मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-मार्च, 2018
सत्र
बुधवार, दिनांक 28 फरवरी, 2018
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
पम्पों का
उर्जीकरण
[अनुसूचित जाति कल्याण]
1. ( *क्र. 197 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 03 वित्तीय वर्षों में पम्पों के उर्जीकरण योजनान्तर्गत आगर एवं शाजापुर जिला अंतर्गत कितने ट्रान्सफार्मर लगाये गये एवं कितने कृषकों को सिंचाई हेतु विद्युत की उपलब्धता सुनिश्चित की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत लाभान्वित कृषकों की सूची ग्रामवार, पते सहित उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार लाभान्वित कृषकों हेतु लगाए गए ट्रान्सफार्मर के भौतिक सत्यापन किसके द्वारा कब-कब किए गए? यदि भौतिक सत्यापन हेतु मौका पंचनामा बनाया गया हो तो पंचनामों की सत्यापित प्रति उपलब्ध करावें। (घ) पम्प उर्जीकरण योजनान्तर्गत कृषकों को ट्रान्सफार्मर स्वीकृत होने परन्तु भौतिकीय रूप से लाभ नहीं मिलने संबंधी कितनी शिकायतें विगत 03 वर्षों में प्राप्त हुई हैं? प्राप्त शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई? शिकायतवार पूर्ण विवरण देवें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) विगत तीन वर्षों में जिला आगर में 192 ट्रांसफार्मर लगाये जाकर 206 कृषकों तथा जिला शाजापुर में 124 ट्रांसफार्मर लगाये जाकर 224 कृषकों को लाभान्वित कर सिंचाई हेतु विद्युत की उपलब्धता कराई गयी है। (ख) सुसनेर विधानसभा क्षेत्र आगर जिले से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है एवं शाजापुर जिले से संबधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) आगर जिले द्वारा लाभान्वित कृषकों हेतु लगाये गए ट्रांसफार्मर के भौतिक सत्यापन वर्ष 2014-15 में अतिरिक्त मुख्य अभियंता वृत्त, म.प्र.क्षे.वि.वि.कं.लि.मि. शाजापुर द्वारा दिनांक 28.01.2015, 03.03.2015, 12.03.2015 एवं कार्यपालन यंत्री (संचा./संघा.) वृत्त म.प्र.क्षे.वि.वि.कं.लि.मि. सुसनेर द्वारा दिनांक 21.03.2016, 26.03.2016 एवं 18.05.2016 को किया गया है। शाजापुर जिले में दिनांक 11.02.2015, दिनांक 18.03.2015, दिनांक 23.03.2015, दिनांक 28.03.2015, दिनांक 30.03.2015, दिनांक 08.06.2015, दिनांक 30.07.2015, दिनांक 04.08.2015, दिनांक 09.10.2015, दिनांक 16.11.2015, दिनांक 10.12.2015 एवं दिनांक 19.03.2016 को कनिष्ट यंत्री तथा सहायक यंत्री द्वारा भौतिक सत्यापन किया गया है। भौतिक सत्यापन में कोई पंचनामा नहीं बनाया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) विगत तीन वर्षों में पम्प उर्जीकरण योजनान्तर्गत कृषकों को ट्रांसफार्मर स्वीकृत होने परन्तु भौतिक रूप से लाभ नहीं मिलने संबंधित कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रीवा जिलांतर्गत फीडर विभक्तिकरण
[ऊर्जा]
2. ( *क्र. 311 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले के अंतर्गत पू.क्षे.वि.वि.कं. के उत्तर संभाग में मेसर्स विन्ध्या टेली लिंक नई दिल्ली को निविदा उपरान्त 11 के.व्ही. के फीडरों के विभक्तिकरण के कार्य हेतु कार्यादेश जारी किये गये थे? (ख) यदि हाँ, तो क्या 11 के.व्ही. फीडर की संख्या 56 प्रावधान के विरूद्ध उपलब्धि 56, 11 के.व्ही.बे. के चार प्रावधान विरूद्ध उपलब्धि चार, 11 के.व्ही. लाइन प्रावधान 712 किलोमीटर के विरूद्ध उपलब्धि 712, वितरण ट्रांसफार्मर प्रावधान संख्या 961 के विरूद्ध उपलब्धि 961, एल.टी. केबिल प्रावधान 1207 किलोमीटर के विरूद्ध उपलब्धि 1207 किलोमीटर, मीटर प्रावधान 17966 संख्या के विरूद्ध उपलब्धि 17966 की प्रावधान के विरूद्ध 100 प्रतिशत उपलब्धि हासिल की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में उपरोक्त सभी प्रावधानित कार्यों की जानकारी फीडरवार विवरण पृथक-पृथक उपलब्ध करावें? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) के प्रकाश में किन-किन फीडरों पर कितने किलोमीटर 11 के.व्ही. लाइन एवं एल.टी. केबिल तथा मीटर स्थापित किये गये, का विवरण फीडरवार पृथक-पृथक उपलब्ध करावें तथा बतावें कि योजनान्तर्गत हार्डराक या हार्ड या नार्मल जमीन पर पोल गाड़ने के लिये क्या प्रावधान हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नाधीन 11 के.व्ही. के 56 फीडरों के विभक्तिकरण के कार्य हेतु ठेकेदार एजेंसी मेसर्स विन्ध्या टेलीलिंक, नई दिल्ली को अवार्ड जारी किया गया था। प्रश्नाधीन फीडर विभक्तिकरण के कार्य में 11 के.व्ही.बे, 11 के.व्ही. लाईन, एल.टी. केबिल, वितरण ट्रांसफार्मर तथा मीटर लगाए जाने के कार्यों की प्रावधानित मात्रा एवं प्रगति की फीडरवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उक्त ठेकेदार एजेंसी द्वारा प्रावधान के अनुरूप शत-प्रतिशत कार्य पूर्ण किये गये हैं। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार प्रश्नाधीन फीडर विभक्तिकरण के कार्य में फीडरवार प्रावधानित कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट में समाहित है। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार प्रश्नाधीन फीडर विभक्तिकरण के कार्य में फीडरवार पूर्ण किये गये 11 के.व्ही. लाईन एवं एल.टी. केबिल के कार्य तथा स्थापित किये गये मीटरों की संख्या का विवरण संलग्न परिशिष्ट में समाहित है। प्रश्नाधीन कार्य में ठेकेदार एजेंसी को हार्डराक या हार्ड या नार्मल जमीन पर पोल गाड़ने के लिए समान राशि रू. 1014.97 प्रति पोल दिये जाने का प्रावधान था।
अनुसूचित जाति/जनजाति क्षेत्र विकास योजनांतर्गत प्राप्त आवंटन
[अनुसूचित जाति कल्याण]
3. ( *क्र. 1006 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले को अनुसूचित जाति/जनजाति क्षेत्र विकास योजना के अंतर्गत वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कितना आवंटन कब-कब प्राप्त हुआ? प्राप्त आवंटन का व्यय कब-कब किस आधार पर किया गया? वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार अनूपपुर जिले के विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ के किस-किस ग्राम में किस-किस कार्य के लिये कितनी राशि स्वीकृत की गई? स्वीकृत राशि के विरूद्ध कितना-कितना व्यय हुआ। इन कार्यों की निर्माण एजेंसी कौन है? पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र की जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में की गई अनियमितताओं से संबंधित उक्त अवधि में प्राप्त शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई? शिकायतवार कार्यवाहीवार विवरण उपलब्ध करायें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नांकित अवधि में प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्राप्त अनियमितताओं से संबंधित शिकायत पर संभागीय उपायुक्त, जनजातीय कार्य विभाग तथा अनुसूचित जाति विकास, शहडोल संभाग, शहडोल के पत्र क्रमांक 428, दिनांक 30.07.2016 के माध्यम से जाँच दल गठित कर जाँच कराई गई है। जाँच उपरांत आयुक्त, जनजातीय कार्य के पत्र क्रमांक 24859 दिनांक 3.10.2017 द्वारा संभागीय उपायुक्त, जनजातीय कार्य विभाग से आरोप पत्र एवं अभिलेख चाहे गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
जले/खराब ट्रांसफार्मरों का सुधार
[ऊर्जा]
4. ( *क्र. 67 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र बासौदा में कौन-कौन से ग्रामों के ट्रांसफार्मर कब से किस कारण से जले-बंद पड़े हुये हैं? ग्रामवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) उक्त ट्रांसफार्मर को बदलने की योजना क्या है? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा वर्ष 2017-18 में किस-किस ग्राम के जले व बंद पड़े ट्रांसफार्मर को सुधार कर पुनः रखने का अनुरोध प्रबंधक, म.प्र. विद्युत वितरण कम्पनी मध्य क्षेत्र संभाग विदिशा से किया गया था? उक्त अनुरोध पर कौन-कौन से ट्रांसफार्मर बदल दिये गये हैं और कौन-कौन से शेष हैं? कारण सहित बतावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) बासौदा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत 57 ग्रामों में 81 जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की राशि जमा नहीं करने के कारण बदलने हेतु शेष हैं, जिनकी जलने/खराब होने की दिनांक सहित ग्रामवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) वर्तमान में लागू नियमानुसार जले/खराब ट्रांसफार्मर से संबद्ध 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा बकाया राशि जमा करने अथवा 20 प्रतिशत बकाया राशि जमा होने पर जले/खराब ट्रांसफार्मर को बदला जाता है। उक्तानुसार बकाया राशि जमा होने पर प्रश्नाधीन जले/खराब ट्रांसफार्मरों को बदला जा सकेगा। (ग) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा वित्तीय वर्ष 2017-18 में संचालन एवं संधारण वृत्त कार्यालय विदिशा को बासौदा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों को बदलने हेतु 4 पत्र प्रेषित किए गए हैं, जिनमें विभिन्न स्थानों के 20 जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों को बदलने हेतु लेख किया गया है। उक्त वर्णित 20 ट्रांसफार्मरों में से 6 ट्रांसफार्मर स्थानीय स्तर पर सुधरवाकर स्थापित कर दिये गये हैं, जिनसे वर्तमान में विद्युत प्रदाय चालू है तथा शेष ट्रांसफार्मर संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण नहीं बदले गए हैं। प्रश्नाधीन चाही गई ट्रांसफार्मरवार/ग्रामवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
वेंचर फाइनेंस लिमिटेड द्वारा वितरित ऋण
[वित्त]
5. ( *क्र. 910 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन द्वारा 2014 में म.प्र. वेंचर फाइनेंस लिमिटेड का गठन किया जाकर 100 करोड़ रू. का वेंचर केपिटल फंड बनाया था? (ख) इस वेंचर फाइनेंस लिमिटेड ने विगत 03 वर्षों में प्रश्न दिनांक तक कितने उद्यमियों को ऋण और मदद दी है? ऐसे उद्यमियों के नाम और दी गई राशि बतायें। शासन के पास वेंचर फाइनेंस लिमिटेड कम्पनी के कितने प्रस्ताव किस-किस दिनांक से अनुमोदन के लिये लंबित हैं? (ग) क्या वेंचर फाइनेंस लिमिटेड कम्पनी के एम.डी./सी.ई.ओ. ने इस्तीफा दिया है? यदि हाँ, तो क्या कारण हैं? उनके द्वारा इस्तीफा देने के पूर्व लिख्ो गये पत्र में कौन से मुद्दे उठाये गए थे? पत्र की प्रति उपलब्ध करायें। शासन द्वारा, एम.डी./सी.ई.ओ. द्वारा लिखे गये पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई है? वेंचर लिमिटेड को भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) और मल्टी नेशनल कम्पनियों से कितनी राशि मिलनी थी, कितनी मिली है?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी नहीं। म.प्र. वेंचर फायनेंस लिमिटेड का निगमन प्रमाण पत्र दिनांक 31.03.2015 को जारी हुआ है। राज्य शासन द्वारा दिनांक 14.10.2014 को राज्य में सेबी नियमों के अंतर्गत वेंचर केपीटल फण्ड की स्थापना हेतु कार्यवाही प्रारंभ करने तथा प्रथमत: एम.एस.एम.ई. क्षेत्र हेतु रूपये 100 करोड़ का फण्ड निर्मित करने का निर्णय लिया गया था। (ख) म.प्र. वेंचर फायनेंस लिमिटेड द्वारा उद्यमियों को सीधे तौर पर ऋण और मदद् दी जानी अपेक्षित नहीं है। उद्यमियों को सहायता मध्यप्रदेश एम.एस.एम.ई. फण्ड ट्रस्ट द्वारा उपलब्ध कराया जाना आशायित है। शासन के पास म.प्र. वेंचर फायनेंस लिमिटेड का कोई प्रस्ताव अनुमोदन हेतु लंबित नहीं है। (ग) जी हाँ। कम्पनी के एम.डी./सी.ई.ओ. द्वारा पत्र दिनांक 10.01.2018 द्वारा इस्तीफा दिया गया है। उनके द्वारा किसी कारण का उल्लेख इस्तीफे में नहीं किया गया है। उनके द्वारा इस्तीफा देने के पूर्व राज्य शासन को इस संबंध में उनका कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। अत: शासन द्वारा कोई कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) और मल्टी नेशनल कम्पनियों से योगदान अनुबंध नहीं होने से राशि का निर्धारण नहीं हुआ है और कोई राशि प्राप्त नहीं हुई है।
सामुदायिक वन अधिकार पत्रों का वितरण
[जनजातीय कार्य]
6. ( *क्र. 221 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 4 में अधिसूचित भूमियों के संबंध में दिनांक 16 अप्रैल, 2015 को पत्र जारी कर किस-किस प्रारूप में कौन-कौन सी जानकारी संकलित कर किन कार्यवाहियों के आदेश निर्देश उपखण्ड स्तरीय वनाधिकार समिति के अध्यक्ष अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को दिए हैं? पूर्ण ब्यौरा दें। (ख) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 1077, दिनांक 11 दिसंबर, 2014 में किस जिले के अनुविभागीय अधिकारी के समक्ष कितने वनखण्डों में शामिल कितनी भूमियों को धारा 4 में अधिसूचित होना प्रतिवेदित किया गया है व इनमें से कितनी भूमियों की दिनांक 16 अप्रैल, 2015 को जारी पत्र में उल्लेखित प्रारूप में जानकारी का संकलन आवश्यक रहा है? (ग) दिनांक 16 अप्रैल, 2015 से प्रश्न दिनांक तक विभाग के जारी आदेश के अनुसार कितने वनखण्डों में शामिल कितनी भूमियों की जानकारी का प्रारूप में संकलन कर लिया है, जिलेवार ब्यौरा दें। (घ) सदन के पटल पर प्रस्तुत प्रश्न क्रमांक 1077 में बताए वनखण्ड एवं भूमियों के संबंध में 16 अप्रैल, 2015 के पत्र में बताए प्रारूप में कब तक जानकारियों का अंकलन करवाया जाकर सामुदायिक वन अधिकार पत्र वितरित कर दिए जाएंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) वन विभाग द्वारा विधानसभा प्रश्न क्रमांक 1077 के उत्तर दिनांक 11.12.2014 में दी गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। वन विभाग द्वारा प्रतिवेदित भूमि को परीक्षण पश्चात् दिनांक 16 अप्रैल, 2015 को जारी पत्र में संकलित किया जाना है। (ग) एवं (घ) कार्यवाही प्रचलन में है। वन अधिकार अधिनियम 2006 की प्रक्रिया अर्द्ध न्यायिक स्वरूप की होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
आयोजना एवं आयोजनेत्तर मद का विभेदीकरण
[वित्त]
7. ( *क्र. 629 ) श्री संजय उइके : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भारत सरकार द्वारा लिये गये निर्णय के अनुक्रम में राज्य सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2017-18 से आयोजना एवं आयोजनेत्तर मद के विभेदीकरण को समाप्त करने का निर्णय लिया गया है? (ख) यदि हाँ, तो भारत सरकार द्वारा लिये गये निर्णय के आदेश/निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) आयोजना एवं आयोजनेत्तर व्यय के विभेदीकरण की समाप्ति के फलस्वरूप आयोजना मद अन्तर्गत आदिवासी क्षेत्र उपयोजना तथा अनुसूचित जाति उपयोजना का पृथक-पृथक निर्धारण भी समाप्त हो गया है, जिसके कारण उक्त उपयोजना क्षेत्र के विकास हेतु पृथक से बजट आवंटन नहीं होने से गैर आदिवासी उपयोजना क्षेत्र एवं आदिवासी उपयोजना क्षेत्रों के विकास में जो अन्तर है, उसको पूरा करने में जो कठिनाई आवेगी उसको कैसे दूर किया जावेगा? (घ) आयोजना एवं आयोजनेत्तर मद के विभेदीकरण की समाप्ति के पश्चात् भी यह सुनिश्चित करने की व्यवस्था की गई है कि सामाजिक एवं आर्थिक क्षेत्रों की योजनाओं अन्तर्गत अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति को प्रत्यक्ष लाभ पहुंचाने हेतु पृथक प्रावधान उपयोजना के रूप में किया गया है, तत्संबंध में व्यय हेतु जारी किये आदेश/निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें।
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। (ख) आदेश की प्रति विधानसभा के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जी नहीं। अनुसूचित जाति तथा जनजाति वर्ग के कल्याण हेतु अनुमानित व्यय के प्रावधानों का विवरण देने के लिए पृथक खण्ड-9 तैयार कर बजट साहित्य के रूप में विधान सभा के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है, जिसकी शुरूआत वर्ष 2017-18 के बजट प्रस्तुति के दौरान की गई थी। इस संबंध में वित्त विभाग के परिपत्र क्र. 1130/1497/2016/ब-1/चार, दिनांक 17.11.2016 की कंडिका 4 में स्थिति स्पष्ट की गई है, जिसकी प्रति विधानसभा के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) जी हाँ। आदेश की प्रति विधानसभा के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
संचालित योजनाओं का क्रियान्वयन
[ऊर्जा]
8. ( *क्र. 824 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ऊर्जा विभाग द्वारा राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना, फीडर सेपरेशन आदि क्या-क्या योजनाएं संचालित हैं व उनके क्रियान्वयन हेतु शासन ने क्या मापदण्ड व नियम प्रक्रियाओं का गठन किया है? (ख) क्या उपरोक्त गतिविधियां तहसील करैरा व नरवर जिला शिवपुरी में संचालित हैं व इस हेतु विभाग द्वारा विगत 03 वर्षों में किन-किन ऐजेंसियों के माध्यम से कार्य कराये गये, की जानकारी ग्राम, मजरे, टोले आदि सहित दी जावे व क्या सभी क्षेत्र के ग्रामों में उपरोक्त योजना पूर्ण हो चुकी है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो कारण बतायें? शेष ग्रामों को कब तक योजना का लाभ मिल सकेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) ऊर्जा विभाग के अंतर्गत वर्तमान में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना, राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना (वर्तमान में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में समाहित) फीडर विभक्तिकरण योजना, इंटीग्रेटेड पॉवर डेवलपमेंट स्कीम (आई.पी.डी.एस.), मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पंप कनेक्शन योजना, स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना (ओ.वाय.टी.) एवं प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) योजनाएं संचालित हैं। उक्त योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु जारी दिशा निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र क्रमश: अ-1, प्रपत्र अ-2, प्रपत्र अ-3, प्रपत्र अ-4, प्रपत्र अ-5, प्रपत्र अ-6, प्रपत्र अ-7 अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र में आई.पी.डी.एस. योजना को छोड़कर उक्त समस्त योजनाएं संचालित हैं। शिवपुरी जिले हेतु फीडर विभक्तिकरण योजनान्तर्गत क्रियान्वयन एजेन्सी मेसर्स एन.सी.सी, लिमिटेड, हैदराबाद, राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना (12वां प्लान) के अंतर्गत क्रियान्वयन एजेन्सी मेसर्स डी-कन्ट्रोल इलेक्ट्रिक (प्रा.) लिमिटेड, कानपुर एवं दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनान्तर्गत क्रियान्वयन एजेन्सी मेसर्स केटस्किल इन्फ्रा प्रोजेक्ट प्राईवेट लिमिटेड, पुणे है। प्रश्नाधीन क्षेत्रान्तर्गत मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजना एवं सौभाग्य योजनांतर्गत कार्य मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभागीय तौर पर कराए गए हैं तथा स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना के कार्य आवेदक द्वारा स्वयं लायसेंसी ठेकेदारों के माध्यम से कराए गए। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विगत् 3 वर्षों में फीडर विभक्तिकरण, राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना एवं दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनान्तर्गत ग्रामों/मजरों/टोलों के विद्युतीकरण से संबंधित कराए गए विभिन्न कार्यों की कार्य पूर्णता/अपूर्णता संबंधी, अपूर्ण होने के कारण सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र क्रमश: 'ब', प्रपत्र 'स' एवं प्रपत्र 'द' अनुसार है। प्रश्नाधीन शेष योजनाओं यथा-सौभाग्य योजना, मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजना एवं स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना के अंतर्गत प्रश्नाधीन अवधि एवं क्षेत्र में कराए गये कार्यों का प्रश्नाधीन चाहा गया विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ई' अनुसार है।
पूरक पोषण आहार का वितरण
[महिला एवं बाल विकास]
9. ( *क्र. 490 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रीवा संभाग में वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक में कितने स्व-सहायता समूहों द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्र में पूरक पोषण आहार के वितरण करने का उत्तरदायित्व किस शर्त पर सौंपा गया था, का विवरण परियोजनावार देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के स्व-सहायता समूहों को परियोजना अधिकारियों द्वारा उचित मूल्य की दुकानों से खाद्यान्न उठाने का प्रदायगी आदेश कब-कब जारी किये गये? समूहों द्वारा उचित मूल्य की दुकानों से उठाव कब-कब किया गया, का विवरण परियोजनावार देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या वर्ष 2014 से वर्ष 2016 तक प्रदेश के सभी जिलों में गेहूँ एवं चावल की कमी थी, जिसके कारण समूहों को निर्धारित मात्रा व समय पर चावल एवं गेहूँ की आपूर्ति नहीं की गयी? (घ) प्रश्नांश (क) के समूहों को प्रश्नांश (ख) एवं (ग) अनुसार चावल एवं गेहूँ की कमी से उपलब्धता सुनिश्चित नहीं करायी गयी, जिससे हितग्राहियों को पूरक पोषण आहार का वितरण नहीं हो सका, इसके लिए जबावदारों की पहचान पर क्या कार्यवाही करेगें? साथ ही खाद्यान्न की पूर्ति पर क्या निर्णय लेंगे?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) रीवा संभाग में वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक स्व-सहायता समूहों को पूरक पोषण आहार वितरण करने का दायित्व विभागीय आदेश क्र.एफ 4-5/2014/50-2, भोपाल, दिनांक 24 फरवरी 2014 द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अधीन सौंपा गया है। परियोजनावार स्व-सहायता समूहों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) प्रश्न अवधि में गेहूँ एवं चावल की कमी परिलक्षित नहीं हुई है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्न अवधि में स्व-सहायता समूहों को निर्धारित मापदण्ड अनुसार गेहूँ एवं चावल उपलब्ध कराया गया है तथा हितग्राहियों को पूरक पोषण आहार नियमित वितरण सुनिश्चित किया गया है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं/सहायिकाओं को पद से पृथक किया जाना
[महिला एवं बाल विकास]
10. ( *क्र. 1074 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) खरगापुर विधान सभा क्षेत्र के विकासखण्ड बल्देवगढ़ में वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक कितनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं के विरूद्ध पद से पृथक किये जाने की कार्यवाही की गई? संपूर्ण कार्यवाही एवं सूची से अवगत करायें? (ख) क्या जिन सहायिकाओं एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के विरूद्ध पद से पृथक करने की कार्यवाही की गई है, उनको नोटिस आदि दिये गये एवं उनके जवाब मांगे गये? यदि हाँ, तो नोटिस एवं जवाब पत्रों का विवरण उपलब्ध करायें? (ग) क्या पद से पृथक की गई सहायिकाओं एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं पर मुख्यालय पर नहीं रहने के आरोप लगाये गये हैं तथा इसी आरोप को प्रमुख बिन्दु मानते हुये पद से पृथक करने की कार्यवाही की गई? यदि स्वयं जाँचकर्ता एवं ब्लॉक परियोजना अधिकारी मुख्यालयों पर निवास नहीं करते हों तो उनके विरूद्ध भी पद से पृथक किये जाने की कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं के द्वारा दिये गये जवाब पत्रों पर जाँचकर्ता द्वारा समुचित कार्यवाही नहीं कर पद से पृथक किये जाने की अनुशंसा की है? क्या विकासखण्ड बल्देवगढ़ में इस प्रकार की दोषपूर्ण हुई कार्यवाही की जाँच करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? कारण स्पष्ट करें तथा पद से पृथक कर्मचारियों पर हुई गलत कार्यवाही करने वाले अधिकारी के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) खरगापुर विधानसभा क्षेत्र के विकासखण्ड बल्देवगढ़ में वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक 19 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं 8 सहायिकाओं के विरूद्ध पद से पृथक किये जाने की कार्यवाही की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। मुख्यालय पर नहीं रहने के कारण आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं/सहायिकाओं को हटाया गया है। जाँचकर्ता एवं परियोजना अधिकारी मुख्यालय पर निवासरत् हैं। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। जो आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकायें मुख्यालय पर निवास नहीं करती थीं, उन्हें पद से पृथक करने की कार्यवाही शासन के निर्देशों के अनुसार नियमानुसार की गई है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
परासिया विकासखण्ड में निवासरत भारिया जनजाति को आरक्षण का लाभ
[जनजातीय कार्य]
11. ( *क्र. 504 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले के किन-किन विकासखण्डों में भारिया जनजाति के लोग निवासरत हैं? प्रत्येक विकासखण्ड में निवासरत भारिया जनजाति के लोगों की संख्या प्रत्येक विकास खण्डवार उपलब्ध करायें? (ख) क्या केवल छिन्दवाड़ा जिले के तामिया विकासखण्ड में निवासरत भारिया जनजाति के लोगों को ही शासकीय नौकरियों में शासन द्वारा आरक्षण सुविधा सीधी भर्ती का लाभ व शासन द्वारा संचालित अन्य योजनाओं का लाभ प्रदान किया जा रहा है? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार अगर हाँ तो छिन्दवाड़ा जिले के परासिया विकासखण्ड में निवासरत (ग्राम बुदलापठार, सूठिया व अन्य ग्रामों में निवासरत) भारिया जनजाति के लोगों को शासकीय नौकरियों में शासन द्वारा आरक्षण सुविधा सीधी भर्ती का लाभ व शासन द्वारा संचालित अन्य योजनाओं के लाभ से वंचित रखा जा रहा है, जिसका क्या कारण है, जबकि तामिया व परासिया दोनों ही विकासखण्ड छिन्दवाड़ा जिले के अंतर्गत आते हैं? (घ) जिस प्रकार छिन्दवाड़ा जिले के तामिया विकासखण्ड में निवासरत भारिया जनजाति के लोगों को शासकीय नौकरियों में शासन द्वारा आरक्षण सुविधा सीधी भर्ती का लाभ व शासन द्वारा संचालित अन्य योजनाओं का लाभ प्रदान किया जा रहा है, क्या उसी प्रकार छिन्दवाड़ा जिले के अन्य विकासखण्डों में निवासरत भारिया जनजाति के लोगों को लाभ प्रदान किया जायेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख), (ग) एवं (घ) भारत सरकार जनजातीय कार्य विभाग की अधिसूचना के अनुरूप भारिया जनजाति, जो छिन्दवाड़ा जिले के तामिया विकासखण्ड में चिन्हित क्षेत्र में निवास करते हैं, उन्हें ही विशेष पिछड़ी जनजाति की मान्यता प्राप्त है। तदनुरूप मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग की अधिसूचना दिनांक 28.08.2002 एवं दिनांक 11.01.2010 द्वारा छिन्दवाड़ा जिले के तामिया विकासखण्ड के विभिन्न क्षेत्रों में निवासरत भारिया जनजाति को नौकरियों में सीधी भर्ती एवं भारत सरकार की विशेष पिछड़ी जनजाति की योजनाओं का लाभ मिल रहा है। साथ ही तामिया क्षेत्र से बाहर निवासरत परासिया विकासखण्ड के भारिया जनजाति को भी राज्य सरकार द्वारा विशेष पिछड़ी जनजाति के परिवारों को कुपोषण से मुक्ति हेतु रूपये एक हजार प्रतिमाह महिला मुखिया को दिये जाने वाली योजना का लाभ दिया जा रहा है। भारत सरकार जनजाति कार्य विभाग एवं मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग की अधिसूचना अनुसार वर्तमान प्रचलित नियमों के तहत चिन्हित क्षेत्रों के बाहर निवासरत भारिया जनजाति को शासकीय नौकरियों में भर्ती बावत् लाभ देय नहीं है।
टेंडर में अनियमितता
[नर्मदा घाटी विकास]
12. ( *क्र. 938 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 1292, दिनांक 28.11.2017 के (ग) उत्तर से जानकारी प्राप्त हुई कि इंदौर नगर निगम में अस्थायी टीन शेड का टेंडर निकाला। ऐसे और कितने कार्य हैं, जिनके टेंडर इंदौर नगर निगम द्वारा निकाले गए (डूब क्षेत्र, पुनर्वास संबंधित)? (ख) ऐसा किस नियम/लिखित आदेश से किया गया कि इंदौर नगर निगम द्वारा अपनी सीमा से दूरस्थ डूब क्षेत्र का टेंडर निकाला गया? नियम/लिखित आदेश की छायाप्रति देवें। (ग) ऐसा नियम विरूद्ध कार्य करने का आदेश देने वाले एवं उसका पालन करने वाले अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित जानकारी देवें। (घ) शासन द्वारा कब तक इन पर कार्यवाही की जाएगी?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) सरदार सरोवर परियोजना अंतर्गत प्रश्न क्रमांक 1292, दिनांक 28.11.2017 के प्रश्नांश (ग) के अनुरूप निसरपुर पुनर्वास स्थल पर अस्थाई आवास निर्माण हेतु टेन्डर के अतिरिक्त इंदौर नगर पालिक निगम द्वारा अस्थायी आवास स्थलों पर मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने हेतु निम्न दो टेंडर आमंत्रित किये गये :- 1. अस्थायी आवासों पर जल प्रदाय करना। 2. अस्थायी आवास स्थल पर बाह्य विद्युत व्यवस्था करना। (ख) सरदार सरोवर परियोजनाओं के पुनर्वास के संबंध में मुख्य सचिव की अध्यक्ष्ाता में उच्च स्तरीय साधिकार समिति की बैठक दिनांक 22.05.2017 के निर्णय अनुसार निसरपुर जिला धार में विस्थापितों हेतु 1500 अस्थाई आवास के निर्माण हेतु निर्देश दिये गये हैं। इस क्रम में आयुक्त, मध्य प्रदेश नगरीय प्रशासन एवं विकास द्वारा दिये गये निर्देश अनुसार प्रमुख अभियंता मध्यप्रदेश अर्बन डेव्हलपमेंट कंपनी लिमिटेड के द्वारा जारी पत्र क्रमांक पी.एम.यू./इंजी./2017/835, दिनांक 22.05.2017 एवं निगम द्वारा नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की कंडिका क्रमांक 68 ''शासन द्वारा निगम को कतिपय कार्यों का सौपा जाना'' के तहत कार्य किया गया। पत्र संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
धरमपुरी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत शालाओं का उन्नयन
[जनजातीय कार्य]
13. ( *क्र. 563 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिम जाति कल्याण विभाग अन्तर्गत संचालित विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं तथा प्राथमिक, माध्यमिक, हाईस्कूल आदि संस्थाओं का संस्था अथवा पोषक संस्थाओं में दर्ज छात्र/छात्राओं की संख्या के आधार पर उच्च कक्षा हेतु उन्नयन किया जाना होता है? (ख) यदि हाँ, तो म.प्र. के धार जिले की धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत संचालित शैक्षणिक संस्थाओं तथा कन्या हाईस्कूल नालछा, मा.वि. बगडी, मा.वि. कछवानिया आदि संस्थाओं का उन्नयन उच्च कक्षा में करने हेतु प्रस्ताव मय आवश्यक जानकारी एवं अनुशंसा सहित तीन-चार वर्षों से सतत् प्रेषित करने के बावजूद उन्नयन नहीं किये जाने का क्या कारण है? (ग) विभाग को प्रेषित प्रस्ताव अनुसार भविष्य में उपरोक्त संस्थाओं का उन्नयन किया जावेगा अथवा नहीं? यदि उपरोक्त संस्थाओं का उन्नयन किया जावेगा तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालय राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा स्वीकृत किये जाते हैं। माध्यमिक शाला से हाई स्कूल उन्नयन राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान अंतर्गत लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा कार्यवाही की जाती है। जनजातीय कार्य विभाग द्वारा हाई स्कूल से उ.मा.वि. में उन्नयन की कार्यवाही की जाती है। कन्या हाई स्कूल नालछा में निर्धारित मापदण्ड की पूर्ति न होने से उन्नयन नहीं किया गया। (ग) मापदण्ड की पूर्ति होने पर निर्धारित प्राथमिकताओं के आधार पर उन्नयन की कार्यवाही की जाती है। अत: निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं।
वनाधिकार पट्टों का वितरण
[जनजातीय कार्य]
14. ( *क्र. 1082 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के मैहर विकासखण्ड में वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 तक कितने वनाधिकार (वन भूमि के पट्टे) के आवेदन पत्र कब से किस स्तर पर लंबित हैं एवं क्यों? प्रकरणवार कारण बतावें। (ख) क्या वर्तमान में शासन द्वारा वन भूमि के पट्टा हेतु आवेदन करने पर रोक लगाई है? यदि हाँ, तो उक्त आदेश की प्रति दें? यदि नहीं, तो प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वर्षों में कितने वनाधिकार (वन भूमि के पट्टे) वितरित किये गये हैं? ग्रामवार लाभांवित हितग्राहियों की सूची उपलब्ध करावें। (ग) कब तक मैहर विकासखण्ड के सभी पात्र हितग्राहियों को वनाधिकार पट्टे उपलब्ध करा दिये जावेंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) सतना जिले के मैहर विकासखण्ड क्षेत्र अन्तर्गत वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 एवं 2017 -18 में वन अधिकार (वन भूमि पट्टे) के कोई भी आवेदन पत्र लंबित नहीं है। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वर्षों में निम्नानुसार वन भूमि के पट्टे वितरित किये गये हैं :-
क्रमांक |
वर्ष |
वितरित पट्टों की संख्या |
1 |
2014-15 |
24 |
2 |
2015-16 |
0 |
3 |
2016-17 |
31 |
4 |
2017-18 |
0 |
(ग) ग्रामवार लाभांवित हितग्राहियों/पट्टेधारियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रक्रिया अर्द्धन्यायिक स्वरूप की होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विद्युत ग्रिड/133 के.व्ही केन्द्र की स्थापना
[ऊर्जा]
15. ( *क्र. 919 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भीकनगाँव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत झिरन्या विकासखण्ड अन्तर्गत क्षेत्रफल अधिक होने से ग्राम मारुगढ़ में 132 के.व्ही. केन्द्र की आवश्यकता है तथा क्या इसकी स्वीकृति हेतु प्रस्ताव शासन स्तर पर प्रेषित किया गया है? अगर नहीं तो वर्तमान में सर्वे कर भेजा जायेगा? यदि भेजा गया है तो कहाँ पर लंबित है? (ख) क्या झिरन्या क्षेत्र की विद्युत व्यवस्था सुचारू रूप से संचालन हेतु शासन द्वारा 132 के.व्ही. केन्द्र मारुगढ़ में स्वीकृति प्रदान की जायेगी तथा इसी प्रकार तितरान्या में ग्रिड की स्थापना हेतु शासन स्तर पर प्रस्ताव लंबित हैं? क्या कारण है कि वर्तमान तक स्वीकृति प्रदान नहीं की गई है? (ग) कब तक तितरान्या में ग्रिड की स्वीकृति प्रदान की जायेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, भीकनगाँव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत झिरन्या विकासखण्ड में आने वाले ग्रामों की वोल्टेज की समस्या के निराकरण सहित विद्युत व्यवस्था के सुचारू रूप से संचालन हेतु ग्राम मारुगढ़ (धनवा) में अति उच्चदाब 132/33 के.व्ही. उपकेन्द्र के निर्माण की आवश्यकता है। उक्त उपकेन्द्र के निर्माण का प्रस्ताव म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर के पत्र क्रमांक प्र.नि./प.क्षे./08-03/1354, दिनांक 19.01.2018 द्वारा म.प्र. पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड, जबलपुर को स्वीकृति हेतु प्रेषित किया गया है। उक्त उपकेन्द्र निर्माण का प्रस्ताव वर्तमान में म.प्र. पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड, जबलपुर में तकनीकी परीक्षण की प्रक्रिया में है। (ख) प्रश्नाधीन अति उच्चदाब 132/33 के.व्ही. उपकेन्द्र के निर्माण का प्रस्ताव तकनीकी रुप से साध्य पाये जाने पर म.प्र. पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड, जबलपुर द्वारा उक्त कार्य आगामी पारेषण योजना में सम्मिलित कर, वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता अनुसार, इसी प्रकार के अन्य कार्यों की वरीयता/प्राथमिकता को दृष्टिगत रखते हुए निर्माण संबंधी कार्यवाही की जा सकेगी। ग्राम तितरान्या में नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र का निर्माण किया जाना तकनीकी दृष्टि से साध्य है, तथापि इस कार्य को वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता अनुसार इसी प्रकार के अन्य कार्यों की वरीयता/प्राथमिकता को दृष्टिगत् रखते हुए स्वीकृति प्रदान की जा सकेगी। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
आदिवासी वित्त विकास निगम द्वारा संचालित योजनाओं का क्रियान्वयन
[जनजातीय कार्य]
16. ( *क्र. 392 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिवासी वित्त विकास निगम सागर जिले में कौन सी योजनाएं चला रहा है? वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक लक्ष्य के विरूद्ध कितने हितग्राही लाभांवित हुए। (ख) बैंकों द्वारा ऋण स्वीकृत करने के पश्चात् विभाग से अनुदान कितने दिनों में प्राप्त होने पर हितग्राही अपना रोजगार प्रारंभ कर देता है? अनुदान देने की प्रक्रिया क्या है? (ग) क्या बैंकों को हितग्राही का अनुदान प्राप्त करने की प्रक्रिया संबंधित बैंकों द्वारा अपने रीजनल बैंक के माध्यम से भोपाल स्थित बैंकों से अनुदान प्राप्त करना होता है, जिससे हितग्राही को समय पर प्रश्नांश (क) में वर्णित योजना का लाभ प्राप्त नहीं होता तथा बैंक ऋण स्वीकृत करने में रूचि नहीं लेते? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) में वर्णित स्थिति में सुधार के लिए प्रश्नांश (क) में वर्णित योजनाओं का हितग्राही को समय पर लाभ प्राप्त हो एवं लक्ष्य की पूर्ति के लिए अन्य विभागों की योजनाओं की तरह अनुदान की प्रक्रिया का सरलीकरण कर जिला स्तर पर सौंपने का निर्णय निगम लेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) निगम द्वारा मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना, मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना एवं मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना बैंकों के माध्यम से संचालित की जा रही है। लाभांवित हितग्राहियों की सूची निम्नानुसार है :-
क्र. |
योजना का नाम |
भौतिक लक्ष्य |
लाभांवित हितग्राही संख्या |
|
2016-17 |
|
|
1 |
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना |
120 |
120 |
2 |
मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना |
80 |
80 |
3 |
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना |
04 |
03 |
|
2017-18 |
|
|
1 |
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना |
145 |
90 |
2 |
मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना |
100 |
90 |
3 |
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना |
04 |
03 |
|
|
|
386 |
(ख) बैक द्वारा ऋण वितरण के पश्चात् हितग्राही अपना रोजगार स्वयं के सुविधा अनुसार यथाशीघ्र प्रारंभ करता है। निगम द्वारा संचालित योजनान्तर्गत संबंधित बैंक के माध्यम से अनुदान राशि, ऋण स्वीकृति उपरान्त संबंधित बैंक शाखा द्वारा मांग की जाने पर दी जाती है। संबंधित बैंक शाखा द्वारा नोडल बैंक से अनुदान राशि प्राप्त कर सीधे हितग्राही के खाते में जमा कर दी जाती है। (ग) संबंधित बैकों द्वारा अपने क्षेत्रीय बैंक के माध्यम से नोडल बैंक से अनुदान की मांग की जाती है। बैकों द्वारा सतत् कार्यवाही की जाती है। बैंक की निर्धारित प्रक्रिया है, उसका पालन होता है। वित्तीय वर्ष में सभी प्रकरणों पर कार्यवाही की जाती है, ताकि हितग्राहियों को समय पर लाभ मिल सके। (घ) प्रस्ताव परीक्षणाधीन है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
प्री-मैट्रिक छात्रावास बरेला से छात्रों का निष्कासन
[जनजातीय कार्य]
17. ( *क्र. 241 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जुलाई 2017 में विधान सभा क्षेत्र पनागर के बरेला स्थित प्री-मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास कक्षा छटवीं से आठवीं के 15 छात्रों को हटाया गया है? (ख) यदि हाँ, तो क्यों? (ग) हटाये गये छात्रों के रहने की क्या व्यवस्था की गई है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) बरेला स्थित प्री-मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास से कक्षा छठवीं से आठवीं तक के किसी भी छात्र को नहीं हटाया गया। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
द्वितीय उच्चतर समयमान वेतनमान में विसंगति
[वित्त]
18. ( *क्र. 909 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकार के विभिन्न विभागों में कार्यरत सहायक ग्रेड 03 को द्वितीय उच्चतर समयमान वेतनमान 5200-20200+2800 स्वीकृत किया गया है? क्या मंत्रालय, विधानसभा सचिवालय, राज्यपाल के सचिवालय, विधि विधायी विभाग के सहायक ग्रेड 03 को द्वितीय उच्चतर समयमान वेतनमान रू 9300-34800+3600 दिया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो क्या मंत्रालय एवं सचिवालय में कार्यरत सहायक ग्रेड 03 को इसके पूर्व द्वितीय समयमान वेतनमान 5200-20200+2800 दिया जा रहा था? क्या प्रश्न दिनांक तक शासन के अन्य विभागों में कार्यरत सहायक ग्रेड 03 को द्वितीय उच्चतर समयमान वेतनमान रू. 5200-20200+2800 (ग्रेड-पे) स्वीकृत किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार क्या शासन के सभी विभागों में कार्यरत सहायक ग्रेड 03 के पद पर सेवा भर्ती शर्तें एवं प्रारंभिक वेतनमान आदि एक समान हैं? यदि नहीं, तो स्पष्ट करें? सचिवालय एवं मंत्रालय की भांति अन्य विभागों के सहायक ग्रेड 03 को द्वितीय उच्चतर वेतनमान 9300-34800+3600 क्यों नहीं प्रदाय किया गया? सकारण उत्तर दें? अन्य विभागों में सहायक ग्रेड 03 को मंत्रालय एवं सचिवालय की भांति द्वितीय उच्चतर वेतनमान रू. 9300-34800+3600 दिए जाने हेतु आदेश किस दिनांक तक जारी कर दिए जावेंगे? यदि नहीं, तो कारण दें।
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) सामान्यत: समान है, मंत्रालय के सहायक ग्रेड-3 को दिया गया समयमान वेतनमान राज्य शासन के नीतिगत निर्णय के आधार पर है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राजगढ़ विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों का उन्नयन
[महिला एवं बाल विकास]
19. ( *क्र. 729 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शासन के नवीन आंगनवाड़ी एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने के क्या नियम हैं? निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) राजगढ़ जिले की विधान सभा क्षेत्र राजगढ़ में ऐसे कितने ग्राम हैं, जिनमें पूर्व की जनसंख्या के मान से मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं, परन्तु वे वर्तमान जनसंख्या के मान से आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने की पात्रता रखते हैं? सूची उपलब्ध करावें। (ग) ऐसे ग्रामों की मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों का कब तक आंगनवाड़ी केन्द्रों में उन्नयन किया जावेगा? (घ) वर्तमान में राजगढ़ जिले की विधान सभा क्षेत्र राजगढ़ में कौन-कौन सी आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के पद रिक्त हैं? सूची उपलब्ध करावें तथा उक्त पदों की पूर्ति कब तक की जा सकेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृति हेतु भारत सरकार द्वारा जारी निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ख) राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के 11 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र ऐसे हैं, जिनकी जनसंख्या नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने की पात्रता को पूरी करते हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) में दिये गये उत्तर के परिप्रेक्ष्य में उक्त ग्रामों के लिये नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने हेतु विधिवत प्रस्ताव प्राप्त होने पर नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने की स्वीकृति हेतु प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा जावेगा। भारत सरकार के नियमों में मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों को आंगनवाड़ी केन्द्र में उन्नयन करने का कोई प्रावधान नहीं है। (घ) विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ अन्तर्गत आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका तथा उप आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''तीन'' अनुसार है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका तथा मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के रिक्त पदों की पदपूर्ति की कार्यवाही एक सतत् प्रक्रिया है, अतः समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं में राज्य की हिस्सेदारी बढ़ायी जाना
[वित्त]
20. ( *क्र. 417 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अप्रत्यक्ष केन्द्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी 32 % से बढ़ाकर 42% करने के केन्द्र सरकार के निर्णय के बाद केन्द्र प्रवर्तित विषयांकित योजनाओं में राज्यों की हिस्सेदारी पूर्व में कितनी थी तथा अब कितनी हो गयी है? योजनाओं के नाम तथा प्रतिशत हिस्सेदारी सहित जानकारी दें। (ख) विषयांकित योजनाओं में राज्य की हिस्सेदारी बढ़ने के बाद राज्य पर आए अतिरिक्त भार की जानकारी वित्तीय वर्ष अनुसार दें। साथ ही केन्द्रीय अप्रत्यक्ष करों में बढ़ोत्तरी होने से होने वाली अतिरिक्त आय की जानकारी भी वित्तीय वर्ष अनुसार दें। (ग) क्या केन्द्र ने राज्य को एक हाथ से राशि देकर कई हाथों से उसे वापिस ले लिया? बढ़ोत्तरी से होने वाली आय तथा खर्चों की तुलनात्मक जानकारी देवें।
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) केन्द्र सरकार द्वारा अप्रत्यक्ष केन्द्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी 42 प्रतिशत करने के बाद केन्द्र प्रवर्तित विषयांकित योजनाओं में राज्यों की हिस्सेदारी की पूर्व तथा वर्तमान स्थिति को दर्शाने वाली जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) वित्तीय वर्ष 2015-16 में केन्द्र प्रवर्तित कुछ योजनाओं के स्वरूप में परिवर्तन तथा कुछ नवीन योजनाएं प्रारंभ होने के कारण सभी योजनाओं की तुलनात्मक जानकारी दी जाना संभव नहीं है, परन्तु कुछ प्रमुख योजनाओं में राज्य की हिस्सेदारी बढ़ने से राज्य पर आए अतिरिक्त भार की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। केन्द्रीय अप्रत्यक्ष करों से राज्य शासन को वित्तीय वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में प्राप्त आय की जानकारी निम्नानुसार है :-
(राशि रूपये करोड़ में)
अप्रत्यक्ष कर |
||
|
2014-15 |
2015-16 |
0037-सीमा शुल्क |
3898.80 |
6133.72 |
0038-संघ उत्पाद शुल्क |
2201.53 |
5100.26 |
0044-सेवा कर |
3553.91 |
6655.84 |
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा वित्तीय वर्ष 2016-17 के लेखों को अंतिम रूप दिया जाना शेष है। (ग) संघीय व्यवस्था अनुरूप कार्यवाही की गई है। आय तथा व्यय की जानकारी प्रतिवर्ष बजट अनुमान में रखी जाती है।
विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी अंतर्गत पावर प्लांट की स्थापना
[ऊर्जा]
21. ( *क्र. 845 ) श्री अनिल जैन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी के ग्राम देवरीकलरऊ, बीजौर में क्या कोई पावर प्लांट स्थापना करने हेतु जी.एम.आर. समूह द्वारा शासन से अनुमति प्राप्त की गयी है? यदि हाँ, तो अनुमति दिनांक सहित बताया जाये कि शासन द्वारा निर्धारित समयावधि में इस प्लांट को स्थापित एवं प्रारंभ क्यों नहीं किया जा सका है? (ख) प्रश्नगत पावर प्लांट कंपनी के द्वारा मौके पर कितनी भूमि क्रय की जाकर औद्योगिक प्रयोजन हेतु व्यपवर्तन कराया गया है और कितने रकबे का व्यपवर्तन शेष रह गया है? कारण सहित ग्रामवार जानकारी देते हुये बतावें कि कितने रकबे की प्रविष्टि कम्प्यूटरीकृत की जा चुकी है और कितनी शेष है? (ग) प्रश्नांश (क) के पावर प्लांट के लिये आवश्यक शासकीय भूमि का रकबा एवं प्लांट को उपलब्ध कराये गये रकबे की जानकारी पृथक से देते हुये बतावें कि भूमि संबंधी आवश्यकतायें कब तक पूरी करा ली जावेंगी।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी के ग्राम देवरीकलरऊ, बीजौर में पॉवर प्लांट स्थापित करने हेतु मेसर्स जी.एम.आर. बुन्देलखण्ड एनर्जी प्रा.लि. द्वारा राज्य शासन के साथ समझौता-ज्ञापन (एम.ओ.यू.) दिनांक 22.10.2010 को निष्पादित किया गया था। उक्त समझौता-ज्ञापन (एम.ओ.यू्.) दिनांक 31.12.2012 तक वैध था तथा इस दिनांक तक कंपनी को ऊर्जा विभाग, म.प्र. शासन के साथ एम.ओ.यू. के अनुसार निर्धारित लक्ष्य पूर्ण करने के उपरांत क्रियान्वयन अनुबंध हस्ताक्षरित करना था। निर्धारित तिथि से 16 माह के बाद भी उक्त कंपनी द्वारा एम.ओ.यू. के अनुसार निर्धारित लक्ष्य पूरा नहीं करने के कारण, ऊर्जा विभाग म.प्र. शासन द्वारा समझौता-ज्ञापन (एम.ओ.यू.) अमान्य कर दिया गया। उक्त के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (ख) मेसर्स जी.एम.आर. बुन्देलखण्ड एनर्जी प्रा.लि. द्वारा यह जानकारी उपलब्ध कराई गई है कि उनके द्वारा मौके पर कुल 184.69 एकड़ निजी भूमि क्रय की गई है। उक्त भूमि में से 124.71 एकड़ रकबे का व्यपवर्तन कराया गया है तथा 59.01 एकड़ रकबे का व्यपवर्तन शेष है, जिसके व्यपवर्तन हेतु दिनांक 27.12.2017 को आवेदन किया गया है। ग्रामवार विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्राप्त जानकारी अनुसार समस्त क्रय किये गये रकबे की प्रविष्टि कम्प्यूटरीकृत की जा चुकी है। (ग) मेसर्स जी.एम.आर. बुन्देलखण्ड एनर्जी प्रा.लि. से प्राप्त जानकारी अनुसार प्रारंभिक दौर में ही कानूनी अड़चन उत्पन्न हो जाने से, कंपनी को किसी भी प्रकार का कोई शासकीय रकबा आवंटित नहीं हुआ है।
मजरे टोलों का विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
22. ( *क्र. 832 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा मजरा-टोलों में विद्युतीकरण किये जाने के नियम-निर्देश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो सिरोंज एवं लटेरी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत जनवरी 2014 से अब तक किन-किन मजरा टोलों में कब-कब विद्युतीकरण के कार्य स्वीकृत किये गये हैं? सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार उक्त कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण हुए एवं कितने अपूर्ण हैं? अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण किये जाने की संभावना है? (ग) प्रश्नांश (क) में से शेष रहे मजरा-टोलों को कब तक विद्युतीकरण के तहत जोड़े जाने की संभावना है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, मुख्य आबाद राजस्व ग्राम के विद्युतीकरण के उपरान्त कालान्तर में निर्मित मुख्य ग्राम के मजरों/टोलों को वित्तीय उपलब्धता के अनुरूप विभिन्न योजनाओं में क्रमश: विद्युतीकृत किया जाता है। सिरोंज एवं लटेरी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत जनवरी-2014 से प्रश्नांश दिनांक तक 230 मजरों/टोलों के विद्युतीकरण के कार्य विभिन्न योजनाओं में स्वीकृत किए गए हैं, जिनकी प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ', प्रपत्र-'ब', प्रपत्र-'स-1', प्रपत्र-'स-2', प्रपत्र-'द', प्रपत्र-'इ', प्रपत्र-'फ' एवं प्रपत्र-'ज' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में दर्शाए गए 230 कार्यों में से 175 कार्य विभिन्न योजनाओं में पूर्ण किए जा चुके हैं एवं शेष 55 कार्य प्रगति पर हैं, जिनके पूर्ण होने की संभावित तिथि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार शेष मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किये जाने की संभावित तिथि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स-2', प्रपत्र-'द' एवं प्रपत्र-'ज' अनुसार है।
लाड़ली लक्ष्मी योजना के लक्ष्य की पूर्ति
[महिला एवं बाल विकास]
23. ( *क्र. 816 ) श्री रजनीश सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिवनी जिले के अंतर्गत लाड़ली लक्ष्मी योजना का शासन द्वारा वर्ष 2016-17 में कितना लक्ष्य निर्धारित किया गया था? (ख) उक्त लक्ष्य अनुसार अभी तक कितना लक्ष्य सिवनी जिले के विधान सभा क्षेत्र केवलारी में विकास खण्डवार प्राप्त किया गया? (ग) अगर लक्ष्य प्राप्त नहीं किया गया, तो कब तक प्राप्त कर लेंगे? (घ) लक्ष्य प्राप्त नहीं होने पर शासन क्या कार्यवाही करेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) वर्ष 2016-17 में सिवनी जिले हेतु योजनान्तर्गत 6194 का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। (ख) विधानसभा केवलारी के विकासखण्ड केवलारी में शत-प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त किया गया। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पेट्रोल/डीजल पर कर निर्धारण
[वाणिज्यिक कर]
24. ( *क्र. 512 ) श्री सचिन यादव : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में प्रति लीटर पेट्रोल एवं डीजल पर किस-किस प्रकार से कितने रूपये का टैक्स प्रदेश सरकार द्वारा लगाया गया है और क्यों? उक्त टैक्स में समय-समय पर वृद्धि करने के क्या कारण हैं? (ख) उक्त टैक्स से विगत पाँच वर्षों में कुल कितनी आय प्राप्त हुई? वर्षवार जानकारी दें। (ग) राज्य सरकार द्वारा मध्यप्रदेश में किन खाद्य सामग्रियों पर किस-किस प्रकार से कितनी राशि के टैक्स लगाये गये हैं? सूचीवार जानकारी दें। (घ) क्या उपरोक्त टैक्स निर्धारित टैक्सों से अधिक हैं? यदि हाँ, तो क्यों? सूचीवार जानकारी दें।
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा पेट्रोल पर 28 प्रतिशत् की दर से वेट, 4 रूपये प्रति लीटर की दर से अतिरिक्त कर एवं 1 प्रतिशत् की दर से उपकर लिया जाता है। डीजल पर 22 प्रतिशत् की दर से वेट एवं 1 प्रतिशत दर से उपकर लिया जाता है। दिनांक 14.10.2017 तक पेट्रोल पर 31 प्रतिशत् की दर से वेट एवं 4 रूपये प्रति लीटर की दर से अतिरिक्त कर लिया जाता था। डीजल पर 27 प्रतिशत की दर से वेट एवं 1.50 रूपये प्रति लीटर की दर से अतिरिक्त कर लिया जाता था। अतः वर्तमान में पेट्रोल तथा डीजल पर कर दर पूर्व में प्रचलित कर दर से कम है। डीजल एवं पेट्रोल पर लगाए जाने वाले कर में समय समय पर कमी/वृद्धि राज्य के राजस्व की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए की जाती है। दिनांक 29.01.2018 से पेट्रोल पर 1 प्रतिशत् की दर से उपकर राज्य में नगरीय परिवहन अधोसंरचना के विकास के लिए निधि उपलब्ध कराने के प्रयोजन अथवा उसके लिए प्राप्त किए गए ऋण के पुनर्भुगतान के लिए लगाया गया है। डीजल पर दिनांक 29.01.2018 से 1 प्रतिशत् की दर से उपकर राज्य में परिवहन अधोसंरचना के विकास के लिए निधि उपलब्ध कराने के प्रयोजन अथवा उसके लिए प्राप्त किए गए ऋण के पुनर्भुगतान के लिए लगाया गया है। (ख) पेट्रोल एवं डीज़ल से विगत 5 वर्षों में कुल रूपये 33236.42 करोड़ आय प्राप्त हुई है। विगत 5 वर्षों में प्राप्त आय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिश्ष्टि के प्रपत्र "ए" अनुसार है। (ग) राज्य सरकार द्वारा माल और सेवा कर अधिनियम, 2017 दिनांक 01.07.2017 से लागू किया गया है। इस अधिनियम के अन्तर्गत निरंक कर दर से संबंधित अनुसूची में एच.एस.एन. कोड अनुसार उल्लेखित विभिन्न खाद्य सामग्रियों को करमुक्त श्रेणी में रखा गया है। इसके अतिरिक्त इस अधिनियम के अंतर्गत जारी अधिसूचना की अनुसूची 1 में एच.एस.एन. कोड के अनुसार उल्लेखित खाद्य सामग्रियों पर 2.5 प्रतिशत, अनुसूची 2 में एच.एस.एन. कोड के अनुसार उल्लेखित खाद्य सामग्रियों पर 6 प्रतिशत, अनुसूची 3 में एच.एस.एन. कोड के अनुसार उल्लेखित खाद्य सामग्रियों पर 9 प्रतिशत तथा अनुसूची 4 में एच.एस.एन. कोड के अनुसार उल्लेखित खाद्य सामग्रियों पर 14 प्रतिशत (SGST) कर दर रखी गई है। सेवाओं से संबंधित अनुसूची में चेप्टर, सेक्सन और हैडिंग के अनुसार खाद्य सामग्री संबंधी सेवाओं पर कर की दर (SGST) 2.5 प्रतिशत् तथा 9 प्रतिशत् की कर दर रखी गई है। खादय सामग्रियों पर कर की दर संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''बी" अनुसार है। (घ) मध्यप्रदेश माल एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 के तहत कर की दरों का निर्धारण जी.एस.टी. काउंसिल के द्वारा किया जाता है।
विद्युत क्षमता में वृद्धि
[ऊर्जा]
25. ( *क्र. 1010 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिला अन्तर्गत जावरा एवं पिपलौदा तहसील में 01 अप्रैल-2016 से 31 जनवरी-2018 तक विद्युतीकरण संबंधी क्या-क्या कार्य सम्पादित किये गये हैं, निर्मित किये गये उच्चदाब, निम्नदाब लाईनों की लम्बाई, निर्मित किये गये 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र एवं विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की संख्या बतावें? स्वीकृत कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण हुए तथा कितने अपूर्ण हैं? वित्तीय वर्ष 2016-17 में किये गये संधारण कार्यों की मात्रा भी बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित क्षेत्र एवं अवधि में कितने विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि की गई, कितने किलोमीटर 33 के.व्ही. 11 के.व्ही. एवं निम्नदाब लाईनों के पुराने तार बदले गये? इस प्रकार के स्वीकृत कार्यों में से कितने पूर्ण हुए एवं कितने अभी भी अपूर्ण हैं? (ग) रतलाम जिला अन्तर्गत जावरा एवं पिपलौदा तहसील में दिनांक 01 अप्रैल, 2016 से 31 जनवरी-2018 तक सिंचाई पम्प कनेक्शन हेतु विभिन्न योजनाओं में कितने आवेदन प्राप्त हुए, उनमें से कितने कृषकों को विद्युत कनेक्शन प्रदान किये गये एवं कितने कार्य अपूर्ण हैं? (घ) अति उच्चदाब केन्द्र जावरा एवं माताजी बडायला (पिपलौदा) 220 के.व्ही. उपकेन्द्र हेतु स्वीकृत प्राक्कलन की राशि कितनी है एवं इनमें क्या कार्य किये जा रहे हैं अथवा किये जावेगें? साथ ही सौभाग्य योजनान्तर्गत कितने विद्युत संयोजन दिये जाकर विद्युत का उपभोग प्रारंभ हुआ है? क्या उपभोक्ताओं को विद्युत संयोजन दिये बिना ही बिल जारी किये गये हैं? विवरण देवें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) रतलाम जिला अन्तर्गत जावरा एवं पिपलोदा तहसीलों में 01 अप्रैल, 2016 से 31 जनवरी, 2018 तक विद्युतीकरण संबंधी संपादित कराये गये विभिन्न कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। उक्त अवधि में प्रश्नाधीन क्षेत्र में स्वीकृत विद्युतीकरण के कार्य तथा उनमें से पूर्ण/अपूर्ण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। वित्तीय वर्ष 2016-17 में प्रश्नाधीन क्षेत्र में किये गये संधारण कार्यों की मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र एवं अवधि में वितरण ट्रान्सफार्मरों की क्षमता वृद्धि, 33 के.व्ही. लाईनों, 11 के.व्ही. लाईनों एवं निम्नदाब लाईनों के पुराने तार बदलने के स्वीकृत कार्य, पूर्ण कार्य एवं अपूर्ण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। (ग) रतलाम जिले के अन्तर्गत जावरा एवं पिपलोदा तहसीलों में 01 अप्रैल, 2016 से 31 जनवरी, 2018 तक सिंचाई पम्प कनेक्शन हेतु विभिन्न योजनाओं में क्रमशः 480 एवं 243 आवेदन प्राप्त हुये थे। उक्त प्राप्त आवेदनों में से क्रमशः 293 एवं 198 आवेदकों को विद्युत कनेक्शन प्रदान कर दिये गये है एवं क्रमशः 187 एवं 45 आवेदकों के पम्प कनेक्शन के कार्य किये जाना शेष हैं। (घ) 132 के.व्ही. उपकेन्द्र जावरा का 220 के.व्ही. उपकेन्द्र में उन्नयन तथा संबंधित पारेषण लाईन के कार्य स्वीकृत हैं, जिसकी स्वीकृत प्राक्कलन की राशि क्रमश: रू. 40 करोड़ एवं रु. 5.14 करोड़ है। माताजी बडायला (पिपलौदा) में 220 के.व्ही. उपकेन्द्र स्वीकृत है। यह कार्य ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर के अंतर्गत 220 के.व्ही. उपकेन्द्र सैलाना के नाम से स्वीकृत है, जिसकी प्राक्कलन राशि उपकेन्द्र हेतु रु. 50.8 करोड़ एवं संबंधित पारेषण लाईन हेतु रू. 31.16 करोड़ है। सौभाग्य योजना के अन्तर्गत जावरा तहसील में 1543 एवं पिपलोदा तहसील में 1489 हितग्राहियों को विद्युत कनेक्शन प्रदाय कर दिये गये हैं तथा उपभोक्ताओं द्वारा विद्युत का उपयोग किया जा रहा है। बिना विद्युत कनेक्शन प्रदान किये किसी भी उपभोक्ता को विद्युत बिल जारी नहीं किये गये हैं।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
इंदौर
आबकारी विभाग
में हुए
घोटाले की
जाँच
[वाणिज्यिक कर]
1. ( क्र. 5 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल शहर स्थित माननीय मुख्यमंत्री जी के निवास के निकट भ्रष्टाचार के खिलाफ शिकायत पेटी में दिनांक 10 जनवरी 2018 से 15 जनवरी 2018 की अवधि में इंदौर आबकारी विभाग में करोड़ों रूपये के हुए घोटाले के संबंध में माननीय नेता प्रतिपक्ष, म.प्र. विधान सभा द्वारा शिकायत डाली गई थी? (ख) यदि हाँ, तो उक्त शिकायत में किन-किन बिन्दुओं की ओर शासन का ध्यान आकर्षित कराया गया था? बिन्दुवार जानकारी दें। (ग) उक्त उल्लेखित शिकायती बिन्दुओं में शासन द्वारा किन-किन बिन्दुओं पर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? बिन्दुवार ब्यौरा दें। यदि कार्यवाही नहीं की गई तो इसके लिए कौन-कौन उत्तरदायी है और उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या माननीय नेता प्रतिपक्ष द्वारा की गई शिकायत में की गई कार्यवाही से उन्हें अवगत कराया गया है? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (घ) माननीय नेता प्रतिपक्ष के शिकायती पत्र दिनांक 11.01.2018 पर उन्हें अवगत कराये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
विद्युतविहीन ग्रामों एवं ट्रांसफार्मरों की जानकारी
[ऊर्जा]
2. ( क्र. 39 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वाह विधान सभा क्षेत्र में ऐसे कितने मजरे टोले हैं जहां बिजली नहीं हैं? उसकी सूची दी जावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार इन मजरे टोलों में विद्युतप प्रदाय हेतु विभाग द्वारा अभी तक क्या प्रयास किये गए हैं? किये गए प्रयासों की विस्तृत जानकारी देवें। मजरे टोले के अलावा और ऐसी कितनी बस्तियां हैं जहां विद्युत सुविधा नहीं हैं? (ग) विगत 01 वर्ष अर्थात 01/10/2016 से वर्तमान तक प्रश्नकर्ता द्वारा किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कहाँ-कहाँ पर ट्रांसफार्मर के प्रस्ताव विभाग के वरिष्ठ/कनिष्ठ कार्यालयों में प्रस्तुत किये गए हैं? उसकी सूची दी जावें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार विभाग द्वारा प्रस्ताव स्वीकृति हेतु सक्षम अधिकारी को कब-कब भेजा गया है उसके पत्र क्रमांक एवं दिनांक से अवगत करावें? क्या इन प्रस्तावों के साथ ही ढकलगांव,कोटल्या खेडी आदि ग्रामों के किसानों की सिंचाई सुविधा के लिए ट्रांसफार्मर की स्वीकृति के प्रस्ताव दिए थे? इन प्राप्त प्रस्तावों पर क्या कार्यवाही की गई? कब तक प्रस्ताव स्वीकृत हो जावेंगे? किसानों को सिंचाई सुविधा के लिए ट्रांसफार्मर स्थापित करने के लिए शासन की क्या योजना है? नियम की प्रति दी जावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) बड़वाह विधानसभा क्षेत्र में राजस्व ग्रामों के समस्त चिन्हित 624 मजरों/टोलो में विद्युत सुविधा उपलब्ध है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में मजरों/टोलों के संबंध में जानकारी दिया जाना अपेक्षित नहीं है। पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अभिलेखों में उत्तरांश (क) में उल्लेखित चिन्हित मजरों/टोलो के अलावा अन्य कोई ऐसी बस्ती नहीं है जहाँ विद्युत सुविधा उपलब्ध नहीं है। (ग) बड़वाह विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा दिनांक 01/10/2016 से वर्तमान तक पत्र दिनांक 24/03/2017 के माध्यम से ऊर्जा मंत्री म.प्र. शासन को एवं पत्र दिनांक 04/10/2017 के माध्यम से अधीक्षण यंत्री (संचालन-संधारण) खरगोन तथा कार्यपालन यंत्री (संचालन-सधारण) बड़वाह को, किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए निम्नलिखित स्थानों पर अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित करने के प्रस्ताव प्रेषित किये गये है:- (1) ग्राम कोटल्याखेड़ी – नहर के पासः- 1. श्री दिलीपसिंह 2. पृथ्वीराज के खेत के पास (2) ग्राम हिरापुर में (3) ग्राम ढकलगांव में:- 1. श्री महादेव भाई के खेत के पास 2. गौशाला के पास। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार प्राप्त पत्रों के संदर्भ में प्रबंध निदेशक पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी कार्यालय द्वारा पत्र क्रमांक 10726 दिनांक 27.05.2017 से कार्यपालक निदेशक (इंदौर क्षेत्र) को अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर लगाने हेतु प्राप्त प्रस्ताव की तकनीकी साध्यता प्रेषित करने के लिये निर्देशित किया गया। कार्यपालक निदेशक (इन्दौर क्षेत्र) द्वारा पत्र क्रमांक 11145 दिनांक 13.11.2017 के माध्यम से प्रबंध निदेशक पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी कार्यालय को प्रशासनिक अनुमोदन हेतु प्रस्ताव तकनीकी साध्यता सहित प्रेषित किया गया। परीक्षण उपरांत प्राप्त प्रस्ताव को त्रुटियों के निराकरण हेतु प्रबंध निदेशक पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी कार्यालय द्वारा पत्र क्रमांक 22043 दिनांक 17.11.2017 एवं पत्र क्रमांक 24191 दिनांक 14.12.2017 से कार्यपालक निदेशक (इन्दौर क्षेत्र) को प्रेषित किया गया। कार्यपालक निदेशक (इंदौर क्षेत्र) द्वारा त्रुटियों के निराकरण उपरांत उक्त प्रस्ताव पत्र क. 1453 दिनांक 12.02.2018 के माध्यम से पुनः प्रबंध निदेशक पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी कार्यालय को प्रेषित किये गये है, जिनका परीक्षण प्रक्रियाधीन है। उक्त प्रस्ताव के तकनीकी रूप से साध्य पाये जाने पर इसी वित्तीय वर्ष-2017-18 में अनुमोदन प्रदान किया जायेगा। किसानों को सिंचाई पम्प कनेक्शन उपलब्ध कराये जाने हेतु म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी सहित संपूर्ण प्रदेश में मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पम्प कनेक्शन योजना एवं स्वयं का ट्रान्सफार्मर योजना लागू है, जिनकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है।
प्रदेश के कार्यालयों में शनिवार का अवकाश
[सामान्य प्रशासन]
3. ( क्र. 43 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के शासकीय विभागों में कर्मचारियों को माह के दूसरे एवं तीसरे शनिवार को अवकाश की पात्रता हैं? यदि हाँ, तो आदेश की प्रतिलिपि उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित क्या केंद्र शासन के विभिन्न विभागों में दूसरे एवं चौथे शनिवार का अवकाश रहता हैं?, यदि हाँ, तो क्या राज्य शासन भी केंद्रीय कार्यालयों से एकरूपता लाने के लिए राज्य के कार्यालयों को भी दूसरे एवं चौथे शनिवार को अवकाश रखने पर विचार कर रहा है? यदि नहीं, तो कारण बताएं? (ग) क्या बैंकों (अन्य कन्द्रीय कार्यालयों) एवं राज्य शासन के शनिवार के अलग-अलग अवकाश के कारण नागरिकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है? क्योंकि प्रदेश के अधिकतर कार्यों का सीधा बैंक से सम्बन्ध होता है? (घ) क्या प्रदेश में प्रतिदिन कार्यालयीन समय में वृद्धि एवं सप्ताह में पाँच दिवसीय कार्य हेतु कोई योजना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो क्या गत 1 जनवरी 2013 के पश्चात विभाग द्वारा किस-किस बैठक में 5 दिवसीय कार्य दिवस एवं प्रतिदिन कार्य समय में वृद्धि पर क्या-क्या निर्णय लिए गए?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) केन्द्र शासन से संबंधित है। शेष के संबंध में राज्य शासन के पास कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ग) भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा बैंकों में अवकाश घोषित किया जाता है। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
छात्रावासों में व्यवस्थाएं
[अनुसूचित जाति कल्याण]
4. ( क्र. 54 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के अंतर्गत वर्ष 2013 से प्रश्नांश दिनांक तक अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के अंतर्गत कहाँ-कहाँ पर छात्रावास संचालित हैं? छात्रावास में कितनी संख्या में छात्र रहते हैं? क्या उनको अतिरिक्त कक्षाओं को लाभ मिल रहा है? यदि हाँ, तो कौन शिक्षक कब किस छात्रावास में अध्ययन करा रहा है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) छात्रावासों में अनुसूचित जाति/पिछड़ा वर्ग के छात्रावासों में इन्हीं जाति के अधीक्षक पदस्थ हैं? कौन से छात्रावास में सामान्य वर्ग के अधीक्षक पदस्थ हैं? इनके स्थानांतरण करने के लिए क्या मापदण्ड हैं? आदेश के विवरण सहित जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) में ऐसे कितने छात्रावास हैं जिनमें अधीक्षक के पद रिक्त हैं? पद रिक्त होने के क्या कारण हैं? (घ) उक्त छात्रावासों हेतु किस मद में वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक कितना बजट प्राप्त हुआ तथा कितना व्यय किया गया?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। जी हाँ। उत्कृष्ट छात्रावासों में छात्र-छात्राओं को अतिरिक्त कक्षाओं का लाभ मिल रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के छात्रावासों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। भिण्ड जिले में पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के कोई छात्रावास संचालित नहीं हैं। अधीक्षकों के स्थानान्तरण, सामान्य प्रशासन विभाग की स्थानान्तरण नीति तथा जनजातीय कार्य विभाग के निर्देशानुसार किये जाते हैं। नियम निर्देशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है। (ग) विभाग द्वारा संचालित 30 छात्रावासों में अधीक्षक के पद रिक्त हैं। वर्तमान में छात्रावासों में अधीक्षक के स्वीकृत पद संविदा शिक्षक संवर्ग के हैं। संविदा शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया न होने से छात्रावासों में अधीक्षक के पद रिक्त हैं। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'इ' अनुसार है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा अभद्र व्यवहार
[महिला एवं बाल विकास]
5. ( क्र. 55 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या भिण्ड जिले में दिनांक 19.01.2018 को जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा विभागीय समीक्षा बैठक में उपस्थित महिला कर्मचारियों से विभागीय और समाजिक अमर्यादित भाषा का प्रयोग कर अपमानित किया है। यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? कार्यवाही विवरण सहित जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत जिला कार्यक्रम अधिकारी ओर पर्यवेक्षकों से समीक्षा बैठक में विभागीय जानकारी पर कोई चर्चा क्यों नहीं की गई? महिला कर्मचारियों की पर्स तलाशी किसके द्वारा ली गई? गोपनीय चीजों (वस्तु) को क्यों फेका गया? जिला कार्यक्रम अधिकारी के साथ बाहरी व्यक्ति किस अधिकार से शामिल किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) में महिला कर्मचारियों द्वारा शिकायत आवेदन पत्र किन अधिकारियों को दिया गया? प्रश्न दिनांक तक उस पर क्या कार्यवाही की गई? क्या उक्त जिला कार्यक्रम अधिकारी पर विभाग द्वारा पूर्व में कोई जाँच विचाराधीन है? ऐसे कदाचार अधिकारी की भिण्ड में पदस्थापना क्यों की गई? (घ) प्रश्नांश (क) और (ख) में ऐसे अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) एवं (ख) दिनांक 19.1.2018 को पर्यवेक्षकों द्वारा एक शिकायती आवेदन-पत्र प्रस्तुत किया गया तथा अपने कथन प्रस्तुत किये गये। उक्त शिकायती आवेदन-पत्र, उनके कथन एवं उस पर श्री विश्नोई, जिला कार्यक्रम अधिकारी, भिण्ड द्वारा प्रस्तुत उत्तर कलेक्टर, भिण्ड के अर्ध अशासकीय पत्र क्रं. 1038 दिनांक 25.1.2018 द्वारा विभाग को प्रेषित किया गया है, जिसके आधार पर आगामी कार्यवाही की जा रही है। (ग) शिकायती आवेदन-पत्र कलेक्टर, भिण्ड को दिया गया। कलेक्टर, भिण्ड से प्राप्त जानकारी के आधार पर आगामी कार्यवाही की जा रही है। जी हाँ। प्रशासकीय आधार पर श्री विश्नोई को दतिया से भिण्ड पदस्थ किया गया है। (घ) नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
वेतनमान का उन्नयन
[वित्त]
6. ( क्र. 68 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वित्त विभाग के पत्र क्रमांक एफ 11-17/2014/नियम/चार, भोपाल दिनांक-30.09.14 की कंडिका 4 में उल्लेखित है कि राज्य शासन के ऐसे कर्मचारियों को जिनके मूल पद के वेतनमान का उन्नयन दिनांक 01.04.2006 एवं इसके पश्चात् किया गया, को तृतीय समयमान वेतन की पात्रता के लिए संशोधन वेतनमान में पूर्व नियुक्ति तिथि से काल्पनिक नियुक्ति मानी जाएगी? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर हां, तो उक्त शर्त प्रथम व द्वितीय समयमान वेतनमान पर पर लागू की जा रही है या नहीं? नहीं तो कारण बतावें? (ग) प्रश्नांश (ख) का उत्तर हाँ तो उक्त शर्त का उल्लेखित प्रथम व द्वितीय समयमान वेतनमान स्वीकृति आदेश में क्यों उल्लेखित नहीं है? कब तक उक्त शर्त का उल्लेखित किया जावेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। (ख) वित्त विभाग के परिपत्र दिनांक 24-01-2008 की कंडिका 6 के अनुसार सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश दिनांक 5/17 अक्टूबर 2006 के द्वारा जिन सिविल सेवाओं के वेतनमानों का उन्नयन किया गया है उनके लिये संशोधित वेतनमान में काल्पनिक नियुक्ति पूर्व तिथि से मानी जाएगी। (ग) उत्तरांश ''ख'' के प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्टाम्प शुल्क कम किया जाना
[वाणिज्यिक कर]
7. ( क्र. 72 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में किसानों को कृषि जमीन ट्रांसफर करने पर स्टाम्प शुल्क वर्तमान में कितने प्रतिशत लगता है? (ख) क्या भविष्य में कृषकों को जमीन स्थानांतरण पर स्टाम्प शुल्क से छूट अथवा कमी की जावेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) कृषि भूमि के हस्तांतरण पर भारतीय स्टाम्प अधिनियम की अनुसूची (क) की कण्डिका 25 अनुसार 5 प्रतिशत स्टाम्प शुल्क लगता है। (ख) वर्तमान में ऐसी कोई छूट दिये जाने संबंधी कार्यवाही विचाराधीन नहीं है।
विद्युत का प्रदाय 24 घंटे
[ऊर्जा]
8. ( क्र. 74 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर पालिका निगम ग्वालियर के अंतर्गत आने वाले वार्ड क्र. 65 के अंतर्गत ग्रामों/मजरों/टोलों में विद्युत सप्लाई 10 घंटे सिंचाई हेतु एवं सिंगल फेस 24 घंटे प्रदाय की जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो विद्युत देयकों का भुगतान फ्लैट रेट से किस नियम के तहत वसूला जा रहा है? (ग) नगर पालिका ग्वालियर की सीमा में आने वाले वार्डों में क्या ग्वालियर शहर की भांति 3 फेस विद्युत प्रदाय किये जाने की शासन की नीति है? वार्ड 65 के ग्रामों में विद्युत प्रदाय ग्रामीण क्षेत्रों में किस नियम के तहत की जा रही है? (घ) वार्ड 65 में जब शहर क्षेत्रानुसार विद्युत प्रदाय का लाभ नहीं दिया जा रहा है तो फ्लैट से विद्युत देयक क्यों जारी कर वसूली की जा रही है? क्या वार्ड 65 में वर्ष 2016 से जारी विद्युत देयकों में सुधार कर वार्ड 65 के निवासियों को राहत दी जावेगी? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) नगर निगम, ग्वालियर के वार्ड क्रमांक 65 के अन्तर्गत ग्राम गोकुलपुर को छोड़कर शेष सभी क्षेत्रों में तीन फेस पर 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है तथा ग्राम गोकुलपुर के उपभोक्ताओं को 10 घंटे तीन फेस पर एवं 14 घंटे सिंगल फेस पर विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (ख) 11 के.व्ही. कृषि फीडरों से संबद्ध कृषि उपभोक्ताओं, जिन्हें 10 घंटे 3 फेस पर विद्युत प्रदाय किया जा रहा है, को म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश के अनुसार फ्लेट रेट पर, राज्य शासन द्वारा देय सब्सिडी की राशि को समायोजित करते हुए, विद्युत बिल जारी किये जा रहे हैं। (ग) नगर निगम सीमा में आने वाले वार्डों को निर्धारित विनियमनों के अनुसार 3 फेस पर 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जाता है। उक्त विनियमन वार्ड क्रमांक 65 के विद्युत उपभोक्ताओं पर भी लागू है तथा वर्तमान में उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार ग्राम गोकुलपुर को छोड़कर संपूर्ण वार्ड क्रमांक 65 में उक्तानुसार विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। ग्राम गोकुलपुर को विद्युत प्रदाय कर रहे 11 के.व्ही. फीडर के विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण होने के पश्चात् इस ग्राम को भी कृषि कार्य को छोड़कर 3 फेज पर 24 घंटे विद्युत प्रदाय उपलब्ध कराया जा सकेगा। (घ) वार्ड क्रमांक 65 के ग्राम गोकुलपुर के कृषि उपभोक्ताओं को शहरी क्षेत्र के अनुसार 24 घंटे 3 फेस पर विद्युत प्रदाय न कर ग्रामीण क्षेत्र अनुसार 3 फेस पर 10 घंटे एवं 1 फेस पर 14 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है एवं उक्त विद्युत प्रदाय हेतु म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश के अनुसार फ्लेट रेट पर, राज्य शासन द्वारा देय सब्सिडी की राशि को समायोजित करते हुए बिल जारी किया जाना नियमों के अनुरूप है। अत: उक्त क्षेत्र में जारी विद्युत देयकों को पुनरीक्षित करने का प्रश्न नहीं उठता।
नहर निर्माण
[नर्मदा घाटी विकास]
9. ( क्र. 95 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1143 दिनांक 28.11.17 में अवगत कराया गया था, कि बरनू जलाशय एवं मडई जलाशय में बरगी परियोजना की दायी तट नहर से जोड़े जाने के प्रस्ताव का परीक्षण कर कार्यवाही की जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार बरगी परियोजना से अभी तक नहीं जोड़ा गया? कब तक जोड़ दिया जावेगा।
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) हिरन जल संसाधन संभाग जबलपुर द्वारा कृषकों को तत्काल लाभ पहुँचाने हेतु बरनू जलाशय की महगंवा डिस्ट्रीब्यूटरी व मढ़ई जलाशय की नहरों के पाईप को काटकर रेग्युलेटिंग गेट लगाकार बरगी व्यपवर्तन परियोजना की दांयी तट नहर से जोड़ दिया गया है। जल संसाधन विभाग से जानकारी प्राप्त होने पर इन जलाशयों की तकनीकी रूप से जुड़ सकने वाली नहरों को स्थायी रूप से बरगी व्यपवर्तन परियोजना की दांयी तट नहर से पानी प्रदाय करने हेतु हेड रेग्युलेटर के निर्माण की डिजाईन, ड्रॉईंग, प्राक्कलन तथा निविदा की कार्यवाही किया जाना लक्षित है। यथाशीघ्र।
विद्युत बिल एजेन्सी द्वारा एवरेज बिल प्रदाय
[ऊर्जा]
10. ( क्र. 136 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह अंतर्गत किस कंपनी को विद्युत बिल वितरण का ठेका दिया गया है? एजेंसी के नाम सहित जानकारी दें। (ख) क्या यह सही है कि जिला दमोह अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र हटा में ग्रामीण व नगर में भ्रमण उपरांत शिकायतें प्राप्त होती हैं कि बिल प्राप्त नहीं होता व एवरेज बिल हितग्राहियों को प्रदाय किया जाकर अवैध राशि वसूली जाती है तथा मीटर वाचक रीडिंग लेने नहीं जाते हैं, क्या उक्त एजेंसी की जाँच कराकर कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक कार्यवाही होगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) दमोह जिले में मेसर्स फीडबैक इन्फ्रा प्राइवेट लिमिटेड, गुड़गांव को मीटर रीडिंग, बिलिंग एवं बिल वितरण का कार्य ठेके पर दिया गया है, जिसके अन्तर्गत दमोह जिले में उक्त ठेकेदार एजेन्सी द्वारा निम्नदाब विद्युत उपभोक्ताओं के परिसर में लगे मीटरों की रीडिंग, स्पॉट बिलिंग एवं बिल वितरण का कार्य किया जा रहा है। (ख) दमोह जिले के अन्तर्गत विधानसभा क्षेत्र हटा के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत बिल संबंधी शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनकी जाँच कराए जाने पर कुछ शिकायतें सही पाई गई हैं तथा इन सही पाई गई शिकायतों का निराकरण किया गया है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में उपभोक्ता शिकायत निवारण शिविर लगाकर भी उपभोक्ताओं की शिकायतों का निराकरण किया जा रहा है। शिकायत प्राप्त होने पर अनुबंध के प्रावधानों के अनुसार ठेकेदार एजेन्सी के विरुद्ध कार्यवाही की जाती है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में जिन उपभोक्ताओं के मीटर चालू हैं उन्हें औसत बिल नहीं दिये गये हैं तथा जिन उपभोक्ताओं के मीटर बंद हैं उन्हें विद्युत प्रदाय संहिता 2013 में निहित प्रावधानों अनुसार विगत 3 माह की औसत खपत के आधार पर बिल जारी किये गये हैं। बगैर मीटर वाले उपभोक्ताओं को म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी दर आदेश में निहित प्रावधानों के अनुसार बिल जारी किये गये हैं तथा जारी किये गये बिलों अनुसार ही राशि जमा कराई गई है। तथापि समय-समय पर प्राप्त विद्युत बिल संबंधी शिकायतों की जाँच कर सही पाए जाने पर संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही की जाती है। वर्तमान में मीटर वाचक द्वारा मीटर रीडिंग नहीं लेने की शिकायत पर मेसर्स फीडबैक इन्फ्रा प्राइवेट लिमिटेड द्वारा 5 मीटर वाचकों की सेवा समाप्ति की कार्यवाही की गई है एवं 15 मीटर वाचकों को नोटिस जारी किये गये हैं।
मा. मंत्री जी द्वारा दिये गये आश्वासन की जानकारी
[अनुसूचित जाति कल्याण]
11. ( क्र. 168 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा प्रश्न क्र. 1630 दिनांक 9/3/16 के संबंध में मा. मंत्री जी ने सदन में स्वीकार किया गया कि स्वीकृति दी जावेगी, जिसके संबंध में प्रश्न दिनांक तक कितने पत्राचार किये गये? उनकी प्रमाणित प्रतियां दें। (ख) क्या म.प्र. शासन आदिम जाति कल्याण विभाग मंत्रालय क्र. F-23-30-2005/3-25 भोपाल दिनांक 5/1/2015 द्वारा म.प्र. अनुसूचित जनजाति बस्ती/विकास यथा संशोधित नियम 2014 रूप में, 2005 के कंडिका क्र. 3.3 में प्रावधान किया गया है। पूर्व में जो नियम प्रचलित एवं लागू थे उसी आधार पर स्वीकृति देना शासन पर बंधनकारी था? (ग) कार्यालय आयुक्त अनुसूचित जाति विकास म.प्र. शासन के पत्र क्रमांक आं.वि./17-18/8187 भोपाल दिनांक 26/8/17 के तहत मा. प्रभारी मंत्री छतरपुर द्वारा उक्त पत्रावली का अनुमोदन किया गया? प्रति दें। (घ) यदि हाँ, तो प्रशासकीय स्वीकृति जारी क्यों नहीं की गई? 2 वर्षों से केवल कागजी कार्यवाही चल रही कौन दोषी है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) मध्यप्रदेश अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना नियम, 2014 के अनुसार अनुसूचित जाति की आबादी 40 प्रतिशत से कम होने के कारण छतरपुर जिले के 03 कार्य स्वीकृत नहीं किये गये हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। जी हाँ। (ग) जी नहीं। मध्यप्रदेश अनुसूचित जाति/जनजाति बस्ती विकास एवं विद्युतिकरण योजना नियम 2017 की कंडिका 3.3 के प्रावधानों के अंतर्गत अनुसूचित जाति की जनसंख्या 40 प्रतिशत से कम होने के कारण यह प्रस्ताव नियम अंतर्गत न होने से स्वीकृति की पात्रता में नहीं पाया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) नियमान्तर्गत न होने शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अटल ज्योति अभियान अंतर्गत फीडर सेपरेशन के शेष कार्य
[ऊर्जा]
12. ( क्र. 198 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अटल ज्योति अभियान जून-2013 से प्रारम्भ किया गया है? जिसके तहत समस्त राजस्व ग्रामों में घरेलू उपभोक्ताओं को 24 घण्टे एवं कृषि उपभोक्ताओं को 10 घण्टे विद्युत प्रदाय देना निर्धारित किया गया था? यदि हाँ, तो सुसनेर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कौन-कौन से राजस्व ग्रामों में फीडर सेपरेशन कर दिया गया है एवं कौन-कौन से ग्राम शेष हैं कृपया सूची उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 217 उत्तर दिनांक 19.07.2016 के उत्तरांश (क) में विधानसभा क्षेत्र सुसनेर के 185 ग्रामों में फीडर सेपरेशन का कार्य पूर्ण एवं 19 ग्रामों में कार्य होना शेष बताया हैं? इन 185 ग्रामों में कार्य पूर्णता का भौतिक सत्यापन किया गया? यदि हाँ, तो कब-कब किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा भौतिक सत्यापन किया गया? पूर्ण जानकारी देवें? (ग) शेष ग्रामों में फीडर सेपरेशन कार्य/अन्य योजना से विद्युत उपलब्धता हेतु क्या कार्यवाही की जा रही हैं एवं कार्य कब तक पूर्ण होगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, माह जून 2013 से आरंभ अटल ज्योति अभियान के तहत समस्त राजस्व ग्रामों में आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर घरेलू उपभोक्ताओं सहित सभी गैर-कृषि उपभोक्ताओं को 24 घण्टे एवं कृषि उपभोक्ताओं को 10 घण्टे विद्युत प्रदाय करना निर्धारित किया गया था। सुसनेर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कुल 204 राजस्व ग्रामों में से 189 राजस्व ग्रामों में फीडर विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण कर दिया गया है एवं शेष 15 राजस्व ग्रामों में फीडर विभक्तिकरण का कार्य किया जाना शेष है, जिनकी ग्रामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। सुसनेर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कुल 204 राजस्व ग्रामों में से 190 राजस्व ग्रामों में फीडर विभक्तिकरण योजनान्तर्गत कार्य किया जाना था, जिसमें से 185 ग्रामों में फीडर विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका था एवं 5 ग्रामों में कार्य शेष था। उक्त के अतिरिक्त 14 ग्रामों में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अन्तर्गत कार्य किया जाना शेष था। इस प्रकार कुल 19 ग्रामों के फीडर विभक्तिकरण का कार्य शेष रहने की जानकारी दी गई थी। जी हाँ, उक्त 185 ग्रामों में कार्य पूर्णता के भौतिक सत्यापन का कार्य नोडल अधिकारी फीडर विभक्तिकरण- श्री निशांत दर्शन सहायक यंत्री, तृतीय पक्ष निरीक्षण एजेन्सी मेसर्स यू.आर.एस. स्कॉट विल्सन दिल्ली तथा श्री राहुल राय सहायक यंत्री (एस.टी.सी.) शाजापुर द्वारा किया गया था, जिसकी दिनांकवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार शेष 15 राजस्व ग्रामों में फीडर विभक्तिकरण का कार्य दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में स्वीकृत है। उक्त कार्य वर्तमान में प्रगति पर है एवं यह कार्य माह नवम्बर-2018 तक पूर्ण किया जाना संभावित है।
विद्युत बिलों में अनियमितता
[ऊर्जा]
13. ( क्र. 207 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 41 दिनांक 28 नवम्बर 2017 के उत्तर के खंड "क" में बताया गया है कि रतलाम, मंदसौर, नीमच जिलों में 8 माह में 6093 शिकायतों में से 3679 शिकायतों में त्रुटी पायी गयी अर्थात लगभग 60% शिकायत में त्रुटी पाई गयी तथा प्रश्नकर्ता विधायक के अन्य प्रश्न क्रमांक 6 दिसम्बर 2016 के अतारांकित प्रश्न क्रमांक 1 के उत्तर में 1 वर्ष में 15884 शिकायतों में 12668 बिलों में सुधार किया गया अर्थात 75% के लगभग शिकायत सही पायी गयी, विभाग कैसे मान रहा है की इतनी बड़ी त्रुटियाँ मात्र मानवीय भूल है, कारण स्पष्ट करे? (ख) प्रश्नांश "क" के सन्दर्भ में क्या विभाग मानता है ये त्रुटियां तो मात्र वे उपभोक्ता है जो बढ़े हुए बिल की शिकायत लेकर विद्युत कार्यालय तक आये हैं ऐसे कई उपभोक्ता हैं, जिन्होंने ज्यादा बिल होने के बावजूद शिकायत नहीं की, क्या विभाग की मानवीय भूल दृष्टिगत 1 जनवरी 2016 के पश्चात सभी बिलों की जाँच विभाग करवाएगा, यदि नहीं, तो क्यों? (ग) 1 जनवरी 2014 से उज्जैन संभाग में विद्युत बिलों में अनियमितता की ऐसी कितनी शिकायतें, कहाँ-कहाँ की हैं जिनके प्रकरण मा.न्यायालय में चल रहे हैं और मा.न्यायालय द्वारा उपभोक्ता के हित में विद्युत बिलों में कितनी-कितनी राशि सुधार एवं अन्य निर्देश दिए?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के प्रश्न क्रमांक 41 दिनांक 28 नवंबर-2017 के प्रश्नांश (क) के उत्तर में जानकारी दी गई थी कि रतलाम, मंदसौर एवं नीमच जिलों में अधिक विद्युत बिल आने की क्रमशः 3052, 1301 एवं 1740 इस प्रकार कुल 6093 शिकायतें म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संबंधित कार्यालयों को प्राप्त हुई जिनमें से क्रमशः 2107, 280 एवं 1292 इस प्रकार कुल 3679 शिकायतों में बिल की राशि में त्रुटि पाई गई। उल्लेखनीय है कि उक्त जानकारी 8 माह की अवधि की न होकर 10 माह (1 जनवरी-17 से अक्टूबर-17 तक) की अवधि की थी तथा इस अवधि में उक्त तीनों वृत्तों में वितरित किये गये विद्युत बिलों की संख्या क्रमश: 3705046, 3579788 एवं 2115414 थी, इस प्रकार कुल वितरित 94,00,248 बिलों की तुलना में बिल की राशि में त्रुटि पाए जाने वाले बिलों की संख्या 3679 हैं, जो कि वितरित बिलों का मात्र 0.039 प्रतिशत है। इसी तरह माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के अन्य प्रश्न क्रमांक 1 दिनांक 6 दिसंबर-2016 के प्रश्नांश (क) के उत्तर में जानकारी दी गई थी कि रतलाम, मंदसौर एवं नीमच जिलों में अधिक विद्युत बिल आने की क्रमशः 4184, 6042 एवं 5658 इस प्रकार कुल 15,884 शिकायतें वितरण कंपनी के संबंधित कार्यालयों को प्राप्त हुई जिनमें से क्रमशः 3412, 4309 एवं 4947 इस प्रकार कुल 12,668 शिकायतों में बिल की राशि में त्रुटि पाई गई। इस 22 माह अवधि में (01 जनवरी-2015 से अक्टूबर-2016 तक) तीनों वृत्तों में वितरित किये गये विद्युत बिलों की संख्या क्रमशः 7582892, 7664874 एवं 4403169 थी, इस तरह कुल वितरित 1,96,50,935 बिलों की तुलना में बिल की राशि में त्रुटि पाए जाने वाले बिलों की संख्या 12,668 हैं, जो कि वितरित बिलों का मात्र 0.064 प्रतिशत है। अतः वितरित किये गये बिलों की तुलना में त्रुटिपूर्ण बिलों की संख्या नगण्य हैं जो कि मानवीय त्रुटिवश होना मानने योग्य है। (ख) जी नहीं, उपभोक्ताओं से बिलों में त्रुटि संबंधी शिकायत प्राप्त होने पर उनके बिलों में तत्काल नियमानुसार कार्यवाही की जाती है किन्तु जो उपभोक्ता बिल से संतुष्ट होते हैं उनके द्वारा शिकायत करने का प्रश्न नहीं उठता। अत: उक्त परिप्रेक्ष्य में तथा उत्तरांश (क) में दर्शाई गई वितरित विद्युत बिलों/उपभोक्ताओं की संख्या लाखों में होने के दृष्टिगत, इस संबंध में कोई जाँच कराया जाना आवश्यक/व्यवहारिक नहीं है। (ग) 01 जनवरी-2014 से उज्जैन संभाग में विद्युत बिलों की त्रुटि संबंधी ऐसी कुल 11 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनके प्रकरण माननीय न्यायालयों में चल रहे हैं। उक्त प्राप्त शिकायतों की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार हैं। प्रश्नाधीन क्षेत्र हेतु माननीय न्यायालयों द्वारा उपभोक्ताओं के हित में अथवा अन्य दिये गये निर्देश वाले प्रकरणों की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
परिशिष्ट - ''दस''
ग्रामीण क्षेत्र में ग्रामों एवं मजरों का विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
14. ( क्र. 210 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सैलाना विधान सभा क्षेत्र के आदिवासी विकासखण्ड सैलाना एवं बायना में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक ग्रामों एवं मजरों को किन-किन योजनाओं के माध्यम से विद्युतीकृत किया गया? इसमें कितना-कितना व्यय हुआ वर्षवार, योजनावार जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या ग्रामों तथा मजरों को विद्युतीकृत किए जाने के सभी कार्य पूर्ण हो गए हैं? यदि नहीं, तो समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं किए जाने वाले अधिकारी/कर्मचारी तथा ठेकेदार के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? (ग) अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) सैलाना विधान सभा क्षेत्र के आदिवासी विकासखण्ड सैलाना एवं बाजना (बायना नहीं) में वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत ग्रामों एवं मजरों/टोलों के विद्युतीकरण कार्य किया गया तथा उक्त क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत मजरों/टोलों में विद्युतीकरण का कार्य किया गया एवं वर्तमान में भी प्रगति पर है। उक्त योजनाओं के तहत विद्युतीकरण का कार्य रतलाम जिले हेतु स्वीकृत हुआ है एवं तद्नुसार सम्पूर्ण रतलाम जिले का कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु अवार्ड जारी किये गये हैं, विधानसभा क्षेत्रवार/विकासखण्डवार नहीं। अत: राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना एवं दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्रवार/विकासखण्डवार योजना में व्यय की गई राशि की प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पृथक से देना संभव नहीं है। तथापि राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत सम्पूर्ण रतलाम जिले हेतु व्यय की गई राशि रू. 23.61 करोड़ एवं दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत सम्पूर्ण रतलाम जिले हेतु व्यय की गई राशि रू. 60.42 करोड़ है। कार्यों की वर्षवार/योजनावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) सैलाना विधान सभा क्षेत्र के आदिवासी विकासखण्ड सैलाना एवं बाजना में मजरों/टोलों के विद्युतीकरण सहित ग्रामों के सघन विद्युतीकरण का राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत प्रावधानित कार्य पूर्ण कर लिया गया है। उक्त कार्य हेतु अवार्ड ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स आनंद इलेक्ट्रिकल, नई दिल्ली को जारी किया गया था जिसे उक्त ठेकेदार एजेन्सी द्वारा निर्धारित समयावधि 12 माह में दिनांक 13.08.2015 तक पूर्ण कर लिया गया था। दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत टर्न-की ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स निलशिखा इन्फ्रा. इंडिया लिमिटेड इन्दौर को जारी अवार्ड में 94 राजस्व ग्रामों के 106 चिन्हित मजरों/टोलों का कार्य किया जाना है इनमें से 49 राजस्व ग्रामों के 57 चिन्हित मजरों/टोलों का कार्य पूर्ण किया जा चुका एवं शेष 45 राजस्व ग्रामों के 49 चिन्हित मजरों/टोलों का कार्य किया जा रहा है। उक्त कार्य निविदा अनुबंध की शर्त के अनुसार दिनांक 23.11.2018 तक पूर्ण किया जाना है। उक्त परिप्रेक्ष्य में किसी भी अधिकारी/कर्मचारी तथा ठेकेदार के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता। उल्लेखनीय है कि प्रश्नाधीन क्षेत्र में आदिवासी उपयोजना के अन्तर्गत मजरों/टोलों के विद्युतीकरण कार्य हेतु जनजातिय कार्य विभाग से दिनांक 15.01.2018 को राशि रू. 151.72 लाख का अनुमोदन सम्पूर्ण रतलाम जिले के लिये पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को प्राप्त हुआ है, जिसके अन्तर्गत सैलाना एवं बाजना विकासखण्ड हेतु राशि रू. 147.01 लाख का प्रावधान है। उक्त आवंटन के तहत प्रश्नाधीन क्षेत्र में 18 राजस्व ग्रामों के 18 मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य किया जाना है। उक्त कार्य पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभागीय तौर पर करवाया जायेगा जिसकी निर्धारित समयावधि 1 वर्ष अर्थात दिनांक 14.01.2019 तक है।
आंगनवाड़ी भवन निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
15. ( क्र. 211 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सैलाना विधान सभाक्षेत्र अंतर्गत सैलाना एवं बायना में कुल कितने मुख्य तथा मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं? इनमें से कितने केन्द्र आंगनवाड़ी भवन विहीन हैं वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितने भवन निर्माण कार्य स्वीकृत हुए वर्षवार, एजेंसीवार मय व्यय के पूर्ण/अपूर्ण सहित संपूर्ण जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) के सदंर्भ में अपूर्ण भवन निर्माण के कार्य को पूर्ण किए जाने हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है? इन्हें कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? (ग) शेष रहे आंगनवाड़ी केन्द्रों पर भवन निर्माण के संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) सैलाना विधान सभाक्षेत्र अंतर्गत सैलाना एवं बाजना अन्तर्गत कुल 546 आंगनवाड़ी एवं 168 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। इनमें से 232 आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन है। वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कुल 70 भवन निर्माण कार्य स्वीकृत है। वर्षवार एजेंसीवार मय व्यय के पूर्ण अपूर्ण सहित विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) अपूर्ण अप्रारंभ भवनों को पूर्ण किये जाने हेतु जिला स्तर पर कलेक्टर मुख्य कार्यपालन अधिकारी निरंतर परियोजना अधिकारियों एवं सरपंच/सचिव की विकासखंड स्तर पर संयुक्त बैठकें आयोजित कर भवन निर्माण कार्य पूर्ण करने हेतु निर्देशित कर मॉनिटरिंग की जा रही है। आगामी तीन माह में भवन निर्माण कार्य पूर्ण किये जाने हेतु यथा संभव प्रयास किये जा रहें है। (ग) शेष रहे आंगनवाड़ी केन्द्रों पर भवन निर्माण के संबंध में विभाग द्वारा भवनविहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये मनरेगा एवं राज्य आयोजनान्तर्गत आंगनवाड़ी भवन निर्माण की योजना है। आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण कार्य वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है।
रियायती दर पर हवाई यात्राएं
[वित्त]
16. ( क्र. 222 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन और एयर इंडिया के मध्य हवाई यात्रा के संबंध में कोई अनुबंध किया गया है? यदि हाँ, तो अनुबंध के नियम शर्तों सहित पूर्ण ब्यौरा दें? (ख) क्या अनुबंध के अनुसार हवाई यात्रा के लिए वित्त विभाग द्वारा दिनांक 24 मई 2017 को कोई दिशा निर्देश जारी किए गए हैं, यदि हाँ, तो पूर्ण ब्यौरा दें? (ग) क्या अनुबंध में सरकार के सभी विभागों तथा संबद्ध संस्थानों के सेवायुक्तों एवं उनके परिवारिक सदस्यों को भी रियायती हवाई सुविधा दी जाने की व्यवस्था है? यदि हाँ, तो किन नियमों के तहत नियम सहित ब्यौरा दें? (घ) अनुबंध दिनांक 24 मई 2017 के बाद प्रश्न दिनांक तक किन-किन विभाग के कौन-कौन अधिकारियों ने किस-किस कार्य के लिए किस-किस स्थान तक रियायती दर पर हवाई यात्रा की है? पूर्ण ब्यौरा दें? (ड.) क्या अनुबंध अनुसार सेवायुक्तों के पारिवारिक सदस्यों ने भी रियायती दर पर हवाई यात्रा की है? यदि हाँ, तो किस-किस सेवायुक्त के किस-किस पारिवारिक सदस्यों ने किस-किस स्थान की यात्रा की? सेवायुक्त का नाम व पद यात्रा करने वाले से पारिवारिक संबंध सहित ब्यौरा दें?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ, पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार। (ख) जी हाँ, पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार। (ग) उत्तरांश "ख" अनुसार। (घ) एवं (ड.) प्रश्नांश में चाही गई जानकारी विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है अत: जानकारी दी जाना संभव नहीं है।
आधे अधूरे निर्माणाधीन आंगनवाड़ी भवनों पर व्यय राशि
[महिला एवं बाल विकास]
17. ( क्र. 242 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत अधिकांश आंगनवाड़ी भवन आधे अधूरे निर्मित हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के अंतर्गत आधे अधूरे निर्मित भवनों की संपूर्ण राशि व्यय हो चुकी हैं? (ग) क्या प्रश्नांश (क) के अंतर्गत खिरिया सिमरा, टिंकू मोहनिया, पटेरा, सूखा एवं अन्य 08 आंगनवाड़ी भवनों की पूरी राशि व्यय हो चुकी है एवं भवन आधे अधूरे निर्मित है? कब तक इन भवनों का कार्य पूर्ण होगा? (घ) वर्ष 2010-11 से अद्यतन स्वीकृत, निर्मित, निर्माणाधीन आंगनवाड़ी भवनों पर कितनी राशि एवं व्यय की जानकारी देवें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत 156 आंगनवाड़ी भवन स्वीकृत है। जिनमें से 44 आंगनवाड़ी भवन निर्माणाधीन है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'क' अनुसार है। (ख) जिला पंचायत जबलपुर के द्वारा सम्पूर्ण राशि व्यय नहीं की गई है। (ग) पनागर विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत खिरिया सिमरा, टिंकू मोहनिया, पटेरा, सूखा एवं अन्य 08 आंगनवाड़ी भवन वर्तमान में निर्माणाधीन है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ख' अनुसार है। उक्त निर्माणाधीन भवनों का कार्य प्रगति पर है, निर्माण एजेंसी के द्वारा आश्वासन दिया गया है कि लगभग 4 माह में आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया जावेगा। समय-सीमा संभव नहीं है। (घ) वर्ष 2010-11 से अद्यतन स्वीकृत, निर्मित, निर्माणाधीन आंगनवाड़ी भवनों से सबंधित व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ग' अनुसार है।
लाड़ली लक्ष्मी योजना का क्रियान्वयन
[महिला एवं बाल विकास]
18. ( क्र. 282 ) श्री तरूण भनोत : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शासन द्वारा संचालित ई-लाड़ली लक्ष्मी योजना के तहत जनवरी 2013 से प्रश्न दिनांक तक महिला बाल विकास विभाग ने जिला जबलपुर में कितनी बच्चियों का ऑनलाईन पंजीयन किया एवं बच्चियों की कितनी राशि स्वीकृत की तथा क्या ये राशि बैंक या पोस्ट ऑफिस में जमा करवाई गई है? जानकारी विधान सभा क्षेत्रवार बतायी जावें। (ख) वर्णित (क) के अनुसार पंजीकृत बच्चियों को कक्षा छठवीं से 12वीं तक 18000/- रूपये एवं 21 वर्ष पूर्ण होने पर विभाग इन बच्चियों को एक लाख रूपयों की राशि किस मद से सरकार देवेगी? (ग) इसी तरह क्या वर्ष 2007 से वर्ष 2012 तक वर्णित (क) की योजना का संचालन पोस्ट आफिस के माध्यम से किया गया था? यदि हाँ, तो कितनी बच्चियों का पंजीयन इस अवधि में करवाया गया एवं शासन के निर्देशानुसार नियमित पाँच वर्ष तक 6000/- रूपये की मान से कितनी राशि पोस्ट आफिस में जमा करवाया गया? जानकारी विधान सभा क्षेत्रवार जबलपुर जिले की देवें? (घ) क्या पोस्ट ऑफिस के माध्यम से पंजीकृत बच्चियों को वर्णित (ख) के अनुसार राशि का भुगतान पोस्ट आफिस करेगा अथवा विभाग?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) लाड़ली लक्ष्मी योजना के तहत जनवरी 2013 से प्रश्न दिनांक तक जिला जबलपुर में 50799 बच्चियों का ऑनलाईन पंजीयन किया जाकर रुपये 71,26,98,000/- राशि स्वीकृत की गयी, जनवरी 2013 से मार्च 2014 तक की अवधि में रूपये 8,10,84,000/- राशि पोस्ट आफिस में निवेशित की गई है तथा 01 अप्रैल 2014 से प्रश्न दिनांक तक रूपये 63,16,14,000/- राशि मध्यप्रदेश लाड़ली लक्ष्मी योजना निधि में जमा की गयी, विधान सभा क्षेत्रवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' पर है। (ख) 'मध्यप्रदेश लाड़ली लक्ष्मी योजना निधि' मद संख्या 8448-स्थानीय निधियों की जमा, 120-अन्य निधिया, 0120-लाड़ली लक्ष्मी योजना से भुगतान किया जावेगा। (ग) जी हाँ। इस अवधि में 57449 बालिकाओं का पंजीयन किया गया तथा रूपये 60,47,70,000/- पोस्ट आफिस में निवेशित किये गये एवं पंजीकृत बालिकाओं की पश्चातवर्ती वर्षों की शेष रही किश्तों की राशि रूपए 28,81,80,000/- मध्यप्रदेश लाड़ली लक्ष्मी योजना निधि में जमा की गयी। विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। (घ) प्रश्नांश (ख) में वर्णित (ख) अनुसार राशि का भुगतान महिला एवं बाल विकास विभाग करेगा।
प्रदेश में महिला आश्रम गृहों/स्वाधार गृहों की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
19. ( क्र. 283 ) श्री तरूण भनोत : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) घरेलू हिंसा अधिनियम वर्ष 2005 के अंतर्गत प्रदेश में पंजीकृत सेवा प्रदाताओं की संख्या कितनी है? जानकारी वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक सूची सहित बतायी जावें? (ख) प्रदेश में सेवा प्रदाता संख्या परिवार परामर्श केन्द्रों ने कितने प्रकरणों को दर्ज किया प्रत्येक की अलग-अलग संख्या वर्ष 2015 से आज दिनांक तक सूची सहित दी जावें? (ग) प्रदेश में सेवा प्रदाता द्वारा संचालित महिला आश्रम गृहों/स्वाधार गृह कितने है एवं उन्हें कितना अनुदान प्रदाय किया जा रहा है? उक्त गृहों की सूची उपलब्ध करवाते हुये अनुदान की जानकारी वर्ष 2015 से दी जावें? (घ) क्या स्वाधार योजना में 60:40 केन्द्र व राज्य सरकार का अंश वर्ष 2015 से प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो कितने स्वाधार गृह प्रदेश में स्वीकृत है एवं उन्हें केन्द्र एवं राज्य सरकार से कितना अंश प्रदाय किया गया है? पूर्ण जानकारी वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक दी जावें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) वर्ष 2015 के पूर्व की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 अनुसार है। वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक नवीन सेवा प्रदाताओं को पंजी नहीं किया गया है। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) वित्तीय वर्ष 2015-16 वर्ष 2016-17 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। उषा किरण योजनांतर्गत अशासकीय संस्थाओं द्वारा उषा किरण आश्रय गृह दिनांक 01 अप्रैल 2017 से संचालित नहीं किये जा रहे है। स्वाधार गृह की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 पर है। (घ) स्वाधार गृह योजनांतर्गत 60:40 केंद्र व राज्य सरकार का अंश वर्ष 2016 से प्रस्तावित किया गया है। वर्तमान में कुल 17 स्वाधार गृह संचालित किये जा रहे है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है।
बरबटी उद्वहन सिंचाई योजना
[नर्मदा घाटी विकास]
20. ( क्र. 301 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरगी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत निर्माणाधीन बरबटी उद्वहन सिंचाई योजना के कार्य की वर्तमान तिथि में क्या प्रगति है? दिनांक 30.6.17 के पुराना अनुबंध विच्छेद के बाद किस एजेंसी को कार्य दिया गया? (ख) विगत दो वर्षों में उक्त योजना में कार्य नहीं होने के लिये कौन-कौन दोषी है? उक्त उद्वहन सिंचाई योजना को शीघ्र पूर्ण कराने की शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गयी?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) 850 हेक्टेयर की बरबटी सिंचाई योजना की निविदा निरस्त कर नवीन 1200 हेक्टेयर की उद्वहन सिंचाई योजना बनाई गई है। बरबटी सिंचाई परियोजना उद्वहन परियोजना नहीं थी वरन् बांध की पाल में से टनल निकालकर ग्रेविटी से सिंचाई योजना थी परन्तु क्रियान्वयन के दौरान तकनीकी कठिनाइयों एवं केवल 850 हेक्टेयर क्षेत्र के लाभ को देखते हुए इसकी निविदा निरस्त कर अब 1200 हेक्टेयर में बड़ी परियोजना ली गई है। (ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गुणवत्तापूर्वक बिजली आपूर्ति हेतु कार्य योजना में शामिल बाबत्
[ऊर्जा]
21. ( क्र. 312 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक क्यू दिनांक 13.11.2017 द्वारा माननीय ऊर्जा मंत्री महोदय से (तहसील हनुमना जिला रीवा अन्तर्गत) ग्राम पंचायत हाटा एवं पिपराही में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत सबस्टेशन खोले जाने हेतु पत्र दिया गया था? (ख) यदि हाँ, तो क्या माननीय मंत्री जी द्वारा अपने पत्र क्रमांक 2640 दिनांक 21.11.2017 को पत्र लिखकर अवगत कराया गया है कि पत्र क्रमांक 2548 दिनांक 17.10.2017 को अवर सचिव ऊर्जा विभाग भोपाल को उत्तर उसके संबंध में प्रेषित किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में यदि हाँ, तो क्या उस पत्र में लिखा गया है कि गुणवत्तापूर्वक विद्युत आपूर्ति हेतु प्रस्तावित 11 के.व्ही. पिपराही फीडर में 33/11 के.व्ही. नये उपकेन्द्र घोघम से ग्राम वीरादेई में 5.0 किलोमीटर लाईन का विस्तार का कार्य आगामी कार्य योजना में शामिल करने हेतु चिन्हित किया गया है? (घ) प्रश्नांश (ग) के प्रकाश में यदि हाँ, तो क्या मार्च 2018 के बजट में प्रावधान (ख) के पत्र अनुसार शामिल किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? जबकि आपने पत्र में कहा है कि गुणवत्तापूर्वक बिजली आपूर्ति हेतु ऐसा आवश्यक है? यदि हाँ, तो अभी तक गुणवत्तापूर्वक बिजली वहां के लोगों को क्यों नहीं मिल रही है? क्या इसका निराकरण करेंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) प्रश्नाधीन उल्लेखित पत्र द्वारा माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय ने ग्राम पिपराही में नहीं अपितु ग्राम हाटा में 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना हेतु कार्यवाही किये जाने का अनुरोध किया था। (ख) प्रश्नाधीन उल्लेखित पत्र क्रमांक 2640, दिनांक 21.11.2017 द्वारा ग्राम हाटा में 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र स्थापित किये जाने के प्रस्ताव का परीक्षण किये जाने हेतु पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को निर्देशित किया गया था। मुख्य महाप्रबंधक (कार्य) पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी, जबलपुर द्वारा उनके पत्र क्रमांक 2548, दिनांक 17.10.2017 से एक अन्य संदर्भ में प्रश्नाधीन कार्य के संबंध में वस्तुस्थिति की जानकारी अवर सचिव, ऊर्जा विभाग भोपाल को प्रेषित की गई थी। (ग) जी हाँ। (घ) प्रश्नाधीन क्षेत्र में विद्युत प्रदाय की गुणवत्ता में सुधार के उद्देश्य से प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित कार्य पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा वर्ष 2018-19 की कार्य योजना में सम्मिलित कर स्वीकृत किया जा चुका है। उक्त कार्य पूर्ण होने के पश्चात् निश्चित रूप से प्रश्नाधीन क्षेत्र में विद्युत प्रदाय की गुणवत्ता में सुधार परिलक्षित होगा तथा कतिपय अवसरों पर फीडर के अंतिम छोर पर आने वाली लो वोल्टेज की समस्या का निराकरण हो जायेगा।
कुपोषित बच्चों का योजनाओं का क्रियान्वयन
[महिला एवं बाल विकास]
22. ( क्र. 362 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक सागर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 0 से 5 वर्ष तक आयु के कुल कितने बच्चे कुपोषण के शिकार दर्ज किये गये हैं? वार्डवार विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कुपोषण से प्रभावित बच्चों के स्वास्थ्य लाभ हेतु क्या-क्या कदम उठाये गये हैं? इस हेतु किस-किस योजना में कितनी-कितनी राशि व्यय की गई है वर्षवार, योजनावार एवं वार्डवार बताऍं। (ग) क्या विगत 3 वर्षों में दर्ज कुपोषित बच्चों की संख्या में कमी आई है? यदि नहीं, तो इसका क्या कारण है तथा इसके लिए कौन दोषी है? (घ) क्या कुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य सुधार हेतु उन्हें पुनर्वास केन्द्र में भर्ती कराया गया है? यदि हाँ, तो कब-कब? संख्या सहित बतायें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) सागर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 0 से 5 वर्ष तक आयु के कुल दर्ज कुपोषित बच्चों की संख्या वर्ष 2015-16 में 3871 वर्ष 2016-17 में 3687 एवं वर्ष 2017-18 में 3728 है। वार्डवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार है। (ख) कुपोषण से बचाव हेतु एकीकृत बाल विकास सेवा अंतर्गत कुपोषित बच्चों को आंगनवाड़ी केन्द्रों में पोषण आहार के अतिरिक्त थर्ड मील का प्रदाय किया जा रहा है। अटल बिहारी वाजपेयी बाल आरोग्य एवं पोषण मिश्न अंतर्गत कुपोषित बच्चों को टिफिन का प्रदाय एवं स्नेह शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा कुपोषित बच्चों के अभिभावकों को स्वास्थ्य संबंधी परामर्श उपलब्ध कराया जा रहा है। स्नेह सरोकार योजना अंतर्गत कुपोषित बच्चों को गोद दिया जाकर उन्हें कुपोषण मुक्त कराने के प्रयास किए जा रहे है। प्रश्नांकित अवधि में योजनावार वर्षवार एवं वार्डवार व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ख'' अनुसार है। (ग) जी हाँ वर्ष 2015-16 की तुलना में वर्ष 2017-18 में दर्ज कुपोषित बच्चों की संख्या में कमी आई है। (घ) गंभीर कुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार हेतु पोषण पुर्नवास केन्द्रों में भर्ती कराया गया है। वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ग'' अनुसार है।
विद्युत वितरण कंपनी में संचालित योजनाएं
[ऊर्जा]
23. ( क्र. 363 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर विधान सभा क्षेत्र में RAPDRP योजना के तहत कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि के कहाँ-कहाँ कराये गये हैं? 11 के.व्ही. फीडरवार विवरण देवें। (ख) सागर विधान सभा क्षेत्र में IPDS योजना अंतर्गत वर्तमान में कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि के कराये गये हैं एवं क्या-क्या कार्य कराया जाना प्रस्तावित है तथा कब तक पूर्ण कर लिये जायेंगे? शहरवार विवरण देवें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) सागर विधानसभा क्षेत्र में आर.ए.पी.डी.आर.पी. योजना के तहत सागर शहर में 11 के.व्ही. के 21 फीडरों पर किए गए कार्यों के विवरण सहित व्यय की राशि का फीडरवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। उल्लेखनीय है कि उक्त के अतिरिक्त सागर शहर में आर.ए.पी.डी.आर.पी. योजना में 33 के.व्ही. लाईन एवं 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों के कार्य भी कराए गए हैं, जिन पर रू. 5.82 करोड़ की राशि व्यय हुई। (ख) सागर विधानसभा क्षेत्र में आई.पी.डी.एस. योजना के अंतर्गत सागर शहर के सागर म्यूनिसिपल क्षेत्र में विद्युत अधोसंरचना का रू. 7.94 करोड़ की लागत राशि का कार्य किया जाना स्वीकृत है। उक्त कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु अवार्ड जारी किया जा चुका है। उक्त स्वीकृत कार्य का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार एवं वर्तमान में किये गये कार्य की अद्यतन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। उक्त कार्य अप्रैल 2019 तक पूर्ण किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। सागर विधानसभा क्षेत्र में आई.पी.डी.एस. योजना के अंतर्गत सागर शहर के अन्य क्षेत्रों में रू. 9.95 करोड़ लागत राशि के विद्युत अधोसंरचना के कार्यों की स्वीकृति मेसर्स पावर फाइनेंस कार्पोरेशन नई दिल्ली से प्राप्त हो चुकी है। उक्त कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। उक्त स्वीकृत कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। टर्न-की ठेकेदार एजेन्सी के चयन के उपरांत अवार्ड जारी होने के पश्चात् उक्त कार्य पूर्ण किये जाने की समय-सीमा बताया जाना संभव हो सकेगा।
प्रदेश के शासकीय कर्मचारी संघों की मांगों का निराकरण किया जाना
[सामान्य प्रशासन]
24. ( क्र. 379 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 17 जनवरी 2018 को प्रदेश के शासकीय कर्मचारी संघों द्वारा मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल पर अपनी विभिन्न मांगों को लेकर एक दिवसीय हड़ताल की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो उक्त कर्मचारी संगठनों के द्वारा कौन-कौन सी मांगे शासन के समक्ष रखी गई थी? (ग) क्या उक्त कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों को माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा कर्मचारियों की मांगों का निराकरण करने की घोषणा अथवा आश्वासन दिया गया था? (घ) यदि हाँ, तो शासन द्वारा कर्मचारियों की उक्त कौन-कौन सी मांगों के शासनादेश कब-कब जारी किये गये है और कौन-कौन सी मांगों के शासनादेश किन-किन कारणों से जारी नहीं किये जा सके है? यह आदेश कब तक जारी कर दिये जायेंगे?
मुख्यमंत्री
( श्री शिवराज
सिंह चौहान ) : (क) जी
नहीं। वरन क्रमिक
भूख हड़ताल की
गई थी। (ख) जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट पर
है। (ग) कर्मचारी
संगठनों के
प्रतिनिधियों
से उनकी
मांगों पर
माननीय मुख्यमंत्री
जी की चर्चा
हुई थी। (घ) कार्यवाही
प्रचलित है।
समय-सीमा
बताना संभव नहीं
है।
परिशिष्ट
- ''चौदह ''
प्रभारी जिला संयोजक की पदस्थापना
[जनजातीय कार्य]
25. ( क्र. 397 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक जनजातीय कार्य/अनुसूचित जाति कल्याण विभाग में सागर संभाग अंतर्गत किन-किन सहायक आयुक्त, जिला संयोजकों के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थापित की गई वर्षवार जानकारी दें। (ख) क्या पन्ना जिले में (क) में वर्णित तत्कालीन प्रभारी जिला संयोजक के विरूद्ध वित्तीय अनियमितताओं की जाँच में दोषी होने पर भी दमोह जिला में प्रभारी जिला संयोजक के रूप में रखा गया है? (ग) यदि हाँ, तो वित्तीय अनियमितता करने पर (ख) में वर्णित अधिकारी के विरूद्ध विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (घ) यदि नहीं, की गई तो कब तक कार्यवाही होगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) एवं (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अनु.जाति बस्ती विकास योजना मद से आवंटित राशि
[अनुसूचित जाति कल्याण]
26. ( क्र. 400 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शाजापुर जिला अंतर्गत वर्ष 2017-2018 में अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजनांतर्गत विकास कार्यों के लिये राशि का आवंटन किया गया? यदि हाँ, तो कितनी राशि जिले को आवंटित की गई? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मद से किस-किस प्रकार के कार्य करवाये जा रहे हैं वर्ष 2017-2018 में प्रदान आवंटन से प्रश्न दिनांक तक निर्माण कार्यों की जारी प्रशासकीय स्वीकृति की जानकारी ब्लॉकवार देवें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना में कालापीपल विधान सभा क्षेत्र के 40% से अधिक अनु.जाति आबादी के गांवों में विकास कार्यों हेतु राशि आवंटित की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित नियम के अंतर्गत क्या बस्ती विकास मद से अनुसूचित जाति के छात्रावासों में निर्माण कार्यों हेतु राशि का उपयोग किया गया है? यदि हाँ, तो जिले में कहाँ-कहाँ उपयोग किया गया? कार्यों का विवरण देवें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2017-18 में रू. 149.56 लाख का आवंटन प्रदाय किया गया है। (ख) जिले द्वारा अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजनान्तर्गत सामुदायिक भवन, सी.सी. रोड, नाली निर्माण एवं छात्रावासों में आवश्यक कार्य करवाए जा रहे हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) कालापीपल विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत स्वीकृत कार्यों एवं राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
नर्मदा पावर्ती-नर्मदा कालीसिंध लिंक परियोजना
[नर्मदा घाटी विकास]
27. ( क्र. 401 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदा पार्वती एवं नर्मदा कालीसिंध लिंक परियोजनाओं को कितने चरण में पूर्ण किया जावेगा? दोनों परियोजनाओं से शाजापुर जिले के किन-किन गांवों को लाभ मिलेगा? परियोजनावार चरणवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित परियोजनाओं के कार्यों को कब तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा है? चरणवार जानकारी देवें।
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। योजना के कमांड क्षेत्र में सम्मिलित ग्रामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'', ''ब-1'', ''ब-2'' एवं ''ब-3'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है।
खजूरी वितरण प्रणाली के अंतर्गत निर्माण कार्य
[नर्मदा घाटी विकास]
28. ( क्र. 406 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदा घाटी विकास विभाग अंतर्गत संभाग क्रमांक-2 जबलपुर में खजूरी वितरण प्रणाली के तहत आने वाली कौन-कौन सी नहरों में कितनी लागत से वर्तमान समय में किसके द्वारा सीसी लाईनिंग निर्माण कार्य कब से कराया जा रहा है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित निर्माण कार्यों की निविदायें किस दर पर किन शर्तों के अधीन कब आमंत्रित की गईं तथा इन निर्माण कार्यों का ठेका कब किस निर्माण एजेंसी को किस नियम एवं शर्तों के तहत प्रदान किया गया तथा निर्माण कार्यों में किस गुणवत्ता की निर्माण सामग्री किस रेशों में प्रयोग की अनुमति निविदा की शर्तों के अधीन प्रदान की गई। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित निर्माण कार्यों में गुणवत्ता विहीन निर्माण सामग्री का प्रयोग कर ठेकेदारों द्वारा मनमाने तरीके से गुणवत्ता विहीन निर्माण कार्य कराये जा रहे हैं जिससे घटिया निर्माण हो रहा है इस प्रकार की शिकायतें समय-समय पर कृषकों द्वारा की जा रही है? (घ) क्या शासन द्वारा प्रश्नांश (क) में उल्लेखित निर्माण कार्यों के गुणवत्ता की जाँच उच्च स्तरीय समिति से करायेगी उत्तर में यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं।
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। निविदायें विभाग द्वारा निर्धारित प्रतिशत दर, निविदा फार्म-ए की शर्तों के तहत आमंत्रित तथा स्वीकृत की गई। निर्माण सामग्री की गुणवत्ता एवं रेशों जल संसाधन विभाग द्वारा समय-समय पर जारी स्पेशिफिकेशन एवं एकीकृत दर सूची की शर्तों के अनुसार है। (ग) निर्माण कार्य में निर्धारित मापदंडों के अनुरूप निर्माण सामग्री का उपयोग कर गुणवत्तापूर्ण निर्माण कार्य कराये जा रहे हैं। निर्माण सामग्री एवं निर्माण कार्य की जाँच गुणवत्ता नियंत्रण अमले द्वारा की जाती है। निर्माण सामग्री की जाँच के उपयुक्त परिणाम प्राप्त होने के पश्चात ही निर्माण कार्य कराया जा रहा है। कृषकों द्वारा निर्माण कार्यों की गुणवत्ता से संबंधित कोई शिकायत विभाग को प्राप्त नहीं हुई है। (घ) उत्तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पाटन विधान सभा अंतर्गत संचालित आंगनवाड़ी केन्द्र
[महिला एवं बाल विकास]
29. ( क्र. 407 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पाटन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कहाँ-कहाँ पर कौन-कौन से आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं? दर्ज संख्यावार केन्द्र के नाम सहित सूची देवें एवं इनमें से कितने आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आंगनवाड़ी केन्द्रों में पोषण अहार वितरण हेतु वित्त वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि व्यय की गई तथा कहाँ कहाँ पर पोषण आहार वितरण में अनियमितताओं की शिकायत शासन स्तर पर प्राप्त हुई तथा उन पर क्या कार्यवाही की गई? केन्द्रवार वर्षवार सूची देवें? (ग) परियोजना अधिकारी महिला बाल विकास के पद पर एक ही स्थान पर कब तक पदस्थ रहने के नियम हैं? यह भी बतलावें कि परियोजना अधिकारी महिला बाल विकासखण्ड मझौली जिला जबलपुर के विरूद्ध नियम विरूद्ध कार्य करने तथा इनका स्थानांतरण करने की कब-कब, किस-किस के द्वारा मांग की गई तथा उन पर कब क्या कार्यवाही की गई? यह भी बतलावें कि मांग अनुसार परियोजना अधिकारी महिला बाल विकास मझौली जिला जबलपुर का स्थानांतरण अन्यत्र कब तक कर दिया जावेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) पाटन विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रवार दर्ज संख्या तथा भवनविहीन केन्द्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 01 अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उल्लेखित आंगनवाड़ी केन्द्रों में वित्तीय वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक पोषण आहार मद में व्यय की जानकारी तथा पोषण आहार वितरण में अनियमितताओं की शासन स्तर पर प्राप्त शिकायतों तथा उन पर की गई कार्यवाही का जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ग) श्रीमती राखी सैयाम परियोजना अधिकारी मझौली जिला जबलपुर के विरूद्ध जिला एवं संचालनालय स्तर पर नियम विरूद्ध कार्य करने संबंधी कोई शिकायत नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विद्युत उपकेन्द्र की जानकारी
[ऊर्जा]
30. ( क्र. 434 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम तलावदा व इसके आसपास बसे दर्जनभर से अधिक ग्रामों में प्रतिवर्ष कृषि सीजन में कृषि पम्पों का अतिरिक्त भार आने से विद्युत की मांग अधिक होती हैं इस कारण प्रश्नाधीन क्षेत्र में लो वोल्टेज एवं विद्युत की समस्या स्थिति अक्सर निर्मित होती हैं तलावदा में नवीन 33/11 विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना तकनीकी रूप से साध्य भी पाई गई हैं ये जानकारी प्रश्नकर्ता के अता.प्र.सं. 51 क्रमांक 602 दिनांक 28.11.2017 के (क), (ख) एवं (ग) में दी गई हैं? (ख) यदि हाँ, तो इसके बावजूद ग्राम तलावदा में विद्युत कम्पनी द्वारा उक्त विद्युत उपकेन्द्र स्वीकृत कर इसका निर्माण प्रारंभ कराने हेतु वित्तीय संसाधन जुटाने के प्रयास किये जाने की आढ़ ली जा रही है, ये कार्यवाही कृषकों के हित में नहीं हैं मात्र तथा इसी कारण से क्षेत्रीय कृषकों को विद्युत एवं वोल्टेज की समस्या से निजात नहीं मिल पा रही हैं। (ग) यदि हाँ, तो क्षेत्रीय कृषकों के हित में कार्यरत विद्युत कम्पनी क्या यथाशीघ्र वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करके ग्राम तलावदा में नवीन 33/11 विद्युत उपकेन्द्र अविलम्ब स्वीकृत कर इसका निर्माण कार्य प्रारंभ करवाएगी अथवा शासन इस हेतु विद्युत कम्पनी को निर्देशित करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, प्रश्नांश में उल्लेखित पूर्व विधानसभा सत्र के प्रश्न के उत्तर में प्रश्नाधीन क्षेत्र में कृषि सीजन में कृषि पंपों का भार एक साथ प्रणाली पर आने के कारण कतिपय अवसरों पर वोल्टेज की समस्या एवं विद्युत प्रदाय प्रभावित होने तथा ग्राम तलावदा में 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना तकनीकी रूप से साध्य होने की जानकारी दी गई थी। (ख) विद्युत अधोसंरचना स्थापित करने के कार्य तकनीकी आवश्यकता एवं वित्तीय उपलब्धता अनुसार किये जाते हैं, जो कि एक सतत् प्रक्रिया है। प्रश्नाधीन कार्य हेतु वित्तीय संसाधन जुटाने के प्रयास वितरण कंपनी द्वारा किये जा रहे हैं। (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र में सतत् रूप से गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय उपलब्ध कराए जाने के उद्देश्य से वितरण कंपनी द्वारा ग्राम तलावदा में 33/11 के.व्ही. नवीन उपकेन्द्र का निर्माण वित्तीय उपलब्धता अनुसार आगामी योजनाओं में सम्मिलित करने के प्रयास किये जा रहे हैं। अत: वर्तमान में विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना हेतु निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
जिम्मेवारों पर कार्यवाही के साथ कार्यों की स्वीकृती
[सामान्य प्रशासन]
31. ( क्र. 491 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा प्रश्न क्रमांक 521 दिनांक 23.02.2017 एवं विधान सभा प्रश्न क्रमांक 1086 दिनांक 28.11.2017 के द्वारा प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा समय-समय पर लिखे गये पत्रों पर की गयी कार्यवाही की जानकारी चाही गयी थी? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो विधान सभा प्रश्न क्रमांक 521 दिनांक 23.02.2017 के उत्तर में संलग्न परिशिष्ट (ब) पर उपरोक्त वर्णित निर्माण कार्यों की स्वीकृत हेतु माननीय प्रभारी मंत्री से अनुमोदन प्राप्त करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, बताया गया। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंध में मुख्य सचिव मध्यप्रदेश शासन को पत्र क्रमांक 969 दिनांक 28.08.2017 एवं पत्र क्रमांक 45 दिनांक 26.12.2017-18 के द्वारा झूठी जानकारी देने कार्यों को स्वीकृत न करने के दोषियों पर कार्यवाही हेतु लिखा गया, लेकिन कार्यवाही की जानकारी आज तक अप्राप्त है, क्यों? (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार प्रश्नकर्ता द्वारा कलेक्टर रीवा को पत्र क्रमांक 37 दिनांक 18.12.2017-18 के माध्यम से माननीय प्रभारी मंत्री के पास अनुमोदन हेतु भेजी गयी नस्ती की छाया प्रति जानकारी चाही गयी, जो अप्राप्त है, बल्कि जिला पंचायत रीवा द्वारा पत्र क्रमांक 5852, 5849 दिनांक 18.12.2017 द्वारा विभिन्न विभागों को पत्राचार किया जा कर स्वीकृत में विलम्ब किया जा रहा क्यों? (ड.) प्रश्नांश (क), (ख) अनुसार गलत एवं भ्रामक जानकारी बार-बार देने उत्तर अनुसार कार्यों को स्वीकृत न करने चाही गयी जानकारी न देने एवं प्रश्न (ग) एवं (घ) अनुसार कार्यवाही न करने के जिम्मेवारों की पहचान कर उन पर क्या कार्यवाही करेगें? साथ ही निर्माण कार्यों की स्वीकृत के आदेश कब तक जारी करावेगें बतावें? अगर नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रचार्य के ऊपर अनुशंसात्मक कार्यवाही किया जाना
[सामान्य प्रशासन]
32. ( क्र. 505 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल के पत्र क्रमांक एफ. 19-76/2007/1/4, भोपाल, दिनांक 27/11/2015 के आदेशानुसार शासन के समस्त विभाग को माननीय विधायकगणों को शासकीय कार्यक्रमों में आमंत्रित करने के संबंध में निर्देश जारी किए गये हैं। यदि कोई अधिकारी/कर्मचारी इन निर्देशों की अवहेलना करता है तो उनका यह कृत्य उस पर लागू आचरण या सेवा नियमों के अधीन अवचार समझा जावेगा और उसके विरूद्ध नियमानुसार अनुशंसात्मक कार्यवाही की जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि हाँ, तो क्या दिनांक 08/01/2018 को शासकीय पेन्चव्हेली स्नातकोत्तर महाविद्यालय परासिया (खिरसाडोह) की प्राचार्य श्रीमती पम्मी चावला द्वारा महाविद्यालय में शासन द्वारा संचालित योजनातंर्गत छात्र/छात्राओं को स्मार्टफोन का वितरण किये जाने हेतु शासकीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया? उक्त कार्यक्रम में प्रश्नकर्ता को आमंत्रित नहीं किया गया और ना ही कार्यक्रम की कोई जानकारी दी गई? क्या यह प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शासन द्वारा जारी आदेश का उल्लंघन नहीं है? यदि आदेश का उल्लंघन है तो इस कृत्य के लिये विभाग द्वारा प्रचार्य के उपर क्या अनुशंसात्मक कार्यवाही की जावेगी? (ग) शासकीय पेन्चव्हेली स्नातकोत्तर महाविद्यालय परासिया (खिरसाडोह) की प्राचार्य द्वारा शासन द्वारा जारी दिशा निर्देशों की अवहेलना किये जाने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा प्रमुख सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग को पत्र क्रमांक वि.स./परासिया/127/2018/926, दिनांक 10/01/2018 एवं उप सचिव, सामान्य प्रशासन का पत्र क्रमांक वि.स. परासिया 127/2018/928 दिनांक 10/01/2018 तथा प्रमुख सचिव, उच्च शिक्षा विभाग को पत्र क्रमांक वि.स./परासिया/127/2018/927 दिनांक 10/01/2018 को शिकायत पत्र प्रेषित किया गया था? उक्त शिकायत पत्रों पत्र संबंधित विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? जानकारी उपलब्ध करायें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) प्राचार्य, श्री श्री लक्ष्मीनारायण शासकीय पेंचव्हेली स्नातकोत्तर महाविद्यालय, परासिया (खिरसाडोह) द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार दिनांक 08/01/2018 को शासकीय कार्यक्रम के कोई न तो आमंत्रण पत्र छपवाए गए और न ही कोई शासकीय समारोह आयोजित किया गया। उच्च शिक्षा विभाग के अनुदेशों के पालन में अध्यक्ष, महाविद्यालयीन जनभागीदारी समिति के हस्ते छात्र छात्राओं को स्मार्ट फोन का वितरण किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जिला सतर्कता अधिकारी द्वारा जाँच कार्यवाही की जा रही है।
कैरियर कैनाल के कार्य की जाँच
[नर्मदा घाटी विकास]
33. ( क्र. 534 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 23.02.2017 में मुद्रित प्रश्न क्रमांक 867 के प्रश्नांश (क) एवं (ख) का उत्तर जी हाँ शिकायत की जाँच अभिलेख और तथ्यों पर की गई तथा प्रश्नोत्तरी के पूर्व जाँच पूर्ण की जा चुकी थी। अत: जाँच करने का प्रश्न ही नहीं उठता दिया गया था तथा विधान सभा प्रश्न क्रमांक 708 दिनांक 21.07.2017 के प्रश्नांश (ग) में उत्तर दिया गया था कि जाँच अभिलेखों के आधार पर की गई है। (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो महालेखाकार द्वारा आपत्ति भी तो अभिलेखों के आधार पर ही ली गई थी। जाँच अधिकारी ने शिकायतकर्ता को बिना सुने क्यों जाँच की जबकि सामान्य प्रशासन विभाग के अनेकों निर्देश दिए गए हैं कि शिकायतकर्ता को अवश्य सुना जावे। माननीय राज्यपाल जी म.प्र. के अपर सचिव म.प्र. द्वारा अपने पत्र क्रमांक/251/आर बी/एस.ए./न.घा.वि.वि./17 दिनांक 19.07.2017 से प्रश्नकर्ता को सूचित किया है कि अपर मुख्य सचिव नर्मदा घाटी विकास विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल को निर्देश दिए हैं कि शिकायत में वर्णित बिन्दुओं पर परीक्षण कराकर नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही करें। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या कार्यवाही की गई है बताएं? यदि नहीं, की गई तो कब तक की जावेगी। शिकायतकर्ता के समक्ष जाँच करने में क्या कठिनाई है? (घ) वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक बरगी व्यपवर्तन परियोजना की नहर की आर.डी. 104 कि.मी. से 129 कि.मी. तक के निर्माण में किसकिस कार्य में कितनी राशि व्यय की गई है कार्यवार, राशिवार विवरण दें। (ड.) उक्त योजना में कितना कार्य किया जाना शेष है क्या आगे भी उक्त योजना के ठेकेदार को मूल्य वृद्धि दे कर कार्य अवधि बढ़ा कर शासन को क्षति पहुंचाई जावेगी?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) महालेखाकर की आपत्तियों पर आधारित जाँच प्रश्नोत्तरी के पूर्व ही सम्पन्न की जा चुकी थी। पत्र क्रमांक 251/आर/बी/एसएस/नघाविवि/17 दिनांक 19.07.2017 अप्राप्त है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) बरगी व्यपवर्तन परियोजना की नहर की आर.डी. 104 कि.मी. से 129 कि.मी. में वर्ष जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक कार्यवार व्यय का विवरण निम्नानुसार है :- ओपन कट केनाल–शून्य, टनल–रूपये 100.18 करोड़ (मूल्य वृद्धि सहित) कट एण्ड कवर–शून्य (ड.) परियोजना में 67.32 प्रतिशत कार्य किया जाना शेष है। अनुबंध के प्रावधानों के अंतर्गत ही संबंधित निर्णय लिया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अवैध शराब की बिक्री
[वाणिज्यिक कर]
34. ( क्र. 550 ) श्री मधु भगत : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला बालाघाट और जिले की सीमा से लगे हुए जिलों में अवैध शराब विक्रय परिवहन तथा अवैध बिक्री के कितने प्रकरण अथवा सूचनाएं प्राप्त हुई? तिथिवार ब्यौरा देवें। (ख) उपरोक्त पर अंकुश और नियंत्रण हेतु कितना अमला और कौन-कौन पदस्थ है तथा उनके दायित्व क्या हैं इस संबंध में आदेशों की प्रति बताते हुए यह भी बताये की उक्त अधिकारी कर्मचारी ने पिछले 3 वर्षों में कहाँ- कहाँ के दौरे किये? तिथि, स्थान तथा दौरे का उद्देश्य बताय। (ग) क्या विगत 3 वर्षों में विभाग के औचित्य और उद्देश्य के विरूद्ध जो भी पत्र अथवा शिकायतें जिलो में प्राप्त हुई हैं उन पर यथा समय कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो शिकायत का विवरण एवं प्राप्त होने की दिनांक और उसके निराकरण की दिनांक बतायें।
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
क्रमोन्नति वेतनमान में हुई त्रुटि का सुधार
[वित्त]
35. ( क्र. 551 ) श्री मधु भगत : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 6671 दिनांक 18/03/2016 में प्रश्नांश (ग) में शासन ने क्या निर्णय लिया, जब सहायक वर्ग 3/अनुरेखक और पदोन्नत पद क्रमश: सहायक वर्ग 2/सहायक मानचित्रकार के वेतनमान क्रमोन्नति योजना लागू होने की तिथि 17/03/1999- 19/04/99 में एक समान थे और योजना पदनाम के आधार पर लागू नहीं की गई थी बल्कि वेतनमान के आधार पर लागू की गई थी, तो मात्र सहायक वर्ग 2 को द्वितीय क्रमोन्नत वेतनमान 4500-7000 परिपत्र दिनांक 21/05/2015 द्वारा दिया जाना और सहायक मानचित्रकार को वंचित रखना क्या संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन नहीं है जबकि दोनों पदों पर प्रथम नियुक्ति (3050-4590) समान वेतनमान में होती है और पदोन्नति भी समान वेतनमान (4000-6000) में होती है तो द्वितीय क्रमोन्नत सहायक वर्ग 2 को 4500-7000 और सहायक मानचित्रकार को 4000-6000 वेतनमान देकर भेद-भाव क्यों किया जा रहा है क्या परिपत्र दिनांक 21/05/2015 में सहायक मानचित्रकार पद को सामिल कर संशोधित या नवीन परिपत्र जारी किया जायेगा यदि हाँ, तो कब तक यदि? (ख) क्या यह सही है कि सहायक वर्ग 2 के समान सहायक मानचित्रकार को 4500-7000 रूपये द्वितीय क्रमोन्नत वेतनमान न दिए जाने की चूक को आयुक्त कोष एवं लेखा ने स्वीकार करते हुए वित्तीय विभाग से अपने पत्र दिनांक 08/01/2016 द्वारा संशोधित आदेश जारी करने हेतु अथवा सहायक मानचित्रकार पद हेतु मार्गदर्शन मांगा था और प्रश्न क्रमांक 6671 दिनांक 18/03/2016 के प्रश्नांश (ख) में स्वीकार किया गया था कि इस पत्र को विचार में लिया गया है यदि हाँ, तो 8 जनवरी 2016 से 2 वर्ष व्यतीत हो चुके है वित्त विभाग आदेश कब जारी करेगा अवधि बताएं यदि नहीं, तो दोनों पदों में आपस में असमानता क्या है और वेतनमान में असमानता क्या है उल्लेख करते हुए कारण बताएं? (ग) क्या ऐसे प्रकरणों में जिसमें संयुक्त संचालक कोष एवं लेखा ने वेतन निर्धारण के समय आपत्ति ली थी अर्थात स्वीकृति 4500-7000 वेतन मान के बजाए 4000-6000 वेतनमान जो कि उक्त सहायक मानचित्रकार क्रमोन्नति योजना लागू होने के पूर्व से ही वेतनमान 4000-6000 पा रहा था उसे 24 वर्ष की सेवा पूर्ण होने के बाद भी वही वेतनमान 4000-6000 देने के लिए निर्देश दिए है यह न्यायोचित न होने के कारण क्या ऐसे मामलों में जब तक वसूली पर रोक लगाई जाएगी तब तक संशोधित आदेश जारी नहीं हो जाते यह आयुक्त कोष एवं लेखा के शासन को सम्बोधित पत्र दिनांक 08/01/2016 के प्रकाश में बतायें?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) प्रश्न क्रमांक 6671 के प्रश्नांश ''ग'' में सदन को अवगत कराया गया था कि सहायक ग्रेड-2 के पद का वित्त विभाग के पत्र दिनांक 04-03-97 से तत्समय वेतनमान का पुनरीक्षण किये जाने से देय क्रमोन्नति में विसंगति का निराकरण वित्त विभाग के परिपत्र दिनांक 21-5-2015 से किया गया है। अन्य समान प्रकरण समक्ष में आने पर गुण-दोष के आधार पर परीक्षण कर यथा आवश्यक निर्णय लिया जाएगा। वित्त विभाग के निर्देश दिनांक 04-03-97 से सहायक वर्ग-2 के वेतनमान को ही संशोधित किया गया था, अत: आदेश दिनांक 21-5-2015 सहायक वर्ग-2 तक ही सीमित रहा है। अत: कोई भेदभाव नहीं है। (ख) उत्तरांश ''क'' अनुसार। आयुक्त कोष एवं लेखा के पत्र दिनांक 08-01-2016 पर उपर्युक्त उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में पृथक से कोई निर्देश जारी किये जाने की आवश्यकता नहीं रही है। (ग) उत्तरांश ''ख'' अनुसार।
कुपोषण की रोकथाम
[महिला एवं बाल विकास]
36. ( क्र. 586 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विगत तीन वर्षों में उज्जैन संभाग में कुपोषण समाप्त करने की दिशा में शासन द्वारा कौन-कौन सी योजनाओं का क्रियान्वयन किया गया? उक्त योजनांतर्गत कितनी-कितनी राशि जिलों को किस-किस योजना में आवंटित होकर व्यय की गई? (ख) कुपोषण समाप्ति हेतु जिलों में कितनी-कितनी स्वच्छता किट क्रय कर वितरित की गई? प्रत्येक किट किस दर पर किस फर्म से किस प्रावधानअनुसार क्रय की गई? क्या खरीदी में उज्जैन संभाग में किसी जिले में अनियमितता पाई गई? यदि हाँ, तो तत्संबंधी ब्यौरा व कार्यवाही का विवरण दें। (ग) उज्जैन संभाग में दिसंबर 2017 तक की स्थिति में कुपोषित बच्चों का श्रेणीवार तहसीलवार ब्यौरा क्या है तथा कुपोषित बच्चों को क्या उपचार सुविधा प्रदान की गई?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) उज्जैन संभाग अंतर्गत कुपोषण समाप्त करने के लिये अटल बिहारी वाजपेयी बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन, सुपोषण अभियान अंतर्गत आयोजित शिविर एवं एकीकृत बाल विकास सेवा योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। योजनाओं अंतर्गत आवंटन एवं व्यय की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) उज्जैन संभाग में योजना अंतर्गत स्वच्छता किट स्वीकृत न होने से स्वच्छता किट क्रय संबंधी जानकारी निरंक है। (ग) उज्जैन संभाग के कुपोषित बच्चों की जिलेवार एवं तहसीलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। उज्जैन संभाग अंतर्गत कुपोषित बच्चों को एकीकृत बाल विकास सेवा योजना अंतर्गत पूरक पोषण आहार, स्वास्थ्य जाँच, टीकाकरण, पोषण एवं स्वास्थ्य शिक्षा का लाभ दिया जाता है। पात्रता अनुसार गंभीर कुपोषित बच्चों को पोषण पुर्नवास केन्द्र में 14 दिवस हेतु भर्ती किया जाता है। सुपोषण अभियान अंतर्गत 12 दिवसीय स्नेह शिविर में पात्रता अनुसार कुपोषित बच्चों को लाभान्वित किया जाता है।
अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना का क्रियान्वयन
[अनुसूचित जाति कल्याण]
37. ( क्र. 588 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में म.प्र. अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास एवं विद्युतीकरण नियम 2017 अंतर्गत कितने एवं कौन-कौन से जिले/तहसील चिन्हित किये गये है? पूर्ण ब्यौरा दें। (ख) प्रश्नांश (क) में चिन्हित जिले/तहसीलों में विगत तीन वर्षों में योजनांतर्गत क्या-क्या सुविधायें प्रदान की गई? योजनांतर्गत राशि आवंटन एवं व्यय का वर्षवार, ब्यौरा दें। (ग) संभाग के किन-किन जिलों में पात्र ग्रामों अथवा शहरी वार्डों को अब तक योजना लाभ नहीं मिला? योजना का लाभ न मिलने के क्या कारण हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) उज्जैन संभाग में म.प्र. अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास एवं विद्युतिकरण नियम, 2017 अंतर्गत वर्ष 2011 की जनगणना अनुसार जिन ग्रामों की अनुसूचित जाति की जनसंख्या 40 प्रतिशत या उससे अधिक है उन्हें अनुसूचित जाति बाहुल्य ग्राम एवं जिन ग्रामों में अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या 50 प्रतिशत या अधिक है, उन्हें अनुसूचित जनजाति बाहुल्य ग्राम माना गया है। जिलेवार विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) उज्जैन संभाग अंतर्गत विगत तीन वर्षों में प्रदान की गई सुविधाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) जिलों द्वारा आवंटन की सीमा में एवं नियमानुसार कार्य स्वीकृत किये जाते हैं। योजना निरंतर है एवं योजना का लाभ देने की कार्यवाही बजट प्रावधान अनुसार निरंतर है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
एक्सीडेन्ट में मृत तथा घायल को सहायता राशि का भुगतान
[सामान्य प्रशासन]
38. ( क्र. 594 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 2 जुलाई 2017 को ट्रैक्टर ट्रॉली से अलापूर गाँव से ग्वालियर जिले के बरौआ गाँव में जाते समय ग्राम निरावली के पास ट्रैक्टर ट्रोली तथा ट्रक के भयानक एक्सीडेन्ट में कौन-कौन व्यक्ति मृत तथा घायल हुये, उनके नाम, पिता/पति का नाम, ग्राम,उम्र स्पष्ट करें? (ख) क्या इस दुर्घटना में मृत तथा घायलों के परिजनों को ग्वालियर प्रशासन द्वारा घटना स्थल पर हजारों की भीड़ तथा सम्माननीय जनप्रतिनिधियों एवं नेताओं के समक्ष प्रत्येक मृतक के परिवारों कों 11-11 लाख रूपये की सहायता राशि उपलब्ध कराने हेतु कोई आश्वासन (वायदा) दिया था? यदि हाँ, तो किन-किन अधिकारियों द्वारा आश्वासन दिया था, उनका नाम, पद स्पष्ट करें? क्या दिये गये उक्त आश्वासन की पूर्ति हेतु म.प्र. शासन को पत्राचार किया गया था? यदि हाँ, तो कब-कब? पत्रों की प्रति उपलब्ध करावें। उक्त पत्रों पर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? क्या दिये गये आश्वासन अनुसार उनको सहायता राशि उपलब्ध कराई गई? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या इतनी बड़ी वीभत्स दुर्घटना में मृत परिवारों के प्रति सरकार की कोई संवेदना नहीं बनती? यदि नहीं, तो उक्त घटना में मृत तथा घायल व्यक्तियों को घटना दिनांक से प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या शासकीय सहायता राशि तथा अन्य लाभ (सहयोग) दिया गया है? प्रत्येक मृत तथा घायल व्यक्ति की अलग-अलग जानकारी बतावें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जिला प्रशासन द्वारा सड़क दुर्घटना में मृतक व्यक्तियों के परिजनों को तात्कालिक आर्थिक सहायता रूपये 15-15 हजार प्रदान की गई। जमा भीड द्वारा 11-11 लाख रूपये तथा घायलों को 50-50 हजार रूपये की सहायता राशि मुख्यमंत्री सहायता कोष से दिलवाने की मांग की गई थी। जिस पर कलेक्टर जिला ग्वालियर द्वारा प्रत्येक मतक के परिजन को 1-1 लाख रूपये तथा गंभीर घायल को 25-25 हजार रूपये की सहायता राशि मध्यप्रदेश शासन की ओर से दिलाई जाने का आश्वासन दिया गया। उक्त आश्वासन अनुसार मुख्यमंत्री स्वेच्छा अनुदान निधि से सहायता राशि देने हेतु प्रस्ताव भेजा गया था। जिसके अनुक्रम में प्रत्येक मृतक के परिजन को 2-2 लाख रूपये एवं प्रति घायल व्यक्ति को रूपये 25-25 हजार मान से कुल रूपये 21 लाख की सहायता राशि कलेक्टर मुरैना द्वारा प्रदान की गई। कलेक्टर मुरैना का पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) सहायता राशि प्रदान की जा चुकी है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है।
दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति विद्युतीकरण योजनातंर्गत स्वीकृत कार्य
[ऊर्जा]
39. ( क्र. 599 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भितरवार विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत 1 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत कितने ग्रामों एवं मजरा टोलों में विद्युतीकरण कार्य स्वीकृत किये गये है एवं इन किये गये कार्यों के लिये कितनी राशि का भुगतान किया गया है? कितने ग्रामों एवं मजरों के कार्य पूर्ण हुए एवं कितने अपूर्ण हैं? अपूर्ण रहने का क्या कारण है? संख्यात्मक जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त योजना में किस एजेन्सी के माध्यम से कार्य कराया जा रहा है? कार्य पूर्ण करने की समयावधि क्या थी? अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण किया जावेगा? समयावधि पूर्ण होने पर पुनः निविदाएं आमंत्रित की जावेंगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) 31 जनवरी 2018 की स्थिति में उक्त योजना के तहत अभी तक कितने मजरे टोले में विद्युतीकरण कार्य किया जाना शेष है? उनके विद्युतीकरण कार्य कब तक किये जाने की संभावना है? संख्यात्मक जानकारी दें? अनियमितता संबंधी कितनी शिकायतें प्राप्त हुई है? शिकायतों की जाँच किस अधिकारी द्वारा की जा रही हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) पूर्ववर्ती राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजनान्तर्गत भितरवार विधानसभा क्षेत्र सहित ग्वालियर जिले में विद्युतीकरण कार्य हेतु टर्न-की ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स एरा इन्फ्रा. ए.आर.के., नोएडा को दिनांक 27.01.2012 को रू. 28.70 करोड़ की राशि के कार्यों के लिये अवार्ड जारी किया गया था, किन्तु समय-सीमा में कार्य नहीं किये जाने के कारण मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के आदेश क्रमांक: 2031 दिनांक 06.02.2016 से ठेकेदार एजेन्सी के साथ किया गया अनुबंध निरस्त कर दिया गया था। उक्त ठेकेदार एजेन्सी द्वारा भितरवार विधानसभा क्षेत्र में मात्र 52 कि.मी. 11 के.व्ही. लाईन एवं 31 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये गये थे, जिसके लिये उसे रू. 137.25 लाख का भुगतान किया गया है। योजना अन्तर्गत शेष अपूर्ण कार्य किये जाने हेतु ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स बजाज इलेक्ट्रिकल्स लि., मुंबई को दिनांक 03.08.2016 को रू.20.50 करोड़ की राशि के कार्यों के लिये अवार्ड जारी किया गया। जिसके द्वारा सर्वे उपरांत भितरवार विधानसभा क्षेत्र हेतु अनुमोदित बी.ओ.क्यू. के अनुसार 95 ग्रामों के सघन विद्युतीकरण एवं 2 मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य किये जाने का प्रावधान है। इसमें से अभी तक 86 ग्रामों के सघन विद्युतीकरण एवं 2 मजरों/टोलों के विद्युतीकरण हेतु अधोसंरचना विस्तार का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। शेष 9 ग्रामों में सघन विद्युतीकरण का कार्य प्रगति पर है एवं फरवरी-2018 के अंत तक यह कार्य पूर्ण होना संभावित है। भितरवार विधानसभा क्षेत्र में उक्त एजेन्सी द्वारा किये गये कार्यों के विरूद्ध राशि रू.1468.25 लाख का भुगतान किया गया है। उपरोक्त के अलावा नवीन दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना अन्तर्गत भितरवार विधानसभा क्षेत्र सहित संपूर्ण ग्वालियर जिले में ग्रामों के सघन विद्युतीकरण एवं मजरों/टोलों के विद्युतीकरण के कार्य हेतु ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स बजाज इलेक्ट्रिकल्स लि. को वितरण कंपनी के पत्र क्रमांक : 1587 दिनांक 28.12.2016 से रू. 89.01 करोड़ की राशि का अवार्ड जारी किया गया है। उक्त अवार्ड के अंतर्गत भितरवार विधानसभा क्षेत्र के 163 ग्रामों के सघन विद्युतीकरण एवं 153 मजरों/टोलों के विद्युतीकरण के कार्य कराये जाने है। उक्त योजनान्तर्गत ठेकेदार एजेन्सी द्वारा कार्यों का क्रियान्वयन प्रारंभ कर दिया गया है, अभी तक किसी भी ग्राम/मजरे/टोले का कार्य पूर्ण नहीं हुआ है एवं किसी भी कार्य के लिये भुगतान नहीं किया गया है। उक्त योजना अन्तर्गत कार्यों के क्रियान्वयन हेतु निर्धारित अवधि दिसंबर-2018 है एवं निर्धारित अवधि में कार्य कराये जाने के प्रयास किये जा रहे है। (ख) उत्तरांश “क“ अनुसार पूर्ववर्ती राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजनांतर्गत कार्य पूर्ण करने की समयावधि जनवरी 2014 तक थी, किन्तु ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स एरा इन्फ्रा. ए. आर. के., नोएडा द्वारा फरवरी-2016 तक भी आंशिक कार्य ही किये जाने के कारण कान्ट्रेक्ट टर्मिनेट कर दिया गया एवं ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स बजाज इलेक्ट्रिकल्स लि. को एल.ओ.ए. क्रमांक 747 दिनांक 3.8.16 के माध्यम से कार्यादेश जारी किया गया है, जिसके अनुसार कार्यों को पूर्ण करने लिये निर्धारित अवधि 18 माह निर्धारित है। निर्धारित अवधि में कार्य पूर्ण कराने के प्रयास किये जा रहे है। नवीन दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनान्तर्गत एल.ओ.ए. क्र.1587 दिनांक 28.12.2016 के तहत टर्न-की ठेकेदार मेसर्स बजाज इलेक्ट्रिकल्स लि., मुम्बई के माध्यम से कार्य कराया जा रहा है, योजनान्तर्गत कार्य पूर्ण करने की निर्धारित अवधि दिनांक 27.12.2018 है। समय-सीमा में कार्यों को पूर्ण कराने के प्रयास किये जा रहे हैं। उक्त परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में अन्य कोई कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है। (ग) 31, जनवरी 2018 की स्थिति में उत्तरांश (क) अनुसार राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजनान्तर्गत शेष 9 ग्रामों के सघन विद्युतीकरण का कार्य फरवरी 2018 के अंत तक पूर्ण होना संभावित है। नवीन दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना अंतर्गत ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स बजाज इलेक्ट्रिकल्स द्वारा किये गये सर्वे अनुसार भितरवार विधानसभा क्षेत्र में 163 ग्रामों के सघन विद्युतीकरण एवं 153 मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य किया जाना है। ठेकेदार एजेन्सी द्वारा कार्यों का क्रियान्वयन प्रारंभ कर दिया गया है तथा योजना के क्रियान्वयन हेतु निर्धारित अवधि 24 माह (दिनांक 27.12.2018) तक ये कार्य पूर्ण करने के प्रयास किये जा रहे हैं। उपरोक्त कार्यों के संबंध में अनियमितता संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अतः प्रश्न नहीं उठता।
विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्य
[जनजातीय कार्य]
40. ( क्र. 606 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव में वित्त वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये गये? स्वीकृति दिनांक, राशि, कार्य का नाम, ग्राम का नाम, पूर्ण किये जाने की समय-सीमा, सहित सूची प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण, अपूर्ण एवं अप्रारंभ हैं की जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जो कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं, उनका मूल्यांकन किन अधिकारियों के द्वारा किया गया? जो कार्य अपूर्ण हैं उनकी अपूर्णता का कारण स्पष्ट करते हुए सूची प्रदान करें। अपूर्ण कार्य के लिए कौन जिम्मेदार है? क्या शासन, जिम्मेदार अधिकारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार जो कार्य अप्रारंभ है, उनके अप्रारंभ होने का क्या कारण है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रश्नांश अन्तर्गत स्वीकृत 23 कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कुल स्वीकृत कार्यों में से 17 कार्य पूर्ण तथा 06 कार्य अपूर्ण हैं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। अपूर्ण कार्यों की निर्माण एजेंसी सरपंच ग्राम पंचायत को शीघ्र काम पूर्ण करने हेतु निर्देशित किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) कोई कार्य अप्रारम्भ नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आदिवासी बस्ती विकास योजना में स्वीकृत कार्य
[अनुसूचित जाति कल्याण]
41. ( क्र. 607 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति बस्तियों के विकास के लिए जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितने प्रस्ताव कलेक्टर (आदिम जाति कल्याण विभाग) को प्रेषित किये गये? दिनांकवार, कार्य, स्थान, राशि सहित सूची प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जो प्रस्ताव कलेक्टर नरसिंहपुर को प्रेषित किये गये उनमें से कितने कार्य स्वीकृत किये गये एवं वर्तमान में स्वीकृत कितने कार्य पूर्ण या अपूर्ण हैं? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा प्रेषित प्रस्तावों में से जो कार्य स्वीकृत नहीं किये गये, उसका क्या कारण है? कार्यवार स्पष्ट कारण बताया जावे। क्या जो प्रस्ताव स्वीकृत नहीं किये गये उन्हें स्वीकृत किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खराब एवं बंद पड़े ट्रांसफार्मरों की जानकारी
[ऊर्जा]
42. ( क्र. 622 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गरोठ संभागीय कार्यालय अन्तर्गत सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में कुल कितने ट्रांसफार्मर कृषि सिंचाई हेतु एवं गांव में विदयुत सप्लाई हेतु संचालित किये जा रहे हैं? (ख) कितने ग्रामों में कितने समय से ट्रांसफार्मर जले होने के कारण या खराबी के कारण प्रश्न दिनांक तक बंद पड़े हैं? गांव के नाम एवं जलने का माह एवं वर्ष की जानकारी देवें। (ग) क्या विभाग द्वारा खराब एवं बंद पड़े ट्रांसफार्मरों पर भी न्यूनतम चार्ज वसूली के अलावा अतिरिक्त विदयुत बिल वसूला जाता है या नहीं? (घ) कई वर्षों से बंद ट्रांसफार्मरों को विभाग द्वारा कब तक लगा दिया जावेगा।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सुवासरा में संचालन-संधारण संभाग गरोठ के अंतर्गत कुल 417 वितरण ट्रांसफार्मर कृषि कार्य हेतु एवं 276 वितरण ट्रांसफार्मर ग्राम में घरेलू एवं अन्य प्रयोजन हेतु विद्युत प्रदाय किये जाने के लिये स्थापित है। (ख) प्रश्न दिनांक की स्थिति में विधानसभा क्षेत्र सुवासरा में संचालन-संधारण संभाग गरोठ के अंतर्गत कुल 14 ग्रामों के 19 जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण बन्द है। इन जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों के ग्रामों के नाम एवं इनके जलने/खराब होने की दिनांक की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ग) विद्युत प्रदाय संहिता, 2013 के प्रावधानों एवं इसके अंतर्गत राज्य शासन द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार जले/खराब एवं बकाया राशि के कारण हटाए गए वितरण ट्रांसफार्मरों से संबद्ध उपभोक्ताओं की बिलिंग हेतु वर्तमान में लागू प्रक्रिया संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (घ) विधानसभा क्षेत्र सुवासरा में संचालन-संधारण संभाग गरोठ के अन्तर्गत कोई भी वितरण ट्रांसफार्मर 1 जून, 2017 के पूर्व से बन्द नहीं है। तथापि उत्तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार प्रश्नाधीन क्षेत्र में 19 जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण बदले नहीं जा सके हैं, जिन्हें नियमानुसार जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर से संबद्ध 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा बकाया राशि जमा करने अथवा कुल 20 प्रतिशत बकाया राशि जमा होने के उपरांत बदला जा सकेगा। अत: प्रश्नाधीन जले/खराब ट्रांसफार्मरों को बदले जाने की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
भूमि पूजन एवं लोकापर्ण
[सामान्य प्रशासन]
43. ( क्र. 623 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा विधायक एवं जनप्रतिनिधियों से भूमि पूजन, लोकार्पण हेतु कौन सा पत्र जारी किया गया है? उसकी प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। (ख) मध्यप्रदेश विकास यात्रा के संदर्भ में मन्दसौर जिले में 10 करोड़ से कम या अधिक राशि के कौन-कौन से कार्यों का किन-किन जनप्रतिनिधियों द्वारा लोकार्पण एवं भूमि पूजन किया गया है? (ग) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में बिना भूमि पूजन लोकार्पण के कौन-कौन से कार्यों को प्रारम्भ किया गया है? इसके लिए कौन अधिकारी दोषी है? (घ) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में जो निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके हैं उनका लोकार्पण तथा नवीन निर्माण कार्यों का भूमि पूजन अनिवार्य रूप से करवाया जावेगा या नहीं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) विधायकों एवं जनप्रतिनिधियों से अनिवार्यत: भूमिपूजन, लोकार्पण कराए जाने हेतु सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा कोई पत्र जारी नहीं किया गया है बल्कि जिलों में आयोजित शासकीय कार्यक्रमों तथा शिलान्यास, उद्घाटन आदि में क्षेत्र के माननीय सांसदों तथा विधायकों को आमंत्रित करने, आयोजित कार्यक्रम में यदि शिलालेख लगाए जाते हैं तो ऐसी शिलाओं में उनके नाम अनिवार्य रूप से अंकित किये जाने के निर्देश हैं जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में मध्यप्रदेश विकास यात्रा के संदर्भ में 33/11 के.व्ही. नवीन विद्युत उपकेन्द्र कुरावन में रबी सीजन के दौरान विद्युत मांग की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए एवं कृषकों की सुविधा हेतु 5 एम.बी.ए. क्षमता का विद्युत पावर ट्रांसफार्मर स्थापित कर उर्जित कर विद्युत प्रदाय किया गया था, जो निरन्तर जारी है। कृषकों की समस्याओं को देखते हुए कार्य बगैर लोकार्पण के ही प्रारम्भ किया गया है। अत: कोई भी अधिकारी दोषी नहीं है। (घ) जी हाँ।
प्रश्नकर्ता के पत्रों पर कार्यवाही
[जनजातीय कार्य]
44. ( क्र. 631 ) श्री संजय उइके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के द्वारा प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य मंत्रालय को आदिवासी उपयोजना क्षेत्र की निधि के अन्यत्र व्यय, दुरूपयोग एवं जानकारी उपलब्ध कराने बाबत् पत्र क्रमांक 1032 दिनांक 08/12/2017 एवं पत्र क्रमांक 1109 दिनांक 18/01/2018 लिखा गया है? (ख) यदि हाँ, तो उपरोक्त पत्रों पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई एवं जानकारी उपलब्ध कराने संबंधी पत्र की जानकारी अभी तक किन कारणों से उपलब्ध नहीं कराई गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। दिनांक 18/01/2018 का कार्यालय अभिलेख अनुसार प्राप्त है। (ख) प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक 1109 दिनांक 18/01/2018 में उल्लेखित विभागों से संचालनालय आदिम जाति क्षेत्रीय विकास योजनाएं के पत्र दिनांक 16/02/2018 द्वारा जानकारी चाही गई है। जानकारी अभी अप्राप्त है। जानकारी प्राप्त होने पर माननीय प्रश्नकर्ता को अवगत कराया जायेगा।
विधान सभा क्षेत्र 19 डबरा के अंतर्गत आंगनवाड़ी भवन निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
45. ( क्र. 645 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) ग्वालियर जिले की डबरा विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत शहर एवं ग्रामीण क्षेत्र में कितने कितने आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत हैं? इनमें से कितने संचालित हैं तथा संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में संचालित हैं तथा कितने शासकीय भवनों में संचालित हैं नाम पता सहित पृथक-पृथक कर जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) क्या किराये के एवं अन्य शासकीय भवनों में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु सरकार द्वारा आंगनवाड़ी भवन स्वीकृत किये गये हैं? (ग) यदि नहीं, तो कब तक स्वीकृत किये जायेंगे अथवा स्वीकृत किये गये हैं तो कहाँ कहाँ किस दिनांक को स्वीकृत किये गये हैं इनकी कार्य प्रोग्रेस क्या है स्थान का नाम सहित बतायें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) ग्वालियर जिले की डबरा विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत शहरी क्षेत्रान्तर्गत 86 एवं ग्रामीण क्षेत्र में 164 कुल 250 आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत है एवं 250 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। संचालित 250 आंगनवाड़ी केन्द्र में से 87 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में तथा 163 शासकीय भवनों (113 विभागीय भवन एवं 50 अन्य शासकीय भवन) में संचालित है। पृथक-पृथक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में 87 किराये के आंगनवाड़ी भवनों में से 62 आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये भवन स्वीकृत किये गये है। (ग) स्वीकृत 62 आंगनवाड़ी भवनों की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
सिवनी जिले के शासकीय कार्यक्रम
[सामान्य प्रशासन]
46. ( क्र. 660 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत पाँच वर्ष के दौरान मुख्यमंत्री सिवनी जिले में किन-किन शासकीय व अशासकीय कार्यक्रमों में शामिल हुए? कार्यक्रमवार ब्यौरा दें। उक्त कार्यक्रमों में मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं का ब्यौरा दें। (ख) प्रश्नांश ''क'' अवधि के दौरान मुख्यमंत्री सिवनी नगर में किन-किन शासकीय कार्यक्रमों में शामिल हुए वर्षवार, कार्यक्रमवार, दिनांकवार, ब्यौरा दें। (ग) क्या मुख्यमंत्री के पास सिवनी विधानसभा क्षेत्र के विकास का कोई मांग पत्र लंबित है? यदि हाँ, तो कब से? क्या मांग पत्र में शामिल बिन्दुओं पर कार्यवाही की जा रही है? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो बिन्दुवार कार्यवाही का ब्यौरा दें? मांग कब तक पूरी हो जायेगी? (घ) क्या मुख्यमंत्री जी का सिवनी विधानसभा क्षेत्र की यात्रा प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो कब तक आगमन होगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में माननीय मुख्यमंत्री जी ने शासकीय व अशासकीय कार्यक्रमों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक तथा उक्त कार्यक्रमों के दौरान संधारित अभिलेख अनुसार की गई घोषणाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- दो पर है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन पर है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं वर्तमान में प्रस्तावित नहीं है।
बिजली सप्लाई बंद करने संबंधी व्यवस्था में परिवर्तन
[ऊर्जा]
47. ( क्र. 661 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ऊर्जा विभाग द्वारा जिस ट्रान्सफार्मर से संबंधित विद्युत उपभोक्ताओं के सामूहिक बिजली बिल की राशि 50 प्रतिशत भुगतान बकाया होती है, क्या उस ट्रान्सफार्मर से विद्युत सप्लाई सभी उपभोक्ताओं की बंद कर दी जाती हैं? (ख) यदि हाँ, तो ऐसे उपभोक्ताओं के विद्युत कनेक्शन विच्छेदित कर अन्य उपभोक्ता, जो लगातार विद्युत बिलों का भुगतान कर रहे हैं, क्या उन्हें सतत् बिजली सप्लाई किये जाने की व्यवस्था की जावेगी, जिससे बिजली बिल भुगतान करने वाले उपभोक्ताओं को बिजली सप्लाई के अभाव में क्षति न उठाना पड़े? यदि हाँ, तो उक्त व्यवस्था कब तक की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं, वितरण ट्रांसफार्मर से सुचारू रूप से विद्युत प्रदाय चालू होने की स्थिति में, संबद्ध उपभोक्ताओं पर बकाया राशि होने पर भी वितरण कंपनियों द्वारा विद्युत प्रदाय बन्द नहीं किया जाता, किन्तु अपरिहार्य कारणों से यदि विद्यमान ट्रांसफार्मर फेल हो जाता है तो ऐसी स्थिति में ट्रांसफार्मर से जुड़े 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा भुगतान करने अथवा कुल बकाया राशि की 20 प्रतिशत राशि जमा होने के उपरान्त ही ऐसे जले/खराब ट्रांसफार्मर को बदला जाता है। (ख) विद्युत बिलों का भुगतान नहीं करने वाले उपभोक्ताओं के विद्युत कनेक्शन नियमानुसार विच्छेदित किये जाते हैं तथापि ट्रांसफार्मर जलने/खराब होने की स्थिति में जिन विद्युत उपभोक्ताओं द्वारा लगातार विद्युत बिलों का भुगतान किया जा रहा है, ऐसे समस्त उपभोक्ताओं को तकनीकी रूप से साध्य होने पर यथा संभव वैकल्पिक व्यवस्था कर विद्युत प्रदाय किया जाता है अन्यथा नियमानुसार बकाया राशि जमा होने के उपरान्त ऐसे जले/खराब ट्रांसफार्मर को बदला जाता है।
मध्य प्रदेश शासन पर कर्ज
[वित्त]
48. ( क्र. 670 ) श्री रामनिवास रावत : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा प्रश्न क्रमांक 272 दिनांक 23-02-17 के उत्तर में दिनांक 31.03.2014 में रूपये 77413.87 करोड़, 31.03.2015 में रूपये 94979.16 करोड़, 31.03.2016 में रूपये 111101.10 करोड़ का कर्ज शासन पर होने की जानकारी दी गयी है? यदि हाँ, तो 31 मार्च 2017 की स्थिति में म.प्र. शासन पर कुल कितना कर्ज था तथा 31 जनवरी 2018 की स्थिति में म.प्र. शासन पर कितना कर्ज अनुमानित है तथा 31 मार्च 2018 तक और कितना कर्ज लिया जाना है? (ख) 1 अप्रैल 2017 से जनवरी 2018 की अवधि में क्या राज्य शासन ने कोई कर्ज लिया है? यदि हाँ, तो कितना-कितना, कब-कब, किस किस दर पर व कहाँ-कहाँ से? (ग) वित्तीय वर्ष 2017-18 में प्रश्नांकित अवधि तक कितनी राशि ऋण किश्तों एवं ऋण ब्याज के रूप में अदा की गई है? साथ ही कुल बजट राशि में से कितनी राशि वेतन, भत्ते, पेंशन पर व्यय की गयी है? उक्त राशि ऋण किश्तों एवं ऋण ब्याज सहित वर्ष 2017-18 के बजट का कितना प्रतिशत है? (घ) 31 मार्च 17 की स्थिति में मध्यप्रदेश के प्रत्येक व्यक्ति पर औसतन कितना कर्ज था? 31 मार्च 2018 की स्थिति में मध्य प्रदेश के प्रत्येक व्यक्ति पर औसतन कितना कर्ज का अनुमान है? बढ़ते कर्ज के बोझ से निपटने की शासन की क्या योजना है?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। प्रश्नांकित अवधि के वित्त लेखे, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा वर्तमान तक जारी नहीं किये जाने के कारण जानकारी दी जाना संभव नहीं है। शासन की विकासात्मक गतिविधियों की आवश्यकतानुसार कर्ज लिया जाता है। (ख) जी हाँ। प्रश्नांकित अवधि के वित्त लेखे, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा वर्तमान तक जारी नहीं किये जाने के कारण जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (ग) प्रश्नाधीन अवधि के वित्त लेखे, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक वर्तमान तक द्वारा जारी नहीं किये गये है। अतः जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (घ) प्रश्नाधीन अवधि के वित्त लेखे, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक वर्तमान तक द्वारा जारी नहीं किये गये है। अतः जानकारी दी जाना संभव नहीं है। राज्य शासन द्वारा निर्धारित ऋण शर्तों के अनुरूप समय समय पर ऋण एवं ब्याज अदा किया जाता है।
प्रदेश में कुपोषण से बच्चों की मृत्यु
[महिला एवं बाल विकास]
49. ( क्र. 671 ) श्री रामनिवास रावत : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के विधान सभा प्रश्न क्र. 259 दि.28-11-17 के उत्तर में माह सितम्बर 2017 में प्रदेश में कुल 5593222 बच्चे सामान्य वजन के 1269724 बच्चे कम वजन के तथा 118888 बच्चे अति कम वजन के होने की जानकारी दी गयी थी। यदि हाँ, तो 31 जनवरी 2018 की स्थिति में प्रदेश में कितने बच्चे सामान्य वजन, कितने कम वजन एवं कितने अति कम वजन के हैं? जिलेवार संख्या बतावें। (ख) क्या उपरोक्त विधान सभा प्रश्न के प्रश्नांश (ख) के उत्तर में अप्रैल से सितम्बर 2017 तक 01 वर्ष तक आयु के कुल 13483 एवं 01-05 वर्ष आयु तक के कुल 3055 बच्चों की मृत्यु की जानकारी दी गयी थी? यदि हाँ, तो दिनांक 01 अक्टूबर17 से प्रश्न दिनांक तक 0-6 एवं 06-12 वर्ष के कितने बच्चों की मृत्यु किन कारणों (मीजल्स, डायरिया, मलेरिया, कुपोषण, कुपोषण जनित बीमारी एवं अन्य बीमारी नाम सहित) से हुई? जिलेवार बतावें। (ग) कुपोषण की वास्तविक स्थिति पर श्वेत-पत्र जारी करने हेतु दिनांक 14-09-16 को समीक्षा बैठक में मान. मुख्यमंत्री जी द्वारा दिए गए निर्देशों के क्रम में गठित समिति द्वारा अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की है? क्या विभाग मान. मुख्यमंत्री जी की घोषणा को पूर्ण करने हेतु गंभीर है? यदि हाँ, तो कब तक कुपोषण की स्थिति पर श्वेत-पत्र जारी कर दिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ, अंतिम प्राप्त रिपोर्ट माह दिसम्बर 2017 की स्थिति में 05 वर्ष तक के सामान्य वजन, कम वजन एवं अति कम वजन के बच्चों की जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ, स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार प्रश्नांश में संदर्भित विधान सभा प्रश्न क्रमांक-259, में 0 से 5 वर्ष तक के आयु वर्ग के बच्चों की मृत्यु की जानकारी दी गई थी एवं माह अक्टूबर 2017 से माह जनवरी 2018 की अवधि में 0 से 5 वर्ष तक के आयु वर्ग के मृत बच्चों की जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। । 06 से 12 वर्ष आयु वर्ग की जानकारी संकलित नहीं की जाती है। (ग) माननीय मुख्यमंत्री द्वारा दिनांक 14.09.2016 को समीक्षा बैठक में श्वेत-पत्र जारी करने के निर्देश दिये गए। शासन द्वारा समिति गठित की गई है। समिति द्वारा बिन्दुओं का निर्धारण अभी नहीं किया गया है। श्वेत-पत्र के संबंध में बैठक आयोजित नहीं हुई है। श्वेत-पत्र तैयार करने के संबंध में कार्यवाही की जा रही है। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनान्तर्गत कार्यों में अनियमितता
[ऊर्जा]
50. ( क्र. 702 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला राजगढ़ अंतर्गत दीनदयाल ग्राम ज्योति योजनांतर्गत 11 के.व्ही. फीडरों का विभक्तिकरण, वितरण एवं उप-परीक्षण प्रणाली का सुदृढ़ीकरण ट्रांसफार्मर, घरों में मीटर लगाने हेतु वर्ष 2017-18 में कितनी-कितनी राशि के कार्य स्वीकृत किये जाकर किस कम्पनी को कार्यादेश जारी किये गये? कार्यादेश जारी करने की दिनांक, कार्यपूर्ण करने की समय-सीमा से अवगत करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कम्पनी द्वारा योजनान्तर्गत विद्युत वितरण केन्द्र पर फीडर सेपरेशन का कार्य किया जाकर किन-किन ग्रामों में कितने-कितने ट्रांसफार्मर कितने-कितने के.व्ही.ए. के स्थापित किये गये हैं? फीडरवार, फीडर विभक्तिकरण एवं कितनी के.व्ही.ए. के ट्रांसफार्मर स्थापित किये गये? ग्रामवार फीडरवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार क्या कंपनी द्वारा स्थापित नवीन ट्रांसफार्मरों में से अधिकांश ट्रांसफार्मरों से विद्युत प्रवाह करते ही जल गये या फिर प्राक्कलन में दिये गये क्षमता से कम क्षमता के ट्रांसफार्मर लगाये गये हैं? इसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार है? क्या जिम्मेदार लोगों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार जले/कम क्षमता के ट्रांसफार्मर, नवीन निम्नदाब लाईन (केबल) को पुनः पूर्ण करने का कार्य कब तक कर लिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) राजगढ़ जिले के लिये दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनान्तर्गत 11 के.व्ही. फीडरों के विभक्तिकरण, विद्युत प्रणाली के सुदृढ़ीकरण, वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना, घरों/वितरण ट्रांसफार्मरों/11 के.व्ही. फीडरों पर मीटर लगाने आदि के कार्यों हेतु वर्ष 2017-18 में राशि रू. 98.75 करोड़ की योजना की स्वीकृति आर.ई.सी. लिमिटेड से प्राप्त हुई है, जिसमें फीडर विभक्तिकरण, वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना सहित विद्युत प्रणाली के सुदृढ़ीकरण एवं घरों में मीटर लगाए जाने सहित मीटरीकरण के कार्य हेतु क्रमश: रू. 26.31 करोड़, रू. 4.83 करोड़ एवं रू. 9.56 करोड़ की राशि सम्मिलित है। उक्त योजना का कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स वोल्टॉस लिमिटेड, मुम्बई को दिनांक 27.07.2017 को अवार्ड जारी किया गया है। उक्त अवार्ड की शर्तों के अनुसार टर्न-की ठेकेदार एजेन्सी को दिनांक 26.07.2019 तक कार्य पूर्ण करने हैं। (ख) वर्तमान में ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स वोल्टॉस लिमिटेड, मुम्बई द्वारा उक्त अवार्ड के प्रावधानों के अनुसार ग्रामों में वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित करने सहित सर्वे कार्य पूर्ण कर लिया गया है। वर्तमान में कार्य प्रारंभिक अवस्था में है, अत: ग्रामों में ट्रांसफार्मर स्थापित करने एवं फीडर विभक्तिरण का कार्य नहीं हुआ है। (ग) वर्तमान में ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स वोल्टॉस लिमिटेड, मुम्बई द्वारा प्रश्नाधीन क्षेत्र में नवीन ट्रांसफार्मर स्थापित करने का कार्य नहीं किया गया है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
संचालित परियोजनाओं की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
51. ( क्र. 718 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नरसिंहपुर जिले की गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में कितने विकासखण्ड हैं? विकासखण्डवार उनमें कितनी परियोजनाएं संचालित हैं? (ख) विकासखण्ड में कितने परियोजना अधिकारी एवं सुपरवाईजर के पद स्वीकृत हैं तथा कितने पद उसमें पूर्ण हैं तथा कितने पद रिक्त हैं? (ग) संचालित परियोजनाओं का कार्य सुचारू रूप से हो सके इस हेतु रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जाएगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) गाडरवाडा विधान सभा क्षेत्र में 02 विकासखण्ड हैं, जिनमें कुल 02 बाल विकास परियोजनाएं संचालित हैं। (ख) विकासखण्ड में परियोजना अधिकारी एवं सुपरवाईजर के स्वीकृत भरे एवं रिक्त पद की जानकारी निम्नानुसार हैं:–
क्र. |
विकासखण्ड का नाम |
परियोजना अधिकारी के पद |
सुपरवाईजर के पद |
||||
स्वीकृत |
भरे |
रिक्त |
स्वीकृत |
भरे |
रिक्त |
||
1 |
चीचली |
01 |
0 |
01 |
08 |
05 |
03 |
2 |
सांईखेडा |
01 |
0 |
01 |
07 |
06 |
01 |
(ग) पदों की रिक्ति एवं पूर्ति निरन्तर चलने वाली प्रक्रिया है। अत: निश्चित समय-सीमा बताई जाना सम्भव नहीं है।
मुख्यमंत्री स्थायी पम्प कनेक्शन योजना की जानकारी
[ऊर्जा]
52. ( क्र. 719 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले में मुख्यमंत्री स्थायी पम्प कनेक्शन योजना कब से शुरू है एवं कब तक जारी रहेगी? इसकी प्रक्रिया क्या है? (ख) उक्त योजना में आवेदन करने एवं राशि जमा करने के बाद कितने दिन में किसान के पम्प कनेक्शन का कार्य सम्पूर्ण कर पम्प चालू कर दिया जाएगा? क्या इसमें वरीयता के अनुसार कार्य किया जाता है? (ग) यदि संबंधित अधिकारी वरीयता का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ विभाग क्या कार्यवाही करता है? किसानों का कार्य वरीयता के अनुसार एवं समय-सीमा में पूरा हो, इसके लिये विभाग क्या ठोस योजना बना रहा है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) नरसिंहपुर जिले सहित संपूर्ण प्रदेश में मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पम्प कनेक्शन योजना दिनांक 06.09.2016 से लागू की गई है। उक्त योजना जून 2019 तक जारी रहेगी। योजना का विवरण/प्रक्रिया पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) योजना के तहत कृषक द्वारा आवश्यक दस्तावेज एवं अंश राशि जमा करने के उपरान्त पहुँच मार्ग उपलब्ध होने पर 9 माह के अन्दर कार्य पूर्ण कर कनेक्शन प्रदान किये जाने का प्रावधान था, जिसे राज्य शासन के आदेश दिनांक 12.09.2017 द्वारा आदेश दिनांक के उपरान्त प्राप्त आवेदनों हेतु 9 माह से घटाकर 6 माह कर दिया गया है। जी हाँ, मासिक वरीयता क्रम से ही कार्य पूर्ण कराये जाते हैं। (ग) यदि कोई अधिकारी वरीयता का उल्लंघन करता है तो संज्ञान में आने पर ऐसे अधिकारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाती है। किसानों के पम्प कनेक्शनों के कार्य उत्तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार वरीयता क्रम से ही कराए जाते हैं तथा कार्य निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण करने हेतु वितरण कंपनी द्वारा कार्य सेमीटर्न-की आधार पर एवं विभागीय स्तर पर लेबर कांट्रेक्टर के माध्यम से कराये जा रहे हैं।
नवीन ग्रिड की स्थापना
[ऊर्जा]
53. ( क्र. 730 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ विधान सभा क्षेत्र के विकासखण्ड खिलचीपुर के ग्राम डालूपुरा सहित आस-पास के ग्रामों में लाईट कहाँ से सप्लाई की जा रही है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में डालूपुरा के आस-पास के ग्रामों में विद्युत सप्लाई 15-20 कि.मी. दूर से होने से वहाँ के ग्रामवासियों को कई बार तार एवं खंबे टूट जाने के कारण पर्याप्त विद्युत सप्लाई नहीं मिल पाती है? (ग) क्या विभाग द्वारा राजगढ़ जिले की विधान सभा राजगढ़ के विकासखण्ड खिलचीपुर के ग्राम डालूपुरा में नवीन ग्रिड की स्थापना की जावेगी? (घ) यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) राजगढ़ विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत खिलचीपुर विकासखंड के ग्राम डालूपुरा सहित आस-पास के ग्रामों में 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र खिलचीपुर से निर्गमित 11 के.व्ही. सडियाकुआँ फीडर से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (ख) वर्तमान में प्रश्नाधीन क्षेत्र में कतिपय अवसरों पर स्थानीय अवरोधों/तकनीकी कारणों से आए विद्युत व्यवधानों को छोड़कर नियमानुसार विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। विद्युत प्रदाय बाधित होने पर तत्काल सुधार कार्य कर विद्युत प्रदाय सामान्य कर दिया जाता है। (ग) एवं (घ) वर्तमान में राजगढ़ जिले के विधान सभा क्षेत्र राजगढ़ के क्षेत्रान्तर्गत खिलचीपुर विकासखंड के ग्राम डालूपुरा में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना का कार्य तकनीकी रूप से साध्य नहीं पाया गया। अत: वर्तमान में ग्रिड की स्थापना आवश्यक नहीं है।
ग्रामों में सघन विद्युतीकरण का कार्य
[ऊर्जा]
54. ( क्र. 739 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र जौरा में प्रश्न दिनांक तक कितने ग्राम एवं मजरा टोले ऊर्जाकृत कर दिये गये है और कितने ऊर्जाकृत करने हेतु अभी तक शेष है? (ख) क्या विधान सभा क्षेत्र जौरा के ग्राम खरिका, बिलगाँव क्वारी, घाडौर, कैमरा, कुर्रोली, डोंगरपुर विद्यत विहीन हैं? यदि हाँ, तो इन्हें ऊर्जाकृत करने के लिये विभाग की क्या योजना है और इन्हें कब तक ऊर्जाकृत कर दिया जावेगा? यदि नहीं, तो वस्तुस्थिति से सक्षम अधिकारी की भौतिक रिर्पोर्ट सहित अवगत कराया जावेगा? इस संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा प्रेषित पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई है? अवगत करावें। (ग) विधान सभा क्षेत्र जौरा में ऐसी कितनी जर्जर पुरानी विद्युत लाईनें हैं, जिससे दुर्घटना होने की आशंकाएं बनी रही हैं? क्या विभाग द्वारा जर्जर एवं पुरानी लाईनों को चिन्हित किया गया है? यदि हाँ, तो उन्हें बदलने की विभाग की क्या योजना है एवं चिन्हित की गई लाईनों का विवरण दिया जा सकेगा? यदि नहीं, तो विभाग द्वारा सर्वे कराया जाकर जर्जर एवं पुरानी लाईनों को चिन्हित कर उन्हें बदलने की कोई योजना बनायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) मुरैना जिले के जौरा विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत 208 ग्राम हैं जो कि पूर्व से ही विद्युतीकृत हैं। उक्त ग्रामों में से 129 ग्रामों में सघन विद्युतीकरण का कार्य संपादित कराया जा चुका है तथा 79 ग्रामों में सघन विद्युतीकरण का कार्य कराया जाना शेष है। मुरैना जिले के जौरा विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत सर्वे के आधार पर संकलित जानकारी अनुसार 639 मजरे/टोले हैं, जिनमें से 271 मजरों/टोलों में विद्युतीकरण का कार्य संपादित कराया जा चुका है एवं 368 मजरों/टोलों में विद्युतीकरण कार्य कराया जाना शेष है। (ख) जौरा विधान सभा क्षेत्र के प्रश्नांश में उल्लेखित ग्रामों यथा-बिलगाँव क्वारी, खरिका, कुर्रोली, कैमारा, घाडौर एवं डोंगरपुर जांगीर में वर्तमान में घरेलू विद्युत उपयोग हेतु अधोसंरचना उपलब्ध नहीं है, किन्तु ग्राम बिलगाँव क्वारी, खरिका एवं कुर्रोली में कृषि उपयोग हेतु स्थापित वितरण ट्रांसफार्मर से आंशिक क्षेत्र में विद्युत प्रदाय चालू है। इन ग्रामों में से ग्राम खरिका, कुर्रोली, कैमारा, घाडौर एवं डोंगरपुर जांगीर में विद्युत प्रदाय हेतु अधोसंरचना उपलब्ध कराये जाने सहित सघन विद्युतीकरण का कार्य दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में सम्मिलित है एवं ग्राम बिलगाँव क्वारी में विद्युत प्रदाय हेतु अधोसंरचना उपलब्ध कराये जाने सहित सघन विद्युतीकरण का कार्य 11वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में सम्मिलित है। उक्त कार्यों का क्रियान्वयन टर्न-की आधार पर कराये जाने हेतु उपयुक्त निविदा प्राप्त नहीं होने के कारण सक्षम स्वीकृति उपरान्त उक्त कार्य मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभागीय तौर पर किये जाने हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अत: वर्तमान में निर्धारित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। प्रश्नांश में उल्लेखित ग्रामों में सघन विद्युतीकरण का कार्य उक्त योजनाओं में सम्मिलित होने के परिप्रेक्ष्य में तत्संबंध में पृथक से सक्षम अधिकारी की भौतिक रिपोर्ट की आवश्यकता नहीं है। माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा समय-समय पर प्रेषित पत्रों पर की गई कार्यवाही का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जौरा विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत संज्ञान में आए/चिन्हित 11 के.व्ही. के 6 फीडरों यथा-बुरावली, जौनारा, बीरमपुरा, किरावली वघरोली एवं देवगढ़ की पुरानी विद्युत लाईनों के सुदृढ़ीकरण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। विद्युत लाईनों सहित समस्त विद्युत अधोसंरचना के संधारण का कार्य वर्ष में 2 बार यथा-वर्षा पूर्व एवं वर्षा ऋतु के पश्चात् एवं समय-समय पर आवश्यकता के अनुरूप किया जाता है, जिसमें विद्युत लाईनों को व्यवस्थित किया जाता है ताकि लाईनों एवं उपकरणों के तकनीकी रूप से खराब होने की संभावना न्यूनतम की जा सके तथा किसी प्रकार की दुर्घटना की आशंका नहीं रहे। उल्लेखनीय है कि विद्युत अधोसंरचना के सुदृढ़ीकरण का कार्य आवश्यकता एवं वित्तीय उपलब्धता के दृष्टिगत एक सतत् प्रक्रिया के अन्तर्गत किया जाता है। वर्तमान में 11 के.व्ही. चिन्नोनी एवं रसोधना फीडर के सुदृढ़ीकरण के कार्य हेतु कार्यादेश जारी कर कार्य प्रारंभ किया जा चुका है। उक्त कार्य वर्तमान में खेतों में फसल के कारण प्रभावित हो रहा है तथा फसल कटने के उपरान्त उक्त फीडर पर कार्य पूर्ण कर दिया जायेगा।
मध्यप्रदेश शासन द्वारा लिये गये ऋण की जानकारी
[वित्त]
55. ( क्र. 753 ) श्री अजय सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन के द्वारा वित्तीय वर्ष 2013-14 से 2017-18 के दौरान कहाँ-कहाँ से किन कारणों के चलते कितनी-कितनी राशि का कर्जा लेकर उसे कब-कब, कहाँ-कहाँ, कितनी-कितनी राशि व्यय की? वित्तीय वर्षवार/कर्ज की राशिवार/कर्ज देने वाले का नामवार/व्ययवार राशिवार दें। (ख) मध्यप्रदेश शासन के ऊपर वित्तीय वर्ष 2013-14 से 2017-18 के दौरान कितनी-कितनी राशि का ऋण था? वित्तीय वर्षवार बतायें कि उक्त ऋण राज्य शासन के द्वारा किस-किस से कितना-कितना, किन-किन शर्तों के तहत कब-कब लिया? (ग) मध्यप्रदेश शासन के ऊपर प्रश्नतिथि तक कुल कितना कर्जा (ऋण) है? उक्त कर्जे पर कुल कितना-कितना ब्याज किस-किस को प्रतिमाह/वर्षवार/अन्य देना पड़ता है? मध्यप्रदेश में प्रति व्यक्ति आय 2017-18 में क्या निर्धारित हुई हैं? (घ) मध्यप्रदेश सरकार द्वारा लिये गये ऋण की राशि प्रदेश के प्रति व्यक्ति के ऊपर कितनी अधिरोपित होगी? प्रश्न तिथि तक विवरण दें।
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) मध्य प्रदेश शासन द्वारा वित्तीय वर्ष 2013-14 से 2015-16 के दौरान लिये गये कर्ज की जानकारी संबंधित वर्षों के वित्तीय लेखों में उधार तथा दायित्वों के विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वित्तीय वर्ष 2016-17 के वित्त लेखे प्रश्नावधि तक नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक से प्राप्त न होने के कारण जानकारी दी जाना संभव नहीं है। राज्य शासन द्वारा लिया गया ऋण संचित निधि का भाग होता है। विनियोग के रुप में विधान सभा से इसका अनुमोदन प्राप्त कर व्यय किया जाता है जिसका विवरण बजट साहित्य में प्रतिवर्ष दिया जाता है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वित्तीय वर्ष 2016-17 तथा वित्तीय वर्ष 2017-18 के वित्त लेखे प्रश्नावधि तक नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक से प्राप्त न होने के कारण जानकारी दी जाना संभव नहीं है। आर्थिक एवं सांख्यिकी संचालनालय द्वारा वर्ष 2017-18 के प्रति व्यक्ति आय का अग्रिम अनुमान अब तक जारी न किये जाने के कारण जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (घ) वित्तीय वर्ष 2017-18 के वित्त लेखे नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक से अप्राप्त है। अतः प्रश्न तिथि तक मध्य प्रदेश के प्रति व्यक्ति के उपर अधिरोपित होने वाली ऋण राशि की जानकारी दी जाना संभव नहीं है।
कलेक्टर के आदेश के बाद भी विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं किया जाना
[वाणिज्यिक कर]
56. ( क्र. 754 ) श्री अजय सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला पंजीयक (कलेक्टर ऑफ स्टाम्प) सतना को कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी द्वारा प्रकरण क्र.156/अ-74/2015-16 आदेश दिनांक 09.02.2017 से आदेशित किया था कि मौजा कोलगवां तहसील रघुराजनगर में 40946 वर्गफुट में निर्मित कॉलोनी में निर्मित सभी मकानों का अर्थात सभी पंजीयन दस्तावेजों की जाँच करें तथा इन्हें पुनर्विलोकन में लेकर कर वंचन की दशा में विधि अनुसार कार्यवाही की जाये? एक प्रति आदेश की उपलब्ध करायें। (ख) क्या अनुविभागीय अधिकारी (रा.) रघुराजनगर के द्वारा उक्त प्रकरण में की गयी जाँच में पाया एवं जाँच प्रतिवेदन में लिखा कि कालोनाईजर द्वारा निर्मित मकान के बजाय रिक्त भूखण्ड का विक्रय पत्र क्रेताओं के पक्ष में निष्पादित कराया गया। जिससे शासन को स्टाम्प ड्यूटी से होने वाली आय की क्षति होना पाया जाता है? साथ ही यह भी उल्लेखित किया कि कॉलोनी का विकास स्वीकृत नक्शे के अनुसार नहीं है एवं कॉलोनी निर्माण, विकास एवं भूखण्डों के विक्रय करने आदि में अनियमिततायें करने या प्लाट/भवन के विक्रय में धोखाधड़ी करने का प्रकरण कार्यवाही योग्य है? मकान के विक्रय का पंजीयन कराना था न कि खाली प्लाट का? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) में उल्लेखित आदेश एवं जाँच रिपोर्ट के बाद भी जिला पंजीयक (कलेक्टर ऑफ स्टाम्प) ने प्रश्नतिथि तक कोई कार्यवाही न करने पर महानिरीक्षक (पंजीयन एवं मुद्रांक) जिला पंजीयक को कब तक निलंबित कर विभागीय जाँच संस्थित करेंगे? जारी आदेशों की एक प्रति उपलब्ध करायें। (घ) क्या जिला पंजीयक द्वारा कलेक्टर सतना के 09.02.2017 के आदेश के बाद प्रश्नतिथि तक कोई कार्यवाही नहीं की है? अगर की है तो जारी सभी पत्रों/आदेशों की एक प्रति उपलब्ध करायें।
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ, जिला कलेक्टर एवं दण्डाधिकारी द्वारा प्रकरण क्रमांक-156/अ-74/2015-16 आदेश दिनांक 09/02/2017 पंजीयक सतना (कलेक्टर ऑफ स्टाम्प) सतना को मौजा-कोलगवां तहसील-रघुराजनगर में अनावेदक संजय कापडी द्वारा पंजीबद्ध कराये गये सभी दस्तावेजों की जाँच एवं कर अपवंचन की दशा में विधि अनुरूप कार्यवाही का आदेश दिया गया। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) कलेक्टर के आदेश दिनांक 09/02/2017 से प्रश्न दिनांक तक अवधि में पदस्थ रहे जिला पंजीयकों को कारण बताओ सूचना पत्र दिया गया है। उनसे उत्तर प्राप्त होने पर परीक्षण उपरांत नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जावेगी। (घ) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रोटोकाल का पालन न किया जाना
[सामान्य प्रशासन]
57. ( क्र. 802 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले की विधान सभा क्षेत्र बहोरीबंद के अंतर्गत हाई स्कूल बडखेरा, स्लीमनाबाद उपतहसील भवन, बस स्टैण्ड बहोरीबंद के भूमि पूजन एवं लोकार्पण में जिला प्रशासन कटनी द्वारा प्रोटोकाल का पालन क्यों नहीं किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र क्रमांक 3974/5117/2017/1/4 एवं मुख्य सचिव कार्यालय भोपाल के पत्र क्रमांक 8824 एवं 8463/वि.क.अ./मु.स;/2017 के संदर्भ में क्या कार्यवाही हुई? तिथिवार, कार्यवाहीवार विवरण दें। (ग) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा संभागीय परियोजना यंत्री लोक निर्माण विभाग पी.आई.यू. कटनी को प्रेषित पत्र क्रमांक 1412 दिनांक 28/12/2017 एवं पत्र क्रमांक 1600 दिनांक 29/01/2018 में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? कार्यवाहीवार विवरण दें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अ.जा./अ.ज.जा. किसानों को नि:शुल्क विद्युत व्यवस्था
[अनुसूचित जाति कल्याण]
58. ( क्र. 803 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अ.जा./अ.ज.जा. किसानों को सिंचाई हेतु नि:शुल्क ट्रांसफार्मर, विद्युत लाईन एवं विद्युत कनेक्शन दिये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो तहसील बहोरीबंद एवं रीठी के किन-किन किसानों को सिंचाई हेतु नि:शुल्क ट्रांसफार्मर, विद्युत लाईन एवं विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराये गये हैं? वर्ष 2014-15 से वर्षवार, तहसीलवार पृथक-पृथक विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार तहसील बहोरीबंद एवं रीठी के अ.जा./अ.ज.जा. के कितने किसानों को सिंचाई हेतु नि:शुल्क ट्रांसफार्मर, विद्युत लाईन एवं विद्युत कनेक्शन दिया जाना शेष है? कितने प्रकरणों में आदिम जाति कल्याण विभाग का अनुमोदन अप्राप्त है? कितने प्रकरण अनुमोदन उपरांत भी कनेक्शन हेतु लंबित है? लंबित प्रकरणों में कब तक स्वीकृति प्रदान की जावेगी? समयावधि बतायें। (ग) प्रश्नांकित मामले में प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा प्रेषित पत्र क्रमांक 2956 दिनांक 27/01/2016, 3210, दिनांक 22/03/2016, 44 एवं 53 दिनांक 20/04/2017, 499 दिनांक 07/07/2017, 1124 दिनांक 25/10/2017, 1534 दिनांक 15/01/2018 पर क्या कार्यवाही की गई? पत्रवार, तिथिवार, कार्यवाहीवार, पृथक-पृथक विवरण दें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) वर्ष 2017-18 में तहसील बहोरीबंद में अनुसूचित जाति के 20 तथा तहसील रीठी के 04 अनुसूचित जाति के किसानों को सिंचाई हेतु निशुल्क ट्रांसफार्मर विद्युत लाईन एवं विद्युत कनेक्शन दिया जाना अनुमोदन उपरांत म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.क.लि. से तकनीकी स्वीकृति प्राप्त न होने से लंबित है। म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.क.लि. से तकनीकी स्वीकृति प्राप्त होने पर उपलब्ध बजट प्रावधान की सीमा में कनेक्शन की कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ग) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
गंभीर कुपोषित बच्चों का उपचार
[महिला एवं बाल विकास]
59. ( क्र. 825 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) माननीय मुख्यमंत्री महो. की मंशा एवं घोषणा अनुसार एवं विभाग द्वारा बच्चों के कुपोषण को देखते हुये गंभीर कुपोषण हेतु क्या-क्या नीति वर्तमान में प्रचलित होकर कब से प्रभावित है व इस हेतु शासन ने इस गंभीर समस्या के निराकरण हेतु क्या-क्या कदम उठाये गये हैं? (ख) जिला शिवपुरी विधान सभा क्षेत्र 23 करैरा में गंभीर समस्या को लेकर वर्तमान में क्या-क्या कार्यक्रम संचालित हैं? कहाँ-कहाँ कुपोषण को कन्ट्रोल करने के लिए कार्यक्रम संचालित हैं?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) राज्य शासन द्वारा दिसंबर 2010 से अटल बिहारी बाजपेयी बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन का क्रियान्वयन प्रांरभ किया गया है, जिसमें गंभीर कुपोषित बच्चों के उपचार हेतु एकीकृत प्रबंधन की रणनीति तैयार की गई हैं, इसके अतंर्गत 5 वर्ष तक के जो बच्चे गंभीर कुपोषित मापदण्ड में आते हैं एवं चिकित्सकीय जटिलता युक्त है, उन्हें पोषण पुनर्वास केन्द्रों में भर्ती कराकर उपचार किया जाता है किन्तु जो बच्चे चिकित्सकीय जटिलता युक्त नहीं है, उन बच्चों का प्रबंधन समुदाय स्तर पर किया जाता है। गैर चिकित्सकीय जटिलता युक्त गंभीर कुपोषित बच्चों के प्रबंधन हेतु चिन्हित ग्रामों में स्नेह शिविरों का आयोजन किया जाता है, जिसमें 12 दिवसीय स्नेह शिविर के माध्यम से बच्चें का पोषण प्रबंधन किया जाता है एवं उसकी माता को प्रशिक्षित किया जाता है। ऐसे बच्चों को आंगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से नाश्ता एवं भोजन के अतिरिक्त थर्डमील का प्रदाय भी किया जाता है। गंभीर कुपोषित बच्चों के पोषण की देखभाल जनसमुदाय जनप्रतिनिधियों एवं प्रबुद्ध नागरिकों द्वारा जिम्मेदारी लिये जाने हेतु स्नेह सरोकार कार्यक्रम का क्रियान्वयन किया जा रहा हैं। राज्य शासन द्वारा दिसंबर 2017 से सहरिया, बैगा और भारिया (विशेष पिछड़ी जनजातियों) के परिवारों को कुपोषण से मुक्ति के लिए प्रतिमाह रूपये एक हजार आर्थिक सहायता दी जा रही है। (ख) जिला शिवपुरी विधान सभा क्षेत्र करैरा में गंभीर समस्या को लेकर एकीकृत बाल विकास सेवा के अंतर्गत पूरक पोषण आहार कार्यक्रम एवं सुपोषण अभियान तथा अटल बिहारी बाजपेयी बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन के अंतर्गत डे-केयर सेंटर संचालन तथा स्वास्थ्य विभाग द्वारा पोषण पुनर्वास केन्द्र का संचालन किया जा रहा है। विधान सभा क्षेत्र 23 करैरा में गंभीर कुपोषण को नियंत्रित करने हेतु वर्तमान में ग्राम अगली बनगवां, दीदावली, जुलाई करेरा, सिरसौं, ठोडा करेरा, उड़वाडा, नगर पंचायत वार्ड 07, नरवर नगर पंचायत वार्ड 14, आदिवासी डेरा वीलोनी, वेरखेड़ा, सीहोर, गोकुन्द्रा, थरखेड़ा, साढ एवं छितरी के आँगनवाड़ी केन्द्रों में स्नेह शिविरों का आयोजन किया जा रहा है एवं ग्राम धनरा द्वितीय, कुम्हरौआ, लंगूरी, बांसगढ़ द्वितीय, मूंगावली मिनी, कारोठ मिनी, राजगढ़चक, जरगंवा चक 1, दांगीपुरा, जयनगर, टीला द्वितीय, रहरगंवा, बघरासाजौर, सिरसौद, कुचलौन, सहराया, अमोला एवं सिलानगर में डे-केयर सेंटर का संचालन किया जा रहा है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों का भवनविहीन संचालन
[महिला एवं बाल विकास]
60. ( क्र. 833 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विदिशा जिले के विधान सभा क्षेत्र सिरोंज एवं लटेरी क्षेत्रांतर्गत कितने आंगनवाड़ी एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं? जिसमें से अभी तक नगरीय एवं ग्रामीण आंचलों में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र के पास भवन हैं और कितने आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन संचालित है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या शासन द्वारा भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों में भवन स्वीकृत किये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो विगत 05 वर्षों में अभी तक कितने आंगनवाड़ी भवन किन-किन ग्रामों में कितनी-कितनी लागत में कब-कब स्वीकृत किये गये हैं? वर्षवार जानकारी देवें। जिसमें से कितने आंगनवाड़ी भवन के कार्यपूर्ण हुए एवं कितने अपूर्ण है? अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण किये जाने की संभावना है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में शेष रहे भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों को कब तक भवन स्वीकृत किये जाने की संभावना है? क्या प्रदेश सरकार इस पर विचार कर रही है? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) विदिशा जिले के विधान सभा क्षेत्र सिरोंज एवं लटेरी क्षेत्रांतर्गत 376 आँगनवाड़ी केन्द तथा 165 मिनी आँगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं। जिनमें से नगरीय एवं ग्रामीण अंचलों में कुल 188 आँगनवाड़ी केन्द्रों के पास भवन है तथा 258 आँगनवाड़ी केन्द्र एवं 165 मिनी आँगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में संचालित हैं। (ख) जी हाँ। शासन द्वारा भवन विहीन आँगनवाड़ी केन्द्रों के लिये भवन स्वीकृत किये जा रहे हैं। विधान सभा क्षेत्र सिरोंज एवं लटेरी क्षेत्रान्तर्गत विगत 05 वर्षों में अभी तक स्वीकृत किये गये 65 आँगनवाड़ी भवनों की ग्रामवार वर्षवार एवं लागत की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उक्त स्वीकृत भवनों में से 04 भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है एवं शेष 61 आँगनवाड़ी भवनों का निर्माण कार्य अपूर्ण है। अपूर्ण आँगनवाड़ी भवनों का निर्माण कार्य निर्माण एजेन्सी ग्राम पंचायत द्वारा वित्तीय वर्ष के अंत तक पूर्ण किये जाने की संभावना है। (ग) भवनविहीन आँगनवाड़ी केन्द्रों के लिये मनरेगा योजना के अभिसरण एवं राज्य आयोजना मद अन्तर्गत आँगनवाड़ी भवन निर्माण की योजना है। आँगनवाड़ी भवनों का निर्माण कार्य वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है। अतः समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
विद्युत उपकेन्द्रों की जानकारी
[ऊर्जा]
61. ( क्र. 858 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक सुमावली विधान सभा क्षेत्र में कितने उपकेन्द्र स्वीकृत किये गये हैं? उनके ग्रामों के नाम तथा लागत राशि की जानकारी दी जावे। (ख) उक्त उपकेन्द्रों की टेण्डर प्रक्रिया कब प्रारंभ हुई है तथा किन फर्मों के टेण्डर मान्य किये गये हैं? उनके नाम स्वीकृति दिनांक सहित पूर्ण जानकारी दी जावे। (ग) उक्त उपकेन्द्रों के निर्माण के कार्य आदेश कब तक जारी किये जावेंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) सुमावली विधान सभा क्षेत्र में 1 जनवरी, 2014 से प्रश्न दिनांक तक कुल 6 उपकेन्द्र स्वीकृत किये गये हैं, जिनका उपकेन्द्र स्थापना स्थल/ग्राम के नाम एवं लागत राशि सहित विवरण निम्नानुसार है :-
क्रमांक |
स्वीकृत उपकेन्द्र के ग्राम का नाम |
लागत राशि (रू. लाख में) |
1 |
ग्राम-धमकन |
166.09 |
2 |
ग्राम-गढ़ीखेरा |
140.95 |
3 |
ग्राम-लोहाबसई |
201.18 |
4 |
ग्राम-छैरा |
156.70 |
5 |
ग्राम-खांडौली |
208.33 |
6 |
ग्राम-तोर |
246.43 |
(ख) ग्राम धमकन और ग्राम गढ़ीखेरा में 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों के निर्माण के कार्य के लिए निविदा प्रक्रिया उपरान्त मेसर्स-श्याम इन्डस पावर सोल्यूशन दिल्ली को दिनांक 30.01.2014 को अवार्ड जारी किया गया था तथा उक्त फर्म ने ग्राम धमकन में 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र का कार्य दिनांक 30.06.2016 को एवं ग्राम गढ़ीखेरा में 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र का कार्य दिनांक 30.11.2015 को पूर्ण कर दिया गया है। ग्राम लोहाबसई में 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र का निर्माण कार्य दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनान्तर्गत स्वीकृत है। उक्त उपकेन्द्र के कार्य सहित योजनान्तर्गत कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु निविदा प्रक्रिया उपरान्त दिनांक 06.12.2017 को मेसर्स एम्प्रेस इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रा.लि. गाजियाबाद (जे.वी.) को अवार्ड जारी किया गया है तथा योजनान्तर्गत ठेकेदार एजेन्सी द्वारा कार्य अवार्ड दिनांक से 24 माह में पूर्ण किया जाना है। प्रणाली सुदृढ़ीकरण योजना के अंतर्गत ग्राम छैरा, खांडौली एवं तोर में 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों के निर्माण कार्य हेतु निविदायें दिनांक 04.01.18 को जारी की गई थी तथा छैरा उपकेन्द्र की निविदा को खोलने की दिनांक 16.01.18, तोर उपकेन्द्र की निविदा को खोलने की दिनांक 17.01.18 एवं खांडौली उपकेन्द्र की निविदा को खोलने की दिनांक 20.01.18 रखी गई थी। निविदाकर्ताओं द्वारा निविदा खोलने के सम्बंध में कुछ आपत्तियां दर्ज करायी थीं। इन आपत्तियों के निराकरण हेतु कमेटी गठित कर कमेटी की रिपोर्ट चाही गई है। रिपोर्ट आने तक आगामी प्रक्रिया को स्थगित कर दिया गया है। अत: उक्त तीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों हेतु प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी वर्तमान में दिया जाना संभव नहीं है। (ग) उत्तरांश (क) में दर्शाए गए 6 उपकेन्द्रों में से 2 उपकेन्द्रों यथा-धमकन एवं गढ़ीखेरा का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है, एक उपकेन्द्र यथा-लोहाबसई का कार्य आदेश दिनांक 06/12/2017 को जारी किया जा चुका है तथा शेष 3 उपकेन्द्रों यथा-छैरा, खांडौली एवं तोर के निर्माण कार्य संबंधी आगामी कार्यवाही उत्तरांश (ख) में वर्णित कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर की जावेगी, जिस हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सौभाग्य योजनान्तर्गत स्वीकृत कार्य
[ऊर्जा]
62. ( क्र. 861 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुमावली विधान सभा क्षेत्र में सौभाग्य योजना के तहत कितने प्राक्कलन किन-किन कार्यों के जारी किये गये? कार्यों के स्थान, राशि सहित पूर्ण जानकारी दी जावे। (ख) उक्त कार्यों के कार्य आदेश कब तक जारी किये जावेंगे तथा किन-किन फर्मों के टेण्डर स्वीकृत किये गये हैं? (ग) उक्त कार्यों की पूर्ण होने की समय-सीमा क्या रखी गई है तथा कौन-कौन से कार्य कब तक पूर्ण होंगे? प्रत्येक की अलग-अलग जानकारी दी जावे।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) सुमावली विधान सभा क्षेत्र में सौभाग्य योजना के अंतर्गत विद्युतविहीन घरों को विद्युत कनेक्शन दिये जाने से संबंधित कार्य हेतु कुल 8 प्राक्कलन स्वीकृत किये गये हैं। उक्त स्वीकृत प्राक्कलनों की लागत राशि एवं उनमें सम्मिलित कार्यों के विवरण सहित कार्यस्थल की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सौभाग्य योजनान्तर्गत प्रश्नाधीन स्वीकृत 8 कार्यों हेतु संलग्न परिशिष्ट में दर्शाई गई फर्मों/ठेकेदारों को निविदा प्रक्रिया उपरान्त एल.ओ.आई. जारी किये जा चुके हैं किन्तु उक्त फर्मों/ठेकेदारों द्वारा सुरक्षा निधि की राशि जमा नहीं किये जाने के कारण अवार्ड (कार्यादेश) जारी नहीं किये गये हैं। उक्त परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में कार्यादेश जारी करने की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रश्नाधीन कार्यों हेतु संलग्न परिशिष्ट में दर्शाए अनुसार अवार्ड जारी होने के पश्चात कार्य पूर्ण करने की समय-सीमा 60 दिवस है। उत्तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार वर्तमान में अवार्ड जारी नहीं हुए हैं, अत: कार्यपूर्णता की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
आँगनवाड़ी भवन निर्माण की लंबित प्रशासकीय स्वीकृतियां
[महिला एवं बाल विकास]
63. ( क्र. 890 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1030 दिनांक 28 नवम्बर 2017 के उत्तर में सदन में हुई चर्चा अनुसार माननीय विभागीय मंत्री जी द्वारा विधान सभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत स्वीकृत 53 आँगनवाड़ी भवनों की प्रशासकीय स्वीकृतियां अतिशीघ्र जारी करवाने तथा प्रति आँगनवाड़ी भवन के मान से शेष राशि संबंधित ग्राम पंचायतों को उपलब्ध कराने की प्रचलित कार्यवाही को शीघ्र पूर्ण किया जाना बताया गया था, तो प्रश्न दिनांक तक उक्त संबंध में अद्यतन स्थिति क्या है? आँगनवाड़ी केन्द्रवार कितनी-कितनी राशि प्रदाय की गई है? नाम सहित बतावें। वर्तमान में कितने आँगनवाड़ी भवनों की प्रशासकीय स्वीकृतियां जारी किया जाना किन कारणों से लंबित है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उपरोक्त लंबित प्रशासकीय स्वीकृतियां एवं ग्राम पंचायतों को शेष राशि कब तक उपलब्ध करा दी जावेगी तथा विधान सभा क्षेत्र ब्यावरा की शेष भवनविहीन 44 आँगनवाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माण हेतु प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई तथा कब तक शेष भवनविहीन आँगनवाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृतियां प्रदान कर दी जावेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। मनरेगा योजनान्तर्गत एकीकृत बाल विकास सेवा द्वारा तत्समय आँगनवाड़ी भवन हेतु अंशदान राशि रूपये 2.00 लाख प्रति आँगनवाड़ी हेतु राशि पंचायतीराज संचालनालय को हस्तांतरित की गई है। शेष राशि पंचायतीराज संचालनालय द्वारा सबंधित ग्राम पंचायतों को जारी किये जाने के उपरांत ही आँगनवाड़ी भवन निर्माण कार्य की प्रशासकीय स्वीकृतियां जारी कर भवन निर्माण कार्य पूर्ण किये जा सकेंगे। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उपरोक्त लंबित प्रशासकीय स्वीकृतियां एवं ग्राम पंचायतों को शेष राशि जारी किया जाना पंचायती राज संचालनालय स्तर पर लंबित है। पंचायती राज संचालनालय के आदेश क्रमांक 13676-77 दिनांक 13/11/2017 द्वारा विधान सभा क्षेत्र ब्यावरा की शेष भवन विहीन 44 आँगनवाड़ी केन्द्रों में से 31 आँगनवाड़ी केन्द्रों की राशि रूपये 4.68 लाख एकीकृत बाल विकास सेवा द्वारा पंचायती राज को हस्तांतरित की गई है। जिसे पंचायती राज संचालनालय द्वारा ग्राम पंचायतों के खाते में जमा कर दिया गया है। शेष राशि पंचायती राज संचालनालय द्वारा जारी की जावेगी। विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ख'' अनुसार।
निविदा कार्यवाही पूर्ण किया जाना
[ऊर्जा]
64. ( क्र. 891 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1031 दिनांक 28 नवम्बर 2017 के उत्तर की कंडिका (ख) में बताया गया था कि जायका (जापान इंटरनेशनल को-ऑपरेशन एजेंसी) द्वारा ट्रांसमिशन कंपनी की विभिन्न परियोजनाओं के लिए ऋण प्रदान किया जा रहा है, जिसमें 132 के.व्ही. उपकेन्द्र सुठालिया का निर्माण शामिल है। इस कार्य हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निविदा दस्तावेज जारी करने के पूर्व जायका को स्वीकृति हेतु भेजे हैं। स्वीकृति उपरांत निविदा जारी की जाएगी? तो क्या प्रश्न दिनांक तक जायका से स्वीकृति प्राप्त कर निविदा कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है अथवा नहीं? (ख) यदि नहीं, तो कब तक उक्त संबंध में कार्यवाही पूर्ण किया जाना संभावित है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। 132 के.व्ही. सुठालिया का निर्माण कार्य जायका (जापान इन्टरनेशनल को ऑपरेशन एजेंसी) से प्राप्त ऋण के अंतर्गत प्रस्तावित है। जायका में शामिल कार्यों के लिये निविदा आंमत्रित किये जाने के लिये निविदा दस्तावेज स्वीकृति हेतु जायका कार्यालय, जापान भेजे गये हैं। जायका की स्वीकृति अभी तक अप्राप्त है। स्वीकृति प्राप्त होने के पश्चात् ही उपरोक्त कार्य की निविदा जारी की जा सकेगी। (ख) जायका से स्वीकृति प्राप्त होने के पश्चात् निविदा जारी की जायेगी। निविदा खुलने की तिथि से लगभग पाँच माह कार्यादेश जारी करने में व तदुपरांत अठारह माह की अवधि में, कार्य पूर्ण होना संभावित है। जायका से स्वीकृति प्रतीक्षित होने के कारण मार्च 2020 तक कार्य पूर्ण करने के प्रयास किये जायेंगे।
बैकलॉग पदों की भर्ती
[सामान्य प्रशासन]
65. ( क्र. 895 ) श्री घनश्याम पिरोनियॉं : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन के आदेशानुसार विभिन्न विभागों में बैकलॉग के तहत आरक्षित पदों की भर्ती की जाना थी? यदि हाँ, तो वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक दतिया जिले के किन-किन विभागों में नियुक्तियाँ की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या दतिया जिले के समस्त विभागों में बैकलॉग के पद रिक्त हैं? यदि हाँ, तो जिलेवार स्वीकृत रिक्त एवं भरे पदों की जानकारी कार्यालयवार उपलब्ध कराई जावे? (ग) क्या बैकलॉग पदों की भर्ती हेतु जिला स्तरीय समितियां गठित हैं? यदि हाँ, तो उनकी कब-कब बैठक हुई और उसमें लिये निर्णय अनुसार कितनी कार्यवाहियां हुई? यदि बैठक नहीं हुई तो उसके लिये कौन जिम्मेदार है? (घ) बैकलॉग के तहत आरक्षित पदों की भर्ती कब तक कर ली जावेगी और अभी तक बैकलॉग के तहत पदों की भर्ती न करने के लिये जिम्मेदारी सुनिश्चित की जाकर कब तक कार्यवाही की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित कि जा रही है।
वेतन विसंगति के निराकरण
[सामान्य प्रशासन]
66. ( क्र. 901 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत 3 वर्षों में 23 सूत्रीय मांगों को लेकर लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ द्वारा लिपिकों की उपेक्षा के संबंध में माननीय मुख्य मंत्री महोदय एवं म.प्र. शासन मुख्य सचिव को कब-कब ज्ञापन सौंपे गए? दिनांक सहित जानकारी देवें। (ख) क्या दिनांक 1 अप्रैल 1981 से चौधरी वेतनमान से चली आ रही खंडित सापेक्षता आज दिनांक तक बहाल नहीं हुई है, यदि हाँ, तो कारण देवें। क्या इस संबंध में म.प्र. उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा लिपिकों के पक्ष में फैसला देते हुए वेतन विसंगति दूर करने के निर्देश म.प्र. शासन को दिए गए हैं? यदि हाँ, तो कब? आदेश की प्रति सहित जानकारी देवें। (ग) क्या ताराचंद वेतनमान में शिक्षकों एवं लिपिकों का वेतन एक समान था, किन्तु पटवारी, ग्राम सहायक, मुख्य वार्डन (जेल विभाग) का वेतनमान लिपिक कर्मचारियों से कम था? यदि हाँ, तो क्या आज की स्थिति में उक्त सभी कर्मचारी लिपिक से अधिक वेतन पा रहे हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) यदि हाँ, तो क्या उक्त वेतन विसंगति को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कब तक किया जावेगा? यदि नहीं, तो कारण सहित जानकारी देवें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ख) राज्य शासन के कर्मचारियों के लिए राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर वेतन आयोगों का गठन किया जाता है। यह वेतन आयोग सभी संवर्गों के पदों की संख्या, उनकी शैक्षणिक तथा तकनीकी योग्यता, पदों की शासकीय कार्य में महत्ता, उनके कार्य के स्वरूप तथा उनके उच्च पदों पर पदोन्नति की संभावनाओं को दृष्टिगत रखते हुए वेतनमानों का निर्धारण करता है। लिपिक संवर्ग के साथ ऐसे कई संवर्ग जिनके वेतनमान पूर्व में समान थे और कालांतर में गठित वेतन आयोगों की अनुशंसा अनुसार इन वेतनमानों में भिन्नता आई है। श्री एम.एस. सिंहदेव, सेवानिवृत्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित वेतन विसंगति समिति द्वारा इस विषय का परीक्षण कर अपनी अनुशंसा में यह उल्लेख किया है कि सहायक ग्रेड-3 को प्राप्त वेतनमान केन्द्र सरकार के सहायक ग्रेड-3 के कर्मचारियों को प्राप्त वेतन से अधिक है, अत: उनके वेतमान पुनरीक्षण की स्थिति नहीं बनती है। अत: वेतन आयोगों की अनुशंसा अनुसार ही लिपीक वर्ग के कर्मचारियों को वेतनमान स्वीकृत किया गया है। याचिका क्रमांक 11334/03 में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश दिनांक 12/07/2011 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। दिनांक 01/04/1981 से वेतन का पुनरीक्षण, तत्समय गठित वेतन आयोग की अनुशंसा के आधार पर रहा है। किसी पद विशेष के वेतनमान का पुनरीक्षण पद के लिए अर्हता, पद के कार्य एवं कार्य स्थितियां आदि को विचार में लेकर किया जाता है। (घ) लिपिकों की वेतन विसंगति दूर किए जाने हेतु समिति का गठन किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निश्चित न्यूनतम पेंशन का प्रावधान
[वित्त]
67. ( क्र. 902 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भारतीय संविधान में प्रावधान है कि पेंशन पाना सेवानिवृत्त कर्मचारी का मूल अधिकार है, यह नियोक्ता की अनुकम्पा नहीं है? क्या इसी तारतम्य में सर्वोच्च न्यायलय की 5 सदस्यीय संविधान पीठ ने अपने निर्णय में लिखा है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो क्या ऐतिहासिक निर्णय 17 दिसंबर 1982 (डी.एस. नाकरा विरुद्ध भारत सरकार ए.आई.आर.-1983 एस.सी.-130 में प्रकाशित) हुआ था। पेंशन की धन राशि इतनी होनी चाहिए जिससे सेवानिवृत्त कर्मचारी समाज में अपना जीवन सम्मानपूर्वक व्यतीत कर सके? (ग) क्या भारत पेंशनर समाज द्वारा 7वें वेतन आयोग के समक्ष ज्ञापन सौंप कर मेमोरेंडम प्रस्तुत किया गया है कि पूरे देश की पेंशनरों की न्यूनतम पेंशन एक समान होनी चाहिए? (घ) प्रश्नांश (ग) यदि हाँ, तो क्या राज्य सरकार अपने अधीनस्थ शासकीय, अर्द्धशासकीय एवं स्थानीय निकायों में कार्यरत कर्मचारियों को सेवानिवृत्त पश्चात् निश्चित न्यूनतम पेंशन देने के लिए प्रावधान बनाया है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति देवें। यदि नहीं, तो कब तक अनिवार्य रूप से पेंशन देने का प्रावधान बनाया जावेगा, जिससे सेवानिवृत्त पश्चात् कर्मचारी समाज में अपना जीवन सम्मानपूर्वक व्यतीत कर सके?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) एवं (ख) संविधान में "पेंशन" मूल अधिकार में सम्मिलित नहीं है। (ग) प्रदेश सरकार के द्वारा सातवें वेतन आयोग का गठन नहीं किया गया है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उपर्युक्त (ग) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। यद्यपि प्रदेश सरकार द्वारा सेवानिवृत्त शासकीय सेवकों के लिये निर्धारित न्यूनतम पेंशन संबंधी आदेश दिनांक 26-10-2017 की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। अर्द्धशासकीय एवं स्थानीय निकाय द्वारा स्वयं की पृथक पेंशन योजनाएं है। उल्लेखनीय है कि दिनांक 1-1-2005 एवं इसके पश्चात नियुक्त शासकीय सेवकों के लिये राष्ट्रीय (नेशनल) पेंशन योजना लागू है।
विद्युत वितरण एवं बिल वसूली की जानकारी
[ऊर्जा]
68. ( क्र. 903 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुना जिले में म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड वृत्त गुना द्वारा गत 5 वर्षों में किये गये निर्माण कार्यों ट्रांसफार्मर, विद्युत सब-स्टेशनों तथा विद्युत वितरण का सी.ए.जी. से ऑडिट कराया है? यदि नहीं, तो कब तक करायेंगे और जब तक सी.ए.जी. ऑडिट नहीं हुआ तो विद्युत बिलों की जबरिया वसूली क्यों की जा रही है? (ख) प्रश्नाश (क) के पालन के लिये विभाग में कौन उत्तरदायी है? क्या विभाग में प्रश्नांश (क) के पालन के लिये क्या समय-सीमा है? विद्युत बिल वसूली में किसानों के लिये कार्ययोजना क्या है? ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत वसूली में किसानों के लिये क्या छूट है? (ग) क्या विधान सभा क्षेत्र बमोरी में किसानों से जबरन बल प्रयोग कर वसूली की जा रही है? क्या यह विभाग द्वारा आदेशित है क्या प्रश्नांश (क) और (ख) के पालन में अमल होगा? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) और (ग) में वर्णित लक्ष्यों का पालन, अमल एवं कार्यवाही के लिये क्या विभाग उत्तरदायी आधिकारियों पर कार्यवाही करेगा और उनका कब तक पालन होगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अन्तर्गत गुना जिले में कार्यरत गुना वृत्त का महालेखाकार मध्यप्रदेश द्वारा अप्रैल, 2011 से नवम्बर, 2017 तक की अवधि का ऑडिट किया जा चुका है। विद्युत बिलों की नियमानुसार की जाने वाली वसूली का ऑडिट होने से कोई संबंध नहीं है। विद्युत बिल, म.प्र.विद्युत नियामक आयोग के टैरिफ आदेश के अनुसार तैयार किए जाते है। (ख) भारतीय लेखा और लेखा परीक्षा विभाग, एक संवैधानिक निकाय है जो योजना/कार्यक्रम बनाकर विभिन्न विभागों में ऑडिट का कार्य करता है। ऑडिट होने या नहीं होने में विद्युत कंपनी की कोई भूमिका नहीं है। अत: तत्संबंध में समय-सीमा बताए जाने का प्रश्न नहीं उठता। ग्रामीण क्षेत्र में किसानों को वर्ष में केवल दो बार (अप्रैल एवं अक्टूबर माह में) राज्य शासन द्वारा देय सब्सिडी की राशि को कम करते हुए बिल जारी किये जाते हैं। उक्तानुसार सब्सिडी घटाने के बाद जारी विद्युत बिलों की वसूली नियमानुसार कृषकों से की जाती है, जिसमें किसी प्रकार की छूट दिये जाने का प्रावधान नहीं है। (ग) जी नहीं, अत: प्रश्न नहीं उठता। उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार विद्युत बिलों की वसूली का ऑडिट होने से कोई संबंध नहीं है। (घ) उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
नर्मदा नदी पर पेयजल आपूर्ति परियोजनाओं की जानकारी
[नर्मदा घाटी विकास]
69. ( क्र. 911 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में नर्मदा नदी पर कितने बांध निर्मित हैं? इन बांधों में इस वर्ष कितना पानी रोका गया है? इन बांधों की कितना पानी रोकने की क्षमता है? बांधवार बतायें। (ख) नर्मदा नदी से कौन-कौन से शहर, गाँवों और कस्बों की कितनी आबादी को पेयजल की पूर्ति की जा रही है? नाम बतायें। कौन-कौन से शहरों, गाँवों और कस्बों में नर्मदा नदी से पेयजल आपूर्ति की परियोजनाएं किस लागत की निर्माणाधीन हैं तथा कितनी पेयजल परियोजनाएं प्रस्तावित हैं? (ग) क्या बड़वानी जिले में राजघाट के पास नर्मदा नदी में पानी नहीं छोड़े जाने से पेयजल आपूर्ति प्रभावित हो रही है। यदि हाँ, तो ओंकारेश्वर बांध से कब तक पानी छोड़ा जायेगा।
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। (ग) राजघाट में नर्मदा नदी का जल स्तर दिनांक 28.01.2018 से दिनांक 04.02.2018 तक कम होने से पेयजल व्यवस्था बाधित हुई थी। वर्तमान में नियमित पेयजल प्रदाय किया जा रहा है।
विद्युत बिलों में सुधार
[ऊर्जा]
70. ( क्र. 914 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी नगर में विद्युत कंपनी द्वारा जिन उपभोक्ताओं को अनाप-शनाप बिल वितरित किए जाते हैं? उपभोक्ताओं द्वारा दिये गये बिल सुधार के आवेदन/शिकायत पर त्वरित निराकरण नहीं होने से बिल भुगतान की अंतिम तारीख निकल जाती है। इसके बाद यदि बिल सुधार हुआ भी तो उन्हें अधिभार सहित बिल जमा करना पड़ता है। यदि बिल सुधार नहीं हुआ, तो बिल जमा नहीं होने पर विद्युत विच्छेद का सामना भी करना पड़ता है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो उपभोक्ताओं को किस प्रकार की राहत दी जावेगी? (ग) क्या कटनी शहर में अप्रैल-मई 2017 माह में कुछ उपभोक्ताओं को बिना रीडिंग के बिल जारी किए गए थे? उपभोक्ताओं द्वारा रीडिंग का बिल प्राप्त करने हेतु आवेदन/शिकायत की गई थी, उदाहरण स्वरूप शिकायत क्रमांक 6881 दिनांक 15/05/17, किंतु प्रश्न दिनांक तक बिल सुधार कर उपभोक्ता को प्रदान नहीं किए गए, ऐसे लंबित प्रकरणों में निराकरण की अवधि एवं अधिभार की स्थिति स्पष्ट करें। (घ) उपभोक्ताओं के समय पर बिल सुधार अथवा निराकरण नहीं किये जाने की स्थिति का कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार हैं और ऐसे अधिकारियों पर क्या-क्या कार्यवाही की गयी है? कार्यवाही का विवरण दें। यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं, कटनी शहर संभाग में विद्युत वितरण कंपनी द्वारा उपभोक्ताओं को म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश में निहित प्रावधानों एवं दरों के अनुसार विद्युत देयक तैयार कर जारी किये जाते हैं। मीटर युक्त कनेक्शनों वाले उपभोक्ताओं को मीटर में दर्ज वास्तविक खपत अनुसार एवं मीटर कार्यरत् नहीं होने की स्थिति में विगत 3 माहों की खपत के औसत के आधार पर विद्युत देयक तैयार कर जारी किये जाते हैं। उपभोक्ताओं से बिल सुधार संबंधी आवेदन/शिकायत प्राप्त होने पर परीक्षण कर आवश्यक कार्यवाही समय पर की जाती है। म.प्र.विद्युत प्रदाय संहिता, 2013 की कंडिका 9.11 के अनुसार यदि जाँच उपरान्त विद्युत देयक त्रुटिपूर्ण पाया जाता है, तो उपभोक्ता को देयक भुगतान करने की पुनरीक्षित अंतिम तिथि दर्शाते हुए, जो पुनरीक्षित देयक जारी करने के न्यूनतम 7 दिवसों से कम न हो, पुनरीक्षित देयक जारी किये जाते हैं। उल्लेखनीय है कि जाँच उपरान्त मूल देयक सही पाए जाने पर उपभोक्ता को अतिशेष राशि यदि कोई हो, का भुगतान मूल देयक राशि पर प्रयोज्य अधिभार के साथ 7 दिवस के भीतर करने हेतु तद्नुसार उपभोक्ता को सूचित किया जाता है एवं उक्त अवधि में बिल जमा नहीं होने पर विद्युत विच्छेदन नहीं किया जाता है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (ग) शहर संभाग, कटनी में माह अप्रैल-मई 2017 में कुछ उपभोक्ताओं द्वारा मीटर रीडिंग अनुसार बिल जारी नहीं किये जाने की शिकायतें दर्ज करायी गयी थी, जिनकी जाँच कर निराकरण किया गया। प्रश्नांश में उल्लेखित शिकायत क्रमांक 6881 दिनांक 15.05.2017 को प्राप्त हुई थी। उक्त परिसर में पूर्व में शादी एवं अन्य कार्यक्रम होने से विद्युत खपत होती थी, किन्तु विगत डेढ़ वर्षों से कोई समारोह नहीं होने के कारण मीटर रीडिंग में कोई वृद्धि नहीं हुई। अतः त्रुटिवश मीटर को बन्द मानते हुये औसत खपत का देयक जारी किया गया था, जिसे जाँच उपरांत सुधार कर रू. 35,897 की ऊर्जा प्रभार में छूट एवं रू. 4281 की अधिभार में छूट प्रदान करते हुए कुल रू. 40,178 की राशि का समायोजन कर प्रश्न दिनांक के पूर्व उक्त शिकायत का निराकरण कर दिया गया था। (घ) उपभोक्ताओं से बिल संबंधी शिकायतें प्राप्त होने पर उन पर समय पर जाँच कर कार्यवाही की गई है। अत:किसी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न नहीं उठता।
ई.सी.सी.ई. प्रशिक्षण कार्यक्रम एवं वन स्टॉप सेंटरों का संचालन
[महिला एवं बाल विकास]
71. ( क्र. 915 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कटनी जिले में ई.सी.सी.ई. प्रशिक्षण कार्यक्रम, कब-कब एवं कहाँ-कहाँ आयोजित किये गये? इन प्रशिक्षण में किन-किन के द्वारा क्या प्रशिक्षण दिया गया? कौन-कौन प्रतिभागी शामिल हुये? कितना बजट आवंटित किया गया? आवंटित बजट का व्यय किस मद में कितना-कितना किया गया? प्रशिक्षणवार परियोजनावार बतायें। (ख) महिला सशक्तिकरण के तहत कटनी जिले में वन स्टॉप सेंटर कहाँ-कहाँ कब से संचालित हैं? इन सेंटरों से क्या कार्य किये जाते हैं एवं कौन-कौन कर्मचारी कार्यरत हैं एवं क्या सुविधायें उपलब्ध हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत वन स्टॉप सेंटरों के संचालन एवं सुविधायें उपलब्ध कराने के संबंध में क्या शासनादेश एवं विभागीय निर्देश हैं? क्या कटनी जिले में संचालित वन स्टॉप सेंटरों का संचालन शासनादेशों के अनुरूप किया जा रहा है? यदि हाँ, तो किस प्रकार? यदि नहीं, तो क्यों? सेंटरवार विवरण देवें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) ई.सी.सी.ई. प्रशिक्षण कार्यक्रम की प्रशिक्षणवार/परियोजनावार एवं वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जिला कटनी में 01 वन स्टॉप सेन्टर-राय कॉलोनी में दिनांक 02-02-2017 से संचालित है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) जी हाँ। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन एवं 'चार' अनुसार है।
क्षेमा पावर कंपनी द्वारा कर्मचारियों का शोषण
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
72. ( क्र. 930 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा प्रश्न क्र. 1289 दि. 28.11.17 के उत्तर अनुसार परिशिष्ट के प्रपत्र-अ के पृष्ठ क्र. 20-21 में वर्णित क्षेमा पावर एण्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर कं.प्रा.लि. द्वारा कर्मचारियों की P.F. राशि क्यों नहीं जमा कराई जा रही? (ख) उपरोक्तानुसार इसके A बिन्दु में 10 कर्मचारियों के कुछ समय की राशि P.F. में जमा कराई गई क्यों? यूनिट प्रारंभ होने की दिनांक बतावें। (ग) इसके B बिन्दु में इस्तीफा दे चुके 2 कर्मचारियों की जानकारी दी गई वही C बिन्दु में बिना P.F. नंबर के केवल 6 कर्मचारियों की जानकारी दी गई। स्पष्ट है कि इनके P.F. नहीं जमा कराया जा रहा क्यों? (घ) शासन से जमीन एवं अन्य लाभ देकर कर्मचारियों का शोषण करने वाली इस कंपनी पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) मेसर्स क्षेमा पावर एण्ड इन्फ्रा. प्रायवेट लिमिटेड द्वारा प्रस्तुत जानकारी के अनुसार, प्रश्न 1289 के उत्तर में प्रेषित प्रपत्र 20/21 में उल्लेखित कार्यरत कर्मचारियों की पी.एफ. राशि नियमित जमा की जा रही है। (ख) मेसर्स क्षेमा पावर एण्ड इन्फ्रा. प्रायवेट लिमिटेड द्वारा प्रस्तुत जानकारी के अनुसार, प्रश्न 1289 के उत्तर में प्रेषित प्रपत्र 20/21 के बिन्दु क्र. A में उल्लेखित सभी कर्मचारियों की पी.एफ. राशि नियुक्ति के समय से अद्यतन नियमित जमा की जा रही है। यूनिट प्रारंभ होने की दिनांक संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) मेसर्स क्षेमा पावर एण्ड इन्फ्रा. लिमिटेड द्वारा प्रस्तुत जानकारी के अनुसार, प्रश्न 1289 के उत्तर में प्रेषित 20/21 के बिन्दु क्र. B में उल्लेखित इस्तीफा दे चुके दोनों कर्मचारी कम्पनी में कार्यरत नहीं है, अतएव पी.एफ. राशि जमा किये जाने का प्रश्न नहीं है। इसी प्रकार प्रश्न 1289 के उत्तर में प्रेषित प्रपत्र 20/21 के बिन्दु क्र. C में उल्लेखित 06 कर्मचारी कम्पनी के नियमित कर्मचारी नहीं थे वरन् परियोजना स्थापना के दौरान सब-कांट्रेक्टर के पास कार्यरत थे। उनकी पी.एफ. राशि सब-कांट्रेक्टर के द्वारा जमा करवाई गयी थी, जिसका उल्लेख प्रश्न 1289 के उत्तर में प्रेषित प्रपत्र 20/21 के बिन्दु क्र. C में किया गया था। परियोजना स्थापना कार्य पूर्ण हो गया है, अतएव सब-कांट्रेक्टर वर्तमान में कम्पनी में संलग्न नहीं है। (घ) कर्मचारियों के शोषण के संबंध में कोई शिकायत विभाग के संज्ञान में नहीं है। अतएव शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
क्षेमा पावर प्लांट द्वारा विद्युत उत्पादन
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
73. ( क्र. 931 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले स्थित क्षेमा पावर एण्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर कं.प्रा.लि. की 3 यूनिटों की स्थापना कब-कब की गई? स्थापना दिनांक, रकबा नं., कुल रकबा सहित देवें। (ख) इन्हें शासन से कितनी भूमि किस दिनांक को लीज पर/विक्रय की गई? लीज/विक्रय दर भी बतावें। (ग) उपरोक्त यूनिटों का उत्पादन प्रारंभ माह से जनवरी 2018 तक कुल कितने मेगावाट विद्युत उत्पादन किया गया की माहवार जानकारी तीनों यूनिटों का पृथक-पृथक दें। (घ) इनके द्वारा C.S.R. मद में कितनी राशि के कार्य कहाँ-कहाँ करवाये गये हैं? सूची, राशि सहित देवें। यदि नहीं, तो क्यों? कब तक कार्य किए जाएंगे?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) शासन द्वारा उपरोक्त परियोजनाओं हेतु कोई भी भूमि लीज/विक्रय नहीं की गयी है। (ग) उल्लेखित तीनों इकाईयों द्वारा प्रारंभ माह से दिसम्बर 2017 तक कुल 19,29,61,106 KWH विद्युत का उत्पादन किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) उल्लेखित विकासक कम्पनी द्वारा सी.एस.आर. के अन्तर्गत कुल रूपये 3,61,000 के कार्य किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। उक्त के संदर्भ में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विद्युत विहीन ग्रामों का विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
74. ( क्र. 934 ) श्री बाला बच्चन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले के कितने ग्रामों का प्रश्न दिनांक तक विद्युतीकरण नहीं हो पाया है? सूची विधान सभा क्षेत्रवार देवें। जिन ग्रामों के फलियों का विद्युतीकरण शेष है की सूची भी विधान सभा क्षेत्रवार देवें। (ख) तत्कालीन ऊर्जा मंत्री को दिनांक 31/03/2016 को दिए गए पत्र, निज सचिव तत्कालीन ऊर्जा मंत्री को दिनांक 18/04/2016 को भेजे ई-मेल एवं प्रबंध निदेशक म.प्र.प.क्षे.वि.वि. कम्पनी को दिनांक 14/15 -02-2017 को प्रश्नकर्ता द्वारा भेजे पत्रों एवं ई-मेल पर विभाग ने जो कार्यवाही की है उसकी जानकारी दें। (ग) क्या कारण है कि प्रश्नांश (ख) अनुसार पत्रों पर कार्यवाही की जानकारी प्रश्नकर्ता को नहीं दी गई? (घ) विद्युत विहीन ग्रामों व फलियों का विद्युतीकरण बड़वानी जिले में कब तक कर दिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) बड़वानी जिले के अंतर्गत सभी राजस्व ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। विद्युतीकृत राजस्व ग्रामों के अविद्युतीकृत फलियों की विधान सभा क्षेत्रवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ-1, अ-2, अ-3 एवं अ-4 अनुसार है। (ख) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के तत्कालीन ऊर्जा मंत्री महोदय एवं प्रबंध संचालक, पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को प्रेषित पत्र दिनांक 31.03.2016 में उल्लेखित 17 ग्रामों के 48 फलियों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है तथा उक्त फलियों के रहवासियों द्वारा विद्युत का उपयोग किया जा रहा है। प्रश्नांश में उल्लेखित अन्य पत्र/ई-मेल प्राप्त होना नहीं पाए गए। (ग) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा समान विषय पर एक अन्य पत्र क्रमांक 125 दिनांक 01/02/2017 भी प्रेषित किया गया था, जिसके तारतम्य, में माननीय विधायक महोदय को तकनीकी निदेशक, म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने उनके पत्र क्रमांक 2760 दिनांक 07/02/2017 द्वारा वस्तुस्थिति से अवगत कराया था। इसके अतिरिक्त, संबंधित अधीक्षण यंत्री बड़वानी द्वारा भी उनके पत्र क्रमांक 510 दिनांक 05/02/2018 से भी माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय को प्रकरण की वस्तुस्थिति से अवगत कराया गया था। अतः यह कहना सही नहीं है कि प्रकरण में की गई कार्यवाही की जानकारी माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय को उपलब्ध नहीं कराई गई है। (घ) बड़वानी जिले में कोई भी राजस्व ग्राम अविद्युतीकृत नहीं है तथा जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ-1, अ-2, अ-3 एवं अ-4 अनुसार है। बड़वानी जिले के शेष अविद्युतीकृत फलियों के विद्युतीकरण का कार्य माह जून-2018 तक पूर्ण किया जाना संभावित है।
जनजाति सम्मेलन में बिना टी.डी.एस. काटे भुगतान पर कार्यवाही
[जनजातीय कार्य]
75. ( क्र. 935 ) श्री बाला बच्चन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 1285 दिनांक 28/11/2017 के (क) उत्तर में चाही गई टी.डी.एस. कटोत्रे की जानकारी नहीं दी गई क्यों? कारण स्पष्ट करें एवं बतावें क्या टी.डी.एस. नहीं काटा गया है या कम फर्मों/व्यक्तियों का काटा गया है? (ख) जिन फर्मों/व्यक्तियों का टी.डी.एस. काटा गया है? उनके नाम टी.डी.एस. कटौत्रा राशि, दिनांक सहित बतावें। (ग) बिना टी.डी.एस. कटौत्रा किए राशि का भुगतान करने वाले संबंधित अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देवें। क्या विभाग ने इस संबंध में आयकर विभाग को कोई जानकारी दी है या इस संबंध में पत्राचार किया है? यदि हाँ, तो इस पत्राचार की छायाप्रति देवें। यदि नहीं, तो कब तक जानकारी दी जावेगी? (घ) उपरोक्तानुसार बिना टी.डी.एस. काटे भुगतान प्राप्तकर्ताओं को अनुचित लाभ देने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) टी.डी.एस. कटौत्रे की प्रेषित की गई जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार है। (ग) एवं (घ) कार्यक्रम आयोजन में प्रदेश के विभिन्न जिलों से उपलब्ध कराये गये फर्मों के देयकों में जिन देयकों में टी.डी.एस./वैट टैक्स का उल्लेख किया गया है, तदानुसार टी.डी.एस./वैट टैक्स काटा गया है। मध्यप्रदेश वैट अधिनियम के अध्याय-6 की धारा 18 (क) (ख) अनुसार प्रत्येक फर्म को विवरणी प्रस्तुत कर देयकर की रकम भुगतान करने का प्रावधान है। जिसके लिये भुगतान प्राप्तकर्ता फर्म उत्तरदायी है। इस संबंध विभाग से कोई पत्राचार नहीं किया गया है। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
पुनर्वास क्षेत्र में वृक्ष कटाई
[नर्मदा घाटी विकास]
76. ( क्र. 939 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दि. 01.06.15 से 31.12.17 तक वृक्ष काटने के कितने टेंडर जारी किए गए? कितने वृक्ष विभिन्न आदेशों के तहत काटे गए? पूरी जानकारी देवें। (डूब प्रभावित क्षेत्रों के संदर्भ में धार, बड़वानी जिले) (ख) उपरोक्त जिलों में किन फर्मों/व्यक्तियों द्वारा कितने वृक्ष काटे गये हैं? फर्म/व्यक्ति नाम, वृक्ष प्रकार, संख्या, भुगतान राशि सहित बड़वानी व धार जिलों के संदर्भ में देवें। (ग) भुगतान प्राप्तकर्ता नाम T.D.S. कटौत्रा राशि, दिनांक की जानकारी भी उपरोक्तानुसार देवें। (घ) इस कार्य में मनमानी कर अवैध लाभ पहुँचाने के दोषी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) एवं (ख) वृक्ष कटाई का कार्य वन विभाग द्वारा किया गया है। वन विभाग से प्राप्त जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) वन विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार आरकाट (जलाऊ) वृक्षों की कटाई में टी.डी.एस. में छूट होने से राशि नहीं काटी गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भारिया जाति को जनजाति वर्ग में शामिल किया जाना
[सामान्य प्रशासन]
77. ( क्र. 943 ) श्री कमलेश शाह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कारण है कि सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा म.प्र. राजपत्र दि. 16.01.2018 में भारिया जनजाति के अमरवाड़ा वि.स. के निवासियों का उल्लेख नहीं है? (ख) अमरवाड़ा वि.स. के हर्रई ब्लॉक के ग्राम थिकलमढ़ी, अतरिया, भैसको, कामठी, भोइपार, अन्खावाड़ी में 90% से अधिक भारिया जनजाति के निवासियों के बावजूद इन्हें बाहर क्यों रख गया? (ग) इसके जिम्मेदार अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? (घ) प्रश्नांश (क) व (ख) अनुसार अमरवाड़ा वि.स. के भारिया जनजाति को कब तक शामिल कर राजपत्र में प्रकाशन कर दिया जाएगा? या आदेश निकाला जाएगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय की अधिसूचना के अनुरूप चिन्हित क्षेत्र में जो भारिया जनजाति के लोग निवासरत हैं उन्हें ही भारत सरकार की विशेष पिछड़ी जनजाति के लिये योजनाओं हेतु विशेष पिछड़ी जनजाति की मान्यता प्राप्त है। भारत सरकार द्वारा चिन्हित क्षेत्र में अमरवाड़ा वि.स. क्षेत्र का हर्रई ब्लाक सम्मिलित नहीं है। इसलिए सामान्य प्रशासन विभाग की अधिसूचना दिनांक 16.01.2018 में इसका उल्लेख नहीं है। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
बाउण्ड्रीवॉल निर्माण की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
78. ( क्र. 944 ) श्री कमलेश शाह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अमरवाड़ा वि.स. क्षेत्र के हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्ड्री स्तर के कितने स्कूल हैं जो बाउण्ड्रीवॉल विहीन हैं? सूची देवें। विगत 3 वर्षों में कितनी बाउण्ड्रीवॉल स्वीकृत की गई? सूची देवें। (ख) जो स्कूल बाउण्ड्रीवॉल विहीन हैं उनमें कब तक बाउण्ड्रीवॉल बना दी जायेगी? (ग) हर्रई ब्लॉक के सुरला खापा में कन्या हाई स्कूल की स्वीकृति कब तक दी जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) कुल 24 हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल बाउण्ड्रीवॉल विहीन हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। विगत तीन वर्षों में कन्या शिक्षा परिसर हर्रई की बाउण्ड्रीवॉल स्वीकृत की गई। स्कूलों में बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण उपलब्ध बजट के मद्देनजर किया जाता है। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) माध्यमिक शाला से हाई स्कूल में उन्नयन राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान अन्तर्गत स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा किया जाता है। कन्या माध्यमिक शाला सुरला खापा का हाई स्कूल में उन्नयन का प्रस्ताव सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग छिन्दवाड़ा द्वारा परियोजना समन्वयक राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा मिशन छिन्दवाड़ा को कार्य योजना में शामिल करने हेतु प्रेषित किया गया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विद्युत बिल प्रकरण की जानकारी
[ऊर्जा]
79. ( क्र. 965 ) श्री आरिफ अकील : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सूर्योदय से सूर्यास्त तक वन अधिनियम के अनुसार श्री इजहार खान पुत्र श्री मोहसीन खान टिकनखेड़ी रोड बैरसिया की आराम शीन का मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लि. भोपाल द्वारा औचक निरीक्षण के दौरान पंचनामा क्रमांक 4194/15 दिनांक 06/12/2017 को राशि 1309726/- रूपये का धारा 135 के तहत प्रकरण बनाया है? यदि हाँ, तो क्या उपभोक्ता द्वारा निरंतर रूप से विद्युत बिल का भुगतान किया जाता रहा है और प्रकरण पंजीबद्ध करने के उपरांत माह फरवरी 2018 का जो बिल आया है, वह मात्र 5396 का आया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या निरीक्षण दल द्वारा स्थल पर मौजूद कुछ लोगों के समक्ष प्रकरण कम राशि का बनाने के संबंध में उपभोक्ता से राशि की मांग की और सौदा तय नहीं होने के कारण मनमानीपूर्वक विद्युत से चलने वाले कटर जब्त किए बगैर और घटना स्थल पर रखे पेट्रोल से चलने वाले कटर को देखकर सादे कागज पर हस्ताक्षर कराकर 24 घंटे चोरी की विद्युत उपयोग करने का प्रकरण/पंचनामा बनाया था? यदि हाँ, तो क्या शासन इस प्रकार की मानमानी की जाँच कराकर नियम विरूद्ध प्रकरण/पंचनामा बनाने वालों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में उक्त दिनांक को बैरसिया क्षेत्र में और किन-किन विद्युत उपभोक्ताओं के विरूद्ध किस-किस आधार पर कितनी-कितनी राशि के प्रकरण बनाए गए? उपभोक्ता का नाम, व्यवसाय सहित अवगत करावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विद्युत अधिनियम, 2003 के अनुसार गैर-घरेलू उपभोक्ता परिसर में सूर्यास्त से सूर्योदय के बीच जाँच पर कोई प्रतिबंध नहीं है। श्री इजहार खान, पुत्र श्री मोहसीन खान टिकनखेड़ी रोड बैरसिया की आरा मशीन के परिसर का म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के अंतर्गत पदस्थ सहायक अभियंता (सतर्कता) संधारण/संचालन वृत्त, भोपाल द्वारा विद्युत अधिनियम, 2003 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों के अनुसार दिनांक 06.12.2017 को औचक निरीक्षण किया गया। मौके पर उपभोक्ता के परिसर में विद्युत चोरी पाये जाने के कारण पंचनामा क्रमांक: 4194/15 दिनांक 06/12/2017 तैयार किया गया। उक्त उपभोक्ता के परिसर में विद्युत चोरी पाये जाने के कारण आरोपी को विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 135 के तहत् विद्युत का अवैधानिक उपयोग करने के लिए विद्युत क्षति की विगत 1 वर्ष की गणना कर एवं समझौता राशि समाहित कर राशि रू. 13,09,726/- का अनंतिम देयक जारी किया गया। उपभोक्ता द्वारा मासिक विद्युत बिलों का भुगतान निरंतर नहीं किया गया है। फरवरी, 2018 में उक्त उपभोक्ता को राशि रू. 5,329/- का मासिक विद्युत बिल जारी किया गया तथा उक्त मासिक बिल में विद्युत के अवैधानिक उपयोग हेतु जारी बिल की राशि सम्मिलित नहीं की गई है। (ख) जी नहीं। अपितु आरोपी द्वारा उसके परिसर में की जा रही विद्युत चोरी का पंचनामा निर्धारित प्ररूप-4 में मौके पर ही तैयार किया गया था। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ग) दिनांक 06.12.2017 को बैरसिया क्षेत्र में विद्युत उपभोक्ताओं के विद्युत कनेक्शनों में पाई गई अनियमितताओं के लिये बनाए गए अन्य प्रकरणों की प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
फर्जी दस्तावेजों के आधार पर संविदा नियुक्ति
[ऊर्जा]
80. ( क्र. 966 ) श्री आरिफ अकील : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश विद्यतु मण्डल राजगढ़ के अधीक्षण यंत्री के अधीन शहर टाउन के अंतर्गत संविदा आधार पर लाईन मैन के पद पर किस-किस के आदेश के तहत क्या-क्या शैक्षणिक योग्यता व तकनीकी योग्यता वाले कर्मचारियों को कब-कब पदस्थ किया गया? नामवार शैक्षणिक व तकनीकी योग्यता के प्रमाण पत्रों की प्रतियां सहित अवगत करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या कुछ संविदा कर्मचारी फर्जी शैक्षणिक एवं तकनीकी योग्यता के प्रमाण पत्र के आधार पर लाईन मैन के पद पर पदस्थ है? यदि नहीं, तो जाँच कराकर नियुक्ति दिनांक से प्रश्न दिनांक की स्थिति में वेतन भत्तों के रूप में कितनी-कितनी राशि प्राप्त की और पदस्थ करने वाले संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध विभागीय एवं वैधानिक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो कारण सहित बतावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अन्तर्गत संचालन एवं संधारण वृत्त राजगढ़ में संविदा आधार पर लाईन मैन नहीं अपितु लाईन परिचारक के पद पर 72 लाईन परिचारकों को पदस्थ किया गया है, जिनकी शैक्षणिक एवं तकनीकी योग्यता तथा नियुक्ति आदेश की दिनांक सहित नामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। उक्त कार्मिकों के शैक्षणिक एवं तकनीकी योग्यता के प्रमाण-पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) जी नहीं, उत्तरांश (क) में उल्लेखित संविदा आधार पर लाईन परिचारक के पद पर पदस्थ किये गये लाईन परिचारकों की शैक्षणिक एवं तकनीकी योग्यता की गलत जानकारी दिये जाने संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। इस संबंध में अनियमितता का कोई प्रकरण संज्ञान में आने पर नियमानुसार जाँच कर आवश्यक कार्यवाही की जायेगी। उक्त परिप्रेक्ष्य में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास के अंतर्गत कार्यों की स्वीकृति
[जनजातीय कार्य]
81. ( क्र. 981 ) श्री अरूण भीमावद : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन स्तर पर अनुसूचित जनजाति बाहुल्य बस्तियों में मूलभूत सुविधाओं को उपलब्ध करवाने हेतु कोई योजना संचालित है? (ख) यदि हाँ, तो शाजापुर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत कितनी बस्तियां अनुसूचित जनजाति की बाहुल्यता वाली है? ग्रामवार सूची देवें। इनमें विगत 3 वर्षों में कौन-कौन से कार्य किये गये? (ग) ग्राम पंचायत अभयपुर का ग्राम पीरखेड़ी जनजातियों की शत्-प्रतिशत आबादी में विगत 3 वर्षों में कितना विकास बस्ती के अंतर्गत कार्य हुए हैं? (घ) क्या उक्त ग्राम में आगामी वित्तीय वर्ष में बस्ती विकास में कोई कार्य प्रस्तावित है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) शाजापुर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत अनुसूचित जनजाति बाहुल्य बस्तियों की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। विगत 03 वर्षों में करवाये गये कार्यों की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) जी हाँ। जिले को आगामी वित्तीय वर्ष में उपलब्ध होने वाले आवंटन एवं नियमों के अनुरूप कार्यवाही की जावेगी।
विभागीय बजट एवं कार्यों की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
82. ( क्र. 1011 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या केन्द्र/राज्य प्रवर्तित योजनाओं के माध्यम से शासन/विभाग द्वारा महिला एवं बाल विकास हेतु विभिन्न प्रकार के अनेक कार्य किये जा रहे हैं? साथ ही विभिन्न आवश्यक निर्माण कार्यों के साथ-साथ दवाईयां, उपकरण, पौष्टिक आहार एवं अन्य अनेक सामग्रियों इत्यादि प्रकार का क्रय भी किया जा रहा है अथवा प्राप्त हो रही हैं? (ख) यदि हाँ, तो जावरा नगर, पिपलौदा तहसील एवं जावरा तहसील अंतर्गत वर्ष 2013-14 से लेकर प्रश्न दिनांक तक उपरोक्त उल्लेखित कार्यों एवं विभिन्न सामग्रियों हेतु वर्षवार कितना-कितना बजट स्वीकृत होकर कितना व्यय हुआ? (ग) क्या उपरोक्त उल्लेखित वर्षों में स्वीकृत उल्लेखित समस्त कार्य प्रारंभ होकर पूर्ण हुए अथवा अपूर्ण रहे या बंद पड़े होकर अप्रारंभ हैं? निर्माण कार्यों की जानकारी स्पष्ट करें एवं क्रय सामग्रियों के उपयोग की जानकारी भी स्पष्ट करें। (घ) उपरोक्त उल्लेखित वर्षों से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त स्वीकृत बजट अंतर्गत कितना व्यय होकर वर्षवार कितना-कितना शेष रहा? विभागीय कार्यों की समस्त जानकारी किन-किन अधिकारियों द्वारा सत्यापित/प्रमाणित की गई? भौतिक सत्यापन कब-कब हुआ? कार्यों की स्थिति दिनांक, स्थान सहित प्रदान करें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। निर्माण कार्य के अतिरिक्त विभिन्न सामग्रियों का क्रय भी किया जा रहा है। संचालनालय महिला सशक्तिकरण के अंतर्गत रतलाम जिले में निर्माण कार्य के साथ-साथ दवाईयां, उपकरण, पौष्टिक आहार एवं अन्य अनेक सामग्रियों इत्यादि प्रकार का क्रय नहीं किया जा रहा है न ही प्राप्त हो रही हैं। (ख) निर्माण एवं पोषण आहार से संबंधित बजट जावरा नगर पिपलौद तहसील एवं जावरा तहसील अन्तर्गत प्रश्नांकित अवधि में प्राप्त बजट एवं व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। शेष सामग्री प्रदाय हेतु बजट आवंटन परियोजना/तहसील को प्रदान नहीं किया जाता है। (ग) प्रश्नांकित अवधि में स्वीकृत आंगनवाड़ी केन्द्र भवन निर्माण कार्य की पूर्ण/अपूर्ण/अप्रारंभ भवनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। सामग्री यथा-प्री-स्कूल किट, मेडिसिन किट वजन मशीन, टेराफिल बॉटल फिल्टर, इनफेनटोमीटर, स्टूडियोमीटर, प्लॉस्टिक चेयर, प्लॉस्टिक बॉक्स एवं आयुर्वेदिक औषधि को परियोजना अधिकारी एवं पर्यवेक्षकों के माध्यम से आंगनवाड़ी केन्द्रों में वितरित किया गया है एवं उक्त सामग्री का आंगनवाड़ी केन्द्रों पर उपयोग किया जा रहा है। साथ ही कम्प्यूटर सिस्टम, एक्ज्यूकेटिव टेबल, एक्ज्यूकेटिव चेयर का वितरण समस्त परियोजना कार्यालय में किया जाकर परियोजना अधिकारियों द्वारा उक्त सामग्री का उपयोग किया जा रहा है। (घ) प्रश्नांकित अवधि में स्वीकृत बजट, व्यय तथा शेष की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। विभागीय कार्यों से संबंधी समस्त सामग्री की जानकारी का भौतिक सत्यापन जिला कार्यक्रम अधिकारी, सहायक संचालक, जिला परियोजना समन्वयक, परियोजना आधिकारी, पर्यवेक्षक एवं खण्ड समन्वयक द्वारा भ्रमण के दौरान किया जाता है। सामग्री के भौतिक सत्यापन से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
जानकारी संकलित कर उपलब्ध नहीं करवाया जाना
[जनजातीय कार्य]
83. ( क्र. 1014 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनवरी 2008 से लागू वन अधिकार कानून 2006 के अनुसार संरक्षित वन सर्वे एवं नारंगी वन सर्वे में अतिक्रमण पाई गई वन भूमि की जानकारी एवं बड़े झाड़, छोटे झाड़ के जंगल मद की जमीनों पर अतिक्रमण प्रकरणों की जानकारी संकलित कर मण्डला, डिण्डौरी, बैतूल, बालाघाट, सिवनी, उमरिया जिले में प्रश्नांकित दिनांक तक भी ग्राम सभा एवं ग्राम पंचायत को उपलब्ध नहीं करवाई गई है? (ख) संरक्षित वन सर्वे एवं नारंगी वन भूमि सर्वे में अतिक्रमण पाई गई वन भूमि की जानकारी वन विभाग के किस अभिलेख में किस प्रारूप में उपलब्ध है? (ग) मण्डला, डिण्डौरी, बालाघाट, सिवनी, बैतूल, छिंदवाड़ा, उमरिया जिले में अतिक्रमण प्रकरण की जानकारी संकलित कर ग्राम सभा एवं ग्राम पंचायत को प्रश्न दिनांक तक क्यों उपलब्ध नहीं करायी गयी? अगर करायी गयी तो कब प्रकरणवार जानकारी बतावें। (घ) अतिक्रमण के प्रकरण एवं अतिक्रमण वन भूमि की जानकारी संकलित कर ग्राम सभा एवं ग्राम पंचायत को कब तक उपलब्ध करायी जायेगी? वर्तमान में इसके लिए क्या प्रयास किया जा रहा है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) संरक्षित वनों में अतिक्रमण की जानकारी वनमंडलों के सर्वे-डिमार्केशन रिपोर्ट एवं असीमांकित संरक्षित वन (नारंगी वन क्षेत्र) में अतिक्रमण की जानकारी नारंगी सर्वे की रिपोर्ट में संधारित है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जानकारी प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर अनुसार है।
संविदा कर्मियों की भर्ती प्रक्रिया के नियम
[सामान्य प्रशासन]
84. ( क्र. 1015 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा दिनांक 04 अक्टूबार 2013 को राजपत्र में प्रकाशित नियम में किस विभाग के किस श्रेणी के संविदा कर्मियों की भर्ती प्रक्रिया परीक्षा आयोजित करने एवं परीक्षा के लिए कितनी-कितनी शुल्क वसूल किये जाने के संबंध में व्यापम को क्या-क्या अधिकार प्रदान किये हैं? (ख) क्या विभाग म.प्र. शासन के अन्य समस्त विभागों को संविदा कर्मियों की भर्ती की अनुमति प्रदान करता है? (ग) क्या म.प्र. शासन के विभिन्न विभागों को उनकी आवश्यकतानुसार संविदा कर्मियों की भर्ती के नियम बनाने, उन्हें राजपत्र में प्रकाशित करना आवश्यक है? यदि हाँ, तो जिन विभागों ने ऐसा नहीं किया है, उनके विरूद्ध सा.प्र. विभाग कोई कार्यवाही करेगा? (घ) राज्य शासन ने संविदा कर्मियों की भर्ती, चयन, नियुक्ति एवं सेवा शर्तों के संबंध में सभी विभागों के लिए समान नियम किन-किन कारणों से नहीं बनाये हैं? एकरूपता कायम कर नियम बनाये जाने के संबंध में क्या कार्यवाही कर रहा है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) दिनांक 4 अक्टूबर 2013 अनुसार स्कूल शिक्षा विभाग के संविदा शिक्षक की परीक्षा आयोजित करने तथा नियम की कण्डिका-17 में आवेदन शुल्क प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड की कार्यपालक समिति द्वारा विनिश्चय किये जाने का प्रावधान है। (ख) विभागों के पृथक-पृथक संविदा भर्ती नियम अनुसार विभागों द्वारा भर्ती की कार्यवाही की जाती है। (ग) जी हाँ। संज्ञान में आने पर कार्यवाही निर्भर है। (घ) विभागों में भिन्न-भिन्न संवर्ग व कार्य का स्वरुप भिन्न होने से समान नियम बनाये जाना संभव नहीं हैं।
छात्रावास व आवासीय विद्यालयों की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
85. ( क्र. 1016 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में आदिम जाति कल्याण विभाग व अनुसूचित जनजाति विभाग के कौन-कौन से छात्रावास आवासीय विद्यालय कहाँ-कहाँ पर हैं? किन-किन छात्रावासों आवासीय विद्यालयों में कितने-कितने छात्र/छात्राओं के आवास की क्या-क्या व्यवस्था है एवं कहाँ-कहाँ पर कब से कौन-कौन सी सुविधाएं, संसाधन आदि नहीं हैं एवं क्यों? (ख) प्रश्नांकित किन-किन छात्रावासों आवासीय विद्यालयों में कितनी-कितनी राशि किस-किस मद में व्यय हुई? छात्रावासों का उन्नयन विकास सुधारीकरण, विद्युतीकरण एवं अन्य किन निर्माण कार्यों में कितनी-कितनी राशि व्यय हुई है? इसका सत्यापन कब किसने किया? कहाँ-कहाँ के कौन-कौन से छात्रावास बदहाल, जर्जर व खण्डहर हैं? इनका पुनर्निर्माण मरम्मत/सुधारीकरण न कराने का क्या कारण है? वर्ष 2014-15 से 2017-18 तक की जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) में प्रदेश शासन व केन्द्र प्रवर्तित किन-किन योजनांतर्गत कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं कितनी-कितनी राशि किन-किन कार्यों में व्यय हुई? इसका सत्यापन कब-कब, किसने किया है? किस-किस योजनामद की कितनी-कितनी राशि का उपयोग नहीं किया गया एवं क्यों? वर्ष 2014-15 से 2017-18 तक की जानकारी दें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) स्थानवार/स्वीकृत सीटवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। सभी संस्थाओं में छात्र-छात्राओं के लिये आवासीय सुविधा के साथ-साथ सभी मूलभूत सुविधायें आदि उपलब्ध हैं। (ख) प्रश्नांकित अवधि में जबलपुर जिले के जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित छात्रावासों/आश्रमों/आवासीय विद्यालयों में निम्नानुसार मदों में राशियों का व्यय किया गया -
क्रमांक |
मद |
व्यय राशि (लाखें में) |
|||
2014-15 |
2015-16 |
2016-17 |
2017-18 |
||
1 |
छात्रावास/आश्रमों का सुदृढ़ीकरण |
86.72 |
109.79 |
88.67 |
108.82 |
2 |
अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास मद से अतिरिक्त कक्ष निर्माण |
- |
- |
80.00 |
80.00 |
3 |
अन्य निर्माण कार्य |
- |
- |
14.00 |
42.12 |
4 |
योग |
86.72 |
109.79 |
182.67 |
230.94 |
मदवार, संस्थावार व्यय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। जबलपुर जिले में जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित किसी भी संस्था का भवन बदहाल, जर्जर व खंडहर स्थिति में नहीं है। अत: पुन: निर्माण कराये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। विभागीय संस्थाओं में मरम्मत/सुदृढ़ीकरण के कार्य किये गये हैं, जिनका सत्यापन समय-समय पर संबंधित संस्था के अधीक्षक, संस्था प्रधान उपयंत्री व सहायक यंत्री द्वारा किया गया है। (ग) राज्य मदों में आवंटित राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। कार्यवार व्यय राशि सत्यापन आदि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' में उल्लेखानुसार है। वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक के सभी कार्यों की पूर्ण राशि व्यय की जा चुकी है। वर्ष 2017-18 के स्वीकृत कार्य प्रगतिरत् हैं। कार्य की प्रगति अनुसार भुगतान कर व्यय किया जावेगा।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की भर्ती की जाँच
[महिला एवं बाल विकास]
86. ( क्र. 1060 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) छतरपुर जिले में वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिका, मिनी कार्यकर्ता की भर्ती के संबंध में कब-कब विज्ञप्ति जारी की गयी? भर्ती हेतु कितने आवेदन प्राप्त हुये? परियोजनावार, नामवार सूची उपलब्ध करावें? (ख) प्राप्त आवेदनों में परियोजनावार खण्ड स्तरीय बैठक कब-कब आयोजित की गयी तथा अनन्तिम सूची किस समाचार पत्रों में प्रकाशित करायी गयी तथा कितनी आपत्तियां प्राप्त हुयी? नामवार सूची सहित उपलब्ध करावें। (ग) प्राप्त आपत्तियों की जाँच हेतु क्या प्रक्रिया अपनाई गयी एवं किस पत्राचार माध्यम से भेजे गये? उनकी पावती की सत्य प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। (घ) जिला स्तरीय बैठक कब-कब आयोजित की गयी? कौन-कौन पदाधिकारी उपस्थित हुये? आपत्तियों के निराकरण के संबंध में क्या संबंधित को सूचना दी गयी? यदि हाँ, तो उसकी प्रति उपलब्ध करावें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) छतरपुर जिले में वर्ष 2014-15, 15-16, 16-17 से प्रश्न दिनांक तक आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं, मिनी कार्यकर्ता की भर्ती के संबध में जिला स्तर से दिनांक 28/02/2014, 11/03/2015 तथा संचालनालय स्तर से दिनांक 03/10/2016, 06/08/2016, 03/05/2017 एवं 14/11/2017 को विज्ञप्ति जारी की गयी। भर्ती हेतु प्राप्त आवेदन पत्रों की परियोजनावार, नामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) परियोजनावार खण्ड स्तरीय बैठकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। अनन्तिम सूची प्रकाशन हेतु सूचना प्रकाशन विभाग छतरपुर के माध्यम से स्थानीय समाचार पत्रों में प्रकाशन हेतु भेजी गई। कुल 413 दावे आपत्तियां प्राप्त हुयी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) विभाग के ज्ञाप क्र./एफ-3-2/06/50-2 दिनांक 10/07/20007 अनुसार अनन्तिम सूची के आधार पर नियुक्ति प्रक्रिया के संबंध में प्राप्त आपत्तियों का जिला स्तरीय दावा आपत्ति निराकरण समिति के समक्ष रखकर जाँच हेतु संबधित विभागों को जाँच हेतु भेजा गया। परियोजनावार पत्राचार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) जिला स्तरीय दावा आपत्ति समिति की बैठक तथा बैठक में उपस्थिति अधिकारियों की जानकारी निम्नानुसार है:-
क्र
बैठक दिनांक
उपस्थित
अधिकारी
1. 04-09-2014,
06-05-2015,
08-05-2015
15-09-2015,
13-01-2016,
20-04-2016,
13-02-2017
14-02-2017
17-02-2017
20-02-2017
21-02-2017
10-03-2017
17-04-2017
16-08-2017 एवं
05-01-2018 कलेक्टर के प्रतिनिधि, जिला पंचायत अध्यक्ष के प्रतिनिधि, स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास समिति की अध्यक्ष, जिला कार्यक्रम अधिकारी एवं संबधित परियोजना के परियोजना अधिकारीगण आपत्तियों के निराकरण के संबंध में संबधितों को सूचना देने का प्रावधान नहीं होने से शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता हैं।
भर्ती में अनियमितता
[महिला एवं बाल विकास]
87. ( क्र. 1062 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक छतरपुर जिले के महिला बाल विकास विभाग लवकुशनगर के हरद्वार, झिन्ना, बलकोरा एवं राजनगर विकासखण्ड में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका की भर्ती में हुयी धांधली/अनियमितता की कितनी शिकायतें जनता व जनप्रतिनिधियों द्वारा की गयी हैं? सूचीवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार महिला बाल विकास लवकुशनगर, गौरिहार एवं छतरपुर जिले में शासन द्वारा विभाग में संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन में हो रही गड़बड़ी/भ्रष्टाचार की भी शिकायत जनता एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा की गयी है? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के अनुसार क्या की गयी शिकायत पर आज दिनांक तक किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं की गयी? यदि की गयी है तो क्या शिकायतकर्ता को उक्त कार्यवाही की सूचना दी गयी है या नहीं? (घ) यदि किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं की गयी तो इसके लिये कौन दोषी है एवं उनके विरूद्ध क्या और कब तक कार्यवाही की जावेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक छतरपुर जिले में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका की भर्ती में हुयी धांधली व अनियमितता के संबंध में जनता/जनप्रतिनिधियों से कुल 05 शिकायतें प्राप्त हुई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। जनप्रतिनिधियों द्वारा की गई शिकायतों पर कार्यवाही की जाकर संबंधितों को सूचना दी गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य अनुसार शिकायतों का निराकरण किया जाकर संबधित शिकायतकर्ता को सूचित किया गया है। अतः शेष कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
आबकारी घोटाले की जानकारी
[वाणिज्यिक कर]
88. ( क्र. 1066 ) श्री जितू पटवारी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर जिले में आबकारी घोटाले में कुल कितनी राशि का गबन किस-किस ठेकेदार/फर्म द्वारा किया गया? ठेकेदार/फर्म के सभी भागीदार/मालिक के नाम, पिता का नाम, पता देवें तथा बतावें कि इनमें से किस-किस पर किस थाने में कि धारा में किस दिनांक को प्रकरण दर्ज किया गया? गिरफ्तारी किस दिनांक को की गई? (ख) वित्तीय वर्ष 2018-19 में सरकार क्या पूर्ण शराब बंदी करेगी? यदि नहीं, तो क्यों? क्या सरकार दुकानें आहते, बियरबार की संख्या कम करेगी? यदि नहीं, तो क्यों वर्ष 2017-18 में कुल दुकानें अहाते, बियरबार की संख्या तथा कुल बिक्रीत देशी-विदेशी शराब की मात्रा बतावें तथा बतावें कि ये वर्ष 2016-17 से कितने प्रतिशत ज्यादा अथवा कम है? (ग) जनवरी 2004 में तथा जनवरी 2014 में दुकान, अहाते, बीयरबार की संख्या बतावें तथा बतावें कि 2003 -04 में तथा 2016-17 में कुल बिक्रीत देशी-विदेशी शराब की मात्रा बतावें तथा बतावें कि 2003- 04 से 2016-17 में कितने फीसदी वृद्धि हुई। (घ) जनवरी 2004 से जनवरी 2018 तक कुल कितनी आसवानियां खुली तथा उक्त अवधि में कितनी-कितना उत्पादन किस-किस आसवानी द्वारा किया गया? जनवरी 2014 तक किस-किस आसवानी ठेकेदार आदि पर कितनी राशि बकाया है।
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) इन्दौर जिले में आबकारी आयुक्त, ग्वालियर द्वारा गठित जाँच समिति द्वारा प्रारंभिक जाँच में कोषालयीन चालानों पर कूटरचना एवं हेराफेरी कर रूपये 41,73,73,670/- कम जमा होना परिगणित की गई थी। कलेक्टर जिला इन्दौर के पत्र क्रमांक/आब./मु.लि./2018/601, दिनांक 12.02.2018 से प्राप्त नवीन जानकारी अनुसार कोषालयीन चालानों पर कूटरचना एवं हेराफेरी के प्रकरण में वास्तविक राशि रूपये 41,65,21,890/- है। ठेकेदार/फर्म के सभी भागीदार/मालिक के द्वारा कम जमा की गई राशि, उनके नाम व पतों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। उक्त संबंध में थाना रावजी बाजार इन्दौर में धारा 420, 467, 468, 471, 406, 34 ता.हि. एवं बढ़ायी गई धारा 120 बी, 212 ता.हि. के अंतर्गत प्रकरण क्रमांक 172/2017 पंजीबद्ध किया गया है एवं गिरफ्तार किये गये व्यक्तियों एवं गिरफ्तारी दिनांक की जानकारी के विवरण हेतु थाना रावजी बाजार इन्दौर के पत्र क्रमांक 141/2018 दिनांक 08.02.2018 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ख) वित्तीय वर्ष 2018-19 में पूर्ण शराब बंदी लागू करने संबंधी कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। मध्यप्रदेश शासन की आबकारी नीति के अंतर्गत ऐसे मादक पदार्थों का ही सर्वाजनिक रूप से विक्रय अनुमत है, जो सामान्य व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक व आर्थिक स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव न डालते हों। राज्य में मदिरा का उत्पादन विशेष रूप से विभागीय पर्यवेक्षण के अधीन किया जाता है और निर्मित होने वाली देशी एवं विदेशी मदिरा की गुणवत्ता भारतीय मानक ब्यूरो के मानदण्डों के अनुरूप हों और वह मानव उपयोग की दृष्टि से अनुपयुक्त न हो, इसका सतत् एवं सदैव पर्यवेक्षण रखा जाता है। राज्य में मदिरा का उत्पादन सदैव मदिरा के उपभोग की मांग के अनुरूप रहता है। यदि संपूर्ण प्रदेश में शराब बंदी लागू की जाती है, तो लोगों का रूझान अवैध रूप से निर्मित जहरीली शराब एवं अन्य सस्ती नशीली दवाओं तथा नारकोटिक्स ड्रग्स की तरफ बढ़ेगा। जिसका परिणाम मानवीय जीवन को होने वाली गंभीर शारीरिक क्षति के रूप में होगा। शरब बंदी से राज्य में अन्य राज्यों से अवैध मदिरा परिवहित कर उसका अवैध रूप से विक्रय किये जाने की संभावना बढ़ेगी। वर्ष 2018-19 की आबकारी नीति में दिनांक 01 अप्रैल 2018 से लगभग 149 अहाते/शॉपबार बंद किया जाना विचाराधीन है। वर्ष 2017-18 में कुल दुकानें अहाते, बीयरबार की संख्या तथा कुल बिक्रीत देशी-विदेशी शराब की मात्रा तथा वर्ष 2016-17 में कितने प्रतिशत ज्यादा अथवा कम है, संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (ग) जनवरी 2004 में तथा जनवरी 2014 दुकान, अहाते, बार की संख्या तथा 2003-04 में तथा 2016-17 में कुल बिक्रीत देशी-विदेशी शराब की मात्र एवं वर्ष 2003-04 से वर्ष 2016-17 में कितने फीसदी वृद्धि संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है। (घ) जनवरी 2004 से जनवरी 2018 तक मध्यप्रदेश में कुल 03 नवीन आसवनियां खुली हैं। प्रश्नांश अवधि में मध्यप्रदेश की कुल 12 आसवानियों द्वारा किये गये वर्षवार उत्पादन संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-पाँच अनुसार है। जनवरी 2014 तक की स्थिति में आसवनी ठेकेदारों पर बकाया राशि संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-छ: अनुसार है।
कुपोषण की योजनाएं
[महिला एवं बाल विकास]
89. ( क्र. 1075 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) टीकमगढ़ जिले में खरगापुर विधान सभा क्षेत्र में कुपोषित बच्चों की संख्या कितनी है? (ख) विगत 3 वर्षों में टीकमगढ़ जिले में कुपोषण से ग्रसित बच्चों को किस-किस योजना से जोड़कर उनको कुपोषण से बचाये जाने के क्या-क्या प्रयास किये गये? शासन के द्वारा कुपोषण को दूर भगाने की योजना अनुसार उक्त अवधि में विकासखण्ड बल्देवगढ़ एवं पलेरा में जो उपाय या शासन की योजनाओं के कार्यक्रम किये गये, क्या उन सभी कार्यक्रमों से क्षेत्रीय विधायकों को अवगत कराया गया तथा बच्चों के किसी कार्यक्रम में या महिलाओं के किसी कार्यक्रम में क्षेत्रीय विधायक को आमंत्रित किया गया? (ग) क्या खरगापुर विधान सभा क्षेत्र में महिला बाल विकास विभाग द्वारा गोद भराई कार्यक्रम या और सभी कार्यक्रमों को मात्र कागजों की पूर्ति करके पूर्ण किया जा रहे हैं तथा शासन की योजना का लाभ गर्भवती महिलायें कुपोषित बच्चों तथा गाँव की बेटी जैसी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है? यदि हाँ, तो क्या इसकी उच्च स्तरीय जाँच करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्या? कारण स्पष्ट करें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) टीकमगढ़ जिले में 5 वर्ष तक के बच्चों के लिये गए वजन के आधार पर सामान्य से कम वजन के कुल 22970 बच्चे पाए गए। इन बच्चों में खरगापुर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कुल 7977 बच्चे सामान्य से कम वजन के हैं। विभाग में सिर्फ अतिकम वजन वाले बच्चों के नाम सहित जानकारी का संधारण किया जाता है, जिनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) टीकमगढ़ जिले में कुपोषण से ग्रस्त बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए आंगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से सतत् प्रयासों के अंतर्गत निम्नांकित प्रयास किये गए:- 1. सांझा चूल्हा कार्यक्रम अंतर्गत नाश्ता तथा ताजा पका भोजन (प्रतिदिन)/टेकहोम राशन का प्रदाय (साप्ताहिक- मंगलवार) 2. अटल बिहारी वाजपेयी बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन अंतर्गत कुपोषित बच्चों के परिवारों को स्वास्थ्य एवं पोषण प्रशिक्षण। (जून 2016, सितम्बर 2016, दिसम्बर 2016, मार्च 2017) 3. पंचवटी से पोषण के तहत पोषण वाटिका निर्माण। (नवम्बर 2017) 4. चिन्हित बच्चों को पोषण पुनर्वास केन्द्रों में संदर्भित करना। 5. अंकुर योजना के तहत फॉलोअप में भर्ती बच्चों को पुरस्कार वितरण। (नवम्बर 2016 से निरंतर) 6. लालिमा अभियान का क्रियान्वयन। 7. सुपोषण अभियान (15 से 27 जून 2017, 11 से 23 सितम्बर 2017, 11 से 23 दिसम्बर 2017 एवं 12 से 24 फरवरी 2018 (प्रचलन में) ) 8. विशेष वजन अभियान (1 दिसम्बर 2017 से 31 जनवरी 2018) टीकमगढ़ जिले के विकासखण्ड बल्देवगढ़ एवं पलेरा के आंगनवाड़ी केन्द्रों में योजनाओं का विधिवत् क्रियान्वयन किया गया एवं क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। सुपोषण अभियान एवं विशेष वजन अभियान के दौरान जनप्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया गया। स्नेह सरोकार सम्मेलन पलेरा में माननीय विधायक खरगापुर को आंमत्रित किया गया था, जिसमें उनके द्वारा जनपद सदस्य को भेजा गया। लाड़ली शिक्षा पर्व, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, सम्मान सुरक्षा स्वरक्षा संवाद के जिला स्तरीय सम्मेलनों में माननीय सांसद, माननीय विधायक एवं अन्य जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया था, जिनमें माननीय जनप्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी हुई। (ग) जी नहीं। शेष का प्रश्न नहीं।
महाराजपुर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत विद्युत कार्य
[ऊर्जा]
90. ( क्र. 1078 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महाराजपुर विधान सभा क्षेत्र के किन-किन ग्रामों में कितनी-कितनी क्षमता के ट्रांसफार्मर कब-कब से बिगड़े हुए हैं? उनको बदलने हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ख) महाराजपुर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत कौन-कौन से गाँव, मजरे, टोले प्रश्न दिनांक तक विद्युतहीन है? इस संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : महाराजपुर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों से संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण बदलने हेतु शेष वितरण ट्रांसफार्मरों की, फेल होने की दिनांक एवं क्षमता के विवरण सहित ग्रामवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। वर्तमान में लागू नियमानुसार जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों से जुड़े 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा बकाया राशि का भुगतान करने पर अथवा कुल बकाया राशि का 20 प्रतिशत जमा होने के उपरांत इन जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों को बदला जाता है। उक्तानुसार बकाया राशि जमा होने पर ही प्रश्नाधीन शेष जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों को बदला जा सकेगा। (ख) महाराजपुर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत विद्यमान सभी 116 आबाद ग्राम विद्युतीकृत हैं। सन 2011 के जनगणना अभिलेखों में मजरों/टोलों का उल्लेख नहीं होने से तत्सबंधी प्रमाणिक जानकारी दिया जाना संभव नहीं है तथापि महाराजपुर विधान सभा क्षेत्र में 11वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में विद्युतीकरण हेतु सम्मिलित चिन्हित मजरों/टोलों में से 43 मजरों/टोलो के विद्युतीकरण का कार्य शेष है, जिन की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। उक्त मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य प्रगति पर है तथा यह कार्य माह अक्टूबर 2018 तक पूर्ण किया जाना प्रस्तावित है।
सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों का पालन
[सामान्य प्रशासन]
91. ( क्र. 1079 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा प्रथम श्रेणी से चतुर्थ श्रेणी तक के समस्त नि:शक्त शासकीय कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण प्रदान करने के निर्देश दिये गये हैं? यदि हाँ, तो मध्यप्रदेश शासन द्वारा इन निर्देशों के तारतम्य में क्या कार्यवाही की गई है? (ख) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा भी सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर कार्यवाही के लिये निर्देशित किया गया है? यदि हाँ, तो इस संबंध में अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का पालन करते हुए शासकीय कर्मचारियों को निर्णय का लाभ सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय दिनांक से दिया जाएगा? यदि नहीं, तो विलंब से निर्णय का पालन किये जाने से नि:शक्त कर्मचारियों को हुए नुकसान के लिए कौन उत्तरदायी होगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) नि:शक्तजनों को पदोन्नति में आरक्षण का मामला माननीय सर्वोच्च न्यायालय की लार्जर बैंच में विचाराधीन है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वन अधिकार पट्टों का वितरण
[जनजातीय कार्य]
92. ( क्र. 1085 ) श्री हर्ष यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले के अंतर्गत विकासखण्ड देवरी एवं केसली में वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 तक कितने वनाधिकार (वन भूमि के पट्टे) के आवेदन पत्र कब से किस स्तर पर क्यों लंबित हैं? (ख) क्या शासन द्वारा वन भूमि के पट्टा हेतु आवेदन करने पर रोक लगा दी गई है? यदि हाँ, तो उक्त आदेश की प्रति दें। यदि नहीं, तो प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वर्षों में कितने वनाधिकार (वन भूमि के पट्टे) वितरित किये गये हैं? ग्रामवार लाभान्वित व्यक्तियों की संख्या उपलब्ध करावें। (ग) देवरी विधान सभा क्षेत्र में सभी पात्र हितग्राहियों को कब तक पट्टे प्रदान किये जावेंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) सागर जिले के अन्तर्गत विकासखण्ड देवरी एवं केसली के वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 तक वनाधिकार (वन भूमि के पट्टे) के कोई भी आवेदन पत्र लंबित नहीं है। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वर्षों में वन अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत विकासखण्ड देवरी में 261 एवं केसली में 540 वन अधिकार पत्र वितरित किये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रक्रिया अर्द्ध न्यायिक स्वरूप की होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विद्युत कार्यों की जानकारी
[ऊर्जा]
93. ( क्र. 1086 ) श्री हर्ष यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.पू.क्षे.वि.वि. कंपनी मुख्य महाप्रबंधक कार्यालय द्वारा रहली (सं./सं.) संभाग हेतु वर्ष 2014-15 से संचालन एवं संधारण कार्य हेतु कितना मद आवंटन किया गया तथा प्रश्न दिनांक तक विद्युत लाईनों के सुधार हेतु कितनी राशि व्यय हुई हैं? (ख) सागर जिले के अन्तर्गत देवरी विधान सभा क्षेत्र में उक्त मेंटेनेन्स राशि से कितने पुराने ट्रांसफार्मर बदले गये हैं एवं कितने तार बदलकर नवीन तार डाले गये? जानकारी वर्षवार उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार उक्त मेंटेनेन्स की कितनी राशि प्राप्त हुई एवं कितनी राशि व्यय हुई? ठेकेदार के नाम सहित जानकारी बतावें। उक्त मेंटेनेन्स की राशि का सत्यापन किस अधिकारी द्वारा किया गया? अधिकारी का नाम एवं पद बतावें। (घ) क्या उक्त विधान सभा क्षेत्र देवरी में महाराजपुर सब-स्टेशन के अन्तर्गत ग्राम महाराजपुर, तीतरपानी, मुडेरी, शांतिधारा दुग्ध योजना टुडरी में स्थापित किये गये विद्युत ट्रांसफार्मरों एवं कनेक्शनों की स्वीकृति विभाग द्वारा ली गई थी? यदि नहीं, तो उक्त स्थानों पर विभाग के बिना स्वीकृति के स्थापित किये गये ट्रांसफार्मरों के लिए कौन जिम्मेदार है? क्या उक्त वित्तीय अनियमितताओं के लिए जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारी को दण्डित किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी अन्तर्गत विद्यमान विद्युत अधोसंरचना के संचालन एवं संधारण कार्य हेतु संभागवार नहीं, अपितु वृत्तवार मद आवंटित किया जाता है। सागर वृत्त द्वारा वित्तीय वर्ष 2014-15 से वर्ष 2017-18 के लिए वृत्त को आवंटित राशि में से संचालन/संधारण संभाग रहली को संचालन/संधारण कार्यों हेतु राशि रू. 540 लाख आवंटित की गयी है, जिसमें से संचालन/संधारण संभाग रहली के अंतर्गत वर्ष 2014-15 से जनवरी, 2018 तक विद्युत लाईनों के सुधार/संधारण कार्य में रू. 31.99 लाख की राशि व्यय हुई है। (ख) देवरी विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत उक्त मेन्टेनेंस मद की राशि से प्रश्नाधीन अवधि (वर्ष 2014-15 से जनवरी 2018 तक) में वर्ष 2014-15 में 119 वर्ष 2015-16 में 122 वर्ष 2016-17 में 166 एवं वर्ष 2017-18 में माह जनवरी, 2018 तक 502, इस प्रकार कुल 909 फेल/खराब ट्रांसफार्मर बदलने से संबंधित कार्य किया गया। उक्त मेन्टेनेंस राशि से पुराने तार बदलकर नवीन तार डालने का कोई कार्य नहीं किया गया। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में प्रश्न दिनांक तक मेन्टेनेंस मद में संचालन/संधारण संभाग रहली को आवंटित रू. 540 लाख की राशि में से देवरी विधान सभा क्षेत्र में 909 फेल/खराब ट्रांसफार्मर बदलने एवं 539 टूटे पोल बदलने के कार्यों में रू. 221.99 लाख की राशि व्यय हुई है। उल्लेखनीय है कि मेन्टेनेंस कार्य हेतु राशि का आवंटन विधान सभा क्षेत्रवार नहीं किया जाता। ट्रांसफार्मर बदलने एवं पोल लगाने के उक्त सभी कार्य पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभागीय तौर पर पूर्ण कराये गये हैं। इसके अतिरिक्त देवरी विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत विद्युत लाईन मेन्टेनेंस का कार्य विभागीय कर्मचारियों के अतिरिक्त श्रमिक प्रदाता ठेकेदार से श्रमिक लेकर कराया गया है, जिस हेतु कुल 11 कार्यादेश जारी किये गये, जिन पर राशि रु. 4.48 लाख व्यय हुई। उक्त कार्यों से संबंधित ठेकेदार एवं सत्यापन करने वाले अधिकारियों के नाम, पद सहित प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (घ) जी हाँ, प्रश्नाधीन कार्यों की स्वीकृति पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा दी गई थी। प्रश्नाधीन ट्रांसफार्मर स्थापना एवं कनेक्शन प्रदाय करने के कार्य प्राक्कलन स्वीकृत करने के पश्चात् ही किये गये हैं, जिसका विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। उक्त परिप्रेक्ष्य में किसी अधिकारी/कर्मचारी के दोषी होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न नहीं उठता।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
जी.एस.टी.
लागू होने से
राजस्व की
कमी
[वाणिज्यिक कर]
1. ( क्र. 21 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में जी.एस.टी. लागू होने की दिनांक से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में शासन को प्राप्त होने वाले राजस्व में कमी आई है या बढ़ोत्तरी हुई है? यदि कमी आई है तो कितने प्रतिशत की और यदि बढ़ोत्तरी हुई है तो कितने प्रतिशत? (ख) क्या प्रदेश में जी.एस.टी. लागू होने के बाद से प्रदेश के छोटे व्यवसायी एवं मध्यम वर्ग के लोगों के साथ-साथ रियल स्टेट के कारोबार पर इसका सर्वाधिक प्रभाव पड़ा हैं? यदि हाँ, तो विपरीत प्रभाव से प्रभावित उक्त वर्ग के उत्थान हेतु शासन द्वारा क्या-क्या कदम उठाए गए हैं?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) प्रदेश में जी.एस.टी. लागू होने की तिथि से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में शासन को प्राप्त होने वाले राजस्व में औसत 9.05 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। (ख) प्रदेश में जी.एस.टी. के अंतर्गत 20 लाख तक वार्षिक टर्नओव्हर वाले छोटे व्यवसाइयों को पंजीयन प्राप्त करने से छूट दी गई है। इस प्रकार छोटे व्यवसाइयों को कर के दायरे में नहीं रखा गया है। अत: छोटे व्यवसाई एवं मध्यम वर्ग के लोगों के साथ-साथ रियल स्टेट के कारोबार पर विपरित प्रभाव पड़ने जैसी कोई जानकारी संज्ञान में नहीं आई है। जी.एस.टी. के संबंध में समस्त निर्णय जी.एस.टी. काउंसिल द्वारा लिये जाते हैं।
आई.ए.एस., आई.एफ.एस. एवं आई.पी.एस. अधिकारियों के विरूद्ध लंबित जाँच
[सामान्य प्रशासन]
2. ( क्र. 22 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के किन-किन आई.ए.एस., आई.एफ.एस. एवं आई.पी.एस. अधिकारियों के विरूद्ध कौन-कौन सी जांचे कब-कब से तथा किन-किन कारणों से लंबित हैं? उक्त जांचे समय-सीमा में निराकरण न किये जाने के कारण बतायें। (ख) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में लोकायुक्त एवं ई.ओ.डब्ल्यू. में दर्ज किन-किन प्रकरणों में चालान माननीय न्यायालय में विगत तीन वर्षों में किन-किन के विरूद्ध प्रस्तुत किये गये एवं चालान प्रस्तुति के बाद नियमानुसार किन-किन के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? नाम, पद सहित सूची दें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सिनेमाघरों के टिकट दरों का निर्धारण
[वाणिज्यिक कर]
3. ( क्र. 41 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के मॉल में संचालित सिनेमाघरों के टिकिट दर कौन निर्धारित करता है? क्या उक्त सिनेमा घरों में टिकिट दर निर्धारित करने के लिए विभाग का कोई नियंत्रण है? यदि "हाँ" तो नियमों की जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) क्या उक्त मल्टीप्लेक्स सिनेमा घरों द्वारा मनमाफिक टिकिट दर निर्धारित कर रखी है? यदि "हाँ" तो विभाग ने विगत 04 वर्षों में कब-कब, कहाँ-कहाँ, किस-किस शहर में क्या-क्या कार्यवाही, किस-किस सिनेमा घर के खिलाफ की? की गई कार्यवाही से अवगत कराएं। क्या सामान्य सिनेमा घर एवं माल में संचालित मल्टीप्लेक्स सिनेमाघर के कर में कोई अंतर है? यदि "हाँ" तो कितना? (ग) प्रदेश के मॉल में कुल कितने मल्टीप्लेक्स सिनेमाघर संचालित हैं? इन्होंने कर के रूप में कुल कितनी राशि विभाग को दी? कितनों की राशि बकाया है? 1 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक की सूची सहित जानकारी देवें?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) प्रदेश के मॉल में संचालित सिनेमाघरों में टिकिट दर के निर्धारण हेतु वाणिज्यिक कर विभाग अधिकृत नहीं होने से टिकट दर निर्धारण करने के लिये विभाग का नियंत्रण नहीं है। (ख) टिकट दर निर्धारण में विभाग का कोई नियंत्रण नहीं होता है। अत: टिकिट दर निर्धारण के आधार पर किसी भी सिनेमाघर पर कोई कार्यवाही नहीं की गयी है। अधिसूचना क्रमांक ए-3-13-2015-1-पॉच- (17) दिनांक 31.03.2015 से, दिनांक 01.04.2006 के पूर्व से प्रारंभ सिंगल स्क्रिन सिनेमागृहों में रूपये 100/- तक की प्रति सीट मूल्य को करमुक्त रखा गया था। यह सुविधा दिनांक 30.06.2017 तक रही तत्पश्चात दिनांक 01 जुलाई 2017 से नवीन कर प्रणाली जी.एस.टी. लागू की गई है। (ग) प्रदेश के मॉल्स में 23 मल्टीप्लेक्स सिनेमाघरों हैं। इन 23 मल्टीप्लेक्स सिनेमाघरों द्वारा 01 जनवरी 2014 से अब तक कुल राशि रूपये 4726.38 लाख जमा की गई है। 07 मल्टीप्लेक्स सिनेमाघरों पर कुल बकाया राशि रूपये 83.34 लाख लंबित है। अपील स्तर पर स्थगन होने से यह बकाया राशि लंबित है। जमा राशि एवं बकाया राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
मंदसौर हवाई पट्टी का निर्माण
[विमानन]
4. ( क्र. 42 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर की हवाई पट्टी के लिए विभाग द्वारा कौन-कौन से कार्य प्रस्तावित हैं? किस-किस कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि जारी की गई थी? क्या सभी कार्य पूर्ण हो चुके है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या उक्त हवाई पट्टी पर पायलेट विश्राम गृह एवं समस्त हवाई पट्टी क्षेत्र की सुरक्षा हेतु बाउण्ड्रीवाल बनाने की राशि स्वीकृति की जा चुकी है? यदि हाँ, तो निर्माण कार्य की अद्यतन स्थिति क्या है? यदि नहीं, तो उक्त कार्य पूर्णता की समय-सीमा बतायें। (ग) प्रदेश के किन-किन जिलों की हवाई पट्टी पर वायुयान सेवाएं प्रदान करने की विभागीय योजना है? मंदसौर हवाई पट्टी पर कब तक हवाई सेवाएं प्रारम्भ कर दी जाएगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) मंदसौर हवाई पट्टी के चारों ओर बाउण्ड्रीवाल, वेटिंग हॉल तथा गार्ड रूम का निर्माण जिला प्रशासन द्वारा प्रस्तावित किया गया था। विभाग द्वारा कोई स्वीकृति जारी नहीं की गई हैं, अत: कार्य पूर्ण होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। विभाग द्वारा बजट उपलब्धता के आधार पर स्वीकृतियां जारी की जाती हैं। (ख) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। कार्य स्वीकृत नहीं होने से पूर्णता की समय-सीमा बताना संभव नहीं हैं। (ग) प्रदेश स्थित शासकीय हवाई पट्टियों/विमानतलों से भारत सरकार की उड़ान योजना है। यह वैमानिक कम्पनियों की अभिरूचि एवं संबंधित स्थान से यात्रीभार पर निर्भर रहता हैं, अत: समय-सीमा बतलाई जाना संभव नहीं हैं।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिकाओं की नियुक्ति
[महिला एवं बाल विकास]
5. ( क्र. 57 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भिण्ड जिले में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका के लिए जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक नियुक्ति के लिए कब विज्ञप्ति जारी की गई? कब सूची जारी की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत किस केन्द्र पर किसकी नियुक्ति हुई? क्या प्रमाण पत्रों व जाति तथा बी.पी.एल. कार्ड जाँच करवाई गई है? यदि हाँ, तो किसका गलत पाया गया? क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या प्रश्नांश (क) के अंतर्गत नियुक्ति प्रक्रिया प्रचलित है? शासन के मापदण्डों के अनुरूप कार्यवाही समयावधि में संपन्न नहीं हो रही हैं इसके क्या कारण हैं? (घ) भिण्ड विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्तमान में कौन से पद रिक्त हैं? पद रिक्त के क्या कारण हैं? पद की पूर्ति कब तक हो जायेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) भिण्ड जिले में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका के लिये जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक नियुक्त के लिये जारी विज्ञप्ति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में भिण्ड जिले में विभाग द्वारा वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक नियुक्त की गई आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जी नहीं। नियुक्ति प्रक्रिया शासन के मापदण्डों के अनुरूप ही संपन्न की जा रही है। (घ) भिण्ड विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत वर्तमान में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका के पद त्याग पत्र, मृत्यु, आदि के कारण पद रिक्त होते रहते है जो कि एक सामान्य प्रक्रिया है। पदपूर्ति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
लिपिक वर्गीय कर्मचारियों की वेतन विसंगतियों का निराकरण
[वित्त]
6. ( क्र. 69 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक एफ 19.58/2017/1/4, भोपाल दिनांक-08 सितम्बर 2017 द्वारा लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ की मांगों एवं वेतन विसंगतियों के संबंध में गठित समिति द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन में उल्लेखित अनुशंसाओं का अध्ययन/परीक्षण एवं अनुशंसा करने हेतु राज्य शासन द्वारा प्रमुख सचिव वित्त की अध्यक्षता में द्वि-सदस्यीय समिति का गठन किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समिति द्वारा किस-किस दिनांक को प्रतिवेदन का अध्ययन/परीक्षण करने हेतु कितनी बैठक कब-कब आहूत की गई? बैठक दिनांक 24.01.2018 की कार्यवाही विवरण जारी किया या नहीं? यदि हाँ, तो कार्यवाही विवरण उपलब्ध करावे नहीं तो कारण बतावें? (ग) द्वि-सदस्यीय समिति द्वारा अंतिम प्रतिवेदन कब तक प्रस्तुत करने की सम्भावना है?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। (ख) दिनांक 23-10-2017, दिनांक 03-01-2018, दिनांक 24-01-2018, दिनांक 09-02-2018 को बैठकें आयोजित की गई। बैठकों में समिति के सदस्यों तथा संबंधित के मध्य चर्चाये हुई है। कार्यवाही विवरण जारी किये जाने की आवश्यकता नहीं रही है (ग) प्रतिवेदन के तथ्यों पर समग्र विचार कर समिति द्वारा अनुशंसायें की जानी है जो प्रक्रियाधीन है I
आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
7. ( क्र. 70 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र बासौदा में कौन-कौन से ग्रामों में आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है? संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में से कितने केन्द्र किराए के भवन में कब से संचालित हो रहे हैं और कितने स्वयं के भवन में कब में संचालित हो रहे हैं, की जानकारी केन्द्रवार उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्वयं के भवनों में से ऐसे कितने केन्द्र हैं, जिनके भवनों का निर्माण वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 व 2017-18 में कितनी लागत से किया गया है, की जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित किराए के भवन में संचालित केन्द्रों में से कितने केन्द्रों के भवन निर्माण, कितनी लागत से वर्ष 2018-19 में किया जाना प्रस्तावित है, की जानकारी उपलब्ध करावे। (घ) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित भवनों में से कितने भवनों के कार्यपूर्णता प्रमाण पत्र जारी हुये, कितनों के नहीं, की जानकारी उपलब्ध करावें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) विधानसभा क्षेत्र बासौदा में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'क' अनुसार है। किराये के भवनों में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों की संचालन के वर्ष सहित केन्द्रवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ख' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्वयं के भवनों में से ऐसे आंगनवाड़ी केन्द्र हैं जिनका निर्माण वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 व 2017-18 में किया गया है उनकी लागत सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ग' अनुसार है। (ग) आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण कार्य वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है। अतः जानकारी उपलब्ध कराया जाना संभव नहीं है। (घ) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित भवनों के निर्माण कार्य पूर्ण न होने के कारण कार्यपूर्णता प्रमाण पत्र जारी नहीं किये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ग' अनुसार है।
बुन्देलखण्ड पैकेज में हुई अनियमितताएं
[सामान्य प्रशासन]
8. ( क्र.
167 ) कुँवर
विक्रम सिंह :
क्या
मुख्यमंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
भारत सरकार
द्वारा वर्ष 2009 में
बुन्देलखण्ड
क्षेत्र के 06 जिलों
के विकास हेतु
रूपये 3860 करोड़ की
राशि दी गई थी, जिसमें
गंभीर
अनियमितताओं
की जाँच
विभागवार की
गई? (ख) हाईकोर्ट
के आदेश (रिट
पिटीशन क्र.16108/2014) पर जाँच
की कार्यवाही
की गई?
(ग) यदि हाँ, तो अब
तक जाँच अभिमत
के अनुसार
कौन-कौन
अधिकारी दोषी
पाये गये, उनके
विभागवार पद
सहित नाम
बतावें?
मुख्यमंत्री
( श्री शिवराज
सिंह चौहान ) : (क) एवं
(ख) जी हाँ। (ग) जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
छात्रावासों में व्यय राशि
[जनजातीय कार्य]
9. ( क्र. 176 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा कितने कन्या छात्रावास एवं बालक छात्रावास संचालित हैं? (ख) वर्ष 15-16 से प्रश्न दिनांक तक छात्रावासों में शासन द्वारा दिये गये आवंटन से कितनी-कितनी राशि का व्यय किया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत व्यय की गई राशि के परीक्षण भौतिक सत्यापनकर्ता अधिकारी कौन-कौन रहे? उनके पद सहित नाम बतायें। (घ) क्या देयकों/वाउचरों का भंडार क्रय नियमों के तहत आहरण अधिकारी द्वारा अवलोकन कर भुगतान की कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो विवरण बतायें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) छतरपुर जिले में अनुसूचित जनजाति के कन्या छात्रावास नहीं हैं एवं 06 बालक छत्रावास संचालित हैं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) व्यय की गई राशि का परीक्षण एवं क्रय की गई सामग्री का भौतिक सत्यापन मण्डल संयोजक, क्षेत्र संयोजक, जिला संयोजक, जनजातीय कार्य विभाग एवं जिला स्तरीय क्रय समिति (कलेक्टर, अनुसूचित जाति के माननीय विधायक, महाप्रबंधक, रोजगार अधिकारी) द्वारा किया जाता है। (घ) जी हाँ। देयको/वाउचरों का भण्डार क्रय नियमों के तहत भौतिक सत्यापन उपरान्त ही भुगतान किया जाता है।
टेक-टू होम राशन व्यवस्था
[महिला एवं बाल विकास]
10. ( क्र. 177 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या आंगनवाड़ी केन्द्रों में वितरित होने वाला (टी.एच.आर.) टेक-टू होम राशन प्रदाय करने का कार्य समूहों को प्रदान किया गया? (ख) यदि हाँ, तो शासन की नियमावली उपलब्ध करावें? (ग) क्या राज्य मंत्री परिषद् की बैठक दिनांक 14-11-17 में पूरक पोषण आहार (टेक होम राशन) की नवीन नीति निर्धारित की गई है? (घ) छतरपुर जिले में लागू की गई व्यवस्था दिनांक से प्रश्न दिनांक तक हितग्राही की संख्या की योजनावार जानकारी उपलब्ध करावें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी नहीं, परन्तु मंत्रि परिषद की बैठक दिनांक 14.11.17 में टेकहोम राशन (टी.एच.आर.) की नवीन व्यवस्था के लिए स्व-सहायता समूहों/स्व-सहायता समूहों के फेडरेशन से किए जाने का निर्णय लिया गया है। (ख) मंत्रि परिषद के निर्णय अनुसार कार्यवाही वर्तमान में प्रक्रियाधीन हैं। (ग) जी हाँ। (घ) वर्तमान में मंत्रि परिषद के निर्णयानुसार छतरपुर जिले में नवीन व्यवस्था प्रारम्भ नहीं हुई हैं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं।
पम्पों के उर्जीकरण योजनान्तर्गत विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
11. ( क्र. 199 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 03 वित्तीय वर्षों 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में आगर एवं शाजापुर जिला अन्तर्गत आदिम जाति कल्याण विभाग से कितने विद्युत पम्पों के ऊर्जीकरण हेतु आवेदन विद्युत कंपनी को प्राप्त हुए? इस हेतु आदिम जाति कल्याण विभाग को आगर एवं शाजापुर जिले के लिए प्रश्नांकित अवधि हेतु कितना बजट आवंटन प्राप्त हुआ था एवं विद्युत कंपनी को कितना बजट आवंटन प्राप्त हुआ था? प्रश्नांकित अवधि में कितने पम्पों का ऊर्जीकरण किया गया वित्तीय वर्षवार बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) के प्ररिप्रेक्ष्य में विधानसभा क्षेत्र सुसनेर के अन्तर्गत चिन्हित सिंचाई पम्प उपभोक्ता हितग्राहियों की ग्रामवार सूची उपलब्ध करावें जिनके सिंचाई पम्पों के कार्य विगत 03 वित्तीय वर्षों में आदिम जाति कल्याण विभाग के माध्यम से कराये गये है? प्रश्नांकित अवधि में किन-किन ठेकेदार/फर्म से उक्त कार्य सम्पादित कराये गये है उनका नाम एवं उनके द्वारा पूर्ण किये गये सिंचाई पम्प की संख्या का विवरण भी देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) के तारतम्य में क्या हितग्राही कृषकों हेतु किये गये विद्युत लाईन विस्तार एवं ट्रांसफार्मर इत्यादि के भौतिक सत्यापन किये गये है? यदि भौतिक सत्यापन हेतु पंचनामा बनाया गया हो तो पंचनामों की सत्यापित प्रतिलिपि उपलब्ध करावें? (घ) सुसनेर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत आदिम जाति कल्याण विभाग के माध्यम से चिन्हित सिंचाई पम्प हितग्राही हेतु प्राक्कलन स्वीकृत होने किन्तु भौतिक रूप से कार्य पूर्ण नहीं होने संबंधी कितनी शिकायतें विगत 03 वित्तीय वर्षों में प्राप्त हुई? प्राप्त शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई, शिकायतवार पूर्ण विवरण देवें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विगत 03 वित्तीय वर्षों यथा-2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में आगर जिले में क्रमशः 399, 322 एवं निरंक तथा शाजापुर जिले में क्रमश: 287, 67 एवं निरंक आवेदन जनजातिय तथा अनुसूचित जाति कल्याण विभाग से विद्युत पम्पों के ऊर्जीकरण हेतु विद्युत कंपनी को प्राप्त हुए। जनजातिय तथा अनुसूचित जाति कल्याण विभाग से प्राप्त जानकारी के आधार पर प्रश्नाधीन अवधि यथा-वित्तीय वर्षों 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में जनजातिय तथा अनुसूचित जाति कल्याण विभाग को आगर जिले के लिए क्रमशः राशि रु.975 लाख, रू.90 लाख एवं निरंक तथा शाजापुर जिले के लिए राशि रु.880.50 लाख, निरंक राशि एवं रू. 140 लाख की राशि आवंटित हुई थी, जिसके अतिरिक्त अति. मुख्य अभियंता (कार्य) कार्पोरेट कार्यालय इंदौर के पत्र क्रमांक 4721 दिनांक 09.03.2017 से वित्तीय वर्ष 2016-17 में जनजातिय तथा अनुसूचित जाति कल्याण विभाग से सीधे तौर पर कंपनी कार्यालय को प्राप्त राशि रु. 18.06 करोड़ में से जिला आगर को राशि रु. 6 लाख एवं शाजापुर जिले को राशि रु. 3.00 लाख का पुर्नआवंटन किया गया था। उक्त जिलों में वित्तीय वर्षों 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में जनजातिय तथा अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा कोई बजट आवंटन विद्युत कंपनी को नहीं किया गया अपितु नियमानुसार विद्युतीकरण के कार्यों की प्राक्कलित राशि का 3 प्रतिशत सुपरविजन चार्ज तथा उस पर सर्विस टेक्स विद्युत कंपनी में जमा कराया गया। उपरोक्त उल्लेखित अवधि में जनजातिय तथा अनुसूचित जाति कल्याण विभाग से प्राप्त पम्प के ऊर्जीकरण के आवेदनों में से आगर जिले में क्रमशः 288, 119 एवं निरंक तथा शाजापुर जिले में क्रमशः 287, 67 एवं निरंक विद्युत पम्पों के ऊर्जीकरण का कार्य किया गया। वित्तीय वर्ष 2016-17 में विद्युत कंपनी को आगर एवं शाजापुर जिलों हेतु प्राप्त आवंटन राशि क्रमश: रु. 6 लाख एवं 3.00 लाख के विरुद्ध प्रश्नांश में उल्लेखित अवधि में कोई भी कार्य सम्पादित नहीं कराया गया। (ख) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर के अंतर्गत विगत 3 वित्तीय वर्षों यथा-2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में जनजातिय तथा अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के माध्यम से सिंचाई पम्पों के विद्युतीकरण के कार्य के हितग्राहियों की वर्षवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'अ-1', 'अ-2' एवं 'अ-3' अनुसार है। उक्त कार्य जिन ठेकेदार/फर्म से जनजातिय तथा अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा सम्पादित कराये गये है उनके नाम एवं उनके द्वारा पूर्ण किये गये सिंचाई पम्पों की संख्या की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब-1', 'ब-2' एवं 'ब-3' अनुसार है। (ग) जी हाँ। उक्त अवधि में हितग्राहियों/कृषकों हेतु किये गये विद्युत लाईन विस्तार एवं ट्रांसफार्मर इत्यादि कार्यों का भौतिक सत्यापन समय-समय पर विद्युत कंपनी के वितरण केन्द्र प्रभारियों द्वारा किया गया है। भौतिक सत्यापन हेतु पंचनामे नहीं बनाये गये थे। अत: प्रश्न नहीं उठता। (घ) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर के अंतर्गत विगत 3 वित्तीय वर्षों यथा-2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में जनजातिय तथा अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के माध्यम से चिन्हित सिंचाई पम्प हितग्राहियों हेतु प्राक्कलन स्वीकृत होने किन्तु भौतिक रुप से कार्य पूर्ण नहीं होने संबंधी कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, अत: प्रश्न नहीं उठता।
आंगनवाड़ी भवनों की कार्य पूर्णता व उपलब्धता
[महिला एवं बाल विकास]
12. ( क्र. 200 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत जनवरी 2014 की स्थिति में कुल कितने आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन थे एवं कितने आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन जर्जर अवस्था में थे? सूची उपलब्ध करावे? (ख) प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में किन-किन आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन वर्तमान तक स्वीकृत किए गए हैं? स्वीकृत भवनों की प्रशासकीय स्वीकृति, तकनीकि स्वीकृति, जारी विज्ञप्ति आदि का विवरण उपलब्ध करावें तथा कार्य पूर्णता की जानकारी भी केन्द्रवार उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश ''क'' एवं ''ख'' में उल्लेखित आंगनवाड़ी केन्द्रों अनुसार शेष आंगनवाड़ी केन्द्रों में भवन उपलब्धता हेतु प्रस्ताव किस स्तर पर प्रचलित हैं? विवरण देवें? स्वीकृति कब तक होगी? (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रं. 310 दिनांक 05.05.17, क्र. 407 दिनांक 26.5.17, क्र. 408 दिनांक 26.5.17 द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्रों में भवन स्वीकृति हेतु अनुशंसा प्रदान की थी? उक्त पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) आगर जिले के विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अन्तर्गत कुल 193 आंगनवाड़ी केन्द्र जनवरी 2014 की स्थिति में भवन विहीन एवं 21 आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन जर्जर अवस्था में थे। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'क' अनुसार है। (ख) विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अन्तर्गत कुल 80 भवन जनवरी 2014 से वर्तमान तक विभिन्न योजनान्तर्गत स्वीकृत किये गये है। केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ख' अनुसार है। स्वीकृत भवनों की प्रशासकीय स्वीकृति एवं विज्ञप्ति आदि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ग' अनुसार है। तकनीकि स्वीकृति निर्माण एजेंसी कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा जारी की जाती है जो कि उपलब्ध कराया जाना संभव नहीं है। उपरोक्त स्वीकृत 80 आंगनवाड़ी भवनों में से 38 भवन पूर्ण हो चुके है। केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशष्ट के प्रपत्र 'घ' अनुसार है। (ग) आगर जिले के विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अन्तर्गत 2 परियोजनाओं सुसनेर एवं नलखेडा के भवन विहीन केन्द्रों के भवन निर्माण के प्रस्ताव जिले से प्राप्त होने पर वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता अनुसार निर्मित होने वाले भवनों के प्रस्ताव में सम्मिलित किया जावेगा। आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृति वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करती है। अतः समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं। (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रं. 310 दिनांक 05.05.17 जिले को प्राप्त नहीं हुआ है। पत्र क्रमांक 407 एवं 408 अनुसार शेष 37 भवन विहीन आंगनवाड़ी भवनों के खसरा सहित प्रस्ताव जिले से प्राप्त होने पर वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता अनुरूप स्वीकृति दी जा सकेगी।
निर्माण कार्यों एवं विकास कार्यों की स्वीकृति
[जनजातीय कार्य]
13. ( क्र. 215 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सैलाना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत मुख्यमंत्री जी द्वारा विभाग से संबंधित बाजना एवं रावटी को विकास कार्य हेतु 1-1 करोड़ तथा सखन व शिवगढ़ को 50-50 लाख दिए जाने कि घोषणा पर क्या कार्यवाही की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में क्या विभाग द्वारा उपरोक्त ग्रामों में घोषणा अनुसार विकास कार्यों की स्वीकृति प्रदान कर दी है, यदि नहीं, तो क्यों? (ग) घोषणा अनुसार राशि की स्वीकृति प्रदान कर निर्माण कार्य प्रारंभ करने में कोई तकनीकी समस्या आ रही है, यदि हाँ, तो कब तक इसका निराकरण कर ग्राम पंचायतों को घोषणा अनुसार राशि प्रदान कर कार्य प्रारंभ करवाएं जाएंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) रतलाम जिले में ग्राम पंचायत बाजना, रावटी और सरवन में सी.सी. सड़क निर्माण, नाली निर्माण, बस स्टेंड विकास आदि कार्यों के लिये बाजना को 1.00 करोड़ तथा रावटी एवं सरवन को 50-50 लाख दिये जाने की घोषणा की गई थी। जिसमें शिवगढ़ हेतु घोषणा नहीं है, उक्त घोषणाओं पर की गई कार्यवाही निम्नानुसार है- 1. ग्राम रावटी हेतु 02 कार्य राशि रू. 17.44 लाख के स्वीकृत किये गये। 2. बाजना एवं सरवन में कार्यवाही प्रचलन में। (ख) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर अनुसार। (ग) घोषणा के संबंध में वस्तुस्थिति प्रश्नांश ''क'' के उत्तर अनुसार है। कार्यवाही प्रचलित है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जनजातीय छात्रावास अधीक्षक
[जनजातीय कार्य]
14. ( क्र. 216 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सैलाना विधान सभाक्षेत्र अंतर्गत कुल कितने आदिवासी बालक एवं बालिका छात्रावास हैं इनमें से कितने विभाग के अधीक्षक हैं तथा कितने शिक्षकों को छात्रावास अधीक्षक का प्रभार दे रखा है? (ख) क्या जनजातीय छात्रावासों में उसी वर्ग के कर्मचारी को अधीक्षक रखे जाने का प्रावधान है, यदि हाँ, तो क्या सैलाना विधान सभाक्षेत्र अंतर्गत इस नियम का पालन किया जा रहा है, यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या शासन द्वारा लगातार तीन वर्ष अधीक्षक का कार्य देखने वाले कर्मचारी का स्थानांतरण करने तथा हटाने का नियम है, यदि हाँ, तो इस संबंध में सैलाना विधान सभा क्षेत्र में क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक इस पर कार्यवाही होगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) सैलाना विधानसभा क्षेत्र में 25 बालक एवं 08 कन्या छात्रावास संचालित हैं। इनमें 05 छात्रावास में विभाग द्वारा अधीक्षक के रूप में नियुक्त कर्मचारी कार्यरत हैं। शेष में 01 प्र.अ., 01 वरिष्ठ अध्यापक, 04 अध्यापक, 14 सहायक अध्यापक, 03 शिक्षक एवं 05 सहायक शिक्षकों को अधीक्षक पद का प्रभार दिया गया है। (ख) जी हाँ। सैलाना विधानसभा क्षेत्र में स्थित 33 छात्रावासों में से 25 अनुसूचित जनजाति, 06 अनुसूचित जाति, 01 पिछड़ा वर्ग एवं 01 सामान्य वर्ग के अधीक्षक कार्यरत हैं। अन्य वर्ग के 02 अधीक्षक तत्कालीन तात्कालिक व्यवस्था के तहत पदस्थ किए गये हैं। (ग) जी हाँ, तीन वर्ष से अधिक अवधि के कार्यरत अधीक्षकों को हटाने/स्थानांतरण किये जाने की कार्यवाही स्थानांतरण अवधि में नियमानुसार की जाती है।
आनंद उत्सवों का आयोजन
[आनन्द]
15. ( क्र. 227 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आनंद मंत्रालय द्वारा सीहोर जिले में वर्ष 2017-18 के दौरान कौन-कौन से आयोजन किन-किन स्थानों पर किए गए तथा उक्त आयोजनों में कितने लोगों ने सहभागिता की? आयोजनवार ब्यौरा दें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार आयोजन स्कूली विद्यार्थियों के अलावा आम लोगों के लिए भी किए थे? यदि हाँ, तो कौन-कौन से आयोजन किन-किन स्थानों पर किए गए? आयोजनवार ब्यौरा दें। (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) अनुसार आयोजन में प्रतिभागियों अथवा विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए गए हैं? यदि हाँ, तो आयोजनवार पुरस्कृत प्रतिभागियों के नाम सहित पूर्ण ब्यौरा दें। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार जिले में किए गए आयोजनों में कितनी राशि व्यय की गई? आयोजनवार व्यय राशि का ब्यौरा दें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) वर्ष 2017-18 में सीहोर जिले में आनंद उत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। आयोजनवार पुरस्कृत प्रतिभागियों के नाम सहित पूर्ण ब्यौरा की जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) जिले के विकासखण्ड एवं पंचायत स्तर पर किये गये आयोजनों पर कुल राशि रूपये 24,85,000/- की स्वीकृति प्रदान की गयी। देयक प्राप्त ना होने के कारण व्यय की जानकारी दिया जाना संभव नहीं है।
मजरे टोले व बसाहटों का विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
16. ( क्र. 228 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इछावर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कौन-कौन से मजरे टोले बसाहट विद्युत विहीन हैं? ब्लॉकवार, पंचायतवार ब्यौरा दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार इन स्थानों का विद्युतीकरण किए जाने के लिए शासन द्वारा क्या योजना बनाई गई है? (ग) विद्युत विहीन टोले व बसाहटों में कब तक विद्युतीकरण कर दिया जाएगा? ब्लॉकवार, पंचायतवार ब्यौरा दें।
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
पारस चन्द्र
जैन ) : (क) इछावर
विधानसभा
क्षेत्र में
सर्वे के आधार
पर 33
मजरे/ टोले/बसाहट
विद्युतविहीन
है, जिनका
विकासखण्डवार
एवं
पंचायतवार
विवरण संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (ख)
उत्तरांश 'क' में उल्लेखित
मजरों/टोलों/बसाहटों
के
विद्युतीकरण का
कार्य 11वीं पंचवर्षीय
योजना में स्वीकृत
राजीव गांधी
ग्रामीण
विद्युतीकरण
योजना में
सम्मिलित है। (ग)
प्रश्नाधीन
विद्युतविहीन
मजरों/टोलों/बसाहटों
के
विद्युतीकरण
का कार्य जून, 2018 तक
पूर्ण किया
जाना संभावित
है, जिसका
विकासखण्डवार
एवं
पंचायतवार
विवरण संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है।
परिशिष्ट
- ''पैंतीस''
विद्युत की स्पॉट बिलिंग की फीडिंग कम्प्यूटर में दर्ज करना
[ऊर्जा]
17. ( क्र. 243 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कम्प्यूटर में विद्युत की स्पॉट बिलिंग की फीडिंग तत्काल न होने के कारण 10 दिन तक उपभोक्ता बिल जमा नहीं कर पाता है? (ख) यदि हाँ, तो ऐसा क्यों? (ग) क्या स्पॉट बिल जारी होने के साथ ही राशि जमा हो जावें, ऐसी व्यवस्था बनाई जायेगी? (घ) यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) स्पॉट बिल जारी होने के तत्काल बाद उपभोक्ता विद्युत कंपनी के संबंधित कार्यालय/कलेक्शन सेंटर पर जाकर बिल जमा कर सकता है एवं सामान्यत: 3 से 4 दिन बाद ऑनलाईन भुगतान कर सकता है। (ख) स्पॉट बिलिंग होने के पश्चात् वितरण कंपनी की बिलिंग प्रणाली में बिल तैयार होता है एवं ऑन लाईन दर्शित होता है। एक ग्रुप के समस्त उपभोक्ताओं की स्पॉट बिलिंग किये जाने, उन्हें संकलित करने एवं वितरण कंपनी की बिलिंग प्रणाली से बिल तैयार करने में सामान्यत: 3 से 4 दिन की अवधि लगती है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार स्पॉट बिल जारी होने के तत्काल बाद उपभोक्ता विद्युत कंपनी के संबंधित कार्यालय/कलेक्शन सेंटर पर जाकर बिल जमा कर सकता है। तथापि स्पॉट बिलिंग के 24 घंटे के भीतर ऑन लाईन बिल जमा करने हेतु व्यवस्था बनाए जाने के प्रयास किये जा रहे है, जिस हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रदेश शासन के पेंशनरों को सातवां वेतनमान का लाभ
[वित्त]
18. ( क्र. 300 ) श्री तरूण भनोत : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन्द्र शासन ने अपने पेंशनरों को सातवां वेतनमान 2.57 के गुणक के मान से दिनांक 1.1.2016 से प्रदाय कर दिया है? क्या राज्य शासन ने भी अपने सेवानिवृत्त कर्मचारियों को दिनांक 1.1.2016 से सातवां वेतनमान के हिसाब से पेंशन प्रदाय की घोषणा की है? (ख) क्या प्रदेश सरकार के लगभग 3.5 लाख पेंशनरों को सातवां वेतनमान न मिलने से उन्हें आर्थिक संकटों से गुजरना पड़ रहा है? यदि हाँ, तो क्या शासन दिनांक 1.1.2016 से पेंशनरों को एरियर्स सहित पेंशन प्रदाय करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी, हां। जी नहीं। (ख) प्रदेश के पेंशनर्स को पेंशन निरन्तर प्राप्त हो रही है। राज्य के वित्तीय संसाधनों के परिप्रेक्ष्य में यथा आवश्यक निर्णय लिया जाता है, अत: समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
बिगड़े एवं खराब विद्युत ट्रांसफार्मर बदलना
[ऊर्जा]
19. ( क्र. 309 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरगी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत फरवरी 2018 की स्थिति में कितने विद्युत ट्रांसफार्मर खराब है एवं कब से? (ख) किसानों के हित में बिगड़े ट्रांसफार्मर कब तक बदले जावेगें? बिगड़े ट्रांसफार्मर की जानकारी स्थानवार दें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) बरगी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत दिनांक 08.02.2018 की स्थिति में कुल 10 जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण बदले जाने हेतु शेष है। उक्त बदलने हेतु शेष वितरण ट्रांसफार्मरों के फेल होने की दिनांकवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्तमान में लागू नियमानुसार जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों से जुड़े 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा बकाया राशि का भुगतान करने पर अथवा कुल बकाया राशि की 20 प्रतिशत राशि जमा होने के उपरांत उन्हें बदला जाता है। उक्त 10 जले/खराब ट्रांसफार्मरों से संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार बकाया राशि जमा करने पर उन्हें बदला जा सकेगा। अत: वर्तमान में फेल/खराब ट्रांसफार्मरों को बदले जाने की समय-सीमा बता पाना संभव नहीं है। उक्त 10 जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थानवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
विद्युतीकरण की उच्च स्तरीय जाँच कराना
[जनजातीय कार्य]
20. ( क्र.
313 ) श्री
सुखेन्द्र
सिंह : क्या
मुख्यमंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
प्रश्नकर्ता
के विधान सभा
क्षेत्र
मऊगंज-71 अन्तर्गत
संचालित
एकीकृत
आदिवासी
विकास परियोजना
पिपराही में
प्राप्त
राशि से वर्ष 2010-11 से
लेकर वर्ष 2014-15 तक
विद्युतीकरण
कराया गया
जिसमें भारी
अनियमितता के
परीक्षण हेतु
उच्च स्तरीय
समिति गठित कर
जाँच कराये
जाने का
पत्राचार
आयुक्त
आदिवासी
विकास भोपाल
को प्रश्नकर्ता
द्वारा लिखा
गया था? (ख) प्रश्नांश
(क) के प्रकाश
में प्रश्न
दिनांक तक
विभाग द्वारा
क्या
कार्यवाही की
गई? कार्यवाही
की सत्यापित
प्रतिलिपि
उपलब्ध
करावें? यदि नहीं, की गई
तो क्यों? (ग) प्रश्नांश
(क) एवं
(ख)
के प्रकाश
में यदि उच्च
स्तरीय जाँच
नहीं करायी गई
तो इसके लिये
कौन-कौन दोषी
है, दोषियों
का नाम बतावें? अगर जाँच
कराई गई है तो
किसके-किसके
द्वारा? किसकी
उपस्थिति में? जाँच
का सम्पूर्ण
प्रतिवेदन
उपलब्ध
करावें? (घ) प्रश्नांश
(ग) के प्रकाश
में जाँच कब
तक करा ली
जावेगी? यदि नहीं, करायी
जावेगी तो क्यों?
मुख्यमंत्री
( श्री शिवराज
सिंह चौहान ) : (क) जी
हाँ। (ख) जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) के
उत्तर के
प्रकाश में
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। कलेक्टर, रीवा
के आदेश
दिनांक 12.02.2018 द्वारा
समिति गठित कर
जाँच करायी जा
रही है। जाँच
पूर्ण होने के
पश्चात
प्रतिवेदन
उपलब्ध
कराया जा
सकेगा। (घ) जाँच
की कार्यवाही
प्रक्रियाधीन
है। समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
शेष का प्रश्न
उपस्थिति
नहीं होता।
बजट प्राप्त करने एवं खर्च करने में लापरवाही
[जनजातीय कार्य]
21. ( क्र. 314 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र मऊगंज-71 अन्तर्गत पिपराही में एकीकृत आदिवासी विकास लघु परियोजना संचालित है? (ख) यदि हाँ, तो उपरोक्त उपयोजना में वित्तीय वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 एवं वर्ष 2017-18 में केन्द्र एवं राज्य सरकार से कितनी राशि, किस-किस मद में किस-किस कार्य हेतु उपयोजना को प्राप्त हुई? प्रत्येक का पृथक-पृथक विवरण उपलब्ध करावे? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के प्रकाश में प्राप्त राशि का उपयोग किस-किस कार्य में कहाँ-कहाँ किया गया सूची उपलब्ध करावें? कार्य की भौतिक स्थिति बतावें? कार्य का मूल्यांकन किसके द्वारा किया गया नाम, पद बतावें? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के प्रकाश में यदि बजट प्राप्त नहीं हुआ तो उसके लिये कौन-कौन दोषी है बतावें? उनके खिलाफ क्या-क्या कार्यवाही की गई बतावें? नहीं की गई तो क्यों? की जावेगी तो क्या, कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) वित्तीय वर्ष 2014-15 में परियोजना पिपराही को आवंटन प्राप्त हुआ है। वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 भारत सरकार से परियोजना हेतु स्वीकृति प्राप्त नहीं होने से बजट प्रदान नहीं किया गया है। वर्ष 2017-18 में भारत सरकार से स्वीकृति के विरूद्ध राशि प्राप्त होना शेष होने से वर्तमान में परियोजना पिपराही को राशि आबंटित नहीं की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आंगनवाड़ी भवन का निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
22. ( क्र. 318 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) राजगढ़ जिले के सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आँगनवाड़ी केन्द्र कहाँ-कहाँ पर संचालित हैं वर्ष 2017-18 में कितने बच्चे पंजीकृत हैं। प्रत्येक आंगनवाड़ी केन्द्रों में दर्ज बच्चों की संख्या, कार्यरत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका की जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश “क” के अंतर्गत कितने आंगनवाड़ी केन्द्र शासकीय भवन में संचालित हैं एवं कितने किराये के भवन से संचालित हो रहे हैं? ग्रामवार जानकारी देवें? किराये की आंगनवाड़ी केन्द्रों का किराया कब से लंबित है? भवनवार जानकारी से अवगत करावें? (ग) सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में किन-किन ग्रामों हेतु आंगनवाड़ी भवन स्वीकृत किये गये हैं वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में स्वीकृत आंगनवाड़ी भवनों में से किन-किन ग्रामों में निर्माण कार्य प्रारम्भ किया जा चुका है? शेष ग्रामों में कब तक निर्माण कार्य प्रारम्भ किया जावेगा? विलंब के कारणों सहित अवगत करावें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) राजगढ़ जिले के सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों की जानकारी दर्ज बच्चों की संख्या, कार्यरत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'क' अनुसार है। (ख) राजगढ़ जिले के सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कुल 377 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। जिसमें से 104 आंगनवाड़ी केन्द्र विभागीय भवनों में, 94 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में तथा 179 आंगनवाड़ी केन्द्र अन्य शासकीय भवनों में संचालित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ख' अनुसार है। किराये संबंधित विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ग' अनुसार है। (ग) सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में स्वीकृत किये गये आंगनवाड़ी भवनों की ग्रामवार विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'घ' अनुसार है। वर्ष 2017-18 में स्वीकृत आंगनवाड़ी भवनों हेतु प्रति आंगनवाड़ी भवन राशि रूपये 4.68 लाख ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित की जा चुकी है, तकनीकि एवं प्रशासकीय स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलन में है। वर्ष 2016-17 में स्वीकृत भवनों में से 24 भवनों के लिये राशि रू. 2.00 लाख रूपये ग्राम पंचयातों के खातें में जमा की जा चुकी है शेष राशि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा हस्तातंरित नहीं होने के कारण प्रशासकीय एवं तकनिकी स्वीकृति जारी नहीं की जा सकी है।
प्राप्त आवंटन विरुद्ध किये गये कार्य
[अनुसूचित जाति कल्याण]
23. ( क्र.
326 ) श्री
कुँवरजी
कोठार : क्या
मुख्यमंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क)
राजगढ़ जिले
के अंतर्गत
आदिम जाति
कल्याण विभाग
को वर्ष 2017-18 हेतु
किस-किस
योजनान्तर्गत
कितना-कितना
आवंटन
प्राप्त हुआ
है? मदवार
जानकारी
उपलब्ध
करावें? (ख) राजगढ़
जिले के
अंतर्गत
विभिन्न
योजनाओं में
प्राप्त
आवंटन के
विरुद्ध
कौन-कौन से कार्यों
हेतु कितनी-कितनी
राशि प्रदाय
की गई है? तहसीलवार, कार्यवार
आंवटित राशि
की जानकारी से
अवगत करावें?
मुख्यमंत्री
( श्री शिवराज
सिंह चौहान ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र '1' अनुसार
है।
(ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र '2' अनुसार
है।
मध्यप्रदेश शासन पर कर्ज
[वित्त]
24. ( क्र. 410 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्त वर्ष 2009 से प्रश्न दिनांक तक मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रस्तुत सलाना बजट में कितना राज्य कोषी घाटा अपेक्षित था तथा कितना शुद्ध वास्तविक घाटा हुआ। वित्त वर्षवार सूची देवें। (ख) वित्त वर्ष 2009 से प्रश्न दिनांक तक प्रति वर्ष मध्यप्रदेश शासन द्वारा किन-किन वित्तीय संस्थाओं से किन नियमों तथा किस प्रकार की वापिसी की शर्तों के अधीन कितना-कितना, कब-कब कर्ज लिया गया। वित्त वर्षवार सूची देवें। (ग) प्रश्न दिनांक को मध्यप्रदेश शासन पर कुल कितना कर्ज देय था।
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर उपलब्ध है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर उपलब्ध है। (ग) वित्तीय वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 के वित्त लेखे नियंत्रक महालेखापरीक्षक से अभी तक प्राप्त नहीं हुए हैं, अत: जानकारी दी जाना संभव नहीं है।
पाटन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विद्युत वितरण
[ऊर्जा]
25. ( क्र. 411 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्त वर्ष 2017-18 में प्रश्न दिनांक तक पाटन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत किन-किन वितरण केन्द्रों में कहाँ-कहाँ किन-किन कारणों से कब-कब ट्रांसफार्मर जले अथवा फेल हुये बतलावें एवं इन बिगड़े ट्रांसफार्मरों को कितने समय पश्चात् कब बदला गया तथा कहाँ-कहाँ पर किन कारणों से प्रश्न दिनांक तक नहीं बदला गया है विवरण केन्द्रवार, माहवार सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत आने वाले विद्युत उपभोक्ताओं को उल्लेखित समयावधि में कितने-कितने राशि के बढ़े हुये बिल प्रदान किये गये एवं शिकायत करने पर कितनी राशि का समायोजन किया गया। माहवार विद्युत वितरण केन्द्रवार सूची देवें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित विद्युत वितरण केन्द्रों द्वारा माहवार कितने घंटे घरेलू उपभोक्ताओं एवं कितने घंटे कृषक कृषि कार्य हेतु विद्युत प्रदाय की गई। क्या यह सही है कि ग्रामीण कृषक उपभोक्ताओं को मात्र 7 से 8 घंटे विद्युत प्रदाय की जा रही है, यदि हाँ, तो इसके क्या कारण हैं शासन कब तक कृषक उपभोक्ताओं को 24 घंटे कृषि कार्य हेतु बिजली उपलब्ध करावेगा।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) पाटन विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2017-18 से दिनांक 08.02.2018 तक 1032 वितरण ट्रांसफार्मर फेल/खराब हुये हैं, जिनकी ट्रांसफार्मर फेल होने एवं बदलने की दिनांक तथा अवधि, विलम्ब से बदले जाने तथा फेल होने के कारण सहित लोकेशनवार/वितरण केन्द्रवार/दिनांकवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) वितरण कंपनी द्वारा उपभोक्ताओं को नियमानुसार बिल प्रदान किये जाते हैं तथापि कतिपय प्रकरणों में त्रुटिपूर्ण देयक जारी हो जाने की स्थिति में शिकायत प्राप्त होने पर जाँच कर आवश्यक सुधार किया जाता है। पाटन विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2017-18 से दिनांक 08.02.2018 तक प्राप्त त्रुटिपूर्ण बिलों की शिकायतों में से 289 उपभोक्ताओं के बिलों में सुधार किया गया जिनकी वितरण केन्द्रवार एवं उपभोक्तावार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) पाटन विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2017-18 से दिनांक 08.02.2018 तक घरेलू फीडरों एवं कृषि फीडरों पर माहवार औसतन विद्युत प्रदाय की वितरण केन्द्रवार/माहवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। जी नहीं, कृषि उपभोक्ताओं को प्राकृतिक आपदा/तकनीकी कारणों से आए आकस्मिक विद्युत व्यवधानों की अवधि को छोड़कर सामान्यत: 10 घण्टे विद्युत प्रदाय उपलब्ध कराया जा रहा है, जो कि कृषि कार्यों की आवश्यकता के दृष्टिगत पर्याप्त है तथा इस अवधि को बढ़ाए जाने का कोई प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं तथा सहायिकाओं की वेतन वृद्धि
[महिला एवं बाल विकास]
26. ( क्र. 420 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं तथा सहायिकाओं को वर्तमान में कितना वेतन प्रतिमाह दिया जा रहा है? इस वेतन में केन्द्र सरकार तथा राज्य सरकार की कितनी-कितनी हिस्सेदारी है? विषयांकित के वेतन हेतु केन्द्र तथा राज्य सरकारों की हिस्सेदारी तय करने हेतु क्या कोई नियम अथवा गाईड लाईन है? यदि हाँ, तो उसकी छायप्रति उपलब्ध करायें। (ख) वर्तमान में दिये जा रहे वेतन से पूर्व प्रारंभ से वेतन कितना था तथा इसमें कब-कब, कितनी-कितनी बढ़ोतरी की गयी? (ग) क्या शासन बढ़ती हुई मंहगाई को देखते हुए इनके वेतन में बढ़ोतरी पर विचार करेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) भारत सरकार द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं आंगनवाड़ी सहायिकाओं के पद को मानसेवी श्रेणी में रखा गया है, अत: आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं आंगनवाड़ी सहायिकाओं को भारत सरकार द्वारा मानदेय दिया जाता है एवं राज्य शासन द्वारा अतिरिक्त मानदेय दिया जाता है। मानदेय में केन्द्र तथा राज्य की हिस्सेदारी की जानकारी निम्नानुसार है :-
विवरण |
मानदेय केन्द्र सरकार द्वारा देय |
राज्य
सरकार द्वारा
देय अतिरिक्त
मानदेय शत
प्रतिशत
राज्य
सरकार द्वारा
वहन किया
जाता है। |
कुल
मानदेय एवं
अतिरिक्त
मानदेय की
राशि (2+5) |
||
कुल मानदेय |
केन्द्र का 60 प्रतिशत |
राज्य का 40 प्रतिशत |
|||
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता |
राशि रु. 3000/- प्रतिमाह |
राशि
|
राशि रु. 1200/- प्रतिमाह |
राशि रु. 2000/- प्रतिमाह |
राशि रु. 5000/- प्रतिमाह |
आंगनवाड़ी सहायिका |
राशि रु. 1500/- प्रतिमाह |
राशि रु. 900/- प्रतिमाह |
राशि रु. 600/- प्रतिमाह |
राशि रु. 1000/- प्रतिमाह |
राशि रु. 2500/- प्रतिमाह |
भारत सरकार द्वारा देय में मानदेय में केन्द्र सरकार का 60 प्रतिशत एवं राज्य सरकार का 40 प्रतिशत अंशदान होता है। गाईडलाईन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/ सहायिका मानसेवी है इनके मानदेय बढाने का निर्णय भारत सरकार द्वारा लिया जाता है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आदिवासी छात्रावास तथा आश्रम शालाओं में नियुक्त कर्मचारी
[जनजातीय कार्य]
27. ( क्र. 421 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र लांजी के अंतर्गत विभाग द्वारा संचालित कितने आदिवासी छात्रावास तथा आश्रम शालाएं हैं तथा इनमें कितने केवल छात्राओं के लिए हैं तथा कितने छात्र-छात्रों दोनों के लिए सामूहिक हैं? (ख) उक्त सभी में स्वीकृत पदों की जानकारी दें तथा वर्तमान में कार्यरत कर्मचारियों के नाम तथा उनका मिलने वाले वेतन कर्मचारी नियमित हैं, दैनिक वेतनभोगी है, कंटेनजेंसी पर है या कलेक्टर रेट पर रखे गये हैं, इसकी जानकारी भी दें? (ग) क्या उक्त में कार्यरत ऐसे कर्मचारी भी हैं जिन्हें एक हजार रूपये या दो हजार रूपये प्रतिमाह का मानदेय दिया जाता है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) विधानसभा क्षेत्र लांजी के अंतर्गत आदिवासी वर्ग हेतु 04 छात्रावास तथा 01 आश्रम शाला संचालित है। इनमें केवल 01 छात्रावास छात्राओं के लिए है तथा छात्र-छात्राओं दोनों के लिए कोई सामुहिक (संयुक्त छात्रावास) छात्रावास संचालित नहीं हैं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) किसी भी कर्मचारी को एक हजार रू. मानदेय नहीं दिया जा रहा है। जिन कर्मचारियों से सफाई का कार्य लिया जा रहा है, उन्हें अंशकालीन सफाई कर्मी हेतु निर्धारित मानदेय रू. 2000/- प्रतिमाह भुगतान किया जा रहा है।
खाते में निश्चित समय पर राशि न भेजने पर कार्यवाही
[आनन्द]
28. ( क्र. 500 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा संभाग में आनंद विभाग द्वारा संचालित योजनाओं हेतु कितनी राशि कब कब प्रदान की गयी एवं उनका उपयोग किन माध्यमों से कहाँ-कहाँ किन-किन कार्यों हेतु किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वर्ष 2017-18 में क्या ग्राम पंचायतों द्वारा विभाग की योजनाओं का संचालन किया गया? इस हेतु पंचायतों को राशि कब-कब जारी कर उनके खाते में भेजी गयी? विभाग द्वारा पंचायतों के माध्यम से कार्यक्रम कब-कब करने बाबत निर्देश जारी किये गये। निर्देश की प्रति देते हुए बतावें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार क्या प्राप्त राशि पंचायतों को एवं अन्य आयोजनकर्ताओं को समय पर आवंटित नहीं की गयी तथा कार्यक्रमों के आयोजन बाबत निर्देश जारी किए गये, इस स्थिति पर क्या कार्यकमों का आयोजन पंचायतों द्वारा कराया गया? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के विधिवत संचालन बाबत् राशि समय पर जारी नहीं की गयी तथा फर्जी बिल बाउचर तैयार कर राशि का गबन कर लिया गया? इसके लिए जिम्मेवारों पर क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) आनंद विभाग द्वारा रीवा संभाग को योजनाओं के संचालन हेतु कोई राशि प्रदान नहीं की गई। अत: शेष प्रश्नांश लागू नहीं। (ख) जी हाँ, आनंद उत्सव आयोजन का। आनंद विभाग द्वारा पंचायतों को राशि जारी नहीं की गई। विभाग द्वारा पंचायतों के माध्यम से आयोजित आनंद उत्सव कार्यक्रम के निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) रीवा संभाग के सीधी जिले में पंचायत राज संचालनालय अंतर्गत जिला पंचायत सीधी द्वारा जनपद एवं ग्राम पंचायतों हेतु दिनांक 19/01/2018 को राशि प्रदान की गई। सिंगरौली जिले में स्थानीय निर्वाचन आचार संहिता प्रभावशील होने के कारण आनंद उत्सव का आयोजन नहीं किया गया एवं राशि जारी नहीं की गई। रीवा जिले में आनंद उत्सव का आयोजन निर्धारित कार्यक्रम अनुसार किया गया, देयक प्राप्त होने पर राशि जारी की जाएगी। सतना जिले की जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) योजनाओं के विधिवत संचालन हेतु जारी की गयी राशि के संबंध में जानकारी उत्तरांश (ग) अनुसार है। फर्जी बिल वाउचर तैयार कर राशि का गबन करने की कोई शिकायत विभाग में प्राप्त नहीं हुई है। अत: शेष प्रश्नांश लागू नहीं।
पवन ऊर्जा से संबंधित यंत्रों की स्थापना
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
29. ( क्र. 509 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या परासिया विधानसभा क्षेत्र में बहुत से ऐसे स्थान हैं? जहां पर पवन ऊर्जा से संबंधित संयंत्रों को स्थापित किया जा सकता है? (ख) यदि हाँ, तो परासिया विधानसभा क्षेत्र में पवन ऊर्जा के संयंत्रों को स्थापित किए जाने के संबंध में विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा परासिया विधानसभा क्षेत्र में पवन ऊर्जा के संयंत्रों को स्थापित किए जाने के संबंध में विभाग को अनेकों पत्र प्रेषित किये जा चुके हैं, उन पत्रों पर विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (घ) क्या परासिया विधानसभा क्षेत्र में विभाग के माध्यम से सर्वे कराकर, पवन ऊर्जा के संयंत्रों को स्थापित किया जायेगा? अगर हां, तो कब तक सर्वे कराते हुए स्थापित कर दिया जायेगा?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) परासिया विधानसभा क्षेत्र में स्थल विशेष पर पवन ऊर्जा स्त्रोत की उपलब्धता के आंकलन एवं पवन ऊर्जा संयंत्रों की साध्यता से संबंधित आवश्यक सर्वेक्षण के उपरान्त ही पवन ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना की जा सकती है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में शासन की प्रोत्साहन नीति के प्रावधानों के अन्तर्गत निजी इकाइयों द्वारा परियोजनाओं की स्थापना की जा रही है। निजी इकाइयां स्वयं स्थल का चयन कर पवन ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना की अनुकूलता/साध्यता जानने हेतु यथा आवश्यक सर्वेक्षण करती हैं। यह क्षेत्र भी निजी इकाइयों के लिये परियोजना विकास के लिये खुला है। (ख) विभाग द्वारा परासिया विधानसभा क्षेत्र सहित पूरे प्रदेश में पवन ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना हेतु शासन की पवन ऊर्जा परियोजना क्रियान्वयन नीति-2012 लागू की गयी है। नीति के प्रावधानों के अनुसार विभाग द्वारा परियोजनाओं के विकास हेतु वर्ष 2012, 2013 एवं 2014 में प्रस्ताव आमंत्रित किये गये। परासिया विधानसभा क्षेत्र में कोई परियोजना प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ। पवन ऊर्जा परियोजना क्रियान्वयन नीति-2012 के प्रावधानों के अनुसार निजी इकाइयां, निजी भूमि पर कभी भी परियोजना के विकास के लिये आवेदन कर सकती है। (ग) परासिया विधानसभा क्षेत्र में पवन ऊर्जा के संयंत्रों की स्थापित किये जाने के संबंध में विभाग को प्राप्त पत्रों पर कार्यवाही करते हुये, विभाग द्वारा प्रदेश में पवन ऊर्जा स्त्रोत आंकलन के सर्वेक्षण हेतु बजट में राशि प्रस्तावित है। (घ) विभाग द्वारा परियोजनाओं की स्थापना नहीं की जाती है, अपितु प्रदेश में शासन की प्रोत्साहन नीति के प्रावधानों के अन्तर्गत निजी ईकाइयों द्वारा पवन ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना की जा रही है।
राज्य की आर्थिक स्थिति
[वित्त]
30. ( क्र. 516 ) श्री सचिन यादव : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में राज्य की आर्थिक स्थिति क्या है? (ख) क्या राजकोषीय घाटा (आधिक्य) हुआ है? हां, तो किन कारणों से? तत्संबंध में क्या प्रयास किये जा रहे है? (ग) 2014 से अब तक राज्य को केन्द्र सरकार द्वारा कितनी-कितनी राशि कब-कब प्राप्त हुई है? क्या यह राशि 2009 से 2014 की तुलना में अधिक या कम है? प्रति वर्षवार, प्राप्त राशिवार जानकारी दें?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) मध्यप्रदेश राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियिम 2005 के अनुसार वर्तमान में राज्य की आर्थिक स्थिति नियंत्रण में है। (ख) जी हाँ, प्रदेश के विकास हेतु मध्य प्रदेश राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम 2005 के अन्तर्गत निर्धारित राजकोषीय सीमा के अंतर्गत ऋण लिया गया है। (ग) वर्ष 2009-10 से 2017-18 तक राज्य को केन्द्र से प्राप्त वर्षवार राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट पर है। संलग्न परिशिष्ट अनुसार वर्ष 2014 से वर्तमान तक केन्द्र से प्राप्त राशि वर्ष 2009-10 से 2013-14 की तुलना में अधिक है।
चतुर्थ श्रेणी के पदों की भर्ती
[अनुसूचित जाति कल्याण]
31. ( क्र. 542 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में आदिम जाति कल्याण विभाग के छात्रावास में चतुर्थ श्रेणी के पदों की भर्ती करने के लिए मध्यप्रदेश शासन राजपत्र दिनांक 25 जनवरी 2016 (अनु. जाति कल्याण विभाग) द्वारा भर्ती नियम जारी किये गये थे? यदि हाँ, तो नियम की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) सतना जिले में दिनांक 16.09.2016 को भर्ती की कार्यवाही पूर्ण होने के बाद भी चयन सूची का प्रकाशन आज दिनांक तक नहीं किया गया, अब तक प्रकाशित न करने के क्या कारण हैं और कब तक प्रकाशित की जावेगी? (ग) क्या चयन सूची का प्रकाशन न होने से प्रतिभागियों द्वारा भी सी.एम. हेल्प लाईन में कई शिकायत दर्ज कराने के बाद भी चयन सूची का प्रकाशन किया जाना लंबित है? उक्त शिकायतों पर की गई कार्यवाही का विवरण देते हुए दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही करेंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। नियम की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) भर्ती नियम विधि अनुरूप नहीं होने के कारण। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। भर्ती नियम विधि अनुरूप होने के पश्चात नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अत्याचार के दर्ज प्रकरणों पर कार्यवाही
[अनुसूचित जाति कल्याण]
32. ( क्र. 566 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले के आजक्स थाने में वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 तथा 2016-17 में धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र के कितने अ.जा./अ.ज.जा. वर्ग के फरियादियों द्वारा अपने साथ हुई अमानवीय घटनाओं के विरूद्ध कार्यवाही करने हेतु आवेदन दिये गये हैं? उनमें से कितने प्रकरणों की जाँच का कार्य विभाग द्वारा पूर्ण किया जा चूका है तथा कितने आवेदन पत्रों की जाँच का कार्य किस स्तर पर किन कारणों से शेष है वर्षवार, प्रकरणवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) वर्ष 2014-15 एंव 2015-16 तथा 2016-17 में धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र के प्राप्त कितने प्रकरणों में शिकायत सही पाये जाने पर दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई है तथा फरियादियों को क्या-क्या राहत प्रदान की गई है व कितनी-कितनी आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई गई है वर्षवार, प्रकरणवार, जानकारी उपलब्ध करावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में दर्ज प्रकरणों की जाँच पूर्ण कर ली गई है। वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
भृत्यों की पदोन्नति
[ऊर्जा]
33. ( क्र. 572 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कारण है कि म.प्र.पू.क्षे.वि.वि. कंपनी लिमिटेड जबलपुर अंतर्गत पदस्थ भृत्यों की पदोन्नति पिछले 30 वर्षों के उपरांत भी नहीं की गई है? विभाग के द्वारा भृत्यों की पदोन्नति हेतु क्या समय-सीमा निर्धारित की गई है? (ख) क्या विद्युत वितरण कंपनी में पदस्थ शिक्षित भृत्यों की पदोन्नति म.प्र. शासन के नियमानुसार नहीं की जाती है? (ग) विभाग में पदस्थ भृत्यों की पदोन्नति सहायक ग्रेड-3 के पद पर म.प्र. शासन के नियमानुसार कब तक की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) तत्कालीन म.प्र. राज्य विद्युत मण्डल के कार्मिकों का उत्तरवर्ती विद्युत कंपनियों में अंतिम अंतरण एवं आमेलन अप्रैल, 2012 में किया गया। तदुपरांत पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कार्मिकों को पदोन्नति एवं उच्च वेतनमान प्रदान करने की कार्यवाही प्रारंभ की गई। पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा भृत्यों की पदोन्नति नहीं की गई है तथापि उन्हें उच्च वेतनमान/समयमान वेतनमान का लाभ प्रदान किया गया है। पदोन्नति में आरक्षण के संबंध में माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा पारित आदेश दिनांक 12.05.2016 में यथास्थिति बनाए रखने हेतु दिए गए आदेश के परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में पदोन्नति की कार्यवाही स्थगित है। पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में पदोन्नति हेतु भृत्य के पद पर पाँच वर्ष की सेवा पूर्ण होना अनिवार्य है। (ख) जी नहीं, पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की स्वीकृत संगठनात्मक संरचना के अनुसार कंपनी में भृत्यों की पदोन्नति वरिष्ठता क्रम में दफ्तरी के पद पर की जाती है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
आवंटित बजट राशि के व्यय की जानकारी
[आनन्द]
34. ( क्र. 585 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष २०१६ से अब तक उज्जैन संभाग में आनंद विभाग द्वारा किस-किस प्रयोजनार्थ कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई वर्षवार ब्यौरा क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार आवंटित राशि का उपयोग किन-किन तहसीलों में किस-किस प्रयोजनार्थ कहाँ-कहाँ एवं कब-कब किया गया? तहसीलवार पंचायतवार विवरण दें। (ग) किन-किन जिलों के किन-किन स्थानों पर राशि का उपयोग नहीं हो सका अथवा दुरूपयोग होने की शिकायतें मिली हों? उनका ब्यौरा क्या है एवं आनंद उत्सवों की नियमावली का ब्यौरा क्या है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) वर्ष 2016 से अब तक उज्जैन संभाग में आनंद विभाग द्वारा किसी भी प्रयोजनार्थ कोई राशि आवंटित नहीं की गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। आनंद विभाग द्वारा जारी आनंद उत्सव के निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
सौर ऊर्जा उत्पादन
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
35. ( क्र. 587 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्ष २०१३ से दिसंबर २०१७ तक सौर ऊर्जा उत्पादन का क्या लक्ष्य था वर्षवार लक्ष्य एवं उत्पादन प्राप्ति का ब्यौरा क्या है? (ख) जनवरी २०१३ से अब तक सौर ऊर्जा के कितने संयंत्र प्रदेश में स्वीकृत, स्थापित एवं प्रारंभ हुए? कितनी-कितनी लागत स्थापना आयी? किन-किन कंपनियों ने उक्त प्लांट स्थापित किये? कंपनियों को स्थापना स्वीकृति किन प्रावधानों अनुरुप दी गई? (ग) दिसंबर २०१७ तक कितने सौर ऊर्जा प्लांटस अनुमति या अन्य मामलों में लंबित है? लम्बित रहने के क्या कारण है?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित आर.पी.ओ. लक्ष्य की पूर्ति हेतु सौर ऊर्जा का क्रय किया जाता है। वर्ष 2013-2017 की अवधि में आर.पी.ओ. लक्ष्य की पूर्ति हेतु क्रय की गयी सौर ऊर्जा के क्रय का वर्षवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जनवरी 2013 से अब तक स्वीकृत (पंजीकृत), स्थापित/प्रारंभ सौर ऊर्जा परियोजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। उक्त परियोजनाओं में रू. 5.50 करोड़ प्रति मेगावाट की अनुमानित लागत आती है। स्थापित सौर ऊर्जा परियोजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। उपरोक्त परियोजनाओं को अनुमति ''सौर ऊर्जा आधारित परियोजनाओं की क्रियान्वयन नीति-2012'' में प्रावधानित नियमों के अनुसार दी जाती है। (ग) दिसम्बर 2017 तक 03 सौर ऊर्जा परियोजनाऐं पंजीकरण हेतु प्रक्रियाधीन है।
विद्युत बिलों की राशि में अनियमितता
[ऊर्जा]
36. ( क्र. 600 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर नगर निगम सीमा क्षेत्र में 1 जुलाई 2017 से 31 दिसम्बर 2017 तक कितने विद्युत बिलों में अनियमितता को लेकर कितने व्यक्तियों नें कहाँ-कहाँ शिकायत की? इनमें से कितनी शिकायतों का निराकरण किया गया? संशोधन पश्चात कितनी शिकायतें लंबित रहीं? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित जिन उपभोक्ताओं की मीटर खपत एवं आंकलित खपत दोनों समान बताकर बिलों को दुगना दिया गया है तथा इन उपभोक्ताओं ने दुगनी राशि भर भी दी है, क्या इनकी राशि अगले बिल में समायोजित कर ली जायेगी? यदि हाँ, तो ऐसे उपभोक्ताओं की संख्या बतायें?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
पारस चन्द्र
जैन ) : (क) ग्वालियर
नगर सीमा
क्षेत्र के
अन्तर्गत 1 जुलाई 2017 से 31 दिसम्बर, 2017 तक विद्युत
बिलों में
त्रुटि
संबंधी
प्राप्त
शिकायतों की
प्रश्नाधीन
चाही गई जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है। (ख)
ग्वालियर
नगर निगम सीमा
के अन्तर्गत
उपभोक्ताओं
से दोगुनी
राशि जमा
कराने के
संबंध में कोई
भी शिकायत
प्राप्त
नहीं हुई है। अत:
प्रश्न नहीं
उठता।
परिशिष्ट
- ''बयालीस''
लोकायुक्त पुलिस द्वारा छापामार कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
37. ( क्र. 601 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर, चम्बल संभाग में 1 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक लोकायुक्त पुलिस द्वारा की गई छापामार कार्यवाही में कुल कितने स्थानों पर सफलता प्राप्त हुई और कितने व किन-किन स्थानों पर असफल रहे? छापा किस-किस व्यक्ति, फर्म, एजेंसी के यहाँ डाले गये? उनका नाम, पता, सहित स्पष्ट करें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में छापामार कार्यवाही में असफल रहने के क्या कारण हैं तथा इस लापरवाही के लिए कौन-कौन दोषी है? उनके नाम व पद सहित अवगत करावें। दोषियों के विरूद्ध नियमानुसार शासन द्वारा कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) कुल 08 स्थानों पर छापों की कार्यवाही की गई। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) छापामार कार्यवाही में असफल रहने के प्रकरणों की जानकारी 'निरंक' है।
सद्भावना शिवरों का आयोजन
[अनुसूचित जाति कल्याण]
38. ( क्र. 608 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिवासी विकास विभाग द्वारा अस्पृश्यता निवारण सद्भावना शिविर आयोजित किए जाने के क्या प्रावधान हैं? उक्त शिविर जनपद पंचायत में वर्ष में कितने बार आयोजित करने के निर्देश हैं? (ख) नरसिंहपुर जिले में विगत 4 वर्षों में इन शिविरों का अयोजन कब-कब एवं कहाँ कहाँ किया गया? (ग) उक्त शिविरों के आयोजन पर विभाग द्वारा कितनी राशि खर्च करने का प्रावधान है? विगत 4 वर्षों में किन-किन शिविरों में कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? आयोजित शिविरों की दिनांक, व्यय राशि, किस अधिकारी के निर्देशन में आयोजन किया गया, सूची सहित जानकारी प्रदान करें। (घ) क्या विधान सभा क्षेत्र गोटेगांव में उक्त शिविरों का आयोजन किया गया? यदि हाँ, तो कब-कब? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ड.) प्रश्नांश (घ) अनुसार यदि नहीं, तो क्या शासन उन अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा जिनके कारण विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव में शिवरों का आयोजन नहीं किया गया? यदि हाँ, तो कब एवं क्या कार्यवाही विभाग द्वारा की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा अस्पृश्यता निवारणार्थ प्रत्येक जिले में सदभावना शिविर आयोजित किये जाने का प्रावधान है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) विधान सभा क्षेत्र गोटेगांव में वर्ष 2013-14 में दिनांक 14.02.2014 को ग्राम बगासपुर विकासखण्ड गोटेगांव जिला नरसिंहपुर में सदभावना शिविर का आयोजन किया गया। (ड.) प्रश्नांश 'घ' के प्रकाश में शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
ग्रामों का विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
39. ( क्र. 609 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव में ऐसे कितने ग्राम हैं जो विद्युतीकरण से वंचित हैं? सूची उपलब्ध करावें। इन ग्रामों में विद्युतीकरण का कार्य कब तक किया जावेगा? (ख) क्या विधानसभा क्षेत्र में सौभाग्य योजना संचालित है? यदि हाँ, तो विधानसभा क्षेत्र के कितने ग्रामों को इसमें शामिल किया गया है? प्रश्न दिनांक तक कितने हितग्राहियों को इसका लाभ प्राप्त हो चुका है? (ग) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव में ऐसे कितने ग्राम हैं जहां पर वर्तमान में विद्युतीकरण का कार्य चल रहा है? सूची उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या इन ग्रामों को दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में विद्युतीकरण हेतु शामिल कर लिया गया है? यदि हाँ, तो इनका विद्युतीकरण कार्य कब तक हो जावेगा।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव के अंतर्गत वर्तमान में कोई भी ग्राम अविद्युतीकृत नहीं है, अत: प्रश्न नहीं उठता। (ख) जी हाँ, गोटेगांव विधानसभा क्षेत्र सहित संपूर्ण प्रदेश में विद्युत विहीन घरों को विद्युत की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु सौभाग्य योजना संचालित की जा रही है। गोटेगांव विधानसभा क्षेत्र के कुल 343 विद्युतीकृत ग्रामों के सभी विद्युत विहीन घरों के विद्युतीकरण का कार्य उक्त योजनान्तर्गत शामिल किया गया है। दिनांक 08.02.2018 तक गोटेगांव विधानसभा क्षेत्र के कुल 784 हितग्राहियों को उक्त योजना का लाभ प्राप्त हो चुका है। (ग) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव में वर्तमान में सौभाग्य योजनान्तर्गत 32 ग्रामों के विद्युत विहीन घरों के विद्युतीकरण का कार्य किया जा रहा है, जिनकी सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार गोटेगांव विधानसभा क्षेत्र में कोई भी ग्राम अविद्युतीकृत नहीं है, अत: प्रश्न नहीं उठता।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा के प्रस्तावित कार्य
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
40. ( क्र. 624 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा के विस्तार हेतु सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में कौन-कौन से कार्य प्रस्तावित हैं? (ख) प्रस्तावित कार्यों के लिए विधानसभा क्षेत्र में कौन-कौन से स्थानों पर कितनी-कितनी भूमि का चयन किया गया है? स्थान का नाम, भूमि का रकबा बतावें। (ग) उपरोक्त प्रस्तावित कार्यों के निर्माण हेतु विभाग द्वारा किन कंपनियों को नियुक्त किया गया है? कंपनी का नाम बतावें। (घ) चयनित स्थानों पर कितने-कितने पॉवर के प्लांट बनना तय हुआ है? एक प्लांट हेतु कितनी राशि स्वीकृत हुई? प्लांटवार अलग-अलग जानकारी देवें।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा के विस्तार हेतु सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में मेसर्स पानामा विण्ड एनर्जी कृष्णा प्रायवेट लिमिटेड की 100 मेगावाट क्षमता की पवन ऊर्जा परियोजना का कार्य एवं मेसर्स उजास एनर्जी लि. की 01 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजना का कार्य प्रस्तावित है। (ख) प्रस्तावित परियोजना हेतु राजस्व भूमि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उल्लेखित 100 मेगावाट क्षमता की पवन ऊर्जा परियोजना की स्थापना मेसर्स पानामा विण्ड एनर्जी कृष्णा प्रायवेट लिमिटेड द्वारा तथा 01 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजना की स्थापना मेसर्स उजास एनर्जी लिमिटेड द्वारा की जानी है। (घ) चयनित स्थानों पर 2-2 मेगावाट क्षमता की विण्ड टरबाईन, कुल 50 टरबाईन, परियोजना क्षमता 100 मेगावाट एवं 01 मेगावाट क्षमता की सौर परियोजना की स्थापना की जानी प्रस्तावित है। निजी विकास के द्वारा स्वयं के निवेश पर परियोजना स्थापित की जानी है। अतएव शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों की स्वीकृति
[महिला एवं बाल विकास]
41. ( क्र. 625 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शामगढ़ नगर में वर्तमान में कितने आगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं? स्थान के नाम सहित जानकारी देवें। (ख) शामगढ़ नगर में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में से कितने केन्द्र शासकीय भवनों में संचालित हैं, कितने किराये के भवनों में संचालित हैं? स्थान बतावें। (ग) भवन विहीन केन्द्रों के भवन निर्माण हेतु शासन ने क्या नीति बनाई है? (घ) शामगढ़ नगर के भवन विहीन केन्द्रों पर भवन निर्माण की स्वीकृति कब तक हो प्रदान की जावेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) मंदसौर जिले के शामगढ़ नगर में वर्तमान में 25 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) शामगढ़ नगर में संचालित 25 आंगनवाड़ी केन्द्रों में से सभी 25 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में संचालित हो रहे है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) भवनविहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये राज्य आयोजना मद अन्तर्गत आंगनवाड़ी भवन निर्माण की योजना है। (घ) मंदसौर जिले के शामगढ़ नगर के भवन विहीन केन्द्रों के भवन निर्माण के प्रस्ताव जिले से प्राप्त होने पर वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता अनुसार निर्मित होने वाले भवनों के प्रस्ताव में सम्मिलित किया जावेगा। आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृति वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
योजनांतर्गत प्राप्त राशि
[जनजातीय कार्य]
42. ( क्र. 630 ) श्री संजय उइके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भण्डेर में वित्तीय वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार कितनी-कितनी राशि किन-किन योजनाओं में प्राप्त हुई? प्राप्त राशि का वर्षवार व्यय किन-किन कार्यों में कहाँ-कहाँ, किया गया? छात्र एवं छात्राओं से ली गई फीस एवं अन्य कार्यों हेतु ली गई राशि की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) शाला को प्राप्त राशि से निर्माण कार्य एवं खरीदी हेतु शासन के नियमों का पालन किया गया या नहीं? (ग) नियमों का पालन किया गया तो नियमानुसार निर्माण कार्य हेतु आमंत्रित निविदा प्रक्रिया के समस्त दस्तावेज एवं खरीदी हेतु बुलाई गई निविदा आमंत्रण सहित सफल निविदाकार की दर, कार्यादेश की प्रति, बिल व्हाउचर स्टाक एवं वितरण पंजी का विवरण उपलब्ध करावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
बस्ती विकास योजना
[जनजातीय कार्य]
43. ( क्र. 632 ) श्री संजय उइके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले को बस्ती विकास योजनान्तर्गत राशि प्राप्त हुई है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2017-18 में कितनी राशि प्राप्त हुई? प्राप्त राशि के व्यय हेतु नियमानुसार बैठक कर व्यय बाबत् प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या बस्ती विकास योजनान्तर्गत प्राप्त राशि का व्यय समय पर नहीं किया गया तो उक्त राशि विभाग को समर्पण करना पड़ेगा या राशि लेप्स हो जावेगी? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन जवाबदार होगा? (घ) योजनान्तर्गत राशि कब तक व्यय कर ली जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्ष 2017-18 में अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास योजना मद में राशि रूपये 312.59 लाख का आवंटन जिला बालाघाट को प्राप्त है। दिनांक 24/10/2017 को बैठक आयोजित की गई। प्रशासकीय अनुमोदन प्राप्त करने की कार्यवाही प्रचलित है। (ग) जी हाँ। स्वीकृति एवं व्यय की कार्यवाही प्रचलित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) कार्य स्वीकृति प्रश्चात 31 मार्च 2018 तक राशि व्यय की जाना सम्भावित है।
कार्य की जानकारी
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
44. ( क्र. 653 ) श्री रामपाल सिंह : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग के द्वारा प्रदेशवासियों को बिजली उपलब्ध कराये जानें का कार्य किया जा रहा है। (ख) यदि हाँ, तो शहडोल जिले में उक्त विभाग द्वारा कौन-कौन से कार्य विगत ०३ से प्रश्न दिनांक तक कराये गये हैं तथा कितने कार्य प्रस्तावित हैं। प्रत्येक ग्रामवार कार्य की स्थिति, कार्य करानें वाली एजेंसी, कार्य की लागत सहित प्रत्येक प्रस्तावित कार्य की जानकारी उपलब्ध करायी जावे?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जी हाँ। (ख) नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा शहडोल जिले में विगत 3 वर्षों में किये गये विभिन्न कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- अ, ब एवं स अनुसार है। विभाग द्वारा क्रियान्वित लघु जल विद्युत प्रोत्साहन नीति 2011 के तहत शहडोल जिले में तीन लघु जल विद्युत परियोजनाऐं प्रस्तावित हैं, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है।
प्रदेश के विभागों को आवंटित बजट
[वित्त]
45. ( क्र. 672 ) श्री रामनिवास रावत : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2017-18 में प्रदेश के किस-किस विभाग को कुल कितनी-कितनी राशि का बजट प्रावधान किया गया तथा प्रावधानित राशि के विरुद्ध 31 जनवरी 2018 तक कितनी-कितनी राशि किस-किस विभाग को आवंटित की गयी? विभागवार बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में आवंटित राशि के विरुद्ध कितनी-कितनी राशि किस-किस विभाग द्वारा प्रश्नांकित दिनांक तक व्यय की है? कितनी राशि व्यय हेतु शेष है? विभागवार, बतावें। (ग) क्या शासन द्वारा जल संसाधन, ग्रामीण विकास, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, ऊर्जा, लोक निर्माण, नर्मदा घाटी प्राधिकरण आदि कई विभागों के बजट में कटोती की है? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी राशि की कटोती किस कारण से की है? कटोती की गयी राशि की जानकारी पृथक पृथक विभाग के नाम सहित दें? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में उक्त विभागों के बजट में कटौती किये जाने के उपरांत इन विभागों के तहत चल रहे विकास कार्य किस प्रकार पूर्ण किये जावेंगे?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) वित्तीय वर्ष 2017-18 के बजट प्रावधान विधान सभा के पटल पर बजट साहित्य के रूप में प्रस्तुत किये गये हैं, जो विधान सभा के पुस्तकालय में उपलब्ध हैं। वित्त विभाग के परिपत्र क्रंमाक-344/2017/चार/ब दिनांक 31/03/2017 द्वारा राशि आवंटित की गई है। परिपत्र की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर है। (ख) प्रश्नावधि तक के विनियोग लेखे नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा वर्तमान अवधि तक जारी नहीं किये गये हैं, अतः जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (ग) वित्त विभाग द्वारा मध्यप्रदेश राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत राजकोषीय संकेतकों को बनाये रखने के लिए आवश्यकतानुसार बजट नियंत्रण किया जाता है, इस संबंध में जारी शासनादेश संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर है। (घ) उक्त विभागों के विकास कार्यों के लिए पर्याप्त बजट उपलब्ध कराया गया है, जिससे विकास कार्य पूर्ण किये जायेंगे।
मुख्यमंत्री जी की घोषणाओं की पूर्ति
[सामान्य प्रशासन]
46. ( क्र. 673 ) श्री रामनिवास रावत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दि. 01.10.17 से प्रश्नांकित दिनांक तक मा. मुख्यमंत्री जी ग्वालियर चम्बल संभाग के किन-किन जिलों में किन-किन स्थानों पर कब-कब प्रवास पर रहे? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रवास के दौरान मान. मुख्यमंत्री जी द्वारा कहाँ-कहाँ, क्या-क्या घोषणाएं की? दिनांक सहित की गयी घोषणाओं की जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में मान. मुख्यमंत्री जी द्वारा की गयी घोषणाओं में से कौन-कौन सी पूर्ण हो चुकी हैं? घोषणाओं की पूर्ति हेतु संबंधित विभागों द्वारा जारी किये गए आदेशों की प्रति उपलब्ध करावें। कौन-कौन सी घोषणाओं पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है? शेष घोषणाओं की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी? (घ) प्रश्नांश (क) के मान. मुख्यमंत्री जी के कार्यक्रमों पर कितना-कितना व्यय किस-किस कार्य (परिवहन, भोजन, माइक, टेंट व्यवस्था आदि) पर किया गया? किस-किस को कितना-कितना भुगतान किया गया?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विभाग द्वारा आदेश का पालन नहीं किया जाना
[ऊर्जा]
47. ( क्र. 703 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी में कर्मचारियों को दिया गया तृतीय उच्च वेतनमान, क्या उच्च वेतनमान है या प्रमोशन? (ख) तृतीय उच्च वेतनमान प्राप्त वरिष्ठ परीक्षण सहायक को किस नियम के तहत ओवरटाइम, राष्ट्रीय त्यौहार के भुगतान पर रोक लगाई गई है? आदेश की छायाप्रति उपलब्ध कराएं। (ग) मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी के मुख्य अभियंता कारपोरेट अफेयर के आदेश क्रमांक मु.आ. (का.आ) एमपी.पी.टी.सी.एल.III 1190 जबलपुर दिनांक 18.04.2017 के आदेश क्र.01-13/53/5-6-1996 उच्च वेतनमान प्राप्त कर्मचारियों की ओवरटाइम की गणना की जाने संबंधित आदेश का कंपनी द्वारा क्यों पालन नहीं किया जा रहा है? जबकि उक्त परिपत्र में स्पष्ट दर्शाया है कि उच्च वेतनमान प्राप्त वरिष्ठ परीक्षण सहायक के वेतन की 1 ग्रेड कम कर ओवर टाइम की गणना करना है? उक्त आदेश का कंपनी द्वारा पालन क्यों नहीं किया जा रहा है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) मध्यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी के कर्मचारियों को दिया जा रहा तृतीय समयमान वेतनमान, उच्च वेतनमान है। (ख) उच्च वेतनमान प्राप्त वरिष्ठ परीक्षण सहायक जिन्हें परीक्षण पर्यवेक्षक (Testing Supervisor) के पद का उच्च वेतनमान प्राप्त करने पर ग्रेड पे रू. 4100/- हो जाता है, उन्हें नियमानुसार ओवरटाइम, राष्ट्रीय त्यौहार का भुगतान पूर्ववत् ही किया जा रहा है। इस पर रोक लगाने संबंधी कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। अत: आदेश की प्रति दिया जाना अपेक्षित नहीं है। (ग) प्रश्नांश में उल्लेखित आदेश दिनांक 18.04.2017 द्वारा सन्दर्भित पूर्ववर्ती म.प्र.राज्य विद्युत मण्डल का आदेश क्रमांक 01-13/53 दिनांक 05.06.1995 वस्तुत: दिनांक 01.04.1989 से लागू वेतन पुनरीक्षण के फलस्वरूप ऐसे परीक्षण पर्यवेक्षक श्रेणी-दो जिन्हें परीक्षण पर्यवेक्षक श्रेणी-एक के पद का उच्च वेतनमान स्वीकृत किया जाता था, उन्हें परीक्षण पर्यवेक्षक श्रेणी-दो के पद पर प्राप्त होने वाले वेतन की गणना के आधार पर ओवरटाइम स्वीकृत करने के प्रावधान से संबंधित है, जिनका वर्तमान में ग्रेड पे रू. 4100/- प्रतिमाह है। वर्तमान में इस संवर्ग के कर्मचारियों को ओवरटाइम एवं राष्ट्रीय त्यौहार पर भुगतान की पात्रता पूर्ववत् जारी है। उपकेन्द्र पर्यवेक्षक, जिनका ग्रेड पे छठवें वेतनमान के अनुसार रू. 4400/- प्रतिमाह है, को पूर्ववर्ती म.प्र.राज्य विद्युत मण्डल में भी ओवरटाइम तथा अतिरिक्त वेतन (Extra Wages) की पात्रता नहीं रही है, जिसका पालन कंपनी द्वारा किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि उच्च वेतनमान कर्मचारी के विकल्प के आधार पर पात्रता होने पर प्रदान किया जाता है।
ट्रांसफार्मर का बदलीकरण
[ऊर्जा]
48. ( क्र. 721 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत जले हुए ट्रान्सफार्मर को बदलने में कितने प्रतिशत राशि जमा कराने का प्रावधान है? (ख) राशि जमा होने पर जले हुए ट्रान्सफार्मर कितने दिन में बदलने का प्रावधान है? इसमें सूचना देने की प्रक्रिया एवं सक्षम अधिकारी कौन है? (ग) निर्धारित राशि जमा होने के बाद यदि निश्चित अवधि में ट्रान्सफार्मर नहीं बदला जाता है तो उसके लिए दोषी कौन है तथा दोषी अधिकारी के विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जाती है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र सहित संपूर्ण प्रदेश में जले/ खराब वितरण ट्रांसफार्मर से संबद्ध 50 प्रतिशत बकायादार उपभोक्ताओं द्वारा बकाया राशि जमा करने पर अथवा 20 प्रतिशत बकाया राशि जमा होने पर ऐसे जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर को बदले जाने का नियम है। (ख) नियमानुसार बकाया राशि जमा होने के उपरान्त पहुँच मार्ग उपलब्ध होने पर सूखे मौसम (अक्टूबर से जून) में 3 दिवस के अन्दर तथा मानसून के दौरान (जुलाई से सितम्बर) 7 दिवस के अन्दर जला/खराब ट्रांसफार्मर बदले जाने के निर्देश है। वितरण कंपनी के संबंधित कार्यालय में कोई भी व्यक्ति ट्रांसफार्मर फेल/खराब होने की सूचना दे सकता है। वितरण कंपनी द्वारा ट्रांसफार्मर फेल/खराब होने की सूचना मोबाईल पर एस.एम.एस. के माध्यम से दिये जाने की व्यवस्था की गई है, जिस हेतु सूचना प्राप्त करने के लिये संबंधित वितरण केन्द्र का प्रभारी अधिकारी एवं कार्यपालन यंत्री सक्षम अधिकारी हैं। (ग) नियमानुसार निर्धारित बकाया राशि जमा होने पर तथा पहुँच मार्ग उपलब्ध होने के उपरान्त भी जला/खराब वितरण ट्रांसफार्मर नहीं बदले जाने की स्थिति में संबंधित कनिष्ठ यंत्री/सहायक यंत्री/कार्यपालन यंत्री जिम्मेदार होते हैं तथा ऐसा प्रकरण संज्ञान में आने पर जाँचोपरान्त दोषी पाए गए अधिकारियों के विरूद्ध नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाती है।
राजगढ़ विधान सभा के ग्राम झंझाडपुर में नवीन ग्रिड की स्थापना
[ऊर्जा]
49. ( क्र. 731 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ विधान सभा क्षेत्र के ग्राम झंझाडपुर सहित आसपास के ग्रामों में लाईट कहाँ से सप्लाई की जा रही है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में झंझाडपुर के आसपास के ग्रामों में विद्युत सप्लाई 15-20 कि.मी. दूर से होने से वहॉं के ग्रामवासियों को कई बार तार एवं खम्बे टूट जाने के कारण पर्याप्त विद्युत सप्लाई नहीं मिल पाती है? (ग) यदि हाँ, तो क्या विभाग द्वारा राजगढ़ जिले की विधान सभा राजगढ़ के ग्राम झंझाडपुर में नवीन ग्रिड की स्थापना की जावेगी? (घ) यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के ग्राम झंझाडपुर सहित आसपास के ग्रामों में 33/11 के.व्ही. पाटन उपकेन्द्र से निर्गमित 11 के.व्ही. भियापुरा घरेलू फीडर एवं 11 के.व्ही. भियापुरा कृषि फीडर से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र में सामान्यत: सुचारू रूप से विद्युत प्रदाय किया जाता है तथापि कतिपय अवसरों पर प्राकृतिक आपदा/तकनीकी कारणों से आए आकस्मिक विद्युत व्यवधान के कारण विद्युत प्रदाय प्रभावित होता है, जिसे आवश्यक सुधार कार्य उपरान्त शीघ्रातिशीघ्र चालू कर दिया जाता है। (ग) राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के ग्राम झंझाडपुर में 33/11 के.व्ही. नवीन उपकेन्द्र का निर्माण तकनीकी रूप से साध्य है तथा इस उपकेन्द्र के निर्माण का कार्य वित्तीय उपलब्धता अनुसार इसी प्रकार के अन्य कार्यों की प्राथमिकता के क्रम में आगामी योजनाओं में सम्मिलित किया जा सकेगा। (घ) उत्तरांश 'ग' के परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
राजगढ़ जिले में स्थापित चौकियों से प्राप्त कर
[वाणिज्यिक कर]
50. ( क्र. 732 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा प्रदेश में वाणिज्य कर विभाग द्वारा चौकियां स्थापित की गई हैं? (ख) यदि हाँ, तो राजगढ़ जिले में कौन-कौन से स्थानों पर कब से चौकियां स्थापित की गई है? (ग) उक्त चौकियों पर कौन-कौन से कर्मचारी कार्यरत हैं? (घ) उक्त चौकियों से 1 अप्रैल, 2017 से आज दिनांक तक कितना कर लिया गया है? चौकीवार जानकारी देवें।
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) प्रदेश में दिनांक 30-6-2017 तक प्रदेश की सीमाओं पर वाणिज्यिक कर विभाग की जाँच चौकियाँ कार्यरत रही है। दिनांक 01-07-2017 से प्रदेश की सीमाओं पर स्थित वाणिज्यिक कर विभाग की सभी जाँच चौकियाँ समाप्त कर दी गई है। (ख) विभागीय अधिसूचना क्रमांक ए-5-4-2000-ST-B (24) दिनांक 26.06.2003 द्वारा ढबलाजोड (खिलचीपुर) जाँच चौकी की स्थापना की गई, जो 01-07-2003 से प्रभावशील थी। (ग) दिनांक 01-07-2017 से जाँच चौकी बंद कर दिए जाने के पश्चात बंद जाँच चौकी पर विभाग का कोई भी कर्मचारी कार्यरत नहीं है। (घ) दिनांक 01-04-2017 से जाँच चौकी बंद होने की तिथि 30-06-2017 तक राशि रूपये1,09,607/- कर व शास्ति वसूल की गई।
भवनविहीन केन्द्रों पर भवन निर्माण कराना
[महिला एवं बाल विकास]
51. ( क्र. 741 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या ग्रामीण क्षेत्रों में भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन मनरेगा योजना के अभिसरण से भवनों का निर्माण कराया जा सकता है? यदि हाँ, तो इस प्रक्रिया के तहत विधान सभा जौरा क्षेत्रांतर्गत कितने भवन विहीन केन्द्रों के भवन निर्माण कराये गये हैं? (ख) मनरेगा योजना के अभिसरण के संबंध में जिला प्रशासन मुरैना को क्या-क्या दिशा-निर्देश दिये गये हैं? (ग) जौरा विधान सभा के भवन विहीन केन्द्रों के भवन निर्माण करने बाबत् विभाग की योजना क्या है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। मुरैना जिले के विधान सभा क्षेत्र जौरा अन्तर्गत 15 भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माण कराये जा रहे है। (ख) मनरेगा योजना के अभिसरण के संबंध में जिला प्रशासन मुरैना को जारी दिशा-निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जौरा विधान सभा के भवनविहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये मनरेगा एवं राज्य आयोजना से आंगनवाड़ी भवन निर्माण की योजना है। आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण कार्य वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है।
विदेशी निवेश लाने वित्त विभाग द्वारा यात्रा की अनुमति
[सामान्य प्रशासन]
52. ( क्र.
775 ) श्री
अजय सिंह :
क्या
मुख्यमंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि
(क) मध्यप्रदेश
में विदेशी
निवेश लाने
एवं अन्य
उद्देश्यों
के लिये
दिनांक 01/01/2012 से 31/12/2014 के दौरान
माननीय मुख्यमंत्री/मा.मंत्रीगण/शासकीय
अधिकारियों
एवं
कर्मचारियों/ अशासकीय
व्यक्तियों/एवं
अन्य के
द्वारा राज्य
शासन के खर्च
पर कहाँ-कहाँ
की, कितने
दिनांक की, विदेश
यात्रायें की? (ख) प्रश्नांश
(क) में उल्लेखित
समय में हुई
विदेश
यात्राओं एवं
निवेश यात्राओं
पर कुल कितनी
राशि का निवेश
उक्त समय में
आया? कहाँ-कहाँ, कौन-कौन
से प्रोजेक्ट
कितनी-कितनी
राशि के लगे? (ग) प्रश्नांश
(क) में उल्लेखित
समयानुसार
एवं वर्णित
यात्रा में किस-किस
डेलीगेशन में
किस-किस नाम
के व्यक्ति
किस पात्रता
के आधार पर
गये? डेलीगेशनवार/
नामवार/पात्रतावार/माहवार/वर्षवार
दें? (घ) प्रश्नांश
(क) में
वर्णित
समयानुसार
हुई विदेश
यात्राओं में
प्रति व्यक्ति
कितनी राशि व्यय
हुई? राशिवार/व्यक्तिवार/यात्रावार/माहवार/वर्षवार/डेलीगेशनवार
जानकारी दें? (ड.) प्रश्नांश
(क) में
वर्णित
समयानुसार
सभी यात्राओं
का संपूर्ण
खर्च की राशि
भोपाल से जाने
एवं वापस आने तक
डेलीगेशनवार
कितना व्यय
हुआ? डेलीगेशनवार/यात्रावार/माहवार/वर्षवार
दें?
मुख्यमंत्री
( श्री शिवराज
सिंह चौहान ) : (क) से (ड.)
जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
विद्युत निर्माण कार्यों का भौतिक सत्यापन
[ऊर्जा]
53. ( क्र. 798 ) श्री मुकेश नायक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले के विद्युत विभाग उपसंभाग पवई के अंतर्गत विगत 2 वर्षों यथा वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में जनवरी-18 तक 33 के.व्ही.एवं 11 के.व्ही.लाईनों के मैंटनेंस हेतु कितने कार्यों के कार्यादेश हुये एवं ठेकेदार द्वारा कितना कार्य पूर्ण किया गया? इस दौरान सहायक अभियंता एवं कार्यपालन अभियंता कौन रहा जिसके द्वारा कार्यादेश एवं देयक पास किये गये एवं भुगतान किस तिथि को कितना-कितना किया गया? (ख) उपरोक्त अवधि में कितने कार्य बिना कार्यादेश के किये गये? कार्यों में व्यय की गई राशि, बताते हुये यह भी बतायें कि उक्त कार्य हेतु किस प्राधिकारी ने आदेश और निर्देश किसे-किसे दिये थे? पदाधिकारी का नाम एवं पद और आदेश देने की तिथि बतायें? (ग) कार्यों का भुगतान करने से पहले भौतिक सत्यापन तथा अन्य कागजी दस्तावेजों के आधार पर सत्यापन करने की जवाबदारी किस प्राधिकारी की है? उनका नाम, पद बतायें तथा क्या उन्होनें भौतिक सत्यापन किया था? यदि हाँ, तो किस-किस कार्य का? तिथि सहित बतायें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) पन्ना जिले में पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के पवई उपसंभाग के क्षेत्रान्तर्गत विगत 2 वर्षों यथा वर्ष 2016-17 एवं वर्ष 2017-18 में जनवरी-18 तक विद्यमान 33 के.व्ही. एवं 11 के.व्ही. लाईनों के मेन्टेनेंस हेतु ठेकेदार को 8 कार्यों के कार्यादेश दिये गये तथा सभी कार्य पूर्ण कर दिए गए हैं। उक्त अवधि में श्री राम खिलावन शर्मा, सहायक अभियंता एवं श्री ओम प्रकाश सोनी, कार्यपालन अभियंता पदस्थ रहे, जिनके द्वारा कार्य आदेश जारी किये गये एवं देयक पास किए गए है। वर्तमान में संबंधित ठेकेदार को भुगतान किये जाने हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में किसी भी ठेकेदार से बिना कार्यादेश के मेन्टेनेंस का कार्य नहीं कराया गया है, अत: प्रश्न नहीं उठता। उल्लेखनीय है कि विद्युत कम्पनी द्वारा वर्ष में दो बार यथा- वर्षा काल के पूर्व एवं वर्षाकाल के पश्चात् विद्यमान समस्त विद्युत अधोसंरचना के मेन्टेनेंस का कार्य विभागीय स्तर पर सामग्री की व्यवस्था कर विभागीय कर्मचारियों से कराया जाता है, जिस हेतु कोई कार्यादेश जारी नहीं किया जाता। (ग) कार्यों हेतु भुगतान करने से पूर्व भौतिक सत्यापन तथा अन्य दस्तावेजों के आधार पर सत्यापन करने की जिम्मेदारी संबंधित सहायक अभियंता एवं कार्यपालन अभियंता की होती है। प्रश्नाधीन क्षेत्र एवं अवधि में पदस्थ अधिकारियों के नाम उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार है। जी हाँ, सत्यापन किया गया था। उक्तानुसार किये गये सत्यापन की कार्यभार, तिथि सहित सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
अनुसूचित जाति/जनजाति बस्ती विकास मद अंतर्गत किए गये कार्य
[अनुसूचित जाति कल्याण]
54. ( क्र. 806 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले की कौन-कौन सी पंचायतें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति बाहुल्य है? आदिम जाति कल्याण विभाग में विकास एवं कल्याण हेतु कटनी जिले को कितना-कितना बजट आवंटित किया गया है वर्ष 2013-14 से वर्षवार बताएं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार आवंटित राशि का व्यय किस-किस कार्य में कब-कब किया गया वर्षवार, कार्यवार, तकनीकी स्वीकृति, प्रशासकीय, मूल्यांकन की प्रति एवं मूल्यांकनकर्ता एवं सत्यापनकर्ता अधिकारी के नाम, पदनाम सहित विवरण दें? (ग) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा किन-किन कार्यों की अनुशंसा की गई है, अनुशंसा के अनुरूप कितने कार्यों में स्वीकृति दी गई? किन-किन कार्यों हेतु कब-कब, किस-किस में अनुमोदन प्राप्त हुआ, कार्यवार, बैठकवार वर्षवार, पृथक-पृथक विवरण दें? (घ) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा आदिम जाति कल्याण विभाग कटनी को प्रेषित पत्र क्रमांक 691 दिनांक 08/08/2017, 1534 दिनांक 15/01/2018 में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? तिथिवार, कार्यवाहीवार विवरण दें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है।
बरगी व्यपवर्तन परियोजना अंतर्गत कृषकों को भू-अर्जन की राशि
[नर्मदा घाटी विकास]
55. ( क्र. 807 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बरगी व्यपवर्तन परियोजना अंतर्गत कटनी जिले की विधान सभा क्षेत्र बहोरीबंद अंतर्गत दायीं तट मुख्य नहर निर्माण हेतु भूमि का अधिग्रहण किया गया है? यदि हाँ, तो किन-किन किसानों की कितनी-कितनी भूमि नहर निर्माण हेतु अधिग्रहित की गई? खसरा नं., रकबा सहित कृषकों का विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या सभी भू-स्वामियों को अर्जित भूमि के बदले मुआवजा राशि का वितरण हो चुका? यदि नहीं, हो कितने भूमि स्वामियों को मुआवजा दिया जाना शेष है? शेष रहे किसानों को मुआवजा की राशि कब तक वितरित की जावेगी? (ग) क्या तहसील रीठी अंतर्गत बिलहरी एवं रजपुरा के कृषकों की भूमि नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के अंतर्गत दायीं तट मुख्य नहर निर्माण हेतु प.ह.नं. 22 तहसील रीठी, जिला कटनी अंतर्गत 19.570 हेक्टेयर भूमि अर्जित की गई? क्या संबंधित किसानों को जिला न्यायालय कटनी द्वारा 02 माह की समयावधि में मुआवजा राशि दिये जाने का निर्णय पारित किया गया? यदि हाँ, तो संबंधित किसानों को मुआवजा राशि न मिलने का क्या कारण है? (घ) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा अपर मुख्य सचिव नर्मदा घाटी म.प्र. भोपाल को प्रेषित पत्र क्रमांक 1601 दिनांक 29.01.2018 पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? तिथिवार, कार्यवाहीवार विवरण दें।
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। सभी भू-स्वामियों द्वारा मुआवजे की राशि प्राप्त नहीं की गई है, 71 भू-स्वामियों को मुआवजा दिया जाना शेष है। कृषकों के अनुपस्थित रहने से भुगतान शेष है। उनके उपस्थित होने पर भू-अर्जन अधिकारी बरगी व्यपवर्तन परियोजना, इकाई कटनी द्वारा राशि वितरित की जावेगी। (ग) जी हाँ। माननीय जिला न्यायालय कटनी के अधिनिर्णय के विरूद्ध पटवारी हल्का नंबर 22 ग्राम रजपुरा से संबंधित प्रकरण क्रमांक एफ.ए. 183/2018 व पटवारी हल्का नंबर 23 ग्राम बिलहरी से संबंधित प्रकरण क्रमांक एफ.ए. 184/2018 माननीय उच्च न्यायालय, मध्य प्रदेश जबलपुर में प्रचलन में है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर में प्रचलन में होने के कारण कोई कार्यवाही आवश्यक नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आंगनवाड़ी भवनों की स्वीकृति
[महिला एवं बाल विकास]
56. ( क्र. 819 ) श्री रजनीश सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिवनी जिले के केवलारी विधानसभा क्षेत्र में कितने आंगनवाड़ी भवन स्वीकृत है? (ख) विधानसभा क्षेत्र केवलारी में कौन-कौन से ग्राम में आंगनवाड़ी भवन नहीं हैं? (ग) विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में कितने आंगनवाड़ी भवन का निर्माण कार्य हो रहा है? (घ) क्षेत्र में कितने भवनों का उन्नयन होना है विकासखण्डवार बताये?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) सिवनी जिले के केवलारी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत 29 आंगनवाड़ी भवन स्वीकृत है। (ख) विधानसभा क्षेत्र केवलारी में 81 आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये भवन नहीं है। (ग) केवलारी विधानसभा क्षेत्र में स्वीकृत 380 आंगनवाड़ी भवनों में से 29 आंगनवाड़ी भवन निर्माणाधीन है। (घ) केवलारी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विकासखंड छपारा में 15 एवं केवलारी में 01 इस प्रकार कुल 16 आंगनवाड़ी भवनों का उन्नयन कार्य किया जाना है।
विधान सभा क्षेत्र 23 करैरा में किये गये कार्य
[अनुसूचित जाति कल्याण]
57. ( क्र. 826 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2015 से फरवरी 2017 तक अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा विधानसभा क्षेत्र करेरा में कुल कितनी राशि उपलब्ध कराई गई? जिसमें केन्द्र से प्राप्त राशि भी शामिल है? की जानकारी वर्षवार उपलब्ध करावें। (ख) उपरोक्त प्राप्त राशि में से कितने कार्य किन-किन जनप्रतिनिधियों के प्रस्ताव अनुसार स्वीकृत किये गये? उनके नाम, पद पता सहित जानकारी दी जावे? विज्ञप्ति प्रकाशन दिनांक फोटो प्रति व स्वीकृत एजेंसी का नाम, पता व रेट आदि सहित दी जावे? (ग) उपरोक्त प्राप्त राशि में से कहाँ-कहाँ, क्या-क्या कार्य स्वीकृत किये गये की जानकारी मांग संख्या, लेखाशीर्ष, उपशीर्ष आदि सहित दी जावे? क्या सभी स्वीकृत कार्य पूर्ण हो चुके है अथवा नहीं तो क्यों व कब तक पूर्ण कर दिये जायेंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) विधानसभा क्षेत्रवार आवंटन उपलब्ध नहीं कराया जाता है। विधानसभा क्षेत्र करैरा अंतर्गत स्वीकृत राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। इसमें केंद्र की राशि भी सम्मिलित है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। तकनीकी अमला उपलब्ध नहीं होने से निर्माण कार्य निर्धारित निर्माण एजेन्सियों से संपन्न कराये जाते हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। अपूर्ण कार्यों को 2 माह के भीतर पूर्ण कराये जाने के लिए संबंधित निर्माण एजेन्सी को निर्देशित किया गया है।
खराब एवं बंद ट्रान्सफार्मरों को बदलने की कार्यवाही
[ऊर्जा]
58. ( क्र. 827 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र करैरा में कुल कितने ट्रान्सफार्मर संचालित हैं? विद्युत केन्द्रवार जानकारी दी जावे। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या सभी ट्रांन्सफार्मर कार्य कर रहे हैं अथवा नहीं यदि नहीं, तो इसके क्या-क्या कारण हैं व किस-किस ग्राम में कब-कब से ट्रान्सफार्मर बन्द है व उन्हें बदलने व सुधार हेतु म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं.लि. द्वारा क्या-क्या कार्य किये गये? (ग) क्या खराब व जले फुके सभी ट्रांसफार्मर वर्तमान में कार्य कर रहे है? यदि नहीं, तो उन्हें कब तक बदल दिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) करैरा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कुल 1666 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित हैं, जिनकी वितरण केन्द्रवार जानकारी निम्नानुसार है :-
क्रमांक |
वितरण केन्द्रका नाम |
स्थापितट्रांसफार्मरों की संख्या |
1 |
करैरा |
252 |
2 |
खैराघाट |
725 |
3 |
दिनारा |
214 |
4 |
नरवर |
310 |
5 |
मगरौनी |
165 |
कुल योग |
1666 |
(ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) में उल्लेखित 1666 वितरण ट्रांसफार्मरों में से प्रश्न दिनांक तक कुल 8 जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर उनसे संबद्ध शत-प्रतिशत उपभोक्ताओं पर विद्युत बिल की राशि बकाया होने के कारण बदले जाने हेतु शेष है। उक्त 8 जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों की फेल होने की दिनांक सहित ग्रामवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वर्तमान में लागू नियमानुसार जले/खराब ट्रांसफार्मरों से संबद्ध 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा बकाया राशि जमा करने अथवा कुल बकाया राशि का 20 प्रतिशत जमा होने पर ट्रांसफार्मर बदले जाते हैं। उक्तानुसार बकाया राशि जमा होने के उपरान्त प्रश्नाधीन ट्रांसफार्मर बदले जाने की कार्यवाही की जा सकेगी। अत: वर्तमान में उक्त ट्रांसफार्मरों को बदले जाने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
क्रमोन्नत वेतनमान में शासन की गलती की सजा कर्मचारियों को दी जाना
[सामान्य प्रशासन]
59. ( क्र. 837 ) श्री मुकेश नायक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग के ज्ञाप दिनांक 17/03/1999-19/04/1999 द्वारा क्रमोन्नति योजना वेतनमान के आधार पर लागू की गई थी? (ख) क्रमोन्नत वेतनमान के संबंध में प्रभा अग्रवाल अवर सचिव सा.प्रश विभाग ने अपनी टीप दिनांक 22/10/2014 में यह स्वीकार किया है कि दिनांक 17/03/99 से क्रमोन्नति योजना लागू की गई, वेतनमान की सूची वेतनमान 3050-4590 का प्रथम क्रमोन्नत वेतनमान 3500-5200 और द्वितीय क्रमोन्नत वेतनमान 400-600 निर्धारित है और सहायक ग्रेड-3 की पदोन्नति सहायक ग्रेड-2 के पद पर वेतनमान 4000-6000 में होती है, इसके बीच में 3500-5200 का कोई वेतनमान इस संवर्ग के लिये लागू नहीं है इसलिए 24 वर्ष पूर्ण करने पर इन्हें 4500-7000 को द्वितीय क्रमोन्नत वेतनमान प्राप्त होना चाहिए? क्या यह नियमानुसार एवं न्यायोचित है? (ग) क्या जल संसाधन विभाग/लोक निर्माण विभाग/लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में सहायक वर्ग-3 के समान अनुरेखक की प्रथम नियुक्ति वेतनमान 3050-4590 पर होती है तथा पदोन्नति सहायक वर्ग में समान एवं समरदा, सहायक मानचित्रकार के पद पर 1200-2040 पुनरीक्षित वेतनमान 1990 से पुनरीक्षित वेतनमान 4000-6000 में होती चली आ रही है और क्रमोन्नति योजना लागू होने की तिथि 17/3/99 को सहायक वर्ग-3/अनुरेखक का वेतनमान 3050-4590 और सहायक वर्ग-2 और सहायक मानचित्रकार में वेतनमान 4000-6000 एक समान थे? (घ) यदि उपरोक्त प्रश्नांशों का उत्तर हाँ है तो बतायें कि द्वितीय क्रमोन्नत वेतनमान सामान्य प्रशासन विभाग के अभिमत दिनांक 22/10/2014 की भावना के अनुसार सिर्फ सहायक वर्ग-2 को ही द्वितीय क्रमोन्नत वेतनमान 4500-7000 देने की त्रुटि पद विशेष के लिये ही क्यों सुधारी गई, इस प्रकार समान पारस्पारिक स्थितियों वाले सहायक मानचित्रकार के लिये नहीं सुधारी गई, जिसका परिणाम यह हुआ कि पद विशेष के लिये सहायक वर्ग-2 पद विशेष के लिये सुधारने से संयुक्त संचालक कोष एवं लेखा द्वारा वेतनमान निर्धारण की जाँच के समय ली गई आपत्ति के आधार पर हजारों सहायक मानचित्रकार कर्मचारियों के वेतन से वसूली की जा रही है? (ड.) क्या शासन सहायक वर्ग-2 के समान सहायक मानचित्रकार के लिये भी ऐसा आदेश/परिपत्र, न्याय करते हुए जारी करेगा, जिससे कि उनसे वसूली न हो, क्योंकि शासन के त्रुटिपूर्ण आदेश की सजा कर्मचारियों को भुगतना पड़ रही है यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकरी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी हाँ। (घ) सिंहदेव समिति की अनुशंसा के क्रम में वित्त विभाग के आदेश दिनांक 04/03/1997 से सहायक ग्रेड-2 के वेतनमान का उन्नयन किया गया था। अत: सहायक मानचित्रकार से पारस्परिक समानता नहीं रही है। (ड.) उत्तरांश (घ) अनुसार।
अनु.जाति/जन के छात्र/छात्राओं की कठिनाइयों का निराकरण
[अनुसूचित जाति कल्याण]
60. ( क्र. 838 ) श्री मुकेश नायक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पवई विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के कितने आश्रम, शालायें, हॉस्टल, इत्यादि कहाँ-कहाँ पर हैं? उनका निर्माण मरम्मत, नवीनीकरण, अतिरिक्त निर्माण कब-कब कितनी-कितनी राशि से हुआ और उपरोक्त कार्य हेतु कितनी-कितनी, कौन-कौन सी सामग्री खरीदी गई? (ख) उपरोक्त भवनों में वे कौन-कौन से हैं, जिनमें विद्युत कनेक्शन नहीं है? विद्युत व्यवस्था नहीं है, पेयजल नहीं है तथा अन्य मूलभूत सुविधाएं नहीं है? यदि है तो उसका प्रमाण बताये और कौन-कौन से छात्रावासों में स्वीकृत बेड संख्या से कम संख्या में छात्र-छात्राएं है? उसका क्या कारण हैं? (ग) उपरोक्त संस्थाओं का भवनों का निरीक्षण सामग्री का भौतिक सत्यापन कब-कब किसके द्वारा किया गया और क्या कमी पाई गई जाँच प्रतिवेदन की प्रति बतायें? (घ) उपरोक्त कमियों को दूर करने के लिये शासन क्या-क्या उपाय व्यवस्था करेगा और कोई दोषी है तो उसके खिलाफ क्या-क्या कार्यवाही कब तक की जायेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) पवई विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के शून्य आश्रम, शून्य शालाएं एवं 14 छात्रावास संचालित हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। उनका निर्माण, मरम्मत, नवीनीकरण, अतिरिक्त निर्माण के लिए स्वीकृत राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। स्वीकृत कार्यों के भवन निर्माण की सामग्री आवश्यकतानुसार कार्य एजेन्सी के द्वारा क्रय की गई है। (ख) उपरोक्त सभी छात्रावास भवनों में विद्युत कनेक्शन, पेयजल व्यवस्था तथा अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हैं। जिन छात्रावासों में स्वीकृत बेड संख्या से कम संख्या में छात्र-छात्राएं प्रवेशित हैं उनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। कम प्रवेश का कारण अनुसूचित जाति वर्ग के छात्र-छात्राओं का न मिलना है। (ग) उपरोक्त संस्थाओं के निरीक्षण तथा जाँच प्रतिवेदन की संक्षिप्त विषय वस्तु की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। (घ) उपरोक्त संस्थाओं के निरीक्षण में पाई गई कमियों का यथासमय सुधार किया जाता है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हितग्राहियों को लाभ
[महिला एवं बाल विकास]
61. ( क्र. 839 ) श्री मुकेश नायक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) संचालनालय महिला सशक्तिकरण और संचालनालय एकीकृत बाल विकास सेवा के अंतर्गत कौन-कौन सी योजनाओं में कार्यों इत्यादि में पिछले 3 वर्षों में क्या-क्या कार्य पवई विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत किये गये? तिथिवार कार्य का नाम/योजना का नाम/स्थान/व्यय की गई राशि बतायें। (ख) पिछले तीन वित्तीय वर्षों में कितनी राशि उपरोक्त योजना में जिले को आवंटित की गई? योजनावार, राशि, तिथि सहित बतायें। (ग) क्या उपरोक्त योजनाओं से पवई विधानसभा के हितग्राहियों को लाभ पहुँचा? यदि हाँ, तो क्या-क्या एवं किस प्रकार? हितग्राहियों की संख्यात्मक जानकारी, ग्रामवार बतायें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) एकीकृत बाल विकास सेवा जिला पन्ना अन्तर्गत पवई विधानसभा क्षेत्र में आई.सी.डी.एस. की पोषण आहार योजना, मंगल दिवस, स्नेह शिविर आदि योजनाओं का क्रियान्वयन किया योजना अन्तर्गत लाभान्वित हितग्राहियों एवं व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ख) विगत तीन वर्षों में पन्ना जिले को प्राप्त योजनवार आवंटन एवं व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' पर है। (ग) जी हाँ। योजना अन्तर्गत लाभान्वित हितग्राहियों की संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''एक'' अनुसार है।
दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों को नियमितीकरन
[सामान्य प्रशासन]
62. ( क्र. 854 ) श्री अनिल जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा प्रदेश में दिनांक 07.10.2016 को दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों को स्थाईकर्मी की श्रेणी में विनियमित करने की कोई योजना शुरू की गई है? यदि हाँ, तो योजना लागू करने की तारीख बताई जावे। (ख) प्रश्नगत योजना अंतर्गत टीकमगढ़ जिले के कितने कर्मचारियों को लाभान्वित किया जा चुका है तथा कितने शेष रह गये है? विभागवार जानकारी दी जावे। (ग) शेष कर्मचारी इस योजना से कब तक लाभान्वित हो सकेंगे। विभागवार समय-सीमा बताई जावे।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। दिनांक 01 सितम्बर, 2016 (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
मजरे-टोलों का विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
63. ( क्र. 862 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले की सुमावली विधान सभा क्षेत्र के कितने मजरे, टोले में वर्तमान में विद्युतीकरण नहीं हो सका है? उसके क्या कारण रहे? (ख) वर्ष 2016, 2017 में कितने मजरे, टोलों में विद्युतीकरण का कार्य किस कम्पनी द्वारा किया गया था? उक्त कम्पनी द्वारा कितने मजरे, टोलो में नहीं किया गया था? अब कब तक शेष बची बस्तियों में विद्युतीकरण का कार्य किस कम्पनी द्वारा किया जावेगा? (ग) सुमावली विधान सभा क्षेत्र के मजरे टोलों में पूर्व की जिस कम्पनी को कार्य सौंपा गया था, उसने कार्य पूर्ण क्यों नहीं किया? कम्पनी के खिलाफ विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) मुरैना जिले के सुमावली विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में 421 मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य शेष है। उल्लेखनीय है कि 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत मुरैना जिले हेतु स्वीकृत योजना में सुमावली विधानसभा क्षेत्र के 636 मजरे/टोले विद्युतीकरण हेतु सम्मिलित थे, किन्तु वित्तीय उपलब्धता के आधार पर उक्त योजना में सुमावली विधानसभा क्षेत्र के 215 मजरों/टोलों को ही विद्युतीकरण कार्य हेतु सम्मिलित किया जा सका। उक्त शेष 421 मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में स्वीकृत है। (ख) वर्ष 2015 में 107 मजरों/टोलों वर्ष 2016 में 53 मजरों/टोलों एवं वर्ष 2017 में 55 मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य टर्न-की ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स बजाज इलेक्ट्रिकल लिमिटेड, मुबई द्वारा किया गया था। उक्त ठेकेदार एजेन्सी द्वारा अवार्ड में सम्मिलित समस्त मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य किया गया है। उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार शेष 421 मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य मुरैना जिले हेतु स्वीकृत दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में सम्मिलित है तथा उक्त कार्य वितरण कंपनी द्वारा सेमी टर्न-की आधार पर विभागीय स्तर पर कराये जाने हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। उक्त योजनान्तर्गत विद्युतीकरण के कार्य हेतु अवार्ड जारी होने के पश्चात् सेमी टर्न-की ठेकेदार के नाम से अवगत कराया जाना संभव हो सकेगा। उक्त परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में कार्य पूर्णता की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) उत्तरांश (क) में उल्लेखित योजनान्तर्गत विद्युतीकरण कार्य हेतु अनुबंधित टर्न-की ठेकेदार एजेंसी मेसर्स बजाज इलेक्ट्रिकल लिमिटेड, मुंबई द्वारा अवार्ड में सम्मिलित सभी कार्यों को पूर्ण कर दिया गया है, अत: प्रश्न नहीं उठता।
विकासखण्डों में लोक कल्याण शिविरों का आयोजन
[सामान्य प्रशासन]
64. ( क्र. 863 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले के जौरा, मुरैना, पहाड़गढ़ विकासखण्डों में वर्ष 2017-2018 में कहाँ-कहाँ लोक कल्याण शिविरों का आयोजन किया गया? स्थान का नाम, दिनांक सहित जानकारी दी जावे। (ख) उक्त शिविरों में कितने आवेदन, शिकायते प्राप्त हुई? उनमें से कितनों के निराकरण किये गये? कितने आवेदन एवं शिकायतों पर कार्यवाही नहीं हो सकी तथा कितनी शिकायतें लम्बित रही है? उनका निराकरण कब तक किया जा सकेगा? पूर्ण जानकारी दी जावे? (ग) क्या उक्त शिविरों के आयोजन की कोई निश्चित दिनांक तय की जाती है या समयानुकुल आयोजन की दिनांक निश्चित की जाती है? उसकी सूचना कितने दिन पूर्व दिये जाने का प्रावधान है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) मुरैना जिले के जौरा, मुरैना, पहाड़गढ़ विकासखण्डों में वर्ष 2017-18 में आयोजित लोक कल्याण शिविरों के स्थान के नाम, दिनांक आदि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' पर है। (ख) उक्त लोक कल्याण शिविरों में 437 आवेदन पत्र प्राप्त हुए, सभी शिकायती आवेदन पत्रों का निराकरण जा चुका है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। लोक कल्याण शिविरों के आयोजन हेतु स्थानीय सुविधा एवं परिस्थितियों को देखते हुए एक निश्चित दिन निर्धारित किया जाता है। प्रत्येक माह इस निर्धारित तिथि में लोक कल्याण शिविर का आयोजन किया जाता है। शिविर की तिथि का पर्याप्त प्रचार-प्रसार किए जाने, पंचायतों के सूचना पटल पर शिविरों के स्थान/दिनांक का प्रदर्शन करने तथा निर्धारित तिथि के पूर्व मुनादी कराने के निर्देश है। निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' पर है।
कार्यभारित एवं आकस्मिकता निधि कर्मियों की वेतन विसंगति
[सामान्य प्रशासन]
65. ( क्र. 892 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अग्रवाल वेतन आयोग की अनुशंसा अनुसार कार्यभारित एवं आकस्मिकता निधि से वेतन पाने वाले कर्मचारियों को समान अर्हता, समान कार्य एवं समान वेतन के सिद्धांत पर नियमित पदों के समान वेतनमान स्वीकृत किये जाने हेतु मध्यप्रदेश राज्य कर्मचारी संघ पदाधिकारियों एवं श्री रमेशचंद्र शर्मा अध्यक्ष, म.प्र. राज्य कर्मचारी कल्याण समिति द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी, मुख्य सचिव जी, अपर मुख्य सचिव वित्त विभाग मध्यप्रदेश भोपाल से मांग-पत्र/नोटशीट दिनांक 21.12.2016 से अनुरोध किया गया है? यदि हाँ, तो उक्त संबंध में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) उपरोक्तानुसार क्या शासन अग्रवाल वेतन आयोग की अनुशंसा अनुसार कार्यभारित एवं आकस्मिकता निधि से वेतन पाने वाले कर्मचारियों को समान अर्हता, समान कार्य एवं समान वेतन के सिद्धांत पर नियमित पदों के समान वेतनमान स्वीकृत करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। कार्यभारित/आकस्मिकता निधि के कर्मचारियों की भर्ती एवं सेवा शर्तें तथा नियमित पदों के कर्मचारियों के भर्ती नियम पृथक-पृथक होने से समान वेतनमान रखा जाना संभव नहीं है।
मदद भांडागार भवन की प्रशासकीय स्वीकृति
[वाणिज्यिक कर]
66. ( क्र. 893 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1032 दिनांक 28 नवम्बर, 2017 के उत्तर में बताया गया था कि पुराने कार्यालय आबकारी भवन एवं मदद भांडागार को तोड़कर नवीन कार्यालय एवं मदद भांडागार भवन बनाया जावेगा जिस हेतु भूमि उपलब्ध है। प्रकरण में लोक निर्माण विभाग से तकनीकी स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलन में है? तो क्या प्रश्न दिनांक तक तकनीकी स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है? (ख) यदि हाँ, तो कब तक उपरोक्तानुसार कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान कर आवश्यक राशि प्रदान की जावेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। तकनीकी स्वीकृति प्राप्त नहीं हुई है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जनप्रतिनिधियों के पत्रों पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
67. ( क्र. 896 ) श्री घनश्याम पिरोनियॉं : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दतिया जिले के माननीय विधायकों ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद/जिला पंचायत, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व एवं कलेक्टर दतिया को विभिन्न विषयों को लेकर पत्र लिखे हैं? यदि हाँ, तो 1 जनवरी, 2016 से प्रश्न दिनांक तक कितने पत्र लिखे और उन पर क्या कार्यवाही की गई? क्या कृत कार्यवाही की सूचना संबंधित विधायक को दी गई? यदि हाँ, तो दी गई सूचना पत्र की प्रति के साथ-साथ माननीयों द्वारा लिखे गये पत्रों की प्रतियाँ भी उपलब्ध कराई जावे। (ख) क्या माननीयों द्वारा लिखे गये पत्रों को संजीदगी से नहीं लिया गया है? कई पत्रों के संबंध में आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं की गई और न ही वांछित जानकारी उपलब्ध कराई गई? (ग) क्या माननीय विधायकों द्वारा स्वेच्छानुदान निधि से राशि देने के लिये भेजी गई सूची को लंबे समय तक लटकाकर रखने के बाद संबंधित से समग्र आई.डी. मांगी गई थी? यदि हाँ, तो केवल भाण्डेर विधानसभा के लिये ही क्यों दतिया एवं सेवढ़ा के लिये क्यों नहीं? यदि दतिया सेवढ़ा के जरूरतमंदों से भी समग्र आई.डी. मांगी गई तो भेजे गये पत्रों की प्रति उपलब्ध कराई जाए? यदि नहीं, तो क्यों? इसके लिये कौन जिम्मेदार है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
स्किल्ड एवं अनस्किल्ड कर्मियों की भर्ती
[ऊर्जा]
68. ( क्र. 897 ) श्री घनश्याम पिरोनियॉं : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दतिया जिले में विद्युत विभाग में स्किल्ड एवं अनस्किल्ड कर्मियों की भर्ती किसी प्रायवेट कंपनी के माध्यम से की जा रही है? यदि हाँ, तो किस कंपनी के माध्यम से की गई? (ख) दतिया जिले में 01.01.2015 से प्रश्न दिनांक तक कितने कर्मियों की भर्ती की गई? उसकी जानकारी नाम, पद एवं पदस्थली स्थान सहित उपलब्ध करायें। (ग) क्या इन भर्तियों में अनियमितता की गई है? क्या आवश्यकता से अधिक कर्मियों की भर्ती की गई है? क्या कई कर्मियों को बिना कारण बताये हटा दिया गया और उनकी जगह दूसरों को रख लिया? यदि हाँ, तो ऐसा क्यों? (घ) क्या इन कर्मियों की नियुक्ति में एक शर्त यह थी कि केवल मध्यप्रदेश की आई.टी.आई. से परीक्षा उर्त्तीण हो, ऐसे आवेदको की भर्ती की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या इन भर्ती किये गये समस्त कर्मियों में सभी मध्यप्रदेश की आई.टी.आई. से परीक्षा उर्त्तीण हैं? इन भर्तियों के लिए क्या-क्या मापदण्ड हैं? क्या इन भर्तियों के रिक्त स्थानों का समाचार पत्रों में प्रकाशन कराया गया? यदि हाँ, तो किस-किस समाचार पत्र में प्रकाशन हुआ?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं, अपितु मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा बाह्य सेवा प्रदाता के माध्यम से कुशल एवं अकुशल श्रमिकों की सेवायें आवश्यकतानुसार प्राप्त की जा रही हैं। दतिया जिले में मानवबल उपलब्ध कराने वाली बाह्य सेवा प्रदाता कंपनियों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में भर्ती संबंधी जानकारी दिये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना के कार्य
[जनजातीय कार्य]
69. ( क्र. 898 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर जिले अन्तर्गत पिछले तीन वर्षों में अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास योजना अंतर्गत कुल कितना बजट/आवंटन प्राप्त हुआ उक्त आवंटन से पिछले तीन वर्षों में विधानसभा क्षेत्रवार कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये गये वर्तमान में इन कार्यों की क्या स्थित है? इन कार्यों की एजेंसी कौन है? (ख) गरोठ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत उक्त जाति की बस्तियों में सड़क निर्माण और प्रकाश की वर्तमान में क्या स्थिति है कितने क्षेत्र अभी भी इन सुविधाओं से वंचित हैं? (ग) अनुसूचित जनजाति के लिए शासन द्वारा संचालित योजना से पिछले तीन वर्षों में विधान सभा क्षेत्र गरोठ के कुल कितने हितग्राहियों को लाभांवित किया गया?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) मंदसौर जिले में अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास योजनान्तर्गत विगत तीन वर्षों में प्राप्त आवंटन एवं स्वीकृत कार्यों की विधानसभा क्षेत्रावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) गरोठ विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत 50 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या वाले अनुसूचित जनजाति बाहुल्य 02 ग्राम धावद बुजुर्ग एवं भरत्याखेड़ी चिन्हित है। ग्राम धावद बुजुर्ग में 27 सी.सी. रोड बनाये जाने थे जिसमें से 12 सी.सी. रोड बना दिये गये हैं शेष सी.सी. रोड का निर्माण कार्य कराया जाना शेष है तथा ग्राम भरत्याखेड़ी में डी.पी.आर. अनुसार 08 सी.सी. रोड बनाये जाने थे जिसमें से 02 सी.सी. रोड का निर्माण कार्य हो चुका है और 06 सी.सी. रोड का निर्माण कार्य कराया जाना शेष है तथा उक्त दोनों ग्राम 100 प्रतिशत विद्युतीकरण हो चुके हैं। (ग) शासन द्वारा संचालित योजनाओं से पिछले तीन वर्षों में विधानसभा क्षेत्र गरोठ में लाभांवित किये गये हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
छात्रावासों का संचालन
[अनुसूचित जाति कल्याण]
70. ( क्र. 900 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गरोठ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आदिम जाति कल्याण विभाग दवारा कुल कितने छात्रावास का संचालन किया जा रहा है इनमें कुल कितने छात्र निवास कर रहे हैं कुल कितना स्टॉफ स्वीकृत है? कितने पद रिक्त है? एक अधीक्षक के पास कुल कितने छात्रावास का प्रभार है? छात्रावासवार जानकारी उपलब्ध करावे। (ख) क्या कन्या आश्रम/छात्रावास की अधीक्षिका को एक से अधिक छात्रावास का प्रभार दिया गया है? यदि हाँ, तो इन छात्राओं की सुरक्षा के लिए कौन जिम्मेदार है क्या विभाग ऐसे छात्रावासों को चिन्हित कर छात्राओं की सुरक्षा के संबंध में कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या छात्रावास में रह रहे बच्चों को शासन द्वारा प्रदाय की जा रही सुविधाओं का पूर्ण वितरण किया जा रहा है? इसके लिए कोई निरीक्षणकर्ता नियुक्त किये गये है? यदि हाँ, तो विगत दो वर्षों से अभी तक किन-किन के द्वारा निरीक्षण किया गया?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) गरोठ विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित 01 आश्रम में 34 छात्राएं तथा अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित 09 छात्रावासों में 485 छात्र-छात्राएं निवासरत हैं। छात्रावासों में स्वीकृत स्टॉफ/रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। छात्रावासों के प्रभार संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) जी हाँ। रात्रि के समय कन्या आश्रम/छात्रावास में चौकीदार एवं छात्रावास परिसर में निर्मित अधीक्षक आवास गृह पर अधीक्षिका निवासरत हैं तथा छात्रावास एक ही परिसर में संयुक्त रूप से संचालित है। (ग) जी हाँ। विगत दो वर्षों में अधिकारियों द्वारा छात्रावासों में किये गये निरीक्षणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
मध्यप्रदेश शासन द्वारा वित्तीय संस्थाओं से प्राप्त ऋण
[वित्त]
71. ( क्र. 912 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन पर प्रश्न दिनांक तक किस-किस संस्थाओं का कितना कर्ज है? संस्थावार बतायें। (ख) दिनांक 1 दिसम्बर, २०१३ के बाद से शासन ने कब-कब, किस वित्तीय संस्था से कितना-कितना कर्ज किस आवश्यकता के लिये लिया है? प्रायोजनवार बतायें। (ग) मध्यप्रदेश शासन को वित्तीय संस्थाओं को प्रति वर्ष कितनी राशि कर्ज के ब्याज के रूप में देनी पड़ रही है? (घ) शासन ने कर्ज में प्राप्त राशि का कितना प्रतिशत् उपयोग कर लिया है? प्रायोजनवार बतायें।
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) वर्ष 2016-17 के वित्तीय लेखे, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा वर्तमान तक जारी नहीं किये गये है। अतः प्रश्नांश की जानकारी दी जाना संभव नहीं है। वित्तीय वर्ष 2015-16 तक नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा प्रेषित वित्त लेखे के भाग-2 के विवरण संख्या-17 में संस्थावार, मदवार, राशिवार, ब्याज दरवार लिये गये कर्ज का विवरण विधानसभा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर है। (ख) वित्तीय वर्ष 2013-14 से वित्तीय वर्ष 2014-15 तक नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा प्रेषित वित्त लेखे के भाग-2 के क्रमशः विवरण संख्या-15 एवं 17 में वित्तीय संस्थावार कर्ज का विवरण विधानसभा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर है। वित्तीय वर्ष 2015-16 का विवरण प्रश्नांश (क) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर दर्शाया गया है। (ग) वित्तीय संस्थाओं को प्रतिवर्ष कर्ज के ब्याज की राशि का विवरण वित्तीय वर्ष 2013-14 से वित्तीय वर्ष 2015-16 तक प्रश्नांश 'क' एवं 'ख' के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 पर है। (घ) राज्य शासन द्वारा लिया गया ऋण संचित निधि का भाग होता है। विनियोग के रुप में विधानसभा से इसका अनुमोदन प्राप्त कर व्यय किया जाता है, जिसका विवरण बजट साहित्य में प्रतिवर्ष दिया जाता है। साथ ही नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा प्रेषित विनियोग लेखे में भी इसका विस्तृत विवरण होता है, जो विधानसभा के पटल पर रखा जाता है। बजट साहित्य एवं विनियोग लेखे विधानसभा के पुस्तकालय में उपलब्ध है।
विद्युत कनेक्शनों का प्रदाय
[ऊर्जा]
72. ( क्र. 916 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा प्रश्न क्रमांक 5627 दिनांक 24.03.2017 के प्रश्नांश (ख) के उत्तर कटनी शहर में निर्धारित मापदंड के अनुसार ही विद्युत कनेक्शन प्रदान किये गये है के तारतम्य में ठेकेदार द्वारा लगाये गये डिस्ट्रिव्यूशन बॉक्स एवं प्रदाय किये गये कनेक्शनों की संख्या के जाँच के प्रतिवेदन क्या थे? बतायें और वर्तमान में डिस्ट्रिब्यूशन बॉक्स लगाए जाने एवं बॉक्स से दिये गये विद्युत कनेक्शनों की संख्या की जानकारी दें? क्या कनेक्शन निर्धारित मापंदड अनुसार दिये गये है, यह भी बतायें दें। (ख) प्रश्नकर्ता सदस्य के विधानसभा प्रश्न क्रमांक 3211 दिनांक 03/03/2017 के प्रश्नांश ''क'' के उत्तरानुसार परिशिष्ट ''अ'' में दर्ज प्रश्नकर्ता के पत्रों पर क्या सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र एफ-19-76/2007/1/4 दिनांक 22/03/2011 एवं 17/08/2016 की कडिका-01 के पालन में निर्धारित प्रारूप में अभिस्वीकृति प्रदान की गई? यदि हाँ, तो विवरण देवें एवं पावती की प्रतियां बतायें, यदि नहीं, तो क्यों? कारण बतायें, (ग) प्रश्नांश (क) से (ख) क्या विधानसभा प्रश्नों के दिये गये उत्तर सही है, यदि हाँ, तो कैसे, स्पष्ट करें? यदि नहीं, तो इस पर क्या कार्यवाही की जायेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) निम्नदाब लाईनों पर डिस्ट्रीब्यूशन बॉक्स में सिंगल फेज के 9 एवं थ्री फेज के 3 कनेक्शन प्रदान किये जाने का प्रावधान है। वर्तमान में प्रश्नाधीन क्षेत्र में उक्त प्रावधानों के अनुसार ही डिस्ट्रीब्यूशन बॉक्स लगाकर कनेक्शन प्रदान किये गये हैं जो कि निर्धारित मापदण्ड अनुसार है। कटनी शहर में लगाए गए डिस्ट्रीब्यूशन बॉक्स एवं उनसे दिये गये कनेक्शनों की संख्या का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, प्रश्न क्रमांक 3211 के प्रश्नांश (क) के उत्तर के संलग्नक में उल्लेखित प्राप्त समस्त पत्रों की अभिस्वीकृति वितरण कंपनी के संबंधित कार्यालय द्वारा माननीय विधायक महोदय के कार्यालय से आये कर्मचारी को उसके द्वारा लायी गयी डाक बुक में दी गई है, किन्तु वितरण कंपनी के संबंधित कार्यालय द्वारा सामान्य प्रशासन विभाग के निर्धारित प्ररूप में अभिस्वीकृति तत्संबंधी जानकारी नहीं होने के कारण नहीं दी जा सकी है। (ग) जी हाँ, उत्तरांश (क) एवं (ख) में दर्शाये अनुसार पूर्व में दिये गये विधानसभा प्रश्नों का उत्तर सही है।
विद्युतीकरण का कार्य
[ऊर्जा]
73. ( क्र. 917 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुडवारा विधानसभा क्षेत्र में विगत 03 वर्षों में ग्रामों के विद्युतीकरण के कितने ग्रामों के कार्य, किन योजनाओं के तहत कितनी लागत से प्रारंभ किये गये एवं पूर्ण किये गये? योजनावार बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत ग्रामों के विद्युतीकरण कार्यों को किन ठेकेदार कंपनी द्वारा किया गया? कार्यदेश में नियत समयावधि क्या थी? कार्यों को कब प्रारंभ कर, कब पूर्ण किया गया? क्या कार्यों को नियत अवधि में पूर्ण किया गया? यदि हाँ, तो योजनावार विवरण देवें, यदि नहीं, तो क्यों? इसके लिये जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही की गई? योजनावार बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) के तहत कार्यों का किन-किन विभागीय अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया गया और क्या निरीक्षण प्रतिवेदन दिये गये? उपयोग की गयी सामग्री गुणवत्तापूर्ण एवं निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप पायी गयी? यदि नहीं, तो क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (ग) के तहत क्या ठेकेदार कंपनियों द्वारा किये गये एवं किये जा रहे कार्य, गुणवत्ता पूर्ण और नियत समयावधि के अनुसार हैं? यदि हाँ, तो कार्यों की समयावधि क्या थी? इन्हें कब तक पूर्ण किया गया? योजनावार बतायें, यदि समय पर पूर्ण नहीं किया गया है तो इसके लिये संबंधित जिम्मेदार पर क्या कार्यवाही की गई? योजनावार बतायें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) मुडवारा विधानसभा क्षेत्र में विगत 3 वर्षों यथा-वर्ष 15-16 से वर्ष 17-18 में जनवरी-18 तक, 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत 115 विद्युतीकृत ग्रामों के 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाले मजरों/टोलों के विद्युतीकरण सहित सघन विद्युतीकरण के कार्य प्रारंभ कर रू. 2.04 करोड़ की लागत से पूर्ण किये गये हैं। (ख) उत्तरांश (क) में दर्शाए गए सघन विद्युतीकरण के कार्य ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स केबकॉन कलकत्ता द्वारा किये गये हैं। कार्यादेश में उक्त कार्य पूर्ण करने की नियत समयावधि कार्य आरंभ होने की प्रभावी तिथि फरवरी 2015 से 24 माह निर्धारित थी तथा ठेकेदार एजेन्सी द्वारा उक्त सभी कार्य जून-2017 तक पूर्ण किये जा चुके हैं। जी नहीं, कार्य पूर्णता में विलंब हुआ है। उक्त कार्य हेतु कुशल श्रमिकों की उपलब्धता नहीं होने, पहुंच मार्ग उपलब्ध नहीं होने तथा ठेकेदार एजेन्सी द्वारा कार्य को धीमी गति से करने के कारण विलंब हुआ है। कार्य समयावधि में पूर्ण नहीं किये जाने के कारण ठेकेदार एजेन्सी के देयकों से ठेके की शर्तों के अनुसार लिक्विडेटेड डैमेज की राशि की वसूली हेतु कार्यवाही की जा रही है। उक्त परिप्रेक्ष्य में विलंब हेतु वितरण कंपनी का कोई भी अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार नहीं है। (ग) प्रश्नाधीन योजनांतर्गत स्थापित डी.आर.सी. प्रकोष्ठ के अधिकारियों (श्री विनोद राय, कार्यपालन अभियंता, श्री प्रभात कुमार, नोडल अधिकारी एवं श्री मोहनकुमार सिंह, नोडल अधिकारी) एवं तृतीय पक्ष निरीक्षण एजेन्सी के फील्ड इंजीनियरों द्वारा योजना के कार्यों का निरीक्षण किया गया तथा निरीक्षण में पाई गई कमियों/त्रुटियों का निराकरण संबंधित ठेकेदार से करवाया गया। जी हाँ, निरीक्षण प्रतिवेदन दिये गये है। वितरण कंपनी द्वारा योजना में प्रयुक्त होने वाली मुख्य सामग्री जैसे ट्रांसफार्मर, केबिल, कन्डक्टर, पोल आदि का निर्माण कार्य में उपयोग करने से पूर्व राष्ट्रीय स्तर की एन.ए.बी.एल. प्रमाणित प्रयोगशाला में परीक्षण कराया गया तथा सामग्री निर्धारित मानकों के अनुरूप पाये जाने पर ही उसे उपयोग में लाया गया है। सामग्री की गुणवत्ता निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप होने के कारण कोई कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता। (घ) 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत ठेकेदार एजेन्सी द्वारा पूर्ण किये गये कार्य गुणवत्ता पूर्ण है। उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार प्रश्नाधीन कार्यों को पूर्ण करने की समयावधि कार्य आरंभ होने की प्रभावी तिथि फरवरी 2015 से 24 माह थी तथा ठेकेदार एजेन्सी द्वारा योजना के सभी कार्य जून-2017 को पूर्ण किये जा चुके हैं। कार्य समयावधि में पूर्ण नहीं किये जाने के कारण ठेकेदार एजेन्सी के विरूद्ध उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार कार्यवाही की जा रही है।
विभाग द्वारा चल रहे कुपोषण कार्यक्रमों की प्रगति
[महिला एवं बाल विकास]
74. ( क्र. 920 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भीकनगॉव विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितने कुपोषित बच्चों की पहचान विभाग द्वारा की गई है? कृपया वर्षवार संख्या बतावें तथा विभाग द्वारा कितने बच्चों का पोषण एवं इलाज द्वारा कुपोषण से मुक्त किया गया है? (ख) इन बच्चों को कुपोषण से मुक्ति हेतु कितनी राशि व्यय शासन द्वारा की गई है वर्षवार खर्च की गई राशि की जानकारी प्रदाय करें तथा विभाग द्वारा कुपोषण मुक्ति हेतु किये गये कार्य संतोषजनक हैं? नहीं तो क्या कारण है? (ग) क्या भविष्य में कुपोषण से मुक्ति हेतु शासन द्वारा कोई ठोस नीति बनाई जायेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) भीकनगॉव विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक कुल कुपोषित बच्चों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। विभाग द्वारा वर्ष 2013-14 से 1301 बच्चों को पोषण एवं इलाज द्वारा कुपोषण से मुक्त किया गया है। (ख) इन बच्चों को कुपोषण से मुक्ति हेतु एकीकृत बाल विकास सेवा अंतर्गत पोषण आहार कार्यक्रम एवं अटल बिहारी बाजपेयी बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन के अंतर्गत शासन निर्देशानुसार व्यय राशि का वर्षवार विवरण निम्नानुसार हैः-
वर्ष |
व्यय |
2013-14 |
23410776 |
2014-15 |
30182892 |
2015-16 |
29786606 |
2016-17 |
32746796 |
2017-18 |
21074850 |
विभाग द्वारा कुपोषण मुक्ति हेतु किये गये कार्य संतोषजनक है। (ग) कुपोषण समाप्त करने हेतु राज्य शासन की नीति निर्धारित है। भविष्य में उक्त नीति में आवश्यक्तानुसार परिवर्तन/संशोधन किया जा सकता है।
वन ग्रामों में वन अधिकार पट्टों का शत-प्रतिशत वितरण
[जनजातीय कार्य]
75. ( क्र. 921 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले के क्षेत्रान्तर्गत वन अधिकार अधिनियम, 2006 के पालन में कितने ग्रामों में वन अधिकार समितिका गठन किया गया है? समिति के अध्यक्ष सचिव कौन-कौन है? जिले की समस्त गठित वन ग्रामों के वन अधिकार समिति के अध्यक्ष एवं सचिव के नाम सहित जानकारी उपलब्ध करावे? (ख) किस वनग्राम में कितने आदिवासियों एवं कितने गैर आदिवासियों द्वारा कितनी भूमि के दावे प्रस्तुत किये गये हैं? ग्रामवार प्रस्तुत दावों की सूची नाम सहित उपलब्ध करावें तथा प्रश्न दिनांक तक कितने दावों पर जाँच की जाकर स्वीकृति प्रदाय की गई है तथा कितने, कहाँ पर लंबित हैं तथा क्या कारण हैं? (ग) कब तक शेष लंबित प्रकरणों की जाँच की जाकर पट्टे वितरण किये जायेंगे तथा योजना प्रारंभ से वर्तमान तक स्वीकृत वन अधिकार पट्टेधारियों की सूची ग्रामवार तथा लंबित पट्टेधारियों की सूची ग्रामवार उपलब्ध करावें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) खरगौन जिले के क्षेत्रान्तर्गत वन अधिकार अधिनियम 2006 के पालन में 796 ग्रामों में वन अधिकार समिति का गठन किया गया है। समिति के अध्यक्ष एवं सचिव ग्राम सभा द्वारा नामांकित अशासकीय व्यक्ति हैं। जिले के 67 वनग्रामों के वन अधिकार समिति के अध्यक्ष एवं सचिवों के नामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) आदिवासियों एवं गैर आदिवासियों द्वारा वनग्रामों की प्रस्तुत 16148 दावों की वनग्रामवार सूची, भूमि के रकबे सहित पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। प्रश्न दिनांक तक 8754 दावों की स्वीकृति प्रदान की गई है तथा 01 दावा प्रकरण पीडीए सर्वे नहीं होने से लंबित है। (ग) यह एक अर्द्ध न्यायिक प्रक्रिया है अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। योजना प्रारम्भ से वर्तमान तक वनग्रामों के स्वीकृत एवं लंबित पट्टेधारियों की ग्रामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स एवं -द अनुसार है।
स्निप प्रोजेक्ट
[महिला एवं बाल विकास]
76. ( क्र. 932 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) स्नीप प्रोजेक्ट के तहत महिदपुर वि.स. क्षेत्र में कितने कर्मचारी कार्यरत हैं? (ख) इनके नियोक्ता द्वारा इनसे क्या-क्या कार्य लिए जा रहे हैं? (ग) इस प्रोजेक्ट की समय-सीमा क्या है? इसका निरीक्षण विगत 1 वर्ष में किन-किन अधिकारियों द्वारा किया गया? महिदपुर वि.स. क्षेत्र के संदर्भ में निरीक्षण टीप की छायाप्रति भी साथ में देवें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) स्निप प्रोजेक्ट के अंतर्गत महिदपुर विधानसभा क्षेत्र में 06 कर्मचारी कार्यरत् हैं। (ख) विकासखण्ड समन्वयकों के द्वारा आई.सी.टी.-आर.टी.एम. (मोबाईल एप्पलीकेशन) पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और पर्यवेक्षकों का सहयोगी प्रशिक्षण, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा आई.सी.टी.-आर.टी.एम.-आर.टी.एम. (मोबाईल एप्लीकेशन) के उपयोग की सी.ए.एस. रिपोर्ट द्वारा निगरानी और कम उपयोग पर फालोअप करना, क्षेत्रों और आंगनवाड़ी केन्द्रों का विशेष उद्देश्य से भ्रमण करना और सी.ए.एस. एप्लीकेशन के सुचारू संचालन के लिए सभी को सहयोग प्रदान करना, क्षेत्र बैठकों में जाना और स्निप गतिविधियों विशेष रूप से सी.ए.एस. एप्लीकेशन और सी.बी.ई. आयोजनों पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और पर्यवेक्षकों का उन्मुखीकरण, विकासखण्ड द्वारा की गई प्रगति के बारे में जिला समन्वयक को अवगत करवाना और स्निप गतिविधियों की मासिक रिपोर्ट तैयार करना तथा सी.डी.पी.ओ. द्वारा चिन्हित कोई अन्य कार्य संपादित किया जाता है। विकासखण्ड परियोजना सहायकों के द्वारा विकासखण्ड में स्निप गतिविधियों के समग्र क्रियान्वयन को सहयोग करना, जिला टीम के साथ समन्वय में आई.सी.डी.एस. पर्यवेक्षकों और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण का आयोजन/प्रसार, मासिक रिपोर्ट की तैयारी, आंकड़ों के आवधिक विश्लेषण में सहयोग, जब और जैसा आवश्यक हो आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को स्थल पर सहयोग करना तथा सी.डी.पी.ओ. द्वारा चिन्हित कोई अन्य कार्य संपादित किया जाता है। (ग) स्निप प्रोजेक्ट की समय-सीमा जून 2018 तक है। स्निप प्रोजेक्ट अंतर्गत नियुक्त कर्मचारी परियोजना अधिकारी के अधीनस्थ कार्य करते है समय-समय पर परियोजना अधिकारी द्वारा इनके कार्यों की आंगनवाड़ी स्तर पर समीक्षा की जाती है। जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा भी परियोजना एवं जिला स्तर पर बैठक में इन कर्मचारियों के कार्यों की समीक्षा की जाती है।
नवीन विद्युत ग्रिड की स्वीकृति
[ऊर्जा]
77. ( क्र. 933 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या महिदपुर वि.स. क्षेत्र के ग्राम बोलखेड़ा नाउ एवं पेटलावद में 33/11 के.व्ही. नवीन विद्युत ग्रिड तकनीकी रूप से साध्य है? (ख) यदि हाँ, तो इसकी स्वीकृति कब तक दी जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, महिदपुर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम बोलखेड़ानाउ एवं पेटलावद में 33/11 के.व्ही. नवीन विद्युत उपकेन्द्रों के निर्माण का कार्य तकनीकी रूप से साध्य है। (ख) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम बोलखेड़ानाउ एवं पेटलावद में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों की स्थापना के कार्य को वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता अनुसार इसी प्रकार के अन्य कार्यों की प्राथमिकता को दृष्टिगत रखते हुए स्वीकृति प्रदान की जा सकेगी, जिस हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
विद्युत विहीन ग्रामों फलियों का विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
78. ( क्र. 936 ) श्री बाला बच्चन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कारण है कि राजपुर वि.स. क्षेत्र के सेंधवा डिवीजन के 17 ग्रामों के 48 फलियों एवं बड़वानी डिवीजन के 25 ग्रामों का विद्युतीकरण अभी तक नहीं हो पाया है? (ख) दिनांक 01/01/2015 से 31/01/2018 तक विभाग द्वारा इस संबंध में किए समस्त पत्राचार एस्टीमेट एवं अन्य कार्यवाही की प्रमाणित प्रति देंवे? (ग) इस संबंध में भोपाल एवं इंदौर स्तर से बड़वानी कार्यालय को कितने पत्र, आदेश प्राप्त हुए उन पर की गई कार्यवाही की प्रमाणित प्रति देंवे? (घ) प्रश्न 'क' अनुसार विद्युत विहीन ग्रामों व फलियों का विद्युतीकरण कब तक कर लिया जायेगा? सयम सीमा देंवे? इस पर ध्यान देकर विलम्ब करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) बड़वानी जिले के राजपुर विधानसभा क्षेत्र में संचालन/संधारण संभाग सेंधवा के 17 राजस्व ग्रामों के 48 फलिये एवं संचालन/संधारण संभाग बड़वानी के 21 राजस्व ग्रामों के 25 फलिये (ग्राम नहीं) पूर्व में ही विद्युतीकृत किये जा चुके है एवं वर्तमान में उपरोक्त सभी फलियों में सुचारू रूप से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (ख) दिनांक 01.01.2015 से 31.01.2018 तक म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संबंधित कार्यालयों द्वारा उत्तरांश (क) में उल्लेखित राजस्व ग्रामों के फलियों के विद्युतीकरण के संबंध में किये गये समस्त पत्राचार की प्रमाणित प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। उपरोक्त कार्य हेतु पृथक से कोई प्राक्कलन स्वीकृत नहीं किया गया था। (ग) उत्तरांश (क) में उल्लेखित राजस्व ग्रामों के फलियों के विद्युतीकरण के संबंध में भोपाल स्तर से बड़वानी वृत्त को सीधे तौर पर कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। इन्दौर कार्यालयों से प्राप्त पत्र क्रमांक 8054 दिनांक 29.07.2016 एवं पत्र क्रमांक 7180 दिनांक 21.04.2016 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के क्रमशः पृष्ठ क्रमांक 3/15 एवं 10/15 अनुसार है तथा इन पत्रों पर की गई कार्यवाही का विवरण अधीक्षण यंत्री, संचालन एवं संधारण, बड़वानी के पत्र क्रमांक 3531 दिनांक 17.10.2016 (पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के पृष्ठ क्रमांक 1/15 एवं 2/15) तथा पत्र क्रमांक 344 दिनांक 01.02.2017 (पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के पृष्ठ क्रमांक 12/15 से 14/15 तक) अनुसार है। (घ) उत्तरांश (क) में उल्लेखित कोई भी राजस्व ग्राम/फलियां विद्युतविहीन नहीं है अपितु समस्त ग्रामों/फलियों का पूर्व में ही विद्युतीकरण किया जा चुका है एवं वर्तमान में उपरोक्त सभी ग्रामों/फलियों में निवासरत् परिवारों द्वारा विद्युत का उपयोग किया जा रहा है। तथापि 24 घण्टे विद्युत प्रदाय किये जाने हेतु विद्युत अधोसंरचना के विस्तार का कार्य दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना अन्तर्गत स्वीकृत है एवं वर्तमान में प्रश्नांश (क) में उल्लेखित 38 राजस्व ग्रामों के 73 फलियों में से 20 फलियों का कार्य पूर्ण कर लिया गया है, 12 फलियों का कार्य प्रगति पर है तथा शेष 41 फलियों का कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है। उक्त समस्त कार्य माह दिसम्बर-2018 तक पूर्ण किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उक्त परिप्रेक्ष्य में किसी अधिकारी के दोषी होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
बिना टी.डी.एस. काटे भुगतान
[वित्त]
79. ( क्र. 937 ) श्री बाला बच्चन : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या किसी विभाग द्वारा बिना टी.डी.एस. काटे भुगतान करने पर कार्यवाही का कोई नियम है? यदि हाँ, तो पूरी जानकारी देवें? (ख) कितनी राशि तक का भुगतान बिना टी.डी.एस. काटे किया जा सकता हैं? (ग) क्या कारण है कि बड़वानी में दिनांक 21/01/2017 को राज्य स्तरीय जनजाति सम्मेलन के देयकों में लगभग आधी राशि के देयकों का भुगतान बिना टी.डी.एस. काट कर दिया गया? समस्त भुगतान के टी.डी.एस. कटौत्रे की जानकारी भुगतान प्राप्तकर्ता का नाम, कटौत्रा राशि, भुगतान राशि सहित देवें। (घ) इस पर कब तक कार्यवाही की जावेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। वाणिज्यिक कर विभाग से जारी परिपत्र दिनांक 29-07-2008 की प्रति संलग्न परिशिष्ट पर है। (ग) जिला कोषालय बड़वानी में दिनांक 21-01-2017 को आयोजित राज्य स्तरीय जनजाति सम्मेलन संबंधित सहायक आयुक्त जनजातीय विकास बड़वानी द्वारा प्रस्तुत किये गये देयकों से टी.डी.एस. राशि का कटौत्रा किया गया है। भुगतान प्राप्तकर्ता का नाम कटौत्रा राशि एवं भुगतान राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ग) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कर्मचारियों का नियमितीकरण एवं बोनस भुगतान
[ऊर्जा]
80. ( क्र. 941 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. जनसंकल्प 2013 के पृष्ठ क्र. 33 पर विदयुत वितरण कं. में संविदा नियुक्ति में कार्यरत कर्मचारियों के नियमितीकरण सहित सभी समस्याओं के निराकरण हेतु त्वरित कदम उठाने का उल्लेख किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो इस पर प्रश्न दिनांक तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई है? (ग) क्या म.प्र. विदयुत वितरण की सभी कंपनियों में दीवाली बोनस का भुगतान प्रतिवर्ष किया जाता है? (घ) यदि हाँ, तो मध्य क्षेत्र विदयुत वितरण कंपनी में विगत 4 वर्षों से बोनस भुगतान क्यों नहीं किया जा रहा है? यह कब तक कर दिया जाएगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, म.प्र. जनसंकल्प 2013 के पृष्ठ क्र. 33 पर नहीं अपितु पृष्ठ क्रमांक-30 पर विदयुत वितरण कंपनियों में संविदा के पदों पर कार्यरत कार्मिकों के नियमितीकरण सहित सभी समस्याओं के निराकरण हेतु त्वरित कदम उठाने का उल्लेख किया गया है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में राज्य शासन द्वारा अनुमोदित संविदा नीति, 2016 लागू की गई है, जिसके अनुसार ही संविदा कर्मियों की सेवाएं विद्युत वितरण कंपनियों में ली जा रही हैं। इन नियमों के अनुसार, कतिपय शर्तों एवं निबंधनों के साथ योग्यता एवं आवश्यकता के आधार पर संविदा कार्मिक अब 60 वर्ष की आयु तक कार्य कर सकते हैं। संविदा कर्मियों की अन्य समस्याओं का विभिन्न स्तरों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर विधि सम्मत माँगों का नियमानुसार निराकरण किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि राज्य शासन के आदेश दिनांक 09.05.2017 द्वारा विद्युत कंपनियों में संविदा पर कार्यरत् अधिकारियों/कर्मचारियों की सेवा शर्तों में सुधार की आवश्यकता पर विचार करने तथा अनुशंसाएं विभाग को प्रस्तुत करने के लिये समिति का गठन किया गया है। (ग) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर एवं म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी, इन्दौर के द्वारा प्रतिवर्ष बोनस का भुगतान किया जा रहा है एवं म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी, भोपाल में वर्ष 2012-2013 के बाद बोनस भुगतान नहीं किया गया है। (घ) मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा वर्ष 2013-14 के बोनस भुगतान संबंधी प्रस्ताव पर विधिक सलाह ली गई है जिसके अनुसार चूंकि मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, विद्युत वितरण का व्यवसाय अपने लाइसेन्सी क्षेत्र में बिना किसी निजी अथवा शासकीय कंपनी के साथ प्रतिस्पर्धा से कर रही है, अतः कंपनी बोनस अधिनियम की धारा 20 (02) के अंतर्गत स्वत: छूट प्राप्त संस्था है एवं तदानुसार बोनस अधिनियम 1965 कंपनी पर लागू नहीं होता है। तथापि राज्य शासन द्वारा बोनस भुगतान संबंधी मामले को नीतिगत रूप से सभी कंपनियों के बीच में एकरूपता लाने के उद्देश्य से गठित समिति के समक्ष प्रकरण प्रस्तुत कर अनुशंसा प्राप्त करने हेतु एम.पी.पॉवर मैनेजमेंट कंपनी को पत्र दिनांक 08.01.2018 द्वारा निर्देश दिए हैं। समिति की अनुशंसा प्राप्त होने के उपरान्त तद्नुसार इस संबंध में कार्यवाही की जाएगी, जिस हेतु वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कर्मचारियों के नियमितीकरण
[ऊर्जा]
81. ( क्र. 942 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विदयुत वितरण कं. लिमिटेड में वर्तमान में विदयुत समिति के संविलियत सहित कितने दै.वे.भो. कर्मचारी कार्यरत हैं? नियुक्ति दिनांक सहित सूची देवें। (ख) उपरोक्तानुसार कितने दै.वे.भो. कर्मचारियों के नियमितीकरण के कितने आदेश निकाले गए कितने शेष हैं? पृथक-पृथक बतावें। वर्तमान में रिक्त पदों की जानकारी श्रेणीवार देवें। (ग) शेष कर्मचारियों को कब तक नियमित कर दिया जायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड में वर्तमान में ग्रामीण विद्युत सहकारी समिति के संविलियित 66 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों सहित कुल 78 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी कार्यरत है। उक्त कर्मचारियों की कार्य पर उपस्थिति दिनांक सहित नामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में दर्शाए गये किसी भी दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी को नियमित नहीं किया गया है। तथापि पूर्व में 4 आदेशों द्वारा 9 दैनिक वेतनभोगी कर्मियों का नियमितीकरण किया गया है। उत्तरांश ''क'' में उल्लेखित 78 दैनिक वेतनभोगी कार्मिकों का नियमितीकरण करना शेष है। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में श्रेणीवार रिक्त पदों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों के स्थायीकरण/नियमितीकरण हेतु नियमित पदों की रिक्ति/ उपलब्धता के आधार पर निर्णय लिया जावेगा, जिस हेतु वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विद्युत प्रदाय संहिता के विपरीत घरों के बाहर विद्युत मीटर लगाया जाना
[ऊर्जा]
82. ( क्र. 967 ) श्री आरिफ अकील : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश विद्युत प्रदाय संहिता के अनुसार विद्युत मीटर सुरक्षा की दृष्टि से घरों के अंदर लगाये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो संहिता का उल्लंघन करते हुए विभाग द्वारा भोपाल शहर में किस दिनांक से घरों के बाहर विद्युत मीटर लगाने को लेकर किन-किन के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में यह अवगत करावें कि घरों के बाहर विद्युत मीटर लगाये जाने की दिनांक से प्रश्न दिनांक की स्थिति में एवं घरों के बाहर विद्युत मीटर लगाये जाने की दिनांक से 05 वर्ष पूर्व भोपाल शहर में खपत से अधिक विद्युत बिल आने की कितनी-कितनी शिकायतें विभाग को प्राप्त हुई? जोनवार वर्षवार बतावें। (ग) क्या प्रदेश में ब्लेकलिस्टेड सेडको नामक कंपनी को विद्युत वितरण व्यवस्था एवं विद्युत मीटर लगाने का कार्य सौंपा गया है? यदि हाँ, तो इस नियम विपरीत प्रक्रिया के तहत शासन द्वारा किन-किन के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई और यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं, मध्यप्रदेश विद्युत प्रदाय संहिता, 2013 की कंडिका 8.7 के अनुसार सामान्यत: विद्युत उपभोक्ताओं के भवन के बाहर मीटर लगाये जाने का प्रावधान है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में घरों के बाहर विद्युत मीटर लगाये जाने की दिनांक से प्रश्न दिनांक तक, घरों के बाहर विद्युत मीटर लगाये जाने के कारण, खपत से अधिक विद्युत बिल आने की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। कंपनी नियमानुसार अधिकतम 5 वर्ष तक शिकायतों का रिकॉर्ड संधारित किये जाने का प्रावधान है, अत: घरों के बाहर विद्युत मीटर लगाये जाने की दिनांक से 5 वर्ष पूर्व भोपाल शहर में खपत से अधिक विद्युत बिल आने की शिकायतों का रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं होने के कारण वांछित जानकारी उपलब्ध कराया जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं, अत: प्रश्न नहीं उठता।
मदवार व्यय की सूची का प्रदाय
[जनजातीय कार्य]
83. ( क्र. 969 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013-14 से 2017-18 तक सहायक आयुक्त कार्यालय खरगोन द्वारा प्राप्त समस्त मदों की राशि कब-कब किस कार्य में व्यय की गई। मदवार व्यय की सूची देवे। (ख) उक्त व्यय सम्बन्धित कार्यों में से निविदा, सीधे खरीदी की स्थिति कार्यवार बताएं। भुगतान प्राप्तकर्ता के बिलों की दुकानवार नाम, पता, सामग्री, राशि सहित सूची देवें। (ग) क्या उक्त समस्त खरीदी में 25 प्रतिशत खरीदी अजा/अजजा संस्था या दुकानदार से क्रय की गई है। यदि नहीं, तो कारण बताएं। (घ) उक्त ख़रीदी में से अजा/अजजा संस्था या दुकानदार से क्रय की गई सामग्री का विवरण देवें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) एवं (घ) जनजातीय कार्य विभाग खरगौन द्वारा मध्यप्रदेश शासन द्वारा अधिकृत उपक्रमों को क्रय आदेश, अनुसूचित जाति, जनजाति संस्थाओं से 30 प्रतिशत राशि की सामग्री क्रय करने की शर्त पर ही दिये जाते थे। अब यह नियम निरस्त कर दिये गये हैं। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
नहर परियोजना के कार्यों की समीक्षा
[नर्मदा घाटी विकास]
84. ( क्र. 970 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन लिफ्ट नहर परियोजना एवं बिस्टान लिफ्ट नहर परियोजना के कार्यों की समीक्षा कब-कब, किन अधिकारियों द्वारा की गई, क्या निर्देश दिए गए? समीक्षा बैठक में जानकारी दस्तावेज, कार्यवृत्त, नोटिस पत्रों की प्रति देवें। इन बैठकों के पालन प्रतिवेदन की प्रति देवें। (ख) उक्त दोनों नहर परियोजना में विभागीय मैदानी अमले/कर्मचारियों की रिपोर्ट्स की प्रति देवे। इन रिपोर्ट पर विभाग क्या कार्यवाही करता है? (ग) उक्त दोनों परियोजना में व्यय राशि प्रतिशत, भौतिक कार्य प्रतिशत योजना प्रारंभ से प्रश्न माह तक माहवार बतायें? (घ) खरगोन लिफ्ट नहर परियोजना में बार-बार समयवृद्धि देने का कारण पत्रवार बतायें। कम्पनी को ब्लेक लिस्ट करने की कार्यवाही क्यों नहीं की गई?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'', ''अ-1'' एवं ''अ-2'' अनुसार है। (ख) विभागीय मैदानी अमले/कर्मचारियों द्वारा कार्य विभाग के मैन्युअल में दिये प्रावधानानुसार कार्यों का निरीक्षण कर क्रियान्वयन किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) खरगोन उद्वहन सिंचाई योजना में वर्तमान तक कुल रूपये 462.40 करोड़ व्यय एवं 83.93 प्रतिशत कार्य तथा बिस्टान उद्वहन सिंचाई योजना में वर्तमान तक कुल रूपये 20.53 करोड़ व्यय एवं 5.48 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। माहवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' एवं ''ब-1'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नहरों की टेस्टिंग एवं लीकेजों में सुधार कार्य
[नर्मदा घाटी विकास]
85. ( क्र. 971 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन लिफ्ट नहर परियोजना एवम बिस्टान लिफ्ट नहर परियोजना में योजना प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक विभागीय जिला खरगोन कार्यालय, कलेक्टर कार्यालय, जनसुनवाई, सी.एम. हेल्प लाइन के माध्यम से कब-कब, क्या शिकायत प्राप्त हुई? इन शिकायतों पर की गई कार्यवाही की जानकारी शिकायतकर्ता के नाम, पता सहित देवे। (ख) उक्त दोनों कार्यों में निविदाकर्ता कम्पनी को कब-कब सूचना पत्र/स्पष्टीकरण पत्र दिए गए? पत्रों एवं इनके जवाब का विवरण देवें। (ग) खरगोन नहर की कब-कब टेस्टिंग हुई? किस-किस स्थान पर लीकेज हुआ? स्थानवार बताये। इन लीकेज से किन-किन किसानों को क्या-क्या नुकसान हुआ? लीकेज सुधार कब-कब, किस प्रकार किया गया? इतने लीकेज पर निर्माणकर्ता कम्पनी से हुए पत्राचार का विवरण देवें। (घ) उक्त दोनों योजनाओं की वर्तमान भौतिक स्थिति, व्यय राशि सहित जानकारी देवें।
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ', 'अ-1', 'अ-2' एवं 'अ-3' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' एवं 'ब-1' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' एवं 'स-1' अनुसार है। (घ) खरगोन उद्वहन सिंचाई योजना में वर्तमान तक कुल रूपये 462.40 करोड़ व्यय एवं 83.93 प्रतिशत कार्य तथा बिस्टान उद्वहन सिंचाई योजना में वर्तमान तक कुल रूपये 20.53 करोड़ व्यय एवं 5.48 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है।
उद्यानिकी विभाग द्वारा पत्रों का जवाब नहीं दिया जाना
[सामान्य प्रशासन]
86. ( क्र. 972 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवम्बर 2017 से प्रश्न दिनांक तक खरगोन जिला कलेक्टर को प्रश्नकर्ता के कितने पत्र/मेल प्राप्त हुए। इन पत्रों के जवाब/की गई कार्यवाही की प्रति देवें। जवाब के लिए लम्बित पत्रों के कारण बतायें। (ख) क्या विगत 10 माह में जिला उद्यानिकी कार्यालय खरगोन को कलेक्टर के माध्यम से प्रेषित पत्रों के जवाब प्रश्नकर्ता को उद्यानिकी विभाग द्वारा नहीं पहुचाये जाते हैं? क्या उद्यानिकी के पत्रों के जवाब की प्राप्ति कलेक्टर कार्यालय द्वारा मांगी जाएगी। (ग) विगत 1 वर्ष में प्रश्नकर्ता द्वारा प्रेषित उद्यानिकी विभाग सम्बन्धित पत्रों के उत्तर, कलेक्टर कार्यालय से सह संलग्न पेपर्स के प्रश्नकर्ता को कब तक दिए जा सकेंगे? (घ) कलेक्टर कार्यालय द्वारा उद्यानिकी विभाग के जवाब में देरी पर क्या कार्यवाही की गई। यदि नहीं, की गई तो कारण बताएं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी प्रश्नांश ''ख'' में उल्लेखित पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' में दशाई गई है। (घ) उद्यानिकी विभाग द्वारा समय-सीमा में जानकारी प्रेषित की गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ऊर्जीकरण योजना अंतर्गत कृषकों को लाभ प्रदाय
[अनुसूचित जाति कल्याण]
87. ( क्र. 993 ) श्री अरूण भीमावद : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में अनुसूचित जाति/जनजाति के कृषकों को सिंचाई हेतु ऊर्जीकरण के लिए नि:शुल्क डी.पी./विद्युत लाईन प्रदान करने की योजना संचालित है? (ख) यदि हाँ, तो विगत 03 वर्षों में शाजापुर विधान सभा क्षेत्र में कितने कृषकों को (अनुसूचित जाति/जनजाति) उक्त योजना के अन्तर्गत लाभान्वित किया गया है? सूची सहित प्रस्तुत करें। (ग) यदि लाभ नहीं दिया गया है तो क्या उक्त योजना शासन द्वारा वर्तमान में संचालित की जा रही है? (घ) यदि संचालित की जा रही है तो पात्र अनुसूचित जाति/जनजाति के कृषकों को लम्बे समय से योजना का लाभ क्यों नहीं दिया जा रहा है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) विधानसभा क्षेत्र शाजापुर अंतर्गत वर्ष 2014-15 में अनुसूचित जाति के 79 एवं अनुसूचित जनजाति के 30 कृषकों को लाभान्वित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) योजना निरंतर संचालित है। (घ) शेष वर्षों के पात्र हितग्राहियों को निरंतर योजना का लाभ दिये जाने की कार्यवाही की जा रही है।
सोलर सिस्टम से विद्युत उपयोग
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
88. ( क्र. 1008 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा सोलर ऊर्जा से संचालित विद्युत पंप स्थापना के लिये कोई योजना संचालित की जा रही है? यदि हाँ, तो योजना का पूर्ण विवरण दें। (ख) क्या घरेलू उपयोग के लिये भी सोलर सिस्टम लगाने हेतु शासन द्वारा प्रोत्साहन दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो योजना का ब्यौरा दें। (ग) क्या अनूपपुर जिले में सोलर पंप स्थापना के लिये किसानों के प्रकरण बनाये गये हैं? यदि हाँ, तो वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक के दौरान स्वीकृत प्रकरणों का ब्यौरा दें? (घ) क्या अनूपपुर जिले में किसी शासकीय संस्था द्वारा सोलर सिस्टम से विद्युत उपयोग किया जा रहा है? ब्यौरा दें।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जी हाँ, ''मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना'' के अन्तर्गत सिंचाई कार्य हेतु सोलर पम्पों की स्थापना का कार्य किया जा रहा है। कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रदेश के किसानों को 1 एच.पी. से 3 एच.पी. तक के सोलर पम्पों पर 90% एवं 3 एच.पी. से अधिक 5 एच.पी. तक के सोलर पम्पों पर 85% अनुदान (केन्द्र शासन एवं राज्य शासन का मिलाकर) दिया जा रहा है। इससे अधिक क्षमता के पंपों को अधिकतम 5 एच.पी. के सोलर पम्पों हेतु लागू अनुदान दिया जाता है। (ख) जी हाँ। भारत शासन के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा घरेलू उपयोग के लिए ग्रिड कनेक्टेड सौर फोटोवोल्टेइक पॉवर प्लांट की स्थापना हेतु अनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है। इन संयंत्रों की कुल लागत रूपये 76629.00 प्रति कि.वा. (1से 4 किलोवाट क्षमता के संयंत्र तक) है एवं इस पर भारत शासन द्वारा वर्तमान में रूपये 21000.00 प्रति कि.वा. का अनुदान प्रावधानित किया गया है। (ग) जी हाँ। अनूपपुर जिले में योजना प्रारंभ होने से लेकर आज दिनांक तक कुल 75 प्रकरण स्वीकृत किये गये है जिनके कार्यादेश जारी किये जा कर सोलर पम्पों की स्थापना का कार्य किया जा रहा है। (घ) जी हाँ। अनूपपुर जिले में शासकीय संस्थाओं में स्थापित संयंत्र की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
छात्रावास एवं आश्रमों की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
89. ( क्र. 1009 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर अंतर्गत विधान सभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ अंतर्गत वर्तमान में कितने आदिवासी छात्रावास एवं आश्रम शालायें संचालित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रत्येक छात्रावास एवं आश्रमों में स्वीकृत पदों की पूर्ण जानकारी भी उपलब्ध करायें। स्वीकृत पद के विरूद्ध कितने पद भरे एवं कितने पद रिक्त हैं? (ग) विधान सभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ की जनपद पंचायत क्षेत्र अंतर्गत उक्त अवधि में अनुसूचित जाति बस्तियों के विकास हेतु कितने प्रस्ताव कब-कब विभाग को अथवा जनप्रतिनिधियों द्वारा प्राप्त हुये? प्राप्त प्रस्ताव पर विभाग द्वारा कब प्राक्कलन तैयार कर स्वीकृति हेतु प्रस्तुत किये गये? कितने प्रस्तावों में कितने कार्य कितनी लागत के एवं कहाँ-कहाँ स्वीकृत किये गये? यदि नहीं, तो कारण बतायें। (घ) क्या कुछ प्रस्ताव ऐसे भी थे जिनकी स्वीकृति पश्चात उनके स्वीकृति आदेश निरस्त किये गये? यदि हाँ, तो किन कारणों से निरस्त किये? स्पष्ट करें एवं उक्त राशि का उपयोग किन-किन कार्यों में किन-किन स्थानों के लिये किया गया? कार्यवार जानकारी उपलब्ध करावें। लंबित प्रस्तावों में स्वीकृति कब तक जारी कर दी जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ में विभाग अन्तर्गत 28 आदिवासी छात्रावास एवं 21 आदिवासी आश्रम शालाएं संचालित हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) अनुसूचित जाति बस्ती विकास मद में पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत कोई स्वीकृत कार्य निरस्त नहीं किये गये हैं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा के कार्यों के संबंध में
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
90. ( क्र. 1012 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन्द्र/राज्य प्रवर्तित विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन शासन/विभाग एवं विद्युत वितरण कंपनी अथवा अनुबंधित कंपनी एवं एजेंसियों के माध्यम से जावरा नगर पिपलौदा तहसील एवं जावरा तहसील अंतर्गत अनेक कार्य किये गये हैं एवं किये जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2013-14 से लेकर प्रश्न दिनांक तक किन-किन स्थानों पर किस-किस प्रकार के कार्य स्वीकृत होकर उन पर कितना-कितना व्यय हुआ? साथ ही कितने कार्य पूर्ण हुए अथवा अपूर्ण रहे या अप्रारंभ होकर प्रारंभ किये जाना है? (ग) उपरोक्त वर्षों में पूर्ण हुए कार्यों से किन-किन स्थानों पर कितनी-कितनी विद्युत ऊर्जा का उत्पादन हुआ तथा उत्पादित ऊर्जा का किस-किस प्रकार के अनुबंध होकर क्या-क्या उपयोग हुआ? (घ) जावरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत उपरोक्त उल्लेखित वर्षों में सौर ऊर्जा एवं पवन ऊर्जा संबंधी किन-किन स्थानों पर क्या-क्या कार्य प्रारंभ होकर पूर्ण हुए, अपूर्ण रहे या प्रारंभ किया जाना है?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जी हाँ। (ख) जावरा नगर पिपलौदा तहसील एवं जावरा तहसील में स्थापित सौर परियोजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। क्षेत्र में पवन ऊर्जा परियोजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। पवन ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना निजी निवेशकों द्वारा की जाती है। वित्तीय वर्ष 2013-14 से लेकर प्रश्न दिनांक तक विद्युत अधोसंरचना संबंधी विभिन्न कार्यों (जैसे-33/11 के.व्ही. नवीन उपकेन्द्र की स्थापना, पॉवर ट्रान्सफार्मर की क्षमता वृद्धि, अतिरिक्त पॉवर ट्रान्सफार्मर की स्थापना एवं निम्नदाब लाईन) का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। विभिन्न कार्यों के समक्ष उन पर व्यय हुई राशि दर्शित है, किन्तु राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना एवं दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में कार्योंदेश सम्पूर्ण जिले के लिये जारी किये गये है, अत: पृथक से व्यय की जानकारी देना संभव नहीं है। (ग) स्थापित पवन ऊर्जा परियोजना से कुल 474.80 मेगावाट विद्युत ऊर्जा का उत्पादन हो रहा है और उत्पादित ऊर्जा का अनुबंध मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कम्पनी के साथ किया गया है। (घ) जावरा विधान सभा क्षेत्र में पवन ऊर्जा परियोजनाओं एवं सौर फोटोवोल्टेइक पॉवर प्लांट की स्थापना के कार्य की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है।
क्षेत्रीय विभागीय बजट एवं कार्यों के संबंध में
[अनुसूचित जाति कल्याण]
91. ( क्र. 1013 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनुसूचित जाति कल्याण हेतु केन्द्र/राज्य प्रवर्तित अनेक योजनाओं के माध्यम से शासन/विभाग द्वारा विभिन्न प्रकार के यथा सी.सी. सड़क निर्माण, भवन निर्माण विद्युतीकरण के कार्य, चबूतरा निर्माण, विद्युत पम्प प्रदाय, ट्यूबवेल खनन इत्यादि अनेक प्रकार के कार्य किये जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो जावरा नगर, पिपलौदा तहसील एवं जावरा तहसील अंतर्गत वर्ष 2013-14 से लेकर प्रश्न दिनांक तक उपरोक्त उल्लेखित विभिन्न कार्यों एवं अन्य कार्यों सहित कितना-कितना बजट स्वीकृत होकर किन-किन कार्यों पर कितना-कितना व्यय हुआ? (ग) उपरोक्त कार्यों में प्राप्त बजट से स्वीकृत हुए कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण हुए? कितने कार्य अपूर्ण रहे तथा कितने कार्य अप्रारंभ होकर नहीं हुए तथा कितने कार्य प्रारंभ किये जाने हेतु शेष रहे? (घ) अवगत कराए कि उपरोक्त वर्षों में स्वीकृत वर्षवार बजट उपरोक्त उल्लेखित क्षेत्र में किन-किन कार्यों हेतु जिले से आवंटित होकर क्षेत्रीय कार्यों हेतु स्वीकृत हुआ वर्षवार, कितना-कितना बजट स्वीकृत होकर कितना व्यय हुआ? भौतिक सत्यापन सहित जानकारी दें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जावरा नगर पिपलौदा तहसील एवं जावरा तहसील अंतर्गत वर्ष 2013-14 से वर्तमान तक स्वीकृत कार्यों एवं व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' एवं 'द' अनुसार है।
सुपोषण अभियान
[महिला एवं बाल विकास]
92. ( क्र. 1022 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश शासन ने कुपोषण को रोकने हेतु सुपोषण अभियान व अन्य किन-किन योजनांतर्गत जिला जबलपुर को किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि आवंटित की है एवं कितनी-कितनी राशि किन-किन कार्यों में व्यय हुई वर्ष 2014-15 से 2017-18 तक की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में सुपोषण अभियान के तहत पोषण आहार के क्रय पर कितनी राशि व्यय हुई तथा कितने कुपोषित चिन्हित बच्चों को कितनी-कितनी राशि का कौन-कौन सा पोषण आहार वितरित किया गया? इसका सत्यापन कब-कब, किसने किया है? (ग) प्रश्नांश (क) में कुपोषित बच्चों को चिन्हित करने हेतु आयोजित स्नेह शिविरों पर कितनी राशि व्यय हुई। इन शिविरों में कितने-कितने कुपोषित बच्चों को चिन्हित किया गया हैं? कितने चिन्हित बच्चों को पोषण पुनर्वास केन्द्रों में भर्ती कर उन्हें कितनी राशि का विशेष पोषण आहार दिया गया? (घ) प्रश्नांश (क) में कुपोषित चिन्हित कितने-कितने बच्चों का किन-किन पोषण पुर्नवास केन्द्रों में भर्ती किया गया। इन केन्द्रों में कुपोषित कितने बच्चों के वजन में वृद्धि हुई कितने बच्चों का वजन घटा तथा कितने बच्चों के वजन में कोई कमी नहीं हुई? कितने कुपोषित बच्चों की मृत्यु हुई? पुनर्वास केन्द्रवार जानकारी दें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) प्रश्नांश के संबंध में वर्ष 2014-15 से 2017-18 तक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) प्रश्नांश में सुपोषण अभियान से संबंधित चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) प्रश्नांश के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 (अ) एवं 3 (ब) अनुसार है। (घ) प्रश्नांश में चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
कुपोषित बच्चों के संदर्भ में जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
93. ( क्र. 1041 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में दिनांक 1 जनवरी, 2017 को कितने कुपोषित बच्चे को चिन्हीत किया गया था? (ख) कुपोषित बच्चों का नाम उनके पिता का नाम एवं ग्राम का नाम सहित जानकारी प्रदान करें? (ग) चिन्हित किये गये बच्चों को कुपोषण से मुक्त करने के लिये क्या कार्यवाही की गई? आज दिनांक को ऐसे कितने बच्चे हैं, जो कुपोषण से मुक्त कर दिये गये है तथा ऐसे कितने बच्चे हैं, जो अभी भी कुपोषण से मुक्त नहीं हुए हैं?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) विभाग द्वारा प्रत्येक माह 5 वर्ष तक के बच्चों का वजन लिया जाकर उनके पोषण स्तर का निर्धारण किया जाता है। बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में माह जनवरी 2017 में लिये गए वजन के आधार पर कुल 4420 बच्चें सामान्य से कम वजन के पाये गए, इनमें से कम वजन के 4172 एवं अतिकम वजन के 248 बच्चें चिन्हित किए गए। (ख) विभाग में सिर्फ अतिकम वजन वाले बच्चों के नाम सहित जानकारी का संधारण किया जाता है। तदनुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) चिन्हित किये गये बच्चों के पोषण स्तर में सुधार हेतु स्नेह शिविर का आयोजन, चिन्हित अतिकम वजन वाले बच्चों को पोषण पुनर्वास केन्द्रों में रेफर, थर्डमील का प्रदाय, गृहभेंट के माध्यम से पोषण एवं स्वच्छता संबंधित परामर्श देकर उनकी आदतों में सकारात्मक परिवर्तन हेतु प्रयास किये गए। कम वजन के 4172 बच्चों में से 2278 बच्चों तथा अतिकम वजन के 248 बच्चों में से 150 बच्चों के पोषण स्तर में सुधार पाया गया। माह जनवरी 2017 के वजन के आधार पर माह दिसम्बर 2017 में कम वजन के 1894 बच्चों एवं अतिकम वजन के 98 बच्चों के पोषण स्तर में अपेक्षित सुधार नहीं हुआ है।
मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान योजना की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
94. ( क्र. 1042 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान योजना के अंतर्गत वर्ष 2013 से बड़नगर विधानसभा क्षेत्र के कितने लोगों को मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान योजना का लाभ प्रदान किया गया है वर्षवार जानकारी प्रदान करें? (ख) वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक योजना के लाभांवित लोगों के नाम एवं पते तथा स्वीकृत राशि की जानकारी प्रदान करें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) वर्ष 2013-14 में 39, वर्ष 2014-15 में 09, वर्ष 2015-16 में 22, वर्ष 2016-17 में 57 एवं वर्ष 2017-18 में 101। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
विभाग की हितग्राही मूलक योजना और अनुदान की जानकारी
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
95. ( क्र. 1043 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा पवन ऊर्जा एवं सौर ऊर्जा के क्षेत्र में कौन-कौन सी हितग्राही मूलक योजना चलाई जा रही है तथा इन योजनाओं में कितना-कितना अनुदान किस-किस वर्ग के लोगों को प्रदान किया जा रहा है? (ख) सौर ऊर्जा व पवन ऊर्जा के क्षेत्र में बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजना प्रारंभ की गई है तथा कितने लोगों के द्वारा विभाग की योजना का फायदा लिया गया है? (ग) सत्र 2012-2013 से प्रश्न दिनांक तक बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में कितने लोगों के द्वारा विभाग की कौन-कौन सी योजना का लाभ लिया है? कुल स्वीकृत राशि तथा प्राप्त अनुदान की जानकारी प्रदान करें?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग के अधीन म.प्र. ऊर्जा विकास निगम लि. द्वारा सभी वर्ग के हितग्राहियों के उपयोग के लिए सौर फोटोवोल्टेइक पॉवर प्लांट, सोलर पम्प योजनाओं, सोलर फोटोवोल्टेइक कार्यक्रम एवं डी.डी.जी. का क्रियान्वयन किया जा रहा है। घरों में सौर फोटोवोल्टेइक पावर प्लांट की स्थापना हेतु भारत शासन द्वारा वर्तमान में रूपये 21000/- प्रति किलोवाट के अनुदान का प्रावधान है। मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना के अन्तर्गत सोलर पम्प की स्थापना पर किसानों को 1 एच.पी. से 3 एच.पी. तक के सोलर पम्पों पर 90% एवं 3 एच.पी. से अधिक 5 एच.पी. तक के सोलर पम्पों पर 85% अनुदान (केन्द्र शासन एवं राज्य शासन का मिलाकर) दिया जा रहा है। इससे अधिक क्षमता के 7.5 एच.पी. एवं 10 एच.पी. के सोलर पम्पों को अधिकतम 5 एच.पी. के सोलर पम्प हेतु लागू अनुदान दिया जाता है। सोलर फोटोवोल्टेइक कार्यक्रम पर वर्तमान में कोई अनुदान देय नहीं है। डी.डी.जी. कार्यक्रम के अन्तर्गत अविद्युतीकृत ग्रामों में सौर संयंत्रों की स्थापना पर 100% (केन्द्र शासन एवं राज्य शासन का मिलाकर) अनुदान दिया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, शासन की 'पवन ऊर्जा परियोजना क्रियान्वयन नीति-2012' एवं 'सौर ऊर्जा परियोजना क्रियान्वयन नीति-2012' के प्रावधानों के अन्तर्गत निजी विकासकों द्वारा प्रदेश में क्रमश: पवन ऊर्जा एवं सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित की जा रही है, जिसमें अनुदान का प्रावधान नहीं है। (ख) विभाग द्वारा बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में शासन की पवन ऊर्जा परियोजना क्रियान्वयन नीति 2012 एवं सौर ऊर्जा परियोजना क्रियान्वयन नीति 2012 के अन्तर्गत निजी विकासकों के माध्यम से पवन ऊर्जा एवं सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना की योजना लागू है। बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में निजी विकासक मेसर्स सुजलॉन गुजरात विण्ड पार्क लिमिटेड द्वारा 29.4 मेगावाट क्षमता की ग्रिड कनेक्टेड पवन ऊर्जा परियोजना स्थापित की गयी है। बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में कोई ग्रिड कनेक्टेड सौर ऊर्जा परियोजना स्थापित नहीं है। साथ ही, विभाग के अधीन म.प्र. ऊर्जा विकास निगम लि. द्वारा प्रदेश में रूफटॉप सौर फोटोवोल्टेइक कार्यक्रम, डी.डी.जी. योजना एवं सिचाई कार्यों हेतु सोलर पम्प स्थापना की योजना प्रारंभ की गई है, जो कि बड़नगर विधान सभा क्षेत्र के लिये भी लागू है। सौर फोटोवोल्टेइक पावर प्लांट योजना से अभी तक सिविल अस्पताल बड़नगर तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र इंगोरिया लाभांवित हुए हैं एवं सोलर पम्प कार्यक्रम के अन्तर्गत 03 संस्था/हितग्राहियों को लाभ मिला है। इसी प्रकार, सौर फोटोवोल्टेइक कार्यक्रम के अन्तर्गत ग्राम रजोटा तथा धुरैरी में स्ट्रीटलाईट एवं होम लाईट की स्थापना से ग्रामवासियों को लाभांवित किया गया है। (ग) सत्र 2012-2013 से प्रश्न दिनांक तक मेसर्स सुजलॉन गुजरात विण्ड पार्क लिमिटेड द्वारा शासन की पवन ऊर्जा परियोजना क्रियान्वयन नीति 2012 का लाभ लिया गया है तथापि इस हेतु कोई अनुदान देय नहीं है। साथ ही, सौर फोटोवोल्टेइक पॉवर प्लांट योजना, सोलर पम्प कार्यक्रम एवं सौर फोटोवोल्टेइक कार्यक्रम से लाभांवित हुए लोगों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों को प्रदान की जाने वाली सुविधाएँ
[महिला एवं बाल विकास]
96. ( क्र. 1044 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्रों पर क्या-क्या सुविधाएँ प्रदान की जाती है? (ख) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र हैं तथा कितने केन्द्रों में शासन की सम्पूर्ण सुविधाएँ प्रदान की जा रही है तथा ऐसे केन्द्र जहाँ सुविधाएँ प्रदान नहीं की जा रही हैं, उसका क्या कारण है और इसके लिये कौन अधिकारी जिम्मेदार है? (ग) ऐसे कितने आंगनवाड़ी केन्द्र हैं, जो स्वयं के भवन में नहीं लग रहे तथा इन भवनों में शौचालय की क्या स्थिति है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) विभाग द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से केन्द्र में दर्ज 0 से 6 वर्ष आयु समूह के बच्चों तथा गर्भवती एवं धात्री माताओ को निम्नानुसार सुविधायें प्रदान की जा रही है:- 1 पूरक पोषण आहार, 2-स्वास्थ्य जाँच, 3- टीकाकरण, 4-पोषण एवं स्वास्थ्य शिक्षा, 5- स्कूल पूर्व अनौपचारिक शिक्षा एवं 6- संदर्भ सेवायें। (ख) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में बाल विकास परियोजना बड़नगर क्र. 01 एवं बाल विकास परियोजना बड़नगर क्र. 02 स्वीकृत होकर संचालित है तथा इनमें क्रमशः 180 एवं 132 आंगनवाड़ी केन्द्र कुल 312 आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत होकर संचालित है। सभी 312 आंगनवाड़ी केन्द्रों में शासन की समस्त सुविधायें प्रदान की जा रही है अतः शेष का कोई प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) ऐसे आंगनवाड़ी केन्द्र जो स्वंय के भवन में नहीं लग रहे है तथा भवनों में शौचालय की स्थिति के संबंध में जानकारी निम्नानुसार है:-
क्र. |
परियोजना का नाम |
कुल स्वीकृत एवं संचालित आंगनवाडी केन्द्रों की संख्या |
ऐसे आंगनवाडी केन्द्रों की संख्या जो स्वयं के भवन में (विभागीय) में संचालित नहीं तथा इन भवनों में शौचालय की स्थिति |
|
आंगनवाडी केन्द्रों की संख्या |
जहॉं शौचालय नहीं है |
|||
1. |
बडनगर क्र. 01 |
180 |
134 |
33 |
2. |
बडनगर क्र. 02 |
132 |
82 |
29 |
|
योग |
312 |
216 |
62 |
सरदार सरोवर परियोजना अंतर्गत अधिगृहित भूमि के मुआवजा भुगतान
[नर्मदा घाटी विकास]
97. ( क्र. 1051 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय उच्चतम न्यायालय, म.प्र. खण्डपीठ इन्दौर द्वारा दिनांक 26 अप्रैल, 2016 को निर्णय पारित कर म.प्र. शासन के भू-अर्जन अधिकारी, सरदार सरोवर परियोजना, जिला धार एंव कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग, नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण, सरदार सरोवर परियोजना संभाग बड़वानी को धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र में पुर्नवास हेतु ग्राम खलबुजुर्ग एवं अन्य ग्रामों के किसानों की अधिगृहित कृषि भूमि के मुआवजे पर प्रतिकर राशि 12 प्रतिशत, प्रतिकर राशि पर 30 प्रतिशत की दर से तोषण राशि एवं अवार्ड दिनांक से भुगतान दिनांक तक 9 प्रतिशत की दर से ब्याज सहित भुगतान करने के लिये आदेशित किया गया था? (ख) क्यों माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय उपरांत भी किसानों को निर्णयानुसार मुआवजा नहीं मिलने पर उनके द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय, दिल्ली में अपील प्रस्तुत की गई? जिस पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय दिल्ली द्वारा दिनांक 18 जुलाई, 2017 को माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय को सुरक्षित रखते हुए किसानों को उपरोक्तानुसार मुआवजा भुगतान करने के आदेश दिये गये हैं? यदि हाँ, तो निर्णयानुसार मय ब्याज सहित मुआवजा कब तक संबंधित किसानों को भुगतान कर दिया जावेगा?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जी नहीं। माननीय उच्च न्यायालय मध्यप्रदेश खण्डपीठ इन्दौर द्वारा 26 अप्रैल, 2016 को पारित निर्णय में धरमपुरी खलबुजूर्ग एवं अन्य ग्रामों के किसानों की अधिग्रहित भूमि के मुआवजे पर प्रतिकर राशि पर 12 प्रतिशत, प्रतिकर राशि पर 30 प्रतिशत की दर से तोषण राशि एवं अवार्ड दिनांक से भुगतान दिनांक तक 09 प्रतिशत की दर से ब्याज सहित भुगतान करने संबंधी कोई उल्लेख नहीं था। दिनांक 26.04.2016 के आदेश के उपरांत संबंधित भूमि स्वामियों द्वारा पुन: माननीय उच्च न्यायालय मध्यप्रदेश खण्डपीठ इन्दौर के समक्ष भू-अर्जन अधिनियम 1894 की कण्डिका 23, 34 एवं 28 के अंतर्गत राहत दिये जाने हेतु विविध याचिका दायर की गई थी, जिन पर माननीय उच्च न्यायालय ने दिनांक 16.06.2016 को आदेश पारित कर भू-अर्जन अधिनियम की धारा 23 एवं 34, के अंतर्गत अधिनियम की धारा 04 के अंर्तगत अधिसूचना दिनांक से अवार्ड पारित होने की दिनांक तक निर्धारित की गई बाजार दर पर 12 प्रतिशत ब्याज राशि एवं 30 प्रतिशत तोषण राशि दिये जाने के आदेश दिये गये हैं, किन्तु धारा 28 के अंतर्गत भूमि स्वामियों द्वारा चाही गई राहत की मांग अमान्य कर दी गई थी। माननीय उच्च न्यायालय मध्यप्रदेश खण्डपीठ इन्दौर द्वारा दिये गये निर्णय के अनुसार संबंधित भूमि स्वामियों को निर्धारित मुआवजा राशि का भुगतान भी किया जा चुका है। (ख) जी नहीं, माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय दिनांक 16.06.2016 से असंतुष्ट होकर संबंधित भूमि स्वामियों द्वारा माननीय उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली के समक्ष अपील प्रस्तुत की गई जिस पर दिनांक 14.07.2017 को माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्णय पारित किया गया कि याचिकाकर्ता भू-अर्जन अधिनियम 1894 की धारा 28 के लाभ प्राप्त करने हेतु विधि अनुसार पात्र होंगे। माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश के तारतम्य में विधि अनुरूप कार्यवाही की जा रही है।
नीमच जिले के 12 गाँवों की विद्युत् वॉल्टेज समस्या
[ऊर्जा]
98. ( क्र. 1052 ) श्री कैलाश चावला : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 15-11-2017 को अधीक्षण यंत्री म-प्र विदयुत मण्डल जिला नीमच को एक पत्र लिखा गया (1) बनी (2) बरथून (3) बर्डिया (4) दुरगपुरा (5) कोटडा (6) हांसपुर (7) डांगडी (8) सेमली ईस्तमुरार (9) बरखेडा (10) बरखेडी (11) पावटी (12) मोया की विद्युत बाल्टेज समस्या हल करने हेतु नवीन ग्रीड हेतु सर्वेक्षण करवाकर स्वीकृति करवाने हेतु पत्र लिखा गया था? (ख) उस पत्र पर अधीक्षण यंत्री द्वारा सर्वे किस दिनांक को कराया गया व क्या अनुशंसा की गई? (ग) उक्त पत्र का जवाब अधीक्षण यंत्री नीमच द्वारा प्रश्नकर्ता को किस दिनांक को दिया गया है? यदि नहीं, तो इसके क्या कारण है? (घ) अधीक्षण यंत्री नीमच द्वारा यदि सर्वे के उपरान्त वरिष्ठ कार्यालय को अनुशंसा के साथ अग्रिम कार्यवाही हेतु किस दिनांक को भेजा गया है? (ड.) वरिष्ठ कार्यालय सी.ई./ सी.एम.डी. द्वारा इस प्रस्ताव पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा पत्र दिनांक 13.11.2017 (पत्र दिनांक 15.11.2017 नहीं) अधीक्षण यंत्री, म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी नीमच को प्रेषित किया गया था जिसमें प्रश्नांश में उल्लेखित 12 ग्रामों में वोल्टेज की समस्या के निराकरण हेतु ग्राम बरथून अथवा ग्राम बरखेड़ा में नवीन विद्युत उपकेन्द्र स्थापित किये जाने के लिये तकनीकी परीक्षण करवाकर योग्य कार्यवाही करने का अनुरोध किया गया था। (ख) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के पत्र दिनांक 13.11.2017 के तारतम्य में अधीक्षण यंत्री नीमच द्वारा कार्यपालन यंत्री मनासा को उनके पत्र क्रमांक 7633 दिनांक 17.11.2017 द्वारा माननीय विधायक महोदय के पत्र में उल्लेखित समस्या के निराकरण हेतु आवश्यक कार्यवाही करने के लिये निर्देशित किया गया था। तत्कालीन समय में विद्युत प्रणाली में वोल्टेज में कमी आयी थी जिसके निराकरण हेतु 132/33 के.व्ही. उपकेन्द्र मनासा में स्थापित कैपिसीटर बैंक को चालू कराया गया था जिससे विद्युत प्रणाली में वोल्टेज में सुधार परिलक्षित हुआ था। इसी अवधि के दौरान 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र बड़कुआ पर आकाशीय बिजली गिरने से इस उपकेन्द्र पर स्थापित 5 एम.व्ही.ए. क्षमता के पॉवर ट्रान्सफार्मर में खराबी आने के कारण इससे विद्युत प्रदाय प्राप्त करने वाले ग्राम बरखेड़ा, बरखेड़ी, पावटी एवं मोया में आकस्मिक विद्युत समस्या उत्पन्न हो गई थी तथा इन ग्रामों को वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर 33/11 केव्ही. उपकेन्द्र खानखेड़ी से लगभग एक सप्ताह तक विद्युत प्रदाय किया गया था। 33/11 केव्ही. उपकेन्द्र बड़कुआ पर दिनांक 21.10.2017 को 3.15 एम.व्ही.ए. क्षमता का पावर ट्रान्सफार्मर स्थापित कर समस्या का निराकरण कर दिया गया था। माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के पत्र में उल्लेखित 12 ग्रामों को विद्युत प्रदाय करने वाले 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों यथा-महागढ़, मनासा, ढंढेरी, कुक्डेश्वर एवं बड़कुआं से निकलने वाले घरेलू एवं सिंचाई फीडरो पर वर्ष 2017-18 में रबी सीजन में अधिकतम भार एवं उनके अंतिम छोर पर वोल्टेज रेग्यूलेशन निर्धारित सीमा में था, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उपरोक्त सभी बिन्दुओं को दृष्टिगत रखते हुए अधीक्षण यंत्री मनासा द्वारा ग्राम बरथून अथवा बरखेडा में नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र की स्थापना किये जाने के संबंध में कोई प्रस्ताव तैयार नहीं कराया गया। (ग) अधीक्षण यंत्री नीमच द्वारा माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के उत्तरांश (क) में उल्लेखित प्राप्त पत्र का कोई लिखित प्रतिउत्तर प्रेषित नहीं किया गया था, अपितु संबंधित कार्यपालन यंत्री संचालन-संधारण मनासा द्वारा माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय को समस्या के निराकरण बाबत की गई कार्यवाही से व्यक्तिगत रूप से अवगत कराया गया था। (घ) एवं (ड.) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
म.प्र.प.क्षे.वि.वि.कं लिमिटेड द्वारा स्वीकृत कार्यों की जानकारी
[ऊर्जा]
99. ( क्र. 1053 ) श्री कैलाश चावला : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मनासा विधानसभा क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 में जनवरी-2018 अंत तक म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर द्वारा विद्युतीकरण संबंधी कितने कार्य स्वीकृत किये गये है, स्वीकृत किये गये 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र,33 के.व्ही. लाईन एवं 11 के.व्ही.लाईन का नाम स्वीकृति दिनांक, स्वीकृत राशि का विवरण देवें? इनके अतिरिक्त कितने सिंचाई पम्पों के कार्य तथा अतिरिक्त विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर एवं विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर क्षमता वृद्धि के कार्य स्वीकृत किये गये? कार्य की वर्तमान स्थिति भी बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) से उल्लेखित कार्यों में कितने कार्य पूर्ण हो चुके एवं कितने कार्य लंबित हैं तथा लंबित कार्य कब तक पूर्ण कर लिए जावेंगे? कितने कार्य किया जाना प्रस्तावित है एवं प्रस्तावित कार्यों को कब तक स्वीकृत कर लिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) मनासा विधानसभा क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 में जनवरी, 2018 तक म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विद्युतीकरण के वर्षवार स्वीकृत 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों, 33 के.व्ही. लाईनों तथा 11 के.व्ही. लाईनों के कार्य का नाम/विवरण, स्वीकृति दिनांक, स्वीकृत राशि तथा कार्यों की वर्तमान स्थिति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। इसके अतिरिक्त उक्त अवधि में स्वीकृत सिंचाई पंप कनेक्शनों, अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर लगाने तथा वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि के कार्यों का वर्तमान स्थिति की जानकारी सहित विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों में से पूर्ण किये गये कार्य, शेष कार्य तथा कार्य पूर्ण किये जाने की संभावित अवधि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार है। उक्त स्वीकृत कार्यों के अतिरिक्त अन्य कोई कार्य प्रस्तावित नहीं है।
आंगनवाड़ी कार्यकर्त्ता/सहायिकाओं की भर्ती में की गई अनियमितता
[महिला एवं बाल विकास]
100. ( क्र. 1055 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सतना जिले के आठों विकासखण्डों के परियोजना कार्यालयों में आंगनवाड़ी कार्यकर्त्ता/सहायिकाओं की भर्ती में की गई अनियमितता की शिकायतें लम्बे समय से लंबित हैं जिनका निराकरण आज दिनांक तक नहीं किया गया है विकासखण्डवार, शिकायतकर्तावार आंगनवाड़ी केंद्रवार जानकारी देवें? (ख) क्या पीड़ित शिकायतकर्ताओं को विभाग से न्याय नहीं मिलने के कारण प्रकरण अपर कलेक्टर न्यायालय में प्रस्तुत किये गए हैं? यदि हाँ, तो ऐसे प्रकरण किन-किन परियोजना कार्यालयों से संबंधित हैं? (ग) क्या शिकायतकर्ताओं द्वारा गलत दस्तावेज प्रस्तुत कर चयनित हुई आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं/सहायिकाओं के व्यक्तिगत रिकार्ड प्रमाण सहित प्रस्तुत करने के बाद भी इनके आवेदन पत्र पर कार्यवाही न करते हुए निरस्त क्यों कर दिए गए हैं? कारण सहित बताएं? (घ) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा मार्च 2017 में तारांकित प्रश्न क्रमांक 3737 दिनांक 10/03/2017 द्वारा आंगनवाड़ी केंद्र क्रमांक 05 सिंहपुर एवं अतारांकित प्रश्न क्रमांक 595 दिनांक 23/02/2017 द्वारा रीवा जिले के विकासखण्ड गंगेव के आंगनवाड़ी केंद्र बहिवार तथा जुलाई 2017 में अतारांकित प्रश्न क्रमांक 2543 दिनांक 25/07/2017 तथा सत्र दिसंबर 2017 में तारांकित प्रश्न क्रमांक 957 दिनांक 28/11/2017 के द्वारा परियोजना कार्यालय मझगवां के आंगनवाड़ी केंद्र बुंदेलापुर में फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से की गई भर्ती का मामला सदन में उठाया गया था, जिस पर विभाग द्वारा बार-बार गलत उत्तर दिया गया है, यदि हाँ, तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) सतना जिले के आठो विकासखण्डों के परियोजना कार्यालय में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिकाओं की भर्ती में की गयी अनियमितता से संबंधित कोई शिकायत लम्बित नहीं होने से शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ख) आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिकाओं की भर्ती के संबंध में खण्ड स्तरीय समिति द्वारा जारी अनन्तिम सूची के विरूद्ध प्राप्त दावा/आपत्तियों का निराकरण जिला स्तरीय दावा/आपत्ति समिति द्वारा किया जाता है। निराकरण से संतुष्ट न होने की स्थिति में अभ्यर्थी के पास न्यायालय अपर कलेक्टर/कलेक्टर में प्रकरण पंजीकरण करने हेतु अवसर उपलब्ध होता है। वर्तमान में विभिन्न परियोजना कार्यालयों के माननीय अपर कलेक्टर न्यायालय में प्रचलित/विचाराधीन प्रकरणों की जानकारी निम्नानुसार है:-
क्रमांक |
परियोजना का नाम |
प्रकरणों की संख्या |
1 |
सोहावल |
02 |
2 |
मैहर-2 |
01 |
3 |
डचेहरा |
02 |
4 |
अमरपाटन |
06 |
5 |
चित्रकूट -1 |
07 |
6 |
रामपुरबघेलान |
01 |
(ग) जी नहीं। आपत्तिकर्ताओं द्वारा आपत्ति के साथ संलग्न दस्तावेजों के आधार पर जिला स्तरीय दावा/आपत्ति निराकरण समिति द्वारा पर्याप्त जाँच एवं परीक्षण उपरान्त ही अन्तिम चयन सूची जारी की जाती है अतः यह कहना अनुचित होगा कि शिकायतकर्ताओं के आपत्ति पर कोई कार्यवाही नहीं की गई। (घ) जी हाँ, प्रश्न में संदर्भित प्रश्न माननीय विधायक द्वारा पूर्व में विधानसभा में उठाये गये थे। संबंधित प्रश्नों के उत्तर तत्समय की वस्तुस्थिति अनुसार उपलब्ध कराये गय। अतः शेष का प्रश्न ही नहीं।
अ.जा. के छात्रों को कोचिंग की सुविधा
[अनुसूचित जाति कल्याण]
101. ( क्र. 1065 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिम जाति कल्याण विभाग जिला छतरपुर के पोस्ट मैट्रिक छात्रावासों में छात्रों को कोचिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है? यदि हाँ, तो उक्त सुविधा कब से उपलब्ध कराई जा रही है एवं इसके लिये कोई आदेश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या उक्त सुविधा ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रावासों से निवासरत को भी उपलब्ध कराई जा रही है? (ग) यदि नहीं, तो ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत छात्र/छात्राओं को उक्त सुविधा कब तक उपलब्ध कराई जायेगी तथा कब तक आदेश जारी कर दिये जायेंगे? (घ) छतरपुर जिले में प्रश्नांश (क) अनुसार कोचिंग की सुविधा शुरू की जावेगी अथवा नहीं? यदि हाँ, तो कब तक शुरू की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जिला स्तर पर संचालित पोस्ट मैट्रिक छात्रावासों को अंग्रेजी विषय की कोचिंग की सुविधा वर्ष 2009-10 से उपलब्ध कराई जा रही है। जी हाँ। योजना की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) ग्रामीण क्षेत्र के पोस्ट मैट्रिक छात्रावासों में अंग्रेजी कोचिंग दिये जाने का नियम नहीं है। अत: समय-सीमा बताने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार छतरपुर जिले के जिला मुख्यालय पर संचालित पोस्ट मैट्रिक छात्रावासों में छात्र/छात्राओं को अंग्रेजी विषय की कोचिंग की सुविधा प्रदान की जा रही है।
राजस्व कर की जानकारी
[वित्त]
102. ( क्र. 1068 ) श्री जितू पटवारी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजस्व कर अपवंचन के पिछले पाँच वित्तीय वर्ष के 31 मार्च तक सभी छ: राजस्व विभागों के उन प्रकरणों की संख्या बतावें जिनमें अन्वेषण पूर्ण कर लिया गया तथा बढ़ाई गई सम्पत्ति सहित अतिरिक्त मांग की राशि बतावें तथा लंबित प्रकरणों की संख्या बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित राशि में से किस-किस वर्ष में कितनी राशि वसूली गयी तथा कितनी शेष रही? शासन किस-किस राजस्व विभाग द्वारा कर अपवंचन की राशि वसूली की कार्यवाही से संतुष्ट है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित विभागों में एक करोड़ से अधिक कर अपवंचन कर्ता फर्म/व्यक्ति का नाम, फर्म है तो डारेक्टर भागीदार के नाम, पता कर अपवंचन प्रकरण क्रमांक तथा दिनांक, यदि पुलिस में प्रकरण दर्ज किया गया हो तो उसका थाने का नाम, प्रकरण क्रमांक धाराएं दिनांक सहित वसूली की कार्यवाही तथा अद्यतन स्थित बतावें। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित विभाग में 31 मार्च 2017 को लंबित प्रकरणों में एक करोड़ से अधिक राशि वाले प्रकरणों के दर्ज होने की दिनांक बतावें तथा बतावें कि उनका आज तक अन्वेषण क्यों नहीं पूर्ण हुआ?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
24 घण्टे विद्युतीकरण कार्य
[ऊर्जा]
103. ( क्र. 1071 ) श्री उमंग सिंघार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले के गंधवानी विधान सभा क्षेत्र में दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण ज्योतियोजना/प्रधानमंत्री हर घर सहज बिजली योजना अन्तर्गत 24 घण्टे विद्युतीकरण का कार्य किये जा रहे हैं? (ख) प्रश्नांकित (क) अनुसार यदि हाँ, तो किन-किन ग्रामों के किन-किन फलियों में 24 घण्टे विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण हो चुका है? गांववार एवं फलियावार जानकारी उपलब्ध करावें और किन-किन ग्रामों के किन-किन फलियों में विद्युतीकरण कार्य अपूर्ण है। अपूर्ण कार्यों की सूची उपलब्ध करावें तथा अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण कर लिये जायेंगे।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं, अपितु धार जिले के गंधवानी विधानसभा क्षेत्र में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अन्तर्गत राजस्व ग्रामों के अविद्युतीकृत मजरों/टोलों को विद्युतीकृत किये जाने तथा प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) के अन्तर्गत सभी विद्युतविहीन घरों को विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराने का कार्य किया जा रहा है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में धार जिले के गंधवानी विधानसभा क्षेत्र में कुल 158 राजस्व ग्रामों के कुल 428 मजरों/टोलों में से 77 राजस्व ग्रामों के 225 मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण हो चुका है, जिनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र– 'अ' अनुसार है तथा 81 राजस्व ग्रामों के 203 मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य अपूर्ण है जिनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–'ब' अनुसार है। सम्पूर्ण धार जिले का दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना का कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु मेसर्स यूबीटेक प्रा.लि., फरीदाबाद, हरियाणा को दिनांक 21.01.2017 को अवार्ड जारी किया गया था। उक्त कार्य अवार्ड दिनांक से 24 माह अर्थात् दिनांक 20.01.2019 तक पूर्ण किया जाना निर्धारित है। तथापि प्रश्नाधीन शेष मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य प्राथमिकता के आधार पर माह अगस्त–2018 तक पूर्ण कराये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
मुख्यमंत्री स्थायी पंप कनेक्शन योजना
[ऊर्जा]
104. ( क्र. 1072 ) श्री उमंग सिंघार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले की गंधवानी विधान सभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री स्थायी पम्प कनेक्शन योजना के अंतर्गत योजना प्रारंभ दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कितने किसानों द्वारा उक्त योजना के लाभ हेतु आवेदन पत्र जमा किये हैं किसानों की सूची उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांकित (क) अनुसार कितने किसानों को उक्त योजना अंतर्गत ट्रांसफार्मर रखवाये तथा कितने किसानों को नहीं तथा क्यों? शेष किसानों को कब तक उक्त योजना का लाभ प्राप्त हो जायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) धार जिले के गंधवानी विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पम्प कनेक्शन योजना के अंतर्गत योजना प्रारंभ दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कुल 57 किसानों से उक्त योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनकी वितरण केन्द्रवार एवं संचालन-संधारण संभागवार सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार प्रश्नाधीन अवधि में प्राप्त कुल 57 आवेदनों में स्थायी कृषि पंप कनेक्शन प्रदान करने के लिये विद्युत अधोसंरचना के विस्तार सहित कुल 41 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाने थे, जिनमें से अद्यतन स्थिति में 5 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित करने सहित आवश्यक विद्युत अधोसंरचना विस्तार का कार्य पूर्ण कर 7 आवेदकों को स्थायी कृषि पम्प कनेक्शन प्रदाय कर दिये गये हैं। वर्तमान में कुल 50 आवेदकों हेतु लाईन विस्तार कार्य सहित कुल 36 वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना का कार्य किया जाना शेष है, जिसमें से 2 आवेदकों के कार्य खेतों में फसल खड़ी होने के कारण पहुँच मार्ग सुलभ नहीं होने से लंबित है तथा 48 आवेदकों के कार्य प्रगति पर है। उल्लेखनीय है कि उक्त शेष 50 आवेदकों में से पहुँच मार्ग सुलभ नहीं होने के कारण 2 आवेदकों का कार्य योजना की निर्धारित समयावधि में पूर्ण नहीं हो सका है तथा शेष 48 आवेदकों के कार्य निर्धारित समयावधि के भीतर के हैं तथा उक्त समस्त शेष कार्य क्रमश: जुलाई, 2018 तक किये जाने संभावित है।
अस्थायी विद्युत कनेक्शन
[ऊर्जा]
105. ( क्र. 1073 ) श्री उमंग सिंघार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले की गंधवानी विधान सभा क्षेत्र में विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कृषि कार्यों हेतु अस्थायी विद्युत कनेक्शन दिया जाता है? यदि हाँ, तो कनेक्शन देने के संबंध में क्या नियम हैं? (ख) प्रश्नांकित (क) अनुसार क्या कम पानी वाले स्त्रोत नाला और कुंआ आदि जिसमें वर्षा के बाद बहुत कम समय तक ही पानी रहता है, ऐसे स्थानों पर अस्थायी कनेक्शन के लिये पृथक से नियम हैं? यदि हाँ, तो नियम की छायाप्रति उपलब्ध करावें? (ग) शासन द्वारा अस्थायी विद्युत कनेक्शन के लिये कितनी राशि वसूली जा रही है? गंधवानी विधान सभा में विगत तीन वर्षों से कुल कितने कनेक्शन किये गये हैं? कृषकों की सूची उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांकित (ख) अनुसार कम समय तक पानी उपलब्धता वाले क्षेत्र के किसानों को राहत देने के लिये विभाग की क्या योजना है? यदि नहीं, तो इस दिशा में क्या कार्यवाही की जा रही है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, धार जिले की गंधवानी विधानसभा क्षेत्र सहित संपूर्ण प्रदेश में विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा कृषि उपभोक्ताओं को कृषि कार्य हेतु म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता-2013 के अध्याय 4 (एफ) -''अस्थायी विद्युत प्रदाय'' की कंडिका 4.48 के अनुसार अस्थायी विद्युत कनेक्शन प्रदान किये जाते है। उक्त नियम की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) कम पानी वाले जल स्त्रोतो जिनमें वर्षा के बाद बहुत कम समय तक पानी रहता है, पर अस्थायी पंप कनेक्शन के लिए पृथक से कोई नियम नहीं है तथापि राज्य शासन द्वारा वर्ष 2017-18 हेतु सिंचाई कार्यों के लिये 2 माह तथा उससे कम अवधि के लिए अस्थायी कनेक्शन लेने पर 3 माह की अग्रिम राशि जमा करने के स्थान पर 2 माह की अग्रिम राशि जमा करने की व्यवस्था हेतु दिनांक 3.11.2017 को विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 108 के तहत निर्देश जारी किए गए। उक्त निर्देश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कृषि कार्यों हेतु किसानों की आवश्यकतानुसार आवेदन करने पर उनके संयोजित भार के अनुसार वर्ष 2017-18 हेतु 2 माह, 3 माह एवं 4 माह की अग्रिम प्रभार की राशि जमा कराई गई है। जमा कराई जाने वाली राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। गंधवानी विधानसभा क्षेत्र में विगत 3 वर्षों यथा वर्ष 2014-15 में 4231 वर्ष 2015-16 में 3385 एवं वर्ष 2016-17 में 3445 इस प्रकार कुल 11061 अस्थायी कृषि पम्प कनेक्शन किसानों को प्रदान किये गये हैं। प्रदान किये गये उक्त कनेक्शनों की वर्षवार कृषकों के नाम सहित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के क्रमश: प्रपत्र-द, ई एवं फ अनुसार है। (घ) कम पानी वाले स्त्रोतों से अस्थायी कृषि पम्प कनेक्शन लेने पर उपभोक्ताओं को उत्तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार ही छूट प्रदान की गई है। उक्त के अतिरिक्त अन्य कोई कार्यवाही/योजना वर्तमान में विचाराधीन नहीं है।
तिलहन संघ से प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत कर्मचारी
[सामान्य प्रशासन]
106. ( क्र. 1080 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंत्रालय में संविलियन से पूर्व तिलहन संघ के कौन-कौन से कर्मचारी किन-किन पदों पर कितने समय से प्रतिनियुक्ति पर थे? मंत्रालय में उन्हे प्रतिनियुक्ति पर लेने का क्या आधार था? (ख) मंत्रालय में तिलहन संघ के कौन-कौन से कर्मचारियों का किस आधार पर कब-कब संविलियन किया गया? क्या मंत्रालय में तिलहन संघ के संविलियत कर्मचारियों को उनके तिलहन संघ में प्राप्त वेतन के समकक्ष वेतन दिया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) मंत्रलाय में तिलहन संघ के संविलियत कौन-कौन से कर्मचारियों को तिलहन संघ में प्राप्त वेतनमान से उच्च वेतनमान एवं कौन-कौन से कर्मचारियों को तिलहन संघ में प्राप्त वेतनमान से निम्न वेतनमान पर संविलियन किया गया? (घ) मंत्रालय में तिलहन संघ के संविलियत कौन-कौन से कर्मचारियों का वेतन निर्धारण कर नियमित वेतन वृद्धिया दी गई है? क्या उन्हें 7वां वेतनमान देकर नियमित वेतन वृद्धियां दी जा रही है? यदि नहीं, तो क्यों? इसके लिये कौन जिम्मेदार है एवं उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जा रही है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) मध्यप्रदेश मंत्रालय में तिलहन संघ के संविलियत कर्मचारियों का वेतन नियमन किया जाकर उन्हें सातवां वेतनमान देकर नियमित वेतनवृद्धि स्वीकृत की गई है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
विभागीय गतिविधियां
[महिला एवं बाल विकास]
107. ( क्र. 1081 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) छतरपुर जिलान्तर्गत महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत क्या-क्या गतिविधियां संचालित की जा रही हैं? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी दें। (ख) इस हेतु कितना-कितना बजट विगत दो वर्षों के अंतर्गत आवंटित किया गया है? उसमें से कितना किस-किस मद में व्यय किया गया है? कितना शेष है? विधान सभा क्षेत्रवार पूर्ण जानकारी दें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) छतरपुर जिला अन्तर्गत एकीकृत बाल विकास सेवा के तहत छतरपुर की विधानसभा क्षेत्रों क्रमश महाराजपुर-48, चन्दला-49, राजनगर-50, छतरपुर-51 एवं बड़ाकलहरा-53 में निम्नानुसार गतिविधियाँ संचालित की जा रही है- 1. एकीकृत बाल विकास सेवा 2. पोषण आहार कार्यक्रम 3. मंगल दिवस योजना 4. अटल बाल मिशन 5. बाल चौपाल 6. आंगनवाड़ी अनुरंक्षण 7. मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता 8. ईसीसीई प्रशिक्षण 9. उदिता प्रशिक्षण 10. चाईल्ड फ्रेण्डली आदर्ष आंगनवाड़ी केन्द्रों की स्थापना एवं महिला सशक्तिकरण अंतर्गत योजनाएं निम्न प्रकार से है। 1. समेकित बाल संरक्षण योजना 2- लाडली लक्ष्मी योजना 3- बेटी बचाओ अभियान 4- बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना 5- सशक्तवाहिनी 6- पिंक ड्रायविंग लायसेंस 7-लाडो अभियान 8- उषा किरण योजना 9- स्वागतम लक्ष्मी योजना 10- संवेदना कार्यक्रम 11- मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजना 12- शोर्यदल योजना 13- तेजस्वीन ग्रामीण महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम संचालित शासकीय/अशासकीय गृह आदि। (ख) उत्तर ''क'' के परिप्रेक्ष्य में विगत दो वर्षों में आवंटित बजट, व्यय एवं बचत की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। विधानसभा क्षेत्रवार बजट प्राप्त नहीं होता अतः शेष की जानकारी निरंक है। |
विद्युत कार्यों की जानकारी
[ऊर्जा]
108. ( क्र. 1083 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा मैहर विकासखण्ड में विद्युत लाईनों के सुधार हेतु कितना मद प्रदाय किया गया? दिये गये मद में से कितनी राशि व्यय हुई? (ख) सतना जिलान्तर्गत मैहर विधानसभा क्षेत्र में उक्त मेन्टेनेंस मद से कितने पुराने ट्रांसफार्मर बदले गये हैं एवं कितने पुराने तार बदलकर नवीन तार डाले गये? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार उक्त मेन्टेनेंस की कितना मद प्राप्त हुआ एवं कितनी राशि व्यय हुई? कार्य करने वाले ठेकेदार की नाम सहित जानकारी बतावें? उक्त मेन्टेनेंस की राशि का सत्यापन किन-किन अधिकारियों द्वारा किया गया? (घ) मैहर विधानसभा क्षेत्र में प्रश्न दिनांक की स्थिति में किन-किन ग्रामों के ट्रांसफार्मर जले हुए हैं? लम्बे समय से इन्हें बदले न जाने के क्या कारण हैं? कारण बतावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत विद्युत लाईनों के सुधार/संधारण कार्य हेतु संचालन-संधारण मद से विकासखण्डवार नहीं अपितु वृत्तवार मद आवंटित किया जाता है। वित्तीय वर्ष 2015-16 से वर्ष 2017-18 हेतु संचालन/संधारण वृत्त सतना को संचालन-संधारण मद में राशि रू. 9.49 करोड़ आवंटित की गयी है, उक्त राशि में से संचालन/संधारण वृत्त सतना द्वारा संचालन/संधारण संभाग मैहर को रू. 206 लाख की राशि संचालन/संधारण कार्यों के लिए आवंटित की गयी है, जिसमें से मैहर विकासखण्ड में विद्यमान विद्युत लाईनों के सुधार/संधारण कार्य के लिये रू. 22.42 लाख की राशि व्यय हुई है। (ख) मैहर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत उक्त मेंटेनेंस मद की राशि से अन्य संचालन एवं संधारण के कार्यों सहित 644 जले/खराब ट्रांसफार्मर बदले गये हैं एवं 11.92 कि.मी. लाईन के पुराने तार बदलकर नवीन तार डाले गये हैं। (ग) संचालन/संधारण वृत्त सतना द्वारा संचालन/संधारण संभाग, मैहर को विद्यमान विद्युत अधोसंरचना के संचालन/संधारण कार्य हेतु राशि रू. 206 लाख आवंटित की गयी है, विधानसभा क्षेत्रवार मद आवंटित नहीं किया जाता। प्रश्न दिनांक तक प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित कार्यों हेतु रू. 142.16 लाख की राशि व्यय हुई है। उक्त कार्यों में से जिन कार्यों को ठेकेदारों से कराया गया है, उनसे संबंधित सत्यापन करने वाले अधिकारियों के नाम सहित प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (घ) मैहर विधानसभा क्षेत्र में प्रश्न दिनांक की स्थिति में 13 ग्रामों के ट्रांसफार्मर जले/खराब है। उक्त ग्रामों की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। उक्त जले/खराब ट्रांसफार्मर संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण बदले नहीं जा सके हैं, जिन्हें नियमानुसार जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर से संबद्ध 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा बकाया राशि जमा करने अथवा कुल 20 प्रतिशत बकाया राशि जमा होने के उपरान्त बदला जा सकेगा।
आंगनवाड़ी केन्द्रों की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
109. ( क्र. 1084 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधान सभा क्षेत्र मैहर में ऐसे कितने आंगनवाड़ी एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र हैं, जिनका स्वंय का भवन नहीं है, जो किराये के भवनों में संचालित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार आंगनवाड़ी, मिनी आंगनवाड़ी पर स्वयं के भवन बनाने की शासन की क्या योजना है? इन स्थानों पर कब तक स्वयं के भवन बनाये जा सकेंगे? (ग) विधान सभा क्षेत्र देवरी में कितने आंगनवाड़ी एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं? स्थानवार जानकारी दी जाए। आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने के लिये शासन के क्या दिशा-निर्देश हैं? (घ) मैहर विधान सभा क्षेत्र में कितनी आंगनवाड़ी एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माणीधीन हैं? उक्त भवनों की निर्माण एजेन्सी कौन है एवं भवन निर्माण की समय अवधि क्या है? क्या क्षेत्र के उक्त सभी निर्माणाधीन भवन गुणवत्तायुक्त निर्मित हो रहे हैं? यदि हाँ, तो गुणवत्ता परीक्षण रिपोर्ट से अवगत करावें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) विधान सभा क्षेत्र मैहर अन्तर्गत 293 आंगनवाड़ी एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों में स्वयं के भवन नहीं है, जिनमें से 140 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवन में संचालित है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार आंगनवाड़ी, मिनी आंगनवाड़ी पर स्वयं के भवन बनाने हेतु मनरेगा योजना के अभिसरण से तथा राज्य आयोजना मद अन्तर्गत आंगनवाड़ी भवन निर्माण की योजना है। (ग) विधान सभा क्षेत्र मैहर अंतर्गत ग्राम देवरी में कुल 02 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित नहीं है। जिनमें देवरी 1 ठकुरान मोहल्ला एवं देवरी 2 हरिजन बस्ती में संचालित है। शासन के दिशा-निर्देशानुसार ग्रामीण क्षेत्र में 400 से 600 की जनसंख्या पर एवं आदिवासी क्षेत्र में 300 से 800 की जनसंख्या पर 01 आंगनवाड़ी केन्द्र खोला जाता है तथा मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने हेतु ग्रामीण क्षेत्र में 150 से 400 की जनसंख्या एवं आदिवासी क्षेत्र में 150 से 300 की जनसंख्या पर 01 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोला जाता है। (घ) मैहर विधान सभा क्षेत्र में 24 आंगनवाड़ी भवन निर्माणीधीन हैं जिनकी निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत है। समयावधि एवं गुणवत्ता का निर्धारण ग्रामीण विकास विभाग द्वारा किया जाता है। गुणवत्ता परीक्षण संबंधी रिपोर्ट कार्यालय द्वारा संधारित नहीं होने के कारण अवगत कराया जाना संभव नहीं है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों व भवनों की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
110. ( क्र. 1087 ) श्री हर्ष यादव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र देवरी में ऐसे कितने आंगनवाड़ी एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र हैं, जिनका स्वयं का भवन नहीं है जो किराये के भवनों में संचालित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार आंगनवाड़ी, मिनी आंगनवाड़ी पर स्वयं के भवन बनाने की शासन की क्या योजना है? इन स्थानों पर कब तक स्वयं के भवन बनायें जा सकेंगे। (ग) विधानसभा क्षेत्र देवरी में कितने आंगनवाड़ी एवं मिनी आंगनवाडी केन्द्र संचालित हैं? स्थानवार जानकारी दी जाए? आंगनवाड़ी, मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने के लिये शासन के क्या दिशा-निर्देश हैं? (घ) उक्त विधान सभा क्षेत्र में कितनी आंगनवाड़ी एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माणाधीन हैं? उक्त भवनों की निर्माण एजेन्सी कौन है एवं भवन निर्माण की समय अवधि क्या है? क्या क्षेत्र के उक्त सभी निर्माणधीन भवन गुणवत्तायुक्त निर्मित हो रहे है? यदि हाँ, तो गुणवत्ता की जाँच रिपोर्ट से अवगत कराया जाये।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) विधानसभा क्षेत्र देवरी अन्तर्गत कुल 76 आंगनवाड़ी केन्द्र तथा 21 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में संचालित है। (ख) भवनविहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये मनरेगा योजना के अभिसरण से एवं राज्य आयोजना मद अन्तर्गत आंगनवाड़ी भवन निर्माण की योजना है। आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण कार्य की स्वीकृति वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करती है। अतः समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं। (ग) विधानसभा क्षेत्र देवरी में अन्तर्गत 336 आंगनवाड़ी एवं 102 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं। स्थानवार जानकारी तथा आंगनवाड़ी एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने के लिये शासन के दिशा-निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) विधानसभा क्षेत्र देवरी अन्तर्गत 116 आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माणाधीन है। जिले में निर्माणाधीन आंगनवाड़ी भवनों की निर्माण एजेंसी संबंधित ग्राम पंचायत निर्धारित की गई है। आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण कार्य स्थानीय परिस्थितियों पर निर्भर होने के कारण समय-सीमा दी जाना संभव नहीं है। उक्त सभी भवनों के लिये निर्धारित ग्रामीण यांत्रिकी विभाग/पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के तकनीकी अधिकारियों/कर्मचारियों के द्वारा गुणवत्ता का परीक्षण किया जाता है। गुणवत्ता की जाँच रिपोर्ट विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती इस कारण गुणवत्ता की जाँच रिपोर्ट से अवगत कराया जाना संभव नहीं है।
सोलर प्रोजेक्ट का सर्वे
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
111. ( क्र. 1088 ) श्री हर्ष यादव : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या देवरी विधान सभा क्षेत्र में विगत 4 वर्षों में नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा विंड या सोलर प्रोजेक्ट्स के लिये सर्वे कराये गये थे? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो सर्वे रिपोर्ट में क्या देवरी विधान सभा क्षेत्र के स्थानों को अनुकूल पाया गया? प्रत्येक सर्वे रिपोर्ट की छायाप्रति देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार यदि अनुकूलता पायी गई तो यहां संयंत्र स्थापित करने के लिये क्या-क्या प्रयास किये गये? संबंधित पत्राचारों की छायाप्रति देवें।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।