मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-मार्च
2017 सत्र
मंगलवार, दिनांक 28 फरवरी 2017
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
राजघाट
बांध से
अनाधिकृत रूप
से सिंचाई
[नगरीय विकास एवं आवास]
1. ( *क्र. 2222 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सागर नगर में पेयजल प्रदाय हेतु निर्मित राजघाट बांध से अनाधिकृत रूप से जल लेकर खेतों की सिंचाई की जा रही है, जिससे बांध का जलस्तर भी घट रहा है? यदि हाँ, तो नगर निगम ने इस पर रोक लगाये जाने हेतु प्रश्न दिनांक तक क्या व्यवस्था की है? (ख) क्या सागर नगर में विगत वर्ष पेयजल का संकट राजघाट बांध से अनाधिकृत रूप से जल का उपयोग खेतों में सिंचाई करने एवं पाईप लाईन में अनेक स्थानों पर लीकेज के कारण पैदा हुई थी? चालू वर्ष में नगर में पेयजल की समस्या उत्पन्न न हो इसके लिए राजघाट बांध के जल को संरक्षित करने एवं अवैध पानी उठाव रोकने के लिए प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गयी है? (ग) क्या सागर नगर पालिक निगम से संबंधित कोई पेय-जल योजना शासन के समक्ष विचाराधीन है? यदि हाँ, तो वह कब तक स्वीकृत हो जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। नगर पालिक निगम, सागर द्वारा कलेक्टर, जिला सागर को पत्र लिखा गया। कलेक्टर जिला सागर द्वारा आदेश क्रमांक 807 दिनांक 30.01.2017 द्वारा सिंचाई पर पेयजल परीरक्षण अधिनियम 1986 तथा संशोधित आदेश 2002 के प्रावधानों के तहत प्रतिबंध लगाया गया है। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ, निकाय की जलप्रदाय योजना प्रोजेक्ट उदय में स्वीकृति हेतु प्रस्तावित है।
वन ग्राम सोनपुर का विस्थापन
[वन]
2. ( *क्र. 1930 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र सोहागपुर अंतर्गत पूर्व में ग्राम सोनपुर के कुछ लोगों को राजस्व ग्राम में विस्थापित किया गया है, परंतु उन लोगों को विस्थापन की शर्त अनुसार कोई भी मूलभूत सुविधायें नहीं मिल पा रही हैं, जिसके कारण ये लोग विस्थापन के लाभ से वंचित हैं, के संबंध में कितने क्षेत्रीय विधायकों द्वारा कितनी शिकायतें एवं पत्र विभाग को प्रेषित किये गये हैं? इन पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ख) क्या विस्थापन के पूर्व इन लोगों को विकल्प 2 के तहत विस्थापित करने की शर्त थी, जिसमें इन लोगों को वन क्षेत्र में जमीन उपलब्ध कराई है, परंतु उक्त जमीन उनके नाम हस्तांतरित नहीं होने के कारण इन लोगों को शासन की योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है? साथ ही सोनपुर के साथ ग्राम नांदनेर, कूकरा, पट्टन भी हैं, जिन्हें भी मूलभूत सुविधायें नहीं मिल पा रही हैं? किस कारण से विस्थापितों को मूलभूत सुविधायें नहीं मिल पा रही हैं? (ग) वर्तमान में सोनपुर के कुछ ग्राम शेष रहे हैं, जिनका विस्थापन होना है, ये परिवार के सभी लोग विकल्प 2 के तहत विस्थापित होना चाहते हैं। इस संबंध में उनके द्वारा तहसील सोहागपुर के नया कूकरा के बाजू में सिंगवाड़ा बीट कक्ष क्र. 276 को ग्राम के सभी शेष परिवारों ने पसंद कर लिया है, जिसमें इन्होंने विस्थापित होने हेतु सहमति भी दी है, इस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? कब तक इन्हें विस्थापित कर मूलभूत सुविधायें दे दी जायेंगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। क्षेत्रीय विधायक के 05 शिकायती पत्र विभाग में प्राप्त हुये थे। उन पत्रों पर विभाग द्वारा कार्यवाही करते हुये विस्थापितों को उपलब्ध कराई गई मूलभूत सुविधाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) सोनपुर के वर्तमान विस्थापितों द्वारा विकल्प-2 के तहत विस्थापित होने की कोई शर्त नहीं थी। शासन द्वारा विस्थापन हेतु जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार विकल्प-1 के तहत विस्थापित ग्रामवासी निजी सम्पत्ति की कीमत सहित 10.00 लाख रूपये प्रति हितग्राही की दर से राशि लेकर स्वतः की व्यवस्था से अन्यत्र कहीं भी बसने की स्वतंत्रता है। ग्रामीणों द्वारा विकल्प-1 के तहत विस्थापन हेतु सहमति दी गई थी, जिसके तहत सोनपुर के ग्रामीण 10.00 लाख रूपये नगद प्रति इकाई लेकर हितग्राही स्वयं की व्यवस्था से विस्थापित हुये हैं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। सोनपुर के साथ ग्राम नांदनेर, कूकरा, पट्टन भी विकल्प-1 के तहत 10.00 लाख रूपये नगद प्रति इकाई लेकर विस्थापित हुये ग्रामवासियों को ग्रामों में उपलब्ध कराई गई। मूलभूत सुविधाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी हाँ। यह सत्य है कि सोनपुर के कुछ ग्रामीण विस्थापन हेतु शेष हैं तथा इनके द्वारा विकल्प-2 का चयन कर सिंगवाड़ा बीट के कक्ष क्र. 276 को पसंद कर विस्थापन हेतु सहमति दी गई है। इस संबंध में विभाग द्वारा भूमि व्यपवर्तन का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। भूमि व्यपवर्तन के प्रस्ताव पर भारत सरकार की स्वीकृति प्राप्त होने पर आवश्यक बजट प्रावधान होते ही सोनपुर के शेष ग्रामीणों को पुनर्स्थापित कर दिया जावेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विस्थापितों का पुनर्वास
[नगरीय विकास एवं आवास]
3. ( *क्र. 2774 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या ग्वालियर में वर्ष 2011 में शासकीय नजूल भूमि सर्वे क्रमांक 3738 के द्वारिकाधीश मंदिर के पास 16 दुकानों को अतिक्रमण में मानकर तोड़ा गया था? यदि हाँ, तो क्यों? (ख) क्या कलेक्टर ग्वालियर के कार्यालय में उक्त विस्थापित अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों को दुकान बनाने हेतु नजूल भूमि के आवंटन का प्रस्ताव लंबित है? यदि हाँ, तो उसमें प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही हुई? (ग) क्या नगर निगम ग्वालियर में भी विस्थापितों को अन्य जगह आवंटित करने हेतु कोई प्रकरण विचाराधीन है? यदि हाँ, तो इस प्रकरण में भी कब तक कार्यवाही की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (ख) में वर्णित आवंटन में विलम्ब करने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) ग्राम सुरार की भूमि सर्वे क्रमांक 3738 पटवारी अभिलेख में सड़क नोईयत (नोईयत खाना नं. 3 में शासकीय एवं खाना नं. 12 में पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट अभिलिखित है) के रूप में दर्ज है, नक्शे में भी सड़क की आकृति बनी हुई है, वर्ष 2011 में सड़क चौड़ीकरण के दौरान पाये गये अतिक्रमण को हटाने की कार्यवाही की गई थी। (ख) वर्तमान में कार्यालयीन अभिलेखों में उपलब्ध रिकॉर्ड के अनुसार उक्त प्रस्ताव कार्यालय में लंबित नहीं है। (ग) विस्थापितों को जगह आवंटन करने की कार्यवाही नगर निगम में विचाराधीन नहीं है। (घ) शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बैरसिया विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत सड़क निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
4. ( *क्र. 2822 ) श्री विष्णु खत्री : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र बैरसिया की ग्राम पंचायत रमपुरा, जमूसरखुर्द, खजूरिया एवं तरावली कलां, सेमरी, इस्लामनगर एवं कोटरा चोपड़ा की आबादी कितनी है? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित ग्राम पंचायत रमपुरा का बालाचौन, ग्राम पंचायत जमूसरखुर्द का लालूखेड़ी एवं भूरीपठार, ग्राम पंचायत खजूरिया का मैनापुरा, ग्राम पंचायत इस्लामनगर का मस्तीपुरा, ग्राम पंचायत तरावली कलां का करोली, ग्राम पंचायत सेमरी का मोतीपुरा एवं ग्राम पंचायत कोटरा चोपड़ा का चोपड़ा किसी मार्ग से वर्तमान में जुड़ा है अथवा नहीं? यदि नहीं तो क्या कारण रहे? (ग) प्रश्नांश (ख) में दर्शित मार्ग को बनाये जाने हेतु प्रधानमंत्री/मुख्यमंत्री सड़क योजना अंतर्गत निर्धारित मापदण्ड के अनुसार है अथवा नहीं है? यदि हाँ, तो विभाग कब तक इस मार्ग को बनायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
भानपुर खंती का विस्थापन
[नगरीय विकास एवं आवास]
5. ( *क्र. 437 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर पालिक निगम भोपाल को कचरा डंपिग हेतु भानपुर में कितनी भूमि आवंटित की गई थी एवं निगम द्वारा कितनी भूमि पर कचरा डंपिग किया गया है? खसरा क्रमांक एवं रकबे की जानकारी दी जाये। (ख) भानपुर खंती के आस-पास कितनी-कितनी कॉलोनियों की कितनी-कितनी आबादी खंती के प्रदूषण से प्रभावित है एवं इस खंती के प्रदूषण से नागरिकों को किस-किस प्रकार की बीमारियां हो रही हैं? (ग) क्या भानपुर खंती को अन्यत्र शिफ्ट किया जा रहा है? स्थल का नाम, आवंटित भूमि का रकबा सहित बताया जाये। (घ) नवीन खंती निर्माण हेतु अभी तक क्या-क्या कार्य किये गये हैं एवं किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि व्यय की गई है? (ड.) भानपुर खंती को कब तक शिफ्ट कर दिया जायेगा एवं रिक्त हुये स्थान के उपयोग हेतु क्या योजना बनाई गई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम, भोपाल को कचरा डंपिग हेतु भानपुर से 36.62 एकड़ भूमि आंवटित की गई है, जिसमें से लगभग 32 एकड़ भूमि पर कचरा डंपिग का कार्य किया जाता है। भूमि का खसरा क्रमांक एवं अन्य विवरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) इस संबंध में कोई वैज्ञानिक अध्ययन रिपोर्ट नहीं है। (ग) जी नहीं। अपितु कचरे का स्थल पर ही वैज्ञानिक तरीके से निष्पादन कर खंती को वैज्ञानिक तरीके से कैपिंग की जा रही है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) नवीन ठोस अपशिष्ट प्रबंधन इकाई हेतु निजी जनभागीदारी के माध्यम से ग्राम आदमपुर छावनी में कार्य हेतु अनुबंध हस्ताक्षरित किया गया है। प्रस्तावित नवीन इकाई स्थल सें 85 रहवासियों को ग्राम हरीपुरा में विस्थापित किया गया है। ग्राम हरीपुरा में आधारभूत अधोसंरचना निर्माण जैसे नाली, रोड एवं विद्युत हेतु नगर निगम मद से राशि रूपये 1.25 करोड़ का व्यय किया गया है। (ड.) भानपुर स्थित खंती को वैज्ञानिक तरीके से बंद किये जाने हेतु निविदा आमंत्रण की कार्यवाही की गई है। समय-सीमा निर्धारित किया जाना संभव नहीं है। रिक्त होने वाली भूमि का उपयोग भूमि रिक्त होने के पश्चात् हो सकेगा।
पी.एच.डी. उपाधि की जाँच
[उच्च शिक्षा]
6. ( *क्र. 2886 ) श्री हर्ष यादव : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नियोक्ता विभाग (आदि जाति कल्याण) से छुट्टी लिये बिना जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर के सामाजिक विज्ञान फैकल्टी अंतर्गत विश्वविद्यालय नोटिफिकेशन क्रमांक एफ/पी.एच.डी./ सी.ओ.एन.एफ./एग्जाम-2/2011/85, दिनांक 25 दिसम्बर 2011 द्वारा भूगोल विषय में फर्जी पी.एच.डी. उपाधि लेने वाले शोधार्थी का नाम और उसका एनरोलमेन्ट नंबर बतावें। गाइड/निदेशक/मार्गदर्शक का नाम और वर्तमान पदस्थापना भी बतावें। (ख) नियोक्ता आदिम जाति कल्याण विभाग के पत्र क्रमांक डी-4353/2538/07/1-25, दिनांक 26 दिसम्बर 2007 के बिंदु क्रमांक-2 पर छुट्टी नहीं देने की शर्त के बावजूद विश्वविद्यालय ने पी.एच.डी. किस आधार पर अवार्ड की? इस मामले में अब तक प्राप्त शिकायतों का ब्यौरा दें। एफ.आई.आर. कब तक कराई जायेगी? (ग) शोधार्थी की अनुपस्थिति में गाइड के अधीन और शोध केन्द्र पर किस फर्जी व्यक्ति ने उपस्थित होकर कोर्स वर्क पूरा किया? जिन अभिलेखों और फर्जी दस्तावेजों को संलग्न कर पी.एच.डी. आवेदन पत्र पेश किया गया था, उस आवेदन सहित सभी की प्रतियां उपलब्ध करावें। (घ) फर्जी शोधार्थी द्वारा पी.एच.डी. प्रवेश के पूर्व जीवाजी विश्वविद्यालय में पेश माईग्रेशन सर्टिफिकेट अथवा शिक्षा में अंतराल के प्रमाण-पत्र की प्रति उपलब्ध करावें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) विश्वविद्यालय द्वारा जारी की गई अधिसूचना फर्जी नहीं है। उक्त अधिसूचना के द्वारा तीन शोधार्थियों को उपाधि प्रदाय की गई। उसमें आदिम जाति कल्याण विभाग के सुरेन्द्र सिंह भण्डारी को भी शोध उपाधि प्रदाय हेतु अधिसूचित किया गया है। उनका इनरोलमेन्ट नम्बर ए-14-782 है तथा मार्गदर्शक श्री के.एस. सैंगर, प्राचार्य, शासकीय एस.एल.पी. कॉलेज मुरार, ग्वालियर में पदस्थ हैं। (ख) शोधार्थी को पी.एच.डी. अवार्ड होने के संबंध में श्री ए.पी.एस. परिहार, निवासी थाटीपुर, मुरार म.प्र. का शिकायती पत्र दिनांक 04.02.2017, श्री विकास शर्मा 23, यूनिवर्सिटी कैम्पस, ग्वालियर दिनांक 11.02.2017 एवं श्री राजीव बिंदल, के-29, गाँधी नगर ग्वालियर दिनांक 02.02.2017 द्वारा प्राप्त हुए हैं, की जाँच कराकर गुण दोष के आधार पर कार्यवाही की जाएगी। (ग) पुराने पी.एच.डी. आर्डिनेंस में कोर्स वर्क की व्यवस्था नहीं थी, अतः प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। शोध उपाधि हेतु सुरेन्द्र सिंह भण्डारी के आवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (घ) संबंधित का माइग्रेशन प्रमाण-पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है।
मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के अपूर्ण कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
7. ( *क्र. 204 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के कन्नौद एवं बागली विकास खण्ड में वर्ष 2013-14 से प्रश्नांकित दिनांक तक कुल कितने-कितने मार्ग स्वीकृत किये गये थे, योजनान्तर्गत मार्ग निर्माण हेतु कितनी-कितनी राशि, किन-किन कार्यों की स्वीकृति दी गई? कार्यवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में कितने कार्य प्रारंभ किये गये, कितने पूर्ण हो गये? कितने कार्य अप्रारंभ हैं, कितनी-कितनी राशि व्यय की गई है? मार्गवार बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के संबंध में कितने मार्गों की अमानक एवं गुणवत्ताविहीन कार्यों की शिकायतें की गई थी, विभाग में कब-कब कार्यों का भौतिक सत्यापन किया, समिति (जाँच दल) ने कार्य स्थल पर क्या पाया? जाँच दल में सम्मिलित अधिकारी, कर्मचारी के पद नाम व उनका प्रतिवेदन बतावें। (घ) क्या वर्तमान में अधिकांश कार्य अपूर्ण हैं? जो बनाये गये थे, वे मार्ग जर्जर हो चुके हैं? अगर हाँ तो विभाग कब तक पूर्ण करेगा व दोषियों के खिलाफ कार्यवाही कब तक होगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। सभी निर्माण कार्य प्रगति पर हैं। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार है। (ग) विभाग को कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अतः प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं। (घ) निर्माण कार्य प्रगतिरत होने से उनके जर्जर होने की स्थिति नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
ग्राम पंचायत खोडेरा में पंचायत कर्मी की नियुक्ति की जाँच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
8. ( *क्र. 1073 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम पंचायत खोडेरा में पंचायत सचिव (पंचायत कर्मी) की नियुक्ति किये जाने हेतु शासन के नियमानुसार पंचायतकर्मी योजना 1995 में ग्राम पंचायत ही सक्षम थी और उसमें यह भी प्रावधान था कि पंचायत कर्मी यथा संभव स्थानीय ही हो? (ख) क्या खोडेरा में नियुक्ति पाने वाले स्थानीय आवेदक की नियुक्ति नहीं करते हुये ग्राम देवीनगर के आवेदक की नियुक्ति नियमों के विरूद्ध कर दी गई और तहसीलदार बल्देवगढ़ ने भी आवेदक को देवीनगर ग्राम का निवासी बताया तथा कलेक्टर टीकमगढ़ ने भी आदेश दिनांक 26.04.12 को आदेश पारित किया था कि यह नियुक्ति नियम विरूद्ध है। (ग) क्या राज्यमंत्री पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग भोपाल द्वारा दिनांक 16.07.12 को कलेक्टर का आदेश निरस्त कर दिया गया, यह कार्यवाही किस नियम तथा किन दस्तावेजों का आधार मानते हुये की तथा खोडेरा ग्राम पंचायत में देवीनगर ग्राम पंचायत के निवासी की नियुक्ति कैसे कर दी गई। प्रकरण की जानकारी निवास प्रमाण-पत्र एवं चल-अचल सम्पति सहित प्रमाणित सत्य प्रतिलिपियां उपलब्ध करायें। (घ) क्या उक्त पंचायत सचिव की तैनाती वर्तमान में वृषभानपुरा ग्राम पंचायत विकासखण्ड बल्देवगढ़ में है? क्या इसकी जाँच करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो कारण बतायें। (ड.) जाँच उपरांत दोषी पाये जाने वाले सचिव पंचायतकर्मी के विरूद्ध कार्यवाही कर पद से हटाकर शासन से प्राप्त की गई राशि की वसूली करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) से (ड.) म.प्र. पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम, 1993 की धारा 91 के तहत तथ्यों का विश्लेषण करते हुए तथ्यों के संबंध में निष्कर्ष पर पहुंच कर गुण-दोष पर सक्षम अधिकारी मान. राज्यमंत्री, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने श्रीमती किरण यादव की सचिव, ग्राम पंचायत, खोडेरा में नियुक्ति को विधि सम्मत पाया है। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। गुण-दोष पर आदेश पारित होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
रामस्थान क्षेत्र में अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
9. ( *क्र. 2882 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिलान्तर्गत रामपुर बघेलान के रामस्थान क्षेत्र में कब-कब, किस-किस फर्म को किस खसरा नंबर के कितने क्षेत्रफल में खनन अनुज्ञप्तियां जारी की गई व उक्त क्षेत्र से लगभग कितनी मात्रा में वर्षवार पत्थर खनित किया गया? (ख) शासन की आराजी क्रमांक 1238, 991 व 993 के कितने क्षेत्रफल पर लीज़ अनुज्ञप्ति जारी की गई थी? यहां लीज़धारी द्वारा वास्तविक रूप से कितने क्षेत्रफल पर उत्खनन किया गया? क्या यहां विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से उक्त अनुज्ञप्तिधारी ने बिना अनुज्ञप्ति प्राप्त किये लगभग 30 एकड़ भूमि पर अवैध उत्खनन किया है? इस मामले में दोषियों के विरूद्ध अब तक क्या कार्यवाही की गई है? क्या अवैध उत्खनन की जाँच के लिए कलेक्टर सतना द्वारा दिनांक 12 अगस्त, 2016 को कोई जाँच दल गठित किया गया था, इस दल द्वारा अब तक क्या कार्यवाही की है? (ग) उक्त क्षेत्र में अनु.जाति/जनजाति के कितने भू-स्वामियों की भूमि पर उत्खनन किया गया है? क्या उत्खननकर्ता द्वारा नियमानुसार भूमि क्रय की जाकर विधिवत खनन अनुज्ञा प्राप्त की गई या नहीं? इस संदर्भ में जिला प्रशासन को प्राप्त शिकायतों का किस प्रकार निराकरण किया गया? (घ) इस क्षेत्र में कितने क्षेत्रफल में श्रवण कुमार पाठक माइंस को भूप्रवेश की अनुमति दी गई है? लीज़ एरिया के समीप कितने अनु.जाति आदिवासी भू-स्वामियों की भूमि थी, उक्त भूमि वर्तमान में किसके नाम है? क्या नामांतरण व रजिस्ट्रियां नियमानुसार की गईं? उत्खनन वनभूमि व रहवासी क्षेत्र से कितने मीटर दूर तक किया गया है? प्रश्नांश (क) से (घ) वर्णित अनियमितताओं के संबंध में स्थानीय रहवासियों व जनप्रतिधियों द्वारा वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब क्या शिकायतें अनुविभागीय अधिकारी राजस्व व जिला प्रशासन सतना को की गई हैं। शिकायतों का बिन्दुवार निराकरण बतावें। यदि नहीं किया गया तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन क्षेत्र रामस्थान में किसी फर्म को खनिपट्टा स्वीकृत नहीं है, जिन व्यक्तियों को इस क्षेत्र पर खनिपट्टा स्वीकृत है। इसकी जानकारी एवं वर्षवार खनिज उत्पादन का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) आराजी क्रमांक 1238 के अंश रकबा 0.60 एकड़, आराजी क्रमांक 993 के अंश रकबा 2 एकड़ क्षेत्र को शामिल करते हुये कुल रकबा 80 एकड़ क्षेत्र पर श्री श्रवण कुमार पाठक को खनिपट्टा स्वीकृत है। आराजी क्रमांक 991 पर खनिपट्टा स्वीकृत नहीं है। लीज़धारी को कुल स्वीकृत क्षेत्र 80 एकड़ क्षेत्र में से 45 एकड़ क्षेत्र पर उनके द्वारा उत्खनन कार्य किया गया है। जी नहीं, परन्तु आराजी क्रमांक 1238 के अंश रकबा 0.60 एकड़ तथा आराजी क्रमांक 991 के अंश रकबा 0.20 एकड़ क्षेत्र पर अवैध उत्खनन पाया गया है, जिसके कारण दोषी खनिपट्टाधारी के विरूद्ध कार्यवाही विचाराधीन है। जी हाँ। प्रश्नानुसार जाँच दल गठित किया गया था। जाँच दल द्वारा मौका स्थल निरीक्षण अनुसार सत्यापन कार्य किया गया है। (ग) उक्त क्षेत्र में अनुसूचित जाति के 06 भूमि स्वामियों की भूमि पर उत्खनन कार्य किया गया है। नियमों में भूमि क्रय की जाकर खनि रियायत प्राप्त करने का प्रावधान नहीं है। प्रश्नानुसार कलेक्टर कार्यालय, सतना को प्राप्त शिकायतों के निराकरण का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) श्रवण कुमार पाठक माईन्स के नाम से कोई खनिपट्टा स्वीकृत न होने के कारण प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। प्रश्नानुसार प्रश्नाधीन अवधि में प्राप्त शिकायतों के निराकरण का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में सड़कों का निर्माण एवं मरम्मत
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
10. ( *क्र. 1270 ) श्री संजय उइके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले की बैहर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विषयांकित योजना प्रारम्भ से प्रश्न दिनांक तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में किन-किन सड़कों का कब-कब निर्माण कार्य पूरा किया गया? लागत सहित जानकारी देवें। (ख) योजनान्तर्गत निर्मित सड़कों का अनुबन्धानुसार किस-किस दिनांक तक मेंटेनेन्स (रख-रखाव) की समयावधि थी? समयावधि में किन-किन सड़कों की मरम्मत/मेंटेनेन्स कार्य किया गया? (ग) समयावधि में मरम्मत/मेंटेनेन्स उपरान्त कब-कब, किन-किन सड़कों के रिनिवल के कितनी-कितनी लागत के प्रस्ताव शासन को भेजे गये? कौन-कौन सी सड़कों के प्रस्ताव स्वीकृत हुये एवं कब-कब कार्य पूर्ण किये गये या शेष हैं? (घ) सड़क निर्माण कार्य करने वाले किन-किन ठेकेदारों की कितनी-कितनी राशि मेंटेनेन्स/मरम्मत कार्य हेतु रोकी गई थी? किन-किन ठेकेदारों के मेंटेनेन्स कार्य नहीं कर सकने के कारण कितनी-कितनी राशि की कटौती की गई एवं समयावधि उपरान्त किन-किन ठेकेदारों की कब-कब, कितनी-कितनी राशि वापस की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
कूनो-पालपुर अभयारण्य श्योपुर में गुजरात के एशियाई शेरों को बसाया जाना
[वन]
11. ( *क्र. 280 ) श्री रामनिवास रावत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कूनो-पालपुर अभयारण्य श्योपुर में गुजरात के एशियाई शेरों को बसाने हेतु मान. उच्चतम न्यायालय के निर्देश में गठित समिति द्वारा माह दिसम्बर 2016 में दौरा कर मीटिंग की गई थी? यदि हाँ, तो उक्त समिति द्वारा क्या-क्या अनुशंसायें की हैं? (ख) क्या समिति द्वारा उक्त अभयारण्य में एशियाई शेरों को बसाने के लिए उपयुक्त वातावरण एवं पर्याप्त संसाधन पाए जाने की अनुशंसा की है? यदि हाँ, तो कब तक कूनो अभयारण्य में एशियाई शेरों को बसा दिया जावेगा? (ग) कूनो-पालपुर अभयारण्य में गुजरात के एशियाई शेरों को बसाने हेतु प्रदेश सरकार द्वारा क्या-क्या पत्राचार एवं कार्यवाही की है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। बैठक की कार्यवाही विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। बैठक की कार्यवाही विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। समय-सीमा का निर्धारण नहीं किया गया है। (ग) मध्य प्रदेश द्वारा कूनो-पालपुर अभयारण्य में गुजरात से एशियाई सिंहों के पुनर्स्थापन के लिये भारत सरकार द्वारा गठित समिति की बैठक कूनो-पालपुर अभयारण्य में कराने की पहल की गई, जिससे समिति के सदस्य कूनो-पालपुर में हुए रहवास सुधार से अवगत हुए। सिंहों के कूनो-पालपुर में पुनर्स्थापन हेतु समिति का गठन किया गया है।
ग्राम पंचायत जोड़ौरी के कार्यों की जाँच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
12. ( *क्र. 2925 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला रीवा जनपद पंचायत गंगेव, ग्राम पंचायत जोड़ौरी की निलम्बित सचिव श्रीमती रानी चौधरी एवं वर्तमान सरपंच अनुसूचित जाति के हैं? यदि हाँ, तो क्या सरपंच के कोटवार जाति प्रमाण-पत्र की जाँच की शिकायत प्राप्त हुई है? शिकायत एवं संलग्न जाति प्रमाण-पत्र की प्रति देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में निलंबित सचिव श्रीमती रानी चौधरी की पदस्थापना ग्राम पंचायत जोड़ौरी में कब हुई है? आदेश की प्रति देवें। (ग) ग्राम पंचायत जोड़ौरी में विकास कार्य हाट बाजार, पंच परमेश्वर, पी.सी.सी. रोड एवं अन्य कार्यों की सूची जिसके भुगतान हेतु राशि आहरण रूपये 2878853.00 के व्यय, प्रशासनिक स्वीकृति एवं सी.सी. की प्रतियां उपलब्ध करायें तथा 2013 से प्रश्न दिनांक तक ग्राम पंचायत जोड़ौरी में हुए कार्यों की सूची योजनावार, मदवार एवं वर्षवार देवें। (घ) श्रीमती रानी चौधरी के निलंबन हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत गंगेव के पत्र क्रमांक 2159/पंचायत/2015/दिनांक 19/11/2015 के प्रस्ताव की प्रति देवें तथा सी.ई.ओ. गंगेव के निलंबन प्रस्ताव के पूर्व वित्तीय अनियमितता की जाँच एवं रोक के लिए की गयी प्रशासनिक कार्यवाही की जानकारी देवें तथा समुचित कार्यवाही समय पर नियमानुसार न करने वाले दोषी अधिकारी के विरूद्ध कौन सी दण्डात्मक कार्यवाही कब तक की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जाति प्रमाण-पत्र जाँच संबंधी शिकायत संज्ञान में नहीं आई है, जाति प्रमाण-पत्र की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) आदेश क्रमांक 4580/पंचा.-1 स्था./जि.प./2013, दिनांक 14.09.2013 द्वारा श्रीमती रानी चौधरी को ग्राम पंचायत जोड़ौरी का सचिव अधिसूचित किया गया है। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 एवं 5 अनुसार है। (घ) प्रश्न में चाही गई प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 अनुसार है। शिकायत की जाँच, निलंबन एवं अनुशासनात्मक कार्यवाही समय पर होने से किसी के दोषी होने की स्थिति नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
कसरावद विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत पुल-पुलियों/सड़कों का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
13. ( *क्र. 2006 ) श्री सचिन यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी, 2014 से प्रश्नांकित दिनांक तक कसरावद विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत मुख्यमंत्री ग्राम सड़क/प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत कौन-कौन से सड़क मार्गों/पुल-पुलियों के निर्माण कार्य हेतु प्रस्ताव शासन एवं विभागीय स्तर पर कब-कब भेजे गए? माह जनवरी 2017 की स्थिति में कौन-कौन से प्रस्ताव कब-कब स्वीकृत किये गये? पुलों एवं सड़कों के नाम एवं लंबाई, स्वीकृति की राशि, निर्माण एजेंसी के नाम सहित बतावें। कौन-कौन से निर्माण स्वीकृति के पश्चात् अभी तक किस कारण से अप्रारंभ, कौन-कौन से लंबित हैं एवं क्यों तत्संबंधी ब्यौरा दें। (ख) उक्त क्षेत्रान्तर्गत ऐसी कितनी सड़क मार्गों/पुल-पुलियों के निर्माण कार्य जनहित में किया जाना अति आवश्यक है जिन पर प्रश्न दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है और क्यों? जवाबदेही सुनिश्चित कर तत्संबंधी ब्यौरा दें। (ग) प्रश्नांकित (क) की अवधि में प्रश्नकर्ता द्वारा प्रमुख सचिव एवं उचित माध्यम से पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को पुल-पुलियों, सड़कों एवं पहुँच मार्गों के निर्माण हेतु भेजे गये पत्रों पर की गयी कार्यवाही से अवगत न कराये जाने के क्या कारण हैं? कौन-कौन से प्रस्ताव जनवरी 2017 की स्थिति में स्वीकृत हैं एवं प्रक्रियाधीन हैं? विलंब के क्या कारण हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण एवं प्रमुख अभियंता, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा को कसरावद विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत निर्माण संबंधी प्रस्तावों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्न में प्रस्तावों के प्रेषक का उल्लेख नहीं होने से प्रस्ताव भेजने की तिथि बताया जाना संभव नहीं है। मुख्यमंत्री सड़क योजना के अंतर्गत उपलब्ध वित्तीय संसाधन पूर्व से स्वीकृत कार्यों के लिए आबद्ध होने से वर्तमान में स्वीकृति दी जाना संभव नहीं है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) अनुसार।
मुख्य नगर पालिका अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
14. ( *क्र. 457 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नगर पालिका मकरोनिया बुजुर्ग जिला सागर में पदस्थ मुख्य नगर पालिका अधिकारी के विरूद्ध पार्षदों एवं आमजन द्वारा कोई आपराधिक प्रकरण पंजीकृत किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो मुख्य नगर पालिका अधिकारी के विरूद्ध पार्षदों एवं आमजन द्वारा आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने का क्या कारण रहा? (ग) यदि निर्वाचित पार्षदों एवं आमजन द्वारा मुख्य नगर पालिका अधिकारी के विरूद्ध प्रकरण दर्ज कराया गया है एवं विभागीय स्तर पर शिकायतें की गई हैं, तो विभाग द्वारा मुख्य नगर पालिका अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। नगर पालिका परिषद, मकरोनिया में पदस्थ मुख्य नगर पालिका अधिकारी श्री सी.पी. राय के विरूद्ध वार्ड क्र. 08 की पार्षद श्रीमती कौशल्या अहिरवार के पति श्री मिहिलाल अहिरवार द्वारा धारा-3 (1-10) एस.सी.एस.टी. एक्ट एवं धारा-294, 506, 323 (भा.द.वि.) के अंतर्गत दिनांक 15.12.2016 को थाना-पदमाकर नगर में आपराधिक प्रकरण दर्ज कराया गया है। प्रकरण माननीय विशेष सत्र न्यायाधीश जिला न्यायालय, सागर के न्यायालय में प्रचलित है। प्रकरण न्यायालयीन प्रक्रिया के अंतर्गत होने से, कारण बताया जाना संभव नहीं है। (ग) विभाग स्तर पर शिकायत प्राप्त हुई थी, शिकायत की जाँच की जा रही है। प्रकरण में गुण-दोषों के आधार पर पूर्ण जाँच उपरांत न्यायालय निर्णय के प्रकाश में विधिसम्मत निराकरण किया जायेगा।
मुख्य मंत्री ग्राम सड़क योजानांतर्गत सड़कों का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
15. ( *क्र. 1 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्य मंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत छूटे हुए ग्रामों को जोड़ने हेतु वर्ष 2015 में आलोट विधानसभा क्षेत्र की चार सड़कें स्वीकृत होकर उनके निर्माण अनुबंध का ब्यौरा क्या है? (ख) क्या निर्माण अनुबंधानुसार उक्त सड़कें निर्मित हुईं? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं तो क्यों एवं अनुबंधकर्ता ठेकेदार पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) भोजखेड़ी-बोरखेड़ी, माल्या-बेटीखेड़ी, ताल-सनखेड़ी, नागदा-मिनावदा, शेरपुर बुजुर्ग सड़कों का निर्माण कब तक पूर्ण होगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत वर्ष 2015 में आलोट विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत स्वीकृत चार सड़कों का अनुबंध पैकेज क्र. 1722 अंतर्गत किया जाकर कार्यादेश दिनांक 14/12/2015 को दिया गया। कार्य पूर्ण करने हेतु 12 माह का वर्षाकाल सहित ठेकेदार को समय दिया गया है। (ख) जी नहीं। तीन सड़कों में क्रमशः भूमि विवाद, रेखांकन में परिवर्तन होने, निजी स्थल की भूमि होने के कारण अनुबंध समयावधि दिनांक 13/03/2017 तक बढ़ाई गई है। एक सड़क में निर्माण में विलंब के लिए ठेकेदार जिम्मेदार होने के कारण अनुबंध के तहत नोटिस दिया गया है। (ग) जून, 2017 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है।
जिला बालाघाट में निर्माण कार्यों की जाँच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
16. ( *क्र. 706 ) श्री मधु भगत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग 1 एवं 2 बालाघाट में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि के किस-किस मद से कब-कब करवाये गये? नियुक्त कार्य एजेंसी के नाम सहित विधानसभावार, विकासखण्डवार एवं वर्षवार पूर्ण ब्यौरा देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कार्य में से कौन-कौन से कार्य पूर्ण हैं, कितने अपूर्ण हैं, उक्त कार्य में से किस-किस कार्य के लिये किस को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किस दिनांक को चैक/ड्राफ्ट क्रमांक एवं नगद राशि के रूप में किया गया? वर्षवार, कार्यवार भुगतान कि गई राशि का पूर्ण ब्यौरा देवें। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्यों में से कौन-कौन से कार्य हैं, जिनको पूर्ण किये बिना कार्य से अधिक राशि का भुगतान किया गया? कार्यवार किये गये भुगतान का पूर्ण ब्यौरा देंवे। अपूर्ण कार्य होने की स्थिति में संबंधित कार्य एजेंसी पर क्या दण्डात्मक कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत कार्यों में से अनियमितता और भ्रष्टाचार की कितनी शिकायतें ब्लॉक/जिला स्तर पर लिखित/मौखिक प्राप्त हुईं? शिकायतों का विवरण देते हुये बतायें कि इनमें से किन-किन शिकायतों की जाँच किसके द्वारा की गई एवं जाँच पश्चात् क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) निर्माण कार्यों को पूर्ण किये बिना अधिक राशि का भुगतान नहीं किया गया है। समयावधि में पूर्ण न होने वाले कार्यों के ठेकेदारों को अनुबंधानुसार नोटिस जारी किये गये हैं। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों के संबंध में शिकायतें प्रकाश में नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगर पालिक निगम, कटनी को विकास कार्यों हेतु प्राप्त राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
17. ( *क्र. 2728 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विगत तीन वर्षों में नगर पालिक निगम कटनी को केन्द्र/राज्य शासन से किस-किस मद/योजना हेतु कितनी-कितनी अनुदान राशि प्राप्त हुई है एवं प्रत्येक मद/योजना से प्राप्त होने वाली राशि के उपयोगिता के नियम क्या-क्या थे? इन राशियों की प्राप्ति तारीख क्या थी एवं किस-किस बैंक में किस-किस दिनांक को फिक्स डिपॉजिट के तौर पर रखा गया, इससे कितनी-कितनी राशि ब्याज के तौर पर प्राप्त हुई? पृथक-पृथक विवरण सहित बतावें। (ख) मूल अनुदान राशि और ब्याज की राशि का किस-किस कार्य में किस-किस दिनांक को व्यय किया गया एवं उपयोगिता प्रमाण-पत्र किस-किस दिनांक को भेजा गया? कार्यवार विवरण बतायें। (ग) माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा नगर पालिक निगम कटनी क्षेत्र हेतु कौन-कौन सी घोषणायें 27 अक्टूबर, 2014 को कटनी प्रवास पर की गयी एवं कितनी-कितनी राशि प्रदान की गई, नगर पालिक निगम कटनी द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या क्या कार्यवाही की गई? इन कार्यों की वर्तमान स्थिति क्या है एवं इन्हें कब तक पूर्ण किया जायेगा? (घ) प्रश्नांश (ग) अन्तर्गत क्या मुख्यमंत्री जी की घोषणा के कार्यों को पूर्ण करने के लिये राज्य शासन द्वारा नगर पालिक निगम, कटनी को कोई निर्देश दिये हैं? यदि हाँ, तो क्या और इनके पालन के लिए क्या कार्यवाही की गई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) विगत 3 वर्षों में विभिन्न योजनाओं में नगर पालिक निगम, कटनी को केन्द्र/राज्य शासन से राशि रू. 145.21 करोड़ प्राप्त हुई, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। अनुदान आवंटन पत्र में ही अनुदान राशि व्यय करने के शासन निर्देश रहते हैं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। प्राप्त अनुदान प्राप्त/डिपॉजिट/बैंको/राशि ब्याज की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है, उपयोगिता प्रमाण पत्रों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ई'' अनुसार है। (ग) नगर पालिक निगम, कटनी के संबंध में की गई 04 घोषणाओं का कार्यवाही विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एफ'' अनुसार है। (घ) जी हाँ। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''जी'' अनुसार है। घोषणा के कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एफ'' अनुसार है।
मुख्यमंत्री सड़क तथा सुदूर सड़क की स्वीकृति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
18. ( *क्र. 2747 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत मुख्यमंत्री सड़क तथा सुदूर ग्राम सड़क योजनान्तर्गत सड़कें स्वीकृत की गई हैं? (ख) यदि हाँ, तो राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत दिनांक 1 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन ग्रामों में मुख्यमंत्री सड़क तथा सुदूर ग्राम सड़कें स्वीकृत की गई हैं? (ग) उक्त स्वीकृत सड़कों की लम्बाई तथा लागत क्या है? वर्षवार ग्रामवार बतावें। (घ) क्या उक्त स्वीकृत सड़कों का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है? यदि हाँ, तो बतावें और नहीं तो क्यों नहीं तथा कब तक पूर्ण कर दी जावेंगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। प्रश्नाधीन अवधि में राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना तथा महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत सुदूर ग्राम संपर्क एवं खेत सड़क उपयोजना के अधीन सड़कों के निर्माण की स्वीकृति दी गई है। (ख) मुख्यमंत्री सड़क योजना तथा सुदूर ग्राम संपर्क तथा महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत सुदूर ग्राम संपर्क एवं खेत सड़क उपयोजना के तहत सुदूर ग्राम संपर्क सड़कों की स्वीकृति की सड़कवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। निर्माण कार्य की पूर्णता में देरी के प्रमुख कारणों में नोटबंदी की पृष्ठभूमि में निर्माण एजेंसियों के कार्यों की गति में कमी आना एवं भूमि की अनुपलब्धता है। सुदूर ग्राम संपर्क सड़कों के कार्य अपूर्ण होने के कारण निर्माण उपयोजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार नहीं होने तथा निर्माण की गुणवत्ता अपेक्षित तकनीकी मापदण्डों के अनुसार नहीं होना है। संलग्न परिशिष्ट में उल्लेखित कार्यों को वर्ष 2017-18 में पूर्ण कराया जाना लक्षित है।
फ्री होल्ड अधिकार अधिनियम 2010 का क्रियान्वयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
19. ( *क्र. 1314 ) श्री राजकुमार मेव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मध्यप्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में विकसित, स्थित पट्टे की भूमियों के संबंध में फ्री होल्ड अधिकार अधिनियम 2010 का क्रियान्वयन, उसका पालन इंदौर विकास प्राधिकरण इंदौर द्वारा किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कितने फ्री होल्ड किये? यदि नहीं तो वर्तमान में किस कारण से फ्री होल्ड की प्रक्रिया बंद कर रखी है? (ख) इंदौर विकास प्राधिकरण इंदौर के पास वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक मैकेनिक नगर, स्कीम नं. 54 व शहर की अन्य स्कीमों के लंबित लीज़ होल्ड भूखण्डों को फ्री होल्ड अधिकारों में परिवर्तन करने संबंधित किस-किस आवेदक के किस-किस दिनांक में आवेदन प्राप्त हुये हैं? उनका क्या निराकरण किया गया? वर्तमान में कितने आवेदन क्यों लंबित हैं? लंबित आवेदनों को कब तक निराकृत करते हुये फ्री होल्ड की स्वीकृति दी जावेगी? (ग) क्या फ्री होल्ड अधिकार अधिनियम 2010 का क्रियान्वयन इंदौर विकास प्राधिकरण इंदौर के द्वारा नहीं किये जाने से शासन को मिलने वाले शुल्क के रूप में आय का आर्थिक नुकसान हो रहा है? यदि हाँ, तो कितना प्रतिवर्ष नुकसान हो रहा है? इसके लिए कौन-कौन जिम्मेदार है? (घ) इंदौर विकास प्राधिकरण इंदौर को मैकेनिक नगर, स्कीम नं. 54 एवं उससे लगी हुई प्राधिकरण की शेष अनुपयोगी भूमि (नाले के पास) आवंटन हेतु किस-किस नाम से आवेदन प्राप्त हुये? उक्त अनुपयोगी भूमि के आवंटन हेतु प्राधिकरण द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) म.प्र. नगरीय क्षेत्र में स्थित पट्टे की भूमियों के संबंध में राजस्व विभाग द्वारा अधिसूचना क्रमांक 2-16-2009-7-6 भोपाल दिनांक 21.09.2010 को फ्रीहोल्ड अधिकार नियम 2010 प्रभावशील किये गये थे। प्राधिकरणों के द्वारा म.प्र. विकास प्राधिकरणों की सम्पत्तियों का प्रबंधन तथा व्ययन नियम 2013 के अंतर्गत भूखण्डों के व्ययन की समस्त कार्यवाही की जाती है। प्राधिकरणों के द्वारा उनकी योजनाओं के लिये भूमि तीन प्रकार से यथा शासन से आवंटन, आपसी समझौते से निजी भूमि स्वामी से प्राप्त करना तथा भू-अर्जन अधिनियम के अंतर्गत भू-अर्जन से प्राप्त की जाती है। राजस्व विभाग की उक्त अधिसूचना राज्य सरकार द्वारा प्रदत्त शासकीय भूमि पर दिये गये पट्टों के संबंध में प्रभावशील की गई है, जबकि प्राधिकरणों के द्वारा शासकीय भूमि के अतिरिक्त आपसी समझौते से निजी भूमि स्वामी से भूमि प्राप्त करना तथा भू-अर्जन अधिनियम के अंतर्गत सम्पत्ति धारित की जाती है। राजस्व विभाग की उक्त अधिसूचना को म.प्र. विकास प्राधिकरणों की सम्पत्तियों का प्रबंधन तथा व्ययन नियम 2013 के अंतर्गत प्रभावशील करने हेतु समस्त प्राधिकरणों से नीति निर्धारण चाही गई थी, जिस पर नगरीय विकास एवं आवास द्वारा विचार कर परीक्षणोपरान्त कार्यवाही प्रचलित है। इन्दौर विकास प्राधिकरण द्वारा 468 आवेदनों का निराकरण किया गया है। (ख) इन्दौर विकास प्राधिकरण के पास वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक मैकेनिक नगर, स्कीम नं. 54 व शहर की अन्य स्कीमों के कुल 1537 पट्टाधारी (लीज़ होल्ड) अधिकार में फ्रीहोल्ड अधिकार के संबंध में आवेदन प्राप्त हुये हैं। इन्दौर विकास प्राधिकरण द्वारा 468 आवेदनों का निराकरण किया गया है, शेष 1069 आवेदन विचाराधीन हैं। जिसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष जानकारी उत्तरांश (क) अनुसार है। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में पट्टे की भूमियों के संबंध में फ्रीहोल्ड अधिकार के प्रावधान प्रचलित नियम म.प्र. विकास प्राधिकरणों की सम्पत्तियों का प्रबंधन तथा व्ययन नियम 2013 न होने से आर्थिक नुकसान एवं प्रश्नांश का शेष भाग उपस्थित नहीं होता है। (घ) इन्दौर विकास प्राधिकरण को मैकेनिक नगर, स्कीम नं. 54 एवं उससे लगी हुई शेष अनुपयोगी भूमि (नाले के पास) आवंटन हेतु श्री योगेन्द्र पाल द्वारा एक आवेदन एवं श्री राजकुमार मेव द्वारा दो आवेदन प्राप्त हुये थे। आवेदनकर्ताओं द्वारा चाही गई भूमि पर ओपन पाथ-वे एवं योजना के स्वीकृत अभिन्यास की 18.00 मीटर चौड़े मार्ग की भूमि होने से इन्दौर विकास प्राधिकरण द्वारा आवंटन नहीं किया गया।
ब्यावरा महाविद्यालय परिसर की बाउण्ड्रीवाल का निर्माण
[उच्च शिक्षा]
20. ( *क्र. 2623 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न संख्या 30 (क्रमांक 335), दिनांक 8 दिसम्बर 2016 के उत्तर में बताया गया था कि राजगढ़ जिले के नेताजी सुभाषचन्द्र बोस शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय ब्यावरा के परिसर की बाउण्ड्रीवाल निर्माण का प्रस्ताव स्थायी वित्तीय समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जा चुका है। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक बाउण्ड्रीवाल निर्माण कार्य हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या शासन महाविद्यालय एवं छात्र-छात्राओं की सुरक्षा को देखते हुये बाउण्ड्रीवाल निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। शासन के पत्र क्रमांक एफ 21-4/2015/38-2, दिनांक 24.01.2017 द्वारा राशि रूपये 95.70 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जा चुकी है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वच्छता मिशन अंतर्गत किये गये कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
21. ( *क्र. 2769 ) श्री आरिफ अकील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या भोपाल नगर निगम प्रशासन द्वारा भारत स्वच्छता मिशन के अन्तर्गत सार्वजनिक स्थलों पर शौचालय रखे गये हैं? यदि हाँ, तो भोपाल के किन-किन क्षेत्रों में कितने-कितने शौचालय रखे गए? वार्डवार बतावें। (ख) क्या निगम प्रशासन द्वारा प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शौचालय क्रय करने हेतु निविदाएं आमंत्रित की गई हैं? यदि हाँ, तो किस-किस संस्था से कितने-कितने शौचालय कितनी-कितनी राशि से कब-कब क्रय किए गए तथा मिशन के संचालन हेतु कौन-कौन से वाहन कितनी-कितनी राशि से क्रय किए गए और निगम प्रशासन के पास उपलब्ध वाहनों का उपयोग क्यों नहीं किया गया? क्या यह शासन की राशि का दुरूपयोग नहीं है? (ग) भोपाल नगर निगम द्वारा भारत स्वच्छता मिशन के नाम पर किस-किस वार्ड में किस-किस कार्य एवं प्रचार प्रसार (शहर में फ्लेक्स बोर्ड, कटआउट, टी.वी. चैनलों तथा समाचार पत्रों में विज्ञापन) पर कुल कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? माह जनवरी 2017 में स्वच्छता मिशन की टीम द्वारा निरीक्षण के उपरांत क्या-क्या आपत्तियां ली गईं तथा सुझाव दिए गए?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत क्रय किये गये वाहनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। उक्त कार्य में निगम प्रशासन के पास उपलब्ध वाहनों का उपयोग भी किया जा रहा है। अत: यह शासन की राशि का दुरूपयोग नहीं है। (ग) भोपाल नगर निगम द्वारा स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत शहर के वार्ड क्र. 01 से वार्ड क्र. 85 में जन-जागरूकता एवं विभिन्न कार्यक्रम द्वारा प्रचार-प्रसार हेतु राशि रूपये 7107183 रूपये व्यय किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। जनवरी 2017 में स्वच्छता मिशन की टीम द्वारा निरीक्षण के बाद कोई आपत्ति एवं सुझाव नहीं दिये गये हैं।
विधान सभा क्षेत्र चौरई अंतर्गत निर्मित पुल की जाँच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
22. ( *क्र. 2875 ) पं. रमेश दुबे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले के विधान सभा क्षेत्र चौरई में जनवरी, 2014 से प्रश्न दिनांक तक प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के अंतर्गत किन-किन सड़कों एवं बड़े पुलों का निर्माण कराया गया? कितनी सड़कें निर्माणाधीन हैं? कितनी सड़कों का पुनर्निर्माण अथवा मेंटनेंस किया गया है? सड़कवार स्वीकृत राशि, भुगतान राशि, ठेकेदारों के नाम पता, अनुबंध का क्रमांक/दिनांक का विवरण देवें। (ख) क्या विकासखण्ड चौरई जिला छिंदवाड़ा के ग्राम बड़ोसा के पास निर्मित 2 पुल में से एक पुल का गुणवत्ताहीन निर्माण होने से फाउन्डेशन धंस गया है और पुल पूर्णत: क्षतिग्रस्त की स्थिति में है? क्या प्रश्नकर्ता ने भी उक्त पुल के धंस जाने एवं पूर्णत: क्षतिग्रस्त होने की जाँच कर कार्यवाही हेतु पत्र क्रमांक 1947, दिनांक 25.12.2016 मा. पंचायत मंत्री म.प्र. शासन को सौंपा है? (ग) यदि हाँ, तो इस पुल निर्माण की ड्राईंग डिजाईन किस इंजीनियर के द्वारा बनायी गयी थी? गुणवत्ता परीक्षण किस इंजीनियर के द्वारा किया गया? किस इंजीनियर की देखभाल में पुल निर्मित हुआ? इस पुल के निर्माण में किये गये भुगतान, ड्राईंग डिजाईन की प्रति सहित इंजीनियर्स के नाम पदनाम एवं वर्तमान पदस्थापना की जानकारी दें? (घ) प्रश्नांश (ख) और (ग) के प्रकाश में क्या शासन उच्चस्तरीय तकनीकी अधिकारियों की टीम गठित कर गुणवत्ताहीन पुल निर्माण की प्रश्नकर्ता की उपस्थिति में जाँच कराने, साथ ही पुल निर्माण में व्यय राशि संबंधित इंजीनियर्स से वसूल कर पुल का पुनर्निर्माण कराने का आदेश देगा? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) छिंदवाड़ा जिले के विधानसभा क्षेत्र चौरई में जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण द्वारा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत 49 सड़कों का निर्माण कार्य पूर्ण कराया गया है, किसी भी बड़े पुल का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हुआ है। वर्तमान में 25 सड़कें निर्माणाधीन हैं। वर्तमान में गारंटी अवधि में 49 सड़कें, पास्ट फाईव ईयर में 32 सड़कें तथा पास्ट टेन ईयर में 2 सड़कें संधारण में हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'ब', 'स', 'द' एवं 'ई' अनुसार है। (ख) छिंदवाड़ा जिले के विधानसभा क्षेत्र चौरई में डोडीनाला पुल के निर्माण अवधि में गुणवत्ता परीक्षण कंसलटेंसी एवं परियोजना क्रियान्वयन इकाई के अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा समय-समय पर किया गया, जिसमें तत्समय कार्य संतोषजनक पाया गया था। प्रारंभिक तौर पर ब्रिज कंसलटेन्ट के मतानुसार ठेकेदार को वर्षाकाल के पूर्व टाप स्लेब डालकर पुल के बाक्सेस का कार्य पूर्ण करना चाहिये था, जो कि ठेकेदार द्वारा नहीं किये जाने से पुल आंशिक क्षतिग्रस्त हुआ है। इसके लिये ठेकेदार पूर्णतया उत्तरदायी है। विभाग द्वारा ठेकेदार के विरूद्ध कार्यवाही कर दिनांक 17.11.2016 को अनुबंध निरस्त कर ठेकेदार की जमा सुरक्षा निधि का नगदीकरण कराया गया है। जी हाँ, प्रश्नकर्ता माननीय विधायक द्वारा पत्र क्रमांक 1947 दिनांक 25.12.2016 माननीय मंत्रीजी को प्रेषित किया है। उक्त पत्र में उल्लेखित पुल के क्षतिग्रस्त होने की जानकारी पूर्व से ही प्राधिकरण के संज्ञान में है। अतः विभाग द्वारा उपरोक्तानुसार प्रारंभिक कार्यवाही की गई है। विभाग द्वारा मुख्य महाप्रबंधक से विस्तृत जाँच कराने हेतु आदेश जारी कर दिये हैं। जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर आगामी कार्यवाही की जा सकेगी। (ग) पुल निर्माण की ड्राइंग एवं डिजाईन (डी.पी.आर.) ब्रिज कंसलटेंट मैसर्स जे.व्ही. शिवोम कंसलटेंट भोपाल द्वारा तैयार की गई। गुणवत्ता का परीक्षण सुपरविज़न एवं क्वालिटी कंट्रोल कंसलटेंसी मेसर्स सांई इन्टरप्राईजेस, नागपुर के इंजीनियरों की देखभाल में किया गया है। इस पुल निर्माण में वर्तमान तक 57.98 लाख का भुगतान ठेकेदार को किया गया है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'फ' एवं 'ज' अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ख) अनुसार जाँच की जा रही है। जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर गुण-दोष के आधार पर आगामी कार्यवाही की जा सकेगी।
बाढ़ से क्षतिग्रस्त स्थलों का पुनर्निमाण
[वन]
23. ( *क्र. 524 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 08 दिसम्बर 2016 में मुद्रित परि.अता. प्रश्न संख्या 130 (क्र. 1433) के दिये गये उत्तर के संदर्भ में बतायें कि बरसात के कारण निर्मित चिड़ियाघर के किन-किन भागों का नुकसान हुआ? निर्मित चिड़ियाघर का कौन-कौन सा भाग क्षतिग्रस्त हुआ? क्षतिग्रस्त हुए भाग का निर्माण कब-कब एवं किस-किस संविदाकार से कार्यादेश जारी कर कार्य कराया गया? कार्यादेश की प्रति देते हुए बतावें। किस-किस क्षतिग्रस्त हुए भाग के निर्माण हेतु कितनी-कितनी राशि शासन द्वारा प्रदान की गई? ई.ओ.डब्ल्यू. द्वारा क्या जाँच हेतु वन विभाग से संबंधित दस्तावेजों की मांग की गई? मांग उपरांत दस्तावेज उपलब्ध कराये गए, तो कब? (ख) श्री हरिगोविंद सिंह को माह 17.11.2014 की जानकारी देने की बात को स्वीकारा गया है, जबकि विधान सभा प्रश्न क्रमांक 3961, दिनांक 08 मार्च 2016 के उत्तर में जानकारी बिल-वाउचरों एवं पिट-पासों की संकलित की जा रही है, का उत्तर दिया गया था? क्या प्रत्येक माह के लेखा के साथ वर्णित वाउचरों को संलग्न कर महालेखाकार ग्वालियर को वन वित्तीय नियम के तहत भेजने का प्रावधान है? अगर हाँ, तो दिनांक 17.11.2014 को आर.टी.आई. के तहत श्री हरिगोविंद सिंह को जानकारी कैसे दी गई? (ग) संदर्भित प्रश्न के प्रश्नांश (ख) उल्लेखित निर्माणाधीन भाग क्षतिग्रस्त हुआ तो क्या इसके लिए संबंधित ठेकेदार एवं अधिकारियों के मिलीभगत से कार्य में निम्न गुणवत्ता क्या घटिया सामग्री के उपयोग को दर्शाती है ? यदि हाँ, तो पुन: क्षतिग्रस्त भाग के निर्माण में हुई शासन की क्षति एवं व्यय के लिए दोषियों पर क्या आपराधिक प्रकरण दर्ज करायेंगे एवं प्रश्नांश (ख) अनुसार गलत एवं भ्रामक जानकारी विधान सभा को देने वालों के विरूद्ध कार्यवाही के साथ परि.अता. प्रश्न संख्या 75 (क्रमांक 3961), दिनांक 08 मार्च 2016 में दिये गये उत्तर अनुसार गुण-दोष के परीक्षण उपरांत आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) वर्ष 2016 में आई बाढ़ से निम्न स्थलों का नुकसान हुआ है :- 1. बाउन्ड्रीवॉल को क्षति (i) टाइगर बाड़ा नाइट हाउस के पास-40 मीटर (ii) पेन्थर बाड़ा नाइट हाउस के पास-30 मीटर (iii) भालू बाड़ा नाइट हाउस के पास-40 मीटर (iv) व्हाइट टाइगर सफारी नाइट हाउस के पास-45 मीटर (v) बीहर नदी के पास भमरा नदी के मिलान में 30 मीटर (vi) मुरजुआ पुल के पास गोविन्दगढ़ रोड़ में 25 मीटर 2. संरचना भवरा नाला के मिलान 50 मीटर, भवना नाला के इन्ट्रेन्स में 40 मीटर 3. पुलिया नं.1 में रेलिंग डैमेज, पुलिया नं. 1 एवं 2 में मिट्टी कटाव 4. चैनलिंक फेंसिंग पलटी व्हाइट टाइगर सफारी की-45 मी. क्षतिग्रस्त हुए भाग का निर्माण नहीं किया गया है, न ही किसी संविदाकार को कोई कार्य आदेश जारी किया गया है। क्षतिग्रस्त हुए भाग के पुनर्निर्माण कार्य का प्राक्कलन प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) मध्यप्रदेश को भेजा गया है, किन्तु शासन/विभाग द्वारा इसके लिये कोई राशि प्रदान नहीं की गई है। ई.ओ.डब्ल्यू. द्वारा जाँच हेतु वन विभाग से उक्त से संबंधित दस्तावेजों की मांग की गई है, अत: दस्तावेज उपलब्ध कराने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) श्री हरिगोविन्द सिंह को माह 17.11.2014 को कार्यालय में उपलब्ध दस्तावेजों (प्रमाणकों) की द्वितीय प्रति की छायाप्रति आर.टी.आई. के तहत दी गई थी। जी हाँ, प्रत्येक माह के लेखे के साथ वर्णित वाउचरों/प्रमाणकों को संलग्न कर महालेखाकार, ग्वालियर को वन वित्तीय नियम के तहत भेजने का प्रावधान है। दिनांक 17.11.2014 को आर.टी.आई. के तहत श्री हरिगोविन्द सिंह को कार्यालय में उपलब्ध दस्तावेजों (प्रमाणकों) की द्वितीय प्रति की छायाप्रति प्रदान की गई थी। (ग) जी नहीं। निर्मित संरचनायें भीषण बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त हुयी हैं, जो एक प्राकृतिक आपदा है। इसमें कोई दोषी नहीं है। इसलिये किसी के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कराने का प्रश्न नहीं उठता है। प्रश्नांश (ग) अनुसार कोई गलत एवं भ्रामक जानकारी प्रस्तुत नहीं की गई है।
क्रीड़ा अधिकारियों की नियुक्ति
[उच्च शिक्षा]
24. ( *क्र. 2718 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश में कुल कितने शासकीय महाविद्यालय हैं? (ख) इन शासकीय महाविद्यालय में क्रीड़ा अधिकारियों के कितने पद कब से रिक्त हैं। (ग) शासन द्वारा इन शासकीय महाविद्यालयों में लोक सेवा आयोग के माध्यम से क्रीड़ा अधिकारियों की नियुक्ति कितने वर्षों से नहीं की गई है। (घ) मध्यप्रदेश के कितने शासकीय महाविद्यालयों में खेल मैदान उपलब्ध हैं तथा कितनों में नहीं हैं?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) मध्यप्रदेश में कुल 457 शासकीय महाविद्यालय संचालित हैं। (ख) इन शासकीय महाविद्यालयों में 295 क्रीड़ा अधिकारियों के पद रिक्त हैं। रिक्त पदों की तिथि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) लगभग विगत 19 वर्षों से लोक सेवा आयोग के माध्यम से क्रीड़ा अधिकारी के पद पर नियुक्ति नहीं की गई है। (घ) 187 महाविद्यालयों में खेल मैदान उपलब्ध हैं तथा 270 महाविद्यालयों में खेल मैदान उपलब्ध नहीं हैं।
सहायक अध्यापक के बैकलॉग पदों की परीक्षा का आयोजन
[उच्च शिक्षा]
25. ( *क्र. 2918 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कारण है कि सहायक प्राध्यापक के बैकलॉग के रिक्त पदों की परीक्षा 23.09.16 को निरस्त की गई जबकि 10.05.16 को भारत सरकार के राजपत्र में नये नियमों का प्रकाशन हो गया था? इस निरस्त आदेश की छायाप्रति, आदेश जारी करने वाले अधिकारी का नाम, पदनाम सहित देवें। (ख) इन अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? (ग) इन पदों की (नई) पुन: परीक्षा कब आयोजित की जाएगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) सहायक प्राध्यापक के रिक्त पदों की परीक्षा निरस्त नहीं की गई थी। स्थगित की गई थी। जी हाँ। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में पुनः परीक्षा आयोजित करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
ग्राम
पंचायतों में
कम्प्यूटर
का उपयोग
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
1. ( क्र. 37 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य सरकार द्वारा प्रदेश की जनता की सुख सुविधा को देखते हुए ग्राम पंचायतों में कम्प्यूटर की सुविधा दी जा रही है। यदि हाँ, तो खरगोन जिले में कितनी ग्राम पंचायतों में ऑनलाइन सुविधा दी जाकर कम्प्यूटर से समग्र आई.डी., पेंशन आदि की सुविधा ग्रामीणों को प्राप्त हो रही है तथा कितनी पंचायतों में कम्प्यूटर हेतु कमरे का निर्माण कराया गया है? इस हेतु कितनी राशि प्राप्त हुई है, कितनी पंचायतों में कमरा निर्माण का कार्य नहीं कराया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार कम्प्यूटर की स्थापना न होने के क्या कारण रहे हैं वहां ग्रामीणों का कार्य कैसे चल रहा है? बड़वाहा जनपद में कितनी ग्राम पंचायतों में कम्प्यूटर स्थापित हो चुके हैं तथा कहाँ-कहाँ नहीं हुए हैं, स्थापित नहीं होने के क्या कारण रहे हैं? जनपद पंचायत बड़वाहा की ग्राम पंचायत में स्थापित कम्प्यूटर के बिजली बिल के 3 माह की जानकारी दी जाये। (ग) जनपद पंचायत बड़वाहा के अधीन कितनी ग्राम पंचयत के रोजगार सहायकों को कम्प्यूटर का ज्ञान नहीं है, जो कार्य नहीं कर रहे हैं, उनके विरुद्ध क्या कार्यवाही की जा रही है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। खरगोन जिले की 594 ग्राम पंचायतों में कम्प्यूटर से समग्र आई.डी. एवं पेंशन सुविधा ग्रामीणों को उपलब्ध हैं। 82 ग्राम पंचायतों में कम्प्यूटर हेतु कमरे (ई-पंचायत कक्ष/अतिरिक्त कक्ष) का निर्माण कराया गया है। जिले की 201 ग्राम पंचायतों में ई-पंचायत कक्ष हेतु राशि रूपये 827.25 लाख की स्वीकृत की गई है। 393 ग्राम पंचायतों में कमरा निर्माण नहीं कराया गया है। (ख) जिले की सभी 594 ग्राम पंचायतों में कम्प्यूटर स्थापित होने से प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जनपद पंचायत बड़वाह के अधीन समस्त ग्राम पंचायतों के रोजगार सहायक/सचिव को प्रशिक्षण दिया गया है। किसी ग्राम पंचायत सचिव/रोजगार सहायक द्वारा कार्य नहीं करने की शिकायत प्राप्त होने पर उसके विरुद्ध कार्यवाही का प्रावधान है। कोई शिकायत प्राप्त होना प्रतिवेदित नहीं है।
नीलगायों (घोड़ा रोज) का आतंक
[वन]
2. ( क्र. 55 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम एवं मंदसौर जिले में नीलगायों से हो रहे कृषि नुकसान को रोकने हेतु शासन ने अब तक क्या-क्या कदम उठाये हैं? (ख) उपरोक्त (क) से कितनी नीलगायें अब तक अभयारण्य में छोड़ी गई व उन पर कितनी राशि व्यय हुई. (ग) रतलाम जिले के आलोट विधानसभा क्षेत्र के कृषकों की फसलों की नीलगायों से बर्बादी रोकने हेतु शासन क्या कार्यवाही कर रहा है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) वन वृत्त उज्जैन के रतलाम एवं मंदसौर जिलों में रोजड़ों से हो रहे कृषि नुकसान को रोकने हेतु म.प्र. शासन वन विभाग के आदेश क्रमांक/1355/1247/ 2016/10-2 दिनांक 13.06.16 से वन्यप्राणी (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की धारा 12 (इइ) के तहत् नीमच, उज्जैन, छतरपुर एवं मंदसौर जिलों के राजस्व क्षेत्र से 50 रोजड़ों को पकड़कर उपयुक्त वनक्षेत्र में स्थानांतरित किये जाने हेतु प्राप्त सैद्धांतिक सहमति के आधार पर मंदसौर जिले के ऐरा ग्राम से 27 रोजड़ों को प्रायौगिक तौर पर पकड़कर गांधी सागर अभयारण्य में छोड़ा गया है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित शासनादेश के पालन में प्रधान मुख्य वन संरक्षक, (वन्यप्राणी) म.प्र. एवं वनमण्डलाधिकारी, (सा.) वनमण्डल, मंदसौर द्वारा गठित दलों के माध्यम से प्रथमतः मंदसौर जिले की सीतामऊ तहसील के ऐरा ग्राम के राजस्व क्षेत्र से बोमा पद्धति से कुल 27 रोजड़ों को पकड़कर प्रायौगिक तौर पर संरक्षित क्षेत्र गांधीसागर अभयारण्य में सुरक्षित छोड़ा गया है। उपरोक्त कार्यवाही में प्रश्नांकित दिनांक तक समस्त प्रकार की सामग्री एवं मजदूरी पर कुल राशि रु. 3377925/- रू. का व्यय हुआ है। (ग) उज्जैन वृत्त के अंतर्गत रतलाम जिले के आलोट विधानसभा क्षेत्र में रोजड़ों से फसल नुकसानी को रोकने हेतु बोमा पद्धति से रोजड़ों को राजस्व क्षेत्रों से पकड़कर उपयुक्त वनक्षेत्र अथवा इस हेतु विकसित किये गए विशेष क्षेत्रों में छोड़ने हेतु प्रस्ताव तैयार किये जाने की कार्यवाही प्रचलित है।
मुख्यमंत्री सड़क योजना अंर्तगत निर्मित सड़कें
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
3. ( क्र. 104 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्यमंत्री सड़क योजना अंर्तगत जबलपुर जिले में निर्मित सड़कें प्रधानमंत्री ग्राम सड़कें योजना को हस्तांतरित कर दी गई हैं? (ख) यदि हाँ, तो विधानसभा क्षेत्र पनागर की ऐसी सड़कों की सूची उपलब्ध करावें? (ग) हस्तांतरण के बाद कौन-कौन सी सड़कों का कार्य किया गया हैं? (घ) शेष सड़कों का कार्य कब तक किया जाएगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते हैं। (ख) से (घ) उत्तरांश 'क' अनुसार है।
ग्रामोदय से भारत उदय कार्यक्रम में प्राप्त प्रस्ताव
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
4. ( क्र. 105 ) श्री
सुशील कुमार
तिवारी :
क्या पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
पनागर
विधानसभा
क्षेत्रांतर्गत
ग्रामोदय से
भारत उदय
कार्यक्रम के
दौरान बैरागी घुघरी
नाला, रानवे
नदी, सिलुवा
नाला, कुटैली
में रानवे
नाला, पिपरिया
लोकल नाला, मनकवारा
पहुंच मार्ग, बल्हवारा
पीला नाला, मिडकी
बम्हनी के बीच
में स्टॉपडेम
बनाने हेतु
प्रस्ताव
प्रस्तुत
किये गये हैं? (ख) क्या
प्रश्नकर्ता
द्वारा इसके
पूर्व भी
अप्रैल 2016
में गिरते
भू-जल स्तर के
कारण उपरोक्तानुसार
प्रस्ताव
प्रेषित किये
गये थे, जिन
पर कोई
कार्यवाही
नही हुयी है? (ग) क्या
वर्षा ऋतु के
पूर्व स्टॉपडेम
एवं रपटा
बनाया जाना
आवश्यक है? (घ) यदि
हाँ, तो
कब कार्यवाही
की जावेगी?
पंचायत
मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव )
: (क) बैरागी
घुघरी नाला स्टॉपडेम
एवं बल्हवारा
पीला नाला स्टॉपडेम
छोड़कर शेष समस्त
प्रश्नांकित
कार्यों की
मांग होना
प्रतिवेदित
है। (ख) माननीय
प्रश्नकर्ता
से विभाग को
प्रस्ताव
प्राप्त
होना
प्रतिवेदित
है। (ग) प्रश्नाधीन
कार्यों की
लागत अधिक
होने और तकनीकी
रूप से
कार्यों के
अवयव बड़े
होने के कारण
महात्मा
गांधी नरेगा
के तहत कार्य
कराएं जाना
साध्य नहीं
है। (घ) उपरोक्त
उत्तर 'ग' के परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उत्पन्न
नहीं होता है।
मनरेगा अंतर्गत स्वीकृत कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
5. ( क्र. 124 ) श्री मेहरबान सिंह रावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सत्र 2015-16 एवं 2016-17 में कितनी-कितनी राशि महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत मुरैना जिले को प्राप्त हुई? उसमें जिला स्तर से कितनी राशि के कितने कार्य स्वीकृत कर किस-किस विभाग को एजेंसी बनाया गया है वर्षवार, पंचायतवार, विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कितने कार्य पूर्ण कर दिए गये हैं एवं कितने कार्य अधूरे हैं सबलगढ़ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पंचायतवार जानकारी बतावें? कितने कार्यों का पूर्ण भुगतान कर दिया गया है एवं किनका भुगतान नहीं किया है? (ग) क्या कार्य पूर्ण होने के उपरांत भी आज दिनांक तक भुगतान नहीं किया है? कारण बतावें एवं इसके लिये कौन अधिकारी दोषी है? नाम बतावें। (घ) दोषी अधिकारी जिनके द्वारा पूर्ण कार्य कराने के बाद भी भुगतान नहीं कराया है उनके खिलाफ कब तक क्या कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत जिलों को राशि नहीं दी जाती है। राज्य स्तरीय नोडल खाते से जनपद पंचायतों द्वारा एफटीओ से भुगतान किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। सम्पन्न कार्यों का मूल्यांकन अनुसार भुगतान किया जाना प्रतिवेदित है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश ‘ग’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मुरैना जिले अंतर्गत स्वीकृत रेत खदानें
[खनिज साधन]
6. ( क्र. 125 ) श्री मेहरबान सिंह रावत : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले के विकासखण्ड सबलगढ़ में दिनांक 01.04.2016 के बाद प्रश्न दिनांक तक नवीन रेत खदानों के कितने आवेदन प्राप्त हुए, उनमें से कितनी रेत खदानें स्वीकृत हुईं? क्षेत्रवार, नामवार, रकबावार जानकारी दें? कितनी स्वीकृत नहीं हुई है? नामवार, रकबावार जानकारी बतावें? (ख) क्या स्वीकृत खदानें माननीय उच्च न्यायालय की रोक एवं घडि़याल क्षेत्र होने के बाद भी स्वीकृत कर दी गई हैं एवं इसी प्रकार के दूसरे आवेदकों की खदानें स्वीकृत नहीं की गई हैं? यदि हाँ, तो कारण बतावें। (ग) उक्त स्वीकृत खदानों में से सबलगढ़ विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कौन-कौन सी खदानों से रेत उत्खनन कार्य किया जा रहा है? क्या उक्त स्वीकृत संचालित खदानों का सीमांकन विधान सभा में लिए निर्णय अनुसार क्षेत्रीय विधायक को साथ में लेकर किया गया है? यदि नहीं तो कारण बतावें। (घ) क्या प्रशासन द्वारा उक्त रेत खदानों के ठेका निरस्त की कार्यवाही कर दी गई है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? यदि नहीं तो कारण बतावें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन क्षेत्र में प्रश्नानुसार अवधि में निजी कृषि भूमि से रेत हटाये जाने हेतु 13 आवेदन प्राप्त हुए थे। प्रश्नानुसार जानकारी संलग्न परिशिष्ट में दर्शित है। संलग्न परिशिष्ट में दर्शायें अनुसार सरल क्रमांक 3 एवं 7 में उल्लेखित प्रकरणों में अस्थाई अनुज्ञा स्वीकृत की गई थी। शेष में कोई अनुज्ञा स्वीकृत नहीं की गई थी। (ख) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्वीकृत दो अस्थाई अनुज्ञा कलेक्टर द्वारा आदेश दिनांक 31.12.2016 से निरस्त कर दी गई है। अत: वर्तमान में प्रश्नाधीन क्षेत्र में कोई रेत खदान संचालित नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेख अनुसार रेत खदान ठेके पर स्वीकृत नहीं की गई थी। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत शौचालयों का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
7. ( क्र. 130 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्वच्छ भारत अभियान अंतर्गत खरगोन जिले में कितने शौचालय निर्मित कराये गए है. कितने शेष हैं? शासन द्वारा इस योजना में कितनी राशि स्वीकृत होती है, नियम की कॉपी दी जावे। क्या शासन द्वारा १२,००० की राशि स्वीकृत की जाती है? यदि हाँ, तो क्या अंतिम भुगतान में जिला स्तर पर कोई राशि काटी जाने के प्रावधान है? यदि हाँ, तो किस नियम के अंतर्गत ये राशि काटी गई है? नियम की कॉपी देवें, योजना प्रारंभ से आज तक कितनी राशि काटी गई, उसकी जनपदवार जानकारी देवें। (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा प्रश्नांश (क) में १० प्रतिशत राशि या २० प्रतिशत राशि काटी जाने के सम्बध में पत्र क्रमांक ५२० दिनांक ३०/०९/२०१६ से पत्र जारी किया गया था? यदि हाँ, तो तत्संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई, क्या संबधित ग्राम पंचायतों अथवा हितग्राही को शेष राशि का भुगतान कर दिया गया है अथवा नहीं? राशि काटे जाने के क्या कारण रहे हैं? (ग) यदि नियम से काटी है तो नियम की कॉपी देवें? यदि नहीं तो किस अधिकारी के निर्देश से राशि काटी गई है, उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत खरगोन जिले में कुल 79841 शौचालय निर्मित कराये गये है एवं 106159 शौचालय निर्माण कराया जाना शेष है। शासन द्वारा योजना अंतर्गत प्रोत्साहन राशि रूपये 12000/- स्वीकृत की जाती है। नियम की छाया प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। जी हाँ। जी नहीं। राशि काटने का मार्गदर्शिका में उल्लेख नहीं है। काटी गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) जी हाँ। वर्तमान में कटौत्रा राशि के भुगतान की प्रक्रिया प्रचलन में है। राशि काटे जाने के संबंध में जाँच कराई जा रही है। (ग) जी नहीं। काटी गई राशि के संबंध में जाँच कराई जा रही है।
कपिलधारा योजना अंतर्गत स्वीकृत कुएं
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
8. ( क्र. 138 ) श्री लखन पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले में वर्ष २०१२-१३ से अब तक कपिल धारा योजना अन्तर्गत कितने कुएं स्वीकृत किए गये? विकासखण्डवार अलग-अलग बतावे वर्तमान में कितनों के कार्य अपूर्ण व अधूरे पड़े इनको कब तक पूर्ण कराया जावेगा? (ख) पथरिया विधान सभा क्षेत्र में कपिलधारा अंतर्गत ऐसे कितने कुएं है जो स्वीकृत हुए हैं और अधूरे पड़े हैं? हितग्राही का नाम ग्रामवार/पं.वार विकासखण्डवार उपलब्ध करावें? इनके अपूर्ण रहने का कारण बतावे व पूर्ण कराये जाने की समय-सीमा बतावें? (ग) कपिलधारा योजनान्तर्गत स्वीकृत ऐसे कितने कुएं हैं? जो अपूर्ण हैं परंतु उनकी सी.सी. (कार्य पूर्ति प्रमाण पत्र) जारी की जा चुकी हैं? यदि ऐसा है तो इसमें दोषी अधिकारी/कर्मचारी पर क्या कार्यवाही होगी यदि हाँ, तो क्या और इन्हें पूर्ण कब तक कराया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) दमोह जिले में प्रश्नाधीन अवधि में 4487, कपिलधारा कूप स्वीकृत किये गये। विकासखंड पटेरा में 501, तेंदूखेडा में 168, दमोह में 1573, जबेरा में 373, पटियागढ में 221, हटा में 190 एवं पथरिया में 1461 कूप स्वीकृत किये गये। वर्तमान में 1513 कार्य अपूर्ण है। साध्य स्थलों पर कूप निर्माण वर्ष 2017-18 में पूर्ण कराना लक्षित है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। ग्राम पंचायत द्वारा कार्य पूर्ण करने में शिथिलता रही है। वर्ष 2017-18 में साध्य कूप पूर्ण कराना लक्षित है। (ग) अपूर्ण कूप की सी.सी. जारी करने का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया। असफल कुओं में आगे कार्य नहीं कराये जाने के कारण आंशिक पूर्णता लगाये जाने के निर्देशों के अनुरूप असफल कूपों के सी.सी. जारी किये जाते हैं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
पंचायतों में अधूरे पड़े कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
9. ( क्र. 139 ) श्री लखन पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र पथरिया के दोनों विकासखण्ड में बी.आर.जी.एफ./परफारमेन्स ग्रांट निधि से कितने कार्य आज प्रश्न दिनांक तक वर्ष 2013-14 से कितने कार्य स्वीकृत किए गए जिनकी निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत है इनमें से कितने कार्य अपूर्ण है? (ख) इनमें से कितने कार्यों की सी.सी. जारी हो चुकी है? यदि अपूर्ण कार्यों की सी.सी. जारी हो गई तो क्यों? (ग) यदि सी.सी. जारी नहीं हुई तो क्या इनको पूर्ण करने की समय-सीमा शासन से निर्धारित? यदि हाँ, तो समय-सीमा क्या थी? समय-सीमा में कार्य पूर्ण न होने पर संबंधित एजेंसी पर कोई कार्यवाही होगी? (घ) क्या ये सभी कार्य पूर्ण कराये जावेंगे व कार्यों को पूर्ण कराने की जावबदेही किसकी है और ये कार्य कब तक पूर्ण कराये जावेंगे या कब तक राशि वसूल की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) बी.आर.जी.एफ एवं परफारमेंस ग्रांट से प्रश्नाधीन अवधि में स्वीकृत कार्यों की जानकारी जनपद पंचायत पथरिया के संबंध में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ एवं जनपद पंचायत बटियागढ़ के संबंध में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार है। (ख) जानकारी उपरोक्त उत्तर ‘‘क‘‘ अनुसार है। अपूर्ण कार्य की सीसी जारी होना प्रतिवेदित नहीं है। (ग) निर्माण कार्य स्वीकृति से एक वर्ष के भीतर पूरा कराया जाना अपेक्षित है। संबंधित पंचायतीराज संस्था जिम्मेदार है जिसे कार्य को पूर्ण कराने की सलाह दी गई है। (घ) उपरोक्त उत्तर ‘‘ग‘‘ अनुसार।
रीवा जिले में शिक्षाकर्मी वर्ग-3 की नियुक्ति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
10. ( क्र. 152 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय उच्च न्यायालय के आदेश क्र. WP/6682/2000, पारित निर्णय दिनांक 05/11/2003 WP/1,3016/2004. पारित निर्णय दिनांक 04/04/2005 से रीवा जिले में कितनी नियुक्तियां की गई जनपद पंचायतवार जानकारियां दें। (ख) नईगढ़ी जनपद पंचायत में कितने प्रकरण लंबित थे और कितनी नियुक्तियां की गई है, यदि नहीं की गई तो क्यों? (ग) एक ही जिले में दो तरह की कार्यवाही क्यों की गई? संबंधित को नियुक्ति कब तक दे दी जायेगी। (घ) समय पर नियुक्ति न देने वाले पर क्या कार्यवाही की जायेगी और कब तक की जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) निरंक। (ख) निरंक। लोकायुक्त द्वारा अभिलेख जब्त करने और प्रकरण लोकायुक्त में जाँच में होने के कारण। (ग) प्रश्नांश उत्तर (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। कार्यवाही लोकायुक्त जाँच पूर्ण होने के पश्चात् जाँच के निष्कर्ष पर निर्भर है। (घ) प्रश्नांश ‘‘ग‘‘ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
रोड निर्माता एजेंसी द्वारा अवैध मुरम उत्खनन करने पर बनाये गये प्रकरण
[खनिज साधन]
11. ( क्र. 177 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या किसी के भी द्वारा खनिज सम्पदा का अवैध उत्खनन करने पर, उत्खनन किये गये खनिज के 10 गुना तक जुर्माना वसूल किये जाने का प्रावधान शासकीय नियमों में है? (ख) यदि हाँ, तो दिनांक 03 सितंबर 16 को एकेवीएन के लेबड मानपुर फोरलेन से उज्जैनी औद्योगिक क्षैत्र तक निर्माण किये जा रहे फोरलेन के लिए बिना लीज चुकाये निर्माण एजेंसी मेसर्स पी.डी. अग्रवाल एंड कम्पनी के द्वारा पटवारी हल्का नं. 138 की शासकीय भूमि सर्वे नं0 30/2, 51/1, 51/2 भूमि पर 60 फीट लम्बाई, 42 फीट चैडाई व 12 फीट गहराई से कुल 3 लाख घनफीट अवैध मुरम का उत्खनन किये जाने पर दर्ज किये गये प्रकरण में कितना जुर्माना अधिरोपित किया गया है व अब तक कुल कितनी वसुली की गई है? (ग) यदि वसूली अब तक नहीं की गई है तो कब तक व कितनी राशि वसूल की जावेगी? अधिरोपित अर्थदण्ड की स्पष्ट मात्रा बतावें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्न में उल्लेखित निर्माण ऐजेन्सी के विरूद्ध मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 247 (7) के अंतर्गत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है। प्रकरण का निराकरण वर्तमान में नहीं हुआ है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रकरण में वर्तमान में निर्णय नहीं हुआ है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मेगनेट सिटी साडा ग्वालियर के अंतर्गत आने वाले गांव व पंचायतें
[नगरीय विकास एवं आवास]
12. ( क्र. 197 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मेगनेट सिटी साडा ग्वालियर के अंतर्गत 14 ग्वालियर ग्रामीण क्षेत्र के कितने गांव व कौन-कौन से गांव अथवा कौन-कौन सी पंचायतें आती है? (ख) किसानों की स्वामित्व की भूमि/जमीन पर एवं ग्राम पंचायत की निस्तार वाली शासकीय जमीन पर खसरे में यह लिखकर आता है कि यह भूमि साडा के अधीनस्थ है? क्या यह सही है अथवा गलत स्थिति स्पष्ट करें? (ग) क्या पंचायत के प्रयोजन वाली भूमि पर निर्माण कार्य अथवा अन्य कार्य करने के लिये क्या साडा की अनुमति लेना आवश्यक है अथवा नहीं स्थिति स्पष्ट करें? यदि ऐसा है तो क्या साडा के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायतों अथवा ग्राम सभाओं के अधिकार समाप्त किये गये हैं? (ग) क्या किसानों के स्वामित्व की भूमि को साडा के बगैर एक्यावर किये शासकीय दस्तावेजों पर साडा लिखा जाकर क्या किसानों को अपने अधिकारों से वंचित नहीं किया जा रहा है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) विधानसभा क्षेत्र 14 ग्वालियर ग्रामीण के अंतर्गत साडा (काउंटर मैग्नेट) के अधिसूचित क्षेत्र में 24 ग्राम आते है। जो इस प्रकार है - सौंजना, बिठोली, कैथा, तिघरा, सुजवाया, मालीपुरा, कुलैथ, महाराजपुरा, रामपुरा, जेवरा, खेरिया कुलैथ, भयपुरा, ओडपुरा, जिगसौली, मिलावली, जिनावली, निरावली, गजूपुरा, वीलपुरा, दुग्नावली, नायकपुरा, मांगूपुरा, तिलघना, सिगौरा। (ख) साडा द्वारा ग्राम कुलैथ, खेरियां कुलैथ, गजूपुरा, निरावली, सिगौरा, सौंजना, विठोली, जिगसौली, वीलपुरा, ओडपुरा एवं महाराजपुरा में आवासीय योजना घोषित की गई है। किसानों की भूमि के खसरा क्रमांक 12 नम्बर खाते में साडा की योजना क्रमांक लिखा गया है। इसमें उक्त भूमियाँ साडा के अधीन नहीं है। (ग) मध्यप्रदेश नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 की धारा 69 में प्रदत्त शक्तियों के अंतर्गत साडा से निर्माण की अनुमति लिया जाना आवश्यक है। साडा के अंतर्गत आने वाले ग्रामों के ग्राम पंचायत के अधिकार समाप्त नहीं किये गये है। (घ) भू-अभिलेख दस्तावेजों में फार्म पी-II, खसरा के 12 नम्बर कॉलम में कैफियत में साडा की विकास योजना में भूमियों के सम्मिलित होने संबंधी टीप इन्द्राज है। उक्त फार्म के कॉलम तीन में भूस्वामीयों के नाम यथावत है, अत: किसानों को अधिकारों से वंचित नहीं किया गया है।
पानी टंकी का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
13. ( क्र. 200 ) श्री नारायण सिंह कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र ग्वालियर दक्षिण वार्ड क्र. 50 स्थित गोरखी पानी की टंकी क्षतिग्रस्त हो गई है? यदि हाँ, तो दिनांक सहित बतावें। (ख) क्या गोरखी पानी की टंकी टूटने से जिन क्षेत्र में जल प्रदाय होता था वहां जल प्रदाय की विग्रेड पानी की टंकी से वार्ड क्र. 47 व 50 में जल प्रदाय करने की मिलान की कार्यवाही की गई थी? (ग) यदि हाँ, तो अब लाईन मिलान का कार्य पूर्ण क्यों नहीं हो पाया? कब तक पूर्ण हो जाएगा? (घ) क्या विधायक निधि द्वारा ट्यूबवेलों खनन में इलेक्ट्रिक कार्य व मोटर पंप डालने व पानी सप्लाई के लाईनों के मिलान के कार्य लंबित है? यदि हाँ, तो कार्य कब तक पूर्ण हो जाएगा? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ, माह जून, 2016 में गोरखी पानी की टंकी क्षतिग्रस्त हो गई है। (ख) जी हाँ। (ग) प्रस्ताव स्वीकृति हेतु प्रक्रियाधीन है। स्वीकृति उपरांत कार्य मार्च, 2017 तक पूर्ण कराया जाना लक्षित है। (घ) ग्वालियर विकास प्राधिकरण द्वारा विधायक निधि से खनन कराएं गए 06 नलकूपों में मोटर पंप स्थापना एवं विद्युतिकरण कार्य कर नलकूप चालू कर दिए गए हैं। विधायक निधि से खनन कराए गए शेष 05 नलकूपों को शीघ्र प्रारंभ कराया जाना लक्षित है।
अमानक रूप से ग्रामीण सड़कों का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
14. ( क्र. 206 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के बागली विकासखण्ड में P.M.G.S.Y. योजना के अन्तर्गत निर्माणाधीन मार्ग (1) पाण्डूतालाब से श्यामपूरा (2) मिर्जापूर से मेहंदीखेड़ा पिपल्यालोहार मार्ग पर निर्माण एजेंसी द्वारा अमानक स्तर, गुणवत्ताविहीन कार्य की शिकायतें विभाग को प्राप्त हुई थी। इन मार्गों में कच्ची मुरम JCB के स्थान पर नदी की रोड़ी डालकर कार्य किया गया है, उक्त शिकायतों की जाँच कब-कब, किसने-किसने की जाँच प्रतिवेदन उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (ख) में जब प्रश्नकर्ता ने भी उक्त मार्गों का निरीक्षण किया तो पाया की पाण्डूतालाब से श्यामपुरा मार्ग पर मुरम के स्थान पर कच्ची मिट्टी पाई गई व पाण्डूतालाब के तालाब की पाल पर लगभग 400 मीटर का मार्ग बनाया जा रहा है, जिससे कभी भी गंभीर जन हानि हो सकती है, शासन ने मार्गों के निर्माण में नदी तालाब से लगे हुये मार्गों के सम्बन्ध में क्या निर्देश जारी किये हैं? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) में विभाग कब तक जाँच दल बनाकर कार्य में सुधार करेगा व ग्रामीण क्षेत्रों में अच्छी क्वालिटी की सड़कें बनाएगा व जिम्मेदार पर कार्यवाही की जावेगी, समय-सीमा बतावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित दो सड़कों में से पाण्डूतालाब से श्यामपुरा की शिकायत प्राप्त नही हुई है, केवल मिर्जापुर से मेहंदीखेड़ा पिपल्या लोहरा मार्ग के गुणवत्ताविहीन कार्य कराने की शिकायत प्राप्त हुई है। जी नहीं, जी.एस.बी. का कार्य गुणवत्तानुसार कराया गया है। मेहंदीखेड़ा पिपल्या लोहार मार्ग की जाँच प्राधिकरण द्वारा गठित जाँच दल एस.क्यू.एम., महाप्रबंधक इकाई क्रमांक-2 उज्जैन एवं मुख्यमहाप्रबंधक इंदौर द्वारा दिनांक 28.12.2016 को की गई। जाँच प्रतिवेदन की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पाण्डूतालाब से श्यामपुर सड़क का निर्माण गुणवत्ता के अनुरूप कराया जा रहा है, जिसमें निर्माण सामग्री का उपयोग गुणवत्ता परीक्षण उपरांत उपयुक्त पाये जाने पर किया जाता है। वर्तमान में तालाब की पाल पर सड़क निर्माण कार्य नहीं किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत सामान्यतः शासकीय भूमि पर परम्परागत प्रचलित मार्गों पर सड़क निर्माण कराये जाने का प्रावधान है। नदी/तालाब के किनारे सड़क निर्माण कार्य सुरक्षात्मक उपायों के साथ किया जाता है। तदानुसार ही उक्त सड़क का निर्माण कार्य तालाब की पाल पर कराया जाना है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जन भागीदारी निधि से सड़क निर्माण
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
15. ( क्र. 239 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तत्कालीन कलेक्टर विदिशा द्वारा वर्ष 2016 में प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र के ग्राम मुरझिरी, पोनिया एवं सेमरिया का दौरा किया गया था या नहीं? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि हाँ, तो दौरे के समय जिले के कौन-कौन से जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी उपस्थित थे? (ग) क्या तत्कालीन कलेक्टर द्वारा उपस्थित जनप्रतिनिधि, ग्रामीणजनों के समक्ष यह घोषणा की थी कि जनभागीदारी निधि से ग्राम पोनिया से सेमरिया तक रोड का निर्माण कराया जावेगा? (घ) उक्त सड़क के निर्माण हेतु विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई? इस संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा प्रेषित पत्र कब प्राप्त हुआ, उस पर क्या कार्यवाही की गई?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) विधानसभा क्षेत्र में दौरे के समय जनप्रतिनिधियों के अन्तर्गत श्री तोरण सिंह दांगी अध्यक्ष, जिला पंचायत, श्री निशंक कुमार जैन, विधायक बासौदा, श्री केलाश रघुवंशी सदस्य जिला पंचायत एवं उपस्थित अधिकारियों में श्री धर्मेन्द्र चौधरी पुलिस अधीक्षक, श्री दीपक आर्य मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत, श्री मनोज वर्मा अनुविभागीय अधिकारी, ग्यारसपुर, श्री अजय वर्मा मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत ग्यारसपुर, श्री बृजेन्द्र सक्सेना तत्कालीन तहसीलदार ग्यारसपुर वनपरिक्षेत्र अधिकारी, ग्यारसपुर, उपस्थित थे। (ग) जनभागीदारी योजना के अन्तर्गत विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत घटेरा के ग्राम मुरझिरी, पोनिया एवं सेमरिया में 25 प्रतिशत जनभागीदारी निधि से सड़क बनाने का प्रस्ताव वर्ष 2016 में तत्कालीन कलेक्टर एवं माननीय विधायक महोदय विधानसभा क्षेत्र बसौदा के द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था। (घ) सरपंच ग्राम पंचायत घटेरा के पत्र क्रमांक क्यू. दिनांक 06.01.2017 अग्रिम कार्यवाही हेतु कार्यालय वन परिक्षेत्र अधिकारी विदिशा को प्राप्त हुआ, प्रकरण का प्राक्कलन तैयार करने हेतु सहायक वृत पुरा प्रथम को सौंप दिया गया है। प्रतिवेदन प्राप्त होने के उपरान्त आगामी कार्यवाही की जावेगी।
नवीन महाविद्यालय खोलने की घोषणा
[उच्च शिक्षा]
16. ( क्र. 240 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन की कार्ययोजना में कितने नवीन महाविद्यालय खोले जाने का प्रावधान किया है? जिलेवार जानकारी देवें? (ख) उक्त कार्ययोजना में प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत त्यौंदा एवं ग्यारसपुर तहसील मुख्यालय पर नवीन महाविद्यालय खोले जाने का प्रावधान किया है या नहीं? (ग) प्रश्नांश (ख) का उत्तर यदि हाँ, तो कब तक महाविद्यालय खोलने की घोषणा की जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) क्षेत्र की आवश्यकता एवं उपलब्ध संसाधनों को दृष्टिगत रखते हुए नवीन महाविद्यालय खोलने का निर्णय लिया जाता है। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्नांश ‘ख’ के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मनासा विधानसभा क्षेत्र में उद्योग विभाग द्वारा आवंटित भूखण्डों पर स्थापित उद्योग
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
17. ( क्र. 267 ) श्री कैलाश चावला : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला नीमच के मनासा विधानसभा क्षेत्र के औघोगिक क्षेत्र में कुल कितने भूखण्ड बनाए गए? उनमें से कितने भूखण्ड प्रश्न दिनांक तक आवंटित कर दिए गए हैं? आवंटन प्राप्तकर्ता का नाम, प्रस्तावित उद्योग का नाम, आवंटन की तारीख बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आवंटित भूखण्डों में से ऐसे कितने भूखण्ड है जिन पर आवंटन से तीन वर्ष से अधिक समय होने पर भी कोई कार्य अभी तक नही किया गया है? आवंटन प्राप्तकर्ता का नाम, प्रस्तावित उद्योग का नाम, आवंटन की तारीख सहित बताएँ। (ग) ऐसे भूखण्डधारियों के विरुद्ध भूखण्ड आवंटन निरस्त करने हेतु महाप्रबंधक जिला उद्योग के द्वारा क्या कार्यवाही प्रश्न दिनांक तक की गई हैं?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : ( (क) जिला नीमच के मनासा विधानसभा क्षेत्र के औद्योगिक क्षेत्र साडिया (मनासा) में 56 भूखण्ड बनाये गये थे, जो 27 इकाईयों को आवंटित किये गये है तथा औद्योगिक क्षेत्र रामपुरा में 06 शेड बनाये गये हैं, जो 06 इकाईयों को आवंटित किये गये हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
एन.जी.ओ./वाटर शेड मिशन के कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
18. ( क्र. 269 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले के उदयपुरा विधान सभा क्षेत्र की जनपद पंचायत बाड़ी एवं उदयपुरा में विगत 05 वर्षों में आई.डब्ल्यू.एम.पी. वाटरशेड अन्तर्गत एन.जी.ओ. आदि अन्य संस्थाओं के माध्यम से कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी लागत से करवाये गये है? निर्माण एजेंसीवार जानकारी देवें? (ख) उपरोक्त अवधि में स्वीकृत कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण हो चुके हैं तथा कितने शेष हैं? कार्यों का मूल्यांकन किस एजेंसी द्वारा किया गया है? क्या स्वीकृत कार्यों पर व्यय राशि के समतुल्य मूल्यांकन पाया गया है? यदि नहीं, तो कितनी राशि की वसूली की गई है, या वसूली होना शेष है? निर्माण एजेंसीवार जानकारी देवें? (ग) लंबित अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण करा लिये जावेंगे तथा दोषी निर्माण एजेंसी के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र में जलग्रहण क्षेत्र प्रबंधन परियोजना स्वीकृत नहीं होने के कारण कोई वाटरशेड विकास कार्य नहीं कराये गये है। अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते।
अपूर्ण तथा अप्रारंभ कार्यों को पूर्ण कराना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
19. ( क्र. 270 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले के विकासखण्ड बाड़ी तथा उदयपुरा की ग्राम पंचायतों में 01 अप्रैल, 2013 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में महात्मा गांधी नरेगा अन्तर्गत स्वीकृत कोन-कौन से कार्य अपूर्ण प्रगतिरत हैं? उक्त कार्य कब स्वीकृत हुए थे? ग्राम पंचायतवार संख्या दें? उक्त कार्य कब तक पूर्ण होंगे? (ख) उक्त विकासखण्डों की ग्राम पंचायतों में प्रश्न दिनांक की स्थिति में स्वीकृत कौन-कौन से कार्य अप्रारंभ है तथा क्यों? कार्यवार कारण बतायें? उक्त कार्य कब तक प्रारंभ होंगे? (ग) उक्त अपूर्ण अप्रारंभ कार्यों को पूर्ण करवाने, मनरेगा में मजदूरी तथा सामग्री की राशि का भुगतान करवाने के संबंध में विभाग के अधिकारियों तथा C.E.O. जिला पंचायत रायसेन को 1 वर्ष की अवधि में किन-किन विधायकों के पत्र कब-कब प्राप्त हुए? (घ) उक्त पत्रों पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वांछित जानकारी नरेगा की वेबसाइट www.nrega.nic.in पर उपलब्ध है एवं प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। महात्मा गांधी नरेगा के तहत कार्य निष्पादन मजदूरों की मांग पर निर्भर होने से शासन द्वारा समय-सीमा नियत नहीं की जा सकती है। (ख) उक्त उत्तर 'क' अनुसार। (ग) माननीय विधायक विधानसभा क्षेत्र भोजपुर का पत्र दिनांक 16.6.2016 मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रायसेन से प्राप्त हुआ। (घ) मजदूरी भुगतान किया गया है।
नवीन पेंशन योजना की राशि उनके प्रान खातों में जमा किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
20. ( क्र. 281 ) श्री रामनिवास रावत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) चम्बल संभाग अंतर्गत नगरीय निकायों में नियुक्त किन-किन कर्मचारियों को प्रान नंबर अलॉट कर नवीन पेंशन योजना की 10 प्रतिशत राशि उनके वेतन से कटौत्रा कब से किया जा रहा है? कर्मचारी का नाम, पदनाम, प्रान संख्या एवं प्रश्नांकित तिथि तक जमा राशि सहित निकायवार जानकारी दें? (ख) क्या इन कर्मचारियों की राशि उनके प्रान खातों में जमा की जा रही है? यदि हाँ, तो अभी तक कितने कर्मचारियों की किस माह तक की कितनी राशि एवं शासन की कितनी अंशदान राशि प्रान खातों में जमा कर दी है, कितनों की नहीं? यदि नहीं तो उक्त राशि वर्तमान में कहाँ जमा है? कितने कर्मचारियों के प्रान खाते अभी तक नहीं खोले गए हैं? निकायवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में कर्मचारियों की नवीन पेंशन योजना की अंशदान एवं शासन अंशदान की राशि उनके प्रान खातों में समय पर जमा नहीं किये जाने से उनको होने वाले ब्याज की राशि की हानि की भरपाई किस प्रकार की जावेगी? उक्त राशि कब तक कर्मचारियों के प्रान खातों में जमा कर दी जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) परिभाषित अंशदायी पेंशन योजना के अंतर्गत पेंशन अंशदान की राशि प्रतिमाह समय पर जमा करने के संबंध में समय-समय पर नगरीय निकायों को निर्देश जारी किए गए हैं। कर्मचारियों के Data & fund की जानकारी निकाय द्वारा समय पर न दिए जाने के कारण कर्मचारी के PRAN खाते में अंशदान की राशि समय पर जमा न होने से कर्मचारी को होने वाले ब्याज की हानि की भरपाई संबंधित नगरीय निकाय पर भारित होगी। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
जंगली जानवरों द्वारा किसानों की फसल को नुकसान
[वन]
21. ( क्र. 293 ) श्री जतन उईके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छिंदवाड़ा जिले के पांढुर्णा विधान सभा क्षेत्र में वन क्षेत्र से लगे हुए ग्रामों में किसानों की फसलों को जंगली जानवरों द्वारा नुकसान पहुंचाया जाता है? (ख) इस संबंध में 01-04-2015 से प्रश्नांकित दिनांक तक कितने एवं किन-किन ग्रामों में किसानों द्वारा आवेदन पत्र प्राप्त हुए एवं कितने किसानों द्वारा किन-किन वन परिक्षेत्र कार्यालयों में उपस्थित होकर किसानों द्वारा फसल नुकसान किये जाने के संबंध में अवगत करायें? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई एवं कितने किसानों के मुआवजा प्रकरण तैयार किये गये? कितने प्रकरणों में कितनी-कितनी मुआवजा की राशि स्वीकृत की गई एवं स्वीकृत राशि किसानों को कब भुगतान की गई? (घ) पांढुर्णा विधान सभा क्षेत्र में वन क्षेत्रों से लगे हुए ग्रामों में किसानों की फसलों को जंगली जानवरों द्वारा नुकसान नहीं किये जाने के संबंध में क्या कार्ययोजना तैयार की गई है? बचाव करने के लिए क्या-क्या उपाय किये गये हैं?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) मध्य प्रदेश लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम, 2010 के तहत् सेवा क्रमांक 4.6 में वन्यप्राणियों द्वारा फसलहानि होने पर राहत राशि का भुगतान राजस्व विभाग द्वारा प्रभावित कृषकों को 30 कार्यदिवस में दिये जाने का प्रावधान है। वन विभाग में दक्षिण छिंदवाड़ा वनमंडल पाढुंर्णा परिक्षेत्र के अंतर्गत फसल नुकसानी के 03 आवेदन पत्र ग्राम राजना से प्राप्त हुए है। परिक्षेत्र कार्यालय पाढुंर्णा में उपस्थित होकर फसल नुकसान किये जाने के संबंध में किसानों द्वारा अवगत कराया गया है। प्राप्त आवेदनों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट में है। (ग) परिक्षेत्र कार्यालय पाढुंर्णा में वन्यप्राणियों से फसलहानि हेतु प्राप्त 03 आवेदनों को परिक्षेत्र कार्यालय पाढुंर्णा द्वारा तहसीलदार पाढुंर्णा को आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित किये गये हैं। (घ) जी नहीं। पाढुंर्णा परिक्षेत्र में वनक्षेत्र से लगे ग्रामों में किसानों की फसलों को वन्यप्राणियों से बचाने हेतु कृषकों को राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत सोलर फेंसिंग लगाने हेतु आवश्यक समझाइश दी जा रही है।
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना का क्रियान्वयन
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
22. ( क्र. 294 ) श्री जतन उईके : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) छिंदवाड़ा जिले की पांढुर्णा, मोहखेड तहसील में मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना में योजना प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक कितने आवेदकों को योजना का लाभ दिया गया? किस आवेदक को तीर्थ दर्शन के लिये कहाँ-कहाँ भेजा गया वर्षवार आवेदक के नाम, आयु, पता सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना में पांढुर्णा रेल्वे स्टेशन से कितनी बार आवेदकों को तीर्थ दर्शन के लिये भेजा गया? (ग) क्या तीर्थ दर्शन के लिए भेजते समय स्थानीय विधायक को इसकी सूचना दी गई? नहीं तो क्यों? क्या सूचना दिया जाना उचित नहीं था? तो क्यों, यदि हाँ, तो फिर इसकी सूचना क्यों नहीं दी? इसमें कौन दोषी है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : छिंदवाडा जिले में मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक पांढुर्णा तहसील में 1162 तथा तहसील मोहखेड में 333 आवेदकों को योजना का लाभ दिया गया है। तीर्थयात्रियों के नाम, आयु, पता सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के लिये चयनित किये गये यात्रियों को छिंदवाड़ा जिले की पांढुर्णा तहसील के रेल्वे स्टेशन से 26 बार तीर्थ दर्शन हेतु विभिन्न तीर्थ स्थलों के लिये रवाना किया गया है। (ग) मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के अंतर्गत यात्रा कार्यक्रम की जानकारी माननीय विधायकों के निज सचिवों के माध्यम से दी जाती रही है। अत: सूचना नही दिये जाने का प्रश्न ही उपस्थित नही होता है और उसके लिये कोई भी दोषी नही है।
कडराना के पंचायत सचिव की जाँच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
23. ( क्र. 341 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अशोकनगर के शेरसिह की सिफारिश पर चंदेरी के एस.डी.ओ. श्री भस्कर लक्षकार ने कडराना के पंचायत सचिव जो बाद में सिंहपुर चल्दा व अब नावनी में पदस्थ है कार्यमुक्त एवं हटाने की सिफारिश जिलाधीश अशोकनगर ने की थी तथा उस पत्र का चंदेरी से जावक व जिलाधीश अशोकनगर के आवक नम्बर होने के बाद भी यह पत्र गायब हो गया तथा कडाराना, सिंहपुरचल्दा के पूर्व पंचायत सचिव निलम्बित हुए तथा कुछ माह में ही बहालकर उन्हें ग्राम नावनी में पदस्थ कर दिया है जहाँ कपिलधारा कुओं व मनरेगा व अन्य योजना में अनियमितता की जाँच की जा रही है ताकि वह जाँच प्रभावित कर सकें? (ख) उन्हे चंदेरी मुंगावली ब्लॉक से बाहर क्यों नहीं भेजा जा रहा है तथा उन्हें कार्यमुक्त करने वाले पत्र को गायब होने की जाँच को आरोप पत्रों में शामिल क्यों नहीं किया गया है? (ग) नावनी पंचायत की जाँच के विषयों का विवरण देते हुए बताएं कि जाँच की क्या प्रगति है? (घ) झारडा के सरपंच लाखन सिंह यादव व अन्य शिकायतों पर जब पंचायत सचिव को निलम्बित किया व उसने ग्वालियर से स्थगन प्राप्त किया, उसकी जाँच में आरोपों का विवरण देते हुए बताए कि जाँच की क्या प्रगति है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
खेल मैदान हेतु भूमि का आरक्षण
[खेल और युवा कल्याण]
24. ( क्र. 342 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दिनांक 21 जुलाई 2016 के अता. प्रश्न संख्या-95 (क्र. 1696) के संदर्भ में बताएं कि राजस्व विभाग में जिलाधीश आदि को खेल मैदान हेतु भूमि आरक्षित करने के निर्देशों का पालन करने के लिये खेल विभाग भी अपनी और से आयुक्तों व जिलाधीशों को सभी गाँवों में खेल के मैदान हेतु भूमि आरक्षित करने के निर्देश जारी करने पर विचार करेगें? (ख) क्या विभाग राजस्व विभाग से समन्वय कर जिलाधीशों को शासन निर्देश जारी करने पर विचार करेगा कि जिस-जिस गाँव में शासकीय भूमि पर दबंगों व बड़े लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है उनको शीघ्र खेल मैदान घोषित कर राजस्व रिकार्ड में दर्ज करने की कार्यवाही की जाए?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) भूमि आरक्षण का कार्य मूलतः राजस्व विभाग का है। प्रत्येक गांवों में खेल मैदान बनाने की कोई योजना खेल और युवा कल्याण विभाग की नहीं है वरन् प्रदेश के समस्त विधानसभा क्षेत्रों में एक ऑउटडोर स्टेडियम निर्माण की योजना पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की संचालित है। अतः खेल और युवा कल्याण विभाग द्वारा राजस्व अधिकारियों-यथा-आयुक्त एवं जिलाधीशों को भूमि आरक्षण हेतु निर्देश दिए जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) शासकीय भूमि पर हुए अतिक्रमण को हटाना एवं उन्हें खेल मैदान घोषित कर राजस्व अभिलेख में दर्ज करना, खेल और युवा कल्याण विभाग का कार्य नहीं होने से, विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की जाना संभव नहीं है।
प्राप्त आवंटन एवं व्यय राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
25. ( क्र. 407 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि जिला अनूपपुर अंतर्गत नगर पालिका परिषद् अनूपपुर, पसान एवं नगर पंचायत जैतहरी में वित्तीय वर्ष 2013-14 से 2016-17 तक कुल प्राप्त आवंटन से कराये गये निर्माण कार्य का विवरण वर्ष, स्वीकृत राशि, व्यय राशि एवं कार्य की भौतिक स्थिति बतायें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
पशु शेडों का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
26. ( क्र. 413 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र 14 ग्वालियर ग्रामीण के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायतों के अंतर्गत योजना प्रारंभ से 31 दिसम्बर 2016 तक पंचायतवार कितने-कितने पशु शेड निर्माण हेतु स्वीकृति जारी की गई वर्षवार एवं पंचायतवार जानकारी उपलब्ध कराई जाये? (ख) वर्षवार एवं पंचायतवार स्वीकृत पशु शेडों में से कितने पशु शेड पूर्ण हो चुके है तथा कितने अपूर्ण हैं? इन्हें कब तक पूर्ण किया जावेगा? समय-सीमा बतायें? (ग) पूर्ण हुये पशु शेडों हेतु स्वीकृति राशि का भुगतान शत्-प्रतिशत हो चुका है या नहीं? (घ) यदि भुगतान नहीं हुआ है तो भुगतान न होने का कारण पंचायतवार बतायें तथा लंबित भुगतान कब तक किया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। महात्मा गांधी नरेगा में हितग्राही मूलक कार्यों की पूर्णता के लिए समय-सीमा निर्धारित करना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। (घ) उपरोक्त उत्तर 'ग' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं।
शास. महाविद्यालय की स्थापना
[उच्च शिक्षा]
27. ( क्र. 458 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के ऐसे कितने नगर पालिका क्षेत्र है जहां पर शासकीय महाविद्यालय संचालित नहीं है? नाम सहित जानकारी देवें। (ख) जिन-जिन नगर पालिका क्षेत्रों में शास. महाविद्यालय संचालित नहीं हैं वहां पर विभाग द्वारा शासकीय महाविद्यालय खोलने की क्या कोई योजना विचाराधीन है? (ग) क्या नगर पालिका क्षेत्र मकरोनिया बुजुर्ग में शासकीय महाविद्यालय खोले जाने का प्रस्ताव विभाग के पास विचाराधीन है? तो शासकीय महाविद्यालय कब तक प्रारंभ किया जावेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
स्कूल द्वारा अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
28. ( क्र. 472 ) श्री सतीश मालवीय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्जैन जिले के उज्जैन नगर आगर रोड स्थित सेंट पॉल सीनियर सेकेण्डरी स्कूल की कितनी भूमि का डायवर्सन हुआ है तथा कितनी भूमि पर स्थित है तथा कितनी शासकीय भूमि पर स्कूल का अवैध कब्जा है? यह स्कूल कितने मंजिल तक निर्मित है? कितनी मंजिल के निर्माण अनुमति प्राप्त की गई है? जो नक्शा पास हुआ हैं उसमें और मौके पर निर्माण में क्या अंतर पाया गया है? बिंदुवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) उक्त स्कूल का सम्पत्ति कर कितने क्षेत्रफल का और कब तक का नगर पालिका निगम में जमा किया जा चुका है? सम्पत्ति कर विवरण में स्कूल द्वारा दर्शाए गये निर्मित क्षेत्रफल और वास्तविक क्षेत्रफल में क्या अंतर पाया गया? कितने वर्ष का सम्पत्ति कर एवं जलकर बकाया है? इस हेतु नगर पालिका निगम द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) उक्त स्कूल के अवैध निर्माण, अवैध कब्जे, सम्पत्ति कर एवं जलकर के संबन्ध में विगत ३ वर्षों में किस-किस प्रकार की शिकायतें प्राप्त हुई है तथा उन शिकायतों पर किस-किस अधिकारी को जाँच अधिकारी बनाया गया एवं क्या कार्यवाही की गई? शिकायतकर्ता का नाम, शिकायत, जाँचकर्ता अधिकारी एवं जाँच रिपोर्ट सहित जानकारी उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) सेटपॉल सीनियर सेकेण्डरी स्कूल की भूमि का डायवर्सन/व्यपर्वतन वर्गफीट 62215 पर दिनांक 06.02.1984 को हुआ है, स्कूल भवन कुल 16960 वर्गफीट पर निर्मित है, शेष भूमि 42255 वर्गफीट रिक्त है, शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा नहीं है, स्कूल तीन मंजिला निर्मित है, दो मंजिल की अनुमति प्राप्त की गई है, कुल मौके पर 62170 वर्गफीट निर्मित है, कुल 432 वर्गफीट का अंतर है, प्रथम तल पर 16120 वर्गफीट, द्वितीय तल पर 16120 वर्गफीट तृतीय तल पर 13432 वर्गफीट में टीन शेड निर्मित है। (ख) स्कूल का भूतल, प्रथम तल, द्वितीय एवं तृतीयतल कुल 62170 वर्गफीट निर्मित क्षेत्रफल का संपत्तिकर वर्ष 2016-17 तक का जमा कराया जा चुका है, इस प्रकार 432 वर्गफीट का अंतर है तथा जलकर की पूर्ण राशि भी जमा की गई है, संपत्तिकर विवरण में स्कूल द्वारा दर्शाए गए निर्मित क्षेत्रफल और वास्तविक क्षेत्रफल में 432 वर्गफीट का अंतर है चूंकि अंतर 10 प्रतिशत से कम होने के कारण नियमानुसार कोई कार्यवाही नहीं की गई है, मध्यप्रदेश नगर पालिक निगम,1956 की धारा 138 (3) की उपधारा (2) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) शिकायत श्री राजेश सेठी, पार्षद वार्ड क्रमांक 04 के द्वारा की गई है शिकायत की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है तथा कार्यपालन यंत्री जोन क्रमांक 2 द्वारा नोटिस जारी किया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है वर्तमान में प्रकरण प्रचिलित होकर स्कूल द्वारा समझौते का आवेदन प्रस्तुत किया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है वर्तमान में प्रक्रियाधीन है।
अवैध उत्खनन के प्रकरणों पर कार्यवाही
[खनिज साधन]
29. ( क्र. 476 ) श्री सतीश मालवीय : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में १ जनवरी 2016 से २६ जनवरी २०१७ तक कुल कितने अवैध उत्खनन के प्रकरण बनाये गये? उसमें से कितने प्रकरण अनुविभागिय अधिकारी राजस्व, तहसीलदार/अपर तहसीलदार/नायब तहसीलदार द्वारा बनाये गये एवं कितने प्रकरण खनिज विभाग के अधिकारियों द्वारा बनाये गये? प्रकरणवार, अधिकारीवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) उज्जैन जिले की विभिन्न तहसीलों से प्रश्नांश (क) में दर्शित राजस्व अधिकारियों द्वारा पंचनामें बनाकर भेजे गये प्रकरण में किस-किस प्रकरण में क्या कार्यवाही की गई तथा कितना-कितना जुर्माना किया गया? प्रश्नांश (क) में दर्शित राजस्व अधिकारियों द्वारा भेजे गये पंचनामें की प्रतिलिपि भी उपलब्ध करावे। (ग) वर्तमान में खनिज विभाग के कितने प्रकरण कलेक्टर कार्यालय उज्जैन में दर्ज किये गये एवं किस-किस प्रकरण में क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या जिला खनिज अधिकारी उज्जैन द्वारा प्रश्नांश (क) में दर्शित राजस्व अधिकारियों द्वारा भेजे गये प्रकरणों में लीपा-पोती कर गम्भीर अनियमितता की गई? क्या शासन राजस्व अधिकारियों द्वारा बनाये गये प्रकरणों की राज्य स्तरीय समिति बनाकर सूक्ष्मता से जाँच कर दोषी जिला खनिज अधिकारी पर कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बताये।
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में प्रश्नाधीन जिले में खनिजों के 27 अवैध उत्खनन के प्रकरण बनाये गये। जिसमें से 5 प्रकरण अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), तहसीलदार/अतिरिक्त तहसीलदार/नायब तहसीलदार द्वारा बनाये गये हैं। शेष 22 प्रकरण खनिज विभाग द्वारा बनाये गये हैं। प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ में दर्शित है। (ख) प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब एवं स में दर्शित है। (ग) प्रशनानुसार जानकारी प्रश्नांश (क) के उत्तर के साथ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ में दर्शित है। (घ) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अपूर्ण निर्माण कार्य पूर्ण किया जाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
30. ( क्र. 489 ) श्री रामसिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कोलारस विधानसभा क्षेत्र में मनरेगा योजना में दिसम्बर 2016 की स्थिति में कोई स्वीकृत निर्माण कार्य अपूर्ण है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से निर्माण कार्य अपूर्ण है? उक्त कार्य कब से एवं कितनी राशि के स्वीकृत हैं? कितनी राशि निकाली गई है? निकाली गई राशि में से कितनी राशि का कार्य कराया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) अन्तर्गत ऐसे कौन-कौन से कार्य हैं, जिनकी राशि मार्च 2016 से पूर्व निकाल ली गई है परंतु निर्माण कार्य प्रश्न दिनांक की स्थिति में प्रारंभ नहीं हुआ है? उक्त कार्य कब से प्रारंभ होंगे? (ग) क्या प्रश्नांश (क) अंतर्गत 01.04.2014 से दिसम्बर 2016 तक की स्थिति में कुछ ऐसे निर्माण कार्य हैं, जो स्वीकृत स्थान पर न कराकर अन्य किसी स्थान पर कराए गए हैं एवं ऐसे कार्यों का मूल्यांकन भी किया गया है? यदि हाँ, तो ऐसा क्यों एवं किसके आदेश पर किया गया? (घ) क्या प्रश्नांश (ख) अंतर्गत कई निर्माण कार्यों की राशि वर्षों पूर्व (विगत 3 वर्ष) तत्कालीन सरपंच/सचिव द्वारा निकाली गई है परंतु वह कार्य प्रश्न दिनांक तक प्रारंभ नहीं हुआ है? यदि हाँ, तो उक्त निर्माण कार्यों की राशि वसूली हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई? उक्त राशि कब तक वसूल कर ली जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। महात्मा गांधी नरेगा के तहत ग्राम पंचायत द्वारा अग्रिम धनराशि आहरण करने का प्रावधान नहीं है। (ख) महात्मा गांधी नरेगा के तहत ग्राम पंचायत द्वारा अग्रिम धनराशि आहरित करने का प्रावधान नहीं है। पाँच प्रकरणों में फर्जी देयक लगाकर कुल राशि रू. 2.42 लाख आहरित की जाने की जानकारी प्राप्त हुई है जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। संबंधित ग्राम पंचायत के सरपंच एवं सचिव के विरूध्द वसूली की कार्रवाई हेतु न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) में प्रकरण दर्ज कराये गये हैं। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है। (घ) उपरोक्त उत्तर 'ख' के अनुसार है।
प्लांटेशन की जानकारी
[वन]
31. ( क्र. 494 ) श्री रामसिंह यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बदरवास वन परिक्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2015-16 एवं वर्ष 2016-17 में जनवरी 2017 तक प्लांटेशन किया गया है? यदि हाँ, तो उक्त प्लांटेशन कहाँ-कहाँ पर किस वन कम्पार्टमेंट की भूमि पर कितने रकबा में कितनी लागत से कब-कब किया गया? (ख) उक्त प्लांटेशन में कितने पौधे लगाए गए? उनमें से वर्तमान में कितने पौधे जीवित हैं? जिस भूमि पर प्लांटेशन किया गया है, उस भूमि का उपयोग प्लांटेशन से पूर्व किस प्रयोजन हेतु किनके द्वारा कब से किया जा रहा था? (ग) क्या जिस भूमि पर प्लांटेशन किया गया है उस स्थान पर खेती की जा रही थी? यदि हाँ, तो खेती करने वाले गरीब आदिवासियों को उस भूमि से बेदखल क्यों किया गया? उन्हें वन अधिकार पत्र क्यों नहीं दिये गये? (घ) जनवरी 2017 की स्थिति में बदरवास वन परिक्षेत्र अंतर्गत कहाँ-कहाँ पर प्लांटेशन हुआ है? उस प्लांटेशन की वर्तमान स्थिति क्या है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क), (ख) एवं (घ) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। पात्रता नहीं होने के कारण वन अधिकार पत्र नहीं दिये गये।
सामाजिक पेंशन का भुगतान
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
32. ( क्र. 525 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धा पेंशन योजना, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय नि:शक्त पेंशन योजना के तहत कितने प्रकरण वर्ष 16-17 से प्रश्नांश दिनांक तक में जनपदवार स्वीकृत किये गए का विवरण देते हुए बतावें कि इनकों कितनी-कितनी राशि किस-किस माह में भुगतान की गई तथा उनमें से कितने भुगतान से वंचित हैं? स्वीकृत दिनांक के बाद कितने ऐसे हितग्राही हैं जिनको स्वीकृत दिनांक से भुगतान नहीं किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) की योजनाओं की राशि को दिनांक 01.10.2012 के परिपत्र (नवम्बर 2012) अनुसार भारत सरकार द्वारा क्या बढ़ायी गई? इस बढ़ी हुई राशि के भुगतान पेंशनधारियों को कराने का आदेश प्रदेश सरकार द्वारा कब जारी कर क्रियान्वित कराया गया? आदेश की प्रति भी देवें? इन पेंशनधारियों को मिलने वाली राशियों में कितनी राशि प्रदेश सरकार एवं कितनी केन्द्र सरकार की समाहित होती है, विभिन्न पेंशनवार बतावें? (ग) प्रश्नांश (क) की योजनाओं के पात्र हितगाहियों को प्रश्नांश (ख) अनुसार बढ़ी दर 300 रूपये के मान से भुगतान नहीं कराया गया तो इसके लिए कौन दोषी है? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगे? रीवा जिले में इसका क्रियान्वयन कब से हुआ? क्या पात्र हितग्राहियों को उनकी एरियर्स की राशि का भुगतान करायेंगे? हाँ तो कब तक, अगर नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकरी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार। कोई पात्र हितग्राही पेंशन भुगतान से वंचित नही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार। (ग) मध्यप्रदेश शासन, सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग, मंत्रालय के आदेश क्रमांक एफ-2-87/2016/26-2 दिनांक 27.09.2016 द्वारा समस्त श्रेणी के हितग्राहियों के पेंशन राशि में एकरूपता के दृष्टि से रूपये 300/- प्रति हितग्राही प्रतिमाह माह सितम्बर, 2016 से की गई है। अक्टूबर, 2016 से बढ़ी हुई दर पर पेंशन भुगतान किया जा रहा है शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगरीय निकायों में कार्यरत सफाई कामगारों को आवंटित आवास गृह
[नगरीय विकास एवं आवास]
33. ( क्र. 565 ) श्री तरूण भनोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के परि.अता. प्रश्न संख्या 73 (क्र. 5654), दिनांक 18.03.2016 में जवाब दिया गया था कि सफाई कामगारों के आवास गृहों का सर्वे कार्य पूर्ण होने के उपरांत गृह बुक वैल्यू के आधार पर निर्धारित राशि जमा किये जाने की स्थिति में आवंटित आवास पर मालिकाना हक प्रदान कर दिया जावेगा? (ख) यदि वर्णित (क) हां, तो क्या स्वास्थ्य विभाग नगर निगम जबलपुर द्वारा सफाई कर्मचारियों को आवंटित आवास गृहों का स्थानवार सर्वे कार्य पूर्ण कर सर्वे सूची दिनांक 03.06.2016 को जमा कर दी है एवं प्रश्न के परिप्रेक्ष्य में वर्ष 2016 में आवंटित आवास पर मालिकाना हक प्रदान कर दिया जावेगा? (ग) यदि वर्णित (क) (ख) सही तो सर्वे सूची अनुसार स्थानवार जानकारी दी जावे कि जहां-जहां सफाई कर्मचारियों को आवास आवंटित किये गये है, उन आवासों की कलेक्टर गाईडलाईन 2016 के तहत क्या कीमत निर्धारित की गई? किन-किन स्थानों के कुल कितने आवंटित आवास पर स्वामित्व प्रदान कर दिया गया है? क्या आवंटित आवास का मूल्य निर्धारण कर संबंधितों को लिखित में सूचना पत्र जारी किया गया है? (घ) कब तक नगरीय निकायों में कार्यरत/सेवानिवृत्त सफाई कामगारों को निर्धारित राशि जमा किये जाने की स्थिति में आवंटित आवास पर मालिकाना हक प्राप्त हो जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी, हाँ, सफाई कर्मचारियों के सर्वे का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। परन्तु प्रश्नाधीन आवासों का निर्माण 50 वर्ष के पूर्व होने के कारण उक्त मकान कालातीत हो चुके हैं। ऐसी स्थिति में वर्ष 2016 में आवास का मालिकाना हक प्रदाय किया जाना संभव नहीं है। इसके साथ-साथ उक्त क्षेत्र स्मार्ट सिटी के redovelopement project में लिया गया है, जिसके कारण क्षेत्र में भावी विकास की दृष्टि से कुछ सामुदायिक गतिविधियां शुरू की जा रही हैं। अत: नगर पालिक निगम, जबलपुर द्वारा सर्वे में चिन्हांकित किए सफाई कर्मचारियों को उक्त प्रचलित प्रक्रिया के तहत आवंटन न करते हुए उसके स्थान पर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत् Affordable Housing अंतर्गत फ्लेट दिया जाना नियत किया गया है। (ग) प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत् Affordable Housing फ्लेट दिए जाने के निर्णय के परिप्रेक्ष्य में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत केन्द्रांश एवं राज्यांश को पृथक कर कीमत का निर्धारण नगर पालिक निगम, जबलपुर द्वारा किया जा सकेगा। (घ) प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत Affordable Housing के प्रोजेक्ट की प्रशासनिक एवं तकनीकी स्वीकृति तथा परियोजना पूर्ण होने के उपरांत ही मालिकाना हक तथा भौतिक कब्जा दिया जा सकेगा।
जबलपुर शहर के मुख्य मार्गों पर बस स्टॉप एवं सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
34. ( क्र. 569 ) श्री तरूण भनोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर निगम जबलपुर के अंतर्गत मुख्य मार्गों के किनारे भवन बस स्टॉप शौचालयों (सार्वजनिक) निर्माण के क्या नियम हैं? मुख्य मार्ग पर सड़क के बाद कितना शेड बैक छोड़कर निर्माण किया जा सकता है? नगर निगम जबलपुर द्वारा सागरदीप एवं प्लानेट एजेंसियों को सड़क किनारे किन-किन स्थानों पर कितने सार्व. शौचालयों/बस स्टॉपों के निर्माण की अनुमति कितनी अवधि के लिये किन-किन शर्तों के अनुसार दी गई? (ख) नगर निगम जबलपुर द्वारा उक्त शौचालयों/बस स्टॉपों के निर्माण की अनुमति मानचित्र (नक्शा) स्वीकृति कब किस अधिकारी द्वारा दी गई? यदि मानचित्र स्वीकृति के बिना उक्त निर्माण कार्य किया जा रहा है, तो इसके लिये दोषी कौन है? (ग) वर्णित (क) में शौचालयों/बस स्टॉपों के निर्माण में यातायात नियमों का पालन किया जा रहा है या नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) मुख्य मार्गों पर पड़ने वाले भवनों एवं स्थान के विनियमन हेतु म.प्र. भूमि विकास अधिनियम-2012 में प्रावधान है जिसमें पृथक-पृथक भवनों के लिये शेड बैक के लिये सीमाएं विहित है। शेष प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। अपितु इस हेतु गठित अन्तर विभागीय समिति की स्वीकृति अनुसार निर्माण कराया गया है। (ग) जी हाँ। निविदा अनुसार नियमों का पालन किया जा रहा है।
मेट्रो बसों का सुधार
[नगरीय विकास एवं आवास]
35. ( क्र. 597 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जबलपुर सिटी ट्रांसपोर्ट लिमि. द्वारा J.N.U.R.M. योजना के तहत कितनी बसे कितनी राशि से कब-कब क्रय की गयी? उक्त बसों का संचालन किन-किन आपरेटरों को कितनी-कितनी राशि में किन-किन शर्तों पर दिया गया है? मेट्रों बसों का मेजर रिपेयर, माइनर रिपेयर संचालक/आपरेटर द्वारा कराया जाना था या JCTSL द्वारा? (ख) JCTSL की छोटी एवं बड़ी मेट्रों बसों का मेजर एवं माइनर रिपेयर विगत 2 वर्षों में कब-कब कंपनी के सर्विस सेंटर में कराया गया? बसों की वर्तमान हालत खटारा क्यों हो गयी? क्या सिटी ट्रांसपोर्ट हेतु मिली मेट्रों बसों की विस्तृत जाँच कराकर उन्हें रिपेयर कराकर बचाया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या JCTSL या नगर निगम मेट्रों बसों के संपूर्ण रिपेयर की कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। वर्तमान में बसों का सफलतापूर्वक संचालन किया जा रहा है। समय समय पर बसों की जाँच कराकर आवश्यकतानुसार रिपेयर का कार्य कराया जाता है। (ग) अनुबंधों की शर्तों के अनुसार बसों के संपूर्ण रिपेयर का कार्य बस ऑपरेटर द्वारा कराया जाता है।
आवारा पशुओं से फसलों को नुकसान
[नगरीय विकास एवं आवास]
36. ( क्र. 605 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नगर निगम, जबलपुर के कर्मचारियों द्वारा नगर में पकड़े गये आवारा पशु (बंदर, गाय, भैंस, बैल आदि) नर्मदा नदी पार स्थित बरगी वि.स. क्षेत्र ग्राम मंगेली एवं आस-पास गांवों में छोड़े जाने से यहां की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं? (ख) क्या शासन नगर निगम अधि. को पकड़े गये आवारा पशुओं के उक्त ग्रामीण क्षेत्रों में छोड़ने पर प्रतिबंध लगाने निर्देशित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर निगम पालिक निगम, अग्नि सैन्य दल विभाग द्वारा निगम सीमा क्षेत्र के आवारा मवेशियों को पकड़कर निगम कांजी हाउस एवं दयोदय पशु संवर्धन केन्द्र (गौ सदन) तिलवारा, जबलपुर में भेजा जाता है, अन्य किसी स्थान पर नहीं छोडा जाता। (ख) शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मध्यान्ह भोजन बनाने वाले स्व-सहायता समूहों का पंजीयन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
37. ( क्र. 624 ) श्री गिरीश गौतम : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में मध्यान्ह भोजन बनाने वाले स्व-सहायता समूहों की संख्या क्या है विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध कराये? क्या संचालित समूहों द्वारा लायसेंस प्राप्त किया गया है? यदि हाँ, तो कितने समूहों ने लायसेंस लिया है संख्या बतावें तथा जिन समूहों ने लायसेंस नहीं लिया है उनके द्वारा खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम का उल्लंघन किया जा रहा है। ऐसी स्थिति में उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो समय-सीमा बताएं। (ख) क्या मध्यान्ह भोजन बनाने के लिए कार्यरत रसोइयों का मेडिकल चेक-अप किया जाता है? यदि नहीं तो क्यों? क्या प्रति वर्ष मेडिकल चेक-अप कराने की शर्त को लागू करने के लिये प्रावधान बनाए जायेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) रीवा जिले में विकासखण्डवार मध्यान्ह भोजन बनाने वाले स्व-सहायता समूहों की संख्या संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। मध्यान्ह भोजन बनाने हेतु लाईसेंस की व्यवस्था नहीं है। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते है। (ख) यद्यपि रसोईयों का मेडिकल चेकअप कराना बंधनकारी नहीं है, विभागीय पत्र दिनांक 23/01/2015 द्वारा राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत जिलों के बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण के साथ-साथ रसोईयों का स्वास्थ्य परीक्षण भी कराने के निर्देश दिए गए हैं। रसोईयों का प्रतिवर्ष मेडिकल परीक्षण अनिवार्य करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
बरझा बाईपास निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
38. ( क्र. 665 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के परि.अता. प्रश्न संख्या (क्रमांक 1064) दिनांक 08/12/2016 में अवगत कराया गया था कि सिहोरा नगर पालिका द्वारा बरझा लिंक रोड निर्माण की डी.पी.आर. स्वीकृत की जाकर भूमि का अधिग्रहण एवं मुआवजा की गणना की कार्यवाही अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सिहोरा जिला जबलपुर में प्रचलित है तो अनुविभागीय अधिकारी सिहोरा द्वारा किन-किन भूमि स्वामी की भूमि अधिग्रहित की गई एवं कितना कितना मुआवजा दिया गया। सूची उपलब्ध करायें। (ख) यदि नहीं तो विलंब का कारण बतायें। लिंक रोड का निर्माण कब आरंभ होगा। कितनी लागत आयेगी।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। नगर पालिका परिषद्, सिहोरा द्वारा चिन्हित भू-स्वामीयों के भूमि का मुआवजा निर्धारण करने के लिए अनुविभागीय अधिकारी, सिहोरा को लिखा गया था, जिसके तारतम्य में अनुविभागीय अधिकारी, सिहोरा द्वारा भूमि अधिग्रहण हेतु विधिवत डी.पी.आर. तैयार कराकर प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद्, सिहोरा को दिए गए हैं। निर्देश के परिपालन में मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद्, सिहोरा द्वारा भूमि अधिग्रहण हेतु डी.पी.आर. तैयार कराने की कार्यवाही की जा रही है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) भूमि अधिग्रहण हेतु डी.पी.आर. तैयार कराने की कार्यवाही नगर पालिका परिषद्, सिहोरा द्वारा की जा रही है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। भूमि अधिग्रहण हेतु डी.पी.आर. तैयार होने के पश्चात् लागत बताया जाना संभव हो सकेगा।
नगर पालिका सिहोरा की जल प्रदाय योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
39. ( क्र. 666 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के अता.प्रश्न संख्या 98 (क्रमांक 1069) दिनांक 08/12/2016 में अवगत कराया गया था कि सिहोरा नगर पालिका में जल प्रदाय योजना की डी.पी.आर. तैयार कर ए.डी.पी. को परीक्षण हेतु भेजी गई है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार योजना की प्रति उपलब्ध करायें तथा बतायें कि निविदायें आमंत्रित कब तक की जावेंगी। कब से काम आरंभ होगा। काम की लागत कितनी होगी। नगर वासियों को इसका लाभ मिलना कब से प्राप्त हो जावेगा।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। डी.पी.आर. एवं अन्य विषयों पर ए.डी.बी. से सहमति प्राप्त होने पर निविदाएं आमंत्रित की जाएगी, समय-सीमा बतलाया जाना संभव नहीं है। विभाग द्वारा कार्यादेश के उपरांत 24 माह का समय कार्य पूर्ण करने के लिए निर्धारित किया गया है। नगर परिषद्, सिहोरा की जल प्रदाय योजना की वर्तमान में अनुमानित लागत रू. 9,882.58 लाख है। कार्य पूर्णता पर नगर वासियों को लाभ मिलना प्रारंभ होगा, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नवीन महाविद्यालय प्रारंभ किया जाना
[उच्च शिक्षा]
40. ( क्र. 707 ) श्री मधु भगत : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट विकासखण्ड अंतर्गत लामता/चांगोटोला में नवीन शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ किये जाने हेतु क्या प्रयास किये जा रहे है? अतांराकित प्रश्न संख्या-140 (क्रमांक 1564) दिनांक 08/12/2016 के जवाब में बताया गया कि मापदण्ड प्रस्तावित क्षेत्र में 500 विद्यार्थियों की उपलब्धता है जबकि उक्त क्षेत्र में लगभग 700 विद्याथियों की उपलब्धता है एवं उक्त क्षेत्र अतिसवेदनशील, नक्शलप्रभावी क्षेत्र है घने जंगलों के मध्य स्थित होने के कारण उक्त क्षेत्र के बच्चे उच्च शिक्षा अध्ययन से वंचित हो जाते है ऐसी परिस्थिति में क्या उक्त स्थान में नवीन महाविद्यालय प्रारंभ करने हेतु शासन से अनुमति नहीं दी जावेगी? यदि दी जावेगी तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? (ख) उक्त प्रश्न के जवाब में कहा गया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में सीमित संसाधनों के कारण नवीन शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ किये जाना संभव नहीं है तो क्या वित्तीय वर्ष 2016-17 के बजट में प्रावधानिक कर उक्त महाविद्यालय प्रारंभ किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक अनुमति प्रदान की जावेगी यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) वर्तमान में वित्तीय संसाधनों की कमी होने के कारण लामता/चांगोटोला में नवीन महाविद्यालय प्रारंभ किये जाने में कठिनाई है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी को नियमित करने संबंधी नियम
[नगरीय विकास एवं आवास]
41. ( क्र. 747 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला नरसिंहपुर के नगरपालिका परिषद् एवं नगर पंचायत परिषद् नगरीय निकायों में कितने दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी कार्यरत है? निकायवार संख्यात्मक जानकारी प्रदान करें? (ख) नगरीय प्रशासन विभाग में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित करने का क्या नियम है नियम की जानकारी प्रदान करें? (ग) क्या इन दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमानुसार नियमित किया जा रहा है यदि हाँ, तो ऐसे कर्मचारियों को कब तक नियमित किया जावेगा जो नियम के अनुसार पात्र हो चुके हैं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जिला नरसिंहपुर की नगरीय निकायों में कुल 799 दैनिक वैतन भोगी कर्मचारी कार्यरत है, निकायवार दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के नियमितिकरण के संबंध में शासन के निर्देशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) उत्तरांश ''ख'' में उल्लेखित शासन के आदेश में नियम एवं शर्तों के परीक्षण उपरांत पात्र दैनिक वैतन भोगी कर्मचारियों को निकाय द्वारा नियमित किया जा सकेगा। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
महानदीके बरहाटोला को रिटेनिंगबाल से संरक्षित करना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
42. ( क्र. 765 ) श्री मोती कश्यप : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वि.स.क्षे. बड़वारा के वि.खं. बड़वारा की ग्राम पंचायत सुड्डी का कोई टोला छोटी महानदी के तट पर अवस्थित होकर वहां आवासीय मकान और जनसंख्या निवासरत है? (ख) प्रश्नांश में उल्लेखित टोला पंचायत से कितने किलोमीटर दूर स्थित है तथा उसकी आवागमन की स्थिति क्या है? (ग) क्या प्रश्नकर्त्ता ने अपने पत्र दिनांक 14-1-2015 द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी से प्रश्नांश (क), (ख) स्थान को संरक्षित करने हेतु रिटेनिंगबाल और मार्ग निर्माण हेतु अनुरोध किये जाने पर विभाग द्वारा आज दिनांक तक क्या योजना बनाई गई और अपेक्षित समस्या का निदान किया गया है। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) टोले की बस्ती को कब आवागमन की सुविधा प्रदान कर दी जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) ग्राम पंचायत सुड्डी अंतर्गत बरहा टोला ग्राम पंचायत मुख्यालय सुड्डी से लगभग 1 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। मार्ग कच्चा है एवं वर्षाकाल को छोड़कर आवागमन चालू रहता है। प्रश्न में उल्लेखित पत्र विभाग के संज्ञान में नहीं है। अतः जानकारी देना संभव नहीं है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (ख) अनुसार है।
फर्शी पत्थर की स्वीकृत खदान
[खनिज साधन]
43. ( क्र. 775 ) श्री मुकेश नायक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम अतरहाई तहसील शाहनगर/रैपुरा के खसरा नम्बर 399 में फर्शी पत्थर की कोई खदान स्वीकृत है? यदि हाँ, तो स्वीकृत दिनांक एवं किसके नाम है? (ख) उक्त स्वीकृत खदान की स्वीकृति आदेश की कॉपी सहित समस्त नस्ती नोटशीट की कॉपी एवं स्वीकृत दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कुल कितनी रॉयल्टी जमा की गई?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) में दिये उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अवैध खदान की प्राप्त शिकायत पर कार्यवाही
[खनिज साधन]
44. ( क्र. 776 ) श्री मुकेश नायक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला खनिज कार्यालय पन्ना में विगत दो वर्ष में सीएम हेल्प लाईन जनप्रतिनिधि के माध्यमों से विकासखण्ड शाहनगर एवं पवई जिला पन्ना में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? किसके द्वारा जाँच की, उन शिकायतों में क्या पाया गया? उन पर जाँच अधिकारी द्वारा क्या कार्यवाही की गई? जाँचकर्ता अधिकारी का नाम जाँच प्रतिवेदन की कॉपी उपलब्ध करावें? (ख) क्या ककरी कछार में शंकर सिंह की स्वीकृत खदान का कलेक्टर, एसडीएम, माइनिंग अधिकारी द्वारा निरीक्षण किया गया था? यदि हाँ, तो शंकर सिंह के नाम खदान में जो अवैध रूप से फर्सी पत्थर का क्रेसर संचालित पाया गया था तथा खदान अवैध रूप से संचालित पाई गई थी? उस पर कलेक्टर के द्वारा मौके पर अवैध उत्खनन प्रकरण बनाने का खदान निरस्त करने के निर्देश दिये गये उस पर आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं की गई तो क्यों? खदान में चारों तरफ मलवा घुल गया था उस पर क्या कार्यवाही की गई?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) जी हाँ। पट्टेदार को मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के प्रावधान अनुसार उत्खनिपट्टा की शर्तों के उल्लंघन के आधार पर नियमानुसार रूपये 25,000/- का अर्थदण्ड आरोपित किया गया है। पट्टेदार के विरूद्ध मध्यप्रदेश खनिज (अवैध उत्खनन, परिवहन तथा भण्डारण का निवारण) नियम, 2006 के अंतर्गत प्रकरण भी दर्ज किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पंचायतों के कार्य अपूर्ण कार्यों पर कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
45. ( क्र. 792 ) श्री के.पी. सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले के विकासखंड खनियाधाना एवं पिछोर की कितनी ग्राम पंचायतों में ग्राम पंचायतों के गत कार्यकाल के कितने-कितने कार्य अपूर्ण हैं? (ख) यदि हाँ, तो शिवपुरी जिले के विकासखण्ड खनियाधाना एवं पिछोर के ग्राम पंचायतों की ग्रामवार जानकारी कार्य का नाम एवं स्वीकृत राशि तथा कार्य की वर्तमान स्थिति सहित दें। (ग) जिन पंचायतों में पिछले कार्यकाल के कार्य अपूर्ण हैं ऐसी पंचायतों के उत्तरदायी से वसूली की कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है तथा वसूली की कार्यवाही न करने हेतु कौन उत्तरदायी है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। कार्य पूर्ण करवाने अथवा वसूली की कार्यवाही में गति लाने के निर्देश जिला कलेक्टर को दे दिये गये है।
जीर्ण-शीर्ण शासकीय महाविद्यालयों का जीर्णोद्धार
[उच्च शिक्षा]
46. ( क्र. 798 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में ऐसे कितने शासकीय महाविद्यालय हैं, जो कि जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हैं? (ख) देवास जिले के अंतर्गत कितने शासकीय महाविद्यालय हैं, जो जीर्ण-शीर्ण हैं एवं उक्त शासकीय महाविद्यालयों का निर्माण किस वर्ष में हुआ था? महाविद्यालय का नाम एवं निर्माण का वर्ष बतावें। (ग) क्या शासन द्वारा जीर्ण शीर्ण अवस्था वाले शासकीय महाविद्यालयों का जीर्णोद्धार किये जाने हेतु कोई योजना बना रहा हैं? हां, तो कब तक? (घ) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत खातेगांव का शा. महाविद्यालय पूर्ण रूप से जीर्ण-शीर्ण होकर गंभीर दुर्घटना का संकेत दे रहा है? उक्त शा. महाविद्यालय का दुरुस्तीकरण किया जाना अति आवश्यक है। उक्त शा. महाविद्यालयों का जीर्णोद्धार शासन कब तक करवायेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) देवास जिले में 01 शासकीय महाविद्यालय खातेगांव है। भवन निर्माण का वर्ष 1984. (ग) शासकीय महाविद्यालयों में जनभागीदारी मद से निर्माण/मरम्मत तथा क्रय के संबंध में म.प्र. शासन, उच्च शिक्षा विभाग के राजपत्र (असाधारण) प्राधिकार से प्रकाशित क्रमांक 80, दिनांक 20.02.15 के अनुसार सचिव जनभागीदारी समिति को (जनभागीदारी के प्रस्ताव पर) प्रत्येक निर्माण/मरम्मत कार्य तथा एक बार में सामग्री क्रय के लिए राशि रूपये 15.00 लाख तथा एक वित्तीय वर्ष में कुल राशि रूपये 50.00 लाख तक के अधिकार प्रदत्त किये गये है। (घ) अनुविभागीय अधिकारी, लोक निर्माण विभाग कन्नौद द्वारा शासकीय महाविद्यालय, खातेगांव के भवन को जीर्ण-शीर्ण तथा मरम्मत योग्य नहीं होना बताया गया है। महाविद्यालय के नवीन भवन के निर्माण हेतु प्रस्ताव दिनांक 20.01.17 को प्राप्त हुआ है, जिसे स्थायी वित्तीय समिति की सूची में सम्मिलित किया गया है। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
वन क्षेत्र में पौधे रोपण
[वन]
47. ( क्र. 801 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में वन विभाग द्वारा वर्तमान में किन-किन जिलों में पौधे रोपण का कार्य चल रहा है? उन जिलों के नाम बतावें? (ख) देवास जिले की प्रत्येक विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कितना-कितना वन क्षेत्र आता है? क्षेत्रफल बतावें एवं जिले की कौन-कौन सी विधान सभा क्षेत्र में पौधा रोपण कार्य प्रगति पर है? (ग) खातेगांव विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक विभाग/वन विकास निगम द्वारा कहाँ-कहाँ पौधारोपण कार्य किया गया एवं कितने पौधे लगाये गये वन क्षेत्र का नाम एवं लगाये गये पौधे की संख्या बतावें? (घ) खातेगाँव विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक जो पौधे लगाये गये उसमें से कितने पौधे किस-किस प्रजाति के जीवित हैं?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) वर्तमान (माह फरवरी, 2017) में मध्यप्रदेश के सागर जिले में रोड किनारे वृक्षारोपण का कार्य चल रहा है। (ख) देवास जिले की विधान सभा क्षेत्रवार वनक्षेत्र की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 में है। देवास जिले के विधान सभा क्षेत्रों के अन्तर्गत वर्षा ऋतु 2017 के वृक्षारोपण की तैयारी का कार्य प्रगति पर है। (ग) एवं (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर है।
खेल मैदानों का संधारण
[खेल और युवा कल्याण]
48. ( क्र. 843 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग अंतर्गत जबलपुर को किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं कितनी-कितनी राशि किन-किन कार्यों में व्यय हुई वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक की जानकारी दें? (ख) जबलपुर शहर में कौन-कौन से खेल मैदान हैं? इन खेल मैदानों में किन-किन खेलों से संबंधित कौन-कौन सी सुविधाएं/संसाधन उपलब्ध हैं तथा कौन-कौन सी सुविधाओं/संसाधनों/ खेल सामग्री की आवश्यकता है? इसके लिए कब क्या प्रयास किये गये? (ग) विधान सभा केंट जबलपुर के तहत कौन-कौन से खेल मैदान हैं तथा इन खेल मैदानों में किन-किन खेलों से संबंधित खिलाड़ी प्रेक्टिस करने आते हैं वर्तमान में इन खेल मैदानों की क्या स्थिति है? कौन-कौन से खेल मैदानों में बाउण्ड्रीवॉल नहीं है एवं क्यों? (घ) रॉझी जबलपुर में रावण पार्क में स्थित व्हालीबॉल खेल मैदान में कब-कब कितनी-कितनी राशि का कौन-कौन सा कार्य कराया गया एवं खिलाडि़यों को कौन-कौन सी सुविधाएं/संसाधन उपलब्ध कराये गये हैं? बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण न कराने का क्या कारण है? कब तक बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण कराया जावेगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में जबलपुर जिले को आवंटित एवं व्यय राशि से किये गये कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार है। (ख) जबलपुर शहर में स्थित खेल मैदान एवं उनमें उपलब्ध सुविधायें खेल, सामग्री आदि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ख‘‘ अनुसार है। इन मैदानों पर उपलब्ध सुविधायें एवं खेल सामग्री की अतिरिक्त आवश्यकता नहीं है। इसलिए प्रयास किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) विधानसभा क्षेत्र केंट जबलपुर के अन्तर्गत रॉझी खेल परिसर में इंडोर एवं आउटडोर स्टेडियम उपलब्ध है जिसमें बैडमिंटन, बास्केटबॉल, हैण्डबॉल, मल्लखम्ब, एथेलेटिक एवं क्रिकेट के खिलाडी प्रेक्टिस करने आते है। वर्तमान में इन खेल मैदानों की स्थिति ठीक है तथा इन पर खेल चल रहे है। आउटडोर खेल परिसर में बाउण्ड्रीवाल नहीं है तथा वर्तमान में इसकी आवश्यकता भी नहीं है। (घ) रॉझी जबलपुर स्थित रावण पार्क वालीबाल खेल मैदान, खेल और युवा कल्याण विभाग का नहीं होने से राशि उपलब्ध कराने, खिलाडि़यों को सुविधाए/संसाधान एवं बाउण्ड्रीवाल निर्मित करने संबंधी प्रश्न विभागीय संदर्भ में उपस्थित नहीं होता है।
जबलपुर शहर की पेयजल व्यवस्था
[नगरीय विकास एवं आवास]
49. ( क्र. 844 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर निगम जबलपुर द्वारा शहर के किन-किन वार्डों में किन-किन स्रोतों से कितनी मात्रा में पेयजल की आपूर्ति की जा रही है? इन वार्डों की मांग व पूर्ति की स्थिति क्या है? (ख) विधान सभा क्षेत्र केंट जबलपुर के कौन-कौन से वार्ड पेयजल समस्या ग्रस्त हैं? इन वार्डों की पेयजल समस्या के निदान हेतु क्या उपाय किये गये हैं एवं भविष्य की क्या कार्य योजना बनाई गई है? (ग) प्रश्नांश (क) में जल स्रोतों, जलसंशोधन संयंत्रों, पाईप लाईन का विस्तार, मरम्मत, रखरखाव, सामग्री आदि की खरीदी पर कितनी राशि व्यय की गई? पेयजल की बर्बादी/दुरूपयोग को रोकने हेतु क्या प्रयास किये गये हैं वर्ष 2013-14 से 2016-17 तक की जानकारी दें? (घ) प्रश्नांश (क) में स्थित आयुध निर्माणियों में परियट जलाशय के पास ही दूसरा जलाशय बनाकर जलापूर्ति करने की योजना क्या है? इस संबंध में आयुध निर्माणियों ने क्या प्रस्ताव रखा है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर निगम, जबलपुर के अन्तर्गत जलशोधन संयंत्र रमनगरा, ललपुर, रांझी एवं भोंगाद्वारा द्वारा शहरी क्षेत्र में तथा नलकूप आधारित नलजल योजनाओं के माध्यम से नवीन सम्मिलित ग्रामीण क्षेत्रों के वार्डों में एवं नलकूपों एवं टैंकरों के माध्यम से भी नगर के समस्त वार्ड 79 वार्डों में जलापूर्ति की जा रही है। जिसका मांग पूर्ति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) विधान सभा क्षेत्र कैंट के अन्तर्गत नगर निगम, जबलपुर में नवीन सम्मिलित ग्रामीण क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 70 लाला लाजपतराय एवं वार्ड क्रमांक 79 नवीन वार्ड के कुछ ग्रामों में नलकूप आधारित नलजल योजनाएं संचालित हैं तथा कुछ ग्रामों में हैंडपंपों के माध्यम से तथा टैंकरों के माध्याम से वर्तमान में जल प्रदाय किया जा रहा है। उक्त दोनो वार्डों में पर्याप्त जलापूर्ति नहीं हो पा रही है, इन वार्डों में मांग के अनुरूप पानी की आपूर्ति हेतु अमृत परियोजना के अन्तर्गत कार्य प्रस्तावित किए गए हैं। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जलस्त्रोतों, जलशोधन संयंत्रों व पाईपलाईन का विस्तार, मरम्मत रखरखाव, सामग्री आदि की खरीदी पर नगर निगम,जबलपुर के जल प्रदाय विभाग द्वारा वर्षवार व्यय की गई राशि का विवरण निम्नानुसार है:-
क्र. वर्ष
व्यय
राशि रू.
1. 2013-14 9,66,49,193.00
2. 2014-15 10,22,54,846.00
3. 2015-16 10,72,65,333.00
4. 2016-16 8,41,49,654.00
पेयजल की बर्बादी/दुरूपयोग को रोकने हेतु जलप्रदाय विभाग के द्वारा निरन्तर पाईप लाईनों के लीकेज का सुधार कार्य किया जा रहा है। अनुपयोगी सार्वजनिक नलों को भी बंद किया जा रहा है तथा पुरानी पाईप लाईनों को बदलने की कार्यवाही लगातार की जा रही है। (घ) नगर निगम, जबलपुर के द्वारा परियट जलाशय के समीप ही अपर परियट बनाया जाना प्रस्तावित किया गया है। अपर परियट परियोजना के क्रियान्वयन हेतु नगर निगम, जबलपुर के द्वारा रक्षा मंत्रालय से 50 करोड़ रूपये की मांग की गई है। इस संबंध में रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार से पत्र व्यवहार किया जा रहा है। वर्तमान में प्रस्तावित कार्य हेतु किसी तरह का आवंटन अप्राप्त है।
टोंकखुर्द के अधूरे कॉलेज भवन का निर्माण
[उच्च शिक्षा]
50. ( क्र. 903 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा सोनकच्छ विधान सभा क्षेत्र के नगर टोंकखुर्द में महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं के लिए कॉलेज भवन स्वीकृत किया गया था? (ख) क्या ग्राम टोंकखुर्द में कॉलेज भवन स्वीकृत होकर निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ था, जिसका कार्य अधूरा ही छोड़ दिया गया? जिसके कारण छात्र-छात्राओं को पढ़ाई करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है? (ग) क्या शासन छात्र-छात्राओं के भविष्य को ध्यान में रखते हुए उक्त अधूरे कॉलेज भवन को पूरा करने हेतु राशि स्वीकृत करेगा या नहीं, यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। शासन द्वारा जारी की गई प्रशासकीय स्वीकृति राशि रूपये 101.40 लाख अनुसार कार्य पूर्ण कर लिया गया है तथा शेष कार्य हेतु पुनरीक्षित प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। वर्तमान में महाविद्यालय, उत्कृष्ट विद्यालय, टोंकखुर्द में संचालित है। छात्र-छात्राओं को किसी प्रकार की परेशानी नहीं है। (ग) प्राचार्य द्वारा महाविद्यालय के भवन निर्माण पूर्ण कराये जाने के लिए पुनरीक्षित प्रस्ताव प्राप्त हुआ है, जो आगामी स्थायी वित्तीय समिति की सूची में शामिल किया गया है। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में प्राध्यापकों की नियुक्ति में अनियमितता
[उच्च शिक्षा]
51. ( क्र. 917 ) श्री मोती कश्यप : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर में किस आदेश के अधीन किस वर्ष में जनजातीय अध्ययन विभाग की स्थापना की गई है और वर्ष 2017 की अवधि तक किन शैक्षणिक योग्यताधारी प्राध्यापक, सहप्राध्यापक, सहायक प्राध्यापक, अतिथि विद्वानों की नियुक्तियाँ व प्रतिनियुक्तियाँ किन सक्षम अधिकारी के आदेशों से हुई हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) विभाग में किसी के आदेश से किसी भिन्न विषय के अध्यापक की प्रतिनियुक्ति और वापसी की गई है और उन्हें नियमित रूप से किसी के द्वारा वेतन प्रदान किया गया है और अब वर्तमान में किस पद पर पदस्थ हैं? (ग) क्या प्रश्नांश (क) ने जनजातीय अध्ययन विभाग में किन्हीं प्राध्यापक, सहायक प्राध्यापक के स्थान पर किन्हीं के आदेशों से किन्हीं वर्षों से किन्हीं अतिथि विद्वान की नियुक्ति की जाकर उससे अध्यापन कराया जा रहा है और उसे कब-कब नियमित मानदेय भुगतान किया गया है? (घ) क्या प्रश्नांश (क) के किसी अधिकारी ने प्रश्नांश (ग) की सक्षम अधिकारी द्वारा की गई नियुक्ति को अनियमित दर्शाते हुए चालू सत्र के किन्हीं माह के मानदेय का भुगतान करने के उपरान्त किन्हीं माह का मानदेय रोक दिया है? (ड.) क्या प्रश्नांश (घ) अधिकारी के कृत्यों की जाँच कर दण्डित किया जावेगा और मानदेय निराकरण कब तक किया जावेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) कार्यपरिषद् के आदेशानुसार वर्ष 1989-90 में जनजातीय अध्ययन विभाग की स्थापना की गई है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) जी हाँ वर्तमान में डॉ. लोकेश श्रीवास्तव, एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर पदस्थ है, उनकी वापसी नहीं की गई। (ग) जी हाँ। वर्ष 2012 से विभाग की आवश्यकता अनुसार जनजातीय अध्ययन विभाग में एक अतिथि विद्वान को आमंत्रित किया जाकर उनसे अध्यापन कार्य कराया जा रहा है और उन्हें निर्धारित कालखण्ड की दर अनुसार विभागाध्यक्ष की अनुशंसा पर मानदेय का भुगतान किया गया है। (घ) जी नहीं। उक्त विभाग में कार्यरत अतिथि विद्वान तृप्ति मांझी का माह दिसम्बर 2016 तक का भुगतान किया जा चुका है। माह जनवरी 2017 का भुगतान प्रक्रिया में है। (ड.) प्रश्न उपस्थित नही होता है। मानदेय का निराकरण प्रक्रिया में है शीघ्र निराकरण किया जावेगा।
नवघोषित महाविद्यालय को पूर्व से संचालित में समाहित करना
[उच्च शिक्षा]
52. ( क्र. 918 ) श्री मोती कश्यप : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वि.स.क्षे. बड़वारा की दिनांक 10.08.2016 की जनदर्शन यात्रा पर माननीय मुख्यमंत्री जी ने तहसील ढीमरखेड़ा मुख्यालय में किन्हीं संकायों के महाविद्यालय की घोषणा की है और तदनुसार उसे किन्हीं आकार-प्रकार के कक्षों में संचालन प्रारंभ कर किन्हीं संख्या में छात्रों को प्रवेश प्रदान कर दिया गया है? (ख) क्या तहसील मुख्यालय ढीमरखेड़ा में किन्हीं करोड़ों की चल-अचल सम्पत्ति और किन्हीं संख्या के कक्ष और छात्र संख्या का किन्हीं संकायों का महाविद्यालय किन्हीं वर्षों से संचालित है तथा जिसे बहुमंजिला बनाये जाने और विस्तारित करने हेतु कोई शासकीय भूमि उपलब्ध है? (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा 23 जनवरी, 2017 को मान. मुख्यमंत्री को प्रस्तुत पत्र में तहसील ढीमरखेड़ा की भौगोलिक एवं सामाजिक परिप्रेक्ष्य में नवघोषित एवं छात्रविहीन महाविद्यालय को प्रश्नांश (ख) महाविद्यालय में समाहित कर सक्षम बनाया जाकर करोड़ों रुपयों के अतिरिक्त व्यय को बचाये जाने हेतु आग्रह किया है? (घ) क्या विभाग द्वारा साधन विहीन शासकीय महाविद्यालय को पूर्व से संचालित सर्वप्रकारेण सक्षम महाविद्यालय में समाहित कर उद्देश्य की पूर्ति कर क्षेत्र को लाभान्वित करने का निर्णय लिया जायेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। महाविद्यालय कला एवं विज्ञान संकाय के साथ प्रारंभ किया जा चुका है, इसमें वर्तमान में विद्यार्थियों ने प्रवेश नहीं लिया है। (ख) एक अशासकीय महाविद्यालय संचालित है, जिसे बहुमंजिला बनाये जाने एवं विस्तारित करने हेतु कोई शासकीय भूमि उपलब्ध नहीं है। (ग) अशासकीय महाविद्यालय को शासकीय महाविद्यालय में समाहित किये जाने का कोई नियम नहीं है। (घ) प्रश्नांश ‘ख’ के प्रकाश में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
वन विभाग में प्राप्त आवंटन
[वन]
53. ( क्र. 953 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिलान्तर्गत वन विभाग में वर्ष 2012-13, 13-14, 14-15, 15-16 एवं 2016-17 में किस-किस कार्य हेतु राज्य अथवा केन्द्र शासन से कितना-कितना आवंटन प्राप्त हुआ तथा किस योजनान्तर्गत किस-किस प्रयोजन से कितनी-कितनी राशि व्यय की गई वर्षवार बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार वर्षों में हरदा जिले में प्रश्न दिनांक तक किस-किस योजनान्तर्गत कितने हितग्राहियों/ समितियों को कितनी-कितनी राशि का अनुदान दिया गया विकास खंडवार एवं वर्षवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार वर्षों में हरदा जिले में वन विभाग द्वारा किस-किस कम्पनी से कितनी-कितनी राशि से कौन-कौन सी सामग्री क्रय की गई तथा क्रय सामग्री का क्या उपयोग किया गया?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
तालाबों का गहरीकरण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
54. ( क्र. 958 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महात्मा गांधी नरेगा अन्तर्गत जिला छतरपुर के राजनगर विकासखंड में जनवरी, 2015 से दिसम्बर, 2016 तक कुल कितने तालाब के गहरीकरण के कार्यों की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति कितनी-कितनी राशि की की गई, ग्राम पंचायतवार सूची उपलब्ध करावें। (ख) उक्त कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण हैं, कितने अपूर्ण हैं? कितने नहीं हो सकें? ग्रामवार सूची स्वीकृत राशि सहित बतायें? (ग) राजनगर जनपद के अंतर्गत बिजावर विधानसभा क्षेत्र में आने वाली ग्राम पंचायतों में से किन -किन ग्राम पंचायत में कौन-कौन से तालाब गहरीकरण के कार्यों की तकनीकी, प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई थी? स्वीकृत राशि सहित सूची उपलब्ध कराते हुए बताये कि कौन-कौन से तकनीकी, प्रशासकीय अधिकारियों ने उक्त स्वीकृतियां दी है, उनके नाम, पदनाम एवं उनकी तकनीकी स्वीकृति, प्रशासनिक स्वीकृति में कितनी जिम्मेदारी है? (घ) प्रश्नांश (ग) के आलोक में कितने कार्य पूर्ण हो चुके है, कितनों का सम्पूर्ण मापतौल का भुगतान किया गया है? कार्य की पूर्णता की जाँच करने वाले तकनीकी अधिकारी का, पदनाम बतलाते हुए प्रत्येक कार्य, उसकी स्वीकृत राशि भुगतान की गई राशि एवं प्रत्येक गहरीकरण से कितनी मिट्टी निकली उसकी जानकारी एवं मिट्टी कहाँ डाली गई। बतायें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
मुरैना जिले में विधि महाविद्यालय के निर्माण
[उच्च शिक्षा]
55. ( क्र. 962 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले के विधि महाविद्यालय के निर्माण हेतु कितनी राशि स्वीकृत हुई? निर्माण की कौन-सी एजेन्सी को जिम्मेदारी दी गई वर्तमान में निर्माण की क्या स्थिति है? (ख) शासन द्वारा निर्माण एजेन्सी को पहली किस्त कितनी राशि की कब प्राप्त हुई जनवरी, 2017 तक निर्माण कितना हो चुका है? (ग) क्या स्वीकृत राशि प्राप्त नहीं होने की स्थिति में निर्माण कार्य गति नहीं पकड़ पा रहा है, क्यों? (घ) उक्त निर्माण निविदायें कब हुईं, कार्य आदेश कब जारी हुआ एवं निर्माण की अवधि क्या है? क्या निश्चित अवधि में महाविद्यालय का निर्माण कार्य पूर्ण हो सकेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) शासकीय विधि महाविद्यालय, मुरैना के भवन निर्माण हेतु लोक निर्माण विभाग के प्राक्कलन अनुसार पत्र क्रमांक 474/261/2011/2-38, दिनांक 22.03.2011 द्वारा राशि रूपये 153.34 लाख की स्वीकृति हुई है। अभी निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है। (ख) पत्र क्रमांक 263/88/आउशि/निर्माण/शाखा-6/11, दिनांक 10.03.2011 द्वारा राशि रूपये 153.34 लाख वित्तीय स्वीकृति जारी की गई। निर्माण कार्य जनवरी, 2017 तक प्रारंभ नहीं हुआ है। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश ‘क’ एवं ‘ख’ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) निविदा अभी जारी नहीं हुई है लोक निर्माण विभाग द्वारा राशि वापस कर दी गई। भवन निर्माण कार्य हेतु मध्यप्रदेश गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल को निर्माण एजेंसी बनाया जाकर प्रस्तुत प्रस्ताव को स्थायी वित्तीय समिति की बैठक में प्रस्तुत किया जाकर निर्णय अनुसार कार्यवाही की जावेगी। समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
ओवर ब्रिज मार्केट की दुकानों का आवंटन
[नगरीय विकास एवं आवास]
56. ( क्र. 963 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर निगम मुरैना द्वारा हाई स्कूल चौराहे की ओवर ब्रिज मार्केट में पचास से अधिक दुकानों का निर्माण कब कराया वर्तमान जनवरी, 2017 तक उनकी क्या स्थिति है? (ख) क्या महिला मार्केट में दुकान बने एक वर्ष से भी अधिक समय हो गया है, लेकिन उनका आवंटन जनवरी, 2017 तक नहीं हो सका है? कारण सहित पूर्ण जानकारी दी जावें। (ग) क्या नगर निगम मुरैना द्वारा उक्त दुकानों को आवंटन हेतु छ: करोड़ से अधिक राशि एडवान्स के रूप में जमा करा ली गई है, लेकिन आवंटन आज तक नहीं किया गया है, कब तक आवंटन कर दिया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर निगम, मुरैना द्वारा हाईस्कूल चौराहे की ओवर ब्रिज मार्केट में 52 दुकानों का निर्माण वर्ष 2015-16 व 2016-17 में कराया है वर्तमान जनवरी 2017 से पूर्व दिनांक 14.06.2016. को कार्य पूर्ण हो चुका है। (ख) जी नहीं, महिला मार्केट में दुकानों का निर्माण पूर्ण हुये भी एक वर्ष से अधिक समय नहीं हुआ है। 52 दुकानों में से जनवरी 2017 तक की स्थिति में 36 दुकानों का आवंटन हो चुका है, 16 दुकानों का आवंटन शेष है, जिसमें से 8 दुकानें विधवा महिला/स्वतंत्रता सेनानी/भूतपूर्व सैनिकों के लिये आरक्षित थी जिनके लिये कोई वित्तीय प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ, जबकि 8 दुकानें मूल प्लानिंग में जोड़कर बाद में निर्माण कराया गया है, अब शासन द्वारा निर्मित नवीन अचल संपित्त अंतरण नियम, 2016 के तहत आवंटन की कार्यवाही की जा रही है। (ग) जी नहीं, 36 दुकानों के आवंटन से नगर निगम को कुल प्रीमियम राशि रू.18,63,0421/- प्राप्त हुई है और उक्त 36 दुकानदारों को दुकानों का अधिपत्य दिया जा चुका है, शेष 16 दुकानों के आवंटन की कार्यवाही अब अचल संपत्ति अंतरण नियम, 2016 के तहत की जा रही है, समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
पशु शव विच्छेदन कार्य का स्थान परिवर्तन
[नगरीय विकास एवं आवास]
57. ( क्र. 973 ) श्री नारायण सिंह कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) ग्वालियर नगर पालिक निगम के लशकर क्षेत्र में वार्ड क्रमांक 37 लक्ष्मीगंज में जो पशु शव विच्छेदन का कार्य चलता है वह किस विभाग या संस्था द्वारा किया जाता है? (ख) क्या पशु शव विच्छेदन जिस स्थान पर होता है, उसके आसपास लोग निवासरत है? उसके समीप कोई शासकीय विद्यालय है? (ग) क्या नगर पालिक निगम ग्वालियर के द्वारा उसके स्थान परिवर्तन के लिये जगह चिन्हित की गई है? अगर नहीं की गई तो क्यों और अगर चिन्हित की गई है, तो उस चिन्हित की गई जगह पर उसका स्थान परिवर्तन क्यों नहीं किया गया? कब तक कर लिया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर निगम, ग्वालियर द्वारा श्री राकेश सिंह जादौन, ठेकेदार को 05 वर्ष का ठेका दिया गया। (ख) आसपास लोग निवासरत है एवं शासकीय विद्यालय है। (ग) जी हाँ, बड़ा गांव स्थल आवंटित हुआ है, बाउन्ड्रीवॉल के निर्माण का प्रकरण प्रक्रियाधीन है, इंसीनेटर स्थापित करने की निविदा प्रक्रिया में है, स्वीकृति उपरांत कार्य कराया जा सकेगा, उपरोक्त प्रक्रिया में 01 वर्ष का समय लगना संभावित है।
बस स्टैण्ड निर्माण की प्राप्त शिकायतों पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
58. ( क्र. 986 ) डॉ. मोहन यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर निगम उज्जैन एवं जिले की अन्य नगर पालिकाओं एवं नगर परिषदों द्वारा सिंहस्थ मद में स्थाई एवं अस्थाई बस स्टैण्ड एवं बस स्टैण्ड की दुकानों के निर्माण हेतु नगर तथा ग्राम निवेश विभाग से स्वीकृत मानचित्र की प्रति एवं बजट में किये गये प्रावधान की प्रति उपलब्ध कराते हुये मय दस्तावेजों के जानकारी प्रदान करें? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार नगर निगम उज्जैन एवं जिले की अन्य नगर पालिकाओं एवं नगर परिषदों द्वारा स्वीकृत मानचित्र अनुसार निर्माण के संबंध में किन-किन इंजीनियर एवं वरिष्ठ इंजीनियरों द्वारा स्थल निरीक्षण किया गया एवं कब-कब जाँच की गई? प्रति उपलब्ध करावे? (ग) स्वीकृत मानचित्र के विपरीत बस स्टैण्ड एवं बस स्टैण्ड की दुकानों के निर्माण के संबंध में 1 जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक तक विभाग को कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? शिकायतों की प्रति उपलब्ध कराते हुये उक्त शिकायतों पर जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई तथा कितने स्थानों पर स्वीकृत मानचित्र के विपरीत तथा बजट में प्रावधान किये बिना निर्माण होना पाया गया? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) उज्जैन जिले की 07 निकायों एवं नगर पालिक निगम, उज्जैन में से सिंहस्थ मद में अस्थाई एवं स्थाई बस स्टैण्ड एवं बस स्टैण्ड की दुकानों के निर्माण हेतु 02 निकाय क्रमश: खाचरौद एवं महिदपुर की नगर तथा ग्राम निवेश विभाग से स्वीकृत मानचित्र की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। नगर पालिका बड़नगर, महिदपुर, माकड़ोन, नागदा, तराना, खाचरौद के बजट प्रावधान की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। नगर पालिक निगम, उज्जैन एवं नगर परिषद् उन्हेल में बस स्टैण्ड निर्माण नहीं किया गया है। (ख) निकायों के निर्मित बस स्टैण्ड का निरीक्षण निकायों में पदस्थ उपयंत्री/ सहायक यंत्री द्वारा किया गया है। नगर पालिका खाचरौद में प्राप्त शिकायतों के संबंध में संभागीय संयुक्त संचालक एवं कार्यपालन यंत्री द्वारा दिनांक 28.12.2016 को स्थल निरीक्षण किया गया। जाँच की कार्यवाही प्रचलित है। (ग) नगर पालिका खाचरौद में बस स्टैण्ड के संबंध में जाँच हेतु 05 शिकायतें प्राप्त हुई शिकायतों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। संभागीय कार्यालय उज्जैन में प्राप्त 04 शिकायतों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। प्राप्त शिकायतों के क्रम में जाँच की कार्यवाही प्रचलित है। 06 निकाय क्रमश: बड़नगर, खाचरौद, नागदा, तराना, माकड़ोन एवं महिदपुर में बजट प्रावधान किया गया है। नागदा, तराना, माकडोन एवं बड़नगर द्वारा नगर तथा ग्राम निवेश से अभिन्यास स्वीकृत नहीं कराया गया है। प्राप्त शिकायतों में जाँच निष्कर्षों के आधार पर कार्यवाही की जावेगी।
खेल मैदान (स्टेडियम) निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
59. ( क्र. 1009 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या हरदा जिले के ग्राम नीमगाँव में खेल मैदान (स्टेडियम) निर्माण हेतु उपलब्ध कराई गई भूमि के निरीक्षण सर्वे किये जाने के संबंध में आवेदक श्री सत्यनारायण आ. श्री प्रकाश चन्द्र खोखर नि. ग्राम नीमगाँव को सूचना के अधिकार के तहत श्री व्ही. के. श्रीवास्तव अधीक्षण यंत्री, ग्रा. या. सेवा नर्मदापुरम संभाग होशंगाबाद द्वारा कार्यालयीन पत्र क्रमांक/1281, दिनांक 19.08.2016 से सम्बन्धित खेल मैदान की भूमि का सर्वे नहीं किया गया है, संबंधी जानकारी दी गई है? (ख) यदि हाँ, तो क्या कारण है कि श्री व्ही. के. श्रीवास्तव अधीक्षण यंत्री, ग्रा. या. सेवा नर्मदापुरम संभाग होशंगाबाद द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत हरदा को अपने पत्र क्रमांक/1128, दिनांक 18.07.2016 से उक्त चिन्हित भूमि का दिनांक 01.07.2016 को कंसलटेंट द्वारा सर्वे किये जाने का लेख किया जाकर आवंटित भूमि खेल मैदान (स्टेडियम) निर्माण हेतु उपयुक्त नहीं होना बताई गई है? (ग) क्या एक ही अधिकारी द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत हरदा को सर्वे किये जाने की रिपोर्ट दी गई है वही सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी में आवेदन कर्ता को उक्त भूमि का सर्वे नहीं किया गया है? संबंधी जानकारी दिये जाने का क्या कारण है? (घ) एक ही अधिकारी द्वारा एक ही कार्य की दो अलग-अलग जानकारी दी गई है, तो क्या शासन संबंधित अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि नहीं तो उसका क्या कारण है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) मोका निरीक्षण पर अधीक्षण यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा मंडल, नर्मदापुरम ने प्रश्नाधीन भूमि नदी के बाढ़ क्षेत्र में होने से खेल मैदान (स्टेडियम) हेतु अनुपयुक्त पाया। तकनीकी सलाहकार ने स्थल का मौका मुआयना कर नजरिए सर्वे में भी प्रश्नाधीन भूमि नदी के बाढ़ क्षेत्र में पाई होने से निर्माण के लिए अनुपयुक्त पाई। (ग) जानकारी उपरोक्त उत्तर 'क' एवं 'ख' अनुसार है। (घ) उपरोक्त उत्तर 'क' एवं 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
औद्योगिक क्षेत्र हेतु आरक्षित भूमि की एन.ओ.सी.
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
60. ( क्र. 1021 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिला मुख्यालय पर औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने हेतु 48.965 हेक्टेयर भूमि कलेक्टर श्योपुर द्वारा आरक्षित भूमि को औद्योगिक क्षेत्र में परिवर्तित किए जाने की एन.ओ.सी. के संबंध में प्रश्नकर्ता के परि.अता.प्र.सं. 91 (क्र. 1030) दिनांक 08.12.2016 के प्रश्नांश (ख) के उत्तर में बताया है कि कलेक्टर श्योपुर से जानकारी प्राप्त होने पर वांछित जानकारी नगरीय विकास एवं पर्यावरण विभाग भोपाल को भेजी जावेगी? (ख) क्या उक्त जानकारी जी.एम. उद्योग विभाग श्योपुर द्वारा पत्र क्र. 2076, दिनांक 15.12.2016 द्वारा एम.डी.आई.आई.डी सी ग्वालियर को भेज दी है? इनके द्वारा कलेक्टर श्योपुर के माध्यम से उक्त जानकारी पर्यावरण विभाग भोपाल को वर्तमान तक न भेजने के कारण आरिक्षत भूमि की एन.ओ.सी. जारी नहीं हो पा रही है नतीजन जिले का औद्योगिक विकास बाधित हो गया है? (ग) क्या एम डी ग्वालियर द्वारा कलेक्टर श्योपुर के माध्यम से उपरोक्तानुसार जानकारी पर्यावरण विभाग को भेजी दी है, तो कब? यदि नहीं तो क्या शासन एमडी ग्वालियर को कलेक्टर श्योपुर के माध्यम से उक्त जानकारी पर्यावरण विभाग को अविलम्ब भेजने हेतु निर्देशित करेगा? तत्पश्चात् पर्यावरण विभाग से निम्नानुसार आरक्षित भूमि की एन.ओ.सी. अविलम्ब जारी करवाएगा? यदि नहीं तो क्यों?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) उद्योग संचालनालय के पत्र क्रमांक 830 दिनांक 14-02-2017 द्वारा जानकारी नगरीय विकास एवं आवास विभाग को प्रेषित कर दी गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) कलेक्टर श्योपुर द्वारा पत्र क्रमांक 1661 दिनांक 09-02-2017 से चाही गई जानकारी नगरीय विकास एवं आवास विभाग, भोपाल को प्रेषित की गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) कलेक्टर श्योपुर द्वारा जानकारी भेजी जा चुकी है।
मार्ग निर्माण की स्वीकृति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
61. ( क्र. 1022 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम प्रेमसर से ननावद व्हाया पच्चीपुरा मार्ग की दशा वर्तमान में अत्यंत खराब है, बड़े-बड़े गड्ढे हो रहे हैं, इस कारण इस मार्ग पर आवागमन में नागरिकों को बहुत ही कठिनाईयाँ आती हैं? (ख) क्या आवागमन की दृष्टि से महत्वपूर्ण होने से उक्त मार्ग को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के द्वितीय चरण की कार्ययोजना में शामिल किया गया है? यदि नहीं तो क्या शामिल किया जावेगा? (ग) यदि हाँ, तो उक्त मार्ग की बदहाल स्थिति के मद्देनजर नागरिकों को आवागमन में आ रही कठिनाईयों के निवारण हेतु क्या शासन उक्त मार्ग के निर्माण हेतु नियमानुसार सभी कठिनाईयाँ पूर्ण कराकर प्रथम प्राथमिकता में ही मार्ग निर्माण की कार्य की स्वीकृति प्रदान की जावेगी व कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) हां, यह सही है कि प्रेमसर से ननावद वाया पच्चीपुरा मार्ग की दशा वर्तमान में अत्यंत खराब है, बड़े-बड़े गड्ढे हो रहे हैं। उक्त मार्ग प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के फेज-1 कोरनेटवर्क में शामिल नहीं होने के कारण निर्मित नहीं करायी जा सकी। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-II की स्वीकृति के मापदंड भारत शासन द्वारा स्वीकृत किये जाते है।
विधायक निधि का क्रियान्वयन
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
62. ( क्र. 1098 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या योजना विभाग द्वारा बहुत पहले (पूर्व में) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना राशि के उपयोगार्थ माननीय विधायकों द्वारा अनुशंसित एवं प्रशासनिक स्वीकृति के बाद अनुशंसित क्रियान्वयन एजेंसी को जिला योजना मण्डल द्वारा ही एजेंसी के खाते में सीधी जमा कर दी जाती थी? (ख) यदि हाँ, तो वर्तमान में प्रश्नांश (क) के संदर्भ में स्वीकृत राशि एजेंसियों के खाते में जमा न करते हुए जिला योजना विभाग द्वारा अपने मुख्यालय को राशि भेजी जाती है, जिससे राशि का माननीय विधायकों द्वारा अनुशंसित क्रियान्वयन एजेंसी विभागों को प्राप्त होने में काफी विलंब लगता है व इस बीच में कभी-कभी वित्तीय वर्ष समाप्त हो जाने से राशि वापिस हो जाती है, जिससे जनहित के कार्य प्रभावित हो रहे हैं? (ग) क्या इस हेतु योजना विभाग गाईड लाईन में संशोधित कर पूर्व की भांति जिला द्वारा ही राशि सीधी एजेंसी को दी जावेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) योजनान्तर्गत वित्त विभाग के आदेश क्र. 118/52/2013/डी.एम.सी./चार, भोपाल, दिनांक 02.02.2013 के अनुसार राशि हस्तांतरित की जाती है। (ग) जी नहीं।
बी.पी.एल. कार्डधारियों को देयक सुविधाएं
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
63. ( क्र. 1099 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा बी.पी.एल हितग्राहियों को क्या-क्या सुविधाएं देने के प्रावधान है एवं उनके क्रियान्वयन हेतु क्या-क्या प्रकिया निर्धारित है की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) में चाही गई जानकारी के अनुसार किन-किन योजनाओं में ऋण व अनुदान की पात्रता है, की जानकारी भी योजनावार दी जावें? (ग) प्रश्नांश (ख) अतंर्गत अप्रैल 2015 से जनवरी 2017 तक जनपद पंचायत मुरैना व अम्बाह के कितने हितग्राहियों को योजनाओं का क्या लाभ दिया गया है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख योजनाएं महात्मा गांधी नरेगा, स्वच्छ भारत अभियान, विभिन्न आवास योजनाएं एवं राज्य आजीविका मिशन हैं। इन योजनाओं में उपलब्ध आवंटन अनुसार पात्रताधारी हितग्राहियों को योजना का लाभ दिया जाता है जिनमें सामान्यत: बी.पी.एल. हितग्राहियों को लाभ मिलता है। विभिन्न योजनाओं के लाभ के लिए हितग्राहियों के चयन के मापदण्ड पृथक-पृथक होकर केवल बीपीएल हितग्राहियों के लिए सीमित नहीं हैं। योजनाओं की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ, ब, स एवं द अनुसार है। (ख) जानकारी उपरोक्त उत्तरांश 'क' अनुसार है। (ग) विभिन्न योजनाओं के तहत् हितग्राहियों की जानकारी बी.पी.एल. के आधार पर संकलित एवं संधारित नहीं की जाती है।
नर्मदा सेवा यात्रा में प्रस्तावित बजट व खर्च
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
64. ( क्र. 1188 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदा सेवा यात्रा कार्यक्रम में सरकार की ओर से कितनी राशि प्रस्तावित की गई है? कार्यक्रमवार बजट व खर्च का ब्यौरा दें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रस्तावित राशि से प्रचार व प्रसार हेतु प्रिंट मीडिया व इलेक्ट्रानिक मीडिया में कितनी राशि का खर्च करने का प्रावधान किया है और प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि खर्च की जा चुकी है? (ग) नर्मदा सेवा यात्रा में सरकार द्वारा नर्मदा नदी के संरक्षण के लिए क्या-क्या कार्य प्रस्तावित किए गए है? कार्यों का विवरण एवं प्रस्तावित बजट का ब्यौरा दें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) नर्मदा सेवा यात्रा कार्यक्रम हेतु सरकार की ओर से कोई राशि प्रस्तावित नहीं की गई है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नही होता। (ख) प्रश्नांश-‘‘क‘‘ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नही होता। (ग) नर्मदा सेवा यात्रा यात्रा वर्तमान में प्रचलन में है। नर्मदा सेवा यात्रा के प्रारम्भ होने के पूर्व राज्य शासन द्वारा नर्मदा नदी के संरक्षण बाबत् प्रस्तावित कार्य संलग्न परिशिष्ट में है।
ग्राम पंचायत में प्रतिक्षालयों का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
65. ( क्र. 1196 ) श्रीमती योगिता नवलसिंग बोरकर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मा. मुख्यमंत्रीजी द्वारा प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्यों के प्रस्ताव के संबंध में दिये गये प्रशासकीय अनुमोदन अनुसार 13 वाँ वित्त आयोग अंतर्गत ग्राम पंचायत सराय एवं ग्राम पंचायत गांधवा में 10 लाख रूपये के 2 प्रतीक्षालय प्रदाय किये गये थे, जिनका निर्माण कार्य अभी तक प्रारंभ नहीं हुआ? (ख) क्या इन प्रतीक्षालय का निर्माण कार्य किया जायेगा या नहीं? (ग) यदि किया जायेगा तो कब तक एवं इस पर क्या कार्यवाही की गई है? (घ) यदि नहीं, किया जायेगा तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नाधीन कार्यों के लिये पंचायतराज संचालनालय के पत्र दिनांक 22.03.2016 द्वारा जिला पंचायत, खण्डवा को राशि रु. 10.00 लाख प्रदान की गई है। जिला पंचायत खंडवा से प्राप्त जानकारी के मुताबिक निर्माण कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर संबंधित पंचायतों को निर्माण एजेंसी बनाया गया है। निर्माण कार्य वर्ष 2017-18 में पूर्ण करना लक्षित है। (ख) प्रश्नाधीन कार्यों के लिये पंचायतराज संचालनालय के पत्र दिनांक 22.03.2016 द्वारा जिला पंचायत, खण्डवा को राशि रु. 10.00 लाख प्रदान की गई है। जिला पंचायत खंडवा से प्राप्त जानकारी के मुताबिक निर्माण कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर संबंधित पंचायतों को निर्माण एजेंसी बनाया गया है। निर्माण कार्य वर्ष 2017-18 में पूर्ण करना लक्षित है। (ग) प्रश्नाधीन कार्यों के लिये पंचायतराज संचालनालय के पत्र दिनांक 22.03.2016 द्वारा जिला पंचायत, खण्डवा को राशि रु. 10.00 लाख प्रदान की गई है। जिला पंचायत खंडवा से प्राप्त जानकारी के मुताबिक निर्माण कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर संबंधित पंचायतों को निर्माण एजेंसी बनाया गया है। निर्माण कार्य वर्ष 2017-18 में पूर्ण करना लक्षित है। (घ) प्रश्नाधीन कार्यों के लिये पंचायतराज संचालनालय के पत्र दिनांक 22.03.2016 द्वारा जिला पंचायत, खण्डवा को राशि रु. 10.00 लाख प्रदान की गई है। जिला पंचायत खंडवा से प्राप्त जानकारी के मुताबिक निर्माण कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर संबंधित पंचायतों को निर्माण एजेंसी बनाया गया है। निर्माण कार्य वर्ष 2017-18 में पूर्ण करना लक्षित है।
नदियों से रेत उत्खनन
[खनिज साधन]
66. ( क्र. 1209 ) श्रीमती योगिता नवलसिंग बोरकर : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र पंधाना अन्तर्गत नदियों से रेत के उत्खनन के क्या टेंडर दिये गये हैं? या नहीं? (ख) यदि दिये गये हैं तो किसको दिये हैं एवं उसकी क्या प्रक्रिया है? (ग) यदि नहीं दिये गये हैं तो फिर रेत के अवैध उत्खनन को क्यों नही रोका जा रहा है? (घ) क्या नदियों से रेत के अवैध उत्खनन पर रोक लगाई जायेगी या नहीं? यदि हाँ, तो कब तक?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) में दिये उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) रेत के अवैध उत्खनन के प्रकरण प्रकाश में आने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। वित्तीय वर्ष 2016-17 में रेत खनिज के अवैध उत्खनन का 01 प्रकरण प्रकाश में आने पर इस पर कार्यवाही कर रूपये 1,50,000/- का अर्थदण्ड वसूल किया गया है। रेत खनिज के अवैध परिवहन के 69 प्रकरण दर्ज किये गये थे। इसमें राशि रूपये 28,16,160/- का अर्थदण्ड वसूल किया गया है। (घ) रेत खनिज के अवैध उत्खनन के प्रकरण प्रकाश में आने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। यह एक सतत् प्रक्रिया है। अत: प्रश्नानुसार समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जिला पंचायत/जनपद पंचायत कार्यालयों में पदस्थ कर्मचारियों को पेंशन योजना लागू की जाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
67. ( क्र. 1213 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन द्वारा जिला/जनपदपंचायतों की सेवा में नियोजित मूल पदों के कर्मचारियों के लिए जुलाई 2012 से एन.एस.डी.एल. कम्पनी के माध्यम से नवीन अंशदायी पेंशन योजना लागू की गई है, जिसमें कर्मचारी का माशिक अंशदान केवल मूलवेतन एवं मंहगाई भत्ते की दस प्रतिशत कटौत्रा करते हुए नियोक्ता अंशदान दस प्रतिशत शामिल करते हुए नोडल अधिकारी जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को बनाया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि हाँ, तो रीवा संभाग अन्तर्गत जिला एवं जनपद पंचायतों में कर्मचारियों को नवीन अंशदायी पेंशन योजना में शामिल करते हुये प्रान नं. आवंटित किये जा चुके है? संख्यात्मक जानकारी देवें? (ग) क्या वर्ष 2005 के बाद नियुक्त जिला/जनपद पंचायतों के कर्मचारियों को ही नवीन अंशदायी पेंशन योजना में शामिल किया गया है किन्तु वर्ष 2005 से पूर्व नियुक्त कर्मचारियों को इस योजना में शामिल नहीं किया गया है क्यों? क्या विभाग द्वारा पूर्व से कार्यरत कर्मचारियों को स्पष्ट रूप से अवगत न कराते हुए गुमराह करने का कार्य किया गया है? कारण सहित बताएं? साथ ही यह भी बताएँ की क्या एन.एस.डी.एल. कम्पनी द्वारा 2005 के पूर्व के कर्मचारियों के आवेदन पत्र रजिस्टर्ड न कर वापस किये जा रहे हैं? (घ) क्या वर्ष 2005 के पूर्व से पदस्थ कर्मचारियों को शासकीय कर्मचारियों को लागू भविष्यनिधि पेंशन योजना लागू की जाएगी? क्योंकि मार्च 2015 से कोषालय द्वारा वेतन आहरण एवं पी.एफ. कटौती होने से समस्या उत्पन्न हो रही है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) 06 कर्मचारियों को प्रान नम्बर आवंटित किये जा चुके हैं। (ग) जी नहीं। प्रदेश की समस्त जिला एवं जनपद पंचायत के कर्मचारी अंशदायी पेंशन योजना का विकल्प देने पर अंशदायी पेंशन योजना में शामिल हो सकते है। जी नहीं। प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है। एन.एस.डी.एल. द्वारा आवेदन लौटाने की जानकारी शासन के संज्ञान में नहीं है। एहतियाती तौर पर एन.एस.डी.एल. को लिखा गया है। (घ) प्रश्नांश ‘‘ग‘‘ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
हितग्राहियों को द्वितीय किस्त की राशि का प्रदाय
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
68. ( क्र. 1214 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले की विभिन्न जनपद पंचायतों के साथ-साथ जनपद पंचायत रामपुर बघेलान की ग्राम पंचायत चोराहटा के ग्राम चोराहटा (खेरिया मोड़) निवासी हितग्राही संतोष कुमार साकेत पिता बिहारीलाल (विकलांग) को कच्चा मकान अतिवृष्टि से गिर जाने के कारण मुख्यमंत्री अन्त्योदय आवास योजना के तहत जिला पंचायत के तीन प्रतिशत मद से वर्ष 2014-15 में स्वीकृत किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो क्या प्रथम किस्त के रूप में रूपये 35 हजार प्रदान की गई है, जिससे हितग्राही आवास छत स्तर तक पूर्ण करा लिया है, किन्तु द्वितीय किस्त की राशि आज दिनांक तक जारी न करने के क्या कारण है जबकि दो वर्ष से अधिक समय बीत गया है? (ग) क्या संबंधित ग्राम पंचायत में पदस्थ उपयंत्री एल.के.तिवारी द्वारा हितग्राही के भाई सुरेश कुमार साकेत को अपने घर बुलाकर 5000 रूपए की मांग की गई थी, मना कर देने पर अभद्रता की गई एवं जाति सूचक टिप्पणी की गई थी जिसकी शिकायत थाना अमरपाटन में 31/11/16 को दी गई थी? (घ) प्रश्नांश (ग) यदि हाँ, तो क्या दोषी उपयंत्री के खिलाफ प्रकरण पंजीबद्ध किया गया यदि नहीं तो क्यों, कब तक एस.सी./एस.टी. एक्ट के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर कानूनी कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) हितग्राही को द्वितीय किश्त दिनांक 31/10/2016 को जारी की गई। थाना अमरपाटन को प्रश्नाधीन कोई शिकायत प्राप्त नहीं होना प्रतिवेदित है। (घ) अतः शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
खनिज रॉयल्टी
[खनिज साधन]
69. ( क्र. 1271 ) श्री संजय उइके : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले की मलाजखण्ड ताम्र परियोजना एवं मैंगनीज और इंडिया लिमिटेड उकवा द्वारा लीज क्षेत्र से हटाये गये खनिज पर रॉयल्टी ली जाती है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी रॉयल्टी, की राशि कब-कब जमा की गई एवं कितनी-कितनी शेष राशि है? शेष राशि की वसूली की क्या कार्यवाही की गई? (ग) वित्तीय वर्ष 2001-02 से 2007-08 तक मलाजखण्ड ताम्र परियोजना द्वारा लीज भूमि से हटाये गये खनिज की जानकारी जो जिला खनिज कार्यालय बालाघाट में जमा की गयी उसकी प्रमाणित प्रतिलिपि उपलब्ध करावें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। देय रॉयल्टी की राशि बकाया न होने के कारण वसूली का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -ब पर दर्शित है।
सामुदायिक सुरक्षा पेंशन
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
70. ( क्र. 1279 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर पालिका नागदा में ए.पी.एल. एवं बी.पी.एल. पेंशन धारी जिन्हें वर्ष 2013 के पूर्व से पेंशन मिल रही थी, जिनकी पेंशन नगर पालिका नागदा द्वारा मात्र आधार कार्ड लिंक नही करने के कारण वर्तमान में बंद कर दी गई है। ये हितग्राही लाचार एवं वृद्ध होने से अज्ञानतावश एवं नगर पालिका के कर्मचारियों की लापरवाही की वजह से आधार कार्ड लिंक नही हो पाने के कारण आज पेंशन से वंचित हैं। (ख) इन हितग्राहियो की पेंशन कब तक प्रारम्भ कर दी जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) नगर पालिका नागदा में माह नवंबर 2016 से समग्र पोर्टल पर हितग्राहियों के सत्यापन के अभाव में 1379 हितग्राहियों की पेंशन बैंक/पोस्टआफिस में जमा करना स्थगित किया गया है। योजनावार हितग्राहियों की संख्या व सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के पत्रक ‘‘अ‘‘ एवं ‘‘ब‘‘ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ‘‘क‘‘ के अनुसार 1379 हितग्राहियों का सत्यापन उपरांत पात्र हितग्राहियों को स्वतः पेंशन प्राप्त होने लगेगी।
खाचरौद में फुड प्रोसेसिंग प्लांट की स्थापना
[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]
71. ( क्र. 1280 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर में ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट में म.प्र. में फुड प्रोसेसिंग प्लांट लगाने हेतु किन किन उद्योगपतियों ने आवेदन दिये हैं? (ख) क्या माननीय मुख्यमंत्री महोदय की खाचरौद में दिनांक 10 जनवरी 2016 को घोषणा की गयी थी की खाचरौद में मटरफली एवं सब्जियों के बम्पर उत्पादन को ध्यान में रखते हुए खाचरौद में फूड प्रोसेसिंग प्लांट की स्थापना की जावेगी? (ग) शासन स्तर पर फूड प्रोसेसिंग प्लांट स्थापना की वर्तमान में क्या स्थिति है? यहां कब तक प्लांट स्थापित हो जावेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) इन्दौर में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2016 के अंतर्गत मध्यप्रदेश में फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में निवेश हेतु ऑनलाइन इन्टेशन-टू-इन्वेस्ट दर्ज कराने वाले आवेदकों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार। (ख) जी हाँ। (ग) फूड प्रोसेसिंग प्लांट की स्थापना शासन द्वारा नहीं की जाती है। अपितु निजी निवेशकों दवारा की जाती है। सूक्ष्म, लघु तथा मध्यम, खादय प्रसंस्करण इकाईयों की स्थापना हेतु शासन दवारा विशिष्ट वित्तीय सहायताओं की स्वीकृति जारी कर विज्ञापन प्रसारित किया गया है। खाचरौद में प्लांट स्थापित करने हेतु किसी भी निवेशक दवारा अभी तक रूचि प्रदर्शित नहीं की है। अत: समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
पंचायतकर्मी के विरूद्ध कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
72. ( क्र. 1293 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 31/03/2016 में मुद्रित परि. अता. प्रश्न संख्या 40 (क्र. 5188) के प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार मंगलेश्वर मिश्रा पंचायत सचिव द्वारा वर्ष 12-13 से 14-15 की अवधि में विभिन्न मदों से कुल राशि 17,08871.00 की वित्तीय अनियमितता की गयी है जिसमें मात्र उसके सचिव के अधिकार समाप्त किए गए थे? जबकि उसके विरूद्ध पुलिस थाने में प्राथमिक दर्ज कराया जाना था, किन्तु ऐसे नहीं किया गया, कब तक किया जावेगा? (ख) उच्च न्यायालय की याचिका क्रमांक 10304 (2014) में पारित आदेश दिनांक 10/09/2014 के संदर्भ में तीन सदस्यीय जाँच दल गठित किया गया था। उक्त जाँच दल में कौन-कौन सदस्य हैं? दल गठन के आदेश की प्रति दें, साथ ही बताएं कि जाँच दल द्वारा क्या जाँच की गई? जाँच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध करावें तथा जाँच प्रतिवेदन अनुसार क्या कार्यवाही की गई विवरण दें। यदि नहीं तो कब तक की जावेगी। (ग) वर्तमान में प्रश्नांकित सचिव को निलंबित कर पुलिस थाने में प्राथमिकी कब तक दर्ज कराई जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।
जंगली जानवरों (सुअरों) द्वारा किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाना
[वन]
73. ( क्र. 1315 ) श्री राजकुमार मेव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या महेश्वर विधानसभा क्षेत्र में वन क्षेत्र से लगे हुये वन ग्रामों रमठान, बडकीचौकी, देवगढ़ बलवाड़ा थरवर, कुण्डिया, कवाणा, बलसगांव, पेमपुरा, पाडल्या, भूदरी, सोमाखेड़ी, बागदरा, भकलाय आदि पहाडी एवं वन क्षेत्रों से लगी हुई कृषि भूमि में किसानों की फसलों को जंगली जानवरों द्वारा नुकसान पहुंचाया जाता है? (ख) महेश्वर विधानसभा क्षेत्र में लगे हुये वन क्षेत्र के ग्रामों में जंगली जानवरों (सुअरों) द्वारा किसानों की फसलों को नुकसान पहुचाने के संबंध में 01.04.15 से प्रश्न दिनांक तक कितने एवं किन-किन ग्रामों के किसानों द्वारा आवेदन पत्र प्रस्तुत किये गये अथवा सूचना दी गई एवं कितने किसानों द्वारा किन-किन वन परिक्षेत्र कार्यालयों एवं तहसील कार्यालयों में उपस्थित होकर फसल नुकसान किये जाने के संबंध में अवगत कराया? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई एवं कितने किसानों के राजस्व विभाग द्वारा मुआवजा प्रकरण तैयार किये गये? कितने प्रकरणों में कितनी कितनी मुआवजा राशि स्वीकृत की गई एवं स्वीकृति राशि किसानों को कब भुगतान की गई? (घ) महेश्वर विधानसभा क्षेत्र में वन क्षेत्रों से लगे हुये रमठान, बडकीचौकी, देवगढ़ बलवाड़ा, थरवर, कुण्डिया कवाणा, बलसगांव, पेमपुरा, पाडल्या, भूदरी, सोमाखेड़ी, बागदरा, भकलाय आदि वन ग्रामों में किसानों की फसलों को जंगली जानवरों द्वारा किए जाने वाले नुकसान से बचाने के लिए कार्य योजना तैयार की गई है? योजना का क्रियान्वयन कब तक किया जावेगा ताकि किसान अपनी कृषि फसलों को नुकसानी से बचा सके?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) सामान्य वनमण्डल बड़वाह अंतर्गत महेश्वर विधानसभा क्षेत्र में वन क्षेत्र से लगे हुए ग्राम रमठान, बड़कीचौकी, देवगढ़, बलवाड़ा, थरवर, कुण्डिया, कवाणा, बलसगांव, पेमपुरा, पाडल्या, भूदरी, सोमाखेड़ी, बागदरा, भकलाय आदि में जंगली जानवरों द्वारा किसानों की फसलों को नुकसान पहुचानें के संबंध में दिनांक 01.04.15 से प्रश्न दिनांक तक कोई आवेदन वन परिक्षेत्र कार्यालयों को प्राप्त नहीं हुए है। तहसीलदार बड़वाह के पत्र क्रमांक/293 दिनांक 09.02.2017 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार दिनांक 01.04.2015 से वर्तमान तक महेश्वर विधानसभा क्षेत्र के तहसील बड़वाह अन्तर्गत ग्राम बड़कीचौकी के 02 कृषकों तथा ग्राम बलवाड़ा के 12 कृषकों द्वारा जंगली जानवरों से फसल क्षति की सूचना दी गई है। इसी प्रकार तहसीलदार महेश्वर के पत्र क्रमांक/215 दिनांक 08.02.2017 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार तहसील महेश्वर के ग्राम कवाणा, होदड़िया, सिराल्या, सोमाखेड़ी, करोंदिया, गुलावड़ आदि ग्रामों के कुल 17 जंगली जानवरों से फसल नुकसानी के आवेदन पत्र प्राप्त हुये। 17 ग्रामों से 17 आवेदन के माध्यम से जंगली सुअरों के द्वारा किसानों की फसल नुकसानी की सूचना प्राप्त हुई। (ग) समस्त प्रकरणों में म.प्र. लोक सेवाओं के प्रदान की गांरटी अधिनियम 2010 के तहत् सेवा क्रमांक 4.6 के तहत् राजस्व विभाग द्वारा यथोचित कार्यवाही की गयी है। तहसीलदार बड़वाह के पत्र क्रमांक/293 दिनांक 09.02.2017 अनुसार दिनांक 01.04.2015 से वर्तमान तक महेश्वर विधानसभा क्षेत्र के तहसील बड़वाह अन्तर्गत ग्राम बड़कीचौकी के 02 कृषकों को (02 प्रकरणों में) रूपये 20370/- रूपये तथा ग्राम बलवाड़ा के 12 कृषकों को (12 प्रकरणों में) 109515/- रू. फसल नुकसानी की क्षतिपूर्ति राशि ई-भुगतान के माध्यम से की गयी है। इसी प्रकार तहसीलदार महेश्वर के पत्र क्रमांक/215 दिनांक 08.02.2017 अनुसार दिनांक 01.04.2015 से 08.02.2017 तक की अवधि में ग्राम कवाणा, होदड़िया, सिराल्या तथा गुलावड़ के 11 कृषकों को उनकी फसलों को जंगली सुअरों द्वारा क्षति पहुंचाने पर दिनांक 08.06.2015 को क्रमशः तीन कृषकों को रूपये 11400/- सात कृषकों को 31400/- तथा एक कृषक को 4760/- रूपये स्वीकृत कर क्षतिपूर्ति की राशि का ई-भुगतान किया गया है। (घ) महेश्वर विधानसभा क्षेत्र में वन क्षेत्रों से लगे हुये ग्रामों में किसानों की फसलों को जंगली जानवरों द्वारा किये जाने वाले नुकसान को रोकने के लिए कोई विशिष्ट योजना तैयार नहीं की गई है। इन वन क्षेत्रों में जल संरचनाओं का विकास वन्यप्राणियों का रहवास विकास आदि का कार्य वन वर्धनिक कार्यों के साथ-साथ किया जाता है।
मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत मार्गों का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
74. ( क्र. 1344 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र लहार, जिला भिण्ड में मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना अंतर्गत 31 दिसम्बर 2016 तक कौन-कौन से ग्रामों हेतु कितनी-कितनी किलोमीटर लंबी सड़के कब-कब कितनी-कितनी लागत से स्वीकृत होकर पूर्ण की गई? (ख) लहार क्षेत्र के ग्राम दबरेहा, सलमपुरा, रूरी, बरौआ, फरदुआ, कैमरा, मिहोनी, पन्नापुरा, डुबका लरसा, गुरीरा, लोधियन का पुरा (मूरतपुरा) आदि ग्रामों में अभी तक मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत सड़क निर्माण न करने का कारण बतायें? इन ग्रामों में कब तक सड़क निर्माण कार्य पूर्ण करा लिया जावेगा? (ग) लहार विधान सभा क्षेत्र में पूर्व से स्वीकृत सड़कों में से कौन-कौन सी अधूरी हैं? (घ) पूर्व से स्वीकृत ग्राम लोधियन कापुरा, लगदुआ, ढीमरनकापुरा को कब तक पूर्ण निर्मित किया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) ग्राम बरौआ एवं डुबका की सड़कों का कार्य पूर्ण कराया जा चुका है। ग्राम लोधियन कापुरा एवं कैमरा की सड़कें स्वीकृत की गई हैं। दबरेहा, फरदुआ, मिहोनी एवं पन्नापुरा की सड़कें मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के मापदण्ड अनुसार नहीं पाई गई है। शेष सड़कें उपलब्ध वित्तीय संसाधन पूर्व से स्वीकृत सड़कों के लिए आबद्ध होने से शेष सड़कों की स्वीकृति के संबंध में वर्तमान में विचार करना संभव नहीं है। (ग) से (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
जनभागीदारी समिति की राशि के वितरण संबंधी शिकायत की जाँच
[उच्च शिक्षा]
75. ( क्र. 1345 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिलान्तर्गत के अंतर्गत शासकीय महाविद्यालय लहार, बालाजी मिहोना एवं आलमपुर में 1 अप्रैल, 2014 से 31 जनवरी, 2016 तक कब-कब जनभागीदारी समितियों की बैठकें आयोजित की गई एवं कौन-कौन से सदस्य किस-किस दिनांक को उपस्थित रहे? प्रत्येक बैठक की दिनांक सहित जानकारी दें? (ख) वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में उपरोक्त महाविद्यालय में कितनी-कितनी राशि जनभागीदारी समितियों को प्राप्त हुई? (ग) शासकीय महाविद्यालय आलमपुर में जनभागीदारी समिति द्वारा की गई अनियमितताओं आदि के संबंध में माननीय मंत्री जी उच्च शिक्षा म.प्र., कलेक्टर भिण्ड, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व लहार को किन-किन व्यक्तियों द्वारा कब-कब शिकायतें की गई? उन शिकायतों की जाँच किन-किन अधिकारियों द्वारा की गई? प्रत्येक शिकायत का जाँच प्रतिवेदन दें?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार।
नारंगी वन भूमि
[वन]
76. ( क्र. 1363 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अतारांकित प्रश्न संख्या 79 (क्रमांक १०८०), दिनांक ११ दिसंबर २०१४ में बड़े झाड़ के जंगल, छोटे झाड़ के जंगल एवं निर्वनीकृत भूमियों को नारंगी भूमि के आंकड़ों से पृथक किए जाने की जानकारी दी गई थी? क्या इन जमीनों को पृथक किए जाने की कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं तो इसके क्या कारण हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जमीनों को पृथक किए जाने के संबंध में वन मुख्यालय भोपाल एवं वनवृत्त बैतूल द्वारा वनमंडलों को कब कब पत्र लिखे गये हैं? पत्र की प्रति उपलब्ध करावें? यदि पत्र/निर्देश जारी नहीं किए गए हैं तो इसके क्या कारण हैं? (ग) बड़े झाड़-छोटे झाड़ के जंगल मद की भूमि एवं निर्वनीकृत की गई भूमि नारंगी वनखण्डों में किसके आदेश/निर्देश से शामिल की गई? आदेश/निर्देश की प्रति उपलब्ध कराएं? इन भूमियों के संबंध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने सिविल याचिका क्रमांक २०२/९५ में किस-किस दिनांक को क्या क्या आदेश दिए हैं? (घ) उक्त भूमियों को कब तक नारंगी वनखंडों से पृथक कर दिया जाएगा वन मुख्यालय भोपाल द्वारा इस संबंध में क्या कार्यवाही की जा रही है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। अतारांकित प्रश्न क्रमांक 1080 के प्रश्नांश 'ग' में जानकारी दी गई थी कि नारंगी वन भूमियों के आकड़ों से छोटे-बड़े झाड़ के जंगल एवं निर्वनीकृत भूमियों के आकड़ों को अलग करने की कार्यवाही की जा रही है। नारंगी वन भूमियों के आकड़ों से छोटे-बड़े झाड़ के जंगल एवं निर्वनीकृत भूमियों के आंकड़ों को अलग करने की कार्यवाही दिसम्बर 2014 में पूर्ण कर ली गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में वन मुख्यालय के पत्र दिनांक 20.07.2014, दिनांक 04.10.2014, अर्द्ध शासकीय पत्र दिनांक 01.11.2014 से मुख्य वन संरक्षक (क्षेत्रीय) वन वृत्त बैतूल को लेख किया गया। पत्रों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ग) विभागीय परिपत्र क्रमांक एफ 5/43/90/10-3/96 दिनांक 14.05.1996 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है, की कंडिका-3 में दिये अनुसार अच्छी श्रेणी के वन के राजस्व खसरे यथा छोटे-बड़े झाड़ के जंगल, बड़े झाड़ के जंगल मद की भूमि को नारंगी इकाई द्वारा प्रस्तावित वनखण्डों में शामिल की गई छोटे-बड़े झाड़ के जंगल की भूमि के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा आई.ए. क्रमांक 791 एवं 792 में दिनांक 01.08.2003 को पारित किया गया आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (घ) छोटे बड़े झाड़ के जंगल एवं निर्वनीकृत भूमियों के आंकड़ों को नारंगी भूमि के आकड़ों से पृथक करना था, न कि नारंगी इकाई द्वारा वन प्रबंधन हेतु उपयुक्त खसरों को प्रस्तावित वनखण्डों के आकड़ों से पृथक करना। शेष प्रश्नांश का उत्तर, उत्तरांश 'क' अनुसार।
वनभूमि का निर्वनीकरण
[वन]
77. ( क्र. 1364 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल जिले के जिन ६८० ग्रामों की भूमि संरक्षित वन सर्वे डिमारकेशन में शामिल की जाकर बिना निर्वनीकरण के ही वर्ष १९८० के पहले राजस्व विभाग को अंतरित कर दी गई? उन भूमियों के १९८० से प्रश्न दिनांक तक भी निर्वनीकरण की अनुमति के प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित नहीं किए गए हैं? (ख) यदि हाँ, तो किस ग्राम की कितनी भूमि सर्वे में शामिल वनखंडों के बाहर छोड़ी गई तथा उसमें किस ग्राम की कितनी भूमि निर्वनीकृत की जाकर एवं किस ग्राम की कितनी भूमि बिना निर्वनीकरण के ही १९८० के पहले राजस्व विभाग को अंतरित या आवंटित की गई है? बिना निर्वनीकरण के अंतरण अथवा आवंटन किन प्रावधानों के अंतर्गत किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या अनुमति के प्रस्ताव भारत सरकार को भेजे जाने हेतु वनमंडलों द्वारा तैयार कर लिए गए हैं? यदि हाँ, तो क्या प्रस्ताव भेजे जाने पर रोक लगाई गई है? यदि हाँ, तो किसके द्वारा किस दिनांक को? पत्र/आदेश की प्रति उपलब्ध करावें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) बैतूल जिले के 680 ग्रामों में से 243 ग्रामों की समस्त भूमि संरक्षित वन सर्वे डिमारकेशन में शामिल की जाकर निर्वनीकरण के पश्चात् राजस्व विभाग को अंतरित किये गये। शेष 437 ग्रामों की वनखण्डों के बाहर छोड़ी गई भूमि में से बिना निर्वनीकरण के राजस्व विभाग को अंतरित की गई। जी हाँ। (ख) जानकारी संकलित की जा रही है। (ग) माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा आदेश दिनांक 13.11.2000 से वनों के निर्वनीकरण पर रोक लगाये जाने के कारण वनमण्डलों द्वारा प्रस्ताव तैयार नहीं किये गये हैं। माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट पर है।
इंदिरा आवास योजना से लाभांवित हितग्राही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
78. ( क्र. 1367 ) श्री हरवंश राठौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बण्डा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विगत तीन वर्षों में इंदिरा आवास योजनान्तर्गत कितने हितग्राहियों को लाभांवित किया गया है। पंचायतवार जानकारी उपलब्ध कराई जाए। (ख) उक्त में से ऐसे कितने हितग्राही है जिन्हें स्वीकृति उपरांत प्रथम किश्त राशि का उपयोग कर लेने के उपरांत भी द्वितीय किश्त की राशि प्रदान नहीं की गई है। (ग) शेष हितग्राहियों को द्वितीय किश्त की राशि कब तक प्रदान की जाएगी।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) 46 हितग्राहियों द्वारा प्रथम किश्त के विरूद्ध निर्धारित भौतिक निर्माण पूर्ण नहीं करने एवं 4 हितग्राहियों का पोर्टल पर तकनीकी त्रुटि के कारण द्वितीय किश्त जारी नहीं की जा सकी है। (ग) 46 हितग्राहियों द्वारा दरवाजा स्तर तक आवास निर्माण पूर्ण करने पर। 4 हितग्राहियों के संबंध में समस्या के समाधान के लिए भारत सरकार को अनुरोध किया गया है। समय-सीमा नियत करना संभव नहीं है।
विभागीय कार्यक्रम में प्रोटोकाल उल्लघंन
[नगरीय विकास एवं आवास]
79. ( क्र. 1383 ) श्री बाला बच्चन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दिनांक 28.01.2017 को बड़वानी में आयोजित म.प्र. गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल के भवनों के लोकार्पण कार्यक्रम में राजपुर विधायक को आमंत्रित न कर प्रोटोकाल का उल्लघंन करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? (ख) आमंत्रण पत्र में श्री लालसिंह आर्य का मंत्री का पदनाम क्यों गलत बताया गया? ऐसी गलती करने वाले अधिकारी का नाम, पदनाम सहित बतावें? (ग) इसी आमंत्रण पत्र में बड़वानी नगर पालिका अध्यक्ष का नाम भाजपा जिलाध्यक्ष के नाम के बाद क्यों मुद्रित करवाया गया है? क्या प्रोटोकाल की दृष्टि से न.पा. अध्यक्ष का पद इनसे कमतर है? (घ) प्रोटोकाल का पालन न करने वाले विभागीय मंत्री का नाम न जानने वाले ऐसे अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) लोकार्पण कार्यक्रम स्थानीय स्तर का होने के कारण स्थानीय विधायक मान0 रमेश पटेल को विशिष्ट अतिथिगण के तहत आमंत्रित किया गया था। अतः प्रोटोकाल के उल्लंघन की कोई स्थिति निर्मित नहीं होने से शेष प्रश्नांश उपस्थित नही होता है। (ख) आमंत्रण पत्र में मान0 श्री लालसिंह जी आर्य का पदनाम विधिवत राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नर्मदा घाटी विकास, सामान्य प्रशासन, विमानन बताया गया है। इनके पदनाम में नगरीय विकास एवं पर्यावरण विभाग का उल्लेख म.प्र. शासन द्वारा प्रकाशित वर्ष 2016 की डायरी पृ.क्र. 22 के आधार पर किया गया था। अतः मान0 राज्यमंत्री जी के स्वतंत्र प्रभार वाले विभाग नर्मदा घाटी विकास, सामान्य प्रशासन, विमानन पदनाम सही बताया गया है। अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नही होता है। (ग) नगर पालिका अध्यक्ष का नाम तथा भाजपा जिलाध्यक्ष का नाम आमंत्रण पत्र में चार विशिष्ट अतिथिगण के तहत होने से नगर पालिका अध्यक्ष सहित चारों मान0 विशिष्ट अतिथियों को समान रूप से आतिथ्य प्रदान किया गया। जी नहीं। (घ) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नमामि देवी नर्मदे यात्रा की घोषणाएं
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
80. ( क्र. 1390 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नमामि देवी नर्मदे यात्रा में मा.मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणाओं - जिसमें नर्मदा तटों के दोनों ओर फलदार वृक्ष लगाने, शौचालय बनाने एवं अन्य निर्माण कार्य कराने का उल्लेख है के संबंध में कितनी राशि किन कार्यों के लिए, किन स्थानों के लिए स्वीकृत की गई? (ख) इंदिरा सागर, सरदार सरोवर एवं ओंकारेश्वर परियोजना के पुनर्वास स्थलों पर विगत 3 वर्षों में संधारण एवं नवीन निर्माण कार्यों के लिए स्वीकृत एवं व्यय राशि की जानकारी पुनर्वास स्थल, नाम, जिला नाम, कार्य नाम, एजेंसी सहित वर्षवार बतावें। (ग) उपरोक्त पुनर्वास स्थलों पर नमामि देवी नर्मदे कार्यक्रम के तहत प्रश्न 'क' अनुसार कितनी राशि स्वीकृत की गई की जानकारी जिलावार देवें। (घ) यदि राशि स्वीकृत नहीं की गई तो कब तक स्वीकृत की जावेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
परिक्रमा पथ पर पुल/पुलियों एवं रेन बसेरों का निर्माण
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
81. ( क्र. 1395 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र में ''नमामि देवी नर्मदे'' सेवा यात्रा मार्ग में पड़ने वाले प्रमुख ग्राम, ग्राम पंचायत के नाम तथा उन ग्रामों एवं ग्राम पंचायतों में नर्मदा सेवा समिति का गठन किया गया है? यदि हाँ, तो ग्रामवार सूची उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उन ग्रामों/ग्राम पंचायतों में जो नर्मदा तट पर बसे हैं, उन पर क्या घाट परिक्रमा पथ पर पुल/पुलियों, रेन बसेरों का निर्माण कार्य किया जा चुका है? यदि हाँ, तो किन-किन ग्रामों में? ग्रामवार सूची उपलब्ध करावें। (ग) क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा परिक्रमा पथ, घाट निर्माण, पुल/पुलियों के निर्माण हेतु विभाग को समय-सीमा के अंतर्गत इसके प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिये गये हैं? यदि हाँ, तो जिला कलेक्टर, अनूपपुर, ग्रामीण विकास, नर्मदा घाटी विकास विभाग से कोई प्रस्ताव इस हेतु भेजे गये हैं? प्रस्ताव के अनुसार निर्माण कार्यों की स्वीकृत राशि/व्यय राशि/शेष राशि एवं निर्माण एजेंसी की जानकारी उपलब्ध करायें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में नमामि देवि नर्मदे सेवा यात्रा मार्ग में 23 ग्राम पंचायत है। जिसमें से 21 ग्राम पंचायतों में नर्मदा सेवा समिति का गठन किया जा चुका है। शेष 2 ग्राम पंचायतों में नर्मदा सेवा समिति का गठन प्रक्रियाधीन है। ग्रामवार सूची की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सड़क डामरीकरण कार्य में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
82. ( क्र. 1421 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर निगम भोपाल के वार्ड क्रमांक ४८ में वर्ष २०१६ में कराया गया सड़क डामरीकरण कार्य एक माह में ही उखड़ गया एवं सड़क का ऊपरी हिस्सा धूल में बदल गया क्या इस संबन्ध में शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई (ख) क्या प्रश्नांश (क) उल्लेखित २७ लाख की लागत की उक्त सड़क कार्य की गुणवत्ता खराब होने पर भी ठेकेदार को राशि का भुगतान कर दिया गया है, जबकि सड़क कार्य गारंटी पीरियेड में होने से उसका संधारण कार्य अभी तक नहीं किया गया है? इसके लिये सम्बन्धितों के विरूद्ध क्या एवं कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ग) सड़क मरम्मत एवं शेष कार्य कब तक पूर्ण कराया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ, कार्य के संबंध में शिकायत प्राप्त हुई है। नगर निगम द्वारा पत्र क्रमांक 790/जोन 09/यां.वि./16 दिनांक 31.08.2016 से ठेकेदार को सुधार हेतु नोटिस जारी किया गया है। (ख) भुगतान के समय सड़क की स्थिति खराब नहीं थी। कार्य का मूल्यांकन राज्य शासन द्वारा नियुक्त थर्ड पार्टी द्वारा किया जाकर रिपोर्ट प्रस्तुत किए जाने पर ही भुगतान किया गया है। कार्य गारंटी अवधि में होने से संधारण का दायित्व ठेकेदार का है। ठेकेदार को संधारण हेतु नोटिस जारी किया गया है। ठेकेदार द्वारा संधारण नहीं करने पर ठेकेदार के विरूद्ध अनुबंध अनुसार कार्यवाही की जावेगी। (ग) सड़क मरम्मत एवं शेष कार्य शीघ्र संपन्न कराया जाना लक्षित है।
पंचायत सचिवों को ६वां वेतनमान दिया जाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
83. ( क्र. 1422 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक १४/०१/२०१७ को राजधानी से प्रकाशित समाचार पत्रों में माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा पंचायत सचिवों को वर्तमान वेतन रूपये २२००-३७०० के स्थान पर सहायक अध्यापकों के बराबर रूपये ५२००-२०२०० ग्रेड पे २४०० पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जारी आदेश दिनांक २२/०२/२०१६ के अनुरूप दिनांक ०१/०१/२०१६ से ६वां वेतनमान दिये जाने के आश्वासन प्रमुखता से प्रकाशित किये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या पंचायत सचिवों को ६वां वेतनमान भुगतान किये जाने हेतु माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा कोई निर्देश दिये गये हैं यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध करावें वेतनमान दिया जाना कब से आरम्भ किया जावेगा तथा प्रत्येक सचिव को कितना कितना फायदा होगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
जिला पंचायत सागर द्वारा की गई कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
84. ( क्र. 1426 ) श्री हरवंश राठौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न संख्या 32 (क्र.1021) दिनांक 14/12/15 के उत्तर की कंडिका (क) से सहमत न होकर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सागर से अपने पत्र क्रमांक 1052 दिनांक 26/12/15 स्मरण पत्र क्रमांक 1114 दिनांक 09/01/2016 पत्र क्रमांक 2045 दिनांक 29/11/16 द्वारा जाँच प्रतिवेदन चाहा गया था? (ख) जाँच समिति द्वारा क्या जाँच की गई एवं जाँच में विलंब के लिए कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी पाए गए हैं और उन पर क्या कार्यवाही प्रस्तावित की गई है? जाँच प्रतिवेदन उपलब्ध कराया जाए।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नाधीन प्रश्न के संबंध में मध्यप्रदेश विधानसभा सचिवालय से पत्र दिनांक 27/10/2016 को उत्तर गलत/अपूर्ण होने संबंधी विषय में वस्तुस्थिति की जानकारी चाही गई है। (ख) विधानसभा सचिवालय को उपरोक्त ’क’ में उल्लेखित पत्र का जवाब नहीं भेजा गया है। आगामी कार्यवाही विधानसभा सचिवालय द्वारा की जाना है जिसकी स्थिति नहीं आई है।
दुर्गावती अभयारण्य वृक्षों की कटाई
[वन]
85. ( क्र. 1452 ) श्री प्रताप सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दमोह जिले के सिंग्रामपुर वन परिक्षेत्र अंतर्गत रानी दुर्गावती अभयारण्य में विगत वर्षों से चौरई एवं धरी बीट में कोयला माफिया द्वारा हरे-भरे वृक्षों को काटकर उनका कोयला बनाकर सीमा से लगे हुए जिले में विक्रय किया जा रहा है? क्या सिंग्रामपुर वन परिक्षेत्र में खड़े हुए सागौन के अनेकों वृक्षों की अवैध कटाई की जा रही है? (ख) क्या सिंग्रामपुर वन परिक्षेत्र के अंतर्गत ग्राम दोनी, चौरई, धरी, अलौनी, भैंसा, नजारा, कलूमर, बघनी आदि अनेक ग्रामों के वनांचल में जंगली जानवरों के अवैध शिकार शिकारियों द्वारा वन विभाग की मिलीभगत से किये जाते हैं? (ग) क्या प्रश्नांश 'क' और 'ख' में दर्शायें स्थल के अतिरिक्त जिले के सागौनी, पटेरा, हटा एवं पथरिया में हरे वृक्षों की अवैध कटाई संबंधी गतिविधियों की जानकारी समाचार पत्रों में एवं मीडिया में आये दिन प्रकाशित होती रहती हैं किन्तु वन अमला उक्त अवैध कार्यों पर नियंत्रण करने में अक्षम साबित हो रहा है? इसका क्या कारण है? (घ) क्या राज्य सरकार जिले के वन अमले की निष्क्रियता एवं कोताही को संज्ञान में लेते हुए एक विशेष टीम जिले में भेजकर अवैध कटाई एवं अवैध शिकार की जाँच करायेगी तथ दोषी एवं लापरवाह अधिकारी/कर्मचारी को दण्डित करने की कार्यवाही करेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी नहीं। समय-समय पर जो भी अवैध कटाई एवं अन्य अपराध घटित हुये हैं उन पर त्वरित विधि सम्मत कार्रवाई की गई है। (ख) जी नहीं। दमोह वन मण्डल के अंतर्गत वन परिक्षेत्र सिंग्रामपुर के अंतर्गत दोनी, चौरई, धरी, अलौनी, भैंसा, नजारा, कलूमर, बघनी आदि ग्रामों के वन क्षेत्र में शिकारियों द्वारा वन्यप्राणियों के अवैध शिकार के मात्र 02 प्रकरण विगत 01 वर्ष में दर्ज किये गये हैं जिनमें वन विभाग के कर्मचारी की संलिप्तता नहीं पाई गई है। (ग) प्रश्नांश 'क' और 'ख' में दर्शाये स्थल के अतिरिक्त जिले के सागौनी, पटेरा, हटा, पथरिया एवं अन्य वन क्षेत्रों में हरे वृक्षों की अवैध कटाई एवं अन्य वन अपराधों संबंधी समाचार प्रकाशित होने पर उनकी त्वरित रूप से जाँच कराई गई है एवं जाँच प्रतिवेदन अनुसार आवश्यक कार्रवाई की गई है। विगत 01 वर्ष (2016) में सामान्य वनमंडल दमोह के अंतर्गत वन अपराध में लिप्त 28 वाहन जप्त किये गये हैं। 1164 वास्तविक बोरा अवैध तेन्दूपत्ता एवं 220 बोरा अवैध बीड़ी को जप्त किया गया है। 01 खदान अवैध पाये जाने पर बंद की गई है। अत: यह सही नहीं है कि वन अमला उक्त अवैध कार्यों पर नियंत्रण करने में अक्षम साबित हो रहा है। (घ) विगत एक वर्ष में वन्यप्राणियों के अवैध शिकार के 02 प्रकरण दर्ज किये गये हैं एवं अवैध कटाई के प्रकरणों में नियमानुसार कार्रवाई की गयी है। अत: जिले में विशेष टीम भेजकर जाँच कराने की आवश्यकता नहीं है।
सिटी फारेस्ट प्रोजेक्ट
[वन]
86. ( क्र. 1492 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वन विभाग द्वारा हरियाली को बढावा देने के लिये इन्दौर के बिचोली हप्सी क्षेत्र में 32 एकड़ क्षेत्र में तीन करोड़ की लागत से सिटी फारेस्ट को तैयार किया जाना है? यदि हाँ, तो वर्तमान में योजना अनुसार प्रोजेक्ट की क्या प्रगति है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार सिटी फारेस्ट प्रोजेक्ट अन्तर्गत वर्तमान में लगाये गये पौधों की देखभाल सही तरीके से नहीं होने से अधिकांश पौधे नष्ट हो गये हैं? यदि हाँ, तो कारण स्पष्ट करें व इसके लिये कौन उत्तरदायी है व उसके विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार तैयार किये गये सिटी फारेस्ट प्रोजेक्ट के लिये विभाग द्वारा आगामी क्या कार्ययोजना बनाई गई है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी नहीं। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगर पंचायत के निर्माण कार्यों एवं क्रय की गई सामग्री में अनियमितता की जाँच
[नगरीय विकास एवं आवास]
87. ( क्र. 1524 ) श्रीमती ममता मीना : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या गुना जिले में कुंभराज नगर पंचायत में वर्ष 2006 से 2008 तक किये गये निर्माण कार्य एवं क्रय की गई सामग्री एवं पेयजल में हुई शिकायतों के अनुक्रम में तत्कालीन अध्यक्ष, सी.एम.ओ. एवं कर्मचारी तथा निर्माण एजेन्सी के विरूद्ध जाँच प्रतिवेदन कार्यपालन यंत्री, नगरीय प्रशासन ग्वालियर के पत्रांक 06/583 ग्वालियर, दिनांक 22-7-2006 के बिल क्रं.1 लगायत 5 तक में दोषी पाये गये पदाधिकारियों पर कब तक कानूनी कार्यवाही होगी एवं राशि कब तक वसूल होगी। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में दोषी पाये गये अधिकारियों/कर्मचारियों एवं ठेकेदारों पर क्या आपराधिक प्रकरण दर्ज कराते हुए राशि वसूल की जावेगी? (ग) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) में वर्णित अधिकारियों/कर्मचारियों एवं ठेकेदारों पर अब तक कार्यवाही न करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध विभाग क्या कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) एवं (ख) जाँच प्रतिवेदन में उत्तरदायी पाये गये श्रीमती निर्मला राजपूत, तत्कालीन अध्यक्ष, नगर परिषद् कुंभराज को शासन पत्र क्रमांक एफ 4-44/2015/18-3 दिनांक 12.02.2016 द्वारा कारण बताओं सूचना पत्र एवं शासन के पत्र क्रमांक एफ 4-44/2015/18-3 दिनांक 04.12.2015 द्वारा श्री बी.आर. कामले तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर परिषद्, कुम्भराज को आरोप पत्रादि जारी किये गये है तथा श्री विशाल बाबू शर्मा, उपयंत्री नगर परिषद् कुभंराज के विरूद्ध संयुक्त संचालक ग्वालियर के पत्र क्रमांक 500 दिनांक 21.02.2017 द्वारा प्राप्त आरोप पत्र संचालनालय के पत्र क्रमांक 1899 दिनांक 07.02.2017 द्वारा आरोप पत्र जारी किये गये है। श्री बी.आर.कामले तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर परिषद् कुंभराज के विरूद्ध प्रकरण में समुचित निर्णय लेने हेतु संचालनालय के पत्र क्रमांक 1815 दिनांक 06.02.2017 द्वारा और श्री विशाल बाबू शर्मा उपयंत्री नगर परिषद् कुंभराज के विरूद्ध संचालनालय के आदेश क्रमांक 1923 दिनांक 07.02.2017 द्वारा उत्तरदायी के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित की जाकर संभागीय संयुक्त संचालक ग्वालियर को विभागीय जाँच अधिकारी नियुक्त किया गया है। प्रकरण में नियमानुसार गुण दोष के आधार पर कार्यवाही प्रचलित है कार्यवाही पूर्ण होने पर प्राप्त निष्कर्ष के आधार पर गुणदोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रश्नांश 'क' एवं 'ख' उत्तर के परिप्रेक्ष्य में नियमानुसार कार्यवाही प्रचलित है। जाँच निष्कर्ष प्राप्त होने के उपरांत गुणदोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
वाटरशेड परियोजनाओं में अनियमितता
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
88. ( क्र. 1525 ) श्रीमती ममता मीना : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले में जिला पंचायत गुना से वाटरशेड आई.डब्ल्यू.एम.पी. में वर्ष 2009 से 2015-16 तक विकासखण्ड वार कौन-कौन सी परियोजनायें संचालित हुई। इन परियोजनाओं के नाम तथा परियोजनावार लाभांवित ग्रामों की सूची बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार वर्षवार परियोजनावार कराये गये कार्यों की सूची दें, किन-किन कार्यों पर परियोजनावार कितनी-कितनी राशि वर्षवार व्यय की गई? (ग) क्या उक्त परियोजनाओं में शासन दिशा-निर्देशों के अनुसार ही राशि व्यय की गई है? यदि नहीं तो दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही आज तक क्यों नहीं की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी हाँ। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मनरेगा के प्रस्तावित/प्रचलित कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
89. ( क्र. 1606 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केन्द्र शासन से राज्य शासन को मनरेगा अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2016-17 में कितनी राशि किस-किस मद में आवंटित की गई थी? (ख) मनरेगा अंतर्गत प्रश्नांश (क) में उल्लेखित बजट के अनुक्रम में जिला आगर को कितनी राशि प्रदाय की गई एवं इसके विरूद्ध कितनी राशि के कार्य किए गए? (ग) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत मनरेगा अंतर्गत विगत 03 वर्षों में समूहमूलक एवं हितग्राही मूलक कौन-कौन से कार्य पूर्ण हुए हैं जिनका भुगतान कार्य पूर्ण करने पर भी आज दिनांक तक लम्बित है? प्रकरणवार पूर्ण जानकारी सूची सहित देवें? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित अनुसार लंबित प्रकरणों में भुगतान कब तक होगा? क्या इसके लिए जवाबदारी तय कर प्रभावी कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या व कब तक सर्वसंबंधितों को भुगतान होगा? सड़क निर्माण में रोलर वर्क, कम्प्रेक्शन आदि कार्यों के लंबित भुगतान कब तक होंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) केन्द्र शासन से राज्य शासन को मनरेगा अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2016-17 में राशि रू. 2622.53 करोड़ प्राप्त हुई। भारत सरकार द्वारा मजदूरी भुगतान हेतु दिनांक 23.11.2016 से N-eFMS व्यवस्था लागू की गई जिसके तहत मजदूरी में सीधे भारत सरकार के खाते से भुगतान के लिए रू. 621.73 करोड़ की स्वीकृति प्राप्त हुई है। (ख) मनरेगा अन्तर्गत जिलों को राशि प्रदाय नहीं की जाती अपितु राज्य स्तरीय नोडल खाते से समस्त राज्य की जनपदों द्वारा एफ.टी.ओ. से भुगतान किया जाता है। वित्त वर्ष 2016-17 में जिला आगर द्वारा राशि रू 31.03 करोड़ का भुगतान किया गया है। (ग) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत मनरेगा अंतर्गत विगत 03 वर्षों में 492 सामुदायिक एवं 1331 हितग्राही मूलक कार्य पूर्ण हुये है, जिन पर कोई भी भुगतान शेष नहीं है। पूर्ण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उत्तरांश ‘ग’ अनुसार सम्पन्न कार्यों के मूल्यांकन के विरूद्ध कोई भुगतान शेष नहीं है।
नवीन शासकीय महाविद्यालयों की स्वीकृति
[उच्च शिक्षा]
90. ( क्र. 1607 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवीन महाविद्यालय प्रारम्भ किये जाने हेतु शासन के मापदण्ड क्या हैं? बजट की उपलब्धता की वरीयता के आधार पर या साध्यता की वरीयता के आधार पर नवीन महाविद्यालय स्वीकृत किए जाते हैं? (ख) विगत 03 वर्षों में मध्यप्रदेश में कहाँ-कहाँ नवीन शासकीय महाविद्यालय प्रारम्भ किये गये हैं? (ग) प्रश्नकर्ता ने विधानसभा क्षेत्र सुसनेर में नवीन महाविद्यालय प्रारम्भ करने हेतु एवं विधानसभा क्षेत्र में पूर्व से संचालित महाविद्यालयों में नवीन संकाय प्रारम्भ करने हेतु मांग की थी? यदि हाँ, तो इस संबंध में क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (ग) का उत्तर यदि नहीं हो तो क्या स्वप्रेरणा से सुसनेर विधानसभा क्षेत्र में सोयतकलां में जनहित को दृष्टिगत रख नवीन महाविद्यालय प्रारम्भ करने हेतु प्रभावी कदम उठाये जावेंगे? सुसनेर महाविद्यालय में कम्प्यूटर साईन्स संकाय प्रारम्भ किया जावेगा एवं नलखेड़ा महाविद्यालय में विज्ञान संकाय प्रारम्भ किया जावेगा? यदि हाँ, तो इसके लिए क्या कार्यवाही की जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ग) जी हाँ वर्तमान में सीमित वित्तीय संसाधनों के कारण सुसनेर में नवीन महाविद्यालय एवं पूर्व से संचालित महाविद्यालयों में नवीन संकाय खोले जाने में कठिनाई है। (घ) वर्तमान में सीमित संसाधनों के कारण सोयतकला में नवीन महाविद्यालय तथा सुसनेर में कम्प्यूटर साइंस एवं नलखेड़ा में विज्ञान संकाय खोले जाने में कठिनाई है।
मुख्यमंत्री आवास योजना में मकानों का आवंटन
[नगरीय विकास एवं आवास]
91. ( क्र. 1626 ) श्री अंचल सोनकर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शासन द्वारा मुख्यमंत्री आवास योजना का संचालन किया जा रहा है। योजनान्तर्गत किन-किन लोगों को शासन द्वारा आवास प्रदाय किया जा रहा है इसके क्या मापदण्ड हैं। जबलपुर जिले के अन्तर्गत शहरी क्षेत्र में प्रश्न दिनांक तक कुल कितने हितग्राहियों के आवास स्वीकृत किये गये स्वीकृत आवास क्या बनकर तैयार हो गये है अथवा निर्माणाधीन हैं? (ख) क्या स्वीकृत आवासों में कुछ ऐसे हितग्राहियों को आवास प्रदाय कर दिये गये हैं, जिनके स्वयं के मकान पूर्व से हैं अथवा ऐसे हितग्राही जिनके नाम पर मकान तो हैं, किन्तु उन्होंने अपनी पत्नी अथवा पुत्र के नाम से मकान स्वीकृत करा लिया गया है। यदि सत्य है तो क्या संबंधित विभाग द्वारा स्वीकृति पत्र जारी करने के पूर्व आवेदक का वर्तमान निवास का निरीक्षण नहीं करते क्या शासन इसकी जाँच करा कर दोषियों पर कार्यवाही करेगा, तो कब तक? (ग) क्या शासन सबका मकान सबका विकास योजनान्तर्गत ऐसे हितग्राहियों को पट्टा प्रदाय करेगी जिन्होंने शासकीय भूमि पर टपरा/टपरिया बना कर अपना आवास तैयार कर रहने लगे है। प्रश्नकर्ता को विधान सभा क्षेत्र पूर्व जबलपुर के अन्तर्गत लगभग 15 से 20 हजार ऐसे गरीब तबके के लोग निवास कर रहे है जिनके स्वयं के मकान नहीं है एवं गैर उपयोगी शासकीय भूमि पर अपना मकान बना कर रह रहे हैं। यदि उन्हें पट्टा प्रदाय किया जाता है तो पट्टा प्रदाय करने के क्या मापदण्ड होंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर निगम, जबलपुर में मुख्यमंत्री आवास योजना प्रचलन में नहीं है अपितु प्रधानमंत्री आवास योजना प्रचालित है। भारत सरकार, आवास और शहरी गरीबी उपशमन, मंत्रालय के द्वारा जारी मार्गदर्शी सिद्धांत की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' में वर्णित मापदण्ड अनुसार आवास प्रदाय किये जाते है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) जी नही। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) मध्यप्रदेश, नगरीय क्षेत्रों के भूमिहीन व्यक्ति (पट्टाधृति अधिकारों का प्रदान किया जाना) अधिनियम, 1984 के अंतर्गत आवासीय भूमि के पट्टे दिये जाने का प्रावधान है, पात्र हितग्रहियों को पट्टा दिया जाता है।
प्रोजेक्ट उदय में सामग्री का क्रय
[नगरीय विकास एवं आवास]
92. ( क्र. 1627 ) श्री अंचल सोनकर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर पालिका निगम जबलपुर में प्रोजेक्ट उदय के तहत वर्ष 2010-11 से वर्ष 2015-16 तक किन-किन सामग्रियों का क्रय कितनी-कितनी राशि का कितनी-कितनी मात्रा में किया गया वर्ष एवं सामग्रीवार राशि बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) क्रय सामग्री का भौतिक सत्यापन किस-किस अधिकारी द्वारा कब-कब किया गया? क्रय की गई सामग्री वर्तमान में कहाँ किस स्थिति में है? (ग) क्या नगर निगम जबलपुर द्वारा वर्ष 2010-11 से 2015-16 तक प्रोजेक्ट उदय के तहत क्रय की गई सामग्री जो वर्तमान में कबाड़ की स्थिति में पहुंच गयी है एवं अधिकांश सामग्री गुम हो चुकी अथवा चोरी हो चुकी है। यदि हाँ, तो क्या इन सामग्री की आवश्यकता नहीं थी अनावश्यक रूप से इन्हें क्रय कर शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाई गई है तो क्या शासन इसकी जाँच कर दोषियों पर कार्यवाही करेगा? समय-सीमा बतावें? गुम अथवा चोरी हुई सामग्री का मूल्य क्या प्रभारी अधिकारी/कर्मचारी से वसूला जावेगा? हां तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। वर्तमान में सभी सामग्री चालू हालत में है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगर निगम द्वारा निर्मित डामरीकृत सड़कों का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
93. ( क्र. 1637 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर निगम, जबलपुर द्वारा विगत तीन वर्षों में कौन-कौन सी सड़कों का डामरीकरण कहाँ से कहाँ तक कितने कि.मी. का कितनी-कितनी राशि से कितनी मोटाई में (Thick) किन-किन ठेकेदारों से कराया गया? उक्त डामरीकृत सड़कों की गांरटी अवधि क्या थी? गांरटी अवधि में कौन-कौन सी डामरीकृत सड़कों का सुधार संबंधित ठेकेदार द्वारा कराया गया? (ख) वर्ष जनवरी 2016 से अब तक नगर निगम सीमा में किन-किन सड़कों का डामरीकरण कितनी-कितनी राशि का कराया गया? उक्त अवधि में कराये गये डामरीकरण में से कौन-कौन सी सड़कें गारंटी अवधि की थी? सड़कों के नाम, लंबाई, राशि सहित बताएं? गांरटी अवधि में क्षतिग्रस्त हुई, सड़कों के लिए संबंधित ठेकेदारों एवं इंजीनियरों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गयी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) विगत 3 वर्षों में सड़कों के डामरीकरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) नगर निगम जबलपुर सीमा अन्तर्गत जनवरी 2016 से वर्तमान तक सड़कों के डामरीकरण कार्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। गांरटी अवधि तीन वर्ष में सड़क के सामान्य रख रखाव का कार्य ठेकेदार द्वारा किया जाता है। कोई भी सड़क अत्याधिक क्षतिग्रस्त नहीं हुई है। सड़कों को संतोषजनक समतल बनाये रखा गया है। गांरटी अवधि में कोई सड़क नगर निगम द्वारा डामरीकरण का कार्य नही कराया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन
[नगरीय विकास एवं आवास]
94. ( क्र. 1638 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर निगम, जबलपुर द्वारा स्वच्छता हेतु डोर-डू-डोर कचरा कलेक्शन का ठेका किन-किन शर्तों पर किस ठेकेदार को कितनी राशि में दिया गया है? कचरा कलेक्शन का कार्य नगर में कब से प्रारंभ किया गया एवं अब तक मदवार कितना भुगतान किया गया? (ख) डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन के अंतर्गत कचरा कलेक्शन हेतु वार्डवार कितने-कितने वाहन एवं कर्मचारी लगाये गये है? वाहनों की रजिस्ट्रेशन नं. सहित वाहनवार वार्डवार पूर्ण जानकारी दें? उक्त डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन में कितने कर्मचारी लगाये गये है? नाम, पद सहित जानकारी दें। यदि कर्मचारियों का वेतन भुगतान बैंक खातों में किया जा रहा हो तो खाता नं. बताएं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन का ठेका एरस्सेल इन्फा प्रोजेक्ट लिमिटेड एवं जबलपुर वेस्ट कलेक्शन एण्ड ट्रांसपोर्टेशन मैनेजमेंट प्राईवेट लिमिटेड को 1470/ रूपये प्रति टन के मान से दिया गया है। अनुंबध की जाकनारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन का कार्य 02 अक्टूबर, 2016 से प्रांरभ किया गया है। ठेकेदार को माह अक्टूबर एवं नवम्बर 2016 के कुल देयक 1,25,35,145/- का 70 प्रतिशत राशि 87,74,601/- का तथा माह दिसम्बर, 2016 के कुल देयक 1,38,95,322/- का 70 प्रतिशत राशि 97,26,725/- इस प्रकार कुल राशि रू. 1,85,01,326/- का भुगतान किया गया है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन में कार्यरत कर्मचारियों कें नाम पद सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। कर्मचारियों का वेतन भुगतान वर्तमान में बैंक खातें के माध्यम से नहीं किया जा रहा है।
कुपोषण के विरूद्ध लड़ाई
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
95. ( क्र. 1660 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मनरेगा से ग्रामीण, अकुशल श्रमिकों को 100 दिन का रोजगार देकर कुपोषण के विरूद्ध लड़ाई में इसे सतना जिले में उपयोग किया जा सकता है? ऐसी स्थिति में जबकि प्रश्न दिनांक को 47,500 कुपोषित और लगभग 15000 बच्चे अतिकुपोषित पाये गये है? (ख) क्या कुल जॉब कार्ड धारी परिवार 108925 है तथा अ.जा. के 24416 एवं अ.ज.जा. के 28351 परिवारों को जॉब कार्ड जारी किये गये है? 5 वर्ष पूर्व कितने जॉब कार्ड धारी परिवार थे अब कितने कम हुए है अंतर बतायें? (ग) क्या सतना के जॉब कार्ड धारी गरीब अकुशल श्रमिकों के लिए मात्र औसत 15 दिन का काम देने का लक्ष्य मनरेगा अधिकारी द्वारा लेबर बजट में स्वीकृत कराया गया था जबकि जिले में ही अ.जा. एवं अ.ज.जा. के जॉब कार्डधारी परिवारों की संख्या 52767 है? (घ) यदि प्रश्नांश (क) (ख) एवं (ग) सही है तो सतना जिले की गरीबी और कुपोषण को बढ़ाने वाले दोषी अधिकारियों पर शासन क्या कार्यवाही करेगा? क्या यह सही है कि यह योजना मांग आधारित है लेकिन जिले में काम मांगने पर पावती नहीं दी जाती है और मस्टर रोल जनरेट होने के बाद भी काम नहीं दिया जाता है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) महात्मा गांधी नरेगा अधिनियम आजीविका सुनिश्चित करने के लिए हैं जिसका कुपोषण पर प्रभाव संबंधी कोई अध्ययन नही किया गया है। (ख) जी नहीं। वर्तमान में कुल 1,10,864 जॉब कार्ड धारी परिवार हैं, जिसमें अ.जा. के 26,050 एवं अ.ज.जा. के 28,059 परिवार है। 5 वर्ष पूर्व कुल 3,82,072 जॉब कार्डधारी परिवार थे। इस प्रकार 2,71,208 जॉब कार्डधारी परिवार कम हो गये हैं। (ग) जी नहीं। जिला सतना का वर्ष 2016-17 में 16.25 लाख मानव दिवस का लेबर बजट स्वीकृत हुआ। लेबर बजट कार्य की मांग का प्रावधिक प्राक्कलन होता है जिसकी पूर्ति हो जाने पर तथा काम की मांग होने पर लेबर बजट से अधिक मानव दिवस का रोजगार दिया जा सकता है। (घ) उत्तरांश (ख) एवं (ग) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नही होता है।
सतना जिले में संचालित शासकीय महाविद्यालय
[उच्च शिक्षा]
96. ( क्र. 1671 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में कितने शासकीय महाविद्यालय संचालित हैं, महाविद्यालयवार उपलब्ध टीचिंग स्टाफ एवं छात्र संख्या की जानकारी दें? (ख) किन-किन महाविद्यालयों में छात्रों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने हेतु आर.ओ. लगाये गये है? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) सभी महाविद्यालयों में छात्र/छात्राओं को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने हेतु कब आर.ओ. लगा दिये जायेंगे, बतायें?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) सतना जिले में 13 शासकीय महाविद्यालय संचालित है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-‘अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ग) जिले के 07 शासकीय महाविद्यालयों में आर.ओ. उपलब्ध है, शेष 06 शासकीय महाविद्यालयों में विद्यार्थियों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने हेतु संबंधित जनभागीदारी समितियों की बैठक में प्रस्ताव पारित कर आर.ओ. क्रय करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
दिव्यांगों की पहचान
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
97. ( क्र. 1703 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर में दिव्यांगों की पहचान किस माध्यम से की गयी है? पहचान किये गये दिव्यांगों की संख्या कितनी है? विकासखण्डवार तथा अलग-अलग श्रेणी का उल्लेख करें? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित संख्या के मान से क्या प्रदान किए जाने उपकरण उपलब्ध है? यदि हाँ, तो वितरण की क्या व्यवस्था है तथा कब तक वितरण किया जाएगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) समय समय पर आयोजित शिविरों के माध्यम से दिव्यांगों की पहचान की जाती है। इसके पश्चात् जिला मेडिकल बोर्ड द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण कर उनको प्रमाण पत्र जारी किये जाते हैं। जनसंख्या 2011 के आधार पर जिले में दिव्यांगों की संख्या 18414 है। वर्तमान में विकासखण्डवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) दिव्यांगों को उपलब्ध कराये जाने वाले सहायक उपकरण और कृत्रिम अंग पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है जिनका वितरण शिविर में चिकित्सीय परामर्श के माध्यम से किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
धार्मिक स्थलों को दी जाने वाली सुविधा
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
98. ( क्र. 1706 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शासन द्वारा प्राचीन मंदिरों व अन्य धर्म स्थानों का जीर्णोद्धार कराया जाता है? क्या शासन द्वारा प्रदेश के धार्मिक स्थलों को कोई सहायता या सुविधा प्रदान की जाती है यदि हाँ, तो कौन-कौन सी सहायता किस प्रकार किस योजना के माध्यम से दी जाती है? इसकी प्रक्रिया क्या है? (ख) सोनकच्छ विधान सभा क्षेत्र में ऐसी सुविधा प्राप्त कितने स्थल हैं और उनकों किन योजनाओं के अंतर्गत किस प्रकार की सहायता प्रदान की गई है? (ग) सोनकच्छ विधान सभा क्षेत्र के ऐसे कितने धार्मिक स्थल हैं जहां शासन द्वारा उनकी देखभाल करने वाले या पूजा पाठ करने वाले व्यक्तियों को भी सहायता या सुविधा दी जाती है वह किस प्रकार व किस योजना के अंतर्गत दी जाती है? इसकी प्रक्रिया क्या है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
स्टेडियम खेल की राशि का उपयोग न करने हेतु
[खेल और युवा कल्याण]
99. ( क्र. 1731 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या खेल स्टेडियम निर्माण किये जाने हेतु बल्देवगढ़ नगर पंचायत में 46 लाख रूपये की स्वीकृति का आदेश-2012 में हो गया था। जिसमें 10 लाख रूपये की प्रथम किस्त के रूप में नगर पंचायत बल्देवगढ़ की ओर राशि भेजी गई थी तथा 29/03/12 में खेल युवा कल्याण विभाग को भूमि भी आवंटित हो गई थी इसी क्रम में खेल युवा कल्याण विभाग द्वारा पुन: 20 लाख रूपये की राशि मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पंचायत बल्देवगढ़ को भेजी गई परंतु मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा प्रश्न दिनांक तक द्वितीय किस्त-20 लाख रूपये से कोई भी कार्य नहीं कराया गया तथा वेबसाईड पर कार्य प्रगति पर है डाल रखा है। परंतु मौके पर वर्तमान में निर्माण कार्य नहीं कराया जा रहा है और शासन की राशि को रोककर रखा गया है। क्या उक्त कार्य करने वाले मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर पंचायत बल्देवगढ़ के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही करेंगे। यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं तो क्यों? (ख) क्या उक्त राशि शासन को वापिस की गई है यदि हाँ, तो मय दिनांक एवं कारण सहित बतायें कि 20 लाख रूपये की राशि क्यों वापिस की गई यदि नहीं की गई तो उसका निर्माण कार्य में आज दिनांक उपयोग क्यों नहीं किया गया? (ग) मुख्य नगरपालिका अधिकारी नगर पंचायत बल्देवगढ़ को उक्त राशि रोकने क्या अधिकार है? क्या उक्त 20 लाख रूपये की राशि का शीघ्र उपयोग स्टेडियम बल्देवगढ़ हेतु करायेंगे। यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं तो क्यों।
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। उक्त मैदान पर अतिक्रमण होने से कार्य रूका हुआ है। जिसे हटाने की कार्यवाही नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा की जा रही है। प्रस्तावित भूमि पर अतिक्रमण होने के कारण मुख्य नगर पालिका अधिकारी बलदेवगढ़ के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। निर्माण कार्य अतिक्रमण मुक्त होने पर ही संभव है। इसलिए राशि का उपयोग निर्माण कार्य पर नहीं हो सका है। (ग) अतिक्रमण होने के कारण मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा राशि व्यय नहीं की जा सकी है। अतः राशि रोकने के अधिकार का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। निर्माण कार्य अतिक्रमण समाप्त होने पर पूर्ण हो सकेगा, जिसकी निश्चित अवधि बताई जाना संभव नहीं है।
मंदिर की भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया जाना
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
100. ( क्र. 1732 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या ग्राम मुहारा के मंदिर की भूमि खसरा क्र. 1398/1 रकबा 0.113 हेक्टेयर भूमि श्री रामचन्द्र जी महाराज के स्वामित्व की भूमि है और उक्त मंदिर के प्रबंधक कलेक्टर टीकमगढ़ है? (ख) क्या अनुविभागीय अधिकारी राजस्व जतारा के कार्यालय में अवैध कब्जा करने वालों के विरूद्ध ग्रामवासियों द्वारा आवेदन दिया गया था और माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा भी आदेश पारित किया गया कि शासकीय मंदिर की भूमि से अतिक्रमण हटाया जाय तथा अनुविभागीय अधिकारी जतारा द्वारा अपने एक आदेश में यह भी उल्लेख किया गया था वर्षाकाल समाप्त होने के उपरांत अतिक्रमण हटा दिया जावेगा? (ग) क्या प्रश्न दिनांक तक उक्त शासकीय मंदिर की भूमि से अतिक्रमण कार्य करने वालों को नहीं हटाया गया। यदि हाँ, तो अतिक्रमण कब तक हटा दिया जावेगा? यदि नहीं तो क्यों?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शासकीय सड़क पर अवैध अतिक्रमण
[नगरीय विकास एवं आवास]
101. ( क्र. 1762 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भोपाल नगर निगम के वार्ड क्रमांक 29 नेहरू नगर कोपल स्कूल के पास म.न. एस-316 से 324 के सामने 20 फीट चौड़ी शासकीय सड़क पर झुग्गी/शेड बनाकर, गंदगी कर रहे परिवारों को हटाने के लिए सीएम हेल्पलाईन 181 पर कितनी बार किस-किस दिनांक को शिकायतें प्राप्त हुई है? (ख) क्या अतिक्रमणकारी परिवारों को पूर्व में भी आवास/पट्टे आवंटित किये थे? यदि हाँ, तो क्या अतिक्रमणित स्थल पर वापस आये विस्थापितों को पुन: पट्टे/आवास आवंटित किये जाएगें? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्या अन्य कोई वैकल्पिक व्यवस्था कर अतिक्रमणकारी परिवारों को अतिक्रमण स्थल से हटाया जाएगा? (ग) क्या अतिक्रमण की गंभीर स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन से भी मदद मांगी गई है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक उक्त संबंध में किस-किस दिनांक को पत्राचार किया गया? (घ) क्या जिला प्रशासन से मदद में विलंब तथा तालमेल के अभाव में स्थानीय रहवासियों को भयंकर गंदगी तथा अतिक्रमणकारियों के आतंक के बीच ही रहना पड़ रहा है? क्या निगम प्रशासन उक्त अतिक्रमण को हटाने में असमर्थ है, यदि नहीं तो अन्य क्या विकल्प है? यदि है तो कब तक अतिक्रमण हटा दिया जाएगा? समय-सीमा बतायें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) एक बार शिकायत क्रमांक 3066201 दिनांक 19-12-2016 से शिकायत प्राप्त हुई है। (ख) प्रश्नाधीन स्थल से संबंधित परिवारों को बी.एस.यू.पी. योजना एवं अन्य किसी योजना में आवास आवंटन नहीं किया गया है। पट्टों के आवंटन का कार्य नगर निगम, भोपाल द्वारा नहीं किया गया है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं। (ग) जी हाँ, शिकायती आवेदन जिला प्रशासन को ऑनलाइन अंतरित किया गया है। (घ) जिला प्रशासन से समन्वय कर आवश्यक विधिक कार्यवाही कार्यवाही की जायेगी।
जिला सिंगरौली के अंतर्गत नगर पालिक निगम में आवास/प्लॉट आवंटन हेतु
[नगरीय विकास एवं आवास]
102. ( क्र. 1776 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जिला सिंगरौली के अंतर्गत नगर पालिक निगम में पुनर्वास मकान विस्थापितों को मकान/प्लॉट 1983-84 से उपलब्ध नहीं कराये गये हैं? ऐसे विस्थापितों को जिन्हें आवासीय प्लॉट नहीं दिये गये हैं और इन्हें चिन्हित किया गया है, तो समय-सीमा बतायें कि कब तक इन्हें आवास प्लॉट आवंटित करने की कार्यवाही पूर्ण कर ली जावेगी? (ख) विंध्याचल परियोजना सिंगरौली में भूमि, मकान अधिग्रहित कर (नवजीवन विहार) में मकान विस्थापितों को प्लॉट देना है, जिसकी भू-अर्जन कर लिया गया था, उन्हें कब तक दे दिया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नेशनल सुपर थर्मल पॉवर प्रोजेक्ट विन्ध्यनगर की स्थापना से प्रभावित गांवों के विस्थापितों को क्रमश: वर्ष 1984 से भू-अर्जन कार्यालय व परियोजना से समय-समय पर प्रदाय की गई पात्रता सूची अनुसार विस्थापितों को पुनर्वास कॉलोनी नवजीवन विहार में 12x18 मीटर के नि:शुल्क भू-खण्डों का आवंटन किया गया है तथा ऐसे शेष पात्र विस्थापित जिन्हे प्लॉट आवंटित करने हेतु चिहिन्त कर लिया गया है उन्हें हर्रई पूर्व के निर्धारित भूमि पर प्लॉट की पैमाइस कराकर माह जून 2017 तक में नि:शुल्क रूप से आंवटन कर पट्टा प्रदान कर दिया जायेगा। (ख) परियोजना से प्रभावित ऐसे विस्थापितों को जिनका मकान अर्जन किया गया था, उन्हे अभी तक भू-अर्जन व परियोजना द्वारा प्रदाय की गई सूची के तहत सभी विस्थापितों का नवजीवन विहार में नि:शुल्क भू-खण्डों को आवंटन किया जा चुका है। यथापि एन.टी.पी.सी. प्रबंधन से विस्थापितों को भू-खण्ड आवंटन हेतु सूची प्राप्त हुई है, जिन्हें माह जून, 2017 तक में नि:शुल्क रूप से आवंटन कर पट्टा प्रदान कर दिया जायेगा।
जिला सिंगरौली के अंतर्गत नगर पालिक निगम में पदों की पूर्ति
[नगरीय विकास एवं आवास]
103. ( क्र. 1778 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जिला सिंगरौली के अंतर्गत नगर पालिक निगम में पदों की पूर्ति अभी तक नहीं की गई है? सफाई कर्मचारी के कितने पदों की पूर्ति नहीं की गई है? यह पद की पूर्ति कब तक की जावेगी? (ख) नगरपालिका में किन-किन पदों की स्वीकृति है और उन पर भर्ती हो गयी है? यदि शेष है, तो भर्ती कब तक हो जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम सिंगरौली से प्राप्त प्रस्ताव अनुसार सहायक वर्ग 03 के 08 पद, सहायक राजस्व निरीक्षक के 11 पद, स्वच्छता निरीक्षक के 03 पद, समयपाल के 03 पद एवं उपयंत्री के 02 पद, इस प्रकार कुल 27 रिक्त पदों की पूर्ति किये जाने हुते प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड भोपाल को प्रस्ताव प्रेषित किए गए है। सफाई कर्मचारियों के 103 पदों की पूर्ति नगर निगम सिंगरौली द्वारा नहीं की गई है। सफाई कर्मचारियों के नियमितीकरण की कार्यवाही के लिए नगर निगम द्वारा छानबीन समिति का गठन किया जा चुका है। पद पूर्ति की कार्यवाही नगर निगम सिंगरौली द्वारा की जायेगी। (ख) स्वीकत पदों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। भर्ती की कार्यवही प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड भोपाल में प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
निविदा शर्तों का उल्लंघन
[नगरीय विकास एवं आवास]
104. ( क्र. 1792 ) श्री अनिल फिरोजिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या उज्जैन नगर पालिक निगम में ई– टेण्डर क्र. 1949 के द्वारा प्रकाश व्यवस्था के सुचारू संचालन हेतु अस्थाई लाईन परिचालक/श्रमिक रखने हेतु कोई निविदा निकाली गई थी? यदि हाँ, तो किन किन शर्तों के आधार पर? (ख) क्या उक्त निविदा में श्रम विभाग के नियमों का पालन किया गया? क्या श्रामिकों को शिफ्टवार शासन द्वारा निर्धारित न्यूनतम दर पर भुगतान किया गया? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या श्रमिकों को केवल मस्टर के आधार पर भुगतान किया जा सकता है? क्या ई.पी.एफ./ई.एस.आई. की प्रति ली गई? यदि नहीं, तो किन किन आधारों पर भुगतान किया गया? (घ) क्या लाईन परिचारक के प्रशिक्षित होने की कोई शर्त निर्धारित की गई थी? यदि हाँ, तो क्या कार्य में लगे श्रमिकों के प्रशिक्षण का प्रमाणीकरण लिया गया? यदि हाँ, तो प्रतियां उपलब्ध करावे? (ड.) उक्त निविदा में कितनी राशि का क्या–क्या सामान ठेकेदार को प्रदाय किया गया? क्या निविदा में एसी कोई शर्त थी? क्या कार्य पूर्ण होने के पश्चात् उक्त सामग्री निगम के स्टॉक में जमा कर ली गई? यदि नहीं तो ठेकेदार फर्म को कार्य के भुगतान से प्रदाय सामग्री के एवज में कितनी राशि का कटौत्रा किया गया? (च) क्या टेण्डर की शर्तों का पूर्णत: पालन किया गया? यदि नहीं, तो इसके लिये कौन-कौन दोषी है? क्या दोषियों के विरूद्ध विभाग कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं। (ग) श्रमिकों को भुगतान निविदादाता फर्म के द्वारा किया गया है। जी हाँ, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) निविदा अनुसार ठेकेदार को कोई सामान प्रदाय नहीं किया गया। जी नहीं। विभिन्न मार्गों एवं कैम्पों में संधारण कार्य हेतु वायर एवं हेलोजन जोन प्रभारियों की मांग पर ठेकेदार को प्रदाय किये गये थे जो मेला समाप्ति के पश्चात् वापस स्टॉक में जमा कराये गये। 100 हेलोजन कम प्राप्त होने पर ठेकेदार की जिम्मेदारी तय करके उनके भुगतान से राशि रू. 25 हजार का कटौत्रा कियागया है। (च) जी हाँ। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पचोर बस स्टैण्ड के श्यामाप्रसाद मुखर्जी चौराहा को छोटा करना
[नगरीय विकास एवं आवास]
105. ( क्र. 1848 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) राजगढ़ जिले के पचोर नगर में श्यामा प्रसाद मुखर्जी चौराहे का निर्माण किस दिनांक को कितनी लागत से करवाया गया था? (ख) क्या श्यामा प्रसाद मुखर्जी चौराहे को तोड़कर छोटा करने के अधिकार नगर परिषद् को है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति देवें? यदि नहीं तो, श्यामा प्रसाद मुखर्जी चौराहा को छोटा करने की अनुमति किस अधिकारी द्वारा दी गई? (ग) बगैर अनुमति के श्यामा प्रसाद मुखर्जी चौराहा को तोड़कर पुनः छोटा करने पर कितनी राशि व्यय की गयी है? क्या व्यय की गयी राशि संबंधित अधिकारी से वसूल की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) राजगढ़ जिले के पचोर नगर में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी चौराहे का निर्माण कार्य दिनांक 25.04.2011 से 13.03.2013 की अवधि में राशि रू. 5,45,000/- की लागत से करवाया गया था। (ख) जी हाँ। म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 123 (1) (च) में नगर परिषद् को अधिकार है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) कार्य की स्वीकृति प्रेसिडेंट इन कौंसिल द्वारा प्रस्ताव क्रमांक 230 दिनांक 30.12.2016 के द्वारा (म.प्र. नगर पालिका (मेयर इन कौंसिल/प्रेसिडेंट इन कौंसिल के कामकाज का संचालन तथा प्राधिकारियों की शक्तियां एवं कर्तव्य) नियम 1998 के नियम 5 के उपनियम एक (2) के तहत् प्रदान की गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ग्राम सड़क योजना अंतर्गत सड़कों का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
106. ( क्र. 1859 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले के विकासखंड सेंवढ़ा में कुल कितने ग्रामों में CMGSY मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सड़कें स्वीकृत हुई हैं? ग्रामवार/सड़क का नाम/निर्माण एजेंसी का नाम/लागत राशि/कार्य पूर्ण होने का दिनांक की जानकारी उपलब्ध कराई जावें। (ख) उक्त सड़कों की गुणवत्ता के क्या मापदण्ड हैं? नियम का विवरण दें तथा इन सड़कों का किन-किन अधिकारी द्वारा निरीक्षण किया गया उनके नाम एवं पद की जानकारी के साथ-साथ उनके द्वारा दिये गये जाँच प्रतिवेदन का संक्षिप्त विवरण दें। (ग) उक्त सड़कों में कौन-कौन सी सड़कों का कार्य पूर्ण तथा कौन-कौन का प्रगतिरत तथा कौन-कौन सडकें बंद तथा कौन-कौन सड़कों पर कार्य प्रारंभ ही नहीं हुआ है? ऐसी कौन-कौन सी सड़के हैं जो अवधि पूर्ण हो जाने पर भी पूर्ण नहीं हुई है? उनकी निर्माण एजेंसी के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या उक्त सड़कों पर गुणवत्ताहीन घटिया किस्म का कार्य निर्माण एजेंसी द्वारा किया गया? परिणाम स्वरूप, सड़कें खराब हो गई, ग्रामीणजन की आवागमन में अत्यंत कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। यदि नहीं तो इनकी जाँच कराई जावेगी।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत सड़कों का निर्माण आई.आर.सी-एस.पी-77-2008 एवं एम.ओ.आर.डी स्पेसिफिकेशन फार रूरल रोड के मापदण्डानुसार कराया जाता है। प्रश्नाधीन अपूर्ण कार्यों की जाँच मुख्य अभियंता से कराने के निर्देश दिए गए हैं। (ग) एवं (घ) उत्तरांश 'ख' अनुसार है।
विभाग द्वारा करवाए गए कार्य
[वन]
107. ( क्र. 1904 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में वन विभाग के कितने कम्पार्टमेंट हैं? कम्पार्टमेंट का क्रमांक एवं क्रमांक के स्थान का नाम बतावें। (ख) विभाग द्वारा धर्मराजेश्वर एवं माकडी चामुण्डा क्षेत्र सहित सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के समस्त कम्पार्टमेंटों में विगत 2 वर्षों में क्या-क्या विकास कार्य करवायें गये हैं? कम्पार्टमेंटवार करवाए गए विकास कार्य का नाम, स्थान एवं खर्च की गई राशि सहित जानकारी देवें। (ग) विगत 2 वर्षों में वन विभाग द्वारा विकास के कार्यों में उपयोग में लिए गए ट्रैक्टर, जे.सी.बी. का भुगतान कितने रूपये प्रति घण्टे के अनुसार किया गया है? कुल खर्च राशि की जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में विगत 2 वर्षों में वन विभाग की भूमि पर वालबाउण्ड्री हेतु कितने पोल एवं तार फेंसिंग हेतु कितनी राशि खर्च की गई? प्रत्येक पोल की राशि एवं जाली की राशि बतावें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
स्कूलों में गद्दों का प्रदाय
[खेल और युवा कल्याण]
108. ( क्र. 1912 ) श्री के.पी. सिंह : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विभाग द्वारा ग्रामों के स्कूलों में 50-50, 60-60 गद्दे स्कूलों को प्रदाय किये जा रहे हैं? (ख) यदि प्रश्नांश (क) का उत्तर हां है तो स्कूलों में गद्दों का प्रदाय किस योजना के तहत् किया जा रहा है? गद्दों के प्रदाय का उद्देश्य क्या है? योजना की पूर्ण जानकारी दें। (ग) स्कूलों में प्रदाय किये गये गद्दों की लागत मूल्य क्या है? प्रश्न दिनांक तक गद्दों के प्रदाय पर कितनी राशि व्यय हो चुकी है? जिलेवार व्यय राशि की जानकारी दें। (घ) शिवपुरी जिले की तहसील पिछोर एवं खनियाधाना में किन-किन स्कूलों में, कितने-कितने गद्दों का प्रदाय किया गया है? स्कूलवार जानकारी उपलब्ध करावें।
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी नहीं। (ख) से (घ) प्रश्नांश 'क' के अनुक्रम में जानकारी निरंक है।
वन अपराध प्रकरण की जानकारी
[वन]
109. ( क्र. 1948 ) श्री रामपाल सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के वन मण्डल उत्तर शहडोल अंतर्गत वन परिक्षेत्र ब्यौहारी के परिक्षेत्र सहायक नौढिया एवं वन रक्षक द्वारा श्री नागेन्द्र द्विवेदी के वाहन के विरूद्ध वन अपराध प्रकरण क्रमांक २६९२/१८ दिनांक २८-०५-१६ दर्ज किया गया है। तथा बीस हजार रूपये जुर्माना वसूल की गई थी। (ख) यदि प्रश्नांश ‘क’ हां तो वाहन मालिक द्वारा उक्त वन अपराध प्रकरण के विरूद्ध की गई शिकायत की जाँच श्री एस.के. श्रीवास्तव, संयुक्त वनमण्डलाधिकारी, उप वन मण्डल ब्यौहारी द्वारा की जाकर प्रतिवेदन पत्र क्रमांक २४१९ ब्यौहारी दिनांक २८-१२-२०१६ को प्रबंध संचालक जिला लघु वनोपज सहकारी यूनियन मर्यादित उत्तर वन मण्डल शहडोल को दी गई है। (ग) क्या संयुक्त वनमण्डलाधिकारी, द्वारा पत्र क्रमांक २३४१ ब्यौहारी दिनांक २६-१२-२०१६ के द्वारा वनमण्डलाधिकारी वन मण्डल उत्तर शहडोल को उपरोक्त वन अपराध की संपूर्ण जाँच कर लेख किया गया है कि बिना किसी अपराध के वाहन मालिक से जुर्माना वसूल करना किसी तरह न्यायसंगत नहीं है। उक्त प्रकरण से संबंधित सभी कर्मचारियों को कारण बताओं सूचना पत्र जारी की गई है। (घ) यदि प्रश्नांश ‘ग’ हां तो उक्त संबंध में अब तक संबधित के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई और वसूल किये गये रूपये की वापसी की गई है यदि नहीं तो क्यों।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (घ) जी हाँ। रुपये 20,000/- (रु. बीस हजार) मात्र जुर्माने की राशि वसूल की गई, जिसे चालान नम्बर 31 दिनांक 31.05.2016 से भारतीय स्टेट बैंक शाखा ब्यौहारी में जमा किया गया है एवं परिक्षेत्राधिकारी, पश्चिम ब्यौहारी के लेखा में डी.आर. नं. 55 दिनांक 31.05.2016 को समायोजन किया जा चुका है। दोषी कर्मचारियों के विरूद्ध आरोप पत्र जारी किया गया है। कार्यवाही पूर्ण होने के उपरान्त नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
नगर उदय अभियान योजना की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
110. ( क्र. 1949 ) श्री रामपाल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शहडोल जिले के विभिन्न नगर निकायों में मध्यप्रदेश शासन द्वारा नगर उदय अभियान चलाकर योजना एवं अन्य लाभ हेतु स्थानीय निवासियों से आवेदन पत्र प्राप्त किये गये हैं। (ख) यदि प्रश्नांश ‘क’ हां तो प्रत्येक नगरीय क्षेत्रों में विभिन्न योजनाओं के तहत विगत दो वर्ष में विभिन्न योजनावार कितनें-कितने हितग्राहियों के आवेदन पत्र पंजीकृत किये गये हैं और कितने हितग्राहियों को किस-किस योजना के तहत लाभान्वित कराया गया है और कितने हितग्राहियों के आवेदन पत्र लंबित हैं। (ग) आवेदन पत्रों के निराकरण तथा वर्तमान स्थिति की जानकारी उपलब्ध करायी जावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ, मध्यप्रदेश शासन द्वारा नगर उदय अभियान दिनांक 25 दिसम्बर, 2016 से 05 फरवरी, 2017 तक जिले की सभी नगरीय निकायों में चलाकर योजना एवं अन्य लाभ हेतु स्थानीय निवासियों से आवेदन-पत्र प्राप्त किये गये हैं। (ख) प्रत्येक नगरीय क्षेत्रों में विभिन्न योजनाओं के तहत विगत दो वर्ष में विभिन्न योजनावार जिले की 06 नगरीय निकायों में कुल 17001 हितग्राहियों के आवेदन पत्र पंजीकृत किए गए है और शासन की विभिन्न योजना के तहत कुल 7680 हितग्राहियों को लाभान्वित कराया गया है तथा शेष 8957 हितग्राहियों के आवेदनो पर कार्यवाही प्रगति पर है एवं 364 हितग्राही अपात्र पाए गये हैं, निकायवार एवं योजनावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) शहडोल जिले की 06 नगरीय निकायों में कुल 7680 आवेदनों का निराकरण किया गया है, शेष 8957 आवेदनों पर कार्यवाही प्रगति पर है तथा 364 हितग्राही अपात्र पाये गये है।
प्रदेश में स्ट्राटर्फ हाकी ग्राउण्ड की स्वीकृति
[खेल और युवा कल्याण]
111. ( क्र. 1962 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में हाँकी खेल के लिए 1 जनवरी 2015 के पश्चात् कितने स्ट्राटर्फ ग्राउण्ड कहाँ-कहाँ पर, किस-किस दिनांक को शासन द्वारा स्वीकृत किये गये है? इनमें कितने स्थलों पर भूमि का चयन कर आवश्यक कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है? (ख) प्रश्नांश "क" संदर्भित हाँकी ग्राउंड के लिए कितनी राशि शासन द्वारा जारी की गई है इस राशि से किस-किस तरह के कार्य संपादित होंगे? क्या उनके वर्क आर्डर जारी हो गये हैं यदि "हाँ" तो शासन की कौन-कौन सी एजेंसी कौन-कौन सा निर्माण कार्य करेगी? इस हाँकी ग्राउंड में कौन-कौन सी सुविधाएं खिलाडि़यों को प्रदान की जायेंगी? (ग) क्या मंदसौर में हाँकी ग्राउंड हेतु भूमि का चयन कर निर्माण हेतु टेंडर जारी कर दिये गये हैं, मंदसौर ग्राउंड का निर्माण कब तक पूर्ण कर लिया जाएगा, मंदसौर ग्राउंड निर्माण की अद्यतन स्थति क्या है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) दिनांक 23.01.2016 को महिला हॉकी अकादमी ग्वालियर में हॉकी एस्ट्रोटर्फ तथा 30.08.2016 को इंदौर, शिवपुरी, होशंगाबाद, मंदसौर एवं दमोह में हॉकी एस्ट्रोटर्फ कुल 6 एस्ट्रोटर्फ स्वीकृत किये है। सभी स्थलों पर विभाग के आधिपत्य में भूमि उपलब्ध है। (ख) महिला हॉकी अकादमी ग्वालियर में हॉकी सिंथेटिक सरफेस कार्य हेतु रू. 587.95 लाख जारी कर हॉकी टर्फ का सिविल कार्य, बेसवर्क कार्य, पवेलियन का निर्माण किया जाना है। निर्माण कार्य म.प्र. लघु उद्योग निगम द्वारा किया जा रहा है। शेष 5 स्थानों के लिए रू. 2603.54 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है, राशि स्वीकृत नही की गई है। इन स्थानों पर प्रशासकीय स्वीकृत राशि में सिविल कार्य बेसवर्क व सिंथेटिक कार्य, कार्यालय उपकरण कार्य सम्मिलित हैं। सिविल निर्माण कार्य यथा पेवेलियन बाउण्ड्रीवाल का कार्य पी.आई.यू. द्वारा किया जावेगा, जबकि हॉकी सिंथेटिक टर्फ, बेसवर्क आदि कार्य खेल और युवा कल्याण विभाग द्वारा किया जावेगा। कार्यादेश जारी किये जाना शेष है। खिलाडि़यों को खेल प्रशिक्षण एवं खेल प्रतियोगिताओं हेतु अंतराष्ट्रीय स्तर खेल अधोसंरचना उपलब्ध होगी। (ग) जी हाँ। पी.आई.यू. द्वारा सिविल कार्य हेतु टेण्डर जारी किये जा चुके है, परन्तु अभी निर्माण कार्य आरंभ नहीं हुआ है। निर्माण कार्य पूर्ण करने की निश्चित अवधि बताई जाना संभव नहीं है।
आधी-अधूरी नल-जल योजना की जाँच
[नगरीय विकास एवं आवास]
112. ( क्र. 1965 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला दमोह की नगर परिषद् हिण्डोरिया में वृहद नल-जल योजना कब, कितनी राशि से, संचालित की गई, कार्य एजेंसी सहित जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) क्या आधी अधूरी योजना का बिना किसी जनप्रतिनिधि के लोकार्पण कर लिया गया? पानी की टंकी में रिसाव हो रहा है। पाईप लाईन का विस्तार नहीं किया गया है, अपूर्ण नल-जल योजना है। जनता को पानी प्राप्त नहीं हो रहा है। जाँच समिति द्वारा जाँच करायी जावेगी। यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर परिषद्, हिण्डोरिया में नल-जल योजना संचालित नहीं है। यू.आई.डी.एस.एस.एम.टी. अंतर्गत पेयजल योजना हेतु निविदा उपरांत राशि रू. 1295.40 लाख की वित्तीय स्वीकृति दिनांक 28.07.2015 को दी गई। कार्य एजेंसी मेसर्स तेजस कंस्ट्रक्शन एण्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रा.लि., पूणे (महाराष्ट्र) है। (ख) जी नहीं। जी नहीं, जी नहीं। जी नहीं यू.आई.डी.एस.एस.एम.टी.योजनान्तर्गत स्वीकृत पेयजल योजना के अनुसार कार्य पूर्ण किए गए हैं। घरेलू कनेक्शन दिए जाने के लिए पृथक से नगर परिषद् द्वारा निविदा आमंत्रित कर कार्यादेश दिया जा चुका है, कार्य पूर्ण होने पर जनता को घर में नल कनेक्शन लिए जाने पर नवीन योजना से पानी उपलब्ध होगा। जॉच की आवश्यकता नहीं है।
नगर परिषद् हिण्डोरिया के कार्यों की जाँच
[नगरीय विकास एवं आवास]
113. ( क्र. 1966 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला दमोह की नगर परिषद् हिण्डोरिया में वर्ष 2011-12, 2012-13, 2013-14, 2014-15, 2015-16, 2016-17 में क्या-क्या कार्य कितनी राशि से, किस कार्य एजेंसी द्वारा कराये गये? (ख) नगर परिषद् हिण्डोरिया द्वारा कराये गये कार्य व खरीदी में क्षेत्र भ्रमण उपरांत शिकायतें हो रही हैं। जाँच दल बनाकर क्या उक्त वर्षों की जाँच समय-सीमा में कराई जावेगी? दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) नगर परिषद्, हिण्डोरिया द्वारा कराये गये कार्य एवं खरीदी के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आई.डब्ल्यू.एम.पी.परियोजनाएं
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
114. ( क्र. 1991 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजीव गांधी जल गृहण क्षेत्र प्रबंधन मिशन भोपाल का पत्र क्र. 15067/22/वि-9/आर जी एम/पी.एम.के.एस.वाय/ स्थान./2016 भोपाल, दिनांक 12.12.2016 पत्र को उपलब्ध करावें? क्या इस पत्र के अनुसार म.प्र. के समस्त संविदा पर सचिवों की सेवायें समाप्त कर दी गई। यदि हाँ, तो इनको क्यों नियुक्त किया था अब फिर लगभग अधूरे कार्यकाल में सेवायें समाप्त करने का क्या कारण है क्या वाटर शेड विकास अंतर्गत संचालित परियोजनायें बंद करने की शासन की योजना है यदि हाँ, तो कब से बंद कर दिया जावेगा तथा क्यों कारण सहित स्पष्ट करें? यदि नहीं तो संविदा सचिवों को हटाने का क्या कारण स्पष्ट करें? (ख) ग्वालियर जिले में एकीकृत जलगृहण क्षेत्र प्रबंधन कार्यक्रम परियोजना किस-किस ग्राम, ग्राम पंचायत में चलाई जा रही है प्रत्येक परियोजना क्रमांकवार उनमें कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी वर्तमान में पदस्थ है उनका नाम, पद, नाम, पदस्थापना दिनांक, मुख्यालय सहित स्पष्ट करें। साथ ही हटाये गये संविदा सचिवों के नाम, किस स्थान पर पदस्थ थे। ग्वालियर जिले की सूची उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार संचालित परियोजनावार परियोजना शुभारंभ दिनांक से प्रश्न दिनांक तक प्रत्येक परियोजनावार कितनी-कितनी वित्तीय स्वीकृति प्राप्त हुई थी। 1 जनवरी 2017 में प्राप्त आवंटन अनुसार वित्तीय तथा भौतिक स्थिति क्या है? क्या वर्तमान में इस परियोजनाओं में निर्माण कार्य कराये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो किस-किस परियोजना क्रमांक में अलग-अलग जानकारी स्पष्ट करें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नाधीन पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। पत्र की जावक तिथि 12.12.2016 नहीं होकर 16.12.2016 है। केन्द्र शासन से परियोजनाओं के लिए प्राप्त होने वाले आवंटन में कमी होने और प्रशासनिक व्यय की अधिकतम सीमा समाप्त हो जाने के कारण एकीकृत जलग्रहण क्षेत्र प्रबंधन कार्यक्रम के अन्तर्गत वाटरशेड समितियों के संविदा पर नियुक्त सचिवों की सेवाएं समाप्त की गई है। जी नहीं, एकीकृत जलग्रहण क्षेत्र प्रबंधन कार्यक्रम की परियोजनाओं के अपूर्ण निर्माण कार्यों को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत ग्राम पंचायतों से पूर्ण कराए जाने की योजना है जिसके लिए वाटरशेड समितियों में अमले की आवश्यकता नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब एवं स अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द एवं ड अनुसार है। एकीकृत जलग्रहण क्षेत्र प्रबंधन कार्यक्रम के तहत धनाभाव के कारण कार्य वर्तमान में बंद है। अपूर्ण निर्माण कार्यों को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत लेकर पूर्ण कराने का निर्णय लिया गया है।
जनभागीदारी मद के कार्य
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
115. ( क्र. 1992 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला ग्वालियर अंतर्गत 25 प्रतिशत, 50 प्रतिशत जनभागीदारी मद से वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कितनी-कितनी राशि के निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये? जिले की प्रत्येक विधानसभावार कार्यों की अलग-अलग जानकारी दें? (ख) जनभागीदारी मद के अंतर्गत कार्य स्वीकृति करने हेतु नियम की प्रति दें। क्या इस नियम का पालन कर ही राशि स्वीकृत की गई, या नियम के विपरीत भी राशि स्वीकृत की गई है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार है। (ख) नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार है। सभी स्वीकृतियां नियमानुसार ही की जाकर राशि जारी की गई है।
रेत अवैध उत्खन्न का प्रकरण
[खनिज साधन]
116. ( क्र. 2007 ) श्री सचिन यादव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले की कसरवाद तहसील में कितनी रेत खदानें कब-कब स्वीकृत हुई है? क्या इन खदानों का सीमांकन कर ठेकेदारों को आवंटित की गई है? हां, तो स्वीकृत रकबे के अतिरिक्त अवैध उत्खन्न करने विरूद्ध किसी ठेकेदार व अन्य पर कोई कार्यवाही की गई है? हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार अवैध उत्खन्न के प्रकरण पंजीबद्ध किये जाने के उपरांत उन पर किस प्रकार की कार्यवाही की गई उनके नाम पता सहित जानकारी दें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन तहसील में खनिज साधन विभाग के आदेश दिनांक 22.09.2010 से 12 रेत खदानें मध्यप्रदेश राज्य खनिज निगम के पक्ष में उत्खनिपट्टे पर स्वीकृत की गईं हैं। इन खदानों में मध्यप्रदेश राज्य खनिज निगम को भू-प्रवेश की अनुमति सीमांकन उपरांत दी गई है। स्वीकृत रकबे के अतिरिक्त उत्खनन कार्य किये जाने का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आने के कारण कोई कार्यवाही नहीं की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अवैध कालोनियां एवं कॉलोनाईजर
[नगरीय विकास एवं आवास]
117. ( क्र. 2025 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा अवैध कॉलोनियों को वैध किये जाने हेतु विगत कई वर्षों से समय-समय पर कई आदेश/निर्देश दिये गये, साथ ही मान.मुख्यमंत्री जी द्वारा अवैध कॉलोनियों को वैध किये जाने हेतु कार्य योजना बनाकर अतिशीघ्र किये जाने के निर्देश भी दिये गये? (ख) यदि हाँ, तो रतलाम जिले में कुल कितने कॉलोनाईजर होकर कितनी सोसायटी, संस्थाएं इत्यादि है तथा प्रश्न दिनांक तक जिले में कुल कितनी वैध एवं अवैध कालोनियां है? (ग) जिले के नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र अन्तर्गत आने वाली किन-किन स्थानों की कितनी-कितनी भूमियां वैध एवं अवैध की स्थिति में होकर कुल कितनी भूमि है, साथ ही नियमानुसार गरीब वर्ग हेतु, शैक्षणिक कार्य हेतु, पर्यावरण हेतु, मांगलिक भवन, ऑडिटोरियम इत्यादि हेतु क्या-क्या किया गया? (घ) वैध/अवैध कॉलोनियों में प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में किन-किन कॉलोनियों में नाली, सड़क, विद्युतीकरण इत्यादि प्रकार के कार्य नहीं किये जाने की दशा में शासन/विभाग द्वारा क्या-क्या दण्डात्मक कार्यवाही की गई वर्ष 2013-14 से लेकर प्रश्न दिनांक तक की स्थिति स्पष्ट करें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) रतलाम जिले में 68 कॉलोनाईजर है एवं 134 वैध एवं 177 अवैध कॉलोनियां हैं। (ग) एवं (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार हैं।
ग्रामीण सड़कों की योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
118. ( क्र. 2026 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिला अंतर्गत वर्ष 2013-14 से लेकर प्रश्न दिनांक तक प्रधानमंत्री सड़क योजना मुख्यमंत्री सड़क योजना, मुख्यमंत्री खेत सड़क योजना एवं सुदूर ग्राम संपर्क सड़क योजना इत्यादि के माध्यम से कुल कितनी किन-किन स्थानों पर कितने कि.मी., कितनी राशि की सड़कें स्वीकृत की गईं? (ख) उपरोक्त योजना अंतर्गत सड़कों को बनाए जाने की स्वीकृति किस दिनांक को दी जाकर कितनी समयावधि में इन्हें बनाया जाना था? इनमें से कितनी पूर्ण हुईं, कितनी अपूर्ण रहीं, साथ ही कितनी राशि व्यय होकर कितनी शेष रहीं? (ग) क्या प्रधानमंत्री सड़क योजना एवं मुख्यमंत्री सड़क योजना के द्वितीय चरण में क्रमश: प्र.ग्रा.स.यो. में कितनी सड़कें चिन्हित होकर डी.पी.आर. बनाई गई तथा मु.ग्रा.स.यो. अंतर्गत कितनी सड़कों का डामरीकरण किये जाने की कार्ययोजना बनाई गई? (घ) क्या उपरोक्त योजनानुसार सड़कें बनाए जाने के बावजूद ग्रामीण क्षेत्रों के अनेक गांवों के अनेक मार्ग अभी भी सड़क विहीन होकर योजनांतर्गत नहीं आते, इस हेतु क्या शासन लिंक सड़क योजना प्रारंभ कर इन्हें पूर्ण करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना की सड़कों के डामरीकरण हेतु डी.पी.आर बनाने की प्रक्रिया प्रचलन में है। (घ) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के मापदंडों के अंतर्गत आने वाले सभी फीजिबल सड़कों का निर्माण एक सतत् प्रक्रिया है। समय-सीमा बतया जाना संभव नहीं है।
संयुक्त संचालक/उपसंचालकों के संबंध में
[खनिज साधन]
119. ( क्र. 2033 ) चौधरी चन्द्रभान सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग में पदस्थ संयुक्त संचालक/उपसंचालक खनिज प्रशासन का विभाग में लंबित असेसमेंट (मूल्यांकन) के परिप्रेक्ष्य में क्या योगदान है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) संबंधित अधिकारियों द्वारा निर्धारित कार्य नहीं किये जा रहे है? यदि हाँ, तो इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी और कब तक? यदि नहीं तो इनके द्वारा विगत पाँच वर्षों में कुल कितने मूल्यांकन किये गये हैं?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) खनिजों के असेसमेन्ट का कार्य जिलों में पदस्थ विभाग के अमले द्वारा किया जाता है। संयुक्त संचालक की पदस्थापना जिलों में नही है। जिलों में पदस्थ उप संचालक, खनिज प्रशासन द्वारा जिले की खनिज शाखा में खनि अधिकारी पद के कर्तव्यों के निर्वहन के तहत खनिजों के असेसमेंट का कार्य किया जाता है। (ख) जी नहीं। उप संचालक, खनिज प्रशासन की जिलों में पदस्थापना अवधि के दौरान किये गये कार्यों की जानकारी पृथक से संधारित नहीं की जाती है। अत: प्रश्नानुसार जानकारी उपलब्ध कराये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
केमेस्टि एवं मानचित्रकारों के संबंध में
[खनिज साधन]
120. ( क्र. 2034 ) चौधरी चन्द्रभान सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग में पदस्थ केमेस्टि/मानचित्रकार के लिये निर्धारित कार्य क्या है? (ख) क्या खनिज मुख्यालय में पदस्थ केमेस्ट के द्वारा आहरण एवं संवितरण अधिकारी का कार्य किया जा रहा है एवं मानचित्रकारों द्वारा स्थापना कार्य किया जा रहा है? (ग) यदि हाँ, तो इनके वेतन आहरण का आधार क्या है? यदि नहीं तो विगत पाँच वर्षों में मुख्यालय में पदस्थ केमेस्टि द्वारा आज दिनांक तक कुल कितने सेंपल का विश्लेषण किया गया तथा मानचित्र अधिकारियों द्वारा कितने मानचित्र बनाए गये?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) वांछित जानकारी संलग्न परिशिष्ट में दर्शित है। (ख) जी हाँ। मानचित्रकारों द्वारा स्थापना शाखा का कार्य नहीं किया जा रहा है। (ग) इनका वेतन आहरण मूल पद हेतु स्वीकृत वेतनमान के आधार पर किया जाता है। मुख्यालय में पदस्थ केमिस्ट द्वारा प्रयोगशाला संबंधी कार्य भी किया जाता है। मानचित्रकार द्वारा खनि रियायत से संबंधित नस्ती पर मानचित्र तैयार किये जाने का कार्य किया जाता है। इनकी संख्या की जानकारी पृथक से संधारित नहीं की जाती है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन विभाग को विधायक निधि से वर्ष 2014-15 में दिये गये कार्य की स्थिति
[वन]
121. ( क्र. 2045 ) श्रीमती नीलम अभय मिश्रा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा विधायक निधि वर्ष 2014-15 से पूर्व से बडीडीह मार्ग में संसरिया नाला में रपटा निर्माण हेतु 11.57 लाख अनुशंसित किये गये थे, कलेक्टर रीवा द्वारा क्र. 63 दिनांक 25/03/2015 को प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति जारी की गई। उपरोक्त कार्य की निर्माण एजेंसी वन मण्डलाधिकारी, वन मण्डल रीवा नियत की गई। (ख) उक्त कार्य आज दिनांक तक शुरू नहीं हो पाया। क्या प्रश्नकर्ता द्वारा कई बार निर्माण एजेंसी एवं योजना विभाग से इस बारे में बात भी की गई, परंतु कार्य प्रारंभ नहीं हुआ। (ग) उक्त कार्य की अद्यतन स्थिति क्या है? कार्य प्रारंभ होगा अथवा नहीं? यदि प्रारंभ होगा तो कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) कार्य प्रारम्भ नहीं हो सका है। पुनरीक्षित प्राक्कलन, तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त होने पर कार्य प्रारम्भ किया जाकर शीघ्र पूर्ण किया जावेगा।
प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना की राशि का दुरूपयोग
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
122. ( क्र. 2052 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधान सभा क्षेत्र की जनपद पंचायत परासिया के अंतर्गत ग्राम पंचायत तुमड़ी को प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना में शामिल करते हुए, शासन द्वारा ग्राम में विकास कार्य किए जाने हेतु 20 लाख (बीस लाख) रूपये की राशि प्रदान की गई थी? उपरोक्त प्रदाय राशि में ग्राम पंचायत तुमड़ी द्वारा कौन-कौन से निर्माण कार्यों को कराया गया है? (ख) क्या ग्राम पंचायत तुमड़ी के सरपंच/सचिव के द्वारा ग्राम में विकास कार्यों को प्रारंभ कराये बगैर ही लगभग 3.00 लाख (तीन लाख) रूपये की राशि निजी उपयोग हेतु आहरण किया गया है एवं अन्य व्यक्तियों को भी राशि का भुगतान किया गया है? अगर हाँ तो क्या यह शासन द्वारा प्रदाय राशि का दुरूपयोग नहीं है? अगर हाँ तो विभाग द्वारा उपरोक्त सरपंच/सचिव के ऊपर अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ग) उपरोक्त संबंध में उचित जाँच हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा पूर्व में भी जिलाध्यक्ष छिन्दवाड़ा एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत छिन्दवाड़ा को दिनांक क्रमांक वि.स./परासिया/127/2016/761 एवं 762 दिनांक 01/11/2016 को प्रेषित किए गये थे। जिस पर अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। स्थल पर कोई कार्य नहीं कराया गया। (ख) जी हाँ। प्रकरण में प्रथम दृष्ट्या ग्राम पंचायत सरपंच एवं सचिव द्वारा शासकीय धन राशि का गबन पाये जाने के परिप्रेक्ष्य में म.प्र. पंचायतराज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम, 1993 के प्रावधानों के तहत सरपंच को पद से पृथक करने एवं सरपंच एवं सचिव से धन राशि की वसूली करने की कार्यवाही सक्षम न्यायालय में संस्थित की गई है। पंचायत सचिव को निलंबित कर उसके विरुद्ध विभागीय जाँच संस्थित की गई है। थाना परासिया में अपराध की एफ.आई.आर दर्ज कराई गई है। (ग) जानकारी उपरोक्त उत्तर (ख) अनुसार है।
पंचायत स्तर के निर्माण कार्यों के मूल्यों का निर्धारण संबंधी नियमों की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
123. ( क्र. 2053 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंचायत स्तर के निर्माण कार्यों का पूरे प्रदेश में भोपाल स्तर से प्रति मीटर/वर्ग मीटर के हिसाब से निर्माण कार्य का मूल्य निर्धारित करना किस नियम व कानून के अनुसार है और क्या यह उचित है? (ख) क्या पी. डब्ल्यू. डी. मैनुअल के अनुसार स्थल अनुसार प्राक्कलन/डी.पी.आर. तैयार करने के बाद तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति की बाध्यता है? (ग) अगर बाध्यता है, तो सुदूर सड़क 1100 रू. प्रति मीटर, कपिलधारा कूप 2.00 लाख, खेल मैदान 32 रूपये प्रतिवर्ग मीटर, शांति धाम 180000, सी.सी. रोड 800 प्रति मीटर, सी.सी. नाली 550 प्रति मीटर किस नियमों के अनुसार निर्धारित किए गये हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) निर्माण कार्यों के लिये मानक रूपांकन, प्राक्कलन, तकनीकी स्वीकृति एवं मानक लागत निर्धारित करने के लिये किसी कानून एवं नियम में रोक नहीं है। जी हाँ। (ख) मानक रूपांकन, प्राक्कलन एवं तकनीकी स्वीकृति स्थल विशेष का परीक्षण करने की बाध्यता नहीं है। (ग) ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के SOR के आधार पर मानक रूपांकन एवं प्राक्कलन अनुसार।
आई.ए.पी./ए.सी.ए. मद से निर्माण
[वन]
124. ( क्र. 2063 ) श्री कुंवर सिंह टेकाम : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले के अंतर्गत वन विभाग को वर्ष 2010-11, 2011-12, 2012-13, 2013-14, 2014-15 में आई.ए.पी./ए.सी.ए. मद से कितने निर्माण कार्यों की स्वीकृति/राशि दी गई? मदवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में स्वीकृत निर्माण कार्यों में से कितने का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिये गये हैं एवं कितने अपूर्ण हैं? अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? स्वीकृत राशि के विरूद्ध निर्माण कार्यों में कितनी राशि व्यय की गई है? लागत एवं व्यय राशि के विवरण सहित जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या 1. रूंदा-भदौरा मार्ग में पुलिया 2. गांजा से कुन्दौर मार्ग पर महानदी पर पुल 3. बस्तुआ-उमरिया मार्ग पर बिजौरी नदी पर पुल एवं 4. भदौरा से मझगवां पहुँच मार्ग पर चोकरी नाले पर पुलिया निर्माण कराया गया था? यदि हाँ, तो जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में क्या उक्त पुल-पुलियों के निर्माण होने के एक वर्ष के अंदर ही पुल-पुलिया क्षतिग्रस्त हो गये हैं? यदि हाँ, तो गुणवत्ताविहीन पुल/पुलिया निर्माण हेतु जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारी कौन-कौन हैं? दोषियों के विरूद्ध अब तक क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं की गई है तो क्यों? क्षतिग्रस्त पुल/पुलियों का निर्माण/मरम्मत कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) से संबंधित सीधी जिले में सभी स्वीकृत निर्माण कार्य पूर्ण कर लिये गये हैं। अत: अपूर्ण कार्यों को पूर्ण कराने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सीधी जिले में निम्नांकित निर्माण कार्य कराये गये हैं:- 1. जूरी से रूदा (भदौरा) वनमार्ग में बकिया नाला पर रपटा निर्माण। 2. गाजर से कुन्दौर मार्ग पर महान नदी पर रपटा निर्माण। 3. बस्तुआ से उमरिया वनमार्ग पर बिजौर नदी पर रपटा निर्माण। 4. भदौरा से मझगवां पहुँच मार्ग पर चोकरी नाले पर (वित्तीय वर्ष 2006-07 में) पुलिया का निर्माण। (घ) वन विभाग सीधी के संजय टाईगर रिजर्व सीधी अन्तर्गत प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुये रपटा निर्माण कार्य निम्नानुसार :- 1. रूंदा-भदौरा वनमार्ग में प्रारंभिक जाँच में दोष परिलक्षित होने पर जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रारंभ है। 1. श्री मान सिंह जमोरिया, तत्कालीन प्रभारी परिक्षेत्राधिकारी, मोहन। 2. श्री सुग्रीवदास वर्मा वनपाल, परिक्षेत्र सहायक, भदौरा। 3. श्री राजेश कुमार सिंह वनरक्षक, परिसर रक्षक भदौरा। 2. बस्तुआ-उमरिया मार्ग पर बिजनौर नदी में निर्मित रपटे पर अत्यधिक वर्षा के कारण मिट्टी का कटाव हो गया था, जिसके मरम्मत का कार्य करा लिया गया है। 3. गाजर से कुन्दौर मार्ग पर महान नदी पर रपटा निर्माण के निरीक्षण पर पाया गया कि वर्ष 2016 में अत्यधिक वर्षा तथा पानी के अत्यंत बहाव के कारण रपटा क्षतिग्रस्त हुआ है। 4. वित्तीय वर्ष 2006-07 में सम विकास योजना के अंतर्गत भदौरा से मझगवां पहुँच मार्ग पर चोकरी नाले पर निर्मित पुलिया अत्यधिक वर्षा के कारण क्षतिग्रस्त हुई है। क्रमांक 03 एवं 04 के अन्तर्गत निर्मित रपटा वर्ष 2016 में अत्यधिक वर्षा के कारण क्षतिग्रस्त हुये हैं। इसमें कोई भी कर्मचारी/अधिकारी दोषी नहीं है। उपरोक्त 1,3 एवं 4 में अंकित कार्य आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त रपटा पुलियों के मरम्मत हेतु वित्तीय वर्ष 2017-18 के ए.पी.ओ. में सम्मिलित किये जाकर मरम्मत कार्य पूर्ण करा लिया जावेगा।
शासकीय महाविद्यालय के भवन निर्माण एवं पद की स्वीकृति
[उच्च शिक्षा]
125. ( क्र. 2064 ) श्री कुंवर सिंह टेकाम : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले के अंतर्गत विकासखण्ड कुसमी में नवीन शासकीय महाविद्यालय वर्ष 2013-14 से संचालित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में महाविद्यालय में शैक्षणिक एवं अशैक्षणिक में कितने पद स्वीकृत हैं? पदवार जानकारी देवें। स्वीकृत पदों में से कितने भरे एवं कितने रिक्त हैं? रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर ली जायेगी। (ग) शासकीय महाविद्यालय कुसमी जिला सीधी में विज्ञान एवं वाणिज्य संकाय खोले जाने हेतु योजना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो कब तक उक्त संकाय संचालित कर दिये जायेंगे। (घ) क्या अभी तक शासकीय महाविद्यालय कुसमी के लिये स्वयं का भवन नहीं है? यदि हाँ, तो भवन निर्माण की स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। (ख) शासकीय महाविद्यालय कुसमी में शैक्षणिक पद 07 एवं 10 अशैक्षणिक पद स्वीकृत हैं। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शैक्षणिक रिक्त पदों की पूर्ति हेतु लोक सेवा आयोग द्वारा दिनांक 19.02.2016 को विज्ञापन जारी हो चुका है। रिक्त पदों की पूर्ति हेतु निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। (घ) जी हाँ। शासकीय महाविद्यालय कुसमी जिला-सीधी के भवन निर्माण हेतु लोक निर्माण विभाग, पी.आई.यू. सीधी से प्रस्ताव प्राप्त हुआ है, जिसका परीक्षण कर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
खनिज मद से आवंटन
[खनिज साधन]
126. ( क्र. 2081 ) श्रीमती प्रमिला सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खनिज मद से जिलों को प्रदत्त राशि में से निर्माण कार्य स्वीकृति की क्या प्रक्रिया है? इस संबंध में शासन के क्या नियम/निर्देश हैं? निर्देश की प्रति दें? (ख) शहडोल जिले में खनिज मद से वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक कितना आवंटन प्राप्त हुआ है? (ग) प्राप्त आवंटन में से वर्ष 2015-16 से अब तक कितने निर्माण कार्य ग्रामीण क्षेत्रों में तथा कितने निर्माण कार्य शहरी क्षेत्रों में स्वीकृत किये हैं? सूची सहित विवरण दें। (घ) स्वीकृत निर्माण कार्यों की निरीक्षण की क्या प्रक्रिया है? प्रक्रिया तथा कार्यों की अद्यतन भौतिक/वित्तीय प्रगति से अवगत करावें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) खनिज मद से विभाग द्वारा जिलों को कोई राशि आवंटित नहीं की जाती है। जिलों में मुख्य खनिजों से जिला खनिज प्रतिष्ठान में नियमानुसार राशि जमा होती है। प्रश्नानुसार मध्यप्रदेश जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम, 2016 में प्रावधान हैं। यह नियम अधिसूचित नियम है। (ख) प्रश्नाधीन जिले में प्रश्नाधीन अवधि में जिला खनिज प्रतिष्ठान में राशि रूपये 28.14 करोड़ जमा हुए हैं। खनिज मद से विभाग द्वारा कोई आवंटन नहीं दिया गया है। (ग) जिला खनिज प्रतिष्ठान में जमा राशि में से प्रश्नाधीन अवधि में ग्रामीण क्षेत्र में 196 तथा शहरी क्षेत्र में 60 निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये हैं। प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'ब' में दर्शित है। (घ) स्वीकृत निर्माण कार्यों के निरीक्षण हेतु शहडोल जिले में दल का गठन किया गया है। जिसमें निरीक्षण हेतु प्रक्रिया निर्धारित की गई है। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर है। कार्यों की प्रगति के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द पर है।
ग्रामीण खेल मैदानों का लोकार्पण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
127. ( क्र. 2088 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल संभाग अंतर्गत विधान सभा स्तर पर बनाए जाने वाले ग्रामीण खेल मैदानों में से कितने तथा कहाँ-कहाँ तैयार हो गये हैं। बन चुके खेल मैदानों का लोकार्पण कब तक कर लिया जावेगा तथा कितने मैदानों का लोकार्पण किया जा चुका है? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत खेल मैदानों को किस संस्था को हैण्ड ओवर किया जाएगा तथा उक्त संस्था को कब तक यह मैदान हैण्ड ओवर कर दिये जाऐंगे? प्रश्नांश (क) मैदानों में खेल गतिविधियाँ कब तक प्रारंभ कर दी जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) मैदानों के रख-रखाव हेतु स्टॉफ की क्या व्यवस्था की जावेगी? क्या मैदान की सुरक्षा हेतु चौकीदार की नियुक्ति की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (क) में कौन-कौन से मैदान निर्माणाधीन है? कब तक इनका निर्माण कर लिया जावेगा? कहाँ-कहाँ निर्माण प्रक्रिया शेष है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) सीहोर जिले के ग्राम गांव तालाब एवं अल्हादाखेड़ी में एवं राजगढ़ जिले के ग्राम बक्त्यारपुर में खेल मैदान (स्टेडियम) का कार्य पूर्ण हो गया है। लोकार्पण किया जाना बंधनकारी नहीं है। निरंक। (ख) संबंधित जनपद पंचायत को। पूर्णता के 3 माह के भीतर। पूर्ण खेल मैदान (स्टेडियम) खेल गतिविधियों के लिए उपलब्ध है। इनमें खेल गतिविधियाँ संपादित कराने की जिम्मेदारी संबंधित पंचायत राज संस्थाओं की है, जिसके लिए समय-सीमा निर्धारित नहीं की जा सकती है। (ग) जनपद पंचायत द्वारा अपने वित्तीय संसाधनों से आवश्यकतानुसार संधारण एवं संचालन की व्यवस्था अपेक्षित है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वर्ष 2017-18 में पूर्ण कराया जाना लक्षित है।
प्रधानमंत्री सड़कों की स्वीकृति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
128. ( क्र. 2108 ) श्री संजय शर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तेन्दूखेड़ा विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत वर्ष 2013-2014 से वर्तमान तक कितनी प्रधानमंत्री सड़कें किन-किन ग्रामों में स्वीकृत की गई? ग्रामवार जानकारी प्रदान करें। (ख) कौन-कौन सी सड़कें पूर्ण हो चुकी हैं? कौन-कौन सी सड़कें अधूरी हैं? (ग) अपूर्ण सड़कें कब तक पूर्ण की जायेंगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विधान सभा क्षेत्र तेन्दुखेड़ा में वर्ष 2013-14 से वर्तमान तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत 12 सड़कें स्वीकृत की गई है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) अपूर्ण सड़कों को पूर्ण करने की निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
विक्रम विश्वविद्यालय में जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा
[उच्च शिक्षा]
129. ( क्र. 2113 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र विधान सभा द्वारा विक्रम विश्वविद्यालय हेतु मा. विधायकों को विश्वविद्यालय की कोर्ट सभा हेतु नामित किया था, यदि हाँ, तो कब, उक्त विश्वविद्यालय द्वारा प्रश्न दिनांक तक कब-कब विधायकों को आमंत्रित कर बैठक का आयोजन किया गया, इस सम्बन्ध में किन-किन मा. विधायकों ने कब-कब बैठक आयोजित करने हेतु विश्वविद्यालय को पत्र लिखा, उस पर विश्वविद्यालय द्वारा कब-कब पत्र का जबाब मा. विधायकों को दिया गया? (ख) क्या 1 वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद भी विश्वविद्यालय द्वारा एक भी बैठक का आयोजन नहीं किया गया? क्या यह आचरण विश्वविद्यालय दवारा मा. विधायकों के अधिकारों के हनन की श्रेणी में आता है? यदि हाँ, तो क्या इस सम्बन्ध में उच्च शिक्षा विभाग द्वारा विश्वविद्यालयों के पदाधिकारियों पर कोई कार्यवाही की जायेगी, यदि नहीं, तो ऐसी समिति का क्या औचित्य है? (ग) विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा 1 जनवरी 2013 के पश्चात कब-कब दीक्षांत समारोह या अन्य आयोजन किये गये, इनमें कब-कब उक्त समिति के विधायकों को कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया? यदि नहीं, तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। म.प्र. विधान सभा पत्रक भाग 2 क्रंमाक 27 दिनांक 03.03.2015 के द्वारा विक्रम वि.वि. उज्जैन की सभा के लिये विधान सभा के 'आठ' सदस्यों को निर्वाचित किया गया है। सभा के गठन की प्रक्रिया प्रचलन में है। बैठक आयोजित किये जाने हेतु मा. विधायक श्री यशपालसिंह सिसोदिया द्वारा दिनांक 12.05.2015 को विश्वविद्यालय को पत्र प्रेषित किया गया था, इस पत्र के उत्तर में विश्वविद्यालय द्वारा मा. विधायक महोदय को दिनांक 18.08.2015 को पत्र प्रेषित किया गया था। (ख) 01 सितम्बर 2010 से दिनांक 29 अगस्त 2013 तक विश्वविद्यालय में मध्यप्रदेश विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 की धारा-52 प्रभावशील थी। पश्चातवर्ती सभा के गठन के प्रावधानों के अंतर्गत निर्वाचन प्रक्रिया की कार्यवाही पूर्ण न हो सकने एवं सभा का गठन न हो पाने के कारण सभा की बैठक आयोजित नहीं की जा सकी। अतः विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 की धारा-20 के अनुसार सभा के गठन की कार्यवाही प्रचलन में है। यथाशीघ्र सभा के गठन की अधिसूचना प्रसारित की जावेगी। प्रश्नांश के शेष भाग में परीक्षण कराया जायेगा। (ग) 01 जनवरी 2013 के पश्चात दिनांक 25.07.2014 एवं 07 फरवरी 2017 को दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। म.प्र. विधान सभा द्वारा विक्रम वि.वि. उज्जैन की सभा के लिये निर्वाचित माननीय विधायकों को दीक्षांत समारोह में आमंत्रित किया गया था।
स्टॉप डेमों के निर्माण के संबंध में
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
130. ( क्र. 2128 ) श्री शान्तिलाल बिलवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ जिले में वर्ष 2010 से वर्तमान तक कितने स्टॉप डेमों का निर्माण किया गया है? उक्त स्टॉप डेमों पर वर्तमान में क्या स्थति है? (ख) स्टॉप डेमों का संधारण किस विभाग द्वारा या ग्राम पंचायत के माध्यम से किया जा रहा है? (ग) अगर ग्राम पंचायतों के माध्यम से किया जा रहा है तो झाबुआ जिले में निर्मित स्टॉप डेमों पर कड़ी शटर जो क्षतिग्रस्त हो चुकी है या चोरी हो गये, उनके कड़ी शटर किसके द्वारा लगाया जावेगा? (घ) यदि ग्राम पंचायत द्वारा संधारण किया जाता है, तो शासन मनरेगा योजना अंतर्गत प्राथमिकता के आधार पर स्टॉप डेम पर कड़ी शटर लगाये जाने हेतु कोई निर्दश जारी करेगा? जिससे की स्टॉप डेमों का संधारण सही तरीके से हो सके?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) झाबुआ जिले में वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक कलेक्टर सेक्टर में विभिन्न योजनाओं अंतर्गत कुल 226 स्टॉप डेमों को निर्माण किया गया। सभी स्टॉप डेम उपयोगी हैं। (ख) संबंधित ग्राम पंचायत एवं लाभांवित समूह द्वारा। (ग) एवं (घ) विभाग निर्देश दिनांक 15.12.2016 के तहत पंच परमेश्वर योजना में पूर्व निर्मित अधोसंरचना/परिसंपत्तियों की विशेष मरम्मत/सुदृढ़ीकरण हेतु ग्राम पंचायत एक वित्तीय वर्ष में रूपये एक लाख तक व्यय कर सकती है।
ए.के.व्ही.एन. द्वारा हातोद में घटिया निर्माण
[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]
131. ( क्र. 2153 ) श्री वेलसिंह भूरिया : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सरदारपुर के हातोद में औद्योगिक क्षेत्र के विकास के लिये ए.के.व्ही.एन. ने कब स्वीकृति जारी की एवं इसका निर्माण कब पूर्ण हुआ? (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा उक्त निर्माण कार्यों की गुणवत्ता घटिया किस्म की होने के कारण इसकी कमेटी बनाकर जाँच कराने की शिकायत की गई? (ग) इस शिकायत पर विभाग द्वारा दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जायेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) सरदारपुर के हातोद औद्योगिक क्षेत्र के विकास के लिये म.प्र. औद्योगिक केन्द्र विकास निगम, इन्दौर दवारा कार्य प्रारंभ करने की स्वीकृति कार्यादेश क्रमांक 13995 दिनांक 24/11/2014 को जारी की एवं निर्माण कार्य 25/08/2016 को पूर्ण हुआ। (ख) एवं (ग) माननीय सदस्य दवारा विधान सभा बजट सत्र 2016 में पूछे गये प्रश्न क्रमांक 44 दिनांक 29/02/2016 पर उद्भूत आश्वासन क्रमांक 221 अनुसार धार जिले के हातोद औद्योगिक क्षेत्र में कराये गये निर्माण का निरीक्षण दिनांक 27/05/2016 मान. विधायक दवारा ए.के.व्ही.एन. इन्दौर के इंजीनियरों के साथ किया गया एवं दिनांक 04/07/2016 प्रबंध संचालक, ए.के.व्ही.एन. इन्दौर दवारा निरीक्षण परीक्षण किया गया, जिसके परिणाम निर्धारित मानकों के अनुरूप पाये गये।
ग्राम उदय अभियान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
132. ( क्र. 2182 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के सिरोंज विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत 14 अप्रैल से 31 मई 2016 तक सरकार द्वारा ग्राम उदय से भारत उदय अभियान चलाया गया था, उसमें किन-किन विभागों के कितने-कितने आवेदन प्राप्त हुए थे? क्या अभियान अंतर्गत ग्राम विकास हेतु ग्राम स्तर पर योजनाएं बनाई गई थीं? यदि हाँ, तो क्या-क्या योजनाएं बनवाई गई थीं? अभियान अंतर्गत ग्रामीणों द्वारा दिये गये सामुदायिक कार्यों में शामिल किये गये कार्यों की सूची उपलब्ध करावें, जिस पर कार्यवाही की जाना है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार विधान सभा क्षेत्र सिरोंज एवं लटेरी में ग्राम उदय से भारत उदय योजनांतर्गत प्रश्नांश दिनांक तक ग्राम पंचायतों में क्या-क्या काम कराये गये, जिसमें से कितने कार्य पूर्ण हुए एवं कितने कार्य अपूर्ण है? अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण किया जावेगा? उक्त निर्माण कार्यों में कितना-कितना धन राशि का व्यय किया गया? जानकारी ग्राम पंचायतवार देवें। (ग) ग्राम उदय से भारत उदय योजनान्तर्गत प्राप्त आवेदनों में से कितने आवेदन पात्र पाये गये एवं कितने आवेदन अपात्र पाये गये विभागवार एवं ग्रामवार जानकारी देवें? क्या पात्र लोगों को लाभांवित किया गया है एवं उनको सूचित किया गया है, यदि नहीं तो कब तक लाभांवित किये जाने की संभावना हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ अनुसार। जी नहीं, ग्राम पंचायतों में उन्हें उपलब्ध होने वाले वित्तीय संसाधनों के मद्देनजर ग्राम पंचायत विकास योजनाएं बनाई। ग्राम पंचायतों द्वारा उनकी कार्य योजना में शामिल कार्यों की जानकारी शासन द्वारा संकलित एवं संधारित नहीं की जाती है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’ अनुसार। प्रारंभ एवं अपूर्ण कार्य पूर्ण कराना संबंधित ग्राम पंचायतों को उपलब्ध वित्तीय संसाधनों तथा उनके द्वारा परस्पर प्राथमिकता क्रम तय करने पर निर्भर होने से विभाग द्वारा कार्यों को पूर्ण करने की समय-सीमा नियत नहीं की जा सकती है। (ग) ग्राम उदय से भारत उदय योजना नहीं होकर अभियान था। प्राप्त आवेदन संबंधित विभागों को निराकरण हेतु भेजे गए। विभिन्न विभागों द्वारा पात्रता एवं प्राथमिकता क्रम से आवेदन पत्रों को निराकृत किया गया। शासन के विभिन्न विभागों से आवेदन पत्रों के निराकरण की ग्रामवार जानकारी संकलित करने की व्यवस्था नहीं है।
मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास की स्वीकृति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
133. ( क्र. 2183 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना के नियम क्या हैं? (ख) जनपद पंचायत सिंरोज एवं लटेरी अंन्तर्गत मुख्य मंत्री ग्रामीण आवास मिशन योजनान्तर्गत वर्ष 2013-14 से 2015-16 तक किन-किन ग्राम पंचायतों से कितने-कितने आवेदन पत्र प्राप्त हुए एवं प्राप्त आवेदन पत्रों में कितने स्वीकृत हुए हैं? ग्राम पंचायतवार सूची उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार कितने हितग्राहियों के प्रकरण किन-किन बैंकों में भेजे गये वर्षवार जानकारी देवें? जिसमें से किस-किस बैंक द्वारा कितने-कितने प्रकरण स्वीकृत किये? स्वीकृत आवासों में से कितने आवास पूर्ण किये गये और कितने आवास अपूर्ण हैं? अपूर्ण रहने का क्या कारण है एवं कब तक पूर्ण किया जावेगा? (घ) उक्त योजनान्तर्गत हितग्राहियों द्वारा प्रथम किश्त का लाभ लेने के बाद कितने हितग्राहियों को द्वितीय किश्त की राशि का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है, क्यों? (ड.) जनपद पंचायत सिरोंज एवं लटेरी में से ऐसे कितनी ग्राम पंचायतें हैं जो एक भी प्रकरण नहीं बनाये गये है एवं जो बैंक में प्रकरण भेजने के बाद भी कोई आवास स्वीकृत नहीं हुआ है? आवास स्वीकृत न होने का क्या कारण है? इसके लिए कौन जिम्मेदार है? दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन से संबंधित नीति/दिशा-निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जनपद पंचायत सिरोंज एवं लटेरी में मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन के अंतर्गत वर्ष 2013-14 से वर्ष 2015-16 तक ग्राम पंचायतवार प्राप्त आवेदन पत्र एवं स्वीकृत आवेदन पत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार बैंकवार भेजे गये हितग्राहियों के प्रकरण, स्वीकृत प्रकरण, स्वीकृत प्रकरणों में पूर्ण/अपूर्ण आवासों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। आवास निर्माण निरन्तर प्रक्रिया है, आवास निर्माण हितग्राहियों द्वारा उन्हें उपलब्ध समय/निर्माण सामग्री के अनुसार स्वयं किया जाता है। अतः कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) उक्त योजनान्तर्गत जनपद पंचायत सिरोंज के हितग्राहियों द्वारा प्रथम किश्त का उपयोग करने के बाद सभी हितग्राहियों को द्वितीय किश्त का भुगतान बैंकों द्वारा कर दिया गया है। जनपद पंचायत लटेरी के 84 हितग्राहियों द्वारा प्रथम किश्त का उपयोग न किये जाने के कारण बैंक द्वारा द्वितीय किश्त प्रदान नहीं की गई है। (ड.) जनपद पंचायत लटेरी की ग्राम पंचायत भटोली से कोई भी आवेदन आवास ऋण हेतु प्राप्त नहीं हुआ है। जनपद पंचायत सिरोंज की 06 ग्राम पंचायतों के प्रकरण बैंकों में भेजने के बाद भी, बैंकों द्वारा ऋण स्वीकृति हेतु आवेदनों के परीक्षण में त्रुटि पाये जाने तथा बैंकों के लक्ष्य पूर्ण होने के कारण, बैंकों द्वारा ऋण प्रकरण स्वीकृत नहीं किये गये हैं। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
बोड़ा नगर पंचायत में पारित संकल्प
[नगरीय विकास एवं आवास]
134. ( क्र. 2203 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) म.प्र. नगर पालिका अधिनियम की धारा 62 (4) में क्या नियम है? जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) नरसिंहगढ़ विधान सभा क्षेत्र की बोड़ा नगर परिषद् द्वारा दिनांक 02 फरवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक परिषद् की बैठक व प्रेसिडेंट इन काउंसिलिंग (पी.आई.सी.) की कितनी बैठक की गई? जानकारी देवें व इन बैठकों में क्या-क्या संकल्प पारित किये गये? संकल्पों (प्रोसिडिंग) की प्रति बैठकवार उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्न की कंडिका (ख) की उपलब्ध जानकारी अनुसार क्या बोड़ा नगर परिषद् द्वारा प्रश्न की कंडिका (क) में उपलब्ध नियमों का पालन किया गया है? यदि हाँ, तो जिला कलेक्टर राजगढ़ को कब-कब, किस-किस दिनांक को किस जावक क्र. से जानकारी भेजी गई? यदि नियमों का पालन नहीं किया गया है तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ क्या कार्यवाही, कब तक की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 62 (4) में प्रावधान है कि '' परिषद् द्वारा सम्मेलन में पारित संकल्प की एक प्रति, सम्मेलन की तारीख से दस दिन, के भीतर विहित प्राधिकारी को अग्रेषित की जायेगी। '' (ख) नगर परिषद्, बोड़ा द्वारा दिनांक 02 फरवरी 2015 से परिषद् की 10 बैठक एवं पी.आई.सी की 06 बैठक आयोजित की गई, परिषद् एवं पी.आई.सी पारित संकल्पों की प्रतिलिपि बैठकवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) की उपलब्ध जानकारी अनुसार प्रश्नांश कण्डिका (क) में नियमों का पालन किया गया है। कलेक्टर, जिला - राजगढ़ को पत्र (1) जावक क्रमांक 163 दिनांक 11.02.2015, (2) जावक क्रमांक 285 दिनांक 28.02.2015, (3) जावक क्रमांक 462 दिनांक 06.04.2015, (4) जावक क्रमांक 584 दिनांक 11.05.2015, (5) जावक क्रमांक 1274 दिनांक 22.09.2015, (6) जावक क्रमांक 397 दिनांक 14.03.2016, (7) जावक क्रमांक 589 दिनांक 18.04.2016, (8) जावक क्रमांक 1457 दिनांक 19.08.2016, (9) जावक क्रमांक 1682 दिनांक 03.10.2016, (10) जावक क्रमांक 1996 दिनांक 30.12.2016, के माध्यम से परिषद् प्रोसीडिंग की जानकारी भेजी गई है एवं नियम का पालन किया गया है, इसलिये किसी भी प्रकार की कार्यवाही की कोई आवश्यकता नहीं है।
दृष्टि एवं श्रवण बाधितार्थ उ.मा. विद्यालय
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
135. ( क्र. 2223 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा दृष्टि एवं श्रवण बाधितार्थ उ.मा. विद्यालय सागर को कितनी भूमि आवंटित की गयी है? क्या आवंटित भूमि पर कतिपय लोगों द्वारा अतिक्रमण कर उपयोग किया जा रहा है? यदि हाँ, तो अतिक्रमण हटाये जाने हेतु विद्यालय द्वारा कब-कब क्या कार्यवाही की गयी? (ख) क्या सागर नगर में दृष्टि एवं श्रवण बाधितार्थ शासकीय उ.मा. विद्यालय स्थापित हैं? यदि हाँ,तो इस विद्यालय में कितना स्टॉफ कौन-कौन से पद पर कार्यरत हैं? नाम, पद सहित बतायें। (ग) शासन द्वारा वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में विद्यालय को कौन-कौन से कार्यों हेतु कितनी राशि उपलब्ध करायी गयी है तथा इस राशि को किस अधिकारी द्वारा व्यय किया गया है? पदवार, मदवार, व्यय राशि बतायें। (घ) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त विद्यालय के वर्ष 2016-17 में कितनी राशि शासन के द्वारा किन मदों में आवंटित हुई है? प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि किन-किन कार्यों पर व्यय की गई है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वर्तमान में उक्त प्रकरण तहसील न्यायालय में दिनांक 17.02.2012 से विचाराधीन है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार।
रोजडे पकड़ने के अभियान में जनप्रतिनिधियों को सम्मिलित किया जाना
[वन]
136. ( क्र. 2229 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा विधान सभा क्षेत्र सुवासरा के ग्राम ऐरा में रोजड़े (नील गाय) पकड़ने का कार्य किन-किन अधिकारियों के नेतृत्व में किया गया था? समस्त शासकीय एवं अशासकीय अधिकारियों के नाम, पदनाम एवं पदस्थापना बतावें। (ख) अभियान में सम्मिलित अधिकारियों द्वारा पूर्व में वन्य प्राणियों को पकड़ने संबंधी क्या-क्या कार्य किन-किन स्थानों पर किये गये हैं? कार्य एवं स्थान की जानकारी देवें। (ग) रोजड़े पकड़ने के अभियान हेतु विभाग द्वारा चयनित पंचायत ऐरा के आसपास कितनी ग्राम पंचायत व ग्राम रोजड़े द्वारा फसल नुकसानी से प्रभावित थे? ग्राम एवं पंचायतों के नाम बतावें। (घ) क्या विभाग द्वारा अभियान प्रारम्भ करने से पूर्व कार्य स्थल पर ग्राम ऐरा के साथ अन्य प्रभावित ग्रामों के ग्रामवासियों, जनप्रतिनिधियों एवं क्षेत्रीय विधायक के साथ योजना के संबंध में बैठक का आयोजन किया गया था? यदि किया गया था तो सूचना का माध्यम एवं प्रभावित समस्त ग्रामों एवं पंचायतों के सूचित किए गए जनप्रतिनिधियों का नाम एवं पद बतावें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) वन विभाग द्वारा विधान सभा क्षेत्र सुवासरा के ग्राम ऐरा में रोजड़ा को पकड़ने का कार्य अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) इन्दौर, मुख्य वन संरक्षक उज्जैन वृत्त वनमण्डलाधिकारी सामान्य वनमण्डल मन्दसौर के नेतृत्व में किया गया था एवं अभियान में शामिल समस्त शासकीय एवं अर्द्धशासकीय अधिकारियों/कर्मचारियों के नाम, पदनाम एवं पदस्थापना की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) अभियान में सम्मिलित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 के क्रमांक 01 से 08 तक अधिकारियों/ कर्मचारियों द्वारा पूर्व में बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व एवं कान्हा टाईगर रिजर्व में चीतल तथा इंडियन बाइसन (गौर) को बोमा पद्धति से पकड़ने का कार्य कई बार सम्पादित किया गया है। (ग) ग्राम ऐरा के आस-पास ग्राम कयामपुर, नाटाराम, चिकला, सुर्याखेड़ा, पतलासी, बिशनिया आदि ग्राम रोजड़ों द्वारा फसल नुकसानी से प्रभावित थे। (घ) जी हाँ। विभाग द्वारा अभियान प्रारम्भ करने के पूर्व कार्य स्थल पर ग्राम ऐरा के साथ अन्य प्राभावित ग्रामों के ग्रामवासियों, ग्राम वन समितियों के साथ दिनांक 04.11.2016 को उप वनमण्डलाधिकारी गरोठ द्वारा ग्राम ऐरा में बैठक आयोजित कर अभियान के संबंध में विचार विमर्श कर क्रियान्वयन हेतु स्थल चयन एवं कार्य संपादन की रणनीति बनाई गई। दिनांक 18.11.2016 को कलेक्टर कार्यालय सभा कक्ष में वन विभाग द्वारा रोजड़ों को पकड़कर गांधीसागर अभयारण्य में छोड़ने के संबंध में बैठक आयोजित की गई। बैठक हेतु व्यक्तिगत रूप से वनमण्डलाधिकारी मन्दसौर द्वारा जनप्रतिनिधियों, माननीय क्षेत्रीय विधायकों, माननीय सांसद एवं जिला अधिकारियों को सूचना देकर आमंत्रित किया गया। बैठक में उपस्थित जनप्रतिनिधियों, माननीय क्षेत्रीय विधायकों, माननीय सांसद एवं जिला अधिकारियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
नगरीय क्षेत्र में पेय-जल
[नगरीय विकास एवं आवास]
137. ( क्र. 2233 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शाजापुर जिले के पानखेड़ी (कालापीपल) एवं पोलायकला नगरीय क्षेत्रों में पेय-जल संकट के स्थाई हल हेतु जल आवर्धन योजना की स्वीकृति शासन द्वारा प्रदान की गयी है? यदि हाँ, तो स्वीकृति की दिनांक बताएं। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जल आवर्धन योजना अंतर्गत क्या-क्या प्रावधान किये गए? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित नगरीय क्षेत्रों में जल आवर्धन योजना का कार्य कब से प्रारंभ किया जावेगा तथा जल स्त्रोत क्या-क्या होंगे? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित नगरीय क्षेत्रों में पेय-जल संकट को देखते हुए नागरिकों को पेय-जल उपलब्ध कराने हेतु क्या कोई वैकल्पिक व्यवस्था की जावेगी? यदि हाँ, तो कहाँ से?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। शाजापुर जिले के पानखेड़ी (कालापीपल) एवं पोलायकला की जल प्रदाय योजना को ए.डी.बी. सहायतित परियोजना के अंतर्गत सम्मिलित किया गया है। पानखेड़ी (कालापीपल) की जल प्रदाय योजना पर ए.डी.बी. की सहमति दिनांक 11.07.2016 को प्राप्त हो गई है। पोलायकला की जल प्रदाय योजना के जल स्त्रोत के चयन की कार्यवाही प्रचलन में होने के कारण डी.पी.आर. को अंतिम रूप देना शेष है। (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत उल्लेखित जल प्रदाय योजनाओं में मुख्यत: इंटेकवेल, जल शुद्धिकरण यंत्र, जल संग्रहण टैंक, उच्च स्तरीय टंकी, जल प्रदाय नलिकाएँ कनेक्शन इत्यादि इकाइयों का प्रावधान किया गया है एवं निर्माण के साथ 10 वर्षों तक योजना के संचालन एवं संधारण का प्रावधान भी किया गया है। (ग) शाजापुर जिले के पानखेड़ी (कालापीपल) नगरीय निकाय की निविदाएँ माह अप्रैल तक आमंत्रित की जाकर निविदा प्रक्रिया एवं स्वीकृति की कार्यवाही उपरांत कार्य प्रारंभ किया जा सकेगा। नगर परिषद्, पोलायकला के लिए जल स्त्रोत का निर्धारण किए जाने के उपरांत योजना स्वीकृति तथा निविदा आमंत्रण एवं स्वीकृति की कार्यवाही उपरांत कार्य प्रारंभ किया जा सकेगा। निश्चित समय-सीमा बतलाया जाना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ। निकायों के समीपस्थ पर्याप्त मात्रा एवं गुणवत्ता के जल स्त्रोतों से।
गुणवत्ताविहीन पुल/पुलिया एवं सी.सी. कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
138. ( क्र. 2234 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत शाजापुर जिले में ढाबलाधीर से पारदाखेड़ी, खोंकराकला से मूडलामैना एवं अवंतिपुर बडोदिया से अमस्याखेड़ी सड़क का निर्माण किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या इन सड़कों की पुल/पुलियाओं एवं सी.सी. कार्य में मानक स्तर के मटेरियल के स्थान पर मिट्टीयुक्त लोकल नाले की काली रेत का उपयोग किया जा रहा है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सड़क निर्माण में पुल-पुलियाओं एवं सी.सी. कार्य में उपयोग लाये जा रहे मटेरियल का टेस्ट कराया गया है? विभाग से कौन-कौन सी प्रयोगशाला अधिकृत है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सड़कों में उपयोग लाये जा रहे मटेरियल के सेम्पल को प्रयोगशाला में टेस्ट किये गये मटेरियल की रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध कराये?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। (ख) जी हाँ। अनुबंधित ठेकेदार द्वारा स्थापित प्रयोगशाला एवं प्राधिकरण की जिले में स्थित इकाई स्तर पर स्थापित प्रयोगशाला अधिकृत है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
वन अपराध के प्रकरण
[वन]
139. ( क्र. 2263 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में वित्तीय वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक पशु चराई एवं अवैध उत्खनन एवं परिवहन के वन अपराधों के पी.ओ.आर. प्रकरण 204/27, 281/09, 312/14, 12/14, 284/22, 306/14, 32/16, 349/19, 349/18, 340/17, 349/17, 349/16, 87/23, 37/24, 218/14 किन-किन व्यक्तियों के कब-कब, किस-किस दर से प्रतिकर की राशि कितनी-कितनी लगाई गई? प्रत्येक प्रकरण में लगाई गई कुल वसूली योग्य राशि बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वन अपराधों के प्रकरण में प्रतिकार/जुर्माने की राशि हेतु विभाग द्वारा जारी किये गये आदेश एवं निर्देश का पालन किया गया है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं तो क्यों? (ग) जप्त किये गये वाहन विभागीय अधिकारियों की सांठ-गांठ से क्या छोड़ दिये गये? यदि हाँ, तो क्यों? दोषी अधिकारी कर्मचारी के विरूद्ध निलंबन की कार्यवाही करेंगे? क्या जाँच सिद्ध होने पर संबंधित अधिकारियों को सेवा से पृथक करने की कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) प्रश्नाधीन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ‘‘ अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब‘‘ अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आरक्षित औद्योगिक भूमि का आंवटन की समीक्षा एवं निराकरण
[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]
140. ( क्र. 2275 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के औद्योगिक केन्द्र एवं विकास निगम (ए.के.व्ही.एन.) उद्योग विहार में भू-आवंटन अधिनियम 2016 के अंतर्गत 12 अगस्त 2016 को विज्ञापन जारी किया कि पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर ऑन-लाईन से आवेदकों को जारी किया जावेगा? जिसका अंतिम दिनांक 22 अगस्त 2016 रखा गया था? आवेदन के आखिरी दिनांक 22 अगस्त के एक दिन पहले 21 अगस्त को आवेदन ऑन-लाईन प्रक्रिया में संशोधन कर दिया, जिसमें पहले राशि जमा करने वाले को पात्रता का आधार बना दिया? इसी प्रकार 2014 में भी 10 उद्यमियों को एल.ओ.जे. जारी करने के बाद प्रक्रिया निरस्त कर दी थी फिर बाद में 2 उद्यमी को निरस्त की लीजडीड को बहाल कर दिया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में क्या मामला कोर्ट में जाने से तकनीकी खामी बताकर 6 सितम्बर 2016 को आवंटन प्रक्रिया निरस्त कर दी गयी एवं आवेदकों की जमा राशि वापस कर दी गयी और क्या इसी बीच बिना सार्वजनिक सूचना के निरस्त प्रक्रिया को पुन: शुरू कर प्लाट का आवंटन कर दिया गया? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में आवंटन नियम विरूद्ध मानकर याचिकाकर्ताओं द्वारा हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई जिसमें हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव वाणिज्य उद्योग को तीन माह की समय-सीमा में जाँच करने हेतु कहा तथा जाँच उपरांत दोषी के खिलाफ कार्यवाही एवं आवंटन निरस्त की कार्यवाही के आदेश दिये गये? जारी किये गये आशय पत्र सी.ओ.जे. का प्लाट नंबर, फर्म एवं फर्म मालिक का नाम बतावें। (घ) याचिकाकर्ताओं द्वारा कोर्ट से पूर्व प्रमुख सचिव उद्योग एवं रोजगार से जाँच कराने की शिकायत की गई थी? यदि हाँ, तो क्यों जाँच नहीं की गई। इसके लिये कौन दोषी है? प्रश्नांश (ग) के प्रकाश में क्या कोर्ट के आदेश अनुसार समय-सीमा में कार्यवाही की जावेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) म.प्र. औद्योगिक केन्द्र विकास निगम (रीवा) लिमिटेड रीवा दवारा औद्योगिक क्षेत्र उद्योग बिहार रीवा के 9 भूखण्डों के आवंटन हेतु विज्ञप्ति दिनांक 02/08/2016 (समाचार पत्र में प्रकाशन दिनांक 12/08/2016) से विज्ञापन जारी कर दिनांक 22/08/2016 को म.प्र. राज्य भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम 2015 के प्रावधान अनुसार ऑन-लाईन आवेदन आमंत्रित किये गये। आवेदकों की सुविधा की दृष्टि से एम.पी. ट्रायफेक, भोपाल की वेबसाइट www.invest.mp.gov.in पर लैण्ड बुकिंग लिंक भी उपलब्ध करायी गई, जिसमें म.प्र. राज्य भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम 2015 के प्रावधान अनुसार भूमि आवंटन के संबंध में 'प्रथम आओ-प्रथम पाओ' व्यवस्था के विषय में विस्तार से स्थिति स्पष्ट की गई थी कि 'प्रथम आओ-प्रथम पाओ' की वरीयता, राशि जमा करने के आधार पर होगी। वर्ष 2014 में 2 इकाइयों के भूखण्ड निरस्तीकरण उपरांत उक्त भूखण्डों हेतु 10 उद्यमियों को आशय पत्र जारी किये गये थे, परन्तु निरस्त भूखण्डों की लीजडीड अपील निर्णय में बहाल होने जाने के कारण उक्त 10 आशय पत्र निरस्त कर दिये गये। (ख) प्रकरण कोर्ट में जाने के कारण नहीं अपितु ए.के.व्ही.एन. रीवा स्तर पर निर्णय उपरांत आवंटन प्रक्रिया निरस्त की जाकर आवेदकों की राशि वापिस की गई थी, किन्तु ए.के.व्ही.एन. रीवा स्तर से लिये गये निर्णय की समीक्षा एम.पी. ट्रायफेक दवारा किये जाने पर प्रक्रिया पुन: बहाल की गई, जिसके परिपालन में भूमि आवंटन की कार्यवाही ए.के.व्ही.एन. रीवा दवारा की गई। बहाली की सूचना आवेदकों को भी दी गई। (ग) जी हाँ। मान. उच्च न्यायालय के निर्देशों के पालन में प्रकरण में दायर याचिका में उठाये गये बिन्दुओ की जाँच हेतु कार्यवाही की जा रही है। जहां तक आशय पत्र संबंधी जानकारी का प्रश्न है संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं। वस्तुत: याचिकाकर्ता दवारा शिकायत मुख्य सचिव, मध्यप्रदेश शासन को प्रेषित की गई थी जिसे निराकृत एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित किया गया था। इसी बीच याचिकाकर्ता दवारा मान. उच्च न्यायालय के निर्णय से विभाग को अवगत कराया गया है। जिस पर निर्देशानुसार कार्यवाही की जा रही है। अत: इस कारण दोषी होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला पंचायत स्टेनो के विरूद्ध शिकायतों की जाँच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
141. ( क्र. 2287 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्री सुभाष साहू, स्टेनो, जिला पंचायत सिवनी के विरूद्ध भ्रष्टाचार एवं अनियमितताओं की शिकायतें की गई हैं? यदि हाँ, तो प्रत्येक शिकायत का विवरण दें? (ख) उपरोक्त शिकायतों की जाँच किन-किन अधिकारियों द्वारा की गई प्रत्येक जाँच का प्रतिवेदन दें? (ग) गंभीर अनियमितताओं एवं भ्रष्टाचार के प्रमाण सहित प्रस्तुत शिकायतों पर दोषी पाये जाने पर भी श्री सुभाष साहू, स्टेनो के विरूद्ध कार्यवाही न करने का कारण बतायें। क्या श्री सुभाष साहू के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं तो क्यों? (घ) क्या कार्यालय कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी, सिवनी के आदेश क्रमांक 2686 दिनांक 16 अप्रैल 2013 के अनुसार श्री सुभाष साहू, स्टेनो के विरूद्ध प्राप्त शिकायत की जाँच उपरांत दोषी पाये जाने के बाद भी स्टेनो श्री सुभाष साहू के विरूद्ध कोई कार्यवाही न करते हुये प्रकरण को दबा दिया गया है? यदि हाँ, तो कारण बतावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जन शिकायत निवारण विभाग के पोर्टल पर श्री सुभाष साहू, स्टेनो जिला पंचायत सिवनी के विरुद्ध एक शिकायत प्राप्त होना प्रतिवेदित है। शिकायत की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ अनुसार है। (ख) शिकायत की जाँच श्री सी.एल. मरावी, अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सिवनी द्वारा की गई। जाँच प्रतिवेदन दिनांक 24.01.2013 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’ अनुसार है। (ग) मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सिवनी द्वारा दि. 16.02.2017 को श्री सुभाष साहू, स्टेनो का स्पष्टीकरण प्राप्त करने के लिए कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। (घ) जी नहीं। आगामी कार्यवाही कारण बताओ सूचना पत्र का उत्तर प्राप्त होने के उपरांत गुणदोष पर निर्भर है।
अपात्र हितग्राहियों का चयन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
142. ( क्र. 2288 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना का क्रियान्वयन सामाजिक आर्थिक गणना 2011 को आधार मानकर किया जा रहा है, जबकि इस जनगणना का न तो ग्राम सभा से अनुमोदन कराया गया और न ही इस पर दावा आपत्ति लेकर सुधार की कार्यवाही करायी गई, जिस कारण सूची में भारी विसंगित है? (ख) यदि हाँ, तो सिवनी जिले की जनपद पंचायतों की ग्राम पंचायतों के हितग्राहियों के चयन का जो लक्ष्य निधारित किया गया है, जो विसंगतिपूर्ण है? क्या लक्ष्य का निधार्रण करते समय पंचायतों की जनसंख्या को आधार नहीं माना गया है? यदि माना गया तो लक्ष्य निर्धारण में विसंगति क्यों हुई? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के संदर्भ में म.प्र.शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के पत्र क्रमांक 451 दिनांक 09/04/2016 क्या उल्लेख है कि आवासहीन भिक्षावृत्ति दिव्यांग सदस्य विधवा महिलाओं एवं अतिवृष्टि से प्रभावित परिवारों को प्राथमिकता के आधार पर लाभान्वित किये जाने का निर्देश हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार पात्र हितग्राहियों का चयन पंचायतों द्वारा नहीं किया जा रहा है, सूची अनुसार चयन की कार्यवाही से पात्र हितग्राही वंचित हो रहे है, इसके लिये कौन-कौन दोषी है? (ड.) सिवनी जिले में प्रश्नांश (क) योजना के लक्ष्य का निर्धारण किस आधार पर किया गया है, दिशा-निर्देश की छायाप्रति उपलब्ध करावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अन्तर्गत पात्र हितग्राहियों का चयन सामाजिक आर्थिक जातिगत जनगणना-2011 (SECC-2011) में से किया जाना बंधनकारी शर्त है। SECC-2011 का वाचन गत वर्ष ग्रामोदय से भारत उदय अभियान के दौरान ग्राम सभाओं में किया गया। SECC-2011 में संशोधन करने का अधिकार राज्य शासन को नहीं है। (ख) प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत हितग्राहियों का चयन SECC-2011 में सूचीबद्ध परिवारों की परस्पर वंचितता (deprivation) की तीव्रता पर करना बंधनकारी है। ग्रामवार लक्ष्य निर्धारण परिवारों की वंचितता की तीव्रता पर किये जाने से लक्ष्य निर्धारण में विसंगति की स्थिति नहीं है। (ग) प्रश्नाधीन निर्देश प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के संबंध में लागू नहीं है। (घ) वंचितता की तीव्रता के आधार पर लक्षित हितग्राहियों में से अपात्र पाये जाने पर उनका नाम हटाने और अग्रिम चरण के परिवारों को लाभ देने का क्षेत्राधिकार संबंधित ग्राम पंचायत को है। (ड.) लक्ष्य निर्धारण प्रधानमंत्री आवास योजना के दिशा-निर्देशों के तहत किया गया है। दिशा-निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
आवासीय पट्टों का वितरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
143. ( क्र. 2293 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या धार नगर के छत्रीपाल क्षेत्र, जो वर्तमान में वार्ड क्रमांक 30 में स्थित है, में शासन एवं नगर पालिका धार द्वारा आवासीय पट्टों का वितरण किया है, यदि हाँ, तो कब-कब किस योजना में कितने-कितने आवासीय पट्टों का वितरण किन-किन व्यक्तियों को किया गया है? (ख) क्या पट्टों का भौतिक सत्यापन किया जाता है? यदि हाँ, तो कितने अंतराल पर किये जाने का प्रावधान है तथा उक्त क्षेत्र में वितरित पट्टों का कब-कब भौतिक सत्यापन किया गया? (ग) पट्टे की भूमि का क्रय-विक्रय कर अन्य अपात्र व्यक्ति के काबिज होने की दशा में तथा पट्टे की भूमि पर बड़ी-बड़ी व्यवसायिक इमारत एवं पट्टे की शर्तों का उल्लंघन होने की स्थिति पायी जाने पर किस प्रकार की कार्यवाही किये जाने का प्रावधान है तथा इस कार्यवाही हेतु कौन अधिकृत है? (घ) क्या शासन उपरोक्त वार्ड में ऐसी अनियमितता की जाँच की जाकर अवैध हस्तांतरण निरस्त कर तथा अवैध निर्माण को शासन अपने कब्जे में लेने संबंधी कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगरपालिका क्षेत्र धार वार्ड क्रमांक 30 छत्रीपाल क्षेत्र में म.प्र. नगरीय क्षेत्र के (भूमिहीन व्यक्तियों पट्टाधृति अधिकारों को प्रदान किया जाना) अधिनियम 1984 के तहत सन् 1984 में 80 एवं 1998 में 239 तथा 2003 में 35 आवासीय पट्टे वितरण किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। अधिनियम में भौतिक सत्यापन के लिये कोई समय-सीमा का निर्धारण नहीं किया गया है। सन् 1984 के वितरित पट्टों का भौतिक सत्यापन वर्ष 1998 एवं 2003 में किया गया है। (ग) अधिनियम 1984 के प्रावधानों के अंतर्गत आवासीय भूमि के पट्टे दिये जाने के सम्बंध में सर्वेक्षण करते समय पूर्व वर्षों में दिये गये पट्टों की भूमि वैध पट्टाधारी के अधिपत्य में होने संबंधी जाँच धारा-5 के अंतर्गत पट्टे की भूमि पर अवैध अधिपत्य रखने व आवंटित भूमि को किराये/विक्रय आदि के माध्यम से अंतरित करने के प्रकरणों की जांचोपरांत अभिलेखीय साक्ष्य एकत्रित कर सक्षम न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत करने की कार्यवाही करने का प्रावधान है। (घ) प्रश्नाधीन वार्ड में वितरित पट्टों की अनियमितता एवं अवैध हस्तांतरण की जाँच की जा रही है। जाँच उपरान्त अवैध हस्तांतरण व अवैध निर्माण हटाने की कार्यवाही की जाएगी।
पीथमपुर विकास प्राधिकरण को गठन
[नगरीय विकास एवं आवास]
144. ( क्र. 2294 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्रीजी द्वारा धार प्रवास के दौरान मंच से पीथमपुर विकास प्राधिकरण गठन किये जाने के संबंध में घोषणा की थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या पीथमपुर विकास प्राधिकरण बनाये जाने हेतु प्रकरण शासन स्तर पर प्रचलित है तथा जिला योजना समिति जिला धार द्वारा इस बाबत् प्रस्ताव अनुमोदित कर शासन को प्रेषित कर दिया है? (ग) यदि हाँ, तो किस दिनांक को प्रेषित किया गया है तथा उक्त प्रस्ताव उपरांत प्राधिकरण गठन की प्रक्रिया किस स्तर पर है तथा क्या स्टेटस है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी नहीं, जिला योजना समिति, जिला धार से इस बाबत् प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है। (ग) उत्तराश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
टेण्डर के माध्यम से किये जाने वाले निर्माण कार्यों की अवशेष राशि
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
145. ( क्र. 2295 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधायक निधि से स्वीकृत किये गये कार्यों को ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा ऑन-लाईन निविदा प्रकिया के माध्यम से क्रियान्वित किया जाता है? (ख) यदि हाँ, तो कार्यों की ऑन-लाईन निविदा प्रक्रिया में निर्धारित निविदा दर से कम या अधिक दर प्राप्त होने पर, वित्तीय प्रबंधन करने हेतु क्या नियम व प्रावधान निर्धारित हैं? (ग) क्या ऑन-लाईन टेण्डर में निविदा दर कम आने पर संबंधित ठेकेदार को उतने प्रतिशत कम राशि का भुगतान किया जाता है? यदि हाँ, तो यह राशि राज्य योजना अथवा जिला योजना व सांख्यिकी कार्यालय या शासन को वापस लौटाई जाती है? यदि हाँ, तो धार जिले में वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक की स्थिती में इस प्रकार लौटाई गई राशि का विवरण देवें? (घ) वित्तीय वर्ष 2014-15 से लेकर वर्ष 2016-17 तक धार जिले में विधायक निधि के विधान सभा क्षेत्रवार कौन-कौन से निर्माण कार्य निर्धारित निविदा दर से कम दर पर स्वीकृत हुए तथा कितने प्रतिशत कम दर पर निविदा हुई, जिससे कितनी राशि शेष बची तथा उस राशि का क्या उपयोग विभाग द्वारा किया गया।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा रू. 2.00 लाख से अधिक के कार्यों की सभी निविदाएं ऑन-लाईन निविदा प्रक्रिया से आमंत्रित की जाती हैं। (ख) निष्पादित कार्य का स्वीकृत निविदा दरों पर मूल्यांकन कर भुगतान की व्यवस्था है। (ग) आवंटन बजट में प्रावधान से प्राप्त होने से निर्माण कार्य के मूल्यांकन अनुसार देय राशि का ही आहरण करने की व्यवस्था है। (घ) उत्तर उक्त 'ख' अनुसार है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। धनराशि का आहरण कार्य के मूल्यांकन अनुसार किया गया होने से ग्रामीण यांत्रिकी सेवा में बचत की स्थिति नहीं है।
रेत की रॉयल्टी
[खनिज साधन]
146. ( क्र. 2299 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र लांजी में रेत की कौन-कौन सी खदानें नीलाम की गयी हैं, ये खदानें कितने में तथा किसको नीलाम की गयी हैं? (ख) रेत ठेकेदार द्वारा रेत पर कितनी रॉयल्टी लेने के नियम हैं? इसमें से शासन का अंश ठेकेदार का कमीशन तथा लगने वाले टैक्स की संपूर्ण जानकारी देते हुये बताएँ। ठेकेदार रेत बेचते समय प्रति घन मीटर रेत की कितनी रॉयल्टी नियमानुसार ले सकता है? (ग) क्या शासन ने ठेकेदार को रॉयल्टी वसूल करने की कोई अधिकतम सीमा निर्धारित नहीं की है? यदि नहीं तो क्या निलामी की शर्तों में रॉयल्टी वसुल करने की निश्चित दरें तय की गयी है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) नीलाम की गई रेत खनिज की खदान का ठेकेदार शासन को रेत खनिज हेतु निर्धारित रॉयल्टी 100 रूपये प्रति घन मीटर का भुगतान करता है। प्रश्नाधीन जिले में ठेकेदार द्वारा रेत बेचते समय कितना विक्रय मूल्य ले सकता है, के संबंध में शासन द्वारा कोई प्रावधान नहीं किये गये हैं। विक्रय मूल्य में ठेकेदार का कमीशन एवं टैक्स आदि शामिल होता है। (ग) शासन द्वारा रेत खनिज की रॉयल्टी की दर निर्धारित की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सुदूर ग्राम सड़क योजना में कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
147. ( क्र. 2300 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्य पंचायत को आश्रित ग्रामों से सुदूर ग्राम सड़क योजना के द्वारा जोड़ने हेतु प्रत्येक ग्राम पंचायतों में एक सुदूर ग्राम सड़क योजना दिये जाने हेतु क्या कोई निर्णय लिया गया है? (ख) क्या विषयांकित योजना में सड़कें वहीं बनायी जा सकती है, जहाँ पहले किसी भी योजना से उस मार्ग पर कोई काम न हुआ हो? क्या उक्त प्रावधान के कारण विषयांकित योजना से बनने वाली सड़कों के काम में रूकावट आ रही है, क्योंकि रोडों पर पहले किसी न किसी योजना से काम हुआ ही है? (ग) पूरे प्रदेश में सुदूर ग्राम सड़क योजना की प्रगति में आयी कमी को ध्यान में रखते हुए उक्त प्रावधान में परिवर्तन किया जाएगा? (घ) विधान सभा क्षेत्र लांजी के अंतर्गत विषयांकित योजना से कौन-कौन सी सड़कें स्वीकृत हुई हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) दिनांक 9.02.2017 को वीडियो कॉन्फ्रेंस में विकास आयुक्त द्वारा निर्देश दिए गए हैं कि महात्मा गांधी नरेगा के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक सुदूर ग्राम सम्पर्क का कार्य प्रारंभ कराया जाए। (ख) महात्मा गांधी नरेगा के तहत सुदूर ग्राम सम्पर्क व खेत सड़क उपयोजना के संबंध में विभागीय दिशा-निर्देश दिनांक 17.12.2013 में यह व्यवस्था है कि चिन्हित सड़क प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना/मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना/लोक निर्माण विभाग द्वारा प्रस्तावित नहीं होना चाहिए और न ही महात्मा गांधी नरेगा तहत पूर्व में निर्मित होना चाहिए। (ग) जी नहीं, कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (घ) स्वीकृति के अधिकार संबंधित पंचायतराज संस्था को है। जनपद पंचायत, लांजी एवं जनपद पंचायत, किरनापुर से प्राप्त जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
प्रदेश में लंबित पड़े धारा 92 के प्रकरण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
148. ( क्र. 2318 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर संभाग में धारा 92 के तहत शासन की राशि का जो अपव्यय किया गया और प्रकरण 03 वर्ष से लंबित पड़े हैं, उनकी कितनी संख्या है? (ख) राज्य शासन के आदेश के मुताबिक कितनी समय-सीमा में प्रकरणों का निराकरण होना चाहिए? नियम की प्रति दें। (ग) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अन्तर्गत जबलपुर संभाग के जिलों की पंचायतों के संबंध में समीक्षा की गई है। यदि हाँ, तो अब तक शासनहित में क्या परिणाम प्राप्त हुए?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम, 1993 की धारा 92 के तहत अनुविभागीय अधिकारी, (राजस्व) के न्यायालयों में लंबित प्रकरणों की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार है। (ख) जी हाँ। मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम, 1993 की धारा 92 की उपधारा 4-क के तहत वसूली की कार्यवाही प्रारंभ होने से 06 माह के भीतर निराकृत की जाने का प्रावधान है। प्रावधान का उद्वहरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार है। (ग) अपर मुख्य सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जबलपुर संभाग के अधिकारियों की दिनांक 22.09.2016 को बैठक ली गई और प्रति गुरुवार वीडियों कॉन्फ्रेंस कर कार्यों की सतत् समीक्षा की जाती है। ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओं की प्रगति में गति बनी हुई है।
बालू के अवैध उत्खन्न में राजस्व हानि
[खनिज साधन]
149. ( क्र. 2321 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में विभाग के 19 शासकीय सेवकों के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थापित है? (ख) क्या म.प्र. खनिज नियम 2006 के अंतर्गत अवैध उत्खनन, परिवहन एवं भण्डारण पर छतरपुर जिले के विभागीय अधिकारियों ने वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की? (ग) विभागीय अधिकारियों द्वारा 01.01.15 से प्रश्न दिनांक तक कितने टूर प्रोग्राम बनाये गये जिनको अनुमोदित किया गया? (घ) क्या बालू का अवैध रूप से धंधा चलता है, जिसकी जिम्मेदारी खनिज निरीक्षकों की क्षेत्रवार होती है। उन्होंने क्या-क्या कार्यवाही हेतु विभाग को सूचना दी उनका विवरण उपलब्ध करावें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। (ख) मध्यप्रदेश खनिज नियम, 2006 के नाम से कोई नियम मध्यप्रदेश में प्रभावशील नहीं है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र क-1, क-2, क-3 पर दर्शित है। (घ) जी नहीं। जिले में खनि निरीक्षक द्वारा क्षेत्रवार भ्रमण किया जाता है। अवैध रूप से रेत खनिज का उत्खनन, परिवहन तथा भण्डारण पाये जाने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाकर विभाग को सूचित किया जाता है। प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ख-1, ख-2, ख-3 पर दर्शित है।
प्रधानमंत्री सड़क से प्रस्तावित निर्माण हेतु अनापत्ति प्रदाय
[वन]
150. ( क्र. 2371 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जवा विकासखण्ड अन्तर्गत हरदोली से ओवरी पहुँच मार्ग का निर्माण प्रधानमंत्री सड़क योजनान्तर्गत प्रस्तावित है। उक्त मार्ग में कुछ भूमि वन विभाग से संबंधित होने के कारण क्या मार्ग निर्माण की अनुमति चाही गई है? यदि हाँ, तो उक्त मार्ग के निर्माण की अनुमति विभाग द्वारा कब तक प्रदाय की जावेगी? (ख) यदि उक्त मार्ग के निर्माण की अनुमति नहीं दी जा सकती तो क्या वन विभाग उक्त मार्ग का निर्माण कार्य करवाएगा? (ग) ओवरी ग्राम की जनसंख्या 500 से अधिक है, किन्तु पहुँच मार्ग विहीन है। वन विभाग की आपत्ति के कारण मार्ग निर्माण अवरुद्ध है। क्या ऐसी स्थिति में विभाग द्वारा उक्त ग्राम के प्रतिस्थापन हेतु कोई कार्यवाही की जा रही है अथवा नहीं? (घ) विभाग द्वारा विद्युत पोल स्थापित करने एवं विद्युतीकरण की अनुमति भी नहीं दी जा रही है, जिस कारण ग्राम ओवरी में विद्युत सप्लाई विहीन है, विभाग द्वारा अनापत्ति कब तक दी जावेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) विभाग में विधिवत् प्रस्ताव प्राप्त होने पर, नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जावेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) विधिवत् आवेदन प्राप्त होने पर मार्ग निर्माण की नियमानुसार अनुमति देने की कार्यवाही की जावेगी। (ग) ओवरी पहुँच मार्ग का निर्माण कार्य वन विभाग की आपत्ति के कारण अवरूद्ध नहीं है। इस मार्ग में आने वाले वन क्षेत्र के उपयोग की अनुमति हेतु निर्धारित प्रारूप में आवेदन प्राप्त होने पर ही नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। वन विभाग द्वारा ग्राम ओवरी के प्रतिस्थापन हेतु कोई कार्यवाही प्रस्तावित नहीं है। (घ) विद्युत पोल स्थापित करने एवं विद्युतीकरण हेतु किसी भी आवेदक संस्थान से विधिवत् प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है। प्रस्ताव प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
स्वेच्छा अनुदान राशि के लंबित भुगतान
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
151. ( क्र. 2381 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिरमौर विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत गरीबों/असहायों को आर्थिक सहायता देने, स्वेच्छा अनुदान राशि की चार पृथक-पृथक सूचियां जिला योजना कार्यालय को उपलब्ध करायी गयी थीं किन्तु क्या कारण है कि कई हितग्राही कई महीने व्यतीत हो जाने के पश्चात भी उक्त सहायता राशि से वंचित हैं? (ख) वंचित हितग्राहियों की विधान सभा क्षेत्र की पृथक सूची कारण सहित उपलब्ध करायी जावे तथा क्या वंचित हितग्राहियों को विभाग द्वारा चेक उपलब्ध कराये जावेंगे, जिससे वंचित हितग्राहियों को लाभ प्रदाय किया जा सके। समय-सीमा बतावें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। मान. विधायक से प्राप्त अनुशंसा अनुसार सभी हितग्राहियों को राशि उपलब्ध करा दी गई है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विधायक स्वेच्छानुदान मद में स्वीकृतियां
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
152. ( क्र. 2386 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधायक स्वेच्छानुदान मद में स्वीकृतियां 15 दिवस की अवधि में हितग्राहियों को राशि उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान हैं (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 12/आर पिपरिया दिनांक 2/1/17, 24/आर पिपरिया दिनांक 4/1/17 एवं 34/आर पिपरिया दिनांक 7/1/17, की स्वीकृतियां जिला योजना कार्यालय प्रेषित की गई, परन्तु 1 माह की अवधि बीत जाने के बाद भी राशि संबंधित ऐजेंसियों को भुगतान हेतु नहीं भेजी गई हैं। (ग) क्या हितग्राहियों को समयावधि में राशि प्राप्त न होने के कारण विभिन्न प्रकार की कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है तथा समय के औचित्य पर प्रश्न चिन्ह लगता है तथा शासन के मंशा के अनुरूप कार्य न होने के कारण शासन की छवि धूमिल होती है। इसके लिये कौन उत्तरदायी है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) मान. विधायक द्वारा पत्र क्रमांक 12/आर पिपरिया दिनांक 2.1.2017 जो कि जिला कार्यालय में दिनांक 4.1.2017 को प्राप्त हुआ था। कार्यालय के देयक क्रमांक 233, दिनांक 31.1.2017 को राशि संबंधित एजेन्सी को भुगतान कर दी गई, पत्र क्रमांक 24/आर पिपरिया दिनांक 4.1.2017 एवं पत्र क्रमांक 34/आर पिपरिया दिनांक 7.1.2017, जो कि कार्यालय में दिनांक 23.1.2017 को प्राप्त हुई, जिसको समय-सीमा में स्वीकृत कर देयक क्रमांक 503/दिनांक 3.2.2017 को संबंधित एजेन्सी को भुगतान कर दिया गया है। (ग) हितग्राहियों को समय-सीमा में भुगतान हो, इस हेतु सतत् प्रयास किया जाता है।
महाविद्यालयों में लिपिकों के स्वीकृत पद
[उच्च शिक्षा]
153. ( क्र. 2391 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उच्च शिक्षा विभाग के अन्तर्गत जबलपुर संभाग, भोपाल संभाग एवं इंदौर संभाग अन्तर्गत स्नातकोत्तर/स्नातक महाविद्यालयों में वर्तमान में लिपिकों के कितने पद स्वीकृत हैं? क्या यहां स्वीकृत पदानुसार लिपिकों की पदस्थापना हैं? यदि रिक्त पद हैं, तो महाविद्यालयवार रिक्त पदों की जानकारी देवें? (ख) क्या उच्च शिक्षा विभाग द्वारा महाविद्यालय में 20 से 25 योजनाओं का क्रियान्वयन कराया जाता हैं? क्या लिपिकीय पद रिक्त होने के कारण इन योजनाओं का संचालन सहायक प्राध्यापक/प्राध्यापक द्वारा कराया जाता है। (ग) क्या सहायक प्राध्यापक/प्राध्यापक द्वारा योजनाओं का संचालन किये जाने के कारण ये अपने शैक्षाणिक कर्तव्य का पालन सुचारू रूप से नहीं कर पा रहे हैं, जिससे शैक्षणिक गुणवत्ता पर प्रभाव पड़ रहा है तथा विद्यार्थियों के भविष्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। (ग) क्या शासन लिपिकीय पदों की पूर्ति कर अथवा वैकल्पिक व्यवस्था कर संचालित योजनाओं का क्रियान्वयन करायेगा एवं सहायक प्राध्यापक/प्राध्यापकों को इस कार्य से मुक्त करायेंगे?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) उच्च शिक्षा विभाग के अन्तर्गत जबलपुर संभाग में 229 पद, इन्दौर संभाग में 259 एवं भोपाल संभाग में 222 पद स्वीकृत हैं। जी नहीं वर्तमान में जबलपुर संभाग में 132, इन्दौर संभाग में 135 एवं भोपाल संभाग में 89 पद रिक्त हैं। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'ब' एवं 'स' अनुसार है। (ख) जी नहीं। विभाग द्वारा संचालित योजनाओं का क्रियान्वयन आवश्यकतानुसार प्राध्यापक/सहायक प्राध्यापकों के निर्देशन में लिपिक वर्ग के माध्यम से कराया जाता है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। वर्तमान में उपलब्ध लिपिकीय अमले से कार्य कराया जा रहा है। लिपिकीय अमला (सहायक ग्रेड-3) के पदों की पूर्ति हेतु व्यावसायिक परीक्षा मण्डल को दिनांक 30.10.2014 को माँग पत्र भेजा गया है। चयन सूची प्राप्त होने पर पदों को भरा जायेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मंदिरों की भूमि पर किये गये अतिक्रमण को हटाया जाना
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
154. ( क्र. 2410 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधान सभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत कितने मंदिर शासन द्वारा संधारित हैं? सूची उपलब्ध करावें। (ख) शासकीय मंदिरों में पुजारी नियुक्ति के क्या नियम हैं? विधान सभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत कितने शासकीय मंदिरों पर पुजारी नियुक्त हैं तथा कितने मंदिरों में पुजारी की नियुक्ति शेष है? (ग) प्रश्नांश (क) अंतर्गत कितने शासकीय मंदिरों की भूमि पर पुजारी या अन्य लोगों का अवैध कब्जा है? क्या अवैध कब्जा हटाने हेतु शासन द्वारा कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो की गई कार्यवाही, कार्यवाही करने वाले अधिकारी का नामवार, दिनांकवार, मंदिरवार, जानकारी से अवगत करायें? यदि नहीं तो क्यों नहीं? (घ) क्षेत्र अंतर्गत कितने शासकीय मंदिरों के राष्ट्रीयकृत बैंक में खाते हैं एवं कितने मंदिरों के नहीं हैं? क्या शासकीय मंदिरों का ऑडिट किया जाता है? यदि हाँ, तो विगत 3 वर्षों में हुये ऑडिट की सूची उपलब्ध करावें?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कॉलोनियों में आश्रय निधि गरीब वर्ग के व्यक्तियों हेतु आरक्षित
[नगरीय विकास एवं आवास]
155. ( क्र. 2439 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नगर पालिक निगम इन्दौर अन्तर्गत काटी गई कॉलोनियों में आश्रय निधि के नाम से कॉलोनाईजरों द्वारा कॉलोनी के भाग का कुछ हिस्सा (मकान/फ्लेट/भूमि) गरीब वर्ग के व्यक्तियों हेतु आरक्षित किया जाता है? (ख) यदि हाँ, तो विगत 10 वर्षों में कितने कॉलोनाईजरों द्वारा आश्रय निधि के नाम से गरीब वर्ग हेतु मकान/फ्लेट/भूमि आवंटित की है, कॉलोनी के नाम व स्थान सहित सूची उपलब्ध करावें। (ग) यदि नहीं तो फिर आश्रय निधि के नाम से कॉलोनाईजरों द्वारा क्या किया गया है? क्या प्रश्नांश (क) अनुसार कॉलोनाईजरों द्वारा गरीब वर्ग को आश्रय निधि के नाम से छोड़े गये मकान/फ्लेट/भूमि निगम के आधिपत्य में रिक्त पड़े हुए हैं? यदि हाँ, तो किन-किन स्थानों पर रिक्त पड़े हुए हैं? सूची उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) नगर निगम इंदौर क्षेत्रान्तर्गत विगत 10 वर्षों में जिन कॉलोनाईजर्स द्वारा गरीब वर्ग हेतु मकान/फ्लेट/भूमि आरक्षित कर निर्माण किया गया था, उनमें निर्माण पूर्ण होने के उपरान्त आवंटन हो चुका है, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जिन कॉलोनाईजर्स द्वारा गरीब वर्ग हेतु मकान/फ्लेट/भूमि आरक्षित नहीं की गई, उनके द्वारा नियमानुसार आश्रय शुल्क की राशि जमा कराई गई। जिन कॉलोनाईजर्स द्वारा आश्रय निधि नाम से मकान/फ्लेट/भूमि आरक्षित किये गये हैं, वह नगर निगम के आधिपत्य में नहीं हैं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नगरीय प्रशासन विभाग अंतर्गत कार्यरत कर्मचारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
156. ( क्र. 2469 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) धार जिले में व धरमपुरी विधान सभा क्षेत्र में नगरीय प्रशासन विभाग अंतर्गत कितने कर्मचारी कार्यरत हैं तथा कब से पदस्थ है? संस्थावार बतावें। (ख) क्या शासन नियमानुसार प्रत्येक शासकीय कर्मचारी को एक स्थान पर कार्य करते हुए तीन वर्ष अथवा अधिकतम पाँच वर्ष की अवधि पूर्ण कर लेने पर उन्हें अन्यत्र स्थानांतरित किये जाने के नियम हैं? (ग) यदि हाँ, तो विगत 5 वर्ष में विभाग द्वारा उक्त नियमों का कितना पालन किया गया है व किन-किन संस्थाओं से कितने कर्मचारियों का उक्त नियम के तहत स्थानांतरण किया गया है? यदि नहीं, तो उसका कारण बतावें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा वर्ष 2015-16 में जारी स्थानांतरण नीति की कंडिका 8.7 अनुसार जिलों में पदस्थ प्रथम श्रेणी एवं व्दितीय श्रेणी के कार्यपालक अधिकारियों के एक ही स्थान पर तीन वर्ष की पदस्थापना पूर्ण कर लेने पर जिले से अन्यत्र प्राथमिता पर स्थानांतरण किया जा सकेगा। तृतीय श्रेणी कार्यपालिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों का भी एक ही स्थान पर सामान्यत: 3 वर्ष या उससे अधिक पदस्थापना की अवधि पूर्ण कर लेने के कारण स्थानांरतण किया जा सकेगा। इसका आशय यह है कि जिन आधारों पर स्थानांतरण किया जा सकता है, उनमें एक आधार यह भी है। यह अनिवार्य नहीं है कि 3 वर्ष पूर्ण होने पर स्थानांतरण किया ही जावें। (ग) नगरीय प्रशासन विभाग अंतर्गत विगत 05 वर्षों में धार जिले की नगरीय निकायों से किए गए स्थानांतरण निकायवार की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
पेंशन का भुगतान
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
157. ( क्र. 2511 ) श्री संजय शर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला रायसेन में कितने हितग्राहियों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन, वृद्धावस्था, बहुविकलांग, विधवा, मुख्यमंत्री कन्या अभिभावक पेंशन का भुगतान जनवरी 2017 की स्थिति में हो रहा है? जनपद पंचायतवार/नगरीय निकायवार संख्या बतायें? (ख) 01 फरवरी 2017 की स्थिति में संबंधित हितग्राहियों को किस माह तक की पेंशन का भुगतान हो गया है? पेंशन का भुगतान किस माध्यम से कैसे किया जाता है? प्रतिमाह हितग्राही को पेंशन का भुगतान क्यों नहीं किया जाता? (ग) क्या वृद्ध, विकलांग एवं विधवा महिलाओं को 15-20 कि.मी. चलकर पेंशन प्राप्त करने पोस्ट ऑफिस/बैंक जाना पड़ता है? ग्राम पंचायत मुख्यालय में पेंशन का वितरण हो इस संबंध में विभाग को किन-किन विधायकों के पत्र प्राप्त हुये तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) हितग्राहियों को प्रतिमाह निर्धारित तिथि तक पेंशन प्राप्त हो, इस संबंध में विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) माह जनवरी 2017 तक हितग्राहियों को पेंशन का भुगतान हो गया है। प्रतिमाह पेंशन का भुगतान कोषालय के माध्यम से ई-पेमेंट द्वारा किया जा रहा है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। पेंशन वितरण के संबंध माननीय विधायकों द्वारा ग्राम पंचायत मुख्यालय में पेंशन वितरण हो इस संबंध में कोई भी पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। अतः कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) शासन निर्देशानुसार हितग्राहियों को प्रत्येक माह की 5 तारीख तक पेंशन का भुगतान किया जा रहा है।
त्रिस्तरीय पंचायतराज के अंतर्गत जिला पंचायत कटनी के विधि अनुरूप गठन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
158. ( क्र. 2545 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. पंचायतराज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 के तहत निर्वाचन 2014-15 में जिला पंचायत कटनी का गठन हुआ। क्या निर्वाचन उपरांत धारा 29 एवं 47 में वर्णित प्रावधान के तहत जिला पंचायत की सामान्य सभा एवं स्थाई समितियों में निर्वाचित सांसद, विधायकों को सम्मिलित कर गठन किया गया? इस हेतु अधिसूचना कब-कब जारी की गई? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार धारा 29 एवं 47 में वर्णित प्रावधान के तहत निर्वाचित सांसद, विधायकों को सामान्य सभा एवं स्थाई समितियों में सदस्य के रूप में सम्मिलित किय गया? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) का उत्तर न में है, तो जिला पंचायत कटनी सामान्य सभा एवं स्थाई समितियों द्वारा लिये गये निर्णय विधि मान्य हैं? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में विधि अनुसार कार्यवाही न होने के लिये दोषी कौन है? दोषियों पर क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम, 1993 की धारा-29 के तहत निर्वाचित जिला पंचायत सदस्यों की अधिसूचना 28.02.2015 को जारी की गई। अधिनियम की धारा-29 में संबंधित क्षेत्र के निर्वाचित सांसदों एवं विधायकों का जिला पंचायत के गठन में शामिल होने का सुस्पष्ट प्रावधान होने से उनके संबंध में अधिसूचना जारी करने की आवश्यकता नहीं है। अधिनियम की धारा-47 के तहत जिला पंचायत, कटनी की स्थाई समितियों के गठन की अधिसूचना जारी की गई है, जिनमें संबंधित क्षेत्र के विधान सभा/संसद सदस्य के पदेन सदस्य शामिल नहीं है। (ख) उक्त उत्तरांश (क) अनुसार है। (ग) जी हाँ, अधिनियम की धारा-112 के तहत किसी रिक्ति गठन, किसी पदधारी के सहयोजन या नियुक्ति में त्रुटि के कारण पंचायत के कार्य अविधिमान्य नहीं है। (घ) अधिनियम की धारा-47 (4-क) के तहत संबंधित क्षेत्र के विधान सभा सदस्य एवं संसद सदस्य स्थाई समितियों के पदेन सदस्य हैं। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत कटनी को संबंधित विधान सभा क्षेत्र के सदस्यों के सहयोजन के संबंध में तथा संबंधित संसद सदस्य से उनका विकल्प प्राप्त कर आवश्यक पूरक अधिसूचना निकालने के निर्देश दे दिए गए हैं।
इंदिरा आवास योजनांतर्गत आवासों की स्वीकृति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
159. ( क्र. 2559 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनपद पंचायत करैरा व नरवर जिला शिवपुरी में जनवरी 2014 से जनवरी 2017 तक कितने इंदिरा आवास (प्रधानमंत्री आवास) अंतर्गत आवासों की स्वीकृति प्रदान हुई? जानकारी वर्षवार, पंचायतवार स्वीकृत राशि, प्रदाय राशि आदि सहित दी जावे। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सभी हितग्राहियों को क्या स्वीकृत राशि प्रदाय की जा चुकी है अथवा नहीं तो कितने हितग्राहियों को राशि नहीं दी गई? राशि न देने के कारण व कब तक राशि प्रदाय कर दी जावेगी? (ग) उपरोक्त (क) व (ख) से संबंधित सभी आवासों की भौतिक स्थिति क्या है? कितने पूर्ण, अपूर्ण प्रगतिरत हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार है।
रिक्त पदों की पूर्ति
[उच्च शिक्षा]
160. ( क्र. 2560 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि.अता.प्र.सं. 104 (क्रमांक 1201) दिनांक 08 दिसम्बर 2016 के भाग (ग) के उत्तर में जी नहीं। दिनांक 26.11.2016 द्वारा संशोधित दिशा-निर्देश जारी कर दिनांक 30.11.2016 को विज्ञापन/निविदा जारी की गई है? पदपूर्ति की निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है? बताया है, तो दिनांक 30.11.2016 की विज्ञापन/निविदा की समाचार पत्रों में प्रकाशित प्रति उपलब्ध कराते हुये प्रश्न प्रस्तुत दिनांक तक निविदा पर क्या कार्यवाही हुई? (ख) क्या निविदा के अनुसार पद पूर्ति की जा चुकी है, तो की गई नियुक्तियों की जानकारी नाम, पद, संख्या आदि सहित जानकारी दी जावे? (ग) यदि नियुक्ति नहीं की जा सकी हो, तो कारण बतावें? इस घोर अनुशासनहीनता की कार्यवाही हेतु कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं व उनके खिलाफ कब तक अनुशासनहीनता की कार्यवाही की जावेगी व पदों की पूर्ति कब तक कर दी जायेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। विज्ञापन की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। किसी भी संभाग में निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप निविदा प्राप्त न होने के कारण एवं एकल निविदा प्राप्त होने के कारण कोई कार्यवाही नहीं की जा सकी है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) कोई भी निविदा निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप प्राप्त नहीं होने के कारण नियुक्ति नहीं की गई। निविदा प्राप्त नहीं होने के कारण किसी भी अधिकारी/कर्मचारी का कोई दोष नहीं है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। पुनः दिनांक 05.02.2017 को विज्ञापन जारी किया जा चुका है, निविदा प्राप्त होने पर पद पूर्ति की कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत मनरेगा से किये गये कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
161. ( क्र. 2605 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र गोटेगाँव अंतर्गत जनपद पंचायत गोटेगाँव एवं जनपद पंचायत नरसिंहपुर में वर्ष २०१३-१४, २०१४-१५, २०१५-१६ एवं २०१६-१७ में मनरेगा के तहत कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये गये? सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में इन कार्यों की वर्तमान में क्या स्थिति है? मनरेगा के तहत जिन मजदूरों ने कार्य किया उनका भुगतान किया जा चुका है या नहीं? (ग) यदि नहीं, तो स्पष्ट कारण बतावें। जिस अधिकारी के कारण यह विलंब हुआ, क्या विभाग उसकी जाँच कर संबंधित अधिकारी पर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। मजदूरी भुगतान शेष नहीं है। (ग) उक्त (ख) परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
ई-कक्ष निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
162. ( क्र. 2606 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र गोटेगाँव अंतर्गत विभाग द्वारा वर्ष २०१३-१४, २०१४-१५, २०१५-१६ एवं २०१६-१७ में ई-कक्ष निर्माण हेतु राशि जारी की गई? (ख) यदि हाँ, तो वर्षवार पंचायतवार सूची उपलब्ध करावें। ई-कक्ष निर्माण किये जाने हेतु समय-सीमा भी बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जिन पंचायतों में राशि जारी की गई उन पंचायतों में ई-कक्ष निर्माण कब प्रारंभ हुआ एवं कितनी पंचायतों में ई-कक्ष निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है और कितनी पंचायतों में निर्माण होना शेष है? सूची उपलब्ध करावें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में राशि जारी की गई है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वर्ष 2017-18 में कार्य पूर्ण कराना लक्षित है। (ग) जानकारी उपरोक्त उत्तर (ख) अनुसार है।
पंचायतों में शौचालयों का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
163. ( क्र. 2619 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले के अंतर्गत विगत 2 वर्षों में विभाग द्वारा कितने शौचालयों का निर्माण किन-किन पंचायतों में कराया गया है एवं कितने व्यक्तियों को लाभ पहुँचाया है? (ख) प्रश्नांश (क) शौचालयों के निर्माण कार्यों का सत्यापन किस अधिकारी के द्वारा किया गया है? (ग) ऐसे कितने हितग्राही शेष हैं, जहां पर शौचालय नहीं बनवाये हैं? कब तक बनवा दिये जायेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शौचालय के निर्माण कार्यों का सत्यापन ग्राम पंचायत स्तर से सरपंच, सचिव, ग्राम रोजगार सहायक एवं जनपद स्तर से उपयंत्री, पंचायत समन्वयक अधिकारी एवं ब्लॉक समन्वयक, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत एवं जिला स्तर से जिला समन्वयक, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत द्वारा किया गया है। (ग) अनूपपुर जिले में कुल 84238 व्यक्तिगत पारिवारिक शौचालय निर्माण किये जाने हेतु शेष है। मिशन अंतर्गत 2 अक्टूबर 2019 तक शेष शौचालय पूर्ण कराये जाने का लक्ष्य है।
परफॉर्मेन्स गारंटी योजना अंतर्गत राशि का वितरण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
164. ( क्र. 2620 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केन्द्र सरकार द्वारा विगत वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 हेतु परफॉर्मेन्स गारंटी योजना के तहत प्रदेश सरकार को कितनी राशि प्रदान की गई? (ख) प्रदेश सरकार द्वारा इन वर्षों में अनूपपुर जिले की जिला पंचायत, जनपद पंचायतों एवं ग्राम पंचायतों को कितनी-कितनी राशि का वितरण किया गया? (ग) उक्त वर्षों में अनूपपुर जिला पंचायत को कितनी राशि किन-किन कार्यों हेतु वितरित की जाकर जिला पंचायत द्वारा कितनी राशि कौन सी विधान सभा में किस कार्य हेतु व्यय की गई है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) केन्द्र सरकार से वर्ष 2014-15 में 13वें वित्त आयोग के अन्तर्गत परफॉर्मेन्स ग्राण्ट मद में राशि रूपये 21479.81 लाख प्राप्त हुयी। वर्ष 2015-16, 14वें वित्त आयोग का प्रथम वर्ष होने से कोई राशि प्राप्त नहीं हुयी हैं। (ख) अनूपपुर जिले की जनपद पंचायत को रुपये 45.50 लाख जनपद पंचायत अनूपपुर को राशि रुपये 4.29 लाख दी गई। ग्राम पंचायतों को राशि जारी नहीं की गई। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
जल संरचनाओं की मरम्मत कार्य की स्वीकृति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
165. ( क्र. 2624 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न संख्या 31 (क्रमांक 336), दिनांक 8 दिसम्बर 2016 के उत्तर की कंडिका (क) में बताया गया था कि ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग द्वारा 21 संरचनाओं की मरम्मत कार्यों में से 13 कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन संभाग-राजगढ़ को क्रियान्वयन एजेन्सी नियुक्त किया गया है एवं 08 कार्यों की स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलन में है? यदि हाँ, तो उक्त 13 कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति आदेश की प्रति उपलब्ध करावें तथा जल संसाधन विभाग को कब क्रियान्वयन एजेन्सी नियुक्त किया गया, पत्र की छायाप्रति देवें? (ख) क्या शेष 08 कार्यों की प्रश्न दिनांक तक प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी गई? यदि नहीं, तो क्यों और कब तक स्वीकृति आदेश जारी किये जावेंगे? (ग) उपरोक्तानुसार क्या शासन उक्त शेष 08 जल सरंचनाओं की प्रशासकीय स्वीकृति एवं उक्त 13 संरचनाओं की मरम्मत का कार्य प्रारंभ कराएगा? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। 13 कार्यों के प्रशासकीय स्वीकृत आदेश की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। महात्मा गांधी नरेगा के तहत श्रम सामग्री का अनुपात 60:40 होने की बाध्यता है। प्रश्नाधीन स्वीकृत एवं प्रस्तावित कार्यों में अनुपात 80:20 होने से इस पर स्वीकृत देना संभव नहीं है। (ग) उक्त (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
कान्हीवाड़ा ग्राम से खेरी मार्ग को मरम्मत कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
166. ( क्र. 2644 ) श्री रजनीश सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सिवनी में प्रधानमंत्री सड़क मार्ग के अंतर्गत वर्तमान में कितने मरम्मत कार्य चल रहे हैं, कितने मार्गों का मरम्मत कार्य स्वीकृत है, कितने मार्गों का मरम्मत कार्य प्रस्तावित है? विधान सभा क्षेत्रवार विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या कान्हीवाड़ा से खेरी ग्राम तक सड़क का मरम्मत कार्य हो रहा है? यदि हाँ, तो मरम्मत कार्य का टेण्डर किस एजेंसी को दिया गया है? मरम्मत की राशि सहित कार्य पूर्णता का दिनांक बतावें। (ग) उक्त मार्ग को ओम श्री शांती कंपनी द्वारा मरम्मत कार्य के नाम से पूर्ण रूप से खोद दिया गया है, जिससे आवागमन अवरूद्ध है। साथ ही 1 वर्ष पूर्ण होने पर भी मरम्मत कार्य क्यों पूर्ण नहीं हो पाया है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) सिवनी जिले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत वर्तमान में 313 मार्गों का मरम्मत कार्य चल रहा है। कुल 331 मार्गों का मरम्मत कार्य स्वीकृत है एवं 04 मार्ग मरम्मत हेतु प्रस्तावित है। विधान सभावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मार्ग कान्हीवाड़ा से खेरी मार्ग के कार्य की पुनः निविदा कार्यवाही प्रचलित है। अतः निविदा दर एवं कार्यपूर्णता बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। प्रश्नांश (ख) में दर्शित मार्ग के पूर्व ठेकेदार मेसर्स ओमशांति बिल्डर्स प्रायवेट लिमिटेड ग्वालियर द्वारा मार्ग के पेंचवर्क के कार्य हेतु क्षतिग्रस्त बी.टी. सरफेस को खोदकर हटाया गया था, क्षतिग्रस्त बी.टी. सरफेस हटाने के उपरांत मार्ग में आवागमन अवरूद्ध नहीं है। ठेकेदार द्वारा रख-रखाव/संधारण कार्य में रूचि नहीं लिये जाने के कारण मुख्यालय के पत्र क्रमांक 24537 दिनांक 28.12.2015 के माध्यम से ठेकेदार के विरूद्ध अनुच्छेद 52 के अंतर्गत अनुबंध निरस्तीकरण की कार्यवाही की गई है। शेष कार्य हेतु निविदायें आमंत्रित की गई है। वर्तमान में निविदा की कार्यवाही प्रचलन में है।
ग्राम पंचायत सचिवों के वेतन एवं पेंशन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
167. ( क्र. 2645 ) श्री रजनीश सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि. अता. प्रश्न संख्या 99 (क्र. 1131) दिनांक 08.12.16 में प्रदेश में सचिवों के लिए चलाई जा रही अंशदायी पेंशन योजना के अंतर्गत सिवनी जिला को भी शामिल किया गया है, तो अंशदायी पेंशन योजना में सिवनी जिले के कितने सचिवों की कटौती की जा रही है? विधान सभाक्षेत्रवार विवरण देवें। (ख) यदि नहीं तो क्यों? जबकि अंशदायी पेंशन योजना में सिवनी जिला को भी शामिल किया गया है। अंशदायी पेंशन में कटौती न होने के क्या कारण हैं? इसका जिम्मेवार कौन है? (ग) जिला सिवनी के पंचायत सचिवों का अंशदायी पेंशन योजना के अंतर्गत कटौती कब से प्रारंभ की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) ग्राम पंचायत सचिवों के लिये अंशदायी पेंशन योजना लागू करने हेतु डी.टी.ओ. का पंजीयन एवं डी.डी.ओ. रजिस्ट्रेशन आवंटित हो गया है। PRAN नंबर प्राप्त होने के उपरांत ही सचिवों के वेतन से कटोती कर अंशदायी योजना में उन्हें शामिल किया जाना संभव है। (ख) एवं (ग) उक्त उत्तरांश (क) अनुसार।
ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक भवन की स्वीकृति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
168. ( क्र. 2677 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंचायत विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक भवन हेतु कितनी-कितनी राशि दी जाती है? जिला नरसिंहपुर में वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 में कितने भवन स्वीकृत हुए हैं? वर्षवार ग्रामवार जानकारी देवें। (ख) उक्त भवन नरसिंहपुर में किन-किन पंचायतों में कहाँ-कहाँ निर्मित हुए हैं? वर्षवार, स्थलवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) के भवनों की स्थिति पूर्ण, अपूर्ण की जानकारी स्थलवार देवें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
नौरादेही अभयारण्य के ग्रामों को विस्थापित करना
[वन]
169. ( क्र. 2678 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर तहसील एवं विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले नौरादेही अभ्यारण्य के ग्राम झिलपनी, ढाना, हाड़ीकाट, महगुवां, खापा, महकुही, आमापानी, ग्राम क्या विस्थापित किए जा रहे हैं? (ख) अगर विस्थापित होंगे तो किस नियम के तहत इनको विस्थापित किया जावेगा नियम की जानकारी प्रदान करें? (ग) कब तक विस्थापित करने की योजना है एवं क्या विस्थापितों को अन्य स्थानों पर बसाने की शासन की कोई योजना है? (घ) क्या जमीन मकान, पेड़ पौधा, जानवरों का भी मुआवजा दिया जावेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) उक्त ग्रामों को मध्यप्रदेश शासन वन विभाग के पत्र क्रमांक-एफ 3-8/07/10-2/2129, दिनांक 30 अक्टूबर 2008 से जारी दिशा-निर्देश के तहत ग्रामसभा एवं ग्रामवासियों की सहमति पर उनके द्वारा चयनित विकल्प के अनुसार पुनर्स्थापित किया जा सकेगा। पत्र की प्रति संलग्न परिशिष्ट पर है। (ग) शासन से राशि प्राप्त होने पर ग्रामवासियों की सहमति एवं उनके द्वारा चयनित विकल्प के अनुसार मध्यप्रदेश शासन वन विभाग के पत्र क्रमांक-एफ 3-8/07/10-2/2129 दिनांक 30 अक्टूबर 2008 से जारी दिशा-निर्देशों के तहत ग्रामवासियों को पुनर्स्थापित किया जाना है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) मध्यप्रदेश शासन वन विभाग के पत्र क्रमांक-एफ 3-8/07/10-2/2129 दिनांक 30 अक्टूबर 2008 के बिन्दु क्रमांक-2 (ख) (i) के अनुसार जमीन, मकान, पेड़-पौधों, कुंआ आदि समस्त अचल सम्पत्ति का मुआवजा दिया जावेगा। जानवरों अर्थात चल सम्पत्ति के मुआवजा देने का प्रावधान नहीं हैं।
मरम्मतीकरण कार्य की राशि
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
170. ( क्र. 2686 ) श्री दीवानसिंह विट्ठल पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पानसेमल विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2015-16,2016-17 में शासन के द्वारा ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग को आंगनवाड़ी मरम्तीकरण कार्य हेतु राशि सौंपी गई थी? (ख) यदि हाँ, तो कितनी आँगनवाडि़यों हेतु कितनी राशि विभाग को सौंपी गई थीं? आंगनवाड़ीवार सूची उपलब्ध करावें। (ग) क्या विभाग के द्वारा उक्त राशि का दुरूपयोग किया गया है, जिसके कारण शासन के द्वारा निहित उद्देश्य की पूर्ति नहीं हो सकी? क्या शासन के द्वारा उक्त अनियमितता के लिए दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) कलेक्टर, बड़वानी से ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग बड़वानी को आंगनवाड़ियों की मरम्मत के लिए प्राप्त राशि की आंगनवाड़ीवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी उक्त उत्तरांश (क) अनुसार है। (ग) अधीक्षण यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा मंडल, इंदौर द्वारा की गई जाँच में धनराशि का दुरूपयोग पाया गया है। प्रथम दृष्ट्या दोषी पाए गए कार्यपालन यंत्री श्री के.सी. भालसे को निलम्बित किया गया है। दोषी अधिकारियों के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित करने का निर्णय लिया गया है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत स्वीकृत कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
171. ( क्र. 2687 ) श्री दीवानसिंह विट्ठल पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पानसेमल विधान सभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत विगत 03 वित्तीय वर्षों में कितने कार्य स्वीकृत किये गए हैं? वर्तमान में कितने कार्य प्रारम्भ किये गए हैं? सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत ऐसे कितने कार्य प्रारम्भ हैं, जो कई वर्ष पूर्व से स्वीकृत हैं किन्तु ठेकेदार की लापरवाही के कारण कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है? ऐसे कार्यों की सूची उपलब्ध करावें। क्या ऐसे ठेकेदारों के विरुद्ध विभाग के द्वारा कार्यवाही की जावेगी? (ग) जनपद पंचायत पानसेमल के अंतर्गत ग्राम धावडी से चार्लीपीठा मार्ग कब प्रारम्भ किया गया तथा कार्य पूर्ण करने की समय-सीमा क्या थी? क्या कारण है कि उक्त मार्ग वर्तमान तक भी पूर्ण नहीं हो पाया है, जिसके कारण ग्रामीणों में भारी आक्रोश व्याप्त है? क्या विलम्ब के लिए दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध कार्यवाही की जावेगी तथा कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? (घ) विभाग के द्वारा ग्रामों को दो तरफ से जोड़े जाने की कार्य योजना है? यदि हाँ, तो विधान सभा क्षेत्र पानसेमल से प्राप्त प्रस्तावों की सूची उपलब्ध करायें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) पानसेमल विधान सभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत विगत तीन वित्तीय वर्षा में स्वीकृत कार्यों की जानकारी निरंक है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत पानसेमल विधान सभा क्षेत्रांतर्गत कुल 3 मार्गों के कार्य प्रगतिरत है। जिसमें 2 मार्गों का कार्य ठेकेदार द्वारा पूर्ण नहीं किये जाने के कारण अनुबंध निरस्त किया गया। शेष 1 मार्ग का कार्य वनभूमि एवं महाराष्ट्र राज्य की वनसीमा में होने से कार्य पूर्ण करने में विलंब हुआ, जिसका कार्य प्रगतिरत है एवं महाराष्ट्र राज्य की वनभूमि से अनुमति की कार्यवाही प्रगति पर है। सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। ठेकेदार की जमा राशि से वसूली की कार्यवाही कर राशि 4.060 लाख रूपये विभाग के पास जमा है। ठेकेदार द्वारा अनुबंध निरस्तीकरण के विरूद्ध धारा 24 के अंतर्गत दिये गये आवेदन पर कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) जनपद पंचायत पानसेमल के अंतर्गत ग्राम धावडी से चार्लीपीठा मार्ग का निर्माण दिनांक 18.09.2013 से प्रारंभ किया गया। कार्य पूर्ण नहीं करने के कारण ग्रामीणों में भारी आक्रोश जैसी स्थिति नहीं है। ठेकेदार की जमा राशि से वसूली की कार्यवाही की गई है, ठेकेदार द्वारा अनुबंध निरस्तीकरण के विरूद्ध प्राधिकरण मुख्यालय में धारा 24 के अंतर्गत दिये गये आवेदन पर कार्यवाही प्रचलन में है। कार्य पूर्ण करने की निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ग्राम लोहाना से ग्राम सतवासा तक की सड़क की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
172. ( क्र. 2719 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम लोहाना से ग्राम सतवासा तक की सड़क मुख्यमंत्री सड़क योजना के अंतर्गत कहाँ से कहाँ तक स्वीकृत की गई थी। इस मार्ग के निर्माण के लिये कितनी राशि स्वीकृत की गई थी (ख) प्रश्न दिनांक तक इस मार्ग की क्या स्थिति है? मार्ग के निर्माण हेतु कितनी राशि का भुगतान कर दिया गया है? कार्य की गुणवत्ता का आंकलन कब-कब किस अधिकारी के द्वारा किया गया है? (ग) क्या उपरोक्त कार्य गुणवत्ताविहीन है किन्तु फिर भी अपूर्ण जाँच कर किस अधिकारी के द्वारा इस कार्य का भुगतान किया गया है? इस मार्ग के निर्माण के संदर्भ में वास्तविक स्थिति बतावें तथा अनियमित भुगतान की जाँच किस दिनांक तक की जावेगी तथा दोषी अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत प्रश्नाधीन सड़क ग्राम लोहाना से सतवासा तक के लिए राशि रू. 58.38 लाख की स्वीकृति दी गई है। (ख) सड़क निर्माण पूर्ण है। सड़क निर्माण पर राशि रू. 60.93 लाख का व्यय हुआ है। निर्माण की गुणवत्ता का निर्माण के दौरान संबंधित कार्यपालन यंत्री/सहायक यंत्री एवं उपयंत्री द्वारा निरीक्षण किया जाना प्रतिवेदित है। (ग) जी नहीं। निर्माण कार्य की गुणवत्ता संतोषजनक है। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं।
ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन अंतर्गत किये जा रहे कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
173. ( क्र. 2729 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्तमान में नगरपालिक निगम, कटनी के सभी प्रकार के सफाई कार्यों का कुल कितना व्यय है एवं ठोस अपशिष्ट प्रबंधन योजना लागू होने के पूर्व, (विगत तीन वर्षों में) नगरपालिक निगम, कटनी का सभी प्रकार के सफाई कार्यों का कुल व्यय कितना था? माहवार, कार्यवार एवं विभागवार विवरण देवें एवं दोनों ही अवधि में कुल कितने सफाईकर्मी नगर पालिक निगम कटनी में कार्यरत रहे? माहवार विवरण नियमित एवं दैनिक/फिक्स वेतनभोगी कर्मचारियों का अलग-अलग उनसे लिए जा रहे कार्य सहित बतायें। (ख) नगरपालिक निगम, कटनी में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन अंतर्गत कब-कब कितनी-कितनी राशि किस-किस मद से किन-किन शर्तों के अन्तर्गत राज्य/केन्द्र शासन से प्राप्त हुई है एवं कार्यरत स्वतंत्र इंजीनियर एवं रैम्की इन्वायरों को प्रश्न दिनांक तक कितना-कितना भुगतान, किस-किस कार्य हेतु किस-किस मद से कब-कब किया गया। (ग) यह भी बतायें कि ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के अंतर्गत कार्य कर रही कंपनी के कुल कितने कर्मी किस-किस कार्य में लगे हैं, कर्मचारियों के नाम, पिता का नाम, जाति, पता एवं इनसे लिए जा रहे कार्य का विवरण भी बतायें? कंपनी द्वारा कौन-से वाहन इस कार्य हेतु लगाये गये हैं? वाहनों के रजिस्ट्रेशन नंबर सहित जानकारी प्रदान करें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) वर्तमान में अप्रैल 2016 से दिसम्बर 2016 तक में सभी प्रकार के सफाई कार्यों पर कुल व्यय राशि रू. 10,52,02,774/- है, जिसका विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन योजना लागू होने के पूर्व वर्ष 2012-13 से 2014-15 (नवम्बर 2015) तक सभी प्रकार के सफाई कार्यों पर कुल व्यय राशि रू. 23,34,64,017/- है, जिसका विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। उक्त दोनों अवधि में नगर पालिक निगम, कटनी में सफाई व्यवस्था में कार्यरत कर्मचारियों की माहवार, कार्यवार सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ख) ठोस अपशिष्ट प्रबंधन योजनांतर्गत राज्य/केन्द्र शासन से प्राप्त अनुदान राशि की जानकारी, कार्यरत स्वतंत्र इंजीनियर - इंन्फ्रा ई.एन. (इंडिया) प्रा.लि. एवं मे. रैम्की इन्वायरों इंजीनियर्स प्रा.लि. कटनी एम.एस. डब्ल्यू. मैनेजमेंट प्रा.लि. को किये गये भुगतान के सबंध में विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। (ग) ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के अंतर्गत कार्य कर रही कम्पनी मे. रैम्की इन्वायरों इंजीनियर्स प्रा.लि. कटनी एम.एस.डब्ल्यू. मैनेजमेंट प्रा.लि. में कार्यरत कर्मचारियों की सूची मय विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ई'' अनुसार है। उक्त कम्पनी द्वारा ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के कार्य में लगाये गये वाहनों का विवरण रजिस्ट्रेशन नम्बर सहित सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एफ'' अनुसार है।
हरदौली जल आवर्धन योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
174. ( क्र. 2733 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) हरदौली जल आवर्धन योजना मुलताई में हरदौली बांध निर्माण में लगने वाली जमीन के लिये मा. मुख्यमंत्री जी द्वारा मुआवजे के लिये घोषणा (घोषणा क्रं. B1830) कर रुपये 5 करोड़ मुआवजा राशि स्वीकृत की गयी। क्या यह राशि नगर पालिक परिषद् मुलताई को हस्तान्तरित की गयी? हाँ, तो संबंधित दस्तावेजों की छायाप्रति दें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार हरदौली बांध निर्माण में लगने वाली, जमीन की मुआवजा राशि को वितरण करने हेतु आपसी क्रय नीति के अन्तर्गत अनुमति प्रदान की गयी? यदि नहीं तो कब तक अनुमति प्रदान की जायेगी? (ग) इस मुआवजा राशि को कब तक वितरित किया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्रकरण विचाराधीन होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मुलताई विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत मुख्यमंत्री सड़क योजना की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
175. ( क्र. 2735 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुलताई विधान सभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री सड़क योजना अन्तर्गत कितनी सडकें वर्ष 2010 से आज दिनांक तक स्वीकृत की गयी? इन स्वीकृत सड़कों में से कितनी सड़कें पूर्ण की गयी एवं कितनी अपूर्ण हैं? पूर्ण सड़कों की पूर्णता के प्रमाण-पत्रों की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार अपूर्ण सड़कों का निर्माण कार्य किन-किन फर्मों द्वारा किया जा रहा है? कार्यवार फर्मों के नाम की सूची दें। प्रत्येक अपूर्ण कार्य का वर्क आर्डर दिनांक, कार्य पूर्ण करने का दिनांक दें तथा कार्य अपूर्णता प्रतिशत दें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार दी गयी प्रत्येक फर्म को विभाग द्वारा कितना भुगतान किया गया? क्या प्रत्येक भुगतान के एवज में इन फर्मों ने संबंधित कार्य के लिये सेट-अप लगाकर कार्य किया? (घ) बिंदु (क) के अनुसार अपूर्ण कार्यों को विभाग द्वारा कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? इन अपूर्ण कार्यों की अनदेखी कर दोषी इन फर्मों पर कार्यवाही न करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) से (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
कन्या महाविद्यालय को पुन: प्रारम्भ किया जाना
[उच्च शिक्षा]
176. ( क्र. 2748 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में ऐसे कितने जिले हैं जिनके जिला मुख्यालय पर कन्या महाविद्यालय संचालित नहीं है? बतावें। (ख) राजगढ़ जिला मुख्यालय पर पूर्व से संचालित कन्या महाविद्यालय को शासन द्वारा कब तथा क्यों बन्द किया गया था? बतावें। (ग) क्या इस महाविद्यालय को पुन: प्रारम्भ किये जाने हेतु विगत विधान सभा के बजट सत्र में मेरे द्वारा लगाये गये तारांकित प्रश्न के जवाब में माननीय उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा इसे पुन: प्रारम्भ करने की घोषणा की गई थी? (घ) यदि हाँ, तो उक्त पूर्व से सचांलित कन्या महाविद्यालय को शासन द्वारा कब तक प्रारम्भ किया जा सकेगा? बतावें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जिला मुख्यालय राजगढ़ में संचालित कन्या महाविद्यालय को सत्र 2002 से मात्र 17 छात्राओं के प्रवेश होने के कारण जिला योजना समिति की बैठक दिनांक 30.05.2002 में लिये गये निर्णय अनुसार कलेक्टर जिला राजगढ़ द्वारा जारी आदेश क्र. 1720/जियोस/2002 दिनांक 28.06.2002 एवं 07/2002 के द्वारा बंद किया गया तथा कन्या महाविद्यालय को शासकीय बालक महाविद्यालय में सम्मिलित कर दिया गया। (ग) जी हाँ। (घ) राजगढ़ में कन्या महाविद्यालय खोले जाने का प्रस्ताव परियोजना परीक्षण समिति के समक्ष विचाराधीन है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नागरिकों को नर्मदा जल उपलब्ध कराया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
177. ( क्र. 2770 ) श्री आरिफ अकील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या भोपाल में नर्मदा का पानी उपलब्ध कराया जा रहा है? यदि हाँ, किस दिनांक से भोपाल के किस-किस क्षेत्र में कब-कब उपलब्ध कराया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में भोपाल उत्तर विधान सभा क्षेत्र के समस्त वार्डों के प्रत्येक गली मोहल्ले में यानि प्रत्येक घर में कब तक नर्मदा का पानी उपलब्ध कराया जायेगा तथा उत्तर विधान सभा के क्षेत्रवासियों को अभी तक नर्मदा का पानी उपलब्ध नहीं कराने के क्या कारण है और इस लापरवाही के लिये कौन-कौन दोषी है, उनके विरूद्ध क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में 5 वर्ष से अधिक समय व्यतीत हो जाने के पश्चात् भी भोपाल उत्तर विधान सभा क्षेत्र के समस्त परिवारों को नर्मदा का जल उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है? क्या यह योजना पुराने भोपाल के लिये नहीं है? यदि है, तो प्रश्न दिनांक की स्थिति में नर्मदा का पानी उपलब्ध कराने हेतु क्या कार्यवाही की गई और लापरवाही बरतने वालों के विरूद्ध शासन द्वारा क्या तथा कब तक कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) नर्मदा जलप्रदाय योजना अनुसार नर्मदा का पानी उत्तर विधान सभा क्षेत्र में देना प्रस्तावित नहीं है। उत्तर विधान सभा क्षेत्र के वार्डों में बड़ा तालाब तथा कोलार बांध से जलप्रदाय किया जा रहा है। (ग) जानकारी उत्तरांश ''ख'' अनुसार है। किसी के द्वारा लापरवाही नहीं की गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अवैध उत्खनन में की गयी कार्यवाही
[खनिज साधन]
178. ( क्र. 2773 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले की चन्दला विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2016 में अवैध उत्खनन करते हुये कितने वाहन, एल.एन.टी., जे.सी.बी. तथा अन्य उपकरण जप्त किये गये? दिनांकवार सूची उपलब्ध करावें। (ख) क्या अवैध उत्खनन में उपयोग में लाये गये वाहनों मशीनों तथा अन्य उपकरणों की किन-किन अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा जप्ती पंचनामा बनाये गये की गयी कार्यवाही की सत्यापित प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। (ग) क्या जिन वाहनों मशीनों तथा उपकरणों का उपयोग अवैध उत्खनन में किया गया उन्हें खनिज विभाग के नियम/मापदण्ड अनुसार उपयोग करने की अनुमति थी? (घ) यदि हाँ, तो खनिज विभाग की नियमावली/मापदण्ड बतावें? यदि नहीं तो संबंधित अधिकारियों ने कार्यवाही क्यों नहीं की उसमें से कौन-कौन से अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? इन अधिकारी/ कर्मचारियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क पर दर्शित है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख पर दर्शित है। (ग) जी नहीं। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के प्रकाश में खनिज विभाग की नियमावली/मापदण्ड दिये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रश्नांश (क) में दिये उत्तर अनुसार प्रकाश में आये प्रकरणों में कार्यवाही की गई है। अत: किसी कर्मचारी/अधिकारी के दोषी होने का प्रश्न तथा इन पर कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राष्ट्रीय पक्षी मोर का संरक्षण
[वन]
179. ( क्र. 2823 ) श्री विष्णु खत्री : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र बैरसिया अंतर्गत ग्राम पंचायत बीनापुर के समीप राष्ट्रीय पक्षी मोर बहुतायात में पाया जाता है? (ख) यदि हाँ, तो विगत वर्षों में विभाग द्वारा इनके संरक्षण एवं संवर्धन के लिये क्या प्रयास किये गये हैं/किए जा रहे हैं? विवरण उपलब्ध करावें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) भोपाल वन मंडल के अंतर्गत परिक्षेत्र बैरसिया में ग्राम पंचायत बीनापुर के समीप यदा-कदा राष्ट्रीय पक्षी मोर पाया जाता है। (ख) वनमंडल भोपाल द्वारा मोरों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिये सतत् गश्ती एवं निगरानी की जाती है।
प्रदेश में उद्योग एवं रोजगार की स्थिति
[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]
180. ( क्र. 2846 ) श्री जितू पटवारी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माह जनवरी 2017 की स्थिति में इन्दौर एवं भोपाल जिले के रोजगार कार्यालयों में कितने शिक्षित व अशिक्षित बेरोजगार पंजीकृत हैं? महिला, पुरूष की पृथक-पृथक संख्या बतायें। (ख) वर्ष 14-15, 15-16 एवं 16-17 के जनवरी माह तक प्रश्नांश (क) वर्णित पंजीकृतों को शासकीय, सरकारी एवं निजी क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराया गया। पुरूष व महिला की संख्या वर्षवार उपलब्ध करायें। विगत वर्ष के तुलना में इस बार बेरोजगारी में कितने प्रतिशत की वृद्धि आई। (ग) वर्तमान में बेरोजगार को रोजगार उपलब्ध कराये जाने हेतु कौन-कौन सी योजनाएं चल रही हैं? (घ) प्रश्नांश (ख) अवधि में प्रश्नांश (ग) अनुसार इन योजनाओं में जिला इंदौर व भोपाल हेतु क्या लक्ष्य निर्धारित किया गया? कितने प्रकरणों को बैंक को भेजा गया? कितने प्रकरण बैंकों द्वारा स्वीकृत किये गये व कितने प्रकरणों को किस कारण से निरस्त किया गया? (ड.) क्या प्रश्नांश (घ) के संदर्भ में विभाग से ऋण स्वीकृत होने के बाद भी बैंकों द्वारा ऋण स्वीकृत न किये जाने के कारण बेरोजगारों को योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है? यदि हाँ, तो शासन इस समस्या को दूर करने के लिए क्या-क्या कदम उठाने जा रहा हैं? यदि नहीं तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) माह जनवरी 2017 की स्थिति में इन्दौर जिले के रोजगार कार्यालयों में 37489 शिक्षित एवं 8309 अशिक्षित एवं भोपाल जिले के रोजगार कार्यालयों में 38480 शिक्षित एवं 8242 अशिक्षित बेरोजगार पंजीकृत हैं। महिला पुरूष की पृथक-पृथक जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार हैं। (ख) वर्ष 14-15, 15-16 एवं 16-17 के जनवरी माह तक इंदौर एवं भोपाल जिले के रोजगार कार्यालयों में पंजीकृतों को शासकीय, सरकारी एवं निजी क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराये जाने की जानकारी पुरूष व महिला की संख्या संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। विभाग दवारा प्रदेश में बेरोजगारी की वृद्धि या कमी की दर संधारित नहीं की जाती है। (ग) विभाग दवारा बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराये जाने हेतु विभाग में ''जॉब फेयर योजना'' संचालित हैं। (घ) प्रश्नांश (ख) अवधि में प्रश्नांश (ग) अनुसार जॉब फेयर योजनान्तर्गत इंदौर व भोपाल हेतु निम्नानुसार लक्ष्य निर्धारित किया गया :-
क्र. |
वर्ष |
इन्दौर |
भोपाल |
1 |
2014-15 |
2000 |
2000 |
2 |
2015-16 |
2200 |
2200 |
3 |
2016-17 |
1834 |
1834 |
जॉब फेयर योजनान्तर्गत बेरोजगारों को निजी व सार्वजनिक क्षेत्र में वैतनिक रोजगार उपलब्ध कराये जाने में सहायता की जाती हैं। अत: शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ड.) प्रश्नांश (घ) के उत्तर के संदर्भ में कोई प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
लोक सेवा गारंटी केन्द्र पर हितग्राहियों का शोषण
[लोक सेवा प्रबन्धन]
181. ( क्र. 2876 ) पं. रमेश दुबे : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक सेवा गारंटी केन्द्र चांद जिला-छिन्दवाड़ा में आवेदकों को कम्प्यूटराईज पक्की रसीद न देकर हस्तलिखित कच्ची रसीद देने, दी गयी तिथि पर आवेदकों के पहुँचने पर आवेदन के संबंध में कोई जानकारी नहीं देने, बार-बार पता करने पर आवेदकों को केन्द्र के कर्मचारियों द्वारा झिड़क देने, आवेदन निरस्त होने की बात कहे जाने का विगत 3 वर्षों में क्या कोई मामला प्रकाश में आया था? (ख) यदि हाँ, तो किस स्तर से किसके द्वारा जाँच कर क्या कार्यवाही की गयी थी और नहीं की गयी तो क्यों? (ग) क्या उक्त प्रकार की शिकायत प्रश्नकर्ता को भी प्राप्त होने पर कच्ची रसीद की प्रति सहित प्रश्नकर्ता ने अनुविभागीय अधिकारी राजस्व चौरई जिला-छिंदवाड़ा को पत्र क्रमांक 1653 दिनांक 05211/2016 प्रस्तुत किया था? यदि हाँ, तो क्या इस पत्र पर समयावधि में कोई कार्यवाही की जाकर प्रश्नकर्ता को अवगत कराया गया था? नहीं तो क्यों? क्या प्रश्नकर्ता को अवगत कराने का शासनादेश नहीं है? (घ) प्रश्नकर्ता के पत्र पर प्रश्न दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं होने, पत्र प्राप्ती की समयावधि में अभीस्वीकृति नहीं देने, की गयी कार्यवाही से प्रश्नकर्ता को अवगत नहीं कराने के लिए कौन जिम्मेदार है? क्या शासन इसे संज्ञान में लेकर प्रश्नकर्ता के पत्र पर जाँच कर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करने तथा आवेदकों को कच्ची रसीद देकर प्राप्त की गयी राशि वापस कराने का आदेश देगा? यदि नहीं तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व चौरई के पत्र क्रमांक 267/विसप्र/अविअ/2017 चौरई दिनांक 09/02/2017 अनुसार विगत 03 वर्षों में केवल एक मामला प्रकाश में आया है। (ख) तहसीलदार स्तर से इसकी जाँच कराई गई। जाँच में लोक सेवा केन्द्र चॉद के विरूद्ध शिकायत असत्य पाई गई। (ग) जी हाँ। शिकायत की जाँच तहसीलदार, चॉद से कराई गई व शिकायत असत्य पाई गई है। जाँच के निष्कर्ष से अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व चौरई ने अपने पत्र क्रमांक 247 दिनांक 07/02/2017 के द्वारा माननीय विधायक महोदय को अवगत कराया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) चूंकि माननीय विधायक महोदय के पत्र पर जाँच कराई गई है व माननीय विधायक को जाँच के निष्कर्ष से अवगत कराया गया है तथा जाँच में शिकायत असत्य पाई गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ अधिकारी/कर्मचारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
182. ( क्र. 2887 ) श्री हर्ष यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय जिला पंचायत सागर में किस विभाग के कौन-कौन शासकीय सेवक प्रतिनियुक्ति पर किस पद पर पदस्थ हैं? इनका वेतन किस विभाग के द्वारा दिया जा रहा है? (ख) क्या गत वर्ष जिला पंचायत द्वारा वेतन भुगतान की समस्या के कारण कुछ शासकीय सेवकों को अन्यत्र पदस्थ किया गया था? यदि हाँ, तो नाम पद पदस्थी स्थान सहित बतायें? (ग) कितने एवं किन परिस्थितियों में शासकीय सेवकों की अन्यत्र पदस्थापना दिखाकर वास्तविक रूप से जिला पंचायत में कार्यालय में रखा गया? (घ) कौन-कौन से शासकीय सेवक जिला पंचायत में संलग्न हैं? क्या उनके मूल पदस्थापना स्थल पर कार्य नहीं है? यदि कार्य नहीं है, तो क्या ऐसे पदों को रिक्त स्थान पर ट्रांसफर करने का शासन को प्रस्ताव भेजा गया है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जिला पंचायत सागर में वर्तमान में दुग्ध संघ से श्री विजय चौरसिया एवं श्री अनिल जैन प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत हैं। वेतन भुगतान पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा किया जाता है। (ख) जी हाँ। शासकीय सेवकों के नाम क्रमश: 1. श्री डी.सी. जैन, सहायक विकास विस्तार अधिकारी, देवरी, 2. श्री श्यामकांत तिवारी, सहायक विकास विस्तार अधिकारी, राहतगढ़, 3. श्री पी.सी.जैन सहायक विकास विस्तार अधिकारी, शाहगढ़, 4. श्री राजेश दुबे, सहायक विकास विस्तार अधिकारी, मालथोन में पदस्थ किए गए। (ग) वर्तमान में प्रश्नांश (ख) के उत्तर में वर्णित अधिकारी उनके पदस्थापना स्थल के लिए कार्यमुक्त किए जा चुके हैं। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार है।
अवैध खनन पर कार्यवाही
[खनिज साधन]
183. ( क्र. 2914 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनेश पिता मांगीलाल जैन निवासी महिदपुर रोड़ जिला उज्जैन के प्रकरण में जब कमिश्नर से प्रकरण शासन के पक्ष में आया तो राजस्व मंडल में विभाग की ओर से केवियेट क्यों नहीं लगाई गई (ख) केवियेट लगाने के लिए जिम्मेदार अधिकारी का नाम, पदनाम सहित बतावें। इन पर कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ग) इस प्रकरण का निराकरण कब तक होगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) राजस्व मंडल में शासन पक्ष समर्थन करने के लिये प्रभारी अधिकारी नियुक्त न होने से केवियेट प्रस्तुत नहीं की गई। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रकरण राजस्व मंडल में अर्धन्यायिक प्रक्रिया के तहत विचाराधीन है। अत: इसके निराकरण की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रकरण की सुनवाई में विलंब
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
184. ( क्र. 2915 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सुप्रीम कोर्ट में बड़ाराम मंदिर झारडा जिला उज्जैन प्रकरण की वर्तमान स्थिति से अवगत कराएं? (ख) पिछली 03 सुनवाई तिथियों में कौन वकील उपस्थित/अनुपस्थित थे, की जानकारी दें?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सप्लाई में भ्रष्टाचार
[नगरीय विकास एवं आवास]
185. ( क्र. 2922 ) श्री बाला बच्चन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिंहस्थ 2016 में नगर निगम उज्जैन एवं विभाग द्वारा किए समस्त भुगतान की जानकारी फर्म का नाम/व्यक्ति नाम, कार्य नाम, भुगतान राशि, भुगतान दिनांक, टी.डी.एस. कटौत्रा राशि सहित देवें। (ख) दिनांक 19.07.16 के ता.प्र.संख्या 24 (क्र.803) में वर्णित शौचालय किराये पर देने वाली फर्मों की सूची उनके द्वारा सप्लाई शौचालय की संख्या, भुगतान राशि सहित फर्मवार देवें। (ग) अता.प्र.सं. 155 (क्र. 1589) दिनांक 06.12.16 के अनुसार सिंहस्थ 2016 में शौचालय किराये पर देने वाली फर्म मेक कंस्ट्रक्शन उज्जैन, अशोक कुमार जैन उज्जैन महेन्द्र कुमार उज्जैन, संहिता कंस्ट्रक्शन इंदौर, अर्जुन कंस्ट्रक्शन इंदौर किसी भी वृत्त कार्यालय (वाणिज्यिक कर विभाग) में पंजीकृत नहीं है? (घ) अपंजीकृत उपरोक्त फर्मों को किस आधार पर शासकीय विभाग में सप्लाई दी गई? इसके दोषी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) सिंहस्थ 2016 में नगर पालिक निगम, उज्जैन द्वारा सिंहस्थ मद में स्वीकृत कार्यों के ठेकेदार एवं सप्लायरों को किये गये भुगतान फर्म/व्यक्ति का नाम, कार्य का नाम एवं कटौत्रा की गई टी.डी.एस. की राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। शेष जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) विधान सभा तारांकित प्रश्न क्रमांक 803 में वर्णित शौचालय किराये पर देने वाली फर्मों की सूची उनके द्वारा सप्लाई शौचालयों की संख्या एवं भुगतान राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) सिंहस्थ 2016 में नगर पालिक निगम, उज्जैन को शौचालय किराये पर देने वाली जिन फर्मों के नाम प्रश्न में उल्लेखित किये गये हैं। ये सभी वाणिज्यिक कर विभाग में पंजीकृत है, जिनके पंजीयन नम्बर निम्नानुसार है:-
क्रं. |
फर्म का नाम |
पंजीयन नम्बर |
1. |
अर्जन कन्सट्रक्शन, इंदौर |
23479099615 |
2. |
अशोक कुमार जैन, उज्जैन |
23802602666 |
3. |
महेन्द्र कुमार, उज्जैन |
23089050448 |
4. |
संहिता कन्सट्रक्शन |
23973805615 |
5. |
मेक कन्सट्रक्शन, उज्जैन |
23519149178 |
(घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जाँच कर कार्यवाही करके दण्डित किया जाना
[उच्च शिक्षा]
186. ( क्र. 2926 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अवधेश प्रताप विश्वविद्यालय रीवा में कुल कितने पद राजपत्रित, प्रशासनिक, तृतीय श्रेणी, चतुर्थ श्रेणी के पद स्वीकृत हैं तथा वर्तमान की स्थिति में कितने पद भरे एवं कितने रिक्त हैं? वर्गवार, पदवार, जातिवार सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या सभी पदों के नियुक्तियों में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति एवं अन्य वर्गों के आरक्षण नियमों के पालन हेतु आरक्षित पदों के लिए रोस्टर रजिस्टर संधारित किया गया है। यदि हाँ, तो वर्गवार, जातिवार खाली पड़े पदों की सूची देवें। (ग) उच्च शिक्षा म.प्र. शासन के आदेश क्र. 1415/3174/2011/38-3 दिनांक 11.06.2012 भोपाल के विरूद्ध दैनिक वेतनभोगी एवं मस्टर श्रमिकों की कितनी नियुक्तियां की गई है? जातिवार सूची देवें। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के संदर्भ में बैकलॉग पदों के प्रतिपूर्ति हेतु क्या विशेष भर्ती अभियान के तहत आरक्षित पदों की नियुक्तियां दी गई हैं? बैकलाग पदों की भर्ती एवं सीधी भर्ती के पदों की सूची जातिवार वर्गवार देवें तथा नियम विरूद्ध नियुक्तियां करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कौन सी दण्डात्मक कार्यवाही कब तक करेंगे।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’, ‘ब’ एवं ‘स’ अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’, ‘ब’ एवं ‘स’ अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘द’ अनुसार है। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘इ’ अनुसार है। अनियमितता एवं नियम विरूद्ध नियुक्ति करने वाले नियुक्तिकर्ताओं के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी। समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं हैं।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
मॉडल सड़क
का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
1. ( क्र. 67 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के माध्यम से सरकार प्रत्येक विकासखण्ड में एक मॉडल सड़क निर्माण करने जा रही है? यदि हाँ, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है? (ख) क्या उक्त सड़कें नयी तकनीक से बनाई जाएगी? यदि हाँ, तो उक्त तकनीक की पूर्ण जानकारी दें? (ग) क्या प्रदेश के सभी विकासखण्डों में मॉडल सड़क निर्माण हेतु मार्ग चयन कर लिये गये हैं? यदि हाँ, तो उज्जैन संभाग की चयनित मॉडल सड़कों का विकासखण्डवार ब्यौरा दें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। प्रत्येक विकासखंड में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत निर्मित सड़कों को तकनीकी स्टैण्डर्ड के अनुसार निर्मित किया जाता है। (ख) प्रश्नांश 'क' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत मॉडल सड़कों का प्रावधान नहीं है।
परफार्मेंस ग्राण्ट की राशि की स्वीकृति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
2. ( क्र. 106 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2016-17 में 14वें वित्त आयोग अंर्तगत परफार्मेन्स ग्राण्ट की राशि विभिन्न प्रयोजन हेतु जनपद पंचायतों को उपलब्ध कराई गयी हैं? (ख) यदि हाँ, तो किन-किन जनपद पंचायतों को कितनी-कितनी राशि, किस-किस प्रयोजन हेतु उपलब्ध कराई गई हैं? (ग) जनपद पंचायत पनागर एवं जबलपुर अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र पनागर के अधीन आने वाली ग्राम पंचायतों में कितनी राशि व्यय हुई एवं कितनी शेष हैं? (घ) राशि कब तक निहित प्रयोजन हेतु व्यय की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ग) जनवरी, 2017 में 14वें वित्त आयोग अंतर्गत परफॉरमेन्स ग्राण्ट मद में वित्त आयोग की अनुशंसाओं के मुताबिक ग्राम पंचायतों को सीधे धन राशि जारी की गई है। जनपद पंचायत, जबलपुर एवं पनागर की ग्राम पंचायतों को जारी राशि क्रमशः रू 62,75,194 एवं रु. 37,20,000 है। व्यय निरंक है। (घ) वर्ष 2017-18 तक पूर्ण राशि का उपयोग किया जाना लक्षित है।
निर्मित शौचालयों का भुगतान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
3. ( क्र. 107 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र पनागर अंतर्गत शौचालयों का पूर्णता प्रमाण पत्र जारी हो जाने के बाद भी हितग्राहियों को भुगतान नहीं किया गया हैं? (ख) यदि हाँ, तो कारण सहित बतावें? (ग) यदि हितग्राहियों को भुगतान किया गया है तो वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक के भुगतान की संख्यात्मक जानकारी देवें? (घ) ऐसे कितने हितग्राही हैं जिन्होने शौचालय निर्माण कर लिया है एवं सीसी जारी होने के बाद भी भुगतान नहीं हुआ है? भुगतान न होने का कारण सहित सूची देवें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं, सभी पात्र हितग्राहियों को भुगतान किया गया है। (ख) प्रश्नांश क के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र पनागर अंतर्गत जनपद पंचायत जबलपुर में 612 एवं जनपद पंचायत पनागर में 1482 हितग्राहियों को प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया गया है। (घ) जानकारी निरंक है।
वन विभाग द्वारा सोलर लाईट इकाइयां बंद होना
[वन]
4. ( क्र. 218 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के बागली विधान सभा क्षेत्र के वन परिक्षेत्र, बागली, पुन्जापुर, उदयनगर, कांटाफो़ड़, जिनवानी में कार्यालयों, ग्रामों एवं अन्य स्थानों पर सोलर लाईट इकाइयां कब और कहाँ-कहाँ पर कौन सी योजनाओं के तहत स्थापित की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रत्येक इकाई की लागत कितनी-कितनी थी? निर्माण एजेंसी किसे बनाया गया था? प्रश्नांश इकाइयों में कितनी इकाइयां (सोलर लाईट) चालू हैं? कितनी बंद है? स्थलवार जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) स्थापित सोलर इकाइयों का मेंटेनेंस कितने वर्षों तक किये जाने का अनुबंध था, क्या निर्माण एजेंसी के द्वारा मेंटेनेंस किया जा रहा है? अगर हां, तो कब-कब किया गया? इकाइयों का भौतिक सत्यापन कब-कब किन अधिकारियों द्वारा किया गया है, पदनाम दिनांक सहित जानकारी देवें? (घ) बंद सोलर इकाइयां कब तक चालू कर दी जावेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) प्रश्नांश ''अ'' में वर्णित परिक्षेत्रों में वर्ष 2012-13 में 13वें वित्त आयोग द्वारा प्रदत्त राशि से ऊर्जा विकास निगम के माध्यम से सोलर लाईट इकाइयों को स्थापित कराया गया था। (ख) प्रत्येक इकाई की लागत रूपये 25,163/- थी इस राशि में से केन्द्र शासन द्वारा दिया गया अनुदान रूपये 5,870/- एवं राज्य शासन द्वारा दिया गया अनुदान रूपये 10,000/- की राशि घटाकर वन विभाग द्वारा ऊर्जा विकास निगम को रूपये 9,293/- प्रति नग का भुगतान 13वें वित्त आयोग द्वारा प्रदायित राशि से किया गया था। निर्माण एवं कार्यान्वयन की जिम्मेदारी ऊर्जा विकास निगम को दी गई थी। चालू इकाइयों एवं बन्द इकाइयों की स्थलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) स्थापित सोलर इकाइयों के मेन्टनेन्स के लिए कोई अनुबन्ध नहीं किया गया था। ऊर्जा विकास निगम द्वारा फिलहाल कोई रखरखाव नहीं किया जा रहा है। इकाइयों के भौतिक सत्यापन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में दी गई है। (घ) बन्द सोलर इकाइयों को चालू करने के बाद ऊर्जा विकास निगम को पत्र लिखा गया है। क्षेत्रीय विभागीय अधिकारी अपने स्तर से ऊर्जा विकास निगम के माध्यम से बन्द इकाइयों को चालू करने के लिए प्रयासरत है।
कार्ययोजना में सम्मिलित कार्यों की स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
5. ( क्र. 248 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग में वार्षिक कार्ययोजना तैयार किये जाने का प्रावधान है या नहीं? इस कार्ययोजना का क्या उद्देश्य है? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर हां है तो वर्ष 2016-17 की कार्ययोजना में प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत किस-किस कार्य का सम्मिलित किया गया है? कार्य का नाम, अनुमानित लागत एवं अन्य जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित कार्ययोजना में सम्मिलित कितने कार्य स्वीकृत हो चुके हैं, कितने शेष हैं? शेष कार्यों की स्वीकृति कब तक जारी की जावेगी? स्वीकृत, शेष कार्य की सूची उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। कार्य योजना का उद्देश्य प्रदेश के शहरों में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराना है। (ख) नगरीय क्षेत्र गंजबासौदा अंतर्गत वर्ष 2016-17 में स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत 795 शौचालय का निर्माण कार्य की कार्य योजना की स्वीकृति संचालनालय के पत्र क्रं./य.प्र./07/2016/5983 भोपाल दिनांक 30.04.2016 से 108.12 लाख की स्वीकृति प्रदान की गई है, जिसमें कार्य गतिशील है तथा संचालनालय के पत्र क्रं./15212/ मु.स.अद्धो.वि.यो.- 11/या.प्र./07-4/2016 भोपाल दिनांक 06.12.2016 से 300 लाख की सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई है। जिसमें निकाय स्तर पर योजना तैयार की जा रही है। (ग) उक्त उल्लेखित कार्य योजना में स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत व्यक्तिगत शौचालय निर्माण की कार्य योजना स्वीकृत हो चुकी है तथा मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास की कार्य योजना स्वीकृत हो चुकी है तथा मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास की कार्य योजना निकाय स्तर पर तैयार की जा रही है।
दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों को विनियमित करने की योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
6. ( क्र. 249 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक/एफ 5/2013/1/3/ भोपाल, दिनांक 07.10.2016 के द्वारा शासन के अधीनस्थ समस्त विभाग में कार्यरत ऐसे दैनिक वेतन भोगी श्रमिक जो दिनांक 16 मई 2007 को कार्यरत थे व 1 सितम्बर 2016 को भी कार्यरत है एवं 16 मई 2007 के बाद शासन की अनुमति/अनुमोदन से नियुक्त दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों के लिए स्थायी कर्मियों को विनियमित करने की योजना लागू की गई है? (ख) विदिशा जिला अंतर्गत आने वाली नगरपालिका परिषद एवं नगर पंचायत परिषद में कार्यरत प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी श्रमिक के नाम, पदनाम सहित जानकारी नगर पालिका/नगर पंचायत की देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों को प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना का लाभ कब तक दिया जावेगा? अभी तक लाभ नहीं दिये जाने का कारण स्पष्ट करें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) विदिशा जिला अंतर्गत आने वाली नगर पालिका परिषद/नगर पंचायत में कार्यरत प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी श्रमिक के नाम, पदनाम सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा परिपत्र क्रमांक एफ 5-1/2013/ 1/3 दिनांक 07 अक्टूबर, 2016 को जारी निर्देश स्थानीय निकायों में लागू न होने से लाभ दिये जाने का प्रश्न ही उपस्थिति नहीं होता।
नीमच जिले में लघु एवं कुटीर उद्योग लगाना
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
7. ( क्र. 268 ) श्री कैलाश चावला : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नीमच जिले में लघु एवं कुटीर उद्योग लगाने हेतु उद्योग विभाग द्वारा कितने प्रशिक्षण कार्यक्रम पिछले तीन वर्षों में आयोजित किए गए व कितने प्रशिक्षणार्थी द्वारा भाग लिया गया? क्या जिला उद्योग विभाग नीमच द्वारा नीमच जिले में स्थानीय परिस्थितियों के हिसाब से संभावित उद्योग का चयन कर लगवाने हेतु कोई कार्य योजना हेतु पिछले 3 वर्षों में कार्य किया गया? यदि हाँ, तो जानकारी दें। (ख) क्या विभाग द्वारा खनिज व कृषि पर आधारित संभावित उद्योग की कोई सूची बनाई गई है? क्या विभाग तकनीकी विशेषज्ञों को भेजकर नीमच जिले में खनिज व कृषि आधारित संभावित उद्योग की जानकारी एवं उनका प्रशिक्षण मशीनरी एवं मार्केटिंग के बारे में जानकारी दिए जाने हेतु प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने के निर्देश देगा?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) नीमच जिले में लघु एवं कुटीर उद्योग लगाने हेतु जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र नीमच द्वारा पिछले तीन वर्षों में 05 प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये गये, जिसमें 131 प्रशिक्षणार्थियों ने भाग लिया। नीमच जिले में स्थानीय परिस्थितियों के हिसाब से संभावित उद्योगों का चयन कर उनकी स्थापना हेतु कार्ययोजना तैयार किया जाकर उन्हें संभावित शासन द्वारा संचालित स्वरोजगार योजनाएं (जैसे मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना तथा प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम) में पात्र आवेदकों के ऋण प्रकरण बैंकों को प्रेषित कर उद्योगों की स्थापना की कार्यवाही निरंतर रूप से की जा रही है। (ख) जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र नीमच द्वारा जिले में स्थापित किये जाने वाले संभावित उद्योगों की सूची पूर्व से तैयार की गई थी। समय-समय पर विशेषज्ञों के द्वारा प्रशिक्षण आयोजित किया गया।
मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
8. ( क्र. 271 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र में 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना अंतर्गत कौन-कौन से मार्ग कितनी लम्बाई और कितनी लागत के कब-कब स्वीकृत हुए? (ख) क्या स्वीकृत कार्य सभी पूर्ण हो गये हैं? यदि अपूर्ण हैं, तो उसका क्या कारण है? अधूरे निर्माण कार्य के लिये कौन जवाबदार है? (ग) वर्ष 2015-16 में उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क हेतु कितने ग्रामों तक तथा कितने कि.मी. एवं कितनी राशि का लक्ष्य रखा गया है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। स्वीकृत कार्य अनुबंध अनुसार कार्य पूर्ण करने की समय-सीमा में होने एवं समय पर स्थल उपलब्ध न होने से अपूर्ण है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उदयपुरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2015-16 में स्वीकृत 06 ग्रामों को जोड़ने के लिए 12.60 कि.मी. लंबाई की सड़क निर्माण करते हुए रू. 200.00 लाख के व्यय का लक्ष्य इस वित्तीय वर्ष में रखा गया है।
उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा बनाये गए लैण्ड बैंक
[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]
9. ( क्र. 282 ) श्री रामनिवास रावत : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने लैण्ड बैंक बनाया है? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी भूमि किन-किन स्थानों पर लैण्ड बैंक में शामिल की है? (ख) क्या चम्बल संभाग के श्योपुर, मुरैना एवं भिंड जिले को लैंड बैंक में सम्मिलित किया है? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ की कितनी-कितनी भूमि को एवं यदि नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (ख) के किन-किन जिलों में कितनी-कितनी भूमि विगत पाँच वर्षों में कौन कौन से उधोग स्थापित करने के लिए किन-किन शर्तों पर कितनी-कितनी अवधि के लिए किन-किन संस्थाओं/उद्योगपतियों को दी है? अभी तक कहाँ-कहाँ कौन-कौन से उद्योग स्थापित हुए हैं? क्या इन उद्योगों में 50 प्रतिशत स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार दिया है? यदि नहीं तो क्यों? (घ) भूमि प्राप्त करने वाले उद्योगपतियों द्वारा निर्धारित समय-सीमा में किस-किस के द्वारा उद्योग स्थापित नहीं करने पर भूमि वापिस ली गयी है? यदि नहीं तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए म.प्र. शासन ने लैण्ड बैंक तैयार किया गया था जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जी हाँ। चम्बल संभाग के श्योपुर, मुरैना एवं भिंड जिले की भूमि को भी लैंड बैंक में सम्मिलित किया है, विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) प्रश्नांश 'ख' के मुरैना एवं भिंड जिले में आय.आय.डी.सी. ग्वालियर दवारा विगत पाँच वर्षों में आवंटित भूमि एवं स्थापित उद्योगों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। स्थानीय रोजगार के संबंध में उद्योग संवर्धन नीति के अनुरूप कार्यवाही की जाती है। (घ) भूमि प्राप्त करने वाले उद्योगपतियों दवारा निर्धारित समय-सीमा में उद्योग स्थापित नहीं करने पर उनसे वापिस ली गयी भूमि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है।
वन्यप्राणी अभ्यारण्यों, नेशनल पार्कों में बाघों की सुरक्षा
[वन]
10. ( क्र. 283 ) श्री रामनिवास रावत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में स्थित विभिन्न वन्यप्राणी अभ्यारण्यों, नेशनल पार्कों में कुल कितने बाघ हैं? अभ्यारण्यवार जानकारी दें? (ख) जनवरी 2014 से जनवरी 2016 तक प्रदेश में कितने बाघों की कहाँ-कहाँ एवं किस-किस कारण से मौत हुई? सरकार ने इन मौतों की कब-कब, किस-किस के द्वारा जाँच करवायी? जाँच में कौन दोषी पाए गए? जाँच ब्यौरा देते हुए बतावें की इन बाघों की मौतों के लिए जिम्मेदारों पर अब तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 की अवधि में बाघों के रख-रखाव एवं सुरक्षा पर वर्षवार कितनी राशि व्यय की गई है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) प्रदेश में स्थित राष्ट्रीय उद्यान एवं अभयारण्य के वनक्षेत्रों में राज्य वन अनुसंधान संस्थान जबलपुर के द्वारा वर्ष 2016 में की गई वन्यप्राणी गणना में बाघों की आंकलित संख्या 258 है। जिसका विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जनवरी 2014 से जनवरी 2016 तक प्रदेश में कुल 33 बाघों की मृत्यु हुई है, जिसमें 08 बाघों की मृत्यु का कारण शिकार एवं 25 बाघों की मृत्यु का कारण प्राकृतिक है। जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) बाघों के क्षेत्रों के रख-रखाव एवं सुरक्षा हेतु भारत सरकार, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन, मंत्रालय से वनों एवं वन्यप्राणियों के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु प्रोजेक्ट टाइगर मद से राशि प्राप्त होती है। बाघों की सुरक्षा हेतु पृथक से कोई राशि आवंटित नहीं की जाती है। बाघों के रख-रखाव एवं सुरक्षा पर प्रत्यक्ष एवं परोक्ष व्यय की वर्षवार जानकारी विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
मदवार आवंटित राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
11. ( क्र. 299 ) श्री जतन उईके : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) छिंदवाड़ा जिले की पांढुर्णा विधानसभा क्षेत्र में स्थित नगर पालिका परिषद पांढुर्णा को प्रतिवर्ष शासन द्वारा कितना-कितना अनुदान किन-किन मदों में, किन-किन कार्यों हेतु 2013 से अब तक उपलब्ध कराया गया तथा नगर परिषद द्वारा प्राप्त आवंटन का उपयोग किन-किन कार्यों पर किया गया है? (ख) वर्षवार, मदवार, कार्यवार उपलब्ध बंटन एवं किये गये व्यय की जानकारी उपलब्ध करावें तथा परिषद की स्वयं की क्या आय हो रही है व उसका क्या उपयोग किया गया वर्षवार बतायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’ब’’ एवं ''स'' अनुसार है।
निर्मल भारत अभियान योजना में बने शौचालय का भौतिक सत्यापन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
12. ( क्र. 322 ) श्री जतन उईके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले के अन्तर्गत निर्मल भारत अभियान में वर्ष 2015-16, 2016-17 में भौतिक सत्यापन के अधिकार ग्रामीण स्तर के किन-किन अधिकारियों को दिये गये हैं तथा वास्तविक रूप से प्रत्येक जनपद में कितनी-कितनी संख्या में शौचालय का भौतिक सत्यापन इनके द्वारा किया गया है? पदवार संख्या जनपद वार जानकारी दें? (ख) क्या निर्मल भारत अभियान में शौचालय का मूल्यांकन उपयंत्री द्वारा करने का प्रावधान है, यदि हाँ, तो आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करायें? (ग) उपयंत्री द्वारा कम मूल्यांकन कर कितने शौचालय को पूर्ण किया गया है? सूची कारण सहित उपलब्ध करावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) योजनांतर्गत निर्मित शौचालयों के भौतिक सत्यापन के अधिकार विकासखण्ड समन्वयक/पंचायत समन्वयक अधिकारी/सहायक विकास विस्तार अधिकारी/ उपयंत्री/पंचायत सचिव/ग्राम रोजगार सहायक को दिये गये है। पदवार जनपदवार सत्यापित किये गये शौचालयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। आदेश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी निरंक है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जावरा जिला रतलाम के घण्टाघर एवं प्रीमियर आइल मिल जावरा की भूमि
[नगरीय विकास एवं आवास]
13. ( क्र. 340 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा दिसम्बर 2016 में मंत्री जी को लिखे पत्र व प्रश्नकर्ता के प्रश्न दिनांक 26 जुलाई 2016 के अतारांकित प्रश्न संख्या 3 (क्रमांक 110) के संदर्भ में तथा 8 दिसम्बर 16 के अता. प्रश्न संख्या 135 (क्रमांक 1535 ) के संदर्भ में बताए कि जावरा घण्टाघर जीर्ण-शीर्ण नहीं है व उसकी मरम्मत की जा सकती है तथा वहाँ अत्यधिक सकरे रास्ते हैं व चारों और सैकड़ों दुकानें वर्तमान में हैं व ट्रेफिक जाम कई बार होता है। अतः वहाँ पर दुकानों की गणना, ट्रेफिक का दबाव, पार्किंग की गुन्जाईश नहीं होने से क्या शासन अन्यत्र पुराने अस्पताल के पास या कोतवाली के पास या अन्यत्र शापिंग काम्पलेक्स बनाने पर विचार करेगा? (ख) प्रीमियर आइल मिल जावरा की भूमि पर बस स्टेण्ड के विस्तार व शापिंग काम्पलेक्स के नगरपालिका के प्रस्ताव पर माननीय उच्च न्यायालय में इंदौर रिस्टोरेशन का आवेदन प्रस्तुत किया है उसमें क्या प्रगति हुई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं, जावरा नगर में स्थित घण्टाघर जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है। नगर पालिका परिषद जावरा द्वारा शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, उज्जैन से परीक्षण कराया जा रहा है। शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, उज्जैन से तकनीकी अभिमत प्राप्त होने के उपरान्त निकाय द्वारा यथोचित कार्यवाही की जावेगी। (ख) रिट पिटीशन क्रमांक डब्ल्यू.ए.712/14 दिनांक 16.07.2016 में माननीय उच्च् न्यायालय इंदौर द्वारा निर्देशित किया गया है कि सिविल न्यायालय से स्वत्व निर्धारण कर उसके आधार पर नामांतरण की कार्यवाही की जाए।
विधायक एवं सांसद निधि का उपयोग
[नगरीय विकास एवं आवास]
14. ( क्र. 343 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पिछली विधानसभा के दौरान प्रश्नकर्ता व तत्कालीन सांसद ने कितनी विधायक फण्ड व सांसद फण्ड की राशि जावरा नगरपालिका क्षेत्र में व वार्ड में किस कार्य के लिये स्वीकृत की तथा उसमें से कितनी धनराशि किस-किस वार्ड में किस तिथि को स्वीकृत हुई व किस तिथि व वर्ष में खर्च हुई तथा कितनी खर्च नहीं हो पाई व क्यों खर्च नही हो पाई व कब तक खर्च हो जाएगी? (ख) महावीर कालोनी में प्रश्नकर्ता जावरा के विधायक होते हुए 3 वर्ष पूर्व की विधानसभा के समय कितनी धनराशि स्वीकृत की तथा यदि इससे पूरी सड़क नहीं बनती तो जितनी धनराशि स्वीकृत की थी उसे डॉ. चंदेलकर के मकान के बाद कालोनी में जितनी सड़क बन सकती थी क्यों नहीं बनाई व पैसा नगरपालिका के फण्ड में कब से एवं क्यों पड़ा है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’’ एवं ‘’ब’’ अनुसार है। (ख) राशि रूपये 1.50 लाख स्वीकृत किये गये, अवैध कालोनी होने से निर्माण कार्य नहीं कराया गया।
समग्र स्वच्छता अभियान योजना में प्राप्त हुई वित्तीय राशि
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
15. ( क्र. 388 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले में समग्र स्वच्छता अभियान अंतर्गत योजना प्रारंभ होने से प्रश्न दिनांक तक मण्डला जिले को कितनी-कितनी राशि वित्तीय वर्षों में प्राप्त हुई है, मदवार जनपद पंचायतवार एवं वर्षवार विवरण उपलब्ध करावें? (ख) उक्त योजनांतर्गत प्रचार-प्रसार मद में कितनी राशि व्यय की गई? प्रचार-प्रसार का दायित्व किस-किस एजेन्सी को सौंपा गया है? क्या इस हेतु निविदा आमंत्रित की गई थी? जनपद पंचायतवार विवरण देवें? प्रचार-प्रसार में योजना प्रारम्भ होने से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि व्यय की गई? (ग) जनपद पंचायत मण्डला एवं नैनपुर में योजना प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक कितने व्यक्तिगत तथा कितने सामुदायिक शौचालयों का निर्माण किया गया? ग्रामवार पंचायत वार हितग्राहियों की संख्या बतायें? (घ) कितने व्यक्तिगत शौचालय वर्तमान में सही स्थिति में है व हितग्राहियों द्वारा प्रयोग में लाये जा रहे हैं? यदि नहीं तो क्यों? जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही की जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। योजनांतर्गत शासन स्तर से जनपद पंचायत को राशि आवंटित नहीं की जाती है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। योजनांतर्गत प्रचार-प्रसार का दायित्व जिला/जनपद एवं ग्राम पंचायतों को सौंपा गया। निविदा आमंत्रित नहीं की गई। (ग) व्यक्तिगत पारिवारिक शौचालय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है। सामुदायिक शौचालय का निर्माण नहीं किया गया। (घ) जनपद पंचायत मंडला एवं नैनपुर में निर्मित कुल व्यक्तिगत शौचालय 32306 में से 31104 शौचालय सही स्थिति में व हितग्राहियों द्वारा प्रयोग में लाये जाना प्रतिवेदित है। 1202 शौचालय हितग्राहियों द्वारा संधारण के अभाव में प्रयोग में नहीं लाये जा रहे है। हितग्राहियों द्वारा संधारण नहीं करने के लिये ग्राम पंचायत की जिम्मेदारी तय नहीं की जा सकती है।
गरीबी रेखा सूची में नाम शामिल किया जाना
[लोक सेवा प्रबन्धन]
16. ( क्र. 389 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक लोक सेवा केन्द्रों व तहसील कार्यालयों के माध्यम से गरीबी रेखा सूची में नाम शामिल करवाने के लिये कुल कितने आवेदन प्राप्त हुए हैं? विकासखण्ड वार पृथक-पृथक जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या गरीबी रेखा सूची में नाम शामिल करवाने के लिये लोकसेवा के माध्यम से आवेदन करना अनिवाये है? यदि हाँ, तो क्यों कारण बतायें? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में लोकसेवा केन्द्र के माध्यम से प्राप्त आवेदनों पर कुल कितना शुल्क लिया गया व कितने आवेदन कर्त्ताओं के नाम गरीबी रेखा सूची में शामिल किये गये?
उच्च
शिक्षा
मंत्री ( श्री
जयभान सिंह
पवैया ) : (क) मण्डला
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत वर्ष 2013 से
प्रश्न
दिनांक तक लोक
सेवा केन्द्रों
व तहसील
कार्यालयों
के माध्यम से
गरीबी रेखा
सूची में नाम
शामिल करवाने
के लिये कुल 44290
आवेदन प्राप्त
हुये हैं।
विकासखण्ड
मण्डला में
कुल 29209
आवेदन एवं
विकासखण्ड
नैनपुर में
कुल 15081
आवेदन प्राप्त
हुए हैं।
(ख) जी
नहीं। (ग) प्रश्नांश
(ख) के
परिप्रेक्ष्य
में लोक सेवा
केन्द्र के
माध्यम से
प्राप्त
आवेदनों पर 30
रूपये प्रति
आवेदन के मान
से कुल 13,14,690/- (तेरह
लाख चौदह हजार
छ: सौ नब्बे
रूपये मात्र)
शुल्क लिया
गया व 12184
आवेदनकर्ताओं
के नाम गरीबी
रेखा सूची में
शामिल किये
गये।
शांतिधाम प्रोजेक्ट
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
17. ( क्र. 418 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर ग्रामीण विधान सभा क्षेत्र क्र. 14 में कितने शांतिधाम प्रोजेक्ट स्वीकृत किये गये हैं? स्वीकृत प्रोजेक्ट में से कितने पूर्ण एवं कितने अपूर्ण हैं पंचायतों के नाम सहित बतायें? (ख) कितने शांतिधामों में पेयजल की व्यवस्था की गई तथा कितनों में पेयजल की व्यवस्था शेष है? (ग) कब तक शेष बचे शांतिधामों में पेयजल की व्यवस्था की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) 03 शांतिधामों में पेयजल की व्यवस्था की गई है। शेष में नहीं है। (ग) शांतिधाम में पेयजल की व्यवस्था स्थानीय स्त्रोतों से अथवा जन सहयोग से होना अपेक्षित है जिसके लिए समय-सीमा नियत नहीं की जा सकती है।
नर्मदा जल कनेक्शन
[नगरीय विकास एवं आवास]
18. ( क्र. 449 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर पालिक निगम भोपाल द्वारा नर्मदा जल प्रदाय हेतु कितनी टंकियों के निर्माण का प्रस्ताव था एवं कितनी टंकियों का निर्माण किया जाना शेष है? (ख) नगर पालिक निगम भोपाल द्वारा नर्मदा जल प्रदाय के कनेक्शन देने की क्या नीति/नियम बनाए गए हैं? (ग) नगर पालिक निगम भोपाल द्वारा शहर की किन-किन कॉलोनियों में नर्मदा जल का कनेक्शन प्रदान किया गया है? (घ) क्या नगर पालिक निगम भोपाल द्वारा शहर की निजी कॉलोनियों में बल्क कनेक्शन दिया जा रहा है एवं शासकीय कॉलोनियों भो.वि.प्रा., गृह निर्माण मण्डल में रहवासियों को सिंगल कनेक्शन दिया जा रहा है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जे.एन.एन.यू.आर.एम. योजनांतर्गत अनुमोदित भोपाल जल वितरण परियोजना रिपोर्ट अनुसार नगर पालिक निगम, भोपाल में 52 टंकियों के निर्माण का प्रस्ताव था। 52 टंकियों में से 50 टंकियों का निर्माण कर नगर निगम, भोपाल को हस्तांतरित कर दी गई है। शेष 2 टंकियों में फिनिशिंग का कार्य शेष है। (ख) नगर निगम, भोपाल द्वारा नर्मदा जल प्रदाय के घरेलू एवं बल्क कनेक्शन देने के पृथक से कोई नियम नहीं बनाए गए हैं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' के आदेशानुसार कार्यवाही की गई है। (ग) नगर निगम, भोपाल द्वारा शहर की 105 प्रायवेट कॉलोनियों में बल्क कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। कॉलोनियों की सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) नगर निगम, भोपाल द्वारा निति/नियम अनुसार निजी कॉलोनियों जो नगर निगम तथा अन्य गृह निर्माण योजनाओं की कॉलोनियॉ जो नगर निगम को हस्तांतरित नहीं की गई है, उन्हें बल्क कनेक्शन दिया जाता है। शासकीय कॉलोनियों के शासकीय परिषरों में पूर्व से ही सिंगल कनेक्शन द्वारा जल प्रदाय किया जा रहा है।
उज्जैन में स्मार्ट सिटी का विकास एवं निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
19. ( क्र. 474 ) श्री सतीश मालवीय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्जैन में स्मार्ट सिटी के विकास एवं निर्माण हेतु कितनी-कितनी भूमि किस-किस स्थान पर प्रदान की गई है? (ख) वर्तमान में स्मार्ट सिटी हेतु चयनित क्षेत्र के रहवासियों का मत लेने हेतु सर्वे कब करवाया गया है? इस सर्वे में कितने प्रतिशत लोगों ने सहमति दी है? (ग) स्मार्ट सिटी के निर्माण में अभी तक किस-किस मद में कितनी-कितनी धनराशि व्यय की गई है? (घ) स्मार्ट सिटी योजना में क्या-क्या निर्माण किये जायेंगे एवं आम जनता के लिये क्या-क्या सुविधाये उपलब्ध कराई जाएगी? स्मार्ट सिटी योजना का निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ किया जावेगा तथा कब तक पूर्ण किया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) स्मार्ट सिटी हेतु ए.बी.डी. क्षेत्र के लिए 1023 एकड़ क्षेत्र का चयन किया गया है। उक्त चयनित क्षेत्र अंतर्गत स्मार्ट सिटी कार्यों के क्रियान्वयन के लिए भूमि पहचान करने एवं स्मार्ट सिटी प्लान अनुसार भूमि के उपयोग आदि की जानकारी तैयार करने हेतु दल का गठन किया गया है। तदनुसार प्रोजेक्ट हेतु भूमि का चयन किया जा सकेगा। (ख) स्मार्ट सिटी राउण्ड-1 (माह अक्टूबर 2015) एवं राउण्ड-2 (माह मई-जून 2016) अंतर्गत स्मार्ट सिटी हेतु क्षेत्र आधारित विकास के लिए क्षेत्र का चयन किये जाने बाबत् नागरिकों से सुझाव आमंत्रित किये गये थे। उज्जैन शहर के लगभग1 लाख (25 प्रतिशत) नागरिकों द्वारा अपने सुझाव प्रस्तुत किये गये है। (ग) स्मार्ट सिटी के निर्माण अंतगर्त शहरी विकास मंत्रालय, भारत सकरकार की गाईड लाईन अनुसार स्मार्ट सिटी प्रस्ताव तैयार करने एवं स्पेशल परपस व्हीकल के गठन के लिये निम्नानुसार व्यय हुआ है:-
क्र |
मद |
राशि |
1 |
स्मार्ट सिटी प्रस्ताव तैयार करने हेतु कंसल्टेंट की नियुक्ति |
25.00 लाख |
2 |
Graphical Represrntaion/ Visualization and allied works or Smart City Proposal. |
9.48 लाख |
3 |
नगरीय सहभागिता एवं स्मार्ट सिटी हेतु फीडबैक फार्म पर नागरिकों के सुझाव प्राप्त करने हेतु |
4.49 लाख |
4 |
कंपनी फारमेंशन फीस |
177.00लाख |
5 |
फीस कंपनी सेकेटरी |
1.32 लाख |
(घ) स्वीकृत स्मार्ट सिटी प्रस्ताव अनुसार स्मार्ट सिटी उज्जैन में निम्नानुसार कार्य कराये जाने प्रस्तावित है:- 1. क्षेत्र आधारित विकास :- शहर के 1023 एकड कोर एरिया एवं नजदीकी क्षेत्र में शहरी विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी गाईड लाईन अनुसार रीटोफिटिंग एवं रीडेवलपेंट की मिश्रित योजना। 2.पेन सिटी प्रस्ताव:-
स्मार्ट सिटी परियोजना के क्रियान्वयन के लिए एसपीपी (Special Purpose Vehicle) उज्जैन स्मार्ट सिटी लिमिटेड का गठन किया जा चुका है। प्रोजेक्ट डिजाईन एवं डेवलपमेंट के लिए Project Development and Management Consultant (PDMC) नियुक्त करने की कार्यवाही शहरी विकास मंत्रालय, भारत सरकार की गाईड लाईन अनुसार की जा रहीं है। योजना का क्रियान्वयन प्रस्तावित कार्यों की डी.पी.आर. स्वीकृति उपरांत प्रारंभ किया जा सकेगा। कार्य पॉच वर्ष की अवधि में पूर्ण किये जाना प्रस्तावित है।
कपिल धारा योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
20. ( क्र. 475 ) श्री सतीश मालवीय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले की घट्टिया विधानसभा क्षेत्र में कपिल धारा योजना अंतर्गत लागू होने से अब तक कितने कुँए स्वीकृत किये गये? (ख) इस योजना अंतर्गत स्वीकृत कुओं में से कितने कुओं की सी.सी. जारी कर दी गई वर्तमान में ऐसे कितने स्वीकृत कुएँ हैं जो अधूरे पड़े हैं? इनको पूर्ण करने का क्या प्रावधान है? (ग) घट्टिया विधानसभा क्षेत्र में कपिलधारा अंतर्गत ऐसे कितने स्वीकृत कुएँ हैं जो अधूरे पड़े हैं? उन्हें कब तक पूर्ण कराया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) 1807 कूप। (ख) 941 कूप की सी.सी. जारी की गई। 140 स्वीकृत कूप अपूर्ण हैं। साध्य कूपों को वर्ष 2017-18 में पूर्ण कराना लक्षित है। (ग) उत्तरांश 'ख' अनुसार।
प्रधानमंत्री आवास योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
21. ( क्र. 501 ) श्री रामसिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कोलारस विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास स्वीकृत किए जाना है? यदि हाँ, तो कितने हितग्राहियों का चयन प्रधानमंत्री आवास योजना में किया गया है? इसमें से कितने को आवास स्वीकृत कर दिए हैं तथा कितने को आवास स्वीकृत किया जाना शेष है? सूची एवं गाईडलाईन संलग्न कर जानकारी दें? (ख) क्या प्रश्नकर्ता ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत शिवपुरी से अपने पत्र दिनांक 19/12/2016 से कोलारस विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना के चयनित हितग्राहियों की सूची एवं गाईडलाईन चाही थी? यदि हाँ, तो उक्त सूची एवं गाईडलाईन क्यों उपलब्ध नहीं कराई गई? (ग) क्या कोलारस विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत बी.पी.एल. श्रेणी के एवं अन्य ऐसे कई हितग्राही है जो आवासविहीन हैं परंतु उनका नाम प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ग्राहय की गई सूची में नहीं है? यदि हाँ, तो ऐसे आवासविहीन व्यक्तियों को प्रधानमंत्री आवास योजना की सूची में कब तक शामिल किया जावेगा? (घ) प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास स्वीकृत करने हेतु जो सूची जारी की गई है? उसका सर्वे कब एवं किनके द्वारा किया गया था? क्या इस सूची में भवन मालिकों के नाम शामिल है? जबकि पात्र आवासविहीन व्यक्तियों के नाम शामिल नहीं है? इसमें सुधार कब तक किया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत SECC-2011 के आधार पर वंचितता की तीव्रता के मापदण्ड पर हितग्राहियों को योजना का लाभ दिये जाने की नीति है। योजना के तहत लक्ष्य विधानसभा क्षेत्र अथवा जनपद पंचायत क्षेत्र अनुसार निर्धारित नहीं किए गए है। अब तक जनपद पंचायत क्षेत्र कोलारस के अधीन 1,641 एवं जनपद पंचायत बदरवास के अधीन 1,356 हितग्राहियों को स्वीकृति दी जा चुकी है। हितग्राहियों का नाम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार है। योजना की गाईड लाईन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार है। (ख) शासन जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत स्तर पर पत्राचार की जानकारी संकलित/संधारित नही करता है। (ग) प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत SECC-2011 में नए हितग्राहियों के नाम जोड़ने की व्यवस्था नहीं है। प्रश्न भारत सरकार के क्षेत्राधिकार का होने से राज्य सरकार द्वारा जानकारी देना संभव नहीं है। (घ) प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में हितग्राहियों का चयन SECC-2011 से किए जाने के बंधनकारी दिशा-निर्देश हैं। SECC-2011 भारत जनगणना आयोग द्वारा सर्वेक्षण कराकर तैयार की गई है। SECC-2011 में वंचितता की तीव्रता के क्रम में आने वाले हितग्राहियों एवं उनके आवासों का भौतिक सत्यापन कर अपात्रों को लाभ नहीं देने की व्यवस्था राज्य शासन ने की है। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के दिशा-निर्देशों में संशोधन अथवा परिवर्तन किया जाना राज्य सरकार के क्षेत्राधिकार में नही है।
खेल स्टेडियम निर्माण
[खेल और युवा कल्याण]
22. ( क्र. 502 ) श्री रामसिंह यादव : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या कोलारस विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम खतौरा में खेल स्टेडियम स्वीकृत है? यदि हाँ, तो उक्त खेल स्टेडियम का निर्माण कार्य कब से प्रारंभ होगा? (ख) ग्राम खतौरा में खेल स्टेडियम निर्माण की क्या समय-सीमा निर्धारित की गई है? क्या निर्धारित अवधि में ग्राम खतौरा में खेल स्टेडियम का निर्माण पूर्ण हो जावेगा? (ग) उक्त खेल स्टेडियम के निर्माण हेतु कितनी राशि स्वीकृत की गई है? यदि खेल स्टेडियम निर्माण हेतु स्वीकृत राशि से अधिक राशि की आवश्यकता पड़ती है तो क्या शासन और राशि उपलब्ध कराएगा? (घ) क्या खतौरा खेल परिसर के निर्माण हेतु टेण्डर-प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है? यदि हाँ, तो संबंधित ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य शुरू क्यों नहीं किया है? उक्त निर्माण कार्य कब से शुरू किया जावेगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। निर्माण कार्य किये जाने हेतु समतलीकरण कार्य दिनांक 28.01.2017 से प्रारंभ किया गया है। (ख) जी हाँ। खेल स्टेडियम निर्माण ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा किया जा रहा है। अतः समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ग) खेल स्टेडियम निर्माण हेतु राशि रू. 80.00 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त हुई है। जी नहीं, उक्त राशि में स्वीकृत प्राक्कलन अनुसार कार्य पूर्ण कराया जावेगा। (घ) जी हाँ। संबंधित ठेकेदार द्वारा दिनांक 21.01.2017 को सीमांकन होने के उपरांत दिनांक 28.01.2017 से कार्य प्रारंभ करा दिया गया है।
बगैर बी.पी.एल. परिवार के निराश्रितों को पेंशन का लाभ
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
23. ( क्र. 534 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक संबंधित पंचायत के निकायों द्वारा सामाजिक सुरक्षा योजना के कितने प्रकरण स्वीकृत किये गये, स्वीकृत प्रकरणों में से कितने लोगों को खाद्य सुरक्षा योजना के तहत लाभान्वित किया जा रहा है तथा उनमें से कितने शेष हैं, पृथक-पृथक विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) की पेंशन को स्वीकृत करने की क्या शर्तें हैं? उनमें से क्या भूमिहीन जीवन निर्वहन के लिए पर्याप्त आय न होने तथा भूमिहीन एवं असहाय होना चाहिये, भी सामाजिक सुरक्षा योजना के लिए पात्र माने जाते हैं? तो इस आधार पर वर्ष 2012 से प्रश्नांश तक कितने हितग्राहियों के प्रकरण स्वीकृत किये गए, का विवरण जनपदवार प्रश्नांश दिनांक तक का देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में भूमिहीन, निराश्रित व असहाय के साथ पर्याप्त आय न होने संबंधी प्रमाण किस सक्षम अधिकारी/कर्मचारी द्वारा दिया जाय, जिसे मानकर संबंधित पदाविधिक अधिकारी द्वारा सामाजिक सुरक्षा पेंशन स्वीकृत कर सकें? साथ ही बी.पी.एल. प्रकरण की स्वीकृति हेतु अनिवार्यता समाप्त करेंगे? हां तो कब तक? (घ) प्रश्नांश (क) की पेंशन को प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के आधार पर संबंधित निकाय के सक्षम अधिकारी द्वारा स्वीकृति नहीं प्रदान की गई एवं पात्र वंचित हुए तो इसके लिए कौन दोषी हैं? क्या लंबित एवं अस्वीकृत आवेदन पत्रों की पुन: जाँच कराकर उपरोक्त आधारों पर स्वीकृति प्रदान कराकर पेंशन का भुगतान करायेंगे? करायेंगे तो कब तक, अगर नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक सामाजिक सुरक्षा पेंशन के विभिन्न जनपद/निकायों में 7784 पात्र हितग्राहियों को पेंशन स्वीकृत की गई है। उक्त सभी पात्र हितग्राहियों को खाद्य सुरक्षा का लाभ दिया जा रहा है। कोई भी हितग्राही शेष नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में सभी पात्र हितग्राहियों को शासन के आदेश क्रमांक एफ-2-87/ 2010/26-2, दिनांक 25.06.2013 के अनुसार लाभ प्रदान किया जा रहा है। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ एवं ब‘‘ अनुसार। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार। बी.पी.एल. की अनिवार्यता समाप्त किये जाने संबंधी शासन स्तर पर कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं। (घ) उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) के अनुसार किसी भी पात्र हितग्राही की पेंशन नहीं काटी गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
धार्मिक स्थलों का विकास
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
24. ( क्र. 555 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शाजापुर जिले में संस्कृति विभाग द्वारा किन-किन धार्मिक स्थलों के विकास के लिए वर्ष २०१५-१६ एवं २०१६-१७ में राशि स्वीकृत की गई है? स्थानवार वर्षवार जानकारी देवें। (ख) क्या शाजापुर जिले में स्थित बाबा गरीबनाथ धाम अवंतिपुर बड़ोदिया पर लगने वाले मेले के मेला क्षेत्र के विकास हेतु प्रस्ताव बनाए गए हैं? यदि नहीं तो क्या मेला क्षेत्र के विकास के लिए प्रस्ताव बनाए जावेंगे? यदि हाँ, तो कब तक।
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शासकीय मंदिरों के प्रांगण में सभा मण्डप एवं सोन्दर्यीकरण
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
25. ( क्र. 562 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र नागदा-खाचरौद के शासकीय मंदिरों के प्रांगण में सभा मण्डप एवं सौन्दर्यीकरण निर्माण कराने हेतु दिनांक 10.05.16 को 10 शासकीय मंदिरों का प्रस्ताव दिया गया था? (ख) यदि हाँ, तो इस प्रस्ताव पर कब तक विचार कर सभा मण्डप की स्वीकृति प्रदान कर दी जावेगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शास. महाविद्यालयों में रजिस्ट्रार के पदों पर पदोन्नति
[उच्च शिक्षा]
26. ( क्र. 583 ) श्री तरूण भनोत : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शा. महाविद्यालयों में रजिस्ट्रार के अनेक पद वर्षों से रिक्त हैं जिन पर शासकीय आदेशों के बाद भी विगत दस वर्षों से पदोन्नति नहीं की गई? क्यों इसके लिये कौन दोषी है? (ख) क्या रजिस्ट्रार द्वारा शास. महाविद्यालयों में वित्तीय संधारण की जाँच नियंत्रण संबंधी कार्य किया जाता है? पद रिक्त होने की स्थिति में किन-किन महाविद्यालयों में वित्तीय अनियमितताओं की शिकायतें प्राप्त हुई हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में यदि नहीं तो शासन के पास आडिटर होने के बाद भी प्रायवेट सी.ए. से आडिट क्यों करवाया जाना आवश्यक किया गया है? महाविद्यालयों द्वारा इस हेतु कितनी राशि व्यय की गई है? महाविद्यालयवार ब्यौरा देवें? (घ) वर्णित (क) के परिप्रेक्ष्य में रजिस्ट्रार के पदों की पदोन्नति सूची कब तक जारी की जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। कोई भी दोषी नहीं है क्योंकि रजिस्ट्रार पद पर पदोन्नति की कार्यवाही सतत् प्रक्रियाधीन है। (ख) जी हाँ। जिन महाविद्यालयों में वित्तीय अनियमितता की शिकायत प्राप्त हुई है उसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) प्रदेश में महाविद्यालयों की संख्या अधिक होने तथा ऑडिटर की संख्या न्यूनतम होने के कारण सी.ए. से ऑडिट करवाया जाना व्यवस्थांतर्गत आवश्यक था। महाविद्यालयवार व्यय की गई राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) रजिस्ट्रार के पद पर पदोन्नति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
शौचालय निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
27. ( क्र. 584 ) श्री तरूण भनोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नगर निगम जबलपुर द्वारा शासन की योजना अंतर्गत गरीबी रेखा कार्डधारकों के निवास पर शौचालयों का निर्माण कार्य करवाया जा रहा है? जबलपुर में शौचालय निर्माण हेतु कितना आवंटन प्राप्त हुआ एवं कितना व्यय किया गया? जानकारी वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 तक बताई जावे? (ख) पश्चिम विधान सभा क्षेत्र जबलपुर में किन-किन स्थानों के गरीबों के लिये शौचालयों का निर्माण करवाया गया? जानकारी स्थानवार, राशिवार एवं हितग्राहियों के पतेवार पृथक-पृथक रूप से बताई जावे? (ग) जिन गरीबी रेखा कार्ड धारकों के निवास पर शौचालयों का निर्माण करवाया गया है, क्या उनके गरीबी रेखा कार्ड निरस्त किये जावेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’ब’’ अनुसार है। (ग) योजना में इस प्रकार का कोई प्रावधान नहीं है।
गांवों को सड़क मार्ग से जोड़ना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
28. ( क्र. 614 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले के शहपुरा वि.ख. के ग्राम खुलरी, ग्राम भड़पुरा, ग्राम झुरई पिपरिया अब तक सड़क मार्ग से क्यों नहीं जुड़ सके हैं? (ख) उक्त ग्राम खुलरी, भड़पुरा, झुरई पिपरिया तक सड़क बनाकर कब तक जोड़ा जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) ग्राम खुलरी प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत टी-02 से सकरी मार्ग पर एवं ग्राम भड़पुरा लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्मित चरगंवा से शहपुरा मार्ग पर स्थित होने से जुड़े हुए हैं। झुरई पिपरिया ग्राम प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत स्वीकृत होकर निविदा प्रक्रिया प्रचलन में होने से पूर्णता की निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) उत्तरांश 'क' अनुसार है।
जर्जर ग्राम पंचायत भवनों का पुनर्निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
29. ( क्र. 615 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरगी विधान सभा क्षेत्र के विकासखण्ड शहपुरा एवं जबलपुर के किन-किन ग्राम पंचायतों के पंचायत भवन जर्जर हो चुके हैं? (ख) उपरोक्त जर्जर पंचायत भवनों के स्थान पर नये भवन कब तक स्वीकृत किये जावेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) बरगी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जर्जर ग्राम पंचायत भवनों की जानकारी निम्नवत है:- (1) विकासखंड जबलपुर :- ग्राम पंचायत बम्हनी (धवई), टीगन, तिन्सा, रेंगाझोरी, बरबटी, डुंगरिया, मंगेली एवं हरदूली। (2) विकासखंड शहपुरा :- ग्राम पंचायत गंगई, बरखेड़ा गंगई, अहमदपुरा, नटवारा, भीटा, सुरई, खुलरी, लामी, पिपरियाकला, मगरमुहा, बेलखेड़ा, सेमरा, बिजना एवं चरगंवा नवीन। (ख) उपलब्ध वित्तीय संसाधन भवन विहीन ग्राम पंचायतों में भवन के लिये आबद्ध होने से जर्जर भवन वाली ग्राम पंचायतों में नवीन भवन की स्वीकृति के लिए समय-सीमा नियत करना संभव नहीं है।
सहायक संचालक के पदों पर विभागीय परीक्षा करायी जाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
30. ( क्र. 674 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अता. संख्या 12 प्रश्न (क्रमांक 431), दिनांक 29/07/2016 में पंचायत राज संचालनालय के अधीन राज पत्रित भर्ती नियमों के प्रावधान अनुसार सहायक संचालकों के पदों पर परीक्षा आयोजित किए जाने हेतु विभागीय कार्यवाही प्रचलित होने की जानकारी दी गई थी। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार विभागीय परीक्षा दीर्घ समय बीत जाने के बाद भी क्यों नहीं आयोजित की गई, जिसके कारण प्रदेश भर में पद रिक्त हैं? कब तक परीक्षा आयोजित कर पदों की पूर्ति कर दी जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) निर्धारित शैक्षणिक अर्हताधारी उम्मीदवार उपलब्ध नहीं होने के कारण। समय-सीमा बताना संभव नहीं।
बी.पी.ओ. को अतिरिक्त सी.ई.ओ. घोषित करना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
31. ( क्र. 675 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पंचायत राज संचालनालय के अधीन खण्ड पंचायत अधिकारी को जनपद पंचायत को अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी घोषित किये जाने एवं जॉब चार्ट जारी किये जाने के निर्देश क्रमांक 1328 दिनांक 15/06/2016 के द्वारा दिये गये थे। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी घोषित किये जाने एवं जॉब चार्ट की प्रति उपलब्ध करायें। यदि नहीं तो कब तक निर्देशानुसार आदेश जारी कर दिये जावेंगे।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्न में प्रश्नाधीन निर्देश का पूर्ण नंबर नहीं होने के कारण जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (ख) अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी घोषित करने संबंधी आदेश जारी नहीं किये गये है। प्रश्नांश ‘क‘ में वर्णित निर्देश का पूर्ण विवरण प्रश्न में उपलब्ध नहीं होने से जानकारी दी जाना संभव नहीं है।
खेल गतिविधियों पर व्यय राशि
[खेल और युवा कल्याण]
32. ( क्र. 716 ) श्री मधु भगत : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) खेल एवं युवा कल्याण विभाग जिला बालाघाट में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कार्य/खेलकूल/खेल सामग्री वितरण/अन्य कार्य कितनी-कितनी राशि के किस-किस मद से कब-कब करवाये गये? नियुक्त कार्य एजेंसी के नाम सहित विधानसभा क्षेत्रवार, विकासखण्डवार एवं वर्षवार पूर्ण ब्यौरा देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त कार्य में से किस-किस कार्य के लिये किस को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किस दिनांक का चैक/ड्राफ्ट क्रमांक एवं नगद राशि के रूप में किया गया वर्षवार कार्यवार भुगतान की गई राशि का पूर्ण ब्यौरा देवें? (ग) प्रश्नांश (क) में युवाओं के लिये शासन स्तर पर आगामी समय में खेलकुद के संबंध में क्या-क्या योजनायें प्रस्तावित है? विगत 3 वर्षों में जिले से राज्य स्तरीय/राष्ट्रीय स्तर के टूर्नामेन्ट में कौन-कौन से प्रतिभागियों ने कब-कब हिस्सा लिया एवं उसका क्या परिणाम रहा?
खेल और युवा
कल्याण
मंत्री (
श्रीमती यशोधरा
राजे सिंधिया
) : (क) एवं (ख) वर्षवार
एवं
विकासखण्डवार
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ‘‘अ’’ अनुसार
है।
विभागीय
व्यय
विधानसभा
क्षेत्रवार
संधारित नहीं
होने से दिया
जाना
व्यवहारिक
रूप से संभव
नहीं है। (ग) आगामी
समय में
खेलकूद के
संबंध में निम्नानुसार
योजनाएँ
प्रस्तावित
है-
1. ग्रीष्मकालीन खेल प्रशिक्षण शिविर
2. मुख्यमंत्री कप खेल प्रतियोगिता
3. खेलो इंडिया अन्तर्गत खेल प्रतियोगिता
4. जिला स्तरीय युवा उत्सव
5. विधायक कप
राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर पर प्रतिभागियों के परिणाम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’ अनुसार है।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना का क्रियान्वयन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
33. ( क्र. 717 ) श्री मधु भगत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16, 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक विकासखण्डवार प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत कौन-कौन सी सड़क कितनी-कितनी राशि की स्वीकृति की गई? कितने कार्य पूर्ण किये गये? कितने कार्य निर्माणाधीन हैं एवं कितने कार्य अप्रारंभ है? इनकी कार्यवार स्वीकृत राशि, व्यय राशि की जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में किस-किस अधिकारी द्वारा कब-कब, किस-किस सड़क का निरीक्षण किया गया? उसमें क्या कमियां पाई गई एवं उनकी कब और क्या पूर्ति की गई? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में परफार्मेंस/ग्यारन्टी पीरियड के दौरान किन-किन सड़कों में मरम्मत कार्य किया गया एवं कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? कितनी-कितनी सड़कों के मरम्मत के प्रस्ताव भेजे गये हैं? कितने स्वीकृत हुये, कितने प्रारंभ किये एवं कितने कार्य प्रारंभ किये जाना लंबित हैं? (घ) परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के विकासखण्डवार नवीन सड़कों के निर्माण के कौन-कौन से प्रस्ताव चालू वित्तीय वर्ष में भेजे हैं? कितने प्रस्ताव स्वीकृत हेतु किस स्तर पर लंबित हैं? प्रश्नकर्ता द्वारा वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक कितने प्रस्ताव विभाग को भेजे हैं, उन प्रस्तावों के विरूद्ध कितने कार्य स्वीकृत किये गये एवं कितने अस्वीकृत किये गये? अस्वीकृत किये जाने का कारण स्पष्ट करें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत किसी भी सड़क का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हुआ है अतः कोई भी सड़क गारंटी अवधि में नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के परसवाड़ा विकासखण्ड में चालू वित्तीय वर्ष 2016-17 में रूपझर से गोदरीटोला लम्बाई 3.00 कि.मी. का प्रस्ताव भेजा गया था जो स्वीकृत हो गया है, कोई भी प्रस्ताव स्वीकृति हेतु लंबित नहीं है। प्रश्नकर्ता द्वारा वर्ष 2016-17 में दो सड़कों के प्रस्ताव प्रेषित किये गये थे, किन्तु दोनों ही प्रस्ताव प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के मार्गदर्शी दिशानिर्देशों के अनुरूप नहीं होने से स्वीकृति हेतु प्रस्तावित नहीं किये गये है।
शौचालय का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
34. ( क्र. 736 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले के उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र में प्रश्न दिनांक तक कितनी पंचायतों में बाह्य शौच मुक्त करने के लिए कितने शौचालय का निर्माण हो चुका है तथा कितनों का निर्माण शेष है वह कब तक पूर्ण हो जाएगा? (ख) उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र में प्रश्न दिनांक तक कितनी पंचायतें बाह्य शौच से मुक्त हो चुकी हैं तथा कितनी पंचायतें अभी बाह्य शौच मुक्त होना बाकी हैं? अलग-अलग पंचायतों के नाम सहित जानकारी दें। (ग) उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2008-09 से प्रश्न दिनांक तक कितने शौचालयों का निर्माण हो चुका है? किस ग्राम में कितने-कितने शौचालयों का निर्माण किया गया है? ग्रामवार/संख्यावार स्पष्ट जानकारी दें। (घ) क्या जिन हितग्राहियों के शौचालय निर्माण पूर्ण हो चुके हैं उनके खातों में राशि दी जा चुकी है? यदि नहीं तो सीधे हितग्राही के खाते में राशि कब तक पहुंचा दी जाएगी? क्या इस स्थिति में शौचालय निर्माण में पंचायतों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है? यदि हाँ, तो क्या ऐसी स्थिति में पूर्व की तरह व्यवस्था पर शासन विचार करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) रायसेन जिले में उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र में प्रश्न दिनांक तक 143 ग्राम पंचायतों में बाह्य शौच मुक्त करने के लिए 44863 व्यक्तिगत पारिवारिक शौचालय का निर्माण हो चुका है तथा 21836 व्यक्तिगत पारिवारिक शौचालयों का निर्माण किया जाना शेष है। मिशन अंतर्गत 2 अक्टूबर 2019 तक शेष शौचालय पूर्ण कराये जाने का लक्ष्य है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जी हाँ। शौचालय निर्माण उपरांत राशि हितग्राहियों के खातों में सतत् रूप से हस्तांतरित की जाती है। वर्तमान में 720 हितग्राहियों के भुगतान की प्रक्रिया प्रचलन में है। वर्तमान में व्यक्तिगत पारिवारिक शौचालयों का निर्माण हितग्राहियों द्वारा किया जा रहा है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सघन वन क्षेत्र का विकास
[वन]
35. ( क्र. 782 ) श्री मुकेश नायक : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में सकल वन क्षेत्र कितना है और उसमें सघन वनों का क्षेत्र कितना है? (ख) पिछले बीस वर्षों में राज्य में वन क्षेत्र और सघन वनों के क्षेत्रफल में कितना अंतर आया है? (ग) राज्य में सघन वनों के क्षेत्रफल को बढ़ाने और वनों के संरक्षण के लिये क्या प्रयास किये जा रहे है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) मध्यप्रदेश में सकल वन क्षेत्र 94689 वर्ग कि.मी. है और उसमें सघन वनों का क्षेत्र 41531 वर्ग कि.मी. है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ग) प्रदेश में कार्य आयोजना क्रियान्वयन के माध्यम से वृक्षारोपण वनों का संवर्धन, पुनरूत्पादन के अतिरिक्त सीमांकन एवं अग्नि सुरक्षा कार्यों के माध्यम से सघन वनों के क्षेत्रफल को बढ़ाने का प्रयास किये जाते हैं। वनों के संरक्षण के लिये वन प्रबंधन में जन भागरीदारी सुनिश्चित करने के लिये 15228 संयुक्त वन प्रबंधन समितियां कार्यरत हैं। संवदेनशील वन क्षेत्रों में प्रदेश में 329 वन चौकियां स्थापित की गई हैं तथा एस.ए.एफ. की 3 कंपनिया भी कार्यरत हैं। आत्मरक्षार्थ वन अमले को शस्त्र प्रदाय किये गये हैं। वन अपराध की रोकथाम हेतु वन कर्मचारी तथा सहयोग देने वाले अशासकीय व्यक्ति हेतु वन सुरक्षा पुरस्कार नियम किये जाने का प्रावधान किया गया है। जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्ष्ता में टास्क फोर्स भी कार्यरत है।
वन क्षेत्र से होकर गुजरने वाले रास्तों का निर्माण
[वन]
36. ( क्र. 802 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के अंतर्गत ऐसे कितने ग्रामीण बाहुल्य ग्राम हैं जहां के निवासियों की आवागमन हेतु वन क्षेत्र की सीमा से होकर निकलना पड़ता है? इन ग्रामों के नाम बतायें। (ख) खातेगांव विधान सभा क्षेत्र के ग्रामीणों को आने जाने हेतु कितने कि.मी. वन क्षेत्र सीमा का रास्ता तय करके मुख्य मार्ग या डामरीकृत मार्ग तक आना पड़ता है? गांव का नाम एवं कि.मी. बतावें। (ग) क्या वन क्षेत्र से होकर गुजरने वाले ग्रामीणों के रास्तों को ग्रेवल रोड सीमेंट कांकरीट या डामरीकृत मार्ग बनाये जाने हेतु विभाग कोई योजना बना रहा है? अगर हां तो कब तक? (घ) खातेगांव विधान सभा क्षेत्र से विभाग द्वारा वन क्षेत्र सीमा से गुजरने वाले ऐसे कितने ग्रामों के प्रस्ताव मार्ग निर्माण किये जाने हेतु भेजे गये हैं?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) देवास जिले के अंतर्गत चिन्हित 240 ग्रामों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) योजना वन विभाग द्वारा नहीं बनाई जा रही है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रस्ताव नहीं भेजा गया है।
शवों के दाह संस्कार हेतु नर्मदा किनारे घाटों का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
37. ( क्र. 804 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) म.प्र. के जिलों से होकर बहने वाली माँ नर्मदा के किनारे पर बसे ऐसे कौन-कौन से जिलों के गांव/घाट हैं जहां पर अधिक से अधिक शवों का दाह संस्कार किया जाता है? (ख) म.प्र. के ऐसे कौन-कौन से जिलों के ग्राम/घाट हैं जहां पर शवों के दाह संस्कार के लिए शासन द्वारा शमशान घाट का निर्माण करवाया गया है? जिलों के ग्रामों एवं घाटों के नाम बतावें। (ग) खातेगांव विधान सभा क्षेत्र के नर्मदा किनारे बसा नेमावर में प्रतिदिन लगभग 20 से 25 शवों का दाह संस्कार किया जाता है किन्तु शमशान घाट निर्मित नहीं होने से शव यात्रा में सम्मिलित लोगों को कई प्रकार की कठिनाइयां आती हैं। शासन इस हेतु क्या कदम उठायेगा? (घ) अगर शासन नेमावर में शमशान घाटों का निर्माण कार्य करवाये जाने हेतु विचाराधीन है तो शमशान घाटों का निर्माण कब तक करवायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) नेमावर नगर में शमशान घाट निर्माण के लिये राशि रू. 51.15 लाख की योजना तैयार की गई है। (घ) जी हाँ। योजना विचाराधीन है। समय-सीमा बतलाया जाना संभव नहीं है।
कार्यक्रमों/समारोह में जनप्रतिनिधियों को बुलाया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
38. ( क्र. 855 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश शासन ने नगरीय निकाय संस्थाओं, नगर पलिका, नगर पालिका निगमों व नगर परिषदों द्वारा आयोजित किये जाने वाले समारोहों/कार्यक्रमों में स्थानीय जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित करने बाबत् कब क्या निर्देश/आदेश जारी किया है? आदेश की छाया प्रति दें। (ख) नगर पालिका निगम जबलपुर द्वारा कब-कब, कहाँ-कहाँ पर कौन-कौन से समारोह कार्यक्रम आयोजित किये हैं? इनमें किन-किन चुने हुये स्थानीय जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया एवं किसे नहीं एवं क्यों? 2013-14 से 2016-17 तक की जानकारी दें। (ग) क्या शासन नगर निगम जबलपुर द्वारा आयोजित किये जाने वाले समारोह/कार्यक्रमों में स्थानीय जनप्रतिनिधियों को आंमत्रित न कर उनकी उपेक्षा करने, शहर विकास के मुद्दों पर उनसे सलाह सहयोग व सुझाव न लेने की जाँच कराकर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) नगर पालिक निगम, जबलपुर द्वारा आयोजित समारोहों कार्यक्रमों में सभी स्थानीय चुने हुये जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जाता है, किसी भी चुने हुये जनप्रतिनिधि को आमंत्रित न कर उनकी उपेक्षा नही की गई है, अत: जाँच एवं दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करने का कोई औचित्य नहीं है।
महाविद्यालय भवन निर्माण की स्वीकृति
[उच्च शिक्षा]
39. ( क्र. 929 ) श्री मोती कश्यप : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वि.स.क्षे. बड़वारा में पूर्व से संचालित एवं माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा वर्ष 2016 की जनदर्शन यात्राओं के दौरान घोषित महाविद्यालय कौन-कौन से हैं? (ख) प्रश्नांश (क) महाविद्यालय किन-किन स्थानों में किन आकार-प्रकार के भवनों में संचालित है और क्या वे भवन महाविद्यालय की दृष्टि से पर्याप्त हैं? (ग) क्या प्रश्नांश (क), (ख) महाविद्यालय हेतु भूमि आरक्षित कर ली गई है? (घ) क्या प्रश्नांश (क), (ख) महाविद्यालयों के भवन निर्माण हेतु विभाग द्वारा कोई राशि स्वीकृत कर दी है और कब उन्हें निर्मित करा दिया जावेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) पूर्व से संचालित शासकीय महाविद्यालय बड़वारा में विज्ञान एवं वाणिज्य संकाय की कक्षाएं प्रारंभ करने की घोषणा के साथ तीन नवीन शासकीय महाविद्यालय ढीमरखेड़ा, सिलौडी एवं उमरियापान में महाविद्यालय खोले जाने संबंधी घोषणा की गई है। (ख) 1. नवीन शासकीय महाविद्यालय, ढीमरखेड़ा शासकीय माध्यमिक शाला, ढीमरखेड़ा के 03 कक्षों में संचालित है। 2. नवीन शासकीय महाविद्यालय, सिलौडी शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, सिलौडी (बालक) के 03 कक्षों में संचालित है। 3. नवीन शासकीय महाविद्यालय उमरियापान, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय उमरियापान प्रांगण में स्थिति कौशल विकास केन्द्र के 03 कक्षों में संचालित है। (ग) भूमि आवंटन हेतु जिला कलेक्टर कटनी से संपर्क किया गया है, आवंटन की कार्यवाही अभी शेष है। (घ) प्रश्नांश "ग" के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
स्नातक महाविद्यालय में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम प्रारंभ करना
[उच्च शिक्षा]
40. ( क्र. 930 ) श्री मोती कश्यप : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 10.08.2016 को वि.स.क्षे. बड़वारा की जनदर्शन यात्रा के प्रारंभ होने के समय कला-वाणिज्य स्नातक महाविद्यालय बड़वारा के छात्र-छात्राओं को माननीय मुख्यमंत्री जी ने महाविद्यालय में स्नातकोत्तर शिक्षा प्रारंभ कराने का आश्वासन दिया है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में विभाग द्वारा कोई कार्यवाही प्रारंभ कर दी है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) स्नातक महाविद्यालय को आगामी वर्ष में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम प्रारंभ कर दिया जावेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश "क" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश "क" एवं "ख" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नगरीय निकायों में अधोसंरचना विकास
[नगरीय विकास एवं आवास]
41. ( क्र. 942 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष २०१५ एवं २०१६ में दिसंबर २०१६ तक किन-किन नगरीय निकायों को अधोसंरचना विकास के किन-किन कार्यों के लिए कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई? निकायवार ब्यौरा दें। (ख) स्वीकृत राशियों की निकायों का मापदण्ड क्या था? क्या अनुसूचित आरक्षित क्षेत्रों अथवा अविकसित कस्बों को इसमें सम्मिलित किया गया है? यदि हाँ, तो किन-किन शहरों को? (ग) रतलाम जिले व विशेषकर आलोट तहसील के किन-किन शहरों को योजना लाभ दिया गया? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) रतलाम जिले की नगर पालिक निगम रतलाम, नगर पालिका परिषद जावरा एवं नगर परिषद आलोट, बड़ावदा, नामली, पिपलौदा, सैलाना, ताल, धामनोद तथा आलोट तहसील के अंतर्गत नगर परिषद आलोट है, सभी नगरीय निकायों को योजना का लाभ दिया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सोलर स्ट्रीट लाईट
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
42. ( क्र. 974 ) श्री नारायण सिंह कुशवाह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में विधायक निधि से सोलर स्ट्रीट लाईट (एल.ई.डी.) बल्ब लगाये जाने के लिये वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में कितनी-कितनी राशि के कार्य किन विधान सभा क्षेत्र के लिये स्वीकृत किये गये व किस एजेन्सी द्वारा कार्य किये गये हैं? (ख) क्या ग्वालियर दक्षिण विधान सभा क्षेत्र में सोलर स्ट्रीट लाईट (एल.ई.डी.) लाईट लगवाने के लिये विधायक निधि राशि स्वीकृत करने का पत्र वर्ष 2015-16 व वर्ष 2016-17 में दिया गया था? क्या वह अस्वीकृत किया था? कारण सहित बतायें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना से ग्वालियर जिले की विधानसभा क्षेत्र 19 डबरा में वर्ष 2015-16 में सोलर लाईट एल.ई.डी. बल्व लगाये जाने के लिये 06 कार्य 58.50 लाख राशि के स्वीकृत कर भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ भोपाल एजेन्सी द्वारा कार्य किये गये। वर्ष 2016-17 में कोई कार्य स्वीकृत नहीं किया गया। (ख) जी नहीं। वर्ष 2015-16 में प्राक्कलन मंगाये जाने एवं वर्ष 2016-17 सेन्ट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स दिल्ली से सोलर लाईट का प्रस्ताव मंगाये जाने बाबत् था। स्वीकृति बाबत् कोई अनुशंसा प्राप्त नहीं हुई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नगरीय निकायों को मूल मदों की राशि का अन्य मदों में उपयोग
[नगरीय विकास एवं आवास]
43. ( क्र. 975 ) श्री नारायण सिंह कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नगर पालिका परिषद सतवास के तत्कालीन एवं वर्तमान मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को दिनांक 06.01.2017 को निलंबित किया गया है? यदि हाँ, तो कारण दस्तावेजों सहित बतायें? (ख) क्या नगर पालिक निगम देवास के वर्तमान आयुक्त द्वारा मुख्यमंत्री पेयजल एवं मुख्यमंत्री अधोसंरचना निधि का उपयोग अन्य मदों में किया गया है? यदि हाँ, तो क्या यह नियम संगत है? यदि नहीं, तो उस पर क्या कार्यवाही की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी नहीं, यह नियम संगत नहीं है। आयुक्त, नगर निगम, देवास के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही किया जाना विचाराधीन है।
गलत जवाब के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
44. ( क्र. 997 ) डॉ. मोहन यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के परि.अता. प्रश्न संख्या 01 (क्रमांक 24) दिनांक 19.07.2016 के जवाब में अपूर्ण जानकारी देने तथा आर्थिक अनियमितता कर नगद भुगतान करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध जाँच करने हेतु संभागीय संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास उज्जैन संभाग उज्जैन को जारी संचालनालय पत्र क्रमांक 740 दिनांक 09.07.2016 की प्रति उपलब्ध कराते हुए, उक्त पत्र के प्रकाश में संयुक्त संचालक महोदय द्वारा जाँच हेतु कब संबंधित कार्यालय का दौरा किया गया तथा जाँच के दौरान जनवरी, 2015 से जाँच दिनांक तक प्रतिमाह कितने मस्टरों का नगद भुगतान किया होना पाया गया, महावार जानकारी प्रदान करें? जाँच के दौरान क्या-क्या कार्यवाही की गई मय दस्तावेज के जानकारी प्रदान करें? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार यदि संबंधित द्वारा संबंधित कार्यालय में जाकर जाँच नहीं की है, तो कब तक संबंधित कार्यालय में जाकर जाँच की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) की जानकारी के अनुसार क्या गंभीर आर्थिक अनियमितता एवं सदन में गलत जानकारी देने जैसे गंभीर मामले में संचालनालय द्वारा निर्देशित किये जाने के उपरांत भी संयुक्त संचालक द्वारा संबंधित कार्यालय में जाकर जाँच नहीं करते हुए संबंधित से मात्र प्रतिवेदन प्राप्त कर, मामला रफा दफा कर दिया गया? यदि हाँ, तो संबंधित के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी तथा विधान सभा में गलत जानकारी देने वाले अधिकारी के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास का पत्र क्रमांक-740 दिनांक 09-07-2016 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’’ अनुसार है, संयुक्त संचालक द्वारा संबंधित कार्यालय का दौरा नहीं किया गया है जब कि नगर परिषद खाचरौद से प्रतिवेदन प्राप्त करके जाँच की गयी है। जनवरी, 2015 से जाँच दिनांक तक प्रतिमाह मस्टरों के नगद भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’ब’’ अनुसार है। संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास द्वारा जाँच प्रतिवेदन संचालनालय को प्रेषित किया जा चुका है, जो जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’स’’ अनुसार है। (ख) संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास द्वारा दस्तावेजों के आधार पर जाँच पूर्ण की जा चुकी है। अत: संबंधित कार्यायल में जाकर जाँच किये जाने की आवश्यकता नहीं है। (ग) जी नहीं। संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास उज्जैन संभाग द्वारा निकाय के अभिलेखों के आधार पर जाँच प्रतिवेदन तैयार किया गया, जिसमें संबंधित तत्कालीन प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी, स्व. श्री हेमन्त पिसाल तथा प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी श्री नारायण सिंह यादव को शिकायती आवेदन पत्र को संज्ञान में न लाने तथा विधान सभा प्रश्न की त्रुटिपूर्ण जानकारी विभाग को प्रेषित किये जाने का दोषी पाया है। श्री नारायण सिंह यादव को कारण बताओ नोटिस दिया गया है, जिसका जवाब उनके द्वारा प्रस्तुत किया गया है, जिसके परीक्षण उपरांत विभाग द्वारा कार्यवाही की जायेगी, समय बताना संभव नहीं है।
जनभागीदारी समिति का गठन
[उच्च शिक्षा]
45. ( क्र. 998 ) डॉ. मोहन यादव : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के महाविद्यालयों में जनभागीदारी समितियों के गठन के संबंध में क्या नियम हैं तथा जनभागीदारी समितियों के क्या अधिकार हैं? अधिकारों एवं नियमों की प्रति उपलब्ध कराते हुए 1 जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक तक जनभागीदारी समितियों के संबंध में जारी पत्र एवं परिपत्रों की प्रति उपलब्ध करावे? (ख) उज्जैन जिले में कुल कितने महाविद्यालय हैं तथा कितने महाविद्यालयों में जनभागीदारी समितियाँ कार्यरत है वर्तमान में उक्त जनभागीदारी समितियों के अध्यक्ष की एवं कार्यकारिणी की सूची उपलब्ध करावे? कितने महाविद्यालयों में जनभागीदारी समितियों का गठन नहीं किया गया है? उपरोक्त समस्त जानकारी महाविद्यालय वार प्रदान करें? इस संबंध प्रश्नकर्ता द्वारा मान. मंत्री महोदय को दिये गये पत्र क्र. ए-1298/उ.द./16, दिनांक 10.06.2016 के संबंध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार नियमों का पालन नहीं करते हुए जनभागीदारी समिति का गठन नहीं करने के लिए कौन अधिकारी दोषी है? दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) उज्जैन जिले के अंतर्गत कुल 14 महाविद्यालय हैं एवं समस्त महाविद्यालयों में जनभागीदारी समिति कार्यरत हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। संदर्भित पत्र के तारतम्य में कार्यवाही करते हुए उच्च शिक्षा विभाग मंत्रालय के आदेश क्रमांक एफ-115/2016/1-38 भोपाल दिनांक 02.08.2016 द्वारा शासकीय माधव विज्ञान महाविद्यालय उज्जैन में भूगोल तथा शासकीय कन्या महाविद्यालय में इतिहास तथा ड्राइंग कोर्स बंद करने के आदेश को स्थगित करते हुए कोर्स चालू रखे गये हैं तथा उज्जैन के शासकीय माधव विज्ञान महाविद्यालय, शासकीय कन्या महाविद्यालय, शासकीय संस्कृत महाविद्यालय एवं संस्कृति विभाग के अंतर्गत आने वाले शासकीय माधव संगीत महाविद्यालय में जनभागीदारी समिति संचालित है जिनमें कलेक्टर या उनके प्रतिनिधि पदेन उपाध्यक्ष के रूप में हैं। (ग) प्रश्नांश ‘क’ के अनुसार प्रदेश के कुल 457 महाविद्यालयों में से 193 शासकीय महाविद्यालयों में जनभागीदारी समिति के अध्यक्षों की नियुक्ति की जा चुकी हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है तथा शेष में प्रक्रियाधीन है। म.प्र. शासन उच्च शिक्षा विभाग मंत्रालय के आदेश क्रमांक एफ 24-1/ 2011/38-2 भोपाल, दिनांक 26.07.2014 के अनुसार जनभागीदारी समिति में कलेक्टर या उनके प्रतिनिधि पदेन उपाध्यक्ष होते हैं। जिनके द्वारा जनभागीदारी समितियों की बैठकों की अध्यक्षता की जाती है, अतः कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय महाविद्यालय में रिक्त पदों की पूर्ति
[उच्च शिक्षा]
46. ( क्र. 1047 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिला मुख्यालय पर संचालित शासकीय पीजी कॉलेज में वर्तमान में किन-किन विषयों के प्राध्यापक, सहायक प्राध्यापकों सहित किस-किस संवर्ग के कौन-कौन से पद स्वीकृत/भरे/कब से व किन कारणों से रिक्त पड़े हैं? इन्हें भरने हेतु वर्तमान तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) महाविद्यालय में वर्तमान में प्राध्यापकों, सहायक प्राध्यापकों के विषयवार 30 स्वीकृत पदों में से 19 पद रिक्त पड़े हैं? क्या उक्त सभी रिक्त पदों पर विभाग द्वारा अतिथि विद्वानों की नियुक्ति नहीं करने के कारण शैक्षणिक व्यवस्था वाधित हो रही हैं, विद्यार्थियों को कठिनाइयाँ आ रही हैं और वे विषयवार रिक्त पदों को शीघ्र भरने अथवा अतिथि विद्वानों की नियुक्ति करने की मांग कर रहे हैं? (ग) क्या शासन विद्यार्थियों की मांग व उनके भविष्य के मद्देनजर रिक्त पदों को यथाशीघ्र भरेगा अथवा अतिथि विद्वानों की नियुक्ति करने हेतु विभाग को निर्देशित करेगा? यदि नहीं तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) श्योपुर जिला मुख्यालय पर संचालित शा. पी.जी. महाविद्यालय में संवर्गवार स्वीकृत/भरे/कब से व किन कारणों से पद रिक्त हैं, की समग्र जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शैक्षणिक रिक्त पदों को भरने हेतु लोक सेवा आयोग के माध्यम से दिनांक 19.02.2016 को विज्ञापन जारी किया जा चुका है। तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी संवर्ग के कर्मचारियों की कमी के कारण पद रिक्त हैं रिक्त पदों को स्थानांतरण/पदोन्नति के द्वारा पूर्ति की कार्यवाही यथासंभव की जा सकेगी। (ख) जी नहीं। शा.पी.जी. महा. श्योपुर में वर्तमान में प्राध्यापक के 04 तथा विषयवार सहायक प्राध्यापकों के 28, कुल स्वीकृत पद 32 में से 22 पद रिक्त हैं। जी नहीं, जी नहीं, जी नहीं। कुल पद 03 भौतिकशास्त्र एवं 03 रसायनशास्त्र विषय में 01-01 रिक्त पद विरूद्ध किसी अतिथि विद्वान का आवेदन प्राप्त नहीं हैं, किन्तु अध्यापन व्यवस्था सुचारू हैं। (ग) जी हाँ। लोक सेवा आयोग से चयनित प्रत्याशियों की सूची प्राप्त होने पर रिक्त पदों की पूर्ति प्राथमिकता के आधार पर की जायेगी। जब तक नियमित शिक्षकों का पदांकन नहीं होता है तो छात्र हित में अध्यापन व्यवस्था सुचारू रखने हेतु अतिथि विद्वानों का आमंत्रण आवश्यकतानुसार किया जाता है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
गुणवत्ताहीन स्टॉप डेम के निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
47. ( क्र. 1048 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम सौंईकला के समीप सीप नदी पर मनरेगा योजना से वर्ष 2010-11 व 2011-12 के मध्य कार्य ऐजेन्सी जल संसाधन विभाग द्वारा 49.45 लाख लागत से स्टॉपडेम का निर्माण कराया था? (ख) क्या उक्त स्टॉप डेम का निर्माण बहुत ही गुणवत्ताहीन करवाया गया था? इस कारण इसका निर्माण कार्य पूर्ण होने के दिनांक से वर्तमान तक बॉडीवॉल व फाउंडेशन से पानी सीपेज होने के कारण स्टॉप डेम की निचली सतह के मध्य में 40 मीटर लम्बाई में मेसेनरी के अधिकांश पत्थर निकल गये हैं? (ग) उक्त कारण से स्टॉप डेम में पानी नहीं ठहर पा रहा हैं वह खाली पड़ा हैं? नतीजन न तो आमजन को स्टॉप डेम निर्माण कार्य का लाभ मिल पाया और ना ही शासकीय राशि का सदुपयोग हो पाया? (घ) क्या शासन उक्त स्टॉप डेम के घटिया निर्माण कार्य की जाँच व जाँच में पाये गये दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा तथा स्टॉप डेम की बेहतर मरम्मत करवाएगा? यदि नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) से (ग) अप्रैल 2012 में कार्य पूर्ण होने के उपरांत सितम्बर 2014 से अब तक स्टाप डेम के बाएं किनारे से लगभग 35 मीटर लंबाई में मेसनरी पत्थर निकल गए है। स्टाप डेम से सीपेज होता है। वर्तमान में लगभग 3 फिट गहराई तक पानी रूका हुआ है जिसका आमजन उपयोग कर रहे है। (घ) जी हाँ। मुख्य अभियंता यमुना बेसिन जल संसाधन विभाग ग्वालियर से गुणवत्ता की जॉच कर सुधार हेतु प्रस्ताव देने के लिए प्रमुख अभियंता जल संसाधन विभाग को लिखा गया है।
दिव्यांग व्यक्तियों को आवास सुविधा
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
48. ( क्र. 1108 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिव्यांग (विकलांग) व्यक्तियों को शासन द्वारा आवास उपलब्ध कराने हेतु क्या-क्या योजना है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जनपद पंचायत मुरैना व अम्बाह जिला मुरैना या विधान सभा क्षेत्र - 07 दिमनी जिला मुरैना में दिव्यांगों को आवास सुविधा उपलब्ध कराने से संबंधित विगत 3 वर्ष में क्या-क्या गतिविधियाँ हुईं? लाभांवित हितग्राहियों का नाम, पता, देयक राशि दिनांक आदि सहित जानकारी बताई जावे।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग के अंतर्गत दिव्यांगों को आवास उपलब्ध कराने की कोई योजना नहीं है, लेकिन अन्य विभागों की योजनाओं यथा प्रधानमंत्री आवास योजना एवं विभिन्न प्राधिकरणों द्वारा निर्मित आवासों में दिव्यांगों हेतु 3 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
वन गायों द्वारा कृषि जींसों को नुकसान होने
[वन]
49. ( क्र. 1109 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. के कई जिलों में वन गायों द्वारा कृषक की खड़ी फसलों को रात के समय खेतों में घुसकर नष्ट करने की शिकायतें आ रही हैं व सदन में इससे संबंधित चर्चा में भी कई माननीय विधायकों द्वारा शासन को अवगत भी कराया है? (ख) क्या वन गायों से होने वाली इस क्षति को रोकने हेतु नीति बनाकर निराकरण के लिये कोई ठोस पहल हुई हैं? यदि नहीं तो क्यों व कब तक की जायेगी? (ग) क्या म.प्र. शासन आर.बी.सी. के तहत क्षति सहायता देने हेतु शामिल करेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। वन विभाग द्वारा रोजड़ों से फसल हानि को राकेने के उद्देश्य से नीतिगत निर्णय के तहत राज्य शासन की अनुमति प्राप्त कर प्रायोगिक तौर पर मंदसौर जिले के ऐरा ग्राम से 27 रोजड़ो को पकड़कर गांधी सागर अभ्यारण्य मंदसौर में छोड़ा गया है। (ग) मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग के राजस्व पुस्तक परिपत्र (आर.बी.सी.) के खण्ड छ: क्रमांक-4 में वन्यप्राणियों से फसलहानि हेतु क्षतिपूर्ति राशि दिये जाने का प्रावधान पूर्व से ही विद्यमान है।
नर्मदा नदी के तटों पर घाट निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
50. ( क्र. 1138 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नामामी देवी नर्मदे यात्रा के दौरान नरसिंहपुर जिले की गाडरवारा विधान सभा में मा. मुख्यमंत्री जी की मंशानुसार वृक्षारोपण के साथ-साथ नर्मदा जी के तटों की सुरक्षा हेतु घाट निर्माण तथा स्नान घाटों पर शौचालय एवं प्रतीक्षालय आदि बनाये जाने हेतु विभाग की कोई योजना है? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र के किन-किन ग्रामों में कौन-कौन से कार्य शासन द्वारा कराये जाने की योजना है? (ग) नर्मदा किनारे के ग्राम रिछावर, सोकलपुर, उसराय, टुय्यापानी, अनघौरी, पीपरपानी, टिमारान खिरैती, निवावर, मोहड़घाट आदि ग्रामों के घाटों पर कौन-कौन से कार्य कराये जाने हेतु विभाग की क्या योजना है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत वृक्षारोपण एवं स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय बनाने की योजना है। विभाग की घाट निर्माण की कोई योजना नहीं है। (ख) एवं (ग) स्वच्छ भारत मिशन के तहत संलग्न परिशिष्ट अनुसार सामुदायिक स्वच्छता परिसर बनाने के लिए स्थान चिन्हित किए गए है।
प्रधानमंत्री सड़क योजनान्तर्गत मार्ग निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
51. ( क्र. 1151 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधान सभा क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में विभाग द्वारा प्रधानमंत्री सड़क योजना के अन्तर्गत कौन-कौन से मार्गों के निर्माणों की स्वीकृति प्रदान की गई है? स्वीकृत मार्गों में से कितने मार्गों के निर्माण कार्य प्रारंभ किए जा चुके हैं एवं कितने मार्गों के निर्माण कार्य प्रारंभ किया जाना शेष है? (ख) जिन स्वीकृत मार्गों का टेन्डर दो बार से अधिक लगने के बाद भी किसी भी ठेकेदार द्वारा टेन्डर नहीं लिया गया है तो इसका क्या कारण है? (ग) विभाग द्वारा कब तक पुन: स्वीकृत मार्गों के टेन्डर लगेंगे? क्या इन टेन्डरों के रेट रिवाईस किए जाएंगे? (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा परासिया विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम अपतरा से ग्राम मुजावर तक दूरी लगभग 3 कि.मी. मार्ग निर्माण के संबंध में अनेकों पत्र प्रमुख सचिव, लो.नि.विभाग, मान. मुख्यमंत्री जी को प्रेषित किए गये परन्तु इस मार्ग के निर्माण की स्वीकृति अभी तक विभाग द्वारा प्रदान नहीं की गई, जिसका क्या कारण है? उक्त मार्ग निर्माण की स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कोई कारण नहीं है, ठेकेदारों को निविदा डालने हेतु प्रेरित किया गया। (ग) विभाग द्वारा प्रत्येक माह लगातार निविदा जारी की जा रही है। टेंडरों के रेट रिवाईज किये जाने का प्रावधान नहीं है। (घ) परासिया विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत म.प्र. शासन, लोक निर्माण विभाग द्वारा मुजावर से अपतरा मार्ग लंबाई 2.30 कि.मी. के निर्माण हेतु राशि रूपये 131.10 लाख हेतु लोक निर्माण विभाग की स्थाई वित्तीय समिति की 154 वीं बैठक दिनांक 14.12.2016 को सम्पन्न हुई 154 वीं बैठक में उक्त राशि को बजट में सम्मिलित होने पर प्रशासकीय स्वीकृति जारी करने की अनुशंसा की गई है। स्वीकृति के संबंध में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मुलताई नगर को पवित्र नगरी घोषित किये जाने के पश्चात् की गई कार्यवाही
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
52. ( क्र. 1226 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दिनांक 23 जून 2009 के राजपत्र के अनुसार घोषित पवित्र नगरी मुलताई में अभी तक पवित्र नगरी के कितने मापदंडो का पालन किया जा रहा है। सूची देवे। (ख) पवित्र नगरी के समस्त मापदंडों की छायाप्रति देवें। (ग) मुलताई पवित्र नगरी के लिये उपरोक्तानुसार कितने मापदंडों का पालन किया जा रहा है तथा कितने शेष हैं एवं इस संबंध में विगत 5 वर्षों में किस-किस विभाग को कितना पत्राचार किया गया है, की समस्त जानकारी देवें। (घ) पवित्र नगरी घोषित क्षेत्र में शराब व्यवसाय की दुकानों को कब तक हटा दिया जायेगा।
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विधायक निधि के कार्य
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
53. ( क्र. 1261 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले अंतर्गत दिनांक 01/01/13 से प्रश्न दिनांक तक विधायक मद से कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किए गए है किसको निर्माण एजेंसी नियुक्त की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत 1 जनवरी 13 से प्रश्न दिनांक तक कौन से कार्य अप्रारंभ अपूर्ण/पूर्ण हो गये हैं किस स्तर के अधिकारी द्वारा निरीक्षण परीक्षण किया गया है? निरीक्षण प्रतिवेदन सहित जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) अंतर्गत अभी तक कौन से कार्य अपूर्ण हैं? अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? अपूर्ण रहने के लिए कौन उत्तरदायी हैं? (घ) क्या विधायक निधि के कार्य अत्यधिक विलंब से स्वीकृत किए जाते हैं? इसके लिए कौन उत्तरदायी है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। स्वीकृत कार्यों का निरीक्षण संबंधित क्रियान्वयन एजेन्सियों के तकनीकी अधिकारियों द्वारा किया जाता है। (ग) अपूर्ण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। अपूर्ण कार्यों को संबंधित क्रियान्वयन एजेन्सियों के माध्यम से यथाशीघ्र पूर्ण करा लिया जावेगा। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। माननीय विधायक महोदय की अनुशंसा पर तकनीकी प्रतिवेदन, अन्य दस्तावेज प्राप्त होने पर तत्काल स्वीकृति जारी की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
माँग संख्या 41 में विकास कार्यों हेतु प्राप्त राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
54. ( क्र. 1272 ) श्री संजय उइके : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विभाग को आदिवासी उपयोजना क्षेत्र के विकास कार्यों हेतु माँग संख्या 41 में राशि प्राप्त होती है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक प्रत्येक निकायवार कितनी-कितनी राशि प्रदाय की गयी? (ग) आदिवासी उपयोजना क्षेत्र की राशि आवंटन बाबत् विभाग क्या मापदण्ड/प्रकिया अपनाता है? उसकी प्रमाणित प्रति उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विभाग को केन्द्र सरकार से प्राप्त आवंटन
[नगरीय विकास एवं आवास]
55. ( क्र. 1273 ) श्री संजय उइके : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विभाग को केन्द्र सरकार से विभिन्न योजनाओं में राशि प्राप्त होती है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2010-11 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि विभाग को प्राप्त हुई? योजनावार बतावें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
सामुदायिक संगठकों का नियमितीकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
56. ( क्र. 1281 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 1990-92 में स्वर्ण जयंती शहरी रोजगार योजना अन्तर्गत 2000/- रूपये के निश्चित मानदेय पर 220 सामुदायिक संगठकों की नियुक्ति स्वीकृत पदों के विरूद्ध की गयी थी? (ख) नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा केबिनेट के निर्णय अनुसार दिनांक 27 फरवरी 2014 नगरीय निकायों में नवीन सेटअप स्वीकृत कर सामुदायिक संगठकों के नियमित पदों का भी सृजन किया गया है? (ग) क्या इस आधार पर नगर निगमों के द्वारा इन पदों पर कार्यरत कर्मचारियों को ही नियुक्त कर दिया गया, जबकि नगर पालिका एवं नगर पंचायतों द्वारा अभी तक स्थायीकरण की प्रक्रिया नही अपनायी गयी है। (घ) निकाय के उक्त पदों पर कार्यरत कर्मचारियों की नियुक्ति नवीन सेटअप के स्वीकृत पदों पर कब तक कर दी जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। (ग) और (घ) जी नहीं। मध्यप्रदेश नगर पालिक निगम (अधिकारियों तथा सेवकों की नियुक्ति तथा सेवा की शर्तें) नियम 2000 में संशोधित नियम 15 जुलाई2015 में सामुदायिक विकास के पद 100 प्रतिशत पदोन्नति से भरा जाना है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निराश्रित निधी की राशि की उपलब्धता
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
57. ( क्र. 1282 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निराश्रित निधी के अधिनियम के तहत राज्य निराश्रित निधी में 31 मार्च 2016 को समाप्त हुए वर्ष के दिन किस-किस बैंक खातों में कितनी-कितनी राशि जमा थी? उक्त जमा राशि पर प्रत्येक बैंक किस दर से ब्याज दे रहे हैं? प्रत्येक बैंकवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) 31 मार्च 2016 की स्थिति में उज्जैन जिले में कितनी राशि किस-किस बैंक में जमा थी? किस दर से वार्षिक ब्याज दिया गया?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) केवल सेन्ट्रल बैंक आफ इण्डिया के खाते में जमा है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के पत्रक-‘‘अ‘‘ एवं ‘‘ब‘‘ अनुसार है।
समग्र/स्वच्छता/निर्मल भारत अभियान/स्वच्छ भारत मिशन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
58. ( क्र. 1294 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना एवं कटनी जिले में समग्र स्वच्छता अभियान की शेष राशि तथा निर्मल भारत अभियान/स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत प्राप्त राशि से शौचालयों का निर्माण कराया गया है? यदि हाँ, तो उक्त दर्शित योजना से कितने शौचालय स्वीकृत किये जाकर मनरेगा के कन्वर्जन्स एवं हितग्राही द्वारा स्वयं तथा कितने शौचालय का निर्माण केवल टीएससी/एनबीए/एसवीएम से कराया गया है? निर्मित शौचालयों की जानकारी वर्ष 2010-11 से प्रश्न दिनांक तक पृथक-पृथक वर्षवार, ग्राम पंचायतवार, ग्रामवार देवें। (ख) प्रश्नांकित शौचालयों के निर्माण हेतु कब-कब, कितनी-कितनी राशि किस-किस ग्राम पंचायत/कार्य एजेंसी/हितग्राही को उपलब्ध करायी गई है? क्या योजनाओं में ग्राम पंचायतों के पास प्रश्नाधीन अविध में राशि लंबित रही है? पंचायतों में राशि लंबित रहने के लिये कौन दोषी है, जिला स्तर से लंबित राशि के संबंध में क्या कार्यवाही की गई? प्रचार प्रसार, प्रशिक्षण एवं अन्य किन-किन गतिविधियों हेतु उक्त योजनाओं की राशि व्यय हुई है? गतिविधिवार बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार निर्मित शौचालयों तथा अन्य गतिविधियों का सत्यापन किन-किन अधिकारियों द्वारा कब-कब किया गया? सत्यापन प्रतिवेदन तथा ग्राम पंचायतवार प्रतिवेदन उपलब्ध करावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ। दोषी सरपंच/सचिव के विरूद्ध न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) में प्रकरण दर्ज कराकर वसूली की कार्यवाही प्रचलित है। योजनांतर्गत व्यक्तिगत पारिवारिक शौचालय, प्रचार-प्रसार, प्रशिक्षण एवं प्रशासनिक मद में राशि व्यय की गई है। (ग) ग्राम पंचायत सचिव, ब्लाक समन्व्यक, उपयंत्री एवं पंचायत समन्वयक अधिकारी द्वारा सत्यापन की व्यवस्था है। जिला स्तर पर सत्यापन प्रतिवेदन संकलित एवं संधारित नहीं किए जाते है।
अवैधानिक पदाधिकारियों को हटाना
[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]
59. ( क्र. 1295 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले की श्री तिलक राष्ट्रीय विद्यालय शिक्षा समिति कटनी पंजीयन क्रमांक 39 के विरूद्ध जाँच जबलपुर संभाग के सहायक पंजीयक फर्म एवं संस्थाएं जबलपुर द्वारा आदेश जारी कर जाँच अधिकारी को नियुक्त किया गया था तथा उक्त में जाँच प्रतिवेदन दिनांक 29/03/2016 के निष्कर्ष के अनुसार वर्ष 2012, 13 एवं 2014 की प्रारूप 7 में प्रस्तुत सूची एवं जानकारी अनाधिकृत एवं अवैधानिक पायी गई है। यदि हाँ, तो उपरोक्त में जारी सूची को किस दिनांक को रद्द किया गया। अगर नहीं रद्द किया गया है तो क्यों? उक्त अनाधिकृत एवं अवैधानिक सूची को कब तक रद्द कर दोषियों पर कार्यवाही की जावेगी? (ख) क्या उपरोक्त में असिस्टेंट रजिस्ट्रार जबलपुर संभाग द्वारा भी अपने आदेश दिनांक 09/06/2016 में भी उपरोक्त में प्रस्तुत सूची को अनाधिकृत एवं अवैधानिक माना है? यदि हाँ, तो अनाधिकृत एवं अवैधानिक बने पदाधिकारियों को अभी तक क्यों नहीं हटाया गया? (ग) प्रश्नांश 'क' के जाँच प्रतिवेदन के निष्कर्ष में उपरोक्त संस्था का दिनांक 26/10/2010 का निर्वाचन भी अवैधानिक एवं अनाधिकृत पाया गया हैं तथा निर्वाचन प्रक्रिया को भी वैद्य नहीं पाया गया हैं? यदि हाँ, तो दिनांक 26/10/2010 को निर्वाचित संस्था के शासी निकाय को किस दिनांक को हटाया गया? अगर नहीं हटाया गया है तो दोषियों पर कार्यवाही करते हुये कब तक हटाया जावेगा बतायें? (घ) क्या किसी संस्था के शासी निकाय को राज्य सरकार सोसायटी अधिनियम की धारा 33 के अंतर्गत कितनी कालावधि तक के लिये हटा सकती हैं? अधिकतम कालावधि तक संस्था में प्रशासक द्वारा अधिनियम के अनुसार वैद्य शासी निकाय का निर्वाचन नहीं कराया गया है तो क्या धारा 33 के अंतर्गत शासन द्वारा दिये गये आदेश स्वत: निरस्त हो जावेगा तथा कालावधि समाप्त होने के बाद पुन: सोसायटी के विधान एवं अधिनियम के अनुसार सोसायटी के नवीन शासी निकाय का निर्वाचन प्रशासक न होने पर कौन करायेगा बतायें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। मध्यप्रदेश सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1973 में सूची को रदद किये जाने संबंधी प्रावधान नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं। (ख) जी हाँ। शासन आदेश दिनांक 28/6/2008 दवारा संस्था में अधिनियम की धारा 33 (1) के अधीन शासी निकाय को हटाया जाकर प्रशासक की नियुक्ति की गई हैं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं। (ग) जी हाँ। जानकारी बिन्दु 'ख' के उत्तर अनुसार हैं। (घ) तीन वर्ष। प्रशासक दवारा शासी निकाय का निर्वाचन अधिकतम कालावधि तक नहीं कराये जाने पर धारा 33 के अंतर्गत शासन आदेश स्वत: निरस्त होने संबंधी प्रावधान नहीं हैं। प्रशासक की कालावधि समाप्त होने के बाद हटाये गये शासी निकाय के पुनर्जीवित होने संबंधी प्रावधान न होने से शासन दवारा नियुक्त प्रशासक ही नवीन शासी निकाय के निर्वाचन हेतु अधिकृत हैं।
भू-राजस्व पर पंचायत उपकर नियम
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
60. ( क्र. 1337 ) श्री अरूण भीमावद : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भू-राजस्व पर पंचायत उपकर किस नियम एवं आदेश के तहत बढ़ाया गया है? (ख) यदि हाँ, बढ़ाया गया है तो उक्त उपकर को अभी तक कितनों से कितना लिया है? (ग) भू-राजस्व पर पंचायत उपकर के नियम सहित आदेश को बतलावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
प्राध्यापकों को शासन की अनुमति के बिना कार्यमुक्त किए जाना
[उच्च शिक्षा]
61. ( क्र. 1356 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय उच्च न्यायालय बैंच ग्वालियर के आदेशानुसार शासकीय महाविद्यालय लहार, बालाजी मिहोना एवं आलमपुर में पदस्थ किये गये प्राध्यापकों एवं सहायक प्राध्यापकों को मनमाने तरीके से प्रभारी प्राचार्यों ने अन्य महाविद्यालयों हेतु बिना शासन की अनुमति के कार्यमुक्त कर दिया है? यदि हाँ, तो दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही कर पुन: पदस्थापना की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) उच्च शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश शासन द्वारा शासकीय महाविद्यालयों में बायोमेट्रिक मशीन लगाने का आदेश कब-कब दिये गये तथा शासन आदेश के पालन में शासकीय एम.जे.एस. महाविद्यालय भिण्ड, गोहद, बालाजी मिहोना, लहार एवं आलमपुर में कब-कब बायोमैट्रिक मशीन स्थापित की गई? प्रत्येक महाविद्यालयों में खरीदी गई मशीनों में व्यय की गई राशि का अलग-अलग महाविद्यालयवार विवरण दें? (ग) शासकीय महाविद्यालय लहार, बालाजी मिहोना एवं आलमपुर में प्रयोगशालाओं एवं पुस्तकालयों तथा खेल कार्यक्रमों हेतु कौन-कौन से अधिकारी एवं कर्मचारी पदस्थ हैं नाम व पद सहित विवरण दें?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी नहीं। उल्लेखित महाविद्यालय में पदस्थ कुछ प्राध्यापक एवं सहायक प्राध्यापकों द्वारा माननीय न्यायालय में दायर याचिका में पारित निर्णय अनुसार ही संस्था प्राचार्य द्वारा कार्यमुक्त की कार्यवाही की गई। चूंकि न्यायालयीन प्रकरणों में शासन द्वारा अंतिम निर्णय पर पालन कार्यवाही सुनिश्चित की जाती है। अतः शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) शासकीय महाविद्यालयों में बायोमैट्रिक मशीन लगाने के निम्न आदेश दिये गये थे: (1) क्रमांक क्रमशः 56/62/आउशि/आई.टी. सेल/2015 दिनांक 16 जून 2015 एवं (2) 41/आउशि/प्रदेश 16-17/शाखा-5 'अ' 2016 दिनांक 27.08.2016। शेष प्रश्नांश का उत्तर संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश का उत्तर संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
रेत गिट्टी मुरम के दर्ज प्रकरणों पर कार्यवाही
[वन]
62. ( क्र. 1361 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल जिले में वन विभाग द्वारा अवैध उत्खनन (मुरम/रेत/मिट्टी/पत्थर आदि) के प्रकरण दर्ज किए गए हैं? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष २०१५ एवं २०१६ (माह जनवरी से दिसंबर) तक किस-किस परिक्षेत्र में किस-किस स्थल पर (स्थल का नाम, कम्पार्टमेंट के नाम एवं नम्बर बतावें) किस-किस व्यक्ति के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध किए गए हैं? पी.ओ.आर क्रमांक/दिनांक सहित जानकारी दें? (ग) क्या उक्त अवधि में मुरम/रेत/मिट्टी/पत्थर आदि अवैध उत्खनन/परिवहन के वाहनों के प्रकरण भी बनाए गए है? यदि हाँ, तो कौन कौन से वाहन किस-किस स्थल से पकडे़ गए (स्थल का नाम, कम्पार्टमेंट के नाम एवं नंबर बतावें)। जप्त वाहनों में किस-किस वाहन के खिलाफ क्या क्या कार्यवाही की गई? पी.ओ.आर. नंबर एवं दिनांक सहित जानकारी दें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है।
बैतूल जिले में वन विभाग के नियंत्रण की वन भूमि
[वन]
63. ( क्र. 1362 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तारांकित प्रश्न संख्या 22 प्रश्न (क्रमांक १४३३) दिनांक ०१ मार्च २००६ में बैतूल जिले में ४ लाख ८१ हजार २४१.८८४ हेक्टेयर भूमि वन विभाग के नियंत्रण में होना बताया गया है? क्या यह पूरी भूमि वन विभाग के नियंत्रण में नहीं है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त प्रश्न क्रमांक १४३३ के उत्तर में बताएं अनुसार किस-किस परिक्षेत्र में किस-किस श्रेणी की कितनी-कितनी वन भूमि वन विभाग के नियंत्रण में है तथा किस-किस श्रेणी की कितनी-कितनी वनभूमि वन विभाग के नियंत्रण एवं प्रबंधन में नहीं है इसके क्या कारण है? (ग) संदर्भित प्रश्न के पश्चात् ३१ दिसंबर २०१६ तक बैतूल वन विभाग ने किस-किस पत्र क्रमांक द्वारा किस-किस श्रेणी की कितनी-कितनी वनभूमि अंतरित की, कितनी वनभूमि आवंटित की तथा कितनी भूमि किस अधिसूचना दिनांक से निर्वनीकृत की तथा कितनी भूमि का अन्तरण एवं निर्वनीकृत शेष है? (घ) उक्त प्रश्न के उत्तर में असीमांकित वन एवं नारंगी वनभूमि के आंकड़े दिए जाने का आधार क्या था बतावें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ, इसमें से आरक्षित वन, संरक्षित वन एवं असीमांकित संरक्षित वन (नारंगी भूमि) कुल 379067.451 हेक्टेयर वन विभाग के नियन्त्रण में है। (ख) बैतूल वृत्त में वन विभाग के नियन्त्रण में परिक्षेत्रवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। वन विभाग के प्रबन्धन में न निहित भूमि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के कालम नं. 10 पर दर्शित है, जिसको असीमांकित होने के कारण प्रबन्धन में सम्मिलित नहीं किया जा सका है। (ग) जानकारी संकलित की जा रही है। (घ) नारंगी इकाई सर्वेक्षण द्वारा सर्वे में सम्मिलित राजस्व भूमि के आँकड़ों को भी नारंगी भूमि के आँकड़ों में सम्मिलित किये जाने के कारण। प्रश्न क्रमांक 1433 के उत्तर में दर्शित असीमांकित वन वास्तव में असीमांकित संरक्षित वन (नारंगी वन) था।
निर्माणकर्ताओं को जारी एन.ओ.सी.
[खनिज साधन]
64. ( क्र. 1373 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला खरगोन कार्यालय द्वारा वर्ष 2012 से 2015 तक किन-किन निर्माणकर्ताओं को एन.ओ.सी. जारी की गई, नाम, पता, कार्य विवरण सहित सूची देवे। मेसर्स करण डेवलपमेंट सर्विसेस प्रा.लि. ग्वालियर एवं जिला खरगोन कार्यालय के मध्य हुए पत्राचार का विवरण देवे। (ख) विगत 5 वर्षों में नहर निर्माण परियोजनाओं से संबंधित खनिज विषयक कब-कब किस अधिकारी द्वारा कहाँ-कहाँ निरीक्षण किये गये। नाम, पद, निरीक्षण स्थान सहित सूची देवें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में कलेक्टर कार्यालय खनि शाखा, खरगोन द्वारा किसी भी निर्माण कर्ता एजेन्सी को एन.ओ.सी. जारी नहीं की गई है। कलेक्टर कार्यालय के अभिलेख अनुसार प्रश्नाधीन एजेन्सी एवं कलेक्टर कार्यालय, जिला खरगोन के मध्य प्रश्नाधीन अवधि में कोई भी पत्राचार नहीं हुआ है। (ख) विगत 5 वर्षों में नहर निर्माण परियोजना से संबंधित खनिज विषयक निरीक्षण नहीं कराये गये हैं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
योग्यता वृद्धि तथा नाम परिवर्तन के लंबित प्रकरण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
65. ( क्र. 1374 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला खरगोन में विगत 5 वर्षों में जिला पंचायत या जनपद पंचायत कार्यालय में प्राप्त शिक्षा विभाग/आदिम जाति कल्याण विभाग से योग्यता वृद्धि तथा नाम परिवर्तन हेतु कितने आवेदन/ प्रकरण कब-कब प्राप्त हुए, जनपदवार वर्षवार संख्या बतायें। इन प्रकरणों में कितने प्रकरण निराकृत हुए, कितने प्रकरण किन कारणों से वापस भेजे गये तथा कितने प्रकरण किन कारणों से किस स्तर पर लंबित हैं। सूची देवें। (ख) उक्त संबंध में विभागीय नियमावली की प्रति देवें। इस विषय संबंधी जिला पंचायत व जनपद पंचायत के मध्य हुए पत्राचार की प्रति देवें। (ग) उक्त विषय में बी.ई.ओ/ बी.आर.सी कार्यालय एवं जनपद पंचायत के मध्य हुए पत्राचार की प्रति देवें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘अ‘‘ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘ब‘‘ अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘स‘‘ अनुसार।
सामूहिक विवाह का आयोजन
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
66. ( क्र. 1398 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल संभाग के अनूपपुर जिले में वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं प्रश्न दिनांक तक कितने जोड़ों का सामूहिक विवाह किस दिनांक को कहाँ कराया गया? इनमें से कितने आदिवासी जोड़े और कितने गैर आदिवासी जोड़े एवं कितने अल्पसंख्यक जोड़े शामिल रहे? (ख) सामूहिक विवाह के लिये किस पत्र क्रमांक व दिनांक से कितनी राशि शासन ने स्वीकृत की एवं कितने जोड़ों का विवाह होने के बाद में शासन ने राशि स्वीकृत की? सामूहिक विवाह में शामिल जोड़ों को कितनी राशि एवं कौन-कौन सी सामग्री प्रदान की गई, अन्य खर्च के लिये कितनी राशि प्रदान की गई। (ग) सामूहिक विवाह के पूर्व राशि स्वीकृत किये जाने के बजाय विवाह के बाद राशि स्वीकृत किये जाने का कारण क्या था? क्या बाद में स्वीकृत राशि संबंधित हितग्राही/जोड़ों को प्रदान कर दी गई अथवा नहीं यदि नहीं तो क्यों? इसके लिये कौन उत्तरदायी है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) विवाह के बाद किसी को भी राशि स्वीकृत नहीं की गई है। अतः उत्तरदायी का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री सड़क योजनान्तर्गत शास. विद्यालय तक मार्ग बनाया जाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
67. ( क्र. 1405 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नहर रोड से कोकसिंह के पुरा (खाडोली) मुरैना तक प्रधान मंत्री सड़क योजना अंतर्गत निर्मित मार्ग शासकीय विद्यालय तक नहीं बनाया गया है? क्यों? (ख) क्या उक्त मार्ग की नाप निर्माण के पूर्व शासकीय विद्यालय तक की गई थी एवं शासन की नीति भी प्रत्येक गांव से विद्यालयों तक मार्ग बनाने की हैं? यदि हाँ, तो उक्त मार्ग में यह दोहरी नीति क्यों अपनाई गई है? (ग) क्या सुमावली मुरैना के ग्राम कोकसिंह का पुरा (खाडौली) में वर्ष 2016 में सी.सी. कार्य कराया गया था लेकिन विद्यालय तक उसे नहीं कराया गया है? क्यों? (घ) क्या विभाग गांव के प्राथमिक विद्यालय के छात्र, छात्राओं की सुविधा को ध्यान में रखकर इस अधूरे निर्माण को पूर्ण करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के दिशा निर्देशानुसार इस मार्ग का निर्माण लक्षित ग्राम कोकसिंह का पुरा (खांडोली) मुरैना के प्रथम शासकीय भवन आंगनवाड़ी केन्द्र जो इस मार्ग पर ग्राम के प्रारंभ में स्थित है से होकर कोकसिंह का पुरा के अंतिम आबादी भाग तक पूर्ण किया गया है। (ख) जी हाँ। मार्ग को लक्षित ग्राम के प्रथम शासकीय भवन तक बनाये जाने का प्रावधान है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। जी हाँ। उत्तराश 'ख' अनुसार। (घ) जी नहीं।
ग्राम पंचायत सचिवों के स्थानांतरण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
68. ( क्र. 1430 ) श्री हरवंश राठौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016-17 में बण्डा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कितने ग्राम पंचायत सचिवों के स्थानांतरण किए गए थे? (ख) क्या शासन नीति अनुसार स्थानांतरित सचिवों के स्थानांतरण आदेश शासन स्तर से संशोधित/निरस्त किए गए हैं? सागर जिले की विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी उपलब्ध कराई जाए। (ग) क्या बण्डा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत जनपद पंचायत बंडा के सचिवों के जिला स्तर से स्थानांतरण उपरांत संशोधन पंचायत राज संचालनालय में किन कारणों से लंबित हैं? (घ) संबंधित सचिवों के संशोधन/निरस्तीकरण आदेश शासन स्तर से कब तक जारी किए जाएंगे।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) 37 ग्राम पंचायत सचिवों को। (ख) जी हाँ। रेहली विधानसभा क्षेत्र के 09 ग्राम पंचायत सचिवों के स्थानांतरण निरस्त एवं ग्राम पंचायत सचिव का स्थांनातरण संशोधित किया गया है। (ग) स्थानांतरण पर प्रतिबंध होने से संशोधन की मांग नस्तीबद्ध की गई है। (घ) उपरोक्त उत्तर ‘‘ग‘‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
सहा.यंत्री /उपयंत्रियों का स्थानांतरण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
69. ( क्र. 1433 ) श्री हरवंश राठौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सहायक यंत्री/मनरेगा उपयंत्रियों की स्थानांतरण नीति का प्रावधान है या नहीं? (ख) बण्डा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ऐसे कितने सहायक यंत्री/उपयंत्रियों की पदस्थापना परिवर्तित की गई है, शासन नियम एवं स्थानांतरित किए गए मनरेगा उपयंत्रियों/सहायक यंत्रियों की सूची उपलब्ध कराई जाए। (ग) क्या एक ही जनपद में 03 वर्षों से अधिक सहायक यंत्री/उपयंत्रियों को स्थानांतरित करने की कोई नीति है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) संविदा पर पदस्थ सहायक यंत्री/उपयंत्री, महात्मा गांधी नरेगा के वर्तमान में स्थानांतरण नीति का प्रावधान नहीं है, पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ सहायक यंत्री/उपयंत्री के स्थानांतरण शासन के नियमानुसार प्रावधानित है, (पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार) (ख) बण्डा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत 03 सहायक यंत्री एवं 05 उपयंत्री का जिला प्रशासन द्वारा कार्य सुविधा की दृष्टि से युक्तियुक्तकरण किया गया है। शासन नियम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार। स्थानांतरित किये गये सहायक यंत्री/उपयंत्री, महात्मा गांधी नरेगा की जानकारी निरंक है। (ग) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार।
गरीबी रेखा के अंतर्गत सूचीबद्ध हितग्राही
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
70. ( क्र. 1473 ) श्री प्रताप सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले की जनपद पंचायतों के अंतर्गत प्रत्येक ग्राम पंचायतों में ऐसे हितग्राही जिनकी उम्र 65 वर्ष से अधिक है तथा गरीबी रेखा के अंतर्गत सूचीबद्ध हैं, उनकी सूची उपलब्ध करावें? (ख) क्या उन्हें इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय पेंशन योजना के अंतर्गत नाम दर्ज किये जाने हेतु आवेदन देना था अथवा यह कार्य ग्राम पंचायत सचिव का स्वमेव दायित्व है कि पात्रता सूची तैयार कर प्रकरण स्वीकृत हेतु सक्षम अधिकारी के पास प्रस्तुत करें? यदि दायित्व स्वमेव नहीं है, तो प्रत्येक माह में दो बार सचिवों की बैठक आयोजित किये जाने का क्या प्रयोजन है तथा सचिवों के क्या कर्तव्य हैं? (ग) ऐसी कौन सी ग्राम पंचायत है, जहां एक भी पेंशन उक्त योजना के अंतर्गत स्वीकृत नहीं की गई है, उसकी सूची उपलब्ध करावें? क्या सक्षम हितग्राहियों को पेंशन लाभ से वंचित रखे जाने हेतु दोषी कर्मचारी/अधिकारी के विरूद्ध अभी तक क्या कार्यवाही की गई है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत हितग्राही द्वारा ग्राम पंचायत में आवेदन प्रस्तुत किये जाते है। सचिव द्वारा आवेदन सक्षम अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किये जाते है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी,जनपद पंचायत द्वारा प्रकरण का परीक्षण कर पात्रता के अनुसार स्वीकृति की कार्यवाही की जाती है। जनपद स्तर पर आयोजित सचिवों की समीक्षा बैठकों में पेंशन योजना की समीक्षा के साथ-साथ ग्राम पंचायत क्षेत्रान्तर्गत अन्य हितग्राही मूलक योजनाओं का कार्य एवं निर्माण कार्यों में मांग अनुसार हितग्राहियों को रोजगार उपलब्ध कराना जॉब कार्ड तैयार कराना शासन निर्देशानुसार ग्रामसभाएं आयोजित कराना, ग्राम पंचायत की मासिक बैठकें आयोजित करना एवं समय-समय पर शासन द्वारा प्राप्त निर्देशानुसार कार्य कराना। (ग) दमोह जिले के अंतर्गत ऐसी कोई ग्राम पंचायत नहीं है, जहां पर उक्त योजनान्तर्गत पेंशन हितग्राही लाभ से वंचित है। शेष कार्यवाही किये जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
जनभागीदारी योजनान्तर्गत कार्यों की स्वीकृति
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
71. ( क्र. 1608 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनभागीदारी योजनान्तर्गत आगर जिला को वित्तीय वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में कितना बजट आवंटित हुआ था? जनभागीदारी - शासन अंश - 50: 50 प्रतिशत के अनुपात में किए जाने वाले एवं 75: 25 प्रतिशत के अनुपात में किए जाने वाले कार्यों हेतु आवंटित बजट का पृथक-पृथक विवरण देवे? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आवंटित बजट के विरूद्ध कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किए गए एवं स्वीकृति के लिए वरीयता किस प्रकार तय की गई? कार्यवार पूर्ण विवरण देवें? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित बजट के विरूद्ध स्वीकृत कार्यों की तकनीकि स्वीकृति, प्रस्ताव, अनुशंसा, प्रशासकीय स्वीकृति, गुणवत्ता मानिटरिंग रिपोर्ट, जारी सी.सी., भुगतान पत्रकों की सत्यापित प्रति उपलब्ध करावें? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित बजट के विरूद्ध कार्यों को स्वीकृत करने से पूर्व किसी समिति का या किसी जनप्रतिनिधि का अनुमोदन लिया जाना आवश्यक हैं? यदि हाँ, तो तद्संबंध में की गई बैठकों के कार्यवाही विवरण/अनुमोदन पत्रक की सत्यापित प्रति उपलब्ध करावें? किन-किन पंचायतों ने कार्यों के प्रस्ताव/आवेदन प्रस्तुत किये एवं इनके परिप्रेक्ष्य में क्या कार्यवाही की गई?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जनभागीदारी योजनान्तर्गत आगर जिला को वित्तीय वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में क्रमशः 22.50 लाख, 224.98 लाख तथा 397.70 लाख का आवंटन प्राप्त हुआ। 50:50 प्रतिशत अनुपात में किये जाने वाले कार्यों हेतु उक्त वित्तीय वर्ष में क्रमशः 0.00 लाख, 112.48 लाख तथा 197.70 लाख का आवंटन प्राप्त हुआ। जनभागीदारी शासन अंश का 75:25 प्रतिशत अनुपात में किये जाने वाले कार्यों हेतु उक्त वित्तीय वर्ष में क्रमशः 22.50 लाख, 112.50 लाख तथा 200.00 लाख का आवंटन प्राप्त हुआ। (ख) आवंटित राशि से स्वीकृत कार्यों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘अ‘‘ अनुसार है। प्राप्त प्रस्तावों के आधार पर जनभागीदारी योजनान्तर्गत दिशा निर्देशों के अनुरूप स्वीकृति की कार्यवाही की जाती है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘ब‘‘ अनुसार। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नगरीय क्षेत्रों में योजनाओं का क्रियान्वन
[नगरीय विकास एवं आवास]
72. ( क्र. 1609 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विगत 03 वर्षों में विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत नगरीय क्षेत्रों में कर्मकार मण्डल से संचालित योजनाओं में कितने हितग्राहियों के पंजीयन किए गए हैं एवं इन्हें किन-किन योजनाओं में लाभान्वित किया गया हैं? नगरीय निकायवार एवं योजनावार सूची सहित जानकारी देवें? (ख) नगर उदय से भारत उदय अभियान अंतर्गत कितने आवेदन प्राप्त हुए हैं? प्राप्त आवेदनों का योजनावार सूची सहित विवरण देवे? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित आवेदनों में से कितने आवेदन योजना हेतु पात्र पाये गये एवं संबंधित को योजना का लाभ दिया गया एवं कितने आवेदन अपात्र पाये गये? सूची सहित विवरण देवें? (घ) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना के क्रियान्वयन की क्या स्थिति हैं? नगरीय निकायवार पूर्ण जानकारी देवें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) विगत 03 वर्षों में विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत 04 नगरीय निकाय (नगर परिषद्, बड़ागांव, नलखेड़ा, सुसनेर एवं सोयतकलां) जिला-आगर में कर्मकार मण्डल से संचालित योजनाओं में निम्नानुसार हितग्राहियों के पंजीयन किये गये है :-
सं.क्र. |
निकाय का नाम |
पंजीयन किये गये हितग्राहियों की संख्या |
1. |
बड़ागांव |
22 |
2. |
नलखेड़ा |
240 |
3. |
सुसनेर |
134 |
4. |
सोयतकलां |
214 |
योग |
610 |
उपरोक्तानुसार
प्रसूति
सहायता, छात्रवृति
सहायता एवं
अन्य
योजनाओं में
लाभान्वित
किया गया है जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र ''अ'' अनुसार
है। (ख) नगर
उदय से भारत
उदय अभियान
अंतर्गत निम्न
निकायों में
विभिन्न
संचालित
योजनाओं में 1657
आवेदन प्राप्त
हुये है।
सं.क्र. |
निकाय का नाम |
पंजीयन किये गये हितग्राहियों की संख्या |
1. |
बड़ागांव |
292 |
2. |
नलखेड़ा |
338 |
3. |
सुसनेर |
430 |
4. |
सोयतकलां |
597 |
योग |
1657 |
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) नगर उदय से भारत उदय अभियान अंतर्गत निम्न निकायों विभिन्न संचालित योजनाओं में कुल 1657 आवेदन प्राप्त हुये जिनमें से 669 हितग्राही पात्र पाये गये एवं 494 अपात्र पाये गये एवं 494 गरीबी रेखा में नाम शामिल के आवेदन अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) सुसनेर को भेजे गये।
सं.क्र. |
निकाय का नाम |
कुल हितग्राहियों के प्राप्त आवेदन |
पात्र हितग्राहियों की संख्या |
अपात्र हितग्राहियों की संख्या |
विचाराधीन |
1. |
बड़ागांव |
292 |
167 |
0 |
125 |
2. |
नलखेड़ा |
338 |
172 |
166 |
- |
3. |
सुसनेर |
430 |
230 |
200 |
- |
4. |
सोयतकलां |
597 |
100 |
128 |
369 |
योग |
1657 |
669 |
494 |
494 |
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
सं.क्र. |
निकाय का नाम |
हितग्राहियों की संख्या |
विवरण |
1. |
बड़ागांव |
250 |
हितग्रहियों को आवास हेतु अधिकार पत्र विवरण किये जा चुके है। |
2. |
नलखेड़ा |
486 |
हितग्राहियों का चयन किया गया है तथा अधिकार पत्र वितरण की कार्यवाही प्रचलित है। |
3. |
सुसनेर |
632 |
पात्र हितग्राहियों को शासन निर्देशानुसार अधिकार पत्र वितरण की कार्यवाही प्रचलित है। |
4. |
सोयतकलां |
386 |
प्रधानमंत्री आवास योजना की डी.पी. आर तैयार कराई जाकर संचालनालय से प्रथम चरण में 386 आवास स्वीकृत किये गये है। |
योग |
1754 |
|
स्थानांतरण नीति का पालन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
73. ( क्र. 1623 ) कुँवर हजारीलाल दांगी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में जनपद पंचायत जीरापुर जिला राजगढ़ के अंतर्गत किन-किन अधिकारी एवं कर्मचारियों का स्थानांतरण कब-कब और कहाँ-कहाँ किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या स्थानांतरित अधिकारी एवं कर्मचारियों को स्थानांतरित कर्तव्य स्थल के लिये भारमुक्त कर दिया गया है? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं तो शासनादेश के बावजूद प्रश्न दिनांक तक भारमुक्त न किये जाने के क्या कारण है? (ग) क्या शासन उपरोक्त स्थानांतरित अधिकारी एवं कर्मचारियों को उनके स्थानांतरित कर्तव्य स्थल के लिये भारमुक्त करने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
उद्योग विभाग की हितग्राही मूलक योजनायें
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
74. ( क्र. 1650 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिला अंतर्गत वित्त वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक उद्योग विभाग द्वारा हितग्राही मूलक कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही है प्रश्नांकित अवधि में पाटन विधान सभा अंतर्गत विभिन्न योजनाओं हेतु कितने आवेदन प्राप्त हुये एवं कितने आवेदन किस योजना के लिये स्वीकृत किये गये कुल स्वीकृत राशि सहित जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अवधि में पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत विभाग द्वारा स्वीकृत प्रकरणों में से बैंकों द्वारा कितने प्रकरण में कुल कितनी राशि का ऋण प्रदान किया गया? (ग) चालू वित्त वर्ष में विभिन्न योजनाओं के लिये जबलपुर जिले को शासन द्वारा कितना लक्ष्य प्राप्त हुआ एवं विभाग ने लक्ष्य की कितनी पूर्ति की? (घ) उद्योग विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के लक्ष्य पूर्ण न होने के क्या कारण है इसके लिये कौन जिम्मेदार है?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) जबलपुर जिला अंतर्गत वित्त वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक उद्योग विभाग द्वारा हितग्राही मूलक मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना, रानी दुर्गावती स्वरोजगार योजना, दीनदयाल रोजगार योजना एवं प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजनाएं संचालित की गई हैं। प्रश्नांकित अवधि में पाटन विधानसभा अंतर्गत इन उक्त विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत कुल 891 आवेदन प्राप्त हुए, योजनावार स्वीकृत प्रकरणों की जानकारी निम्नानुसार है :-
क्र |
योजना का नाम |
स्वीकृत प्रकरणों की संख्या |
स्वीकृत राशि (लाख में) |
1 |
मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना |
37 |
218.74 |
2 |
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना |
811 |
3936.66 |
3 |
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना |
06 |
260.88 |
4 |
रानी दुर्गावती योजना |
13 |
62.30 |
5 |
दीनदयाल रोजगार योजना |
03 |
0.57 |
6 |
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम |
03 |
60.00 |
|
योग |
873 |
4539.15 |
(ख) प्रश्नांश 'क' अवधि में पाटन विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विभाग द्वारा स्वीकृत प्रकरणों में से बैंकों द्वारा 132 प्रकरणों में कुल राशि रुपये 530.80 लाख का ऋण प्रदान किया गया। (ग) चालू वित्त वर्ष में विभिन्न योजनाओं के लिए जबलपुर जिले को शासन द्वारा कुल 1135 हितग्राहियों को लाभान्वित किये जाने का लक्ष्य प्राप्त हुआ तथा विभाग ने 672 लक्ष्य की पूर्ति की है। (घ) उद्योग विभाग द्वारा संचालित स्वरोजगार योजनाओं में लक्ष्यपूर्ति की गई है। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
जबलपुर नगर निगम अंतर्गत अतिक्रमण
[नगरीय विकास एवं आवास]
75. ( क्र. 1651 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) राईट टाउन जबलपुर स्थित पुराने मुख्य बस स्टैंड के चारों ओर एवं आस-पास की 500 मीटर परिधि में कितने-कितने क्षेत्र में किन-किन के द्वारा अतिक्रमण कर अवैध निर्माण किया गया है एवं पुराने बस स्टैण्ड की सड़कें मास्टर प्लान के अनुसार कितनी चौड़ी है? मार्ग के दोनों ओर निर्माण की स्वीकृति सेट बैक छोड़ कर दी जाती है? यहां पर उपरोक्त नियम का उल्लंघन कर कितने कौन से निर्माण किये गये एवं उन पर नगर निगम ने क्या कार्यवाही की? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अतिक्रामकों के विरूद्ध नियमानुसार कब तक क्या कार्यवाही की जावेगी एवं समय पर कार्यवाही न करने पर दोषी कौन है एवं उसके विरूद्ध शासन कब तक एवं क्या कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर निगम जबलपुर द्वारा अतिक्रमण की जानकारी संकलित नहीं रहती है, अतिक्रमण मुख्यत: अस्थायी होते है, नगर निगम द्वारा सतत् कार्यवाही की जाती है। अतिक्रमण की संख्या/स्थान परिवर्तित होता रहता है, बस स्टैण्ड की 500 मीटर की परिधि में अतिक्रमण की जानकारी दी जाना संभव नहीं है। पुराने बस स्टैण्ड के आसपास मास्टर प्लान के अनुसार सड़कों की चौड़ाई निम्नानुसार है :- (1) महाराणा प्रताप चौक से ब्लूम चौक की ओर जाने वाले मार्ग की चौड़ाई 24 मीटर (2) महाराणा प्रताप चौक से गौमाता की ओर जाने वाले मार्ग की चौड़ाई 18 मीटर (3) नव भारत तिराहे से एम.एल.बी. स्कूल की ओर जाने वाले मार्ग की चौड़ाई 18 मीटर (4) अभिनंदन होटल से डॉ. खान की ओर जाने वाले मार्ग की चौड़ाई 15 मीटर। मार्ग के दोनों ओर म.प्र. भूमि विकास नियम तथा मास्टर प्लान के प्रावधान अनुसार सेट बेक (प्रावधानित खुले क्षेत्र) छोड़कर नियमानुसार स्वीकृति दी जाती है। पुराने बस स्टैण्ड परिसर के चारों तरफ के अधिकतर भवन लगभग 30 वर्ष के पूर्व से निर्मित है। नवनिर्मित भवन नियमानुसार स्वीकृत एवं निर्मित किये गये हैं। (ख) पुराने बस स्टैण्ड परिसर के चारों तरफ अस्थायी स्वरूप के (ठेले/टपरे) के अतिक्रमण होते हैं जिन्हें निरंतर अतिक्रमण विरोधी कार्यवाही के तहत हटाने की कार्यवाही की जाती है। स्थायी पक्के अतिक्रमण नहीं होने से समय पर कार्यवाही नहीं करने हेतु दोष निर्धारण किए जाने का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता हैं।
सफारी/जिप्सी वाहन चालकों को वेतन भुगतान
[वन]
76. ( क्र. 1698 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान अन्तर्गत मढ़ई में विगत 2 वर्षों से कितने वाहन सफारी हेतु संचालित हैं? शासन द्वारा प्रश्न दिनांक तक कितने सफारी वाहन क्रय किये गये एवं कितने जिप्सी वाहन होटल/रिसोर्ट द्वारा प्राप्त किये? (ख) विगत 2 वर्षों में जिप्सी, सफारी द्वारा कितना आय प्राप्त की गयी? कितना व्यय किया गया? मदवार जानकारी देवें? (ग) क्या वाहन चालकों को केवल 8 माह का वेतन दिया जाता है? यदि हाँ, तो वार्षिक वेतन के लिए शासन द्वारा क्या प्रकिया की जा रही है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के अंतर्गत मढ़ई पर्यटन स्थल पर विगत 2 वर्षों से ईको विकास टूरिज्म सहकारी समिति द्वारा सफारी संचालित हैं। शासन द्वारा कोई वाहन क्रय नहीं किया गया है। 11 जिप्सी वाहन, होटल/रिसॉर्ट प्रबंधन द्वारा प्रदाय किये गये हैं। विगत 2 वर्षों में 11 वाहनों के अतिरिक्त 04 वाहन ईको विकास टूरिज्म सहकारी समिति मर्यादित, मढ़ई द्वारा पर्यटन ईको विकास टूरिज्म सहकारी समिति मर्यादित मढ़ई के कार्य के लिये क्रय किये गये हैं। (ख) विगत 2 वर्षों में जिप्सी सफारी ईको विकास टूरिज्म सहकारी समिति, मर्यादित मढ़ई को प्राप्त आय की राशि रूपये 1,49,24,600/- है एवं जिप्सी संचालन पर सहकारी समिति, मढ़ई द्वारा किये गये व्यय का मदवार विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वाहन चालकों को वेतन भुगतान ईको विकास टूरिज्म सहकारी समिति मर्यादित, मढ़ई द्वारा कार्य के आधार पर वर्ष 2014-15 में 09 माह एवं वर्ष 2015-16 में 9.5 माह का वेतन भुगतान किया गया है। वाहन चालकों को वेतन भुगतान उपरोक्त सहकारी समिति द्वारा किया जाता है। शासन द्वारा कोई भुगतान नहीं किया जाता है। अत: शासन द्वारा भुगतान के संबंध में प्रक्रिया निर्धारित नहीं किया जाना है।
खरगापुर विधान सभा के अहार ग्राम में लघु शक्कर उद्योग खोले जाने हेतु
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
77. ( क्र. 1733 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले में कोई भी उद्योग कारखानें आदि नहीं है और बेरोजगार पलायन करके मजदूरी करने बड़े-बड़े शहरों में चले जाते है खासतौर पर खरगापुर विधान सभा के मजदूर भारी संख्या में बाहर जाते है? (ख) क्या खरगापुर विधान सभा क्षेत्र के ग्राम अहार, लड़वारी क्षेत्र में गन्ने की फसल की अच्छी पैदावार होती है? क्या खरगापुर विधान सभा में एक लघु शक्कर मील खोल दिया जाय तो मजदूरों के पलायन को रोका जा सकता है? (ग) क्या इस प्रकार की कोई योजना शासन के पास है कि बुन्देलखण्ड के टीकमगढ़ और छतरपुर अंचल में दोनों जिलो को शामिल करते हुये कहीं पर किसी स्थान पर कोई कारखाना या लघु उद्योग खोला जाए तथा मजदूरों के हित में कब तक इस प्रकार के उद्योगों/कारखानों की शुरूआत कर देंगे?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) जी नहीं। टीकमगढ़ जिले में स्थापित सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम श्रेणी की 13227 इकाइयां स्थापित हैं और उनमें 26532 व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध हो रहा है। (ख) से (ग) विभाग द्वारा स्वयं कोई उद्योग स्थापित नहीं किया जाता है वरन उदयमियों को उद्योग स्थापना हेतु मार्गदर्शन, प्रेरण एवं नियमानुसार सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं।
जनपद पहाडगढ़ (मुरैना) की पंचायत चिन्नौनी करेरा के विकास निर्माण कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
78. ( क्र. 1771 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम पंचायत चिन्नौरी करेरा जनपद पहाडगढ़ मुरैना में वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 भूमिया के पास नाला निर्माण व स्वराज भवन का निर्माण किस निधि से किया गया। (ख) इस पर कितनी राशि खर्च हुई प्रत्येक निर्माण की अलग-अलग जानकारी उक्त निर्माण का पूर्णता प्रमाण पत्र कब जारी किया गया है? यदि नहीं हुआ तो क्यों नहीं किया गया। (ग) उक्त निर्माण कार्यों का अंतिम भुगतान कब किया एवं पूर्व में कब-कब कितनी राशि का भुगतान किया। (घ) उक्त निर्माण की अंतिम नाप किस अधिकारी द्वारा की गई अधिकारी का नाम, पद एवं अंतिम भुगतान की तिथि सहित पूर्ण जानकारी दी जावें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) ग्राम पंचायत चिन्नौरी करेरा में भूमियां के पास नाला निर्माण भाग-1 वर्ष 2013-14 में सांसद मद से कुल लंबाई 68.50 मीटर राशि रू. 2.00 लाख का एवं भाग-2 का कार्य वर्ष 2015-16 में पंचपरमेश्वर मद से 225 मीटर राशि रू. 4.97 लाख का स्वीकृत किया गया। ग्राम पंचायत चिन्नौरी करेरा में स्वराज भवन स्वीकृत नहीं किया गया है। (ख) भूमियां के पास नाला निर्माण कार्य भाग-1 में राशि रू. 0.80 लाख दिनांक 21.07.2014 को प्रदाय की गई। कार्य पूर्ण नहीं होने से शेष राशि जारी नहीं की गई। भाग-2 में राशि रू. 496792/- व्यय की गई। कार्य का पूर्णता प्रमाण पत्र दिनांक 01.11.2016 को जारी किया गया। (ग) उक्त उत्तर ‘‘ख‘‘ अनुसार। (घ) भूमियां के पास नाला निर्माण कार्य भाग-1 का कार्य अंतिम माप श्री सुरेन्द्र सिंह सिकरवार, उपयंत्री द्वारा दिनांक 29.05.2015 को तथा भाग-2 का अंतिम माप श्री सुरेन्द्र सिंह सिकरवार, उपयंत्री द्वारा दिनांक 14.06.2015 को किया गया। कार्य का सत्यापन श्री एच.एन.पाण्डोरिया सहा.यंत्री जनपद पंचायत पहाडगढ़ द्वारा दिनांक 30.05.2016 को किया गया।
रिक्त स्थानों पर पदों की पूर्ति
[उच्च शिक्षा]
79. ( क्र. 1784 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (ख) क्या उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत सिंगरौली जिले में संचालित महाविद्यालयों में सहायक अध्यापक एवं अन्य स्टाफ की भारी कमी है, जिसके कारण अध्यापन कार्य सुचारू रूप से संचालित नहीं हो पा रहा है। (ख) यदि हाँ, तो इन पदों की पूर्ति कब तक में की जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। शैक्षणिक संवर्ग में स्वीकृत पदों के विरूद्ध नियमित शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया हेतु लोक सेवा आयोग से दिनांक 19-02-2016 को विज्ञापन जारी हो चुका है। रिक्त पदों के विरूद्ध आवश्यकतानुसार विषय के विशेषज्ञ अतिथि विद्वानों को आमंत्रित कर अध्यापन कार्य सुचारू रूप से संचालित हो रहा है। (ख) शैक्षणिक संवर्ग के रिक्त पदों की पूर्ति लोक सेवा आयोग से चयनित अभ्यार्थियों की सूची प्राप्त होते ही की जा सकेगी। तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के पदों की पूर्ति ''आउट-सोर्स'' से की जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नही है।
कार्य भुगतान में देरी
[नगरीय विकास एवं आवास]
80. ( क्र. 1793 ) श्री अनिल फिरोजिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नगर निगम उज्जैन के द्वारा सिंहस्थ 2016 में पंचकोशी मार्ग के पड़ाव स्थलों पर अस्थाई शौचालय का निर्माण करवाया गया था? (ख) क्या प्रेशियस इंटरप्राईजेस नान्देड के द्वारा भी शौचालयों का निर्माण किया गया था, जिसका सत्यापन इंजीनियरों के द्वारा माप पुस्तिका में दर्ज करके कर दिया गया था? (ग) क्या थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन शासकीय अभियांत्रिकीय महाविद्यालय उज्जैन ने गुणवत्तापूर्ण मटेरियल पाये जाने का प्रमाणीकरण प्रेशियस इंटरप्राईजेस नांदेड को जारी किया? (घ) क्या कंपनी को पूर्ण भुगतान कर दिया गया है? यदि नहीं तो क्यों? उक्त कंपनी का भुगतान रोके जाने का औचित्य बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। नगर निगम उज्जैन द्वारा सिंहस्थ 2016 में पंचक्रोसी मार्ग के पड़ाव स्थलों पर अस्थाई शौचालय का निर्माण करवाया गया था। (ख) जी हाँ। प्रेशियस इंटरप्राईजेस नान्देड के द्वारा भी शौचालयों का निर्माण किया गया था, जिसे माप पुस्तिका में दर्ज किये गये है। (ग) शौचालय निर्माण में उपयोग किये गये मटेरियल की टेस्टिंग शासकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय उज्जैन से कराई गई। (घ) कंपनी को भुगतान नहीं किया गया है। मेसर्स प्रेशियस इंटरप्राईजेस नान्देड द्वारा कार्य समय-सीमा एवं गुणवत्तापूर्वक नहीं किया गया। इस कारण संपूर्ण कार्य अमान्य किया गया और 100 प्रतिशत भुगतान राशि काटी गई है।
खेल सामग्री वितरण में असमानता
[खेल और युवा कल्याण]
81. ( क्र. 1815 ) श्री अनिल फिरोजिया : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग में विगत तीन वर्षों में ग्रामीण खेलकूद को बढ़ावा देने हेतु किन-किन विकासखण्डों में कितनी राशि की कितनी-कितनी स्थाई/अस्थाई खेल सामग्री प्रदान की गई? (ख) क्या प्रत्येक विकासखण्डों में सामग्री का वितरण समान रूप से किया गया? यदि नहीं, तो असमान वितरण का क्या कारण है? (ग) प्रदाय की गई सामग्री क्या गुणवत्ता पूर्ण थी? यदि हाँ, तो सामग्री की गुणवत्ता किसके द्वारा प्रमाणित की गई?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : प्रश्नांश (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ग्राम पंचायतों के विकास कार्य हेतु गौण खनिज के उत्खनन
[खनिज साधन]
82. ( क्र. 1849 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. गौण खनिज अधिनियम 1996 के नियम 3 अंतर्गत ग्रामीण विकास कार्य हेतु क्या प्रावधान किये गये है? (ख) विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत कितनी ग्राम पंचायतों के किस ग्राम में कितनी मुरम, गिट्टी, पत्थर एवं रेत की खदान ग्राम विकास कार्य हेतु आरक्षित की गई है? (ग) वर्ष 2014-15 से कितनी ग्राम पंचायतों को कितनी-कितनी मात्रा में गौण खनिज रेत निकालने की स्वीकृति तथा रायल्टी मुक्त अभिवहन पास संबंधित तहसीलदार द्वारा जारी किये गये है? (घ) यदि विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत म.प्र. गौण खनिज अधिनियम 1996 के नियम 3 अंतर्गत ग्रामीण विकास कार्य हेतु मुरम, गिट्टी, पत्थर एवं रेत की खदाने आरक्षित नहीं है तो उसके लिए कौन अधिकारी/कर्मचारी जवाबदेह है? संबंधितों पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) मध्यप्रदेश गौण खनिज अधिनियम, 1996 के नाम से कोई अधिनियम अधिसूचित नहीं है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र में प्रश्नानुसार कोई खदान आरक्षित नहीं की गई है। (ग) प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्र में संबंधित तहसीलदार द्वारा प्रश्नानुसार स्वीकृति अथवा अभिवहन पास जारी नहीं किये गये हैं। (घ) प्रश्नाधीन क्षेत्र के अंतर्गत प्रश्नानुसार खदान आरक्षित किये जाने हेतु कोई प्रस्ताव प्राप्त न होने के कारण अधिकारी/कर्मचारी की जबावदेही अथवा कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रिक्त पदों की पूर्ति
[उच्च शिक्षा]
83. ( क्र. 1850 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत संचालित शासकीय स्वामी विवेकानन्द महाविद्यालय सारंगपुर एवं शासकीय वीर सावरकर महाविद्यालय पचोर में कुल स्वीकृत पदों के विरुद्ध कितने-कितने प्राध्यापक/सहा.प्राध्यापक एवं लिपिकीय कर्मचारी कार्यरत हैं? महाविद्यालयवार जानकारी से अवगत करावें? (ख) यदि प्राध्यापक/सहा.प्राध्यापक एवं लिपिकीय कर्मचारियों के पद रिक्त हैं, तो क्या इन रिक्त पदों के कारण महाविद्यालयों में शैक्षणिक एवं कार्यालयीन कार्य प्रभावित हो रहे हैं? (ग) यदि हाँ, तो महाविद्यालयों के रिक्त प्राध्यापक/सहा.प्राध्या एवं लिपिकीय कर्मचारियों के पदों पर नियुक्ति शासन कब तक व किस प्रकार करेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) जी नहीं। शैक्षणिक संवर्ग के प्राध्यापक/सहायक प्राध्यापक के रिक्त पदों के विरूद्ध आवश्यकतानुसार अतिथि विद्वानों का आमंत्रण कर अध्यापन व्यवस्था सुचारू है एवं अशैक्षणिक कर्मचारियों के रिक्त पदों का प्रभार कार्यरत अन्य कर्मचारियों को आवंटित कर कार्यालय कार्य कराया जा रहा है। (ग) शैक्षणिक संवर्ग के रिक्त पदों की पूर्ति की कार्यवाही लोक सेवा आयोग के माध्यम से प्रचलन में है तथा सहायक वर्ग-3 के सीधी भर्ती के पदों पर नियुक्ति किये जाने हेतु व्यावसायिक परीक्षा मण्डल को कार्यालयीन पत्र क्रमाक 1714 दिनांक 30.10.2014 को मांग पत्र भेजा गया था। लिपिकीय पदों की पूर्ति यथासंभव चयन, स्थानातंरण एवं पदोन्नति के द्वारा की जा सकेगी। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
स्टेडियमों का निर्माण
[खेल और युवा कल्याण]
84. ( क्र. 1860 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या दतिया जिले के विधानसभा क्षेत्र सेवढ़ा में खेल विभाग द्वारा कोई इंडोर एवं आउटडोर स्टेडियम स्वीकृत किये गये हैं? यदि हाँ, तो कब और कितनी लागत के? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित स्टेडियम कौन-कौन से विभाग से किस-किस स्थान पर निर्माण कराये जाने हैं? क्या इनके निर्माण हेतु टेंडर हो गये हैं? क्या कार्य शुरू हो गया है? यदि नहीं तो क्यों एवं कब शुरू किया जायेगा? (ग) क्या कारण रहे हैं कि शासन की स्वीकृति उपरांत लम्बे समय के बाद भी आज दिनांक तक उक्त दोनों स्टेडियमों में से किसी का भी कार्य आज दिनांक तक प्रारंभ नहीं हुआ? इसके लिये कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं? उनके नाम/पद बतायें तथा उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी? (घ) उक्त स्टेडियमों के निर्माण कार्य कब प्रारंभ होकर कब पूर्ण किये जायेंगे?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। कलेक्टर दतिया द्वारा रू. 80.00 लाख की लागत के आउटडोर स्टेडियम निर्माण की स्वीकृति तहसील इंदरगढ़ ग्राम सेंथरी में दिनांक 14.09.2015 को दी गई है। इंडोर स्टेडियम स्वीकृत नहीं हुआ है। (ख) उक्त स्टेडियम का निर्माण कार्य ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा कराया जाना है। चतुर्थ निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रचलन में है, अर्थात अभी टेण्डर नहीं हुए है। कार्य शुरू नहीं हुआ है। निविदा पूर्ण होने पर ही कार्य प्रारंभ हो सकेगा, जिसकी निश्िचत अवधि बताई जाना संभव नहीं है। (ग) ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा प्रदत्त जानकारी के अनुसार निविदा दरें असामान्य होने के कारण अभी कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है। अतः किसी के दोषी होने व उसके विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) निविदा संबंधी कार्यवाही पूर्ण होने पर ही कार्य प्रारंभ हो कर पूर्ण हो सकेगा। अतः निश्चित अवधि बताई जाना संभव नहीं है।
विकास कार्यों की योजनाओं का क्रियान्वयन
[वन]
85. ( क्र. 1903 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन विभाग द्वारा विकास कार्यों की योजनाएं जिला स्तर पर तैयार कर निर्वहन की जाती हैं या प्रदेश स्तर पर तैयार कर जिले द्वारा निर्वहन की जाती हैं? (ख) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में वन विभाग द्वारा विगत 3 वर्षों में बीज रोपण, मिश्रित वृक्षा रोपण, सी.पी.टी., जुताई, डबरी, पोल एवं उन पर तार फेंसिंग पर खर्च की गई राशि हेतु विज्ञप्ति एवं टेंडर जिला या प्रदेश स्तर पर किस कार्यालय से जारी किये गये थे? कार्यालय का नाम बतावें एवं प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। (ग) विगत 3 वर्षों में विभाग द्वारा किये गये विकास कार्यों की वर्षवार अलग-अलग कार्यों पर खर्च की गई राशि की जानकारी उपलब्ध करावें एवं उक्त राशि किस-किस मद से खर्च की गई? (घ) किए गए कार्य का किन-किन अधिकारियों द्वारा भौतिक सत्यापन किया गया उनका पद एवं नाम बतावें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) वन विभाग द्वारा विकास कार्यों की योजनाएं जिला स्तर से प्रस्ताव प्राप्त कर आवश्यकतानुसार वृत्त स्तर/विभाग के मुख्यालय/शासन से स्वीकृति प्राप्त कर जिला स्तर पर निर्वहन की जाती है। (ख) सामान्य वनमण्डल मन्दसौर के अन्तर्गत सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में विगत 03 वर्षों में मिश्रित वृक्षारोपण हेतु पोल एवं उन पर तार फेंसिंग पर खर्च की गई राशि हेतु विज्ञप्ति एवं टेंडर जारी नहीं किये गये हैं। भंडार क्रय नियम अंतर्गत मध्यप्रदेश लघु उद्योग निगम, भोपाल को ऑनलाईन क्रय किये जाने के आदेश जारी किये गये हैं। (ग) एवं (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
वन विभाग द्वारा कराये गये विकास कार्य
[वन]
86. ( क्र. 1917 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पोहरी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत जनवरी 2009 से प्रश्न दिनांक तक वन विभाग द्वारा कौन-कौन से विकास कार्य स्वीकृत किये गये? स्वीकृत कार्यों की लागत क्या थी? जानकारी कार्यवार, स्थानवार, विकासखण्डवार पृथक-पृथक उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत कार्यों में से कौन-कौन से कार्य पूर्ण किए जा चुके हैं व कौन-कौन से कार्य अपूर्ण है व उसके क्या कारण है स्पष्ट करें। अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण कर लिये जावेंगे?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
अनियमितता पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
87. ( क्र. 1951 ) श्री रामपाल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शहडोल जिले के नगरपालिका परिषद शहडोल में दिनांक २४-०५-२०१४ को प्रस्ताव क्रमांक २३६ के पी.आई.सी. कार्यवाही में पत्र क्रमांक ९१३ दिनांक ०६-०६-२०१४ का हवाला लेख की जाकर कार्यवाही की गई है। (ख) यदि हाँ, तो उक्त कार्यवाही के विरूद्ध दिनांक १९-०२-२०१६ तथा १४-०६-२०१६ को क्या पुलिस महानिरीक्षक संभाग शहडोल को उक्त कार्यवाही में की गई अनियमितता के संबंध में स्थानीय निवासियों सुशील जगवानी, संजीव निगम तथा यादवेन्द्र पाण्डेय द्वारा आवेदन पत्र प्रस्तुत किय गया है। (ग) यदि हाँ, तो उक्त संबंध में क्या कार्यवाही की गई। की गई समस्त कार्यवाही का प्रमाणिक दस्तावेज उपलब्ध कराया जावे।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। नगर पालिका परिषद, शहडोल में दिनांक 24.05.2014 को प्रेसीडेंट इन कौंसिल के प्रस्ताव क्र. 236 में महात्मा गांधी स्टेडियम, शहडोल में स्वीमींग पुल निर्माण के संबंध में प्रस्ताव पारित किया गया है। पत्र क्र. 913, दिनांक 06.06.2014 के द्वारा खसरा क्र. 100/2. रकबा 0.100 हेक्टेयर भूमि नगर पालिका को आवंटन हेतु कलेक्टर को पत्र तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा पत्र भेजा गया था। (ख) प्रश्नांश-'क' में तथ्य उल्लेख के क्रम में दिनांक 19.02.2016 तथा दिनांक 14.06.2016 को पुलिस महानिरीक्षक, संभाग शहडोल को उक्त कार्यवाही के संबंध में स्थानीय निवासियों श्री सुनील जसवानी, श्री संजीव निगम तथा श्री यादवेन्द पाण्डेय द्वारा आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
प्रतिभा बच्चों की भागीदारी सुनिश्चित करना
[खेल और युवा कल्याण]
88. ( क्र. 2014 ) श्री सचिन यादव : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर के खेलों में ग्रामीण क्षेत्रों के प्रतिभा संपन्न बच्चों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने क्या कदम उठाए हैं/उठा रही है? (ख) क्या राज्य सरकार का प्रतिभा खोज पोर्टल शुरू करने का विचार है? हां तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है? नहीं तो उक्त योजनाओं को सभी जिलों में शुरू किया जायेगा? (ग) क्या इस योजना में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए किसी समन्वय अधिकारी की नियुक्ति की गई है? हां तो ब्यौरा दें? नहीं तो क्या की जायेगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) खेल और युवा कल्याण विभाग की वेबसाईट http://dsywmp.gov.in पूर्व से ही संधारित है। जिसमें प्रतिभा खोज उक्त वेवसाईट पर अवलोकनीय है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) विभागीय वेबसाईट के संधारण हेतु श्री विकास खराड़कर, जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी को समन्वय अधिकारी मनोनीत किया गया है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
धार्मिक स्थलों के जीर्ण-शीर्ण निर्माण कार्य
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
89. ( क्र. 2015 ) श्री सचिन यादव : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा जनवरी 2014 से प्रश्नांकित दिनांक तक उचित माध्यम से धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग एवं खरगोन जिले के संबंधित अधिकारियों को धार्मिक स्थलों के जीर्ण-शीर्ण व अन्य निर्माण कार्यों के लिए प्राप्त पत्रों अनुसार प्रस्तावित प्रस्तावों के संबंध में तत्संबंधी ब्यौरा क्या है? (ख) उक्त निर्माण कार्य हेतु प्रस्ताव शासन एवं विभागीय स्तर पर माह जनवरी, 2017 की स्थिति में कौन-कौन से प्रस्ताव कब-कब स्वीकृत एवं लंबित है और क्यों? कितने प्रस्ताव स्वीकृति के पश्चात् किस कारण से अप्रारंभ हैं? (ग) प्रश्नांश (क) में किस-किस धार्मिक स्थलों का जीर्णोद्धार व अन्य निर्माण कार्य हेतु संबंधित माननीय मंत्री जी द्वारा दिये गये निर्देशों के तारतम्य में प्रश्नांकित दिनांक तक की गई कार्यवाही का ब्यौरा दें तथा प्राप्त निर्देशों के उपरांत भी समय पर कार्यवाही नहीं किये जाने में विलंब के क्या कारण है? संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों की जवाबदेही सुनिश्चित कर तत्संबंधी ब्यौरा दें?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ग्राम पंचायत अंतर्गत किये गये कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
90. ( क्र. 2027 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा केन्द्र/राज्य प्रवर्तित अनेक योजनाओं का क्रियान्वयन ग्राम पंचायतों के माध्यम से किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2013-14 से लेकर प्रश्न दिनांक तक रतलाम जिला अंतर्गत आने वाली कुल कितनी ग्राम पंचायतों में कुल कितना-कितना बजट किन-किन कार्यों योजनाओं के लिये स्वीकृत होकर उनमें से कितने कार्य/योजनाएं पूर्ण रही, अपूर्ण रहीं? (ग) पूर्ण रहे, अपूर्ण रहे कार्यों योजनाओं का भौतिक सत्यापन कब-कब, किन-किन के द्वारा किया जाकर उन कार्यों/योजनाओं की क्या स्थिति रही? (घ) ग्राम पंचायत अंतर्गत आने वाली स्ट्रीट लाईटों, पेयजल व्यवस्था, शौचालय, वृक्षारोपण इत्यादि की उपरोक्त वर्षों में प्रश्न दिनांक तक की क्या स्थितियां है एवं इस हेतु जिला पंचायत, जनपद पंचायत एवं संबंधित विभागीय जिम्मेदार सक्षम अधिकारियों द्वारा क्या-क्या किया गया?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
अवैध उत्खनन एवं परिवहन
[खनिज साधन]
91. ( क्र. 2028 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम जिला अंतर्गत अनेक वैध एवं अवैध खनिज उत्खनन स्थल होकर वैध एवं अवैध रूप से खनिज का उत्खनन एवं परिवहन विगत कई वर्षों से किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो जिले भर में ऐसे कितने स्थान, किन-किन स्थानों पर हैं, जो वैध एवं अवैध उत्खनन स्थल के रूप में शासन/प्रशासन द्वारा चिन्हित किये गये हैं? (ग) जिले में रेत, मुरम, मिट्टी, गिट्टी इत्यादि प्रकार के अलावा कोई अन्य भी यदि हो तो वैध एवं अवैध प्रश्न अंतर्गत उल्लेखित कितनी खदानें/स्थान है, उनमें से कितनों की नीलामी हुई, कितने शेष है? नाम सहित बताएं। (घ) क्या अवैध खनिज को जप्त किया जाता है? यदि हाँ, तो वर्ष 2015-16 से लेकर प्रश्न दिनांक तक किन-किन स्थानों पर किस विभाग/अधिकारी द्वारा पकड़ा जाकर कितना खनिज जप्त किया गया? जप्त किये गये खनिज को कहाँ रखकर किस प्रकार बेचा गया, क्या जावरा विश्राम गृह पर भी जप्त माल रखा जाता है, बेचा जाता है, उससे कितनी राशि प्राप्त हुई?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन जिले में खनिज उत्खनन के वैध स्थल चिन्हित हैं तथा वहां वैध रूप से खदानें संचालित हैं। जिले में खनिजों के अवैध उत्खनन के प्रकरण प्रकाश में आने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। (ख) जिले में वैध रूप से स्वीकृत उत्खनिपट्टा एवं व्यापारिक खदानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ में दर्शित है। खनिजों के अवैध उत्खनन के प्रकरण प्रकाश में आने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। जिन स्थानों पर अवैध उत्खनन के प्रकरण दर्ज किये गये हैं, उसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (ग) प्रश्नांश में उल्लेखित खनिज के अलावा अन्य कोई खनिज प्रश्नाधीन जिले में उपलब्ध नहीं है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। प्रश्नाधीन अवधि की प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स में दर्शाई गई है। प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द में दर्शित है।
सार्वजनिक शौचालय संकुलों का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
92. ( क्र. 2036 ) चौधरी चन्द्रभान सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नगर निगम भोपाल एवं इंदौर में स्वयं सेवी संगठनों द्वारा सार्वजनिक शौचालय संकुलों का निर्माण कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो 01 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक निर्मित/निर्माणाधीन शौचालय संकुलों की जानकारी निर्माणकर्ता संस्थाओं के नाम सहित दें? (ख) क्या उक्त शौचालयों के निर्माण के लिए निविदाएं आमंत्रित की गई थीं? यदि हाँ, तो निविदा आमंत्रण की तिथि/निविदाकार का नाम/प्राप्त दरें/प्राप्त न्यूनतम दरें/कार्यादेश की प्रति दें? यदि नहीं तो संस्था को किस आधार पर कार्य आवंटित किया गया?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। कार्यादेश की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
खनिज राजस्व की प्राप्ति
[खनिज साधन]
93. ( क्र. 2037 ) चौधरी चन्द्रभान सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत पाँच वर्षों में शासन को कितनी-कितनी राशि खनिज राजस्व के रूप में प्राप्ति हुई है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्राप्त राशि में क्रमश: कितने-कितने प्रतिशत कोयला खनिज/चूना पत्थर/अन्य खनिजों से खनिज राजस्व (रॉयल्टी) के रूप में प्राप्त हुई है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट में दर्शित है। (ख) विगत 5 वर्षों में प्राप्त खनिज रॉयल्टी राशि रूपये 12238.11 करोड़ रूपये में कोयला खनिज से 62.77 प्रतिशत चूना पत्थर खनिज से 11.09 प्रतिशत एवं अन्य खनिजों से (विविध प्राप्तियों सहित) 26.14 प्रतिशत खनिज राजस्व के रूप में प्राप्त हुई है।
मंदसौर जिले में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
94. ( क्र. 2044 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर जिले में 1 अप्रेल 2014 के पश्चात् विभिन्न ग्रामो में कहाँ-कहाँ मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना अन्तर्गत कितनी सडकों का निर्माण कराया, पहुंच मार्ग के नाम, निर्माण वर्ष, सहित जानकारी देवें? (ख) प्रश्नास "क" संदर्भित पूर्व निर्मित सडकों पर डामरीकरण को लेकर विभाग की क्या योजना, नीति है वर्तमान में कितनी सड़कों के प्रस्ताव विभाग के पास लंबित है? (ग) उक्त अवधि में किन-किन जनप्रतिनिधियों ने उक्त सड़क योजना अन्तर्गत कहाँ-कहाँ के प्रस्ताव दिए, उन पर विभाग दवारा क्या कार्यवाही की गई? उक्त प्रस्ताव की अद्यतन स्थिति क्या है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत बनायी गई सड़कों में से 10000 कि.मी. सड़कों का डामरीकरण कर उन्नयन करने की परियोजना विश्व बैंक एवं एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक के वित्त पोषण से स्वीकृति के लिए भेजी गई है। स्वीकृति अपेक्षित है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
ऋण प्रकरणों की जानकारी बाबत्
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
95. ( क्र. 2054 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले में वर्ष 2013-14 से वर्ष दिसम्बर 2016 तक कितने हितग्राहियों को मुख्यमंत्री युवा उद्यमी स्वरोजगार योजनान्तर्गत किस-किस उद्योग हेतु ऋण दिया गया है? हितग्राहियों की संख्यात्मक जानकारी प्रत्येक विधान सभा क्षेत्रवार उपलब्ध करायें? (ख) जिन हितग्राहियों को उद्योग स्थापित किए जाने हेतु ऋण प्रदान किया गया है। क्या उन सभी हितग्राहियों द्वारा उद्योग स्थापित किए जा चुके है? अगर नहीं तो उद्योग स्थापित नहीं किए जाने का क्या कारण है? (ग) मुख्यमंत्री युवा उद्यमी स्वरोजगार योजनान्तर्गत क्या हितग्राहियों को निर्धारित समय-सीमा के अंदर ऋण प्रदान किया जा रहा है? (घ) मुख्यमंत्री युवा उद्यमी स्वरोजगार योजनान्तर्गत ऋण प्रदान किए जाने संबंधी शासन की क्या नियमावली है?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) छिन्दवाड़ा जिले में वर्ष 2013-14 से वर्ष दिसम्बर 2016 तक 36 हितग्राहियों को मुख्यमंत्री युवा उदयमी योजनान्तर्गत ऋण दिया गया हे। विधानसभावार जानकारी निम्न अनुसार है:-
क्र |
विधानसभा क्षेत्र |
लाभान्वित हितग्राही (संख्या) |
1 |
छिन्दवाड़ा |
28 |
2 |
सौंसर |
01 |
3 |
जुन्नारदेव |
02 |
4 |
पांण्ढुर्णा |
03 |
5 |
अमरवाडा |
01 |
6 |
चौरई |
01 |
कुल |
36 |
(ख) एवं (ग) जी हाँ। (घ) नियमावली की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। यह नियमावली विभाग की वेबसाईट www.mpmsme.gov.in पर भी उपलब्ध है।
हितग्राहियों को समय-सीमा में बांस प्रदान किया जाना
[वन]
96. ( क्र. 2056 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में वन विभाग द्वारा कितने वंशकार समाज के हितग्राहियों को बॉस प्राप्त करने हेतु कितने परमिट जारी किये गये है? क्या इन सभी हितग्राहियों को नियमानुसार बॉस का वितरण किया जा रहा है? (ख) यदि नहीं दिए जा रहें है तो इसका क्या कारण है तथा कब तक नियमित रूप से बॉस उपलब्ध करायेंगे? (ग) वंशकार समाज के हितग्राहियों को बॉस प्रदान किए जाने के संबंध में शासन की क्या नियमावली है? नियमावली उपलब्ध करावें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) छिन्दवाड़ा जिले के परासिया विघानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वन विभाग द्वारा वंशकार समाज के 222 हितग्राहियों को परमिट जारी किये गये है। शासन निर्देशानुसार हितग्राहियों को नियमित रूप से बांस की उपलब्धता अनुसार वितरण सुनिश्चित किया जाता है। वर्तमान में परासिया विधान सभा क्षेत्र के 7 बसोड़ी डिपो में लक्ष्य के विरूद्ध उपलब्धतानुसार 33.000 बसोड़ी बांस रखा जाना है तथा वर्तमान में डिपो में 2,800 बांस उपलब्ध कराया गया है। शेष बांस समय-समय पर उपलब्धतानुसार प्रदान किया जावेगा। (ख) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) विभाग द्वारा वंशकार समाज के प्रति परिवार को प्रतिवर्ष उपलब्धता के आधार पर अधिकतम 1500 नग बांस तक प्रदाय कराने का प्रावधान है। वर्तमान में प्रचलित निस्तार नीति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
पंचायतों को ओ.डी.एफ. किये जाने की जानकारी हेतु
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
97. ( क्र. 2057 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्र की जनपद पंचायत परासिया के अन्तर्गत शासन द्वारा किन-किन ग्राम पंचायतों को ओ.डी.एफ. किए जाने हेतु कितना-कितना लक्ष्य विभाग द्वारा किस समय-सीमा में पूर्ण किए जाने हेतु निर्धारित किया गया था? पंचायतवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) क्या शासन द्वारा निर्धारित लक्ष्य एवं समय-सीमा के अनुसार पंचायतों द्वारा शौचालय निर्माण के कार्य पूर्ण करते हुये, पंचायतों को ओ.डी.एफ. किया जा रहा है? अगर नहीं तो इसका क्या कारण है? इस लापरवाही के लिए कौन-कौन से अधिकारी जिम्मेदार है? (ग) क्या शासन निर्धारित लक्ष्यों के अनुसार समय-सीमा में पंचायतों को ओ.डी.एफ. नहीं होने में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत परासिया की लापरवाही उजागर नहीं होती हैं? अगर हाँ तो ऐसे लापरवाह अधिकारी के ऊपर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जायेगी? (घ) परासिया विधानसभा क्षेत्र की जनपद पंचायत परासिया के अंतर्गत कितनी ग्राम पंचायतों को ओ.डी.एफ. किया जा चुका है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शासन द्वारा माह अक्टूबर 2019 के पूर्व ओडीएफ किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। हितग्राहियों को प्रेरित कर शौचालय निर्माण कार्य कराया जा रहा है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जनपद पंचायत परासिया के अंतर्गत 05 ग्राम पंचायते ओडीएफ हो चुकी है।
रेहटी बुधनी, नसरूल्लागंज तहसीलों में रेत उत्खनन
[खनिज साधन]
98. ( क्र. 2087 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रेहटी, बुधनी और नसरूल्लागंज तहसीलों में रेत की कितनी खदानें है और उन खदानों को किस-किस कम्पनी या ठेकेदार को आवंटित की गई है। उक्त खदानों से प्रतिदिन कितने क्यूबिक फिट रेत परिवहन की जा रही है। (ख) क्या सीहोर जिला प्रशासन व खनिज विभाग द्वारा 27 एवं 28 जनवरी,2017 को रेत परिवहन करते हुए ट्रकों को पकड़कर कार्यवाही की है यदि हाँ, तो कार्यवाही का ब्यौरा दें? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार पकड़े गए डम्परों के मालिकों के नाम और नंबर आदि का ब्यौरा दें। डम्पर मालिकों पर क्या कार्यवाही की गई है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है।
आवास योजनाएं
[नगरीय विकास एवं आवास]
99. ( क्र. 2102 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शासन द्वारा आवासहीन परिवारों को आवास उपलब्ध कराने के लिए कोई योजना संचालित की जा रही है? यदि हाँ, तो योजना का ब्यौरा दें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार इछावर विधानसभा क्षेत्र में भी आवास योजना के तहत आवास बनाए जाने की प्लानिंग है? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ, कितने-कितने आवास बनाए जाएंगे? क्षेत्रवार पूर्ण ब्यौरा दें? (ग) क्या आवासों के निर्माण के लिए भूमि का चयन और आरक्षण कर लिया गया है? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ, कितनी-कितनी भूमि चयनित की गई है और कितने-कितने आवास बनाए जाएंगे। (घ) क्या आवास के लिए हितग्राहियों का चयन कर लिया गया है? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें। यदि नहीं तो कब तक और किस प्रक्रिया के तहत हितग्राहियों का चयन किया जाएगा? ब्यौरा दें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। प्रधानमंत्री आवास योजना के दिशा निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। शहरी गरीबों का सर्वेक्षण कर विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार किया जा रहा है। विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार होने पर क्षेत्रवार जानकारी होगी। (ग) विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार किया जा रहा है तदा्नुसार भूमि का चयन और आरक्षण किया जायेगा। स्थान, भूमि एवं आवासों की संख्या की जानकारी विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार होने पर, हो सकेगी। (घ) हितग्राहियों का चयन प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) की मार्गदर्शी सिद्धांत अनुसार किया जा रहा है। हितग्राहियों का अंतिम चयन के उपरांत विस्तृत ब्यौरा दिया जा सकेगा।
सीहोर ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायतें
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
100. ( क्र. 2104 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीहोर जिलान्तर्गत सीहोर ब्लॉक अंतर्गत कुल कितनी ग्राम पंचायतें हैं? इन ग्रामों पंचायतों के अंतर्गत कुल कितने ग्राम है? इन ग्रामों का कुल क्षेत्रफल तथा जनसंख्या का ब्यौरा पंचायतवार, ब्लॉकवार देवें? (ख) क्या सीहोर/आष्टा जिले के अंतर्गत अन्य ब्लॉकों की तुलना में सीहोर ब्लॉक में ग्रामों की संख्या अधिक हैं? क्या अन्य ब्लॉकों की तुलना में सीहोर/आष्टा ब्लोक की जनसंख्या तथा क्षेत्रफल अधिक है? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें? (ग) क्या सीहोर ब्लॉक के परिसीमन हेतु शासन के पास कोई योजना लंबित है? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें, यदि नहीं तो क्यों? (घ) क्या सीहोर ब्लॉक को दो हिस्से में बॉटकर नया ब्लॉक बनाने से क्षेत्रवासियों को लाभ मिलेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ‘‘अ‘‘ अनुसार है। (ख) जी हाँ। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘ब‘‘ अनुसार है। (ग) जी नहीं। विकासखंड के परिसीमन से संबंधित कार्यवाही भारत शासन द्वारा की जाती है। (घ) जी नहीं।
धावड़ा गोद की अनुमति और वन अपराध
[वन]
101. ( क्र. 2159 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल एवं हरदा जिले में जनवरी 2014 से सितम्बर 2016 तक किस दिनांक को कितनी धावड़ा गोंद के परिवहन की किस-किस को अनुमति प्रदान की गई, इस अवधि में किस-किस स्थान से किस दिनांक को कितना धावड़ा गोंद जप्त कर किस-किस धारा का वन अपराध पंजीबद्ध किया गया? (ख) धावड़ा गोंद को किसी के निवास एवं गोदान की तलाशी ली जाकर जप्त किए जाने का अधिकार भारतीय वन अधिनियम 1927, म.प्र. वनोपज (व्यापार विनिमय) अधिनियम 1969 की किस-किस धारा में दिया जाकर किस-किस अधिकारी को क्या-क्या अधिकार है? (ग) बैतूल एवं हरदा जिले में उपरोक्त अवधि में किस रेज के किस कक्ष क्रमांक के कितने धावड़ा वृक्षों पर गहरा घाव कर गोंद उत्पादन के लिए किस केमिकल का उपयोग किए जाने के कितने वन अपराध किस-किस दिनांक को पंजीबद्ध किए, उसमें किस-किस को अभियुक्त बनाया, कौन सा प्रकरण अज्ञात नाम से दर्ज किया गया? (घ) मुलताई रेज के वन अपराध प्रकरण क्रमांक 453/65 दिनांक 2 जून 2014 में लोकेश निकाजू से किस स्थान से कितना गोद जप्त किया उस पर वृक्षों पर घाव करने एवं केमिकल का उपयोग करने का आरोप किस आधार पर लगाया गया उस आरोप के संबंध में 20 सितम्बर 2016 को मुलताई न्यायालय ने क्या आदेश दिए?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-’’अ‘‘ अनुसार है। (ख) भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 72 एवं मध्यप्रदेश वनोपज (व्यापार विनियमन) अधिनियम 1969 की धारा 15 के तहत वन उपज के संबंध में कोई अपराध संज्ञान में आने पर सभी वनाधिकारियों को प्रवेश, तलाशी, अभिग्रहण आदि की शक्ति प्रदत्त है। (ग) बैतूल जिले के दक्षिण बैतूल वनमण्डल में श्री लोकेश निकाजू एवं श्री संजय शिवहरे, निवासी प्रभातपट्टन के विरूद्ध दिनांक 02.06.2014 को पंजीबद्ध वन अपराध प्रकरण क्रमांक 453/65 की जाँच के दौरान मुलताई रेंज में कक्ष क्रमांक पी.एफ. 935 में 41 धावड़ा के वृक्षों पर गहरा घाव कर गोंद उत्पादन के लिये ETHEPHON 39% KIRPON नामक केमिकल का उपयोग किया जाना पाया गया था। हरदा जिले में ऐसा कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया। (घ) प्रश्नांकित वन अपराध प्रकरण में श्री लोकेश निकाजू एवं श्री संजय शिवहरे द्वारा किराये पर लिये गये रवि मालवीय के प्रभातपट्टन स्थित मकान से 892.05 कि.ग्रा. धावड़ा गोंद जप्त किया गया। वन अपराध प्रकरण की जाँच में पाये गये परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर वृक्षों पर घाव करने एवं केमिकल का उपयोग करने का आरोप लगाया गया। आरोप के संबंध में श्री लोकेश निकाजू द्वारा दायर पुनरीक्षण याचिका में पारित आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-’’ब‘‘ अनुसार है।
वन मुख्यालय द्वारा जारी पत्र
[वन]
102. ( क्र. 2160 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सर्वोच्च अदालत ने सिविल या.क्र. 202/95 में 12 दिसम्बर 1996, आई.ए. क्रमांक 791-792 में 1 अगस्त 2003 एवं आई.ए.क्रमांक 2619-2621 दिनांक 2 सितम्बर 2013 को किन भूमियों के संबंध में क्या आदेश दिया है, इन आदेशों में किन भूमियों को असीमांकित वन, नारंगी वन माने जाने का अधिकार या छूट वन विभाग को दी गई है? (ख) वन मुख्यालय सतपुड़ा भवन भोपाल ने आदेश दिनांक 12 दिसम्बर 1996 दिनांक 1 अगस्त 2003 एवं दिनांक 2 सितम्बर 2013 के अनुसार कार्यवाही के संबंध में किस-किस दिनांक को क्षेत्रीय वनवृत्त, कार्ययोजना वनवृत्त एवं सामान्य वनमण्डलों को पत्र जारी किए हैं, प्रति सहित बतावें। (ग) बड़े झाड़ के जंगल, छोट झाड़ के जंगल मद की जमीनों एवं राजपत्र में निर्वनीकृत भूमियों की असीमांकित वन एवं नारंगी वन भूमि के आंकड़ों में शामिल किए जाने का क्या कारण है? इन आंकड़ों से भूमियों को पृथक नहीं किए जाने का क्या कारण है? (घ) वन मुख्यालय कब तक न्यायालयीन आदेशों के अनुसार कार्यवाही किए जाने के आदेश, निर्देश या पत्र जारी कर देगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सिविल याचिका क्रमांक-202/ 95 में पारित आदेश दिनांक 12.12.1996, आई.ए. क्रमांक 791-792 में पारित आदेश दिनांक 01 अगस्त 2003 एवं आई.ए. क्रमांक 2619-2621 में पारित आदेश दनांक 02 सितम्बर 2013 की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। इन आदेशों में नारंगी भूमि माने जाने का अधिकार या छूट के संबंध में कोई आदेश पारित नहीं किया गया हैं। (ख) वन मुख्यालय सतपुड़ा भवन, भोपाल से माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश दिनांक 12.12.1996 के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही हेतु दिनांक 06.01.1997, दिनांक 22.01.1997, दिनांक 04.03.1997, दिनांक 02.04.1997, दिनांक 23.11.2000 को समस्त वनसंरक्षक/ वनमंडलाधिकारियों/वनसंरक्षक कार्य-आयोजना, भोपाल/समस्त कार्य-आयोजना मध्यप्रदेश को पत्र लिखे गये है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश दिनांक 01.08.2003 के संबंध में दिनांक 25.01.2008 एवं दिनांक 23.06.2008 से समस्त मुख्य वन संरक्षक (क्षेत्रीय) एवं समस्त वनमंडलाधिकारी (क्षेत्रीय) को निर्देश दिये गये तथा माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश दिनांक 02 सितम्बर 2013 के परिप्रेक्ष्य में अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (भू-प्रबंध) के पत्र क्रमांक एफ-1/2016/सा.बै./10-11/1682 दिनांक 02.08.2016 से मुख्य वन संरक्षक (क्षेत्रीय) वन वृत्त बैतूल को लेख किया गया। पत्रों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) म.प्र. शासन वन विभाग के आदेश क्रमांक एफ 5/43/90/10-3/96 दिनांक 14 मई से लेफ्टआडट असीमांकित संरक्षित वन क्षेत्रों (आरेंज क्षेत्र) के साथ-साथ राजस्व विभाग के ऐसे खसरों को भी जिनमें कि अच्छी श्रेणी के वन उपलब्ध है, प्रारंभिक सर्वेक्षण में शामिल करने हेतु दिशा-निर्देश दिये गये (छायाप्रति संलग्न है)। बडे झाड़ के जंगल, छोटे झाड़ के जंगल मद की जमीनें एवं राजपत्र में निर्वनीकृत भूमियाँ राजस्व भूमि होने के कारण नांरगी भूमि के आकड़ों से पृथक हैं। (घ) उत्तरांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
पंचायत और ग्रामीण विकास
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
103. ( क्र. 2184 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के विधान सभा क्षेत्र सिरोंज एवं लटेरी क्षेत्र में प्रश्न दिनांक तक कितनी पंचायतों में बाह्य शौच मुक्त करने के लिए कितने शौचालय का निर्माण किया गया है तथा कितनों का निर्माण होना शेष है, सूची उपलब्ध करावें वह कब तक पूर्ण हो जाएगा? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार विधान सभा क्षेत्र सिरोंज एवं लटेरी में प्रश्न दिनांक तक कितनी पंचायतें बाह्य शौच से मुक्त हो चुकी हैं तथा कितनी पंचायतें अभी बाह्य शौच मुक्त होना बाकी है? अलग-अलग पंचायतों के नाम सहित जानकारी दें? (ग) सिरोंज विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2008-09 से प्रश्न दिनांक तक कितने शौचालयों का निर्माण हो चुका है? किस ग्राम में कितने-कितने शौचालयों का निर्माण किस-किस वर्ष में किया गया है वर्षवार एवं ग्रामवार जानकारी देवें? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार शौचालय निर्माण में किस-किस ग्राम पंचायत के सचिव एवं सरपंच के विरूद्ध अनियमितताओं की शिकायतें कब-कब प्राप्त हुई है? उक्त शिकायतों के जाँच उपरांत क्या-क्या कार्यवाही की गई है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। मिशन अंतर्गत 2 अक्टूबर 2019 तक शेष शौचालय पूर्ण कराये जाने का लक्ष्य है। (ख) विधानसभा क्षेत्र सिरोंज एवं लटेरी में प्रश्न दिनांक तक कोई भी पंचायत बाह्य शौच से मुक्त नहीं है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रश्नांश ग अनुसार शौचालय निर्माण में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नरसिंहगढ़ स्थित महाविद्यालय में रिक्त पदों की पूर्ति
[उच्च शिक्षा]
104. ( क्र. 2216 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहगढ़ स्थित महाविद्यालय में कुल कितने पद प्रध्यापक/सहायक प्रध्यापक के स्वीकृत हैं व कितने पद रिक्त हैं। (ख) रिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) प्रश्नांश की विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शैक्षणिक रिक्त पदों की पूर्ति हेतु लोक सेवा आयोग से विज्ञापन दिनांक 19.02.16 को जारी हो चुका है जैसे ही चयनित अभ्यार्थियों की सूची प्राप्त होती है, तो रिक्त पदों की पूर्ति प्राथमिकता से की जावेगी, पूर्ति की निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
नरसिंहगढ़ विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत रेत खदानों का आवंटन
[खनिज साधन]
105. ( क्र. 2217 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय खदानों के आवंटन के क्या नियम हैं? नियम की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) नरसिंहगढ़ विधान सभा क्षेत्र में 01 अप्रैल 2016 से प्रश्न दिनांक तक रेत की कुल कितनी खदानें आवंटित हुई पटवारी हल्के सहित ग्रामवार जानकारी दें। (ग) प्रश्न की कंडिका (क) में उपलब्ध नियम तथा प्रश्न की कंडिका (ख) अनुसार आवंटित खदानों में क्या शासकीय नियमों का पालन किया गया है? (घ) यदि हाँ, तो क्या आवंटन के पूर्व पर्यावरण सहित समस्त विभागों की एन.ओ.सी. विभाग को प्राप्त हो गई थी? यदि हाँ, तो समस्त एन.ओ.सी. की खदान का नाम दर्शाते हुये प्रति उपलब्ध करावें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में नीलामी हेतु प्रावधान हैं। यह नियम अधिसूचित नियम है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्र में रेत खनिज की कोई खदान आवंटित नहीं की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उज्जैन इंदौर संभाग के शापिंग माल में पार्किंग में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
106. ( क्र. 2226 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्जैन इंदौर सभाग में विभिन्न स्थानीय निकायों में शापिंग माल, मेरिज गार्डन के खिलाफ दिनांक 1 जनवरी 2014 के पश्चात् पार्किंग अन्य को लेकर कितनी शिकायतें किस-किस के खिलाफ प्राप्त हुई विभाग द्वारा उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की? (ख) उक्त संभाग के कितने नगर पालिका, नगर निगमों में कहाँ-कहाँ 1 जनवरी 2016 के पश्चात् शापिंग माल बनाए जा रहे हैं क्या सभी नवनिर्मित शापिंग माल में पार्किंग एव अन्य नियमों का पालन किया जा रहा है यदि हाँ, तो इसकी जाँच उक्त संभाग में किस-किस अधिकारी ने की? (ग) प्रश्नांश (क) संदर्भ में क्या पार्किंग के अभाव में सील किये गए माल/मैरिज गार्डन अधिकारियों की मिलीभगत से पुन: खोल दिए गए? यदि नहीं तो उक्त अवधि में एसे कितने माल हैं जिन्हें सील करने के पश्चात् पुन: किन-किन शर्तों पर खोल दिया, क्या वे सभी वर्तमान में शर्तों का पालन कर रहे हैं? (घ) क्या जिन शापिंग माल को पार्किंग के आभाव में सील किया था, उन्होंने अस्थाई रूप से किराए पर पार्किंग का स्थल बताकर पुन: पुरानी व्यवस्था चलाकर यातायात को बाधित कर रहे है? इसकी पुन: जाच कब-कब, किस-किस सक्षम अधिकारी ने की?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) उज्जैन संभाग के स्थानीय निकायों में शॉपिंग माल, मैरिज गार्डन के खिलाफ दिनांक 01 जनवरी 2014 के पश्चात् पार्किंग अन्य को लेकर कोई शिकायत प्राप्त नही हुई है, इदौर संभाग के स्थानीय निकायों में सिर्फ नगर पालिक निगम, इंदौर में शिकायतें प्रापत हुई हैं इन शिकायतों का विवरण एवं इन शिकायतों पर की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उज्जैन एवं इंदौर संभाग के स्थानीय निकायों में दिनांक 01 जनवरी, 2016 के पश्चात् शॉपिंग मॉल नहीं बनाए जा रहें है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) एवं (घ) जी नहीं, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ग्राम ऐरा में रोजडे पकड़ने के अभियान में लगे कर्मचारी
[वन]
107. ( क्र. 2230 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत ऐरा ग्राम में बोमा पद्धति से रोजडे पकड़ने हेतु शासन द्वारा कुल कितने अधिकारियों/कर्मचारियों को नियुक्त किया गया था? उनके नाम, पद एवं पदस्थापना की जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार अभियान में सम्मिलित अधिकारियों/कर्मचारियों को कितने-कितने दिवस के लिए नियुक्त किया गया था? नाम एवं नियुक्ति दिवस की जानकारी देवें। (ग) क्या निजी विशेषज्ञों को शासन द्वारा अभियान में सम्मिलित कर वेतन के रूप में भुगतान किया गया था? यदि हाँ, तो पूरे अभियान में नियुक्ति दिवस एवं किए गए भुगतान की जानकारी देवें। (घ) क्या उन्हें शासन द्वारा ठहरने एवं भोजन की सुविधा उपलब्ध कराई गई थी? यदि हाँ, तो उन स्थानों के नाम एवं खर्च की गई राशि की जानकारी देवें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) मध्य प्रदेश शासन द्वारा सुवासरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत ऐरा ग्राम में बोमा पद्धति से रोजडे पकड़ने हेतु कोई नियुक्ति नहीं की गयी है। अत: शेष जानकारी का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ख) अभियान में सम्मिलित अधिकारियों/कर्मचारियों की कोई नियुक्ति नहीं की गयी है। अत: प्रश्नांश की जानकारी निरंक है। (ग) अभियान में सम्मिलित अधिकारियों/कर्मचारियों एवं निजी विशेषज्ञों की कोई नियुक्ति नहीं की गयी है। अत: वेतन भुगतान का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। वन विभाग द्वारा गठित दल में सम्मिलित विषय विशेषज्ञ को योजना क्रियान्वयन की अवधि में मंदसौर जिले के वन विश्राम गृह, होटल कोणार्क, सीमामऊ एवं विद्यालय ग्राम ऐरा में ठहरने एवं भोजन की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है। जिस पर कुल राशि रूपये 14175/- का व्यय हुआ है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत निर्माणाधीन सड़क
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
108. ( क्र. 2235 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शाजापुर जिले की विकासखंड कालापीपल एवं शुजालपुर अंतर्गत ढाबलाधीर से पारदाखेड़ी, खोंकराकला से मूडलामैना एवं अवंतिपुर बडोदिया से अमस्याखेड़ी सड़क का निर्माण किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या इन सड़कों की पुल/पुलियाओं एवं सी.सी. कार्य में गुणवत्ताविहीन कार्य करने की शिकायतें प्राप्त हुई है? (ख) यदि हाँ, तो प्राप्त शिकायतों की जाँच किस अधिकारी के द्वारा किस दिनांक को की गयी, जाँचकर्ता अधिकारी का नाम, पदनाम एवं जाँच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध कराये। (ग) प्रश्नांश 'क' में उल्लेखित निर्माणाधीन सड़कों का निरीक्षण सड़क कार्य प्रारंभ करने की तिथि से प्रश्न दिनांक तक किन-किन अधिकारीयों द्वारा कब-कब किया गया? तिथिवार निरीक्षण प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध करावे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। इन सड़कों की पुल-पुलियाओं एवं सी.सी. कार्य में गुणवत्ताहीन कार्य करने की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (ख) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश 'क' में उल्लेखित निर्माणाधीन सड़कों के कार्य प्रारंभ करने की तिथि से प्रश्न दिनांक तक अधिकारियों द्वारा किये गये निरीक्षण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। अधिकारियों द्वारा नियमित निरीक्षण कर आवश्यकता अनुसार साईट आर्डर बुक में निर्देश दिये गये अतः पृथक से निरीक्षण प्रतिवेदन जारी नहीं किया गया।
स्वीकृत लीज के अतिरिक्त आराजियों में अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
109. ( क्र. 2246 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले की तहसील रघुराजनगर अंतर्गत ग्राम रामस्थान में श्रवण कुमार पाठक एवं इनके पुत्र क्रमशः संजीव पाठक,राजीव पाठक के साथ-साथ अमीरे कोल तथा प्रिज्मसीमेंट के नाम लगभग 80 एकड़ क्रमशः आराजी क्र.1232/13एकड़,1237/12एकड़,1238/60डिसमिल,1251/1.50 एकड़,1265/5.34एकड़,984/4.75एकड़,985/9.70एकड़,992/1/14.90एकड़,993/2एकड़,994/0.60डिसमिल,995/9.62एकड़,996/1/ग/996/15/5.34एकड़,997/0.85 डिसमिल शासकीय आराजियों में लेट्राईट की लीज स्वीकृत है? (ख) क्या इसी प्रकार आराजी क्र.1232 के कुल रकवा 26.46 एकड़ है जिसमे लगभग सात एकड़ में अवैध उत्खनन किया गया है, आराजी न.1238 रकवा 3.35 हेक्टेयर है जबकि चार एकड़ में अवैध उत्खनन है वहीं आराजी न.1251 रकवा 30 एकड़ 80 डिसमिल जिसमे से छः एकड़ में अवैध उत्खनन है, इसके साथ ही प्रश्नांश (क) में वर्णित आराजियों में भी अवैध उत्खनन किया गया है? (ग) क्या लीज धारकों द्वारा अवैध उत्खनन कर खदानों को मिट्टी से भाठ दिया गया है इस प्रकार रायल्टी राजस्व की क्षति पहुंचाई गई है जो गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है? क्या यह कृत्य लीजधारक श्रवणकुमार पाठक एग्रीमेंटकर्ता राममनोहर सिंह मैहर ए.आर.टी.कंपनी के संचालक तथा प्रिज्मसीमेंट के प्रसीडेंट आर.के.स्वाई द्वारा मिलकर किया गया था? (घ) क्या इस संबंध में राजस्व एवं खनिज विभाग द्वारा मौके पर भेज कर सीमांकन कराया गया है यदि नहीं तो क्यों, क्या दोषियों को बचाने में उक्त अमला लगा हुआ है, क्या उक्त प्रकरण की जाँच कराकर दोषियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराते हुए राजस्व की वसूली की जावेगी यदि हाँ, तो कब तक?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश में उल्लेखित खसरा क्रमांक 1238 के अंश भाग रकबा 0.60 एकड़ क्षेत्र में एवं खसरा क्रमांक 1251 के अंश भाग 1.50 एकड़ क्षेत्र में अवैध उत्खनन किया जाना पाया गया है। प्रश्नांश (क) में उल्लेखित खसरा क्रमांकों में से खसरा क्रमांक 992/1 के अंश भाग रकबा 1.50 एकड़ क्षेत्र में अवैध उत्खनन होना पाया गया है। प्रश्नांश में उल्लेखित शेष अन्य खसरा क्रमांक में अवैध उत्खनन नहीं पाया गया है। (ग) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जनभागीदारी मद के कार्य
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
110. ( क्र. 2264 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर के अंतर्गत 25 प्रतिशत, 50 प्रतिशत जनभागीदारी मद से वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक राज्य शासन से कितनी राशि प्राप्त हुई? कौन-कौन से कितनी-कितनी राशि के निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये? नगरीय क्षेत्रवार, ग्रामवार कार्यों के नाम का विवरण देवें। क्या स्वीकृत राशि से अधिक के निर्माण कार्य जिला प्रशासन द्वारा स्वीकृत किये गये हैं? यदि हाँ, तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या जनभागीदारी से पक्के कार्य कराये जाने के नियम हैं? यदि हाँ, तो जिला छतरपुर अंतर्गत अर्थवर्क, मुरम बोल्डर कार्य की स्वीकृति किस नियम के तहत प्रदान की गई? जनभागीदारी के अंतर्गत कार्य स्वीकृत करने हेतु नियम की प्रति भी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार यदि सक्षम अधिकारी द्वारा 25 प्रतिशत, 50 प्रतिशत जनभागीदारी से अर्थवर्क, मुरम बोल्डर की स्वीकृति नियम विरूद्ध की गई तो जवाबदार अधिकारी के विरूद्ध विभाग द्वारा कब तक अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं की जावेगी तो क्यों?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) वित्तीय वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक मांग संख्या 60 में राशि रू. 695.18 लाख, मांग संख्या 64 में रूपये 403.00 लाख, मांग संख्या 41 में रूपये 78.75 लाख का आवंटन प्राप्त हुआ। आवंटित राशि से स्वीकृत किये गये कार्यों की नगरीय क्षेत्रवार, ग्रामवार कार्यों के नाम का विवरण सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे अभिलेख परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘अ‘‘ अनुसार है। स्वीकृत राशि से अधिक के प्रस्ताव प्राप्त होने पर कार्य स्वीकृत कर राशि अगले वित्तीय वर्ष में प्राप्त आवंटन से राशि जारी की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। अर्थवर्क, मुरम बोल्डर के कार्य आई.आर.सी. मापदण्डों का पालन कर स्वीकृति जारी की गई है। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे अभिलेख परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘ब‘‘ अनुसार है। (ग) सभी स्वीकृतियां नियमानुसार किये जाने से किसी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
परफार्मेंस ग्राण्ट की राशि का बंटन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
111. ( क्र. 2265 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन के पत्र क्रं. पं.रा./रा.वि.आ-1/2016/9551 दिनांक 10.8.2016 को जारी आदेशानुसार जनपद पंचायतों के समस्त सदस्यों के बीच परफार्मेंस ग्राण्ट की राशि प्रत्येक सदस्य को बराबर-बराबर समान रूप से बांटे जाने का प्रावधान है, तो जिला छतरपुर के जनपद पंचायत नौगांव, लवकुशनगर, गौरिहार को वर्ष 2015-16, 2016-17 में कितनी राशि प्राप्त हुई? क्या उक्त राशि सदस्यों के बीच समान रूप से जनपद के अधिकारियों एवं पदाधिकारियों द्वारा सांठ-गांठ करके नहीं बांटी जा रही है? (ख) क्या शासन के नियम का उल्लंघन करने वाले दोषी अधिकारी की जाँच कराकर उसके विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही करायेंगे? यदि हाँ, तो समयावधि बतायें। यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें। (ग) क्या उक्त राशि जनपद पंचायत नौगांव, लवकुशनगर, गौरिहार के सभी सदस्यों के बीच बराबर-बराबर मान से बांटे जाने की शीघ्र कार्यवाही करायेंगे? यदि हाँ, तो समयावधि बतायें। यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें। (घ) उक्त राशि आज दिनांक तक क्यों नहीं बांटी गई तथा शासन के आदेश का पालन भी नहीं किया गया, इसका क्या कारण है? साथ ही शासन के आदेश का पालन न करने वाले अधिकारी के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो समयावधि बतायें। यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, प्रश्नाधीन दिशा निर्देश वर्ष 2015-16 तक के लिये लागू है। वर्ष 2015-16 के लिये प्रत्येक जनपद पंचायत को राशि रुपये 100.00 लाख प्रदाय की गई। वर्ष 2016-17 के लिये राशि प्रदाय नहीं की गई है। जनपद पंचायत लवकुशनगर एवं गौरिहार में निर्वाचित जनपद क्षेत्रों में प्रति जनपद क्षेत्र में रू. 04.00 लाख के कार्य स्वीकृत किये गये है। जनपद पंचायत नौगांव में जनपद पंचायत के सदस्यों की सहमति से रू. 81.65 लाख के निर्माण कार्य एवं रू. 27.00 लाख के पेयजल टेंकर विभिन्न वार्डों हेतु स्वीकृत किये गये है। (ख) जी नहीं। जनपद पंचायत, नौगांव में जनपद सदस्यों की सहमति से कार्यों हेतु धन राशि आवंटित करने के कारण। (ग) जी नहीं, उक्त उत्तर ‘‘ख‘‘ के परिपेक्ष्य में आवश्यक नहीं होने के कारण। (घ) उक्त उत्तर ‘‘क‘‘, ‘‘ख‘‘ एवं ‘‘ग‘‘ के परिपेक्ष्य में प्रश्नांश ही उपस्थित नहीं होते है।
सरकार के दिशा निर्देश एवं नियम का पालन कराए जाना
[वन]
112. ( क्र. 2285 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले के मुकुन्दपुर चिडि़याघर में दर्शकों के लिये प्रवेश शुल्क प्रबंधन अपनी इच्छा अनुसार लेकर एवं वाहन भी सफारी के भीतर भेज रहे है? जबकि नियम के तहत वाहनों के प्रदूषण की शर्तों को ध्यान में रखते हुये प्रबंधन अन्य वाहनों को निर्धारित शुल्क लेने के बाद प्रवेश दिला सकेगा? यदि हाँ, तो इसकी शिकायत सेन्ट्रल जू अथारिटी एवं सरकार के प्रमुख लोगों से भी की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में क्या चिडि़याघर में 20 रूपये प्रति व्यस्क व्यक्ति, 12 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति से 10 रूपये, 20 रूपये प्रतिघंटा सायकल, बैट्री वाहन का 50 रूपये प्रति व्यक्ति, सफारी के भीतर प्रति सवारी 100 रूपये वसूला जा रहा है? जिसकी अनुमति मुख्यालय से दिसम्बर 2016 तक प्राप्त नहीं हुई है? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के प्रकाश में केन्द्रीय चिडि़याघर प्राधिकरण द्वारा मुकुन्दपुर में जू एवं रेस्क्यू से सेंटर की स्थापना की अनुमति 8 जून 2015 को मिली वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 12972 की धारा 38 एच में चिडि़याघरों के अधिमान्यता के प्रावधान एवं धारा 38 आई में वन्य प्राणी प्राप्त करने एवं 38 जे. में वन्य प्राणी को बाहरी व्यक्ति परेशान नहीं करेंगे ना ही कोई खाद्य सामग्री देगें तथा उल्लेखित है कि वन्यजीव सरंक्षण अधिनियम 1974 के नियम 34 में राष्ट्रीय उद्यान एवं अभ्यारण्यों में प्रवेश के नियम है लेकिन अब तक चिडि़याघर में प्रवेश शुल्क का कोई प्रावधान नहीं है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के प्रकाश में प्रदेश में चार चिडि़याघरों को अधिमान्यता मिली है जिसमें इंदौर एवं ग्वालियर में वहां के नगर-निगम द्वारा प्रबंधन किया जाता है तथा भोपाल के वन विहार में चिडि़याघर होने के साथ-साथ राष्ट्रीय उद्यान होने से प्रवेश दलों का निर्धारण नियम 34 के तहत है मुकुन्दपुर वन विभाग का अकेला चिडि़याघर है जो कैबिनेट को भेजे गये प्रस्ताव में यह चिडि़याघर एवं रेस्क्यू सेंटर न तो राष्ट्रीय उद्यान है न ही अभ्यारण्य जिसके प्रवेश शुल्क का निर्धारण शासन की अनुमति से ही किया जावेगा? (ड.) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) के प्रकाश में इसकी अनुमति शासन से कब प्राप्त हुई? अनुमति की प्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं तो प्रवेश शुल्क एवं मनमानी बंद की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों कारण स्पष्ट करें। बिना अनुमति प्रवेश शुल्क लेने के लिये कौन दोषी है? दोषी के खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी? नहीं की जावेगी तो क्यों।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी नहीं। पर्यटकों से नियमानुसार निर्धारित शुल्क प्राप्त कर जू प्रबंध शासकीय वाहन में ही प्रवेश दिया जाता है। (ख) मध्यप्रदेश शासन वन विभाग के आदेश क्रमांक-एफ 15-01/2016/10-2 दिनांक 30.03.2016 के अनुसार निर्धारित शुल्क निम्नानुसार प्राप्त कर ही पर्यटकों को प्रवेश दिया जाता है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) यह कहना सही नहीं है कि अब तक चिडि़याघर में प्रवेश का कोई प्रावधान नहीं है। मध्यप्रदेश शासन वन विभाग मंत्रालय, भोपाल के आदेश क्रमांक-एफ 15-01/2016/ 10-2 दिनांक 30.03.2016 के प्रावधान अनुसार प्रश्न 'ख' के उत्तर में दर्शित निर्धारित दर से शुल्क प्राप्त कर प्रवेश दिया जाता है। (घ) जी हाँ। मध्यप्रदेश शासन वन विभाग के आदेश क्रमांक-एफ 15-01/2016/10-2 दिनांक 30.03.2016 से मुकुन्दपुर चिडि़याघर रेस्क्यू सेंटर हेतु पर्यटन या फोटो चित्रण के प्रयोजन के लिये प्रवेश शुल्क की दरे निर्धारित की गई हैं। आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ड.) दिनांक 30.03.2016, शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बाघों की लगातार मृत्यु की उच्च स्तरीय समीक्षा एवं कार्यवाही
[वन]
113. ( क्र. 2286 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संजय टाइगर रिजर्व के वफर जोन में वाघ का शव दिनांक 19.01.2017 को चरवाहों की सूचना पर बरामद किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) में हां, तो क्या बाघ के विन्ध्य क्षेत्र में मरने की यह तीसरी घटना है, जिसमें पहली सतना जिले की जैतवारा में ट्रेन की चपेट में आने से दूसरी टाइगर सफारी मुकुन्दपुर को सफेद बाघिन ने बाघ के हमले के बाद दम तोड़ा तीसरी संजय टाइगर रिजर्व सीधी से लगे शहडोल क्षेत्र के वन क्षेत्र में बाघ का शव बरामद हुआ? (ग) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में प्रबंधन यह नहीं बता पा रहा कि यह मृतक बाघ उसकी सेन्चुरी का है या नहीं? प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में घटनायें किसकी लापरवाही का नतीजा है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के प्रकाश में शासन द्वारा सुरक्षा एवं व्यवस्था के लिये पर्याप्त धन खर्च करने पर भी घटनायें बंद नहीं हो पा रही हैं, इसके लिये किसी पर जिम्मेदारी तय की जावेगी? यदि हाँ, तो किसके ऊपर एवं कब तक? यदि नहीं तो क्यों कारण स्पष्ट करें? शासन ने इन कारणों के रोकथाम हेतु अब तक क्या व्यवस्था की बतावें? नहीं तो क्यों कारण स्पष्ट करें? करेगी तो कब तक? समय-सीमा बतावें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) वन वृत्त शहडोल के वनमंडल उत्तर शहडोल अंतर्गत दिनांक 19.01.2017 को परिक्षेत्राधिकारी बफर जोन ब्यौहारी, श्री बी.के. तिवारी द्वारा सायं 5 बजे उप वनमंडलाधिकारी ब्यौहारी को बाघ का शव पाये जाने की सूचना दी गई। (ख) जी हाँ। (ग) मृत मादा बाघ संजय टाइगर रिजर्व, सीधी की टी-1 बाघिन है। इसकी पुष्टि की जा चुकी है। बाघ की मृत्यु आरोपियों द्वारा लगाये गये विद्युत करंट से हुयी है। समस्त आरोपियों के विरूद्ध वन अपराध प्रकरण क्रमांक-9610/20, दिनांक 20.01.2017 दर्ज किया गया। उन्हें गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय में पेश किये जाने पर माननीय न्यायालय द्वारा उन्हें पुलिस अभिरक्षा में उपजेल मऊ में रखा गया है। इस घटना में किसी अधिकारी व कर्मचारी की लापरवाही नहीं पायी गयी है। (घ) शासन द्वारा वन्यप्राणियों विशेषकर बाघों की सुरक्षा हेतु आवश्यक कदम उठाये गये हैं। क्षेत्रीय वन अमलों द्वारा रात्रि गश्ती एवं सतत् निगरानी निरंतर की गयी है। इन घटनाओं के रोकथाम हेतु शासन द्वारा दिये गये निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जा रहा है। इस प्रकरण विशेष में कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं पाया गया है, अत: उनके विरूद्ध जिम्मेदारी तय करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
समग्र स्वच्छता अभियान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
114. ( क्र. 2297 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में समग्र स्वच्छता अभियान के तहत 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक व्यय राशि का कार्यवार वर्षवार, जनपदवार, ग्राम पंचायतवार, ग्रामवार विवरण देवें? (ख) प्रश्नांश ''क'' वर्णित अवधि में किस-किस कार्य हेतु किस-किस एजेन्सी को कितना-कितना भुगतान किया गया? एजेन्सी के चयन की प्रक्रिया बतायें? (ग) उक्त अभियान के तहत शौचालय निर्माण हेतु शासन के क्या दिशा निर्देश हैं? सिवनी जिले में प्रश्नांश ''क'' में वर्णित अवधि में कुल कितने परिवारों में शौचालय का निर्माण किया गया, कितने परिवार शौचालय विहीन हैं? शौचालय विहीन परिवारों का विवरण ग्राम पंचायतवार, ग्रामवार दें? कितने परिवारों द्वारा शौचालय का उपयोग किया जा रहा है? (घ) क्या संबंधित निर्माण एजेन्सी द्वारा पूर्ण राशि का आहरण कर व्यय बता दिया गया, जबकि वास्तव में शौचालय निर्माण हुआ ही नहीं है? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार हैं, उन पर कब तक और क्या कार्यवाही की जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) समग्र स्वच्छता अभियान मार्च 2012 को समाप्त हो चुका है। निर्मल भारत अभियान के तहत वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक व्यय राशि का कार्यवार वर्षवार, जनपदवार, ग्राम पंचायतवार एवं ग्रामवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित अवधि में शौचालय निर्माण हेतु राशि का भुगतान ग्राम पंचायत द्वारा नियत मजदूर/वेण्डर एवं प्रोत्साहन राशि संबंधित हितग्राही को भुगतान किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। एजेंसी का चयन योजना की गाईड लाईन अनुसार किया गया। (ग) शौचालय निर्माण संबंधी निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। सिवनी जिले में प्रश्नांश (क) में वर्णित अवधि में 75702 व्यक्तिगत पारिवारिक शौचालय का निर्माण किया गया है। जिनका उपयोग किया जाना प्रतिवेदित है। शौचालय विहीन परिवार का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है। (घ) जिले की ग्राम पंचायत सापापार, जनपद पंचायत कुरई के सरपंच एवं सचिव द्वारा राशि 599088/- आहरण कर शौचालय निर्माण नहीं कराया गया। सरपंच एवं सचिव के विरूद्ध न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) में प्रकरण क्रमांक 02/अ-89 (19) वर्ष 2015-16 दर्ज किया जाकर वसूली की कार्यवाही प्रचलित है। अब तक संबंधितों से राशि रूपये 30000/- वसूल की जा चुकी है।
मुक्तिधामों की व्यवस्था
[नगरीय विकास एवं आवास]
115. ( क्र. 2298 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर पालिका सिवनी के अधीन कौन-कौन से मुक्तिधाम व शमशानघाट हैं, इसमें क्या-क्या व्यवस्थायें हैं? अज्ञात व लावारिस पाई जाने वाली लाशों का विधि विधान से दाह संस्कार/अंतिम संस्कार करने हेतु लकडी व मुक्तिवाहनों की क्या व्यवस्था है? (ख) प्रश्नांकित किन-किन मुक्तिधामों/शमशानघाट में बुनियादी सुविधाएं जैसे पेयजल, अंतिम संस्कार के लिए आनेवालों के बैठने, श्रृद्धांजलि हेतु सभा भवन व निस्तार हेतु पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं एवं क्यों? इस संबंध में नगर पालिका ने क्या योजना बनाई है? (ग) प्रश्नांकित किन-किन मुक्तिधामों/शमशानघाट में साफ-सफाई, उनकी उचित देख-भाल, रख-रखाव व दाह संस्कार संबंधी क्या-क्या व्यवस्थाएं हैं? कहाँ-कहाँ पर कब से किसके आदेश से नगर का कचरा फैंका जा रहा है एवं क्यों? असामाजिक गतिविधियों की रोकथाम, अतिक्रमण व अवैध कब्जा को रोकने हेतु क्या-क्या उपाय किये गये हैं? (घ) जिला प्रशासन पुलिस प्रशासन व नगर पालिका सिवनी ने नगर में पाई जाने वाली अज्ञात व लावारिस लाशों व विधि विधान से अंतिम संस्कार करने हेतु क्या-क्या व्यवस्थाएं की है? इस संबंध में स्वयं सेवी संस्थाओं द्वारा नि:शुल्क सेवा प्रदाय करने हेतु प्रशासन क्या सहयोग कर रहा है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर पालिका परिषद्, सिवनी में निम्नानुसार मोक्षधाम है :- 1. कंटगी रोड मोक्षधाम, 2. मुगवानी रोड मोक्षधाम, 3. टैगोर वार्ड मोक्षधाम, 4. शास्त्री वार्ड मोक्षधाम, 5. कबीर वार्ड मोक्षधाम, उपरोक्तानुसार मोक्षधामों में निम्नानुसार व्यवस्थायें है :- 1. कंटगी रोड मोक्षधाम :- दाह संस्कार शेड, पेयजल, बैठनें की व्यवस्था, बाउन्ड्रीवॉल, अस्थि संचय गृह, चौकीदार कक्ष, रोड इत्यादि की व्यवस्थायें है। 2. मुगवानी रोड मोक्षधाम :- दाह संस्कार शेड, पेयजल, बैठने की व्यवस्था, बाउन्ड्री वॉल, अस्थि संचय गृह, चौकीदार कक्ष, रोड इत्यादि की व्यवस्थायें है। 3. टैगोर वार्ड मोक्षधाम :- दाह संस्कार शेड, रोड की व्यवस्थायें है। 4. शास्त्री वार्ड मोक्षधाम :- दाह संस्कार शेड, पेयजल, बाउन्ड्री वॉल, रोड इत्यादि की व्यवस्थायें है। 5. कबीर वार्ड मोक्षधाम :- दाह संस्कार शेड रोड इत्यादि की व्यवस्थायें है अज्ञात एवं लावारिस लाश को दफनाया जाता है, मुक्ति वाहन (स्वर्गरथ) 01 है। (ख) प्रश्नांश ''क'' अनुसार निकाय क्षेत्रान्तर्गत मोक्षधामों में सुविधायें/व्यवस्थायें है, निकाय द्वारा समस्त मोक्षधामों में अन्य विकास कार्य कराये जाने की योजना तैयार कराई जा रही है। (ग) निकाय द्वारा निकाय क्षेत्रांतर्गत मोक्षधामों में साफ-सफाई की उचित व्यवस्था है, दाह संस्कार हेतु शेड की व्यवस्था है, निकाय के किसी भी शमशानघाट में कचरा नहीं फेका जा रहा है, निकाय द्वारा शमशान घाटों में अवैध कब्जा न हो, कार्यवाही समय-समय पर की जाती है, शमशान घाटों में अवैध कब्जा नहीं है। (घ) निकाय क्षेत्रांतर्गत लावारिस लाश पाये जाने पर निकाय द्वारा पुलिस प्रशासन के सहयोग से लावारिस लाश को दफनाने की व्यवस्था की जाती है, इस निकाय द्वारा स्वयं सेवी संस्थाओं को वाहन, स्वर्गरथ आदि नि:शुल्क दिया जाता है।
नगर परिषद लांजी जिला बालाघाट में पेय-जल आवर्धन योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
116. ( क्र. 2301 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर परिषद् लांजी जिला बालाघाट मं पेयजल आवर्धन योजना को प्रशासकीय स्वीकृति कब मिली थी तथा उसकी लागत क्या थी? क्या इस योजना की अनुमानित लागत में परिवर्तन किया गया है परिवर्तन का कारण बताएं? (ख) विषयांकित योजना अब तक प्रारंभ न होने के क्या कारण है इस योजना की क्या तकनीकी स्वीकृति हो चुकी है यदि हाँ, तो तकनीकी स्वीकृति उपलब्ध कराएं? क्या इसके टेण्डर हो चुके हैं यदि हाँ, तो टेण्डर किसके द्वारा लिया गया? (ग) देरी की वजह से लागत मूल्य बढ़ने के लिए कौन जिम्मेदार होगा? इस योजना पर कब तक काम शुरू कर दिया जाएगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर परिषद लांजी जिला बालाघाट के पेयजल योजना की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 16.02.15 को दी गई जिसकी लागत राशि रू. 1886.93 लाख थी। जी हाँ। जल स्त्रोत में परिवर्तन होने के कारण पेयजल योजना की लागत में परिवर्तन हुआ है। (ख) परिवर्तित जल स्त्रोत से जल उपलब्धता के लिये वृहद परियोजना मण्डल से स्वीकृति प्राप्त होने में विलम्ब के कारण योजना कार्य प्रारंभ नहीं हो सके है। जी नहीं। वृहद परियोजना से जल उपलब्धता की स्वीकृति दिनांक 06.02.2017 को प्राप्त हुआ है, पुनरीक्षित स्वीकृति विचाराधीन है। जी नहीं, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) योजना की स्वीकृति विचाराधीन होने से मूल वृद्धि के कारणों का भी परीक्षण किया जा रहा है। समय-सीमा बतलाया जाना संभव नहीं है।
प्रदेश में वन अपराध में जप्त वाहन
[वन]
117. ( क्र. 2302 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत एक वर्ष में जिलेवार वन अपराधों में कुल कितने वाहन जप्त किये गये? उनमें से जिलेवार कितनों को छोड़ दिया गया तथा कितने वाहन वर्तमान में विभाग के पास जप्त हैं? (ख) जप्त किये गये वाहनों को जप्त अवधि में चालू हालत में रखना क्या विभाग की जिम्मेदारी है बताएं कि विभाग के पास विभिन्न लंबित प्रकरणों में वर्तमान में जप्त वाहन चालू हालत में है यदि नहीं तो इन्हें चालू हालत में क्यों नही रखा गया तथा इसके लिए दोषियों पर विभाग क्या कार्यवाही करेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट में है। (ख) जी नहीं। वन अपराध अंतर्गत वाहन जप्त करते समय जिस स्थिति में वाहन जप्त किया जाता है, उसी स्थिति में रखा जाता है। अत: शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की स्वीकृति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
118. ( क्र. 2342 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री सड़क निर्माण छतरपुर जिले में वर्ष 2015-16 एवं 16-17 में कितने ग्रामीण क्षेत्रों में स्वीकृत की गई? शासन प्रावधानों की गाईड-लाईन दें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रधानमंत्री ग्रामीण योजना के तहत किन-किन ठेकेदारों को कार्य प्राप्त हुए तथा अब तक कितनी राशि व्यय की गई एवं कब तक कार्य पूर्ण होना है? (ग) छतरपुर जिले में वर्ष 2013-14 में जो सड़कें बनाई गई, क्या वह खराब हो चुकी है, क्या इसका भौतिक सत्यापन/परीक्षण विभागीय अधिकारियों ने किया? (घ) यदि हाँ, तो कब? शासन प्रावधानों के अनुसार क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत छतरपुर जिले में वर्ष 2015-16 में 76 मार्ग एवं 2016-17 में 16 मार्ग कुल 92 मार्ग स्वीकृत हुये जिनसे 97 ग्राम लाभान्वित होंगे। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के दिशा-निर्देशों (गाईड-लाईन) के अनुसार जनगणना वर्ष 2001 के अनुसार सामान्य विकासखंडों के 500 या उससे अधिक आबादी के, आदिवासी विकासखंडों में 250 या उससे अधिक एवं भारत शासन द्वारा घोषित आई.ए.पी. (इन्टीग्रेटेड एक्शन प्लॉन) के जिलों में 250 तक की आबादी वाले राजस्व ग्रामों को ही जोड़े जाने का प्रावधान है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। छतरपुर जिले में वर्ष 2013-14 में 17 सड़कों का निर्माण कार्य पूर्ण किया गया था, जिनमें से 1 सड़क भारी वाहनों से रेत के परिवहन के कारण खराब हुई है। सड़कों का भौतिक सत्यापन/परीक्षण विभागीय अधिकारियों ने किया है। (घ) रेत परिवहन से खराब सड़क का भौतिक सत्यापन दिनांक 04.12.2016 को किया गया। अनुबंध के अनुसार कार्यवाही की जाती है।
विधानसभा क्षेत्र विकास योजनान्तर्गत प्रतिबंधित कार्य
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
119. ( क्र. 2387 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र विकास योजनान्तर्गत प्रतिबंधित कार्यों की सूची में क्रमांक 01 से 10 बिंदु में वर्णित कार्य दिये गये हैं जो जिला योजना एवं साख्यिकी के पत्र क्रमांक 2469/जियो.सां.का./ वि.नि./2015 दिनांक 21/08/2015 के द्वारा संबंधित मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को भेजी गई तथा जिस की प्रतिलिपी प्रश्नकर्ता को पृष्ठांकित की गई। (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 1020/आर पिपरिया दिनांक 25/12/2016 के द्वारा ग्राम पंचायत जमारा जनपद पंचायत पिपरिया के सामुदायिक भवन में बाउंड्रीवॉल निर्माण हेतु अनुशंसा जारी की गई थी यदि हाँ, तो क्या जिला योजना होशंगाबाद द्वारा यह लेख किया जाकर प्रकरण नस्तीबद्ध कर दिया की यह कार्य विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजनान्तर्गत अनुमत सूची में नहीं है। (ग) क्या अनुमत कार्यों की सूची में प्रश्नाधीन कार्य का स्पष्ठ उल्लेख नहीं हैं तथा प्रश्नांश (क) में वर्णित प्रतिबंधित कार्य की सूची में इस प्रकार के कार्य को नहीं लिया गया हैं तब इस प्रकार के कार्य को स्वीकृत न किये जाने के क्या कारण हैं जबकि ऐसे कार्यों को प्रतिबंधित सूची में नहीं रखा गया हैं।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी नहीं। विषयांकित पत्र विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजनान्तर्गत स्वीकृत कार्यों की कोषालय अधिकारी होशंगाबाद द्वारा राशि के भुगतान के रोक लगाने के संबंध में था। (ख) जी हाँ। (ग) सामुदायिक भवन में बाउंड्रीवॉल निर्माण कार्य विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना की मार्गदर्शिका में अनुमत कार्यों की सूची में उल्लेख न होने के कारण स्वीकृत नहीं किया गया।
कर्मचारियों के वेतन से सी.पी.एफ./पी.एफ अन्तर्गत कटोत्रा की राशि
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
120. ( क्र. 2390 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग/पंचायत एवं सामाजिक न्याय विभाग द्वारा राजीव गांधी संस्थान पचमढ़ी एवं अन्य जगह जहां असंगठित क्षेत्र के कर्मचारी सेवारत हैं, उनके वेतन से सी.पी.एफ./पी.एफ अन्तर्गत वेतन से राशि का कितने प्रतिशत कटोत्रा किया जाता हैं तथा सेवानिवृत्ति उपरांत कितनी राशि का भुगतान कर्मचारी को किया जाता हैं? (ख) इन कर्मचारियों को पेंशन भुगतान किये जाने के क्या नियम हैं तथा इसके अन्तर्गत न्यूनतम एवं अधिकतम कितनी पेंशन भुगतान की जाती हैं एवं नियम की प्रति देवें? (ग) क्या शासन जनपद पंचायतों/जिला पंचायतों में सेवानिवृत्त हुये कर्मचारियों तथा अंशदायी पेंशन योजना लागू होने के 05 से 10 वर्ष के अन्दर जिनकी सेवानिवृत्ति हो गयी है, ऐसे स्थायी निकाय के कर्मचारियों को क्या असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के अनुसार न्यूनतम पेंशन भुगतान किये जाने हेतु कोई नियम बनायेगा? यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) संजय गांधी युवा नेतृत्व एवं ग्रामीण विकास प्रशिक्षण संस्थान पचमढ़ी व्दारा कर्मचारियों का ई.पी.एफ. भारत सरकार, श्रम मंत्रालय, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के अनुसार। कर्मचारी का 12 प्रतिशत अंशदान प्रतिमाह काटा जाता है। उसमें संस्थान व्दारा 13.61 प्रतिशत का अंशदान प्रतिमाह दिया जाता हैं। यह योजना संस्थान में 15 दिसम्बर, 2003 से लागू हैं। सेवानिवृत्ति उपरांत भुगतान की जाने वाली राशि की गणना कर्मचारी भविष्य निधि संगठन व्दारा अपने नियमावली अनुसार की जाकर कर्मचारी को भुगतान किया जाता हैं। विभाग के अन्तर्गत असंगठित क्षेत्र के कर्मचारी सेवारत नहीं हैं। (ख) कर्मचारी भविष्य निधि संगठन व्दारा पेंशन की गणना अपनी नियमावली अनुसार की जाती है। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांकित विषय में कोई योजना विचाराधीन नहीं हैं।
वर्षों पुराने पेड़ों की कटाई
[उच्च शिक्षा]
121. ( क्र. 2437 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर में खण्डवा रोड स्थित देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के परिसर में वर्षों से लगे पुराने पेड़ों की कटाई की गई है? (ख) यदि हाँ, तो क्या इन पेड़ों की कटाई हेतु संबंधित विभाग से अनुमति प्राप्त की गई थी, तो प्राप्त अनुमति की छायाप्रति उपलब्ध करावे अथवा नहीं तो ऐसी स्थिति में संबंधित के विरूध्द विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार विश्वविद्यालय के परिसर में लगे पेड़ों की कटाई किन कारणों से की गई है? क्या पेड़ों की कटाई की जाना उचित था? क्या पेड़ों को अन्यंत्र विस्थापित नहीं किया जा सकता था? (घ) परिसर में पेड़ों की कटाई होने पर क्या विभाग द्वारा परिसर में नये पौधे लगाये जाने की योजना है? यदि हाँ, तो कितने पौधे लगाये जावेगें व कब तक लगवा दिये जावेंगे?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अवैध मटन दुकानों का संचालन
[नगरीय विकास एवं आवास]
122. ( क्र. 2447 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या इन्दौर नगरपालिक निगम सीमा अन्तर्गत मटन दुकानें संचालित हैं? क्या कई मटन दुकानें अवैध रूप से संचालित की जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो कितनी दुकानें वैध एवं कितनी दुकानें अवैध संचालित हो रही हैं? सूची उपलब्ध करावें? (ग) नगरपालिक निगम द्वारा इन अवैध दुकानों के विरूध्द क्या कार्यवाही की जा रही है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ, निगम सीमान्तर्गत मटन की दुकानें अवैध रूप से संचालित नहीं है। (ख) मटन की वैध दुकानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। अवैध दुकानों की जानकारी निरंक होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगरीय निकायों द्वारा क्रय सामाग्री की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
123. ( क्र. 2470 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) धार जिले की धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र की नगरीय निकायों यथा नगर परिषद् माण्डव व धामनोद के द्वारा विगत 05 वर्षों में कितनी-कितनी व कौन-कौन सी सामाग्री कब-कब क्रय की गई है? समस्त क्रय सामाग्री की जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित उक्त क्रय की गई सामाग्री टेन्डर बुलाकर खरीदी अथवा बाजार दर पर समस्त क्रय सामाग्री की जानकारी देवें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
नगरीय निकायों में पाँच वर्षों में स्वीकृत निर्माण कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
124. ( क्र. 2471 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) धार जिले की धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र की नगरीय निकायों यथा नगर परिषद् माण्डव व धामनोद में विगत 05 वर्षों में कितने निर्माण कार्य स्वीकृत हुए हैं? वर्षवार, कार्यवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्वीकृत निर्माण कार्यों की स्वीकृत लागत कितनी थी तथा कितनी-कितनी राशि व्यय की गई, कार्यवार, जानकारी देवें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
अपूर्ण एवं अप्रारंभ कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
125. ( क्र. 2517 ) श्री संजय शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) 01 फरवरी, 2017 की स्थिति में रायसेन जिले की नगर पालिका/नगर परिषदों में किस-किस योजना में स्वीकृत कौन-कौन से कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ हैं? योजनावार/कार्यवार कारण बतायें। (ख) उक्त नगरपालिका/नगर परिषदों में पूर्ण किन-किन कार्यों का अंतिम मूल्यांकन एवं सी.सी. जारी नहीं हुई तथा क्यों? कार्यवार कारण बतायें। (ग) उक्त संस्थाओं में व्यक्तिगत शौचालय निर्माण हेतु क्या लक्ष्य है? अभी तक कितने शौचालयों का निर्माण किस एजेंसी द्वारा किया गया? शेष शौचालयों का निर्माण कब तक होगा? निर्माण एजेंसी द्वारा अनुबंधानुसार शौचालय निर्माण का कार्य कब तक पूर्ण करना है? (घ) 01 फरवरी, 2017 की स्थिति में रायसेन जिले की नगरपालिका/नगर परिषदों के पास किस-किस मद में कितनी राशि उपलब्ध है? उक्त राशि व्यय करने के संबंध में क्या-क्या कार्य योजना है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ' अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब' अनुसार है।
कलस्टर निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
126. ( क्र. 2519 ) श्री संजय शर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम पंचायत के कलस्टर निर्माण/संशोधन के संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश हैं? उनकी प्रति दें। रायसेन जिले में ग्राम पंचायतों के कलस्टर निर्माण/संशोधन के संबंध में विभाग को विगत दो वर्ष में किन-किन के प्रस्ताव प्राप्त हुये तथा उन पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) 01 फरवरी 2017 की स्थिति में रायसेन जिले में मुख्यमंत्री आवास मिशन, इन्द्रा आवास वनभूमि के पट्टा वालों को स्वीकृत किन-किन की कुटीरों का कार्य अपूर्ण हैं तथा क्यों? कारण बतायें? उक्त कार्य पूर्ण करवाने के संबंध में विभाग के अधिकारियों ने क्या-क्या कार्यवाही की? (ग) रायसेन जिले में वर्ष 2016-17 में प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत कितनी कुटीरें स्वीकृत की गईं? ग्राम पंचायतवार, संख्या बतायें। उनमें से कितनी कुटीरों का कार्य प्रारंभ हुआ? शेष कुटीरों का कार्य कब तक प्रारंभ होगा? (घ) प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत हितग्राही चयन की क्या प्रक्रिया है तथा कुटीर हेतु कितनी राशि स्वीकृत की जाती है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नाधीन विभागीय आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “अ“ अनुसार है। माननीय मंत्री राजस्व एवं पुनर्वास से प्रस्ताव प्राप्त हुआ था। परीक्षण उपरांत कलस्टर के पुनर्गठन नहीं करने का निर्णय लिया गया। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “ब“ अनुसार है। कार्य पूर्ण कराये जाने हेतु जिला एवं राज्य स्तर पर नियमित समीक्षा की जाती है। (ग) दिनांक 15/02/2017 तक वर्ष 2016-17 में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 7805 आवास स्वीकृत किये जा चुके हैं और 1897 हितग्राहियों ने आवास निर्माण कार्य प्रारंभ किया है। ग्राम पंचायतवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “स“ अनुसार है। (घ) प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अन्तर्गत पात्र हितग्राहियों का चयन सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना-2011 में सूचीबद्ध परिवारों की परस्पर वंचितता (deprivation) की तीव्रता पर किया गया है। राशि रूपए 1,50,000/- महात्मा गांधी नरेगा के तहत मजदूरी एवं शौचालय निर्माण की प्रोत्साहन राशि सहित।
भू-राजस्व संहिता 1959 के प्रावधान
[वन]
127. ( क्र. 2522 ) श्री महेन्द्र केशर सिंह चौहान : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भू-राजस्व संहिता 1954 एवं भू-राजस्व संहिता 1959 के अध्याय 18 में बताई गई? दखल रहित जमीनों की वन विभाग ने राजस्व विभाग की अनुमति, सहमति के बिना ही वर्किंग प्लान, एरिया रजिस्टर वन कक्ष इतिहास में शामिल कर वनकक्ष मानचित्र भी बना लिए हैं? (ख) यदि हाँ, तो बैतूल जिले के पटवारी मानचित्र, निस्तार पत्रक एवं अधिकार अभिलेख में दर्ज कितनी दखल रहित जमीन वन विभाग ने वर्किंग प्लान वन कक्ष इतिहास, एरिया रजिस्टर में शामिल कर वन कक्ष मानचित्र बना लिए हैं, इसमें से कितनी जमीनों को आरक्षित वन बनाए जाने की जाँच एवं कार्यवाही अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) वर्तमान में भी कर रहे हैं? (ग) आरक्षित वन बनाए जाने के लिए प्रस्तावित दखल रहित भूमियों की वर्किंग प्लान वन का इतिहार, एरिया रजिस्टर में शामिल करने वन कक्ष मानचित्र बनाने का अधिकार या छूट किस कानून, किस नियम या किस न्यायालयीन आदेश में किस-किस को दिया गया है? (घ) वर्किंग प्लान में शामिल कर ली गई दखल रहित जमीनों को पटवारी मानचित्र, निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में पृथक किये जाने के संबंध में राजस्व विभाग क्या कार्यवाही कर रहा है? कब तक करेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी नहीं। राजस्व विभाग द्वारा वन प्रबंधन के लिये सौंपी गई राजस्व भूमियों को ही वर्किग प्लान, एरिया रजिस्टर वन कक्ष इतिहास में शामिल किया जाकर संनिधी एवं प्रबन्धन मानचित्र बनाये जाते हैं। (ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। बैतूल जिले में लगभग 71,684 हेक्टेयर भूमि को आरक्षित वन बनाये जाने की जाँच एवं कार्यवाही अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) वर्तमान में भी कर रहे है। (ग) भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 3 के अनुसार ''राज्य सरकार-ऐसी किसी वन-भूमि या पड़त भूमि जो सरकार की सम्पत्ति है अथवा जिस पर सरकार के साम्पत्तिक अधिकार हैं या जिसकी वनोपज की पूरी अथवा किसी भाग पर सरकार की हकदारी है - इसमें इसके पश्चात् उपबंधित रीति से आरक्षित वन बना सकेगी। इस धारा में आरक्षित वन बनाये जाने हेतु प्रस्तावित भूमि के मद एवं प्रयोजन का उल्लेख नहीं है। (घ) वन भूमियों को राजस्व अभिलेखों की खसरा पंजी में वन भूमि/सरकारी वन दर्ज किये जाने एवं निस्तार पत्रक में दर्ज अधिकार यथावत रहने से इन्हे पृथक किये जाने की कार्यवाही किये जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
बैतूल जिले के 829 ग्रामों की निर्वनीकृत भूमि
[वन]
128. ( क्र. 2523 ) श्री महेन्द्र केशर सिंह चौहान : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल जिले के जिन 829 ग्रामों की समस्त वन भूमि राजपत्र में निर्वनीकृत की गई? उन ग्रामों की भूमियों पर 31.12.1976 एवं 24.10.1980 तक के काबिजों की पात्रता निर्धारित की गई, उन ग्रामों की भूमि नारंगी भूमि सर्वे में शामिल की गई एवं उन ग्रामों में जनवरी 2008 के बाद वन अधिकार समिति का भी गठन किया गया? (ख) यदि हाँ, तो 829 ग्रामों में से कितने ग्रामों की कितनी भूमि संरक्षित वन सर्वे डिमार्केशन से शामिल की गई थी? उन भूमियों के खसरा नंबर एवं रकबे का ब्यौरा राजपत्र में किन-किन कारणों से अधिसूचित नहीं किया गया? (ग) 829 ग्रामों में से कितने ग्रामों की कितनी भूमि को 31.12.1976 एवं 24.10.1980 के सर्वे में शामिल कर कितने काबिजों की पात्रता एवं अपात्रता का निर्धारण किया, 829 ग्रामों में से कितने ग्रामों की कितनी जमीन नारंगी भूमि सर्वें में शामिल की गई, 829 ग्रामों में से कितने ग्रामों में वन अधिकार समितियों का गठन किया गया? (घ) 829 ग्रामों की निर्वनीकृत भूमियों को संरक्षित वन, असीमांकित वन, नारंगी वन एवं समझे गए। वन माने जाने का क्या कारण हैं? ऐसा किस न्यायालय के आदेश के अनुसार किया गया? आदेश की प्रति सहित बतावें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वन मुख्यालय भोपाल द्वारा जाँच प्रारंभ नहीं किया जाना
[वन]
129. ( क्र. 2524 ) श्री महेन्द्र केशर सिंह चौहान : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल जिले में बड़े झाड़ का जंगल, छोटे झाड़ का जंगल मद में दर्ज जमीन एवं राजपत्र में भा.व.अ. 1927 की धार-27 और 34(अ) में अधिसूचित निर्वनीकृत भूमियों को नारंगी भूमि के सर्वे, नारंगी वनखण्ड एवं नांरगी भूमि के आंकड़ों में शामिल किए जाने की विधिवत जाँच वन मुख्यालय सतपुड़ा भवन भोपाल ने प्रकाशित दिनांक तक भी प्रारंभ नहीं की हैं। (ख) यदि हाँ, तो बडे झाड़ के जंगल, छोटे झाड़ का जंगल मद में दज जमीनों एवं धारा-27 धारा 34(अ) में निर्वनीकृत जमीनों को नारंगी भूमि के आंकड़ों में, नारंगी भूमि के सर्वे में एवं नारंगी वनखण्ड में शामिल किए जाने का आदेश, निर्देश या पत्र राज्य शासन ने किस दिनांक को जारी किया। इन भूमियों के संबंध में नारंगी भूमि सर्वे इकाई, सामान्य वनमंडल एवं कार्य अयोजना वनवृत्त को क्या-क्या निर्देश वन मुख्यालय ने किस दिनांक को दिए। (ग) धारा-27 एवं धारा 34(अ) में निर्वनीकृत कितनी भूमि एवं बड़े झाड़ के जंगल, छोटे झाड़ के जंगल मद की कितनी भूमि नारंगी भूमि के आंकड़ों एवं नारंगी वनखण्ड़ों से प्रश्नांकित दिनांक तक पृथक कर दी हैं, कितनी भूमि किन कारणों से पृथक नहीं की गई? उसे भी पृथक किए जाने की विभाग ने क्या समय-सीमा निर्धारित की हैं। (घ) धारा-27 एवं धारा 34(अ) निर्वनीकृत भूमि एवं बड़े-छोटे झाड़ के जंगल मद में दर्ज भूमियों को नारंगी भूमि मानकर कार्यवाही किये जाने के लिए कौन-कौन जिम्मेदार एवं दोषी है पद व नाम सहित बतावें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) मध्यप्रदेश शासन वन विभाग के पत्र क्रमांक एफ 5/43/90/10-3 दिनांक 14.05.1996 में असीमांकित संरक्षित वनक्षेत्रों (ओरेंज क्षेत्र) के सर्वेक्षण एवं सीमांकन हेतु जारी दिशा-निर्देश की कंडिका-3 के अनुसार राजस्व मद की भूमियों को नारंगी इकाई सर्वे में शामिल किया गया। शासन के निर्देशों के परिपालन में मुख्य वन संरक्षक, भू-सर्वे एवं वन संरक्षण अधिनियम म.प्र. भोपाल के पत्र क्रमांक/96/10/व्यय/572/2340 दिनांक 09.07.1996 से कार्यवाही हेतु क्षेत्रीय अधिकारियों को लेख किया। (ग) भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-27 एवं धारा 34 (अ) की अधिसूचना से निर्वनीकृत वनभूमि का वैधानिक स्वरूप राजस्व भूमि हो जाता है। नारंगी सर्वे इकाई द्वारा 82403.103 हेक्टेयर राजस्व मद की भूमियों को सर्वे-सीमांकन में शामिल किया गया। जिसमें से 3679.61 हेक्टेयर राजस्व भूमि वन प्रबंधन हेतु उपयुक्त पाये जाने पर वन खण्डों में सम्मिलित की गई। नांरगी इकाई द्वारा सर्वेक्षण में सम्मिलित शेष 78423.494 हेक्टेयर राजस्व भूमि पूवर्वत् राजस्व विभाग के आधिपत्य में है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) निर्वनीकृत वनभूमि एवं राजस्व मद की भूमियों को नारंगी वनभूमि मानकर कार्यवाही नहीं की जा रही है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
त्रिस्तरीय पंचायतराज के अंतर्गत जनपद पंचायत के विधि अनुरूप गठन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
130. ( क्र. 2548 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. पंचायतराज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 22 के अंतर्गत कटनी जिले में निर्वाचन 2014-15 में समस्त जनपद पंचायतों का गठन हुआ है? जिले में धारा 22 की उपधारा 2 (चार) में वर्णित प्रावधान के अनुसार जनपद पंचायत क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले एक पंचमास सरपंचों को विहित प्राधिकारी द्वारा लॉट निकालकर एक वर्ष के लिये जनपद सदस्य घोषित किया गया बताएं। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जनपद पंचायतों में धारा 22 की उपधारा 2 (चार) के प्रावधान के तहत किन-किन सरपंचों को कब-कब जनपद सदस्य घोषित किया गया है? वर्षवार, जनपद पंचायतवार ग्रामपंचायतवार बताएं। यदि नहीं तो जनपद पंचायतों की विभिन्न बैठकों में लिये गये निर्णय विधिमान्य है? बताएं। (ग) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत धारा 22 की उपधारा 2 (चार) के तहत जनपद पंचायत क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले एक पंचमास सरपंचों को विहित प्राधिकारी द्वारा जनपद सदस्य घोषित न किये जाने के लिये कौन दोषी है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा में एक पंचामास सरपंचों का वर्ष 2015-16 में मनोनयन किया गया। शेष जनपद पंचायतों में नहीं किया गया। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जनपद पंचायतों की बैठकों में दिये गये निर्णय म.प्र. पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम, 1993 की धारा 112 के तहत् विधि मान्य है। (ग) आयुक्त, जबलपुर संभाग को जिम्मेदारी नियत कर दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही करने के लिये निर्देशित किया गया है।
प्राप्त शिकायतों की जाँच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
131. ( क्र. 2549 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले की विभिन्न ग्राम पंचायतों द्वारा कराये जा रहे कार्यों की शिकायतें जिले/जनपद पंचायतों को प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो किस जनपद पंचायत को कौन-कौन सी शिकायत कब-कब प्राप्त हुई है? जनवरी 2014 से विकासखण्डवार वर्षवार, ग्राम पंचायतवार बताएं। (ख) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा कलेक्टर कटनी को प्रेषित पत्र क्रमांक 1178 दिनांक 15.09.16, 1391 दिनांक 07.10.16 एवं अन्य शिकायतों की जाँच कब-कब, किस-किस अधिकारी द्वारा की गई? जाँच परिणाम अनुसार दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? शिकायतवार, कार्यवाही का विवरण दें? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार में दोषियों द्वारा किस-किस कार्य की कितनी-कितनी राशि में हेरा-फेरी की गई वर्षवार कार्यवार, राशिवार विवरण दें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।
नगर परिषद् करैरा में किए गए निर्माण कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
132. ( क्र. 2566 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) परि.अता.प्र.स. 105 (क्रमांक 1202) दिनांक 08 दिसम्बर 2016 के (ख) भाग के उत्तर में जी नहीं मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर परिषद् करैरा द्वारा पत्र क्रमांक/901/2016 दिनांक 24.09.2016 एवं पत्र क्रमांक/989/2016 दिनांक 25.10.2016 से माननीय विधायक महोदय को जानकारी भेजी गई है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है, बताया है तो मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर परिषद् करैरा द्वारा पत्र क्रमांक/901/2016 दिनांक 24.09.2016 में टीन शेड निर्माण हेतु पीपल का वृक्ष होने से कार्य सम्भव नहीं है। अत: टीन शेड के स्थान पर आर.सी.सी. निर्माण हेतु प्राक्कलन राशि 1.48 लाख का प्राक्कलन तैयार कराया जा चुका बताया है? (ख) यदि हाँ, तो प्राक्कलन की प्रतिलिपि उपलब्ध कराते हुये प्राक्कलन अनुसार क्या-क्या कार्य कराये गये?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। सक्षम स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से प्राक्कलन अनुसार कोई कार्य नहीं कराया गया है।
मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन योजना का क्रियान्वयन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
133. ( क्र. 2567 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन योजना के क्रियान्वयन हेतु क्या-क्या मार्गदर्शिका परिचलन में है? (ख) जनपद पंचायत करैरा व नरवर जिला शिवपुरी में विगत 03 वर्ष हेतु कितना लक्ष्य योजना हेतु स्वीकृत किया गया? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित जनपद पंचायतों में कितने आवेदन आवेदकों द्वारा प्राप्त हुये व उनमें से कितने आवेदन स्वीकृत होकर ऋण/अनुदान हेतु बैंकों को भेजे गये व बैंक द्वारा कितने आवेदनों को स्वीकार व अस्वीकार कर दिया गया व कितने आवेदन किन कारणों से अस्वीकृत किये गये? यह जानकारी वर्ष 2014 से जनवरी 2017 तक दी जावे।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन से संबंधित मार्गदर्शिका, नीति/दिशा निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) राज्य स्तर से जनपदवार लक्ष्य निर्धारित नहीं किये जाते हैं। जिला स्तर से जनपद पंचायत करैरा व नरवर में विगत तीन वर्षों हेतु इस मिशन में 2647 आवासीय ऋण प्रकरणों के स्वीकृति का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। (ग) वर्ष 2014 से जनवरी 2017 तक जनपद पंचायत करैरा व नरवर में आवेदकों से 3895 आवेदन प्राप्त हुये, जिन्हें ऋण/अनुदान स्वीकृति हेतु बैंकों को भेजा गया। उक्त आवेदनों में से बैंकों द्वारा 1812 आवेदन स्वीकृत किये गये। लक्ष्य से अधिक प्रेषित आवेदन, ऋण स्वीकृति हेतु आवेदनों के परीक्षण में त्रृटि पाये जाने तथा बैंक शाखाओं के लक्ष्य पूर्ण होने के कारण 1279 आवेदन बैंकों द्वारा अस्वीकार/अस्वीकृत कर वापस कर दिये गये।
जनभागीदारी से स्वीकृत कार्य
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
134. ( क्र. 2607 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र गोटेगाँव अंतर्गत जनपद पंचायत गोटेगाँव एवं नरसिंहपुर में जनभागीदारी के अंतर्गत वर्ष २०१३-१४, २०१४-१५, २०१५-१६, २०१६-१७ में क्या क्या कार्य स्वीकत हुये? सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जो कार्य स्वीकृत हुए उन कार्यों की वर्तमान में क्या स्थिति है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार है।
पंचायतों में स्वकराधान योजना अंतर्गत स्वीकृत कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
135. ( क्र. 2608 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जनपद पंचायत गोटेगाँव एवं जनपद पंचायत नरसिंहपुर में स्वकराधान योजना में वर्ष २०१३-१४, २०१४-१५, २०१५-१६ एवं २०१६-१७ में कितनी राशि कौन-कौन सी पंचायत में स्वीकृत की गई वर्षवार विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में स्वीकृत राशि का किस-किस कार्य में उपयोग किया गया? सूची उपलब्ध करावें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। स्वकराधान योजना में वर्ष 2013-14 से 2016-17 तक विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जनपद पंचायत गोटेगाँव एवं जनपद पंचायत नरसिंहपुर में कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुए। (ख) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भूमि के पट्टों का वितरण
[वन]
136. ( क्र. 2621 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन वृत शहडोल अंतर्गत वर्ष 2014-15 से वर्ष 2015-16 में विभिन्न जिलों के विभिन्न वन मंडलों के माध्यम से वर्षवार कितने भूमि के पट्टे शासन के द्वारा बांटे गये? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिला अनूपपुर, शहडोल एवं उमरिया के विभिन्न वन मण्डलों में कितने व्यक्तिगत एवं सामूहिक दावे ग्राम सभा से वन मंडल को प्राप्त हुये? प्राप्त दावों में प्रश्न दिनांक तक कितने व्यक्तिगत एवं सामूहिक दावे स्वीकार किये गये, कितने वितरित किये जा चुके हैं? (ग) क्या आज भी अनेक दावे के आवेदन संबंधित कार्यालयों में लंबित हैं? यदि हाँ, तो लंबित दावों की संख्या कितनी हैं, निराकरण न किये जाने के क्या कारण है एवं उनका निराकरण कब तक कर दिया जावेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। अनूपपुर जिले में मात्र 03 दावा प्रकरण लंबित हैं। जिनके निराकरण की कार्यवाही प्रचलित है।
अवैध उत्खनन एवं अवैध परिवहन के पंजीबद्ध प्रकरण
[खनिज साधन]
137. ( क्र. 2622 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनुपपुर में विगत दो वित्तीय वर्षों में जिले में अवैध उत्खनन एवं अवैध परिवहन के कितने प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं? क्या शासन के दिशा-निर्देशों के विपरीत थाना चचाई अंतर्गत आस-पास के नदी-नालों से अभी भी रेत का अवैध उत्खनन व परिवहन किया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या एक रेत माफिया, निवासी घिरौल ग्राम खम्हरिया द्वारा अवैध परिवहन को लेकर के स्थानीय पत्रकारों से बदसलूकी की गई थी? (ग) जिला अनूपपुर में कितने खनिज निरीक्षक कब से पदस्थ हैं, पदांकन दिनांक से इसके द्वारा प्रतिमाह की गई भ्रमण ड्यूटी का विवरण उपलब्ध करावें तथा खनिज निरीक्षकों को प्रतिमाह भुगतान किये जा रहे वेतन की जानकारी दें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन जिले में प्रश्नाधीन अवधि में अवैध उत्खनन के 22 प्रकरण तथा अवैध परिवहन के 210 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं। जी नहीं। जब भी अवैध उत्खनन अथवा अवैध परिवहन के प्रकरण प्रकाश में आते हैं, तब नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। (ख) जी हाँ। (ग) प्रश्नाधीन जिले में 02 खनि निरीक्षक क्रमश: दिनांक 10.06.2014 एवं दिनांक 20.07.2015 से पदस्थ हैं। इनके द्वारा किये गये भ्रमण का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। खनि निरीक्षकों को निर्धारित वेतनमान के आधार पर प्रतिमाह भुगतान किया जाता है।
वित्तीय अधिकारों में संशोधन
[नगरीय विकास एवं आवास]
138. ( क्र. 2625 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के अता. प्रश्न संख्या 120 (क्रमांक 5030), दिनांक 11 मार्च 2016 के उत्तरांश (ख) एवं (ग) में बताया गया था कि म.प्र. राजपत्र क्रमांक 06 दिनांक 04 जनवरी 2016 अनुसार म.प्र.न.पा. अधिनियम 1961 की धारा 355 तथा 356 के सहपठित धारा 70 तथा 110 द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुये म.प्र. शासन द्वारा प्रेसीडेन्ट इन काउंसिल के कामकाज के संचालन में संशोधन एवं म.प्र.न.पा. लेखा नियम 1971 के उपनियम 131 (3) के एक के अनुसार मुख्य नगरपालिका अधिकारी को न.पा. की स्थिति में दस हजार तक नगर परिषद् की स्थिति में तीन हजार की राशि के चेक जारी किये जाने के संबंध में नवीन संशोधन अनुसार वित्तीय अधिकारों का प्रयोग किया जा रहा है एवं लेखा नियमों में संशोधन हेतु परीक्षण किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो क्या प्रश्न दिनांक तक नवीन संशोधन अनुसार नगरीय निकायों द्वारा वित्तीय अधिकारों का प्रयोग एवं लेखा नियमों का परीक्षण उपरांत संशोधन कर दिया गया है? यदि नहीं, तो उक्त संबंध में क्या कार्यवाही किन कारणों से किस स्तर पर लंबित है? (ग) उपरोक्तानुसार क्या शासन नवीन संशोधन अनुसार वित्तीय अधिकारों का प्रयोग तथा लेखा नियमों में संशोधन कर समुचित आदेश प्रसारित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। लेखा नियमों में संशोधन हेतु तैयार किया गया प्रारूप परीक्षणाधीन है। (ग) लेखा नियमों में संशोधन हेतु तैयार किया गया प्रारूप परीक्षणाधीन होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
ग्राम सचिवालय की अवधारणा
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
139. ( क्र. 2626 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के परि.अता. प्रश्न संख्या 92 (क्रमांक 2051), दिनांक 27 जुलाई 2015 के उत्तर में बताया गया था कि ग्राम सचिवालय की अवधारणा संबंधी प्रस्ताव प्रक्रियाधीन है, तो प्रश्न दिनांक तक उक्त संबंध में क्या कोई कार्यवाही की गई? (ख) यदि हाँ, तो क्या उपरोक्तानुसार ग्राम सचिवालय की अवधारणा धरातल पर मूर्त रूप धारित करेगी, यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रस्ताव पर निर्णय नहीं लिया गया है। (ख) समय-सीमा निर्धारित नहीं की जा सकती है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत सड़क निर्माण कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
140. ( क्र. 2659 ) श्री रजनीश सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी जिले में प्रधानमंत्री सड़क योजना अंतर्गत सड़क निर्माण कार्य किया जा रहा है? यदि हाँ, तो सिवनी जिला के कितने ग्रामों हेतु कितने कि.मी. सड़क निर्माण का कार्य स्वीकृत किया गया है? (ख) वर्तमान में कितनी सड़कों के निर्माण कार्य प्रारंभ हैं तथा कितने अप्रारंभ हैं? कितने कि.मी. सड़क का निर्माण कर लिया गया है? (ग) सिवनी जिले के विधानसभा क्षेत्र केवलारी के अंतर्गत कितनी प्रधानमंत्री सड़कों का निर्माण कार्य स्वीकृत किया गया है? (घ) कितनी सड़कें निर्माण की गई है तथा कितना निर्माण होना शेष है, सड़क निर्माण ठेकेदारों को दी गई अवधि के पश्चात् भी कितने ठेकेदारों द्वारा सड़क निर्माण कार्य अधूरा रखा गया है? क्या इनके विरूद्ध भी कार्यवाही की जा रही है? विधानसभा क्षेत्र केवलारी की जानकारी देवें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। सिवनी जिले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत 1141 ग्रामों हेतु 2920.14 कि.मी. लम्बाई की सड़कों का कार्य स्वीकृत किया गया है। (ख) वर्तमान में 123 सड़कों के निर्माण कार्य प्रारंभ/प्रगतिरत है, 22 सड़कों के कार्य निविदा स्तर पर होने के कारण अप्रारंभ है तथा 624 सड़कों लंबाई 2425.08 कि.मी. का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है। (ग) सिवनी जिले की केवलारी विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत 199 सड़कों का निर्माण कार्य स्वीकृत किया गया है। (घ) केवलारी विधानसभा क्षेत्र में 150 सड़कों का निर्माण कार्य पूर्ण करा लिया गया है, 47 सड़कों का निर्माण कार्य पूर्ण कराया जाना शेष है। शेष 2 सड़कें विलोपित की गई है। केवलारी विधानसभा के अन्तर्गत चार ठेकेदारों द्वारा अनुबंध अवधि में कार्य नहीं किया गया है। ठेकेदारों को विलम्ब के लिये नोटिस जारी किये गये है एवं उनके चलित देयकों से विलंब के लिये राशि की कटौती की जा रही है।
हितग्राहियों को पेंशन का प्रदाय
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
141. ( क्र. 2660 ) श्री रजनीश सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अप्रैल 2016 की स्थिति में सिवनी जिले में राष्ट्रीय वृद्धावस्था, सामाजिक सुरक्षा, विकलांग पेंशन, विधवा पेंशन, निराश्रित पेंशन योजनाओं में कितने हितग्राहियों को पेंशन मिल रही है? (ख) क्या विगत 02 वर्षों में पेंशन पाने वाले हितग्राहियों की संख्या में कमी आई है? यदि हाँ, तो इसके क्या कारण हैं? (ग) जनवरी 2012 से नवम्बर 2016 की अवधि में कितने हितग्राहियों की पेंशन बंद कर दी गई तथा क्यों? (घ) उक्त हितग्राहियों की पेंशन कब तक प्रारंभ कर दी जायेगी? यदि नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) सामाजिक सुरक्षा पेंशन की योजनावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा संचालित पेंशन योजनाएं हितग्राही की पात्रता पर आधारित है। पात्रता में परिवर्तन आने पर पेंशन हितग्राहियों की संख्या में कमी एवं बढ़ोत्री स्वाभाविक है। यह एक सतत् प्रक्रिया है। प्रश्नांकित अवधि में 2122 पेंशन हितग्राहियों को पेंशन बंद होने का मुख्य कारण मृत्यु, पुनः सत्यापन, अपात्रता और निकाय से अन्यत्र चले जाना मुख्य थे। (ग) जिन पात्र हितग्राहियों ने पेंशन हेतु आवेदन किया था उनको पेंशन उपलब्ध हो रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) किसी भी पात्र हितग्राहियों की पेंशन बंद नहीं की गई है। अतः पुनः चालू किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। नवीन प्रकरण प्राप्त होने पर सत्यापन उपरान्त स्वीकृति की कार्यवाही की जाती है जो सतत् प्रक्रिया के अंतर्गत है।
रियो - टिंटो कंपनी द्वारा हीरा खनन
[खनिज साधन]
142. ( क्र. 2701 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में हीरा खनन कार्य कर रही रियो टिंटो कंपनी ने अपना काम करना क्यों बंद किया है? कारण बतायें? (ख) क्या उक्त कंपनी ने अपना कार्य बंद करने हेतु क्या शासन से इसकी अनुमति ली है? (ग) उक्त कंपनी ने अपना कार्य बंद करते हुए क्या-क्या चल–अचल सम्पतियां छोड़ी हैं? किसकी सुपुर्दगी में सौंपी है? सूची उपलब्ध कराएं। (घ) प्राप्त की गई चल–अचल सम्पतियों की देखभाल के लिए किसकी नियुक्ति की गई है? कुल कितना स्टॉफ इस कार्य में लगाया जा रहा है? किसी भी चल–अचल सम्पति में कोई नुकसान होता है, तो उसका जिम्मेदार कौन अधिकारी होगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन कंपनी के पक्ष में हीरा खनन हेतु कोई खनिपट्टा स्वीकृत नहीं होने से उनके द्वारा हीरा खनन कार्य नहीं किया जा रहा था। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नाधीन कंपनी के पक्ष में स्वीकृत पूर्वेक्षण अनुज्ञप्ति के तहत किये गये कार्य के पश्चात व्यवसायिक कारणों से आगे कार्य न किये जाने का कंपनी द्वारा निर्णय लिया गया है। इसमें शासन द्वारा अनुमति लिये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। कंपनी द्वारा चल-अचल संपत्ति तहसीलदार बक्सवाहा की सुपुर्दगी में सौंपी गई है। प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ में दर्शित है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब में दर्शित है।
नगर पालिका में हुए निर्माण कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
143. ( क्र. 2702 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर पालिका नौगाँव में जनवरी 2015 से दिसम्बर 2016 तक कौन-कौन से निर्माण कार्य कहाँ-कहाँ पर कराये गये हैं? उनकी लागत कितनी है? सूची उपलब्ध कराये। (ख) क्या वर्ष जनवरी 2015 से दिसम्बर 2016 तक 02 हज़ार रु. मूल्य से अधिक की खरीदी एवं मरम्मत कार्य हुए हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) हाँ है, तो उक्त मरम्मत कार्यों एवं खरीदी के लिए किन नियमों का पालन किया है? उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (ख) के अनुक्रम में की गई खरीदी एवं किये गये मरम्मत कार्यों की सूची और भुगतान के लिए लाये गये बिलों का विवरण उपलब्ध करायें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) म.प्र. नगर पालिका लेखा नियम 1971 के नियम 131 एवं 132 तथा म.प्र. नगर पालिका (प्रेसीडेंट-इन-काउंसिल के कामकाज का संचालन एवं प्राधिकारियों की शक्तियां एवं कर्तव्य) नियम 1998 के नियम 5 एवं 6 का पालन किया गया है, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
लघु एवं मध्यम उद्योग विभाग की योजना
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
144. ( क्र. 2720 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर विधनसभा क्षेत्र में वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं वर्ष 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक सुक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग विभाग द्वारा मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना, प्रधानमंत्री सृजन कार्यक्रम योजनान्तर्गत कितने लोग लाभान्वित हुए इन्हें प्रदान की गई राशि का ब्यौरा योजना अनुसार पृथक-पृथक प्रदान करें। इन योजनाओं में कितने युवा बेरोजगारों को लाभ प्रदान किया गया है। (ख) क्या विभाग में शिक्षित बेरोजगारों एवं शिक्षित युवा कृषकों को प्रोत्साहित करने वाली कोई योजना है? यदि हाँ, तो कौन सी? (ग) ऐसे प्रकरण जो विभाग द्वारा तो स्वीकृत कर दिये गये हैं किन्तु बैंकों के द्वारा उनको स्वीकृत नहीं किया गया है और 6 माह से अधिक समय से स्वीकृत ऐसे प्रकरण जो बैकों में लम्बित हैं, ऐसे प्रकरण बैंक में किस कारण से लम्बित है?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) बड़गर विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2014-15, 2015-2016 एवं वर्ष 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक योजनावार लाभान्वित हुए हितग्राहियों एवं इन्हें प्रदान की गई राशि की जानकारी निम्नानुसार है:-
क्रं. |
योजना का नाम |
लाभान्वित हितग्राहियों की संख्या एवं राशि |
|||||
वर्ष 2014-15 |
वर्ष 2015-16 |
वर्ष 2016-17 (08.02.2017 तक) |
|||||
1 |
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना |
- |
- |
01 |
30.72 |
01 |
10.00 |
2 |
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना |
10 |
26.02 |
54 |
155.26 |
13 |
43.49 |
3 |
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना |
02 |
9.00 |
01 |
3.35 |
02 |
3.00 |
(ख) जी हाँ, योजनाएं निम्नानुसार हैं :- 1. मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना, 2. मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना 3. प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना (ग) बैंक शाखा को निर्धारित लक्ष्य से अधिक प्रकरण अनुशंसित कर भेजे जाते हैं तथा बैंक द्वारा अनुशंसित प्रकरणों में से चयन कर लक्ष्यानुरूप प्रकरणों में स्वीकृति दी जाती है। बैंकों द्वारा स्वीकृत प्रकरणो में प्रक्रिया अनुसार वितरण की कार्यवाही की जाती है। इसमें प्रक्रियात्मक समय लगता है और इसी समय के दौरान प्रकरण लंबित माने जाते है।
निःशक्त बालक/बालिकाओं के लिये विशेष विद्यालय
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
145. ( क्र. 2721 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य शासन द्वारा निःशक्त बालक/बालिकाओं के लिये विशेष विद्यालय संचालित किये जाते है यदि हाँ, तो उनके नियम क्या है? सम्पूर्ण प्रदेश में ऐसे कितने विद्यालयों का संचालन हो रहा है? इनमें कितने शासकीय हैं तथा कितने अशासकीय हैं? (ख) उज्जैन जिले में ऐसे कितने शासकीय एवं अशासकीय विद्यालय संचालित किये जा रहे हैं तथा इनमें कितने निःशक्त बच्चे इनमें शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। (ग) बड़नगर विधानसभा में कितने निःशक्त बच्चे पंजीकृत हैं तथा इनको शिक्षित करने के लिये शासन क्या प्रयास कर रहा है। क्या बड़नगर विधानसभा में सत्र 2016-17 में निःशक्त बच्चों के लिये कोई विद्यालय प्रारंभ करने की योजना है? यदि हाँ, तो इस संदर्भ में अभी तक क्या कार्यवाही की गई है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत प्रत्येक बच्चे को शिक्षा का अधिकार है। दिव्यांग बालक-बालिकाओं को शैक्षणिक सुविधा उपलब्ध कराने के नियमों में प्रावधान है। शासन द्वारा अध्ययनरत् दिव्यांग बालक-बालिकाओं की संख्या के आधार पर शासन द्वारा स्कूल खोले जाते हैं। इसके लिये निजी क्षेत्र की स्वयं सेवी संस्थाएं भी विद्यालय का संचालन करती हैं। सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग द्वारा 20 शासकीय विद्यालय तथा 41 अनुदान प्राप्त संस्थाओं द्वारा 33 विद्यालय संचालित है। इसके अतिरिक्त सर्वशिक्षा अभियान अंतर्गत 60 सी.डब्ल्यू.एस.एन (चाईल्ड विथ स्पेशल नीड) छात्रावास है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में 299 निःशक्त बच्चे पंजीकृत हैं। उक्त निःशक्त बच्चों की शिक्षण व्यवस्था समावेशित शिक्षा योजना (सर्व शिक्षा अभियान) अंतर्गत सतत् की जा रही है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
महाविद्यालयों में प्राध्यापक/सहायक प्राध्यापकों की पद पूर्ति
[उच्च शिक्षा]
146. ( क्र. 2724 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय महाविद्यालय कालापीपल एवं शासकीय महाविद्यालय पोलायकलां में प्राध्यापक/सहायक प्राध्यापक के विषयवार कितने-कितने पद स्वीकृत हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित महाविद्यालयों में किस-किस विषय के प्राध्यापक/सहायक प्राध्यापक पदस्थ हैं तथा किस-किस विषय के प्राध्यापकों/सहायक प्राध्यापकों के पद रिक्त हैं? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित महाविद्यालयों में प्राध्यापक/सहायक प्राध्यापक की कमी के कारण विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। क्या रिक्त पदों को भरा जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) शासकीय महाविद्यालय कालापीपल एवं शासकीय महाविद्यालय पोलायकलां में शैक्षणिक संवर्ग अंतर्गत प्राध्यापक/सहायक प्राध्यापक के स्वीकृत, कार्यरत एवं रिक्त पदों की जानकारी सूचीबद्ध विषयवार संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश का उत्तर संलग्न परिशिष्ट पर है। (ग) जी नहीं। जी हाँ। लोक सेवा आयोग से दिनांक 19.02.2016 को विषयवार सहायक प्राध्यापक भर्ती हेतु विज्ञापन जारी किया जा चुका है। लोक सेवा आयोग से चयनित सूची प्राप्त होने पर रिक्त पदों की पूर्ति की कार्यवाही प्राथमिकता के आधार पर की जायेगी। निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
नगर उदय से भारत उदय अभियान
[नगरीय विकास एवं आवास]
147. ( क्र. 2730 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर उदय से भारत उदय अभियान के तहत नगर पालिक निगम कटनी में कितने आवेदकों के क्या-क्या आवेदन, किन-किन योजनाओं/कार्यों/विभागों के संबंध में किस-किस दिनांक को प्राप्त हुये? वार्डवार बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत कितने आवेदकों के आवेदन पात्र पाये गये/स्वीकृत किये गये और क्या पात्र आवेदकों को प्रश्न दिनांक तक इस बाबत् सूचित किया गया एवं लाभान्वित किया गया? यदि हाँ, तो सूचना दिनांक सहित विवरण देवें, यदि नहीं, तो क्यों? जानकारी वार्डवार बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) के तहत कितने आवेदकों के आवेदन, किन कारणों से अपात्र पाये गये/निरस्त किये गये, क्या अपात्र आवेदकों को प्रश्न दिनांक तक इस बाबत् सूचित किया गया? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में पात्र पाये गये आवेदनों पर एवं आवेदकों को शासन की जन हितैषी योजनाओं का लाभ कब तक प्रदान किया जायेगा और क्या इसकी अवधि निश्चित की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर उदय से भारत उदय अभियान के अन्तर्गत 25 दिसम्बर, 2016 से 05 फरवरी 2017 के मध्य जिला कलेक्टर, कटनी द्वारा जारी आदेश क्रमांक 894/न.उ.अ./डी.यू.डी.ए./2016 कटनी दिनांक 22.12.2016 में गठित दल के माध्यम से नगर पालिक निगम, कटनी द्वारा क्रियान्वित योजनाओं के 2173 आवेदन-पत्र प्राप्त हुये हैं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) कुल 1813 आवेदकों के आवेदन-पत्र पात्र पाये गये/स्वीकृत किये गये पात्र आवेदकों को कलेक्टर जिला कटनी द्वारा गठित सभी दलों के माध्यम से दिनांक 06.02.2017 से 08.02.2017 तक सूचित किया गया है, लाभान्वित हितग्राहियों की सूची वार्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) कुल 360 आवेदकों के आवेदन-पत्रों को शासन द्वारा बनाये गये निर्धारित मापदण्डों की पूर्ति न किये जाने के कारण अपात्र किया गया है, अपात्र किये गये आवेदकों को कलेक्टर, जिला-कटनी द्वारा गठित सभी दल के माध्यम से सूचित किया गया है, अपात्र आवेदकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) पात्र पाये गये 1813 आवेदकों में से 1812 हितग्राहियों को दिनांक 08.02.2017 को लाभान्वित किया जा चुका है, शेष 01 हितग्राही को मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना के अन्तर्गत विवाह सम्मेलन दिनांक 11.03.2017 को लाभान्वित किया जायेगा।
विधायक विकास निधि की अनुशंसाओं पर कार्यवाही
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
148. ( क्र. 2731 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य के पत्र दिनांक-23/03/2015 एवं 23/10/2015 से क्रमश: राशि 10 लाख एवं 45 हजार रूपये की राशि विधायक विकास निधि से स्वीकृत किये जाने की अनुशंसा की गयी थी? यदि हाँ, तो क्या अनुशंसित सम्पूर्ण कार्य पूर्ण हो गये, यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य के पत्र दिनांक 26/03/2016 से नल-कूप खनन कार्य हेतु कार्यालय कलेक्टर जिला योजना सांख्यिकी को विधायक विकास निधि से स्वीकृत किये जाने की अनुशंसा की गई, पत्र दिनांक 10/04/2016, 24/09/2016, 03/10/2016 एवं 17/10/2016 से कार्यपालन यंत्री पी.एच.ई. कटनी को पत्र दिनांक 26/03/2016 से प्रदत्त/राशि से नल-कूप खनन कार्य की अनुशंसा की गई, यदि हाँ, तो क्या अनुसंशित कार्य पूर्ण हो गये? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) उपरोक्त अनुशंसित कार्य पूर्ण न होने, निर्माण एंजेसी को राशि प्राप्त न होने के क्या कारण है और क्या शेष रही राशि जारी कर कार्य कराये जायेंगे? यदि हाँ, तो कैसे एवं कब तक यदि नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के तहत की गई कार्यवाही विधानसभा क्षेत्र विकास योजना मार्गदर्शिका 2013 के अनुरूप है? यदि हाँ, तो किस प्रकार? यदि नहीं, तो इस पर क्या कार्यवाही की जायेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। अनुशंसित कार्य पूर्ण होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। निर्माण एजेन्सी को राशि विलम्ब से प्राप्त होने के कारण विभाग को समर्पित कर दी गई, जिसके कारण कार्य पूर्ण नहीं कराये जा सके। (ग) निर्माण एजेन्सी को राशि विलम्ब से प्राप्त होने के कारण कार्य पूर्ण नहीं हो सके। कार्यालय के पत्र क्रमांक 3182/दिनांक 06.02.16 द्वारा कार्य पूर्ण कराने हेतु राशि की मांग की गई है। राशि प्राप्त होने के उपरान्त कार्य कराये जावेंगे। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। राशि जारी करने की कार्यवाही वित्त विभाग के आदेश क्रमांक 118/52/2013/डी.एम.सी./चार/दिनांक 02.02.2013 के अनुसार किये जाने से किसी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
हरदौली जल आवर्धन योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
149. ( क्र. 2734 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) हरदौली जल आवर्धन योजना मुलताई के लिये कुल कितनी राशि स्वीकृत हुई तथा इसमें क्या-क्या कार्य करने थे? कार्यवार राशि की जानकारी दें। (ख) इस योजना का निर्माण कार्य किस फर्म द्वारा किया जा रहा है? फर्म का रजिस्ट्रेशन नम्बर दें। इस योजना का वर्क आर्डर का दिनांक दें तथा योजना का कार्य समाप्त करने करने का दिनांक दें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार कार्य से संबंधित फर्म को कब-कब व कितना-कितना भुगतान किया गया? प्रत्येक भुगतान के एवज में फर्म को कितना कार्य करना था? (घ) फर्म द्वारा करवाये जा रहे इस निर्माण कार्य में कितने कर्मचारी, मजदूर आदि किस-किस पद पर कार्य कर रहे हैं? (ड.) बांध के निर्माण कार्य में कितनी राशि किस-किस कार्य के लिये व्यय की गयी? इस अपूर्ण योजना को कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) मुलताई जल आवर्धन योजना के लिये कुल राशि रूपये 1914.00 लाख की वित्तीय स्वीकृत दी गई है तथा उससे किये जाने वाले व राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) इस योजना का निर्माण मे. एस.के. लोखण्डे, भोपाल द्वारा किया जा रहा है। फर्म का रजिस्ट्रेशन क्र. ई.ए. 0001 है। कार्यादेश दिनांक 17.04.2013 को जारी किया गया है तथा कार्य दिनांक 16.04.14 को पूर्ण किया जाना था। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) फर्म द्वारा दो यंत्री तथा चार सुपरवाईजर रखे गये हैं। फर्म के द्वारा मजदूरों से आवश्यकतानुसार कार्य कराया जाता है, सख्ंया बताना संभव नहीं है। (ड.) बाँध निर्माण में ड्राइंग डिजाइन के लिये राशि रूपये 43.20 लाख का भुगतान किया गया है। बाँध निर्माण के कारण डूब में आने वाली भूमि के मुआवजा राशि के वितरण पश्चात कार्य पूर्ण किया जा सकेगा। समय-सीमा दी जाना संभव नहीं है।
खनिज उत्खनन की जानकारी
[खनिज साधन]
150. ( क्र. 2736 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुलताई - भैंसदेही मार्ग निर्माणर्ता फर्म द्वारा मार्ग के दोनों ओर के अलावा किस आधार पर खेतों से मुरम का उत्खनन किया जा रहा है? (ख) इसके लिये क्या मार्ग निर्माणकर्ता फर्म द्वारा संबंधित किसानों, ग्राम पंचायतों, विभाग से सहमति ली है? यदि नहीं, तो ये खनन क्यों किया जा रहा है? इस पर कब तक रोक लगाई जायेगी? (ग) विभागीय अधिकारियों द्वारा इसकी अनदेखी क्यों की जा रही है? इसके निरीक्षणकर्ता अधिकारियों के कितनी बार मुलताई-भैंसदेही मार्ग निर्माणर्ता फर्म द्वारा किये जा रहे उत्खनन की जाँच की, सभी जांचों की एवं अधिकारियों के दौरों की संपूर्ण जानकारी दें। (घ) बिना अनुमति के खेतों, निजि भूमि, ग्राम पंचायतों से किये जा रहे खनन को रोकने में असफल अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन मार्ग पर निर्माणकर्ता फर्म द्वारा मार्ग के दोनों ओर के अलावा निजी भूमि पर किसानों की सहमति से कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग, बैतूल द्वारा जारी उत्खनन अनुज्ञा के आधार पर मुरम का उत्खनन किया जा रहा है। (ख) जी हाँ। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। खनन निरीक्षक द्वारा दिनांक 26.11.2016 को की गई जाँच के दौरान निर्माणकर्ता फर्म द्वारा ग्राम टेमुरनी तहसील आठनेर की भूमि खसरा क्रमांक 24/2 पर मुरम खनिज का अवैध उत्खनन किये जाने के कारण इसके विरूद्ध प्रकरण तैयार कर कलेक्टर न्यायालय, बैतूल के समक्ष प्रस्तुत किया गया है। तहसील आठनेर क्षेत्र के अंतर्गत किये गये दौरों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) बिना अनुमति के खनन कार्य नहीं किये जाने के कारण प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खुजनेर में शासकीय महाविद्यालय स्वीकृत किया जाना
[उच्च शिक्षा]
151. ( क्र. 2749 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ विधानसभा के नगर खुजनेर में शासकीय महाविद्यालय नहीं होने से यहाँ तथा इसके आस-पास के ग्रामों के बालक विशेषकर बालिकाओं को क्या 35 से 45 किलोमीटर दूर उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिये राजगढ़ महाविद्यालय जाना पड़ता है? (ख) यदि हाँ, तो क्या शासन बालक विशेषकर बालिकाओं की उच्च शिक्षा की सुविधा को ध्यान में रखते हुये नगर में शासकीय महाविद्यालय स्वीकृत करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी नहीं। नगर खुजनेर से शासकीय महाविद्यालय पचोर 15 कि.मी., शासकीय महाविद्यालय राजगढ़ 30 कि.मी., शासकीय महाविद्यालय खिलचीपुर 45 कि.मी., शासकीय महाविद्यालय सारंगपुर 45 कि.मी. की दूरी पर संचालित हैं, जहां पर विद्यार्थी अध्ययन कर सकते हैं। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सीवेज लाईन की स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
152. ( क्र. 2750 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या राजगढ़ नगर में गन्दे पानी के निकास की व्यवस्था नहीं होने से राजगढ़ नगर का सम्पूर्ण गन्दा पानी नगर की जीवनदायिनी नेवज नदी तथा खुजनेर नगर का गन्दा पानी बड़लावदा बांध में मिल रहा है, जिससे नागरिकों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ रहा है तथा बीमार हो रहें? (ख) यदि हाँ, तो राजगढ़ विधानसभा के नगरपालिका राजगढ़ तथा नगर परिषद् खुजनेर में सीवेज लाईन कब तक स्वीकृत की जावेगी बतावें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं, अपितु राजगढ़ नगर का पानी नेवज नदी में एवं खुजनेर नगर का पानी बड़लावदा बांध में सोख्ता गड्ढों के माध्यम से मिलता है। नेवज नदी एवं बड़लावदा बांध का पानी शुद्धिकरण उपरांत नगर में वितरित किया जाता है। अत: जनता के स्वास्थ्य पर विपरीत असर होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
एन.जी.टी. के निर्देश की अवहेलना
[नगरीय विकास एवं आवास]
153. ( क्र. 2771 ) श्री आरिफ अकील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या भोपाल के बड़े तालाब में सीवेज एवं गंदे नालों का पानी कहाँ-कहाँ से मिल रहा है तथा इसके रोकने हेतु एन.जी.टी. द्वारा क्या-क्या तथा कब-कब निर्देश दिए गए और निर्देश के पालन में प्रश्न दिनांक की स्थिति में क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या बड़े तालाब की रिटेनिंग वॉल के निर्माण कार्य की वास्तविक स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा स्थल निरीक्षण किया गया था? यदि हाँ, तो निरीक्षण के दौरान माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा दिये गये निर्देशों पर प्रश्न दिनांक की स्थिति में क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या निर्माणाधीन बड़े तालाब की रिटेनिगवाल वर्ष 2016-17 की वर्षा ऋतु में हुई बारिश से पानी में डूब गई थी? यदि हाँ, तो इस आदूरदर्शितापूर्वक निर्माण कार्य का प्राक्कलन तैयार करने वाले एवं निर्माण कार्य करने व कराने वालों के विरूद्ध कार्यवाही कर राशि की वसूली की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) भोपाल शहर के बड़े तालाब में संजय नगर, इन्द्रा नगर, शिरीन, भौंसाखेड़ी (चिरायु हॉस्पिटल के पास) एवं बैरागढ़ कला के नाले (सीहोर नाके के पास) मिल रहे हैं। एन.जी.टी. द्वारा दिनांक 03.10.2015, 08.10.2015, 15.10.2015, 06.04.2016, 08.09.2016, 30.09.2016, 14.12.2016, 30.12.2016, 10.01.2017 एवं 09.02.2017 को बड़े तालाब में मिलाने वाले सीवेज को रोकने के लिए पर्याप्त सीवेज व्यवस्था एवं सीवेज उपचार के कार्यों के क्रियान्वयन हेतु निर्देश दिए गए। अमृत योजना के अंतर्गत बड़े तालाब क्षेत्र को सम्मिलित करते हुए सीवेज परियोजना की स्वीकृति दी जा चुकी है एवं निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रगति पर है। (ख) जी हाँ। मान. मुख्यमंत्री जी द्वारा दिए गए निर्देशानुसार बड़े तालाब के एफ.टी.एल. का सर्वे कार्य कराया गया है। (ग) जी हाँ। वर्ष 2016-17 की वर्षा ऋतु में निर्माणाधीन अधूरी दीवार कुछ स्थानों पर पानी में डूब गई थी। जी नहीं। तालाब के किनारे जे.एन.एन.यू.आर.एम. अंतर्गत स्वीकृत परियोजना के अनुरूप कराया जा रहा है। निर्माणाधीन वॉल के अपूर्ण होने के कारण तथा वाल के दूसरी ओर खुदाई होने से लेवल नीचे होने के कारण पानी भराव की स्थिति बनी थी। जल भराव का क्षेत्र आड़ा-तिरछा एवं सर्पाकार होने के कारण तकनीकी रूप से सीधी दीवार बनाए जाने की आवश्यकता के कारण भी अधूरी निर्मित दीवार कुछ स्थानों पर डूबी थी। मान. हरित अधिगृहण सेन्ट्रल जोन, भोपाल में प्रकरण क्रमांक 21/2013 में दिनांक 31.05.2016 को दिए गए निर्णयानुसार कार्य कराया गया है। अत: किसी के विरूद्ध कार्यवाही करने अथवा राशि वसूल करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विधायक निधि की शेष राशि एवं स्वीकृत कार्यों की स्थिति
[नगरीय विकास एवं आवास]
154. ( क्र. 2772 ) श्री आरिफ अकील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा वित्तीय वर्ष 2016-17 की विधायक निधि से स्वीकृत कार्यों को कार्यकारी एजेंसी नगर निगम भोपाल द्वारा कार्य प्रारंभ नहीं करने तथा कार्य को अद्यतन स्थिति से अवगत कराने हेतु माह जनवरी 2017 को भोपाल जिलाधीश, आयुक्त तथा जोनल अधिकारी जोन क्रमांक 2,3,4 नगर निगम भोपाल को पत्र लिखा था? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक की स्थिति में क्या कार्यवाही की गई? क्या प्रश्नकर्ता को जानकारी उपलब्ध करा दी गई यदि नहीं तो इस लापरवाही के लिए कौन-कौन दोषी है? (ख) यदि हाँ, तो क्या वित्तीय वर्ष 2004 से 2013 तक की विधायक निधि से पूर्ण हुए कार्यों की शेष राशि के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 23 मार्च 2015 एवं जिलाधीश महोदय द्वारा दिनांक 17 जून 2015 को आयुक्त नगर निगम भोपाल को पत्र लिखकर जानकारी चाही थी? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता को जानकारी उपलब्ध नहीं कराने हेतु कौन-कौन दोषी है? उनके विरूद्ध शासन के निर्देशानुसार क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं तो क्यों कारण सहित बतावें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ, प्रश्नांकित जानकारी मा. विधायक महोदय को उपलब्ध करा दी गई थी। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी उपलब्ध करा दी गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वन क्षेत्र की चैनलिंक फैंसिंग
[वन]
155. ( क्र. 2775 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या चन्दला विधानसभा क्षेत्र जिला छतरपुर में दिनांक 24.11.2015 को माननीय मुख्यमंत्री म.प्र. शासन के सिजई आगमन के दौरान विधायक द्वारा चन्दला विधानसभा क्षेत्र की जनता की समस्याओं के निराकरण हेतु मांग-पत्र प्रस्तुत किया गया था? (ख) उक्त मांग पत्र में बिंदु क्र. 02 को माननीय मुख्यमंत्री महोदय ने स्वीकारते हुये घोषणा की थी कि चन्दला विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नील गायों के आतंक से फसलों की सुरक्षा के संबंध में नील गायों को जंगल में सुरक्षित रखने हेतु वनक्षेत्र की चैनलिंक फैंसिंग के आदेश वन विभाग छतरपुर को दिये गये थे? (ग) क्या विधायक चन्दला की पहल पर वन विभाग छतरपुर व वरिष्ठ कार्यालयों को नील गायों को जंगल में सुरक्षित रखने हेतु वनक्षेत्र की चैनलिंक फैंसिंग का प्रस्ताव परि. का नाम 10-24106 (6379) वन्य प्राणी प्रबंधन वन विभाग छतरपुर के कार्यालीन जावक पत्र क्र. 438, दिनांक 18/6/2014 से भेजा गया था? (घ) उक्त प्रस्ताव में कार्यवाही हेतु कितना बजट प्राप्त हुआ? यदि नहीं, तो कब तक प्राप्त होगा? उक्त प्रस्ताव में धीमी गति होने के क्या कारण है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) माननीय मुख्यमंत्री महोदय मध्यप्रदेश शासन के सिजई आगमन के दौरान दिनांक 24.11.2015 को ''रोजड़ों से खेती की सुरक्षा हेतु फेंसिंग का प्रावधान एवं कृषकों को अनुदान दिया जावेगा'' की घोषणा की गयी थी। (ग) जी हाँ। (घ) उक्त प्रस्ताव वरिष्ठ स्तर पर परीक्षण में वन्यप्राणियों को वन क्षेत्र में सुरक्षित रखने की दृष्टि से व्यवहारिक नहीं पाया गया है। इस कारण योजना के क्रियान्वयन के लिये कोई बजट आवंटित नहीं किया गया। पुनरीक्षित व्यवहारिक प्रस्ताव की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
विकलांग श्रेणी की पहचान एवं भर्ती
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
156. ( क्र. 2776 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नि:शक्त व्यक्ति (समान अवसर, अधिकार संरक्षण और पूर्ण भागीदारी) अधिनियम 1995 के अंतर्गत विकलांगों की कितनी श्रेणियां हैं? (ख) क्या इस अधिनियम एवं इसके नियमों में श्रवण बाधित की पहचान एवं जाँच के लिये पी.टी.ए. (प्योर टोन ऑडियोमेट्री) के प्रावधान है? (ग) क्या श्रवण बाधित श्रेणी और मूक बधिर श्रेणी के मध्य अंतर है? यदि हाँ, तो क्या? (घ) क्या सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी सर्कुलर/आदेश एफ-8-3/2013/आ-प्र/एक, दिनांक 17 जुलाई 2014 के अनुसार विकलांग अभ्यर्थी की भर्ती में नियुक्ति करने के पश्चात केवल उसके विकलांगता प्रमाण-पत्र की जाँच जारी कार्यालय से करवायी जानी होती है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) 7 प्रकार की श्रेणियां हैं। (ख) अधिनियम की धारा 25 (ख) एवं (ग) में नि:शक्तता का निवारण करने की विभिन्न पद्धतियों का संवर्धन, पहचान एवं जाँच का प्रावधान है। (ग) जी नहीं। (घ) जी हाँ। भर्ती में नियुक्ति के पश्चात् नि:शक्तता प्रमाण-पत्र का परीक्षण संबंधित जिले के मेडिकल बोर्ड से कराये जाने का प्रावधान है।
स्वीकृत नवीन विकास/निर्माण कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
157. ( क्र. 2843 ) श्री विष्णु खत्री : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बैरसिया विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत माह जनवरी 2014 से दिसम्बर 2016 के मध्य विभाग द्वारा कौन-कौन से नवीन विकास/निर्माण कार्य स्वीकृत हुये? वार्डवार लागत सहित सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित नवीन स्वीकृत विकास/निर्माण कार्य में से कितने कार्य पूर्ण होकर क्षेत्रीयजनों को उसका लाभ मिलने लगा है, शेष लंबित कार्य कब तक पूर्ण कर लिये जावेंगे? सूची उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। क्षेत्रीय लोगों को पूर्ण कार्यों का लाभ मिल रहा है। शेष निर्माण कार्य अनुबंध अनुसार समय-सीमा में पूर्ण कराया जाना लक्षित है। सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
स्मार्ट सिटी एवं प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री आवास
[नगरीय विकास एवं आवास]
158. ( क्र. 2847 ) श्री जितू पटवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश के किन-किन शहरों को स्मार्ट सिटी घोषित किया गया है और स्मार्ट सिटी घोषित जिलों में क्या-क्या कार्य, किस-किस मद में, किन-किन योजनाओं के अन्तर्गत प्रस्तावित है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में इन्दौर जिले में स्मार्ट सिटी के अंतर्गत क्या-क्या कार्य किस-किस स्थल पर कितनी लागत के होना प्रस्तावित हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित जिले में मुख्यमंत्री आवास व प्रधानमंत्री आवास योजनाओं के अंतर्गत किन-किन वर्ग के लोगों को एवं किस आधार पर मकान देने के प्रावधान हैं, उसमें आय का क्या बंधन है? नियमों की जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार इन्दौर एवं उज्जैन जिले में कितने आवासहीन हितग्राहियों को आवास दिनांक 01.01.2014 से आज दिनांक तक उपलब्ध कराये गये हैं? हितग्राही का नाम, पता सहित प्रोफार्मा में जानकारी देवें। (ड.) प्रश्नांश (ग) अन्तर्गत इन्दौर जिले में प्रधानमंत्री आवास योजनान्तर्गत इस वित्तीय वर्ष में होना प्रस्तावित है, उसकी जानकारी उपलब्ध करायें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) भारत सरकार द्वारा स्मार्ट सिटी योजना अन्तगर्त स्मार्ट सिटी चैलेंज राउण्ड-1 में भोपाल, इंदौर एवं जबलपुर शहर तथा स्मार्ट सिटी चैलेंज राउण्ड-2 में ग्वालियर एवं उज्जैन शहर को स्मार्ट सिटी घोषित किया गया है। शहरवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) इंदौर जिले में स्मार्ट सिटी के अन्तर्गत किए जाने वाले कार्य का विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना सबके लिए आवास (शहरी) मिशन वर्ष 2022 अन्तर्गत सभी पात्र परिवारों/लाभार्थियों/कमजोर आय वर्ग (EWS), मध्यम आय वर्ग (MIG) एवं निम्न आय वर्ग (LIG) को आवास प्रदान करने का प्रावधान किया गया है। मिशन के अन्तर्गत लाभार्थियों के आय के बंधन के संबंध में भारत सरकार द्वारा आवास योजना अनतर्गत किए गए प्रावधानों की मार्गदर्शिका एवं नियमावली की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) इंदौर एवं उज्जैन जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना अन्तर्गत आवासहीन हितग्राहियों को आवास आवंटन किए जाने के लिए आवास निर्माण प्रक्रिया प्रचलित होने से वर्तमान में किसी भी हितग्राही को आवास का आवंटन नहीं किया गया है। (ड.) आवास योजना अन्तर्गत इस वित्त वर्ष में प्रस्तावित स्थालों पर कराए जाने वाले आवासीय इकाइयों का विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
सिंहस्थ में आवंटित राशि की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
159. ( क्र. 2848 ) श्री जितू पटवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या ता. प्रश्न संख्या 24 (क्र. 803) दिनांक 19.01.2016 में सिंहस्थ 2016 के लिए आवंटित राशि 2771.65 करोड़ रू. एवं व्यय राशि 2000.93 करोड़ रू. बताई गई लेकिन प्रश्नकर्ता के ता. प्रश्न संख्या 8 (क्रमांक 1779) दिनांक 08.12.2016 में आवंटित राशि 2344.30 करोड़ रू. एवं व्यय राशि 2150.02 करोड़ रू. बताई गई? यदि हाँ, तो यह अंतर क्यों है? (ख) उपरोक्त आवंटन व्यय में अंतर होने के साथ जुलाई 2016 अनुपूरक बजट में सिंहस्थ के लिए 403 करोड़ रू. का प्रावधान क्यों किया गया, जब तय राशि व्यय ही नहीं हो पाई? कारण स्पष्ट करें। (ग) प्रश्न क्र. 803 दिनांक 19.07.2016 के अनुसार जिन विभागों ने जो सामग्री क्रय की वह प्रश्न दिनांक को किस स्थिति में है? विभागवार, सामग्रीवार मात्रा सहित जानकारी देवें। इनके भौतिक सत्यापन की प्रमाणित प्रति देवें। (घ) सिंहस्थ 2016 के कितने भुगतान प्रश्न दिनांक तक शेष है? कितने कार्य शेष है? पृथक-पृथक जानकारी देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। विधान सभा प्रश्न क्र. 803 दिनांक 07.11.2016 में सिंहस्थ 2016 के आयोजन हेतु शासन द्वारा राशि रूपये 2771.61 करोड़ रूपये का व्यय किया जाना प्रस्तावित किया गया है, की जानकारी दी गई थी, जबकि विधानसभा प्रश्न क्रमांक 1779 दिनांक 08.12.16 में राशि रू. 2344.28 करोड़ रूपये जो विभागों को आवंटित की गई थी, के संबंध में जानकारी दी गई थी। विधानसभा प्रश्न क्रमांक 803 दिनांक 07.11.2016 में उस समय तक व्यय राशि रूपये 2000.93 करोड़ की जानकारी दी गई थी एवं कार्यों की प्रगति के अनुसार विधानसभा प्रश्न क्रमांक 1779 दिनांक 08.12.16 में राशि रूपये 2150.63 करोड़ व्यय की जानकारी दी गई थी। (ख) सिंहस्थ 2016 मद में संबंधित विभागों के स्वीकृत कार्यों की राशि रूपये 2790.00 करोड़ होने के कारण जुलाई 2016 अनुपूरक बजट में सिंहस्थ 2016 के लिये राशि रू. 403.00 करोड़ का प्रावधान किया गया। विभागों द्वारा विभिन्न वित्तीय वर्षों में आवंटित राशि का व्यय समय पर न किये जा पाने के कारण राशि लैप्स होने एवं समर्पित किये जाने से आंवटित राशि से कम व्यय हुआ था। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। भौतिक सत्यापन की जानकारी संकलित की जा रही है। (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
कॉलोनियों में विद्युत व्यवस्था
[नगरीय विकास एवं आवास]
160. ( क्र. 2883 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मैहर नगर पालिका क्षेत्र में किन-किन कॉलोनियों, मोहल्लों व रहवासी क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति/विद्युत पोल नहीं लगाये गये हैं? ऐसे कितने क्षेत्र हैं, जहां दूर से केबिल डालकर विद्युत आपूर्ति की जा रही है? (ख) इन नवनिर्मित कॉलोनियों/रहवासी क्षेत्रों में विद्युत व्यवस्था किसकी जिम्मेदारी है? क्या कॉलोनाईजर्स द्वारा कोई चूक की गई है? (ग) नगर पालिका क्षेत्र मैहर में विद्युत सुविधा विहीन क्षेत्र में विद्युतीकरण की क्या योजना है? कहाँ-कहाँ कब तक विद्युतीकरण कार्य कराया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) मैहर नगर पालिका क्षेत्रान्तर्गत परिसीमन के पश्चात आंशिक मार्ग जहाँ विद्युत पोल नहीं हैं व केबिल डालकर विद्युत आपूर्ति किए जा रहे क्षेत्रों की सूची जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) नवनिर्मित कालोनी/रहवासी क्षेत्र में विद्युत व्यवस्था की जिम्मेदारी कॉलोनाईजर की है। कॉलोनाईजर द्वारा कोई चूक नहीं की गई है। (ग) निकाय द्वारा गिरगिटा/कठिया/बजरंग नगर में विद्युतीकरण कार्य हेतु आई.पी.डी.एस. योजना अर्न्तगत कार्य कराने के लिए मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को प्रस्ताव प्रेषित किया गया है। समय-सीमा बतलाया जाना संभव नहीं है।
फोरलेन मार्ग में वृक्षारोपण में अनियमितता
[वन]
161. ( क्र. 2888 ) श्री हर्ष यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में एन.एच.-26 फोरलेन सड़क से प्रभावित वृक्षों के स्थान पर वृक्षारोपण कार्य किस एजेंसी द्वारा किया गया? (ख) दक्षिण वन मंडल सागर द्वारा फोरलेन मार्ग के दोनों और कुल कितने पौधे रोपित कराये गये वर्तमान में जीवित पौधों की संख्या क्या है? अधिकांश पौधे सूख जाने का क्या कारण है? क्या पौधरोपण कार्य में निर्धारित मापदण्डों का पालन कर गुणवत्तापूर्ण कार्य कराया गया? नहीं तो क्यों? (ग) उक्त कार्य में गुणवत्ताहीन पौधे लगाने, फैंसिंग जाली इत्यादि का अवमानक स्तर का कार्य कराने, देख-रेख का अभाव व अनियमिततापूर्ण कार्य हेतु कौन-कौन अधिकारी-कर्मचारी उत्तरदायी हैं? शासन को हुई करोड़ों की हानि व स्तरहीन कार्य की क्या जाँच कराई जाकर दोषियों को दंडित किया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) प्रश्नाधीन कार्य दक्षिण सागर वनमंडल एवं उत्तर सागर वनमंडल में वन विभाग द्वारा कराया गया है। (ख) दक्षिण सागर वनमंडल के अंतर्गत फोरलेन मार्ग के दोनों ओर कुल 62300 पौधे रोपित कराये गये। वर्तमान में जीवित पौधों की संख्या 52435 हैं। पौधों के सूख जाने का मुख्य कारण प्राकृतिक प्रकोप रहा है। पौधा रोपण कार्य निर्धारित मापदण्डों का पालन कर, गुणवत्तापूर्ण कार्य कराया गया है। (ग) दक्षिण सागर वनमंडल के अंतर्गत उक्त कार्य में गुणवत्ताहीन पौधे लगाने फेंसिंग जाली इत्यादि का अमानक स्तर का कार्य नहीं कराया गया है। वनमंडल अंतर्गत रोपित पौधों की सुरक्षा श्रमिक लगाकर नियमित देख-रेख की जा रही है, जिसकी अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा लगातार पर्यवेक्षण किया जाता है। इन कार्यों में न तो अनियमितता एवं हानि हुई है और न ही स्तरहीन कार्य हुआ है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
धार्मिक न्यासों/मंदिरों की संख्या
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
162. ( क्र. 2889 ) श्री हर्ष यादव : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सागर जिले के देवरी व केसली विकासखण्ड में कौन-कौन से शासकीय मंदिर/धार्मिक न्यास आदि हैं? सूची उपलब्ध कराते हुए मंदिरवार/न्यासवार उनकी चल-अचल संपत्ति की जानकारी दें। इनकी देख-रेख/संचालन किनके द्वारा किया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मंदिरों के पुजारियों को कितना-कितना मानदेय दिया जा रहा है? क्या उन्हें नियमित भुगतान किया गया है? (ग) विगत तीन वर्षों में प्रश्नांश (क) में वर्णित मंदिरों का संधारण कब किसके द्वारा किया गया व इस हेतु कितनी राशि व्यय की गई? (घ) क्या विभाग द्वारा क्षेत्र के जीर्ण-शीर्ण मंदिरों के संधारण की योजना बनाई जाकर समुचित संधारण किया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
महिदपुर नगर पालिका में बी.पी.एल./अंत्योदय कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
163. ( क्र. 2916 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिदपुर नगर पालिका जिला उज्जैन में नगर उदय से भारत उदय कार्यक्रम में कितने बी.पी.एल. एवं अंत्योदय कार्ड निरस्त किए गए? वार्डवार, कार्डवार जानकारी देवें। (ख) क्या उपरोक्त कार्ड जाँच उपरांत निरस्त किए गए? कार्ड निरस्त होने पर कितने हितग्राहियों ने कार्ड बनवाने के लिए पुन: अपील की? (ग) पुन: अपील करने पर कितने कार्ड बनाए गए? (घ) पात्र हितग्राहियों के कार्ड निरस्त करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगरीय क्षेत्र में बी.पी.एल. सूची में नाम दर्ज करने/निरस्त करने हेतु शासन द्वारा अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) महिदपुर को पदाभिहित अधिकारी नियुक्त किया गया है, नगर पालिका, महिदपुर जिला उज्जैन में नगर उदय से भारत उदय कार्यक्रम में बी.पी.एल. एवं अंत्योदय कार्ड निरस्त नहीं किये गये हैं। (ख) से (घ) शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बी.पी.एल. एवं अन्त्योदय कार्ड की निरस्ती
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
164. ( क्र. 2917 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वि.स. क्षेत्र महिदपुर में ग्राम उदय से भारत उदय कार्यक्रम के तहत कितने बी.पी.एल. एवं अन्त्योदय कार्ड निरस्त किए गए? ग्रामवार, हितग्राही की संख्या कार्य प्रकार सहित बतावें। (ख) क्या उपरोक्त कार्ड जाँच उपरांत निरस्त किए गए? कार्ड निरस्त होने पर कितने हितग्राहियों ने कार्ड बनवाने के लिए पुन: अपील की? (ग) पुन: अपील करने पर कितने कार्ड बनवाए गए? (घ) पात्र हितग्राहियों के कार्ड निरस्त कर पुन: बनाने की स्थिति आने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर शासन क्या कार्यवाही करेगा? पात्र हितग्राही के कार्ड क्यों निरस्त किए?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विधानसभा क्षेत्र महिदपुर में ग्राम उदय से भारत उदय कार्यक्रम के तहत् 3712 बी.पी.एल. कार्ड निरस्त किए गए। कोई अन्त्योदय कार्ड निरस्त नहीं किया गया। ग्रामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। कोई अपील प्राप्त होना प्रतिवेदित नहीं है। (ग) एवं (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बी.एड एवं डी.एड कॉलेज का संचालन
[उच्च शिक्षा]
165. ( क्र. 2921 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार एवं बैतूल जिलों में कितने बी.एड एवं डी.एड कॉलेज कब से संचालित हो रहे है? इनके पास कितनी भूमि है कॉलेज रजिस्ट्रेशन नंबर जिलवार बतावें। (ख) इनमें कितनी फेकल्टी, कर्मचारी कार्यरत हैं, की सूची कॉलेजवार देवें। इन फेकल्टी, कर्मचारी के पी.एफ नंबर, कार्यरत दिनांक से प्रश्न दिनांक पी.एफ कटौती की जानकारी देवें। (ग) क्या इनमें पूरक परीक्षा का प्रावधान है? यदि हाँ, तो बी.एड. एवं डी.एड के विषयों में पूरक परीक्षा लेने संबंधी नियम की जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार कॉलेजों ने कितने विद्यार्थियों से कितनी फीस प्राप्त की विगत 3 वर्ष के संबंध में देवें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) बी.एड./डी.एड. पाठ्यक्रम के लिए धार जिले में 08 तथा बैतूल जिले में 08 कॉलेज संचालित हैं। शेष जानकारी धार जिले के लिए पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार एवं बैतूल जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ख) धार जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार एवं बैतूल जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ग) जी नहीं, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश 'ख' अनुसार।
सिंहस्थ 2016 के कार्य बिना टेंडर के कराना
[नगरीय विकास एवं आवास]
166. ( क्र. 2923 ) श्री बाला बच्चन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बड़वाह विधान सभा क्षेत्र में सिंहस्थ 2016 से संबंधित कितने निर्माण कार्य स्वीकृत किए गए? उनकी लागत सहित सूची देवें। कार्य पूर्णता/अपूर्णता सहित बतावें? (ख) ग्राम नावाघाट खेड़ी के तट निर्माण एवं समस्त निर्माण कार्यों की सिंहस्थ 2016 के संबंध में टेंडर प्रक्रिया की जानकारी देवें? कार्य नाम, लागत, चयनित फर्म, अचयनित फर्मों की सूची, स्वीकृति दिनांक सहित देवें। (ग) क्या उपरोक्त (ख) अनुसार कार्य बिना टेंडर के किए गए? यदि हाँ, तो इसके दोषी अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित बतावें। (घ) इन पर कब तक कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) बड़वाह विधानसभा में सिंहस्थ-2016 अंतर्गत इन्दौर-इच्छापुर राजमार्ग-27 के वन संभाग बड़वाह के कार्यक्षेत्र अंतर्गत बड़वाह, सनावद एवं बलवाड़ा में वि़द्यमान विद्युत लाईन में विभिन्न क्षमता के ट्रांसफार्मरों को शिफ्ट कराने का एक कार्य राशि रूपये 90.00 लाख स्वीकृत हैं। कार्य प्रगति पर है। (ख) ग्राम नावघाट खेड़ी के तट निर्माण एवं अन्य कार्य सिंहस्थ 2016 अन्तर्गत नहीं कराये गए हैं। (ग) एवं (घ) उतरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विलेख पंजीकृत शुल्क का भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
167. ( क्र. 2924 ) श्री बाला बच्चन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बैतूल एवं उज्जैन जिले में प्रश्न दिनांक तक कितनी कॉलोनियां हैं? विकसित, अर्द्धविकसित एवं स्वीकृति प्राप्त कॉलोनियों के नाम, रकबे सहित दोनों जिलों में विधानसभा क्षेत्रवार बतावें। (ख) उपरोक्त कॉलोनियों में गरीब व कमजोर वर्ग के लिए 25% भूखण्ड आरक्षित रखने के नियम के पालन की जानकारी कॉलोनीवार देवें। जिन्होंने ये भूमि आरक्षित नहीं की है उन कॉलोनियों की सूची विधानसभा क्षेत्रवार, जिलावार देवें। (ग) क्या इनके कालोनाइजरों द्वारा विलेखों के पंजीकृत कराने का शुल्क जमा किया गया है? यदि हाँ, तो कितना-कितना यदि नहीं तो उनसे वसूली कब तक की जावेगी? (घ) इनमें कितने प्रकरण मुद्रांक संग्राहक को भेजे गए? मुद्रांक संग्राहक द्वारा इस पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो कब तक की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) बैतूल एवं उज्जैन जिले की प्रश्न दिनांक तक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) म.प्र. नगर पालिका कॉलोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण निर्बंधन तथा शर्त नियम 1998 के नियम 10 अनुसार आवासीय कॉलोनी अधिनियम में 25 प्रतिशत भूखण्ड आरक्षित रखने का प्रावधान नहीं है वर्तमान प्रचलित प्रावधानों के अनुसार आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों तथा निम्न आय समूहों के लिए नगरीय क्षेत्र में 15 प्रतिशत भूखण्ड आरक्षित रखने का प्रावधान एवं नियम 10 (8) के अनुसार छूट उपरांत आश्रय शुल्क जमा किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) बैतूल जिले एवं उज्जैन जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) बैतूल जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है एवं उज्जैन जिले की जानकारी निरंक है।
फर्जी शादी की जाँच
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
168. ( क्र. 2927 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनपद पंचायत रामपुर नैकिन जिला सीधी में मुख्यमंत्री कन्यादान योजनान्तर्गत दिनांक 06.06.2016 को श्री बालाराम कुशवाहा ग्राम अहिरगांव हटवा रीवा का विवाह अनीता कुशवाहा पुत्री रामाश्रय कुशवाहा ग्राम रघुनाथपुर के साथ हुआ है? (ख) यदि हाँ, तो क्या बलराम कुशवाहा का विवाह पूर्व में श्रीमती सीता कुशवाहा ग्राम पो. खर्रा जिला रीवा के साथ हुआ है, जिनके दो सन्तानें भी हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) यदि हाँ, तो क्या बलराम कुशवाहा की शादी मुख्यमंत्री कन्यादान में करने से पहले सी.ई.ओ. तथा पंचायत विभाग के कर्मचारियों ने विवाह पूर्व जानकारी की प्रशासनिक कार्यवाही पूर्ण नहीं की थी? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में इस शादी के लिये कौन दोषी हैं? दोषी के विरूद्ध कौन सी दण्डात्मक कार्यवाही कब तक की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। सीधी जिले की जनपद पंचायत रामपुर नैकिन में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना अंतर्गत दिनांक 6-6-2014 को सामूहिक विवाह का आयोजन किया गया था। जिसमें श्री बलराम कुशवाहा, निवासी अहिरगांव पोस्ट हटवा, जिला रीवा का विवाह अनीता कुशवाहा, पुत्री रामआश्रय कुशवाहा, निवासी रघुनाथपुर जिला सीधी के साथ सम्पन्न कराया गया। (ख) जी हाँ श्री बलराम कुशवाहा का विवाह 14-5-2003 को सीता कुशवाहा पिता सुखचैन कुशवाहा ग्राम नीवीं 540, खर्रा जिला रीवा के साथ हुआ है। सीता कुशवाहा का बलराम कुशवाहा से तलाक नहीं हुआ है। सीता कुशवाहा के द्वारा पति बलराम कुशवाहा एवं अनीता कुशवाहा के विरूद्ध एफ.आई.आर. थाना मनगवां जिला रीवा में दिनांक 11-10-2014 को दर्ज कराया गया है। प्रकरण क्रमांक-405/2014/धारा-498 ए,494 ता.हि. है। प्रकरण माननीय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी रीवा में विचाराधीन है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंध में श्री बलराम कुशवाहा की शादी मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अंतर्गत आवेदन पत्र में श्री बलराम कुशवाहा एवं वधु अनीता कुशवाहा के द्वारा 20 रूपये के स्टॉम्प पेपर पर नोटरी से सत्यापित शपथ पत्र/वचन पत्र प्रस्तुत करने के, कि उनका यह प्रथम विवाह है, के अनुक्रम में कन्या एवं वर का सामूहिक विवाह दिनांक 6-6-2014 को जनपद पंचायत रामपुर नैकिन में सम्पन्न कराया गया। शपथ पत्र/वचन पत्र की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अंतर्गत सामूहिक विवाह का आयोजन आवेदक कन्या-वर एवं स्थानीय इकाई के प्रमाणीकरण तथा पात्रता समिति के सत्यापन के पश्चात ही जनपद पंचायत रामपुर नैकिन द्वारा विवाह कार्यक्रम सम्पन्न कराया गया है। अतः दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खनिज बोर्ड की जानकारी
[खनिज साधन]
169. ( क्र. 2928 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा एवं सतना जिले में डी.एम.एफ. की कितनी राशि जमा है? वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक जिलावार वर्षवार सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में पी.एम.के.के.के.बाय. के अनुरूप राशि के व्यय हेतु कौन-कौन से कार्य प्रस्तावित हैं? प्रस्तावित कार्यों की सूची प्राथमिकतावार, जिलेवार देवें। (ग) खनिज न्याय मण्डल (बोर्ड) में क्या अनुसूचित जाति/जनजाति एवं पिछड़े वर्ग के प्रतिनिधित्व के लिए प्रावधान हैं? यदि नहीं तो क्या नियमावली में संशोधन करके उक्त वर्गों के हितों के लिए व्यवस्था की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के संदर्भ में आरक्षित वर्गों के विकास के लिए संविधान की मूल अधिकार के तहत देश प्रदेश के सामान्य बजटों के साथ-साथ सभी बजटों में उक्त वर्गों के संख्यानुपात में विकास राशि के समावेश के द्वारा खनिज बोर्ड के डी.एम.एफ. कितना अंश दिया गया है? जिलावार वर्षवार सूची देवें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जिला खनिज प्रतिष्ठान (डी.एम.एफ.) में राशि जमा करने के प्रावधान खान एवं खनिज (विकास तथा विनियमन) अधिनियम, 1957 में भारत सरकार द्वारा दिनांक 12.01.2015 को किये गये संशोधन से किये गये हैं। संशोधन दिनांक 12.01.2015 के पश्चात प्रश्नाधीन जिलों में जिला खनिज प्रतिष्ठान (डी.एम.एफ.) में जमा राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन जिलों में प्रश्नानुसार अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। प्रश्नानुसार कोई प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं होने के कारण प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नानुसार मध्यप्रदेश जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम, 2016 में पृथक से प्रावधान नहीं है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता।