरण मरीजों को किया जाता है। समय-समय पर उक्त हेतु निर्देश समस्त जिलों की स्वास्थ्य संस्थाओं को जारी किये जाते है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं।
स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ संविदा कर्मचारी
131. ( क्र. 7329 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग में संविदा कर्मचारियों की नियुक्तियों विभिन्न पदों पर की गई है वर्ष 2010 से प्रश्नांश दिनांक तक में रीवा संभाग अंतर्गत कितनी नियुक्तियां कब-कब, किस-किस पद पर व कितने वेतनमान पर की गई है तथा इनके वेतन वितरण की क्या स्थितियां हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संविदा कर्मचारियों द्वारा क्या अपनी विभिन्न मांगों को लेकर दिनांक 29.2.2016 से आंदोलन कर सरकार का ध्यान आकर्षण कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो इनके आंदोलन के दौरान इनकी जगह पर वैकल्पिक व्यवस्था किस प्रकार की गई? (ग) मांगों के निराकरण के संबंध में क्या कार्य योजना तैयार की गई है??
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। शेष भाग की जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) जी हाँ, आन्दोलन 17.03.2016 को समाप्त हो गया है। वैकल्पिक व्यवस्था नियमित कर्मचारियों से की गई थी। (ग) जी नहीं, मांगों के निराकरण के संबंध में मिशन संचालक, द्वारा एक समिति गठित की गई है।
प्रकरण पंजीबद्ध न किया जाना
132. ( क्र. 7363 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर के थाना बड़ा मलहरा में सद्भाव प्राथमिक उपभोक्ता सहकारी भंडार मर्यादित बड़ा मलहरा की फर्जी कार्यकारिणी के गठन के संबंध में की गई लिखित शिकायत कर प्रश्नांकित दिनांक तक भी अपराध पंजीबद्ध नहीं किया गया? (ख) यदि हाँ, तो समिति की फर्जी कार्यकारिणी गठन के संबंध में पुलिस को किस दिनांक को किसकी शिकायत प्राप्त हुई? शिकायत पर किस-किस विभाग के, किस अधिकारी से रिपोर्ट या प्रतिवेदन प्राप्त किया गया? (ग) शिकायतकर्ता के बयान लिए जाकर फर्जी कार्यकारिणी के गठन की फर्जी कार्यवाही को नस्तीबद्ध किए जाने का अधिकार पुलिस को किस-किस कानून की किस धारा में दिया गया है? (घ) पुलिस प्रकरण में जाँच कर फर्जी कार्यकारिणी गठन के लिए जिम्मेदार लोगों के विरूद्ध कब तक प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत करेगी समय-सीमा सहित बतावें?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) यह सही नहीं है कि थाना बड़ा मलहरा में सद्भाव प्राथमिक उपभोक्ता सहकारी भंडार मर्यादित बड़ामलहरा की फर्जी कार्यकारिणी के गठन के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त हुई है। माननीय विधायिका श्रीमती रेखा यादव द्वारा दिनांक 24.09.2015 को प्रस्तुत शिकायत पत्र पुलिस महानिरीक्षक सागर जोन सागर को प्राप्त हुआ है। जिसमें शासकीय उचित मूल्य की दुकानों को अनियमित तरीके से आवंटन किये जाने की शिकायतें प्राप्त होने पर दुकानों के आवंटन की प्रक्रिया की जाँच हेतु दल गठित कर कलेक्टर जिला छतरपुर द्वारा जाँच कराई गई है। जाँच दल के प्रस्तुत प्रतिवेदन में तत्कालीन अनुविभागीय दण्डाधिकारी, बड़ामलहरा श्री के.एल. साल्वी (सेवा निवृत्त) द्वारा निहित प्रावधानों एवं निर्देशों का पालन नहीं किया जाना पाया जाने से कलेक्टर, जिला छतरपुर द्वारा प्रमुख सचिव, म.प्र.शासन, सामान्य प्रशासन विभाग, मंत्रालय, वल्लभ भवन, भोपाल को आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रतिवेदन भेजा गया है। (ख) उत्तरांश ’क’ अनुसार। (ग) उत्तरांश ’क’ के आलोक में प्रश्न उपस्थित नहीं। (घ) संबंधित शिकायत की जाँच हेतु जिला कलेक्टर, छतरपुर द्वारा जाँच समिति का गठन किया गया है। समिति द्वारा जाँच रिपोर्ट प्रस्तुत करने पर लगाये गये आरोप प्रमाणित होने संबंधी प्रतिवेदन शासन को भेजा गया है। शासन निर्णय के उपरांत दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही संपन्न की जा सकेगी।
अपराध क्रमांक 344/13 दिनांक 06.10.2013
133. ( क्र. 7364 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर के थाना सिविल लाईन द्वारा अपराध क्रमांक 344/13 दिनांक 06.10.2013 किसके विरूद्ध की गई रिपोर्ट के आधार पर किस-किस धारा में पंजीबद्ध किया गया? इस प्रकरण में किस दिनांक को, किस डॉक्टर ने एम.एल.सी. कर क्या रिपोर्ट पुलिस को सौंपी? (ख) पुलिस के द्वारा किसके आवेदन पर किस दिनांक को प्रकरण में दुबारा किस डॉक्टर से रिपोर्ट प्राप्त की गई? डॉक्टर की दोनों ही रिपोर्ट में क्या-क्या अंतर पाया गया? (ग) प्रकरण में प्रश्नांकित दिनांक तक भी न्यायालय में चालान प्रस्तुत न किए जाने का क्या कारण रहा है? इस प्रकरण में किस अधिकारी के विरूद्ध रिपोर्ट दर्ज करवाई गई थी? (घ) प्रकरण क्रमांक 344/13 का चालान कब तक न्यायालय में प्रस्तुत कर दिया जावेगा?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जिला छतरपुर के थाना सिविल लाईन में अपराध क्रमांक 344/13 धारा 307, 34 भा.द.वि. दिनांक 06.10.2013 को श्री मनोज अग्रवाल पिता स्वामी प्रसाद अग्रवाल निवासी चौक बाजार छतरपुर की सूचना पर (1) रोहन लाल पिता आनन्दीलाल शुक्ला, 2- नारायण पिता बाबूलाल शर्मा निवासीगण सटई रोड़, छतरपुर के विरूद्ध पंजीबद्ध किया गया है। प्रकरण में दिनांक 06.10.2013 को डॉ. अभय सिंह जिला चिकित्सालय छतरपुर द्वारा फरियादी श्री मनोज अग्रवाल का मेडिकल परीक्षण किया गया है। मेडिकल परीक्षण रिपोर्ट में फायर आर्म्स की चोट होना पाया गया है। (ख) प्रकरण के विवेचना द्वारा किसी आवेदन के आधार पर नहीं बल्कि विवेचना में आये तथ्यों एवं साक्ष्यों के आधार पर मेडिकल परीक्षण रिपोर्ट के संबंध में संबंधित चिकित्सक डॉ. अभय सिंह से क्यूरी कर रिपोर्ट प्राप्त की गयी थी। क्यूरी रिपोर्ट में मेडिकल परीक्षण में बताई गयी चोट, आतिशबाजी फटाखे को पीठ पर चलाने से आने की संभावना तथा उक्त चोट स्वयं के द्वारा कारित किये जाने की संभावना के संबंध में सहमति व्यक्त की थी तथा उक्त चोट को साधारण प्रकृति की बताया था। (ग) प्रकरण के अनुसंधान में आये साक्ष्यों एवं तथ्यों के आधार पर प्रथम सूचना पत्र के तथ्यों का असत्य होना पाया गया है। अतः प्रकरण में अंतिम प्रतिवेदन (खारजी) क्रमांक 03/13 को सक्षम न्यायालय में प्रस्तुत किया जा चुका है। उक्त अपराध रोहन लाल शुक्ला, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी, खाद्य विभाग, छतरपुर तथा नारायण शर्मा, सहायक आपूर्ति अधिकारी, खाद्य विभाग, छतरपुर के विरूद्ध पंजीबद्ध किया गया था। (घ) प्रकरण की विवेचना में प्रथम सूचना पत्र के तथ्य असत्य पाये जाने से सक्षम न्यायालय में अंतिम प्रतिवेदन (खारजी) क्रमांक 03/13 प्रस्तुत किया जा चुका है। अतः अभियोजन पत्र प्रस्तुत किये जाने का प्रश्न ही उपस्थिति नहीं होता।
प्रतिनियुक्ति के संबंध में
134. ( क्र. 7383 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्री राकेश मुंशी को स्वास्थ्य विभाग/एन.आर.एच.एम. भोपाल में प्रतिनियुक्ति पर लेने की आवश्यकता क्यों पड़ी? (ख) स्वास्थ्य विभाग में श्री मुंशी की पूर्व पदस्थी के दौरान भ्रष्टाचार की कौन-कौन सी शिकायतों में लोकायुक्त जाँच चल रही है? (ग) भ्रष्टाचार की गंभीर शिकायतें होते हुए भी पुन: एन.एच.एम. का कार्य इन्हें आवंटित कर जाँचों को प्रभावित करने का अधिकार देने का क्या कारण है? (घ) श्री मुंशी को पुन: मूल विभाग में भेजते हुए निष्पक्ष जाँचें कब तक सुनिश्चित की जावेंगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) श्री राकेश मुंशी का मूल विभाग स्वास्थ्य विभाग है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) स्वास्थ्य विभाग में श्री मुंशी की पूर्व पदस्थी के दौरान संचालनालय स्तर पर एक जाँच प्रकरण क्रमांक 83/08, लोकायुक्त संगठन में पंजीबद्ध हुआ था। जो दिनांक 07.02.2011 को समाप्त किया गया है तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में श्री राकेश मुंशी की पदस्थापना वर्ष 2010-2011 के दौरान लोकायुक्त, भोपाल में दो शिकायतें :- (1) प्राथमिक जाँच क्रमांक-45/12, विरूद्ध-1. डॉ. अमरनाथ मित्तल, 2. डॉ. मनोहर अगनानी, मिशन संचालक, एन.एच.एम. 3. श्री राकेश मुंशी द्वारा वर्ष 2010-2011 में, एन.आर.एच.एम. मिशन अंर्तगत कम्प्यूटर, लेपटाप, प्रिंटर्स, एल.सी.डी. टी.व्ही. एवं अन्य सामग्री क्रय करने में भारी अनियमितताएं एवं पद का दुरूपयोग कर, शासन को वित्तीय हानि पहुंचाये जाने के संबंध में एवं (2) प्राथमिक जाँच क्रमांक - 45/12, विरूद्ध - तत्कालीन संयुक्त संचालक राकेश मुंशी एवं तत्कालीन संचालक, एन.आर.एच.एम. के द्वारा खरीदी में भारी अनियमितता पद का दुरूपयोग कर, भ्रष्टाचार कर, शासन को वित्तीय क्षति पहुंचाने के संबंध में दर्ज है। (ग) श्री राकेश मुंशी को संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें में आंवटित कार्य के साथ-साथ राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्यालय में प्रशासनिक कार्य सुविधा की दृष्टि से मिशन संचालक द्वारा कार्य आवंटित किया गया था। (घ) श्री राकेश मुंशी को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्यालय में आवंटित कार्य से दिनांक 18.03.2016 को मुक्त कर दिया गया है। शिकायतों की जाँच लोकायुक्त संगठन द्वारा की जा रही है।
जानकारी प्रदाय
135. ( क्र. 7385 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शाजापुर की तहसील शुजालपुर के थाना अकोदिया में दिनांक 23.12.2015 को श्री गोपाल पिता आनंदीलाल जोशी के आवेदन पर अब तक की गई कार्यवाही से अवगत करावें? (ख) इनका मकान ध्वस्त करने वाले कितने लोगों को पुलिस ने चिन्हित कर आरोपी बनाया है उन पर क्या धाराएं लगाई हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार यदि अब तक कार्यवाही नहीं की है तो इसका कारण है? कार्यवाही कब तक की जावेगी? (घ) आवेदन को लंबित रखकर कार्यवाही न करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) आवेदक श्री गोपाल जोशी के आवेदन पत्र दिनांक 23.12.2015 की जाँच की गई तथा शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिये दोनों पक्षों के विरूद्ध धारा 107/116 (3) द.प्र.सं. के प्रावधान के अंतर्गत परिवाद सक्षम न्यायालय कार्यपालक दण्डाधिकारी के समक्ष दिनांक 21.11.2015 को प्रस्तुत किया गया था। जाँच के दौरान दोनों पक्षों द्वारा आपसी समझौता होने संबंधी अनुबंध पत्र प्रस्तुत किया गया है। तद्नुसार जाँच पर संपूर्ण मामला पुलिस हस्तक्षेप योग्य नहीं पाया गया है। (ख) आवेदन पत्र दिनांक 23.12.2015 में उल्लेखित घटना के संबंध में कोई संज्ञेय अपराध घटित नहीं होना पाये जाने से उक्त संबंध में किसी को आरोपी नहीं बनाया गया है। (ग) वांछित जानकारी प्रश्नांश ’क’ के उत्तर में समाहित है। समुचित कार्यवाही की गई है। (घ) आवेदन पत्र दिनांक 23.12.2015 पर समुचित कार्यवाही की गई है। किसी पुलिस अधिकारी की उक्त संबंध में कोई लापरवाही/त्रुटि नहीं पाई गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पुलिस चौकी निवास एवं मड़वास को थाना में उन्नयन
136. ( क्र. 7400 ) श्री कुंवर सिंह टेकाम : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा सिंगरौली जिले के थाना सरई के अंतर्गत निवास पुलिस चौकी का उन्नयन करवाये जाने के निर्णय लिये गये थे? यदि हाँ, तो कब? दिनांक एवं वर्ष सहित बतायें? (ख) क्या सीधी जिले के थाना मझौली अंतर्गत पुलिस चौकी भड़वास को भी थाना के रूप में उन्नयन करवाये जाने के निर्णय विभाग द्वारा लिया गया था? यदि हाँ, तो कब? दिनांक एवं वर्ष सहित बतायें? (ग) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित पुलिस चौकियों को उन्नयन करते हुए थाना बनाने का निर्णय शासन स्तर से लिया गया है? यदि हाँ, तो प्रक्रिया कब तक पूर्ण कर ली जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित बतायें?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। प्रस्ताव निर्धारित मापदण्ड अनुरूप नहीं पाये जाने से अमान्य किया गया। (ग) उत्तरांश 'क' एवं 'ख' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सी.एम.ओ. द्वारा जानकारी उपलब्ध नहीं कराना
137. ( क्र. 7406 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्य चिकित्सा अधिकारी राजगढ़ को माननीय विधायक श्रीमती ऊषा चौधरी एवं ऊमा देवी खटीक द्वारा क्रमश: पत्र दिनांक 18.12.15 तथा 15.12.15 तथा उमा देवी खटीक द्वारा 27.7.2015 के स्मरण पत्र क्र. 742 के पत्रों का जबाव माननीय विधायकों को मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी राजगढ़ द्वारा दिया गया है? (ख) क्या सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्रों में स्पष्ट निर्देश हैं कि माननीय विधायकों के पत्रों पर शीघ्र जानकारी उपलब्ध कराई जाना है? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्नांकित विधायकों के पत्रों द्वारा चाही गई बिन्दुवार जानकारी कब तक उपलब्ध कराई जायेगी? माननीय विधायकों के पत्रों पर यथासमय जानकारी उपलब्ध न कराने के दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही की जायेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) प्रश्नांकित विधायकों के पत्रों द्वारा चाही गई जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। जानकारी उपलब्ध कराये जाने से कोई दोषी नहीं है।
प्रशासकीय अधिकारी द्वारा मनमानी करने
138. ( क्र. 7407 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गांधी चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध चिकित्सालय हमीदिया अस्पताल में प्रशासकीय अधिकारी कब से पदस्थ है, इनकी पदस्थापना दिनांक बतायें तथा पदस्थापना दिनांक से प्रश्न दिनांक तक इनके विरूद्ध कितनी शिकायतें प्राप्त हुई उन पर क्या कार्यवाही हुई? जाँच अधिकारी का नाम बतायें? (ख) क्या प्रशासकीय अधिकारी पूर्व में भी चिकित्सालय में पदस्थ थे तो किस कारण इनकों हटाया गया था कारण बतायें क्या चिकित्सालय के अनेक संगठनों द्वारा इनको हटाने के लिये शिकायतें की गई हैं क्या कारण है बार-बार शासन इनको हमीदिया में पदस्थ कर रहा है? (ग) प्रशासकीय अधिकारी द्वारा कितनी अनुकंपा नियुक्ति अपने कार्यकाल में प्रदाय की गई है उनके नाम, पद तथा मृत्यु के समय उनके संबंधी किस पद पर थे और उनकी मृत्यु उपरांत उनके संबंधियों को किस पद पर नियुक्ति प्रदान की गई? (घ) क्या शासन तत्काल ऐसे भ्रष्ट प्रशासकीय अधिकारी की जाँच कराकर इनकों निलंबित करेगा यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) गांधी चिकित्सा महाविद्यालय से संबंद्ध चिकित्सालय हमीदिया चिकित्सालय भोपाल में प्रशासकीय अधिकारी के पद पर श्री आर.एल. मरावी दिनांक 5-7-2011 से पदस्थ हैं। पदस्थापना दिनांक से प्रश्न दिनांक तक उनके विरूद्ध अलग-अलग स्थानों से 8 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) प्रशासकीय अधिकारी हमीदिया चिकित्सालय को शासन द्वारा पूर्व में प्रशासनिक आधार पर हटाया गया था। उत्तरांश ‘‘क’’ में उल्लेखित शिकायतें प्राप्त हुई थी, जिस पर कार्यवाही प्रचलित है। वर्ष 2011 से प्रशासकीय अधिकारी की पदस्थापना हमीदिया चिकित्सालय में हैं। अधिवार्षिकी आयु पूर्ण होने के आधार पर विभाग द्वारा इनकी सेवानिवृत्ति के आदेश जारी किये जा चुके हैं। स्थानांतरण नीति के प्रावधानों के अनुसार सेवानिवृत्ति निकट होने से स्थानांतरण पर विचार किया जाना नियमानुसार संभव नहीं हैं। (ग) प्रशासकीय अधिकारी द्वारा अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान नहीं की जाती हैं। जुलाई 2011 से प्रश्न दिनांक तक मृत शासकीय कर्मचारियों के परिवार के आश्रित सदस्यों को अनुकम्पा नियुक्तियाँ प्रदान की गई हैं, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (घ) उत्तरांश ‘‘क’’ में पुस्तकालय में रखे गए परिशिष्ट के प्रपत्र-एक में उल्लेखित शिकायतों पर कार्यवाही प्रचलित हैं। जांचोपरांत ही कार्यवाही की जाना संभव हो सकेगा। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं हैं।
आयुर्वेदिक यूनानी एवं होम्योपैथिक डिस्पेंसरियों में रिक्त पदों की स्थिति
139. ( क्र. 7409 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले में वर्तमान में कितने आयुर्वेदिक यूनानी एवं होम्योपैथिक डिस्पेसरियां कहाँ-कहाँ संचालित हैं इनमें चिकित्सकों/अन्य स्टॉफ के कौन-कौन से पद स्वीकृत हैं में से कितने भरे एवं कितने कब से व किन कारणों से रिक्त पड़े हैं इन्हें कब तक भर दिया जावेगा? (ख) क्या वर्तमान में ग्राम पॉडोला, प्रेमसर इकलोद व आयुष विंग श्योपुर को छोड़कर शेष सभी डिस्पेंसरियों में चिकित्सकों के पद कई वर्षों से रिक्त पड़े हैं? क्या ये सही है कि सब डिस्पेंसरियां कम्पाउन्डर एवं दवासाजों के माध्यम से संचालित हो रही हैं इस कारण मरीजों को उपचार का समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा है? (ग) प्रश्नकर्ता के परि. अता. प्रश्न संख्या 31 (क्र. 791) दिनांक 4 जुलाई 2014 के प्रश्नांश (ड.) के उत्तर में अवगत कराया था कि उक्त सभी रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया प्रचलन में हैं, तो बतावें कि उक्त प्रचलित प्रक्रिया को कब तक पूर्ण करके उक्त सभी रिक्त पदों को भर दिया जावेगा? इस हेतु निश्चित समय-सीमा बतावें तथा वर्ष 2014-15 से वर्तमान तक श्योपुर जिले में कौन-कौन सी नई डिस्पेंसरियों कहाँ-कहाँ स्वीकृत कर प्रांरभ कराई ये भी अवगत करावें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। लोक सेवा आयोग से 710 आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारियों का चयन हो गया है। नियुक्ति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) सेवानिवृत्ति/स्थानांतरण से आयुष चिकित्सकों के पद रिक्त हुये हैं। चिकित्सक विहीन औषधालयों में उपलब्ध स्टॉफ के माध्यम से जनसामान्य को स्थास्थ्य परामर्श प्रदान किया जाता है। रोगियों को उपचार का समुचित लाभ पंहुचाने हेतु 710 आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारियों का चयन हो गया है। नियुक्ति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) लोक सेवा आयोग से 710 आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारियों की चयन सूची प्राप्त हुई है। रिक्त पदों को भरने हेतु नियुक्ति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। वर्ष 2014-15 से वर्तमान तक श्योपुर जिले में कोई भी नई डिस्पेंसरी स्वीकृत कर प्रारंभ नहीं की गई है।
आँगनवाड़ी केन्द्र में अवैध नियुक्ति
140. ( क्र. 7411 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) तहसील जौरा के ग्राम पंचायत छिनवरा के आँगनवाड़ी केन्द्र ग्राम गुर्जा की कार्यकर्ता की नियुक्ति कब हुयी उसके शैक्षणिक योग्यता प्रमाण-पत्रों की कभी शिकायतें प्राप्त हुयी थी? यदि हाँ, तो शिकायत सूची के नाम बतावें? (ख) उपरोक्त आँगनवाड़ी कार्यकर्ता के शैक्षणिक दस्तावेजों का उपरोक्त शिकायतों पर से जाँच कार्यवाही की गई थी? यदि हाँ, तो जाँच प्रतिवेदनों से अवगत कराया जावेगा? यदि नहीं, तो ऐसा क्यों? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में उक्त कार्यकर्ता को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर प्राप्त पद से पृथक किया जा सकेगा और इस प्रकरण में क्या विभागीय अधिकारियों का भी उसे संरक्षण है? संपूर्ण प्रकरण में जाँच करवाकर कार्यवाही संभव हो सकेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) तहसील जौरा के ग्राम पंचायत छिनवारा के आँगनवाड़ी केन्द्र ग्राम गुर्जा में श्रीमती राजकुमारी सिकरवार की नियुक्ति परियोजना पहाड़गढ के कार्यालयीन आदेश क्रमांक 422 ए, दिनांक 12.2.2001 से की गई है। उक्त कार्यकर्ता के शैक्षणिक योग्यता फर्जी होने संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी के परिप्रेक्ष्य में शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) विधान सभा प्रश्न प्राप्त होने पर परियोजना अधिकारी सबलगढ़ द्वारा पत्र क्र. 577 दिनांक 08.03.2016 के द्वारा उक्त कार्यकर्ता की कक्षा 8 वी की अंकसूची जाँच हेतु जारीकर्ता संस्था को भेजी गई है। जाँच रिपोर्ट प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। विभाग द्वारा संबधित को किसी प्रकार का कोई संरक्षण नहीं दिया जा रहा है।
खाद्य विभाग द्वारा की गई कार्यवाही
141. ( क्र. 7416 ) श्री जितू पटवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर संभाग में विगत 3 वर्षों में किन-किन पेट्रोल पंप एवं गैस एजेंसी पर विभाग ने कम नाप तौल एवं मिलावट के कारण छापे मारे गये, लिस्ट उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में छापे मारे गये प्रतिष्ठानों पर आज दिनांक तक की गई कार्यवाही की वस्तुस्थिति उपलब्ध करायें? (ग) प्रश्नांश (क) में छापे मारने की कार्यवाही किस-किस अधिकारी द्वारा की गई उनका पदनाम एवं नम्बर उपलब्ध कराये? (घ) प्रश्नांश (क) अंतर्गत आये प्रतिष्ठानों पर कितना-कितना जुर्माना एवं क्या-क्या कार्यवाही हुई?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
हेल्प-डेस्क स्थापित करने
142. ( क्र. 7417 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्वास्थ्य आयुक्त एवं मिशन डायरेक्टर राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन म.प्र. के पत्र क्र/ज.सु.यो./NRHM/2009/क्यू दिनांक 19.09.2009 के द्वारा अस्पताल में मरीजों की सहायता के लिये हेल्प-डेस्क स्थापित करने के निर्देश दिये गये थे? (ख) यदि हाँ, तो क्या प्रदेश के सभी जिलों के लिए हेल्प-डेस्क 24X7 के आधार पर कार्यरत कर दी गई है? (ग) क्या प्रश्नांकित आधार पर अतिरिक्त कर्मचारियों की सेवायें कलेक्टर द्वारा निर्धारित दर पर संविदा नियुक्ति के माध्यम से की जाने व कर्मचारियों को देय मानदेय समय पर कलेक्टर दर के अनुरूप स्वत: ही पुनरीक्षित किये जाने के निर्देश थें? (घ) यदि हाँ, तो जिला चिकित्सालय सीहोर में हेल्प-डेस्क में कार्य करने के लिए कौन-कौन कर्मचारियों को किस आधार व दर पर कब नियुक्त किया गया था? उन्हें वर्तमान में किस दर पर कितना वेतन दिया जा रहा है? क्या संविदा नियुक्ति की प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है? शासन द्वारा अन्य जिलों में नियुक्ति की क्या प्रक्रिया थी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं, प्रदेश के 45 जिलों में हेल्प डेस्क कार्यरत कर दी गई है। (ग) जी हाँ। (घ) जननी सुरक्षा योजना में कार्यरत श्री रोहित सिसोदिया एवं रोगी कल्याण समिति में कार्यरत श्री सुमित शर्मा तथा श्री नितिन चौहान को कार्यानुभव के आधार पर कलेक्टर दर पर दिनांक 28.11.2011 से कलेक्टर सीहोर के अनुमोदन उपरांत कार्य करने हेतु आदेशित किया गया। संबधित कर्मचारियों को वर्तमान में कलेक्टर द्वारा निर्धारित दर पर रू. 8810/- मासिक मानदेय का भुगतान किया जा रहा है। वर्तमान में संविदा नियुक्त की प्रक्रिया पूर्ण नहीं की गई है। राज्य स्तर से दिशा-निर्देश जारी किये जाने हैं।
आँगनवाड़ी भवनों की स्थिति
143. ( क्र. 7420 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मैहर विधान सभा क्षेत्र में कहाँ-कहाँ आँगनवाड़ी केन्द्र व झूलाघर संचालित हैं? इनमें से कौन-कौन से शासकीय भवन व कौन-कौन से केन्द्र किराये के भवन में संचालित हैं? भवनविहीन आँगनवाड़ी केन्द्रों के भवन स्वीकृत किये जाने हेतु क्या प्रयास किये जा रहे हैं? (ख) मैहर विधान सभा क्षेत्र में कहाँ-कहाँ नवीन आँगनवाड़ी केन्द्र खोले जाना प्रस्तावित हैं? इनकी स्वीकृति हेतु प्राथमिकता/प्रतीक्षा सूची दें? (ग) भवनविहीन आँगनवाड़ी केन्द्रों को भवन उपलब्ध कराने व वंचित ग्रामों में आँगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने हेतु योजना का विवरण दें व बतावें कि कब तक भवन निर्मित करा लिये जायेंगे?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) मैहर विधान सभा क्षेत्र में कुल 444 आँगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं। मैहर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत कोई भी विभागीय झूलाघर संचालित नहीं है विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार है। उपरोक्त संचालित 444 आँगनवाड़ी केन्द्रों में से 275 केन्द्र शासकीय भवनों में एवं 169 केन्द्र किराये के भवनों में संचालित है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब‘ अनुसार है। भवनविहीन आँगनवाड़ी केन्द्रों के लिये मैहर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत आई.पी.पी.ई. विकासखंड-परियोजना मझगवां के (चित्रकूट 1 में 51 एवं चित्रकूट 2 में 15) कुल 66 एवं अमरपाटन में 57 इस प्रकार कुल 123 आँगनवाड़ी भवनों के निर्माण हेतु मनरेगा के अभिसरण से आँगनवाड़ी भवनों के निर्माण किये जाने की योजना विचाराधीन है। (ख) सतना जिले की मैहर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत 15 आँगनवाड़ी केन्द्र तथा 04 मिनी आँगनवाड़ी केन्द्र खोला जाना प्रस्तावित है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स‘ अनुसार है। नवीन आँगनवाड़ी/मिनी आँगनवाड़ी केन्द्र खोलने की स्वीकृति भारत सरकार द्वारा प्रदान की जाती है। भारत सरकार से स्वीकृति प्राप्त होने के पश्चात आँगनवाड़ी/मिनी आँगनवाड़ी केन्द्र खोलने की कार्यवाही की जा सकेगी। (ग) भवनविहीन आँगनवाड़ी केन्द्रों के लिये ग्रामीण क्षेत्र में मनरेगा योजना के अभिसरण से (आई.पी.पी.ई./गैर आई.पी.पी.ई. विकास-खंड में) आँगनवाड़ी भवन निर्माण की कार्य-योजना विचाराधीन हैं एवं शहरी क्षेत्र में राज्य आयोजना मद में राशि उपलब्ध होने पर आंगनवाड़ी भवन निर्माण की स्वीकृति दिए जाने की योजना है। भारत सरकार द्वारा निर्धारित जनसंख्या मापदण्डों के पूरा होने पर ही नवीन आँगनवाड़ी केन्द्र/मिनी आँगनवाड़ी केन्द्र की स्वीकृति दी जाती है। प्रश्नांश (ख) अनुसार जानकारी के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही की जायेगी। आँगनवाड़ी भवनों का निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता हैं। अतः समय-सीमा दी जाना संभव नहीं हैं।
उचित मूल्य की दुकानों का संचालन
144. ( क्र. 7421 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मैहर विधान सभा क्षेत्र में वर्तमान में कहाँ-कहाँ उचित मूल्य की दुकानें संचालित है? दुकानवार संबद्ध पात्र हितग्राहियों व बी.पी.एल. परिवारों की संख्या बतावें? (ख) वर्तमान में किस-किस उचित मूल्य की दुकान को माहवार कितनी मात्रा में खाद्यान्न व केरोसिन उपलब्ध कराया जा रहा है? क्या यह सम्बद्ध परिवारों की संख्या के हिसाब से पर्याप्त है? यदि नहीं, तो किस मात्रा में हितग्राहीवार खाद्यान्न व केरोसिन दिया जा रहा है? (ग) क्या सभी सूखा प्रभावित परिवारों को खाद्यान्न कूपन उपलब्ध करा दिये गये है? नहीं तो क्यो? (घ) मैहर विधान सभा क्षेत्र में कितने पात्र हितग्राही वर्तमान में खाद्यान्न प्राप्त करने से वंचित हैं? क्यों? कब तक सभी पात्रों को खाद्यान्न पर्ची व कब तक पर्याप्त खाद्यान्न कोटा उपलब्ध कराया जाएगा?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। जी हाँ, निर्धारित मापदण्ड से सामग्री दिए जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं, दिनांक 11.01.2016 से विधान सभा उप निर्वाचन, 2016 के लिए आदर्श आचार संहिता प्रभावशील होने से खाद्यान्न पर्चियां जारी नहीं की गई। प्रभावित परिवारों को पात्रता पर्ची देने की कार्यवाही वर्तमान में प्रचलित है। (घ) मैहर विधान सभा क्षेत्र में कोई भी सत्यापित पात्र हितग्राही वर्तमान में खाद्यान्न प्राप्त करने से वंचित नहीं है। जिन सत्यापित पात्र परिवारों को वर्तमान में पात्रता पर्ची दी जा रही उन्हें आगामी माह में राशन सामग्री प्राप्त हो सकेगी।
सी.एच.सी. में सीजेरियन ओ.टी. के लिये ब्लड स्टोरेज यूनिट
145. ( क्र. 7423 ) पं. रमाकान्त तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सी.एच.सी. त्यौंथर जिला रीवा में ब्लड स्टोरेज यूनिट का शुभारंभ 15 अगस्त 2015 को किया गया था? ब्लड स्टोरेज यूनिट के रख-रखाव, देख-रेख एवं प्रबंधन के लिये पदस्थ चिकित्सक अधिकारी/कर्मचारियों का विवरण दें? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित ब्लड स्टोरेज यूनिट में शुभारंभ से लेकर अब तक कुल कितना ब्लड स्टोर किया गया एवं कितने मरीज लाभान्वित हुए? (ग) सी.एच.सी. त्यौंथर जिला रीवा में स्थापित ब्लड स्टोरेज यूनिट को और बेहतर, सुरक्षित एवं उपयोगी/आधुनिक बनाने के लिये विभाग द्वारा क्या उपाय किये जा रहे हैं? (घ) सी.एच.सी. त्यौंथर जिला रीवा में स्थापित ब्लड स्टोरेज यूनिट के विस्तार के लिए मध्यप्रदेश शासन के द्वारा क्या उपाय किये जा रहे हैं?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ, पूर्व में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, त्यौंथर सीमांक संस्था के रूप में चिन्हित था, लेकिन सीमांक संस्था के रूप में क्रियाशील न होने के कारण उसे बीमांक संस्था में परिवर्तित कर दिया गया है एवं त्यौंथर की ब्लड स्टोरेज यूनिट को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सिरमौर-सीमांक संस्था पर हस्तांतरित कर दिया हैं। अतः ब्लड स्टोरेज यूनिट के प्रबंधन हेतु चिकित्सक/कर्मचारी का विवरण देने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश ‘क‘ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थ्ति नहीं होता है। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश ‘क‘ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सी.एच.सी. में रिक्त चिकित्सकों एवं अन्य कर्मचारियों के पद
146. ( क्र. 7424 ) पं. रमाकान्त तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सी.एच.सी. त्यौंथर एवं सी.एच.सी. चाकघाट जिला रीवा में चिकित्सकों, फार्मासिस्ट एवं अन्य अधिकारी/कर्मचारियों के म.प्र. शासन द्वारा कुल कितने पद स्वीकृत हैं? (ख) स्वीकृत पदों में से कुल कितने पद भरे हुए हैं एवं कितने पद रिक्त है? भरे एवं रिक्त पदों की जानकारी दें? (ग) मध्यप्रदेश शासन द्वारा रिक्त समस्त पदों की पूर्ति कब तक कर ली जायेगी? (घ) आज दिनांक तक रिक्त पदों की पूर्ति न हो पाने में दोषी अधिकारी/कर्मचारियों का विवरण दें एवं उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) विभाग चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य सहायक स्टॉफ की पदपूर्ति हेतु निरंतर प्रयासरत है। निश्चित समय अवधि बताया जाना संभव नहीं है। (घ) प्रदेश में चिकित्सकों की कमी के कारण शत प्रतिशत पदपूर्ति में कठिनाई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्थानांतरण एवं अनियमितता की जाँच
147. ( क्र. 7434 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में कार्यरत संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ए.एन.एम. के कर्मचारियों को सतना जिले में स्थानांतरण में अन्य कर्मचारियों की तरह 14 प्रतिशत का लाभ नहीं दिया जा रहा है क्यों? (ख) क्या युक्तियुक्तकरण के तहत शहडोल से स्थानांतरित संविदा कर्मचारी ए.एन.एम. को 14 प्रतिशत राशि देने का प्रावधान नहीं है? यदि है तो आज तक क्यों नहीं दिया गया? (ग) सीधी जिले में कार्यरत संविदा कर्मचारियों की टी.डी.एस. वेतन का 10 प्रतिशत काटा गया है उसे किस खाते में जमा किया गया है? जो कर्मचारी इनकम टैक्स के दायरे में नहीं आते हैं क्या उनका काटा गया पैसा रिफंड किया जायेगा? नहीं तो क्यों और किया जायेगा तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में कार्यरत संविदा कर्मचारियों को वर्ष 2012-13 में कार्य आधारित मूल्यांकन में पात्र पाये जाने पर ही मानदेय में वृद्धि की गई थी। सतना जिले में संविदा पर कार्यरत ए.एन.एम. को पात्रता अनुसार 14 प्रतिशत राशि का लाभ वर्ष 2013-14 में देय था। (ख) जी नहीं। प्रश्न भाग (क) के उत्तर अनुसार शहडोल जिले से स्थानांतरित संविदा कर्मचारी ए.एन.एम. को वर्ष 2013-14 में पात्रता अनुसार 14 प्रतिशत राशि का लाभ देय की पात्रता है। (ग) आयकर के सेक्शन 194 ‘सी’ के तहत जिला स्वास्थ्य समिति सीधी के टेन क्रमांक JBD01877B के द्वारा जमा किया जाता है। आयकर विवरणी जमा करने पर नियमानुसार सीधे हितग्राही के खाते में रिफंड किया जाता है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्थानांतरण एवं अनियमितता की जाँच
148. ( क्र. 7435 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग में कार्यरत संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ए.एन.एम. के कर्मचारियों को सतना जिले में स्थानांतरण में अन्य कर्मचारियों की तरह 4 प्रतिशत का लाभ क्यों नहीं दिया जा रहा है? (ख) क्या युक्तियुक्तकरण के तहत शहडोल से स्थानांतरित संविदा कर्मचारी ए.एन.एम. को 14 प्रतिशत राशि देने का प्रावधान नहीं है? यदि है तो आज तक क्यों नहीं दिया गया? (ग) विगत तीन वर्षों में सीधी जिले में कार्यरत संविदा कर्मचारियों की टी.डी.एस. वेतन का 10 प्रतिशत काटा गया है उसे किस खाते में जमा किया गया है? जो कर्मचारी इनकम टैक्स के दायरे में नहीं आते हैं क्या उनका काटा गया पैसा रिफंड किया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में कार्यरत संविदा कर्मचारियों को वर्ष 2012-13 में कार्य आधारित मूल्यांकन में पात्र पाये जाने पर 14 प्रतिशत मानदेय में वृद्धि दी गई थी। सतना जिले में स्थानांतरित संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ए.एन.एम. को वर्ष 2012-13 में कार्य आधारित मूल्यांकन में पात्र पाये जाने पर मानदेय वृद्धि का लाभ दिया जायेगा। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। इनकम टैक्स के सेक्शन 194 ‘सी’ के तहत जमा किया जाता है। जी हाँ।
परिवारों को खाद्यान्न प्राप्त करने की पात्रता
149. ( क्र. 7532 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 अंतर्गत कटनी जिले के बहोरीबंद विधान सभा क्षेत्र एवं नरसिंहपुर जिले के गोटेगांव विधान सभा क्षेत्र में कुल कितने परिवार खाद्यान्न प्राप्त करने की पात्रता में आते हैं? क्या पात्रतानुसार सभी परिवारों को खाद्यान्न पर्ची का वितरण किया जा चुका है? यदि नहीं, तो कितने ग्राम के कितने व्यक्ति अभी भी खाद्यान्न पर्ची से वंचित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित विधान सभा क्षेत्र के अनुसूचित जाति, पंजीकृत सुरक्षा श्रमिक एवं अन्य पात्र परिवार वर्तमान में खाद्यान्न पर्ची से वंचित रहने के कारण पी.डी.एस. के तहत प्राप्त होने वाले खाद्यान्न एवं केरोसिन से वंचित हैं? (ग) क्या शत-प्रतिशत पात्र परिवारों के खाद्यान्न पर्ची का वितरण कब तक कर दिया जायेगा?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 अंतर्गत लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत पात्र परिवार के रूप में सम्मिलित 24 श्रेणियों के परिवारों में से सत्यापन उपरांत कटनी जिले के बहोरीबंद विधान सभा क्षेत्र में 65,085 एवं नरसिंहपुर जिले के गोटेगांव विधान सभा क्षेत्र में 58,340 परिवारों को पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) जारी किए गए हैं। आवेदन उपरांत सत्यापित समस्त पात्र परिवारों को पात्रता पर्ची का वितरण किया जा चुका है। पात्र परिवारों का सत्यापन एवं उन्हें पात्रता पर्ची जारी करना एक सतत् प्रक्रिया होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) आवेदन करने वाले सत्यापित समस्त पात्र परिवारों को पात्रता पर्ची का वितरण किया जा चुका है। पात्र परिवारों का सत्यापन एवं उन्हें पात्रता पर्ची जारी करना एक सतत् प्रक्रिया है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पुलिस प्राथमिकी पर कार्यवाही
150. ( क्र. 7533 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले के थाना रीठी में कुमारी दुर्गा उम्र 15 वर्ष की आदिवासी लड़की की गुमशुदगी की प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनांक 04.01.2013 को दर्ज है? (ख) यदि हाँ, तो बच्ची के पिता द्वारा थाना प्रभारी रीठी, मा. मुख्यमंत्री जी, पुलिस महानिदेशक, पुलिस अधीक्षक कटनी को भी पत्र लिखकर बिन्दुवार शिकायत की थी, यदि हाँ, तो उक्त स्तर प्राप्त शिकायतों पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई, लड़की की पतारसी हेतु क्या-क्या प्रयास किये गये शिकायत पत्र में उल्लेखित बिन्दुओं पर की गई कार्यवाही की भी जानकारी दें? (ग) क्या उक्त नाबालिग लड़की के पिता द्वारा भेजे गये शिकायत पत्रों में बच्ची के अपहरणकर्ताओं पर शक जाहिर किया था किन्तु पुलिस द्वारा उक्त पत्र के बिन्दुओं पर किस-किस से पूछताछ की गई? (घ) क्या प्रश्नांश (क) (ख) (ग) के संबंध में विशेष जाँच दल गठित करते हुए जाँच करवाई जाकर बच्ची को खोजने का प्रयास किया जायेगा?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी नहीं। दिनांक 04.01.2016 को जिला कटनी के थाना रीठी में आदिवासी लड़की उम्र 15 वर्ष के पिता राजू भूमिया उम्र 53 वर्ष निवासी हथकुरी थाना रीठी के द्वारा दिनांक 04.01.2016 को लड़की को किसी अज्ञात लड़के के द्वारा बहला फुसलाकर भगा ले जाने की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी जिस पर गुमशुदगी क्रमांक 2/16 एवं अपराध क्रमांक 2/16 धारा 363 भा.द.वि. अज्ञात लड़के विरूद्ध कायम किया गया था। (ख) एवं (ग) जी हाँ। संदेही खच्चू उर्फ शिवचरण लुनिया से की गई पूछताछ पर संदेही ने दिनांक 02.01.2016 को लड़की का गला दबाकर हत्या कर लाश नाला में रेंत में दबा देना बताया जिस पर अपहृता का शव बरामद किया गया। प्रकरण में धारा-366, 302, 201 भा.द.वि. बढ़ाई गई व आरोपी शिवचरण लुनिया उर्फ खच्चू को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया। (घ) अपहृता का शव बरामद हो चुका है इस कारण खोजने के प्रयास का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय उचित मूल्य की दुकान
151. ( क्र. 7563 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन शासकीय उचित मूल्य की भो.क्रं. 77, वार्ड क्रं. 29 की है। यदि हाँ, तो क्या यह दुकान वार्ड क्रं. 25 में ई.डब्ल्यू.एस. 583 कोटरा सुल्तानाबाद भोपाल में स्थापित है। क्या इसकी जानकारी शासन को है? यदि हाँ, तो उक्त राशन दुकान पर दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में स्थित दुकान वार्ड 29 में स्थापित की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक समय-सीमा निर्धारित करें। (ग) संचालित दुकान में कितने राशन कार्डधारक हैं? (घ) क्या विगत दो वर्षों में कभी उक्त संचालित दुकान की जाँच की गई कि गरीब उपभोक्ता को गेहूं, चावल एवं अन्य सामग्री निर्धारित दर पर प्रदान की जा रही है या सीधे बाजार में कालाबाजारी की जा रही है? अगर जाँच की गई तो विवरण दें। नहीं की गई तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) प्रश्नांकित शासकीय उचित मूल्य दुकान वर्ष 1991 में वार्ड 32 के लिए आवंटित थी। विभिन्न समय अंतराल पर हुए वार्ड परिसीमन के पश्चात उक्त दुकान का वार्ड संख्यांक क्रमश: वार्ड 29 और वार्ड 25 रहा। वर्तमान में इस दुकान का वार्ड संख्यांक 27 है। उल्लेखनीय है कि उक्त दुकान का संचालन-स्थल सदैव ई.डब्ल्यू.एस. कोटरा सुल्तानाबाद रहा है। उक्त परिप्रेक्ष्य में शेष भाग का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्तमान में प्रश्नांकित दुकान में 569 पात्र परिवार/ई-राशनकार्डधारी संलग्न हैं। (घ) जी हाँ। खाद्य एवं सहकारिता विभाग के अमले द्वारा समय-समय पर निरीक्षण किये गए हैं। खाद्य विभाग के अधिकारियों द्वारा दिनांक 10.01.2014, 28.07.2014, 16.10.2014, 30.07.2015 एवं 14.10.2015 को उक्त उचित मूल्य दुकान का निरीक्षण किया गया है। सहकारिता विभाग के अधिकारियों द्वारा दिनांक 01.06.2015, 17.06.2015, 24.06.2015 एवं 29.06.2015 को उक्त उचित मूल्य दुकान का निरीक्षण किया गया है। निरीक्षण में उपभोक्ताओं को राशन सामग्री निर्धारित दर पर प्राप्त होना पाया गया एवं कालाबाजारी का कोई तथ्य प्रकाश में नहीं आया।
निजी मेडिकल कालेज की अनियमितता पर कार्यवाही
152. ( क्र. 7594 ) श्री रामनिवास रावत : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निजी चिकित्सा महाविद्यालयों में प्रदेश में अनियमितता एवं अधिक शुल्क वसूली की पिछले सात साल में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शिकायतों में से कितनी शिकायतों को जाँच के उपरांत सही पाया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) में प्राप्त सही शिकायतों पर किस-किस निजी महाविद्यालयों के खिलाफ क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) अपीलेट कमेटी द्वारा निजी महाविद्यालयों द्वारा स्टेट कोटे की सीट में भर्ती में अनियमितता पर जो रिपोर्ट जून 2015 में प्रस्तुत की गई है उसके अनुसार महाविद्यालयों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई तथा इन अनियमिताओं के संदर्भ में कानूनी कार्यवाही करने तथा एम.सी.आई. को सूचित करने आदि के मामले में शासन को किस दिनांक को पत्र लिखा गया?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) निजी चिकित्सा शिक्षा महाविद्यालयों में प्रवेश में अनियमितता के संबंध में 38 एवं अधिक शुल्क वसूली की 4 शिकायतों की अलग-अलग सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' एवं 'दो' अनुसार है। (ख) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' एवं 'दो' में उल्लेखित सभी शिकायतें सही पायी गई। (ग) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' एवं 'दो' अनुसार है। (घ) अपीलेट अथॉरिटी द्वारा 6 निजी चिकित्सा महाविद्यालय द्वारा स्टेट कोटे की सीटों का अपने द्वारा भर लेने की अनियमितता पर दिनांक 21 मई, 2015 को पारित आदेश में रूपये 13.10 करोड़ का दण्ड आरोपित किया। संचालनालय, चिकित्सा शिक्षा के पत्र क्रमांक 761 दिनांक 29 अप्रैल, 2011 एवं क्रमांक 728 दिनांक 04 मार्च, 2014 एवं क्रमांक 1812 दिनांक 22 जुलाई, 2015 द्वारा एम.सी.आई. को आवश्यक कार्यवाही करने हेतु क्रमशः पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार लिखा गया है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय में आई.ए. 83/2015 (सिविल अपील क्रमांक 4060/2009) प्रस्तुत किया गया है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष अवमानना याचिका भी प्रस्तुत की गई है।
सोसायटियों द्वारा गेहूं खरीदी
153. ( क्र. 7715 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले में वर्ष 2014-15 में गेहूं खरीदी केन्द्रों पर कितने गेहूं की खरीदी की गई? खरीदी केन्द्रवार जानकारी देवें? (ख) क्या खरीदे गये गेहूं को वेयर हाउसों में रखा गया था? अगर हाँ तो क्या खरीदी केन्द्रों द्वारा खरीदे गये गेहूं एवं वेयर हाउसों में रखे गये गेहूं के वजन में अंतर आया था? (ग) प्रश्न की कण्डिका (ख) की जानकारी अनुसार गेहूं के वजन में जो अंतर आया वह कितना-कितना था? सोसायटीवार जानकारी दें? जो अतंर आया उसके लिए क्या कार्यवाही की गई? अगर कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों नहीं?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) वर्ष 2014-15 में राजगढ़ जिले में समर्थन मूल्य पर 202937.89 मे. टन गेहूं का उपार्जन किया गया है। खरीदी केन्द्रवार उपार्जित मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। समर्थन मूल्य पर गेहूं की उपार्जित मात्रा की तुलना में 449.868 मे.टन गेहूं वेयर हाउस में कम जमा हुआ था। (ग) गेहूं की उपार्जित एवं गोदामों में जमा मात्रा के अंतर की उपार्जन संस्थावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। कम जमा गेहूं की राशि रू. 6748020 के विरूद्ध रू. 3995785 जमा करा ली गई है। शेष राशि रू. 2752235 जमा कराने हेतु संबंधितों को नोटिस जारी किये जा रहे है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
त्यौंथर एवं जवा तहसील में धान की खरीदी
154. ( क्र. 7822 ) पं. रमाकान्त तिवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले की त्यौंथर एवं जवा तहसील में पैदावार से कई गुना अधिक धान की खरीदी की गई हैं? यदि हाँ, तो कहाँ एवं किन-किन व्यक्तियों द्वारा खरीदी की गई हैं? (ख) क्या जिन व्यक्तियों ने धान की बिक्री की उनके जमीन की उपज के मापदण्ड से अधिक धान की बिक्री की है? यदि हाँ, तो शासन द्वारा इस तरह के कृत्य को रोकने के क्या उपाय किये गये एवं व्यापारियों द्वारा एवं अन्य भ्रष्टाचारियों द्वारा किये गये इस कार्य की जाँच की गई? (ग) रीवा जिले की त्यौंथर तहसील को सूखाग्रस्त घोषित होने के बाद भी इतनी अधिक मात्रा में धान की उपज एवं खरीदी/बिक्री के कारण किसानों को हुये मुआवजे के नुकसान में दोषी कौन हैं? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी एवं कब तक?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वेयर हाउस भदरा में धान रखे जाने
155. ( क्र. 7914 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर जिलान्तर्गत अध्यक्ष, पनागर सोसायटी एवं प्रभारी पदस्थ मैनेजर द्वारा मिलीभगत कर वेयर हाउस भरदा में धान रखे जाने संबंधी शिकायत जनवरी 2016 में जागरूक नागरिक मंच के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री, संभागायुक्त-कलेक्टर जबलपुर, डी.एम.ओ. एवं खाद्य नियंत्रक जबलपुर को की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो उक्त शिकायत पर बिन्दुवार क्या कार्यवाही की गई है, पूर्ण ब्यौरा दें?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।